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@ -38,7 +38,7 @@
## बाइबल कहानियों से उदाहरण:
* **[02:12](rc://*/tn/help/obs/02/12)** जीवन के वृक्ष का फल खाने से किसी को भी रोकने के लिये **परमेश्वर ने भीमकाय शक्तिशाली **स्वर्गदूतों** को वाटिका के द्वार पर रख दिया.
* **[02:12](rc://*/tn/help/obs/02/12)** जीवन के वृक्ष का फल खाने से किसी को भी रोकने के लिये परमेश्वर ने भीमकाय शक्तिशाली **स्वर्गदूतों** को वाटिका के द्वार पर रख दिया.
* **[22:03](rc://*/tn/help/obs/22/03)**उस**स्वर्गदूत** ने जकरयाह से कहा, "मैं परमेश्वर द्वारा भेजा गया हूँ कि तुझे यह शुभ सन्देश सुनाऊं."
* **[23:06](rc://*/tn/help/obs/23/06)** अचानक, एक चमकता हुआ**स्वर्गदूत** उन्हें (चरवाहों को)दिखाई दिया, और वे  बहुत डर गए. तब **स्वर्गदूत** ने उनसे कहा, “ मत डरो, क्योंकि मेरे पास तुम्हारे लिए एक शुभ सन्देश है,"
* **[23:07](rc://*/tn/help/obs/23/07)** तब एकाएक, परमेश्वर की स्तुति  करते हुए **स्वर्गदूतों** से आकाश भर गया.

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@ -65,7 +65,7 @@
* **_*[46:01](rc://*/tn/help/obs/46/01)*_** **_शाऊल वह युवक था, जिसने स्तिफनुस की हत्या करने वाले लोगों के परिधानों  पर पहरा दिया था। वह यीशु पर विश्वास नहीं करता था, इसलिए उसने विश्वासियों को सताया।_**
* **[46:09](rc://*/tn/help/obs/46/09)** कुछ लोग **यरूशलेम के** क्लेश के कारण तितर-बितर हो गए थे, और अन्ताकिया में पहुँच कर यीशु के बारे में प्रचार किया**। यह वही जगह है जहाँ पहली बार यीशु के विश्वासी को** **"मसीह" कहा गया था******
* **[46:09](rc://*/tn/help/obs/46/09)** कुछ लोग **यरूशलेम के** क्लेश के कारण तितर-बितर हो गए थे, और अन्ताकिया में पहुँच कर यीशु के बारे में प्रचार किया**। यह वही जगह है जहाँ पहली बार यीशु के विश्वासी को** **"मसीह" कहा गया था**।
* **[47:14](rc://*/tn/help/obs/47/14)** **उन्होंने कलीसियाओं में विश्वासियों को प्रोत्साहित करने और सिखाने के लिए कई पत्र भी लिखे।**

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@ -29,7 +29,7 @@
* __[46:06](rc://*/tn/help/obs/46/06)__ उसी दिन,कई लोग यरूशलेम में यीशु मसीह पर विश्वास करने वालो पर बड़ा उपद्रव करने लगे, इसलिए __विश्वासी__ अन्य स्थानों में भाग गए। तथापि, जहा कही भी वह गए, हर जगह यीशु मसीह का प्रचार करते रहे।
* __[46:01](rc://*/tn/help/obs/46/01)__ शाऊल वह जवान था जिसने स्तिफनुस के वध में शामिल लोगों के कपड़ों कि रखवाली कि थी। वह यीशु पर विश्वास नही करता था, इसलिए वह __विश्वासियों__ को सताता था।
* __[46:09](rc://*/tn/help/obs/46/09)__ कुछ लोग जो यरूशलेम में सताव के मारे तितर-बितर हो गए थे, वे फिरते-फिरते अन्ताकिया पहुँचे और प्रभु यीशु के सुसमाचार की बातें सुनाने लगे। और __विश्वासियों__ को सब से पहले अन्ताकिया ही में "मसीही" कहलाए।
* __[47:14](rc://*/tn/help/obs/47/14)__उन्होंने अनेक खतो के द्वारा कलीसियाओं के __विश्वासियों को शिक्षा और प्रोत्साहन प्रधान किया।
* __[47:14](rc://*/tn/help/obs/47/14)__उन्होंने अनेक खतो के द्वारा कलीसियाओं के विश्वासियों को शिक्षा और प्रोत्साहन प्रधान किया।
## शब्द तथ्य:

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@ -8,7 +8,9 @@
* जिस मनुष्य को "निर्दोष" माना जाता है, वह परमेश्वर को आदर देनेवाला आचरण रखता है।
* एक बाइबल पद के अनुसार निर्दोष मनुष्य “परमेश्वर का भय मानता है और बुराई से दूर रहता है”।
* अनुवाद के सुझाव: ##
* अनुवाद के सुझाव:
## ??
* इसका अनुवाद इस प्रकार भी हो सकता है “उसका चरित्र दोषरहित है” या पूर्वतः परमेश्वर का आज्ञाकारी है” या “पाप से दूर रहना” या “बुराई से दूर रहता है”
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* [1 थिस्सलुनीकियों 02:10](rc://*/tn/help/1th/02/10)
* [1 थिस्सलुनीकियों 03:11-13](rc://*/tn/help/1th/03/11)
* [2 पतरस 03:14](rc://*/tn/help/2pe/03/14)
* [कुलुस्सियों 01: 2](rc://*/tn/help/col/01/21)
* [2](rc://*/tn/help/col/01/21)
* [कुलुस्सियों 01: 2](rc://*/tn/help/col/01/21), [2](rc://*/tn/help/col/01/21)
* [उत्पत्ति 17: 1-2](rc://*/tn/help/gen/17/01)
* [फिलिप्पियों02:](rc://*/tn/help/php/02/14)
* [15](rc://*/tn/help/php/02/15)
* [फिलिप्पियों02:](rc://*/tn/help/php/02/14), [15](rc://*/tn/help/php/02/15)
* [फिलिप्पियों03:6](rc://*/tn/help/php/03/06)
## शब्द तथ्य:

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@ -40,7 +40,7 @@
* __[17:08](rc://*/tn/help/obs/17/08)__ लेकिन वास्तव में, __मसीह__ के आने से पहले इस्राएलियों को एक लम्बे समय तक इंतजार करना पड़ा, लगभग 1,000 वर्षों तक।
* __[21:01](rc://*/tn/help/obs/21/01)__ आरम्भ से ही, परमेश्वर ने __मसीह__ को भेजने की योजना बनाई थी।
* __[21:04](rc://*/tn/help/obs/21/04)__ परमेश्वर ने राजा दाऊद से वादा किया है कि __मसीह__ दाऊद के अपने वंश में से एक होगा।
* __[21:05](rc://*/tn/help/obs/21/05)__ मसीह __ नई वाचा का आरम्भ करेगा।
* __[21:05](rc://*/tn/help/obs/21/05)__ मसीह नई वाचा का आरम्भ करेगा।
* __[21:06](rc://*/tn/help/obs/21/06)__ परमेश्वर के भविष्यद्वक्ताओ ने यह भी कहा कि, __मसीह__ एक भविष्यद्वक्ता भी होगा, एक पुरोहित भी और एक राजा भी होगा।
* __[21:09](rc://*/tn/help/obs/21/09)__ यशायाह भविष्यद्वक्ता ने भविष्यवाणी की थी , कि एक कुँवारी से __मसीह__ का जन्म होगा।
* __[43:07](rc://*/tn/help/obs/43/07)__ "लेकिन परमेश्वर ने उस भविष्यवाणी को पूरा करने के लिए फिर से जिंदा उठाया जो कहता है, 'आप कब्र में अपने __ पवित्र जन__ को सड़ने नहीं देगा।'"

