diff --git a/hi_tn_41-MAT.tsv b/hi_tn_41-MAT.tsv index 8759783..defdc13 100644 --- a/hi_tn_41-MAT.tsv +++ b/hi_tn_41-MAT.tsv @@ -1,6 +1,6 @@ Book Chapter Verse ID SupportReference OrigQuote Occurrence GLQuote OccurrenceNote -MAT front intro sa9c 0 # मत्ती रचित सुसमाचार का परिचय
## भाग 1: सामान्य परिचय

### मत्ती की पुस्तक की रूपरेखा

1। यीशु मसीह का जन्म और उसकी सेवा का आरम्भ (1:1––4:25)
1। पहाड़ी पर यीशु का उपदेश (5:1––7:28)
1। यीशु चंगाई के कामों के माध्यम से परमेश्वर के राज्य को चित्रित करता है (8:1––9:34)
1। मिशन और राज्य के बारे में यीशु की शिक्षा (9:35––10:42)
1। परमेश्वर के राज्य के सुसमाचार के बारे में यीशु की शिक्षा। यीशु के विरोध का आरम्भ। (11:1––12:50)
1। परमेश्वर के राज्य के बारे में यीशु के दृष्टांत (13:1––52)
1। यीशु का और अधिक विरोध और परमेश्वर के राज्य के बारे में गलत धारणा (13:53––17:57)
1। परमेश्वर के राज्य में जीवन के बारे में यीशु की शिक्षा (18:1––35)
1। यीशु का यहूदिया में सेवा करना (19:1––22:46)
1। अन्तिम न्याय और उद्धार के बारे में यीशु की शिक्षा (23:1––25:46)
1। यीशु को क्रूस पर चढ़ाया जाना, उसकी मृत्यु और पुनरुत्थान (26:1––28:19)

### मत्ती की पुस्तक का विषय क्या है?

मत्ती रचित सुसमाचार नए नियम की उन चार पुस्तकों में से एक है जो यीशु मसीह के जीवन के कुछ समय का वर्णन करती हैं। सुसमाचारों के लेखकों ने इन बातों के विभिन्न पहलुओं के बारे में लिखा था कि यीशु कौन था और उसने क्या किया था। मत्ती ने प्रकट किया कि यीशु मसीह था, और परमेश्वर उसके माध्यम से इस्राएल को बचाएगा। मत्ती ने अक्सर समझाया है कि मसीह के बारे में पुराने नियम की भविष्यद्वाणियों को यीशु ने पूरा किया था। यह संकेत दे सकता है कि उसने अपने अधिकांश पहले पाठकों के यहूदी होने की अपेक्षा की थी। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/christ]])

### इस पुस्तक के शीर्षक का अनुवाद किस प्रकार किया जाना चाहिए?

अनुवादक इस पुस्तक को इसके पारम्परिक शीर्षक, ""मत्ती रचित सुसमाचार"" या ""मत्ती के अनुसार सुसमाचार"" के द्वारा पुकारा जाना चुन सकते हैं। या वे एक ऐसा शीर्षक चुन सकते हैं, जो स्पष्ट हो सकता है, जैसे ""यीशु के बारे में शुभ सन्देश जिसे मत्ती ने लिखा था।"" (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/translate-names]])

### मत्ती की पुस्तक को किसने लिखा?

यह पुस्तक इसके लेखक का नाम नहीं देती है। यद्यपि, आरम्भिक मसीहीकाल से, अधिकांश मसीहियों ने यही माना है कि इसका लेखक प्रेरित मत्ती था।

## भाग 2: महत्वपूर्ण धार्मिक और सांस्कृतिक अवधारणाएँ

### ""स्वर्ग का राज्य"" क्या है?

मत्ती ने उसी तरह स्वर्ग के राज्य की बात की जिस तरह अन्य सुसमाचार लेखकों ने परमेश्वर के राज्य के बारे में बात की थी। स्वर्ग का राज्य सभी लोगों पर और सारी सृष्टि पर परमेश्वर के शासन का प्रतिनिधित्व करता है। वे लोग आशीषित होंगे जिन्हें परमेश्वर अपने राज्य में स्वीकार करता है। वे सदैव परमेश्वर के साथ रहेंगे।

### यीशु की शिक्षण विधियाँ क्या थीं?

लोगों ने यीशु को रब्बी के रूप में आदर प्रदान किया। एक रब्बी परमेश्वर की व्यवस्था का एक शिक्षक है। यीशु ने इस्राएल के अन्य धार्मिक शिक्षकों के समान तरीकों से ही शिक्षा दी। वह जहाँ कहीं भी गया, उसके पास ऐसे विद्यार्थी थे जिन्होंने उसका अनुसरण किया। इन विद्यार्थियों को चेले या चेला कहा जाता था। वह अक्सर दृष्टांतों को बताता था। दृष्टांत ऐसी कहानियाँ होती हैं, जो नैतिक शिक्षा देती हैं। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/lawofmoses]] और [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/disciple]] और [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/parable]])

## भाग 3: महत्वपूर्ण अनुवाद के मुद्दे

### समदर्शी सुसमाचार क्या हैं?

मत्ती, मरकुस, और लूका के सुसमाचार को समदर्शी सुसमाचार इसलिए कहा जाता है, क्योंकि उनके कई अनुच्छेद एक जैसे हैं। शब्द ""समदर्शी"" का अर्थ ""एक साथ देखना"" है।

इन पाठों को ""समानांतर"" तब माना गया है, जब वे दो या तीन सुसमाचारों में समान या बिलकुल एक जैसे हैं। समानांतर अनुच्छेदों का अनुवाद करते समय, अनुवादकों को एक ही शब्दावली का उपयोग करना चाहिए और उन्हें जितना संभव हो सके उतना एक जैसा बनाना चाहिए।

### यीशु स्वयं को ""मनुष्य का पुत्र"" कह कर क्यों संदर्भित करता है?

सुसमाचारों में, यीशु ने स्वयं को ""मनुष्य का पुत्र"" कहा है। यह दानिय्येल 7:13-14 का एक सन्दर्भ है। इस अनुच्छेद में एक व्यक्ति है जिसे ""मनुष्य के पुत्र"" के रूप में वर्णित किया गया है। इसका अर्थ है कि वह कोई ऐसा व्यक्ति था जो मनुष्य की तरह दिखता था। परमेश्वर ने मनुष्य के पुत्र को सदा के लिए राष्ट्रों पर शासन करने का अधिकार दिया है। और सभी लोग उसकी आराधना सदैव करेंगे।

यीशु के समय के यहूदियों ने किसी भी व्यक्ति के लिए ""मनुष्य का पुत्र"" का शीर्षक उपयोग नहीं किया था। इसलिए, यीशु ने स्वयं के प्रति यह समझने में उन्हें सहायता की कि वह वास्तव में कौन था। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/sonofman]])

कई भाषाओं में ""मनुष्य का पुत्र"" शीर्षक का अनुवाद करना कठिन हो सकता है। पाठकगण एक शाब्दिक अनुवाद को गलत समझ सकते हैं। अनुवादक विकल्पों पर विचार कर सकते हैं, जैसे कि ""एक मनुष्य।"" शीर्षक को समझाने के लिए एक पाद-टिप्पणी को सम्मिलित करना भी सहायक हो सकता है।

### मत्ती की पुस्तक के पाठ में प्रमुख मुद्दे क्या हैं?

निम्नलिखित वचन बाइबल के पुराने संस्करणों में पाए जाते हैं, परन्तु इनको अधिकांश आधुनिक संस्करणों में सम्मिलित नहीं किया गया है:

* ""जो तुम्हें श्राप दें, उनको आशीष दो; जो तुम्हारा अपमान करें, उनके लिये प्रार्थना करो"" (5:44)
* ""क्योंकि राज्य और पराक्रम और महिमा सदा तेरे ही हैं। आमीन"" (6:13)
*"" पर यह जाति बिना प्रार्थना और उपवास के नहीं निकलती"" (17:21)
*""क्योंकि मनुष्य का पुत्र खोए हुओं को बचाने आया है"" (18:11)
* ""इसी रीति से जो पिछले हैं, वे पहले होंगे; और जो पहले हैं, वे पिछले होंगे"" (20:16)
* ""हे कपटी शास्त्रियो और फरीसियो, तुम पर हाय! तुम विधवाओं के घरों को खा जाते हो, और दिखाने के लिए बड़ी देर तक प्रार्थना करते रहते हो। इसलिये तुम्हें अधिक दण्ड मिलेगा।"" (23:14)

अनुवादकों को इन अनुच्छेदों को सम्मिलित नहीं करने का परामर्श दिया गया है। यद्यपि, यदि अनुवादकों के क्षेत्र में, बाइबल के ऐसे पुराने संस्करण हैं, जिनमें एक या उससे अधिक अनुच्छेद सम्मिलित हैं, तो अनुवादक उन्हें सम्मिलित कर सकते हैं। यदि उन्हें सम्मिलित किया गया है, तो उन्हें यह इंगित करने के लिए वर्गाकार कोष्ठक (\ []) के अन्दर रखा जाना चाहिए कि वे मत्ती रचित सुसमाचार के मूल अंश नहीं थे। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/translate-textvariants]])

-MAT 1 intro y7kk 0 # मत्ती 01 सामान्य टिप्पणियाँ
## संरचना एवं स्वरूपण

कुछ अनुवाद पुराने नियम के उद्धरण को शेष पाठ की तुलना में पृष्ठ पर दाईं तरफ आगे की ओर निर्धारित करते हैं। यूएलटी 1:23 में उद्धरित सामग्री के साथ ऐसा ही करता है।

## इस अध्याय में पाई जाने वाली विशेष अवधारणाएँ

### वंशावली

वंशावली एक ऐसी सूची है, जो किसी व्यक्ति के पूर्वजों या वंशजों के विवरण को लिपिबद्ध करती है। यहूदियों ने राजा बनने के लिए सही व्यक्ति का चयन करने के लिए वंशावली का उपयोग किया। उन्होंने ऐसा इसलिए किया क्योंकि केवल राजा का पुत्र ही राजा बन सकता था। महत्वपूर्ण लोगों के पास उनकी वंशावलियों के लिपिबद्ध विवरण थे।

## इस अध्याय के महत्वपूर्ण अलंकार

### कर्मवाच्य का उपयोग

मत्ती इस अध्याय में उद्देश्य-पूर्वक यह इंगित करने के लिए कर्मवाच्य का उपयोग करता है कि मरियम के किसी के साथ यौन सम्बन्ध में नहीं थे। उसने यीशु का गर्भधारण इसलिए किया क्योंकि पवित्र आत्मा ने आश्चर्यकर्म किया था। कई भाषाओं में कर्मवाच्य नहीं होता है, इसलिए उन भाषाओं के अनुवादकों को उस सच्चाई को प्रस्तुत करने के अन्य तरीकों को ढूँढ़ना चाहिए। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-activepassive]])
+MAT front intro sa9c 0 # मत्ती रचित सुसमाचार का परिचय
## भाग 1: सामान्य परिचय

### मत्ती की पुस्तक की रूपरेखा

1। यीशु मसीह का जन्म और उसकी सेवा का आरम्भ (1:1––4:25)
1। पहाड़ी पर यीशु का उपदेश (5:1––7:28)
1। यीशु चंगाई के कामों के माध्यम से परमेश्वर के राज्य को चित्रित करता है (8:1––9:34)
1। मिशन और राज्य के बारे में यीशु की शिक्षा (9:35––10:42)
1। परमेश्वर के राज्य के सुसमाचार के बारे में यीशु की शिक्षा। यीशु के विरोध का आरम्भ। (11:1––12:50)
1। परमेश्वर के राज्य के बारे में यीशु के दृष्टांत (13:1––52)
1। यीशु का और अधिक विरोध और परमेश्वर के राज्य के बारे में गलत धारणा (13:53––17:57)
1। परमेश्वर के राज्य में जीवन के बारे में यीशु की शिक्षा (18:1––35)
1। यीशु का यहूदिया में सेवा करना (19:1––22:46)
1। अन्तिम न्याय और उद्धार के बारे में यीशु की शिक्षा (23:1––25:46)
1। यीशु को क्रूस पर चढ़ाया जाना, उसकी मृत्यु और पुनरुत्थान (26:1––28:19)

### मत्ती की पुस्तक का विषय क्या है?

मत्ती रचित सुसमाचार नए नियम की उन चार पुस्तकों में से एक है जो यीशु मसीह के जीवन के कुछ समय का वर्णन करती हैं। सुसमाचारों के लेखकों ने इन बातों के विभिन्न पहलुओं के बारे में लिखा था कि यीशु कौन था और उसने क्या किया था। मत्ती ने प्रकट किया कि यीशु मसीह था, और परमेश्वर उसके माध्यम से इस्राएल को बचाएगा। मत्ती ने अक्सर समझाया है कि मसीह के बारे में पुराने नियम की भविष्यद्वाणियों को यीशु ने पूरा किया था। यह संकेत दे सकता है कि उसने अपने अधिकांश पहले पाठकों के यहूदी होने की अपेक्षा की थी। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/christ]])

### इस पुस्तक के शीर्षक का अनुवाद किस प्रकार किया जाना चाहिए?

अनुवादक इस पुस्तक को इसके पारम्परिक शीर्षक, ""मत्ती रचित सुसमाचार"" या ""मत्ती के अनुसार सुसमाचार"" के द्वारा पुकारा जाना चुन सकते हैं। या वे एक ऐसा शीर्षक चुन सकते हैं, जो स्पष्ट हो सकता है, जैसे ""यीशु के बारे में शुभ सन्देश जिसे मत्ती ने लिखा था।"" (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/translate-names]])

### मत्ती की पुस्तक को किसने लिखा?

यह पुस्तक इसके लेखक का नाम नहीं देती है। यद्यपि, आरम्भिक मसीहीकाल से, अधिकांश मसीहियों ने यही माना है कि इसका लेखक प्रेरित मत्ती था।

## भाग 2: महत्वपूर्ण धार्मिक और सांस्कृतिक अवधारणाएँ

### ""स्वर्ग का राज्य"" क्या है?

मत्ती ने उसी तरह स्वर्ग के राज्य की बात की जिस तरह अन्य सुसमाचार लेखकों ने परमेश्वर के राज्य के बारे में बात की थी। स्वर्ग का राज्य सभी लोगों पर और सारी सृष्टि पर परमेश्वर के शासन का प्रतिनिधित्व करता है। वे लोग आशीषित होंगे जिन्हें परमेश्वर अपने राज्य में स्वीकार करता है। वे सदैव परमेश्वर के साथ रहेंगे।

### यीशु की शिक्षण विधियाँ क्या थीं?

लोगों ने यीशु को रब्बी के रूप में आदर प्रदान किया। एक रब्बी परमेश्वर की व्यवस्था का एक शिक्षक है। यीशु ने इस्राएल के अन्य धार्मिक शिक्षकों के समान तरीकों से ही शिक्षा दी। वह जहाँ कहीं भी गया, उसके पास ऐसे विद्यार्थी थे जिन्होंने उसका अनुसरण किया। इन विद्यार्थियों को चेले या चेला कहा जाता था। वह अक्सर दृष्टांतों को बताता था। दृष्टांत ऐसी कहानियाँ होती हैं, जो नैतिक शिक्षा देती हैं। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/lawofmoses]] और [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/disciple]] और [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/parable]])

## भाग 3: महत्वपूर्ण अनुवाद के मुद्दे

### समदर्शी सुसमाचार क्या हैं?

मत्ती, मरकुस, और लूका के सुसमाचार को समदर्शी सुसमाचार इसलिए कहा जाता है, क्योंकि उनके कई अनुच्छेद एक जैसे हैं। शब्द ""समदर्शी"" का अर्थ ""एक साथ देखना"" है।

इन पाठों को ""समानांतर"" तब माना गया है, जब वे दो या तीन सुसमाचारों में समान या बिलकुल एक जैसे हैं। समानांतर अनुच्छेदों का अनुवाद करते समय, अनुवादकों को एक ही शब्दावली का उपयोग करना चाहिए और उन्हें जितना संभव हो सके उतना एक जैसा बनाना चाहिए।

### यीशु स्वयं को ""मनुष्य का पुत्र"" कह कर क्यों संदर्भित करता है?

सुसमाचारों में, यीशु ने स्वयं को ""मनुष्य का पुत्र"" कहा है। यह दानिय्येल 7:13-14 का एक सन्दर्भ है। इस अनुच्छेद में एक व्यक्ति है जिसे ""मनुष्य के पुत्र"" के रूप में वर्णित किया गया है। इसका अर्थ है कि वह कोई ऐसा व्यक्ति था जो मनुष्य की तरह दिखता था। परमेश्वर ने मनुष्य के पुत्र को सदा के लिए राष्ट्रों पर शासन करने का अधिकार दिया है। और सभी लोग उसकी आराधना सदैव करेंगे।

यीशु के समय के यहूदियों ने किसी भी व्यक्ति के लिए ""मनुष्य का पुत्र"" का शीर्षक उपयोग नहीं किया था। इसलिए, यीशु ने स्वयं के प्रति यह समझने में उन्हें सहायता की कि वह वास्तव में कौन था। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/sonofman]])

कई भाषाओं में ""मनुष्य का पुत्र"" शीर्षक का अनुवाद करना कठिन हो सकता है। पाठकगण एक शाब्दिक अनुवाद को गलत समझ सकते हैं। अनुवादक विकल्पों पर विचार कर सकते हैं, जैसे कि ""एक मनुष्य।"" शीर्षक को समझाने के लिए एक पाद-टिप्पणी को सम्मिलित करना भी सहायक हो सकता है।

### मत्ती की पुस्तक के पाठ में प्रमुख मुद्दे क्या हैं?

निम्नलिखित वचन बाइबल के पुराने संस्करणों में पाए जाते हैं, परन्तु इनको अधिकांश आधुनिक संस्करणों में सम्मिलित नहीं किया गया है:

* ""जो तुम्हें श्राप दें, उनको आशीष दो; जो तुम्हारा अपमान करें, उनके लिये प्रार्थना करो"" (5:44)
* ""क्योंकि राज्य और पराक्रम और महिमा सदा तेरे ही हैं। आमीन"" (6:13)
*"" पर यह जाति बिना प्रार्थना और उपवास के नहीं निकलती"" (17:21)
*""क्योंकि मनुष्य का पुत्र खोए हुओं को बचाने आया है"" (18:11)
* ""इसी रीति से जो पिछले हैं, वे पहले होंगे; और जो पहले हैं, वे पिछले होंगे"" (20:16)
* ""हे कपटी शास्त्रियो और फरीसियो, तुम पर हाय! तुम विधवाओं के घरों को खा जाते हो, और दिखाने के लिए बड़ी देर तक प्रार्थना करते रहते हो। इसलिये तुम्हें अधिक दण्ड मिलेगा।"" (23:14)

अनुवादकों को इन अनुच्छेदों को सम्मिलित नहीं करने का परामर्श दिया गया है। यद्यपि, यदि अनुवादकों के क्षेत्र में, बाइबल के ऐसे पुराने संस्करण हैं, जिनमें एक या उससे अधिक अनुच्छेद सम्मिलित हैं, तो अनुवादक उन्हें सम्मिलित कर सकते हैं। यदि उन्हें सम्मिलित किया गया है, तो उन्हें यह इंगित करने के लिए वर्गाकार कोष्ठक (\ []) के अन्दर रखा जाना चाहिए कि वे मत्ती रचित सुसमाचार के मूल अंश नहीं थे। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/translate-textvariants]])

+MAT 1 intro y7kk 0 # मत्ती 01 सामान्य टिप्पणियाँ
## संरचना एवं स्वरूपण

कुछ अनुवाद पुराने नियम के उद्धरण को शेष पाठ की तुलना में पृष्ठ पर दाईं तरफ आगे की ओर निर्धारित करते हैं। यूएलटी 1:23 में उद्धरित सामग्री के साथ ऐसा ही करता है।

## इस अध्याय में पाई जाने वाली विशेष अवधारणाएँ

### वंशावली

वंशावली एक ऐसी सूची है, जो किसी व्यक्ति के पूर्वजों या वंशजों के विवरण को लिपिबद्ध करती है। यहूदियों ने राजा बनने के लिए सही व्यक्ति का चयन करने के लिए वंशावली का उपयोग किया। उन्होंने ऐसा इसलिए किया क्योंकि केवल राजा का पुत्र ही राजा बन सकता था। महत्वपूर्ण लोगों के पास उनकी वंशावलियों के लिपिबद्ध विवरण थे।

## इस अध्याय के महत्वपूर्ण अलंकार

### कर्मवाच्य का उपयोग

मत्ती इस अध्याय में उद्देश्य-पूर्वक यह इंगित करने के लिए कर्मवाच्य का उपयोग करता है कि मरियम के किसी के साथ यौन सम्बन्ध में नहीं थे। उसने यीशु का गर्भधारण इसलिए किया क्योंकि पवित्र आत्मा ने आश्चर्यकर्म किया था। कई भाषाओं में कर्मवाच्य नहीं होता है, इसलिए उन भाषाओं के अनुवादकों को उस सच्चाई को प्रस्तुत करने के अन्य तरीकों को ढूँढ़ना चाहिए। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-activepassive]])
MAT 1 1 ava1 0 General Information: लेखक यह दिखाने के लिए यीशु की वंशावली के साथ आरम्भ करता है कि वह राजा दाऊद का और अब्राहम का एक वंशज है। वंशावली [मत्ती 1:17](../01/17.md) के माध्यम से जारी रहती है। MAT 1 1 y31w βίβλος γενέσεως Ἰησοῦ Χριστοῦ 1 The book of the genealogy of Jesus Christ "आप इसे एक पूर्ण वाक्य के रूप में अनुवाद कर सकते हैं। वैकल्पिक अनुवाद: ""यह यीशु मसीह के पूर्वजों की सूची है""" MAT 1 1 vpg1 Ἰησοῦ Χριστοῦ, υἱοῦ Δαυεὶδ, υἱοῦ Ἀβραάμ 1 Jesus Christ, son of David, son of Abraham "यीशु, दाऊद और अब्राहम के बीच कई पीढ़ियाँ थीं। यहाँ ""पुत्र"" का अर्थ ""वंशज"" है। वैकल्पिक अनुवाद: ""यीशु मसीह, दाऊद का वंशज, जो अब्राहम का वंशज था""" @@ -57,7 +57,7 @@ MAT 1 24 nr5e παρέλαβεν τὴν γυναῖκα αὐτοῦ 1 he took MAT 1 25 i7p5 figs-euphemism οὐκ ἐγίνωσκεν αὐτὴν 1 he did not know her "यह एक व्यंजना है। वैकल्पिक अनुवाद: ""उसने उसके साथ यौन सम्बन्ध नहीं बनाए"" (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-euphemism]])" MAT 1 25 dlm9 υἱόν 1 to a son "एक नर शिशु को या ""उसके पुत्र को।"" सुनिश्चित करें कि यह स्पष्ट है कि यूसुफ को वास्तविक पिता के रूप में चित्रित नहीं किया गया है। MAT 1 25 jtz8 καὶ ἐκάλεσεν τὸ ὄνομα αὐτοῦ, Ἰησοῦν 1 Then he called his name Jesus यूसुफ ने उस बच्चे को यीशु नाम दिया" -MAT 2 intro dz1c 0 # मत्ती 02 सामान्य टिप्पणियाँ
## संरचना एवं स्वरूपण

कुछ अनुवाद पढ़ने के लिए आसान बनाने हेतु कविता की प्रत्येक पंक्ति को शेष पाठ की तुलना में दाईं तरफ आगे की ओर निर्धारित करते हैं। यूएलटी 6 और 18 के पदों की कविता के साथ ऐसा ही करता है, जो कि पुराने नियम के वचन हैं।

## इस अध्याय में पाई जाने वाली विशेष अवधारणाएँ

### ""उसका तारा""

ये शब्द संभवतः उस एक तारे को संदर्भित करते हैं, जिसके लिए ज्योतिषियों ने इस्राएल के एक नए राजा के होने के प्रतीक का विश्वास किया था। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/sign]])

## इस अध्याय में अन्य संभावित अनुवाद की कठिनाइयाँ

### ""ज्योतिषी""

अंग्रेज़ी अनुवाद इस वाक्यांश का अनुवाद करने के लिए कई अलग-अलग शब्दों का उपयोग करते हैं। इन शब्दों में ""ज्योतिषी"" और ""बुद्धिमान पुरुष"" सम्मिलित हैं। ये पुरुष वैज्ञानिक या गणक हो सकते थे। यदि आप कर सकते हैं, तो आपको सामान्य शब्द के साथ इन ""ज्योतिषियों"" का अनुवाद करना चाहिए।
+MAT 2 intro dz1c 0 # मत्ती 02 सामान्य टिप्पणियाँ
## संरचना एवं स्वरूपण

कुछ अनुवाद पढ़ने के लिए आसान बनाने हेतु कविता की प्रत्येक पंक्ति को शेष पाठ की तुलना में दाईं तरफ आगे की ओर निर्धारित करते हैं। यूएलटी 6 और 18 के पदों की कविता के साथ ऐसा ही करता है, जो कि पुराने नियम के वचन हैं।

## इस अध्याय में पाई जाने वाली विशेष अवधारणाएँ

### ""उसका तारा""

ये शब्द संभवतः उस एक तारे को संदर्भित करते हैं, जिसके लिए ज्योतिषियों ने इस्राएल के एक नए राजा के होने के प्रतीक का विश्वास किया था। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/sign]])

## इस अध्याय में अन्य संभावित अनुवाद की कठिनाइयाँ

### ""ज्योतिषी""

अंग्रेज़ी अनुवाद इस वाक्यांश का अनुवाद करने के लिए कई अलग-अलग शब्दों का उपयोग करते हैं। इन शब्दों में ""ज्योतिषी"" और ""बुद्धिमान पुरुष"" सम्मिलित हैं। ये पुरुष वैज्ञानिक या गणक हो सकते थे। यदि आप कर सकते हैं, तो आपको सामान्य शब्द के साथ इन ""ज्योतिषियों"" का अनुवाद करना चाहिए।
MAT 2 1 j9yn 0 General Information: यहाँ कहानी का एक नया भाग आरम्भ होता है और इस अध्याय के अन्त तक जारी रहता है। मत्ती यहूदियों के नए राजा को मारने के लिए हेरोदेस के प्रयास के बारे में बताता है। MAT 2 1 k518 Βηθλέεμ τῆς Ἰουδαίας 1 Bethlehem of Judea यहूदिया प्रांत में बैतलहम शहर MAT 2 1 id55 ἐν…ἡμέραις Ἡρῴδου τοῦ βασιλέως 1 in the days of Herod the king जब हेरोदेस वहाँ राजा था @@ -172,7 +172,7 @@ MAT 3 16 jh1v figs-activepassive ἀνεῴχθησαν αὐτῷ οἱ οὐρ MAT 3 16 e3na figs-simile καταβαῖνον ὡσεὶ περιστερὰν 1 coming down like a dove संभावित अर्थ हैं 1) यह सामान्य रूप से एक कथन है कि आत्मा एक कबूतर के रूप में था या 2) यह एक उपमा है, जो आत्मा के यीशु के ऊपर धीरे-धीरे नीचे आने की तुलना उस तरीके से करता है जिस तरह से कबूतर आता होगा। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-simile]]) MAT 3 17 m2wk figs-metonymy φωνὴ ἐκ τῶν οὐρανῶν λέγουσα 1 a voice came out of the heavens saying "यीशु ने स्वर्ग से एक आवाज को सुना। ""आकाशवाणी"" यहाँ परमेश्वर के बोलने को सन्दर्भित करती है। वैकल्पिक अनुवाद: ""परमेश्वर ने स्वर्ग से बात की"" (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-metonymy]]) MAT 3 17 myz8 guidelines-sonofgodprinciples ὁ Υἱός μου 1 Son यह यीशु के लिए एक महत्वपूर्ण उपाधि है, जो परमेश्वर के साथ उसके सम्बन्ध का वर्णन करती है। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/guidelines-sonofgodprinciples]]) -MAT 4 intro hgw2 0 # मत्ती 04 सामान्य टिप्पणियाँ
## संरचना एवं स्वरूपण

कुछ अनुवाद पढ़ने के लिए आसान बनाने हेतु कविता की प्रत्येक पंक्ति को शेष पाठ की तुलना में दाईं तरफ आगे की ओर निर्धारित करते हैं। यूएलटी 6, 15 और 16 के पदों की कविता के साथ ऐसा ही करता है, जो कि पुराने नियम के वचन हैं।

कुछ अनुवाद पुराने नियम के उद्धरणों को शेष पाठ की तुलना में दाईं तरफ आगे की ओर निर्धारित करते हैं। यूएलटी पद 10 के उद्धरण के साथ ऐसा करता है।

## इस अध्याय में अन्य संभावित अनुवाद की कठिनाइयाँ

### ""स्वर्ग का राज्य निकट आया है""

कोई भी निश्चित रूप से नहीं जानता है कि जब यीशु ने इन शब्दों को बोला था तो ""स्वर्ग का राज्य"" वर्तमान में उपस्थित था या अभी आने वाला था। अंग्रेजी अनुवाद अक्सर ""निकट आ गया है"" वाक्यांश का उपयोग करते हैं, परन्तु इन शब्दों का अनुवाद करना कठिन हो सकता है। अन्य संस्करण ""निकट आ रहा है"" और ""निकट आया है"" वाक्यांशों का उपयोग करते हैं।

### ""यदि तू परमेश्वर के पुत्र है""

पाठक को पद 3 और 6 के इन शब्दों के अर्थ को ऐसे नहीं समझना चाहिए कि शैतान को नहीं पता था कि यीशु परमेश्वर का पुत्र था या नहीं। परमेश्वर ने पहले ही कह दिया था कि यीशु उसका पुत्र था ([मत्ती 3:17] (../../mat/03/17.md)), इसलिए शैतान जानता था कि यीशु कौन था। वह यह भी जानता था कि यीशु पत्थरों को रोटी बना सकता है और स्वयं को ऊँचे स्थानों से नीचे गिरा सकता है और उसे चोट नहीं पहुँचेगी। वह यीशु से इन कामों को करवाने का प्रयास करके परमेश्वर की अवज्ञा और शैतान की आज्ञा का पालन करवाना चाहता था। इन शब्दों का अनुवाद ""क्योंकि तू परमेश्वर का पुत्र है"" या ""तू परमेश्वर का पुत्र है। इसलिए मुझे दिखा कि तू क्या कर सकता है। ""(देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/satan]] और [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/sonofgod]])
+MAT 4 intro hgw2 0 # मत्ती 04 सामान्य टिप्पणियाँ
## संरचना एवं स्वरूपण

कुछ अनुवाद पढ़ने के लिए आसान बनाने हेतु कविता की प्रत्येक पंक्ति को शेष पाठ की तुलना में दाईं तरफ आगे की ओर निर्धारित करते हैं। यूएलटी 6, 15 और 16 के पदों की कविता के साथ ऐसा ही करता है, जो कि पुराने नियम के वचन हैं।

कुछ अनुवाद पुराने नियम के उद्धरणों को शेष पाठ की तुलना में दाईं तरफ आगे की ओर निर्धारित करते हैं। यूएलटी पद 10 के उद्धरण के साथ ऐसा करता है।

## इस अध्याय में अन्य संभावित अनुवाद की कठिनाइयाँ

### ""स्वर्ग का राज्य निकट आया है""

कोई भी निश्चित रूप से नहीं जानता है कि जब यीशु ने इन शब्दों को बोला था तो ""स्वर्ग का राज्य"" वर्तमान में उपस्थित था या अभी आने वाला था। अंग्रेजी अनुवाद अक्सर ""निकट आ गया है"" वाक्यांश का उपयोग करते हैं, परन्तु इन शब्दों का अनुवाद करना कठिन हो सकता है। अन्य संस्करण ""निकट आ रहा है"" और ""निकट आया है"" वाक्यांशों का उपयोग करते हैं।

### ""यदि तू परमेश्वर के पुत्र है""

पाठक को पद 3 और 6 के इन शब्दों के अर्थ को ऐसे नहीं समझना चाहिए कि शैतान को नहीं पता था कि यीशु परमेश्वर का पुत्र था या नहीं। परमेश्वर ने पहले ही कह दिया था कि यीशु उसका पुत्र था ([मत्ती 3:17] (../../mat/03/17.md)), इसलिए शैतान जानता था कि यीशु कौन था। वह यह भी जानता था कि यीशु पत्थरों को रोटी बना सकता है और स्वयं को ऊँचे स्थानों से नीचे गिरा सकता है और उसे चोट नहीं पहुँचेगी। वह यीशु से इन कामों को करवाने का प्रयास करके परमेश्वर की अवज्ञा और शैतान की आज्ञा का पालन करवाना चाहता था। इन शब्दों का अनुवाद ""क्योंकि तू परमेश्वर का पुत्र है"" या ""तू परमेश्वर का पुत्र है। इसलिए मुझे दिखा कि तू क्या कर सकता है। ""(देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/satan]] और [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/sonofgod]])
MAT 4 1 k51m 0 General Information: यहाँ मत्ती कहानी के नए भाग को आरम्भ करता है, जिसमें यीशु जंगल में 40 दिन बिताता है, जहाँ शैतान उसकी परीक्षा करता है। पद 4 में, यीशु व्यवस्थाविवरण के उद्धरण से शैतान को डाँटता है। MAT 4 1 aq3s figs-activepassive ὁ Ἰησοῦς ἀνήχθη…ὑπὸ τοῦ Πνεύματος 1 Jesus was led up by the Spirit इसे सक्रिय रूप में कहा जा सकता है। वैकल्पिक अनुवाद: ""उस आत्मा ने यीशु की अगुवाई की"" (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-activepassive]]) MAT 4 1 wy4b figs-activepassive πειρασθῆναι ὑπὸ τοῦ διαβόλου 1 to be tempted by the devil इसे सक्रिय रूप में कहा जा सकता है। वैकल्पिक अनुवाद: ""ताकि शैतान यीशु की परीक्षा कर सके"" (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-activepassive]]) @@ -235,7 +235,7 @@ MAT 4 24 i296 figs-activepassive δαιμονιζομένους 1 those possesse MAT 4 24 p3nf figs-genericnoun σεληνιαζομένους 1 the epileptic "यह ऐसे किसी भी व्यक्ति को सन्दर्भित करता है जिसको मिर्गी थी, न कि कोई विशेष प्रकार की मिर्गी। वैकल्पिक अनुवाद: ""जिन लोगों को कभी-कभी मिर्गीदौरा पड़ता था"" या ""जो कभी-कभी बेहोश हो जाते थे और अनियन्त्रित हो जाते थे"" (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-genericnoun]])" MAT 4 24 qk4c figs-genericnoun καὶ παραλυτικούς 1 and paralytic "यह ऐसे किसी भी व्यक्ति को सन्दर्भित करता है जो लकवाग्रस्त था, न कि किसी विशेष पक्षाघात के कारण लकवा ग्रसित। वैकल्पिक अनुवाद: ""और कोई भी जो लकवाग्रस्त था"" या ""और जो लोग चल नहीं सकते थे"" (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-genericnoun]])" MAT 4 25 i9m7 translate-names Δεκαπόλεως 1 the Decapolis "इस नाम का अर्थ ""दस शहर"" है। यह गलील की झील के दक्षिणपूर्व में स्थित एक क्षेत्र का नाम है। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/translate-names]])" -MAT 5 intro awz8 0 # मत्ती 05 सामान्य टिप्पणियाँ
## संरचना एवं स्वरूपण

कई लोग मत्ती 5-7 अध्याय में दिए गए वचनों को पहाड़ी उपदेश कहते हैं। यह एक लम्बी शिक्षा है, जिसे यीशु ने सिखाया था। बाइबल इस शिक्षा को तीन अध्यायों में विभाजित करती है, परन्तु यह कभी-कभी पाठक को भ्रमित कर सकता है। यदि आपका अनुवाद पाठ को खण्डों में विभाजित करता है, तो सुनिश्चित करें कि पाठक समझता है कि पूरा उपदेश एक बड़ा खण्ड है।

मत्ती 5:3-10 को धन्य वचन या आशीष वचन के रूप में जाना जाता है, जिन्हें पृष्ठ पर शेष पाठ की तुलना में दाईं तरफ आगे की ओर निर्धारित किया गया है और जिसकी प्रत्येक पंक्ति ""धन्य हैं वे"" शब्द से आरम्भ होती है। पृष्ठ पर शब्दों को रखने का यह तरीका इस शिक्षण के काव्य रूप को प्रमुखता प्रदान करता है।

यीशु ने इस उपदेश में कई अलग-अलग विषयों के बारे में बात की, इसलिए जब भी यीशु विषय को बदलता है, तो आप मूलपाठ में रिक्त रेखा को डालने के द्वारा पाठक की सहायता कर सकते हैं।

## इस अध्याय में पाई जाने वाली विशेष अवधारणाएँ

### ""उसके चेले""

यीशु का अनुसरण करने वाले किसी भी व्यक्ति को अनुयायी या चेले के रूप में सन्दर्भित करना संभव है। यीशु ने अपने अनुयायियों में से बारहों को अपने सबसे घनिष्ठ चेले, ""बारह चेले"" बनने के लिए चुना। बाद में वे प्रेरितों के रूप में जाने जाएँगे।
+MAT 5 intro awz8 0 # मत्ती 05 सामान्य टिप्पणियाँ
## संरचना एवं स्वरूपण

कई लोग मत्ती 5-7 अध्याय में दिए गए वचनों को पहाड़ी उपदेश कहते हैं। यह एक लम्बी शिक्षा है, जिसे यीशु ने सिखाया था। बाइबल इस शिक्षा को तीन अध्यायों में विभाजित करती है, परन्तु यह कभी-कभी पाठक को भ्रमित कर सकता है। यदि आपका अनुवाद पाठ को खण्डों में विभाजित करता है, तो सुनिश्चित करें कि पाठक समझता है कि पूरा उपदेश एक बड़ा खण्ड है।

मत्ती 5:3-10 को धन्य वचन या आशीष वचन के रूप में जाना जाता है, जिन्हें पृष्ठ पर शेष पाठ की तुलना में दाईं तरफ आगे की ओर निर्धारित किया गया है और जिसकी प्रत्येक पंक्ति ""धन्य हैं वे"" शब्द से आरम्भ होती है। पृष्ठ पर शब्दों को रखने का यह तरीका इस शिक्षण के काव्य रूप को प्रमुखता प्रदान करता है।

यीशु ने इस उपदेश में कई अलग-अलग विषयों के बारे में बात की, इसलिए जब भी यीशु विषय को बदलता है, तो आप मूलपाठ में रिक्त रेखा को डालने के द्वारा पाठक की सहायता कर सकते हैं।

## इस अध्याय में पाई जाने वाली विशेष अवधारणाएँ

### ""उसके चेले""

यीशु का अनुसरण करने वाले किसी भी व्यक्ति को अनुयायी या चेले के रूप में सन्दर्भित करना संभव है। यीशु ने अपने अनुयायियों में से बारहों को अपने सबसे घनिष्ठ चेले, ""बारह चेले"" बनने के लिए चुना। बाद में वे प्रेरितों के रूप में जाने जाएँगे।
MAT 5 1 hz26 0 General Information: पद 3 में, यीशु आशीषित लोगों की विशेषताओं का वर्णन करना आरम्भ करता है। MAT 5 1 c5rq 0 Connecting Statement: यह कहानी के एक नए भाग का आरम्भ है, जिसमें यीशु अपने चेलों को शिक्षा देना आरम्भ करता है। यह भाग अध्याय 7 के अन्त तक जारी रहता है और यह अक्सर पहाड़ी उपदेश कहलाता है। MAT 5 2 q9mm figs-idiom ἀνοίξας τὸ στόμα αὐτοῦ 1 He opened his mouth "यह एक मुहावरा है। वैकल्पिक अनुवाद: ""यीशु ने बात करना आरम्भ किया"" (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-idiom]])" @@ -477,7 +477,7 @@ MAT 6 33 ep2c figs-metonymy ζητεῖτε…πρῶτον τὴν βασιλε MAT 6 33 ak39 figs-activepassive καὶ ταῦτα πάντα προστεθήσεται ὑμῖν 1 all these things will be given to you "इसे सक्रिय रूप में कहा जा सकता है। वैकल्पिक अनुवाद: ""परमेश्वर तुम्हारे लिए इन सब वस्तुओं का प्रबंध करेगा"" (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-activepassive]])" MAT 6 34 qm2a οὖν 1 Therefore इन सबके कारण MAT 6 34 xdg7 figs-personification ἡ…αὔριον μεριμνήσει ἑαυτῆς 1 tomorrow will be anxious for itself "यीशु ""कल"" को ऐसे बोलता है, जैसे कि यह एक व्यक्ति था, जो चिन्ता कर सकता था। यीशु का अर्थ है कि अगले दिन के आने पर एक व्यक्ति के पास चिन्ता करने के लिए बहुत सी बातें होंगी। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-personification]])" -MAT 7 intro bz7e 0 # मत्ती 07 सामान्य टिप्पणियाँ
## संरचना एवं स्वरूपण

यीशु ने इस उपदेश में कई अलग-अलग विषयों के बारे में बात की है, इसलिए जब भी यीशु विषय को बदलता है, तो आप मूलपाठ में रिक्त रेखा को डालने के द्वारा पाठक की सहायता कर सकते हैं।

## इस अध्याय में पाई जाने वाली विशेष अवधारणाएँ

### मत्ती 5-7 अध्याय

कई लोग मत्ती 5-7 अध्याय में दिए हुए वचनों को पहाड़ी उपदेश कहते हैं। यह एक लम्बी शिक्षा है, जिसे यीशु ने सिखाया था। बाइबल इस शिक्षा को तीन अध्यायों में विभाजित करती है, परन्तु यह कभी-कभी पाठक को भ्रमित कर सकता है। यदि आपका अनुवाद पाठ को खण्डों में विभाजित करता है, तो सुनिश्चित करें कि पाठक समझता है कि पूरा उपदेश एक बड़ा खण्ड है।

### ""उनके फलों से तुम उन्हें पहचान लोगे""

पवित्रशास्त्र में फल एक सामान्य चित्र है। इसका उपयोग या तो अच्छे या बुरे कार्यों के परिणामों का वर्णन करने के लिए किया गया है। इस अध्याय में, परमेश्वर के आदेशों के अनुसार जीवन व्यतीत करने का परिणाम अच्छा फल है। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/other/fruit]])
+MAT 7 intro bz7e 0 # मत्ती 07 सामान्य टिप्पणियाँ
## संरचना एवं स्वरूपण

यीशु ने इस उपदेश में कई अलग-अलग विषयों के बारे में बात की है, इसलिए जब भी यीशु विषय को बदलता है, तो आप मूलपाठ में रिक्त रेखा को डालने के द्वारा पाठक की सहायता कर सकते हैं।

## इस अध्याय में पाई जाने वाली विशेष अवधारणाएँ

### मत्ती 5-7 अध्याय

कई लोग मत्ती 5-7 अध्याय में दिए हुए वचनों को पहाड़ी उपदेश कहते हैं। यह एक लम्बी शिक्षा है, जिसे यीशु ने सिखाया था। बाइबल इस शिक्षा को तीन अध्यायों में विभाजित करती है, परन्तु यह कभी-कभी पाठक को भ्रमित कर सकता है। यदि आपका अनुवाद पाठ को खण्डों में विभाजित करता है, तो सुनिश्चित करें कि पाठक समझता है कि पूरा उपदेश एक बड़ा खण्ड है।

### ""उनके फलों से तुम उन्हें पहचान लोगे""

पवित्रशास्त्र में फल एक सामान्य चित्र है। इसका उपयोग या तो अच्छे या बुरे कार्यों के परिणामों का वर्णन करने के लिए किया गया है। इस अध्याय में, परमेश्वर के आदेशों के अनुसार जीवन व्यतीत करने का परिणाम अच्छा फल है। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/other/fruit]])
MAT 7 1 jav3 figs-you 0 General Information: "यीशु लोगों के एक समूह से इस बारे में बात कर रहा है कि उन्हें व्यक्तिगत रूप से क्या करना चाहिए और क्या नहीं करना चाहिए। ""तुम"" के उदाहरण और आज्ञाएँ बहुवचन हैं। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-you]])" MAT 7 1 f4fe 0 Connecting Statement: यीशु अपने चेलों को पहाड़ी उपदेश में शिक्षा देना जारी रखता है, जो [मत्ती 5:3](../05/03.md) में आरम्भ हुई थी। MAT 7 1 xk6w figs-explicit μὴ κρίνετε 1 Do not judge "यहाँ यह बताया गया है कि ""दोष"" का मजबूत अर्थ ""कठोरता से दण्ड देना"" या ""दोषी घोषित करना"" है। वैकल्पिक अनुवाद: ""लोगों को कठोरता से दण्ड न दो"" (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-explicit]])" @@ -553,7 +553,7 @@ MAT 7 27 k4hi ἦν ἡ πτῶσις αὐτῆς μεγάλη 1 its destructi MAT 7 28 jrh7 writing-endofstory 0 General Information: ये पद वर्णन करते हैं कि कैसे भीड़ के उन लोगों ने यीशु की पहाड़ी उपदेश की शिक्षा पर प्रतिक्रिया व्यक्त की। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/writing-endofstory]]) MAT 7 28 hu6z καὶ ἐγένετο, ὅτε 1 It came about that when "यह वाक्यांश यीशु की शिक्षाओं से कहानी को उस तरफ मोड़ता है जो आगे घटित होता है। वैकल्पिक अनुवाद: ""जब"" या ""के बाद""" MAT 7 28 b321 ἐξεπλήσσοντο…ἐπὶ τῇ διδαχῇ αὐτοῦ 1 were astonished by his teaching "7:29 में यह स्पष्ट है कि वे केवल उससे आश्चर्यचकित नहीं थे जो यीशु ने सिखाया था, परन्तु इस पर भी कि जिस तरह से उसने इसे सिखाया था। वैकल्पिक अनुवाद: ""जिस तरह से उसने सिखाया था, उससे आश्चर्यचकित थे""" -MAT 8 intro f33a 0 # मत्ती 08 सामान्य टिप्पणियाँ
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संरचना एवं स्वरूपण

यह अध्याय एक नए खण्ड को आरम्भ करता है।

## इस अध्याय में पाई जाने वाली विशेष अवधारणाएँ

### आश्चर्यकर्म

यीशु ने यह दिखाने के लिए आश्चर्यकर्म किए कि वह उन वस्तुओं को नियन्त्रित कर सकता है, जिसे कोई भी अन्य व्यक्ति नियन्त्रित नहीं कर सकता था। उसने यह भी दिखाया कि उसकी आराधना करना उचित है, क्योंकि उसने आश्चर्यकर्म किए हैं। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/authority]])
+MAT 8 intro f33a 0 # मत्ती 08 सामान्य टिप्पणियाँ
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संरचना एवं स्वरूपण

यह अध्याय एक नए खण्ड को आरम्भ करता है।

## इस अध्याय में पाई जाने वाली विशेष अवधारणाएँ

### आश्चर्यकर्म

यीशु ने यह दिखाने के लिए आश्चर्यकर्म किए कि वह उन वस्तुओं को नियन्त्रित कर सकता है, जिसे कोई भी अन्य व्यक्ति नियन्त्रित नहीं कर सकता था। उसने यह भी दिखाया कि उसकी आराधना करना उचित है, क्योंकि उसने आश्चर्यकर्म किए हैं। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/authority]])
MAT 8 1 qb1d writing-newevent 0 General Information: यह कहानी के एक नए भाग का आरम्भ है, जिसमें यीशु के द्वारा चंगाई के कई विवरण सम्मिलित हैं। यह विषय [मत्ती 9:35](../09/35.md) के माध्यम से जारी रहता है। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/writing-newevent]]) MAT 8 1 clf8 καταβάντος δὲ αὐτοῦ ἀπὸ τοῦ ὄρους, ἠκολούθησαν αὐτῷ ὄχλοι πολλοί 1 When Jesus had come down from the hill, large crowds followed him "यीशु के पहाड़ी से नीचे आने के बाद, एक विशाल जनसमूह उसके पीछे हो लिया। इस भीड़ में ऐसे दोनों ही प्रकार के लोग शामिल हो सकते हैं जो पहाड़ पर उसके साथ थे और जो उसके साथ नहीं थे। MAT 8 2 vas8 ἰδοὺ 1 Behold ""देखो"" शब्द हमें कहानी में एक नए व्यक्ति की ओर को सचेत करता है। आपकी भाषा में ऐसा करने का एक तरीका हो सकता है। @@ -653,7 +653,7 @@ MAT 8 33 ev2w figs-activepassive τὰ τῶν δαιμονιζομένων 1 wh MAT 8 34 b2hp ἰδοὺ 1 Behold यह इस बड़ी कहानी में एक और घटना के आरम्भ को चिन्हित करता है। इसमें पिछली घटनाओं की तुलना में अलग लोग सम्मिलित हो सकते हैं। आपकी भाषा में यह दिखाने का एक तरीका हो सकता है। MAT 8 34 j6sp figs-metonymy πᾶσα ἡ πόλις 1 all the city """नगर"" शब्द नगर के लोगों के लिए एक उपनाम है। ""नगर"" शब्द सम्भवतः इस बात पर जोर देने के लिए बढ़ा चढ़ा कर बोला गया है कि कितने सारे लोग बाहर आए थे। यह आवश्यक नहीं है कि हर व्यक्ति बाहर आया हो। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-metonymy]] और [[rc://hi/ta/man/translate/figs-hyperbole]])" MAT 8 34 bsf4 τῶν ὁρίων αὐτῶν 1 their region उनके इलाके से -MAT 9 intro tg41 0 # मत्ती 09 सामान्य टिप्पणियाँ
## इस अध्याय में पाई जाने वाली विशेष अवधारणाएँ

### ""पापियों""

जब यीशु के समय के लोगों ने ""पापियों"" की बात की, तो वे उन लोगों के बारे में बात कर रहे थे, जिन्होंने मूसा की व्यवस्था का पालन नहीं किया और इसकी अपेक्षा चोरी करना या यौन पापों के जैसे पाप किए थे। जब यीशु ने कहा कि वह ""पापियों"" को बुलाने के लिए आया है, तो उसका अर्थ यह था कि जो विश्वास करते हैं कि वे पापी हैं, केवल वही लोग उसके अनुयायी हो सकते हैं। यह सच है, भले ही वे वैसे नहीं थे जैसे अधिकांश लोग ""पापियों"" के बारे में सोचते हैं। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/sin]])

## इस अध्याय में अन्य सम्भावित अनुवाद की कठिनाइयाँ

### कर्मवाच्य

इस अध्याय के कई वाक्य बताते हैं कि एक व्यक्ति के साथ कुछ घटित हुआ था, यह न बातते हुए कि किसने ऐसा किया था। आपको उस वाक्य का अनुवाद ऐसे करना है, ताकि वह पाठक को बता सके कि किसने यह कार्यवाही की है। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-activepassive]])

### अलंकारिक प्रश्न

इस अध्याय में वक्ताओं ने उन प्रश्नों को पूछा है जिनके उत्तर वे पहले से ही जानते थे। उन्होंने यह दिखाने के लिए कि वे सुनने वालों से आनन्दित नहीं थे या उन्हें शिक्षा देने के लिए या उनके विचार करने के लिए उन प्रश्नों को पूछा। आपकी भाषा में ऐसा करने का दूसरा तरीका हो सकता है। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-rquestion]])

### कहावतें

कहावतों में बहुत छोटे वाक्य होते हैं, जो ऐसे शब्दों का उपयोग करते हैं, जिन्हें किसी ऐसी बात के बारे में बताने के लिए स्मरण रखना आसान होता है जो सामान्य रूप से सत्य है। कहावतों को समझने वाले लोगों को वक्ता की भाषा और संस्कृति के बारे में सामान्य रूप से बहुत कुछ पता होना चाहिए। जब आप इस अध्याय में इन कहावतों का अनुवाद करते हैं, तो आपको वक्ता की तुलना में कहीं अधिक शब्दों का उपयोग करना पड़ सकता है, ताकि आप उस जानकारी को जोड़ सकें जिसका सुनने वालों को पता था, परन्तु आपका पाठक नहीं जानता है। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/writing-proverbs]])
+MAT 9 intro tg41 0 # मत्ती 09 सामान्य टिप्पणियाँ
## इस अध्याय में पाई जाने वाली विशेष अवधारणाएँ

### ""पापियों""

जब यीशु के समय के लोगों ने ""पापियों"" की बात की, तो वे उन लोगों के बारे में बात कर रहे थे, जिन्होंने मूसा की व्यवस्था का पालन नहीं किया और इसकी अपेक्षा चोरी करना या यौन पापों के जैसे पाप किए थे। जब यीशु ने कहा कि वह ""पापियों"" को बुलाने के लिए आया है, तो उसका अर्थ यह था कि जो विश्वास करते हैं कि वे पापी हैं, केवल वही लोग उसके अनुयायी हो सकते हैं। यह सच है, भले ही वे वैसे नहीं थे जैसे अधिकांश लोग ""पापियों"" के बारे में सोचते हैं। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/sin]])

## इस अध्याय में अन्य सम्भावित अनुवाद की कठिनाइयाँ

### कर्मवाच्य

इस अध्याय के कई वाक्य बताते हैं कि एक व्यक्ति के साथ कुछ घटित हुआ था, यह न बातते हुए कि किसने ऐसा किया था। आपको उस वाक्य का अनुवाद ऐसे करना है, ताकि वह पाठक को बता सके कि किसने यह कार्यवाही की है। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-activepassive]])

### अलंकारिक प्रश्न

इस अध्याय में वक्ताओं ने उन प्रश्नों को पूछा है जिनके उत्तर वे पहले से ही जानते थे। उन्होंने यह दिखाने के लिए कि वे सुनने वालों से आनन्दित नहीं थे या उन्हें शिक्षा देने के लिए या उनके विचार करने के लिए उन प्रश्नों को पूछा। आपकी भाषा में ऐसा करने का दूसरा तरीका हो सकता है। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-rquestion]])

### कहावतें

कहावतों में बहुत छोटे वाक्य होते हैं, जो ऐसे शब्दों का उपयोग करते हैं, जिन्हें किसी ऐसी बात के बारे में बताने के लिए स्मरण रखना आसान होता है जो सामान्य रूप से सत्य है। कहावतों को समझने वाले लोगों को वक्ता की भाषा और संस्कृति के बारे में सामान्य रूप से बहुत कुछ पता होना चाहिए। जब आप इस अध्याय में इन कहावतों का अनुवाद करते हैं, तो आपको वक्ता की तुलना में कहीं अधिक शब्दों का उपयोग करना पड़ सकता है, ताकि आप उस जानकारी को जोड़ सकें जिसका सुनने वालों को पता था, परन्तु आपका पाठक नहीं जानता है। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/writing-proverbs]])
MAT 9 1 nl8w 0 Connecting Statement: मत्ती यीशु के लोगों को चंगा करने के विषय पर लौटता है, जिसे उसने [मत्ती 8:1](../08/01.md) में आरम्भ किया था। यह यीशु के एक लकवे के मारे हुए व्यक्ति को चंगा करने का एक वर्णन आरम्भ करता है। MAT 9 1 ly42 figs-activepassive ἐμβὰς εἰς πλοῖο 1 Jesus entered a boat यह निहित है कि चेले यीशु के साथ थे। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-activepassive]]) MAT 9 1 cs8l πλοῖον 1 a boat यह सम्भवतः वही नाव है जो कि [मत्ती 8:23](../08/23.md) में है। आपको केवल भ्रम से बचने के लिए इसे निर्दिष्ट करने की आवश्यकता है। @@ -787,7 +787,7 @@ MAT 9 37 mur4 writing-proverbs ὁ μὲν θερισμὸς πολύς, οἱ MAT 9 37 m6ke ὁ μὲν θερισμὸς πολύς 1 The harvest is plentiful किसी के द्वारा इकट्ठा करने के लिए बहुत सारा पका हुआ भोजन है" MAT 9 37 h3a2 ἐργάται 1 laborers काम करने वालों को MAT 9 38 vz8y δεήθητε…τοῦ Κυρίου τοῦ θερισμοῦ 1 pray to the Lord of the harvest परमेश्वर से प्रार्थना करो, क्योंकि वही इस फसल का कर्ताधर्ता है। -MAT 10 intro m5iu 0 # मत्ती 10 सामान्य टिप्पणियाँ
## इस अध्याय में पाई जाने वाली विशेष अवधारणाएँ

### बारह अनुयायियों को भेजना

इस अध्याय में कई वचन बताते हैं कि यीशु ने बारह चेलों को कैसे भेजा। उसने उन्हें स्वर्ग के राज्य के बारे में अपना संदेश बताने के लिए भेजा। उनको उसका संदेश केवल इस्राएल में बताना था और उसे अन्यजातियों के साथ साझा नहीं करना था।

## इस अध्याय में अन्य सम्भावित अनुवाद की कठिनाइयाँ

### बारह चेले

बारह चेलों की निम्नलिखित सूची है:

मत्ती में:

शमौन (पतरस), अन्द्रियास, जब्दी का पुत्र याकूब, जब्दी का पुत्र यूहन्ना, फिलिप्पुस, बरतुल्मै, थोमा, मत्ती, हलफईस का पुत्र याकूब, तद्दै, शमौन कनानी और यहूदा इस्करियोती।

मरकुस में:

शमौन (पतरस), अन्द्रियास, जब्दी का पुत्र याकूब और जब्दी का पुत्र यूहन्ना (जिसे उसने बुअनरगिस नाम दिया, यानी, गर्जन का पुत्र), फिलिप्पुस, बरतुल्मै, मत्ती, थोमा, हलफईस का पुत्र याकूब, तद्दै, शमौन कनानी, और यहूदा इस्करियोती।

लूका में:

शमौन (पतरस), अन्द्रियास, याकूब, यूहन्ना, फिलिप्पुस, बरतुल्मै, मत्ती, थोमा, हलफई का पुत्र याकूब, शमौन (जो कनानी कहलाता था), याकूब का पुत्र यहूदा और यहूदा इस्करियोती।

तद्दै सम्भवतः याकूब का पुत्र यहूदा ही है।

### ""स्वर्ग का राज्य निकट आ गया है""

जब यूहन्ना ने इन शब्दों को बोला था तो कोई भी निश्चित रूप से नहीं जानता है कि ""स्वर्ग का राज्य"" आ पहुँचा था या आने वाला था। अंग्रेजी अनुवाद अक्सर ""आ पहुँचा है"" वाक्यांश का उपयोग करते हैं, परन्तु इन शब्दों का अनुवाद करना कठिन हो सकता है। अन्य संस्करण ""निकट आ रहा है"" और ""निकट आ पहुँचा है"" वाक्यांशों का उपयोग करते हैं।
+MAT 10 intro m5iu 0 # मत्ती 10 सामान्य टिप्पणियाँ
## इस अध्याय में पाई जाने वाली विशेष अवधारणाएँ

### बारह अनुयायियों को भेजना

इस अध्याय में कई वचन बताते हैं कि यीशु ने बारह चेलों को कैसे भेजा। उसने उन्हें स्वर्ग के राज्य के बारे में अपना संदेश बताने के लिए भेजा। उनको उसका संदेश केवल इस्राएल में बताना था और उसे अन्यजातियों के साथ साझा नहीं करना था।

## इस अध्याय में अन्य सम्भावित अनुवाद की कठिनाइयाँ

### बारह चेले

बारह चेलों की निम्नलिखित सूची है:

मत्ती में:

शमौन (पतरस), अन्द्रियास, जब्दी का पुत्र याकूब, जब्दी का पुत्र यूहन्ना, फिलिप्पुस, बरतुल्मै, थोमा, मत्ती, हलफईस का पुत्र याकूब, तद्दै, शमौन कनानी और यहूदा इस्करियोती।

मरकुस में:

शमौन (पतरस), अन्द्रियास, जब्दी का पुत्र याकूब और जब्दी का पुत्र यूहन्ना (जिसे उसने बुअनरगिस नाम दिया, यानी, गर्जन का पुत्र), फिलिप्पुस, बरतुल्मै, मत्ती, थोमा, हलफईस का पुत्र याकूब, तद्दै, शमौन कनानी, और यहूदा इस्करियोती।

लूका में:

शमौन (पतरस), अन्द्रियास, याकूब, यूहन्ना, फिलिप्पुस, बरतुल्मै, मत्ती, थोमा, हलफई का पुत्र याकूब, शमौन (जो कनानी कहलाता था), याकूब का पुत्र यहूदा और यहूदा इस्करियोती।

तद्दै सम्भवतः याकूब का पुत्र यहूदा ही है।

### ""स्वर्ग का राज्य निकट आ गया है""

जब यूहन्ना ने इन शब्दों को बोला था तो कोई भी निश्चित रूप से नहीं जानता है कि ""स्वर्ग का राज्य"" आ पहुँचा था या आने वाला था। अंग्रेजी अनुवाद अक्सर ""आ पहुँचा है"" वाक्यांश का उपयोग करते हैं, परन्तु इन शब्दों का अनुवाद करना कठिन हो सकता है। अन्य संस्करण ""निकट आ रहा है"" और ""निकट आ पहुँचा है"" वाक्यांशों का उपयोग करते हैं।
MAT 10 1 nhp2 0 Connecting Statement: यह यीशु द्वारा अपने बारह चेलों को उसका काम करने के लिए भेजने के वर्णन को आरंभ करता है। MAT 10 1 gjs9 translate-numbers καὶ προσκαλεσάμενος τοὺς δώδεκα μαθητὰς αὐτοῦ 1 called his twelve disciples together "अपने 12 चेलों को बुलाया (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/translate-numbers]]) MAT 10 1 x1er ἔδωκεν αὐτοῖς ἐξουσίαν 1 gave them authority सुनिश्चित करें कि पाठ स्पष्ट रूप से यह बताता है कि यह अधिकार 1) अशुद्ध आत्माओं को निकालना और (2) बीमारियों और दुर्बलताओं को चंगा करना था। @@ -966,7 +966,7 @@ MAT 10 42 lza6 εἰς ὄνομα μαθητοῦ 1 because he is a disciple MAT 10 42 wx29 ἀμὴν, λέγω ὑμῖν 1 truly I say to you मैं तुमको सत्य बताता हूँ। यह वाक्यांश यीशु आगे जो कहने वाला है, उसके ऊपर जोर देता है। MAT 10 42 y1ie οὐ μὴ ἀπολέσῃ τὸν μισθὸν αὐτοῦ 1 he will ... his reward यहाँ ""वह"" और ""अपना"" शब्द उस देने वाले जन को सन्दर्भित करते हैं। MAT 10 42 d61l οὐ μὴ ἀπολέσῃ 1 he will in no way lose परमेश्वर उसे देने से इंकार न करेगा। इसका ले ली गई सम्पत्ति को पाने से कोई लेना-देना नहीं है। इसे सकारात्मक रूप में व्यक्त किया जा सकता है। वैकल्पिक अनुवाद: ""परमेश्वर निश्चित रूप से उसे दे देगा""" -MAT 11 intro puf4 0 # मत्ती 11 सामान्य टिप्पणियाँ
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संरचना एवं संरूपण

कुछ अनुवाद पुराने नियम के उद्धरणों को पृष्ठ पर शेष पाठ की तुलना में दाईं तरफ आगे की ओर निर्धारित करते हैं। यूएलटी अनुवाद 11:10 में उद्धरित सामग्री के साथ ऐसा करता है।

कुछ विद्वानों का मानना ​​है कि [मत्ती 11:20](../../mat/11/20.md) इस्राएल के उसे अस्वीकृत करने के कारण मसीह की सेवकाई में एक नए चरण को आरम्भ करता है।

## इस अध्याय में पाई जाने वाली विशेष अवधारणाएँ

### छिपा हुआ प्रकाशन

[मत्ती 11:20](../../mat/11/20.md) के बाद, यीशु के बारे में और परमेश्वर पिता की योजनाओं के बारे में जानकारी को प्रकट करना आरम्भ करता है, जबकि इस जानकारी को उन लोगों से छिपाता है, जो उसे अस्वीकार करते हैं ([मत्ती 11:25](../../mat/11/25.md))।

## इस अध्याय में अन्य सम्भावित अनुवाद की कठिनाइयाँ

### ""स्वर्ग का राज्य निकट है""

कोई भी निश्चित रूप से यह नहीं जानता कि जब यूहन्ना ने इन शब्दों को बोला था तो ""स्वर्ग का राज्य"" वर्तमान में था या आनेवाला था। अंग्रेजी अनुवाद अक्सर ""आ पहुँचा है"" वाक्यांश का उपयोग करते हैं, परन्तु इन शब्दों का अनुवाद करना कठिन हो सकता है। अन्य संस्करण ""निकट आ रहा है"" और ""निकट आ पहुँचा है"" वाक्यांशों का उपयोग करते हैं।
+MAT 11 intro puf4 0 # मत्ती 11 सामान्य टिप्पणियाँ
##

संरचना एवं संरूपण

कुछ अनुवाद पुराने नियम के उद्धरणों को पृष्ठ पर शेष पाठ की तुलना में दाईं तरफ आगे की ओर निर्धारित करते हैं। यूएलटी अनुवाद 11:10 में उद्धरित सामग्री के साथ ऐसा करता है।

कुछ विद्वानों का मानना ​​है कि [मत्ती 11:20](../../mat/11/20.md) इस्राएल के उसे अस्वीकृत करने के कारण मसीह की सेवकाई में एक नए चरण को आरम्भ करता है।

## इस अध्याय में पाई जाने वाली विशेष अवधारणाएँ

### छिपा हुआ प्रकाशन

[मत्ती 11:20](../../mat/11/20.md) के बाद, यीशु के बारे में और परमेश्वर पिता की योजनाओं के बारे में जानकारी को प्रकट करना आरम्भ करता है, जबकि इस जानकारी को उन लोगों से छिपाता है, जो उसे अस्वीकार करते हैं ([मत्ती 11:25](../../mat/11/25.md))।

## इस अध्याय में अन्य सम्भावित अनुवाद की कठिनाइयाँ

### ""स्वर्ग का राज्य निकट है""

कोई भी निश्चित रूप से यह नहीं जानता कि जब यूहन्ना ने इन शब्दों को बोला था तो ""स्वर्ग का राज्य"" वर्तमान में था या आनेवाला था। अंग्रेजी अनुवाद अक्सर ""आ पहुँचा है"" वाक्यांश का उपयोग करते हैं, परन्तु इन शब्दों का अनुवाद करना कठिन हो सकता है। अन्य संस्करण ""निकट आ रहा है"" और ""निकट आ पहुँचा है"" वाक्यांशों का उपयोग करते हैं।
MAT 11 1 z2y7 writing-newevent 0 General Information: यह कहानी के एक नए भाग का आरम्भ है, जहाँ मत्ती बताता है कि यीशु ने यूहन्ना बपतिस्मा देनेवाले के चेलों के कैसे प्रतिक्रिया दी। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/writing-newevent]]) MAT 11 1 dr3u καὶ ἐγένετο ὅτε 1 It came about that when "यह वाक्यांश कहानी को यीशु की शिक्षाओं से जो आगे क्या घटित हुआ उस ओर मोड़ता है। वैकल्पिक अनुवाद: ""फिर"" या ""इसके बाद""" MAT 11 1 ki7f ἐτέλεσεν…διατάσσων 1 had finished instructing "शिक्षा देना समाप्त कर दिया था या ""आदेश देना समाप्त कर दिया था।""" @@ -1091,7 +1091,7 @@ MAT 11 29 i3qs figs-metonymy ταπεινὸς τῇ καρδίᾳ 1 lowly in he MAT 11 29 i3ls figs-synecdoche εὑρήσετε ἀνάπαυσιν ταῖς ψυχαῖς ὑμῶν 1 you will find rest for your souls "यहाँ ""मन"" पूरे व्यक्ति को सन्दर्भित करता है। वैकल्पिक अनुवाद: ""तुम अपने लिए आराम को पाओगे"" या ""तुम आराम करने में सक्षम हो जाओगे"" (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-synecdoche]])" MAT 11 30 ynf1 figs-parallelism ὁ γὰρ ζυγός μου χρηστὸς καὶ τὸ φορτίον μου ἐλαφρόν ἐστιν 1 For my yoke is easy and my burden is light "इन दोनों वाक्यांशों का अर्थ एक ही बात है। यीशु इस बात के ऊपर जोर दे रहा है कि यहूदी व्यवस्था की तुलना में उसका आज्ञापालन करना आसान है। वैकल्पिक अनुवाद: ""क्योंकि जो मैं तुम्हारे ऊपर रखता हूँ, उसे तुम उठाने में सक्षम होओगे क्योंकि यह हल्का है"" (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-parallelism]])" MAT 11 30 tc2g τὸ φορτίον μου ἐλαφρόν ἐστιν 1 my burden is light "यहाँ ""हल्का"" शब्द भारी के विपरीत है, अन्धकार के विपरीत नहीं।" -MAT 12 intro y7z6 0 # मत्ती 12 सामान्य टिप्पणियाँ
## संरचना एवं संरूपण

कुछ अनुवाद पढ़ने के लिए आसान बनाने के लिए शेष पाठ की तुलना में कविता की प्रत्येक पंक्ति को दाईं तरफ आगे की ओर व्यवस्थित करते हैं। यूएलटी अनुवाद 12:18-21 की कविता के साथ ऐसा करता है, जो कि पुराने नियम के वचन हैं।

## इस अध्याय में पाई जाने वाली विशेष अवधारणाएँ

### सब्त

इस अध्याय में इस बारे में बहुत कुछ कहा गया है कि परमेश्वर के लोगों को सब्त का पालन कैसे करना है। यीशु ने कहा कि फरीसियों के द्वारा बनाए गए नियमों ने लोगों को सब्त का पालन करने में सहायता नहीं की, जिस तरह से परमेश्वर उनसे चाहता था। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/sabbath]])

### ""आत्मा के विरूद्ध निन्दा""

कोई भी निश्चित रूप से यह नहीं जानता कि लोग क्या करते हैं या वे किन शब्दों को कहते हैं जब वे इस पाप को करते हैं। यद्यपि, वे सम्भवतः पवित्र आत्मा और उसके काम का अपमान करते हैं। पवित्र आत्मा के काम का भाग लोगों को यह समझाना है कि वे पापी हैं और उन्हें परमेश्वर की क्षमा को प्राप्त करने की आवश्यकता है। इसलिए, जो भी पाप करना बन्द करने का प्रयास नहीं करता है वह सम्भवतः आत्मा के विरूद्ध निन्दा का कार्य कर रहा है। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/blasphemy]] और [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/holyspirit]])

## इस अध्याय में अन्य सम्भावित अनुवाद की कठिनाइयाँ

### भाइयों और बहनों

अधिकांश लोग उनको ""भाई"" और ""बहन"" बुलाते हैं, जिनके माता-पिता एक ही हैं और उनके अपने जीवन में सबसे महत्वपूर्ण लोगों के रूप में मानते हैं। बहुत से लोग उन लोगों को भी ""भाई"" और ""बहन"" बुलाते हैं जिनके दादा-दादी एक ही होते हैं। इस अध्याय में यीशु कहता है कि उनके लिए सबसे महत्वपूर्ण लोग वे हैं जो उनके पिता की आज्ञा का पालन करते हैं जो स्वर्ग में है। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/brother]])
+MAT 12 intro y7z6 0 # मत्ती 12 सामान्य टिप्पणियाँ
## संरचना एवं संरूपण

कुछ अनुवाद पढ़ने के लिए आसान बनाने के लिए शेष पाठ की तुलना में कविता की प्रत्येक पंक्ति को दाईं तरफ आगे की ओर व्यवस्थित करते हैं। यूएलटी अनुवाद 12:18-21 की कविता के साथ ऐसा करता है, जो कि पुराने नियम के वचन हैं।

## इस अध्याय में पाई जाने वाली विशेष अवधारणाएँ

### सब्त

इस अध्याय में इस बारे में बहुत कुछ कहा गया है कि परमेश्वर के लोगों को सब्त का पालन कैसे करना है। यीशु ने कहा कि फरीसियों के द्वारा बनाए गए नियमों ने लोगों को सब्त का पालन करने में सहायता नहीं की, जिस तरह से परमेश्वर उनसे चाहता था। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/sabbath]])

### ""आत्मा के विरूद्ध निन्दा""

कोई भी निश्चित रूप से यह नहीं जानता कि लोग क्या करते हैं या वे किन शब्दों को कहते हैं जब वे इस पाप को करते हैं। यद्यपि, वे सम्भवतः पवित्र आत्मा और उसके काम का अपमान करते हैं। पवित्र आत्मा के काम का भाग लोगों को यह समझाना है कि वे पापी हैं और उन्हें परमेश्वर की क्षमा को प्राप्त करने की आवश्यकता है। इसलिए, जो भी पाप करना बन्द करने का प्रयास नहीं करता है वह सम्भवतः आत्मा के विरूद्ध निन्दा का कार्य कर रहा है। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/blasphemy]] और [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/holyspirit]])

## इस अध्याय में अन्य सम्भावित अनुवाद की कठिनाइयाँ

### भाइयों और बहनों

अधिकांश लोग उनको ""भाई"" और ""बहन"" बुलाते हैं, जिनके माता-पिता एक ही हैं और उनके अपने जीवन में सबसे महत्वपूर्ण लोगों के रूप में मानते हैं। बहुत से लोग उन लोगों को भी ""भाई"" और ""बहन"" बुलाते हैं जिनके दादा-दादी एक ही होते हैं। इस अध्याय में यीशु कहता है कि उनके लिए सबसे महत्वपूर्ण लोग वे हैं जो उनके पिता की आज्ञा का पालन करते हैं जो स्वर्ग में है। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/brother]])
MAT 12 1 u1f2 0 General Information: यह कहानी के एक नए भाग का आरम्भ है, जहाँ मत्ती यीशु के सेवकाई के प्रति बढ़ते हुए विरोध के बारे में बताता है। यहाँ, फरीसियों ने सब्त के दिन बालें खाने के लिए उसके चेलों की आलोचना की। MAT 12 1 m2n1 ἐν ἐκείνῳ τῷ καιρῷ 1 At that time "यह कहानी के एक नए भाग को चिन्हित करता है। वैकल्पिक अनुवाद: ""थोड़ी देर के बाद""" MAT 12 1 tvt9 translate-unknown τῶν σπορίμων 1 grainfields "अनाज उगाने का एक स्थान यदि गेहूँ अज्ञात है और ""अनाज"" बहुत सामान्य है, तो आप ""उन पौधों के खेत जिनसे वे रोटी बनाया करते हैं"" का उपयोग कर सकते हैं। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/translate-unknown]])" @@ -1277,7 +1277,7 @@ MAT 12 49 rxe8 figs-metaphor ἡ μήτηρ μου καὶ οἱ ἀδελφοί MAT 12 50 e25c ὅστις…ἂν ποιήσῃ 1 whoever does जो कोई भी ... पर चले MAT 12 50 mq9r guidelines-sonofgodprinciples τοῦ Πατρός 1 Father यह परमेश्वर के लिए एक महत्वपूर्ण उपाधि है। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/guidelines-sonofgodprinciples]]) MAT 12 50 gn31 figs-metaphor αὐτός μου ἀδελφὸς, καὶ ἀδελφὴ, καὶ μήτηρ ἐστίν 1 that person is my brother, and sister, and mother यह एक रूपक है जिसका अर्थ है कि जो लोग परमेश्वर की आज्ञा का पालन करते हैं, वे यीशु के आत्मिक परिवार से सम्बन्धित हैं। यह उसके भौतिक परिवार से सम्बन्धित होने से कहीं अधिक महत्वपूर्ण है। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-metaphor]]) -MAT 13 intro s3lu 0 # मत्ती 13 सामान्य टिप्पणियाँ
## संरचना और संरूपण

कुछ अनुवाद पढ़ने के लिए आसान बनाने के लिए शेष पाठ की तुलना में कविता की प्रत्येक पंक्ति को दाईं तरफ आगे की ओर व्यवस्थित करते हैं। यूएलटी अनुवाद 13:14-15 की कविता के साथ ऐसा करता है, जो कि पुराने नियम के वचन हैं।

यह अध्याय एक नए खण्ड को आरम्भ करता है। इसमें स्वर्ग के राज्य के बारे में यीशु के कुछ दृष्टांत पाए जाते हैं।

## इस अध्याय में बोले जाने वाले महत्वपूर्ण आँकड़े

### उपनाम

यीशु अक्सर ""स्वर्ग"" शब्द कहता है, जब वह अपने सुननेवालों से चाहता है कि वे परमेश्वर के बारे में सोचें, जो स्वर्ग में रहता है ([मत्ती 13:11](../../mat/13/11.md))।

### निहितार्थ सूचना

वक्ता सामान्य रूप से उन बातों को नहीं बोलते जिसके लिए वे सोचते हैं कि उनके सुननेवाले पहले से ही समझते हैं। जब मत्ती ने लिखा कि यीशु ""झील के किनारे जा बैठा"" ([मत्ती 13:1](../../mat/13/01.md)), तो सम्भवतः उसने यह अपेक्षा की थी कि उसके सुननेवाले यह जान लें कि यीशु उन लोगों को शिक्षा देनेवाला था। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-explicit]])

### रूपक

वक्ता अक्सर उन वस्तुओं के शब्दों का उपयोग जिन्हें स्पर्श किया जा सकता है, उन वस्तुओं की बात करने के लिए करते हैं जिन्हें स्पर्श नहीं किया जा सकता है। यीशु ने यह वर्णन करने के लिए एक पक्षी के बीज खाने के बारे में बताया कि शैतान लोगों को यीशु के संदेश को समझने से कैसे दूर रखता है ([मत्ती 13:19](../../mat/13/19.md))।

## इस अध्याय में अनुवाद सम्बन्धित अन्य सम्भावित कठिनाइयाँ

### कर्मवाच्य

इस अध्याय में कई वाक्यों से पता चलता है कि किसी व्यक्ति के साथ कुछ घटित हो गया था, बिना यह बताए कि किसने ऐसा किया था। उदाहरण के लिए, ""वे जल गए थे"" ([मत्ती 13:6](../../mat/13/06.md))। आपको उस वाक्य का अनुवाद ऐसे करना है, ताकि वह पाठक को बता सके कि किसने यह कार्यवाही की है। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-activepassive]])

### दृष्टांत

दृष्टांत छोटी कहानियाँ थीं, जिन्हें यीशु ने इसलिए बताया था, ताकि लोग आसानी से उस शिक्षा को समझ सकें जिसे वह उन्हें सिखाने का प्रयास कर रहा था। उसने ऐसी कहानियों को भी बताया था कि जो लोग उस पर विश्वास नहीं करना चाहते वे सत्य को समझ न पाएँ ([मत्ती 13:11-13](./11.md)).
+MAT 13 intro s3lu 0 # मत्ती 13 सामान्य टिप्पणियाँ
## संरचना और संरूपण

कुछ अनुवाद पढ़ने के लिए आसान बनाने के लिए शेष पाठ की तुलना में कविता की प्रत्येक पंक्ति को दाईं तरफ आगे की ओर व्यवस्थित करते हैं। यूएलटी अनुवाद 13:14-15 की कविता के साथ ऐसा करता है, जो कि पुराने नियम के वचन हैं।

यह अध्याय एक नए खण्ड को आरम्भ करता है। इसमें स्वर्ग के राज्य के बारे में यीशु के कुछ दृष्टांत पाए जाते हैं।

## इस अध्याय में बोले जाने वाले महत्वपूर्ण आँकड़े

### उपनाम

यीशु अक्सर ""स्वर्ग"" शब्द कहता है, जब वह अपने सुननेवालों से चाहता है कि वे परमेश्वर के बारे में सोचें, जो स्वर्ग में रहता है ([मत्ती 13:11](../../mat/13/11.md))।

### निहितार्थ सूचना

वक्ता सामान्य रूप से उन बातों को नहीं बोलते जिसके लिए वे सोचते हैं कि उनके सुननेवाले पहले से ही समझते हैं। जब मत्ती ने लिखा कि यीशु ""झील के किनारे जा बैठा"" ([मत्ती 13:1](../../mat/13/01.md)), तो सम्भवतः उसने यह अपेक्षा की थी कि उसके सुननेवाले यह जान लें कि यीशु उन लोगों को शिक्षा देनेवाला था। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-explicit]])

### रूपक

वक्ता अक्सर उन वस्तुओं के शब्दों का उपयोग जिन्हें स्पर्श किया जा सकता है, उन वस्तुओं की बात करने के लिए करते हैं जिन्हें स्पर्श नहीं किया जा सकता है। यीशु ने यह वर्णन करने के लिए एक पक्षी के बीज खाने के बारे में बताया कि शैतान लोगों को यीशु के संदेश को समझने से कैसे दूर रखता है ([मत्ती 13:19](../../mat/13/19.md))।

## इस अध्याय में अनुवाद सम्बन्धित अन्य सम्भावित कठिनाइयाँ

### कर्मवाच्य

इस अध्याय में कई वाक्यों से पता चलता है कि किसी व्यक्ति के साथ कुछ घटित हो गया था, बिना यह बताए कि किसने ऐसा किया था। उदाहरण के लिए, ""वे जल गए थे"" ([मत्ती 13:6](../../mat/13/06.md))। आपको उस वाक्य का अनुवाद ऐसे करना है, ताकि वह पाठक को बता सके कि किसने यह कार्यवाही की है। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-activepassive]])

### दृष्टांत

दृष्टांत छोटी कहानियाँ थीं, जिन्हें यीशु ने इसलिए बताया था, ताकि लोग आसानी से उस शिक्षा को समझ सकें जिसे वह उन्हें सिखाने का प्रयास कर रहा था। उसने ऐसी कहानियों को भी बताया था कि जो लोग उस पर विश्वास नहीं करना चाहते वे सत्य को समझ न पाएँ ([मत्ती 13:11-13](./11.md)).
MAT 13 1 r4xv 0 General Information: यह कहानी के एक नए भाग का आरम्भ है, जहाँ यीशु स्वर्ग के राज्य के बारे में दृष्टांतों का उपयोग करके भीड़ को शिक्षा देना आरम्भ करता है। MAT 13 1 vx5y ἐν τῇ ἡμέρᾳ ἐκείνῃ 1 On that day ये घटनाएँ उसी दिन हुई थीं, जो कि पिछले अध्याय में घटित हुई थीं। MAT 13 1 cy1t ἐξελθὼν…τῆς οἰκίας 1 out of the house यह उल्लेख नहीं किया गया है कि यीशु किसके घर में रह रहा था। @@ -1477,7 +1477,7 @@ MAT 13 57 azn4 figs-doublenegatives οὐκ ἔστιν προφήτης ἄτι MAT 13 57 sq8j τῇ πατρίδι 1 his own country "उसके अपने क्षेत्र में या ""उसके अपने गृहनगर में""" MAT 13 57 w4x8 ἐν τῇ οἰκίᾳ αὐτοῦ 1 in his own family उसके अपने परिवार में MAT 13 58 e2cp οὐκ ἐποίησεν ἐκεῖ δυνάμεις πολλὰς 1 He did not do many miracles there यीशु ने अपने नगर में बहुत सामर्थ्य के काम नहीं किए -MAT 14 intro g5mc 0 # मत्ती 14 सामान्य टिप्पणियाँ
## संरचना एवं स्वरूपण

पद 1 और 2 अध्याय 13 के वृतान्त को आगे बढ़ाते हैं। पद 3-12 इस वर्णन को रोकते हैं और पहले घटित हुई घटनाओं के बारे में बात करते हैं, सम्भवतः शैतान के द्वारा यीशु की परीक्षा होने तुरन्त बाद (देखें [मत्ती 4:12](../../mat/04/12.md))। पद 13 पद 2 के वृतान्त को आगे बढ़ाता है। पद 3-12 में ऐसे शब्दों को लेना सुनिश्चित करें जो पाठक को बताते हैं कि मत्ती ने अपने वृतान्त को आगे बढ़ाने से पहले नई जानकारी को देने के लिए वृतान्त को रोक दिया था। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/writing-background]])

## इस अध्याय में अनुवाद सम्बन्धित अन्य संभावित कठिनाइयाँ

### कर्मवाच्य

इस अध्याय के कई वाक्य बताते हैं कि एक व्यक्ति के साथ कुछ घटित हुआ था, यह न बताते हुए कि किसने ऐसा किया था। उदाहरण के लिए, लेखक यह नहीं बताता कि यूहन्ना के सिर को हेरोदियास की पुत्री के पास कौन लाया था ([मत्ती 14:11](../../mat/14/11.md))। आपको वाक्य का अनुवाद ऐसे करना पड़ सकता है, ताकि वह पाठक को बता सके कि किसने यह कार्यवाही की है। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-activepassive]])
+MAT 14 intro g5mc 0 # मत्ती 14 सामान्य टिप्पणियाँ
## संरचना एवं स्वरूपण

पद 1 और 2 अध्याय 13 के वृतान्त को आगे बढ़ाते हैं। पद 3-12 इस वर्णन को रोकते हैं और पहले घटित हुई घटनाओं के बारे में बात करते हैं, सम्भवतः शैतान के द्वारा यीशु की परीक्षा होने तुरन्त बाद (देखें [मत्ती 4:12](../../mat/04/12.md))। पद 13 पद 2 के वृतान्त को आगे बढ़ाता है। पद 3-12 में ऐसे शब्दों को लेना सुनिश्चित करें जो पाठक को बताते हैं कि मत्ती ने अपने वृतान्त को आगे बढ़ाने से पहले नई जानकारी को देने के लिए वृतान्त को रोक दिया था। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/writing-background]])

## इस अध्याय में अनुवाद सम्बन्धित अन्य संभावित कठिनाइयाँ

### कर्मवाच्य

इस अध्याय के कई वाक्य बताते हैं कि एक व्यक्ति के साथ कुछ घटित हुआ था, यह न बताते हुए कि किसने ऐसा किया था। उदाहरण के लिए, लेखक यह नहीं बताता कि यूहन्ना के सिर को हेरोदियास की पुत्री के पास कौन लाया था ([मत्ती 14:11](../../mat/14/11.md))। आपको वाक्य का अनुवाद ऐसे करना पड़ सकता है, ताकि वह पाठक को बता सके कि किसने यह कार्यवाही की है। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-activepassive]])
MAT 14 1 zl7x figs-events 0 General Information: ये वचन हेरोदेस की प्रतिक्रिया की व्याख्या करते हैं, जब उसने यीशु के बारे में सुना। कथा में आने वाली घटनाओं के कुछ समय बाद यह घटना घटित होती है। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-events]]) MAT 14 1 q8h5 ἐν ἐκείνῳ τῷ καιρῷ 1 About that time "उन दिनों में या ""जिस समय यीशु गलील में सेवा कर रहा था""" MAT 14 1 l9ur ἤκουσεν…τὴν ἀκοὴν Ἰησοῦ 1 heard the news about Jesus "यीशु के बारे में बातों को सुना या ""यीशु की प्रसिद्धि के बारे में सुना""" @@ -1558,7 +1558,7 @@ MAT 14 35 xd7c ἀπέστειλαν 1 they sent messages उस क्षे MAT 14 36 ql3y καὶ παρεκάλουν αὐτὸν 1 They begged him बीमार लोग उससे विनती करने लगे MAT 14 36 x8jv τοῦ ἱματίου αὐτοῦ 1 his garment "अपना कुर्ता या ""जो वह पहने हुए था""" MAT 14 36 mw8n figs-activepassive διεσώθησαν 1 were healed "इसे सक्रिय रूप में कहा जा सकता है। वैकल्पिक अनुवाद: ""अच्छे हो गए"" (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-activepassive]])" -MAT 15 intro i9a5 0 # मत्ती 15 सामान्य टिप्पणियाँ
## संरचना एवं स्वरूपण

कुछ अनुवाद पढ़ने के लिए आसान बनाने हेतु शेष पाठ की तुलना में कविता की प्रत्येक पंक्ति को दाईं तरफ आगे की ओर व्यवस्थित करते हैं। यूएलटी अनुवाद 15:8-9 में कविता के साथ ऐसा करता है, जो कि पुराने नियम के वचन हैं।

## इस अध्याय में पाई जाने वाली विशेष अवधारणाएँ

### ""पूर्वजों की परम्पराएँ""

""पूर्वजों की परम्पराएँ"" मौखिक व्यवस्थाएँ थीं, जिन्हें यहूदी धार्मिक अगुवों ने इसलिए विकसित किया क्योंकि वे यह सुनिश्चित करना चाहते थे कि हर किसी ने मूसा की व्यवस्था का पालन किया है। यद्यपि, उन्होंने अक्सर मूसा की व्यवस्थाओं का पालन करने की अपेक्षा इन नियमों का पालन करने के लिए कठोर परिश्रम किया था। यीशु ने इसके लिए धार्मिक अगुवों को डाँटा, और जिसके परिणामस्वरूप वे क्रोधित हो गए। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/lawofmoses]])

### यहूदी और अन्यजाति

यीशु के समय के यहूदी सोचते थे जिस तरह यहूदी लोग जीवन जीते थे, केवल वे ही परमेश्वर को प्रसन्न कर सकते थे। यीशु ने एक अन्यजाति कनानी स्त्री की पुत्री को अपने अनुयायियों को यह दिखाने के लिए चंगा किया कि वह यहूदियों और अन्यजातियों दोनों को अपने लोगों के रूप में ग्रहण करेगा।

## इस अध्याय में अन्य संभावित अनुवाद की कठिनाइयाँ

### बाइबल अक्सर लोगों को ऐसे बोलती है जैसे कि वे भेड़ें हों, क्योंकि भेड़ों को उनकी देखभाल करने के लिए किसी की आवश्यकता होती है। ऐसा इसलिए है क्योंकि वे अच्छी तरह से नहीं देखती हैं और वे अक्सर वहाँ चली जाती हैं, जहाँ अन्य जानवर आसानी से उन्हें मार सकते हैं। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-metaphor]])
+MAT 15 intro i9a5 0 # मत्ती 15 सामान्य टिप्पणियाँ
## संरचना एवं स्वरूपण

कुछ अनुवाद पढ़ने के लिए आसान बनाने हेतु शेष पाठ की तुलना में कविता की प्रत्येक पंक्ति को दाईं तरफ आगे की ओर व्यवस्थित करते हैं। यूएलटी अनुवाद 15:8-9 में कविता के साथ ऐसा करता है, जो कि पुराने नियम के वचन हैं।

## इस अध्याय में पाई जाने वाली विशेष अवधारणाएँ

### ""पूर्वजों की परम्पराएँ""

""पूर्वजों की परम्पराएँ"" मौखिक व्यवस्थाएँ थीं, जिन्हें यहूदी धार्मिक अगुवों ने इसलिए विकसित किया क्योंकि वे यह सुनिश्चित करना चाहते थे कि हर किसी ने मूसा की व्यवस्था का पालन किया है। यद्यपि, उन्होंने अक्सर मूसा की व्यवस्थाओं का पालन करने की अपेक्षा इन नियमों का पालन करने के लिए कठोर परिश्रम किया था। यीशु ने इसके लिए धार्मिक अगुवों को डाँटा, और जिसके परिणामस्वरूप वे क्रोधित हो गए। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/lawofmoses]])

### यहूदी और अन्यजाति

यीशु के समय के यहूदी सोचते थे जिस तरह यहूदी लोग जीवन जीते थे, केवल वे ही परमेश्वर को प्रसन्न कर सकते थे। यीशु ने एक अन्यजाति कनानी स्त्री की पुत्री को अपने अनुयायियों को यह दिखाने के लिए चंगा किया कि वह यहूदियों और अन्यजातियों दोनों को अपने लोगों के रूप में ग्रहण करेगा।

## इस अध्याय में अन्य संभावित अनुवाद की कठिनाइयाँ

### बाइबल अक्सर लोगों को ऐसे बोलती है जैसे कि वे भेड़ें हों, क्योंकि भेड़ों को उनकी देखभाल करने के लिए किसी की आवश्यकता होती है। ऐसा इसलिए है क्योंकि वे अच्छी तरह से नहीं देखती हैं और वे अक्सर वहाँ चली जाती हैं, जहाँ अन्य जानवर आसानी से उन्हें मार सकते हैं। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-metaphor]])
MAT 15 1 q6af writing-newevent 0 General Information: यहाँ दृश्य पिछले अध्याय की घटनाओं के कुछ समय बाद घटित हुई घटनाओं की ओर मुड़ जाता है। यहाँ यीशु फरीसियों की आलोचनाओं का प्रतिउत्तर देता है। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/writing-newevent]]) MAT 15 2 j1b8 figs-rquestion διὰ τί οἱ μαθηταί σου παραβαίνουσιν τὴν παράδοσιν τῶν πρεσβυτέρων? 1 Why do your disciples violate the traditions of the elders? "यीशु और उसके चेलों की आलोचना करने के लिए फरीसी और शास्त्री इस प्रश्न का उपयोग करते हैं। वैकल्पिक अनुवाद: ""तेरे चेले उन नियमों का सम्मान नहीं करते हैं, जो हमारे पूर्वजों ने हमें दिए हैं।"" (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-rquestion]])" MAT 15 2 yn6l τὴν παράδοσιν τῶν πρεσβυτέρων 1 traditions of the elders यह मूसा की व्यवस्था के समान नहीं है। यह मूसा के बाद धार्मिक अगुवों के द्वारा दी हुई व्यवस्था की बाद की शिक्षाओं और व्याख्याओं को सन्दर्भित करता है। @@ -1640,7 +1640,7 @@ MAT 15 38 udk7 οἱ…ἐσθίοντες 1 Those who ate जो लोग ख MAT 15 38 z66m translate-numbers τετρακισχίλιοι ἄνδρες 1 four thousand men "4,000 पुरुष (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/translate-numbers]]) MAT 15 39 be43 τὰ ὅρια 1 the region इलाके" MAT 15 39 m8dp translate-names Μαγαδάν 1 Magadan "इस क्षेत्र को कभी-कभी ""मगदाला"" भी कहा जाता है। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/translate-names]])" -MAT 16 intro za2k 0 # मत्ती 16 सामान्य टिप्पणियाँ
## इस अध्याय में पाई जाने वाली विशेष अवधारणाएँ

### खमीर

जिस तरीके से लोग परमेश्वर के बारे में सोचते थे उसके लिए यीशु ने ऐसे बोला जैसे कि वह रोटी हो, और परमेश्वर के बारे में लोग जो शिक्षा देते थे उसके लिए उसने ऐसे बोला जैसे कि वह खमीर हो जो रोटी पिण्ड को बड़ा बना देता है और पकाई हुई रोटी अच्छा स्वाद देती है। वह नहीं चाहता था कि उसके अनुयायी फरीसियों और सदूकियों की शिक्षाओं को सुनें। ऐसा इसलिए था क्योंकि यदि उन्होंने सुना, तो वे समझ नहीं पाएँगे कि परमेश्वर कौन है और वह अपने लोगों से किस तरह के जीवन जीने को चाहता है। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-metaphor]])

## इस अध्याय के महत्वपूर्ण अलंकार

### यीशु ने अपने लोगों से उसके आदेशों का पालन करने के लिए कहा। उसने उन्हें उसका ""अनुसरण"" करने के लिए कहने के द्वारा ऐसा किया। यह ऐसा है जैसे कि वह एक पथ पर चल रहा हो और वे उसके पीछे चल रहे हों। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-metaphor]])

## इस अध्याय में अन्य संभावित अनुवाद की कठिनाइयाँ

### पृष्ठभूमि की जानकारी

मत्ती पद 1-20 में अपने अध्याय 15 के वर्णन को जारी रखता है। यह वर्णन पद 21 में रुक जाता है, ताकि मत्ती पाठक को यह बता सके कि यीशु ने बार-बार अपने चेलों से कहा था कि उसके यरूशलेम में आने के बाद लोग उसे मार डालेंगे। तब यह वर्णन पद 22-27 में इस बात के साथ आगे बढ़ता है कि पहली बार जब यीशु ने चेलों से कहा कि वह मर जाएगा तो क्या हुआ।

### विरोधाभास

एक विरोधाभास एक सच्चा कथन होता है, जो किसी असंभव बात का वर्णन करने के लिए प्रकट होता है। यीशु एक विरोधाभास का उपयोग करता है, जब वह कहता है, ""जो कोई अपने प्राण बचाना चाहे, वह उसे खोएगा; और जो कोई मेरे लिए अपने प्राण खोएगा, वह उसे पाएगा"" ([मत्ती 16:25](../../mat/16/25.md))।
+MAT 16 intro za2k 0 # मत्ती 16 सामान्य टिप्पणियाँ
## इस अध्याय में पाई जाने वाली विशेष अवधारणाएँ

### खमीर

जिस तरीके से लोग परमेश्वर के बारे में सोचते थे उसके लिए यीशु ने ऐसे बोला जैसे कि वह रोटी हो, और परमेश्वर के बारे में लोग जो शिक्षा देते थे उसके लिए उसने ऐसे बोला जैसे कि वह खमीर हो जो रोटी पिण्ड को बड़ा बना देता है और पकाई हुई रोटी अच्छा स्वाद देती है। वह नहीं चाहता था कि उसके अनुयायी फरीसियों और सदूकियों की शिक्षाओं को सुनें। ऐसा इसलिए था क्योंकि यदि उन्होंने सुना, तो वे समझ नहीं पाएँगे कि परमेश्वर कौन है और वह अपने लोगों से किस तरह के जीवन जीने को चाहता है। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-metaphor]])

## इस अध्याय के महत्वपूर्ण अलंकार

### यीशु ने अपने लोगों से उसके आदेशों का पालन करने के लिए कहा। उसने उन्हें उसका ""अनुसरण"" करने के लिए कहने के द्वारा ऐसा किया। यह ऐसा है जैसे कि वह एक पथ पर चल रहा हो और वे उसके पीछे चल रहे हों। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-metaphor]])

## इस अध्याय में अन्य संभावित अनुवाद की कठिनाइयाँ

### पृष्ठभूमि की जानकारी

मत्ती पद 1-20 में अपने अध्याय 15 के वर्णन को जारी रखता है। यह वर्णन पद 21 में रुक जाता है, ताकि मत्ती पाठक को यह बता सके कि यीशु ने बार-बार अपने चेलों से कहा था कि उसके यरूशलेम में आने के बाद लोग उसे मार डालेंगे। तब यह वर्णन पद 22-27 में इस बात के साथ आगे बढ़ता है कि पहली बार जब यीशु ने चेलों से कहा कि वह मर जाएगा तो क्या हुआ।

### विरोधाभास

एक विरोधाभास एक सच्चा कथन होता है, जो किसी असंभव बात का वर्णन करने के लिए प्रकट होता है। यीशु एक विरोधाभास का उपयोग करता है, जब वह कहता है, ""जो कोई अपने प्राण बचाना चाहे, वह उसे खोएगा; और जो कोई मेरे लिए अपने प्राण खोएगा, वह उसे पाएगा"" ([मत्ती 16:25](../../mat/16/25.md))।
MAT 16 1 t249 0 General Information: यह यीशु और फरीसियों और सदूकियों के बीच आमना-सामना होने को आरम्भ करता है। MAT 16 1 t7p5 πειράζοντες 1 tested him "यहाँ ""परखने"" का उपयोग नकारात्मक अर्थ में किया गया है। वैकल्पिक अनुवाद: ""उसे चुनौती दी"" या ""उसे फँसाना चाहते थे""" MAT 16 2 jff6 figs-explicit 0 When it is evening "इस स्थिति को और अधिक स्पष्ट रूप से बताया जा सकता है। वैकल्पिक अनुवाद: ""यदि सांझ को आकाश लाल होता है"" या ""यदि सूर्य अस्त होते समय आकाश लाल होता है"" (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-explicit]])" @@ -1720,7 +1720,7 @@ MAT 16 28 ytr3 ἀμὴν, λέγω ὑμῖν 1 Truly I say to you "मैं MAT 16 28 k2d1 figs-you ὑμῖν 1 you जितनी बार भी यह शब्द आया है वे सभी बहुवचन हैं और चेलों को सन्दर्भित करते हैं। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-you]]) MAT 16 28 wq13 figs-idiom οὐ μὴ γεύσωνται θανάτου 1 will not taste death यहाँ ""स्वाद"" का अर्थ अनुभव करना है। वैकल्पिक अनुवाद: ""मृत्यु का अनुभव नहीं करेंगे"" या ""नहीं मरेंगे"" (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-idiom]]) MAT 16 28 b2pb figs-metonymy ἕως ἂν ἴδωσιν τὸν Υἱὸν τοῦ Ἀνθρώπου ἐρχόμενον ἐν τῇ βασιλείᾳ αὐτοῦ 1 until they see the Son of Man coming in his kingdom ""उसके राज्य"" यहाँ उसके राजा हो जाने का प्रतिनिधित्व करता है। वैकल्पिक अनुवाद: ""जब तक कि वे मनुष्य के पुत्र को राजा के रूप में आते हुए नहीं देख लेंगे"" या ""जब तक कि वे यह प्रमाण नहीं देख लेंगे कि मनुष्य का पुत्र राजा है"" (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-metonymy]]) -MAT 17 intro yb4k 0 # मत्ती 17 सामान्य टिप्पणियाँ
## इस अध्याय में पाई जाने वाली विशेष अवधारणाएँ

### एलिय्याह

पुराने नियम का मलाकी भविष्यद्वक्ता यीशु के जन्म से कई वर्ष पहले रहा करता था। मलाकी ने कहा था कि मसीह के आने से पहले एलिय्याह नाम का एक भविष्यद्वक्ता वापस आएगा। यीशु ने व्याख्या दी थी कि मलाकी यूहन्ना बपतिस्मा देनेवाले के बारे में बात कर रहा था। यीशु ने यह इसलिए कहा क्योंकि यूहन्ना बपतिस्मा देनेवाले ने वैसा ही किया था, जो मलाकी ने कहा था कि एलिय्याह करेगा। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/prophet]] और [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/christ]])

### ""रूपान्तरण""

पवित्रशास्त्र अक्सर परमेश्वर की महिमा को एक बड़े, वैभवशाली प्रकाश के रूप में बोलता है। जब लोग इस प्रकाश को देखते हैं, तो वे डर जाते हैं। मत्ती इस अध्याय में कहता है कि यीशु का शरीर इस वैभवशाली प्रकाश से चमका ताकि उसके अनुयायी देख सकें कि यीशु वास्तव में परमेश्वर का पुत्र था। उसी समय, परमेश्वर ने उनसे कहा कि यीशु उसका पुत्र था। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/glory]] और [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/fear]])
+MAT 17 intro yb4k 0 # मत्ती 17 सामान्य टिप्पणियाँ
## इस अध्याय में पाई जाने वाली विशेष अवधारणाएँ

### एलिय्याह

पुराने नियम का मलाकी भविष्यद्वक्ता यीशु के जन्म से कई वर्ष पहले रहा करता था। मलाकी ने कहा था कि मसीह के आने से पहले एलिय्याह नाम का एक भविष्यद्वक्ता वापस आएगा। यीशु ने व्याख्या दी थी कि मलाकी यूहन्ना बपतिस्मा देनेवाले के बारे में बात कर रहा था। यीशु ने यह इसलिए कहा क्योंकि यूहन्ना बपतिस्मा देनेवाले ने वैसा ही किया था, जो मलाकी ने कहा था कि एलिय्याह करेगा। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/prophet]] और [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/christ]])

### ""रूपान्तरण""

पवित्रशास्त्र अक्सर परमेश्वर की महिमा को एक बड़े, वैभवशाली प्रकाश के रूप में बोलता है। जब लोग इस प्रकाश को देखते हैं, तो वे डर जाते हैं। मत्ती इस अध्याय में कहता है कि यीशु का शरीर इस वैभवशाली प्रकाश से चमका ताकि उसके अनुयायी देख सकें कि यीशु वास्तव में परमेश्वर का पुत्र था। उसी समय, परमेश्वर ने उनसे कहा कि यीशु उसका पुत्र था। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/glory]] और [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/fear]])
MAT 17 1 u6dw 0 General Information: यह यीशु के रूपान्तरण के वृतान्त को आरम्भ करता है। MAT 17 1 nva7 τὸν Πέτρον, καὶ Ἰάκωβον, καὶ Ἰωάννην, τὸν ἀδελφὸν αὐτοῦ 1 Peter, James, और John his brother पतरस, याकूब, और याकूब का भाई यूहन्ना" MAT 17 2 xx8e μετεμορφώθη ἔμπροσθεν αὐτῶν 1 He was transfigured before them जब उन्होंने उसे देखा, तब उसका रूप जैसा पहले था, उससे बहुत अधिक भिन्न था। @@ -1784,7 +1784,7 @@ MAT 17 27 ebj4 τὸ στόμα αὐτοῦ 1 its mouth उस मछली MAT 17 27 t9t8 translate-bmoney στατῆρα 1 a shekel चार दिन की मजदूरी के बराबर चाँदी का एक सिक्का (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/translate-bmoney]]) MAT 17 27 ej3l ἐκεῖνον λαβὼν 1 Take it सिक्के को लेकर MAT 17 27 km3v figs-you ἀντὶ ἐμοῦ καὶ σοῦ 1 for me and you "यहाँ ""तुझे"" एकवचन है और पतरस को सन्दर्भित करता है। प्रत्येक व्यक्ति को आधा शेकेल कर का भुगतान करना पड़ता था। इसलिए एक शेकेल यीशु और पतरस के लिए अपने करों का भुगतान करने के लिए पर्याप्त होगा। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-you]])" -MAT 18 intro m4y6 0 # मत्ती 18 सामान्य टिप्पणियाँ
## इस अध्याय में पाई जाने वाली विशेष अवधारणाएँ

### यीशु के अनुयायियों को क्या करना चाहिए, जब अन्य अनुयायी उनके विरूद्ध पाप करते हैं?

यीशु ने सिखाया कि उसके अनुयायियों को एक दूसरे के साथ अच्छी रीति से व्यवहार करना चाहिए और एक दूसरे से गुस्सा नहीं होना चाहिए। उन्हें हर उस व्यक्ति को क्षमा करना चाहिए, जिसे अपने पाप के लिए खेदित होता है, भले ही उसने वही पाप पहले भी क्यों न किया हो। यदि वह अभी भी अपने पाप के लिए खेदित नहीं है, तो यीशु के अनुयायियों को एकान्त या छोटे समूह में उनके साथ बात करनी चाहिए। यदि उसके बाद भी वह खेदित नहीं होता है, तो यीशु के अनुयायी उसके साथ दोषी के जैसे व्यवहार कर सकते हैं। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/repent]] और [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/sin]])
+MAT 18 intro m4y6 0 # मत्ती 18 सामान्य टिप्पणियाँ
## इस अध्याय में पाई जाने वाली विशेष अवधारणाएँ

### यीशु के अनुयायियों को क्या करना चाहिए, जब अन्य अनुयायी उनके विरूद्ध पाप करते हैं?

यीशु ने सिखाया कि उसके अनुयायियों को एक दूसरे के साथ अच्छी रीति से व्यवहार करना चाहिए और एक दूसरे से गुस्सा नहीं होना चाहिए। उन्हें हर उस व्यक्ति को क्षमा करना चाहिए, जिसे अपने पाप के लिए खेदित होता है, भले ही उसने वही पाप पहले भी क्यों न किया हो। यदि वह अभी भी अपने पाप के लिए खेदित नहीं है, तो यीशु के अनुयायियों को एकान्त या छोटे समूह में उनके साथ बात करनी चाहिए। यदि उसके बाद भी वह खेदित नहीं होता है, तो यीशु के अनुयायी उसके साथ दोषी के जैसे व्यवहार कर सकते हैं। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/repent]] और [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/sin]])
MAT 18 1 f7zv 0 General Information: यह कहानी के एक नए भाग की आरम्भ है, जो [मत्ती 18:35](../18/35.md) के माध्यम से होकर चलती है, जहाँ यीशु स्वर्ग के राज्य के जीवन के बारे में शिक्षा देता है। यहाँ, यीशु चेलों को सिखाने के लिए एक छोटे बच्चे का उपयोग करता है। MAT 18 1 iri5 τίς ἄρα μείζων ἐστὶν 1 Who is greatest "सबसे महत्वपूर्ण कौन है या ""हम में से कौन सबसे महत्वपूर्ण होगा""" MAT 18 1 pp31 figs-metonymy ἐν τῇ Βασιλεία τῶν Οὐρανῶν 1 in the kingdom of heaven "वाक्यांश ""स्वर्ग का राज्य"" राजा के रूप में परमेश्वर के शासन को सन्दर्भित करता है। यह वाक्यांश केवल मत्ती की पुस्तक में उपयोग किया गया है। यदि संभव हो, तो अपने अनुवाद में “स्वर्ग” को रखें। वैकल्पिक अनुवाद: ""परमेश्वर के राज्य में"" या ""जब हमारा स्वर्गीय परमेश्वर पृथ्वी पर अपना शासन स्थापित करता है"" (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-metonymy]])" @@ -1879,7 +1879,7 @@ MAT 18 34 e14m figs-activepassive τὸ ὀφειλόμενον 1 that was owed MAT 18 35 pm1d guidelines-sonofgodprinciples ὁ Πατήρ μου ὁ οὐράνιος 1 my heavenly Father यह परमेश्वर के लिए एक महत्वपूर्ण उपाधि है, जो परमेश्वर और यीशु के बीच के सम्बन्धों का वर्णन करती है। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/guidelines-sonofgodprinciples]]) MAT 18 35 q8p9 figs-you ὑμῖν…ὑμῶν 1 to you ... your जितनी बार भी ये शब्द आए हैं वे सभी बहुवचन हैं। यीशु अपने चेलों से बात कर रहा है, परन्तु यह दृष्टांत एक सामान्य सत्य की शिक्षा देता है, जो सभी विश्वासियों पर लागू होता है। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-you]]) MAT 18 35 c4fw figs-metonymy ἀπὸ τῶν καρδιῶν ὑμῶν 1 from your heart "यहाँ ""मन"" किसी व्यक्ति के आंतरिक मनुष्यत्व के लिए एक उपनाम है। ""अपने मन से"" वाक्यांश एक मुहावरा है, जिसका अर्थ है ""ईमानदारी से""। वैकल्पिक अनुवाद: ""ईमानदारी से"" या ""पूरी तरह से"" (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-metonymy]] और [[rc://hi/ta/man/translate/figs-idiom]])" -MAT 19 intro ewl5 0 # मत्ती 19 सामान्य टिप्पणियाँ
## इस अध्याय में पाई जाने वाली विशेष अवधारणाएँ

