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# पौलुस थिस्सलुनीके के विश्वासियों के बारे में परमेश्वर के स्मरण किस बात का लगातार स्मरण करता रहता था?
# थिस्सलुनीकियों के विषय में परमेश्वर के सम्मुख पौलुस सर्वदा क्या स्मरण करता है?
पौलुस उनके विश्वास के काम, और प्रेम का परिश्रम और प्रभु यीशु मसीह में उनकी आशा की धीरता को लगातार स्मरण करता था
पौलुस उनके विश्वास के काम, उनके प्रेम के परिश्रम, और उनकी आशा के धीरज को स्मरण करता है

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# थिस्सलुनीके नगर में सुसमाचार कौन से चार रूपों में पहुंचा था?
# किन चार तरीकों से थिस्सलुनीकियों के पास सुसमाचार पहुँचा?
थिस्सलुनीके नगर में सुसमाचार वचन रूप में ही नहीं, वरन् सामर्थ्य, और पवित्र आत्मा और बड़े निश्चय के साथ पहुंचा था।
थिस्सलुनीकियों के पास वचन में, सामर्थ्य में, पवित्र आत्मा में, और बड़े निश्चय में सुसमाचार पहुँचा।

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# थिस्सलुनीके के विश्वासियों ने जब आरंभ में सुसमाचार सुनाया तब परिस्थितियां कैसी थीं?
# जब थिस्सलुनीकियों ने सुसमाचार के वचन को ग्रहण किया तो उनके साथ क्या घटित हो रहा था?
थिस्सलुनीके के विश्वासियों ने भारी विरोध में सुसमाचार सुना था।
थिस्सलुनीकियों ने बड़े क्लेश में वचन को ग्रहण किया।
# सुसमाचार के वचन को ग्रहण करने के प्रति थिस्सलुनीके के विश्वासियों का स्वभाव कैसा था?
# जब थिस्सलुनीकियों ने सुसमाचार के वचन को ग्रहण किया तो उनका व्यवहार कैसा था?
थिस्सलुनीके के विश्वासियों ने बड़े क्लेश में पवित्र आत्मा के आनन्द के साथ वचन पर विश्वास किया था।
थिस्सलुनीकियों ने पवित्र आत्मा के आनन्द के साथ वचन को ग्रहण किया।

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# परमेश्वर का वचन ग्रहण करने के बाद उनका क्या हुआ था?
# थिस्सलुनीकियों के इसे ग्रहण कर लेने के पश्चात प्रभु के वचन के साथ क्या घटित हुआ था?
उनके विश्वास की चर्चा हर जगह फैल गई थी
जहाँ-जहाँ उनका विश्वास गया, वहाँ-वहाँ प्रत्येक स्थान में प्रभु का वचन फैल गया

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# सच्चे परमेश्वर में विश्वास करने से पूर्व थिस्सलुनीके के विश्वासियों की स्थिति कैसी थी?
# सच्चे परमेश्वर पर विश्वास करने वाले बनने से पहले थिस्सलुनीके के लोग किसकी उपासना कर रहे थे?
सच्चे परमेश्वर में विश्वास करने से पूर्व वे मूर्तिपूजक थे।
सच्चे परमेश्वर पर विश्वास करने वाले बनने से पहले थिस्सलुनीके के लोग मूर्तियों की उपासना कर रहे थे।

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# पौलुस और थिस्सलुनीके के विश्वासियों को किसकी प्रतीक्षा थी?
# पौलुस और थिस्सलुनीके के लोग किसकी प्रतीक्षा कर रहे थे?
पौलुस और थिस्सलुनीके के विश्वासी स्वर्ग से मसीह के पुनः आगमन की प्रतीक्षा में थे।
पौलुस और थिस्सलुनीके के लोग यीशु के स्वर्ग से आने की प्रतीक्षा कर रहे थे।
# यीशु हमें किससे बचाता है?
# यीशु हमें किससे बचाता है?
यीशु हमें आनेवाले प्रकोप से बचाता है।
यीशु हमें आने वाले प्रकोप से बचाता है।

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# थिस्सलुनीके आने से पहले पौलुस और उसके साथियों ने क्या सहन किया था?
# थिस्सलुनीकियों क पास आने से पहले पौलुस और उसके साथियों के साथ कैसा बर्ताव किया गया था?
पौलुस और उसके साथियों ने कष्ट उठाकर और दुर्व्यवहार सहकर प्रचार किया था।
पौलुस और उसके साथियों को पीड़ित किया गया और उनके साथ लज्जापूर्ण बर्ताव किया गया था।

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# पौलुस सुसमाचार प्रचार में किसको प्रसन्न करना चाहता था?
# सुसमाचार प्रचार करने के द्वारा पौलुस किसे प्रसन्न करने की इच्छा रखता है?
पौलुस अपने सुसमाचार प्रचार द्वारा परमेश्वर को प्रसन्न करना चाहता था।
# पौलुस ने सुसमाचार प्रचार में क्या नहीं किया था?
पौलुस ने न तो चापलूसी की बातें कीं और न ही लोभ का बहाना किया।
सुसमाचार प्रचार करने के द्वारा पौलुस परमेश्वर को प्रसन्न करने की इच्छा रखता है।

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# सुसमाचार प्रचार करने में पौलुस ने क्या नहीं किया था?
पौलुस ने चापलूसी का उपयोग नहीं किया, और न ही उसने लोगों के द्वारा आदर पाना चाहा।

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# सुसमाचार प्रचार करने में पौलुस ने क्या नहीं किया था?
पौलुस ने चापलूसी का उपयोग नहीं किया, और न ही उसने लोगों के द्वारा आदर पाना चाहा।

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# पौलुस जब थिस्सलुनीके था तब उसने उनके साथ कैसा व्यवहार किया था?
# जिस समय पौलुस थिस्सलुनीकियों के मध्य में था तो उसने उनके साथ कैसा बर्ताव किया?
पौलुस ने माता या पिता के सदृश्य थिस्सलुनीके के विश्वासियों के साथ अपनेपन का व्यवहार किया था
पौलुस ने थिस्सलुनीकियों के साथ ऐसा कोमल व्यवहार किया, जैसे कोई माता या पिता अपनी सन्तान के साथ करते हैं

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# जिस समय पौलुस थिस्सलुनीकियों के मध्य में था तो उसने उनके साथ कैसा बर्ताव किया?
पौलुस ने थिस्सलुनीकियों के साथ ऐसा कोमल व्यवहार किया, जैसे कोई माता या पिता अपनी सन्तान के साथ करते हैं।