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@ -29,11 +29,10 @@
* [मत्ती 23:27](rc://*/tn/help/mat/23/27)
* [लूका 05:13](rc://*/tn/help/luk/05/13)
* [प्रे.का. 08:07](rc://*/tn/help/act/08/07)
* [प्रे.का.](rc://*/tn/help/act/08/07)
* [10:27-29](rc://*/tn/help/act/10/27)
* [प्रे.का.](rc://*/tn/help/act/08/07), [10:27-29](rc://*/tn/help/act/10/27)
* [कुलुसियों 03:05](rc://*/tn/help/col/03/05)
* [1 थिस्लुनिकियों 04:07](rc://*/tn/help/1th/04/07)
* [याकूब](rc://*/tn/help/jas/04/08)
* [याकूब](rc://*/tn/help/jas/04/08), [04:08](rc://*/tn/help/jas/04/08)
## शब्द तथ्य:

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@ -10,6 +10,8 @@
## अनुवाद सुझाव:
# ??
* “व्यवस्था” शब्द का अनुवाद भिन्न अर्थ में किया जाना सबसे अच्छा है। “आदेश” और “विधियों” की परिभाषा से भी इसकी तुलना करें।
* कुछ अनुवादक अपनी भाषा में एक ही शब्द द्वारा आज्ञा और ईश्वरीय आज्ञा का अनुवाद करना पसंद कर सकते हैं।
* अन्य अनुवादक ईश्वरीय आज्ञा के लिए एक विशेष शब्द का उपयोग करना पसंद कर सकते हैं, जो कि स्थायी, औपचारिक आज्ञाएँ जो परमेश्वर ने बनायीं है।

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@ -14,6 +14,7 @@
* कुछ संदर्भों में “विश्वास” का अनुवाद “आस्था-श्रद्धा” या “अधिकार” या “निश्चिय” या “भरोसा” किया जा सकता है।
* कुछ भाषाओं में इन शब्दों का अनुवाद “विश्वास करना” के क्रिया रूपों द्वारा किया जा सकता है। [भाववाचक संज्ञा](rc://*/ta/man/translate/figs-abstractnouns))
* "विश्वास रखना" का अनुवाद "यीशु पर विश्वास करना" या "यीशु पर विश्वास जारी रखें" द्वारा अनुवादित किया जा सकता है।
* ये वाक्य "विश्वास की गहरी सच्चाइयों को पकड़ना" का अनुवाद, "उन्हें यीशु के बारे में सारी सच्ची बातें मानना चाहिए जो उन्हें सिखाया गया हैके रूप में किया जा सकता है ।"
* "विश्वास में मेरा सच्चा पुत्र" शब्द का अनुवाद "मेरे पुत्र के समान है क्योंकि मैंने उसे यीशु पर विश्वास करने के लिए सिखाया था" या "मेरा सच्चा आध्यात्मिक पुत्र, जो यीशु पर विश्वास करता है" का अनुवाद किया जा सकता है।

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@ -46,7 +46,7 @@
* __[10:02](rc://*/tn/help/obs/10/02)__ इन भयानक विपत्तियों के द्वारा परमेश्वर यह दिखाना चाहता था ,कि वह फ़िरौन व मिस्र के __ देवताओ__ से कई अधिक शक्तिशाली है।
* __[13:04](rc://*/tn/help/obs/13/04)__ परमेश्वर ने उन्हें वाचा दी और कहा, “मैं तेरा परमेश्वर यहोवा हूँ, जो तुझे दासत्व के घर अथार्त् मिस्र देश से निकाल लाया है। ”तू मुझे छोड़ दूसरों को __ईश्वर__ करके न मानना।
* __[14:02](rc://*/tn/help/obs/14/02)__ उन्होंने(कनानियो) झूठे __ देवताओं__ की उपासना की, और बहुत से दुष्ट कार्य किए।
* __इस्राएलियों ने यहोवा जो सच्चा परमश्वर है उसके स्थान पर, कनानियो के __देवता__ की उपासना करना आरम्भ किया।
* इस्राएलियों ने यहोवा जो सच्चा परमश्वर है उसके स्थान पर, कनानियो के __देवता__ की उपासना करना आरम्भ किया।
* __[18:13](rc://*/tn/help/obs/16/01)__ परन्तु बहुत से यहूदा के राजा दुष्ट, विकृत और मूर्तियों की उपासना करने वाले थे। कुछ राजा झूठे __देवताओं__ के लिए अपने बच्चों का भी बलिदान चढ़ाने लगे।
## शब्द तथ्य:

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@ -47,9 +47,9 @@
* __[23:02](rc://*/tn/help/obs/23/02)__ "तू उसका नाम __यीशु__ रखना (जिसका अर्थ है, 'यहोवा बचाता है' )क्योंकि वह अपने लोगों का उनके पापों से उद्धार करेगा।"
* __[24:07](rc://*/tn/help/obs/24/07)__ तो यहून्ना ने उनको (यीशु) बपतिस्मा दिया,यद्यपि __यीशु__ ने कभी पाप नहीं किया था।
* __[24:09](rc://*/tn/help/obs/24/09)__ केवल एक ही परमेश्वर है। परन्तु जब यूहन्ना ने __यीशु__ को बपतिस्मा दिया, पिता परमेश्वर को कहते सुना, __यीशु__ पुत्र को देखा, और पवित्र आत्मा को भी देखा।
* __[25:08](rc://*/tn/help/obs/25/08)__यीशु__ शैतान के लालच में नहीं आया, तब शैतान उसके पास से चला गया,
* __[25:08](rc://*/tn/help/obs/25/08)__ यीशु शैतान के लालच में नहीं आया, तब शैतान उसके पास से चला गया,
* __[26:08](rc://*/tn/help/obs/26/08)__ फिर __यीशु__ गलील के पूरे क्षेत्र में होकर फिरने लगा, और बड़ी भीड़ उसके पास आई। वह यीशु के पास बहुत से लोगों को लाए जो अनेक बीमारियों से पीड़ित थे, उनमें विकलांग थे, और वे लोग थे, जो देख नहीं सकते, चल नहीं सकते, सुन नहीं सकते थे जो बोल नहीं सकते और इन सभी को __यीशु__ ने चंगा किया।
* __[31:03](rc://*/tn/help/obs/31/03)__ यीशु__ ने अपनी प्रार्थना समाप्त की और वह चेलों के पास चला गया। वह झील पर चलते हुए उनकी नाव की ओर आया।
* __[31:03](rc://*/tn/help/obs/31/03)__ यीशु ने अपनी प्रार्थना समाप्त की और वह चेलों के पास चला गया। वह झील पर चलते हुए उनकी नाव की ओर आया।
* __[38:02](rc://*/tn/help/obs/38/02)__ वह(यहूदा) जानता था कि यहूदी गुरुओं ने __यीशु__ को मसीहा के रूप में अस्वीकार कर दिया था और वे उसे मरवा डालने की योजना बना रहे थे।
* __[40:08](rc://*/tn/help/obs/40/08)__ अपनी मृत्यु के जरिये__ यीशु__ ने लोगों के लिये परमेश्वर के पास आने का रास्ता खोल दिया।
* __[42:11](rc://*/tn/help/obs/42/11)__ ” प्रभु__ यीशु__ स्वर्ग पर उठा लिया गया और एक बादल ने उसे उनकी आँखों से छिपा लिया। __यीशु__ सब बातो पर शासन करने के लिए परमेश्वर की दाहिनी ओर बैठ गया।

