* प्राचीन काल से ही, इन आराधनालयों की आराधनाओं में प्रार्थनाओं, धर्मशास्त्र पढ़ना, और शास्त्रों के बारे में शिक्षण का समय होता था।
* यहूदियों ने परमेश्वर से प्रार्थना करने और उसकी उपासना करने के लिए अपने-अपने नगरों में आराधनालयों का निर्माण करना आरम्भ कर दिया था क्योंकि अनेक यहूदी यरूशलेम के मंदिर से बहुत दूर रहते थे।
* यीशु प्रायः आराधनालयों में शिक्षा देता था और लोंगों को चंगा करता था।
* “आराधनालय” शब्द का उपयोग लाक्षणिक भाषा में भी किया गया है जिसका सन्दर्भ वहाँ एकत्र होने वालर आराधकों से है।