### तलाक

यीशु तलाक के बारे में इसलिए शिक्षा देता है, क्योंकि फरीसी चाहते थे कि लोग सोचें कि तलाक के बारे में यीशु की शिक्षा गलत थी ([मत्ती 19:3-12](./03.md))। यीशु ने इस बारे में बात की कि परमेश्वर ने विवाह के बारे में पहले क्या कहा था, जब उसने इसे बनाया था।

## इस अध्याय के महत्वपूर्ण अलंकार

### उपनाम

यीशु अक्सर ""स्वर्ग"" शब्द को बोलता है, जब वह चाहता है कि उसके सुनने वाले परमेश्वर के बारे में सोचें, जो स्वर्ग में रहता है ([मत्ती 1:12](../../mat/01/12.md))।
+MAT 19 intro ewl5 0 # मत्ती 19 सामान्य टिप्पणियाँ
## इस अध्याय में पाई जाने वाली विशेष अवधारणाएँ

### तलाक

यीशु तलाक के बारे में इसलिए शिक्षा देता है, क्योंकि फरीसी चाहते थे कि लोग सोचें कि तलाक के बारे में यीशु की शिक्षा गलत थी ([मत्ती 19:3-12](./03.md))। यीशु ने इस बारे में बात की कि परमेश्वर ने विवाह के बारे में पहले क्या कहा था, जब उसने इसे बनाया था।

## इस अध्याय के महत्वपूर्ण अलंकार

### उपनाम

यीशु अक्सर ""स्वर्ग"" शब्द को बोलता है, जब वह चाहता है कि उसके सुनने वाले परमेश्वर के बारे में सोचें, जो स्वर्ग में रहता है ([मत्ती 1:12](../../mat/01/12.md))।
MAT 19 1 nj6t writing-background 0 General Information: यह कहानी के एक नए भाग का आरम्भ है, जो [मत्ती 22:46](../22/46.md) के माध्यम से होकर चलती है, जो यीशु के यहूदिया में सेवा करने के बारे में बताती है। ये वचन पृष्ठभूमि की जानकारी प्रदान करते हैं कि यीशु यहूदिया में कैसे आया था। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/writing-background]]) MAT 19 1 ap4g ἐγένετο, ὅτε 1 It came about that when "यह वाक्यांश यीशु की शिक्षाओं से कहानी को आगे जो घटित हुआ उस ओर मोड़ता है। वैकल्पिक अनुवाद: ""जब"" या ""बाद में""" MAT 19 1 c5j9 figs-metonymy ἐτέλεσεν…τοὺς λόγους τούτους 1 had finished these words "यहाँ ""बातें"" का अर्थ जो यीशु ने [मत्ती 18:1](../18/01.md) में आरम्भ करके सिखाया था। वैकल्पिक अनुवाद: ""इन बातों की शिक्षा देना समाप्त कर दिया था"" (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-metonymy]])" @@ -1944,7 +1944,7 @@ MAT 19 29 gq8p figs-metonymy ἕνεκεν τοῦ ἐμοῦ ὀνόματός MAT 19 29 bzt3 translate-numbers ἑκατονταπλασίονα λήμψεται 1 receive one hundred times जितना उसने छोड़ा था उसको परमेश्वर से उनकी 100 गुना अच्छी वस्तुएँ प्राप्त होंगी (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/translate-numbers]]) MAT 19 29 z8wb figs-idiom ζωὴν αἰώνιον κληρονομήσει 1 inherit eternal life यह एक मुहावरा है, जिसका अर्थ है ""परमेश्वर उन्हें अनन्त जीवन की आशीष देगा"" या ""परमेश्वर उन्हें सदाकाल का जीवन देगा।"" (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-idiom]]) MAT 19 30 u8p3 πολλοὶ δὲ ἔσονται πρῶτοι ἔσχατοι, καὶ ἔσχατοι πρῶτοι 1 But many who are first will be last, और the last will be first यहाँ ""पहला"" और ""पिछला"" लोगों की प्रतिष्ठा या महत्व को उद्धरित करता है। यीशु लोगों की अब की प्रतिष्ठा की तुलना उनकी स्वर्ग के राज्य में प्रतिष्ठा के साथ कर रहा है। वैकल्पिक अनुवाद: ""परन्तु बहुत से लोग जो अब महत्वपूर्ण जान पड़ते हैं, वे कम महत्वपूर्ण होंगे, और जो लोग अब महत्वहीन जान पड़ते हैं वे बहुत महत्वपूर्ण हो जाएँगे""" -MAT 20 intro z39h 0 # मत्ती 20 सामान्य टिप्पणियाँ
## इस अध्याय में पाई जाने वाली विशेष अवधारणाएँ

### गृहस्थ और उसकी दाख की बारी का दृष्टान्त

यीशु इस दृष्टान्त को ([मत्ती 20:1-16](./01.md)) में अपने चेलों को यह शिक्षा देने के लिए बताता है कि जिसे परमेश्वर सही कहते हैं, वह उसकी तुलना में भिन्न है जिसे लोग सही कहते हैं।
+MAT 20 intro z39h 0 # मत्ती 20 सामान्य टिप्पणियाँ
## इस अध्याय में पाई जाने वाली विशेष अवधारणाएँ

### गृहस्थ और उसकी दाख की बारी का दृष्टान्त

यीशु इस दृष्टान्त को ([मत्ती 20:1-16](./01.md)) में अपने चेलों को यह शिक्षा देने के लिए बताता है कि जिसे परमेश्वर सही कहते हैं, वह उसकी तुलना में भिन्न है जिसे लोग सही कहते हैं।
MAT 20 1 k7sw 0 Connecting Statement: यीशु लिए मजदूरों को काम पर रखने वाले एक गृहस्थ के बारे में यह बताने के एक दृष्टान्त बताता है कि परमेश्वर उन लोगों को कैसे पुरस्कृत करेगा जो स्वर्ग के राज्य से सम्बन्धित हैं। MAT 20 1 q9qc figs-parables ὁμοία γάρ ἐστιν ἡ Βασιλεία τῶν Οὐρανῶν 1 For the kingdom of heaven is like यह एक दृष्टान्त का आरम्भ है। देखें कि आपने [मत्ती 13:24](../13/24.md) में दृष्टान्त के परिचय का अनुवाद कैसे किया है। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-parables]]) MAT 20 2 wd43 συμφωνήσας 1 After he had agreed जब गृहस्थ सहमत हो गया था @@ -2030,7 +2030,7 @@ MAT 20 32 f5mw ἐφώνησεν αὐτοὺς 1 called to them उन अन MAT 20 32 fd9x τί θέλετε 1 do you wish तुम इच्छुक हो MAT 20 33 yb39 figs-metaphor ἵνα ἀνοιγῶσιν οἱ ὀφθαλμοὶ ἡμῶν 1 that our eyes may be opened "वे व्यक्ति देखने में सक्षम होने को ऐसे बोलते हैं जैसे कि उनकी आँखें खोली जा सकती हैं। यीशु के पिछले प्रश्न के कारण, हम समझते हैं कि वे अपनी इच्छा को व्यक्त कर रहे थे। वैकल्पिक अनुवाद: ""हम चाहते हैं कि तू हमारी आँखें खोले"" या ""हम देखने में सक्षम होना चाहते हैं"" (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-metaphor]] और [[rc://hi/ta/man/translate/figs-ellipsis]])" MAT 20 34 q9iq σπλαγχνισθεὶς 1 being moved with compassion "अनुकंपा से या ""उनके लिए करूणा से भरकर""" -MAT 21 intro ni1x 0 # मत्ती 21 सामान्य टिप्पणियाँ
## संरचना एवं स्वरूपण

कुछ अनुवाद पढ़ने के लिए आसान बनाने हेतु शेष पाठ की तुलना में कविता की प्रत्येक पंक्ति को दाईं तरफ आगे की ओर व्यवस्थित करते हैं। यूएलटी अनुवाद 21:5,16 और 42 में ऐसा करता है, जो कि पुराने नियम के वचन हैं।

## इस अध्याय में पाई जाने वाली विशेष अवधारणाएँ

### गधा और गदही का बच्चा

यीशु ने एक जानवर पर सवार होकर यरूशलेम में प्रवेश किया। इस रीति से वह एक राजा की तरह था जो एक महत्वपूर्ण लड़ाई जीतने के बाद नगर में आया था। इसके अतिरिक्त, पुराने नियम में इस्राएल के राजा गधों पर सवार हुए थे। अन्य राजा घोड़ों पर सवार हुए थे। इस तरह यीशु दिखा रहा था कि वह इस्राएल का राजा था और वह अन्य राजाओं की तरह नहीं था।

मत्ती, मरकुस, लूका और यूहन्ना ने सभी इस घटना के बारे में लिखा था। मत्ती और मरकुस ने लिखा कि चेले यीशु के लिए एक गधा लाए थे। यूहन्ना ने लिखा कि यीशु को एक गधा मिला। लूका ने लिखा कि वे उसके पास एक गधे का बच्चा लेकर आए थे। केवल मत्ती ने लिखा कि वहाँ एक गधे के साथ उसका बच्चा दोनों थे। कोई भी यह निश्चित रूप से नहीं जानता कि यीशु गधे पर सवार हुआ था या गधे के बच्चे पर। इन वृतान्तों में से प्रत्येक का अनुवाद वैसे ही करना सबसे अच्छा है जैसा यह यूएलटी अनुवाद में दिखाई देता है, जो उन्हें एक ही जैसी बात कहलवाने का प्रयास नहीं करता है। (देखें: [Matthew 21:1-7](../../mat/21/01.md) और [मरकुस 11:1-7](../../mrk/11/01.md) और [लूका 19:29-36](../../luk/19/29.md) और [यूहन्ना 12:14-15] (../../jhn/12/14.md))

### होशाना

लोगों ने यरूशलेम में यीशु का स्वागत इस शब्द को चिल्लाते हुए किया। इस शब्द का अर्थ है ""हमें बचा,"" परन्तु लोगों ने इसे परमेश्वर की प्रशंसा करने के लिए उपयोग किया।

## इस अध्याय में अन्य संभावित अनुवाद की कठिनाइयाँ

### ""परमेश्वर का राज्य तुम से ले लिया जाएगा""

कोई भी निश्चित रूप से यह नहीं जानता कि इस वाक्यांश का क्या अर्थ है। कोई भी नहीं जानता कि क्या यीशु का अर्थ यह है कि परमेश्वर किसी दिन उस राज्य को वापस दे देगा या नहीं।
+MAT 21 intro ni1x 0 # मत्ती 21 सामान्य टिप्पणियाँ
## संरचना एवं स्वरूपण

कुछ अनुवाद पढ़ने के लिए आसान बनाने हेतु शेष पाठ की तुलना में कविता की प्रत्येक पंक्ति को दाईं तरफ आगे की ओर व्यवस्थित करते हैं। यूएलटी अनुवाद 21:5,16 और 42 में ऐसा करता है, जो कि पुराने नियम के वचन हैं।

## इस अध्याय में पाई जाने वाली विशेष अवधारणाएँ

### गधा और गदही का बच्चा

यीशु ने एक जानवर पर सवार होकर यरूशलेम में प्रवेश किया। इस रीति से वह एक राजा की तरह था जो एक महत्वपूर्ण लड़ाई जीतने के बाद नगर में आया था। इसके अतिरिक्त, पुराने नियम में इस्राएल के राजा गधों पर सवार हुए थे। अन्य राजा घोड़ों पर सवार हुए थे। इस तरह यीशु दिखा रहा था कि वह इस्राएल का राजा था और वह अन्य राजाओं की तरह नहीं था।

मत्ती, मरकुस, लूका और यूहन्ना ने सभी इस घटना के बारे में लिखा था। मत्ती और मरकुस ने लिखा कि चेले यीशु के लिए एक गधा लाए थे। यूहन्ना ने लिखा कि यीशु को एक गधा मिला। लूका ने लिखा कि वे उसके पास एक गधे का बच्चा लेकर आए थे। केवल मत्ती ने लिखा कि वहाँ एक गधे के साथ उसका बच्चा दोनों थे। कोई भी यह निश्चित रूप से नहीं जानता कि यीशु गधे पर सवार हुआ था या गधे के बच्चे पर। इन वृतान्तों में से प्रत्येक का अनुवाद वैसे ही करना सबसे अच्छा है जैसा यह यूएलटी अनुवाद में दिखाई देता है, जो उन्हें एक ही जैसी बात कहलवाने का प्रयास नहीं करता है। (देखें: [Matthew 21:1-7](../../mat/21/01.md) और [मरकुस 11:1-7](../../mrk/11/01.md) और [लूका 19:29-36](../../luk/19/29.md) और [यूहन्ना 12:14-15] (../../jhn/12/14.md))

### होशाना

लोगों ने यरूशलेम में यीशु का स्वागत इस शब्द को चिल्लाते हुए किया। इस शब्द का अर्थ है ""हमें बचा,"" परन्तु लोगों ने इसे परमेश्वर की प्रशंसा करने के लिए उपयोग किया।

## इस अध्याय में अन्य संभावित अनुवाद की कठिनाइयाँ

### ""परमेश्वर का राज्य तुम से ले लिया जाएगा""

कोई भी निश्चित रूप से यह नहीं जानता कि इस वाक्यांश का क्या अर्थ है। कोई भी नहीं जानता कि क्या यीशु का अर्थ यह है कि परमेश्वर किसी दिन उस राज्य को वापस दे देगा या नहीं।
MAT 21 1 f8fs 0 Connecting Statement: यह यरूशलेम में यीशु के प्रवेश के वर्णन का आरम्भ करता है। यहाँ वह अपने चेलों को इस बारे में निर्देश देता है कि उन्हें क्या करना है। MAT 21 1 p3g6 translate-names Βηθφαγὴ 1 Bethphage यह यरूशलेम के पास स्थित एक गाँव है। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/translate-names]]) MAT 21 2 wen2 figs-activepassive ὄνον δεδεμένην 1 a donkey tied up "आप इसे सक्रिय रूप में बता सकते हैं। वैकल्पिक अनुवाद: ""एक गदही जिसे किसी ने बाँधा हुआ था"" (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-activepassive]])" @@ -2130,7 +2130,7 @@ MAT 21 44 r7up figs-metaphor ὁ πεσὼν ἐπὶ τὸν λίθον τοῦ MAT 21 44 ghz2 figs-parallelism ὃν δ’ ἂν πέσῃ, λικμήσει αὐτόν 1 But anyone on whom it falls will be crushed इसका अर्थ मूलरूप से पिछले वाक्य वाली बात ही है। यह एक रूपक है जिसका अर्थ है कि मसीह अन्तिम न्याय करेगा और उन सब को नष्ट कर देगा जो उसके विरूद्ध विद्रोह करते हैं। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-parallelism]] और [[rc://hi/ta/man/translate/figs-metaphor]]) MAT 21 45 gh8w 0 Connecting Statement: धार्मिक अगुवे यीशु के बताए दृष्टान्त पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हैं। MAT 21 45 qpy9 τὰς παραβολὰς αὐτοῦ 1 his parables यीशु के दृष्टान्तों को" -MAT 22 intro k5ze 0 # मत्ती 22 सामान्य टिप्पणियाँ
## संरचना एवं स्वरूपण

कुछ अनुवाद पढ़ने के लिए आसान बनाने हेतु शेष पाठ की तुलना में कविता की प्रत्येक पंक्ति को दाईं तरफ आगे की ओर व्यवस्थित करते हैं। यूएलटी अनुवाद पद 44 की कविता के साथ ऐसा करता है, जो कि पुराने नियम के वचन हैं।

## इस अध्याय में पाई जाने वाली विशेष अवधारणाएँ

### विवाह का भोज

विवाह के भोज के दृष्टान्त ([मत्ती 22:1-14](./01.md)) में, यीशु ने सिखाया कि जब परमेश्वर किसी व्यक्ति को बचाने की प्रस्ताव देता है, तो उस व्यक्ति को वह प्रस्ताव ग्रहण करने की आवश्यकता है। परमेश्वर के साथ जीवन को यीशु एक ऐसा भोज बोलता है, जिसे एक राजा अपने पुत्र के लिए तैयार करता है, जिसने अभी-अभी विवाह किया है। इसके अतिरिक्त, यीशु ने जोर दिया कि हर कोई जिसे परमेश्वर आमन्त्रित करता है, वह भोज में आने के लिए स्वयं को उचित रीति से तैयार करेगा। परमेश्वर उन लोगों को भोज से बाहर फेंक देगा।

## इस अध्याय में अन्य संभावित अनुवाद की कठिनाइयाँ

### निहितार्थ जानकारी

वक्तागण आमतौर पर उन बातों को नहीं कहते हैं, जो उन्हें लगता है कि उनके सुनने वाले पहले से ही समझते हैं। जब दृष्टान्त में राजा कहता है, ""मेरे बैल और पले हुए पशु मारे गए हैं"" ([मत्ती 22:4](../../mat/22/04.md)), तो उसे लगा कि श्रोताओं को समझ आ जाएगा कि जिन लोगों ने जानवरों को मारा था उन्होंने उनको पकाया भी था।

### विरोधाभास

एक विरोधाभास एक सच्चा कथन है जो किसी असंभव बात का वर्णन करने के लिए प्रकट होता है। यहूदियों के लिए, पूर्वज उनके वंशजों के स्वामी थे, परन्तु एक भजन संहिता में दाऊद ने अपने वंशजों में से एक को ""प्रभु"" कहा। यीशु यहूदी अगुवों को बताता है कि यह एक विरोधाभास है, और कहता है, ""यदि दाऊद तब मसीह को 'प्रभु,' कहता है, तो वह दाऊद का पुत्र कैसा हुआ?"" ([मत्ती 22:45](../../mat/22/45.md))। +MAT 22 intro k5ze 0 # मत्ती 22 सामान्य टिप्पणियाँ
## संरचना एवं स्वरूपण

कुछ अनुवाद पढ़ने के लिए आसान बनाने हेतु शेष पाठ की तुलना में कविता की प्रत्येक पंक्ति को दाईं तरफ आगे की ओर व्यवस्थित करते हैं। यूएलटी अनुवाद पद 44 की कविता के साथ ऐसा करता है, जो कि पुराने नियम के वचन हैं।

## इस अध्याय में पाई जाने वाली विशेष अवधारणाएँ

### विवाह का भोज

विवाह के भोज के दृष्टान्त ([मत्ती 22:1-14](./01.md)) में, यीशु ने सिखाया कि जब परमेश्वर किसी व्यक्ति को बचाने की प्रस्ताव देता है, तो उस व्यक्ति को वह प्रस्ताव ग्रहण करने की आवश्यकता है। परमेश्वर के साथ जीवन को यीशु एक ऐसा भोज बोलता है, जिसे एक राजा अपने पुत्र के लिए तैयार करता है, जिसने अभी-अभी विवाह किया है। इसके अतिरिक्त, यीशु ने जोर दिया कि हर कोई जिसे परमेश्वर आमन्त्रित करता है, वह भोज में आने के लिए स्वयं को उचित रीति से तैयार करेगा। परमेश्वर उन लोगों को भोज से बाहर फेंक देगा।

## इस अध्याय में अन्य संभावित अनुवाद की कठिनाइयाँ

### निहितार्थ जानकारी

वक्तागण आमतौर पर उन बातों को नहीं कहते हैं, जो उन्हें लगता है कि उनके सुनने वाले पहले से ही समझते हैं। जब दृष्टान्त में राजा कहता है, ""मेरे बैल और पले हुए पशु मारे गए हैं"" ([मत्ती 22:4](../../mat/22/04.md)), तो उसे लगा कि श्रोताओं को समझ आ जाएगा कि जिन लोगों ने जानवरों को मारा था उन्होंने उनको पकाया भी था।

### विरोधाभास

एक विरोधाभास एक सच्चा कथन है जो किसी असंभव बात का वर्णन करने के लिए प्रकट होता है। यहूदियों के लिए, पूर्वज उनके वंशजों के स्वामी थे, परन्तु एक भजन संहिता में दाऊद ने अपने वंशजों में से एक को ""प्रभु"" कहा। यीशु यहूदी अगुवों को बताता है कि यह एक विरोधाभास है, और कहता है, ""यदि दाऊद तब मसीह को 'प्रभु,' कहता है, तो वह दाऊद का पुत्र कैसा हुआ?"" ([मत्ती 22:45](../../mat/22/45.md))। MAT 22 1 z8vz figs-parables 0 धार्मिक अगुवों को डाँटने और उनके अविश्वास को चित्रित करने के लिए, यीशु विवाह भोज के बारे में एक दृष्टान्त बताता है। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-parables]]) MAT 22 1 bc6y αὐτοῖς 1 to them लोगों से MAT 22 2 xps3 ὡμοιώθη ἡ Βασιλεία τῶν Οὐρανῶν 1 The kingdom of heaven is like यह एक दृष्टान्त का आरम्भ है। देखें कि आपने इसका अनुवाद [मत्ती 13:24](../13/24.md) में कैसे किया है। @@ -2216,7 +2216,7 @@ MAT 22 45 d8gl figs-rquestion εἰ οὖν Δαυεὶδ καλεῖ αὐτὸ MAT 22 45 x9uh εἰ οὖν Δαυεὶδ καλεῖ αὐτὸν, Κύριον, πῶς υἱὸς αὐτοῦ ἐστιν? 1 If David then calls the Christ दाऊद ने यीशु को ""प्रभु"" के रूप में सन्दर्भित किया क्योंकि यीशु न केवल दाऊद का वंशज था, अपितु वह उससे श्रेष्ठतम भी था। MAT 22 46 n3hw figs-metonymy ἀποκριθῆναι αὐτῷ λόγον 1 to answer him a word यहाँ ""बात"" उसे संदर्भित करता है जो लोग कहते हैं। वैकल्पिक अनुवाद: ""उसे कुछ उत्तर न दे सके"" या ""उसे उत्तर न दे सके"" (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-metonymy]]) MAT 22 46 c1f2 figs-explicit ἐπερωτῆσαι αὐτὸν οὐκέτι 1 any more questions यह निहित है कि किसी ने उससे उस प्रकार के प्रश्नों को नहीं पूछा जो उससे कुछ गलत कहलवाने के मंशा से थे ताकि धार्मिक अगुवे उसे गिरफ्तार कर सकें। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-explicit]]) -MAT 23 intro m99i 0 # मत्ती 23 सामान्य टिप्पणियाँ
## इस अध्याय में पाई जाने वाली विशेष अवधारणाएँ

### कपटी

यीशु ने फरीसियों को कई बार कपटी कहा ([मत्ती 23:13](../../mat/23/13.md)) और ध्यानपूर्वक बताया कि उसके ऐसा करने का क्या अर्थ है। फरीसियों ने ऐसे नियम बनाए थे जिनका कोई भी वास्तव में उनका पालन नहीं कर सकता था, और फिर उन्होंने सामान्य लोगों से मनवा लिया कि वे दोषी थे क्योंकि वे नियमों का पालन नहीं कर सकते थे। इसके अतिरिक्त, फरीसियों ने मूसा की व्यवस्था में परमेश्वर के मूल आदेशों का पालन करने के स्थान पर अपने स्वयं के बनाए नियमों का पालन किया।

## इस अध्याय में अन्य संभावित अनुवाद की कठिनाइयाँ

### नाम लेकर पुकारना

#### अधिकांश संस्कृतियों में, ऐसा करके लोगों का अपमान करना गलत है। फरीसियों ने इस अध्याय में कई शब्दों को अपमान के रूप में लिया। यीशु ने उन्हें ""कपटी"", ""अन्धे अगुवों"", ""मूर्ख,"" और ""साँप"" कहा। ([मत्ती 23:16-17](./16.md) यीशु इन शब्दों का उपयोग यह कहने के लिए करता है कि परमेश्वर निश्चित रूप से उन्हें दण्डित करेगा क्योंकि वे गलत काम कर रहे थे।

### विरोधाभास

एक विरोधाभास एक सच्चा कथन होता है, जो किसी असंभव बात का वर्णन करने के लिए प्रकट होता है। यीशु एक विरोधाभास का उपयोग करता है जब वह कहता है, ""जो तुम में बड़ा हो, वह तुम्हारा सेवक बने"" ([मत्ती 23:11-12](./11.md))।
+MAT 23 intro m99i 0 # मत्ती 23 सामान्य टिप्पणियाँ
## इस अध्याय में पाई जाने वाली विशेष अवधारणाएँ

### कपटी

यीशु ने फरीसियों को कई बार कपटी कहा ([मत्ती 23:13](../../mat/23/13.md)) और ध्यानपूर्वक बताया कि उसके ऐसा करने का क्या अर्थ है। फरीसियों ने ऐसे नियम बनाए थे जिनका कोई भी वास्तव में उनका पालन नहीं कर सकता था, और फिर उन्होंने सामान्य लोगों से मनवा लिया कि वे दोषी थे क्योंकि वे नियमों का पालन नहीं कर सकते थे। इसके अतिरिक्त, फरीसियों ने मूसा की व्यवस्था में परमेश्वर के मूल आदेशों का पालन करने के स्थान पर अपने स्वयं के बनाए नियमों का पालन किया।

## इस अध्याय में अन्य संभावित अनुवाद की कठिनाइयाँ

### नाम लेकर पुकारना

#### अधिकांश संस्कृतियों में, ऐसा करके लोगों का अपमान करना गलत है। फरीसियों ने इस अध्याय में कई शब्दों को अपमान के रूप में लिया। यीशु ने उन्हें ""कपटी"", ""अन्धे अगुवों"", ""मूर्ख,"" और ""साँप"" कहा। ([मत्ती 23:16-17](./16.md) यीशु इन शब्दों का उपयोग यह कहने के लिए करता है कि परमेश्वर निश्चित रूप से उन्हें दण्डित करेगा क्योंकि वे गलत काम कर रहे थे।

### विरोधाभास

एक विरोधाभास एक सच्चा कथन होता है, जो किसी असंभव बात का वर्णन करने के लिए प्रकट होता है। यीशु एक विरोधाभास का उपयोग करता है जब वह कहता है, ""जो तुम में बड़ा हो, वह तुम्हारा सेवक बने"" ([मत्ती 23:11-12](./11.md))।
MAT 23 1 skq4 0 General Information: यह कहानी के एक नए भाग का आरम्भ है जो [मत्ती 25:46](../25/46.md) के माध्यम से होकर चलती है, जहाँ यीशु उद्धार और अन्तिम न्याय के बारे में शिक्षा देता है। यहाँ वह लोगों को शास्त्रियों और फरीसियों के बारे में चेतावनी देना आरम्भ करता है। MAT 23 2 dnu3 figs-metonymy ἐπὶ τῆς Μωϋσέως καθέδρας ἐκάθισαν 1 sit in Moses' seat यहाँ ""गद्दी"" शासन करने और निर्णय लेने के अधिकार का प्रतिनिधित्व करती है। वैकल्पिक अनुवाद: ""के पास मूसा के समान अधिकार है"" या ""यह कहने का अधिकार है कि मूसा की व्यवस्था का क्या अर्थ है"" (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-metonymy]]) MAT 23 3 q336 πάντα οὖν ὅσα ἐὰν…ποιήσατε, καὶ τηρεῖτε 1 whatever ... do these things और observe them सभी बातें ... उन्हें करना और उनका पालन करना या ""सब कुछ ... इसे करना और इसका पालन करना""" @@ -2308,7 +2308,7 @@ MAT 23 38 r6ss ἀφίεται ὑμῖν ὁ οἶκος ὑμῶν ἔρημ MAT 23 38 ck2z figs-metonymy ὁ οἶκος ὑμῶν 1 your house "संभावित अर्थ हैं 1) ""यरूशलेम नगर"" या 2) ""मन्दिर""। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-metonymy]])" MAT 23 39 i14n λέγω γὰρ ὑμῖν 1 I say to you यीशु आगे जो कहने वाला है, यह उसके ऊपर जोर देता है। MAT 23 39 ig61 figs-metonymy εὐλογημένος ὁ ἐρχόμενος ἐν ὀνόματι Κυρίου! 1 Blessed is he who comes in the name of the Lord "यहाँ ""नाम से"" का अर्थ है ""सामर्थ्य में"" या ""एक प्रतिनिधि के रूप में""। देखें कि आपने इसका अनुवाद [मत्ती 21:9](../21/09.md) में कैसे किया है। वैकल्पिक अनुवाद: ""जो प्रभु की सामर्थ्य में आता है, वह धन्य है"" या ""जो प्रभु के प्रतिनिधि के रूप में आता है, वह धन्य होगा"" (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-metonymy]])" -MAT 24 intro h2a2 0 # मत्ती 24 सामान्य टिप्पणियाँ
## संरचना एवं स्वरूपण

इस अध्याय में, यीशु उस समय से भविष्य के बारे में भविष्यद्वाणी करना आरम्भ करता है, जब तक कि वह सब पर राजा के रूप में वापस नहीं आता। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/prophet]])

## इस अध्याय में पाई जाने वाली विशेष अवधारणाएँ

### ""जगत का अन्त""

इस अध्याय में, यीशु अपने चेलों को उत्तर देता है, जब वे पूछते हैं कि वे कैसे पता लगाएँगे कि वह फिर से वापस आएगा। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/writing-apocalypticwriting]])

### नूह का उदाहरण

नूह के समय में, परमेश्वर ने उनके पापों के लिए लोगों को डाँटने के लिए एक बड़ा जलप्रलय भेजा था। उसने उन्हें आनेवाले जलप्रलय के बारे में कई बार चेतावनी दी, परन्तु वास्तव में यह अचानक से आरम्भ हुआ। इस अध्याय में, यीशु उस जलप्रलय और अन्तिम दिनों के बीच में तुलना करता है। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/sin]])

## इस अध्याय में अन्य संभावित अनुवाद की कठिनाइयाँ

### ""होने देना""

यूएलटी अनुवाद इस शब्द का उपयोग यीशु के कई आदेशों को आरम्भ करने के लिए करता है, जैसे ""तब जो यहूदिया में हों वे पहाड़ों पर भाग जाएँ"" (24:16), ""जो छत पर हो, वह अपने घर में से सामान लेने को न उतरे"" (24:17), और ""जो खेत में हो, वह अपना कपड़ा लेने को पीछे न लौटे"" (24:18)। एक आज्ञा को निर्मित करने के कई तरीके होते हैं। अनुवादकों को अपनी भाषाओं में सबसे स्वभाविक तरीकों का चयन करना है।
+MAT 24 intro h2a2 0 # मत्ती 24 सामान्य टिप्पणियाँ
## संरचना एवं स्वरूपण

इस अध्याय में, यीशु उस समय से भविष्य के बारे में भविष्यद्वाणी करना आरम्भ करता है, जब तक कि वह सब पर राजा के रूप में वापस नहीं आता। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/prophet]])

## इस अध्याय में पाई जाने वाली विशेष अवधारणाएँ

### ""जगत का अन्त""

इस अध्याय में, यीशु अपने चेलों को उत्तर देता है, जब वे पूछते हैं कि वे कैसे पता लगाएँगे कि वह फिर से वापस आएगा। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/writing-apocalypticwriting]])

### नूह का उदाहरण

नूह के समय में, परमेश्वर ने उनके पापों के लिए लोगों को डाँटने के लिए एक बड़ा जलप्रलय भेजा था। उसने उन्हें आनेवाले जलप्रलय के बारे में कई बार चेतावनी दी, परन्तु वास्तव में यह अचानक से आरम्भ हुआ। इस अध्याय में, यीशु उस जलप्रलय और अन्तिम दिनों के बीच में तुलना करता है। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/sin]])

## इस अध्याय में अन्य संभावित अनुवाद की कठिनाइयाँ

### ""होने देना""

यूएलटी अनुवाद इस शब्द का उपयोग यीशु के कई आदेशों को आरम्भ करने के लिए करता है, जैसे ""तब जो यहूदिया में हों वे पहाड़ों पर भाग जाएँ"" (24:16), ""जो छत पर हो, वह अपने घर में से सामान लेने को न उतरे"" (24:17), और ""जो खेत में हो, वह अपना कपड़ा लेने को पीछे न लौटे"" (24:18)। एक आज्ञा को निर्मित करने के कई तरीके होते हैं। अनुवादकों को अपनी भाषाओं में सबसे स्वभाविक तरीकों का चयन करना है।
MAT 24 1 dh7u 0 Connecting Statement: यीशु उन घटनाओं का वर्णन करना आरम्भ करता है, जो उसके फिर से आने से पहले के अन्त के समय में घटित होंगी। MAT 24 1 ke79 figs-explicit ἀπὸ τοῦ ἱεροῦ 1 from the temple यह निहित है कि यीशु मन्दिर में नहीं था। वह मन्दिर के चारों ओर के आँगन में थे। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-explicit]]) MAT 24 2 mh5y figs-rquestion οὐ βλέπετε ταῦτα πάντα? 1 Do you not see all these things? "यीशु चेलों को उस पर गहराई से सोचने के लिए एक प्रश्न का उपयोग करता है जो कुछ वह उनको बताएगा। वैकल्पिक अनुवाद: ""मैं तुमको इन सारे भवनों के बारे में कुछ बताता हूँ।"" (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-rquestion]])" @@ -2501,7 +2501,7 @@ MAT 25 45 whu5 οὐδὲ ἐμοὶ ἐποιήσατε. 1 you did not do for MAT 25 46 m6me καὶ ἀπελεύσονται οὗτοι εἰς κόλασιν αἰώνιον 1 These will go away into eternal punishment राजा उन्हें एक ऐसे स्थान पर भेजेगा जहाँ उन्हें कभी समाप्त नहीं होने वाला दण्ड मिलेगा MAT 25 46 nj72 figs-ellipsis οἱ δὲ δίκαιοι εἰς ζωὴν 1 but the righteous into eternal life "समझी गई जानकारी को स्पष्ट किया जा सकता है। वैकल्पिक अनुवाद: ""परन्तु राजा धर्मियों को उस स्थान पर भेजेगा जहाँ वे सदा परमेश्वर के साथ रहेंगे"" (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-ellipsis]])" MAT 25 46 kq5b figs-nominaladj οἱ…δίκαιοι 1 the righteous "इस नामांकित विशेषण को विशेषण के रूप में वर्णित किया जा सकता है। वैकल्पिक अनुवाद: ""धर्मी लोग"" (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-nominaladj]])" -MAT 26 intro mtq8 0 # मत्ती 26 सामान्य टिप्पणियाँ
## संरचना एवं स्वरूपण

कुछ अनुवाद पढ़ने के लिए आसान बनाने को शेष पाठ की तुलना में कविता की प्रत्येक पंक्ति को दाईं तरफ आगे की ओर व्यवस्थित करते हैं। यूएलटी अनुवाद 26:31 में कविता के साथ ऐसा ही करता है, जो कि पुराने नियम के वचन हैं।

## इस अध्याय में पाई जाने वाली विशेष अवधारणाएँ

### भेड़
भेड़ पवित्रशास्त्र में उपयोग किया गया एक सामान्य चित्र है, जो इस्राएल के लोगों को सन्दर्भित करता है। यद्यपि, यीशु ने [मत्ती 26:31](../../mat/26/31.md) में, अपने चेलों को सन्दर्भित करने के लिए ""भेड़"" शब्द का उपयोग किया और यह कहा कि जब उसे गिरफ्तार किया जाएगा तो वे तितर-बितर हो जाएँगी।

### फसह
फसह के त्यौहार को यहूदी लोग उस दिन के उत्सव के रूप में मनाएँगे जब परमेश्वर ने मिस्र के पहिलौठो पुत्रों को मार डाला था परन्तु इस्राएलियों को छोड़ते हुए उनके ""पास से निकल गया था"" और उन्हें जीवित रहने दिया था।

### देह और लहू को खाना
अपने अनुयायियों के साथ यीशु के अन्तिम भोजन का [मत्ती 26:26-28](./26.md) वर्णन करता है। इस समय में, यीशु ने उनसे कहा कि वे जो खा रहे थे और पी रहे थे वह उसका शरीर और उसका खून। लगभग सभी मसीही कलीसियाएँ इस भोज को स्मरण रखने के लिए ""प्रभु का भोज"", ""यूखारिस्ट"" या ""पवित्र सहभागिता"" को मनाती हैं।

## इस अध्याय में अन्य संभावित अनुवाद की कठिनाइयाँ

### यहूदा के द्वारा यीशु को चुम्बन
[मत्ती 26:49](../../mat/26/49.md) बताता है कि यहूदा ने यीशु को कैसे चूमा जिससे कि सैनिकों को पता चले कि किसको गिरफ्तार किया जाए। जब यहूदी एक-दूसरे के साथ अभिवादन करते थे वे तो एक-दूसरे को चूमते थे।

### ""मैं परमेश्वर के मन्दिर को ढा सकता हूँ""
दो लोगों ने यीशु के इस कथन के कारण उस पर आरोप लगाया कि वह यरूशलेम में मन्दिर को नष्ट कर सकता है और फिर उसे ""तीन दिनों में"" फिर से बना सकता है ([मत्ती 26:61](../../mat/26/61.md))। वे उस पर यह दावा करते हुए परमेश्वर का अपमान करने का आरोप लगा रहे थे कि परमेश्वर ने उसे मन्दिर को नष्ट करने का अधिकार और इसे फिर से बनाने की सामर्थ्य दी थी। यीशु ने वास्तव में जो कहा था वह यह था कि यदि यहूदी अधिकारी इस मन्दिर को नष्ट कर देते, तो वह निश्चित रूप से इसे तीन दिनों में जीवित कर देगा ([यूहन्ना 2:19](../../jhn/02/19.md))।
+MAT 26 intro mtq8 0 # मत्ती 26 सामान्य टिप्पणियाँ
## संरचना एवं स्वरूपण

कुछ अनुवाद पढ़ने के लिए आसान बनाने को शेष पाठ की तुलना में कविता की प्रत्येक पंक्ति को दाईं तरफ आगे की ओर व्यवस्थित करते हैं। यूएलटी अनुवाद 26:31 में कविता के साथ ऐसा ही करता है, जो कि पुराने नियम के वचन हैं।

## इस अध्याय में पाई जाने वाली विशेष अवधारणाएँ

### भेड़
भेड़ पवित्रशास्त्र में उपयोग किया गया एक सामान्य चित्र है, जो इस्राएल के लोगों को सन्दर्भित करता है। यद्यपि, यीशु ने [मत्ती 26:31](../../mat/26/31.md) में, अपने चेलों को सन्दर्भित करने के लिए ""भेड़"" शब्द का उपयोग किया और यह कहा कि जब उसे गिरफ्तार किया जाएगा तो वे तितर-बितर हो जाएँगी।

### फसह
फसह के त्यौहार को यहूदी लोग उस दिन के उत्सव के रूप में मनाएँगे जब परमेश्वर ने मिस्र के पहिलौठो पुत्रों को मार डाला था परन्तु इस्राएलियों को छोड़ते हुए उनके ""पास से निकल गया था"" और उन्हें जीवित रहने दिया था।

### देह और लहू को खाना
अपने अनुयायियों के साथ यीशु के अन्तिम भोजन का [मत्ती 26:26-28](./26.md) वर्णन करता है। इस समय में, यीशु ने उनसे कहा कि वे जो खा रहे थे और पी रहे थे वह उसका शरीर और उसका खून। लगभग सभी मसीही कलीसियाएँ इस भोज को स्मरण रखने के लिए ""प्रभु का भोज"", ""यूखारिस्ट"" या ""पवित्र सहभागिता"" को मनाती हैं।

## इस अध्याय में अन्य संभावित अनुवाद की कठिनाइयाँ

### यहूदा के द्वारा यीशु को चुम्बन
[मत्ती 26:49](../../mat/26/49.md) बताता है कि यहूदा ने यीशु को कैसे चूमा जिससे कि सैनिकों को पता चले कि किसको गिरफ्तार किया जाए। जब यहूदी एक-दूसरे के साथ अभिवादन करते थे वे तो एक-दूसरे को चूमते थे।

### ""मैं परमेश्वर के मन्दिर को ढा सकता हूँ""
दो लोगों ने यीशु के इस कथन के कारण उस पर आरोप लगाया कि वह यरूशलेम में मन्दिर को नष्ट कर सकता है और फिर उसे ""तीन दिनों में"" फिर से बना सकता है ([मत्ती 26:61](../../mat/26/61.md))। वे उस पर यह दावा करते हुए परमेश्वर का अपमान करने का आरोप लगा रहे थे कि परमेश्वर ने उसे मन्दिर को नष्ट करने का अधिकार और इसे फिर से बनाने की सामर्थ्य दी थी। यीशु ने वास्तव में जो कहा था वह यह था कि यदि यहूदी अधिकारी इस मन्दिर को नष्ट कर देते, तो वह निश्चित रूप से इसे तीन दिनों में जीवित कर देगा ([यूहन्ना 2:19](../../jhn/02/19.md))।
MAT 26 1 t5mz 0 General Information: यह कहानी के एक नए भाग का आरम्भ है, जो यीशु के क्रूस पर चढ़ाए जाने, मृत्यु और पुनरूत्थान के बारे में बताती है। यहाँ वह अपने चेलों से कहता है कि वह दु:ख उठाएगा और मर जाएगा। MAT 26 1 i35c καὶ ἐγένετο ὅτε 1 It came about that when "इसके बाद या ""तब, इसके बाद।"" यह वाक्यांश यीशु की शिक्षाओं से कहानी को उस तरफ मोड़ता है जो आगे घटित होता है। MAT 26 1 xiv4 πάντας τοὺς λόγους τούτους 1 all these words जो यीशु ने [मत्ती 24:3](../24/03.md) में आरम्भ करके सिखाया था यह उन सब बातों को सन्दर्भित करता है। @@ -2671,7 +2671,7 @@ MAT 26 73 w8ww γὰρ ἡ λαλιά σου δῆλόν σε ποιεῖ 1 for MAT 26 74 edd8 καταθεματίζειν 1 to curse स्वयं को शाप देने लगा MAT 26 74 w87b ἀλέκτωρ ἐφώνησεν 1 rooster crowed "एक मुर्गा एक ऐसा पक्षी होता है, जो सूर्य उदय होने के समय जोर से चिल्लाता है। एक मुर्गे की आवाज को ""बाँग"" कहा जाता है। देखें कि आपने इसका अनुवाद [मत्ती 26:34](../26/34.md) में कैसे किया है।" MAT 26 75 nx3j figs-quotations καὶ ἐμνήσθη ὁ Πέτρος τοῦ ῥήματος Ἰησοῦ εἰρηκότος, ὅτι πρὶν ἀλέκτορα φωνῆσαι, τρὶς ἀπαρνήσῃ με 1 "Peter remembered the words that Jesus had said, ""Before the rooster crows you will deny me three times.""" "इस प्रत्यक्ष उद्धरण को अप्रत्यक्ष उद्धरण के रूप में कहा जा सकता है। वैकल्पिक अनुवाद: ""पतरस ने स्मरण किया कि यीशु ने उसे बताया था कि मुर्गे के बाँग देने से पहले, वह यीशु का तीन बार इंकार कर देगा"" (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-quotations]])" -MAT 27 intro deu4 0 # मत्ती 27 सामान्य टिप्पणियाँ
## इस अध्याय में पाई जाने वाली विशेष अवधारणाएँ

### ""उसे पिलातुस राज्यपाल के हाथ में सौंप दिया""

इससे पहले कि वे यीशु को मार सकें, यहूदी अगुवों को रोमी राज्यपाल पिन्तुस पिलातुस से अनुमति प्राप्त करने की आवश्यकता थी। ऐसा इसलिए था, क्योंकि रोमी व्यवस्था ने उन्हें यीशु को मारने की अनुमति नहीं दी थी। पिलातुस यीशु को मुक्त करना चाहता था, परन्तु वे चाहते थे कि वह बरअब्बा नामक एक बहुत दुष्ट कैदी को मुक्त करे।

### कब्र

जिस कब्र में ([मत्ती 27:60](../../mat/27/60.md)) यीशु को गाड़ा गया था वह ऐसी थी जिसमें धनी यहूदी परिवारों के लोग अपने मृतकों को गाड़ते था। इसे एक चट्टान में एक वास्तविक कमरे के रूप में काटा गया था। इसमें एक तरफ एक सपाट स्थान था, जहाँ वे तेल और मसाले डालकर और कपड़े में लपेटकर शरीर को रख सकते थे। तब वे कब्र के सामने एक बड़ी चट्टान को लुढ़का देते थे ताकि कोई भी भीतर न जा सके या प्रवेश न कर सके।

## इस अध्याय के महत्वपूर्ण अलंकार

### उपहास

सैनिकों ने यीशु का ठठ्ठा उड़ाने के लिए कहा, ""हे यहूदियों के राजा, नमस्कार!"" ([मत्ती 27:29](../../mat/27/29.md)) उन्होंने यह नहीं सोचा था कि वह यहूदियों का राजा था। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-irony]])
+MAT 27 intro deu4 0 # मत्ती 27 सामान्य टिप्पणियाँ
## इस अध्याय में पाई जाने वाली विशेष अवधारणाएँ

### ""उसे पिलातुस राज्यपाल के हाथ में सौंप दिया""

इससे पहले कि वे यीशु को मार सकें, यहूदी अगुवों को रोमी राज्यपाल पिन्तुस पिलातुस से अनुमति प्राप्त करने की आवश्यकता थी। ऐसा इसलिए था, क्योंकि रोमी व्यवस्था ने उन्हें यीशु को मारने की अनुमति नहीं दी थी। पिलातुस यीशु को मुक्त करना चाहता था, परन्तु वे चाहते थे कि वह बरअब्बा नामक एक बहुत दुष्ट कैदी को मुक्त करे।

### कब्र

जिस कब्र में ([मत्ती 27:60](../../mat/27/60.md)) यीशु को गाड़ा गया था वह ऐसी थी जिसमें धनी यहूदी परिवारों के लोग अपने मृतकों को गाड़ते था। इसे एक चट्टान में एक वास्तविक कमरे के रूप में काटा गया था। इसमें एक तरफ एक सपाट स्थान था, जहाँ वे तेल और मसाले डालकर और कपड़े में लपेटकर शरीर को रख सकते थे। तब वे कब्र के सामने एक बड़ी चट्टान को लुढ़का देते थे ताकि कोई भी भीतर न जा सके या प्रवेश न कर सके।

## इस अध्याय के महत्वपूर्ण अलंकार

### उपहास

सैनिकों ने यीशु का ठठ्ठा उड़ाने के लिए कहा, ""हे यहूदियों के राजा, नमस्कार!"" ([मत्ती 27:29](../../mat/27/29.md)) उन्होंने यह नहीं सोचा था कि वह यहूदियों का राजा था। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-irony]])
MAT 27 1 hvr4 0 Connecting Statement: यह पिलातुस के सामने यीशु के मुकदमे का विवरण आरम्भ करता है। MAT 27 1 qe1s δὲ 1 Now कहानी की मुख्य-धारा में विराम को चिन्हित करने के लिए यहाँ इस शब्द का उपयोग किया गया है। यहाँ मत्ती कहानी के एक नए भाग को बताना आरम्भ कर देता है। MAT 27 1 cm46 figs-explicit συμβούλιον ἔλαβον…κατὰ τοῦ Ἰησοῦ, ὥστε θανατῶσαι αὐτόν 1 plotted against Jesus to put him to death यहूदी अगुवे योजना बना रहे थे कि कैसे वे रोमी अगुवों को यीशु को मारने के लिए राजी कर सकते थे। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-explicit]]) @@ -2794,7 +2794,7 @@ MAT 27 64 u5tg figs-ellipsis καὶ ἔσται ἡ ἐσχάτη πλάνη χ MAT 27 65 dkq9 κουστωδίαν 1 a guard इसमें चार से सोलह रोमी सैनिक सम्मिलित होते थे। MAT 27 66 pk1q σφραγίσαντες τὸν λίθον 1 sealing the stone संभावित अर्थ हैं 1) वे पत्थर के चारों ओर एक रस्सी लगाते हैं और इसे कब्र के प्रवेश द्वार के दोनों ओर की चट्टान की दीवार से जोड़ देते हैं या 2) उन्होंने पत्थर और दीवार के बीच मुहर लगा दी। MAT 27 66 e8uf μετὰ τῆς κουστωδίας 1 placing the guard सैनिकों को वहाँ खड़े होने के लिए कहना जहाँ से वे लोगों को कब्र के साथ छेड़छाड़ करने से रोक सकते हैं -MAT 28 intro psw9 0 # मत्ती 28 सामान्य टिप्पणियाँ
## इस अध्याय में पाई जाने वाली विशेष अवधारणाएँ

### कब्र

कब्र जिसमें यीशु को गाड़ा गया था ([मत्ती 28:1](../../mat/28/01.md)) यह कब्र कुछ इस तरह की थी जिसमें धनी यहूदी परिवारों के लोग अपने मृतकों को गाड़ते थे। इसे एक चट्टान में एक वास्तविक कमरे के रूप में काटा गया था। इसमें एक तरफ एक सपाट स्थान था, जहाँ वे तेल और मसाले डालकर और कपड़े में लपेटकर शरीर को रख सकते थे। तब वे कब्र के सामने एक बड़ी चट्टान को लुढ़का देते थे ताकि कोई भी भीतर न जा सके या प्रवेश न कर सके।

### ""चेला बनाओ""

आखिरी दो पदों ([मत्ती 28:19-20](./19.md)) को सामान्य रूप से ""महान आदेश"" के रूप में जाना जाता है, क्योंकि उनमें सभी मसीहियों को एक बहुत ही महत्वपूर्ण आदेश दिया जाता है। मसीहियों का लोगों के पास जाकर, उनके साथ सुसमाचार साझा करना और उन्हें मसीहियों के रूप में रहने के लिए प्रशिक्षण देना ""चेले बनाना"" है।

## इस अध्याय में अन्य संभावित अनुवाद की कठिनाइयाँ

### परमेश्वर का एक स्वर्गदूत

मत्ती, मरकुस, लूका और यूहन्ना सभों ने यीशु की कब्र पर स्त्रियों के साथ सफेद कपड़ों में स्वर्गदूतों के बारे में लिखा था। दो लेखकों ने उन्हें पुरुष कहा है, परन्तु यह केवल इसलिए है, क्योंकि वे स्वर्गदूत मनुष्यों की तरह दिख रहे थे। दो लेखकों ने दो स्वर्गदूतों के बारे में लिखा, परन्तु अन्य दो लेखकों ने उनमें से केवल एक के बारे में लिखा है। इन मार्गों में से प्रत्येक का अनुवाद करना सबसे अच्छा है क्योंकि यह यूएलटी में दिखाई देता है, बिना मार्गों को ठीक करने के प्रयास किए बिना। (देखें: [Matthew 28:1-2](../../mat/28/01.md) और [मरकुस 16:5](../../mrk/16/05.md) और [लूका 24:4](../../luk/24/04.md) और [यूहन्ना 20:12](../../jhn/20/12.md))
+MAT 28 intro psw9 0 # मत्ती 28 सामान्य टिप्पणियाँ
## इस अध्याय में पाई जाने वाली विशेष अवधारणाएँ

### कब्र

कब्र जिसमें यीशु को गाड़ा गया था ([मत्ती 28:1](../../mat/28/01.md)) यह कब्र कुछ इस तरह की थी जिसमें धनी यहूदी परिवारों के लोग अपने मृतकों को गाड़ते थे। इसे एक चट्टान में एक वास्तविक कमरे के रूप में काटा गया था। इसमें एक तरफ एक सपाट स्थान था, जहाँ वे तेल और मसाले डालकर और कपड़े में लपेटकर शरीर को रख सकते थे। तब वे कब्र के सामने एक बड़ी चट्टान को लुढ़का देते थे ताकि कोई भी भीतर न जा सके या प्रवेश न कर सके।

### ""चेला बनाओ""

आखिरी दो पदों ([मत्ती 28:19-20](./19.md)) को सामान्य रूप से ""महान आदेश"" के रूप में जाना जाता है, क्योंकि उनमें सभी मसीहियों को एक बहुत ही महत्वपूर्ण आदेश दिया जाता है। मसीहियों का लोगों के पास जाकर, उनके साथ सुसमाचार साझा करना और उन्हें मसीहियों के रूप में रहने के लिए प्रशिक्षण देना ""चेले बनाना"" है।

## इस अध्याय में अन्य संभावित अनुवाद की कठिनाइयाँ

### परमेश्वर का एक स्वर्गदूत

मत्ती, मरकुस, लूका और यूहन्ना सभों ने यीशु की कब्र पर स्त्रियों के साथ सफेद कपड़ों में स्वर्गदूतों के बारे में लिखा था। दो लेखकों ने उन्हें पुरुष कहा है, परन्तु यह केवल इसलिए है, क्योंकि वे स्वर्गदूत मनुष्यों की तरह दिख रहे थे। दो लेखकों ने दो स्वर्गदूतों के बारे में लिखा, परन्तु अन्य दो लेखकों ने उनमें से केवल एक के बारे में लिखा है। इन मार्गों में से प्रत्येक का अनुवाद करना सबसे अच्छा है क्योंकि यह यूएलटी में दिखाई देता है, बिना मार्गों को ठीक करने के प्रयास किए बिना। (देखें: [Matthew 28:1-2](../../mat/28/01.md) और [मरकुस 16:5](../../mrk/16/05.md) और [लूका 24:4](../../luk/24/04.md) और [यूहन्ना 20:12](../../jhn/20/12.md))
MAT 28 1 anr1 0 Connecting Statement: यह मृतकों में से यीशु के पुनरूत्थान के वर्णन को आरम्भ करता है। MAT 28 1 qkn8 ὀψὲ δὲ Σαββάτων, τῇ ἐπιφωσκούσῃ εἰς μίαν σαββάτων 1 Now late on the Sabbath, as it began to dawn toward the first day of the week सब्त के समाप्त होने के बाद, जैसे रविवार की सुबह सूर्य उदय हुआ MAT 28 1 gs43 δὲ 1 Now कहानी की मुख्य-धारा में विराम को चिन्हित करने के लिए यहाँ इस शब्द का उपयोग किया गया है। यहाँ मत्ती कहानी के एक नए भाग को बताना आरम्भ कर देता है। diff --git a/hi_tn_42-MRK.tsv b/hi_tn_42-MRK.tsv index df12239..c1a1cde 100644 --- a/hi_tn_42-MRK.tsv +++ b/hi_tn_42-MRK.tsv @@ -1,6 +1,6 @@ Book Chapter Verse ID SupportReference OrigQuote Occurrence GLQuote OccurrenceNote MRK front intro r2f2 0 # मरकुस के सुसमाचार का परिचय
## भाग 1: सामान्य परिचय

### मरकुस की पुस्तक की रूपरेखा

1. परिचय (1:1––13)
1. गलील में यीशु की सेवकाई
- आरम्भिक सेवकाई (1:14––3:6)
- यीशु लोगों के मध्य अधिक लोकप्रिय हो जाता है (3:7––5:43)
- गलील से दूर जाना और फिर लौटना (6:1––8:26)
1. यरूशलेम की ओर बढ़ना, बार-बार जब यीशु ने अपनी मृत्यु की भविष्यद्वाणी की; शिष्यों ने गलत समझा, और यीशु उन्हें सिखाता है कि उसका अनुसरण करना कितना कठिन होगा (8:27––10:52)
1. सेवकाई के अन्तिम दिन और यरूशलेम में अन्तिम संघर्ष की तैयारी (11:1-13:37)
1. मसीह की मृत्यु और खाली क्रब (14:1––16:8)

### मरकुस की पुस्तक में क्या है?

मरकुस का सुसमाचार नए नियम में चार पुस्तकों में से एक है जो यीशु मसीह के जीवन से कुछ का वर्णन करता है। सुसमाचार के लेखकों ने यीशु के जीवन के विभिन्न पहलुओं के बारे में लिखा कि यीशु कौन है और उन्होंने क्या किया। मरकुस क्रूस पर यीशु की पीड़ा और मृत्यु के बारे में बहुत कुछ लिखता है। उसने अपने उन पाठकों को उत्साहित करने के लिए ऐसा किया जो सताए जा रहे थे। मरकुस ने यहूदी रीति-रिवाजों और कुछ अरामी शब्दों को भी समझाया है। यह संकेत दे सकता है कि मरकुस ने अपने अधिकांश पहले पाठकों के गैर-यहूदी होने की अपेक्षा की थी।

### इस पुस्तक का शीर्षक किस प्रकार अनुवादित किया जाना चाहिए?

अनुवादक इस पुस्तक को इसके पारम्परिक शीर्षक, ""मरकुस का सुसमाचार , ""या"" मरकुस के अनुसार सुसमाचार"" से पुकारना चुन सकते हैं। वे एक ऐसा शीर्षक भी चुन सकते हैं, जो स्पष्ट हो सकता है, जैसे ""वह शुभ सन्देश जिसे मरकुस लिखा था।"" (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/translate-names]])

### मरकुस की पुस्तक किसने लिखी थी?

पुस्तक लेखक का नाम नहीं देती है। यद्यपि, आरम्भिक मसीही काल से, अधिकांश मसीहियों ने सोचा कि इसका लेखक मरकुस था। मरकुस को यूहन्ना मरकुस भी कहा जाता था। वह पतरस का घनिष्ठ मित्र था। मरकुस ने शायद वह नहीं देखा होगा जो यीशु ने कहा और किया था। परन्तु कई विद्वानों का सोचना है कि मरकुस ने अपने सुसमाचार में वह लिखा था जो पतरस ने उसे यीशु के बारे में बताया था।

## भाग 2: महत्वपूर्ण धार्मिक और सांस्कृतिक धारणाएँ

### यीशु की शिक्षण विधियाँ क्या थीं?

लोगों ने यीशु को रब्बी के रूप में माना। एक रब्बी परमेश्वर की व्यवस्था का शिक्षक होता है। यीशु ने उसी तरह के तरीकों से शिक्षा दी जैसे इस्राएल में अन्य धार्मिक शिक्षक देते थे। उनके पास ऐसे विद्यार्थी थे, जो जहाँ कहीं वह गया उसके पीछे गए। इन विद्यार्थियों को चेले कहा जाता था। वह अक्सर दृष्टान्त बताता था। दृष्टान्त वे कहानियाँ हैं जो नैतिक शिक्षा देती हैं। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/lawofmoses]] और [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/disciple]] और [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/parable]])

## भाग 3: अनुवाद के महत्वपूर्ण विषय

### समदर्शी सुसमाचार क्या हैं?

मत्ती, मरकुस, और लूका के सुसमाचार को समदर्शी सुसमाचार कहा जाता है क्योंकि उनके कई अनुच्छेद एक जैसे हैं। ""समदर्शी"" शब्द का अर्थ ""एक साथ देखने से है।""

इसके पाठ को ""समानांतर"" माना जाता है जब वे एक जैसे या दो या तीन सुसमाचारों में लगभग एक जैसे होते हैं। समानान्तर अनुच्छेदों का अनुवाद करते समय, अनुवादकों को एक ही जैसे शब्दों का उपयोग करना चाहिए और उन्हें यथासम्भव समान बनाना चाहिए।

### यीशु ने स्वयं को ""मनुष्य का पुत्र"" क्यों कहा?

सुसमाचार में, यीशु स्वयं को ""मनुष्य का पुत्र"" कहते हैं। यह दानिय्येल 7:13-14 का एक सन्दर्भ है। इस अनुच्छेद में एक व्यक्ति को ""मनुष्य के पुत्र"" के रूप में वर्णित किया गया है। इसका अर्थ है कि वह व्यक्ति ऐसा था जो मनुष्य की तरह दिखता था। परमेश्वर ने मनुष्य के पुत्र को राष्ट्रों पर सर्वदा के लिए शासन करने का अधिकार दिया। और सभी जातियाँ व लोग सर्वदा उसकी आराधना करेंगी।

यीशु के समय के यहूदियों ने किसी के भी लिए शीर्षक के रूप में ""मनुष्य का पुत्र"" का उपयोग नहीं किया था। इसलिए, यीशु ने अपने आप को यह समझाने में सहायता दी कि वह वास्तव में कौन था। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/sonofman]])

कई भाषाओं में ""मनुष्य का पुत्र"" शीर्षक का अनुवाद करना कठिन हो सकता है। पाठक शायद एक शाब्दिक अनुवाद को गलत समझ सकते हैं। अनुवादक विकल्पों पर विचार कर सकते हैं, जैसे कि ""एक मनुष्य""। शीर्षक को समझाने के लिए एक फुटनोट सम्मिलित करना भी सहायक हो सकता है।

### मरकुस अक्सर समय की छोटी अवधियों का संकेत देने वाले शब्दों का उपयोग क्यों करता है?

मरकुस का सुसमाचार ""तुरन्त"" शब्द का उपयोग चालीस बार करता है। वह घटनाओं को और अधिक रोमांचक और ज्वलंत बनाने के लिए ऐसा करता है। यह पाठक को तुरन्त एक घटना से अगली घटना की तरफ ले जाता है।

### मरकुस की पुस्तक के मूलपाठ में मुख्य विषय क्या हैं?

निम्नलिखित वचन बाइबल के पुराने संस्करणों में पाए जाते हैं परन्तु इन्हें सबसे आधुनिक संस्करणों में सम्मिलित नहीं किया गया है । अनुवादकों को परामर्श दिया जाता है कि इन वचनों को सम्मिलित न करें। यद्यपि, यदि अनुवादकों के क्षेत्र में, बाइबल के ऐसे पुराने संस्करण हैं, जिनमें इनमें से एक या अधिक वचन सम्मिलित हैं, तो अनुवादक उन्हें सम्मिलित कर सकते हैं। यदि वे सम्मिलित किए गए हैं, तो उन्हें यह इंगित करने के लिए वर्ग कोष्ठक ([ ]) के भीतर रखा जाना चाहिए कि वे कदाचित् मरकुस के सुसमाचार में मूल रूप से नहीं थे।

*""यदि किसी के सुनने के कान हों तो सुन ले।"" (7:16)
*""जहाँ उनका कीड़ा नहीं मरता और आग नहीं बुझती"" (9:46)
*""तब पवित्रशास्त्र का वह वचन पूरा हुआ जो कहता है कि वह अपराधियों के संग गिना गया,' (15:28)

निम्नलिखित अनुच्छेद आधुनिक पाण्डुलिपियों में नहीं मिलता है। अधिकांश बाइबलों में इस अनुच्छेद को सम्मिलित किया गया है, परन्तु आधुनिक बाइबल में इसे कोष्ठक में रखते हैं ([]) या किसी भी तरह से यह संकेत देते हैं कि यह अनुच्छेद मरकुस के सुसमाचार के मूल में नहीं रहा है। अनुवादकों को परामर्श दिया जाता है कि वे बाइबल के आधुनिक संस्करणों के जैसा ही कुछ कार्य करें।

*""सप्ताह के पहले दिन भोर होते ही वह जी उठ कर पहले-पहल मरियम मगदलीनी को जिसमें से उसने सात दुष्टात्माएँ निकाली थीं, दिखाई दिया। वह चली गयी और उन लोगों से कहा जो उसके साथ थे, जबकि वे शोक करते और रोते थे। उन्होंने सुना कि वह जीवित था और यह कि उसको दिखाई दिया था, परन्तु उन्होंने विश्वास नहीं किया। इन बातों के बाद जब वे देश में से बाहर निकल रहे थे, तब वह उनमें से दो को एक अलग रूप में दिखाई दिया। वे चले गए और बाकी के चेलों को बताया, परन्तु उन्होंने उन पर विश्वास नहीं किया। बाद में यीशु ग्यारह को दिखाई दिया जब वे मेज पर बैठे थे, और उसने उन्हें उनके अविश्वास और मन की कठोरता के लिए डाँटा, क्योंकि उन लोगों पर उन्होंने विश्वास नहीं किया था जिन्होंने मृतकों से जी उठने के बाद उसे देखा था। उसने उनसे कहा, ""तुम सारे जगत में जाकर सारी सृष्टि के लोगों को सुसमाचार प्रचार करो। जो विश्वास करे और बपतिस्मा ले उसी का उद्धार होगा, परन्तु जो विश्वास नहीं करता वह दोषी ठहराया जाएगा। ये चिन्ह उन लोगों के साथ प्रगट होंगे जो विश्वास करते हैं: मेरे नाम पर वे दुष्टात्माओं को बाहर निकाल देंगे। वे नई भाषाओं में बात करेंगे। वे अपने हाथों से साँपों को उठा लेंगे, और यदि वे प्राणनाशक वस्तु भी पी जाएँ तो भी उनकी कुछ हानि न होगी। वे बीमारों पर हाथ रखेंगे, और वे चंगे हो जाएंगे।' उनसे बात करने के बाद प्रभु, स्वर्ग में उठा लिया गया और परमेश्वर के दाहिने हाथ बैठ गया। चेलों ने उस स्थान से निकल कर सब जगह प्रचार किया, जबकि प्रभु ने उनके साथ काम किया और उनके साथ जाने वाले चिन्हों के द्वारा वचन की पुष्टि की।"" (16:9-20)

(देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/translate-textvariants]])

-MRK 1 intro c6ep 0 # मरकुस 01 सामान्य टिप्पणियाँ
## संरचना और संरूपण

कुछ अनुवाद काव्य साहित्य की प्रत्येक पंक्ति को शेष पाठ की तुलना में पृष्ठ पर दाईं ओर निर्धारित करते हैं ताकि पढ़ने में आसानी हो। यूएलटी काव्य साहित्य के साथ 1:2-3 में यही करता है, जो पुराने नियम के शब्द हैं।

## इस अध्याय में पाई जाने वाली विशेष धारणाएँ

### ""तू मुझे शुद्ध कर सकता है""
कुष्ठ त्वचा का एक रोग था जो एक व्यक्ति को अशुद्ध और परमेश्वर की सही रीति से आराधना करने में असमर्थ बना देता था। यीशु लोगों को शारीरिक रूप से ""शुद्ध"" या चंगा बनाने के साथ-साथ आत्मिक रूप से ""शुद्ध"" या परमेश्वर के साथ सही बनाने में सक्षम हैं। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/clean]])

### ""परमेश्वर का राज्य निकट है""

विद्वान विवाद करते हैं कि इस समय ""परमेश्वर का राज्य"" उपस्थित था या ऐसा कुछ है जो अभी भी आ रहा है। अंग्रेजी अनुवाद अक्सर ""निकट"" वाक्यांश का उपयोग करते हैं, परन्तु यह अनुवादकों के लिए कठिनाई उत्पन्न कर सकता है। अन्य संस्करण ""आ रहा है"" का उपयोग करते हैं और ""निकट आ गया है।""
+MRK 1 intro c6ep 0 # मरकुस 01 सामान्य टिप्पणियाँ
## संरचना और संरूपण

कुछ अनुवाद काव्य साहित्य की प्रत्येक पंक्ति को शेष पाठ की तुलना में पृष्ठ पर दाईं ओर निर्धारित करते हैं ताकि पढ़ने में आसानी हो। यूएलटी काव्य साहित्य के साथ 1:2-3 में यही करता है, जो पुराने नियम के शब्द हैं।

## इस अध्याय में पाई जाने वाली विशेष धारणाएँ

### ""तू मुझे शुद्ध कर सकता है""
कुष्ठ त्वचा का एक रोग था जो एक व्यक्ति को अशुद्ध और परमेश्वर की सही रीति से आराधना करने में असमर्थ बना देता था। यीशु लोगों को शारीरिक रूप से ""शुद्ध"" या चंगा बनाने के साथ-साथ आत्मिक रूप से ""शुद्ध"" या परमेश्वर के साथ सही बनाने में सक्षम हैं। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/clean]])

### ""परमेश्वर का राज्य निकट है""

विद्वान विवाद करते हैं कि इस समय ""परमेश्वर का राज्य"" उपस्थित था या ऐसा कुछ है जो अभी भी आ रहा है। अंग्रेजी अनुवाद अक्सर ""निकट"" वाक्यांश का उपयोग करते हैं, परन्तु यह अनुवादकों के लिए कठिनाई उत्पन्न कर सकता है। अन्य संस्करण ""आ रहा है"" का उपयोग करते हैं और ""निकट आ गया है।""
MRK 1 1 s8qp 0 General Information: मरकुस की पुस्तक भविष्यद्वक्ता यशायाह के यूहन्ना बपतिस्मा देने वाले के आने की भविष्यद्वाणी के साथ आरम्भ होती है, जो यीशु को बपतिस्मा देता है। मरकुस लेखक है, जिसे यूहन्ना मरकुस भी कहा जाता है, जो चार सुसमाचारों में वर्णित मरियम नाम की कई स्त्रियों में से एक का पुत्र है। वह बरनबास का भतीजा भी है। MRK 1 1 i3bc guidelines-sonofgodprinciples Υἱοῦ Θεοῦ 1 Son of God यह यीशु के लिए एक महत्वपूर्ण पदवी है। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/guidelines-sonofgodprinciples]]) MRK 1 2 gu7i figs-idiom πρὸ προσώπου σου 1 before your face "यह एक मुहावरा है जिसका अर्थ है ""तुझ से आगे।"" (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-idiom]])" @@ -781,7 +781,7 @@ MRK 9 50 rb7r ἄναλον γένηται 1 its saltiness इसका नम MRK 9 50 fqb8 figs-rquestion ἐν τίνι αὐτὸ ἀρτύσετε? 1 how can you make it salty again? "इसे एक कथन के रूप में लिखा जा सकता है। वैकल्पिक अनुवाद: ""तुम इसे फिर से नमकीन नहीं बना सकते हो।"" (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-rquestion]])" MRK 9 50 t76n ἀρτύσετε 1 salty again फिर से नमकीन स्वाद MRK 9 50 f34y figs-metaphor ἔχετε ἐν ἑαυτοῖς ἅλα 1 Have salt among yourselves "यीशु एक दूसरे के लिए भले काम करने की बात करता है जैसे कि भले काम नमक था, जो लोग रखते हैं। वैकल्पिक अनुवाद: ""एक दूसरे के लिए भलाई करो, जैसे नमक भोजन में स्वाद को लाता है"" (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-metaphor]])" -MRK 10 intro bq25 0 # मरकुस 10 सामान्य टिप्पणियाँ
## संरचना और संरूपण

कुछ अनुवाद पुराने नियम के उद्धरणों को शेष पाठ की तुलना में पृष्ठ पर दाईं ओर निर्धारित करते हैं। यूएलटी अनुवाद उद्धृत सामग्री के साथ 10: 7-8 में ऐसा ही करता है।

## इस अध्याय में पाई जाने वाली विशेष धारणाएँ

### तलाक के बारे में यीशु की शिक्षा

फरीसी यीशु यह कहलवाने का एक तरीका खोजना चाहते थे कि मूसा की व्यवस्था को तोड़ना अच्छा है, इसलिए उन्होंने तलाक के बारे में उससे पूछा। यीशु बताता है कि कैसे परमेश्वर ने मूल रूप से विवाह को रूपरेखित किया था यह प्रकट करने के लिए कि फरीसियों ने तलाक के बारे में गलत तरीके से शिक्षा दी थी।

## इस अध्याय में बोले जाने वाले महत्वपूर्ण पात्र

### रूपक

रूपक दृश्यमान वस्तुओं के चित्र हैं जिसे वक्ता अदृश्य सच्चाइयों की व्याख्या करने के लिए उपयोग करते हैं। जब यीशु ने ""वह प्याला जो मैं पीने वाला हूँ,"" के बारे में बात की, तो वह उस दर्द के बारे में बोल रहा था जिससे वह क्रूस पर पीड़ित होगा जैसे कि मानो यह एक प्याले में एक कड़वा, जहरीला तरल था।

## इस अध्याय के अनुवाद में अन्य सम्भावित कठिनाइयाँ

### विरोधाभास

एक विरोधाभास एक सच्चा कथन है जो कुछ असम्भव को वर्णन करने के लिए प्रकट होता है। यीशु एक विरोधाभास का उपयोग करता है जब वह कहता है, ""जो भी तुम्हारे बीच में बड़ा होना चाहता है वह तुम्हारा सेवक बने"" ([मरकुस 10:43](../../mrk/10/43.md)).
+MRK 10 intro bq25 0 # मरकुस 10 सामान्य टिप्पणियाँ
## संरचना और संरूपण

कुछ अनुवाद पुराने नियम के उद्धरणों को शेष पाठ की तुलना में पृष्ठ पर दाईं ओर निर्धारित करते हैं। यूएलटी अनुवाद उद्धृत सामग्री के साथ 10: 7-8 में ऐसा ही करता है।

## इस अध्याय में पाई जाने वाली विशेष धारणाएँ

### तलाक के बारे में यीशु की शिक्षा

फरीसी यीशु यह कहलवाने का एक तरीका खोजना चाहते थे कि मूसा की व्यवस्था को तोड़ना अच्छा है, इसलिए उन्होंने तलाक के बारे में उससे पूछा। यीशु बताता है कि कैसे परमेश्वर ने मूल रूप से विवाह को रूपरेखित किया था यह प्रकट करने के लिए कि फरीसियों ने तलाक के बारे में गलत तरीके से शिक्षा दी थी।

## इस अध्याय में बोले जाने वाले महत्वपूर्ण पात्र

### रूपक

रूपक दृश्यमान वस्तुओं के चित्र हैं जिसे वक्ता अदृश्य सच्चाइयों की व्याख्या करने के लिए उपयोग करते हैं। जब यीशु ने ""वह प्याला जो मैं पीने वाला हूँ,"" के बारे में बात की, तो वह उस दर्द के बारे में बोल रहा था जिससे वह क्रूस पर पीड़ित होगा जैसे कि मानो यह एक प्याले में एक कड़वा, जहरीला तरल था।

## इस अध्याय के अनुवाद में अन्य सम्भावित कठिनाइयाँ

### विरोधाभास

एक विरोधाभास एक सच्चा कथन है जो कुछ असम्भव को वर्णन करने के लिए प्रकट होता है। यीशु एक विरोधाभास का उपयोग करता है जब वह कहता है, ""जो भी तुम्हारे बीच में बड़ा होना चाहता है वह तुम्हारा सेवक बने"" ([मरकुस 10:43](../../mrk/10/43.md)).
MRK 10 1 vf86 0 Connecting Statement: यीशु और उसके चेलों के द्वारा कफरनहूम छोड़ने के बाद, यीशु फरीसियों और साथ ही साथ अपने चेलों को याद दिलाता है कि परमेश्वर वास्तव में विवाह और तलाक में क्या अपेक्षा करते हैं। MRK 10 1 qq93 figs-explicit ἐκεῖθεν ἀναστὰς 1 Jesus left that place "यीशु के चेले उसके साथ यात्रा कर रहे थे। वे कफरनहम छोड़ रहे थे। वैकल्पिक अनुवाद: ""यीशु और उसके चेलों ने कफरनहूम छोड़ दिया"" (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-explicit]])" MRK 10 1 j5wa καὶ πέραν τοῦ Ἰορδάνου 1 and to the area beyond the Jordan River "और यरदन नदी के दूसरी ओर की भूमि पर या ""और यरदन नदी के पूर्व का क्षेत्र""" diff --git a/hi_tn_43-LUK.tsv b/hi_tn_43-LUK.tsv index 4eee668..884f4a3 100644 --- a/hi_tn_43-LUK.tsv +++ b/hi_tn_43-LUK.tsv @@ -1,5 +1,5 @@ Book Chapter Verse ID SupportReference OrigQuote Occurrence GLQuote OccurrenceNote -LUK front intro uk55 0 # लूका के सुसमाचार का परिचय ## भाग 1: सामान्य परिचय

### लूका की पुस्तक की रूपरेखा

1। लेखन का परिचय और उद्देश्य (1:1-4)
1। यीशु का जन्म और सेवा के लिए उसकी तैयारी (1:5 - 4:13)
1। गलील में यीशु की सेवा (4:14–-9:50)
1। यरूशलेम की ओर यीशु की यात्रा
- शिष्यता (9:51 - 11:13)
- संघर्ष और यीशु का दुख (11:14 - 14:35)
- खोई और पाई गई वस्तुओं के बारे में दृष्टांत। ईमानदारी और बेईमानी के बारे में दृष्टांत (15:1–-16:31)
- परमेश्वर का राज्य (17:1–-19:27)
- यरूशलेम में यीशु का प्रवेश (19:28–-44)
1. यरूशलेम में यीशु (19:45 - 21:4)
1. यीशु का उसके दूसरे आगमन के बारे में शिक्षा देना (21:5–-36)
1. यीशु की मृत्यु, गाडा जाना, और पुनरुत्थान (22:1–-24:53)

### लूका का सुसमाचार किस के बारे में है?

लूका का सुसमाचार नए नियम की चार पुस्तकों में से एक है, जो यीशु मसीह के जीवन में से कुछ का वर्णन करती है। सुसमाचार के लेखकों ने यीशु के विभिन्न पहलुओं के बारे में लिखा कि यीशु कौन था और उसने क्या किया। लूका ने थियुफिलुस नाम के एक व्यक्ति के लिए अपना सुसमाचार लिखा था। लूका ने यीशु के जीवन का सटीक वर्णन लिखा ताकि थियुफिलुस सत्य के बारे में निश्चित् हो सके। यद्यपि, लूका ने थियुफिलुस से नहीं वरण सभी विश्वासियों को अपने सुसमाचार के द्वारा उत्साहित होने की अपेक्षा की है।

### इस पुस्तक का शीर्षक किस प्रकार अनुवादित किया जाना चाहिए?

अनुवादक इस पुस्तक को उसके पारम्परिक शीर्षक से पुकारे जाना चुन सकते हैं, ""लूका रचित सुसमाचार ""या"" लूका के अनुसार लिखा हुआ सुसमाचार। "" या वे एक ऐसा शीर्षक चुन सकते हैं, जो अत्याधिक स्पष्ट हो सकता है, उदाहरण के लिए, ""यीशु के बारे में शुभ सन्देश जिसे लूका ने लिखा था।"" (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/translate-names]])

### लूका की पुस्तक किसने लिखी?

यह पुस्तक लेखक का नाम नहीं देती है। यह वही व्यक्ति है जिसने प्रेरितों के काम की पुस्तक को भी लिखा है। प्रेरितों के काम की पुस्तक के कुछ भागों में लेखक ""हम"" शब्द का प्रयोग करता हैं। यह संकेत देता है कि लेखक ने पौलुस के साथ यात्रा की थी। अधिकांश विद्वानों का यह मानना है यह व्यक्ति लूका ही था जो पौलुस के साथ यात्रा कर रहा था। इसलिए, आरम्भिक मसीही समय के दिनों से ही, अधिकांश मसीहियों ने यह सोचा है कि लूका ही लूका की पुस्तक और प्रेरितों के काम की पुस्तक दोनों का लेखक था।

लूका एक चिकित्सक अर्थात् डॉक्टर था। उसके लेखनकार्य के तरीके से पता चलता है कि वह एक शिक्षित व्यक्ति था। वह शायद एक अन्यजति था। शायद लूका ने जो कुछ यीशु ने कहा और किया वह नहीं देखा था। परन्तु वह कहता है कि उसने कई ऐसे लोगों से बात की जिन्होंने उसे देखा था

## भाग 2: महत्वपूर्ण धार्मिक और सांस्कृतिक धारणा

### लूका के सुसमाचार में महिलाओं की भूमिका क्या है?

लूका ने महिलाओं को अपने सुसमाचार में बहुत ही सकारात्मक तरीके से वर्णित किया। उदाहरण के लिए, वह अक्सर महिलाओं को अधिकांश पुरुषों की तुलना में परमेश्वर के प्रति अधिक विश्वासयोग्य दिखाता है। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/faithful]])

### लूका ने यीशु के जीवन के अन्तिम सप्ताह के बारे में इतना क्यों लिखा है?

लूका ने यीशु के अन्तिम सप्ताह के बारे में बहुत कुछ लिखा है। वह चाहता था कि उसके पाठक यीशु के अन्तिम सप्ताह और क्रूस पर उसकी मृत्यु के बारे में गहराई से सोचें। वह चाहता था कि लोग यह समझें कि यीशु क्रूस पर स्वेच्छा से मरा ताकि परमेश्वर उन्हें उसके विरुद्ध पाप करने के लिए क्षमा कर सके। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/sin]])

## भाग 3: महत्वपूर्ण अनुवाद के मुद्दे

### समदर्शी सुसमाचार क्या हैं?

मत्ती, मरकुस, और लूका के सुसमाचार को समदर्शी सुसमाचार कहा जाता है, क्योंकि उनके कई प्रसंग एक जैसे हैं। ""समदर्शी"" शब्द का अर्थ ""एक साथ देखने से है।""

इसके पाठ को ""समानांतर"" माना जाता है जब वे एक जैसे या लगभग दो या तीनों सुसमाचारों के जैसे होते हैं। समानांतर प्रसंगो का अनुवाद करते समय, अनुवादकों को एक ही जैसे शब्द का उपयोग करना चाहिए और उन्हें यथासंभव एक जैसा रखना चाहिए।

### यीशु स्वयं को ""मनुष्य के पुत्र"" के रूप में संदर्भित क्यों करता है?

सुसमाचार में, यीशु ने स्वयं को ""मनुष्य का पुत्र"" कहा है। यह दानिय्येल 7: 13-14 का सन्दर्भ है। इस अनुच्छेद में एक व्यक्ति को ""मनुष्य के पुत्र"" के रूप में वर्णित किया गया है। इसका अर्थ है कि वह व्यक्ति था जो मनुष्य की तरह दिखता था। परमेश्वर ने मनुष्य के पुत्र को सदैव के लिए जातियों पर शासन करने का अधिकार दिया है। और सभी लोग उसकी आराधना सदैव करेंगे।

यीशु के समय के यहूदियों ने किसी के लिए भी शीर्षक के रूप में ""मनुष्य का पुत्र"" का उपयोग नहीं किया था। इसलिए, यीशु ने स्वयं को यह समझने में सहायता दी कि वह वास्तव में कौन था। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/sonofman]])

कई भाषाओं में ""मनुष्य का पुत्र"" शीर्षक का अनुवाद करना कठिन हो सकता है। पाठक इसके लिए शाब्दिक अनुवाद को गलत समझ सकते हैं। अनुवादक विकल्पों पर विचार कर सकते हैं, जैसे कि ""एक मानव।"" शीर्षक को समझाने के लिए एक फुटनोट को सम्मिलित करना भी सहायक हो सकता है।

### लूका की पुस्तक के मूलपाठ में मुख्य विषय क्या हैं?

ये निम्नलिखित वचन सबसे पुरानी पाण्डुलिपियों में नहीं मिलते हैं। यूएलटी और यूएसटी अनुवाद में इन वचनों को सम्मिलित किया गया है, परन्तु कुछ अन्य अनुवाद में ये नहीं हैं।

* ""फिर स्वर्ग से एक दूत उसको दिखाई दिया जो उसे सामर्थ्य देता था। वह अत्यन्त संकट में व्याकुल होकर और भी हार्दिक वेदना से प्रार्थना करने लगा; और उसका पसीना मानो लहू की बड़ी बड़ी बूंदों के समान भूमि पर गिर रहा था।"" (22:43–44)
*"" यीशु ने कहा, ""हे पिता, इन्हें क्षमा कर, क्योंकि ये नहीं जानते कि क्या कर रहे हैं।"" (23:34)

निम्नलिखित वचन कई आधुनिक अनुवादों में सम्मलित नहीं है। कुछ अनुवाद इसे वर्गाकार कोष्ठक में डाल देते हैं। अनुवादकों को सलाह दी जाती है कि वे इस वचन का अनुवाद न करें। यद्यपि, यदि अनुवादकों के क्षेत्र में, बाइबल के पुराने अनुवाद हैं जिनमें यह वचन सम्मिलित है, अनुवादक इसे सम्मिलित कर सकते हैं। यदि उनका अनुवाद किया जाता है, तो इन्हें वर्गाकार कोष्ठक ([]) के भीतर रखा जाना चाहिए ताकि यह इंगित किया जा सके कि यह शायद लूका के सुसमाचार में मूल रूप से नहीं थे।

* ""पिलातुस पर्व के समय उनके लिए एक बन्दी को छोड़ने पर विवश था"" (23:17)

(देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/translate-textvariants]])
+LUK front intro uk55 0 # लूका के सुसमाचार का परिचय ## भाग 1: सामान्य परिचय

### लूका की पुस्तक की रूपरेखा

1। लेखन का परिचय और उद्देश्य (1:1-4)
1। यीशु का जन्म और सेवा के लिए उसकी तैयारी (1:5 - 4:13)
1। गलील में यीशु की सेवा (4:14–-9:50)
1। यरूशलेम की ओर यीशु की यात्रा
- शिष्यता (9:51 - 11:13)
- संघर्ष और यीशु का दुख (11:14 - 14:35)
- खोई और पाई गई वस्तुओं के बारे में दृष्टांत। ईमानदारी और बेईमानी के बारे में दृष्टांत (15:1–-16:31)
- परमेश्वर का राज्य (17:1–-19:27)
- यरूशलेम में यीशु का प्रवेश (19:28–-44)
1. यरूशलेम में यीशु (19:45 - 21:4)
1. यीशु का उसके दूसरे आगमन के बारे में शिक्षा देना (21:5–-36)
1. यीशु की मृत्यु, गाडा जाना, और पुनरुत्थान (22:1–-24:53)

### लूका का सुसमाचार किस के बारे में है?

लूका का सुसमाचार नए नियम की चार पुस्तकों में से एक है, जो यीशु मसीह के जीवन में से कुछ का वर्णन करती है। सुसमाचार के लेखकों ने यीशु के विभिन्न पहलुओं के बारे में लिखा कि यीशु कौन था और उसने क्या किया। लूका ने थियुफिलुस नाम के एक व्यक्ति के लिए अपना सुसमाचार लिखा था। लूका ने यीशु के जीवन का सटीक वर्णन लिखा ताकि थियुफिलुस सत्य के बारे में निश्चित् हो सके। यद्यपि, लूका ने थियुफिलुस से नहीं वरण सभी विश्वासियों को अपने सुसमाचार के द्वारा उत्साहित होने की अपेक्षा की है।

### इस पुस्तक का शीर्षक किस प्रकार अनुवादित किया जाना चाहिए?

अनुवादक इस पुस्तक को उसके पारम्परिक शीर्षक से पुकारे जाना चुन सकते हैं, ""लूका रचित सुसमाचार ""या"" लूका के अनुसार लिखा हुआ सुसमाचार। "" या वे एक ऐसा शीर्षक चुन सकते हैं, जो अत्याधिक स्पष्ट हो सकता है, उदाहरण के लिए, ""यीशु के बारे में शुभ सन्देश जिसे लूका ने लिखा था।"" (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/translate-names]])

### लूका की पुस्तक किसने लिखी?

यह पुस्तक लेखक का नाम नहीं देती है। यह वही व्यक्ति है जिसने प्रेरितों के काम की पुस्तक को भी लिखा है। प्रेरितों के काम की पुस्तक के कुछ भागों में लेखक ""हम"" शब्द का प्रयोग करता हैं। यह संकेत देता है कि लेखक ने पौलुस के साथ यात्रा की थी। अधिकांश विद्वानों का यह मानना है यह व्यक्ति लूका ही था जो पौलुस के साथ यात्रा कर रहा था। इसलिए, आरम्भिक मसीही समय के दिनों से ही, अधिकांश मसीहियों ने यह सोचा है कि लूका ही लूका की पुस्तक और प्रेरितों के काम की पुस्तक दोनों का लेखक था।

लूका एक चिकित्सक अर्थात् डॉक्टर था। उसके लेखनकार्य के तरीके से पता चलता है कि वह एक शिक्षित व्यक्ति था। वह शायद एक अन्यजति था। शायद लूका ने जो कुछ यीशु ने कहा और किया वह नहीं देखा था। परन्तु वह कहता है कि उसने कई ऐसे लोगों से बात की जिन्होंने उसे देखा था

## भाग 2: महत्वपूर्ण धार्मिक और सांस्कृतिक धारणा

### लूका के सुसमाचार में महिलाओं की भूमिका क्या है?

लूका ने महिलाओं को अपने सुसमाचार में बहुत ही सकारात्मक तरीके से वर्णित किया। उदाहरण के लिए, वह अक्सर महिलाओं को अधिकांश पुरुषों की तुलना में परमेश्वर के प्रति अधिक विश्वासयोग्य दिखाता है। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/faithful]])

### लूका ने यीशु के जीवन के अन्तिम सप्ताह के बारे में इतना क्यों लिखा है?

लूका ने यीशु के अन्तिम सप्ताह के बारे में बहुत कुछ लिखा है। वह चाहता था कि उसके पाठक यीशु के अन्तिम सप्ताह और क्रूस पर उसकी मृत्यु के बारे में गहराई से सोचें। वह चाहता था कि लोग यह समझें कि यीशु क्रूस पर स्वेच्छा से मरा ताकि परमेश्वर उन्हें उसके विरुद्ध पाप करने के लिए क्षमा कर सके। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/sin]])

## भाग 3: महत्वपूर्ण अनुवाद के मुद्दे

### समदर्शी सुसमाचार क्या हैं?

मत्ती, मरकुस, और लूका के सुसमाचार को समदर्शी सुसमाचार कहा जाता है, क्योंकि उनके कई प्रसंग एक जैसे हैं। ""समदर्शी"" शब्द का अर्थ ""एक साथ देखने से है।""

इसके पाठ को ""समानांतर"" माना जाता है जब वे एक जैसे या लगभग दो या तीनों सुसमाचारों के जैसे होते हैं। समानांतर प्रसंगो का अनुवाद करते समय, अनुवादकों को एक ही जैसे शब्द का उपयोग करना चाहिए और उन्हें यथासंभव एक जैसा रखना चाहिए।

### यीशु स्वयं को ""मनुष्य के पुत्र"" के रूप में संदर्भित क्यों करता है?

सुसमाचार में, यीशु ने स्वयं को ""मनुष्य का पुत्र"" कहा है। यह दानिय्येल 7: 13-14 का सन्दर्भ है। इस अनुच्छेद में एक व्यक्ति को ""मनुष्य के पुत्र"" के रूप में वर्णित किया गया है। इसका अर्थ है कि वह व्यक्ति था जो मनुष्य की तरह दिखता था। परमेश्वर ने मनुष्य के पुत्र को सदैव के लिए जातियों पर शासन करने का अधिकार दिया है। और सभी लोग उसकी आराधना सदैव करेंगे।

यीशु के समय के यहूदियों ने किसी के लिए भी शीर्षक के रूप में ""मनुष्य का पुत्र"" का उपयोग नहीं किया था। इसलिए, यीशु ने स्वयं को यह समझने में सहायता दी कि वह वास्तव में कौन था। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/sonofman]])

कई भाषाओं में ""मनुष्य का पुत्र"" शीर्षक का अनुवाद करना कठिन हो सकता है। पाठक इसके लिए शाब्दिक अनुवाद को गलत समझ सकते हैं। अनुवादक विकल्पों पर विचार कर सकते हैं, जैसे कि ""एक मानव।"" शीर्षक को समझाने के लिए एक फुटनोट को सम्मिलित करना भी सहायक हो सकता है।

### लूका की पुस्तक के मूलपाठ में मुख्य विषय क्या हैं?

ये निम्नलिखित वचन सबसे पुरानी पाण्डुलिपियों में नहीं मिलते हैं। यूएलटी और यूएसटी अनुवाद में इन वचनों को सम्मिलित किया गया है, परन्तु कुछ अन्य अनुवाद में ये नहीं हैं।

* ""फिर स्वर्ग से एक दूत उसको दिखाई दिया जो उसे सामर्थ्य देता था। वह अत्यन्त संकट में व्याकुल होकर और भी हार्दिक वेदना से प्रार्थना करने लगा; और उसका पसीना मानो लहू की बड़ी बड़ी बूंदों के समान भूमि पर गिर रहा था।"" (22:43–44)
*"" यीशु ने कहा, ""हे पिता, इन्हें क्षमा कर, क्योंकि ये नहीं जानते कि क्या कर रहे हैं।"" (23:34)

निम्नलिखित वचन कई आधुनिक अनुवादों में सम्मलित नहीं है। कुछ अनुवाद इसे वर्गाकार कोष्ठक में डाल देते हैं। अनुवादकों को सलाह दी जाती है कि वे इस वचन का अनुवाद न करें। यद्यपि, यदि अनुवादकों के क्षेत्र में, बाइबल के पुराने अनुवाद हैं जिनमें यह वचन सम्मिलित है, अनुवादक इसे सम्मिलित कर सकते हैं। यदि उनका अनुवाद किया जाता है, तो इन्हें वर्गाकार कोष्ठक ([]) के भीतर रखा जाना चाहिए ताकि यह इंगित किया जा सके कि यह शायद लूका के सुसमाचार में मूल रूप से नहीं थे।

* ""पिलातुस पर्व के समय उनके लिए एक बन्दी को छोड़ने पर विवश था"" (23:17)

(देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/translate-textvariants]])
LUK 1 intro f1b5 0 # लूका 01 सामान्य टिप्पणियाँ
##

संरचना एवं स्वरूपण

कुछ अनुवाद पढ़ने के लिए आसान बनाने के लिए कविता के प्रत्येक वाक्य को बाकी के भाग की तुलना में पंक्ति को दाईं ओर व्यवस्थित करते हैं। यूएलटी अनुवाद 1: 46-55, 68-79 में दी हुई कविता के साथ ऐसा ही करता है।

## इस अध्याय की विशेष धारणाएँ

### ""उसे यूहन्ना पुकारा जाएगा""

प्राचीन निकट पूर्व में अधिकांश लोग एक बच्चे को उनके परिवार में से ही किसी के जैसा नाम देते थे। लोग आश्चर्यचकित थे कि एलीशिबा और जकर्याह ने अपने पुत्र को यूहन्ना नाम दिया क्योंकि उसके नाम जैसा उनके परिवार में कोई और नहीं था।

## इस अध्याय के महत्वपूर्ण अलंकार

### लूका की भाषा सरल और सीधा है। वह भाष्य के लिए कई पात्रों का उपयोग नहीं करता है।
LUK 1 1 br8r 0 General Information: लूका व्याख्या करता है कि उसने थियुफिलुस को क्यों लिखा था। LUK 1 1 qhd9 περὶ τῶν πεπληροφορημένων ἐν ἡμῖν πραγμάτων 1 of the things that have been fulfilled among us "उन बातों के बारे में जो हमारे बीच में बीती हैं या ""उन घटनाओं के बारे में जो हमारे बीच हुए हैं""" @@ -676,7 +676,7 @@ LUK 5 37 dw18 figs-activepassive αὐτὸς ἐκχυθήσεται 1 the wine LUK 5 38 ijm3 ἀσκοὺς καινοὺς 1 fresh wineskins "नई मशकें या ""अंगूर के नए थैले""। यह नई, न उपयोग हुई मशकों को सन्दर्भित करता है। LUK 5 39 pvn9 figs-metaphor πιὼν παλαιὸν θέλει νέον 1 drinking old wine ... wants the new यह रूपक धार्मिक अगुवों की पुराने शिक्षा को यीशु की नई शिक्षा के विरूद्ध विरोधाभास प्रगट करता है। मुख्य विषय यहाँ पर यह है कि जिन लोगों को पुरानी शिक्षा के उपयोग की आदत ह वे यीशु की नई बातों को सुनने के इच्छुक नहीं हैं। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-metaphor]]) LUK 5 39 uan9 figs-explicit λέγει γάρ, ὁ παλαιὸς χρηστός ἐστιν 1 for he says, 'The old is better.' यह जोड़ना सहायतापूर्ण हो सकता है: ""और इसलिए वह नए दाखरस को लेने का प्रयास करने के लिए तैयार नहीं है"" (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-explicit]]) -LUK 6 intro vv2y 0 # लूका 06 सामान्य टिप्पणियाँ
##

संरचना एवं स्वरूपण

लूका 6: 20-49 में कई आशीषें और विपत्तियाँ पाई जाती हैं जो मत्ती 5-7 के अनुरूप दिखाई देती हैं। मत्ती के इस खण्ड को परम्परागत रूप से ""पाहड़ी उपदेश"" कहा जाता है। लूका में, वे परमेश्वर के राज्य के ऊपर दी हुई एक शिक्षा से जुड़े हुए नहीं हैं जैसा कि वे मत्ती के सुसमाचार में हैं। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/kingdomofgod]])

## इस अध्याय में विशेष अवधारणाएँ

### ""बालीयाँ तोड़ कर खान""

जब चेलों ने एक खेत से बालीयाँ तोड़ी और खाने लगे तो वे सब्त के दिन इस में चल रहे थे ([लूका 6:1](../../luk/06/01.md)), फरीसियों ने कहा कि वे मूसा की व्यवस्था को तोड़ रहे थे। फरीसियों ने कहा कि चेले बालें तोड़कर काम कर रहे थे और इसलिए परमेश्वर के विश्राम करने और सब्त के दिन काम न करने की आज्ञा की अवहेलना कर रहे थे।

फरीसियों ने यह नहीं सोचा था कि शिष्य चुरा रहे थे। ऐसा इसलिए है क्योंकि मूसा की व्यवस्था में किसानों के द्वारा लगाए हुए फसल में से थोड़ी मात्रा में बालीयों को खाने और तोड़ने की अनुमति दी थी, जिसमें से होकर वे यात्रा करते थे। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/lawofmoses]] और [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/works]] और [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/sabbath]])

## इस अध्याय के महत्वपूर्ण अलंकार

### रूपक

रूपक दृश्यमान वस्तुओं के ऐसे चित्र होते हैं जो वक्ताओं को अदृश्य सत्यों को समझाने के लिए उपयोग किए जाते हैं। यीशु ने उसके लोगों को उदारता के ऊपर शिक्षा देने के लिए एक उदार अनाज के व्यापारी का एक रूपक का उपयोग किया ([लूका 6:38] (../../ luk / 06 / 38.md))। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-metaphor]])

### आलंकारिक प्रश्न

आलंकारिक प्रश्न ऐसे प्रश्न होते हैं जिनको बोलने वाले पहले से ही उत्तर को जानता है। फरीसियों ने यीशु से एक आलंकारिक प्रश्न पूछकर यीशु को डाँट दिया जब उन्होंने सोचा कि वह सब्त को तोड़ रहा था ([लूका 6: 2](../../luk/06/02.md))। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-rquestion]])

## इस अध्याय में अन्य संभावित अनुवाद की कठिनाइयाँ

### निहितार्थ जानकारी

वक्ता सामान्य रूप से उन बातों को नहीं कहते हैं जिनके लिए उन्हें प्रतीत होता है कि उनके सुनने वाले पहले से ही समझते हैं। जब लूका ने लिखा कि उसके चेले अपने हाथों के बीच बालें मल-मल कर खा रहे थे, तो उन्होंने अपेक्षा की थी कि उनके पाठकों को यह पता चलेगा कि वे जो खाने वाले अंश को फेकने वाले से पृथक करेंगे ([लूका 6: 1](../../luk/06/01.md))। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-explicit]])

### बारह चेले

बारह चेलों की सूची निम्नलिखित हैं:

मत्ती में:

शमौन (पतरस), अन्द्रियास, जब्दी का पुत्र याकूब, जब्दी का पुत्र यूहन्ना, फिलिप्पुस, बरतुल्मै, थोमा, मत्ती, हलफईस का पुत्र याकूब, तद्दै, शमौन कनानी, और यहूदा इस्करियोती।

मरकुस में:

शमौन (पतरस), जब्दी का पुत्र याकूब, और याकूब का भाई यूहन्ना, (जिसका नाम उसने बुअनरगिस, अर्थात् गर्जन के पुत्र रखा), अन्द्रियास, फिलिप्पुस, बरतुल्मै, मत्ती, थोमा, हलफईस का पुत्र याकूब, तद्दै, शमौन कनानी और यहूदा इस्करियोती।

लूका में:

शमौन (पतरस), अन्द्रियास, याकूब, यूहन्ना, फिलिप्पुस, बरतुल्मै, मत्ती, थोमा, हलफईस का पुत्र याकूब, और शमौन (जो कनानी कहलाता है), याकूब का बेटा यहूदा, यहूदा इस्करियोती।

तद्दै शायद याकूब के पुत्र यहूदा ही है।
+LUK 6 intro vv2y 0 # लूका 06 सामान्य टिप्पणियाँ
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संरचना एवं स्वरूपण

लूका 6: 20-49 में कई आशीषें और विपत्तियाँ पाई जाती हैं जो मत्ती 5-7 के अनुरूप दिखाई देती हैं। मत्ती के इस खण्ड को परम्परागत रूप से ""पाहड़ी उपदेश"" कहा जाता है। लूका में, वे परमेश्वर के राज्य के ऊपर दी हुई एक शिक्षा से जुड़े हुए नहीं हैं जैसा कि वे मत्ती के सुसमाचार में हैं। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/kingdomofgod]])

## इस अध्याय में विशेष अवधारणाएँ

### ""बालीयाँ तोड़ कर खान""

जब चेलों ने एक खेत से बालीयाँ तोड़ी और खाने लगे तो वे सब्त के दिन इस में चल रहे थे ([लूका 6:1](../../luk/06/01.md)), फरीसियों ने कहा कि वे मूसा की व्यवस्था को तोड़ रहे थे। फरीसियों ने कहा कि चेले बालें तोड़कर काम कर रहे थे और इसलिए परमेश्वर के विश्राम करने और सब्त के दिन काम न करने की आज्ञा की अवहेलना कर रहे थे।

फरीसियों ने यह नहीं सोचा था कि शिष्य चुरा रहे थे। ऐसा इसलिए है क्योंकि मूसा की व्यवस्था में किसानों के द्वारा लगाए हुए फसल में से थोड़ी मात्रा में बालीयों को खाने और तोड़ने की अनुमति दी थी, जिसमें से होकर वे यात्रा करते थे। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/lawofmoses]] और [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/works]] और [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/sabbath]])

## इस अध्याय के महत्वपूर्ण अलंकार

### रूपक

रूपक दृश्यमान वस्तुओं के ऐसे चित्र होते हैं जो वक्ताओं को अदृश्य सत्यों को समझाने के लिए उपयोग किए जाते हैं। यीशु ने उसके लोगों को उदारता के ऊपर शिक्षा देने के लिए एक उदार अनाज के व्यापारी का एक रूपक का उपयोग किया ([लूका 6:38] (../../ luk / 06 / 38.md))। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-metaphor]])

### आलंकारिक प्रश्न

आलंकारिक प्रश्न ऐसे प्रश्न होते हैं जिनको बोलने वाले पहले से ही उत्तर को जानता है। फरीसियों ने यीशु से एक आलंकारिक प्रश्न पूछकर यीशु को डाँट दिया जब उन्होंने सोचा कि वह सब्त को तोड़ रहा था ([लूका 6: 2](../../luk/06/02.md))। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-rquestion]])

## इस अध्याय में अन्य संभावित अनुवाद की कठिनाइयाँ

### निहितार्थ जानकारी

वक्ता सामान्य रूप से उन बातों को नहीं कहते हैं जिनके लिए उन्हें प्रतीत होता है कि उनके सुनने वाले पहले से ही समझते हैं। जब लूका ने लिखा कि उसके चेले अपने हाथों के बीच बालें मल-मल कर खा रहे थे, तो उन्होंने अपेक्षा की थी कि उनके पाठकों को यह पता चलेगा कि वे जो खाने वाले अंश को फेकने वाले से पृथक करेंगे ([लूका 6: 1](../../luk/06/01.md))। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-explicit]])

### बारह चेले

बारह चेलों की सूची निम्नलिखित हैं:

मत्ती में:

शमौन (पतरस), अन्द्रियास, जब्दी का पुत्र याकूब, जब्दी का पुत्र यूहन्ना, फिलिप्पुस, बरतुल्मै, थोमा, मत्ती, हलफईस का पुत्र याकूब, तद्दै, शमौन कनानी, और यहूदा इस्करियोती।

मरकुस में:

शमौन (पतरस), जब्दी का पुत्र याकूब, और याकूब का भाई यूहन्ना, (जिसका नाम उसने बुअनरगिस, अर्थात् गर्जन के पुत्र रखा), अन्द्रियास, फिलिप्पुस, बरतुल्मै, मत्ती, थोमा, हलफईस का पुत्र याकूब, तद्दै, शमौन कनानी और यहूदा इस्करियोती।

लूका में:

शमौन (पतरस), अन्द्रियास, याकूब, यूहन्ना, फिलिप्पुस, बरतुल्मै, मत्ती, थोमा, हलफईस का पुत्र याकूब, और शमौन (जो कनानी कहलाता है), याकूब का बेटा यहूदा, यहूदा इस्करियोती।

तद्दै शायद याकूब के पुत्र यहूदा ही है।
LUK 6 1 dum1 figs-you 0 General Information: यहाँ शब्द ""तुम"" बहुवचन है, और चेलों को सन्दर्भित करता है। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-you]]) LUK 6 1 sw1e 0 Connecting Statement: जब यीशु और उसके चेले गेहूँ के खेतों में से जा रहे थे, तब कुछ फरीसियों ने शिष्यों से प्रश्न किया कि वे सब्त के दिन क्या कर रहे हैं, जो कि परमेश्वर की व्यवस्था में परमेश्वर के लिए पृथक किया गया दिन था। LUK 6 1 c4sa writing-newevent ἐγένετο δὲ 1 Now it happened इस वाक्यांश का उपयोग कहानी के एक नए भाग के आरम्भ को चिन्हित करने के लिए किया गया है। यदि आपकी भाषा में ऐसा करने का कोई तरीका है, तो आप उसे यहाँ उपयोग करने पर विचार कर सकते हैं। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/writing-newevent]]) @@ -817,7 +817,7 @@ LUK 6 49 l5jj ποταμός 1 torrent of water तेजी से बहन LUK 6 49 bs8c προσέρρηξεν 1 flowed against विरुद्ध टकराया LUK 6 49 q98t συνέπεσεν 1 collapsed नीचे गिर गया या टूट गया LUK 6 49 jm86 ἐγένετο τὸ ῥῆγμα τῆς οἰκίας ἐκείνης μέγα 1 the ruin of that house was complete वह घर पूरी तरह से नष्ट हो गया था -LUK 7 intro u8gj 0 # लूका 07 सामान्य टिप्पणियाँ
## संरचना एवं स्वरूपण

कुछ अनुवाद पुराने नियम से उद्धरण को शेष पाठ की तुलना में पृष्ठ पर दाईं ओर दर्शाते हैं। यूएलटी अनुवाद 7:27 में उद्धृत सामग्री के साथ ऐसा ही करता है।

इस अध्याय में कई बार लूका परिवर्तन को चिह्नित किए बिना अपना विषय बदलता है। आपको इन मोटे परिवर्तनों को आसान बनाने का प्रयास नहीं करना चाहिए।

## इस अध्याय में विशेष धारणाएँ

### सूबेदार

सूबेदार जिसने यीशु से उसके दास को ठीक करने के लिए कहा ([लूका 7: 2] (../../luk/07/02.md) कई असामान्य बातों को कर रहा था। एक रोमी सैनिक किसी भी वस्तु के लिए यहूदी के पास आसानी से नहीं जाता था, और अधिक धनी लोग अपने दासों से प्रेम नहीं करते थे या उनकी चिन्ता नहीं करते थे। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/centurion]] और [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/faith]])

### यूहन्ना का बपतिस्मा

यूहन्ना ने लोगों को यह बताने के लिए बपतिस्मा दिया कि जिन्हें वह बपतिस्मा दे रहा था, उन्हें पता था कि वे पापी थे और उनके पाप के लिए उन्हें दु:ख था। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/repent]] और [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/sin]])

### ""पापी""

लूका लोगों के एक समूह को ""पापियों"" के रूप में दर्शाता है। यहूदी अगुवों ने इन लोगों को मूसा के व्यवस्था से निराशाजनक रूप से अनजान माना, और उन्हें साथ ही ""पापी"" कहा। वास्तव में, अगुवे पापी थे। इस स्थिति को विडम्बना के रूप में लिया जा सकता है। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-irony]])

### ""पैर""

प्राचीनकाल के निकट पूर्व में लोगों के पैर बहुत गन्दे होते थे क्योंकि वे खुली चप्पलें पहनते थे सड़कें और रास्ते धूल से गन्दे थे। केवल दास ही अन्य लोगों के पैरों को धोया करते थे। जिस स्त्री ने यीशु के पैरों को धोया वह उसे अत्याधिक सम्मान दर्शा रही थी।

## इस अध्याय में अन्य संभावित अनुवाद की कठिनाइयाँ

### ""मनुष्य का पुत्र""

इस अध्याय में यीशु स्वयं को ""मनुष्य का पुत्र"" कह कर दर्शाता है ([Luke 7:34](../../luk/07/34.md)). आपकी भाषा लोगों को स्वयं के लिए ऐसे बात करने की अनुमति न दे जैसे कि वे किसी और के बारे में बात कर रहे थे। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/sonofman]] और [[rc://hi/ta/man/translate/figs-123person]])
+LUK 7 intro u8gj 0 # लूका 07 सामान्य टिप्पणियाँ
## संरचना एवं स्वरूपण

कुछ अनुवाद पुराने नियम से उद्धरण को शेष पाठ की तुलना में पृष्ठ पर दाईं ओर दर्शाते हैं। यूएलटी अनुवाद 7:27 में उद्धृत सामग्री के साथ ऐसा ही करता है।

इस अध्याय में कई बार लूका परिवर्तन को चिह्नित किए बिना अपना विषय बदलता है। आपको इन मोटे परिवर्तनों को आसान बनाने का प्रयास नहीं करना चाहिए।

## इस अध्याय में विशेष धारणाएँ

### सूबेदार

सूबेदार जिसने यीशु से उसके दास को ठीक करने के लिए कहा ([लूका 7: 2] (../../luk/07/02.md) कई असामान्य बातों को कर रहा था। एक रोमी सैनिक किसी भी वस्तु के लिए यहूदी के पास आसानी से नहीं जाता था, और अधिक धनी लोग अपने दासों से प्रेम नहीं करते थे या उनकी चिन्ता नहीं करते थे। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/centurion]] और [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/faith]])

### यूहन्ना का बपतिस्मा

यूहन्ना ने लोगों को यह बताने के लिए बपतिस्मा दिया कि जिन्हें वह बपतिस्मा दे रहा था, उन्हें पता था कि वे पापी थे और उनके पाप के लिए उन्हें दु:ख था। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/repent]] और [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/sin]])