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@ -3,6 +3,7 @@
## परिभाषा:
* “यहूदियों का राजा” यीशु मसीह का पदनाम है।
* पहली बार बाइबल में यह पदनाम उस समय आया है जब बैतलहम आनेवाले ज्योतिषियों ने “यहूदियों के राजा” होने वाले शिशु को खोजने के लिए काम में लिया था।
* स्वर्गदूत ने मरियम से कहा था कि उसका पुत्र, दाऊद का वंशज एक राजा होगा जिसका राज्य सदाकालीन होगा।
* यीशु के क्रूसीकरण से पूर्व रोमी सैनिकों ने ठट्ठा करके यीशु को “यहूदियों का राजा” कहा था। यह पदनाम एक तख्ती पर लिखकर यीशु के क्रूस पर भी लगाया गया था।

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@ -3,6 +3,7 @@
## परिभाषा:
* “प्रभु भोज” प्रेरित पौलुस इस उक्ति को फसह के भोज के लिए काम में लेता है जो यीशु ने अपने शिष्यों के साथ उस रात खाया था जब यहूदी अगुओं ने उसे बन्दी बनाया था।
* इस भोजन के समय यीशु ने फसह की रोटी को तोड़कर अपनी देह से कहा जो शीघ्र ही प्रताड़ित की जाएगी और मार डाली जायेगी।
* दाखरस के कटोरे को उसने अपना लहू कहा जो शीघ्र ही बहाया जायेगा जब वह पापबलि होकर मरेगा।
* यीशु ने आज्ञा दी थी कि उसके शिष्य जब भी इस भोज में सहभागी हों तब वे उसकी मृत्यु और पुनरूत्थान को सदैव स्मरण करें।

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@ -1,4 +1,4 @@
# परमेश्‍वर की प्रजा, मेरी प्रजा
# परमेश्‍वर की प्रजा, मेरी प्रजा
## परिभाषा:

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@ -4,7 +4,7 @@
“नाश होना” का अर्थ है मरना या नष्ट होना, प्रायः हिंसा के द्वारा या आपदा के द्वारा। नए नियम में, यह अक्सर परमेश्वर के लोगों से खो जाने या अलग होने का आध्यात्मिक अर्थ है।
## "पेरिश:" का आध्यात्मिक अर्थ
### "पेरिश:" का आध्यात्मिक अर्थ
* “नाश होने वाले” मनुष्य वे है जिन्होंने अपने उद्धार के लिए यीशु में विश्वास करने से इन्कार किया है।
* जो "नाश" हैं वे स्वर्ग में परमेश्वर के साथ अनंत काल तक नहीं रहेंगे। इसके बजाय, वे परमेश्वर की न्याय के तहत नरक में अनंत काल तक जीवित रहेंगे।

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@ -44,7 +44,7 @@
* __[04:07](rc://*/tn/help/obs/04/07)__ "मलिकिसिदक, __परमप्रधान परमेश्वर के __ याजक "
* __[13:09](rc://*/tn/help/obs/13/09)__ जो कोई भी परमेश्वर के नियमों का उल्लंघन करता है, वह मिलापवाले तम्बू के सामने वेदी पर परमेश्वर के लिये पशु का बलिदान चढ़ाएगा | एक __याजक__ पशु को मारकर उसे वेदी पर जलाएगा | उस पशु का लहू जिसका बलिदान चढ़ाया गया है, परमेश्वर की दृष्टी में पापी मनुष्य के सभी अपराधों को धो देंगा | परमेश्वर ने मूसा के भाई हारून और हारून के वंश को __याजक__ पद के लिये चुना |
* __[19:07](rc://*/tn/help/obs/19/07)__ तब बाल के __याजकों__ ने उस बछड़े को जो उन्हें दिया गया था, लेकर बलिदान के लिए तैयार किया, परन्तु उमसे आग न लगाई
* __[21:07](rc://*/tn/help/obs/21/07)__ याजक__ वो है जो लोगों के स्थान पर परमेश्वर के लिए बलिदान चढ़ाता है, जिससे कि परमेश्वर उनके पापों के कारण उन्हें दण्डित न करें | __याजक__ परमेश्वर से लोगों के लिए प्रार्थना भी करते थे |
* __[21:07](rc://*/tn/help/obs/21/07)__ याजक वो है जो लोगों के स्थान पर परमेश्वर के लिए बलिदान चढ़ाता है, जिससे कि परमेश्वर उनके पापों के कारण उन्हें दण्डित न करें | __याजक__ परमेश्वर से लोगों के लिए प्रार्थना भी करते थे |
## शब्द तथ्य:

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@ -26,7 +26,7 @@
## बाइबल कहानियों से उदाहरण:
* __[03:15](rc://*/tn/help/obs/03/15)__ परमेश्वर ने कहा "मैं __वादा__ करता हूँ कि मैं फिर कभी भूमि पर शाप नहीं दूंगा क्योंकि लोग बुरे काम करते हैं, या बाढ़ पैदा करके दुनिया को नष्ट कर देते हैं, भले ही लोग उस समय से पापी होते हैं जब वे बच्चे होते हैं।
* __[03:16](rc://*/tn/help/obs/03/16)__ परमेश्वर ने बादल में पहला धनुष बनाया रखा __वाचा__ के चिह्न के स्वरुप में। जब भी आकाश में धनुष दिखाई देगा, परमेश्वर अपनी _वाचा__ को याद करेगा और लोग भी।
* __[03:16](rc://*/tn/help/obs/03/16)__ परमेश्वर ने बादल में पहला धनुष बनाया रखा __वाचा__ के चिह्न के स्वरुप में। जब भी आकाश में धनुष दिखाई देगा, परमेश्वर अपनी _वाचा को याद करेगा और लोग भी।
* __[04:08](rc://*/tn/help/obs/04/08)__ परमेश्वर ने अब्राम से कहा और दुबारा __वाचा__ किया कि उसको एक पुत्र की प्राप्ति होगी और उसकी संतान आकाश में तारो के सामान होगी। अब्राम ने परमेश्वर के __वाचा__ पर विश्वास किया।
* __[05:04](rc://*/tn/help/obs/05/04)__ तुम्हारी पत्नी, सारै को एक बेटा होगा - वह __प्रतिज्ञा__ का पुत्र होगा।
* __[08:15](rc://*/tn/help/obs/08/15)__ __वाचा__ परमेश्वर ने जो वाचा अब्राहम से बाँधी थी , अब्राहम के बाद इसहाक से, इसहाक के बाद याकूब और उसके बारह पुत्रों व उसके परिवार से|