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# पौलुस और उसके साथियों ने थिस्सलुनीके के विश्वासियों पर बोझ न बनने के लिए क्या किया था?
# पौलुस और उसके साथियों ने क्या किया था जिससे कि वे थिस्सलुनीकियों पर बोझ न बनें?
पौलुस और उसके साथियों ने रात दिन काम धन्धा करते हुए परमेश्वर का सुसमाचार वहां सुनाया था
पौलुस और उसके साथियों ने रात और दिन काम किया था जिससे कि वे थिस्सलुनीकियों पर बोझ नहीं बने

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# जिस समय पौलुस थिस्सलुनीकियों के मध्य में था तो उसने उनके साथ कैसा बर्ताव किया?
पौलुस ने थिस्सलुनीकियों के साथ ऐसा कोमल व्यवहार किया, जैसे कोई माता या पिता अपनी सन्तान के साथ करते हैं।

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# पौलुस थिस्स्लुनीके के विश्वासियों को कैसा चाल-चलन रखने के लिए कहां?
# पौलुस ने थिस्सलुनीकियों से क्या कहा कि उनको कैसी चाल चलनी चाहिए?
पौलुस थिस्सलुनीके के विश्वासियों से कहता है कि वे परमेश्वर के योग्य चाल-चलन रखें जो उन्हे अपने राज्य और महिमा में बुलाता है।
पौलुस ने थिस्सलुनीकियों से कहा कि उनको इस ढंग से चाल चलनी चाहिए जो परमेश्वर के योग्य हो जो उनको अपने राज्य और महिमा में बुलाता है।

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# थिस्सलुनीके के विश्वासियों ने पौलुस के प्रचार को कैसा वचन माना था?
# जब पौलुस ने थिस्सलुनीकियों पर प्रचार किया तो उन्होंने उस सन्देश को किस प्रकार के वचन के रूप में ग्रहण किया था?
थिस्सलुनीके के विश्वासियों ने वचन को मनुष्यों का नहीं परमेश्वर का मानकर ग्रहण किया था
थिस्सलुनीकियों ने उस सन्देश को परमेश्वर के वचन के रूप में ग्रहण किया था, न कि मनुष्य की बात के रूप में

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# अविश्वासी यहूदियों के किस काम से परमेश्वर प्रसन्न नहीं था?
# अविश्वासी यहूदियों ने ऐसा क्या किया था जिससे परमेश्वर अप्रसन्न था?
अविश्वासी यहूदी यहूदिया में कलीसियाओं को सताते थे, उन्होने प्रभु यीशु और भविष्यद्वक्ताओं को मार डाला और पौलुस को बाहर कर दिया था तथा वे पौलुस को अन्यजातियों में प्रचार करने से रोकते थे
उन अविश्वासी यहूदियों ने यहूदिया में स्थित कलीसियाओं को प्रताड़ित किया, यीशु को और भविष्यद्वक्ताओं को मार डाला, पौलुस को निकाल बाहर किया, और पौलुस को अन्यजातियों से बात करने से मना कर दिया

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# अविश्वासी यहूदियों ने ऐसा क्या किया था जिससे परमेश्वर अप्रसन्न था?
उन अविश्वासी यहूदियों ने यहूदिया में स्थित कलीसियाओं को प्रताड़ित किया, यीशु को और भविष्यद्वक्ताओं को मार डाला, पौलुस को निकाल बाहर किया, और पौलुस को अन्यजातियों से बात करने से मना कर दिया।

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# अविश्वासी यहूदियों ने ऐसा क्या किया था जिससे परमेश्वर अप्रसन्न था?
उन अविश्वासी यहूदियों ने यहूदिया में स्थित कलीसियाओं को प्रताड़ित किया, यीशु को और भविष्यद्वक्ताओं को मार डाला, पौलुस को निकाल बाहर किया, और पौलुस को अन्यजातियों से बात करने से मना कर दिया।

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# पौलुस थिस्सलुनीके की कलीसिया के पास चाहते हुए भी क्यों नहीं जा पा रहा था?
# पौलुस थिस्सलुनीकियों के पास क्यों नहीं आ सका जबकि उसकी यही इच्छा थी?
पौलुस उनके पास आ नहीं पा रहा था क्योंकि शैतान उसका रास्ता रोक रहा था।
पौलुस थिस्सलुनीकियों के पास इसलिए नहीं आ सका क्योंकि शैतान ने उसे रोका था।

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# पौलुस थिस्सलुनीकियों के पास क्यों नहीं आ सका जबकि उसकी यही इच्छा थी?
पौलुस थिस्सलुनीकियों के पास इसलिए नहीं आ सका क्योंकि शैतान ने उसे रोका था।

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# प्रभु के आने पर थिस्सलुनीके के विश्वासी पौलुस के लिए क्या होंगे?
# प्रभु के आगमन पर थिस्सलुनीके के लोग पौलुस के लिए क्या हो जाएँगे?
प्रभु के आने पर थिस्सलुनीके के विश्वासी पौलुस की आशा, आनन्द और बड़ाई का मुकुट होंगे।
प्रभु के आगमन पर थिस्सलुनीके के लोग पौलुस की आशा, आनन्द, और घमण्ड का मुकुट हो जाएँगे।

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# प्रभु के आगमन पर थिस्सलुनीके के लोग पौलुस के लिए क्या हो जाएँगे?
प्रभु के आगमन पर थिस्सलुनीके के लोग पौलुस की आशा, आनन्द, और घमण्ड का मुकुट हो जाएँगे।

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# यद्यपि पौलुस एथेन्स में रह गया था, उसने थिस्सलुनीके के विश्वासियों के लिए क्या किया?
# भले ही पौलुस एथेंस में पीछे छूट गया, तौभी उसने क्या किया?
पौलुस ने थिस्सलुनीके के विश्वासियों को स्थिर करने और विश्वास के विषय में, समझाने के लिए भेजा था।
पौलुस ने थिस्सलुनीके में पाए जाने वाले विश्वासियों को दृढ़ करने और सांत्वना देने के लिए तीमुथियुस को भेजा।

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# भले ही पौलुस एथेंस में पीछे छूट गया, तौभी उसने क्या किया?
पौलुस ने थिस्सलुनीके में पाए जाने वाले विश्वासियों को दृढ़ करने और सांत्वना देने के लिए तीमुथियुस को भेजा।

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# पौलुस के अनुसार वे किस बात के लिए ठहराए गए थे?
# पौलुस ने क्या कहा कि उसे किस बात के लिए नियुक्त किया गया था?
पौलुस ने कहां कि क्लेशों के लिए ही ठहराए गए हैं
पौलुस ने कहा कि उसे क्लेशों के लिए नियुक्त किया गया था