### ""पापी""

लूका लोगों के एक समूह को ""पापियों"" के रूप में दर्शाता है। यहूदी अगुवों ने इन लोगों को मूसा के व्यवस्था से निराशाजनक रूप से अनजान माना, और उन्हें साथ ही ""पापी"" कहा। वास्तव में, अगुवे पापी थे। इस स्थिति को विडम्बना के रूप में लिया जा सकता है। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-irony]])

### ""पैर""

प्राचीनकाल के निकट पूर्व में लोगों के पैर बहुत गन्दे होते थे क्योंकि वे खुली चप्पलें पहनते थे सड़कें और रास्ते धूल से गन्दे थे। केवल दास ही अन्य लोगों के पैरों को धोया करते थे। जिस स्त्री ने यीशु के पैरों को धोया वह उसे अत्याधिक सम्मान दर्शा रही थी।

## इस अध्याय में अन्य संभावित अनुवाद की कठिनाइयाँ

### ""मनुष्य का पुत्र""

इस अध्याय में यीशु स्वयं को ""मनुष्य का पुत्र"" कह कर दर्शाता है ([Luke 7:34](../../luk/07/34.md)). आपकी भाषा लोगों को स्वयं के लिए ऐसे बात करने की अनुमति न दे जैसे कि वे किसी और के बारे में बात कर रहे थे। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/sonofman]] और [[rc://hi/ta/man/translate/figs-123person]])
LUK 7 1 e1by 0 General Information: यीशु ने कफरनहूम में प्रवेश किया जहाँ यीशु एक सूबेदार के सेवक को ठीक करते है। LUK 7 1 zi6w figs-idiom εἰς τὰς ἀκοὰς τοῦ λαοῦ 1 in the hearing of the people "यह मुहावरे ""लोगों को सुना चुका"" इस बात पर जोर देता है कि वह चाहता था कि वह उस की सुनें। वैकल्पिक अनुवाद: ""उन लोगों को जो उस की सुन रहे थे"" या ""उपस्थित लोगों के लिए"" या ""लोगों के सुनने के लिए"" (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-idiom]])" LUK 7 1 l2zp writing-newevent εἰσῆλθεν εἰς Καφαρναούμ 1 he entered Capernaum इस कहानी में एक नई घटना का आरम्भ होता है। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/writing-newevent]]) @@ -951,7 +951,7 @@ LUK 7 49 enw4 συνανακείμενοι 1 reclining together मेज प LUK 7 49 ie4z figs-rquestion τίς οὗτός ἐστιν ὃς καὶ ἁμαρτίας ἀφίησιν? 1 Who is this that even forgives sins? "धार्मिक अगुवों को पता था कि केवल परमेश्वर ही पापों को क्षमा कर सकता है और वे विश्वास नहीं करते थे कि यीशु ही परमेश्वर थे। यह प्रश्न कदाचित् एक आरोप लगाने वाली मंशा थी। वैकल्पिक अनुवाद: ""यह व्यक्ति क्या सोचता है कि यह कौन है? केवल परमेश्वर ही पापों को क्षमा कर सकते है! ""या"" यह व्यक्ति परमेश्वर होने का नाटक क्यों कर रहा है, केवल वही पापों को क्षमा कर सकता है? ""(देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-rquestion]] और [[rc://hi/ta/man/translate/figs-explicit]])" LUK 7 50 lje8 figs-abstractnouns ἡ πίστις σου σέσωκέν σε 1 Your faith has saved you "तेरे विश्वास के कारण, तू बचाई गई है। भाववाचक संज्ञा ""विश्वास"" को एक क्रिया के रूप में वर्णित किया जा सकता है। वैकल्पिक अनुवाद: ""क्योंकि तू विश्वास करती है, तू बचाई गई है"" (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-abstractnouns]]) LUK 7 50 sp2u πορεύου εἰς εἰρήνην 1 Go in peace यह एक ही समय में आशीष देने के साथ ही विदा कहने का एक तरीका है। वैकल्पिक अनुवाद: ""जैसे तू जाती है, तो अब चिन्ता न कर"" या ""जब तू जाती है तो परमेश्वर तुझे शान्ति दे""" -LUK 8 intro ba3i 0 # लूका 08 सामान्य टिप्पणियाँ
## संरचना एवं स्वरूपण

इस अध्याय में कई बार लूका परिवर्तन को चिह्नित किए बिना ही अपना विषय बदल देता है। आपको इन मोटे परिवर्तनों को आसान बनाने का प्रयास नहीं करना चाहिए।

## इस अध्याय में विशेष धारणाएँ

### आश्चर्यकर्म

यीशु ने बात करके एक तूफान को शान्त कर दिया, उसने बात करके एक मृत लड़की को जीवित कर दिया, और उसने बात करके एक व्यक्ति को दुष्ट आत्माओं से छुड़ा लिया। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/miracle]])

## इस अध्याय के महत्वपूर्ण अलंकार

### दृष्टांत

दृष्टांत छोटी कहानियां थीं जिन्हें यीशु ने बताया था ताकि लोग आसानी से उस शिक्षा को समझ सकें जिसे वह उन्हें देने का प्रयास कर रहे थे। उसने कहानियों को भी बताया ताकि जो लोग उस पर विश्वास नहीं करना चाहते वे सत्य को न समझ पाएँ ([लूका 8:4-15](./04.md))।

## इस अध्याय में अन्य संभावित अनुवाद की कठिनाइयाँ

### भाइयों और बहनों

अधिकांश लोग उन लोगों को ""भाई"" और ""बहन"" ही कह कर बुलाते हैं, जिनके माता-पिता एक ही होते हैं और उनके बारे में उन्हें उनके जीवन में सबसे महत्वपूर्ण लोगों के रूप में सोचते हैं। बहुत से लोग उन लोगों को भी ""भाई"" और ""बहन"" कह कर बुलाते हैं जिनके दादा-दादी एक ही होते हैं। इस अध्याय में यीशु कहता है कि उनके लिए सबसे महत्वपूर्ण लोग वे हैं जो उनके पिता की आज्ञा का पालन करते हैं जो स्वर्ग में है। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/brother]])
+LUK 8 intro ba3i 0 # लूका 08 सामान्य टिप्पणियाँ
## संरचना एवं स्वरूपण

इस अध्याय में कई बार लूका परिवर्तन को चिह्नित किए बिना ही अपना विषय बदल देता है। आपको इन मोटे परिवर्तनों को आसान बनाने का प्रयास नहीं करना चाहिए।

## इस अध्याय में विशेष धारणाएँ

### आश्चर्यकर्म

यीशु ने बात करके एक तूफान को शान्त कर दिया, उसने बात करके एक मृत लड़की को जीवित कर दिया, और उसने बात करके एक व्यक्ति को दुष्ट आत्माओं से छुड़ा लिया। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/miracle]])

## इस अध्याय के महत्वपूर्ण अलंकार

### दृष्टांत

दृष्टांत छोटी कहानियां थीं जिन्हें यीशु ने बताया था ताकि लोग आसानी से उस शिक्षा को समझ सकें जिसे वह उन्हें देने का प्रयास कर रहे थे। उसने कहानियों को भी बताया ताकि जो लोग उस पर विश्वास नहीं करना चाहते वे सत्य को न समझ पाएँ ([लूका 8:4-15](./04.md))।

## इस अध्याय में अन्य संभावित अनुवाद की कठिनाइयाँ

### भाइयों और बहनों

अधिकांश लोग उन लोगों को ""भाई"" और ""बहन"" ही कह कर बुलाते हैं, जिनके माता-पिता एक ही होते हैं और उनके बारे में उन्हें उनके जीवन में सबसे महत्वपूर्ण लोगों के रूप में सोचते हैं। बहुत से लोग उन लोगों को भी ""भाई"" और ""बहन"" कह कर बुलाते हैं जिनके दादा-दादी एक ही होते हैं। इस अध्याय में यीशु कहता है कि उनके लिए सबसे महत्वपूर्ण लोग वे हैं जो उनके पिता की आज्ञा का पालन करते हैं जो स्वर्ग में है। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/brother]])
LUK 8 1 f72n 0 General Information: ये पद यात्रा करते समय यीशु के प्रचार के बारे में पृष्ठभूमि की जानकारी देते हैं। LUK 8 1 i6mi writing-newevent καὶ ἐγένετο 1 It happened इस वाक्यांश का उपयोग कहानी के एक नए भाग को चिह्नित करने के लिए किया गया है। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/writing-newevent]]) LUK 8 2 g99l figs-activepassive αἳ ἦσαν τεθεραπευμέναι ἀπὸ πνευμάτων πονηρῶν καὶ ἀσθενειῶν 1 who had been healed of evil spirits and diseases "इसे सक्रिय रूप में कहा जा सकता है। वैकल्पिक अनुवाद: ""जिसे यीशु ने दुष्ट आत्माओं से मुक्त किया था और बीमारियों से ठीक किया था"" (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-activepassive]])" @@ -1097,7 +1097,7 @@ LUK 8 53 nu8w κατεγέλων αὐτοῦ, εἰδότες ὅτι ἀπέ LUK 8 54 e7zt αὐτὸς…κρατήσας τῆς χειρὸς αὐτῆς 1 he took her by the hand यीशु ने लड़की के हाथ को पकड़ लिया LUK 8 55 k6w2 figs-explicit ἐπέστρεψεν τὸ πνεῦμα αὐτῆς 1 Her spirit returned "उसकी आत्मा उसके शरीर में लौट आई। यहूदियों ने समझा कि जीवन एक व्यक्ति में आने वाली आत्मा का परिणाम था। वैकल्पिक अनुवाद: ""उसने फिर से सांस लेने आरम्भ कर दिया"" या ""उसमें वापस जीवन आ गया"" या ""वह फिर से जीवित हो गई"" (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-explicit]]) LUK 8 56 c6mp μηδενὶ εἰπεῖν 1 to tell no one यह भिन्न तरीके से भी कहा जा सकता है। वैकल्पिक अनुवाद: ""किसी को न बताना""" -LUK 9 intro uc1r 0 # लूका 09 सामान्य टिप्पणियाँ
## संरचना एवं स्वरूपण

""परमेश्वर के राज्य का प्रचार करने के लिए""

कोई भी यह सुनिश्चित रूप से नहीं जानता कि शब्द ""परमेश्वर के राज्य"" का क्या अर्थ है। कुछ कहते हैं कि यह पृथ्वी पर परमेश्वर के शासन को दर्शाता है, और अन्य कहते हैं कि यह सुसमाचार के सन्देश को दर्शाता है कि यीशु अपने लोगों के पापों की अदायगी के लिए मरा था। इसे ""परमेश्वर के राज्य के बारे में प्रचार करने"" या ""उन्हें शिक्षा देने के लिए सबसे अच्छा है कि परमेश्वर स्वयं को राजा के रूप में कैसे दिखाएगा।"" (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-metaphor]])

### एलिय्याह

परमेश्वर ने यहूदियों से प्रतिज्ञा की थी कि मसीह के आने से पहले एलिय्याह वापस आ जाएगा, इसलिए कुछ लोग जिन्होंने यीशु के आश्चर्यकर्मों को देखाथा, यह सोचा कि यीशु एलिय्याह था ([लूका 9: 9] (../../luk/09/09.md), [लूका 9:19](../../luk/09/19.md))। यद्यपि, एलिय्याह यीशु के साथ बात करने के लिए पृथ्वी पर आया ([लूका 9:30] (../../ luk / 09 / 30.md))। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/prophet]] और [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/christ]] और [[rc://hi/tw/dict/bible/names/elijah]]))

### ""परमेश्वर का राज्य""

इस अध्याय में शब्द ""परमेश्वर का राज्य"" का प्रयोग ऐसे राज्य को सन्दर्भित करने के लिए किया जाता है जो भविष्य में आने वाला जबकि उसके लिए अभी बोला जा रहा था। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/kingdomofgod]])

### महिमा

पवित्रशास्त्र अक्सर परमेश्वर की महिमा के बारे में एक महान, चमकीले प्रकाश के रूप में बोलता है। जब लोग इस प्रकाश को देखते हैं, तो वे डर जाते हैं। लूका इस अध्याय में कहता है कि यीशु के कपड़े इस चमकीले प्रकाश के कारण चमक गए ताकि उसके अनुयायी देख सकें कि यीशु वास्तव में ईश्वर का पुत्र था। उसी समय, परमेश्वर ने उनसे कहा कि यीशु उसका पुत्र था। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/glory]] और [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/fear]])

## इस अध्याय में अन्य संभावित अनुवाद की कठिनाइयाँ

### विरोधाभास

एक विरोधाभास एक ऐसा सच्चा कथन है जो किसी असम्भव बात का वर्णन करने का आभास देता है। इस अध्याय में एक उदाहरण यह है: ""क्योंकि जो कोई अपना प्राण बचाना चाहेगा वह उसे खोएगा, परन्तु जो कोई मेरे लिये अपना प्राण खोएगा वही उसे बचाएगा।"" ([लूका 9:24] (../../ luk / 09 / 24.md))

### ""मनुष्य का पुत्र""

इस अध्याय में यीशु स्वयं को ""मनुष्य के पुत्र"" के रूप में सन्दर्भित करता है ([लूका 9:22] (../../ luk / 09 / 22.md))। आपकी भाषा लोगों को स्वयं के लिए ऐसे बात करने की अनुमति न दे जैसे कि वे किसी और के बारे में बात कर रहे थे। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/sonofman]] और [[rc://hi/ta/man/translate/figs-123person]])

### ""प्राप्त करना""

यह शब्द इस अध्याय में कई बार प्रकट होता है और इसका अर्थ है विभिन्न बातों से है। जब यीशु कहता है, ""जो कोई मेरे नाम से इस बालक को ग्रहण करता है, वह मुझे ग्रहण करता है; और जो कोई मुझे ग्रहण करता है, वह मेरे भेजनेवाले को ग्रहण करता है, क्योंकि जो तुम में सबसे छोटे से छोटा है, वही बड़ा है।"" ([लूका 9:48](../../luk/09/48.md)), वह बच्चे की सेवा करने वाले लोगों की बात कर रहा है। जब लूका कहता है, ""उन लोगों ने उसे उतरने न दिया"" ([लूका 9:53] (../../ luk / 09 / 53.md)), उसका अर्थ है कि लोग यीशु पर विश्वास नहीं करते या उसे स्वीकार नहीं करते थे । (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/believe]])
+LUK 9 intro uc1r 0 # लूका 09 सामान्य टिप्पणियाँ
## संरचना एवं स्वरूपण

""परमेश्वर के राज्य का प्रचार करने के लिए""

कोई भी यह सुनिश्चित रूप से नहीं जानता कि शब्द ""परमेश्वर के राज्य"" का क्या अर्थ है। कुछ कहते हैं कि यह पृथ्वी पर परमेश्वर के शासन को दर्शाता है, और अन्य कहते हैं कि यह सुसमाचार के सन्देश को दर्शाता है कि यीशु अपने लोगों के पापों की अदायगी के लिए मरा था। इसे ""परमेश्वर के राज्य के बारे में प्रचार करने"" या ""उन्हें शिक्षा देने के लिए सबसे अच्छा है कि परमेश्वर स्वयं को राजा के रूप में कैसे दिखाएगा।"" (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-metaphor]])

### एलिय्याह

परमेश्वर ने यहूदियों से प्रतिज्ञा की थी कि मसीह के आने से पहले एलिय्याह वापस आ जाएगा, इसलिए कुछ लोग जिन्होंने यीशु के आश्चर्यकर्मों को देखाथा, यह सोचा कि यीशु एलिय्याह था ([लूका 9: 9] (../../luk/09/09.md), [लूका 9:19](../../luk/09/19.md))। यद्यपि, एलिय्याह यीशु के साथ बात करने के लिए पृथ्वी पर आया ([लूका 9:30] (../../ luk / 09 / 30.md))। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/prophet]] और [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/christ]] और [[rc://hi/tw/dict/bible/names/elijah]]))

### ""परमेश्वर का राज्य""

इस अध्याय में शब्द ""परमेश्वर का राज्य"" का प्रयोग ऐसे राज्य को सन्दर्भित करने के लिए किया जाता है जो भविष्य में आने वाला जबकि उसके लिए अभी बोला जा रहा था। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/kingdomofgod]])

### महिमा

पवित्रशास्त्र अक्सर परमेश्वर की महिमा के बारे में एक महान, चमकीले प्रकाश के रूप में बोलता है। जब लोग इस प्रकाश को देखते हैं, तो वे डर जाते हैं। लूका इस अध्याय में कहता है कि यीशु के कपड़े इस चमकीले प्रकाश के कारण चमक गए ताकि उसके अनुयायी देख सकें कि यीशु वास्तव में ईश्वर का पुत्र था। उसी समय, परमेश्वर ने उनसे कहा कि यीशु उसका पुत्र था। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/glory]] और [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/fear]])

## इस अध्याय में अन्य संभावित अनुवाद की कठिनाइयाँ

### विरोधाभास

एक विरोधाभास एक ऐसा सच्चा कथन है जो किसी असम्भव बात का वर्णन करने का आभास देता है। इस अध्याय में एक उदाहरण यह है: ""क्योंकि जो कोई अपना प्राण बचाना चाहेगा वह उसे खोएगा, परन्तु जो कोई मेरे लिये अपना प्राण खोएगा वही उसे बचाएगा।"" ([लूका 9:24] (../../ luk / 09 / 24.md))

### ""मनुष्य का पुत्र""

इस अध्याय में यीशु स्वयं को ""मनुष्य के पुत्र"" के रूप में सन्दर्भित करता है ([लूका 9:22] (../../ luk / 09 / 22.md))। आपकी भाषा लोगों को स्वयं के लिए ऐसे बात करने की अनुमति न दे जैसे कि वे किसी और के बारे में बात कर रहे थे। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/sonofman]] और [[rc://hi/ta/man/translate/figs-123person]])

### ""प्राप्त करना""

यह शब्द इस अध्याय में कई बार प्रकट होता है और इसका अर्थ है विभिन्न बातों से है। जब यीशु कहता है, ""जो कोई मेरे नाम से इस बालक को ग्रहण करता है, वह मुझे ग्रहण करता है; और जो कोई मुझे ग्रहण करता है, वह मेरे भेजनेवाले को ग्रहण करता है, क्योंकि जो तुम में सबसे छोटे से छोटा है, वही बड़ा है।"" ([लूका 9:48](../../luk/09/48.md)), वह बच्चे की सेवा करने वाले लोगों की बात कर रहा है। जब लूका कहता है, ""उन लोगों ने उसे उतरने न दिया"" ([लूका 9:53] (../../ luk / 09 / 53.md)), उसका अर्थ है कि लोग यीशु पर विश्वास नहीं करते या उसे स्वीकार नहीं करते थे । (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/believe]])
LUK 9 1 s7fw 0 Connecting Statement: यीशु अपने चेलों को स्मरण दिलाता है कि वे धन और उस पर आधारित वस्तुओं के ऊपर निर्भर न हों, जो उन्हें सामर्थ्य देती हैं, और फिर वह उन्हें विभिन्न स्थानों पर भेज देता है। LUK 9 1 zqq6 δύναμιν καὶ ἐξουσίαν 1 power and authority इन दो शब्दों का एक साथ उपयोग यह दिखाने के लिए किया जाता है कि बारहों के पास लोगों को ठीक करने की क्षमता और अधिकार दोनों ही थे। इस वाक्यांश को उन शब्दों के संयोजन के साथ अनुवाद करें जिनमें इन दोनों विचारों को सम्मिलित किया गया है। LUK 9 1 fuj7 πάντα τὰ δαιμόνια 1 all the demons "सम्भावित अर्थ 1) ""प्रत्येक दुष्टात्मा"" या 2) ""हर प्रकार की दुष्टात्मा।""" @@ -1245,7 +1245,7 @@ LUK 9 62 j8xt writing-proverbs οὐδεὶς…εὔθετός ἐστιν τ LUK 9 62 zdz4 figs-idiom οὐδεὶς ἐπιβαλὼν τὴν χεῖρα αὐτοῦ ἐπ’ ἄροτρον 1 No one who puts his hand to the plow "यहाँ ""अपना हाथ रखता है"" ऐसा मुहावरा है जिसका अर्थ है कि व्यक्ति कुछ करना आरम्भ कर देता है। वैकल्पिक अनुवाद: ""कोई ऐसा नहीं है जो अपने खेत को जोतना आरम्भ न करे"" (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-idiom]] और [[rc://hi/ta/man/translate/translate-unknown]])" LUK 9 62 pv99 βλέπων εἰς τὰ ὀπίσω 1 looks back कोई भी जो खेत जोतते समय पीछे मुड़कर देखता है वह अपने हल को मार्गदर्शन नहीं दे सकता जिधर उसे चलना है। उस व्यक्ति को अच्छी तरह से हल को चलाने के लिए आगे ध्यान केन्द्रित करना चाहिए। LUK 9 62 k2kn εὔθετός ἐστιν τῇ Βασιλείᾳ τοῦ Θεοῦ 1 fit for the kingdom of God "परमेश्वर के राज्य के लिए उपयोगी या ""परमेश्वर के राज्य के लिए उपयुक्त""" -LUK 10 intro z899 0 # लूका 10 सामान्य टिप्पणियाँ
## इस अध्याय की विशेष धारणाएँ

### फसल

फसल तब होती है जब लोग अपने द्वारा लगाए गए भोजन को पाने के लिए खेतों में निकल जाते हैं ताकि वे उसे अपने घरों में ला सकें और उसे खा सकें। यीशु ने अपने अनुयायियों को शिक्षा देने के लिए एक रूपक के रूप में इसका उपयोग किया कि उन्हें लोगों के पास जाने और उन्हें यीशु के बारे में अन्य लोगों को बताने की आवश्यकता है ताकि वे लोग परमेश्वर के राज्य के भागी बन सकें। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/faith]])

### पड़ोसी

पड़ोसी कोई भी होता है जो आपके पास रहता है। यहूदी ने अपने यहूदी पड़ोसियों की सहायता करते थे जिन्हें सहायता की आवश्यकता होती थी, और वे अपेक्षा करते थे कि उनके यहूदी पड़ोसी उनकी भी सहायता करें।। यीशु चाहता था कि वे यह समझें कि जो लोग यहूदी नहीं थे वे भी उनके पड़ोसी थे, इसलिए उसने उन्हें एक दृष्टांत बताया ([लूका 10:29-36](./29.md)). (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-parables]])
+LUK 10 intro z899 0 # लूका 10 सामान्य टिप्पणियाँ
## इस अध्याय की विशेष धारणाएँ

### फसल

फसल तब होती है जब लोग अपने द्वारा लगाए गए भोजन को पाने के लिए खेतों में निकल जाते हैं ताकि वे उसे अपने घरों में ला सकें और उसे खा सकें। यीशु ने अपने अनुयायियों को शिक्षा देने के लिए एक रूपक के रूप में इसका उपयोग किया कि उन्हें लोगों के पास जाने और उन्हें यीशु के बारे में अन्य लोगों को बताने की आवश्यकता है ताकि वे लोग परमेश्वर के राज्य के भागी बन सकें। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/faith]])

### पड़ोसी

पड़ोसी कोई भी होता है जो आपके पास रहता है। यहूदी ने अपने यहूदी पड़ोसियों की सहायता करते थे जिन्हें सहायता की आवश्यकता होती थी, और वे अपेक्षा करते थे कि उनके यहूदी पड़ोसी उनकी भी सहायता करें।। यीशु चाहता था कि वे यह समझें कि जो लोग यहूदी नहीं थे वे भी उनके पड़ोसी थे, इसलिए उसने उन्हें एक दृष्टांत बताया ([लूका 10:29-36](./29.md)). (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-parables]])
LUK 10 1 c5vi 0 General Information: यीशु ने उनसे पहले 70 और लोगों को भेजा था। वे 70 हर्ष के साथ लौटते हैं, और यीशु अपने स्वर्गीय पिता को महिमा स्वरूप उत्तर देता है LUK 10 1 u8l6 writing-newevent δὲ 1 Now इस शब्द का उपयोग यहाँ कहानी में एक नई घटना को चिन्हित करने के लिए किया गया है। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/writing-newevent]]) LUK 10 1 m75c translate-numbers ἑβδομήκοντα 1 seventy "70 कुछ संस्करण ""बहत्तर"" या ""72"" कहते हैं। आप एक फुटनोट सम्मिलित कर सकते हैं जो इसे बताता हो। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/translate-numbers]]) @@ -1369,7 +1369,7 @@ LUK 10 40 jd9a figs-rquestion οὐ μέλει σοι…μόνην με κατέ LUK 10 41 dsw3 Μάρθα, Μάρθα 1 Martha, Martha "यीशु ने जोर के लिए मार्था के नाम को दोहराया। वैकल्पिक अनुवाद: ""प्रिय मार्था"" या ""तू, मार्था""" LUK 10 42 hqt4 figs-explicit ἑνός…ἐστιν χρεία 1 only one thing is necessary "मार्था जो कुछ कर रही थी यीशु उसकी तुलना मरियम के द्वारा किए जा रहे कार्य के साथ करते हैं। इसे स्पष्ट करना सहायक हो सकता है। वैकल्पिक अनुवाद: ""केवल एक बात जो वास्तव में आवश्यक है वह मेरी शिक्षा को सुनना है"" या ""भोजन की तैयारी करने से मेरी शिक्षा सुनना आवश्यक है"" (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-explicit]])" LUK 10 42 nzn8 figs-activepassive ἥτις οὐκ ἀφαιρεθήσεται ἀπ’ αὐτῆς 1 which will not be taken away from her "सम्भावित अर्थ 1) ""मैं इस अवसर को उससे दूर नहीं करूँगा"" या 2) ""वह मुझे जो सुन रही थी वह उसे नहीं खोएगी क्योंकि वह मुझे सुन रही थी"" (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-activepassive]])" -LUK 11 intro j6le 0 # लूका 11 सामान्य टिप्पणियाँ
## संरचना एवं स्वरूपण

यूएलटी अनुवाद पंक्ति के बाकी के भाग की तुलना में पृष्ठ पर दाएँ से 11: 2-4 में पंक्तियों में निर्धारित करता है क्योंकि वे एक विशेष प्रार्थना हैं।

## इस अध्याय की विशेष धारणाएँ

### प्रभु की प्रार्थना

जब यीशु के अनुयायियों ने उससे प्रार्थना के ऊपर शिक्षा देने के लिए कहा कि उन्हें कैसे प्रार्थना करनी चाहिए, तो उन्होंने उन्हें इस प्रार्थना को सिखाया। उन्होंने उससे हर बार एक ही शब्द का उपयोग करने की अपेक्षा नहीं की थी जब भी वे प्रार्थना करते थे, परन्तु वह चाहता था कि वे यह जान लें कि परमेश्वर क्या चाहता है कि वे कैसी प्रार्थना करें।

### योना

योना पुराने नियम का एक भविष्यद्वक्ता था जिसे अन्यजाति शहर नीनवे के लोगों के पास पश्चाताप करने के लिए भेजा गया था। जब उसने उन्हें पश्चाताप करने के लिए कहा, तो उन्होंने पश्चाताप किया। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/prophet]] और [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/sin]] और [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/repent]])

### प्रकाश और अन्धकार

बाइबल अक्सर अधर्मी लोगों की बात करती है, यह ऐसे लोग हैं जो ऐसे काम नहीं करते हैं जिससे परमेश्वर प्रसन्न होता है, मानो कि वे अन्धकार में घूम रहे हैं। यह प्रकाश की बात करता है मानो कि यह उन पापी लोगों को धर्मी बनने में सक्षम बनाता है, यह समझता है कि वे क्या गलत कर रहे हैं और परमेश्वर की आज्ञा का पालन करना आरम्भ कर दें। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/righteous]])

###

धो कर शुद्ध होना

फरीसी स्वयं को और जिन वस्तुओं को जिनके साथ उन्होंने खाया होता था धो लेते थे। वे ऐसी वस्तुओं को भी धोते थे जो गन्दी नहीं होती थीं। मूसा की व्यवस्था ने उन्हें इन वस्तुओं को धोने के लिए नहीं बताया था, परन्तु वे वैसे ही उन्हें धोते थे। ऐसा इसलिए था क्योंकि वे सोचते थे कि यदि वे दोनों नियमों का पालन करते हैं एक जिन्हें परमेश्वर ने दिए थे और दूसरा कुछ नियम जिन्हें परमेश्वर ने नहीं दिया था, तो परमेश्वर सोचेगा कि वे बेहतर लोग थे। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/lawofmoses]] और [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/clean]])
+LUK 11 intro j6le 0 # लूका 11 सामान्य टिप्पणियाँ
## संरचना एवं स्वरूपण

यूएलटी अनुवाद पंक्ति के बाकी के भाग की तुलना में पृष्ठ पर दाएँ से 11: 2-4 में पंक्तियों में निर्धारित करता है क्योंकि वे एक विशेष प्रार्थना हैं।

## इस अध्याय की विशेष धारणाएँ

### प्रभु की प्रार्थना

जब यीशु के अनुयायियों ने उससे प्रार्थना के ऊपर शिक्षा देने के लिए कहा कि उन्हें कैसे प्रार्थना करनी चाहिए, तो उन्होंने उन्हें इस प्रार्थना को सिखाया। उन्होंने उससे हर बार एक ही शब्द का उपयोग करने की अपेक्षा नहीं की थी जब भी वे प्रार्थना करते थे, परन्तु वह चाहता था कि वे यह जान लें कि परमेश्वर क्या चाहता है कि वे कैसी प्रार्थना करें।

### योना

योना पुराने नियम का एक भविष्यद्वक्ता था जिसे अन्यजाति शहर नीनवे के लोगों के पास पश्चाताप करने के लिए भेजा गया था। जब उसने उन्हें पश्चाताप करने के लिए कहा, तो उन्होंने पश्चाताप किया। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/prophet]] और [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/sin]] और [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/repent]])

### प्रकाश और अन्धकार

बाइबल अक्सर अधर्मी लोगों की बात करती है, यह ऐसे लोग हैं जो ऐसे काम नहीं करते हैं जिससे परमेश्वर प्रसन्न होता है, मानो कि वे अन्धकार में घूम रहे हैं। यह प्रकाश की बात करता है मानो कि यह उन पापी लोगों को धर्मी बनने में सक्षम बनाता है, यह समझता है कि वे क्या गलत कर रहे हैं और परमेश्वर की आज्ञा का पालन करना आरम्भ कर दें। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/righteous]])

###

धो कर शुद्ध होना

फरीसी स्वयं को और जिन वस्तुओं को जिनके साथ उन्होंने खाया होता था धो लेते थे। वे ऐसी वस्तुओं को भी धोते थे जो गन्दी नहीं होती थीं। मूसा की व्यवस्था ने उन्हें इन वस्तुओं को धोने के लिए नहीं बताया था, परन्तु वे वैसे ही उन्हें धोते थे। ऐसा इसलिए था क्योंकि वे सोचते थे कि यदि वे दोनों नियमों का पालन करते हैं एक जिन्हें परमेश्वर ने दिए थे और दूसरा कुछ नियम जिन्हें परमेश्वर ने नहीं दिया था, तो परमेश्वर सोचेगा कि वे बेहतर लोग थे। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/lawofmoses]] और [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/clean]])
LUK 11 1 rkn4 0 General Information: यह कहानी के अगले भाग का आरम्भ है। यीशु अपने चेलों को प्रार्थना करने की शिक्षा देता है। LUK 11 1 fl3j writing-newevent καὶ ἐγένετο 1 It happened इस वाक्यांश का उपयोग कहानी के एक नए भाग के आरम्भ को चिह्नित करने के लिए किया गया है। यदि आपकी भाषा में ऐसा करने का कोई और तरीका है, तो आप इसे यहाँ उपयोग करने पर विचार कर सकते हैं। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/writing-newevent]]) LUK 11 1 c9n4 ἐν τῷ εἶναι αὐτὸν…τις 1 when Jesus was praying ... one of "ऐसा कहने के लिए और अधिक स्वाभाविक हो सकता है कि शिष्य के द्वारा प्रश्न पूछने से पहले उसने प्रार्थना को समाप्त कर लिया था। वैकल्पिक अनुवाद: ""कि यीशु एक निश्चित स्थान पर प्रार्थना कर रहा था। जब उसने प्रार्थना समाप्त कर लिया, तब""" @@ -1525,7 +1525,7 @@ LUK 11 53 mld3 0 General Information: यह कहानी के उस भ LUK 11 53 ejf1 κἀκεῖθεν ἐξελθόντος αὐτοῦ 1 After Jesus left there यीशु के द्वारा फरीसी के घर छोड़ दिए जाने के पश्चात् LUK 11 53 h9sw ἀποστοματίζειν αὐτὸν περὶ πλειόνων 1 argued with him about many things शास्त्रियों और फरीसियों ने अपने विचारों के बचाव में तर्क नहीं दिए, परन्तु यीशु को पकड़ने के प्रयास करने लगे ताकि वे उस पर परमेश्वर की व्यवस्था को तोड़ने का आरोप लगा सकें। LUK 11 54 mr32 figs-metaphor αὐτὸν θηρεῦσαί τι ἐκ τοῦ στόματος αὐτοῦ 1 trying to trap him in his own words इसका अर्थ है कि वे चाहते थे कि यीशु कुछ गलत कहें ताकि वे उस पर आरोप लगा सकें। शास्त्रियों और फरीसियों ने अपने विचारों के बचाव में तर्क नहीं दिए, परन्तु यीशु को पकड़ने के प्रयास करने लगे ताकि वे उस पर परमेश्वर की व्यवस्था को तोड़ने का आरोप लगा सकें। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-metaphor]]) -LUK 12 intro jun3 0 # लूका 12 सामान्य टिप्पणियाँ
## इस अध्याय की विशेष धारणाएँ

### ""आत्मा के विरुद्ध ईशनिन्दा""

कोई भी यह सुनिश्चित रूप से यह नहीं जानता है कि लोग क्या करते हैं या जब वे इस पाप को करते हैं तो वे क्या कहते हैं। यद्यपि, वे कदाचित् ही पवित्र आत्मा और उसके काम का अपमान करते हैं। पवित्र आत्मा के काम का भाग लोगों को यह समझाना है कि वे पापी हैं और उन्हें परमेश्वर की क्षमा को प्राप्त करने की आवश्यकता है। इसलिए, जो भी पाप करना बन्द करने का प्रयास नहीं करता है वह कताचित् आत्मा के विरूद्ध ईशनिन्दा का कार्य कर रहा है। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/blasphemy]] और [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/holyspirit]])

## सेवक

परमेश्वर अपने लोगों से यह स्मरण रखने की अपेक्षा करता है कि संसार में सब कुछ परमेश्वर से ही सम्बन्धित है। परमेश्वर अपने लोगों को वस्तुएँ देता है ताकि वे उसकी सेवा कर सकें। वह चाहता है कि वह उन्हें वह सब कुछ कर दे जो वह उन्हें देता है जो उसने उन्हें दिया है। एक दिन यीशु अपने सेवकों से पूछेगा कि उसने जो कुछ भी उन्हें दिया था, उसके साथ उन्होंने क्या किया है। वह उन लोगों को प्रतिफल देगा जिन्होंने उन कार्यों को किया है जिसे वह चाहता था, और वह उन लोगों को दंडित करेगा जिन्होंने उन कार्यों को नहीं किया।

### विभाजन

यीशु जानता था कि जो लोग उसका अनुसरण नहीं करना चाहते थे वे उनसे घृणा करेंगे जिन्होंने उसका अनुसरण करना चुना। वह यह भी जानता था कि अधिकांश लोग किसी दूसरे की तुलना में अपने परिवार से ज्यादा प्रेम करते हैं। इसलिए वह अपने अनुयायियों को यह समझाना चाहता था कि उनके परिवार को प्रेम करने की अपेक्षा उसके पीछे चलना और उसे प्रसन्न करना उनके लिए अधिक महत्वपूर्ण होना चाहिए ([लूका 12: 51-56](./51.md))।

## इस अध्याय में अन्य संभावित अनुवाद की कठिनाइयाँ

### ""मनुष्य का पुत्र""

यीशु इस अध्याय में स्वयं को ""मनुष्य का पुत्र"" के रूप में प्रकट करता है ([लूका 12; 8] (./8.md) )। आपकी भाषा लोगों को स्वयं के लिए ऐसे बात करने की अनुमति न दे जैसे कि वे किसी और के बारे में बात कर रहे थे। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/sonofman]] और [[rc://hi/ta/man/translate/figs-123person]])
+LUK 12 intro jun3 0 # लूका 12 सामान्य टिप्पणियाँ
## इस अध्याय की विशेष धारणाएँ

### ""आत्मा के विरुद्ध ईशनिन्दा""

कोई भी यह सुनिश्चित रूप से यह नहीं जानता है कि लोग क्या करते हैं या जब वे इस पाप को करते हैं तो वे क्या कहते हैं। यद्यपि, वे कदाचित् ही पवित्र आत्मा और उसके काम का अपमान करते हैं। पवित्र आत्मा के काम का भाग लोगों को यह समझाना है कि वे पापी हैं और उन्हें परमेश्वर की क्षमा को प्राप्त करने की आवश्यकता है। इसलिए, जो भी पाप करना बन्द करने का प्रयास नहीं करता है वह कताचित् आत्मा के विरूद्ध ईशनिन्दा का कार्य कर रहा है। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/blasphemy]] और [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/holyspirit]])

## सेवक

परमेश्वर अपने लोगों से यह स्मरण रखने की अपेक्षा करता है कि संसार में सब कुछ परमेश्वर से ही सम्बन्धित है। परमेश्वर अपने लोगों को वस्तुएँ देता है ताकि वे उसकी सेवा कर सकें। वह चाहता है कि वह उन्हें वह सब कुछ कर दे जो वह उन्हें देता है जो उसने उन्हें दिया है। एक दिन यीशु अपने सेवकों से पूछेगा कि उसने जो कुछ भी उन्हें दिया था, उसके साथ उन्होंने क्या किया है। वह उन लोगों को प्रतिफल देगा जिन्होंने उन कार्यों को किया है जिसे वह चाहता था, और वह उन लोगों को दंडित करेगा जिन्होंने उन कार्यों को नहीं किया।

### विभाजन

यीशु जानता था कि जो लोग उसका अनुसरण नहीं करना चाहते थे वे उनसे घृणा करेंगे जिन्होंने उसका अनुसरण करना चुना। वह यह भी जानता था कि अधिकांश लोग किसी दूसरे की तुलना में अपने परिवार से ज्यादा प्रेम करते हैं। इसलिए वह अपने अनुयायियों को यह समझाना चाहता था कि उनके परिवार को प्रेम करने की अपेक्षा उसके पीछे चलना और उसे प्रसन्न करना उनके लिए अधिक महत्वपूर्ण होना चाहिए ([लूका 12: 51-56](./51.md))।

## इस अध्याय में अन्य संभावित अनुवाद की कठिनाइयाँ

### ""मनुष्य का पुत्र""

यीशु इस अध्याय में स्वयं को ""मनुष्य का पुत्र"" के रूप में प्रकट करता है ([लूका 12; 8] (./8.md) )। आपकी भाषा लोगों को स्वयं के लिए ऐसे बात करने की अनुमति न दे जैसे कि वे किसी और के बारे में बात कर रहे थे। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/sonofman]] और [[rc://hi/ta/man/translate/figs-123person]])
LUK 12 1 w6x5 0 General Information: यीशु अपने चेलों को हजारों लोगों के सामने ही शिक्षा देना आरम्भ कर देता है। LUK 12 1 en8g writing-newevent ἐν οἷς 1 In the meantime कदाचित् यह उस समय की बात जब शास्त्री और फरीसी उसे फंसाने के लिए एक तरीके की खोज कर रहे थे। लेखक एक नई घटना के आरम्भ को चिन्हित करने के लिए इन शब्दों का उपयोग करता है। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/writing-newevent]]) LUK 12 1 r5jz writing-background ἐπισυναχθεισῶν τῶν μυριάδων τοῦ ὄχλου, ὥστε καταπατεῖν ἀλλήλους 1 when many thousands of the people ... they trampled on each other यह पृष्ठभूमि की जानकारी है जो कहानी के सन्दर्भ को बताती है। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/writing-background]]) @@ -1685,7 +1685,7 @@ LUK 12 58 e7hz τὸν κριτήν 1 the judge यह मजिस्ट्र LUK 12 58 b7sh σε παραδώσει 1 does not deliver you तुझे वहाँ नही खीचता है LUK 12 59 wi7m figs-hypo λέγω σοι…καὶ τὸ ἔσχατον λεπτὸν ἀποδῷς 1 I say to you ... bit of money यह काल्पनिक स्थिति का अन्त है, जो पद 58 में आरम्भ होती है, जिसे कि यीशु भीड़ को शिक्षा देने के लिए उपयोग करते हैं। उसका विषय यह है कि उन्हें उन बातों का समाधान करना चाहिए जिन्हें वे सार्वजनिक न्यायालयों को सम्मिलित किए बिना समाधान करने में सक्षम हैं। यह स्पष्ट करने के लिए इसे पुनः कहा जा सकता है कि ऐसा घटित नहीं हो सकता है। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-hypo]]) LUK 12 59 i124 καὶ τὸ ἔσχατον λεπτὸν 1 the very last bit of money पूरी राशि जिसे तेरा शत्रु तुझ से मांगता है -LUK 13 intro xaa2 0 # लूका 13 सामान्य टिप्पणियाँ
## इस अध्याय में अनुवाद सम्भावित कठिनाइयाँ

### अज्ञात् घटनाएँ

लोग और यीशु दो घटनाओं के बारे में बोलते हैं जिनके बारे में वे जानते थे, परन्तु जिनके बारे में कोई भी आज लूका के द्वारा लिखे हुए को छोड़कर और कुछ भी नहीं जानते हैं ([लूका 13: 1-5] (./01.md))। आपके अनुवाद को केवल उतना ही बताना चाहिए जितना लूका बताता है।

### विरोधाभास

एक विरोधाभास एक ऐसा सच्चा कथन है जो कुछ का असंभव वर्णन करता हुआ प्रतीत होता है। इस अध्याय में एक विरोधाभास प्रगट होता है: ""कितने पिछले हैं वे प्रथम होंगे, और जो सबसे महत्वपूर्ण हैं, वे अंतिम होंगे।"" ([लूका 13:30](../../luk/13/30.md))।
+LUK 13 intro xaa2 0 # लूका 13 सामान्य टिप्पणियाँ
## इस अध्याय में अनुवाद सम्भावित कठिनाइयाँ

### अज्ञात् घटनाएँ

लोग और यीशु दो घटनाओं के बारे में बोलते हैं जिनके बारे में वे जानते थे, परन्तु जिनके बारे में कोई भी आज लूका के द्वारा लिखे हुए को छोड़कर और कुछ भी नहीं जानते हैं ([लूका 13: 1-5] (./01.md))। आपके अनुवाद को केवल उतना ही बताना चाहिए जितना लूका बताता है।

### विरोधाभास

एक विरोधाभास एक ऐसा सच्चा कथन है जो कुछ का असंभव वर्णन करता हुआ प्रतीत होता है। इस अध्याय में एक विरोधाभास प्रगट होता है: ""कितने पिछले हैं वे प्रथम होंगे, और जो सबसे महत्वपूर्ण हैं, वे अंतिम होंगे।"" ([लूका 13:30](../../luk/13/30.md))।
LUK 13 1 t1fi 0 Connecting Statement: यीशु अभी भी भीड़ के सामने बोल रहा है। भीड़ में कुछ लोग उस से एक प्रश्न को पूछते हैं और वह उत्तर देना आरम्भ कर देता है। इससे कहानी आगे बढ़ती है जो [लूका 12:1](../12/01.md) में आरम्भ होती है। LUK 13 1 b9rx ἐν αὐτῷ τῷ καιρῷ 1 At that time यह वाक्यांश इस घटना को अध्याय 12 के अन्त तक जोड़ता है, जब यीशु लोगों की भीड़ को शिक्षा दे रहा था। LUK 13 1 wg2k figs-explicit ὧν τὸ αἷμα Πειλᾶτος ἔμιξεν μετὰ τῶν θυσιῶν αὐτῶν 1 whose blood Pilate mixed with their own sacrifices "यहाँ ""लहू"" गलीलियों की मृत्यु को प्रकट करता है। वे कदाचित् उनकी बलि चढ़ाने के समय मारे गए थे। यह यूएसटी अनुवाद में स्पष्ट रूप से कहा जा सकता है। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-explicit]])" @@ -1784,7 +1784,7 @@ LUK 13 34 kb9t figs-metaphor ὃν τρόπον ὄρνις τὴν ἑαυτῆ LUK 13 35 w1v2 figs-metaphor ἀφίεται ὑμῖν ὁ οἶκος ὑμῶν 1 your house is abऔरoned यह कुछ ऐसा घटित होने की भविष्यवाणी है जो शीघ्र ही होगा। इसका अर्थ है कि परमेश्वर ने यरूशलेम के लोगों की रक्षा करना बन्द कर दिया है, इसलिए शत्रु उस पर आक्रमण कर सकते हैं और लोगों को वहाँ से निकाल सकते हैं। सम्भावित अर्थ 1) परमेश्वर उन्हें त्याग देगा। वैकल्पिक अनुवाद: ""परमेश्वर तुम्हें त्याग देगा"" या 2) उनका शहर खाली हो जाएगा। वैकल्पिक अनुवाद: ""तुम्हारा घर त्याग दिया जाएगा"" ((देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-metaphor]]) LUK 13 35 x4y6 οὐ μὴ με ἴδητέ ἕως ἥξει ὅτε εἴπητε 1 you will not see me until you say तुम मुझे तब तक नहीं देख पाओगे जब तक समय नहीं आ जाता तब तक तुम यह कहोगे या ""अगली बार जब तुम मुझे देखोगे, तो यह कहोगें""" LUK 13 35 v6lj figs-metonymy ὀνόματι Κυρίου 1 the name of the Lord "यहाँ ""नाम"" प्रभु की सामर्थ्य और अधिकार को प्रकट करता है। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-metonymy]])" -LUK 14 intro xk3w 0 # लूका 14 सामान्य टिप्पणियाँ
## संरचना एवं स्वरूपण

पद 3 कहता है, ""यीशु ने यहूदी व्यवस्थापकों और फरीसियों से कहा, “क्या सब्त के दिन अच्छा करना उचित है, कि नहीं?” कई बार, फरीसी ने सब्त के दिन ठीक करने के कारण यीशु के प्रति क्रोधित हो गए थे। इस प्रसंग में, यीशु फरीसियों को चुप करा देता है। यह सामान्य रूप से फरीसि थे जो यीशु को फंसाने का प्रयास करते थे।

### विषय में परिवर्तन

इस अध्याय में कई बार लूका विषय में बिना किसी परिवर्तन को चिन्हित किए एक विषय से दूसरे विषय की ओर चला जाता है।

## इस अध्याय के महत्वपूर्ण अलंकार

### दृष्टान्त

यीशु ने [लूका 14:15-24](./15.md) में दृष्टान्त को यह शिक्षा देने के लिए कहा कि परमेश्वर का राज्य ऐसा कुछ होगा कि जिसका आनन्द प्रत्येक व्यक्ति ले सकता है। परन्तु लोग इसके भागी बनने से इनकार कर देंगे। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-metaphor]] और [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/kingdomofgod]])

## इस अध्याय में अन्य संभावित अनुवाद की कठिनाइयाँ

### विरोधाभास

एक विरोधाभास एक ऐसा सच्चा कथन है जो कुछ का असंभव वर्णन करता हुआ प्रतीत होता है। इस अध्याय में एक विरोधाभास प्रगट होता है: ""क्योंकि जो कोई अपने आप को बड़ा बनाएगा, वह छोटा किया जाएगा; और जो कोई अपने आप को छोटा बनाएगा, वह बड़ा किया जाएगा।"" ([लूका 14:11](../../luk/14/11.md)).
+LUK 14 intro xk3w 0 # लूका 14 सामान्य टिप्पणियाँ
## संरचना एवं स्वरूपण

पद 3 कहता है, ""यीशु ने यहूदी व्यवस्थापकों और फरीसियों से कहा, “क्या सब्त के दिन अच्छा करना उचित है, कि नहीं?” कई बार, फरीसी ने सब्त के दिन ठीक करने के कारण यीशु के प्रति क्रोधित हो गए थे। इस प्रसंग में, यीशु फरीसियों को चुप करा देता है। यह सामान्य रूप से फरीसि थे जो यीशु को फंसाने का प्रयास करते थे।

### विषय में परिवर्तन

इस अध्याय में कई बार लूका विषय में बिना किसी परिवर्तन को चिन्हित किए एक विषय से दूसरे विषय की ओर चला जाता है।

## इस अध्याय के महत्वपूर्ण अलंकार

### दृष्टान्त

यीशु ने [लूका 14:15-24](./15.md) में दृष्टान्त को यह शिक्षा देने के लिए कहा कि परमेश्वर का राज्य ऐसा कुछ होगा कि जिसका आनन्द प्रत्येक व्यक्ति ले सकता है। परन्तु लोग इसके भागी बनने से इनकार कर देंगे। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-metaphor]] और [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/kingdomofgod]])

## इस अध्याय में अन्य संभावित अनुवाद की कठिनाइयाँ

### विरोधाभास

एक विरोधाभास एक ऐसा सच्चा कथन है जो कुछ का असंभव वर्णन करता हुआ प्रतीत होता है। इस अध्याय में एक विरोधाभास प्रगट होता है: ""क्योंकि जो कोई अपने आप को बड़ा बनाएगा, वह छोटा किया जाएगा; और जो कोई अपने आप को छोटा बनाएगा, वह बड़ा किया जाएगा।"" ([लूका 14:11](../../luk/14/11.md)).
LUK 14 1 a3ya writing-background 0 General Information: यह सब्त का दिन है, और यीशु फरीसी के घर पर है। पद 1 आगे घटने वाली घटना के लिए पृष्ठभूमि की जानकारी देता है। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/writing-background]]) LUK 14 1 dj2d writing-newevent καὶ ἐγένετο…Σαββάτῳ 1 It happened one Sabbath यह एक नई घटना को इंगित करता है। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/writing-newevent]]) LUK 14 1 lh8g figs-synecdoche φαγεῖν ἄρτον 1 to eat bread "खाना या ""भोजन के लिए""। रोटी भोजन का एक महत्वपूर्ण भाग थी और भोजन के सन्दर्भ में इस वाक्य में प्रयोग किया जाता है। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-synecdoche]]) @@ -1886,7 +1886,7 @@ LUK 14 35 bp1b κοπρίαν 1 manure pile लोग बागों और LUK 14 35 n5a9 figs-activepassive ἔξω βάλλουσιν αὐτό 1 It is thrown away "इसे सक्रिय रूप में कहा जा सकता है। वैकल्पिक अनुवाद: ""किसी ने इसे फेंक दिया"" (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-activepassive]])" LUK 14 35 u9h3 figs-metonymy ὁ ἔχων ὦτα ἀκούειν, ἀκουέτω 1 He who has ears to hear, let him hear "यीशु इस बात पर ज़ोर दे रहा है कि उसने जो कहा है वह महत्वपूर्ण है और अभ्यास करने और व्यवहार में लाने के लिए कुछ प्रयास किया जा सकता है। वाक्यांश ""सुनने के कान"" यहाँ समझने और पालन करने की इच्छा के लिए एक उपनाम है। देखें कि आपने इस वाक्यांश का अनुवाद [लूका 8:8](../08/08.md) में कैसे किया है। वैकल्पिक अनुवाद: ""जो सुनना चाहता है, सुनें"" या ""वह जो समझने को तैयार है, उसे समझे और आज्ञा का पालन करे"" (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-metonymy]])" LUK 14 35 c5fb figs-123person 1 He who ... let him "क्योंकि यीशु सीधे अपने दर्शकों से बातें कर रहा है, इसलिए आप यहाँ दूसरे व्यक्ति का उपयोग करना पसन्द कर सकते हैं। देखें कि आपने इस वाक्यांश का अनुवाद [लूका 8:8](../08/08.md) में कैसे किया है। वैकल्पिक अनुवाद: ""यदि आप सुनना चाहते हैं, सुने"" या ""यदि आप समझने के इच्छुक हैं, तो समझें और आज्ञा का पालन"" (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-123person]])" -LUK 15 intro p1ba 0 # लूका 15 सामान्य टिप्पणियाँ
## संरचना एवं स्वरूपण

### उड़ाऊ पुत्र का दृष्टान्त

[लूका 15:11-32](./11.md)उड़ाऊ पुत्र का दृष्टान्त है। अधिकांश लोग सोचते हैं कि कहानी में पिता ने ईश्वर (पिता) का प्रतिनिधित्व किया, पापी छोटे पुत्र ने उन लोगों का प्रतिनिधित्व किया जो पश्चाताप् करते हैं और यीशु में विश्वास करते हैं, और स्व-धर्मी पुत्र बड़े फरीसियों का प्रतिनिधित्व करते हैं। कहानी में बड़े पुत्र पिता के ऊपर नाराज हो जाता है क्योंकि पिता ने छोटे पुत्र के पापों को क्षमा कर दिया, और वह पिता के पास नहीं गए क्योंकि छोटे पुत्र ने पश्चाताप् किया था। ऐसा इसलिए था क्योंकि यीशु जानता था कि फरीसी चाहते थे कि परमेश्वर सोचें कि केवल वे ही अच्छे थे और वे अन्य लोगों के पापों को क्षमा नहीं करते थे। वह उन्हें सिखा रहा था कि वे कभी भी परमेश्वर के राज्य का हिस्सा नहीं होंगे क्योंकि उन्होंने इस तरह से सोचा था। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/sin]] और [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/forgive]] और [[rc://hi/ta/man/translate/figs-parables]]))

## इस अध्याय में पाई जाने वाली विशेष धारणाएँ

### पापियों

जब यीशु ने अपने समय के लोगों ने ""पापियों"" की बात की, तो वे उन लोगों के बारे में बात कर रहे थे जिन्होंने पालन नहीं किया मूसा के नियम और इसकी अपेक्षा चोरी या यौन पापों जैसे पाप किए। परन्तु यीशु ने तीन दृष्टान्त ([लूका 15:4-7](./04.md), [लूका 15:8-10](./08.md), और [लूका15:11-32](./11.md)) यह सिखाने के लिए कि जो लोग मानते हैं कि वे पापी हैं और पश्चाताप करेंगे वे वास्तव में परमेश्वर को प्रसन्न करते हैं। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/sin]] और [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/repent]] और [[rc://hi/ta/man/translate/figs-parables]])
+LUK 15 intro p1ba 0 # लूका 15 सामान्य टिप्पणियाँ
## संरचना एवं स्वरूपण

### उड़ाऊ पुत्र का दृष्टान्त

[लूका 15:11-32](./11.md)उड़ाऊ पुत्र का दृष्टान्त है। अधिकांश लोग सोचते हैं कि कहानी में पिता ने ईश्वर (पिता) का प्रतिनिधित्व किया, पापी छोटे पुत्र ने उन लोगों का प्रतिनिधित्व किया जो पश्चाताप् करते हैं और यीशु में विश्वास करते हैं, और स्व-धर्मी पुत्र बड़े फरीसियों का प्रतिनिधित्व करते हैं। कहानी में बड़े पुत्र पिता के ऊपर नाराज हो जाता है क्योंकि पिता ने छोटे पुत्र के पापों को क्षमा कर दिया, और वह पिता के पास नहीं गए क्योंकि छोटे पुत्र ने पश्चाताप् किया था। ऐसा इसलिए था क्योंकि यीशु जानता था कि फरीसी चाहते थे कि परमेश्वर सोचें कि केवल वे ही अच्छे थे और वे अन्य लोगों के पापों को क्षमा नहीं करते थे। वह उन्हें सिखा रहा था कि वे कभी भी परमेश्वर के राज्य का हिस्सा नहीं होंगे क्योंकि उन्होंने इस तरह से सोचा था। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/sin]] और [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/forgive]] और [[rc://hi/ta/man/translate/figs-parables]]))

## इस अध्याय में पाई जाने वाली विशेष धारणाएँ

### पापियों

जब यीशु ने अपने समय के लोगों ने ""पापियों"" की बात की, तो वे उन लोगों के बारे में बात कर रहे थे जिन्होंने पालन नहीं किया मूसा के नियम और इसकी अपेक्षा चोरी या यौन पापों जैसे पाप किए। परन्तु यीशु ने तीन दृष्टान्त ([लूका 15:4-7](./04.md), [लूका 15:8-10](./08.md), और [लूका15:11-32](./11.md)) यह सिखाने के लिए कि जो लोग मानते हैं कि वे पापी हैं और पश्चाताप करेंगे वे वास्तव में परमेश्वर को प्रसन्न करते हैं। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/sin]] और [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/repent]] और [[rc://hi/ta/man/translate/figs-parables]])
LUK 15 1 l9ez 0 General Information: हम नहीं जानते कि यह कहाँ पर घटित होता है; यह तो केवल एक दिन घटित हो जाता है जब यीशु शिक्षा दे रहा है। LUK 15 1 yj6b writing-newevent δὲ 1 Now यह एक नई घटना के आरम्भ को चिह्नित करता है। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/writing-newevent]]) LUK 15 1 ss52 figs-hyperbole πάντες οἱ τελῶναι 1 all the tax collectors "इस बात पर बढ़ा चढ़ा कर जोर देना है कि उनमें से बहुत से थे। वैकल्पिक अनुवाद: ""कई कर संग्रहकर्ता"" (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-hyperbole]])" @@ -2075,7 +2075,7 @@ LUK 16 30 r3ez ἀπὸ νεκρῶν 1 from the dead उन सभी लो LUK 16 31 xkr7 figs-metonymy εἰ Μωϋσέως καὶ τῶν προφητῶν οὐκ ἀκούουσιν 1 If they do not listen to Moses and the prophets "यहाँ ""मूसा और भविष्यवक्ता"" उन बातों का प्रतिनिधित्व करते हैं, जिन्हें उन्होंने लिखा था। वैकल्पिक अनुवाद: ""यदि वे मूसा और भविष्यवक्ताओं ने जो लिखा है, उस पर ध्यान नहीं देते"" (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-metonymy]])" LUK 16 31 n9s4 figs-hypo οὐδ’ ἐάν τις ἐκ νεκρῶν ἀναστῇ, πεισθήσονται 1 neither will they be persuaded if someone rises from the dead "अब्राहम बताता है कि क्या होगा यदि ऐसी परिकल्पनात्मक स्थिति घटित होती। यह सक्रिय के रूप में कहा जा सकता है। वैकल्पिक अनुवाद: ""न तो कोई व्यक्ति जो मृतकों से वापस आ जाएगा, वह उन्हें मनाने में सक्षम हो जाएगा"" या ""यदि कोई व्यक्ति मृतकों से वापस आ जाता है, तौभी वे विश्वास नहीं करेंगे"" (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-hypo]] और [[rc://hi/ta/man/translate/figs-activepassive]])" LUK 16 31 gf1b ἐκ νεκρῶν ἀναστῇ 1 rises from the dead "शब्द ""मृतकों से"" पताल में पड़े हुए सभी मृत लोगों के एक साथ होने को बताती है। उनमें से उठने के लिए फिर से जीवित होना होगा।" -LUK 17 intro c4am 0 # लूका 17 सामान्य टिप्पणियाँ
## इस अध्याय में विशेष धारणाएँ

### पुराने नियम के उदाहरण

यीशु ने अपने अनुयायियों को सिखाने के लिए नूह और लूत के जीवन का उपयोग किया। नूह जल प्रलय के लिए तैयार था जब यह आई, और उन्हें वापस लौटने के लिए तैयार होने की आवश्यकता थी, क्योंकि वह उन्हें चेतावनी नहीं देगा कि वह कब लौट आएगा। लूत की पत्नी ने उस दुष्ट शहर से प्रेम किया जिसमें वह रह रही थी, जिसे परमेश्वर ने तब नष्ट कर दिया जब उसने इस शहर को नष्ट किया, और उन्हें यीशु से अधिक किसी और वस्तु से ज्यादा प्रेम करने की आवश्यकता नहीं थी,

जो लोग आपके अनुवाद को पढ़ते हैं, उन्हें सहायता की आवश्यकता हो सकती है, ताकि वे समझ सकें कि यीशु यहाँ पर क्या शिक्षा दे रहा था।

## इस अध्याय के महत्वपूर्ण अलंकार

### काल्पनिक परिस्थितियाँ

काल्पनिक परिस्थितियाँ ऐसी स्थितियाँ होती हैं, जो वास्तव में घटित नहीं हुई होती हैं। यीशु ने यह सिखाने के लिए एक विशेष प्रकार की काल्पनिक स्थिति का उपयोग किया था कि जो लोग दूसरों के पाप करने का कारण बनेंगे, वे डूब जाने से भी बुरे थे ([लूका 19:1-2](./01.md)) और दूसरा चेलों को डाँटने के लिए क्योंकि उनके पास थोड़ा विश्वास था ([लूका 19:6](../../luk/19/06.md)). (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-hypo]])

### आलंकारिक प्रश्न

यीशु ने अपने चेलों से तीन प्रश्न पूछे ([लूका 17: 7-9](./07.md)) उन्हें सिखाने के लिए कि जो लोग उसकी सेवा अच्छी रीति से करते हैं वे भी हैं वे भी केवल उसके अनुग्रह के कारण ही धर्मी हैं। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-rquestion]] और [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/grace]] और [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/righteous]])

## इस अध्याय में अन्य संभावित अनुवाद की कठिनाइयाँ

### ""मनुष्य का पुत्र""

यीशु इस अध्याय में स्वयं को ""मनुष्य का पुत्र"" के रूप में सम्बोधित करता है ([लूका 17:22](../../luk/17/22.md))। आपकी भाषा लोगों को स्वयं के लिए ऐसे बात करने की अनुमति न दे जैसे कि वे किसी और के बारे में बात कर रहे थे। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/sonofman]] और [[rc://hi/ta/man/translate/figs-123person]])

### विरोधाभास

एक विरोधाभास एक सच्चा कथन है जो किसी असंभव का वर्णन करने जैसा प्रतीत होता है। इस अध्याय में एक विरोधाभास पाया जाता है: ""जो कोई अपना प्राण बचाना चाहे वह उसे खोएगा, और जो कोई उसे खोए वह उसे बचाएगा।"" ([लूका 17:33](../../लूका / 17 / 33.md))।
+LUK 17 intro c4am 0 # लूका 17 सामान्य टिप्पणियाँ
## इस अध्याय में विशेष धारणाएँ

### पुराने नियम के उदाहरण

यीशु ने अपने अनुयायियों को सिखाने के लिए नूह और लूत के जीवन का उपयोग किया। नूह जल प्रलय के लिए तैयार था जब यह आई, और उन्हें वापस लौटने के लिए तैयार होने की आवश्यकता थी, क्योंकि वह उन्हें चेतावनी नहीं देगा कि वह कब लौट आएगा। लूत की पत्नी ने उस दुष्ट शहर से प्रेम किया जिसमें वह रह रही थी, जिसे परमेश्वर ने तब नष्ट कर दिया जब उसने इस शहर को नष्ट किया, और उन्हें यीशु से अधिक किसी और वस्तु से ज्यादा प्रेम करने की आवश्यकता नहीं थी,

जो लोग आपके अनुवाद को पढ़ते हैं, उन्हें सहायता की आवश्यकता हो सकती है, ताकि वे समझ सकें कि यीशु यहाँ पर क्या शिक्षा दे रहा था।

## इस अध्याय के महत्वपूर्ण अलंकार

### काल्पनिक परिस्थितियाँ

काल्पनिक परिस्थितियाँ ऐसी स्थितियाँ होती हैं, जो वास्तव में घटित नहीं हुई होती हैं। यीशु ने यह सिखाने के लिए एक विशेष प्रकार की काल्पनिक स्थिति का उपयोग किया था कि जो लोग दूसरों के पाप करने का कारण बनेंगे, वे डूब जाने से भी बुरे थे ([लूका 19:1-2](./01.md)) और दूसरा चेलों को डाँटने के लिए क्योंकि उनके पास थोड़ा विश्वास था ([लूका 19:6](../../luk/19/06.md)). (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-hypo]])

### आलंकारिक प्रश्न

यीशु ने अपने चेलों से तीन प्रश्न पूछे ([लूका 17: 7-9](./07.md)) उन्हें सिखाने के लिए कि जो लोग उसकी सेवा अच्छी रीति से करते हैं वे भी हैं वे भी केवल उसके अनुग्रह के कारण ही धर्मी हैं। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-rquestion]] और [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/grace]] और [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/righteous]])

## इस अध्याय में अन्य संभावित अनुवाद की कठिनाइयाँ

### ""मनुष्य का पुत्र""

यीशु इस अध्याय में स्वयं को ""मनुष्य का पुत्र"" के रूप में सम्बोधित करता है ([लूका 17:22](../../luk/17/22.md))। आपकी भाषा लोगों को स्वयं के लिए ऐसे बात करने की अनुमति न दे जैसे कि वे किसी और के बारे में बात कर रहे थे। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/sonofman]] और [[rc://hi/ta/man/translate/figs-123person]])

### विरोधाभास

एक विरोधाभास एक सच्चा कथन है जो किसी असंभव का वर्णन करने जैसा प्रतीत होता है। इस अध्याय में एक विरोधाभास पाया जाता है: ""जो कोई अपना प्राण बचाना चाहे वह उसे खोएगा, और जो कोई उसे खोए वह उसे बचाएगा।"" ([लूका 17:33](../../लूका / 17 / 33.md))।
LUK 17 1 ls87 0 Connecting Statement: यीशु शिक्षा देते रहते हैं, परन्तु वह अपने ध्यान को चेलों की ओर निर्देशित करते हैं। यह अभी भी कहानी का एक ही भाग है और जो उसी दिन [लूका 15:3](../15/03.md) में आरम्भ हुआ था। LUK 17 1 ej1e ἀνένδεκτόν ἐστιν τοῦ τὰ σκάνδαλα μὴ ἐλθεῖν 1 It is certain there will be things that can cause us to sin बातें जो लोगों को पाप करने के लिए प्रेरित करती हैं निश्चित रूप से होती हैं LUK 17 1 zck5 οὐαὶ δι’ οὗ ἔρχεται! 1 to that person through whom they come "कोई भी व्यक्ति जो प्रलोभनों का कारण बनता है या ""किसी भी व्यक्ति के लिए जो लोगों को परीक्षा में लाता है""" @@ -2293,7 +2293,7 @@ LUK 18 41 al8g ἵνα ἀναβλέψω 1 to receive my sight देखने LUK 18 42 n67h figs-imperative ἀνάβλεψον 1 Receive your sight "यह एक आदेश है, परन्तु यीशु मनुष्य को कुछ भी करने का आदेश नहीं दे रहा है। यीशु उसे चंगा करने के लिए आदेश देकर मनुष्य को ठीक कर रहा है। वैकल्पिक अनुवाद: ""अब आप अपनी दृष्टि को प्राप्त करेंगे"" (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-imperative]])" LUK 18 42 gcv1 figs-metonymy ἡ πίστις σου σέσωκέν σε 1 Your faith has healed you "ये शब्द एक उपनाम हैं। यह मनुष्य के विश्वास के कारण हुआ कि यीशु ने मनुष्य को ठीक किया था। वैकल्पिक अनुवाद: ""मैंने तुम्हें ठीक किया है क्योंकि तुमने मुझ पर विश्वास किया"" (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-metonymy]])" LUK 18 43 d1kk δοξάζων τὸν Θεόν 1 glorifying God "परमेश्वर को महिमा देना या ""परमेश्वर की स्तुति करना""" -LUK 19 intro zn2b 0 # लूका 19 सामान्य टिप्पणियाँ
## संरचना एवं स्वरूपण

यीशु ने जक्कई नाम के एक व्यक्ति को अपने पापों से पश्चाताप करने में सहायता की ([लूका 19:1-10](./01.md)), उसने अपने अनुयायियों को सिखाया कि जब वह राजा के रूप में राज्य करना आरम्भ करेगा तब उन्हें बताने की आवश्यकता होगी कि उन्होंने उन कामों के साथ क्या किया है जो उसने उन्हें करने के लिए दिए थे ([लूका 19:11-27](./11.md)). उसने उन्हें एक दृष्टान्त बताकर ऐसा कहा। उसके बाद, वह एक गदही के बच्चे पर यरूशलेम में गया ([लूका 19: 28-48](./28.md)). (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/kingdomofgod]] और [[rc://hi/ta/man/translate/figs-parables]])

## इस अध्याय में पाई जाने वाली विशेष धारणाएँ

### ""पापी""
फरीसी लोगों के समूह को ""पापियों"" के रूप में सन्दर्भित करती हैं। यहूदी अगुओं ने सोचा कि ये लोग पापी थे, परन्तु वास्तव में अगुवे भी पापी थे। इसे विडम्बना के रूप में लिया जा सकता है। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/sin]] और [[rc://hi/ta/man/translate/figs-irony]])

## दास

परमेश्वर अपने लोगों को यह स्मरण रखने की अपेक्षा करता है कि संसार में सब कुछ परमेश्वर से सम्बन्धित है। परमेश्वर अपने लोगों को वस्तुएँ देता है ताकि वे उसकी सेवा कर सकें। वह चाहता है कि वह उन्हें वह सब कुछ कर दे जो वह उन्हें देता है जो उसने उन्हें दिया है। एक दिन यीशु अपने सेवकों से पूछेगा कि उसने उन्हें जो कुछ दिया है, उसके साथ उन्होंने क्या किया। वह उन लोगों को प्रतिफल देगा जिन्होंने वह किया जो वह उनसे चाहता था, और वह उन लोगों को दण्डित करेगा जिन्होंने उसकी इच्छा के अनुसार नहीं किया

### गदहा और गदही का बच्चा

यीशु एक जानवर पर यरूशलेम में गया। इस तरह वह एक राजा के जैसे था जो एक महत्वपूर्ण लड़ाई जीतने के बाद एक शहर में आया था। इसके अतिरिक्त, पुराने नियम में इस्राएल का राजा एक गधे पर सवार हुए थे। अन्य राजा घोड़ों पर सवार हुए थे। इस तरह यीशु दिखा रहा था कि वह इस्राएल का राजा था और वह अन्य राजाओं की तरह नहीं था।

मत्ती, मरकुस, लूका और यूहन्ना ने सभी इस घटना के बारे में लिखा था। मत्ती और मरकुस ने लिखा कि चेलों ने यीशु के पास एक गधा लाया था। यूहन्ना ने लिखा कि यीशु को एक गधा मिला। लूका ने लिखा कि वे उसे एक लादू मिला था। केवल मत्ती ने लिखा था कि एक गधे के साथ उसका बच्चा भी था। कोई भी यह सुनिश्चित नहीं जानता कि यीशु गधे या बच्चे किस पर सवार हुआ था। इन वृतान्तों में से प्रत्येक का अनुवाद करना सबसे अच्छा है क्योंकि यह यूएलटी अनुवाद में दिखाई देता है, ठीक वैसे ही जैसे वहाँ कहा गया है, इसे कहने का प्रयास करें। (देखें: [Matthew 21:1-7](../../mat/21/01.md) और [मरकुस 11:1-7](../../mrk/11/01.md) और [लूका 19:29-36](../../luk/19/29.md) और [यूहन्ना 12:14-15](../../jhn/12/14.md))

### पड़ों और डालियों को फैलाते हुए

जब राजा उन शहरों में प्रवेश करेगा जहाँ उसने राज्य करते है, तो लोग पेड़ से डालियों तो काट कर उसके आगे डालेंगे और वे पहने हुए कपड़ों को उतारा करते थे, जिन्हें वे ठण्डे मौसम में गर्म रहने के लिए पहना करते थे और उन्हें सड़कों पर फैलाया करते थे कि राजा उनके ऊपर से सवारी करें। उन्होंने राजा का सम्मान करने और यह दिखाने के लिए ऐसा किया कि वे उससे प्रेम करते हैं। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/honor]] और [[rc://hi/ta/man/translate/translate-symaction]])

### मन्दिर में व्यापारियों ने

यीशु ने उन लोगों को मजबूर कर दिया जो मन्दिर में जानवरों को बेच रहे थे। उसने यह सबको दिखाने के लिए किया कि उसके पास मन्दिर के ऊपर अधिकार था और केवल वही लोग जो धर्मी थे, उन्होंने वही किया जिसे करने को परमेश्वर ने कहा था, इसमें भागी हो सकते हैं। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/righteous]])
+LUK 19 intro zn2b 0 # लूका 19 सामान्य टिप्पणियाँ
## संरचना एवं स्वरूपण

यीशु ने जक्कई नाम के एक व्यक्ति को अपने पापों से पश्चाताप करने में सहायता की ([लूका 19:1-10](./01.md)), उसने अपने अनुयायियों को सिखाया कि जब वह राजा के रूप में राज्य करना आरम्भ करेगा तब उन्हें बताने की आवश्यकता होगी कि उन्होंने उन कामों के साथ क्या किया है जो उसने उन्हें करने के लिए दिए थे ([लूका 19:11-27](./11.md)). उसने उन्हें एक दृष्टान्त बताकर ऐसा कहा। उसके बाद, वह एक गदही के बच्चे पर यरूशलेम में गया ([लूका 19: 28-48](./28.md)). (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/kingdomofgod]] और [[rc://hi/ta/man/translate/figs-parables]])

## इस अध्याय में पाई जाने वाली विशेष धारणाएँ

### ""पापी""
फरीसी लोगों के समूह को ""पापियों"" के रूप में सन्दर्भित करती हैं। यहूदी अगुओं ने सोचा कि ये लोग पापी थे, परन्तु वास्तव में अगुवे भी पापी थे। इसे विडम्बना के रूप में लिया जा सकता है। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/sin]] और [[rc://hi/ta/man/translate/figs-irony]])

## दास

परमेश्वर अपने लोगों को यह स्मरण रखने की अपेक्षा करता है कि संसार में सब कुछ परमेश्वर से सम्बन्धित है। परमेश्वर अपने लोगों को वस्तुएँ देता है ताकि वे उसकी सेवा कर सकें। वह चाहता है कि वह उन्हें वह सब कुछ कर दे जो वह उन्हें देता है जो उसने उन्हें दिया है। एक दिन यीशु अपने सेवकों से पूछेगा कि उसने उन्हें जो कुछ दिया है, उसके साथ उन्होंने क्या किया। वह उन लोगों को प्रतिफल देगा जिन्होंने वह किया जो वह उनसे चाहता था, और वह उन लोगों को दण्डित करेगा जिन्होंने उसकी इच्छा के अनुसार नहीं किया

### गदहा और गदही का बच्चा

यीशु एक जानवर पर यरूशलेम में गया। इस तरह वह एक राजा के जैसे था जो एक महत्वपूर्ण लड़ाई जीतने के बाद एक शहर में आया था। इसके अतिरिक्त, पुराने नियम में इस्राएल का राजा एक गधे पर सवार हुए थे। अन्य राजा घोड़ों पर सवार हुए थे। इस तरह यीशु दिखा रहा था कि वह इस्राएल का राजा था और वह अन्य राजाओं की तरह नहीं था।

मत्ती, मरकुस, लूका और यूहन्ना ने सभी इस घटना के बारे में लिखा था। मत्ती और मरकुस ने लिखा कि चेलों ने यीशु के पास एक गधा लाया था। यूहन्ना ने लिखा कि यीशु को एक गधा मिला। लूका ने लिखा कि वे उसे एक लादू मिला था। केवल मत्ती ने लिखा था कि एक गधे के साथ उसका बच्चा भी था। कोई भी यह सुनिश्चित नहीं जानता कि यीशु गधे या बच्चे किस पर सवार हुआ था। इन वृतान्तों में से प्रत्येक का अनुवाद करना सबसे अच्छा है क्योंकि यह यूएलटी अनुवाद में दिखाई देता है, ठीक वैसे ही जैसे वहाँ कहा गया है, इसे कहने का प्रयास करें। (देखें: [Matthew 21:1-7](../../mat/21/01.md) और [मरकुस 11:1-7](../../mrk/11/01.md) और [लूका 19:29-36](../../luk/19/29.md) और [यूहन्ना 12:14-15](../../jhn/12/14.md))

### पड़ों और डालियों को फैलाते हुए

जब राजा उन शहरों में प्रवेश करेगा जहाँ उसने राज्य करते है, तो लोग पेड़ से डालियों तो काट कर उसके आगे डालेंगे और वे पहने हुए कपड़ों को उतारा करते थे, जिन्हें वे ठण्डे मौसम में गर्म रहने के लिए पहना करते थे और उन्हें सड़कों पर फैलाया करते थे कि राजा उनके ऊपर से सवारी करें। उन्होंने राजा का सम्मान करने और यह दिखाने के लिए ऐसा किया कि वे उससे प्रेम करते हैं। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/honor]] और [[rc://hi/ta/man/translate/translate-symaction]])

### मन्दिर में व्यापारियों ने

यीशु ने उन लोगों को मजबूर कर दिया जो मन्दिर में जानवरों को बेच रहे थे। उसने यह सबको दिखाने के लिए किया कि उसके पास मन्दिर के ऊपर अधिकार था और केवल वही लोग जो धर्मी थे, उन्होंने वही किया जिसे करने को परमेश्वर ने कहा था, इसमें भागी हो सकते हैं। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/righteous]])
LUK 19 1 j35m writing-background 0 General Information: वचन 1-2 अनुवर्ती घटनाओं के लिए पृष्ठभूमि जानकारी देना आरम्भ कर देता है। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/writing-background]]) LUK 19 2 y5i5 writing-participants καὶ ἰδοὺ, ἀνὴρ 1 Behold, there was a man there "वचन में आया शब्द ""देखो"" हमें कहानी में एक नए व्यक्ति के आगमन के प्रति सचेत करता है। आपकी भाषा में इसे बताने का कोई अन्य तरीका हो सकता है। वैकल्पिक अनुवाद: ""एक मनुष्य था"" (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/writing-participants]])" LUK 19 2 z91v writing-background αὐτὸς ἦν ἀρχιτελώνης, καὶ αὐτὸς πλούσιος 1 He was a chief tax collector and was rich यह जक्कई के बारे में पृष्ठभूमि की जानकारी है। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/writing-background]]) diff --git a/hi_tn_45-ACT.tsv b/hi_tn_45-ACT.tsv index 14857e8..e1b926d 100644 --- a/hi_tn_45-ACT.tsv +++ b/hi_tn_45-ACT.tsv @@ -1,6 +1,6 @@ Book Chapter Verse ID SupportReference OrigQuote Occurrence GLQuote OccurrenceNote -ACT front intro mw28 0 # प्रेरितों के काम की पुस्तक परिचय
## भाग 1: सामान्य परिचय

### प्रेरितों के काम की पुस्तक

1 की रूपरेखा। कलीसिया और उसके मिशन का आरम्भ(1:1–2:41)
1 यरूशलेम में आरम्भिक कलीसिया (2:42–6:7)
1 बढ़ता हुआ विरोध और स्तिफनुस की शहादत (6:8–7:60)
1 कलीसिया के ऊपर सताव और फिलिप्पुस की सेवकाई (8:1–40)
1 पौलुस एक प्रेरित बन गया (9:1–31)
1 पतरस की सेवकाई और पहला अन्यजाति मन परिवर्तन (9:32–12:24)
1 पौलुस, अन्यजातियों के लिए प्रेरित, यहूदी व्यवस्था, और यरूशलेम में कलीसिया के अगुवों की परिषद (12:25–16:5)
1 मध्य भूमध्य क्षेत्र और एशिया माइनर में कलीसिया का विस्तार (16:6–19:20)
1 पौलुस यरूशलेम की ओर यात्रा करता है और रोम में कैदी बन जाता है (19:21–28:31)

### प्रेरितों के काम की पुस्तक का विषय क्या है?

प्रेरितों के काम की पुस्तक आरम्भिक कलीसिया की कहानी को बताती है जब अधिक से अधिक लोग विश्वास करने लगते हैं। यह आरम्भिक मसीहियों की सहायता करने वाले पवित्र आत्मा की सामर्थ्य दिखाता है। इस पुस्तक की घटनाएँ तब आरम्भ हुईं जब यीशु स्वर्ग लौट गया और लगभग तीस वर्षों बाद समाप्त हुई।

### इस पुस्तक का शीर्षक कैसे अनुवादित किया जाना चाहिए?

अनुवादक इस पुस्तक को अपने पारम्परिक शीर्षक, "" प्रेरितों के काम"" से ही पुकारना चुन सकते हैं। या अनुवादक एक ऐसा शीर्षक चुन सकते हैं जो स्पष्ट हो, उदाहरण के लिए, ""प्रेरितों के माध्यम से पवित्र आत्मा के कार्य।""

### प्रेरितों के काम की पुस्तक किसने लिखी?

यह पुस्तक लेखक के नाम को नहीं बतलाती। यद्यपि, यह थियुफिलुस को सम्बोधित किया गया है, यह वही व्यक्ति है जिसे लूका के सुसमाचार को सम्बोधित किया गया है। इसके अतिरिक्त, पुस्तक के कुछ हिस्सों में, लेखक ""हम"" शब्द का उपयोग करता है। यह इंगित करता है कि लेखक ने पौलुस के साथ यात्रा की है। अधिकांश विद्वानों का मानना ​​है कि लूका वह व्यक्ति है जो पौलुस के साथ यात्रा कर रहा था। इसलिए, प्रारंभिक मसीही काल से, अधिकांश मसीहियों ने सोचा है कि लूका, प्रेरितों के काम की पुस्तक के साथ-साथ लूका के सुसमाचार का लेखक भी है।

लूका एक चिकित्सक था। उसके लेखन के तरीके से पता चलता है कि वह एक शिक्षित व्यक्ति था। वह कदाचित् एक गैर यहूदी था। उसने प्रेरितों के काम की पुस्तक में वर्णित कई घटनाओं को देखा।

## भाग 2: महत्वपूर्ण धार्मिक और सांस्कृतिक धारणाएँ

### कलीसिया क्या है?

कलीसिया उन लोगों का समूह है जो मसीह में विश्वास करते हैं। कलीसिया में यहूदी और गैर यहूदी दोनों विश्वासियों को सम्मिलित किया गया है। इस पुस्तक की घटनाएँ दिखाती है कि परमेश्वर कलीसिया की सहायता कर रहा हैं। उसने विश्वासियों को अपने पवित्र आत्मा के माध्यम से धार्मिक जीवन जीने के लिए सशक्त किया।

## भाग 3: महत्वपूर्ण अनुवाद के मुद्दे

### प्रेरितों के काम की पुस्तक के पाठ में प्रमुख विषय क्या हैं?

ये प्रेरितों के काम में सबसे महत्वपूर्ण पाठ्यात्मक विषय हैं:

निम्नलिखित वचन बाइबल के पुराने संस्करणों में पाए जाते हैं, परन्तु वे बाइबल की सबसे अच्छी प्राचीन प्रतियों में नहीं हैं। कुछ आधुनिक संस्करणों ने वचनों को वर्गाकार कोष्ठक में रखा गया है (\ [])। यूएलटी अनुवाद और यूएसटी अनुवाद ने उन्हें एक फुटनोट में डाल देते हैं।

* ""फिलिप्पुस ने कहा, 'यदि तू सारे मन से विश्वास करता है तो बपतिस्मा ले सकता है।' इथियोपीया के खोजे ने उत्तर दिया, 'मैं विश्वास करता हूँ कि यीशु मसीह परमेश्वर का पुत्र है' ""(प्रेरितों 8:37)।
* परन्तु सीलास को वहाँ रहने के लिए अच्छा लग रहा था। ""(प्रेरितों 15:34)
* ""और हम चाहते थे हमारी व्यवस्था के अनुसार उसका न्याय किया जाए। परन्तु वह अधिकारी, लूसियास आया और बलपूर्वक उसे हमारे हाथों से छीन कर, तुम्हारे पास भेजने के लिए बाहर ले गया। ""(प्रेरितों के काम 24: 6ब-8अ)
*"" जब उसने इन बातों को कहा तो यहूदी आपस में बहुत विवाद करने लगे और वहाँ से चले गए"" (प्रेरितों के काम 28:29)

निम्नलिखित वचनों में, यह अनिश्चित है कि मूल पाठ ने क्या कहा। अनुवादकों को यह चुनने की आवश्यकता होगी कि कौन से पाठ को अनुवाद करना है। यूएलटी अनुवाद में पहला पाठ है परन्तु पाद टिप्पणी में दूसरे पाठ को सम्मिलित करता है।
* ""वे यरूशलेम से लौट आए"" (प्रेरितों के काम 12:25)। कुछ संस्करण कहते हैं, ""वे यरूशलेम को लौट गए (या वहाँ पर)।""
* ""वह उनकी सहता रहा"" (प्रेरितों के काम 13:18)। कुछ संस्करण कहते हैं, ""उसने उनकी देखभाल की।""
* ""यह वही प्रभु कहता है जो जगत की उत्पत्ति से इन बातों का समाचार देता आया है।"" (प्रेरितों 15:17-18)। कुछ पुराने संस्करण कहते हैं, ""प्रभु यही कहता है, जिसे प्राचीनकाल से उसके सभी कामों के कारण जाना जाता है।""

(देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/translate-textvariants]])
-ACT 1 intro vyg9 0 # प्रेरितों के काम 01 सामान्य टिप्पणियाँ
## संरचना एवं स्वरूपण

इस अध्याय में एक घटना लिपिबद्ध होती है, जिसे सामान्य रूप से ""स्वर्गारोहण"" कहा जाता है, जब यीशु फिर से जीवित होने के बाद स्वर्ग लौट आया। वह तब तक वापस नहीं आएगा जब तक कि उनका ""दूसरा आगमन"" न होता है। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/heaven]] और [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/resurrection]])

यूएसटी अनुवाद ने दूसरे शब्दों के बजाए ""प्रिय थियुफिलुस"" शब्दों को निर्धारित किया है। ऐसा इसलिए है क्योंकि अंग्रेजी बोलने वाले अक्सर इस तरह से पत्रों को आरम्भ करते हैं। हो सकता है कि आप इस पुस्तक को उस तरीके से आरम्भ करना चाहें जैसे आपकी संस्कृति में लोग पत्रों को आरम्भ करते हैं।

कुछ अनुवाद पुराने नियम के उद्धरणों को शेष पाठ की तुलना में पृष्ठ पर दाईं ओर व्यवस्थित करते हैं । यूएलटी अनुवाद 1:20 में भजन संहिता के दो उद्धरणों के साथ ऐसा करता है।

## इस अध्याय में पाई जाने वाली विशेष धारणाएँ

### बपतिस्मा

इस अध्याय में ""बपतिस्मा"" शब्द के दो अर्थ हैं। यह यूहन्ना के पानी के बपतिस्मा और पवित्र आत्मा के बपतिस्मा को सन्दर्भित करता है ([प्रेरितों के काम 1:5](../../act/01/05.md))। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/baptize]])

### ""उसने परमेश्वर के राज्य के बारे में बात की""

कुछ विद्वानों का मानना ​​है कि जब यीशु ने ""परमेश्वर के राज्य के बारे में बात की,"" तो उसने चेलों को समझाया कि क्यों परमेश्वर का राज्य उसके मरने से पहले नहीं आएगा। दूसरों का मानना ​​है कि परमेश्वर का राज्य तब ही आरम्भ हुआ जब यीशु जीवित था और यहाँ यीशु यह समझा रहा था कि यह एक नए रूप में आरम्भ हो रहा था।

## इस अध्याय में अन्य संभावित अनुवाद की कठिनाइयाँ

### बारह चेले

बारह चेलों की सूची निम्नलिखित हैं:

मत्ती में:

शमौन (पतरस), अन्द्रियास, जब्दी का पुत्र याकूब, जब्दी का पुत्र यूहन्ना, फिलिप्पुस, बरतुल्मै, थोमा, मत्ती, हलफई का पुत्र याकूब, तद्दै, शमौन कनानी और यहूदा इस्करियोती।

मरकुस में:

शमौन (पतरस), अन्द्रियास, जब्दी का पुत्र याकूब और जब्दी का पुत्र यूहन्ना (जिसे उसने बुअनरगिस नाम दिया, यानी, गर्जन के पुत्र) , फिलिप्पुस, बरतुल्मै, मत्ती, थोमा, हलफईस का पुत्र याकूब, तद्दै, शमौन कनानी, और यहूदा इस्करियोती।

लूका में:

शमौन (पतरस), अन्द्रियास, याकूब, यूहन्ना, फिलिप्पुस, बरतुल्मै, मत्ती, थोमा, हलफईस का पुत्र याकूब, शमौन (जो कनानी कहलाता है), याकूब का पुत्र यहूदा और यहूदा इस्करियोती।

तद्दै सम्भवतः याकूब के पुत्र यहूदा वाला व्यक्ति है।

# ## हकलदमा

यह इब्रानी या अरामी में एक वाक्यांश है। लूका ने यूनानी अक्षरों का उपयोग किया है ताकि उसके पाठकों को यह मालूम हो जाए कि यह कैसे सुनाई दिया है और तब उसने उसका अर्थ बताया है। आपको सम्भवतः इसे अपनी भाषा में वैसे ही उच्चारण करना चाहिए जैसे यह सुनाई देता है और तब उसका अर्थ बताएँ। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/translate-transliterate]])
+ACT front intro mw28 0 # प्रेरितों के काम की पुस्तक परिचय
## भाग 1: सामान्य परिचय

### प्रेरितों के काम की पुस्तक

1 की रूपरेखा। कलीसिया और उसके मिशन का आरम्भ(1:1–2:41)
1 यरूशलेम में आरम्भिक कलीसिया (2:42–6:7)
1 बढ़ता हुआ विरोध और स्तिफनुस की शहादत (6:8–7:60)
1 कलीसिया के ऊपर सताव और फिलिप्पुस की सेवकाई (8:1–40)
1 पौलुस एक प्रेरित बन गया (9:1–31)
1 पतरस की सेवकाई और पहला अन्यजाति मन परिवर्तन (9:32–12:24)
1 पौलुस, अन्यजातियों के लिए प्रेरित, यहूदी व्यवस्था, और यरूशलेम में कलीसिया के अगुवों की परिषद (12:25–16:5)
1 मध्य भूमध्य क्षेत्र और एशिया माइनर में कलीसिया का विस्तार (16:6–19:20)
1 पौलुस यरूशलेम की ओर यात्रा करता है और रोम में कैदी बन जाता है (19:21–28:31)

### प्रेरितों के काम की पुस्तक का विषय क्या है?

प्रेरितों के काम की पुस्तक आरम्भिक कलीसिया की कहानी को बताती है जब अधिक से अधिक लोग विश्वास करने लगते हैं। यह आरम्भिक मसीहियों की सहायता करने वाले पवित्र आत्मा की सामर्थ्य दिखाता है। इस पुस्तक की घटनाएँ तब आरम्भ हुईं जब यीशु स्वर्ग लौट गया और लगभग तीस वर्षों बाद समाप्त हुई।

### इस पुस्तक का शीर्षक कैसे अनुवादित किया जाना चाहिए?

अनुवादक इस पुस्तक को अपने पारम्परिक शीर्षक, "" प्रेरितों के काम"" से ही पुकारना चुन सकते हैं। या अनुवादक एक ऐसा शीर्षक चुन सकते हैं जो स्पष्ट हो, उदाहरण के लिए, ""प्रेरितों के माध्यम से पवित्र आत्मा के कार्य।""

### प्रेरितों के काम की पुस्तक किसने लिखी?

यह पुस्तक लेखक के नाम को नहीं बतलाती। यद्यपि, यह थियुफिलुस को सम्बोधित किया गया है, यह वही व्यक्ति है जिसे लूका के सुसमाचार को सम्बोधित किया गया है। इसके अतिरिक्त, पुस्तक के कुछ हिस्सों में, लेखक ""हम"" शब्द का उपयोग करता है। यह इंगित करता है कि लेखक ने पौलुस के साथ यात्रा की है। अधिकांश विद्वानों का मानना ​​है कि लूका वह व्यक्ति है जो पौलुस के साथ यात्रा कर रहा था। इसलिए, प्रारंभिक मसीही काल से, अधिकांश मसीहियों ने सोचा है कि लूका, प्रेरितों के काम की पुस्तक के साथ-साथ लूका के सुसमाचार का लेखक भी है।

लूका एक चिकित्सक था। उसके लेखन के तरीके से पता चलता है कि वह एक शिक्षित व्यक्ति था। वह कदाचित् एक गैर यहूदी था। उसने प्रेरितों के काम की पुस्तक में वर्णित कई घटनाओं को देखा।

## भाग 2: महत्वपूर्ण धार्मिक और सांस्कृतिक धारणाएँ

### कलीसिया क्या है?

कलीसिया उन लोगों का समूह है जो मसीह में विश्वास करते हैं। कलीसिया में यहूदी और गैर यहूदी दोनों विश्वासियों को सम्मिलित किया गया है। इस पुस्तक की घटनाएँ दिखाती है कि परमेश्वर कलीसिया की सहायता कर रहा हैं। उसने विश्वासियों को अपने पवित्र आत्मा के माध्यम से धार्मिक जीवन जीने के लिए सशक्त किया।

## भाग 3: महत्वपूर्ण अनुवाद के मुद्दे

### प्रेरितों के काम की पुस्तक के पाठ में प्रमुख विषय क्या हैं?

ये प्रेरितों के काम में सबसे महत्वपूर्ण पाठ्यात्मक विषय हैं:

निम्नलिखित वचन बाइबल के पुराने संस्करणों में पाए जाते हैं, परन्तु वे बाइबल की सबसे अच्छी प्राचीन प्रतियों में नहीं हैं। कुछ आधुनिक संस्करणों ने वचनों को वर्गाकार कोष्ठक में रखा गया है (\ [])। यूएलटी अनुवाद और यूएसटी अनुवाद ने उन्हें एक फुटनोट में डाल देते हैं।

* ""फिलिप्पुस ने कहा, 'यदि तू सारे मन से विश्वास करता है तो बपतिस्मा ले सकता है।' इथियोपीया के खोजे ने उत्तर दिया, 'मैं विश्वास करता हूँ कि यीशु मसीह परमेश्वर का पुत्र है' ""(प्रेरितों 8:37)।
* परन्तु सीलास को वहाँ रहने के लिए अच्छा लग रहा था। ""(प्रेरितों 15:34)
* ""और हम चाहते थे हमारी व्यवस्था के अनुसार उसका न्याय किया जाए। परन्तु वह अधिकारी, लूसियास आया और बलपूर्वक उसे हमारे हाथों से छीन कर, तुम्हारे पास भेजने के लिए बाहर ले गया। ""(प्रेरितों के काम 24: 6ब-8अ)
*"" जब उसने इन बातों को कहा तो यहूदी आपस में बहुत विवाद करने लगे और वहाँ से चले गए"" (प्रेरितों के काम 28:29)

निम्नलिखित वचनों में, यह अनिश्चित है कि मूल पाठ ने क्या कहा। अनुवादकों को यह चुनने की आवश्यकता होगी कि कौन से पाठ को अनुवाद करना है। यूएलटी अनुवाद में पहला पाठ है परन्तु पाद टिप्पणी में दूसरे पाठ को सम्मिलित करता है।
* ""वे यरूशलेम से लौट आए"" (प्रेरितों के काम 12:25)। कुछ संस्करण कहते हैं, ""वे यरूशलेम को लौट गए (या वहाँ पर)।""
* ""वह उनकी सहता रहा"" (प्रेरितों के काम 13:18)। कुछ संस्करण कहते हैं, ""उसने उनकी देखभाल की।""
* ""यह वही प्रभु कहता है जो जगत की उत्पत्ति से इन बातों का समाचार देता आया है।"" (प्रेरितों 15:17-18)। कुछ पुराने संस्करण कहते हैं, ""प्रभु यही कहता है, जिसे प्राचीनकाल से उसके सभी कामों के कारण जाना जाता है।""

(देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/translate-textvariants]])
+ACT 1 intro vyg9 0 # प्रेरितों के काम 01 सामान्य टिप्पणियाँ
## संरचना एवं स्वरूपण

इस अध्याय में एक घटना लिपिबद्ध होती है, जिसे सामान्य रूप से ""स्वर्गारोहण"" कहा जाता है, जब यीशु फिर से जीवित होने के बाद स्वर्ग लौट आया। वह तब तक वापस नहीं आएगा जब तक कि उनका ""दूसरा आगमन"" न होता है। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/heaven]] और [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/resurrection]])

यूएसटी अनुवाद ने दूसरे शब्दों के बजाए ""प्रिय थियुफिलुस"" शब्दों को निर्धारित किया है। ऐसा इसलिए है क्योंकि अंग्रेजी बोलने वाले अक्सर इस तरह से पत्रों को आरम्भ करते हैं। हो सकता है कि आप इस पुस्तक को उस तरीके से आरम्भ करना चाहें जैसे आपकी संस्कृति में लोग पत्रों को आरम्भ करते हैं।

कुछ अनुवाद पुराने नियम के उद्धरणों को शेष पाठ की तुलना में पृष्ठ पर दाईं ओर व्यवस्थित करते हैं । यूएलटी अनुवाद 1:20 में भजन संहिता के दो उद्धरणों के साथ ऐसा करता है।

## इस अध्याय में पाई जाने वाली विशेष धारणाएँ

### बपतिस्मा

इस अध्याय में ""बपतिस्मा"" शब्द के दो अर्थ हैं। यह यूहन्ना के पानी के बपतिस्मा और पवित्र आत्मा के बपतिस्मा को सन्दर्भित करता है ([प्रेरितों के काम 1:5](../../act/01/05.md))। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/baptize]])

### ""उसने परमेश्वर के राज्य के बारे में बात की""

कुछ विद्वानों का मानना ​​है कि जब यीशु ने ""परमेश्वर के राज्य के बारे में बात की,"" तो उसने चेलों को समझाया कि क्यों परमेश्वर का राज्य उसके मरने से पहले नहीं आएगा। दूसरों का मानना ​​है कि परमेश्वर का राज्य तब ही आरम्भ हुआ जब यीशु जीवित था और यहाँ यीशु यह समझा रहा था कि यह एक नए रूप में आरम्भ हो रहा था।

## इस अध्याय में अन्य संभावित अनुवाद की कठिनाइयाँ

### बारह चेले

बारह चेलों की सूची निम्नलिखित हैं:

मत्ती में:

शमौन (पतरस), अन्द्रियास, जब्दी का पुत्र याकूब, जब्दी का पुत्र यूहन्ना, फिलिप्पुस, बरतुल्मै, थोमा, मत्ती, हलफई का पुत्र याकूब, तद्दै, शमौन कनानी और यहूदा इस्करियोती।

मरकुस में:

शमौन (पतरस), अन्द्रियास, जब्दी का पुत्र याकूब और जब्दी का पुत्र यूहन्ना (जिसे उसने बुअनरगिस नाम दिया, यानी, गर्जन के पुत्र) , फिलिप्पुस, बरतुल्मै, मत्ती, थोमा, हलफईस का पुत्र याकूब, तद्दै, शमौन कनानी, और यहूदा इस्करियोती।

लूका में:

शमौन (पतरस), अन्द्रियास, याकूब, यूहन्ना, फिलिप्पुस, बरतुल्मै, मत्ती, थोमा, हलफईस का पुत्र याकूब, शमौन (जो कनानी कहलाता है), याकूब का पुत्र यहूदा और यहूदा इस्करियोती।

तद्दै सम्भवतः याकूब के पुत्र यहूदा वाला व्यक्ति है।

# ## हकलदमा

यह इब्रानी या अरामी में एक वाक्यांश है। लूका ने यूनानी अक्षरों का उपयोग किया है ताकि उसके पाठकों को यह मालूम हो जाए कि यह कैसे सुनाई दिया है और तब उसने उसका अर्थ बताया है। आपको सम्भवतः इसे अपनी भाषा में वैसे ही उच्चारण करना चाहिए जैसे यह सुनाई देता है और तब उसका अर्थ बताएँ। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/translate-transliterate]])
ACT 1 1 q9ep τὸν μὲν πρῶτον λόγον ἐποιησάμην 1 The former book I wrote लूका का सुसमाचार इससे पहले की पुस्तक है। ACT 1 1 ryj5 translate-names ὦ Θεόφιλε 1 Theophilus "लूका ने इस पुस्तक को थियुफिलुस नाम के एक व्यक्ति को लिखा था। कुछ अनुवाद एक पत्र को सम्बोधित करने के लिए अपनी स्वयं की संस्कृति के तरीके का पालन करते हैं और वाक्य के आरम्भ में ""प्रिय थियुफिलुस"" लिखते हैं। थियुफिलुस का अर्थ है ""परमेश्वर का मित्र"" (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/translate-names]])" ACT 1 2 n435 figs-activepassive ἄχρι ἧς ἡμέρας…ἀνελήμφθη 1 until the day that he was taken up "यह स्वर्ग में यीशु के स्वर्गारोहण को सन्दर्भित करता है। वैकल्पिक अनुवाद: ""जिस दिन परमेश्वर ने उसे स्वर्ग में उठा लिया"" या ""उस दिन तक जब तक कि वह स्वर्ग में नहीं चढ़ गया"" (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-activepassive]])" @@ -69,7 +69,7 @@ ACT 1 25 tx6n figs-euphemism πορευθῆναι εἰς τὸν τόπον τ ACT 1 26 r84c ἔδωκαν κλήρους αὐτοῖς 1 They cast lots for them यूसुफ और मत्तियाह के बीच निर्णय लेने के लिए प्रेरित चिट्ठी डालते हैं। ACT 1 26 w4ph ἔπεσεν ὁ κλῆρος ἐπὶ Μαθθίαν 1 the lot fell to Matthias चिट्ठी ने संकेत दिया कि यहूदा के स्थान को लेने वाला वह जन मत्तियाह था। ACT 1 26 fk4x figs-activepassive συνκατεψηφίσθη μετὰ τῶν ἕνδεκα ἀποστόλων 1 he was numbered with the eleven apostles "इसे सक्रिय रूप में कहा जा सकता है। वैकल्पिक अनुवाद: ""विश्वासियों ने उसे अन्य ग्यारहों के साथ एक प्रेरित माना"" (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-activepassive]])" -ACT 2 intro x8fr 1 # प्रेरितों के काम 02 सामान्य टिप्पणियाँ
## संरचना एवं स्वरूपण

कुछ अनुवाद पढ़ने के लिए आसान बनाने के लिए पाठ के शेष हिस्सों की तुलना में कविता की प्रत्येक पंक्ति को दाईं ओर व्यवस्थित करते हैं । यूएलटी अनुवाद पुराने नियम के काव्य के साथ ऐसा करता है 2: 17-21, 25-28, और 34-35 में उद्धृत किया गया है।

कुछ अनुवाद पुराने नियम से उद्धरण को बाकी की तुलना में पृष्ठ के दाएं ओर व्यवस्थित करते हैं यूएलटी अनुवाद उद्धृत सामग्री के साथ 2:31 में करता है।

इस अध्याय में वर्णित घटनाओं को सामान्य रूप से ""पिन्तेकुस्त"" कहा जाता है। बहुत से लोग मानते हैं कि जब पवित्र आत्मा इस अध्याय में विश्वासियों के अन्दर रहने के लिए आया था तब कलीसिया के अस्तित्व का आरम्भ हुआ था।

## इस अध्याय में पाई जाने वाली विशेष धारणाएँ

### जीभें

""जीभें"" शब्द के इस अध्याय में दो अर्थ हैं। लूका बताता है कि जीभों के रूप में स्वर्ग से नीचे क्या आया ([प्रेरितों के काम 2:3](../../act/02/03.md)) जो आग की तरह दिखी थी। यह ""आग की जीभ"" से अलग है, जो कि जीभ की तरह दिखने वाली एक आग है। लूका भी पवित्र आत्मा से भरने के द्वारा बोली जाने वाली भाषाओं का वर्णन करने के लिए ""जीभ"" शब्द का उपयोग करता है ([प्रेरितों के काम 2:4](../02/04.md)).

### अन्तिम दिन

कोई भी निश्चित रूप से नहीं जानता है कि ""अन्तिम दिन"" ([प्रेरितों के काम 2:17](../../act/02/17.md)) कब आरम्भ हुए। यूएलटी अनुवाद इसके बारे में जो कहता है आपका अनुवाद उससे अधिक नहीं कहना चाहिए। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/lastday]])

###

बपतिस्मा दिया

इस अध्याय में ""बपतिस्मा"" शब्द मसीही बपतिस्मे ([प्रेरितों के काम 2:38-41](../02/38.md)) को सन्दर्भित करता है। यद्यपि [प्रेरितों के काम 2:1-11](./01.md) में वर्णित घटना पवित्र आत्मा का बपतिस्मा है जिसकी प्रतिज्ञा यीशु ने [प्रेरितों के काम 1:5](../../act/01/05.md) में की थी, शब्द ""बपतिस्मा"" यहाँ उस घटना को सन्दर्भित नहीं करता है। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/baptize]])

### योएल की भविष्यवाणी

कई बातें जो योएल ने कही थीं कि घटित होंगी वे पिन्तेकुस्त के दिन घटित हुईं ([प्रेरितों के काम 2:17-18](../02/17.md)), परन्तु कुछ बातें जो योएल कही थीं वे घटित नहीं हुईं ([प्रेरितों के काम 2:19-20](../02/19.md))। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/prophet]])

### आश्चर्यकर्म और चिन्ह

ये शब्द उन बातों को सन्दर्भित करते हैं जो केवल परमेश्वर ही कर सकते हैं जो दिखाता है कि यीशु वही है जो चेलों ने कहा कि वह है।
+ACT 2 intro x8fr 1 # प्रेरितों के काम 02 सामान्य टिप्पणियाँ
## संरचना एवं स्वरूपण

कुछ अनुवाद पढ़ने के लिए आसान बनाने के लिए पाठ के शेष हिस्सों की तुलना में कविता की प्रत्येक पंक्ति को दाईं ओर व्यवस्थित करते हैं । यूएलटी अनुवाद पुराने नियम के काव्य के साथ ऐसा करता है 2: 17-21, 25-28, और 34-35 में उद्धृत किया गया है।

कुछ अनुवाद पुराने नियम से उद्धरण को बाकी की तुलना में पृष्ठ के दाएं ओर व्यवस्थित करते हैं यूएलटी अनुवाद उद्धृत सामग्री के साथ 2:31 में करता है।

इस अध्याय में वर्णित घटनाओं को सामान्य रूप से ""पिन्तेकुस्त"" कहा जाता है। बहुत से लोग मानते हैं कि जब पवित्र आत्मा इस अध्याय में विश्वासियों के अन्दर रहने के लिए आया था तब कलीसिया के अस्तित्व का आरम्भ हुआ था।

## इस अध्याय में पाई जाने वाली विशेष धारणाएँ

### जीभें

""जीभें"" शब्द के इस अध्याय में दो अर्थ हैं। लूका बताता है कि जीभों के रूप में स्वर्ग से नीचे क्या आया ([प्रेरितों के काम 2:3](../../act/02/03.md)) जो आग की तरह दिखी थी। यह ""आग की जीभ"" से अलग है, जो कि जीभ की तरह दिखने वाली एक आग है। लूका भी पवित्र आत्मा से भरने के द्वारा बोली जाने वाली भाषाओं का वर्णन करने के लिए ""जीभ"" शब्द का उपयोग करता है ([प्रेरितों के काम 2:4](../02/04.md)).