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@ -32,7 +32,7 @@
* __[12:12](rc://*/tn/help/obs/12/12)__ जब इस्राएलियों ने देखा कि मिस्र के लोग मारे गए है, तो उन्होंने परमेश्वर पर __भरोसा किया__ और विश्वास करने लगे कि मूसा परमेश्वर का एक नबी है।
* __[14:15](rc://*/tn/help/obs/14/15)__यहोशू एक अच्छा अगुआ था क्योंकि वह परमेश्वर पर __विश्वास__ करता था व उसकी आज्ञाओ का पालन करता था।
* __[17:02](rc://*/tn/help/obs/17/02)__दाऊद एक बहुत ही नम्र व धर्मी पुरुष था, जो परमेश्वर पर __विश्वास__ और उसकी आज्ञाओं का पालन करता था।
* __[34:06](rc://*/tn/help/obs/34/06)__ फिर यीशु ने उन लोगों के बारे में एक कहानी बताई जो __ अपने स्वयं के अच्छे कर्मों पर __विश्वास__ रखते थे और अन्य लोगों के साथ घृणा करते थे।
* __[34:06](rc://*/tn/help/obs/34/06)__ फिर यीशु ने उन लोगों के बारे में एक कहानी बताई जो अपने स्वयं के अच्छे कर्मों पर __विश्वास__ रखते थे और अन्य लोगों के साथ घृणा करते थे।
## शब्द तथ्य:

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@ -3,6 +3,7 @@
## परिभाषा:
* “अधर्मी” और “अन्याय से” मनुष्यों के साथ पक्षपात करना, प्रायः हानि के व्यवहार के साथ।
* “अन्याय” किसी मनुष्य के साथ बुरा करना, जबकि वह इस योग्य नहीं। इसका संदर्भ पक्षपाती व्यवहार से है।
* कुटिलता का अर्थ यह भी है कि कुछ के साथ बुरा कुछ के साथ अच्छा व्यवहार करना।
* जो मनुष्य पक्षपात करता है वह मनुष्यों के साथ समता का व्यवहार नहीं करता है।

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@ -3,6 +3,7 @@
## परिभाषा:
* “व्यवस्था विरोधी” नियमों का उल्लंघन करनेवाले कामों का वर्णन करता है।
* नये नियम में “व्यवस्था विरोधी” उक्ति का उपयोग परमेश्वर के नियमों के उल्लंघन ही के लिए नहीं मानव निर्मित यहूदी परम्पराओं के उल्लंघन के लिए भी काम में ली जाती है।
* वर्षों के अन्तराल में यहूदियों ने परमेश्वर प्रदत्त व्यवस्था में अपनी परम्पराओं को जोड़ दिया था। यहूदी अगुवे मानव निर्मित परम्पराओं के उल्लंघन को “व्यवस्था विरोधी” कहते थे।
* यीशु के शिष्य सब्त के दिन गेहूँ की बालें तोड़ रहे थे तो फरीसियों ने उन्हें व्यवस्था विरोधी काम करने का दोषी ठहराया था क्योंकि वह सब्त के दिन विश्राम करने का यहूदी व्यवस्था का उल्लंघन कर रहा था।

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@ -36,9 +36,11 @@
* [याकूब](rc://*/tn/help/jas/02/08), [01:18](rc://*/tn/help/jas/01/18)
* [याकूब](rc://*/tn/help/jas/02/08), [02:8-9](rc://*/tn/help/jas/02/08)
## बाइबल कहानियों के उदाहरण:
## बाइबल कहानियों के उदाहरण:
* __[25:07](rc://*/tn/help/obs/25/07)__ परमेश्वर के वचन__ में वह अपने लोगों को आज्ञा देता है कि 'तू प्रभु अपने परमेश्वर को प्रणाम कर, और केवल उसी की उपासना कर।’”
# ??
* __[25:07](rc://*/tn/help/obs/25/07)__ परमेश्वर के वचन में वह अपने लोगों को आज्ञा देता है कि 'तू प्रभु अपने परमेश्वर को प्रणाम कर, और केवल उसी की उपासना कर।’”
* __[33:06](rc://*/tn/help/obs/33/06)__ तब यीशु ने उन्हें समझाया कि, “बीज __परमेश्वर का वचन__ है ।
* __[42:03](rc://*/tn/help/obs/42/03)__ फिर यीशु ने उन्हें समझाया कि __परमेश्वर का वचन__ मसीहा के बारे में क्या कहता है
* __[42:07](rc://*/tn/help/obs/42/07)__ यीशु ने कहा, जो बाते मैंने तुम्हारे साथ रहते हुए तुम्हे बताई थी कि __परमेश्वर के वचन__ में जो कुछ भी मेरे बारे में लिखा है वह सब पूरा होगा।" तब उसने __पवित्र शास्त्र__ बूझने के लिये उनकी समझ खोल दी।

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@ -3,6 +3,7 @@
## परिभाषा:
* “सेनाओं का यहोवा” और “सेनाओं का परमेश्वर” ये पदनाम हजारों स्वर्गदूतों पर परमेश्वर के अधिकार को दर्शाते हैं जो उसकी आज्ञा का पालन करते हैं।
* “सेना” या “सेनाओं” ये शब्द किसी भी बात की बड़ी संख्या को व्यक्त करते हैं जैसे सेना या सितारों की विशाल संख्या। यह बुरी आत्माओं सहित सभी कई आत्माओं के संदर्भ में भी है। संदर्भ यह स्पष्ट करता है कि क्या संदर्भित किया जा रहा है। “स्वर्ग की सेना” सितारों, ग्रहों और अन्य आकाशीय पिण्डों के लिए काम में लिए जाते हैं।
* नए नियम में, वाक्यांश, "सेनाओं का प्रभु" का अर्थ "सेनाओं का यहोवा" के समान है, लेकिन इसका इस तरह से अनुवाद नहीं किया जा सकता है क्योंकि "यहोवा" इब्रानी शब्द है नए नियम में प्रयोग नहीं किया गया है।

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@ -26,7 +26,7 @@
## बाइबल कहानियों से उदाहरण:
* __[21:10](rc://*/tn/help/obs/21/10)__ यशायाह भविष्यद्वक्ता ने कहा कि मसीह __गलील__ में रहेगा, वह खेदित मन के लोगों को शान्ति देगा और बंदियों के लिए स्वतंत्रता का और कैदियों को छुटकारा देगा।
* __[26:01](rc://*/tn/help/obs/26/01)__ शैतान की परीक्षा पर जय पाने के बाद, यीशु जहाँ वह रहते थे __गलील के क्षेत्र के लिए पवित्र आत्मा की शक्ति में लौट आए।
* __[26:01](rc://*/tn/help/obs/26/01)__ शैतान की परीक्षा पर जय पाने के बाद, यीशु जहाँ वह रहते थे गलील के क्षेत्र के लिए पवित्र आत्मा की शक्ति में लौट आए।
* __[39:06](rc://*/tn/help/obs/39/06)__ अंत में लोगों ने जो वहाँ खड़े थे, पतरस के पास आकर उससे कहा, “हम जानते है कि तू भी यीशु के साथ था क्योंकि तुम दोनों __गलील__ से हो।”
* __[41:06](rc://*/tn/help/obs/41/06)__ तब स्वर्गदूत ने उन स्त्रियों से कहा , “जाओ और शीघ्र जाकर उसके चेलों से कहो कि यीशु मृतकों में से जी उठा है और वह तुमसे पहले __गलील__ को जाता है।”