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# थिस्सलुनीके के विश्वासियों के बारे में पौलुस को क्या चिन्ता थी?
# थिस्सलुनीकियों के लिए पौलुस किस विषय में चिन्तित था?
पौलुस को चिन्ता थी कि परीक्षा करनेवाले ने उनकी परीक्षा की हो और उनका परिश्रम व्यर्थ ठहरे
पौलुस चिन्तित था कि परीक्षा करने वाले ने किसी भी तरह से उनकी परीक्षा ली हो और इस कारण से उसका परिश्रम व्यर्थ हो गया हो

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# पौलुस ने तीमुथियुस के आ जाने पर थिस्सलुनीके के विश्वासियों के बारे में शान्ति क्यों पाई?
# जब तीमुथियुस थिस्सलुनीके से वापस लौटा तो किस बात ने पौलुस को शान्ति प्रदान की?
पौलुस थिस्सलुनीके के विश्वासियों के विश्वास और प्रेम और उन्हे देखने की लालसा का समाचार सुनकर शान्ति पाई
थिस्सलुनीकियों के विश्वास और प्रेम का शुभ सन्देश सुनकर, और यह कि वे उसे देखने की लालसा रखते थे, पौलुस को शान्ति मिली

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# जब तीमुथियुस थिस्सलुनीके से वापस लौटा तो किस बात ने पौलुस को शान्ति प्रदान की?
थिस्सलुनीके के लोगों के विश्वास और प्रेम का शुभ सन्देश सुनकर, और यह कि वे उसे देखने की लालसा रखते थे, पौलुस को शान्ति मिली।

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# पौलुस कहता है कि थिस्स्लुनीके के विश्वासी क्या करें कि वह और उसके साथी जीवित रहें?
# पौलुस क्या कहता है कि यदि थिस्सलुनीकियों ने ऐसा किया तो वह जीवित रहेगा?
पौलुस कहता है कि थिस्सलुनीके के विश्वासी प्रभु में स्थिर रहें तो वे जीवित हैं।
पौलुस कहता है कि यदि थिस्सलुनीके के लोग प्रभु में दृढ़ बने रहे तो वह जीवित रहेगा?

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# पौलुस दिन रात किस बात के लिए प्रार्थना करता था?
# पौलुस रात और दिन किस बात के लिए प्रार्थना करता है?
पौलुस थिस्सलुनीके के विश्वासियों से भेंट करने के लिए दिन रात प्रार्थना में लगा रहता था कि उनको विश्वास की घटी पूरी करे
पौलुस रात और दिन इस बात के लिए प्रार्थना करता है कि वह थिस्सलुनीकियों को देख सके और वह उपलब्ध करवाए जिसकी उनके विश्वास में कमी है

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# पौलुस किस बात में चाहता था कि थिस्सलुनीके के विश्वासी बढ़ें?
# पौलुस किस बात में थिस्सलुनीकियों के बढ़ने और उन्नति करने की इच्छा करता है?
पौलुस की मनोकामना थी कि थिस्सलुनीके के विश्वासियों का आपसी प्रेम और वरन् सब मनुष्यों के साथ उनका प्रेम बढ़े
पौलुस चाहता है कि थिस्सलुनीके को लोग एक दूसरे के प्रति और सभी लोगों के प्रति प्रेम बढ़ें और उन्नति करें

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@ -1,3 +1,3 @@
# पौलुस किस घटना के लिए थिस्सलुनीके के विश्वासियों को पवित्रता में निर्दोष देखना चाहता था?
# किस समय के लिए पौलुस चाहता है कि थिस्सलुनीके के लोग अपने हृदयों को पवित्रता में निर्दोष रखकर तैयार रहें?
पौलुस चाहता था कि थिस्सलुनीके के विश्वासी जब प्रभु यीशु अपने सब पवित्र जनों के साथ आए तब वे पवित्रता में निर्दोष पाए जाएं।
पौलुस चाहता है कि थिस्सलुनीके के लोग प्रभु यीशु के अपने सभी पवित्र लोगों के साथ आने के समय लिए तैयार रहें।

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@ -1,3 +1,3 @@
# पौलुस ने उन्हे जो शिक्षा उन्हे दी थी वे योग्य चाल चलें और परमेश्वर को प्रसन्न करें तो उस शिक्षा से वह क्या आशा करता था?
# पौलुस क्या चाहता था कि थिस्सलुनीके के लोग उन निर्देशों के साथ करें जो उसने उन्हें इस विषय में दिए थे कि उन्हें कैसी चाल चलनी चाहिए और परमेश्वर को प्रसन्न करना चाहिए?
पौलुस चाहता था कि थिस्सलुनीके के विश्वासी योग्य चाल चलना और परमेश्वर को प्रसन्न करना सीखें वरन उससे भी बढ़कर करें।
पौलुस चाहता था कि थिस्सलुनीके के लोग योग्य चाल चलते रहें और परमेश्वर को प्रसन्न करते रहें, तथा उससे भी अधिक करें।

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# पौलुस क्या चाहता था कि थिस्सलुनीके के लोग उन निर्देशों के साथ करें जो उसने उन्हें इस विषय में दिए थे कि उन्हें कैसी चाल चलनी चाहिए और परमेश्वर को प्रसन्न करना चाहिए?
पौलुस चाहता था कि थिस्सलुनीके के लोग योग्य चाल चलते रहें और परमेश्वर को प्रसन्न करते रहें, तथा उससे भी अधिक करें।

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@ -1,3 +1,3 @@
# पौलुस थिस्सलुनीके के विश्वासियों के लिए प्रभु की क्या इच्छा प्रकट थी?
# पौलुस ने क्या कहा जो थिस्सलुनीकियों के लिए परमेशर की इच्छा थी?
पौलुस कहता है कि उनके बारे में परमेश्वर की इच्छा थी कि वे पवित्र बनें
पौलुस ने कहा कि थिस्सलुनीकियों का पवित्रीकरण उनके लिए परमेश्वर की इच्छा थी।

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@ -1,3 +1,3 @@
# पति अपनी पत्नी के साथ कैसा संबन्ध रखें?
# पतियों को अपनी पत्नियों के साथ कैसा बर्ताव करना था?
पति अपनी पत्नी के साथ पवित्रता और आदर का संबन्ध रखे
पतियों को अपनी पत्नियों से पवित्रता और आदर के साथ बर्ताव करना था

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@ -1,3 +1,3 @@
# व्यभिचार में पाप करनेवाले के साथ परमेश्वर क्या करेगा?
# उस भाई के साथ क्या घटित होगा जिसने यौन अनैतिकता के मामले में पाप किया हो?
जो भाई व्यभिचार में पाप करता है उससे परमेश्वर पलटा लेगा
प्रभु उस भाई के प्रति पलटा लेने वाला होगा जिसने यौन अनैतिकता के मामले में पाप किया हो

