### तफसील बाइबिल में वाक्यात उस सिसिलावर तरीके से नहीं कहे जाते है जैसे वो होते है I मुसन्निफ़ किसी ऐसी बात पर तबादला-ए-ख़्याल करना चाहता है जो, अभी बात कर रहे वाक्यात से, पहले हो चुके है I ये पढने वाले के लिए उलझन की स्थिति पैदा कर सकता है I **ये एक तर्जुमा का मसला होने की वजह** क़ारईन ये सोच सकते हैं कि ये वाक़ियात ईसि सिलसिलेवार ढंग से हुए है जैसे बताये गए है I इन्हें इन वाक़ियात के सही हुक्म को समझने में मदद करना ज़रूरी है I ### बाइबिल की मिसालें > पर फिर हेरेड ने ... जॉन को जेल में बंद किया I बाद में ये पता चला की , जॉन ने सभी लोगों को , जीसस के समेत , बप्तियीज्द किया I (ल्यूक 3 : 20-21 यु अल टी ) ये सुसने में ऐसा लग सकता है की जॉन ने , जेल में कैद होने के बाद , जीसस को बेपताईज्द किया ><सप> 8 जैसा कि यहूदाह ने लोगों से कहा था, ,ख़ुदावंद के सामने, सात पादरीयों ने भेड़ के सिंग से बने सात नगाड़े उठा रखे थे , जैसे वो आगे बढे , वो जोर जोर से नगाड़े बजने लगे ... <सप> 10 .. लेकिन यशवा ने लोगों को हुक्म दिया, " चिल्लाएं नहीं , आपके मुंह से तब तक कोई आवाज़ नहीं आनि चाहिए जब तक में ना कहूँ (यशवा6: 8-10 यू उल्टी ) ये ऐसा लग सकता है जैसे की जशुआ ने, जब फौज कुछ कर चुकी थी , तब हुक्म दिया हो की , चिल्लाओ नहीं , I पर असल में जसुआ ने ये हुक्म तब ही दिया जब तक फ़ौज ने कूच नहीं किया था I > इस किताब को खोलने और अपनी मोहरों को तोड़ने के काबिल कौन है? (मुकाशफ़ा5: 2 यू उल्टी ) ऐसा लगता है जैसे किसी शख़्स को इस किताब को खोलने के बाद लाज़िमी तौर पर उस के सील को तोडा I पर जो सील , इस दायरे पे ताला लगा रही है , उसे दायरे से पहले तोड़ने की जरूरत है ) ### तर्जुमा की हिक्मत-ए-अमली 1. अगर आपकी ज़बान में जुमले या वक़्त के अलफ़ाज़ का इस्तिमाल होता है तो यह दिखाएँ की , ये वाक्य , पहले बताये गए वाक्य से पहले हो चूका है I दोनों में से किसी एक के इस्तिंला की कोशिश करें I 1. अगर आपकी ज़बान फे़अल कशीदगी या पहलू इस्तिमाल करती है तो, ये ज़ाहिर करने के लिए कि, पहले जिक्र वाकये से, ये वाक़िया पहले हो चूका है I इस का इस्तिमाल करते हुए ग़ौर करें (मुलाहिज़ा करें पहलूओं पर हिस्से [ज़बानें](../figs-verbs/01.md)) 1. अगर आपकी जबान में , वाक्य सिर्फ सिसिलेवर ढंग से ही बताया जा सकता हिया तो , सारे वाक्यों को सिसिलेवार ढंग से ही बताये I इसके लिए एक या दो नज़मों को भी डाकने की ज़रुरत हो सकती है ( जैसे 5-6 ) ( देखें : [ शायरी तनीम]) ### लागू तर्जुमा की हिक्मत-ए-अमली की मिसालें 1. अगर आपकी ज़बान में जुमले , समय बताने वाले लफ्ज़, या हाल का इस्तिमाल होता है तो, बताये गए वाकये से पहले हुए वाकये को बताने के लिए , उनको इस्तेमाल करें I * <सप> 20 लेकिन फिर हेरोड....