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@ -3,6 +3,7 @@
## परिभाषा:
* गिलाद यरदन नदी के पूर्व में एक पर्वतीय प्रदेश है जहां इस्राएली गोत्र गाद, रूबेन, मनश्शे वास करने लगे थे।
* इस क्षेत्र को “गिलाद का पहाड़ी प्रदेश” या “गिलाद पर्वत” भी कहा गया है।
* “गिलाद” पुराने नियम में अनेक पुरुषों का नाम भी था। उनमें से एक मनश्शे का पोता भी था। एक और पुरुष जिसका नाम गिलाद था, वह यिप्तह का पिता था।

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@ -3,6 +3,7 @@
## तथ्य:
* नबात का पुत्र यारोबाम उत्तरी राज्य इस्राएल का प्रथम राजा हुआ था, लगभग 900-910 ई.पू. * यारोबाम नामक इस्राएल का एक और राजा हुआ था, वह राजा यहोआश का पुत्र था जिसने 120 वर्ष बाद इस्राएल पर राज्य किया था।
* यहोवा ने नबात के पुत्र यारोबाम को भविष्यद्वाणी में कहा था कि वह सुलैमान के बाद राजा होगा और उसका राज्य दस गोत्रों पर होगा।
* सुलैमान के मरणोपरान्त इस्राएल के दस गोत्रों ने सुलैमान के पुत्र रहबाम से विद्रोह करके यारोबाम को अपना राजा घोषित कर दिया। अब रहबाम केवल दक्षिण के दो गोत्रों, यहूदा और बिन्यामीन क्षेत्रों का ही राजा रह गया था।
* यारोबाम एक दुष्ट राजा हुआ जिसने प्रजा को यहोवा से विमुख करके उनकी पूजा करने के लिए मूर्तियों को स्थापित किया। इस्राएल के उत्तरकालीन सब राजाओं ने यारोबाम का अनुकरण किया और उसी के तुल्य दुष्ट हुए।

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@ -3,6 +3,7 @@
## तथ्य:
* “इस्राएल के राज्य” जो इस्राएल का उत्तरी भाग था, सुलैमान के मरणोपरान्त इस्राएल के बारह गोत्र दो राज्यों में विभाजित हो गए थे।
* इस्राएल का राज्य उत्तरी राज्य हो गया जिसमें दस गोत्र और दक्षिण में यहूदा राज्य जिसमें दो गोत्र थे।
* इस्राएल राज्य की राजधानी सामरिया थी। यहूदा राज्य की राजधानी यरूशलेम से वह नगर 50 कि.मी. दूर था।
* इस्राएल राज्य के सभी राजा दुष्ट थे। उन्होंने प्रजा को झूठे देवता की मूर्तिपूजा के लिए प्रभावित किया था।
@ -22,7 +23,7 @@
* __[18:08](rc://*/tn/help/obs/18/08)__ अन्य दस इस्राएली गोत्र जो रहूबियाम के विरुद्ध में थे, उन्होंने अपने लिए यारोबाम नामक एक राजा को नियुक्त किया। उसने देश के उत्तरी भाग में अपने राज्य की स्थापना की और उसे __इस्राएल का राज्य__ कहा गया।
* __[18:10](rc://*/tn/help/obs/18/10)__ यहूदा और __ इस्राएली राज्य__ शत्रु बन गए और अक्सर एक दूसरे के विरुद्ध लड़े।
* __[18:11](rc://*/tn/help/obs/18/11)__ नए __इस्राएली राज्य__ में, जितने भी राजा हुए वह सब दुष्ट थे।
* __[20:01](rc://*/tn/help/obs/20/01)__ इस्राएलियों और यहूदियों के राज्यों ने परमेश्वर के विरुद्ध __ पाप किया था।
* __[20:01](rc://*/tn/help/obs/20/01)__ इस्राएलियों और यहूदियों के राज्यों ने परमेश्वर के विरुद्ध पाप किया था।
* __[20:02](rc://*/tn/help/obs/20/02)__ अश्शूर का राज्य एक शक्तिशाली, क्रूर राज्य था, जिसने __इस्राएल के राज्य__ को नष्ट कर दिया। अश्शूरियों ने __इस्राएल के__ बहुत से लोगों को मार गिराया, उनकी मूल्यवान वस्तुओं को छीन लिया और देश का बहुत सा हिस्सा जला दिया।
* __[20:04](rc://*/tn/help/obs/20/04)__ तब अश्शूरियों ने अन्यजातियों को उस भूमि पर रहने को कहा जहाँ पर __इस्राएली राज्य__ था। अन्यजातियों ने उस विनष्ट शहर का पुनर्निर्माण किया, और वहाँ शेष बचे इस्राएलियों से विवाह किया। इस्राएलियों के वह वंशज जिन्होंने अन्यजातियों से विवाह किया वह सामारी कहलाए।

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@ -8,6 +8,7 @@
* मनश्शे और एप्रैम दोनों को यूसुफ के पिता याकूब ने गोद लिया था। जिसके कारण उनके वंशजों को इस्राएल के बारह गोत्रों में गिने जाने का सौभाग्य प्राप्त हुआ।
* मनश्शे के वंशज इस्राएल का एक गोत्र हुए।
* मनश्शे का गोत्र “मनश्शे का आधा गोत्र” कहलाता था क्योंकि कनान देश में इस गोत्र के एक भाग ने ही निवास किया था, यरदन नदी के पश्चिम में। इस गोत्र का शेष भाग यरदन नदी के पूर्व में बस गया।
* यहूदा के एक राजा का नाम भी मनश्शे था।
* मनश्शे एक दुष्ट राजा था जिसने अपने बच्चों को झूठे देवताओं के समक्ष होम बलि चढ़ाया था।
* परमेश्वर ने राजा मनश्शे को शत्रु की सेना द्वारा बन्दी बनाये जाने का दण्ड दिया। मनश्शे मन फिराकर परमेश्वर के निकट आया और सब मूर्ति-पूजा की सब वेदियों को नष्ट कर दिया।

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@ -5,6 +5,7 @@
मिद्यान अब्राहम और उसकी पत्नी कतूरा का पुत्र था। यह एक जाति और स्थान का भी नाम पड़ गया जो कनान के दक्षिण में अरब के रेगिस्तान के उत्तर में था। इस जाति के लोग मिद्यानी थे।
* जब मूसा मिस्र से भागा था तब वह मिद्यान देश में ही गया था जहाँ उसकी भेंट यित्रों की पुत्री से हुई थी जिसकी भेड़ों को पानी पिलाने में उसने सहायता की थी। बाद में मूसा ने यित्रों की पुत्रियों में से एक से विवाह कर लिया था।
* यूसुफ को मिद्यानी व्यापारी ही खरीदकर मिस्र ले गए थे।
वर्षों बाद मिद्यानियों ने कनान देश में इस्राएलियों पर आक्रमण करके उन्हें लूटा था। गिदोन ने इस्राएलियों को लेकर उन्हें हराया था।