### अन्तिम दिन

कोई भी निश्चित रूप से नहीं जानता है कि ""अन्तिम दिन"" ([प्रेरितों के काम 2:17](../../act/02/17.md)) कब आरम्भ हुए। यूएलटी अनुवाद इसके बारे में जो कहता है आपका अनुवाद उससे अधिक नहीं कहना चाहिए। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/lastday]])

###

बपतिस्मा दिया

इस अध्याय में ""बपतिस्मा"" शब्द मसीही बपतिस्मे ([प्रेरितों के काम 2:38-41](../02/38.md)) को सन्दर्भित करता है। यद्यपि [प्रेरितों के काम 2:1-11](./01.md) में वर्णित घटना पवित्र आत्मा का बपतिस्मा है जिसकी प्रतिज्ञा यीशु ने [प्रेरितों के काम 1:5](../../act/01/05.md) में की थी, शब्द ""बपतिस्मा"" यहाँ उस घटना को सन्दर्भित नहीं करता है। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/baptize]])

### योएल की भविष्यवाणी

कई बातें जो योएल ने कही थीं कि घटित होंगी वे पिन्तेकुस्त के दिन घटित हुईं ([प्रेरितों के काम 2:17-18](../02/17.md)), परन्तु कुछ बातें जो योएल कही थीं वे घटित नहीं हुईं ([प्रेरितों के काम 2:19-20](../02/19.md))। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/prophet]])

### आश्चर्यकर्म और चिन्ह

ये शब्द उन बातों को सन्दर्भित करते हैं जो केवल परमेश्वर ही कर सकते हैं जो दिखाता है कि यीशु वही है जो चेलों ने कहा कि वह है।
ACT 2 1 i4sa 0 General Information: यह एक नई घटना है; यह फसह के 50 दिन बाद अब पिन्तेकुस्त का दिन है। ACT 2 1 i4sa 0 General Information: "यहाँ ""वे"" शब्द प्रेरितों और अन्य 120 विश्वासियों को सन्दर्भित करता है जिनका लूका ने [प्रेरितों के काम 1:15](../01/15.md) में उल्लेख किया है।" ACT 2 2 jc1w ἄφνω 1 Suddenly यह शब्द एक घटना को सन्दर्भित करता है जो अप्रत्याशित रूप से घटित होती है। @@ -190,7 +190,7 @@ ACT 2 46 q1ge figs-synecdoche κλῶντές…κατ’ οἶκον ἄρτο ACT 2 46 i2yk figs-metonymy ἐν ἀγαλλιάσει καὶ ἀφελότητι καρδίας 1 with glad and humble hearts "यहाँ ""मन"" व्यक्ति की भावनाओं के लिए एक उपनाम है। वैकल्पिक अनुवाद: ""आनन्द से और विनम्रतापूर्वक"" (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-metonymy]])" ACT 2 47 z6ig αἰνοῦντες τὸν Θεὸν καὶ ἔχοντες χάριν πρὸς ὅλον τὸν λαόν 1 praising God and having favor with all the people परमेश्वर की प्रशंसा करना सभी लोग उनसे प्रसन्न थे ACT 2 47 kc42 figs-activepassive τοὺς σῳζομένους 1 those who were being saved "इसे सक्रिय रूप में कहा जा सकता है। वैकल्पिक अनुवाद: ""वे जिन्हें परमेश्वर ने बचाया था"" (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-activepassive]])" -ACT 3 intro hpd9 0 # प्रेरितों के काम 03 सामान्य टिप्पणियाँ
## इस अध्याय में पाई जाने वाली विशेष धारणाएँ

### परमेश्वर की अब्राहम के साथ बाँधी गई वाचा

यह अध्याय बताता है कि यीशु यहूदियों के पास आया क्योंकि परमेश्वर ने जो वाचा अब्राहम के साथ बाँधी थी वह उसका हिस्सा पूरा कर रहा था। पतरस ने सोचा था कि यहूदी ही थे जो वास्तव में यीशु को मारने के लिए दोषी थे, परन्तु वह

## इस अध्याय में अन्य संभावित अनुवाद की कठिनाइयाँ

### ""तूने उसे छुड़ा लिया""

""वे रोमी ही थे जिन्होंने यीशु को मारा, परन्तु उन्होंने उसे इसलिए मार डाला था क्योंकि यहूदियों ने उसे पकड़ा था, उसे रोमियों के पास लाए, और रोमियों को उसे मारने के लिए कहा था। इस कारण से पतरस ने सोचा कि ये ही थे जो वास्तव में यीशु को मारने के दोषी थे। परन्तु वह उन्हें बताता है कि वे ही पहले व्यक्ति हैं जिनके पास परमेश्वर ने यीशु के अनुयायियों को पश्चाताप करने के लिए आमंत्रित करने को भेजा है ([लूका 3:26](../../luk/03/26.md))। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/repent]])
+ACT 3 intro hpd9 0 # प्रेरितों के काम 03 सामान्य टिप्पणियाँ
## इस अध्याय में पाई जाने वाली विशेष धारणाएँ

### परमेश्वर की अब्राहम के साथ बाँधी गई वाचा

यह अध्याय बताता है कि यीशु यहूदियों के पास आया क्योंकि परमेश्वर ने जो वाचा अब्राहम के साथ बाँधी थी वह उसका हिस्सा पूरा कर रहा था। पतरस ने सोचा था कि यहूदी ही थे जो वास्तव में यीशु को मारने के लिए दोषी थे, परन्तु वह

## इस अध्याय में अन्य संभावित अनुवाद की कठिनाइयाँ

### ""तूने उसे छुड़ा लिया""

""वे रोमी ही थे जिन्होंने यीशु को मारा, परन्तु उन्होंने उसे इसलिए मार डाला था क्योंकि यहूदियों ने उसे पकड़ा था, उसे रोमियों के पास लाए, और रोमियों को उसे मारने के लिए कहा था। इस कारण से पतरस ने सोचा कि ये ही थे जो वास्तव में यीशु को मारने के दोषी थे। परन्तु वह उन्हें बताता है कि वे ही पहले व्यक्ति हैं जिनके पास परमेश्वर ने यीशु के अनुयायियों को पश्चाताप करने के लिए आमंत्रित करने को भेजा है ([लूका 3:26](../../luk/03/26.md))। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/repent]])
ACT 3 1 u6nu writing-background 0 General Information: वचन 2 लंगड़े व्यक्ति के बारे में पृष्ठभूमि की जानकारी देता है। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/writing-background]]) ACT 3 1 b5rm 0 Connecting Statement: एक दिन पतरस और यूहन्ना मन्दिर जाते हैं। ACT 3 1 br7i εἰς τὸ ἱερὸν 1 into the temple "वे मन्दिर के भवन में नहीं गए जहाँ जाने की केवल याजकों की अनुमति थी। वैकल्पिक अनुवाद: ""मन्दिर के आँगन में"" या ""मन्दिर परिसर में""" @@ -255,7 +255,7 @@ ACT 3 25 g31m figs-activepassive ἐνευλογηθήσονται πᾶσαι ACT 3 26 b7tz ἀναστήσας ὁ Θεὸς τὸν παῖδα αὐτοῦ 1 After God raised up his servant परमेश्वर के यीशु को अपना दास बना लेने और उसे प्रसिद्ध कर देने के बाद ACT 3 26 z5q6 τὸν παῖδα αὐτοῦ 1 his servant यह मसीह, यीशु को सन्दर्भित करता है। ACT 3 26 x8ss figs-metaphor τῷ ἀποστρέφειν ἕκαστον ἀπὸ τῶν πονηριῶν ὑμῶν 1 turning every one of you from your wickedness "यहाँ ""से ... फेरकर"" किसी को कुछ करने से रोकने के लिए एक रूपक है। वैकल्पिक अनुवाद: ""तुम में से हर किसी को दुष्ट कामों को करने से रोक देना"" या ""तुम में से हर किसी को अपनी दुष्टता से पश्चाताप करवाना"" (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-metaphor]])" -ACT 4 intro pv3a 0 # प्रेरितों के काम 04 सामान्य टिप्पणियाँ
## संरचना एवं स्वरूपण

कुछ अनुवाद पढ़ने के लिए आसान बनाने के लिए पाठ के शेष हिस्सों की तुलना में कविता की प्रत्येक पंक्ति को दाहिनी ओर व्यवस्थित करते हैं । यूएलटी अनुवाद पुराने नियम के काव्य के साथ ऐसा करता है जो 4:25-26 में उद्धरित किया गया है।

## इस अध्याय में पाई जाने वाली विशेष धारणाएँ

### एकता

आरम्भिक मसीही अधिक से अधिक इकट्ठे रहना चाहते थे। वे एक ही जैसी बातों पर विश्वास करना और उनके स्वामित्व वाली सभी वस्तुओं को साझा करना और उन लोगों की सहायता करना चाहते थे जिन्हें सहायता चाहिए थी।

### ""चिन्ह और आश्चर्यकर्म""

यह वाक्यांश उन वस्तुओं को सन्दर्भित करता है जो केवल परमेश्वर ही कर सकता है। मसीही चाहते थे कि परमेश्वर ऐसा करे जो केवल वही कर सकता है ताकि लोग विश्वास करें कि यीशु के बारे में उन्होंने जो कहा वह सच था।

## इस अध्याय के महत्वपूर्ण अलंकार

### कोने का पत्थर

कोने का पत्थर वह पत्थर का पहला टुकड़ा था जिसे लोग भवन बनाते समय रखते थे। यह किसी वस्तु के उस सबसे महत्वपूर्ण भाग के लिए एक रूपक है, जिस पर सब कुछ निर्भर करता है। यह कहना कि यीशु कलीसिया के कोने का पत्थर है यह कहना हुआ कि कलीसिया में कुछ भी यीशु की तुलना में अधिक महत्वपूर्ण नहीं है और कलीसिया का सब कुछ यीशु पर निर्भर करता है। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-metaphor]] और [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/faith]])

## इस अध्याय में अन्य संभावित अनुवाद की कठिनाइयाँ

### नाम

""लोगों के बीच स्वर्ग के नीचे कोई अन्य नाम नहीं है जिसके द्वारा हम उद्धार पा सकें"" ([प्रेरितों के काम 4:12](../../act/04/12.md))। इन शब्दों के साथ पतरस कह रहा था कि पृथ्वी पर कभी भी कोई अन्य व्यक्ति ऐसा नहीं हुआ है या न कभी भी पृथ्वी पर होगा, जो लोगों को बचा सकता है। +ACT 4 intro pv3a 0 # प्रेरितों के काम 04 सामान्य टिप्पणियाँ
## संरचना एवं स्वरूपण

कुछ अनुवाद पढ़ने के लिए आसान बनाने के लिए पाठ के शेष हिस्सों की तुलना में कविता की प्रत्येक पंक्ति को दाहिनी ओर व्यवस्थित करते हैं । यूएलटी अनुवाद पुराने नियम के काव्य के साथ ऐसा करता है जो 4:25-26 में उद्धरित किया गया है।

## इस अध्याय में पाई जाने वाली विशेष धारणाएँ

### एकता

आरम्भिक मसीही अधिक से अधिक इकट्ठे रहना चाहते थे। वे एक ही जैसी बातों पर विश्वास करना और उनके स्वामित्व वाली सभी वस्तुओं को साझा करना और उन लोगों की सहायता करना चाहते थे जिन्हें सहायता चाहिए थी।

### ""चिन्ह और आश्चर्यकर्म""

यह वाक्यांश उन वस्तुओं को सन्दर्भित करता है जो केवल परमेश्वर ही कर सकता है। मसीही चाहते थे कि परमेश्वर ऐसा करे जो केवल वही कर सकता है ताकि लोग विश्वास करें कि यीशु के बारे में उन्होंने जो कहा वह सच था।

## इस अध्याय के महत्वपूर्ण अलंकार

### कोने का पत्थर

कोने का पत्थर वह पत्थर का पहला टुकड़ा था जिसे लोग भवन बनाते समय रखते थे। यह किसी वस्तु के उस सबसे महत्वपूर्ण भाग के लिए एक रूपक है, जिस पर सब कुछ निर्भर करता है। यह कहना कि यीशु कलीसिया के कोने का पत्थर है यह कहना हुआ कि कलीसिया में कुछ भी यीशु की तुलना में अधिक महत्वपूर्ण नहीं है और कलीसिया का सब कुछ यीशु पर निर्भर करता है। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-metaphor]] और [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/faith]])

## इस अध्याय में अन्य संभावित अनुवाद की कठिनाइयाँ

### नाम

""लोगों के बीच स्वर्ग के नीचे कोई अन्य नाम नहीं है जिसके द्वारा हम उद्धार पा सकें"" ([प्रेरितों के काम 4:12](../../act/04/12.md))। इन शब्दों के साथ पतरस कह रहा था कि पृथ्वी पर कभी भी कोई अन्य व्यक्ति ऐसा नहीं हुआ है या न कभी भी पृथ्वी पर होगा, जो लोगों को बचा सकता है। ACT 4 1 ew3l 0 Connecting Statement: पतरस के द्वारा एक जन्म से लंगड़े को चंगा कर देने के पश्चात् पतरस और यूहन्ना को धार्मिक अगुवे गिरफ्तार कर लेते हैं। ACT 4 1 d3tv ἐπέστησαν αὐτοῖς 1 came upon them "उनसे सम्पर्क किया या ""उनके पास आया""" ACT 4 2 m74s figs-explicit διαπονούμενοι 1 They were deeply troubled "वे बहुत गुस्से में थे। पतरस और यूहन्ना जो कुछ कह रहे थे, सदूकी, विशेष रूप से, उसके बारे में क्रोधित हो रहे होंगे क्योंकि वे पुनरुत्थान में विश्वास नहीं करते थे। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-explicit]]) @@ -347,7 +347,7 @@ ACT 4 35 ps4s figs-activepassive διεδίδετο…ἑκάστῳ, καθότ ACT 4 36 uc2a writing-participants 0 General Information: लूका कहानी में बरनबास को प्रस्तुत करता है। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/writing-participants]]) ACT 4 36 nr4v figs-idiom υἱὸς παρακλήσεως 1 Son of Encouragement "प्रेरितों ने यह दिखाने के लिए इस नाम का उपयोग किया कि यूसुफ एक ऐसा व्यक्ति था जिसने दूसरों को प्रोत्साहित किया था। ""का पुत्र"" एक मुहावरा है जो किसी व्यक्ति के व्यवहार या चरित्र का वर्णन करने के लिए प्रयोग किया गया है। वैकल्पिक अनुवाद: ""प्रोत्साहित करने वाला"" या ""वह जो प्रोत्साहित करता है"" (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-idiom]])" ACT 4 37 gtv5 figs-idiom ἔθηκεν παρὰ τοὺς πόδας τῶν ἀποστόλων 1 laid it at the apostles' feet "इसका अर्थ है कि उन्होंने प्रेरितों को उपहार में धन दिया था। देखें कि आपने इसका अनुवाद कैसे किया है [प्रेरितों के काम 4:35](../04/35.md)। वैकल्पिक अनुवाद: ""इसे प्रेरितों को उपहार में दिया"" या ""इसे प्रेरितों को दे दिया"" (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-idiom]])" -ACT 5 intro k2uh 0 # प्रेरितों के काम 05 सामान्य टिप्पणियाँ
## इस अध्याय में पाई जाने वाली विशेष धारणाएँ

### ""शैतान ने तेरे मन को पवित्र आत्मा से झूठ बोलने के लिए भर दिया है""

कोई भी निश्चित रूप से यह नहीं जानता है कि क्या हनन्याह और सफीरा वास्तव में मसीही थे जब उन्होंने बेची गई भूमि के बारे में झूठ बोलने का निर्णय किया था ([प्रेरितों के काम 5:1-10](../05/01.md)), क्योंकि लूका नहीं बताता है। यद्यपि, पतरस जानता था कि उन्होंने विश्वासियों से झूठ बोला था, और वह जानता था कि उन्होंने शैतान की बात सुनी और उसकी आज्ञा मानी थी।

जब उन्होंने विश्वासियों से झूठ बोला, तो उन्होंने पवित्र आत्मा से झूठ बोला। ऐसा इसलिए है क्योंकि पवित्र आत्मा विश्वासियों के भीतर रहता है।

+ACT 5 intro k2uh 0 # प्रेरितों के काम 05 सामान्य टिप्पणियाँ
## इस अध्याय में पाई जाने वाली विशेष धारणाएँ

### ""शैतान ने तेरे मन को पवित्र आत्मा से झूठ बोलने के लिए भर दिया है""

कोई भी निश्चित रूप से यह नहीं जानता है कि क्या हनन्याह और सफीरा वास्तव में मसीही थे जब उन्होंने बेची गई भूमि के बारे में झूठ बोलने का निर्णय किया था ([प्रेरितों के काम 5:1-10](../05/01.md)), क्योंकि लूका नहीं बताता है। यद्यपि, पतरस जानता था कि उन्होंने विश्वासियों से झूठ बोला था, और वह जानता था कि उन्होंने शैतान की बात सुनी और उसकी आज्ञा मानी थी।

जब उन्होंने विश्वासियों से झूठ बोला, तो उन्होंने पवित्र आत्मा से झूठ बोला। ऐसा इसलिए है क्योंकि पवित्र आत्मा विश्वासियों के भीतर रहता है।

ACT 5 1 v27a writing-background 0 कैसे नए मसीहियों द्वारा अपनी वस्तुओं को अन्य विश्वासियों के साथ साझा करने की कहानी को जारी रखते हुए, लूका दो विश्वासियों, हनन्याह और सफीरा के बारे में बताता है। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/writing-background]] और [[rc://hi/ta/man/translate/writing-participants]]) ACT 5 1 ysl9 δέ 1 Now इस शब्द का उपयोग कहानी के एक नए हिस्से को बताने के लिए मुख्य कहानी में एक विराम को चिन्हित करने के लिए किया गया है। ACT 5 2 xm1t συνειδυίης καὶ τῆς γυναικός 1 his wife also knew it उसकी पत्नी को भी यह पता था कि उसने बिक्री के धन के हिस्से को वापस रख लिया है @@ -443,7 +443,7 @@ ACT 5 41 cv8y figs-activepassive κατηξιώθησαν ὑπὲρ τοῦ ὀ ACT 5 41 lk82 figs-metonymy ὑπὲρ τοῦ ὀνόματος 1 for the Name "यहाँ ""नाम"" यीशु को सन्दर्भित करता है। वैकल्पिक अनुवाद: ""यीशु के लिए"" (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-metonymy]])" ACT 5 42 jj94 πᾶσάν τε ἡμέραν 1 Thereafter every day "उस दिन के बाद, हर दिन। यह वाक्यांश चिन्हित करता है कि उस दिन के बाद से प्रेरितों ने हर दिन क्या किया था। ACT 5 42 kyp6 figs-explicit ἐν τῷ ἱερῷ καὶ κατ’ οἶκον 1 in the temple और from house to house वे मन्दिर के भवन में नहीं गए जहाँ केवल याजकों को जाने की अनुमति थी। वैकल्पिक अनुवाद: ""मन्दिर के आँगन में और विभिन्न लोगों के घरों में"" (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-explicit]]) -ACT 6 intro z5r5 0 # प्रेरितों के काम 06 सामान्य टिप्पणियाँ
## इस अध्याय में पाई जाने वाली विशेष धारणाएँ

### विधवाओं को वितरण

यरूशलेम में विश्वासियों ने हर दिन उन स्त्रियों को भोजन दिया जिनके पतियों की मृत्यु हो गई थी। वे सभी यहूदियों के रूप में पले बढ़े थे, परन्तु उनमें से कुछ यहूदिया में रहते थे और इब्रानी बोलते थे, और दूसरे अन्यजाति क्षेत्रों में रहते थे और यूनानी बोलते थे। जो लोग भोजन बाँटा करते थे, वे इसे इब्रानी बोलने वाली विधवाओं को देते थे, परन्तु यूनानी बोलने वाली विधवाओं को नहीं देते थे। परमेश्वर को प्रसन्न करने के लिए, कलीसिया के अगुवों ने यूनानी बोलने वाले पुरुषों को यह सुनिश्चित करने के लिए नियुक्त किया कि यूनानी बोलने वाली विधवाओं को भोजन का अपना हिस्सा प्राप्त हुआ है। इन यूनानी बोलने वाले पुरुषों में से एक स्तिफनुस था।

## इस अध्याय में अन्य संभावित अनुवाद की कठिनाइयाँ

### ""उसका मुख एक स्वर्गदूत के चेहरे की तरह था""

कोई भी यह निश्चित रूप से नहीं जानता कि स्तिफनुस के चेहरे के बारे में यह क्या है कि वह एक स्वर्गदूत के चेहरे की तरह था, क्योंकि लूका हमें नहीं बताता है। इसके बारे में यूएलटी जो कुछ कहता है, अनुवाद में वही कहना सबसे अच्छा है।
+ACT 6 intro z5r5 0 # प्रेरितों के काम 06 सामान्य टिप्पणियाँ
## इस अध्याय में पाई जाने वाली विशेष धारणाएँ

### विधवाओं को वितरण

यरूशलेम में विश्वासियों ने हर दिन उन स्त्रियों को भोजन दिया जिनके पतियों की मृत्यु हो गई थी। वे सभी यहूदियों के रूप में पले बढ़े थे, परन्तु उनमें से कुछ यहूदिया में रहते थे और इब्रानी बोलते थे, और दूसरे अन्यजाति क्षेत्रों में रहते थे और यूनानी बोलते थे। जो लोग भोजन बाँटा करते थे, वे इसे इब्रानी बोलने वाली विधवाओं को देते थे, परन्तु यूनानी बोलने वाली विधवाओं को नहीं देते थे। परमेश्वर को प्रसन्न करने के लिए, कलीसिया के अगुवों ने यूनानी बोलने वाले पुरुषों को यह सुनिश्चित करने के लिए नियुक्त किया कि यूनानी बोलने वाली विधवाओं को भोजन का अपना हिस्सा प्राप्त हुआ है। इन यूनानी बोलने वाले पुरुषों में से एक स्तिफनुस था।

## इस अध्याय में अन्य संभावित अनुवाद की कठिनाइयाँ

### ""उसका मुख एक स्वर्गदूत के चेहरे की तरह था""

कोई भी यह निश्चित रूप से नहीं जानता कि स्तिफनुस के चेहरे के बारे में यह क्या है कि वह एक स्वर्गदूत के चेहरे की तरह था, क्योंकि लूका हमें नहीं बताता है। इसके बारे में यूएलटी जो कुछ कहता है, अनुवाद में वही कहना सबसे अच्छा है।
ACT 6 1 ky47 writing-background 0 General Information: यह कहानी के एक नए हिस्से का आरम्भ है। लूका कहानी को समझने के लिए महत्वपूर्ण पृष्ठभूमि की जानकारी देता है। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/writing-background]]) ACT 6 1 f8br writing-newevent ἐν δὲ ταῖς ἡμέραις ταύταις 1 Now in these days इस बात पर विचार करें कि आपकी भाषा में एक कहानी के नए हिस्सों को कैसे प्रस्तुत किया गया है। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/writing-newevent]]) ACT 6 1 t94s πληθυνόντων 1 was multiplying बहुत अधिक बढ़ रहे थे" @@ -489,7 +489,7 @@ ACT 6 13 zv6s οὐ παύεται λαλῶν 1 does not stop speaking नि ACT 6 14 vak4 figs-idiom παρέδωκεν ἡμῖν 1 handed down to us """सौंपी हैं"" वाक्यांश का अर्थ है ""पहुँचाई हैं।"" वैकल्पिक अनुवाद: ""हमारे पूर्वजों को सिखाई"" (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-idiom]] और [[rc://hi/ta/man/translate/figs-metonymy]])" ACT 6 15 gf7e figs-idiom ἀτενίσαντες εἰς αὐτὸν 1 fixed their eyes on him "यह एक मुहावरा है जिसका अर्थ है कि उन्होंने उसकी तरफ बड़े ध्यान से देखा था। यहाँ ""आँखें"" दृष्टि के लिए एक उपनाम है। वैकल्पिक अनुवाद: ""उसकी तरफ बड़े ध्यान से देखा"" या ""उसे घूर कर देखा"" (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-idiom]])" ACT 6 15 k8rw figs-simile ὡσεὶ πρόσωπον ἀγγέλου 1 was like the face of an angel यह वाक्यांश उसके चेहरे की तुलना एक स्वर्गदूत के साथ करता है, परन्तु विशेष रूप से यह नहीं कहता कि उनमें आपस में क्या समान है। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-simile]]) -ACT 7 intro p9h4 0 # प्रेरितों के काम 07 सामान्य टिप्पणियाँ
## संरचना एवं स्वरूपण

कुछ अनुवाद पढ़ने के लिए आसान बनाने के लिए पाठ के शेष हिस्सों की तुलना में कविता की प्रत्येक पंक्ति को दाईं ओर व्यवस्थित करते हैं । यूएलटी अनुवाद कविता के साथ ऐसा ही करता है जिसे पुराने नियम में 7:42-43 और 49-50 से उद्धरित किया गया है।

ऐसा लगता है कि 8:1 इस अध्याय की कथा का हिस्सा है।

## इस अध्याय में पाई जाने वाली विशेष धारणाएँ

### ""स्तिफनुस ने कहा""

स्तिफनुस ने इस्राएल के इतिहास को बहुत ही संक्षेप में बताया। उसने उन समयों पर विशेष ध्यान दिया जब इस्राएलियों ने उन लोगों को अस्वीकार कर दिया था जिनको परमेश्वर ने उनका नेतृत्व करने के लिए चुना था। कहानी के अन्त में, उसने कहा कि जिन यहूदी अगुवों से वह बात कर रहा था, उन्होंने यीशु को बिलकुल वैसे ही अस्वीकार कर दिया था जैसे कि दुष्ट इस्राएलियों ने सदैव उन अगुवों को अस्वीकार किया था जिन्हें परमेश्वर ने उनके लिए नियुक्त किया था।

### ""पवित्र आत्मा से भरा हुआ""

पवित्र आत्मा ने पूरी तरह से स्तिफनुस को नियंत्रित किया इसलिए वह केवल उतना ही और वही कह सका जो परमेश्वर चाहता था कि वह कहे।

### प्रतिछाया

जब कोई लेखक किसी ऐसी चीज की बात करता है जो उस समय महत्वपूर्ण नहीं है परन्तु बाद में कहानी में महत्वपूर्ण होगी, तो इसे प्रतिछाया कहा जाता है। लूका यहाँ शाऊल का उल्लेख करता है, जिसे पौलुस के नाम से भी जाना जाता है, भले ही वह कहानी के इस हिस्से में एक महत्वपूर्ण व्यक्ति नहीं है। ऐसा इसलिए है क्योंकि पौलुस प्रेरितों के काम की पुस्तक के बाकी हिस्सों में एक महत्वपूर्ण व्यक्ति है।

## इस अध्याय के महत्वपूर्ण अलंकार

### निहितार्थ जानकारी

स्तिफनुस यहूदियों से बात कर रहा था जो अच्छी तरह से मूसा की व्यवस्था को जानते थे इसलिए उसने उन बातों की व्याख्या नहीं की जो उनके सुनने वालों को पहले से ही पता थीं। परन्तु आपको इनमें से कुछ बातों को समझाने की आवश्यकता हो सकती है जो स्तिफनुस क्या कह रहा था आपके पाठक उसे समझने में सक्षम होंगे। उदाहरण के लिए, आपको यह स्पष्ट करने की आवश्यकता हो सकती है कि जब यूसुफ के भाइयों ने उसे ""मिस्र में बेच दिया"" ([प्रेरितों के काम 7:9](../../act/07/09.md)), तो यूसुफ मिस्र में एक दास होने जा रहा था। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-explicit]])

### उपनाम

स्तिफनुस ने यूसुफ को ""मिस्र पर"" और फिरौन के पूरे घराने पर शासन करते हुए बताया। इसके द्वारा उसका अर्थ था कि यूसुफ ने मिस्र के लोगों पर और फिरौन के घराने के लोगों और संपत्ति पर शासन किया था। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-metonymy]])

## इस अध्याय में अन्य संभावित अनुवाद की कठिनाइयाँ

### पृष्ठभूमि का ज्ञान

वे यहूदी अगुवे जिनसे स्तिफनुस ने बात की थी पहले से ही उन घटनाओं के बारे में बहुत कुछ जानते थे जिनके बारे में वह उन्हें बता रहा था। वे जानते थे कि मूसा ने उत्पत्ति की पुस्तक में क्या लिखा था। यदि उत्पत्ति की पुस्तक का अनुवाद आपकी भाषा में नहीं किया गया है, तो आपके पाठकों के लिए यह समझना कठिन हो सकता है कि स्तिफनुस ने क्या कहा था।
+ACT 7 intro p9h4 0 # प्रेरितों के काम 07 सामान्य टिप्पणियाँ
## संरचना एवं स्वरूपण

कुछ अनुवाद पढ़ने के लिए आसान बनाने के लिए पाठ के शेष हिस्सों की तुलना में कविता की प्रत्येक पंक्ति को दाईं ओर व्यवस्थित करते हैं । यूएलटी अनुवाद कविता के साथ ऐसा ही करता है जिसे पुराने नियम में 7:42-43 और 49-50 से उद्धरित किया गया है।

ऐसा लगता है कि 8:1 इस अध्याय की कथा का हिस्सा है।

## इस अध्याय में पाई जाने वाली विशेष धारणाएँ

### ""स्तिफनुस ने कहा""

स्तिफनुस ने इस्राएल के इतिहास को बहुत ही संक्षेप में बताया। उसने उन समयों पर विशेष ध्यान दिया जब इस्राएलियों ने उन लोगों को अस्वीकार कर दिया था जिनको परमेश्वर ने उनका नेतृत्व करने के लिए चुना था। कहानी के अन्त में, उसने कहा कि जिन यहूदी अगुवों से वह बात कर रहा था, उन्होंने यीशु को बिलकुल वैसे ही अस्वीकार कर दिया था जैसे कि दुष्ट इस्राएलियों ने सदैव उन अगुवों को अस्वीकार किया था जिन्हें परमेश्वर ने उनके लिए नियुक्त किया था।

### ""पवित्र आत्मा से भरा हुआ""

पवित्र आत्मा ने पूरी तरह से स्तिफनुस को नियंत्रित किया इसलिए वह केवल उतना ही और वही कह सका जो परमेश्वर चाहता था कि वह कहे।

### प्रतिछाया

जब कोई लेखक किसी ऐसी चीज की बात करता है जो उस समय महत्वपूर्ण नहीं है परन्तु बाद में कहानी में महत्वपूर्ण होगी, तो इसे प्रतिछाया कहा जाता है। लूका यहाँ शाऊल का उल्लेख करता है, जिसे पौलुस के नाम से भी जाना जाता है, भले ही वह कहानी के इस हिस्से में एक महत्वपूर्ण व्यक्ति नहीं है। ऐसा इसलिए है क्योंकि पौलुस प्रेरितों के काम की पुस्तक के बाकी हिस्सों में एक महत्वपूर्ण व्यक्ति है।

## इस अध्याय के महत्वपूर्ण अलंकार

### निहितार्थ जानकारी

स्तिफनुस यहूदियों से बात कर रहा था जो अच्छी तरह से मूसा की व्यवस्था को जानते थे इसलिए उसने उन बातों की व्याख्या नहीं की जो उनके सुनने वालों को पहले से ही पता थीं। परन्तु आपको इनमें से कुछ बातों को समझाने की आवश्यकता हो सकती है जो स्तिफनुस क्या कह रहा था आपके पाठक उसे समझने में सक्षम होंगे। उदाहरण के लिए, आपको यह स्पष्ट करने की आवश्यकता हो सकती है कि जब यूसुफ के भाइयों ने उसे ""मिस्र में बेच दिया"" ([प्रेरितों के काम 7:9](../../act/07/09.md)), तो यूसुफ मिस्र में एक दास होने जा रहा था। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-explicit]])

### उपनाम

स्तिफनुस ने यूसुफ को ""मिस्र पर"" और फिरौन के पूरे घराने पर शासन करते हुए बताया। इसके द्वारा उसका अर्थ था कि यूसुफ ने मिस्र के लोगों पर और फिरौन के घराने के लोगों और संपत्ति पर शासन किया था। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-metonymy]])

## इस अध्याय में अन्य संभावित अनुवाद की कठिनाइयाँ

### पृष्ठभूमि का ज्ञान

वे यहूदी अगुवे जिनसे स्तिफनुस ने बात की थी पहले से ही उन घटनाओं के बारे में बहुत कुछ जानते थे जिनके बारे में वह उन्हें बता रहा था। वे जानते थे कि मूसा ने उत्पत्ति की पुस्तक में क्या लिखा था। यदि उत्पत्ति की पुस्तक का अनुवाद आपकी भाषा में नहीं किया गया है, तो आपके पाठकों के लिए यह समझना कठिन हो सकता है कि स्तिफनुस ने क्या कहा था।
ACT 7 1 pt4h figs-you 0 General Information: """हमारा"" शब्द स्तिफनुस को, उस यहूदी परिषद को जिससे उसने बात की थी, दोनों को और सारे दर्शकों को सम्मिलित करता है। ""तू"" शब्द अब्राहम को सन्दर्भित करता एकवचन है। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-you]])" ACT 7 1 hy9r 0 Connecting Statement: स्तिफनुस के बारे में कहानी का वह हिस्सा, जो [प्रेरितों के काम 6:8](../06/08.md) में आरम्भ हुआ, आगे बढ़ता है। स्तिफनुस इस्राएल के इतिहास में हुई बातों के बारे में बात करके महायाजक और परिषद को अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करना आरम्भ करता है। इस इतिहास का अधिकांश भाग मूसा के लेखन से आता है। ACT 7 2 v5si ἀδελφοὶ καὶ πατέρες, ἀκούσατε 1 Brothers and fathers, listen to me स्तिफनुस विस्तारित परिवार के रूप में बधाई देने में परिषद के प्रति बहुत अधिक सम्मान व्यक्त करता है। @@ -636,7 +636,7 @@ ACT 7 59 k2el δέξαι τὸ πνεῦμά μου 1 receive my spirit मे ACT 7 60 u86q translate-symaction θεὶς δὲ τὰ γόνατα 1 He knelt down यह परमेश्वर को समर्पित होने का एक कार्य है। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/translate-symaction]]) ACT 7 60 tvf8 figs-litotes μὴ στήσῃς αὐτοῖς ταύτην τὴν ἁμαρτίαν 1 do not hold this sin against them "यह एक सकारात्मक तरीके से कहा जा सकता है। वैकल्पिक अनुवाद: ""उन्हें इस पाप के लिए क्षमा करें"" (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-litotes]])" ACT 7 60 r9vi figs-euphemism ἐκοιμήθη 1 fell asleep "सो जाना यहाँ मर जाने के लिए एक व्यंजना है। वैकल्पिक अनुवाद: ""मृत्यु हो गई"" (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-euphemism]])" -ACT 8 intro q9d9 0 # प्रेरितों के काम 08 सामान्य टिप्पणियाँ
## संरचना एवं स्वरूपण

कुछ अनुवाद पढ़ने के लिए आसान बनाने के लिए पाठ के शेष हिस्सों की तुलना में कविता की प्रत्येक पंक्ति को दाईं ओर व्यवस्थित करते हैं । यूएलटी 8:32-33 में उद्धरित पुराने नियम के काव्य के साथ ऐसा ही करता है।

वचन 1 का पहला वाक्य अध्याय 7 की घटनाओं के विवरण को समाप्त करता है। लूका ने अपने इतिहास का एक नया हिस्सा ""तो वहाँ आरम्भ किया"" शब्दों के साथ आरम्भ करता है।

## इस अध्याय में पाई जाने वाली विशेष धारणाएँ

### पवित्र आत्मा प्राप्त करना

इस अध्याय में पहली बार लूका पवित्र आत्मा प्राप्त करने वाले लोगों के बारे में बोलता है ([प्रेरितों के काम 8:1519](../08/15.md))। पवित्र आत्मा ने पहले ही विश्वासियों को अन्यभाषा में बोलने, बीमारों को ठीक करने और समुदाय के रूप में रहने में सक्षम किया था, और उसने स्तिफनुस को भी भर दिया था। परन्तु जब यहूदियों ने विश्वासियों को जेल में डालना आरम्भ किया, तो वे विश्वास करने वाले जो यरूशलेम को छोड़ सकते थे, और उन्होंने ऐसा किया भी, उन्होंने जाकर अन्य लोगों को यीशु के बारे में बताया। जब यीशु के बारे में सुने हुए लोगों ने पवित्र आत्मा प्राप्त किया, तो कलीसिया के अगुवों ने जान लिया कि वे लोग वास्तव में विश्वास करने वाले बन गए थे।

### घोषणा की

प्रेरितों के काम की पुस्तक में किसी भी अन्य अध्याय से अधिक यह अध्याय विश्वासियों द्वारा वचन की घोषणा को, सुसमाचार के प्रचार को, और यह घोषणा करना कि यीशु ही मसीह है को बताता है। ""घोषणा"" शब्द एक यूनानी शब्द का अनुवाद है जिसका अर्थ किसी बात के बारे में अच्छे समाचार को बताना है।
+ACT 8 intro q9d9 0 # प्रेरितों के काम 08 सामान्य टिप्पणियाँ
## संरचना एवं स्वरूपण

कुछ अनुवाद पढ़ने के लिए आसान बनाने के लिए पाठ के शेष हिस्सों की तुलना में कविता की प्रत्येक पंक्ति को दाईं ओर व्यवस्थित करते हैं । यूएलटी 8:32-33 में उद्धरित पुराने नियम के काव्य के साथ ऐसा ही करता है।

वचन 1 का पहला वाक्य अध्याय 7 की घटनाओं के विवरण को समाप्त करता है। लूका ने अपने इतिहास का एक नया हिस्सा ""तो वहाँ आरम्भ किया"" शब्दों के साथ आरम्भ करता है।

## इस अध्याय में पाई जाने वाली विशेष धारणाएँ

### पवित्र आत्मा प्राप्त करना

इस अध्याय में पहली बार लूका पवित्र आत्मा प्राप्त करने वाले लोगों के बारे में बोलता है ([प्रेरितों के काम 8:1519](../08/15.md))। पवित्र आत्मा ने पहले ही विश्वासियों को अन्यभाषा में बोलने, बीमारों को ठीक करने और समुदाय के रूप में रहने में सक्षम किया था, और उसने स्तिफनुस को भी भर दिया था। परन्तु जब यहूदियों ने विश्वासियों को जेल में डालना आरम्भ किया, तो वे विश्वास करने वाले जो यरूशलेम को छोड़ सकते थे, और उन्होंने ऐसा किया भी, उन्होंने जाकर अन्य लोगों को यीशु के बारे में बताया। जब यीशु के बारे में सुने हुए लोगों ने पवित्र आत्मा प्राप्त किया, तो कलीसिया के अगुवों ने जान लिया कि वे लोग वास्तव में विश्वास करने वाले बन गए थे।

### घोषणा की

प्रेरितों के काम की पुस्तक में किसी भी अन्य अध्याय से अधिक यह अध्याय विश्वासियों द्वारा वचन की घोषणा को, सुसमाचार के प्रचार को, और यह घोषणा करना कि यीशु ही मसीह है को बताता है। ""घोषणा"" शब्द एक यूनानी शब्द का अनुवाद है जिसका अर्थ किसी बात के बारे में अच्छे समाचार को बताना है।
ACT 8 1 tp9e translate-versebridge 0 General Information: यूएसटी के जैसे स्तिफनुस के बारे में कहानी के इन हिस्सों को स्थानांतरित करने के लिए एक वचन के सम्पर्क का उपयोग करना आपके दर्शकों के लिए यह सहायक हो सकता है। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/translate-versebridge]]) ACT 8 1 a7uc 0 Connecting Statement: इन वचनों में कहानी स्तिफनुस से शाऊल की ओर मुड़ जाती है। ACT 8 1 ez88 writing-background ἐγένετο…ἐν ἐκείνῃ τῇ ἡμέρᾳ, διωγμὸς μέγας ἐπὶ τὴν ἐκκλησίαν, τὴν ἐν Ἱεροσολύμοις. πάντες δὲ διεσπάρησαν κατὰ τὰς χώρας τῆς Ἰουδαίας καὶ Σαμαρείας, πλὴν τῶν ἀποστόλων 1 So there began ... except the apostles वचन 1 का यह हिस्सा स्तिफनुस की मृत्यु के बाद आरम्भ होने वाले सताव के बारे में पृष्ठभूमि की जानकारी है। यह बताता है कि शाऊल वचन 3 में विश्वासियों को क्यों सता रहा था। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/writing-background]]) @@ -736,7 +736,7 @@ ACT 8 39 xp52 οὐκ εἶδεν αὐτὸν οὐκέτι ὁ εὐνοῦχ ACT 8 40 r1x7 Φίλιππος…εὑρέθη εἰς Ἄζωτον 1 Philip appeared at Azotus फिलिप्पुस ने जहाँ उस कूशी व्यक्ति को बपतिस्मा दिया और वहाँ से उसकी अश्दोद के बीच की यात्रा का कोई संकेत नहीं था। वह अचानक गाजा के रास्ते पर लुप्त हो गया और अश्दोद शहर में फिर से प्रकट हो गया। ACT 8 40 arh5 διερχόμενος 1 that region यह अश्दोद शहर के आसपास के क्षेत्र को सन्दर्भित करता है। ACT 8 40 zfn6 τὰς πόλεις πάσας 1 to all the cities उस क्षेत्र के सभी शहरों में -ACT 9 intro jm6x 0 # प्रेरितों के काम 09 सामान्य टिप्पणियाँ
## इस अध्याय में पाई जाने वाली विशेष धारणाएँ

### ""मत""

निश्चित रूप से कोई भी यह नहीं जानता कि किसने पहली बार विश्वासियों को ""इस मत के अनुयायी"" कहना आरम्भ किया था। यह सम्भवतः वही है जिससे विश्वासियों ने स्वयं को पुकारा था, क्योंकि बाइबल अक्सर किसी रीति से जीवन को जीने वाले व्यक्ति की बात ऐसे करती है जैसे कि वह व्यक्ति किसी पथ या ""मत"" पर चल रहा था। यदि यह सच है, तो विश्वासियों ने परमेश्वर को प्रसन्न करने के तरीके से जीने के द्वारा ""परमेश्वर के पथ का अनुसरण किया""।

### ""दमिश्क के आराधनालयों के लिए चिट्ठियाँ""

जिन ""चिट्ठियों"" को पौलुस माँगा था वे सम्भवतः कानूनी दस्तावेज थे, जिन्होंने उसे मसीहियों को जेल में डाल देने की अनुमति दी थी। दमिश्क में आराधनालयों के अगुवों को इस चिट्ठी का पालन करना होगा, क्योंकि इन्हें महायाजक ने लिखा था। यदि रोमियों ने इन चिट्ठियों को देखा था, तो उन्होंने भी शाऊल को मसीहियों पर अत्याचार करने की अनुमति दी होगी, क्योंकि उन्होंने यहूदियों को उन लोगों के साथ जैसा वे चाहें वैसा करने की अनुमति दी थी, जिन्होंने उनकी धार्मिक व्यवस्था को तोड़ा था।

## इस अध्याय में अन्य संभावित अनुवाद की कठिनाइयाँ

### जब शाऊल ने यीशु से मुलाकात की तो उसने क्या देखा

यह स्पष्ट है कि शाऊल ने एक प्रकाश देखा और यह इस प्रकाश के कारण था कि वह ""भूमि पर गिर गया।"" कुछ लोग सोचते हैं कि किसी मानवीय रूप को देखे बिना शाऊल जानता था कि परमेश्वर ने उससे बात की थी, क्योंकि बाइबल अक्सर परमेश्वर को प्रकाश के रूप में और प्रकाश में रहने के रूप में बोलती है। अन्य लोग सोचते हैं कि बाद में पौलुस अपने जीवन में यह कहने में सक्षम था, ""मैंने प्रभु यीशु को देखा है"" क्योंकि यह एक मानवीय रूप था जिसे उसने यहाँ देखा था। +ACT 9 intro jm6x 0 # प्रेरितों के काम 09 सामान्य टिप्पणियाँ
## इस अध्याय में पाई जाने वाली विशेष धारणाएँ

### ""मत""

निश्चित रूप से कोई भी यह नहीं जानता कि किसने पहली बार विश्वासियों को ""इस मत के अनुयायी"" कहना आरम्भ किया था। यह सम्भवतः वही है जिससे विश्वासियों ने स्वयं को पुकारा था, क्योंकि बाइबल अक्सर किसी रीति से जीवन को जीने वाले व्यक्ति की बात ऐसे करती है जैसे कि वह व्यक्ति किसी पथ या ""मत"" पर चल रहा था। यदि यह सच है, तो विश्वासियों ने परमेश्वर को प्रसन्न करने के तरीके से जीने के द्वारा ""परमेश्वर के पथ का अनुसरण किया""।

### ""दमिश्क के आराधनालयों के लिए चिट्ठियाँ""

जिन ""चिट्ठियों"" को पौलुस माँगा था वे सम्भवतः कानूनी दस्तावेज थे, जिन्होंने उसे मसीहियों को जेल में डाल देने की अनुमति दी थी। दमिश्क में आराधनालयों के अगुवों को इस चिट्ठी का पालन करना होगा, क्योंकि इन्हें महायाजक ने लिखा था। यदि रोमियों ने इन चिट्ठियों को देखा था, तो उन्होंने भी शाऊल को मसीहियों पर अत्याचार करने की अनुमति दी होगी, क्योंकि उन्होंने यहूदियों को उन लोगों के साथ जैसा वे चाहें वैसा करने की अनुमति दी थी, जिन्होंने उनकी धार्मिक व्यवस्था को तोड़ा था।

## इस अध्याय में अन्य संभावित अनुवाद की कठिनाइयाँ

### जब शाऊल ने यीशु से मुलाकात की तो उसने क्या देखा

यह स्पष्ट है कि शाऊल ने एक प्रकाश देखा और यह इस प्रकाश के कारण था कि वह ""भूमि पर गिर गया।"" कुछ लोग सोचते हैं कि किसी मानवीय रूप को देखे बिना शाऊल जानता था कि परमेश्वर ने उससे बात की थी, क्योंकि बाइबल अक्सर परमेश्वर को प्रकाश के रूप में और प्रकाश में रहने के रूप में बोलती है। अन्य लोग सोचते हैं कि बाद में पौलुस अपने जीवन में यह कहने में सक्षम था, ""मैंने प्रभु यीशु को देखा है"" क्योंकि यह एक मानवीय रूप था जिसे उसने यहाँ देखा था। ACT 9 1 r4n5 writing-background 0 General Information: "ये वचन हमें बताते हुए पृष्ठभूमि की जानकारी देते हैं कि शाऊल स्तिफनुस को पत्थरवाह करने के बाद से क्या कर रहा है। यहाँ ""उससे"" शब्द महायाजक को सन्दर्भित करता है और ""वह"" शाऊल को सन्दर्भित करता है। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/writing-background]])" ACT 9 1 yt9e 0 Connecting Statement: कहानी वापस शाऊल और उसके उद्धार में बदल जाती है। ACT 9 1 anb6 figs-abstractnouns ἔτι ἐμπνέων ἀπειλῆς καὶ φόνου εἰς τοὺς μαθητὰς 1 still speaking threats even of murder against the disciples """हत्या"" संज्ञा का अनुवाद क्रिया के रूप में किया जा सकता है। वैकल्पिक अनुवाद: ""अभी भी चेलों को धमकाने, यहाँ तक कि उनकी हत्या करने के लिए भी बोल रहा है"" (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-abstractnouns]])" @@ -846,7 +846,7 @@ ACT 9 42 nda9 figs-activepassive γνωστὸν δὲ ἐγένετο καθ’ ACT 9 42 fyz4 ἐπίστευσαν…ἐπὶ τὸν Κύριον 1 believed on the Lord प्रभु यीशु के सुसमाचार पर विश्वास किया" ACT 9 43 k9ik writing-newevent ἐγένετο 1 It happened that "यह उसके बारे में आया है। इस कहानी में अगली घटना के आरम्भ के में प्रस्तुत करता है। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/writing-newevent]]) ACT 9 43 qar2 Σίμωνι, βυρσεῖ 1 Simon, a tanner शमौन नाम का एक व्यक्ति जो जानवर की खालों से चमड़ा बनाता था" -ACT 10 intro ym7z 0 # प्रेरितों के काम 10 सामान्य टिप्पणियाँ
## इस अध्याय में पाई जाने वाली विशेष धारणाएँ

### अशुद्ध

यहूदियों का मानना ​​था कि यदि वे एक अन्यजाति के साथ मिले या उसके साथ भोजन खाया तो वे परमेश्वर की दृष्टि में अशुद्ध हो सकते हैं। ऐसा इसलिए था क्योंकि फरीसियों ने इसके विरूद्ध एक नियम बना दिया था, क्योंकि वे लोगों को उन खाद्य पदार्थों को खाने से रोकना चाहते थे जिनको मूसा की व्यवस्था ने अशुद्ध कहा था। मूसा की व्यवस्था ने कहा था कि कुछ खाद्य पदार्थ अशुद्ध थे, परन्तु इसने यह नहीं कहा था कि परमेश्वर के लोग अन्यजातियों के साथ नहीं मिल सकते थे या उनके साथ नहीं खा सकते थे। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/clean]] और [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/lawofmoses]])

### बपतिस्मा और पवित्र आत्मा

पवित्र आत्मा उन पर ""उतर आया"" जो पतरस को सुन रहे थे। इसने यहूदी विश्वासियों को दिखाया कि अन्यजाति परमेश्वर का वचन प्राप्त कर सकते हैं और यहूदी विश्वासियों के समान ही पवित्र आत्मा प्राप्त कर सकते हैं। इसके बाद, अन्यजातियों को बपतिस्मा दिया गया था।
+ACT 10 intro ym7z 0 # प्रेरितों के काम 10 सामान्य टिप्पणियाँ
## इस अध्याय में पाई जाने वाली विशेष धारणाएँ

### अशुद्ध

यहूदियों का मानना ​​था कि यदि वे एक अन्यजाति के साथ मिले या उसके साथ भोजन खाया तो वे परमेश्वर की दृष्टि में अशुद्ध हो सकते हैं। ऐसा इसलिए था क्योंकि फरीसियों ने इसके विरूद्ध एक नियम बना दिया था, क्योंकि वे लोगों को उन खाद्य पदार्थों को खाने से रोकना चाहते थे जिनको मूसा की व्यवस्था ने अशुद्ध कहा था। मूसा की व्यवस्था ने कहा था कि कुछ खाद्य पदार्थ अशुद्ध थे, परन्तु इसने यह नहीं कहा था कि परमेश्वर के लोग अन्यजातियों के साथ नहीं मिल सकते थे या उनके साथ नहीं खा सकते थे। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/clean]] और [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/lawofmoses]])

### बपतिस्मा और पवित्र आत्मा

पवित्र आत्मा उन पर ""उतर आया"" जो पतरस को सुन रहे थे। इसने यहूदी विश्वासियों को दिखाया कि अन्यजाति परमेश्वर का वचन प्राप्त कर सकते हैं और यहूदी विश्वासियों के समान ही पवित्र आत्मा प्राप्त कर सकते हैं। इसके बाद, अन्यजातियों को बपतिस्मा दिया गया था।
ACT 10 1 m1vx writing-background 0 General Information: ये वचन कुरनेलियुस के बारे में पृष्ठभूमि की जानकारी देते हैं। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/writing-background]]) ACT 10 1 nfy5 0 Connecting Statement: यह कुरनेलियुस के बारे में कहानी के हिस्से का आरम्भ है। ACT 10 1 wtb9 writing-participants ἀνὴρ δέ τις 1 Now there was a certain man यह ऐतिहासिक विवरण के इस हिस्से में एक नए व्यक्ति को प्रस्तुत करने का एक तरीका था। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/writing-participants]]) @@ -1141,7 +1141,7 @@ ACT 12 24 m1sw figs-metaphor ὁ…λόγος τοῦ Θεοῦ ηὔξανεν ACT 12 24 wn8m ὁ…λόγος τοῦ Θεοῦ 1 the word of God वह सन्देश जो परमेश्वर ने यीशु के बारे में भेजा था ACT 12 25 pv6a figs-explicit πληρώσαντες τὴν διακονίαν 1 completed their mission "यह वापस [प्रेरितों के काम 11:29-30](../11/29.md) को सन्दर्भित करता है जब वे अन्ताकिया में विश्वासियों से धन लाए थे। वैकल्पिक अनुवाद: ""यरूशलेम में कलीसिया के अगुवों को धन पहुँचा दिया था"" (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-explicit]])" ACT 12 25 t7d8 figs-explicit ὑπέστρεψαν εἰς Ἰερουσαλὴμ 1 they returned from Jerusalem "वे यरूशलेम से अन्ताकिया वापस चले गए। वैकल्पिक अनुवाद: ""बरनबास और शाऊल अन्ताकिया लौट आए"" (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-explicit]])" -ACT 13 intro rlh6 0 # प्रेरितों के काम 13 सामान्य टिप्पणियाँ
## संरचना एवं स्वरूपण

कुछ अनुवाद पुराने नियम से उद्धरण को शेष पाठ की तुलना में पृष्ठ पर दाईं ओर व्यवस्थित करते हैं । यूएलटी अनुवाद ऐसा 13: 33-35 में भजन संहिता के तीन उद्धरणों के साथ करता है।

कुछ अनुवाद पढ़ने के लिए आसान बनाने के लिए पाठ के शेष हिस्सों की तुलना में कविता की प्रत्येक पंक्ति को दाईं ओर से व्यवस्थित करते हैं । यूएलटी अनुवाद ऐसा कविता के साथ करता है जिसे 13:41 में पुराने नियम से उद्धरित किया गया है।

यह अध्याय वह है जहाँ से प्रेरितों के काम की पुस्तक का दूसरा अर्धभाग आरम्भ होता है। लूका पतरस के बारे में लिखने से अधिक पौलुस के बारे में लिखता है, और यह वर्णन करता है कि कैसे वह अन्यजाति है, न कि यहूदी जिनको विश्वासियों ने यीशु के बारे में सन्देश सुनाया।

## इस अध्याय में पाई जाने वाली विशेष धारणाएँ

### अन्यजातियों के लिए प्रकाश

बाइबल अक्सर अधर्मी लोगों की बात ऐसे करती है जैसे कि वे अन्धेरे में घूम रहे थे, ऐसे लोग जो वह नहीं करते जिससे परमेश्वर प्रसन्न होता है। यह प्रकाश की बात ऐसे करता है जैसे कि यह वह चीज थी जो उन पापपूर्ण लोगों को धर्मी बनने में सक्षम बनाती है, यह समझने के लिए कि वे क्या गलत कर रहे हैं और परमेश्वर की आज्ञा का पालन करना आरम्भ कर देते हैं। यहूदियों ने सभी अन्यजातियों को अन्धेरे में चलने के समान माना, परन्तु पौलुस और बरनबास ने अन्यजातियों को यीशु के बारे में बताने की बात की जैसे कि वे उनके पास शारीरिक प्रकाश लाने जा रहे थे। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-metaphor]] और [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/righteous]])
+ACT 13 intro rlh6 0 # प्रेरितों के काम 13 सामान्य टिप्पणियाँ
## संरचना एवं स्वरूपण

कुछ अनुवाद पुराने नियम से उद्धरण को शेष पाठ की तुलना में पृष्ठ पर दाईं ओर व्यवस्थित करते हैं । यूएलटी अनुवाद ऐसा 13: 33-35 में भजन संहिता के तीन उद्धरणों के साथ करता है।

कुछ अनुवाद पढ़ने के लिए आसान बनाने के लिए पाठ के शेष हिस्सों की तुलना में कविता की प्रत्येक पंक्ति को दाईं ओर से व्यवस्थित करते हैं । यूएलटी अनुवाद ऐसा कविता के साथ करता है जिसे 13:41 में पुराने नियम से उद्धरित किया गया है।

यह अध्याय वह है जहाँ से प्रेरितों के काम की पुस्तक का दूसरा अर्धभाग आरम्भ होता है। लूका पतरस के बारे में लिखने से अधिक पौलुस के बारे में लिखता है, और यह वर्णन करता है कि कैसे वह अन्यजाति है, न कि यहूदी जिनको विश्वासियों ने यीशु के बारे में सन्देश सुनाया।

## इस अध्याय में पाई जाने वाली विशेष धारणाएँ

### अन्यजातियों के लिए प्रकाश

बाइबल अक्सर अधर्मी लोगों की बात ऐसे करती है जैसे कि वे अन्धेरे में घूम रहे थे, ऐसे लोग जो वह नहीं करते जिससे परमेश्वर प्रसन्न होता है। यह प्रकाश की बात ऐसे करता है जैसे कि यह वह चीज थी जो उन पापपूर्ण लोगों को धर्मी बनने में सक्षम बनाती है, यह समझने के लिए कि वे क्या गलत कर रहे हैं और परमेश्वर की आज्ञा का पालन करना आरम्भ कर देते हैं। यहूदियों ने सभी अन्यजातियों को अन्धेरे में चलने के समान माना, परन्तु पौलुस और बरनबास ने अन्यजातियों को यीशु के बारे में बताने की बात की जैसे कि वे उनके पास शारीरिक प्रकाश लाने जा रहे थे। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-metaphor]] और [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/righteous]])
ACT 13 1 ce7s writing-background 0 General Information: "वचन 1 अन्ताकिया में कलीसिया के लोगों के बारे में पृष्ठभूमि की जानकारी देता है। यहाँ पहला ""वे"" शब्द सम्भवतः इन पाँच अगुवों को सन्दर्भित करता है परन्तु अन्य विश्वासियों को भी सम्मिलित कर सकता है। अगले ""उन्होंने"" और ""अपने"" शब्द सम्भवतः उन अन्य तीन अगुवों को सन्दर्भित करते हैं जिनमें बरनबास और शाऊल सम्मिलित नहीं हैं परन्तु अन्य विश्वासियों को सम्मिलित कर सकते हैं। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/writing-background]])" ACT 13 1 qa2i 0 Connecting Statement: लूका उन मिशन यात्राओं के बारे में बताना आरम्भ कर देता है जिस पर अन्ताकिया की कलीसिया बरनबास और शाऊल को भेजती है। ACT 13 1 rej8 δὲ ἐν Ἀντιοχείᾳ κατὰ τὴν οὖσαν ἐκκλησίαν 1 Now in the church in Antioch उस समय अन्ताकिया की कलीसिया में @@ -1337,7 +1337,7 @@ ACT 13 50 n7qe ἐπήγειραν διωγμὸν ἐπὶ τὸν Παῦλο ACT 13 50 cq9h ἐξέβαλον αὐτοὺς ἀπὸ τῶν ὁρίων αὐτῶν 1 threw them out beyond the border of their city अपने शहर से पौलुस और बरनबास को निकाल दिया ACT 13 51 xi1z writing-symlanguage ἐκτιναξάμενοι τὸν κονιορτὸν τῶν ποδῶν ἐπ’ αὐτοὺς 1 shook off the dust from their feet against them यह विश्वास न करने वाले लोगों की ओर संकेत करने का एक प्रतीकात्मक कार्य था कि परमेश्वर ने उन्हें अस्वीकार कर दिया था और उन्हें दण्डित करेगा। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/writing-symlanguage]]) ACT 13 52 dp5k οἵ…μαθηταὶ 1 the disciples यह सम्भवतः पिसिदिया के अन्ताकिया में नए विश्वासियों को सन्दर्भित करता है कि पौलुस और सीलास चले गए थे। -ACT 14 intro rsg2 0 # प्रेरितों के काम 14 सामान्य टिप्पणियाँ
## इस अध्याय में पाई जाने वाली विशेष धारणाएँ

### ""उसके अनुग्रह का सन्देश""

यीशु का सन्देश यह सन्देश है कि परमेश्वर उन लोगों पर कृपा दिखाएगा जो यीशु पर विश्वास करते हैं। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/grace]] और [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/believe]])

### ज्यूस और हिर्मेस

रोमी साम्राज्य की अन्यजातियों ने कई अलग-अलग झूठे देवताओं की आराधना करते थे जो वास्तव में विद्यमान नहीं हैं। पौलुस और बरनबास ने उन्हें ""जीवित परमेश्वर"" में विश्वास करने के लिए कहा। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/falsegod]])

## इस अध्याय में अन्य संभावित अनुवाद की कठिनाइयाँ

### ""हमें बड़े क्लेश उठाकर परमेश्वर के राज्य में प्रवेश करना होगा।""

यीशु ने मरने से पहले अपने अनुयायियों से कहा था उसके पीछे चलने वाले हर एक को बहुत दुःख उठाना पडेगा। पौलुस अलग-अलग शब्दों का उपयोग करके वही बात कह रहा है।
+ACT 14 intro rsg2 0 # प्रेरितों के काम 14 सामान्य टिप्पणियाँ
## इस अध्याय में पाई जाने वाली विशेष धारणाएँ

### ""उसके अनुग्रह का सन्देश""

यीशु का सन्देश यह सन्देश है कि परमेश्वर उन लोगों पर कृपा दिखाएगा जो यीशु पर विश्वास करते हैं। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/grace]] और [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/believe]])

### ज्यूस और हिर्मेस

रोमी साम्राज्य की अन्यजातियों ने कई अलग-अलग झूठे देवताओं की आराधना करते थे जो वास्तव में विद्यमान नहीं हैं। पौलुस और बरनबास ने उन्हें ""जीवित परमेश्वर"" में विश्वास करने के लिए कहा। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/falsegod]])

## इस अध्याय में अन्य संभावित अनुवाद की कठिनाइयाँ

### ""हमें बड़े क्लेश उठाकर परमेश्वर के राज्य में प्रवेश करना होगा।""

यीशु ने मरने से पहले अपने अनुयायियों से कहा था उसके पीछे चलने वाले हर एक को बहुत दुःख उठाना पडेगा। पौलुस अलग-अलग शब्दों का उपयोग करके वही बात कह रहा है।
ACT 14 1 vh8u 0 General Information: इकुनियुम में पौलुस और बरनबास की कहानी आगे बढ़ती है। ACT 14 1 hk1z ἐγένετο δὲ, ἐν Ἰκονίῳ 1 It came about in Iconium that "यहाँ सम्भावित अर्थ हैं 1) ""यह इकुनियुम में हुआ कि"" या 2) ""सामान्य रूप से इकुनियुम में""" ACT 14 1 f4sq figs-explicit λαλῆσαι οὕτως 1 spoke in such a way "बड़े सामर्थी रूप से बात की। यह कहना सहायक हो सकता है कि उन्होंने यीशु के बारे में सन्देश बताया। वैकल्पिक अनुवाद: ""यीशु के बारे में सन्देश बड़े सामर्थी रूप से बोला"" (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-explicit]]) @@ -1421,7 +1421,7 @@ ACT 14 26 f2cg ὅθεν ἦσαν παραδεδομένοι τῇ χάριτ ACT 14 27 vcd3 0 General Information: "यहाँ ""उन्होंने,"" ""उनके,"" और ""वे"" शब्द पौलुस और बरनबास को सन्दर्भित करते हैं। ""उसने"" शब्द परमेश्वर को सन्दर्भित करता है।" ACT 14 27 i9dv συναγαγόντες τὴν ἐκκλησίαν 1 gathered the church together एक साथ मिलने के लिए स्थानीय विश्वासियों को बुलाया ACT 14 27 b4id figs-metaphor ἤνοιξεν τοῖς ἔθνεσιν θύραν πίστεως 1 he had opened a door of faith for the Gentiles "परमेश्वर का अन्यजातियों को विश्वास करने में सक्षम बनाना ऐसे बोला गया है जैसे कि उसने एक दरवाजा खोल दिया था जिसने उन्हें विश्वास में प्रवेश करने से रोका था। वैकल्पिक अनुवाद: ""परमेश्वर ने अन्यजातियों के लिए विश्वास करना सम्भव बना दिया"" (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-metaphor]])" -ACT 15 intro h917 0 # प्रेरितों के काम 15 सामान्य टिप्पणियाँ
## संरचना एवं स्वरूपण

कुछ अनुवाद पढ़ने के लिए आसान बनाने के लिए पाठ के शेष हिस्सों की तुलना में कविता की प्रत्येक पंक्ति को दाईं ओर व्यवस्थित करते हैं । यूएलटी अनुवाद कविता के साथ ऐसा करता है जिसे 15:16-17 में पुराने नियम से उद्धरित किया गया है।

इस अध्याय में लूका का वर्णन करने वाली बैठक को सामान्य तौर पर ""यरूशलेम की परिषद"" कहा जाता है। यह एक समय था जब कई कलीसिया के अगुवे यह निर्धारित करने के लिए एक साथ मिले कि क्या विश्वासियों को मूसा की सम्पूर्ण व्यवस्था का पालन करने की आवश्यकता है।

## इस अध्याय में पाई जाने वाली विशेष धारणाएँ

### भाइयों

इस अध्याय में लूका साथी मसीहियों के सन्दर्भ में साथी यहूदियों की अपेक्षा ""भाइयों"" शब्द का प्रयोग करना आरम्भ करता है।

### मूसा की व्यवस्था का पालन करना

कुछ विश्वासी चाहते थे कि अन्यजातियों का खतना किया जाए क्योंकि परमेश्वर ने अब्राहम और मूसा को बताया था कि हर कोई जो उससे सम्बन्धित होना चाहता था उसका खतना किया जाना था और यह एक व्यवस्था थी जो सदैव विद्यमान रहेगी। परन्तु पौलुस और बरनबास ने देखा था कि परमेश्वर खतनारहित अन्यजातियों को पवित्र आत्मा का उपहार देता है, इसलिए उन्होंने नहीं चाहा था कि अन्यजातियों का खतना हो। दोनों समूह यरूशलेम गए थे ताकि कलीसिया के अगुवों से यह निर्धारित करा सकें कि उन्हें क्या करना चाहिए।

### ""मूर्तियों को बलि की हुई चीजों से, लहू से, गला घोटे हुओं से और यौन अनैतिकता से दूर रहें""

यह सम्भव है कि कलीसिया के अगुवों ने इन व्यवस्थाओं पर निर्णय किया ताकि यहूदी और अन्यजाति न केवल एक साथ रह सकें अपितु एक साथ एक ही भोजन को खा सकें।
+ACT 15 intro h917 0 # प्रेरितों के काम 15 सामान्य टिप्पणियाँ
## संरचना एवं स्वरूपण

कुछ अनुवाद पढ़ने के लिए आसान बनाने के लिए पाठ के शेष हिस्सों की तुलना में कविता की प्रत्येक पंक्ति को दाईं ओर व्यवस्थित करते हैं । यूएलटी अनुवाद कविता के साथ ऐसा करता है जिसे 15:16-17 में पुराने नियम से उद्धरित किया गया है।

इस अध्याय में लूका का वर्णन करने वाली बैठक को सामान्य तौर पर ""यरूशलेम की परिषद"" कहा जाता है। यह एक समय था जब कई कलीसिया के अगुवे यह निर्धारित करने के लिए एक साथ मिले कि क्या विश्वासियों को मूसा की सम्पूर्ण व्यवस्था का पालन करने की आवश्यकता है।

## इस अध्याय में पाई जाने वाली विशेष धारणाएँ

### भाइयों

इस अध्याय में लूका साथी मसीहियों के सन्दर्भ में साथी यहूदियों की अपेक्षा ""भाइयों"" शब्द का प्रयोग करना आरम्भ करता है।

### मूसा की व्यवस्था का पालन करना

कुछ विश्वासी चाहते थे कि अन्यजातियों का खतना किया जाए क्योंकि परमेश्वर ने अब्राहम और मूसा को बताया था कि हर कोई जो उससे सम्बन्धित होना चाहता था उसका खतना किया जाना था और यह एक व्यवस्था थी जो सदैव विद्यमान रहेगी। परन्तु पौलुस और बरनबास ने देखा था कि परमेश्वर खतनारहित अन्यजातियों को पवित्र आत्मा का उपहार देता है, इसलिए उन्होंने नहीं चाहा था कि अन्यजातियों का खतना हो। दोनों समूह यरूशलेम गए थे ताकि कलीसिया के अगुवों से यह निर्धारित करा सकें कि उन्हें क्या करना चाहिए।

### ""मूर्तियों को बलि की हुई चीजों से, लहू से, गला घोटे हुओं से और यौन अनैतिकता से दूर रहें""

यह सम्भव है कि कलीसिया के अगुवों ने इन व्यवस्थाओं पर निर्णय किया ताकि यहूदी और अन्यजाति न केवल एक साथ रह सकें अपितु एक साथ एक ही भोजन को खा सकें।
ACT 15 1 qck6 0 Connecting Statement: जब अन्यजातियों और खतना के बारे में विवाद होता है तो उस समय पौलुस और बरनबास अन्ताकिया में ही हैं। ACT 15 1 su66 figs-explicit τινες 1 Some men "कुछ लोग। आप स्पष्ट कर सकते हैं कि ये लोग यहूदी थे जिन्होंने मसीह पर विश्वास किया था। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-explicit]]) ACT 15 1 p3k9 κατελθόντες ἀπὸ τῆς Ἰουδαίας 1 came down from Judea यहाँ ""से आकर"" वाक्यांश का उपयोग इसलिए किया गया है क्योंकि अन्ताकिया की तुलना में यहूदिया ऊँचाई पर है। @@ -1543,7 +1543,7 @@ ACT 15 40 l2uq figs-activepassive παραδοθεὶς τῇ χάριτι το ACT 15 41 e3ym figs-explicit διήρχετο 1 he went "पिछले वाक्य का तात्पर्य है कि सीलास पौलुस के साथ था। वैकल्पिक अनुवाद: ""वे गए"" या ""पौलुस और सीलास गए"" या ""पौलुस ने सीलास को साथ लिया और चला गया"" (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-explicit]])" ACT 15 41 t81z διήρχετο…τὴν Συρίαν καὶ τὴν Κιλικίαν 1 went through Syria and Cilicia ये साइप्रस द्वीप के पास एशिया माइनर में प्रान्त या क्षेत्र हैं। ACT 15 41 tbv3 figs-metaphor ἐπιστηρίζων τὰς ἐκκλησίας 1 strengthening the churches "कलीसियाओं में विश्वासियों को प्रोत्साहित करना को ऐसे बोला गया है जैसे मानो पौलुस और सीलास विश्वासियों को शारीरिक रूप से मजबूत बना रहे थे। ""कलीसियाओं"" शब्द सीरिया और किलिकिया में विश्वासियों के समूहों को सन्दर्भित करता है। वैकल्पिक अनुवाद: ""कलीसियाओं में विश्वासियों को प्रोत्साहित करते हुए"" या ""विश्वासियों के समुदाय को यीशु में और भी निर्भर रहने में सहायता करते हुए"" (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-metaphor]] और [[rc://hi/ta/man/translate/figs-metonymy]])" -ACT 16 intro e7z2 0 # प्रेरितों के काम 16 सामान्य टिप्पणियाँ
## इस अध्याय में पाई जाने वाली विशेष धारणाएँ

### तीमुथियुस की खतना

पौलुस ने तीमुथियुस का खतना किया क्योंकि वे यहूदियों और अन्जातियों को यीशु का सन्देश बता रहे थे। पौलुस चाहता था कि यहूदी यह जान लें कि उसने मूसा की व्यवस्था का सम्मान किया है, भले ही यरूशलेम में कलीसिया के अगुवों ने निर्णय किया था कि मसीहियों को खतना करने की आवश्यकता नहीं है।

### जिस स्त्री में भावी कहने की आत्मा थी

अधिकांश लोग भविष्य को जानने के बहुत इच्छुक हैं, परन्तु मूसा की व्यवस्था ने कहा है कि भविष्य के बारे में जानने के लिए मृत लोगों की आत्माओं से बात करना पाप है। ऐसा लगता है कि यह स्त्री भविष्य को बहुत अच्छी तरह से बताने में सक्षम रही है। वह एक दासी थी, और उसके स्वामी ने उसके काम से बहुत पैसा कमाया था। पौलुस चाहता था कि वह पाप करना बन्द कर दे, इसलिए उसने उस आत्मा को उसे छोड़ देने के लिए कहा था। लूका यह नहीं कहता कि उसने यीशु का अनुसरण करना आरम्भ किया या हमें उसके बारे में और कुछ ननहीं बताता है।
+ACT 16 intro e7z2 0 # प्रेरितों के काम 16 सामान्य टिप्पणियाँ
## इस अध्याय में पाई जाने वाली विशेष धारणाएँ

### तीमुथियुस की खतना

पौलुस ने तीमुथियुस का खतना किया क्योंकि वे यहूदियों और अन्जातियों को यीशु का सन्देश बता रहे थे। पौलुस चाहता था कि यहूदी यह जान लें कि उसने मूसा की व्यवस्था का सम्मान किया है, भले ही यरूशलेम में कलीसिया के अगुवों ने निर्णय किया था कि मसीहियों को खतना करने की आवश्यकता नहीं है।

### जिस स्त्री में भावी कहने की आत्मा थी

अधिकांश लोग भविष्य को जानने के बहुत इच्छुक हैं, परन्तु मूसा की व्यवस्था ने कहा है कि भविष्य के बारे में जानने के लिए मृत लोगों की आत्माओं से बात करना पाप है। ऐसा लगता है कि यह स्त्री भविष्य को बहुत अच्छी तरह से बताने में सक्षम रही है। वह एक दासी थी, और उसके स्वामी ने उसके काम से बहुत पैसा कमाया था। पौलुस चाहता था कि वह पाप करना बन्द कर दे, इसलिए उसने उस आत्मा को उसे छोड़ देने के लिए कहा था। लूका यह नहीं कहता कि उसने यीशु का अनुसरण करना आरम्भ किया या हमें उसके बारे में और कुछ ननहीं बताता है।
ACT 16 1 l2b1 0 General Information: """उसका"" शब्द का पहला, तीसरा और चौथा उदाहरण तीमुथियुस को सन्दर्भित करता है। दूसरा ""उसके"" पौलुस को सन्दर्भित करता है।" ACT 16 1 f49m writing-background 0 यह सीलास के साथ पौलुस की मिशनरी यात्रा को आगे बढ़ाता है। तीमुथियुस को कहानी में प्रस्तुत किया गया है और वह पौलुस और सीलास के साथ हो जाता है। वचन 1 और 2 तीमुथियुस के बारे में पृष्ठभूमि की जानकारी देते हैं। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/writing-background]]) ACT 16 1 km5q figs-go κατήντησεν…καὶ 1 Paul also came "यहाँ ""आया"" का अनुवाद ""चला गया"" के रूप में किया जा सकता है। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-go]])" @@ -1650,7 +1650,7 @@ ACT 16 40 y14i writing-endofstory 0 यह फिलिप्पी में ACT 16 40 t1pf figs-go εἰσῆλθον πρὸς τὴν Λυδίαν 1 came to the house "यहाँ ""आया"" का अनुवाद ""चला गया"" के रूप में किया जा सकता है। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-go]])" ACT 16 40 ylk9 τὴν Λυδίαν 1 the house of Lydia लुदिया के घर ACT 16 40 ntc9 figs-gendernotations ἰδόντες 1 saw the brothers """भाइयों"" यहाँ विश्वासियों को सन्दर्भित करता है चाहे पुरुष हो या स्त्री। वैकल्पिक अनुवाद: ""विश्वासियों से भेंट की"" (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-gendernotations]])" -ACT 17 intro gj4c 0 # प्रेरितों के काम 17 सामान्य टिप्पणियाँ
## इस अध्याय में पाई जाने वाली विशेष धारणाएँ

### मसीह के बारे में भम्र

यहूदियों ने मसीह या मसीहा के एक सामर्थ्यशाली राजा होने की अपेक्षा की थी क्योंकि पुराना नियम ऐसा कई बार कहता है। परन्तु साथ ही यह कई बार ऐसे कहता है कि मसीह को दुःख उठाना होगा, और यही था जो पौलुस यहूदियों को बता रहा था। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/christ]])

### एथेंस का धर्म

पौलुस ने कहा कि एथेंसवासी ""धार्मिक"" थे, परन्तु उन्होंने सच्चे परमेश्वर की आराधना नहीं की थी। उन्होंने कई अलग-अलग झूठे देवताओं की आराधना की थी। अतीत में उन्होंने कई जातियों पर विजय प्राप्त की थी और उन जातियों के देवताओं की आराधना करना आरम्भ कर दिया था जिन पर उन्होंने विजय प्राप्त की थी । (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/falsegod]])

इस अध्याय में लूका पहली बार वर्णन करता है कि कैसे पौलुस ने मसीह का सन्देश उन लोगों को बताया जो पुराने नियम के बारे में कुछ भी नहीं जानते थे। +ACT 17 intro gj4c 0 # प्रेरितों के काम 17 सामान्य टिप्पणियाँ
## इस अध्याय में पाई जाने वाली विशेष धारणाएँ

### मसीह के बारे में भम्र

यहूदियों ने मसीह या मसीहा के एक सामर्थ्यशाली राजा होने की अपेक्षा की थी क्योंकि पुराना नियम ऐसा कई बार कहता है। परन्तु साथ ही यह कई बार ऐसे कहता है कि मसीह को दुःख उठाना होगा, और यही था जो पौलुस यहूदियों को बता रहा था। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/christ]])

### एथेंस का धर्म

पौलुस ने कहा कि एथेंसवासी ""धार्मिक"" थे, परन्तु उन्होंने सच्चे परमेश्वर की आराधना नहीं की थी। उन्होंने कई अलग-अलग झूठे देवताओं की आराधना की थी। अतीत में उन्होंने कई जातियों पर विजय प्राप्त की थी और उन जातियों के देवताओं की आराधना करना आरम्भ कर दिया था जिन पर उन्होंने विजय प्राप्त की थी । (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/falsegod]])

इस अध्याय में लूका पहली बार वर्णन करता है कि कैसे पौलुस ने मसीह का सन्देश उन लोगों को बताया जो पुराने नियम के बारे में कुछ भी नहीं जानते थे। ACT 17 1 q9x4 0 General Information: "यहाँ ""वे"" शब्द पौलुस और सीलास को सन्दर्भित करता है। तुलना करें [प्रेरितों के काम 16:40](../16/40.md). ""उनके"" शब्द थिस्सलुनीके के आराधनालय के यहूदियों को सन्दर्भित करता है।" ACT 17 1 r3qb 0 Connecting Statement: "यह पौलुस, सीलास और तीमुथियुस की मिशनरी यात्रा की कहानी आगे बढ़ाती है। वे स्पष्ट रूप से लूका के बिना थिस्सलुनीके में पहुँचे, क्योंकि वह ""वे"" कहता है, ""हम"" नहीं।" ACT 17 1 e4w5 δὲ 1 Now कहानी की मुख्य-धारा में विराम को चिन्हित करने के लिए यहाँ इस शब्द का उपयोग किया गया है। लेखक लूका, यहाँ कहानी के एक नए हिस्से को बताना आरम्भ कर देता है। @@ -1770,7 +1770,7 @@ ACT 17 32 jlm5 ἀκούσαντες 1 the men of Athens ये वे लो ACT 17 32 sn6j οἱ μὲν ἐχλεύαζον 1 some mocked Paul "कुछ ने पौलुस का उपहास किया या ""कुछ लोग पौलुस के ऊपर हँसे।"" इन्होंने विश्वास नहीं किया था कि किसी के लिए मरना और फिर जीवन में वापस आना सम्भव था। ACT 17 34 psh8 translate-names Διονύσιος ὁ Ἀρεοπαγίτης 1 Dionysius the Areopagite दियुनुसियुस  एक व्यक्ति का नाम है। अरियुपगुस के सदस्य का तात्पर्य है कि दियुनुसियुस  अरियुपगुस की परिषद के न्यायाधीशों में से एक था। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/translate-names]]) ACT 17 34 hsz3 translate-names Δάμαρις 1 Damaris यह एक स्त्री का नाम है। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/translate-names]]) -ACT 18 intro rky6 0 # प्रेरितों के काम 18 सामान्य टिप्पणियाँ
## इस अध्याय में पाई जाने वाली विशेष धारणाएँ

### यूहन्ना का बपतिस्मा

कुछ यहूदी जो यरूशलेम और यहूदिया से बहुत दूर रहते थे, उन्होंने यूहन्ना बपतिस्मा देने वाले के बारे में सुना और उसकी शिक्षाओं का पालन किया। उन्होंने अभी तक यीशु के बारे में नहीं सुना था। इन यहूदियों में से एक अप्पुलोस था। उसने यूहन्ना बपतिस्मा देने वाले का अनुसरण किया, परन्तु उसे नहीं पता था कि मसीह आ गया था। यूहन्ना ने लोगों को यह दिखाने के लिए बपतिस्मा दिया था कि वे अपने पापों के लिए खेदित थे, परन्तु यह बपतिस्मा मसीही बपतिस्मे से अलग था। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/faithful]] और [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/christ]] और [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/repent]])
+ACT 18 intro rky6 0 # प्रेरितों के काम 18 सामान्य टिप्पणियाँ
## इस अध्याय में पाई जाने वाली विशेष धारणाएँ

### यूहन्ना का बपतिस्मा

कुछ यहूदी जो यरूशलेम और यहूदिया से बहुत दूर रहते थे, उन्होंने यूहन्ना बपतिस्मा देने वाले के बारे में सुना और उसकी शिक्षाओं का पालन किया। उन्होंने अभी तक यीशु के बारे में नहीं सुना था। इन यहूदियों में से एक अप्पुलोस था। उसने यूहन्ना बपतिस्मा देने वाले का अनुसरण किया, परन्तु उसे नहीं पता था कि मसीह आ गया था। यूहन्ना ने लोगों को यह दिखाने के लिए बपतिस्मा दिया था कि वे अपने पापों के लिए खेदित थे, परन्तु यह बपतिस्मा मसीही बपतिस्मे से अलग था। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/faithful]] और [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/christ]] और [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/repent]])
ACT 18 1 jat1 writing-background 0 General Information: अक्विला और प्रिस्किल्ला को कहानी में प्रस्तुत किया गया है और वचन 2 और 3 उनके बारे में पृष्ठभूमि जानकारी देते हैं। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/writing-background]]) ACT 18 1 qa9b 0 Connecting Statement: पौलुस की यात्राओं की कहानी का यह एक और हिस्सा है जब वह कुरिन्थ जाता है। ACT 18 1 fky7 μετὰ ταῦτα 1 After these things एथेंस में इन घटनाओं के होने के बाद" @@ -1851,7 +1851,7 @@ ACT 18 27 q5f2 ἔγραψαν τοῖς μαθηταῖς 1 wrote to the disci ACT 18 27 f99p τοῖς πεπιστευκόσιν διὰ τῆς χάριτος 1 those who believed by grace "जिन लोगों ने अनुग्रह से उद्धार में विश्वास किया था या ""वे लोग जिन्होंने परमेश्वर की कृपा से यीशु पर विश्वास किया था""" ACT 18 28 l2zt εὐτόνως…τοῖς Ἰουδαίοις διακατηλέγχετο δημοσίᾳ 1 Apollos powerfully refuted the Jews in public debate सार्वजनिक वाद-विवाद में अप्पुलोस ने सामर्थ्यशाली रीति से प्रकट किया कि यहूदी गलत थे ACT 18 28 v4sx ἐπιδεικνὺς διὰ τῶν Γραφῶν εἶναι τὸν Χριστὸν, Ἰησοῦν 1 showing by the scriptures that Jesus is the Christ जब उसने उन पर पवित्रशास्त्र द्वारा प्रकट किया दिखाया कि यीशु ही मसीह है -ACT 19 intro g38y 0 # प्रेरितों के काम 19 सामान्य टिप्पणियाँ
## इस अध्याय में पाई जाने वाली विशेष धारणाएँ

### बपतिस्मा

यूहन्ना ने लोगों को यह दिखाने के लिए बपतिस्मा दिया कि वे अपने पापों के लिए खेदित हैं। यीशु के अनुयायियों ने उन लोगों को बपतिस्मा दिया जो यीशु का अनुसरण करना चाहते थे।

### डायना का मन्दिर

डायना का मन्दिर इफिसुस शहर में एक महत्वपूर्ण स्थान था। इस मन्दिर को देखने के लिए बहुत से लोग इफिसुस आए, और वे वहाँ से देवी डायना की मूर्तियाँ खरीदते थे। डायना की मूर्तियों को बेचने वाले लोगों को डर था कि यदि लोगों को विश्वास नहीं हुआ कि डायना एक वास्तविक देवी थी, तो वे मूर्तियों के लिए विक्रेताओं को पैसे देना बंद कर देंगे। +ACT 19 intro g38y 0 # प्रेरितों के काम 19 सामान्य टिप्पणियाँ
## इस अध्याय में पाई जाने वाली विशेष धारणाएँ

### बपतिस्मा

यूहन्ना ने लोगों को यह दिखाने के लिए बपतिस्मा दिया कि वे अपने पापों के लिए खेदित हैं। यीशु के अनुयायियों ने उन लोगों को बपतिस्मा दिया जो यीशु का अनुसरण करना चाहते थे।

### डायना का मन्दिर

डायना का मन्दिर इफिसुस शहर में एक महत्वपूर्ण स्थान था। इस मन्दिर को देखने के लिए बहुत से लोग इफिसुस आए, और वे वहाँ से देवी डायना की मूर्तियाँ खरीदते थे। डायना की मूर्तियों को बेचने वाले लोगों को डर था कि यदि लोगों को विश्वास नहीं हुआ कि डायना एक वास्तविक देवी थी, तो वे मूर्तियों के लिए विक्रेताओं को पैसे देना बंद कर देंगे। ACT 19 1 rhv1 0 General Information: """ऊपर के सारे देश"" एशिया का एक क्षेत्र था जो आज इफिसुस के उत्तर में आधुनिक-दिन के तुर्की का हिस्सा है। पौलुस ने इफिसुस (आज के तुर्की में भी) आने के लिए एजियन समुद्र के शीर्ष के चारों ओर भूमि से यात्रा की होगी जो समुद्र द्वारा कुरिन्थ के सीधे पूर्व में है।" ACT 19 1 wu6p 0 Connecting Statement: पौलुस इफिसुस की यात्रा करता है। ACT 19 1 lp23 ἐγένετο δὲ 1 It came about that इस वाक्यांश का उपयोग कहानी के एक नए भाग के आरम्भ को चिह्नित करने के लिए किया गया है। यदि आपकी भाषा में ऐसा करने का कोई तरीका है, तो आप उसे यहाँ उपयोग करने पर विचार कर सकते हैं। @@ -1971,7 +1971,7 @@ ACT 19 39 hxh3 εἰ δέ τι περὶ ἑτέρων ἐπιζητεῖτε 1 ACT 19 39 wga5 figs-activepassive ἐν τῇ ἐννόμῳ ἐκκλησίᾳ ἐπιλυθήσεται 1 it shall be settled in the regular assembly "इसे सक्रिय रूप में कहा जा सकता है। वैकल्पिक अनुवाद: ""आओ हम इसका नियमित सभा में निपटारा करें"" (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-activepassive]])" ACT 19 39 et5j τῇ ἐννόμῳ ἐκκλησίᾳ 1 the regular assembly यह नागरिकों की सार्वजनिक सभा को सन्दर्भित करता है जिस पर नगर का मंत्री अध्यक्षता करता है। ACT 19 40 sds7 figs-activepassive κινδυνεύομεν ἐνκαλεῖσθαι στάσεως περὶ τῆς σήμερον 1 in danger of being accused concerning this day's riot "इसे सक्रिय रूप में कहा जा सकता है। वैकल्पिक अनुवाद: ""रोमी अधिकारियों के डर के कारण आज हम पर दंगा आरम्भ करने का आरोप लगा रहे हैं"" (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-activepassive]])" -ACT 20 intro u91c 0 # प्रेरितों 20 सामान्य टिप्पणियाँ
## संरचना एवं स्वरूपण

इस अध्याय में लूका यरूशलेम जाने से पहले पौलुस के मकिदुनिया और एशिया के प्रान्तों में विश्वासियों से अंतिम बार मिलने का वर्णन करता है।

## इस अध्याय में पाई जाने वाली विशेष धारणाएँ

### दौड़

पौलुस ने यीशु के लिए जीने की बात ऐसे की जैसे कि वह एक दौड़ में दौड़ रहा था। इसके द्वारा उसका अर्थ था कि परिस्थितियाँ कठिन होने पर भी और वह छोड़ देना चाहता था तब पर भी उसे लगातार कड़ी मेहनत करने की आवश्यकता थी । (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-metaphor]] और [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/discipline]])

### ""आत्मा में बंधा हुआ""

पौलुस ने सोचा था कि पवित्र आत्मा चाहता था कि वह यरूशलेम जाए, भले ही पौलुस वहाँ नहीं जाना चाहता था। उसी पवित्र आत्मा ने अन्य लोगों से कहा कि जब पौलुस यरूशलेम में पहुँचता है तो लोग उसे नुकसान पहुँचाने की प्रयास करेंगे। +ACT 20 intro u91c 0 # प्रेरितों 20 सामान्य टिप्पणियाँ
## संरचना एवं स्वरूपण

इस अध्याय में लूका यरूशलेम जाने से पहले पौलुस के मकिदुनिया और एशिया के प्रान्तों में विश्वासियों से अंतिम बार मिलने का वर्णन करता है।

## इस अध्याय में पाई जाने वाली विशेष धारणाएँ

### दौड़

पौलुस ने यीशु के लिए जीने की बात ऐसे की जैसे कि वह एक दौड़ में दौड़ रहा था। इसके द्वारा उसका अर्थ था कि परिस्थितियाँ कठिन होने पर भी और वह छोड़ देना चाहता था तब पर भी उसे लगातार कड़ी मेहनत करने की आवश्यकता थी । (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-metaphor]] और [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/discipline]])

### ""आत्मा में बंधा हुआ""

पौलुस ने सोचा था कि पवित्र आत्मा चाहता था कि वह यरूशलेम जाए, भले ही पौलुस वहाँ नहीं जाना चाहता था। उसी पवित्र आत्मा ने अन्य लोगों से कहा कि जब पौलुस यरूशलेम में पहुँचता है तो लोग उसे नुकसान पहुँचाने की प्रयास करेंगे। ACT 20 1 cwq7 0 Connecting Statement: पौलुस इफिसुस छोड़ देता है और अपनी यात्राओं को जारी रखता है। ACT 20 1 y5cq μετὰ δὲ τὸ παύσασθαι 1 After the uproar "दंगे के बाद या ""दंगा के आगे""" ACT 20 1 hr32 ἀσπασάμενος 1 he said farewell उसने अलविदा कहा @@ -2079,7 +2079,7 @@ ACT 20 36 u3uc translate-symaction θεὶς τὰ γόνατα αὐτοῦ… ACT 20 37 pb4r ἐπιπεσόντες ἐπὶ τὸν τράχηλον τοῦ Παύλου 1 embraced Paul "उसे घनिष्ठता से गले लगा लिया या ""उसके चारों ओर अपनी बाँहें रखीं""" ACT 20 37 sze4 κατεφίλουν αὐτόν 1 kissed him किसी को गाल पर चुम्बन देना मध्य पूर्व में भाइचारे या मित्रता भरे प्रेम की अभिव्यक्ति है। ACT 20 38 bs3s figs-synecdoche οὐκέτι μέλλουσιν τὸ πρόσωπον αὐτοῦ θεωρεῖν 1 they would never see his face again "यहाँ ""मुँह"" शब्द पौलुस के भौतिक शरीर का प्रतिनिधित्व करता है। वैकल्पिक अनुवाद: ""अब मुझे इस पृथ्वी पर नहीं देखोगे"" (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-synecdoche]])" -ACT 21 intro gh1j 0 # प्रेरितों के काम 21 सामान्य टिप्पणियाँ## संरचना एवं स्वरूपण

प्रेरितों के काम 21:1-19 पौलुस की यरूशलेम की यात्रा का वर्णन करता है। उसके यरूशलेम में पहुँचने के बाद, विश्वासियों ने उसे बचाया कि यहूदी उसे नुकसान पहुँचाना चाहते थे और उसे ऐसा क्या करना चाहिए ताकि वे उसे नुकसान नहीं पहुँचाएँ (वचन 20-26)। यद्यपि पौलुस ने वह किया जो विश्वासियों ने उसे करने के लिए कहा था, तौभी यहूदियों ने उसे मारने की कोशिश की। रोमियों ने उसे बचा लिया और उसे यहूदियों से बात करने का एक अवसर दिया।

इस अध्याय का अन्तिम वचन एक अपूर्ण वाक्य के साथ समाप्त होता है। अधिकांश अनुवाद वाक्य को अधूरा छोड़ देते हैं, जैसा यूएलटी अनुवाद करता है।

## इस अध्याय में पाई जाने वाली विशेष धारणाएँ

### ""वे सभी व्यवस्था का पालन करने के लिए दृढ़ हैं""

यरूशलेम में रहने वाले यहूदी मूसा की व्यवस्था का पालन कर रहे थे यहाँ तक ​​कि जो लोग यीशु का अनुसरण कर रहे थे वे अभी भी व्यवस्था का पालन कर रहे थे। दोनों समूहों ने सोचा था कि पौलुस यूनान में रहने वाले यहूदियों को व्यवस्था का पालन नहीं करने के लिए कह रहा था। परन्तु यह केवल अन्यजाति ही थे जिनको पौलुस ऐसा कह रहा था।

### नाज़रियों की प्रतिज्ञा
जो प्रतिज्ञा पौलुस और उसके तीन मित्रों ने बाँधी थी वह सम्भवतः नाज़रियों की प्रतिज्ञा थी, क्योंकि उन्होंने अपने सिर मुंडा लिए थे ([प्रेरितों के काम 21:23](../../act/21/23.md)।.

### मन्दिर में अन्यजाति

यहूदियों ने पौलुस पर एक अन्यजाति को मन्दिर के उस हिस्से में लाने का आरोप लगाया जिसमें जाने की अनुमति परमेश्वर ने केवल यहूदियों को ही दी थी। उन्होंने सोचा कि परमेश्वर चाहता था कि वे पौलुस को मार डालने के द्वारा उसे दण्डित करें। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/holy]])

### रोमी नागरिकता

रोमियों ने सोचा कि उन्हें केवल रोमी नागरिकों के साथ ही न्यायपूर्वक व्यवहार करने की आवश्यक करना है। वे उन लोगों के साथ जो रोमी नागरिक नहीं थे जैसा चाहें वैसा कर सकते थे, परन्तु उन्हें अन्य रोमियों के साथ व्यवस्था का पालन करना था। कुछ लोग जन्मजात रोमी नागरिक थे, और अन्यों ने रोमी सरकार को पैसा दिया ताकि वे रोमी नागरिक बन सकें।
+ACT 21 intro gh1j 0 # प्रेरितों के काम 21 सामान्य टिप्पणियाँ## संरचना एवं स्वरूपण

प्रेरितों के काम 21:1-19 पौलुस की यरूशलेम की यात्रा का वर्णन करता है। उसके यरूशलेम में पहुँचने के बाद, विश्वासियों ने उसे बचाया कि यहूदी उसे नुकसान पहुँचाना चाहते थे और उसे ऐसा क्या करना चाहिए ताकि वे उसे नुकसान नहीं पहुँचाएँ (वचन 20-26)। यद्यपि पौलुस ने वह किया जो विश्वासियों ने उसे करने के लिए कहा था, तौभी यहूदियों ने उसे मारने की कोशिश की। रोमियों ने उसे बचा लिया और उसे यहूदियों से बात करने का एक अवसर दिया।

इस अध्याय का अन्तिम वचन एक अपूर्ण वाक्य के साथ समाप्त होता है। अधिकांश अनुवाद वाक्य को अधूरा छोड़ देते हैं, जैसा यूएलटी अनुवाद करता है।

## इस अध्याय में पाई जाने वाली विशेष धारणाएँ

### ""वे सभी व्यवस्था का पालन करने के लिए दृढ़ हैं""

यरूशलेम में रहने वाले यहूदी मूसा की व्यवस्था का पालन कर रहे थे यहाँ तक ​​कि जो लोग यीशु का अनुसरण कर रहे थे वे अभी भी व्यवस्था का पालन कर रहे थे। दोनों समूहों ने सोचा था कि पौलुस यूनान में रहने वाले यहूदियों को व्यवस्था का पालन नहीं करने के लिए कह रहा था। परन्तु यह केवल अन्यजाति ही थे जिनको पौलुस ऐसा कह रहा था।

### नाज़रियों की प्रतिज्ञा
जो प्रतिज्ञा पौलुस और उसके तीन मित्रों ने बाँधी थी वह सम्भवतः नाज़रियों की प्रतिज्ञा थी, क्योंकि उन्होंने अपने सिर मुंडा लिए थे ([प्रेरितों के काम 21:23](../../act/21/23.md)।.