ने जॉन को जेल में बंद कर दिया I <सप> 21 अब ये सामने आया है की , जब सभी लोग बप्तिज़ेद हुए थे जीसस को भी बप्तिसेद किया गया था I * <सप> 20 लेकिन फिर हेरोड....ने जॉन को जेल में बंद कर दिया I <सप> 21 अब ये सामने आया है की ,जॉन को जेल में डालने से पहले , जब सभी लोग बप्तिज़ेद हुए थे जीसस को भी बप्तिसेद किया गया था I * **किताब खोलने और उसके मुहर को तोड़ने के काबिल कौन है** (मुकाशफ़ा5: 2 यू उल्टी ) * **किताब खोलने के बाद इसकी मुहर तोड़ने के काबिल कोण है ?** ( रेवेलाशन 5:2 यु अल टी ) 1. अगर आपकी ज़बान फे़अल कशीदगी या पहलू इस्तिमाल करती है तो ये ज़ाहिर करने के लिए, बताये गए वाकये से ये, वाक़िया पहले ही ज़िक्र हो चूका है , इन पर भी गौर फरमाए I * **<सप> 8 जैसा कि यहूदाह ने लोगों से कहा था, ,ख़ुदावंद के सामने, सात पादरीयों ने भेड़ के सिंग से बने सात नगाड़े उठा रखे थे , जैसे वो आगे बढे , वो जोर जोर से नगाड़े बजने लगे ... <सप> 10 .. लेकिन यशवा ने लोगों को हुक्म दिया, " चिल्लाएं नहीं , आपके मुंह से तब तक कोई आवाज़ नहीं आनि चाहिए जब तक में ना कहूँ** (यशवा6: 8-10 यू उल्टी ) * <सप> 8 जैसा कि यहूदाह ने लोगों से कहा था, ,ख़ुदावंद के सामने, सात पादरीयों ने भेड़ के सिंग से बने सात नगाड़े उठा रखे थे , जैसे वो आगे बढे , वो जोर जोर से नगाड़े बजने लगे ... <सप> 10 .. लेकिन यशवा ने लोगों को हुक्म दिया, " चिल्लाएं नहीं , आपके मुंह से तब तक कोई आवाज़ नहीं आनि चाहिए जब तक में ना कहूँ I सिर्फ जब में कहूँ तब चिल्लाना I 1. अगर आपकी जबान में , वाकया उस सिलसिले में कहा जाता है जिस में हुआ है तो . वाक्यों को फीर से जमाये I इसके लिए एक या दो नज़्म जोड़ने की जरूरत हो सकती है ( जैसे की 5-6 ) * <सप> 8 जैसा कि यहूदाह ने लोगों से कहा था, ,ख़ुदावंद के सामने, सात पादरीयों ने भेड़ के सिंग से बने सात नगाड़े उठा रखे थे , जैसे वो आगे बढे , वो जोर जोर से नगाड़े बजने लगे ... <सप> 10 .. लेकिन यशवा ने लोगों को हुक्म दिया, " चिल्लाएं नहीं , आपके मुंह से तब तक कोई आवाज़ नहीं आनि चाहिए जब तक में ना कहूँ I सिर्फ जब में कहूँ तब चिल्लाना I ( जोशुआ 6 : 8 -10 यु एल टी ) * <सप> 8 यशवा ने लोगों को हुक्म दिया, " चिल्लाएं नहीं , आपके मुंह से तब तक कोई आवाज़ नहीं आनि चाहिए जब तक में ना कहूँ I सिर्फ जब में कहूँ तब चिल्लाना I तब जोशुआ ने ओगों से कहा ख़ुदावंद के सामने, सात पादरीयों ने भेड़ के सिंग से बने सात नगाड़े उठा रखे थे , जैसे वो आगे बढे , वो जोर जोर से नगाड़े बजने लगे I * **किताब खोलने और उसके मुहर को तोड़ने के काबिल कौन है** (मुकाशफ़ा5: 2 यू उल्टी ) * मुहर तोड़ने और किताब खोलने के काबिल कोण है ? आप ये विडियो भी देख सकते है http://ufw.io/figs_events.