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@ -20,9 +20,9 @@
## बाइबल कहानियों से उदाहरण:
* [12:04](rc://*/tn/help/obs/12/04)__ जब इस्राएलियों ने देखा कि मिस्र की सेना आ रही है, तो उन्हें एहसास हुआ कि वे फिरौन की सेना और __वे लाल सागर__ के बीच फंस गए थे
* [12:05](rc://*/tn/help/obs/12/05)__ तब परमेश्वर ने मूसा से कहा, "लोगों को __लाल सागर__ की तरफ जाने के लिए कहो।"
* [13:01](rc://*/tn/help/obs/13/01)__ के बाद परमेश्वर__लाल सागर__ के माध्यम से इस्राएलियों का नेतृत्व किया, वह उन्हें सीनै नाम की पहाड़ पर जंगल में ले गया।
* __[12:04](rc://*/tn/help/obs/12/04)__ जब इस्राएलियों ने देखा कि मिस्र की सेना आ रही है, तो उन्हें एहसास हुआ कि वे फिरौन की सेना और __वे लाल सागर__ के बीच फंस गए थे
* __[12:05](rc://*/tn/help/obs/12/05)__ तब परमेश्वर ने मूसा से कहा, "लोगों को __लाल सागर__ की तरफ जाने के लिए कहो।"
* __[13:01](rc://*/tn/help/obs/13/01)__ के बाद परमेश्वर__लाल सागर__ के माध्यम से इस्राएलियों का नेतृत्व किया, वह उन्हें सीनै नाम की पहाड़ पर जंगल में ले गया।
## शब्द तथ्य:

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@ -21,8 +21,8 @@
## बाइबल कहानियों से उदाहरण:
* [18:05](rc://*/tn/help/obs/18/05)__ सुलैमान की मृत्यु के बाद उसका पुत्र __रहूबियाम__ उसके स्थान पर राजा हुआ | __रहूबियाम__ एक नासमझ मनुष्य था |
* [18:06](rc://*/tn/help/obs/18/06)__ __रहूबियाम ने उन्हें नासमझता के साथ उत्तर देते हुए कहा, “मेरे पिता ने तुम पर जो भारी जूआ रखा था उसे मैं और भी भारी करूँगा; और मैं तुम्हें और भी कठोरता से दण्डित करूँगा |”
* __[18:05](rc://*/tn/help/obs/18/05)__ सुलैमान की मृत्यु के बाद उसका पुत्र __रहूबियाम__ उसके स्थान पर राजा हुआ | __रहूबियाम__ एक नासमझ मनुष्य था |
* __[18:06](rc://*/tn/help/obs/18/06)__ रहूबियाम ने उन्हें नासमझता के साथ उत्तर देते हुए कहा, “मेरे पिता ने तुम पर जो भारी जूआ रखा था उसे मैं और भी भारी करूँगा; और मैं तुम्हें और भी कठोरता से दण्डित करूँगा |”
* __[18:07](rc://*/tn/help/obs/18/07)__ दस इस्राएली गोत्र रहूबियाम के विरुद्ध हो गए केवल दो गोत्र उसके प्रति निष्ठावान रहे |
## शब्द तथ्य:

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@ -21,12 +21,12 @@
## बाइबल के कहानियों से उदाहरण:
* __[47: 1](rc://*/tn/help/obs/47/01)__ एक दिन, पौलुस और उसका मित्र __ सिलास फिलिप्पी के शहर में यीशु के बारे में शुभ सन्देश देने के लिए गए।
* __[47:02](rc://*/tn/help/obs/47/02)__ वह (लुदिया ) ने पौलुस और __ सिलास को अपने घर में रहने के लिए आमंत्रित किया, इसलिए वे उसके और उसके परिवार के साथ रहे।
* __[47: 1](rc://*/tn/help/obs/47/01)__ एक दिन, पौलुस और उसका मित्र सिलास फिलिप्पी के शहर में यीशु के बारे में शुभ सन्देश देने के लिए गए।
* __[47:02](rc://*/tn/help/obs/47/02)__ वह (लुदिया ) ने पौलुस और सिलास को अपने घर में रहने के लिए आमंत्रित किया, इसलिए वे उसके और उसके परिवार के साथ रहे।
* __[47:03](rc://*/tn/help/obs/47/03)__ पौलुस और __ सिलास__ अक्सर प्रार्थना के स्थान पर लोगों के साथ मिले।
* __[47:07](rc://*/tn/help/obs/47/07)__ इसलिए गुलाम लड़की के मालिकों ने पौलुस और __ सिलास को रोमन अधिकारियों के पास ले लिया, जिन्होंने उन्हें मारा और उन्हें जेल में फेंक दिया।
* __[47:08](rc://*/tn/help/obs/47/08)__ उन्होंने पौलुस और __ सिलास को जेल के सबसे सुरक्षित भाग में रखा और यहां तक कि उनके पैरों को भी बंद कर दिया।
* __[47:11](rc://*/tn/help/obs/47/11)__ जेलर कांपते हुए' पौलुस और __ सिलास के पास आया और पूछा, "बचने के लिए मुझे क्या करना चाहिए?"
* __[47:07](rc://*/tn/help/obs/47/07)__ इसलिए गुलाम लड़की के मालिकों ने पौलुस और सिलास को रोमन अधिकारियों के पास ले लिया, जिन्होंने उन्हें मारा और उन्हें जेल में फेंक दिया।
* __[47:08](rc://*/tn/help/obs/47/08)__ उन्होंने पौलुस और सिलास को जेल के सबसे सुरक्षित भाग में रखा और यहां तक कि उनके पैरों को भी बंद कर दिया।
* __[47:11](rc://*/tn/help/obs/47/11)__ जेलर कांपते हुए' पौलुस और सिलास के पास आया और पूछा, "बचने के लिए मुझे क्या करना चाहिए?"
* __[47:13](rc://*/tn/help/obs/47/13)__ अगले दिन शहर के नेताओं ने पौलुस और __ सिलास को जेल से रिहा कर दिया और उन्हें फिलिप्पी छोड़ने के लिए कहा। पौलुस और __ सिलास ने लुदिया और कुछ अन्य दोस्तों सें मिले और फिर शहर छोड़ दिया।
## शब्द तथ्य:

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@ -20,7 +20,7 @@
## बाइबल के कहानियों से उदाहरण:
* [13:01](rc://*/tn/help/obs/13/01)__ के बाद परमेश्वर लाल सागर के माध्यम से इस्राएलियों का नेतृत्व किया, वह उन्हें __सीनै__ नाम की पहाड़ पर जंगल में ले गया।
* __[13:01](rc://*/tn/help/obs/13/01)__ के बाद परमेश्वर लाल सागर के माध्यम से इस्राएलियों का नेतृत्व किया, वह उन्हें __सीनै__ नाम की पहाड़ पर जंगल में ले गया।
* __[13:03](rc://*/tn/help/obs/13/03)__ तीसरे दिन तक, वह अपने आप को आत्मिक रूप से तैयार करे ,जब परमेश्वर __सीनै पर्वत__ पर आया तो बादल गरजने और बिजली चमकने लगी और पर्वत पर काली घटा छा गई फिर नरसिंगे का बड़ा भारी शब्द हुआ |
* __[13:11](rc://*/tn/help/obs/13/11)__ कई दिनों तक मूसा __सीनै पर्वत__ के ऊपर परमेश्वर से बात करता रहा |
* __[15:13](rc://*/tn/help/obs/15/13)__ तब यहोशू ने इस्राएलियों को वह वाचा याद दिलाई जो उन्होंने परमेश्वर के साथ __सीनै पर्वत__ पर बाँधी थी, कि वह उसका पालन करेंगे।