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@ -1,3 +1,3 @@
# पवित्रता की बुलाहट को तुच्छ समझनेवाला वास्तव में किसे तुच्छ समझता हैं?
# जो व्यक्ति पवित्रता की बुलाहट को अस्वीकार करता है तो वह किसे अस्वीकार करता है?
जो मनुष्य पवित्रता की बुलाहट को तुच्छ समझता है, वह परमेश्वर को तुच्छ समझता है।
जो व्यक्ति पवित्रता की बुलाहट को अस्वीकार करता है, वह परमेश्वर को अस्वीकार करता है।

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@ -1,3 +1,3 @@
# थिस्सलुनीके के भाई ऐसा क्या कर रहे थे कि पौलुस उस गुण में अधिक वृद्धि चाहता था?
# थिस्सलुनीके के लोग ऐसा क्या कर रहे थे जिसे पौलुस चाहता था कि वे और भी अधिक करें?
पौलुस चाहता था कि थिस्सलुनीके के भाई एक दूसरे से और भी अधिक प्रेम रखें।
पौलुस चाहता था कि थिस्सलुनीके के लोग और भी अधिक एक दूसरे से प्रेम करें।

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1th/04/10.md Normal file
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@ -0,0 +1,3 @@
# थिस्सलुनीके के लोग ऐसा क्या कर रहे थे जिसे पौलुस चाहता था कि वे और भी अधिक करें?
पौलुस चाहता था कि थिस्सलुनीके के लोग और भी अधिक एक दूसरे से प्रेम करें।

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@ -1,3 +1,3 @@
# थिस्सलुनीके के विश्वासियों को क्या करना आवश्यक था कि वे अविश्वासियों के सामने उन्हे आदर मिले और उन्हे किसी बात की कमी न हों?
# थिस्सलुनीकियों को ऐसा क्या करना था ताकि वे अविश्वासियों के सामने सही चाल चलें और उन्हें किसी वस्तु की आवश्यकता न पड़े?
थिस्सलुनीके के विश्वासियों को चुपचाप रहना, अपना अपना काम काज करना और अपने हाथों से कमाने का प्रयत्न करना था।
थिस्सलुनीकियों को शान्त रहना था, अपने काम पर ध्यान देना था, और अपने हाथों से काम करना था।

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1th/04/12.md Normal file
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@ -0,0 +1,3 @@
# थिस्सलुनीकियों को ऐसा क्या करना था ताकि वे अविश्वासियों के सामने सही चाल चलें और उन्हें किसी वस्तु की आवश्यकता न पड़े?
थिस्सलुनीकियों को शान्त रहना था, अपने काम पर ध्यान देना था, और अपने हाथों से काम करना था।

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@ -1,3 +1,3 @@
# थिस्सलुनीके के विश्वासियों को किस विषय में भ्रम था?
# थिस्सलुनीकियों को सम्भवतः किस विषय के बारे में गलतफहमी थी?
थिस्सलुनीके के विश्वासियों को अपने मृतकों के बारे में भ्रम था
थिस्सलुनीकियों को सम्भवतः इस विषय में गलतफहमी थी कि जो लोग सो गए थे उनके साथ क्या हुआ है

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@ -1,3 +1,3 @@
# जो मसीह में सो गए हैं उनके साथ परमेश्वर क्या करेगा?
# जो लोग यीशु में सो गए हैं उनके लिए परमेश्वर क्या करेगा?
जो मसीह में सो गए हैं उन्हे परमेश्वर फिर से मसीह के साथ लाएगा।
जो लोग मसीह में सो गए हैं परमेश्वर उनको यीशु के साथ ले आएगा।

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@ -1,7 +1,7 @@
# प्रभु स्वर्ग से कैसे उतरेगा?
प्रभु स्वर्ग से एक ललकार के साथ आएगा और स्वर्ग से तुरही फूंकी जाएगी
प्रभु स्वर्ग से ललकार के साथ और परमेश्वर की तुरही के साथ उतरेगा
# पहले कौन उठेगा और फिर उनके साथ कौन उठेगा?
# सबसे पहले कौन जी उठेंगे, और उसके पश्चात उनके साथ किनको उठा लिए जाएगा?
मसीह में जो मृतक हैं वे पहले जी उठेंगे तदोपरान्त जो जीवित हैं उसके साथ बादलों पर उठा लिए जाएंगे।
जो मसीह में मरे हुए हैं वे सबसे पहले जी उठेंगे, उसके पश्चात जो अभी भी जीवित हैं वे उनके साथ उठा लिए जाएँगे।

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@ -1,3 +1,7 @@
# उठाए गए विश्वासी किससे भेंट करेंगे और कितनी देर के लिए?
# सबसे पहले कौन जी उठेंगे, और उसके पश्चात उनके साथ किनको उठा लिए जाएगा?
उठाए गए लोग प्रभु से बादलों में भेंट करेंगे और फिर सदैव प्रभु के साथ रहेंगे।
जो मसीह में मरे हुए हैं वे सबसे पहले जी उठेंगे, उसके पश्चात जो अभी भी जीवित हैं वे उनके साथ उठा लिए जाएँगे।
# जो जी उठे हैं वे किससे मिलेंगे, और कितने समय तक?
जो जी उठे हैं वे हवा में प्रभु से मिलेंगे, और उसके पश्चात सर्वदा प्रभु के साथ रहेंगे।

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@ -1,3 +1,3 @@
# पौलुस थिस्सलुनीके की कलीसिया को मृतकों के बारे में उसकी शिक्षा के लिए क्या कहां था?
# जो सो गए थे उनके विषय में अपनी शिक्षा के साथ पौलुस ने थिस्सलुनीकियों से क्या करने के लिए कहा?
पौलुस थिस्सलुनीके के विश्वासियों से कहां कि वे एक दूसरे को ऐसी बातों से शान्ति दें।
पौलुस ने थिस्सलुनीकियों से कहा कि वे उसके वचनों से एक दूसरे को सांत्वना दें।

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@ -1,3 +1,3 @@
# पौलुस के अनुसार प्रभु का दिन कैसे आएगा?
# पौलुस क्या कहता है कि प्रभु का दिन कैसे आएगा?
पौलुस कहता है कि प्रभु का दिन एक चोर के समान आएगा।
पौलुस कहता है कि प्रभु का दिन रात में चोर के समान आएगा।