### मन्दिर में अन्यजाति

यहूदियों ने पौलुस पर एक अन्यजाति को मन्दिर के उस हिस्से में लाने का आरोप लगाया जिसमें जाने की अनुमति परमेश्वर ने केवल यहूदियों को ही दी थी। उन्होंने सोचा कि परमेश्वर चाहता था कि वे पौलुस को मार डालने के द्वारा उसे दण्डित करें। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/holy]])

### रोमी नागरिकता

रोमियों ने सोचा कि उन्हें केवल रोमी नागरिकों के साथ ही न्यायपूर्वक व्यवहार करने की आवश्यक करना है। वे उन लोगों के साथ जो रोमी नागरिक नहीं थे जैसा चाहें वैसा कर सकते थे, परन्तु उन्हें अन्य रोमियों के साथ व्यवस्था का पालन करना था। कुछ लोग जन्मजात रोमी नागरिक थे, और अन्यों ने रोमी सरकार को पैसा दिया ताकि वे रोमी नागरिक बन सकें।
ACT 21 1 s3h3 figs-exclusive 0 General Information: "यहाँ ""हम"" शब्द लूका, पौलुस और उनके साथ यात्रा करने वालों को सन्दर्भित करता है, परन्तु पाठक को नहीं। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-exclusive]])" ACT 21 1 i6f8 0 Connecting Statement: लेखक लूका, पौलुस, और उसके साथी अपनी यात्रा जारी रखते हैं। ACT 21 1 zz5h εὐθυδρομήσαντες ἤλθομεν εἰς τὴν Κῶ 1 we took a straight course to the city of Cos "हम सीधा कोस शहर गए या ""हम सीधे कोस शहर गए""" @@ -2206,7 +2206,7 @@ ACT 21 40 qp2q figs-abstractnouns ἐπιτρέψαντος…αὐτοῦ 1 the ACT 21 40 a4y2 ὁ Παῦλος ἑστὼς ἐπὶ τῶν ἀναβαθμῶν 1 Paul stood on the steps "यहाँ ""सीढ़ी"" शब्द किले के सीढ़ी-मार्ग की सीढ़ियों को सन्दर्भित करता है।" ACT 21 40 rk1y figs-explicit κατέσεισε τῇ χειρὶ τῷ λαῷ 1 motioned with the hand to the people "यह स्पष्ट रूप से कहा जा सकता है कि पौलुस ने हाथ से संकेत क्यों किया। वैकल्पिक अनुवाद: ""लोगों को चुप हो जाने के लिए उसने हाथ से संकेत किया"" (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-explicit]])" ACT 21 40 xj6i πολλῆς δὲ σιγῆς γενομένης 1 When there was a deep silence जब लोग पूरी तरह से चुप हो गए थे -ACT 22 intro gq5g 0 # प्रेरितों के काम 22 सामान्य टिप्पणियाँ
## संरचना एवं स्वरूपण

प्रेरितों के काम की पुस्तक में पौलुस के मन परिवर्तन का यह दूसरा विवरण है। क्योंकि आरम्भिक कलीसिया में यह एक महत्वपूर्ण घटना है, इसलिए पौलुस के मन परिवर्तन के तीन विवरण पाए जाते हैं। (देखें: [Acts 9](../09/01.md) और [प्रेरितों के काम 26](../26/01.md))

## इस अध्याय में पाई जाने वाली विशेष धारणाएँ

## ## ""इब्रानी भाषा में""

इस समय में अधिकांश यहूदी अरामी और यूनानी भाषा बोला करते थे। इब्रानी बोलने वाले अधिकांश लोग यहूदी शिक्षित विद्वान थे। यही कारण है कि जब पौलुस ने इब्रानी में बोलना आरम्भ किया तो लोगों ने ध्यान दिया।

### ""पंथ""

कोई भी निश्चित रूप से यह नहीं जानता कि किसने पहली बार विश्वासियों को इस ""इस पंथ के अनुयायियों"" के रूप में पुकारना आरम्भ किया। यह सम्भवतः वही है जिससे विश्वासियों ने स्वयं को पुकारा था, क्योंकि बाइबल अक्सर किसी रीति से जीवन को जीने वाले व्यक्ति की बात ऐसे करती है जैसे कि वह व्यक्ति किसी मार्ग या ""पंथ"" पर चल रहा था। यदि यह सच है, तो विश्वासियों ने परमेश्वर को प्रसन्न करने के तरीके से जीने के द्वारा ""परमेश्वर के मार्ग का अनुसरण किया"" था।

### रोमी नागरिकता

रोमियों ने सोचा कि उन्हें केवल रोमी नागरिकों के साथ ही न्यायपूर्वक व्यवहार करने की आवश्यकता है। वे उन लोगों के साथ जो रोमी नागरिक नहीं थे जैसा चाहें वैसा कर सकते थे, परन्तु उन्हें अन्य रोमियों के साथ व्यवस्था का पालन करना था। कुछ लोग जन्मजात रोमी नागरिक थे, और अन्यों ने रोमी सरकार को पैसा दिया ताकि वे रोमी नागरिक बन सकें।
जैसा व्यवहार वह किसी गैर-नागरिक के साथ करेगा एक रोमी नागरिक को उस तरीके से दण्ड देने से ""मुख्य सरदार"" को दण्डित किया जा सकता था। +ACT 22 intro gq5g 0 # प्रेरितों के काम 22 सामान्य टिप्पणियाँ
## संरचना एवं स्वरूपण

प्रेरितों के काम की पुस्तक में पौलुस के मन परिवर्तन का यह दूसरा विवरण है। क्योंकि आरम्भिक कलीसिया में यह एक महत्वपूर्ण घटना है, इसलिए पौलुस के मन परिवर्तन के तीन विवरण पाए जाते हैं। (देखें: [Acts 9](../09/01.md) और [प्रेरितों के काम 26](../26/01.md))

## इस अध्याय में पाई जाने वाली विशेष धारणाएँ

## ## ""इब्रानी भाषा में""

इस समय में अधिकांश यहूदी अरामी और यूनानी भाषा बोला करते थे। इब्रानी बोलने वाले अधिकांश लोग यहूदी शिक्षित विद्वान थे। यही कारण है कि जब पौलुस ने इब्रानी में बोलना आरम्भ किया तो लोगों ने ध्यान दिया।

### ""पंथ""

कोई भी निश्चित रूप से यह नहीं जानता कि किसने पहली बार विश्वासियों को इस ""इस पंथ के अनुयायियों"" के रूप में पुकारना आरम्भ किया। यह सम्भवतः वही है जिससे विश्वासियों ने स्वयं को पुकारा था, क्योंकि बाइबल अक्सर किसी रीति से जीवन को जीने वाले व्यक्ति की बात ऐसे करती है जैसे कि वह व्यक्ति किसी मार्ग या ""पंथ"" पर चल रहा था। यदि यह सच है, तो विश्वासियों ने परमेश्वर को प्रसन्न करने के तरीके से जीने के द्वारा ""परमेश्वर के मार्ग का अनुसरण किया"" था।

### रोमी नागरिकता

रोमियों ने सोचा कि उन्हें केवल रोमी नागरिकों के साथ ही न्यायपूर्वक व्यवहार करने की आवश्यकता है। वे उन लोगों के साथ जो रोमी नागरिक नहीं थे जैसा चाहें वैसा कर सकते थे, परन्तु उन्हें अन्य रोमियों के साथ व्यवस्था का पालन करना था। कुछ लोग जन्मजात रोमी नागरिक थे, और अन्यों ने रोमी सरकार को पैसा दिया ताकि वे रोमी नागरिक बन सकें।
जैसा व्यवहार वह किसी गैर-नागरिक के साथ करेगा एक रोमी नागरिक को उस तरीके से दण्ड देने से ""मुख्य सरदार"" को दण्डित किया जा सकता था। ACT 22 1 kq95 writing-background 0 General Information: वचन 2 पृष्ठभूमि की जानकारी देता है। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/writing-background]]) ACT 22 1 a8ir 0 Connecting Statement: पौलुस यरूशलेम में यहूदी भीड़ से बात करता है। ACT 22 1 xe46 ἀδελφοὶ καὶ πατέρες 1 Brothers and fathers यह उन लोगों को सम्बोधित करने का एक विनम्र तरीका है जो पौलुस की आयु के साथ-साथ दर्शकों में बुजुर्ग पुरुषों के रूप में भी थे। @@ -2285,7 +2285,7 @@ ACT 22 30 g33i 0 General Information: "यहाँ ""वह"" शब्द ACT 22 30 np3d 1 chief captain लगभग 600 सैनिकों के ऊपर एक सैन्य अधिकारी ACT 22 30 kx58 figs-metonymy ἔλυσεν αὐτόν 1 So he untied his bonds """मुख्य अधिकारी"" सम्भवतः सैनिकों के मुख्य अधिकारी का प्रतीक है। वैकल्पिक अनुवाद: ""इसलिए मुख्य सूबेदार ने अपने सैनिकों को पौलुस के बंधन को खोलने का आदेश दिया"" (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-metonymy]])" ACT 22 30 c5ia καταγαγὼν τὸν Παῦλον 1 he brought Paul down किले से, मन्दिर के आँगन में नीचे जाने के लिए वहाँ एक सीढ़ी-मार्ग है। -ACT 23 intro gbw5 0 # प्रेरितों के काम 23 सामान्य टिप्पणियाँ
## संरचना एवं स्वरूपण

कुछ अनुवाद पुराने नियम से उद्धरण को शेष पाठ की तुलना में पृष्ठ पर दाईं ओर व्यवस्थित करते हैं । यूएलटी अनुवाद 23:5 में उद्धरित सामग्री के साथ यह करता है।

## इस अध्याय में पाई जाने वाली विशेष धारणाएँ

### मृतकों का पुनरुत्थान

फरीसियों का मानना ​​था कि लोगों की मृत्यु के बाद, वे फिर से जीवित हो जाएँगे और परमेश्वर या तो उन्हें प्रतिफल देगा या उन्हें दण्डित करेगा। सदूकियों का मानना ​​था कि एक बार लोगों की मृत्यु हो जाने के बाद, वे मर गए और फिर कभी जीवित नहीं होंगे। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/other/raise]] और [[rc://hi/tw/dict/bible/other/reward]])

### ""एक शाप को बुलाया""

कुछ यहूदियों ने ईश्वर से प्रतिज्ञा की कि वे पौलुस को मार डालने तक खाएँगे या पीएँगे नहीं, और उन्होंने परमेश्वर से उन्हें दण्डित करने के लिए कहा यदि उन्होंने वैसा नहीं किया जो कुछ उन्होंने करने की प्रतिज्ञा की है ।

### रोमी नागरिकता

रोमियों ने सोचा कि उन्हें केवल रोमी नागरिकों के साथ ही न्यायपूर्वक व्यवहार करने की आवश्यकता है। वे उन लोगों के साथ जो रोमी नागरिक नहीं थे जैसा चाहें वैसा कर सकते थे, परन्तु उन्हें अन्य रोमियों के साथ व्यवस्था का पालन करना होता था। कुछ लोग जन्मजात रोमी नागरिक थे, और अन्यों ने रोमी सरकार को पैसा दिया ताकि वे रोमी नागरिक बन सकें।
जैसा व्यवहार वह किसी गैर-नागरिक के साथ करेगा एक रोमी नागरिक को उस तरीके से दण्ड देने से ""मुख्य सरदार"" को दण्डित किया जा सकता था।

## इस अध्याय के महत्वपूर्ण अलंकार

### चुना

जब कोई जन बुरा या अशुद्ध या अन्यायपूर्ण होता है तो उसके भले या शुद्ध या धार्मिक दिखाई देने के लिए यह पवित्रशास्त्र में एक सामान्य रूपक है। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-metaphor]])
+ACT 23 intro gbw5 0 # प्रेरितों के काम 23 सामान्य टिप्पणियाँ
## संरचना एवं स्वरूपण

कुछ अनुवाद पुराने नियम से उद्धरण को शेष पाठ की तुलना में पृष्ठ पर दाईं ओर व्यवस्थित करते हैं । यूएलटी अनुवाद 23:5 में उद्धरित सामग्री के साथ यह करता है।

## इस अध्याय में पाई जाने वाली विशेष धारणाएँ

### मृतकों का पुनरुत्थान

फरीसियों का मानना ​​था कि लोगों की मृत्यु के बाद, वे फिर से जीवित हो जाएँगे और परमेश्वर या तो उन्हें प्रतिफल देगा या उन्हें दण्डित करेगा। सदूकियों का मानना ​​था कि एक बार लोगों की मृत्यु हो जाने के बाद, वे मर गए और फिर कभी जीवित नहीं होंगे। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/other/raise]] और [[rc://hi/tw/dict/bible/other/reward]])

### ""एक शाप को बुलाया""

कुछ यहूदियों ने ईश्वर से प्रतिज्ञा की कि वे पौलुस को मार डालने तक खाएँगे या पीएँगे नहीं, और उन्होंने परमेश्वर से उन्हें दण्डित करने के लिए कहा यदि उन्होंने वैसा नहीं किया जो कुछ उन्होंने करने की प्रतिज्ञा की है ।

### रोमी नागरिकता

रोमियों ने सोचा कि उन्हें केवल रोमी नागरिकों के साथ ही न्यायपूर्वक व्यवहार करने की आवश्यकता है। वे उन लोगों के साथ जो रोमी नागरिक नहीं थे जैसा चाहें वैसा कर सकते थे, परन्तु उन्हें अन्य रोमियों के साथ व्यवस्था का पालन करना होता था। कुछ लोग जन्मजात रोमी नागरिक थे, और अन्यों ने रोमी सरकार को पैसा दिया ताकि वे रोमी नागरिक बन सकें।
जैसा व्यवहार वह किसी गैर-नागरिक के साथ करेगा एक रोमी नागरिक को उस तरीके से दण्ड देने से ""मुख्य सरदार"" को दण्डित किया जा सकता था।

## इस अध्याय के महत्वपूर्ण अलंकार

### चुना

जब कोई जन बुरा या अशुद्ध या अन्यायपूर्ण होता है तो उसके भले या शुद्ध या धार्मिक दिखाई देने के लिए यह पवित्रशास्त्र में एक सामान्य रूपक है। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-metaphor]])
ACT 23 1 z2sq 0 Connecting Statement: पौलुस प्रधान याजक और परिषद के सदस्यों के सामने खड़ा है ([प्रेरितों के काम 22:30](../22/30.md))। ACT 23 1 jru4 ἀδελφοί 1 Brothers "यहाँ इसका अर्थ ""साथी यहूदी"" से है।" ACT 23 1 nn2q ἐγὼ πάσῃ συνειδήσει ἀγαθῇ πεπολίτευμαι τῷ Θεῷ ἄχρι ταύτης τῆς ἡμέρας 1 I have lived before God in all good conscience until this day मुझे पता है कि आज तक भी मैंने वैसा ही किया है जैसा परमेश्वर ने मुझसे करवाना चाहा था @@ -2436,7 +2436,7 @@ ACT 24 26 n45p διὸ καὶ πυκνότερον αὐτὸν μεταπεμ ACT 24 27 ur2y translate-names ὁ…Πόρκιον Φῆστον 1 Porcius Festus यह नया रोमी राज्यपाल था जो फेलिक्स के स्थान पर आया था। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/translate-names]]) ACT 24 27 p59c figs-synecdoche θέλων…χάριτα καταθέσθαι τοῖς Ἰουδαίοις 1 wanted to gain favor with the Jews """यहूदियों"" यहाँ यहूदी अगुवों को सन्दर्भित करता है। वैकल्पिक अनुवाद: ""चाहता था कि यहूदी अगुवे उसे पसन्द करे"" (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-synecdoche]])" ACT 24 27 gln6 ὁ Φῆλιξ…κατέλιπε τὸν Παῦλον δεδεμένον 1 he left Paul to continue under guard वह पौलुस को जेल में छोड़ गया -ACT 25 intro b6uk 0 # प्रेरितों के काम 25 सामान्य टिप्पणियाँ
## इस अध्याय में पाई जाने वाली विशेष धारणाएँ

### पक्ष

इस शब्द का प्रयोग इस अध्याय में दो अलग-अलग तरीकों से किया गया है। जब यहूदी अगुवों ने फेस्तुस से कृपा चाही, तो वे उस दिन उससे उनके लिए कुछ विशेष करने के लिए कह रहे थे। वे चाहते थे कि वह उनके लिए कुछ ऐसा करे जो वह सामान्य रूप से नहीं करेगा। जब फेस्तुस ""यहूदियों को खुश करना चाहता था,"" तो वह चाहता था कि वे उसे पसन्द करे और आने वाले महीनों और वर्षों में उसकी आज्ञा का पालन करने के इच्छुक हों। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/favor]])

### रोमी नागरिकता

रोमियों ने सोचा कि उन्हें केवल रोमी नागरिकों के साथ ही न्यायपूर्वक व्यवहार करने की आवश्यक करना है। वे उन लोगों के साथ जो रोमी नागरिक नहीं थे जैसा चाहें वैसा कर सकते थे, परन्तु उन्हें अन्य रोमियों के साथ व्यवस्था का पालन करना होता था। कुछ लोग जन्मजात रोमी नागरिक थे, और अन्यों ने रोमी सरकार को पैसा दिया ताकि वे रोमी नागरिक बन सकें।
जैसा व्यवहार वह किसी गैर-नागरिक के साथ करेगा एक रोमी नागरिक को उस तरीके से दण्ड देने से रोमी अधिकारी को दण्डित किया जा सकता था।

+ACT 25 intro b6uk 0 # प्रेरितों के काम 25 सामान्य टिप्पणियाँ
## इस अध्याय में पाई जाने वाली विशेष धारणाएँ

### पक्ष

इस शब्द का प्रयोग इस अध्याय में दो अलग-अलग तरीकों से किया गया है। जब यहूदी अगुवों ने फेस्तुस से कृपा चाही, तो वे उस दिन उससे उनके लिए कुछ विशेष करने के लिए कह रहे थे। वे चाहते थे कि वह उनके लिए कुछ ऐसा करे जो वह सामान्य रूप से नहीं करेगा। जब फेस्तुस ""यहूदियों को खुश करना चाहता था,"" तो वह चाहता था कि वे उसे पसन्द करे और आने वाले महीनों और वर्षों में उसकी आज्ञा का पालन करने के इच्छुक हों। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/favor]])

### रोमी नागरिकता

रोमियों ने सोचा कि उन्हें केवल रोमी नागरिकों के साथ ही न्यायपूर्वक व्यवहार करने की आवश्यक करना है। वे उन लोगों के साथ जो रोमी नागरिक नहीं थे जैसा चाहें वैसा कर सकते थे, परन्तु उन्हें अन्य रोमियों के साथ व्यवस्था का पालन करना होता था। कुछ लोग जन्मजात रोमी नागरिक थे, और अन्यों ने रोमी सरकार को पैसा दिया ताकि वे रोमी नागरिक बन सकें।
जैसा व्यवहार वह किसी गैर-नागरिक के साथ करेगा एक रोमी नागरिक को उस तरीके से दण्ड देने से रोमी अधिकारी को दण्डित किया जा सकता था।

ACT 25 1 c84u 0 General Information: फेस्तुस कैसरिया का राज्यपाल बन जाता है। देखें कि आपने इस नाम का अनुवाद [प्रेरितों के काम 24:27](../24/27.md) में कैसे किया है। ACT 25 1 tj76 0 Connecting Statement: पौलुस कैसरिया में एक कैदी बना रहता है। ACT 25 1 w8h3 οὖν 1 Now यह शब्द कहानी में एक नई घटना के आरम्भ को चिन्हित करता है। @@ -2505,7 +2505,7 @@ ACT 25 26 jcq2 προήγαγον αὐτὸν ἐφ’ ὑμῶν, καὶ μ ACT 25 26 rhy2 ὅπως…σχῶ τι γράψω 1 so that I might have something more to write "ताकि मेरे पास लिखने के लिए कुछ और होगा ""ताकि मैं जानूँगा कि मुझे क्या लिखना चाहिए""" ACT 25 27 txs6 figs-doublenegatives ἄλογον…μοι δοκεῖ πέμποντα δέσμιον, μὴ καὶ…σημᾶναι 1 it seems unreasonable for me to send a prisoner and to not also state """व्यर्थ"" और ""नहीं"" नकारात्मक शब्दों को सकारात्मक रूप में वर्णित किया जा सकता है। वैकल्पिक अनुवाद: ""मुझे यह उचित लगता है कि यदि मैं एक कैदी को भेजूँ तो मुझे यह भी बताना चाहिए"" (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-doublenegatives]])" ACT 25 27 xm65 τὰς κατ’ αὐτοῦ αἰτίας 1 the charges against him सम्भावित अर्थ हैं 1) वे आरोप जो यहूदी अगुवे उसके विरूद्ध लेकर आए हैं या 2) रोमी व्यवस्था के अधीन पौलुस के मामले पर लागू होने वाले आरोप। -ACT 26 intro e2q6 0 # प्रेरितों के काम 26 सामान्य टिप्पणियाँ
## संरचना एवं स्वरूपण

प्रेरितों के काम की पुस्तक में पौलुस के मन परिवर्तन का यह तीसरा विवरण है। क्योंकि आरम्भिक कलीसिया में यह एक महत्वपूर्ण घटना है, इसलिए पौलुस के मन परिवर्तन के तीन विवरण पाए जाते हैं। (देखें: [Acts 9](../09/01.md) और [प्रेरितों के काम 22](../22/01.md))

पौलुस ने राजा अग्रिप्पा को बताया कि उसने जो किया था वह उसने क्यों किया था और राज्यपाल को इसके लिए उसे दण्डित नहीं करना चाहिए।

## इस अध्याय में पाई जाने वाली विशेष धारणाएँ

### प्रकाश और अन्धकार

बाइबल अक्सर अधर्मी लोगों की बात करती है, ऐसे लोग जो उन कामों को नहीं करते हैं जो परमेश्वर को प्रसन्न करते हैं, जैसे कि वे अन्धकार में इधर-उधर घूम रहे थे। यह प्रकाश की बात ऐसे करता है जैसे कि यह कुछ ऐसा था जो उन पापपूर्ण लोगों को धर्मी बनने में, यह समझने में कि वे क्या गलत कर रहे हैं और परमेश्वर की आज्ञा का पालन करना आरम्भ करने में सक्षम बनाता है। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/righteous]])
+ACT 26 intro e2q6 0 # प्रेरितों के काम 26 सामान्य टिप्पणियाँ
## संरचना एवं स्वरूपण

प्रेरितों के काम की पुस्तक में पौलुस के मन परिवर्तन का यह तीसरा विवरण है। क्योंकि आरम्भिक कलीसिया में यह एक महत्वपूर्ण घटना है, इसलिए पौलुस के मन परिवर्तन के तीन विवरण पाए जाते हैं। (देखें: [Acts 9](../09/01.md) और [प्रेरितों के काम 22](../22/01.md))

पौलुस ने राजा अग्रिप्पा को बताया कि उसने जो किया था वह उसने क्यों किया था और राज्यपाल को इसके लिए उसे दण्डित नहीं करना चाहिए।

## इस अध्याय में पाई जाने वाली विशेष धारणाएँ

### प्रकाश और अन्धकार

बाइबल अक्सर अधर्मी लोगों की बात करती है, ऐसे लोग जो उन कामों को नहीं करते हैं जो परमेश्वर को प्रसन्न करते हैं, जैसे कि वे अन्धकार में इधर-उधर घूम रहे थे। यह प्रकाश की बात ऐसे करता है जैसे कि यह कुछ ऐसा था जो उन पापपूर्ण लोगों को धर्मी बनने में, यह समझने में कि वे क्या गलत कर रहे हैं और परमेश्वर की आज्ञा का पालन करना आरम्भ करने में सक्षम बनाता है। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/righteous]])
ACT 26 1 b34d 0 Connecting Statement: फेस्तुस राजा अग्रिप्पा के सामने पौलुस को लेकर आया है। वचन 2 में, पौलुस राजा अग्रिप्पा के सामने अपना बचाव रखता है। ACT 26 1 gz9f Ἀγρίππας 1 Agrippa अग्रिप्पा पलिश्त में वर्तमान शासक राजा था, यद्यपि उसने केवल कुछ क्षेत्रों पर शासन किया था। देखें कि आपने इस नाम का अनुवाद [प्रेरितों के काम 25:13](../25/13.md) में कैसे किया है। ACT 26 1 wme6 ἐκτείνας τὴν χεῖρα 1 stretched out his hand "उसका हाथ पकड़ लिया या ""उसके हाथ से इशारा किया""" @@ -2582,7 +2582,7 @@ ACT 26 30 u8vl ἀνέστη τε ὁ βασιλεὺς καὶ ὁ ἡγεμ ACT 26 31 q1tw 1 the hall यह समारोहों, मुकदमों, और अन्य आयोजनों के लिए एक बड़ा कमरा है। ACT 26 31 blz8 figs-abstractnouns οὐδὲν θανάτου ἢ δεσμῶν ἄξιον τι πράσσει ὁ ἄνθρωπος οὗτος 1 This man does nothing worthy of death or of bonds "भाववाचक संज्ञा ""मृत्युदण्ड"" को ""मरने"" क्रिया के रूप में वर्णित किया जा सकता है। ""बंदीगृह में डाले जाने"" यहाँ जेल में रहने का प्रतीक है। वैकल्पिक अनुवाद: ""यह व्यक्ति मरने या जेल में रहने के योग्य नहीं है"" (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-abstractnouns]] और [[rc://hi/ta/man/translate/figs-metonymy]])" ACT 26 32 n293 figs-activepassive ἀπολελύσθαι ἐδύνατο ὁ ἄνθρωπος οὗτο 1 This man could have been freed "इसे सक्रिय रूप में कहा जा सकता है। वैकल्पिक अनुवाद: ""यह व्यक्ति मुक्त हो सकता था"" या ""मैं इस व्यक्ति को मुक्त कर सकता था"" (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-activepassive]])" -ACT 27 intro r82x 0 # प्रेरितों के काम 27 सामान्य टिप्पणियाँ
## इस अध्याय में पाई जाने वाली विशेष धारणाएँ

### जहाज में यात्रा करना

वे लोग जो समुद्र के पास रहते थे, वे हवा से संचालित नाव से यात्रा करते थे। वर्ष के कुछ महीनों के समय में, हवा गलत दिशा में बहेगी या बहुत जोर से बहेगी कि जहाज में यात्रा करना असम्भव था।

### भरोसा

पौलुस ने उसे सुरक्षित रूप से भूमि पर ले जाने के लिए परमेश्वर पर भरोसा किया। उसने नाविकों और सैनिकों को भरोसा रखने के लिए कहा कि परमेश्वर उन्हें भी जीवित रखेगा। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/trust]])

### पौलुस रोटी तोड़ता है

लूका पौलुस के रोटी लेने, परमेश्वर का धन्यवाद देने, इसे तोड़ने और खाने के वर्णन के लिए लगभग उन्हीं शब्दों का उपयोग करता है, जिनका उसने उस अन्तिम रात्रिभोज का वर्णन करने के लिए उपयोग किया था जिसे चेलों के साथ यीशु ने खाया था। यद्यपि, आपके अनुवाद में आपके पाठक को यह नहीं सोचने देना चाहिए कि पौलुस यहाँ एक धार्मिक उत्सव का नेतृत्व कर रहा था।
+ACT 27 intro r82x 0 # प्रेरितों के काम 27 सामान्य टिप्पणियाँ
## इस अध्याय में पाई जाने वाली विशेष धारणाएँ

### जहाज में यात्रा करना

वे लोग जो समुद्र के पास रहते थे, वे हवा से संचालित नाव से यात्रा करते थे। वर्ष के कुछ महीनों के समय में, हवा गलत दिशा में बहेगी या बहुत जोर से बहेगी कि जहाज में यात्रा करना असम्भव था।

### भरोसा

पौलुस ने उसे सुरक्षित रूप से भूमि पर ले जाने के लिए परमेश्वर पर भरोसा किया। उसने नाविकों और सैनिकों को भरोसा रखने के लिए कहा कि परमेश्वर उन्हें भी जीवित रखेगा। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/trust]])

### पौलुस रोटी तोड़ता है

लूका पौलुस के रोटी लेने, परमेश्वर का धन्यवाद देने, इसे तोड़ने और खाने के वर्णन के लिए लगभग उन्हीं शब्दों का उपयोग करता है, जिनका उसने उस अन्तिम रात्रिभोज का वर्णन करने के लिए उपयोग किया था जिसे चेलों के साथ यीशु ने खाया था। यद्यपि, आपके अनुवाद में आपके पाठक को यह नहीं सोचने देना चाहिए कि पौलुस यहाँ एक धार्मिक उत्सव का नेतृत्व कर रहा था।
ACT 27 1 efe4 figs-exclusive 0 General Information: "अद्रमुत्तियुस सम्भवतः आधुनिक दिन के तुर्की के पश्चिमी तट पर स्थित एक शहर था। ""हम"" शब्द प्रेरितों के काम के लेखक, पौलुस और पौलुस के साथ यात्रा करने वाले अन्यों को सम्मिलित करता है, परन्तु पाठक को नहीं। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-exclusive]] और [[rc://hi/ta/man/translate/translate-names]])" ACT 27 1 dyf5 0 Connecting Statement: एक कैदी के रूप में पौलुस अपनी रोम की यात्रा को आरम्भ करता है। ACT 27 1 b2yz figs-activepassive ὡς…ἐκρίθη 1 When it was decided "इसे सक्रिय रूप में कहा जा सकता है। वैकल्पिक अनुवाद: ""जब राजा और राज्यपाल ने निर्णय किया"" (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-activepassive]])" diff --git a/hi_tn_46-ROM.tsv b/hi_tn_46-ROM.tsv index b29c754..6910480 100644 --- a/hi_tn_46-ROM.tsv +++ b/hi_tn_46-ROM.tsv @@ -1,6 +1,6 @@ Book Chapter Verse ID SupportReference OrigQuote Occurrence GLQuote OccurrenceNote -ROM front intro gtn1 0 # रोमियों का परिचय
## भाग 1: सामान्य परिचय

### रोमियों की पुस्तक की रूपरेखा

1. परिचय (1:1-15)
1। यीशु मसीह में विश्वास द्वारा धार्मिकता (1:16-17)
1। पाप के कारण सारी मानवजाति को दण्डित किया गया है (1:18-3:20)
1। यीशु मसीह पर विश्वास करने के द्वारा धार्मिकता (3:21-4:25)
1। आत्मा के फल (5:1-11)
1। आदम और मसीह की तुलना (5:12-21)
1। इस जीवन में मसीह के समान बनना (6:1-8:39)
1। इस्राएल के लिए परमेश्वर की योजना (9:1-11:36)
1। मसीहियों के समान जीवन बिताने के लिए व्यवहारिक सलाह (12:1-15:13)
1। निष्कर्ष और अभिवादन (15:14-16:27)

### रोमियों की पुस्तक को किसने लिखा?

प्रेरित पौलुस ने रोमियों की पुस्तक को लिखा। पौलुस तरसुस शहर का रहने वाला था। वह अपने प्रारंभिक जीवन में शाऊल के नाम से जाना जाता था। मसीही बनने से पहले, पौलुस एक फरीसी था। उसने मसीहियों को सताया था। मसीही बनने के बाद, उसने पूरे रोमी साम्राज्य में लोगों को यीशु के बारे में प्रचार करते हुए कई बार यात्राएँ कीं।

पौलुस ने संभवतः यह पत्र तब लिखा था, जब वह रोमी साम्राज्य के माध्यम से अपनी तीसरी यात्रा के दौरान कुरिन्थ शहर में रुका था।

### रोमियों की पुस्तक का विषय क्या है?

पौलुस ने रोम में रहने वाले मसीहियों को यह पत्र लिखा था। पौलुस चाहता था कि जब वह उनसे मिलने जाए, तो वे उसे ग्रहण करने के लिए तैयार रहें। उसने कहा कि उसका उद्देश्य ""विश्वास से मानने वाले होना"" था (16:26)।

इस पत्र में पौलुस ने सबसे अधिक यीशु मसीह के सुसमाचार का वर्णन किया है। उसने समझाया कि यहूदियों और गैर-यहूदियों दोनों ने पाप किया है, और परमेश्वर उन्हें माफ कर देंगे और उन्हें धार्मिक घोषित करेंगे जब वे यीशु पर विश्वास करेंगे (अध्याय 1-11)। तब उसने उन्हें इस बात के लिए व्यवहारिक सलाह दी कि विश्वासियों को कैसे जीवन जीना चाहिए (अध्याय 12-16),

### इस पुस्तक के शीर्षक का अनुवाद कैसे किया जाना चाहिए?

अनुवादक इसके पारंपरिक शीर्षक ""रोमियों"" से इस पुस्तक को पुकारना चुन सकते हैं। या वे एक स्पष्ट शीर्षक चुन सकते हैं, जैसे ""रोम की कलीसिया को पौलुस का पत्र,"" या ""रोम में रहने वाले मसीहियों को एक पत्र।"" (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/translate-names]])

## भाग 2: महत्वपूर्ण धार्मिक और सांस्कृतिक अवधारणाएँ

### यीशु को संदर्भित करने के लिए किन शीर्षकों का उपयोग किया गया है?


रोमियों में, पौलुस ने कई उपाधियों और विवरणों द्वारा यीशु मसीह का वर्णन किया है: यीशु मसीह (1:1), दाऊद का वंश (1:3), परमेश्वर का पुत्र (1:4), प्रभु यीशु मसीह (1:7), मसीह यीशु (3:24), प्रायश्चित (3:25), यीशु (3:26), यीशु हमारा प्रभु (4:24), सेनाओं का प्रभु (9:29), ठेस लगने का पत्थर और ठोकर खाने की चट्टान (9:33), व्यवस्था का अंत (10:4), छुड़ानेवाला (11:26), मृतकों और जीवितों का प्रभु (14:9) और यिशै की जड़ (15:12)।

### रोमियों में धर्मशास्त्रीय शब्दों का अनुवाद कैसे किया जाना चाहिए?

पौलुस ऐसे कई धर्मशास्त्रीय शब्दों को उपयोग करता है जो चार सुसमाचारों में उपयोग नहीं किए गए हैं। शुरूआती मसीहियों ने जैसे-जैसे यीशु मसीह और उसके संदेश के अर्थ के बारे में अधिक सीखा, उन्हें नए विचारों के लिए शब्दों और अभिव्यक्तियों की आवश्यकता थी। इन शब्दों के कुछ उदाहरण हैं: ""धर्मी ठहरना"" (5:1), ""व्यवस्था के काम"" (3:20), ""मेल"" (5:10), ""प्रायश्चित"" (3:25), ""पवित्रता"" (6:19), और ""पुराना मनुष्यत्व"" (6:6)।

""प्रमुख शब्द"" शब्दकोश अनुवादकों को इनमें से कई शब्दों को समझने में मदद कर सकता है। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-abstractnouns]])

जैसे कि ऊपर दिए गए शब्दों को समझाना मुश्किल है। अनुवादकों के लिए अपनी भाषाओं में समान शब्दों को खोजना अक्सर कठिन या असंभव होता है। यह जान लेना सहायक हो सकता है कि इन शब्दों के समकक्ष शब्द आवश्यक नहीं हैं। इसके बजाए, अनुवादक इन विचारों को समझाने के लिए संक्षिप्त अभिव्यक्तयों को विकसित कर सकते हैं। उदाहरण के लिए, ""सुसमाचार"" शब्द का अनुवाद ""यीशु मसीह के बारे में सुसमाचार"" के रूप में किया जा सकता है।

अनुवादकों को यह भी याद रखना चाहिए कि इनमें से कुछ शब्दों के एक से अधिक अर्थ हैं। वह अर्थ इस बात पर निर्भर करेगा कि लेखक उस विशेष वाक्यांश में उस शब्द का उपयोग कैसे कर रहा है। उदाहरण के लिए, ""धार्मिकता"" का अर्थ कभी-कभी यह होता है कि एक व्यक्ति परमेश्वर की व्यवस्था का पालन करता है। अन्य समय में, ""धार्मिकता"" का अर्थ है कि यीशु मसीह ने हमारे लिए परमेश्वर की व्यवस्था का पूरी तरह से पालन किया है।

#### इस्राएल के ""कुछ लोग बाकी"" से पौलुस का क्या अर्थ था? (11:5)

कुछ ""लोग बाकी"" का विचार पुराने नियम में और पौलुस के लिए दोनों महत्वपूर्ण है। बहुत सारे इस्राएली या तो मारे गए थे या अन्य लोगों के बीच तितर-बितर हो गए थे जब अश्शूरियों ने और फिर बाबेलियों ने उनके देश को जीत लिए थे। केवल कुछ ही यहूदी बचे थे। उन्हें ""बचे हुओं"" के रूप में जाना जाता था।

पौलुस 11:1-9 में कुछ अन्य बचे हुओं की बात करता है। यह बचे हुए वे यहूदी हैं जिन्हें परमेश्वर ने इसलिए बचाया क्योंकि उन्होंने यीशु पर विश्वास किया था। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/remnant]])

## भाग 3: महत्वपूर्ण अनुवाद के मुद्दे

### ""मसीह में"" होने से पौलुस का क्या अर्थ था?

यह ""मसीह में"" वाक्यांश और इसी तरह के वाक्यांश 3:24; 6:11, 23; 8:1,2,39; 9:1; 12:5,17; 15:17; और 16:3,7,9,10 में आते हैं। पौलुस ने इस प्रकार के वाक्यांशों का इस्तेमाल एक रूपक के रूप में यह व्यक्त करने के लिए किया कि मसीही विश्वासी यीशु मसीह के हैं। मसीह का होने का अर्थ है कि वह विश्वासी बचा लिया गया है और उसे परमेश्वर के साथ एक दोस्त बना दिया गया है। विश्वासी ने भी हमेशा परमेश्वर के साथ रहने का प्रतिज्ञा किया है। हालाँकि, इस विचार को कई भाषाओं में दर्शाना मुश्किल हो सकता है।

इन वाक्यांशों के भी विशिष्ट अर्थ हैं जो इस बात पर निर्भर करते हैं कि पौलुस ने उन्हें एक विशेष वाक्यांश में कैसे उपयोग किया है। उदाहरण के लिए, 3:24 में (""उस छुटकारे से जो मसीह यीशु में है""), पौलुस ने यीशु मसीह के ""कारण"" हमारे छुड़ाए जाने को संदर्भित किया है। 8:9 में (""तो तुम शारीरिक दशा में नहीं, परन्तु आत्मिक दशा में हो""), पौलुस ने विश्वासियों के ""पवित्र आत्मा"" के अधीन होने की बात कही है। 9: 1 में (""मैं मसीह में सच कहता हूँ""), पौलुस का अर्थ था कि वह उस सच्चाई को बता रहा है जो यीशु मसीह ""के साथ समझौते में है"" ।

फिर भी, यीशु मसीह के साथ (और पवित्र आत्मा के साथ) हमारे एकजुट होने के मूल विचार को इन वाक्यांशों में भी देखा गया है। इसलिए, अनुवादक के पास कई वाक्यांशों में एक विकल्प है जो ""में"" का उपयोग करते है। वह ""में"" के अधिक तत्काल अर्थ का प्रतिनिधित्व करने के लिए अक्सर ""के बारे में,"" ""के माध्यम से,"" ""के तरीके से,"" या ""के संदर्भ में"" जैसों का निर्णय करेगा। लेकिन, यदि संभव हो तो, अनुवादक को एक शब्द या वाक्यांश चुनना चाहिए जो तत्काल अर्थ और ""के साथ मिलकर"" की भावना को दोहराता है। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/inchrist]])

### यूएलटी के रोमियों में ""पवित्र,"" ""संतों"" या ""पवित्र जन"", और ""शुद्ध"" के विचारों का प्रतिनिधित्व कैसे किया गया है?

पवित्र-शास्त्र विभिन्न विचारों के किसी भी व्यक्ति की ओर संकेत करने के लिए ऐसे शब्दों का उपयोग करता है। इस कारण से, अनुवादकों के लिए अक्सर उनके संस्करणों में उनको अच्छी तरह से दर्शाना मुश्किल होता है। अंग्रेजी में अनुवाद करने में, यूएलटी निम्नलिखित सिद्धांतों का उपयोग करता है:
* कभी-कभी एक वाक्यांश का अर्थ नैतिक पवित्रता का स्पष्ट करता है। सुसमाचार को समझने के लिए विशेष रूप से महत्वपूर्ण तथ्य यह है कि परमेश्वर मसीहियों को पापहीन इसलिए मानते हैं क्योंकि वे यीशु मसीह के साथ एकजुट हैं। एक और संबंधित तथ्य यह है कि परमेश्वर परिपूर्ण और दोष-रहित है। एक तीसरा तथ्य यह है कि मसीहियों को जीवन में एक निर्दोष और दोषरहित तरीके से आचरण करना होता है। इन मामलों में, यूएलटी ""पवित्र,"" ""पवित्र परमेश्वर,"" ""पवित्र जनों"" या ""पवित्र लोगों"" का उपयोग करता है। (देखें: 1:7)
* कभी-कभी एक अनुच्छेद का अर्थ मसीहियों के उनके द्वारा भरी गई किसी विशेष भूमिका के बिना एक सरल संदर्भ की ओर संकेत करता है। ऐसे मामलों में जहाँ कुछ अन्य अंग्रेजी संस्करणों में ""संत"" या ""पवित्र व्यक्ति"" होते हैं, यूएलटी ""विश्वासियों"" का उपयोग करता है। (देखें: 8:27; 12:13; 15:25, 26, 31; 16:2, 15)
* कभी-कभी एक अनुच्छेद का अर्थ किसी व्यक्ति या किसी चीज के एकमात्र परमेश्वर से करने के विचार की ओर संकेत करता है। इन मामलों में, यूएलटी ""अलग करना,"" ""के लिए समर्पित,"" ""पवित्र किया हुआ,"" या ""के लिए संरक्षित"" का उपयोग करता है। (देखें: 15:16)

अक्सर यूएसटी सहायक होगी जब अनुवादक इस बारे में सोचते हैं कि इन विचारों को अपने संस्करणों में कैसे प्रस्तुत किया जाए।

### रोमियों की पुस्तक के पाठ में प्रमुख मुद्दे क्या हैं?

निम्नलिखित पदों में बाइबल का आधुनिक संस्करण पुराने संस्करणों से भिन्न है। यूएलटी आधुनिक पठन को शामिल करता है और पुराने पठन को एक पाद-टिप्पणी में रखता है।

* ""वह [परमेश्वर] सब बातों को मिला कर भलाई को उत्पन्न करता है"" (8:28)। कुछ पुराने संस्करण लिखते हैं, ""सब बातें मिलकर भलाई को उत्पन्न करती हैं।""
* ""यदि यह अनुग्रह से हुआ है, तो फिर कर्मों से नहीं, नहीं तो अनुग्रह फिर अनुग्रह नहीं रहा” (11:6)। कुछ पुराने संस्करण लिखते हैं: ""यदि यह कर्मों से हुआ है, तो फिर यह अधिक अनुग्रह नहीं है: अन्यथा काम फिर काम नहीं है।""

निम्नलिखित पद बाइबल की सर्वश्रेष्ठ प्राचीन प्रतियों में नहीं है। अनुवादकों को सलाह दी गई है कि वे इस पद को शामिल न करें। हालाँकि, यदि अनुवादकों के क्षेत्र में पुराने बाइबल संस्करण हैं, जिनमें यह पद है, तो अनुवादक इसे शामिल कर सकते हैं। यदि इसका अनुवाद किया जाता है, तो यह दर्शाने के लिए इसे वर्ग कोष्ठक ([]) के अंदर रखा जाना चाहिए कि यह शायद रोमियों की पुस्तक का मूल नहीं है।

* ""हमारे प्रभु यीशु मसीह का अनुग्रह तुम पर होता रहे। आमीन ""(16:24)।

(देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/translate-textvariants]])
-ROM 1 intro hn5n 0 # रोमियों 01 सामान्य टिप्पणियाँ
## संरचना एवं स्वरूपण

पहला पद एक प्रकार का परिचय है। प्राचीन भूमध्यसागर क्षेत्र के लोग अक्सर अपने पत्र की शुरूआत इसी प्रकार से करते थे। कभी-कभी इसे ""अभिवादन"" कहा जाता है।

## इस अध्याय में विशेष अवधारणाएँ

### सुसमाचार
यह अध्याय रोमियों की पुस्तक के पाठ को ""सुसमाचार"" के रूप में संदर्भित करता है ([रोमियों 1:2](../../rom/01/02.md))। मत्ती, मरकुस, लूका और यूहन्ना के समान रोमियों एक सुसमाचार नहीं है। इसके बजाए, अध्याय 1-8 बाइबल आधारित सुसमाचार को प्रस्तुत करता है: सबने पाप किया है। यीशु हमारे पापों के लिए मर गया। वह फिर से जी उठा था कि हम उसमें नया जीवन पा सकें।

### फल
यह अध्याय फल की कल्पना का उपयोग करता है। फलों की छवि आमतौर पर एक व्यक्ति के विश्वास को संदर्भित करती है जो उनके जीवन में अच्छे काम कर रहा है। इस अध्याय में, यह रोमी मसीहियों के बीच पौलुस के काम के परिणामों को संदर्भित करता है। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/other/fruit]] और [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/faith]] और [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/righteous]])

### सार्वभौमिक दण्ड और परमेश्वर का क्रोध
यह अध्याय बताता है कि हर कोई बिना किसी बहाने के है। हम सभी अपने सच्चे परमेश्वर, यहोवा, के बारे उसके द्वारा हमारे चारों ओर की गई सृष्टि के द्वारा जानते हैं। हमारे पाप और हमारे पापी स्वभाव के कारण, न्यायिक रूप से हर व्यक्ति परमेश्वर के क्रोध के योग्य है। यह क्रोध क्रूस पर मर कर यीशु द्वारा उनके लिए शांत किया गया जो उस पर विश्वास करते हैं। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/believe]] और [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/sin]])

## इस अध्याय के महत्वपूर्ण अलंकार

### ""परमेश्वर ने उन्हें""
कई विद्वान ""परमेश्वर ने उन्हें दिया"" और ""परमेश्वर ने उन्हें छोड़ दिया"" वाक्यांशों को धार्मिक रूप से महत्वपूर्ण के रूप में देखते हैं। इस कारण से, इन वाक्यांशों को परमेश्वर के क्रिया में निष्क्रिय भूमिका निभाते हुए अनुवाद करना महत्वपूर्ण है। परमेश्वर सिर्फ मनुष्यों को उनकी इच्छाओं का पीछा करने की अनुमति देता है, वह उन्हें मजबूर नहीं करता है। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-activepassive]])

## इस अध्याय में अन्य संभावित अनुवाद की कठिनाइयाँ

### मुश्किल वाक्यांश और अवधारणाएँ

इस अध्याय में कई कठिन विचार हैं। जिस तरीके से पौलुस लिखता है वह इस अध्याय के कई वाक्यांशों का अनुवाद करना मुश्किल कर देता है। वाक्यांशों के अर्थ को समझने के लिए अनुवादक को यूएसटी का उपयोग करने की आवश्यकता हो सकती है। और इन वाक्यांशों का अधिक स्वतंत्र रूप से अनुवाद करना आवश्यक हो सकता है। कुछ कठिन वाक्यांशों में शामिल हैं: ""विश्वास करके आज्ञा मानी,"" ""जिसकी मैं अपनी आत्मा में सेवा करता हूँ,"" ""विश्वास से विश्वास तक"" और ""अविनाशी परमेश्वर की महिमा को नाशवान मनुष्य की समानता में बदल डाला।""
+ROM front intro gtn1 0 # रोमियों का परिचय
## भाग 1: सामान्य परिचय

### रोमियों की पुस्तक की रूपरेखा

1. परिचय (1:1-15)
1। यीशु मसीह में विश्वास द्वारा धार्मिकता (1:16-17)
1। पाप के कारण सारी मानवजाति को दण्डित किया गया है (1:18-3:20)
1। यीशु मसीह पर विश्वास करने के द्वारा धार्मिकता (3:21-4:25)
1। आत्मा के फल (5:1-11)
1। आदम और मसीह की तुलना (5:12-21)
1। इस जीवन में मसीह के समान बनना (6:1-8:39)
1। इस्राएल के लिए परमेश्वर की योजना (9:1-11:36)
1। मसीहियों के समान जीवन बिताने के लिए व्यवहारिक सलाह (12:1-15:13)
1। निष्कर्ष और अभिवादन (15:14-16:27)

### रोमियों की पुस्तक को किसने लिखा?

प्रेरित पौलुस ने रोमियों की पुस्तक को लिखा। पौलुस तरसुस शहर का रहने वाला था। वह अपने प्रारंभिक जीवन में शाऊल के नाम से जाना जाता था। मसीही बनने से पहले, पौलुस एक फरीसी था। उसने मसीहियों को सताया था। मसीही बनने के बाद, उसने पूरे रोमी साम्राज्य में लोगों को यीशु के बारे में प्रचार करते हुए कई बार यात्राएँ कीं।

पौलुस ने संभवतः यह पत्र तब लिखा था, जब वह रोमी साम्राज्य के माध्यम से अपनी तीसरी यात्रा के दौरान कुरिन्थ शहर में रुका था।

### रोमियों की पुस्तक का विषय क्या है?

पौलुस ने रोम में रहने वाले मसीहियों को यह पत्र लिखा था। पौलुस चाहता था कि जब वह उनसे मिलने जाए, तो वे उसे ग्रहण करने के लिए तैयार रहें। उसने कहा कि उसका उद्देश्य ""विश्वास से मानने वाले होना"" था (16:26)।

इस पत्र में पौलुस ने सबसे अधिक यीशु मसीह के सुसमाचार का वर्णन किया है। उसने समझाया कि यहूदियों और गैर-यहूदियों दोनों ने पाप किया है, और परमेश्वर उन्हें माफ कर देंगे और उन्हें धार्मिक घोषित करेंगे जब वे यीशु पर विश्वास करेंगे (अध्याय 1-11)। तब उसने उन्हें इस बात के लिए व्यवहारिक सलाह दी कि विश्वासियों को कैसे जीवन जीना चाहिए (अध्याय 12-16),

### इस पुस्तक के शीर्षक का अनुवाद कैसे किया जाना चाहिए?

अनुवादक इसके पारंपरिक शीर्षक ""रोमियों"" से इस पुस्तक को पुकारना चुन सकते हैं। या वे एक स्पष्ट शीर्षक चुन सकते हैं, जैसे ""रोम की कलीसिया को पौलुस का पत्र,"" या ""रोम में रहने वाले मसीहियों को एक पत्र।"" (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/translate-names]])

## भाग 2: महत्वपूर्ण धार्मिक और सांस्कृतिक अवधारणाएँ

### यीशु को संदर्भित करने के लिए किन शीर्षकों का उपयोग किया गया है?


रोमियों में, पौलुस ने कई उपाधियों और विवरणों द्वारा यीशु मसीह का वर्णन किया है: यीशु मसीह (1:1), दाऊद का वंश (1:3), परमेश्वर का पुत्र (1:4), प्रभु यीशु मसीह (1:7), मसीह यीशु (3:24), प्रायश्चित (3:25), यीशु (3:26), यीशु हमारा प्रभु (4:24), सेनाओं का प्रभु (9:29), ठेस लगने का पत्थर और ठोकर खाने की चट्टान (9:33), व्यवस्था का अंत (10:4), छुड़ानेवाला (11:26), मृतकों और जीवितों का प्रभु (14:9) और यिशै की जड़ (15:12)।

### रोमियों में धर्मशास्त्रीय शब्दों का अनुवाद कैसे किया जाना चाहिए?

पौलुस ऐसे कई धर्मशास्त्रीय शब्दों को उपयोग करता है जो चार सुसमाचारों में उपयोग नहीं किए गए हैं। शुरूआती मसीहियों ने जैसे-जैसे यीशु मसीह और उसके संदेश के अर्थ के बारे में अधिक सीखा, उन्हें नए विचारों के लिए शब्दों और अभिव्यक्तियों की आवश्यकता थी। इन शब्दों के कुछ उदाहरण हैं: ""धर्मी ठहरना"" (5:1), ""व्यवस्था के काम"" (3:20), ""मेल"" (5:10), ""प्रायश्चित"" (3:25), ""पवित्रता"" (6:19), और ""पुराना मनुष्यत्व"" (6:6)।

""प्रमुख शब्द"" शब्दकोश अनुवादकों को इनमें से कई शब्दों को समझने में मदद कर सकता है। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-abstractnouns]])

जैसे कि ऊपर दिए गए शब्दों को समझाना मुश्किल है। अनुवादकों के लिए अपनी भाषाओं में समान शब्दों को खोजना अक्सर कठिन या असंभव होता है। यह जान लेना सहायक हो सकता है कि इन शब्दों के समकक्ष शब्द आवश्यक नहीं हैं। इसके बजाए, अनुवादक इन विचारों को समझाने के लिए संक्षिप्त अभिव्यक्तयों को विकसित कर सकते हैं। उदाहरण के लिए, ""सुसमाचार"" शब्द का अनुवाद ""यीशु मसीह के बारे में सुसमाचार"" के रूप में किया जा सकता है।

अनुवादकों को यह भी याद रखना चाहिए कि इनमें से कुछ शब्दों के एक से अधिक अर्थ हैं। वह अर्थ इस बात पर निर्भर करेगा कि लेखक उस विशेष वाक्यांश में उस शब्द का उपयोग कैसे कर रहा है। उदाहरण के लिए, ""धार्मिकता"" का अर्थ कभी-कभी यह होता है कि एक व्यक्ति परमेश्वर की व्यवस्था का पालन करता है। अन्य समय में, ""धार्मिकता"" का अर्थ है कि यीशु मसीह ने हमारे लिए परमेश्वर की व्यवस्था का पूरी तरह से पालन किया है।

#### इस्राएल के ""कुछ लोग बाकी"" से पौलुस का क्या अर्थ था? (11:5)

कुछ ""लोग बाकी"" का विचार पुराने नियम में और पौलुस के लिए दोनों महत्वपूर्ण है। बहुत सारे इस्राएली या तो मारे गए थे या अन्य लोगों के बीच तितर-बितर हो गए थे जब अश्शूरियों ने और फिर बाबेलियों ने उनके देश को जीत लिए थे। केवल कुछ ही यहूदी बचे थे। उन्हें ""बचे हुओं"" के रूप में जाना जाता था।

पौलुस 11:1-9 में कुछ अन्य बचे हुओं की बात करता है। यह बचे हुए वे यहूदी हैं जिन्हें परमेश्वर ने इसलिए बचाया क्योंकि उन्होंने यीशु पर विश्वास किया था। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/remnant]])

## भाग 3: महत्वपूर्ण अनुवाद के मुद्दे

### ""मसीह में"" होने से पौलुस का क्या अर्थ था?

यह ""मसीह में"" वाक्यांश और इसी तरह के वाक्यांश 3:24; 6:11, 23; 8:1,2,39; 9:1; 12:5,17; 15:17; और 16:3,7,9,10 में आते हैं। पौलुस ने इस प्रकार के वाक्यांशों का इस्तेमाल एक रूपक के रूप में यह व्यक्त करने के लिए किया कि मसीही विश्वासी यीशु मसीह के हैं। मसीह का होने का अर्थ है कि वह विश्वासी बचा लिया गया है और उसे परमेश्वर के साथ एक दोस्त बना दिया गया है। विश्वासी ने भी हमेशा परमेश्वर के साथ रहने का प्रतिज्ञा किया है। हालाँकि, इस विचार को कई भाषाओं में दर्शाना मुश्किल हो सकता है।

इन वाक्यांशों के भी विशिष्ट अर्थ हैं जो इस बात पर निर्भर करते हैं कि पौलुस ने उन्हें एक विशेष वाक्यांश में कैसे उपयोग किया है। उदाहरण के लिए, 3:24 में (""उस छुटकारे से जो मसीह यीशु में है""), पौलुस ने यीशु मसीह के ""कारण"" हमारे छुड़ाए जाने को संदर्भित किया है। 8:9 में (""तो तुम शारीरिक दशा में नहीं, परन्तु आत्मिक दशा में हो""), पौलुस ने विश्वासियों के ""पवित्र आत्मा"" के अधीन होने की बात कही है। 9: 1 में (""मैं मसीह में सच कहता हूँ""), पौलुस का अर्थ था कि वह उस सच्चाई को बता रहा है जो यीशु मसीह ""के साथ समझौते में है"" ।

फिर भी, यीशु मसीह के साथ (और पवित्र आत्मा के साथ) हमारे एकजुट होने के मूल विचार को इन वाक्यांशों में भी देखा गया है। इसलिए, अनुवादक के पास कई वाक्यांशों में एक विकल्प है जो ""में"" का उपयोग करते है। वह ""में"" के अधिक तत्काल अर्थ का प्रतिनिधित्व करने के लिए अक्सर ""के बारे में,"" ""के माध्यम से,"" ""के तरीके से,"" या ""के संदर्भ में"" जैसों का निर्णय करेगा। लेकिन, यदि संभव हो तो, अनुवादक को एक शब्द या वाक्यांश चुनना चाहिए जो तत्काल अर्थ और ""के साथ मिलकर"" की भावना को दोहराता है। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/inchrist]])

### यूएलटी के रोमियों में ""पवित्र,"" ""संतों"" या ""पवित्र जन"", और ""शुद्ध"" के विचारों का प्रतिनिधित्व कैसे किया गया है?

पवित्र-शास्त्र विभिन्न विचारों के किसी भी व्यक्ति की ओर संकेत करने के लिए ऐसे शब्दों का उपयोग करता है। इस कारण से, अनुवादकों के लिए अक्सर उनके संस्करणों में उनको अच्छी तरह से दर्शाना मुश्किल होता है। अंग्रेजी में अनुवाद करने में, यूएलटी निम्नलिखित सिद्धांतों का उपयोग करता है:
* कभी-कभी एक वाक्यांश का अर्थ नैतिक पवित्रता का स्पष्ट करता है। सुसमाचार को समझने के लिए विशेष रूप से महत्वपूर्ण तथ्य यह है कि परमेश्वर मसीहियों को पापहीन इसलिए मानते हैं क्योंकि वे यीशु मसीह के साथ एकजुट हैं। एक और संबंधित तथ्य यह है कि परमेश्वर परिपूर्ण और दोष-रहित है। एक तीसरा तथ्य यह है कि मसीहियों को जीवन में एक निर्दोष और दोषरहित तरीके से आचरण करना होता है। इन मामलों में, यूएलटी ""पवित्र,"" ""पवित्र परमेश्वर,"" ""पवित्र जनों"" या ""पवित्र लोगों"" का उपयोग करता है। (देखें: 1:7)
* कभी-कभी एक अनुच्छेद का अर्थ मसीहियों के उनके द्वारा भरी गई किसी विशेष भूमिका के बिना एक सरल संदर्भ की ओर संकेत करता है। ऐसे मामलों में जहाँ कुछ अन्य अंग्रेजी संस्करणों में ""संत"" या ""पवित्र व्यक्ति"" होते हैं, यूएलटी ""विश्वासियों"" का उपयोग करता है। (देखें: 8:27; 12:13; 15:25, 26, 31; 16:2, 15)
* कभी-कभी एक अनुच्छेद का अर्थ किसी व्यक्ति या किसी चीज के एकमात्र परमेश्वर से करने के विचार की ओर संकेत करता है। इन मामलों में, यूएलटी ""अलग करना,"" ""के लिए समर्पित,"" ""पवित्र किया हुआ,"" या ""के लिए संरक्षित"" का उपयोग करता है। (देखें: 15:16)

अक्सर यूएसटी सहायक होगी जब अनुवादक इस बारे में सोचते हैं कि इन विचारों को अपने संस्करणों में कैसे प्रस्तुत किया जाए।

### रोमियों की पुस्तक के पाठ में प्रमुख मुद्दे क्या हैं?

निम्नलिखित पदों में बाइबल का आधुनिक संस्करण पुराने संस्करणों से भिन्न है। यूएलटी आधुनिक पठन को शामिल करता है और पुराने पठन को एक पाद-टिप्पणी में रखता है।

* ""वह [परमेश्वर] सब बातों को मिला कर भलाई को उत्पन्न करता है"" (8:28)। कुछ पुराने संस्करण लिखते हैं, ""सब बातें मिलकर भलाई को उत्पन्न करती हैं।""
* ""यदि यह अनुग्रह से हुआ है, तो फिर कर्मों से नहीं, नहीं तो अनुग्रह फिर अनुग्रह नहीं रहा” (11:6)। कुछ पुराने संस्करण लिखते हैं: ""यदि यह कर्मों से हुआ है, तो फिर यह अधिक अनुग्रह नहीं है: अन्यथा काम फिर काम नहीं है।""

निम्नलिखित पद बाइबल की सर्वश्रेष्ठ प्राचीन प्रतियों में नहीं है। अनुवादकों को सलाह दी गई है कि वे इस पद को शामिल न करें। हालाँकि, यदि अनुवादकों के क्षेत्र में पुराने बाइबल संस्करण हैं, जिनमें यह पद है, तो अनुवादक इसे शामिल कर सकते हैं। यदि इसका अनुवाद किया जाता है, तो यह दर्शाने के लिए इसे वर्ग कोष्ठक ([]) के अंदर रखा जाना चाहिए कि यह शायद रोमियों की पुस्तक का मूल नहीं है।

* ""हमारे प्रभु यीशु मसीह का अनुग्रह तुम पर होता रहे। आमीन ""(16:24)।

(देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/translate-textvariants]])
+ROM 1 intro hn5n 0 # रोमियों 01 सामान्य टिप्पणियाँ
## संरचना एवं स्वरूपण

पहला पद एक प्रकार का परिचय है। प्राचीन भूमध्यसागर क्षेत्र के लोग अक्सर अपने पत्र की शुरूआत इसी प्रकार से करते थे। कभी-कभी इसे ""अभिवादन"" कहा जाता है।

## इस अध्याय में विशेष अवधारणाएँ

### सुसमाचार
यह अध्याय रोमियों की पुस्तक के पाठ को ""सुसमाचार"" के रूप में संदर्भित करता है ([रोमियों 1:2](../../rom/01/02.md))। मत्ती, मरकुस, लूका और यूहन्ना के समान रोमियों एक सुसमाचार नहीं है। इसके बजाए, अध्याय 1-8 बाइबल आधारित सुसमाचार को प्रस्तुत करता है: सबने पाप किया है। यीशु हमारे पापों के लिए मर गया। वह फिर से जी उठा था कि हम उसमें नया जीवन पा सकें।

### फल
यह अध्याय फल की कल्पना का उपयोग करता है। फलों की छवि आमतौर पर एक व्यक्ति के विश्वास को संदर्भित करती है जो उनके जीवन में अच्छे काम कर रहा है। इस अध्याय में, यह रोमी मसीहियों के बीच पौलुस के काम के परिणामों को संदर्भित करता है। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/other/fruit]] और [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/faith]] और [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/righteous]])

### सार्वभौमिक दण्ड और परमेश्वर का क्रोध
यह अध्याय बताता है कि हर कोई बिना किसी बहाने के है। हम सभी अपने सच्चे परमेश्वर, यहोवा, के बारे उसके द्वारा हमारे चारों ओर की गई सृष्टि के द्वारा जानते हैं। हमारे पाप और हमारे पापी स्वभाव के कारण, न्यायिक रूप से हर व्यक्ति परमेश्वर के क्रोध के योग्य है। यह क्रोध क्रूस पर मर कर यीशु द्वारा उनके लिए शांत किया गया जो उस पर विश्वास करते हैं। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/believe]] और [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/sin]])

## इस अध्याय के महत्वपूर्ण अलंकार

### ""परमेश्वर ने उन्हें""
कई विद्वान ""परमेश्वर ने उन्हें दिया"" और ""परमेश्वर ने उन्हें छोड़ दिया"" वाक्यांशों को धार्मिक रूप से महत्वपूर्ण के रूप में देखते हैं। इस कारण से, इन वाक्यांशों को परमेश्वर के क्रिया में निष्क्रिय भूमिका निभाते हुए अनुवाद करना महत्वपूर्ण है। परमेश्वर सिर्फ मनुष्यों को उनकी इच्छाओं का पीछा करने की अनुमति देता है, वह उन्हें मजबूर नहीं करता है। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-activepassive]])

## इस अध्याय में अन्य संभावित अनुवाद की कठिनाइयाँ

### मुश्किल वाक्यांश और अवधारणाएँ

इस अध्याय में कई कठिन विचार हैं। जिस तरीके से पौलुस लिखता है वह इस अध्याय के कई वाक्यांशों का अनुवाद करना मुश्किल कर देता है। वाक्यांशों के अर्थ को समझने के लिए अनुवादक को यूएसटी का उपयोग करने की आवश्यकता हो सकती है। और इन वाक्यांशों का अधिक स्वतंत्र रूप से अनुवाद करना आवश्यक हो सकता है। कुछ कठिन वाक्यांशों में शामिल हैं: ""विश्वास करके आज्ञा मानी,"" ""जिसकी मैं अपनी आत्मा में सेवा करता हूँ,"" ""विश्वास से विश्वास तक"" और ""अविनाशी परमेश्वर की महिमा को नाशवान मनुष्य की समानता में बदल डाला।""
ROM 1 1 x3em figs-explicit Παῦλος 1 Paul "आपकी भाषा में एक पत्र के लेखक का परिचय देने का एक विशेष तरीका हो सकता है। आपको इस पद में यह बताने की आवश्यकता भी हो सकती है कि वे लोग कौन हैं जिन्हें पौलुस ने पत्र लिखा था ([रोमियों 1:7](./07.md))। वैकल्पिक अनुवाद: ""मैं, पौलुस, ने यह पत्र लिखा है"" (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-explicit]])" ROM 1 1 v5b9 figs-activepassive κλητὸς ἀπόστολος, ἀφωρισμένος εἰς εὐαγγέλιον Θεοῦ 1 called to be an apostle and set apart for the gospel of God "आप इसका अनुवाद सक्रिय रूप में कर सकते हैं। वैकल्पिक अनुवाद: ""परमेश्वर ने मुझे प्रेरित कहा और मुझे मनुष्यों को सुसमाचार के बारे में बताने के लिए चुना"" (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-activepassive]])" ROM 1 1 sg88 κλητὸς 1 called इसका अर्थ है कि परमेश्वर ने मनुष्यों को अपनी संतान होने के लिए, उसके सेवक बनने के लिए और यीशु से उद्धार के संदेश का प्रचार के लिए नियुक्त किया है या चुना है। @@ -188,7 +188,7 @@ ROM 2 29 v149 ἐν τῷ κρυπτῷ 1 inwardly यह परमेश्व ROM 2 29 dk8q figs-metonymy καρδίας 1 of the heart "यहाँ ""मन"" आंतरिक व्यक्तित्व के लिए एक उपनाम है। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-metonymy]])" ROM 2 29 dd3p figs-synecdoche ἐν Πνεύματι, οὐ γράμματι 1 in the Spirit, not in the letter "यहाँ ""अक्षर"" एक अलंकार है जो लिखित पवित्रशास्त्र को संदर्भित करता है। वैकल्पिक अनुवाद: ""पवित्र आत्मा के कार्य के माध्यम से, इसलिए नहीं कि तुम शास्त्र जानते हो"" (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-synecdoche]])" ROM 2 29 qa6b ἐν Πνεύματι 1 in the Spirit "यह एक व्यक्ति के आंतरिक, आध्यात्मिक भाग को संदर्भित करता है जिसे ""परमेश्वर का आत्मा"" बदलता है।" -ROM 3 intro y2kb 0 # रोमियों 03 सामान्य टिप्पणियाँ
## संरचना एवं स्वरूपण

कुछ अनुवाद कविता की प्रत्येक पंक्ति को पढ़ने में आसान करने के लिए पाठ के बाकी हिस्सों की तुलना में दाईं ओर निर्धारित करते हैं। यूएलटी इस अध्याय के पद 4 और 10-18 के साथ ऐसा करता है, जो पुराने नियम के वचन हैं।

## इस अध्याय में विशेष अवधारणाएँ

अध्याय 3 इस प्रश्न का उत्तर देता है, ""यहूदी होने से क्या लाभ है।"" एक अन्य व्यक्ति होने के नाते?"" (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/lawofmoses]] और [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/save]])

### ""क्योंकि सभी ने पाप किया है और परमेश्वर की महिमा से रहित हैं""
क्योंकि परमेश्वर पवित्र है, स्वर्ग में उसके साथ होने वाले किसी को भी परिपूर्ण होना चाहिए। किसी भी पाप के लिए किसी व्यक्ति पर दोष लगाया जाएगा। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/heaven]] और [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/condemn]])

### मूसा की व्यवस्था का उद्देश्य
व्यवस्था का पालन करना एक व्यक्ति को परमेश्वर के साथ सही नहीं बना सकता है। परमेश्वर की व्यवस्था का पालन करना एक ऐसा तरीका है जिससे व्यक्ति दिखाता है कि वे परमेश्वर में विश्वास करते हैं। विश्वास से ही मनुष्यों को हमेशा धर्मी ठहराया गया है। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/justice]] और [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/faith]])

## इस अध्याय के महत्वपूर्ण अलंकार

### अलंकारिक प्रश्न
पौलुस अक्सर इस अध्याय में अलंकारिक सवालों का उपयोग करता है। ऐसा प्रतीत होता है कि इन अलंकारिक प्रश्नों की मंशा पाठक को उनके पाप को दिखाने के लिए है जिससे कि वे यीशु पर भरोसा करेंगे। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-rquestion]] और [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/guilt]])
+ROM 3 intro y2kb 0 # रोमियों 03 सामान्य टिप्पणियाँ
## संरचना एवं स्वरूपण

कुछ अनुवाद कविता की प्रत्येक पंक्ति को पढ़ने में आसान करने के लिए पाठ के बाकी हिस्सों की तुलना में दाईं ओर निर्धारित करते हैं। यूएलटी इस अध्याय के पद 4 और 10-18 के साथ ऐसा करता है, जो पुराने नियम के वचन हैं।

## इस अध्याय में विशेष अवधारणाएँ

अध्याय 3 इस प्रश्न का उत्तर देता है, ""यहूदी होने से क्या लाभ है।"" एक अन्य व्यक्ति होने के नाते?"" (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/lawofmoses]] और [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/save]])

### ""क्योंकि सभी ने पाप किया है और परमेश्वर की महिमा से रहित हैं""
क्योंकि परमेश्वर पवित्र है, स्वर्ग में उसके साथ होने वाले किसी को भी परिपूर्ण होना चाहिए। किसी भी पाप के लिए किसी व्यक्ति पर दोष लगाया जाएगा। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/heaven]] और [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/condemn]])

### मूसा की व्यवस्था का उद्देश्य
व्यवस्था का पालन करना एक व्यक्ति को परमेश्वर के साथ सही नहीं बना सकता है। परमेश्वर की व्यवस्था का पालन करना एक ऐसा तरीका है जिससे व्यक्ति दिखाता है कि वे परमेश्वर में विश्वास करते हैं। विश्वास से ही मनुष्यों को हमेशा धर्मी ठहराया गया है। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/justice]] और [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/faith]])

## इस अध्याय के महत्वपूर्ण अलंकार

### अलंकारिक प्रश्न
पौलुस अक्सर इस अध्याय में अलंकारिक सवालों का उपयोग करता है। ऐसा प्रतीत होता है कि इन अलंकारिक प्रश्नों की मंशा पाठक को उनके पाप को दिखाने के लिए है जिससे कि वे यीशु पर भरोसा करेंगे। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-rquestion]] और [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/guilt]])
ROM 3 1 v788 0 Connecting Statement: पौलुस ने यहूदियों को होने वाले लाभ की घोषणा इसलिए की क्योंकि परमेश्वर ने उन्हें अपना व्यवस्था दिया था। ROM 3 1 gcd6 figs-explicit τί οὖν τὸ περισσὸν τοῦ Ἰουδαίου, ἢ τίς ἡ ὠφέλια τῆς περιτομῆς 1 Then what advantage does the Jew have? And what is the benefit of circumcision? "पौलुस उन विचारों को प्रस्तुत करता है जो उसने अध्याय 2 में लिखा था उसे सुनने के बाद लोगों के मनों में आ सकते हैं। वह उन्हें पद 2 में जवाब देने के लिए ऐसा करता है। वैकल्पिक अनुवाद: ""कुछ मनुष्य कह सकते हैं, 'फिर यहूदियों को इससे क्या फायदा? और खतना से क्या लाभ है?'' या ''कुछ मनुष्य कह सकते हैं, ''यदि यह सत्य है, तो यहूदियों को कोई लाभ नहीं है, और खतना होने में कोई लाभ नहीं है।'' (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-explicit]] और [[rc://hi/ta/man/translate/figs-rquestion]])" ROM 3 2 rri9 figs-explicit πολὺ κατὰ πάντα τρόπον 1 It is great in every way "पौलुस अब पद 1 में लाई गई चिंताओं का जवाब देता है। यहाँ ""यह"" यहूदी मनुष्यों के सदस्य होने का उल्लेख करता है। वैकल्पिक अनुवाद: ""लेकिन यहूदी होने का बहुत फायदा है"" (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-explicit]])" @@ -264,7 +264,7 @@ ROM 3 31 wb6r figs-rquestion νόμον οὖν καταργοῦμεν διὰ ROM 3 31 jdq1 figs-rquestion μὴ γένοιτο 1 May it never be "यह अभिव्यक्ति पूर्ववर्ती बयानबाजी के सवाल का सबसे मजबूत संभव नकारात्मक उत्तर देती है। आपके पास अपनी भाषा में एक समान अभिव्यक्ति हो सकती है जिसे आप यहाँ उपयोग कर सकते हैं। वैकल्पिक अनुवाद: ""यह निश्चित रूप से सच नहीं है"" या ""निश्चित रूप से नहीं"" (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-rquestion]])" ROM 3 31 y6qx νόμον ἱστάνομεν 1 we uphold the law हम व्यवस्था का पालन करते हैं ROM 3 31 nzr7 figs-inclusive καταργοῦμεν 1 we यह सर्वनाम पौलुस, अन्य विश्वासियों और पाठकों को संदर्भित करता है। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-inclusive]]) -ROM 4 intro f9jc 0 # रोमियों 04 सामान्य टिप्पणियाँ
## संरचना एवं स्वरूपण

कुछ अनुवाद कविता की प्रत्येक पंक्ति को पढ़ने में आसान बनाने के लिए शेष पाठ की तुलना में दाईं तरफ आगे की ओर व्यवस्थित करते हैं। यूएलटी इस अध्याय के पद 7-8 के साथ ऐसा करता है, जो कि पुराने नियम के वचन हैं।

## इस अध्याय में विशेष अवधारणाएँ

### मूसा की व्यवस्था का उद्देश्य
पौलुस अध्याय 3 से सामग्री का निर्माण करता है। वह बताता है कि इस्राएल का पिता, अब्राहम कैसे धर्मी था। यहाँ तक कि अब्राहम भी अपने कार्यों के कारण धर्मी नहीं ठहराया जा सका था। मूसा के व्यवस्था का पालन करना किसी व्यक्ति को परमेश्वर के सामने धर्मी नहीं ठहराता है। परमेश्वर की आज्ञाओं का पालन करके व्यक्ति यह दर्शाता है कि वे परमेश्वर में विश्वास करते हैं। विश्वास से ही मनुष्यों को हमेशा धर्मी ठहराया गया है। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/justice]] और [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/lawofmoses]] और [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/faith]])

### खतना
खतना इस्राएलियों के लिए महत्वपूर्ण था। इसी के द्वारा किसी व्यक्ति को अब्राहम के वंशज के रूप में पहचाना जाना था। यह अब्राहम और यहोवा के बीच की वाचा का संकेत भी था। हालाँकि, कोई भी व्यक्ति केवल खतना से ही धर्मी नहीं हो सकता था। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/circumcise]] और [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/covenant]])

## इस अध्याय के महत्वपूर्ण अलंकार

### अलंकारिक प्रश्न
पौलुस इस अध्याय में अलंकारिक प्रश्नों का उपयोग करता है। ऐसा प्रतीत होता है कि इन अलंकारिक प्रश्नों की मंशा पाठक को उनके पाप को दिखाने के लिए है जिससे कि वे यीशु पर भरोसा करेंगे। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-rquestion]] और [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/guilt]] और [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/sin]])
+ROM 4 intro f9jc 0 # रोमियों 04 सामान्य टिप्पणियाँ
## संरचना एवं स्वरूपण

कुछ अनुवाद कविता की प्रत्येक पंक्ति को पढ़ने में आसान बनाने के लिए शेष पाठ की तुलना में दाईं तरफ आगे की ओर व्यवस्थित करते हैं। यूएलटी इस अध्याय के पद 7-8 के साथ ऐसा करता है, जो कि पुराने नियम के वचन हैं।

## इस अध्याय में विशेष अवधारणाएँ

### मूसा की व्यवस्था का उद्देश्य
पौलुस अध्याय 3 से सामग्री का निर्माण करता है। वह बताता है कि इस्राएल का पिता, अब्राहम कैसे धर्मी था। यहाँ तक कि अब्राहम भी अपने कार्यों के कारण धर्मी नहीं ठहराया जा सका था। मूसा के व्यवस्था का पालन करना किसी व्यक्ति को परमेश्वर के सामने धर्मी नहीं ठहराता है। परमेश्वर की आज्ञाओं का पालन करके व्यक्ति यह दर्शाता है कि वे परमेश्वर में विश्वास करते हैं। विश्वास से ही मनुष्यों को हमेशा धर्मी ठहराया गया है। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/justice]] और [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/lawofmoses]] और [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/faith]])

### खतना
खतना इस्राएलियों के लिए महत्वपूर्ण था। इसी के द्वारा किसी व्यक्ति को अब्राहम के वंशज के रूप में पहचाना जाना था। यह अब्राहम और यहोवा के बीच की वाचा का संकेत भी था। हालाँकि, कोई भी व्यक्ति केवल खतना से ही धर्मी नहीं हो सकता था। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/circumcise]] और [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/covenant]])

## इस अध्याय के महत्वपूर्ण अलंकार

### अलंकारिक प्रश्न
पौलुस इस अध्याय में अलंकारिक प्रश्नों का उपयोग करता है। ऐसा प्रतीत होता है कि इन अलंकारिक प्रश्नों की मंशा पाठक को उनके पाप को दिखाने के लिए है जिससे कि वे यीशु पर भरोसा करेंगे। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-rquestion]] और [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/guilt]] और [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/sin]])
ROM 4 1 gw29 0 Connecting Statement: पौलुस इस बात की पुष्टि करता है कि अतीत में भी विश्वासियों को विश्वास के द्वारा परमेश्वर के साथ धर्मी ठहराया गया था, व्यवस्था द्वारा नहीं। ROM 4 1 gwp3 figs-rquestion τί οὖν ἐροῦμεν, εὑρηκέναι Ἀβραὰμ τὸν προπάτορα ἡμῶν κατὰ σάρκα 1 What then will we say that Abraham, our forefather according to the flesh, found? "पौलुस पाठक का ध्यान आकर्षित करने और कुछ नई बातों को शुरू करने के लिए प्रश्न का उपयोग करता है। वैकल्पिक अनुवाद: ""यह वही है जो हमारे शारीरिक पूर्वज अब्राहम ने पाया"" (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-rquestion]])" ROM 4 3 w9i5 figs-rquestion τί γὰρ ἡ Γραφὴ λέγει 1 For what does the scripture say "पौलुस जोर देने के लिए इस प्रश्न का उपयोग करता है। वह पवित्र शास्त्र को ऐसे बोलता है जैसे कि वे जीवित थे और बात कर सकते थे। वैकल्पिक अनुवाद: ""क्योंकि हम पवित्र शास्त्र में पढ़ सकते हैं"" (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-rquestion]] और [[rc://hi/ta/man/translate/figs-personification]])" @@ -317,7 +317,7 @@ ROM 4 24 pfc9 figs-inclusive δι’ ἡμᾶς 1 for us """हमें"" श ROM 4 24 nh4k figs-activepassive καὶ δι’ ἡμᾶς, οἷς μέλλει λογίζεσθαι, τοῖς πιστεύουσιν 1 It was written also for us, for whom it will be counted, we who believe "आप इसका अनुवाद सक्रिय रूप में कर सकते हैं। वैकल्पिक अनुवाद: ""यह हमारे लाभ के लिए भी था, क्योंकि परमेश्वर हमें भी धर्मी मानेंगे यदि हम विश्वास करते हैं"" (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-activepassive]])" ROM 4 24 a6c7 figs-idiom τὸν ἐγείραντα Ἰησοῦν, τὸν Κύριον ἡμῶν, ἐκ νεκρῶν 1 him who raised Jesus our Lord from the dead "मरे हुए से उठाया, यहाँ एक मुहावरा है जिसका अर्थ है ""फिर से जीवित किया।"" वैकल्पिक अनुवाद: ""जिसने यीशु, हमारे प्रभु को फिर से जीवित किया"" (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-idiom]]) ROM 4 25 cca1 figs-activepassive ὃς παρεδόθη διὰ τὰ παραπτώματα ἡμῶν, καὶ ἠγέρθη διὰ τὴν δικαίωσιν ἡμῶν 1 who was delivered up for our trespasses और was raised for our justification आप इसका अनुवाद सक्रिय रूप में कर सकते हैं। वैकल्पिक अनुवाद: ""जिसे परमेश्वर ने हमारे अपराधों के लिये दुश्मनों को सौंप दिया था और जिसे परमेश्वर जीवन में वापस लाया था ताकि वह हमें उसके साथ धर्मी ठहरा सके"" (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-activepassive]]) -ROM 5 intro i1dt 0 # रोमियों 05 सामान्य टिप्पणियाँ
## संरचना एवं स्वरूपण

कई विद्वान 12-17 पदों को सबसे महत्वपूर्ण पदों के रूप में देखते है जो बहुत कठिन है और पवित्र शास्त्र में समझने ने बहुत कठिन हैं। मूल यूनानी भाषा से अनुवाद होने के दौरान इसकी समृद्धि और अर्थ खोने की संभावना है।

### इस अध्याय में विशेष अवधारणाएँ

### धार्मिकता के परिणाम
पौलुस बताता है कि धर्मी होना इस अध्याय का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। इन परिणामों में परमेश्वर के साथ शांति होना, परमेश्वर तक पहुँचना, हमारे भविष्य के बारे में आश्वस्त होना, दुःख होने पर भी आनन्दित होना, अनन्त रूप से बचाया जाना और परमेश्वर के साथ सामंजस्य स्थापित करना शामिल है। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/justice]])

### ""सभी ने पाप किया""
विद्वान पद 12 में पौलुस के अर्थ को लेकर विभाजित है कि इसका मतलब क्या है: ""पाप के द्वारा मृत्यु आई, और इस रीति से मृत्यु सब मनुष्यों में फैल गई, क्योंकि सब ने पाप किया।"" कुछ का मानना है कि मानवजाति के सभी ""आदम के बीज"" में मौजूद थे। इसलिए, जैसा कि आदम सभी मानवजाति का पिता है, आदम के पाप करते समय भी सम्पूर्ण मानवजाति मौजूद थी। दूसरों का मानना है कि आदम मानवजाति के लिए एक प्रतिनिधि के रूप में कार्य करता था। इसलिए जब उसने पाप किया, तो परिणाम के रूप में मानवजाति के सभी ""गिर गए""। क्या आज लोग आदम के मूल पाप में सक्रिय या निष्क्रिय भूमिका निभाते हैं, इन विचारों में भिन्नता है। अन्य अनुच्छेद एक निर्णय लेने में सहायता करेंगे। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/other/seed]] और [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/sin]] और [[rc://hi/ta/man/translate/figs-activepassive]])

### दूसरा आदम
आदम परमेश्वर का पहला आदमी और पहला ""पुत्र"" था। उसे परमेश्वर ने बनाया था। वह निषिद्ध फल खाकर जगत में पाप और मृत्यु लाया। पौलुस इस अध्याय में यीशु को ""दूसरा आदम"" और परमेश्वर का सच्चा पुत्र बताता है। वह जीवन लाता है और क्रूस पर मर कर पाप और मृत्यु पर काबू पा लेता है। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/sonofgod]] और [[rc://hi/tw/dict/bible/other/death]])
+ROM 5 intro i1dt 0 # रोमियों 05 सामान्य टिप्पणियाँ
## संरचना एवं स्वरूपण

कई विद्वान 12-17 पदों को सबसे महत्वपूर्ण पदों के रूप में देखते है जो बहुत कठिन है और पवित्र शास्त्र में समझने ने बहुत कठिन हैं। मूल यूनानी भाषा से अनुवाद होने के दौरान इसकी समृद्धि और अर्थ खोने की संभावना है।

### इस अध्याय में विशेष अवधारणाएँ

### धार्मिकता के परिणाम
पौलुस बताता है कि धर्मी होना इस अध्याय का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। इन परिणामों में परमेश्वर के साथ शांति होना, परमेश्वर तक पहुँचना, हमारे भविष्य के बारे में आश्वस्त होना, दुःख होने पर भी आनन्दित होना, अनन्त रूप से बचाया जाना और परमेश्वर के साथ सामंजस्य स्थापित करना शामिल है। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/justice]])

### ""सभी ने पाप किया""
विद्वान पद 12 में पौलुस के अर्थ को लेकर विभाजित है कि इसका मतलब क्या है: ""पाप के द्वारा मृत्यु आई, और इस रीति से मृत्यु सब मनुष्यों में फैल गई, क्योंकि सब ने पाप किया।"" कुछ का मानना है कि मानवजाति के सभी ""आदम के बीज"" में मौजूद थे। इसलिए, जैसा कि आदम सभी मानवजाति का पिता है, आदम के पाप करते समय भी सम्पूर्ण मानवजाति मौजूद थी। दूसरों का मानना है कि आदम मानवजाति के लिए एक प्रतिनिधि के रूप में कार्य करता था। इसलिए जब उसने पाप किया, तो परिणाम के रूप में मानवजाति के सभी ""गिर गए""। क्या आज लोग आदम के मूल पाप में सक्रिय या निष्क्रिय भूमिका निभाते हैं, इन विचारों में भिन्नता है। अन्य अनुच्छेद एक निर्णय लेने में सहायता करेंगे। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/other/seed]] और [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/sin]] और [[rc://hi/ta/man/translate/figs-activepassive]])

### दूसरा आदम
आदम परमेश्वर का पहला आदमी और पहला ""पुत्र"" था। उसे परमेश्वर ने बनाया था। वह निषिद्ध फल खाकर जगत में पाप और मृत्यु लाया। पौलुस इस अध्याय में यीशु को ""दूसरा आदम"" और परमेश्वर का सच्चा पुत्र बताता है। वह जीवन लाता है और क्रूस पर मर कर पाप और मृत्यु पर काबू पा लेता है। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/sonofgod]] और [[rc://hi/tw/dict/bible/other/death]])
ROM 5 1 xmp3 0 Connecting Statement: पौलुस कई अलग-अलग बातें बताने लगता है जो तब होती हैं जब परमेश्वर विश्वासियों को अपने साथ रखता है। ROM 5 1 age4 δικαιωθέντες οὖν 1 Since we are justified क्योंकि हम धर्मी हैं" ROM 5 1 s6xd figs-inclusive …ἡμῶν 1 we ... our """हम"" और ""हमारे"" की सभी घटनाएँ सभी विश्वासियों को संदर्भित करती हैं और सम्मिलित होनी चाहिए। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-inclusive]])" @@ -375,7 +375,7 @@ ROM 5 21 wmy8 figs-personification ὥσπερ ἐβασίλευσεν ἡ ἁμ ROM 5 21 w4ut figs-personification οὕτως καὶ ἡ χάρις βασιλεύσῃ διὰ δικαιοσύνης, εἰς ζωὴν αἰώνιον διὰ Ἰησοῦ Χριστοῦ τοῦ Κυρίου ἡμῶν 1 even so grace might rule through righteousness for everlasting life through Jesus Christ our Lord "पौलुस यहाँ ""अनुग्रह"" की बात करता है जैसे कि वह एक राजा था जिसने राज्य किया था। वैकल्पिक अनुवाद: ""अनुग्रह ने लोगों को अनन्त जीवन दिया यीशु मसीह हमारे परमेश्वर की धार्मिकता के माध्यम से"" (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-personification]] और [[rc://hi/ta/man/translate/figs-metaphor]])" ROM 5 21 m5by figs-personification οὕτως…ἡ χάρις βασιλεύσῃ διὰ δικαιοσύνης 1 so grace might rule through righteousness "पौलुस यहाँ ""अनुग्रह"" की बात करता है जैसे कि वह एक राजा था जिसने राज्य किया था। शब्द ""धार्मिकता"" परमेश्वर की क्षमता को मनुष्यों को उसके साथ धर्मी बनाने के लिए संदर्भित करता है। वैकल्पिक अनुवाद: ""इसलिए परमेश्वर लोगों को अपने साथ धर्मी ठहराने के लिए अपना मुफ्त उपहार दे सकते हैं"" (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-personification]] और [[rc://hi/ta/man/translate/figs-explicit]])" ROM 5 21 ew1b figs-inclusive τοῦ Κυρίου ἡμῶν 1 our Lord पौलुस स्वयं को शामिल करता है, उसके पाठक और सभी विश्वासी शामिल हैं। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-inclusive]]) -ROM 6 intro v522 0 # रोमियों 06 सामान्य टिप्पणियाँ
## संरचना एवं स्वरूपण

पौलुस इस अध्याय को यह उत्तर देने के साथ आरम्भ करता है कि कोई व्यक्ति अध्याय 5 में सिखाई गई चीजों के बारे में काल्पनिक रूप से कैसे आपत्ति कर सकता है। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-hypo]])

## इस अध्याय में विशेष अवधारणाएँ

### व्यवस्था के खिलाफ
इस अध्याय में, पौलुस ने शिक्षण से इंकार किया है कि मसीही जीवित रह सकते हैं लेकिन वे चाहते हैं कि उन्हें बचाया जाए। विद्वानों ने इसे ""विधिमुक्‍तिवाद"" या ""व्यवस्था के खिलाफ"" कहा है। ईश्वरीय जीवन जीने के लिए प्रेरित करने के लिए, पौलुस ने एक मसीही को बचाने के लिए यीशु द्वारा दिए गए महान मूल्य को याद किया। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/save]] और [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/godly]])

### पाप के सेवक
यीशु में विश्वास करने से पहले, पाप लोगों को दास बनता हैं। परमेश्वर मसीहियों को पाप करने से मुक्त करता है। वे अपने जीवन में मसीह की सेवा करने में सक्षम हैं। पौलुस बताता है कि जब मसीही लोग पाप करना चुनते हैं, तो वे स्वेच्छा से पाप करना चुनते हैं। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/faith]] और [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/sin]])

### फल
यह अध्याय काल्पनिक फल का उपयोग करता है। फलों की छवि आमतौर पर एक व्यक्ति के विश्वास को संदर्भित करती है जो उनके जीवन में अच्छे काम कर रहा है। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/other/fruit]] और [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/righteous]])

## इस अध्याय के महत्वपूर्ण अलंकार

### अलंकारिक प्रश्न
पौलुस इस अध्याय में अलंकारिक प्रश्नों का उपयोग करता है। ऐसा प्रतीत होता है कि इन अलंकारिक प्रश्नों की मंशा पाठक को उनके पाप को दिखाने के लिए है जिससे कि वे यीशु पर भरोसा करेंगे। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-rquestion]] और [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/guilt]] और [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/sin]])

## इस अध्याय में अन्य संभावित अनुवाद की कठिनाइयाँ

### मौत
पौलुस इस अध्याय में कई अलग-अलग तरीकों से ""मृत्यु"" का उपयोग करता है: शारीरिक मृत्यु, आध्यात्मिक मृत्यु, पाप में राज करना मनुष्य का मन, और कुछ खत्म करने के लिए। वह मसीह द्वारा प्रदान किए गए नए जीवन और नए तरीके से मसीहियों के जीवित रहने के बाद पाप और मृत्यु के विपरीत है। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/other/death]])
+ROM 6 intro v522 0 # रोमियों 06 सामान्य टिप्पणियाँ
## संरचना एवं स्वरूपण

पौलुस इस अध्याय को यह उत्तर देने के साथ आरम्भ करता है कि कोई व्यक्ति अध्याय 5 में सिखाई गई चीजों के बारे में काल्पनिक रूप से कैसे आपत्ति कर सकता है। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-hypo]])

## इस अध्याय में विशेष अवधारणाएँ

### व्यवस्था के खिलाफ
इस अध्याय में, पौलुस ने शिक्षण से इंकार किया है कि मसीही जीवित रह सकते हैं लेकिन वे चाहते हैं कि उन्हें बचाया जाए। विद्वानों ने इसे ""विधिमुक्‍तिवाद"" या ""व्यवस्था के खिलाफ"" कहा है। ईश्वरीय जीवन जीने के लिए प्रेरित करने के लिए, पौलुस ने एक मसीही को बचाने के लिए यीशु द्वारा दिए गए महान मूल्य को याद किया। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/save]] और [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/godly]])

### पाप के सेवक
यीशु में विश्वास करने से पहले, पाप लोगों को दास बनता हैं। परमेश्वर मसीहियों को पाप करने से मुक्त करता है। वे अपने जीवन में मसीह की सेवा करने में सक्षम हैं। पौलुस बताता है कि जब मसीही लोग पाप करना चुनते हैं, तो वे स्वेच्छा से पाप करना चुनते हैं। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/faith]] और [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/sin]])

### फल
यह अध्याय काल्पनिक फल का उपयोग करता है। फलों की छवि आमतौर पर एक व्यक्ति के विश्वास को संदर्भित करती है जो उनके जीवन में अच्छे काम कर रहा है। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/other/fruit]] और [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/righteous]])

## इस अध्याय के महत्वपूर्ण अलंकार

### अलंकारिक प्रश्न
पौलुस इस अध्याय में अलंकारिक प्रश्नों का उपयोग करता है। ऐसा प्रतीत होता है कि इन अलंकारिक प्रश्नों की मंशा पाठक को उनके पाप को दिखाने के लिए है जिससे कि वे यीशु पर भरोसा करेंगे। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-rquestion]] और [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/guilt]] और [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/sin]])

## इस अध्याय में अन्य संभावित अनुवाद की कठिनाइयाँ

### मौत
पौलुस इस अध्याय में कई अलग-अलग तरीकों से ""मृत्यु"" का उपयोग करता है: शारीरिक मृत्यु, आध्यात्मिक मृत्यु, पाप में राज करना मनुष्य का मन, और कुछ खत्म करने के लिए। वह मसीह द्वारा प्रदान किए गए नए जीवन और नए तरीके से मसीहियों के जीवित रहने के बाद पाप और मृत्यु के विपरीत है। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/other/death]])
ROM 6 1 x13n 0 Connecting Statement: अनुग्रह के तहत, पौलुस उन मनुष्यों को बताता है जो यीशु में जीवित रहने के लिए एक नया जीवन जीते हैं जैसे वे पाप के लिए मृत और परमेश्वर के लिए जीवित हैं। ROM 6 1 pvg3 figs-rquestion τί οὖν ἐροῦμεν? ἐπιμένωμεν τῇ ἁμαρτίᾳ, ἵνα ἡ χάρις πλεονάσῃ 1 What then will we say? Should we continue in sin so that grace may abound? पौलुस अपने पाठकों का ध्यान आकर्षित करने के लिए इन अलंकारिक प्रश्नों का उपयोग करता है। वैकल्पिक अनुवाद: “तो, इन सब के बारे में हमें क्या कहना चाहिए? हमें निश्चित रूप से पाप इसलिए नहीं करना चाहिए ताकि परमेश्वर हमें अधिक से अधिक अनुग्रह प्रदान करे! (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-rquestion]]) ROM 6 1 fj9e figs-inclusive ἐροῦμεν 1 we say "सर्वनाम ""हम"" पौलुस, उनके पाठकों और अन्य मनुष्यों को संदर्भित करता है। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-inclusive]])" @@ -505,7 +505,7 @@ ROM 7 24 nu6u με ῥύσεται 1 deliver me मुझे बचाओ ROM 7 24 md8e figs-metaphor τοῦ σώματος τοῦ θανάτου τούτου 1 this body of death यह एक रूपक है जिसका अर्थ है एक शरीर जो शारीरिक मृत्यु का अनुभव करेगा। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-metaphor]]) ROM 7 25 w9ui χάρις τῷ Θεῷ διὰ Ἰησοῦ Χριστοῦ τοῦ Κυρίου ἡμῶν 1 But thanks be to God through Jesus Christ our Lord 7:24 में इस प्रश्न का उत्तर है। ROM 7 25 adx1 figs-metaphor ἄρα οὖν αὐτὸς ἐγὼ, τῷ μὲν νοῒ δουλεύω νόμῳ Θεοῦ; τῇ δὲ σαρκὶ, νόμῳ ἁμαρτίας 1 So then, I myself serve the law of God with my mind. However, with the flesh I serve the principle of sin "मन और शरीर का उपयोग यह दिखाने के लिए किया गया है कि वे परमेश्वर के नियम या पाप के सिद्धांत की सेवा की तुलना कैसे करते हैं। मन या बुद्धि के साथ परमेश्वर को प्रसन्न करने और पालन करने के लिए और शरीर या भौतिक प्रकृति के साथ पाप की सेवा करने के लिए चुन सकते हैं। वैकल्पिक अनुवाद: ""मेरा मन परमेश्वर को खुश करने का चयन करता है लेकिन मेरा शरीर पाप का पालन करना चुनता है"" (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-metaphor]])" -ROM 8 intro ev4r 0 # रोमियों 08 सामान्य टिप्पणियाँ
## संरचना एवं स्वरूपण

इस अध्याय का पहला पद एक संक्रमणकालीन वाक्य है। पौलुस अध्याय 7 के अपने शिक्षण का समापन करता है और अध्याय 8 के वचनों की ओर अगुवाई करता है।

कुछ अनुवाद कविता की प्रत्येक पंक्ति को शेष पाठ की तुलना में दाईं तरफ आगे की ओर व्यवस्थित करते हैं ताकि यह पढ़ने में आसान हो सके। यूएलटी पद 36 के साथ ऐसा करता है। पौलुस पुराने नियम के इन वचनों को उद्धरित करता है।

## इस अध्याय में विशेष अवधारणाएँ

### आत्मा का वास
पवित्र-आत्मा किसी व्यक्ति के अंदर या उनके मन के अंदर रहने के लिए कहा जाता है। यदि आत्मा मौजूद है, तो यह दर्शाता है कि एक व्यक्ति बच गया है। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/save]])

### ""ये परमेश्वर के पुत्र हैं""
यीशु एक अनोखे तरीके से परमेश्वर का पुत्र है। परमेश्वर मसीहियों को भी अपने संतान के रूप में अपनाता है। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/sonofgod]] और [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/adoption]])

### भविष्यवाणी
कई विद्वानों का मानना है कि इस अध्याय में पौलुस ""भविष्यवाणी"" नामक एक विषय पर शिक्षा देता है। यह ""भविष्यवाणी"" की बाइबल अवधारणा से संबंधित है। कुछ लोग यह संकेत करने के लिए इसे लेते हैं कि परमेश्वर ने जगत की नींव से पहले, कुछ को चुना है ताकि उन्हें हमेशा बचाया जा सके। इस विषय पर बाइबल के बारे में मसीहियों के अलग-अलग विचार हैं। इसलिए अनुवादकों को इस अध्याय का अनुवाद करते समय अतिरिक्त सावधानी बरतने की जरूरत है, विशेष रूप से कार्य-कारण के तत्वों के संबंध में। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/predestine]] और [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/save]])

## इस अध्याय के महत्वपूर्ण अलंकार

### रूपक
पौलुस काव्यात्मक रूप से एक विस्तारित रूपक के रूप में पद 38 और 39 में अपने शिक्षण को प्रस्तुत करता है। वह बताता है कि कोई भी व्यक्ति यीशु में परमेश्वर के प्रेम को अलग नहीं कर सकता है। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-metaphor]])

## इस अध्याय में अन्य संभावित अनुवाद की कठिनाइयाँ

### दंड नहीं
इस वाक्यांश को सैद्धांतिक भ्रम से बचने के लिए सावधानी से अनुवाद किया जाना चाहिए। लोग अब भी अपने पाप के लिए दोषी हैं। परमेश्वर यीशु पर विश्वास करने के बाद भी अगर कोई पाप से लिप्त रहता है तो परमेश्वर उसे अस्वीकार करता है। परमेश्वर अभी भी विश्वासियों के पापों को दंडित करता हैं, लेकिन यीशु ने उनके पाप की सजा का भुगतान किया है। यह वही है जो पौलुस ने यहाँ व्यक्त किया है। ""दंड"" शब्द के कई संभावित अर्थ हैं। यहाँ पौलुस इस बात पर जोर देता है कि जो लोग यीशु पर विश्वास करते हैं, उन्हें ""नरक का दंड"" देकर उनके पाप के लिए अनंतकाल तक दंडित नहीं किया गया है। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/guilt]] और [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/faith]] और [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/condemn]])

### शरीर

यह एक जटिल मुद्दा है। ""शरीर"" संभवतः हमारे पापी प्रकृति के लिए एक रूपक है। पौलुस यह नहीं सिखा रहा है कि हमारी भौतिक देह पापी हैं। पौलुस यह सिखाता है कि जब तक मसीही जन जीवित हैं (""देह में""), हम पाप करते रहेंगे। लेकिन हमारी नई प्रकृति हमारी पुरानी प्रकृति के खिलाफ लड़ रही है। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/flesh]])
+ROM 8 intro ev4r 0 # रोमियों 08 सामान्य टिप्पणियाँ
## संरचना एवं स्वरूपण

इस अध्याय का पहला पद एक संक्रमणकालीन वाक्य है। पौलुस अध्याय 7 के अपने शिक्षण का समापन करता है और अध्याय 8 के वचनों की ओर अगुवाई करता है।

कुछ अनुवाद कविता की प्रत्येक पंक्ति को शेष पाठ की तुलना में दाईं तरफ आगे की ओर व्यवस्थित करते हैं ताकि यह पढ़ने में आसान हो सके। यूएलटी पद 36 के साथ ऐसा करता है। पौलुस पुराने नियम के इन वचनों को उद्धरित करता है।

## इस अध्याय में विशेष अवधारणाएँ

### आत्मा का वास
पवित्र-आत्मा किसी व्यक्ति के अंदर या उनके मन के अंदर रहने के लिए कहा जाता है। यदि आत्मा मौजूद है, तो यह दर्शाता है कि एक व्यक्ति बच गया है। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/save]])

### ""ये परमेश्वर के पुत्र हैं""
यीशु एक अनोखे तरीके से परमेश्वर का पुत्र है। परमेश्वर मसीहियों को भी अपने संतान के रूप में अपनाता है। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/sonofgod]] और [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/adoption]])

### भविष्यवाणी
कई विद्वानों का मानना है कि इस अध्याय में पौलुस ""भविष्यवाणी"" नामक एक विषय पर शिक्षा देता है। यह ""भविष्यवाणी"" की बाइबल अवधारणा से संबंधित है। कुछ लोग यह संकेत करने के लिए इसे लेते हैं कि परमेश्वर ने जगत की नींव से पहले, कुछ को चुना है ताकि उन्हें हमेशा बचाया जा सके। इस विषय पर बाइबल के बारे में मसीहियों के अलग-अलग विचार हैं। इसलिए अनुवादकों को इस अध्याय का अनुवाद करते समय अतिरिक्त सावधानी बरतने की जरूरत है, विशेष रूप से कार्य-कारण के तत्वों के संबंध में। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/predestine]] और [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/save]])

## इस अध्याय के महत्वपूर्ण अलंकार

### रूपक
पौलुस काव्यात्मक रूप से एक विस्तारित रूपक के रूप में पद 38 और 39 में अपने शिक्षण को प्रस्तुत करता है। वह बताता है कि कोई भी व्यक्ति यीशु में परमेश्वर के प्रेम को अलग नहीं कर सकता है। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-metaphor]])

## इस अध्याय में अन्य संभावित अनुवाद की कठिनाइयाँ

### दंड नहीं
इस वाक्यांश को सैद्धांतिक भ्रम से बचने के लिए सावधानी से अनुवाद किया जाना चाहिए। लोग अब भी अपने पाप के लिए दोषी हैं। परमेश्वर यीशु पर विश्वास करने के बाद भी अगर कोई पाप से लिप्त रहता है तो परमेश्वर उसे अस्वीकार करता है। परमेश्वर अभी भी विश्वासियों के पापों को दंडित करता हैं, लेकिन यीशु ने उनके पाप की सजा का भुगतान किया है। यह वही है जो पौलुस ने यहाँ व्यक्त किया है। ""दंड"" शब्द के कई संभावित अर्थ हैं। यहाँ पौलुस इस बात पर जोर देता है कि जो लोग यीशु पर विश्वास करते हैं, उन्हें ""नरक का दंड"" देकर उनके पाप के लिए अनंतकाल तक दंडित नहीं किया गया है। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/guilt]] और [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/faith]] और [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/condemn]])

### शरीर

यह एक जटिल मुद्दा है। ""शरीर"" संभवतः हमारे पापी प्रकृति के लिए एक रूपक है। पौलुस यह नहीं सिखा रहा है कि हमारी भौतिक देह पापी हैं। पौलुस यह सिखाता है कि जब तक मसीही जन जीवित हैं (""देह में""), हम पाप करते रहेंगे। लेकिन हमारी नई प्रकृति हमारी पुरानी प्रकृति के खिलाफ लड़ रही है। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/flesh]])
ROM 8 1 xq2y 0 Connecting Statement: पौलुस पाप और अच्छे के साथ किए गए संघर्ष का जवाब देता है। ROM 8 1 xw65 figs-explicit οὐδὲν ἄρα νῦν κατάκριμα τοῖς ἐν Χριστῷ Ἰησοῦ 1 There is therefore now no condemnation for those who are in Christ Jesus "यहाँ ""दंड देना"" मनुष्यों को दंडित करने के लिए संदर्भित करता है। वैकल्पिक अनुवाद: ""परमेश्वर यीशु मसीह से जुड़ने वालों को निंदा और दंड नहीं देंगे"" (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-explicit]])" ROM 8 1 i12t ἄρα 1 therefore "उस कारण से या ""क्योंकि जो मैंने अभी तुमको बताया है वह सच है""" @@ -602,7 +602,7 @@ ROM 8 37 wcm6 figs-explicit διὰ τοῦ ἀγαπήσαντος ἡμᾶς 1 ROM 8 38 fch1 πέπεισμαι 1 I have been convinced "मैं आश्वस्त हूं या ""मुझे विश्वास है""" ROM 8 38 js9q ἀρχαὶ 1 governments संभावित अर्थ हैं 1) दुष्ट या 2) मानव राजा और शासक हैं। ROM 8 38 q7ti οὔτε δυνάμεις 1 nor powers इसके संभावित अर्थ हैं 1) सामर्थ के साथ आध्यात्मिक प्राणी या 2) सत्ता के साथ मनुष्य -ROM 9 intro w6f4 0 # रोमियों 09 सामान्य टिप्पणियाँ
## संरचना एवं स्वरूपण

इस अध्याय में, पौलुस जो सिखा रहा था वह उससे अलग विषय पर जाता है। अध्याय 9-11 में, वह इस्राएल के राष्ट्र पर ध्यान केंद्रित करता है।

कुछ अनुवाद पढ़ने के लिए आसान बनाने के लिए पाठ के बाकी हिस्सों की तुलना में कविता की प्रत्येक पंक्ति को दाईं ओर निर्धारित करते हैं। यूएलटी इस अध्याय के पद 25-29 और 33 के साथ करता है। पौलुस पुराने नियम से इन सभी शब्दों को उद्धृत करता हैं।

## इस अध्याय में विशेष अवधारणा

### शरीर
पौलुस इस अध्याय में ""शरीर"" शब्द का उपयोग केवल इजरायल के संदर्भ में करता हैं, मनुष्य शारीरिक रूप से अवरोही हैं इब्राहीम के माध्यम से इब्राहीम, जो परमेश्वर ने इजरायल का नाम दिया। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/flesh]])

अन्य अध्यायों में, पौलुस “भाई” शब्द का इस्तेमाल साथी मसीहियों के लिए करता है। हालाँकि, इस अध्याय में, वह ""मेरे भाइयों"" का उपयोग अपने रिश्तेदार इस्राएलियों के लिए करता है।

पौलुस उन मनुष्यों को जो यीशु पर विश्वास करते हैं उन्हें ""परमेश्वर के बच्चे"" और ""प्रतिज्ञा के बच्चे"" के रूप में संदर्भित करता है।""

### । पूर्वनियति
बहुत से विद्वानों का मानना है कि इस अध्याय में पौलुस बड़े पैमाने पर ""पूर्वनियति"" के विषय पर सिखाता है। यह ""भविष्यवाणी"" की बाइबल अवधारणा से संबंधित है। कुछ इसे दर्शित करने के लिए लेते हैं कि परमेश्वर ने जगत की नींव से पहले, कुछ मनुष्यों को अनंतकाल के लिए चुना है। इस विषय पर बाइबल के बारे में मसीहियों के अलग-अलग विचार हैं। इसलिए अनुवादकों को इस अध्याय का अनुवाद करते समय अधिक ध्यान रखने की आवश्यकता है। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/predestine]] और [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/save]])

## इस अध्याय के महत्वपूर्ण अलंकार

### ठोकर के पत्थर बताते हैं कि जब कुछ अन्यजातियों ने यीशु को अपने उद्धारकर्ता के रूप में स्वीकार किया था, उस पर विश्वास करके, अधिकांश यहूदी अपना उद्धार पाने की कोशिश कर रहे थे इसलिए उन्होंने यीशु को अस्वीकार कर दिया। पौलुस, पुराने नियम के हवाले से, यीशु का वर्णन एक पत्थर के रूप में करता है जो यहूदियों के चलने पर ठोकर देता है। यह ""ठोकर का पत्थर"" उनके ""गिरने"" का कारण बनता है। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-metaphor]])

## इस अध्याय में अन्य संभावित अनुवाद की कठिनाइयाँ

### ""इस्राएल का हर कोई नहीं है जो वास्तव में इस्राएल से संबंधित है।""
पौलुस इस पद में ""इस्राएल"" शब्द का उपयोग विभिन्न अर्थ के साथ करता है। पहले ""इस्राएल"" का अर्थ है याकूब के माध्यम से अब्राहम के शारीरिक वंशज। दूसरा ""इस्राएल"" का अर्थ है जो विश्वास के माध्यम से परमेश्वर के मनुष्य हैं। यूएसटी इसे दर्शाता है।
+ROM 9 intro w6f4 0 # रोमियों 09 सामान्य टिप्पणियाँ
## संरचना एवं स्वरूपण

इस अध्याय में, पौलुस जो सिखा रहा था वह उससे अलग विषय पर जाता है। अध्याय 9-11 में, वह इस्राएल के राष्ट्र पर ध्यान केंद्रित करता है।

कुछ अनुवाद पढ़ने के लिए आसान बनाने के लिए पाठ के बाकी हिस्सों की तुलना में कविता की प्रत्येक पंक्ति को दाईं ओर निर्धारित करते हैं। यूएलटी इस अध्याय के पद 25-29 और 33 के साथ करता है। पौलुस पुराने नियम से इन सभी शब्दों को उद्धृत करता हैं।

## इस अध्याय में विशेष अवधारणा

### शरीर
पौलुस इस अध्याय में ""शरीर"" शब्द का उपयोग केवल इजरायल के संदर्भ में करता हैं, मनुष्य शारीरिक रूप से अवरोही हैं इब्राहीम के माध्यम से इब्राहीम, जो परमेश्वर ने इजरायल का नाम दिया। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/flesh]])

अन्य अध्यायों में, पौलुस “भाई” शब्द का इस्तेमाल साथी मसीहियों के लिए करता है। हालाँकि, इस अध्याय में, वह ""मेरे भाइयों"" का उपयोग अपने रिश्तेदार इस्राएलियों के लिए करता है।

पौलुस उन मनुष्यों को जो यीशु पर विश्वास करते हैं उन्हें ""परमेश्वर के बच्चे"" और ""प्रतिज्ञा के बच्चे"" के रूप में संदर्भित करता है।""

### । पूर्वनियति
बहुत से विद्वानों का मानना है कि इस अध्याय में पौलुस बड़े पैमाने पर ""पूर्वनियति"" के विषय पर सिखाता है। यह ""भविष्यवाणी"" की बाइबल अवधारणा से संबंधित है। कुछ इसे दर्शित करने के लिए लेते हैं कि परमेश्वर ने जगत की नींव से पहले, कुछ मनुष्यों को अनंतकाल के लिए चुना है। इस विषय पर बाइबल के बारे में मसीहियों के अलग-अलग विचार हैं। इसलिए अनुवादकों को इस अध्याय का अनुवाद करते समय अधिक ध्यान रखने की आवश्यकता है। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/predestine]] और [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/save]])

## इस अध्याय के महत्वपूर्ण अलंकार

### ठोकर के पत्थर बताते हैं कि जब कुछ अन्यजातियों ने यीशु को अपने उद्धारकर्ता के रूप में स्वीकार किया था, उस पर विश्वास करके, अधिकांश यहूदी अपना उद्धार पाने की कोशिश कर रहे थे इसलिए उन्होंने यीशु को अस्वीकार कर दिया। पौलुस, पुराने नियम के हवाले से, यीशु का वर्णन एक पत्थर के रूप में करता है जो यहूदियों के चलने पर ठोकर देता है। यह ""ठोकर का पत्थर"" उनके ""गिरने"" का कारण बनता है। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-metaphor]])

## इस अध्याय में अन्य संभावित अनुवाद की कठिनाइयाँ

### ""इस्राएल का हर कोई नहीं है जो वास्तव में इस्राएल से संबंधित है।""
पौलुस इस पद में ""इस्राएल"" शब्द का उपयोग विभिन्न अर्थ के साथ करता है। पहले ""इस्राएल"" का अर्थ है याकूब के माध्यम से अब्राहम के शारीरिक वंशज। दूसरा ""इस्राएल"" का अर्थ है जो विश्वास के माध्यम से परमेश्वर के मनुष्य हैं। यूएसटी इसे दर्शाता है।
ROM 9 1 b89f 0 Connecting Statement: पौलुस अपनी व्यक्तिगत इच्छा के बारे में बताता है कि इस्राएल के मनुष्य बच जाएँगे। फिर वह उन अलग-अलग तरीकों पर ज़ोर देता है जिनमें परमेश्वर ने उन्हें विश्वास करने के लिए तैयार किया है। ROM 9 1 yg93 figs-doublet ἀλήθειαν λέγω ἐν Χριστῷ, οὐ ψεύδομαι 1 I tell the truth in Christ. I do not lie इन दो भावों का अर्थ मूल रूप से एक ही बात है। पौलुस उनका उपयोग इस बात पर जोर देने के लिए करता है कि वह सच कह रहा है। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-doublet]]) ROM 9 1 h9mp συνμαρτυρούσης μοι τῆς συνειδήσεώς μου ἐν Πνεύματι Ἁγίῳ 1 my conscience bears witness with me in the Holy Spirit पवित्र-आत्मा मेरे विवेक को नियंत्रित करता है और पुष्टि करता है जो मैं कहता हूँ @@ -681,7 +681,7 @@ ROM 9 33 kx9c figs-explicit καθὼς γέγραπται 1 as it has been writ ROM 9 33 dy6x figs-metonymy ἐν Σιὼν 1 in Zion "यहाँ सिय्योन एक रूपक है जो इस्राएल का प्रतिनिधित्व करता है। वैकल्पिक अनुवाद: ""इस्राएल में"" (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-metonymy]])" ROM 9 33 u3dj figs-doublet λίθον προσκόμματος, καὶ πέτραν σκανδάλου 1 stone of stumbling and a rock of offense इन दोनों वाक्यांशों का अर्थ मूल रूप से एक ही बात है और वे रूपक हैं जो यीशु और क्रूस पर उसकी मृत्यु का उल्लेख करते हैं। यह ऐसा था जैसे मनुष्य पत्थर पर ठोकर खाते हैं क्योंकि जब वे क्रूस पर यीशु की मृत्यु को मानते थे तो वे निराश हो जाते थे। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-doublet]] और [[rc://hi/ta/man/translate/figs-metaphor]]) ROM 9 33 tu4i πιστεύων ἐπ’ αὐτῷ 1 believes in it "क्योंकि पत्थर एक व्यक्ति का प्रतीक है, इसलिए आपको ऐसे अनुवाद करने की आवश्यकता हो सकती है ""उस पर विश्वास करता है।""" -ROM 10 intro c2li 0 # रोमियों 10 सामान्य टिप्पणियाँ
## संरचना एवं स्वरूपण

कुछ अनुवादों ने पुराने नियम के पाठ से शेष पाठ की तुलना में पृष्ठ पर दाईं ओर गद्य उद्धरण व्यवस्थित किए हैं। यूएलटी पद 8 में उद्धृत शब्दों के साथ ऐसा करता है।

कुछ अनुवाद पढ़ने के लिए आसान बनाने के लिए पाठ के बाकी हिस्सों की तुलना में कविता की प्रत्येक पंक्ति को दाईं ओर निर्धारित करते हैं। यूएलटी इस अध्याय के 18-20 पद के साथ ऐसा करता है, जो पुराने नियम के शब्द हैं।

## इस अध्याय में विशेष अवधारणाएं

### परमेश्वर की धार्मिकता






पौलुस कई यहूदियों को सिखाता है ईमानदारी से धर्मी बनने की कोशिश की, वे सफल नहीं हुए। हम परमेश्वर की धार्मिकता अर्जित नहीं कर सकते। जब हम उस पर विश्वास करते हैं तो परमेश्वर हमें यीशु की धार्मिकता देता है। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/righteous]] और [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/faith]])

## इस अध्याय के महत्वपूर्ण अलंकार

### अलंकारिक प्रश्न
पौलुस इस अध्याय में कई अलंकारिक प्रश्नों का उपयोग करता है। वह अपने पाठकों को यह समझाने के लिए ऐसा करता है कि परमेश्वर केवल यहूदी लोगों को नहीं बचाता है, इसलिए मसीहियों को पूरे जगत के साथ सुसमाचार को साझा करने के लिए तैयार होना चाहिए। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-rquestion]] और [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/save]])

## इस अध्याय में अन्य संभावित अनुवाद की कठिनाइयाँ

### ""मैं तुमको ईर्ष्या से उकसाऊँगा कि क्या एक राष्ट्र नहीं है""

पौलुस इस भविष्यवाणी का उपयोग करता है कि परमेश्वर की व्याख्या करे और यहूदी मनुष्यों को ईर्ष्या करने के लिए कलीसिया का उपयोग करे। ऐसा इसलिए है कि वे परमेश्वर की तलाश करेंगे और सुसमाचार पर विश्वास करेंगे। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/prophet]] और [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/jealous]] और [[rc://hi/ta/man/translate/figs-explicit]])
+ROM 10 intro c2li 0 # रोमियों 10 सामान्य टिप्पणियाँ
## संरचना एवं स्वरूपण

कुछ अनुवादों ने पुराने नियम के पाठ से शेष पाठ की तुलना में पृष्ठ पर दाईं ओर गद्य उद्धरण व्यवस्थित किए हैं। यूएलटी पद 8 में उद्धृत शब्दों के साथ ऐसा करता है।

कुछ अनुवाद पढ़ने के लिए आसान बनाने के लिए पाठ के बाकी हिस्सों की तुलना में कविता की प्रत्येक पंक्ति को दाईं ओर निर्धारित करते हैं। यूएलटी इस अध्याय के 18-20 पद के साथ ऐसा करता है, जो पुराने नियम के शब्द हैं।

## इस अध्याय में विशेष अवधारणाएं

### परमेश्वर की धार्मिकता






पौलुस कई यहूदियों को सिखाता है ईमानदारी से धर्मी बनने की कोशिश की, वे सफल नहीं हुए। हम परमेश्वर की धार्मिकता अर्जित नहीं कर सकते। जब हम उस पर विश्वास करते हैं तो परमेश्वर हमें यीशु की धार्मिकता देता है। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/righteous]] और [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/faith]])

## इस अध्याय के महत्वपूर्ण अलंकार

### अलंकारिक प्रश्न
पौलुस इस अध्याय में कई अलंकारिक प्रश्नों का उपयोग करता है। वह अपने पाठकों को यह समझाने के लिए ऐसा करता है कि परमेश्वर केवल यहूदी लोगों को नहीं बचाता है, इसलिए मसीहियों को पूरे जगत के साथ सुसमाचार को साझा करने के लिए तैयार होना चाहिए। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-rquestion]] और [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/save]])

## इस अध्याय में अन्य संभावित अनुवाद की कठिनाइयाँ

### ""मैं तुमको ईर्ष्या से उकसाऊँगा कि क्या एक राष्ट्र नहीं है""

पौलुस इस भविष्यवाणी का उपयोग करता है कि परमेश्वर की व्याख्या करे और यहूदी मनुष्यों को ईर्ष्या करने के लिए कलीसिया का उपयोग करे। ऐसा इसलिए है कि वे परमेश्वर की तलाश करेंगे और सुसमाचार पर विश्वास करेंगे। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/prophet]] और [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/jealous]] और [[rc://hi/ta/man/translate/figs-explicit]])
ROM 10 1 pi37 0 Connecting Statement: पौलुस इस्राएल के विश्वास करने के लिए अपनी इच्छा को व्यक्त करना जारी रखता है, लेकिन इस बात पर जोर देता है कि जो मनुष्य यहूदियों के साथ-साथ बाकी सभी के भी हैं वे केवल यीशु पर विश्वास करके ही बच सकते हैं। ROM 10 1 hj4b ἀδελφοί 1 Brothers यहाँ इसका अर्थ पुरुष और महिला सहित दोनों संगी विश्वासी है। ROM 10 1 tq7k figs-metonymy ἡ μὲν εὐδοκία τῆς ἐμῆς καρδίας 1 my heart's desire "यहाँ ""मन"" एक व्यक्ति की भावनाओं या आंतरिक अस्तित्व के लिए एक उपनाम है। वैकल्पिक अनुवाद: ""मेरी सबसे बड़ी इच्छा"" (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-metonymy]])" @@ -742,7 +742,7 @@ ROM 10 20 t78j ἐμφανὴς ἐγενόμην 1 I appeared मैंने ROM 10 20 k8pp λέγει 1 he says "वह परमेश्वर को संदर्भित करता है, जो यशायाह के माध्यम से बोल रहा है। ROM 10 21 hw4w ὅλην τὴν ἡμέραν 1 All the day long इस वाक्यांश का उपयोग परमेश्वर के निरंतर प्रयास पर जोर देने के लिए किया जाता है। ""लगातार""" ROM 10 21 il8s ἐξεπέτασα τὰς χεῖράς μου πρὸς λαὸν ἀπειθοῦντα καὶ ἀντιλέγοντα 1 I reached out my hands to a disobedient and stubborn people मैंने तुम्हारा स्वागत करने और तुम्हारी सहायता करने की कोशिश की, लेकिन तुमने मेरी सहायता करने से इंकार कर दिया और अवज्ञा जारी रखी -ROM 11 intro e9qz 0 # रोमियों 11 सामान्य टिप्पणियाँ
## संरचना एवं स्वरूपण

कुछ अनुवाद पद के प्रत्येक पंक्ति को पाठ के बाकी हिस्सों की तुलना में दाईं ओर व्यवस्थित करते हैं ताकि इसे पढ़ना आसान हो सके। यूएलटी इसे 9-10, 26-27 और 34-35 पदों के साथ करता है, जो पुराने नियम के शब्द हैं।

## इस अध्याय में विशेष अवधारणा

### कलम बांधने का काम



परमेश्वर की योजनाओं में अन्यजातियों और यहूदियों के स्थान का उल्लेख करने के लिए पौलूस ""कलम बांधने का काम"" की छवि का उपयोग करता है।। एक पौधे को स्थायी रूप से दूसरे पौधे का हिस्सा बनाना ""कलम बांधने का काम"" कहलाता है। पौलुस गैर-यहूदियों को अपनी बचत योजनाओं में जंगली शाखा के रूप में प्रस्तुत करने वाले परमेश्वर की तस्वीर का उपयोग करता है। लेकिन परमेश्वर यहूदियों के बारे में नहीं भूले हैं, जिन्हें प्राकृतिक पौधे कहा जाता है। परमेश्वर उन यहूदियों को भी बचाएगा जो यीशु पर विश्वास करते हैं।

## इस अध्याय में अन्य संभावित अनुवाद की कठिनाइयाँ

### ""क्या परमेश्वर ने अपने लोगों को अस्वीकार कर दिया? यह कभी नहीं हो सकता है ""

इस्राएल (अब्राहम, इसहाक और याकूब के शारीरिक वंशज) का परमेश्वर की योजनाओं में भविष्य है, या यदि वे कलीसिया द्वारा परमेश्वर की योजनाओं में प्रतिस्थापित किए गए हैं, तो एक प्रमुख धर्मवैज्ञानिक मुद्दा है अध्याय 9-11। यह वाक्यांश रोमी के इस खंड का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। यह दर्शित करता है कि इस्राएल कलीसिया से अलग रहता है। सभी विद्वान इस निष्कर्ष पर नहीं पहुंचे। वर्तमान में यीशु को अपने मसीहा के रूप में अस्वीकार करने के बावजूद, इज़राइल ने परमेश्वर की कृपा और दया को समाप्त नहीं किया है। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/christ]] और [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/grace]] और [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/mercy]])
+ROM 11 intro e9qz 0 # रोमियों 11 सामान्य टिप्पणियाँ
## संरचना एवं स्वरूपण

कुछ अनुवाद पद के प्रत्येक पंक्ति को पाठ के बाकी हिस्सों की तुलना में दाईं ओर व्यवस्थित करते हैं ताकि इसे पढ़ना आसान हो सके। यूएलटी इसे 9-10, 26-27 और 34-35 पदों के साथ करता है, जो पुराने नियम के शब्द हैं।

## इस अध्याय में विशेष अवधारणा

### कलम बांधने का काम



परमेश्वर की योजनाओं में अन्यजातियों और यहूदियों के स्थान का उल्लेख करने के लिए पौलूस ""कलम बांधने का काम"" की छवि का उपयोग करता है।। एक पौधे को स्थायी रूप से दूसरे पौधे का हिस्सा बनाना ""कलम बांधने का काम"" कहलाता है। पौलुस गैर-यहूदियों को अपनी बचत योजनाओं में जंगली शाखा के रूप में प्रस्तुत करने वाले परमेश्वर की तस्वीर का उपयोग करता है। लेकिन परमेश्वर यहूदियों के बारे में नहीं भूले हैं, जिन्हें प्राकृतिक पौधे कहा जाता है। परमेश्वर उन यहूदियों को भी बचाएगा जो यीशु पर विश्वास करते हैं।

