# प्रभु # ## तथ्य: ## “प्रभु” शब्द का संदर्भ उस मनुष्य से होता है जिसे मनुष्यों पर अधिकार एवं स्वामीत्व प्राप्त होता है। यह परमेश्वर का भी पदनाम होता है। (ध्यान दें कि जब किसी को संबोधित करने के लिए काम में लिया जाए या वाक्य के आरंभ में बड़े अक्षरों में लिखा जाए तो इसका अर्थ “श्रीमान” या “स्वामी” होता है।) * पुराने नियम में इस शब्द का उपयोग ऐसी अभिव्यक्तियों में भी किया जाता है जैसे “सर्वशक्तिमान प्रभु परमेश्वर” या “प्रभु यहोवा” या “हमारा प्रभु यहोवा।” * नये नियम में प्रेरितों ने इस शब्द को “प्रभु यीशु” और “प्रभु यीशु मसीह” जैसी अभिव्यक्तियों में काम में लिया है कि यीशु को परमेश्वर दर्शाया जाए। * “प्रभु” शब्द नये नियम में अकेला ही काम में लिया गया है जो परमेश्वर के लिए सीधा काम में लिया गया है, विशेष करके पुराने नियम के उद्धरणों में। * उदाहरणार्थ, पुराने नियम का संदर्भ है, “धन्य है वह जो यहोवा के नाम से आता है” और नये नियम में है, “धन्य है वह जो प्रभु के नाम से आता है।” * यू.एल.बी. और यू.डी.बी. में “प्रभु” का पदनाम केवल यूनानी और इब्रानी शब्दों का अनुवाद है जिनका अर्थ “प्रभु” है। यह परमेश्वर के नाम (यहोवा) का अनुवाद नहीं है जैसा अनेक अनुवादों में किया गया है। ## अनुवाद के लिए सुझाव: ## * कुछ भाषाओं में इस शब्द का अनुवाद “स्वामी” या “शासक” या अन्य कोई शब्द जो स्वामीत्व या परमप्रधान शासक का बोध करवाए, द्वारा किया गया है। * उचित प्रसंगों में अनेक अनुवाद इस शब्द के प्रथम अक्षर को बड़ा लिखते हैं कि पाठक समझ पाए कि यह परमेश्वर के संदर्भ में है। * नये नियम में जहां पुराने नियम का उद्धरण दिया गया है, वहां “प्रभु परमेश्वर” का उपयोग किया जा सकता है कि स्पष्ट हो कि यह परमेश्वर का संदर्भ में है। (अनुवाद के सुझाव [नामों का अनुवाद कैसे करें](rc://en/ta/man/translate/translate-names)) (यह भी देखें: [परमेश्वर](../kt/god.md), [यीशु](../kt/jesus.md), [प्रभु](../kt/lord.md), [शासक](../other/ruler.md), [यहोवा](../kt/yahweh.md)) ## बाइबल सन्दर्भ: ## * [1 पतरस 01:3-5](rc://en/tn/help/1pe/01/03) * [दानिय्येल 09:9-11](rc://en/tn/help/dan/09/09) * [दानिय्येल 09:17-19](rc://en/tn/help/dan/09/17) * [यहेजकेल 18:29-30](rc://en/tn/help/ezk/18/29) * [इब्रानियों 12:14-17](rc://en/tn/help/heb/12/14) * [यहोशू 03:9-11](rc://en/tn/help/jos/03/09) * [यहूदा 01:5-6](rc://en/tn/help/jud/01/05) * [विलापगीत 02:1-2](rc://en/tn/help/lam/02/01) * [लूका 01:30-33](rc://en/tn/help/luk/01/30) * [मलाकी 03:1-3](rc://en/tn/help/mal/03/01) * [मत्ती 07:21-23](rc://en/tn/help/mat/07/21) * [भजन संहिता 086:15-17](rc://en/tn/help/psa/086/015) * [प्रकाशितवाक्य 15:3-4](rc://en/tn/help/rev/15/03) * [रोमियो 06:22-23](rc://en/tn/help/rom/06/22) ## शब्द तथ्य: ## * स्ट्रांग नंबर: H113, H136, H4756, G1203, G2962