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@ -1,3 +1,3 @@
# जब विनाश अचानक ही आ पड़ेगा तब लोग क्या कह रहे होंगे?
# जब एकाएक उन पर विनाश आ पड़ेगा तो कुछ लोग क्या कह रहे होंगे?
कुछ लोग कहेंगे, "कुशल है और कुछ भय नहीं।"
कुछ लोग “शान्ति और सुरक्षा” कह रहे होंगे।

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@ -1,3 +1,3 @@
# पौलुस क्यों कहता है कि प्रभु का दिन विश्वासियों पर चोर की नाई नहीं आएगा?
# पौलुस क्यों कहता है कि प्रभु का दिन विश्वास करने वालों पर चोर के समान हावी नहीं होना चाहिए?
विश्वासी अन्धकार में नहीं हैं वे ज्योति की सन्तान हैं प्रभु का दिन चोर के समान उनपर न आ पड़ें
क्योंकि विश्वास करने वाले अन्धकार में नहीं हैं, परन्तु ज्योति के पुत्र हैं, इसलिए प्रभु का दिन उन पर चोर के समान हावी नहीं होना चाहिए

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@ -0,0 +1,3 @@
# पौलुस क्यों कहता है कि प्रभु का दिन विश्वास करने वालों पर चोर के समान हावी नहीं होना चाहिए?
क्योंकि विश्वास करने वाले अन्धकार में नहीं हैं, परन्तु ज्योति के पुत्र हैं, इसलिए प्रभु का दिन उन पर चोर के समान हावी नहीं होना चाहिए।

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@ -1,3 +1,3 @@
# प्रभु के आनेवाले दिन के बारे में पौलुस विश्वासियों से क्या कहता हैं?
# प्रभु के आगमन के दिन के विषय में पौलुस विश्वास करने वालों से क्या करने के लिए कहता है?
पौलुस विश्वासियों से कहता है कि वे विश्वास और प्रेम की झिलम पहनकर और उद्धार की आशा का टोप पहनकर सावधान रहें
पौलुस विश्वास करने वालों से जागते रहने और सचेत रहने के लिए कहता है

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@ -1,3 +1,3 @@
# विश्वासी परमेश्वर द्वारा किस बात के लिए नियत है?
# विश्वास करने वालों को परमेश्वर के द्वारा किस बात के लिए नियुक्किया गया है?
विश्वासी प्रभु यीशु मसीह के माध्यम से परमेश्वर द्वारा उद्धार के लिए नियत हैं
विश्वास करने वालों को परमेश्वर के द्वारा यीशु मसीह के माध्यम से उद्धार पाने के लिए नियुक्त किया गया है

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@ -1,3 +1,3 @@
# पौलुस के अनुसार विश्वासियों को उन शिक्षकों के साथ कैसा व्यवहार करना है जो प्रभु में उनके ऊपर हैं?
# पौलुस क्या कहता है कि विश्वास करने वालों को उन लोगों के प्रति किस प्रकार का रवैया रखना चाहिए जो प्रभु में उनके अगुवे हैं?
पौलुस कहता है कि वे प्रेम के साथ उन्हे बहुत ही आदर के योग्य समझें
पौलुस कहता है कि उन्हें ऐसों को स्वीकार करना चाहिए और प्रेम से उनका अत्यन्त आदर करना चाहिए

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@ -0,0 +1,3 @@
# पौलुस क्या कहता है कि विश्वास करने वालों को उन लोगों के प्रति किस प्रकार का रवैया रखना चाहिए जो प्रभु में उनके अगुवे हैं?
पौलुस कहता है कि उन्हें ऐसों को स्वीकार करना चाहिए और प्रेम से उनका अत्यन्त आदर करना चाहिए।

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@ -1,3 +1,3 @@
# पौलुस बुराई के बदले क्या करने के लिए मना करता हैं?
# पौलुस क्या कहता है कि जब उनके साथ बुरा किया जाए तो किसी भी जन को ऐसा नहीं करना चाहिए?
पौलुस कहता है कि विश्वासियों को बुराई के बदले बुराई नहीं करनी है
पौलुस कहता है कि जब उनके साथ बुरा किया जाए तो किसी भी जन को बदले में बुराई नहीं करनी चाहिए

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@ -1,3 +1,3 @@
# पौलुस विश्वासियों को हर बात में क्या करने के लिए कहता है और क्यों?
# पौलुस क्या कहता है जिसे विश्वास करने वालों को सब बातों में करना चाहिए, और क्यों?
पौलुस कहता है कि विश्वासी हर बात में धन्यवाद दें क्योंकि उनके लिए परमेश्वर की यही इच्छा है।
पौलुस कहता है कि विश्वास करने वालों को सब बातों में धन्यवाद करना चाहिए, क्योंकि उनके लिए परमेश्वर की यही इच्छा है।

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@ -1,3 +1,3 @@
# पौलुस विश्वासियों को भविष्यद्वाणियों के बारे में क्या निर्देश देता है?
# भविष्यद्वाणियों के विषय में पौलुस विश्वास करने वालों को क्या निर्देश देता है?
पौलुस विश्वासियों को निर्देश देता है कि वे भविष्यद्वाणियों को तुच्छ न जानें, सब प्रकार की बातों को परखें, जो अच्छी हैं उन्हे पकड़े रहें
पौलुस विश्वास करने वालों को भविष्यद्वाणियों को तुच्छ न समझने का, और सब बातों को परखने का, और जो बातें अच्छी हैं उनको पकड़ लेने का निर्देश देता है

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@ -0,0 +1,3 @@
# भविष्यद्वाणियों के विषय में पौलुस विश्वास करने वालों को क्या निर्देश देता है?
पौलुस विश्वास करने वालों को भविष्यद्वाणियों को तुच्छ न समझने का, और सब बातों को परखने का, और जो बातें अच्छी हैं उनको पकड़ लेने का निर्देश देता है।

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@ -1,3 +1,3 @@
# पौलुस क्या प्रार्थना करता है कि परमेश्वर विश्वासियों के लिए करे?
# पौलुस क्या प्रार्थना करता है जिसे परमेश्वर विश्वास करने वालों के लिए करेगा?
पौलुस प्रार्थना करता है कि परमेश्वर विश्वासियों को आत्मा, प्राण और देह में पूरी रीति से पवित्र करे।
पौलुस प्रार्थना करता है कि परमेश्वर विश्वास करने वालों को आत्मा, प्राण, और शरीर में पूरी रीति से पवित्र करेगा

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@ -1,3 +1,3 @@
# पौलुस किस बात के लिए प्रार्थना करता है कि विश्वासियों पर हों?
# विश्वास करने वालों के साथ क्या होने के लिए पौलुस प्रार्थना करता है?
पौलुस प्रार्थना करता है कि प्रभु यीशु मसीह का अनुग्रह विश्वासियों पर होता रहे।
पौलुस प्रार्थना करता है कि विश्वास करने वालों के साथ प्रभु यीशु मसीह का अनुग्रह बना रहे।