## इस अध्याय में अन्य संभावित अनुवाद की कठिनाइयाँ

### ""क्या परमेश्वर ने अपने लोगों को अस्वीकार कर दिया? यह कभी नहीं हो सकता है ""

इस्राएल (अब्राहम, इसहाक और याकूब के शारीरिक वंशज) का परमेश्वर की योजनाओं में भविष्य है, या यदि वे कलीसिया द्वारा परमेश्वर की योजनाओं में प्रतिस्थापित किए गए हैं, तो एक प्रमुख धर्मवैज्ञानिक मुद्दा है अध्याय 9-11। यह वाक्यांश रोमी के इस खंड का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। यह दर्शित करता है कि इस्राएल कलीसिया से अलग रहता है। सभी विद्वान इस निष्कर्ष पर नहीं पहुंचे। वर्तमान में यीशु को अपने मसीहा के रूप में अस्वीकार करने के बावजूद, इज़राइल ने परमेश्वर की कृपा और दया को समाप्त नहीं किया है। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/christ]] और [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/grace]] और [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/mercy]])
ROM 11 1 p2h9 0 Connecting Statement: यद्यपि एक राष्ट्र के रूप में इस्राएल ने परमेश्वर को अस्वीकार कर दिया है, परमेश्वर चाहता है कि उन्हें समझ में आ जाए कि बिना काम के अनुग्रह से स्वतंत्रता मिलती है। ROM 11 1 wp35 λέγω οὖν 1 I say then मैं, पौलुस, तब कहता हूँ ROM 11 1 p4zd figs-rquestion μὴ ἀπώσατο ὁ Θεὸς τὸν λαὸν αὐτοῦ 1 did God reject his people? पौलुस यह प्रश्न इसलिए पूछता है ताकि वह अन्य यहूदियों के प्रश्नों का जवाब दे सके जो इस बात से नाराज हैं कि परमेश्वर ने अपने लोगों में अन्यजातियों को शामिल किया है, जबकि यहूदी मनुष्यों के हृदयों को कठोर किया गया है। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-rquestion]]) @@ -838,7 +838,7 @@ ROM 11 34 r2wj figs-rquestion τίς γὰρ ἔγνω νοῦν Κυρίου, ROM 11 34 yy52 figs-metonymy νοῦν Κυρίου 1 the mind of the Lord "यहाँ ""मन"" चीजों को जानने या चीजों के बारे में सोचने के लिए एक लक्षणालंकार है। वैकल्पिक अनुवाद: ""वह सब जिसे प्रभु जानता है"" या ""प्रभु क्या सोचता है"" (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-metonymy]])" ROM 11 35 j5cn figs-rquestion ἢ τίς προέδωκεν αὐτῷ, καὶ ἀνταποδοθήσεται αὐτῷ 1 "Or who has first given anything to God, that God must repay him?""" "पौलुस अपनी बात पर जोर देने के लिए इस सवाल का इस्तेमाल करता है। वैकल्पिक अनुवाद: ""किसी ने कभी भी परमेश्वर को कुछ भी नहीं दिया है जो उसने पहले परमेश्वर से प्राप्त नहीं किया था"" (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-rquestion]]) * ** उसके लिए ... उसके माध्यम से ... उसके लिए ** - यहाँ, ""उसे"" की सभी घटनाओं को संदर्भित करता है परमेश्वर को।" ROM 11 36 rpx6 figs-explicit αὐτῷ ἡ δόξα εἰς τοὺς αἰῶνας 1 To him be the glory forever "यह सभी मनुष्यों को परमेश्वर का सम्मान करने के लिए पौलुस की इच्छा व्यक्त करता है। आप अपने अनुवाद में इस अर्थ को स्पष्ट कर सकते हैं। वैकल्पिक अनुवाद: ""सभी मनुष्य उनका सम्मान करे"" (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-explicit]])" -ROM 12 intro aky9 0 # रोमियों 12 सामान्य टिप्पणियाँ
## संरचना एवं स्वरूपण

कुछ अनुवाद पद के प्रत्येक पंक्ति को पाठ के बाकी हिस्सों की तुलना में दाईं ओर व्यवस्थित करते हैं ताकि इसे पढ़ना आसान हो सके। यूएलटी यह पद 20 के शब्दों के साथ करता है, जो पुराने नियम से हैं।

कई विद्वानों का मानना है कि पौलुस शब्द ""इसलिए"" का उपयोग करता है [रोमियों 12: 1] में (..//// रोम / 12/01। md) सभी अध्याय 1-11 का संदर्भ लें। मसीही सुसमाचार को ध्यान से समझाने के बाद, पौलुस अब बताते हैं कि कैसे मसिहीयों को इन महान सच्चाइयों के प्रकाश में रहना चाहिए। अध्याय 12-16 एक व्यक्ति के मसीही विश्वास को जीने पर केंद्रित है। पौलुस इन व्यावहारिक निर्देशों को देने के लिए इन अध्यायों में कई अलग-अलग आज्ञाओं का उपयोग करता है। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/faith]])

## इस अध्याय में विशेष अवधारणा

### मसीही जीवित
मूसा की व्यवस्था के तहत, मनुष्यों को जानवरों या अनाज के मंदिर बलिदान की पेशकश करने की आवश्यकता थी। अब मसीहीयों को परमेश्वर के बलिदान के रूप में अपना जीवन जीने की आवश्यकता है। शारीरिक बलिदानों की अब आवश्यकता नहीं है। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/lawofmoses]])

## इस अध्याय के महत्वपूर्ण अलंकार

### मसीह का शरीर
मसीह का शरीर कलीसिया को संदर्भित करने के लिए पवित्रशास्त्र में प्रयुक्त एक महत्वपूर्ण रूपक या छवि है। प्रत्येक कलीसिया सदस्य एक अनूठा और महत्वपूर्ण कार्य करता है। मसिहीयों को एक दूसरे की जरूरत है। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/body]] और [[rc://hi/ta/man/translate/figs-metaphor]])
## शृंखलें:

* __ [रोमियों 12:01 टिप्पणियाँ] (./ 01.md) __

__ [<<] (.. / 11 / intro.md) | [>>] (../ 13 / intro.md) __
+ROM 12 intro aky9 0 # रोमियों 12 सामान्य टिप्पणियाँ
## संरचना एवं स्वरूपण

कुछ अनुवाद पद के प्रत्येक पंक्ति को पाठ के बाकी हिस्सों की तुलना में दाईं ओर व्यवस्थित करते हैं ताकि इसे पढ़ना आसान हो सके। यूएलटी यह पद 20 के शब्दों के साथ करता है, जो पुराने नियम से हैं।

कई विद्वानों का मानना है कि पौलुस शब्द ""इसलिए"" का उपयोग करता है [रोमियों 12: 1] में (..//// रोम / 12/01। md) सभी अध्याय 1-11 का संदर्भ लें। मसीही सुसमाचार को ध्यान से समझाने के बाद, पौलुस अब बताते हैं कि कैसे मसिहीयों को इन महान सच्चाइयों के प्रकाश में रहना चाहिए। अध्याय 12-16 एक व्यक्ति के मसीही विश्वास को जीने पर केंद्रित है। पौलुस इन व्यावहारिक निर्देशों को देने के लिए इन अध्यायों में कई अलग-अलग आज्ञाओं का उपयोग करता है। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/faith]])

## इस अध्याय में विशेष अवधारणा

### मसीही जीवित
मूसा की व्यवस्था के तहत, मनुष्यों को जानवरों या अनाज के मंदिर बलिदान की पेशकश करने की आवश्यकता थी। अब मसीहीयों को परमेश्वर के बलिदान के रूप में अपना जीवन जीने की आवश्यकता है। शारीरिक बलिदानों की अब आवश्यकता नहीं है। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/lawofmoses]])

## इस अध्याय के महत्वपूर्ण अलंकार

### मसीह का शरीर
मसीह का शरीर कलीसिया को संदर्भित करने के लिए पवित्रशास्त्र में प्रयुक्त एक महत्वपूर्ण रूपक या छवि है। प्रत्येक कलीसिया सदस्य एक अनूठा और महत्वपूर्ण कार्य करता है। मसिहीयों को एक दूसरे की जरूरत है। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/body]] और [[rc://hi/ta/man/translate/figs-metaphor]])
## शृंखलें:

* __ [रोमियों 12:01 टिप्पणियाँ] (./ 01.md) __

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ROM 12 1 rhs3 0 Connecting Statement: पौलुस बताता है कि एक विश्वासी का जीवन कैसा होना चाहिए और विश्वासियों को कैसे सेवा करनी चाहिए। ROM 12 1 d2y3 figs-explicit παρακαλῶ οὖν ὑμᾶς, ἀδελφοί, διὰ τῶν οἰκτιρμῶν τοῦ Θεοῦ 1 I urge you therefore, brothers, by the mercies of God "यहाँ ""भाईयों"" पुरुष और स्त्री दोनों के साथी विश्वासियों को संदर्भित करता है। वैकल्पिक अनुवाद: ""साथी विश्वासी, परमेश्वर ने आपको जो बहुत दया की है, उसके कारण मैं आपको बहुत चाहता हूं"" (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-explicit]])" ROM 12 1 w1mz figs-synecdoche παραστῆσαι τὰ σώματα ὑμῶν θυσίαν ζῶσαν 1 to present your bodies a living sacrifice "यहाँ पौलुस पूरे व्यक्ति को संदर्भित करने के लिए ""शरीरों"" शब्द का उपयोग करता है। पौलुस मसीह में एक विश्वासी की तुलना कर रहा हैं जो उन जानवरों के लिए पूरी तरह से परमेश्वर का पालन करता है जिन्हें यहूदियों ने मारा और फिर परमेश्वर को चढ़ाया। वैकल्पिक अनुवाद: ""अपने आप को पूरी तरह से परमेश्वर को अर्पित करने के दौरान जब आप जीवित हों जैसे कि आप एक मंदिर की वेदी पर एक मरे हुए बलिदान थे"" (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-synecdoche]] और [[rc://hi/ta/man/translate/figs-metaphor]])" @@ -886,7 +886,7 @@ ROM 12 20 e49j ψώμιζε αὐτόν 1 feed him उसे कुछ खा ROM 12 20 wce6 figs-metaphor ἄνθρακας πυρὸς σωρεύσεις ἐπὶ τὴν κεφαλὴν αὐτοῦ 1 heap coals of fire on his head "पौलुस आशीर्वाद की बात करता है कि दुश्मनों को प्राप्त होगा जैसे कि कोई अपने सिर पर गर्म अंगारे डाल रहा था। संभावित अर्थ हैं 1) ""उस व्यक्ति को बनाओ जिसने आपको नुकसान पहुँचाया है, आपको बुरा लगा है कि उसने आपके साथ कैसा दुर्व्यवहार किया है"" या 2) ""परमेश्वर को आपके दुश्मन को अधिक कठोर तरीके से न्याय करने का एक कारण दें।"" (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-metaphor]])" ROM 12 21 q761 figs-personification μὴ νικῶ ὑπὸ τοῦ κακοῦ, ἀλλὰ νίκα ἐν τῷ ἀγαθῷ τὸ κακόν 1 Do not be overcome by evil, but overcome evil with good "पौलुस ""बुराई"" का वर्णन करता है जैसे कि वह एक व्यक्ति था। आप इसका अनुवाद सक्रिय रूप में कर सकते हैं। वैकल्पिक अनुवाद: ""उन मनुष्यों को तुम्हें पराजित मत करने दो जो बुरे हैं, लेकिन जो अच्छा है उसे करने से बुराई को पराजित करो"" (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-personification]] और [[rc://hi/ta/man/translate/figs-activepassive]])" ROM 12 21 p7fd figs-you μὴ νικῶ ὑπὸ τοῦ κακοῦ, ἀλλὰ νίκα…τὸ κακόν 1 Do not be overcome by evil, but overcome evil इन क्रियाओं को एक व्यक्ति के रूप में संबोधित किया गया है और इसलिए एकवचन हैं। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-you]]) -ROM 13 intro l4q7 0 # रोमियों 13 सामान्य टिप्पणियाँ
## संरचना एवं स्वरूपण

इस अध्याय के पहले भाग में, पौलुस ने मसीहियों को उन शासकों का आज्ञापालन करने की शिक्षा दी जो उन पर शासन करते हैं। उस समय, अधर्मी रोमी शासकों ने पृथ्वी पर राज्य किया। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/godly]])

## इस अध्याय में विशेष अवधारणाएँ

### अधर्मी शासक
जब पौलुस शासकों की आज्ञा मानने के बारे में सिखाता है, तो कुछ पाठकों को यह समझना मुश्किल होगा, खासकर उन जगहों पर जहाँ शासकों ने कलीसिया को सताया। मसिहीयों को अपने शासकों के साथ-साथ परमेश्वर का भी पालन करना चाहिए, जब तक कि शासक मसीहीयों को कुछ ऐसा करने की अनुमति न दें, जब तक कि परमेश्वर स्पष्ट रूप से उन्हें ऐसा करने की आज्ञा न दे। ऐसे समय होते हैं जब एक विश्वासी को इन शासकों के पास जमा होना चाहिए और उनके हाथों में पीड़ा होनी चाहिए। मसीही समझते हैं कि यह संसार अस्थायी है और वे अंततः हमेशा के लिए परमेश्वर के साथ रहेंगे। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/eternity]])

## इस अध्याय में अन्य संभावित अनुवाद की कठिनाइयाँ

### शरीर

यह एक जटिल मुद्दा है। ""शरीर"" संभवतः हमारे पापी प्रकृति के लिए एक रूपक है। पौलुस यह नहीं सिखा रहा है कि हमारी भौतिक देह पापी हैं। पौलुस यह सिखाता है कि जब तक मसीही जन जीवित हैं (""देह में""), हम पाप करते रहेंगे। लेकिन हमारी नई प्रकृति हमारी पुरानी प्रकृति के खिलाफ लड़ रही है। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/flesh]] और [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/sin]])
## लिंक:

* __[रोमियों 13:01 टिप्पणियाँ](./01.md)__

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+ROM 13 intro l4q7 0 # रोमियों 13 सामान्य टिप्पणियाँ
## संरचना एवं स्वरूपण

इस अध्याय के पहले भाग में, पौलुस ने मसीहियों को उन शासकों का आज्ञापालन करने की शिक्षा दी जो उन पर शासन करते हैं। उस समय, अधर्मी रोमी शासकों ने पृथ्वी पर राज्य किया। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/godly]])

## इस अध्याय में विशेष अवधारणाएँ

### अधर्मी शासक
जब पौलुस शासकों की आज्ञा मानने के बारे में सिखाता है, तो कुछ पाठकों को यह समझना मुश्किल होगा, खासकर उन जगहों पर जहाँ शासकों ने कलीसिया को सताया। मसिहीयों को अपने शासकों के साथ-साथ परमेश्वर का भी पालन करना चाहिए, जब तक कि शासक मसीहीयों को कुछ ऐसा करने की अनुमति न दें, जब तक कि परमेश्वर स्पष्ट रूप से उन्हें ऐसा करने की आज्ञा न दे। ऐसे समय होते हैं जब एक विश्वासी को इन शासकों के पास जमा होना चाहिए और उनके हाथों में पीड़ा होनी चाहिए। मसीही समझते हैं कि यह संसार अस्थायी है और वे अंततः हमेशा के लिए परमेश्वर के साथ रहेंगे। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/eternity]])

## इस अध्याय में अन्य संभावित अनुवाद की कठिनाइयाँ

### शरीर

यह एक जटिल मुद्दा है। ""शरीर"" संभवतः हमारे पापी प्रकृति के लिए एक रूपक है। पौलुस यह नहीं सिखा रहा है कि हमारी भौतिक देह पापी हैं। पौलुस यह सिखाता है कि जब तक मसीही जन जीवित हैं (""देह में""), हम पाप करते रहेंगे। लेकिन हमारी नई प्रकृति हमारी पुरानी प्रकृति के खिलाफ लड़ रही है। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/flesh]] और [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/sin]])
## लिंक:

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ROM 13 1 v5ik 0 Connecting Statement: पौलुस विश्वासियों को अपने शासकों के अधीन रहने का तरीका बताता है। ROM 13 1 b8nf figs-synecdoche πᾶσα ψυχὴ…ὑποτασσέσθω 1 Let every soul be obedient to "यहाँ ""आत्मा"" पूरे व्यक्ति के लिए एक उपलक्ष्य अलंकार है। ""हर मसीही को आज्ञा माननी चाहिए"" या ""हर किसी को मानना चाहिए"" (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-synecdoche]])" ROM 13 1 g1by ἐξουσίαις ὑπερεχούσαις 1 higher authorities सरकारी अधिकारियों @@ -932,7 +932,7 @@ ROM 13 13 g117 ζήλῳ 1 jealousy यह किसी अन्य व्य ROM 13 14 sir6 figs-metaphor ἐνδύσασθε τὸν Κύριον Ἰησοῦν Χριστόν 1 put on the Lord Jesus Christ पौलुस मसीह के नैतिक स्वभाव को स्वीकार करने की बात करता है जैसे कि वह हमारे बाहरी वस्त्र थे जिसे मनुष्य देख सकते हैं। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-metaphor]]) ROM 13 14 j795 ἐνδύσασθε 1 put on यदि आपकी भाषा में आज्ञाओं के लिए बहुवचन है तो उसे यहाँ काम में लें। ROM 13 14 xre7 figs-metonymy τῆς σαρκὸς πρόνοιαν μὴ ποιεῖσθε 1 make no provision for the flesh "यहाँ ""शरीर"" परमेश्वर का विरोध करने वाले मनुष्यों के स्व-निर्देशित स्वभाव को संदर्भित करता है। यह मानव का पापी स्वभाव है। वैकल्पिक अनुवाद: ""अपने पुराने बुरे मन को दुष्ट काम करने के लिए बिल्कुल भी मौका न दें"" (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-metonymy]])" -ROM 14 intro kt8c 0 # रोमियों 14 सामान्य टिप्पणियाँ
## संरचना एवं स्वरूपण

कुछ अनुवाद पढ़ने के लिए आसान बनाने के लिए पाठ की प्रत्येक पंक्ति को शेष पाठ की तुलना में दाईं ओर व्यवस्थित करते हैं। यूएलटी इस अध्याय के पद 11 के साथ करता है, जिसे पौलुस पुराने नियम से उद्धरित करता है।

## इस अध्याय में विशेष अवधारणाएँ

### विश्वास में कमजोर है

पौलुस सिखाता है कि मसीहियों को वास्तविक विश्वास हो सकता है और एक ही समय में एक निश्चित स्थिति में ""विश्वास में कमजोर"" हो। यह उन मसीहियों का वर्णन करता है जिनकी आस्था अपरिपक्व है, मजबूत नहीं है, या गलत समझा गया है। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/faith]])

### आहार प्रतिबंध

प्राचीन में कई धर्म पूर्वी क्षेत्र के पास प्रतिबंधित है जो खाया गया था। मसीहियों को अपनी इच्छानुसार खाने की स्वतंत्रता है। लेकिन उन्हें इस आज़ादी का समझदारी से इस्तेमाल करने की ज़रूरत है, एक तरह से जो प्रभु का सम्मान करता है और दूसरों को पाप का कारण नहीं बनाता है।। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/sin]])

### परमेश्वर के न्याय का आसन

परमेश्वर या मसीह का निर्णय आसन एक समय का प्रतिनिधित्व करती है जब सभी मनुष्य, जिनमें मसीही भी शामिल हैं, को उनके जीवन जीने के तरीके के लिए जवाबदेह ठहराया जाएगा।
+ROM 14 intro kt8c 0 # रोमियों 14 सामान्य टिप्पणियाँ
## संरचना एवं स्वरूपण

कुछ अनुवाद पढ़ने के लिए आसान बनाने के लिए पाठ की प्रत्येक पंक्ति को शेष पाठ की तुलना में दाईं ओर व्यवस्थित करते हैं। यूएलटी इस अध्याय के पद 11 के साथ करता है, जिसे पौलुस पुराने नियम से उद्धरित करता है।

## इस अध्याय में विशेष अवधारणाएँ

### विश्वास में कमजोर है

पौलुस सिखाता है कि मसीहियों को वास्तविक विश्वास हो सकता है और एक ही समय में एक निश्चित स्थिति में ""विश्वास में कमजोर"" हो। यह उन मसीहियों का वर्णन करता है जिनकी आस्था अपरिपक्व है, मजबूत नहीं है, या गलत समझा गया है। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/faith]])

### आहार प्रतिबंध

प्राचीन में कई धर्म पूर्वी क्षेत्र के पास प्रतिबंधित है जो खाया गया था। मसीहियों को अपनी इच्छानुसार खाने की स्वतंत्रता है। लेकिन उन्हें इस आज़ादी का समझदारी से इस्तेमाल करने की ज़रूरत है, एक तरह से जो प्रभु का सम्मान करता है और दूसरों को पाप का कारण नहीं बनाता है।। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/sin]])

### परमेश्वर के न्याय का आसन

परमेश्वर या मसीह का निर्णय आसन एक समय का प्रतिनिधित्व करती है जब सभी मनुष्य, जिनमें मसीही भी शामिल हैं, को उनके जीवन जीने के तरीके के लिए जवाबदेह ठहराया जाएगा।
ROM 14 1 abm6 0 Connecting Statement: पौलुस विश्वासियों को यह याद रखने के लिए प्रोत्साहित करता है कि वे परमेश्वर के प्रति जवाबदेह हैं। ROM 14 1 jf8v ἀσθενοῦντα τῇ πίστει 1 weak in faith यह उन मनुष्यों के संदर्भ में है जो खाने और पीने के विषय में संकोच करते थे। ROM 14 1 p697 μὴ εἰς διακρίσεις διαλογισμῶν 1 without giving judgment about arguments और उनकी राय के लिए उनकी निंदा न करें diff --git a/hi_tn_47-1CO.tsv b/hi_tn_47-1CO.tsv index 84ea2f6..b60d50a 100644 --- a/hi_tn_47-1CO.tsv +++ b/hi_tn_47-1CO.tsv @@ -1,6 +1,6 @@ Book Chapter Verse ID SupportReference OrigQuote Occurrence GLQuote OccurrenceNote -1CO front intro e8ey 0 # 1 कुरिन्थियों का परिचय
## भाग 1: सामान्य परिचय

### 1 कुरिन्थियों

1 की पुस्तक की रूपरेखा। कलीसिया में विभाजन (1: 10-4: 21)
1। नैतिक पाप और अनियमितता (5:1-13)
1। मसीही अन्य मसीहियों को अदालत में घसीटतें हैं (6:1-20)
1। विवाह और संबंधित मामलें (7:1-40)
1। मसीही स्वतंत्रता का दुरुपयोग; मूर्ति के लिए बलिदान किए गए खाद्य पदार्थ, मूर्तिपूजा से भागना; महिलाओं के सिर के आवरण (8:1-13; 10:1-11:16)
1। प्रेरित के रूप में पौलुस के अधिकार (9:1-27)
1। प्रभु भोज (11: 17-34)
1। पवित्र आत्मा के वरदान (12: 1-31)
1। प्रेम (13:1-13)
1. पवित्र आत्मा के वरदान: भविष्यवाणी और भाषाएं (14:1-40)
1। विश्वासियों का पुनरुत्थान और मसीह का पुनरुत्थान (15:1-58)
1। समापन: यरूशलेम के मसीहियों के लिए योगदान, अनुरोध और व्यक्तिगत अभिवादन (16: 1-24)

### 1 कुरिन्थियों की पुस्तक किसने लिखी?

पौलुस ने 1 कुरिन्थियों को लिखा। पौलुस तरसुस नगर से था। वह अपने प्रारंभिक जीवन में शाऊल के नाम से जाना जाता था। एक मसीही बनने से पहले, पौलुस एक फरीसी था। उसने मसीहियों को सताया। एक मसीही बनने के बाद, उसने यीशु के बारे में लोगों को बताते हुए कई बार रोमन साम्राज्य में यात्रा की।

पौलुस ने कलीसिया शुरू कीं, जो कि कुरिन्थुस में मिलती थी। उसने यह पत्र तब लिखा जब वह इफिसुस नगर में रहा था।

### 1 कुरिन्थियों की पुस्तक का क्या विषय है?

1 कुरिन्थियों एक पत्र है जिसे पौलुस ने कुरिन्थुस नगर में रहनेवाले विश्वासियों को लिखा। पौलुस ने सुना था कि वहां विश्वासियों के बीच समस्याएं थीं। वे एक दूसरे के साथ बहस करते थे। उनमें से कुछ लोग मसीही शिक्षाओं में से कुछ को समझ नहीं पाएँ। और उनमें से कुछ बुरी तरह व्यवहार करते थे। इस पत्र में, पौलुस ने उनको जवाब दिया और उन्हें ऐसे जीवन को जीने के लिए प्रोत्साहित किया जिससे परमेश्वर प्रसन्न होता है।

### इस पुस्तक का शीर्षक किस प्रकार अनुवादित किया जाना चाहिए?

अनुवादक इस पुस्तक को इसके पारंपरिक शीर्षक से संबोधित कर सकते हैं, ""पहला कुरिन्थियों।"" या वे एक स्पष्ट शीर्षक चुन सकते हैं, जैसे ""कुरिंथुस की कलीसिया को पौलुस का पहला पत्र""। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/translate-names]])

## भाग 2: महत्वपूर्ण धार्मिक और सांस्कृतिक अवधारणाएँ

### कुरिंथुस शहर कैसा था?

करिंथुस प्राचीन यूनान में स्थित एक प्रमुख शहर था। क्योंकि यह भूमध्य सागर के पास था, इसलिए कई यात्री और व्यापारी वहां सामान खरीदने और बेचने आते थे। इसके परिणामस्वरूप नगर में कई अलग-अलग संस्कृतियों के लोग थे। यह नगर अनैतिक तरीकों से रहने वाले लोगों के लिए प्रसिद्ध था। लोग यूनानी प्रेम की देवी एफ्रोडाइट की उपासना करते थे। एफ़्रोडाइट का सम्मान करने वाले समारोहों के हिस्से के रूप में, उनके उपासक मंदिर की वेश्याओं के साथ कुकर्म करते थे।

### मूर्तियों के सम्मुख बलि चढ़ाए जाने वाले मांस में क्या समस्या थी?

कई जानवरों को मारकर कुरिंथुस के झूठे देवताओं को बलि चढ़ा दिया गया। पुजारियों और उपासकों ने कुछ मांस बचाया। अधिकांश मांस बाजारों में बेचा गया। कई मसीही एक दूसरे से असहमत थे कि क्या उनके किए यह मांस खाना उचित है, क्योंकि यह एक झूठे ईश्वर को समर्पित था। पौलुस 1 कुरिन्थियों में इस समस्या के बारे में लिखता है।

## भाग 3: महत्वपूर्ण अनुवाद के मुद्दे

### 1 कुरिन्थियों में ""पवित्र"" और ""शुद्धिकरण"" के विचारों को यूएलटी में कैसे प्रस्तुत किया गया है?

शास्त्र इस तरह के शब्दों का उपयोग निम्नलिखित विभिन्न विचारों में से किसी एक को प्रकट करने के लिए करते हैं। इस कारण से, अनुवादकों के लिए अक्सर अपने अनुवादनों में उनका विवरण करना मुश्किल होता है। अंग्रेजी में अनुवाद करने में, 1 कुरिन्थियों में यूएलटी निम्नलिखित सिद्धांतों का उपयोग करता है:

* कभी-कभी किसी वाक्य में अर्थ नैतिक पवित्रता का संकेत करता है। सुसमाचार को समझने के लिए विशेष रूप से महत्वपूर्ण तथ्य यह है कि परमेश्वर मसीहियों को पापहीन मानते हैं क्योंकि वे यीशु मसीह से जुड़े हैं। एक और संबंधित तथ्य यह है कि परमेश्वर सिद्ध और दोषरहित है। तीसरा तथ्य यह है कि मसीहियों को स्वयं के जीवन को निर्दोष, निष्कलंक तरीके से संचालित करना चाहिये। इन मामलों में, यूएलटी ""पवित्र,"" ""पवित्र परमेश्वर,"" ""पवित्र जन,"" या ""पवित्र लोग"" का उपयोग करता है। (देखें: 1:2; 3:17)
* कभी-कभी वाक्य साधारण संदर्भ में का अर्थ मसीहियों के लिए किसी विशेष भूमिका को दर्शाये बिना दर्शाता है। इन मामलों में, यूएलटी ""विश्वासी"" या ""विश्वासियों"" का उपयोग करता है। (देखें: 6:1, 2; 14:33; 16:1, 15)
* कभी-कभी वाक्य किसी व्यक्ति को या किसी वस्तु को सिर्फ परमेश्वर के लिए अलग करने का अर्थ व्यक्त करता है। इन मामलों में, यूएलटी ""अलग करना"", ""की ओर समर्पित,"" ""के लिए आरक्षित,"" या ""शुद्ध किया हुआ"" का उपयोग करता है। (देखें: 1:2; 6:11; 7:14, 34)

यूएसटी अक्सर अनुवादकों के लिए सहायक होगा जो इन विचारों को अपने संस्करणों में दर्शाने की सोचते हैं।

### ""शरीर"" का क्या अर्थ है?

पौलुस ने अक्सर ""शरीर"" या ""शारीरिक"" शब्द का प्रयोग मसीहियों को सम्बोधित करने के लिए किया, जो पापपूर्ण चीजें करते थे। हालांकि, यह भौतिक संसार नहीं है जो दुष्ट है। पौलुस ने उन मसीहियों को ""आत्मिक"" कहकर वर्णित किया जो एक धर्मी तरीके से जीते हैं ऐसा इसलिए है क्योंकि उन्होंने वह किया जो पवित्र आत्मा ने उन्हें सिखाया। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/flesh]] और [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/righteous]] और [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/spirit]]))

### पौलुस ने ""मसीह में"", ""प्रभु में"" इस अभिव्यक्ति के द्वारा क्या अर्थ दिया था ?

इस प्रकार की अभिव्यक्ति 1:2, 30, 31; 3:1; 4:10, 15, 17; 6:11, 19; 7:22; 9:1, 2; 11:11, 25; 12:3, 9, 13, 18, 25; 14:16; 15:18, 19, 22, 31, 58; 16:19, 24 में होती है। पौलुस ने मसीह और विश्वासियों के साथ एक बहुत निकटतम संबंध के विचार को व्यक्त किया। उसी समय, वह अक्सर अन्य अर्थों का भी अभिप्राय रखता था। देखें, उदाहरण के लिए, ""जो लोग मसीह यीशु में समर्पित हैं"" (1: 2), जहां पौलुस का विशेष रूप से अर्थ था कि मसीही विश्वासियों को मसीह को समर्पित किया गया है।

कृपया इस प्रकार की अभिव्यक्ति के बारे में अधिक जानकारी के लिए रोमियों की पुस्तक का परिचय देखें।

### 1 कुरिन्थियों की पुस्तक के पाठ में प्रमुख विवाद क्या हैं?

निम्नलिखित पदों के लिए, बाइबल के आधुनिक संस्करण पुराने संस्करणों से भिन्न हैं। अनुवादकों को सलाह दी जाती है कि वे बाइबल के आधुनिक संस्करणों का पालन करें। हालांकि, अगर अनुवादकों के क्षेत्र में बाइबल के पुराने संस्करणों के अनुसार पढ़े जाने वाली बाइबल हैं, तो अनुवादक उन का अनुसरण कर सकते हैं। यदि ऐसा है, तो इन पदों को वर्गाकार कोष्ठक ([]) के अंदर रखा जाना चाहिए ताकि यह सूचित किया जा सके कि वे सम्भवतः 1 कुरिन्थियों का मूल भाग नहीं हैं।

* ""इसलिए अपने शरीर से परमेश्वर की महिमा करें।"" कुछ पुराने संस्करण में पढ़ते हैं ""इसलिए अपने शरीर और अपनी आत्मा में परमेश्वर की महिमा करो, जो परमेश्वर के हैं।"" (6:20)
* ""मैंने यह किया हालांकि मैं स्वयं नियम के अधीन नहीं था"" (9:20)। कुछ पुराने संस्करण इस वाक्यांश को छोड़ देते हैं।
* ""विवेक के लिए - दूसरे व्यक्ति का विवेक। "" कुछ पुराने संस्करण में ""विवेक के लिए"" पढ़ते हैं: पृथ्वी और इसमें का सब कुछ परमेश्वर के हैं: दूसरे व्यक्ति का विवेक। "" (10:28)
* ""और मैं अपने शरीर को जलाने के लिए सौंपता हूं"" (13: 3)। कुछ पुराने संस्करण में पढ़ते हैं, ""और मैं अपना शरीर सौंपता हूं ताकि मैं घमंड कर सकूं।""
* ""लेकिन अगर कोई इसे पहचान नहीं पाता है, तो उसे पहचानने की अनुमति न दें"" (14:38)। कुछ पुराने संस्करण में पढ़ते हैं, ""लेकिन अगर कोई इस से अज्ञान है, तो उसे अज्ञानी रहने दो।""


(देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/translate-textvariants]])
-1CO 1 intro ud5y 0 # 1 कुरिन्थियों 01 सामान्य टिप्पणियाँ
## संरचना एवं स्वरूपण

पहले तीन पद एक अभिनन्दन हैं। प्राचीन निकट पूर्व में, यह पत्र शुरू करने का एक साधारण तरीका था।

कुछ अनुवाद पढ़ने के लिए आसान बनाने के लिए पाठ के बाकी हिस्सों की तुलना में कविता की प्रत्येक पंक्ति को दाईं ओर रखते हैं। यूएलटी ऐसा पद 1 9 के शब्दों के साथ करता है, जो पुराने नियम से हैं।

## इस अध्याय में विशेष अवधारणाएँ

### विभाजन
इस अध्याय में, पौलुस ने विभाजन के लिए और विभिन्न प्रेरितों का अनुसरण करने के लिए कलीसिया को डांटा। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/apostle]])

### आत्मिक वरदान
आत्मिक वरदान कलीसिया की मदद करने के लिए विशिष्ट अलौकिक क्षमताएं हैं। यीशु में विश्वास करने के बाद पवित्र आत्मा इन वरदानों को मसीहियों को देते है। पौलुस अध्याय 12 में आत्मिक वरदानों को सूचीबद्ध करता है। कुछ विद्वानों का मानना ​​है कि पवित्र आत्मा ने विकासशील कलीसिया स्थापित करने में मदद के लिए केवल प्रारंभिक कलीसिया में इन वरदानों में से कुछ को दिया था। अन्य विद्वानों का मानना ​​है कि कलीसिया के पूरे इतिहास के सभी मसीहियों की सहायता के लिए आत्मा के सभी वरदान अभी भी उपलब्ध हैं। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/faith]])

## इस अध्याय के महत्वपूर्ण अलंकार

### मुहावरे

इस अध्याय में, पौलुस दो अलग-अलग वाक्यांशों का उपयोग करके मसीह के दुसरे आगमन को संबोधित करता है: ""हमारे प्रभु यीशु मसीह का प्रकाशन""और"" हमारे प्रभु यीशु मसीह का दिन ""। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-idiom]])

### आलंकारिक प्रश्न
पौलुस गुटों में विभाजित होने और मानव ज्ञान पर भरोसा करने के लिए कुरिन्थियों के लोगों को डांटाने के लिए आलंकारिक प्रश्नों का उपयोग करता है। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-rquestion]])

## इस अध्याय में अन्य संभावित अनुवाद की कठिनाइयाँ

### ठोकर का पत्थर
ठोकर का पत्थर है जिससे लोग ठोकर खाते हैं। यहां इसका अर्थ यह है कि यहूदियों को यह विश्वास करना मुश्किल लगता है कि परमेश्वर ने अपने मसीहा को क्रूस पर चढाए जाने की अनुमति दी थी। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-metaphor]])
+1CO front intro e8ey 0 # 1 कुरिन्थियों का परिचय
## भाग 1: सामान्य परिचय

### 1 कुरिन्थियों

1 की पुस्तक की रूपरेखा। कलीसिया में विभाजन (1: 10-4: 21)
1। नैतिक पाप और अनियमितता (5:1-13)
1। मसीही अन्य मसीहियों को अदालत में घसीटतें हैं (6:1-20)
1। विवाह और संबंधित मामलें (7:1-40)
1। मसीही स्वतंत्रता का दुरुपयोग; मूर्ति के लिए बलिदान किए गए खाद्य पदार्थ, मूर्तिपूजा से भागना; महिलाओं के सिर के आवरण (8:1-13; 10:1-11:16)
1। प्रेरित के रूप में पौलुस के अधिकार (9:1-27)
1। प्रभु भोज (11: 17-34)
1। पवित्र आत्मा के वरदान (12: 1-31)
1। प्रेम (13:1-13)
1. पवित्र आत्मा के वरदान: भविष्यवाणी और भाषाएं (14:1-40)
1। विश्वासियों का पुनरुत्थान और मसीह का पुनरुत्थान (15:1-58)
1। समापन: यरूशलेम के मसीहियों के लिए योगदान, अनुरोध और व्यक्तिगत अभिवादन (16: 1-24)

### 1 कुरिन्थियों की पुस्तक किसने लिखी?

पौलुस ने 1 कुरिन्थियों को लिखा। पौलुस तरसुस नगर से था। वह अपने प्रारंभिक जीवन में शाऊल के नाम से जाना जाता था। एक मसीही बनने से पहले, पौलुस एक फरीसी था। उसने मसीहियों को सताया। एक मसीही बनने के बाद, उसने यीशु के बारे में लोगों को बताते हुए कई बार रोमन साम्राज्य में यात्रा की।

पौलुस ने कलीसिया शुरू कीं, जो कि कुरिन्थुस में मिलती थी। उसने यह पत्र तब लिखा जब वह इफिसुस नगर में रहा था।

### 1 कुरिन्थियों की पुस्तक का क्या विषय है?

1 कुरिन्थियों एक पत्र है जिसे पौलुस ने कुरिन्थुस नगर में रहनेवाले विश्वासियों को लिखा। पौलुस ने सुना था कि वहां विश्वासियों के बीच समस्याएं थीं। वे एक दूसरे के साथ बहस करते थे। उनमें से कुछ लोग मसीही शिक्षाओं में से कुछ को समझ नहीं पाएँ। और उनमें से कुछ बुरी तरह व्यवहार करते थे। इस पत्र में, पौलुस ने उनको जवाब दिया और उन्हें ऐसे जीवन को जीने के लिए प्रोत्साहित किया जिससे परमेश्वर प्रसन्न होता है।

### इस पुस्तक का शीर्षक किस प्रकार अनुवादित किया जाना चाहिए?

अनुवादक इस पुस्तक को इसके पारंपरिक शीर्षक से संबोधित कर सकते हैं, ""पहला कुरिन्थियों।"" या वे एक स्पष्ट शीर्षक चुन सकते हैं, जैसे ""कुरिंथुस की कलीसिया को पौलुस का पहला पत्र""। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/translate-names]])

## भाग 2: महत्वपूर्ण धार्मिक और सांस्कृतिक अवधारणाएँ

### कुरिंथुस शहर कैसा था?

करिंथुस प्राचीन यूनान में स्थित एक प्रमुख शहर था। क्योंकि यह भूमध्य सागर के पास था, इसलिए कई यात्री और व्यापारी वहां सामान खरीदने और बेचने आते थे। इसके परिणामस्वरूप नगर में कई अलग-अलग संस्कृतियों के लोग थे। यह नगर अनैतिक तरीकों से रहने वाले लोगों के लिए प्रसिद्ध था। लोग यूनानी प्रेम की देवी एफ्रोडाइट की उपासना करते थे। एफ़्रोडाइट का सम्मान करने वाले समारोहों के हिस्से के रूप में, उनके उपासक मंदिर की वेश्याओं के साथ कुकर्म करते थे।

### मूर्तियों के सम्मुख बलि चढ़ाए जाने वाले मांस में क्या समस्या थी?

कई जानवरों को मारकर कुरिंथुस के झूठे देवताओं को बलि चढ़ा दिया गया। पुजारियों और उपासकों ने कुछ मांस बचाया। अधिकांश मांस बाजारों में बेचा गया। कई मसीही एक दूसरे से असहमत थे कि क्या उनके किए यह मांस खाना उचित है, क्योंकि यह एक झूठे ईश्वर को समर्पित था। पौलुस 1 कुरिन्थियों में इस समस्या के बारे में लिखता है।

## भाग 3: महत्वपूर्ण अनुवाद के मुद्दे

### 1 कुरिन्थियों में ""पवित्र"" और ""शुद्धिकरण"" के विचारों को यूएलटी में कैसे प्रस्तुत किया गया है?

शास्त्र इस तरह के शब्दों का उपयोग निम्नलिखित विभिन्न विचारों में से किसी एक को प्रकट करने के लिए करते हैं। इस कारण से, अनुवादकों के लिए अक्सर अपने अनुवादनों में उनका विवरण करना मुश्किल होता है। अंग्रेजी में अनुवाद करने में, 1 कुरिन्थियों में यूएलटी निम्नलिखित सिद्धांतों का उपयोग करता है:

* कभी-कभी किसी वाक्य में अर्थ नैतिक पवित्रता का संकेत करता है। सुसमाचार को समझने के लिए विशेष रूप से महत्वपूर्ण तथ्य यह है कि परमेश्वर मसीहियों को पापहीन मानते हैं क्योंकि वे यीशु मसीह से जुड़े हैं। एक और संबंधित तथ्य यह है कि परमेश्वर सिद्ध और दोषरहित है। तीसरा तथ्य यह है कि मसीहियों को स्वयं के जीवन को निर्दोष, निष्कलंक तरीके से संचालित करना चाहिये। इन मामलों में, यूएलटी ""पवित्र,"" ""पवित्र परमेश्वर,"" ""पवित्र जन,"" या ""पवित्र लोग"" का उपयोग करता है। (देखें: 1:2; 3:17)
* कभी-कभी वाक्य साधारण संदर्भ में का अर्थ मसीहियों के लिए किसी विशेष भूमिका को दर्शाये बिना दर्शाता है। इन मामलों में, यूएलटी ""विश्वासी"" या ""विश्वासियों"" का उपयोग करता है। (देखें: 6:1, 2; 14:33; 16:1, 15)
* कभी-कभी वाक्य किसी व्यक्ति को या किसी वस्तु को सिर्फ परमेश्वर के लिए अलग करने का अर्थ व्यक्त करता है। इन मामलों में, यूएलटी ""अलग करना"", ""की ओर समर्पित,"" ""के लिए आरक्षित,"" या ""शुद्ध किया हुआ"" का उपयोग करता है। (देखें: 1:2; 6:11; 7:14, 34)

यूएसटी अक्सर अनुवादकों के लिए सहायक होगा जो इन विचारों को अपने संस्करणों में दर्शाने की सोचते हैं।

### ""शरीर"" का क्या अर्थ है?

पौलुस ने अक्सर ""शरीर"" या ""शारीरिक"" शब्द का प्रयोग मसीहियों को सम्बोधित करने के लिए किया, जो पापपूर्ण चीजें करते थे। हालांकि, यह भौतिक संसार नहीं है जो दुष्ट है। पौलुस ने उन मसीहियों को ""आत्मिक"" कहकर वर्णित किया जो एक धर्मी तरीके से जीते हैं ऐसा इसलिए है क्योंकि उन्होंने वह किया जो पवित्र आत्मा ने उन्हें सिखाया। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/flesh]] और [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/righteous]] और [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/spirit]]))

### पौलुस ने ""मसीह में"", ""प्रभु में"" इस अभिव्यक्ति के द्वारा क्या अर्थ दिया था ?

इस प्रकार की अभिव्यक्ति 1:2, 30, 31; 3:1; 4:10, 15, 17; 6:11, 19; 7:22; 9:1, 2; 11:11, 25; 12:3, 9, 13, 18, 25; 14:16; 15:18, 19, 22, 31, 58; 16:19, 24 में होती है। पौलुस ने मसीह और विश्वासियों के साथ एक बहुत निकटतम संबंध के विचार को व्यक्त किया। उसी समय, वह अक्सर अन्य अर्थों का भी अभिप्राय रखता था। देखें, उदाहरण के लिए, ""जो लोग मसीह यीशु में समर्पित हैं"" (1: 2), जहां पौलुस का विशेष रूप से अर्थ था कि मसीही विश्वासियों को मसीह को समर्पित किया गया है।

कृपया इस प्रकार की अभिव्यक्ति के बारे में अधिक जानकारी के लिए रोमियों की पुस्तक का परिचय देखें।

### 1 कुरिन्थियों की पुस्तक के पाठ में प्रमुख विवाद क्या हैं?

निम्नलिखित पदों के लिए, बाइबल के आधुनिक संस्करण पुराने संस्करणों से भिन्न हैं। अनुवादकों को सलाह दी जाती है कि वे बाइबल के आधुनिक संस्करणों का पालन करें। हालांकि, अगर अनुवादकों के क्षेत्र में बाइबल के पुराने संस्करणों के अनुसार पढ़े जाने वाली बाइबल हैं, तो अनुवादक उन का अनुसरण कर सकते हैं। यदि ऐसा है, तो इन पदों को वर्गाकार कोष्ठक ([]) के अंदर रखा जाना चाहिए ताकि यह सूचित किया जा सके कि वे सम्भवतः 1 कुरिन्थियों का मूल भाग नहीं हैं।

* ""इसलिए अपने शरीर से परमेश्वर की महिमा करें।"" कुछ पुराने संस्करण में पढ़ते हैं ""इसलिए अपने शरीर और अपनी आत्मा में परमेश्वर की महिमा करो, जो परमेश्वर के हैं।"" (6:20)
* ""मैंने यह किया हालांकि मैं स्वयं नियम के अधीन नहीं था"" (9:20)। कुछ पुराने संस्करण इस वाक्यांश को छोड़ देते हैं।
* ""विवेक के लिए - दूसरे व्यक्ति का विवेक। "" कुछ पुराने संस्करण में ""विवेक के लिए"" पढ़ते हैं: पृथ्वी और इसमें का सब कुछ परमेश्वर के हैं: दूसरे व्यक्ति का विवेक। "" (10:28)
* ""और मैं अपने शरीर को जलाने के लिए सौंपता हूं"" (13: 3)। कुछ पुराने संस्करण में पढ़ते हैं, ""और मैं अपना शरीर सौंपता हूं ताकि मैं घमंड कर सकूं।""
* ""लेकिन अगर कोई इसे पहचान नहीं पाता है, तो उसे पहचानने की अनुमति न दें"" (14:38)। कुछ पुराने संस्करण में पढ़ते हैं, ""लेकिन अगर कोई इस से अज्ञान है, तो उसे अज्ञानी रहने दो।""


(देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/translate-textvariants]])
+1CO 1 intro ud5y 0 # 1 कुरिन्थियों 01 सामान्य टिप्पणियाँ
## संरचना एवं स्वरूपण

पहले तीन पद एक अभिनन्दन हैं। प्राचीन निकट पूर्व में, यह पत्र शुरू करने का एक साधारण तरीका था।

कुछ अनुवाद पढ़ने के लिए आसान बनाने के लिए पाठ के बाकी हिस्सों की तुलना में कविता की प्रत्येक पंक्ति को दाईं ओर रखते हैं। यूएलटी ऐसा पद 1 9 के शब्दों के साथ करता है, जो पुराने नियम से हैं।

## इस अध्याय में विशेष अवधारणाएँ

### विभाजन
इस अध्याय में, पौलुस ने विभाजन के लिए और विभिन्न प्रेरितों का अनुसरण करने के लिए कलीसिया को डांटा। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/apostle]])

### आत्मिक वरदान
आत्मिक वरदान कलीसिया की मदद करने के लिए विशिष्ट अलौकिक क्षमताएं हैं। यीशु में विश्वास करने के बाद पवित्र आत्मा इन वरदानों को मसीहियों को देते है। पौलुस अध्याय 12 में आत्मिक वरदानों को सूचीबद्ध करता है। कुछ विद्वानों का मानना ​​है कि पवित्र आत्मा ने विकासशील कलीसिया स्थापित करने में मदद के लिए केवल प्रारंभिक कलीसिया में इन वरदानों में से कुछ को दिया था। अन्य विद्वानों का मानना ​​है कि कलीसिया के पूरे इतिहास के सभी मसीहियों की सहायता के लिए आत्मा के सभी वरदान अभी भी उपलब्ध हैं। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/faith]])

## इस अध्याय के महत्वपूर्ण अलंकार

### मुहावरे

इस अध्याय में, पौलुस दो अलग-अलग वाक्यांशों का उपयोग करके मसीह के दुसरे आगमन को संबोधित करता है: ""हमारे प्रभु यीशु मसीह का प्रकाशन""और"" हमारे प्रभु यीशु मसीह का दिन ""। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-idiom]])

### आलंकारिक प्रश्न
पौलुस गुटों में विभाजित होने और मानव ज्ञान पर भरोसा करने के लिए कुरिन्थियों के लोगों को डांटाने के लिए आलंकारिक प्रश्नों का उपयोग करता है। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-rquestion]])

## इस अध्याय में अन्य संभावित अनुवाद की कठिनाइयाँ

### ठोकर का पत्थर
ठोकर का पत्थर है जिससे लोग ठोकर खाते हैं। यहां इसका अर्थ यह है कि यहूदियों को यह विश्वास करना मुश्किल लगता है कि परमेश्वर ने अपने मसीहा को क्रूस पर चढाए जाने की अनुमति दी थी। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-metaphor]])
1CO 1 1 e8j3 Παῦλος 1 Paul "आपकी भाषा में एक पत्र के लेखक का परिचय देने का एक विशेष तरीका हो सकता है। वैकल्पिक अनुवाद: ""मैं, पौलुस""" 1CO 1 1 qp1n translate-names Σωσθένης, ὁ ἀδελφὸς 1 Sosthenes our brother "यह संकेत करता है कि पौलुस और कुरिन्थि के लोग दोनों सोस्थिनेस को जानते थे। वैकल्पिक अनुवाद: ""भाई जिसे आप और मैं दोनों जानते हैं"" (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/translate-names]] और [[rc://hi/ta/man/translate/figs-explicit]])" 1CO 1 2 r9kg τῇ ἐκκλησίᾳ τοῦ Θεοῦ…ἐν Κορίνθῳ 1 to the church of God at Corinth "आपकी भाषा में लक्षित लोगों को दर्शाने का एक विशेष तरीका हो सकता है। वैकल्पिक अनुवाद: ""यह पत्र कुरिंथ में रेहनेवालों को लिखा है जो परमेश्वर में विश्वास करते है""" @@ -79,7 +79,7 @@ Book Chapter Verse ID SupportReference OrigQuote Occurrence GLQuote OccurrenceNo 1CO 1 30 a7bs figs-inclusive ἡμῖν 1 us ... our ये शब्द पौलुस, उसके साथी और कुरिन्थियों को सम्बोधित करते हैं। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-inclusive]]) 1CO 1 30 f1at figs-metonymy Χριστῷ Ἰησοῦ, ὃς ἐγενήθη σοφία ἡμῖν ἀπὸ Θεοῦ 1 Christ Jesus, who became for us wisdom from God "संभावित अर्थ 1) ""मसीह यीशु, जिसने हम पर स्पष्ट किया है कि परमेश्वर कितना बुद्धिमान है"" या 2) ""मसीह यीशु, जिसने हमें परमेश्वर का ज्ञान दिया है।"" (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-metonymy]])" 1CO 1 31 fym9 ὁ καυχώμενος, ἐν Κυρίῳ καυχάσθω 1 Let the one who boasts, boast in the Lord यदि कोई व्यक्ति गर्व करता है, तो उसे इस बात पर गर्व करना चाहिए कि परमेश्वर कितना महान है। -1CO 2 intro k86p 0 # 1 कुरिन्थियों 02 सामान्य टिप्पणियाँ
## संरचना एवं स्वरूपण

कुछ अनुवाद पढ़ने के लिए आसान बनाने के लिए पाठ के बाकी हिस्सों की तुलना में कविता की प्रत्येक पंक्ति को दाईं ओर रखते हैं। यूएलटी ऐसा पद 9 और 16 के शब्दों के साथ करता है, जो पुराने नियम से हैं।

## इस अध्याय में विशेष अवधारणाएं

### ज्ञान
पौलुस मानव ज्ञान और परमेश्वर के ज्ञान के विरोधाभास की चर्चा पहले अध्याय से जारी रखता है। पौलुस के लिए, बुद्धि सरल और मानव विचार मूर्ख हो सकते है। उन्होंने कहा कि पवित्र आत्मा की ओर से आनेवाली बुद्धि ही एकमात्र सच्ची बुद्धि है। पौलुस ने ""छिपी हुई बुद्धि"" वाक्यांश का प्रयोग, पूर्वकाल के अज्ञात सत्यों को संबोधित करने के लिए किया है। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/wise]] और [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/foolish]])
+1CO 2 intro k86p 0 # 1 कुरिन्थियों 02 सामान्य टिप्पणियाँ
## संरचना एवं स्वरूपण

कुछ अनुवाद पढ़ने के लिए आसान बनाने के लिए पाठ के बाकी हिस्सों की तुलना में कविता की प्रत्येक पंक्ति को दाईं ओर रखते हैं। यूएलटी ऐसा पद 9 और 16 के शब्दों के साथ करता है, जो पुराने नियम से हैं।

## इस अध्याय में विशेष अवधारणाएं

### ज्ञान
पौलुस मानव ज्ञान और परमेश्वर के ज्ञान के विरोधाभास की चर्चा पहले अध्याय से जारी रखता है। पौलुस के लिए, बुद्धि सरल और मानव विचार मूर्ख हो सकते है। उन्होंने कहा कि पवित्र आत्मा की ओर से आनेवाली बुद्धि ही एकमात्र सच्ची बुद्धि है। पौलुस ने ""छिपी हुई बुद्धि"" वाक्यांश का प्रयोग, पूर्वकाल के अज्ञात सत्यों को संबोधित करने के लिए किया है। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/wise]] और [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/foolish]])
1CO 2 1 kjc7 0 Connecting Statement: पौलुस मानव बुद्धि और परमेश्वर की बुद्धि के बीच का अंतर दिखाता है। उसने जोर दिया कि आत्मिक बुद्धि परमेश्वर से आती है। 1CO 2 1 qvj7 ἀδελφοί 1 brothers यहां इसका अर्थ है साथी मसीही, पुरुष और महिला दोनों सहित। 1CO 2 2 a2g9 figs-hyperbole ἔκρινά τι εἰδέναι…εἰ μὴ Ἰησοῦν Χριστὸν 1 I decided to know nothing ... except Jesus Christ "जब पौलुस ने कहा कि उसने ""कुछ भी न जानने का फैसला किया"" तो उसने अतिशयोक्तिपूर्ण यह कहा ताकि इस बात पर जोर दे कि उसने यीशु मसीह के अलावा न तो किसी पर ध्यान केंद्रित किया और न कुछ सिखाने का फैसला किया। वैकल्पिक अनुवाद: ""मैंने यीशु मसीह को छोड़कर कुछ भी न सिखाने का फैसला किया"" या ""मैंने यीशु मसीह को छोड़कर और कुछ न सीखने का फैसला किया है "" (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-hyperbole]])" @@ -109,7 +109,7 @@ Book Chapter Verse ID SupportReference OrigQuote Occurrence GLQuote OccurrenceNo 1CO 2 14 gwe3 ὅτι πνευματικῶς ἀνακρίνεται 1 because they are spiritually discerned क्योंकि इन चीजों को समझने के लिए आत्मा की सहायता की आवश्यकता होती है 1CO 2 15 w4q7 ὁ…πνευματικὸς 1 The one who is spiritual विश्वासी जिसने आत्मा प्राप्त की है 1CO 2 16 m4pu figs-rquestion τίς γὰρ ἔγνω νοῦν Κυρίου, ὃς συμβιβάσει αὐτόν? 1 For who can know the mind of the Lord, that he can instruct him? "पौलुस इस सवाल का प्रयोग इस बात पर जोर देने के लिए करता है कि कोई भी परमेश्वर के मन को नहीं जानता। कोई भी परमेश्वर के समान बुद्धिमान नहीं है। वैकल्पिक अनुवाद: ""कोई भी परमेश्वर के मन को नहीं जानता, इसलिए कोई भी उन्हें कुछ भी नहीं सिखा सकता है जिसे वह पहले से ही न जानता हो"" (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-rquestion]])" -1CO 3 intro g6ku 0 # 1 कुरिन्थियों 03 सामान्य टिप्पणियाँ
## संरचना एवं स्वरूपण

कुछ अनुवाद पुराने नियम से उद्धरण को पृष्ठ पर दाईं ओर पढ़ने को आसान बनाने के लिए रखते हैं। यूएलटी ऐसा पद 1 9 और 20 के उद्धृत शब्दों के साथ करता है।

## इस अध्याय में विशेष अवधारणाएँ

### शारीरिक लोग
कुरिन्थियों के विश्वासी उनके अनैतिक कार्यों के कारण अपरिपक्व थे। वह उन्हें ""शारीरिक"" कहता हैं, जिसका मतलब अविश्वासियों के रूप में कार्य करना है। इस शब्द का प्रयोग ""आत्मिक"" के विपक्ष में किया जाता है। अपने ""शरीर"" के अनुसार चलनेवाले मसीही मूर्खता से काम कर रहे हैं। वे दुनिया की बुद्धि का पालन कर रहे हैं। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/righteous]], [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/flesh]], [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/spirit]] और [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/foolish]] और [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/wise]])

## इस अध्याय के महत्वपूर्ण अलंकार

### रूपक
इस अध्याय में कई रूपक हैं। पौलुस आत्मिक अपरिपक्वता को दर्शाने के लिए ""बच्चों"" और ""दूध"" का उपयोग करता है। उसने रोपण और सिंचाई के रूपकों का इस्तेमाल कुरिन्थियों की कलीसिया को बढ़ाने के लिए अपने और आपोलुस की भूमिका का दर्शाने के लिए किया है। पौलुस अन्य रूपकों का उपयोग करता है ताकि वे कुरिन्थियों को आत्मिक सत्य सिखाने में मदद कर सकें और उसकी शिक्षाओं को समझने में उनकी सहायता कर सकें। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-metaphor]])
## लिंक:

* __ [1 कुरिन्थियों 03:01 टिप्पणियाँ] (./01.md) __

__ \ [<<] (../ 02 / intro.md) । \ [>>] (../ 04 / intro.md) __
+1CO 3 intro g6ku 0 # 1 कुरिन्थियों 03 सामान्य टिप्पणियाँ
## संरचना एवं स्वरूपण

कुछ अनुवाद पुराने नियम से उद्धरण को पृष्ठ पर दाईं ओर पढ़ने को आसान बनाने के लिए रखते हैं। यूएलटी ऐसा पद 1 9 और 20 के उद्धृत शब्दों के साथ करता है।

## इस अध्याय में विशेष अवधारणाएँ

### शारीरिक लोग
कुरिन्थियों के विश्वासी उनके अनैतिक कार्यों के कारण अपरिपक्व थे। वह उन्हें ""शारीरिक"" कहता हैं, जिसका मतलब अविश्वासियों के रूप में कार्य करना है। इस शब्द का प्रयोग ""आत्मिक"" के विपक्ष में किया जाता है। अपने ""शरीर"" के अनुसार चलनेवाले मसीही मूर्खता से काम कर रहे हैं। वे दुनिया की बुद्धि का पालन कर रहे हैं। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/righteous]], [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/flesh]], [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/spirit]] और [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/foolish]] और [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/wise]])

## इस अध्याय के महत्वपूर्ण अलंकार

### रूपक
इस अध्याय में कई रूपक हैं। पौलुस आत्मिक अपरिपक्वता को दर्शाने के लिए ""बच्चों"" और ""दूध"" का उपयोग करता है। उसने रोपण और सिंचाई के रूपकों का इस्तेमाल कुरिन्थियों की कलीसिया को बढ़ाने के लिए अपने और आपोलुस की भूमिका का दर्शाने के लिए किया है। पौलुस अन्य रूपकों का उपयोग करता है ताकि वे कुरिन्थियों को आत्मिक सत्य सिखाने में मदद कर सकें और उसकी शिक्षाओं को समझने में उनकी सहायता कर सकें। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-metaphor]])
## लिंक:

* __ [1 कुरिन्थियों 03:01 टिप्पणियाँ] (./01.md) __

__ \ [<<] (../ 02 / intro.md) । \ [>>] (../ 04 / intro.md) __
1CO 3 1 a43d 0 Connecting Statement: पौलुस अब कुरिन्थियों के विश्वासियों को याद दिलाता है कि वे परमेश्वर के सामने उनके पदों के अनुसार व्यवहार करने के बजाय वास्तव में कैसे रहते हैं। फिर वह उन्हें याद दिलाता है कि जो व्यक्ति उन्हें सिखाता है वह उतना महत्वपूर्ण नहीं है जितना कि परमेश्वर जो उनको उन्नति देता है। 1CO 3 1 r4iw ἀδελφοί 1 brothers यहां इसका अर्थ है साथी मसीही, पुरुष और महिला दोनों सहित। 1CO 3 1 jx17 πνευματικοῖς 1 spiritual people जो लोग आत्मा का पालन करते हैं @@ -160,7 +160,7 @@ Book Chapter Verse ID SupportReference OrigQuote Occurrence GLQuote OccurrenceNo 1CO 3 20 la6x Κύριος γινώσκει τοὺς διαλογισμοὺς τῶν σοφῶν, ὅτι εἰσὶν μάταιοι 1 The Lord knows that the reasoning of the wise is futile परमेश्वर जानते है कि जो लोग स्वयं को बुद्धिमान सोचकर योजना बनाते है वह व्यर्थ है" 1CO 3 20 kz2u μάταιοι 1 futile व्यर्थ 1CO 3 23 nj48 ὑμεῖς δὲ Χριστοῦ, Χριστὸς δὲ Θεοῦ 1 you are Christ's, and Christ is God's तुम मसीह के हो, और मसीह परमेश्वर के हैं -1CO 4 intro vg5z 0 # 1 कुरिन्थियों 04 सामान्य टिप्पणियाँ
## इस अध्याय में विशेष अवधारणाएं

### गर्व
पौलुस कुरिन्थियों का गर्वित होना और प्रेरितों के नम्र होने का विरोधाभास प्रस्तुत करता है। कुरिन्थियों के विश्वासियों के पास गर्वित होने का कोई कारण नहीं था। उनके पास जो कुछ था, और जो कुछ वे थे, परमेश्वर से एक उपहार था। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/apostle]])

## इस अध्याय के महत्वपूर्ण अलंकार

### रूपक
पौलुस इस अध्याय में कई रूपकों का उपयोग करता है। वह प्रेरितों को सेवकों के रूप में वर्णित करता है। पौलुस एक विजय झांकी की बात करता है जहां प्रेरित बंदी हैं जो मारे जाएंगे। वह एक छड़ी का उपयोग दण्ड को दर्शाने के लिए करता है। वह स्वयं को उनका पिता कहता हैं क्योंकि वह उनका ""आत्मिक पिता"" है। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-metaphor]] और [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/spirit]])

### विडंबना
पौलुस गर्व के लिए कोरिंथियों को लज्जित करने के लिए विडंबना का उपयोग करता है। कुरिन्थियों के विश्वासी राज कर रहे है लेकिन प्रेरित पीड़ित हैं। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-irony]])

### आलंकारिक प्रश्न
पौलुस इस अध्याय में कई आलंकारिक प्रश्नों का उपयोग करता है। वह उन महत्वपूर्ण बिंदुओं पर जोर देने के लिए उनका उपयोग करता है जब वह कुरिन्थियों को सिखाता है। (देखें: rc://hi/ta/man/translate/figs-rquestion)
+1CO 4 intro vg5z 0 # 1 कुरिन्थियों 04 सामान्य टिप्पणियाँ
## इस अध्याय में विशेष अवधारणाएं

### गर्व
पौलुस कुरिन्थियों का गर्वित होना और प्रेरितों के नम्र होने का विरोधाभास प्रस्तुत करता है। कुरिन्थियों के विश्वासियों के पास गर्वित होने का कोई कारण नहीं था। उनके पास जो कुछ था, और जो कुछ वे थे, परमेश्वर से एक उपहार था। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/apostle]])

## इस अध्याय के महत्वपूर्ण अलंकार

### रूपक
पौलुस इस अध्याय में कई रूपकों का उपयोग करता है। वह प्रेरितों को सेवकों के रूप में वर्णित करता है। पौलुस एक विजय झांकी की बात करता है जहां प्रेरित बंदी हैं जो मारे जाएंगे। वह एक छड़ी का उपयोग दण्ड को दर्शाने के लिए करता है। वह स्वयं को उनका पिता कहता हैं क्योंकि वह उनका ""आत्मिक पिता"" है। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-metaphor]] और [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/spirit]])

### विडंबना
पौलुस गर्व के लिए कोरिंथियों को लज्जित करने के लिए विडंबना का उपयोग करता है। कुरिन्थियों के विश्वासी राज कर रहे है लेकिन प्रेरित पीड़ित हैं। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-irony]])

### आलंकारिक प्रश्न
पौलुस इस अध्याय में कई आलंकारिक प्रश्नों का उपयोग करता है। वह उन महत्वपूर्ण बिंदुओं पर जोर देने के लिए उनका उपयोग करता है जब वह कुरिन्थियों को सिखाता है। (देखें: rc://hi/ta/man/translate/figs-rquestion)
1CO 4 1 k1v5 0 Connecting Statement: लोगों को उनके विषय में जिन्होंने उन्हें प्रभु के बारे में शिक्षा दी और बपतिस्मा दिया गर्व न करने का स्मरण कराने के बाद, पौलुस ने कुरिन्थियों के विश्वासियों को याद दिलाया कि सभी विश्वासियों को विनम्र सेवक होना चाहिए। 1CO 4 2 th8e figs-123person ὧδε λοιπὸν ζητεῖται ἐν τοῖς οἰκονόμοις 1 what is required of stewards "पौलुस स्वयं के बारे में इस प्रकार बात कर रहा है जैसे वह अन्य लोगों के बारे में बात कर रहा था। वैकल्पिक अनुवाद: ""हमें होना जरूरी है"" (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-123person]])" 1CO 4 3 k6nc ἐλάχιστόν ἐστιν, ἵνα ὑφ’ ὑμῶν ἀνακριθῶ 1 it is a very small thing that I should be judged by you पौलुस मानव न्याय और परमेश्वर के न्याय के बीच अंतर की तुलना कर रहा है। मनुष्य पर परमेश्वर के सच्चे न्याय की तुलना में मनुष्य का निर्णय महत्वपूर्ण नहीं है। @@ -202,7 +202,7 @@ Book Chapter Verse ID SupportReference OrigQuote Occurrence GLQuote OccurrenceNo 1CO 4 21 ix5g figs-rquestion τί θέλετε? 1 What do you want? "पौलुस कुरिन्थियों से आखिरी निवेदन कर रहा था, क्योंकि वह उनकी गलतियों के लिए उन्हें डांट रहा है। वैकल्पिक अनुवाद: ""मुझे बताओ कि अब तुम क्या करना चाहते हो"" (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-rquestion]])" 1CO 4 21 wv61 figs-rquestion ἐν ῥάβδῳ ἔλθω πρὸς ὑμᾶς, ἢ ἐν ἀγάπῃ, πνεύματί τε πραΰτητος? 1 Shall I come to you with a rod or with love and in a spirit of gentleness "पौलुस कुरिन्थियों के सामने दो विरोधी दृष्टिकोणों को पेश कर रहा है जो वह उनके पास आने पर उपयोग कर सकता है। वैकल्पिक अनुवाद: ""यदि तुम चाहो, तो मैं तुम्हे दंडित करने के लिए आ सकता हूं, या मैं तुम्हारे साथ सभ्य होकर तुम्हें यह दिखा सकता हूँ कि मैं तुम से कितना प्यार करता हूं"" (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-rquestion]])" 1CO 4 21 ix7l πραΰτητος 1 of gentleness "दयालुता से या ""कोमलता से""" -1CO 5 intro vb3l 0 # 1 कुरिन्थियों 05 सामान्य टिप्पणियाँ
## संरचना एवं स्वरूपण

कुछ अनुवाद पुराने नियम से उद्धरण को पृष्ठ पर दाईं ओर पढ़ने को आसान बनाने के लिए रखते हैं। यूएलटी ऐसा पद 13 के उद्धृत शब्दों के साथ करता है।

## इस अध्याय के महत्वपूर्ण अलंकार

### प्रेयोक्ति

पौलुस संवेदनशील विषयों का वर्णन करने के लिए प्रेयोक्ति का उपयोग करता है। यह अध्याय एक कलीसिया के सदस्य की यौन अनैतिकता से संबंधित है। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-euphemism]] और [[rc://hi/tw/dict/bible/other/fornication]])

### रूपक
पौलुस कई रूपकों का उपयोग करके एक विस्तारित तुलना का उपयोग करता है। खमीर बुराई को दर्शाता है। रोटी संभवतः पूरी मंडली को दर्शाती है। अखमीरी रोटी पवित्रता से जीवित रहने को दर्शाती है। तो पूरे वाक्य का मतलब है: क्या तुम नहीं जानते कि एक छोटी सी बुराई पूरी मंडली को प्रभावित करेगी? तो बुराई से छुटकारा पाएं ताकि तुम पवित्रता से जी सको। मसीह हमारे लिए बलिदान किया गया है। तो आओ हम ईमानदार और सच्चे रहें और दुष्ट न हों और बुरी तरह व्यवहार न करें। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-metaphor]], [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/evil]], [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/unleavenedbread]] और [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/purify]] और [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/passover]])

### आलंकारिक प्रश्न
पौलुस इस अध्याय में आलंकारिक प्रश्नों का उपयोग करता है। वह उन महत्वपूर्ण बिंदुओं पर जोर देने के लिए उनका उपयोग करता है जब वह कुरिन्थियों को सिखाता है। (देखें: rc://hi/ta/man/translate/figs-rquestion)
+1CO 5 intro vb3l 0 # 1 कुरिन्थियों 05 सामान्य टिप्पणियाँ
## संरचना एवं स्वरूपण

कुछ अनुवाद पुराने नियम से उद्धरण को पृष्ठ पर दाईं ओर पढ़ने को आसान बनाने के लिए रखते हैं। यूएलटी ऐसा पद 13 के उद्धृत शब्दों के साथ करता है।

## इस अध्याय के महत्वपूर्ण अलंकार

### प्रेयोक्ति

पौलुस संवेदनशील विषयों का वर्णन करने के लिए प्रेयोक्ति का उपयोग करता है। यह अध्याय एक कलीसिया के सदस्य की यौन अनैतिकता से संबंधित है। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-euphemism]] और [[rc://hi/tw/dict/bible/other/fornication]])

### रूपक
पौलुस कई रूपकों का उपयोग करके एक विस्तारित तुलना का उपयोग करता है। खमीर बुराई को दर्शाता है। रोटी संभवतः पूरी मंडली को दर्शाती है। अखमीरी रोटी पवित्रता से जीवित रहने को दर्शाती है। तो पूरे वाक्य का मतलब है: क्या तुम नहीं जानते कि एक छोटी सी बुराई पूरी मंडली को प्रभावित करेगी? तो बुराई से छुटकारा पाएं ताकि तुम पवित्रता से जी सको। मसीह हमारे लिए बलिदान किया गया है। तो आओ हम ईमानदार और सच्चे रहें और दुष्ट न हों और बुरी तरह व्यवहार न करें। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-metaphor]], [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/evil]], [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/unleavenedbread]] और [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/purify]] और [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/passover]])

### आलंकारिक प्रश्न
पौलुस इस अध्याय में आलंकारिक प्रश्नों का उपयोग करता है। वह उन महत्वपूर्ण बिंदुओं पर जोर देने के लिए उनका उपयोग करता है जब वह कुरिन्थियों को सिखाता है। (देखें: rc://hi/ta/man/translate/figs-rquestion)
1CO 5 1 e66c 0 Connecting Statement: पौलुस अब विशेष रूप से उनके सुने हुए पापों के बारे में बताता है, और कैसे कुरिन्थियों के विश्वासी उस आदमी और उसके पाप की स्वीकृति पर गर्व करते है। 1CO 5 1 dlj2 figs-activepassive ἥτις οὐδὲ ἐν τοῖς ἔθνεσιν 1 that is not even permitted among the Gentiles "इसे सक्रिय रूप में कहा जा सकता है। वैकल्पिक अनुवाद: ""कि गैर-यहूदी भी अनुमति नहीं देते"" (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-activepassive]])" 1CO 5 1 b9xn γυναῖκά τινα τοῦ πατρὸς ἔχειν 1 A man has his father's wife आप में से एक आदमी अपने पिता की पत्नी के साथ व्यभिचार कर रहा है @@ -229,7 +229,7 @@ Book Chapter Verse ID SupportReference OrigQuote Occurrence GLQuote OccurrenceNo 1CO 5 11 b4us ἀδελφὸς 1 brother यहां इसका अर्थ है एक साथी मसीही, या तो पुरुष या महिला। 1CO 5 12 xeu7 figs-rquestion τί…μοι τοὺς ἔξω κρίνειν? 1 how am I involved with judging those who are outside the church? "पौलुस इस बात पर जोर दे रहा है कि वह कलीसिया के बाहर लोगों का न्याय करने वाला नहीं है। इसे सक्रिय रूप में भी कहा जा सकता है। वैकल्पिक अनुवाद: ""मैं वह नहीं हूं जो उन लोगों का न्याय करे जो कलीसिया से जुड़ा नहीं हैं"" (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-rquestion]])" 1CO 5 12 m4s6 figs-rquestion οὐχὶ τοὺς ἔσω ὑμεῖς κρίνετε? 1 are you not to judge those who are inside the church? "पौलुस कुरिन्थियों को डांट रहा है। ""तुम्हे पता होना चाहिए कि तुमको कलीसिया के अंदर उपस्थित लोगों का न्याय करना चाहिए"" (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-rquestion]])" -1CO 6 intro s6hb 0 # 1 कुरिन्थियों 06 सामान्य टिप्पणियाँ
## इस अध्याय में विशेष अवधारणाएँ

### कानून

पौलुस सिखाता है कि एक मसीही को गैर- मसीही न्यायाधीश के समक्ष अदालत में किसी और मसीही को नहीं लाना चाहिए। धोखा खाना बेहतर है। मसीही स्वर्गदूतों का न्याय करेंगे। तो उन्हें स्वयं के बीच समस्याओं को हल करने में सक्षम होना चाहिए। अन्य विश्वासी को धोखा देने के लिए अदालत का उपयोग करना विशेष रूप से बुरा होता है। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/judge]])

## इस अध्याय के महत्वपूर्ण अलंकार

### रूपक
पवित्र आत्मा का भवन एक महत्वपूर्ण रूपक है। यह उस स्थान को सम्बोधित करता है जहां पवित्र आत्मा रहता है और उसकी आराधना की जाती है। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-metaphor]])

### आलंकारिक प्रश्न
पौलुस इस अध्याय में कई आलंकारिक प्रश्नों का उपयोग करता है। वह उन महत्वपूर्ण बिंदुओं पर जोर देने के लिए उनका उपयोग करता है जब वह कुरिन्थियों को सिखाता है। (देखें: rc://hi/ta/man/translate/figs-rquestion)
+1CO 6 intro s6hb 0 # 1 कुरिन्थियों 06 सामान्य टिप्पणियाँ
## इस अध्याय में विशेष अवधारणाएँ

### कानून

पौलुस सिखाता है कि एक मसीही को गैर- मसीही न्यायाधीश के समक्ष अदालत में किसी और मसीही को नहीं लाना चाहिए। धोखा खाना बेहतर है। मसीही स्वर्गदूतों का न्याय करेंगे। तो उन्हें स्वयं के बीच समस्याओं को हल करने में सक्षम होना चाहिए। अन्य विश्वासी को धोखा देने के लिए अदालत का उपयोग करना विशेष रूप से बुरा होता है। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/judge]])

## इस अध्याय के महत्वपूर्ण अलंकार

### रूपक
पवित्र आत्मा का भवन एक महत्वपूर्ण रूपक है। यह उस स्थान को सम्बोधित करता है जहां पवित्र आत्मा रहता है और उसकी आराधना की जाती है। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-metaphor]])

### आलंकारिक प्रश्न
पौलुस इस अध्याय में कई आलंकारिक प्रश्नों का उपयोग करता है। वह उन महत्वपूर्ण बिंदुओं पर जोर देने के लिए उनका उपयोग करता है जब वह कुरिन्थियों को सिखाता है। (देखें: rc://hi/ta/man/translate/figs-rquestion)
1CO 6 1 hv79 0 Connecting Statement: पौलुस बताता है कि विश्वासियों को अन्य विश्वासियों के साथ असहमति कैसे सुलझाना है। 1CO 6 1 q5d3 πρᾶγμα 1 dispute असहमति या तर्क 1CO 6 1 gmy5 figs-rquestion τολμᾷ…κρίνεσθαι…τῶν ἁγίων? 1 does he dare to go ... saints? "पौलुस इस बात पर ज़ोर दे रहा है कि मसीहीयों को स्वयं के बीच मतभेदों को हल करना चाहिए। वैकल्पिक अनुवाद: ""उसे जाने की हिम्मत नहीं करनी चाहिए ... संत!"" या ""उसे परमेश्वर से डरना चाहिए और नहीं जाना चाहिए ... संत!"" (देख: )" @@ -287,7 +287,7 @@ Book Chapter Verse ID SupportReference OrigQuote Occurrence GLQuote OccurrenceNo 1CO 6 19 d2mc figs-metaphor ναὸς τοῦ…Ἁγίου Πνεύματός 1 temple of the Holy Spirit परमेश्वर का भवन दिव्य प्राणियों को समर्पित होता है, और वह जगह जहां वे रहते हैं। इसी प्रकार, प्रत्येक कुरंथियो के व्यक्ति का शरीर पवित्र आत्मा का भवन है क्योंकि पवित्र आत्मा उनके भीतर उपस्थित है। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-metaphor]]) 1CO 6 20 qv47 figs-activepassive ἠγοράσθητε γὰρ τιμῆς 1 For you were bought with a price "परमेश्वर ने पाप की दासता से कुरिन्थियों की स्वतंत्रता के लिए मूल्य दिया। इसे सक्रिय के रूप में कहा जा सकता है। वैकल्पिक अनुवाद: ""परमेश्वर ने तुम्हारी स्वतंत्रता के लिए मूल्य दिया"" (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-activepassive]])" 1CO 6 20 y7fe δὴ 1 Therefore क्योंकि मैंने अभी जो कहा है वह सत्य है -1CO 7 intro a25m 0 # 1 कुरिन्थियों 07 सामान्य टिप्पणियाँ
## संरचना एवं स्वरूपण

पौलुस ने उन प्रश्नों की श्रृंखला का जवाब देना शुरू किया जो कुरिन्थियों के लोगो ने उससे पूछे होंगे। पहला सवाल विवाह के बारे में है। दूसरा सवाल दास जो स्वतंत्र होने की कोशिश कर रहे हैं, एक यहूदी बनने वाला गैर यहूदी, या एक गैर यहूदी बनने वाला यहूदी है।

## इस अध्याय में विशेष अवधारणाएं

### तलाक
पौलुस का कहना है कि विवाहित मसीहियों को तलाक नहीं लेना चाहिए अविश्वासियों से विवाहित एक मसीही को अपने पति या पत्नी को नहीं छोड़ना चाहिए। अगर अविश्वासी पति या पत्नी छोड़ देता है, तो यह पाप नहीं है। पौलुस सलाह देता है कि, कठिन समय और यीशु के लौटने के समय के निकट होने के कारण, अविवाहित रहना स्वीकार्य है। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/believe]] और [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/sin]])

## इस अध्याय के महत्वपूर्ण अलंकार

### प्रेयोक्ति
पौलुस यौन संबंधों को समझदारी से सम्बोधित करने के लिए कई प्रेयोक्ति का उपयोग करता है। यह अक्सर एक संवेदनशील विषय है। कई संस्कृतियां इन मामलों के बारे में खुले तौर पर बात नहीं करना चाहती हैं। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-euphemism]])
+1CO 7 intro a25m 0 # 1 कुरिन्थियों 07 सामान्य टिप्पणियाँ
## संरचना एवं स्वरूपण

पौलुस ने उन प्रश्नों की श्रृंखला का जवाब देना शुरू किया जो कुरिन्थियों के लोगो ने उससे पूछे होंगे। पहला सवाल विवाह के बारे में है। दूसरा सवाल दास जो स्वतंत्र होने की कोशिश कर रहे हैं, एक यहूदी बनने वाला गैर यहूदी, या एक गैर यहूदी बनने वाला यहूदी है।

## इस अध्याय में विशेष अवधारणाएं

### तलाक
पौलुस का कहना है कि विवाहित मसीहियों को तलाक नहीं लेना चाहिए अविश्वासियों से विवाहित एक मसीही को अपने पति या पत्नी को नहीं छोड़ना चाहिए। अगर अविश्वासी पति या पत्नी छोड़ देता है, तो यह पाप नहीं है। पौलुस सलाह देता है कि, कठिन समय और यीशु के लौटने के समय के निकट होने के कारण, अविवाहित रहना स्वीकार्य है। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/believe]] और [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/sin]])

## इस अध्याय के महत्वपूर्ण अलंकार

### प्रेयोक्ति
पौलुस यौन संबंधों को समझदारी से सम्बोधित करने के लिए कई प्रेयोक्ति का उपयोग करता है। यह अक्सर एक संवेदनशील विषय है। कई संस्कृतियां इन मामलों के बारे में खुले तौर पर बात नहीं करना चाहती हैं। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-euphemism]])
1CO 7 1 iue7 0 Connecting Statement: पौलुस विश्वासियों को विवाह पर कुछ विशिष्ट निर्देश देता है। 1CO 7 1 y4lx δὲ 1 Now पौलुस अपनी शिक्षा में एक नये विषय को परिचित कर रहा है। 1CO 7 1 jq21 ὧν ἐγράψατε 1 the issues you wrote about कुरिन्थियों ने पौलुस को कुछ प्रश्नों के उत्तर मांगने के लिए एक पत्र लिखा था। @@ -365,7 +365,7 @@ Book Chapter Verse ID SupportReference OrigQuote Occurrence GLQuote OccurrenceNo 1CO 7 40 hwz4 τὴν ἐμὴν γνώμην 1 my judgment परमेश्वर के वचन की मेरी समझ 1CO 7 40 hd7f μακαριωτέρα 1 happier अधिक संतुष्ट, अधिक आनंददायक 1CO 7 40 pse4 οὕτως μείνῃ 1 lives as she is अविवाहित बनी रहती है -1CO 8 intro c8l6 0 # 1 कुरिन्थियों 08 सामान्य टिप्पणियाँ
## संरचना एवं स्वरूपण

अध्याय 8-10 में पौलुस प्रश्न का उत्तर देता है: ""क्या मूर्ति को अर्पित मांस खाने के लिए स्वीकार्य है?""

## इस अध्याय में विशेष अवधारणाएँ ### मूर्तियों को अर्पित किया गया है मांस

पौलुस इस सवाल का जवाब देकर कहता है कि मूर्तियां वास्तव में अस्तित्व में देवता नहीं है। इसलिए मांस के साथ कुछ भी गलत नहीं है। मसीही इसे खाने के लिए स्वतंत्र हैं। हालांकि, जो कोई इसे समझ नहीं पाता है, वह एक मसीही को खाता देख सकता है। तब वे मूर्तिपूजा के उपासना जैसा मांस खाने के लिए प्रोत्साहित हो सकते है +1CO 8 intro c8l6 0 # 1 कुरिन्थियों 08 सामान्य टिप्पणियाँ
## संरचना एवं स्वरूपण

अध्याय 8-10 में पौलुस प्रश्न का उत्तर देता है: ""क्या मूर्ति को अर्पित मांस खाने के लिए स्वीकार्य है?""

## इस अध्याय में विशेष अवधारणाएँ ### मूर्तियों को अर्पित किया गया है मांस

पौलुस इस सवाल का जवाब देकर कहता है कि मूर्तियां वास्तव में अस्तित्व में देवता नहीं है। इसलिए मांस के साथ कुछ भी गलत नहीं है। मसीही इसे खाने के लिए स्वतंत्र हैं। हालांकि, जो कोई इसे समझ नहीं पाता है, वह एक मसीही को खाता देख सकता है। तब वे मूर्तिपूजा के उपासना जैसा मांस खाने के लिए प्रोत्साहित हो सकते है 1CO 8 1 jf6h figs-inclusive 0 General Information: "हमारा मतलब है पौलुस और, विशेष रूप से कुरिन्थियों के विश्वासियों को लिखते हुए, सभी विश्वासियों को सम्मिलित करते हैं। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-inclusive]]) 1CO 8 1 nzt4 0 Connecting Statement: पौलुस विश्वासियों को याद दिलाता है कि यद्यपि मूर्तियों के पास कोई शक्ति नहीं है, फिर भी विश्वासियों को सावधान रहना चाहिए कि वे कमजोर विश्वासियों को प्रभावित न करें जो सोचें कि वे मूर्तियों को महत्व देते हैं। वह विश्वासियों को मसीह में स्वतंत्रता के प्रति सावधान रहने के लिए कहता है। 1CO 8 1 cep1 περὶ δὲ 1 Now about पौलुस उनके पूछे गए अगले प्रश्न पर जाने के लिए इस वाक्यांश का उपयोग करता है। @@ -393,7 +393,7 @@ Book Chapter Verse ID SupportReference OrigQuote Occurrence GLQuote OccurrenceNo 1CO 8 11 g5tn ἀπόλλυται…ὁ ἀσθενῶν 1 the weaker one ... is destroyed भाई या बहन जो अपने विश्वास में पक्के नहीं है पाप करेंगे या वह अपने विश्वास को खो देंगे। 1CO 8 13 i8tb διόπερ 1 Therefore क्योंकि मैंने अभी जो कहा है वह सत्य है 1CO 8 13 vf92 figs-metonymy εἰ βρῶμα σκανδαλίζει 1 if food causes "भोजन खाने वाले व्यक्ति के लिए भोजन यहां एक अलंकार है। वैकल्पिक अनुवाद: ""यदि मैं खाने के कारण"" या ""यदि मैं, जो खा रहा हूं उसके कारण, कारण"" (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-metonymy]]) -1CO 9 intro z8d4 0 # 1 कुरिन्थियों 09 सामान्य टिप्पणियाँ
## संरचना एवं स्वरूपण

पौलुस इस अध्याय में स्वयं का बचाव करता है। कुछ लोगों ने दावा किया कि वह कलीसिया से आर्थिक लाभ प्राप्त करने का प्रयास कर रहा था।

## इस अध्याय में विशेष अवधारणाएँ

### कलीसिया से धन कमाई
लोगों ने पौलुस को सिर्फ कलीसिया से पैसा मांगने का आरोप लगाया। पौलुस ने जवाब दिया कि वह आधिकारिक रूप से कलीसिया से पैसे ले सकता है। पुराने नियम ने सिखाया कि जो लोग काम करते हैं उन्हें अपने काम से अपनी जीविका मिलनी चाहिए। उसने और बरनबास ने उद्देश्यपूर्वक इस अधिकार का उपयोग कभी भी उनकी जीविका अर्जित करने के लिए नहीं किया।

## इस अध्याय के महत्वपूर्ण अलंकार

### रूपक
पौलुस इस अध्याय में कई रूपकों का उपयोग करता है। ये रूपक जटिल सत्य सिखाते हैं। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-metaphor]])

## इस अध्याय में अन्य संभावित अनुवाद की कठिनाइयाँ

### संदर्भित
यह वाक्य महत्वपूर्ण है क्योंकि पौलुस विभिन्न दर्शकों को सुसमाचार की सेवा ""संदर्भित करता है""। इसका मतलब पौलुस स्वयं को और सुसमाचार को समझने योग्य बनाता है ताकि उसके कार्यों द्वारा बाधा डाले बिना सुसमाचार ग्रहण किया जा सके। यदि संभव हो तो अनुवादक को इस ""संदर्भ"" के पहलुओं को संरक्षित रखने के लिए अतिरिक्त देखभाल करनी चाहिए। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/goodnews]])

### आलंकारिक प्रश्न
पौलुस इस अध्याय में कई आलंकारिक प्रश्नों का उपयोग करता है। वह विभिन्न बिंदुओं पर जोर देने के लिए उनका उपयोग करता है क्योंकि वह कुरिन्थियों को सिखाता है। (देखें: rc://hi/ta/man/translate/figs-rquestion) (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-rquestion]])
+1CO 9 intro z8d4 0 # 1 कुरिन्थियों 09 सामान्य टिप्पणियाँ
## संरचना एवं स्वरूपण

पौलुस इस अध्याय में स्वयं का बचाव करता है। कुछ लोगों ने दावा किया कि वह कलीसिया से आर्थिक लाभ प्राप्त करने का प्रयास कर रहा था।

## इस अध्याय में विशेष अवधारणाएँ

### कलीसिया से धन कमाई
लोगों ने पौलुस को सिर्फ कलीसिया से पैसा मांगने का आरोप लगाया। पौलुस ने जवाब दिया कि वह आधिकारिक रूप से कलीसिया से पैसे ले सकता है। पुराने नियम ने सिखाया कि जो लोग काम करते हैं उन्हें अपने काम से अपनी जीविका मिलनी चाहिए। उसने और बरनबास ने उद्देश्यपूर्वक इस अधिकार का उपयोग कभी भी उनकी जीविका अर्जित करने के लिए नहीं किया।

## इस अध्याय के महत्वपूर्ण अलंकार

### रूपक
पौलुस इस अध्याय में कई रूपकों का उपयोग करता है। ये रूपक जटिल सत्य सिखाते हैं। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-metaphor]])

## इस अध्याय में अन्य संभावित अनुवाद की कठिनाइयाँ

### संदर्भित
यह वाक्य महत्वपूर्ण है क्योंकि पौलुस विभिन्न दर्शकों को सुसमाचार की सेवा ""संदर्भित करता है""। इसका मतलब पौलुस स्वयं को और सुसमाचार को समझने योग्य बनाता है ताकि उसके कार्यों द्वारा बाधा डाले बिना सुसमाचार ग्रहण किया जा सके। यदि संभव हो तो अनुवादक को इस ""संदर्भ"" के पहलुओं को संरक्षित रखने के लिए अतिरिक्त देखभाल करनी चाहिए। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/goodnews]])

### आलंकारिक प्रश्न
पौलुस इस अध्याय में कई आलंकारिक प्रश्नों का उपयोग करता है। वह विभिन्न बिंदुओं पर जोर देने के लिए उनका उपयोग करता है क्योंकि वह कुरिन्थियों को सिखाता है। (देखें: rc://hi/ta/man/translate/figs-rquestion) (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-rquestion]])
1CO 9 1 fu7x 0 Connecting Statement: पौलुस बताता है कि वह मसीह में अपनी स्वतंत्रता का उपयोग कैसे करता है। 1CO 9 1 mdm4 figs-rquestion οὐκ εἰμὶ ἐλεύθερος 1 Am I not free? पौलुस इस आलंकारिक सवाल का उपयोग कुरिन्थियों को अपने अधिकारों की याद दिलाने के लिए करता है। वैकल्पिक अनुवाद: ""मैं एक स्वतंत्र व्यक्ति हूं।"" (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-rquestion]]) 1CO 9 1 dbp9 figs-rquestion οὐκ εἰμὶ ἀπόστολος 1 Am I not an apostle? पौलुस इस आलंकारिक प्रश्न का उपयोग कुरिन्थियों को याद दिलाने के लिए करता है कि वह कौन है और उसके अधिकार क्या हैं। वैकल्पिक अनुवाद: ""मैं एक प्रेरित हूँ।"" (देख: ) diff --git a/hi_tn_50-EPH.tsv b/hi_tn_50-EPH.tsv index 878f559..b9b9b22 100644 --- a/hi_tn_50-EPH.tsv +++ b/hi_tn_50-EPH.tsv @@ -1,5 +1,5 @@ Book Chapter Verse ID SupportReference OrigQuote Occurrence GLQuote OccurrenceNote -EPH front intro e3di 0 # इफिसियों का परिचय
## भाग 1: सामान्य परिचय

### इफिसियों की पुस्तक की रूपरेखा

1। अभिवादन और मसीह में आत्मिक आशीषों के लिए प्रार्थना (1:1-23)
1। पाप और उद्धार (2:1-10)
1। एकता और शान्ति (2:11-22)
1। तुम में मसीह का भेद, प्रकट हुआ (3:1-13)
1। उनको महिमा की सम्पत्ति में सामर्थ्य बनाने की प्रार्थना (3:14-21)
1। आत्मा में एकता, मसीह की देह का निर्माण (4:1-16)
1। नया जीवन (4:17-32)
1। परमेश्वर का अनुकरण करने वाले (5:1-21)
1। पत्नियाँ और पति, बच्चे और माता-पिता, दास और स्वामी (5:22-6:9)
1। परमेश्वर का हथियार (6:10-20)
1। अंतिम अभिवादन (6:21-24)

### इफिसियों की पुस्तक किसने लिखी??

इफिसियों को पौलुस ने लिखा। पौलुस तरसुस नगर से था। उसे उसके प्रारंभिक जीवन में शाऊल के रूप में जाना जाता था। एक मसीही बनने से पहले, पौलुस एक फरीसी था। उसने मसीहियों को सताया था। उसके एक मसीही बनने के बाद, उसने लोगों को यीशु के विषय में बताते हुए, कई बार रोमी साम्राज्य की यात्रा की।

अपनी यात्राओं में से एक में प्रेरित पौलुस ने इफिसुस में कलीसिया प्रारम्भ करने में मदद की। वह इफिसुस में डेढ़ साल तक रहा भी और वहाँ के विश्वासियों की सहायता की। सम्भवतः पौलुस ने यह पत्र उस समय लिखा जब रोम के कारागार में था।

### इफिसियों की पुस्तक किस बारे में है?

पौलुस ने यह पत्र इफिसुस के मसीहियों को उनके लिए मसीह यीशु में परमेश्वर के प्रेम को समझाने के लिए लिखा। उसने उन आशीषों का वर्णन किया जो परमेश्वर उन्हें दे रहा था क्योंकि वे अब मसीह के साथ एकजुट हो गए थे। उसने समझाया कि सभी विश्वासी एक साथ एकजुट हो गए हैं, चाहे वह यहूदी हो या अन्यजाति। पौलुस उन सबको इस तरह से जीने के लिए भी प्रोत्साहित करना चाहता था जो परमेश्वर को प्रसन्न करता है।

### इस पुस्तक के शीर्षक का अनुवाद किस तरह होना चाहिए?

अनुवादक इसे इसके परम्परागत नाम “इफिसियों” से पुकारने का चुनाव कर सकते हैं। या वे एक स्पष्ट शीर्षक चुन सकते हैं, जैसे ""इफिसियों की कलीसिया के लिए पौलुस का पत्र"" या "" इफिसियों के मसीहियों के लिए एक पत्र।"" (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/translate-names]])

## भाग 2: महत्वपूर्ण धार्मिक और सांस्कृतिक अवधारणाएँ

### इफिसियों की पुस्तक में ""छिपा हुआ सत्य"" क्या था?

यूएलटी में ""छिपे हुए सत्य"" या ""छिपे हुए"" के रूप में अनुवादित अभिव्यक्ति छह बार आती है। इसके द्वारा हमेशा पौलुस का अर्थ कुछ ऐसा था जो परमेश्वर को मनुष्यों को प्रकट करना था क्योंकि वे इसे खुद से नहीं जान सकते थे। इसने हमेशा से किसी ऐसी बात को सन्दर्भित किया है जो इस बारे में है कि कैसे परमेश्वर ने मानवजाति को बचाने के लिए योजना बनाई थी। कभी-कभी यह उसके और मानवजाति के बीच शांति स्थापित करने के लिए उसकी योजना के भाग के बारे में था। कभी-कभी यह मसीह के माध्यम से यहूदियों और अन्यजातियों को एकजुट करने के लिए उसकी योजना के भाग के बारे में था। अन्यजातियां अब यहूदियों के समान मसीह के वादे से लाभ प्राप्त करने में सक्षम हैं।

### पौलुस ने उद्धार और धार्मिक जीवन के बारे में क्या कहा?

पौलुस ने उद्धार और धार्मिक जीवन के बारे में इस पत्री में और उसकी कई पत्रियों में बहुत कुछ बताया है। वह कहता है कि परमेश्वर बहुत कृपालु है और मसीहियों को बचाया क्योंकि वे यीशु पर विश्वास करते थे। इसलिए, मसीही बनने के बाद, उन्हें यह दिखाने के लिए एक धार्मिक रीति से जीवन जीना चाहिए कि उन्हें मसीह पर विश्वास है। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/righteous]])

## भाग 3: महत्वपूर्ण अनुवाद के मुद्दे

### एकवचन और बहुवचन ""तुम""

इस पुस्तक में, ""मैं"" शब्द पौलुस को सन्दर्भित करता है। ""तुम"" शब्द अधिकांश समय पर बहुवचन है और उन विश्वासियों को संदर्भित करता है जो इस पत्र को पढ़ सकते हैं। इसके तीन अपवाद हैं: 5:14, 6:2, और 6:3। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-you]])

### ""नए व्यक्तित्व"" या ""नए मनुष्यत्व"" से पौलुस का क्या तात्पर्य है?

जब पौलुस ने ""नए व्यक्तित्व"" या ""नए मनुष्यत्व"" की बात की तब उनका मतलब नया स्वभाव था जो एक विश्वासी पवित्र आत्मा से प्राप्त करता है। यह नया स्वभाव परमेश्वर के सदृश्य सृजा गया था। (देखें: 4:24) वाक्यांश ""नया मनुष्यत्व"" परमेश्वर द्वारा यहूदियों और अन्यजातियों के बीच शांति उपजाने के लिए भी उपयोग किया गया है। परमेश्वर ने उन्हें एक जाति के रूप में इकट्ठा किया जो उसके हैं (देखें: 2:15)

### यूएलटी में, इफिसियों में वर्णित “पवित्र” और “शुद्ध” के विचारों का किस प्रकार वर्णन किया गया है?

पवित्रशास्त्र, विभिन्न विचारों में से किसी एक की ओर संकेत करने के लिए ऐसे शब्दों का उपयोग करता है। इस कारण से, अनुवादकों के लिए अक्सर उनके संस्करणों में उनको अच्छी तरह से दर्शाना मुश्किल होता है। अंग्रेजी में अनुवाद करने में, यूएलटी निम्नलिखित सिद्धांतों का उपयोग करता है:

* कभी-कभी किसी वाक्य में अर्थ नैतिक पवित्रता का संकेत करता है। सुसमाचार को समझने के लिए विशेष रूप से महत्वपूर्ण ""पवित्र"" का उपयोग इस तथ्य को व्यक्त करने के लिए है कि परमेश्वर मसीहियों को पापहीन मानता है क्योंकि वे यीशु मसीह के साथ एक हो गए हैं। ""पवित्र"" का एक और उपयोग इस विचार को व्यक्त करना है कि परमेश्वर परिपूर्ण और दोषरहित है। एक तीसरा तथ्य इस विचार को व्यक्त करने के लिए यह है कि मसीहियों को अपना जीवन निर्दोष, त्रुटिरहित तरीके से चलाना है। इन मामलों में, यूएलटी ""पवित्र,"" ""पवित्र परमेश्वर,"" ""पवित्र जनों,"" या ""पवित्र लोगों"" का उपयोग करता है। (देखें: 1:1, 4)
* कभी-कभी वाक्य का अर्थ मसीहियों के लिए एक साधारण संदर्भ को जो किसी विशेष भूमिका को पूरी किए बिना दर्शाता है। इन मामलों में, यूएलटी ""विश्वासी"" या ""विश्वासियों"" का उपयोग करता है।
* कई बार वाक्यांश का अर्थ केवल परमेश्वर के लिए अलग किए गए व्यक्ति या वस्तु के विचार को स्पष्ट करता है। इन मामलों में, यूएलटी ""अलग करना"", ""को समर्पित,"" ""के लिए अलग किया"" या ""शुद्ध किया"" का इस्तेमाल करता है। (देखें: 3:5)

यूएसटी अक्सर उपयोगी होगा जब अनुवादक सोचते हैं कि इन विचारों को अपने संस्करणों में कैसे प्रस्तुत किया जाए।

### पौलुस ""मसीह में"" और ""प्रभु में"" जैसे अभिव्यक्तियों का क्या अर्थ है?

इस प्रकार की अभिव्यक्ति 1:1, 3, 4, 6, 7, 9, 10, 11, 12, 13, 15, 20; 2:6, 7, 10, 13, 15, 16, 18, 21, 22; 3:5, 6, 9, 11, 12, 21; 4:1, 17, 21, 32; 5:8, 18, 19; 6:1, 10, 18, 21 में आती है। पौलुस का तात्पर्य मसीह और विश्वासियों के साथ एक निकट संगति के विचार को व्यक्त करना था। कृपया इस तरह की अभिव्यक्ति के विषय में अधिक जानकारी के लिए रोमियों की पुस्तक के परिचय को देखें।

### इफिसियों की पुस्तक के पाठ में प्रमुख मुद्दे क्या हैं?


* ""इफिसुस में"" (1:1). कुछ शुरुआती हस्तलिपियों में यह अभिव्यक्ति शामिल नहीं है, लेकिन यह संभवतः मूल पत्र में है। यूएलटी,यूएसटी और कई आधुनिक संस्करणों में शामिल है।
* ""क्योंकि हम उसकी देह के अंग है"" (5:30)। यूएलटी और यूएसटी समेत अधिकांश संस्करण इस तरह से पढ़ते हैं। कुछ पुराने संस्करणों इस तरह से लिखते हैं, ""क्योंकि हम उसके शरीर और उसकी हड्डियों के सदस्य हैं।"" अनुवादक दूसरा पठन चुनने का निर्णय ले सकते हैं यदि उनके क्षेत्र के अन्य संस्करणों में ऐसा है। यदि अनुवादक दूसरा पठन को चुनता है, उन्हें वर्ग कोष्ठक ([]) के अंदर अतिरिक्त शब्दों को इंगित करना चाहिए कि वे संभवतः इफिसियों की पुस्तक के मूल नहीं हैं।

(देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/translate-textvariants]])
+EPH front intro e3di 0 # इफिसियों का परिचय
## भाग 1: सामान्य परिचय

### इफिसियों की पुस्तक की रूपरेखा

1। अभिवादन और मसीह में आत्मिक आशीषों के लिए प्रार्थना (1:1-23)
1। पाप और उद्धार (2:1-10)
1। एकता और शान्ति (2:11-22)
1। तुम में मसीह का भेद, प्रकट हुआ (3:1-13)
1। उनको महिमा की सम्पत्ति में सामर्थ्य बनाने की प्रार्थना (3:14-21)
1। आत्मा में एकता, मसीह की देह का निर्माण (4:1-16)
1। नया जीवन (4:17-32)
1। परमेश्वर का अनुकरण करने वाले (5:1-21)
1। पत्नियाँ और पति, बच्चे और माता-पिता, दास और स्वामी (5:22-6:9)
1। परमेश्वर का हथियार (6:10-20)
1। अंतिम अभिवादन (6:21-24)

### इफिसियों की पुस्तक किसने लिखी??

इफिसियों को पौलुस ने लिखा। पौलुस तरसुस नगर से था। उसे उसके प्रारंभिक जीवन में शाऊल के रूप में जाना जाता था। एक मसीही बनने से पहले, पौलुस एक फरीसी था। उसने मसीहियों को सताया था। उसके एक मसीही बनने के बाद, उसने लोगों को यीशु के विषय में बताते हुए, कई बार रोमी साम्राज्य की यात्रा की।

अपनी यात्राओं में से एक में प्रेरित पौलुस ने इफिसुस में कलीसिया प्रारम्भ करने में मदद की। वह इफिसुस में डेढ़ साल तक रहा भी और वहाँ के विश्वासियों की सहायता की। सम्भवतः पौलुस ने यह पत्र उस समय लिखा जब रोम के कारागार में था।

### इफिसियों की पुस्तक किस बारे में है?

पौलुस ने यह पत्र इफिसुस के मसीहियों को उनके लिए मसीह यीशु में परमेश्वर के प्रेम को समझाने के लिए लिखा। उसने उन आशीषों का वर्णन किया जो परमेश्वर उन्हें दे रहा था क्योंकि वे अब मसीह के साथ एकजुट हो गए थे। उसने समझाया कि सभी विश्वासी एक साथ एकजुट हो गए हैं, चाहे वह यहूदी हो या अन्यजाति। पौलुस उन सबको इस तरह से जीने के लिए भी प्रोत्साहित करना चाहता था जो परमेश्वर को प्रसन्न करता है।

### इस पुस्तक के शीर्षक का अनुवाद किस तरह होना चाहिए?

अनुवादक इसे इसके परम्परागत नाम “इफिसियों” से पुकारने का चुनाव कर सकते हैं। या वे एक स्पष्ट शीर्षक चुन सकते हैं, जैसे ""इफिसियों की कलीसिया के लिए पौलुस का पत्र"" या "" इफिसियों के मसीहियों के लिए एक पत्र।"" (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/translate-names]])

## भाग 2: महत्वपूर्ण धार्मिक और सांस्कृतिक अवधारणाएँ

### इफिसियों की पुस्तक में ""छिपा हुआ सत्य"" क्या था?

यूएलटी में ""छिपे हुए सत्य"" या ""छिपे हुए"" के रूप में अनुवादित अभिव्यक्ति छह बार आती है। इसके द्वारा हमेशा पौलुस का अर्थ कुछ ऐसा था जो परमेश्वर को मनुष्यों को प्रकट करना था क्योंकि वे इसे खुद से नहीं जान सकते थे। इसने हमेशा से किसी ऐसी बात को सन्दर्भित किया है जो इस बारे में है कि कैसे परमेश्वर ने मानवजाति को बचाने के लिए योजना बनाई थी। कभी-कभी यह उसके और मानवजाति के बीच शांति स्थापित करने के लिए उसकी योजना के भाग के बारे में था। कभी-कभी यह मसीह के माध्यम से यहूदियों और अन्यजातियों को एकजुट करने के लिए उसकी योजना के भाग के बारे में था। अन्यजातियां अब यहूदियों के समान मसीह के वादे से लाभ प्राप्त करने में सक्षम हैं।

### पौलुस ने उद्धार और धार्मिक जीवन के बारे में क्या कहा?

पौलुस ने उद्धार और धार्मिक जीवन के बारे में इस पत्री में और उसकी कई पत्रियों में बहुत कुछ बताया है। वह कहता है कि परमेश्वर बहुत कृपालु है और मसीहियों को बचाया क्योंकि वे यीशु पर विश्वास करते थे। इसलिए, मसीही बनने के बाद, उन्हें यह दिखाने के लिए एक धार्मिक रीति से जीवन जीना चाहिए कि उन्हें मसीह पर विश्वास है। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/righteous]])

## भाग 3: महत्वपूर्ण अनुवाद के मुद्दे

### एकवचन और बहुवचन ""तुम""

इस पुस्तक में, ""मैं"" शब्द पौलुस को सन्दर्भित करता है। ""तुम"" शब्द अधिकांश समय पर बहुवचन है और उन विश्वासियों को संदर्भित करता है जो इस पत्र को पढ़ सकते हैं। इसके तीन अपवाद हैं: 5:14, 6:2, और 6:3। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-you]])

### ""नए व्यक्तित्व"" या ""नए मनुष्यत्व"" से पौलुस का क्या तात्पर्य है?

जब पौलुस ने ""नए व्यक्तित्व"" या ""नए मनुष्यत्व"" की बात की तब उनका मतलब नया स्वभाव था जो एक विश्वासी पवित्र आत्मा से प्राप्त करता है। यह नया स्वभाव परमेश्वर के सदृश्य सृजा गया था। (देखें: 4:24) वाक्यांश ""नया मनुष्यत्व"" परमेश्वर द्वारा यहूदियों और अन्यजातियों के बीच शांति उपजाने के लिए भी उपयोग किया गया है। परमेश्वर ने उन्हें एक जाति के रूप में इकट्ठा किया जो उसके हैं (देखें: 2:15)

### यूएलटी में, इफिसियों में वर्णित “पवित्र” और “शुद्ध” के विचारों का किस प्रकार वर्णन किया गया है?

पवित्रशास्त्र, विभिन्न विचारों में से किसी एक की ओर संकेत करने के लिए ऐसे शब्दों का उपयोग करता है। इस कारण से, अनुवादकों के लिए अक्सर उनके संस्करणों में उनको अच्छी तरह से दर्शाना मुश्किल होता है। अंग्रेजी में अनुवाद करने में, यूएलटी निम्नलिखित सिद्धांतों का उपयोग करता है:

* कभी-कभी किसी वाक्य में अर्थ नैतिक पवित्रता का संकेत करता है। सुसमाचार को समझने के लिए विशेष रूप से महत्वपूर्ण ""पवित्र"" का उपयोग इस तथ्य को व्यक्त करने के लिए है कि परमेश्वर मसीहियों को पापहीन मानता है क्योंकि वे यीशु मसीह के साथ एक हो गए हैं। ""पवित्र"" का एक और उपयोग इस विचार को व्यक्त करना है कि परमेश्वर परिपूर्ण और दोषरहित है। एक तीसरा तथ्य इस विचार को व्यक्त करने के लिए यह है कि मसीहियों को अपना जीवन निर्दोष, त्रुटिरहित तरीके से चलाना है। इन मामलों में, यूएलटी ""पवित्र,"" ""पवित्र परमेश्वर,"" ""पवित्र जनों,"" या ""पवित्र लोगों"" का उपयोग करता है। (देखें: 1:1, 4)
* कभी-कभी वाक्य का अर्थ मसीहियों के लिए एक साधारण संदर्भ को जो किसी विशेष भूमिका को पूरी किए बिना दर्शाता है। इन मामलों में, यूएलटी ""विश्वासी"" या ""विश्वासियों"" का उपयोग करता है।
* कई बार वाक्यांश का अर्थ केवल परमेश्वर के लिए अलग किए गए व्यक्ति या वस्तु के विचार को स्पष्ट करता है। इन मामलों में, यूएलटी ""अलग करना"", ""को समर्पित,"" ""के लिए अलग किया"" या ""शुद्ध किया"" का इस्तेमाल करता है। (देखें: 3:5)

यूएसटी अक्सर उपयोगी होगा जब अनुवादक सोचते हैं कि इन विचारों को अपने संस्करणों में कैसे प्रस्तुत किया जाए।

### पौलुस ""मसीह में"" और ""प्रभु में"" जैसे अभिव्यक्तियों का क्या अर्थ है?

इस प्रकार की अभिव्यक्ति 1:1, 3, 4, 6, 7, 9, 10, 11, 12, 13, 15, 20; 2:6, 7, 10, 13, 15, 16, 18, 21, 22; 3:5, 6, 9, 11, 12, 21; 4:1, 17, 21, 32; 5:8, 18, 19; 6:1, 10, 18, 21 में आती है। पौलुस का तात्पर्य मसीह और विश्वासियों के साथ एक निकट संगति के विचार को व्यक्त करना था। कृपया इस तरह की अभिव्यक्ति के विषय में अधिक जानकारी के लिए रोमियों की पुस्तक के परिचय को देखें।

### इफिसियों की पुस्तक के पाठ में प्रमुख मुद्दे क्या हैं?


* ""इफिसुस में"" (1:1). कुछ शुरुआती हस्तलिपियों में यह अभिव्यक्ति शामिल नहीं है, लेकिन यह संभवतः मूल पत्र में है। यूएलटी,यूएसटी और कई आधुनिक संस्करणों में शामिल है।
* ""क्योंकि हम उसकी देह के अंग है"" (5:30)। यूएलटी और यूएसटी समेत अधिकांश संस्करण इस तरह से पढ़ते हैं। कुछ पुराने संस्करणों इस तरह से लिखते हैं, ""क्योंकि हम उसके शरीर और उसकी हड्डियों के सदस्य हैं।"" अनुवादक दूसरा पठन चुनने का निर्णय ले सकते हैं यदि उनके क्षेत्र के अन्य संस्करणों में ऐसा है। यदि अनुवादक दूसरा पठन को चुनता है, उन्हें वर्ग कोष्ठक ([]) के अंदर अतिरिक्त शब्दों को इंगित करना चाहिए कि वे संभवतः इफिसियों की पुस्तक के मूल नहीं हैं।

(देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/translate-textvariants]])
EPH 1 intro fg42 0 # इफिसियों 01 सामान्य टिप्पणियाँ
## संरचना एवं स्वरूपण

### ""मैं प्रार्थना करता हूँ""

पौलुस इस अध्याय के एक भाग को परमेश्वर की स्तुति की प्रार्थना के रूप में रखता है। परन्तु पौलुस सिर्फ परमेश्वर से बात नहीं कर रहा है। वह इफिसुस की कलीसिया को सिखा रहा है। वह इफिसियों को बताता है कि वह उनके लिए प्रार्थना करता है।

## इस अध्याय में विशेष अवधारणाएँ

### पूर्व ठहराया गया
कई विद्वानों का मानना है कि इस अध्याय का विषय ""पूर्व ठहराया गया"" के रूप में जाना जाता है। यह बाइबल की ""पहले से ठहराया गया"" अवधारणाओं से संबंधित है। कई विद्वानों ने यह इंगित करने के लिए इसे लेते हैं कि संसार की बुनियाद से पहले ही परमेश्वर ने कुछ लोगों को चुना है जो सदा के लिए बचाए गए हैं। इस विषय पर बाइबल की शिक्षा के बारे में मसीहियों के अलग-अलग विचार हैं। इसलिए अनुवादकों को इस अध्याय का अनुवाद करते समय अतिरिक्त ध्यान रखने की आवश्यकता है। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/predestine]])
EPH 1 1 kx1g figs-you 0 General Information: "पौलुस इस पत्र के लेखक के रूप में इफिसुस की कलीसिया के विश्वासियों को अपना नाम बताता है। जहाँ उल्लेख किया गया है, को छोड़कर ""आप"" और ""अपने"" के सभी उदाहरण एफिसियन विश्वासियों के साथ-साथ सभी विश्वासियों को भी संदर्भित करते हैं और इसलिए बहुवचन में हैं। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-you]])" EPH 1 1 ilf2 Παῦλος, ἀπόστολος Χριστοῦ Ἰησοῦ 1 Paul, an apostle ... to God's holy people in Ephesus "आपकी भाषा में एक पत्र के लेखक और उसके इच्छित दर्शकों का परिचय कराने का एक विशेष तरीका हो सकता है। वैकल्पिक अनुवाद: ""मैं, पौलुस, एक प्रेरित ... इफिसुस के परमेश्वर के पवित्र लोगों को यह पत्र लिखता हूँ""" @@ -166,7 +166,7 @@ EPH 3 20 jk5c figs-inclusive 0 General Information: इस पुस्तक EPH 3 20 m7gi 0 Connecting Statement: पौलुस अपनी प्रार्थना को एक आशीष के साथ समाप्त करता है। EPH 3 20 zxj3 τῷ δὲ 1 Now to him who अब परमेश्वर को जो EPH 3 20 zxt3 ποιῆσαι ὑπέρ ἐκ περισσοῦ ὧν αἰτούμεθα ἢ νοοῦμεν 1 to do far beyond all that we ask or think "जो सब हम माँगते या सोचते हैं उससे कहीं अधिक करने के लिए या ""जो हम उससे माँगते हैं या जिनके बारे में सोचते हैं उससे कहीं अधिक महान कामों को करने के लिए""" -EPH 4 intro ang8 0 # इफिसियों 04 के सामान्य टिप्पणियाँ
## संरचना एवं स्वरूपण

कुछ अनुवाद पढ़ने के लिए आसान बनाने हेतु पाठ के शेष भाग की तुलना में काव्य की प्रत्येक पंक्ति को दाईं ओर व्यवस्थित करते हैं। यूएलटी ने पद 8 के साथ ऐसा किया है, जो पुराने नियम से लिया गया है.

