नये नियम में "कलीसिया" का संदर्भ मसीह के विश्वासियों के एक स्थानीय समुदाय से है जो प्रार्थना करने और परमेश्वर का वचन सुनने के लिए नियमित सभा करते थे। “कलीसिया” शब्द प्रायः सब विश्वासियों के संदर्भ में है।
* इस शब्द का वास्तविक अर्थ है, "बहार बुलाए गए" मनुष्यों का समुदाय या सभा जिसके समागम का उद्देश्य विशिष्ठ होता है|
* जब यह शब्द मसीह की व्यापक देह के सब विश्वासियो के सन्दर्भ में होता है तब कुछ बाईबल अनुवादक प्रथम अक्षर को बड़ा लिखते हैं जिससे कि इसका परिप्रेक्ष्य स्थानीय कलीसिया से भिन्न हो|
* किसी नगर विशेष के विश्वासी प्रायः किसी सदस्य के घर में एकत्र होते थे। इन स्थानीय कलीसियाओं को उस स्थान का नाम दिया जाता था जैसे “इफिसुस की कलीसिया”।
* __[43:12](rc://*/tn/help/obs/43/12)__ लगभग 3000 लोगों ने पतरस कि बात पर विश्वास किया और यीशु के चेले बन गए। और उन्हें बपतिस्मा दिया गया और वे यरूशलेम की __कलीसिया__ का हिस्सा बन गए।
* __[46:9](rc://*/tn/help/obs/46/09)__ परन्तु अन्ताकिया में अधिकतर लोग यहूदी नहीं थे, और पहली बार, उनमें से बहुत लोग विश्वास करके प्रभु की ओर फिरे। बरनबास और शाऊल इन नए विश्वासियों को शिक्षा देने, यीशु के बारे में बताने और __कलीसिया__ को मजबूत करने के लिये अन्ताकिया आए।
* __[46:10](rc://*/tn/help/obs/46/10)__ तब अन्ताकिया की __कलीसिया__ ने शाऊल और बरनबास के लिए प्रार्थना की और उन पर हाथ रखा। फिर कलीसिया ने उन्हें कई अन्य स्थानों में यीशु के बारे में प्रचार करने के लिये भेज दिया।
* __[47:13](rc://*/tn/help/obs/47/13)__वे यीशु के सुसमाचार का प्रचार करते गए और __कलीसिया__ विकास करती गई।
* __[50:1](rc://*/tn/help/obs/50/01)__ लगभग 2,000 से अधिक वर्षों से, संसार भर में अधिक से अधिक लोग यीशु मसीह के सुसमाचार को सुन रहे हैं। __कलीसिया__ बढ़ रही है।