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@ -1,7 +1,7 @@
# पतरस की दूसरी पत्री किस ने लिखी थी?
# दूसरा पतरस किसने लिखा था?
शमौन पतरस, मसीह यीशु का दास और प्रेरित।
शमौन पतरस ने, जो मसीह का दास और प्रेरित था
# पतरस ने किसे पत्र लिखा था?
# पतरस ने किस को लिखा था?
पतरस ने उन विश्वासियों को पत्र लिखा जन्होने ऐसा ही बहुमूल्य विश्वास प्राप्त किया था।
पतरस ने उन लोगों को लिखा था जिन्होंने उसी बहुमूल्य विश्वास को ग्रहण किया था।

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@ -1,7 +1,7 @@
# ईश्वरीय सामर्थ्य ने सब कुछ जो जीवन और भक्ति से संबन्ध रखता है पतरस और विश्वासी प्राप्तिकर्ताओं को किस प्रकार प्राप्त हुआ था?
# पतरस और उस विश्वास को ग्रहण करने वालों को जीवन और भक्ति के लिए ईश्वरीय सामर्थ्य की सारी बातें कैसी प्रदान की गई थीं?
परमेश्वर की पहचान के द्वारा उन्हे यह सब प्राप्त हुआ था
वे उनको परमेश्वर के ज्ञान के माध्यम से प्रदान की गई थीं
# परमेश्वर ने पतरस और विश्वास के प्राप्तिकर्ताओं ईश्वर सामर्थ्य द्वारा जीवन और भक्ति से संबन्धित सब कुछ यहां तक कि महान एवं बहुमूल्य प्रतिज्ञाएं क्यों दी थीं?
# परमेश्वर ने पतरस और उस विश्वास को ग्रहण करने वालों को जीवन और भक्ति के लिए ईश्वरीय सामर्थ्य की सारी बातें, महान और बहुमूल्य प्रतिज्ञाओं के साथ क्यों प्रदान की थीं?
उसने ऐसा इस लिए किया कि वे ईश्वरीय स्वभाव के सहभागी हो जाएं
उसने ऐसा इसलिए किया ताकि वे भी ईश्वरीय स्वभाव में सहभागी हो जाएँ

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@ -0,0 +1,3 @@
# परमेश्वर ने पतरस और उस विश्वास को ग्रहण करने वालों को जीवन और भक्ति के लिए ईश्वरीय सामर्थ्य की सारी बातें, महान और बहुमूल्य प्रतिज्ञाओं के साथ क्यों प्रदान की थीं?
उसने ऐसा इसलिए किया ताकि वे भी ईश्वरीय स्वभाव में सहभागी हो जाएँ।

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@ -1,7 +1,3 @@
# विश्वासियों को अन्ततः अपने विश्वास के द्वारा क्या बढ़ाना था?
# उस विश्वास को ग्रहण करने वाले अपने विश्वास के माध्यम से अन्ततः क्या प्राप्त करने वाले थे?
अन्ततः उनसे अपेक्षा की गई थी कि वे विश्वास के द्वारा प्रेम बढ़ाते जाएं।
# विश्वास, सद्गुण, समझ संयम धीरज, भक्ति, भाईचारे की प्रीति और प्रेम की जिसमें कमी हो वह कैसा देखता हैं?
वह अंधा है और उसे धुंधला दिखाई देता है।
वे अपने विश्वास के माध्यम से अन्ततः प्रेम को प्राप्त करने वाले थे।

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@ -0,0 +1,3 @@
# उस विश्वास को ग्रहण करने वाले अपने विश्वास के माध्यम से अन्ततः क्या प्राप्त करने वाले थे?
वे अपने विश्वास के माध्यम से अन्ततः प्रेम को प्राप्त करने वाले थे।

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@ -0,0 +1,3 @@
# उस विश्वास को ग्रहण करने वाले अपने विश्वास के माध्यम से अन्ततः क्या प्राप्त करने वाले थे?
वे अपने विश्वास के माध्यम से अन्ततः प्रेम को प्राप्त करने वाले थे।

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@ -0,0 +1,3 @@
# आत्मिक रूप से अंधा व्यक्ति किस बात को भूल गया है?
वह उसे उसके पुराने पापों से शुद्ध किए जाने को भूल गया है।

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@ -1,3 +1,3 @@
# यदि उन्होने अपने बुलाए जाने और चुने जाने को सिद्ध करने का भलि-भांति प्रयत्न किया तो क्या होगा?
# यदि भाइयों ने अपनी बुलाहट और चुने जाने को निश्चित करने के लिए अपना सर्वोत्तम प्रयास किया, तो क्या होगा?
यदि वे कभी ठोकर न खाएं तो उद्धारकर्ता यीशु मसीह के अनन्त राज्य में प्रवेश करने पाएगे
वे ठोकर नहीं खाएँगे, तथा उनके प्रभु और उद्धारकर्ता यीशु मसीह के अनन्त राज्य में उनके प्रवेश को स्वीकृति प्रदान की जाएगी

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@ -0,0 +1,3 @@
# यदि भाइयों ने अपनी बुलाहट और चुने जाने को निश्चित करने के लिए अपना सर्वोत्तम प्रयास किया, तो क्या होगा?
वे ठोकर नहीं खाएँगे, तथा उनके प्रभु और उद्धारकर्ता यीशु मसीह के अनन्त राज्य में उनके प्रवेश को स्वीकृति प्रदान की जाएगी।

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@ -1,3 +1,3 @@
# पतरस क्यों सोचता था कि वह उन्हे सुधि दिला दिलाकर उभरता रहे?
# पतरस ने ऐसा क्यों सोचा कि भाइयों को इन बातों का स्मरण करवाना उसके लिए सही था?
मसीह यीशु ने उस पर प्रकट कर दिया था कि उसका डेरा शीघ्र गिर जानेवाला है
क्योंकि उनके प्रभु यीशु मसीह ने उस पर प्रकट किया था कि वह उसके तम्बू को शीघ्र ही गिरा देगा

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@ -0,0 +1,3 @@
# पतरस ने ऐसा क्यों सोचा कि भाइयों को इन बातों का स्मरण करवाना उसके लिए सही था?
क्योंकि उनके प्रभु यीशु मसीह ने उस पर प्रकट किया था कि वह उसके तम्बू को शीघ्र ही गिरा देगा।

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@ -0,0 +1,3 @@
# पतरस ने ऐसा क्यों सोचा कि भाइयों को इन बातों का स्मरण करवाना उसके लिए सही था?
क्योंकि उनके प्रभु यीशु मसीह ने उस पर प्रकट किया था कि वह उसके तम्बू को शीघ्र ही गिरा देगा।

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@ -1,3 +1,3 @@
# यीशु की गरिमा के प्रत्येक गवाहों ने अपनी आंखों से क्या देखा था?
# जो लोग यीशु के प्रताप के प्रत्यक्षदर्शी थे उन्होंने क्या देखा था?
उन्होने देखा था कि मसीह यीशु ने पिता परमेश्वर से आदर और महिमा प्राप्त की थी
उन्होंने देखा कि उसने परमेश्वर पिता की ओर से आदर और महिमा को प्राप्त किया

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# जो लोग यीशु के प्रताप के प्रत्यक्षदर्शी थे उन्होंने क्या देखा था?
उन्होंने देखा कि उसने परमेश्वर पिता की ओर से आदर और महिमा को प्राप्त किया।

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@ -1,3 +1,3 @@
# हमें कैसे विश्वास हो कि भविष्यद्वाणी का वचन निश्चित हैं?
# हम किस प्रकार से मान सकते हैं कि भविष्यसूचक वचन निश्चित है?
हमारे पास जो भविष्यद्वक्ताओं का वचन है किसी की अपनी विचारधारा और मनुष्य की इच्छा से कभी नहीं हुई वह आत्मा की प्रेरणा ही से संभव थी
क्योंकि लिखी हुई भविष्यद्वाणी किसी भविष्यद्वक्ता के तर्क से उत्पन्न नहीं होती है, और न ही कोई भी भविष्यद्वाणी मनुष्य की इच्छा से होती है, परन्तु उन मनुष्यों के माध्यम से पवित्र आत्मा के द्वारा उभारे जाने पर आती है जो परमेश्वर की ओर से बोलते हैं

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# हम किस प्रकार से मान सकते हैं कि भविष्यसूचक वचन निश्चित है?
क्योंकि लिखी हुई भविष्यद्वाणी किसी भविष्यद्वक्ता के तर्क से उत्पन्न नहीं होती है, और न ही कोई भी भविष्यद्वाणी मनुष्य की इच्छा से होती है, परन्तु उन मनुष्यों के माध्यम से पवित्र आत्मा के द्वारा उभारे जाने पर आती है जो परमेश्वर की ओर से बोलते हैं।

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# हम किस प्रकार से मान सकते हैं कि भविष्यसूचक वचन निश्चित है?
क्योंकि लिखी हुई भविष्यद्वाणी किसी भविष्यद्वक्ता के तर्क से उत्पन्न नहीं होती है, और न ही कोई भी भविष्यद्वाणी मनुष्य की इच्छा से होती है, परन्तु उन मनुष्यों के माध्यम से पवित्र आत्मा के द्वारा उभारे जाने पर आती है जो परमेश्वर की ओर से बोलते हैं।

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@ -1,11 +1,11 @@
# झूठे उपदेशक विश्वासियों को चोरी छिपे क्या सुनाएंगे?
# झूठे शिक्षक गुप्त रूप से विश्वासियों के पास क्या लेकर आएँगे?
उनके मध्य झूठे उपदेशक नाश करनेवाले पाखण्ड का गुप्त प्रचार करेंगे और उन्हे मोल लेनेवाले स्वामी का इन्कार करेंगे।
झूठे शिक्षक नाश करने वाले विधर्म को लेकर आएँगे और उस स्वामी का इन्कार करेंगे जिसने उनको खरीद लिया है
# झूठे उपदेशकों का क्या होनेवाला था?
# झूठे शिक्षकों पर क्या आ पड़ेगा?
झूठे उपदेशकों का विनाश और उनका दण्ड शीघ्र आनेवाला है
झूठे शिक्षकों पर शीघ्र विनाश और दण्ड आ पड़ेगा
# झूठे उपदेशक पांखड के द्वारा क्या कर रहे थे?
# झूठे शिक्षक कपटी बातों से क्या करेंगे?
झूठे उपदेशक भाइयों से अनुचित लाभ उठा रहे थे।
झूठे शिक्षक लालची होकर भाइयों का लाभ उठाएँगे।

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# झूठे शिक्षक कपटी बातों से क्या करेंगे?
झूठे शिक्षक लालची होकर भाइयों का लाभ उठाएँगे।

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# झूठे शिक्षक कपटी बातों से क्या करेंगे?
झूठे शिक्षक लालची होकर भाइयों का लाभ उठाएँगे।

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@ -1,3 +1,3 @@
# परमेश्वर ने किस किस को नहीं छोड़ा?
# परमेश्वर ने किसे नहीं बचाया?
परमेश्वर ने पाप करनेवाले स्वर्गदूतों और प्राचीन संसार तथा सदोम और अमोरा को नहीं छोड़ा।
परमेश्वर ने उन स्वर्गदूतों को जिन्होंने पाप किया था, प्राचीन संसार को, तथा सदोम और अमोरा के नगरों को नहीं बचाया।

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@ -1,3 +1,7 @@
# परमेश्वर ने किस-किस को बचाया था?
# परमेश्वर ने किसे नहीं बचाया?
परमेश्वर ने सात जनों के साथ नूह को बचाया और लूत को भी बचाया था।
परमेश्वर ने उन स्वर्गदूतों को जिन्होंने पाप किया था, प्राचीन संसार को, तथा सदोम और अमोरा के नगरों को नहीं बचाया।
# परमेश्वर ने जलप्रलय में किसे सुरक्षित रखा?
परमेश्वर ने सात अन्य लोगों के साथ नूह को सुरक्षित रखा।

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@ -0,0 +1,3 @@
# परमेश्वर ने किसे नहीं बचाया?
परमेश्वर ने उन स्वर्गदूतों को जिन्होंने पाप किया था, प्राचीन संसार को, तथा सदोम और अमोरा के नगरों को नहीं बचाया।

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@ -1,3 +1,3 @@
# मनुष्यों को न छोड़ने और कुछ को बचा लेने के द्वारा परमेश्वर ने क्या प्रकट किया हैं?
# कुछ को नहीं बचाने और अन्य लोगों को सुरक्षित रखने के द्वारा परमेश्वर ने क्या प्रदर्शित किया?
परमेश्वर का कार्य दर्शाता है कि वह इश्वर भक्त मनुष्यों को कैसे बचाया है और धर्मियों को कैसे सुरक्षा में रखता हैं
परमेश्वर के कार्यों ने प्रदर्शित किया कि प्रभु जानता है कि भक्त मनुष्यों को कैसे बचाना है और अधर्मी मनुष्यों को कैसे बन्दीगृह में रखना है

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@ -1,3 +1,3 @@
# शक्ति और सामर्थ्य में बड़े, कौन हैं जिन्हे भला-बुरा कहने से अधर्मी नहीं डरते?
# वे महिमाप्राप्त जन कौन थे जिनकी निन्दा करने से भक्तिहीन मनुष्य डरते नहीं थे?
शक्ति और सामर्थ्य में बड़े, स्वर्गदूत भी परमेश्वर के सामने ऐसे मनुष्य पर दोष नहीं लगाते है
वे महिमाप्राप्त जन स्वर्गदूत थे, जो प्रभु के सम्मुख मनुष्यों के विरुद्ध अपमानजनक दण्ड नहीं लाते

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@ -0,0 +1,3 @@
# वे महिमाप्राप्त जन कौन थे जिनकी निन्दा करने से भक्तिहीन मनुष्य डरते नहीं थे?
वे महिमाप्राप्त जन स्वर्गदूत थे, जो प्रभु के सम्मुख मनुष्यों के विरुद्ध अपमानजनक दण्ड नहीं लाते।

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@ -1,3 +1,3 @@
# झूठे उपदेशक किस को बहकाते हैं?
# झूठे शिक्षक किन को लुभाते हैं?
झूठे शिक्षक अस्थिर मनुष्यों को बहकाते हैं।
झूठे शिक्षक अस्थिर आत्माओं को लुभाते हैं।

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@ -1,3 +1,3 @@
# भविष्यद्वक्ता बिलाम की मूर्खता को किस ने रोका था?
# बिलाम भविष्यद्वक्ता के बावलेपन को किसने रोका था?
अबोल गदही ने मनुष्य की बोली बोलकर बिलाम को रोका था।
एक गूँगी गदही ने मनुष्य की वाणी में बोल कर बिलाम को रोका था।

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@ -0,0 +1,3 @@
# बिलाम भविष्यद्वक्ता के बावलेपन को किसने रोका था?
एक गूँगी गदही ने मनुष्य की वाणी में बोल कर बिलाम को रोका था।

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@ -1,3 +1,3 @@
# मनुष्य किसका दास हो जाता ह?
# मनुष्य किस का दास है?
मनुष्य जिससे हार गया उसका दास बन जाता है।
जो कुछ भी उस पर विजय प्राप्त करता है मनुष्य उसका दास है।

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@ -1,3 +1,3 @@
# जब विश्वासी मसीह यीशु की पहचान द्वारा संसार की नाना प्रकार की अशुद्धता से बच निकले और फिर उसमें फंसकर हार जाए तो उसके अधिक अच्छा क्या होता?
# जो यीशु मसीह के ज्ञान के माध्यम से संसार की दुष्टता से बच जाते हैं और फिर उनके पास लौट जाते हैं, उन लोगों के लिए बेहतर क्या होगा?
धर्म के मार्ग को न जानना ही उनके लिए इससे अच्छा होता
उनके लिए इससे बेहतर क्या होगा कि वे धार्मिकता के मार्ग को न जानें

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@ -0,0 +1,3 @@
# जो यीशु मसीह के ज्ञान के माध्यम से संसार की दुष्टता से बच जाते हैं और फिर उनके पास लौट जाते हैं, उन लोगों के लिए बेहतर क्या होगा?
उनके लिए इससे बेहतर क्या होगा कि वे धार्मिकता के मार्ग को न जानें।

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@ -1,3 +1,3 @@
# पतरस ने यह दूसरा पत्र क्यों लिखा था?
# इस दूसरी पत्री को पतरस ने क्यों लिखा?
उसके द्वारा इस पत्र को लिखने का कारण था कि प्रिय भाई पूर्वकथित भविष्यद्वक्ताओं की बातों तथा प्रभु की उस आज्ञा को स्मरण करें जो प्रेरितों द्वारा उन्हे दी गई थीं।
उसने इसे इसलिए लिखा ताकि वे प्रिय जन पूर्वकाल में भविष्यद्वक्ताओं द्वारा कही गई बातों को तथा उनके प्रभु और उद्धारकर्ता के आदेशों के विषय में स्मरण कर सकें।

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@ -0,0 +1,3 @@
# इस दूसरी पत्री को पतरस ने क्यों लिखा?
उसने इसे इसलिए लिखा ताकि वे प्रिय जन पूर्वकाल में भविष्यद्वक्ताओं द्वारा कही गई बातों को तथा उनके प्रभु और उद्धारकर्ता के आदेशों के विषय में स्मरण कर सकें।

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@ -1,3 +1,3 @@
# अन्तिम दिनों में ठट्ठा करनेवाले क्या कहेंगे?
# अन्त के दिनों में ठठ्ठा करने वाले लोग क्या कहेंगे?
अन्तिम दिनों में ठट्ठा करनेवाले प्रभु के पुनः आगमन की प्रतिज्ञा पर प्रश्न उठाएंगे और कहेंगे कि सब कुछ तो वैसा ही है जैसा सृष्टि के आरंभ से था
ठठ्ठा करने वाले लोग यीशु की वापसी की प्रतिज्ञा पर प्रश्न करेंगे और कहेंगे कि सृष्टि के आरम्भ से सब वस्तुएँ वैसी की वैसी हैं

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@ -0,0 +1,3 @@
# अन्त के दिनों में ठठ्ठा करने वाले लोग क्या कहेंगे?
ठठ्ठा करने वाले लोग यीशु की वापसी की प्रतिज्ञा पर प्रश्न करेंगे और कहेंगे कि सृष्टि के आरम्भ से सब वस्तुएँ वैसी की वैसी हैं।

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@ -1,3 +1,3 @@
# आकाश और पृथ्वी कैसे स्थिर है और वे आग और न्याय के दिन तथा दुष्टों के विनाश के लिए किस प्रकार रखे गए हैं?
# आकाश और पृथ्वी की स्थापना कैसे हुई थी, और वे किस प्रकार से आग के लिए और न्याय के दिन और भक्‍तिहीन मनुष्यों के विनाश के लिए सुरक्षित रखे गए थे?
वे परमेश्वर के वचन ही से स्थिर एवं सुरक्षित हैं
वे परमेश्वर के वचन के द्वारा स्थापित और सुरक्षित किए गए थे

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@ -0,0 +1,3 @@
# आकाश और पृथ्वी की स्थापना कैसे हुई थी, और वे किस प्रकार से आग के लिए और न्याय के दिन और भक्‍तिहीन मनुष्यों के विनाश के लिए सुरक्षित रखे गए थे?
वे परमेश्वर के वचन के द्वारा स्थापित और सुरक्षित किए गए थे।

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