## इस अध्याय में विशेष सिद्धांत

### आत्मिक वरदान
आत्मिक वरदान विशिष्ट अलौकिक क्षमताएं हैं जो पवित्र आत्मा मसीहियों को यीशु में विश्वास करने के बाद देता है। ये आत्मिक वरदान कलीसिया को विकसित करने के लिए मूलभुत थे। पौलुस यहाँ केवल कुछ आत्मिक वरदानों की सूची देता है। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/faith]])

### एकता
पौलुस बहुत महत्व देता है कि कलीसिया एकजुट हो। यह इस अध्याय का प्रमुख विषय है।

## इस अध्याय में अन्य संभावित अनुवाद की कठिनाइयाँ

### पुराना मनुष्य और नया मनुष्य
""पुराना मनुष्य"" शब्द संभवतः उस पापी प्रकृति को संदर्भित करता है जिसके साथ एक व्यक्ति पैदा होता है। ""नया मनुष्य"" नई प्रकृति या नया जीवन है जिसे परमेश्वर मसीह में विश्वास करने के बाद एक व्यक्ति को देता है।
+EPH 4 intro ang8 0 # इफिसियों 04 के सामान्य टिप्पणियाँ
## संरचना एवं स्वरूपण

कुछ अनुवाद पढ़ने के लिए आसान बनाने हेतु पाठ के शेष भाग की तुलना में काव्य की प्रत्येक पंक्ति को दाईं ओर व्यवस्थित करते हैं। यूएलटी ने पद 8 के साथ ऐसा किया है, जो पुराने नियम से लिया गया है.

## इस अध्याय में विशेष सिद्धांत

### आत्मिक वरदान
आत्मिक वरदान विशिष्ट अलौकिक क्षमताएं हैं जो पवित्र आत्मा मसीहियों को यीशु में विश्वास करने के बाद देता है। ये आत्मिक वरदान कलीसिया को विकसित करने के लिए मूलभुत थे। पौलुस यहाँ केवल कुछ आत्मिक वरदानों की सूची देता है। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/faith]])

### एकता
पौलुस बहुत महत्व देता है कि कलीसिया एकजुट हो। यह इस अध्याय का प्रमुख विषय है।

## इस अध्याय में अन्य संभावित अनुवाद की कठिनाइयाँ

### पुराना मनुष्य और नया मनुष्य
""पुराना मनुष्य"" शब्द संभवतः उस पापी प्रकृति को संदर्भित करता है जिसके साथ एक व्यक्ति पैदा होता है। ""नया मनुष्य"" नई प्रकृति या नया जीवन है जिसे परमेश्वर मसीह में विश्वास करने के बाद एक व्यक्ति को देता है।
EPH 4 1 sb64 0 Connecting Statement: जिस कारण से पौलुस इफिसियों को लिख रहा था, वह उनको बताता है कि विश्वासियों के तौर पर उन्हें अपना जीवन कैसे जीना है और फिर से इस बात पर जोर देता है कि विश्वासियों को आपस में सहमत होना है। EPH 4 1 uss5 ὁ δέσμιος ἐν Κυρίῳ 1 as the prisoner for the Lord ऐसे व्यक्ति के समान जो प्रभु की सेवा करने का चुनाव करने के कारण कैद है। EPH 4 1 zxr1 figs-metaphor ἀξίως περιπατῆσαι τῆς κλήσεως 1 walk worthily of the calling चलना किसी व्यक्ति के जीवन जीने के विचार को व्यक्त करने का एक सामान्य तरीका है। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-metaphor]]) @@ -236,7 +236,7 @@ EPH 4 31 v576 figs-metaphor πᾶσα πικρία, καὶ θυμὸς, καὶ EPH 4 31 t1gj θυμὸς 1 rage तीव्र क्रोध EPH 4 32 ygw4 γίνεσθε…χρηστοί 1 Be kind इसके बजाए, कृपालु बनो" EPH 4 32 w7tk εὔσπλαγχνοι 1 tenderhearted दूसरों के प्रति नम्र और कृपामय होना -EPH 5 intro tdd2 0 # इफिसियों 05 के सामान्य टिप्पणियाँ
## संरचना एवं स्वरूपण

कुछ अनुवाद पढ़ने के लिए आसान बनाने हेतु पाठ के शेष भाग की तुलना में काव्य की प्रत्येक पंक्ति को दाईं ओर व्यवस्थित करते हैं। यूएलटी ऐसा पद 14 के शब्दों के साथ करता है

## इस अध्याय में विशेष अवधारणाएँ

### मसीह के राज्य की विरासत
इसे समझना कठिन है। कुछ विद्वानों का मानना है कि जो लोग इन चीजों का अभ्यास करना जारी रखते हैं, उन्हें अनन्त जीवन नहीं मिलेगा। परन्तु परमेश्वर इस पद में सूचीबद्ध सभी पापों को क्षमा कर सकते हैं। इसलिए व्यभिचार, अशुद्ध काम या लोभी लोग अभी भी अनंत जीवन प्राप्त कर सकते हैं यदि वे पश्चाताप करते हैं और यीशु पर विश्वास करते हैं। पढने में अधिक स्वाभाविक है कि ""कोई भी व्यक्ति जो यौन सम्बंधित अनैतिकता या अश्लील काम करता है, या लालची है (यह मूर्तिपूजा के समान है), वह परमेश्वर के लोगों के बीच, जिन पर मसीह राजा के रूप में राज्य करते हैं, न पाया जाए।"" (यूएसटी) (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/forgive]], [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/eternity]] और [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/life]] और [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/inherit]])

## इस अध्याय में अन्य संभावित अनुवाद की कठिनाइयाँ

### पत्नियों, अपने पति के अधीन रहें
विद्वान इस पद्यांश को ऐतिहासिक और सांस्कृतिक सन्दर्भ में समझने के बारे में असहमत हैं. कुछ विद्वान विश्वास करते हैं कि स्त्री और पुरुष सभी बातों में पुर्णतः एक सामान हैं। अन्य विद्वान विश्वास करते हैं कि परमेश्वर ने स्त्री और पुरुषों को विवाह और कलीसिया में स्पष्ट रूप से भिन्न भूमिकाएँ निभाने के लिए रचा है। अनुवादकों को यह ध्यान रखना होगा कि वे इस मुद्दे को जिस तरह समझते हैं वह उनके इस पद्यांश के अनुवाद पर प्रभाव न डाले।
+EPH 5 intro tdd2 0 # इफिसियों 05 के सामान्य टिप्पणियाँ
## संरचना एवं स्वरूपण

कुछ अनुवाद पढ़ने के लिए आसान बनाने हेतु पाठ के शेष भाग की तुलना में काव्य की प्रत्येक पंक्ति को दाईं ओर व्यवस्थित करते हैं। यूएलटी ऐसा पद 14 के शब्दों के साथ करता है

## इस अध्याय में विशेष अवधारणाएँ

### मसीह के राज्य की विरासत
इसे समझना कठिन है। कुछ विद्वानों का मानना है कि जो लोग इन चीजों का अभ्यास करना जारी रखते हैं, उन्हें अनन्त जीवन नहीं मिलेगा। परन्तु परमेश्वर इस पद में सूचीबद्ध सभी पापों को क्षमा कर सकते हैं। इसलिए व्यभिचार, अशुद्ध काम या लोभी लोग अभी भी अनंत जीवन प्राप्त कर सकते हैं यदि वे पश्चाताप करते हैं और यीशु पर विश्वास करते हैं। पढने में अधिक स्वाभाविक है कि ""कोई भी व्यक्ति जो यौन सम्बंधित अनैतिकता या अश्लील काम करता है, या लालची है (यह मूर्तिपूजा के समान है), वह परमेश्वर के लोगों के बीच, जिन पर मसीह राजा के रूप में राज्य करते हैं, न पाया जाए।"" (यूएसटी) (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/forgive]], [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/eternity]] और [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/life]] और [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/inherit]])

## इस अध्याय में अन्य संभावित अनुवाद की कठिनाइयाँ

### पत्नियों, अपने पति के अधीन रहें
विद्वान इस पद्यांश को ऐतिहासिक और सांस्कृतिक सन्दर्भ में समझने के बारे में असहमत हैं. कुछ विद्वान विश्वास करते हैं कि स्त्री और पुरुष सभी बातों में पुर्णतः एक सामान हैं। अन्य विद्वान विश्वास करते हैं कि परमेश्वर ने स्त्री और पुरुषों को विवाह और कलीसिया में स्पष्ट रूप से भिन्न भूमिकाएँ निभाने के लिए रचा है। अनुवादकों को यह ध्यान रखना होगा कि वे इस मुद्दे को जिस तरह समझते हैं वह उनके इस पद्यांश के अनुवाद पर प्रभाव न डाले।
EPH 5 1 wus5 0 Connecting Statement: पौलुस विश्वासियों को बताना जारी रखता है कि उन्हें परमेश्वर के बच्चे के रूप में कैसे रहना चाहिए और क्या नहीं करना चाहिए। EPH 5 1 jx2q γίνεσθε οὖν μιμηταὶ τοῦ Θεοῦ 1 Therefore be imitators of God "इसीलिए तुम्हें वही करना चाहिए जो परमेश्वर करता है। इसीलिए वापस [इफिसियों 4:32](../04/32.md) को संदर्भित करता है जो कहता है कि विश्वासियों को परमेश्वर का अनुकरण करना चाहिए, क्योंकि मसीह ने विश्वासियों को क्षमा किया है। EPH 5 1 zen5 figs-simile ὡς τέκνα ἀγαπητά 1 as dearly loved children परमेश्वर चाहता है कि हम उसका अनुकरण और अनुसरण करें क्योंकि हम उसकी सन्तान हैं। वैकल्पिक अनुवाद: ""जैसे प्रिय बच्चे अपने पिता की नकल करते है"" या ""क्योंकि तुम उसके बच्चे हो और वह तुमसे बहुत प्रेम रखता है"" (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-simile]]) @@ -287,7 +287,7 @@ EPH 5 29 h5aa ἀλλὰ ἐκτρέφει 1 but nourishes वरन् पा EPH 5 30 h44f figs-metaphor μέλη ἐσμὲν τοῦ σώματος αὐτοῦ 1 we are members of his body यहाँ पौलुस मसीह के साथ विश्वासियों के घनिष्ठ सम्बन्ध की बात ऐसे करता है जैसे कि वे उसके ही देह का अंग थे, जिसका वह स्वाभाविक रूप से देखभाल करेगा। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-metaphor]]) EPH 5 31 yp23 0 General Information: यह उद्धरण पुराने नियम में मूसा के लेखन से है। EPH 5 31 yp23 0 General Information: """उसकी"" और ""अपनी"" शब्द एक विवाहित पुरुष विश्वासी को संदर्भित करते हैं।" -EPH 6 intro r7c3 0 # इफिसियों 06 सामान्य टिप्पणियाँ
## इस अध्याय में विशेष अवधारणाएँ

### दासता

दासत्व अच्छा है या बुरा है पौलुस इस अध्याय में इसके बारे में नहीं लिखता है। पौलुस परमेश्वर को प्रसन्न करने के लिए कार्य करना सिखाता है चाहे दास हो या स्वामी। पौलुस ने यहाँ दासता के बारे में जो सिखाया है वह आश्चर्यचकित करने वाला होगा। उनके समय में, स्वामी से यह उम्मीद नहीं की जाती थी कि वे अपने दासों के साथ सम्मान के साथ व्यवहार करें और उन्हें धमकी न दें।

## इस अध्याय के महत्वपूर्ण अलंकार
# ## परमेश्वर का कवच
इस विस्तारित रूपक का वर्णन है कि जब आध्यात्मिक रूप से हमला किया जाता है तो मसीही कैसे अपनी रक्षा कर सकते हैं। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/spirit]] और [[rc://hi/ta/man/translate/figs-metaphor]])
+EPH 6 intro r7c3 0 # इफिसियों 06 सामान्य टिप्पणियाँ
## इस अध्याय में विशेष अवधारणाएँ

### दासता

दासत्व अच्छा है या बुरा है पौलुस इस अध्याय में इसके बारे में नहीं लिखता है। पौलुस परमेश्वर को प्रसन्न करने के लिए कार्य करना सिखाता है चाहे दास हो या स्वामी। पौलुस ने यहाँ दासता के बारे में जो सिखाया है वह आश्चर्यचकित करने वाला होगा। उनके समय में, स्वामी से यह उम्मीद नहीं की जाती थी कि वे अपने दासों के साथ सम्मान के साथ व्यवहार करें और उन्हें धमकी न दें।

## इस अध्याय के महत्वपूर्ण अलंकार
# ## परमेश्वर का कवच
इस विस्तारित रूपक का वर्णन है कि जब आध्यात्मिक रूप से हमला किया जाता है तो मसीही कैसे अपनी रक्षा कर सकते हैं। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/spirit]] और [[rc://hi/ta/man/translate/figs-metaphor]])
EPH 6 1 wq46 figs-you 0 General Information: "पहला ""अपने"" शब्द बहुवचन है। तब पौलुस ने मूसा का उद्धरण लिया। मूसा जब इस्राएल के लोगों से ऐसे बात करता था मानों वे एक व्यक्ति हो, इसलिए ""आपका"" और ""आप"" एकवचन हैं। इसलिए आपको उन्हें बहुवचन के रूप में अनुवाद करना पड़ सकता है। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-you]])" EPH 6 1 jf17 0 Connecting Statement: पौलुस समझाना जारी रखता है कि कैसे मसीहियों को स्वयं को एक-दूसरे के अधीन रखना है। वह बच्चो, पिताओं, दासों और स्वामियों को निर्देश देता है। EPH 6 1 ev8m τὰ τέκνα, ὑπακούετε τοῖς γονεῦσιν ὑμῶν ἐν Κυρίῳ 1 Children, obey your parents in the Lord पौलुस बच्चों को उनके शारीरिक माता-पिता की आज्ञा मानने की याद दिलाता है। diff --git a/hi_tn_52-COL.tsv b/hi_tn_52-COL.tsv index 561a5eb..540bd98 100644 --- a/hi_tn_52-COL.tsv +++ b/hi_tn_52-COL.tsv @@ -1,6 +1,6 @@ Book Chapter Verse ID SupportReference OrigQuote Occurrence GLQuote OccurrenceNote -COL front intro d9hy 0 # कुलुस्सियों की प्रस्तावना
## भाग 1: सामान्य प्रस्तावना

### कुलुस्सियों की पुस्तक की रूपरेखा

1। शुभकामनाएं, धन्यवाद और प्रार्थना (1:1-12)
1। मसीह का व्यक्तित्व और कार्य
- उद्धार और छुटकारा (1:13-14)
- मसीह: अदृश्य परमेश्वर का प्रतिरूप, और वह जो सारी सृष्टि के ऊपर है(1:15-17)
- मसीह कलीसिया का सिर है, और कलीसिया मसीह पर भरोसा करती है (1:18-2:7)
1। विश्वासयोग्यता की परीक्षायें
- झूठे प्रचारकों के विरूद्ध चेतावनियाँ (2:8-19)
- सच्ची भक्ति कठोर नियम और दृढ परम्परायें नहीं हैं(2:20-23)
1। शिक्षण और जीवन
- मसीह में जीवन (3:1-4)
- पुराना और नया जीवन (3:5-17)
- मसीही परिवार (3:18-4:1)
1। मसीही व्यवहार (4:2-6)
1। समापन और शुभकामनायें
- पौलुस तुखिकुस और उनेसिमुस का धन्यवाद करता है (4:7-9)
- पौलुस अपने सहयोगियों की ओर से शुभकामनाएं भेजता है (4:10-14)
- पौलुस अर्खिपुस और लौदिकिया की कलीसिया को निर्देश देता है (4:15-17)
- पौलुस की व्यक्तिगत शुभकामनाएं (4:18)

### कुलुस्सियों की पुस्तक किस ने लिखी?

पौलुस ने कुलुस्सियों की पुस्तक लिखी। पौलुस तरसुस नगर से था। वह अपने प्रारंभिक जीवन में शाऊल के नाम से जाना जाता था। मसीही बनने से पहले, पौलुस एक फरीसी था। वह मसीहियों को सताता था। मसीही बनने के बाद, उस ने बहुत बार रोमी साम्राज्य में यीशु के बारे में लोगो को बताते हुए यात्रा की।

पौलुस ने यह पत्र रोमी कारागार से लिखा।

### कुलुस्सियों की किताब किस के बारे में है?

पौलुस ने यह पत्र एशिया माइनर शहर में कुलुस्से के विश्वासियों को लिखा था। इस पत्र का मुख्य उद्देश्य झूठे प्रचारकों के विरूद्ध सुसमाचार की रक्षा करना था। उसने ऐसा यीशु की प्रशंसा परमेश्वर के प्रतिरूप, सभी चीजों के संयोजक और कलीसिया के सिर के रूप में करके किया। पौलुस उन्हें यह समझाना चाहता था कि परमेश्वर को उन्हें स्वीकार करने के लिए केवल मसीह की आवश्यकता है।

### इस पुस्तक का शीर्षक किस प्रकार अनुवादित किया जाना चाहिए?

अनुवादक इस पुस्तक को अपने पारंपरिक शीर्षक ""कुलुस्सियों"" कह कर चुन सकते हैं। या वे एक स्पष्ट शीर्षक चुन सकते हैं, जैसे "" कुलुस्से की कलीसिया के लिए पौलुस का पत्र"" या "" कुलुस्से में मसीहियों के लिए एक पत्र।"" (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/translate-names]])

## भाग 2: महत्वपूर्ण धार्मिक और सांस्कृतिक अवधारणा

### कुलुस्से की कलीसिया के धार्मिक संघर्ष क्या थे?

कुलुस्से की कलीसिया में, झूठे प्रचारक थे। उनकी वास्तविक शिक्षा अज्ञात है। लेकिन उन्होंने शायद अपने अनुयायियों को स्वर्गदूतों की पूजा करने और धार्मिक समारोहों के बारे में सख्त नियमों का पालन करना सिखाया था। उन्होंने शायद यह भी सिखाया कि व्यक्ति का खतना किया जाना चाहिए और केवल कुछ प्रकार के भोजन ही खा सकते हैं। पौलुस ने कहा कि ये झूठी शिक्षाएं मनुष्यों के दिमाग से आईं हैं, न कि परमेश्वर से।

### पौलुस ने स्वर्ग और पृथ्वी की कल्पना का उपयोग कैसे किया?

इस पत्र में, पौलुस ने अक्सर ""ऊपर"" के रूप में स्वर्ग की बात की। उस ने इसे पृथ्वी से अलग किया, जो पवित्रशास्त्र ""नीचे"" के रूप में बोलता है। इस कल्पना का उद्देश्य मसीहियों को ऐसे तरीके से रहने के लिए सिखाना था जो ऊपर स्वर्ग में रहने वाले परमेश्वर का सम्मान करता है। पौलुस यह नहीं सिखा रहा है कि पृथ्वी या भौतिक संसार बुरा है। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/evil]] )

## भाग 3: महत्वपूर्ण अनुवाद के मुद्दे

### यूएलटी में कुलुस्सियों में ""पवित्र"" और ""पवित्रता"" के विचार कैसे वर्णित किये गए हैं?

शास्त्र इस तरह के शब्दों का उपयोग विभिन्न विचारों में से किसी एक को इंगित करने के लिए करते हैं। इस कारण से, अनुवादकों के लिए अक्सर उनके संस्करणों में उन को दर्शाना मुश्किल होता है। कुलुस्सियों में, ये शब्द आम तौर पर किसी भी विशेष भूमिका को लागू किए बिना मसीहियों को एक साधारण संदर्भ में दर्शाते हैं। इसलिए कुलुस्सियों यूएलटी में ""विश्वासियों"" या ""जो लोग उस पर विश्वास करते हैं"" का उपयोग करते हैं। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/translate-textvariants]] )
-COL 1 intro gtm3 0 # कुलुस्सियों 01 सामान्य टिप्पणियाँ
## संरचना एवं स्वरूपण

एक सामान्य पत्र के रूप में, पौलुस ने अपना पत्र तीमुथियुस को और अपने आप को 1-2 छंद में कुलुस्से के मसीहियों को परिचित करके शुरू किया।

पौलुस इस अध्याय में दो विषयों के बारे में बहुत कुछ लिखता है: मसीह कौन है, और मसीह ने मसीहीओं के लिए क्या किया है।

## इस अध्याय में विशेष अवधारणा

### गुप्त सत्य

पौलुस इस अध्याय में ""गुप्त सत्य"" को संदर्भित करता है। परमेश्वर की योजनाओं में कलीसिया की भूमिका एक बार अज्ञात थी। लेकिन परमेश्वर ने अब यह खुलासा किया है। इसमें अन्यजातियों को यहूदियों के साथ एक समान खड़ा करना परमेश्वर की योजनाओं का हिस्सा है। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/reveal]] )

## इस अध्याय के महत्वपूर्ण अलंकार

### मसीही जीवन के लिए छवियां
पौलुस मसीही जीवन का वर्णन करने के लिए कई अलग-अलग छवियों का उपयोग करता है। इस अध्याय में, वह ""चलने"" और "" फल लाने"" की छवियों का उपयोग करता है। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/other/fruit]])

## इस अध्याय में अन्य संभावित अनुवाद की कठिनाइयाँ

### विरोधाभास

विरोधाभास एक सच्चा बयान है जो कुछ असंभव वर्णन करने के लिए दिखाई देता है। पद 24 एक विरोधाभास है: ""अब मैं तुम्हारे लिए अपने दुखों में खुश हूं।"" जब लोग पीड़ित होते हैं तो आम तौर पर लोग खुश नहीं होते हैं। लेकिन 25-29 छंद में पौलुस बताता है कि उसका दुख अच्छा क्यों है। ([कुलुस्सियों 1:24](../../col/01/24.md))
+COL front intro d9hy 0 # कुलुस्सियों की प्रस्तावना
## भाग 1: सामान्य प्रस्तावना

### कुलुस्सियों की पुस्तक की रूपरेखा

1। शुभकामनाएं, धन्यवाद और प्रार्थना (1:1-12)
1। मसीह का व्यक्तित्व और कार्य
- उद्धार और छुटकारा (1:13-14)
- मसीह: अदृश्य परमेश्वर का प्रतिरूप, और वह जो सारी सृष्टि के ऊपर है(1:15-17)
- मसीह कलीसिया का सिर है, और कलीसिया मसीह पर भरोसा करती है (1:18-2:7)
1। विश्वासयोग्यता की परीक्षायें
- झूठे प्रचारकों के विरूद्ध चेतावनियाँ (2:8-19)
- सच्ची भक्ति कठोर नियम और दृढ परम्परायें नहीं हैं(2:20-23)
1। शिक्षण और जीवन
- मसीह में जीवन (3:1-4)
- पुराना और नया जीवन (3:5-17)
- मसीही परिवार (3:18-4:1)
1। मसीही व्यवहार (4:2-6)
1। समापन और शुभकामनायें
- पौलुस तुखिकुस और उनेसिमुस का धन्यवाद करता है (4:7-9)
- पौलुस अपने सहयोगियों की ओर से शुभकामनाएं भेजता है (4:10-14)
- पौलुस अर्खिपुस और लौदिकिया की कलीसिया को निर्देश देता है (4:15-17)
- पौलुस की व्यक्तिगत शुभकामनाएं (4:18)

### कुलुस्सियों की पुस्तक किस ने लिखी?

पौलुस ने कुलुस्सियों की पुस्तक लिखी। पौलुस तरसुस नगर से था। वह अपने प्रारंभिक जीवन में शाऊल के नाम से जाना जाता था। मसीही बनने से पहले, पौलुस एक फरीसी था। वह मसीहियों को सताता था। मसीही बनने के बाद, उस ने बहुत बार रोमी साम्राज्य में यीशु के बारे में लोगो को बताते हुए यात्रा की।

पौलुस ने यह पत्र रोमी कारागार से लिखा।

### कुलुस्सियों की किताब किस के बारे में है?

पौलुस ने यह पत्र एशिया माइनर शहर में कुलुस्से के विश्वासियों को लिखा था। इस पत्र का मुख्य उद्देश्य झूठे प्रचारकों के विरूद्ध सुसमाचार की रक्षा करना था। उसने ऐसा यीशु की प्रशंसा परमेश्वर के प्रतिरूप, सभी चीजों के संयोजक और कलीसिया के सिर के रूप में करके किया। पौलुस उन्हें यह समझाना चाहता था कि परमेश्वर को उन्हें स्वीकार करने के लिए केवल मसीह की आवश्यकता है।

### इस पुस्तक का शीर्षक किस प्रकार अनुवादित किया जाना चाहिए?

अनुवादक इस पुस्तक को अपने पारंपरिक शीर्षक ""कुलुस्सियों"" कह कर चुन सकते हैं। या वे एक स्पष्ट शीर्षक चुन सकते हैं, जैसे "" कुलुस्से की कलीसिया के लिए पौलुस का पत्र"" या "" कुलुस्से में मसीहियों के लिए एक पत्र।"" (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/translate-names]])

## भाग 2: महत्वपूर्ण धार्मिक और सांस्कृतिक अवधारणा

### कुलुस्से की कलीसिया के धार्मिक संघर्ष क्या थे?

कुलुस्से की कलीसिया में, झूठे प्रचारक थे। उनकी वास्तविक शिक्षा अज्ञात है। लेकिन उन्होंने शायद अपने अनुयायियों को स्वर्गदूतों की पूजा करने और धार्मिक समारोहों के बारे में सख्त नियमों का पालन करना सिखाया था। उन्होंने शायद यह भी सिखाया कि व्यक्ति का खतना किया जाना चाहिए और केवल कुछ प्रकार के भोजन ही खा सकते हैं। पौलुस ने कहा कि ये झूठी शिक्षाएं मनुष्यों के दिमाग से आईं हैं, न कि परमेश्वर से।

### पौलुस ने स्वर्ग और पृथ्वी की कल्पना का उपयोग कैसे किया?

इस पत्र में, पौलुस ने अक्सर ""ऊपर"" के रूप में स्वर्ग की बात की। उस ने इसे पृथ्वी से अलग किया, जो पवित्रशास्त्र ""नीचे"" के रूप में बोलता है। इस कल्पना का उद्देश्य मसीहियों को ऐसे तरीके से रहने के लिए सिखाना था जो ऊपर स्वर्ग में रहने वाले परमेश्वर का सम्मान करता है। पौलुस यह नहीं सिखा रहा है कि पृथ्वी या भौतिक संसार बुरा है। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/evil]] )

## भाग 3: महत्वपूर्ण अनुवाद के मुद्दे

### यूएलटी में कुलुस्सियों में ""पवित्र"" और ""पवित्रता"" के विचार कैसे वर्णित किये गए हैं?

शास्त्र इस तरह के शब्दों का उपयोग विभिन्न विचारों में से किसी एक को इंगित करने के लिए करते हैं। इस कारण से, अनुवादकों के लिए अक्सर उनके संस्करणों में उन को दर्शाना मुश्किल होता है। कुलुस्सियों में, ये शब्द आम तौर पर किसी भी विशेष भूमिका को लागू किए बिना मसीहियों को एक साधारण संदर्भ में दर्शाते हैं। इसलिए कुलुस्सियों यूएलटी में ""विश्वासियों"" या ""जो लोग उस पर विश्वास करते हैं"" का उपयोग करते हैं। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/translate-textvariants]] )
+COL 1 intro gtm3 0 # कुलुस्सियों 01 सामान्य टिप्पणियाँ
## संरचना एवं स्वरूपण

एक सामान्य पत्र के रूप में, पौलुस ने अपना पत्र तीमुथियुस को और अपने आप को 1-2 छंद में कुलुस्से के मसीहियों को परिचित करके शुरू किया।

पौलुस इस अध्याय में दो विषयों के बारे में बहुत कुछ लिखता है: मसीह कौन है, और मसीह ने मसीहीओं के लिए क्या किया है।

## इस अध्याय में विशेष अवधारणा

### गुप्त सत्य

पौलुस इस अध्याय में ""गुप्त सत्य"" को संदर्भित करता है। परमेश्वर की योजनाओं में कलीसिया की भूमिका एक बार अज्ञात थी। लेकिन परमेश्वर ने अब यह खुलासा किया है। इसमें अन्यजातियों को यहूदियों के साथ एक समान खड़ा करना परमेश्वर की योजनाओं का हिस्सा है। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/reveal]] )

## इस अध्याय के महत्वपूर्ण अलंकार

### मसीही जीवन के लिए छवियां
पौलुस मसीही जीवन का वर्णन करने के लिए कई अलग-अलग छवियों का उपयोग करता है। इस अध्याय में, वह ""चलने"" और "" फल लाने"" की छवियों का उपयोग करता है। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/other/fruit]])

## इस अध्याय में अन्य संभावित अनुवाद की कठिनाइयाँ

### विरोधाभास

विरोधाभास एक सच्चा बयान है जो कुछ असंभव वर्णन करने के लिए दिखाई देता है। पद 24 एक विरोधाभास है: ""अब मैं तुम्हारे लिए अपने दुखों में खुश हूं।"" जब लोग पीड़ित होते हैं तो आम तौर पर लोग खुश नहीं होते हैं। लेकिन 25-29 छंद में पौलुस बताता है कि उसका दुख अच्छा क्यों है। ([कुलुस्सियों 1:24](../../col/01/24.md))
COL 1 1 h5gl figs-inclusive 0 General Information: यद्धपि यह पत्र पौलुस और तीमुथियुस से कुलुस्सियों विश्वासियों के लिए है, बाद में पत्र में पौलुस ने यह स्पष्ट किया कि लेखक वह हैं। सबसे अधिक संभावना है कि तीमुथियुस उसके साथ था और पौलुस के बोलते हुए शब्दों को लिखा था। इस पत्र के दौरान शब्द ""हम,"" ""हमारा,"" और ""हमारा"" में कुलुस्सियों के विश्वासी शामिल हैं जब तक अन्यथा ध्यान न दिया जाए। शब्द ""तुम,"" ""तुम्हारा,"" और ""तुम्हारे"" कुलुस्सियों के विश्वासियों को संदर्भित करता है और ऐसा ही बहुवचन भी जब तक अन्यथा ध्यान न दिया जाए। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-inclusive]] और [[rc://hi/ta/man/translate/figs-you]]) COL 1 1 fny3 ἀπόστολος Χριστοῦ Ἰησοῦ διὰ θελήματος Θεοῦ 1 an apostle of Christ Jesus through the will of God जिसे परमेश्वर ने मसीह यीशु का प्रेरित होने के लिए चुना COL 1 3 q1su figs-exclusive εὐχαριστοῦμεν…τοῦ Κυρίου ἡμῶν…πάντοτε 1 We give ... our Lord ... we always इन शब्दों में कुलुस्सि शामिल नहीं हैं। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-exclusive]] ) @@ -76,7 +76,7 @@ COL 1 28 va1x figs-exclusive ἡμεῖς καταγγέλλομεν, νουθε COL 1 28 na8w νουθετοῦντες πάντα ἄνθρωπον 1 We admonish every person हम सभी को चेतावनी देते हैं COL 1 28 lyz1 figs-explicit ἵνα παραστήσωμεν πάντα ἄνθρωπον 1 so that we may present every person आपको यह स्पष्ट करने की आवश्यकता हो सकती है कि वे किसे हर व्यक्ति को पेश करेंगे। वैकल्पिक अनुवाद: ""ताकि हम हर व्यक्ति को परमेश्वर के सामने पेश कर सकें"" (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-explicit]] ) COL 1 28 uk2i figs-metaphor τέλειον 1 complete पूर्ण होने के नाते आध्यात्मिक रूप से परिपक्व होने के लिए एक रूपक है। वैकल्पिक अनुवाद: ""आध्यात्मिक रूप से परिपक्व"" (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-metaphor]] ) -COL 2 intro p3uc 0 # कुलुस्सियों 02 सामान्य टिप्पणियाँ
## इस अध्याय में विशेष अवधारणा

### परिश्रम और बपतिस्मा
पद 11-12 में, पौलुस खतना के पुराने वाचा के संकेत और बपतिस्मा के नए वाचा चिह्न दोनों का उपयोग करता है यह दिखाने के लिए कि मसीही कैसे मसीह के साथ एकजुट होते हैं और पाप से मुक्त होते हैं।

## इस अध्याय में अन्य संभावित अनुवाद की कठिनाइयाँ

### माँस

यह एक जटिल समस्या है। ""मांस"" संभवतः हमारे पापी प्रकृति के लिए एक रूपक है। पौलुस यह नहीं सिखा रहा है कि मनुष्य का भौतिक हिस्सा पापपूर्ण है। पौलुस यह सिखा रहा है कि, जबकि मसीही जीवित हैं (""मांस में""), हम पाप करना जारी रखेंगे। लेकिन हमारी नई प्रकृति हमारी पुरानी प्रकृति के खिलाफ लड़ रही है। पौलुस भौतिक शरीर को संदर्भित करने के लिए इस अध्याय में ""मांस"" का भी उपयोग करता है।

### लागू जानकारी
पौलुस इस अध्याय में कई मुद्दों का उल्लेख करता है जो कुलुस्से में कलीसिया के संदर्भ के बारे में जानकारी दर्शाते है। पाठ को वास्तविक विवरणों पर अनिश्चित रहने देना सर्वोत्तम है। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-explicit]] )
+COL 2 intro p3uc 0 # कुलुस्सियों 02 सामान्य टिप्पणियाँ
## इस अध्याय में विशेष अवधारणा

### परिश्रम और बपतिस्मा
पद 11-12 में, पौलुस खतना के पुराने वाचा के संकेत और बपतिस्मा के नए वाचा चिह्न दोनों का उपयोग करता है यह दिखाने के लिए कि मसीही कैसे मसीह के साथ एकजुट होते हैं और पाप से मुक्त होते हैं।

## इस अध्याय में अन्य संभावित अनुवाद की कठिनाइयाँ

### माँस

यह एक जटिल समस्या है। ""मांस"" संभवतः हमारे पापी प्रकृति के लिए एक रूपक है। पौलुस यह नहीं सिखा रहा है कि मनुष्य का भौतिक हिस्सा पापपूर्ण है। पौलुस यह सिखा रहा है कि, जबकि मसीही जीवित हैं (""मांस में""), हम पाप करना जारी रखेंगे। लेकिन हमारी नई प्रकृति हमारी पुरानी प्रकृति के खिलाफ लड़ रही है। पौलुस भौतिक शरीर को संदर्भित करने के लिए इस अध्याय में ""मांस"" का भी उपयोग करता है।

### लागू जानकारी
पौलुस इस अध्याय में कई मुद्दों का उल्लेख करता है जो कुलुस्से में कलीसिया के संदर्भ के बारे में जानकारी दर्शाते है। पाठ को वास्तविक विवरणों पर अनिश्चित रहने देना सर्वोत्तम है। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-explicit]] )
COL 2 1 tt6v 0 Connecting Statement: पौलुस कुलुस्से और लौदिकिया में विश्वासियों को प्रोत्साहित करना जारी रखता है कि मसीह परमेश्वर है और वह विश्वासियों में रहता है, इसलिए उन्हें उसी तरह जीना चाहिए जैसा उन्होंने उन्हें प्राप्त किया था। COL 2 1 dqg5 ἡλίκον ἀγῶνα ἔχω ὑπὲρ ὑμῶν 1 how great a struggle I have had for you पौलुस ने उनकी शुद्धता और सुसमाचार की समझ विकसित करने के लिए काफी प्रयास किए हैं। COL 2 1 fn4z τῶν ἐν Λαοδικίᾳ 1 those at Laodicea यह एक शहर था जो कुलुस्से के बहुत करीब था जहां एक कलीसिया भी थी जिसके लिए पौलुस प्रार्थना कर रहा था। @@ -142,7 +142,7 @@ COL 2 21 n3ne figs-rquestion 0 Do ... touch? ""तुम दुनिया क COL 2 21 b392 μὴ ἅψῃ! μηδὲ γεύσῃ! μηδὲ θίγῃς! 1 Do not handle, nor taste, nor touch पौलुस उद्धृत कर रहा है कि अन्य लोग कुलुस्सियों को क्या कह रहे हैं। ""जब वे कहते हैं, 'यह ना छूना, उसे ना चखना, उसे हाथ ना लगाना,' तो तुम उन पर विश्वास क्यों करते हो? या ""तुम्हें उनका पालन नहीं करना चाहिए, जब कहते हैं, 'यह ना छूना, उसे ना चखना, उसे हाथ ना लगाना,' COL 2 23 y2dc ἅτινά ἐστιν λόγον μὲν ἔχοντα σοφίας ἐν ἐθελοθρησκείᾳ καὶ ταπεινοφροσύνῃ, ἀφειδίᾳ σώματος 1 These rules have the wisdom of self-made religion and humility and severity of the body ये नियम अविश्वासी लोगों के लिए बुद्धिमान प्रतीत होते हैं क्योंकि वे उन लोगों को अनुमति देते हैं जो नम्र दिखने के लिए उनका पालन करते हैं क्योंकि वे अपने शरीर को चोट पहुंचाते हैं COL 2 23 e7p5 οὐκ ἐν τιμῇ τινι πρὸς πλησμονὴν τῆς σαρκός 1 have no value against the indulgence of the flesh तुम्हें मानवीय इच्छाओं का पालन करने से रोकने में मदद नही करते -COL 3 intro qtl2 0 # कुलुस्सियों 03 सामान्य टिप्पणियाँ
##

संरचना एवं स्वरूपण

इस अध्याय का दूसरा भाग इफिसियों 5 और 6 के बराबर है।

## इस अध्याय में विशेष अवधारणा

### पुरानी और नई स्वयं
पुराने और नए आत्म का मतलब पुराने और नए आदमी जैसा ही है। ""पुराना आदमी"" शब्द शायद पापी प्रकृति को संदर्भित करता है जिसके साथ व्यक्ति पैदा होता है। ""नया आदमी"" नई प्रकृति या नया जीवन है जिसे परमेश्वर मसीह में विश्वास करने के बाद व्यक्ति को देता है। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/sin]] और [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/faith]])

## इस अध्याय में अन्य संभावित अनुवाद की कठिनाइयाँ

### चरित्र
कई चीजें पौलुस ने अपने पाठकों को आगे बढ़ने या टालने के लिए प्रोत्साहित किया है, वे कार्य नहीं बल्कि चरित्र गुण हैं। इस वजह से, अनुवाद करना मुश्किल हो सकता है। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-abstractnouns]])

### ""ऊपर की चीजें""

जहां परमेश्वर रहते हैं अक्सर ""ऊपर"" स्थित होने के रूप में चित्रित किया जाता है। पौलुस कहता है कि ""ऊपर की चीजों की तलाश करें"" और ""ऊपर की चीज़ों के बारे में सोचें""। वह कह रहा है कि मसीहियों को स्वर्गीय और ईश्वरीय चीज़ों के बारे में जानना चाहिए और सोचना चाहिए +COL 3 intro qtl2 0 # कुलुस्सियों 03 सामान्य टिप्पणियाँ
##

संरचना एवं स्वरूपण

इस अध्याय का दूसरा भाग इफिसियों 5 और 6 के बराबर है।

## इस अध्याय में विशेष अवधारणा

### पुरानी और नई स्वयं
पुराने और नए आत्म का मतलब पुराने और नए आदमी जैसा ही है। ""पुराना आदमी"" शब्द शायद पापी प्रकृति को संदर्भित करता है जिसके साथ व्यक्ति पैदा होता है। ""नया आदमी"" नई प्रकृति या नया जीवन है जिसे परमेश्वर मसीह में विश्वास करने के बाद व्यक्ति को देता है। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/sin]] और [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/faith]])

## इस अध्याय में अन्य संभावित अनुवाद की कठिनाइयाँ

### चरित्र
कई चीजें पौलुस ने अपने पाठकों को आगे बढ़ने या टालने के लिए प्रोत्साहित किया है, वे कार्य नहीं बल्कि चरित्र गुण हैं। इस वजह से, अनुवाद करना मुश्किल हो सकता है। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-abstractnouns]])

### ""ऊपर की चीजें""

जहां परमेश्वर रहते हैं अक्सर ""ऊपर"" स्थित होने के रूप में चित्रित किया जाता है। पौलुस कहता है कि ""ऊपर की चीजों की तलाश करें"" और ""ऊपर की चीज़ों के बारे में सोचें""। वह कह रहा है कि मसीहियों को स्वर्गीय और ईश्वरीय चीज़ों के बारे में जानना चाहिए और सोचना चाहिए COL 3 1 ya97 0 Connecting Statement: पौलुस विश्वासियों को चेतावनी देता है कि क्योंकि वे मसीह के साथ हैं, उन्हें कुछ चीजें नहीं करनी चाहिए। COL 3 1 r5yh figs-idiom εἰ οὖν 1 If then यह एक मुहावरा है जिसका अर्थ है ""क्योंकि।"" (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-idiom]] ) COL 3 1 t1jv figs-pastforfuture συνηγέρθητε τῷ Χριστῷ 1 God has raised you with Christ उठाने के लिए यहाँ किसी ऐसे व्यक्ति को जीवित करने के लिए एक मुहावरा है जो फिर से जिंदा होने के लिए मर गया है। संभावित अर्थ 1) क्योंकि परमेश्वर ने मसीह को फिर से जीवित किया, परमेश्वर ने पहले से ही कुलुस्से में के विश्वासियों को नया आध्यात्मिक जीवन दिया है। वैकल्पिक अनुवाद: ""परमेश्वर ने तुमको नया जीवन दिया है क्योंकि तुम मसीह के हो"" या 2) क्योंकि परमेश्वर ने मसीह को फिर से जीवित रहने के लिए प्रेरित किया है, कुलुस्से में विश्वासियों को पता है कि वे मरने के बाद मसीह के साथ रहेंगे, और पौलुस जीवित विश्वासियों के बारे में बात करता है जैसे यह पहले से ही हो चूका है। वैकल्पिक अनुवाद: ""आप यह सुनिश्चित कर सकते हैं कि परमेश्वर आपको जीवन देगा क्योंकि उसने मसीह को फिर से जीवित किया है"" (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-pastforfuture]] और [[rc://hi/ta/man/translate/figs-idiom]]) @@ -198,7 +198,7 @@ COL 3 24 p3pw figs-metaphor κληρονομίας 1 inheritance विश्व COL 3 25 u5lx ὁ…ἀδικῶν, κομιεῖται ὃ ἠδίκησεν 1 anyone who does unrighteousness will receive the penalty वाक्यांश ""दंड प्राप्त"" का अर्थ दंडित करना है। वैकल्पिक अनुवाद: ""जो कोई अधर्म करता है उसे दंडित किया जाएगा"" या ""परमेश्वर किसी को भी दंडित करेगा जो अनैतिक है"" COL 3 25 ak8j ἀδικῶν 1 who does unrighteousness जो किसी भी तरह से सक्रिय रूप से गलत करता है COL 3 25 c9fx figs-abstractnouns οὐκ ἔστιν προσωπολημψία 1 there is no favoritism भाववाचक संज्ञा ""पक्षपात"" क्रिया को ""पक्ष"" क्रिया के साथ व्यक्त किया जा सकता है। कुछ लोगों का पक्ष लेने के लिए उन्हें विभिन्न मानकों से न्याय करना है ताकि परिणाम उनके लिए बेहतर हो जो अन्य कार्यों के मुकाबले बेहतर हो। वैकल्पिक अनुवाद: ""परमेश्वर किसी का पक्ष नहीं करता है"" या ""परमेश्वर एक ही मानक से सभी का न्याय करता है"" (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-abstractnouns]] ) -COL 4 intro nm3y 0 # कुलुस्सियों 04 सामान्य टिप्पणियाँ
## संरचना एवं स्वरूपण

[कुलुस्सियों 4:1](../../col/04/01.md) अध्याय 4 के बजाय अध्याय 3 के विषयों से संबंधित प्रतीत होता है

## इस अध्याय में विशेष अवधारणा

### ""मेरे अपने हाथ में""
प्राचीन पूर्व में लेखक का बोलना और किसी और का लिखना सामान्य था। नए नियम के पत्रों में से कई इस तरह से लिखे गए थे। पौलुस ने खुद अंतिम अभिवादन को लिखा था।

## इस अध्याय में अन्य संभावित अनुवाद की कठिनाइयाँ

### गुप्त सत्य

पौलुस इस अध्याय में ""गुप्त सत्य"" को संदर्भित करता है। परमेश्वर की योजनाओं में कलीसिया की भूमिका एक बार अज्ञात थी। लेकिन परमेश्वर ने अब यह खुलासा किया है। इसमें अन्यजातियों को यहूदियों के साथ एक समान खड़ा करना परमेश्वर की योजनाओं का हिस्सा है। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/reveal]] )
+COL 4 intro nm3y 0 # कुलुस्सियों 04 सामान्य टिप्पणियाँ
## संरचना एवं स्वरूपण

[कुलुस्सियों 4:1](../../col/04/01.md) अध्याय 4 के बजाय अध्याय 3 के विषयों से संबंधित प्रतीत होता है

## इस अध्याय में विशेष अवधारणा

### ""मेरे अपने हाथ में""
प्राचीन पूर्व में लेखक का बोलना और किसी और का लिखना सामान्य था। नए नियम के पत्रों में से कई इस तरह से लिखे गए थे। पौलुस ने खुद अंतिम अभिवादन को लिखा था।

## इस अध्याय में अन्य संभावित अनुवाद की कठिनाइयाँ

### गुप्त सत्य

पौलुस इस अध्याय में ""गुप्त सत्य"" को संदर्भित करता है। परमेश्वर की योजनाओं में कलीसिया की भूमिका एक बार अज्ञात थी। लेकिन परमेश्वर ने अब यह खुलासा किया है। इसमें अन्यजातियों को यहूदियों के साथ एक समान खड़ा करना परमेश्वर की योजनाओं का हिस्सा है। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/reveal]] )
COL 4 1 qhd2 0 Connecting Statement: स्वामीयों से बात करने के बाद, पौलुस कुलुस्से में कलीसिया में विभिन्न प्रकार के विश्वासियों के लिए अपने विशेष निर्देश समाप्त करता है। COL 4 1 ae3y figs-doublet τὸ δίκαιον καὶ τὴν ἰσότητα 1 right and fair इन शब्दों का अर्थ लगभग एक ही चीज़ है और चीजों पर जोर देने के लिए उन शब्दों का उपयोग किया जाता है जो नैतिक रूप से सही हैं। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-doublet]] ) COL 4 1 t9wy καὶ ὑμεῖς ἔχετε Κύριον ἐν οὐρανῷ 1 you also have a master in heaven परमेश्वर चाहता है कि एक सांसारिक गुरु और उसके दास के बीच का रिश्ता प्यार का हो जिस प्रकार परमेश्वर, स्वर्गीय गुरु, उन के स्वामी समेत अपने सांसारिक सेवकों से प्यार करता है। diff --git a/hi_tn_55-1TI.tsv b/hi_tn_55-1TI.tsv index 6e44e5c..efc8f6b 100644 --- a/hi_tn_55-1TI.tsv +++ b/hi_tn_55-1TI.tsv @@ -1,6 +1,6 @@ Book Chapter Verse ID SupportReference OrigQuote Occurrence GLQuote OccurrenceNote -1TI front intro wy83 0 # 1 तीमुथियुस का परिचय
## भाग 1: सामान्य परिचय

### 1 तीमुथियुस की पुस्तक की रूपरेखा

1। अभिवादन(1:1,2)
1। पौलुस और तीमुथियुस
- झूठे शिक्षकों के बारे में चेतावनी (1:3-11)
- पौलुस की सेवकाई में मसीह ने जो किया है वह उसके लिए आभारी है (1:12-17)
- उन्होंने इस आत्मिक युद्ध में लड़ने के लिए तीमुथियुस को बुलाया (1:18-20)
1। सभी के लिए प्रार्थना (2:1-8)
1। कलीसिया में भूमिकाएं और जिम्मेदारियां (2:9-6:2)
1। चेतावनियाँ
- झूठे शिक्षकों के विषय में दूसरी चेतावनी (6:3-5)
- धन (6:6-10)
1। परमेश्वर के जन का विवरण (6:11-16)
1। धनवानों के लिए सूचना (6:17-19)
1। तीमुथियुस को अंतिम वचन (6:20,21)

### 1 तीमुथियुस की पुस्तक किसने लिखी?

पौलुस ने 1 तीमुथियुस को लिखा। पौलुस तरसुस नगर से था। वह अपने प्रारंभिक जीवन में शाऊल के रूप में जाना जाता था। पौलुस मसीही बनने से पहले, एक फरीसी था। उसने मसीहियों को सताया। एक मसीही बनने के बाद, उन्होंने रोमी साम्राज्य में यीशु के बारे में लोगों को बताते हुए कई बार यात्रा की।

यह पुस्तक पौलुस द्वारा तीमुथियुस को लिखा गया पहला पत्र है। तीमुथियुस उसका शिष्य और घनिष्ट मित्र था। सम्भवतः पौलुस ने इसे अपने जीवन के अंतकाल में लिखा था।

### 1 तीमुथियुस की पुस्तक का क्या विषय है?

पौलुस ने तीमुथियुस को विश्वासियों की सहायता के लिए इफिसुस शहर में छोड़ा था। पौलुस ने विभिन्न कारणों के विषय में तीमुथियुस को निर्देश देने के लिए यह पत्र लिखा। जिन विषयों को उन्होंने संबोधित किया उनमें कलीसियाई आराधना, कलीसियाई अगुवों की योग्यता, और झूठे शिक्षकों के खिलाफ चेतावनियां शामिल थीं। यह पत्र दिखाता है कि कैसे पौलुस तीमुथियुस को कलीसियाओं के बीच एक अगुवा बनने का प्रशिक्षण दे रहा था।

### इस पुस्तक का शीर्षक किस प्रकार अनुवादित किया जाना चाहिए?

अनुवादक इस पुस्तक को अपने पारंपरिक शीर्षक, ""1 तीमुथियुस"" या ""प्रथम तीमुथियुस"" द्वारा संबोधित करना चुन सकते हैं।"" या वे एक स्पष्ट शीर्षक चुन सकते हैं, जैसे कि ""तीमुथियुस के लिए पौलुस का पहला पत्र""। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/translate-names]] )

## भाग 2: महत्वपूर्ण धार्मिक और सांस्कृतिक अवधारणाएं

### शिष्यता क्या है?

शिष्यता लोगों को मसीह के शिष्य बनाने की प्रक्रिया है। शिष्यता का लक्ष्य अन्य मसीहियों को मसीह के समान बनने के लिए प्रोत्साहित करना है। यह पत्र इस बारे में कई निर्देश देता है कि कैसे एक अगुवे को अपरिपक्व मसीहियों को प्रशिक्षित करना चाहिए। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/disciple]] )

## भाग 3: महत्वपूर्ण अनुवाद के मुद्दे

### एकवचन और बहुवचन ""तू""
इस पुस्तक में, ""मैं"" शब्द पौलुस को संबोधित करता है। इसके अलावा, शब्द ""तू"" लगभग हमेशा एकवचन है और तीमुथियुस को संबोधित करता है। इसकी असमानता 6:21 में मिलती है। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-exclusive]] और [[rc://hi/ta/man/translate/figs-you]])

### पौलुस का ""मसीह में"", ""प्रभु में"" वाक्यों से क्या तात्पर्य था?

पौलुस का तात्पर्य मसीह और विश्वासियों के साथ एक बहुत निकट संबंध के विचार को व्यक्त करना था। कृपया इस तरह के वाक्यों के बारे में अधिक जानकारी के लिए रोमियों की पुस्तक का परिचय देखें।

### 1 तीमुथियुस की पुस्तक के पाठ में प्रमुख शाब्दिक मुद्दे क्या हैं?

निम्नलिखित पद के लिए, बाइबल का आधुनिक संस्करण पुराने संस्करणों से अलग है। यूएलटी पाठ में आधुनिक पठन है और पुराने पठन को पाद टिप्पणी (फुटनोट) में रखा गया है। यदि सामान्य क्षेत्र में बाइबल का अनुवाद उपलब्ध है, तो अनुवादकों को उन संस्करणों में उपलब्ध व्याख्या का उपयोग करना चाहिए। यदि नहीं, तो अनुवादकों को आधुनिक व्याख्या का पालन करने की सलाह दी जाती है।

* ""धार्मिकता अधिक पैसा पाने का एक तरीका है।"" बाइबल के कुछ पुराने संस्करण इस तरह से व्याख्या करते हैं, "" धार्मिकता अधिक धन पाने का एक तरीका है: ऐसी चीजों से अलग हो जाओ ।"" (6:5)

(देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/translate-textvariants]])
-1TI 1 intro a4v2 0 # 1 तीमुथियुस 01 सामान्य टिप्पणियाँ
## संरचना एवं स्वरूपण

पौलुस इस पत्र को औपचारिक रूप से पद 1-2 में प्रस्तुत करता है। लेखकों ने अक्सर प्राचीन निकट पूर्व में इस तरह से पत्र शुरू किए।

## इस अध्याय में विशेष अवधारणा

### आत्मिक सन्तान
इस अध्याय में, पौलुस ने तीमुथियुस को ""पुत्र"" और उसकी ""सन्तान"" कहा। पौलुस ने तीमुथियुस को एक मसीही और एक कलीसियाई अगुवे के रूप में अनुशासित किया। पौलुस ने उसे मसीह में विश्वास करने के लिए भी प्रेरित किया होगा। इसलिए, पौलुस ने तीमुथियुस को ""विश्वास में पुत्र"" कहा। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/disciple]], [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/faith]] और [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/spirit]] और [[rc://hi/ta/man/translate/figs-metaphor]])

### वंशावलियाँ

वंशावलियाँ वे सूचियां हैं जो किसी व्यक्ति के पूर्वजों या वंशजों का लेखा रखती हैं। यहूदियों ने सही व्यक्ति को राजा बनाने के लिए वंशावली का इस्तेमाल किया। उन्होंने ऐसा इसलिए किया क्योंकि केवल राजा का पुत्र ही राजा बन सकता था। उन्होंने यह भी दिखाया कि वे किस गोत्र और परिवार से आए थे। उदाहरण के लिए, याजक लेवी के गोत्र और हारून के परिवार से आए थे। सबसे महत्वपूर्ण लोगों के पास उनकी वंशावली का लेखा था।

## इस अध्याय के महत्वपूर्ण अलंकार

### शब्दों का खेल
वाक्य ""व्यवस्था अच्छी है यदि कोई व्यवस्था के अनुसार इसका उपयोग करता है"" यह शब्दों का खेल है। शब्द ""व्यवस्था"" और ""व्यवस्था के अनुसार"" मूल भाषा में समान प्रतीत होते है।
+1TI front intro wy83 0 # 1 तीमुथियुस का परिचय
## भाग 1: सामान्य परिचय

### 1 तीमुथियुस की पुस्तक की रूपरेखा

1। अभिवादन(1:1,2)
1। पौलुस और तीमुथियुस
- झूठे शिक्षकों के बारे में चेतावनी (1:3-11)
- पौलुस की सेवकाई में मसीह ने जो किया है वह उसके लिए आभारी है (1:12-17)
- उन्होंने इस आत्मिक युद्ध में लड़ने के लिए तीमुथियुस को बुलाया (1:18-20)
1। सभी के लिए प्रार्थना (2:1-8)
1। कलीसिया में भूमिकाएं और जिम्मेदारियां (2:9-6:2)
1। चेतावनियाँ
- झूठे शिक्षकों के विषय में दूसरी चेतावनी (6:3-5)
- धन (6:6-10)
1। परमेश्वर के जन का विवरण (6:11-16)
1। धनवानों के लिए सूचना (6:17-19)
1। तीमुथियुस को अंतिम वचन (6:20,21)

### 1 तीमुथियुस की पुस्तक किसने लिखी?

पौलुस ने 1 तीमुथियुस को लिखा। पौलुस तरसुस नगर से था। वह अपने प्रारंभिक जीवन में शाऊल के रूप में जाना जाता था। पौलुस मसीही बनने से पहले, एक फरीसी था। उसने मसीहियों को सताया। एक मसीही बनने के बाद, उन्होंने रोमी साम्राज्य में यीशु के बारे में लोगों को बताते हुए कई बार यात्रा की।

यह पुस्तक पौलुस द्वारा तीमुथियुस को लिखा गया पहला पत्र है। तीमुथियुस उसका शिष्य और घनिष्ट मित्र था। सम्भवतः पौलुस ने इसे अपने जीवन के अंतकाल में लिखा था।

### 1 तीमुथियुस की पुस्तक का क्या विषय है?

पौलुस ने तीमुथियुस को विश्वासियों की सहायता के लिए इफिसुस शहर में छोड़ा था। पौलुस ने विभिन्न कारणों के विषय में तीमुथियुस को निर्देश देने के लिए यह पत्र लिखा। जिन विषयों को उन्होंने संबोधित किया उनमें कलीसियाई आराधना, कलीसियाई अगुवों की योग्यता, और झूठे शिक्षकों के खिलाफ चेतावनियां शामिल थीं। यह पत्र दिखाता है कि कैसे पौलुस तीमुथियुस को कलीसियाओं के बीच एक अगुवा बनने का प्रशिक्षण दे रहा था।

### इस पुस्तक का शीर्षक किस प्रकार अनुवादित किया जाना चाहिए?

अनुवादक इस पुस्तक को अपने पारंपरिक शीर्षक, ""1 तीमुथियुस"" या ""प्रथम तीमुथियुस"" द्वारा संबोधित करना चुन सकते हैं।"" या वे एक स्पष्ट शीर्षक चुन सकते हैं, जैसे कि ""तीमुथियुस के लिए पौलुस का पहला पत्र""। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/translate-names]] )

## भाग 2: महत्वपूर्ण धार्मिक और सांस्कृतिक अवधारणाएं

### शिष्यता क्या है?

शिष्यता लोगों को मसीह के शिष्य बनाने की प्रक्रिया है। शिष्यता का लक्ष्य अन्य मसीहियों को मसीह के समान बनने के लिए प्रोत्साहित करना है। यह पत्र इस बारे में कई निर्देश देता है कि कैसे एक अगुवे को अपरिपक्व मसीहियों को प्रशिक्षित करना चाहिए। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/disciple]] )

## भाग 3: महत्वपूर्ण अनुवाद के मुद्दे

### एकवचन और बहुवचन ""तू""
इस पुस्तक में, ""मैं"" शब्द पौलुस को संबोधित करता है। इसके अलावा, शब्द ""तू"" लगभग हमेशा एकवचन है और तीमुथियुस को संबोधित करता है। इसकी असमानता 6:21 में मिलती है। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-exclusive]] और [[rc://hi/ta/man/translate/figs-you]])

### पौलुस का ""मसीह में"", ""प्रभु में"" वाक्यों से क्या तात्पर्य था?

पौलुस का तात्पर्य मसीह और विश्वासियों के साथ एक बहुत निकट संबंध के विचार को व्यक्त करना था। कृपया इस तरह के वाक्यों के बारे में अधिक जानकारी के लिए रोमियों की पुस्तक का परिचय देखें।

### 1 तीमुथियुस की पुस्तक के पाठ में प्रमुख शाब्दिक मुद्दे क्या हैं?

निम्नलिखित पद के लिए, बाइबल का आधुनिक संस्करण पुराने संस्करणों से अलग है। यूएलटी पाठ में आधुनिक पठन है और पुराने पठन को पाद टिप्पणी (फुटनोट) में रखा गया है। यदि सामान्य क्षेत्र में बाइबल का अनुवाद उपलब्ध है, तो अनुवादकों को उन संस्करणों में उपलब्ध व्याख्या का उपयोग करना चाहिए। यदि नहीं, तो अनुवादकों को आधुनिक व्याख्या का पालन करने की सलाह दी जाती है।

* ""धार्मिकता अधिक पैसा पाने का एक तरीका है।"" बाइबल के कुछ पुराने संस्करण इस तरह से व्याख्या करते हैं, "" धार्मिकता अधिक धन पाने का एक तरीका है: ऐसी चीजों से अलग हो जाओ ।"" (6:5)

(देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/translate-textvariants]])
+1TI 1 intro a4v2 0 # 1 तीमुथियुस 01 सामान्य टिप्पणियाँ
## संरचना एवं स्वरूपण

पौलुस इस पत्र को औपचारिक रूप से पद 1-2 में प्रस्तुत करता है। लेखकों ने अक्सर प्राचीन निकट पूर्व में इस तरह से पत्र शुरू किए।

## इस अध्याय में विशेष अवधारणा

### आत्मिक सन्तान
इस अध्याय में, पौलुस ने तीमुथियुस को ""पुत्र"" और उसकी ""सन्तान"" कहा। पौलुस ने तीमुथियुस को एक मसीही और एक कलीसियाई अगुवे के रूप में अनुशासित किया। पौलुस ने उसे मसीह में विश्वास करने के लिए भी प्रेरित किया होगा। इसलिए, पौलुस ने तीमुथियुस को ""विश्वास में पुत्र"" कहा। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/disciple]], [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/faith]] और [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/spirit]] और [[rc://hi/ta/man/translate/figs-metaphor]])

### वंशावलियाँ

वंशावलियाँ वे सूचियां हैं जो किसी व्यक्ति के पूर्वजों या वंशजों का लेखा रखती हैं। यहूदियों ने सही व्यक्ति को राजा बनाने के लिए वंशावली का इस्तेमाल किया। उन्होंने ऐसा इसलिए किया क्योंकि केवल राजा का पुत्र ही राजा बन सकता था। उन्होंने यह भी दिखाया कि वे किस गोत्र और परिवार से आए थे। उदाहरण के लिए, याजक लेवी के गोत्र और हारून के परिवार से आए थे। सबसे महत्वपूर्ण लोगों के पास उनकी वंशावली का लेखा था।

## इस अध्याय के महत्वपूर्ण अलंकार

### शब्दों का खेल
वाक्य ""व्यवस्था अच्छी है यदि कोई व्यवस्था के अनुसार इसका उपयोग करता है"" यह शब्दों का खेल है। शब्द ""व्यवस्था"" और ""व्यवस्था के अनुसार"" मूल भाषा में समान प्रतीत होते है।
1TI 1 1 u1g9 figs-inclusive 0 General Information: इस पुस्तक में, जब तक ध्यान न दिया जाए, कुछ शब्द जैसे ""हमारा"" पौलुस और तीमुथियुस को संबोधित करता है (जिसे यह पत्र लिखा गया है), साथ ही सभी विश्वासियों के लिए भी। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-inclusive]] ) 1TI 1 1 i3zz Παῦλος, ἀπόστολος 1 Paul, an apostle मैं, पौलुस, ने इस पत्र को लिखा है। मैं एक प्रेरित हूँ। तुम्हारी भाषा में इस पत्र के लेखक को दर्शाने का एक विशेष तरीका हो सकता है। लेखक को दर्शाने के तुरंत बाद, आप यह संकेत करना चाहेंगे कि पत्र किसको लिखा गया, जैसा यूएसटी में है। 1TI 1 1 xl6d κατ’ ἐπιταγὴν Θεοῦ 1 according to the commandment of के आदेश से या ""के अधिकार से"" @@ -72,7 +72,7 @@ Book Chapter Verse ID SupportReference OrigQuote Occurrence GLQuote OccurrenceNo 1TI 1 20 pv7f translate-names Ὑμέναιος…Ἀλέξανδρος 1 Hymenaeus ... Alexander ये पुरुषों के नाम हैं। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/translate-names]] ) 1TI 1 20 ty7n figs-metaphor οὓς παρέδωκα τῷ Σατανᾷ 1 whom I gave over to Satan पौलुस बोलता है जैसे उसने शारीरिक रूप से इन मनुष्यों को शैतान को सौंप दिया। इसका संभवतः मतलब है कि पौलुस ने उन्हें विश्वासियों के समुदाय से निकाल दिया था। चूंकि वे अब समुदाय का हिस्सा नहीं हैं, इसलिए शैतान उनपर हावी हो सकता है और उन्हें नुकसान पहुंचा सकता है। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-metaphor]] ) 1TI 1 20 s76c figs-activepassive παιδευθῶσι 1 they may be taught इसे सक्रिय रूप में कहा जा सकता है। वैकल्पिक अनुवाद: ""कि परमेश्वर उन्हें सिखा सकते हैं"" (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-activepassive]] ) -1TI 2 intro c6rf 0 # 1 तीमुथियुस 02 सामान्य टिप्पणियाँ
## इस अध्याय में विशेष अवधारणांएँ

### शांति
पौलुस मसीहियों को प्रत्येक के लिए प्रार्थना करने के लिए प्रोत्साहित करता है। उन्हें शासकों के लिए प्रार्थना करनी चाहिए ताकि मसीही ईश्वरीय और सम्मानित तरीके से शांतिपूर्वक रह सकें।

### कलीसिया में महिलायें

विद्वानों में मतभेद है कि कैसे इस अंश को ऐतिहासिक और सांस्कृतिक संदर्भ में समझें कुछ विद्वानों का मानना ​​है कि पुरुष और महिलायें सभी चीजों में बिल्कुल बराबर हैं। अन्य विद्वानों का मानना ​​है कि परमेश्वर ने पुरुषों और महिलाओं को शादी और कलीसिया में विभिन्न भूमिकाओं के लिए बनाया है। अनुवादकों को सावधान रहना चाहिए कि उनका इस विषय को समझना उनके इस अंश के अनुवाद को प्रभावित नहीं करना चाहिये।

## इस अध्याय में अन्य संभावित अनुवाद की कठिनाइयाँ

### ""प्रार्थना, मध्यस्थता, और धन्यवाद""
ये शब्द परस्पर-व्याप्त होते हैं। उन्हें अलग-अलग श्रेणियों में देखना जरूरी नहीं है। +1TI 2 intro c6rf 0 # 1 तीमुथियुस 02 सामान्य टिप्पणियाँ
## इस अध्याय में विशेष अवधारणांएँ

### शांति
पौलुस मसीहियों को प्रत्येक के लिए प्रार्थना करने के लिए प्रोत्साहित करता है। उन्हें शासकों के लिए प्रार्थना करनी चाहिए ताकि मसीही ईश्वरीय और सम्मानित तरीके से शांतिपूर्वक रह सकें।

### कलीसिया में महिलायें

विद्वानों में मतभेद है कि कैसे इस अंश को ऐतिहासिक और सांस्कृतिक संदर्भ में समझें कुछ विद्वानों का मानना ​​है कि पुरुष और महिलायें सभी चीजों में बिल्कुल बराबर हैं। अन्य विद्वानों का मानना ​​है कि परमेश्वर ने पुरुषों और महिलाओं को शादी और कलीसिया में विभिन्न भूमिकाओं के लिए बनाया है। अनुवादकों को सावधान रहना चाहिए कि उनका इस विषय को समझना उनके इस अंश के अनुवाद को प्रभावित नहीं करना चाहिये।

## इस अध्याय में अन्य संभावित अनुवाद की कठिनाइयाँ

### ""प्रार्थना, मध्यस्थता, और धन्यवाद""
ये शब्द परस्पर-व्याप्त होते हैं। उन्हें अलग-अलग श्रेणियों में देखना जरूरी नहीं है। 1TI 2 1 z2xx 0 Connecting Statement: पौलुस, तीमुथियुस को सभी लोगों के लिए प्रार्थना करने को प्रोत्साहित करता है। 1TI 2 1 yk2z πρῶτον πάντων 1 first of all सबसे महत्वपूर्ण या "" सबसे पहले"" 1TI 2 1 ql7a figs-activepassive παρακαλῶ…ποιεῖσθαι δεήσεις, προσευχάς, ἐντεύξεις, εὐχαριστίας 1 I urge that requests, prayers, intercessions, and thanksgivings be made इसे सक्रिय रूप में कहा जा सकता है। वैकल्पिक अनुवाद: ""मैं सभी विश्वासियों से अनुरोध करता हूं कि वे विनती, प्रार्थना, निवेदन और धन्यवाद परमेश्वर से करें।"" (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-activepassive]] ) @@ -110,7 +110,7 @@ Book Chapter Verse ID SupportReference OrigQuote Occurrence GLQuote OccurrenceNo 1TI 2 15 sl57 figs-abstractnouns ἐν πίστει, καὶ ἀγάπῃ, καὶ ἁγιασμῷ 1 in faith and love and sanctification यहां भाववाचक संज्ञाओं का अनुवाद मौखिक वाक्यांशों के साथ किया जा सकता है। वैकल्पिक अनुवाद: ""यीशु पर भरोसा करने और दूसरों से प्यार करने और पवित्र जीवन जीने में"" (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-abstractnouns]] ) 1TI 2 15 dcf3 figs-idiom μετὰ σωφροσύνης 1 with soundness of mind इस मुहावरे के संभावित अर्थ हैं 1) ""अच्छे फैसले के साथ,"" 2) ""विनम्रता के साथ"" या 3) ""आत्म-नियंत्रण के साथ।"" (देख: )देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-idiom]]इस मुहावरे के संभावित अर्थ हैं 1) ""अच्छे फैसले के साथ,"" 2) ""विनम्रता के साथ"" या 3) ""आत्म-नियंत्रण के साथ।"" (देख: ) 1TI 2 15 zr4b figs-abstractnouns σωφροσύνης 1 soundness of mind यदि मुहावरे को अनुवाद में रखा जाता है, तो भाववाचक संज्ञा ""विचारशीलता"" का अनुवाद विशेषण के साथ किया जा सकता है। वैकल्पिक अनुवाद: ""एक शांत मन"" (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-abstractnouns]] ) -1TI 3 intro d9db 0 # 1 तीमुथियुस 03 सामान्य टिप्पणियाँ
## संरचना एवं स्वरूपण

[1 तीमुथियुस 3:16](./16.md) शायद एक गीत, कविता, या मत था जिसका प्रयोग प्रारंभिक कलीसिया में महत्वपूर्ण सिद्धांतों को सूचीबद्ध करने के लिए किया जाता था जिसे विश्वासी मानते थे ।

## इस अध्याय में विशेष अवधारणांऍ

### सेवक और उपयाजक
कलीसिया ने कलीसिया के अगुवों के लिए विभिन्न उपाधियों का उपयोग किया। कुछ उपाधियों में प्राचीन, पादरी और अध्यक्ष शामिल हैं। शब्द ""सेवक"" मूल भाषा के अर्थ को पद 1-2 में दर्शाता है। पौलुस ""उपयाजक"" के बारे में पद 8 और 12 में एक अन्य प्रकार के कलीसिया के अगुवे के रूप में लिखता है।

## इस अध्याय में अन्य संभावित अनुवाद की कठिनाइयाँ

### चरित्र के गुण
इस अध्याय में कई गुण हैं जो एक व्यक्ति को चाहिए अगर वह कलीसिया में एक सेवक या उपयाजक बनाना चाहता है। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-abstractnouns]] )
+1TI 3 intro d9db 0 # 1 तीमुथियुस 03 सामान्य टिप्पणियाँ
## संरचना एवं स्वरूपण

[1 तीमुथियुस 3:16](./16.md) शायद एक गीत, कविता, या मत था जिसका प्रयोग प्रारंभिक कलीसिया में महत्वपूर्ण सिद्धांतों को सूचीबद्ध करने के लिए किया जाता था जिसे विश्वासी मानते थे ।

## इस अध्याय में विशेष अवधारणांऍ

### सेवक और उपयाजक
कलीसिया ने कलीसिया के अगुवों के लिए विभिन्न उपाधियों का उपयोग किया। कुछ उपाधियों में प्राचीन, पादरी और अध्यक्ष शामिल हैं। शब्द ""सेवक"" मूल भाषा के अर्थ को पद 1-2 में दर्शाता है। पौलुस ""उपयाजक"" के बारे में पद 8 और 12 में एक अन्य प्रकार के कलीसिया के अगुवे के रूप में लिखता है।

## इस अध्याय में अन्य संभावित अनुवाद की कठिनाइयाँ

### चरित्र के गुण
इस अध्याय में कई गुण हैं जो एक व्यक्ति को चाहिए अगर वह कलीसिया में एक सेवक या उपयाजक बनाना चाहता है। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-abstractnouns]] )
1TI 3 1 rwi8 0 Connecting Statement: पौलुस कुछ विशेष निर्देश देता है कि कैसे कलीसिया के सेवक को कार्य करना चाहिए और होना चाहिए। 1TI 3 1 f133 καλοῦ ἔργου 1 a good work एक सम्मानित कार्य 1TI 3 2 dff6 μιᾶς γυναικὸς ἄνδρα 1 husband of one wife एक सेवक की केवल एक पत्नी होनी चाहिए। यह अस्पष्ट है अगर इसमें ऐसे पुरुषों को शामिल किया गया है जो पहले विधुर या तलाकशुदा, या कभी विवाहित नहीं हुए। @@ -162,7 +162,7 @@ Book Chapter Verse ID SupportReference OrigQuote Occurrence GLQuote OccurrenceNo 1TI 3 16 h9mb figs-activepassive ἐπιστεύθη ἐν κόσμῳ 1 was believed on in the world इसे सक्रिय रूप में कहा जा सकता है। वैकल्पिक अनुवाद: ""संसार के कई हिस्सों के लोग उस पर विश्वास करने लगे"" (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-activepassive]] ) 1TI 3 16 jz11 figs-activepassive ἀνελήμφθη ἐν δόξῃ 1 was taken up in glory इसे सक्रिय रूप में कहा जा सकता है। वैकल्पिक अनुवाद: ""परमेश्वर पिता ने उसे महिमा के साथ स्वर्ग में उठा लिया"" (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-activepassive]] ) 1TI 3 16 mr3a ἐν δόξῃ 1 in glory इसका अर्थ है कि उसे परमेश्वर पिता से सामर्थ मिली और वह सम्मान के योग्य है। -1TI 4 intro b39h 0 # 1 तीमुथियुस 04 सामान्य टिप्पणियाँ
## संरचना एवं स्वरूपण

[1 तीमुथियुस 4: 1](../04/01.md) एक भविष्यवाणी है। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/prophet]] )

## इस अध्याय में अन्य संभावित अनुवाद की कठिनाइयाँ

### बाद का समय
यह अंतिम दिनों को संबोधित करने का एक और तरीका है। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/lastday]] )
+1TI 4 intro b39h 0 # 1 तीमुथियुस 04 सामान्य टिप्पणियाँ
## संरचना एवं स्वरूपण

[1 तीमुथियुस 4: 1](../04/01.md) एक भविष्यवाणी है। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/prophet]] )

## इस अध्याय में अन्य संभावित अनुवाद की कठिनाइयाँ

### बाद का समय
यह अंतिम दिनों को संबोधित करने का एक और तरीका है। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/lastday]] )
1TI 4 1 gyd8 0 Connecting Statement: पौलुस तीमुथियुस को बताता है कि आत्मा जो कहता है वह होगा और जो उसे सिखाना चाहिए उसके लिए प्रोत्साहित करता है। 1TI 4 1 jzr9 δὲ 1 Now इस शब्द का उपयोग यहां मुख्य शिक्षा में विराम लगाने के लिए किया गया है। यहां पौलुस शिक्षा के एक नए भाग को बताना शुरू करता है। 1TI 4 1 b739 ἐν ὑστέροις καιροῖς 1 in later times संभावित अर्थ 1) यह पौलुस की मृत्यु के बाद के समय को संबोधित करता है या 2) यह पौलुस के जीवन के बाद का समय है। @@ -206,7 +206,7 @@ Book Chapter Verse ID SupportReference OrigQuote Occurrence GLQuote OccurrenceNo 1TI 4 16 uq6c ἔπεχε σεαυτῷ καὶ τῇ διδασκαλίᾳ 1 Give careful attention to yourself and to the teaching ध्यान से स्वयं को संचालित करो और शिक्षा पर ध्यान दो या ""अपने व्यवहार को नियंत्रित करो और शिक्षा पर ध्यान दो"" 1TI 4 16 zxe7 ἐπίμενε αὐτοῖς 1 Continue in these things इन कामों को करना जारी रखो 1TI 4 16 u7ez καὶ σεαυτὸν σώσεις καὶ τοὺς ἀκούοντάς σου 1 you will save yourself and those who listen to you संभावित अर्थ 1) तीमुथियुस स्वयं को और उनको जो उसकी सुनते हैं परमेश्वर के न्याय से बचाएगा या 2) तीमुथियुस स्वयं को और उनको झूठे शिक्षकों के प्रभाव से बचाएगा। -1TI 5 intro jx4e 0 # 1 तीमुथियुस 05 सामान्य टिप्पणियाँ
## इस अध्याय में विशेष अवधारणाएँ

### आदर और सम्मान
पौलुस युवा मसीहियों को पुराने मसीहियों का आदर और सम्मान करने के लिए प्रोत्साहित करता है। संस्कृतियां विभिन्न तरीकों से बुजुर्ग लोगों का आदर और सम्मान करती हैं।

### विधवाएँ
प्राचीन पूर्व में, विधवाओं की देखभाल करना महत्वपूर्ण था, क्योंकि वे स्वयं की देखभाल नहीं कर सकती थीं।
+1TI 5 intro jx4e 0 # 1 तीमुथियुस 05 सामान्य टिप्पणियाँ
## इस अध्याय में विशेष अवधारणाएँ

### आदर और सम्मान
पौलुस युवा मसीहियों को पुराने मसीहियों का आदर और सम्मान करने के लिए प्रोत्साहित करता है। संस्कृतियां विभिन्न तरीकों से बुजुर्ग लोगों का आदर और सम्मान करती हैं।

### विधवाएँ
प्राचीन पूर्व में, विधवाओं की देखभाल करना महत्वपूर्ण था, क्योंकि वे स्वयं की देखभाल नहीं कर सकती थीं।
1TI 5 1 wt5y figs-you 0 General Information: पौलुस इन आज्ञाओं को एक व्यक्ति, तीमुथियुस को दे रहा था। जिन भाषाओं में ""तुम"" के विभिन्न रूप हैं या आज्ञाओं के लिए विभिन्न रूप हैं, वे यहां एकवचन का उपयोग करें। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-you]] ) 1TI 5 1 h7d1 0 Connecting Statement: पौलुस तीमुथियुस को यह कहना जारी रखता है कि कलीसिया में पुरुषों, स्त्रियों, विधवाओं और जवान स्त्रियों की देखभाल कैसे की जाए। 1TI 5 1 l4w5 πρεσβυτέρῳ μὴ ἐπιπλήξῃς 1 Do not rebuke an older man एक बूढ़े व्यक्ति से कठोरता से मत बोलो @@ -283,7 +283,7 @@ Book Chapter Verse ID SupportReference OrigQuote Occurrence GLQuote OccurrenceNo 1TI 5 25 pd8v τὰ ἔργα τὰ καλὰ πρόδηλα 1 some good works are openly known कुछ भले काम भी प्रगट होते हैं 1TI 5 25 qlu5 τὰ ἔργα τὰ καλὰ 1 good works कामों को ""अच्छा"" माना जाता है क्योंकि वे परमेश्वर के चरित्र, उद्देश्यों और इच्छा के अनुकूल होते हैं। 1TI 5 25 bl51 figs-metaphor καὶ τὰ ἄλλως ἔχοντα, κρυβῆναι οὐ δύναταί 1 but even the others cannot be hidden पौलुस पापों को वस्तुओं के समान बताता है जिसे कोई छिपा सकता है। इसे सक्रिय रूप में कहा जा सकता है। वैकल्पिक अनुवाद: ""लेकिन लोग बाद में अच्छे कर्मों के बारे जान जाएँगे जो स्पष्ट नहीं हैं"" (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-metaphor]] और [[rc://hi/ta/man/translate/figs-activepassive]]) -1TI 6 intro rks4 0 # 1 तीमुथियुस 06 सामान्य टिप्पणियाँ
## इस अध्याय में विशेष अवधारणाएँ

### दासता

पौलुस इस अध्याय में दासता अच्छी है या बुरी है के बारे में नहीं लिखता है। पौलुस स्वामी की सेवा करने, सम्मान करने और परिश्रम करने के बारे में सिखाता है। पौलुस सभी विश्वासियों को हर स्थिति में धार्मिक और संतुष्ट होने के लिए सिखाता है +1TI 6 intro rks4 0 # 1 तीमुथियुस 06 सामान्य टिप्पणियाँ
## इस अध्याय में विशेष अवधारणाएँ

### दासता

पौलुस इस अध्याय में दासता अच्छी है या बुरी है के बारे में नहीं लिखता है। पौलुस स्वामी की सेवा करने, सम्मान करने और परिश्रम करने के बारे में सिखाता है। पौलुस सभी विश्वासियों को हर स्थिति में धार्मिक और संतुष्ट होने के लिए सिखाता है 1TI 6 1 zg9b 0 Connecting Statement: पौलुस दासों और स्वामियों को कुछ विशिष्ट निर्देश देता है और फिर धार्मिक तरीके से रहने के निर्देशों को जारी रखता है। 1TI 6 1 nm4n figs-metaphor ὅσοι εἰσὶν ὑπὸ ζυγὸν δοῦλοι 1 Let all who are under the yoke as slaves पौलुस दासों के रूप में काम करने वाले लोगों की बात करता है जैसे कि वे एक जुआ उठाए बैल हैं। वैकल्पिक अनुवाद: ""उन सभी को जो दास के रूप में काम कर रहे हैं"" (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-metaphor]] ) 1TI 6 1 ep1l figs-explicit ὅσοι εἰσὶν 1 Let all who are यह लक्षित है कि पौलुस विश्वासियों के बारे में बात कर रहा है। वैकल्पिक अनुवाद: ""उन सभी को जो विश्वासी हैं"" (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-explicit]] ) diff --git a/hi_tn_56-2TI.tsv b/hi_tn_56-2TI.tsv index ff1aa3e..8391b1f 100644 --- a/hi_tn_56-2TI.tsv +++ b/hi_tn_56-2TI.tsv @@ -1,6 +1,6 @@ Book Chapter Verse ID SupportReference OrigQuote Occurrence GLQuote OccurrenceNote -2TI front intro s7fk 0 # 2 तीमुथियुस का परिचय
## भाग 1: सामान्य परिचय

### 2 तीमुथियुस पुस्तक की रूपरेखा

1 पौलुस तीमुथियुस का अभिवादन करता है और उसे परमेश्वर की सेवा करते समय कठिनाई का सामना करने के लिए प्रोत्साहित करता है (1:1-2:13)।
1। पौलुस तीमुथियुस को सामान्य निर्देश देता है (2:14–26)।
1। पौलुस तीमुथियुस को भविष्य में होने वाली घटनाओं के विषय में चेतावनी देता है और उसे निर्देश देता है कि वह किस प्रकार परमेश्वर के प्रति अपनी सेवा को पूरा करे (3:1-4:8)।
1। पौलुस व्यक्तिगत टिप्पणियां करता है (4:9-24)।

### 2 तीमुथियुस की पुस्तक को किसने लिखा?

2 तीमुथियुस को पौलुस ने लिखा। वह तरसुस नगर का रहने वाला था। वह अपने प्रारंभिक जीवन में शाऊल के रूप में जाना जाता था। एक मसीही बनने से पहले, पौलुस एक फरीसी था। उसने मसीहियों को सताया था। उसके एक मसीही बनने के बाद, उसने लोगों को यीशु के विषय में बताते हुए, कई बार रोमी साम्राज्य की यात्रा की।

यह पुस्तक तीमुथियुस को लिखा गया पौलुस का दूसरा पत्र है। तीमुथियुस उसका शिष्य और घनिष्ठ मित्र था। पौलुस ने इस पत्र को रोम में कैद के समय लिखा। पौलुस इस पत्र को लिखने के बाद जल्द ही मर जाएगा।

### 2 तीमुथियुस की पुस्तक का विषय क्या है?

पौलुस ने तीमुथियुस को इफिसुस नगर में वहाँ के विश्वासियों की सहायता करने के लिए छोड़ा था। पौलुस ने इस पत्र को कई मामलों में तीमुथियुस को निर्देश देने के लिए लिखा। जिन विषयों पर उसने बात की उनमें झूठे शिक्षकों और कठिन परिस्थितियों को सह लेने के विषय में चेतावनियाँ सम्मिलित हैं। यह पत्र इस बात को भी प्रकट करता है कि किस प्रकार पौलुस तीमुथियुस को कलीसियाओं के मध्य एक अगुवा बनने का प्रशिक्षण दे रहा था।

### इस पुस्तक का शीर्षक किस प्रकार अनुवाद किया जाना चाहिए?

अनुवादक इस पुस्तक को इसके पारम्परिक शीर्षक ""2 तीमुथियुस ""या"" दूसरा तीमुथियुस"" से पुकारने का चुनाव कर सकते हैं। या वे एक स्पष्ट शीर्षक चुन सकते हैं, जैसे कि ""तीमुथियुस के लिए पौलुस का दूसरा पत्र"" या ""तीमुथियुस को दूसरा पत्र""। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/translate-names]])

## भाग 2: महत्वपूर्ण धार्मिक और सांस्कृतिक अवधारणाएँ

### 2 तीमुथियुस में सैन्य चित्रण क्या है?

जैसे-जैसे पौलुस बंदीगृह में प्रतीक्षा कर रहा था, यह जानते हुए कि वह शीघ्र ही मर जाएगा, प्रायः उसने अक्सर स्वयं को यीशु मसीह के एक सैनिक के रूप बताया। सैनिक अपने अगुवों को उत्तर देते हैं। इसी प्रकार, मसीही यीशु को उत्तर देते हैं। मसीह के ""सैनिक"" के रूप में, विश्वासियों को उसकी आज्ञाओं का पालन करना है, भले ही वे इसके परिणाम-स्वरूप मर क्यों न जाएँ।

### इसका क्या अर्थ है कि परमेश्वर ने पवित्र-शास्त्र की प्रेरणा दी?

परमेश्वर पवित्र-शास्त्र का सच्चा लेखक है। उसने उन मानव लेखकों को प्रेरणा दी जिन्होंने इन पुस्तकों को लिखा था। इसका अर्थ यह है कि लोगों ने जो लिखा है उसे लिखने के लिए किसी तरह से परमेश्वर ने उन्हें प्रेरित किया था। इसी कारण से इसे परमेश्वर के वचन के रूप में भी संदर्भित किया गया है। यह बाइबल के विषय में कई बातों को निहित करता है। पहला, बाइबल त्रुटिहीन है और इस पर भरोसा किया जा सकता है। दूसरा, हम परमेश्वर पर पवित्र-शास्त्र की उन लोगों से रक्षा करने के विषय में विश्वास कर सकते हैं जो इसे बिगाड़ना या नाश करना चाहते हैं। तीसरा, परमेश्वर का वचन संसार की सभी भाषाओं में अनुवादित किया जाना चाहिए।

## भाग 3: महत्वपूर्ण अनुवाद के मुद्दे

### एकवचन और बहुवचन ""तुम""

इस पुस्तक में, ""मैं"" शब्द पौलुस को संदर्भित करता है। यहाँ ""तुम"" शब्द लगभग सदैव एकवचन है और तीमुथियुस का सन्दर्भ देता है। इसमें अपवाद 4:22 है। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-exclusive]] और [[rc://hi/ta/man/translate/figs-you]])

### पौलुस का ""मसीह में"", ""प्रभु में"" आदि अभिव्यक्ति से क्या अर्थ था?

पौलुस का अर्थ मसीह और विश्वासियों के साथ एक बहुत निकटवर्ती सम्बन्ध के विचार को व्यक्त करना था । कृपया इस तरह की अभिव्यक्ति के विषय में अधिक जानकारी के लिए रोमियों की पुस्तक का परिचय देखें।

### 2 तीमुथियुस की पुस्तक के शब्द में प्रमुख लेखन विषय क्या हैं?

निम्नलिखित आयतों के लिए, आधुनिक संस्करण बाइबल के पुराने संस्करणों से अलग है। यूएलटी पाठ में आधुनिक पठन है और पुराने पठन को पाद टिप्पणी (फुटनोट) में रखा गया है। यदि सामान्य क्षेत्र में बाइबल का अनुवाद मौजूद है, तो अनुवादकों को उन संस्करणों में पाए जाने वाले पठन का उपयोग करना चाहिए। यदि नहीं, तो अनुवादकों को आधुनिक लेख का अनुसरण करने का परामर्श दिया गया है।

* “जिसके लिए मैं प्रचारक, और प्रेरित, और उपदेशक भी ठहरा।” (1:11)। कुछ पुराने संस्करणों में इस प्रकार लिखा है, “इस कारण, मुझे अन्यजातियों के लिए एक उपदेशक, एक प्रेरित, और शिक्षक नियुक्त किया गया।”
* “प्रभु के सामने चेतावनी दे” (2:14)। कुछ पुराने संस्करणों में इस प्रकार लिखा है, “प्रभु के सामने उन्हें चेतावनी दे।”

(देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/translate-textvariants]])
-2TI 1 intro p5lf 0 # 2 तीमुथियुस 1 सामान्य टिप्पणियाँ
## संरचना एवं स्वरूपण

पौलुस औपचारिक रूप से पद 1-2 में इस पत्र को प्रस्तुत करता है। प्रायः प्राचीन निकट पूर्व में लेखक इस तरह से पत्र आरम्भ किया करते थे।

## इस अध्याय में विशेष अवधारणा

### आत्मिक संतान

पौलुस ने एक मसीही और एक कलीसिया के अगुवे के रूप में तीमुथियुस को अनुशासित किया। सम्भवतः पौलुस ही उसे मसीह में लेकर आया था। इसलिए, पौलुस तीमुथियुस को “प्रिय पुत्र” कहता है। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/disciple]] और [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/spirit]])

## इस अध्याय में अन्य संभावित अनुवाद की कठिनाइयाँ

### सताव
पौलुस इस पत्र को लिखते समय बंदीगृह में था। पौलुस ने तीमुथियुस को सुसमाचार के लिए कष्ट सहने के लिए प्रोत्साहित किया। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-explicit]])
+2TI front intro s7fk 0 # 2 तीमुथियुस का परिचय
## भाग 1: सामान्य परिचय

### 2 तीमुथियुस पुस्तक की रूपरेखा

1 पौलुस तीमुथियुस का अभिवादन करता है और उसे परमेश्वर की सेवा करते समय कठिनाई का सामना करने के लिए प्रोत्साहित करता है (1:1-2:13)।
1। पौलुस तीमुथियुस को सामान्य निर्देश देता है (2:14–26)।
1। पौलुस तीमुथियुस को भविष्य में होने वाली घटनाओं के विषय में चेतावनी देता है और उसे निर्देश देता है कि वह किस प्रकार परमेश्वर के प्रति अपनी सेवा को पूरा करे (3:1-4:8)।
1। पौलुस व्यक्तिगत टिप्पणियां करता है (4:9-24)।

### 2 तीमुथियुस की पुस्तक को किसने लिखा?

2 तीमुथियुस को पौलुस ने लिखा। वह तरसुस नगर का रहने वाला था। वह अपने प्रारंभिक जीवन में शाऊल के रूप में जाना जाता था। एक मसीही बनने से पहले, पौलुस एक फरीसी था। उसने मसीहियों को सताया था। उसके एक मसीही बनने के बाद, उसने लोगों को यीशु के विषय में बताते हुए, कई बार रोमी साम्राज्य की यात्रा की।

यह पुस्तक तीमुथियुस को लिखा गया पौलुस का दूसरा पत्र है। तीमुथियुस उसका शिष्य और घनिष्ठ मित्र था। पौलुस ने इस पत्र को रोम में कैद के समय लिखा। पौलुस इस पत्र को लिखने के बाद जल्द ही मर जाएगा।

### 2 तीमुथियुस की पुस्तक का विषय क्या है?

पौलुस ने तीमुथियुस को इफिसुस नगर में वहाँ के विश्वासियों की सहायता करने के लिए छोड़ा था। पौलुस ने इस पत्र को कई मामलों में तीमुथियुस को निर्देश देने के लिए लिखा। जिन विषयों पर उसने बात की उनमें झूठे शिक्षकों और कठिन परिस्थितियों को सह लेने के विषय में चेतावनियाँ सम्मिलित हैं। यह पत्र इस बात को भी प्रकट करता है कि किस प्रकार पौलुस तीमुथियुस को कलीसियाओं के मध्य एक अगुवा बनने का प्रशिक्षण दे रहा था।

### इस पुस्तक का शीर्षक किस प्रकार अनुवाद किया जाना चाहिए?

अनुवादक इस पुस्तक को इसके पारम्परिक शीर्षक ""2 तीमुथियुस ""या"" दूसरा तीमुथियुस"" से पुकारने का चुनाव कर सकते हैं। या वे एक स्पष्ट शीर्षक चुन सकते हैं, जैसे कि ""तीमुथियुस के लिए पौलुस का दूसरा पत्र"" या ""तीमुथियुस को दूसरा पत्र""। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/translate-names]])

## भाग 2: महत्वपूर्ण धार्मिक और सांस्कृतिक अवधारणाएँ

### 2 तीमुथियुस में सैन्य चित्रण क्या है?

जैसे-जैसे पौलुस बंदीगृह में प्रतीक्षा कर रहा था, यह जानते हुए कि वह शीघ्र ही मर जाएगा, प्रायः उसने अक्सर स्वयं को यीशु मसीह के एक सैनिक के रूप बताया। सैनिक अपने अगुवों को उत्तर देते हैं। इसी प्रकार, मसीही यीशु को उत्तर देते हैं। मसीह के ""सैनिक"" के रूप में, विश्वासियों को उसकी आज्ञाओं का पालन करना है, भले ही वे इसके परिणाम-स्वरूप मर क्यों न जाएँ।

### इसका क्या अर्थ है कि परमेश्वर ने पवित्र-शास्त्र की प्रेरणा दी?

परमेश्वर पवित्र-शास्त्र का सच्चा लेखक है। उसने उन मानव लेखकों को प्रेरणा दी जिन्होंने इन पुस्तकों को लिखा था। इसका अर्थ यह है कि लोगों ने जो लिखा है उसे लिखने के लिए किसी तरह से परमेश्वर ने उन्हें प्रेरित किया था। इसी कारण से इसे परमेश्वर के वचन के रूप में भी संदर्भित किया गया है। यह बाइबल के विषय में कई बातों को निहित करता है। पहला, बाइबल त्रुटिहीन है और इस पर भरोसा किया जा सकता है। दूसरा, हम परमेश्वर पर पवित्र-शास्त्र की उन लोगों से रक्षा करने के विषय में विश्वास कर सकते हैं जो इसे बिगाड़ना या नाश करना चाहते हैं। तीसरा, परमेश्वर का वचन संसार की सभी भाषाओं में अनुवादित किया जाना चाहिए।

## भाग 3: महत्वपूर्ण अनुवाद के मुद्दे

### एकवचन और बहुवचन ""तुम""

इस पुस्तक में, ""मैं"" शब्द पौलुस को संदर्भित करता है। यहाँ ""तुम"" शब्द लगभग सदैव एकवचन है और तीमुथियुस का सन्दर्भ देता है। इसमें अपवाद 4:22 है। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-exclusive]] और [[rc://hi/ta/man/translate/figs-you]])

### पौलुस का ""मसीह में"", ""प्रभु में"" आदि अभिव्यक्ति से क्या अर्थ था?

पौलुस का अर्थ मसीह और विश्वासियों के साथ एक बहुत निकटवर्ती सम्बन्ध के विचार को व्यक्त करना था । कृपया इस तरह की अभिव्यक्ति के विषय में अधिक जानकारी के लिए रोमियों की पुस्तक का परिचय देखें।

### 2 तीमुथियुस की पुस्तक के शब्द में प्रमुख लेखन विषय क्या हैं?

निम्नलिखित आयतों के लिए, आधुनिक संस्करण बाइबल के पुराने संस्करणों से अलग है। यूएलटी पाठ में आधुनिक पठन है और पुराने पठन को पाद टिप्पणी (फुटनोट) में रखा गया है। यदि सामान्य क्षेत्र में बाइबल का अनुवाद मौजूद है, तो अनुवादकों को उन संस्करणों में पाए जाने वाले पठन का उपयोग करना चाहिए। यदि नहीं, तो अनुवादकों को आधुनिक लेख का अनुसरण करने का परामर्श दिया गया है।

* “जिसके लिए मैं प्रचारक, और प्रेरित, और उपदेशक भी ठहरा।” (1:11)। कुछ पुराने संस्करणों में इस प्रकार लिखा है, “इस कारण, मुझे अन्यजातियों के लिए एक उपदेशक, एक प्रेरित, और शिक्षक नियुक्त किया गया।”
* “प्रभु के सामने चेतावनी दे” (2:14)। कुछ पुराने संस्करणों में इस प्रकार लिखा है, “प्रभु के सामने उन्हें चेतावनी दे।”

(देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/translate-textvariants]])
+2TI 1 intro p5lf 0 # 2 तीमुथियुस 1 सामान्य टिप्पणियाँ
## संरचना एवं स्वरूपण

पौलुस औपचारिक रूप से पद 1-2 में इस पत्र को प्रस्तुत करता है। प्रायः प्राचीन निकट पूर्व में लेखक इस तरह से पत्र आरम्भ किया करते थे।

## इस अध्याय में विशेष अवधारणा

### आत्मिक संतान

पौलुस ने एक मसीही और एक कलीसिया के अगुवे के रूप में तीमुथियुस को अनुशासित किया। सम्भवतः पौलुस ही उसे मसीह में लेकर आया था। इसलिए, पौलुस तीमुथियुस को “प्रिय पुत्र” कहता है। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/disciple]] और [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/spirit]])

## इस अध्याय में अन्य संभावित अनुवाद की कठिनाइयाँ

### सताव
पौलुस इस पत्र को लिखते समय बंदीगृह में था। पौलुस ने तीमुथियुस को सुसमाचार के लिए कष्ट सहने के लिए प्रोत्साहित किया। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-explicit]])
2TI 1 1 dcr3 figs-inclusive 0 General Information: "इस पुस्तक में, जब तक कि अन्यथा टिप्पणी न की जाए, शब्द ""हमारा"" पौलुस (इस पत्र के लेखक) और तीमुथियुस (जिसे यह पत्र लिखा गया है), साथ ही साथ सभी विश्वासियों को भी संदर्भित करता है। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-inclusive]])" 2TI 1 1 ha4l Παῦλος 1 Paul आपकी भाषा में एक पत्र के लेखक का परिचय देने का एक विशेष तरीका हो सकता है। इसके अलावा, लेखक का परिचय देने के तुरंत बाद, आपको यह बताना होगा कि पत्र किसके बारे में लिखा गया है, जैसा कि यूएसटी में है। 2TI 1 1 vl2g διὰ θελήματος Θεοῦ 1 through the will of God "परमेश्वर की इच्छा के कारण या ""क्योंकि परमेश्वर चाहता था कि ऐसा हो।"" पौलुस एक प्रेरित बना क्योंकि परमेश्वर चाहता था कि वह एक प्रेरित बने और न कि किसी मनुष्य ने उसे चुना। @@ -59,7 +59,7 @@ Book Chapter Verse ID SupportReference OrigQuote Occurrence GLQuote OccurrenceNo 2TI 1 18 p3di δῴη αὐτῷ ὁ Κύριος, εὑρεῖν ἔλεος παρὰ Κυρίου 1 May the Lord grant to him to find mercy from him उनेसिफुरुस पर प्रभु की कृपा हो या “प्रभु उस पर दया करे” 2TI 1 18 x2dk figs-metaphor εὑρεῖν ἔλεος παρὰ Κυρίου 1 to find mercy from him पौलुस दया का वर्णन इस प्रकार करता है जैसे कि यह एक वस्तु है जिसे पाया जा सकता था। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-metaphor]]) 2TI 1 18 f3ep figs-metonymy ἐν ἐκείνῃ τῇ ἡμέρᾳ 1 on that day यह उस दिन को सन्दर्भित करता है जब परमेश्वर सभी लोगों का न्याय करेगा। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-metonymy]]) -2TI 2 intro k3zn 0 # 2 तीमुथियुस 2 सामान्य टिप्पणियाँ
## संरचना एवं स्वरूपण

कुछ अनुवाद वचनों को शेष पाठ की तुलना में पृष्ठ पर दाईं ओर आगे की तरफ व्यवस्थित करते हैं। यूएलटी 11-13 पद के साथ यही करती है। सम्भवतः पौलुस इन आयतों में एक कविता या भजन का उद्धरण दे रहा है

## इस अध्याय में विशेष अवधारणाएँ### हम उसके साथ राज्य करेंगे
विश्वासयोग्य मसीही भविष्य में मसीह के साथ राज्य करेंगे। (देखें: rc://hi/tw/dict/bible/kt/faithful)

## इस अध्याय के महत्वपूर्ण अलंकार

### व्यंजना
इस अध्याय में, पौलुस एक मसीही के रूप में जीने के विषय में शिक्षा देने के लिए कई व्यंजनाओं का निर्माण करता है। वह सैनिकों, खिलाड़ियों, और किसानों की व्यंजनाओं का प्रयोग करता है। बाद में अध्याय में, वह घर में विभिन्न प्रकार के पात्रों की व्यंजना का उपयोग करता है +2TI 2 intro k3zn 0 # 2 तीमुथियुस 2 सामान्य टिप्पणियाँ
## संरचना एवं स्वरूपण

कुछ अनुवाद वचनों को शेष पाठ की तुलना में पृष्ठ पर दाईं ओर आगे की तरफ व्यवस्थित करते हैं। यूएलटी 11-13 पद के साथ यही करती है। सम्भवतः पौलुस इन आयतों में एक कविता या भजन का उद्धरण दे रहा है

## इस अध्याय में विशेष अवधारणाएँ### हम उसके साथ राज्य करेंगे
विश्वासयोग्य मसीही भविष्य में मसीह के साथ राज्य करेंगे। (देखें: rc://hi/tw/dict/bible/kt/faithful)

## इस अध्याय के महत्वपूर्ण अलंकार

### व्यंजना
इस अध्याय में, पौलुस एक मसीही के रूप में जीने के विषय में शिक्षा देने के लिए कई व्यंजनाओं का निर्माण करता है। वह सैनिकों, खिलाड़ियों, और किसानों की व्यंजनाओं का प्रयोग करता है। बाद में अध्याय में, वह घर में विभिन्न प्रकार के पात्रों की व्यंजना का उपयोग करता है 2TI 2 1 t13s 0 Connecting Statement: पौलुस तीमुथियुस के मसीही जीवन को एक सैनिक के जीवन के रूप में, एक किसान के जीवन के रूप में, और एक खिलाड़ी के जीवन के रूप में चित्रित करता है। 2TI 2 1 bll5 figs-metaphor τέκνον μου 1 my child यहाँ “पुत्र” बड़े प्रेम या अपनेपन की एक परिभाषा है। यह भी संभव है कि तीमुथियुस को पौलुस द्वारा मसीह में लाया गया था, और इसी कारण पौलुस ने उसे अपने पुत्र की तरह समझा। वैकल्पिक अनुवाद: “जो मेरे पुत्र के समान है” (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-metaphor]]) 2TI 2 1 e6ex figs-metaphor ἐνδυναμοῦ ἐν τῇ χάριτι τῇ ἐν Χριστῷ Ἰησοῦ 1 be strengthened in the grace that is in Christ Jesus "पौलुस उस प्रेरणा और दृढ़ संकल्प के बारे में बताता है जो परमेश्वर का अनुग्रह विश्वासियों को प्रदान करता है। वैकल्पिक अनुवाद: “परमेश्वर उस अनुग्रह का प्रयोग तुझे दृढ़ करने के लिए करे जो उसने मसीह यीशु के साथ तेरे सम्बन्ध के माध्यम से तुझे दिया था"" (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-metaphor]])" diff --git a/hi_tn_59-HEB.tsv b/hi_tn_59-HEB.tsv index 4e4458a..2742462 100644 --- a/hi_tn_59-HEB.tsv +++ b/hi_tn_59-HEB.tsv @@ -207,7 +207,7 @@ HEB 4 15 d26h figs-activepassive πεπειρασμένον…κατὰ πάντ HEB 4 15 fve3 χωρὶς ἁμαρτίας 1 he is without sin उसने पाप नहीं किया HEB 4 16 aj1p figs-metonymy τῷ θρόνῳ τῆς χάριτος 1 to the throne of grace "परमेश्वर के सिंहासन के निकट, जहाँ अनुग्रह है। ""सिंहासन"" यहाँ राजा के रूप में परमेश्वर के शासन को संदर्भित करता है। वैकल्पिक अनुवाद: ""उसके निकट, जहाँ हमारा दयालु परमेश्वर अपने सिंहासन पर बैठा हैं"" (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-metonymy]]) HEB 4 16 py6d figs-metaphor λάβωμεν ἔλεος, καὶ χάριν εὕρωμεν, εἰς εὔκαιρον βοήθειαν 1 we may receive mercy और find grace to help in time of need यहाँ ""दया"" और ""अनुग्रह"" के विषय में इस प्रकार कहा गया है जैसे कि वे वस्तुएँ थीं जिन्हें दिया या पाया जा सकता है। वैकल्पिक अनुवाद: ""परमेश्वर हमारे साथ दयालु और अनुग्रहकारी हो सके और आवश्यकता के समय में हमारी मदद करे"" (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-metaphor]]) -HEB 5 intro b67j 0 # इब्रानियों 05 सामान्य टिप्पणियाँ
##