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@ -17,3 +17,5 @@
* [1 इतिहास 01:24-27](rc://*/tn/help/1ch/01/24)
* [लूका 03:33-35](rc://*/tn/help/luk/03/33)
\\

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@ -23,7 +23,7 @@
* __[10:04](rc://*/tn/help/obs/10/04)__ परमेश्वर ने सारे मिस्र देश में मेंढकों को भेज दिया। फ़िरौन ने मेंढकों को दूर ले जाने के लिये मूसा से __विनती की__
* __[29:08](rc://*/tn/help/obs/29/08)__ तब राजा ने उसे बुलाकर उस से कहा, ‘हे दुष्ट दास, तू ने जो मुझ से __विनती की__, तो मैं ने तेरा वह पूरा कर्ज़ क्षमा कर दिया।’
* __[32:07](rc://*/tn/help/obs/32/07)__ दुष्टात्मा ने यीशु से बहुत विनती की, “हमें इस देश से बाहर न भेज।” वहाँ पहाड़ पर सूअरों का एक बड़ा झुण्ड चर रहा था। दुष्टात्मा ने उससे __विनती__ करके कहा “ कृपया हमें उन सूअरों में भेज दे कि हम उनके भीतर जाए!”
* __[32:10](rc://*/tn/help/obs/32/10)__ तो वह आदमी जिसमें पहले दुष्टात्मा थी, “यीशु के साथ जाने__विनती करने लगा ।”
* __[32:10](rc://*/tn/help/obs/32/10)__ तो वह आदमी जिसमें पहले दुष्टात्मा थी, “यीशु के साथ जाने विनती करने लगा ।”
* __[35:11](rc://*/tn/help/obs/35/11)__ उसका पिता बाहर आया और उसे सबके साथ जश्न मनाने के लिये उससे __विनती करने__ लगा परन्तु उसने मना कर दिया।”
* __[44:01](rc://*/tn/help/obs/44/01)__ एक दिन पतरस और यूहन्ना प्रार्थना करने के लिये मन्दिर में जा रहे थे। तब उन्होंने एक लंगड़े भिखारी को देखा जो पैसों के लिए __भीख माँग रहा था__

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@ -14,7 +14,9 @@
* जब दुष्ट को धर्मी "घृणित" करने के लिए आवेदन किया जाता है, तो इसे "बहुत अवांछनीय माना जाता है" या "अयोग्य" या "अस्वीकार कर दिया" के रूप में अनुवाद किया जा सकता है।
* परमेश्वर ने कुछ प्रकार के जानवरों को "घृणा" करने के लिए इस्राएलियों से कहा था कि परमेश्वर ने उन्हें "अशुद्ध" और भोजन के लिए उपयुक्त नहीं घोषित किया था। * इसका अनुवाद “प्रबल नापसंदगी” या “परित्याग” या “अस्वीकार्य मानना” के रूप में किया जा सकता है।
(यह भी देखें: ## [भविष्य कहना](../other/divination.md), [शुद्ध](../kt/clean.md))
(यह भी देखें:
## [भविष्य कहना](../other/divination.md), [शुद्ध](../kt/clean.md))
## बाइबल सन्दर्भ:

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@ -3,6 +3,7 @@
## परिभाषा:
* “सनौबर” एक सदाबहार वृक्ष है जिसमें शंकुओं के अन्दर बीज होते है।
* इन वृक्षों की सदाबहार वृक्ष भी कहते हैं।
* प्राचीन युग में सनोवर की लकड़ी संगीतवाद्यों को बनाने में तथा नाव, घर एवं मन्दिर बनाने के लिए प्रयोग किया जाता था।
* बाइबल में इस प्रजाति के वृक्षों के नाम है, चीड़, देवदारू, सनौबर, और सदाबहार वृक्ष।

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@ -3,6 +3,7 @@
## परिभाषा:
* वीणा, एक तारवाला वाद्य यन्त्र होता था।
* बाइबल में चीड़ की लकड़ी से वीणा एवं अन्य वाद्ययंत्र बनाए जाते थे।
* वीणा हाथ में उठाकर चलते हुए बजाया जाता था।
* बाइबल में वीणा परमेश्वर की स्तुति एवं उपासना में बजाई जाती थी।

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@ -25,7 +25,7 @@
* [मरकुस 06:51-52](rc://*/tn/help/mrk/06/51)
* [मत्ती 21:29](rc://*/tn/help/mat/21/29)
* [मत्ती 22:37](rc://*/tn/help/mat/22/37)
* [याकूब 04:08](rc://*/tn/help/jms/04/08)
* [याकूब 04:08](rc://*/tn/help/jas/04/08)
## शब्द तथ्य:

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@ -13,6 +13,7 @@
* कई अनुवादों को "बांज वृक्ष" शब्द का उपयोग करने के बजाय केवल "बांज" शब्द का उपयोग करना महत्वपूर्ण होगा।
* यदि लक्षित भाषा के स्थान में बांज वृक्ष नहीं है तो इसका अनुवाद किया जा सकता है, “एक बड़ा बांज का छायादार वृक्ष” और इसके गुणों वाले किसी स्थानीय वृक्ष का नाम दें।
* देखें: [अपरिचित शब्दों का अनुवाद कैसे करें](rc://*/ta/man/translate/translate-unknown))
(यह भी देखें: [पवित्र](../kt/holy.md))

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@ -28,7 +28,7 @@
## बाइबल कहानियों से उदाहरण:
* __[03:04](rc://*/tn/help/obs/03/04)__ परमेश्वर की इस __आज्ञा__ के अनुसार नूह ने किया। नूह और उसके तीन बेटों ने नाव की रचना वैसे ही की जैसे परमेश्वर ने उनसे कहा था।
* __[05:06](rc://*/tn/help/obs/05/06)__ फिर अब्राहम ने परमेश्वर की __आज्ञा__ का पालन किया__, और अपने पुत्र का बलिदान देने के लिये तैयार हो गया |
* __[05:06](rc://*/tn/help/obs/05/06)__ फिर अब्राहम ने परमेश्वर की __आज्ञा__ का पालन किया, और अपने पुत्र का बलिदान देने के लिये तैयार हो गया |
* __[05:10](rc://*/tn/help/obs/05/10)__ पृथ्वी की सारी जातियाँ तेरे(अब्राहम) कारण अपने को धन्य मानेंगी; क्योंकि तूने मेरी बात __मानी__ है।
* __[05:10](rc://*/tn/help/obs/05/10)__ परन्तु मिस्र परमेश्वर पर विश्वास नहीं किया या आज्ञा का __पालन__ नहीं किया।
* __[13:07](rc://*/tn/help/obs/13/07)__ यदि वह लोग इन नियमों का __पालन__ करेंगे, तो परमेश्वर अपनी वाचा के अनुसार उन्हें आशीष देंगा।

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@ -20,7 +20,7 @@
## अनुवाद के सुझाव:
* प्रकरण के अनुसार “लाभ” का अनुवाद “हितकारी” या “सहायता” या “प्राप्ति” हो सकता है।
* प्रकरण के अनुसार “लाभ” का अनुवाद “हितकारी” या “सहायता” या “प्राप्ति” हो सकता है।
* “लाभदायक” का अनुवाद “उपयोगी” या “हितकारी” या “सहायक” हो सकता है।
* “से लाभ प्राप्त करना” का अनुवाद “से लाभ उठाना” या “से पैसा प्राप्त करना” था, “से सहायता प्राप्त करना” हो सकता है।
* व्यापार के संदर्भ में “लाभ” का अनुवाद ऐसे शब्द या व्याख्यांश द्वारा किया जाएँ जिसका अर्थ “पैसों का लाभ” या “पैसों की अधिकता” या “अतिरिक्त पैसा” हो।

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@ -9,6 +9,8 @@
* परमेश्वर के लिए बलि चढ़ाने में प्रायः पशु को वध किया जाता था।
* केवल यीशु- परमेश्वर का सिद्ध निष्पाप पुत्र, की बलि मनुष्यों के पापों से पूर्ण शोधन प्रदान कर सकती है, जानवरों का बलिदान कभी ऐसा नहीं कर सकता था।
### भेंट
* "भेंट" शब्द का अर्थ है सामान्यतः है कि जो कुछ भी चढ़ाया गया था दिया गया। "बलि" का संदर्भ उस हर एक बात से था जो चढ़ाने वाले के लिए बहुत मूल्य की होती थी।

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@ -40,7 +40,7 @@
* __[09:11](rc://*/tn/help/obs/09/11)___ मूसा मिस्र से बहुत दूर जंगल में एक __चरवाहा__ बन गया.के प्रति
* __[17:02](rc://*/tn/help/obs/17/02)__ दाऊद बेथलेहेम के शहर से एक चरवाहा था। अलग-अलग समय में जब वह अपने पिता के __भेड़__ देख रहा था, तब दाऊद ने शेर और एक भालू दोनों को मार दिया था जिसने __भेड़__ पर हमला किया था।
* __[23:06](rc://*/tn/help/obs/23/06)__ उस रात, वहाँ कुछ __ चरवाहों __ पास के एक क्षेत्र में उनके झुंड की रक्षा करते थे।
* __[23:08](rc://*/tn/help/obs/23/08)__ चरवाहों __ जल्द ही उस स्थान पर पहुंचे जहां यीशु था और उन्होंने उसे दूध पिलाने लेटा हुआ पाया, जैसे स्वर्गदूत ने उन्हें बताया था।
* __[23:08](rc://*/tn/help/obs/23/08)__ चरवाहों जल्द ही उस स्थान पर पहुंचे जहां यीशु था और उन्होंने उसे दूध पिलाने लेटा हुआ पाया, जैसे स्वर्गदूत ने उन्हें बताया था।
* __[30:03](rc://*/tn/help/obs/30/03)__ यीशु के लिए, ये लोग किसी चरवाहा के बिना __भेड़__ के समान थे।
## शब्द तथ्य:

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@ -1,4 +1,4 @@
# सिखाना, सिखाता है, सिखाकर, पढ़ाया गया, शिक्षा, शिक्षायें, अशिक्षित
# सिखाना, सिखाता है, सिखाकर, पढ़ाया गया, शिक्षा, शिक्षायें, अशिक्षित
## परिभाषा:

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@ -9,7 +9,7 @@
* नये नियम में परमेश्वर के लिए दशमांश पृथक करने की आज्ञा तो नहीं है परन्तु उदारता तथा सहर्ष देने का विचार है कि मसीही सेवा में सहयोग तथा गरीबों को सहायता प्राप्त हो।
* इसका अनुवाद हो सकता है, “दसवां अंश” या “दस में से एक।”
(यह भी देखें: [विश्वास](../kt/believer.md), [इस्राएल](../kt/israel.md), [लेवी](../names/levite.md), [जीवन](../other/livestock.md), [मेलिकिसिदक](../names/melchizedek.md), [सेवक](../kt/minister.md), [बलि](../other/sacrifice.md), [मिलापवाला तम्बू](../kt/tabernacle.md), [मन्दिर](../kt/temple.md))
(यह भी देखें: [विश्वास](../kt/believer.md), [इस्राएल](../kt/israel.md), [लेवी](../names/levite.md), [जीवन](../other/livestock.md), [मेलिकिसिदक](../names/melchizedek.md), [सेवक](../kt/minister.md), [बलि](../other/sacrifice.md), [मिलापवाला तम्बू](../kt/tabernacle.md), [मन्दिर](../kt/temple.md))
## बाइबल सन्दर्भ:

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@ -3,6 +3,7 @@
## परिभाषा:
* “डर” शब्द अत्यंत भय को व्यक्त करता है। किसी को “डराना” अर्थात उसे भयभीत करना।
* “डर” किसी वस्तु या मनुष्य द्वारा उत्पन्न भय भी होता है। डर का एक उदाहरण हमलावर दुश्मन सेना या महामारी या बीमारी है जो व्यापक है, कई लोगों की हत्या कर सकता है।
* इन भयावहों को "भयानक" के रूप में वर्णित किया जा सकता है। इस शब्द का अनुवाद हो सकता है, “भय-कारण” या “आतंक-उत्पादक।”
* परमेश्वर का न्याय एक दिन मन न फिराने वाले मनुष्यों में जो उसके अनुग्रह को अस्वीकार करते हैं, भय उत्पन्न करेगा।

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@ -3,6 +3,7 @@
## परिभाषा:
* “कब्र” वह स्थान है जहां मृतक के शव को रखा जाता है। * इसी संदर्भ में “कब्रिस्तान” भी है।
* यहूदी कभी-कभी गुफाओं में मृतकों को रखते थे। कभी-कभी वे पहाड़ों में गुफा खोदते थे।
* नये नियम के समय ऐसी कब्रों को बन्द करने के लिए उन पर बड़ा पत्थर लुढ़का देना एक आम अभ्यास था।
* यदि कब्र का अर्थ शव को दफन करने के लिए जमीन के नीचे गड्डा हो तो इसका अनुवाद करने के और तरीके “गुफा” या “पहाड़ में छेद करना” हो सकता है।

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@ -6,6 +6,7 @@
* परमेश्वर अपने शब्द को कहता है यद्यपि उसका शब्द मनुष्य जैसी नहीं है।
* शब्द संपूर्ण मनुष्य का संदर्भ देती है जैसे “जंगल में एक पुकारने वाले का शब्द सुनाई देता है, प्रभु का मार्ग तैयार करो।” इसका अनुवाद हो सकता है, “जंगल में एक मनुष्य की पुकार सुनी जाती है”। (देखें: [उपलक्षण](rc://*/ta/man/translate/figs-synecdoche))
* “किसी की वाणी सुनना” अर्थात “किसी को बोलते सुनना”।
कभी कभी "शब्द" का प्रयोग ऐसी वस्तुओं के लिए भी किया गया है जो बोल नहीं सकती, जैसे दाऊद लिखता है कि परमेश्वर की अद्भुत सृष्टि उसके कामों का वर्णन करती है, अर्थात् उनके शब्द उनकी महानता की घोषणा करती है। इसका अनुवाद हो सकता हैः "उनकी गरिमा परमेश्वर की महिमा का वर्णन कर रही है।"

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@ -15,12 +15,12 @@ dublin_core:
description: 'A basic Bible lexicon that provides translators with clear, concise definitions and translation suggestions for every important word in the Bible. It provides translators and checkers with essential lexical information to help them make the best possible translation decisions.'
format: 'text/markdown'
identifier: 'tw'
issued: '2020-12-09'
issued: '2021-01-18'
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