मन्नत एक शपथ है जो मनुष्य परमेश्वर के सम्मुख करता है। मनुष्य परमेश्वर के विशेष सम्मान में या उसके प्रति भक्ति दर्शाने के लिए कुछ करने की प्रतिज्ञा करता है।
* मन्नत मानने के बाद मनुष्य उसे पूरा करने के लिए विवश हो जाता है।
* बाइबल के अनुसार मनुष्य मन्नत पूरी न कर पाए तो परमेश्वर से दण्ड पाता है।
* कभी-कभी मनुष्य मन्नत मानता है कि परमेश्वर उसकी रक्षा करे उसकी सुधि ले तो वह कोई एक काम परमेश्वर के लिए करेगा।
* परन्तु आवश्यक नहीं कि परमेश्वर उसकी मांग को पूरा करे।