संरचना एवं स्वरूपण

यह अध्याय पिछले अध्याय की शिक्षा को जारी रखता है।

कुछ अनुवाद, पढ़ने में आसान बनाने के लिए शेष पाठ की तुलना में कविता की प्रत्येक पंक्ति को दाईं ओर रखते हैं। यूएलटी 5:5-6 की कविता के साथ ऐसा करता है।

## इस अध्याय में पाई जाने वाली विशेष धारणाएँ

### महायाजक

केवल एक महायाजक ही बलियाँ चढ़ा सकता था ताकि परमेश्वर पाप क्षमा कर सके, इसलिए यीशु को महायाजक होना था। मूसा की व्यवस्था की आज्ञा के अनुसार महायाजक को लेवी के गोत्र से होना था, परन्तु यीशु यहूदा के गोत्र से था। परमेश्वर ने उसे मलिकिसिदक याजक के समान एक याजक बनाया, जो लेवी गोत्र से पहले, अब्राहम के समय में था।

## इस अध्याय के महत्वपूर्ण अलंकार

### दूध और ठोस भोजन

लेखक उन मसीहियों के विषय में जो यीशु के विषय में केवल सरल बातों को समझने में सक्षम हैं, इस प्रकार बात करता है जैसे कि वे ऐसे बच्चे हों, जो केवल दूध पीते हैं और ठोस भोजन नहीं खा सकते हैं। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-metaphor]])
+HEB 5 intro b67j 0 # इब्रानियों 05 सामान्य टिप्पणियाँ
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संरचना एवं स्वरूपण

यह अध्याय पिछले अध्याय की शिक्षा को जारी रखता है।

कुछ अनुवाद, पढ़ने में आसान बनाने के लिए शेष पाठ की तुलना में कविता की प्रत्येक पंक्ति को दाईं ओर रखते हैं। यूएलटी 5:5-6 की कविता के साथ ऐसा करता है।

## इस अध्याय में पाई जाने वाली विशेष धारणाएँ

### महायाजक

केवल एक महायाजक ही बलियाँ चढ़ा सकता था ताकि परमेश्वर पाप क्षमा कर सके, इसलिए यीशु को महायाजक होना था। मूसा की व्यवस्था की आज्ञा के अनुसार महायाजक को लेवी के गोत्र से होना था, परन्तु यीशु यहूदा के गोत्र से था। परमेश्वर ने उसे मलिकिसिदक याजक के समान एक याजक बनाया, जो लेवी गोत्र से पहले, अब्राहम के समय में था।

## इस अध्याय के महत्वपूर्ण अलंकार

### दूध और ठोस भोजन

लेखक उन मसीहियों के विषय में जो यीशु के विषय में केवल सरल बातों को समझने में सक्षम हैं, इस प्रकार बात करता है जैसे कि वे ऐसे बच्चे हों, जो केवल दूध पीते हैं और ठोस भोजन नहीं खा सकते हैं। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-metaphor]])
HEB 5 1 dn18 0 Connecting Statement: लेखक पुराने नियम के याजकों के पापी होने का वर्णन करता है, फिर वह दिखाता है कि मसीह के पास एक बेहतर प्रकार का याजक पद है, जो हारून के याजक पद पर आधारित नहीं है परंतु मलिकिसिदक के याजक पद पर आधारित है। HEB 5 1 whq1 figs-activepassive ἐξ ἀνθρώπων λαμβανόμενος 1 chosen from among people इसे सक्रिय रूप में कहा जा सकता है। वैकल्पिक अनुवाद: ""जिसे परमेश्वर मनुष्यों के बीच से चुनता है"" (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-activepassive]]) HEB 5 1 ndz7 figs-activepassive καθίσταται 1 is appointed इसे सक्रिय रूप में कहा जा सकता है। वैकल्पिक अनुवाद: ""परमेश्वर नियुक्त करता है"" (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-activepassive]]) @@ -247,7 +247,7 @@ HEB 5 12 yk1q figs-metaphor γάλακτος, οὐ στερεᾶς τροφῆ HEB 5 13 nhx3 figs-metonymy μετέχων γάλακτος 1 takes milk """पीनेवाले"" यहाँ “पेय” को संदर्भित करता है। वैकल्पिक अनुवाद: ""जो दूध पीता है"" (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-metonymy]])" HEB 5 13 vl7k figs-metaphor νήπιος γάρ ἐστιν 1 because he is still a little child आत्मिक परिपक्वता की तुलना उस प्रकार के भोजन से की गई है जो एक बढ़ता हुआ बच्चा खाता है। ठोस भोजन एक छोटे बच्चे के लिए नहीं होता, और यह एक नए मसीह का जो केवल सरल सत्य सीखता है, वर्णन करने वाला एक चित्र है; लेकिन बाद में, इस छोटे बच्चे को अधिक ठोस भोजन दिया जाता है, जैसे कि जब कोई व्यक्ति परिपक्व होता है तो वह उन विषयों के विषय में सीख सकता है जो अधिक कठिन होते हैं। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-metaphor]]) HEB 5 14 e3yh figs-metonymy τῶν διὰ τὴν ἕξιν τὰ αἰσθητήρια γεγυμνασμένα, ἐχόντων πρὸς διάκρισιν, καλοῦ τε καὶ κακοῦ 1 who because of their maturity have their understanding trained for distinguishing good from evil "कुछ समझने के लिए प्रशिक्षित लोगों के विषय में इस प्रकार कहा गया है जैसे कि उनकी समझने की क्षमता प्रशिक्षित की गई थी। वैकल्पिक अनुवाद: ""जो परिपक्व हैं और अच्छे और बुरे के बीच अंतर कर सकते हैं"" (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-metonymy]])" -HEB 6 intro nz5i 0 # इब्रानियों 06 सामान्य टिप्पणियाँ
## इस अध्याय में पाई जाने वाली विशेष धारणाएँ

### अब्राहम की वाचा

जो वाचा परमेश्वर ने अब्राहम के साथ की, उसमें परमेश्वर ने अब्राहम के वंश को एक महान राष्ट्र बनाने का वादा किया। उसने अब्राहम के वंश की रक्षा करने और उन्हें उनका स्वयं का देश देने का वादा भी किया। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/covenant]])
+HEB 6 intro nz5i 0 # इब्रानियों 06 सामान्य टिप्पणियाँ
## इस अध्याय में पाई जाने वाली विशेष धारणाएँ

### अब्राहम की वाचा

जो वाचा परमेश्वर ने अब्राहम के साथ की, उसमें परमेश्वर ने अब्राहम के वंश को एक महान राष्ट्र बनाने का वादा किया। उसने अब्राहम के वंश की रक्षा करने और उन्हें उनका स्वयं का देश देने का वादा भी किया। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/covenant]])
HEB 6 1 f1nk 0 Connecting Statement: लेखक यह बताना जारी रखता है कि अपरिपक्व इब्रानी विश्वासियों को परिपक्व मसीह बनने के लिए क्या करने की ज़रूरत है। वह उन्हें मूलभूत शिक्षाओं का स्मरण दिलाता है। HEB 6 1 i4xr figs-metaphor ἀφέντες τὸν τῆς ἀρχῆς τοῦ Χριστοῦ λόγον, ἐπὶ τὴν τελειότητα φερώμεθα 1 let us leave the beginning of the message of Christ and move forward to maturity "यह मूल शिक्षाओं के विषय में इस प्रकार बताता है जैसे कि वे एक यात्रा का आरंभ हों और परिपक्व शिक्षाएँ के विषय में ऐसे जैसे कि वे एक यात्रा का अंत हों। वैकल्पिक अनुवाद: ""हम केवल पहले सीखी हुई बातों पर चर्चा करना बंद करें और अधिक परिपक्व शिक्षाओं को समझना आरंभ करें"" (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-metaphor]])" HEB 6 1 thw8 figs-metaphor μὴ πάλιν θεμέλιον καταβαλλόμενοι…πίστεως ἐπὶ Θεόν 1 Let us not lay again the foundation ... of faith in God "मूल शिक्षाओं के विषय में इस प्रकार कहा गया है जैसे कि वे एक इमारत हो जिसका निर्माण नींव रखकर आरंभ होता है। वैकल्पिक अनुवाद: ""आओ हम परमेश्वर पर विश्वास की ... बुनियादी शिक्षाओं को न दोहराएँ"" (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-metaphor]])" @@ -293,7 +293,7 @@ HEB 6 19 vdt3 figs-doublet ἄγκυραν…ἀσφαλῆ…καὶ βεβαί HEB 6 19 d223 figs-personification ἣν…καὶ εἰσερχομένην εἰς τὸ ἐσώτερον τοῦ καταπετάσματος 1 hope that enters into the inner place behind the curtain भरोसे के विषय में इस प्रकार कहा गया है जैसे वह एक ऐसा व्यक्ति हो जो मंदिर के परमपवित्र स्थान में जा सकता था। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-personification]]) HEB 6 19 aj2m figs-metaphor τὸ ἐσώτερον 1 the inner place यह मंदिर का परमपवित्र स्थान था। यह वह स्थान माना जाता था जहाँ परमेश्वर अपने लोगों के बीच सबसे गहन रूप में उपस्थित था। इस अंश में, यह स्थान स्वर्ग और परमेश्वर के सिंहासन कक्ष को दर्शाता है। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-metaphor]]) HEB 6 20 zgj6 κατὰ τὴν τάξιν Μελχισέδεκ 1 after the order of Melchizedek "इसका अर्थ है कि मसीह कई बातों में एक याजक के रूप में मलिकिसिदक के समान है। वैकल्पिक अनुवाद: ""उसी प्रकार से जैसे मलिकिसिदक एक याजक था""" -HEB 7 intro y8j3 0 # इब्रानियों 07 सामान्य टिप्पणियाँ
##

संरचना एवं स्वरूपण

कुछ अनुवाद, पढ़ने में आसान बनाने के लिए शेष पाठ की तुलना में कविता की प्रत्येक पंक्ति को दाईं ओर रखते हैं। यूएलटी 7:17, 21 में कविता के साथ ऐसा करता है, जो पुराने नियम से लिए वचन हैं।

## इस अध्याय में पाई जाने वाली विशेष धारणाएँ

### महायाजक

केवल एक महायाजक बलिदान चढ़ा सकता था ताकि परमेश्वर पाप क्षमा कर सके, इसलिए यीशु को महायाजक होना था। मूसा की व्यवस्था की आज्ञा के अनुसार महायाजक को लेवी के गोत्र से होना था, परन्तु यीशु यहूदा के गोत्र से था। परमेश्वर ने उसे मलिकिसिदक याजक के समान एक याजक बनाया, जो लेवी गोत्र से पहले, अब्राहम के समय में था।
+HEB 7 intro y8j3 0 # इब्रानियों 07 सामान्य टिप्पणियाँ
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संरचना एवं स्वरूपण

कुछ अनुवाद, पढ़ने में आसान बनाने के लिए शेष पाठ की तुलना में कविता की प्रत्येक पंक्ति को दाईं ओर रखते हैं। यूएलटी 7:17, 21 में कविता के साथ ऐसा करता है, जो पुराने नियम से लिए वचन हैं।

## इस अध्याय में पाई जाने वाली विशेष धारणाएँ

### महायाजक

केवल एक महायाजक बलिदान चढ़ा सकता था ताकि परमेश्वर पाप क्षमा कर सके, इसलिए यीशु को महायाजक होना था। मूसा की व्यवस्था की आज्ञा के अनुसार महायाजक को लेवी के गोत्र से होना था, परन्तु यीशु यहूदा के गोत्र से था। परमेश्वर ने उसे मलिकिसिदक याजक के समान एक याजक बनाया, जो लेवी गोत्र से पहले, अब्राहम के समय में था।
HEB 7 1 mwy8 0 Connecting Statement: इब्रानियों का लेखक यीशु की एक महायाजक के रूप में, मलिकिसिदक से एक महायाजक के रूप में तुलना जारी रखता है। HEB 7 1 rfc9 translate-names Σαλήμ 1 Salem यह एक शहर का नाम है। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/translate-names]]) HEB 7 1 rx36 figs-explicit Ἀβραὰμ ὑποστρέφοντι ἀπὸ τῆς κοπῆς τῶν βασιλέων 1 Abraham returning from the slaughter of the kings यह उस घटना को संदर्भित करता है जब अब्राहम और उसके दास गए और अपने भतीजे, लूत और उसके परिवार को बचाने के लिए चार राजाओं की सेनाओं को पराजित किया। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-explicit]]) @@ -350,7 +350,7 @@ HEB 7 28 u5ny ἀνθρώπους…ἔχοντας ἀσθένειαν 1 men w HEB 7 28 yez2 figs-metonymy ὁ λόγος…τῆς ὁρκωμοσίας, τῆς μετὰ τὸν νόμον, Υἱόν 1 the word of the oath, which came after the law, appointed a Son """शपथ का वचन"" परमेश्वर को दर्शाता है जिसने शपथ बनाई। वैकल्पिक अनुवाद: ""परमेश्वर ने अपनी शपथ के द्वारा एक पुत्र को नियुक्त किया, जिसे उसने व्यवस्था देने के बाद किया"" या ""व्यवस्था देने के बाद, परमेश्वर ने शपथ ली और अपना पुत्र नियुक्त किया"" (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-metonymy]])" HEB 7 28 msa4 guidelines-sonofgodprinciples Υἱόν 1 Son यह परमेश्वर के पुत्र यीशु के लिए एक महत्वपूर्ण उपनाम है। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/guidelines-sonofgodprinciples]]) HEB 7 28 fkl3 figs-activepassive τετελειωμένον 1 who has been made perfect "इसे सक्रिय रूप में कहा जा सकता है। वैकल्पिक अनुवाद: ""जिसने पूरी तरह से परमेश्वर की आज्ञा का पालन किया है और परिपक्व हो गया है"" (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-activepassive]])" -HEB 8 intro ks94 0 # इब्रानियों 08 सामान्य टिप्पणियाँ
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संरचना एवं स्वरूपण

लेखक यह वर्णन करना समाप्त करता है कि कैसे और क्यों यीशु सबसे महत्वपूर्ण महायाजक है। फिर वह इस विषय में बात करना आरंभ करता है कि नई वाचा, मूसा के साथ की गई वाचा से किस प्रकार बेहतर है। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/covenant]])

कुछ अनुवाद, पढ़ने में आसान बनाने के लिए शेष पाठ की तुलना में कविता की प्रत्येक पंक्ति को दाईं ओर रखते हैं। यूएलटी 8: 8-12 में कविता के साथ ऐसा करता है, जो पुराने नियम से लिए गए वचन हैं।

## इस अध्याय में पाई जाने वाली विशेष धारणाएँ

### नयी वाचा

लेखक बताता है कि किस प्रकार यीशु ने एक नई वाचा को स्थापित किया जो कि उस वाचा से बेहतर है जो परमेश्वर ने इस्राएलियों के साथ स्थापित की थी। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/covenant]])
+HEB 8 intro ks94 0 # इब्रानियों 08 सामान्य टिप्पणियाँ
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संरचना एवं स्वरूपण

लेखक यह वर्णन करना समाप्त करता है कि कैसे और क्यों यीशु सबसे महत्वपूर्ण महायाजक है। फिर वह इस विषय में बात करना आरंभ करता है कि नई वाचा, मूसा के साथ की गई वाचा से किस प्रकार बेहतर है। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/covenant]])

कुछ अनुवाद, पढ़ने में आसान बनाने के लिए शेष पाठ की तुलना में कविता की प्रत्येक पंक्ति को दाईं ओर रखते हैं। यूएलटी 8: 8-12 में कविता के साथ ऐसा करता है, जो पुराने नियम से लिए गए वचन हैं।

## इस अध्याय में पाई जाने वाली विशेष धारणाएँ

### नयी वाचा

लेखक बताता है कि किस प्रकार यीशु ने एक नई वाचा को स्थापित किया जो कि उस वाचा से बेहतर है जो परमेश्वर ने इस्राएलियों के साथ स्थापित की थी। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/covenant]])
HEB 8 1 nb8q 0 Connecting Statement: लेखक यह दिखाने के बाद कि मसीह का याजक पद, संसार के याजक पद से बेहतर है, यह दिखाता है कि, संसार का याजक पद, स्वर्गीय बातों का एक नमूना था। मसीह की एक श्रेष्ठ सेवा है, एक श्रेष्ठ वाचा है। HEB 8 1 tw7l δὲ 1 Now "इसका अर्थ यह नहीं है कि ""इस पल में,"" लेकिन इसका उपयोग आगे आने वाले महत्वपूर्ण बिंदु पर ध्यान आकर्षित करने के लिए किया गया है।" HEB 8 1 z4dh figs-exclusive λεγομένοις 1 we are saying "भले ही लेखक बहुवचन सर्वनाम ""हम"" का प्रयोग करता है, लेकिन वह संभवतः स्वयं को ही संदर्भित कर रहा है। क्योंकि लेखक यहाँ अपने पाठकों को शामिल नहीं करता है, इसलिए ""हम"" शब्द एकांतिक है। वैकल्पिक अनुवाद: ""मैं कह रहा हूँ"" या ""मैं लिख रहा हूँ"" (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-exclusive]] और [[rc://hi/ta/man/translate/figs-pronouns]])" @@ -391,7 +391,7 @@ HEB 8 11 wne2 figs-doublet τὸν πολίτην…τὸν ἀδελφὸν 1 n HEB 8 11 q5ki figs-metonymy γνῶθι τὸν Κύριον…πάντες εἰδήσουσίν με 1 Know the Lord ... will all know me "यहाँ जानना, स्वीकार करने को दिखाता है। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-metonymy]]) HEB 8 12 cu1b figs-metonymy ταῖς ἀδικίαις αὐτῶν 1 toward their evil deeds यह उन लोगों के लिए है जो इन बुरे कर्मों को करते हैं। वैकल्पिक अनुवाद: ""उन लोगों के लिए जिन्होंने बुरे काम किए"" (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-metonymy]]) HEB 8 12 a1xr figs-metonymy τῶν ἁμαρτιῶν αὐτῶν οὐ μὴ μνησθῶ ἔτι 1 their sins I will not remember any longer ""स्मरण"", यहाँ ""सोचने"" को दिखाता है। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-metonymy]]) -HEB 9 intro p8vy 0 # इब्रानियों 09 सामान्य टिप्पणियाँ
## संरचना एवं स्वरूपण

यह अध्याय वर्णन करता है कि किस प्रकार यीशु, मंदिर और उसकी सारी व्यवस्था और नियमों से बेहतर है। इस अध्याय को समझना कठिन होगा यदि पुराने नियम की पहली पाँच पुस्तकों का अभी तक अनुवाद नहीं किया गया है।

## इस अध्याय में पाई जाने वाली विशेष धारणाएँ

### वसीयत

वसीयत एक कानूनी दस्तावेज होता है जो वर्णन करता है कि उसकी मृत्यु के पश्चात किसी व्यक्ति की संपत्ति का क्या होगा।

### लहू

पुराने नियम में, परमेश्वर ने इस्राएलियों को बलि चढ़ाने का आदेश दिया था ताकि वह उनके पापों को क्षमा कर सके। इससे पहले कि वे इन बलिदानों को चढ़ाएँ, उन्हें जानवरों को मारना था और फिर न केवल पशु के शरीर को बल्कि लहू को भी चढ़ाना था। लहू बहाना, एक जानवर या व्यक्ति की हत्या के लिए एक रूपक है। यीशु ने अपना जीवन, अपना लहू, बलिदान के रूप में चढ़ा दिया जब उसने मनुष्यों को उसको मारने की अनुमति दी। इब्रानियों की पुस्तक का लेखक इस अध्याय में कह रहा है कि यह बलिदान पुराने नियम के बलिदान से बेहतर है। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-metaphor]] और [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/covenant]])

### मसीह की वापसी

यीशु वह काम पूरा करने के लिए वापस लौट आएगा जो उसने तब आरंभ किया जब वह मर गया ताकि परमेश्वर अपने लोगों के पापों को क्षमा कर सके। वह उन लोगों को बचाने का कार्य पूरा करेगा जो उसका इंतजार कर रहे हैं। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/save]])

## इस अध्याय में अन्य संभावित अनुवाद की कठिनाइयाँ

### पहली वाचा

यह उस वाचा को संदर्भित करता है जिसे परमेश्वर ने मूसा के साथ किया। परंतु, इस वाचा को करने से पहले, परमेश्वर ने अब्राहम के साथ एक वाचा बाँधी थी। लेकिन यह पहली वाचा थी जिसे परमेश्वर ने इस्राएल के लोगों के साथ बाँधा था। आप ""पहली वाचा"" को ""पूर्व वाचा"" के रूप में अनुवाद करने का निर्णय ले सकते हैं।
+HEB 9 intro p8vy 0 # इब्रानियों 09 सामान्य टिप्पणियाँ
## संरचना एवं स्वरूपण

यह अध्याय वर्णन करता है कि किस प्रकार यीशु, मंदिर और उसकी सारी व्यवस्था और नियमों से बेहतर है। इस अध्याय को समझना कठिन होगा यदि पुराने नियम की पहली पाँच पुस्तकों का अभी तक अनुवाद नहीं किया गया है।

## इस अध्याय में पाई जाने वाली विशेष धारणाएँ

### वसीयत

वसीयत एक कानूनी दस्तावेज होता है जो वर्णन करता है कि उसकी मृत्यु के पश्चात किसी व्यक्ति की संपत्ति का क्या होगा।

### लहू

पुराने नियम में, परमेश्वर ने इस्राएलियों को बलि चढ़ाने का आदेश दिया था ताकि वह उनके पापों को क्षमा कर सके। इससे पहले कि वे इन बलिदानों को चढ़ाएँ, उन्हें जानवरों को मारना था और फिर न केवल पशु के शरीर को बल्कि लहू को भी चढ़ाना था। लहू बहाना, एक जानवर या व्यक्ति की हत्या के लिए एक रूपक है। यीशु ने अपना जीवन, अपना लहू, बलिदान के रूप में चढ़ा दिया जब उसने मनुष्यों को उसको मारने की अनुमति दी। इब्रानियों की पुस्तक का लेखक इस अध्याय में कह रहा है कि यह बलिदान पुराने नियम के बलिदान से बेहतर है। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-metaphor]] और [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/covenant]])

### मसीह की वापसी

यीशु वह काम पूरा करने के लिए वापस लौट आएगा जो उसने तब आरंभ किया जब वह मर गया ताकि परमेश्वर अपने लोगों के पापों को क्षमा कर सके। वह उन लोगों को बचाने का कार्य पूरा करेगा जो उसका इंतजार कर रहे हैं। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/save]])

## इस अध्याय में अन्य संभावित अनुवाद की कठिनाइयाँ

### पहली वाचा

यह उस वाचा को संदर्भित करता है जिसे परमेश्वर ने मूसा के साथ किया। परंतु, इस वाचा को करने से पहले, परमेश्वर ने अब्राहम के साथ एक वाचा बाँधी थी। लेकिन यह पहली वाचा थी जिसे परमेश्वर ने इस्राएल के लोगों के साथ बाँधा था। आप ""पहली वाचा"" को ""पूर्व वाचा"" के रूप में अनुवाद करने का निर्णय ले सकते हैं।
HEB 9 1 af6x 0 Connecting Statement: लेखक इन यहूदी विश्वासियों को स्पष्ट करता है कि पुराने वाचा की व्यवस्था और तम्बू केवल उस बेहतर नई वाचा की तस्वीरें थीं। HEB 9 1 av9i οὖν 1 Now यह शब्द शिक्षण के एक नए भाग के आरंभ को दर्शाता है। HEB 9 1 d3vs ἡ πρώτη 1 first covenant देखें आपने इसका [इब्रानियों 8:7](../08/07.md) के किस प्रकार अनुवाद किया है। diff --git a/hi_tn_60-JAS.tsv b/hi_tn_60-JAS.tsv index add359d..03ff25a 100644 --- a/hi_tn_60-JAS.tsv +++ b/hi_tn_60-JAS.tsv @@ -1,6 +1,6 @@ Book Chapter Verse ID SupportReference OrigQuote Occurrence GLQuote OccurrenceNote -JAS front intro exs3 0 # याकूब का परिचय
## भाग 1: सामान्य परिचय

### याकूब की पुस्तक की रूपरेखा

1। अभिवादन (1:1)
1। परीक्षा और परिपक्वता (1:2-18)
1। परमेश्वर के वचन को सुनना और उस पर चलना (1:19-27)
1। कामों में देखा गया सच्चा विश्वास
- परमेश्वर का वचन (1:19-27)
- प्यार का राजसी कानून (2:1-13)
- कार्य (2:14-26)
1। समुदाय में कठिनाईयाँ
- जीभ के खतरे (3:1-12)
- ऊपर से ज्ञान (3: 13-18)
- सांसारिक इच्छाएँ (4:1-12)
1। तुम्हारे निर्णयों पर परमेश्वर का दृष्टिकोण
- आने वाले कल के बारे में घमंड (4: 13-17)
- धन के बारे में चेतावनी (5:1-6)
- पीड़ा के साथ धीरज (5:7-11)
1। समापन परामर्श
- शपथ (5:12)
- प्रार्थना और उपचार(5:13-18)
- एक दूसरे की देखभाल करना (5:19-20)

### याकूब की पुस्तक किसने लिखी थी?

लेखक स्वयं की याकूब के रूप में पहचान करवाता है। यह सम्भवतः यीशु का सौतेला भाई याकूब था। याकूब प्रारंभिक कलीसिया में एक अगुवा था और यरूशलेम महासभा का हिस्सा था। प्रेरित पौलुस ने भी उसे कलीसिया का ""खंभा"" कहा।

यह प्रेरित याकूब वाला व्यक्ति नहीं है। इस पत्र के लिखे जाने से पहले प्रेरित याकूब की हत्या कर दी गई थी।

### याकूब की पुस्तक का विषय क्या है?

इस पत्र में, याकूब ने उन विश्वासियों को प्रोत्साहित किया जो पीड़ित हो रहे थे। उसने उनसे कहा कि जान लो परमेश्वर उनकी पीड़ा का उपयोग उन्हें परिपक्व मसीही बनने में मदद करने के लिए करते हैं। याकूब ने उन्हें विश्वासियों के लिए अच्छे कर्म करने की आवश्यकता के बारे में भी बताया। उसने इस पत्र में बहुत कुछ लिखा है कि विश्वासियों को कैसे रहना चाहिए और एक दूसरे के साथ कैसा व्यवहार करना चाहिए। उदाहरण के लिये, उसने उन्हें एक-दूसरे के साथ एक समान व्यवहार करने का आदेश दिया, एक दूसरे से नहीं लड़ने, और बुद्धिमानी से धन का उपयोग करने का आदेश दिया।

याकूब ने अपने पाठकों को प्रकृति से कई उदाहरणों का उपयोग करके सिखाया जैसे कि 1: 6, 11 और 3: 1- 12 में है। इसके अलावा, इस पत्र के कई हिस्से यीशु के पहाड़ी उपदेश के समान हैं (मत्ती 5-7):

### ""तितर बितर होकर रहने वाले बारह गोत्र"" कौन थे?

याकूब ने कहा कि वह ""तितर बितर होकर रहने वाले बारह गोत्रों"" (1: 1) को लिख रहा था। कुछ विद्वानों का मानना है कि याकूब यहूदी मसीहियों को लिख रहा था। कुछ विद्धानों का मानना है कि याकूब समस्त मसीहियों को सामान्य रूप से लिख रहा था। यह पत्र ""सामान्य पत्रियों"" में से एक के रूप में जाना जाता है क्योंकि यह किसी विशिष्ट कलीसिया या व्यक्ति को नहीं लिखा गया था।

### इस पुस्तक का शीर्षक किस प्रकार अनुवादित किया जाना चाहिए?

अनुवादक इस पुस्तक को इसका पारंपरिक शीर्षक, ""याकूब” कह सकते हैं। या वे एक स्पष्ट शीर्षक चुन सकते हैं, जैसे कि ""याकूब की ओर से एक पत्र"" या "" याकूब द्वारा लिखित पत्र"" (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/translate-names]])

## भाग 2: महत्वपूर्ण धार्मिक और सांस्कृतिक अवधारणा

### क्या याकूब पौलुस से इस बात पर असहमत था कि कैसे एक व्यक्ति परमेश्वर के सामने न्यायमुक्त है?

पौलुस ने रोमियों में सिखाया कि मसीही विश्वास के द्वारा न्यायमुक्त हैं और कामों से नहीं। याकूब यह सिखाता हुआ प्रतीत होता है कि मसीही कामों से न्यायमुक्त हैं। यह भ्रमित कर सकता है। परन्तु जो पौलुस और याकूब ने सिखाया उसकी एक बेहतर समझ दर्शाती है कि वे एक-दूसरे से सहमत हैं। दोनों ने सिखाया कि एक व्यक्ति को न्यायमुक्त होने के लिए विश्वास की आवश्यकता है। और दोनों ने सिखाया कि सच्चा विश्वास एक व्यक्ति को अच्छे काम करने को प्रेरित करता है। पौलुस और याकूब ने इन चीजों के बारे में विभिन्न तरीकों से पढ़ाया क्योंकि उनके पास अलग-अलग दर्शक थे जिन्हें धर्मी होने के बारे में अलग-अलग चीजों को जानने की आवश्यकता थी। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/justice]] और [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/faith]] और [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/works]])

## भाग 3: महत्वपूर्ण अनुवाद के मुद्दे

### याकूब की पुस्तक में विषयों के बीच बदलावों का संकेत अनुवादक को कैसे देना चाहिए?

पत्र जल्दी से विषयों को बदलता है। कभी-कभी याकूब पाठकों को नहीं बताता कि वह विषयों को बदलने वाला है। पदों को एक-दूसरे से अलग होने की इजाजत देना स्वीकार्य है। एक नई लाइन शुरू करने के द्वारा अनुच्छेदों को दूर निर्धारित करना या विषयों के बीच एक जगह डालना यह सही हो सकता है।

### याकूब की पुस्तक के पाठ में प्रमुख मुद्दे क्या हैं?

* ""क्या तुम जानना चाहते हो, हे मूर्ख व्यक्ति, कि कर्म के बिना विश्वास बेकार है?""(2:20)। यूएलटी, यूएसटी, और आधुनिक संस्करण इस तरह से कहते हैं। कुछ पुराने संस्करण कहते हैं, ""क्या तुम जानना चाहते हो, हे मूर्ख व्यक्ति, कि कर्म के बिना विश्वास मर चुका है?"" यदि सामान्य क्षेत्र में बाइबल का अनुवाद उपलब्ध है, तो अनुवादकों को उन संस्करणों में मिलने वाले पठन का उपयोग करने का विचार करना चाहिए। यदि नहीं, तो अनुवादकों को आधुनिक अध्ययन का अनुसरण करने का परामर्श दिया गया है।

(देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/translate-textvariants]])
-JAS 1 intro pz2q 0 # याकूब 01 सामान्य टिप्पणियाँ
## संरचना एवं स्वरूपण

याकूब औपचारिक रूप से इस पत्र को पद 1 में प्रस्तुत करता है। लेखकों ने अक्सर प्राचीन निकट पूर्व में इस तरह से पत्र शुरू किए थे।

## इस अध्याय में पाई जाने वाली विशेष धारणाएँ

### परीक्षा और प्रलोभन

ये दो शब्द ([याकूब 1:12-13](./12.md)) में एक साथ पाए जाते हैं। दोनों शब्द एक ऐसे व्यक्ति के बारे में बोलते हैं जो कुछ अच्छा करने और कुछ बुरा करने के बीच चुनने में सक्षम है। उनके बीच का अंतर महत्वपूर्ण है। परमेश्वर व्यक्ति का परीक्षण कर रहा है और चाहता है कि वह अच्छा करे। शैतान व्यक्ति की परीक्षा कर रहा है और चाहता है कि वह बुराई करे।

### मुकुट

मुकुट जो एक व्यक्ति प्राप्त करता है इनाम है जो परीक्षा उत्तीर्ण करने पर प्राप्त करता है वह कुछ ऐसा है जो लोग कुछ विशेष रूप से अच्छा करने पर पाते हैं। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/other/reward]])

## इस अध्याय के महत्वपूर्ण अलंकार

### रूपकों

याकूब इस अध्याय में कई रूपकों का उपयोग करता हैं, और आपको रूपक से पहले सामग्री को समझने की आवश्यकता होगी इस से पहले उन्हें अच्छी तरह से अनुवाद करें। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-metaphor]])

## इस अध्याय में अन्य संभावित अनुवाद की कठिनाइयाँ

### ""तितर बितर बारह गोत्रों के लिए""

यह स्पष्ट नहीं है कि याकूब ने यह पत्र किसके लिए लिखा था। वह स्वयं को प्रभु यीशु मसीह का सेवक कहता है, इसलिए वह सम्भवतः मसीहियों को लिख रहा था। लेकिन वह अपने पाठकों को ""तितर बितर बारह गोत्रों को"" इन शब्दों से पुकारता है, जो आमतौर पर यहूदियों को संदर्भित करते हैं। यह संभव है कि वह उन सभी लोगों के लिए एक रूपक के रूप में शब्दों का उपयोग कर रहा है ""जिन्हें परमेश्वर ने चुना है"" या यह कि उसने उस समय पत्र लिखा था जब अधिकांश मसीही यहूदी के रूप में बढ़ गए थे। +JAS front intro exs3 0 # याकूब का परिचय
## भाग 1: सामान्य परिचय

### याकूब की पुस्तक की रूपरेखा

1। अभिवादन (1:1)
1। परीक्षा और परिपक्वता (1:2-18)
1। परमेश्वर के वचन को सुनना और उस पर चलना (1:19-27)
1। कामों में देखा गया सच्चा विश्वास
- परमेश्वर का वचन (1:19-27)
- प्यार का राजसी कानून (2:1-13)
- कार्य (2:14-26)
1। समुदाय में कठिनाईयाँ
- जीभ के खतरे (3:1-12)
- ऊपर से ज्ञान (3: 13-18)
- सांसारिक इच्छाएँ (4:1-12)
1। तुम्हारे निर्णयों पर परमेश्वर का दृष्टिकोण
- आने वाले कल के बारे में घमंड (4: 13-17)
- धन के बारे में चेतावनी (5:1-6)
- पीड़ा के साथ धीरज (5:7-11)
1। समापन परामर्श
- शपथ (5:12)
- प्रार्थना और उपचार(5:13-18)
- एक दूसरे की देखभाल करना (5:19-20)

### याकूब की पुस्तक किसने लिखी थी?

लेखक स्वयं की याकूब के रूप में पहचान करवाता है। यह सम्भवतः यीशु का सौतेला भाई याकूब था। याकूब प्रारंभिक कलीसिया में एक अगुवा था और यरूशलेम महासभा का हिस्सा था। प्रेरित पौलुस ने भी उसे कलीसिया का ""खंभा"" कहा।

यह प्रेरित याकूब वाला व्यक्ति नहीं है। इस पत्र के लिखे जाने से पहले प्रेरित याकूब की हत्या कर दी गई थी।

### याकूब की पुस्तक का विषय क्या है?

इस पत्र में, याकूब ने उन विश्वासियों को प्रोत्साहित किया जो पीड़ित हो रहे थे। उसने उनसे कहा कि जान लो परमेश्वर उनकी पीड़ा का उपयोग उन्हें परिपक्व मसीही बनने में मदद करने के लिए करते हैं। याकूब ने उन्हें विश्वासियों के लिए अच्छे कर्म करने की आवश्यकता के बारे में भी बताया। उसने इस पत्र में बहुत कुछ लिखा है कि विश्वासियों को कैसे रहना चाहिए और एक दूसरे के साथ कैसा व्यवहार करना चाहिए। उदाहरण के लिये, उसने उन्हें एक-दूसरे के साथ एक समान व्यवहार करने का आदेश दिया, एक दूसरे से नहीं लड़ने, और बुद्धिमानी से धन का उपयोग करने का आदेश दिया।

याकूब ने अपने पाठकों को प्रकृति से कई उदाहरणों का उपयोग करके सिखाया जैसे कि 1: 6, 11 और 3: 1- 12 में है। इसके अलावा, इस पत्र के कई हिस्से यीशु के पहाड़ी उपदेश के समान हैं (मत्ती 5-7):

### ""तितर बितर होकर रहने वाले बारह गोत्र"" कौन थे?

याकूब ने कहा कि वह ""तितर बितर होकर रहने वाले बारह गोत्रों"" (1: 1) को लिख रहा था। कुछ विद्वानों का मानना है कि याकूब यहूदी मसीहियों को लिख रहा था। कुछ विद्धानों का मानना है कि याकूब समस्त मसीहियों को सामान्य रूप से लिख रहा था। यह पत्र ""सामान्य पत्रियों"" में से एक के रूप में जाना जाता है क्योंकि यह किसी विशिष्ट कलीसिया या व्यक्ति को नहीं लिखा गया था।

### इस पुस्तक का शीर्षक किस प्रकार अनुवादित किया जाना चाहिए?

अनुवादक इस पुस्तक को इसका पारंपरिक शीर्षक, ""याकूब” कह सकते हैं। या वे एक स्पष्ट शीर्षक चुन सकते हैं, जैसे कि ""याकूब की ओर से एक पत्र"" या "" याकूब द्वारा लिखित पत्र"" (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/translate-names]])

## भाग 2: महत्वपूर्ण धार्मिक और सांस्कृतिक अवधारणा

### क्या याकूब पौलुस से इस बात पर असहमत था कि कैसे एक व्यक्ति परमेश्वर के सामने न्यायमुक्त है?

पौलुस ने रोमियों में सिखाया कि मसीही विश्वास के द्वारा न्यायमुक्त हैं और कामों से नहीं। याकूब यह सिखाता हुआ प्रतीत होता है कि मसीही कामों से न्यायमुक्त हैं। यह भ्रमित कर सकता है। परन्तु जो पौलुस और याकूब ने सिखाया उसकी एक बेहतर समझ दर्शाती है कि वे एक-दूसरे से सहमत हैं। दोनों ने सिखाया कि एक व्यक्ति को न्यायमुक्त होने के लिए विश्वास की आवश्यकता है। और दोनों ने सिखाया कि सच्चा विश्वास एक व्यक्ति को अच्छे काम करने को प्रेरित करता है। पौलुस और याकूब ने इन चीजों के बारे में विभिन्न तरीकों से पढ़ाया क्योंकि उनके पास अलग-अलग दर्शक थे जिन्हें धर्मी होने के बारे में अलग-अलग चीजों को जानने की आवश्यकता थी। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/justice]] और [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/faith]] और [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/works]])

## भाग 3: महत्वपूर्ण अनुवाद के मुद्दे

### याकूब की पुस्तक में विषयों के बीच बदलावों का संकेत अनुवादक को कैसे देना चाहिए?

पत्र जल्दी से विषयों को बदलता है। कभी-कभी याकूब पाठकों को नहीं बताता कि वह विषयों को बदलने वाला है। पदों को एक-दूसरे से अलग होने की इजाजत देना स्वीकार्य है। एक नई लाइन शुरू करने के द्वारा अनुच्छेदों को दूर निर्धारित करना या विषयों के बीच एक जगह डालना यह सही हो सकता है।

### याकूब की पुस्तक के पाठ में प्रमुख मुद्दे क्या हैं?

* ""क्या तुम जानना चाहते हो, हे मूर्ख व्यक्ति, कि कर्म के बिना विश्वास बेकार है?""(2:20)। यूएलटी, यूएसटी, और आधुनिक संस्करण इस तरह से कहते हैं। कुछ पुराने संस्करण कहते हैं, ""क्या तुम जानना चाहते हो, हे मूर्ख व्यक्ति, कि कर्म के बिना विश्वास मर चुका है?"" यदि सामान्य क्षेत्र में बाइबल का अनुवाद उपलब्ध है, तो अनुवादकों को उन संस्करणों में मिलने वाले पठन का उपयोग करने का विचार करना चाहिए। यदि नहीं, तो अनुवादकों को आधुनिक अध्ययन का अनुसरण करने का परामर्श दिया गया है।

(देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/translate-textvariants]])
+JAS 1 intro pz2q 0 # याकूब 01 सामान्य टिप्पणियाँ
## संरचना एवं स्वरूपण

याकूब औपचारिक रूप से इस पत्र को पद 1 में प्रस्तुत करता है। लेखकों ने अक्सर प्राचीन निकट पूर्व में इस तरह से पत्र शुरू किए थे।

## इस अध्याय में पाई जाने वाली विशेष धारणाएँ

### परीक्षा और प्रलोभन

ये दो शब्द ([याकूब 1:12-13](./12.md)) में एक साथ पाए जाते हैं। दोनों शब्द एक ऐसे व्यक्ति के बारे में बोलते हैं जो कुछ अच्छा करने और कुछ बुरा करने के बीच चुनने में सक्षम है। उनके बीच का अंतर महत्वपूर्ण है। परमेश्वर व्यक्ति का परीक्षण कर रहा है और चाहता है कि वह अच्छा करे। शैतान व्यक्ति की परीक्षा कर रहा है और चाहता है कि वह बुराई करे।

### मुकुट

मुकुट जो एक व्यक्ति प्राप्त करता है इनाम है जो परीक्षा उत्तीर्ण करने पर प्राप्त करता है वह कुछ ऐसा है जो लोग कुछ विशेष रूप से अच्छा करने पर पाते हैं। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/other/reward]])

## इस अध्याय के महत्वपूर्ण अलंकार

### रूपकों

याकूब इस अध्याय में कई रूपकों का उपयोग करता हैं, और आपको रूपक से पहले सामग्री को समझने की आवश्यकता होगी इस से पहले उन्हें अच्छी तरह से अनुवाद करें। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-metaphor]])

## इस अध्याय में अन्य संभावित अनुवाद की कठिनाइयाँ

### ""तितर बितर बारह गोत्रों के लिए""

यह स्पष्ट नहीं है कि याकूब ने यह पत्र किसके लिए लिखा था। वह स्वयं को प्रभु यीशु मसीह का सेवक कहता है, इसलिए वह सम्भवतः मसीहियों को लिख रहा था। लेकिन वह अपने पाठकों को ""तितर बितर बारह गोत्रों को"" इन शब्दों से पुकारता है, जो आमतौर पर यहूदियों को संदर्भित करते हैं। यह संभव है कि वह उन सभी लोगों के लिए एक रूपक के रूप में शब्दों का उपयोग कर रहा है ""जिन्हें परमेश्वर ने चुना है"" या यह कि उसने उस समय पत्र लिखा था जब अधिकांश मसीही यहूदी के रूप में बढ़ गए थे। JAS 1 1 ssc8 0 General Information: प्रेरित याकूब सभी मसीहियों को यह पत्र लिखता है। उनमें से कई यहूदी थे, और वे कई अलग-अलग स्थानों में रहते थे। JAS 1 1 pkt2 figs-explicit Ἰάκωβος, Θεοῦ καὶ Κυρίου Ἰησοῦ Χριστοῦ, δοῦλος 1 James, a servant of God and of the Lord Jesus Christ """की ओर से यह पत्र है"" यह वाक्यांश अस्पष्ट है। वैकल्पिक अनुवाद: “यह पत्र याकूब की ओर से है, परमेश्वर और प्रभु यीशु मसीह का एक सेवक” (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-explicit]])" JAS 1 1 l4i7 figs-synecdoche ταῖς δώδεκα φυλαῖς 1 to the twelve tribes "संभावित अर्थ हैं 1) यह यहूदी मसीहियों के लिए एक उपलक्ष्य अलंकार है, या 2) यह सभी मसीहियों के लिए एक रूपक है। वैकल्पिक अनुवाद: ""परमेश्वर के विश्वासयोग्य लोगों के लिए"" (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-synecdoche]] और [[rc://hi/ta/man/translate/figs-metaphor]])" @@ -79,7 +79,7 @@ JAS 1 27 skf4 figs-metaphor παρὰ τῷ Θεῷ καὶ Πατρί 1 before JAS 1 27 iiv2 ὀρφανοὺς 1 the fatherless अनाथ JAS 1 27 r8nj ἐν τῇ θλίψει αὐτῶν 1 in their affliction अनाथ और विधवा पीड़ित हैं क्योंकि उनके पिता या पति की मृत्यु हो गई है। JAS 1 27 nmf7 figs-metaphor ἄσπιλον ἑαυτὸν τηρεῖν ἀπὸ τοῦ κόσμου 1 to keep oneself unstained by the world "दुनिया में पाप ऐसे बोला गया है जैसे कुछ गन्दगी जो मनुष्य को कलंकित कर सकती है। वैकल्पिक अनुवाद: ""दुनिया में बुराई को किसी से पाप कराने की अनुमति न दें” (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-metaphor]])" -JAS 2 intro f5zd 0 # याकूब 02 सामान्य टिप्पणियाँ
## इस अध्याय में विशेष अवधारणा

### पक्षपात

याकूब के कुछ पाठकों ने समृद्ध और शक्तिशाली लोगों के साथ अच्छी तरह से व्यवहार किया और गरीब लोगों के साथ बुरी तरह से बर्ताव किया। इसे पक्षपात कहा जाता है, और याकूब उन्हें बताता है कि यह गलत है। परमेश्वर चाहता है कि उसके लोग अमीर लोग और गरीब लोग दोनों के साथ अच्छी तरह व्यवहार करें।

### दोषमुक्ति

दोषमुक्ति तब होती है जब परमेश्वर एक व्यक्ति को धर्मी बनाता है। याकूब यहाँ कहता है कि परमेश्वर धर्मी बनाता है या उन लोगों को न्यायमुक्त करता है जो विश्वास के साथ अच्छे काम करते हैं। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/justice]] और [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/righteous]] और [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/faith]])

## इस अध्याय में अन्य संभावित अनुवाद की कठिनाइयाँ

### उद्धरण चिन्ह

यह वचन ""मुझे कामों के बिना अपना विश्वास दिखाएँ, और मैं तुमको अपने कार्यों से अपना विश्वास दिखाऊँगा"" समझने में मुश्किल हैं। कुछ लोग सोचते हैं कि ये उद्धरण चिन्हों के शब्दों की तरह हैं जैसे ""कोई कह सकता है""। अधिकांश संस्करण उन्हें ऐसे शब्दों के रूप में अनुवाद करते हैं कि याकूब उनको वापस ""किसी को"" कह रहा है।

### ""आपके पास है ... मेरे पास है ""

"" कुछ लोग सोचते हैं कि ""तुम"" और ""मैं"" शब्द ""कुछ लोग"" और ""अन्य लोगों"" के लिए समानार्थी हैं। यदि वे सही हैं, तो पद 18 का अनुवाद ऐसे किया जा सकता है, ""कोई कह सकता है, 'कुछ लोगों के पास विश्वास है और अन्य लोगों के पास काम है। हर किसी के पास दोनों नहीं हैं। '' अगर अगला वाक्य भी ""कोई कह सकता है,"" है तो इसका अनुवाद किया जा सकता है ""कुछ लोग कामों के बिना अपना विश्वास दिखाते हैं, और अन्य लोग अपने कामों से अपना विश्वास दिखाते हैं। दोनों के पास विश्वास है।"" दोनों मामलों में, पाठक केवल तभी समझेंगे जब आप अतिरिक्त वाक्य जोड़ते हैं। सम्भवतः यूएलटी के जैसे इसका अनुवाद करना सबसे अच्छा है। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-metonymy]] और [[rc://hi/ta/man/translate/figs-explicit]])
+JAS 2 intro f5zd 0 # याकूब 02 सामान्य टिप्पणियाँ
## इस अध्याय में विशेष अवधारणा

### पक्षपात

याकूब के कुछ पाठकों ने समृद्ध और शक्तिशाली लोगों के साथ अच्छी तरह से व्यवहार किया और गरीब लोगों के साथ बुरी तरह से बर्ताव किया। इसे पक्षपात कहा जाता है, और याकूब उन्हें बताता है कि यह गलत है। परमेश्वर चाहता है कि उसके लोग अमीर लोग और गरीब लोग दोनों के साथ अच्छी तरह व्यवहार करें।

### दोषमुक्ति

दोषमुक्ति तब होती है जब परमेश्वर एक व्यक्ति को धर्मी बनाता है। याकूब यहाँ कहता है कि परमेश्वर धर्मी बनाता है या उन लोगों को न्यायमुक्त करता है जो विश्वास के साथ अच्छे काम करते हैं। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/justice]] और [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/righteous]] और [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/faith]])

## इस अध्याय में अन्य संभावित अनुवाद की कठिनाइयाँ

### उद्धरण चिन्ह

यह वचन ""मुझे कामों के बिना अपना विश्वास दिखाएँ, और मैं तुमको अपने कार्यों से अपना विश्वास दिखाऊँगा"" समझने में मुश्किल हैं। कुछ लोग सोचते हैं कि ये उद्धरण चिन्हों के शब्दों की तरह हैं जैसे ""कोई कह सकता है""। अधिकांश संस्करण उन्हें ऐसे शब्दों के रूप में अनुवाद करते हैं कि याकूब उनको वापस ""किसी को"" कह रहा है।

### ""आपके पास है ... मेरे पास है ""

"" कुछ लोग सोचते हैं कि ""तुम"" और ""मैं"" शब्द ""कुछ लोग"" और ""अन्य लोगों"" के लिए समानार्थी हैं। यदि वे सही हैं, तो पद 18 का अनुवाद ऐसे किया जा सकता है, ""कोई कह सकता है, 'कुछ लोगों के पास विश्वास है और अन्य लोगों के पास काम है। हर किसी के पास दोनों नहीं हैं। '' अगर अगला वाक्य भी ""कोई कह सकता है,"" है तो इसका अनुवाद किया जा सकता है ""कुछ लोग कामों के बिना अपना विश्वास दिखाते हैं, और अन्य लोग अपने कामों से अपना विश्वास दिखाते हैं। दोनों के पास विश्वास है।"" दोनों मामलों में, पाठक केवल तभी समझेंगे जब आप अतिरिक्त वाक्य जोड़ते हैं। सम्भवतः यूएलटी के जैसे इसका अनुवाद करना सबसे अच्छा है। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-metonymy]] और [[rc://hi/ta/man/translate/figs-explicit]])
JAS 2 1 ici9 0 Connecting Statement: याकूब बिखरे हुए यहूदी विश्वासियों को बताना जारी रखता है कि एक दूसरे से प्यार करके कैसे रहना चाहिए और उन्हें याद दिलाता है कि गरीब भाइयों पर अमीर लोगों का पक्ष न लें। JAS 2 1 kab4 ἀδελφοί μου 1 My brothers "याकूब अपने पाठकों को यहूदी विश्वासियों के रूप में समझता है। वैकल्पिक अनुवाद: ""मेरे साथी विश्वासियों"" या ""मसीह में मेरे भाइयों और बहनों""" JAS 2 1 qs2x figs-metaphor ἔχετε τὴν πίστιν τοῦ Κυρίου ἡμῶν, Ἰησοῦ Χριστοῦ 1 hold to faith in our Lord Jesus Christ यीशु मसीह में विश्वास करना इस प्रकार बताया गया है कि यह एक वस्तु थी जिसे कोई पकड़ सकता था। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-metaphor]]) @@ -158,7 +158,7 @@ JAS 2 25 bx6i figs-metaphor ἐξ ἔργων ἐδικαιώθη 1 justified by JAS 2 25 af9u ἀγγέλους 1 messengers वे लोग जो किसी अन्य स्थान से समाचार लाते हैं JAS 2 25 xm5m ἑτέρᾳ ὁδῷ ἐκβαλοῦσα 1 sent them away by another road फिर उन्हें भागने और शहर छोड़ने में मदद की" JAS 2 26 uum8 figs-metaphor ὥσπερ γὰρ τὸ σῶμα χωρὶς πνεύματος νεκρόν ἐστιν, οὕτως καὶ ἡ πίστις χωρὶς ἔργων νεκρά ἐστιν 1 For as the body apart from the spirit is dead, even so faith apart from works is dead याकूब काम के बिना विश्वास की बात ऐसे कर रहा है जैसे कि यह आत्मा के बिना एक मृत शरीर था। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-metaphor]]) -JAS 3 intro py3p 0 # याकूब 03 सामान्य टिप्पणियाँ
## इस अध्याय के महत्वपूर्ण अलंकार

### रूपक

याकूब अपने पाठकों को उन्हें रोज़मर्रा की जिंदगी से उन चीजों को याद दिलाने के द्वारा सिखाता है कि उन्हें परमेश्वर को खुश करने के लिए जीना चाहिए। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-metaphor]])
+JAS 3 intro py3p 0 # याकूब 03 सामान्य टिप्पणियाँ
## इस अध्याय के महत्वपूर्ण अलंकार

### रूपक

याकूब अपने पाठकों को उन्हें रोज़मर्रा की जिंदगी से उन चीजों को याद दिलाने के द्वारा सिखाता है कि उन्हें परमेश्वर को खुश करने के लिए जीना चाहिए। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-metaphor]])
JAS 3 1 p4uu figs-genericnoun μὴ πολλοὶ 1 Not many of you याकूब एक सामान्य वाक्य कह रहा है (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-genericnoun]]) JAS 3 1 c36b ἀδελφοί μου 1 my brothers मेरे विश्वासी साथी JAS 3 1 aw5f figs-explicit μεῖζον κρίμα λημψόμεθα. 1 we who teach will be judged more strictly "यह पद्धायांश कठोर फैसले की बात करता है जो उन लोगों पर परमेश्वर से की ओर से आएगा जो दूसरों को उसके बारे में सिखाते हैं। वैकल्पिक अनुवाद: ""परमेश्वर हम सिखाने वालों का न्याय अधिक गंभीरता से करेगा क्योंकि हम उन लोगों की तुलना में उसके वचन को बेहतर जानते हैं जिन्हें हमने सिखाया है"" (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-explicit]])" @@ -218,7 +218,7 @@ JAS 3 17 hfh9 figs-metaphor μεστὴ ἐλέους καὶ καρπῶν ἀ JAS 3 17 by2l ἀνυπόκριτος 1 and sincere और ईमानदार या “और सत्यवादी” JAS 3 18 md56 figs-metaphor καρπὸς…δικαιοσύνης ἐν εἰρήνῃ σπείρεται, τοῖς ποιοῦσιν εἰρήνην 1 The fruit of righteousness is sown in peace among those who make peace "शांति बनाने वाले लोगों की बात ऐसे की गई है कि जैसे वे बीज बो रहे थे, और धार्मिकता की बात ऐसे की गई है जैसे कि यह शांति पैदा करने के फलस्वरूप बढ़ता हुआ फल था। वैकल्पिक अनुवाद: ""शांति का नतीजा धार्मिकता है"" या ""जो लोग शांति से जीने में मदद करने के लिए शांतिपूर्वक काम करते हैं, वे धार्मिकता पैदा करते हैं"" (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-metaphor]])" JAS 3 18 htr1 figs-abstractnouns ποιοῦσιν εἰρήνην 1 make peace "भाववाचक संज्ञा ""शांति"" को ""शांतिपूर्वक"" कहा जा सकता है। वैकल्पिक अनुवाद: ""लोगों को शांतिपूर्वक रहने का कारण बनता है"" या ""लोगों को एक-दूसरे से नाराज नहीं रहने में मदद करता है"" (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-abstractnouns]])" -JAS 4 intro r6vv 0 # याकूब 04 सामान्य टिप्पणियाँ
## इस अध्याय में विशेष अवधारणाएँ

### व्यभिचार

बाइबल में लेखकों ने व्यभिचार के बारे में अक्सर लोगों के लिए एक रूपक के रूप में कहा है कि वे परमेश्वर से प्यार करते हैं, लेकिन उन चीजों को करते हैं जिनसे परमेश्वर नफरत करता है। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-metaphor]] और [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/godly]])

### व्यवस्था

याकूब सम्भवतः इस शब्द का उपयोग [याकूब 4:11](../../jas/04/11.md) में ""शाही व्यवस्था"" को सन्दर्भित करने के लिए करता है"" ([याकूब 2:8](../../jas/02/08.md))।

## इस अध्याय के महत्वपूर्ण अलंकार

### उदारवादी प्रश्न

याकूब कई सवाल पूछता है क्योंकि वह चाहता है कि उसके पाठक इस बारे में सोचें कि वे कैसे रह रहे हैं। वह उन्हें सुधारना और सिखाना चाहता है। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-rquestion]])

## इस अध्याय में अन्य संभावित अनुवाद की कठिनाइयाँ

### नम्र

यह शब्द आमतौर पर उन लोगों को संदर्भित करता है जो गर्व नहीं करते हैं। यहाँ उन लोगों का उल्लेख करने के लिए इस शब्द का उपयोग करता है जो गर्व नहीं करते हैं और जो यीशु पर भी भरोसा करते हैं और उसका आज्ञापालन करते हैं। +JAS 4 intro r6vv 0 # याकूब 04 सामान्य टिप्पणियाँ
## इस अध्याय में विशेष अवधारणाएँ

### व्यभिचार

बाइबल में लेखकों ने व्यभिचार के बारे में अक्सर लोगों के लिए एक रूपक के रूप में कहा है कि वे परमेश्वर से प्यार करते हैं, लेकिन उन चीजों को करते हैं जिनसे परमेश्वर नफरत करता है। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-metaphor]] और [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/godly]])

### व्यवस्था

याकूब सम्भवतः इस शब्द का उपयोग [याकूब 4:11](../../jas/04/11.md) में ""शाही व्यवस्था"" को सन्दर्भित करने के लिए करता है"" ([याकूब 2:8](../../jas/02/08.md))।

## इस अध्याय के महत्वपूर्ण अलंकार

### उदारवादी प्रश्न

याकूब कई सवाल पूछता है क्योंकि वह चाहता है कि उसके पाठक इस बारे में सोचें कि वे कैसे रह रहे हैं। वह उन्हें सुधारना और सिखाना चाहता है। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-rquestion]])

## इस अध्याय में अन्य संभावित अनुवाद की कठिनाइयाँ

### नम्र

यह शब्द आमतौर पर उन लोगों को संदर्भित करता है जो गर्व नहीं करते हैं। यहाँ उन लोगों का उल्लेख करने के लिए इस शब्द का उपयोग करता है जो गर्व नहीं करते हैं और जो यीशु पर भी भरोसा करते हैं और उसका आज्ञापालन करते हैं। JAS 4 1 q3pd 0 General Information: "इस खंड में, शब्द ""स्वयं,"" ""तुम्हारा,"" और ""तुम"" बहुवचन हैं और उन विश्वासियों को संदर्भित करते हैं जिनके लिए याकूब लिखता है।" JAS 4 1 k21j 0 Connecting Statement: याकूब इन विश्वासियों को अपनी सांसारिकता और विनम्रता की कमी के लिए डाँटता है। वह फिर से उनसे आग्रह करता है कि वे देखें वे कैसे एक-दूसरे से और एक दूसरे के बारे में बात करते हैं। JAS 4 1 ub82 figs-doublet πόθεν πόλεμοι καὶ πόθεν μάχαι ἐν ὑμῖν? 1 Where do quarrels and disputes among you come from? "भाववाचक संज्ञाएं ""झगड़े"" और ""विवाद"" का अर्थ मूल रूप से वही है और क्रियाओं के साथ इनका अनुवाद किया जा सकता है। वैकल्पिक अनुवाद: ""तुम अपने बीच में झगड़ा और विवाद क्यों करते हो?"" या ""तुम अपने बीच में क्यों लड़ते हो?"" (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-doublet]] और [[rc://hi/ta/man/translate/figs-abstractnouns]])" @@ -266,7 +266,7 @@ JAS 4 14 a9v2 figs-metaphor ἀτμὶς γάρ ἐστε, ἡ πρὸς ὀλί JAS 4 15 gj65 ἀντὶ τοῦ λέγειν ὑμᾶς 1 Instead, you should say इसके बजाय, तुम्हारा स्वभाव ऐसा होना चाहिए JAS 4 15 e1il ζήσομεν καὶ ποιήσομεν, τοῦτο ἢ ἐκεῖνο 1 we will live and do this or that "हम जो करने की योजना बना रहे हैं, वह करने के लिए हम लंबे समय तक जीते रहेंगे। शब्द ""हम"" सीधे याकूब या उनके पाठकों को संदर्भित नहीं करता है, लेकिन यह उदाहरण का हिस्सा है कि कैसे याकूब के पाठकों को भविष्य पर विचार करना चाहिए। JAS 4 17 q84z εἰδότι οὖν καλὸν ποιεῖν, καὶ μὴ ποιοῦντι, ἁμαρτία αὐτῷ ἐστιν. 1 for anyone who knows to do good but does not do it, for him it is sin जो कोई भी उस अच्छे काम को करना जानता है जो कि उसे करना चाहिए और उसे करने में विफल रहता है वह पाप का दोषी है। -JAS 5 intro ud8q 0 # याकूब 05 सामान्य टिप्पणियाँ
## इस अध्याय में विशेष अवधारणाएँ

### अनंतकाल
यह अध्याय इस दुनिया की उन चीजों के लिए जीवित रहने, जो अंत तक नहीं टिकेंगी, की उन चीजों के लिए जीने की विषमता को प्रगट करता है जो अनंतकाल तक बनी रहेंगी। इस उम्मीद के साथ जीना भी महत्वपूर्ण है कि यीशु जल्द ही लौट आएगा। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/eternity]])

### शपथ
विद्वान इस पद पर विभाजित हैं कि क्या यह अनुच्छेद सिखाता है कि सभी शपथ गलत हैं। अधिकांश विद्वानों का मानना है कि कुछ शपथ स्वीकार्य है और याकूब इसके बजाय मसीहियों को ईमानदारी रखने के लिए सिखा रहा है।

## इस अध्याय में अन्य संभावित अनुवाद की कठिनाइयाँ

### एलिय्याह
इस कहानी को समझना मुश्किल होगा अगर 1 और 2 राजाओं तथा 1 और 2 इतिहास की पुस्तकों का अभी तक अनुवाद नहीं किया गया है।

### ""उसकी आत्मा को मृत्यु से बचाओ""
सम्भवतः यह सिखाता है कि जो व्यक्ति अपनी पापी जीवनशैली को रोकता है उसके पाप के परिणामस्वरुप उसे शारीरिक मौत से दंडित नहीं किया जाएगा। दूसरी तरफ, कुछ विद्वानों का मानना है कि यह मार्ग अनंत मोक्ष के बारे में सिखाता है। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/sin]] और [[rc://hi/tw/dict/bible/other/death]] और [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/save]])
+JAS 5 intro ud8q 0 # याकूब 05 सामान्य टिप्पणियाँ
## इस अध्याय में विशेष अवधारणाएँ

### अनंतकाल
यह अध्याय इस दुनिया की उन चीजों के लिए जीवित रहने, जो अंत तक नहीं टिकेंगी, की उन चीजों के लिए जीने की विषमता को प्रगट करता है जो अनंतकाल तक बनी रहेंगी। इस उम्मीद के साथ जीना भी महत्वपूर्ण है कि यीशु जल्द ही लौट आएगा। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/eternity]])

### शपथ
विद्वान इस पद पर विभाजित हैं कि क्या यह अनुच्छेद सिखाता है कि सभी शपथ गलत हैं। अधिकांश विद्वानों का मानना है कि कुछ शपथ स्वीकार्य है और याकूब इसके बजाय मसीहियों को ईमानदारी रखने के लिए सिखा रहा है।

## इस अध्याय में अन्य संभावित अनुवाद की कठिनाइयाँ

### एलिय्याह
इस कहानी को समझना मुश्किल होगा अगर 1 और 2 राजाओं तथा 1 और 2 इतिहास की पुस्तकों का अभी तक अनुवाद नहीं किया गया है।

### ""उसकी आत्मा को मृत्यु से बचाओ""
सम्भवतः यह सिखाता है कि जो व्यक्ति अपनी पापी जीवनशैली को रोकता है उसके पाप के परिणामस्वरुप उसे शारीरिक मौत से दंडित नहीं किया जाएगा। दूसरी तरफ, कुछ विद्वानों का मानना है कि यह मार्ग अनंत मोक्ष के बारे में सिखाता है। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/sin]] और [[rc://hi/tw/dict/bible/other/death]] और [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/save]])
JAS 5 1 phs3 0 Connecting Statement: याकूब अमीर लोगों को खुशी और धन पर उनके ध्यान के बारे में चेतावनी देता है। JAS 5 1 gel9 figs-explicit οἱ πλούσιοι 1 you who are rich संभावित अर्थ हैं 1) याकूब अमीर विश्वासियों को एक कठोर चेतावनी दे रहा है या 2) याकूब अमीर अविश्वासियों के बारे में बात कर रहा है। वैकल्पिक अनुवाद: ""तुम जो अमीर हो और कहते हो कि तुम परमेश्वर का सम्मान करते हो"" (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-explicit]]) JAS 5 1 l3wd figs-abstractnouns ἐπὶ ταῖς ταλαιπωρίαις ὑμῶν ταῖς ἐπερχομέναις 1 because of the miseries coming on you याकूब कहता है कि ये लोग भविष्य में बहुत पीड़ित होंगे और लिखता है कि जैसे उनके दुःख उन वस्तुओं के समान थे जो उनकी ओर आ रहे थे। भाववाचक संज्ञा ""कष्ट"" का अनुवाद क्रिया के रूप में किया जा सकता है। वैकल्पिक अनुवाद: ""क्योंकि तुम भविष्य में बहुत पीड़ित होंगे"" (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-abstractnouns]]) diff --git a/hi_tn_61-1PE.tsv b/hi_tn_61-1PE.tsv index fc24532..cab40bf 100644 --- a/hi_tn_61-1PE.tsv +++ b/hi_tn_61-1PE.tsv @@ -1,5 +1,5 @@ Book Chapter Verse ID SupportReference OrigQuote Occurrence GLQuote OccurrenceNote -1PE front intro c1uv 0 # 1 पतरस का परिचय
## भाग 1: सामान्य परिचय

### 1 पतरस की पुस्तक की रूपरेखा

1। परिचय (1:1-2)
1। विश्वासियों के उद्धार के लिए परमेश्वर की स्तुति (1:3-2:10)
1। मसीही जीवन (2:11-4:11)
1। कष्टों में दृढ़ रहने के लिए प्रोत्साहन (4:12-5:11)
1। समापन (5:12-14)


### 1 पतरस की पुस्तक को किसने लिखा?

1 पतरस की पुस्तक को प्रेरित पतरस ने लिखा। उसने इस पुस्तक को सम्पूर्ण एशिया माइनर में तित्तर-बित्तर होकर रह रहे अन्यजातीय मसीहियों को लिखा।

### 1 पतरस किसके विषय में है?

पतरस ने कहा कि उसने इस पत्र को ""संक्षेप में लिखकर तुम्हें समझाया है, और यह गवाही दी है कि परमेश्वर का सच्चा अनुग्रह यही है, इसी में स्थिर रहो।"" (5:12)।
उसने मसीहियों को प्रोत्साहित किया कि वे पीड़ा में होने पर भी निरंतर परमेश्वर की आज्ञा का पालन करते रहें। उसने उन्हें यह इसलिए करने के लिए कहा क्योंकि यीशु शीघ्र ही वापस आएगा। पतरस ने अधिकार वाले व्यक्तियों के अधीन रहने के विषय में भी मसीहियों को निर्देश दिए।

### इस पुस्तक के शीर्षक का अनुवाद किस प्रकार किया जाना चाहिए?

अनुवादक इस पुस्तक को इसके पारम्परिक शीर्षक ""1 पतरस"" या ""पहला पतरस"" कहने का चुनाव कर सकते हैं। या वे एक स्पष्ट शीर्षक चुन सकते हैं, जैसे कि ""पतरस की ओर से पहला पत्र"" या ""पतरस द्वारा लिखित पहला पत्र।"" (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/translate-names]])

## भाग 2: महत्वपूर्ण धार्मिक और सांस्कृतिक अवधारणाएं### रोम में मसीहियों से कैसा व्यवहार किया गया?

जब पतरस ने इस पत्र को लिखा तब वह सम्भवतः रोम में था। उसने रोम को प्रतीकात्मक नाम ""बाबेल"" दिया (5:13)। ऐसा प्रतीत होता है कि जब पतरस ने इस पत्र को लिखा, तब रोमी मसीहियों को बुरी तरह से सता रहे थे।

## भाग 3: महत्वपूर्ण अनुवाद के मुद्दे
### एकवचन और बहुवचन ""तुम''
इस पुस्तक में, ""मैं"" शब्द केवल दो स्थानों को छोड़कर, पतरस को संदर्भित करता है: [1 पतरस 1:16](../01/16.md) और [1 पतरस 2:6](../02/06.md)। शब्द ""तुम"" सदैव बहुवचन है और पतरस के श्रोताओं को संदर्भित करता है। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-you]])

### 1 पतरस की पुस्तक के शब्द में प्रमुख मुद्दे कौन से हैं?

* ""तुमने सत्य की आज्ञा मानकर अपनी आत्माओं को शुद्ध किया है। यह सत्य के निष्कपट भाईचारे की प्रीति का उद्देश्य था। तो तन-मन लगाकर एक दूसरे से अधिक प्रेम रखो।""(1:22)। यूएलटी, यूएसटी, और अन्य आधुनिक संस्करणों में इस प्रकार लिखा है। कुछ पुराने संस्करणों में इस प्रकार लिखा है, ""निष्कपट भाईचारे की प्रीति के उद्देश्य के लिए तुमने सत्य की आज्ञाकारिता से अपनी आत्माओं को शुद्ध किया है, इसलिए तन-मन से एक दूसरे से प्रेम करो।""

यदि सामान्य क्षेत्र में बाइबल के अनुवाद का अस्तित्व है, तो अनुवादकों को उन संस्करणों में मिले अध्ययन के उपयोग का विचार करना चाहिए। यदि नहीं, तो अनुवादकों को आधुनिक अध्ययन का अनुसरण करने का परामर्श दिया गया है।

(देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/translate-textvariants]])
+1PE front intro c1uv 0 # 1 पतरस का परिचय
## भाग 1: सामान्य परिचय

### 1 पतरस की पुस्तक की रूपरेखा

1। परिचय (1:1-2)
1। विश्वासियों के उद्धार के लिए परमेश्वर की स्तुति (1:3-2:10)
1। मसीही जीवन (2:11-4:11)
1। कष्टों में दृढ़ रहने के लिए प्रोत्साहन (4:12-5:11)
1। समापन (5:12-14)


### 1 पतरस की पुस्तक को किसने लिखा?

1 पतरस की पुस्तक को प्रेरित पतरस ने लिखा। उसने इस पुस्तक को सम्पूर्ण एशिया माइनर में तित्तर-बित्तर होकर रह रहे अन्यजातीय मसीहियों को लिखा।

### 1 पतरस किसके विषय में है?

पतरस ने कहा कि उसने इस पत्र को ""संक्षेप में लिखकर तुम्हें समझाया है, और यह गवाही दी है कि परमेश्वर का सच्चा अनुग्रह यही है, इसी में स्थिर रहो।"" (5:12)।
उसने मसीहियों को प्रोत्साहित किया कि वे पीड़ा में होने पर भी निरंतर परमेश्वर की आज्ञा का पालन करते रहें। उसने उन्हें यह इसलिए करने के लिए कहा क्योंकि यीशु शीघ्र ही वापस आएगा। पतरस ने अधिकार वाले व्यक्तियों के अधीन रहने के विषय में भी मसीहियों को निर्देश दिए।

### इस पुस्तक के शीर्षक का अनुवाद किस प्रकार किया जाना चाहिए?

अनुवादक इस पुस्तक को इसके पारम्परिक शीर्षक ""1 पतरस"" या ""पहला पतरस"" कहने का चुनाव कर सकते हैं। या वे एक स्पष्ट शीर्षक चुन सकते हैं, जैसे कि ""पतरस की ओर से पहला पत्र"" या ""पतरस द्वारा लिखित पहला पत्र।"" (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/translate-names]])

## भाग 2: महत्वपूर्ण धार्मिक और सांस्कृतिक अवधारणाएं### रोम में मसीहियों से कैसा व्यवहार किया गया?

जब पतरस ने इस पत्र को लिखा तब वह सम्भवतः रोम में था। उसने रोम को प्रतीकात्मक नाम ""बाबेल"" दिया (5:13)। ऐसा प्रतीत होता है कि जब पतरस ने इस पत्र को लिखा, तब रोमी मसीहियों को बुरी तरह से सता रहे थे।

## भाग 3: महत्वपूर्ण अनुवाद के मुद्दे
### एकवचन और बहुवचन ""तुम''
इस पुस्तक में, ""मैं"" शब्द केवल दो स्थानों को छोड़कर, पतरस को संदर्भित करता है: [1 पतरस 1:16](../01/16.md) और [1 पतरस 2:6](../02/06.md)। शब्द ""तुम"" सदैव बहुवचन है और पतरस के श्रोताओं को संदर्भित करता है। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-you]])

### 1 पतरस की पुस्तक के शब्द में प्रमुख मुद्दे कौन से हैं?

* ""तुमने सत्य की आज्ञा मानकर अपनी आत्माओं को शुद्ध किया है। यह सत्य के निष्कपट भाईचारे की प्रीति का उद्देश्य था। तो तन-मन लगाकर एक दूसरे से अधिक प्रेम रखो।""(1:22)। यूएलटी, यूएसटी, और अन्य आधुनिक संस्करणों में इस प्रकार लिखा है। कुछ पुराने संस्करणों में इस प्रकार लिखा है, ""निष्कपट भाईचारे की प्रीति के उद्देश्य के लिए तुमने सत्य की आज्ञाकारिता से अपनी आत्माओं को शुद्ध किया है, इसलिए तन-मन से एक दूसरे से प्रेम करो।""

यदि सामान्य क्षेत्र में बाइबल के अनुवाद का अस्तित्व है, तो अनुवादकों को उन संस्करणों में मिले अध्ययन के उपयोग का विचार करना चाहिए। यदि नहीं, तो अनुवादकों को आधुनिक अध्ययन का अनुसरण करने का परामर्श दिया गया है।

(देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/translate-textvariants]])
1PE 1 intro ql4i 0 # 1 पतरस 01 सामान्य टिप्पणियाँ
## संरचना और संरूपण

पतरस औपचारिक रूप से पद 1-2 में इस पत्र को प्रस्तुत करता है। पूर्व में प्राचीन लेखकों ने प्रायः इस तरह से पत्र आरम्भ किए।

कुछ अनुवादों ने पढ़ने के लिए आसान बनाने के लिए, शेष लेख की तुलना में कविता की प्रत्येक पंक्ति को आगे दाईं ओर व्यवस्थित किया है। यूएलटी कविता के साथ ऐसा करता है जिसे पुराने नियम 1:24-25 में से लिया गया है।

## इस अध्याय की विशेष अवधारणाएं

## परमेश्वर क्या प्रकट करता है

जब यीशु फिर से आएगा, तो हर कोई देखेगा कि परमेश्वर के लोगों के लिए कितना अच्छा था कि यीशु पर विश्वास करते थे। तब परमेश्वर के लोग देखेंगे कि परमेश्वर उनके लिए कितना अनुग्रहकारी है, और सभी लोग परमेश्वर और उसके लोगों की प्रशंसा करेंगे।

## पवित्रता

परमेश्वर चाहता है कि उसके लोग पवित्र हों क्योंकि परमेश्वर पवित्र है। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/holy]])

### अनन्तकाल

पतरस मसीहियों को उन बातों के लिए जीवन व्यतीत करने के लिए कहता है जो सर्वदा रहेंगी और इस संसार की बातों के लिए जीवन व्यतीत करने के लिए मना करता है, जिनका अन्त हो जाएगा। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/eternity]])

## इस अध्याय में अन्य संभावित अनुवाद की कठिनाइयाँ

## विरोधाभास

एक विरोधाभास सत्य कथन है जो किसी असंभव बात का वर्णन करता हुआ प्रतीत होता है। पतरस लिखता है कि उसके पाठक एक ही समय में आनन्दित और दु:खी हैं ([1 पतरस 1:6](./06.md))। वह ये इसलिए कह सकता है क्योंकि वे दु:खी हैं क्योंकि वे पीड़ा में हैं, परन्तु वे आनंदित हैं क्योंकि वे जानते हैं कि परमेश्वर उन्हें ""अन्तिम समय में"" बचाएगा ([1 पतरस 1: 5](./05.md))
1PE 1 1 g6b4 0 General Information: पतरस स्वयं की लेखक के रूप में पहचान करता है और विश्वासियों की पहचान करता है और उनका अभिवादन करता है जिनके लिए वह लिख रहा है। 1PE 1 1 u3zc figs-metaphor παρεπιδήμοις διασπορᾶς 1 the foreigners of the dispersion पतरस अपने पाठकों को ऐसे लोग कहता है जो कई अलग-अलग देशों में अपने घरों से दूर रहते हैं। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-metaphor]]) diff --git a/hi_tn_62-2PE.tsv b/hi_tn_62-2PE.tsv index f773f4c..2c76d13 100644 --- a/hi_tn_62-2PE.tsv +++ b/hi_tn_62-2PE.tsv @@ -1,5 +1,5 @@ Book Chapter Verse ID SupportReference OrigQuote Occurrence GLQuote OccurrenceNote -2PE front intro mvk9 0 # 2 पतरस का परिचय
## भाग 1: सामान्य परिचय

### 2 पतरस की पुस्तक की रूपरेखा

1। परिचय (1:1-2)
1। अच्छा जीवन जीने के लिए स्मरण कराना क्योंकि परमेश्वर ने हमें सक्षम बनाया है(1: 3-21)
1। झूठे शिक्षकों के विरुद्ध चेतावनी (2: 1-22)
1। यीशु के दूसरे आगमन के लिए तैयार होने के लिए प्रोत्साहित करना (3: 1-17)

### 2 पतरस की पुस्तक किसने लिखी?

लेखक ने स्वयं को शमौन पतरस के रूप में दर्शाता है। शमौन पतरस एक प्रेरित था। उसने 1 पतरस भी लिखा। पतरस ने सम्भवतः रोम में एक कारागृह में उसकी मृत्यु से ठीक पहले इस पत्र को लिखा था। पतरस ने इस पत्र को अपना दूसरा पत्र कहा, इसलिए हम इसे 1 पतरस के बाद दिनांकित कर सकते हैं। उसने इस पत्र में पहले वाले पत्र के उन्हीं दर्शकों को संबोधित किया था। दर्शक सम्भवतः एशिया माइनर में बिखरे हुए मसीही थे।

### 2 पतरस की पुस्तक किस विषय पर है?

पतरस ने इस पत्र विश्वासियों को अच्छा जीवन जीने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए लिखा था। उसने उन्हें झूठे शिक्षकों के बारे में चेतावनी दी जो कह रहे थे कि यीशु लौटने में बहुत समय ले रहा था। उसने उनसे कहा कि यीशु लौटने में धीमें नहीं थे। इसके बजाय, परमेश्वर लोगों को बचाए जाने के लिए पश्चाताप करने का समय दे रहे थे।

### इस पुस्तक का शीर्षक किस प्रकार अनुवादित किया जाना चाहिए?

अनुवादक इस पुस्तक को इसके पारंपरिक शीर्षक, ""2 पतरस"" या ""दूसरा पतरस द्वारा पुकार सकते हैं।"" या वे एक स्पष्ट शीर्षक चुन सकते हैं, जैसे ""पतरस से दूसरा पत्र"" या ""दूसरा पत्र पतरस ने लिखा।"" (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/translate-names]] )

## भाग 2: महत्वपूर्ण धार्मिक और सांस्कृतिक अवधारणाऐं

### पतरस किन लोगों के विरुद्ध बात कर रहा था?

यह संभव है कि जिन लोगों के विरुद्ध पतरस बोल रहा था वे लोग जो रहस्यवादी के रूप में जाने जाते थे। इन शिक्षकों ने अपने लाभ के लिए पवित्रशास्त्र की शिक्षाओं को तोड़-मरोड़ दिया। वे अनैतिक तरीकों से रहते थे और दूसरों को ऐसा करने के लिए सिखाया।

### इसका क्या अर्थ है कि परमेश्वर ने पवित्रशास्त्र को प्रेरित किया?

पवित्रशास्त्र का सिद्धांत बहुत ही महत्वपूर्ण है। 2 पतरस पाठकों को यह समझने में मदद करता है कि पवित्रशास्त्र के प्रत्येक लेखक के पास स्वयं का अपना अलग ढंग था, परमेश्वर पवित्रशास्त्र के वास्तविक लेखक हैं (1: 20-21)।

## भाग 3: महत्वपूर्ण अनुवाद के मुद्दे

### एकवचन और बहुवचन ""तुम""

इस पुस्तक में, ""मैं"" शब्द पतरस को संदर्भित करता है। इसके अलावा, शब्द ""तुम"" सदैव बहुवचन है और पतरस के दर्शकों को संबोधित करता है। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-exclusive]] और [[rc://hi/ta/man/translate/figs-you]])

### 2 पतरस की पुस्तक के पाठ में प्रमुख विषय क्या हैं?

निम्नलिखित पदों के लिए, बाइबिल के कुछ आधुनिक संस्करण पुराने संस्करणों से भिन्न हैं। यूएलटी पाठ में आधुनिक पठन है और पुराने पठन को पाद टिप्पणी (फुटनोट) में रखा गया है। यदि सामान्य क्षेत्र में बाइबल का अनुवाद उपस्थित है, तो अनुवादकों को उन संस्करणों में पाए जाने वाले पठन का उपयोग करना चाहिए। यदि नहीं, तो अनुवादकों को आधुनिक पठन का पालन करने की सलाह दी जाती है।

* ""न्याय के दिन तक बेड़ियों में बांधकर गहरे अंधेरे में रखा हुआ""(2:4)। कुछ आधुनिक संस्करणों और पुराने संस्करणों में, ""न्याय के दिन तक गहरे अंधेरे गड्ढे में रखा हुआ है।""
* ""वे तुम्हारे साथ आनंद करते हुए अपनी धोखाधड़ी का आनंद लेते हैं"" (2:13)। कुछ संस्करणों में, ""वे प्रेम समारोहों में तुम्हारे साथ आनंद करते हुए अपनी धोखाधड़ी का आनंद लेते हैं।""
* ""बओर"" (2:15)। कुछ अन्य संस्करण पढ़ते हैं, ""बोसर।""
* ""तत्वों को आग से जला दिया जाएगा, और पृथ्वी और उसके कर्मों को प्रकट किया जाएगा"" (3:10)। अन्य संस्करणों में, ""तत्वों को आग से जला दिया जाएगा, और पृथ्वी और उसके कर्मों को जला दिया जाएगा।""

(देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/translate-textvariants]])
+2PE front intro mvk9 0 # 2 पतरस का परिचय
## भाग 1: सामान्य परिचय

### 2 पतरस की पुस्तक की रूपरेखा

1। परिचय (1:1-2)
1। अच्छा जीवन जीने के लिए स्मरण कराना क्योंकि परमेश्वर ने हमें सक्षम बनाया है(1: 3-21)
1। झूठे शिक्षकों के विरुद्ध चेतावनी (2: 1-22)
1। यीशु के दूसरे आगमन के लिए तैयार होने के लिए प्रोत्साहित करना (3: 1-17)

### 2 पतरस की पुस्तक किसने लिखी?

लेखक ने स्वयं को शमौन पतरस के रूप में दर्शाता है। शमौन पतरस एक प्रेरित था। उसने 1 पतरस भी लिखा। पतरस ने सम्भवतः रोम में एक कारागृह में उसकी मृत्यु से ठीक पहले इस पत्र को लिखा था। पतरस ने इस पत्र को अपना दूसरा पत्र कहा, इसलिए हम इसे 1 पतरस के बाद दिनांकित कर सकते हैं। उसने इस पत्र में पहले वाले पत्र के उन्हीं दर्शकों को संबोधित किया था। दर्शक सम्भवतः एशिया माइनर में बिखरे हुए मसीही थे।

### 2 पतरस की पुस्तक किस विषय पर है?

पतरस ने इस पत्र विश्वासियों को अच्छा जीवन जीने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए लिखा था। उसने उन्हें झूठे शिक्षकों के बारे में चेतावनी दी जो कह रहे थे कि यीशु लौटने में बहुत समय ले रहा था। उसने उनसे कहा कि यीशु लौटने में धीमें नहीं थे। इसके बजाय, परमेश्वर लोगों को बचाए जाने के लिए पश्चाताप करने का समय दे रहे थे।

### इस पुस्तक का शीर्षक किस प्रकार अनुवादित किया जाना चाहिए?

अनुवादक इस पुस्तक को इसके पारंपरिक शीर्षक, ""2 पतरस"" या ""दूसरा पतरस द्वारा पुकार सकते हैं।"" या वे एक स्पष्ट शीर्षक चुन सकते हैं, जैसे ""पतरस से दूसरा पत्र"" या ""दूसरा पत्र पतरस ने लिखा।"" (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/translate-names]] )

## भाग 2: महत्वपूर्ण धार्मिक और सांस्कृतिक अवधारणाऐं

### पतरस किन लोगों के विरुद्ध बात कर रहा था?

यह संभव है कि जिन लोगों के विरुद्ध पतरस बोल रहा था वे लोग जो रहस्यवादी के रूप में जाने जाते थे। इन शिक्षकों ने अपने लाभ के लिए पवित्रशास्त्र की शिक्षाओं को तोड़-मरोड़ दिया। वे अनैतिक तरीकों से रहते थे और दूसरों को ऐसा करने के लिए सिखाया।

### इसका क्या अर्थ है कि परमेश्वर ने पवित्रशास्त्र को प्रेरित किया?

पवित्रशास्त्र का सिद्धांत बहुत ही महत्वपूर्ण है। 2 पतरस पाठकों को यह समझने में मदद करता है कि पवित्रशास्त्र के प्रत्येक लेखक के पास स्वयं का अपना अलग ढंग था, परमेश्वर पवित्रशास्त्र के वास्तविक लेखक हैं (1: 20-21)।

## भाग 3: महत्वपूर्ण अनुवाद के मुद्दे

### एकवचन और बहुवचन ""तुम""

इस पुस्तक में, ""मैं"" शब्द पतरस को संदर्भित करता है। इसके अलावा, शब्द ""तुम"" सदैव बहुवचन है और पतरस के दर्शकों को संबोधित करता है। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-exclusive]] और [[rc://hi/ta/man/translate/figs-you]])

### 2 पतरस की पुस्तक के पाठ में प्रमुख विषय क्या हैं?

निम्नलिखित पदों के लिए, बाइबिल के कुछ आधुनिक संस्करण पुराने संस्करणों से भिन्न हैं। यूएलटी पाठ में आधुनिक पठन है और पुराने पठन को पाद टिप्पणी (फुटनोट) में रखा गया है। यदि सामान्य क्षेत्र में बाइबल का अनुवाद उपस्थित है, तो अनुवादकों को उन संस्करणों में पाए जाने वाले पठन का उपयोग करना चाहिए। यदि नहीं, तो अनुवादकों को आधुनिक पठन का पालन करने की सलाह दी जाती है।

* ""न्याय के दिन तक बेड़ियों में बांधकर गहरे अंधेरे में रखा हुआ""(2:4)। कुछ आधुनिक संस्करणों और पुराने संस्करणों में, ""न्याय के दिन तक गहरे अंधेरे गड्ढे में रखा हुआ है।""
* ""वे तुम्हारे साथ आनंद करते हुए अपनी धोखाधड़ी का आनंद लेते हैं"" (2:13)। कुछ संस्करणों में, ""वे प्रेम समारोहों में तुम्हारे साथ आनंद करते हुए अपनी धोखाधड़ी का आनंद लेते हैं।""
* ""बओर"" (2:15)। कुछ अन्य संस्करण पढ़ते हैं, ""बोसर।""
* ""तत्वों को आग से जला दिया जाएगा, और पृथ्वी और उसके कर्मों को प्रकट किया जाएगा"" (3:10)। अन्य संस्करणों में, ""तत्वों को आग से जला दिया जाएगा, और पृथ्वी और उसके कर्मों को जला दिया जाएगा।""

(देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/translate-textvariants]])
2PE 1 intro wjw5 0 # 2 पतरस 01 सामान्य टिप्पणियाँ
## संरचना एवं स्वरूपण

पतरस इस पत्र को औपचारिक रूप से पद 1-2 में प्रस्तुत करता है। लेखकों ने अक्सर प्राचीन निकट पूर्व में इसी तरह से पत्रों को आरम्भ किया था।

## इस अध्याय में पाई जाने वाली विशेष धारणाएँ

### परमेश्वर का ज्ञान
परमेश्वर का ज्ञान होने का मतलब उससे संबंधित होना है या उसके साथ संबंध है। यहाँ, ""ज्ञान"" मानसिक रूप से परमेश्वर के बारे में जानने से कहीं अधिक है। यह एक ऐसा ज्ञान है जो परमेश्वर द्वारा किसी व्यक्ति को बचाने और उसे कृपा और शांति देने का कारण बनता है। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/other/know]] )

### धार्मिक जीवन जीना
पतरस सिखाता है कि परमेश्वर ने सभी विश्वासियों को धार्मिक जीवन जीने की आवश्यकता के लिए प्रत्येक चीजों को दिया है। इसलिए, विश्वासियों को वह सब कुछ करना चाहिए जो वे परमेश्वर की आज्ञा मानने के लिए कर सकते हैं। यदि विश्वासियों ने ऐसा करना आरम्भ रखा है, तो वे यीशु के साथ अपने संबंधों के माध्यम से प्रभावी और उत्पादक बन जाएंगे। हालांकि, अगर विश्वासियों ने धार्मिक जीवन जीना आरम्भ नहीं रखा है, तो ऐसा लगता है कि वे भूल गए हैं कि परमेश्वर ने उन्हें बचाने के लिए मसीह के द्वारा क्या किया था। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/godly]] और [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/save]])

## इस अध्याय में अन्य संभावित अनुवाद की कठिनाइयाँ

### पवित्रशास्त्र का सत्य
पतरस सिखाता है कि पवित्रशास्त्र में भविष्यद्वाणियाँ मनुष्यों द्वारा नहीं गढ़ी गई थीं। पवित्र आत्मा ने उन लोगों को परमेश्वर का संदेश प्रकट किया जिन्होंने उसे बताया था या उन्हें लिखा था। इसके अलावा, पतरस और अन्य प्रेरितों ने कहानियों को नहीं गढ़ा, उन्होंने लोगों को यीशु के बारे में बताया। उन्होंने देखा कि यीशु ने क्या किया और सुना कि परमेश्वर ने यीशु को अपना पुत्र कहकर बुलाया था
2PE 1 1 n1di 0 General Information: पतरस स्वयं को लेखक के रूप में पहचान कराता है और उन विश्वासियों को पहचानता और उनका अभिनन्दन करता है जिन्हें वह लिख रहा है। 2PE 1 1 v381 δοῦλος καὶ ἀπόστολος Ἰησοῦ Χριστοῦ 1 slave and apostle of Jesus Christ पतरस यीशु मसीह का दास होने की बात करता है। उसे मसीह के प्रेरित होने का पद और अधिकार भी दिया गया था। diff --git a/hi_tn_64-2JN.tsv b/hi_tn_64-2JN.tsv index 176013b..4abd58c 100644 --- a/hi_tn_64-2JN.tsv +++ b/hi_tn_64-2JN.tsv @@ -1,5 +1,5 @@ Book Chapter Verse ID SupportReference OrigQuote Occurrence GLQuote OccurrenceNote -2JN front intro vpa9 0 # 2 यूहन्ना का परिचय
## भाग 1: सामान्य परिचय

### 2 यूहन्ना की पुस्तक की रूपरेखा

1. अभिवादन (1:1-3)
1. प्रोत्साहन और सबसे बड़ी आज्ञा (1: 4-6)
1. झूठे शिक्षकों के बारे में चेतावनी (1: 7-11)
1. साथी विश्वासियों से नमस्कार (1: 12-13)

### 2 यूहन्ना की पुस्तक किसने लिखी?

यह पत्र लेखक का नाम नहीं देता है। लेखक ही स्वयं की पहचान एक ""प्राचीन"" के रूप में कराता है। शायद इस पत्र को प्रेरित यूहन्ना ने अपने जीवन के अन्त में लिखा था। 2 यूहन्ना की विषयवस्तु यूहन्ना के सुसमाचार की विषयवस्तु के जैसे है।

### 2 यूहन्ना की पुस्तक में क्या है?

यूहन्ना ने इस पत्र को ""चुनी हुई महिला"" और ""उसके बच्चों"" के नाम से सम्बोधित करते हुए लिखा है (1: 1). यह एक विशेष मित्र और उसके बच्चों को सन्दर्भित कर सकता है। या यह विश्वासियों के एक विशेष समूह या सामान्य रूप से विश्वासियों को सन्दर्भित कर सकता है। इस पत्र को लिखने के प्रति यूहन्ना का उद्देश्य झूठे शिक्षकों के बारे में उसके पाठकों को चेतावनी देना था। यूहन्ना नहीं चाहता था कि विश्वासी झूठे शिक्षकों की सहायता धन देने के द्वारा करें। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-metaphor]])

### इस पुस्तक का शीर्षक किस प्रकार अनुवादित किया जाना चाहिए?

अनुवादक इस पुस्तक को इसके पारम्परिक शीर्षक, ""2 यूहन्ना"" या ""द्वितीय यूहन्ना"" के नाम को चुनने के द्वारा पुकार सकते हैं। या वे एक स्पष्ट शीर्षक को चुन सकते हैं, जैसे ""यूहन्ना की दूसरी पत्री"" या ""यूहन्ना द्वारा लिखा हुआ दूसरा पत्र।"" (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/translate-names]])

## भाग 2: महत्वपूर्ण धार्मिक और सांस्कृतिक धारणाएँ

### आतिथि सत्कार क्या होता है?

प्राचीन निकट पूर्व में आतिथि सत्कार एक महत्वपूर्ण धारणा के रूप में थी। परदेशियों या बाहरी लोगों के प्रति मित्रता से भरे हुए व्यवहार का होना और यदि उन्हें इसकी आवश्यकता होती तो उन्हें सहायता प्रदान करना महत्वपूर्ण था। यूहन्ना चाहता था कि विश्वासी जन अतिथियों का सत्कार करें। यद्यपि, वह नहीं चाहता था कि विश्वासी जन झूठे शिक्षकों का अतिथि सत्कार करें।

### यूहन्ना ने किन लोगों के विरूद्ध बात की थी?

जिन लोगों के विरूद्ध यूहन्ना ने बात की थी वे सम्भवतः ज्ञानवादियों के नाम से पहचाने जाने वाले थे। इन लोगों का मानना था कि भौतिक संसार बुरा था। चूंकि उनका मानना था कि यीशु ईश्वर था, उन्होंने इनकार कर दिया कि वह वास्तव में मानवीय था। उन्होंने ऐसा इसलिए किया क्योंकि उन्होंने सोचा कि भौतिक शरीर बुरा है इसलिए परमेश्वर मनुष्य नहीं बन सकता। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/evil]])
+2JN front intro vpa9 0 # 2 यूहन्ना का परिचय
## भाग 1: सामान्य परिचय

### 2 यूहन्ना की पुस्तक की रूपरेखा

1. अभिवादन (1:1-3)
1. प्रोत्साहन और सबसे बड़ी आज्ञा (1: 4-6)
1. झूठे शिक्षकों के बारे में चेतावनी (1: 7-11)
1. साथी विश्वासियों से नमस्कार (1: 12-13)

### 2 यूहन्ना की पुस्तक किसने लिखी?

यह पत्र लेखक का नाम नहीं देता है। लेखक ही स्वयं की पहचान एक ""प्राचीन"" के रूप में कराता है। शायद इस पत्र को प्रेरित यूहन्ना ने अपने जीवन के अन्त में लिखा था। 2 यूहन्ना की विषयवस्तु यूहन्ना के सुसमाचार की विषयवस्तु के जैसे है।

### 2 यूहन्ना की पुस्तक में क्या है?

यूहन्ना ने इस पत्र को ""चुनी हुई महिला"" और ""उसके बच्चों"" के नाम से सम्बोधित करते हुए लिखा है (1: 1). यह एक विशेष मित्र और उसके बच्चों को सन्दर्भित कर सकता है। या यह विश्वासियों के एक विशेष समूह या सामान्य रूप से विश्वासियों को सन्दर्भित कर सकता है। इस पत्र को लिखने के प्रति यूहन्ना का उद्देश्य झूठे शिक्षकों के बारे में उसके पाठकों को चेतावनी देना था। यूहन्ना नहीं चाहता था कि विश्वासी झूठे शिक्षकों की सहायता धन देने के द्वारा करें। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-metaphor]])

### इस पुस्तक का शीर्षक किस प्रकार अनुवादित किया जाना चाहिए?

अनुवादक इस पुस्तक को इसके पारम्परिक शीर्षक, ""2 यूहन्ना"" या ""द्वितीय यूहन्ना"" के नाम को चुनने के द्वारा पुकार सकते हैं। या वे एक स्पष्ट शीर्षक को चुन सकते हैं, जैसे ""यूहन्ना की दूसरी पत्री"" या ""यूहन्ना द्वारा लिखा हुआ दूसरा पत्र।"" (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/translate-names]])

## भाग 2: महत्वपूर्ण धार्मिक और सांस्कृतिक धारणाएँ

### आतिथि सत्कार क्या होता है?

प्राचीन निकट पूर्व में आतिथि सत्कार एक महत्वपूर्ण धारणा के रूप में थी। परदेशियों या बाहरी लोगों के प्रति मित्रता से भरे हुए व्यवहार का होना और यदि उन्हें इसकी आवश्यकता होती तो उन्हें सहायता प्रदान करना महत्वपूर्ण था। यूहन्ना चाहता था कि विश्वासी जन अतिथियों का सत्कार करें। यद्यपि, वह नहीं चाहता था कि विश्वासी जन झूठे शिक्षकों का अतिथि सत्कार करें।

### यूहन्ना ने किन लोगों के विरूद्ध बात की थी?

जिन लोगों के विरूद्ध यूहन्ना ने बात की थी वे सम्भवतः ज्ञानवादियों के नाम से पहचाने जाने वाले थे। इन लोगों का मानना था कि भौतिक संसार बुरा था। चूंकि उनका मानना था कि यीशु ईश्वर था, उन्होंने इनकार कर दिया कि वह वास्तव में मानवीय था। उन्होंने ऐसा इसलिए किया क्योंकि उन्होंने सोचा कि भौतिक शरीर बुरा है इसलिए परमेश्वर मनुष्य नहीं बन सकता। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/evil]])
2JN 1 1 ma4c figs-you 0 General Information: "परम्परा इस पत्र के लेखक की पहचान प्रेरित यूहन्ना के रूप में करती है। यद्यपि सम्भवतः यह एक व्यक्तिगत् महिला को सम्बोधित किया गयाहै, क्योंकि वह लिखता है कि उन्हें ""एक दूसरे से प्रेम करना चाहिए"", यह शायद एक कलीसिया के लिए है। इस पत्र में पाए जाने वाले ""तुम"" और ""तेरे"" के सभी सन्दर्भ बहुवचन हैं जब तक कि उन पर अन्यथा ध्यान न दिया जाए। इस पत्र में, यूहन्ना ने स्वयं और उसके पाठकों को ""हम"" और ""हमारे"" शब्द का उपयोग करके सम्मिलित किया है। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-you]] और [[rc://hi/ta/man/translate/figs-inclusive]] )" 2JN 1 1 z4tk figs-explicit ὁ πρεσβύτερος; ἐκλεκτῇ κυρίᾳ καὶ τοῖς τέκνοις αὐτῆς 1 From the elder to the chosen lady and her children "इस तरह से पत्र आरम्भि किए गए थे। लेखक का नाम स्पष्ट किया जा सकता है। वैकल्पिक अनुवाद: ""मुझ प्राचीन की ओर से उस चुनी हुई महिला और उसके बच्चों के नाम"" (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-explicit]])" 2JN 1 1 z9f1 ὁ πρεσβύτερος 1 the elder "यह यीशु के प्रेरित और शिष्य यूहन्ना, को सन्दर्भित करता है। वह स्वयं को बुढ़ापे के कारण या क्योंकि वह कलीसिया में एक अगुवा है इसलिए एक ""प्राचीन"" के रूप में सन्दर्भित करता है।" diff --git a/hi_tn_65-3JN.tsv b/hi_tn_65-3JN.tsv index b7baf17..31e99e2 100644 --- a/hi_tn_65-3JN.tsv +++ b/hi_tn_65-3JN.tsv @@ -1,5 +1,5 @@ Book Chapter Verse ID SupportReference OrigQuote Occurrence GLQuote OccurrenceNote -3JN front intro kwv9 0 # 3 यूहन्ना का परिचय
## भाग 1: सामान्य परिचय

### 3 यूहन्ना की पुस्तक की रूपरेखा

1। परिचय(1:1)
1। आतिथ्य दिखाने के लिए प्रोत्साहन और निर्देश (1:2-8)
1। दियुत्रिफेस और दिमेत्रियुस (1:9-12)
1। निष्कर्ष (1: 13-14)

### 3 यूहन्ना की पुस्तक किसने लिखी?

पत्र इसके लेखक का नाम नहीं देता है। लेखक स्वयं की केवल ""प्राचीन"" के रूप में पहचान कराता है (1:1)। पत्र संभवतः प्रेरित यूहन्ना द्वारा उनके जीवन के अंतकाल में लिखा गया था।

### 3 यूहन्ना की पुस्तक किस बारे में है?

यूहन्ना ने इस पत्र को गयुस नामक एक विश्वासी को लिखा था। उसने गयुस को विश्वासियों के साथ सत्कार का निर्देश दिया जो उसके क्षेत्र से गुज़र रहे थे।

### इस पुस्तक का शीर्षक किस प्रकार अनुवादित किया जाना चाहिए?

अनुवादक इस पुस्तक को इसके पारंपरिक शीर्षक, ""यूहन्ना 3"" या ""तीसरा यूहन्ना से संबोधित कर सकते है। या वे एक स्पष्ट शीर्षक चुन सकते हैं, जैसे ""यूहन्ना कि ओर से तीसरा पत्र"" या ""यूहन्ना लिखित तीसरा पत्र ।"" (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/translate-names]] )

## भाग 2: महत्वपूर्ण धार्मिक और सांस्कृतिक अवधारणाएँ

### आतिथ्य क्या है?

प्राचीन पूर्व में आतिथ्य एक महत्वपूर्ण अवधारणा थी। परदेशियों या बाहरी लोगों के प्रति मित्रता से भरे हुए व्यवहार का होना और यदि उन्हें आवश्यकता होती तो उन्हें सहायता प्रदान करना महत्वपूर्ण था। 2 यूहन्ना में, यूहन्ना ने मसीहियों को झूठे शिक्षकों को आतिथ्य दिखाने से निरुत्साहित किया। 3 यूहन्ना में, यूहन्ना ने मसीहियों को विश्वासयोग्य शिक्षकों के लिए आतिथ्य दिखाने के लिए प्रोत्साहित किया।

## भाग 3: महत्वपूर्ण अनुवाद के मुद्दे

### लेखक अपने पत्र में पारिवारिक संबंधो का उपयोग कैसे करता है?

लेखक ने ""भाई"" और ""बच्चों"" शब्दों का उपयोग इस तरह से किया जो उलझा सकते है। शास्त्रों मे अक्सर ""भाइयों"" शब्द का प्रयोग यहूदियों को उल्लेखित करने के लिए किया था। लेकिन इस पत्र में, यूहन्ना ने मसीहियों को उल्लेखित करने के लिए शब्द का प्रयोग किया। और, यूहन्ना ने कुछ विश्वासियों को अपने ""बच्चे"" कहा। ये विश्वासी है जिनको उसने मसीह का पालन करना सिखाया।

यूहन्ना ने ""अन्यजाति"" शब्द का भी इस तरह प्रयोग किया जो उलझा सकता है। शास्त्रों ने अक्सर उन लोगों को संदर्भित करने के लिए ""अन्यजाति "" शब्द का प्रयोग किया जो यहूदी नहीं हैं। लेकिन इस पत्र में, यूहन्ना ने उन लोगों को संदर्भित करने के लिए शब्द का उपयोग किया जो यीशु में विश्वास नहीं करते थे।
+3JN front intro kwv9 0 # 3 यूहन्ना का परिचय
## भाग 1: सामान्य परिचय

### 3 यूहन्ना की पुस्तक की रूपरेखा

1। परिचय(1:1)
1। आतिथ्य दिखाने के लिए प्रोत्साहन और निर्देश (1:2-8)
1। दियुत्रिफेस और दिमेत्रियुस (1:9-12)
1। निष्कर्ष (1: 13-14)

### 3 यूहन्ना की पुस्तक किसने लिखी?

पत्र इसके लेखक का नाम नहीं देता है। लेखक स्वयं की केवल ""प्राचीन"" के रूप में पहचान कराता है (1:1)। पत्र संभवतः प्रेरित यूहन्ना द्वारा उनके जीवन के अंतकाल में लिखा गया था।

### 3 यूहन्ना की पुस्तक किस बारे में है?

यूहन्ना ने इस पत्र को गयुस नामक एक विश्वासी को लिखा था। उसने गयुस को विश्वासियों के साथ सत्कार का निर्देश दिया जो उसके क्षेत्र से गुज़र रहे थे।

### इस पुस्तक का शीर्षक किस प्रकार अनुवादित किया जाना चाहिए?

अनुवादक इस पुस्तक को इसके पारंपरिक शीर्षक, ""यूहन्ना 3"" या ""तीसरा यूहन्ना से संबोधित कर सकते है। या वे एक स्पष्ट शीर्षक चुन सकते हैं, जैसे ""यूहन्ना कि ओर से तीसरा पत्र"" या ""यूहन्ना लिखित तीसरा पत्र ।"" (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/translate-names]] )

## भाग 2: महत्वपूर्ण धार्मिक और सांस्कृतिक अवधारणाएँ

### आतिथ्य क्या है?

प्राचीन पूर्व में आतिथ्य एक महत्वपूर्ण अवधारणा थी। परदेशियों या बाहरी लोगों के प्रति मित्रता से भरे हुए व्यवहार का होना और यदि उन्हें आवश्यकता होती तो उन्हें सहायता प्रदान करना महत्वपूर्ण था। 2 यूहन्ना में, यूहन्ना ने मसीहियों को झूठे शिक्षकों को आतिथ्य दिखाने से निरुत्साहित किया। 3 यूहन्ना में, यूहन्ना ने मसीहियों को विश्वासयोग्य शिक्षकों के लिए आतिथ्य दिखाने के लिए प्रोत्साहित किया।

## भाग 3: महत्वपूर्ण अनुवाद के मुद्दे

### लेखक अपने पत्र में पारिवारिक संबंधो का उपयोग कैसे करता है?

लेखक ने ""भाई"" और ""बच्चों"" शब्दों का उपयोग इस तरह से किया जो उलझा सकते है। शास्त्रों मे अक्सर ""भाइयों"" शब्द का प्रयोग यहूदियों को उल्लेखित करने के लिए किया था। लेकिन इस पत्र में, यूहन्ना ने मसीहियों को उल्लेखित करने के लिए शब्द का प्रयोग किया। और, यूहन्ना ने कुछ विश्वासियों को अपने ""बच्चे"" कहा। ये विश्वासी है जिनको उसने मसीह का पालन करना सिखाया।

यूहन्ना ने ""अन्यजाति"" शब्द का भी इस तरह प्रयोग किया जो उलझा सकता है। शास्त्रों ने अक्सर उन लोगों को संदर्भित करने के लिए ""अन्यजाति "" शब्द का प्रयोग किया जो यहूदी नहीं हैं। लेकिन इस पत्र में, यूहन्ना ने उन लोगों को संदर्भित करने के लिए शब्द का उपयोग किया जो यीशु में विश्वास नहीं करते थे।
3JN 1 1 rni7 figs-you 0 General Information: "ये यूहन्ना का गयुस को एक व्यक्तिगत पत्र है ""तू"" और ""तुम्हारा"" सभी सन्दर्भों में गयुस को संबोधित करते हैं और एकवचन हैं। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-you]] )" 3JN 1 1 w99t figs-explicit ὁ πρεσβύτερος 1 The elder "यह यीशु के प्रेरित और शिष्य यूहन्ना, को सन्दर्भित करता है। वह स्वयं को बुढ़ापे के कारण या क्योंकि वह कलीसिया में एक अगुवा है इसलिए एक ""प्राचीन"" के रूप में सन्दर्भित करता है। लेखक का नाम स्पष्ट किया जा सकता है: ""मैं, यूहन्ना, प्राचीन, लिख रहा हूँ।"" (देख: )देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-explicit]]यह यीशु के प्रेरित और शिष्य यूहन्ना, को सन्दर्भित करता है। वह स्वयं को बुढ़ापे के कारण या क्योंकि वह कलीसिया में एक अगुवा है इसलिए एक ""प्राचीन"" के रूप में सन्दर्भित करता है। लेखक का नाम स्पष्ट किया जा सकता है: ""मैं, यूहन्ना, प्राचीन, लिख रहा हूँ।"" (देख: )" 3JN 1 1 lls6 translate-names Γαΐῳ 1 Gaius यह एक साथी विश्वासी है जिसको यूहन्ना पत्र लिख रहा है। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/translate-names]] ) diff --git a/manifest.yaml b/manifest.yaml index 49aacce..3369d01 100644 --- a/manifest.yaml +++ b/manifest.yaml @@ -35,7 +35,7 @@ dublin_core: subject: 'TSV Translation Notes' title: 'translationNotes' type: 'help' - version: '13.12' + version: '13.13' checking: checking_entity: