diff --git a/hi_tn_41-MAT.tsv b/hi_tn_41-MAT.tsv index 02f9db6..8759783 100644 --- a/hi_tn_41-MAT.tsv +++ b/hi_tn_41-MAT.tsv @@ -1,5 +1,5 @@ Book Chapter Verse ID SupportReference OrigQuote Occurrence GLQuote OccurrenceNote -MAT front intro sa9c 0 "# मत्ती रचित सुसमाचार का परिचय
## भाग 1: सामान्य परिचय

### मत्ती की पुस्तक की रूपरेखा

1। यीशु मसीह का जन्म और उसकी सेवा का आरम्भ (1:1––4:25)
1। पहाड़ी पर यीशु का उपदेश (5:1––7:28)
1। यीशु चंगाई के कामों के माध्यम से परमेश्वर के राज्य को चित्रित करता है (8:1––9:34)
1। मिशन और राज्य के बारे में यीशु की शिक्षा (9:35––10:42)
1। परमेश्वर के राज्य के सुसमाचार के बारे में यीशु की शिक्षा। यीशु के विरोध का आरम्भ। (11:1––12:50)
1। परमेश्वर के राज्य के बारे में यीशु के दृष्टांत (13:1––52)
1। यीशु का और अधिक विरोध और परमेश्वर के राज्य के बारे में गलत धारणा (13:53––17:57)
1। परमेश्वर के राज्य में जीवन के बारे में यीशु की शिक्षा (18:1––35)
1। यीशु का यहूदिया में सेवा करना (19:1––22:46)
1। अन्तिम न्याय और उद्धार के बारे में यीशु की शिक्षा (23:1––25:46)
1। यीशु को क्रूस पर चढ़ाया जाना, उसकी मृत्यु और पुनरुत्थान (26:1––28:19)

### मत्ती की पुस्तक का विषय क्या है?

मत्ती रचित सुसमाचार नए नियम की उन चार पुस्तकों में से एक है जो यीशु मसीह के जीवन के कुछ समय का वर्णन करती हैं। सुसमाचारों के लेखकों ने इन बातों के विभिन्न पहलुओं के बारे में लिखा था कि यीशु कौन था और उसने क्या किया था। मत्ती ने प्रकट किया कि यीशु मसीह था, और परमेश्वर उसके माध्यम से इस्राएल को बचाएगा। मत्ती ने अक्सर समझाया है कि मसीह के बारे में पुराने नियम की भविष्यद्वाणियों को यीशु ने पूरा किया था। यह संकेत दे सकता है कि उसने अपने अधिकांश पहले पाठकों के यहूदी होने की अपेक्षा की थी। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/christ]])

### इस पुस्तक के शीर्षक का अनुवाद किस प्रकार किया जाना चाहिए?

अनुवादक इस पुस्तक को इसके पारम्परिक शीर्षक, ""मत्ती रचित सुसमाचार"" या ""मत्ती के अनुसार सुसमाचार"" के द्वारा पुकारा जाना चुन सकते हैं। या वे एक ऐसा शीर्षक चुन सकते हैं, जो स्पष्ट हो सकता है, जैसे ""यीशु के बारे में शुभ सन्देश जिसे मत्ती ने लिखा था।"" (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/translate-names]])

### मत्ती की पुस्तक को किसने लिखा?

यह पुस्तक इसके लेखक का नाम नहीं देती है। यद्यपि, आरम्भिक मसीहीकाल से, अधिकांश मसीहियों ने यही माना है कि इसका लेखक प्रेरित मत्ती था।

## भाग 2: महत्वपूर्ण धार्मिक और सांस्कृतिक अवधारणाएँ

### ""स्वर्ग का राज्य"" क्या है?

मत्ती ने उसी तरह स्वर्ग के राज्य की बात की जिस तरह अन्य सुसमाचार लेखकों ने परमेश्वर के राज्य के बारे में बात की थी। स्वर्ग का राज्य सभी लोगों पर और सारी सृष्टि पर परमेश्वर के शासन का प्रतिनिधित्व करता है। वे लोग आशीषित होंगे जिन्हें परमेश्वर अपने राज्य में स्वीकार करता है। वे सदैव परमेश्वर के साथ रहेंगे।

### यीशु की शिक्षण विधियाँ क्या थीं?

लोगों ने यीशु को रब्बी के रूप में आदर प्रदान किया। एक रब्बी परमेश्वर की व्यवस्था का एक शिक्षक है। यीशु ने इस्राएल के अन्य धार्मिक शिक्षकों के समान तरीकों से ही शिक्षा दी। वह जहाँ कहीं भी गया, उसके पास ऐसे विद्यार्थी थे जिन्होंने उसका अनुसरण किया। इन विद्यार्थियों को चेले या चेला कहा जाता था। वह अक्सर दृष्टांतों को बताता था। दृष्टांत ऐसी कहानियाँ होती हैं, जो नैतिक शिक्षा देती हैं। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/lawofmoses]] और [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/disciple]] और [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/parable]])

## भाग 3: महत्वपूर्ण अनुवाद के मुद्दे

### समदर्शी सुसमाचार क्या हैं?

मत्ती, मरकुस, और लूका के सुसमाचार को समदर्शी सुसमाचार इसलिए कहा जाता है, क्योंकि उनके कई अनुच्छेद एक जैसे हैं। शब्द ""समदर्शी"" का अर्थ ""एक साथ देखना"" है।

इन पाठों को ""समानांतर"" तब माना गया है, जब वे दो या तीन सुसमाचारों में समान या बिलकुल एक जैसे हैं। समानांतर अनुच्छेदों का अनुवाद करते समय, अनुवादकों को एक ही शब्दावली का उपयोग करना चाहिए और उन्हें जितना संभव हो सके उतना एक जैसा बनाना चाहिए।

### यीशु स्वयं को ""मनुष्य का पुत्र"" कह कर क्यों संदर्भित करता है?

सुसमाचारों में, यीशु ने स्वयं को ""मनुष्य का पुत्र"" कहा है। यह दानिय्येल 7:13-14 का एक सन्दर्भ है। इस अनुच्छेद में एक व्यक्ति है जिसे ""मनुष्य के पुत्र"" के रूप में वर्णित किया गया है। इसका अर्थ है कि वह कोई ऐसा व्यक्ति था जो मनुष्य की तरह दिखता था। परमेश्वर ने मनुष्य के पुत्र को सदा के लिए राष्ट्रों पर शासन करने का अधिकार दिया है। और सभी लोग उसकी आराधना सदैव करेंगे।

यीशु के समय के यहूदियों ने किसी भी व्यक्ति के लिए ""मनुष्य का पुत्र"" का शीर्षक उपयोग नहीं किया था। इसलिए, यीशु ने स्वयं के प्रति यह समझने में उन्हें सहायता की कि वह वास्तव में कौन था। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/sonofman]])

कई भाषाओं में ""मनुष्य का पुत्र"" शीर्षक का अनुवाद करना कठिन हो सकता है। पाठकगण एक शाब्दिक अनुवाद को गलत समझ सकते हैं। अनुवादक विकल्पों पर विचार कर सकते हैं, जैसे कि ""एक मनुष्य।"" शीर्षक को समझाने के लिए एक पाद-टिप्पणी को सम्मिलित करना भी सहायक हो सकता है।

### मत्ती की पुस्तक के पाठ में प्रमुख मुद्दे क्या हैं?

निम्नलिखित वचन बाइबल के पुराने संस्करणों में पाए जाते हैं, परन्तु इनको अधिकांश आधुनिक संस्करणों में सम्मिलित नहीं किया गया है:

* ""जो तुम्हें श्राप दें, उनको आशीष दो; जो तुम्हारा अपमान करें, उनके लिये प्रार्थना करो"" (5:44)
* ""क्योंकि राज्य और पराक्रम और महिमा सदा तेरे ही हैं। आमीन"" (6:13)
*"" पर यह जाति बिना प्रार्थना और उपवास के नहीं निकलती"" (17:21)
*""क्योंकि मनुष्य का पुत्र खोए हुओं को बचाने आया है"" (18:11)
* ""इसी रीति से जो पिछले हैं, वे पहले होंगे; और जो पहले हैं, वे पिछले होंगे"" (20:16)
* ""हे कपटी शास्त्रियो और फरीसियो, तुम पर हाय! तुम विधवाओं के घरों को खा जाते हो, और दिखाने के लिए बड़ी देर तक प्रार्थना करते रहते हो। इसलिये तुम्हें अधिक दण्ड मिलेगा।"" (23:14)

अनुवादकों को इन अनुच्छेदों को सम्मिलित नहीं करने का परामर्श दिया गया है। यद्यपि, यदि अनुवादकों के क्षेत्र में, बाइबल के ऐसे पुराने संस्करण हैं, जिनमें एक या उससे अधिक अनुच्छेद सम्मिलित हैं, तो अनुवादक उन्हें सम्मिलित कर सकते हैं। यदि उन्हें सम्मिलित किया गया है, तो उन्हें यह इंगित करने के लिए वर्गाकार कोष्ठक (\ []) के अन्दर रखा जाना चाहिए कि वे मत्ती रचित सुसमाचार के मूल अंश नहीं थे। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/translate-textvariants]])

" +MAT front intro sa9c 0 # मत्ती रचित सुसमाचार का परिचय
## भाग 1: सामान्य परिचय

### मत्ती की पुस्तक की रूपरेखा

1। यीशु मसीह का जन्म और उसकी सेवा का आरम्भ (1:1––4:25)
1। पहाड़ी पर यीशु का उपदेश (5:1––7:28)
1। यीशु चंगाई के कामों के माध्यम से परमेश्वर के राज्य को चित्रित करता है (8:1––9:34)
1। मिशन और राज्य के बारे में यीशु की शिक्षा (9:35––10:42)
1। परमेश्वर के राज्य के सुसमाचार के बारे में यीशु की शिक्षा। यीशु के विरोध का आरम्भ। (11:1––12:50)
1। परमेश्वर के राज्य के बारे में यीशु के दृष्टांत (13:1––52)
1। यीशु का और अधिक विरोध और परमेश्वर के राज्य के बारे में गलत धारणा (13:53––17:57)
1। परमेश्वर के राज्य में जीवन के बारे में यीशु की शिक्षा (18:1––35)
1। यीशु का यहूदिया में सेवा करना (19:1––22:46)
1। अन्तिम न्याय और उद्धार के बारे में यीशु की शिक्षा (23:1––25:46)
1। यीशु को क्रूस पर चढ़ाया जाना, उसकी मृत्यु और पुनरुत्थान (26:1––28:19)

### मत्ती की पुस्तक का विषय क्या है?

मत्ती रचित सुसमाचार नए नियम की उन चार पुस्तकों में से एक है जो यीशु मसीह के जीवन के कुछ समय का वर्णन करती हैं। सुसमाचारों के लेखकों ने इन बातों के विभिन्न पहलुओं के बारे में लिखा था कि यीशु कौन था और उसने क्या किया था। मत्ती ने प्रकट किया कि यीशु मसीह था, और परमेश्वर उसके माध्यम से इस्राएल को बचाएगा। मत्ती ने अक्सर समझाया है कि मसीह के बारे में पुराने नियम की भविष्यद्वाणियों को यीशु ने पूरा किया था। यह संकेत दे सकता है कि उसने अपने अधिकांश पहले पाठकों के यहूदी होने की अपेक्षा की थी। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/christ]])

### इस पुस्तक के शीर्षक का अनुवाद किस प्रकार किया जाना चाहिए?

अनुवादक इस पुस्तक को इसके पारम्परिक शीर्षक, ""मत्ती रचित सुसमाचार"" या ""मत्ती के अनुसार सुसमाचार"" के द्वारा पुकारा जाना चुन सकते हैं। या वे एक ऐसा शीर्षक चुन सकते हैं, जो स्पष्ट हो सकता है, जैसे ""यीशु के बारे में शुभ सन्देश जिसे मत्ती ने लिखा था।"" (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/translate-names]])

### मत्ती की पुस्तक को किसने लिखा?

यह पुस्तक इसके लेखक का नाम नहीं देती है। यद्यपि, आरम्भिक मसीहीकाल से, अधिकांश मसीहियों ने यही माना है कि इसका लेखक प्रेरित मत्ती था।

## भाग 2: महत्वपूर्ण धार्मिक और सांस्कृतिक अवधारणाएँ

### ""स्वर्ग का राज्य"" क्या है?

मत्ती ने उसी तरह स्वर्ग के राज्य की बात की जिस तरह अन्य सुसमाचार लेखकों ने परमेश्वर के राज्य के बारे में बात की थी। स्वर्ग का राज्य सभी लोगों पर और सारी सृष्टि पर परमेश्वर के शासन का प्रतिनिधित्व करता है। वे लोग आशीषित होंगे जिन्हें परमेश्वर अपने राज्य में स्वीकार करता है। वे सदैव परमेश्वर के साथ रहेंगे।

### यीशु की शिक्षण विधियाँ क्या थीं?

लोगों ने यीशु को रब्बी के रूप में आदर प्रदान किया। एक रब्बी परमेश्वर की व्यवस्था का एक शिक्षक है। यीशु ने इस्राएल के अन्य धार्मिक शिक्षकों के समान तरीकों से ही शिक्षा दी। वह जहाँ कहीं भी गया, उसके पास ऐसे विद्यार्थी थे जिन्होंने उसका अनुसरण किया। इन विद्यार्थियों को चेले या चेला कहा जाता था। वह अक्सर दृष्टांतों को बताता था। दृष्टांत ऐसी कहानियाँ होती हैं, जो नैतिक शिक्षा देती हैं। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/lawofmoses]] और [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/disciple]] और [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/parable]])

## भाग 3: महत्वपूर्ण अनुवाद के मुद्दे

### समदर्शी सुसमाचार क्या हैं?

मत्ती, मरकुस, और लूका के सुसमाचार को समदर्शी सुसमाचार इसलिए कहा जाता है, क्योंकि उनके कई अनुच्छेद एक जैसे हैं। शब्द ""समदर्शी"" का अर्थ ""एक साथ देखना"" है।

इन पाठों को ""समानांतर"" तब माना गया है, जब वे दो या तीन सुसमाचारों में समान या बिलकुल एक जैसे हैं। समानांतर अनुच्छेदों का अनुवाद करते समय, अनुवादकों को एक ही शब्दावली का उपयोग करना चाहिए और उन्हें जितना संभव हो सके उतना एक जैसा बनाना चाहिए।

### यीशु स्वयं को ""मनुष्य का पुत्र"" कह कर क्यों संदर्भित करता है?

सुसमाचारों में, यीशु ने स्वयं को ""मनुष्य का पुत्र"" कहा है। यह दानिय्येल 7:13-14 का एक सन्दर्भ है। इस अनुच्छेद में एक व्यक्ति है जिसे ""मनुष्य के पुत्र"" के रूप में वर्णित किया गया है। इसका अर्थ है कि वह कोई ऐसा व्यक्ति था जो मनुष्य की तरह दिखता था। परमेश्वर ने मनुष्य के पुत्र को सदा के लिए राष्ट्रों पर शासन करने का अधिकार दिया है। और सभी लोग उसकी आराधना सदैव करेंगे।

यीशु के समय के यहूदियों ने किसी भी व्यक्ति के लिए ""मनुष्य का पुत्र"" का शीर्षक उपयोग नहीं किया था। इसलिए, यीशु ने स्वयं के प्रति यह समझने में उन्हें सहायता की कि वह वास्तव में कौन था। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/sonofman]])

कई भाषाओं में ""मनुष्य का पुत्र"" शीर्षक का अनुवाद करना कठिन हो सकता है। पाठकगण एक शाब्दिक अनुवाद को गलत समझ सकते हैं। अनुवादक विकल्पों पर विचार कर सकते हैं, जैसे कि ""एक मनुष्य।"" शीर्षक को समझाने के लिए एक पाद-टिप्पणी को सम्मिलित करना भी सहायक हो सकता है।

### मत्ती की पुस्तक के पाठ में प्रमुख मुद्दे क्या हैं?

निम्नलिखित वचन बाइबल के पुराने संस्करणों में पाए जाते हैं, परन्तु इनको अधिकांश आधुनिक संस्करणों में सम्मिलित नहीं किया गया है:

* ""जो तुम्हें श्राप दें, उनको आशीष दो; जो तुम्हारा अपमान करें, उनके लिये प्रार्थना करो"" (5:44)
* ""क्योंकि राज्य और पराक्रम और महिमा सदा तेरे ही हैं। आमीन"" (6:13)
*"" पर यह जाति बिना प्रार्थना और उपवास के नहीं निकलती"" (17:21)
*""क्योंकि मनुष्य का पुत्र खोए हुओं को बचाने आया है"" (18:11)
* ""इसी रीति से जो पिछले हैं, वे पहले होंगे; और जो पहले हैं, वे पिछले होंगे"" (20:16)
* ""हे कपटी शास्त्रियो और फरीसियो, तुम पर हाय! तुम विधवाओं के घरों को खा जाते हो, और दिखाने के लिए बड़ी देर तक प्रार्थना करते रहते हो। इसलिये तुम्हें अधिक दण्ड मिलेगा।"" (23:14)

अनुवादकों को इन अनुच्छेदों को सम्मिलित नहीं करने का परामर्श दिया गया है। यद्यपि, यदि अनुवादकों के क्षेत्र में, बाइबल के ऐसे पुराने संस्करण हैं, जिनमें एक या उससे अधिक अनुच्छेद सम्मिलित हैं, तो अनुवादक उन्हें सम्मिलित कर सकते हैं। यदि उन्हें सम्मिलित किया गया है, तो उन्हें यह इंगित करने के लिए वर्गाकार कोष्ठक (\ []) के अन्दर रखा जाना चाहिए कि वे मत्ती रचित सुसमाचार के मूल अंश नहीं थे। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/translate-textvariants]])

MAT 1 intro y7kk 0 # मत्ती 01 सामान्य टिप्पणियाँ
## संरचना एवं स्वरूपण

कुछ अनुवाद पुराने नियम के उद्धरण को शेष पाठ की तुलना में पृष्ठ पर दाईं तरफ आगे की ओर निर्धारित करते हैं। यूएलटी 1:23 में उद्धरित सामग्री के साथ ऐसा ही करता है।

## इस अध्याय में पाई जाने वाली विशेष अवधारणाएँ

### वंशावली

वंशावली एक ऐसी सूची है, जो किसी व्यक्ति के पूर्वजों या वंशजों के विवरण को लिपिबद्ध करती है। यहूदियों ने राजा बनने के लिए सही व्यक्ति का चयन करने के लिए वंशावली का उपयोग किया। उन्होंने ऐसा इसलिए किया क्योंकि केवल राजा का पुत्र ही राजा बन सकता था। महत्वपूर्ण लोगों के पास उनकी वंशावलियों के लिपिबद्ध विवरण थे।

## इस अध्याय के महत्वपूर्ण अलंकार

### कर्मवाच्य का उपयोग

मत्ती इस अध्याय में उद्देश्य-पूर्वक यह इंगित करने के लिए कर्मवाच्य का उपयोग करता है कि मरियम के किसी के साथ यौन सम्बन्ध में नहीं थे। उसने यीशु का गर्भधारण इसलिए किया क्योंकि पवित्र आत्मा ने आश्चर्यकर्म किया था। कई भाषाओं में कर्मवाच्य नहीं होता है, इसलिए उन भाषाओं के अनुवादकों को उस सच्चाई को प्रस्तुत करने के अन्य तरीकों को ढूँढ़ना चाहिए। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-activepassive]])
MAT 1 1 ava1 0 General Information: लेखक यह दिखाने के लिए यीशु की वंशावली के साथ आरम्भ करता है कि वह राजा दाऊद का और अब्राहम का एक वंशज है। वंशावली [मत्ती 1:17](../01/17.md) के माध्यम से जारी रहती है। MAT 1 1 y31w βίβλος γενέσεως Ἰησοῦ Χριστοῦ 1 The book of the genealogy of Jesus Christ "आप इसे एक पूर्ण वाक्य के रूप में अनुवाद कर सकते हैं। वैकल्पिक अनुवाद: ""यह यीशु मसीह के पूर्वजों की सूची है""" @@ -57,7 +57,7 @@ MAT 1 24 nr5e παρέλαβεν τὴν γυναῖκα αὐτοῦ 1 he took MAT 1 25 i7p5 figs-euphemism οὐκ ἐγίνωσκεν αὐτὴν 1 he did not know her "यह एक व्यंजना है। वैकल्पिक अनुवाद: ""उसने उसके साथ यौन सम्बन्ध नहीं बनाए"" (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-euphemism]])" MAT 1 25 dlm9 υἱόν 1 to a son "एक नर शिशु को या ""उसके पुत्र को।"" सुनिश्चित करें कि यह स्पष्ट है कि यूसुफ को वास्तविक पिता के रूप में चित्रित नहीं किया गया है। MAT 1 25 jtz8 καὶ ἐκάλεσεν τὸ ὄνομα αὐτοῦ, Ἰησοῦν 1 Then he called his name Jesus यूसुफ ने उस बच्चे को यीशु नाम दिया" -MAT 2 intro dz1c 0 "# मत्ती 02 सामान्य टिप्पणियाँ
## संरचना एवं स्वरूपण

कुछ अनुवाद पढ़ने के लिए आसान बनाने हेतु कविता की प्रत्येक पंक्ति को शेष पाठ की तुलना में दाईं तरफ आगे की ओर निर्धारित करते हैं। यूएलटी 6 और 18 के पदों की कविता के साथ ऐसा ही करता है, जो कि पुराने नियम के वचन हैं।

## इस अध्याय में पाई जाने वाली विशेष अवधारणाएँ

### ""उसका तारा""

ये शब्द संभवतः उस एक तारे को संदर्भित करते हैं, जिसके लिए ज्योतिषियों ने इस्राएल के एक नए राजा के होने के प्रतीक का विश्वास किया था। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/sign]])

## इस अध्याय में अन्य संभावित अनुवाद की कठिनाइयाँ

### ""ज्योतिषी""

अंग्रेज़ी अनुवाद इस वाक्यांश का अनुवाद करने के लिए कई अलग-अलग शब्दों का उपयोग करते हैं। इन शब्दों में ""ज्योतिषी"" और ""बुद्धिमान पुरुष"" सम्मिलित हैं। ये पुरुष वैज्ञानिक या गणक हो सकते थे। यदि आप कर सकते हैं, तो आपको सामान्य शब्द के साथ इन ""ज्योतिषियों"" का अनुवाद करना चाहिए।
" +MAT 2 intro dz1c 0 # मत्ती 02 सामान्य टिप्पणियाँ
## संरचना एवं स्वरूपण

कुछ अनुवाद पढ़ने के लिए आसान बनाने हेतु कविता की प्रत्येक पंक्ति को शेष पाठ की तुलना में दाईं तरफ आगे की ओर निर्धारित करते हैं। यूएलटी 6 और 18 के पदों की कविता के साथ ऐसा ही करता है, जो कि पुराने नियम के वचन हैं।

## इस अध्याय में पाई जाने वाली विशेष अवधारणाएँ

### ""उसका तारा""

ये शब्द संभवतः उस एक तारे को संदर्भित करते हैं, जिसके लिए ज्योतिषियों ने इस्राएल के एक नए राजा के होने के प्रतीक का विश्वास किया था। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/sign]])

## इस अध्याय में अन्य संभावित अनुवाद की कठिनाइयाँ

### ""ज्योतिषी""

अंग्रेज़ी अनुवाद इस वाक्यांश का अनुवाद करने के लिए कई अलग-अलग शब्दों का उपयोग करते हैं। इन शब्दों में ""ज्योतिषी"" और ""बुद्धिमान पुरुष"" सम्मिलित हैं। ये पुरुष वैज्ञानिक या गणक हो सकते थे। यदि आप कर सकते हैं, तो आपको सामान्य शब्द के साथ इन ""ज्योतिषियों"" का अनुवाद करना चाहिए।
MAT 2 1 j9yn 0 General Information: यहाँ कहानी का एक नया भाग आरम्भ होता है और इस अध्याय के अन्त तक जारी रहता है। मत्ती यहूदियों के नए राजा को मारने के लिए हेरोदेस के प्रयास के बारे में बताता है। MAT 2 1 k518 Βηθλέεμ τῆς Ἰουδαίας 1 Bethlehem of Judea यहूदिया प्रांत में बैतलहम शहर MAT 2 1 id55 ἐν…ἡμέραις Ἡρῴδου τοῦ βασιλέως 1 in the days of Herod the king जब हेरोदेस वहाँ राजा था @@ -126,7 +126,7 @@ MAT 2 22 h4cq translate-names Ἀρχέλαος 1 Archelaus यह हेरो MAT 2 22 zk37 ἐφοβήθη 1 he was afraid यूसुफ डर गया था MAT 2 23 dx5i figs-activepassive τὸ ῥηθὲν διὰ τῶν προφητῶν 1 what had been spoken through the prophets "इसे सक्रिय रूप में कहा जा सकता है। वैकल्पिक अनुवाद: ""परमेश्वर ने भविष्यद्वक्ताओं के माध्यम से बहुत पहले जो बात कही थी"" (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-activepassive]])" MAT 2 23 hc8g translate-names Ναζωραῖος κληθήσεται 1 he would be called a Nazarene "यहाँ ""वह"" यीशु को सन्दर्भित करता है। यीशु के समय से पहले भविष्यद्वक्ताओं ने उन्हें मसीहा या मसीह के रूप में सन्दर्भित किया होगा। वैकल्पिक अनुवाद: ""लोग कहेंगे कि मसीह एक नासरी है"" (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/translate-names]])" -MAT 3 intro a6h3 0 "# मत्ती 03 सामान्य टिप्पणियाँ
## संरचना एवं स्वरूपण

कुछ अनुवाद पुराने नियम के उद्धरणों को शेष पाठ की तुलना में पृष्ठ पर दाईं तरफ आगे की ओर निर्धारित करते हैं। यूएलटी पद 3 में उद्धरित सामग्री के साथ ऐसा करता है।

## इस अध्याय में पाई जाने वाली विशेष अवधारणाएँ

### ""मन फिराव के योग्य फल लाओ""

पवित्रशास्त्र में फल एक सामान्य शब्द चित्र है। लेखक या तो अच्छे या बुरे व्यवहार के परिणामों का वर्णन करने के लिए इसका उपयोग करते हैं। इस अध्याय में, परमेश्वर के आदेशों के अनुसार जीवन व्यतीत करने का परिणाम अच्छा फल है। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/other/fruit]])

## इस अध्याय में अन्य संभावित अनुवाद की कठिनाइयाँ

### ""स्वर्ग का राज्य निकट आ गया है""

कोई भी निश्चित रूप से यह नहीं जानता कि जब यूहन्ना ने इन शब्दों को बोला था तो ""स्वर्ग का राज्य"" वर्तमान में उपस्थित था या अभी आने वाला था। अंग्रेजी अनुवाद अक्सर ""निकट आ गया है"" वाक्यांश का उपयोग करते हैं, परन्तु इन शब्दों का अनुवाद करना कठिन हो सकता है। अन्य संस्करण ""निकट आ रहा है"" और ""निकट आ पहुँचा है"" वाक्यांशों का उपयोग करते हैं।
" +MAT 3 intro a6h3 0 # मत्ती 03 सामान्य टिप्पणियाँ
## संरचना एवं स्वरूपण

कुछ अनुवाद पुराने नियम के उद्धरणों को शेष पाठ की तुलना में पृष्ठ पर दाईं तरफ आगे की ओर निर्धारित करते हैं। यूएलटी पद 3 में उद्धरित सामग्री के साथ ऐसा करता है।

## इस अध्याय में पाई जाने वाली विशेष अवधारणाएँ

### ""मन फिराव के योग्य फल लाओ""

पवित्रशास्त्र में फल एक सामान्य शब्द चित्र है। लेखक या तो अच्छे या बुरे व्यवहार के परिणामों का वर्णन करने के लिए इसका उपयोग करते हैं। इस अध्याय में, परमेश्वर के आदेशों के अनुसार जीवन व्यतीत करने का परिणाम अच्छा फल है। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/other/fruit]])

## इस अध्याय में अन्य संभावित अनुवाद की कठिनाइयाँ

### ""स्वर्ग का राज्य निकट आ गया है""

कोई भी निश्चित रूप से यह नहीं जानता कि जब यूहन्ना ने इन शब्दों को बोला था तो ""स्वर्ग का राज्य"" वर्तमान में उपस्थित था या अभी आने वाला था। अंग्रेजी अनुवाद अक्सर ""निकट आ गया है"" वाक्यांश का उपयोग करते हैं, परन्तु इन शब्दों का अनुवाद करना कठिन हो सकता है। अन्य संस्करण ""निकट आ रहा है"" और ""निकट आ पहुँचा है"" वाक्यांशों का उपयोग करते हैं।
MAT 3 1 xp3z 0 General Information: यह कहानी के एक नए भाग का आरम्भ है, जहाँ यूहन्ना बपतिस्मा देनेवाले की सेवकाई के बारे में मत्ती बताता है। पद 3 में, मत्ती यशायाह भविष्यद्वक्ता को यह दिखाने के लिए उद्धरित करता है कि यूहन्ना बपतिस्मा देनेवाला यीशु के सेवकाई के लिए तैयारी करने हेतु परमेश्वर के नियुक्त संदेशवाहक था। MAT 3 1 d74m ἐν…ταῖς ἡμέραις ἐκείναις 1 In those days "यह यूसुफ और उसके परिवार के द्वारा मिस्र छोड़कर नासरत जाने के कई वर्षों बाद है। यह संभवतः उस समय के निकट है, जब यीशु अपनी सेवा को आरम्भ करता है। वैकल्पिक अनुवाद: ""कुछ समय बाद"" या ""कुछ वर्षों के बाद""" MAT 3 2 w7e9 figs-you μετανοεῖτε 1 Repent यह शैली में बहुवचन है। यूहन्ना भीड़ से बात कर रहा है। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-you]]) @@ -235,7 +235,7 @@ MAT 4 24 i296 figs-activepassive δαιμονιζομένους 1 those possesse MAT 4 24 p3nf figs-genericnoun σεληνιαζομένους 1 the epileptic "यह ऐसे किसी भी व्यक्ति को सन्दर्भित करता है जिसको मिर्गी थी, न कि कोई विशेष प्रकार की मिर्गी। वैकल्पिक अनुवाद: ""जिन लोगों को कभी-कभी मिर्गीदौरा पड़ता था"" या ""जो कभी-कभी बेहोश हो जाते थे और अनियन्त्रित हो जाते थे"" (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-genericnoun]])" MAT 4 24 qk4c figs-genericnoun καὶ παραλυτικούς 1 and paralytic "यह ऐसे किसी भी व्यक्ति को सन्दर्भित करता है जो लकवाग्रस्त था, न कि किसी विशेष पक्षाघात के कारण लकवा ग्रसित। वैकल्पिक अनुवाद: ""और कोई भी जो लकवाग्रस्त था"" या ""और जो लोग चल नहीं सकते थे"" (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-genericnoun]])" MAT 4 25 i9m7 translate-names Δεκαπόλεως 1 the Decapolis "इस नाम का अर्थ ""दस शहर"" है। यह गलील की झील के दक्षिणपूर्व में स्थित एक क्षेत्र का नाम है। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/translate-names]])" -MAT 5 intro awz8 0 "# मत्ती 05 सामान्य टिप्पणियाँ
## संरचना एवं स्वरूपण

कई लोग मत्ती 5-7 अध्याय में दिए गए वचनों को पहाड़ी उपदेश कहते हैं। यह एक लम्बी शिक्षा है, जिसे यीशु ने सिखाया था। बाइबल इस शिक्षा को तीन अध्यायों में विभाजित करती है, परन्तु यह कभी-कभी पाठक को भ्रमित कर सकता है। यदि आपका अनुवाद पाठ को खण्डों में विभाजित करता है, तो सुनिश्चित करें कि पाठक समझता है कि पूरा उपदेश एक बड़ा खण्ड है।

मत्ती 5:3-10 को धन्य वचन या आशीष वचन के रूप में जाना जाता है, जिन्हें पृष्ठ पर शेष पाठ की तुलना में दाईं तरफ आगे की ओर निर्धारित किया गया है और जिसकी प्रत्येक पंक्ति ""धन्य हैं वे"" शब्द से आरम्भ होती है। पृष्ठ पर शब्दों को रखने का यह तरीका इस शिक्षण के काव्य रूप को प्रमुखता प्रदान करता है।

यीशु ने इस उपदेश में कई अलग-अलग विषयों के बारे में बात की, इसलिए जब भी यीशु विषय को बदलता है, तो आप मूलपाठ में रिक्त रेखा को डालने के द्वारा पाठक की सहायता कर सकते हैं।

## इस अध्याय में पाई जाने वाली विशेष अवधारणाएँ

### ""उसके चेले""

यीशु का अनुसरण करने वाले किसी भी व्यक्ति को अनुयायी या चेले के रूप में सन्दर्भित करना संभव है। यीशु ने अपने अनुयायियों में से बारहों को अपने सबसे घनिष्ठ चेले, ""बारह चेले"" बनने के लिए चुना। बाद में वे प्रेरितों के रूप में जाने जाएँगे।
" +MAT 5 intro awz8 0 # मत्ती 05 सामान्य टिप्पणियाँ
## संरचना एवं स्वरूपण

कई लोग मत्ती 5-7 अध्याय में दिए गए वचनों को पहाड़ी उपदेश कहते हैं। यह एक लम्बी शिक्षा है, जिसे यीशु ने सिखाया था। बाइबल इस शिक्षा को तीन अध्यायों में विभाजित करती है, परन्तु यह कभी-कभी पाठक को भ्रमित कर सकता है। यदि आपका अनुवाद पाठ को खण्डों में विभाजित करता है, तो सुनिश्चित करें कि पाठक समझता है कि पूरा उपदेश एक बड़ा खण्ड है।

मत्ती 5:3-10 को धन्य वचन या आशीष वचन के रूप में जाना जाता है, जिन्हें पृष्ठ पर शेष पाठ की तुलना में दाईं तरफ आगे की ओर निर्धारित किया गया है और जिसकी प्रत्येक पंक्ति ""धन्य हैं वे"" शब्द से आरम्भ होती है। पृष्ठ पर शब्दों को रखने का यह तरीका इस शिक्षण के काव्य रूप को प्रमुखता प्रदान करता है।

यीशु ने इस उपदेश में कई अलग-अलग विषयों के बारे में बात की, इसलिए जब भी यीशु विषय को बदलता है, तो आप मूलपाठ में रिक्त रेखा को डालने के द्वारा पाठक की सहायता कर सकते हैं।

## इस अध्याय में पाई जाने वाली विशेष अवधारणाएँ

### ""उसके चेले""

यीशु का अनुसरण करने वाले किसी भी व्यक्ति को अनुयायी या चेले के रूप में सन्दर्भित करना संभव है। यीशु ने अपने अनुयायियों में से बारहों को अपने सबसे घनिष्ठ चेले, ""बारह चेले"" बनने के लिए चुना। बाद में वे प्रेरितों के रूप में जाने जाएँगे।
MAT 5 1 hz26 0 General Information: पद 3 में, यीशु आशीषित लोगों की विशेषताओं का वर्णन करना आरम्भ करता है। MAT 5 1 c5rq 0 Connecting Statement: यह कहानी के एक नए भाग का आरम्भ है, जिसमें यीशु अपने चेलों को शिक्षा देना आरम्भ करता है। यह भाग अध्याय 7 के अन्त तक जारी रहता है और यह अक्सर पहाड़ी उपदेश कहलाता है। MAT 5 2 q9mm figs-idiom ἀνοίξας τὸ στόμα αὐτοῦ 1 He opened his mouth "यह एक मुहावरा है। वैकल्पिक अनुवाद: ""यीशु ने बात करना आरम्भ किया"" (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-idiom]])" @@ -385,7 +385,7 @@ MAT 5 47 ba6e figs-rquestion τί περισσὸν ποιεῖτε? 1 what do y MAT 5 47 ben5 ἀσπάσησθε 1 greet सुनने वालों के कल्याण की इच्छा दिखाने के लिए यह एक सामान्य शब्द है। MAT 5 47 elw9 figs-rquestion οὐχὶ καὶ οἱ ἐθνικοὶ τὸ αὐτὸ ποιοῦσιν? 1 Do not even the Gentiles do the same thing? "इस प्रश्न का अनुवाद एक कथन के रूप में किया जा सकता है। वैकल्पिक अनुवाद: ""यहाँ तक कि अन्यजाति भी वही काम करते हैं।"" (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-rquestion]])" MAT 5 48 l6pa guidelines-sonofgodprinciples Πατὴρ 1 Father यह परमेश्वर के लिए एक महत्वपूर्ण उपाधि है। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/guidelines-sonofgodprinciples]]) -MAT 6 intro jrj2 0 "# मत्ती 06 सामान्य टिप्पणियाँ
## संरचना एवं स्वरूपण

मत्ती 6 अध्याय यीशु के ""पहाड़ी उपदेश"" के नाम से पहचाने जाने वाले विस्तारित शिक्षण को आगे बढ़ाता है।

आप 6:9-11 में दी हुई प्रार्थना को अलग करने की चाह करते हुए पृष्ठ पर शेष पाठ की तुलना में दाईं तरफ आगे की ओर निर्धारित कर सकते हैं।

यीशु ने इस उपदेश में कई अलग-अलग विषयों के बारे में बात की, इसलिए जब भी यीशु विषय को बदलता है, तो आप मूलपाठ में रिक्त रेखा को डालने के द्वारा पाठक की सहायता कर सकते हैं।" +MAT 6 intro jrj2 0 # मत्ती 06 सामान्य टिप्पणियाँ
## संरचना एवं स्वरूपण

मत्ती 6 अध्याय यीशु के ""पहाड़ी उपदेश"" के नाम से पहचाने जाने वाले विस्तारित शिक्षण को आगे बढ़ाता है।

आप 6:9-11 में दी हुई प्रार्थना को अलग करने की चाह करते हुए पृष्ठ पर शेष पाठ की तुलना में दाईं तरफ आगे की ओर निर्धारित कर सकते हैं।

यीशु ने इस उपदेश में कई अलग-अलग विषयों के बारे में बात की, इसलिए जब भी यीशु विषय को बदलता है, तो आप मूलपाठ में रिक्त रेखा को डालने के द्वारा पाठक की सहायता कर सकते हैं। MAT 6 1 zvn1 figs-you 0 General Information: "यीशु लोगों के एक समूह से इस बारे में बात कर रहा है कि उन्हें व्यक्तिगत रूप से क्या करना चाहिए और क्या नहीं करना चाहिए। जितने भी ""तू"" और ""अपने"" आए हैं वे सब बहुवचन हैं। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-you]])" MAT 6 1 at4q 0 Connecting Statement: "यीशु अपने चेलों को अपने पहाड़ी उपदेश में शिक्षा देना जारी रखते हैं, जो [मत्ती 5:3](../05/03.md) में आरम्भ हुआ था। इस खण्ड में, यीशु दान, प्रार्थना और उपवास के ""धार्मिकता के कामों"" को सम्बोधित करता है।" MAT 6 1 bgc7 figs-explicit ἔμπροσθεν τῶν ἀνθρώπων, πρὸς τὸ θεαθῆναι αὐτοῖς 1 before people to be seen by them "यह निहित है कि जो उस व्यक्ति को देखते हैं, वे उसे सम्मानित करेंगे। इसे सक्रिय रूप में कहा जा सकता है। वैकल्पिक अनुवाद: ""लोगों के बिलकुल सामने कि वे तुमको देख सकें और जो तुमने किया है, उसके लिए तुमको सम्मान दें"" (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-explicit]] और [[rc://hi/ta/man/translate/figs-activepassive]])" @@ -477,7 +477,7 @@ MAT 6 33 ep2c figs-metonymy ζητεῖτε…πρῶτον τὴν βασιλε MAT 6 33 ak39 figs-activepassive καὶ ταῦτα πάντα προστεθήσεται ὑμῖν 1 all these things will be given to you "इसे सक्रिय रूप में कहा जा सकता है। वैकल्पिक अनुवाद: ""परमेश्वर तुम्हारे लिए इन सब वस्तुओं का प्रबंध करेगा"" (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-activepassive]])" MAT 6 34 qm2a οὖν 1 Therefore इन सबके कारण MAT 6 34 xdg7 figs-personification ἡ…αὔριον μεριμνήσει ἑαυτῆς 1 tomorrow will be anxious for itself "यीशु ""कल"" को ऐसे बोलता है, जैसे कि यह एक व्यक्ति था, जो चिन्ता कर सकता था। यीशु का अर्थ है कि अगले दिन के आने पर एक व्यक्ति के पास चिन्ता करने के लिए बहुत सी बातें होंगी। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-personification]])" -MAT 7 intro bz7e 0 "# मत्ती 07 सामान्य टिप्पणियाँ
## संरचना एवं स्वरूपण

यीशु ने इस उपदेश में कई अलग-अलग विषयों के बारे में बात की है, इसलिए जब भी यीशु विषय को बदलता है, तो आप मूलपाठ में रिक्त रेखा को डालने के द्वारा पाठक की सहायता कर सकते हैं।

## इस अध्याय में पाई जाने वाली विशेष अवधारणाएँ

### मत्ती 5-7 अध्याय

कई लोग मत्ती 5-7 अध्याय में दिए हुए वचनों को पहाड़ी उपदेश कहते हैं। यह एक लम्बी शिक्षा है, जिसे यीशु ने सिखाया था। बाइबल इस शिक्षा को तीन अध्यायों में विभाजित करती है, परन्तु यह कभी-कभी पाठक को भ्रमित कर सकता है। यदि आपका अनुवाद पाठ को खण्डों में विभाजित करता है, तो सुनिश्चित करें कि पाठक समझता है कि पूरा उपदेश एक बड़ा खण्ड है।

### ""उनके फलों से तुम उन्हें पहचान लोगे""

पवित्रशास्त्र में फल एक सामान्य चित्र है। इसका उपयोग या तो अच्छे या बुरे कार्यों के परिणामों का वर्णन करने के लिए किया गया है। इस अध्याय में, परमेश्वर के आदेशों के अनुसार जीवन व्यतीत करने का परिणाम अच्छा फल है। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/other/fruit]])
" +MAT 7 intro bz7e 0 # मत्ती 07 सामान्य टिप्पणियाँ
## संरचना एवं स्वरूपण

यीशु ने इस उपदेश में कई अलग-अलग विषयों के बारे में बात की है, इसलिए जब भी यीशु विषय को बदलता है, तो आप मूलपाठ में रिक्त रेखा को डालने के द्वारा पाठक की सहायता कर सकते हैं।

## इस अध्याय में पाई जाने वाली विशेष अवधारणाएँ

### मत्ती 5-7 अध्याय

कई लोग मत्ती 5-7 अध्याय में दिए हुए वचनों को पहाड़ी उपदेश कहते हैं। यह एक लम्बी शिक्षा है, जिसे यीशु ने सिखाया था। बाइबल इस शिक्षा को तीन अध्यायों में विभाजित करती है, परन्तु यह कभी-कभी पाठक को भ्रमित कर सकता है। यदि आपका अनुवाद पाठ को खण्डों में विभाजित करता है, तो सुनिश्चित करें कि पाठक समझता है कि पूरा उपदेश एक बड़ा खण्ड है।

### ""उनके फलों से तुम उन्हें पहचान लोगे""

पवित्रशास्त्र में फल एक सामान्य चित्र है। इसका उपयोग या तो अच्छे या बुरे कार्यों के परिणामों का वर्णन करने के लिए किया गया है। इस अध्याय में, परमेश्वर के आदेशों के अनुसार जीवन व्यतीत करने का परिणाम अच्छा फल है। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/other/fruit]])
MAT 7 1 jav3 figs-you 0 General Information: "यीशु लोगों के एक समूह से इस बारे में बात कर रहा है कि उन्हें व्यक्तिगत रूप से क्या करना चाहिए और क्या नहीं करना चाहिए। ""तुम"" के उदाहरण और आज्ञाएँ बहुवचन हैं। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-you]])" MAT 7 1 f4fe 0 Connecting Statement: यीशु अपने चेलों को पहाड़ी उपदेश में शिक्षा देना जारी रखता है, जो [मत्ती 5:3](../05/03.md) में आरम्भ हुई थी। MAT 7 1 xk6w figs-explicit μὴ κρίνετε 1 Do not judge "यहाँ यह बताया गया है कि ""दोष"" का मजबूत अर्थ ""कठोरता से दण्ड देना"" या ""दोषी घोषित करना"" है। वैकल्पिक अनुवाद: ""लोगों को कठोरता से दण्ड न दो"" (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-explicit]])" @@ -653,7 +653,7 @@ MAT 8 33 ev2w figs-activepassive τὰ τῶν δαιμονιζομένων 1 wh MAT 8 34 b2hp ἰδοὺ 1 Behold यह इस बड़ी कहानी में एक और घटना के आरम्भ को चिन्हित करता है। इसमें पिछली घटनाओं की तुलना में अलग लोग सम्मिलित हो सकते हैं। आपकी भाषा में यह दिखाने का एक तरीका हो सकता है। MAT 8 34 j6sp figs-metonymy πᾶσα ἡ πόλις 1 all the city """नगर"" शब्द नगर के लोगों के लिए एक उपनाम है। ""नगर"" शब्द सम्भवतः इस बात पर जोर देने के लिए बढ़ा चढ़ा कर बोला गया है कि कितने सारे लोग बाहर आए थे। यह आवश्यक नहीं है कि हर व्यक्ति बाहर आया हो। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-metonymy]] और [[rc://hi/ta/man/translate/figs-hyperbole]])" MAT 8 34 bsf4 τῶν ὁρίων αὐτῶν 1 their region उनके इलाके से -MAT 9 intro tg41 0 "# मत्ती 09 सामान्य टिप्पणियाँ
## इस अध्याय में पाई जाने वाली विशेष अवधारणाएँ

### ""पापियों""

जब यीशु के समय के लोगों ने ""पापियों"" की बात की, तो वे उन लोगों के बारे में बात कर रहे थे, जिन्होंने मूसा की व्यवस्था का पालन नहीं किया और इसकी अपेक्षा चोरी करना या यौन पापों के जैसे पाप किए थे। जब यीशु ने कहा कि वह ""पापियों"" को बुलाने के लिए आया है, तो उसका अर्थ यह था कि जो विश्वास करते हैं कि वे पापी हैं, केवल वही लोग उसके अनुयायी हो सकते हैं। यह सच है, भले ही वे वैसे नहीं थे जैसे अधिकांश लोग ""पापियों"" के बारे में सोचते हैं। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/sin]])

## इस अध्याय में अन्य सम्भावित अनुवाद की कठिनाइयाँ

### कर्मवाच्य

इस अध्याय के कई वाक्य बताते हैं कि एक व्यक्ति के साथ कुछ घटित हुआ था, यह न बातते हुए कि किसने ऐसा किया था। आपको उस वाक्य का अनुवाद ऐसे करना है, ताकि वह पाठक को बता सके कि किसने यह कार्यवाही की है। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-activepassive]])

### अलंकारिक प्रश्न

इस अध्याय में वक्ताओं ने उन प्रश्नों को पूछा है जिनके उत्तर वे पहले से ही जानते थे। उन्होंने यह दिखाने के लिए कि वे सुनने वालों से आनन्दित नहीं थे या उन्हें शिक्षा देने के लिए या उनके विचार करने के लिए उन प्रश्नों को पूछा। आपकी भाषा में ऐसा करने का दूसरा तरीका हो सकता है। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-rquestion]])

### कहावतें

कहावतों में बहुत छोटे वाक्य होते हैं, जो ऐसे शब्दों का उपयोग करते हैं, जिन्हें किसी ऐसी बात के बारे में बताने के लिए स्मरण रखना आसान होता है जो सामान्य रूप से सत्य है। कहावतों को समझने वाले लोगों को वक्ता की भाषा और संस्कृति के बारे में सामान्य रूप से बहुत कुछ पता होना चाहिए। जब आप इस अध्याय में इन कहावतों का अनुवाद करते हैं, तो आपको वक्ता की तुलना में कहीं अधिक शब्दों का उपयोग करना पड़ सकता है, ताकि आप उस जानकारी को जोड़ सकें जिसका सुनने वालों को पता था, परन्तु आपका पाठक नहीं जानता है। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/writing-proverbs]])
" +MAT 9 intro tg41 0 # मत्ती 09 सामान्य टिप्पणियाँ
## इस अध्याय में पाई जाने वाली विशेष अवधारणाएँ

### ""पापियों""

जब यीशु के समय के लोगों ने ""पापियों"" की बात की, तो वे उन लोगों के बारे में बात कर रहे थे, जिन्होंने मूसा की व्यवस्था का पालन नहीं किया और इसकी अपेक्षा चोरी करना या यौन पापों के जैसे पाप किए थे। जब यीशु ने कहा कि वह ""पापियों"" को बुलाने के लिए आया है, तो उसका अर्थ यह था कि जो विश्वास करते हैं कि वे पापी हैं, केवल वही लोग उसके अनुयायी हो सकते हैं। यह सच है, भले ही वे वैसे नहीं थे जैसे अधिकांश लोग ""पापियों"" के बारे में सोचते हैं। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/sin]])

## इस अध्याय में अन्य सम्भावित अनुवाद की कठिनाइयाँ

### कर्मवाच्य

इस अध्याय के कई वाक्य बताते हैं कि एक व्यक्ति के साथ कुछ घटित हुआ था, यह न बातते हुए कि किसने ऐसा किया था। आपको उस वाक्य का अनुवाद ऐसे करना है, ताकि वह पाठक को बता सके कि किसने यह कार्यवाही की है। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-activepassive]])

### अलंकारिक प्रश्न

इस अध्याय में वक्ताओं ने उन प्रश्नों को पूछा है जिनके उत्तर वे पहले से ही जानते थे। उन्होंने यह दिखाने के लिए कि वे सुनने वालों से आनन्दित नहीं थे या उन्हें शिक्षा देने के लिए या उनके विचार करने के लिए उन प्रश्नों को पूछा। आपकी भाषा में ऐसा करने का दूसरा तरीका हो सकता है। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-rquestion]])

### कहावतें

कहावतों में बहुत छोटे वाक्य होते हैं, जो ऐसे शब्दों का उपयोग करते हैं, जिन्हें किसी ऐसी बात के बारे में बताने के लिए स्मरण रखना आसान होता है जो सामान्य रूप से सत्य है। कहावतों को समझने वाले लोगों को वक्ता की भाषा और संस्कृति के बारे में सामान्य रूप से बहुत कुछ पता होना चाहिए। जब आप इस अध्याय में इन कहावतों का अनुवाद करते हैं, तो आपको वक्ता की तुलना में कहीं अधिक शब्दों का उपयोग करना पड़ सकता है, ताकि आप उस जानकारी को जोड़ सकें जिसका सुनने वालों को पता था, परन्तु आपका पाठक नहीं जानता है। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/writing-proverbs]])
MAT 9 1 nl8w 0 Connecting Statement: मत्ती यीशु के लोगों को चंगा करने के विषय पर लौटता है, जिसे उसने [मत्ती 8:1](../08/01.md) में आरम्भ किया था। यह यीशु के एक लकवे के मारे हुए व्यक्ति को चंगा करने का एक वर्णन आरम्भ करता है। MAT 9 1 ly42 figs-activepassive ἐμβὰς εἰς πλοῖο 1 Jesus entered a boat यह निहित है कि चेले यीशु के साथ थे। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-activepassive]]) MAT 9 1 cs8l πλοῖον 1 a boat यह सम्भवतः वही नाव है जो कि [मत्ती 8:23](../08/23.md) में है। आपको केवल भ्रम से बचने के लिए इसे निर्दिष्ट करने की आवश्यकता है। @@ -787,7 +787,7 @@ MAT 9 37 mur4 writing-proverbs ὁ μὲν θερισμὸς πολύς, οἱ MAT 9 37 m6ke ὁ μὲν θερισμὸς πολύς 1 The harvest is plentiful किसी के द्वारा इकट्ठा करने के लिए बहुत सारा पका हुआ भोजन है" MAT 9 37 h3a2 ἐργάται 1 laborers काम करने वालों को MAT 9 38 vz8y δεήθητε…τοῦ Κυρίου τοῦ θερισμοῦ 1 pray to the Lord of the harvest परमेश्वर से प्रार्थना करो, क्योंकि वही इस फसल का कर्ताधर्ता है। -MAT 10 intro m5iu 0 "# मत्ती 10 सामान्य टिप्पणियाँ
## इस अध्याय में पाई जाने वाली विशेष अवधारणाएँ

### बारह अनुयायियों को भेजना

इस अध्याय में कई वचन बताते हैं कि यीशु ने बारह चेलों को कैसे भेजा। उसने उन्हें स्वर्ग के राज्य के बारे में अपना संदेश बताने के लिए भेजा। उनको उसका संदेश केवल इस्राएल में बताना था और उसे अन्यजातियों के साथ साझा नहीं करना था।

## इस अध्याय में अन्य सम्भावित अनुवाद की कठिनाइयाँ

### बारह चेले

बारह चेलों की निम्नलिखित सूची है:

मत्ती में:

शमौन (पतरस), अन्द्रियास, जब्दी का पुत्र याकूब, जब्दी का पुत्र यूहन्ना, फिलिप्पुस, बरतुल्मै, थोमा, मत्ती, हलफईस का पुत्र याकूब, तद्दै, शमौन कनानी और यहूदा इस्करियोती।

मरकुस में:

शमौन (पतरस), अन्द्रियास, जब्दी का पुत्र याकूब और जब्दी का पुत्र यूहन्ना (जिसे उसने बुअनरगिस नाम दिया, यानी, गर्जन का पुत्र), फिलिप्पुस, बरतुल्मै, मत्ती, थोमा, हलफईस का पुत्र याकूब, तद्दै, शमौन कनानी, और यहूदा इस्करियोती।

लूका में:

शमौन (पतरस), अन्द्रियास, याकूब, यूहन्ना, फिलिप्पुस, बरतुल्मै, मत्ती, थोमा, हलफई का पुत्र याकूब, शमौन (जो कनानी कहलाता था), याकूब का पुत्र यहूदा और यहूदा इस्करियोती।

तद्दै सम्भवतः याकूब का पुत्र यहूदा ही है।

### ""स्वर्ग का राज्य निकट आ गया है""

जब यूहन्ना ने इन शब्दों को बोला था तो कोई भी निश्चित रूप से नहीं जानता है कि ""स्वर्ग का राज्य"" आ पहुँचा था या आने वाला था। अंग्रेजी अनुवाद अक्सर ""आ पहुँचा है"" वाक्यांश का उपयोग करते हैं, परन्तु इन शब्दों का अनुवाद करना कठिन हो सकता है। अन्य संस्करण ""निकट आ रहा है"" और ""निकट आ पहुँचा है"" वाक्यांशों का उपयोग करते हैं।
" +MAT 10 intro m5iu 0 # मत्ती 10 सामान्य टिप्पणियाँ
## इस अध्याय में पाई जाने वाली विशेष अवधारणाएँ

### बारह अनुयायियों को भेजना

इस अध्याय में कई वचन बताते हैं कि यीशु ने बारह चेलों को कैसे भेजा। उसने उन्हें स्वर्ग के राज्य के बारे में अपना संदेश बताने के लिए भेजा। उनको उसका संदेश केवल इस्राएल में बताना था और उसे अन्यजातियों के साथ साझा नहीं करना था।

## इस अध्याय में अन्य सम्भावित अनुवाद की कठिनाइयाँ

### बारह चेले

बारह चेलों की निम्नलिखित सूची है:

मत्ती में:

शमौन (पतरस), अन्द्रियास, जब्दी का पुत्र याकूब, जब्दी का पुत्र यूहन्ना, फिलिप्पुस, बरतुल्मै, थोमा, मत्ती, हलफईस का पुत्र याकूब, तद्दै, शमौन कनानी और यहूदा इस्करियोती।

मरकुस में:

शमौन (पतरस), अन्द्रियास, जब्दी का पुत्र याकूब और जब्दी का पुत्र यूहन्ना (जिसे उसने बुअनरगिस नाम दिया, यानी, गर्जन का पुत्र), फिलिप्पुस, बरतुल्मै, मत्ती, थोमा, हलफईस का पुत्र याकूब, तद्दै, शमौन कनानी, और यहूदा इस्करियोती।

लूका में:

शमौन (पतरस), अन्द्रियास, याकूब, यूहन्ना, फिलिप्पुस, बरतुल्मै, मत्ती, थोमा, हलफई का पुत्र याकूब, शमौन (जो कनानी कहलाता था), याकूब का पुत्र यहूदा और यहूदा इस्करियोती।

तद्दै सम्भवतः याकूब का पुत्र यहूदा ही है।

### ""स्वर्ग का राज्य निकट आ गया है""

जब यूहन्ना ने इन शब्दों को बोला था तो कोई भी निश्चित रूप से नहीं जानता है कि ""स्वर्ग का राज्य"" आ पहुँचा था या आने वाला था। अंग्रेजी अनुवाद अक्सर ""आ पहुँचा है"" वाक्यांश का उपयोग करते हैं, परन्तु इन शब्दों का अनुवाद करना कठिन हो सकता है। अन्य संस्करण ""निकट आ रहा है"" और ""निकट आ पहुँचा है"" वाक्यांशों का उपयोग करते हैं।
MAT 10 1 nhp2 0 Connecting Statement: यह यीशु द्वारा अपने बारह चेलों को उसका काम करने के लिए भेजने के वर्णन को आरंभ करता है। MAT 10 1 gjs9 translate-numbers καὶ προσκαλεσάμενος τοὺς δώδεκα μαθητὰς αὐτοῦ 1 called his twelve disciples together "अपने 12 चेलों को बुलाया (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/translate-numbers]]) MAT 10 1 x1er ἔδωκεν αὐτοῖς ἐξουσίαν 1 gave them authority सुनिश्चित करें कि पाठ स्पष्ट रूप से यह बताता है कि यह अधिकार 1) अशुद्ध आत्माओं को निकालना और (2) बीमारियों और दुर्बलताओं को चंगा करना था। @@ -966,7 +966,7 @@ MAT 10 42 lza6 εἰς ὄνομα μαθητοῦ 1 because he is a disciple MAT 10 42 wx29 ἀμὴν, λέγω ὑμῖν 1 truly I say to you मैं तुमको सत्य बताता हूँ। यह वाक्यांश यीशु आगे जो कहने वाला है, उसके ऊपर जोर देता है। MAT 10 42 y1ie οὐ μὴ ἀπολέσῃ τὸν μισθὸν αὐτοῦ 1 he will ... his reward यहाँ ""वह"" और ""अपना"" शब्द उस देने वाले जन को सन्दर्भित करते हैं। MAT 10 42 d61l οὐ μὴ ἀπολέσῃ 1 he will in no way lose परमेश्वर उसे देने से इंकार न करेगा। इसका ले ली गई सम्पत्ति को पाने से कोई लेना-देना नहीं है। इसे सकारात्मक रूप में व्यक्त किया जा सकता है। वैकल्पिक अनुवाद: ""परमेश्वर निश्चित रूप से उसे दे देगा""" -MAT 11 intro puf4 0 "# मत्ती 11 सामान्य टिप्पणियाँ
##

संरचना एवं संरूपण

कुछ अनुवाद पुराने नियम के उद्धरणों को पृष्ठ पर शेष पाठ की तुलना में दाईं तरफ आगे की ओर निर्धारित करते हैं। यूएलटी अनुवाद 11:10 में उद्धरित सामग्री के साथ ऐसा करता है।

कुछ विद्वानों का मानना ​​है कि [मत्ती 11:20](../../mat/11/20.md) इस्राएल के उसे अस्वीकृत करने के कारण मसीह की सेवकाई में एक नए चरण को आरम्भ करता है।

## इस अध्याय में पाई जाने वाली विशेष अवधारणाएँ

### छिपा हुआ प्रकाशन

[मत्ती 11:20](../../mat/11/20.md) के बाद, यीशु के बारे में और परमेश्वर पिता की योजनाओं के बारे में जानकारी को प्रकट करना आरम्भ करता है, जबकि इस जानकारी को उन लोगों से छिपाता है, जो उसे अस्वीकार करते हैं ([मत्ती 11:25](../../mat/11/25.md))।

## इस अध्याय में अन्य सम्भावित अनुवाद की कठिनाइयाँ

### ""स्वर्ग का राज्य निकट है""

कोई भी निश्चित रूप से यह नहीं जानता कि जब यूहन्ना ने इन शब्दों को बोला था तो ""स्वर्ग का राज्य"" वर्तमान में था या आनेवाला था। अंग्रेजी अनुवाद अक्सर ""आ पहुँचा है"" वाक्यांश का उपयोग करते हैं, परन्तु इन शब्दों का अनुवाद करना कठिन हो सकता है। अन्य संस्करण ""निकट आ रहा है"" और ""निकट आ पहुँचा है"" वाक्यांशों का उपयोग करते हैं।
" +MAT 11 intro puf4 0 # मत्ती 11 सामान्य टिप्पणियाँ
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संरचना एवं संरूपण

कुछ अनुवाद पुराने नियम के उद्धरणों को पृष्ठ पर शेष पाठ की तुलना में दाईं तरफ आगे की ओर निर्धारित करते हैं। यूएलटी अनुवाद 11:10 में उद्धरित सामग्री के साथ ऐसा करता है।

कुछ विद्वानों का मानना ​​है कि [मत्ती 11:20](../../mat/11/20.md) इस्राएल के उसे अस्वीकृत करने के कारण मसीह की सेवकाई में एक नए चरण को आरम्भ करता है।

## इस अध्याय में पाई जाने वाली विशेष अवधारणाएँ

### छिपा हुआ प्रकाशन

[मत्ती 11:20](../../mat/11/20.md) के बाद, यीशु के बारे में और परमेश्वर पिता की योजनाओं के बारे में जानकारी को प्रकट करना आरम्भ करता है, जबकि इस जानकारी को उन लोगों से छिपाता है, जो उसे अस्वीकार करते हैं ([मत्ती 11:25](../../mat/11/25.md))।

## इस अध्याय में अन्य सम्भावित अनुवाद की कठिनाइयाँ

### ""स्वर्ग का राज्य निकट है""

कोई भी निश्चित रूप से यह नहीं जानता कि जब यूहन्ना ने इन शब्दों को बोला था तो ""स्वर्ग का राज्य"" वर्तमान में था या आनेवाला था। अंग्रेजी अनुवाद अक्सर ""आ पहुँचा है"" वाक्यांश का उपयोग करते हैं, परन्तु इन शब्दों का अनुवाद करना कठिन हो सकता है। अन्य संस्करण ""निकट आ रहा है"" और ""निकट आ पहुँचा है"" वाक्यांशों का उपयोग करते हैं।
MAT 11 1 z2y7 writing-newevent 0 General Information: यह कहानी के एक नए भाग का आरम्भ है, जहाँ मत्ती बताता है कि यीशु ने यूहन्ना बपतिस्मा देनेवाले के चेलों के कैसे प्रतिक्रिया दी। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/writing-newevent]]) MAT 11 1 dr3u καὶ ἐγένετο ὅτε 1 It came about that when "यह वाक्यांश कहानी को यीशु की शिक्षाओं से जो आगे क्या घटित हुआ उस ओर मोड़ता है। वैकल्पिक अनुवाद: ""फिर"" या ""इसके बाद""" MAT 11 1 ki7f ἐτέλεσεν…διατάσσων 1 had finished instructing "शिक्षा देना समाप्त कर दिया था या ""आदेश देना समाप्त कर दिया था।""" @@ -1091,7 +1091,7 @@ MAT 11 29 i3qs figs-metonymy ταπεινὸς τῇ καρδίᾳ 1 lowly in he MAT 11 29 i3ls figs-synecdoche εὑρήσετε ἀνάπαυσιν ταῖς ψυχαῖς ὑμῶν 1 you will find rest for your souls "यहाँ ""मन"" पूरे व्यक्ति को सन्दर्भित करता है। वैकल्पिक अनुवाद: ""तुम अपने लिए आराम को पाओगे"" या ""तुम आराम करने में सक्षम हो जाओगे"" (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-synecdoche]])" MAT 11 30 ynf1 figs-parallelism ὁ γὰρ ζυγός μου χρηστὸς καὶ τὸ φορτίον μου ἐλαφρόν ἐστιν 1 For my yoke is easy and my burden is light "इन दोनों वाक्यांशों का अर्थ एक ही बात है। यीशु इस बात के ऊपर जोर दे रहा है कि यहूदी व्यवस्था की तुलना में उसका आज्ञापालन करना आसान है। वैकल्पिक अनुवाद: ""क्योंकि जो मैं तुम्हारे ऊपर रखता हूँ, उसे तुम उठाने में सक्षम होओगे क्योंकि यह हल्का है"" (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-parallelism]])" MAT 11 30 tc2g τὸ φορτίον μου ἐλαφρόν ἐστιν 1 my burden is light "यहाँ ""हल्का"" शब्द भारी के विपरीत है, अन्धकार के विपरीत नहीं।" -MAT 12 intro y7z6 0 "# मत्ती 12 सामान्य टिप्पणियाँ
## संरचना एवं संरूपण

कुछ अनुवाद पढ़ने के लिए आसान बनाने के लिए शेष पाठ की तुलना में कविता की प्रत्येक पंक्ति को दाईं तरफ आगे की ओर व्यवस्थित करते हैं। यूएलटी अनुवाद 12:18-21 की कविता के साथ ऐसा करता है, जो कि पुराने नियम के वचन हैं।

## इस अध्याय में पाई जाने वाली विशेष अवधारणाएँ

### सब्त

इस अध्याय में इस बारे में बहुत कुछ कहा गया है कि परमेश्वर के लोगों को सब्त का पालन कैसे करना है। यीशु ने कहा कि फरीसियों के द्वारा बनाए गए नियमों ने लोगों को सब्त का पालन करने में सहायता नहीं की, जिस तरह से परमेश्वर उनसे चाहता था। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/sabbath]])

### ""आत्मा के विरूद्ध निन्दा""

कोई भी निश्चित रूप से यह नहीं जानता कि लोग क्या करते हैं या वे किन शब्दों को कहते हैं जब वे इस पाप को करते हैं। यद्यपि, वे सम्भवतः पवित्र आत्मा और उसके काम का अपमान करते हैं। पवित्र आत्मा के काम का भाग लोगों को यह समझाना है कि वे पापी हैं और उन्हें परमेश्वर की क्षमा को प्राप्त करने की आवश्यकता है। इसलिए, जो भी पाप करना बन्द करने का प्रयास नहीं करता है वह सम्भवतः आत्मा के विरूद्ध निन्दा का कार्य कर रहा है। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/blasphemy]] और [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/holyspirit]])

## इस अध्याय में अन्य सम्भावित अनुवाद की कठिनाइयाँ

### भाइयों और बहनों

अधिकांश लोग उनको ""भाई"" और ""बहन"" बुलाते हैं, जिनके माता-पिता एक ही हैं और उनके अपने जीवन में सबसे महत्वपूर्ण लोगों के रूप में मानते हैं। बहुत से लोग उन लोगों को भी ""भाई"" और ""बहन"" बुलाते हैं जिनके दादा-दादी एक ही होते हैं। इस अध्याय में यीशु कहता है कि उनके लिए सबसे महत्वपूर्ण लोग वे हैं जो उनके पिता की आज्ञा का पालन करते हैं जो स्वर्ग में है। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/brother]])
" +MAT 12 intro y7z6 0 # मत्ती 12 सामान्य टिप्पणियाँ
## संरचना एवं संरूपण

कुछ अनुवाद पढ़ने के लिए आसान बनाने के लिए शेष पाठ की तुलना में कविता की प्रत्येक पंक्ति को दाईं तरफ आगे की ओर व्यवस्थित करते हैं। यूएलटी अनुवाद 12:18-21 की कविता के साथ ऐसा करता है, जो कि पुराने नियम के वचन हैं।

## इस अध्याय में पाई जाने वाली विशेष अवधारणाएँ

### सब्त

इस अध्याय में इस बारे में बहुत कुछ कहा गया है कि परमेश्वर के लोगों को सब्त का पालन कैसे करना है। यीशु ने कहा कि फरीसियों के द्वारा बनाए गए नियमों ने लोगों को सब्त का पालन करने में सहायता नहीं की, जिस तरह से परमेश्वर उनसे चाहता था। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/sabbath]])

### ""आत्मा के विरूद्ध निन्दा""

कोई भी निश्चित रूप से यह नहीं जानता कि लोग क्या करते हैं या वे किन शब्दों को कहते हैं जब वे इस पाप को करते हैं। यद्यपि, वे सम्भवतः पवित्र आत्मा और उसके काम का अपमान करते हैं। पवित्र आत्मा के काम का भाग लोगों को यह समझाना है कि वे पापी हैं और उन्हें परमेश्वर की क्षमा को प्राप्त करने की आवश्यकता है। इसलिए, जो भी पाप करना बन्द करने का प्रयास नहीं करता है वह सम्भवतः आत्मा के विरूद्ध निन्दा का कार्य कर रहा है। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/blasphemy]] और [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/holyspirit]])

## इस अध्याय में अन्य सम्भावित अनुवाद की कठिनाइयाँ

### भाइयों और बहनों

अधिकांश लोग उनको ""भाई"" और ""बहन"" बुलाते हैं, जिनके माता-पिता एक ही हैं और उनके अपने जीवन में सबसे महत्वपूर्ण लोगों के रूप में मानते हैं। बहुत से लोग उन लोगों को भी ""भाई"" और ""बहन"" बुलाते हैं जिनके दादा-दादी एक ही होते हैं। इस अध्याय में यीशु कहता है कि उनके लिए सबसे महत्वपूर्ण लोग वे हैं जो उनके पिता की आज्ञा का पालन करते हैं जो स्वर्ग में है। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/brother]])
MAT 12 1 u1f2 0 General Information: यह कहानी के एक नए भाग का आरम्भ है, जहाँ मत्ती यीशु के सेवकाई के प्रति बढ़ते हुए विरोध के बारे में बताता है। यहाँ, फरीसियों ने सब्त के दिन बालें खाने के लिए उसके चेलों की आलोचना की। MAT 12 1 m2n1 ἐν ἐκείνῳ τῷ καιρῷ 1 At that time "यह कहानी के एक नए भाग को चिन्हित करता है। वैकल्पिक अनुवाद: ""थोड़ी देर के बाद""" MAT 12 1 tvt9 translate-unknown τῶν σπορίμων 1 grainfields "अनाज उगाने का एक स्थान यदि गेहूँ अज्ञात है और ""अनाज"" बहुत सामान्य है, तो आप ""उन पौधों के खेत जिनसे वे रोटी बनाया करते हैं"" का उपयोग कर सकते हैं। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/translate-unknown]])" @@ -1277,7 +1277,7 @@ MAT 12 49 rxe8 figs-metaphor ἡ μήτηρ μου καὶ οἱ ἀδελφοί MAT 12 50 e25c ὅστις…ἂν ποιήσῃ 1 whoever does जो कोई भी ... पर चले MAT 12 50 mq9r guidelines-sonofgodprinciples τοῦ Πατρός 1 Father यह परमेश्वर के लिए एक महत्वपूर्ण उपाधि है। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/guidelines-sonofgodprinciples]]) MAT 12 50 gn31 figs-metaphor αὐτός μου ἀδελφὸς, καὶ ἀδελφὴ, καὶ μήτηρ ἐστίν 1 that person is my brother, and sister, and mother यह एक रूपक है जिसका अर्थ है कि जो लोग परमेश्वर की आज्ञा का पालन करते हैं, वे यीशु के आत्मिक परिवार से सम्बन्धित हैं। यह उसके भौतिक परिवार से सम्बन्धित होने से कहीं अधिक महत्वपूर्ण है। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-metaphor]]) -MAT 13 intro s3lu 0 "# मत्ती 13 सामान्य टिप्पणियाँ
## संरचना और संरूपण

कुछ अनुवाद पढ़ने के लिए आसान बनाने के लिए शेष पाठ की तुलना में कविता की प्रत्येक पंक्ति को दाईं तरफ आगे की ओर व्यवस्थित करते हैं। यूएलटी अनुवाद 13:14-15 की कविता के साथ ऐसा करता है, जो कि पुराने नियम के वचन हैं।

यह अध्याय एक नए खण्ड को आरम्भ करता है। इसमें स्वर्ग के राज्य के बारे में यीशु के कुछ दृष्टांत पाए जाते हैं।

## इस अध्याय में बोले जाने वाले महत्वपूर्ण आँकड़े

### उपनाम

यीशु अक्सर ""स्वर्ग"" शब्द कहता है, जब वह अपने सुननेवालों से चाहता है कि वे परमेश्वर के बारे में सोचें, जो स्वर्ग में रहता है ([मत्ती 13:11](../../mat/13/11.md))।

### निहितार्थ सूचना

वक्ता सामान्य रूप से उन बातों को नहीं बोलते जिसके लिए वे सोचते हैं कि उनके सुननेवाले पहले से ही समझते हैं। जब मत्ती ने लिखा कि यीशु ""झील के किनारे जा बैठा"" ([मत्ती 13:1](../../mat/13/01.md)), तो सम्भवतः उसने यह अपेक्षा की थी कि उसके सुननेवाले यह जान लें कि यीशु उन लोगों को शिक्षा देनेवाला था। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-explicit]])

### रूपक

वक्ता अक्सर उन वस्तुओं के शब्दों का उपयोग जिन्हें स्पर्श किया जा सकता है, उन वस्तुओं की बात करने के लिए करते हैं जिन्हें स्पर्श नहीं किया जा सकता है। यीशु ने यह वर्णन करने के लिए एक पक्षी के बीज खाने के बारे में बताया कि शैतान लोगों को यीशु के संदेश को समझने से कैसे दूर रखता है ([मत्ती 13:19](../../mat/13/19.md))।

## इस अध्याय में अनुवाद सम्बन्धित अन्य सम्भावित कठिनाइयाँ

### कर्मवाच्य

इस अध्याय में कई वाक्यों से पता चलता है कि किसी व्यक्ति के साथ कुछ घटित हो गया था, बिना यह बताए कि किसने ऐसा किया था। उदाहरण के लिए, ""वे जल गए थे"" ([मत्ती 13:6](../../mat/13/06.md))। आपको उस वाक्य का अनुवाद ऐसे करना है, ताकि वह पाठक को बता सके कि किसने यह कार्यवाही की है। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-activepassive]])

### दृष्टांत

दृष्टांत छोटी कहानियाँ थीं, जिन्हें यीशु ने इसलिए बताया था, ताकि लोग आसानी से उस शिक्षा को समझ सकें जिसे वह उन्हें सिखाने का प्रयास कर रहा था। उसने ऐसी कहानियों को भी बताया था कि जो लोग उस पर विश्वास नहीं करना चाहते वे सत्य को समझ न पाएँ ([मत्ती 13:11-13](./11.md)).
" +MAT 13 intro s3lu 0 # मत्ती 13 सामान्य टिप्पणियाँ
## संरचना और संरूपण

कुछ अनुवाद पढ़ने के लिए आसान बनाने के लिए शेष पाठ की तुलना में कविता की प्रत्येक पंक्ति को दाईं तरफ आगे की ओर व्यवस्थित करते हैं। यूएलटी अनुवाद 13:14-15 की कविता के साथ ऐसा करता है, जो कि पुराने नियम के वचन हैं।

यह अध्याय एक नए खण्ड को आरम्भ करता है। इसमें स्वर्ग के राज्य के बारे में यीशु के कुछ दृष्टांत पाए जाते हैं।

## इस अध्याय में बोले जाने वाले महत्वपूर्ण आँकड़े

### उपनाम

यीशु अक्सर ""स्वर्ग"" शब्द कहता है, जब वह अपने सुननेवालों से चाहता है कि वे परमेश्वर के बारे में सोचें, जो स्वर्ग में रहता है ([मत्ती 13:11](../../mat/13/11.md))।

### निहितार्थ सूचना

वक्ता सामान्य रूप से उन बातों को नहीं बोलते जिसके लिए वे सोचते हैं कि उनके सुननेवाले पहले से ही समझते हैं। जब मत्ती ने लिखा कि यीशु ""झील के किनारे जा बैठा"" ([मत्ती 13:1](../../mat/13/01.md)), तो सम्भवतः उसने यह अपेक्षा की थी कि उसके सुननेवाले यह जान लें कि यीशु उन लोगों को शिक्षा देनेवाला था। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-explicit]])

### रूपक

वक्ता अक्सर उन वस्तुओं के शब्दों का उपयोग जिन्हें स्पर्श किया जा सकता है, उन वस्तुओं की बात करने के लिए करते हैं जिन्हें स्पर्श नहीं किया जा सकता है। यीशु ने यह वर्णन करने के लिए एक पक्षी के बीज खाने के बारे में बताया कि शैतान लोगों को यीशु के संदेश को समझने से कैसे दूर रखता है ([मत्ती 13:19](../../mat/13/19.md))।

## इस अध्याय में अनुवाद सम्बन्धित अन्य सम्भावित कठिनाइयाँ

### कर्मवाच्य

इस अध्याय में कई वाक्यों से पता चलता है कि किसी व्यक्ति के साथ कुछ घटित हो गया था, बिना यह बताए कि किसने ऐसा किया था। उदाहरण के लिए, ""वे जल गए थे"" ([मत्ती 13:6](../../mat/13/06.md))। आपको उस वाक्य का अनुवाद ऐसे करना है, ताकि वह पाठक को बता सके कि किसने यह कार्यवाही की है। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-activepassive]])

### दृष्टांत

दृष्टांत छोटी कहानियाँ थीं, जिन्हें यीशु ने इसलिए बताया था, ताकि लोग आसानी से उस शिक्षा को समझ सकें जिसे वह उन्हें सिखाने का प्रयास कर रहा था। उसने ऐसी कहानियों को भी बताया था कि जो लोग उस पर विश्वास नहीं करना चाहते वे सत्य को समझ न पाएँ ([मत्ती 13:11-13](./11.md)).
MAT 13 1 r4xv 0 General Information: यह कहानी के एक नए भाग का आरम्भ है, जहाँ यीशु स्वर्ग के राज्य के बारे में दृष्टांतों का उपयोग करके भीड़ को शिक्षा देना आरम्भ करता है। MAT 13 1 vx5y ἐν τῇ ἡμέρᾳ ἐκείνῃ 1 On that day ये घटनाएँ उसी दिन हुई थीं, जो कि पिछले अध्याय में घटित हुई थीं। MAT 13 1 cy1t ἐξελθὼν…τῆς οἰκίας 1 out of the house यह उल्लेख नहीं किया गया है कि यीशु किसके घर में रह रहा था। @@ -1558,7 +1558,7 @@ MAT 14 35 xd7c ἀπέστειλαν 1 they sent messages उस क्षे MAT 14 36 ql3y καὶ παρεκάλουν αὐτὸν 1 They begged him बीमार लोग उससे विनती करने लगे MAT 14 36 x8jv τοῦ ἱματίου αὐτοῦ 1 his garment "अपना कुर्ता या ""जो वह पहने हुए था""" MAT 14 36 mw8n figs-activepassive διεσώθησαν 1 were healed "इसे सक्रिय रूप में कहा जा सकता है। वैकल्पिक अनुवाद: ""अच्छे हो गए"" (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-activepassive]])" -MAT 15 intro i9a5 0 "# मत्ती 15 सामान्य टिप्पणियाँ
## संरचना एवं स्वरूपण

कुछ अनुवाद पढ़ने के लिए आसान बनाने हेतु शेष पाठ की तुलना में कविता की प्रत्येक पंक्ति को दाईं तरफ आगे की ओर व्यवस्थित करते हैं। यूएलटी अनुवाद 15:8-9 में कविता के साथ ऐसा करता है, जो कि पुराने नियम के वचन हैं।

## इस अध्याय में पाई जाने वाली विशेष अवधारणाएँ

### ""पूर्वजों की परम्पराएँ""

""पूर्वजों की परम्पराएँ"" मौखिक व्यवस्थाएँ थीं, जिन्हें यहूदी धार्मिक अगुवों ने इसलिए विकसित किया क्योंकि वे यह सुनिश्चित करना चाहते थे कि हर किसी ने मूसा की व्यवस्था का पालन किया है। यद्यपि, उन्होंने अक्सर मूसा की व्यवस्थाओं का पालन करने की अपेक्षा इन नियमों का पालन करने के लिए कठोर परिश्रम किया था। यीशु ने इसके लिए धार्मिक अगुवों को डाँटा, और जिसके परिणामस्वरूप वे क्रोधित हो गए। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/lawofmoses]])

### यहूदी और अन्यजाति

यीशु के समय के यहूदी सोचते थे जिस तरह यहूदी लोग जीवन जीते थे, केवल वे ही परमेश्वर को प्रसन्न कर सकते थे। यीशु ने एक अन्यजाति कनानी स्त्री की पुत्री को अपने अनुयायियों को यह दिखाने के लिए चंगा किया कि वह यहूदियों और अन्यजातियों दोनों को अपने लोगों के रूप में ग्रहण करेगा।

## इस अध्याय में अन्य संभावित अनुवाद की कठिनाइयाँ

### बाइबल अक्सर लोगों को ऐसे बोलती है जैसे कि वे भेड़ें हों, क्योंकि भेड़ों को उनकी देखभाल करने के लिए किसी की आवश्यकता होती है। ऐसा इसलिए है क्योंकि वे अच्छी तरह से नहीं देखती हैं और वे अक्सर वहाँ चली जाती हैं, जहाँ अन्य जानवर आसानी से उन्हें मार सकते हैं। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-metaphor]])
" +MAT 15 intro i9a5 0 # मत्ती 15 सामान्य टिप्पणियाँ
## संरचना एवं स्वरूपण

कुछ अनुवाद पढ़ने के लिए आसान बनाने हेतु शेष पाठ की तुलना में कविता की प्रत्येक पंक्ति को दाईं तरफ आगे की ओर व्यवस्थित करते हैं। यूएलटी अनुवाद 15:8-9 में कविता के साथ ऐसा करता है, जो कि पुराने नियम के वचन हैं।

## इस अध्याय में पाई जाने वाली विशेष अवधारणाएँ

### ""पूर्वजों की परम्पराएँ""

""पूर्वजों की परम्पराएँ"" मौखिक व्यवस्थाएँ थीं, जिन्हें यहूदी धार्मिक अगुवों ने इसलिए विकसित किया क्योंकि वे यह सुनिश्चित करना चाहते थे कि हर किसी ने मूसा की व्यवस्था का पालन किया है। यद्यपि, उन्होंने अक्सर मूसा की व्यवस्थाओं का पालन करने की अपेक्षा इन नियमों का पालन करने के लिए कठोर परिश्रम किया था। यीशु ने इसके लिए धार्मिक अगुवों को डाँटा, और जिसके परिणामस्वरूप वे क्रोधित हो गए। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/lawofmoses]])

### यहूदी और अन्यजाति

यीशु के समय के यहूदी सोचते थे जिस तरह यहूदी लोग जीवन जीते थे, केवल वे ही परमेश्वर को प्रसन्न कर सकते थे। यीशु ने एक अन्यजाति कनानी स्त्री की पुत्री को अपने अनुयायियों को यह दिखाने के लिए चंगा किया कि वह यहूदियों और अन्यजातियों दोनों को अपने लोगों के रूप में ग्रहण करेगा।

## इस अध्याय में अन्य संभावित अनुवाद की कठिनाइयाँ

### बाइबल अक्सर लोगों को ऐसे बोलती है जैसे कि वे भेड़ें हों, क्योंकि भेड़ों को उनकी देखभाल करने के लिए किसी की आवश्यकता होती है। ऐसा इसलिए है क्योंकि वे अच्छी तरह से नहीं देखती हैं और वे अक्सर वहाँ चली जाती हैं, जहाँ अन्य जानवर आसानी से उन्हें मार सकते हैं। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-metaphor]])
MAT 15 1 q6af writing-newevent 0 General Information: यहाँ दृश्य पिछले अध्याय की घटनाओं के कुछ समय बाद घटित हुई घटनाओं की ओर मुड़ जाता है। यहाँ यीशु फरीसियों की आलोचनाओं का प्रतिउत्तर देता है। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/writing-newevent]]) MAT 15 2 j1b8 figs-rquestion διὰ τί οἱ μαθηταί σου παραβαίνουσιν τὴν παράδοσιν τῶν πρεσβυτέρων? 1 Why do your disciples violate the traditions of the elders? "यीशु और उसके चेलों की आलोचना करने के लिए फरीसी और शास्त्री इस प्रश्न का उपयोग करते हैं। वैकल्पिक अनुवाद: ""तेरे चेले उन नियमों का सम्मान नहीं करते हैं, जो हमारे पूर्वजों ने हमें दिए हैं।"" (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-rquestion]])" MAT 15 2 yn6l τὴν παράδοσιν τῶν πρεσβυτέρων 1 traditions of the elders यह मूसा की व्यवस्था के समान नहीं है। यह मूसा के बाद धार्मिक अगुवों के द्वारा दी हुई व्यवस्था की बाद की शिक्षाओं और व्याख्याओं को सन्दर्भित करता है। @@ -1640,7 +1640,7 @@ MAT 15 38 udk7 οἱ…ἐσθίοντες 1 Those who ate जो लोग ख MAT 15 38 z66m translate-numbers τετρακισχίλιοι ἄνδρες 1 four thousand men "4,000 पुरुष (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/translate-numbers]]) MAT 15 39 be43 τὰ ὅρια 1 the region इलाके" MAT 15 39 m8dp translate-names Μαγαδάν 1 Magadan "इस क्षेत्र को कभी-कभी ""मगदाला"" भी कहा जाता है। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/translate-names]])" -MAT 16 intro za2k 0 "# मत्ती 16 सामान्य टिप्पणियाँ
## इस अध्याय में पाई जाने वाली विशेष अवधारणाएँ

### खमीर

जिस तरीके से लोग परमेश्वर के बारे में सोचते थे उसके लिए यीशु ने ऐसे बोला जैसे कि वह रोटी हो, और परमेश्वर के बारे में लोग जो शिक्षा देते थे उसके लिए उसने ऐसे बोला जैसे कि वह खमीर हो जो रोटी पिण्ड को बड़ा बना देता है और पकाई हुई रोटी अच्छा स्वाद देती है। वह नहीं चाहता था कि उसके अनुयायी फरीसियों और सदूकियों की शिक्षाओं को सुनें। ऐसा इसलिए था क्योंकि यदि उन्होंने सुना, तो वे समझ नहीं पाएँगे कि परमेश्वर कौन है और वह अपने लोगों से किस तरह के जीवन जीने को चाहता है। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-metaphor]])

## इस अध्याय के महत्वपूर्ण अलंकार

### यीशु ने अपने लोगों से उसके आदेशों का पालन करने के लिए कहा। उसने उन्हें उसका ""अनुसरण"" करने के लिए कहने के द्वारा ऐसा किया। यह ऐसा है जैसे कि वह एक पथ पर चल रहा हो और वे उसके पीछे चल रहे हों। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-metaphor]])

## इस अध्याय में अन्य संभावित अनुवाद की कठिनाइयाँ

### पृष्ठभूमि की जानकारी

मत्ती पद 1-20 में अपने अध्याय 15 के वर्णन को जारी रखता है। यह वर्णन पद 21 में रुक जाता है, ताकि मत्ती पाठक को यह बता सके कि यीशु ने बार-बार अपने चेलों से कहा था कि उसके यरूशलेम में आने के बाद लोग उसे मार डालेंगे। तब यह वर्णन पद 22-27 में इस बात के साथ आगे बढ़ता है कि पहली बार जब यीशु ने चेलों से कहा कि वह मर जाएगा तो क्या हुआ।

### विरोधाभास

एक विरोधाभास एक सच्चा कथन होता है, जो किसी असंभव बात का वर्णन करने के लिए प्रकट होता है। यीशु एक विरोधाभास का उपयोग करता है, जब वह कहता है, ""जो कोई अपने प्राण बचाना चाहे, वह उसे खोएगा; और जो कोई मेरे लिए अपने प्राण खोएगा, वह उसे पाएगा"" ([मत्ती 16:25](../../mat/16/25.md))।
" +MAT 16 intro za2k 0 # मत्ती 16 सामान्य टिप्पणियाँ
## इस अध्याय में पाई जाने वाली विशेष अवधारणाएँ

### खमीर

जिस तरीके से लोग परमेश्वर के बारे में सोचते थे उसके लिए यीशु ने ऐसे बोला जैसे कि वह रोटी हो, और परमेश्वर के बारे में लोग जो शिक्षा देते थे उसके लिए उसने ऐसे बोला जैसे कि वह खमीर हो जो रोटी पिण्ड को बड़ा बना देता है और पकाई हुई रोटी अच्छा स्वाद देती है। वह नहीं चाहता था कि उसके अनुयायी फरीसियों और सदूकियों की शिक्षाओं को सुनें। ऐसा इसलिए था क्योंकि यदि उन्होंने सुना, तो वे समझ नहीं पाएँगे कि परमेश्वर कौन है और वह अपने लोगों से किस तरह के जीवन जीने को चाहता है। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-metaphor]])

## इस अध्याय के महत्वपूर्ण अलंकार

### यीशु ने अपने लोगों से उसके आदेशों का पालन करने के लिए कहा। उसने उन्हें उसका ""अनुसरण"" करने के लिए कहने के द्वारा ऐसा किया। यह ऐसा है जैसे कि वह एक पथ पर चल रहा हो और वे उसके पीछे चल रहे हों। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-metaphor]])

## इस अध्याय में अन्य संभावित अनुवाद की कठिनाइयाँ

### पृष्ठभूमि की जानकारी

मत्ती पद 1-20 में अपने अध्याय 15 के वर्णन को जारी रखता है। यह वर्णन पद 21 में रुक जाता है, ताकि मत्ती पाठक को यह बता सके कि यीशु ने बार-बार अपने चेलों से कहा था कि उसके यरूशलेम में आने के बाद लोग उसे मार डालेंगे। तब यह वर्णन पद 22-27 में इस बात के साथ आगे बढ़ता है कि पहली बार जब यीशु ने चेलों से कहा कि वह मर जाएगा तो क्या हुआ।

### विरोधाभास

एक विरोधाभास एक सच्चा कथन होता है, जो किसी असंभव बात का वर्णन करने के लिए प्रकट होता है। यीशु एक विरोधाभास का उपयोग करता है, जब वह कहता है, ""जो कोई अपने प्राण बचाना चाहे, वह उसे खोएगा; और जो कोई मेरे लिए अपने प्राण खोएगा, वह उसे पाएगा"" ([मत्ती 16:25](../../mat/16/25.md))।
MAT 16 1 t249 0 General Information: यह यीशु और फरीसियों और सदूकियों के बीच आमना-सामना होने को आरम्भ करता है। MAT 16 1 t7p5 πειράζοντες 1 tested him "यहाँ ""परखने"" का उपयोग नकारात्मक अर्थ में किया गया है। वैकल्पिक अनुवाद: ""उसे चुनौती दी"" या ""उसे फँसाना चाहते थे""" MAT 16 2 jff6 figs-explicit 0 When it is evening "इस स्थिति को और अधिक स्पष्ट रूप से बताया जा सकता है। वैकल्पिक अनुवाद: ""यदि सांझ को आकाश लाल होता है"" या ""यदि सूर्य अस्त होते समय आकाश लाल होता है"" (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-explicit]])" @@ -1879,7 +1879,7 @@ MAT 18 34 e14m figs-activepassive τὸ ὀφειλόμενον 1 that was owed MAT 18 35 pm1d guidelines-sonofgodprinciples ὁ Πατήρ μου ὁ οὐράνιος 1 my heavenly Father यह परमेश्वर के लिए एक महत्वपूर्ण उपाधि है, जो परमेश्वर और यीशु के बीच के सम्बन्धों का वर्णन करती है। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/guidelines-sonofgodprinciples]]) MAT 18 35 q8p9 figs-you ὑμῖν…ὑμῶν 1 to you ... your जितनी बार भी ये शब्द आए हैं वे सभी बहुवचन हैं। यीशु अपने चेलों से बात कर रहा है, परन्तु यह दृष्टांत एक सामान्य सत्य की शिक्षा देता है, जो सभी विश्वासियों पर लागू होता है। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-you]]) MAT 18 35 c4fw figs-metonymy ἀπὸ τῶν καρδιῶν ὑμῶν 1 from your heart "यहाँ ""मन"" किसी व्यक्ति के आंतरिक मनुष्यत्व के लिए एक उपनाम है। ""अपने मन से"" वाक्यांश एक मुहावरा है, जिसका अर्थ है ""ईमानदारी से""। वैकल्पिक अनुवाद: ""ईमानदारी से"" या ""पूरी तरह से"" (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-metonymy]] और [[rc://hi/ta/man/translate/figs-idiom]])" -MAT 19 intro ewl5 0 "# मत्ती 19 सामान्य टिप्पणियाँ
## इस अध्याय में पाई जाने वाली विशेष अवधारणाएँ

### तलाक

यीशु तलाक के बारे में इसलिए शिक्षा देता है, क्योंकि फरीसी चाहते थे कि लोग सोचें कि तलाक के बारे में यीशु की शिक्षा गलत थी ([मत्ती 19:3-12](./03.md))। यीशु ने इस बारे में बात की कि परमेश्वर ने विवाह के बारे में पहले क्या कहा था, जब उसने इसे बनाया था।

## इस अध्याय के महत्वपूर्ण अलंकार

### उपनाम

यीशु अक्सर ""स्वर्ग"" शब्द को बोलता है, जब वह चाहता है कि उसके सुनने वाले परमेश्वर के बारे में सोचें, जो स्वर्ग में रहता है ([मत्ती 1:12](../../mat/01/12.md))।
" +MAT 19 intro ewl5 0 # मत्ती 19 सामान्य टिप्पणियाँ
## इस अध्याय में पाई जाने वाली विशेष अवधारणाएँ

### तलाक

यीशु तलाक के बारे में इसलिए शिक्षा देता है, क्योंकि फरीसी चाहते थे कि लोग सोचें कि तलाक के बारे में यीशु की शिक्षा गलत थी ([मत्ती 19:3-12](./03.md))। यीशु ने इस बारे में बात की कि परमेश्वर ने विवाह के बारे में पहले क्या कहा था, जब उसने इसे बनाया था।

## इस अध्याय के महत्वपूर्ण अलंकार

### उपनाम

यीशु अक्सर ""स्वर्ग"" शब्द को बोलता है, जब वह चाहता है कि उसके सुनने वाले परमेश्वर के बारे में सोचें, जो स्वर्ग में रहता है ([मत्ती 1:12](../../mat/01/12.md))।
MAT 19 1 nj6t writing-background 0 General Information: यह कहानी के एक नए भाग का आरम्भ है, जो [मत्ती 22:46](../22/46.md) के माध्यम से होकर चलती है, जो यीशु के यहूदिया में सेवा करने के बारे में बताती है। ये वचन पृष्ठभूमि की जानकारी प्रदान करते हैं कि यीशु यहूदिया में कैसे आया था। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/writing-background]]) MAT 19 1 ap4g ἐγένετο, ὅτε 1 It came about that when "यह वाक्यांश यीशु की शिक्षाओं से कहानी को आगे जो घटित हुआ उस ओर मोड़ता है। वैकल्पिक अनुवाद: ""जब"" या ""बाद में""" MAT 19 1 c5j9 figs-metonymy ἐτέλεσεν…τοὺς λόγους τούτους 1 had finished these words "यहाँ ""बातें"" का अर्थ जो यीशु ने [मत्ती 18:1](../18/01.md) में आरम्भ करके सिखाया था। वैकल्पिक अनुवाद: ""इन बातों की शिक्षा देना समाप्त कर दिया था"" (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-metonymy]])" @@ -2030,7 +2030,7 @@ MAT 20 32 f5mw ἐφώνησεν αὐτοὺς 1 called to them उन अन MAT 20 32 fd9x τί θέλετε 1 do you wish तुम इच्छुक हो MAT 20 33 yb39 figs-metaphor ἵνα ἀνοιγῶσιν οἱ ὀφθαλμοὶ ἡμῶν 1 that our eyes may be opened "वे व्यक्ति देखने में सक्षम होने को ऐसे बोलते हैं जैसे कि उनकी आँखें खोली जा सकती हैं। यीशु के पिछले प्रश्न के कारण, हम समझते हैं कि वे अपनी इच्छा को व्यक्त कर रहे थे। वैकल्पिक अनुवाद: ""हम चाहते हैं कि तू हमारी आँखें खोले"" या ""हम देखने में सक्षम होना चाहते हैं"" (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-metaphor]] और [[rc://hi/ta/man/translate/figs-ellipsis]])" MAT 20 34 q9iq σπλαγχνισθεὶς 1 being moved with compassion "अनुकंपा से या ""उनके लिए करूणा से भरकर""" -MAT 21 intro ni1x 0 "# मत्ती 21 सामान्य टिप्पणियाँ
## संरचना एवं स्वरूपण

कुछ अनुवाद पढ़ने के लिए आसान बनाने हेतु शेष पाठ की तुलना में कविता की प्रत्येक पंक्ति को दाईं तरफ आगे की ओर व्यवस्थित करते हैं। यूएलटी अनुवाद 21:5,16 और 42 में ऐसा करता है, जो कि पुराने नियम के वचन हैं।

## इस अध्याय में पाई जाने वाली विशेष अवधारणाएँ

### गधा और गदही का बच्चा

यीशु ने एक जानवर पर सवार होकर यरूशलेम में प्रवेश किया। इस रीति से वह एक राजा की तरह था जो एक महत्वपूर्ण लड़ाई जीतने के बाद नगर में आया था। इसके अतिरिक्त, पुराने नियम में इस्राएल के राजा गधों पर सवार हुए थे। अन्य राजा घोड़ों पर सवार हुए थे। इस तरह यीशु दिखा रहा था कि वह इस्राएल का राजा था और वह अन्य राजाओं की तरह नहीं था।

मत्ती, मरकुस, लूका और यूहन्ना ने सभी इस घटना के बारे में लिखा था। मत्ती और मरकुस ने लिखा कि चेले यीशु के लिए एक गधा लाए थे। यूहन्ना ने लिखा कि यीशु को एक गधा मिला। लूका ने लिखा कि वे उसके पास एक गधे का बच्चा लेकर आए थे। केवल मत्ती ने लिखा कि वहाँ एक गधे के साथ उसका बच्चा दोनों थे। कोई भी यह निश्चित रूप से नहीं जानता कि यीशु गधे पर सवार हुआ था या गधे के बच्चे पर। इन वृतान्तों में से प्रत्येक का अनुवाद वैसे ही करना सबसे अच्छा है जैसा यह यूएलटी अनुवाद में दिखाई देता है, जो उन्हें एक ही जैसी बात कहलवाने का प्रयास नहीं करता है। (देखें: [Matthew 21:1-7](../../mat/21/01.md) और [मरकुस 11:1-7](../../mrk/11/01.md) और [लूका 19:29-36](../../luk/19/29.md) और [यूहन्ना 12:14-15] (../../jhn/12/14.md))

### होशाना

लोगों ने यरूशलेम में यीशु का स्वागत इस शब्द को चिल्लाते हुए किया। इस शब्द का अर्थ है ""हमें बचा,"" परन्तु लोगों ने इसे परमेश्वर की प्रशंसा करने के लिए उपयोग किया।

## इस अध्याय में अन्य संभावित अनुवाद की कठिनाइयाँ

### ""परमेश्वर का राज्य तुम से ले लिया जाएगा""

कोई भी निश्चित रूप से यह नहीं जानता कि इस वाक्यांश का क्या अर्थ है। कोई भी नहीं जानता कि क्या यीशु का अर्थ यह है कि परमेश्वर किसी दिन उस राज्य को वापस दे देगा या नहीं।
" +MAT 21 intro ni1x 0 # मत्ती 21 सामान्य टिप्पणियाँ
## संरचना एवं स्वरूपण

कुछ अनुवाद पढ़ने के लिए आसान बनाने हेतु शेष पाठ की तुलना में कविता की प्रत्येक पंक्ति को दाईं तरफ आगे की ओर व्यवस्थित करते हैं। यूएलटी अनुवाद 21:5,16 और 42 में ऐसा करता है, जो कि पुराने नियम के वचन हैं।

## इस अध्याय में पाई जाने वाली विशेष अवधारणाएँ

### गधा और गदही का बच्चा

यीशु ने एक जानवर पर सवार होकर यरूशलेम में प्रवेश किया। इस रीति से वह एक राजा की तरह था जो एक महत्वपूर्ण लड़ाई जीतने के बाद नगर में आया था। इसके अतिरिक्त, पुराने नियम में इस्राएल के राजा गधों पर सवार हुए थे। अन्य राजा घोड़ों पर सवार हुए थे। इस तरह यीशु दिखा रहा था कि वह इस्राएल का राजा था और वह अन्य राजाओं की तरह नहीं था।

मत्ती, मरकुस, लूका और यूहन्ना ने सभी इस घटना के बारे में लिखा था। मत्ती और मरकुस ने लिखा कि चेले यीशु के लिए एक गधा लाए थे। यूहन्ना ने लिखा कि यीशु को एक गधा मिला। लूका ने लिखा कि वे उसके पास एक गधे का बच्चा लेकर आए थे। केवल मत्ती ने लिखा कि वहाँ एक गधे के साथ उसका बच्चा दोनों थे। कोई भी यह निश्चित रूप से नहीं जानता कि यीशु गधे पर सवार हुआ था या गधे के बच्चे पर। इन वृतान्तों में से प्रत्येक का अनुवाद वैसे ही करना सबसे अच्छा है जैसा यह यूएलटी अनुवाद में दिखाई देता है, जो उन्हें एक ही जैसी बात कहलवाने का प्रयास नहीं करता है। (देखें: [Matthew 21:1-7](../../mat/21/01.md) और [मरकुस 11:1-7](../../mrk/11/01.md) और [लूका 19:29-36](../../luk/19/29.md) और [यूहन्ना 12:14-15] (../../jhn/12/14.md))

### होशाना

लोगों ने यरूशलेम में यीशु का स्वागत इस शब्द को चिल्लाते हुए किया। इस शब्द का अर्थ है ""हमें बचा,"" परन्तु लोगों ने इसे परमेश्वर की प्रशंसा करने के लिए उपयोग किया।

## इस अध्याय में अन्य संभावित अनुवाद की कठिनाइयाँ

### ""परमेश्वर का राज्य तुम से ले लिया जाएगा""

कोई भी निश्चित रूप से यह नहीं जानता कि इस वाक्यांश का क्या अर्थ है। कोई भी नहीं जानता कि क्या यीशु का अर्थ यह है कि परमेश्वर किसी दिन उस राज्य को वापस दे देगा या नहीं।
MAT 21 1 f8fs 0 Connecting Statement: यह यरूशलेम में यीशु के प्रवेश के वर्णन का आरम्भ करता है। यहाँ वह अपने चेलों को इस बारे में निर्देश देता है कि उन्हें क्या करना है। MAT 21 1 p3g6 translate-names Βηθφαγὴ 1 Bethphage यह यरूशलेम के पास स्थित एक गाँव है। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/translate-names]]) MAT 21 2 wen2 figs-activepassive ὄνον δεδεμένην 1 a donkey tied up "आप इसे सक्रिय रूप में बता सकते हैं। वैकल्पिक अनुवाद: ""एक गदही जिसे किसी ने बाँधा हुआ था"" (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-activepassive]])" @@ -2130,7 +2130,7 @@ MAT 21 44 r7up figs-metaphor ὁ πεσὼν ἐπὶ τὸν λίθον τοῦ MAT 21 44 ghz2 figs-parallelism ὃν δ’ ἂν πέσῃ, λικμήσει αὐτόν 1 But anyone on whom it falls will be crushed इसका अर्थ मूलरूप से पिछले वाक्य वाली बात ही है। यह एक रूपक है जिसका अर्थ है कि मसीह अन्तिम न्याय करेगा और उन सब को नष्ट कर देगा जो उसके विरूद्ध विद्रोह करते हैं। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-parallelism]] और [[rc://hi/ta/man/translate/figs-metaphor]]) MAT 21 45 gh8w 0 Connecting Statement: धार्मिक अगुवे यीशु के बताए दृष्टान्त पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हैं। MAT 21 45 qpy9 τὰς παραβολὰς αὐτοῦ 1 his parables यीशु के दृष्टान्तों को" -MAT 22 intro k5ze 0 "# मत्ती 22 सामान्य टिप्पणियाँ
## संरचना एवं स्वरूपण

कुछ अनुवाद पढ़ने के लिए आसान बनाने हेतु शेष पाठ की तुलना में कविता की प्रत्येक पंक्ति को दाईं तरफ आगे की ओर व्यवस्थित करते हैं। यूएलटी अनुवाद पद 44 की कविता के साथ ऐसा करता है, जो कि पुराने नियम के वचन हैं।

## इस अध्याय में पाई जाने वाली विशेष अवधारणाएँ

### विवाह का भोज

विवाह के भोज के दृष्टान्त ([मत्ती 22:1-14](./01.md)) में, यीशु ने सिखाया कि जब परमेश्वर किसी व्यक्ति को बचाने की प्रस्ताव देता है, तो उस व्यक्ति को वह प्रस्ताव ग्रहण करने की आवश्यकता है। परमेश्वर के साथ जीवन को यीशु एक ऐसा भोज बोलता है, जिसे एक राजा अपने पुत्र के लिए तैयार करता है, जिसने अभी-अभी विवाह किया है। इसके अतिरिक्त, यीशु ने जोर दिया कि हर कोई जिसे परमेश्वर आमन्त्रित करता है, वह भोज में आने के लिए स्वयं को उचित रीति से तैयार करेगा। परमेश्वर उन लोगों को भोज से बाहर फेंक देगा।

## इस अध्याय में अन्य संभावित अनुवाद की कठिनाइयाँ

### निहितार्थ जानकारी

वक्तागण आमतौर पर उन बातों को नहीं कहते हैं, जो उन्हें लगता है कि उनके सुनने वाले पहले से ही समझते हैं। जब दृष्टान्त में राजा कहता है, ""मेरे बैल और पले हुए पशु मारे गए हैं"" ([मत्ती 22:4](../../mat/22/04.md)), तो उसे लगा कि श्रोताओं को समझ आ जाएगा कि जिन लोगों ने जानवरों को मारा था उन्होंने उनको पकाया भी था।

### विरोधाभास

एक विरोधाभास एक सच्चा कथन है जो किसी असंभव बात का वर्णन करने के लिए प्रकट होता है। यहूदियों के लिए, पूर्वज उनके वंशजों के स्वामी थे, परन्तु एक भजन संहिता में दाऊद ने अपने वंशजों में से एक को ""प्रभु"" कहा। यीशु यहूदी अगुवों को बताता है कि यह एक विरोधाभास है, और कहता है, ""यदि दाऊद तब मसीह को 'प्रभु,' कहता है, तो वह दाऊद का पुत्र कैसा हुआ?"" ([मत्ती 22:45](../../mat/22/45.md))।" +MAT 22 intro k5ze 0 # मत्ती 22 सामान्य टिप्पणियाँ
## संरचना एवं स्वरूपण

कुछ अनुवाद पढ़ने के लिए आसान बनाने हेतु शेष पाठ की तुलना में कविता की प्रत्येक पंक्ति को दाईं तरफ आगे की ओर व्यवस्थित करते हैं। यूएलटी अनुवाद पद 44 की कविता के साथ ऐसा करता है, जो कि पुराने नियम के वचन हैं।

## इस अध्याय में पाई जाने वाली विशेष अवधारणाएँ

### विवाह का भोज

विवाह के भोज के दृष्टान्त ([मत्ती 22:1-14](./01.md)) में, यीशु ने सिखाया कि जब परमेश्वर किसी व्यक्ति को बचाने की प्रस्ताव देता है, तो उस व्यक्ति को वह प्रस्ताव ग्रहण करने की आवश्यकता है। परमेश्वर के साथ जीवन को यीशु एक ऐसा भोज बोलता है, जिसे एक राजा अपने पुत्र के लिए तैयार करता है, जिसने अभी-अभी विवाह किया है। इसके अतिरिक्त, यीशु ने जोर दिया कि हर कोई जिसे परमेश्वर आमन्त्रित करता है, वह भोज में आने के लिए स्वयं को उचित रीति से तैयार करेगा। परमेश्वर उन लोगों को भोज से बाहर फेंक देगा।

## इस अध्याय में अन्य संभावित अनुवाद की कठिनाइयाँ

### निहितार्थ जानकारी

वक्तागण आमतौर पर उन बातों को नहीं कहते हैं, जो उन्हें लगता है कि उनके सुनने वाले पहले से ही समझते हैं। जब दृष्टान्त में राजा कहता है, ""मेरे बैल और पले हुए पशु मारे गए हैं"" ([मत्ती 22:4](../../mat/22/04.md)), तो उसे लगा कि श्रोताओं को समझ आ जाएगा कि जिन लोगों ने जानवरों को मारा था उन्होंने उनको पकाया भी था।

### विरोधाभास

एक विरोधाभास एक सच्चा कथन है जो किसी असंभव बात का वर्णन करने के लिए प्रकट होता है। यहूदियों के लिए, पूर्वज उनके वंशजों के स्वामी थे, परन्तु एक भजन संहिता में दाऊद ने अपने वंशजों में से एक को ""प्रभु"" कहा। यीशु यहूदी अगुवों को बताता है कि यह एक विरोधाभास है, और कहता है, ""यदि दाऊद तब मसीह को 'प्रभु,' कहता है, तो वह दाऊद का पुत्र कैसा हुआ?"" ([मत्ती 22:45](../../mat/22/45.md))। MAT 22 1 z8vz figs-parables 0 धार्मिक अगुवों को डाँटने और उनके अविश्वास को चित्रित करने के लिए, यीशु विवाह भोज के बारे में एक दृष्टान्त बताता है। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-parables]]) MAT 22 1 bc6y αὐτοῖς 1 to them लोगों से MAT 22 2 xps3 ὡμοιώθη ἡ Βασιλεία τῶν Οὐρανῶν 1 The kingdom of heaven is like यह एक दृष्टान्त का आरम्भ है। देखें कि आपने इसका अनुवाद [मत्ती 13:24](../13/24.md) में कैसे किया है। @@ -2308,7 +2308,7 @@ MAT 23 38 r6ss ἀφίεται ὑμῖν ὁ οἶκος ὑμῶν ἔρημ MAT 23 38 ck2z figs-metonymy ὁ οἶκος ὑμῶν 1 your house "संभावित अर्थ हैं 1) ""यरूशलेम नगर"" या 2) ""मन्दिर""। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-metonymy]])" MAT 23 39 i14n λέγω γὰρ ὑμῖν 1 I say to you यीशु आगे जो कहने वाला है, यह उसके ऊपर जोर देता है। MAT 23 39 ig61 figs-metonymy εὐλογημένος ὁ ἐρχόμενος ἐν ὀνόματι Κυρίου! 1 Blessed is he who comes in the name of the Lord "यहाँ ""नाम से"" का अर्थ है ""सामर्थ्य में"" या ""एक प्रतिनिधि के रूप में""। देखें कि आपने इसका अनुवाद [मत्ती 21:9](../21/09.md) में कैसे किया है। वैकल्पिक अनुवाद: ""जो प्रभु की सामर्थ्य में आता है, वह धन्य है"" या ""जो प्रभु के प्रतिनिधि के रूप में आता है, वह धन्य होगा"" (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-metonymy]])" -MAT 24 intro h2a2 0 "# मत्ती 24 सामान्य टिप्पणियाँ
## संरचना एवं स्वरूपण

इस अध्याय में, यीशु उस समय से भविष्य के बारे में भविष्यद्वाणी करना आरम्भ करता है, जब तक कि वह सब पर राजा के रूप में वापस नहीं आता। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/prophet]])

## इस अध्याय में पाई जाने वाली विशेष अवधारणाएँ

### ""जगत का अन्त""

इस अध्याय में, यीशु अपने चेलों को उत्तर देता है, जब वे पूछते हैं कि वे कैसे पता लगाएँगे कि वह फिर से वापस आएगा। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/writing-apocalypticwriting]])

### नूह का उदाहरण

नूह के समय में, परमेश्वर ने उनके पापों के लिए लोगों को डाँटने के लिए एक बड़ा जलप्रलय भेजा था। उसने उन्हें आनेवाले जलप्रलय के बारे में कई बार चेतावनी दी, परन्तु वास्तव में यह अचानक से आरम्भ हुआ। इस अध्याय में, यीशु उस जलप्रलय और अन्तिम दिनों के बीच में तुलना करता है। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/sin]])

## इस अध्याय में अन्य संभावित अनुवाद की कठिनाइयाँ

### ""होने देना""

यूएलटी अनुवाद इस शब्द का उपयोग यीशु के कई आदेशों को आरम्भ करने के लिए करता है, जैसे ""तब जो यहूदिया में हों वे पहाड़ों पर भाग जाएँ"" (24:16), ""जो छत पर हो, वह अपने घर में से सामान लेने को न उतरे"" (24:17), और ""जो खेत में हो, वह अपना कपड़ा लेने को पीछे न लौटे"" (24:18)। एक आज्ञा को निर्मित करने के कई तरीके होते हैं। अनुवादकों को अपनी भाषाओं में सबसे स्वभाविक तरीकों का चयन करना है।
" +MAT 24 intro h2a2 0 # मत्ती 24 सामान्य टिप्पणियाँ
## संरचना एवं स्वरूपण

इस अध्याय में, यीशु उस समय से भविष्य के बारे में भविष्यद्वाणी करना आरम्भ करता है, जब तक कि वह सब पर राजा के रूप में वापस नहीं आता। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/prophet]])

## इस अध्याय में पाई जाने वाली विशेष अवधारणाएँ

### ""जगत का अन्त""

इस अध्याय में, यीशु अपने चेलों को उत्तर देता है, जब वे पूछते हैं कि वे कैसे पता लगाएँगे कि वह फिर से वापस आएगा। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/writing-apocalypticwriting]])

### नूह का उदाहरण

नूह के समय में, परमेश्वर ने उनके पापों के लिए लोगों को डाँटने के लिए एक बड़ा जलप्रलय भेजा था। उसने उन्हें आनेवाले जलप्रलय के बारे में कई बार चेतावनी दी, परन्तु वास्तव में यह अचानक से आरम्भ हुआ। इस अध्याय में, यीशु उस जलप्रलय और अन्तिम दिनों के बीच में तुलना करता है। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/sin]])

## इस अध्याय में अन्य संभावित अनुवाद की कठिनाइयाँ

### ""होने देना""

यूएलटी अनुवाद इस शब्द का उपयोग यीशु के कई आदेशों को आरम्भ करने के लिए करता है, जैसे ""तब जो यहूदिया में हों वे पहाड़ों पर भाग जाएँ"" (24:16), ""जो छत पर हो, वह अपने घर में से सामान लेने को न उतरे"" (24:17), और ""जो खेत में हो, वह अपना कपड़ा लेने को पीछे न लौटे"" (24:18)। एक आज्ञा को निर्मित करने के कई तरीके होते हैं। अनुवादकों को अपनी भाषाओं में सबसे स्वभाविक तरीकों का चयन करना है।
MAT 24 1 dh7u 0 Connecting Statement: यीशु उन घटनाओं का वर्णन करना आरम्भ करता है, जो उसके फिर से आने से पहले के अन्त के समय में घटित होंगी। MAT 24 1 ke79 figs-explicit ἀπὸ τοῦ ἱεροῦ 1 from the temple यह निहित है कि यीशु मन्दिर में नहीं था। वह मन्दिर के चारों ओर के आँगन में थे। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-explicit]]) MAT 24 2 mh5y figs-rquestion οὐ βλέπετε ταῦτα πάντα? 1 Do you not see all these things? "यीशु चेलों को उस पर गहराई से सोचने के लिए एक प्रश्न का उपयोग करता है जो कुछ वह उनको बताएगा। वैकल्पिक अनुवाद: ""मैं तुमको इन सारे भवनों के बारे में कुछ बताता हूँ।"" (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-rquestion]])" @@ -2501,7 +2501,7 @@ MAT 25 45 whu5 οὐδὲ ἐμοὶ ἐποιήσατε. 1 you did not do for MAT 25 46 m6me καὶ ἀπελεύσονται οὗτοι εἰς κόλασιν αἰώνιον 1 These will go away into eternal punishment राजा उन्हें एक ऐसे स्थान पर भेजेगा जहाँ उन्हें कभी समाप्त नहीं होने वाला दण्ड मिलेगा MAT 25 46 nj72 figs-ellipsis οἱ δὲ δίκαιοι εἰς ζωὴν 1 but the righteous into eternal life "समझी गई जानकारी को स्पष्ट किया जा सकता है। वैकल्पिक अनुवाद: ""परन्तु राजा धर्मियों को उस स्थान पर भेजेगा जहाँ वे सदा परमेश्वर के साथ रहेंगे"" (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-ellipsis]])" MAT 25 46 kq5b figs-nominaladj οἱ…δίκαιοι 1 the righteous "इस नामांकित विशेषण को विशेषण के रूप में वर्णित किया जा सकता है। वैकल्पिक अनुवाद: ""धर्मी लोग"" (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-nominaladj]])" -MAT 26 intro mtq8 0 "# मत्ती 26 सामान्य टिप्पणियाँ
## संरचना एवं स्वरूपण

कुछ अनुवाद पढ़ने के लिए आसान बनाने को शेष पाठ की तुलना में कविता की प्रत्येक पंक्ति को दाईं तरफ आगे की ओर व्यवस्थित करते हैं। यूएलटी अनुवाद 26:31 में कविता के साथ ऐसा ही करता है, जो कि पुराने नियम के वचन हैं।

## इस अध्याय में पाई जाने वाली विशेष अवधारणाएँ

### भेड़
भेड़ पवित्रशास्त्र में उपयोग किया गया एक सामान्य चित्र है, जो इस्राएल के लोगों को सन्दर्भित करता है। यद्यपि, यीशु ने [मत्ती 26:31](../../mat/26/31.md) में, अपने चेलों को सन्दर्भित करने के लिए ""भेड़"" शब्द का उपयोग किया और यह कहा कि जब उसे गिरफ्तार किया जाएगा तो वे तितर-बितर हो जाएँगी।

### फसह
फसह के त्यौहार को यहूदी लोग उस दिन के उत्सव के रूप में मनाएँगे जब परमेश्वर ने मिस्र के पहिलौठो पुत्रों को मार डाला था परन्तु इस्राएलियों को छोड़ते हुए उनके ""पास से निकल गया था"" और उन्हें जीवित रहने दिया था।

### देह और लहू को खाना
अपने अनुयायियों के साथ यीशु के अन्तिम भोजन का [मत्ती 26:26-28](./26.md) वर्णन करता है। इस समय में, यीशु ने उनसे कहा कि वे जो खा रहे थे और पी रहे थे वह उसका शरीर और उसका खून। लगभग सभी मसीही कलीसियाएँ इस भोज को स्मरण रखने के लिए ""प्रभु का भोज"", ""यूखारिस्ट"" या ""पवित्र सहभागिता"" को मनाती हैं।

## इस अध्याय में अन्य संभावित अनुवाद की कठिनाइयाँ

### यहूदा के द्वारा यीशु को चुम्बन
[मत्ती 26:49](../../mat/26/49.md) बताता है कि यहूदा ने यीशु को कैसे चूमा जिससे कि सैनिकों को पता चले कि किसको गिरफ्तार किया जाए। जब यहूदी एक-दूसरे के साथ अभिवादन करते थे वे तो एक-दूसरे को चूमते थे।

### ""मैं परमेश्वर के मन्दिर को ढा सकता हूँ""
दो लोगों ने यीशु के इस कथन के कारण उस पर आरोप लगाया कि वह यरूशलेम में मन्दिर को नष्ट कर सकता है और फिर उसे ""तीन दिनों में"" फिर से बना सकता है ([मत्ती 26:61](../../mat/26/61.md))। वे उस पर यह दावा करते हुए परमेश्वर का अपमान करने का आरोप लगा रहे थे कि परमेश्वर ने उसे मन्दिर को नष्ट करने का अधिकार और इसे फिर से बनाने की सामर्थ्य दी थी। यीशु ने वास्तव में जो कहा था वह यह था कि यदि यहूदी अधिकारी इस मन्दिर को नष्ट कर देते, तो वह निश्चित रूप से इसे तीन दिनों में जीवित कर देगा ([यूहन्ना 2:19](../../jhn/02/19.md))।
" +MAT 26 intro mtq8 0 # मत्ती 26 सामान्य टिप्पणियाँ
## संरचना एवं स्वरूपण

कुछ अनुवाद पढ़ने के लिए आसान बनाने को शेष पाठ की तुलना में कविता की प्रत्येक पंक्ति को दाईं तरफ आगे की ओर व्यवस्थित करते हैं। यूएलटी अनुवाद 26:31 में कविता के साथ ऐसा ही करता है, जो कि पुराने नियम के वचन हैं।

## इस अध्याय में पाई जाने वाली विशेष अवधारणाएँ

### भेड़
भेड़ पवित्रशास्त्र में उपयोग किया गया एक सामान्य चित्र है, जो इस्राएल के लोगों को सन्दर्भित करता है। यद्यपि, यीशु ने [मत्ती 26:31](../../mat/26/31.md) में, अपने चेलों को सन्दर्भित करने के लिए ""भेड़"" शब्द का उपयोग किया और यह कहा कि जब उसे गिरफ्तार किया जाएगा तो वे तितर-बितर हो जाएँगी।

### फसह
फसह के त्यौहार को यहूदी लोग उस दिन के उत्सव के रूप में मनाएँगे जब परमेश्वर ने मिस्र के पहिलौठो पुत्रों को मार डाला था परन्तु इस्राएलियों को छोड़ते हुए उनके ""पास से निकल गया था"" और उन्हें जीवित रहने दिया था।

### देह और लहू को खाना
अपने अनुयायियों के साथ यीशु के अन्तिम भोजन का [मत्ती 26:26-28](./26.md) वर्णन करता है। इस समय में, यीशु ने उनसे कहा कि वे जो खा रहे थे और पी रहे थे वह उसका शरीर और उसका खून। लगभग सभी मसीही कलीसियाएँ इस भोज को स्मरण रखने के लिए ""प्रभु का भोज"", ""यूखारिस्ट"" या ""पवित्र सहभागिता"" को मनाती हैं।

## इस अध्याय में अन्य संभावित अनुवाद की कठिनाइयाँ

### यहूदा के द्वारा यीशु को चुम्बन
[मत्ती 26:49](../../mat/26/49.md) बताता है कि यहूदा ने यीशु को कैसे चूमा जिससे कि सैनिकों को पता चले कि किसको गिरफ्तार किया जाए। जब यहूदी एक-दूसरे के साथ अभिवादन करते थे वे तो एक-दूसरे को चूमते थे।

### ""मैं परमेश्वर के मन्दिर को ढा सकता हूँ""
दो लोगों ने यीशु के इस कथन के कारण उस पर आरोप लगाया कि वह यरूशलेम में मन्दिर को नष्ट कर सकता है और फिर उसे ""तीन दिनों में"" फिर से बना सकता है ([मत्ती 26:61](../../mat/26/61.md))। वे उस पर यह दावा करते हुए परमेश्वर का अपमान करने का आरोप लगा रहे थे कि परमेश्वर ने उसे मन्दिर को नष्ट करने का अधिकार और इसे फिर से बनाने की सामर्थ्य दी थी। यीशु ने वास्तव में जो कहा था वह यह था कि यदि यहूदी अधिकारी इस मन्दिर को नष्ट कर देते, तो वह निश्चित रूप से इसे तीन दिनों में जीवित कर देगा ([यूहन्ना 2:19](../../jhn/02/19.md))।
MAT 26 1 t5mz 0 General Information: यह कहानी के एक नए भाग का आरम्भ है, जो यीशु के क्रूस पर चढ़ाए जाने, मृत्यु और पुनरूत्थान के बारे में बताती है। यहाँ वह अपने चेलों से कहता है कि वह दु:ख उठाएगा और मर जाएगा। MAT 26 1 i35c καὶ ἐγένετο ὅτε 1 It came about that when "इसके बाद या ""तब, इसके बाद।"" यह वाक्यांश यीशु की शिक्षाओं से कहानी को उस तरफ मोड़ता है जो आगे घटित होता है। MAT 26 1 xiv4 πάντας τοὺς λόγους τούτους 1 all these words जो यीशु ने [मत्ती 24:3](../24/03.md) में आरम्भ करके सिखाया था यह उन सब बातों को सन्दर्भित करता है। @@ -2671,7 +2671,7 @@ MAT 26 73 w8ww γὰρ ἡ λαλιά σου δῆλόν σε ποιεῖ 1 for MAT 26 74 edd8 καταθεματίζειν 1 to curse स्वयं को शाप देने लगा MAT 26 74 w87b ἀλέκτωρ ἐφώνησεν 1 rooster crowed "एक मुर्गा एक ऐसा पक्षी होता है, जो सूर्य उदय होने के समय जोर से चिल्लाता है। एक मुर्गे की आवाज को ""बाँग"" कहा जाता है। देखें कि आपने इसका अनुवाद [मत्ती 26:34](../26/34.md) में कैसे किया है।" MAT 26 75 nx3j figs-quotations καὶ ἐμνήσθη ὁ Πέτρος τοῦ ῥήματος Ἰησοῦ εἰρηκότος, ὅτι πρὶν ἀλέκτορα φωνῆσαι, τρὶς ἀπαρνήσῃ με 1 "Peter remembered the words that Jesus had said, ""Before the rooster crows you will deny me three times.""" "इस प्रत्यक्ष उद्धरण को अप्रत्यक्ष उद्धरण के रूप में कहा जा सकता है। वैकल्पिक अनुवाद: ""पतरस ने स्मरण किया कि यीशु ने उसे बताया था कि मुर्गे के बाँग देने से पहले, वह यीशु का तीन बार इंकार कर देगा"" (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-quotations]])" -MAT 27 intro deu4 0 "# मत्ती 27 सामान्य टिप्पणियाँ
## इस अध्याय में पाई जाने वाली विशेष अवधारणाएँ

### ""उसे पिलातुस राज्यपाल के हाथ में सौंप दिया""

इससे पहले कि वे यीशु को मार सकें, यहूदी अगुवों को रोमी राज्यपाल पिन्तुस पिलातुस से अनुमति प्राप्त करने की आवश्यकता थी। ऐसा इसलिए था, क्योंकि रोमी व्यवस्था ने उन्हें यीशु को मारने की अनुमति नहीं दी थी। पिलातुस यीशु को मुक्त करना चाहता था, परन्तु वे चाहते थे कि वह बरअब्बा नामक एक बहुत दुष्ट कैदी को मुक्त करे।

### कब्र

जिस कब्र में ([मत्ती 27:60](../../mat/27/60.md)) यीशु को गाड़ा गया था वह ऐसी थी जिसमें धनी यहूदी परिवारों के लोग अपने मृतकों को गाड़ते था। इसे एक चट्टान में एक वास्तविक कमरे के रूप में काटा गया था। इसमें एक तरफ एक सपाट स्थान था, जहाँ वे तेल और मसाले डालकर और कपड़े में लपेटकर शरीर को रख सकते थे। तब वे कब्र के सामने एक बड़ी चट्टान को लुढ़का देते थे ताकि कोई भी भीतर न जा सके या प्रवेश न कर सके।

## इस अध्याय के महत्वपूर्ण अलंकार

### उपहास

सैनिकों ने यीशु का ठठ्ठा उड़ाने के लिए कहा, ""हे यहूदियों के राजा, नमस्कार!"" ([मत्ती 27:29](../../mat/27/29.md)) उन्होंने यह नहीं सोचा था कि वह यहूदियों का राजा था। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-irony]])
" +MAT 27 intro deu4 0 # मत्ती 27 सामान्य टिप्पणियाँ
## इस अध्याय में पाई जाने वाली विशेष अवधारणाएँ

### ""उसे पिलातुस राज्यपाल के हाथ में सौंप दिया""

इससे पहले कि वे यीशु को मार सकें, यहूदी अगुवों को रोमी राज्यपाल पिन्तुस पिलातुस से अनुमति प्राप्त करने की आवश्यकता थी। ऐसा इसलिए था, क्योंकि रोमी व्यवस्था ने उन्हें यीशु को मारने की अनुमति नहीं दी थी। पिलातुस यीशु को मुक्त करना चाहता था, परन्तु वे चाहते थे कि वह बरअब्बा नामक एक बहुत दुष्ट कैदी को मुक्त करे।

### कब्र

जिस कब्र में ([मत्ती 27:60](../../mat/27/60.md)) यीशु को गाड़ा गया था वह ऐसी थी जिसमें धनी यहूदी परिवारों के लोग अपने मृतकों को गाड़ते था। इसे एक चट्टान में एक वास्तविक कमरे के रूप में काटा गया था। इसमें एक तरफ एक सपाट स्थान था, जहाँ वे तेल और मसाले डालकर और कपड़े में लपेटकर शरीर को रख सकते थे। तब वे कब्र के सामने एक बड़ी चट्टान को लुढ़का देते थे ताकि कोई भी भीतर न जा सके या प्रवेश न कर सके।

## इस अध्याय के महत्वपूर्ण अलंकार

### उपहास

सैनिकों ने यीशु का ठठ्ठा उड़ाने के लिए कहा, ""हे यहूदियों के राजा, नमस्कार!"" ([मत्ती 27:29](../../mat/27/29.md)) उन्होंने यह नहीं सोचा था कि वह यहूदियों का राजा था। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-irony]])
MAT 27 1 hvr4 0 Connecting Statement: यह पिलातुस के सामने यीशु के मुकदमे का विवरण आरम्भ करता है। MAT 27 1 qe1s δὲ 1 Now कहानी की मुख्य-धारा में विराम को चिन्हित करने के लिए यहाँ इस शब्द का उपयोग किया गया है। यहाँ मत्ती कहानी के एक नए भाग को बताना आरम्भ कर देता है। MAT 27 1 cm46 figs-explicit συμβούλιον ἔλαβον…κατὰ τοῦ Ἰησοῦ, ὥστε θανατῶσαι αὐτόν 1 plotted against Jesus to put him to death यहूदी अगुवे योजना बना रहे थे कि कैसे वे रोमी अगुवों को यीशु को मारने के लिए राजी कर सकते थे। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-explicit]]) @@ -2794,7 +2794,7 @@ MAT 27 64 u5tg figs-ellipsis καὶ ἔσται ἡ ἐσχάτη πλάνη χ MAT 27 65 dkq9 κουστωδίαν 1 a guard इसमें चार से सोलह रोमी सैनिक सम्मिलित होते थे। MAT 27 66 pk1q σφραγίσαντες τὸν λίθον 1 sealing the stone संभावित अर्थ हैं 1) वे पत्थर के चारों ओर एक रस्सी लगाते हैं और इसे कब्र के प्रवेश द्वार के दोनों ओर की चट्टान की दीवार से जोड़ देते हैं या 2) उन्होंने पत्थर और दीवार के बीच मुहर लगा दी। MAT 27 66 e8uf μετὰ τῆς κουστωδίας 1 placing the guard सैनिकों को वहाँ खड़े होने के लिए कहना जहाँ से वे लोगों को कब्र के साथ छेड़छाड़ करने से रोक सकते हैं -MAT 28 intro psw9 0 "# मत्ती 28 सामान्य टिप्पणियाँ
## इस अध्याय में पाई जाने वाली विशेष अवधारणाएँ

### कब्र

कब्र जिसमें यीशु को गाड़ा गया था ([मत्ती 28:1](../../mat/28/01.md)) यह कब्र कुछ इस तरह की थी जिसमें धनी यहूदी परिवारों के लोग अपने मृतकों को गाड़ते थे। इसे एक चट्टान में एक वास्तविक कमरे के रूप में काटा गया था। इसमें एक तरफ एक सपाट स्थान था, जहाँ वे तेल और मसाले डालकर और कपड़े में लपेटकर शरीर को रख सकते थे। तब वे कब्र के सामने एक बड़ी चट्टान को लुढ़का देते थे ताकि कोई भी भीतर न जा सके या प्रवेश न कर सके।

### ""चेला बनाओ""

आखिरी दो पदों ([मत्ती 28:19-20](./19.md)) को सामान्य रूप से ""महान आदेश"" के रूप में जाना जाता है, क्योंकि उनमें सभी मसीहियों को एक बहुत ही महत्वपूर्ण आदेश दिया जाता है। मसीहियों का लोगों के पास जाकर, उनके साथ सुसमाचार साझा करना और उन्हें मसीहियों के रूप में रहने के लिए प्रशिक्षण देना ""चेले बनाना"" है।

## इस अध्याय में अन्य संभावित अनुवाद की कठिनाइयाँ

### परमेश्वर का एक स्वर्गदूत

मत्ती, मरकुस, लूका और यूहन्ना सभों ने यीशु की कब्र पर स्त्रियों के साथ सफेद कपड़ों में स्वर्गदूतों के बारे में लिखा था। दो लेखकों ने उन्हें पुरुष कहा है, परन्तु यह केवल इसलिए है, क्योंकि वे स्वर्गदूत मनुष्यों की तरह दिख रहे थे। दो लेखकों ने दो स्वर्गदूतों के बारे में लिखा, परन्तु अन्य दो लेखकों ने उनमें से केवल एक के बारे में लिखा है। इन मार्गों में से प्रत्येक का अनुवाद करना सबसे अच्छा है क्योंकि यह यूएलटी में दिखाई देता है, बिना मार्गों को ठीक करने के प्रयास किए बिना। (देखें: [Matthew 28:1-2](../../mat/28/01.md) और [मरकुस 16:5](../../mrk/16/05.md) और [लूका 24:4](../../luk/24/04.md) और [यूहन्ना 20:12](../../jhn/20/12.md))
" +MAT 28 intro psw9 0 # मत्ती 28 सामान्य टिप्पणियाँ
## इस अध्याय में पाई जाने वाली विशेष अवधारणाएँ

### कब्र

कब्र जिसमें यीशु को गाड़ा गया था ([मत्ती 28:1](../../mat/28/01.md)) यह कब्र कुछ इस तरह की थी जिसमें धनी यहूदी परिवारों के लोग अपने मृतकों को गाड़ते थे। इसे एक चट्टान में एक वास्तविक कमरे के रूप में काटा गया था। इसमें एक तरफ एक सपाट स्थान था, जहाँ वे तेल और मसाले डालकर और कपड़े में लपेटकर शरीर को रख सकते थे। तब वे कब्र के सामने एक बड़ी चट्टान को लुढ़का देते थे ताकि कोई भी भीतर न जा सके या प्रवेश न कर सके।

### ""चेला बनाओ""

आखिरी दो पदों ([मत्ती 28:19-20](./19.md)) को सामान्य रूप से ""महान आदेश"" के रूप में जाना जाता है, क्योंकि उनमें सभी मसीहियों को एक बहुत ही महत्वपूर्ण आदेश दिया जाता है। मसीहियों का लोगों के पास जाकर, उनके साथ सुसमाचार साझा करना और उन्हें मसीहियों के रूप में रहने के लिए प्रशिक्षण देना ""चेले बनाना"" है।

## इस अध्याय में अन्य संभावित अनुवाद की कठिनाइयाँ

### परमेश्वर का एक स्वर्गदूत

मत्ती, मरकुस, लूका और यूहन्ना सभों ने यीशु की कब्र पर स्त्रियों के साथ सफेद कपड़ों में स्वर्गदूतों के बारे में लिखा था। दो लेखकों ने उन्हें पुरुष कहा है, परन्तु यह केवल इसलिए है, क्योंकि वे स्वर्गदूत मनुष्यों की तरह दिख रहे थे। दो लेखकों ने दो स्वर्गदूतों के बारे में लिखा, परन्तु अन्य दो लेखकों ने उनमें से केवल एक के बारे में लिखा है। इन मार्गों में से प्रत्येक का अनुवाद करना सबसे अच्छा है क्योंकि यह यूएलटी में दिखाई देता है, बिना मार्गों को ठीक करने के प्रयास किए बिना। (देखें: [Matthew 28:1-2](../../mat/28/01.md) और [मरकुस 16:5](../../mrk/16/05.md) और [लूका 24:4](../../luk/24/04.md) और [यूहन्ना 20:12](../../jhn/20/12.md))
MAT 28 1 anr1 0 Connecting Statement: यह मृतकों में से यीशु के पुनरूत्थान के वर्णन को आरम्भ करता है। MAT 28 1 qkn8 ὀψὲ δὲ Σαββάτων, τῇ ἐπιφωσκούσῃ εἰς μίαν σαββάτων 1 Now late on the Sabbath, as it began to dawn toward the first day of the week सब्त के समाप्त होने के बाद, जैसे रविवार की सुबह सूर्य उदय हुआ MAT 28 1 gs43 δὲ 1 Now कहानी की मुख्य-धारा में विराम को चिन्हित करने के लिए यहाँ इस शब्द का उपयोग किया गया है। यहाँ मत्ती कहानी के एक नए भाग को बताना आरम्भ कर देता है। diff --git a/hi_tn_42-MRK.tsv b/hi_tn_42-MRK.tsv index a99d816..df12239 100644 --- a/hi_tn_42-MRK.tsv +++ b/hi_tn_42-MRK.tsv @@ -1,6 +1,6 @@ Book Chapter Verse ID SupportReference OrigQuote Occurrence GLQuote OccurrenceNote -MRK front intro r2f2 0 "# मरकुस के सुसमाचार का परिचय
## भाग 1: सामान्य परिचय

### मरकुस की पुस्तक की रूपरेखा

1. परिचय (1:1––13)
1. गलील में यीशु की सेवकाई
- आरम्भिक सेवकाई (1:14––3:6)
- यीशु लोगों के मध्य अधिक लोकप्रिय हो जाता है (3:7––5:43)
- गलील से दूर जाना और फिर लौटना (6:1––8:26)
1. यरूशलेम की ओर बढ़ना, बार-बार जब यीशु ने अपनी मृत्यु की भविष्यद्वाणी की; शिष्यों ने गलत समझा, और यीशु उन्हें सिखाता है कि उसका अनुसरण करना कितना कठिन होगा (8:27––10:52)
1. सेवकाई के अन्तिम दिन और यरूशलेम में अन्तिम संघर्ष की तैयारी (11:1-13:37)
1. मसीह की मृत्यु और खाली क्रब (14:1––16:8)

### मरकुस की पुस्तक में क्या है?

मरकुस का सुसमाचार नए नियम में चार पुस्तकों में से एक है जो यीशु मसीह के जीवन से कुछ का वर्णन करता है। सुसमाचार के लेखकों ने यीशु के जीवन के विभिन्न पहलुओं के बारे में लिखा कि यीशु कौन है और उन्होंने क्या किया। मरकुस क्रूस पर यीशु की पीड़ा और मृत्यु के बारे में बहुत कुछ लिखता है। उसने अपने उन पाठकों को उत्साहित करने के लिए ऐसा किया जो सताए जा रहे थे। मरकुस ने यहूदी रीति-रिवाजों और कुछ अरामी शब्दों को भी समझाया है। यह संकेत दे सकता है कि मरकुस ने अपने अधिकांश पहले पाठकों के गैर-यहूदी होने की अपेक्षा की थी।

### इस पुस्तक का शीर्षक किस प्रकार अनुवादित किया जाना चाहिए?

अनुवादक इस पुस्तक को इसके पारम्परिक शीर्षक, ""मरकुस का सुसमाचार , ""या"" मरकुस के अनुसार सुसमाचार"" से पुकारना चुन सकते हैं। वे एक ऐसा शीर्षक भी चुन सकते हैं, जो स्पष्ट हो सकता है, जैसे ""वह शुभ सन्देश जिसे मरकुस लिखा था।"" (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/translate-names]])

### मरकुस की पुस्तक किसने लिखी थी?

पुस्तक लेखक का नाम नहीं देती है। यद्यपि, आरम्भिक मसीही काल से, अधिकांश मसीहियों ने सोचा कि इसका लेखक मरकुस था। मरकुस को यूहन्ना मरकुस भी कहा जाता था। वह पतरस का घनिष्ठ मित्र था। मरकुस ने शायद वह नहीं देखा होगा जो यीशु ने कहा और किया था। परन्तु कई विद्वानों का सोचना है कि मरकुस ने अपने सुसमाचार में वह लिखा था जो पतरस ने उसे यीशु के बारे में बताया था।

## भाग 2: महत्वपूर्ण धार्मिक और सांस्कृतिक धारणाएँ

### यीशु की शिक्षण विधियाँ क्या थीं?

लोगों ने यीशु को रब्बी के रूप में माना। एक रब्बी परमेश्वर की व्यवस्था का शिक्षक होता है। यीशु ने उसी तरह के तरीकों से शिक्षा दी जैसे इस्राएल में अन्य धार्मिक शिक्षक देते थे। उनके पास ऐसे विद्यार्थी थे, जो जहाँ कहीं वह गया उसके पीछे गए। इन विद्यार्थियों को चेले कहा जाता था। वह अक्सर दृष्टान्त बताता था। दृष्टान्त वे कहानियाँ हैं जो नैतिक शिक्षा देती हैं। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/lawofmoses]] और [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/disciple]] और [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/parable]])

## भाग 3: अनुवाद के महत्वपूर्ण विषय

### समदर्शी सुसमाचार क्या हैं?

मत्ती, मरकुस, और लूका के सुसमाचार को समदर्शी सुसमाचार कहा जाता है क्योंकि उनके कई अनुच्छेद एक जैसे हैं। ""समदर्शी"" शब्द का अर्थ ""एक साथ देखने से है।""

इसके पाठ को ""समानांतर"" माना जाता है जब वे एक जैसे या दो या तीन सुसमाचारों में लगभग एक जैसे होते हैं। समानान्तर अनुच्छेदों का अनुवाद करते समय, अनुवादकों को एक ही जैसे शब्दों का उपयोग करना चाहिए और उन्हें यथासम्भव समान बनाना चाहिए।

### यीशु ने स्वयं को ""मनुष्य का पुत्र"" क्यों कहा?

सुसमाचार में, यीशु स्वयं को ""मनुष्य का पुत्र"" कहते हैं। यह दानिय्येल 7:13-14 का एक सन्दर्भ है। इस अनुच्छेद में एक व्यक्ति को ""मनुष्य के पुत्र"" के रूप में वर्णित किया गया है। इसका अर्थ है कि वह व्यक्ति ऐसा था जो मनुष्य की तरह दिखता था। परमेश्वर ने मनुष्य के पुत्र को राष्ट्रों पर सर्वदा के लिए शासन करने का अधिकार दिया। और सभी जातियाँ व लोग सर्वदा उसकी आराधना करेंगी।

यीशु के समय के यहूदियों ने किसी के भी लिए शीर्षक के रूप में ""मनुष्य का पुत्र"" का उपयोग नहीं किया था। इसलिए, यीशु ने अपने आप को यह समझाने में सहायता दी कि वह वास्तव में कौन था। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/sonofman]])

कई भाषाओं में ""मनुष्य का पुत्र"" शीर्षक का अनुवाद करना कठिन हो सकता है। पाठक शायद एक शाब्दिक अनुवाद को गलत समझ सकते हैं। अनुवादक विकल्पों पर विचार कर सकते हैं, जैसे कि ""एक मनुष्य""। शीर्षक को समझाने के लिए एक फुटनोट सम्मिलित करना भी सहायक हो सकता है।

### मरकुस अक्सर समय की छोटी अवधियों का संकेत देने वाले शब्दों का उपयोग क्यों करता है?

मरकुस का सुसमाचार ""तुरन्त"" शब्द का उपयोग चालीस बार करता है। वह घटनाओं को और अधिक रोमांचक और ज्वलंत बनाने के लिए ऐसा करता है। यह पाठक को तुरन्त एक घटना से अगली घटना की तरफ ले जाता है।

### मरकुस की पुस्तक के मूलपाठ में मुख्य विषय क्या हैं?

निम्नलिखित वचन बाइबल के पुराने संस्करणों में पाए जाते हैं परन्तु इन्हें सबसे आधुनिक संस्करणों में सम्मिलित नहीं किया गया है । अनुवादकों को परामर्श दिया जाता है कि इन वचनों को सम्मिलित न करें। यद्यपि, यदि अनुवादकों के क्षेत्र में, बाइबल के ऐसे पुराने संस्करण हैं, जिनमें इनमें से एक या अधिक वचन सम्मिलित हैं, तो अनुवादक उन्हें सम्मिलित कर सकते हैं। यदि वे सम्मिलित किए गए हैं, तो उन्हें यह इंगित करने के लिए वर्ग कोष्ठक ([ ]) के भीतर रखा जाना चाहिए कि वे कदाचित् मरकुस के सुसमाचार में मूल रूप से नहीं थे।

*""यदि किसी के सुनने के कान हों तो सुन ले।"" (7:16)
*""जहाँ उनका कीड़ा नहीं मरता और आग नहीं बुझती"" (9:46)
*""तब पवित्रशास्त्र का वह वचन पूरा हुआ जो कहता है कि वह अपराधियों के संग गिना गया,' (15:28)

निम्नलिखित अनुच्छेद आधुनिक पाण्डुलिपियों में नहीं मिलता है। अधिकांश बाइबलों में इस अनुच्छेद को सम्मिलित किया गया है, परन्तु आधुनिक बाइबल में इसे कोष्ठक में रखते हैं ([]) या किसी भी तरह से यह संकेत देते हैं कि यह अनुच्छेद मरकुस के सुसमाचार के मूल में नहीं रहा है। अनुवादकों को परामर्श दिया जाता है कि वे बाइबल के आधुनिक संस्करणों के जैसा ही कुछ कार्य करें।

*""सप्ताह के पहले दिन भोर होते ही वह जी उठ कर पहले-पहल मरियम मगदलीनी को जिसमें से उसने सात दुष्टात्माएँ निकाली थीं, दिखाई दिया। वह चली गयी और उन लोगों से कहा जो उसके साथ थे, जबकि वे शोक करते और रोते थे। उन्होंने सुना कि वह जीवित था और यह कि उसको दिखाई दिया था, परन्तु उन्होंने विश्वास नहीं किया। इन बातों के बाद जब वे देश में से बाहर निकल रहे थे, तब वह उनमें से दो को एक अलग रूप में दिखाई दिया। वे चले गए और बाकी के चेलों को बताया, परन्तु उन्होंने उन पर विश्वास नहीं किया। बाद में यीशु ग्यारह को दिखाई दिया जब वे मेज पर बैठे थे, और उसने उन्हें उनके अविश्वास और मन की कठोरता के लिए डाँटा, क्योंकि उन लोगों पर उन्होंने विश्वास नहीं किया था जिन्होंने मृतकों से जी उठने के बाद उसे देखा था। उसने उनसे कहा, ""तुम सारे जगत में जाकर सारी सृष्टि के लोगों को सुसमाचार प्रचार करो। जो विश्वास करे और बपतिस्मा ले उसी का उद्धार होगा, परन्तु जो विश्वास नहीं करता वह दोषी ठहराया जाएगा। ये चिन्ह उन लोगों के साथ प्रगट होंगे जो विश्वास करते हैं: मेरे नाम पर वे दुष्टात्माओं को बाहर निकाल देंगे। वे नई भाषाओं में बात करेंगे। वे अपने हाथों से साँपों को उठा लेंगे, और यदि वे प्राणनाशक वस्तु भी पी जाएँ तो भी उनकी कुछ हानि न होगी। वे बीमारों पर हाथ रखेंगे, और वे चंगे हो जाएंगे।' उनसे बात करने के बाद प्रभु, स्वर्ग में उठा लिया गया और परमेश्वर के दाहिने हाथ बैठ गया। चेलों ने उस स्थान से निकल कर सब जगह प्रचार किया, जबकि प्रभु ने उनके साथ काम किया और उनके साथ जाने वाले चिन्हों के द्वारा वचन की पुष्टि की।"" (16:9-20)

(देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/translate-textvariants]])

" -MRK 1 intro c6ep 0 "# मरकुस 01 सामान्य टिप्पणियाँ
## संरचना और संरूपण

कुछ अनुवाद काव्य साहित्य की प्रत्येक पंक्ति को शेष पाठ की तुलना में पृष्ठ पर दाईं ओर निर्धारित करते हैं ताकि पढ़ने में आसानी हो। यूएलटी काव्य साहित्य के साथ 1:2-3 में यही करता है, जो पुराने नियम के शब्द हैं।

## इस अध्याय में पाई जाने वाली विशेष धारणाएँ

### ""तू मुझे शुद्ध कर सकता है""
कुष्ठ त्वचा का एक रोग था जो एक व्यक्ति को अशुद्ध और परमेश्वर की सही रीति से आराधना करने में असमर्थ बना देता था। यीशु लोगों को शारीरिक रूप से ""शुद्ध"" या चंगा बनाने के साथ-साथ आत्मिक रूप से ""शुद्ध"" या परमेश्वर के साथ सही बनाने में सक्षम हैं। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/clean]])

### ""परमेश्वर का राज्य निकट है""

विद्वान विवाद करते हैं कि इस समय ""परमेश्वर का राज्य"" उपस्थित था या ऐसा कुछ है जो अभी भी आ रहा है। अंग्रेजी अनुवाद अक्सर ""निकट"" वाक्यांश का उपयोग करते हैं, परन्तु यह अनुवादकों के लिए कठिनाई उत्पन्न कर सकता है। अन्य संस्करण ""आ रहा है"" का उपयोग करते हैं और ""निकट आ गया है।""
" +MRK front intro r2f2 0 # मरकुस के सुसमाचार का परिचय
## भाग 1: सामान्य परिचय

### मरकुस की पुस्तक की रूपरेखा

1. परिचय (1:1––13)
1. गलील में यीशु की सेवकाई
- आरम्भिक सेवकाई (1:14––3:6)
- यीशु लोगों के मध्य अधिक लोकप्रिय हो जाता है (3:7––5:43)
- गलील से दूर जाना और फिर लौटना (6:1––8:26)
1. यरूशलेम की ओर बढ़ना, बार-बार जब यीशु ने अपनी मृत्यु की भविष्यद्वाणी की; शिष्यों ने गलत समझा, और यीशु उन्हें सिखाता है कि उसका अनुसरण करना कितना कठिन होगा (8:27––10:52)
1. सेवकाई के अन्तिम दिन और यरूशलेम में अन्तिम संघर्ष की तैयारी (11:1-13:37)
1. मसीह की मृत्यु और खाली क्रब (14:1––16:8)

### मरकुस की पुस्तक में क्या है?

मरकुस का सुसमाचार नए नियम में चार पुस्तकों में से एक है जो यीशु मसीह के जीवन से कुछ का वर्णन करता है। सुसमाचार के लेखकों ने यीशु के जीवन के विभिन्न पहलुओं के बारे में लिखा कि यीशु कौन है और उन्होंने क्या किया। मरकुस क्रूस पर यीशु की पीड़ा और मृत्यु के बारे में बहुत कुछ लिखता है। उसने अपने उन पाठकों को उत्साहित करने के लिए ऐसा किया जो सताए जा रहे थे। मरकुस ने यहूदी रीति-रिवाजों और कुछ अरामी शब्दों को भी समझाया है। यह संकेत दे सकता है कि मरकुस ने अपने अधिकांश पहले पाठकों के गैर-यहूदी होने की अपेक्षा की थी।

### इस पुस्तक का शीर्षक किस प्रकार अनुवादित किया जाना चाहिए?

अनुवादक इस पुस्तक को इसके पारम्परिक शीर्षक, ""मरकुस का सुसमाचार , ""या"" मरकुस के अनुसार सुसमाचार"" से पुकारना चुन सकते हैं। वे एक ऐसा शीर्षक भी चुन सकते हैं, जो स्पष्ट हो सकता है, जैसे ""वह शुभ सन्देश जिसे मरकुस लिखा था।"" (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/translate-names]])

### मरकुस की पुस्तक किसने लिखी थी?

पुस्तक लेखक का नाम नहीं देती है। यद्यपि, आरम्भिक मसीही काल से, अधिकांश मसीहियों ने सोचा कि इसका लेखक मरकुस था। मरकुस को यूहन्ना मरकुस भी कहा जाता था। वह पतरस का घनिष्ठ मित्र था। मरकुस ने शायद वह नहीं देखा होगा जो यीशु ने कहा और किया था। परन्तु कई विद्वानों का सोचना है कि मरकुस ने अपने सुसमाचार में वह लिखा था जो पतरस ने उसे यीशु के बारे में बताया था।

## भाग 2: महत्वपूर्ण धार्मिक और सांस्कृतिक धारणाएँ

### यीशु की शिक्षण विधियाँ क्या थीं?

लोगों ने यीशु को रब्बी के रूप में माना। एक रब्बी परमेश्वर की व्यवस्था का शिक्षक होता है। यीशु ने उसी तरह के तरीकों से शिक्षा दी जैसे इस्राएल में अन्य धार्मिक शिक्षक देते थे। उनके पास ऐसे विद्यार्थी थे, जो जहाँ कहीं वह गया उसके पीछे गए। इन विद्यार्थियों को चेले कहा जाता था। वह अक्सर दृष्टान्त बताता था। दृष्टान्त वे कहानियाँ हैं जो नैतिक शिक्षा देती हैं। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/lawofmoses]] और [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/disciple]] और [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/parable]])

## भाग 3: अनुवाद के महत्वपूर्ण विषय

### समदर्शी सुसमाचार क्या हैं?

मत्ती, मरकुस, और लूका के सुसमाचार को समदर्शी सुसमाचार कहा जाता है क्योंकि उनके कई अनुच्छेद एक जैसे हैं। ""समदर्शी"" शब्द का अर्थ ""एक साथ देखने से है।""

इसके पाठ को ""समानांतर"" माना जाता है जब वे एक जैसे या दो या तीन सुसमाचारों में लगभग एक जैसे होते हैं। समानान्तर अनुच्छेदों का अनुवाद करते समय, अनुवादकों को एक ही जैसे शब्दों का उपयोग करना चाहिए और उन्हें यथासम्भव समान बनाना चाहिए।

### यीशु ने स्वयं को ""मनुष्य का पुत्र"" क्यों कहा?

सुसमाचार में, यीशु स्वयं को ""मनुष्य का पुत्र"" कहते हैं। यह दानिय्येल 7:13-14 का एक सन्दर्भ है। इस अनुच्छेद में एक व्यक्ति को ""मनुष्य के पुत्र"" के रूप में वर्णित किया गया है। इसका अर्थ है कि वह व्यक्ति ऐसा था जो मनुष्य की तरह दिखता था। परमेश्वर ने मनुष्य के पुत्र को राष्ट्रों पर सर्वदा के लिए शासन करने का अधिकार दिया। और सभी जातियाँ व लोग सर्वदा उसकी आराधना करेंगी।

यीशु के समय के यहूदियों ने किसी के भी लिए शीर्षक के रूप में ""मनुष्य का पुत्र"" का उपयोग नहीं किया था। इसलिए, यीशु ने अपने आप को यह समझाने में सहायता दी कि वह वास्तव में कौन था। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/sonofman]])

कई भाषाओं में ""मनुष्य का पुत्र"" शीर्षक का अनुवाद करना कठिन हो सकता है। पाठक शायद एक शाब्दिक अनुवाद को गलत समझ सकते हैं। अनुवादक विकल्पों पर विचार कर सकते हैं, जैसे कि ""एक मनुष्य""। शीर्षक को समझाने के लिए एक फुटनोट सम्मिलित करना भी सहायक हो सकता है।

### मरकुस अक्सर समय की छोटी अवधियों का संकेत देने वाले शब्दों का उपयोग क्यों करता है?

मरकुस का सुसमाचार ""तुरन्त"" शब्द का उपयोग चालीस बार करता है। वह घटनाओं को और अधिक रोमांचक और ज्वलंत बनाने के लिए ऐसा करता है। यह पाठक को तुरन्त एक घटना से अगली घटना की तरफ ले जाता है।

### मरकुस की पुस्तक के मूलपाठ में मुख्य विषय क्या हैं?

निम्नलिखित वचन बाइबल के पुराने संस्करणों में पाए जाते हैं परन्तु इन्हें सबसे आधुनिक संस्करणों में सम्मिलित नहीं किया गया है । अनुवादकों को परामर्श दिया जाता है कि इन वचनों को सम्मिलित न करें। यद्यपि, यदि अनुवादकों के क्षेत्र में, बाइबल के ऐसे पुराने संस्करण हैं, जिनमें इनमें से एक या अधिक वचन सम्मिलित हैं, तो अनुवादक उन्हें सम्मिलित कर सकते हैं। यदि वे सम्मिलित किए गए हैं, तो उन्हें यह इंगित करने के लिए वर्ग कोष्ठक ([ ]) के भीतर रखा जाना चाहिए कि वे कदाचित् मरकुस के सुसमाचार में मूल रूप से नहीं थे।

*""यदि किसी के सुनने के कान हों तो सुन ले।"" (7:16)
*""जहाँ उनका कीड़ा नहीं मरता और आग नहीं बुझती"" (9:46)
*""तब पवित्रशास्त्र का वह वचन पूरा हुआ जो कहता है कि वह अपराधियों के संग गिना गया,' (15:28)

निम्नलिखित अनुच्छेद आधुनिक पाण्डुलिपियों में नहीं मिलता है। अधिकांश बाइबलों में इस अनुच्छेद को सम्मिलित किया गया है, परन्तु आधुनिक बाइबल में इसे कोष्ठक में रखते हैं ([]) या किसी भी तरह से यह संकेत देते हैं कि यह अनुच्छेद मरकुस के सुसमाचार के मूल में नहीं रहा है। अनुवादकों को परामर्श दिया जाता है कि वे बाइबल के आधुनिक संस्करणों के जैसा ही कुछ कार्य करें।

*""सप्ताह के पहले दिन भोर होते ही वह जी उठ कर पहले-पहल मरियम मगदलीनी को जिसमें से उसने सात दुष्टात्माएँ निकाली थीं, दिखाई दिया। वह चली गयी और उन लोगों से कहा जो उसके साथ थे, जबकि वे शोक करते और रोते थे। उन्होंने सुना कि वह जीवित था और यह कि उसको दिखाई दिया था, परन्तु उन्होंने विश्वास नहीं किया। इन बातों के बाद जब वे देश में से बाहर निकल रहे थे, तब वह उनमें से दो को एक अलग रूप में दिखाई दिया। वे चले गए और बाकी के चेलों को बताया, परन्तु उन्होंने उन पर विश्वास नहीं किया। बाद में यीशु ग्यारह को दिखाई दिया जब वे मेज पर बैठे थे, और उसने उन्हें उनके अविश्वास और मन की कठोरता के लिए डाँटा, क्योंकि उन लोगों पर उन्होंने विश्वास नहीं किया था जिन्होंने मृतकों से जी उठने के बाद उसे देखा था। उसने उनसे कहा, ""तुम सारे जगत में जाकर सारी सृष्टि के लोगों को सुसमाचार प्रचार करो। जो विश्वास करे और बपतिस्मा ले उसी का उद्धार होगा, परन्तु जो विश्वास नहीं करता वह दोषी ठहराया जाएगा। ये चिन्ह उन लोगों के साथ प्रगट होंगे जो विश्वास करते हैं: मेरे नाम पर वे दुष्टात्माओं को बाहर निकाल देंगे। वे नई भाषाओं में बात करेंगे। वे अपने हाथों से साँपों को उठा लेंगे, और यदि वे प्राणनाशक वस्तु भी पी जाएँ तो भी उनकी कुछ हानि न होगी। वे बीमारों पर हाथ रखेंगे, और वे चंगे हो जाएंगे।' उनसे बात करने के बाद प्रभु, स्वर्ग में उठा लिया गया और परमेश्वर के दाहिने हाथ बैठ गया। चेलों ने उस स्थान से निकल कर सब जगह प्रचार किया, जबकि प्रभु ने उनके साथ काम किया और उनके साथ जाने वाले चिन्हों के द्वारा वचन की पुष्टि की।"" (16:9-20)

(देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/translate-textvariants]])

+MRK 1 intro c6ep 0 # मरकुस 01 सामान्य टिप्पणियाँ
## संरचना और संरूपण

कुछ अनुवाद काव्य साहित्य की प्रत्येक पंक्ति को शेष पाठ की तुलना में पृष्ठ पर दाईं ओर निर्धारित करते हैं ताकि पढ़ने में आसानी हो। यूएलटी काव्य साहित्य के साथ 1:2-3 में यही करता है, जो पुराने नियम के शब्द हैं।

## इस अध्याय में पाई जाने वाली विशेष धारणाएँ

### ""तू मुझे शुद्ध कर सकता है""
कुष्ठ त्वचा का एक रोग था जो एक व्यक्ति को अशुद्ध और परमेश्वर की सही रीति से आराधना करने में असमर्थ बना देता था। यीशु लोगों को शारीरिक रूप से ""शुद्ध"" या चंगा बनाने के साथ-साथ आत्मिक रूप से ""शुद्ध"" या परमेश्वर के साथ सही बनाने में सक्षम हैं। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/clean]])

### ""परमेश्वर का राज्य निकट है""

विद्वान विवाद करते हैं कि इस समय ""परमेश्वर का राज्य"" उपस्थित था या ऐसा कुछ है जो अभी भी आ रहा है। अंग्रेजी अनुवाद अक्सर ""निकट"" वाक्यांश का उपयोग करते हैं, परन्तु यह अनुवादकों के लिए कठिनाई उत्पन्न कर सकता है। अन्य संस्करण ""आ रहा है"" का उपयोग करते हैं और ""निकट आ गया है।""
MRK 1 1 s8qp 0 General Information: मरकुस की पुस्तक भविष्यद्वक्ता यशायाह के यूहन्ना बपतिस्मा देने वाले के आने की भविष्यद्वाणी के साथ आरम्भ होती है, जो यीशु को बपतिस्मा देता है। मरकुस लेखक है, जिसे यूहन्ना मरकुस भी कहा जाता है, जो चार सुसमाचारों में वर्णित मरियम नाम की कई स्त्रियों में से एक का पुत्र है। वह बरनबास का भतीजा भी है। MRK 1 1 i3bc guidelines-sonofgodprinciples Υἱοῦ Θεοῦ 1 Son of God यह यीशु के लिए एक महत्वपूर्ण पदवी है। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/guidelines-sonofgodprinciples]]) MRK 1 2 gu7i figs-idiom πρὸ προσώπου σου 1 before your face "यह एक मुहावरा है जिसका अर्थ है ""तुझ से आगे।"" (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-idiom]])" @@ -84,7 +84,7 @@ MRK 1 45 bn6r ὥστε 1 so much that उस व्यक्ति ने इ MRK 1 45 l9es figs-explicit ὥστε μηκέτι αὐτὸν δύνασθαι φανερῶς εἰς πόλιν εἰσελθεῖν 1 that Jesus could no longer enter a town openly "यह उस व्यक्ति के इस समाचार को इतना अधिक फैलाने का परिणाम था। यहाँ ""खुल्लमखुल्ला"" ""सार्वजनिक रूप से"" के लिए एक रूपक है। यीशु नगरों में प्रवेश नहीं कर सका क्योंकि बहुत से लोग उसके चारों ओर भीड़ कर देंगे। वैकल्पिक अनुवाद: ""कि यीशु अब सार्वजनिक रूप से एक शहर में प्रवेश नहीं कर सकता"" या ""यीशु अब इस तरह से नगरों में प्रवेश नहीं कर सकता था कि बहुत से लोग उसे देख पाएँ"" (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-explicit]])" MRK 1 45 d5lw ἐρήμοις τόποις 1 remote places "एकांत स्थान या ""वे स्थान जहाँ कोई भी नहीं रहता""" MRK 1 45 z363 figs-hyperbole πάντοθεν 1 from everywhere """चारों ओर"" एक बढ़ा चढ़ा कर बोला गया शब्द है जो इस बात पर ज़ोर देता है कि कितने स्थानों से लोग आए थे। वैकल्पिक अनुवाद: ""पूरे क्षेत्र से"" (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-hyperbole]])" -MRK 2 intro zhb5 0 "# मरकुस 02 सामान्य टिप्पणियाँ
## इस अध्याय में विशेष धारणाएँ

### ""पापियों""

जब यीशु के समय के लोगों ने ""पापियों"" की बात की, तो वे उन लोगों के बारे में बात कर रहे थे जिन्होंने मूसा की व्यवस्था का पालन नहीं किया और इसकी अपेक्षा चोरी या यौन पापों जैसे पाप किए। जब यीशु ने कहा कि वह ""पापियों"" को बुलाने आया था, तो उसका अर्थ था कि केवल वे लोग ही जो विश्वास करते हैं कि वे पापी हैं, उसके अनुयायी हो सकते हैं। यह सच है भले ही अधिकांश लोग वैसे नहीं होते हैं जैसे कि लोग उन्हें ""पापी"" के रूप में सोचते हैं। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/sin]])

### उपवास और दावत

लोगों उपवास करेंगे, या लम्बे समय तक भोजन नहीं खाएँगे, जब वे उदास होते थे या परमेश्वर को दिखा रहे होते थे कि वे अपने पापों के लिए खेदित थे। जब वे विवाह जैसे समयों पर प्रसन्न होते थे, तो वे दावत का आयोजन किया करते थे, या ऐसा खाना करते थे जहाँ वे अधिक भोजन खाते थे। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/other/fast]])

## इस अध्याय में बोले जाने वाले महत्वपूर्ण आँकड़े

### अलंकारिक प्रश्न

यहूदी अगुवों ने यह दिखाने के लिए अलंकारिक प्रश्नों का उपयोग किया कि यीशु ने जो कहा और किया है उसके कारण वे क्रोधित थे और उन्होंने विश्वास नहीं किया कि वह परमेश्वर का पुत्र था (\[मरकुस 2:7](../../mrk/02/07.md)). यीशु ने यहूदी अगुवों को यह दिखाने के लिए उनका उपयोग किया कि वे घमण्डी थे ([मरकुस 2:25-26](./25.md))। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-rquestion]])
" +MRK 2 intro zhb5 0 # मरकुस 02 सामान्य टिप्पणियाँ
## इस अध्याय में विशेष धारणाएँ

### ""पापियों""

जब यीशु के समय के लोगों ने ""पापियों"" की बात की, तो वे उन लोगों के बारे में बात कर रहे थे जिन्होंने मूसा की व्यवस्था का पालन नहीं किया और इसकी अपेक्षा चोरी या यौन पापों जैसे पाप किए। जब यीशु ने कहा कि वह ""पापियों"" को बुलाने आया था, तो उसका अर्थ था कि केवल वे लोग ही जो विश्वास करते हैं कि वे पापी हैं, उसके अनुयायी हो सकते हैं। यह सच है भले ही अधिकांश लोग वैसे नहीं होते हैं जैसे कि लोग उन्हें ""पापी"" के रूप में सोचते हैं। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/sin]])

### उपवास और दावत

लोगों उपवास करेंगे, या लम्बे समय तक भोजन नहीं खाएँगे, जब वे उदास होते थे या परमेश्वर को दिखा रहे होते थे कि वे अपने पापों के लिए खेदित थे। जब वे विवाह जैसे समयों पर प्रसन्न होते थे, तो वे दावत का आयोजन किया करते थे, या ऐसा खाना करते थे जहाँ वे अधिक भोजन खाते थे। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/other/fast]])

## इस अध्याय में बोले जाने वाले महत्वपूर्ण आँकड़े

### अलंकारिक प्रश्न

यहूदी अगुवों ने यह दिखाने के लिए अलंकारिक प्रश्नों का उपयोग किया कि यीशु ने जो कहा और किया है उसके कारण वे क्रोधित थे और उन्होंने विश्वास नहीं किया कि वह परमेश्वर का पुत्र था (\[मरकुस 2:7](../../mrk/02/07.md)). यीशु ने यहूदी अगुवों को यह दिखाने के लिए उनका उपयोग किया कि वे घमण्डी थे ([मरकुस 2:25-26](./25.md))। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-rquestion]])
MRK 2 1 se22 0 Connecting Statement: पूरे गलील में प्रचार करने और लोगों को चंगा करने के बाद, यीशु कफरनहूम लौट आया जहाँ वह एक लकवे के मारे व्यक्ति को चंगा करता है और उसके पाप क्षमा करता है। MRK 2 1 ir5j figs-activepassive ἠκούσθη ὅτι ἐν οἴκῳ ἐστίν 1 it was heard that he was at home "इसे सक्रिय रूप में कहा जा सकता है। वैकल्पिक अनुवाद: ""वहाँ के लोगों ने सुना कि वह अपने घर में ठहरा हुआ था"" (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-activepassive]])" MRK 2 2 d3iy figs-explicit καὶ συνήχθησαν πολλοὶ 1 So many gathered there """वहाँ"" शब्द उस घर को प्रकट करता है जिसमें यीशु कफरनहूम में ठहरा हुआ था। वैकल्पिक अनुवाद: ""बहुत से लोग वहाँ इकट्ठे हुए"" या ""बहुत से लोग घर में आए"" (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-explicit]])" @@ -314,7 +314,7 @@ MRK 4 39 ag41 γαλήνη μεγάλη 1 a great calm "समुद्र प MRK 4 40 h7n3 καὶ εἶπεν αὐτοῖς 1 Then he said to them और यीशु ने अपने चेलों से कहा MRK 4 40 w5n4 figs-rquestion τί δειλοί ἐστε? οὔπω ἔχετε πίστιν 1 Why are you afraid? Do you still not have faith? "यीशु अपने चेलों से इस बात पर विचार करने के लिए इन प्रश्नों से पूछता है कि जब वह उनके साथ है तो वे क्यों डरते हैं। इन प्रश्नों को कथन के रूप में लिखा जा सकता है। वैकल्पिक अनुवाद: ""तम्हें डरना नहीं चाहिए। तुम्हें अधिक विश्वास होना चाहिए। ""(देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-rquestion]])" MRK 4 41 u8e1 figs-rquestion τίς ἄρα οὗτός ἐστιν, ὅτι καὶ ὁ ἄνεμος καὶ ἡ θάλασσα ὑπακούει αὐτῷ? 1 Who then is this, because even the wind and the sea obey him? "यीशु के किए हुए कार्य के कारण चेले आश्चर्य में इस प्रश्न को पूछते हैं। यह प्रश्न एक कथन के रूप में लिखा जा सकता है। वैकल्पिक अनुवाद: ""यह व्यक्ति साधारण लोगों की तरह नहीं है, यहाँ तक कि हवा और समुद्र भी उसकी आज्ञा का पालन करते हैं!"" (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-rquestion]])" -MRK 5 intro lh25 0 "# मरकुस 05 सामान्य टिप्पणियाँ
## इस अध्याय में अनुवाद की सम्भावित कठिनाइयाँ

### ""तलीता, कूमी""

शब्द ""तालिता, कूमी"" (\[मरकुस 5:41](../../mrk/05/41.md)) अरामी भाषा से हैं। मरकुस उन्हें उनके सुनाई देने वाले तरीके में लिखता है और फिर उनका अनुवाद करता है। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/translate-transliterate]])
" +MRK 5 intro lh25 0 # मरकुस 05 सामान्य टिप्पणियाँ
## इस अध्याय में अनुवाद की सम्भावित कठिनाइयाँ

### ""तलीता, कूमी""

शब्द ""तालिता, कूमी"" (\[मरकुस 5:41](../../mrk/05/41.md)) अरामी भाषा से हैं। मरकुस उन्हें उनके सुनाई देने वाले तरीके में लिखता है और फिर उनका अनुवाद करता है। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/translate-transliterate]])
MRK 5 1 fix1 0 Connecting Statement: यीशु के बड़े तूफान को शांत करने के बाद, वह एक ऐसे व्यक्ति को चंगा करता है जिसमें कई दुष्टात्माएँ थीं, परन्तु गिरासेनिया में स्थानीय लोग उसके चंगा होने के बारे में प्रसन्न नहीं हैं, और वे यीशु से वहाँ से चले जाने के लिए प्रार्थना करते हैं। MRK 5 1 gt8a ἦλθον 1 They came """वे"" शब्द यीशु और उसके चेलों को प्रकट करता है।" MRK 5 1 ahx8 τῆς θαλάσσης 1 the sea यह गलील की झील को दर्शाता है। @@ -397,7 +397,7 @@ MRK 5 42 pt5t translate-numbers ἦν…ἐτῶν δώδεκα 1 she was twelve MRK 5 43 i5ja figs-quotations διεστείλατο αὐτοῖς πολλὰ ἵνα μηδεὶς γνοῖ τοῦτο, καὶ 1 He strictly ordered them that no one should know about this. Then इसे प्रत्यक्ष उद्धरण के रूप में कहा जा सकता है। वैकल्पिक अनुवाद: ""उसने उन्हें कठोरता से आदेश दिया, 'इस बारे में किसी को भी पता नहीं होना चाहिए!' तब ""या"" उसने उन्हें कठोरता से आदेश दिया, 'मैंने जो कुछ किया है उसके बारे में किसी को मत बताओ!' फिर"" (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-quotations]]) MRK 5 43 ij1k διεστείλατο αὐτοῖς πολλὰ 1 He strictly ordered them उसने दृढ़ता से उन्हें आदेश दिया" MRK 5 43 n29k figs-quotations καὶ εἶπεν δοθῆναι αὐτῇ φαγεῖν 1 Then he told them to give her something to eat. "इसे प्रत्यक्ष उद्धरण के रूप में कहा जा सकता है। वैकल्पिक अनुवाद: ""और उसने उनसे कहा, 'उसे खाने के लिए कुछ दो।'"" (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-quotations]])" -MRK 6 intro kl7n 0 "# मरकुस 06 सामान्य टिप्पणियाँ
## इस अध्याय में विशेष धारणाएँ

### ""तेल के साथ अभिषेक""

प्राचीनकाल में पूर्व के निकट में, लोग बीमार लोगों पर जैतून का तेल डालकर चंगा करने की प्रयास करते थे।" +MRK 6 intro kl7n 0 # मरकुस 06 सामान्य टिप्पणियाँ
## इस अध्याय में विशेष धारणाएँ

### ""तेल के साथ अभिषेक""

प्राचीनकाल में पूर्व के निकट में, लोग बीमार लोगों पर जैतून का तेल डालकर चंगा करने की प्रयास करते थे। MRK 6 1 mi7z 0 Connecting Statement: यीशु अपने गृह नगर लौटता है, जहाँ उसे स्वीकार नहीं किया गया है। MRK 6 1 mjr1 τὴν πατρίδα αὐτοῦ 1 his hometown यह नासरत शहर को दर्शाता है, जहाँ यीशु पला-बढ़ा था और जहाँ उसका परिवार रहता था। इसका अर्थ यह नहीं है कि उसके पास पूरी पृथ्वी का स्वामित्व है। MRK 6 2 y4xj τίς ἡ σοφία ἡ δοθεῖσα τούτῳ 1 What is this wisdom that has been given to him? "इस प्रश्न को, जिसमें निष्क्रिय निर्माण सम्मिलित है, सक्रिय रूप में पूछा जा सकता है। वैकल्पिक अनुवाद: ""वह ज्ञान क्या है जिसे उसने प्राप्त किया है?""" @@ -492,7 +492,7 @@ MRK 6 56 a3i3 παρεκάλουν αὐτὸν 1 They begged him "सम्भ MRK 6 56 m366 ἅψωνται 1 let them touch "शब्द ""उन्हें"" बीमारों को दर्शाता है।" MRK 6 56 wd2u τοῦ κρασπέδου τοῦ ἱματίου αὐτοῦ 1 the edge of his garment "उसके वस्त्र का किनारा या ""उसके कपड़े का छोर""" MRK 6 56 ugr3 ὅσοι ἂν 1 as many as वे सभी जो -MRK 7 intro vq1j 0 "# मरकुस 07 सामान्य टिप्पणियाँ
## संरचना और संरूपण

कुछ अनुवाद पढ़ने में आसान बनाने के लिए पाठ के शेष भाग की तुलना में काव्य को प्रत्येक पंक्ति को दाईं ओर निर्धारित करते हैं। यूएलटी अनुवाद 7: 6-7 में काव्य के साथ ऐसा करता है, जो पुराने नियम से वचन हैं।

## इस अध्याय में पाई जाने वाली विशेष धारणाएँ

### हाथ धोने

फरीसियों ने कई चीजें धो दीं गन्दे नहीं थे क्योंकि वे यह प्रयास कर रहे कि परमेश्वर यह सोचे कि वे अच्छे थे। उन्होंने खाने से पहले अपने हाथ धोए, भले ही उनके हाथ गन्दे नहीं थे। और भले ही मूसा की व्यवस्था ने यह नहीं कहा कि उन्हें ऐसा करना है। यीशु ने उनसे कहा कि वे गलत थे और यह कि लोग सही बातों को सोचकर और सही काम करके परमेश्वर को प्रसन्न करते हैं। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/lawofmoses]] और [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/clean]])

## इस अध्याय में अनुवाद सम्बन्धित अन्य सम्भावित कठिनाइयाँ

### ""इप्फत्तह""

यह एक अरामी शब्द है। मरकुस ने यूनानी अक्षरों का उपयोग करके इसे सुनाई देने के तरीके में लिखा है और फिर समझाया कि इसका क्या अर्थ है। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/translate-transliterate]])
" +MRK 7 intro vq1j 0 # मरकुस 07 सामान्य टिप्पणियाँ
## संरचना और संरूपण

कुछ अनुवाद पढ़ने में आसान बनाने के लिए पाठ के शेष भाग की तुलना में काव्य को प्रत्येक पंक्ति को दाईं ओर निर्धारित करते हैं। यूएलटी अनुवाद 7: 6-7 में काव्य के साथ ऐसा करता है, जो पुराने नियम से वचन हैं।

## इस अध्याय में पाई जाने वाली विशेष धारणाएँ

### हाथ धोने

फरीसियों ने कई चीजें धो दीं गन्दे नहीं थे क्योंकि वे यह प्रयास कर रहे कि परमेश्वर यह सोचे कि वे अच्छे थे। उन्होंने खाने से पहले अपने हाथ धोए, भले ही उनके हाथ गन्दे नहीं थे। और भले ही मूसा की व्यवस्था ने यह नहीं कहा कि उन्हें ऐसा करना है। यीशु ने उनसे कहा कि वे गलत थे और यह कि लोग सही बातों को सोचकर और सही काम करके परमेश्वर को प्रसन्न करते हैं। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/lawofmoses]] और [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/clean]])

## इस अध्याय में अनुवाद सम्बन्धित अन्य सम्भावित कठिनाइयाँ

### ""इप्फत्तह""

यह एक अरामी शब्द है। मरकुस ने यूनानी अक्षरों का उपयोग करके इसे सुनाई देने के तरीके में लिखा है और फिर समझाया कि इसका क्या अर्थ है। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/translate-transliterate]])
MRK 7 1 hu3f 0 Connecting Statement: यीशु फरीसियों और शास्त्रियों को डाँटते हैं। MRK 7 1 b9ul συνάγονται πρὸς αὐτὸν 1 gathered around him यीशु के चारों ओर इकट्ठा हुए MRK 7 2 b8qw writing-background 0 General Information: वचन 3 और 4 में, लेखक फरीसियों की धोने सम्बन्धी परम्पराओं के बारे में पृष्ठभूमि की जानकारी देता है ताकि यह दिखाया जा सके कि फरीसियों को इस बात पर चिन्ता क्यों थी कि यीशु के चेलों ने खाने से पहले हाथ नहीं धोए थे। यूएसटी अनुवाद के जैसे इस जानकारी को समझने में आसान बनाने के लिए क्रमानुसार ऊपर-नीचे किया जा सकता है। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/writing-background]] और [[rc://hi/ta/man/translate/translate-versebridge]]) @@ -574,7 +574,7 @@ MRK 7 36 eb2y figs-ellipsis ὅσον…αὐτοῖς διεστέλλετο, MRK 7 36 zce7 μᾶλλον περισσότερον 1 the more abundantly "अधिक व्यापक रूप से या ""और अधिक""" MRK 7 37 iy76 ὑπέρ περισσῶς ἐξεπλήσσοντο 1 were extremely astonished "पूरी तरह से चकित थे या ""अत्यन्त आश्चर्यचकित थे"" या ""सभी सोच से परे आश्चर्यचकित थे""" MRK 7 37 dh17 figs-metonymy τοὺς κωφοὺς…ἀλάλους 1 the deaf ... the mute "ये लोगों को प्रकट करता है। वैकल्पिक अनुवाद: ""बहरे लोग ... गूँगे लोग"" या ""जो लोग नहीं सुन सकते ... जो लोग बात नहीं कर सकते"" (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-metonymy]])" -MRK 8 intro ry56 0 "# मरकुस 08 सामान्य टिप्पणियाँ
## इस अध्याय में विशेष धारणाएँ

### रोटी
जब यीशु ने एक आश्चर्यकर्म किया और लोगों की एक बड़ी भीड़ के लिए रोटी की व्यवस्था की, तो सम्भवतः उन्होंने उस बारे में सोचा जब परमेश्वर ने इस्राएल के लोगों को चमत्कारी रूप से भोजन प्रदान किया था जब वे जंगल में थे।

खमीर वह तत्व है जो पकाए जाने से पहले रोटी को लम्बा बनाता है। इस अध्याय में, यीशु खमीर का उपयोग उन बातों के लिए रूपक के रूप में करता है जो लोगों के सोचने, बोलने और कार्य करने के तरीके को परिवर्तित करती है। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-metaphor]])

### ""व्यभिचारी पीढ़ी""

जब यीशु ने लोगों को ""व्यभिचारी पीढ़ी"" कहा, तो वह उन्हें बता रहा था कि वे परमेश्वर के प्रति विश्वासयोग्य नहीं थे। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/faithful]] और [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/peopleofgod]])

## इस अध्याय में बोले जाने वाले महत्वपूर्ण पात्र

### अलंकारिक प्रश्न

यीशु ने चेलों को शिक्षा देने के दोनों तरीके के रूप में कई अलंकारिक प्रश्नों का उपयोग किया ([मरकुस 8:17-21](./17.md)) और लोगों को डाँटना ([मरकुस 8:12](../../mrk/08/12.md))। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-rquestion]])

## इस अध्याय में अनुवाद सम्बन्धी अन्य सम्भावित कठिनाइयाँ

### विरोधाभास

एक विरोधाभास एक सच्चा कथन होता है जो किसी असम्भव बात का वर्णन करते हुए प्रतीत होता है। यीशु एक विरोधाभास का उपयोग करता है जब वह कहता है, ""क्योंकि जो कोई अपना प्राण बचाना चाहता है वह उसे खोएगा, और जो कोई मेरे लिये अपना प्राण खोता है, वह उसे पा लेगा"" ([मरकुस 8:35-37](./35.md)).
" +MRK 8 intro ry56 0 # मरकुस 08 सामान्य टिप्पणियाँ
## इस अध्याय में विशेष धारणाएँ

### रोटी
जब यीशु ने एक आश्चर्यकर्म किया और लोगों की एक बड़ी भीड़ के लिए रोटी की व्यवस्था की, तो सम्भवतः उन्होंने उस बारे में सोचा जब परमेश्वर ने इस्राएल के लोगों को चमत्कारी रूप से भोजन प्रदान किया था जब वे जंगल में थे।

खमीर वह तत्व है जो पकाए जाने से पहले रोटी को लम्बा बनाता है। इस अध्याय में, यीशु खमीर का उपयोग उन बातों के लिए रूपक के रूप में करता है जो लोगों के सोचने, बोलने और कार्य करने के तरीके को परिवर्तित करती है। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-metaphor]])

### ""व्यभिचारी पीढ़ी""

जब यीशु ने लोगों को ""व्यभिचारी पीढ़ी"" कहा, तो वह उन्हें बता रहा था कि वे परमेश्वर के प्रति विश्वासयोग्य नहीं थे। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/faithful]] और [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/peopleofgod]])

## इस अध्याय में बोले जाने वाले महत्वपूर्ण पात्र

### अलंकारिक प्रश्न

यीशु ने चेलों को शिक्षा देने के दोनों तरीके के रूप में कई अलंकारिक प्रश्नों का उपयोग किया ([मरकुस 8:17-21](./17.md)) और लोगों को डाँटना ([मरकुस 8:12](../../mrk/08/12.md))। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-rquestion]])

## इस अध्याय में अनुवाद सम्बन्धी अन्य सम्भावित कठिनाइयाँ

### विरोधाभास

एक विरोधाभास एक सच्चा कथन होता है जो किसी असम्भव बात का वर्णन करते हुए प्रतीत होता है। यीशु एक विरोधाभास का उपयोग करता है जब वह कहता है, ""क्योंकि जो कोई अपना प्राण बचाना चाहता है वह उसे खोएगा, और जो कोई मेरे लिये अपना प्राण खोता है, वह उसे पा लेगा"" ([मरकुस 8:35-37](./35.md)).
MRK 8 1 sgv6 0 Connecting Statement: एक बड़ी और भूखी भीड़ यीशु के साथ है। इससे पहले कि यीशु और उसके चेले दूसरे स्थान पर जाने के लिए एक नाव पर चढ़ते हैं वह उन्हें केवल सात रोटियों और कुछ मछली का उपयोग करके खिलाता है। MRK 8 1 rmd8 writing-newevent ἐν ἐκείναις ταῖς ἡμέραις 1 In those days इस वाक्यांश का उपयोग कहानी में एक नई घटना को प्रस्तुत करने के लिए किया गया है। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/writing-newevent]]) MRK 8 2 h8v8 ἤδη ἡμέραι τρεῖς προσμένουσίν μοι, καὶ οὐκ ἔχουσιν τι φάγωσιν 1 they continue to be with me already for three days and have nothing to eat यह तीसरा दिन है कि ये लोग मेरे साथ हैं, और उनके पास खाने के लिए कुछ भी नहीं है @@ -659,7 +659,7 @@ MRK 8 38 s5tm guidelines-sonofgodprinciples ὁ Υἱὸς τοῦ Ἀνθρώπ MRK 8 38 xd58 ὅταν ἔλθῃ 1 when he comes जब वह वापस आता है MRK 8 38 vl69 ἐν τῇ δόξῃ τοῦ Πατρὸς αὐτοῦ 1 in the glory of his Father जब यीशु लौटता है तो उसके पिता के समान ही उसकी महिमा होगी। MRK 8 38 vqk3 μετὰ τῶν ἀγγέλων τῶν ἁγίων 1 with the holy angels पवित्र स्वर्गदूतों के साथ -MRK 9 intro n92j 0 "# मरकुस 09 सामान्य टिप्पणियाँ
## इस अध्याय में पाई जाने वाली विशेष धारणाएँ

### ""रूपान्तरण""

पवित्रशास्त्र अक्सर एक बड़े और उज्जवल प्रकाश के रूप में परमेश्वर की महिमा के बारे में बोलता है। जब लोग इस प्रकाश को देखते हैं, तो वे डरते हैं। मरकुस इस अध्याय में कहता है कि यीशु के कपड़े इस महिमामयी प्रकाश से चमकने लगे जिससे कि उसके अनुयायी देख सके कि यीशु वास्तव में परमेश्वर का पुत्र था। उसी समय, परमेश्वर ने उनसे कहा कि यीशु उसका पुत्र था। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/glory]] और [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/fear]])

## इस अध्याय में बोलने वाले महत्वपूर्ण पात्र

### बढ़ा चढ़ा कर बोला गया

यीशु ने ऐसी बातें कही थी जिसकी उसने अपने अनुयायियों से सचमुच में समझने की अपेक्षा नहीं की थी। जब उसने कहा, ""यदि तेरा हाथ तुझे ठोकर खिलाता है, तो इसे काट डाल"" ([मरकुस 9:43](../../mrk/09/43.md)), वह बढ़ा चढ़ा कर बोल रहा था इसलिए कि वे जान जाएँ उन्हें किसी भी ऐसी वस्तु से दूर रहना चाहिए जो उनसे पाप करवाती है, भले ही यदि वह ऐसा कुछ था जिसे वे पसन्द करते थे या सोचते थे कि उन्हें उसकी आवश्यकता है।

## इस अध्याय में अनुवाद सम्बन्धी अन्य सम्भावित कठिनाइयाँ

### एलिय्याह और मूसा

एलिय्याह और मूसा अचानक यीशु, याकूब, यूहन्ना और पतरस के सामने प्रकट हुए, और फिर वे लुप्त हो गए। उन चारों ने एलिय्याह और मूसा को देखा, और क्योंकि एलिय्याह और मूसा ने यीशु के साथ बात की, पाठक को यह समझना चाहिए कि एलिय्याह और मूसा शारीरिक रूप से प्रकट हुए थे।

### ""मनुष्य का पुत्र""

इस अध्याय में यीशु स्वयं को ""मनुष्य के पुत्र"" के रूप में सन्दर्भित करता है ([मरकुस 9:31](../../mrk/09/31.md)). आपकी भाषा लोगों को स्वयं के लिए ऐसी बात करने की अनुमति न दे जैसे कि वे किसी और के बारे में बात कर रहे थे। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/sonofman]] और [[rc://hi/ta/man/translate/figs-123person]])

### विरोधाभास

एक विरोधाभास एक सच्चा कथन होता है जो कुछ असम्भव को व्यक्त करने के लिए प्रकट होता है। यीशु एक विरोधाभास का उपयोग करता है जब वह कहता है, ""यदि कोई बड़ा होना चाहे, तो वह सबसे छोटा और सबका सेवक बने"" ([मरकुस 9:35](../../mrk/09/35.md)).
" +MRK 9 intro n92j 0 # मरकुस 09 सामान्य टिप्पणियाँ
## इस अध्याय में पाई जाने वाली विशेष धारणाएँ

### ""रूपान्तरण""

पवित्रशास्त्र अक्सर एक बड़े और उज्जवल प्रकाश के रूप में परमेश्वर की महिमा के बारे में बोलता है। जब लोग इस प्रकाश को देखते हैं, तो वे डरते हैं। मरकुस इस अध्याय में कहता है कि यीशु के कपड़े इस महिमामयी प्रकाश से चमकने लगे जिससे कि उसके अनुयायी देख सके कि यीशु वास्तव में परमेश्वर का पुत्र था। उसी समय, परमेश्वर ने उनसे कहा कि यीशु उसका पुत्र था। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/glory]] और [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/fear]])

## इस अध्याय में बोलने वाले महत्वपूर्ण पात्र

### बढ़ा चढ़ा कर बोला गया

यीशु ने ऐसी बातें कही थी जिसकी उसने अपने अनुयायियों से सचमुच में समझने की अपेक्षा नहीं की थी। जब उसने कहा, ""यदि तेरा हाथ तुझे ठोकर खिलाता है, तो इसे काट डाल"" ([मरकुस 9:43](../../mrk/09/43.md)), वह बढ़ा चढ़ा कर बोल रहा था इसलिए कि वे जान जाएँ उन्हें किसी भी ऐसी वस्तु से दूर रहना चाहिए जो उनसे पाप करवाती है, भले ही यदि वह ऐसा कुछ था जिसे वे पसन्द करते थे या सोचते थे कि उन्हें उसकी आवश्यकता है।

## इस अध्याय में अनुवाद सम्बन्धी अन्य सम्भावित कठिनाइयाँ

### एलिय्याह और मूसा

एलिय्याह और मूसा अचानक यीशु, याकूब, यूहन्ना और पतरस के सामने प्रकट हुए, और फिर वे लुप्त हो गए। उन चारों ने एलिय्याह और मूसा को देखा, और क्योंकि एलिय्याह और मूसा ने यीशु के साथ बात की, पाठक को यह समझना चाहिए कि एलिय्याह और मूसा शारीरिक रूप से प्रकट हुए थे।

### ""मनुष्य का पुत्र""

इस अध्याय में यीशु स्वयं को ""मनुष्य के पुत्र"" के रूप में सन्दर्भित करता है ([मरकुस 9:31](../../mrk/09/31.md)). आपकी भाषा लोगों को स्वयं के लिए ऐसी बात करने की अनुमति न दे जैसे कि वे किसी और के बारे में बात कर रहे थे। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/sonofman]] और [[rc://hi/ta/man/translate/figs-123person]])

### विरोधाभास

एक विरोधाभास एक सच्चा कथन होता है जो कुछ असम्भव को व्यक्त करने के लिए प्रकट होता है। यीशु एक विरोधाभास का उपयोग करता है जब वह कहता है, ""यदि कोई बड़ा होना चाहे, तो वह सबसे छोटा और सबका सेवक बने"" ([मरकुस 9:35](../../mrk/09/35.md)).
MRK 9 1 mt8p 0 Connecting Statement: यीशु केवल लोगों से और अपने चेलों से उसके पीछे चलने के बारे में बात कर रहा है। छह दिन बाद, यीशु अपने तीन चेलों के साथ एक पहाड़ पर जाता है जहाँ उसका रूप परमेश्वर के राज्य में एक दिन की तरह दिखाई देने वाले रूप में अस्थायी रूप से परिवर्तित हो जाता है। MRK 9 1 q4b6 ἔλεγεν αὐτοῖς 1 He said to them यीशु ने अपने चेलों से कहा MRK 9 1 yjf6 figs-metonymy τὴν Βασιλείαν τοῦ Θεοῦ ἐληλυθυῖαν ἐν δυνάμει 1 the kingdom of God come with power "परमेश्वर का राज्य आ रहा है, का अर्थ है परमेश्वर स्वयं को राजा के रूप में दिखा रहा है। वैकल्पिक अनुवाद: ""परमेश्वर स्वयं को राजा के रूप में बड़ी सामर्थ्य के साथ दिखाता है"" (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-metonymy]])" @@ -781,7 +781,7 @@ MRK 9 50 rb7r ἄναλον γένηται 1 its saltiness इसका नम MRK 9 50 fqb8 figs-rquestion ἐν τίνι αὐτὸ ἀρτύσετε? 1 how can you make it salty again? "इसे एक कथन के रूप में लिखा जा सकता है। वैकल्पिक अनुवाद: ""तुम इसे फिर से नमकीन नहीं बना सकते हो।"" (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-rquestion]])" MRK 9 50 t76n ἀρτύσετε 1 salty again फिर से नमकीन स्वाद MRK 9 50 f34y figs-metaphor ἔχετε ἐν ἑαυτοῖς ἅλα 1 Have salt among yourselves "यीशु एक दूसरे के लिए भले काम करने की बात करता है जैसे कि भले काम नमक था, जो लोग रखते हैं। वैकल्पिक अनुवाद: ""एक दूसरे के लिए भलाई करो, जैसे नमक भोजन में स्वाद को लाता है"" (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-metaphor]])" -MRK 10 intro bq25 0 "# मरकुस 10 सामान्य टिप्पणियाँ
## संरचना और संरूपण

कुछ अनुवाद पुराने नियम के उद्धरणों को शेष पाठ की तुलना में पृष्ठ पर दाईं ओर निर्धारित करते हैं। यूएलटी अनुवाद उद्धृत सामग्री के साथ 10: 7-8 में ऐसा ही करता है।

## इस अध्याय में पाई जाने वाली विशेष धारणाएँ

### तलाक के बारे में यीशु की शिक्षा

फरीसी यीशु यह कहलवाने का एक तरीका खोजना चाहते थे कि मूसा की व्यवस्था को तोड़ना अच्छा है, इसलिए उन्होंने तलाक के बारे में उससे पूछा। यीशु बताता है कि कैसे परमेश्वर ने मूल रूप से विवाह को रूपरेखित किया था यह प्रकट करने के लिए कि फरीसियों ने तलाक के बारे में गलत तरीके से शिक्षा दी थी।

## इस अध्याय में बोले जाने वाले महत्वपूर्ण पात्र

### रूपक

रूपक दृश्यमान वस्तुओं के चित्र हैं जिसे वक्ता अदृश्य सच्चाइयों की व्याख्या करने के लिए उपयोग करते हैं। जब यीशु ने ""वह प्याला जो मैं पीने वाला हूँ,"" के बारे में बात की, तो वह उस दर्द के बारे में बोल रहा था जिससे वह क्रूस पर पीड़ित होगा जैसे कि मानो यह एक प्याले में एक कड़वा, जहरीला तरल था।

## इस अध्याय के अनुवाद में अन्य सम्भावित कठिनाइयाँ

### विरोधाभास

एक विरोधाभास एक सच्चा कथन है जो कुछ असम्भव को वर्णन करने के लिए प्रकट होता है। यीशु एक विरोधाभास का उपयोग करता है जब वह कहता है, ""जो भी तुम्हारे बीच में बड़ा होना चाहता है वह तुम्हारा सेवक बने"" ([मरकुस 10:43](../../mrk/10/43.md)).
" +MRK 10 intro bq25 0 # मरकुस 10 सामान्य टिप्पणियाँ
## संरचना और संरूपण

कुछ अनुवाद पुराने नियम के उद्धरणों को शेष पाठ की तुलना में पृष्ठ पर दाईं ओर निर्धारित करते हैं। यूएलटी अनुवाद उद्धृत सामग्री के साथ 10: 7-8 में ऐसा ही करता है।

## इस अध्याय में पाई जाने वाली विशेष धारणाएँ

### तलाक के बारे में यीशु की शिक्षा

फरीसी यीशु यह कहलवाने का एक तरीका खोजना चाहते थे कि मूसा की व्यवस्था को तोड़ना अच्छा है, इसलिए उन्होंने तलाक के बारे में उससे पूछा। यीशु बताता है कि कैसे परमेश्वर ने मूल रूप से विवाह को रूपरेखित किया था यह प्रकट करने के लिए कि फरीसियों ने तलाक के बारे में गलत तरीके से शिक्षा दी थी।

## इस अध्याय में बोले जाने वाले महत्वपूर्ण पात्र

### रूपक

रूपक दृश्यमान वस्तुओं के चित्र हैं जिसे वक्ता अदृश्य सच्चाइयों की व्याख्या करने के लिए उपयोग करते हैं। जब यीशु ने ""वह प्याला जो मैं पीने वाला हूँ,"" के बारे में बात की, तो वह उस दर्द के बारे में बोल रहा था जिससे वह क्रूस पर पीड़ित होगा जैसे कि मानो यह एक प्याले में एक कड़वा, जहरीला तरल था।

## इस अध्याय के अनुवाद में अन्य सम्भावित कठिनाइयाँ

### विरोधाभास

एक विरोधाभास एक सच्चा कथन है जो कुछ असम्भव को वर्णन करने के लिए प्रकट होता है। यीशु एक विरोधाभास का उपयोग करता है जब वह कहता है, ""जो भी तुम्हारे बीच में बड़ा होना चाहता है वह तुम्हारा सेवक बने"" ([मरकुस 10:43](../../mrk/10/43.md)).
MRK 10 1 vf86 0 Connecting Statement: यीशु और उसके चेलों के द्वारा कफरनहूम छोड़ने के बाद, यीशु फरीसियों और साथ ही साथ अपने चेलों को याद दिलाता है कि परमेश्वर वास्तव में विवाह और तलाक में क्या अपेक्षा करते हैं। MRK 10 1 qq93 figs-explicit ἐκεῖθεν ἀναστὰς 1 Jesus left that place "यीशु के चेले उसके साथ यात्रा कर रहे थे। वे कफरनहम छोड़ रहे थे। वैकल्पिक अनुवाद: ""यीशु और उसके चेलों ने कफरनहूम छोड़ दिया"" (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-explicit]])" MRK 10 1 j5wa καὶ πέραν τοῦ Ἰορδάνου 1 and to the area beyond the Jordan River "और यरदन नदी के दूसरी ओर की भूमि पर या ""और यरदन नदी के पूर्व का क्षेत्र""" @@ -1190,7 +1190,7 @@ MRK 13 35 s8j9 ἀλεκτοροφωνίας 1 rooster crows प्रत्य MRK 13 36 mh8t figs-metaphor εὕρῃ ὑμᾶς καθεύδοντας 1 find you sleeping वह शाम के समय लौट सकता है MRK 14 intro uk36 0 "मुर्गा एक पक्षी है जो जोर से पुकारने के द्वारा सुबह बड़े भोर में ""बाँग"" देता है।" MRK 14 1 hwb4 0 Connecting Statement: "यहाँ यीशु ""सोते हुए"" के रूप में तैयार नहीं होने की बात करता है। वैकल्पिक अनुवाद: ""तुमको उसके लौटने के लिए तैयार नहीं पाए"" (देखें: )" -MRK 14 1 gd33 ἐν δόλῳ 1 stealthily "# मरकुस 14 सामान्य टिप्पणियाँ
#### संरचना और संरूपण

कुछ अनुवाद पढ़ने के लिए आसान बनाने के लिए पाठ के बाकी अंशों की तुलना में काव्य साहित्य की प्रत्येक पंक्ति को दाईं ओर निर्धारित करते हैं। यूएलटी अनुवाद 14:27, 62 में काव्य सहित्य के साथ ऐसा ही करता है, जो पुराने नियम के वचन हैं।

#### इस अध्याय में पाई जाने वाली विशेष धारणाएँ

##### देह और लहू को खाना

[मरकुस 14:22-25](./22.md) अपने अनुयायियों के साथ यीशु के आखिरी भोजन का वर्णन करता है। इस समय, यीशु ने उनसे कहा कि वे जो खा रहे थे और पी रहे थे वह उसकी देह और उसका लहू था। लगभग सभी मसीही कलीसियाएँ इस भोजन को याद रखने के लिए ""प्रभु भोज"", ""यूखारिस्ट"" या ""पवित्र प्रभु भोज"" को मनाते हैं।

#### इस अध्याय में अनुवाद सम्बन्धी अन्य सम्भावित कठिनाइयाँ

##### अब्बा, पिता

""अब्बा"" एक अरामी शब्द जिसे यहूदियों ने अपने पिता से बात करने के लिए उपयोग किया था। मरकुस इसके सुनाई देने की रीति पर इसे लिखता है और फिर इसका अनुवाद करता है। (देखें:)

##### ""मनुष्य का पुत्र""

यीशु इस अध्याय में स्वयं को ""मनुष्य का पुत्र"" के रूप में प्रकट करता है ([मरकुस 14:20](../../mrk/14/20.md)). आपकी भाषा लोगों को स्वयं के लिए ऐसी बात करने की अनुमति न दे जैसे कि वे किसी और के बारे में बात कर रहे थे। (देखें: और )
" +MRK 14 1 gd33 ἐν δόλῳ 1 stealthily # मरकुस 14 सामान्य टिप्पणियाँ
#### संरचना और संरूपण

कुछ अनुवाद पढ़ने के लिए आसान बनाने के लिए पाठ के बाकी अंशों की तुलना में काव्य साहित्य की प्रत्येक पंक्ति को दाईं ओर निर्धारित करते हैं। यूएलटी अनुवाद 14:27, 62 में काव्य सहित्य के साथ ऐसा ही करता है, जो पुराने नियम के वचन हैं।

#### इस अध्याय में पाई जाने वाली विशेष धारणाएँ

##### देह और लहू को खाना

[मरकुस 14:22-25](./22.md) अपने अनुयायियों के साथ यीशु के आखिरी भोजन का वर्णन करता है। इस समय, यीशु ने उनसे कहा कि वे जो खा रहे थे और पी रहे थे वह उसकी देह और उसका लहू था। लगभग सभी मसीही कलीसियाएँ इस भोजन को याद रखने के लिए ""प्रभु भोज"", ""यूखारिस्ट"" या ""पवित्र प्रभु भोज"" को मनाते हैं।

#### इस अध्याय में अनुवाद सम्बन्धी अन्य सम्भावित कठिनाइयाँ

##### अब्बा, पिता

""अब्बा"" एक अरामी शब्द जिसे यहूदियों ने अपने पिता से बात करने के लिए उपयोग किया था। मरकुस इसके सुनाई देने की रीति पर इसे लिखता है और फिर इसका अनुवाद करता है। (देखें:)

##### ""मनुष्य का पुत्र""

यीशु इस अध्याय में स्वयं को ""मनुष्य का पुत्र"" के रूप में प्रकट करता है ([मरकुस 14:20](../../mrk/14/20.md)). आपकी भाषा लोगों को स्वयं के लिए ऐसी बात करने की अनुमति न दे जैसे कि वे किसी और के बारे में बात कर रहे थे। (देखें: और )
MRK 14 2 em4q ἔλεγον γάρ 1 For they were saying फसह के दो दिन पहले, महायाजक और शास्त्री यीशु को मारने की चुपके से योजना बना रहे हैं। MRK 14 2 fk19 figs-ellipsis μὴ ἐν τῇ ἑορτῇ 1 Not during the feast लोगों को ध्यान में रखते हुए MRK 14 3 m95w 0 Connecting Statement: """वे"" शब्द महायाजकों और शास्त्रियों को प्रकट करता है।" diff --git a/hi_tn_43-LUK.tsv b/hi_tn_43-LUK.tsv index a33482b..4eee668 100644 --- a/hi_tn_43-LUK.tsv +++ b/hi_tn_43-LUK.tsv @@ -1,6 +1,6 @@ Book Chapter Verse ID SupportReference OrigQuote Occurrence GLQuote OccurrenceNote -LUK front intro uk55 0 "# लूका के सुसमाचार का परिचय ## भाग 1: सामान्य परिचय

### लूका की पुस्तक की रूपरेखा

1। लेखन का परिचय और उद्देश्य (1:1-4)
1। यीशु का जन्म और सेवा के लिए उसकी तैयारी (1:5 - 4:13)
1। गलील में यीशु की सेवा (4:14–-9:50)
1। यरूशलेम की ओर यीशु की यात्रा
- शिष्यता (9:51 - 11:13)
- संघर्ष और यीशु का दुख (11:14 - 14:35)
- खोई और पाई गई वस्तुओं के बारे में दृष्टांत। ईमानदारी और बेईमानी के बारे में दृष्टांत (15:1–-16:31)
- परमेश्वर का राज्य (17:1–-19:27)
- यरूशलेम में यीशु का प्रवेश (19:28–-44)
1. यरूशलेम में यीशु (19:45 - 21:4)
1. यीशु का उसके दूसरे आगमन के बारे में शिक्षा देना (21:5–-36)
1. यीशु की मृत्यु, गाडा जाना, और पुनरुत्थान (22:1–-24:53)

### लूका का सुसमाचार किस के बारे में है?

लूका का सुसमाचार नए नियम की चार पुस्तकों में से एक है, जो यीशु मसीह के जीवन में से कुछ का वर्णन करती है। सुसमाचार के लेखकों ने यीशु के विभिन्न पहलुओं के बारे में लिखा कि यीशु कौन था और उसने क्या किया। लूका ने थियुफिलुस नाम के एक व्यक्ति के लिए अपना सुसमाचार लिखा था। लूका ने यीशु के जीवन का सटीक वर्णन लिखा ताकि थियुफिलुस सत्य के बारे में निश्चित् हो सके। यद्यपि, लूका ने थियुफिलुस से नहीं वरण सभी विश्वासियों को अपने सुसमाचार के द्वारा उत्साहित होने की अपेक्षा की है।

### इस पुस्तक का शीर्षक किस प्रकार अनुवादित किया जाना चाहिए?

अनुवादक इस पुस्तक को उसके पारम्परिक शीर्षक से पुकारे जाना चुन सकते हैं, ""लूका रचित सुसमाचार ""या"" लूका के अनुसार लिखा हुआ सुसमाचार। "" या वे एक ऐसा शीर्षक चुन सकते हैं, जो अत्याधिक स्पष्ट हो सकता है, उदाहरण के लिए, ""यीशु के बारे में शुभ सन्देश जिसे लूका ने लिखा था।"" (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/translate-names]])

### लूका की पुस्तक किसने लिखी?

यह पुस्तक लेखक का नाम नहीं देती है। यह वही व्यक्ति है जिसने प्रेरितों के काम की पुस्तक को भी लिखा है। प्रेरितों के काम की पुस्तक के कुछ भागों में लेखक ""हम"" शब्द का प्रयोग करता हैं। यह संकेत देता है कि लेखक ने पौलुस के साथ यात्रा की थी। अधिकांश विद्वानों का यह मानना है यह व्यक्ति लूका ही था जो पौलुस के साथ यात्रा कर रहा था। इसलिए, आरम्भिक मसीही समय के दिनों से ही, अधिकांश मसीहियों ने यह सोचा है कि लूका ही लूका की पुस्तक और प्रेरितों के काम की पुस्तक दोनों का लेखक था।

लूका एक चिकित्सक अर्थात् डॉक्टर था। उसके लेखनकार्य के तरीके से पता चलता है कि वह एक शिक्षित व्यक्ति था। वह शायद एक अन्यजति था। शायद लूका ने जो कुछ यीशु ने कहा और किया वह नहीं देखा था। परन्तु वह कहता है कि उसने कई ऐसे लोगों से बात की जिन्होंने उसे देखा था

## भाग 2: महत्वपूर्ण धार्मिक और सांस्कृतिक धारणा

### लूका के सुसमाचार में महिलाओं की भूमिका क्या है?

लूका ने महिलाओं को अपने सुसमाचार में बहुत ही सकारात्मक तरीके से वर्णित किया। उदाहरण के लिए, वह अक्सर महिलाओं को अधिकांश पुरुषों की तुलना में परमेश्वर के प्रति अधिक विश्वासयोग्य दिखाता है। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/faithful]])

### लूका ने यीशु के जीवन के अन्तिम सप्ताह के बारे में इतना क्यों लिखा है?

लूका ने यीशु के अन्तिम सप्ताह के बारे में बहुत कुछ लिखा है। वह चाहता था कि उसके पाठक यीशु के अन्तिम सप्ताह और क्रूस पर उसकी मृत्यु के बारे में गहराई से सोचें। वह चाहता था कि लोग यह समझें कि यीशु क्रूस पर स्वेच्छा से मरा ताकि परमेश्वर उन्हें उसके विरुद्ध पाप करने के लिए क्षमा कर सके। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/sin]])

## भाग 3: महत्वपूर्ण अनुवाद के मुद्दे

### समदर्शी सुसमाचार क्या हैं?

मत्ती, मरकुस, और लूका के सुसमाचार को समदर्शी सुसमाचार कहा जाता है, क्योंकि उनके कई प्रसंग एक जैसे हैं। ""समदर्शी"" शब्द का अर्थ ""एक साथ देखने से है।""

इसके पाठ को ""समानांतर"" माना जाता है जब वे एक जैसे या लगभग दो या तीनों सुसमाचारों के जैसे होते हैं। समानांतर प्रसंगो का अनुवाद करते समय, अनुवादकों को एक ही जैसे शब्द का उपयोग करना चाहिए और उन्हें यथासंभव एक जैसा रखना चाहिए।

### यीशु स्वयं को ""मनुष्य के पुत्र"" के रूप में संदर्भित क्यों करता है?

सुसमाचार में, यीशु ने स्वयं को ""मनुष्य का पुत्र"" कहा है। यह दानिय्येल 7: 13-14 का सन्दर्भ है। इस अनुच्छेद में एक व्यक्ति को ""मनुष्य के पुत्र"" के रूप में वर्णित किया गया है। इसका अर्थ है कि वह व्यक्ति था जो मनुष्य की तरह दिखता था। परमेश्वर ने मनुष्य के पुत्र को सदैव के लिए जातियों पर शासन करने का अधिकार दिया है। और सभी लोग उसकी आराधना सदैव करेंगे।

यीशु के समय के यहूदियों ने किसी के लिए भी शीर्षक के रूप में ""मनुष्य का पुत्र"" का उपयोग नहीं किया था। इसलिए, यीशु ने स्वयं को यह समझने में सहायता दी कि वह वास्तव में कौन था। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/sonofman]])

कई भाषाओं में ""मनुष्य का पुत्र"" शीर्षक का अनुवाद करना कठिन हो सकता है। पाठक इसके लिए शाब्दिक अनुवाद को गलत समझ सकते हैं। अनुवादक विकल्पों पर विचार कर सकते हैं, जैसे कि ""एक मानव।"" शीर्षक को समझाने के लिए एक फुटनोट को सम्मिलित करना भी सहायक हो सकता है।

### लूका की पुस्तक के मूलपाठ में मुख्य विषय क्या हैं?

ये निम्नलिखित वचन सबसे पुरानी पाण्डुलिपियों में नहीं मिलते हैं। यूएलटी और यूएसटी अनुवाद में इन वचनों को सम्मिलित किया गया है, परन्तु कुछ अन्य अनुवाद में ये नहीं हैं।

* ""फिर स्वर्ग से एक दूत उसको दिखाई दिया जो उसे सामर्थ्य देता था। वह अत्यन्त संकट में व्याकुल होकर और भी हार्दिक वेदना से प्रार्थना करने लगा; और उसका पसीना मानो लहू की बड़ी बड़ी बूंदों के समान भूमि पर गिर रहा था।"" (22:43–44)
*"" यीशु ने कहा, ""हे पिता, इन्हें क्षमा कर, क्योंकि ये नहीं जानते कि क्या कर रहे हैं।"" (23:34)

निम्नलिखित वचन कई आधुनिक अनुवादों में सम्मलित नहीं है। कुछ अनुवाद इसे वर्गाकार कोष्ठक में डाल देते हैं। अनुवादकों को सलाह दी जाती है कि वे इस वचन का अनुवाद न करें। यद्यपि, यदि अनुवादकों के क्षेत्र में, बाइबल के पुराने अनुवाद हैं जिनमें यह वचन सम्मिलित है, अनुवादक इसे सम्मिलित कर सकते हैं। यदि उनका अनुवाद किया जाता है, तो इन्हें वर्गाकार कोष्ठक ([]) के भीतर रखा जाना चाहिए ताकि यह इंगित किया जा सके कि यह शायद लूका के सुसमाचार में मूल रूप से नहीं थे।

* ""पिलातुस पर्व के समय उनके लिए एक बन्दी को छोड़ने पर विवश था"" (23:17)

(देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/translate-textvariants]])
" -LUK 1 intro f1b5 0 "# लूका 01 सामान्य टिप्पणियाँ
##

संरचना एवं स्वरूपण

कुछ अनुवाद पढ़ने के लिए आसान बनाने के लिए कविता के प्रत्येक वाक्य को बाकी के भाग की तुलना में पंक्ति को दाईं ओर व्यवस्थित करते हैं। यूएलटी अनुवाद 1: 46-55, 68-79 में दी हुई कविता के साथ ऐसा ही करता है।

## इस अध्याय की विशेष धारणाएँ

### ""उसे यूहन्ना पुकारा जाएगा""

प्राचीन निकट पूर्व में अधिकांश लोग एक बच्चे को उनके परिवार में से ही किसी के जैसा नाम देते थे। लोग आश्चर्यचकित थे कि एलीशिबा और जकर्याह ने अपने पुत्र को यूहन्ना नाम दिया क्योंकि उसके नाम जैसा उनके परिवार में कोई और नहीं था।

## इस अध्याय के महत्वपूर्ण अलंकार

### लूका की भाषा सरल और सीधा है। वह भाष्य के लिए कई पात्रों का उपयोग नहीं करता है।
" +LUK front intro uk55 0 # लूका के सुसमाचार का परिचय ## भाग 1: सामान्य परिचय

### लूका की पुस्तक की रूपरेखा

1। लेखन का परिचय और उद्देश्य (1:1-4)
1। यीशु का जन्म और सेवा के लिए उसकी तैयारी (1:5 - 4:13)
1। गलील में यीशु की सेवा (4:14–-9:50)
1। यरूशलेम की ओर यीशु की यात्रा
- शिष्यता (9:51 - 11:13)
- संघर्ष और यीशु का दुख (11:14 - 14:35)
- खोई और पाई गई वस्तुओं के बारे में दृष्टांत। ईमानदारी और बेईमानी के बारे में दृष्टांत (15:1–-16:31)
- परमेश्वर का राज्य (17:1–-19:27)
- यरूशलेम में यीशु का प्रवेश (19:28–-44)
1. यरूशलेम में यीशु (19:45 - 21:4)
1. यीशु का उसके दूसरे आगमन के बारे में शिक्षा देना (21:5–-36)
1. यीशु की मृत्यु, गाडा जाना, और पुनरुत्थान (22:1–-24:53)

### लूका का सुसमाचार किस के बारे में है?

लूका का सुसमाचार नए नियम की चार पुस्तकों में से एक है, जो यीशु मसीह के जीवन में से कुछ का वर्णन करती है। सुसमाचार के लेखकों ने यीशु के विभिन्न पहलुओं के बारे में लिखा कि यीशु कौन था और उसने क्या किया। लूका ने थियुफिलुस नाम के एक व्यक्ति के लिए अपना सुसमाचार लिखा था। लूका ने यीशु के जीवन का सटीक वर्णन लिखा ताकि थियुफिलुस सत्य के बारे में निश्चित् हो सके। यद्यपि, लूका ने थियुफिलुस से नहीं वरण सभी विश्वासियों को अपने सुसमाचार के द्वारा उत्साहित होने की अपेक्षा की है।

### इस पुस्तक का शीर्षक किस प्रकार अनुवादित किया जाना चाहिए?

अनुवादक इस पुस्तक को उसके पारम्परिक शीर्षक से पुकारे जाना चुन सकते हैं, ""लूका रचित सुसमाचार ""या"" लूका के अनुसार लिखा हुआ सुसमाचार। "" या वे एक ऐसा शीर्षक चुन सकते हैं, जो अत्याधिक स्पष्ट हो सकता है, उदाहरण के लिए, ""यीशु के बारे में शुभ सन्देश जिसे लूका ने लिखा था।"" (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/translate-names]])

### लूका की पुस्तक किसने लिखी?

यह पुस्तक लेखक का नाम नहीं देती है। यह वही व्यक्ति है जिसने प्रेरितों के काम की पुस्तक को भी लिखा है। प्रेरितों के काम की पुस्तक के कुछ भागों में लेखक ""हम"" शब्द का प्रयोग करता हैं। यह संकेत देता है कि लेखक ने पौलुस के साथ यात्रा की थी। अधिकांश विद्वानों का यह मानना है यह व्यक्ति लूका ही था जो पौलुस के साथ यात्रा कर रहा था। इसलिए, आरम्भिक मसीही समय के दिनों से ही, अधिकांश मसीहियों ने यह सोचा है कि लूका ही लूका की पुस्तक और प्रेरितों के काम की पुस्तक दोनों का लेखक था।

लूका एक चिकित्सक अर्थात् डॉक्टर था। उसके लेखनकार्य के तरीके से पता चलता है कि वह एक शिक्षित व्यक्ति था। वह शायद एक अन्यजति था। शायद लूका ने जो कुछ यीशु ने कहा और किया वह नहीं देखा था। परन्तु वह कहता है कि उसने कई ऐसे लोगों से बात की जिन्होंने उसे देखा था

## भाग 2: महत्वपूर्ण धार्मिक और सांस्कृतिक धारणा

### लूका के सुसमाचार में महिलाओं की भूमिका क्या है?

लूका ने महिलाओं को अपने सुसमाचार में बहुत ही सकारात्मक तरीके से वर्णित किया। उदाहरण के लिए, वह अक्सर महिलाओं को अधिकांश पुरुषों की तुलना में परमेश्वर के प्रति अधिक विश्वासयोग्य दिखाता है। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/faithful]])

### लूका ने यीशु के जीवन के अन्तिम सप्ताह के बारे में इतना क्यों लिखा है?

लूका ने यीशु के अन्तिम सप्ताह के बारे में बहुत कुछ लिखा है। वह चाहता था कि उसके पाठक यीशु के अन्तिम सप्ताह और क्रूस पर उसकी मृत्यु के बारे में गहराई से सोचें। वह चाहता था कि लोग यह समझें कि यीशु क्रूस पर स्वेच्छा से मरा ताकि परमेश्वर उन्हें उसके विरुद्ध पाप करने के लिए क्षमा कर सके। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/sin]])

## भाग 3: महत्वपूर्ण अनुवाद के मुद्दे

### समदर्शी सुसमाचार क्या हैं?

मत्ती, मरकुस, और लूका के सुसमाचार को समदर्शी सुसमाचार कहा जाता है, क्योंकि उनके कई प्रसंग एक जैसे हैं। ""समदर्शी"" शब्द का अर्थ ""एक साथ देखने से है।""

इसके पाठ को ""समानांतर"" माना जाता है जब वे एक जैसे या लगभग दो या तीनों सुसमाचारों के जैसे होते हैं। समानांतर प्रसंगो का अनुवाद करते समय, अनुवादकों को एक ही जैसे शब्द का उपयोग करना चाहिए और उन्हें यथासंभव एक जैसा रखना चाहिए।

### यीशु स्वयं को ""मनुष्य के पुत्र"" के रूप में संदर्भित क्यों करता है?

सुसमाचार में, यीशु ने स्वयं को ""मनुष्य का पुत्र"" कहा है। यह दानिय्येल 7: 13-14 का सन्दर्भ है। इस अनुच्छेद में एक व्यक्ति को ""मनुष्य के पुत्र"" के रूप में वर्णित किया गया है। इसका अर्थ है कि वह व्यक्ति था जो मनुष्य की तरह दिखता था। परमेश्वर ने मनुष्य के पुत्र को सदैव के लिए जातियों पर शासन करने का अधिकार दिया है। और सभी लोग उसकी आराधना सदैव करेंगे।

यीशु के समय के यहूदियों ने किसी के लिए भी शीर्षक के रूप में ""मनुष्य का पुत्र"" का उपयोग नहीं किया था। इसलिए, यीशु ने स्वयं को यह समझने में सहायता दी कि वह वास्तव में कौन था। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/sonofman]])

कई भाषाओं में ""मनुष्य का पुत्र"" शीर्षक का अनुवाद करना कठिन हो सकता है। पाठक इसके लिए शाब्दिक अनुवाद को गलत समझ सकते हैं। अनुवादक विकल्पों पर विचार कर सकते हैं, जैसे कि ""एक मानव।"" शीर्षक को समझाने के लिए एक फुटनोट को सम्मिलित करना भी सहायक हो सकता है।

### लूका की पुस्तक के मूलपाठ में मुख्य विषय क्या हैं?

ये निम्नलिखित वचन सबसे पुरानी पाण्डुलिपियों में नहीं मिलते हैं। यूएलटी और यूएसटी अनुवाद में इन वचनों को सम्मिलित किया गया है, परन्तु कुछ अन्य अनुवाद में ये नहीं हैं।

* ""फिर स्वर्ग से एक दूत उसको दिखाई दिया जो उसे सामर्थ्य देता था। वह अत्यन्त संकट में व्याकुल होकर और भी हार्दिक वेदना से प्रार्थना करने लगा; और उसका पसीना मानो लहू की बड़ी बड़ी बूंदों के समान भूमि पर गिर रहा था।"" (22:43–44)
*"" यीशु ने कहा, ""हे पिता, इन्हें क्षमा कर, क्योंकि ये नहीं जानते कि क्या कर रहे हैं।"" (23:34)

निम्नलिखित वचन कई आधुनिक अनुवादों में सम्मलित नहीं है। कुछ अनुवाद इसे वर्गाकार कोष्ठक में डाल देते हैं। अनुवादकों को सलाह दी जाती है कि वे इस वचन का अनुवाद न करें। यद्यपि, यदि अनुवादकों के क्षेत्र में, बाइबल के पुराने अनुवाद हैं जिनमें यह वचन सम्मिलित है, अनुवादक इसे सम्मिलित कर सकते हैं। यदि उनका अनुवाद किया जाता है, तो इन्हें वर्गाकार कोष्ठक ([]) के भीतर रखा जाना चाहिए ताकि यह इंगित किया जा सके कि यह शायद लूका के सुसमाचार में मूल रूप से नहीं थे।

* ""पिलातुस पर्व के समय उनके लिए एक बन्दी को छोड़ने पर विवश था"" (23:17)

(देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/translate-textvariants]])
+LUK 1 intro f1b5 0 # लूका 01 सामान्य टिप्पणियाँ
##

संरचना एवं स्वरूपण

कुछ अनुवाद पढ़ने के लिए आसान बनाने के लिए कविता के प्रत्येक वाक्य को बाकी के भाग की तुलना में पंक्ति को दाईं ओर व्यवस्थित करते हैं। यूएलटी अनुवाद 1: 46-55, 68-79 में दी हुई कविता के साथ ऐसा ही करता है।

## इस अध्याय की विशेष धारणाएँ

### ""उसे यूहन्ना पुकारा जाएगा""

प्राचीन निकट पूर्व में अधिकांश लोग एक बच्चे को उनके परिवार में से ही किसी के जैसा नाम देते थे। लोग आश्चर्यचकित थे कि एलीशिबा और जकर्याह ने अपने पुत्र को यूहन्ना नाम दिया क्योंकि उसके नाम जैसा उनके परिवार में कोई और नहीं था।

## इस अध्याय के महत्वपूर्ण अलंकार

### लूका की भाषा सरल और सीधा है। वह भाष्य के लिए कई पात्रों का उपयोग नहीं करता है।
LUK 1 1 br8r 0 General Information: लूका व्याख्या करता है कि उसने थियुफिलुस को क्यों लिखा था। LUK 1 1 qhd9 περὶ τῶν πεπληροφορημένων ἐν ἡμῖν πραγμάτων 1 of the things that have been fulfilled among us "उन बातों के बारे में जो हमारे बीच में बीती हैं या ""उन घटनाओं के बारे में जो हमारे बीच हुए हैं""" LUK 1 1 hyp6 figs-inclusive ἐν ἡμῖν 1 among us "कोई भी सुनिश्चित नहीं है कि थियुफिलुस कौन था। यदि वह एक मसीही था, तो यहाँ ""हम"" शब्द उसे सम्मिलित करेगा और इसलिए वह इसमें समावेशी होगा, और यदि नहीं, तो यह बाहर होगा। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-inclusive]] और [[rc://hi/ta/man/translate/figs-exclusive]])" @@ -371,7 +371,7 @@ LUK 2 51 zl2q ἦν ὑποτασσόμενος αὐτοῖς 1 was obedient t LUK 2 51 ceu3 figs-metonymy διετήρει πάντα τὰ ῥήματα ἐν τῇ καρδίᾳ αὐτῆς 1 treasured all these things in her heart "यहाँ ""मन"" किसी व्यक्ति के दिमाग या आन्तरिक व्यक्ति के लिए एक उपनाम है। वैकल्पिक अनुवाद: ""ध्यान से इन सभी बातों को स्मरण किया"" (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-metonymy]])" LUK 2 52 gb25 προέκοπτεν τῇ σοφίᾳ, καὶ ἡλικίᾳ 1 grow in wisdom and stature "बुद्धिमान और दृढ़ बनें। ये मानसिक और शारीरिक विकास को उद्धत करते हैं। LUK 2 52 y5qk προέκοπτεν τῇ σοφίᾳ, καὶ ἡλικίᾳ 1 increased in favor with God and people यह आत्मिक और सामाजिक विकास को उद्धत करता है। इन्हें अलग से कहा जा सकता है। वैकल्पिक अनुवाद: ""परमेश्वर ने उसे और अधिक आशीष दी, और लोगों ने उसे और अधिक पसन्द किया""" -LUK 3 intro tkg5 0 "# लूका 03 सामान्य टिप्पणियाँ
##

संरचना एवं स्वरूपण

कुछ अनुवाद पढ़ने के लिए आसान बनाने के लिए काविता के प्रत्येक वाक्य को बाकी के भाग की तुलना में पंक्ति को दाईं ओर व्यवस्थित करते हैं। यूएलटी अनुवाद 3:4-6 में दी हुई कविता के साथ ऐसा ही करता है, जो कि पुराने नियम के वचन हैं।

## इस अध्याय की विशेष धारणाएँ

### न्याय
इस अध्याय में सैनिकों और कर संग्रहकर्ताओं के लिए यूहन्ना के निर्देश जटिल नहीं हैं ये वे बातें हैं जो उनके लिए स्पष्ट होनी चाहिए थीं। उसने उन्हें धार्मिकता के साथ जीने का निर्देश दिया। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/justice]] और [Luke 3:12-15](./12.md))

### वंशावली
एक वंशावली एक ऐसी सूची है जो किसी व्यक्ति के पूर्वजों या वंशजों को लिपिबद्ध करती है। यह निर्धारित करने में ऐसी सूचियाँ बहुत महत्वपूर्ण थीं कि राजा के पास कौन से अधिकार था, क्योंकि राजा का अधिकार सामान्य रूप से पीढ़ियों से आता था या उसे अपने पिता से विरासत में मिला था। अन्य महत्वपूर्ण लोगों के लिए भी एक लिपिबद्ध वंशावली का होना सामान्य बात थी।

## इस अध्याय के महत्वपूर्ण अलंकार

### रूपक

भविष्यवाणी में अक्सर इसका अर्थ व्यक्त करने के लिए रूपकों का उपयोग सम्मिलित होता है। भविष्यवाणी की उचित व्याख्या के लिए आत्मिक समझ की आवश्यकता है। यशायाह की भविष्यवाणी यूहन्ना बपतिस्मा देने वाले की सेवकाई का वर्णन करने वाला एक विस्तारित रूपक है ([लूका 3:4-6](./04.md))। अनुवाद कठिन है। यह सुझाव दिया जाता है कि अनुवादक यूएलटी अनुवाद की प्रत्येक पंक्ति को एक अलग रूपक के रूप में माने। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/prophet]]) और )

## इस अध्याय में अन्य संभावित अनुवाद की कठिनाइयाँ

### ""(हेरोदेस) ने यूहन्ना को कैद में बन्द कर दिया था""
यह घटना भ्रम उत्पन्न कर सकती है क्योंकि लेखक कहते हैं कि यूहन्ना कैद में था और फिर कहता है कि वह यीशु को बपतिस्मा दे रहा था। लेखक शायद हेरोदेस के द्वारा यूहन्ना को दी हुई कैद की अपेक्षा में इस वाक्यांश का उपयोग करते है। इसका अर्थ यह होगा कि यह कथन अभी भी कथा के समय भविष्य में घटित होगा।
" +LUK 3 intro tkg5 0 # लूका 03 सामान्य टिप्पणियाँ
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संरचना एवं स्वरूपण

कुछ अनुवाद पढ़ने के लिए आसान बनाने के लिए काविता के प्रत्येक वाक्य को बाकी के भाग की तुलना में पंक्ति को दाईं ओर व्यवस्थित करते हैं। यूएलटी अनुवाद 3:4-6 में दी हुई कविता के साथ ऐसा ही करता है, जो कि पुराने नियम के वचन हैं।

## इस अध्याय की विशेष धारणाएँ

### न्याय
इस अध्याय में सैनिकों और कर संग्रहकर्ताओं के लिए यूहन्ना के निर्देश जटिल नहीं हैं ये वे बातें हैं जो उनके लिए स्पष्ट होनी चाहिए थीं। उसने उन्हें धार्मिकता के साथ जीने का निर्देश दिया। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/justice]] और [Luke 3:12-15](./12.md))

### वंशावली
एक वंशावली एक ऐसी सूची है जो किसी व्यक्ति के पूर्वजों या वंशजों को लिपिबद्ध करती है। यह निर्धारित करने में ऐसी सूचियाँ बहुत महत्वपूर्ण थीं कि राजा के पास कौन से अधिकार था, क्योंकि राजा का अधिकार सामान्य रूप से पीढ़ियों से आता था या उसे अपने पिता से विरासत में मिला था। अन्य महत्वपूर्ण लोगों के लिए भी एक लिपिबद्ध वंशावली का होना सामान्य बात थी।

## इस अध्याय के महत्वपूर्ण अलंकार

### रूपक

भविष्यवाणी में अक्सर इसका अर्थ व्यक्त करने के लिए रूपकों का उपयोग सम्मिलित होता है। भविष्यवाणी की उचित व्याख्या के लिए आत्मिक समझ की आवश्यकता है। यशायाह की भविष्यवाणी यूहन्ना बपतिस्मा देने वाले की सेवकाई का वर्णन करने वाला एक विस्तारित रूपक है ([लूका 3:4-6](./04.md))। अनुवाद कठिन है। यह सुझाव दिया जाता है कि अनुवादक यूएलटी अनुवाद की प्रत्येक पंक्ति को एक अलग रूपक के रूप में माने। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/prophet]]) और )

## इस अध्याय में अन्य संभावित अनुवाद की कठिनाइयाँ

### ""(हेरोदेस) ने यूहन्ना को कैद में बन्द कर दिया था""
यह घटना भ्रम उत्पन्न कर सकती है क्योंकि लेखक कहते हैं कि यूहन्ना कैद में था और फिर कहता है कि वह यीशु को बपतिस्मा दे रहा था। लेखक शायद हेरोदेस के द्वारा यूहन्ना को दी हुई कैद की अपेक्षा में इस वाक्यांश का उपयोग करते है। इसका अर्थ यह होगा कि यह कथन अभी भी कथा के समय भविष्य में घटित होगा।
LUK 3 1 rk9i 0 General Information: ये वचन पृष्ठभूमि की जानकारी देते हैं कि क्या हो रहा है जब यीशु के चचेरे भाई यूहन्ना ने अपनी सेवकाई को आरम्भ किया। LUK 3 1 m1zu 0 Connecting Statement: जैसा कि भविष्यवक्ता यशायाह ने भविष्यवाणी की थी, यूहन्ना लोगों को शुभ सन्दे का प्रचार करना आरम्भ कर देता है। LUK 3 1 v22w translate-names Φιλίππου…Λυσανίου 1 Philip ... Lysanias ये लोगों के नाम हैं। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/translate-names]]) @@ -579,7 +579,7 @@ LUK 4 42 d1pr ἔρημον τόπον 1 a solitary place "एक निर् LUK 4 43 sjy1 ταῖς ἑτέραις πόλεσιν 1 to many other cities कई अन्य शहरों में लोगों के लिए LUK 4 43 b45z figs-activepassive τοῦτο ἀπεστάλην 1 this is the reason I was sent here "इसे सक्रिय रूप में कहा जा सकता है। वैकल्पिक अनुवाद: ""यही कारण है कि परमेश्वर ने मुझे यहाँ भेजा है"" (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-activepassive]])" LUK 4 44 s5mb τῆς Ἰουδαίας 1 Judea "क्योंकि यीशु गलील में था, इसलिए यहाँ शब्द ""यहूदिया"" कदाचित् पूरे क्षेत्र को सन्दर्भित करता है, जहाँ उस समय यहूदी रहते थे। वैकल्पिक अनुवाद: ""जहाँ यहूदी रहते थे""" -LUK 5 intro axr7 0 "# लूका 05 सामान्य टिप्पणियाँ
## इस अध्याय की विशेष धारणाएँ

### ""आप लोगों को पकड़ेंगे""

पतरस, याकूब और यूहन्ना मछुआरे थे। जब यीशु ने उनसे कहा कि वे लोगों को पकड़ेंगे, तो वह उन्हें यह बताने के लिए एक रूपक का उपयोग कर रहा था कि वह चाहता था कि वे लोगों को उसके बारे में शुभ सन्देश पर विश्वास करने में सहायता करें। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/disciple]] और [[rc://hi/ta/man/translate/figs-metaphor]])

### पापी

जब यीशु के समय के लोगों ने ""पापियों"" की बात की, तो वे उन लोगों के बारे में बात कर रहे थे, जिन्होंने मूसा की व्यवस्था का पालन नहीं किया और चोरी या गलत यौन सम्बन्धों जैसे पाप किए । जब यीशु ने कहा कि वह ""पापियों"" को बुलाने के लिए आया था, तो उसका अर्थ यह था कि केवल वही लोग जो विश्वास करते हैं कि वे पापी हैं, उनके अनुयायी हो सकते हैं। यह सच है भले ही अधिकांश लोग वैसे नहीं होते हैं जैसे कि लोग उन्हें ""पापी"" के रूप में सोचते हैं। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/sin]])

### उपवास और दावत

लोगों उपवास करेंगे, या लम्बे समय तक भोजन नहीं खाएँगे, जब वे उदास होते थे या परमेश्वर को दिखा रहे होते थे कि वे अपने पापों के लिए खेदित थे। जब वे प्रसन्न होंगे, जैसे विवाह के समय, उत्सव भोज, या भोजन खाएँगे, जिसमें वे बहुत अधिक खाना खाएँगे। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/other/fast]])

## इस अध्याय के महत्वपूर्ण अलंकार

### काल्पनिक परिस्थिति

यीशु फरीसियों की निन्दा करने के लिए एक काल्पनिक स्थिति का उपयोग करता है। इस सन्दर्भ में ""अच्छे स्वास्थ्य वाले लोग"" और ""धार्मिक लोग"" सम्मिलित हैं। इसका अर्थ यह नहीं है कि ऐसे लोग जिन्हें यीशु की आवश्यकता नहीं है। ""धर्मी लोग"" नहीं हैं, हर किसी को यीशु की आवश्यकता है। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-hypo]] और [Luke 5:31-32](./31.md))

## इस अध्याय में अन्य संभावित अनुवाद की कठिनाइयाँ

### निहितार्थ जानकारी

इस अध्याय के कई अंशों में लेखक ने कुछ निहितार्थ जानकारी दी हैं जिसे कि उसके मूल पाठक समझ गए होंगे या जिसके बारे में सोचा होगा। आधुनिक पाठकों को उन बातों में से कुछ नहीं पता हो सकती हैं, इसलिए उन्हें समझने में परेशानी आ सकती है जिसे लेखक संप्रेषित कर रहा था। यूएसटी अनुवाद अक्सर यह दिखाता है कि यह जानकारी कैसे प्रस्तुत की जा सकती है ताकि आधुनिक पाठक उन प्रसंगों को समझ सकें। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/translate-unknown]] और [[rc://hi/ta/man/translate/figs-explicit]])

### अतीत की घटनाएँ

इस अध्याय के भाग उन घटनाओं के अनुक्रम में हैं जो पहले ही घटित हो चुकी हैं। एक दिए हुए प्रसंग में, लूका कभी-कभी लिखता है मानों कि घटनाएँ पहले से ही घटित हो चुकी हैं जबकि अन्य घटनाएँ अभी आगे घटित होने पर हैं (यद्यपि वे लिखते समय ही पूर्ण हो जाएँ)। इससे घटनाओं का एक अतार्कित क्रम बनाकर अनुवाद में कठिनाई को उत्पन्न कर सकता है। इसे लिखकर सुसंगत बनाना आवश्यक हो सकता है जैसे कि सभी घटनाएँ पहले से ही घटित हो चुकी हैं।

### ""मनुष्य का पुत्र""

यीशु इस अध्याय में स्वयं को ""मनुष्य का पुत्र"" के रूप में सन्दर्भित करता है ([लूका 5:24](../../luk/05/24.md)). आपकी भाषा लोगों को स्वयं के लिए ऐसे बात करने की अनुमति न दे जैसे कि वे किसी और के बारे में बात कर रहे थे। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/sonofman]] और [[rc://hi/ta/man/translate/figs-123person]])
" +LUK 5 intro axr7 0 # लूका 05 सामान्य टिप्पणियाँ
## इस अध्याय की विशेष धारणाएँ

### ""आप लोगों को पकड़ेंगे""

पतरस, याकूब और यूहन्ना मछुआरे थे। जब यीशु ने उनसे कहा कि वे लोगों को पकड़ेंगे, तो वह उन्हें यह बताने के लिए एक रूपक का उपयोग कर रहा था कि वह चाहता था कि वे लोगों को उसके बारे में शुभ सन्देश पर विश्वास करने में सहायता करें। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/disciple]] और [[rc://hi/ta/man/translate/figs-metaphor]])

### पापी

जब यीशु के समय के लोगों ने ""पापियों"" की बात की, तो वे उन लोगों के बारे में बात कर रहे थे, जिन्होंने मूसा की व्यवस्था का पालन नहीं किया और चोरी या गलत यौन सम्बन्धों जैसे पाप किए । जब यीशु ने कहा कि वह ""पापियों"" को बुलाने के लिए आया था, तो उसका अर्थ यह था कि केवल वही लोग जो विश्वास करते हैं कि वे पापी हैं, उनके अनुयायी हो सकते हैं। यह सच है भले ही अधिकांश लोग वैसे नहीं होते हैं जैसे कि लोग उन्हें ""पापी"" के रूप में सोचते हैं। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/sin]])

### उपवास और दावत

लोगों उपवास करेंगे, या लम्बे समय तक भोजन नहीं खाएँगे, जब वे उदास होते थे या परमेश्वर को दिखा रहे होते थे कि वे अपने पापों के लिए खेदित थे। जब वे प्रसन्न होंगे, जैसे विवाह के समय, उत्सव भोज, या भोजन खाएँगे, जिसमें वे बहुत अधिक खाना खाएँगे। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/other/fast]])

## इस अध्याय के महत्वपूर्ण अलंकार

### काल्पनिक परिस्थिति

यीशु फरीसियों की निन्दा करने के लिए एक काल्पनिक स्थिति का उपयोग करता है। इस सन्दर्भ में ""अच्छे स्वास्थ्य वाले लोग"" और ""धार्मिक लोग"" सम्मिलित हैं। इसका अर्थ यह नहीं है कि ऐसे लोग जिन्हें यीशु की आवश्यकता नहीं है। ""धर्मी लोग"" नहीं हैं, हर किसी को यीशु की आवश्यकता है। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-hypo]] और [Luke 5:31-32](./31.md))

## इस अध्याय में अन्य संभावित अनुवाद की कठिनाइयाँ

### निहितार्थ जानकारी

इस अध्याय के कई अंशों में लेखक ने कुछ निहितार्थ जानकारी दी हैं जिसे कि उसके मूल पाठक समझ गए होंगे या जिसके बारे में सोचा होगा। आधुनिक पाठकों को उन बातों में से कुछ नहीं पता हो सकती हैं, इसलिए उन्हें समझने में परेशानी आ सकती है जिसे लेखक संप्रेषित कर रहा था। यूएसटी अनुवाद अक्सर यह दिखाता है कि यह जानकारी कैसे प्रस्तुत की जा सकती है ताकि आधुनिक पाठक उन प्रसंगों को समझ सकें। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/translate-unknown]] और [[rc://hi/ta/man/translate/figs-explicit]])

### अतीत की घटनाएँ

इस अध्याय के भाग उन घटनाओं के अनुक्रम में हैं जो पहले ही घटित हो चुकी हैं। एक दिए हुए प्रसंग में, लूका कभी-कभी लिखता है मानों कि घटनाएँ पहले से ही घटित हो चुकी हैं जबकि अन्य घटनाएँ अभी आगे घटित होने पर हैं (यद्यपि वे लिखते समय ही पूर्ण हो जाएँ)। इससे घटनाओं का एक अतार्कित क्रम बनाकर अनुवाद में कठिनाई को उत्पन्न कर सकता है। इसे लिखकर सुसंगत बनाना आवश्यक हो सकता है जैसे कि सभी घटनाएँ पहले से ही घटित हो चुकी हैं।

### ""मनुष्य का पुत्र""

यीशु इस अध्याय में स्वयं को ""मनुष्य का पुत्र"" के रूप में सन्दर्भित करता है ([लूका 5:24](../../luk/05/24.md)). आपकी भाषा लोगों को स्वयं के लिए ऐसे बात करने की अनुमति न दे जैसे कि वे किसी और के बारे में बात कर रहे थे। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/sonofman]] और [[rc://hi/ta/man/translate/figs-123person]])
LUK 5 1 l5gy 0 Connecting Statement: यीशु गन्नेसरत की झील पर शमौन पतरस की नाव से प्रचार करता है। LUK 5 1 zc8q writing-newevent ἐγένετο δὲ 1 Now it happened इस वाक्यांश का उपयोग कहानी के एक नए भाग के आरम्भ को चिन्हित करने के लिए किया गया है। यदि तुम्हारी भाषा में ऐसा करने का कोई तरीका है, तो आप इसे यहाँ उपयोग करने पर विचार कर सकते हैं। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/writing-newevent]]) LUK 5 1 wsf8 ἀκούειν τὸν λόγον τοῦ Θεοῦ 1 listening to the word of God "सम्भावित अर्थ 1) ""परमेश्वर चाहता है कि लोग सन्देश को सुने"" या 2) ""परमेश्वर के बारे में यीशु के सन्देश को सुनना""" @@ -817,7 +817,7 @@ LUK 6 49 l5jj ποταμός 1 torrent of water तेजी से बहन LUK 6 49 bs8c προσέρρηξεν 1 flowed against विरुद्ध टकराया LUK 6 49 q98t συνέπεσεν 1 collapsed नीचे गिर गया या टूट गया LUK 6 49 jm86 ἐγένετο τὸ ῥῆγμα τῆς οἰκίας ἐκείνης μέγα 1 the ruin of that house was complete वह घर पूरी तरह से नष्ट हो गया था -LUK 7 intro u8gj 0 "# लूका 07 सामान्य टिप्पणियाँ
## संरचना एवं स्वरूपण

कुछ अनुवाद पुराने नियम से उद्धरण को शेष पाठ की तुलना में पृष्ठ पर दाईं ओर दर्शाते हैं। यूएलटी अनुवाद 7:27 में उद्धृत सामग्री के साथ ऐसा ही करता है।

इस अध्याय में कई बार लूका परिवर्तन को चिह्नित किए बिना अपना विषय बदलता है। आपको इन मोटे परिवर्तनों को आसान बनाने का प्रयास नहीं करना चाहिए।

## इस अध्याय में विशेष धारणाएँ

### सूबेदार

सूबेदार जिसने यीशु से उसके दास को ठीक करने के लिए कहा ([लूका 7: 2] (../../luk/07/02.md) कई असामान्य बातों को कर रहा था। एक रोमी सैनिक किसी भी वस्तु के लिए यहूदी के पास आसानी से नहीं जाता था, और अधिक धनी लोग अपने दासों से प्रेम नहीं करते थे या उनकी चिन्ता नहीं करते थे। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/centurion]] और [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/faith]])

### यूहन्ना का बपतिस्मा

यूहन्ना ने लोगों को यह बताने के लिए बपतिस्मा दिया कि जिन्हें वह बपतिस्मा दे रहा था, उन्हें पता था कि वे पापी थे और उनके पाप के लिए उन्हें दु:ख था। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/repent]] और [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/sin]])

### ""पापी""

लूका लोगों के एक समूह को ""पापियों"" के रूप में दर्शाता है। यहूदी अगुवों ने इन लोगों को मूसा के व्यवस्था से निराशाजनक रूप से अनजान माना, और उन्हें साथ ही ""पापी"" कहा। वास्तव में, अगुवे पापी थे। इस स्थिति को विडम्बना के रूप में लिया जा सकता है। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-irony]])

### ""पैर""

प्राचीनकाल के निकट पूर्व में लोगों के पैर बहुत गन्दे होते थे क्योंकि वे खुली चप्पलें पहनते थे सड़कें और रास्ते धूल से गन्दे थे। केवल दास ही अन्य लोगों के पैरों को धोया करते थे। जिस स्त्री ने यीशु के पैरों को धोया वह उसे अत्याधिक सम्मान दर्शा रही थी।

## इस अध्याय में अन्य संभावित अनुवाद की कठिनाइयाँ

### ""मनुष्य का पुत्र""

इस अध्याय में यीशु स्वयं को ""मनुष्य का पुत्र"" कह कर दर्शाता है ([Luke 7:34](../../luk/07/34.md)). आपकी भाषा लोगों को स्वयं के लिए ऐसे बात करने की अनुमति न दे जैसे कि वे किसी और के बारे में बात कर रहे थे। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/sonofman]] और [[rc://hi/ta/man/translate/figs-123person]])
" +LUK 7 intro u8gj 0 # लूका 07 सामान्य टिप्पणियाँ
## संरचना एवं स्वरूपण

कुछ अनुवाद पुराने नियम से उद्धरण को शेष पाठ की तुलना में पृष्ठ पर दाईं ओर दर्शाते हैं। यूएलटी अनुवाद 7:27 में उद्धृत सामग्री के साथ ऐसा ही करता है।

इस अध्याय में कई बार लूका परिवर्तन को चिह्नित किए बिना अपना विषय बदलता है। आपको इन मोटे परिवर्तनों को आसान बनाने का प्रयास नहीं करना चाहिए।

## इस अध्याय में विशेष धारणाएँ

### सूबेदार

सूबेदार जिसने यीशु से उसके दास को ठीक करने के लिए कहा ([लूका 7: 2] (../../luk/07/02.md) कई असामान्य बातों को कर रहा था। एक रोमी सैनिक किसी भी वस्तु के लिए यहूदी के पास आसानी से नहीं जाता था, और अधिक धनी लोग अपने दासों से प्रेम नहीं करते थे या उनकी चिन्ता नहीं करते थे। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/centurion]] और [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/faith]])

### यूहन्ना का बपतिस्मा

यूहन्ना ने लोगों को यह बताने के लिए बपतिस्मा दिया कि जिन्हें वह बपतिस्मा दे रहा था, उन्हें पता था कि वे पापी थे और उनके पाप के लिए उन्हें दु:ख था। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/repent]] और [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/sin]])

### ""पापी""

लूका लोगों के एक समूह को ""पापियों"" के रूप में दर्शाता है। यहूदी अगुवों ने इन लोगों को मूसा के व्यवस्था से निराशाजनक रूप से अनजान माना, और उन्हें साथ ही ""पापी"" कहा। वास्तव में, अगुवे पापी थे। इस स्थिति को विडम्बना के रूप में लिया जा सकता है। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-irony]])

### ""पैर""

प्राचीनकाल के निकट पूर्व में लोगों के पैर बहुत गन्दे होते थे क्योंकि वे खुली चप्पलें पहनते थे सड़कें और रास्ते धूल से गन्दे थे। केवल दास ही अन्य लोगों के पैरों को धोया करते थे। जिस स्त्री ने यीशु के पैरों को धोया वह उसे अत्याधिक सम्मान दर्शा रही थी।

## इस अध्याय में अन्य संभावित अनुवाद की कठिनाइयाँ

### ""मनुष्य का पुत्र""

इस अध्याय में यीशु स्वयं को ""मनुष्य का पुत्र"" कह कर दर्शाता है ([Luke 7:34](../../luk/07/34.md)). आपकी भाषा लोगों को स्वयं के लिए ऐसे बात करने की अनुमति न दे जैसे कि वे किसी और के बारे में बात कर रहे थे। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/sonofman]] और [[rc://hi/ta/man/translate/figs-123person]])
LUK 7 1 e1by 0 General Information: यीशु ने कफरनहूम में प्रवेश किया जहाँ यीशु एक सूबेदार के सेवक को ठीक करते है। LUK 7 1 zi6w figs-idiom εἰς τὰς ἀκοὰς τοῦ λαοῦ 1 in the hearing of the people "यह मुहावरे ""लोगों को सुना चुका"" इस बात पर जोर देता है कि वह चाहता था कि वह उस की सुनें। वैकल्पिक अनुवाद: ""उन लोगों को जो उस की सुन रहे थे"" या ""उपस्थित लोगों के लिए"" या ""लोगों के सुनने के लिए"" (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-idiom]])" LUK 7 1 l2zp writing-newevent εἰσῆλθεν εἰς Καφαρναούμ 1 he entered Capernaum इस कहानी में एक नई घटना का आरम्भ होता है। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/writing-newevent]]) @@ -951,7 +951,7 @@ LUK 7 49 enw4 συνανακείμενοι 1 reclining together मेज प LUK 7 49 ie4z figs-rquestion τίς οὗτός ἐστιν ὃς καὶ ἁμαρτίας ἀφίησιν? 1 Who is this that even forgives sins? "धार्मिक अगुवों को पता था कि केवल परमेश्वर ही पापों को क्षमा कर सकता है और वे विश्वास नहीं करते थे कि यीशु ही परमेश्वर थे। यह प्रश्न कदाचित् एक आरोप लगाने वाली मंशा थी। वैकल्पिक अनुवाद: ""यह व्यक्ति क्या सोचता है कि यह कौन है? केवल परमेश्वर ही पापों को क्षमा कर सकते है! ""या"" यह व्यक्ति परमेश्वर होने का नाटक क्यों कर रहा है, केवल वही पापों को क्षमा कर सकता है? ""(देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-rquestion]] और [[rc://hi/ta/man/translate/figs-explicit]])" LUK 7 50 lje8 figs-abstractnouns ἡ πίστις σου σέσωκέν σε 1 Your faith has saved you "तेरे विश्वास के कारण, तू बचाई गई है। भाववाचक संज्ञा ""विश्वास"" को एक क्रिया के रूप में वर्णित किया जा सकता है। वैकल्पिक अनुवाद: ""क्योंकि तू विश्वास करती है, तू बचाई गई है"" (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-abstractnouns]]) LUK 7 50 sp2u πορεύου εἰς εἰρήνην 1 Go in peace यह एक ही समय में आशीष देने के साथ ही विदा कहने का एक तरीका है। वैकल्पिक अनुवाद: ""जैसे तू जाती है, तो अब चिन्ता न कर"" या ""जब तू जाती है तो परमेश्वर तुझे शान्ति दे""" -LUK 8 intro ba3i 0 "# लूका 08 सामान्य टिप्पणियाँ
## संरचना एवं स्वरूपण

इस अध्याय में कई बार लूका परिवर्तन को चिह्नित किए बिना ही अपना विषय बदल देता है। आपको इन मोटे परिवर्तनों को आसान बनाने का प्रयास नहीं करना चाहिए।

## इस अध्याय में विशेष धारणाएँ

### आश्चर्यकर्म

यीशु ने बात करके एक तूफान को शान्त कर दिया, उसने बात करके एक मृत लड़की को जीवित कर दिया, और उसने बात करके एक व्यक्ति को दुष्ट आत्माओं से छुड़ा लिया। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/miracle]])

## इस अध्याय के महत्वपूर्ण अलंकार

### दृष्टांत

दृष्टांत छोटी कहानियां थीं जिन्हें यीशु ने बताया था ताकि लोग आसानी से उस शिक्षा को समझ सकें जिसे वह उन्हें देने का प्रयास कर रहे थे। उसने कहानियों को भी बताया ताकि जो लोग उस पर विश्वास नहीं करना चाहते वे सत्य को न समझ पाएँ ([लूका 8:4-15](./04.md))।

## इस अध्याय में अन्य संभावित अनुवाद की कठिनाइयाँ

### भाइयों और बहनों

अधिकांश लोग उन लोगों को ""भाई"" और ""बहन"" ही कह कर बुलाते हैं, जिनके माता-पिता एक ही होते हैं और उनके बारे में उन्हें उनके जीवन में सबसे महत्वपूर्ण लोगों के रूप में सोचते हैं। बहुत से लोग उन लोगों को भी ""भाई"" और ""बहन"" कह कर बुलाते हैं जिनके दादा-दादी एक ही होते हैं। इस अध्याय में यीशु कहता है कि उनके लिए सबसे महत्वपूर्ण लोग वे हैं जो उनके पिता की आज्ञा का पालन करते हैं जो स्वर्ग में है। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/brother]])
" +LUK 8 intro ba3i 0 # लूका 08 सामान्य टिप्पणियाँ
## संरचना एवं स्वरूपण

इस अध्याय में कई बार लूका परिवर्तन को चिह्नित किए बिना ही अपना विषय बदल देता है। आपको इन मोटे परिवर्तनों को आसान बनाने का प्रयास नहीं करना चाहिए।

## इस अध्याय में विशेष धारणाएँ

### आश्चर्यकर्म

यीशु ने बात करके एक तूफान को शान्त कर दिया, उसने बात करके एक मृत लड़की को जीवित कर दिया, और उसने बात करके एक व्यक्ति को दुष्ट आत्माओं से छुड़ा लिया। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/miracle]])

## इस अध्याय के महत्वपूर्ण अलंकार

### दृष्टांत

दृष्टांत छोटी कहानियां थीं जिन्हें यीशु ने बताया था ताकि लोग आसानी से उस शिक्षा को समझ सकें जिसे वह उन्हें देने का प्रयास कर रहे थे। उसने कहानियों को भी बताया ताकि जो लोग उस पर विश्वास नहीं करना चाहते वे सत्य को न समझ पाएँ ([लूका 8:4-15](./04.md))।

## इस अध्याय में अन्य संभावित अनुवाद की कठिनाइयाँ

### भाइयों और बहनों

अधिकांश लोग उन लोगों को ""भाई"" और ""बहन"" ही कह कर बुलाते हैं, जिनके माता-पिता एक ही होते हैं और उनके बारे में उन्हें उनके जीवन में सबसे महत्वपूर्ण लोगों के रूप में सोचते हैं। बहुत से लोग उन लोगों को भी ""भाई"" और ""बहन"" कह कर बुलाते हैं जिनके दादा-दादी एक ही होते हैं। इस अध्याय में यीशु कहता है कि उनके लिए सबसे महत्वपूर्ण लोग वे हैं जो उनके पिता की आज्ञा का पालन करते हैं जो स्वर्ग में है। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/brother]])
LUK 8 1 f72n 0 General Information: ये पद यात्रा करते समय यीशु के प्रचार के बारे में पृष्ठभूमि की जानकारी देते हैं। LUK 8 1 i6mi writing-newevent καὶ ἐγένετο 1 It happened इस वाक्यांश का उपयोग कहानी के एक नए भाग को चिह्नित करने के लिए किया गया है। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/writing-newevent]]) LUK 8 2 g99l figs-activepassive αἳ ἦσαν τεθεραπευμέναι ἀπὸ πνευμάτων πονηρῶν καὶ ἀσθενειῶν 1 who had been healed of evil spirits and diseases "इसे सक्रिय रूप में कहा जा सकता है। वैकल्पिक अनुवाद: ""जिसे यीशु ने दुष्ट आत्माओं से मुक्त किया था और बीमारियों से ठीक किया था"" (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-activepassive]])" @@ -1097,7 +1097,7 @@ LUK 8 53 nu8w κατεγέλων αὐτοῦ, εἰδότες ὅτι ἀπέ LUK 8 54 e7zt αὐτὸς…κρατήσας τῆς χειρὸς αὐτῆς 1 he took her by the hand यीशु ने लड़की के हाथ को पकड़ लिया LUK 8 55 k6w2 figs-explicit ἐπέστρεψεν τὸ πνεῦμα αὐτῆς 1 Her spirit returned "उसकी आत्मा उसके शरीर में लौट आई। यहूदियों ने समझा कि जीवन एक व्यक्ति में आने वाली आत्मा का परिणाम था। वैकल्पिक अनुवाद: ""उसने फिर से सांस लेने आरम्भ कर दिया"" या ""उसमें वापस जीवन आ गया"" या ""वह फिर से जीवित हो गई"" (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-explicit]]) LUK 8 56 c6mp μηδενὶ εἰπεῖν 1 to tell no one यह भिन्न तरीके से भी कहा जा सकता है। वैकल्पिक अनुवाद: ""किसी को न बताना""" -LUK 9 intro uc1r 0 "# लूका 09 सामान्य टिप्पणियाँ
## संरचना एवं स्वरूपण

""परमेश्वर के राज्य का प्रचार करने के लिए""

कोई भी यह सुनिश्चित रूप से नहीं जानता कि शब्द ""परमेश्वर के राज्य"" का क्या अर्थ है। कुछ कहते हैं कि यह पृथ्वी पर परमेश्वर के शासन को दर्शाता है, और अन्य कहते हैं कि यह सुसमाचार के सन्देश को दर्शाता है कि यीशु अपने लोगों के पापों की अदायगी के लिए मरा था। इसे ""परमेश्वर के राज्य के बारे में प्रचार करने"" या ""उन्हें शिक्षा देने के लिए सबसे अच्छा है कि परमेश्वर स्वयं को राजा के रूप में कैसे दिखाएगा।"" (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-metaphor]])

### एलिय्याह

परमेश्वर ने यहूदियों से प्रतिज्ञा की थी कि मसीह के आने से पहले एलिय्याह वापस आ जाएगा, इसलिए कुछ लोग जिन्होंने यीशु के आश्चर्यकर्मों को देखाथा, यह सोचा कि यीशु एलिय्याह था ([लूका 9: 9] (../../luk/09/09.md), [लूका 9:19](../../luk/09/19.md))। यद्यपि, एलिय्याह यीशु के साथ बात करने के लिए पृथ्वी पर आया ([लूका 9:30] (../../ luk / 09 / 30.md))। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/prophet]] और [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/christ]] और [[rc://hi/tw/dict/bible/names/elijah]]))

### ""परमेश्वर का राज्य""

इस अध्याय में शब्द ""परमेश्वर का राज्य"" का प्रयोग ऐसे राज्य को सन्दर्भित करने के लिए किया जाता है जो भविष्य में आने वाला जबकि उसके लिए अभी बोला जा रहा था। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/kingdomofgod]])

### महिमा

पवित्रशास्त्र अक्सर परमेश्वर की महिमा के बारे में एक महान, चमकीले प्रकाश के रूप में बोलता है। जब लोग इस प्रकाश को देखते हैं, तो वे डर जाते हैं। लूका इस अध्याय में कहता है कि यीशु के कपड़े इस चमकीले प्रकाश के कारण चमक गए ताकि उसके अनुयायी देख सकें कि यीशु वास्तव में ईश्वर का पुत्र था। उसी समय, परमेश्वर ने उनसे कहा कि यीशु उसका पुत्र था। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/glory]] और [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/fear]])

## इस अध्याय में अन्य संभावित अनुवाद की कठिनाइयाँ

### विरोधाभास

एक विरोधाभास एक ऐसा सच्चा कथन है जो किसी असम्भव बात का वर्णन करने का आभास देता है। इस अध्याय में एक उदाहरण यह है: ""क्योंकि जो कोई अपना प्राण बचाना चाहेगा वह उसे खोएगा, परन्तु जो कोई मेरे लिये अपना प्राण खोएगा वही उसे बचाएगा।"" ([लूका 9:24] (../../ luk / 09 / 24.md))

### ""मनुष्य का पुत्र""

इस अध्याय में यीशु स्वयं को ""मनुष्य के पुत्र"" के रूप में सन्दर्भित करता है ([लूका 9:22] (../../ luk / 09 / 22.md))। आपकी भाषा लोगों को स्वयं के लिए ऐसे बात करने की अनुमति न दे जैसे कि वे किसी और के बारे में बात कर रहे थे। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/sonofman]] और [[rc://hi/ta/man/translate/figs-123person]])

### ""प्राप्त करना""

यह शब्द इस अध्याय में कई बार प्रकट होता है और इसका अर्थ है विभिन्न बातों से है। जब यीशु कहता है, ""जो कोई मेरे नाम से इस बालक को ग्रहण करता है, वह मुझे ग्रहण करता है; और जो कोई मुझे ग्रहण करता है, वह मेरे भेजनेवाले को ग्रहण करता है, क्योंकि जो तुम में सबसे छोटे से छोटा है, वही बड़ा है।"" ([लूका 9:48](../../luk/09/48.md)), वह बच्चे की सेवा करने वाले लोगों की बात कर रहा है। जब लूका कहता है, ""उन लोगों ने उसे उतरने न दिया"" ([लूका 9:53] (../../ luk / 09 / 53.md)), उसका अर्थ है कि लोग यीशु पर विश्वास नहीं करते या उसे स्वीकार नहीं करते थे । (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/believe]])
" +LUK 9 intro uc1r 0 # लूका 09 सामान्य टिप्पणियाँ
## संरचना एवं स्वरूपण

""परमेश्वर के राज्य का प्रचार करने के लिए""

कोई भी यह सुनिश्चित रूप से नहीं जानता कि शब्द ""परमेश्वर के राज्य"" का क्या अर्थ है। कुछ कहते हैं कि यह पृथ्वी पर परमेश्वर के शासन को दर्शाता है, और अन्य कहते हैं कि यह सुसमाचार के सन्देश को दर्शाता है कि यीशु अपने लोगों के पापों की अदायगी के लिए मरा था। इसे ""परमेश्वर के राज्य के बारे में प्रचार करने"" या ""उन्हें शिक्षा देने के लिए सबसे अच्छा है कि परमेश्वर स्वयं को राजा के रूप में कैसे दिखाएगा।"" (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-metaphor]])

### एलिय्याह

परमेश्वर ने यहूदियों से प्रतिज्ञा की थी कि मसीह के आने से पहले एलिय्याह वापस आ जाएगा, इसलिए कुछ लोग जिन्होंने यीशु के आश्चर्यकर्मों को देखाथा, यह सोचा कि यीशु एलिय्याह था ([लूका 9: 9] (../../luk/09/09.md), [लूका 9:19](../../luk/09/19.md))। यद्यपि, एलिय्याह यीशु के साथ बात करने के लिए पृथ्वी पर आया ([लूका 9:30] (../../ luk / 09 / 30.md))। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/prophet]] और [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/christ]] और [[rc://hi/tw/dict/bible/names/elijah]]))

### ""परमेश्वर का राज्य""

इस अध्याय में शब्द ""परमेश्वर का राज्य"" का प्रयोग ऐसे राज्य को सन्दर्भित करने के लिए किया जाता है जो भविष्य में आने वाला जबकि उसके लिए अभी बोला जा रहा था। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/kingdomofgod]])

### महिमा

पवित्रशास्त्र अक्सर परमेश्वर की महिमा के बारे में एक महान, चमकीले प्रकाश के रूप में बोलता है। जब लोग इस प्रकाश को देखते हैं, तो वे डर जाते हैं। लूका इस अध्याय में कहता है कि यीशु के कपड़े इस चमकीले प्रकाश के कारण चमक गए ताकि उसके अनुयायी देख सकें कि यीशु वास्तव में ईश्वर का पुत्र था। उसी समय, परमेश्वर ने उनसे कहा कि यीशु उसका पुत्र था। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/glory]] और [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/fear]])

## इस अध्याय में अन्य संभावित अनुवाद की कठिनाइयाँ

### विरोधाभास

एक विरोधाभास एक ऐसा सच्चा कथन है जो किसी असम्भव बात का वर्णन करने का आभास देता है। इस अध्याय में एक उदाहरण यह है: ""क्योंकि जो कोई अपना प्राण बचाना चाहेगा वह उसे खोएगा, परन्तु जो कोई मेरे लिये अपना प्राण खोएगा वही उसे बचाएगा।"" ([लूका 9:24] (../../ luk / 09 / 24.md))

### ""मनुष्य का पुत्र""

इस अध्याय में यीशु स्वयं को ""मनुष्य के पुत्र"" के रूप में सन्दर्भित करता है ([लूका 9:22] (../../ luk / 09 / 22.md))। आपकी भाषा लोगों को स्वयं के लिए ऐसे बात करने की अनुमति न दे जैसे कि वे किसी और के बारे में बात कर रहे थे। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/sonofman]] और [[rc://hi/ta/man/translate/figs-123person]])

### ""प्राप्त करना""

यह शब्द इस अध्याय में कई बार प्रकट होता है और इसका अर्थ है विभिन्न बातों से है। जब यीशु कहता है, ""जो कोई मेरे नाम से इस बालक को ग्रहण करता है, वह मुझे ग्रहण करता है; और जो कोई मुझे ग्रहण करता है, वह मेरे भेजनेवाले को ग्रहण करता है, क्योंकि जो तुम में सबसे छोटे से छोटा है, वही बड़ा है।"" ([लूका 9:48](../../luk/09/48.md)), वह बच्चे की सेवा करने वाले लोगों की बात कर रहा है। जब लूका कहता है, ""उन लोगों ने उसे उतरने न दिया"" ([लूका 9:53] (../../ luk / 09 / 53.md)), उसका अर्थ है कि लोग यीशु पर विश्वास नहीं करते या उसे स्वीकार नहीं करते थे । (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/believe]])
LUK 9 1 s7fw 0 Connecting Statement: यीशु अपने चेलों को स्मरण दिलाता है कि वे धन और उस पर आधारित वस्तुओं के ऊपर निर्भर न हों, जो उन्हें सामर्थ्य देती हैं, और फिर वह उन्हें विभिन्न स्थानों पर भेज देता है। LUK 9 1 zqq6 δύναμιν καὶ ἐξουσίαν 1 power and authority इन दो शब्दों का एक साथ उपयोग यह दिखाने के लिए किया जाता है कि बारहों के पास लोगों को ठीक करने की क्षमता और अधिकार दोनों ही थे। इस वाक्यांश को उन शब्दों के संयोजन के साथ अनुवाद करें जिनमें इन दोनों विचारों को सम्मिलित किया गया है। LUK 9 1 fuj7 πάντα τὰ δαιμόνια 1 all the demons "सम्भावित अर्थ 1) ""प्रत्येक दुष्टात्मा"" या 2) ""हर प्रकार की दुष्टात्मा।""" @@ -1525,7 +1525,7 @@ LUK 11 53 mld3 0 General Information: यह कहानी के उस भ LUK 11 53 ejf1 κἀκεῖθεν ἐξελθόντος αὐτοῦ 1 After Jesus left there यीशु के द्वारा फरीसी के घर छोड़ दिए जाने के पश्चात् LUK 11 53 h9sw ἀποστοματίζειν αὐτὸν περὶ πλειόνων 1 argued with him about many things शास्त्रियों और फरीसियों ने अपने विचारों के बचाव में तर्क नहीं दिए, परन्तु यीशु को पकड़ने के प्रयास करने लगे ताकि वे उस पर परमेश्वर की व्यवस्था को तोड़ने का आरोप लगा सकें। LUK 11 54 mr32 figs-metaphor αὐτὸν θηρεῦσαί τι ἐκ τοῦ στόματος αὐτοῦ 1 trying to trap him in his own words इसका अर्थ है कि वे चाहते थे कि यीशु कुछ गलत कहें ताकि वे उस पर आरोप लगा सकें। शास्त्रियों और फरीसियों ने अपने विचारों के बचाव में तर्क नहीं दिए, परन्तु यीशु को पकड़ने के प्रयास करने लगे ताकि वे उस पर परमेश्वर की व्यवस्था को तोड़ने का आरोप लगा सकें। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-metaphor]]) -LUK 12 intro jun3 0 "# लूका 12 सामान्य टिप्पणियाँ
## इस अध्याय की विशेष धारणाएँ

### ""आत्मा के विरुद्ध ईशनिन्दा""

कोई भी यह सुनिश्चित रूप से यह नहीं जानता है कि लोग क्या करते हैं या जब वे इस पाप को करते हैं तो वे क्या कहते हैं। यद्यपि, वे कदाचित् ही पवित्र आत्मा और उसके काम का अपमान करते हैं। पवित्र आत्मा के काम का भाग लोगों को यह समझाना है कि वे पापी हैं और उन्हें परमेश्वर की क्षमा को प्राप्त करने की आवश्यकता है। इसलिए, जो भी पाप करना बन्द करने का प्रयास नहीं करता है वह कताचित् आत्मा के विरूद्ध ईशनिन्दा का कार्य कर रहा है। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/blasphemy]] और [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/holyspirit]])

## सेवक

परमेश्वर अपने लोगों से यह स्मरण रखने की अपेक्षा करता है कि संसार में सब कुछ परमेश्वर से ही सम्बन्धित है। परमेश्वर अपने लोगों को वस्तुएँ देता है ताकि वे उसकी सेवा कर सकें। वह चाहता है कि वह उन्हें वह सब कुछ कर दे जो वह उन्हें देता है जो उसने उन्हें दिया है। एक दिन यीशु अपने सेवकों से पूछेगा कि उसने जो कुछ भी उन्हें दिया था, उसके साथ उन्होंने क्या किया है। वह उन लोगों को प्रतिफल देगा जिन्होंने उन कार्यों को किया है जिसे वह चाहता था, और वह उन लोगों को दंडित करेगा जिन्होंने उन कार्यों को नहीं किया।

### विभाजन

यीशु जानता था कि जो लोग उसका अनुसरण नहीं करना चाहते थे वे उनसे घृणा करेंगे जिन्होंने उसका अनुसरण करना चुना। वह यह भी जानता था कि अधिकांश लोग किसी दूसरे की तुलना में अपने परिवार से ज्यादा प्रेम करते हैं। इसलिए वह अपने अनुयायियों को यह समझाना चाहता था कि उनके परिवार को प्रेम करने की अपेक्षा उसके पीछे चलना और उसे प्रसन्न करना उनके लिए अधिक महत्वपूर्ण होना चाहिए ([लूका 12: 51-56](./51.md))।

## इस अध्याय में अन्य संभावित अनुवाद की कठिनाइयाँ

### ""मनुष्य का पुत्र""

यीशु इस अध्याय में स्वयं को ""मनुष्य का पुत्र"" के रूप में प्रकट करता है ([लूका 12; 8] (./8.md) )। आपकी भाषा लोगों को स्वयं के लिए ऐसे बात करने की अनुमति न दे जैसे कि वे किसी और के बारे में बात कर रहे थे। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/sonofman]] और [[rc://hi/ta/man/translate/figs-123person]])
" +LUK 12 intro jun3 0 # लूका 12 सामान्य टिप्पणियाँ
## इस अध्याय की विशेष धारणाएँ

### ""आत्मा के विरुद्ध ईशनिन्दा""

कोई भी यह सुनिश्चित रूप से यह नहीं जानता है कि लोग क्या करते हैं या जब वे इस पाप को करते हैं तो वे क्या कहते हैं। यद्यपि, वे कदाचित् ही पवित्र आत्मा और उसके काम का अपमान करते हैं। पवित्र आत्मा के काम का भाग लोगों को यह समझाना है कि वे पापी हैं और उन्हें परमेश्वर की क्षमा को प्राप्त करने की आवश्यकता है। इसलिए, जो भी पाप करना बन्द करने का प्रयास नहीं करता है वह कताचित् आत्मा के विरूद्ध ईशनिन्दा का कार्य कर रहा है। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/blasphemy]] और [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/holyspirit]])

## सेवक

परमेश्वर अपने लोगों से यह स्मरण रखने की अपेक्षा करता है कि संसार में सब कुछ परमेश्वर से ही सम्बन्धित है। परमेश्वर अपने लोगों को वस्तुएँ देता है ताकि वे उसकी सेवा कर सकें। वह चाहता है कि वह उन्हें वह सब कुछ कर दे जो वह उन्हें देता है जो उसने उन्हें दिया है। एक दिन यीशु अपने सेवकों से पूछेगा कि उसने जो कुछ भी उन्हें दिया था, उसके साथ उन्होंने क्या किया है। वह उन लोगों को प्रतिफल देगा जिन्होंने उन कार्यों को किया है जिसे वह चाहता था, और वह उन लोगों को दंडित करेगा जिन्होंने उन कार्यों को नहीं किया।

### विभाजन

यीशु जानता था कि जो लोग उसका अनुसरण नहीं करना चाहते थे वे उनसे घृणा करेंगे जिन्होंने उसका अनुसरण करना चुना। वह यह भी जानता था कि अधिकांश लोग किसी दूसरे की तुलना में अपने परिवार से ज्यादा प्रेम करते हैं। इसलिए वह अपने अनुयायियों को यह समझाना चाहता था कि उनके परिवार को प्रेम करने की अपेक्षा उसके पीछे चलना और उसे प्रसन्न करना उनके लिए अधिक महत्वपूर्ण होना चाहिए ([लूका 12: 51-56](./51.md))।

## इस अध्याय में अन्य संभावित अनुवाद की कठिनाइयाँ

### ""मनुष्य का पुत्र""

यीशु इस अध्याय में स्वयं को ""मनुष्य का पुत्र"" के रूप में प्रकट करता है ([लूका 12; 8] (./8.md) )। आपकी भाषा लोगों को स्वयं के लिए ऐसे बात करने की अनुमति न दे जैसे कि वे किसी और के बारे में बात कर रहे थे। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/sonofman]] और [[rc://hi/ta/man/translate/figs-123person]])
LUK 12 1 w6x5 0 General Information: यीशु अपने चेलों को हजारों लोगों के सामने ही शिक्षा देना आरम्भ कर देता है। LUK 12 1 en8g writing-newevent ἐν οἷς 1 In the meantime कदाचित् यह उस समय की बात जब शास्त्री और फरीसी उसे फंसाने के लिए एक तरीके की खोज कर रहे थे। लेखक एक नई घटना के आरम्भ को चिन्हित करने के लिए इन शब्दों का उपयोग करता है। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/writing-newevent]]) LUK 12 1 r5jz writing-background ἐπισυναχθεισῶν τῶν μυριάδων τοῦ ὄχλου, ὥστε καταπατεῖν ἀλλήλους 1 when many thousands of the people ... they trampled on each other यह पृष्ठभूमि की जानकारी है जो कहानी के सन्दर्भ को बताती है। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/writing-background]]) @@ -1685,7 +1685,7 @@ LUK 12 58 e7hz τὸν κριτήν 1 the judge यह मजिस्ट्र LUK 12 58 b7sh σε παραδώσει 1 does not deliver you तुझे वहाँ नही खीचता है LUK 12 59 wi7m figs-hypo λέγω σοι…καὶ τὸ ἔσχατον λεπτὸν ἀποδῷς 1 I say to you ... bit of money यह काल्पनिक स्थिति का अन्त है, जो पद 58 में आरम्भ होती है, जिसे कि यीशु भीड़ को शिक्षा देने के लिए उपयोग करते हैं। उसका विषय यह है कि उन्हें उन बातों का समाधान करना चाहिए जिन्हें वे सार्वजनिक न्यायालयों को सम्मिलित किए बिना समाधान करने में सक्षम हैं। यह स्पष्ट करने के लिए इसे पुनः कहा जा सकता है कि ऐसा घटित नहीं हो सकता है। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-hypo]]) LUK 12 59 i124 καὶ τὸ ἔσχατον λεπτὸν 1 the very last bit of money पूरी राशि जिसे तेरा शत्रु तुझ से मांगता है -LUK 13 intro xaa2 0 "# लूका 13 सामान्य टिप्पणियाँ
## इस अध्याय में अनुवाद सम्भावित कठिनाइयाँ

### अज्ञात् घटनाएँ

लोग और यीशु दो घटनाओं के बारे में बोलते हैं जिनके बारे में वे जानते थे, परन्तु जिनके बारे में कोई भी आज लूका के द्वारा लिखे हुए को छोड़कर और कुछ भी नहीं जानते हैं ([लूका 13: 1-5] (./01.md))। आपके अनुवाद को केवल उतना ही बताना चाहिए जितना लूका बताता है।

### विरोधाभास

एक विरोधाभास एक ऐसा सच्चा कथन है जो कुछ का असंभव वर्णन करता हुआ प्रतीत होता है। इस अध्याय में एक विरोधाभास प्रगट होता है: ""कितने पिछले हैं वे प्रथम होंगे, और जो सबसे महत्वपूर्ण हैं, वे अंतिम होंगे।"" ([लूका 13:30](../../luk/13/30.md))।
" +LUK 13 intro xaa2 0 # लूका 13 सामान्य टिप्पणियाँ
## इस अध्याय में अनुवाद सम्भावित कठिनाइयाँ

### अज्ञात् घटनाएँ

लोग और यीशु दो घटनाओं के बारे में बोलते हैं जिनके बारे में वे जानते थे, परन्तु जिनके बारे में कोई भी आज लूका के द्वारा लिखे हुए को छोड़कर और कुछ भी नहीं जानते हैं ([लूका 13: 1-5] (./01.md))। आपके अनुवाद को केवल उतना ही बताना चाहिए जितना लूका बताता है।

### विरोधाभास

एक विरोधाभास एक ऐसा सच्चा कथन है जो कुछ का असंभव वर्णन करता हुआ प्रतीत होता है। इस अध्याय में एक विरोधाभास प्रगट होता है: ""कितने पिछले हैं वे प्रथम होंगे, और जो सबसे महत्वपूर्ण हैं, वे अंतिम होंगे।"" ([लूका 13:30](../../luk/13/30.md))।
LUK 13 1 t1fi 0 Connecting Statement: यीशु अभी भी भीड़ के सामने बोल रहा है। भीड़ में कुछ लोग उस से एक प्रश्न को पूछते हैं और वह उत्तर देना आरम्भ कर देता है। इससे कहानी आगे बढ़ती है जो [लूका 12:1](../12/01.md) में आरम्भ होती है। LUK 13 1 b9rx ἐν αὐτῷ τῷ καιρῷ 1 At that time यह वाक्यांश इस घटना को अध्याय 12 के अन्त तक जोड़ता है, जब यीशु लोगों की भीड़ को शिक्षा दे रहा था। LUK 13 1 wg2k figs-explicit ὧν τὸ αἷμα Πειλᾶτος ἔμιξεν μετὰ τῶν θυσιῶν αὐτῶν 1 whose blood Pilate mixed with their own sacrifices "यहाँ ""लहू"" गलीलियों की मृत्यु को प्रकट करता है। वे कदाचित् उनकी बलि चढ़ाने के समय मारे गए थे। यह यूएसटी अनुवाद में स्पष्ट रूप से कहा जा सकता है। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-explicit]])" @@ -1784,7 +1784,7 @@ LUK 13 34 kb9t figs-metaphor ὃν τρόπον ὄρνις τὴν ἑαυτῆ LUK 13 35 w1v2 figs-metaphor ἀφίεται ὑμῖν ὁ οἶκος ὑμῶν 1 your house is abऔरoned यह कुछ ऐसा घटित होने की भविष्यवाणी है जो शीघ्र ही होगा। इसका अर्थ है कि परमेश्वर ने यरूशलेम के लोगों की रक्षा करना बन्द कर दिया है, इसलिए शत्रु उस पर आक्रमण कर सकते हैं और लोगों को वहाँ से निकाल सकते हैं। सम्भावित अर्थ 1) परमेश्वर उन्हें त्याग देगा। वैकल्पिक अनुवाद: ""परमेश्वर तुम्हें त्याग देगा"" या 2) उनका शहर खाली हो जाएगा। वैकल्पिक अनुवाद: ""तुम्हारा घर त्याग दिया जाएगा"" ((देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-metaphor]]) LUK 13 35 x4y6 οὐ μὴ με ἴδητέ ἕως ἥξει ὅτε εἴπητε 1 you will not see me until you say तुम मुझे तब तक नहीं देख पाओगे जब तक समय नहीं आ जाता तब तक तुम यह कहोगे या ""अगली बार जब तुम मुझे देखोगे, तो यह कहोगें""" LUK 13 35 v6lj figs-metonymy ὀνόματι Κυρίου 1 the name of the Lord "यहाँ ""नाम"" प्रभु की सामर्थ्य और अधिकार को प्रकट करता है। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-metonymy]])" -LUK 14 intro xk3w 0 "# लूका 14 सामान्य टिप्पणियाँ
## संरचना एवं स्वरूपण

पद 3 कहता है, ""यीशु ने यहूदी व्यवस्थापकों और फरीसियों से कहा, “क्या सब्त के दिन अच्छा करना उचित है, कि नहीं?” कई बार, फरीसी ने सब्त के दिन ठीक करने के कारण यीशु के प्रति क्रोधित हो गए थे। इस प्रसंग में, यीशु फरीसियों को चुप करा देता है। यह सामान्य रूप से फरीसि थे जो यीशु को फंसाने का प्रयास करते थे।

### विषय में परिवर्तन

इस अध्याय में कई बार लूका विषय में बिना किसी परिवर्तन को चिन्हित किए एक विषय से दूसरे विषय की ओर चला जाता है।

## इस अध्याय के महत्वपूर्ण अलंकार

### दृष्टान्त

यीशु ने [लूका 14:15-24](./15.md) में दृष्टान्त को यह शिक्षा देने के लिए कहा कि परमेश्वर का राज्य ऐसा कुछ होगा कि जिसका आनन्द प्रत्येक व्यक्ति ले सकता है। परन्तु लोग इसके भागी बनने से इनकार कर देंगे। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-metaphor]] और [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/kingdomofgod]])

## इस अध्याय में अन्य संभावित अनुवाद की कठिनाइयाँ

### विरोधाभास

एक विरोधाभास एक ऐसा सच्चा कथन है जो कुछ का असंभव वर्णन करता हुआ प्रतीत होता है। इस अध्याय में एक विरोधाभास प्रगट होता है: ""क्योंकि जो कोई अपने आप को बड़ा बनाएगा, वह छोटा किया जाएगा; और जो कोई अपने आप को छोटा बनाएगा, वह बड़ा किया जाएगा।"" ([लूका 14:11](../../luk/14/11.md)).
" +LUK 14 intro xk3w 0 # लूका 14 सामान्य टिप्पणियाँ
## संरचना एवं स्वरूपण

पद 3 कहता है, ""यीशु ने यहूदी व्यवस्थापकों और फरीसियों से कहा, “क्या सब्त के दिन अच्छा करना उचित है, कि नहीं?” कई बार, फरीसी ने सब्त के दिन ठीक करने के कारण यीशु के प्रति क्रोधित हो गए थे। इस प्रसंग में, यीशु फरीसियों को चुप करा देता है। यह सामान्य रूप से फरीसि थे जो यीशु को फंसाने का प्रयास करते थे।

### विषय में परिवर्तन

इस अध्याय में कई बार लूका विषय में बिना किसी परिवर्तन को चिन्हित किए एक विषय से दूसरे विषय की ओर चला जाता है।

## इस अध्याय के महत्वपूर्ण अलंकार

### दृष्टान्त

यीशु ने [लूका 14:15-24](./15.md) में दृष्टान्त को यह शिक्षा देने के लिए कहा कि परमेश्वर का राज्य ऐसा कुछ होगा कि जिसका आनन्द प्रत्येक व्यक्ति ले सकता है। परन्तु लोग इसके भागी बनने से इनकार कर देंगे। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-metaphor]] और [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/kingdomofgod]])

## इस अध्याय में अन्य संभावित अनुवाद की कठिनाइयाँ

### विरोधाभास

एक विरोधाभास एक ऐसा सच्चा कथन है जो कुछ का असंभव वर्णन करता हुआ प्रतीत होता है। इस अध्याय में एक विरोधाभास प्रगट होता है: ""क्योंकि जो कोई अपने आप को बड़ा बनाएगा, वह छोटा किया जाएगा; और जो कोई अपने आप को छोटा बनाएगा, वह बड़ा किया जाएगा।"" ([लूका 14:11](../../luk/14/11.md)).
LUK 14 1 a3ya writing-background 0 General Information: यह सब्त का दिन है, और यीशु फरीसी के घर पर है। पद 1 आगे घटने वाली घटना के लिए पृष्ठभूमि की जानकारी देता है। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/writing-background]]) LUK 14 1 dj2d writing-newevent καὶ ἐγένετο…Σαββάτῳ 1 It happened one Sabbath यह एक नई घटना को इंगित करता है। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/writing-newevent]]) LUK 14 1 lh8g figs-synecdoche φαγεῖν ἄρτον 1 to eat bread "खाना या ""भोजन के लिए""। रोटी भोजन का एक महत्वपूर्ण भाग थी और भोजन के सन्दर्भ में इस वाक्य में प्रयोग किया जाता है। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-synecdoche]]) @@ -1886,7 +1886,7 @@ LUK 14 35 bp1b κοπρίαν 1 manure pile लोग बागों और LUK 14 35 n5a9 figs-activepassive ἔξω βάλλουσιν αὐτό 1 It is thrown away "इसे सक्रिय रूप में कहा जा सकता है। वैकल्पिक अनुवाद: ""किसी ने इसे फेंक दिया"" (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-activepassive]])" LUK 14 35 u9h3 figs-metonymy ὁ ἔχων ὦτα ἀκούειν, ἀκουέτω 1 He who has ears to hear, let him hear "यीशु इस बात पर ज़ोर दे रहा है कि उसने जो कहा है वह महत्वपूर्ण है और अभ्यास करने और व्यवहार में लाने के लिए कुछ प्रयास किया जा सकता है। वाक्यांश ""सुनने के कान"" यहाँ समझने और पालन करने की इच्छा के लिए एक उपनाम है। देखें कि आपने इस वाक्यांश का अनुवाद [लूका 8:8](../08/08.md) में कैसे किया है। वैकल्पिक अनुवाद: ""जो सुनना चाहता है, सुनें"" या ""वह जो समझने को तैयार है, उसे समझे और आज्ञा का पालन करे"" (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-metonymy]])" LUK 14 35 c5fb figs-123person 1 He who ... let him "क्योंकि यीशु सीधे अपने दर्शकों से बातें कर रहा है, इसलिए आप यहाँ दूसरे व्यक्ति का उपयोग करना पसन्द कर सकते हैं। देखें कि आपने इस वाक्यांश का अनुवाद [लूका 8:8](../08/08.md) में कैसे किया है। वैकल्पिक अनुवाद: ""यदि आप सुनना चाहते हैं, सुने"" या ""यदि आप समझने के इच्छुक हैं, तो समझें और आज्ञा का पालन"" (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-123person]])" -LUK 15 intro p1ba 0 "# लूका 15 सामान्य टिप्पणियाँ
## संरचना एवं स्वरूपण

### उड़ाऊ पुत्र का दृष्टान्त

[लूका 15:11-32](./11.md)उड़ाऊ पुत्र का दृष्टान्त है। अधिकांश लोग सोचते हैं कि कहानी में पिता ने ईश्वर (पिता) का प्रतिनिधित्व किया, पापी छोटे पुत्र ने उन लोगों का प्रतिनिधित्व किया जो पश्चाताप् करते हैं और यीशु में विश्वास करते हैं, और स्व-धर्मी पुत्र बड़े फरीसियों का प्रतिनिधित्व करते हैं। कहानी में बड़े पुत्र पिता के ऊपर नाराज हो जाता है क्योंकि पिता ने छोटे पुत्र के पापों को क्षमा कर दिया, और वह पिता के पास नहीं गए क्योंकि छोटे पुत्र ने पश्चाताप् किया था। ऐसा इसलिए था क्योंकि यीशु जानता था कि फरीसी चाहते थे कि परमेश्वर सोचें कि केवल वे ही अच्छे थे और वे अन्य लोगों के पापों को क्षमा नहीं करते थे। वह उन्हें सिखा रहा था कि वे कभी भी परमेश्वर के राज्य का हिस्सा नहीं होंगे क्योंकि उन्होंने इस तरह से सोचा था। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/sin]] और [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/forgive]] और [[rc://hi/ta/man/translate/figs-parables]]))

## इस अध्याय में पाई जाने वाली विशेष धारणाएँ

### पापियों

जब यीशु ने अपने समय के लोगों ने ""पापियों"" की बात की, तो वे उन लोगों के बारे में बात कर रहे थे जिन्होंने पालन नहीं किया मूसा के नियम और इसकी अपेक्षा चोरी या यौन पापों जैसे पाप किए। परन्तु यीशु ने तीन दृष्टान्त ([लूका 15:4-7](./04.md), [लूका 15:8-10](./08.md), और [लूका15:11-32](./11.md)) यह सिखाने के लिए कि जो लोग मानते हैं कि वे पापी हैं और पश्चाताप करेंगे वे वास्तव में परमेश्वर को प्रसन्न करते हैं। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/sin]] और [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/repent]] और [[rc://hi/ta/man/translate/figs-parables]])
" +LUK 15 intro p1ba 0 # लूका 15 सामान्य टिप्पणियाँ
## संरचना एवं स्वरूपण

### उड़ाऊ पुत्र का दृष्टान्त

[लूका 15:11-32](./11.md)उड़ाऊ पुत्र का दृष्टान्त है। अधिकांश लोग सोचते हैं कि कहानी में पिता ने ईश्वर (पिता) का प्रतिनिधित्व किया, पापी छोटे पुत्र ने उन लोगों का प्रतिनिधित्व किया जो पश्चाताप् करते हैं और यीशु में विश्वास करते हैं, और स्व-धर्मी पुत्र बड़े फरीसियों का प्रतिनिधित्व करते हैं। कहानी में बड़े पुत्र पिता के ऊपर नाराज हो जाता है क्योंकि पिता ने छोटे पुत्र के पापों को क्षमा कर दिया, और वह पिता के पास नहीं गए क्योंकि छोटे पुत्र ने पश्चाताप् किया था। ऐसा इसलिए था क्योंकि यीशु जानता था कि फरीसी चाहते थे कि परमेश्वर सोचें कि केवल वे ही अच्छे थे और वे अन्य लोगों के पापों को क्षमा नहीं करते थे। वह उन्हें सिखा रहा था कि वे कभी भी परमेश्वर के राज्य का हिस्सा नहीं होंगे क्योंकि उन्होंने इस तरह से सोचा था। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/sin]] और [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/forgive]] और [[rc://hi/ta/man/translate/figs-parables]]))

## इस अध्याय में पाई जाने वाली विशेष धारणाएँ

### पापियों

जब यीशु ने अपने समय के लोगों ने ""पापियों"" की बात की, तो वे उन लोगों के बारे में बात कर रहे थे जिन्होंने पालन नहीं किया मूसा के नियम और इसकी अपेक्षा चोरी या यौन पापों जैसे पाप किए। परन्तु यीशु ने तीन दृष्टान्त ([लूका 15:4-7](./04.md), [लूका 15:8-10](./08.md), और [लूका15:11-32](./11.md)) यह सिखाने के लिए कि जो लोग मानते हैं कि वे पापी हैं और पश्चाताप करेंगे वे वास्तव में परमेश्वर को प्रसन्न करते हैं। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/sin]] और [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/repent]] और [[rc://hi/ta/man/translate/figs-parables]])
LUK 15 1 l9ez 0 General Information: हम नहीं जानते कि यह कहाँ पर घटित होता है; यह तो केवल एक दिन घटित हो जाता है जब यीशु शिक्षा दे रहा है। LUK 15 1 yj6b writing-newevent δὲ 1 Now यह एक नई घटना के आरम्भ को चिह्नित करता है। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/writing-newevent]]) LUK 15 1 ss52 figs-hyperbole πάντες οἱ τελῶναι 1 all the tax collectors "इस बात पर बढ़ा चढ़ा कर जोर देना है कि उनमें से बहुत से थे। वैकल्पिक अनुवाद: ""कई कर संग्रहकर्ता"" (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-hyperbole]])" @@ -2075,7 +2075,7 @@ LUK 16 30 r3ez ἀπὸ νεκρῶν 1 from the dead उन सभी लो LUK 16 31 xkr7 figs-metonymy εἰ Μωϋσέως καὶ τῶν προφητῶν οὐκ ἀκούουσιν 1 If they do not listen to Moses and the prophets "यहाँ ""मूसा और भविष्यवक्ता"" उन बातों का प्रतिनिधित्व करते हैं, जिन्हें उन्होंने लिखा था। वैकल्पिक अनुवाद: ""यदि वे मूसा और भविष्यवक्ताओं ने जो लिखा है, उस पर ध्यान नहीं देते"" (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-metonymy]])" LUK 16 31 n9s4 figs-hypo οὐδ’ ἐάν τις ἐκ νεκρῶν ἀναστῇ, πεισθήσονται 1 neither will they be persuaded if someone rises from the dead "अब्राहम बताता है कि क्या होगा यदि ऐसी परिकल्पनात्मक स्थिति घटित होती। यह सक्रिय के रूप में कहा जा सकता है। वैकल्पिक अनुवाद: ""न तो कोई व्यक्ति जो मृतकों से वापस आ जाएगा, वह उन्हें मनाने में सक्षम हो जाएगा"" या ""यदि कोई व्यक्ति मृतकों से वापस आ जाता है, तौभी वे विश्वास नहीं करेंगे"" (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-hypo]] और [[rc://hi/ta/man/translate/figs-activepassive]])" LUK 16 31 gf1b ἐκ νεκρῶν ἀναστῇ 1 rises from the dead "शब्द ""मृतकों से"" पताल में पड़े हुए सभी मृत लोगों के एक साथ होने को बताती है। उनमें से उठने के लिए फिर से जीवित होना होगा।" -LUK 17 intro c4am 0 "# लूका 17 सामान्य टिप्पणियाँ
## इस अध्याय में विशेष धारणाएँ

### पुराने नियम के उदाहरण

यीशु ने अपने अनुयायियों को सिखाने के लिए नूह और लूत के जीवन का उपयोग किया। नूह जल प्रलय के लिए तैयार था जब यह आई, और उन्हें वापस लौटने के लिए तैयार होने की आवश्यकता थी, क्योंकि वह उन्हें चेतावनी नहीं देगा कि वह कब लौट आएगा। लूत की पत्नी ने उस दुष्ट शहर से प्रेम किया जिसमें वह रह रही थी, जिसे परमेश्वर ने तब नष्ट कर दिया जब उसने इस शहर को नष्ट किया, और उन्हें यीशु से अधिक किसी और वस्तु से ज्यादा प्रेम करने की आवश्यकता नहीं थी,

जो लोग आपके अनुवाद को पढ़ते हैं, उन्हें सहायता की आवश्यकता हो सकती है, ताकि वे समझ सकें कि यीशु यहाँ पर क्या शिक्षा दे रहा था।

## इस अध्याय के महत्वपूर्ण अलंकार

### काल्पनिक परिस्थितियाँ

काल्पनिक परिस्थितियाँ ऐसी स्थितियाँ होती हैं, जो वास्तव में घटित नहीं हुई होती हैं। यीशु ने यह सिखाने के लिए एक विशेष प्रकार की काल्पनिक स्थिति का उपयोग किया था कि जो लोग दूसरों के पाप करने का कारण बनेंगे, वे डूब जाने से भी बुरे थे ([लूका 19:1-2](./01.md)) और दूसरा चेलों को डाँटने के लिए क्योंकि उनके पास थोड़ा विश्वास था ([लूका 19:6](../../luk/19/06.md)). (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-hypo]])

### आलंकारिक प्रश्न

यीशु ने अपने चेलों से तीन प्रश्न पूछे ([लूका 17: 7-9](./07.md)) उन्हें सिखाने के लिए कि जो लोग उसकी सेवा अच्छी रीति से करते हैं वे भी हैं वे भी केवल उसके अनुग्रह के कारण ही धर्मी हैं। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-rquestion]] और [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/grace]] और [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/righteous]])

## इस अध्याय में अन्य संभावित अनुवाद की कठिनाइयाँ

### ""मनुष्य का पुत्र""

यीशु इस अध्याय में स्वयं को ""मनुष्य का पुत्र"" के रूप में सम्बोधित करता है ([लूका 17:22](../../luk/17/22.md))। आपकी भाषा लोगों को स्वयं के लिए ऐसे बात करने की अनुमति न दे जैसे कि वे किसी और के बारे में बात कर रहे थे। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/sonofman]] और [[rc://hi/ta/man/translate/figs-123person]])

### विरोधाभास

एक विरोधाभास एक सच्चा कथन है जो किसी असंभव का वर्णन करने जैसा प्रतीत होता है। इस अध्याय में एक विरोधाभास पाया जाता है: ""जो कोई अपना प्राण बचाना चाहे वह उसे खोएगा, और जो कोई उसे खोए वह उसे बचाएगा।"" ([लूका 17:33](../../लूका / 17 / 33.md))।
" +LUK 17 intro c4am 0 # लूका 17 सामान्य टिप्पणियाँ
## इस अध्याय में विशेष धारणाएँ

### पुराने नियम के उदाहरण

यीशु ने अपने अनुयायियों को सिखाने के लिए नूह और लूत के जीवन का उपयोग किया। नूह जल प्रलय के लिए तैयार था जब यह आई, और उन्हें वापस लौटने के लिए तैयार होने की आवश्यकता थी, क्योंकि वह उन्हें चेतावनी नहीं देगा कि वह कब लौट आएगा। लूत की पत्नी ने उस दुष्ट शहर से प्रेम किया जिसमें वह रह रही थी, जिसे परमेश्वर ने तब नष्ट कर दिया जब उसने इस शहर को नष्ट किया, और उन्हें यीशु से अधिक किसी और वस्तु से ज्यादा प्रेम करने की आवश्यकता नहीं थी,

जो लोग आपके अनुवाद को पढ़ते हैं, उन्हें सहायता की आवश्यकता हो सकती है, ताकि वे समझ सकें कि यीशु यहाँ पर क्या शिक्षा दे रहा था।

## इस अध्याय के महत्वपूर्ण अलंकार

### काल्पनिक परिस्थितियाँ

काल्पनिक परिस्थितियाँ ऐसी स्थितियाँ होती हैं, जो वास्तव में घटित नहीं हुई होती हैं। यीशु ने यह सिखाने के लिए एक विशेष प्रकार की काल्पनिक स्थिति का उपयोग किया था कि जो लोग दूसरों के पाप करने का कारण बनेंगे, वे डूब जाने से भी बुरे थे ([लूका 19:1-2](./01.md)) और दूसरा चेलों को डाँटने के लिए क्योंकि उनके पास थोड़ा विश्वास था ([लूका 19:6](../../luk/19/06.md)). (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-hypo]])

### आलंकारिक प्रश्न

यीशु ने अपने चेलों से तीन प्रश्न पूछे ([लूका 17: 7-9](./07.md)) उन्हें सिखाने के लिए कि जो लोग उसकी सेवा अच्छी रीति से करते हैं वे भी हैं वे भी केवल उसके अनुग्रह के कारण ही धर्मी हैं। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-rquestion]] और [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/grace]] और [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/righteous]])

## इस अध्याय में अन्य संभावित अनुवाद की कठिनाइयाँ

### ""मनुष्य का पुत्र""

यीशु इस अध्याय में स्वयं को ""मनुष्य का पुत्र"" के रूप में सम्बोधित करता है ([लूका 17:22](../../luk/17/22.md))। आपकी भाषा लोगों को स्वयं के लिए ऐसे बात करने की अनुमति न दे जैसे कि वे किसी और के बारे में बात कर रहे थे। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/sonofman]] और [[rc://hi/ta/man/translate/figs-123person]])

### विरोधाभास

एक विरोधाभास एक सच्चा कथन है जो किसी असंभव का वर्णन करने जैसा प्रतीत होता है। इस अध्याय में एक विरोधाभास पाया जाता है: ""जो कोई अपना प्राण बचाना चाहे वह उसे खोएगा, और जो कोई उसे खोए वह उसे बचाएगा।"" ([लूका 17:33](../../लूका / 17 / 33.md))।
LUK 17 1 ls87 0 Connecting Statement: यीशु शिक्षा देते रहते हैं, परन्तु वह अपने ध्यान को चेलों की ओर निर्देशित करते हैं। यह अभी भी कहानी का एक ही भाग है और जो उसी दिन [लूका 15:3](../15/03.md) में आरम्भ हुआ था। LUK 17 1 ej1e ἀνένδεκτόν ἐστιν τοῦ τὰ σκάνδαλα μὴ ἐλθεῖν 1 It is certain there will be things that can cause us to sin बातें जो लोगों को पाप करने के लिए प्रेरित करती हैं निश्चित रूप से होती हैं LUK 17 1 zck5 οὐαὶ δι’ οὗ ἔρχεται! 1 to that person through whom they come "कोई भी व्यक्ति जो प्रलोभनों का कारण बनता है या ""किसी भी व्यक्ति के लिए जो लोगों को परीक्षा में लाता है""" @@ -2178,7 +2178,7 @@ LUK 17 37 c54n 0 General Information: चेले यीशु से उस LUK 17 37 wmg6 ποῦ, Κύριε? 1 Where, Lord? प्रभु, यह कब होगा? LUK 17 37 fen1 writing-proverbs ὅπου τὸ σῶμα, ἐκεῖ καὶ οἱ ἀετοὶ ἐπισυναχθήσονται 1 Where there is a body, there will the vultures also be gathered together "नि:सन्देह है यह एक कहावत है जिसका अर्थ है ""यह स्पष्टता से होगा"" या ""जब ऐसा होता है तो आप इसे जान लेंगे।"" वैकल्पिक अनुवाद: ""गिद्धों के इकट्ठा होने से पता चलता है कि एक मृत शरीर वहाँ पर पड़ी है, इसलिए ये बातें दिखाती हैं कि मनुष्य का पुत्र आ रहा है"" (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/writing-proverbs]])" LUK 17 37 m6ca translate-unknown οἱ ἀετοὶ 1 vultures गिद्ध बड़े पक्षी हैं जो एक साथ उड़ते हैं और मृत जानवरों के जो उन्हें मिलते हैं मांस खाते हैं। आप इन पक्षियों को इस तरह से वर्णन कर सकते हैं या स्थानीय पक्षियों के लिए शब्द का उपयोग कर सकते हैं जो ऐसा करते हैं। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/translate-unknown]]) -LUK 18 intro v92v 0 "# लूका 18 सामान्य टिप्पणियाँ
##

संरचना एवं स्वरूपण

यीशु ने दो दृष्टान्तों को बताया ([लूका 18:1-8](./01.md) और [लूका 18:9-14](./09.md)) और फिर सिखाया कि उनके अनुयायियों को विनम्र होना चाहिए ([लूका 18:15-17](./15.md)), उनके स्वामित्व वाली सभी वस्तुओं का उपयोग करते हुए गरीबों की सहायता करें ([लूका 18:18-30](./18.md)), और जल्द ही उसे मरने की अपेक्षा करें ([लूका18:31-34](./31.md)), तब वे सभी यरूशलेम चले गए, और यीशु ने एक अन्धे व्यक्ति को चंगा किया ([लूका 18:35-43](./35.md))।

## इस अध्याय में पाई जाने वाली विशेष धारणाएँ

### न्यायी

लोग अपेक्षा करते हैं कि न्यायी सदैव वहीं कार्य करें जिसे परमेश्वर ने सही करने के लिए कहा है और यह सुनिश्चित करें कि अन्य लोगों ने सही किया था। परन्तु कुछ न्यायियों को सही करने या दूसरों को सही करने के बारे में सुनिश्चित करने की चिन्ता नहीं की थी। यीशु ने इस तरह के न्यायी को अन्यायपूर्ण कहा। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/justice]])

### फरीसी और कर संग्रहकर्ता

फरीसियों ने सोचा कि वे स्वयं धर्मी अच्छे लोगों के सबसे अच्छे उदाहरण थे, और उन्होंने सोचा कि कर संग्रहकर्ता सबसे अनैतिक पापियों में थे। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/righteous]] और [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/righteous]] और [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/sin]])

## इस अध्याय में अन्य संभावित अनुवाद की कठिनाइयाँ

### ""मनुष्य का पुत्र""

यीशु इस अध्याय में स्वयं को ""मनुष्य का पुत्र"" के रूप में सम्बोधित करता है ([लूका 18: 8](../../luk/18/08.md)). आपकी भाषा लोगों को स्वयं के लिए ऐसे बात करने की अनुमति न दे जैसे कि वे किसी और के बारे में बात कर रहे थे। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/sonofman]] और [[rc://hi/ta/man/translate/figs-123person]])
" +LUK 18 intro v92v 0 # लूका 18 सामान्य टिप्पणियाँ
##

संरचना एवं स्वरूपण

यीशु ने दो दृष्टान्तों को बताया ([लूका 18:1-8](./01.md) और [लूका 18:9-14](./09.md)) और फिर सिखाया कि उनके अनुयायियों को विनम्र होना चाहिए ([लूका 18:15-17](./15.md)), उनके स्वामित्व वाली सभी वस्तुओं का उपयोग करते हुए गरीबों की सहायता करें ([लूका 18:18-30](./18.md)), और जल्द ही उसे मरने की अपेक्षा करें ([लूका18:31-34](./31.md)), तब वे सभी यरूशलेम चले गए, और यीशु ने एक अन्धे व्यक्ति को चंगा किया ([लूका 18:35-43](./35.md))।

## इस अध्याय में पाई जाने वाली विशेष धारणाएँ

### न्यायी

लोग अपेक्षा करते हैं कि न्यायी सदैव वहीं कार्य करें जिसे परमेश्वर ने सही करने के लिए कहा है और यह सुनिश्चित करें कि अन्य लोगों ने सही किया था। परन्तु कुछ न्यायियों को सही करने या दूसरों को सही करने के बारे में सुनिश्चित करने की चिन्ता नहीं की थी। यीशु ने इस तरह के न्यायी को अन्यायपूर्ण कहा। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/justice]])

### फरीसी और कर संग्रहकर्ता

फरीसियों ने सोचा कि वे स्वयं धर्मी अच्छे लोगों के सबसे अच्छे उदाहरण थे, और उन्होंने सोचा कि कर संग्रहकर्ता सबसे अनैतिक पापियों में थे। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/righteous]] और [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/righteous]] और [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/sin]])

## इस अध्याय में अन्य संभावित अनुवाद की कठिनाइयाँ

### ""मनुष्य का पुत्र""

यीशु इस अध्याय में स्वयं को ""मनुष्य का पुत्र"" के रूप में सम्बोधित करता है ([लूका 18: 8](../../luk/18/08.md)). आपकी भाषा लोगों को स्वयं के लिए ऐसे बात करने की अनुमति न दे जैसे कि वे किसी और के बारे में बात कर रहे थे। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/sonofman]] और [[rc://hi/ta/man/translate/figs-123person]])
LUK 18 1 r26t figs-parables 0 यीशु एक दृष्टान्त बताना आरम्भ कर देता है क्योंकि वह अपने चेलों को उपदेश देता रहता है। यह कहानी का एक ही भाग है जो [लूका 17:20](../ 17 / 20.md) में आरम्भ हुआ था। वचन 1 हमें दृष्टान्त का विवरण देता है जो यीशु बताने वाला है। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-parables]]) LUK 18 1 w7ar ἔλεγεν δὲ 1 Then he फिर यीशु LUK 18 2 l2qr λέγων 1 saying "एक नया वाक्य यहाँ आरम्भ हो सकता है: ""उसने कहा""" @@ -2293,7 +2293,7 @@ LUK 18 41 al8g ἵνα ἀναβλέψω 1 to receive my sight देखने LUK 18 42 n67h figs-imperative ἀνάβλεψον 1 Receive your sight "यह एक आदेश है, परन्तु यीशु मनुष्य को कुछ भी करने का आदेश नहीं दे रहा है। यीशु उसे चंगा करने के लिए आदेश देकर मनुष्य को ठीक कर रहा है। वैकल्पिक अनुवाद: ""अब आप अपनी दृष्टि को प्राप्त करेंगे"" (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-imperative]])" LUK 18 42 gcv1 figs-metonymy ἡ πίστις σου σέσωκέν σε 1 Your faith has healed you "ये शब्द एक उपनाम हैं। यह मनुष्य के विश्वास के कारण हुआ कि यीशु ने मनुष्य को ठीक किया था। वैकल्पिक अनुवाद: ""मैंने तुम्हें ठीक किया है क्योंकि तुमने मुझ पर विश्वास किया"" (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-metonymy]])" LUK 18 43 d1kk δοξάζων τὸν Θεόν 1 glorifying God "परमेश्वर को महिमा देना या ""परमेश्वर की स्तुति करना""" -LUK 19 intro zn2b 0 "# लूका 19 सामान्य टिप्पणियाँ
## संरचना एवं स्वरूपण

यीशु ने जक्कई नाम के एक व्यक्ति को अपने पापों से पश्चाताप करने में सहायता की ([लूका 19:1-10](./01.md)), उसने अपने अनुयायियों को सिखाया कि जब वह राजा के रूप में राज्य करना आरम्भ करेगा तब उन्हें बताने की आवश्यकता होगी कि उन्होंने उन कामों के साथ क्या किया है जो उसने उन्हें करने के लिए दिए थे ([लूका 19:11-27](./11.md)). उसने उन्हें एक दृष्टान्त बताकर ऐसा कहा। उसके बाद, वह एक गदही के बच्चे पर यरूशलेम में गया ([लूका 19: 28-48](./28.md)). (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/kingdomofgod]] और [[rc://hi/ta/man/translate/figs-parables]])

## इस अध्याय में पाई जाने वाली विशेष धारणाएँ

### ""पापी""
फरीसी लोगों के समूह को ""पापियों"" के रूप में सन्दर्भित करती हैं। यहूदी अगुओं ने सोचा कि ये लोग पापी थे, परन्तु वास्तव में अगुवे भी पापी थे। इसे विडम्बना के रूप में लिया जा सकता है। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/sin]] और [[rc://hi/ta/man/translate/figs-irony]])

## दास

परमेश्वर अपने लोगों को यह स्मरण रखने की अपेक्षा करता है कि संसार में सब कुछ परमेश्वर से सम्बन्धित है। परमेश्वर अपने लोगों को वस्तुएँ देता है ताकि वे उसकी सेवा कर सकें। वह चाहता है कि वह उन्हें वह सब कुछ कर दे जो वह उन्हें देता है जो उसने उन्हें दिया है। एक दिन यीशु अपने सेवकों से पूछेगा कि उसने उन्हें जो कुछ दिया है, उसके साथ उन्होंने क्या किया। वह उन लोगों को प्रतिफल देगा जिन्होंने वह किया जो वह उनसे चाहता था, और वह उन लोगों को दण्डित करेगा जिन्होंने उसकी इच्छा के अनुसार नहीं किया

### गदहा और गदही का बच्चा

यीशु एक जानवर पर यरूशलेम में गया। इस तरह वह एक राजा के जैसे था जो एक महत्वपूर्ण लड़ाई जीतने के बाद एक शहर में आया था। इसके अतिरिक्त, पुराने नियम में इस्राएल का राजा एक गधे पर सवार हुए थे। अन्य राजा घोड़ों पर सवार हुए थे। इस तरह यीशु दिखा रहा था कि वह इस्राएल का राजा था और वह अन्य राजाओं की तरह नहीं था।

मत्ती, मरकुस, लूका और यूहन्ना ने सभी इस घटना के बारे में लिखा था। मत्ती और मरकुस ने लिखा कि चेलों ने यीशु के पास एक गधा लाया था। यूहन्ना ने लिखा कि यीशु को एक गधा मिला। लूका ने लिखा कि वे उसे एक लादू मिला था। केवल मत्ती ने लिखा था कि एक गधे के साथ उसका बच्चा भी था। कोई भी यह सुनिश्चित नहीं जानता कि यीशु गधे या बच्चे किस पर सवार हुआ था। इन वृतान्तों में से प्रत्येक का अनुवाद करना सबसे अच्छा है क्योंकि यह यूएलटी अनुवाद में दिखाई देता है, ठीक वैसे ही जैसे वहाँ कहा गया है, इसे कहने का प्रयास करें। (देखें: [Matthew 21:1-7](../../mat/21/01.md) और [मरकुस 11:1-7](../../mrk/11/01.md) और [लूका 19:29-36](../../luk/19/29.md) और [यूहन्ना 12:14-15](../../jhn/12/14.md))

### पड़ों और डालियों को फैलाते हुए

जब राजा उन शहरों में प्रवेश करेगा जहाँ उसने राज्य करते है, तो लोग पेड़ से डालियों तो काट कर उसके आगे डालेंगे और वे पहने हुए कपड़ों को उतारा करते थे, जिन्हें वे ठण्डे मौसम में गर्म रहने के लिए पहना करते थे और उन्हें सड़कों पर फैलाया करते थे कि राजा उनके ऊपर से सवारी करें। उन्होंने राजा का सम्मान करने और यह दिखाने के लिए ऐसा किया कि वे उससे प्रेम करते हैं। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/honor]] और [[rc://hi/ta/man/translate/translate-symaction]])

### मन्दिर में व्यापारियों ने

यीशु ने उन लोगों को मजबूर कर दिया जो मन्दिर में जानवरों को बेच रहे थे। उसने यह सबको दिखाने के लिए किया कि उसके पास मन्दिर के ऊपर अधिकार था और केवल वही लोग जो धर्मी थे, उन्होंने वही किया जिसे करने को परमेश्वर ने कहा था, इसमें भागी हो सकते हैं। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/righteous]])
" +LUK 19 intro zn2b 0 # लूका 19 सामान्य टिप्पणियाँ
## संरचना एवं स्वरूपण

यीशु ने जक्कई नाम के एक व्यक्ति को अपने पापों से पश्चाताप करने में सहायता की ([लूका 19:1-10](./01.md)), उसने अपने अनुयायियों को सिखाया कि जब वह राजा के रूप में राज्य करना आरम्भ करेगा तब उन्हें बताने की आवश्यकता होगी कि उन्होंने उन कामों के साथ क्या किया है जो उसने उन्हें करने के लिए दिए थे ([लूका 19:11-27](./11.md)). उसने उन्हें एक दृष्टान्त बताकर ऐसा कहा। उसके बाद, वह एक गदही के बच्चे पर यरूशलेम में गया ([लूका 19: 28-48](./28.md)). (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/kingdomofgod]] और [[rc://hi/ta/man/translate/figs-parables]])

## इस अध्याय में पाई जाने वाली विशेष धारणाएँ

### ""पापी""
फरीसी लोगों के समूह को ""पापियों"" के रूप में सन्दर्भित करती हैं। यहूदी अगुओं ने सोचा कि ये लोग पापी थे, परन्तु वास्तव में अगुवे भी पापी थे। इसे विडम्बना के रूप में लिया जा सकता है। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/sin]] और [[rc://hi/ta/man/translate/figs-irony]])

## दास

परमेश्वर अपने लोगों को यह स्मरण रखने की अपेक्षा करता है कि संसार में सब कुछ परमेश्वर से सम्बन्धित है। परमेश्वर अपने लोगों को वस्तुएँ देता है ताकि वे उसकी सेवा कर सकें। वह चाहता है कि वह उन्हें वह सब कुछ कर दे जो वह उन्हें देता है जो उसने उन्हें दिया है। एक दिन यीशु अपने सेवकों से पूछेगा कि उसने उन्हें जो कुछ दिया है, उसके साथ उन्होंने क्या किया। वह उन लोगों को प्रतिफल देगा जिन्होंने वह किया जो वह उनसे चाहता था, और वह उन लोगों को दण्डित करेगा जिन्होंने उसकी इच्छा के अनुसार नहीं किया

### गदहा और गदही का बच्चा

यीशु एक जानवर पर यरूशलेम में गया। इस तरह वह एक राजा के जैसे था जो एक महत्वपूर्ण लड़ाई जीतने के बाद एक शहर में आया था। इसके अतिरिक्त, पुराने नियम में इस्राएल का राजा एक गधे पर सवार हुए थे। अन्य राजा घोड़ों पर सवार हुए थे। इस तरह यीशु दिखा रहा था कि वह इस्राएल का राजा था और वह अन्य राजाओं की तरह नहीं था।

मत्ती, मरकुस, लूका और यूहन्ना ने सभी इस घटना के बारे में लिखा था। मत्ती और मरकुस ने लिखा कि चेलों ने यीशु के पास एक गधा लाया था। यूहन्ना ने लिखा कि यीशु को एक गधा मिला। लूका ने लिखा कि वे उसे एक लादू मिला था। केवल मत्ती ने लिखा था कि एक गधे के साथ उसका बच्चा भी था। कोई भी यह सुनिश्चित नहीं जानता कि यीशु गधे या बच्चे किस पर सवार हुआ था। इन वृतान्तों में से प्रत्येक का अनुवाद करना सबसे अच्छा है क्योंकि यह यूएलटी अनुवाद में दिखाई देता है, ठीक वैसे ही जैसे वहाँ कहा गया है, इसे कहने का प्रयास करें। (देखें: [Matthew 21:1-7](../../mat/21/01.md) और [मरकुस 11:1-7](../../mrk/11/01.md) और [लूका 19:29-36](../../luk/19/29.md) और [यूहन्ना 12:14-15](../../jhn/12/14.md))

### पड़ों और डालियों को फैलाते हुए

जब राजा उन शहरों में प्रवेश करेगा जहाँ उसने राज्य करते है, तो लोग पेड़ से डालियों तो काट कर उसके आगे डालेंगे और वे पहने हुए कपड़ों को उतारा करते थे, जिन्हें वे ठण्डे मौसम में गर्म रहने के लिए पहना करते थे और उन्हें सड़कों पर फैलाया करते थे कि राजा उनके ऊपर से सवारी करें। उन्होंने राजा का सम्मान करने और यह दिखाने के लिए ऐसा किया कि वे उससे प्रेम करते हैं। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/honor]] और [[rc://hi/ta/man/translate/translate-symaction]])

### मन्दिर में व्यापारियों ने

यीशु ने उन लोगों को मजबूर कर दिया जो मन्दिर में जानवरों को बेच रहे थे। उसने यह सबको दिखाने के लिए किया कि उसके पास मन्दिर के ऊपर अधिकार था और केवल वही लोग जो धर्मी थे, उन्होंने वही किया जिसे करने को परमेश्वर ने कहा था, इसमें भागी हो सकते हैं। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/righteous]])
LUK 19 1 j35m writing-background 0 General Information: वचन 1-2 अनुवर्ती घटनाओं के लिए पृष्ठभूमि जानकारी देना आरम्भ कर देता है। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/writing-background]]) LUK 19 2 y5i5 writing-participants καὶ ἰδοὺ, ἀνὴρ 1 Behold, there was a man there "वचन में आया शब्द ""देखो"" हमें कहानी में एक नए व्यक्ति के आगमन के प्रति सचेत करता है। आपकी भाषा में इसे बताने का कोई अन्य तरीका हो सकता है। वैकल्पिक अनुवाद: ""एक मनुष्य था"" (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/writing-participants]])" LUK 19 2 z91v writing-background αὐτὸς ἦν ἀρχιτελώνης, καὶ αὐτὸς πλούσιος 1 He was a chief tax collector and was rich यह जक्कई के बारे में पृष्ठभूमि की जानकारी है। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/writing-background]]) @@ -2421,7 +2421,7 @@ LUK 19 46 ba8w figs-metaphor σπήλαιον λῃστῶν 1 a den of robbers LUK 19 47 mn6e writing-endofstory 0 यह कहानी के इस भाग का अन्त है। ये वचन चल रहे कार्य के बारे में बताते हैं जो कहानी के मुख्य भाग के बाद जारी रहता है। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/writing-endofstory]]) LUK 19 47 z2n8 ἐν τῷ ἱερῷ 1 in the temple "मन्दिर के आंगन में या ""मन्दिर में""" LUK 19 48 pnf9 ἐξεκρέμετο αὐτοῦ ἀκούων 1 were listening to him intently यीशु जो बोल रहा था उस पर ध्यान दे रहा था -LUK 20 intro h6in 0 "# लूका 20 सामान्य टिप्पणियाँ
## संरचना एवं स्वरूपण

कुछ अनुवाद काव्य साहित्य को शेष पाठ की तुलना में पृष्ठ पर दाईं ओर निर्धारित करते हैं। यूएलटी अनवाद 20:17, 42-43 में कविता साहित्य के साथ ऐसा ही करता है, जो पुराने नियम के वचन हैं।

## इस अध्याय में पाई जाने वाली विशेष धाराणाएँ

### लोगों को फसाने के लिए प्रश्नों का उपयोग करना

जब यीशु ने उन फरीसियों से पूछा कि किसने यूहन्ना को बपतिस्मा देने का अधिकार दिया था ([लूका 20: 4](../../luk/20/04.md)), वे उत्तर नहीं दे सके क्योंकि उन्होंने जो भी उत्तर दिया वह किसी को इस बात का कारण दे देगा कि वे गलत थे ([लूका 20: 5-6](./05.md))। उन्होंने सोचा कि वे कह सकेंगे कि यीशु गलत था जब उन्होंने उनसे पूछा कि क्या लोगों को कैसर को कर अदा करना चाहिए ([लूका 20:22](../../luk/20/22.md)), परन्तु यीशु ने उन्हें एक उत्तर दिया था जो कि उन्होंने नहीं सोचा था।

## इस अध्याय में अन्य संभावित अनुवाद की कठिनाइयाँ

### विरोधाभास

एक विरोधाभास एक ऐसा सच्चा कथन है जो किसी असम्भव बात का वर्णन करने का आभास देता है। इस अध्याय में, यीशु ने एक भजन उद्धृत किया जो दाऊद को अपने पुत्र ""परमेश्वर"" को बुलाता है, जो ""स्वामी"" है। यद्यपि, यहूदियों के लिए, पूर्वज अपने वंशजों से अधिक थे। इस प्रसंग में, यीशु अपने सुनने वालों को सच्ची समझ देने के लिए प्रयास कर रहा है कि मसीह स्वयं ईश्वरीय है और वह स्वयं मसीह है।([लूका 20:41-44](./41.md)).
" +LUK 20 intro h6in 0 # लूका 20 सामान्य टिप्पणियाँ
## संरचना एवं स्वरूपण

कुछ अनुवाद काव्य साहित्य को शेष पाठ की तुलना में पृष्ठ पर दाईं ओर निर्धारित करते हैं। यूएलटी अनवाद 20:17, 42-43 में कविता साहित्य के साथ ऐसा ही करता है, जो पुराने नियम के वचन हैं।

## इस अध्याय में पाई जाने वाली विशेष धाराणाएँ

### लोगों को फसाने के लिए प्रश्नों का उपयोग करना

जब यीशु ने उन फरीसियों से पूछा कि किसने यूहन्ना को बपतिस्मा देने का अधिकार दिया था ([लूका 20: 4](../../luk/20/04.md)), वे उत्तर नहीं दे सके क्योंकि उन्होंने जो भी उत्तर दिया वह किसी को इस बात का कारण दे देगा कि वे गलत थे ([लूका 20: 5-6](./05.md))। उन्होंने सोचा कि वे कह सकेंगे कि यीशु गलत था जब उन्होंने उनसे पूछा कि क्या लोगों को कैसर को कर अदा करना चाहिए ([लूका 20:22](../../luk/20/22.md)), परन्तु यीशु ने उन्हें एक उत्तर दिया था जो कि उन्होंने नहीं सोचा था।

## इस अध्याय में अन्य संभावित अनुवाद की कठिनाइयाँ

### विरोधाभास

एक विरोधाभास एक ऐसा सच्चा कथन है जो किसी असम्भव बात का वर्णन करने का आभास देता है। इस अध्याय में, यीशु ने एक भजन उद्धृत किया जो दाऊद को अपने पुत्र ""परमेश्वर"" को बुलाता है, जो ""स्वामी"" है। यद्यपि, यहूदियों के लिए, पूर्वज अपने वंशजों से अधिक थे। इस प्रसंग में, यीशु अपने सुनने वालों को सच्ची समझ देने के लिए प्रयास कर रहा है कि मसीह स्वयं ईश्वरीय है और वह स्वयं मसीह है।([लूका 20:41-44](./41.md)).
LUK 20 1 idi8 0 Connecting Statement: महायाजक , शास्त्री और बुजुर्ग मन्दिर में यीशु से प्रश्न करते हैं। LUK 20 1 h8gv writing-newevent καὶ ἐγένετο 1 It came about इस वाक्य का उपयोग कहानी के एक नए भाग के आरम्भ को चिह्नित करने के लिए किया जाता है। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/writing-newevent]]) LUK 20 1 vtg4 ἐν τῷ ἱερῷ 1 in the temple "मन्दिर के आंगन में या ""मन्दिर में""" @@ -2666,7 +2666,7 @@ LUK 21 37 x4g8 τὰς…δὲ νύκτας ἐξερχόμενος 1 at night LUK 21 38 mu6l figs-hyperbole πᾶς ὁ λαὸς 1 All of the people """सब"" शब्द शायद इस बात पर जोर देने के लिए एक असाधारण है कि भीड़ बहुत बड़ी थी। वैकल्पिक अनुवाद: ""शहर में बहुत बड़ी संख्या में लोग"" या ""शहर में लगभग हर कोई"" (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-hyperbole]])" LUK 21 38 bky8 ὤρθριζεν 1 came early in the morning हर सुबह जल्दी आ जाएगी LUK 21 38 cbx2 ἀκούειν αὐτοῦ 1 to hear him उसे सिखाने के लिए सुनना -LUK 22 intro y8nr 0 "# लूका 22 सामान्य टिप्पणियाँ
## इस अध्याय में विशेष अवधारणा

### शरीर और रक्त का खाना

[लूका 22:19-20](./19.md) यीशु का 'अपने अनुयायियों के साथ अंतिम भोजन करने का वर्णन करता है। इस समय में, यीशु ने उनसे कहा कि वे जो खा रहे थे और पी रहे थे वह उसका शरीर और उसका खून। लगभग सभी ईसाई कलीसियांएं इस भोजन को याद रखने के लिए ""प्रभु का भोजन"", ""यूचरिस्ट"" या ""प्रभु भोज"" मनाते हैं।

### नया अनुबंध

कुछ लोग सोचते हैं कि यीशु ने रात्रिभोज के दौरान नया करार स्थापित किया । दूसरे ये सोचते हैं कि उसने स्वर्ग पर जाने के बाद इसको स्थापित किया था। दूसरों को लगता है कि यह तब तक स्थापित नहीं होगा जब तक कि यीशु फिर से न आए। आपके अनुवाद को यूएलटी की तुलना में इसके बारे में और कुछ नहीं कहना चाहिए। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/covenant]])

## इस अध्याय में अन्य संभावित अनुवाद की कठिनाइयाँ

### ""मनुष्य का पुत्र""

यीशु इस अध्याय में स्वयं को ""मनुष्य का पुत्र"" के रूप में प्रकट करता है ([लूका 22:22] (../../ लूका/22/ 22.md))। आपकी भाषा लोगों को स्वयं के लिए ऐसे बात करने की अनुमति न दे जैसे कि वे किसी और के बारे में बात कर रहे थे। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/sonofman]] और [[rc://hi/ta/man/translate/figs-123person]])
" +LUK 22 intro y8nr 0 # लूका 22 सामान्य टिप्पणियाँ
## इस अध्याय में विशेष अवधारणा

### शरीर और रक्त का खाना

[लूका 22:19-20](./19.md) यीशु का 'अपने अनुयायियों के साथ अंतिम भोजन करने का वर्णन करता है। इस समय में, यीशु ने उनसे कहा कि वे जो खा रहे थे और पी रहे थे वह उसका शरीर और उसका खून। लगभग सभी ईसाई कलीसियांएं इस भोजन को याद रखने के लिए ""प्रभु का भोजन"", ""यूचरिस्ट"" या ""प्रभु भोज"" मनाते हैं।

### नया अनुबंध

कुछ लोग सोचते हैं कि यीशु ने रात्रिभोज के दौरान नया करार स्थापित किया । दूसरे ये सोचते हैं कि उसने स्वर्ग पर जाने के बाद इसको स्थापित किया था। दूसरों को लगता है कि यह तब तक स्थापित नहीं होगा जब तक कि यीशु फिर से न आए। आपके अनुवाद को यूएलटी की तुलना में इसके बारे में और कुछ नहीं कहना चाहिए। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/covenant]])

## इस अध्याय में अन्य संभावित अनुवाद की कठिनाइयाँ

### ""मनुष्य का पुत्र""

यीशु इस अध्याय में स्वयं को ""मनुष्य का पुत्र"" के रूप में प्रकट करता है ([लूका 22:22] (../../ लूका/22/ 22.md))। आपकी भाषा लोगों को स्वयं के लिए ऐसे बात करने की अनुमति न दे जैसे कि वे किसी और के बारे में बात कर रहे थे। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/sonofman]] और [[rc://hi/ta/man/translate/figs-123person]])
LUK 22 1 cf6p writing-background 0 General Information: यहूदा यीशु को धोखा देने के लिए सहमत होता है। ये पद इस घटना के बारे में पृष्ठभूमि की जानकारी देती हैं। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/writing-background]]) LUK 22 1 q8fa writing-newevent δὲ 1 Now यह शब्द एक नये कार्यक्रम को प्रस्तुत करने के लिए यहाँ उपयोग किया जाता है। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/writing-newevent]]) LUK 22 1 jjy9 figs-explicit ἡ ἑορτὴ τῶν Ἀζύμων 1 Festival of Unleavened Bread "त्यौहार को इस नाम से बुलाया गया था क्योंकि त्योहार के दौरान, यहूदियों ने खमीर के साथ बनाई हुई रोटी नहीं खाई थी। वैकल्पिक अनुवाद: ""त्यौहार जब वे अखमीरी रोटी खाएंगे"" (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-explicit]])" @@ -2860,7 +2860,7 @@ LUK 22 70 l4j7 guidelines-sonofgodprinciples ὁ Υἱὸς τοῦ Θεοῦ 1 LUK 22 70 jtr9 ὑμεῖς λέγετε ὅτι ἐγώ εἰμι 1 You say that I am हाँ, यह वही है जैसा तुम कहते हो" LUK 22 71 u3m3 figs-rquestion τί ἔτι ἔχομεν μαρτυρίας χρείαν? 1 Why do we still need a witness? "वे जोर के लिए एक प्रश्न का उपयोग कर रहे है। वैकल्पिक अनुवाद: ""हमें गवाहों की कोई और आवश्यकता नहीं है!"" (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-rquestion]])" LUK 22 71 lpm4 figs-metonymy ἠκούσαμεν ἀπὸ τοῦ στόματος αὐτοῦ 1 heard from his own mouth "वाक्यांश ""उसका अपना मुंह"" उसके भाषण को दर्शाता है। वैकल्पिक अनुवाद: ""उसे सुना कि वह मानता है कि वह परमेश्वर का पुत्र है"" (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-metonymy]])" -LUK 23 intro p6wq 0 "# लूका 23 सामान्य टिप्पणियाँ
##

संरचना एवं स्वरूपण

यूएलटी इस अध्याय की आखिरी पंक्ति को अलग करता है क्योंकि यह अध्याय 23 के साथ अध्याय 24 के साथ अधिक जुड़ा हुआ है।

## इस अध्याय के विशेष अवधारणाएं

### आरोप

महायाजकों और शास्त्रीयों ने यीशु पर बुराई करने का आरोप लगाया क्योंकि वे चाहते थे कि पिलातुस यीशु को मार डाले। पर वे उस पर झूठा आरोप लगा रहे थे, क्योंकि यीशु ने कभी ऐसा नहीं किया था जिस पर उन्होंने आरोप लगाया था।

### ""मन्दिर का पर्दा दो में विभाजित हो गया था""

मन्दिर में पर्दा एक महत्वपूर्ण प्रतीक था जो दिखाया गया था कि लोगों के लिए किसी एक को परमेश्वर से बात करने की आवश्यकता है। वे सीधे परमेश्वर से बात नहीं कर सके क्योंकि सभी लोग पापी हैं और परमेश्वर पाप से नफरत करता है। परमेश्वर ने यह दिखाने के लिए पर्दे को विभाजित किया कि यीशु के लोग अब सीधे परमेश्वर से बात कर सकते हैं क्योंकि यीशु ने उनके पापों के लिए भुगतान किया है।

### कब्र

जिसमें यीशु को दफनाया गया था ([लूका 23:53](../../luk/23/53.md)) कबर की तरह थी जिसमें अमीर यहूदी परिवारों ने अपने मृतकों को दफनाया था। यह एक चट्टान में एक वास्तविक कमरा काटा गया था। यह एक तरफ एक सपाट जगह थी जहाँ वे तेल और मसाले डालकर शरीर को रख सकते थे और कपड़े में लपेटा था। फिर वे कबर के सामने एक बड़ी चट्टान घुमाएंगे ताकि कोई भी अंदर या प्रवेश ना कर सके।

## इस अध्याय में अन्य संभावित अनुवाद की कठिनाइयाँ

### ""मुझे इस आदमी में कोई गलती दिखाई नहीं देती है""

पिलातुस कह रहा था कि उसे कोई भी कारण पता नहीं है कि उसे यीशु को क्यों दंडित करना चाहिए क्योंकि यीशु ने कोई कानून नहीं तोड़ा था। पिलातुस यह नहीं कह रहा था कि यीशु सही था।
" +LUK 23 intro p6wq 0 # लूका 23 सामान्य टिप्पणियाँ
##

संरचना एवं स्वरूपण

यूएलटी इस अध्याय की आखिरी पंक्ति को अलग करता है क्योंकि यह अध्याय 23 के साथ अध्याय 24 के साथ अधिक जुड़ा हुआ है।

## इस अध्याय के विशेष अवधारणाएं

### आरोप

महायाजकों और शास्त्रीयों ने यीशु पर बुराई करने का आरोप लगाया क्योंकि वे चाहते थे कि पिलातुस यीशु को मार डाले। पर वे उस पर झूठा आरोप लगा रहे थे, क्योंकि यीशु ने कभी ऐसा नहीं किया था जिस पर उन्होंने आरोप लगाया था।

### ""मन्दिर का पर्दा दो में विभाजित हो गया था""

मन्दिर में पर्दा एक महत्वपूर्ण प्रतीक था जो दिखाया गया था कि लोगों के लिए किसी एक को परमेश्वर से बात करने की आवश्यकता है। वे सीधे परमेश्वर से बात नहीं कर सके क्योंकि सभी लोग पापी हैं और परमेश्वर पाप से नफरत करता है। परमेश्वर ने यह दिखाने के लिए पर्दे को विभाजित किया कि यीशु के लोग अब सीधे परमेश्वर से बात कर सकते हैं क्योंकि यीशु ने उनके पापों के लिए भुगतान किया है।

### कब्र

जिसमें यीशु को दफनाया गया था ([लूका 23:53](../../luk/23/53.md)) कबर की तरह थी जिसमें अमीर यहूदी परिवारों ने अपने मृतकों को दफनाया था। यह एक चट्टान में एक वास्तविक कमरा काटा गया था। यह एक तरफ एक सपाट जगह थी जहाँ वे तेल और मसाले डालकर शरीर को रख सकते थे और कपड़े में लपेटा था। फिर वे कबर के सामने एक बड़ी चट्टान घुमाएंगे ताकि कोई भी अंदर या प्रवेश ना कर सके।

## इस अध्याय में अन्य संभावित अनुवाद की कठिनाइयाँ

### ""मुझे इस आदमी में कोई गलती दिखाई नहीं देती है""

पिलातुस कह रहा था कि उसे कोई भी कारण पता नहीं है कि उसे यीशु को क्यों दंडित करना चाहिए क्योंकि यीशु ने कोई कानून नहीं तोड़ा था। पिलातुस यह नहीं कह रहा था कि यीशु सही था।
LUK 23 1 pi3d 0 General Information: यीशु को पिलातूस के सामने लाया गया है। LUK 23 1 sgf1 ἅπαν τὸ πλῆθος αὐτῶν 1 The whole company of them "सभी यहूदी अगुवों या ""परिषद के सभी सदस्यों""" LUK 23 1 mvn9 ἀναστὰν 1 rose up "खड़ा था या ""उनके पैरों पर खड़ा था""" diff --git a/hi_tn_44-JHN.tsv b/hi_tn_44-JHN.tsv index 6f158c2..e93d587 100644 --- a/hi_tn_44-JHN.tsv +++ b/hi_tn_44-JHN.tsv @@ -1,6 +1,6 @@ Book Chapter Verse ID SupportReference OrigQuote Occurrence GLQuote OccurrenceNote -JHN front intro t6za 0 "# यूहन्ना द्वारा शुभ सन्देश का परिचय
## भाग 1: सामान्य परिचय

### यूहन्ना द्वारा शुभ सन्देश की रूपरेखा

1। यीशु के बारे में परिचय (1: 1-18)
1। यीशु को बपतिस्मा दिया गया है, और वह बारह चेलों को चुनता है (1:19-51)
1। यीशु उपदेश देता है, शिक्षा देता है, और लोगों को चंगा करता है (2-11)
1। यीशु की मृत्यु से पहले के सात दिन (12-19)
- मरियम यीशु के पाँवों का अभिषेक करती है (12:1-11)
- यीशु एक गदहे की सवारी करके यरूशलेम में जाता है (12:12-19)
- कुछ यूनानी पुरुष यीशु से मिलना चाहते हैं (12:20-36)
- यहूदी अगुवे यीशु को अस्वीकार कर देते हैं (12:37-50)
- यीशु अपने चेलों को शिक्षा देता है (13-17)
- यीशु को गिरफ्तार करके उस पर मुकदमा चलाया जाता है (18:1-19:15)
- यीशु को क्रूस पर चढ़ा दिया गया है और दफनाया जाता है (19:16-42)
1। यीशु का मृतकों में से जी उठना (20:1-29)
1। यूहन्ना कहता हैं कि उसने यह शुभ सन्देश क्यों लिखा (20:30-31)
1। यीशु का चेलों से मिलना (21)

### यूहन्ना द्वारा शुभ सन्देश किसके बारे में है?

यूहन्ना द्वारा शुभ सन्देश नए नियम के उन चार पुस्तकों में से एक है जिसमे यीशु मसीह के जीवन का वर्णन किया गया है। शुभ संदेशों के लेखकों ने यीशु के जीवन के विभिन्न पहलुओं और उसके कार्यों के बारे में लिखा। यूहन्ना ने कहा कि उसने यह शुभ सन्देश इसलिए लिखा ""क्योंकि तुम विश्वास करो, कि यीशु ही परमेश्वर का पुत्र मसीह है"" (20:31)।

यूहन्ना द्वारा शुभ सन्देश अन्य तीन शुभ सन्देशों से बहुत अलग है। यूहन्ना में कुछ शिक्षाओं और वृत्तांतों को शामिल नहीं किया गया है जो अन्य लेखकों ने अपने शुभ सन्देश में शामिल किया है। इसके अलावा, यूहन्ना ने कुछ शिक्षाओं और वृत्तांतों के बारे में लिखा जो अन्य शुभ सन्देश में नहीं हैं।

यूहन्ना ने यह प्रमाणित करने के लिए यीशु के चिन्हों के बारे में बहुत कुछ लिखा था जिससे यह ज्ञात हो यीशु ने जो स्वयं के बारे में कहा सत्य था। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/sign]])

### इस पुस्तक का शीर्षक किस प्रकार अनुवादित किया जाना चाहिए?

अनुवादक इस पुस्तक को इसके पारंपरिक शीर्षक, ""यूहन्ना का शुभ सन्देश"" या ""यूहन्ना के अनुसार शुभ सन्देश"" द्वारा कर सकते है। या वे एक ऐसे शीर्षक को चुन सकते हैं जिससे स्पष्ट हो सके, ""यीशु के बारे में शुभ-सन्देश जिसे यूहन्ना ने लिखा था।"" (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/translate-names]])

### यूहन्ना द्वारा शुभ सन्देश किसने लिखा?

यह पुस्तक लेखक का नाम नहीं बताता है। फिर भी, आरंभिक मसीही काल से, अधिकांश मसीहियों ने प्रेरित यूहन्ना को इसका लेखक माना है। भाग 2: महत्वपूर्ण धार्मिक और सांस्कृतिक अवधारणा

### यूहन्ना यीशु के जीवन के अंतिम सप्ताह के बारे में इतना क्यों लिखता है?

यूहन्ना ने यीशु के अंतिम सप्ताह के बारे में बहुत कुछ लिखा था। वह चाहता था कि उसके पाठक यीशु के अंतिम सप्ताह और क्रूस पर उसकी मृत्यु के बारे में गहराई से सोचें। वह चाहता था कि लोग यह समझें कि यीशु क्रूस पर स्वेच्छा से मरा ताकि परमेश्वर उन्हें उसके विरुद्ध पाप करने के लिए क्षमा कर सके। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/sin]])

## भाग 3: महत्वपूर्ण अनुवाद के मुद्दे

### यूहन्ना द्वारा शुभ सन्देश में ""बने रहना"", ""रहना"", और ""पालन करना"" शब्द क्या हैं?

यूहन्ना अक्सर ""बने रहना"", ""रहना"" और ""पालन करना"" शब्द का उपयोग रूपक के रूप में करता है। यूहन्ना विश्वासियों को यीशु में अधिक निष्टावान और अधिक जानने के लिए कहता है जैसा कि यीशु का वचन विश्वासियों में ""बना रहे""। साथ ही, यूहन्ना ने किसी का किसी और से, इस प्रकार आत्मिक संगति के विषय में कहा जैसे कि वह व्यक्ति दुसरे में “बना रहता” हो। मसीहियों को मसीह में और परमेश्वर में “बने रहने” के लिए कहा गया है। पिता के पुत्र में “बने रहने” और पुत्र के पिता में “रहने” के विषय में कहा गया है। पुत्र का विश्वासियों में “बने रहने” के विषय में कहा गया है। पवित्र आत्मा को भी विश्वासियों में ""बने रहने"" कहा गया है।

कई अनुवादकों को इन विचारों को उनकी भाषाओं में बिल्कुल इसी प्रकार प्रस्तुत करना असंभव लग सकता है। उदहारण के तौर पर, यीशु ने मसीहियों के साथ आध्यात्मिक रूप से बने रहने के विचार को व्यक्त किया था, जब उसने कहा, ""जो मेरा माँस खाता है और मेरा लहू पीता है, वह मुझ में रहता है, और मैं उसमे रहता हूँ"" (यूहन्ना 6:56)। यूएसटी इस विचार का उपयोग करता है ""मेरे साथ जुड़ जाएगा, और मैं उससे जुड़ जाऊँगा।"" लेकिन अनुवादकों को इस विचार को व्यक्त करने के अन्य तरीकों को ढूंढना पड़ सकता है।

इस अनुच्छेद में, ""यदि मेरे वचन तुझ में बने रहते हैं"" (यूहन्ना 15:7), यूएसटी इस विचार को व्यक्त करता है, ""यदि तुम मेरे संदेश के अनुसार रहते हो।"" अनुवादकों को इस अनुवाद का उपयोग एक आदर्श के रूप में करना संभव हो सकता है।

### यूहन्ना द्वारा शुभ सन्देश के पाठ में प्रमुख मुद्दे क्या हैं?

बाइबल के पुराने संस्करणों में निम्नलिखित पद पाए गए हैं लेकिन इन्हें सबसे आधुनिक संस्करण में शामिल नहीं किया गया है । अनुवादकों को सलाह दी जाती है कि इन पदों का अनुवाद न करें। हालांकि, यदि अनुवादकों के क्षेत्र में, बाइबल के पुराने संस्करण हैं जिनमें ये पद शामिल हैं तो अनुवादक इसे शामिल कर सकते हैं। यदि उनका अनुवाद किया जाता है, तो उन्हें वर्गाकार कोष्ठक ([ ]) के अंदर रखा जाना चाहिए ताकि यह दर्शाया जा सके कि वे शायद यूहन्ना द्वारा शुभ सन्देश के मूल सोत्र से नहीं थे।

* ""जल की हिलने की प्रतीक्षा कर रहे थे। नियुक्त समय पर परमेश्वर के स्वर्गदूत कुण्ड में उतरकर पानी को हिलाया करते थे: पानी हिलते ही जो कोई पहले उतरता, वह स्वस्थ हो जाता था, चाहे उसकी कोई बीमारी क्यों न हो।"" (5:3-4)
* ""उनके बीच में से होकर, और निकल गया"" (8:59)

निम्नलिखित अनुच्छेद को बाइबल के बेहद पुराने और आधुनिक संस्करणों में शामिल किया गया है। लेकिन यह बाइबल की शुरुआती प्रतियों में नहीं है। अनुवादकों को इन अनुच्छेद का अनुवाद करने की सलाह दी जाती है। इसे वर्गाकार कोष्ठक ([]) के अंदर रखा जाना चाहिए ताकि यह दर्शाया जा सके कि यह यूहन्ना द्वारा शुभ सन्देश का मूल नहीं रहा है।

* व्यभिचारी स्त्री की घटना (7:53-8:11)

(देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/translate-textvariants]])
" -JHN 1 intro k29b 0 "# यूहन्ना 01 सामान्य टिप्पणियाँ
## संरचना एवं स्वरूपण

कुछ अनुवाद पढ़ने के लिए आसान बनाने के लिए पाठ के शेष अंश की तुलना में काव्य की प्रत्येक पंक्ति को दाईं ओर से लिखते हैं। यूएलटी पद 1:23 में काव्य के साथ ऐसा करता है, जो कि पुराने नियम के वचन हैं।

## इस अध्याय में विशेष अवधारणाएँ

### ""वचन""

यूहन्ना यीशु को संदर्भित करने के लिए ""वचन"" का उपयोग करता है ([यूहन्ना 1:1, 14](./01.md))। यूहन्ना कह रहा है कि सभी लोगों के लिए परमेश्वर का सबसे महत्वपूर्ण संदेश वास्तव में यीशु है, जो भौतिक शरीर वाला व्यक्ति है। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/wordofgod]])

### ज्योति और अंधकार

बाइबल अक्सर अधर्मी लोगों के बारे में कहता है जो परमेश्वर को प्रसन्न नहीं करते हैं वे ऐसे है जैसे कि वे अँधकार में घूम रहे है। यहाँ ज्योति की बात ऐसे कि गई है जैसे यह उन पापी लोगों को धर्मी बनने में सक्षम बनाता है, यह उन्हें यह समझता है कि वे क्या गलत कर रहे हैं और उन्हें परमेश्वर का पालन करना शुरू कर देना चाहिए। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/righteous]])

### ""परमेश्वर की संतान""

जब लोग यीशु में विश्वास करते हैं, तो वे ""क्रोध के बच्चे"" से ""परमेश्वर के बच्चे"" बन जाते हैं। उन्हें ""परमेश्वर के परिवार"" में अपनाया जाता है। उन्हें ""परमेश्वर के परिवार"" में अपनाया जाता है। यह एक महत्वपूर्ण छवि है जिसे नए नियम में प्रकट किया जाएगा। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/believe]] और [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/adoption]])

## इस अध्याय के महत्वपूर्ण अलंकार

### रूपक

यूहन्ना पाठक को समझाने के लिए रूपक ज्योति और अंधकार शब्द का उपयोग करता है कि वह अच्छे और बुरे के बारे में और अधिक तथा यीशु के माध्यम से परमेश्वर लोगों को क्या बताना चाहता है इसके बारे में लिखेगा। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-metaphor]])

## इस अध्याय में अन्य संभावित अनुवाद की कठिनाइयाँ

### ""शुरुआत में""

कुछ भाषाएं और संस्कृतियाँ सृष्टि की बात ऐसे करती हैं जैसे कि यह हमेशा से अस्तित्व में है, जैसे कि इसकी कोई शुरुआत नहीं है। लेकिन ""बहुत समय पहले"" ""शुरुआत में"" से अलग है, और आपको यह सुनिश्चित करने की आवश्यकता है कि आपका अनुवाद सही तरीके से संचारित हो।

### ""मनुष्य का पुत्र""

यीशु स्वयं को इस अध्याय में ""मनुष्य का पुत्र"" कहता है ([यूहन्ना 1:51](../../यूहन्ना/01/51.md))। आपकी भाषा में लोगों को स्वयं के बारे में इस प्रकार बात करने की अनुमति नहीं हो सकती है जैसे कि वे किसी और के बारे में बात कर रहे हो। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/sonofman]] और [[rc://hi/ta/man/translate/figs-123person]])
" +JHN front intro t6za 0 # यूहन्ना द्वारा शुभ सन्देश का परिचय
## भाग 1: सामान्य परिचय

### यूहन्ना द्वारा शुभ सन्देश की रूपरेखा

1। यीशु के बारे में परिचय (1: 1-18)
1। यीशु को बपतिस्मा दिया गया है, और वह बारह चेलों को चुनता है (1:19-51)
1। यीशु उपदेश देता है, शिक्षा देता है, और लोगों को चंगा करता है (2-11)
1। यीशु की मृत्यु से पहले के सात दिन (12-19)
- मरियम यीशु के पाँवों का अभिषेक करती है (12:1-11)
- यीशु एक गदहे की सवारी करके यरूशलेम में जाता है (12:12-19)
- कुछ यूनानी पुरुष यीशु से मिलना चाहते हैं (12:20-36)
- यहूदी अगुवे यीशु को अस्वीकार कर देते हैं (12:37-50)
- यीशु अपने चेलों को शिक्षा देता है (13-17)
- यीशु को गिरफ्तार करके उस पर मुकदमा चलाया जाता है (18:1-19:15)
- यीशु को क्रूस पर चढ़ा दिया गया है और दफनाया जाता है (19:16-42)
1। यीशु का मृतकों में से जी उठना (20:1-29)
1। यूहन्ना कहता हैं कि उसने यह शुभ सन्देश क्यों लिखा (20:30-31)
1। यीशु का चेलों से मिलना (21)

### यूहन्ना द्वारा शुभ सन्देश किसके बारे में है?

यूहन्ना द्वारा शुभ सन्देश नए नियम के उन चार पुस्तकों में से एक है जिसमे यीशु मसीह के जीवन का वर्णन किया गया है। शुभ संदेशों के लेखकों ने यीशु के जीवन के विभिन्न पहलुओं और उसके कार्यों के बारे में लिखा। यूहन्ना ने कहा कि उसने यह शुभ सन्देश इसलिए लिखा ""क्योंकि तुम विश्वास करो, कि यीशु ही परमेश्वर का पुत्र मसीह है"" (20:31)।

यूहन्ना द्वारा शुभ सन्देश अन्य तीन शुभ सन्देशों से बहुत अलग है। यूहन्ना में कुछ शिक्षाओं और वृत्तांतों को शामिल नहीं किया गया है जो अन्य लेखकों ने अपने शुभ सन्देश में शामिल किया है। इसके अलावा, यूहन्ना ने कुछ शिक्षाओं और वृत्तांतों के बारे में लिखा जो अन्य शुभ सन्देश में नहीं हैं।

यूहन्ना ने यह प्रमाणित करने के लिए यीशु के चिन्हों के बारे में बहुत कुछ लिखा था जिससे यह ज्ञात हो यीशु ने जो स्वयं के बारे में कहा सत्य था। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/sign]])

### इस पुस्तक का शीर्षक किस प्रकार अनुवादित किया जाना चाहिए?

अनुवादक इस पुस्तक को इसके पारंपरिक शीर्षक, ""यूहन्ना का शुभ सन्देश"" या ""यूहन्ना के अनुसार शुभ सन्देश"" द्वारा कर सकते है। या वे एक ऐसे शीर्षक को चुन सकते हैं जिससे स्पष्ट हो सके, ""यीशु के बारे में शुभ-सन्देश जिसे यूहन्ना ने लिखा था।"" (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/translate-names]])

### यूहन्ना द्वारा शुभ सन्देश किसने लिखा?

यह पुस्तक लेखक का नाम नहीं बताता है। फिर भी, आरंभिक मसीही काल से, अधिकांश मसीहियों ने प्रेरित यूहन्ना को इसका लेखक माना है। भाग 2: महत्वपूर्ण धार्मिक और सांस्कृतिक अवधारणा

### यूहन्ना यीशु के जीवन के अंतिम सप्ताह के बारे में इतना क्यों लिखता है?

यूहन्ना ने यीशु के अंतिम सप्ताह के बारे में बहुत कुछ लिखा था। वह चाहता था कि उसके पाठक यीशु के अंतिम सप्ताह और क्रूस पर उसकी मृत्यु के बारे में गहराई से सोचें। वह चाहता था कि लोग यह समझें कि यीशु क्रूस पर स्वेच्छा से मरा ताकि परमेश्वर उन्हें उसके विरुद्ध पाप करने के लिए क्षमा कर सके। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/sin]])

## भाग 3: महत्वपूर्ण अनुवाद के मुद्दे

### यूहन्ना द्वारा शुभ सन्देश में ""बने रहना"", ""रहना"", और ""पालन करना"" शब्द क्या हैं?

यूहन्ना अक्सर ""बने रहना"", ""रहना"" और ""पालन करना"" शब्द का उपयोग रूपक के रूप में करता है। यूहन्ना विश्वासियों को यीशु में अधिक निष्टावान और अधिक जानने के लिए कहता है जैसा कि यीशु का वचन विश्वासियों में ""बना रहे""। साथ ही, यूहन्ना ने किसी का किसी और से, इस प्रकार आत्मिक संगति के विषय में कहा जैसे कि वह व्यक्ति दुसरे में “बना रहता” हो। मसीहियों को मसीह में और परमेश्वर में “बने रहने” के लिए कहा गया है। पिता के पुत्र में “बने रहने” और पुत्र के पिता में “रहने” के विषय में कहा गया है। पुत्र का विश्वासियों में “बने रहने” के विषय में कहा गया है। पवित्र आत्मा को भी विश्वासियों में ""बने रहने"" कहा गया है।

कई अनुवादकों को इन विचारों को उनकी भाषाओं में बिल्कुल इसी प्रकार प्रस्तुत करना असंभव लग सकता है। उदहारण के तौर पर, यीशु ने मसीहियों के साथ आध्यात्मिक रूप से बने रहने के विचार को व्यक्त किया था, जब उसने कहा, ""जो मेरा माँस खाता है और मेरा लहू पीता है, वह मुझ में रहता है, और मैं उसमे रहता हूँ"" (यूहन्ना 6:56)। यूएसटी इस विचार का उपयोग करता है ""मेरे साथ जुड़ जाएगा, और मैं उससे जुड़ जाऊँगा।"" लेकिन अनुवादकों को इस विचार को व्यक्त करने के अन्य तरीकों को ढूंढना पड़ सकता है।

इस अनुच्छेद में, ""यदि मेरे वचन तुझ में बने रहते हैं"" (यूहन्ना 15:7), यूएसटी इस विचार को व्यक्त करता है, ""यदि तुम मेरे संदेश के अनुसार रहते हो।"" अनुवादकों को इस अनुवाद का उपयोग एक आदर्श के रूप में करना संभव हो सकता है।

### यूहन्ना द्वारा शुभ सन्देश के पाठ में प्रमुख मुद्दे क्या हैं?

बाइबल के पुराने संस्करणों में निम्नलिखित पद पाए गए हैं लेकिन इन्हें सबसे आधुनिक संस्करण में शामिल नहीं किया गया है । अनुवादकों को सलाह दी जाती है कि इन पदों का अनुवाद न करें। हालांकि, यदि अनुवादकों के क्षेत्र में, बाइबल के पुराने संस्करण हैं जिनमें ये पद शामिल हैं तो अनुवादक इसे शामिल कर सकते हैं। यदि उनका अनुवाद किया जाता है, तो उन्हें वर्गाकार कोष्ठक ([ ]) के अंदर रखा जाना चाहिए ताकि यह दर्शाया जा सके कि वे शायद यूहन्ना द्वारा शुभ सन्देश के मूल सोत्र से नहीं थे।

* ""जल की हिलने की प्रतीक्षा कर रहे थे। नियुक्त समय पर परमेश्वर के स्वर्गदूत कुण्ड में उतरकर पानी को हिलाया करते थे: पानी हिलते ही जो कोई पहले उतरता, वह स्वस्थ हो जाता था, चाहे उसकी कोई बीमारी क्यों न हो।"" (5:3-4)
* ""उनके बीच में से होकर, और निकल गया"" (8:59)

निम्नलिखित अनुच्छेद को बाइबल के बेहद पुराने और आधुनिक संस्करणों में शामिल किया गया है। लेकिन यह बाइबल की शुरुआती प्रतियों में नहीं है। अनुवादकों को इन अनुच्छेद का अनुवाद करने की सलाह दी जाती है। इसे वर्गाकार कोष्ठक ([]) के अंदर रखा जाना चाहिए ताकि यह दर्शाया जा सके कि यह यूहन्ना द्वारा शुभ सन्देश का मूल नहीं रहा है।

* व्यभिचारी स्त्री की घटना (7:53-8:11)

(देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/translate-textvariants]])
+JHN 1 intro k29b 0 # यूहन्ना 01 सामान्य टिप्पणियाँ
## संरचना एवं स्वरूपण

कुछ अनुवाद पढ़ने के लिए आसान बनाने के लिए पाठ के शेष अंश की तुलना में काव्य की प्रत्येक पंक्ति को दाईं ओर से लिखते हैं। यूएलटी पद 1:23 में काव्य के साथ ऐसा करता है, जो कि पुराने नियम के वचन हैं।

## इस अध्याय में विशेष अवधारणाएँ

### ""वचन""

यूहन्ना यीशु को संदर्भित करने के लिए ""वचन"" का उपयोग करता है ([यूहन्ना 1:1, 14](./01.md))। यूहन्ना कह रहा है कि सभी लोगों के लिए परमेश्वर का सबसे महत्वपूर्ण संदेश वास्तव में यीशु है, जो भौतिक शरीर वाला व्यक्ति है। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/wordofgod]])

### ज्योति और अंधकार

बाइबल अक्सर अधर्मी लोगों के बारे में कहता है जो परमेश्वर को प्रसन्न नहीं करते हैं वे ऐसे है जैसे कि वे अँधकार में घूम रहे है। यहाँ ज्योति की बात ऐसे कि गई है जैसे यह उन पापी लोगों को धर्मी बनने में सक्षम बनाता है, यह उन्हें यह समझता है कि वे क्या गलत कर रहे हैं और उन्हें परमेश्वर का पालन करना शुरू कर देना चाहिए। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/righteous]])

### ""परमेश्वर की संतान""

जब लोग यीशु में विश्वास करते हैं, तो वे ""क्रोध के बच्चे"" से ""परमेश्वर के बच्चे"" बन जाते हैं। उन्हें ""परमेश्वर के परिवार"" में अपनाया जाता है। उन्हें ""परमेश्वर के परिवार"" में अपनाया जाता है। यह एक महत्वपूर्ण छवि है जिसे नए नियम में प्रकट किया जाएगा। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/believe]] और [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/adoption]])

## इस अध्याय के महत्वपूर्ण अलंकार

### रूपक

यूहन्ना पाठक को समझाने के लिए रूपक ज्योति और अंधकार शब्द का उपयोग करता है कि वह अच्छे और बुरे के बारे में और अधिक तथा यीशु के माध्यम से परमेश्वर लोगों को क्या बताना चाहता है इसके बारे में लिखेगा। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-metaphor]])

## इस अध्याय में अन्य संभावित अनुवाद की कठिनाइयाँ

### ""शुरुआत में""

कुछ भाषाएं और संस्कृतियाँ सृष्टि की बात ऐसे करती हैं जैसे कि यह हमेशा से अस्तित्व में है, जैसे कि इसकी कोई शुरुआत नहीं है। लेकिन ""बहुत समय पहले"" ""शुरुआत में"" से अलग है, और आपको यह सुनिश्चित करने की आवश्यकता है कि आपका अनुवाद सही तरीके से संचारित हो।

### ""मनुष्य का पुत्र""

यीशु स्वयं को इस अध्याय में ""मनुष्य का पुत्र"" कहता है ([यूहन्ना 1:51](../../यूहन्ना/01/51.md))। आपकी भाषा में लोगों को स्वयं के बारे में इस प्रकार बात करने की अनुमति नहीं हो सकती है जैसे कि वे किसी और के बारे में बात कर रहे हो। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/sonofman]] और [[rc://hi/ta/man/translate/figs-123person]])
JHN 1 1 er9g ἐν ἀρχῇ 1 In the beginning यह परमेश्वर के द्वारा आकाश और पृथ्वी की रचना करने से पहले के समय को संदर्भित है। JHN 1 1 z59q ὁ λόγος 1 the Word "यह यीशु को संदर्भित करता है। यदि संभव हो तो ""वचन"" के रूप में अनुवाद करें। यदि आपकी भाषा में ""वचन"" स्त्रीलिंग है तो इसका अनुवाद ""जिसे वचन कहा जाता है"" के रूप में किया जा सकता है।" JHN 1 3 gm5g figs-activepassive πάντα δι’ αὐτοῦ ἐγένετο 1 All things were made through him "इसका एक सक्रिय रूप से अनुवाद किया जा सकता है। वैकल्पिक अनुवाद: ""परमेश्वर ने उसके द्वारा सब कुछ बनाया"" (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-activepassive]])" @@ -62,7 +62,7 @@ JHN 1 47 ys8d figs-litotes ἐν ᾧ δόλος οὐκ ἔστιν 1 in whom is JHN 1 49 l666 guidelines-sonofgodprinciples Υἱὸς τοῦ Θεοῦ 1 Son of God यह यीशु के लिए एक महत्वपूर्ण उपाधि है। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/guidelines-sonofgodprinciples]]) JHN 1 50 p3ma figs-rquestion ὅτι εἶπόν σοι, ὅτι εἶδόν σε ὑποκάτω τῆς συκῆς, πιστεύεις 1 Because I said to you ... do you believe? "यह टिप्पणी जोर देने के लिए एक प्रश्न के रूप में प्रकट होती है। वैकल्पिक अनुवाद: ""तुम इसलिए विश्वास करते हो क्योंकि मैंने कहा, 'मैंने तुम्हें अंजीर के पेड़ के नीचे देखा था'! (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-rquestion]])" JHN 1 51 ga44 ἀμὴν, ἀμὴν 1 Truly, truly इसका अनुवाद इस तरीके से करें जिसमें आपकी भाषा जोर देती है कि जो कुछ भी आने वाला है वह महत्वपूर्ण और सत्य है। -JHN 2 intro jav2 0 "# यूहन्ना 02 सामान्य टिप्पणियाँ
## इस अध्याय में विशेष अवधारणाएँ

### दाखरस

यहूदी लोग कई बार भोजन के समय या विशेष आयोजनों पर जश्न मनाते समय दाखरस पीते थे। वे दाखरस के सेवन को पाप नहीं मानते थे।

### सर्राफों का निकाला जाना

यीशु ने सर्राफों को यह दिखाने के लिए मंदिर से बाहर निकाला कि उसका मंदिर और पूरे इस्राएल पर अधिकार है।

### ""वह जानता था कि मनुष्य के मन में क्या था""

यीशु जानता था कि अन्य लोग क्या सोच रहे थे केवल इसलिए क्योंकि वह मनुष्य का पुत्र और परमेश्वर का पुत्र था और है।

## इस अध्याय में अन्य संभावित अनुवाद की कठिनाइयाँ

### ""उसके चेलों ने स्मरण किया""

यूहन्ना ने इस वाक्यांश का उपयोग मुख्य इतिहास को बताने से रुक कर वह बताने के लिए किया है जो बहुत बाद में घटित हुआ। जब यहूदी अधिकारियों ने उससे बात की ([यूहन्ना 2:16](../../jhn/02/16.md)) यह कबूतर बेचनेवालों को डाँटने के बाद तुरंत बाद हुआ था। यह यीशु के पुनर्जीवित होने के बाद था जब उसके चेलों ने स्मरण किया जो भविष्यद्वक्ता ने बहुत पहले लिखा था और जो यीशु अपने शारीरिक मंदिर के बारे में कह रहा था ([यूहन्ना 2:17](../../jhn/02/17.md) and [यूहन्ना 2:22](../../jhn/02/22.md)).
" +JHN 2 intro jav2 0 # यूहन्ना 02 सामान्य टिप्पणियाँ
## इस अध्याय में विशेष अवधारणाएँ

### दाखरस

यहूदी लोग कई बार भोजन के समय या विशेष आयोजनों पर जश्न मनाते समय दाखरस पीते थे। वे दाखरस के सेवन को पाप नहीं मानते थे।

### सर्राफों का निकाला जाना

यीशु ने सर्राफों को यह दिखाने के लिए मंदिर से बाहर निकाला कि उसका मंदिर और पूरे इस्राएल पर अधिकार है।

### ""वह जानता था कि मनुष्य के मन में क्या था""

यीशु जानता था कि अन्य लोग क्या सोच रहे थे केवल इसलिए क्योंकि वह मनुष्य का पुत्र और परमेश्वर का पुत्र था और है।

## इस अध्याय में अन्य संभावित अनुवाद की कठिनाइयाँ

### ""उसके चेलों ने स्मरण किया""

यूहन्ना ने इस वाक्यांश का उपयोग मुख्य इतिहास को बताने से रुक कर वह बताने के लिए किया है जो बहुत बाद में घटित हुआ। जब यहूदी अधिकारियों ने उससे बात की ([यूहन्ना 2:16](../../jhn/02/16.md)) यह कबूतर बेचनेवालों को डाँटने के बाद तुरंत बाद हुआ था। यह यीशु के पुनर्जीवित होने के बाद था जब उसके चेलों ने स्मरण किया जो भविष्यद्वक्ता ने बहुत पहले लिखा था और जो यीशु अपने शारीरिक मंदिर के बारे में कह रहा था ([यूहन्ना 2:17](../../jhn/02/17.md) and [यूहन्ना 2:22](../../jhn/02/22.md)).
JHN 2 1 rl16 writing-background 0 General Information: यीशु और उसके चेलों को एक विवाह में आमंत्रित किया गया है। ये पद कहानी की परिस्थिति के बारे में पृष्ठभूमि की जानकारी देते हैं। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/writing-background]]) JHN 2 1 vw9e τῇ ἡμέρᾳ τῇ τρίτῃ 1 Three days later अधिकांश अनुवाद करने वाले यीशु के द्वारा फिलिप्पुस और नतनएल को उसका अनुसरण करने के लिए बुलाए जाने की घटना को तीसरे दिन में लिखते हैं। पहला दिन यूहन्ना 1:35 में और दूसरा यूहन्ना 1:43 में होता है। JHN 2 2 xm3r figs-activepassive ἐκλήθη…ὁ Ἰησοῦς καὶ οἱ μαθηταὶ αὐτοῦ εἰς τὸν γάμον 1 Jesus and his disciples were invited to the wedding "इसे सक्रिय रूप से व्यक्त किया जा सकता है। वैकल्पिक अनुवाद: ""किसी ने यीशु और उसके चेलों को विवाह में आमंत्रित किया"" (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-activepassive]])" @@ -175,7 +175,7 @@ JHN 3 35 hmk4 guidelines-sonofgodprinciples Πατὴρ…Υἱόν 1 Father ... JHN 3 35 ha4e figs-idiom δέδωκεν ἐν τῇ χειρὶ αὐτοῦ 1 given ... into his hand इसका अर्थ उसकी शक्ति या नियंत्रण में रखना है। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-idiom]]) JHN 3 36 u1ks ὁ πιστεύων 1 He who believes "एक व्यक्ति जो विश्वास करता है या ""कोई भी जो विश्वास करता है""" JHN 3 36 zy7u ἡ ὀργὴ τοῦ Θεοῦ μένει ἐπ’ αὐτόν 1 the wrath of God stays on him "भाववाचक संज्ञा ""क्रोध"" का अनुवाद ""दण्ड"" क्रिया के साथ किया जा सकता है। वैकल्पिक अनुवाद: ""परमेश्वर उसे दंडित करना जारी रखेंगे"" (देखें: rc://hi/ta/man/translate/figs-abstractnouns)" -JHN 4 intro j1hv 0 "# यूहन्ना 04 सामान्य टिप्पणियाँ
## संरचना एवं स्वरूपण

यूहन्ना 4:4-38 यीशु की ""जीवन का जल"" शिक्षा पर केंद्रित एक कहानी की रचना करता है, जो उन सभी को अनंत जीवन देता है जो उस पर विश्वास करते हैं। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/believe]])

## इस अध्याय में विशेष अवधारणाएँ

### "" उसके लिए सामरिया से होकर जाना आवश्यक था""

यहूदी सामरिया के क्षेत्र से यात्रा करने से परहेज करते थे क्योंकि सामरिया धर्मभ्रष्ट लोगों के वंशज थे। इसलिए यीशु को ऐसा करना था जो अधिकांश यहूदी नहीं करना चाहते थे। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/godly]] और [[rc://hi/tw/dict/bible/names/kingdomofisrael]])

### ""वह समय आता है""

यीशु ने इन शब्दों का उपयोग उन समयों के बारे में भविष्यवाणियों को शुरू करने के लिए किया जो कि साठ मिनट से कम या अधिक हो सकते हैं। ""वह समय"" जिसमें सच्चे उपासक आत्मा और सच्चाई से आराधना करेंगे, वह साठ मिनट से अधिक लंबा है।

### आराधना का उचित स्थान

यीशु के समय से बहुत पहले, सामरी लोगों ने अपनी भूमि पर एक झूठा मंदिर बना कर मूसा की व्यवस्था को तोड़ दिया था ([यूहन्ना 4:20](../../jhn/04/20.md))। यीशु ने उस स्त्री को समझाया कि लोगों कहाँ आराधना कर रहे हैं यह अब महत्वपूर्ण नहीं था ([यूहन्ना 4:21-24](./21.md))।

### कटनी

कटनी तब होती है जब लोग उस भोजन को लेने के लिए बाहर जाते हैं जो उन्होंने उगाया होता है ताकि वे उसे काट कर अपने घरों को ला सकें और उसे खाएँ। यीशु ने अपने अनुयायियों को सिखाने के लिए एक रूपक के समान में इसका इस्तेमाल किया कि उन्हें जाकर यीशु के बारे में अन्य लोगों को बताने की आवश्यकता है ताकि वे लोग परमेश्वर के राज्य का हिस्सा बन सकें। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/faith]])

### ""सामरी स्त्री""

यूहन्ना ने शायद इस कहानी को सामरी स्त्री, जिसने विश्वास किया और यहूदी लोग, जिन्होंने विश्वास नहीं किया और बाद में यीशु को मार डाला, उनके बीच अंतर दिखाने के लिए बताया है। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/believe]])

## इस अध्याय में अन्य संभावित अनुवाद की कठिनाइयाँ

### ""आत्मा और सच्चाई से""

जो लोग वास्तव में जानते हैं कि परमेश्वर कौन है और उसकी आराधना करने का आनंद लेते हैं और जो वह है उससे प्रेम करते हैं वे ही हैं जो वास्तव में उसे प्रसन्न करते हैं। वे कहाँ आराधना करते हैं यह महत्वपूर्ण नहीं है।
" +JHN 4 intro j1hv 0 # यूहन्ना 04 सामान्य टिप्पणियाँ
## संरचना एवं स्वरूपण

यूहन्ना 4:4-38 यीशु की ""जीवन का जल"" शिक्षा पर केंद्रित एक कहानी की रचना करता है, जो उन सभी को अनंत जीवन देता है जो उस पर विश्वास करते हैं। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/believe]])

## इस अध्याय में विशेष अवधारणाएँ

### "" उसके लिए सामरिया से होकर जाना आवश्यक था""

यहूदी सामरिया के क्षेत्र से यात्रा करने से परहेज करते थे क्योंकि सामरिया धर्मभ्रष्ट लोगों के वंशज थे। इसलिए यीशु को ऐसा करना था जो अधिकांश यहूदी नहीं करना चाहते थे। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/godly]] और [[rc://hi/tw/dict/bible/names/kingdomofisrael]])

### ""वह समय आता है""

यीशु ने इन शब्दों का उपयोग उन समयों के बारे में भविष्यवाणियों को शुरू करने के लिए किया जो कि साठ मिनट से कम या अधिक हो सकते हैं। ""वह समय"" जिसमें सच्चे उपासक आत्मा और सच्चाई से आराधना करेंगे, वह साठ मिनट से अधिक लंबा है।

### आराधना का उचित स्थान

यीशु के समय से बहुत पहले, सामरी लोगों ने अपनी भूमि पर एक झूठा मंदिर बना कर मूसा की व्यवस्था को तोड़ दिया था ([यूहन्ना 4:20](../../jhn/04/20.md))। यीशु ने उस स्त्री को समझाया कि लोगों कहाँ आराधना कर रहे हैं यह अब महत्वपूर्ण नहीं था ([यूहन्ना 4:21-24](./21.md))।

### कटनी

कटनी तब होती है जब लोग उस भोजन को लेने के लिए बाहर जाते हैं जो उन्होंने उगाया होता है ताकि वे उसे काट कर अपने घरों को ला सकें और उसे खाएँ। यीशु ने अपने अनुयायियों को सिखाने के लिए एक रूपक के समान में इसका इस्तेमाल किया कि उन्हें जाकर यीशु के बारे में अन्य लोगों को बताने की आवश्यकता है ताकि वे लोग परमेश्वर के राज्य का हिस्सा बन सकें। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/faith]])

### ""सामरी स्त्री""

यूहन्ना ने शायद इस कहानी को सामरी स्त्री, जिसने विश्वास किया और यहूदी लोग, जिन्होंने विश्वास नहीं किया और बाद में यीशु को मार डाला, उनके बीच अंतर दिखाने के लिए बताया है। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/believe]])

## इस अध्याय में अन्य संभावित अनुवाद की कठिनाइयाँ

### ""आत्मा और सच्चाई से""

जो लोग वास्तव में जानते हैं कि परमेश्वर कौन है और उसकी आराधना करने का आनंद लेते हैं और जो वह है उससे प्रेम करते हैं वे ही हैं जो वास्तव में उसे प्रसन्न करते हैं। वे कहाँ आराधना करते हैं यह महत्वपूर्ण नहीं है।
JHN 4 1 jum6 writing-background 0 General Information: यूहन्ना 4:1-6 में अगली घटना की पृष्ठभूमि देता है, जिसमें एक सामरी स्त्री के साथ यीशु का वार्तालाप है। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/writing-background]]) JHN 4 1 ci4n 0 Connecting Statement: यहाँ एक लम्बा वाक्य शुरू होता है। JHN 4 1 b1vc ὡς οὖν ἔγνω ὁ Ἰησοῦς ὅτι ἤκουσαν οἱ Φαρισαῖοι, ὅτι Ἰησοῦς πλείονας μαθητὰς ποιεῖ καὶ βαπτίζει ἢ Ἰωάννης 1 Now when Jesus knew that the Pharisees had heard that he was making and baptizing more disciples than John अब यीशु यूहन्ना की तुलना में अधिक चेले बना कर उनको बपतिस्मा दे रहा था। जब उसे ज्ञात हुआ कि फरीसियों ने सुना था कि वह ऐसा कर रहा था। @@ -330,7 +330,7 @@ JHN 5 45 kk5q figs-metonymy ἔστιν ὁ κατηγορῶν ὑμῶν Μω JHN 5 45 pf98 ἠλπίκατε 1 your hope तुम्हारा आत्मविश्वास या ""तुम्हारा विश्वास""" JHN 5 47 b8dd figs-rquestion εἰ…τοῖς ἐκείνου γράμμασιν οὐ πιστεύετε, πῶς τοῖς ἐμοῖς ῥήμασιν πιστεύσετε 1 If you do not believe his writings, how are you going to believe my words? "यह टिप्पणी जोर देने के लिए एक प्रश्न के रूप में प्रकट होती है। वैकल्पिक अनुवाद: ""तुम उसकी लिखी बातों पर विश्वास नहीं करते हो इसलिए तुम मेरे वचनों पर कभी भी विश्वास नहीं करोगे!"" (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-rquestion]])" JHN 5 47 x7h9 τοῖς ἐμοῖς ῥήμασιν 1 my words जो मैं कहता हूँ -JHN 6 intro xe4t 0 "# यूहन्ना 06 सामान्य टिप्पणियाँ
## इस अध्याय में विशेष अवधारणाएँ

### राजा

किसी भी देश का राजा उस देश का सबसे धनी और सबसे शक्तिशाली व्यक्ति होता था। लोग चाहते थे कि यीशु उनका राजा बने क्योंकि उसने उन्हें भोजन दिया था, और इसलिए उन्होंने सोचा कि वह यहूदियों को संसार का सबसे धनी और सबसे शक्तिशाली देश बना देगा। वे समझ में नहीं पाए कि यीशु मरने आया था ताकि परमेश्वर अपने लोगों के पापों को क्षमा कर सके, और इसलिए कि संसार उसके लोगों पर अत्याचार करेगा।

## इस अध्याय में महत्वपूर्ण रूपक

### रोटी

यीशु के दिनों में रोटी सबसे महत्वपूर्ण और आम भोजन था और इसलिए ""भोजन"" के लिए ""रोटी"" उनका सामान्य शब्द था। अक्सर ""रोटी"" शब्द का अनुवाद उन लोगों की भाषाओं में करना मुश्किल होता है जो रोटी नहीं खाते हैं क्योंकि कुछ भाषाओं में भोजन के लिए सामान्य शब्द उन खाद्य पदार्थों को संदर्भित करता है जो यीशु की संस्कृति के समय अस्तित्व में नहीं थे। यीशु ने स्वयं को संदर्भित करने के लिए ""रोटी"" शब्द का प्रयोग किया। वह चाहता था कि वे समझें कि उन्हें अनंत जीवन प्राप्त करने के लिए उसकी आवश्यकता है। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-metaphor]] और [[rc://hi/ta/man/translate/figs-synecdoche]])

### माँस खाना और लहू पीना

जब यीशु ने कहा, ""जब तक तुम मनुष्य के पुत्र का माँस नहीं खाते और उसका लहू नहीं पीते हो तब तक तुम में जीवन नहीं होगा,"" वह जानता था कि उसकी मृत्यु से पहले वह अपने अनुयायियों को रोटी खाने और दाखरस पीने के द्वारा ऐसा करने के लिए कहेगा। इस अध्याय के वर्णित घटना में, उसे आशा थी कि उनके सुनने वाले लोग समझेंगे कि वह एक रूपक का उपयोग कर रहा था लेकिन उनकी समझ में यह नहीं आएगा कि रूपक ने किस बात को संदर्भित किया है। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/flesh]] और [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/blood]])

## इस अध्याय में अन्य संभावित अनुवाद की कठिनाइयाँ

### प्रासंगिक विचार
इस वाक्यांश में कई बार, यूहन्ना कुछ बताता है या कहानी को बेहतर ढंग से समझने के लिए पाठक को कुछ प्रसंग देता है। इन स्पष्टीकरण का उद्देश्य कथा के प्रवाह में बाधा डाले बिना पाठक को कुछ अतिरिक्त ज्ञान देना है। जानकारी को कोष्ठकों के अंदर रखा गया है।

### ""मनुष्य का पुत्र""

यीशु इस अध्याय में स्वयं को ""मनुष्य का पुत्र"" के रूप में संदर्भित करता है ([यूहन्ना 6;26](./26.md))। आपकी भाषा में लोगों को स्वयं के बारे में इस प्रकार बात करने की अनुमति नहीं हो सकती है जैसे कि वे किसी और के बारे में बात कर रहे हो। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/sonofman]] और [[rc://hi/ta/man/translate/figs-123person]])
" +JHN 6 intro xe4t 0 # यूहन्ना 06 सामान्य टिप्पणियाँ
## इस अध्याय में विशेष अवधारणाएँ

### राजा

किसी भी देश का राजा उस देश का सबसे धनी और सबसे शक्तिशाली व्यक्ति होता था। लोग चाहते थे कि यीशु उनका राजा बने क्योंकि उसने उन्हें भोजन दिया था, और इसलिए उन्होंने सोचा कि वह यहूदियों को संसार का सबसे धनी और सबसे शक्तिशाली देश बना देगा। वे समझ में नहीं पाए कि यीशु मरने आया था ताकि परमेश्वर अपने लोगों के पापों को क्षमा कर सके, और इसलिए कि संसार उसके लोगों पर अत्याचार करेगा।

## इस अध्याय में महत्वपूर्ण रूपक

### रोटी

यीशु के दिनों में रोटी सबसे महत्वपूर्ण और आम भोजन था और इसलिए ""भोजन"" के लिए ""रोटी"" उनका सामान्य शब्द था। अक्सर ""रोटी"" शब्द का अनुवाद उन लोगों की भाषाओं में करना मुश्किल होता है जो रोटी नहीं खाते हैं क्योंकि कुछ भाषाओं में भोजन के लिए सामान्य शब्द उन खाद्य पदार्थों को संदर्भित करता है जो यीशु की संस्कृति के समय अस्तित्व में नहीं थे। यीशु ने स्वयं को संदर्भित करने के लिए ""रोटी"" शब्द का प्रयोग किया। वह चाहता था कि वे समझें कि उन्हें अनंत जीवन प्राप्त करने के लिए उसकी आवश्यकता है। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-metaphor]] और [[rc://hi/ta/man/translate/figs-synecdoche]])

### माँस खाना और लहू पीना

जब यीशु ने कहा, ""जब तक तुम मनुष्य के पुत्र का माँस नहीं खाते और उसका लहू नहीं पीते हो तब तक तुम में जीवन नहीं होगा,"" वह जानता था कि उसकी मृत्यु से पहले वह अपने अनुयायियों को रोटी खाने और दाखरस पीने के द्वारा ऐसा करने के लिए कहेगा। इस अध्याय के वर्णित घटना में, उसे आशा थी कि उनके सुनने वाले लोग समझेंगे कि वह एक रूपक का उपयोग कर रहा था लेकिन उनकी समझ में यह नहीं आएगा कि रूपक ने किस बात को संदर्भित किया है। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/flesh]] और [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/blood]])

## इस अध्याय में अन्य संभावित अनुवाद की कठिनाइयाँ

### प्रासंगिक विचार
इस वाक्यांश में कई बार, यूहन्ना कुछ बताता है या कहानी को बेहतर ढंग से समझने के लिए पाठक को कुछ प्रसंग देता है। इन स्पष्टीकरण का उद्देश्य कथा के प्रवाह में बाधा डाले बिना पाठक को कुछ अतिरिक्त ज्ञान देना है। जानकारी को कोष्ठकों के अंदर रखा गया है।

### ""मनुष्य का पुत्र""

यीशु इस अध्याय में स्वयं को ""मनुष्य का पुत्र"" के रूप में संदर्भित करता है ([यूहन्ना 6;26](./26.md))। आपकी भाषा में लोगों को स्वयं के बारे में इस प्रकार बात करने की अनुमति नहीं हो सकती है जैसे कि वे किसी और के बारे में बात कर रहे हो। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/sonofman]] और [[rc://hi/ta/man/translate/figs-123person]])
JHN 6 1 qhj7 writing-background 0 General Information: यीशु ने यरूशलेम से गलील तक यात्रा की है। एक भीड़ ने एक पहाड़ के ऊपर तक उसका पीछा किया है। ये पद कहानी के इस भाग की परिस्थिति को बताते हैं। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/writing-background]]) JHN 6 1 el4l μετὰ ταῦτα 1 After these things """इन बातों"" वाक्यांश [यूहन्ना 5:1-46](../05/01.md) में वृत्तांतों को संदर्भित करता है और आने वाली घटना को प्रस्तुत करता है।" JHN 6 1 z345 figs-explicit ἀπῆλθεν ὁ Ἰησοῦς 1 Jesus went away "इस पाठ में यह निहित है कि यीशु ने नाव से यात्रा की और अपने चेलों को अपने साथ लिया। वैकल्पिक अनुवाद: ""यीशु ने अपने चेलों के साथ नाव से यात्रा की"" (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-explicit]])" @@ -445,7 +445,7 @@ JHN 6 67 bg2f figs-ellipsis τοῖς δώδεκα 1 the twelve "यह उन " JHN 6 68 g9l4 figs-rquestion Κύριε, πρὸς τίνα ἀπελευσόμεθα 1 Lord, to whom shall we go? "शमौन पतरस इस टिप्पणी को जोर डालने के लिए एक प्रश्न के रूप में देता है कि वह केवल यीशु का अनुसरण करने का इच्छुक है। वैकल्पिक अनुवाद: ""हे प्रभु, हम कभी भी किसी का अनुसरण नहीं कर सकते लेकिन तेरा!"" (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-rquestion]])" JHN 6 70 z9yc writing-background 0 General Information: पद 71 कहानी की मुख्य-धारा का हिस्सा नहीं है जब यूहन्ना उस पर टिप्पणी करता है जो यीशु ने कहा था। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/writing-background]]) JHN 6 70 m9ys figs-rquestion οὐκ ἐγὼ ὑμᾶς τοὺς δώδεκα ἐξελεξάμην, καὶ ἐξ ὑμῶν εἷς διάβολός ἐστιν 1 Did not I choose you, the twelve, and one of you is a devil? "यीशु इस टिप्पणी को इस तथ्य पर ध्यान देने के लिए एक प्रश्न के रूप में देता है कि उसके चेलों में से एक उसे पकड़वाएगा। वैकल्पिक अनुवाद: ""मैंने स्वयं तुम सबको चुना है, फिर भी तुम में से एक शैतान का सेवक है!"" (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-rquestion]])" -JHN 7 intro l712 0 "# यूहन्ना 07 सामान्य टिप्पणियाँ
## संरचना एवं स्वरूपण

यह सम्पूर्ण अध्याय यीशु को मसीहा मानने की अवधारणा से संबंधित है। कुछ लोगों ने यह सच माना जबकि दूसरों ने इसे इनकार कर दिया। कुछ उसकी शक्ति को पहचानने के लिए तैयार थे और यहाँ तक मानने को तैयार थे कि वह एक भविष्यद्वक्ता है, लेकिन अधिकांश लोग विश्वास करने के लिए तैयार नहीं थे कि वह मसीहा है। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/christ]] और [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/prophet]])

अनुवादक पाठक को समझाने के लिए पद 53 पर एक टिप्पणी शामिल कर सकते हैं कि उन्होंने 7:53-8:11 पदों का अनुवाद करना क्यों चुना है या क्यों नहीं चुना है ।

## इस अध्याय में विशेष अवधारणाएँ

### ""मेरा समय अभी तक नहीं आया है""
यह वाक्यांश और ""उसका समय अभी तक नहीं आया है"" इस अध्याय में उपयोग किया गया है यह दर्शाता के लिए कि यीशु का अपने जीवन में प्रकट होने वाले वृत्तांतों पर नियंत्रण है।

### ""जीवन का जल""
यह एक महत्वपूर्ण छवि है जो नए नियम में उपयोग की गई है। यह एक रूपक है। क्योंकि यह रूपक एक रेगिस्तानी माहौल में दिया गया है, तो शायद यह ज़ोर देता है कि यीशु जीवन को संचालित पोषण देने में सक्षम है। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-metaphor]])

## इस अध्याय के महत्वपूर्ण अलंकार

### भविष्यवाणी
यूहन्ना में यीशु बिना एक स्पष्ट बयान के अपने जीवन के बारे में एक भविष्यवाणी करता है [यूहन्ना 7:33-34](./33.md).

### व्यंग्योक्ति
नीकुदेमुस अन्य फरीसियों को बताता है कि व्यवस्था के तहत उन्हें निर्णय लेने से पहले उस व्यक्ति के पक्ष को भी सीधे सुनने की आवश्यकता होती है। बदले में फरीसियों ने यीशु से बात किए बिना यीशु के बारे में फैसला कर दिया।

## इस अध्याय में अन्य संभावित अनुवाद की कठिनाइयाँ

### ""उस पर विश्वास नहीं किया""
यीशु के भाइयों ने विश्वास नहीं किया कि यीशु ही मसीह था। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/believe]])

### ""यहूदी""
इस शब्द का उपयोग इस वाक्यांश में दो अलग-अलग तरीकों से किया गया है। इसका उपयोग विशेष रूप से उन यहूदी अगुवों के विरोध के संदर्भ में किया गया है जो उसे मारने की कोशिश कर रहे थे ([यूहन्ना 7:1](../../jhn/07/01.md))। इसका उपयोग सामान्य रूप से यहूदिया के लोगों के संदर्भ में भी किया गया है, जिनके पास यीशु के बारे में अच्छी राय थी ([यूहन्ना 7:13](../../jhn/07/13.md))। अनुवादक ""यहूदियों के अगुवों"" और ""यहूदिया के लोगों"" या ""यहूदी (अगुवों)"" और ""यहूदियों (सामान्य रूप से)"" शब्दों का उपयोग कर सकते हैं।" +JHN 7 intro l712 0 # यूहन्ना 07 सामान्य टिप्पणियाँ
## संरचना एवं स्वरूपण

यह सम्पूर्ण अध्याय यीशु को मसीहा मानने की अवधारणा से संबंधित है। कुछ लोगों ने यह सच माना जबकि दूसरों ने इसे इनकार कर दिया। कुछ उसकी शक्ति को पहचानने के लिए तैयार थे और यहाँ तक मानने को तैयार थे कि वह एक भविष्यद्वक्ता है, लेकिन अधिकांश लोग विश्वास करने के लिए तैयार नहीं थे कि वह मसीहा है। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/christ]] और [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/prophet]])

अनुवादक पाठक को समझाने के लिए पद 53 पर एक टिप्पणी शामिल कर सकते हैं कि उन्होंने 7:53-8:11 पदों का अनुवाद करना क्यों चुना है या क्यों नहीं चुना है ।

## इस अध्याय में विशेष अवधारणाएँ

### ""मेरा समय अभी तक नहीं आया है""
यह वाक्यांश और ""उसका समय अभी तक नहीं आया है"" इस अध्याय में उपयोग किया गया है यह दर्शाता के लिए कि यीशु का अपने जीवन में प्रकट होने वाले वृत्तांतों पर नियंत्रण है।

### ""जीवन का जल""
यह एक महत्वपूर्ण छवि है जो नए नियम में उपयोग की गई है। यह एक रूपक है। क्योंकि यह रूपक एक रेगिस्तानी माहौल में दिया गया है, तो शायद यह ज़ोर देता है कि यीशु जीवन को संचालित पोषण देने में सक्षम है। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-metaphor]])

## इस अध्याय के महत्वपूर्ण अलंकार

### भविष्यवाणी
यूहन्ना में यीशु बिना एक स्पष्ट बयान के अपने जीवन के बारे में एक भविष्यवाणी करता है [यूहन्ना 7:33-34](./33.md).

### व्यंग्योक्ति
नीकुदेमुस अन्य फरीसियों को बताता है कि व्यवस्था के तहत उन्हें निर्णय लेने से पहले उस व्यक्ति के पक्ष को भी सीधे सुनने की आवश्यकता होती है। बदले में फरीसियों ने यीशु से बात किए बिना यीशु के बारे में फैसला कर दिया।

## इस अध्याय में अन्य संभावित अनुवाद की कठिनाइयाँ

### ""उस पर विश्वास नहीं किया""
यीशु के भाइयों ने विश्वास नहीं किया कि यीशु ही मसीह था। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/believe]])

### ""यहूदी""
इस शब्द का उपयोग इस वाक्यांश में दो अलग-अलग तरीकों से किया गया है। इसका उपयोग विशेष रूप से उन यहूदी अगुवों के विरोध के संदर्भ में किया गया है जो उसे मारने की कोशिश कर रहे थे ([यूहन्ना 7:1](../../jhn/07/01.md))। इसका उपयोग सामान्य रूप से यहूदिया के लोगों के संदर्भ में भी किया गया है, जिनके पास यीशु के बारे में अच्छी राय थी ([यूहन्ना 7:13](../../jhn/07/13.md))। अनुवादक ""यहूदियों के अगुवों"" और ""यहूदिया के लोगों"" या ""यहूदी (अगुवों)"" और ""यहूदियों (सामान्य रूप से)"" शब्दों का उपयोग कर सकते हैं। JHN 7 1 gg4v writing-background 0 General Information: यीशु गलील में अपने भाइयों से बात कर रहा है। ये पद इस बारे में बताते हैं कि यह घटना कब हुई थी। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/writing-background]]) JHN 7 1 b99m μετὰ ταῦτα 1 After these things "ये शब्द पाठक को बताते हैं कि लेखक एक नई घटना के बारे में बात करना शुरू करेगा। ""चेलों के साथ बात करना समाप्त करने के बाद"" ([यूहन्ना 6:66-71](../06/66.md)) या ""कुछ समय बाद""" JHN 7 1 k5yv περιεπάτει 1 traveled पाठक को यह समझना चाहिए कि यीशु सम्भवतः किसी जानवर पर या वाहन में सवारी करने के बजाए पैदल चल कर गया था। @@ -542,7 +542,7 @@ JHN 7 52 pt91 figs-rquestion καὶ σὺ ἐκ τῆς Γαλιλαίας ε JHN 7 52 k6pg figs-ellipsis ἐραύνησον καὶ ἴδε 1 Search and see "यह एक पदन्यूनता है। आप उस जानकारी को शामिल करना चाह सकते हैं जो प्रकट नहीं होती है। वैकल्पिक अनुवाद: ""ध्यान से खोजो और शास्त्रों में जो लिखा है उसे पढ़ो"" (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-ellipsis]])" JHN 7 52 jm59 προφήτης ἐκ τῆς Γαλιλαίας οὐκ ἐγείρεται 1 no prophet comes from Galilee यह शायद इस धारणा को संदर्भित करता है कि यीशु का जन्म गलील में हुआ था। JHN 7 53 s5fi translate-textvariants 0 General Information: सबसे अच्छे शुरुआती संस्करणों में 7:53-8:11 नहीं है। यूएलटी ने उन्हें वर्गाकार कोष्ठक ([ ]) में अलग करके रखा है यह दिखाने के लिए कि यूहन्ना ने शायद उन्हें अपने मूल पाठ में शामिल नहीं किया है। अनुवादकों को उनका अनुवाद करके वर्गाकार कोष्ठकों में अलग से रखने के लिए, और [यूहन्ना 7:53](../07/53.md) के समान एक पाद-टिप्पणी को शामिल करने के लिए प्रोत्साहित किया गया है। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/translate-textvariants]]) -JHN 8 intro e667 0 "# यूहन्ना 08 सामान्य टिप्पणियाँ
## संरचना एवं स्वरूपण

अनुवादक पाठक को समझाने के लिए पद 1 में एक टिप्पणी को शामिल करना चाह सकते हैं कि उन्होंने 8:1-11 का अनुवाद करने का चयन क्यों किया या इसका अनुवाद करने का चयन क्यों नहीं किया ।

## इस अध्याय में विशेष अवधारणाएँ

### एक ज्योति और अंधकार

बाइबल अक्सर अधर्मी लोगों की बात करती है, ऐसे लोग जो उन कामों को नहीं करते हैं जो परमेश्वर को प्रसन्न करते हैं, जैसे कि वे अन्धकार में इधर-उधर घूम रहे थे। यह ज्योति की बात ऐसे करता है जैसे कि यह कुछ ऐसा था जो उन पापपूर्ण लोगों को धर्मी बनने में, यह समझने में कि वे क्या गलत कर रहे हैं और परमेश्वर की आज्ञा का पालन करना आरम्भ करने में सक्षम बनाता है। यहाँ यह सभी गैर-यहूदी हैं (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/righteous]])

### मैं हूँ

यूहन्ना द्वारा यीशु को यह शब्द कहते हुए इस पुस्तक में चार बार और इस अध्याय में तीन बार लिखा गया है। ये शब्द एक पूर्ण वाक्य का प्रतीक हैं, और ये ""मैं हूँ"" के उन इब्रानी शब्दों का शाब्दिक रूप में अनुवाद करते हैं, जिनसे यहोवा ने स्वयं का परिचय मूसा को दिया था। इन कारणों से, बहुत से लोग मानते हैं कि जब यीशु ने इन शब्दों को कहा था तो वह यहोवा होने का दावा कर रहा था। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/yahweh]])।

### शास्त्रियों और फरीसियों का षड़यंत्र

शास्त्री और फरीसी यीशु को धोखा देना चाहते थे। वे उससे यह कहलवाना चाहते थे कि या तो उन्हें इस स्त्री की हत्या करके मूसा के नियम को मानना चाहिए जिसे उन्होंने व्यभिचार करते हुए पकड़ा था या उन्हें मूसा की व्यवस्था की अवज्ञा करके उसके पापों को क्षमा करना चाहिए। यीशु जानता था कि वे उसे धोखा देने की कोशिश कर रहे थे और उन्होंने वास्तव में मूसा की व्यवस्था का पालन करना नहीं चाहा था। वह यह इसलिए जानता था क्योंकि व्यवस्था के अनुसार उन स्त्री और पुरुष दोनों को मार डाला जाना चाहिए लेकिन वे उस पुरुष को यीशु के पास नहीं लाए थे। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/adultery]])

## इस अध्याय में अन्य संभावित अनुवाद की कठिनाइयाँ

### ""मनुष्य का पुत्र""

यीशु इस अध्याय में स्वयं को ""मनुष्य का पुत्र"" के रूप में संदर्भित करता है ([यूहन्ना 8:28](../../jhn/08/28.md))। आपकी भाषा शायद लोगों को स्वयं के बारे में इस प्रकार बात करने की अनुमति न दे जैसे कि वे किसी और के बारे में बात कर रहे थे। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/sonofman]] और [[rc://hi/ta/man/translate/figs-123person]])
" +JHN 8 intro e667 0 # यूहन्ना 08 सामान्य टिप्पणियाँ
## संरचना एवं स्वरूपण

अनुवादक पाठक को समझाने के लिए पद 1 में एक टिप्पणी को शामिल करना चाह सकते हैं कि उन्होंने 8:1-11 का अनुवाद करने का चयन क्यों किया या इसका अनुवाद करने का चयन क्यों नहीं किया ।

## इस अध्याय में विशेष अवधारणाएँ

### एक ज्योति और अंधकार

बाइबल अक्सर अधर्मी लोगों की बात करती है, ऐसे लोग जो उन कामों को नहीं करते हैं जो परमेश्वर को प्रसन्न करते हैं, जैसे कि वे अन्धकार में इधर-उधर घूम रहे थे। यह ज्योति की बात ऐसे करता है जैसे कि यह कुछ ऐसा था जो उन पापपूर्ण लोगों को धर्मी बनने में, यह समझने में कि वे क्या गलत कर रहे हैं और परमेश्वर की आज्ञा का पालन करना आरम्भ करने में सक्षम बनाता है। यहाँ यह सभी गैर-यहूदी हैं (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/righteous]])

### मैं हूँ

यूहन्ना द्वारा यीशु को यह शब्द कहते हुए इस पुस्तक में चार बार और इस अध्याय में तीन बार लिखा गया है। ये शब्द एक पूर्ण वाक्य का प्रतीक हैं, और ये ""मैं हूँ"" के उन इब्रानी शब्दों का शाब्दिक रूप में अनुवाद करते हैं, जिनसे यहोवा ने स्वयं का परिचय मूसा को दिया था। इन कारणों से, बहुत से लोग मानते हैं कि जब यीशु ने इन शब्दों को कहा था तो वह यहोवा होने का दावा कर रहा था। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/yahweh]])।

### शास्त्रियों और फरीसियों का षड़यंत्र

शास्त्री और फरीसी यीशु को धोखा देना चाहते थे। वे उससे यह कहलवाना चाहते थे कि या तो उन्हें इस स्त्री की हत्या करके मूसा के नियम को मानना चाहिए जिसे उन्होंने व्यभिचार करते हुए पकड़ा था या उन्हें मूसा की व्यवस्था की अवज्ञा करके उसके पापों को क्षमा करना चाहिए। यीशु जानता था कि वे उसे धोखा देने की कोशिश कर रहे थे और उन्होंने वास्तव में मूसा की व्यवस्था का पालन करना नहीं चाहा था। वह यह इसलिए जानता था क्योंकि व्यवस्था के अनुसार उन स्त्री और पुरुष दोनों को मार डाला जाना चाहिए लेकिन वे उस पुरुष को यीशु के पास नहीं लाए थे। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/adultery]])

## इस अध्याय में अन्य संभावित अनुवाद की कठिनाइयाँ

### ""मनुष्य का पुत्र""

यीशु इस अध्याय में स्वयं को ""मनुष्य का पुत्र"" के रूप में संदर्भित करता है ([यूहन्ना 8:28](../../jhn/08/28.md))। आपकी भाषा शायद लोगों को स्वयं के बारे में इस प्रकार बात करने की अनुमति न दे जैसे कि वे किसी और के बारे में बात कर रहे थे। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/sonofman]] और [[rc://hi/ta/man/translate/figs-123person]])
JHN 8 1 mkz2 0 General Information: जबकि कुछ संस्करणों में 7:53 से 8:11 तक मिलता है, सबसे अच्छे और शुरूआती संस्करण में उनको सम्मिलित नहीं करा गया हैं। JHN 8 1 mkz2 0 General Information: कहानी का अगला भाग पद 2 में शुरू होता है जब यीशु मंदिर में लौट कर आता है। JHN 8 1 te4y 0 Connecting Statement: पद 1 हमें बताता है कि यीशु पिछले अध्याय के अंत में कहाँ गया था। @@ -664,7 +664,7 @@ JHN 8 57 r1ek figs-rquestion πεντήκοντα ἔτη οὔπω ἔχεις, JHN 8 58 rnw4 ἀμὴν, ἀμὴν 1 Truly, truly देखें कि आपने इसका अनुवाद [यूहन्ना 1:51](../01/51.md) में कैसे किया है। JHN 8 58 k4tp ἐγὼ εἰμί 1 I AM "संभावित अर्थ हैं 1) यीशु स्वयं का परिचय यहोवा के रूप में दे रहा है, जिसने मूसा को ""मैं हूँ"" के रूप में स्वयं का परिचय दिया था या 2) यीशु कह रहा है, ""अब्राहम के अस्तित्व से पहले, मैं अस्तित्व में था।""" JHN 8 59 bxs5 figs-explicit ἦραν οὖν λίθους, ἵνα βάλωσιν ἐπ’ αὐτόν 1 Then they picked up stones to throw at him "यीशु ने जो कहा है उस पर यहूदियों के अगुवे क्रोधित हैं। यहाँ यह बताया गया है कि वे उसे इसलिए मारना चाहते थे क्योंकि उसने स्वयं को परमेश्वर के बराबर बना दिया था। वैकल्पिक अनुवाद: ""तब उन्होंने उसे मारने के लिए पत्थर उठाए क्योंकि उसने परमेश्वर के बराबर होने का दावा किया था"" (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-explicit]])" -JHN 9 intro hq31 0 "# यूहन्ना 09 सामान्य टिप्पणियाँ
## इस अध्याय में विशेष अवधारणाएँ

### ""जिसने पाप किया है?""

यीशु के समय में कई यहूदियों का मानना ​​था कि यदि कोई व्यक्ति अंधा, बहरा या अपंग होता था तो यह उसने या उसके माता-पिता ने या उसके परिवार के किसी जन ने पाप के कारण है। यह मूसा की व्यवस्था की शिक्षा नहीं थी। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/sin]] और [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/lawofmoses]])

### ""वह सब्त को नहीं मानता""

फरीसियों ने सोचा कि यीशु काम कर रहा था, और इसलिए गारा बनाकर, सब्त के नियम को तोड़ रहा था। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/sabbath]])

## इस अध्याय में महत्वपूर्ण रूपक

### ज्योति और अंधकार

बाइबल अक्सर अधर्मी लोगों की बात करती है, ऐसे लोग जो उन कामों को नहीं करते हैं जो परमेश्वर को प्रसन्न करते हैं, जैसे कि वे अन्धकार में इधर-उधर घूम रहे थे। यह ज्योति की बात ऐसे करता है जैसे कि यह कुछ ऐसा था जो उन पापपूर्ण लोगों को धर्मी बनने में, यह समझने में कि वे क्या गलत कर रहे हैं और परमेश्वर की आज्ञा का पालन करना आरम्भ करने में सक्षम बनाता है। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/righteous]])

### आँखों वाले अंधे होना

यीशु फरीसियों को अंधा कहता है क्योंकि वे देखते हैं कि यीशु अंधे लोगों को चंगा करने में सक्षम है लेकिन वे अब भी विश्वास नहीं करते कि परमेश्वर ने उसे भेजा है ([यूहन्ना 9:39-40](./39.md))। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-metaphor]])

## इस अध्याय में अन्य संभावित अनुवाद की कठिनाइयाँ

### ""मनुष्य का पुत्र""

यीशु इस अध्याय में स्वयं को ""मनुष्य का पुत्र"" के रूप में संदर्भित करता है ([यूहन्ना 9:35](../../jhn/09/35.md))। आपकी भाषा शायद लोगों को स्वयं के बारे में इस प्रकार बात करने की अनुमति न दे जैसे कि वे किसी और के बारे में बात कर रहे थे। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/sonofman]] और [[rc://hi/ta/man/translate/figs-123person]])
" +JHN 9 intro hq31 0 # यूहन्ना 09 सामान्य टिप्पणियाँ
## इस अध्याय में विशेष अवधारणाएँ

### ""जिसने पाप किया है?""

यीशु के समय में कई यहूदियों का मानना ​​था कि यदि कोई व्यक्ति अंधा, बहरा या अपंग होता था तो यह उसने या उसके माता-पिता ने या उसके परिवार के किसी जन ने पाप के कारण है। यह मूसा की व्यवस्था की शिक्षा नहीं थी। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/sin]] और [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/lawofmoses]])

### ""वह सब्त को नहीं मानता""

फरीसियों ने सोचा कि यीशु काम कर रहा था, और इसलिए गारा बनाकर, सब्त के नियम को तोड़ रहा था। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/sabbath]])

## इस अध्याय में महत्वपूर्ण रूपक

### ज्योति और अंधकार

बाइबल अक्सर अधर्मी लोगों की बात करती है, ऐसे लोग जो उन कामों को नहीं करते हैं जो परमेश्वर को प्रसन्न करते हैं, जैसे कि वे अन्धकार में इधर-उधर घूम रहे थे। यह ज्योति की बात ऐसे करता है जैसे कि यह कुछ ऐसा था जो उन पापपूर्ण लोगों को धर्मी बनने में, यह समझने में कि वे क्या गलत कर रहे हैं और परमेश्वर की आज्ञा का पालन करना आरम्भ करने में सक्षम बनाता है। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/righteous]])

### आँखों वाले अंधे होना

यीशु फरीसियों को अंधा कहता है क्योंकि वे देखते हैं कि यीशु अंधे लोगों को चंगा करने में सक्षम है लेकिन वे अब भी विश्वास नहीं करते कि परमेश्वर ने उसे भेजा है ([यूहन्ना 9:39-40](./39.md))। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-metaphor]])

## इस अध्याय में अन्य संभावित अनुवाद की कठिनाइयाँ

### ""मनुष्य का पुत्र""

यीशु इस अध्याय में स्वयं को ""मनुष्य का पुत्र"" के रूप में संदर्भित करता है ([यूहन्ना 9:35](../../jhn/09/35.md))। आपकी भाषा शायद लोगों को स्वयं के बारे में इस प्रकार बात करने की अनुमति न दे जैसे कि वे किसी और के बारे में बात कर रहे थे। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/sonofman]] और [[rc://hi/ta/man/translate/figs-123person]])
JHN 9 1 fa5a 0 General Information: जब यीशु और उसके चेले जा रहे हैं वे एक अंधे मनुष्य के पास पहुँचे। JHN 9 1 un4h writing-newevent καὶ 1 Now यह शब्द दिखाता है कि लेखक एक नई घटना का वर्णन करने वाला है। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/writing-newevent]]) JHN 9 1 z5sx figs-synecdoche παράγων 1 as Jesus passed by """यीशु"" यहाँ यीशु और चेलों के लिए एक उपलक्ष्य अलंकार है। वैकल्पिक अनुवाद: ""जब यीशु और उसके चेले वहाँ से निकले"" (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-synecdoche]])" @@ -724,7 +724,7 @@ JHN 9 39 te5y figs-metaphor ἵνα οἱ μὴ βλέποντες, βλέπωσ JHN 9 40 d8mm μὴ καὶ ἡμεῖς τυφλοί ἐσμεν 1 Are we also blind? क्या तुझे लगता है कि हम आध्यात्मिक रूप से अंधे हैं? JHN 9 41 rh3l figs-metaphor εἰ τυφλοὶ ἦτε, οὐκ ἂν εἴχετε ἁμαρτίαν 1 If you were blind, you would have no sin "यहाँ ""अंधापन"" परमेश्वर की सच्चाई को न जानने के लिए एक रूपक है। वैकल्पिक अनुवाद: ""अगर तुम परमेश्वर की सच्चाई जानना चाहते तो तुम अपनी दृष्टि प्राप्त करने योग्य होते। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-metaphor]])" JHN 9 41 jmq7 figs-metaphor νῦν δὲ λέγετε, ὅτι βλέπομεν, ἡ ἁμαρτία ὑμῶν μένει 1 but now you say, 'We see,' so your sin remains "यहाँ ""देखना"" परमेश्वर की सच्चाई जानने के लिए एक रूपक है। वैकल्पिक अनुवाद: ""चूँकि तुम गलत रीति से सोचते हो कि तुम पहले से ही परमेश्वर की सच्चाई जानते हो इसलिए तुम अंधे ही रहोगे"" (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-metaphor]])" -JHN 10 intro e8mb 0 "# यूहन्ना 10 सामान्य टिप्पणियाँ
## इस अध्याय में विशेष अवधारणाएँ

### परमेश्वर की निंदा

जब कोई व्यक्ति दावा करता है कि वह परमेश्वर है या यह कि परमेश्वर ने उसे बोलने के लिए कहा है जबकि परमेश्वर ने उसे बोलने के लिए नहीं कहा है, इसे परमेश्वर की निंदा कहा जाता है। मूसा की व्यवस्था में इस्राएलियों को आज्ञा दी गई थी कि वे उन्हें पत्थरवाह करके मार डालें जो परमेश्वर की निंदा करते हैं। जब यीशु ने कहा, ""मैं और पिता एक हैं,"" यहूदियों ने सोचा कि वह परमेश्वर की निंदा कर रहा था, इसलिए उन्होंने उसे मार डालने के लिए पत्थर उठाए। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/blasphemy]] और [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/lawofmoses]])

## इस अध्याय में महत्वपूर्ण रूपक

### भेड़

यीशु ने लोगों को भेड़ों के जैसा कहा क्योंकि भेड़ें अच्छी तरह से नहीं देखती हैं, वे अच्छी तरह से नहीं सोचती हैं, वे अक्सर उनसे दूर चली जाती हैं जो उनकी देखभाल करते हैं, और जब अन्य जानवर उन पर हमला करते हैं तो वे स्वयं की रक्षा नहीं कर सकती हैं। परमेश्वर के लोग भी उसके विरुद्ध विद्रोह करते हैं और नहीं जानते कि वे कब गलत कर रहे हैं।

### भेड़शाला

भेड़शाला एक स्थान था जिसके चारों ओर एक पत्थर की दीवार होती है जिसमें चरवाहे अपनी भेड़ें को रखेंगे। एक बार वे भेड़शाला के अंदर हों तो भेड़ें भाग नहीं सकती थीं और जानवर और चोर उनको मारने या चुरा लेने के लिए आसानी से अंदर नहीं आ सकते थे।

### जीवन देता और लेना

यीशु अपने जीवन की बात ऐसे करता है जैसे कि यह एक भौतिक वस्तु जिसे वह भूमि पर डाल सकता था, मरने के लिए एक रूपक, या फिर से उठा सकता था, फिर से जीवित होने के लिए एक रूपक।
" +JHN 10 intro e8mb 0 # यूहन्ना 10 सामान्य टिप्पणियाँ
## इस अध्याय में विशेष अवधारणाएँ

### परमेश्वर की निंदा

जब कोई व्यक्ति दावा करता है कि वह परमेश्वर है या यह कि परमेश्वर ने उसे बोलने के लिए कहा है जबकि परमेश्वर ने उसे बोलने के लिए नहीं कहा है, इसे परमेश्वर की निंदा कहा जाता है। मूसा की व्यवस्था में इस्राएलियों को आज्ञा दी गई थी कि वे उन्हें पत्थरवाह करके मार डालें जो परमेश्वर की निंदा करते हैं। जब यीशु ने कहा, ""मैं और पिता एक हैं,"" यहूदियों ने सोचा कि वह परमेश्वर की निंदा कर रहा था, इसलिए उन्होंने उसे मार डालने के लिए पत्थर उठाए। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/blasphemy]] और [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/lawofmoses]])

## इस अध्याय में महत्वपूर्ण रूपक

### भेड़

यीशु ने लोगों को भेड़ों के जैसा कहा क्योंकि भेड़ें अच्छी तरह से नहीं देखती हैं, वे अच्छी तरह से नहीं सोचती हैं, वे अक्सर उनसे दूर चली जाती हैं जो उनकी देखभाल करते हैं, और जब अन्य जानवर उन पर हमला करते हैं तो वे स्वयं की रक्षा नहीं कर सकती हैं। परमेश्वर के लोग भी उसके विरुद्ध विद्रोह करते हैं और नहीं जानते कि वे कब गलत कर रहे हैं।

### भेड़शाला

भेड़शाला एक स्थान था जिसके चारों ओर एक पत्थर की दीवार होती है जिसमें चरवाहे अपनी भेड़ें को रखेंगे। एक बार वे भेड़शाला के अंदर हों तो भेड़ें भाग नहीं सकती थीं और जानवर और चोर उनको मारने या चुरा लेने के लिए आसानी से अंदर नहीं आ सकते थे।

### जीवन देता और लेना

यीशु अपने जीवन की बात ऐसे करता है जैसे कि यह एक भौतिक वस्तु जिसे वह भूमि पर डाल सकता था, मरने के लिए एक रूपक, या फिर से उठा सकता था, फिर से जीवित होने के लिए एक रूपक।
JHN 10 1 gzd8 figs-parables 0 General Information: यीशु दृष्टांतों में बात करना शुरू करता है। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-parables]]) JHN 10 1 ab9x 0 Connecting Statement: यीशु फरीसियों से बात करना जारी रखता है। यह उस कहानी का वही हिस्सा है जो [यूहन्ना 9:35](../09/35.md) में शुरू हुआ था। JHN 10 1 i3tj ἀμὴν, ἀμὴν 1 Truly, truly देखें कि आपने इसका अनुवाद [यूहन्ना 1:51](../01/51.md) में कैसे किया है। @@ -806,7 +806,7 @@ JHN 10 40 f5dx figs-explicit ἔμεινεν ἐκεῖ 1 he stayed there यी JHN 10 41 m1pl Ἰωάννης μὲν σημεῖον ἐποίησεν οὐδέν; πάντα δὲ ὅσα εἶπεν Ἰωάννης περὶ τούτου ἀληθῆ ἦν 1 John indeed did no signs, but all the things that John has said about this man are true यह सच है कि यूहन्ना ने कोई चिन्ह नहीं दिखाया, लेकिन उसने निश्चित रूप से इस व्यक्ति के बारे में सच्चाई बोली थी, जो चिन्ह दिखाता है।" JHN 10 41 lw9n σημεῖον 1 signs ये चमत्कार हैं जो साबित करते हैं कि कुछ सच है या जो किसी व्यक्ति को विश्वसनीयता प्रदान करते हैं। JHN 10 42 ieh5 ἐπίστευσαν εἰς 1 believed in "यहाँ ""पर विश्वास किया"" का अर्थ है उसको स्वीकारा या भरोसा किया कि यीशु ने जो कहा वह सच था।" -JHN 11 intro tks5 0 "# यूहन्ना 11 सामान्य टिप्पणियाँ
## इस अध्याय में विशेष अवधारणाएँ

### ज्योति और अंधकार

बाइबल अक्सर अधर्मी लोगों की बात करती है, ऐसे लोग जो उन कामों को नहीं करते हैं जो परमेश्वर को प्रसन्न करते हैं, जैसे कि वे अन्धकार में इधर-उधर घूम रहे थे। यह ज्योति की बात ऐसे करता है जैसे कि यह कुछ ऐसा था जो उन पापपूर्ण लोगों को धर्मी बनने में, यह समझने में कि वे क्या गलत कर रहे हैं और परमेश्वर की आज्ञा का पालन करना आरम्भ करने में सक्षम बनाता है। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/righteous]])

### फसह

यीशु के द्वारा लाज़र को फिर से जीवित करने के बाद, यहूदियों के अगुवे उसे मारने की बहुत कोशिश कर रहे थे, इसलिए उसने गुप्त रूप से एक स्थान से दूसरे स्थान तक यात्रा करनी शुरू की। अब फरीसियों को पता था कि वह शायद फसह के लिए यरूशलेम आएगा क्योंकि परमेश्वर ने सभी यहूदी पुरुषों को यरूशलेम में फसह मनाने का आदेश दिया था, इसलिए उन्होंने उस समय उसे पकड़ने और उसे मारने की योजना बनाई। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/passover]])

## इस अध्याय के महत्वपूर्ण अलंकार

### ""एक व्यक्ति लोगों के लिए मरता है""

याजकों को मूसा की व्यवस्था ने जानवरों को मारने का आदेश दिया था जिससे कि परमेश्वर लोगों के पापों को क्षमा करेगा। महायाजक कैफा ने कहा, ""यह तुम्हारे लिए बेहतर है कि एक व्यक्ति लोगों के लिए मर जाए, बजाए इसके कि पूरा देश नष्ट हो"" ([यूहन्ना 10:50](../../jhn/10/50.md))। उसने ऐसा इसलिए कहा क्योंकि वह अपने ""स्थान"" और ""राष्ट्र"" से अधिक प्यार करता था ([यूहन्ना 10:48](../../jhn/10/48.md)) उस परमेश्वर से प्यार करने से बढ़ कर, जिसने लाज़र को फिर से जीवित कर दिया था। वह चाहता था कि यीशु मर जाए जिससे कि मंदिर और यरूशलेम को रोमी नष्ट न करें, लेकिन परमेश्वर चाहता था कि यीशु मर जाए ताकि वह अपने सभी लोगों के पापों को क्षमा कर सके।

### काल्पनिक परिस्थिति

जब मार्था ने कहा, ""अगर तुम यहाँ होते तो मेरा भाई नहीं मरता,"" वह एक ऐसी परिस्थिति की बात कर रही थी जो हो सकती था लेकिन नहीं हुई। यीशु नहीं आया था और उसका भाई मर गया था।
" +JHN 11 intro tks5 0 # यूहन्ना 11 सामान्य टिप्पणियाँ
## इस अध्याय में विशेष अवधारणाएँ

### ज्योति और अंधकार

बाइबल अक्सर अधर्मी लोगों की बात करती है, ऐसे लोग जो उन कामों को नहीं करते हैं जो परमेश्वर को प्रसन्न करते हैं, जैसे कि वे अन्धकार में इधर-उधर घूम रहे थे। यह ज्योति की बात ऐसे करता है जैसे कि यह कुछ ऐसा था जो उन पापपूर्ण लोगों को धर्मी बनने में, यह समझने में कि वे क्या गलत कर रहे हैं और परमेश्वर की आज्ञा का पालन करना आरम्भ करने में सक्षम बनाता है। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/righteous]])

### फसह

यीशु के द्वारा लाज़र को फिर से जीवित करने के बाद, यहूदियों के अगुवे उसे मारने की बहुत कोशिश कर रहे थे, इसलिए उसने गुप्त रूप से एक स्थान से दूसरे स्थान तक यात्रा करनी शुरू की। अब फरीसियों को पता था कि वह शायद फसह के लिए यरूशलेम आएगा क्योंकि परमेश्वर ने सभी यहूदी पुरुषों को यरूशलेम में फसह मनाने का आदेश दिया था, इसलिए उन्होंने उस समय उसे पकड़ने और उसे मारने की योजना बनाई। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/passover]])

## इस अध्याय के महत्वपूर्ण अलंकार

### ""एक व्यक्ति लोगों के लिए मरता है""

याजकों को मूसा की व्यवस्था ने जानवरों को मारने का आदेश दिया था जिससे कि परमेश्वर लोगों के पापों को क्षमा करेगा। महायाजक कैफा ने कहा, ""यह तुम्हारे लिए बेहतर है कि एक व्यक्ति लोगों के लिए मर जाए, बजाए इसके कि पूरा देश नष्ट हो"" ([यूहन्ना 10:50](../../jhn/10/50.md))। उसने ऐसा इसलिए कहा क्योंकि वह अपने ""स्थान"" और ""राष्ट्र"" से अधिक प्यार करता था ([यूहन्ना 10:48](../../jhn/10/48.md)) उस परमेश्वर से प्यार करने से बढ़ कर, जिसने लाज़र को फिर से जीवित कर दिया था। वह चाहता था कि यीशु मर जाए जिससे कि मंदिर और यरूशलेम को रोमी नष्ट न करें, लेकिन परमेश्वर चाहता था कि यीशु मर जाए ताकि वह अपने सभी लोगों के पापों को क्षमा कर सके।

### काल्पनिक परिस्थिति

जब मार्था ने कहा, ""अगर तुम यहाँ होते तो मेरा भाई नहीं मरता,"" वह एक ऐसी परिस्थिति की बात कर रही थी जो हो सकती था लेकिन नहीं हुई। यीशु नहीं आया था और उसका भाई मर गया था।
JHN 11 1 fsf7 writing-participants 0 General Information: ये पद लाज़र की कहानी को प्रस्तुत करते हैं, तथा उसकी और उसकी बहन मरियम की पृष्ठभूमि की जानकारी देते हैं। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/writing-participants]] और [[rc://hi/ta/man/translate/writing-background]]) JHN 11 2 c6r9 writing-background ἦν δὲ Μαρία ἡ ἀλείψασα τὸν Κύριον μύρῳ, καὶ ἐκμάξασα τοὺς πόδας αὐτοῦ ταῖς θριξὶν αὐτῆς 1 It was Mary who anointed the Lord ... her hair जैसे ही यूहन्ना मार्था की बहन मरियम, का परिचय देता है, वह कहानी में बाद में होने वाले वृत्तांत के बारे में भी जानकारी साझा करता है। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/writing-background]]) JHN 11 3 i2ar ἀπέστειλαν…πρὸς αὐτὸν 1 sent for Jesus यीशु से आने के लिए कहा @@ -895,7 +895,7 @@ JHN 11 56 a5kt figs-events 0 General Information: पद 57 की बाते JHN 11 56 kc75 ἐζήτουν…τὸν Ἰησοῦν 1 They were looking for Jesus """वे"" शब्द उन यहूदी लोगों को संदर्भित करता है जिन्होंने यरूशलेम की यात्रा की थी।" JHN 11 56 p2wz figs-rquestion τί δοκεῖ ὑμῖν? ὅτι οὐ μὴ ἔλθῃ εἰς τὴν ἑορτήν 1 What do you think? That he will not come to the festival? "ये अलंकारिक प्रश्न हैं जो यीशु के फसह के पर्व में आने को लेकर एक मजबूत संदेह की बात को व्यक्त करते हैं। दूसरा प्रश्न एक पदन्यूनता है जो ""तुम्हें क्या लगता है"" शब्दों को छोड़ देता है। यहाँ वक्ता यह आश्चर्य कर रहे थे कि क्या यीशु पर्व में आएगा क्योंकि उसके गिरफ्तार किए जाने का खतरा है। वैकल्पिक अनुवाद: ""यीशु शायद पर्व में नहीं आएगा। वह गिरफ्तार किए जाने से डर सकता है! ""(देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-rquestion]] और [[rc://hi/ta/man/translate/figs-ellipsis]])" JHN 11 57 glb6 writing-background δὲ οἱ ἀρχιερεῖς 1 Now the chief priests यह पृष्ठभूमि की जानकारी है जो यह बताती है कि क्यों यहूदी उपासक यीशु के पर्व में आने या न आने को लेकर आश्चर्य कर रहे थे। यदि आपकी भाषा में पृष्ठभूमि की जानकारी चिन्हित करने का कोई तरीका है, तो उसका उपयोग यहाँ करें। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/writing-background]]) -JHN 12 intro qzv4 0 "# यूहन्ना 12 सामान्य टिप्पणियाँ
## संरचना एवं स्वरूपण

कुछ अनुवाद पढ़ने में आसान बनाने के लिए पाठ के बाकी हिस्सों की तुलना में काव्य की प्रत्येक पंक्ति को दाईं ओर व्यवस्थित करते हैं। यूएलटी 12:38 और 40 पदों में काव्य के साथ ऐसा करता है, जो कि पुराने नियम के वचन हैं।

पद 16 इन घटनाओं पर एक टिप्पणी है। इस पूरे पद को कहानी के वर्णन से अलग करने के लिए वर्गाकार कोष्टकों में रखा जाना संभव है।

## इस अध्याय में विशेष अवधारणाएँ

### मरियम ने यीशु के पैरों का अभिषेक किया

यहूदी लोग एक व्यक्ति को स्वागत और आरामदायक महसूस करवाने के लिए उसके सिर पर तेल डालते थे। किसी व्यक्ति की मृत्यु के बाद, वे उसके शव को दफनाने से पहले उस व्यक्ति के शरीर पर तेल डालते थे। लेकिन उन्होंने किसी व्यक्ति के पैरों पर तेल डालने के बारे में कभी नहीं सोचा था क्योंकि वे सोचा था कि पैर गंदे थे।

### गधा और गधे का बच्चा

यीशु ने एक जानवर पर सवारी करके यरूशलेम में प्रवेश किया। इस प्रकार वह एक राजा के समान था जो एक महत्वपूर्ण लड़ाई जीतने के बाद शहर में आया था। इसके अतिरिक्त, पुराने नियम में इस्राएल के राजा गधों पर सवार हुए थे। अन्य राजा घोड़ों पर सवार हुए थे। इस तरह यीशु दिखा रहा था कि वह इस्राएल का राजा था और वह अन्य राजाओं की तरह नहीं था।

मत्ती, मरकुस, लूका और यूहन्ना ने सभी इस घटना के बारे में लिखा था। मत्ती और मरकुस ने लिखा कि चेलों ने यीशु के लिए एक गधा लाया था। यूहन्ना ने लिखा कि यीशु को एक गधा मिला। लूका ने लिखा कि वे उसके पास एक गधे का बच्चा लेकर आए थे। केवल मत्ती ने लिखा था कि एक गधे और लादू दोनों था। कोई भी यह सुनिश्चित नहीं जानता कि यीशु गधे या लादू किस पर सवार हुआ था। इन सभी व्याख्यानों का अनुवाद उसी प्रकार से किया जाना सबसे अच्छा है जैसे यह यूएलटी में दिखते हैं, इन सबके साथ यह कोशिश किए बिना कि ये सब एक ही बात को व्यक्त करते हैं। (देखे: [मत्ती 21:1-7](../../mat/21/01.md) और [मरकुस 11:1-7](../../mrk/11/01.md) और [लूका 19:29-36](../../luk/19/29.md) और [यूहन्ना 12:14-15](../../jhn/12/14.md))

###

### महिमा

पवित्र-शास्त्र अक्सर परमेश्वर की महिमा को एक बहुत बड़ी और उज्जवल ज्योति के रूप में व्यक्त करता है। जब लोग ज्योति को देखते हैं तो वे डर जाते हैं। इस अध्याय में यूहन्ना कहता है कि यीशु की महिमा उसका पुनरुत्थान है ([यूहन्ना 12:16](../../jhn/12/16.md))।

## इस अध्याय के महत्वपूर्ण अलंकार

### ज्योति और अंधकार के रूपक

बाइबल अक्सर अधर्मी लोगों की बात करती है, ऐसे लोग जो उन कामों को नहीं करते हैं जो परमेश्वर को प्रसन्न करते हैं, जैसे कि वे अन्धकार में इधर-उधर घूम रहे थे। यह ज्योति की बात ऐसे करता है जैसे कि यह कुछ ऐसा था जो उन पापपूर्ण लोगों को धर्मी बनने में, यह समझने में कि वे क्या गलत कर रहे हैं और परमेश्वर की आज्ञा का पालन करना आरम्भ करने में सक्षम बनाता है। (देखें: [Matthew 21:1-7](../../mat/21/01.md)

## इस अध्याय में अन्य संभावित अनुवाद की कठिनाइयाँ

### विरोधाभास

एक विरोधाभास एक सच्चा बयान है जो किसी असंभव बात का वर्णन करने के लिए प्रकट होता है। एक विरोधाभास 12:25 में आता है: ""जो कोई अपने स्वयं के जीवन को प्यार करता है वह उसे खो देगा; परन्तु जो अपने जीवन से इस संसार में नफरत करता है वह उसे अनन्त जीवन के लिए सुरक्षित रखेगा।"" लेकिन 12:26 में यीशु बताता है कि किसी के जीवन को अनन्त जीवन के लिए सुरक्षित रखने का मतलब क्या है। ([यूहन्ना 12:25-26](./25.md))।
" +JHN 12 intro qzv4 0 # यूहन्ना 12 सामान्य टिप्पणियाँ
## संरचना एवं स्वरूपण

कुछ अनुवाद पढ़ने में आसान बनाने के लिए पाठ के बाकी हिस्सों की तुलना में काव्य की प्रत्येक पंक्ति को दाईं ओर व्यवस्थित करते हैं। यूएलटी 12:38 और 40 पदों में काव्य के साथ ऐसा करता है, जो कि पुराने नियम के वचन हैं।

पद 16 इन घटनाओं पर एक टिप्पणी है। इस पूरे पद को कहानी के वर्णन से अलग करने के लिए वर्गाकार कोष्टकों में रखा जाना संभव है।

## इस अध्याय में विशेष अवधारणाएँ

### मरियम ने यीशु के पैरों का अभिषेक किया

यहूदी लोग एक व्यक्ति को स्वागत और आरामदायक महसूस करवाने के लिए उसके सिर पर तेल डालते थे। किसी व्यक्ति की मृत्यु के बाद, वे उसके शव को दफनाने से पहले उस व्यक्ति के शरीर पर तेल डालते थे। लेकिन उन्होंने किसी व्यक्ति के पैरों पर तेल डालने के बारे में कभी नहीं सोचा था क्योंकि वे सोचा था कि पैर गंदे थे।

### गधा और गधे का बच्चा

यीशु ने एक जानवर पर सवारी करके यरूशलेम में प्रवेश किया। इस प्रकार वह एक राजा के समान था जो एक महत्वपूर्ण लड़ाई जीतने के बाद शहर में आया था। इसके अतिरिक्त, पुराने नियम में इस्राएल के राजा गधों पर सवार हुए थे। अन्य राजा घोड़ों पर सवार हुए थे। इस तरह यीशु दिखा रहा था कि वह इस्राएल का राजा था और वह अन्य राजाओं की तरह नहीं था।

मत्ती, मरकुस, लूका और यूहन्ना ने सभी इस घटना के बारे में लिखा था। मत्ती और मरकुस ने लिखा कि चेलों ने यीशु के लिए एक गधा लाया था। यूहन्ना ने लिखा कि यीशु को एक गधा मिला। लूका ने लिखा कि वे उसके पास एक गधे का बच्चा लेकर आए थे। केवल मत्ती ने लिखा था कि एक गधे और लादू दोनों था। कोई भी यह सुनिश्चित नहीं जानता कि यीशु गधे या लादू किस पर सवार हुआ था। इन सभी व्याख्यानों का अनुवाद उसी प्रकार से किया जाना सबसे अच्छा है जैसे यह यूएलटी में दिखते हैं, इन सबके साथ यह कोशिश किए बिना कि ये सब एक ही बात को व्यक्त करते हैं। (देखे: [मत्ती 21:1-7](../../mat/21/01.md) और [मरकुस 11:1-7](../../mrk/11/01.md) और [लूका 19:29-36](../../luk/19/29.md) और [यूहन्ना 12:14-15](../../jhn/12/14.md))

###

### महिमा

पवित्र-शास्त्र अक्सर परमेश्वर की महिमा को एक बहुत बड़ी और उज्जवल ज्योति के रूप में व्यक्त करता है। जब लोग ज्योति को देखते हैं तो वे डर जाते हैं। इस अध्याय में यूहन्ना कहता है कि यीशु की महिमा उसका पुनरुत्थान है ([यूहन्ना 12:16](../../jhn/12/16.md))।

## इस अध्याय के महत्वपूर्ण अलंकार

### ज्योति और अंधकार के रूपक

बाइबल अक्सर अधर्मी लोगों की बात करती है, ऐसे लोग जो उन कामों को नहीं करते हैं जो परमेश्वर को प्रसन्न करते हैं, जैसे कि वे अन्धकार में इधर-उधर घूम रहे थे। यह ज्योति की बात ऐसे करता है जैसे कि यह कुछ ऐसा था जो उन पापपूर्ण लोगों को धर्मी बनने में, यह समझने में कि वे क्या गलत कर रहे हैं और परमेश्वर की आज्ञा का पालन करना आरम्भ करने में सक्षम बनाता है। (देखें: [Matthew 21:1-7](../../mat/21/01.md)

## इस अध्याय में अन्य संभावित अनुवाद की कठिनाइयाँ

### विरोधाभास

एक विरोधाभास एक सच्चा बयान है जो किसी असंभव बात का वर्णन करने के लिए प्रकट होता है। एक विरोधाभास 12:25 में आता है: ""जो कोई अपने स्वयं के जीवन को प्यार करता है वह उसे खो देगा; परन्तु जो अपने जीवन से इस संसार में नफरत करता है वह उसे अनन्त जीवन के लिए सुरक्षित रखेगा।"" लेकिन 12:26 में यीशु बताता है कि किसी के जीवन को अनन्त जीवन के लिए सुरक्षित रखने का मतलब क्या है। ([यूहन्ना 12:25-26](./25.md))।
JHN 12 1 elj4 0 General Information: यीशु बैतनिय्याह में रात्रि-भोज में है जब मरियम तेल से उसके पैरों का अभिषेक करती है। JHN 12 1 s1v2 writing-newevent πρὸ ἓξ ἡμερῶν τοῦ Πάσχα 1 Six days before the Passover लेखक एक नए घटना की शुरूआत को चिन्हित करने के लिए इन शब्दों का उपयोग करता है। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/writing-newevent]]) JHN 12 1 z1jp figs-idiom ἤγειρεν ἐκ νεκρῶν 1 had raised from the dead "यह एक मुहावरा है। वैकल्पिक अनुवाद: ""फिर से जीवित कर दिया था"" (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-idiom]])" @@ -1034,7 +1034,7 @@ JHN 13 35 kyd9 figs-hyperbole πάντες 1 everyone आपको यह स् JHN 13 37 ye6m τὴν ψυχήν μου…θήσω 1 lay down my life "अपना प्राण दूँगा या ""मर जाऊँगा""" JHN 13 38 qp88 figs-rquestion τὴν ψυχήν σου ὑπὲρ ἐμοῦ θήσεις 1 Will you lay down your life for me? "यह टिप्पणी यीशु के कथन पर जोर देने के लिए एक प्रश्न के रूप में प्रकट होती है। वैकल्पिक अनुवाद: ""तू कहता है कि तू मेरे लिए मर जाएगा, लेकिन सच्चाई यह है कि तू नहीं मरेगा!"" (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-rquestion]])" JHN 13 38 sp7p οὐ μὴ ἀλέκτωρ φωνήσῃ, ἕως οὗ ἀρνήσῃ με τρίς 1 the rooster will not crow before you have denied me three times मुर्गे के बाँग देने से पहले तीन बार तू कहेगा कि तू मुझे नहीं जानता है -JHN 14 intro kv6m 0 "# यूहन्ना 14 सामान्य टिप्पणियाँ
## इस अध्याय में विशेष अवधारणाएँ

### ""मेरे पिता का घर""

यीशु ने इन शब्दों का प्रयोग स्वर्ग की बात करने के लिए किया, जहाँ परमेश्वर रहते है, मंदिर के लिए नहीं। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/heaven]])

### पवित्र आत्मा

यीशु ने अपने चेलों से कहा कि वह उनके लिए पवित्र आत्मा को भेजेगा। पवित्र आत्मा सहायक है ([यूहन्ना 14:16](../../jhn/14/16.md)) जो हमेशा परमेश्वर के लोगों की सहायता करने और उनके लिए परमेश्वर से बात करने के लिए उनके साथ रहता है, वह सत्य की आत्मा भी है ([यूहन्ना 14:17](../../jhn/14/17.md)) जो परमेश्वर के लोगों को बताता है कि परमेश्वर के बारे में क्या सत्य है, ताकि वे उसे बेहतर तरीके से जानें और उसकी अच्छी रीति से सेवा करें। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/holyspirit]])
" +JHN 14 intro kv6m 0 # यूहन्ना 14 सामान्य टिप्पणियाँ
## इस अध्याय में विशेष अवधारणाएँ

### ""मेरे पिता का घर""

यीशु ने इन शब्दों का प्रयोग स्वर्ग की बात करने के लिए किया, जहाँ परमेश्वर रहते है, मंदिर के लिए नहीं। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/heaven]])

### पवित्र आत्मा

यीशु ने अपने चेलों से कहा कि वह उनके लिए पवित्र आत्मा को भेजेगा। पवित्र आत्मा सहायक है ([यूहन्ना 14:16](../../jhn/14/16.md)) जो हमेशा परमेश्वर के लोगों की सहायता करने और उनके लिए परमेश्वर से बात करने के लिए उनके साथ रहता है, वह सत्य की आत्मा भी है ([यूहन्ना 14:17](../../jhn/14/17.md)) जो परमेश्वर के लोगों को बताता है कि परमेश्वर के बारे में क्या सत्य है, ताकि वे उसे बेहतर तरीके से जानें और उसकी अच्छी रीति से सेवा करें। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/holyspirit]])
JHN 14 1 a2xv 0 Connecting Statement: पिछले अध्याय की कहानी का भाग जारी रहता है। यीशु अपने शिष्यों के साथ मेज पर वापस आ गया है और उनसे वार्तालाप करना जारी रखता है। JHN 14 1 w3dn figs-metonymy μὴ ταρασσέσθω ὑμῶν ἡ καρδία 1 Do not let your heart be troubled "यहाँ ""मन"" किसी व्यक्ति के आंतरिक मनुष्यत्व के लिए एक उपनाम है। वैकल्पिक अनुवाद: ""बहुत चिंतित और व्याकुल होना बंद करो"" (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-metonymy]])" JHN 14 2 cp9z ἐν τῇ οἰκίᾳ τοῦ Πατρός μου, μοναὶ πολλαί εἰσιν 1 In my Father's house are many rooms मेरे पिता के घर में रहने के लिए बहुत सारे स्थान हैं @@ -1267,7 +1267,7 @@ JHN 17 25 ur9j guidelines-sonofgodprinciples Πάτερ δίκαιε 1 Righteous JHN 17 25 xpf5 figs-metonymy ὁ κόσμος σε οὐκ ἔγνω 1 the world did not know you """जगत"" उन लोगों के लिए एक उपनाम है जो परमेश्वर से संबंधित नहीं हैं। वैकल्पिक अनुवाद: ""जो लोग तेरे से संबंधित नहीं हैं वे नहीं जानते कि तू क्या हैं"" (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-metonymy]])" JHN 17 26 xpi3 figs-metonymy ἐγνώρισα αὐτοῖς τὸ ὄνομά σου 1 I made your name known to them "शब्द ""नाम"" परमेश्वर को दर्शाता है। वैकल्पिक अनुवाद: ""मैंने उनको बताया है कि तू कैसा हैं"" (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-metonymy]])" JHN 17 26 gk2j ἀγάπη…ἠγάπησάς 1 love ... loved परमेश्वर से जो प्रेम आता है वह दूसरों के भलाई पर केंद्रित होता है, भले ही इससे स्वयं को लाभ न हो। इस प्रकार का प्रेम दूसरों की परवाह करता है बिना यह विचार करे की दुसरे क्या करते है। -JHN 18 intro ltl2 0 "# यूहन्ना 18 सामान्य टिप्पणियाँ
## संरचना एवं स्वरूपण

पद 14 कहता है, ""अब कैफा वह था जिसने यहूदियों को सलाह दी थी कि यह बेहतर होगा कि एक व्यक्ति लोगों के लिए मार जाए।"" लेखक यह इसलिए कहता है इससे कि पाठक को यह समझने में सहायता मिले कि यीशु को कैफा के पास क्यों लाया गया था। आपको इन शब्दों को कोष्ठक में रखना है। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/writing-background]])

## इस अध्याय में विशेष धारणाएँ

### ""किसी भी व्यक्ति को मारना हमारे लिए वैध नहीं है""

रोमी सरकार के द्वारा यहूदियों को अपराधियों को मारने की अनुमति नहीं दी गई थी, इसलिए यहूदियों को उसे मारने के लिए, पिलातुस, राज्यपाल से पूछने की आवश्यकता थी ([यूहन्ना 18:31](../../यूहन्ना/18/31.md))।

### यीशु का राज्य

कोई भी यह सुनिश्चित रूप से नहीं जानता कि यीशु का क्या मतलब था जब उसने पिलातुस से यह कहा कि उसका राज्य ""इस जगत का"" नहीं था ([यूहन्ना 18:36](../../यूहन्ना/18/36.md))। कुछ लोगों का मानना यह हैं कि यीशु का अर्थ था, उसका राज्य केवल आध्यात्मिक है और उसके पास इस जगत पर कोई राज्य नहीं है, अन्य लोगों का मानना यह हैं कि यीशु का मतलब था, वह बलपूर्वक अपने राज्य का निर्माण और शासन नहीं करेगा, जिस तरह से अन्य राजा करते है। इन शब्दों का अनुवाद ""इस जगत से नहीं है"" या ""किसी अन्य स्थान से आता है"" के रूप में करना संभव है।

### यहूदियों का राजा

जब पिलातुस ने पूछा कि क्या यीशु यहूदियों का राजा है ([यूहन्ना 18:33](../../यूहन्ना/18/33.md)), वह पूछ रहा था कि क्या यीशु राजा हेरोदेस के समान होने का दावा कर रहा था, जिसे रोमी सरकार में यहूदिया पर शासन करने की अनुमति दी थी। जब उसने भीड़ से पूछा कि क्या उसे यहूदियों के राजा को छोड़ना चाहिए ([यूहन्ना 18:39](../../यूहन्ना/18/39.md)), वह यहूदियों का मज़ाक उड़ा रहा है, क्योंकि रोमी और यहूदी एक दूसरे से घृणा करते थे। वह यीशु का मज़ाक उड़ा रहा था, क्योंकि उसने बिलकुल नहीं सोचा था कि यीशु राजा है, (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-irony]])
" +JHN 18 intro ltl2 0 # यूहन्ना 18 सामान्य टिप्पणियाँ
## संरचना एवं स्वरूपण

पद 14 कहता है, ""अब कैफा वह था जिसने यहूदियों को सलाह दी थी कि यह बेहतर होगा कि एक व्यक्ति लोगों के लिए मार जाए।"" लेखक यह इसलिए कहता है इससे कि पाठक को यह समझने में सहायता मिले कि यीशु को कैफा के पास क्यों लाया गया था। आपको इन शब्दों को कोष्ठक में रखना है। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/writing-background]])

## इस अध्याय में विशेष धारणाएँ

### ""किसी भी व्यक्ति को मारना हमारे लिए वैध नहीं है""

रोमी सरकार के द्वारा यहूदियों को अपराधियों को मारने की अनुमति नहीं दी गई थी, इसलिए यहूदियों को उसे मारने के लिए, पिलातुस, राज्यपाल से पूछने की आवश्यकता थी ([यूहन्ना 18:31](../../यूहन्ना/18/31.md))।

### यीशु का राज्य

कोई भी यह सुनिश्चित रूप से नहीं जानता कि यीशु का क्या मतलब था जब उसने पिलातुस से यह कहा कि उसका राज्य ""इस जगत का"" नहीं था ([यूहन्ना 18:36](../../यूहन्ना/18/36.md))। कुछ लोगों का मानना यह हैं कि यीशु का अर्थ था, उसका राज्य केवल आध्यात्मिक है और उसके पास इस जगत पर कोई राज्य नहीं है, अन्य लोगों का मानना यह हैं कि यीशु का मतलब था, वह बलपूर्वक अपने राज्य का निर्माण और शासन नहीं करेगा, जिस तरह से अन्य राजा करते है। इन शब्दों का अनुवाद ""इस जगत से नहीं है"" या ""किसी अन्य स्थान से आता है"" के रूप में करना संभव है।

### यहूदियों का राजा

जब पिलातुस ने पूछा कि क्या यीशु यहूदियों का राजा है ([यूहन्ना 18:33](../../यूहन्ना/18/33.md)), वह पूछ रहा था कि क्या यीशु राजा हेरोदेस के समान होने का दावा कर रहा था, जिसे रोमी सरकार में यहूदिया पर शासन करने की अनुमति दी थी। जब उसने भीड़ से पूछा कि क्या उसे यहूदियों के राजा को छोड़ना चाहिए ([यूहन्ना 18:39](../../यूहन्ना/18/39.md)), वह यहूदियों का मज़ाक उड़ा रहा है, क्योंकि रोमी और यहूदी एक दूसरे से घृणा करते थे। वह यीशु का मज़ाक उड़ा रहा था, क्योंकि उसने बिलकुल नहीं सोचा था कि यीशु राजा है, (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-irony]])
JHN 18 1 sq3t writing-background 0 General Information: पद 1-2 आगे वृत्तांतों की पृष्ठभूमि की जानकारी देते हैं। पद 1 बताता है कि वे कहाँ हुए थे, और पद 2 यहूदा के बारे में पृष्ठभूमि की जानकारी देता है। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/writing-background]]) JHN 18 1 cxz8 writing-newevent ταῦτα εἰπὼν, Ἰησοῦς 1 After Jesus spoke these words लेखक एक नए घटना की शुरूआत को चिन्हित करने के लिए इन शब्दों का उपयोग करता है। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/writing-newevent]]) JHN 18 1 z9bw translate-names Κεδρὼν 1 Kidron Valley यरूशलेम की एक घाटी मंदिर के पहाड़ को जैतून के पर्वत से अलग करती है (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/translate-names]]) @@ -1334,7 +1334,7 @@ JHN 18 38 zbm5 figs-rquestion τί ἐστιν ἀλήθεια 1 What is truth? JHN 18 38 rma7 figs-synecdoche τοὺς Ἰουδαίους 1 the Jews """यहूदियों"" यहाँ एक उपलक्ष्य अलंकार है जो उन यहूदियों के अगुवों को संदर्भित करता है जिन्होंने यीशु का विरोध किया था। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-synecdoche]])" JHN 18 40 a7pl figs-ellipsis μὴ τοῦτον, ἀλλὰ τὸν Βαραββᾶν 1 Not this man, but Barabbas "यह एक पदन्यूनता है। आप निहित शब्दों को जोड़ सकते हैं। वैकल्पिक अनुवाद: ""नहीं! इस व्यक्ति को मत छोड़ो! इसके बजाए बरअब्बा को छोड़ दो"" (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-ellipsis]])" JHN 18 40 h11k writing-background ἦν δὲ ὁ Βαραββᾶς λῃστής 1 Now Barabbas was a robber यहाँ यूहन्ना बरअब्बा के बारे में पृष्ठभूमि की जानकारी प्रदान करता है। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/writing-background]]) -JHN 19 intro u96u 0 "# यूहन्ना 1 9 सामान्य टिप्पणियाँ
## संरचना एवं स्वरूपण

कुछ अनुवाद पढ़ने में आसान बनाने के लिए बाकी हिस्सों की तुलना में काव्य के प्रत्येक पंक्ति को दाईं ओर व्यवस्थित करते हैं। यूएलटी 19:24 पद में काव्य के साथ यह करता है, जो कि पुराने नियम के वचन हैं।

## इस अध्याय में विशेष अवधारणाएँ

### ""बैंगनी वस्त्र""

लाल और नीले के समान बैंगनी एक रंग है। वे लोग यीशु का मजाक उड़ा रहे थे, इसलिए वे उस पर एक बैंगनी वस्त्र डाल देते हैं। ऐसा इसलिए था क्योंकि राजा बैंगनी वस्त्र पहनते थे। उन्होंने ऐसा बोला और दिखाया जैसे कि वे एक राजा को सम्मान दे रहे हों, लेकिन सभी जानते थे कि वे ऐसा इसलिए कर रहे थे क्योंकि वे यीशु से घृणा करते थे। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-irony]])

### ""तू कैसर का मित्र नहीं है""

पिलातुस जानता था कि यीशु एक अपराधी नहीं था, इसलिए वह नहीं चाहता था कि उसके सैनिक उसको मार डालें। लेकिन यहूदियों ने उसे बताया कि यीशु राजा बनने का दावा कर रहा था, और जो भी ऐसा करता था वह कैसर के कानून को तोड़ता था ([यूहन्ना 19:12](../../jhn/19/12.md))

### कब्र

वह कब्र जिसमें यीशु को दफनाया गया था ([यूहन्ना 19:41](../../jhn/19/41.md)) वह ऐसी कब्र थी जिसमें धनी यहूदी परिवार अपने मृतकों को दफनाते थे। यह एक चट्टान में बना हुआ एक वास्तविक कमरा था। इसमें एक तरफ को सपाट स्थान था, जहाँ वे तेल और मसाले को डालकर शव को वस्त्र में लपेट कर रख सकते थे। फिर वे कब्र के सामने एक बड़े पत्थर को लुड़का देंगे ताकि कोई भी अंदर प्रवेश न कर सके और न ही भीतर देख सके।

## इस अध्याय के महत्वपूर्ण अलंकार

### व्यंग्योक्ति

सैनिक यीशु का अपमान कर रहे थे जब उन्होंने कहा, ""जय हो, यहूदियों के राजा की।"" पिलातुस यहूदियों का अपमान कर रहा था जब उसने पूछा, ""क्या मुझे तुम्हारे राजा को क्रूस पर चढ़ा देना चाहिए?"" जब उसने यह लिखा कि, ""यीशु नासरी, यहूदियों का राजा"" तो वह संभवतः यीशु और यहूदियों दोनों का अपमान कर रहा था। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-irony]])

## इस अध्याय में अन्य संभावित अनुवाद की कठिनाइयाँ

### गब्बता, गुलगुता

ये दो इब्रानी शब्द हैं। इन शब्दों (""चबूतरा"" और ""खोपड़ी का स्थान"") के अर्थों का अनुवाद करने के बाद, लेखक यूनानी अक्षरों में लिखने के द्वारा उनकी आवाज का शाब्दिक अनुवाद करता है।" +JHN 19 intro u96u 0 # यूहन्ना 1 9 सामान्य टिप्पणियाँ
## संरचना एवं स्वरूपण

कुछ अनुवाद पढ़ने में आसान बनाने के लिए बाकी हिस्सों की तुलना में काव्य के प्रत्येक पंक्ति को दाईं ओर व्यवस्थित करते हैं। यूएलटी 19:24 पद में काव्य के साथ यह करता है, जो कि पुराने नियम के वचन हैं।

## इस अध्याय में विशेष अवधारणाएँ

### ""बैंगनी वस्त्र""

लाल और नीले के समान बैंगनी एक रंग है। वे लोग यीशु का मजाक उड़ा रहे थे, इसलिए वे उस पर एक बैंगनी वस्त्र डाल देते हैं। ऐसा इसलिए था क्योंकि राजा बैंगनी वस्त्र पहनते थे। उन्होंने ऐसा बोला और दिखाया जैसे कि वे एक राजा को सम्मान दे रहे हों, लेकिन सभी जानते थे कि वे ऐसा इसलिए कर रहे थे क्योंकि वे यीशु से घृणा करते थे। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-irony]])

### ""तू कैसर का मित्र नहीं है""

पिलातुस जानता था कि यीशु एक अपराधी नहीं था, इसलिए वह नहीं चाहता था कि उसके सैनिक उसको मार डालें। लेकिन यहूदियों ने उसे बताया कि यीशु राजा बनने का दावा कर रहा था, और जो भी ऐसा करता था वह कैसर के कानून को तोड़ता था ([यूहन्ना 19:12](../../jhn/19/12.md))

### कब्र

वह कब्र जिसमें यीशु को दफनाया गया था ([यूहन्ना 19:41](../../jhn/19/41.md)) वह ऐसी कब्र थी जिसमें धनी यहूदी परिवार अपने मृतकों को दफनाते थे। यह एक चट्टान में बना हुआ एक वास्तविक कमरा था। इसमें एक तरफ को सपाट स्थान था, जहाँ वे तेल और मसाले को डालकर शव को वस्त्र में लपेट कर रख सकते थे। फिर वे कब्र के सामने एक बड़े पत्थर को लुड़का देंगे ताकि कोई भी अंदर प्रवेश न कर सके और न ही भीतर देख सके।

## इस अध्याय के महत्वपूर्ण अलंकार

### व्यंग्योक्ति

सैनिक यीशु का अपमान कर रहे थे जब उन्होंने कहा, ""जय हो, यहूदियों के राजा की।"" पिलातुस यहूदियों का अपमान कर रहा था जब उसने पूछा, ""क्या मुझे तुम्हारे राजा को क्रूस पर चढ़ा देना चाहिए?"" जब उसने यह लिखा कि, ""यीशु नासरी, यहूदियों का राजा"" तो वह संभवतः यीशु और यहूदियों दोनों का अपमान कर रहा था। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-irony]])

## इस अध्याय में अन्य संभावित अनुवाद की कठिनाइयाँ

### गब्बता, गुलगुता

ये दो इब्रानी शब्द हैं। इन शब्दों (""चबूतरा"" और ""खोपड़ी का स्थान"") के अर्थों का अनुवाद करने के बाद, लेखक यूनानी अक्षरों में लिखने के द्वारा उनकी आवाज का शाब्दिक अनुवाद करता है। JHN 19 1 u3gi 0 Connecting Statement: पिछले अध्याय की कहानी का भाग जारी रहता है। यीशु पिलातुस के सामने खड़ा है जब यहूदियों द्वारा उस पर आरोप लगाया जा रहा है। JHN 19 1 yay2 figs-synecdoche τότε οὖν ἔλαβεν ὁ Πειλᾶτος τὸν Ἰησοῦν καὶ ἐμαστίγωσεν 1 Then Pilate took Jesus and whipped him "पिलातुस ने स्वयं यीशु को कोड़े नहीं मारे थे। यहाँ ""पिलातुस"" उन सैनिकों के लिए एक उपलक्ष्य अलंकार है जिनको पिलातुस ने यीशु को कोड़े मारने का आदेश दिया था। वैकल्पिक अनुवाद: ""तब पिलातुस ने अपने सैनिकों को यीशु को कोड़े मारने का आदेश दिया"" (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-synecdoche]])" JHN 19 3 u4vw figs-irony χαῖρε, ὁ Βασιλεὺς τῶν Ἰουδαίων 1 Hail, King of the Jews "हाथ उठाकर ""जय"" के अभिवादन का प्रयोग केवल कैसर का अभिवादन करने के लिए किया जाता था। जब यीशु का मज़ाक उड़ाने के लिए सैनिक काँटों के मुकुट का और बैंगनी वस्त्र का उपयोग करते हैं, यह व्यंग्योक्तिपूर्ण है कि वे यह नहीं जान पाते हैं कि वह वास्तव में राजा है। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-irony]])" diff --git a/hi_tn_45-ACT.tsv b/hi_tn_45-ACT.tsv index e99f1bf..14857e8 100644 --- a/hi_tn_45-ACT.tsv +++ b/hi_tn_45-ACT.tsv @@ -1,6 +1,6 @@ Book Chapter Verse ID SupportReference OrigQuote Occurrence GLQuote OccurrenceNote -ACT front intro mw28 0 "# प्रेरितों के काम की पुस्तक परिचय
## भाग 1: सामान्य परिचय

### प्रेरितों के काम की पुस्तक

1 की रूपरेखा। कलीसिया और उसके मिशन का आरम्भ(1:1–2:41)
1 यरूशलेम में आरम्भिक कलीसिया (2:42–6:7)
1 बढ़ता हुआ विरोध और स्तिफनुस की शहादत (6:8–7:60)
1 कलीसिया के ऊपर सताव और फिलिप्पुस की सेवकाई (8:1–40)
1 पौलुस एक प्रेरित बन गया (9:1–31)
1 पतरस की सेवकाई और पहला अन्यजाति मन परिवर्तन (9:32–12:24)
1 पौलुस, अन्यजातियों के लिए प्रेरित, यहूदी व्यवस्था, और यरूशलेम में कलीसिया के अगुवों की परिषद (12:25–16:5)
1 मध्य भूमध्य क्षेत्र और एशिया माइनर में कलीसिया का विस्तार (16:6–19:20)
1 पौलुस यरूशलेम की ओर यात्रा करता है और रोम में कैदी बन जाता है (19:21–28:31)

### प्रेरितों के काम की पुस्तक का विषय क्या है?

प्रेरितों के काम की पुस्तक आरम्भिक कलीसिया की कहानी को बताती है जब अधिक से अधिक लोग विश्वास करने लगते हैं। यह आरम्भिक मसीहियों की सहायता करने वाले पवित्र आत्मा की सामर्थ्य दिखाता है। इस पुस्तक की घटनाएँ तब आरम्भ हुईं जब यीशु स्वर्ग लौट गया और लगभग तीस वर्षों बाद समाप्त हुई।

### इस पुस्तक का शीर्षक कैसे अनुवादित किया जाना चाहिए?

अनुवादक इस पुस्तक को अपने पारम्परिक शीर्षक, "" प्रेरितों के काम"" से ही पुकारना चुन सकते हैं। या अनुवादक एक ऐसा शीर्षक चुन सकते हैं जो स्पष्ट हो, उदाहरण के लिए, ""प्रेरितों के माध्यम से पवित्र आत्मा के कार्य।""

### प्रेरितों के काम की पुस्तक किसने लिखी?

यह पुस्तक लेखक के नाम को नहीं बतलाती। यद्यपि, यह थियुफिलुस को सम्बोधित किया गया है, यह वही व्यक्ति है जिसे लूका के सुसमाचार को सम्बोधित किया गया है। इसके अतिरिक्त, पुस्तक के कुछ हिस्सों में, लेखक ""हम"" शब्द का उपयोग करता है। यह इंगित करता है कि लेखक ने पौलुस के साथ यात्रा की है। अधिकांश विद्वानों का मानना ​​है कि लूका वह व्यक्ति है जो पौलुस के साथ यात्रा कर रहा था। इसलिए, प्रारंभिक मसीही काल से, अधिकांश मसीहियों ने सोचा है कि लूका, प्रेरितों के काम की पुस्तक के साथ-साथ लूका के सुसमाचार का लेखक भी है।

लूका एक चिकित्सक था। उसके लेखन के तरीके से पता चलता है कि वह एक शिक्षित व्यक्ति था। वह कदाचित् एक गैर यहूदी था। उसने प्रेरितों के काम की पुस्तक में वर्णित कई घटनाओं को देखा।

## भाग 2: महत्वपूर्ण धार्मिक और सांस्कृतिक धारणाएँ

### कलीसिया क्या है?

कलीसिया उन लोगों का समूह है जो मसीह में विश्वास करते हैं। कलीसिया में यहूदी और गैर यहूदी दोनों विश्वासियों को सम्मिलित किया गया है। इस पुस्तक की घटनाएँ दिखाती है कि परमेश्वर कलीसिया की सहायता कर रहा हैं। उसने विश्वासियों को अपने पवित्र आत्मा के माध्यम से धार्मिक जीवन जीने के लिए सशक्त किया।

## भाग 3: महत्वपूर्ण अनुवाद के मुद्दे

### प्रेरितों के काम की पुस्तक के पाठ में प्रमुख विषय क्या हैं?

ये प्रेरितों के काम में सबसे महत्वपूर्ण पाठ्यात्मक विषय हैं:

निम्नलिखित वचन बाइबल के पुराने संस्करणों में पाए जाते हैं, परन्तु वे बाइबल की सबसे अच्छी प्राचीन प्रतियों में नहीं हैं। कुछ आधुनिक संस्करणों ने वचनों को वर्गाकार कोष्ठक में रखा गया है (\ [])। यूएलटी अनुवाद और यूएसटी अनुवाद ने उन्हें एक फुटनोट में डाल देते हैं।

* ""फिलिप्पुस ने कहा, 'यदि तू सारे मन से विश्वास करता है तो बपतिस्मा ले सकता है।' इथियोपीया के खोजे ने उत्तर दिया, 'मैं विश्वास करता हूँ कि यीशु मसीह परमेश्वर का पुत्र है' ""(प्रेरितों 8:37)।
* परन्तु सीलास को वहाँ रहने के लिए अच्छा लग रहा था। ""(प्रेरितों 15:34)
* ""और हम चाहते थे हमारी व्यवस्था के अनुसार उसका न्याय किया जाए। परन्तु वह अधिकारी, लूसियास आया और बलपूर्वक उसे हमारे हाथों से छीन कर, तुम्हारे पास भेजने के लिए बाहर ले गया। ""(प्रेरितों के काम 24: 6ब-8अ)
*"" जब उसने इन बातों को कहा तो यहूदी आपस में बहुत विवाद करने लगे और वहाँ से चले गए"" (प्रेरितों के काम 28:29)

निम्नलिखित वचनों में, यह अनिश्चित है कि मूल पाठ ने क्या कहा। अनुवादकों को यह चुनने की आवश्यकता होगी कि कौन से पाठ को अनुवाद करना है। यूएलटी अनुवाद में पहला पाठ है परन्तु पाद टिप्पणी में दूसरे पाठ को सम्मिलित करता है।
* ""वे यरूशलेम से लौट आए"" (प्रेरितों के काम 12:25)। कुछ संस्करण कहते हैं, ""वे यरूशलेम को लौट गए (या वहाँ पर)।""
* ""वह उनकी सहता रहा"" (प्रेरितों के काम 13:18)। कुछ संस्करण कहते हैं, ""उसने उनकी देखभाल की।""
* ""यह वही प्रभु कहता है जो जगत की उत्पत्ति से इन बातों का समाचार देता आया है।"" (प्रेरितों 15:17-18)। कुछ पुराने संस्करण कहते हैं, ""प्रभु यही कहता है, जिसे प्राचीनकाल से उसके सभी कामों के कारण जाना जाता है।""

(देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/translate-textvariants]])
" -ACT 1 intro vyg9 0 "# प्रेरितों के काम 01 सामान्य टिप्पणियाँ
## संरचना एवं स्वरूपण

इस अध्याय में एक घटना लिपिबद्ध होती है, जिसे सामान्य रूप से ""स्वर्गारोहण"" कहा जाता है, जब यीशु फिर से जीवित होने के बाद स्वर्ग लौट आया। वह तब तक वापस नहीं आएगा जब तक कि उनका ""दूसरा आगमन"" न होता है। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/heaven]] और [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/resurrection]])

यूएसटी अनुवाद ने दूसरे शब्दों के बजाए ""प्रिय थियुफिलुस"" शब्दों को निर्धारित किया है। ऐसा इसलिए है क्योंकि अंग्रेजी बोलने वाले अक्सर इस तरह से पत्रों को आरम्भ करते हैं। हो सकता है कि आप इस पुस्तक को उस तरीके से आरम्भ करना चाहें जैसे आपकी संस्कृति में लोग पत्रों को आरम्भ करते हैं।

कुछ अनुवाद पुराने नियम के उद्धरणों को शेष पाठ की तुलना में पृष्ठ पर दाईं ओर व्यवस्थित करते हैं । यूएलटी अनुवाद 1:20 में भजन संहिता के दो उद्धरणों के साथ ऐसा करता है।

## इस अध्याय में पाई जाने वाली विशेष धारणाएँ

### बपतिस्मा

इस अध्याय में ""बपतिस्मा"" शब्द के दो अर्थ हैं। यह यूहन्ना के पानी के बपतिस्मा और पवित्र आत्मा के बपतिस्मा को सन्दर्भित करता है ([प्रेरितों के काम 1:5](../../act/01/05.md))। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/baptize]])

### ""उसने परमेश्वर के राज्य के बारे में बात की""

कुछ विद्वानों का मानना ​​है कि जब यीशु ने ""परमेश्वर के राज्य के बारे में बात की,"" तो उसने चेलों को समझाया कि क्यों परमेश्वर का राज्य उसके मरने से पहले नहीं आएगा। दूसरों का मानना ​​है कि परमेश्वर का राज्य तब ही आरम्भ हुआ जब यीशु जीवित था और यहाँ यीशु यह समझा रहा था कि यह एक नए रूप में आरम्भ हो रहा था।

## इस अध्याय में अन्य संभावित अनुवाद की कठिनाइयाँ

### बारह चेले

बारह चेलों की सूची निम्नलिखित हैं:

मत्ती में:

शमौन (पतरस), अन्द्रियास, जब्दी का पुत्र याकूब, जब्दी का पुत्र यूहन्ना, फिलिप्पुस, बरतुल्मै, थोमा, मत्ती, हलफई का पुत्र याकूब, तद्दै, शमौन कनानी और यहूदा इस्करियोती।

मरकुस में:

शमौन (पतरस), अन्द्रियास, जब्दी का पुत्र याकूब और जब्दी का पुत्र यूहन्ना (जिसे उसने बुअनरगिस नाम दिया, यानी, गर्जन के पुत्र) , फिलिप्पुस, बरतुल्मै, मत्ती, थोमा, हलफईस का पुत्र याकूब, तद्दै, शमौन कनानी, और यहूदा इस्करियोती।

लूका में:

शमौन (पतरस), अन्द्रियास, याकूब, यूहन्ना, फिलिप्पुस, बरतुल्मै, मत्ती, थोमा, हलफईस का पुत्र याकूब, शमौन (जो कनानी कहलाता है), याकूब का पुत्र यहूदा और यहूदा इस्करियोती।

तद्दै सम्भवतः याकूब के पुत्र यहूदा वाला व्यक्ति है।

# ## हकलदमा

यह इब्रानी या अरामी में एक वाक्यांश है। लूका ने यूनानी अक्षरों का उपयोग किया है ताकि उसके पाठकों को यह मालूम हो जाए कि यह कैसे सुनाई दिया है और तब उसने उसका अर्थ बताया है। आपको सम्भवतः इसे अपनी भाषा में वैसे ही उच्चारण करना चाहिए जैसे यह सुनाई देता है और तब उसका अर्थ बताएँ। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/translate-transliterate]])
" +ACT front intro mw28 0 # प्रेरितों के काम की पुस्तक परिचय
## भाग 1: सामान्य परिचय

### प्रेरितों के काम की पुस्तक

1 की रूपरेखा। कलीसिया और उसके मिशन का आरम्भ(1:1–2:41)
1 यरूशलेम में आरम्भिक कलीसिया (2:42–6:7)
1 बढ़ता हुआ विरोध और स्तिफनुस की शहादत (6:8–7:60)
1 कलीसिया के ऊपर सताव और फिलिप्पुस की सेवकाई (8:1–40)
1 पौलुस एक प्रेरित बन गया (9:1–31)
1 पतरस की सेवकाई और पहला अन्यजाति मन परिवर्तन (9:32–12:24)
1 पौलुस, अन्यजातियों के लिए प्रेरित, यहूदी व्यवस्था, और यरूशलेम में कलीसिया के अगुवों की परिषद (12:25–16:5)
1 मध्य भूमध्य क्षेत्र और एशिया माइनर में कलीसिया का विस्तार (16:6–19:20)
1 पौलुस यरूशलेम की ओर यात्रा करता है और रोम में कैदी बन जाता है (19:21–28:31)

### प्रेरितों के काम की पुस्तक का विषय क्या है?

प्रेरितों के काम की पुस्तक आरम्भिक कलीसिया की कहानी को बताती है जब अधिक से अधिक लोग विश्वास करने लगते हैं। यह आरम्भिक मसीहियों की सहायता करने वाले पवित्र आत्मा की सामर्थ्य दिखाता है। इस पुस्तक की घटनाएँ तब आरम्भ हुईं जब यीशु स्वर्ग लौट गया और लगभग तीस वर्षों बाद समाप्त हुई।

### इस पुस्तक का शीर्षक कैसे अनुवादित किया जाना चाहिए?

अनुवादक इस पुस्तक को अपने पारम्परिक शीर्षक, "" प्रेरितों के काम"" से ही पुकारना चुन सकते हैं। या अनुवादक एक ऐसा शीर्षक चुन सकते हैं जो स्पष्ट हो, उदाहरण के लिए, ""प्रेरितों के माध्यम से पवित्र आत्मा के कार्य।""

### प्रेरितों के काम की पुस्तक किसने लिखी?

यह पुस्तक लेखक के नाम को नहीं बतलाती। यद्यपि, यह थियुफिलुस को सम्बोधित किया गया है, यह वही व्यक्ति है जिसे लूका के सुसमाचार को सम्बोधित किया गया है। इसके अतिरिक्त, पुस्तक के कुछ हिस्सों में, लेखक ""हम"" शब्द का उपयोग करता है। यह इंगित करता है कि लेखक ने पौलुस के साथ यात्रा की है। अधिकांश विद्वानों का मानना ​​है कि लूका वह व्यक्ति है जो पौलुस के साथ यात्रा कर रहा था। इसलिए, प्रारंभिक मसीही काल से, अधिकांश मसीहियों ने सोचा है कि लूका, प्रेरितों के काम की पुस्तक के साथ-साथ लूका के सुसमाचार का लेखक भी है।

लूका एक चिकित्सक था। उसके लेखन के तरीके से पता चलता है कि वह एक शिक्षित व्यक्ति था। वह कदाचित् एक गैर यहूदी था। उसने प्रेरितों के काम की पुस्तक में वर्णित कई घटनाओं को देखा।

## भाग 2: महत्वपूर्ण धार्मिक और सांस्कृतिक धारणाएँ

### कलीसिया क्या है?

कलीसिया उन लोगों का समूह है जो मसीह में विश्वास करते हैं। कलीसिया में यहूदी और गैर यहूदी दोनों विश्वासियों को सम्मिलित किया गया है। इस पुस्तक की घटनाएँ दिखाती है कि परमेश्वर कलीसिया की सहायता कर रहा हैं। उसने विश्वासियों को अपने पवित्र आत्मा के माध्यम से धार्मिक जीवन जीने के लिए सशक्त किया।

## भाग 3: महत्वपूर्ण अनुवाद के मुद्दे

### प्रेरितों के काम की पुस्तक के पाठ में प्रमुख विषय क्या हैं?

ये प्रेरितों के काम में सबसे महत्वपूर्ण पाठ्यात्मक विषय हैं:

निम्नलिखित वचन बाइबल के पुराने संस्करणों में पाए जाते हैं, परन्तु वे बाइबल की सबसे अच्छी प्राचीन प्रतियों में नहीं हैं। कुछ आधुनिक संस्करणों ने वचनों को वर्गाकार कोष्ठक में रखा गया है (\ [])। यूएलटी अनुवाद और यूएसटी अनुवाद ने उन्हें एक फुटनोट में डाल देते हैं।

* ""फिलिप्पुस ने कहा, 'यदि तू सारे मन से विश्वास करता है तो बपतिस्मा ले सकता है।' इथियोपीया के खोजे ने उत्तर दिया, 'मैं विश्वास करता हूँ कि यीशु मसीह परमेश्वर का पुत्र है' ""(प्रेरितों 8:37)।
* परन्तु सीलास को वहाँ रहने के लिए अच्छा लग रहा था। ""(प्रेरितों 15:34)
* ""और हम चाहते थे हमारी व्यवस्था के अनुसार उसका न्याय किया जाए। परन्तु वह अधिकारी, लूसियास आया और बलपूर्वक उसे हमारे हाथों से छीन कर, तुम्हारे पास भेजने के लिए बाहर ले गया। ""(प्रेरितों के काम 24: 6ब-8अ)
*"" जब उसने इन बातों को कहा तो यहूदी आपस में बहुत विवाद करने लगे और वहाँ से चले गए"" (प्रेरितों के काम 28:29)

निम्नलिखित वचनों में, यह अनिश्चित है कि मूल पाठ ने क्या कहा। अनुवादकों को यह चुनने की आवश्यकता होगी कि कौन से पाठ को अनुवाद करना है। यूएलटी अनुवाद में पहला पाठ है परन्तु पाद टिप्पणी में दूसरे पाठ को सम्मिलित करता है।
* ""वे यरूशलेम से लौट आए"" (प्रेरितों के काम 12:25)। कुछ संस्करण कहते हैं, ""वे यरूशलेम को लौट गए (या वहाँ पर)।""
* ""वह उनकी सहता रहा"" (प्रेरितों के काम 13:18)। कुछ संस्करण कहते हैं, ""उसने उनकी देखभाल की।""
* ""यह वही प्रभु कहता है जो जगत की उत्पत्ति से इन बातों का समाचार देता आया है।"" (प्रेरितों 15:17-18)। कुछ पुराने संस्करण कहते हैं, ""प्रभु यही कहता है, जिसे प्राचीनकाल से उसके सभी कामों के कारण जाना जाता है।""

(देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/translate-textvariants]])
+ACT 1 intro vyg9 0 # प्रेरितों के काम 01 सामान्य टिप्पणियाँ
## संरचना एवं स्वरूपण

इस अध्याय में एक घटना लिपिबद्ध होती है, जिसे सामान्य रूप से ""स्वर्गारोहण"" कहा जाता है, जब यीशु फिर से जीवित होने के बाद स्वर्ग लौट आया। वह तब तक वापस नहीं आएगा जब तक कि उनका ""दूसरा आगमन"" न होता है। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/heaven]] और [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/resurrection]])

यूएसटी अनुवाद ने दूसरे शब्दों के बजाए ""प्रिय थियुफिलुस"" शब्दों को निर्धारित किया है। ऐसा इसलिए है क्योंकि अंग्रेजी बोलने वाले अक्सर इस तरह से पत्रों को आरम्भ करते हैं। हो सकता है कि आप इस पुस्तक को उस तरीके से आरम्भ करना चाहें जैसे आपकी संस्कृति में लोग पत्रों को आरम्भ करते हैं।

कुछ अनुवाद पुराने नियम के उद्धरणों को शेष पाठ की तुलना में पृष्ठ पर दाईं ओर व्यवस्थित करते हैं । यूएलटी अनुवाद 1:20 में भजन संहिता के दो उद्धरणों के साथ ऐसा करता है।

## इस अध्याय में पाई जाने वाली विशेष धारणाएँ

### बपतिस्मा

इस अध्याय में ""बपतिस्मा"" शब्द के दो अर्थ हैं। यह यूहन्ना के पानी के बपतिस्मा और पवित्र आत्मा के बपतिस्मा को सन्दर्भित करता है ([प्रेरितों के काम 1:5](../../act/01/05.md))। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/baptize]])

### ""उसने परमेश्वर के राज्य के बारे में बात की""

कुछ विद्वानों का मानना ​​है कि जब यीशु ने ""परमेश्वर के राज्य के बारे में बात की,"" तो उसने चेलों को समझाया कि क्यों परमेश्वर का राज्य उसके मरने से पहले नहीं आएगा। दूसरों का मानना ​​है कि परमेश्वर का राज्य तब ही आरम्भ हुआ जब यीशु जीवित था और यहाँ यीशु यह समझा रहा था कि यह एक नए रूप में आरम्भ हो रहा था।

## इस अध्याय में अन्य संभावित अनुवाद की कठिनाइयाँ

### बारह चेले

बारह चेलों की सूची निम्नलिखित हैं:

मत्ती में:

शमौन (पतरस), अन्द्रियास, जब्दी का पुत्र याकूब, जब्दी का पुत्र यूहन्ना, फिलिप्पुस, बरतुल्मै, थोमा, मत्ती, हलफई का पुत्र याकूब, तद्दै, शमौन कनानी और यहूदा इस्करियोती।

मरकुस में:

शमौन (पतरस), अन्द्रियास, जब्दी का पुत्र याकूब और जब्दी का पुत्र यूहन्ना (जिसे उसने बुअनरगिस नाम दिया, यानी, गर्जन के पुत्र) , फिलिप्पुस, बरतुल्मै, मत्ती, थोमा, हलफईस का पुत्र याकूब, तद्दै, शमौन कनानी, और यहूदा इस्करियोती।

लूका में:

शमौन (पतरस), अन्द्रियास, याकूब, यूहन्ना, फिलिप्पुस, बरतुल्मै, मत्ती, थोमा, हलफईस का पुत्र याकूब, शमौन (जो कनानी कहलाता है), याकूब का पुत्र यहूदा और यहूदा इस्करियोती।

तद्दै सम्भवतः याकूब के पुत्र यहूदा वाला व्यक्ति है।

# ## हकलदमा

यह इब्रानी या अरामी में एक वाक्यांश है। लूका ने यूनानी अक्षरों का उपयोग किया है ताकि उसके पाठकों को यह मालूम हो जाए कि यह कैसे सुनाई दिया है और तब उसने उसका अर्थ बताया है। आपको सम्भवतः इसे अपनी भाषा में वैसे ही उच्चारण करना चाहिए जैसे यह सुनाई देता है और तब उसका अर्थ बताएँ। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/translate-transliterate]])
ACT 1 1 q9ep τὸν μὲν πρῶτον λόγον ἐποιησάμην 1 The former book I wrote लूका का सुसमाचार इससे पहले की पुस्तक है। ACT 1 1 ryj5 translate-names ὦ Θεόφιλε 1 Theophilus "लूका ने इस पुस्तक को थियुफिलुस नाम के एक व्यक्ति को लिखा था। कुछ अनुवाद एक पत्र को सम्बोधित करने के लिए अपनी स्वयं की संस्कृति के तरीके का पालन करते हैं और वाक्य के आरम्भ में ""प्रिय थियुफिलुस"" लिखते हैं। थियुफिलुस का अर्थ है ""परमेश्वर का मित्र"" (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/translate-names]])" ACT 1 2 n435 figs-activepassive ἄχρι ἧς ἡμέρας…ἀνελήμφθη 1 until the day that he was taken up "यह स्वर्ग में यीशु के स्वर्गारोहण को सन्दर्भित करता है। वैकल्पिक अनुवाद: ""जिस दिन परमेश्वर ने उसे स्वर्ग में उठा लिया"" या ""उस दिन तक जब तक कि वह स्वर्ग में नहीं चढ़ गया"" (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-activepassive]])" @@ -69,7 +69,7 @@ ACT 1 25 tx6n figs-euphemism πορευθῆναι εἰς τὸν τόπον τ ACT 1 26 r84c ἔδωκαν κλήρους αὐτοῖς 1 They cast lots for them यूसुफ और मत्तियाह के बीच निर्णय लेने के लिए प्रेरित चिट्ठी डालते हैं। ACT 1 26 w4ph ἔπεσεν ὁ κλῆρος ἐπὶ Μαθθίαν 1 the lot fell to Matthias चिट्ठी ने संकेत दिया कि यहूदा के स्थान को लेने वाला वह जन मत्तियाह था। ACT 1 26 fk4x figs-activepassive συνκατεψηφίσθη μετὰ τῶν ἕνδεκα ἀποστόλων 1 he was numbered with the eleven apostles "इसे सक्रिय रूप में कहा जा सकता है। वैकल्पिक अनुवाद: ""विश्वासियों ने उसे अन्य ग्यारहों के साथ एक प्रेरित माना"" (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-activepassive]])" -ACT 2 intro x8fr 1 "# प्रेरितों के काम 02 सामान्य टिप्पणियाँ
## संरचना एवं स्वरूपण

कुछ अनुवाद पढ़ने के लिए आसान बनाने के लिए पाठ के शेष हिस्सों की तुलना में कविता की प्रत्येक पंक्ति को दाईं ओर व्यवस्थित करते हैं । यूएलटी अनुवाद पुराने नियम के काव्य के साथ ऐसा करता है 2: 17-21, 25-28, और 34-35 में उद्धृत किया गया है।

कुछ अनुवाद पुराने नियम से उद्धरण को बाकी की तुलना में पृष्ठ के दाएं ओर व्यवस्थित करते हैं यूएलटी अनुवाद उद्धृत सामग्री के साथ 2:31 में करता है।

इस अध्याय में वर्णित घटनाओं को सामान्य रूप से ""पिन्तेकुस्त"" कहा जाता है। बहुत से लोग मानते हैं कि जब पवित्र आत्मा इस अध्याय में विश्वासियों के अन्दर रहने के लिए आया था तब कलीसिया के अस्तित्व का आरम्भ हुआ था।

## इस अध्याय में पाई जाने वाली विशेष धारणाएँ

### जीभें

""जीभें"" शब्द के इस अध्याय में दो अर्थ हैं। लूका बताता है कि जीभों के रूप में स्वर्ग से नीचे क्या आया ([प्रेरितों के काम 2:3](../../act/02/03.md)) जो आग की तरह दिखी थी। यह ""आग की जीभ"" से अलग है, जो कि जीभ की तरह दिखने वाली एक आग है। लूका भी पवित्र आत्मा से भरने के द्वारा बोली जाने वाली भाषाओं का वर्णन करने के लिए ""जीभ"" शब्द का उपयोग करता है ([प्रेरितों के काम 2:4](../02/04.md)).

### अन्तिम दिन

कोई भी निश्चित रूप से नहीं जानता है कि ""अन्तिम दिन"" ([प्रेरितों के काम 2:17](../../act/02/17.md)) कब आरम्भ हुए। यूएलटी अनुवाद इसके बारे में जो कहता है आपका अनुवाद उससे अधिक नहीं कहना चाहिए। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/lastday]])

###

बपतिस्मा दिया

इस अध्याय में ""बपतिस्मा"" शब्द मसीही बपतिस्मे ([प्रेरितों के काम 2:38-41](../02/38.md)) को सन्दर्भित करता है। यद्यपि [प्रेरितों के काम 2:1-11](./01.md) में वर्णित घटना पवित्र आत्मा का बपतिस्मा है जिसकी प्रतिज्ञा यीशु ने [प्रेरितों के काम 1:5](../../act/01/05.md) में की थी, शब्द ""बपतिस्मा"" यहाँ उस घटना को सन्दर्भित नहीं करता है। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/baptize]])

### योएल की भविष्यवाणी

कई बातें जो योएल ने कही थीं कि घटित होंगी वे पिन्तेकुस्त के दिन घटित हुईं ([प्रेरितों के काम 2:17-18](../02/17.md)), परन्तु कुछ बातें जो योएल कही थीं वे घटित नहीं हुईं ([प्रेरितों के काम 2:19-20](../02/19.md))। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/prophet]])

### आश्चर्यकर्म और चिन्ह

ये शब्द उन बातों को सन्दर्भित करते हैं जो केवल परमेश्वर ही कर सकते हैं जो दिखाता है कि यीशु वही है जो चेलों ने कहा कि वह है।
" +ACT 2 intro x8fr 1 # प्रेरितों के काम 02 सामान्य टिप्पणियाँ
## संरचना एवं स्वरूपण

कुछ अनुवाद पढ़ने के लिए आसान बनाने के लिए पाठ के शेष हिस्सों की तुलना में कविता की प्रत्येक पंक्ति को दाईं ओर व्यवस्थित करते हैं । यूएलटी अनुवाद पुराने नियम के काव्य के साथ ऐसा करता है 2: 17-21, 25-28, और 34-35 में उद्धृत किया गया है।

कुछ अनुवाद पुराने नियम से उद्धरण को बाकी की तुलना में पृष्ठ के दाएं ओर व्यवस्थित करते हैं यूएलटी अनुवाद उद्धृत सामग्री के साथ 2:31 में करता है।

इस अध्याय में वर्णित घटनाओं को सामान्य रूप से ""पिन्तेकुस्त"" कहा जाता है। बहुत से लोग मानते हैं कि जब पवित्र आत्मा इस अध्याय में विश्वासियों के अन्दर रहने के लिए आया था तब कलीसिया के अस्तित्व का आरम्भ हुआ था।

## इस अध्याय में पाई जाने वाली विशेष धारणाएँ

### जीभें

""जीभें"" शब्द के इस अध्याय में दो अर्थ हैं। लूका बताता है कि जीभों के रूप में स्वर्ग से नीचे क्या आया ([प्रेरितों के काम 2:3](../../act/02/03.md)) जो आग की तरह दिखी थी। यह ""आग की जीभ"" से अलग है, जो कि जीभ की तरह दिखने वाली एक आग है। लूका भी पवित्र आत्मा से भरने के द्वारा बोली जाने वाली भाषाओं का वर्णन करने के लिए ""जीभ"" शब्द का उपयोग करता है ([प्रेरितों के काम 2:4](../02/04.md)).

### अन्तिम दिन

कोई भी निश्चित रूप से नहीं जानता है कि ""अन्तिम दिन"" ([प्रेरितों के काम 2:17](../../act/02/17.md)) कब आरम्भ हुए। यूएलटी अनुवाद इसके बारे में जो कहता है आपका अनुवाद उससे अधिक नहीं कहना चाहिए। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/lastday]])

###

बपतिस्मा दिया

इस अध्याय में ""बपतिस्मा"" शब्द मसीही बपतिस्मे ([प्रेरितों के काम 2:38-41](../02/38.md)) को सन्दर्भित करता है। यद्यपि [प्रेरितों के काम 2:1-11](./01.md) में वर्णित घटना पवित्र आत्मा का बपतिस्मा है जिसकी प्रतिज्ञा यीशु ने [प्रेरितों के काम 1:5](../../act/01/05.md) में की थी, शब्द ""बपतिस्मा"" यहाँ उस घटना को सन्दर्भित नहीं करता है। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/baptize]])

### योएल की भविष्यवाणी

कई बातें जो योएल ने कही थीं कि घटित होंगी वे पिन्तेकुस्त के दिन घटित हुईं ([प्रेरितों के काम 2:17-18](../02/17.md)), परन्तु कुछ बातें जो योएल कही थीं वे घटित नहीं हुईं ([प्रेरितों के काम 2:19-20](../02/19.md))। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/prophet]])

### आश्चर्यकर्म और चिन्ह

ये शब्द उन बातों को सन्दर्भित करते हैं जो केवल परमेश्वर ही कर सकते हैं जो दिखाता है कि यीशु वही है जो चेलों ने कहा कि वह है।
ACT 2 1 i4sa 0 General Information: यह एक नई घटना है; यह फसह के 50 दिन बाद अब पिन्तेकुस्त का दिन है। ACT 2 1 i4sa 0 General Information: "यहाँ ""वे"" शब्द प्रेरितों और अन्य 120 विश्वासियों को सन्दर्भित करता है जिनका लूका ने [प्रेरितों के काम 1:15](../01/15.md) में उल्लेख किया है।" ACT 2 2 jc1w ἄφνω 1 Suddenly यह शब्द एक घटना को सन्दर्भित करता है जो अप्रत्याशित रूप से घटित होती है। @@ -190,7 +190,7 @@ ACT 2 46 q1ge figs-synecdoche κλῶντές…κατ’ οἶκον ἄρτο ACT 2 46 i2yk figs-metonymy ἐν ἀγαλλιάσει καὶ ἀφελότητι καρδίας 1 with glad and humble hearts "यहाँ ""मन"" व्यक्ति की भावनाओं के लिए एक उपनाम है। वैकल्पिक अनुवाद: ""आनन्द से और विनम्रतापूर्वक"" (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-metonymy]])" ACT 2 47 z6ig αἰνοῦντες τὸν Θεὸν καὶ ἔχοντες χάριν πρὸς ὅλον τὸν λαόν 1 praising God and having favor with all the people परमेश्वर की प्रशंसा करना सभी लोग उनसे प्रसन्न थे ACT 2 47 kc42 figs-activepassive τοὺς σῳζομένους 1 those who were being saved "इसे सक्रिय रूप में कहा जा सकता है। वैकल्पिक अनुवाद: ""वे जिन्हें परमेश्वर ने बचाया था"" (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-activepassive]])" -ACT 3 intro hpd9 0 "# प्रेरितों के काम 03 सामान्य टिप्पणियाँ
## इस अध्याय में पाई जाने वाली विशेष धारणाएँ

### परमेश्वर की अब्राहम के साथ बाँधी गई वाचा

यह अध्याय बताता है कि यीशु यहूदियों के पास आया क्योंकि परमेश्वर ने जो वाचा अब्राहम के साथ बाँधी थी वह उसका हिस्सा पूरा कर रहा था। पतरस ने सोचा था कि यहूदी ही थे जो वास्तव में यीशु को मारने के लिए दोषी थे, परन्तु वह

## इस अध्याय में अन्य संभावित अनुवाद की कठिनाइयाँ

### ""तूने उसे छुड़ा लिया""

""वे रोमी ही थे जिन्होंने यीशु को मारा, परन्तु उन्होंने उसे इसलिए मार डाला था क्योंकि यहूदियों ने उसे पकड़ा था, उसे रोमियों के पास लाए, और रोमियों को उसे मारने के लिए कहा था। इस कारण से पतरस ने सोचा कि ये ही थे जो वास्तव में यीशु को मारने के दोषी थे। परन्तु वह उन्हें बताता है कि वे ही पहले व्यक्ति हैं जिनके पास परमेश्वर ने यीशु के अनुयायियों को पश्चाताप करने के लिए आमंत्रित करने को भेजा है ([लूका 3:26](../../luk/03/26.md))। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/repent]])
" +ACT 3 intro hpd9 0 # प्रेरितों के काम 03 सामान्य टिप्पणियाँ
## इस अध्याय में पाई जाने वाली विशेष धारणाएँ

### परमेश्वर की अब्राहम के साथ बाँधी गई वाचा

यह अध्याय बताता है कि यीशु यहूदियों के पास आया क्योंकि परमेश्वर ने जो वाचा अब्राहम के साथ बाँधी थी वह उसका हिस्सा पूरा कर रहा था। पतरस ने सोचा था कि यहूदी ही थे जो वास्तव में यीशु को मारने के लिए दोषी थे, परन्तु वह

## इस अध्याय में अन्य संभावित अनुवाद की कठिनाइयाँ

### ""तूने उसे छुड़ा लिया""

""वे रोमी ही थे जिन्होंने यीशु को मारा, परन्तु उन्होंने उसे इसलिए मार डाला था क्योंकि यहूदियों ने उसे पकड़ा था, उसे रोमियों के पास लाए, और रोमियों को उसे मारने के लिए कहा था। इस कारण से पतरस ने सोचा कि ये ही थे जो वास्तव में यीशु को मारने के दोषी थे। परन्तु वह उन्हें बताता है कि वे ही पहले व्यक्ति हैं जिनके पास परमेश्वर ने यीशु के अनुयायियों को पश्चाताप करने के लिए आमंत्रित करने को भेजा है ([लूका 3:26](../../luk/03/26.md))। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/repent]])
ACT 3 1 u6nu writing-background 0 General Information: वचन 2 लंगड़े व्यक्ति के बारे में पृष्ठभूमि की जानकारी देता है। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/writing-background]]) ACT 3 1 b5rm 0 Connecting Statement: एक दिन पतरस और यूहन्ना मन्दिर जाते हैं। ACT 3 1 br7i εἰς τὸ ἱερὸν 1 into the temple "वे मन्दिर के भवन में नहीं गए जहाँ जाने की केवल याजकों की अनुमति थी। वैकल्पिक अनुवाद: ""मन्दिर के आँगन में"" या ""मन्दिर परिसर में""" @@ -255,7 +255,7 @@ ACT 3 25 g31m figs-activepassive ἐνευλογηθήσονται πᾶσαι ACT 3 26 b7tz ἀναστήσας ὁ Θεὸς τὸν παῖδα αὐτοῦ 1 After God raised up his servant परमेश्वर के यीशु को अपना दास बना लेने और उसे प्रसिद्ध कर देने के बाद ACT 3 26 z5q6 τὸν παῖδα αὐτοῦ 1 his servant यह मसीह, यीशु को सन्दर्भित करता है। ACT 3 26 x8ss figs-metaphor τῷ ἀποστρέφειν ἕκαστον ἀπὸ τῶν πονηριῶν ὑμῶν 1 turning every one of you from your wickedness "यहाँ ""से ... फेरकर"" किसी को कुछ करने से रोकने के लिए एक रूपक है। वैकल्पिक अनुवाद: ""तुम में से हर किसी को दुष्ट कामों को करने से रोक देना"" या ""तुम में से हर किसी को अपनी दुष्टता से पश्चाताप करवाना"" (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-metaphor]])" -ACT 4 intro pv3a 0 "# प्रेरितों के काम 04 सामान्य टिप्पणियाँ
## संरचना एवं स्वरूपण

कुछ अनुवाद पढ़ने के लिए आसान बनाने के लिए पाठ के शेष हिस्सों की तुलना में कविता की प्रत्येक पंक्ति को दाहिनी ओर व्यवस्थित करते हैं । यूएलटी अनुवाद पुराने नियम के काव्य के साथ ऐसा करता है जो 4:25-26 में उद्धरित किया गया है।

## इस अध्याय में पाई जाने वाली विशेष धारणाएँ

### एकता

आरम्भिक मसीही अधिक से अधिक इकट्ठे रहना चाहते थे। वे एक ही जैसी बातों पर विश्वास करना और उनके स्वामित्व वाली सभी वस्तुओं को साझा करना और उन लोगों की सहायता करना चाहते थे जिन्हें सहायता चाहिए थी।

### ""चिन्ह और आश्चर्यकर्म""

यह वाक्यांश उन वस्तुओं को सन्दर्भित करता है जो केवल परमेश्वर ही कर सकता है। मसीही चाहते थे कि परमेश्वर ऐसा करे जो केवल वही कर सकता है ताकि लोग विश्वास करें कि यीशु के बारे में उन्होंने जो कहा वह सच था।

## इस अध्याय के महत्वपूर्ण अलंकार

### कोने का पत्थर

कोने का पत्थर वह पत्थर का पहला टुकड़ा था जिसे लोग भवन बनाते समय रखते थे। यह किसी वस्तु के उस सबसे महत्वपूर्ण भाग के लिए एक रूपक है, जिस पर सब कुछ निर्भर करता है। यह कहना कि यीशु कलीसिया के कोने का पत्थर है यह कहना हुआ कि कलीसिया में कुछ भी यीशु की तुलना में अधिक महत्वपूर्ण नहीं है और कलीसिया का सब कुछ यीशु पर निर्भर करता है। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-metaphor]] और [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/faith]])

## इस अध्याय में अन्य संभावित अनुवाद की कठिनाइयाँ

### नाम

""लोगों के बीच स्वर्ग के नीचे कोई अन्य नाम नहीं है जिसके द्वारा हम उद्धार पा सकें"" ([प्रेरितों के काम 4:12](../../act/04/12.md))। इन शब्दों के साथ पतरस कह रहा था कि पृथ्वी पर कभी भी कोई अन्य व्यक्ति ऐसा नहीं हुआ है या न कभी भी पृथ्वी पर होगा, जो लोगों को बचा सकता है।" +ACT 4 intro pv3a 0 # प्रेरितों के काम 04 सामान्य टिप्पणियाँ
## संरचना एवं स्वरूपण

कुछ अनुवाद पढ़ने के लिए आसान बनाने के लिए पाठ के शेष हिस्सों की तुलना में कविता की प्रत्येक पंक्ति को दाहिनी ओर व्यवस्थित करते हैं । यूएलटी अनुवाद पुराने नियम के काव्य के साथ ऐसा करता है जो 4:25-26 में उद्धरित किया गया है।

## इस अध्याय में पाई जाने वाली विशेष धारणाएँ

### एकता

आरम्भिक मसीही अधिक से अधिक इकट्ठे रहना चाहते थे। वे एक ही जैसी बातों पर विश्वास करना और उनके स्वामित्व वाली सभी वस्तुओं को साझा करना और उन लोगों की सहायता करना चाहते थे जिन्हें सहायता चाहिए थी।

### ""चिन्ह और आश्चर्यकर्म""

यह वाक्यांश उन वस्तुओं को सन्दर्भित करता है जो केवल परमेश्वर ही कर सकता है। मसीही चाहते थे कि परमेश्वर ऐसा करे जो केवल वही कर सकता है ताकि लोग विश्वास करें कि यीशु के बारे में उन्होंने जो कहा वह सच था।

## इस अध्याय के महत्वपूर्ण अलंकार

### कोने का पत्थर

कोने का पत्थर वह पत्थर का पहला टुकड़ा था जिसे लोग भवन बनाते समय रखते थे। यह किसी वस्तु के उस सबसे महत्वपूर्ण भाग के लिए एक रूपक है, जिस पर सब कुछ निर्भर करता है। यह कहना कि यीशु कलीसिया के कोने का पत्थर है यह कहना हुआ कि कलीसिया में कुछ भी यीशु की तुलना में अधिक महत्वपूर्ण नहीं है और कलीसिया का सब कुछ यीशु पर निर्भर करता है। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-metaphor]] और [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/faith]])

## इस अध्याय में अन्य संभावित अनुवाद की कठिनाइयाँ

### नाम

""लोगों के बीच स्वर्ग के नीचे कोई अन्य नाम नहीं है जिसके द्वारा हम उद्धार पा सकें"" ([प्रेरितों के काम 4:12](../../act/04/12.md))। इन शब्दों के साथ पतरस कह रहा था कि पृथ्वी पर कभी भी कोई अन्य व्यक्ति ऐसा नहीं हुआ है या न कभी भी पृथ्वी पर होगा, जो लोगों को बचा सकता है। ACT 4 1 ew3l 0 Connecting Statement: पतरस के द्वारा एक जन्म से लंगड़े को चंगा कर देने के पश्चात् पतरस और यूहन्ना को धार्मिक अगुवे गिरफ्तार कर लेते हैं। ACT 4 1 d3tv ἐπέστησαν αὐτοῖς 1 came upon them "उनसे सम्पर्क किया या ""उनके पास आया""" ACT 4 2 m74s figs-explicit διαπονούμενοι 1 They were deeply troubled "वे बहुत गुस्से में थे। पतरस और यूहन्ना जो कुछ कह रहे थे, सदूकी, विशेष रूप से, उसके बारे में क्रोधित हो रहे होंगे क्योंकि वे पुनरुत्थान में विश्वास नहीं करते थे। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-explicit]]) @@ -347,7 +347,7 @@ ACT 4 35 ps4s figs-activepassive διεδίδετο…ἑκάστῳ, καθότ ACT 4 36 uc2a writing-participants 0 General Information: लूका कहानी में बरनबास को प्रस्तुत करता है। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/writing-participants]]) ACT 4 36 nr4v figs-idiom υἱὸς παρακλήσεως 1 Son of Encouragement "प्रेरितों ने यह दिखाने के लिए इस नाम का उपयोग किया कि यूसुफ एक ऐसा व्यक्ति था जिसने दूसरों को प्रोत्साहित किया था। ""का पुत्र"" एक मुहावरा है जो किसी व्यक्ति के व्यवहार या चरित्र का वर्णन करने के लिए प्रयोग किया गया है। वैकल्पिक अनुवाद: ""प्रोत्साहित करने वाला"" या ""वह जो प्रोत्साहित करता है"" (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-idiom]])" ACT 4 37 gtv5 figs-idiom ἔθηκεν παρὰ τοὺς πόδας τῶν ἀποστόλων 1 laid it at the apostles' feet "इसका अर्थ है कि उन्होंने प्रेरितों को उपहार में धन दिया था। देखें कि आपने इसका अनुवाद कैसे किया है [प्रेरितों के काम 4:35](../04/35.md)। वैकल्पिक अनुवाद: ""इसे प्रेरितों को उपहार में दिया"" या ""इसे प्रेरितों को दे दिया"" (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-idiom]])" -ACT 5 intro k2uh 0 "# प्रेरितों के काम 05 सामान्य टिप्पणियाँ
## इस अध्याय में पाई जाने वाली विशेष धारणाएँ

### ""शैतान ने तेरे मन को पवित्र आत्मा से झूठ बोलने के लिए भर दिया है""

कोई भी निश्चित रूप से यह नहीं जानता है कि क्या हनन्याह और सफीरा वास्तव में मसीही थे जब उन्होंने बेची गई भूमि के बारे में झूठ बोलने का निर्णय किया था ([प्रेरितों के काम 5:1-10](../05/01.md)), क्योंकि लूका नहीं बताता है। यद्यपि, पतरस जानता था कि उन्होंने विश्वासियों से झूठ बोला था, और वह जानता था कि उन्होंने शैतान की बात सुनी और उसकी आज्ञा मानी थी।

जब उन्होंने विश्वासियों से झूठ बोला, तो उन्होंने पवित्र आत्मा से झूठ बोला। ऐसा इसलिए है क्योंकि पवित्र आत्मा विश्वासियों के भीतर रहता है।

" +ACT 5 intro k2uh 0 # प्रेरितों के काम 05 सामान्य टिप्पणियाँ
## इस अध्याय में पाई जाने वाली विशेष धारणाएँ

### ""शैतान ने तेरे मन को पवित्र आत्मा से झूठ बोलने के लिए भर दिया है""

कोई भी निश्चित रूप से यह नहीं जानता है कि क्या हनन्याह और सफीरा वास्तव में मसीही थे जब उन्होंने बेची गई भूमि के बारे में झूठ बोलने का निर्णय किया था ([प्रेरितों के काम 5:1-10](../05/01.md)), क्योंकि लूका नहीं बताता है। यद्यपि, पतरस जानता था कि उन्होंने विश्वासियों से झूठ बोला था, और वह जानता था कि उन्होंने शैतान की बात सुनी और उसकी आज्ञा मानी थी।

जब उन्होंने विश्वासियों से झूठ बोला, तो उन्होंने पवित्र आत्मा से झूठ बोला। ऐसा इसलिए है क्योंकि पवित्र आत्मा विश्वासियों के भीतर रहता है।

ACT 5 1 v27a writing-background 0 कैसे नए मसीहियों द्वारा अपनी वस्तुओं को अन्य विश्वासियों के साथ साझा करने की कहानी को जारी रखते हुए, लूका दो विश्वासियों, हनन्याह और सफीरा के बारे में बताता है। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/writing-background]] और [[rc://hi/ta/man/translate/writing-participants]]) ACT 5 1 ysl9 δέ 1 Now इस शब्द का उपयोग कहानी के एक नए हिस्से को बताने के लिए मुख्य कहानी में एक विराम को चिन्हित करने के लिए किया गया है। ACT 5 2 xm1t συνειδυίης καὶ τῆς γυναικός 1 his wife also knew it उसकी पत्नी को भी यह पता था कि उसने बिक्री के धन के हिस्से को वापस रख लिया है @@ -489,7 +489,7 @@ ACT 6 13 zv6s οὐ παύεται λαλῶν 1 does not stop speaking नि ACT 6 14 vak4 figs-idiom παρέδωκεν ἡμῖν 1 handed down to us """सौंपी हैं"" वाक्यांश का अर्थ है ""पहुँचाई हैं।"" वैकल्पिक अनुवाद: ""हमारे पूर्वजों को सिखाई"" (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-idiom]] और [[rc://hi/ta/man/translate/figs-metonymy]])" ACT 6 15 gf7e figs-idiom ἀτενίσαντες εἰς αὐτὸν 1 fixed their eyes on him "यह एक मुहावरा है जिसका अर्थ है कि उन्होंने उसकी तरफ बड़े ध्यान से देखा था। यहाँ ""आँखें"" दृष्टि के लिए एक उपनाम है। वैकल्पिक अनुवाद: ""उसकी तरफ बड़े ध्यान से देखा"" या ""उसे घूर कर देखा"" (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-idiom]])" ACT 6 15 k8rw figs-simile ὡσεὶ πρόσωπον ἀγγέλου 1 was like the face of an angel यह वाक्यांश उसके चेहरे की तुलना एक स्वर्गदूत के साथ करता है, परन्तु विशेष रूप से यह नहीं कहता कि उनमें आपस में क्या समान है। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-simile]]) -ACT 7 intro p9h4 0 "# प्रेरितों के काम 07 सामान्य टिप्पणियाँ
## संरचना एवं स्वरूपण

कुछ अनुवाद पढ़ने के लिए आसान बनाने के लिए पाठ के शेष हिस्सों की तुलना में कविता की प्रत्येक पंक्ति को दाईं ओर व्यवस्थित करते हैं । यूएलटी अनुवाद कविता के साथ ऐसा ही करता है जिसे पुराने नियम में 7:42-43 और 49-50 से उद्धरित किया गया है।

ऐसा लगता है कि 8:1 इस अध्याय की कथा का हिस्सा है।

## इस अध्याय में पाई जाने वाली विशेष धारणाएँ

### ""स्तिफनुस ने कहा""

स्तिफनुस ने इस्राएल के इतिहास को बहुत ही संक्षेप में बताया। उसने उन समयों पर विशेष ध्यान दिया जब इस्राएलियों ने उन लोगों को अस्वीकार कर दिया था जिनको परमेश्वर ने उनका नेतृत्व करने के लिए चुना था। कहानी के अन्त में, उसने कहा कि जिन यहूदी अगुवों से वह बात कर रहा था, उन्होंने यीशु को बिलकुल वैसे ही अस्वीकार कर दिया था जैसे कि दुष्ट इस्राएलियों ने सदैव उन अगुवों को अस्वीकार किया था जिन्हें परमेश्वर ने उनके लिए नियुक्त किया था।

### ""पवित्र आत्मा से भरा हुआ""

पवित्र आत्मा ने पूरी तरह से स्तिफनुस को नियंत्रित किया इसलिए वह केवल उतना ही और वही कह सका जो परमेश्वर चाहता था कि वह कहे।

### प्रतिछाया

जब कोई लेखक किसी ऐसी चीज की बात करता है जो उस समय महत्वपूर्ण नहीं है परन्तु बाद में कहानी में महत्वपूर्ण होगी, तो इसे प्रतिछाया कहा जाता है। लूका यहाँ शाऊल का उल्लेख करता है, जिसे पौलुस के नाम से भी जाना जाता है, भले ही वह कहानी के इस हिस्से में एक महत्वपूर्ण व्यक्ति नहीं है। ऐसा इसलिए है क्योंकि पौलुस प्रेरितों के काम की पुस्तक के बाकी हिस्सों में एक महत्वपूर्ण व्यक्ति है।

## इस अध्याय के महत्वपूर्ण अलंकार

### निहितार्थ जानकारी

स्तिफनुस यहूदियों से बात कर रहा था जो अच्छी तरह से मूसा की व्यवस्था को जानते थे इसलिए उसने उन बातों की व्याख्या नहीं की जो उनके सुनने वालों को पहले से ही पता थीं। परन्तु आपको इनमें से कुछ बातों को समझाने की आवश्यकता हो सकती है जो स्तिफनुस क्या कह रहा था आपके पाठक उसे समझने में सक्षम होंगे। उदाहरण के लिए, आपको यह स्पष्ट करने की आवश्यकता हो सकती है कि जब यूसुफ के भाइयों ने उसे ""मिस्र में बेच दिया"" ([प्रेरितों के काम 7:9](../../act/07/09.md)), तो यूसुफ मिस्र में एक दास होने जा रहा था। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-explicit]])

### उपनाम

स्तिफनुस ने यूसुफ को ""मिस्र पर"" और फिरौन के पूरे घराने पर शासन करते हुए बताया। इसके द्वारा उसका अर्थ था कि यूसुफ ने मिस्र के लोगों पर और फिरौन के घराने के लोगों और संपत्ति पर शासन किया था। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-metonymy]])

## इस अध्याय में अन्य संभावित अनुवाद की कठिनाइयाँ

### पृष्ठभूमि का ज्ञान

वे यहूदी अगुवे जिनसे स्तिफनुस ने बात की थी पहले से ही उन घटनाओं के बारे में बहुत कुछ जानते थे जिनके बारे में वह उन्हें बता रहा था। वे जानते थे कि मूसा ने उत्पत्ति की पुस्तक में क्या लिखा था। यदि उत्पत्ति की पुस्तक का अनुवाद आपकी भाषा में नहीं किया गया है, तो आपके पाठकों के लिए यह समझना कठिन हो सकता है कि स्तिफनुस ने क्या कहा था।
" +ACT 7 intro p9h4 0 # प्रेरितों के काम 07 सामान्य टिप्पणियाँ
## संरचना एवं स्वरूपण

कुछ अनुवाद पढ़ने के लिए आसान बनाने के लिए पाठ के शेष हिस्सों की तुलना में कविता की प्रत्येक पंक्ति को दाईं ओर व्यवस्थित करते हैं । यूएलटी अनुवाद कविता के साथ ऐसा ही करता है जिसे पुराने नियम में 7:42-43 और 49-50 से उद्धरित किया गया है।

ऐसा लगता है कि 8:1 इस अध्याय की कथा का हिस्सा है।

## इस अध्याय में पाई जाने वाली विशेष धारणाएँ

### ""स्तिफनुस ने कहा""

स्तिफनुस ने इस्राएल के इतिहास को बहुत ही संक्षेप में बताया। उसने उन समयों पर विशेष ध्यान दिया जब इस्राएलियों ने उन लोगों को अस्वीकार कर दिया था जिनको परमेश्वर ने उनका नेतृत्व करने के लिए चुना था। कहानी के अन्त में, उसने कहा कि जिन यहूदी अगुवों से वह बात कर रहा था, उन्होंने यीशु को बिलकुल वैसे ही अस्वीकार कर दिया था जैसे कि दुष्ट इस्राएलियों ने सदैव उन अगुवों को अस्वीकार किया था जिन्हें परमेश्वर ने उनके लिए नियुक्त किया था।

### ""पवित्र आत्मा से भरा हुआ""

पवित्र आत्मा ने पूरी तरह से स्तिफनुस को नियंत्रित किया इसलिए वह केवल उतना ही और वही कह सका जो परमेश्वर चाहता था कि वह कहे।

### प्रतिछाया

जब कोई लेखक किसी ऐसी चीज की बात करता है जो उस समय महत्वपूर्ण नहीं है परन्तु बाद में कहानी में महत्वपूर्ण होगी, तो इसे प्रतिछाया कहा जाता है। लूका यहाँ शाऊल का उल्लेख करता है, जिसे पौलुस के नाम से भी जाना जाता है, भले ही वह कहानी के इस हिस्से में एक महत्वपूर्ण व्यक्ति नहीं है। ऐसा इसलिए है क्योंकि पौलुस प्रेरितों के काम की पुस्तक के बाकी हिस्सों में एक महत्वपूर्ण व्यक्ति है।

## इस अध्याय के महत्वपूर्ण अलंकार

### निहितार्थ जानकारी

स्तिफनुस यहूदियों से बात कर रहा था जो अच्छी तरह से मूसा की व्यवस्था को जानते थे इसलिए उसने उन बातों की व्याख्या नहीं की जो उनके सुनने वालों को पहले से ही पता थीं। परन्तु आपको इनमें से कुछ बातों को समझाने की आवश्यकता हो सकती है जो स्तिफनुस क्या कह रहा था आपके पाठक उसे समझने में सक्षम होंगे। उदाहरण के लिए, आपको यह स्पष्ट करने की आवश्यकता हो सकती है कि जब यूसुफ के भाइयों ने उसे ""मिस्र में बेच दिया"" ([प्रेरितों के काम 7:9](../../act/07/09.md)), तो यूसुफ मिस्र में एक दास होने जा रहा था। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-explicit]])

### उपनाम

स्तिफनुस ने यूसुफ को ""मिस्र पर"" और फिरौन के पूरे घराने पर शासन करते हुए बताया। इसके द्वारा उसका अर्थ था कि यूसुफ ने मिस्र के लोगों पर और फिरौन के घराने के लोगों और संपत्ति पर शासन किया था। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-metonymy]])

## इस अध्याय में अन्य संभावित अनुवाद की कठिनाइयाँ

### पृष्ठभूमि का ज्ञान

वे यहूदी अगुवे जिनसे स्तिफनुस ने बात की थी पहले से ही उन घटनाओं के बारे में बहुत कुछ जानते थे जिनके बारे में वह उन्हें बता रहा था। वे जानते थे कि मूसा ने उत्पत्ति की पुस्तक में क्या लिखा था। यदि उत्पत्ति की पुस्तक का अनुवाद आपकी भाषा में नहीं किया गया है, तो आपके पाठकों के लिए यह समझना कठिन हो सकता है कि स्तिफनुस ने क्या कहा था।
ACT 7 1 pt4h figs-you 0 General Information: """हमारा"" शब्द स्तिफनुस को, उस यहूदी परिषद को जिससे उसने बात की थी, दोनों को और सारे दर्शकों को सम्मिलित करता है। ""तू"" शब्द अब्राहम को सन्दर्भित करता एकवचन है। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-you]])" ACT 7 1 hy9r 0 Connecting Statement: स्तिफनुस के बारे में कहानी का वह हिस्सा, जो [प्रेरितों के काम 6:8](../06/08.md) में आरम्भ हुआ, आगे बढ़ता है। स्तिफनुस इस्राएल के इतिहास में हुई बातों के बारे में बात करके महायाजक और परिषद को अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करना आरम्भ करता है। इस इतिहास का अधिकांश भाग मूसा के लेखन से आता है। ACT 7 2 v5si ἀδελφοὶ καὶ πατέρες, ἀκούσατε 1 Brothers and fathers, listen to me स्तिफनुस विस्तारित परिवार के रूप में बधाई देने में परिषद के प्रति बहुत अधिक सम्मान व्यक्त करता है। @@ -636,7 +636,7 @@ ACT 7 59 k2el δέξαι τὸ πνεῦμά μου 1 receive my spirit मे ACT 7 60 u86q translate-symaction θεὶς δὲ τὰ γόνατα 1 He knelt down यह परमेश्वर को समर्पित होने का एक कार्य है। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/translate-symaction]]) ACT 7 60 tvf8 figs-litotes μὴ στήσῃς αὐτοῖς ταύτην τὴν ἁμαρτίαν 1 do not hold this sin against them "यह एक सकारात्मक तरीके से कहा जा सकता है। वैकल्पिक अनुवाद: ""उन्हें इस पाप के लिए क्षमा करें"" (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-litotes]])" ACT 7 60 r9vi figs-euphemism ἐκοιμήθη 1 fell asleep "सो जाना यहाँ मर जाने के लिए एक व्यंजना है। वैकल्पिक अनुवाद: ""मृत्यु हो गई"" (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-euphemism]])" -ACT 8 intro q9d9 0 "# प्रेरितों के काम 08 सामान्य टिप्पणियाँ
## संरचना एवं स्वरूपण

कुछ अनुवाद पढ़ने के लिए आसान बनाने के लिए पाठ के शेष हिस्सों की तुलना में कविता की प्रत्येक पंक्ति को दाईं ओर व्यवस्थित करते हैं । यूएलटी 8:32-33 में उद्धरित पुराने नियम के काव्य के साथ ऐसा ही करता है।

वचन 1 का पहला वाक्य अध्याय 7 की घटनाओं के विवरण को समाप्त करता है। लूका ने अपने इतिहास का एक नया हिस्सा ""तो वहाँ आरम्भ किया"" शब्दों के साथ आरम्भ करता है।

## इस अध्याय में पाई जाने वाली विशेष धारणाएँ

### पवित्र आत्मा प्राप्त करना

इस अध्याय में पहली बार लूका पवित्र आत्मा प्राप्त करने वाले लोगों के बारे में बोलता है ([प्रेरितों के काम 8:1519](../08/15.md))। पवित्र आत्मा ने पहले ही विश्वासियों को अन्यभाषा में बोलने, बीमारों को ठीक करने और समुदाय के रूप में रहने में सक्षम किया था, और उसने स्तिफनुस को भी भर दिया था। परन्तु जब यहूदियों ने विश्वासियों को जेल में डालना आरम्भ किया, तो वे विश्वास करने वाले जो यरूशलेम को छोड़ सकते थे, और उन्होंने ऐसा किया भी, उन्होंने जाकर अन्य लोगों को यीशु के बारे में बताया। जब यीशु के बारे में सुने हुए लोगों ने पवित्र आत्मा प्राप्त किया, तो कलीसिया के अगुवों ने जान लिया कि वे लोग वास्तव में विश्वास करने वाले बन गए थे।

### घोषणा की

प्रेरितों के काम की पुस्तक में किसी भी अन्य अध्याय से अधिक यह अध्याय विश्वासियों द्वारा वचन की घोषणा को, सुसमाचार के प्रचार को, और यह घोषणा करना कि यीशु ही मसीह है को बताता है। ""घोषणा"" शब्द एक यूनानी शब्द का अनुवाद है जिसका अर्थ किसी बात के बारे में अच्छे समाचार को बताना है।
" +ACT 8 intro q9d9 0 # प्रेरितों के काम 08 सामान्य टिप्पणियाँ
## संरचना एवं स्वरूपण

कुछ अनुवाद पढ़ने के लिए आसान बनाने के लिए पाठ के शेष हिस्सों की तुलना में कविता की प्रत्येक पंक्ति को दाईं ओर व्यवस्थित करते हैं । यूएलटी 8:32-33 में उद्धरित पुराने नियम के काव्य के साथ ऐसा ही करता है।

वचन 1 का पहला वाक्य अध्याय 7 की घटनाओं के विवरण को समाप्त करता है। लूका ने अपने इतिहास का एक नया हिस्सा ""तो वहाँ आरम्भ किया"" शब्दों के साथ आरम्भ करता है।

## इस अध्याय में पाई जाने वाली विशेष धारणाएँ

### पवित्र आत्मा प्राप्त करना

इस अध्याय में पहली बार लूका पवित्र आत्मा प्राप्त करने वाले लोगों के बारे में बोलता है ([प्रेरितों के काम 8:1519](../08/15.md))। पवित्र आत्मा ने पहले ही विश्वासियों को अन्यभाषा में बोलने, बीमारों को ठीक करने और समुदाय के रूप में रहने में सक्षम किया था, और उसने स्तिफनुस को भी भर दिया था। परन्तु जब यहूदियों ने विश्वासियों को जेल में डालना आरम्भ किया, तो वे विश्वास करने वाले जो यरूशलेम को छोड़ सकते थे, और उन्होंने ऐसा किया भी, उन्होंने जाकर अन्य लोगों को यीशु के बारे में बताया। जब यीशु के बारे में सुने हुए लोगों ने पवित्र आत्मा प्राप्त किया, तो कलीसिया के अगुवों ने जान लिया कि वे लोग वास्तव में विश्वास करने वाले बन गए थे।

### घोषणा की

प्रेरितों के काम की पुस्तक में किसी भी अन्य अध्याय से अधिक यह अध्याय विश्वासियों द्वारा वचन की घोषणा को, सुसमाचार के प्रचार को, और यह घोषणा करना कि यीशु ही मसीह है को बताता है। ""घोषणा"" शब्द एक यूनानी शब्द का अनुवाद है जिसका अर्थ किसी बात के बारे में अच्छे समाचार को बताना है।
ACT 8 1 tp9e translate-versebridge 0 General Information: यूएसटी के जैसे स्तिफनुस के बारे में कहानी के इन हिस्सों को स्थानांतरित करने के लिए एक वचन के सम्पर्क का उपयोग करना आपके दर्शकों के लिए यह सहायक हो सकता है। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/translate-versebridge]]) ACT 8 1 a7uc 0 Connecting Statement: इन वचनों में कहानी स्तिफनुस से शाऊल की ओर मुड़ जाती है। ACT 8 1 ez88 writing-background ἐγένετο…ἐν ἐκείνῃ τῇ ἡμέρᾳ, διωγμὸς μέγας ἐπὶ τὴν ἐκκλησίαν, τὴν ἐν Ἱεροσολύμοις. πάντες δὲ διεσπάρησαν κατὰ τὰς χώρας τῆς Ἰουδαίας καὶ Σαμαρείας, πλὴν τῶν ἀποστόλων 1 So there began ... except the apostles वचन 1 का यह हिस्सा स्तिफनुस की मृत्यु के बाद आरम्भ होने वाले सताव के बारे में पृष्ठभूमि की जानकारी है। यह बताता है कि शाऊल वचन 3 में विश्वासियों को क्यों सता रहा था। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/writing-background]]) @@ -736,7 +736,7 @@ ACT 8 39 xp52 οὐκ εἶδεν αὐτὸν οὐκέτι ὁ εὐνοῦχ ACT 8 40 r1x7 Φίλιππος…εὑρέθη εἰς Ἄζωτον 1 Philip appeared at Azotus फिलिप्पुस ने जहाँ उस कूशी व्यक्ति को बपतिस्मा दिया और वहाँ से उसकी अश्दोद के बीच की यात्रा का कोई संकेत नहीं था। वह अचानक गाजा के रास्ते पर लुप्त हो गया और अश्दोद शहर में फिर से प्रकट हो गया। ACT 8 40 arh5 διερχόμενος 1 that region यह अश्दोद शहर के आसपास के क्षेत्र को सन्दर्भित करता है। ACT 8 40 zfn6 τὰς πόλεις πάσας 1 to all the cities उस क्षेत्र के सभी शहरों में -ACT 9 intro jm6x 0 "# प्रेरितों के काम 09 सामान्य टिप्पणियाँ
## इस अध्याय में पाई जाने वाली विशेष धारणाएँ

### ""मत""

निश्चित रूप से कोई भी यह नहीं जानता कि किसने पहली बार विश्वासियों को ""इस मत के अनुयायी"" कहना आरम्भ किया था। यह सम्भवतः वही है जिससे विश्वासियों ने स्वयं को पुकारा था, क्योंकि बाइबल अक्सर किसी रीति से जीवन को जीने वाले व्यक्ति की बात ऐसे करती है जैसे कि वह व्यक्ति किसी पथ या ""मत"" पर चल रहा था। यदि यह सच है, तो विश्वासियों ने परमेश्वर को प्रसन्न करने के तरीके से जीने के द्वारा ""परमेश्वर के पथ का अनुसरण किया""।

### ""दमिश्क के आराधनालयों के लिए चिट्ठियाँ""

जिन ""चिट्ठियों"" को पौलुस माँगा था वे सम्भवतः कानूनी दस्तावेज थे, जिन्होंने उसे मसीहियों को जेल में डाल देने की अनुमति दी थी। दमिश्क में आराधनालयों के अगुवों को इस चिट्ठी का पालन करना होगा, क्योंकि इन्हें महायाजक ने लिखा था। यदि रोमियों ने इन चिट्ठियों को देखा था, तो उन्होंने भी शाऊल को मसीहियों पर अत्याचार करने की अनुमति दी होगी, क्योंकि उन्होंने यहूदियों को उन लोगों के साथ जैसा वे चाहें वैसा करने की अनुमति दी थी, जिन्होंने उनकी धार्मिक व्यवस्था को तोड़ा था।

## इस अध्याय में अन्य संभावित अनुवाद की कठिनाइयाँ

### जब शाऊल ने यीशु से मुलाकात की तो उसने क्या देखा

यह स्पष्ट है कि शाऊल ने एक प्रकाश देखा और यह इस प्रकाश के कारण था कि वह ""भूमि पर गिर गया।"" कुछ लोग सोचते हैं कि किसी मानवीय रूप को देखे बिना शाऊल जानता था कि परमेश्वर ने उससे बात की थी, क्योंकि बाइबल अक्सर परमेश्वर को प्रकाश के रूप में और प्रकाश में रहने के रूप में बोलती है। अन्य लोग सोचते हैं कि बाद में पौलुस अपने जीवन में यह कहने में सक्षम था, ""मैंने प्रभु यीशु को देखा है"" क्योंकि यह एक मानवीय रूप था जिसे उसने यहाँ देखा था।" +ACT 9 intro jm6x 0 # प्रेरितों के काम 09 सामान्य टिप्पणियाँ
## इस अध्याय में पाई जाने वाली विशेष धारणाएँ

### ""मत""

निश्चित रूप से कोई भी यह नहीं जानता कि किसने पहली बार विश्वासियों को ""इस मत के अनुयायी"" कहना आरम्भ किया था। यह सम्भवतः वही है जिससे विश्वासियों ने स्वयं को पुकारा था, क्योंकि बाइबल अक्सर किसी रीति से जीवन को जीने वाले व्यक्ति की बात ऐसे करती है जैसे कि वह व्यक्ति किसी पथ या ""मत"" पर चल रहा था। यदि यह सच है, तो विश्वासियों ने परमेश्वर को प्रसन्न करने के तरीके से जीने के द्वारा ""परमेश्वर के पथ का अनुसरण किया""।

### ""दमिश्क के आराधनालयों के लिए चिट्ठियाँ""

जिन ""चिट्ठियों"" को पौलुस माँगा था वे सम्भवतः कानूनी दस्तावेज थे, जिन्होंने उसे मसीहियों को जेल में डाल देने की अनुमति दी थी। दमिश्क में आराधनालयों के अगुवों को इस चिट्ठी का पालन करना होगा, क्योंकि इन्हें महायाजक ने लिखा था। यदि रोमियों ने इन चिट्ठियों को देखा था, तो उन्होंने भी शाऊल को मसीहियों पर अत्याचार करने की अनुमति दी होगी, क्योंकि उन्होंने यहूदियों को उन लोगों के साथ जैसा वे चाहें वैसा करने की अनुमति दी थी, जिन्होंने उनकी धार्मिक व्यवस्था को तोड़ा था।

## इस अध्याय में अन्य संभावित अनुवाद की कठिनाइयाँ

### जब शाऊल ने यीशु से मुलाकात की तो उसने क्या देखा

यह स्पष्ट है कि शाऊल ने एक प्रकाश देखा और यह इस प्रकाश के कारण था कि वह ""भूमि पर गिर गया।"" कुछ लोग सोचते हैं कि किसी मानवीय रूप को देखे बिना शाऊल जानता था कि परमेश्वर ने उससे बात की थी, क्योंकि बाइबल अक्सर परमेश्वर को प्रकाश के रूप में और प्रकाश में रहने के रूप में बोलती है। अन्य लोग सोचते हैं कि बाद में पौलुस अपने जीवन में यह कहने में सक्षम था, ""मैंने प्रभु यीशु को देखा है"" क्योंकि यह एक मानवीय रूप था जिसे उसने यहाँ देखा था। ACT 9 1 r4n5 writing-background 0 General Information: "ये वचन हमें बताते हुए पृष्ठभूमि की जानकारी देते हैं कि शाऊल स्तिफनुस को पत्थरवाह करने के बाद से क्या कर रहा है। यहाँ ""उससे"" शब्द महायाजक को सन्दर्भित करता है और ""वह"" शाऊल को सन्दर्भित करता है। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/writing-background]])" ACT 9 1 yt9e 0 Connecting Statement: कहानी वापस शाऊल और उसके उद्धार में बदल जाती है। ACT 9 1 anb6 figs-abstractnouns ἔτι ἐμπνέων ἀπειλῆς καὶ φόνου εἰς τοὺς μαθητὰς 1 still speaking threats even of murder against the disciples """हत्या"" संज्ञा का अनुवाद क्रिया के रूप में किया जा सकता है। वैकल्पिक अनुवाद: ""अभी भी चेलों को धमकाने, यहाँ तक कि उनकी हत्या करने के लिए भी बोल रहा है"" (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-abstractnouns]])" @@ -846,7 +846,7 @@ ACT 9 42 nda9 figs-activepassive γνωστὸν δὲ ἐγένετο καθ’ ACT 9 42 fyz4 ἐπίστευσαν…ἐπὶ τὸν Κύριον 1 believed on the Lord प्रभु यीशु के सुसमाचार पर विश्वास किया" ACT 9 43 k9ik writing-newevent ἐγένετο 1 It happened that "यह उसके बारे में आया है। इस कहानी में अगली घटना के आरम्भ के में प्रस्तुत करता है। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/writing-newevent]]) ACT 9 43 qar2 Σίμωνι, βυρσεῖ 1 Simon, a tanner शमौन नाम का एक व्यक्ति जो जानवर की खालों से चमड़ा बनाता था" -ACT 10 intro ym7z 0 "# प्रेरितों के काम 10 सामान्य टिप्पणियाँ
## इस अध्याय में पाई जाने वाली विशेष धारणाएँ

### अशुद्ध

यहूदियों का मानना ​​था कि यदि वे एक अन्यजाति के साथ मिले या उसके साथ भोजन खाया तो वे परमेश्वर की दृष्टि में अशुद्ध हो सकते हैं। ऐसा इसलिए था क्योंकि फरीसियों ने इसके विरूद्ध एक नियम बना दिया था, क्योंकि वे लोगों को उन खाद्य पदार्थों को खाने से रोकना चाहते थे जिनको मूसा की व्यवस्था ने अशुद्ध कहा था। मूसा की व्यवस्था ने कहा था कि कुछ खाद्य पदार्थ अशुद्ध थे, परन्तु इसने यह नहीं कहा था कि परमेश्वर के लोग अन्यजातियों के साथ नहीं मिल सकते थे या उनके साथ नहीं खा सकते थे। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/clean]] और [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/lawofmoses]])

### बपतिस्मा और पवित्र आत्मा

पवित्र आत्मा उन पर ""उतर आया"" जो पतरस को सुन रहे थे। इसने यहूदी विश्वासियों को दिखाया कि अन्यजाति परमेश्वर का वचन प्राप्त कर सकते हैं और यहूदी विश्वासियों के समान ही पवित्र आत्मा प्राप्त कर सकते हैं। इसके बाद, अन्यजातियों को बपतिस्मा दिया गया था।
" +ACT 10 intro ym7z 0 # प्रेरितों के काम 10 सामान्य टिप्पणियाँ
## इस अध्याय में पाई जाने वाली विशेष धारणाएँ

### अशुद्ध

यहूदियों का मानना ​​था कि यदि वे एक अन्यजाति के साथ मिले या उसके साथ भोजन खाया तो वे परमेश्वर की दृष्टि में अशुद्ध हो सकते हैं। ऐसा इसलिए था क्योंकि फरीसियों ने इसके विरूद्ध एक नियम बना दिया था, क्योंकि वे लोगों को उन खाद्य पदार्थों को खाने से रोकना चाहते थे जिनको मूसा की व्यवस्था ने अशुद्ध कहा था। मूसा की व्यवस्था ने कहा था कि कुछ खाद्य पदार्थ अशुद्ध थे, परन्तु इसने यह नहीं कहा था कि परमेश्वर के लोग अन्यजातियों के साथ नहीं मिल सकते थे या उनके साथ नहीं खा सकते थे। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/clean]] और [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/lawofmoses]])

### बपतिस्मा और पवित्र आत्मा

पवित्र आत्मा उन पर ""उतर आया"" जो पतरस को सुन रहे थे। इसने यहूदी विश्वासियों को दिखाया कि अन्यजाति परमेश्वर का वचन प्राप्त कर सकते हैं और यहूदी विश्वासियों के समान ही पवित्र आत्मा प्राप्त कर सकते हैं। इसके बाद, अन्यजातियों को बपतिस्मा दिया गया था।
ACT 10 1 m1vx writing-background 0 General Information: ये वचन कुरनेलियुस के बारे में पृष्ठभूमि की जानकारी देते हैं। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/writing-background]]) ACT 10 1 nfy5 0 Connecting Statement: यह कुरनेलियुस के बारे में कहानी के हिस्से का आरम्भ है। ACT 10 1 wtb9 writing-participants ἀνὴρ δέ τις 1 Now there was a certain man यह ऐतिहासिक विवरण के इस हिस्से में एक नए व्यक्ति को प्रस्तुत करने का एक तरीका था। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/writing-participants]]) @@ -963,7 +963,7 @@ ACT 10 46 p6pa αὐτῶν λαλούντων γλώσσαις, καὶ μεγ ACT 10 47 u5d5 figs-rquestion μήτι τὸ ὕδωρ δύναται κωλῦσαί τις τοῦ μὴ βαπτισθῆναι τούτους, οἵτινες τὸ Πνεῦμα τὸ Ἅγιον ἔλαβον, ὡς καὶ ἡμεῖς 1 Can anyone keep water from these people so they should not be baptized, these people who have received ... we? "पतरस यहूदी मसीहियों को मनाने के लिए इस प्रश्न का उपयोग करता है कि अन्यजाति विश्वासियों का बपतिस्मा होना चाहिए। वैकल्पिक अनुवाद: ""किसी को भी इन लोगों से पानी को दूर नहीं रखना चाहिए! हमें उन्हें बपतिस्मा देना चाहिए क्योंकि उन्होंने प्राप्त किया है ... हमारे समान!"" (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-rquestion]] और [[rc://hi/ta/man/translate/figs-activepassive]])" ACT 10 48 t2y9 figs-explicit προσέταξεν…αὐτοὺς…βαπτισθῆναι 1 he commanded them to be baptized "यह निहित है कि वे यहूदी मसीही ही थे जो उन्हें बपतिस्मा देंगे। वैकल्पिक अनुवाद: ""पतरस ने अन्यजाति विश्वासियों को यहूदी मसीहियों को उनको बपतिस्मा देने की अनुमति देने का आदेश दिया"" या ""पतरस ने यहूदी मसीहियों को उन्हें बपतिस्मा देने का आदेश दिया"" (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-explicit]] और [[rc://hi/ta/man/translate/figs-activepassive]])" ACT 10 48 ax6x figs-metonymy ἐν τῷ ὀνόματι Ἰησοῦ Χριστοῦ βαπτισθῆναι 1 be baptized in the name of Jesus Christ "यहाँ ""यीशु मसीह के नाम में"" व्यक्त करता है कि उनके बपतिस्मा का कारण यह था कि वे यीशु पर विश्वास करते थे। वैकल्पिक अनुवाद: ""यीशु मसीह में विश्वासियों के रूप में बपतिस्मा लें"" (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-metonymy]])" -ACT 11 intro hva5 0 "# प्रेरितों के काम 11 सामान्य टिप्पणियाँ
## इस अध्याय में पाई जाने वाली विशेष धारणाएँ

### ""अन्यजातियों को भी परमेश्वर का वचन प्राप्त हुआ था""

पहले सारे ही विश्वासी लगभग यहूदी थे। लूका इस अध्याय में लिखता है कि कई अन्यजातियों ने यीशु पर विश्वास करना आरम्भ कर दिया था। उनका मानना था कि यीशु के बारे में वह सन्देश सत्य था और इसलिए ""परमेश्वर के वचन को प्राप्त करना"" आरम्भ किया। यरूशलेम में कुछ विश्वासियों को यह विश्वास नहीं था कि अन्यजाति वास्तव में यीशु का अनुसरण कर सकते थे, इसलिए पतरस उनके पास गया और उनको बताया कि उसके साथ क्या हुआ था और कैसे उसने देखा कि अन्यजातियों को परमेश्वर का वचन प्राप्त हुआ और पवित्र आत्मा प्राप्त हुआ।" +ACT 11 intro hva5 0 # प्रेरितों के काम 11 सामान्य टिप्पणियाँ
## इस अध्याय में पाई जाने वाली विशेष धारणाएँ

### ""अन्यजातियों को भी परमेश्वर का वचन प्राप्त हुआ था""

पहले सारे ही विश्वासी लगभग यहूदी थे। लूका इस अध्याय में लिखता है कि कई अन्यजातियों ने यीशु पर विश्वास करना आरम्भ कर दिया था। उनका मानना था कि यीशु के बारे में वह सन्देश सत्य था और इसलिए ""परमेश्वर के वचन को प्राप्त करना"" आरम्भ किया। यरूशलेम में कुछ विश्वासियों को यह विश्वास नहीं था कि अन्यजाति वास्तव में यीशु का अनुसरण कर सकते थे, इसलिए पतरस उनके पास गया और उनको बताया कि उसके साथ क्या हुआ था और कैसे उसने देखा कि अन्यजातियों को परमेश्वर का वचन प्राप्त हुआ और पवित्र आत्मा प्राप्त हुआ। ACT 11 1 uw5m 0 General Information: इस कहानी में एक नई घटना का आरम्भ है। ACT 11 1 j7f7 0 Connecting Statement: पतरस यरूशलेम में आता है और वहाँ यहूदियों से बात करना आरम्भ कर देता है। ACT 11 1 ab75 writing-newevent δὲ 1 Now यह कहानी के एक नए हिस्से को चिन्हित करता है। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/writing-newevent]]) @@ -1047,7 +1047,7 @@ ACT 11 29 de92 δὲ 1 So इस शब्द का अर्थ एक ऐस ACT 11 29 rk9z καθὼς εὐπορεῖτό τις 1 as each one was able धनी लोगों ने अधिक भेजा; गरीब लोगों ने कम भेजा। ACT 11 29 up7a ἐν τῇ Ἰουδαίᾳ ἀδελφοῖς 1 the brothers in Judea यहूदिया में रहने वाले विश्वासियों को ACT 11 30 l8i8 figs-idiom διὰ χειρὸς Βαρναβᾶ καὶ Σαύλου 1 by the hand of Barnabas and Saul "हाथ पूरे व्यक्ति की गतिविधि के लिए एक उपलक्ष्य अलंकार है। वैकल्पिक अनुवाद: ""बरनबास और शाऊल द्वारा उनके पास ले जाना"" (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-idiom]])" -ACT 12 intro f66j 0 "# प्रेरितों 12 सामान्य टिप्पणियाँ
## संरचना एवं स्वरूपण

अध्याय 12 बताता है कि राजा हेरोदेस के साथ क्या हुआ, जिस समय बरनबास शाऊल को तरसुस से वापस ला रहा था और वे अन्ताकिया के पैसे यरूशलेम को दे रहे थे (11: 25-30)। उसने कलीसिया के कई अगुवों को मार डाला, और उसने पतरस को जेल में डाल दिया। परमेश्वर के पतरस को जेल से निकलने में सहायता करने के बाद, हेरोदेस ने जेल के सिपाहियों को मार डाला, और फिर परमेश्वर ने हेरोदेस को मार डाला। इस अध्याय के अन्तिम वचन में, लूका बताता है कि कैसे बरनबास और शाऊल अन्ताकिया लौटते हैं।

## इस अध्याय के महत्वपूर्ण अलंकार

### अवतार

""परमेश्वर का वचन"" ऐसे बोला गया है जैसे कि यह एक जीवित वस्तु थी जो उन्नति कर सकती थी और कई सारी हो सकती थी। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/wordofgod]] और [[rc://hi/ta/man/translate/figs-personification]])
" +ACT 12 intro f66j 0 # प्रेरितों 12 सामान्य टिप्पणियाँ
## संरचना एवं स्वरूपण

अध्याय 12 बताता है कि राजा हेरोदेस के साथ क्या हुआ, जिस समय बरनबास शाऊल को तरसुस से वापस ला रहा था और वे अन्ताकिया के पैसे यरूशलेम को दे रहे थे (11: 25-30)। उसने कलीसिया के कई अगुवों को मार डाला, और उसने पतरस को जेल में डाल दिया। परमेश्वर के पतरस को जेल से निकलने में सहायता करने के बाद, हेरोदेस ने जेल के सिपाहियों को मार डाला, और फिर परमेश्वर ने हेरोदेस को मार डाला। इस अध्याय के अन्तिम वचन में, लूका बताता है कि कैसे बरनबास और शाऊल अन्ताकिया लौटते हैं।

## इस अध्याय के महत्वपूर्ण अलंकार

### अवतार

""परमेश्वर का वचन"" ऐसे बोला गया है जैसे कि यह एक जीवित वस्तु थी जो उन्नति कर सकती थी और कई सारी हो सकती थी। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/wordofgod]] और [[rc://hi/ta/man/translate/figs-personification]])
ACT 12 1 u4w7 writing-background 0 General Information: हेरोदेस के याकूब की हत्या के बारे में यह पृष्ठभूमि की जानकारी है। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/writing-background]]) ACT 12 1 ua9p 0 Connecting Statement: पहले याकूब की मौत और फिर पतरस का कारावास और फिर उसे छुड़ाना यह नए सताव को आरम्भ करता है। ACT 12 1 ti1y writing-newevent δὲ 1 Now यह कहानी का एक नए हिस्से को आरम्भ करता है। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/writing-newevent]]) @@ -1337,7 +1337,7 @@ ACT 13 50 n7qe ἐπήγειραν διωγμὸν ἐπὶ τὸν Παῦλο ACT 13 50 cq9h ἐξέβαλον αὐτοὺς ἀπὸ τῶν ὁρίων αὐτῶν 1 threw them out beyond the border of their city अपने शहर से पौलुस और बरनबास को निकाल दिया ACT 13 51 xi1z writing-symlanguage ἐκτιναξάμενοι τὸν κονιορτὸν τῶν ποδῶν ἐπ’ αὐτοὺς 1 shook off the dust from their feet against them यह विश्वास न करने वाले लोगों की ओर संकेत करने का एक प्रतीकात्मक कार्य था कि परमेश्वर ने उन्हें अस्वीकार कर दिया था और उन्हें दण्डित करेगा। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/writing-symlanguage]]) ACT 13 52 dp5k οἵ…μαθηταὶ 1 the disciples यह सम्भवतः पिसिदिया के अन्ताकिया में नए विश्वासियों को सन्दर्भित करता है कि पौलुस और सीलास चले गए थे। -ACT 14 intro rsg2 0 "# प्रेरितों के काम 14 सामान्य टिप्पणियाँ
## इस अध्याय में पाई जाने वाली विशेष धारणाएँ

### ""उसके अनुग्रह का सन्देश""

यीशु का सन्देश यह सन्देश है कि परमेश्वर उन लोगों पर कृपा दिखाएगा जो यीशु पर विश्वास करते हैं। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/grace]] और [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/believe]])

### ज्यूस और हिर्मेस

रोमी साम्राज्य की अन्यजातियों ने कई अलग-अलग झूठे देवताओं की आराधना करते थे जो वास्तव में विद्यमान नहीं हैं। पौलुस और बरनबास ने उन्हें ""जीवित परमेश्वर"" में विश्वास करने के लिए कहा। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/falsegod]])

## इस अध्याय में अन्य संभावित अनुवाद की कठिनाइयाँ

### ""हमें बड़े क्लेश उठाकर परमेश्वर के राज्य में प्रवेश करना होगा।""

यीशु ने मरने से पहले अपने अनुयायियों से कहा था उसके पीछे चलने वाले हर एक को बहुत दुःख उठाना पडेगा। पौलुस अलग-अलग शब्दों का उपयोग करके वही बात कह रहा है।
" +ACT 14 intro rsg2 0 # प्रेरितों के काम 14 सामान्य टिप्पणियाँ
## इस अध्याय में पाई जाने वाली विशेष धारणाएँ

### ""उसके अनुग्रह का सन्देश""

यीशु का सन्देश यह सन्देश है कि परमेश्वर उन लोगों पर कृपा दिखाएगा जो यीशु पर विश्वास करते हैं। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/grace]] और [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/believe]])

### ज्यूस और हिर्मेस

रोमी साम्राज्य की अन्यजातियों ने कई अलग-अलग झूठे देवताओं की आराधना करते थे जो वास्तव में विद्यमान नहीं हैं। पौलुस और बरनबास ने उन्हें ""जीवित परमेश्वर"" में विश्वास करने के लिए कहा। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/falsegod]])

## इस अध्याय में अन्य संभावित अनुवाद की कठिनाइयाँ

### ""हमें बड़े क्लेश उठाकर परमेश्वर के राज्य में प्रवेश करना होगा।""

यीशु ने मरने से पहले अपने अनुयायियों से कहा था उसके पीछे चलने वाले हर एक को बहुत दुःख उठाना पडेगा। पौलुस अलग-अलग शब्दों का उपयोग करके वही बात कह रहा है।
ACT 14 1 vh8u 0 General Information: इकुनियुम में पौलुस और बरनबास की कहानी आगे बढ़ती है। ACT 14 1 hk1z ἐγένετο δὲ, ἐν Ἰκονίῳ 1 It came about in Iconium that "यहाँ सम्भावित अर्थ हैं 1) ""यह इकुनियुम में हुआ कि"" या 2) ""सामान्य रूप से इकुनियुम में""" ACT 14 1 f4sq figs-explicit λαλῆσαι οὕτως 1 spoke in such a way "बड़े सामर्थी रूप से बात की। यह कहना सहायक हो सकता है कि उन्होंने यीशु के बारे में सन्देश बताया। वैकल्पिक अनुवाद: ""यीशु के बारे में सन्देश बड़े सामर्थी रूप से बोला"" (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-explicit]]) @@ -1421,7 +1421,7 @@ ACT 14 26 f2cg ὅθεν ἦσαν παραδεδομένοι τῇ χάριτ ACT 14 27 vcd3 0 General Information: "यहाँ ""उन्होंने,"" ""उनके,"" और ""वे"" शब्द पौलुस और बरनबास को सन्दर्भित करते हैं। ""उसने"" शब्द परमेश्वर को सन्दर्भित करता है।" ACT 14 27 i9dv συναγαγόντες τὴν ἐκκλησίαν 1 gathered the church together एक साथ मिलने के लिए स्थानीय विश्वासियों को बुलाया ACT 14 27 b4id figs-metaphor ἤνοιξεν τοῖς ἔθνεσιν θύραν πίστεως 1 he had opened a door of faith for the Gentiles "परमेश्वर का अन्यजातियों को विश्वास करने में सक्षम बनाना ऐसे बोला गया है जैसे कि उसने एक दरवाजा खोल दिया था जिसने उन्हें विश्वास में प्रवेश करने से रोका था। वैकल्पिक अनुवाद: ""परमेश्वर ने अन्यजातियों के लिए विश्वास करना सम्भव बना दिया"" (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-metaphor]])" -ACT 15 intro h917 0 "# प्रेरितों के काम 15 सामान्य टिप्पणियाँ
## संरचना एवं स्वरूपण

कुछ अनुवाद पढ़ने के लिए आसान बनाने के लिए पाठ के शेष हिस्सों की तुलना में कविता की प्रत्येक पंक्ति को दाईं ओर व्यवस्थित करते हैं । यूएलटी अनुवाद कविता के साथ ऐसा करता है जिसे 15:16-17 में पुराने नियम से उद्धरित किया गया है।

इस अध्याय में लूका का वर्णन करने वाली बैठक को सामान्य तौर पर ""यरूशलेम की परिषद"" कहा जाता है। यह एक समय था जब कई कलीसिया के अगुवे यह निर्धारित करने के लिए एक साथ मिले कि क्या विश्वासियों को मूसा की सम्पूर्ण व्यवस्था का पालन करने की आवश्यकता है।

## इस अध्याय में पाई जाने वाली विशेष धारणाएँ

### भाइयों

इस अध्याय में लूका साथी मसीहियों के सन्दर्भ में साथी यहूदियों की अपेक्षा ""भाइयों"" शब्द का प्रयोग करना आरम्भ करता है।

### मूसा की व्यवस्था का पालन करना

कुछ विश्वासी चाहते थे कि अन्यजातियों का खतना किया जाए क्योंकि परमेश्वर ने अब्राहम और मूसा को बताया था कि हर कोई जो उससे सम्बन्धित होना चाहता था उसका खतना किया जाना था और यह एक व्यवस्था थी जो सदैव विद्यमान रहेगी। परन्तु पौलुस और बरनबास ने देखा था कि परमेश्वर खतनारहित अन्यजातियों को पवित्र आत्मा का उपहार देता है, इसलिए उन्होंने नहीं चाहा था कि अन्यजातियों का खतना हो। दोनों समूह यरूशलेम गए थे ताकि कलीसिया के अगुवों से यह निर्धारित करा सकें कि उन्हें क्या करना चाहिए।

### ""मूर्तियों को बलि की हुई चीजों से, लहू से, गला घोटे हुओं से और यौन अनैतिकता से दूर रहें""

यह सम्भव है कि कलीसिया के अगुवों ने इन व्यवस्थाओं पर निर्णय किया ताकि यहूदी और अन्यजाति न केवल एक साथ रह सकें अपितु एक साथ एक ही भोजन को खा सकें।
" +ACT 15 intro h917 0 # प्रेरितों के काम 15 सामान्य टिप्पणियाँ
## संरचना एवं स्वरूपण

कुछ अनुवाद पढ़ने के लिए आसान बनाने के लिए पाठ के शेष हिस्सों की तुलना में कविता की प्रत्येक पंक्ति को दाईं ओर व्यवस्थित करते हैं । यूएलटी अनुवाद कविता के साथ ऐसा करता है जिसे 15:16-17 में पुराने नियम से उद्धरित किया गया है।

इस अध्याय में लूका का वर्णन करने वाली बैठक को सामान्य तौर पर ""यरूशलेम की परिषद"" कहा जाता है। यह एक समय था जब कई कलीसिया के अगुवे यह निर्धारित करने के लिए एक साथ मिले कि क्या विश्वासियों को मूसा की सम्पूर्ण व्यवस्था का पालन करने की आवश्यकता है।

## इस अध्याय में पाई जाने वाली विशेष धारणाएँ

### भाइयों

इस अध्याय में लूका साथी मसीहियों के सन्दर्भ में साथी यहूदियों की अपेक्षा ""भाइयों"" शब्द का प्रयोग करना आरम्भ करता है।

### मूसा की व्यवस्था का पालन करना

कुछ विश्वासी चाहते थे कि अन्यजातियों का खतना किया जाए क्योंकि परमेश्वर ने अब्राहम और मूसा को बताया था कि हर कोई जो उससे सम्बन्धित होना चाहता था उसका खतना किया जाना था और यह एक व्यवस्था थी जो सदैव विद्यमान रहेगी। परन्तु पौलुस और बरनबास ने देखा था कि परमेश्वर खतनारहित अन्यजातियों को पवित्र आत्मा का उपहार देता है, इसलिए उन्होंने नहीं चाहा था कि अन्यजातियों का खतना हो। दोनों समूह यरूशलेम गए थे ताकि कलीसिया के अगुवों से यह निर्धारित करा सकें कि उन्हें क्या करना चाहिए।

### ""मूर्तियों को बलि की हुई चीजों से, लहू से, गला घोटे हुओं से और यौन अनैतिकता से दूर रहें""

यह सम्भव है कि कलीसिया के अगुवों ने इन व्यवस्थाओं पर निर्णय किया ताकि यहूदी और अन्यजाति न केवल एक साथ रह सकें अपितु एक साथ एक ही भोजन को खा सकें।
ACT 15 1 qck6 0 Connecting Statement: जब अन्यजातियों और खतना के बारे में विवाद होता है तो उस समय पौलुस और बरनबास अन्ताकिया में ही हैं। ACT 15 1 su66 figs-explicit τινες 1 Some men "कुछ लोग। आप स्पष्ट कर सकते हैं कि ये लोग यहूदी थे जिन्होंने मसीह पर विश्वास किया था। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-explicit]]) ACT 15 1 p3k9 κατελθόντες ἀπὸ τῆς Ἰουδαίας 1 came down from Judea यहाँ ""से आकर"" वाक्यांश का उपयोग इसलिए किया गया है क्योंकि अन्ताकिया की तुलना में यहूदिया ऊँचाई पर है। @@ -1650,7 +1650,7 @@ ACT 16 40 y14i writing-endofstory 0 यह फिलिप्पी में ACT 16 40 t1pf figs-go εἰσῆλθον πρὸς τὴν Λυδίαν 1 came to the house "यहाँ ""आया"" का अनुवाद ""चला गया"" के रूप में किया जा सकता है। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-go]])" ACT 16 40 ylk9 τὴν Λυδίαν 1 the house of Lydia लुदिया के घर ACT 16 40 ntc9 figs-gendernotations ἰδόντες 1 saw the brothers """भाइयों"" यहाँ विश्वासियों को सन्दर्भित करता है चाहे पुरुष हो या स्त्री। वैकल्पिक अनुवाद: ""विश्वासियों से भेंट की"" (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-gendernotations]])" -ACT 17 intro gj4c 0 "# प्रेरितों के काम 17 सामान्य टिप्पणियाँ
## इस अध्याय में पाई जाने वाली विशेष धारणाएँ

### मसीह के बारे में भम्र

यहूदियों ने मसीह या मसीहा के एक सामर्थ्यशाली राजा होने की अपेक्षा की थी क्योंकि पुराना नियम ऐसा कई बार कहता है। परन्तु साथ ही यह कई बार ऐसे कहता है कि मसीह को दुःख उठाना होगा, और यही था जो पौलुस यहूदियों को बता रहा था। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/christ]])

### एथेंस का धर्म

पौलुस ने कहा कि एथेंसवासी ""धार्मिक"" थे, परन्तु उन्होंने सच्चे परमेश्वर की आराधना नहीं की थी। उन्होंने कई अलग-अलग झूठे देवताओं की आराधना की थी। अतीत में उन्होंने कई जातियों पर विजय प्राप्त की थी और उन जातियों के देवताओं की आराधना करना आरम्भ कर दिया था जिन पर उन्होंने विजय प्राप्त की थी । (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/falsegod]])

इस अध्याय में लूका पहली बार वर्णन करता है कि कैसे पौलुस ने मसीह का सन्देश उन लोगों को बताया जो पुराने नियम के बारे में कुछ भी नहीं जानते थे।" +ACT 17 intro gj4c 0 # प्रेरितों के काम 17 सामान्य टिप्पणियाँ
## इस अध्याय में पाई जाने वाली विशेष धारणाएँ

### मसीह के बारे में भम्र

यहूदियों ने मसीह या मसीहा के एक सामर्थ्यशाली राजा होने की अपेक्षा की थी क्योंकि पुराना नियम ऐसा कई बार कहता है। परन्तु साथ ही यह कई बार ऐसे कहता है कि मसीह को दुःख उठाना होगा, और यही था जो पौलुस यहूदियों को बता रहा था। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/christ]])

### एथेंस का धर्म

पौलुस ने कहा कि एथेंसवासी ""धार्मिक"" थे, परन्तु उन्होंने सच्चे परमेश्वर की आराधना नहीं की थी। उन्होंने कई अलग-अलग झूठे देवताओं की आराधना की थी। अतीत में उन्होंने कई जातियों पर विजय प्राप्त की थी और उन जातियों के देवताओं की आराधना करना आरम्भ कर दिया था जिन पर उन्होंने विजय प्राप्त की थी । (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/falsegod]])

इस अध्याय में लूका पहली बार वर्णन करता है कि कैसे पौलुस ने मसीह का सन्देश उन लोगों को बताया जो पुराने नियम के बारे में कुछ भी नहीं जानते थे। ACT 17 1 q9x4 0 General Information: "यहाँ ""वे"" शब्द पौलुस और सीलास को सन्दर्भित करता है। तुलना करें [प्रेरितों के काम 16:40](../16/40.md). ""उनके"" शब्द थिस्सलुनीके के आराधनालय के यहूदियों को सन्दर्भित करता है।" ACT 17 1 r3qb 0 Connecting Statement: "यह पौलुस, सीलास और तीमुथियुस की मिशनरी यात्रा की कहानी आगे बढ़ाती है। वे स्पष्ट रूप से लूका के बिना थिस्सलुनीके में पहुँचे, क्योंकि वह ""वे"" कहता है, ""हम"" नहीं।" ACT 17 1 e4w5 δὲ 1 Now कहानी की मुख्य-धारा में विराम को चिन्हित करने के लिए यहाँ इस शब्द का उपयोग किया गया है। लेखक लूका, यहाँ कहानी के एक नए हिस्से को बताना आरम्भ कर देता है। @@ -1971,7 +1971,7 @@ ACT 19 39 hxh3 εἰ δέ τι περὶ ἑτέρων ἐπιζητεῖτε 1 ACT 19 39 wga5 figs-activepassive ἐν τῇ ἐννόμῳ ἐκκλησίᾳ ἐπιλυθήσεται 1 it shall be settled in the regular assembly "इसे सक्रिय रूप में कहा जा सकता है। वैकल्पिक अनुवाद: ""आओ हम इसका नियमित सभा में निपटारा करें"" (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-activepassive]])" ACT 19 39 et5j τῇ ἐννόμῳ ἐκκλησίᾳ 1 the regular assembly यह नागरिकों की सार्वजनिक सभा को सन्दर्भित करता है जिस पर नगर का मंत्री अध्यक्षता करता है। ACT 19 40 sds7 figs-activepassive κινδυνεύομεν ἐνκαλεῖσθαι στάσεως περὶ τῆς σήμερον 1 in danger of being accused concerning this day's riot "इसे सक्रिय रूप में कहा जा सकता है। वैकल्पिक अनुवाद: ""रोमी अधिकारियों के डर के कारण आज हम पर दंगा आरम्भ करने का आरोप लगा रहे हैं"" (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-activepassive]])" -ACT 20 intro u91c 0 "# प्रेरितों 20 सामान्य टिप्पणियाँ
## संरचना एवं स्वरूपण

इस अध्याय में लूका यरूशलेम जाने से पहले पौलुस के मकिदुनिया और एशिया के प्रान्तों में विश्वासियों से अंतिम बार मिलने का वर्णन करता है।

## इस अध्याय में पाई जाने वाली विशेष धारणाएँ

### दौड़

पौलुस ने यीशु के लिए जीने की बात ऐसे की जैसे कि वह एक दौड़ में दौड़ रहा था। इसके द्वारा उसका अर्थ था कि परिस्थितियाँ कठिन होने पर भी और वह छोड़ देना चाहता था तब पर भी उसे लगातार कड़ी मेहनत करने की आवश्यकता थी । (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-metaphor]] और [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/discipline]])

### ""आत्मा में बंधा हुआ""

पौलुस ने सोचा था कि पवित्र आत्मा चाहता था कि वह यरूशलेम जाए, भले ही पौलुस वहाँ नहीं जाना चाहता था। उसी पवित्र आत्मा ने अन्य लोगों से कहा कि जब पौलुस यरूशलेम में पहुँचता है तो लोग उसे नुकसान पहुँचाने की प्रयास करेंगे।" +ACT 20 intro u91c 0 # प्रेरितों 20 सामान्य टिप्पणियाँ
## संरचना एवं स्वरूपण

इस अध्याय में लूका यरूशलेम जाने से पहले पौलुस के मकिदुनिया और एशिया के प्रान्तों में विश्वासियों से अंतिम बार मिलने का वर्णन करता है।

## इस अध्याय में पाई जाने वाली विशेष धारणाएँ

### दौड़

पौलुस ने यीशु के लिए जीने की बात ऐसे की जैसे कि वह एक दौड़ में दौड़ रहा था। इसके द्वारा उसका अर्थ था कि परिस्थितियाँ कठिन होने पर भी और वह छोड़ देना चाहता था तब पर भी उसे लगातार कड़ी मेहनत करने की आवश्यकता थी । (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-metaphor]] और [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/discipline]])

### ""आत्मा में बंधा हुआ""

पौलुस ने सोचा था कि पवित्र आत्मा चाहता था कि वह यरूशलेम जाए, भले ही पौलुस वहाँ नहीं जाना चाहता था। उसी पवित्र आत्मा ने अन्य लोगों से कहा कि जब पौलुस यरूशलेम में पहुँचता है तो लोग उसे नुकसान पहुँचाने की प्रयास करेंगे। ACT 20 1 cwq7 0 Connecting Statement: पौलुस इफिसुस छोड़ देता है और अपनी यात्राओं को जारी रखता है। ACT 20 1 y5cq μετὰ δὲ τὸ παύσασθαι 1 After the uproar "दंगे के बाद या ""दंगा के आगे""" ACT 20 1 hr32 ἀσπασάμενος 1 he said farewell उसने अलविदा कहा @@ -2079,7 +2079,7 @@ ACT 20 36 u3uc translate-symaction θεὶς τὰ γόνατα αὐτοῦ… ACT 20 37 pb4r ἐπιπεσόντες ἐπὶ τὸν τράχηλον τοῦ Παύλου 1 embraced Paul "उसे घनिष्ठता से गले लगा लिया या ""उसके चारों ओर अपनी बाँहें रखीं""" ACT 20 37 sze4 κατεφίλουν αὐτόν 1 kissed him किसी को गाल पर चुम्बन देना मध्य पूर्व में भाइचारे या मित्रता भरे प्रेम की अभिव्यक्ति है। ACT 20 38 bs3s figs-synecdoche οὐκέτι μέλλουσιν τὸ πρόσωπον αὐτοῦ θεωρεῖν 1 they would never see his face again "यहाँ ""मुँह"" शब्द पौलुस के भौतिक शरीर का प्रतिनिधित्व करता है। वैकल्पिक अनुवाद: ""अब मुझे इस पृथ्वी पर नहीं देखोगे"" (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-synecdoche]])" -ACT 21 intro gh1j 0 "# प्रेरितों के काम 21 सामान्य टिप्पणियाँ## संरचना एवं स्वरूपण

प्रेरितों के काम 21:1-19 पौलुस की यरूशलेम की यात्रा का वर्णन करता है। उसके यरूशलेम में पहुँचने के बाद, विश्वासियों ने उसे बचाया कि यहूदी उसे नुकसान पहुँचाना चाहते थे और उसे ऐसा क्या करना चाहिए ताकि वे उसे नुकसान नहीं पहुँचाएँ (वचन 20-26)। यद्यपि पौलुस ने वह किया जो विश्वासियों ने उसे करने के लिए कहा था, तौभी यहूदियों ने उसे मारने की कोशिश की। रोमियों ने उसे बचा लिया और उसे यहूदियों से बात करने का एक अवसर दिया।

इस अध्याय का अन्तिम वचन एक अपूर्ण वाक्य के साथ समाप्त होता है। अधिकांश अनुवाद वाक्य को अधूरा छोड़ देते हैं, जैसा यूएलटी अनुवाद करता है।

## इस अध्याय में पाई जाने वाली विशेष धारणाएँ

### ""वे सभी व्यवस्था का पालन करने के लिए दृढ़ हैं""

यरूशलेम में रहने वाले यहूदी मूसा की व्यवस्था का पालन कर रहे थे यहाँ तक ​​कि जो लोग यीशु का अनुसरण कर रहे थे वे अभी भी व्यवस्था का पालन कर रहे थे। दोनों समूहों ने सोचा था कि पौलुस यूनान में रहने वाले यहूदियों को व्यवस्था का पालन नहीं करने के लिए कह रहा था। परन्तु यह केवल अन्यजाति ही थे जिनको पौलुस ऐसा कह रहा था।

### नाज़रियों की प्रतिज्ञा
जो प्रतिज्ञा पौलुस और उसके तीन मित्रों ने बाँधी थी वह सम्भवतः नाज़रियों की प्रतिज्ञा थी, क्योंकि उन्होंने अपने सिर मुंडा लिए थे ([प्रेरितों के काम 21:23](../../act/21/23.md)।.

### मन्दिर में अन्यजाति

यहूदियों ने पौलुस पर एक अन्यजाति को मन्दिर के उस हिस्से में लाने का आरोप लगाया जिसमें जाने की अनुमति परमेश्वर ने केवल यहूदियों को ही दी थी। उन्होंने सोचा कि परमेश्वर चाहता था कि वे पौलुस को मार डालने के द्वारा उसे दण्डित करें। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/holy]])

### रोमी नागरिकता

रोमियों ने सोचा कि उन्हें केवल रोमी नागरिकों के साथ ही न्यायपूर्वक व्यवहार करने की आवश्यक करना है। वे उन लोगों के साथ जो रोमी नागरिक नहीं थे जैसा चाहें वैसा कर सकते थे, परन्तु उन्हें अन्य रोमियों के साथ व्यवस्था का पालन करना था। कुछ लोग जन्मजात रोमी नागरिक थे, और अन्यों ने रोमी सरकार को पैसा दिया ताकि वे रोमी नागरिक बन सकें।
" +ACT 21 intro gh1j 0 # प्रेरितों के काम 21 सामान्य टिप्पणियाँ## संरचना एवं स्वरूपण

प्रेरितों के काम 21:1-19 पौलुस की यरूशलेम की यात्रा का वर्णन करता है। उसके यरूशलेम में पहुँचने के बाद, विश्वासियों ने उसे बचाया कि यहूदी उसे नुकसान पहुँचाना चाहते थे और उसे ऐसा क्या करना चाहिए ताकि वे उसे नुकसान नहीं पहुँचाएँ (वचन 20-26)। यद्यपि पौलुस ने वह किया जो विश्वासियों ने उसे करने के लिए कहा था, तौभी यहूदियों ने उसे मारने की कोशिश की। रोमियों ने उसे बचा लिया और उसे यहूदियों से बात करने का एक अवसर दिया।

इस अध्याय का अन्तिम वचन एक अपूर्ण वाक्य के साथ समाप्त होता है। अधिकांश अनुवाद वाक्य को अधूरा छोड़ देते हैं, जैसा यूएलटी अनुवाद करता है।

## इस अध्याय में पाई जाने वाली विशेष धारणाएँ

### ""वे सभी व्यवस्था का पालन करने के लिए दृढ़ हैं""

यरूशलेम में रहने वाले यहूदी मूसा की व्यवस्था का पालन कर रहे थे यहाँ तक ​​कि जो लोग यीशु का अनुसरण कर रहे थे वे अभी भी व्यवस्था का पालन कर रहे थे। दोनों समूहों ने सोचा था कि पौलुस यूनान में रहने वाले यहूदियों को व्यवस्था का पालन नहीं करने के लिए कह रहा था। परन्तु यह केवल अन्यजाति ही थे जिनको पौलुस ऐसा कह रहा था।

### नाज़रियों की प्रतिज्ञा
जो प्रतिज्ञा पौलुस और उसके तीन मित्रों ने बाँधी थी वह सम्भवतः नाज़रियों की प्रतिज्ञा थी, क्योंकि उन्होंने अपने सिर मुंडा लिए थे ([प्रेरितों के काम 21:23](../../act/21/23.md)।.

### मन्दिर में अन्यजाति

यहूदियों ने पौलुस पर एक अन्यजाति को मन्दिर के उस हिस्से में लाने का आरोप लगाया जिसमें जाने की अनुमति परमेश्वर ने केवल यहूदियों को ही दी थी। उन्होंने सोचा कि परमेश्वर चाहता था कि वे पौलुस को मार डालने के द्वारा उसे दण्डित करें। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/holy]])

### रोमी नागरिकता

रोमियों ने सोचा कि उन्हें केवल रोमी नागरिकों के साथ ही न्यायपूर्वक व्यवहार करने की आवश्यक करना है। वे उन लोगों के साथ जो रोमी नागरिक नहीं थे जैसा चाहें वैसा कर सकते थे, परन्तु उन्हें अन्य रोमियों के साथ व्यवस्था का पालन करना था। कुछ लोग जन्मजात रोमी नागरिक थे, और अन्यों ने रोमी सरकार को पैसा दिया ताकि वे रोमी नागरिक बन सकें।
ACT 21 1 s3h3 figs-exclusive 0 General Information: "यहाँ ""हम"" शब्द लूका, पौलुस और उनके साथ यात्रा करने वालों को सन्दर्भित करता है, परन्तु पाठक को नहीं। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-exclusive]])" ACT 21 1 i6f8 0 Connecting Statement: लेखक लूका, पौलुस, और उसके साथी अपनी यात्रा जारी रखते हैं। ACT 21 1 zz5h εὐθυδρομήσαντες ἤλθομεν εἰς τὴν Κῶ 1 we took a straight course to the city of Cos "हम सीधा कोस शहर गए या ""हम सीधे कोस शहर गए""" @@ -2206,7 +2206,7 @@ ACT 21 40 qp2q figs-abstractnouns ἐπιτρέψαντος…αὐτοῦ 1 the ACT 21 40 a4y2 ὁ Παῦλος ἑστὼς ἐπὶ τῶν ἀναβαθμῶν 1 Paul stood on the steps "यहाँ ""सीढ़ी"" शब्द किले के सीढ़ी-मार्ग की सीढ़ियों को सन्दर्भित करता है।" ACT 21 40 rk1y figs-explicit κατέσεισε τῇ χειρὶ τῷ λαῷ 1 motioned with the hand to the people "यह स्पष्ट रूप से कहा जा सकता है कि पौलुस ने हाथ से संकेत क्यों किया। वैकल्पिक अनुवाद: ""लोगों को चुप हो जाने के लिए उसने हाथ से संकेत किया"" (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-explicit]])" ACT 21 40 xj6i πολλῆς δὲ σιγῆς γενομένης 1 When there was a deep silence जब लोग पूरी तरह से चुप हो गए थे -ACT 22 intro gq5g 0 "# प्रेरितों के काम 22 सामान्य टिप्पणियाँ
## संरचना एवं स्वरूपण

प्रेरितों के काम की पुस्तक में पौलुस के मन परिवर्तन का यह दूसरा विवरण है। क्योंकि आरम्भिक कलीसिया में यह एक महत्वपूर्ण घटना है, इसलिए पौलुस के मन परिवर्तन के तीन विवरण पाए जाते हैं। (देखें: [Acts 9](../09/01.md) और [प्रेरितों के काम 26](../26/01.md))

## इस अध्याय में पाई जाने वाली विशेष धारणाएँ

## ## ""इब्रानी भाषा में""

इस समय में अधिकांश यहूदी अरामी और यूनानी भाषा बोला करते थे। इब्रानी बोलने वाले अधिकांश लोग यहूदी शिक्षित विद्वान थे। यही कारण है कि जब पौलुस ने इब्रानी में बोलना आरम्भ किया तो लोगों ने ध्यान दिया।

### ""पंथ""

कोई भी निश्चित रूप से यह नहीं जानता कि किसने पहली बार विश्वासियों को इस ""इस पंथ के अनुयायियों"" के रूप में पुकारना आरम्भ किया। यह सम्भवतः वही है जिससे विश्वासियों ने स्वयं को पुकारा था, क्योंकि बाइबल अक्सर किसी रीति से जीवन को जीने वाले व्यक्ति की बात ऐसे करती है जैसे कि वह व्यक्ति किसी मार्ग या ""पंथ"" पर चल रहा था। यदि यह सच है, तो विश्वासियों ने परमेश्वर को प्रसन्न करने के तरीके से जीने के द्वारा ""परमेश्वर के मार्ग का अनुसरण किया"" था।

### रोमी नागरिकता

रोमियों ने सोचा कि उन्हें केवल रोमी नागरिकों के साथ ही न्यायपूर्वक व्यवहार करने की आवश्यकता है। वे उन लोगों के साथ जो रोमी नागरिक नहीं थे जैसा चाहें वैसा कर सकते थे, परन्तु उन्हें अन्य रोमियों के साथ व्यवस्था का पालन करना था। कुछ लोग जन्मजात रोमी नागरिक थे, और अन्यों ने रोमी सरकार को पैसा दिया ताकि वे रोमी नागरिक बन सकें।
जैसा व्यवहार वह किसी गैर-नागरिक के साथ करेगा एक रोमी नागरिक को उस तरीके से दण्ड देने से ""मुख्य सरदार"" को दण्डित किया जा सकता था।" +ACT 22 intro gq5g 0 # प्रेरितों के काम 22 सामान्य टिप्पणियाँ
## संरचना एवं स्वरूपण

प्रेरितों के काम की पुस्तक में पौलुस के मन परिवर्तन का यह दूसरा विवरण है। क्योंकि आरम्भिक कलीसिया में यह एक महत्वपूर्ण घटना है, इसलिए पौलुस के मन परिवर्तन के तीन विवरण पाए जाते हैं। (देखें: [Acts 9](../09/01.md) और [प्रेरितों के काम 26](../26/01.md))

## इस अध्याय में पाई जाने वाली विशेष धारणाएँ

## ## ""इब्रानी भाषा में""

इस समय में अधिकांश यहूदी अरामी और यूनानी भाषा बोला करते थे। इब्रानी बोलने वाले अधिकांश लोग यहूदी शिक्षित विद्वान थे। यही कारण है कि जब पौलुस ने इब्रानी में बोलना आरम्भ किया तो लोगों ने ध्यान दिया।

### ""पंथ""

कोई भी निश्चित रूप से यह नहीं जानता कि किसने पहली बार विश्वासियों को इस ""इस पंथ के अनुयायियों"" के रूप में पुकारना आरम्भ किया। यह सम्भवतः वही है जिससे विश्वासियों ने स्वयं को पुकारा था, क्योंकि बाइबल अक्सर किसी रीति से जीवन को जीने वाले व्यक्ति की बात ऐसे करती है जैसे कि वह व्यक्ति किसी मार्ग या ""पंथ"" पर चल रहा था। यदि यह सच है, तो विश्वासियों ने परमेश्वर को प्रसन्न करने के तरीके से जीने के द्वारा ""परमेश्वर के मार्ग का अनुसरण किया"" था।

### रोमी नागरिकता

रोमियों ने सोचा कि उन्हें केवल रोमी नागरिकों के साथ ही न्यायपूर्वक व्यवहार करने की आवश्यकता है। वे उन लोगों के साथ जो रोमी नागरिक नहीं थे जैसा चाहें वैसा कर सकते थे, परन्तु उन्हें अन्य रोमियों के साथ व्यवस्था का पालन करना था। कुछ लोग जन्मजात रोमी नागरिक थे, और अन्यों ने रोमी सरकार को पैसा दिया ताकि वे रोमी नागरिक बन सकें।
जैसा व्यवहार वह किसी गैर-नागरिक के साथ करेगा एक रोमी नागरिक को उस तरीके से दण्ड देने से ""मुख्य सरदार"" को दण्डित किया जा सकता था। ACT 22 1 kq95 writing-background 0 General Information: वचन 2 पृष्ठभूमि की जानकारी देता है। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/writing-background]]) ACT 22 1 a8ir 0 Connecting Statement: पौलुस यरूशलेम में यहूदी भीड़ से बात करता है। ACT 22 1 xe46 ἀδελφοὶ καὶ πατέρες 1 Brothers and fathers यह उन लोगों को सम्बोधित करने का एक विनम्र तरीका है जो पौलुस की आयु के साथ-साथ दर्शकों में बुजुर्ग पुरुषों के रूप में भी थे। @@ -2285,7 +2285,7 @@ ACT 22 30 g33i 0 General Information: "यहाँ ""वह"" शब्द ACT 22 30 np3d 1 chief captain लगभग 600 सैनिकों के ऊपर एक सैन्य अधिकारी ACT 22 30 kx58 figs-metonymy ἔλυσεν αὐτόν 1 So he untied his bonds """मुख्य अधिकारी"" सम्भवतः सैनिकों के मुख्य अधिकारी का प्रतीक है। वैकल्पिक अनुवाद: ""इसलिए मुख्य सूबेदार ने अपने सैनिकों को पौलुस के बंधन को खोलने का आदेश दिया"" (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-metonymy]])" ACT 22 30 c5ia καταγαγὼν τὸν Παῦλον 1 he brought Paul down किले से, मन्दिर के आँगन में नीचे जाने के लिए वहाँ एक सीढ़ी-मार्ग है। -ACT 23 intro gbw5 0 "# प्रेरितों के काम 23 सामान्य टिप्पणियाँ
## संरचना एवं स्वरूपण

कुछ अनुवाद पुराने नियम से उद्धरण को शेष पाठ की तुलना में पृष्ठ पर दाईं ओर व्यवस्थित करते हैं । यूएलटी अनुवाद 23:5 में उद्धरित सामग्री के साथ यह करता है।

## इस अध्याय में पाई जाने वाली विशेष धारणाएँ

### मृतकों का पुनरुत्थान

फरीसियों का मानना ​​था कि लोगों की मृत्यु के बाद, वे फिर से जीवित हो जाएँगे और परमेश्वर या तो उन्हें प्रतिफल देगा या उन्हें दण्डित करेगा। सदूकियों का मानना ​​था कि एक बार लोगों की मृत्यु हो जाने के बाद, वे मर गए और फिर कभी जीवित नहीं होंगे। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/other/raise]] और [[rc://hi/tw/dict/bible/other/reward]])

### ""एक शाप को बुलाया""

कुछ यहूदियों ने ईश्वर से प्रतिज्ञा की कि वे पौलुस को मार डालने तक खाएँगे या पीएँगे नहीं, और उन्होंने परमेश्वर से उन्हें दण्डित करने के लिए कहा यदि उन्होंने वैसा नहीं किया जो कुछ उन्होंने करने की प्रतिज्ञा की है ।

### रोमी नागरिकता

रोमियों ने सोचा कि उन्हें केवल रोमी नागरिकों के साथ ही न्यायपूर्वक व्यवहार करने की आवश्यकता है। वे उन लोगों के साथ जो रोमी नागरिक नहीं थे जैसा चाहें वैसा कर सकते थे, परन्तु उन्हें अन्य रोमियों के साथ व्यवस्था का पालन करना होता था। कुछ लोग जन्मजात रोमी नागरिक थे, और अन्यों ने रोमी सरकार को पैसा दिया ताकि वे रोमी नागरिक बन सकें।
जैसा व्यवहार वह किसी गैर-नागरिक के साथ करेगा एक रोमी नागरिक को उस तरीके से दण्ड देने से ""मुख्य सरदार"" को दण्डित किया जा सकता था।

## इस अध्याय के महत्वपूर्ण अलंकार

### चुना

जब कोई जन बुरा या अशुद्ध या अन्यायपूर्ण होता है तो उसके भले या शुद्ध या धार्मिक दिखाई देने के लिए यह पवित्रशास्त्र में एक सामान्य रूपक है। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-metaphor]])
" +ACT 23 intro gbw5 0 # प्रेरितों के काम 23 सामान्य टिप्पणियाँ
## संरचना एवं स्वरूपण

कुछ अनुवाद पुराने नियम से उद्धरण को शेष पाठ की तुलना में पृष्ठ पर दाईं ओर व्यवस्थित करते हैं । यूएलटी अनुवाद 23:5 में उद्धरित सामग्री के साथ यह करता है।

## इस अध्याय में पाई जाने वाली विशेष धारणाएँ

### मृतकों का पुनरुत्थान

फरीसियों का मानना ​​था कि लोगों की मृत्यु के बाद, वे फिर से जीवित हो जाएँगे और परमेश्वर या तो उन्हें प्रतिफल देगा या उन्हें दण्डित करेगा। सदूकियों का मानना ​​था कि एक बार लोगों की मृत्यु हो जाने के बाद, वे मर गए और फिर कभी जीवित नहीं होंगे। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/other/raise]] और [[rc://hi/tw/dict/bible/other/reward]])

### ""एक शाप को बुलाया""

कुछ यहूदियों ने ईश्वर से प्रतिज्ञा की कि वे पौलुस को मार डालने तक खाएँगे या पीएँगे नहीं, और उन्होंने परमेश्वर से उन्हें दण्डित करने के लिए कहा यदि उन्होंने वैसा नहीं किया जो कुछ उन्होंने करने की प्रतिज्ञा की है ।

### रोमी नागरिकता

रोमियों ने सोचा कि उन्हें केवल रोमी नागरिकों के साथ ही न्यायपूर्वक व्यवहार करने की आवश्यकता है। वे उन लोगों के साथ जो रोमी नागरिक नहीं थे जैसा चाहें वैसा कर सकते थे, परन्तु उन्हें अन्य रोमियों के साथ व्यवस्था का पालन करना होता था। कुछ लोग जन्मजात रोमी नागरिक थे, और अन्यों ने रोमी सरकार को पैसा दिया ताकि वे रोमी नागरिक बन सकें।
जैसा व्यवहार वह किसी गैर-नागरिक के साथ करेगा एक रोमी नागरिक को उस तरीके से दण्ड देने से ""मुख्य सरदार"" को दण्डित किया जा सकता था।

## इस अध्याय के महत्वपूर्ण अलंकार

### चुना

जब कोई जन बुरा या अशुद्ध या अन्यायपूर्ण होता है तो उसके भले या शुद्ध या धार्मिक दिखाई देने के लिए यह पवित्रशास्त्र में एक सामान्य रूपक है। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-metaphor]])
ACT 23 1 z2sq 0 Connecting Statement: पौलुस प्रधान याजक और परिषद के सदस्यों के सामने खड़ा है ([प्रेरितों के काम 22:30](../22/30.md))। ACT 23 1 jru4 ἀδελφοί 1 Brothers "यहाँ इसका अर्थ ""साथी यहूदी"" से है।" ACT 23 1 nn2q ἐγὼ πάσῃ συνειδήσει ἀγαθῇ πεπολίτευμαι τῷ Θεῷ ἄχρι ταύτης τῆς ἡμέρας 1 I have lived before God in all good conscience until this day मुझे पता है कि आज तक भी मैंने वैसा ही किया है जैसा परमेश्वर ने मुझसे करवाना चाहा था @@ -2364,7 +2364,7 @@ ACT 23 34 dtx1 figs-quotations ἐπερωτήσας ἐκ ποίας ἐπαρ ACT 23 35 dwv2 figs-quotations ἔφη 1 he said "यह वाक्य, जो वचन 43 में ""जब उसने जाना"" शब्दों से आरम्भ होता है, को प्रत्यक्ष उद्धरण के रूप में वर्णित किया जा सकता है। वैकल्पिक अनुवाद: ""पौलुस ने कहा, 'मैं किलिकिया से हूँ।' तब राज्यपाल ने कहा"" (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-quotations]])" ACT 23 35 uji1 διακούσομαί σου 1 I will hear you fully जो कुछ तुझे कहना है उसे मैं सुनूँगा ACT 23 35 mga2 κελεύσας…φυλάσσεσθαι αὐτόν 1 he commanded him to be kept "इसे सक्रिय रूप में कहा जा सकता है। वैकल्पिक अनुवाद: ""उसने सैनिकों को उसे पहरे में रखने का आदेश दिया"" या ""सैनिकों को उसे नियंत्रण में रखने का आदेश दिया""" -ACT 24 intro j74u 0 "# प्रेरितों के काम 24 सामान्य टिप्पणियाँ
## संरचना एवं स्वरूपण

पौलुस ने राज्यपाल से कहा कि उसने ऐसा कुछ नहीं किया था जो यहूदी उस पर करने का आरोप लगा रहे थे और इसलिए राज्यपाल को उसे उस बात के लिए दण्डित नहीं करना चाहिए जो उसने नहीं की है।

## इस अध्याय में पाई जाने वाली विशेष धारणाएँ

### सम्मान

दोनों यहूदी अगुवों ने ([प्रेरितों के काम 24:2-4](./02.md)) और पौलुस ([प्रेरितों के काम 24:10](../../act/24/10.md)) अपने भाषणों को उन शब्दों के साथ आरम्भ किया जो राज्यपाल के सम्मान को प्रदर्शित करते हैं।

## इस अध्याय में अन्य संभावित अनुवाद की कठिनाइयाँ
### सरकारी अगुवे

""राज्यपाल,"" ""सरदार,"" और ""सूबेदार"" शब्दों का कुछ भाषाओं में अनुवाद करना कठिन हो सकता है। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/translate-unknown]])
" +ACT 24 intro j74u 0 # प्रेरितों के काम 24 सामान्य टिप्पणियाँ
## संरचना एवं स्वरूपण

पौलुस ने राज्यपाल से कहा कि उसने ऐसा कुछ नहीं किया था जो यहूदी उस पर करने का आरोप लगा रहे थे और इसलिए राज्यपाल को उसे उस बात के लिए दण्डित नहीं करना चाहिए जो उसने नहीं की है।

## इस अध्याय में पाई जाने वाली विशेष धारणाएँ

### सम्मान

दोनों यहूदी अगुवों ने ([प्रेरितों के काम 24:2-4](./02.md)) और पौलुस ([प्रेरितों के काम 24:10](../../act/24/10.md)) अपने भाषणों को उन शब्दों के साथ आरम्भ किया जो राज्यपाल के सम्मान को प्रदर्शित करते हैं।

## इस अध्याय में अन्य संभावित अनुवाद की कठिनाइयाँ
### सरकारी अगुवे

""राज्यपाल,"" ""सरदार,"" और ""सूबेदार"" शब्दों का कुछ भाषाओं में अनुवाद करना कठिन हो सकता है। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/translate-unknown]])
ACT 24 1 qw1r figs-you 0 General Information: "यहाँ ""तेरे"" शब्द का अर्थ राज्यपाल फेलिक्स से है। ""हमें"" यहाँ फेलिक्स के अधीन नागरिकों को सन्दर्भित करता है। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-you]] और [[rc://hi/ta/man/translate/figs-exclusive]])" ACT 24 1 bc8k 0 Connecting Statement: पौलुस मुकदमा चलाए जाने के लिए कैसरिया में है। तिरतुल्लुस पौलुस के विरूद्ध आरोपों के साथ राज्यपाल फेलिक्स के सामने प्रस्तुत होता है। ACT 24 1 e8rp μετὰ δὲ πέντε ἡμέρας 1 After five days रोमी सैनिकों के पौलुस को कैसरिया ले जाने के पाँच दिन बाद @@ -2436,7 +2436,7 @@ ACT 24 26 n45p διὸ καὶ πυκνότερον αὐτὸν μεταπεμ ACT 24 27 ur2y translate-names ὁ…Πόρκιον Φῆστον 1 Porcius Festus यह नया रोमी राज्यपाल था जो फेलिक्स के स्थान पर आया था। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/translate-names]]) ACT 24 27 p59c figs-synecdoche θέλων…χάριτα καταθέσθαι τοῖς Ἰουδαίοις 1 wanted to gain favor with the Jews """यहूदियों"" यहाँ यहूदी अगुवों को सन्दर्भित करता है। वैकल्पिक अनुवाद: ""चाहता था कि यहूदी अगुवे उसे पसन्द करे"" (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-synecdoche]])" ACT 24 27 gln6 ὁ Φῆλιξ…κατέλιπε τὸν Παῦλον δεδεμένον 1 he left Paul to continue under guard वह पौलुस को जेल में छोड़ गया -ACT 25 intro b6uk 0 "# प्रेरितों के काम 25 सामान्य टिप्पणियाँ
## इस अध्याय में पाई जाने वाली विशेष धारणाएँ

### पक्ष

इस शब्द का प्रयोग इस अध्याय में दो अलग-अलग तरीकों से किया गया है। जब यहूदी अगुवों ने फेस्तुस से कृपा चाही, तो वे उस दिन उससे उनके लिए कुछ विशेष करने के लिए कह रहे थे। वे चाहते थे कि वह उनके लिए कुछ ऐसा करे जो वह सामान्य रूप से नहीं करेगा। जब फेस्तुस ""यहूदियों को खुश करना चाहता था,"" तो वह चाहता था कि वे उसे पसन्द करे और आने वाले महीनों और वर्षों में उसकी आज्ञा का पालन करने के इच्छुक हों। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/favor]])

### रोमी नागरिकता

रोमियों ने सोचा कि उन्हें केवल रोमी नागरिकों के साथ ही न्यायपूर्वक व्यवहार करने की आवश्यक करना है। वे उन लोगों के साथ जो रोमी नागरिक नहीं थे जैसा चाहें वैसा कर सकते थे, परन्तु उन्हें अन्य रोमियों के साथ व्यवस्था का पालन करना होता था। कुछ लोग जन्मजात रोमी नागरिक थे, और अन्यों ने रोमी सरकार को पैसा दिया ताकि वे रोमी नागरिक बन सकें।
जैसा व्यवहार वह किसी गैर-नागरिक के साथ करेगा एक रोमी नागरिक को उस तरीके से दण्ड देने से रोमी अधिकारी को दण्डित किया जा सकता था।

" +ACT 25 intro b6uk 0 # प्रेरितों के काम 25 सामान्य टिप्पणियाँ
## इस अध्याय में पाई जाने वाली विशेष धारणाएँ

### पक्ष

इस शब्द का प्रयोग इस अध्याय में दो अलग-अलग तरीकों से किया गया है। जब यहूदी अगुवों ने फेस्तुस से कृपा चाही, तो वे उस दिन उससे उनके लिए कुछ विशेष करने के लिए कह रहे थे। वे चाहते थे कि वह उनके लिए कुछ ऐसा करे जो वह सामान्य रूप से नहीं करेगा। जब फेस्तुस ""यहूदियों को खुश करना चाहता था,"" तो वह चाहता था कि वे उसे पसन्द करे और आने वाले महीनों और वर्षों में उसकी आज्ञा का पालन करने के इच्छुक हों। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/favor]])

### रोमी नागरिकता

रोमियों ने सोचा कि उन्हें केवल रोमी नागरिकों के साथ ही न्यायपूर्वक व्यवहार करने की आवश्यक करना है। वे उन लोगों के साथ जो रोमी नागरिक नहीं थे जैसा चाहें वैसा कर सकते थे, परन्तु उन्हें अन्य रोमियों के साथ व्यवस्था का पालन करना होता था। कुछ लोग जन्मजात रोमी नागरिक थे, और अन्यों ने रोमी सरकार को पैसा दिया ताकि वे रोमी नागरिक बन सकें।
जैसा व्यवहार वह किसी गैर-नागरिक के साथ करेगा एक रोमी नागरिक को उस तरीके से दण्ड देने से रोमी अधिकारी को दण्डित किया जा सकता था।

ACT 25 1 c84u 0 General Information: फेस्तुस कैसरिया का राज्यपाल बन जाता है। देखें कि आपने इस नाम का अनुवाद [प्रेरितों के काम 24:27](../24/27.md) में कैसे किया है। ACT 25 1 tj76 0 Connecting Statement: पौलुस कैसरिया में एक कैदी बना रहता है। ACT 25 1 w8h3 οὖν 1 Now यह शब्द कहानी में एक नई घटना के आरम्भ को चिन्हित करता है। @@ -2695,7 +2695,7 @@ ACT 27 42 qul7 τῶν…στρατιωτῶν, βουλὴ ἐγένετο 1 T ACT 27 43 s2sz ἐκώλυσεν αὐτοὺς τοῦ βουλήματος 1 so he stopped their plan इसलिए उसने उन्हें वैसा करने से रोक दिया जो उन्होंने करने की योजना बनाई थी ACT 27 43 br8u ἀπορίψαντας 1 jump overboard जहाज से पानी में कूदो ACT 27 44 hw7p οὓς…ἐπὶ σανίσιν 1 some on planks कुछ लकड़ी के तख्तों पर -ACT 28 intro w8yn 0 "# प्रेरितों के काम 28 सामान्य टिप्पणियाँ
## संरचना एवं स्वरूपण

कोई भी निश्चित रूप से यह नहीं जानता कि पौलुस के साथ दो वर्षों तक रोम में क्या हुआ था क्यों लूका इसको बताए बिना ही अपने इतिहास को समाप्त कर देता है।

## इस यह अध्याय में पाई जाने वाली विशेष धारणाएँ

### ""पत्रों"" और ""भाइयों""

यहूदी अगुवे आश्चर्यचकित थे कि पौलुस उनसे बात करना चाहता था, क्योंकि उन्हें यरूशलेम के महायाजक से उनको यह बताने के लिए कोई पत्र नहीं मिला था कि पौलुस आ रहा था।

जब यहूदी अगुवों ने ""भाइयों"" की बात की, तो वे साथी यहूदियों का सन्दर्भित कर रहे थे, मसीहियों को नहीं।

## इस अध्याय में अन्य संभावित अनुवाद की कठिनाइयाँ

### ""वह एक देवता था""

मूल लोगों का मानना ​​था कि पौलुस एक देवता था, परन्तु उन्होंने विश्वास नहीं किया था कि वह एक सच्चा परमेश्वर था। हम नहीं जानते कि पौलुस ने मूल लोगों को क्यों नहीं बताया कि वह देवता नहीं था" +ACT 28 intro w8yn 0 # प्रेरितों के काम 28 सामान्य टिप्पणियाँ
## संरचना एवं स्वरूपण

कोई भी निश्चित रूप से यह नहीं जानता कि पौलुस के साथ दो वर्षों तक रोम में क्या हुआ था क्यों लूका इसको बताए बिना ही अपने इतिहास को समाप्त कर देता है।

## इस यह अध्याय में पाई जाने वाली विशेष धारणाएँ

### ""पत्रों"" और ""भाइयों""

यहूदी अगुवे आश्चर्यचकित थे कि पौलुस उनसे बात करना चाहता था, क्योंकि उन्हें यरूशलेम के महायाजक से उनको यह बताने के लिए कोई पत्र नहीं मिला था कि पौलुस आ रहा था।

जब यहूदी अगुवों ने ""भाइयों"" की बात की, तो वे साथी यहूदियों का सन्दर्भित कर रहे थे, मसीहियों को नहीं।

## इस अध्याय में अन्य संभावित अनुवाद की कठिनाइयाँ

### ""वह एक देवता था""

मूल लोगों का मानना ​​था कि पौलुस एक देवता था, परन्तु उन्होंने विश्वास नहीं किया था कि वह एक सच्चा परमेश्वर था। हम नहीं जानते कि पौलुस ने मूल लोगों को क्यों नहीं बताया कि वह देवता नहीं था ACT 28 1 p1bd figs-exclusive 0 General Information: "यहाँ ""हम"" शब्द पौलुस, लेखक, और उनके साथ यात्रा करने वालों को सन्दर्भित करता है, परन्तु पाठक को नहीं। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-exclusive]])" ACT 28 1 twx8 0 Connecting Statement: जहाज़ के टूटने के बाद, माल्टा द्वीप पर लोगों ने पौलुस की और जहाज पर मौजूद हर किसी की सहायता की। वे वहाँ 3 महीने तक रहते हैं। ACT 28 1 j1yf figs-activepassive καὶ διασωθέντες 1 When we were brought safely through "इसे सक्रिय रूप में कहा जा सकता है। वैकल्पिक अनुवाद: ""जब हम सुरक्षित रूप से पहुँचे"" (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-activepassive]])" diff --git a/hi_tn_46-ROM.tsv b/hi_tn_46-ROM.tsv index 4d37ff0..b29c754 100644 --- a/hi_tn_46-ROM.tsv +++ b/hi_tn_46-ROM.tsv @@ -1,6 +1,6 @@ Book Chapter Verse ID SupportReference OrigQuote Occurrence GLQuote OccurrenceNote -ROM front intro gtn1 0 "# रोमियों का परिचय
## भाग 1: सामान्य परिचय

### रोमियों की पुस्तक की रूपरेखा

1. परिचय (1:1-15)
1। यीशु मसीह में विश्वास द्वारा धार्मिकता (1:16-17)
1। पाप के कारण सारी मानवजाति को दण्डित किया गया है (1:18-3:20)
1। यीशु मसीह पर विश्वास करने के द्वारा धार्मिकता (3:21-4:25)
1। आत्मा के फल (5:1-11)
1। आदम और मसीह की तुलना (5:12-21)
1। इस जीवन में मसीह के समान बनना (6:1-8:39)
1। इस्राएल के लिए परमेश्वर की योजना (9:1-11:36)
1। मसीहियों के समान जीवन बिताने के लिए व्यवहारिक सलाह (12:1-15:13)
1। निष्कर्ष और अभिवादन (15:14-16:27)

### रोमियों की पुस्तक को किसने लिखा?

प्रेरित पौलुस ने रोमियों की पुस्तक को लिखा। पौलुस तरसुस शहर का रहने वाला था। वह अपने प्रारंभिक जीवन में शाऊल के नाम से जाना जाता था। मसीही बनने से पहले, पौलुस एक फरीसी था। उसने मसीहियों को सताया था। मसीही बनने के बाद, उसने पूरे रोमी साम्राज्य में लोगों को यीशु के बारे में प्रचार करते हुए कई बार यात्राएँ कीं।

पौलुस ने संभवतः यह पत्र तब लिखा था, जब वह रोमी साम्राज्य के माध्यम से अपनी तीसरी यात्रा के दौरान कुरिन्थ शहर में रुका था।

### रोमियों की पुस्तक का विषय क्या है?

पौलुस ने रोम में रहने वाले मसीहियों को यह पत्र लिखा था। पौलुस चाहता था कि जब वह उनसे मिलने जाए, तो वे उसे ग्रहण करने के लिए तैयार रहें। उसने कहा कि उसका उद्देश्य ""विश्वास से मानने वाले होना"" था (16:26)।

इस पत्र में पौलुस ने सबसे अधिक यीशु मसीह के सुसमाचार का वर्णन किया है। उसने समझाया कि यहूदियों और गैर-यहूदियों दोनों ने पाप किया है, और परमेश्वर उन्हें माफ कर देंगे और उन्हें धार्मिक घोषित करेंगे जब वे यीशु पर विश्वास करेंगे (अध्याय 1-11)। तब उसने उन्हें इस बात के लिए व्यवहारिक सलाह दी कि विश्वासियों को कैसे जीवन जीना चाहिए (अध्याय 12-16),

### इस पुस्तक के शीर्षक का अनुवाद कैसे किया जाना चाहिए?

अनुवादक इसके पारंपरिक शीर्षक ""रोमियों"" से इस पुस्तक को पुकारना चुन सकते हैं। या वे एक स्पष्ट शीर्षक चुन सकते हैं, जैसे ""रोम की कलीसिया को पौलुस का पत्र,"" या ""रोम में रहने वाले मसीहियों को एक पत्र।"" (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/translate-names]])

## भाग 2: महत्वपूर्ण धार्मिक और सांस्कृतिक अवधारणाएँ

### यीशु को संदर्भित करने के लिए किन शीर्षकों का उपयोग किया गया है?


रोमियों में, पौलुस ने कई उपाधियों और विवरणों द्वारा यीशु मसीह का वर्णन किया है: यीशु मसीह (1:1), दाऊद का वंश (1:3), परमेश्वर का पुत्र (1:4), प्रभु यीशु मसीह (1:7), मसीह यीशु (3:24), प्रायश्चित (3:25), यीशु (3:26), यीशु हमारा प्रभु (4:24), सेनाओं का प्रभु (9:29), ठेस लगने का पत्थर और ठोकर खाने की चट्टान (9:33), व्यवस्था का अंत (10:4), छुड़ानेवाला (11:26), मृतकों और जीवितों का प्रभु (14:9) और यिशै की जड़ (15:12)।

### रोमियों में धर्मशास्त्रीय शब्दों का अनुवाद कैसे किया जाना चाहिए?

पौलुस ऐसे कई धर्मशास्त्रीय शब्दों को उपयोग करता है जो चार सुसमाचारों में उपयोग नहीं किए गए हैं। शुरूआती मसीहियों ने जैसे-जैसे यीशु मसीह और उसके संदेश के अर्थ के बारे में अधिक सीखा, उन्हें नए विचारों के लिए शब्दों और अभिव्यक्तियों की आवश्यकता थी। इन शब्दों के कुछ उदाहरण हैं: ""धर्मी ठहरना"" (5:1), ""व्यवस्था के काम"" (3:20), ""मेल"" (5:10), ""प्रायश्चित"" (3:25), ""पवित्रता"" (6:19), और ""पुराना मनुष्यत्व"" (6:6)।

""प्रमुख शब्द"" शब्दकोश अनुवादकों को इनमें से कई शब्दों को समझने में मदद कर सकता है। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-abstractnouns]])

जैसे कि ऊपर दिए गए शब्दों को समझाना मुश्किल है। अनुवादकों के लिए अपनी भाषाओं में समान शब्दों को खोजना अक्सर कठिन या असंभव होता है। यह जान लेना सहायक हो सकता है कि इन शब्दों के समकक्ष शब्द आवश्यक नहीं हैं। इसके बजाए, अनुवादक इन विचारों को समझाने के लिए संक्षिप्त अभिव्यक्तयों को विकसित कर सकते हैं। उदाहरण के लिए, ""सुसमाचार"" शब्द का अनुवाद ""यीशु मसीह के बारे में सुसमाचार"" के रूप में किया जा सकता है।

अनुवादकों को यह भी याद रखना चाहिए कि इनमें से कुछ शब्दों के एक से अधिक अर्थ हैं। वह अर्थ इस बात पर निर्भर करेगा कि लेखक उस विशेष वाक्यांश में उस शब्द का उपयोग कैसे कर रहा है। उदाहरण के लिए, ""धार्मिकता"" का अर्थ कभी-कभी यह होता है कि एक व्यक्ति परमेश्वर की व्यवस्था का पालन करता है। अन्य समय में, ""धार्मिकता"" का अर्थ है कि यीशु मसीह ने हमारे लिए परमेश्वर की व्यवस्था का पूरी तरह से पालन किया है।

#### इस्राएल के ""कुछ लोग बाकी"" से पौलुस का क्या अर्थ था? (11:5)

कुछ ""लोग बाकी"" का विचार पुराने नियम में और पौलुस के लिए दोनों महत्वपूर्ण है। बहुत सारे इस्राएली या तो मारे गए थे या अन्य लोगों के बीच तितर-बितर हो गए थे जब अश्शूरियों ने और फिर बाबेलियों ने उनके देश को जीत लिए थे। केवल कुछ ही यहूदी बचे थे। उन्हें ""बचे हुओं"" के रूप में जाना जाता था।

पौलुस 11:1-9 में कुछ अन्य बचे हुओं की बात करता है। यह बचे हुए वे यहूदी हैं जिन्हें परमेश्वर ने इसलिए बचाया क्योंकि उन्होंने यीशु पर विश्वास किया था। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/remnant]])

## भाग 3: महत्वपूर्ण अनुवाद के मुद्दे

### ""मसीह में"" होने से पौलुस का क्या अर्थ था?

यह ""मसीह में"" वाक्यांश और इसी तरह के वाक्यांश 3:24; 6:11, 23; 8:1,2,39; 9:1; 12:5,17; 15:17; और 16:3,7,9,10 में आते हैं। पौलुस ने इस प्रकार के वाक्यांशों का इस्तेमाल एक रूपक के रूप में यह व्यक्त करने के लिए किया कि मसीही विश्वासी यीशु मसीह के हैं। मसीह का होने का अर्थ है कि वह विश्वासी बचा लिया गया है और उसे परमेश्वर के साथ एक दोस्त बना दिया गया है। विश्वासी ने भी हमेशा परमेश्वर के साथ रहने का प्रतिज्ञा किया है। हालाँकि, इस विचार को कई भाषाओं में दर्शाना मुश्किल हो सकता है।

इन वाक्यांशों के भी विशिष्ट अर्थ हैं जो इस बात पर निर्भर करते हैं कि पौलुस ने उन्हें एक विशेष वाक्यांश में कैसे उपयोग किया है। उदाहरण के लिए, 3:24 में (""उस छुटकारे से जो मसीह यीशु में है""), पौलुस ने यीशु मसीह के ""कारण"" हमारे छुड़ाए जाने को संदर्भित किया है। 8:9 में (""तो तुम शारीरिक दशा में नहीं, परन्तु आत्मिक दशा में हो""), पौलुस ने विश्वासियों के ""पवित्र आत्मा"" के अधीन होने की बात कही है। 9: 1 में (""मैं मसीह में सच कहता हूँ""), पौलुस का अर्थ था कि वह उस सच्चाई को बता रहा है जो यीशु मसीह ""के साथ समझौते में है"" ।

फिर भी, यीशु मसीह के साथ (और पवित्र आत्मा के साथ) हमारे एकजुट होने के मूल विचार को इन वाक्यांशों में भी देखा गया है। इसलिए, अनुवादक के पास कई वाक्यांशों में एक विकल्प है जो ""में"" का उपयोग करते है। वह ""में"" के अधिक तत्काल अर्थ का प्रतिनिधित्व करने के लिए अक्सर ""के बारे में,"" ""के माध्यम से,"" ""के तरीके से,"" या ""के संदर्भ में"" जैसों का निर्णय करेगा। लेकिन, यदि संभव हो तो, अनुवादक को एक शब्द या वाक्यांश चुनना चाहिए जो तत्काल अर्थ और ""के साथ मिलकर"" की भावना को दोहराता है। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/inchrist]])

### यूएलटी के रोमियों में ""पवित्र,"" ""संतों"" या ""पवित्र जन"", और ""शुद्ध"" के विचारों का प्रतिनिधित्व कैसे किया गया है?

पवित्र-शास्त्र विभिन्न विचारों के किसी भी व्यक्ति की ओर संकेत करने के लिए ऐसे शब्दों का उपयोग करता है। इस कारण से, अनुवादकों के लिए अक्सर उनके संस्करणों में उनको अच्छी तरह से दर्शाना मुश्किल होता है। अंग्रेजी में अनुवाद करने में, यूएलटी निम्नलिखित सिद्धांतों का उपयोग करता है:
* कभी-कभी एक वाक्यांश का अर्थ नैतिक पवित्रता का स्पष्ट करता है। सुसमाचार को समझने के लिए विशेष रूप से महत्वपूर्ण तथ्य यह है कि परमेश्वर मसीहियों को पापहीन इसलिए मानते हैं क्योंकि वे यीशु मसीह के साथ एकजुट हैं। एक और संबंधित तथ्य यह है कि परमेश्वर परिपूर्ण और दोष-रहित है। एक तीसरा तथ्य यह है कि मसीहियों को जीवन में एक निर्दोष और दोषरहित तरीके से आचरण करना होता है। इन मामलों में, यूएलटी ""पवित्र,"" ""पवित्र परमेश्वर,"" ""पवित्र जनों"" या ""पवित्र लोगों"" का उपयोग करता है। (देखें: 1:7)
* कभी-कभी एक अनुच्छेद का अर्थ मसीहियों के उनके द्वारा भरी गई किसी विशेष भूमिका के बिना एक सरल संदर्भ की ओर संकेत करता है। ऐसे मामलों में जहाँ कुछ अन्य अंग्रेजी संस्करणों में ""संत"" या ""पवित्र व्यक्ति"" होते हैं, यूएलटी ""विश्वासियों"" का उपयोग करता है। (देखें: 8:27; 12:13; 15:25, 26, 31; 16:2, 15)
* कभी-कभी एक अनुच्छेद का अर्थ किसी व्यक्ति या किसी चीज के एकमात्र परमेश्वर से करने के विचार की ओर संकेत करता है। इन मामलों में, यूएलटी ""अलग करना,"" ""के लिए समर्पित,"" ""पवित्र किया हुआ,"" या ""के लिए संरक्षित"" का उपयोग करता है। (देखें: 15:16)

अक्सर यूएसटी सहायक होगी जब अनुवादक इस बारे में सोचते हैं कि इन विचारों को अपने संस्करणों में कैसे प्रस्तुत किया जाए।

### रोमियों की पुस्तक के पाठ में प्रमुख मुद्दे क्या हैं?

निम्नलिखित पदों में बाइबल का आधुनिक संस्करण पुराने संस्करणों से भिन्न है। यूएलटी आधुनिक पठन को शामिल करता है और पुराने पठन को एक पाद-टिप्पणी में रखता है।

* ""वह [परमेश्वर] सब बातों को मिला कर भलाई को उत्पन्न करता है"" (8:28)। कुछ पुराने संस्करण लिखते हैं, ""सब बातें मिलकर भलाई को उत्पन्न करती हैं।""
* ""यदि यह अनुग्रह से हुआ है, तो फिर कर्मों से नहीं, नहीं तो अनुग्रह फिर अनुग्रह नहीं रहा” (11:6)। कुछ पुराने संस्करण लिखते हैं: ""यदि यह कर्मों से हुआ है, तो फिर यह अधिक अनुग्रह नहीं है: अन्यथा काम फिर काम नहीं है।""

निम्नलिखित पद बाइबल की सर्वश्रेष्ठ प्राचीन प्रतियों में नहीं है। अनुवादकों को सलाह दी गई है कि वे इस पद को शामिल न करें। हालाँकि, यदि अनुवादकों के क्षेत्र में पुराने बाइबल संस्करण हैं, जिनमें यह पद है, तो अनुवादक इसे शामिल कर सकते हैं। यदि इसका अनुवाद किया जाता है, तो यह दर्शाने के लिए इसे वर्ग कोष्ठक ([]) के अंदर रखा जाना चाहिए कि यह शायद रोमियों की पुस्तक का मूल नहीं है।

* ""हमारे प्रभु यीशु मसीह का अनुग्रह तुम पर होता रहे। आमीन ""(16:24)।

(देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/translate-textvariants]])
" -ROM 1 intro hn5n 0 "# रोमियों 01 सामान्य टिप्पणियाँ
## संरचना एवं स्वरूपण

पहला पद एक प्रकार का परिचय है। प्राचीन भूमध्यसागर क्षेत्र के लोग अक्सर अपने पत्र की शुरूआत इसी प्रकार से करते थे। कभी-कभी इसे ""अभिवादन"" कहा जाता है।

## इस अध्याय में विशेष अवधारणाएँ

### सुसमाचार
यह अध्याय रोमियों की पुस्तक के पाठ को ""सुसमाचार"" के रूप में संदर्भित करता है ([रोमियों 1:2](../../rom/01/02.md))। मत्ती, मरकुस, लूका और यूहन्ना के समान रोमियों एक सुसमाचार नहीं है। इसके बजाए, अध्याय 1-8 बाइबल आधारित सुसमाचार को प्रस्तुत करता है: सबने पाप किया है। यीशु हमारे पापों के लिए मर गया। वह फिर से जी उठा था कि हम उसमें नया जीवन पा सकें।

### फल
यह अध्याय फल की कल्पना का उपयोग करता है। फलों की छवि आमतौर पर एक व्यक्ति के विश्वास को संदर्भित करती है जो उनके जीवन में अच्छे काम कर रहा है। इस अध्याय में, यह रोमी मसीहियों के बीच पौलुस के काम के परिणामों को संदर्भित करता है। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/other/fruit]] और [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/faith]] और [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/righteous]])

### सार्वभौमिक दण्ड और परमेश्वर का क्रोध
यह अध्याय बताता है कि हर कोई बिना किसी बहाने के है। हम सभी अपने सच्चे परमेश्वर, यहोवा, के बारे उसके द्वारा हमारे चारों ओर की गई सृष्टि के द्वारा जानते हैं। हमारे पाप और हमारे पापी स्वभाव के कारण, न्यायिक रूप से हर व्यक्ति परमेश्वर के क्रोध के योग्य है। यह क्रोध क्रूस पर मर कर यीशु द्वारा उनके लिए शांत किया गया जो उस पर विश्वास करते हैं। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/believe]] और [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/sin]])

## इस अध्याय के महत्वपूर्ण अलंकार

### ""परमेश्वर ने उन्हें""
कई विद्वान ""परमेश्वर ने उन्हें दिया"" और ""परमेश्वर ने उन्हें छोड़ दिया"" वाक्यांशों को धार्मिक रूप से महत्वपूर्ण के रूप में देखते हैं। इस कारण से, इन वाक्यांशों को परमेश्वर के क्रिया में निष्क्रिय भूमिका निभाते हुए अनुवाद करना महत्वपूर्ण है। परमेश्वर सिर्फ मनुष्यों को उनकी इच्छाओं का पीछा करने की अनुमति देता है, वह उन्हें मजबूर नहीं करता है। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-activepassive]])

## इस अध्याय में अन्य संभावित अनुवाद की कठिनाइयाँ

### मुश्किल वाक्यांश और अवधारणाएँ

इस अध्याय में कई कठिन विचार हैं। जिस तरीके से पौलुस लिखता है वह इस अध्याय के कई वाक्यांशों का अनुवाद करना मुश्किल कर देता है। वाक्यांशों के अर्थ को समझने के लिए अनुवादक को यूएसटी का उपयोग करने की आवश्यकता हो सकती है। और इन वाक्यांशों का अधिक स्वतंत्र रूप से अनुवाद करना आवश्यक हो सकता है। कुछ कठिन वाक्यांशों में शामिल हैं: ""विश्वास करके आज्ञा मानी,"" ""जिसकी मैं अपनी आत्मा में सेवा करता हूँ,"" ""विश्वास से विश्वास तक"" और ""अविनाशी परमेश्वर की महिमा को नाशवान मनुष्य की समानता में बदल डाला।""
" +ROM front intro gtn1 0 # रोमियों का परिचय
## भाग 1: सामान्य परिचय

### रोमियों की पुस्तक की रूपरेखा

1. परिचय (1:1-15)
1। यीशु मसीह में विश्वास द्वारा धार्मिकता (1:16-17)
1। पाप के कारण सारी मानवजाति को दण्डित किया गया है (1:18-3:20)
1। यीशु मसीह पर विश्वास करने के द्वारा धार्मिकता (3:21-4:25)
1। आत्मा के फल (5:1-11)
1। आदम और मसीह की तुलना (5:12-21)
1। इस जीवन में मसीह के समान बनना (6:1-8:39)
1। इस्राएल के लिए परमेश्वर की योजना (9:1-11:36)
1। मसीहियों के समान जीवन बिताने के लिए व्यवहारिक सलाह (12:1-15:13)
1। निष्कर्ष और अभिवादन (15:14-16:27)

### रोमियों की पुस्तक को किसने लिखा?

प्रेरित पौलुस ने रोमियों की पुस्तक को लिखा। पौलुस तरसुस शहर का रहने वाला था। वह अपने प्रारंभिक जीवन में शाऊल के नाम से जाना जाता था। मसीही बनने से पहले, पौलुस एक फरीसी था। उसने मसीहियों को सताया था। मसीही बनने के बाद, उसने पूरे रोमी साम्राज्य में लोगों को यीशु के बारे में प्रचार करते हुए कई बार यात्राएँ कीं।

पौलुस ने संभवतः यह पत्र तब लिखा था, जब वह रोमी साम्राज्य के माध्यम से अपनी तीसरी यात्रा के दौरान कुरिन्थ शहर में रुका था।

### रोमियों की पुस्तक का विषय क्या है?

पौलुस ने रोम में रहने वाले मसीहियों को यह पत्र लिखा था। पौलुस चाहता था कि जब वह उनसे मिलने जाए, तो वे उसे ग्रहण करने के लिए तैयार रहें। उसने कहा कि उसका उद्देश्य ""विश्वास से मानने वाले होना"" था (16:26)।

इस पत्र में पौलुस ने सबसे अधिक यीशु मसीह के सुसमाचार का वर्णन किया है। उसने समझाया कि यहूदियों और गैर-यहूदियों दोनों ने पाप किया है, और परमेश्वर उन्हें माफ कर देंगे और उन्हें धार्मिक घोषित करेंगे जब वे यीशु पर विश्वास करेंगे (अध्याय 1-11)। तब उसने उन्हें इस बात के लिए व्यवहारिक सलाह दी कि विश्वासियों को कैसे जीवन जीना चाहिए (अध्याय 12-16),

### इस पुस्तक के शीर्षक का अनुवाद कैसे किया जाना चाहिए?

अनुवादक इसके पारंपरिक शीर्षक ""रोमियों"" से इस पुस्तक को पुकारना चुन सकते हैं। या वे एक स्पष्ट शीर्षक चुन सकते हैं, जैसे ""रोम की कलीसिया को पौलुस का पत्र,"" या ""रोम में रहने वाले मसीहियों को एक पत्र।"" (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/translate-names]])

## भाग 2: महत्वपूर्ण धार्मिक और सांस्कृतिक अवधारणाएँ

### यीशु को संदर्भित करने के लिए किन शीर्षकों का उपयोग किया गया है?


रोमियों में, पौलुस ने कई उपाधियों और विवरणों द्वारा यीशु मसीह का वर्णन किया है: यीशु मसीह (1:1), दाऊद का वंश (1:3), परमेश्वर का पुत्र (1:4), प्रभु यीशु मसीह (1:7), मसीह यीशु (3:24), प्रायश्चित (3:25), यीशु (3:26), यीशु हमारा प्रभु (4:24), सेनाओं का प्रभु (9:29), ठेस लगने का पत्थर और ठोकर खाने की चट्टान (9:33), व्यवस्था का अंत (10:4), छुड़ानेवाला (11:26), मृतकों और जीवितों का प्रभु (14:9) और यिशै की जड़ (15:12)।

### रोमियों में धर्मशास्त्रीय शब्दों का अनुवाद कैसे किया जाना चाहिए?

पौलुस ऐसे कई धर्मशास्त्रीय शब्दों को उपयोग करता है जो चार सुसमाचारों में उपयोग नहीं किए गए हैं। शुरूआती मसीहियों ने जैसे-जैसे यीशु मसीह और उसके संदेश के अर्थ के बारे में अधिक सीखा, उन्हें नए विचारों के लिए शब्दों और अभिव्यक्तियों की आवश्यकता थी। इन शब्दों के कुछ उदाहरण हैं: ""धर्मी ठहरना"" (5:1), ""व्यवस्था के काम"" (3:20), ""मेल"" (5:10), ""प्रायश्चित"" (3:25), ""पवित्रता"" (6:19), और ""पुराना मनुष्यत्व"" (6:6)।

""प्रमुख शब्द"" शब्दकोश अनुवादकों को इनमें से कई शब्दों को समझने में मदद कर सकता है। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-abstractnouns]])

जैसे कि ऊपर दिए गए शब्दों को समझाना मुश्किल है। अनुवादकों के लिए अपनी भाषाओं में समान शब्दों को खोजना अक्सर कठिन या असंभव होता है। यह जान लेना सहायक हो सकता है कि इन शब्दों के समकक्ष शब्द आवश्यक नहीं हैं। इसके बजाए, अनुवादक इन विचारों को समझाने के लिए संक्षिप्त अभिव्यक्तयों को विकसित कर सकते हैं। उदाहरण के लिए, ""सुसमाचार"" शब्द का अनुवाद ""यीशु मसीह के बारे में सुसमाचार"" के रूप में किया जा सकता है।

अनुवादकों को यह भी याद रखना चाहिए कि इनमें से कुछ शब्दों के एक से अधिक अर्थ हैं। वह अर्थ इस बात पर निर्भर करेगा कि लेखक उस विशेष वाक्यांश में उस शब्द का उपयोग कैसे कर रहा है। उदाहरण के लिए, ""धार्मिकता"" का अर्थ कभी-कभी यह होता है कि एक व्यक्ति परमेश्वर की व्यवस्था का पालन करता है। अन्य समय में, ""धार्मिकता"" का अर्थ है कि यीशु मसीह ने हमारे लिए परमेश्वर की व्यवस्था का पूरी तरह से पालन किया है।

#### इस्राएल के ""कुछ लोग बाकी"" से पौलुस का क्या अर्थ था? (11:5)

कुछ ""लोग बाकी"" का विचार पुराने नियम में और पौलुस के लिए दोनों महत्वपूर्ण है। बहुत सारे इस्राएली या तो मारे गए थे या अन्य लोगों के बीच तितर-बितर हो गए थे जब अश्शूरियों ने और फिर बाबेलियों ने उनके देश को जीत लिए थे। केवल कुछ ही यहूदी बचे थे। उन्हें ""बचे हुओं"" के रूप में जाना जाता था।

पौलुस 11:1-9 में कुछ अन्य बचे हुओं की बात करता है। यह बचे हुए वे यहूदी हैं जिन्हें परमेश्वर ने इसलिए बचाया क्योंकि उन्होंने यीशु पर विश्वास किया था। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/remnant]])

## भाग 3: महत्वपूर्ण अनुवाद के मुद्दे

### ""मसीह में"" होने से पौलुस का क्या अर्थ था?

यह ""मसीह में"" वाक्यांश और इसी तरह के वाक्यांश 3:24; 6:11, 23; 8:1,2,39; 9:1; 12:5,17; 15:17; और 16:3,7,9,10 में आते हैं। पौलुस ने इस प्रकार के वाक्यांशों का इस्तेमाल एक रूपक के रूप में यह व्यक्त करने के लिए किया कि मसीही विश्वासी यीशु मसीह के हैं। मसीह का होने का अर्थ है कि वह विश्वासी बचा लिया गया है और उसे परमेश्वर के साथ एक दोस्त बना दिया गया है। विश्वासी ने भी हमेशा परमेश्वर के साथ रहने का प्रतिज्ञा किया है। हालाँकि, इस विचार को कई भाषाओं में दर्शाना मुश्किल हो सकता है।

इन वाक्यांशों के भी विशिष्ट अर्थ हैं जो इस बात पर निर्भर करते हैं कि पौलुस ने उन्हें एक विशेष वाक्यांश में कैसे उपयोग किया है। उदाहरण के लिए, 3:24 में (""उस छुटकारे से जो मसीह यीशु में है""), पौलुस ने यीशु मसीह के ""कारण"" हमारे छुड़ाए जाने को संदर्भित किया है। 8:9 में (""तो तुम शारीरिक दशा में नहीं, परन्तु आत्मिक दशा में हो""), पौलुस ने विश्वासियों के ""पवित्र आत्मा"" के अधीन होने की बात कही है। 9: 1 में (""मैं मसीह में सच कहता हूँ""), पौलुस का अर्थ था कि वह उस सच्चाई को बता रहा है जो यीशु मसीह ""के साथ समझौते में है"" ।

फिर भी, यीशु मसीह के साथ (और पवित्र आत्मा के साथ) हमारे एकजुट होने के मूल विचार को इन वाक्यांशों में भी देखा गया है। इसलिए, अनुवादक के पास कई वाक्यांशों में एक विकल्प है जो ""में"" का उपयोग करते है। वह ""में"" के अधिक तत्काल अर्थ का प्रतिनिधित्व करने के लिए अक्सर ""के बारे में,"" ""के माध्यम से,"" ""के तरीके से,"" या ""के संदर्भ में"" जैसों का निर्णय करेगा। लेकिन, यदि संभव हो तो, अनुवादक को एक शब्द या वाक्यांश चुनना चाहिए जो तत्काल अर्थ और ""के साथ मिलकर"" की भावना को दोहराता है। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/inchrist]])

### यूएलटी के रोमियों में ""पवित्र,"" ""संतों"" या ""पवित्र जन"", और ""शुद्ध"" के विचारों का प्रतिनिधित्व कैसे किया गया है?

पवित्र-शास्त्र विभिन्न विचारों के किसी भी व्यक्ति की ओर संकेत करने के लिए ऐसे शब्दों का उपयोग करता है। इस कारण से, अनुवादकों के लिए अक्सर उनके संस्करणों में उनको अच्छी तरह से दर्शाना मुश्किल होता है। अंग्रेजी में अनुवाद करने में, यूएलटी निम्नलिखित सिद्धांतों का उपयोग करता है:
* कभी-कभी एक वाक्यांश का अर्थ नैतिक पवित्रता का स्पष्ट करता है। सुसमाचार को समझने के लिए विशेष रूप से महत्वपूर्ण तथ्य यह है कि परमेश्वर मसीहियों को पापहीन इसलिए मानते हैं क्योंकि वे यीशु मसीह के साथ एकजुट हैं। एक और संबंधित तथ्य यह है कि परमेश्वर परिपूर्ण और दोष-रहित है। एक तीसरा तथ्य यह है कि मसीहियों को जीवन में एक निर्दोष और दोषरहित तरीके से आचरण करना होता है। इन मामलों में, यूएलटी ""पवित्र,"" ""पवित्र परमेश्वर,"" ""पवित्र जनों"" या ""पवित्र लोगों"" का उपयोग करता है। (देखें: 1:7)
* कभी-कभी एक अनुच्छेद का अर्थ मसीहियों के उनके द्वारा भरी गई किसी विशेष भूमिका के बिना एक सरल संदर्भ की ओर संकेत करता है। ऐसे मामलों में जहाँ कुछ अन्य अंग्रेजी संस्करणों में ""संत"" या ""पवित्र व्यक्ति"" होते हैं, यूएलटी ""विश्वासियों"" का उपयोग करता है। (देखें: 8:27; 12:13; 15:25, 26, 31; 16:2, 15)
* कभी-कभी एक अनुच्छेद का अर्थ किसी व्यक्ति या किसी चीज के एकमात्र परमेश्वर से करने के विचार की ओर संकेत करता है। इन मामलों में, यूएलटी ""अलग करना,"" ""के लिए समर्पित,"" ""पवित्र किया हुआ,"" या ""के लिए संरक्षित"" का उपयोग करता है। (देखें: 15:16)

अक्सर यूएसटी सहायक होगी जब अनुवादक इस बारे में सोचते हैं कि इन विचारों को अपने संस्करणों में कैसे प्रस्तुत किया जाए।

### रोमियों की पुस्तक के पाठ में प्रमुख मुद्दे क्या हैं?

निम्नलिखित पदों में बाइबल का आधुनिक संस्करण पुराने संस्करणों से भिन्न है। यूएलटी आधुनिक पठन को शामिल करता है और पुराने पठन को एक पाद-टिप्पणी में रखता है।

* ""वह [परमेश्वर] सब बातों को मिला कर भलाई को उत्पन्न करता है"" (8:28)। कुछ पुराने संस्करण लिखते हैं, ""सब बातें मिलकर भलाई को उत्पन्न करती हैं।""
* ""यदि यह अनुग्रह से हुआ है, तो फिर कर्मों से नहीं, नहीं तो अनुग्रह फिर अनुग्रह नहीं रहा” (11:6)। कुछ पुराने संस्करण लिखते हैं: ""यदि यह कर्मों से हुआ है, तो फिर यह अधिक अनुग्रह नहीं है: अन्यथा काम फिर काम नहीं है।""

निम्नलिखित पद बाइबल की सर्वश्रेष्ठ प्राचीन प्रतियों में नहीं है। अनुवादकों को सलाह दी गई है कि वे इस पद को शामिल न करें। हालाँकि, यदि अनुवादकों के क्षेत्र में पुराने बाइबल संस्करण हैं, जिनमें यह पद है, तो अनुवादक इसे शामिल कर सकते हैं। यदि इसका अनुवाद किया जाता है, तो यह दर्शाने के लिए इसे वर्ग कोष्ठक ([]) के अंदर रखा जाना चाहिए कि यह शायद रोमियों की पुस्तक का मूल नहीं है।

* ""हमारे प्रभु यीशु मसीह का अनुग्रह तुम पर होता रहे। आमीन ""(16:24)।

(देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/translate-textvariants]])
+ROM 1 intro hn5n 0 # रोमियों 01 सामान्य टिप्पणियाँ
## संरचना एवं स्वरूपण

पहला पद एक प्रकार का परिचय है। प्राचीन भूमध्यसागर क्षेत्र के लोग अक्सर अपने पत्र की शुरूआत इसी प्रकार से करते थे। कभी-कभी इसे ""अभिवादन"" कहा जाता है।

## इस अध्याय में विशेष अवधारणाएँ

### सुसमाचार
यह अध्याय रोमियों की पुस्तक के पाठ को ""सुसमाचार"" के रूप में संदर्भित करता है ([रोमियों 1:2](../../rom/01/02.md))। मत्ती, मरकुस, लूका और यूहन्ना के समान रोमियों एक सुसमाचार नहीं है। इसके बजाए, अध्याय 1-8 बाइबल आधारित सुसमाचार को प्रस्तुत करता है: सबने पाप किया है। यीशु हमारे पापों के लिए मर गया। वह फिर से जी उठा था कि हम उसमें नया जीवन पा सकें।

### फल
यह अध्याय फल की कल्पना का उपयोग करता है। फलों की छवि आमतौर पर एक व्यक्ति के विश्वास को संदर्भित करती है जो उनके जीवन में अच्छे काम कर रहा है। इस अध्याय में, यह रोमी मसीहियों के बीच पौलुस के काम के परिणामों को संदर्भित करता है। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/other/fruit]] और [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/faith]] और [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/righteous]])

### सार्वभौमिक दण्ड और परमेश्वर का क्रोध
यह अध्याय बताता है कि हर कोई बिना किसी बहाने के है। हम सभी अपने सच्चे परमेश्वर, यहोवा, के बारे उसके द्वारा हमारे चारों ओर की गई सृष्टि के द्वारा जानते हैं। हमारे पाप और हमारे पापी स्वभाव के कारण, न्यायिक रूप से हर व्यक्ति परमेश्वर के क्रोध के योग्य है। यह क्रोध क्रूस पर मर कर यीशु द्वारा उनके लिए शांत किया गया जो उस पर विश्वास करते हैं। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/believe]] और [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/sin]])

## इस अध्याय के महत्वपूर्ण अलंकार

### ""परमेश्वर ने उन्हें""
कई विद्वान ""परमेश्वर ने उन्हें दिया"" और ""परमेश्वर ने उन्हें छोड़ दिया"" वाक्यांशों को धार्मिक रूप से महत्वपूर्ण के रूप में देखते हैं। इस कारण से, इन वाक्यांशों को परमेश्वर के क्रिया में निष्क्रिय भूमिका निभाते हुए अनुवाद करना महत्वपूर्ण है। परमेश्वर सिर्फ मनुष्यों को उनकी इच्छाओं का पीछा करने की अनुमति देता है, वह उन्हें मजबूर नहीं करता है। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-activepassive]])

## इस अध्याय में अन्य संभावित अनुवाद की कठिनाइयाँ

### मुश्किल वाक्यांश और अवधारणाएँ

इस अध्याय में कई कठिन विचार हैं। जिस तरीके से पौलुस लिखता है वह इस अध्याय के कई वाक्यांशों का अनुवाद करना मुश्किल कर देता है। वाक्यांशों के अर्थ को समझने के लिए अनुवादक को यूएसटी का उपयोग करने की आवश्यकता हो सकती है। और इन वाक्यांशों का अधिक स्वतंत्र रूप से अनुवाद करना आवश्यक हो सकता है। कुछ कठिन वाक्यांशों में शामिल हैं: ""विश्वास करके आज्ञा मानी,"" ""जिसकी मैं अपनी आत्मा में सेवा करता हूँ,"" ""विश्वास से विश्वास तक"" और ""अविनाशी परमेश्वर की महिमा को नाशवान मनुष्य की समानता में बदल डाला।""
ROM 1 1 x3em figs-explicit Παῦλος 1 Paul "आपकी भाषा में एक पत्र के लेखक का परिचय देने का एक विशेष तरीका हो सकता है। आपको इस पद में यह बताने की आवश्यकता भी हो सकती है कि वे लोग कौन हैं जिन्हें पौलुस ने पत्र लिखा था ([रोमियों 1:7](./07.md))। वैकल्पिक अनुवाद: ""मैं, पौलुस, ने यह पत्र लिखा है"" (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-explicit]])" ROM 1 1 v5b9 figs-activepassive κλητὸς ἀπόστολος, ἀφωρισμένος εἰς εὐαγγέλιον Θεοῦ 1 called to be an apostle and set apart for the gospel of God "आप इसका अनुवाद सक्रिय रूप में कर सकते हैं। वैकल्पिक अनुवाद: ""परमेश्वर ने मुझे प्रेरित कहा और मुझे मनुष्यों को सुसमाचार के बारे में बताने के लिए चुना"" (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-activepassive]])" ROM 1 1 sg88 κλητὸς 1 called इसका अर्थ है कि परमेश्वर ने मनुष्यों को अपनी संतान होने के लिए, उसके सेवक बनने के लिए और यीशु से उद्धार के संदेश का प्रचार के लिए नियुक्त किया है या चुना है। @@ -96,7 +96,7 @@ ROM 1 32 ytu6 figs-explicit ὅτι οἱ τὰ τοιαῦτα πράσσοντ ROM 1 32 z12q ἄξιοι θανάτου εἰσίν 1 are deserving of death मरने के योग्य हो ROM 1 32 ama2 αὐτὰ 1 these things इस प्रकार की बुरी बातें ROM 1 32 iqg1 figs-explicit τοῖς πράσσουσιν 1 who do them "यहाँ क्रिया ""करना"" से तात्पर्य उन चीजों को करना जारी रखना है जो बुरी हैं। वैकल्पिक अनुवाद: ""जो बुरे काम करते रहते हैं"" (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-explicit]])" -ROM 2 intro dse2 0 "# रोमियों 02 सामान्य टिप्पणियाँ
## संरचना एवं स्वरूपण

यह अध्याय अपने रोमी मसीही दर्शकों से उन मनुष्यों पर स्थानांतरित होता है जो अन्य मनुष्यों को ""न्याय"" करते हैं और यीशु पर विश्वास नहीं करते हैं। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/judge]] और [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/believe]])

### ""इसलिए तू निरूत्तर है""
यह वाक्यांश अध्याय 1 पर वापस दृष्टि डालता है। कुछ मायनों में, यह वास्तव में उस बात का समापन करता है जो अध्याय 1 सिखाता है। यह वाक्यांश बताता है कि जगत में हर किसी को सच्चे परमेश्वर की आराधना क्यों करनी चाहिए।

## इस अध्याय में विशेष अवधारणाएँ

### ""व्यवस्था के मानने वाले""
जो व्यवस्था का पालन करने की कोशिश करते हैं, उनका इसका पालन करने की कोशिश के कारण धर्मी नहीं ठहरेंगे। जो मनुष्य यीशु पर विश्वास करने के द्वारा धर्मी हैं, वे परमेश्वर के आदेशों का पालन करने से दिखाते हैं कि उनका विश्वास वास्तविक है। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/justice]] और [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/lawofmoses]])

## इस अध्याय के महत्वपूर्ण अलंकार

### अलंकारिक प्रश्न
पौलुस इस अध्याय में कई अलंकारिक प्रश्नों का उपयोग करता है। ऐसा प्रतीत होता है कि इन अलंकारिक प्रश्नों की मंशा पाठक को उनके पाप को दिखाने के लिए है जिससे कि वे यीशु पर भरोसा करेंगे। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-rquestion]], [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/guilt]] और [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/sin]] और [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/faith]])

### काल्पनिक स्थिति

संदर्भ में, ""वह अनन्त जीवन देगा"" पद 7 में एक काल्पनिक कथन है। यदि कोई व्यक्ति सिद्ध जीवन जी सकता था, तो वे पुरस्कार के रूप में अनन्त जीवन अर्जित करेंगे। लेकिन केवल यीशु ही सिद्ध जीवन जीने में सक्षम था।

पौलुस 17-29 पदों में एक और काल्पनिक स्थिति देता है। यहाँ वह बताता है कि जो मूसा की व्यवस्था को उत्सुकता से मानने की कोशिश करते हैं, वे मनुष्य भी व्यवस्था का उल्लंघन करने के लिए दोषी हैं। अंग्रेजी में, यह उन मनुष्यों के बारे में है जो व्यवस्था के ""अक्षरों"" का पालन करते हैं, लेकिन व्यवस्था की ""भावना"" या उसके सामान्य सिद्धांतों का पालन नहीं कर सकते हैं। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-hypo]])

## इस अध्याय में अन्य संभावित अनुवाद की कठिनाइयाँ

### ""आप जो न्याय करते हैं""
, कई समयों पर इसका अनुवाद सरल तरीके से किया जा सकता है। लेकिन इसका अनुवाद इस अपेक्षाकृत अजीब तरीके से इसलिए किया गया है क्योंकि जब पौलुस ""न्याय करने वाले मनुष्यों"" को संदर्भित करता है तो वह यह भी कह रहा है कि हर कोई न्याय करता है। इसका अनुवाद ""वे जो न्याय करते है""(और सभी न्याय करते है) के रूप में करना संभव है।""
" +ROM 2 intro dse2 0 # रोमियों 02 सामान्य टिप्पणियाँ
## संरचना एवं स्वरूपण

यह अध्याय अपने रोमी मसीही दर्शकों से उन मनुष्यों पर स्थानांतरित होता है जो अन्य मनुष्यों को ""न्याय"" करते हैं और यीशु पर विश्वास नहीं करते हैं। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/judge]] और [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/believe]])

### ""इसलिए तू निरूत्तर है""
यह वाक्यांश अध्याय 1 पर वापस दृष्टि डालता है। कुछ मायनों में, यह वास्तव में उस बात का समापन करता है जो अध्याय 1 सिखाता है। यह वाक्यांश बताता है कि जगत में हर किसी को सच्चे परमेश्वर की आराधना क्यों करनी चाहिए।

## इस अध्याय में विशेष अवधारणाएँ

### ""व्यवस्था के मानने वाले""
जो व्यवस्था का पालन करने की कोशिश करते हैं, उनका इसका पालन करने की कोशिश के कारण धर्मी नहीं ठहरेंगे। जो मनुष्य यीशु पर विश्वास करने के द्वारा धर्मी हैं, वे परमेश्वर के आदेशों का पालन करने से दिखाते हैं कि उनका विश्वास वास्तविक है। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/justice]] और [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/lawofmoses]])

## इस अध्याय के महत्वपूर्ण अलंकार

### अलंकारिक प्रश्न
पौलुस इस अध्याय में कई अलंकारिक प्रश्नों का उपयोग करता है। ऐसा प्रतीत होता है कि इन अलंकारिक प्रश्नों की मंशा पाठक को उनके पाप को दिखाने के लिए है जिससे कि वे यीशु पर भरोसा करेंगे। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-rquestion]], [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/guilt]] और [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/sin]] और [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/faith]])

### काल्पनिक स्थिति

संदर्भ में, ""वह अनन्त जीवन देगा"" पद 7 में एक काल्पनिक कथन है। यदि कोई व्यक्ति सिद्ध जीवन जी सकता था, तो वे पुरस्कार के रूप में अनन्त जीवन अर्जित करेंगे। लेकिन केवल यीशु ही सिद्ध जीवन जीने में सक्षम था।

पौलुस 17-29 पदों में एक और काल्पनिक स्थिति देता है। यहाँ वह बताता है कि जो मूसा की व्यवस्था को उत्सुकता से मानने की कोशिश करते हैं, वे मनुष्य भी व्यवस्था का उल्लंघन करने के लिए दोषी हैं। अंग्रेजी में, यह उन मनुष्यों के बारे में है जो व्यवस्था के ""अक्षरों"" का पालन करते हैं, लेकिन व्यवस्था की ""भावना"" या उसके सामान्य सिद्धांतों का पालन नहीं कर सकते हैं। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-hypo]])

## इस अध्याय में अन्य संभावित अनुवाद की कठिनाइयाँ

### ""आप जो न्याय करते हैं""
, कई समयों पर इसका अनुवाद सरल तरीके से किया जा सकता है। लेकिन इसका अनुवाद इस अपेक्षाकृत अजीब तरीके से इसलिए किया गया है क्योंकि जब पौलुस ""न्याय करने वाले मनुष्यों"" को संदर्भित करता है तो वह यह भी कह रहा है कि हर कोई न्याय करता है। इसका अनुवाद ""वे जो न्याय करते है""(और सभी न्याय करते है) के रूप में करना संभव है।""
ROM 2 1 y6ts 0 Connecting Statement: पौलुस ने पुष्टि की है कि सभी मनुष्य पापी हैं और उन्हें याद दिलाना जारी रखता है कि सभी मनुष्य दुष्ट हैं। ROM 2 1 d7pj figs-explicit διὸ ἀναπολόγητος εἶ 1 Therefore you are without excuse """इसलिए"" शब्द पत्र के एक नए खंड को चिन्हित करता है। जो पौलुस ने [रोमियों 1:1-32](../01/01.md) में कहा है उसके आधार पर यह एक निष्कर्षपूर्ण बयान भी देता है। वैकल्पिक अनुवाद: ""क्योंकि परमेश्वर उन मनुष्यों को दंड देगा जो लगातार पाप करते हैं, इसलिए वह निश्चित रूप से तुम्हारे पापों को माफ नहीं करेगा"" (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-explicit]])" ROM 2 1 x3mi figs-apostrophe εἶ 1 you are पौलुस यहाँ ऐसे लिख रहा है जैसे कि वह एक यहूदी व्यक्ति को संबोधित कर रहा था जो उसके साथ बहस कर रहा है। पौलुस अपने दर्शकों को यह सिखाने के लिए ऐसा कर रहा है कि परमेश्वर उन सभी को दंड देगा जो लगातार पाप करते हैं, चाहे वह यहूदी हो या अन्य। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-apostrophe]]) @@ -188,7 +188,7 @@ ROM 2 29 v149 ἐν τῷ κρυπτῷ 1 inwardly यह परमेश्व ROM 2 29 dk8q figs-metonymy καρδίας 1 of the heart "यहाँ ""मन"" आंतरिक व्यक्तित्व के लिए एक उपनाम है। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-metonymy]])" ROM 2 29 dd3p figs-synecdoche ἐν Πνεύματι, οὐ γράμματι 1 in the Spirit, not in the letter "यहाँ ""अक्षर"" एक अलंकार है जो लिखित पवित्रशास्त्र को संदर्भित करता है। वैकल्पिक अनुवाद: ""पवित्र आत्मा के कार्य के माध्यम से, इसलिए नहीं कि तुम शास्त्र जानते हो"" (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-synecdoche]])" ROM 2 29 qa6b ἐν Πνεύματι 1 in the Spirit "यह एक व्यक्ति के आंतरिक, आध्यात्मिक भाग को संदर्भित करता है जिसे ""परमेश्वर का आत्मा"" बदलता है।" -ROM 3 intro y2kb 0 "# रोमियों 03 सामान्य टिप्पणियाँ
## संरचना एवं स्वरूपण

कुछ अनुवाद कविता की प्रत्येक पंक्ति को पढ़ने में आसान करने के लिए पाठ के बाकी हिस्सों की तुलना में दाईं ओर निर्धारित करते हैं। यूएलटी इस अध्याय के पद 4 और 10-18 के साथ ऐसा करता है, जो पुराने नियम के वचन हैं।

## इस अध्याय में विशेष अवधारणाएँ

अध्याय 3 इस प्रश्न का उत्तर देता है, ""यहूदी होने से क्या लाभ है।"" एक अन्य व्यक्ति होने के नाते?"" (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/lawofmoses]] और [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/save]])

### ""क्योंकि सभी ने पाप किया है और परमेश्वर की महिमा से रहित हैं""
क्योंकि परमेश्वर पवित्र है, स्वर्ग में उसके साथ होने वाले किसी को भी परिपूर्ण होना चाहिए। किसी भी पाप के लिए किसी व्यक्ति पर दोष लगाया जाएगा। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/heaven]] और [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/condemn]])

### मूसा की व्यवस्था का उद्देश्य
व्यवस्था का पालन करना एक व्यक्ति को परमेश्वर के साथ सही नहीं बना सकता है। परमेश्वर की व्यवस्था का पालन करना एक ऐसा तरीका है जिससे व्यक्ति दिखाता है कि वे परमेश्वर में विश्वास करते हैं। विश्वास से ही मनुष्यों को हमेशा धर्मी ठहराया गया है। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/justice]] और [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/faith]])

## इस अध्याय के महत्वपूर्ण अलंकार

### अलंकारिक प्रश्न
पौलुस अक्सर इस अध्याय में अलंकारिक सवालों का उपयोग करता है। ऐसा प्रतीत होता है कि इन अलंकारिक प्रश्नों की मंशा पाठक को उनके पाप को दिखाने के लिए है जिससे कि वे यीशु पर भरोसा करेंगे। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-rquestion]] और [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/guilt]])
" +ROM 3 intro y2kb 0 # रोमियों 03 सामान्य टिप्पणियाँ
## संरचना एवं स्वरूपण

कुछ अनुवाद कविता की प्रत्येक पंक्ति को पढ़ने में आसान करने के लिए पाठ के बाकी हिस्सों की तुलना में दाईं ओर निर्धारित करते हैं। यूएलटी इस अध्याय के पद 4 और 10-18 के साथ ऐसा करता है, जो पुराने नियम के वचन हैं।

## इस अध्याय में विशेष अवधारणाएँ

अध्याय 3 इस प्रश्न का उत्तर देता है, ""यहूदी होने से क्या लाभ है।"" एक अन्य व्यक्ति होने के नाते?"" (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/lawofmoses]] और [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/save]])

### ""क्योंकि सभी ने पाप किया है और परमेश्वर की महिमा से रहित हैं""
क्योंकि परमेश्वर पवित्र है, स्वर्ग में उसके साथ होने वाले किसी को भी परिपूर्ण होना चाहिए। किसी भी पाप के लिए किसी व्यक्ति पर दोष लगाया जाएगा। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/heaven]] और [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/condemn]])

### मूसा की व्यवस्था का उद्देश्य
व्यवस्था का पालन करना एक व्यक्ति को परमेश्वर के साथ सही नहीं बना सकता है। परमेश्वर की व्यवस्था का पालन करना एक ऐसा तरीका है जिससे व्यक्ति दिखाता है कि वे परमेश्वर में विश्वास करते हैं। विश्वास से ही मनुष्यों को हमेशा धर्मी ठहराया गया है। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/justice]] और [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/faith]])

## इस अध्याय के महत्वपूर्ण अलंकार

### अलंकारिक प्रश्न
पौलुस अक्सर इस अध्याय में अलंकारिक सवालों का उपयोग करता है। ऐसा प्रतीत होता है कि इन अलंकारिक प्रश्नों की मंशा पाठक को उनके पाप को दिखाने के लिए है जिससे कि वे यीशु पर भरोसा करेंगे। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-rquestion]] और [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/guilt]])
ROM 3 1 v788 0 Connecting Statement: पौलुस ने यहूदियों को होने वाले लाभ की घोषणा इसलिए की क्योंकि परमेश्वर ने उन्हें अपना व्यवस्था दिया था। ROM 3 1 gcd6 figs-explicit τί οὖν τὸ περισσὸν τοῦ Ἰουδαίου, ἢ τίς ἡ ὠφέλια τῆς περιτομῆς 1 Then what advantage does the Jew have? And what is the benefit of circumcision? "पौलुस उन विचारों को प्रस्तुत करता है जो उसने अध्याय 2 में लिखा था उसे सुनने के बाद लोगों के मनों में आ सकते हैं। वह उन्हें पद 2 में जवाब देने के लिए ऐसा करता है। वैकल्पिक अनुवाद: ""कुछ मनुष्य कह सकते हैं, 'फिर यहूदियों को इससे क्या फायदा? और खतना से क्या लाभ है?'' या ''कुछ मनुष्य कह सकते हैं, ''यदि यह सत्य है, तो यहूदियों को कोई लाभ नहीं है, और खतना होने में कोई लाभ नहीं है।'' (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-explicit]] और [[rc://hi/ta/man/translate/figs-rquestion]])" ROM 3 2 rri9 figs-explicit πολὺ κατὰ πάντα τρόπον 1 It is great in every way "पौलुस अब पद 1 में लाई गई चिंताओं का जवाब देता है। यहाँ ""यह"" यहूदी मनुष्यों के सदस्य होने का उल्लेख करता है। वैकल्पिक अनुवाद: ""लेकिन यहूदी होने का बहुत फायदा है"" (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-explicit]])" @@ -375,7 +375,7 @@ ROM 5 21 wmy8 figs-personification ὥσπερ ἐβασίλευσεν ἡ ἁμ ROM 5 21 w4ut figs-personification οὕτως καὶ ἡ χάρις βασιλεύσῃ διὰ δικαιοσύνης, εἰς ζωὴν αἰώνιον διὰ Ἰησοῦ Χριστοῦ τοῦ Κυρίου ἡμῶν 1 even so grace might rule through righteousness for everlasting life through Jesus Christ our Lord "पौलुस यहाँ ""अनुग्रह"" की बात करता है जैसे कि वह एक राजा था जिसने राज्य किया था। वैकल्पिक अनुवाद: ""अनुग्रह ने लोगों को अनन्त जीवन दिया यीशु मसीह हमारे परमेश्वर की धार्मिकता के माध्यम से"" (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-personification]] और [[rc://hi/ta/man/translate/figs-metaphor]])" ROM 5 21 m5by figs-personification οὕτως…ἡ χάρις βασιλεύσῃ διὰ δικαιοσύνης 1 so grace might rule through righteousness "पौलुस यहाँ ""अनुग्रह"" की बात करता है जैसे कि वह एक राजा था जिसने राज्य किया था। शब्द ""धार्मिकता"" परमेश्वर की क्षमता को मनुष्यों को उसके साथ धर्मी बनाने के लिए संदर्भित करता है। वैकल्पिक अनुवाद: ""इसलिए परमेश्वर लोगों को अपने साथ धर्मी ठहराने के लिए अपना मुफ्त उपहार दे सकते हैं"" (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-personification]] और [[rc://hi/ta/man/translate/figs-explicit]])" ROM 5 21 ew1b figs-inclusive τοῦ Κυρίου ἡμῶν 1 our Lord पौलुस स्वयं को शामिल करता है, उसके पाठक और सभी विश्वासी शामिल हैं। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-inclusive]]) -ROM 6 intro v522 0 "# रोमियों 06 सामान्य टिप्पणियाँ
## संरचना एवं स्वरूपण

पौलुस इस अध्याय को यह उत्तर देने के साथ आरम्भ करता है कि कोई व्यक्ति अध्याय 5 में सिखाई गई चीजों के बारे में काल्पनिक रूप से कैसे आपत्ति कर सकता है। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-hypo]])

## इस अध्याय में विशेष अवधारणाएँ

### व्यवस्था के खिलाफ
इस अध्याय में, पौलुस ने शिक्षण से इंकार किया है कि मसीही जीवित रह सकते हैं लेकिन वे चाहते हैं कि उन्हें बचाया जाए। विद्वानों ने इसे ""विधिमुक्‍तिवाद"" या ""व्यवस्था के खिलाफ"" कहा है। ईश्वरीय जीवन जीने के लिए प्रेरित करने के लिए, पौलुस ने एक मसीही को बचाने के लिए यीशु द्वारा दिए गए महान मूल्य को याद किया। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/save]] और [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/godly]])

### पाप के सेवक
यीशु में विश्वास करने से पहले, पाप लोगों को दास बनता हैं। परमेश्वर मसीहियों को पाप करने से मुक्त करता है। वे अपने जीवन में मसीह की सेवा करने में सक्षम हैं। पौलुस बताता है कि जब मसीही लोग पाप करना चुनते हैं, तो वे स्वेच्छा से पाप करना चुनते हैं। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/faith]] और [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/sin]])

### फल
यह अध्याय काल्पनिक फल का उपयोग करता है। फलों की छवि आमतौर पर एक व्यक्ति के विश्वास को संदर्भित करती है जो उनके जीवन में अच्छे काम कर रहा है। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/other/fruit]] और [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/righteous]])

## इस अध्याय के महत्वपूर्ण अलंकार

### अलंकारिक प्रश्न
पौलुस इस अध्याय में अलंकारिक प्रश्नों का उपयोग करता है। ऐसा प्रतीत होता है कि इन अलंकारिक प्रश्नों की मंशा पाठक को उनके पाप को दिखाने के लिए है जिससे कि वे यीशु पर भरोसा करेंगे। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-rquestion]] और [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/guilt]] और [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/sin]])

## इस अध्याय में अन्य संभावित अनुवाद की कठिनाइयाँ

### मौत
पौलुस इस अध्याय में कई अलग-अलग तरीकों से ""मृत्यु"" का उपयोग करता है: शारीरिक मृत्यु, आध्यात्मिक मृत्यु, पाप में राज करना मनुष्य का मन, और कुछ खत्म करने के लिए। वह मसीह द्वारा प्रदान किए गए नए जीवन और नए तरीके से मसीहियों के जीवित रहने के बाद पाप और मृत्यु के विपरीत है। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/other/death]])
" +ROM 6 intro v522 0 # रोमियों 06 सामान्य टिप्पणियाँ
## संरचना एवं स्वरूपण

पौलुस इस अध्याय को यह उत्तर देने के साथ आरम्भ करता है कि कोई व्यक्ति अध्याय 5 में सिखाई गई चीजों के बारे में काल्पनिक रूप से कैसे आपत्ति कर सकता है। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-hypo]])

## इस अध्याय में विशेष अवधारणाएँ

### व्यवस्था के खिलाफ
इस अध्याय में, पौलुस ने शिक्षण से इंकार किया है कि मसीही जीवित रह सकते हैं लेकिन वे चाहते हैं कि उन्हें बचाया जाए। विद्वानों ने इसे ""विधिमुक्‍तिवाद"" या ""व्यवस्था के खिलाफ"" कहा है। ईश्वरीय जीवन जीने के लिए प्रेरित करने के लिए, पौलुस ने एक मसीही को बचाने के लिए यीशु द्वारा दिए गए महान मूल्य को याद किया। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/save]] और [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/godly]])

### पाप के सेवक
यीशु में विश्वास करने से पहले, पाप लोगों को दास बनता हैं। परमेश्वर मसीहियों को पाप करने से मुक्त करता है। वे अपने जीवन में मसीह की सेवा करने में सक्षम हैं। पौलुस बताता है कि जब मसीही लोग पाप करना चुनते हैं, तो वे स्वेच्छा से पाप करना चुनते हैं। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/faith]] और [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/sin]])

### फल
यह अध्याय काल्पनिक फल का उपयोग करता है। फलों की छवि आमतौर पर एक व्यक्ति के विश्वास को संदर्भित करती है जो उनके जीवन में अच्छे काम कर रहा है। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/other/fruit]] और [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/righteous]])

## इस अध्याय के महत्वपूर्ण अलंकार

### अलंकारिक प्रश्न
पौलुस इस अध्याय में अलंकारिक प्रश्नों का उपयोग करता है। ऐसा प्रतीत होता है कि इन अलंकारिक प्रश्नों की मंशा पाठक को उनके पाप को दिखाने के लिए है जिससे कि वे यीशु पर भरोसा करेंगे। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-rquestion]] और [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/guilt]] और [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/sin]])

## इस अध्याय में अन्य संभावित अनुवाद की कठिनाइयाँ

### मौत
पौलुस इस अध्याय में कई अलग-अलग तरीकों से ""मृत्यु"" का उपयोग करता है: शारीरिक मृत्यु, आध्यात्मिक मृत्यु, पाप में राज करना मनुष्य का मन, और कुछ खत्म करने के लिए। वह मसीह द्वारा प्रदान किए गए नए जीवन और नए तरीके से मसीहियों के जीवित रहने के बाद पाप और मृत्यु के विपरीत है। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/other/death]])
ROM 6 1 x13n 0 Connecting Statement: अनुग्रह के तहत, पौलुस उन मनुष्यों को बताता है जो यीशु में जीवित रहने के लिए एक नया जीवन जीते हैं जैसे वे पाप के लिए मृत और परमेश्वर के लिए जीवित हैं। ROM 6 1 pvg3 figs-rquestion τί οὖν ἐροῦμεν? ἐπιμένωμεν τῇ ἁμαρτίᾳ, ἵνα ἡ χάρις πλεονάσῃ 1 What then will we say? Should we continue in sin so that grace may abound? पौलुस अपने पाठकों का ध्यान आकर्षित करने के लिए इन अलंकारिक प्रश्नों का उपयोग करता है। वैकल्पिक अनुवाद: “तो, इन सब के बारे में हमें क्या कहना चाहिए? हमें निश्चित रूप से पाप इसलिए नहीं करना चाहिए ताकि परमेश्वर हमें अधिक से अधिक अनुग्रह प्रदान करे! (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-rquestion]]) ROM 6 1 fj9e figs-inclusive ἐροῦμεν 1 we say "सर्वनाम ""हम"" पौलुस, उनके पाठकों और अन्य मनुष्यों को संदर्भित करता है। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-inclusive]])" @@ -438,7 +438,7 @@ ROM 6 22 npf3 figs-metaphor ἔχετε τὸν καρπὸν ὑμῶν εἰς ROM 6 22 a478 τὸ δὲ τέλος ζωὴν αἰώνιον 1 The result is eternal life इन सबका परिणाम यह है कि तुम हमेशा के लिए परमेश्वर के साथ रहोगे" ROM 6 23 ze3f τὰ γὰρ ὀψώνια τῆς ἁμαρτίας θάνατος 1 For the wages of sin are death """मजदूरी"" शब्द किसी को उनके काम के लिए दिए गए भुगतान को संदर्भित करता है। ""यदि तुम पाप की सेवा करते हो, तो तुमको भुगतान के रूप में आध्यात्मिक मृत्यु प्राप्त होगी"" या ""यदि तुम पाप करना जारी रखते हो, तो परमेश्वर तुमको आध्यात्मिक जीवन के लिए दंडित करेगा""" ROM 6 23 pf3s τὸ δὲ χάρισμα τοῦ Θεοῦ ζωὴ αἰώνιος ἐν Χριστῷ Ἰησοῦ, τῷ Κυρίῳ ἡμῶν 1 but the gift of God is eternal life in Christ Jesus our Lord लेकिन परमेश्वर उन मनुष्यों को अनंत जीवन देता है जो हमारे प्रभु मसीह यीशु के हैं -ROM 7 intro fl1y 0 "# रोमियों 07 सामान्य टिप्पणियाँ
## संरचना एवं स्वरूपण

### ""या क्या तुम नहीं जानते""
पौलुस इस वाक्यांश का उपयोग एक नए विषय पर चर्चा करने के लिए करता है, जो कि उसे पिछले शिक्षण के साथ जोड़ता है।

## इस अध्याय में विशेष अवधारणाएँ

### ""हम व्यवस्था से स्वतंत्र हो गए हैं""
पौलुस बताता है कि मूसा की व्यवस्था अब प्रभावी नहीं है। जबकि यह सच है, व्यवस्था के पीछे कालातीत सिद्धांत परमेश्वर के चरित्र को प्रदर्शित करता है। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/lawofmoses]])

## इस अध्याय के महत्वपूर्ण अलंकार

### विवाह
शास्त्र आमतौर पर विवाह का उपयोग एक रूपक के रूप में करता है। यहाँ पौलुस इसका उपयोग यह बताने के लिए करता है कि कैसे कलीसिया मूसा की व्यवस्था और अब मसीह से संबंधित है। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-metaphor]])

## इस अध्याय में अन्य संभावित अनुवाद की कठिनाइयाँ

### शरीर
यह एक जटिल मुद्दा है। ""शरीर"" संभवतः हमारे पापी प्रकृति के लिए एक रूपक है। पौलुस यह नहीं सिखा रहा है कि हमारी भौतिक देह पापी हैं। पौलुस यह सिखाता है कि जब तक मसीही जन जीवित हैं (""देह में""), हम पाप करते रहेंगे। लेकिन हमारी नई प्रकृति हमारी पुरानी प्रकृति के खिलाफ लड़ रही है। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/flesh]] और [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/sin]])
" +ROM 7 intro fl1y 0 # रोमियों 07 सामान्य टिप्पणियाँ
## संरचना एवं स्वरूपण

### ""या क्या तुम नहीं जानते""
पौलुस इस वाक्यांश का उपयोग एक नए विषय पर चर्चा करने के लिए करता है, जो कि उसे पिछले शिक्षण के साथ जोड़ता है।

## इस अध्याय में विशेष अवधारणाएँ

### ""हम व्यवस्था से स्वतंत्र हो गए हैं""
पौलुस बताता है कि मूसा की व्यवस्था अब प्रभावी नहीं है। जबकि यह सच है, व्यवस्था के पीछे कालातीत सिद्धांत परमेश्वर के चरित्र को प्रदर्शित करता है। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/lawofmoses]])

## इस अध्याय के महत्वपूर्ण अलंकार

### विवाह
शास्त्र आमतौर पर विवाह का उपयोग एक रूपक के रूप में करता है। यहाँ पौलुस इसका उपयोग यह बताने के लिए करता है कि कैसे कलीसिया मूसा की व्यवस्था और अब मसीह से संबंधित है। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-metaphor]])

## इस अध्याय में अन्य संभावित अनुवाद की कठिनाइयाँ

### शरीर
यह एक जटिल मुद्दा है। ""शरीर"" संभवतः हमारे पापी प्रकृति के लिए एक रूपक है। पौलुस यह नहीं सिखा रहा है कि हमारी भौतिक देह पापी हैं। पौलुस यह सिखाता है कि जब तक मसीही जन जीवित हैं (""देह में""), हम पाप करते रहेंगे। लेकिन हमारी नई प्रकृति हमारी पुरानी प्रकृति के खिलाफ लड़ रही है। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/flesh]] और [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/sin]])
ROM 7 1 nj1k 0 Connecting Statement: पौलुस बताता है कि व्यवस्था उन मनुष्यों को कैसे नियंत्रित करती है जो व्यवस्था के तहत रहना चाहते हैं। ROM 7 1 mk7w figs-rquestion ἢ ἀγνοεῖτε, ἀδελφοί (γινώσκουσιν γὰρ νόμον λαλῶ), ὅτι ὁ νόμος κυριεύει τοῦ ἀνθρώπου ἐφ’ ὅσον χρόνον ζῇ? 1 do you not know, brothers ... that the law controls a person for as long as he lives? "पौलुस जोर डालने के लिए इस प्रश्न को पूछता है। वैकल्पिक अनुवाद: ""तो तुम निश्चित रूप से जानते हो कि मनुष्यों को जीवित रहते हुए ही व्यवस्था का पालन करना पड़ता है"" (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-rquestion]])" ROM 7 1 r9fl ἀδελφοί 1 brothers यहाँ इसका अर्थ पुरुष और महिला सहित दोनों संगी विश्वासी है। @@ -505,7 +505,7 @@ ROM 7 24 nu6u με ῥύσεται 1 deliver me मुझे बचाओ ROM 7 24 md8e figs-metaphor τοῦ σώματος τοῦ θανάτου τούτου 1 this body of death यह एक रूपक है जिसका अर्थ है एक शरीर जो शारीरिक मृत्यु का अनुभव करेगा। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-metaphor]]) ROM 7 25 w9ui χάρις τῷ Θεῷ διὰ Ἰησοῦ Χριστοῦ τοῦ Κυρίου ἡμῶν 1 But thanks be to God through Jesus Christ our Lord 7:24 में इस प्रश्न का उत्तर है। ROM 7 25 adx1 figs-metaphor ἄρα οὖν αὐτὸς ἐγὼ, τῷ μὲν νοῒ δουλεύω νόμῳ Θεοῦ; τῇ δὲ σαρκὶ, νόμῳ ἁμαρτίας 1 So then, I myself serve the law of God with my mind. However, with the flesh I serve the principle of sin "मन और शरीर का उपयोग यह दिखाने के लिए किया गया है कि वे परमेश्वर के नियम या पाप के सिद्धांत की सेवा की तुलना कैसे करते हैं। मन या बुद्धि के साथ परमेश्वर को प्रसन्न करने और पालन करने के लिए और शरीर या भौतिक प्रकृति के साथ पाप की सेवा करने के लिए चुन सकते हैं। वैकल्पिक अनुवाद: ""मेरा मन परमेश्वर को खुश करने का चयन करता है लेकिन मेरा शरीर पाप का पालन करना चुनता है"" (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-metaphor]])" -ROM 8 intro ev4r 0 "# रोमियों 08 सामान्य टिप्पणियाँ
## संरचना एवं स्वरूपण

इस अध्याय का पहला पद एक संक्रमणकालीन वाक्य है। पौलुस अध्याय 7 के अपने शिक्षण का समापन करता है और अध्याय 8 के वचनों की ओर अगुवाई करता है।

कुछ अनुवाद कविता की प्रत्येक पंक्ति को शेष पाठ की तुलना में दाईं तरफ आगे की ओर व्यवस्थित करते हैं ताकि यह पढ़ने में आसान हो सके। यूएलटी पद 36 के साथ ऐसा करता है। पौलुस पुराने नियम के इन वचनों को उद्धरित करता है।

## इस अध्याय में विशेष अवधारणाएँ

### आत्मा का वास
पवित्र-आत्मा किसी व्यक्ति के अंदर या उनके मन के अंदर रहने के लिए कहा जाता है। यदि आत्मा मौजूद है, तो यह दर्शाता है कि एक व्यक्ति बच गया है। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/save]])

### ""ये परमेश्वर के पुत्र हैं""
यीशु एक अनोखे तरीके से परमेश्वर का पुत्र है। परमेश्वर मसीहियों को भी अपने संतान के रूप में अपनाता है। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/sonofgod]] और [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/adoption]])

### भविष्यवाणी
कई विद्वानों का मानना है कि इस अध्याय में पौलुस ""भविष्यवाणी"" नामक एक विषय पर शिक्षा देता है। यह ""भविष्यवाणी"" की बाइबल अवधारणा से संबंधित है। कुछ लोग यह संकेत करने के लिए इसे लेते हैं कि परमेश्वर ने जगत की नींव से पहले, कुछ को चुना है ताकि उन्हें हमेशा बचाया जा सके। इस विषय पर बाइबल के बारे में मसीहियों के अलग-अलग विचार हैं। इसलिए अनुवादकों को इस अध्याय का अनुवाद करते समय अतिरिक्त सावधानी बरतने की जरूरत है, विशेष रूप से कार्य-कारण के तत्वों के संबंध में। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/predestine]] और [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/save]])

## इस अध्याय के महत्वपूर्ण अलंकार

### रूपक
पौलुस काव्यात्मक रूप से एक विस्तारित रूपक के रूप में पद 38 और 39 में अपने शिक्षण को प्रस्तुत करता है। वह बताता है कि कोई भी व्यक्ति यीशु में परमेश्वर के प्रेम को अलग नहीं कर सकता है। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-metaphor]])

## इस अध्याय में अन्य संभावित अनुवाद की कठिनाइयाँ

### दंड नहीं
इस वाक्यांश को सैद्धांतिक भ्रम से बचने के लिए सावधानी से अनुवाद किया जाना चाहिए। लोग अब भी अपने पाप के लिए दोषी हैं। परमेश्वर यीशु पर विश्वास करने के बाद भी अगर कोई पाप से लिप्त रहता है तो परमेश्वर उसे अस्वीकार करता है। परमेश्वर अभी भी विश्वासियों के पापों को दंडित करता हैं, लेकिन यीशु ने उनके पाप की सजा का भुगतान किया है। यह वही है जो पौलुस ने यहाँ व्यक्त किया है। ""दंड"" शब्द के कई संभावित अर्थ हैं। यहाँ पौलुस इस बात पर जोर देता है कि जो लोग यीशु पर विश्वास करते हैं, उन्हें ""नरक का दंड"" देकर उनके पाप के लिए अनंतकाल तक दंडित नहीं किया गया है। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/guilt]] और [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/faith]] और [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/condemn]])

### शरीर

यह एक जटिल मुद्दा है। ""शरीर"" संभवतः हमारे पापी प्रकृति के लिए एक रूपक है। पौलुस यह नहीं सिखा रहा है कि हमारी भौतिक देह पापी हैं। पौलुस यह सिखाता है कि जब तक मसीही जन जीवित हैं (""देह में""), हम पाप करते रहेंगे। लेकिन हमारी नई प्रकृति हमारी पुरानी प्रकृति के खिलाफ लड़ रही है। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/flesh]])
" +ROM 8 intro ev4r 0 # रोमियों 08 सामान्य टिप्पणियाँ
## संरचना एवं स्वरूपण

इस अध्याय का पहला पद एक संक्रमणकालीन वाक्य है। पौलुस अध्याय 7 के अपने शिक्षण का समापन करता है और अध्याय 8 के वचनों की ओर अगुवाई करता है।

कुछ अनुवाद कविता की प्रत्येक पंक्ति को शेष पाठ की तुलना में दाईं तरफ आगे की ओर व्यवस्थित करते हैं ताकि यह पढ़ने में आसान हो सके। यूएलटी पद 36 के साथ ऐसा करता है। पौलुस पुराने नियम के इन वचनों को उद्धरित करता है।

## इस अध्याय में विशेष अवधारणाएँ

### आत्मा का वास
पवित्र-आत्मा किसी व्यक्ति के अंदर या उनके मन के अंदर रहने के लिए कहा जाता है। यदि आत्मा मौजूद है, तो यह दर्शाता है कि एक व्यक्ति बच गया है। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/save]])

### ""ये परमेश्वर के पुत्र हैं""
यीशु एक अनोखे तरीके से परमेश्वर का पुत्र है। परमेश्वर मसीहियों को भी अपने संतान के रूप में अपनाता है। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/sonofgod]] और [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/adoption]])

### भविष्यवाणी
कई विद्वानों का मानना है कि इस अध्याय में पौलुस ""भविष्यवाणी"" नामक एक विषय पर शिक्षा देता है। यह ""भविष्यवाणी"" की बाइबल अवधारणा से संबंधित है। कुछ लोग यह संकेत करने के लिए इसे लेते हैं कि परमेश्वर ने जगत की नींव से पहले, कुछ को चुना है ताकि उन्हें हमेशा बचाया जा सके। इस विषय पर बाइबल के बारे में मसीहियों के अलग-अलग विचार हैं। इसलिए अनुवादकों को इस अध्याय का अनुवाद करते समय अतिरिक्त सावधानी बरतने की जरूरत है, विशेष रूप से कार्य-कारण के तत्वों के संबंध में। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/predestine]] और [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/save]])

## इस अध्याय के महत्वपूर्ण अलंकार

### रूपक
पौलुस काव्यात्मक रूप से एक विस्तारित रूपक के रूप में पद 38 और 39 में अपने शिक्षण को प्रस्तुत करता है। वह बताता है कि कोई भी व्यक्ति यीशु में परमेश्वर के प्रेम को अलग नहीं कर सकता है। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-metaphor]])

## इस अध्याय में अन्य संभावित अनुवाद की कठिनाइयाँ

### दंड नहीं
इस वाक्यांश को सैद्धांतिक भ्रम से बचने के लिए सावधानी से अनुवाद किया जाना चाहिए। लोग अब भी अपने पाप के लिए दोषी हैं। परमेश्वर यीशु पर विश्वास करने के बाद भी अगर कोई पाप से लिप्त रहता है तो परमेश्वर उसे अस्वीकार करता है। परमेश्वर अभी भी विश्वासियों के पापों को दंडित करता हैं, लेकिन यीशु ने उनके पाप की सजा का भुगतान किया है। यह वही है जो पौलुस ने यहाँ व्यक्त किया है। ""दंड"" शब्द के कई संभावित अर्थ हैं। यहाँ पौलुस इस बात पर जोर देता है कि जो लोग यीशु पर विश्वास करते हैं, उन्हें ""नरक का दंड"" देकर उनके पाप के लिए अनंतकाल तक दंडित नहीं किया गया है। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/guilt]] और [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/faith]] और [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/condemn]])

### शरीर

यह एक जटिल मुद्दा है। ""शरीर"" संभवतः हमारे पापी प्रकृति के लिए एक रूपक है। पौलुस यह नहीं सिखा रहा है कि हमारी भौतिक देह पापी हैं। पौलुस यह सिखाता है कि जब तक मसीही जन जीवित हैं (""देह में""), हम पाप करते रहेंगे। लेकिन हमारी नई प्रकृति हमारी पुरानी प्रकृति के खिलाफ लड़ रही है। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/flesh]])
ROM 8 1 xq2y 0 Connecting Statement: पौलुस पाप और अच्छे के साथ किए गए संघर्ष का जवाब देता है। ROM 8 1 xw65 figs-explicit οὐδὲν ἄρα νῦν κατάκριμα τοῖς ἐν Χριστῷ Ἰησοῦ 1 There is therefore now no condemnation for those who are in Christ Jesus "यहाँ ""दंड देना"" मनुष्यों को दंडित करने के लिए संदर्भित करता है। वैकल्पिक अनुवाद: ""परमेश्वर यीशु मसीह से जुड़ने वालों को निंदा और दंड नहीं देंगे"" (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-explicit]])" ROM 8 1 i12t ἄρα 1 therefore "उस कारण से या ""क्योंकि जो मैंने अभी तुमको बताया है वह सच है""" @@ -602,7 +602,7 @@ ROM 8 37 wcm6 figs-explicit διὰ τοῦ ἀγαπήσαντος ἡμᾶς 1 ROM 8 38 fch1 πέπεισμαι 1 I have been convinced "मैं आश्वस्त हूं या ""मुझे विश्वास है""" ROM 8 38 js9q ἀρχαὶ 1 governments संभावित अर्थ हैं 1) दुष्ट या 2) मानव राजा और शासक हैं। ROM 8 38 q7ti οὔτε δυνάμεις 1 nor powers इसके संभावित अर्थ हैं 1) सामर्थ के साथ आध्यात्मिक प्राणी या 2) सत्ता के साथ मनुष्य -ROM 9 intro w6f4 0 "# रोमियों 09 सामान्य टिप्पणियाँ
## संरचना एवं स्वरूपण

इस अध्याय में, पौलुस जो सिखा रहा था वह उससे अलग विषय पर जाता है। अध्याय 9-11 में, वह इस्राएल के राष्ट्र पर ध्यान केंद्रित करता है।

कुछ अनुवाद पढ़ने के लिए आसान बनाने के लिए पाठ के बाकी हिस्सों की तुलना में कविता की प्रत्येक पंक्ति को दाईं ओर निर्धारित करते हैं। यूएलटी इस अध्याय के पद 25-29 और 33 के साथ करता है। पौलुस पुराने नियम से इन सभी शब्दों को उद्धृत करता हैं।

## इस अध्याय में विशेष अवधारणा

### शरीर
पौलुस इस अध्याय में ""शरीर"" शब्द का उपयोग केवल इजरायल के संदर्भ में करता हैं, मनुष्य शारीरिक रूप से अवरोही हैं इब्राहीम के माध्यम से इब्राहीम, जो परमेश्वर ने इजरायल का नाम दिया। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/flesh]])

अन्य अध्यायों में, पौलुस “भाई” शब्द का इस्तेमाल साथी मसीहियों के लिए करता है। हालाँकि, इस अध्याय में, वह ""मेरे भाइयों"" का उपयोग अपने रिश्तेदार इस्राएलियों के लिए करता है।

पौलुस उन मनुष्यों को जो यीशु पर विश्वास करते हैं उन्हें ""परमेश्वर के बच्चे"" और ""प्रतिज्ञा के बच्चे"" के रूप में संदर्भित करता है।""

### । पूर्वनियति
बहुत से विद्वानों का मानना है कि इस अध्याय में पौलुस बड़े पैमाने पर ""पूर्वनियति"" के विषय पर सिखाता है। यह ""भविष्यवाणी"" की बाइबल अवधारणा से संबंधित है। कुछ इसे दर्शित करने के लिए लेते हैं कि परमेश्वर ने जगत की नींव से पहले, कुछ मनुष्यों को अनंतकाल के लिए चुना है। इस विषय पर बाइबल के बारे में मसीहियों के अलग-अलग विचार हैं। इसलिए अनुवादकों को इस अध्याय का अनुवाद करते समय अधिक ध्यान रखने की आवश्यकता है। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/predestine]] और [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/save]])

## इस अध्याय के महत्वपूर्ण अलंकार

### ठोकर के पत्थर बताते हैं कि जब कुछ अन्यजातियों ने यीशु को अपने उद्धारकर्ता के रूप में स्वीकार किया था, उस पर विश्वास करके, अधिकांश यहूदी अपना उद्धार पाने की कोशिश कर रहे थे इसलिए उन्होंने यीशु को अस्वीकार कर दिया। पौलुस, पुराने नियम के हवाले से, यीशु का वर्णन एक पत्थर के रूप में करता है जो यहूदियों के चलने पर ठोकर देता है। यह ""ठोकर का पत्थर"" उनके ""गिरने"" का कारण बनता है। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-metaphor]])

## इस अध्याय में अन्य संभावित अनुवाद की कठिनाइयाँ

### ""इस्राएल का हर कोई नहीं है जो वास्तव में इस्राएल से संबंधित है।""
पौलुस इस पद में ""इस्राएल"" शब्द का उपयोग विभिन्न अर्थ के साथ करता है। पहले ""इस्राएल"" का अर्थ है याकूब के माध्यम से अब्राहम के शारीरिक वंशज। दूसरा ""इस्राएल"" का अर्थ है जो विश्वास के माध्यम से परमेश्वर के मनुष्य हैं। यूएसटी इसे दर्शाता है।
" +ROM 9 intro w6f4 0 # रोमियों 09 सामान्य टिप्पणियाँ
## संरचना एवं स्वरूपण

इस अध्याय में, पौलुस जो सिखा रहा था वह उससे अलग विषय पर जाता है। अध्याय 9-11 में, वह इस्राएल के राष्ट्र पर ध्यान केंद्रित करता है।

कुछ अनुवाद पढ़ने के लिए आसान बनाने के लिए पाठ के बाकी हिस्सों की तुलना में कविता की प्रत्येक पंक्ति को दाईं ओर निर्धारित करते हैं। यूएलटी इस अध्याय के पद 25-29 और 33 के साथ करता है। पौलुस पुराने नियम से इन सभी शब्दों को उद्धृत करता हैं।

## इस अध्याय में विशेष अवधारणा

### शरीर
पौलुस इस अध्याय में ""शरीर"" शब्द का उपयोग केवल इजरायल के संदर्भ में करता हैं, मनुष्य शारीरिक रूप से अवरोही हैं इब्राहीम के माध्यम से इब्राहीम, जो परमेश्वर ने इजरायल का नाम दिया। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/flesh]])

अन्य अध्यायों में, पौलुस “भाई” शब्द का इस्तेमाल साथी मसीहियों के लिए करता है। हालाँकि, इस अध्याय में, वह ""मेरे भाइयों"" का उपयोग अपने रिश्तेदार इस्राएलियों के लिए करता है।

पौलुस उन मनुष्यों को जो यीशु पर विश्वास करते हैं उन्हें ""परमेश्वर के बच्चे"" और ""प्रतिज्ञा के बच्चे"" के रूप में संदर्भित करता है।""

### । पूर्वनियति
बहुत से विद्वानों का मानना है कि इस अध्याय में पौलुस बड़े पैमाने पर ""पूर्वनियति"" के विषय पर सिखाता है। यह ""भविष्यवाणी"" की बाइबल अवधारणा से संबंधित है। कुछ इसे दर्शित करने के लिए लेते हैं कि परमेश्वर ने जगत की नींव से पहले, कुछ मनुष्यों को अनंतकाल के लिए चुना है। इस विषय पर बाइबल के बारे में मसीहियों के अलग-अलग विचार हैं। इसलिए अनुवादकों को इस अध्याय का अनुवाद करते समय अधिक ध्यान रखने की आवश्यकता है। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/predestine]] और [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/save]])

## इस अध्याय के महत्वपूर्ण अलंकार

### ठोकर के पत्थर बताते हैं कि जब कुछ अन्यजातियों ने यीशु को अपने उद्धारकर्ता के रूप में स्वीकार किया था, उस पर विश्वास करके, अधिकांश यहूदी अपना उद्धार पाने की कोशिश कर रहे थे इसलिए उन्होंने यीशु को अस्वीकार कर दिया। पौलुस, पुराने नियम के हवाले से, यीशु का वर्णन एक पत्थर के रूप में करता है जो यहूदियों के चलने पर ठोकर देता है। यह ""ठोकर का पत्थर"" उनके ""गिरने"" का कारण बनता है। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-metaphor]])

## इस अध्याय में अन्य संभावित अनुवाद की कठिनाइयाँ

### ""इस्राएल का हर कोई नहीं है जो वास्तव में इस्राएल से संबंधित है।""
पौलुस इस पद में ""इस्राएल"" शब्द का उपयोग विभिन्न अर्थ के साथ करता है। पहले ""इस्राएल"" का अर्थ है याकूब के माध्यम से अब्राहम के शारीरिक वंशज। दूसरा ""इस्राएल"" का अर्थ है जो विश्वास के माध्यम से परमेश्वर के मनुष्य हैं। यूएसटी इसे दर्शाता है।
ROM 9 1 b89f 0 Connecting Statement: पौलुस अपनी व्यक्तिगत इच्छा के बारे में बताता है कि इस्राएल के मनुष्य बच जाएँगे। फिर वह उन अलग-अलग तरीकों पर ज़ोर देता है जिनमें परमेश्वर ने उन्हें विश्वास करने के लिए तैयार किया है। ROM 9 1 yg93 figs-doublet ἀλήθειαν λέγω ἐν Χριστῷ, οὐ ψεύδομαι 1 I tell the truth in Christ. I do not lie इन दो भावों का अर्थ मूल रूप से एक ही बात है। पौलुस उनका उपयोग इस बात पर जोर देने के लिए करता है कि वह सच कह रहा है। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-doublet]]) ROM 9 1 h9mp συνμαρτυρούσης μοι τῆς συνειδήσεώς μου ἐν Πνεύματι Ἁγίῳ 1 my conscience bears witness with me in the Holy Spirit पवित्र-आत्मा मेरे विवेक को नियंत्रित करता है और पुष्टि करता है जो मैं कहता हूँ @@ -681,7 +681,7 @@ ROM 9 33 kx9c figs-explicit καθὼς γέγραπται 1 as it has been writ ROM 9 33 dy6x figs-metonymy ἐν Σιὼν 1 in Zion "यहाँ सिय्योन एक रूपक है जो इस्राएल का प्रतिनिधित्व करता है। वैकल्पिक अनुवाद: ""इस्राएल में"" (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-metonymy]])" ROM 9 33 u3dj figs-doublet λίθον προσκόμματος, καὶ πέτραν σκανδάλου 1 stone of stumbling and a rock of offense इन दोनों वाक्यांशों का अर्थ मूल रूप से एक ही बात है और वे रूपक हैं जो यीशु और क्रूस पर उसकी मृत्यु का उल्लेख करते हैं। यह ऐसा था जैसे मनुष्य पत्थर पर ठोकर खाते हैं क्योंकि जब वे क्रूस पर यीशु की मृत्यु को मानते थे तो वे निराश हो जाते थे। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-doublet]] और [[rc://hi/ta/man/translate/figs-metaphor]]) ROM 9 33 tu4i πιστεύων ἐπ’ αὐτῷ 1 believes in it "क्योंकि पत्थर एक व्यक्ति का प्रतीक है, इसलिए आपको ऐसे अनुवाद करने की आवश्यकता हो सकती है ""उस पर विश्वास करता है।""" -ROM 10 intro c2li 0 "# रोमियों 10 सामान्य टिप्पणियाँ
## संरचना एवं स्वरूपण

कुछ अनुवादों ने पुराने नियम के पाठ से शेष पाठ की तुलना में पृष्ठ पर दाईं ओर गद्य उद्धरण व्यवस्थित किए हैं। यूएलटी पद 8 में उद्धृत शब्दों के साथ ऐसा करता है।

कुछ अनुवाद पढ़ने के लिए आसान बनाने के लिए पाठ के बाकी हिस्सों की तुलना में कविता की प्रत्येक पंक्ति को दाईं ओर निर्धारित करते हैं। यूएलटी इस अध्याय के 18-20 पद के साथ ऐसा करता है, जो पुराने नियम के शब्द हैं।

## इस अध्याय में विशेष अवधारणाएं

### परमेश्वर की धार्मिकता






पौलुस कई यहूदियों को सिखाता है ईमानदारी से धर्मी बनने की कोशिश की, वे सफल नहीं हुए। हम परमेश्वर की धार्मिकता अर्जित नहीं कर सकते। जब हम उस पर विश्वास करते हैं तो परमेश्वर हमें यीशु की धार्मिकता देता है। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/righteous]] और [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/faith]])

## इस अध्याय के महत्वपूर्ण अलंकार

### अलंकारिक प्रश्न
पौलुस इस अध्याय में कई अलंकारिक प्रश्नों का उपयोग करता है। वह अपने पाठकों को यह समझाने के लिए ऐसा करता है कि परमेश्वर केवल यहूदी लोगों को नहीं बचाता है, इसलिए मसीहियों को पूरे जगत के साथ सुसमाचार को साझा करने के लिए तैयार होना चाहिए। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-rquestion]] और [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/save]])

## इस अध्याय में अन्य संभावित अनुवाद की कठिनाइयाँ

### ""मैं तुमको ईर्ष्या से उकसाऊँगा कि क्या एक राष्ट्र नहीं है""

पौलुस इस भविष्यवाणी का उपयोग करता है कि परमेश्वर की व्याख्या करे और यहूदी मनुष्यों को ईर्ष्या करने के लिए कलीसिया का उपयोग करे। ऐसा इसलिए है कि वे परमेश्वर की तलाश करेंगे और सुसमाचार पर विश्वास करेंगे। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/prophet]] और [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/jealous]] और [[rc://hi/ta/man/translate/figs-explicit]])
" +ROM 10 intro c2li 0 # रोमियों 10 सामान्य टिप्पणियाँ
## संरचना एवं स्वरूपण

कुछ अनुवादों ने पुराने नियम के पाठ से शेष पाठ की तुलना में पृष्ठ पर दाईं ओर गद्य उद्धरण व्यवस्थित किए हैं। यूएलटी पद 8 में उद्धृत शब्दों के साथ ऐसा करता है।

कुछ अनुवाद पढ़ने के लिए आसान बनाने के लिए पाठ के बाकी हिस्सों की तुलना में कविता की प्रत्येक पंक्ति को दाईं ओर निर्धारित करते हैं। यूएलटी इस अध्याय के 18-20 पद के साथ ऐसा करता है, जो पुराने नियम के शब्द हैं।

## इस अध्याय में विशेष अवधारणाएं

### परमेश्वर की धार्मिकता






पौलुस कई यहूदियों को सिखाता है ईमानदारी से धर्मी बनने की कोशिश की, वे सफल नहीं हुए। हम परमेश्वर की धार्मिकता अर्जित नहीं कर सकते। जब हम उस पर विश्वास करते हैं तो परमेश्वर हमें यीशु की धार्मिकता देता है। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/righteous]] और [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/faith]])

## इस अध्याय के महत्वपूर्ण अलंकार

### अलंकारिक प्रश्न
पौलुस इस अध्याय में कई अलंकारिक प्रश्नों का उपयोग करता है। वह अपने पाठकों को यह समझाने के लिए ऐसा करता है कि परमेश्वर केवल यहूदी लोगों को नहीं बचाता है, इसलिए मसीहियों को पूरे जगत के साथ सुसमाचार को साझा करने के लिए तैयार होना चाहिए। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-rquestion]] और [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/save]])

## इस अध्याय में अन्य संभावित अनुवाद की कठिनाइयाँ

### ""मैं तुमको ईर्ष्या से उकसाऊँगा कि क्या एक राष्ट्र नहीं है""

पौलुस इस भविष्यवाणी का उपयोग करता है कि परमेश्वर की व्याख्या करे और यहूदी मनुष्यों को ईर्ष्या करने के लिए कलीसिया का उपयोग करे। ऐसा इसलिए है कि वे परमेश्वर की तलाश करेंगे और सुसमाचार पर विश्वास करेंगे। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/prophet]] और [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/jealous]] और [[rc://hi/ta/man/translate/figs-explicit]])
ROM 10 1 pi37 0 Connecting Statement: पौलुस इस्राएल के विश्वास करने के लिए अपनी इच्छा को व्यक्त करना जारी रखता है, लेकिन इस बात पर जोर देता है कि जो मनुष्य यहूदियों के साथ-साथ बाकी सभी के भी हैं वे केवल यीशु पर विश्वास करके ही बच सकते हैं। ROM 10 1 hj4b ἀδελφοί 1 Brothers यहाँ इसका अर्थ पुरुष और महिला सहित दोनों संगी विश्वासी है। ROM 10 1 tq7k figs-metonymy ἡ μὲν εὐδοκία τῆς ἐμῆς καρδίας 1 my heart's desire "यहाँ ""मन"" एक व्यक्ति की भावनाओं या आंतरिक अस्तित्व के लिए एक उपनाम है। वैकल्पिक अनुवाद: ""मेरी सबसे बड़ी इच्छा"" (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-metonymy]])" @@ -742,7 +742,7 @@ ROM 10 20 t78j ἐμφανὴς ἐγενόμην 1 I appeared मैंने ROM 10 20 k8pp λέγει 1 he says "वह परमेश्वर को संदर्भित करता है, जो यशायाह के माध्यम से बोल रहा है। ROM 10 21 hw4w ὅλην τὴν ἡμέραν 1 All the day long इस वाक्यांश का उपयोग परमेश्वर के निरंतर प्रयास पर जोर देने के लिए किया जाता है। ""लगातार""" ROM 10 21 il8s ἐξεπέτασα τὰς χεῖράς μου πρὸς λαὸν ἀπειθοῦντα καὶ ἀντιλέγοντα 1 I reached out my hands to a disobedient and stubborn people मैंने तुम्हारा स्वागत करने और तुम्हारी सहायता करने की कोशिश की, लेकिन तुमने मेरी सहायता करने से इंकार कर दिया और अवज्ञा जारी रखी -ROM 11 intro e9qz 0 "# रोमियों 11 सामान्य टिप्पणियाँ
## संरचना एवं स्वरूपण

कुछ अनुवाद पद के प्रत्येक पंक्ति को पाठ के बाकी हिस्सों की तुलना में दाईं ओर व्यवस्थित करते हैं ताकि इसे पढ़ना आसान हो सके। यूएलटी इसे 9-10, 26-27 और 34-35 पदों के साथ करता है, जो पुराने नियम के शब्द हैं।

## इस अध्याय में विशेष अवधारणा

### कलम बांधने का काम



परमेश्वर की योजनाओं में अन्यजातियों और यहूदियों के स्थान का उल्लेख करने के लिए पौलूस ""कलम बांधने का काम"" की छवि का उपयोग करता है।। एक पौधे को स्थायी रूप से दूसरे पौधे का हिस्सा बनाना ""कलम बांधने का काम"" कहलाता है। पौलुस गैर-यहूदियों को अपनी बचत योजनाओं में जंगली शाखा के रूप में प्रस्तुत करने वाले परमेश्वर की तस्वीर का उपयोग करता है। लेकिन परमेश्वर यहूदियों के बारे में नहीं भूले हैं, जिन्हें प्राकृतिक पौधे कहा जाता है। परमेश्वर उन यहूदियों को भी बचाएगा जो यीशु पर विश्वास करते हैं।

## इस अध्याय में अन्य संभावित अनुवाद की कठिनाइयाँ

### ""क्या परमेश्वर ने अपने लोगों को अस्वीकार कर दिया? यह कभी नहीं हो सकता है ""

इस्राएल (अब्राहम, इसहाक और याकूब के शारीरिक वंशज) का परमेश्वर की योजनाओं में भविष्य है, या यदि वे कलीसिया द्वारा परमेश्वर की योजनाओं में प्रतिस्थापित किए गए हैं, तो एक प्रमुख धर्मवैज्ञानिक मुद्दा है अध्याय 9-11। यह वाक्यांश रोमी के इस खंड का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। यह दर्शित करता है कि इस्राएल कलीसिया से अलग रहता है। सभी विद्वान इस निष्कर्ष पर नहीं पहुंचे। वर्तमान में यीशु को अपने मसीहा के रूप में अस्वीकार करने के बावजूद, इज़राइल ने परमेश्वर की कृपा और दया को समाप्त नहीं किया है। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/christ]] और [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/grace]] और [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/mercy]])
" +ROM 11 intro e9qz 0 # रोमियों 11 सामान्य टिप्पणियाँ
## संरचना एवं स्वरूपण

कुछ अनुवाद पद के प्रत्येक पंक्ति को पाठ के बाकी हिस्सों की तुलना में दाईं ओर व्यवस्थित करते हैं ताकि इसे पढ़ना आसान हो सके। यूएलटी इसे 9-10, 26-27 और 34-35 पदों के साथ करता है, जो पुराने नियम के शब्द हैं।

## इस अध्याय में विशेष अवधारणा

### कलम बांधने का काम



परमेश्वर की योजनाओं में अन्यजातियों और यहूदियों के स्थान का उल्लेख करने के लिए पौलूस ""कलम बांधने का काम"" की छवि का उपयोग करता है।। एक पौधे को स्थायी रूप से दूसरे पौधे का हिस्सा बनाना ""कलम बांधने का काम"" कहलाता है। पौलुस गैर-यहूदियों को अपनी बचत योजनाओं में जंगली शाखा के रूप में प्रस्तुत करने वाले परमेश्वर की तस्वीर का उपयोग करता है। लेकिन परमेश्वर यहूदियों के बारे में नहीं भूले हैं, जिन्हें प्राकृतिक पौधे कहा जाता है। परमेश्वर उन यहूदियों को भी बचाएगा जो यीशु पर विश्वास करते हैं।

## इस अध्याय में अन्य संभावित अनुवाद की कठिनाइयाँ

### ""क्या परमेश्वर ने अपने लोगों को अस्वीकार कर दिया? यह कभी नहीं हो सकता है ""

इस्राएल (अब्राहम, इसहाक और याकूब के शारीरिक वंशज) का परमेश्वर की योजनाओं में भविष्य है, या यदि वे कलीसिया द्वारा परमेश्वर की योजनाओं में प्रतिस्थापित किए गए हैं, तो एक प्रमुख धर्मवैज्ञानिक मुद्दा है अध्याय 9-11। यह वाक्यांश रोमी के इस खंड का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। यह दर्शित करता है कि इस्राएल कलीसिया से अलग रहता है। सभी विद्वान इस निष्कर्ष पर नहीं पहुंचे। वर्तमान में यीशु को अपने मसीहा के रूप में अस्वीकार करने के बावजूद, इज़राइल ने परमेश्वर की कृपा और दया को समाप्त नहीं किया है। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/christ]] और [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/grace]] और [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/mercy]])
ROM 11 1 p2h9 0 Connecting Statement: यद्यपि एक राष्ट्र के रूप में इस्राएल ने परमेश्वर को अस्वीकार कर दिया है, परमेश्वर चाहता है कि उन्हें समझ में आ जाए कि बिना काम के अनुग्रह से स्वतंत्रता मिलती है। ROM 11 1 wp35 λέγω οὖν 1 I say then मैं, पौलुस, तब कहता हूँ ROM 11 1 p4zd figs-rquestion μὴ ἀπώσατο ὁ Θεὸς τὸν λαὸν αὐτοῦ 1 did God reject his people? पौलुस यह प्रश्न इसलिए पूछता है ताकि वह अन्य यहूदियों के प्रश्नों का जवाब दे सके जो इस बात से नाराज हैं कि परमेश्वर ने अपने लोगों में अन्यजातियों को शामिल किया है, जबकि यहूदी मनुष्यों के हृदयों को कठोर किया गया है। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-rquestion]]) @@ -838,7 +838,7 @@ ROM 11 34 r2wj figs-rquestion τίς γὰρ ἔγνω νοῦν Κυρίου, ROM 11 34 yy52 figs-metonymy νοῦν Κυρίου 1 the mind of the Lord "यहाँ ""मन"" चीजों को जानने या चीजों के बारे में सोचने के लिए एक लक्षणालंकार है। वैकल्पिक अनुवाद: ""वह सब जिसे प्रभु जानता है"" या ""प्रभु क्या सोचता है"" (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-metonymy]])" ROM 11 35 j5cn figs-rquestion ἢ τίς προέδωκεν αὐτῷ, καὶ ἀνταποδοθήσεται αὐτῷ 1 "Or who has first given anything to God, that God must repay him?""" "पौलुस अपनी बात पर जोर देने के लिए इस सवाल का इस्तेमाल करता है। वैकल्पिक अनुवाद: ""किसी ने कभी भी परमेश्वर को कुछ भी नहीं दिया है जो उसने पहले परमेश्वर से प्राप्त नहीं किया था"" (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-rquestion]]) * ** उसके लिए ... उसके माध्यम से ... उसके लिए ** - यहाँ, ""उसे"" की सभी घटनाओं को संदर्भित करता है परमेश्वर को।" ROM 11 36 rpx6 figs-explicit αὐτῷ ἡ δόξα εἰς τοὺς αἰῶνας 1 To him be the glory forever "यह सभी मनुष्यों को परमेश्वर का सम्मान करने के लिए पौलुस की इच्छा व्यक्त करता है। आप अपने अनुवाद में इस अर्थ को स्पष्ट कर सकते हैं। वैकल्पिक अनुवाद: ""सभी मनुष्य उनका सम्मान करे"" (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-explicit]])" -ROM 12 intro aky9 0 "# रोमियों 12 सामान्य टिप्पणियाँ
## संरचना एवं स्वरूपण

कुछ अनुवाद पद के प्रत्येक पंक्ति को पाठ के बाकी हिस्सों की तुलना में दाईं ओर व्यवस्थित करते हैं ताकि इसे पढ़ना आसान हो सके। यूएलटी यह पद 20 के शब्दों के साथ करता है, जो पुराने नियम से हैं।

कई विद्वानों का मानना है कि पौलुस शब्द ""इसलिए"" का उपयोग करता है [रोमियों 12: 1] में (..//// रोम / 12/01। md) सभी अध्याय 1-11 का संदर्भ लें। मसीही सुसमाचार को ध्यान से समझाने के बाद, पौलुस अब बताते हैं कि कैसे मसिहीयों को इन महान सच्चाइयों के प्रकाश में रहना चाहिए। अध्याय 12-16 एक व्यक्ति के मसीही विश्वास को जीने पर केंद्रित है। पौलुस इन व्यावहारिक निर्देशों को देने के लिए इन अध्यायों में कई अलग-अलग आज्ञाओं का उपयोग करता है। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/faith]])

## इस अध्याय में विशेष अवधारणा

### मसीही जीवित
मूसा की व्यवस्था के तहत, मनुष्यों को जानवरों या अनाज के मंदिर बलिदान की पेशकश करने की आवश्यकता थी। अब मसीहीयों को परमेश्वर के बलिदान के रूप में अपना जीवन जीने की आवश्यकता है। शारीरिक बलिदानों की अब आवश्यकता नहीं है। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/lawofmoses]])

## इस अध्याय के महत्वपूर्ण अलंकार

### मसीह का शरीर
मसीह का शरीर कलीसिया को संदर्भित करने के लिए पवित्रशास्त्र में प्रयुक्त एक महत्वपूर्ण रूपक या छवि है। प्रत्येक कलीसिया सदस्य एक अनूठा और महत्वपूर्ण कार्य करता है। मसिहीयों को एक दूसरे की जरूरत है। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/body]] और [[rc://hi/ta/man/translate/figs-metaphor]])
## शृंखलें:

* __ [रोमियों 12:01 टिप्पणियाँ] (./ 01.md) __

__ [<<] (.. / 11 / intro.md) | [>>] (../ 13 / intro.md) __
" +ROM 12 intro aky9 0 # रोमियों 12 सामान्य टिप्पणियाँ
## संरचना एवं स्वरूपण

कुछ अनुवाद पद के प्रत्येक पंक्ति को पाठ के बाकी हिस्सों की तुलना में दाईं ओर व्यवस्थित करते हैं ताकि इसे पढ़ना आसान हो सके। यूएलटी यह पद 20 के शब्दों के साथ करता है, जो पुराने नियम से हैं।

कई विद्वानों का मानना है कि पौलुस शब्द ""इसलिए"" का उपयोग करता है [रोमियों 12: 1] में (..//// रोम / 12/01। md) सभी अध्याय 1-11 का संदर्भ लें। मसीही सुसमाचार को ध्यान से समझाने के बाद, पौलुस अब बताते हैं कि कैसे मसिहीयों को इन महान सच्चाइयों के प्रकाश में रहना चाहिए। अध्याय 12-16 एक व्यक्ति के मसीही विश्वास को जीने पर केंद्रित है। पौलुस इन व्यावहारिक निर्देशों को देने के लिए इन अध्यायों में कई अलग-अलग आज्ञाओं का उपयोग करता है। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/faith]])

## इस अध्याय में विशेष अवधारणा

### मसीही जीवित
मूसा की व्यवस्था के तहत, मनुष्यों को जानवरों या अनाज के मंदिर बलिदान की पेशकश करने की आवश्यकता थी। अब मसीहीयों को परमेश्वर के बलिदान के रूप में अपना जीवन जीने की आवश्यकता है। शारीरिक बलिदानों की अब आवश्यकता नहीं है। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/lawofmoses]])

## इस अध्याय के महत्वपूर्ण अलंकार

### मसीह का शरीर
मसीह का शरीर कलीसिया को संदर्भित करने के लिए पवित्रशास्त्र में प्रयुक्त एक महत्वपूर्ण रूपक या छवि है। प्रत्येक कलीसिया सदस्य एक अनूठा और महत्वपूर्ण कार्य करता है। मसिहीयों को एक दूसरे की जरूरत है। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/body]] और [[rc://hi/ta/man/translate/figs-metaphor]])
## शृंखलें:

* __ [रोमियों 12:01 टिप्पणियाँ] (./ 01.md) __

__ [<<] (.. / 11 / intro.md) | [>>] (../ 13 / intro.md) __
ROM 12 1 rhs3 0 Connecting Statement: पौलुस बताता है कि एक विश्वासी का जीवन कैसा होना चाहिए और विश्वासियों को कैसे सेवा करनी चाहिए। ROM 12 1 d2y3 figs-explicit παρακαλῶ οὖν ὑμᾶς, ἀδελφοί, διὰ τῶν οἰκτιρμῶν τοῦ Θεοῦ 1 I urge you therefore, brothers, by the mercies of God "यहाँ ""भाईयों"" पुरुष और स्त्री दोनों के साथी विश्वासियों को संदर्भित करता है। वैकल्पिक अनुवाद: ""साथी विश्वासी, परमेश्वर ने आपको जो बहुत दया की है, उसके कारण मैं आपको बहुत चाहता हूं"" (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-explicit]])" ROM 12 1 w1mz figs-synecdoche παραστῆσαι τὰ σώματα ὑμῶν θυσίαν ζῶσαν 1 to present your bodies a living sacrifice "यहाँ पौलुस पूरे व्यक्ति को संदर्भित करने के लिए ""शरीरों"" शब्द का उपयोग करता है। पौलुस मसीह में एक विश्वासी की तुलना कर रहा हैं जो उन जानवरों के लिए पूरी तरह से परमेश्वर का पालन करता है जिन्हें यहूदियों ने मारा और फिर परमेश्वर को चढ़ाया। वैकल्पिक अनुवाद: ""अपने आप को पूरी तरह से परमेश्वर को अर्पित करने के दौरान जब आप जीवित हों जैसे कि आप एक मंदिर की वेदी पर एक मरे हुए बलिदान थे"" (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-synecdoche]] और [[rc://hi/ta/man/translate/figs-metaphor]])" @@ -886,7 +886,7 @@ ROM 12 20 e49j ψώμιζε αὐτόν 1 feed him उसे कुछ खा ROM 12 20 wce6 figs-metaphor ἄνθρακας πυρὸς σωρεύσεις ἐπὶ τὴν κεφαλὴν αὐτοῦ 1 heap coals of fire on his head "पौलुस आशीर्वाद की बात करता है कि दुश्मनों को प्राप्त होगा जैसे कि कोई अपने सिर पर गर्म अंगारे डाल रहा था। संभावित अर्थ हैं 1) ""उस व्यक्ति को बनाओ जिसने आपको नुकसान पहुँचाया है, आपको बुरा लगा है कि उसने आपके साथ कैसा दुर्व्यवहार किया है"" या 2) ""परमेश्वर को आपके दुश्मन को अधिक कठोर तरीके से न्याय करने का एक कारण दें।"" (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-metaphor]])" ROM 12 21 q761 figs-personification μὴ νικῶ ὑπὸ τοῦ κακοῦ, ἀλλὰ νίκα ἐν τῷ ἀγαθῷ τὸ κακόν 1 Do not be overcome by evil, but overcome evil with good "पौलुस ""बुराई"" का वर्णन करता है जैसे कि वह एक व्यक्ति था। आप इसका अनुवाद सक्रिय रूप में कर सकते हैं। वैकल्पिक अनुवाद: ""उन मनुष्यों को तुम्हें पराजित मत करने दो जो बुरे हैं, लेकिन जो अच्छा है उसे करने से बुराई को पराजित करो"" (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-personification]] और [[rc://hi/ta/man/translate/figs-activepassive]])" ROM 12 21 p7fd figs-you μὴ νικῶ ὑπὸ τοῦ κακοῦ, ἀλλὰ νίκα…τὸ κακόν 1 Do not be overcome by evil, but overcome evil इन क्रियाओं को एक व्यक्ति के रूप में संबोधित किया गया है और इसलिए एकवचन हैं। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-you]]) -ROM 13 intro l4q7 0 "# रोमियों 13 सामान्य टिप्पणियाँ
## संरचना एवं स्वरूपण

इस अध्याय के पहले भाग में, पौलुस ने मसीहियों को उन शासकों का आज्ञापालन करने की शिक्षा दी जो उन पर शासन करते हैं। उस समय, अधर्मी रोमी शासकों ने पृथ्वी पर राज्य किया। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/godly]])

## इस अध्याय में विशेष अवधारणाएँ

### अधर्मी शासक
जब पौलुस शासकों की आज्ञा मानने के बारे में सिखाता है, तो कुछ पाठकों को यह समझना मुश्किल होगा, खासकर उन जगहों पर जहाँ शासकों ने कलीसिया को सताया। मसिहीयों को अपने शासकों के साथ-साथ परमेश्वर का भी पालन करना चाहिए, जब तक कि शासक मसीहीयों को कुछ ऐसा करने की अनुमति न दें, जब तक कि परमेश्वर स्पष्ट रूप से उन्हें ऐसा करने की आज्ञा न दे। ऐसे समय होते हैं जब एक विश्वासी को इन शासकों के पास जमा होना चाहिए और उनके हाथों में पीड़ा होनी चाहिए। मसीही समझते हैं कि यह संसार अस्थायी है और वे अंततः हमेशा के लिए परमेश्वर के साथ रहेंगे। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/eternity]])

## इस अध्याय में अन्य संभावित अनुवाद की कठिनाइयाँ

### शरीर

यह एक जटिल मुद्दा है। ""शरीर"" संभवतः हमारे पापी प्रकृति के लिए एक रूपक है। पौलुस यह नहीं सिखा रहा है कि हमारी भौतिक देह पापी हैं। पौलुस यह सिखाता है कि जब तक मसीही जन जीवित हैं (""देह में""), हम पाप करते रहेंगे। लेकिन हमारी नई प्रकृति हमारी पुरानी प्रकृति के खिलाफ लड़ रही है। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/flesh]] और [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/sin]])
## लिंक:

* __[रोमियों 13:01 टिप्पणियाँ](./01.md)__

__[<<](../12/intro.md) | [>>](../14/intro.md)__
" +ROM 13 intro l4q7 0 # रोमियों 13 सामान्य टिप्पणियाँ
## संरचना एवं स्वरूपण

इस अध्याय के पहले भाग में, पौलुस ने मसीहियों को उन शासकों का आज्ञापालन करने की शिक्षा दी जो उन पर शासन करते हैं। उस समय, अधर्मी रोमी शासकों ने पृथ्वी पर राज्य किया। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/godly]])

## इस अध्याय में विशेष अवधारणाएँ

### अधर्मी शासक
जब पौलुस शासकों की आज्ञा मानने के बारे में सिखाता है, तो कुछ पाठकों को यह समझना मुश्किल होगा, खासकर उन जगहों पर जहाँ शासकों ने कलीसिया को सताया। मसिहीयों को अपने शासकों के साथ-साथ परमेश्वर का भी पालन करना चाहिए, जब तक कि शासक मसीहीयों को कुछ ऐसा करने की अनुमति न दें, जब तक कि परमेश्वर स्पष्ट रूप से उन्हें ऐसा करने की आज्ञा न दे। ऐसे समय होते हैं जब एक विश्वासी को इन शासकों के पास जमा होना चाहिए और उनके हाथों में पीड़ा होनी चाहिए। मसीही समझते हैं कि यह संसार अस्थायी है और वे अंततः हमेशा के लिए परमेश्वर के साथ रहेंगे। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/eternity]])

## इस अध्याय में अन्य संभावित अनुवाद की कठिनाइयाँ

### शरीर

यह एक जटिल मुद्दा है। ""शरीर"" संभवतः हमारे पापी प्रकृति के लिए एक रूपक है। पौलुस यह नहीं सिखा रहा है कि हमारी भौतिक देह पापी हैं। पौलुस यह सिखाता है कि जब तक मसीही जन जीवित हैं (""देह में""), हम पाप करते रहेंगे। लेकिन हमारी नई प्रकृति हमारी पुरानी प्रकृति के खिलाफ लड़ रही है। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/flesh]] और [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/sin]])
## लिंक:

* __[रोमियों 13:01 टिप्पणियाँ](./01.md)__

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ROM 13 1 v5ik 0 Connecting Statement: पौलुस विश्वासियों को अपने शासकों के अधीन रहने का तरीका बताता है। ROM 13 1 b8nf figs-synecdoche πᾶσα ψυχὴ…ὑποτασσέσθω 1 Let every soul be obedient to "यहाँ ""आत्मा"" पूरे व्यक्ति के लिए एक उपलक्ष्य अलंकार है। ""हर मसीही को आज्ञा माननी चाहिए"" या ""हर किसी को मानना चाहिए"" (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-synecdoche]])" ROM 13 1 g1by ἐξουσίαις ὑπερεχούσαις 1 higher authorities सरकारी अधिकारियों @@ -932,7 +932,7 @@ ROM 13 13 g117 ζήλῳ 1 jealousy यह किसी अन्य व्य ROM 13 14 sir6 figs-metaphor ἐνδύσασθε τὸν Κύριον Ἰησοῦν Χριστόν 1 put on the Lord Jesus Christ पौलुस मसीह के नैतिक स्वभाव को स्वीकार करने की बात करता है जैसे कि वह हमारे बाहरी वस्त्र थे जिसे मनुष्य देख सकते हैं। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-metaphor]]) ROM 13 14 j795 ἐνδύσασθε 1 put on यदि आपकी भाषा में आज्ञाओं के लिए बहुवचन है तो उसे यहाँ काम में लें। ROM 13 14 xre7 figs-metonymy τῆς σαρκὸς πρόνοιαν μὴ ποιεῖσθε 1 make no provision for the flesh "यहाँ ""शरीर"" परमेश्वर का विरोध करने वाले मनुष्यों के स्व-निर्देशित स्वभाव को संदर्भित करता है। यह मानव का पापी स्वभाव है। वैकल्पिक अनुवाद: ""अपने पुराने बुरे मन को दुष्ट काम करने के लिए बिल्कुल भी मौका न दें"" (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-metonymy]])" -ROM 14 intro kt8c 0 "# रोमियों 14 सामान्य टिप्पणियाँ
## संरचना एवं स्वरूपण

कुछ अनुवाद पढ़ने के लिए आसान बनाने के लिए पाठ की प्रत्येक पंक्ति को शेष पाठ की तुलना में दाईं ओर व्यवस्थित करते हैं। यूएलटी इस अध्याय के पद 11 के साथ करता है, जिसे पौलुस पुराने नियम से उद्धरित करता है।

## इस अध्याय में विशेष अवधारणाएँ

### विश्वास में कमजोर है

पौलुस सिखाता है कि मसीहियों को वास्तविक विश्वास हो सकता है और एक ही समय में एक निश्चित स्थिति में ""विश्वास में कमजोर"" हो। यह उन मसीहियों का वर्णन करता है जिनकी आस्था अपरिपक्व है, मजबूत नहीं है, या गलत समझा गया है। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/faith]])

### आहार प्रतिबंध

प्राचीन में कई धर्म पूर्वी क्षेत्र के पास प्रतिबंधित है जो खाया गया था। मसीहियों को अपनी इच्छानुसार खाने की स्वतंत्रता है। लेकिन उन्हें इस आज़ादी का समझदारी से इस्तेमाल करने की ज़रूरत है, एक तरह से जो प्रभु का सम्मान करता है और दूसरों को पाप का कारण नहीं बनाता है।। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/sin]])

### परमेश्वर के न्याय का आसन

परमेश्वर या मसीह का निर्णय आसन एक समय का प्रतिनिधित्व करती है जब सभी मनुष्य, जिनमें मसीही भी शामिल हैं, को उनके जीवन जीने के तरीके के लिए जवाबदेह ठहराया जाएगा।
" +ROM 14 intro kt8c 0 # रोमियों 14 सामान्य टिप्पणियाँ
## संरचना एवं स्वरूपण

कुछ अनुवाद पढ़ने के लिए आसान बनाने के लिए पाठ की प्रत्येक पंक्ति को शेष पाठ की तुलना में दाईं ओर व्यवस्थित करते हैं। यूएलटी इस अध्याय के पद 11 के साथ करता है, जिसे पौलुस पुराने नियम से उद्धरित करता है।

## इस अध्याय में विशेष अवधारणाएँ

### विश्वास में कमजोर है

पौलुस सिखाता है कि मसीहियों को वास्तविक विश्वास हो सकता है और एक ही समय में एक निश्चित स्थिति में ""विश्वास में कमजोर"" हो। यह उन मसीहियों का वर्णन करता है जिनकी आस्था अपरिपक्व है, मजबूत नहीं है, या गलत समझा गया है। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/faith]])

### आहार प्रतिबंध

प्राचीन में कई धर्म पूर्वी क्षेत्र के पास प्रतिबंधित है जो खाया गया था। मसीहियों को अपनी इच्छानुसार खाने की स्वतंत्रता है। लेकिन उन्हें इस आज़ादी का समझदारी से इस्तेमाल करने की ज़रूरत है, एक तरह से जो प्रभु का सम्मान करता है और दूसरों को पाप का कारण नहीं बनाता है।। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/sin]])

### परमेश्वर के न्याय का आसन

परमेश्वर या मसीह का निर्णय आसन एक समय का प्रतिनिधित्व करती है जब सभी मनुष्य, जिनमें मसीही भी शामिल हैं, को उनके जीवन जीने के तरीके के लिए जवाबदेह ठहराया जाएगा।
ROM 14 1 abm6 0 Connecting Statement: पौलुस विश्वासियों को यह याद रखने के लिए प्रोत्साहित करता है कि वे परमेश्वर के प्रति जवाबदेह हैं। ROM 14 1 jf8v ἀσθενοῦντα τῇ πίστει 1 weak in faith यह उन मनुष्यों के संदर्भ में है जो खाने और पीने के विषय में संकोच करते थे। ROM 14 1 p697 μὴ εἰς διακρίσεις διαλογισμῶν 1 without giving judgment about arguments और उनकी राय के लिए उनकी निंदा न करें diff --git a/hi_tn_47-1CO.tsv b/hi_tn_47-1CO.tsv index 39470fa..84ea2f6 100644 --- a/hi_tn_47-1CO.tsv +++ b/hi_tn_47-1CO.tsv @@ -1,6 +1,6 @@ Book Chapter Verse ID SupportReference OrigQuote Occurrence GLQuote OccurrenceNote -1CO front intro e8ey 0 "# 1 कुरिन्थियों का परिचय
## भाग 1: सामान्य परिचय

### 1 कुरिन्थियों

1 की पुस्तक की रूपरेखा। कलीसिया में विभाजन (1: 10-4: 21)
1। नैतिक पाप और अनियमितता (5:1-13)
1। मसीही अन्य मसीहियों को अदालत में घसीटतें हैं (6:1-20)
1। विवाह और संबंधित मामलें (7:1-40)
1। मसीही स्वतंत्रता का दुरुपयोग; मूर्ति के लिए बलिदान किए गए खाद्य पदार्थ, मूर्तिपूजा से भागना; महिलाओं के सिर के आवरण (8:1-13; 10:1-11:16)
1। प्रेरित के रूप में पौलुस के अधिकार (9:1-27)
1। प्रभु भोज (11: 17-34)
1। पवित्र आत्मा के वरदान (12: 1-31)
1। प्रेम (13:1-13)
1. पवित्र आत्मा के वरदान: भविष्यवाणी और भाषाएं (14:1-40)
1। विश्वासियों का पुनरुत्थान और मसीह का पुनरुत्थान (15:1-58)
1। समापन: यरूशलेम के मसीहियों के लिए योगदान, अनुरोध और व्यक्तिगत अभिवादन (16: 1-24)

### 1 कुरिन्थियों की पुस्तक किसने लिखी?

पौलुस ने 1 कुरिन्थियों को लिखा। पौलुस तरसुस नगर से था। वह अपने प्रारंभिक जीवन में शाऊल के नाम से जाना जाता था। एक मसीही बनने से पहले, पौलुस एक फरीसी था। उसने मसीहियों को सताया। एक मसीही बनने के बाद, उसने यीशु के बारे में लोगों को बताते हुए कई बार रोमन साम्राज्य में यात्रा की।

पौलुस ने कलीसिया शुरू कीं, जो कि कुरिन्थुस में मिलती थी। उसने यह पत्र तब लिखा जब वह इफिसुस नगर में रहा था।

### 1 कुरिन्थियों की पुस्तक का क्या विषय है?

1 कुरिन्थियों एक पत्र है जिसे पौलुस ने कुरिन्थुस नगर में रहनेवाले विश्वासियों को लिखा। पौलुस ने सुना था कि वहां विश्वासियों के बीच समस्याएं थीं। वे एक दूसरे के साथ बहस करते थे। उनमें से कुछ लोग मसीही शिक्षाओं में से कुछ को समझ नहीं पाएँ। और उनमें से कुछ बुरी तरह व्यवहार करते थे। इस पत्र में, पौलुस ने उनको जवाब दिया और उन्हें ऐसे जीवन को जीने के लिए प्रोत्साहित किया जिससे परमेश्वर प्रसन्न होता है।

### इस पुस्तक का शीर्षक किस प्रकार अनुवादित किया जाना चाहिए?

अनुवादक इस पुस्तक को इसके पारंपरिक शीर्षक से संबोधित कर सकते हैं, ""पहला कुरिन्थियों।"" या वे एक स्पष्ट शीर्षक चुन सकते हैं, जैसे ""कुरिंथुस की कलीसिया को पौलुस का पहला पत्र""। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/translate-names]])

## भाग 2: महत्वपूर्ण धार्मिक और सांस्कृतिक अवधारणाएँ

### कुरिंथुस शहर कैसा था?

करिंथुस प्राचीन यूनान में स्थित एक प्रमुख शहर था। क्योंकि यह भूमध्य सागर के पास था, इसलिए कई यात्री और व्यापारी वहां सामान खरीदने और बेचने आते थे। इसके परिणामस्वरूप नगर में कई अलग-अलग संस्कृतियों के लोग थे। यह नगर अनैतिक तरीकों से रहने वाले लोगों के लिए प्रसिद्ध था। लोग यूनानी प्रेम की देवी एफ्रोडाइट की उपासना करते थे। एफ़्रोडाइट का सम्मान करने वाले समारोहों के हिस्से के रूप में, उनके उपासक मंदिर की वेश्याओं के साथ कुकर्म करते थे।

### मूर्तियों के सम्मुख बलि चढ़ाए जाने वाले मांस में क्या समस्या थी?

कई जानवरों को मारकर कुरिंथुस के झूठे देवताओं को बलि चढ़ा दिया गया। पुजारियों और उपासकों ने कुछ मांस बचाया। अधिकांश मांस बाजारों में बेचा गया। कई मसीही एक दूसरे से असहमत थे कि क्या उनके किए यह मांस खाना उचित है, क्योंकि यह एक झूठे ईश्वर को समर्पित था। पौलुस 1 कुरिन्थियों में इस समस्या के बारे में लिखता है।

## भाग 3: महत्वपूर्ण अनुवाद के मुद्दे

### 1 कुरिन्थियों में ""पवित्र"" और ""शुद्धिकरण"" के विचारों को यूएलटी में कैसे प्रस्तुत किया गया है?

शास्त्र इस तरह के शब्दों का उपयोग निम्नलिखित विभिन्न विचारों में से किसी एक को प्रकट करने के लिए करते हैं। इस कारण से, अनुवादकों के लिए अक्सर अपने अनुवादनों में उनका विवरण करना मुश्किल होता है। अंग्रेजी में अनुवाद करने में, 1 कुरिन्थियों में यूएलटी निम्नलिखित सिद्धांतों का उपयोग करता है:

* कभी-कभी किसी वाक्य में अर्थ नैतिक पवित्रता का संकेत करता है। सुसमाचार को समझने के लिए विशेष रूप से महत्वपूर्ण तथ्य यह है कि परमेश्वर मसीहियों को पापहीन मानते हैं क्योंकि वे यीशु मसीह से जुड़े हैं। एक और संबंधित तथ्य यह है कि परमेश्वर सिद्ध और दोषरहित है। तीसरा तथ्य यह है कि मसीहियों को स्वयं के जीवन को निर्दोष, निष्कलंक तरीके से संचालित करना चाहिये। इन मामलों में, यूएलटी ""पवित्र,"" ""पवित्र परमेश्वर,"" ""पवित्र जन,"" या ""पवित्र लोग"" का उपयोग करता है। (देखें: 1:2; 3:17)
* कभी-कभी वाक्य साधारण संदर्भ में का अर्थ मसीहियों के लिए किसी विशेष भूमिका को दर्शाये बिना दर्शाता है। इन मामलों में, यूएलटी ""विश्वासी"" या ""विश्वासियों"" का उपयोग करता है। (देखें: 6:1, 2; 14:33; 16:1, 15)
* कभी-कभी वाक्य किसी व्यक्ति को या किसी वस्तु को सिर्फ परमेश्वर के लिए अलग करने का अर्थ व्यक्त करता है। इन मामलों में, यूएलटी ""अलग करना"", ""की ओर समर्पित,"" ""के लिए आरक्षित,"" या ""शुद्ध किया हुआ"" का उपयोग करता है। (देखें: 1:2; 6:11; 7:14, 34)

यूएसटी अक्सर अनुवादकों के लिए सहायक होगा जो इन विचारों को अपने संस्करणों में दर्शाने की सोचते हैं।

### ""शरीर"" का क्या अर्थ है?

पौलुस ने अक्सर ""शरीर"" या ""शारीरिक"" शब्द का प्रयोग मसीहियों को सम्बोधित करने के लिए किया, जो पापपूर्ण चीजें करते थे। हालांकि, यह भौतिक संसार नहीं है जो दुष्ट है। पौलुस ने उन मसीहियों को ""आत्मिक"" कहकर वर्णित किया जो एक धर्मी तरीके से जीते हैं ऐसा इसलिए है क्योंकि उन्होंने वह किया जो पवित्र आत्मा ने उन्हें सिखाया। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/flesh]] और [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/righteous]] और [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/spirit]]))

### पौलुस ने ""मसीह में"", ""प्रभु में"" इस अभिव्यक्ति के द्वारा क्या अर्थ दिया था ?

इस प्रकार की अभिव्यक्ति 1:2, 30, 31; 3:1; 4:10, 15, 17; 6:11, 19; 7:22; 9:1, 2; 11:11, 25; 12:3, 9, 13, 18, 25; 14:16; 15:18, 19, 22, 31, 58; 16:19, 24 में होती है। पौलुस ने मसीह और विश्वासियों के साथ एक बहुत निकटतम संबंध के विचार को व्यक्त किया। उसी समय, वह अक्सर अन्य अर्थों का भी अभिप्राय रखता था। देखें, उदाहरण के लिए, ""जो लोग मसीह यीशु में समर्पित हैं"" (1: 2), जहां पौलुस का विशेष रूप से अर्थ था कि मसीही विश्वासियों को मसीह को समर्पित किया गया है।

कृपया इस प्रकार की अभिव्यक्ति के बारे में अधिक जानकारी के लिए रोमियों की पुस्तक का परिचय देखें।

### 1 कुरिन्थियों की पुस्तक के पाठ में प्रमुख विवाद क्या हैं?

निम्नलिखित पदों के लिए, बाइबल के आधुनिक संस्करण पुराने संस्करणों से भिन्न हैं। अनुवादकों को सलाह दी जाती है कि वे बाइबल के आधुनिक संस्करणों का पालन करें। हालांकि, अगर अनुवादकों के क्षेत्र में बाइबल के पुराने संस्करणों के अनुसार पढ़े जाने वाली बाइबल हैं, तो अनुवादक उन का अनुसरण कर सकते हैं। यदि ऐसा है, तो इन पदों को वर्गाकार कोष्ठक ([]) के अंदर रखा जाना चाहिए ताकि यह सूचित किया जा सके कि वे सम्भवतः 1 कुरिन्थियों का मूल भाग नहीं हैं।

* ""इसलिए अपने शरीर से परमेश्वर की महिमा करें।"" कुछ पुराने संस्करण में पढ़ते हैं ""इसलिए अपने शरीर और अपनी आत्मा में परमेश्वर की महिमा करो, जो परमेश्वर के हैं।"" (6:20)
* ""मैंने यह किया हालांकि मैं स्वयं नियम के अधीन नहीं था"" (9:20)। कुछ पुराने संस्करण इस वाक्यांश को छोड़ देते हैं।
* ""विवेक के लिए - दूसरे व्यक्ति का विवेक। "" कुछ पुराने संस्करण में ""विवेक के लिए"" पढ़ते हैं: पृथ्वी और इसमें का सब कुछ परमेश्वर के हैं: दूसरे व्यक्ति का विवेक। "" (10:28)
* ""और मैं अपने शरीर को जलाने के लिए सौंपता हूं"" (13: 3)। कुछ पुराने संस्करण में पढ़ते हैं, ""और मैं अपना शरीर सौंपता हूं ताकि मैं घमंड कर सकूं।""
* ""लेकिन अगर कोई इसे पहचान नहीं पाता है, तो उसे पहचानने की अनुमति न दें"" (14:38)। कुछ पुराने संस्करण में पढ़ते हैं, ""लेकिन अगर कोई इस से अज्ञान है, तो उसे अज्ञानी रहने दो।""


(देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/translate-textvariants]])
" -1CO 1 intro ud5y 0 "# 1 कुरिन्थियों 01 सामान्य टिप्पणियाँ
## संरचना एवं स्वरूपण

पहले तीन पद एक अभिनन्दन हैं। प्राचीन निकट पूर्व में, यह पत्र शुरू करने का एक साधारण तरीका था।

कुछ अनुवाद पढ़ने के लिए आसान बनाने के लिए पाठ के बाकी हिस्सों की तुलना में कविता की प्रत्येक पंक्ति को दाईं ओर रखते हैं। यूएलटी ऐसा पद 1 9 के शब्दों के साथ करता है, जो पुराने नियम से हैं।

## इस अध्याय में विशेष अवधारणाएँ

### विभाजन
इस अध्याय में, पौलुस ने विभाजन के लिए और विभिन्न प्रेरितों का अनुसरण करने के लिए कलीसिया को डांटा। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/apostle]])

### आत्मिक वरदान
आत्मिक वरदान कलीसिया की मदद करने के लिए विशिष्ट अलौकिक क्षमताएं हैं। यीशु में विश्वास करने के बाद पवित्र आत्मा इन वरदानों को मसीहियों को देते है। पौलुस अध्याय 12 में आत्मिक वरदानों को सूचीबद्ध करता है। कुछ विद्वानों का मानना ​​है कि पवित्र आत्मा ने विकासशील कलीसिया स्थापित करने में मदद के लिए केवल प्रारंभिक कलीसिया में इन वरदानों में से कुछ को दिया था। अन्य विद्वानों का मानना ​​है कि कलीसिया के पूरे इतिहास के सभी मसीहियों की सहायता के लिए आत्मा के सभी वरदान अभी भी उपलब्ध हैं। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/faith]])

## इस अध्याय के महत्वपूर्ण अलंकार

### मुहावरे

इस अध्याय में, पौलुस दो अलग-अलग वाक्यांशों का उपयोग करके मसीह के दुसरे आगमन को संबोधित करता है: ""हमारे प्रभु यीशु मसीह का प्रकाशन""और"" हमारे प्रभु यीशु मसीह का दिन ""। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-idiom]])

### आलंकारिक प्रश्न
पौलुस गुटों में विभाजित होने और मानव ज्ञान पर भरोसा करने के लिए कुरिन्थियों के लोगों को डांटाने के लिए आलंकारिक प्रश्नों का उपयोग करता है। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-rquestion]])

## इस अध्याय में अन्य संभावित अनुवाद की कठिनाइयाँ

### ठोकर का पत्थर
ठोकर का पत्थर है जिससे लोग ठोकर खाते हैं। यहां इसका अर्थ यह है कि यहूदियों को यह विश्वास करना मुश्किल लगता है कि परमेश्वर ने अपने मसीहा को क्रूस पर चढाए जाने की अनुमति दी थी। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-metaphor]])
" +1CO front intro e8ey 0 # 1 कुरिन्थियों का परिचय
## भाग 1: सामान्य परिचय

### 1 कुरिन्थियों

1 की पुस्तक की रूपरेखा। कलीसिया में विभाजन (1: 10-4: 21)
1। नैतिक पाप और अनियमितता (5:1-13)
1। मसीही अन्य मसीहियों को अदालत में घसीटतें हैं (6:1-20)
1। विवाह और संबंधित मामलें (7:1-40)
1। मसीही स्वतंत्रता का दुरुपयोग; मूर्ति के लिए बलिदान किए गए खाद्य पदार्थ, मूर्तिपूजा से भागना; महिलाओं के सिर के आवरण (8:1-13; 10:1-11:16)
1। प्रेरित के रूप में पौलुस के अधिकार (9:1-27)
1। प्रभु भोज (11: 17-34)
1। पवित्र आत्मा के वरदान (12: 1-31)
1। प्रेम (13:1-13)
1. पवित्र आत्मा के वरदान: भविष्यवाणी और भाषाएं (14:1-40)
1। विश्वासियों का पुनरुत्थान और मसीह का पुनरुत्थान (15:1-58)
1। समापन: यरूशलेम के मसीहियों के लिए योगदान, अनुरोध और व्यक्तिगत अभिवादन (16: 1-24)

### 1 कुरिन्थियों की पुस्तक किसने लिखी?

पौलुस ने 1 कुरिन्थियों को लिखा। पौलुस तरसुस नगर से था। वह अपने प्रारंभिक जीवन में शाऊल के नाम से जाना जाता था। एक मसीही बनने से पहले, पौलुस एक फरीसी था। उसने मसीहियों को सताया। एक मसीही बनने के बाद, उसने यीशु के बारे में लोगों को बताते हुए कई बार रोमन साम्राज्य में यात्रा की।

पौलुस ने कलीसिया शुरू कीं, जो कि कुरिन्थुस में मिलती थी। उसने यह पत्र तब लिखा जब वह इफिसुस नगर में रहा था।

### 1 कुरिन्थियों की पुस्तक का क्या विषय है?

1 कुरिन्थियों एक पत्र है जिसे पौलुस ने कुरिन्थुस नगर में रहनेवाले विश्वासियों को लिखा। पौलुस ने सुना था कि वहां विश्वासियों के बीच समस्याएं थीं। वे एक दूसरे के साथ बहस करते थे। उनमें से कुछ लोग मसीही शिक्षाओं में से कुछ को समझ नहीं पाएँ। और उनमें से कुछ बुरी तरह व्यवहार करते थे। इस पत्र में, पौलुस ने उनको जवाब दिया और उन्हें ऐसे जीवन को जीने के लिए प्रोत्साहित किया जिससे परमेश्वर प्रसन्न होता है।

### इस पुस्तक का शीर्षक किस प्रकार अनुवादित किया जाना चाहिए?

अनुवादक इस पुस्तक को इसके पारंपरिक शीर्षक से संबोधित कर सकते हैं, ""पहला कुरिन्थियों।"" या वे एक स्पष्ट शीर्षक चुन सकते हैं, जैसे ""कुरिंथुस की कलीसिया को पौलुस का पहला पत्र""। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/translate-names]])

## भाग 2: महत्वपूर्ण धार्मिक और सांस्कृतिक अवधारणाएँ

### कुरिंथुस शहर कैसा था?

करिंथुस प्राचीन यूनान में स्थित एक प्रमुख शहर था। क्योंकि यह भूमध्य सागर के पास था, इसलिए कई यात्री और व्यापारी वहां सामान खरीदने और बेचने आते थे। इसके परिणामस्वरूप नगर में कई अलग-अलग संस्कृतियों के लोग थे। यह नगर अनैतिक तरीकों से रहने वाले लोगों के लिए प्रसिद्ध था। लोग यूनानी प्रेम की देवी एफ्रोडाइट की उपासना करते थे। एफ़्रोडाइट का सम्मान करने वाले समारोहों के हिस्से के रूप में, उनके उपासक मंदिर की वेश्याओं के साथ कुकर्म करते थे।

### मूर्तियों के सम्मुख बलि चढ़ाए जाने वाले मांस में क्या समस्या थी?

कई जानवरों को मारकर कुरिंथुस के झूठे देवताओं को बलि चढ़ा दिया गया। पुजारियों और उपासकों ने कुछ मांस बचाया। अधिकांश मांस बाजारों में बेचा गया। कई मसीही एक दूसरे से असहमत थे कि क्या उनके किए यह मांस खाना उचित है, क्योंकि यह एक झूठे ईश्वर को समर्पित था। पौलुस 1 कुरिन्थियों में इस समस्या के बारे में लिखता है।

## भाग 3: महत्वपूर्ण अनुवाद के मुद्दे

### 1 कुरिन्थियों में ""पवित्र"" और ""शुद्धिकरण"" के विचारों को यूएलटी में कैसे प्रस्तुत किया गया है?

शास्त्र इस तरह के शब्दों का उपयोग निम्नलिखित विभिन्न विचारों में से किसी एक को प्रकट करने के लिए करते हैं। इस कारण से, अनुवादकों के लिए अक्सर अपने अनुवादनों में उनका विवरण करना मुश्किल होता है। अंग्रेजी में अनुवाद करने में, 1 कुरिन्थियों में यूएलटी निम्नलिखित सिद्धांतों का उपयोग करता है:

* कभी-कभी किसी वाक्य में अर्थ नैतिक पवित्रता का संकेत करता है। सुसमाचार को समझने के लिए विशेष रूप से महत्वपूर्ण तथ्य यह है कि परमेश्वर मसीहियों को पापहीन मानते हैं क्योंकि वे यीशु मसीह से जुड़े हैं। एक और संबंधित तथ्य यह है कि परमेश्वर सिद्ध और दोषरहित है। तीसरा तथ्य यह है कि मसीहियों को स्वयं के जीवन को निर्दोष, निष्कलंक तरीके से संचालित करना चाहिये। इन मामलों में, यूएलटी ""पवित्र,"" ""पवित्र परमेश्वर,"" ""पवित्र जन,"" या ""पवित्र लोग"" का उपयोग करता है। (देखें: 1:2; 3:17)
* कभी-कभी वाक्य साधारण संदर्भ में का अर्थ मसीहियों के लिए किसी विशेष भूमिका को दर्शाये बिना दर्शाता है। इन मामलों में, यूएलटी ""विश्वासी"" या ""विश्वासियों"" का उपयोग करता है। (देखें: 6:1, 2; 14:33; 16:1, 15)
* कभी-कभी वाक्य किसी व्यक्ति को या किसी वस्तु को सिर्फ परमेश्वर के लिए अलग करने का अर्थ व्यक्त करता है। इन मामलों में, यूएलटी ""अलग करना"", ""की ओर समर्पित,"" ""के लिए आरक्षित,"" या ""शुद्ध किया हुआ"" का उपयोग करता है। (देखें: 1:2; 6:11; 7:14, 34)

यूएसटी अक्सर अनुवादकों के लिए सहायक होगा जो इन विचारों को अपने संस्करणों में दर्शाने की सोचते हैं।

### ""शरीर"" का क्या अर्थ है?

पौलुस ने अक्सर ""शरीर"" या ""शारीरिक"" शब्द का प्रयोग मसीहियों को सम्बोधित करने के लिए किया, जो पापपूर्ण चीजें करते थे। हालांकि, यह भौतिक संसार नहीं है जो दुष्ट है। पौलुस ने उन मसीहियों को ""आत्मिक"" कहकर वर्णित किया जो एक धर्मी तरीके से जीते हैं ऐसा इसलिए है क्योंकि उन्होंने वह किया जो पवित्र आत्मा ने उन्हें सिखाया। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/flesh]] और [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/righteous]] और [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/spirit]]))

### पौलुस ने ""मसीह में"", ""प्रभु में"" इस अभिव्यक्ति के द्वारा क्या अर्थ दिया था ?

इस प्रकार की अभिव्यक्ति 1:2, 30, 31; 3:1; 4:10, 15, 17; 6:11, 19; 7:22; 9:1, 2; 11:11, 25; 12:3, 9, 13, 18, 25; 14:16; 15:18, 19, 22, 31, 58; 16:19, 24 में होती है। पौलुस ने मसीह और विश्वासियों के साथ एक बहुत निकटतम संबंध के विचार को व्यक्त किया। उसी समय, वह अक्सर अन्य अर्थों का भी अभिप्राय रखता था। देखें, उदाहरण के लिए, ""जो लोग मसीह यीशु में समर्पित हैं"" (1: 2), जहां पौलुस का विशेष रूप से अर्थ था कि मसीही विश्वासियों को मसीह को समर्पित किया गया है।

कृपया इस प्रकार की अभिव्यक्ति के बारे में अधिक जानकारी के लिए रोमियों की पुस्तक का परिचय देखें।

### 1 कुरिन्थियों की पुस्तक के पाठ में प्रमुख विवाद क्या हैं?

निम्नलिखित पदों के लिए, बाइबल के आधुनिक संस्करण पुराने संस्करणों से भिन्न हैं। अनुवादकों को सलाह दी जाती है कि वे बाइबल के आधुनिक संस्करणों का पालन करें। हालांकि, अगर अनुवादकों के क्षेत्र में बाइबल के पुराने संस्करणों के अनुसार पढ़े जाने वाली बाइबल हैं, तो अनुवादक उन का अनुसरण कर सकते हैं। यदि ऐसा है, तो इन पदों को वर्गाकार कोष्ठक ([]) के अंदर रखा जाना चाहिए ताकि यह सूचित किया जा सके कि वे सम्भवतः 1 कुरिन्थियों का मूल भाग नहीं हैं।

* ""इसलिए अपने शरीर से परमेश्वर की महिमा करें।"" कुछ पुराने संस्करण में पढ़ते हैं ""इसलिए अपने शरीर और अपनी आत्मा में परमेश्वर की महिमा करो, जो परमेश्वर के हैं।"" (6:20)
* ""मैंने यह किया हालांकि मैं स्वयं नियम के अधीन नहीं था"" (9:20)। कुछ पुराने संस्करण इस वाक्यांश को छोड़ देते हैं।
* ""विवेक के लिए - दूसरे व्यक्ति का विवेक। "" कुछ पुराने संस्करण में ""विवेक के लिए"" पढ़ते हैं: पृथ्वी और इसमें का सब कुछ परमेश्वर के हैं: दूसरे व्यक्ति का विवेक। "" (10:28)
* ""और मैं अपने शरीर को जलाने के लिए सौंपता हूं"" (13: 3)। कुछ पुराने संस्करण में पढ़ते हैं, ""और मैं अपना शरीर सौंपता हूं ताकि मैं घमंड कर सकूं।""
* ""लेकिन अगर कोई इसे पहचान नहीं पाता है, तो उसे पहचानने की अनुमति न दें"" (14:38)। कुछ पुराने संस्करण में पढ़ते हैं, ""लेकिन अगर कोई इस से अज्ञान है, तो उसे अज्ञानी रहने दो।""


(देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/translate-textvariants]])
+1CO 1 intro ud5y 0 # 1 कुरिन्थियों 01 सामान्य टिप्पणियाँ
## संरचना एवं स्वरूपण

पहले तीन पद एक अभिनन्दन हैं। प्राचीन निकट पूर्व में, यह पत्र शुरू करने का एक साधारण तरीका था।

कुछ अनुवाद पढ़ने के लिए आसान बनाने के लिए पाठ के बाकी हिस्सों की तुलना में कविता की प्रत्येक पंक्ति को दाईं ओर रखते हैं। यूएलटी ऐसा पद 1 9 के शब्दों के साथ करता है, जो पुराने नियम से हैं।

## इस अध्याय में विशेष अवधारणाएँ

### विभाजन
इस अध्याय में, पौलुस ने विभाजन के लिए और विभिन्न प्रेरितों का अनुसरण करने के लिए कलीसिया को डांटा। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/apostle]])

### आत्मिक वरदान
आत्मिक वरदान कलीसिया की मदद करने के लिए विशिष्ट अलौकिक क्षमताएं हैं। यीशु में विश्वास करने के बाद पवित्र आत्मा इन वरदानों को मसीहियों को देते है। पौलुस अध्याय 12 में आत्मिक वरदानों को सूचीबद्ध करता है। कुछ विद्वानों का मानना ​​है कि पवित्र आत्मा ने विकासशील कलीसिया स्थापित करने में मदद के लिए केवल प्रारंभिक कलीसिया में इन वरदानों में से कुछ को दिया था। अन्य विद्वानों का मानना ​​है कि कलीसिया के पूरे इतिहास के सभी मसीहियों की सहायता के लिए आत्मा के सभी वरदान अभी भी उपलब्ध हैं। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/faith]])

## इस अध्याय के महत्वपूर्ण अलंकार

### मुहावरे

इस अध्याय में, पौलुस दो अलग-अलग वाक्यांशों का उपयोग करके मसीह के दुसरे आगमन को संबोधित करता है: ""हमारे प्रभु यीशु मसीह का प्रकाशन""और"" हमारे प्रभु यीशु मसीह का दिन ""। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-idiom]])

### आलंकारिक प्रश्न
पौलुस गुटों में विभाजित होने और मानव ज्ञान पर भरोसा करने के लिए कुरिन्थियों के लोगों को डांटाने के लिए आलंकारिक प्रश्नों का उपयोग करता है। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-rquestion]])

## इस अध्याय में अन्य संभावित अनुवाद की कठिनाइयाँ

### ठोकर का पत्थर
ठोकर का पत्थर है जिससे लोग ठोकर खाते हैं। यहां इसका अर्थ यह है कि यहूदियों को यह विश्वास करना मुश्किल लगता है कि परमेश्वर ने अपने मसीहा को क्रूस पर चढाए जाने की अनुमति दी थी। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-metaphor]])
1CO 1 1 e8j3 Παῦλος 1 Paul "आपकी भाषा में एक पत्र के लेखक का परिचय देने का एक विशेष तरीका हो सकता है। वैकल्पिक अनुवाद: ""मैं, पौलुस""" 1CO 1 1 qp1n translate-names Σωσθένης, ὁ ἀδελφὸς 1 Sosthenes our brother "यह संकेत करता है कि पौलुस और कुरिन्थि के लोग दोनों सोस्थिनेस को जानते थे। वैकल्पिक अनुवाद: ""भाई जिसे आप और मैं दोनों जानते हैं"" (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/translate-names]] और [[rc://hi/ta/man/translate/figs-explicit]])" 1CO 1 2 r9kg τῇ ἐκκλησίᾳ τοῦ Θεοῦ…ἐν Κορίνθῳ 1 to the church of God at Corinth "आपकी भाषा में लक्षित लोगों को दर्शाने का एक विशेष तरीका हो सकता है। वैकल्पिक अनुवाद: ""यह पत्र कुरिंथ में रेहनेवालों को लिखा है जो परमेश्वर में विश्वास करते है""" @@ -79,7 +79,7 @@ Book Chapter Verse ID SupportReference OrigQuote Occurrence GLQuote OccurrenceNo 1CO 1 30 a7bs figs-inclusive ἡμῖν 1 us ... our ये शब्द पौलुस, उसके साथी और कुरिन्थियों को सम्बोधित करते हैं। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-inclusive]]) 1CO 1 30 f1at figs-metonymy Χριστῷ Ἰησοῦ, ὃς ἐγενήθη σοφία ἡμῖν ἀπὸ Θεοῦ 1 Christ Jesus, who became for us wisdom from God "संभावित अर्थ 1) ""मसीह यीशु, जिसने हम पर स्पष्ट किया है कि परमेश्वर कितना बुद्धिमान है"" या 2) ""मसीह यीशु, जिसने हमें परमेश्वर का ज्ञान दिया है।"" (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-metonymy]])" 1CO 1 31 fym9 ὁ καυχώμενος, ἐν Κυρίῳ καυχάσθω 1 Let the one who boasts, boast in the Lord यदि कोई व्यक्ति गर्व करता है, तो उसे इस बात पर गर्व करना चाहिए कि परमेश्वर कितना महान है। -1CO 2 intro k86p 0 "# 1 कुरिन्थियों 02 सामान्य टिप्पणियाँ
## संरचना एवं स्वरूपण

कुछ अनुवाद पढ़ने के लिए आसान बनाने के लिए पाठ के बाकी हिस्सों की तुलना में कविता की प्रत्येक पंक्ति को दाईं ओर रखते हैं। यूएलटी ऐसा पद 9 और 16 के शब्दों के साथ करता है, जो पुराने नियम से हैं।

## इस अध्याय में विशेष अवधारणाएं

### ज्ञान
पौलुस मानव ज्ञान और परमेश्वर के ज्ञान के विरोधाभास की चर्चा पहले अध्याय से जारी रखता है। पौलुस के लिए, बुद्धि सरल और मानव विचार मूर्ख हो सकते है। उन्होंने कहा कि पवित्र आत्मा की ओर से आनेवाली बुद्धि ही एकमात्र सच्ची बुद्धि है। पौलुस ने ""छिपी हुई बुद्धि"" वाक्यांश का प्रयोग, पूर्वकाल के अज्ञात सत्यों को संबोधित करने के लिए किया है। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/wise]] और [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/foolish]])
" +1CO 2 intro k86p 0 # 1 कुरिन्थियों 02 सामान्य टिप्पणियाँ
## संरचना एवं स्वरूपण

कुछ अनुवाद पढ़ने के लिए आसान बनाने के लिए पाठ के बाकी हिस्सों की तुलना में कविता की प्रत्येक पंक्ति को दाईं ओर रखते हैं। यूएलटी ऐसा पद 9 और 16 के शब्दों के साथ करता है, जो पुराने नियम से हैं।

## इस अध्याय में विशेष अवधारणाएं

### ज्ञान
पौलुस मानव ज्ञान और परमेश्वर के ज्ञान के विरोधाभास की चर्चा पहले अध्याय से जारी रखता है। पौलुस के लिए, बुद्धि सरल और मानव विचार मूर्ख हो सकते है। उन्होंने कहा कि पवित्र आत्मा की ओर से आनेवाली बुद्धि ही एकमात्र सच्ची बुद्धि है। पौलुस ने ""छिपी हुई बुद्धि"" वाक्यांश का प्रयोग, पूर्वकाल के अज्ञात सत्यों को संबोधित करने के लिए किया है। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/wise]] और [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/foolish]])
1CO 2 1 kjc7 0 Connecting Statement: पौलुस मानव बुद्धि और परमेश्वर की बुद्धि के बीच का अंतर दिखाता है। उसने जोर दिया कि आत्मिक बुद्धि परमेश्वर से आती है। 1CO 2 1 qvj7 ἀδελφοί 1 brothers यहां इसका अर्थ है साथी मसीही, पुरुष और महिला दोनों सहित। 1CO 2 2 a2g9 figs-hyperbole ἔκρινά τι εἰδέναι…εἰ μὴ Ἰησοῦν Χριστὸν 1 I decided to know nothing ... except Jesus Christ "जब पौलुस ने कहा कि उसने ""कुछ भी न जानने का फैसला किया"" तो उसने अतिशयोक्तिपूर्ण यह कहा ताकि इस बात पर जोर दे कि उसने यीशु मसीह के अलावा न तो किसी पर ध्यान केंद्रित किया और न कुछ सिखाने का फैसला किया। वैकल्पिक अनुवाद: ""मैंने यीशु मसीह को छोड़कर कुछ भी न सिखाने का फैसला किया"" या ""मैंने यीशु मसीह को छोड़कर और कुछ न सीखने का फैसला किया है "" (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-hyperbole]])" @@ -109,7 +109,7 @@ Book Chapter Verse ID SupportReference OrigQuote Occurrence GLQuote OccurrenceNo 1CO 2 14 gwe3 ὅτι πνευματικῶς ἀνακρίνεται 1 because they are spiritually discerned क्योंकि इन चीजों को समझने के लिए आत्मा की सहायता की आवश्यकता होती है 1CO 2 15 w4q7 ὁ…πνευματικὸς 1 The one who is spiritual विश्वासी जिसने आत्मा प्राप्त की है 1CO 2 16 m4pu figs-rquestion τίς γὰρ ἔγνω νοῦν Κυρίου, ὃς συμβιβάσει αὐτόν? 1 For who can know the mind of the Lord, that he can instruct him? "पौलुस इस सवाल का प्रयोग इस बात पर जोर देने के लिए करता है कि कोई भी परमेश्वर के मन को नहीं जानता। कोई भी परमेश्वर के समान बुद्धिमान नहीं है। वैकल्पिक अनुवाद: ""कोई भी परमेश्वर के मन को नहीं जानता, इसलिए कोई भी उन्हें कुछ भी नहीं सिखा सकता है जिसे वह पहले से ही न जानता हो"" (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-rquestion]])" -1CO 3 intro g6ku 0 "# 1 कुरिन्थियों 03 सामान्य टिप्पणियाँ
## संरचना एवं स्वरूपण

कुछ अनुवाद पुराने नियम से उद्धरण को पृष्ठ पर दाईं ओर पढ़ने को आसान बनाने के लिए रखते हैं। यूएलटी ऐसा पद 1 9 और 20 के उद्धृत शब्दों के साथ करता है।

## इस अध्याय में विशेष अवधारणाएँ

### शारीरिक लोग
कुरिन्थियों के विश्वासी उनके अनैतिक कार्यों के कारण अपरिपक्व थे। वह उन्हें ""शारीरिक"" कहता हैं, जिसका मतलब अविश्वासियों के रूप में कार्य करना है। इस शब्द का प्रयोग ""आत्मिक"" के विपक्ष में किया जाता है। अपने ""शरीर"" के अनुसार चलनेवाले मसीही मूर्खता से काम कर रहे हैं। वे दुनिया की बुद्धि का पालन कर रहे हैं। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/righteous]], [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/flesh]], [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/spirit]] और [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/foolish]] और [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/wise]])

## इस अध्याय के महत्वपूर्ण अलंकार

### रूपक
इस अध्याय में कई रूपक हैं। पौलुस आत्मिक अपरिपक्वता को दर्शाने के लिए ""बच्चों"" और ""दूध"" का उपयोग करता है। उसने रोपण और सिंचाई के रूपकों का इस्तेमाल कुरिन्थियों की कलीसिया को बढ़ाने के लिए अपने और आपोलुस की भूमिका का दर्शाने के लिए किया है। पौलुस अन्य रूपकों का उपयोग करता है ताकि वे कुरिन्थियों को आत्मिक सत्य सिखाने में मदद कर सकें और उसकी शिक्षाओं को समझने में उनकी सहायता कर सकें। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-metaphor]])
## लिंक:

* __ [1 कुरिन्थियों 03:01 टिप्पणियाँ] (./01.md) __

__ \ [<<] (../ 02 / intro.md) । \ [>>] (../ 04 / intro.md) __
" +1CO 3 intro g6ku 0 # 1 कुरिन्थियों 03 सामान्य टिप्पणियाँ
## संरचना एवं स्वरूपण

कुछ अनुवाद पुराने नियम से उद्धरण को पृष्ठ पर दाईं ओर पढ़ने को आसान बनाने के लिए रखते हैं। यूएलटी ऐसा पद 1 9 और 20 के उद्धृत शब्दों के साथ करता है।

## इस अध्याय में विशेष अवधारणाएँ

### शारीरिक लोग
कुरिन्थियों के विश्वासी उनके अनैतिक कार्यों के कारण अपरिपक्व थे। वह उन्हें ""शारीरिक"" कहता हैं, जिसका मतलब अविश्वासियों के रूप में कार्य करना है। इस शब्द का प्रयोग ""आत्मिक"" के विपक्ष में किया जाता है। अपने ""शरीर"" के अनुसार चलनेवाले मसीही मूर्खता से काम कर रहे हैं। वे दुनिया की बुद्धि का पालन कर रहे हैं। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/righteous]], [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/flesh]], [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/spirit]] और [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/foolish]] और [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/wise]])

## इस अध्याय के महत्वपूर्ण अलंकार

### रूपक
इस अध्याय में कई रूपक हैं। पौलुस आत्मिक अपरिपक्वता को दर्शाने के लिए ""बच्चों"" और ""दूध"" का उपयोग करता है। उसने रोपण और सिंचाई के रूपकों का इस्तेमाल कुरिन्थियों की कलीसिया को बढ़ाने के लिए अपने और आपोलुस की भूमिका का दर्शाने के लिए किया है। पौलुस अन्य रूपकों का उपयोग करता है ताकि वे कुरिन्थियों को आत्मिक सत्य सिखाने में मदद कर सकें और उसकी शिक्षाओं को समझने में उनकी सहायता कर सकें। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-metaphor]])
## लिंक:

* __ [1 कुरिन्थियों 03:01 टिप्पणियाँ] (./01.md) __

__ \ [<<] (../ 02 / intro.md) । \ [>>] (../ 04 / intro.md) __
1CO 3 1 a43d 0 Connecting Statement: पौलुस अब कुरिन्थियों के विश्वासियों को याद दिलाता है कि वे परमेश्वर के सामने उनके पदों के अनुसार व्यवहार करने के बजाय वास्तव में कैसे रहते हैं। फिर वह उन्हें याद दिलाता है कि जो व्यक्ति उन्हें सिखाता है वह उतना महत्वपूर्ण नहीं है जितना कि परमेश्वर जो उनको उन्नति देता है। 1CO 3 1 r4iw ἀδελφοί 1 brothers यहां इसका अर्थ है साथी मसीही, पुरुष और महिला दोनों सहित। 1CO 3 1 jx17 πνευματικοῖς 1 spiritual people जो लोग आत्मा का पालन करते हैं @@ -160,7 +160,7 @@ Book Chapter Verse ID SupportReference OrigQuote Occurrence GLQuote OccurrenceNo 1CO 3 20 la6x Κύριος γινώσκει τοὺς διαλογισμοὺς τῶν σοφῶν, ὅτι εἰσὶν μάταιοι 1 The Lord knows that the reasoning of the wise is futile परमेश्वर जानते है कि जो लोग स्वयं को बुद्धिमान सोचकर योजना बनाते है वह व्यर्थ है" 1CO 3 20 kz2u μάταιοι 1 futile व्यर्थ 1CO 3 23 nj48 ὑμεῖς δὲ Χριστοῦ, Χριστὸς δὲ Θεοῦ 1 you are Christ's, and Christ is God's तुम मसीह के हो, और मसीह परमेश्वर के हैं -1CO 4 intro vg5z 0 "# 1 कुरिन्थियों 04 सामान्य टिप्पणियाँ
## इस अध्याय में विशेष अवधारणाएं

### गर्व
पौलुस कुरिन्थियों का गर्वित होना और प्रेरितों के नम्र होने का विरोधाभास प्रस्तुत करता है। कुरिन्थियों के विश्वासियों के पास गर्वित होने का कोई कारण नहीं था। उनके पास जो कुछ था, और जो कुछ वे थे, परमेश्वर से एक उपहार था। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/apostle]])

## इस अध्याय के महत्वपूर्ण अलंकार

### रूपक
पौलुस इस अध्याय में कई रूपकों का उपयोग करता है। वह प्रेरितों को सेवकों के रूप में वर्णित करता है। पौलुस एक विजय झांकी की बात करता है जहां प्रेरित बंदी हैं जो मारे जाएंगे। वह एक छड़ी का उपयोग दण्ड को दर्शाने के लिए करता है। वह स्वयं को उनका पिता कहता हैं क्योंकि वह उनका ""आत्मिक पिता"" है। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-metaphor]] और [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/spirit]])

### विडंबना
पौलुस गर्व के लिए कोरिंथियों को लज्जित करने के लिए विडंबना का उपयोग करता है। कुरिन्थियों के विश्वासी राज कर रहे है लेकिन प्रेरित पीड़ित हैं। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-irony]])

### आलंकारिक प्रश्न
पौलुस इस अध्याय में कई आलंकारिक प्रश्नों का उपयोग करता है। वह उन महत्वपूर्ण बिंदुओं पर जोर देने के लिए उनका उपयोग करता है जब वह कुरिन्थियों को सिखाता है। (देखें: rc://hi/ta/man/translate/figs-rquestion)
" +1CO 4 intro vg5z 0 # 1 कुरिन्थियों 04 सामान्य टिप्पणियाँ
## इस अध्याय में विशेष अवधारणाएं

### गर्व
पौलुस कुरिन्थियों का गर्वित होना और प्रेरितों के नम्र होने का विरोधाभास प्रस्तुत करता है। कुरिन्थियों के विश्वासियों के पास गर्वित होने का कोई कारण नहीं था। उनके पास जो कुछ था, और जो कुछ वे थे, परमेश्वर से एक उपहार था। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/apostle]])

## इस अध्याय के महत्वपूर्ण अलंकार

### रूपक
पौलुस इस अध्याय में कई रूपकों का उपयोग करता है। वह प्रेरितों को सेवकों के रूप में वर्णित करता है। पौलुस एक विजय झांकी की बात करता है जहां प्रेरित बंदी हैं जो मारे जाएंगे। वह एक छड़ी का उपयोग दण्ड को दर्शाने के लिए करता है। वह स्वयं को उनका पिता कहता हैं क्योंकि वह उनका ""आत्मिक पिता"" है। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-metaphor]] और [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/spirit]])

### विडंबना
पौलुस गर्व के लिए कोरिंथियों को लज्जित करने के लिए विडंबना का उपयोग करता है। कुरिन्थियों के विश्वासी राज कर रहे है लेकिन प्रेरित पीड़ित हैं। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-irony]])

### आलंकारिक प्रश्न
पौलुस इस अध्याय में कई आलंकारिक प्रश्नों का उपयोग करता है। वह उन महत्वपूर्ण बिंदुओं पर जोर देने के लिए उनका उपयोग करता है जब वह कुरिन्थियों को सिखाता है। (देखें: rc://hi/ta/man/translate/figs-rquestion)
1CO 4 1 k1v5 0 Connecting Statement: लोगों को उनके विषय में जिन्होंने उन्हें प्रभु के बारे में शिक्षा दी और बपतिस्मा दिया गर्व न करने का स्मरण कराने के बाद, पौलुस ने कुरिन्थियों के विश्वासियों को याद दिलाया कि सभी विश्वासियों को विनम्र सेवक होना चाहिए। 1CO 4 2 th8e figs-123person ὧδε λοιπὸν ζητεῖται ἐν τοῖς οἰκονόμοις 1 what is required of stewards "पौलुस स्वयं के बारे में इस प्रकार बात कर रहा है जैसे वह अन्य लोगों के बारे में बात कर रहा था। वैकल्पिक अनुवाद: ""हमें होना जरूरी है"" (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-123person]])" 1CO 4 3 k6nc ἐλάχιστόν ἐστιν, ἵνα ὑφ’ ὑμῶν ἀνακριθῶ 1 it is a very small thing that I should be judged by you पौलुस मानव न्याय और परमेश्वर के न्याय के बीच अंतर की तुलना कर रहा है। मनुष्य पर परमेश्वर के सच्चे न्याय की तुलना में मनुष्य का निर्णय महत्वपूर्ण नहीं है। @@ -365,7 +365,7 @@ Book Chapter Verse ID SupportReference OrigQuote Occurrence GLQuote OccurrenceNo 1CO 7 40 hwz4 τὴν ἐμὴν γνώμην 1 my judgment परमेश्वर के वचन की मेरी समझ 1CO 7 40 hd7f μακαριωτέρα 1 happier अधिक संतुष्ट, अधिक आनंददायक 1CO 7 40 pse4 οὕτως μείνῃ 1 lives as she is अविवाहित बनी रहती है -1CO 8 intro c8l6 0 "# 1 कुरिन्थियों 08 सामान्य टिप्पणियाँ
## संरचना एवं स्वरूपण

अध्याय 8-10 में पौलुस प्रश्न का उत्तर देता है: ""क्या मूर्ति को अर्पित मांस खाने के लिए स्वीकार्य है?""

## इस अध्याय में विशेष अवधारणाएँ ### मूर्तियों को अर्पित किया गया है मांस

पौलुस इस सवाल का जवाब देकर कहता है कि मूर्तियां वास्तव में अस्तित्व में देवता नहीं है। इसलिए मांस के साथ कुछ भी गलत नहीं है। मसीही इसे खाने के लिए स्वतंत्र हैं। हालांकि, जो कोई इसे समझ नहीं पाता है, वह एक मसीही को खाता देख सकता है। तब वे मूर्तिपूजा के उपासना जैसा मांस खाने के लिए प्रोत्साहित हो सकते है" +1CO 8 intro c8l6 0 # 1 कुरिन्थियों 08 सामान्य टिप्पणियाँ
## संरचना एवं स्वरूपण

अध्याय 8-10 में पौलुस प्रश्न का उत्तर देता है: ""क्या मूर्ति को अर्पित मांस खाने के लिए स्वीकार्य है?""

## इस अध्याय में विशेष अवधारणाएँ ### मूर्तियों को अर्पित किया गया है मांस

पौलुस इस सवाल का जवाब देकर कहता है कि मूर्तियां वास्तव में अस्तित्व में देवता नहीं है। इसलिए मांस के साथ कुछ भी गलत नहीं है। मसीही इसे खाने के लिए स्वतंत्र हैं। हालांकि, जो कोई इसे समझ नहीं पाता है, वह एक मसीही को खाता देख सकता है। तब वे मूर्तिपूजा के उपासना जैसा मांस खाने के लिए प्रोत्साहित हो सकते है 1CO 8 1 jf6h figs-inclusive 0 General Information: "हमारा मतलब है पौलुस और, विशेष रूप से कुरिन्थियों के विश्वासियों को लिखते हुए, सभी विश्वासियों को सम्मिलित करते हैं। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-inclusive]]) 1CO 8 1 nzt4 0 Connecting Statement: पौलुस विश्वासियों को याद दिलाता है कि यद्यपि मूर्तियों के पास कोई शक्ति नहीं है, फिर भी विश्वासियों को सावधान रहना चाहिए कि वे कमजोर विश्वासियों को प्रभावित न करें जो सोचें कि वे मूर्तियों को महत्व देते हैं। वह विश्वासियों को मसीह में स्वतंत्रता के प्रति सावधान रहने के लिए कहता है। 1CO 8 1 cep1 περὶ δὲ 1 Now about पौलुस उनके पूछे गए अगले प्रश्न पर जाने के लिए इस वाक्यांश का उपयोग करता है। @@ -447,7 +447,7 @@ Book Chapter Verse ID SupportReference OrigQuote Occurrence GLQuote OccurrenceNo 1CO 9 25 bfe4 figs-metaphor φθαρτὸν στέφανον…ἄφθαρτον 1 a wreath that is perishable ... one that is imperishable पत्तियों से जुड़कर बना हुआ एक गुच्छा पुष्पांजलि है। पुष्पांजलि उन खिलाडियों को पुरस्कार के रूप में दिया जाता था जिन्होंने खेल और दौड़ जीती हो। पौलुस अनन्त जीवन की बात करता है जैसे कि यह एक पुष्पांजलि थी जो कभी सूखेगी नहीं। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-metaphor]]) 1CO 9 26 k64n figs-metaphor ἐγὼ…οὕτως τρέχω, ὡς οὐκ ἀδήλως; οὕτως πυκτεύω, ὡς οὐκ ἀέρα δέρων 1 I do not run without purpose or box by beating the air "यहां ""दौड़ना"" और ""मुक्केबाजी"" मसीही जीवन जीने और परमेश्वर की सेवा करने के लिए दोनों रूपक हैं। इसे सकारात्मक रूप में कहा जा सकता है। वैकल्पिक अनुवाद: ""मैं बहुत अच्छी तरह से जानता हूं कि मैं क्यों दौड़ रहा हूं, और मुझे पता है कि मैं मुक्केबाज़ी क्यों कर रहा हूं"" (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-metaphor]] और [[rc://hi/ta/man/translate/figs-doublenegatives]])" 1CO 9 27 blb7 figs-activepassive μή…αὐτὸς ἀδόκιμος γένωμαι 1 I myself may not be disqualified "इस कर्मवाच्य वाक्य को एक सक्रिय रूप में दोहराया जा सकता है। दौड़ या प्रतियोगिता का न्यायाधीश परमेश्वर का एक रूपक है। वैकल्पिक अनुवाद: ""न्यायाधीश मुझे अयोग्य नहीं ठहराएगा"" या ""परमेश्वर यह नहीं कहेंगे कि मैं नियमों का पालन करने में विफल रहा हूं"" (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-activepassive]] और [[rc://hi/ta/man/translate/figs-metaphor]])" -1CO 10 intro abcd 0 "# 1 कुरिन्थियों 10 सामान्य टिप्पणियाँ
## संरचना एवं स्वरूपण

अध्याय 8-10 एक साथ इस प्रश्न का उत्तर देते हैं: ""क्या किसी मूर्ति को चढ़ाया गया माँस खाना स्वीकार्य है?""

इस अध्याय में, लोगों को पाप न करने की चेतावनी देने के लिए पौलुस निर्गमन की पुस्तक का उपयोग करता है। फिर, वह मूर्तियों को चढ़ाए गए माँस पर चर्चा करने के लिए वापस आता है। वह एक उदाहरण के रूप में प्रभु भोज का उपयोग करता है। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/sin]])

## इस अध्याय में पाई जाने वाली विशेष अवधारणाएँ

### निर्गमन
पौलुस विश्वासियों को चेतावनी देने के लिए इस्राएल के मिस्र से निकलने और जंगल में भटकने के अनुभव का उपयोग करता है। यद्यपि इस्राएलियों ने मूसा की सारी बातों को माना, तो भी वे सब मार्ग में ही मर गए। उनमें से कोई भी प्रतिज्ञा के देश में नहीं पहुँचा। कुछ ने मूर्तियों की पूजा की, कुछ ने परमेश्वर की परीक्षा की, और कुछ कुड़कुड़ाए। पौलुस मसीहियों को पाप न करने हेतु चेतावनी देता है। हम परीक्षा का सामना इसलिए कर सकते हैं क्योंकि परमेश्वर हमें बच निकलने का एक मार्ग प्रदान करते हैं। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/promisedlऔर]])

### मूर्ति को चढ़ाए हुए माँस को खाना
पौलुस मूर्तियों को चढ़ाए गए माँस के बारे में चर्चा करता है। मसीहियों को उसे खाने की अनुमति है, परन्तु इससे दूसरे लोग बुरा मान सकते हैं। इसलिए माँस खरीदते समय या किसी मित्र के साथ खाते समय यह न पूछो कि क्या यह मूर्तियों को चढ़ाया गया है। परन्तु यदि कोई आपको बताता है कि यह माँस मूर्तियों को चढ़ाया गया है तो उस व्यक्ति की वजह से उसे न खाओ। किसी को भी नाराज मत करो। इसके बजाए उनके उद्धार की खोज करो। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/save]])

### आलंकारिक प्रश्न
पौलुस इस अध्याय में बहुत से आलंकारिक प्रश्नों को पूछता है। वह कुरिन्थियों को शिक्षा देते हुए मुख्य बातों पर बल देने के लिए उनका उपयोग करता है। (देखें: rc://hi/ta/man/translate/figs-rquestion)
" +1CO 10 intro abcd 0 # 1 कुरिन्थियों 10 सामान्य टिप्पणियाँ
## संरचना एवं स्वरूपण

अध्याय 8-10 एक साथ इस प्रश्न का उत्तर देते हैं: ""क्या किसी मूर्ति को चढ़ाया गया माँस खाना स्वीकार्य है?""

इस अध्याय में, लोगों को पाप न करने की चेतावनी देने के लिए पौलुस निर्गमन की पुस्तक का उपयोग करता है। फिर, वह मूर्तियों को चढ़ाए गए माँस पर चर्चा करने के लिए वापस आता है। वह एक उदाहरण के रूप में प्रभु भोज का उपयोग करता है। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/sin]])

## इस अध्याय में पाई जाने वाली विशेष अवधारणाएँ

### निर्गमन
पौलुस विश्वासियों को चेतावनी देने के लिए इस्राएल के मिस्र से निकलने और जंगल में भटकने के अनुभव का उपयोग करता है। यद्यपि इस्राएलियों ने मूसा की सारी बातों को माना, तो भी वे सब मार्ग में ही मर गए। उनमें से कोई भी प्रतिज्ञा के देश में नहीं पहुँचा। कुछ ने मूर्तियों की पूजा की, कुछ ने परमेश्वर की परीक्षा की, और कुछ कुड़कुड़ाए। पौलुस मसीहियों को पाप न करने हेतु चेतावनी देता है। हम परीक्षा का सामना इसलिए कर सकते हैं क्योंकि परमेश्वर हमें बच निकलने का एक मार्ग प्रदान करते हैं। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/promisedlऔर]])

### मूर्ति को चढ़ाए हुए माँस को खाना
पौलुस मूर्तियों को चढ़ाए गए माँस के बारे में चर्चा करता है। मसीहियों को उसे खाने की अनुमति है, परन्तु इससे दूसरे लोग बुरा मान सकते हैं। इसलिए माँस खरीदते समय या किसी मित्र के साथ खाते समय यह न पूछो कि क्या यह मूर्तियों को चढ़ाया गया है। परन्तु यदि कोई आपको बताता है कि यह माँस मूर्तियों को चढ़ाया गया है तो उस व्यक्ति की वजह से उसे न खाओ। किसी को भी नाराज मत करो। इसके बजाए उनके उद्धार की खोज करो। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/save]])

### आलंकारिक प्रश्न
पौलुस इस अध्याय में बहुत से आलंकारिक प्रश्नों को पूछता है। वह कुरिन्थियों को शिक्षा देते हुए मुख्य बातों पर बल देने के लिए उनका उपयोग करता है। (देखें: rc://hi/ta/man/translate/figs-rquestion)
1CO 10 1 r66h 0 Connecting Statement: पौलुस ने उन्हें अपने प्राचीन यहूदी पितरों के अनैतिकता और मूर्तिपूजा के अनुभवों के उदाहरण की याद दिला दी। 1CO 10 1 g34f figs-inclusive οἱ πατέρες ἡμῶν 1 our fathers "पौलुस ने निर्गमन की पुस्तक में मूसा के समय को दर्शाया जब इस्राएल लाल सागर से होकर भाग गया था क्योंकि मिस्र की सेना ने उनका पीछा किया था। ""हमारा"" शब्द स्वयं और कुरिन्थियों को सम्बोधित करता है और समावेशी है। (देख: ) (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-inclusive]])" 1CO 10 1 v4c6 διὰ τῆς θαλάσσης διῆλθον 1 passed through the sea यह समुद्र दो नामों, लाल सागर और नरकट का सागर से जाना जाता है। @@ -501,7 +501,7 @@ Book Chapter Verse ID SupportReference OrigQuote Occurrence GLQuote OccurrenceNo 1CO 10 28 qi77 figs-you ὑμῖν εἴπῃ…μὴ ἐσθίετε…τὸν μηνύσαντα 1 says to you ... do not eat ... informed you "पौलुस कुरिन्थियों से बात कर रहा है जैसे कि वे एक व्यक्ति थे, इसलिए ""तुम"" शब्द और आदेश ""मत खाओ"" एकवचन हैं। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-you]])" 1CO 10 29 v1d9 figs-you συνείδησιν δὲ λέγω, οὐχὶ τὴν ἑαυτοῦ 1 the conscience of the other man, I mean, and not yours "कुछ अनुवादों ने इन शब्दों को पद में शब्दों के साथ इनसे पहले रखा है, कोष्ठक में क्योंकि 1) ""तुम्हारा"" यहां एकवचन है, लेकिन पौलुस इस वाक्य के पहले और बाद में बहुवचन का उपयोग करता है, और 2) शब्द ""मेरी स्वतंत्रता का न्याय दूसरे के विवेक से क्यों किया जाए?"" अगला पद ""विवेक के प्रश्न पूछे बिना तुम्हारे सामने जो कुछ भी रखा गया है खा लो"" पर बनाया गया प्रतीत होता है बजाय ([1 कुरिन्थियों 10:27] (../ 10 / 27.md)) ""दूसरे आदमी के विवेक""। "" (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-you]])" 1CO 10 29 s1wk figs-you οὐχὶ τὴν ἑαυτοῦ 1 and not yours "पौलुस कुरिन्थियों से बात कर रहा है जैसे कि वे एक व्यक्ति थे, इसलिए यहां ""तुम्हारा"" शब्द एकवचन है। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-you]])" -1CO 10 29 k8xr ἵνα τί γὰρ…συνειδήσεως? 1 For why ... conscience? "इस प्रश्न के लिए संभावित अर्थ, अगले पद में प्रश्न के साथ, 1) ""के लिए"" शब्द का अर्थ है वापस [[1 कुरिन्थियों 10:27] (../ 10 / 27.md)में दर्शाता है। वैकल्पिक अनुवाद: वैकल्पिक अनुवाद: ""मैं विवेक के प्रश्न पूछने के लिए नहीं हूं, तो क्यों ... विवेक?"" या 2) पौलुस दोहरा रहा है जो कुछ कुरिन्थियों के लोग सोच रहे थे। वैकल्पिक अनुवाद: ""जैसा आप में से कुछ सोच रहे होंगे, 'क्यों ... विवेक?'""" +1CO 10 29 k8xr ἵνα τί γὰρ…συνειδήσεως? 1 For why ... conscience? "इस प्रश्न के लिए संभावित अर्थ, अगले पद में प्रश्न के साथ, 1) ""के लिए"" शब्द का अर्थ है वापस [1 कुरिन्थियों 10:27](../10/27.md)में दर्शाता है। वैकल्पिक अनुवाद: वैकल्पिक अनुवाद: ""मैं विवेक के प्रश्न पूछने के लिए नहीं हूं, तो क्यों ... विवेक?"" या 2) पौलुस दोहरा रहा है जो कुछ कुरिन्थियों के लोग सोच रहे थे। वैकल्पिक अनुवाद: ""जैसा आप में से कुछ सोच रहे होंगे, 'क्यों ... विवेक?'""" 1CO 10 29 d4q1 figs-rquestion ἵνα τί…ἡ ἐλευθερία μου κρίνεται ὑπὸ ἄλλης συνειδήσεως? 1 why should my freedom be judged by another's conscience? "वक्ता चाहता है कि सुनने वाले व्यक्ति अपने दिमाग में प्रश्न का उत्तर दे। वैकल्पिक अनुवाद: वैकल्पिक अनुवाद: ""तुम्हे मेरे बताए बिना पता होना चाहिए कि कोई भी यह कह न पाए कि मैं गलत कर रहा हूं जिस व्यक्ति के पास सही और गलत के बारे में विचार हैं जो मेरे से अलग हैं।"" (देख: )" 1CO 10 30 dv5f figs-rquestion εἰ ἐγὼ χάριτι μετέχω, τί βλασφημοῦμαι ὑπὲρ οὗ ἐγὼ εὐχαριστῶ? 1 If I partake of the meal with gratitude, why am I being insulted for that for which I gave thanks? "वक्ता चाहता है कि सुनने वाले व्यक्ति अपने दिमाग में प्रश्न का उत्तर दे। वैकल्पिक अनुवाद: ""मैं कृतज्ञता के साथ भोजन में भाग लेता हूं, इसलिए कोई भी मेरा अपमान न करें जिसके लिए मैंने धन्यवाद दिया।"" (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-rquestion]])" 1CO 10 30 x2v5 εἰ ἐγὼ…μετέχω 1 If I partake "यदि पौलुस दोहरा नहीं रहा है जो कुछ कुरिन्थियों के लोग सोच रहे हैं, ""मैं"" उन लोगों दर्शाता है जो धन्यवाद के साथ मांस खाते हैं। ""अगर कोई व्यक्ति भाग लेता है"" या ""जब कोई व्यक्ति खाता है""" @@ -510,7 +510,7 @@ Book Chapter Verse ID SupportReference OrigQuote Occurrence GLQuote OccurrenceNo 1CO 10 33 kj14 πάντα…ἀρέσκω 1 please all people सभी लोगों को प्रसन्न करो 1CO 10 33 b4jv μὴ ζητῶν τὸ ἐμαυτοῦ σύμφορον 1 I do not seek my benefit मैं उन चीज़ों को नहीं करता जिनकी मैं लालसा करता हूं 1CO 10 33 hd2z τῶν πολλῶν 1 the many जितना संभव हो उतने लोग -1CO 11 intro abce 0 "# 1 कुरिन्थियों 11 सामान्य टिप्पणियाँ
## संरचना एवं स्वरूपण

यह इस पत्री में एक नए भाग का आरम्भ है (अध्याय 11-14)। पौलुस अब कलीसियाओं की उचित सभाओं के बारे में बात करता है। इस अध्याय में, वह दो अलग-अलग समस्याओं का सामना करता है: कलीसियाई सेवाओं में स्त्रियाँ (पद 1-16) और प्रभु भोज (पद 17-34)।

## इस अध्याय में पाई जाने वाली विशेष अवधारणाएँ

### कलीसियाई सभा का उचित संचालन

### उपद्रवी स्त्रियाँ
यहाँ पर दिए गए पौलुस के निर्देशों पर विद्वानों ने बहुत वाद-विवाद किया है। वहाँ कुछ ऐसी स्त्रियाँ थीं जो अपनी मसीही स्वतंत्रता का गलत फायदा उठा रही थीं और बनाए गए सांस्कृतिक रीति-रिवाजों के विरुद्ध जाने के द्वारा कलीसिया में गड़बड़ी फैला रही थीं। उनके कामों ने जो गड़बड़ी फैलाई उसने ही पौलुस को चिन्ता करने के लिए अधीर किया होगा।

### प्रभु भोज
कुरिन्थ के विश्वासी जिस तरह से प्रभु भोज ले रहे थे उसमें समस्याएँ थीं। उन्होंने एकजुटता में व्यवहार नहीं किया। प्रभु भोज के साथ मनाए गए पर्व के दौरान उनमें से कुछ विश्वासियों ने बिना साझा किए ही अपने भोजन को खा लिया। उनमें से कुछ नशे में धुत हो गए जबकि गरीब लोग भूखे ही रहे। पौलुस कहता है कि ऐसे विश्वासियों ने पापी अवस्था में या आपस में टूटे सम्बन्धों के साथ प्रभु भोज लेने के द्वारा मसीह की मृत्यु का अपमान किया है। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/sin]] और [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/reconcile]])

## इस अध्याय में प्रयुक्त महत्वपूर्ण भाषा के अलंकार

### आलंकारिक प्रश्न

पौलुस उसके द्वारा बताए गए आराधना के तरीकों का पालन करने की इच्छाहीनता के विषय विश्वासियों को उलाहना देने हेतु आलंकारिक प्रश्नों का उपयोग करता है। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-rquestion]])

### सिर

पौलुस पद 3 में अधिकार हेतु लाक्षणिक रूप से ""सिर"" का उपयोग करता है और साथ ही पद 4 और उससे आगे एक व्यक्ति के असल सिर का संदर्भ देता है। क्योंकि वे आपस में एक दूसरे के बेहद समीप हैं, यही कारण है कि पौलुस जानबूझकर ""सिर"" का उपयोग इस तरीके से करता है। इससे मालूम होगा कि इन वचनों के विचार आपस में जुड़े हुए हैं (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-metonymy]])
" +1CO 11 intro abce 0 # 1 कुरिन्थियों 11 सामान्य टिप्पणियाँ
## संरचना एवं स्वरूपण

यह इस पत्री में एक नए भाग का आरम्भ है (अध्याय 11-14)। पौलुस अब कलीसियाओं की उचित सभाओं के बारे में बात करता है। इस अध्याय में, वह दो अलग-अलग समस्याओं का सामना करता है: कलीसियाई सेवाओं में स्त्रियाँ (पद 1-16) और प्रभु भोज (पद 17-34)।

## इस अध्याय में पाई जाने वाली विशेष अवधारणाएँ

### कलीसियाई सभा का उचित संचालन

### उपद्रवी स्त्रियाँ
यहाँ पर दिए गए पौलुस के निर्देशों पर विद्वानों ने बहुत वाद-विवाद किया है। वहाँ कुछ ऐसी स्त्रियाँ थीं जो अपनी मसीही स्वतंत्रता का गलत फायदा उठा रही थीं और बनाए गए सांस्कृतिक रीति-रिवाजों के विरुद्ध जाने के द्वारा कलीसिया में गड़बड़ी फैला रही थीं। उनके कामों ने जो गड़बड़ी फैलाई उसने ही पौलुस को चिन्ता करने के लिए अधीर किया होगा।

### प्रभु भोज
कुरिन्थ के विश्वासी जिस तरह से प्रभु भोज ले रहे थे उसमें समस्याएँ थीं। उन्होंने एकजुटता में व्यवहार नहीं किया। प्रभु भोज के साथ मनाए गए पर्व के दौरान उनमें से कुछ विश्वासियों ने बिना साझा किए ही अपने भोजन को खा लिया। उनमें से कुछ नशे में धुत हो गए जबकि गरीब लोग भूखे ही रहे। पौलुस कहता है कि ऐसे विश्वासियों ने पापी अवस्था में या आपस में टूटे सम्बन्धों के साथ प्रभु भोज लेने के द्वारा मसीह की मृत्यु का अपमान किया है। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/sin]] और [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/reconcile]])

## इस अध्याय में प्रयुक्त महत्वपूर्ण भाषा के अलंकार

### आलंकारिक प्रश्न

पौलुस उसके द्वारा बताए गए आराधना के तरीकों का पालन करने की इच्छाहीनता के विषय विश्वासियों को उलाहना देने हेतु आलंकारिक प्रश्नों का उपयोग करता है। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-rquestion]])

### सिर

पौलुस पद 3 में अधिकार हेतु लाक्षणिक रूप से ""सिर"" का उपयोग करता है और साथ ही पद 4 और उससे आगे एक व्यक्ति के असल सिर का संदर्भ देता है। क्योंकि वे आपस में एक दूसरे के बेहद समीप हैं, यही कारण है कि पौलुस जानबूझकर ""सिर"" का उपयोग इस तरीके से करता है। इससे मालूम होगा कि इन वचनों के विचार आपस में जुड़े हुए हैं (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-metonymy]])
1CO 11 1 h5fg 0 Connecting Statement: उन्हें मसीह का पालन करने के तरीके के बारे में याद दिलाने के बाद, पौलुस कुछ विशिष्ट निर्देश देता है कि कैसे महिलाओं और पुरुषों को विश्वासियों के रूप में जीना है। 1CO 11 2 qsk9 πάντα μου μέμνησθε 1 you remember me in everything "तुम सदैव मेरे बारे में सोचते हो या ""तुम सदैव कार्य करने का प्रयास करते हो जैसा मैं चाहता हूं"" कुरिन्थियों के लोग यह नहीं भूलें थे कि पौलुस कौन था या उसने उन्हें क्या सिखाया था। 1CO 11 3 k5um θέλω δὲ 1 Now I want संभावित अर्थ 1) ""इस कारण से, मैं चाहता हूं"" या 2) ""हालांकि, मैं चाहता हूं।"" " @@ -526,7 +526,7 @@ Book Chapter Verse ID SupportReference OrigQuote Occurrence GLQuote OccurrenceNo 1CO 11 7 aa4r figs-activepassive οὐκ ὀφείλει κατακαλύπτεσθαι τὴν κεφαλήν 1 should not have his head covered "इसे सक्रिय रूप में कहा जा सकता है। वैकल्पिक अनुवाद: संभावित अर्थ 1) ""अपने सिर को ढंकना नहीं चाहिए"" या 2) ""उसके सिर को ढकने की ज़रूरत नहीं है"" (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-activepassive]])" 1CO 11 7 t5jn δόξα ἀνδρός 1 glory of the man जैसे मनुष्य परमेश्वर की महानता को प्रतिबिंबित करता है, वैसे ही महिला मनुष्य के चरित्र को प्रतिबिंबित करती है। 1CO 11 8 s5ns figs-activepassive οὐ γάρ ἐστιν ἀνὴρ ἐκ γυναικός, ἀλλὰ γυνὴ ἐξ ἀνδρός. 1 For man was not made from woman. Instead, woman was made from man "परमेश्वर ने पुरुष से एक हड्डी लेकर और उस हड्डी से महिला बना दी। इसे सक्रिय रूप में कहा जा सकता है। वैकल्पिक अनुवाद: परमेश्वर ने उस आदमी को महिला से नहीं बनाया। इसके बजाय, उसने महिला को आदमी से बनाया ""(देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-activepassive]])" -1CO 11 9 w8jm γὰρ οὐκ…διὰ τὸν ἄνδρα 1 For neither ... for man "ये शब्द और सभी [[1 कुरिन्थियों 11: 8](../11/08.md) को कोष्ठक में रखा जा सकता है ताकि पाठक देख सके कि ""यह"" शब्द ""यही कारण है ... स्वर्गदूत ""[1 कुरिन्थियों 11: 7](../11/07.md) में ""महिला मनुष्य की महिमा"" शब्दों को स्पष्ट रूप से संबोधित करता है।" +1CO 11 9 w8jm γὰρ οὐκ…διὰ τὸν ἄνδρα 1 For neither ... for man "ये शब्द और सभी [1 कुरिन्थियों 11:8](../11/08.md) को कोष्ठक में रखा जा सकता है ताकि पाठक देख सके कि ""यह"" शब्द ""यही कारण है ... स्वर्गदूत ""[1 कुरिन्थियों 11:7](../11/07.md) में ""महिला मनुष्य की महिमा"" शब्दों को स्पष्ट रूप से संबोधित करता है।" 1CO 11 10 wh4c ἐξουσίαν ἔχειν ἐπὶ τῆς κεφαλῆς 1 have a symbol of authority on her head "संभावित अर्थ 1) ""यह प्रतीक करने के लिए कि उसके पास मनुष्य मुखिया के समान है"" या 2) ""यह प्रतीक है कि उसे प्रार्थना करने या भविष्यवाणी करने का अधिकार है।""" 1CO 11 11 pir4 πλὴν…ἐν Κυρίῳ 1 Nevertheless, in the Lord जबकि मैंने अभी जो कहा है वह सब सच है, सबसे महत्वपूर्ण बात ये है: प्रभु में 1CO 11 11 h9t4 ἐν Κυρίῳ 1 in the Lord "संभावित अर्थ 1) ""मसीहियों में से, जो परमेश्वर के हैं"" या 2) ""दुनिया में जैसे परमेश्वर से निर्मित।""" @@ -678,10 +678,10 @@ Book Chapter Verse ID SupportReference OrigQuote Occurrence GLQuote OccurrenceNo 1CO 14 25 ma47 figs-metonymy τὰ κρυπτὰ τῆς καρδίας αὐτοῦ φανερὰ γίνεται 1 The secrets of his heart would be revealed यहां ""दिल"" किसी व्यक्ति के विचारों के लिए एक अलंकार है। इसे सक्रिय रूप में कहा जा सकता है। वैकल्पिक अनुवाद: ""परमेश्वर उसे असके दिल के रहस्य प्रकट करेंगे"" या ""वह अपने निजी आंतरिक विचारों को पहचान लेगा"" (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-parallelism]]) 1CO 14 25 w31w figs-idiom πεσὼν ἐπὶ πρόσωπον, προσκυνήσει τῷ Θεῷ 1 he would fall on his face और worship God अपने चेहरे के बल गिरना एक मुहावरा है, जिसका अर्थ है झुकना। वैकल्पिक अनुवाद: ""वह झुक जाएगा और परमेश्वर की आराधना करेगा"" (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-metonymy]] और [[rc://hi/ta/man/translate/figs-activepassive]]) 1CO 14 26 bv9k figs-rquestion τί οὖν ἐστιν, ἀδελφοί? 1 What is next then, brothers? पौलुस अपने संदेश के अगले भाग को प्रस्तुत करने के लिए एक प्रश्न का उपयोग करता है। वैकल्पिक अनुवाद: ""क्योंकि मैंने जो कुछ भी कहा है, वह सच है, यही तुम्हे करने की आवयश्कता है, मेरे साथी विश्वासियों।"" (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-idiom]]) -1CO 14 26 xzz2 ἑρμηνίαν 1 interpretation इसका मतलब है कि उस भाषा में दुसरो को बताना जो उस भाषा को नहीं समझता है। देखें कि ""1 कुरिन्थियों 2:13] (../ 02 / 13.md) में"" व्याख्या ""का अनुवाद कैसे किया जाता है। +1CO 14 26 xzz2 ἑρμηνίαν 1 interpretation इसका मतलब है कि उस भाषा में दुसरो को बताना जो उस भाषा को नहीं समझता है। देखें कि "" [1 कुरिन्थियों 2:13](../02/13.md) में"" व्याख्या ""का अनुवाद कैसे किया जाता है। 1CO 14 27 wc1z καὶ ἀνὰ μέρος 1 और each one in turn और उन्हें एक के बाद दूसरे को बात करनी चाहिए या ""और उन्हें एक समय में एक को बात करनी चाहिए""" 1CO 14 27 zh9z figs-activepassive διερμηνευέτω 1 interpret what is said "इसे सक्रिय रूप में कहा जा सकता है। वैकल्पिक अनुवाद: ""उन्होंने जो कहा उसका अनुवाद करें"" (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-activepassive]])" -1CO 14 27 ari2 διερμηνευέτω 1 interpret "इसका मतलब है कि उस भाषा में दुसरो को बताना जो उस भाषा को नहीं समझते है। देखें कि ""1 कुरिन्थियों 2:13] (../ 02 / 13.md) में"" व्याख्या ""का अनुवाद कैसे किया जाता है।" +1CO 14 27 ari2 διερμηνευέτω 1 interpret "इसका मतलब है कि उस भाषा में दुसरो को बताना जो उस भाषा को नहीं समझते है। देखें कि "" [1 कुरिन्थियों 2:13](../02/13.md) में"" व्याख्या ""का अनुवाद कैसे किया जाता है।" 1CO 14 29 a9iz προφῆται…δύο ἢ τρεῖς λαλείτωσαν 1 Let two or three prophets speak संभावित अर्थ 1) केवल दो या तीन भविष्यद्वक्ता किसी भी एक संगती में बोलते हैं या 2) केवल दो या तीन भविष्यवक्ता किसी भी समय बोलते हैं। 1CO 14 29 m5l8 figs-activepassive προφῆται δὲ δύο ἢ τρεῖς λαλείτωσαν 1 to what is said "इसे सक्रिय रूप में कहा जा सकता है। वैकल्पिक अनुवाद: ""जो वे कहते हैं"" (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-activepassive]])" 1CO 14 30 sl1q figs-activepassive ἐὰν…ἄλλῳ ἀποκαλυφθῇ 1 if an insight is given to one "इसे सक्रिय रूप में कहा जा सकता है। वैकल्पिक अनुवाद: ""अगर परमेश्वर किसी को अंतर्दृष्टि देता है"" (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-activepassive]] और [[rc://hi/ta/man/translate/figs-explicit]])" diff --git a/hi_tn_48-2CO.tsv b/hi_tn_48-2CO.tsv index 80fdbd8..85a7c1d 100644 --- a/hi_tn_48-2CO.tsv +++ b/hi_tn_48-2CO.tsv @@ -1,6 +1,6 @@ Book Chapter Verse ID SupportReference OrigQuote Occurrence GLQuote OccurrenceNote -2CO front intro ur4j 0 "# 2 कुरिन्थियों का परिचय
## भाग 1: सामान्य परिचय

### 2 कुरिन्थियों

1 की पुस्तक की रूपरेखा। पौलुस कुरिन्थियों के मसीहियों के लिए परमेश्वर का धन्यवाद करता है (1: 1-11)
1। पौलुस अपने आचरण और सेवकाई की व्याख्या करता है (1:12-7:16)
1। पौलुस यरूशलेम की कलीसिया के लिए धन का योगदान करने के बारे में बोलता है (8:1-9:15)
1। पौलुस एक प्रेरित के रूप में अपने अधिकार का बचाव करता है (10:1-13:10)
1। पौलुस अंतिम अभिनन्दन और प्रोत्साहन देता है (13:11-14)

### 2 कुरिन्थियों की पुस्तक किसने लिखी?

पौलुस लेखक था। वह तरसुस नगर से था। वह अपने प्रारंभिक जीवन में शाऊल के रूप में जाना जाता था। एक मसीही बनने से पहले, पौलुस एक फरीसी था। उसने मसीहियों को सताया। एक मसीही बनने के बाद, उसने रोमन साम्राज्य में यीशु के बारे में लोगों को बताते हुए कई बार यात्रा की।

पौलुस ने कुरिन्थुस में कलीसिया आरम्भ करी। वह इफिसुस नगर में रह रहा था जब उसने यह पत्र लिखा था।

### 2 कुरिन्थियों की पुस्तक का विषय क्या है?

2 कुरिन्थियों में, पौलुस कुरिन्थुस शहर में मसीहियों के बीच संघर्षों के बारे में लिखता रहा। इस पत्र में यह स्पष्ट हैं कि कुरिन्थियों ने उसके पिछले निर्देशों का पालन किया था। 2 कुरिन्थियों में, पौलुस ने उन्हें ऐसे तरीके से जीने के लिए प्रोत्साहित किया जो परमेश्वर को प्रसन्न करेगा।

पौलुस ने उन्हें आश्वस्त करने के लिए यह भी लिखा था कि यीशु मसीह ने उसे सुसमाचार प्रचार करने के लिए प्रेरित के रूप में भेजा था। पौलुस चाहता था कि वे इसे समझें, क्योंकि यहूदी मसीहियों के एक समूह ने जो वह कर रहा था उसका विरोध किया। उन्होंने दावा किया कि पौलुस को परमेश्वर ने नहीं भेजा और वह एक झूठा संदेश सिखा रहा था। यहूदी मसीहियों का यह समूह चाहता था कि गैर यहूदी मसीही मूसा के नियमों का पालन करें।

### इस पुस्तक का शीर्षक किस प्रकार अनुवादित किया जाना चाहिए?

अनुवादक इस पुस्तक को इसके पारंपरिक शीर्षक, ""दूसरा कुरिन्थियों"" द्वारा संबोधित करना चुन सकते हैं। या वे एक स्पष्ट शीर्षक चुन सकते हैं, जैसे ""कुरिन्थ में कलीसिया के लिए पौलुस का दूसरा पत्र।"" (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/translate-names]])

## भाग 2: महत्वपूर्ण धार्मिक और सांस्कृतिक अवधारणाएं

### कुरिन्थुस नगर कैसा था?

कुरिन्थुस प्राचीन यूनान में स्थित एक प्रमुख नगर था। चूंकि यह भूमध्य सागर के पास था, इसलिए कई यात्री और व्यापारी वहां सामान मोल लेने और बेचने आए। इसके परिणामस्वरूप नगर में कई अलग-अलग संस्कृतियों के लोग थे। यह नगर अनैतिक तरीकों से रहने वाले लोगों के लिए प्रसिद्ध था। लोगों ने यूनानी प्रेम की देवी एफ्रोडाइट की पूजा की। एफ़्रोडाइट का सम्मान करने वाले समारोहों के हिस्से के रूप में, उसके उपासक मंदिर की वेश्याओं के साथ यौन संभोग करते थे।

### पौलुस का ""झूठे प्रेरितों"" से क्या अर्थ था (11:13)?

ये यहूदी मसीही थे। उन्होंने सिखाया कि अन्यजाति मसीहियों को मसीह का अनुसरण करने के लिए मूसा के नियमों का पालन करना चाहिए। मसीही अगुवे यरूशलेम में एकत्र हुए और इस विषय पर निर्णय किया (देखें: Acts 15)। हालांकि, यह स्पष्ट है कि अभी भी कुछ ऐसे समूह थे जो यरूशलेम में अगुवों के निर्णय से असहमत थे।

## भाग 3: महत्वपूर्ण अनुवादिक विषय

### एकवचन और बहुवचन ""आप""

इस पुस्तक में, ""मैं"" शब्द पौलुस को संबोधित करता है। इसके अलावा, शब्द ""तुम"" लगभग सदैव बहुवचन है और कुरिन्थुस के विश्वासियों को संबोधित करता है। इसमें दो अपवाद हैं: 6:2 और 12:9। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-exclusive]] और [[rc://hi/ta/man/translate/figs-you]])

### 2 कुरिन्थियों में ""पवित्र"" और ""शुद्ध करना"" के विचारों का प्रतिनिधित्व यूएलटी में कैसे किया जाता है?

शास्त्र इस तरह के शब्दों का उपयोग विभिन्न विचारों में से किसी एक को दर्शाने के लिए करते हैं। इस कारण से, अनुवादकों के लिए अक्सर उनके संस्करणों में इनका प्रतिनिधित्व करना कठिन होता है। अंग्रेजी में अनुवाद करने में, यूएलटी निम्नलिखित सिद्धांतों का उपयोग करता है:

* कभी-कभी किसी वाक्य में अर्थ नैतिक पवित्रता का संकेत करता है। सुसमाचार को समझने के लिए विशेष रूप से महत्वपूर्ण तथ्य यह है कि परमेश्वर मसीहियों को पापहीन मानते हैं क्योंकि वे यीशु मसीह के लिए एकजुट हैं। एक और संबंधित तथ्य यह है कि परमेश्वर परिपूर्ण और दोष-रहित है। एक तीसरा तथ्य यह है कि मसीहियों को स्वयं के जीवन में निर्दोष, दोष-रहित तरीके से आचरण करना चाहिए। इन परिस्थितियों में, यूएलटी “पवित्र,” “पवित्र परमेश्वर,” “पवित्र जन,” या “पवित्र लोग” का उपयोग करता है।

* 2 कुरिन्थियों में अधिकांश वाक्यों में अर्थ मसीहियों की ओर एक सरल संकेत है उनके द्वारा ठहराई किसी भी विशेष भूमिका को लागू किए बिना। इन परिस्थितियों में, यूएलटी ""विश्वासी"" या ""विश्वासियों"" का उपयोग करता है। (देखें: 1:1; 8:4; 9:1, 12; 13:13)

* कभी-कभी वाक्य में अर्थ किसी वस्तु को या किसी व्यक्ति को सिर्फ परमेश्वर के लिए अलग करने का विचार है। इन मामलों में, यूएलटी ""अलग करना"", ""को समर्पित,"" ""के लिए अलग किया"" या ""शुद्ध किया"" का इस्तेमाल करता है।

यूएसटी अक्सर उपयोगी होगा क्योंकि अनुवादक सोचते हैं कि इन विचारों को अपने संस्करणों में कैसे प्रस्तुत किया जाए।

### पौलुस का ""मसीह में"" और ""प्रभु में"" जैसे अभिव्यक्तियों क्या अर्थ है?

इस प्रकार की अभिव्यक्ति 1:19, 20; 2:12, 17; 3:14; 5:17, 1 9, 21; 10:17; 12: 2, 1 9; और 13: 4 में होती है। पौलुस ने मसीह और विश्वासियों के साथ एक बहुत नजदीकी एकता के विचार को व्यक्त किया। उसके साथ, वह अक्सर अन्य अर्थों का भी अभिप्राय रखता है। देखें, उदाहरण के लिए, ""प्रभु में मेरे लिए एक द्वार खोला गया,"" (2:12) जहां पौलुस का विशेष रूप से अर्थ था कि प्रभु द्वारा पौलुस के लिए एक द्वार खोला गया था।

इस तरह की अभिव्यक्ति के बारे में अधिक विवरण के लिए कृपया रोमियों की पुस्तक का परिचय देखें।

### मसीह में ""नई सृष्टि"" होने का क्या अर्थ है (5:17)?

पौलुस का संदेश यह था कि परमेश्वर मसीहियों को ""नई दुनिया"" का भाग बनाते हैं जब एक व्यक्ति मसीह में विश्वास करता है। परमेश्वर पवित्रता, शांति और आनंद की एक नई दुनिया देता है। इस नई दुनिया में, विश्वासियों का एक नया स्वभाव है जिसे उन्हें पवित्र आत्मा द्वारा दिया गया है। अनुवादकों को इस विचार को व्यक्त करने का प्रयास करना चाहिए।

### 2 कुरिन्थियों की पुस्तक के पाठ में प्रमुख विषय क्या हैं?

* ""और हमारे लिए आपके प्रेम में"" (8:7)। यूएलटी और यूएसटी समेत कई संस्करण इस तरह से पढ़ते हैं। हालांकि, कई अन्य संस्करण पढ़ते हैं, ""और तुम्हारें लिए हमारे प्रेम में।"" दृढ़ प्रमाण हैं कि प्रत्येक लेख वास्तविक है। अनुवादकों को संभवतः अपने क्षेत्र के अन्य संस्करणों द्वारा मुख्य पठन का पालन करना चाहिए।

(देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/translate-textvariants]])
" -2CO 1 intro tsh3 0 "# 2 कुरिन्थियों 01 सामान्य टिप्पणियाँ
## संरचना और बाह्यरूप

पहला अनुच्छेद प्राचीन निकट पूर्व में एक पत्र को आरम्भ करने के लिए एक सामान्य शैली दर्शाता है।

## विशेष अवधारणाएं

### पौलुस की अखंडता
लोग पौलुस की आलोचना कर रहे थे और कह रहे थे कि वह निष्ठावान नहीं है। वह जो कर रहा था उसके उद्देश्य के बारे में बताते हुए वह उनका खंडन करता है।

### सांत्वना
इस अध्याय का सांत्वना एक प्रमुख विषय है। पवित्र आत्मा मसीहियों को सांत्वना देती है। कुरिन्थियों को सम्भवतः पीड़ित किया गया था और उन्हें सांत्वना देने की आवश्यकता थी।

## इस अध्याय में महत्वपूर्ण अलंकार

### आलंकारिक प्रश्न

पौलुस दो आलंकारिक प्रश्नों का उपयोग करता है ताकि वह निष्ठावान न होने के आरोप में स्वयं को बचा सकें। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-rquestion]])

## इस अध्याय में अन्य संभावित अनुवादिक कठिनाईयां

### हम
पौलुस ""हम"" सर्वनाम का उपयोग करता है। यह संभवतः कम से कम तीमुथियुस और स्वयं का प्रतिनिधित्व करता है। इसमें अन्य लोगों को भी सम्मिलित किया जा सकता है।

### प्रमाण

पौलुस कहता है कि पवित्र आत्मा प्रमाण है, जिसका अर्थ मसीही के अनंत जीवन की प्रतिज्ञा या अग्रिम भुगतान है। मसीही सुरक्षित रूप से बचाए जाते हैं। लेकिन वे मरने के बाद तक परमेश्वर के सभी दिए गए वादों का अनुभव नहीं करेंगे। पवित्र आत्मा एक व्यक्तिगत प्रमाण है कि यह घटित होगा। यह भाव एक व्यापारिक शब्द से आता है। एक व्यक्ति किसी अन्य व्यक्ति को ""प्रमाण"" के रूप में कुछ मूल्यवान वस्तु देता है कि वह पैसे चुकाएगा। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/eternity]] और [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/save]])
" +2CO front intro ur4j 0 # 2 कुरिन्थियों का परिचय
## भाग 1: सामान्य परिचय

### 2 कुरिन्थियों

1 की पुस्तक की रूपरेखा। पौलुस कुरिन्थियों के मसीहियों के लिए परमेश्वर का धन्यवाद करता है (1: 1-11)
1। पौलुस अपने आचरण और सेवकाई की व्याख्या करता है (1:12-7:16)
1। पौलुस यरूशलेम की कलीसिया के लिए धन का योगदान करने के बारे में बोलता है (8:1-9:15)
1। पौलुस एक प्रेरित के रूप में अपने अधिकार का बचाव करता है (10:1-13:10)
1। पौलुस अंतिम अभिनन्दन और प्रोत्साहन देता है (13:11-14)

### 2 कुरिन्थियों की पुस्तक किसने लिखी?

पौलुस लेखक था। वह तरसुस नगर से था। वह अपने प्रारंभिक जीवन में शाऊल के रूप में जाना जाता था। एक मसीही बनने से पहले, पौलुस एक फरीसी था। उसने मसीहियों को सताया। एक मसीही बनने के बाद, उसने रोमन साम्राज्य में यीशु के बारे में लोगों को बताते हुए कई बार यात्रा की।

पौलुस ने कुरिन्थुस में कलीसिया आरम्भ करी। वह इफिसुस नगर में रह रहा था जब उसने यह पत्र लिखा था।

### 2 कुरिन्थियों की पुस्तक का विषय क्या है?

2 कुरिन्थियों में, पौलुस कुरिन्थुस शहर में मसीहियों के बीच संघर्षों के बारे में लिखता रहा। इस पत्र में यह स्पष्ट हैं कि कुरिन्थियों ने उसके पिछले निर्देशों का पालन किया था। 2 कुरिन्थियों में, पौलुस ने उन्हें ऐसे तरीके से जीने के लिए प्रोत्साहित किया जो परमेश्वर को प्रसन्न करेगा।

पौलुस ने उन्हें आश्वस्त करने के लिए यह भी लिखा था कि यीशु मसीह ने उसे सुसमाचार प्रचार करने के लिए प्रेरित के रूप में भेजा था। पौलुस चाहता था कि वे इसे समझें, क्योंकि यहूदी मसीहियों के एक समूह ने जो वह कर रहा था उसका विरोध किया। उन्होंने दावा किया कि पौलुस को परमेश्वर ने नहीं भेजा और वह एक झूठा संदेश सिखा रहा था। यहूदी मसीहियों का यह समूह चाहता था कि गैर यहूदी मसीही मूसा के नियमों का पालन करें।

### इस पुस्तक का शीर्षक किस प्रकार अनुवादित किया जाना चाहिए?

अनुवादक इस पुस्तक को इसके पारंपरिक शीर्षक, ""दूसरा कुरिन्थियों"" द्वारा संबोधित करना चुन सकते हैं। या वे एक स्पष्ट शीर्षक चुन सकते हैं, जैसे ""कुरिन्थ में कलीसिया के लिए पौलुस का दूसरा पत्र।"" (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/translate-names]])

## भाग 2: महत्वपूर्ण धार्मिक और सांस्कृतिक अवधारणाएं

### कुरिन्थुस नगर कैसा था?

कुरिन्थुस प्राचीन यूनान में स्थित एक प्रमुख नगर था। चूंकि यह भूमध्य सागर के पास था, इसलिए कई यात्री और व्यापारी वहां सामान मोल लेने और बेचने आए। इसके परिणामस्वरूप नगर में कई अलग-अलग संस्कृतियों के लोग थे। यह नगर अनैतिक तरीकों से रहने वाले लोगों के लिए प्रसिद्ध था। लोगों ने यूनानी प्रेम की देवी एफ्रोडाइट की पूजा की। एफ़्रोडाइट का सम्मान करने वाले समारोहों के हिस्से के रूप में, उसके उपासक मंदिर की वेश्याओं के साथ यौन संभोग करते थे।

### पौलुस का ""झूठे प्रेरितों"" से क्या अर्थ था (11:13)?

ये यहूदी मसीही थे। उन्होंने सिखाया कि अन्यजाति मसीहियों को मसीह का अनुसरण करने के लिए मूसा के नियमों का पालन करना चाहिए। मसीही अगुवे यरूशलेम में एकत्र हुए और इस विषय पर निर्णय किया (देखें: Acts 15)। हालांकि, यह स्पष्ट है कि अभी भी कुछ ऐसे समूह थे जो यरूशलेम में अगुवों के निर्णय से असहमत थे।

## भाग 3: महत्वपूर्ण अनुवादिक विषय

### एकवचन और बहुवचन ""आप""

इस पुस्तक में, ""मैं"" शब्द पौलुस को संबोधित करता है। इसके अलावा, शब्द ""तुम"" लगभग सदैव बहुवचन है और कुरिन्थुस के विश्वासियों को संबोधित करता है। इसमें दो अपवाद हैं: 6:2 और 12:9। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-exclusive]] और [[rc://hi/ta/man/translate/figs-you]])

### 2 कुरिन्थियों में ""पवित्र"" और ""शुद्ध करना"" के विचारों का प्रतिनिधित्व यूएलटी में कैसे किया जाता है?

शास्त्र इस तरह के शब्दों का उपयोग विभिन्न विचारों में से किसी एक को दर्शाने के लिए करते हैं। इस कारण से, अनुवादकों के लिए अक्सर उनके संस्करणों में इनका प्रतिनिधित्व करना कठिन होता है। अंग्रेजी में अनुवाद करने में, यूएलटी निम्नलिखित सिद्धांतों का उपयोग करता है:

* कभी-कभी किसी वाक्य में अर्थ नैतिक पवित्रता का संकेत करता है। सुसमाचार को समझने के लिए विशेष रूप से महत्वपूर्ण तथ्य यह है कि परमेश्वर मसीहियों को पापहीन मानते हैं क्योंकि वे यीशु मसीह के लिए एकजुट हैं। एक और संबंधित तथ्य यह है कि परमेश्वर परिपूर्ण और दोष-रहित है। एक तीसरा तथ्य यह है कि मसीहियों को स्वयं के जीवन में निर्दोष, दोष-रहित तरीके से आचरण करना चाहिए। इन परिस्थितियों में, यूएलटी “पवित्र,” “पवित्र परमेश्वर,” “पवित्र जन,” या “पवित्र लोग” का उपयोग करता है।

* 2 कुरिन्थियों में अधिकांश वाक्यों में अर्थ मसीहियों की ओर एक सरल संकेत है उनके द्वारा ठहराई किसी भी विशेष भूमिका को लागू किए बिना। इन परिस्थितियों में, यूएलटी ""विश्वासी"" या ""विश्वासियों"" का उपयोग करता है। (देखें: 1:1; 8:4; 9:1, 12; 13:13)

* कभी-कभी वाक्य में अर्थ किसी वस्तु को या किसी व्यक्ति को सिर्फ परमेश्वर के लिए अलग करने का विचार है। इन मामलों में, यूएलटी ""अलग करना"", ""को समर्पित,"" ""के लिए अलग किया"" या ""शुद्ध किया"" का इस्तेमाल करता है।

यूएसटी अक्सर उपयोगी होगा क्योंकि अनुवादक सोचते हैं कि इन विचारों को अपने संस्करणों में कैसे प्रस्तुत किया जाए।

### पौलुस का ""मसीह में"" और ""प्रभु में"" जैसे अभिव्यक्तियों क्या अर्थ है?

इस प्रकार की अभिव्यक्ति 1:19, 20; 2:12, 17; 3:14; 5:17, 1 9, 21; 10:17; 12: 2, 1 9; और 13: 4 में होती है। पौलुस ने मसीह और विश्वासियों के साथ एक बहुत नजदीकी एकता के विचार को व्यक्त किया। उसके साथ, वह अक्सर अन्य अर्थों का भी अभिप्राय रखता है। देखें, उदाहरण के लिए, ""प्रभु में मेरे लिए एक द्वार खोला गया,"" (2:12) जहां पौलुस का विशेष रूप से अर्थ था कि प्रभु द्वारा पौलुस के लिए एक द्वार खोला गया था।

इस तरह की अभिव्यक्ति के बारे में अधिक विवरण के लिए कृपया रोमियों की पुस्तक का परिचय देखें।

### मसीह में ""नई सृष्टि"" होने का क्या अर्थ है (5:17)?

पौलुस का संदेश यह था कि परमेश्वर मसीहियों को ""नई दुनिया"" का भाग बनाते हैं जब एक व्यक्ति मसीह में विश्वास करता है। परमेश्वर पवित्रता, शांति और आनंद की एक नई दुनिया देता है। इस नई दुनिया में, विश्वासियों का एक नया स्वभाव है जिसे उन्हें पवित्र आत्मा द्वारा दिया गया है। अनुवादकों को इस विचार को व्यक्त करने का प्रयास करना चाहिए।

### 2 कुरिन्थियों की पुस्तक के पाठ में प्रमुख विषय क्या हैं?

* ""और हमारे लिए आपके प्रेम में"" (8:7)। यूएलटी और यूएसटी समेत कई संस्करण इस तरह से पढ़ते हैं। हालांकि, कई अन्य संस्करण पढ़ते हैं, ""और तुम्हारें लिए हमारे प्रेम में।"" दृढ़ प्रमाण हैं कि प्रत्येक लेख वास्तविक है। अनुवादकों को संभवतः अपने क्षेत्र के अन्य संस्करणों द्वारा मुख्य पठन का पालन करना चाहिए।

(देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/translate-textvariants]])
+2CO 1 intro tsh3 0 # 2 कुरिन्थियों 01 सामान्य टिप्पणियाँ
## संरचना और बाह्यरूप

पहला अनुच्छेद प्राचीन निकट पूर्व में एक पत्र को आरम्भ करने के लिए एक सामान्य शैली दर्शाता है।

## विशेष अवधारणाएं

### पौलुस की अखंडता
लोग पौलुस की आलोचना कर रहे थे और कह रहे थे कि वह निष्ठावान नहीं है। वह जो कर रहा था उसके उद्देश्य के बारे में बताते हुए वह उनका खंडन करता है।

### सांत्वना
इस अध्याय का सांत्वना एक प्रमुख विषय है। पवित्र आत्मा मसीहियों को सांत्वना देती है। कुरिन्थियों को सम्भवतः पीड़ित किया गया था और उन्हें सांत्वना देने की आवश्यकता थी।

## इस अध्याय में महत्वपूर्ण अलंकार

### आलंकारिक प्रश्न

पौलुस दो आलंकारिक प्रश्नों का उपयोग करता है ताकि वह निष्ठावान न होने के आरोप में स्वयं को बचा सकें। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-rquestion]])

## इस अध्याय में अन्य संभावित अनुवादिक कठिनाईयां

### हम
पौलुस ""हम"" सर्वनाम का उपयोग करता है। यह संभवतः कम से कम तीमुथियुस और स्वयं का प्रतिनिधित्व करता है। इसमें अन्य लोगों को भी सम्मिलित किया जा सकता है।

### प्रमाण

पौलुस कहता है कि पवित्र आत्मा प्रमाण है, जिसका अर्थ मसीही के अनंत जीवन की प्रतिज्ञा या अग्रिम भुगतान है। मसीही सुरक्षित रूप से बचाए जाते हैं। लेकिन वे मरने के बाद तक परमेश्वर के सभी दिए गए वादों का अनुभव नहीं करेंगे। पवित्र आत्मा एक व्यक्तिगत प्रमाण है कि यह घटित होगा। यह भाव एक व्यापारिक शब्द से आता है। एक व्यक्ति किसी अन्य व्यक्ति को ""प्रमाण"" के रूप में कुछ मूल्यवान वस्तु देता है कि वह पैसे चुकाएगा। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/eternity]] और [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/save]])
2CO 1 1 epd2 0 General Information: "पौलुस कुरिन्थुस में कलीसिया के अभिवादन के बाद, वह यीशु मसीह के माध्यम से पीड़ा और सांत्वना के बारे में लिखता है। तीमुथियुस भी उसके साथ है। इस पत्र में ""तुम"" शब्द कुरिन्थुस में कलीसिया के लोगों और उस क्षेत्र के बाकी मसीहियों को संबोधित करता है। संभावित रूप से तीमुथियुस चर्मपत्र पर शब्दों को लिखता है जो पौलुस कहता है।" 2CO 1 1 mel3 Παῦλος…τῇ ἐκκλησίᾳ τοῦ Θεοῦ τῇ οὔσῃ ἐν Κορίνθῳ 1 Paul ... to the church of God that is in Corinth "भाषा में एक पत्र के लेखक और उसके इच्छित दर्शकों का परिचय कराने का एक विशेष तरीका हो सकता है। वैकल्पिक अनुवाद: ""मैं, पौलुस... ने तुम्हे यह पत्र लिखा है, परमेश्वर की कलीसिया जो कि कुरिन्थुस में है""" 2CO 1 1 f59u Τιμόθεος ὁ ἀδελφὸς 1 Timothy our brother यह संकेत करता है कि पौलुस और कुरिन्थयों दोनों तीमुथियुस को जानते थे और उसे उनके आत्मिक भाई समान मानते थे। @@ -96,7 +96,7 @@ Book Chapter Verse ID SupportReference OrigQuote Occurrence GLQuote OccurrenceNo 2CO 2 17 u2zb ἐν Χριστῷ λαλοῦμεν 1 we speak in Christ "हम उन लोगों के समान बोलते हैं जो मसीह से जुड़े हुए हैं या ""हम मसीह के अधिकार से बात करते हैं""" 2CO 2 17 yg3k figs-activepassive 0 as we are sent from God "इसे सक्रिय रूप में कहा जा सकता है। वैकल्पिक अनुवाद: ""उन लोगों के समान जिन्हे परमेश्वर ने भेजा है"" (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-activepassive]])" 2CO 2 17 q4dc figs-ellipsis κατέναντι Θεοῦ 1 in the sight of God "पौलुस और उसके सहकर्मियों ने जागरूकता के साथ सुसमाचार का प्रचार किया जैसे परमेश्वर उन्हें देख रहे हैं। वैकल्पिक अनुवाद: ""हम परमेश्वर की उपस्थिति में बोलते हैं"" (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-ellipsis]])" -2CO 3 intro f7rh 0 "# 2 कुरिन्थियों 03 सामान्य टिप्पणियाँ
## संरचना और बाह्यरूप

पौलुस अपना पक्ष बनाए रखता है। पौलुस कुरिन्थियों के मसीहियों को उसके काम के प्रमाण के रूप में देखता है।

## इस अध्याय में विशेष अवधारणाँए

### मूसा की व्यवस्था
पौलुस पत्थर की पटियों पर दस आज्ञाओं को परमेश्वर द्वारा दिए जाने की ओर संकेत करता है। यह मूसा के व्यवस्था का प्रतिनिधित्व करता है। व्यवस्था उत्तम थी क्योंकि यह परमेश्वर की ओर से थी। परन्तु परमेश्वर ने इस्राएलियों को दंडित किया क्योंकि उन्होंने इसका उल्लंघन किया। अनुवादकों के लिए यह अध्याय कठिन हो सकता है यदि पुराने नियम का अभी तक अनुवाद नहीं किया गया। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/lawofmoses]] और [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/covenant]] और [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/reveal]])

## इस अध्याय में महत्वपूर्ण अलंकार

### रूपक
पौलुस जटिल अध्यायों को समझाने के लिए इस अध्याय में उपयोग किए गए कई रूपकों का उपयोग करता है। यह अस्पष्ट है कि क्या यह पौलुस की शिक्षाओं को समझने में आसान या अधिक कठिन बनाता है। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-metaphor]])

## इस अध्याय में अन्य संभावित अनुवादिक कठिनाइयां

### ""यह पत्र की नहीं बल्कि आत्मा की एक वाचा है।""
पौलुस पुराने और नए वाचाओं में विरोधाभास प्रकट करता है। नई वाचा नियमों और विनियमों की प्रणाली नहीं है। यहां ""आत्मा"" संभवतया पवित्र आत्मा को संबोधित करता है। यह स्वभाव में ""आत्मिक"" होने वाले नए वाचा का भी उल्लेख कर सकता है। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/spirit]])
" +2CO 3 intro f7rh 0 # 2 कुरिन्थियों 03 सामान्य टिप्पणियाँ
## संरचना और बाह्यरूप

पौलुस अपना पक्ष बनाए रखता है। पौलुस कुरिन्थियों के मसीहियों को उसके काम के प्रमाण के रूप में देखता है।

## इस अध्याय में विशेष अवधारणाँए

### मूसा की व्यवस्था
पौलुस पत्थर की पटियों पर दस आज्ञाओं को परमेश्वर द्वारा दिए जाने की ओर संकेत करता है। यह मूसा के व्यवस्था का प्रतिनिधित्व करता है। व्यवस्था उत्तम थी क्योंकि यह परमेश्वर की ओर से थी। परन्तु परमेश्वर ने इस्राएलियों को दंडित किया क्योंकि उन्होंने इसका उल्लंघन किया। अनुवादकों के लिए यह अध्याय कठिन हो सकता है यदि पुराने नियम का अभी तक अनुवाद नहीं किया गया। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/lawofmoses]] और [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/covenant]] और [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/reveal]])

## इस अध्याय में महत्वपूर्ण अलंकार

### रूपक
पौलुस जटिल अध्यायों को समझाने के लिए इस अध्याय में उपयोग किए गए कई रूपकों का उपयोग करता है। यह अस्पष्ट है कि क्या यह पौलुस की शिक्षाओं को समझने में आसान या अधिक कठिन बनाता है। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-metaphor]])

## इस अध्याय में अन्य संभावित अनुवादिक कठिनाइयां

### ""यह पत्र की नहीं बल्कि आत्मा की एक वाचा है।""
पौलुस पुराने और नए वाचाओं में विरोधाभास प्रकट करता है। नई वाचा नियमों और विनियमों की प्रणाली नहीं है। यहां ""आत्मा"" संभवतया पवित्र आत्मा को संबोधित करता है। यह स्वभाव में ""आत्मिक"" होने वाले नए वाचा का भी उल्लेख कर सकता है। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/spirit]])
2CO 3 1 m1k8 0 Connecting Statement: पौलुस उन्हें याद दिलाता है कि वह घमंड नहीं कर रहा है जब वह उन्हें मसीह द्वारा किए गए कार्यों के बारे में बताता है। 2CO 3 1 um8x figs-rquestion ἀρχόμεθα πάλιν ἑαυτοὺς συνιστάνειν? 1 Are we beginning to praise ourselves again? "पौलुस इस सवाल का उपयोग इस बात पर जोर देने के लिए करता है कि वे स्वयं की बड़ाई नहीं कर रहे हैं। वैकल्पिक अनुवाद: ""हम पुनः स्वयं की प्रशंसा नहीं कर रहे हैं"" (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-rquestion]])" 2CO 3 1 y8yc figs-rquestion ἢ μὴ χρῄζομεν, ὥς τινες, συστατικῶν ἐπιστολῶν πρὸς ὑμᾶς ἢ ἐξ ὑμῶν? 1 We do not need letters of recommendation to you or from you, like some people, do we? "पौलुस ऐसा यह जताने के लिए कहता है कि कुरिन्थियों को पहले से ही पौलुस और तीमुथियुस की अच्छी प्रतिष्ठा के बारे में पता है। प्रश्न एक नकारात्मक उत्तर को प्रेरित करता है। वैकल्पिक अनुवाद: ""हमें निश्चित रूप से तुम्हारे लिए या तुमसे अनुशंसा के पत्रों की आवश्यकता नहीं है, जैसे कुछ लोगों को हैं"" (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-rquestion]])" @@ -152,7 +152,7 @@ Book Chapter Verse ID SupportReference OrigQuote Occurrence GLQuote OccurrenceNo 2CO 3 18 rc9x figs-activepassive τὴν αὐτὴν εἰκόνα μεταμορφούμεθα 1 We are being transformed into the same glorious likeness "आत्मा विश्वासियों को उनके जैसे महिमामय बनाने के लिए बदल रहा है। इसे सक्रिय रूप में कहा जा सकता है। वैकल्पिक अनुवाद: ""परमेश्वर हमें अपनी महिमामय समानता में रूपांतरित कर रहा है"" (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-activepassive]])" 2CO 3 18 bx5b ἀπὸ δόξης εἰς δόξαν 1 from one degree of glory into another "महिमा के एक स्तर से महिमा के दूसरे स्तर तक। इसका मतलब है कि आत्मा लगातार विश्वासियों की महिमा में वृद्धि कर रही है। 2CO 3 18 mw3v καθάπερ ἀπὸ Κυρίου 1 just as from the Lord जैसे यह प्रभु से आता है" -2CO 4 intro rx1c 0 "# 2 कुरिन्थियों 04 सामान्य टिप्पणियाँ
## संरचना और बाह्यरूप
यह अध्याय ""इसलिए"" शब्द से शुरू होता है। यह पिछले अध्याय को जो सिखाता है उससे जोड़ता है। कैसे इन अध्यायों को विभाजित किया गया है यह पाठक को भ्रमित कर सकता हैं।

## इस अध्याय में विशेष अवधारणाएं

### सेवकाई

पौलुस उन्हें मसीह के बारे में बताकर लोगों की सेवा करता है। वह लोगों को विश्वास करने के लिए छल नहीं करता है। अगर वे सुसमाचार को नहीं समझते हैं, तो ऐसा इसलिए है क्योंकि समस्या अंत में आत्मिक है। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/spirit]])

## इस अध्याय में महत्वपूर्ण अलंकार

### प्रकाश और अंधेरा

बाइबल अक्सर अनैतिक लोगों की बात करती है, जो लोग परमेश्वर को प्रसन्न नहीं करते हैं, जैसे वे अंधेरे में घूमते है। यह प्रकाश की बात करता है जैसे कि यह उन पापपूर्ण लोगों को धर्मी बनने में सक्षम बनाता है, यह समझने के लिए कि वे क्या गलत कर रहे हैं और परमेश्वर का पालन करना शुरू कर देते हैं। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/righteous]])

### जीवन और मृत्यु
पौलुस यहां शारीरिक जीवन और मृत्यु बात नहीं करता है। जीवन एक मसीही के यीशु में नए जीवन को दर्शाता है। मृत्यु यीशु में विश्वास करने से पहले जीवन के पुराने तरीके दर्शाती है। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/life]] और [[rc://hi/tw/dict/bible/other/death]] और [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/faith]])

## इस अध्याय में अन्य संभावित अनुवादिक कठिनाइयां

### आशा
पौलुस एक उद्देश्यपूर्ण तरीके से दोहराए गए ढंग का उपयोग करता है। वह एक विवरण देता है। फिर वह एक प्रतीत होता हुआ विपरीत या विरोधाभासी विवरण से मना करता है या अपवाद देता है। साथ में ये कठिन परिस्थितियों में पड़नेवाले को आशा देते हैं। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/hope]])
" +2CO 4 intro rx1c 0 # 2 कुरिन्थियों 04 सामान्य टिप्पणियाँ
## संरचना और बाह्यरूप
यह अध्याय ""इसलिए"" शब्द से शुरू होता है। यह पिछले अध्याय को जो सिखाता है उससे जोड़ता है। कैसे इन अध्यायों को विभाजित किया गया है यह पाठक को भ्रमित कर सकता हैं।

## इस अध्याय में विशेष अवधारणाएं

### सेवकाई

पौलुस उन्हें मसीह के बारे में बताकर लोगों की सेवा करता है। वह लोगों को विश्वास करने के लिए छल नहीं करता है। अगर वे सुसमाचार को नहीं समझते हैं, तो ऐसा इसलिए है क्योंकि समस्या अंत में आत्मिक है। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/spirit]])

## इस अध्याय में महत्वपूर्ण अलंकार

### प्रकाश और अंधेरा

बाइबल अक्सर अनैतिक लोगों की बात करती है, जो लोग परमेश्वर को प्रसन्न नहीं करते हैं, जैसे वे अंधेरे में घूमते है। यह प्रकाश की बात करता है जैसे कि यह उन पापपूर्ण लोगों को धर्मी बनने में सक्षम बनाता है, यह समझने के लिए कि वे क्या गलत कर रहे हैं और परमेश्वर का पालन करना शुरू कर देते हैं। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/righteous]])

### जीवन और मृत्यु
पौलुस यहां शारीरिक जीवन और मृत्यु बात नहीं करता है। जीवन एक मसीही के यीशु में नए जीवन को दर्शाता है। मृत्यु यीशु में विश्वास करने से पहले जीवन के पुराने तरीके दर्शाती है। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/life]] और [[rc://hi/tw/dict/bible/other/death]] और [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/faith]])

## इस अध्याय में अन्य संभावित अनुवादिक कठिनाइयां

### आशा
पौलुस एक उद्देश्यपूर्ण तरीके से दोहराए गए ढंग का उपयोग करता है। वह एक विवरण देता है। फिर वह एक प्रतीत होता हुआ विपरीत या विरोधाभासी विवरण से मना करता है या अपवाद देता है। साथ में ये कठिन परिस्थितियों में पड़नेवाले को आशा देते हैं। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/hope]])
2CO 4 1 lyi4 0 Connecting Statement: पौलुस लिखता है कि वह मसीह का प्रचार करके अपनी सेवा में सच्चा है, स्वयं की प्रशंसा नहीं करता है। वह अपने चाल-चलन से यीशु की मृत्यु और जीवन को दिखाता है ताकि जीवन कुरिन्थियों के विश्वासियों में काम कर सके। 2CO 4 1 ix7n figs-exclusive ἔχοντες τὴν διακονίαν ταύτην 1 we have this ministry "यहां ""हम"" शब्द पौलुस और उसके सहकर्मी को संबोधित करता है, लेकिन कुरिन्थियों के लिए नहीं है। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-exclusive]])" 2CO 4 1 h1ud figs-explicit καθὼς ἠλεήθημεν 1 and just as we have received mercy "यह वाक्यांश बताता है कि कैसे पौलुस और उसके सहकर्मियों के पास ""यह सेवा है।"" यह एक ऐसा उपहार है जिसे परमेश्वर ने अपनी दया के माध्यम से दिया है। वैकल्पिक अनुवाद: ""क्योंकि परमेश्वर ने हमें दया दिखाई है"" (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-explicit]])" @@ -266,7 +266,7 @@ Book Chapter Verse ID SupportReference OrigQuote Occurrence GLQuote OccurrenceNo 2CO 5 21 ebz2 τὸν μὴ γνόντα ἁμαρτίαν 1 He is the one who never sinned सिर्फ मसीह है जिसने कभी पाप नहीं किया 2CO 5 21 zm9e δικαιοσύνη Θεοῦ ἐν αὐτῷ 1 He did this ... the righteousness of God in him परमेश्वर ने ऐसा किया...मसीह में परमेश्वर की धार्मिकता 2CO 5 21 kmt9 figs-explicit ἵνα ἡμεῖς γενώμεθα δικαιοσύνη Θεοῦ ἐν αὐτῷ 1 so that we might become the righteousness of God in him "वाक्यांश ""परमेश्वर की धार्मिकता"" उस धार्मिकता को संबोधित करते है जिसे परमेश्वर चाहते है और जो परमेश्वर से आता है। वैकल्पिक अनुवाद: ""ताकि हमारे भीतर मसीह के माध्यम से परमेश्वर की धार्मिकता हो"" (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-explicit]])" -2CO 6 intro f5qu 0 "# 2 कुरिन्थियों 06 सामान्य टिप्पणियाँ
## संरचना और बाह्यरूप

कुछ अनुवाद पढ़ने को आसान बनाने के लिए पाठ के बाकी भागो की तुलना में पद की प्रत्येक पंक्ति को दाईं ओर रखते हैं। यूएलटी ऐसा पद 2 और 16-18 के साथ करता है, जो पुराने नियम से शब्द हैं।

## इस अध्याय में विशेष अवधारणाएं

### सेवक
पौलुस मसीहियों को परमेश्वर के सेवक के रूप में संबोधित करता है। परमेश्वर सभी परिस्थितियों में सेवा करने के लिए मसीहियों को बुलाते है। पौलुस कुछ कठिन परिस्थितियों का वर्णन करता है जिसमें वह और उसके साथी परमेश्वर की सेवा करते थे।

## इस अध्याय में महत्वपूर्ण अलंकार

### विरोधाभास

पौलुस विरोधाभासों के चार जोड़ों का उपयोग करता है: धार्मिकता बनाम नियमहीनता, प्रकाश बनाम अंधेरा, मसीह बनाम शैतान, और परमेश्वर का भवन बनाम मूर्तियाँ। ये विरोधाभास मसीही और गैर-मसीही के बीच एक अंतर दिखाते हैं। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/righteous]] और [[rc://hi/tw/dict/bible/other/light]] और [[rc://hi/tw/dict/bible/other/darkness]])

### प्रकाश और अंधेरा
बाइबल अक्सर अधर्मी लोगों की बात करती है, जो लोग परमेश्वर को प्रसन्न करने वाले काम नहीं करते हैं, जैसे कि वे अंधेरे में घूम रहे थे। यह प्रकाश की बात करता है जैसे कि यह उन पापपूर्ण लोगों को धर्मी बनने में सक्षम बनाता है, यह समझने के लिए कि वे क्या गलत कर रहे हैं और परमेश्वर का पालन करना शुरू कर देते हैं। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/righteous]])

### अलंकारिक प्रश्न
पौलुस अपने पाठकों को सिखाने के लिए अलंकारिक प्रश्नों की एक श्रृंखला का उपयोग करता है। ये सभी प्रश्न अनिवार्य रूप से एक ही अर्थ बनाते हैं: मसीहियों को पाप में रहने वाले लोगों के साथ घनिष्ठता से सहभागिता नहीं करनी चाहिए। पौलुस इन सवालों को जोर देने के लिए दोहराता है। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-rquestion]] और [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/sin]])

## इस अध्याय में अन्य संभावित अनुवादिक कठिनाइयां

### हम

पौलुस सम्भवतः कम से कम तीमुथियुस और स्वयं का प्रतिनिधित्व करने के लिए सर्वनाम ""हम"" का उपयोग करता हैं। इसमें अन्य लोगों को भी सम्मिलित किया जा सकता है।
" +2CO 6 intro f5qu 0 # 2 कुरिन्थियों 06 सामान्य टिप्पणियाँ
## संरचना और बाह्यरूप

कुछ अनुवाद पढ़ने को आसान बनाने के लिए पाठ के बाकी भागो की तुलना में पद की प्रत्येक पंक्ति को दाईं ओर रखते हैं। यूएलटी ऐसा पद 2 और 16-18 के साथ करता है, जो पुराने नियम से शब्द हैं।

## इस अध्याय में विशेष अवधारणाएं

### सेवक
पौलुस मसीहियों को परमेश्वर के सेवक के रूप में संबोधित करता है। परमेश्वर सभी परिस्थितियों में सेवा करने के लिए मसीहियों को बुलाते है। पौलुस कुछ कठिन परिस्थितियों का वर्णन करता है जिसमें वह और उसके साथी परमेश्वर की सेवा करते थे।

## इस अध्याय में महत्वपूर्ण अलंकार

### विरोधाभास

पौलुस विरोधाभासों के चार जोड़ों का उपयोग करता है: धार्मिकता बनाम नियमहीनता, प्रकाश बनाम अंधेरा, मसीह बनाम शैतान, और परमेश्वर का भवन बनाम मूर्तियाँ। ये विरोधाभास मसीही और गैर-मसीही के बीच एक अंतर दिखाते हैं। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/righteous]] और [[rc://hi/tw/dict/bible/other/light]] और [[rc://hi/tw/dict/bible/other/darkness]])

### प्रकाश और अंधेरा
बाइबल अक्सर अधर्मी लोगों की बात करती है, जो लोग परमेश्वर को प्रसन्न करने वाले काम नहीं करते हैं, जैसे कि वे अंधेरे में घूम रहे थे। यह प्रकाश की बात करता है जैसे कि यह उन पापपूर्ण लोगों को धर्मी बनने में सक्षम बनाता है, यह समझने के लिए कि वे क्या गलत कर रहे हैं और परमेश्वर का पालन करना शुरू कर देते हैं। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/righteous]])

### अलंकारिक प्रश्न
पौलुस अपने पाठकों को सिखाने के लिए अलंकारिक प्रश्नों की एक श्रृंखला का उपयोग करता है। ये सभी प्रश्न अनिवार्य रूप से एक ही अर्थ बनाते हैं: मसीहियों को पाप में रहने वाले लोगों के साथ घनिष्ठता से सहभागिता नहीं करनी चाहिए। पौलुस इन सवालों को जोर देने के लिए दोहराता है। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-rquestion]] और [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/sin]])

## इस अध्याय में अन्य संभावित अनुवादिक कठिनाइयां

### हम

पौलुस सम्भवतः कम से कम तीमुथियुस और स्वयं का प्रतिनिधित्व करने के लिए सर्वनाम ""हम"" का उपयोग करता हैं। इसमें अन्य लोगों को भी सम्मिलित किया जा सकता है।
2CO 6 1 in53 0 General Information: पद 2 में, पौलुस ने यशायाह भविष्यद्वक्ता से उद्धरण का एक भाग लिया। 2CO 6 1 kf1d 0 Connecting Statement: पौलुस संक्षेप में बताता है कि कैसे परमेश्वर के लिए मिलकर काम करना चाहिए। 2CO 6 1 tbr6 figs-explicit συνεργοῦντες 1 Working together "पौलुस यह कह रहा है कि वह और तीमुथियुस परमेश्वर के साथ काम कर रहे हैं। वैकल्पिक अनुवाद: ""परमेश्वर के साथ मिलकर काम करना"" (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-explicit]])" @@ -311,7 +311,7 @@ Book Chapter Verse ID SupportReference OrigQuote Occurrence GLQuote OccurrenceNo 2CO 6 17 fe1z 0 General Information: पौलुस पुराने नियम के भविष्यद्वक्ता यशायाह और यहेजकेल के भागो को दोहराता है 2CO 6 17 z5ld figs-activepassive ἀφορίσθητε 1 be set apart "इसे सक्रिय रूप में कहा जा सकता है। वैकल्पिक अनुवाद: ""स्वयं को अलग करें"" या ""मुझे तुम्हें अलग करने की अनुमति दें"" (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-activepassive]])" 2CO 6 17 c8jq figs-doublenegatives ἀκαθάρτου μὴ ἅπτεσθε 1 Touch no unclean thing "इसे सकारात्मक भावों में कहा जा सकता है। वैकल्पिक अनुवाद: ""सिर्फ उन चीज़ों को स्पर्श करें जो शुद्ध हैं"" (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-doublenegatives]])" -2CO 7 intro hg36 0 "# 2 कुरिन्थियों 07 सामान्य टिप्पणियाँ
## संरचना और बाह्यरूप

पद 2-4 में, पौलुस अपना पक्ष समाप्त करता है। उसके बाद वह तीतुस की वापसी और आराम के बारे में लिखता है।

## इस अध्याय में विशेष अवधारणाएं

### शुद्ध और अशुद्ध

मसीही ""शुद्ध"" हैं इस का अर्थ है कि परमेश्वर ने उन्हें पाप से शुद्ध कर दिया है। उन्हें मूसा के नियम के अनुसार शुद्ध होने से चिंतित होने की आवश्यकता नहीं है। अधर्मी जीवन अभी भी एक मसीही को अशुद्ध बना सकता है। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/clean]] और [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/lawofmoses]])

### निराशा और दुःख
इस अध्याय में ""दुखद"" और ""दुख"" शब्द संकेत करते हैं कि कुरिन्थियों को पश्चाताप करने तक परेशान थे। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/repent]])

## इस अध्याय में अन्य संभावित अनुवादिक कठिनाइयां

### हम

पौलुस सम्भवतः कम से कम तीमुथियुस और स्वयं का प्रतिनिधित्व करने के लिए सर्वनाम ""हम"" का उपयोग करता हैं। इसमें अन्य लोगों को भी सम्मिलित किया जा सकता है।

### मूल स्थिति

यह अध्याय विस्तार से पिछली स्थिति पर चर्चा करता है। हम इस अध्याय में लिखित सूचना से इस स्थिति के कुछ पहलुओं को समझ सकते हैं। लेकिन अनुवाद में इस प्रकार की अस्पष्ट सूचना को सम्मिलित करना उचित नहीं है। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-explicit]])
" +2CO 7 intro hg36 0 # 2 कुरिन्थियों 07 सामान्य टिप्पणियाँ
## संरचना और बाह्यरूप

पद 2-4 में, पौलुस अपना पक्ष समाप्त करता है। उसके बाद वह तीतुस की वापसी और आराम के बारे में लिखता है।

## इस अध्याय में विशेष अवधारणाएं

### शुद्ध और अशुद्ध

मसीही ""शुद्ध"" हैं इस का अर्थ है कि परमेश्वर ने उन्हें पाप से शुद्ध कर दिया है। उन्हें मूसा के नियम के अनुसार शुद्ध होने से चिंतित होने की आवश्यकता नहीं है। अधर्मी जीवन अभी भी एक मसीही को अशुद्ध बना सकता है। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/clean]] और [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/lawofmoses]])

### निराशा और दुःख
इस अध्याय में ""दुखद"" और ""दुख"" शब्द संकेत करते हैं कि कुरिन्थियों को पश्चाताप करने तक परेशान थे। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/repent]])

## इस अध्याय में अन्य संभावित अनुवादिक कठिनाइयां

### हम

पौलुस सम्भवतः कम से कम तीमुथियुस और स्वयं का प्रतिनिधित्व करने के लिए सर्वनाम ""हम"" का उपयोग करता हैं। इसमें अन्य लोगों को भी सम्मिलित किया जा सकता है।

### मूल स्थिति

यह अध्याय विस्तार से पिछली स्थिति पर चर्चा करता है। हम इस अध्याय में लिखित सूचना से इस स्थिति के कुछ पहलुओं को समझ सकते हैं। लेकिन अनुवाद में इस प्रकार की अस्पष्ट सूचना को सम्मिलित करना उचित नहीं है। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-explicit]])
2CO 7 1 e7t9 0 Connecting Statement: पौलुस उन्हें पाप से अलग होने और पवित्रता को उदेश्यपूर्वक ढूंढ़ने के लिए स्मरण दिलाता है। 2CO 7 1 h5xv ἀγαπητοί 1 Loved ones "तुम जिसे मैंने प्रेम किया या ""प्रिय मित्र""" 2CO 7 1 fv49 καθαρίσωμεν ἑαυτοὺς 1 let us cleanse ourselves यहां पौलुस किसी भी प्रकार के पाप से दूर रहने के लिए कह रहा है जो परमेश्वर के साथ किसी व्यक्ति के सम्बन्ध को प्रभावित करेगा। @@ -354,7 +354,7 @@ Book Chapter Verse ID SupportReference OrigQuote Occurrence GLQuote OccurrenceNo 2CO 7 15 d87j figs-abstractnouns τὴν πάντων ὑμῶν ὑπακοήν 1 the obedience of all of you "संज्ञा ""आज्ञाकारिता"" को ""आज्ञा मानो"" क्रिया के साथ कहा जा सकता है।"" वैकल्पिक अनुवाद: ""तुम सभी ने जैसे पालन किया"" (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-abstractnouns]])" 2CO 7 15 g9bz figs-doublet μετὰ φόβου καὶ τρόμου ἐδέξασθε αὐτόν 1 you welcomed him with fear and trembling "यहां ""भय"" और ""कांपना"" समान अर्थ बताते हैं और भय की प्रचंडता पर जोर देते हैं। वैकल्पिक अनुवाद: ""तुमने महान सम्मान के साथ उसका स्वागत किया"" (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-doublet]])" 2CO 7 15 q47h μετὰ φόβου καὶ τρόμου 1 with fear and trembling "संभावित अर्थ 1) ""परमेश्वर के लिए महान सम्मान के साथ"" या 2) ""तीतुस के लिए महान सम्मान के साथ।""" -2CO 8 intro kl7m 0 "# 2 कुरिन्थियों 08 सामान्य टिप्पणियाँ
## संरचना और बाह्यरूप

अध्याय 8 और 9 एक नया भाग आरम्भ करते हैं। पौलुस लिखता है कि कैसे यूनानी कलीसियाओं ने यरूशलेम में दरिद्र विश्वासियों की सहायता करी।

कुछ अनुवाद पुराने नियम के भागों को शेष पाठ की तुलना में पृष्ठ पर दाईं ओर रखते हैं। यूएलटी यह पद 15 के उद्धरण हुए शब्दों के साथ करता है।

## इस अध्याय में विशेष अवधारणाएं

### यरूशलेम में कलीसिया के लिए उपहार

कुरिन्थुस में कलीसिया ने यरूशलेम में गरीब विश्वासियों को पैसे देने की तैयारी करना आरम्भ कर दिया। मकिदुनिया में कलीसिया ने भी उदारता से दिया था। पौलुस ने कुरिन्थियों को उदारतापूर्वक देने के लिए तीतुस और दो अन्य विश्वासियों को कुरिन्थुस भेजा। पौलुस और अन्य लोग यरूशलेम पैसे ले जाएंगे। वे लोगों को यह बताना चाहते हैं कि यह निष्कपटता से किया जा रहा है।

## इस अध्याय में अन्य संभावित अनुवादिक कठिनाइयां

### हम

पौलुस सम्भवतः कम से कम तीमुथियुस और स्वयं का प्रतिनिधित्व करने के लिए सर्वनाम ""हम"" का उपयोग करता हैं। इसमें अन्य लोगों को भी सम्मिलित किया जा सकता है।

### विरोधाभास

""विरोधाभास"" एक सच्चा विवरण है जो कुछ असंभव को वर्णन करने के लिए प्रतीत होता है। पद 2 में ये शब्द एक विरोधाभास हैं: ""उनका आनंद और उनकी गरीबी की सीमा की बहुतायत ने उदारता के महान धन को उत्पन्न किया है।"" पद 3 में पौलुस बताता है कि उनकी गरीबी ने धन कैसे उत्पन्न किया है। पौलुस अन्य विरोधाभासों में धन और गरीबी का भी उपयोग करता है। ( [2 कुरिन्थियों 8:2](./02.md))
" +2CO 8 intro kl7m 0 # 2 कुरिन्थियों 08 सामान्य टिप्पणियाँ
## संरचना और बाह्यरूप

अध्याय 8 और 9 एक नया भाग आरम्भ करते हैं। पौलुस लिखता है कि कैसे यूनानी कलीसियाओं ने यरूशलेम में दरिद्र विश्वासियों की सहायता करी।

कुछ अनुवाद पुराने नियम के भागों को शेष पाठ की तुलना में पृष्ठ पर दाईं ओर रखते हैं। यूएलटी यह पद 15 के उद्धरण हुए शब्दों के साथ करता है।

## इस अध्याय में विशेष अवधारणाएं

### यरूशलेम में कलीसिया के लिए उपहार

कुरिन्थुस में कलीसिया ने यरूशलेम में गरीब विश्वासियों को पैसे देने की तैयारी करना आरम्भ कर दिया। मकिदुनिया में कलीसिया ने भी उदारता से दिया था। पौलुस ने कुरिन्थियों को उदारतापूर्वक देने के लिए तीतुस और दो अन्य विश्वासियों को कुरिन्थुस भेजा। पौलुस और अन्य लोग यरूशलेम पैसे ले जाएंगे। वे लोगों को यह बताना चाहते हैं कि यह निष्कपटता से किया जा रहा है।

## इस अध्याय में अन्य संभावित अनुवादिक कठिनाइयां

### हम

पौलुस सम्भवतः कम से कम तीमुथियुस और स्वयं का प्रतिनिधित्व करने के लिए सर्वनाम ""हम"" का उपयोग करता हैं। इसमें अन्य लोगों को भी सम्मिलित किया जा सकता है।

### विरोधाभास

""विरोधाभास"" एक सच्चा विवरण है जो कुछ असंभव को वर्णन करने के लिए प्रतीत होता है। पद 2 में ये शब्द एक विरोधाभास हैं: ""उनका आनंद और उनकी गरीबी की सीमा की बहुतायत ने उदारता के महान धन को उत्पन्न किया है।"" पद 3 में पौलुस बताता है कि उनकी गरीबी ने धन कैसे उत्पन्न किया है। पौलुस अन्य विरोधाभासों में धन और गरीबी का भी उपयोग करता है। ( [2 कुरिन्थियों 8:2](./02.md))
2CO 8 1 mm8g 0 Connecting Statement: अपनी बदली योजना और बदली सेवकाई की दिशा को समझाते हुए, पौलुस दान के बारे में बात करता है। 2CO 8 1 d1mj figs-activepassive τὴν χάριν τοῦ Θεοῦ τὴν δεδομένην ἐν ταῖς ἐκκλησίαις τῆς Μακεδονίας 1 the grace of God that has been given to the churches of Macedonia "इसे सक्रिय रूप में कहा जा सकता है। वैकल्पिक अनुवाद: ""परमेश्वर द्वारा मकिदुनिया की कलीसियाओं को दिया गया अनुग्रह"" (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-activepassive]])" 2CO 8 2 fsq8 figs-personification ἡ περισσεία τῆς χαρᾶς αὐτῶν καὶ ἡ κατὰ βάθους πτωχεία αὐτῶν, ἐπερίσσευσεν εἰς τὸ πλοῦτος τῆς ἁπλότητος αὐτῶν 1 the abundance of their joy and the extremity of their poverty have produced great riches of generosity "पौलुस ""आनंद"" और ""गरीबी"" की बात करता है जैसे कि वे ऐसी जीवित चीजें थीं जो उदारता उत्पन्न कर सकती हैं। वैकल्पिक अनुवाद: ""लोगों के महान आनंद और चरम गरीबी के कारण, वे बहुत उदार हो गए हैं"" (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-personification]])" @@ -469,7 +469,7 @@ Book Chapter Verse ID SupportReference OrigQuote Occurrence GLQuote OccurrenceNo 2CO 10 18 h81t ὁ ἑαυτὸν συνιστάνων 1 recommends himself "इसका मतलब यह है कि वह प्रत्येक सुननेवाले व्यक्ति के लिए यह तय करने के लिए पर्याप्त प्रमाण प्रदान करता है कि वह सही है या गलत है। देखें कि ""हमारी अनुशंसा करें"" का अनुवाद [2 कुरिन्थियों 4:2](../04/02.md) में कैसे किया गया है।" 2CO 10 18 n5v6 figs-activepassive ἐστιν δόκιμος 1 who is approved "इसे सक्रिय रूप में कहा जा सकता है। वैकल्पिक अनुवाद: ""जिसे प्रभु स्वीकृति देता है"" (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-activepassive]])" 2CO 10 18 sy2r figs-ellipsis ὃν ὁ Κύριος συνίστησιν 1 it is the one whom the Lord recommends "तुम समझी गई सूचना को स्पष्ट कर सकते हो। वैकल्पिक अनुवाद: ""जिसकी प्रभु अनुशंसा करता है उसे प्रभु स्वीकृति देता है"" (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-ellipsis]])" -2CO 11 intro abce 0 "# 2 कुरिन्थियों 11 सामान्य टिप्पणियाँ
## संरचना एवं स्वरूपण

इस अध्याय में, पौलुस अपने अधिकार का बचाव करना जारी रखता है।

## इस अध्याय में पाई जाने वाली विशेष अवधारणाएँ

### झूठी शिक्षा
कुरिन्थ के विश्वासी झूठे शिक्षकों को बहुत जल्दी स्वीकार कर लेते थे। उन शिक्षकों ने यीशु के बारे में और सुसमाचार के बारे में ऐसी शिक्षाएँ दीं जो अलग थीं और सत्य नहीं थीं। उन झूठे शिक्षकों के विपरीत, पौलुस ने बलिदानपूर्वक कुरिन्थ के विश्वासियों की सेवा की। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/goodnews]])

### ज्योति
नए नियम में रूपक के तौर पर ज्योति का उपयोग सामान्य रूप से किया गया है। पौलुस यहाँ ज्योति का उपयोग परमेश्वर के प्रकटीकरण और उसकी धार्मिकता की ओर संकेत करने हेतु करता है। अंधकार पाप को सम्बोधित करता है। पाप परमेश्वर से छिपे रहने की खोज में लगा रहता है। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/other/light]], [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/righteous]] और [[rc://hi/tw/dict/bible/other/darkness]] और [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/sin]])

## इस अध्याय में उपयोग होने वाले महत्वपूर्ण भाषा के अलंकार

### रूपक

पौलुस इस अध्याय का आरम्भ एक विस्तारित रूपक से करता है। वह अपनी तुलना एक दुल्हन के पिता से करता है जो उसके दुल्हे को एक शुद्ध और कुँवारी दुल्हन दे रहा है। सांस्कृतिक पृष्ठभूमि के अनुसार विवाह के अभ्यास बदलते हैं। लेकिन इस अनुच्छेद में किसी को परिपक्व और पवित्र बच्चे के रूप में पेश करने में मदद करने का विचार को स्पष्ट रूप से चित्रित किया गया है। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-metaphor]] और [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/holy]] और [[rc://hi/ta/man/translate/figs-explicit]])

### व्यंग्य

यह अध्याय व्यंग्य से भरा हुआ है। पौलुस अपनी व्यंग्य भरी बातों से कुरिन्थ के विश्वासियों को शर्मिन्दा करने की आशा कर रहा है।

""तो तुम्हारा सहना ठीक होता!"" पौलुस सोचता है कि जिस तरह से झूठे प्रेरितों ने उनके साथ व्यवहार किया उनको वह नहीं सहना चाहिए। पौलुस को नहीं लगता कि वे सचमुच में प्रेरित हैं।

यह कथन, ""तुम तो समझदार होकर आनन्द से मूर्खों की सह लेते हो!"" इसका अर्थ है कि कुरिन्थ के विश्वासी सोचते थे कि वे बहुत समझदार हैं लेकिन पौलुस इस बात से सहमत नहीं है।

""मेरा कहना अनादर की रीति पर है, मानो कि हम निर्बल थे।"" पौलुस ऐसे स्वभाव के बारे में कह रहा है जिसके विषय उसे लगता है कि इसे अनदेखा करना एकदम गलत है। वह ऐसे कह रहा है जैसे कि मानो ऐसा नहीं करने में वह भी गलत है। वह व्यंग्य रूप में एक आलंकारिक प्रश्न का उपयोग भी करता है। ""क्या इसमें मैंने कुछ पाप किया... और अपने आप को नीचा किया, कि तुम ऊँचे हो जाओ?"" (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-irony]] और [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/apostle]] और [[rc://hi/ta/man/translate/figs-rquestion]])

### आलंकारिक प्रश्न

झूठे प्रेरितों के श्रेष्ठ होने के अपने दावे को झूठा ठहराने में, पौलुस आलंकारिक प्रश्नों की एक श्रृंखला का उपयोग करता है। प्रत्येक प्रश्न के साथ एक उत्तर दिया गया है: ""क्या वे ही इब्रानी हैं? मैं भी हूँ। क्या वे ही इस्राएली हैं? मैं भी हूँ। क्या वे ही अब्राहम के वंश के हैं? मैं भी हूँ। क्या वे ही मसीह के सेवक हैं? (मैं पागल के समान कहता हूँ।) मैं उनसे बढ़कर हूँ।""

वह अपने मन फिराए हुए लोगों के सहानुभूति हेतु भी आलंकारिक प्रश्नों की एक श्रृंखला का उपयोग करता है: ""किस की निर्बलता से मैं निर्बल नहीं होता? किस के पाप में गिरने से मेरा जी नहीं दु:खता?""

### ""क्या वे ही मसीह के सेवक हैं?""
यह कटाक्ष है, मजाक उड़ाने या अपमानित करने हेतु एक विशेष प्रकार का व्यंग्य। पौलुस नहीं मानता कि ये झूठे प्रेरित वास्तव में मसीह की सेवा करते हैं, वरन वे केवल ऐसा करने का दिखावा करते हैं।

## इस अध्याय में अनुवाद की अन्य सम्भावित कठिनाइयाँ

### विरोधाभास

""विरोधाभास"" एक सत्य कथन है जो किसी असम्भव बात की व्याख्या करने हेतु प्रकट होता है। पद 30 का यह वाक्य एक विरोधाभास है: ""यदि घमण्ड करना अवश्य है, तो मैं अपनी निर्बलता की बातों पर घमण्ड करूँगा।"" पौलुस 2 कुरिन्थियों 12:9 तक यह नहीं बताता कि क्यों वह अपनी निर्बलता पर घमण्ड करेगा। ([2 कुरिन्थियों 11:30](./30.md))
" +2CO 11 intro abce 0 # 2 कुरिन्थियों 11 सामान्य टिप्पणियाँ
## संरचना एवं स्वरूपण

इस अध्याय में, पौलुस अपने अधिकार का बचाव करना जारी रखता है।

## इस अध्याय में पाई जाने वाली विशेष अवधारणाएँ

### झूठी शिक्षा
कुरिन्थ के विश्वासी झूठे शिक्षकों को बहुत जल्दी स्वीकार कर लेते थे। उन शिक्षकों ने यीशु के बारे में और सुसमाचार के बारे में ऐसी शिक्षाएँ दीं जो अलग थीं और सत्य नहीं थीं। उन झूठे शिक्षकों के विपरीत, पौलुस ने बलिदानपूर्वक कुरिन्थ के विश्वासियों की सेवा की। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/goodnews]])

### ज्योति
नए नियम में रूपक के तौर पर ज्योति का उपयोग सामान्य रूप से किया गया है। पौलुस यहाँ ज्योति का उपयोग परमेश्वर के प्रकटीकरण और उसकी धार्मिकता की ओर संकेत करने हेतु करता है। अंधकार पाप को सम्बोधित करता है। पाप परमेश्वर से छिपे रहने की खोज में लगा रहता है। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/other/light]], [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/righteous]] और [[rc://hi/tw/dict/bible/other/darkness]] और [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/sin]])

## इस अध्याय में उपयोग होने वाले महत्वपूर्ण भाषा के अलंकार

### रूपक

पौलुस इस अध्याय का आरम्भ एक विस्तारित रूपक से करता है। वह अपनी तुलना एक दुल्हन के पिता से करता है जो उसके दुल्हे को एक शुद्ध और कुँवारी दुल्हन दे रहा है। सांस्कृतिक पृष्ठभूमि के अनुसार विवाह के अभ्यास बदलते हैं। लेकिन इस अनुच्छेद में किसी को परिपक्व और पवित्र बच्चे के रूप में पेश करने में मदद करने का विचार को स्पष्ट रूप से चित्रित किया गया है। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-metaphor]] और [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/holy]] और [[rc://hi/ta/man/translate/figs-explicit]])

### व्यंग्य

यह अध्याय व्यंग्य से भरा हुआ है। पौलुस अपनी व्यंग्य भरी बातों से कुरिन्थ के विश्वासियों को शर्मिन्दा करने की आशा कर रहा है।

""तो तुम्हारा सहना ठीक होता!"" पौलुस सोचता है कि जिस तरह से झूठे प्रेरितों ने उनके साथ व्यवहार किया उनको वह नहीं सहना चाहिए। पौलुस को नहीं लगता कि वे सचमुच में प्रेरित हैं।

यह कथन, ""तुम तो समझदार होकर आनन्द से मूर्खों की सह लेते हो!"" इसका अर्थ है कि कुरिन्थ के विश्वासी सोचते थे कि वे बहुत समझदार हैं लेकिन पौलुस इस बात से सहमत नहीं है।

""मेरा कहना अनादर की रीति पर है, मानो कि हम निर्बल थे।"" पौलुस ऐसे स्वभाव के बारे में कह रहा है जिसके विषय उसे लगता है कि इसे अनदेखा करना एकदम गलत है। वह ऐसे कह रहा है जैसे कि मानो ऐसा नहीं करने में वह भी गलत है। वह व्यंग्य रूप में एक आलंकारिक प्रश्न का उपयोग भी करता है। ""क्या इसमें मैंने कुछ पाप किया... और अपने आप को नीचा किया, कि तुम ऊँचे हो जाओ?"" (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-irony]] और [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/apostle]] और [[rc://hi/ta/man/translate/figs-rquestion]])

### आलंकारिक प्रश्न

झूठे प्रेरितों के श्रेष्ठ होने के अपने दावे को झूठा ठहराने में, पौलुस आलंकारिक प्रश्नों की एक श्रृंखला का उपयोग करता है। प्रत्येक प्रश्न के साथ एक उत्तर दिया गया है: ""क्या वे ही इब्रानी हैं? मैं भी हूँ। क्या वे ही इस्राएली हैं? मैं भी हूँ। क्या वे ही अब्राहम के वंश के हैं? मैं भी हूँ। क्या वे ही मसीह के सेवक हैं? (मैं पागल के समान कहता हूँ।) मैं उनसे बढ़कर हूँ।""

वह अपने मन फिराए हुए लोगों के सहानुभूति हेतु भी आलंकारिक प्रश्नों की एक श्रृंखला का उपयोग करता है: ""किस की निर्बलता से मैं निर्बल नहीं होता? किस के पाप में गिरने से मेरा जी नहीं दु:खता?""

### ""क्या वे ही मसीह के सेवक हैं?""
यह कटाक्ष है, मजाक उड़ाने या अपमानित करने हेतु एक विशेष प्रकार का व्यंग्य। पौलुस नहीं मानता कि ये झूठे प्रेरित वास्तव में मसीह की सेवा करते हैं, वरन वे केवल ऐसा करने का दिखावा करते हैं।

## इस अध्याय में अनुवाद की अन्य सम्भावित कठिनाइयाँ

### विरोधाभास

""विरोधाभास"" एक सत्य कथन है जो किसी असम्भव बात की व्याख्या करने हेतु प्रकट होता है। पद 30 का यह वाक्य एक विरोधाभास है: ""यदि घमण्ड करना अवश्य है, तो मैं अपनी निर्बलता की बातों पर घमण्ड करूँगा।"" पौलुस 2 कुरिन्थियों 12:9 तक यह नहीं बताता कि क्यों वह अपनी निर्बलता पर घमण्ड करेगा। ([2 कुरिन्थियों 11:30](./30.md))
2CO 11 1 t7ks 0 Connecting Statement: पौलुस अपने प्रेरिताई को दृढ़ता से बनाए रखता है। 2CO 11 1 r4q6 ἀνείχεσθέ μου μικρόν τι ἀφροσύνης 1 put up with me in some foolishness मुझे मूर्ख की तरह काम करने दें 2CO 11 2 m6vl ζηλῶ…ζήλῳ 1 jealous ... jealousy ये शब्द एक भली, बलवंत इच्छा के बारे में बोलते हैं कि कुरिन्थियों के लोग मसीह के प्रति विश्वासयोग्य हो, और कोई भी उन्हें उसे छोड़ने के लिए न समझाए। @@ -541,7 +541,7 @@ Book Chapter Verse ID SupportReference OrigQuote Occurrence GLQuote OccurrenceNo 2CO 11 32 j7de πιάσαι με 1 to arrest me ताकि वे मुझे पकड़ ले और बंधक बना ले 2CO 11 33 i8xa figs-activepassive ἐν σαργάνῃ, ἐχαλάσθην 1 I was lowered in a basket "इसे सक्रिय रूप में कहा जा सकता है। वैकल्पिक अनुवाद: ""कुछ लोगों ने मुझे एक टोकरे में रखा और मुझे जमीन पर उतार दिया"" (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-activepassive]])" 2CO 11 33 aw7d figs-metonymy τὰς χεῖρας αὐτοῦ 1 from his hands "पौलुस राज्यपाल के हाथों को अलंकार के रूप में राज्यपाल के लिए उपयोग करता है। वैकल्पिक अनुवाद: ""राज्यपाल से"" (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-metonymy]])" -2CO 12 intro abcf 0 "# 2 कुरिन्थियों 12 सामान्य टिप्पणियाँ
## संरचना एवं स्वरूपण

इस अध्याय में भी पौलुस अपने अधिकार का बचाव करना जारी रखता है।

जब पौलुस कुरिन्थ के विश्वासियों के साथ था, उसने कई सामर्थी कामों को करने के द्वारा अपना एक प्रेरित होना साबित किया। उसने उनसे कभी भी कुछ भी नहीं लिया। अब जब वह तीसरी बार आ रहा है, तो इस बार भी वह कुछ नहीं लेगा। वह आशा करता है कि जब वह उनसे मिलेगा तो उसे उनके साथ कठोर होने की आवश्यकता नहीं होगी। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/apostle]])

## इस अध्याय में पाई जाने वाली विशेष अवधारणाएँ

### पौलुस का दर्शन

पौलुस स्वर्ग के एक अद्भुत दर्शन के बारे में बताने के द्वारा अपने अधिकार का बचाव करता है। यद्यपि पद 2-5 में वह तृतीय पुरुष में बात करता है, पद 7 यह संकेत देता है कि वह ही वह व्यक्ति है जिसने इस दर्शन को देखा था। यह बहुत अच्छा है कि परमेश्वर ने उसे विनम्र रहने हेतु एक शारीरिक कष्ट दिया। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/heaven]])

### तीसरे स्वर्ग
बहुत से विद्वान यह मानते हैं कि ""तीसरा"" स्वर्ग परमेश्वर का निवासस्थान है। ऐसा इसलिए है क्योंकि पवित्रशास्त्र भी आकाश का संदर्भ देने के लिए ""स्वर्ग"" का उपयोग करता है (""पहला"" स्वर्ग) और आकाशमंडल (""दूसरा"" स्वर्ग)।

## इस अध्याय में उपयोग होने वाले महत्वपूर्ण भाषा के अलंकार

### आलंकारिक प्रश्न

पौलुस उस पर दोष लगाने वाले उसके शत्रुओं से अपना बचाव करने हेतु बहुत से आलंकारिक प्रश्नों का उपयोग करता है: ""तुम कौन सी बात में और कलीसियाओं से कम थे, केवल इसमें कि मैंने तुम पर अपना भार न रखा?"" ""तो क्या तीतुस ने छल करके तुम से कुछ लिया? क्या हम एक ही आत्मा के चलाए न चले? क्या हम एक ही लीक पर न चले?"" और ""तुम अभी तक समझ रहे होंगे कि हम तुम्हारे सामने प्रत्युत्तर दे रहे हैं?"" (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-rquestion]])

### कटाक्ष

पौलुस कटाक्ष का उपयोग करता है, एक विशेष प्रकार का व्यंग्य, जब वह उनको स्मरण दिलाता है कि कैसे उसने बिना किसी लाभ के उनकी सहायता की थी। वह कहता है, ""मेरा यह अन्याय क्षमा करो!"" वह एक नियमित व्यंग्य का भी उपयोग करता है जब वह कहता है: ""परन्तु चतुराई से तुम्हें धोखा देकर फँसा लिया।"" वह उसके ऊपर लगाए गए आरोप से अपने बचाव हेतु यह दर्शाने के लिए इसका उपयोग करता है कि सच्चा होना कितना असम्भव था। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-irony]])

## इस अध्याय में अनुवाद की अन्य सम्भावित कठिनाइयाँ

### विरोधाभास

""विरोधाभास"" एक सत्य कथन है जो किसी असम्भव बात की व्याख्या करने हेतु प्रकट होता है। पद 5 का यह वाक्य एक विरोधाभास है: ""...अपनी निर्बलताओं को छोड़, मैं अपने विषय में घमण्ड न करूँगा।"" बहुत से लोग अपने निर्बल होने पर घमण्ड नहीं करते हैं। पद 10 का यह वाक्य भी एक विरोधाभास है: ""क्योंकि जब मैं निर्बल होता हूँ, तभी बलवंत होता हूँ।"" पद 9 में, पौलुस बताता है कि यह दोनों ही कथन सत्य क्यों हैं। ([2 कुरिन्थियों 12:5](./05.md))
" +2CO 12 intro abcf 0 # 2 कुरिन्थियों 12 सामान्य टिप्पणियाँ
## संरचना एवं स्वरूपण

इस अध्याय में भी पौलुस अपने अधिकार का बचाव करना जारी रखता है।

जब पौलुस कुरिन्थ के विश्वासियों के साथ था, उसने कई सामर्थी कामों को करने के द्वारा अपना एक प्रेरित होना साबित किया। उसने उनसे कभी भी कुछ भी नहीं लिया। अब जब वह तीसरी बार आ रहा है, तो इस बार भी वह कुछ नहीं लेगा। वह आशा करता है कि जब वह उनसे मिलेगा तो उसे उनके साथ कठोर होने की आवश्यकता नहीं होगी। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/apostle]])

## इस अध्याय में पाई जाने वाली विशेष अवधारणाएँ

### पौलुस का दर्शन

पौलुस स्वर्ग के एक अद्भुत दर्शन के बारे में बताने के द्वारा अपने अधिकार का बचाव करता है। यद्यपि पद 2-5 में वह तृतीय पुरुष में बात करता है, पद 7 यह संकेत देता है कि वह ही वह व्यक्ति है जिसने इस दर्शन को देखा था। यह बहुत अच्छा है कि परमेश्वर ने उसे विनम्र रहने हेतु एक शारीरिक कष्ट दिया। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/heaven]])

### तीसरे स्वर्ग
बहुत से विद्वान यह मानते हैं कि ""तीसरा"" स्वर्ग परमेश्वर का निवासस्थान है। ऐसा इसलिए है क्योंकि पवित्रशास्त्र भी आकाश का संदर्भ देने के लिए ""स्वर्ग"" का उपयोग करता है (""पहला"" स्वर्ग) और आकाशमंडल (""दूसरा"" स्वर्ग)।

## इस अध्याय में उपयोग होने वाले महत्वपूर्ण भाषा के अलंकार

### आलंकारिक प्रश्न

पौलुस उस पर दोष लगाने वाले उसके शत्रुओं से अपना बचाव करने हेतु बहुत से आलंकारिक प्रश्नों का उपयोग करता है: ""तुम कौन सी बात में और कलीसियाओं से कम थे, केवल इसमें कि मैंने तुम पर अपना भार न रखा?"" ""तो क्या तीतुस ने छल करके तुम से कुछ लिया? क्या हम एक ही आत्मा के चलाए न चले? क्या हम एक ही लीक पर न चले?"" और ""तुम अभी तक समझ रहे होंगे कि हम तुम्हारे सामने प्रत्युत्तर दे रहे हैं?"" (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-rquestion]])

### कटाक्ष

पौलुस कटाक्ष का उपयोग करता है, एक विशेष प्रकार का व्यंग्य, जब वह उनको स्मरण दिलाता है कि कैसे उसने बिना किसी लाभ के उनकी सहायता की थी। वह कहता है, ""मेरा यह अन्याय क्षमा करो!"" वह एक नियमित व्यंग्य का भी उपयोग करता है जब वह कहता है: ""परन्तु चतुराई से तुम्हें धोखा देकर फँसा लिया।"" वह उसके ऊपर लगाए गए आरोप से अपने बचाव हेतु यह दर्शाने के लिए इसका उपयोग करता है कि सच्चा होना कितना असम्भव था। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-irony]])

## इस अध्याय में अनुवाद की अन्य सम्भावित कठिनाइयाँ

### विरोधाभास

""विरोधाभास"" एक सत्य कथन है जो किसी असम्भव बात की व्याख्या करने हेतु प्रकट होता है। पद 5 का यह वाक्य एक विरोधाभास है: ""...अपनी निर्बलताओं को छोड़, मैं अपने विषय में घमण्ड न करूँगा।"" बहुत से लोग अपने निर्बल होने पर घमण्ड नहीं करते हैं। पद 10 का यह वाक्य भी एक विरोधाभास है: ""क्योंकि जब मैं निर्बल होता हूँ, तभी बलवंत होता हूँ।"" पद 9 में, पौलुस बताता है कि यह दोनों ही कथन सत्य क्यों हैं। ([2 कुरिन्थियों 12:5](./05.md))
2CO 12 1 iwn3 0 Connecting Statement: परमेश्वर से अपने प्रेरिताई की रक्षा में, पौलुस विश्वासी बनने के बाद उसके साथ घटित विशिष्ट चीजों को बताता है। 2CO 12 1 iur3 ἐλεύσομαι 1 I will go on to मैं बात करता रहूँगा, लेकिन अभी के बारे में 2CO 12 1 rb42 figs-hendiadys ὀπτασίας καὶ ἀποκαλύψεις Κυρίου 1 visions and revelations from the Lord "संभावित अर्थ 1) पौलुस जोर देने के लिए अलंकार में एक ही चीज़ का अर्थ ""दर्शन"" और ""प्रकाशन"" शब्द का उपयोग करता है। वैकल्पिक अनुवाद: ""चीजें जिन्हें परमेश्वर ने सिर्फ मुझे देखने की अनुमति दी है"" या 2) पौलुस दो अलग चीजों की बात कर रहा है। वैकल्पिक अनुवाद: ""गुप्त चीजें जिन्हें परमेश्वर ने मुझे अपनी आंखों से देखने दिया और अन्य रहस्य जो उसने मुझे बताया है"" (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-hendiadys]])" @@ -609,7 +609,7 @@ Book Chapter Verse ID SupportReference OrigQuote Occurrence GLQuote OccurrenceNo 2CO 12 21 rh22 figs-abstractnouns ἐπὶ τῇ ἀκαθαρσίᾳ 1 of the impurity "भाववाचक संज्ञा अशुद्धता का अनुवाद ""उन चीज़ों के रूप में किया जा सकता है जो परमेश्वर को प्रसन्न नहीं करते हैं।"" वैकल्पिक अनुवाद: ""गुप्त रूप से उन चीज़ों के बारे में सोचना और उनकी इच्छा रखना जो परमेश्वर को प्रसन्न नहीं करता हैं"" (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-abstractnouns]])" 2CO 12 21 rn6u figs-abstractnouns ἐπὶ τῇ…πορνείᾳ 1 of the ... sexual immorality "भाववाचक संज्ञा ""अनैतिकता"" का अनुवाद अनैतिक काम जैसे किया जा सकता है। वैकल्पिक अनुवाद: ""यौन अनैतिक काम करने का"" (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-abstractnouns]]) " 2CO 12 21 yyr5 figs-abstractnouns ἐπὶ τῇ…ἀσελγείᾳ 1 of the ... lustful indulgence "भाववाचक संज्ञा ""दयालुता"" का अनुवाद एक क्रिया वाक्यांश का उपयोग करके किया जा सकता है। वैकल्पिक अनुवाद: ""... उन चीजों को करना जो अनैतिक यौन इच्छा को पूरा करते हैं"" (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-abstractnouns]])" -2CO 13 intro abcg 0 "# 2 कुरिन्थियों 13 सामान्य टिप्पणियाँ
## संरचना एवं स्वरूपण

इस अध्याय में, पौलुस अपने अधिकार का बचाव करना समाप्त करता है। फिर वह अंतिम अभिवादन तथा आशीर्वाद से पत्री का समापन करता है।

## इस अध्याय में पाई जाने वाली विशेष अवधारणाएँ

### तैयारी
पौलुस कुरिन्थ के विश्वासियों को निर्देश देता है जब वह उनके पास जाने की तैयारी करता है। वह कलीसिया के किसी भी जन को अनुशासित करने की आवश्यकता न पड़ने की आशा कर रहा है ताकि वह उनसे आनन्द के साथ मिल सके। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/disciple]])

## इस अध्याय में अनुवाद की अन्य सम्भावित कठिनाइयाँ
### सामर्थ्य तथा निर्बलता
इस अध्याय में पौलुस बार-बार इन विषम शब्दों ""सामर्थ्य"" तथा ""निर्बलता"" का उपयोग करता है। अनुवादकों को ऐसे शब्दों का उपयोग करना चाहिए जो एक दूसरे के विपरीत में समझे जाएँ।

### ""अपने आप को परखो, कि विश्वास में हो कि नहीं; अपने आप को जाँचो।""
इन वाक्यों के अर्थ पर विद्वान लोगों में मतभेद है। कुछ विद्वान कहते हैं कि मसीही लोगों को स्वयं को जाँचना है कि उनकी गतिविधियाँ उनके मसीही विश्वास के अनुसार सही हैं या नहीं। मूलपाठ इस बात का समर्थन करता है। अन्य कहते हैं कि इन वाक्यों के अर्थ है कि मसीही लोगों को अपनी गतिविधियों पर ध्यान देना चाहिए और यह प्रश्न करना चाहिए कि क्या वे सच में उद्धार पाए हुए हैं। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/faith]] और [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/save]])
" +2CO 13 intro abcg 0 # 2 कुरिन्थियों 13 सामान्य टिप्पणियाँ
## संरचना एवं स्वरूपण

इस अध्याय में, पौलुस अपने अधिकार का बचाव करना समाप्त करता है। फिर वह अंतिम अभिवादन तथा आशीर्वाद से पत्री का समापन करता है।

## इस अध्याय में पाई जाने वाली विशेष अवधारणाएँ

### तैयारी
पौलुस कुरिन्थ के विश्वासियों को निर्देश देता है जब वह उनके पास जाने की तैयारी करता है। वह कलीसिया के किसी भी जन को अनुशासित करने की आवश्यकता न पड़ने की आशा कर रहा है ताकि वह उनसे आनन्द के साथ मिल सके। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/disciple]])

## इस अध्याय में अनुवाद की अन्य सम्भावित कठिनाइयाँ
### सामर्थ्य तथा निर्बलता
इस अध्याय में पौलुस बार-बार इन विषम शब्दों ""सामर्थ्य"" तथा ""निर्बलता"" का उपयोग करता है। अनुवादकों को ऐसे शब्दों का उपयोग करना चाहिए जो एक दूसरे के विपरीत में समझे जाएँ।

### ""अपने आप को परखो, कि विश्वास में हो कि नहीं; अपने आप को जाँचो।""
इन वाक्यों के अर्थ पर विद्वान लोगों में मतभेद है। कुछ विद्वान कहते हैं कि मसीही लोगों को स्वयं को जाँचना है कि उनकी गतिविधियाँ उनके मसीही विश्वास के अनुसार सही हैं या नहीं। मूलपाठ इस बात का समर्थन करता है। अन्य कहते हैं कि इन वाक्यों के अर्थ है कि मसीही लोगों को अपनी गतिविधियों पर ध्यान देना चाहिए और यह प्रश्न करना चाहिए कि क्या वे सच में उद्धार पाए हुए हैं। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/faith]] और [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/save]])
2CO 13 1 y8fz 0 Connecting Statement: पौलुस ने स्थापित किया कि मसीह उसके माध्यम से बात कर रहा है और पौलुस उन्हें पुनःस्थापित करना, प्रोत्साहित करना और उन्हें एकजुट करना चाहता है। 2CO 13 1 slj1 figs-activepassive ἐπὶ στόματος δύο μαρτύρων καὶ τριῶν σταθήσεται πᾶν ῥῆμα 1 Every accusation must be established by the evidence of two or three witnesses "इसे सक्रिय के रूप में कहा जा सकता है। वैकल्पिक अनुवाद: ""जब किसी व्यक्ति के गलत काम सिद्ध करने के लिए दो या तीन लोग एक ही बात कहे तब विश्वास करें"" (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-activepassive]])" 2CO 13 2 fxl6 τοῖς λοιποῖς πᾶσιν 1 all the rest तुम सभी अन्य लोग diff --git a/hi_tn_49-GAL.tsv b/hi_tn_49-GAL.tsv index 0d6082d..b983f0f 100644 --- a/hi_tn_49-GAL.tsv +++ b/hi_tn_49-GAL.tsv @@ -1,5 +1,5 @@ Book Chapter Verse ID SupportReference OrigQuote Occurrence GLQuote OccurrenceNote -GAL front intro i6u9 0 "# गलातियों का परिचय
## भाग 1: सामान्य परिचय

### गलातियों की पत्री की रूपरेखा

1। पौलुस यीशु मसीह के प्रेरित होने के अपने अधिकार की घोषणा करता है; वह कहता है कि वह इस बात से अचम्भित है कि गलातिया के मसीहियों ने अन्य लोगों से झूठी शिक्षाओं को ग्रहण कर लिया है (1:1-10).
1। पौलुस कहता है कि लोग सिर्फ मसीह में विश्वास करने के द्वारा उद्धार पाते हैं, व्यवस्था का पालन करने के द्वारा नहीं (1:11-2:21).
1। परमेश्वर लोगों को अपने साथ तभी सही सम्बन्धों में रखते हैं जब वे मसीह में विश्वास करते हैं; अब्राहम का उदाहरण; जो श्राप व्यवस्था लाती है (और वह कोई उद्धार का साधन नहीं है); दासत्व और स्वतंत्रता की हाजिरा और सारा के द्वारा तुलना की गई है और दर्शाया गया है (3:1-4:31).
1। जब लोग मसीह से जुड़े होते हैं, वे मूसा की व्यवस्था के पालन के बंधन से स्वतंत्र हो जाते हैं। जैसा पवित्र आत्मा उन्हें मार्गदर्शन करते हैं वे वैसा जीवन जीने के लिए भी स्वतंत्र हो जाते हैं। वे पाप की माँगों का इंकार करने के लिए भी स्वतंत्र हो जाते हैं। वे एक दूसरे का बोझ उठाने के लिए स्वतंत्र हो जाते हैं (5:1-6:10).
1। पौलुस मसीहियों को चेतावनी देता है कि खतना कराने और मूसा की व्यवस्था पर भरोसा न रखें। इसके बजाय, उन्हें मसीह में भरोसा रखना चाहिए (6:11-18)।

### गलातियों की पत्री किसने लिखी?

तरसुस शहर का रहने वाला पौलुस इसका लेखक था। वह अपने प्रारम्भिक जीवन काल में शाऊल कहलाता था। एक मसीही बनने से पहले, पौलुस एक फरीसी था। वह मसीही लोगों को सताता था। यीशु मसीह में विश्वास करने के बाद, उसने पूरे रोमी साम्राज्य में यीशु के बारे में बताते हुए अनेक यात्राएँ कीं।

यह अनिश्चित है कि उसने यह पत्री कब लिखी और यह कि जब उसने यह पत्री लिखी तो उस समय वह कहाँ था। कुछ विद्वान सोचते हैं कि यीशु के बारे में लोगों को बताने के लिए जब उसने दूसरी बार यात्रा की थी और जब वह इफिसुस में था तब उसने यह पत्री लिखी। अन्य विद्वान सोचते हैं कि पहली यात्रा के तुरंत बाद जब वह सीरिया के अन्ताकिया शहर में था तब उसने यह पत्र लिखा।

### गलातियों की पत्री किस बारे में है?

पौलुस ने यह पत्री गलातिया क्षेत्र में पाए जाने वाले यहूदी और गैर-यहूदी दोनों ही प्रकार के मसीहियों के लिए लिखी थी। उसने यह पत्री उन झूठे शिक्षकों के विरुद्ध लिखी जो कहते थे कि मसीहियों को मूसा की व्यवस्था का पालन करना अवश्य है। पौलुस सुसमाचार का बचाव करता है कि एक व्यक्ति यीशु मसीह में विश्वास करने के द्वारा उद्धार पाता है। लोगों का उद्धार इसलिए होता है क्योंकि परमेश्वर दयालु है और इसलिए नहीं कि लोग अच्छे काम करते हैं। कोई भी व्यक्ति पूर्णतः व्यवस्था का पालन नहीं कर सकता। मूसा की व्यवस्था का पालन करके परमेश्वर को प्रसन्न करने के किसी भी प्रयास का परिणाम सिर्फ इतना होगा कि परमेश्वर उन्हें दोषी ठहराएँगे। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/goodnews]], [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/save]], [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/faith]] और [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/lawofmoses]] और [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/works]])

### इस पुस्तक के शीर्षक का अनुवाद कैसे होना चाहिए?

अनुवादक इस पुस्तक को इसके परम्परागत शीर्षक, “गलातियों की पत्री” के नाम से पुकार सकते हैं। या फिर वे कोई स्पष्ट शीर्षक चुन सकते हैं, जैसे कि “गलातिया की कलीसिया को पौलुस का पत्र.” (देखे: )

## भाग 2: महत्वपूर्ण धार्मिक और सांस्कृतिक सिद्धांत

### “यहूदियों की तरह जीवन जीने” का क्या अर्थ है (2:14)?

“यहूदियों की तरह जीवन जीने” का अर्थ है मूसा की व्यवस्था का पालन करना, चाहे कोई मसीह पर भरोसा करता हो। प्रारम्भिक मसीहियों में से जो लोग यह सिखाते थे कि यह जरूरी था वे “यहूदी मत वाले” कहलाते थे.

## भाग 3: महत्वपूर्ण अनुवाद के मुद्दे

### पौलुस ‘व्यवस्था” और “अनुग्रह” शब्दों का उपयोग गलातियों की पत्री में किस तरह करता है?

ये शब्द गलातियों की पत्री में विशिष्ट तरीके से प्रयुक्त किए गए हैं। गलातियों की पत्री में मसीही जीवन के बारे में एक महत्वपूर्ण शिक्षा है। मूसा की व्यवस्था के अंतर्गत, धार्मिकता के लिए एक व्यक्ति को कुछ नियमों और कानूनों का पालन करना आवश्यक होता था। मसीही के लिए, पवित्र जीवन अनुग्रह के द्वारा प्रेरित होता है। इसका अर्थ है मसीही लोगों के पास मसीह में स्वतंत्रता होती है और उन्हें कुछ विशेष नियमों के पालन की आवश्यकता नहीं होती। जबकि, मसीही लोगों को एक पवित्र जीवन जीना होता है क्योंकि वे परमेश्वर के प्रति बहुत ही आभारी होते हैं कि वह उनके प्रति बहुत ही दयालु रहे हैं। इसे “मसीह का नियम” कहते हैं. (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/righteous]] और [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/holy]])

### “मसीह में,” “प्रभु में,” इत्यादि अभिव्यक्तियों से पौलुस का क्या तात्पर्य है?

इस तरह की अभिव्यक्तियाँ 1:22; 2:4, 17; 3:14, 26, 28; 5:6, 10। पौलुस मसीह और विश्वासियों के मध्य एक बहुत ही निकट सम्बन्ध के विचार को प्रगट करना चाहता है। उसी समय उसका तात्पर्य अन्य अर्थों से भी है। उदाहरण के लिए देखें, “जब हम मसीह में स्वयं को धर्मी ठहराए जाने के लिए परमेश्वर की ओर देखते हैं” (2:17), यहाँ पौलुस मसीह के द्वारा धर्मी ठहराए जाने के बारे में बात करता है।

इस प्रकार की अन्य अभिव्यक्तियों और विस्तृत वर्णन के लिए कृपया रोमियों की पत्री के परिचय को देखें।

### गलातियों की पुस्तक के मुख्य मुद्दे क्या हैं?

* “मूर्ख गलातियों, तुम्हें किसकी बुरी आंख ने नुकसान पहुंचाया है? क्या यीशु मसीह को आपकी आँखों के समक्ष क्रूस पर नहीं चढ़ाया गया था"" (3:1)? यूएलटी, यूएसटी तथा अन्य आधुनिक संस्करणों में यह लिखा है। यद्यपि, बाइबल के पुराने संस्करणों में यह जोड़ा गया है, “[ताकि] तुम सत्य का अनुसरण न कर सको।” अनुवादकों को यह सलाह दी जाती है कि वे इन अभिव्यक्तियों का उपयोग न करें। तथापि, यदि अनुवादक के क्षेत्र में ऐसे पुराने बाइबल संस्करण उपलब्ध हैं जिनमें यह वाक्यांश है तो वे उसे शामिल कर सकते हैं। यदि इसका अनुवाद हो जाता है तो उन्हें वर्ग कोष्ठकों के अन्दर रखना चाहिए ([]) ताकि यह बताया जा सके कि यह मूल गलातियों में शायद नहीं है। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/translate-textvariants]])

(देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/translate-textvariants]])
" +GAL front intro i6u9 0 # गलातियों का परिचय
## भाग 1: सामान्य परिचय

### गलातियों की पत्री की रूपरेखा

1। पौलुस यीशु मसीह के प्रेरित होने के अपने अधिकार की घोषणा करता है; वह कहता है कि वह इस बात से अचम्भित है कि गलातिया के मसीहियों ने अन्य लोगों से झूठी शिक्षाओं को ग्रहण कर लिया है (1:1-10).
1। पौलुस कहता है कि लोग सिर्फ मसीह में विश्वास करने के द्वारा उद्धार पाते हैं, व्यवस्था का पालन करने के द्वारा नहीं (1:11-2:21).
1। परमेश्वर लोगों को अपने साथ तभी सही सम्बन्धों में रखते हैं जब वे मसीह में विश्वास करते हैं; अब्राहम का उदाहरण; जो श्राप व्यवस्था लाती है (और वह कोई उद्धार का साधन नहीं है); दासत्व और स्वतंत्रता की हाजिरा और सारा के द्वारा तुलना की गई है और दर्शाया गया है (3:1-4:31).
1। जब लोग मसीह से जुड़े होते हैं, वे मूसा की व्यवस्था के पालन के बंधन से स्वतंत्र हो जाते हैं। जैसा पवित्र आत्मा उन्हें मार्गदर्शन करते हैं वे वैसा जीवन जीने के लिए भी स्वतंत्र हो जाते हैं। वे पाप की माँगों का इंकार करने के लिए भी स्वतंत्र हो जाते हैं। वे एक दूसरे का बोझ उठाने के लिए स्वतंत्र हो जाते हैं (5:1-6:10).
1। पौलुस मसीहियों को चेतावनी देता है कि खतना कराने और मूसा की व्यवस्था पर भरोसा न रखें। इसके बजाय, उन्हें मसीह में भरोसा रखना चाहिए (6:11-18)।

### गलातियों की पत्री किसने लिखी?

तरसुस शहर का रहने वाला पौलुस इसका लेखक था। वह अपने प्रारम्भिक जीवन काल में शाऊल कहलाता था। एक मसीही बनने से पहले, पौलुस एक फरीसी था। वह मसीही लोगों को सताता था। यीशु मसीह में विश्वास करने के बाद, उसने पूरे रोमी साम्राज्य में यीशु के बारे में बताते हुए अनेक यात्राएँ कीं।

यह अनिश्चित है कि उसने यह पत्री कब लिखी और यह कि जब उसने यह पत्री लिखी तो उस समय वह कहाँ था। कुछ विद्वान सोचते हैं कि यीशु के बारे में लोगों को बताने के लिए जब उसने दूसरी बार यात्रा की थी और जब वह इफिसुस में था तब उसने यह पत्री लिखी। अन्य विद्वान सोचते हैं कि पहली यात्रा के तुरंत बाद जब वह सीरिया के अन्ताकिया शहर में था तब उसने यह पत्र लिखा।

### गलातियों की पत्री किस बारे में है?

पौलुस ने यह पत्री गलातिया क्षेत्र में पाए जाने वाले यहूदी और गैर-यहूदी दोनों ही प्रकार के मसीहियों के लिए लिखी थी। उसने यह पत्री उन झूठे शिक्षकों के विरुद्ध लिखी जो कहते थे कि मसीहियों को मूसा की व्यवस्था का पालन करना अवश्य है। पौलुस सुसमाचार का बचाव करता है कि एक व्यक्ति यीशु मसीह में विश्वास करने के द्वारा उद्धार पाता है। लोगों का उद्धार इसलिए होता है क्योंकि परमेश्वर दयालु है और इसलिए नहीं कि लोग अच्छे काम करते हैं। कोई भी व्यक्ति पूर्णतः व्यवस्था का पालन नहीं कर सकता। मूसा की व्यवस्था का पालन करके परमेश्वर को प्रसन्न करने के किसी भी प्रयास का परिणाम सिर्फ इतना होगा कि परमेश्वर उन्हें दोषी ठहराएँगे। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/goodnews]], [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/save]], [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/faith]] और [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/lawofmoses]] और [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/works]])

### इस पुस्तक के शीर्षक का अनुवाद कैसे होना चाहिए?

अनुवादक इस पुस्तक को इसके परम्परागत शीर्षक, “गलातियों की पत्री” के नाम से पुकार सकते हैं। या फिर वे कोई स्पष्ट शीर्षक चुन सकते हैं, जैसे कि “गलातिया की कलीसिया को पौलुस का पत्र.” (देखे: )

## भाग 2: महत्वपूर्ण धार्मिक और सांस्कृतिक सिद्धांत

### “यहूदियों की तरह जीवन जीने” का क्या अर्थ है (2:14)?

“यहूदियों की तरह जीवन जीने” का अर्थ है मूसा की व्यवस्था का पालन करना, चाहे कोई मसीह पर भरोसा करता हो। प्रारम्भिक मसीहियों में से जो लोग यह सिखाते थे कि यह जरूरी था वे “यहूदी मत वाले” कहलाते थे.

## भाग 3: महत्वपूर्ण अनुवाद के मुद्दे

### पौलुस ‘व्यवस्था” और “अनुग्रह” शब्दों का उपयोग गलातियों की पत्री में किस तरह करता है?

ये शब्द गलातियों की पत्री में विशिष्ट तरीके से प्रयुक्त किए गए हैं। गलातियों की पत्री में मसीही जीवन के बारे में एक महत्वपूर्ण शिक्षा है। मूसा की व्यवस्था के अंतर्गत, धार्मिकता के लिए एक व्यक्ति को कुछ नियमों और कानूनों का पालन करना आवश्यक होता था। मसीही के लिए, पवित्र जीवन अनुग्रह के द्वारा प्रेरित होता है। इसका अर्थ है मसीही लोगों के पास मसीह में स्वतंत्रता होती है और उन्हें कुछ विशेष नियमों के पालन की आवश्यकता नहीं होती। जबकि, मसीही लोगों को एक पवित्र जीवन जीना होता है क्योंकि वे परमेश्वर के प्रति बहुत ही आभारी होते हैं कि वह उनके प्रति बहुत ही दयालु रहे हैं। इसे “मसीह का नियम” कहते हैं. (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/righteous]] और [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/holy]])

### “मसीह में,” “प्रभु में,” इत्यादि अभिव्यक्तियों से पौलुस का क्या तात्पर्य है?

इस तरह की अभिव्यक्तियाँ 1:22; 2:4, 17; 3:14, 26, 28; 5:6, 10। पौलुस मसीह और विश्वासियों के मध्य एक बहुत ही निकट सम्बन्ध के विचार को प्रगट करना चाहता है। उसी समय उसका तात्पर्य अन्य अर्थों से भी है। उदाहरण के लिए देखें, “जब हम मसीह में स्वयं को धर्मी ठहराए जाने के लिए परमेश्वर की ओर देखते हैं” (2:17), यहाँ पौलुस मसीह के द्वारा धर्मी ठहराए जाने के बारे में बात करता है।

इस प्रकार की अन्य अभिव्यक्तियों और विस्तृत वर्णन के लिए कृपया रोमियों की पत्री के परिचय को देखें।

### गलातियों की पुस्तक के मुख्य मुद्दे क्या हैं?

* “मूर्ख गलातियों, तुम्हें किसकी बुरी आंख ने नुकसान पहुंचाया है? क्या यीशु मसीह को आपकी आँखों के समक्ष क्रूस पर नहीं चढ़ाया गया था"" (3:1)? यूएलटी, यूएसटी तथा अन्य आधुनिक संस्करणों में यह लिखा है। यद्यपि, बाइबल के पुराने संस्करणों में यह जोड़ा गया है, “[ताकि] तुम सत्य का अनुसरण न कर सको।” अनुवादकों को यह सलाह दी जाती है कि वे इन अभिव्यक्तियों का उपयोग न करें। तथापि, यदि अनुवादक के क्षेत्र में ऐसे पुराने बाइबल संस्करण उपलब्ध हैं जिनमें यह वाक्यांश है तो वे उसे शामिल कर सकते हैं। यदि इसका अनुवाद हो जाता है तो उन्हें वर्ग कोष्ठकों के अन्दर रखना चाहिए ([]) ताकि यह बताया जा सके कि यह मूल गलातियों में शायद नहीं है। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/translate-textvariants]])

(देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/translate-textvariants]])
GAL 1 intro f3n5 0 # गलातियों 01 सामान्य टिप्पणियाँ
## संरचना एवं बाह्यरूप

पौलुस अपनी इस पत्री का प्रारम्भ अपनी अन्य पत्रियों से भिन्न करता है। वह इस बात को जोड़ता है कि वह “मनुष्यों की ओर या मानवीय संस्था की ओर से नहीं, बल्कि यीशु मसीह और पिता परमेश्वर की ओर से प्रेरित है, जिसने उसे मृतकों में से जिलाया।” पौलुस शायद इन शब्दों को इसलिए शामिल करता है क्योंकि झूठे शिक्षक उसका विरोध कर रहे थे और उसके अधिकार को नीचा दिखाने की कोशिश कर रहे थे।

## इस अध्याय में विशेष सिद्धांत

### गलत शिक्षाएं
परमेश्वर सिर्फ बाइबल के सुसमाचार के सत्य के द्वारा लोगों को अनन्तकाल के लिए बचाता है। परमेश्वर और किसी प्रकार के सुसमाचार की निंदा करते हैं। जो लोग झूठा सुसमाचार सिखाते हैं पौलुस परमेश्वर से उन्हें श्रापित करने के लिए कह रहा है। वे बचाए नहीं जा सकते। उन्हें अविश्वासियों जैसा समझा जाना चाहिए। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/save]], [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/eternity]], [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/goodnews]] और [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/condemn]] और [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/curse]])

### पौलुस की शैक्षिक योग्यता

प्रारम्भिक कलीसिया के कुछ लोग सिखाते थे कि अन्यजातियों को मूसा की व्यवस्था का पालन करना अवश्य है। इस शिक्षा का खंडन करने के लिए पौलुस पद 13-16 में समझाता है कि कैसे वह पहले एक जोशीला यहूदी था। लेकिन फिर भी परमेश्वर को उसे बचाना पड़ा और सच्चा सुसमाचार दिखाना पड़ा। यहूदी होने और अन्यजातियों के लिए प्रेरित होने के कारण पौलुस इस मुद्दे पर बात करने के लिए विशिष्ट रूप से योग्य था। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/lawofmoses]])

### इस अध्याय में अन्य संभावित अनुवाद की कठिनाइयाँ

### “तुम कितनी आसानी से अलग सुसमाचार की ओर फिर गए”
गलातियों की पुस्तक धर्मशास्त्र में पौलुस की प्रारम्भिक पत्रियों में से एक है। इससे पता चलता है कि गलत शिक्षाओं ने प्रारम्भिक कलीसिया को भी परेशान किया। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-explicit]])
GAL 1 1 m4ss figs-you 0 General Information: प्रेरित पौलुस गलातिया क्षेत्र की कलीसियाओं के लिए पत्र लिखता है। जब तक अलग से टिप्पणी नहीं की जाती है, इस पत्री में आने वाले “तुम” और “तुम्हारे” शब्द गलातियों के लिए उपयोग हुए हैं और बहुवचन हैं। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-you]] ) GAL 1 1 d1kd τοῦ ἐγείραντος αὐτὸν 1 who raised him जिसने उसको मरे हुओं में से जिलाया diff --git a/hi_tn_50-EPH.tsv b/hi_tn_50-EPH.tsv index 4ffaa81..878f559 100644 --- a/hi_tn_50-EPH.tsv +++ b/hi_tn_50-EPH.tsv @@ -1,6 +1,6 @@ Book Chapter Verse ID SupportReference OrigQuote Occurrence GLQuote OccurrenceNote -EPH front intro e3di 0 "# इफिसियों का परिचय
## भाग 1: सामान्य परिचय

### इफिसियों की पुस्तक की रूपरेखा

1। अभिवादन और मसीह में आत्मिक आशीषों के लिए प्रार्थना (1:1-23)
1। पाप और उद्धार (2:1-10)
1। एकता और शान्ति (2:11-22)
1। तुम में मसीह का भेद, प्रकट हुआ (3:1-13)
1। उनको महिमा की सम्पत्ति में सामर्थ्य बनाने की प्रार्थना (3:14-21)
1। आत्मा में एकता, मसीह की देह का निर्माण (4:1-16)
1। नया जीवन (4:17-32)
1। परमेश्वर का अनुकरण करने वाले (5:1-21)
1। पत्नियाँ और पति, बच्चे और माता-पिता, दास और स्वामी (5:22-6:9)
1। परमेश्वर का हथियार (6:10-20)
1। अंतिम अभिवादन (6:21-24)

### इफिसियों की पुस्तक किसने लिखी??

इफिसियों को पौलुस ने लिखा। पौलुस तरसुस नगर से था। उसे उसके प्रारंभिक जीवन में शाऊल के रूप में जाना जाता था। एक मसीही बनने से पहले, पौलुस एक फरीसी था। उसने मसीहियों को सताया था। उसके एक मसीही बनने के बाद, उसने लोगों को यीशु के विषय में बताते हुए, कई बार रोमी साम्राज्य की यात्रा की।

अपनी यात्राओं में से एक में प्रेरित पौलुस ने इफिसुस में कलीसिया प्रारम्भ करने में मदद की। वह इफिसुस में डेढ़ साल तक रहा भी और वहाँ के विश्वासियों की सहायता की। सम्भवतः पौलुस ने यह पत्र उस समय लिखा जब रोम के कारागार में था।

### इफिसियों की पुस्तक किस बारे में है?

पौलुस ने यह पत्र इफिसुस के मसीहियों को उनके लिए मसीह यीशु में परमेश्वर के प्रेम को समझाने के लिए लिखा। उसने उन आशीषों का वर्णन किया जो परमेश्वर उन्हें दे रहा था क्योंकि वे अब मसीह के साथ एकजुट हो गए थे। उसने समझाया कि सभी विश्वासी एक साथ एकजुट हो गए हैं, चाहे वह यहूदी हो या अन्यजाति। पौलुस उन सबको इस तरह से जीने के लिए भी प्रोत्साहित करना चाहता था जो परमेश्वर को प्रसन्न करता है।

### इस पुस्तक के शीर्षक का अनुवाद किस तरह होना चाहिए?

अनुवादक इसे इसके परम्परागत नाम “इफिसियों” से पुकारने का चुनाव कर सकते हैं। या वे एक स्पष्ट शीर्षक चुन सकते हैं, जैसे ""इफिसियों की कलीसिया के लिए पौलुस का पत्र"" या "" इफिसियों के मसीहियों के लिए एक पत्र।"" (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/translate-names]])

## भाग 2: महत्वपूर्ण धार्मिक और सांस्कृतिक अवधारणाएँ

### इफिसियों की पुस्तक में ""छिपा हुआ सत्य"" क्या था?

यूएलटी में ""छिपे हुए सत्य"" या ""छिपे हुए"" के रूप में अनुवादित अभिव्यक्ति छह बार आती है। इसके द्वारा हमेशा पौलुस का अर्थ कुछ ऐसा था जो परमेश्वर को मनुष्यों को प्रकट करना था क्योंकि वे इसे खुद से नहीं जान सकते थे। इसने हमेशा से किसी ऐसी बात को सन्दर्भित किया है जो इस बारे में है कि कैसे परमेश्वर ने मानवजाति को बचाने के लिए योजना बनाई थी। कभी-कभी यह उसके और मानवजाति के बीच शांति स्थापित करने के लिए उसकी योजना के भाग के बारे में था। कभी-कभी यह मसीह के माध्यम से यहूदियों और अन्यजातियों को एकजुट करने के लिए उसकी योजना के भाग के बारे में था। अन्यजातियां अब यहूदियों के समान मसीह के वादे से लाभ प्राप्त करने में सक्षम हैं।

### पौलुस ने उद्धार और धार्मिक जीवन के बारे में क्या कहा?

पौलुस ने उद्धार और धार्मिक जीवन के बारे में इस पत्री में और उसकी कई पत्रियों में बहुत कुछ बताया है। वह कहता है कि परमेश्वर बहुत कृपालु है और मसीहियों को बचाया क्योंकि वे यीशु पर विश्वास करते थे। इसलिए, मसीही बनने के बाद, उन्हें यह दिखाने के लिए एक धार्मिक रीति से जीवन जीना चाहिए कि उन्हें मसीह पर विश्वास है। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/righteous]])

## भाग 3: महत्वपूर्ण अनुवाद के मुद्दे

### एकवचन और बहुवचन ""तुम""

इस पुस्तक में, ""मैं"" शब्द पौलुस को सन्दर्भित करता है। ""तुम"" शब्द अधिकांश समय पर बहुवचन है और उन विश्वासियों को संदर्भित करता है जो इस पत्र को पढ़ सकते हैं। इसके तीन अपवाद हैं: 5:14, 6:2, और 6:3। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-you]])

### ""नए व्यक्तित्व"" या ""नए मनुष्यत्व"" से पौलुस का क्या तात्पर्य है?

जब पौलुस ने ""नए व्यक्तित्व"" या ""नए मनुष्यत्व"" की बात की तब उनका मतलब नया स्वभाव था जो एक विश्वासी पवित्र आत्मा से प्राप्त करता है। यह नया स्वभाव परमेश्वर के सदृश्य सृजा गया था। (देखें: 4:24) वाक्यांश ""नया मनुष्यत्व"" परमेश्वर द्वारा यहूदियों और अन्यजातियों के बीच शांति उपजाने के लिए भी उपयोग किया गया है। परमेश्वर ने उन्हें एक जाति के रूप में इकट्ठा किया जो उसके हैं (देखें: 2:15)

### यूएलटी में, इफिसियों में वर्णित “पवित्र” और “शुद्ध” के विचारों का किस प्रकार वर्णन किया गया है?

पवित्रशास्त्र, विभिन्न विचारों में से किसी एक की ओर संकेत करने के लिए ऐसे शब्दों का उपयोग करता है। इस कारण से, अनुवादकों के लिए अक्सर उनके संस्करणों में उनको अच्छी तरह से दर्शाना मुश्किल होता है। अंग्रेजी में अनुवाद करने में, यूएलटी निम्नलिखित सिद्धांतों का उपयोग करता है:

* कभी-कभी किसी वाक्य में अर्थ नैतिक पवित्रता का संकेत करता है। सुसमाचार को समझने के लिए विशेष रूप से महत्वपूर्ण ""पवित्र"" का उपयोग इस तथ्य को व्यक्त करने के लिए है कि परमेश्वर मसीहियों को पापहीन मानता है क्योंकि वे यीशु मसीह के साथ एक हो गए हैं। ""पवित्र"" का एक और उपयोग इस विचार को व्यक्त करना है कि परमेश्वर परिपूर्ण और दोषरहित है। एक तीसरा तथ्य इस विचार को व्यक्त करने के लिए यह है कि मसीहियों को अपना जीवन निर्दोष, त्रुटिरहित तरीके से चलाना है। इन मामलों में, यूएलटी ""पवित्र,"" ""पवित्र परमेश्वर,"" ""पवित्र जनों,"" या ""पवित्र लोगों"" का उपयोग करता है। (देखें: 1:1, 4)
* कभी-कभी वाक्य का अर्थ मसीहियों के लिए एक साधारण संदर्भ को जो किसी विशेष भूमिका को पूरी किए बिना दर्शाता है। इन मामलों में, यूएलटी ""विश्वासी"" या ""विश्वासियों"" का उपयोग करता है।
* कई बार वाक्यांश का अर्थ केवल परमेश्वर के लिए अलग किए गए व्यक्ति या वस्तु के विचार को स्पष्ट करता है। इन मामलों में, यूएलटी ""अलग करना"", ""को समर्पित,"" ""के लिए अलग किया"" या ""शुद्ध किया"" का इस्तेमाल करता है। (देखें: 3:5)

यूएसटी अक्सर उपयोगी होगा जब अनुवादक सोचते हैं कि इन विचारों को अपने संस्करणों में कैसे प्रस्तुत किया जाए।

### पौलुस ""मसीह में"" और ""प्रभु में"" जैसे अभिव्यक्तियों का क्या अर्थ है?

इस प्रकार की अभिव्यक्ति 1:1, 3, 4, 6, 7, 9, 10, 11, 12, 13, 15, 20; 2:6, 7, 10, 13, 15, 16, 18, 21, 22; 3:5, 6, 9, 11, 12, 21; 4:1, 17, 21, 32; 5:8, 18, 19; 6:1, 10, 18, 21 में आती है। पौलुस का तात्पर्य मसीह और विश्वासियों के साथ एक निकट संगति के विचार को व्यक्त करना था। कृपया इस तरह की अभिव्यक्ति के विषय में अधिक जानकारी के लिए रोमियों की पुस्तक के परिचय को देखें।

### इफिसियों की पुस्तक के पाठ में प्रमुख मुद्दे क्या हैं?


* ""इफिसुस में"" (1:1). कुछ शुरुआती हस्तलिपियों में यह अभिव्यक्ति शामिल नहीं है, लेकिन यह संभवतः मूल पत्र में है। यूएलटी,यूएसटी और कई आधुनिक संस्करणों में शामिल है।
* ""क्योंकि हम उसकी देह के अंग है"" (5:30)। यूएलटी और यूएसटी समेत अधिकांश संस्करण इस तरह से पढ़ते हैं। कुछ पुराने संस्करणों इस तरह से लिखते हैं, ""क्योंकि हम उसके शरीर और उसकी हड्डियों के सदस्य हैं।"" अनुवादक दूसरा पठन चुनने का निर्णय ले सकते हैं यदि उनके क्षेत्र के अन्य संस्करणों में ऐसा है। यदि अनुवादक दूसरा पठन को चुनता है, उन्हें वर्ग कोष्ठक ([]) के अंदर अतिरिक्त शब्दों को इंगित करना चाहिए कि वे संभवतः इफिसियों की पुस्तक के मूल नहीं हैं।

(देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/translate-textvariants]])
" -EPH 1 intro fg42 0 "# इफिसियों 01 सामान्य टिप्पणियाँ
## संरचना एवं स्वरूपण

### ""मैं प्रार्थना करता हूँ""

पौलुस इस अध्याय के एक भाग को परमेश्वर की स्तुति की प्रार्थना के रूप में रखता है। परन्तु पौलुस सिर्फ परमेश्वर से बात नहीं कर रहा है। वह इफिसुस की कलीसिया को सिखा रहा है। वह इफिसियों को बताता है कि वह उनके लिए प्रार्थना करता है।

## इस अध्याय में विशेष अवधारणाएँ

### पूर्व ठहराया गया
कई विद्वानों का मानना है कि इस अध्याय का विषय ""पूर्व ठहराया गया"" के रूप में जाना जाता है। यह बाइबल की ""पहले से ठहराया गया"" अवधारणाओं से संबंधित है। कई विद्वानों ने यह इंगित करने के लिए इसे लेते हैं कि संसार की बुनियाद से पहले ही परमेश्वर ने कुछ लोगों को चुना है जो सदा के लिए बचाए गए हैं। इस विषय पर बाइबल की शिक्षा के बारे में मसीहियों के अलग-अलग विचार हैं। इसलिए अनुवादकों को इस अध्याय का अनुवाद करते समय अतिरिक्त ध्यान रखने की आवश्यकता है। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/predestine]])
" +EPH front intro e3di 0 # इफिसियों का परिचय
## भाग 1: सामान्य परिचय

### इफिसियों की पुस्तक की रूपरेखा

1। अभिवादन और मसीह में आत्मिक आशीषों के लिए प्रार्थना (1:1-23)
1। पाप और उद्धार (2:1-10)
1। एकता और शान्ति (2:11-22)
1। तुम में मसीह का भेद, प्रकट हुआ (3:1-13)
1। उनको महिमा की सम्पत्ति में सामर्थ्य बनाने की प्रार्थना (3:14-21)
1। आत्मा में एकता, मसीह की देह का निर्माण (4:1-16)
1। नया जीवन (4:17-32)
1। परमेश्वर का अनुकरण करने वाले (5:1-21)
1। पत्नियाँ और पति, बच्चे और माता-पिता, दास और स्वामी (5:22-6:9)
1। परमेश्वर का हथियार (6:10-20)
1। अंतिम अभिवादन (6:21-24)

### इफिसियों की पुस्तक किसने लिखी??

इफिसियों को पौलुस ने लिखा। पौलुस तरसुस नगर से था। उसे उसके प्रारंभिक जीवन में शाऊल के रूप में जाना जाता था। एक मसीही बनने से पहले, पौलुस एक फरीसी था। उसने मसीहियों को सताया था। उसके एक मसीही बनने के बाद, उसने लोगों को यीशु के विषय में बताते हुए, कई बार रोमी साम्राज्य की यात्रा की।

अपनी यात्राओं में से एक में प्रेरित पौलुस ने इफिसुस में कलीसिया प्रारम्भ करने में मदद की। वह इफिसुस में डेढ़ साल तक रहा भी और वहाँ के विश्वासियों की सहायता की। सम्भवतः पौलुस ने यह पत्र उस समय लिखा जब रोम के कारागार में था।

### इफिसियों की पुस्तक किस बारे में है?

पौलुस ने यह पत्र इफिसुस के मसीहियों को उनके लिए मसीह यीशु में परमेश्वर के प्रेम को समझाने के लिए लिखा। उसने उन आशीषों का वर्णन किया जो परमेश्वर उन्हें दे रहा था क्योंकि वे अब मसीह के साथ एकजुट हो गए थे। उसने समझाया कि सभी विश्वासी एक साथ एकजुट हो गए हैं, चाहे वह यहूदी हो या अन्यजाति। पौलुस उन सबको इस तरह से जीने के लिए भी प्रोत्साहित करना चाहता था जो परमेश्वर को प्रसन्न करता है।

### इस पुस्तक के शीर्षक का अनुवाद किस तरह होना चाहिए?

अनुवादक इसे इसके परम्परागत नाम “इफिसियों” से पुकारने का चुनाव कर सकते हैं। या वे एक स्पष्ट शीर्षक चुन सकते हैं, जैसे ""इफिसियों की कलीसिया के लिए पौलुस का पत्र"" या "" इफिसियों के मसीहियों के लिए एक पत्र।"" (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/translate-names]])

## भाग 2: महत्वपूर्ण धार्मिक और सांस्कृतिक अवधारणाएँ

### इफिसियों की पुस्तक में ""छिपा हुआ सत्य"" क्या था?

यूएलटी में ""छिपे हुए सत्य"" या ""छिपे हुए"" के रूप में अनुवादित अभिव्यक्ति छह बार आती है। इसके द्वारा हमेशा पौलुस का अर्थ कुछ ऐसा था जो परमेश्वर को मनुष्यों को प्रकट करना था क्योंकि वे इसे खुद से नहीं जान सकते थे। इसने हमेशा से किसी ऐसी बात को सन्दर्भित किया है जो इस बारे में है कि कैसे परमेश्वर ने मानवजाति को बचाने के लिए योजना बनाई थी। कभी-कभी यह उसके और मानवजाति के बीच शांति स्थापित करने के लिए उसकी योजना के भाग के बारे में था। कभी-कभी यह मसीह के माध्यम से यहूदियों और अन्यजातियों को एकजुट करने के लिए उसकी योजना के भाग के बारे में था। अन्यजातियां अब यहूदियों के समान मसीह के वादे से लाभ प्राप्त करने में सक्षम हैं।

### पौलुस ने उद्धार और धार्मिक जीवन के बारे में क्या कहा?

पौलुस ने उद्धार और धार्मिक जीवन के बारे में इस पत्री में और उसकी कई पत्रियों में बहुत कुछ बताया है। वह कहता है कि परमेश्वर बहुत कृपालु है और मसीहियों को बचाया क्योंकि वे यीशु पर विश्वास करते थे। इसलिए, मसीही बनने के बाद, उन्हें यह दिखाने के लिए एक धार्मिक रीति से जीवन जीना चाहिए कि उन्हें मसीह पर विश्वास है। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/righteous]])

## भाग 3: महत्वपूर्ण अनुवाद के मुद्दे

### एकवचन और बहुवचन ""तुम""

इस पुस्तक में, ""मैं"" शब्द पौलुस को सन्दर्भित करता है। ""तुम"" शब्द अधिकांश समय पर बहुवचन है और उन विश्वासियों को संदर्भित करता है जो इस पत्र को पढ़ सकते हैं। इसके तीन अपवाद हैं: 5:14, 6:2, और 6:3। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-you]])

### ""नए व्यक्तित्व"" या ""नए मनुष्यत्व"" से पौलुस का क्या तात्पर्य है?

जब पौलुस ने ""नए व्यक्तित्व"" या ""नए मनुष्यत्व"" की बात की तब उनका मतलब नया स्वभाव था जो एक विश्वासी पवित्र आत्मा से प्राप्त करता है। यह नया स्वभाव परमेश्वर के सदृश्य सृजा गया था। (देखें: 4:24) वाक्यांश ""नया मनुष्यत्व"" परमेश्वर द्वारा यहूदियों और अन्यजातियों के बीच शांति उपजाने के लिए भी उपयोग किया गया है। परमेश्वर ने उन्हें एक जाति के रूप में इकट्ठा किया जो उसके हैं (देखें: 2:15)

### यूएलटी में, इफिसियों में वर्णित “पवित्र” और “शुद्ध” के विचारों का किस प्रकार वर्णन किया गया है?

पवित्रशास्त्र, विभिन्न विचारों में से किसी एक की ओर संकेत करने के लिए ऐसे शब्दों का उपयोग करता है। इस कारण से, अनुवादकों के लिए अक्सर उनके संस्करणों में उनको अच्छी तरह से दर्शाना मुश्किल होता है। अंग्रेजी में अनुवाद करने में, यूएलटी निम्नलिखित सिद्धांतों का उपयोग करता है:

* कभी-कभी किसी वाक्य में अर्थ नैतिक पवित्रता का संकेत करता है। सुसमाचार को समझने के लिए विशेष रूप से महत्वपूर्ण ""पवित्र"" का उपयोग इस तथ्य को व्यक्त करने के लिए है कि परमेश्वर मसीहियों को पापहीन मानता है क्योंकि वे यीशु मसीह के साथ एक हो गए हैं। ""पवित्र"" का एक और उपयोग इस विचार को व्यक्त करना है कि परमेश्वर परिपूर्ण और दोषरहित है। एक तीसरा तथ्य इस विचार को व्यक्त करने के लिए यह है कि मसीहियों को अपना जीवन निर्दोष, त्रुटिरहित तरीके से चलाना है। इन मामलों में, यूएलटी ""पवित्र,"" ""पवित्र परमेश्वर,"" ""पवित्र जनों,"" या ""पवित्र लोगों"" का उपयोग करता है। (देखें: 1:1, 4)
* कभी-कभी वाक्य का अर्थ मसीहियों के लिए एक साधारण संदर्भ को जो किसी विशेष भूमिका को पूरी किए बिना दर्शाता है। इन मामलों में, यूएलटी ""विश्वासी"" या ""विश्वासियों"" का उपयोग करता है।
* कई बार वाक्यांश का अर्थ केवल परमेश्वर के लिए अलग किए गए व्यक्ति या वस्तु के विचार को स्पष्ट करता है। इन मामलों में, यूएलटी ""अलग करना"", ""को समर्पित,"" ""के लिए अलग किया"" या ""शुद्ध किया"" का इस्तेमाल करता है। (देखें: 3:5)

यूएसटी अक्सर उपयोगी होगा जब अनुवादक सोचते हैं कि इन विचारों को अपने संस्करणों में कैसे प्रस्तुत किया जाए।

### पौलुस ""मसीह में"" और ""प्रभु में"" जैसे अभिव्यक्तियों का क्या अर्थ है?

इस प्रकार की अभिव्यक्ति 1:1, 3, 4, 6, 7, 9, 10, 11, 12, 13, 15, 20; 2:6, 7, 10, 13, 15, 16, 18, 21, 22; 3:5, 6, 9, 11, 12, 21; 4:1, 17, 21, 32; 5:8, 18, 19; 6:1, 10, 18, 21 में आती है। पौलुस का तात्पर्य मसीह और विश्वासियों के साथ एक निकट संगति के विचार को व्यक्त करना था। कृपया इस तरह की अभिव्यक्ति के विषय में अधिक जानकारी के लिए रोमियों की पुस्तक के परिचय को देखें।

### इफिसियों की पुस्तक के पाठ में प्रमुख मुद्दे क्या हैं?


* ""इफिसुस में"" (1:1). कुछ शुरुआती हस्तलिपियों में यह अभिव्यक्ति शामिल नहीं है, लेकिन यह संभवतः मूल पत्र में है। यूएलटी,यूएसटी और कई आधुनिक संस्करणों में शामिल है।
* ""क्योंकि हम उसकी देह के अंग है"" (5:30)। यूएलटी और यूएसटी समेत अधिकांश संस्करण इस तरह से पढ़ते हैं। कुछ पुराने संस्करणों इस तरह से लिखते हैं, ""क्योंकि हम उसके शरीर और उसकी हड्डियों के सदस्य हैं।"" अनुवादक दूसरा पठन चुनने का निर्णय ले सकते हैं यदि उनके क्षेत्र के अन्य संस्करणों में ऐसा है। यदि अनुवादक दूसरा पठन को चुनता है, उन्हें वर्ग कोष्ठक ([]) के अंदर अतिरिक्त शब्दों को इंगित करना चाहिए कि वे संभवतः इफिसियों की पुस्तक के मूल नहीं हैं।

(देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/translate-textvariants]])
+EPH 1 intro fg42 0 # इफिसियों 01 सामान्य टिप्पणियाँ
## संरचना एवं स्वरूपण

### ""मैं प्रार्थना करता हूँ""

पौलुस इस अध्याय के एक भाग को परमेश्वर की स्तुति की प्रार्थना के रूप में रखता है। परन्तु पौलुस सिर्फ परमेश्वर से बात नहीं कर रहा है। वह इफिसुस की कलीसिया को सिखा रहा है। वह इफिसियों को बताता है कि वह उनके लिए प्रार्थना करता है।

## इस अध्याय में विशेष अवधारणाएँ

### पूर्व ठहराया गया
कई विद्वानों का मानना है कि इस अध्याय का विषय ""पूर्व ठहराया गया"" के रूप में जाना जाता है। यह बाइबल की ""पहले से ठहराया गया"" अवधारणाओं से संबंधित है। कई विद्वानों ने यह इंगित करने के लिए इसे लेते हैं कि संसार की बुनियाद से पहले ही परमेश्वर ने कुछ लोगों को चुना है जो सदा के लिए बचाए गए हैं। इस विषय पर बाइबल की शिक्षा के बारे में मसीहियों के अलग-अलग विचार हैं। इसलिए अनुवादकों को इस अध्याय का अनुवाद करते समय अतिरिक्त ध्यान रखने की आवश्यकता है। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/predestine]])
EPH 1 1 kx1g figs-you 0 General Information: "पौलुस इस पत्र के लेखक के रूप में इफिसुस की कलीसिया के विश्वासियों को अपना नाम बताता है। जहाँ उल्लेख किया गया है, को छोड़कर ""आप"" और ""अपने"" के सभी उदाहरण एफिसियन विश्वासियों के साथ-साथ सभी विश्वासियों को भी संदर्भित करते हैं और इसलिए बहुवचन में हैं। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-you]])" EPH 1 1 ilf2 Παῦλος, ἀπόστολος Χριστοῦ Ἰησοῦ 1 Paul, an apostle ... to God's holy people in Ephesus "आपकी भाषा में एक पत्र के लेखक और उसके इच्छित दर्शकों का परिचय कराने का एक विशेष तरीका हो सकता है। वैकल्पिक अनुवाद: ""मैं, पौलुस, एक प्रेरित ... इफिसुस के परमेश्वर के पवित्र लोगों को यह पत्र लिखता हूँ""" EPH 1 1 u73p figs-metaphor τοῖς οὖσιν…καὶ πιστοῖς ἐν Χριστῷ Ἰησοῦ 1 who are faithful in Christ Jesus "मसीह यीशु में और इसके समान वाली अभिव्यक्तियाँ रूपक हैं जो नए नियम की पत्रियों में बार-बार आती हैं। वे मसीह और उन पर विश्वास करने वालों के बीच सबसे मजबूत तरह के संबंध को व्यक्त करते हैं। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-metaphor]]) @@ -63,7 +63,7 @@ EPH 1 22 jm9i figs-metonymy πάντα ὑπέταξεν ὑπὸ τοὺς πό EPH 1 22 pm4t figs-metaphor κεφαλὴν ὑπὲρ πάντα 1 head over all things """सिर"" यहाँ अगुवे को या जो प्रभारी है उसे संदर्भित करता है। वैकल्पिक अनुवाद: ""सभी चीजों पर शासक""" EPH 1 23 ge2c figs-metaphor τὸ σῶμα αὐτοῦ 1 his body जिस प्रकार की मानवीय देह में शरीर के सब कामों को सिर(पद 22) नियंत्रित करता है, ठीक उसी प्रकार मसीह देह का अर्थात कलीसिया का सिर है। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-metaphor]]) EPH 1 23 w2kh τὸ πλήρωμα τοῦ τὰ πάντα ἐν πᾶσιν πληρουμένου 1 the fullness of him who fills all in all मसीह कलीसिया को अपने जीवन एवं सामर्थ्य से वैसे ही भर देता है जैसे कि वह सब को जीवन देता है -EPH 2 intro e7qn 0 "# इफिसियों 02 सामान्य टिप्पणियाँ
## संरचना एवं स्वरूपण

यह अध्याय यीशु पर विश्वास में आने से पहले एक मसीही के जीवन पर ध्यान केंद्रित करता है। पौलुस इस जानकारियों का उपयोग यह बताने के लिए करता है कि कैसे ""मसीह में"" आने के बाद मसिहीयों की नई पहचान उनके पुराने जीवन के तरीकों से अलग है। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/faith]])

## इस अध्याय में विशेष अवधारणा

### एक शरीर
इस अध्याय में पौलुस कलीसिया के बारे में सिखाता है। कलीसिया लोगों के दो अलग-अलग समूहों से बना है (यहूदियों और अन्यजातियों)। अब वह एक समूह है या ""शरीर"" कलीसिया मसीह की देह के रूप में जानी जाती है। यहूदी और अन्यजाति मसीह में एकजुट है।

## इस अध्याय के महत्वपूर्ण अलंकार

### ""अपराधों और पापों के कारण मरे""
पौलुस सिखाता है कि जो मसीही नहीं है वे अपने पाप में ""मृत"" है। पाप उन्हें बांधता या उन्हें दास बनाता है। यह उन्हें आध्यात्मिक रूप में ""मृत बनाता"" है। पौलुस लिखता है कि परमेश्वर मसीह में मसीहियों को जीवित बनाता है। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/other/death]], [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/sin]] और [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/faith]] और [[rc://hi/ta/man/translate/figs-metaphor]])

### सांसारिक जीवन का वर्णन
गैर-मसीही कैसे कार्य करते हैं इसका वर्णन करने के लिए पौलुस कई अलग-अलग तरीकों का उपयोग करता है वे ""इस संसार के तरीकों के अनुसार रहते थे"" और ""इस संसार के अधिकारीयों के तरीको के अनुसार,"" ""हमारे पापी स्वभाव की बुरी इच्छाओं को पूरा करना"" और ""शरीर, और मन की मनसाएँ पूरी करते थे""

## इस अध्याय में अन्य संभावित अनुवाद की कठिनाइयाँ

### "" यह परमेश्वर का दान है""
कुछ विद्वानों का मानना है कि ""यह"" यहाँ बचाया जा रहा है अन्य विद्वानों का मानना है कि यह विश्वास है जो परमेश्वर का उपहार है। यूनानी इस बात पर सहमत थे कि ""यह"" यहाँ अधिक संभावना है कि सभी को विश्वास के माध्यम से परमेश्वर के अनुग्रह से बचाया जा सकता है।

### शरीर

यह एक जटिल मुद्दा है। “शरीर” सम्भवतः व्यक्ति के पापमय स्वभाव का रूपक है। वाक्यांश ""शारीरिक रीति से अन्यजाति"" इफिसियों को संकेत करता है जो पहले बिना परमेश्वर की चिंता के जीते थे। इस आयत में ""शरीर"" को भौतिक देह के सम्बन्ध में भी उपयोग किया गया है। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/flesh]])
" +EPH 2 intro e7qn 0 # इफिसियों 02 सामान्य टिप्पणियाँ
## संरचना एवं स्वरूपण

यह अध्याय यीशु पर विश्वास में आने से पहले एक मसीही के जीवन पर ध्यान केंद्रित करता है। पौलुस इस जानकारियों का उपयोग यह बताने के लिए करता है कि कैसे ""मसीह में"" आने के बाद मसिहीयों की नई पहचान उनके पुराने जीवन के तरीकों से अलग है। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/faith]])

## इस अध्याय में विशेष अवधारणा

### एक शरीर
इस अध्याय में पौलुस कलीसिया के बारे में सिखाता है। कलीसिया लोगों के दो अलग-अलग समूहों से बना है (यहूदियों और अन्यजातियों)। अब वह एक समूह है या ""शरीर"" कलीसिया मसीह की देह के रूप में जानी जाती है। यहूदी और अन्यजाति मसीह में एकजुट है।

## इस अध्याय के महत्वपूर्ण अलंकार

### ""अपराधों और पापों के कारण मरे""
पौलुस सिखाता है कि जो मसीही नहीं है वे अपने पाप में ""मृत"" है। पाप उन्हें बांधता या उन्हें दास बनाता है। यह उन्हें आध्यात्मिक रूप में ""मृत बनाता"" है। पौलुस लिखता है कि परमेश्वर मसीह में मसीहियों को जीवित बनाता है। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/other/death]], [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/sin]] और [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/faith]] और [[rc://hi/ta/man/translate/figs-metaphor]])

### सांसारिक जीवन का वर्णन
गैर-मसीही कैसे कार्य करते हैं इसका वर्णन करने के लिए पौलुस कई अलग-अलग तरीकों का उपयोग करता है वे ""इस संसार के तरीकों के अनुसार रहते थे"" और ""इस संसार के अधिकारीयों के तरीको के अनुसार,"" ""हमारे पापी स्वभाव की बुरी इच्छाओं को पूरा करना"" और ""शरीर, और मन की मनसाएँ पूरी करते थे""

## इस अध्याय में अन्य संभावित अनुवाद की कठिनाइयाँ

### "" यह परमेश्वर का दान है""
कुछ विद्वानों का मानना है कि ""यह"" यहाँ बचाया जा रहा है अन्य विद्वानों का मानना है कि यह विश्वास है जो परमेश्वर का उपहार है। यूनानी इस बात पर सहमत थे कि ""यह"" यहाँ अधिक संभावना है कि सभी को विश्वास के माध्यम से परमेश्वर के अनुग्रह से बचाया जा सकता है।

### शरीर

यह एक जटिल मुद्दा है। “शरीर” सम्भवतः व्यक्ति के पापमय स्वभाव का रूपक है। वाक्यांश ""शारीरिक रीति से अन्यजाति"" इफिसियों को संकेत करता है जो पहले बिना परमेश्वर की चिंता के जीते थे। इस आयत में ""शरीर"" को भौतिक देह के सम्बन्ध में भी उपयोग किया गया है। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/flesh]])
EPH 2 1 xf5s 0 Connecting Statement: पौलुस विश्वासियों को उनके अतीत की और जिस तरह से वे अब परमेश्वर के सामने हैं इसकी याद दिलाता है। EPH 2 1 dxx8 figs-metaphor ὑμᾶς ὄντας νεκροὺς τοῖς παραπτώμασιν καὶ ταῖς ἁμαρτίαις ὑμῶν 1 you were dead in your trespasses and sins यह प्रकट करता है कि पापी मनुष्य परमेश्वर की आज्ञा मानने में उसी रीति से असमर्थ हैं, जैसे कोई मृतक शारीरिक प्रतिक्रिया करने में असमर्थ है। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-metaphor]]) EPH 2 1 lp32 figs-doublet τοῖς παραπτώμασιν καὶ ταῖς ἁμαρτίαις ὑμῶν 1 your trespasses and sins """अपराधों"" और ""पापों"" शब्दों के अर्थ समान हैं। लोगों के अत्यधिक पापों पर जोर देने के लिए पौलुस दोनों का उपयोग साथ में करता है (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-doublet]])" @@ -166,7 +166,7 @@ EPH 3 20 jk5c figs-inclusive 0 General Information: इस पुस्तक EPH 3 20 m7gi 0 Connecting Statement: पौलुस अपनी प्रार्थना को एक आशीष के साथ समाप्त करता है। EPH 3 20 zxj3 τῷ δὲ 1 Now to him who अब परमेश्वर को जो EPH 3 20 zxt3 ποιῆσαι ὑπέρ ἐκ περισσοῦ ὧν αἰτούμεθα ἢ νοοῦμεν 1 to do far beyond all that we ask or think "जो सब हम माँगते या सोचते हैं उससे कहीं अधिक करने के लिए या ""जो हम उससे माँगते हैं या जिनके बारे में सोचते हैं उससे कहीं अधिक महान कामों को करने के लिए""" -EPH 4 intro ang8 0 "# इफिसियों 04 के सामान्य टिप्पणियाँ
## संरचना एवं स्वरूपण

कुछ अनुवाद पढ़ने के लिए आसान बनाने हेतु पाठ के शेष भाग की तुलना में काव्य की प्रत्येक पंक्ति को दाईं ओर व्यवस्थित करते हैं। यूएलटी ने पद 8 के साथ ऐसा किया है, जो पुराने नियम से लिया गया है.

## इस अध्याय में विशेष सिद्धांत

### आत्मिक वरदान
आत्मिक वरदान विशिष्ट अलौकिक क्षमताएं हैं जो पवित्र आत्मा मसीहियों को यीशु में विश्वास करने के बाद देता है। ये आत्मिक वरदान कलीसिया को विकसित करने के लिए मूलभुत थे। पौलुस यहाँ केवल कुछ आत्मिक वरदानों की सूची देता है। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/faith]])

### एकता
पौलुस बहुत महत्व देता है कि कलीसिया एकजुट हो। यह इस अध्याय का प्रमुख विषय है।

## इस अध्याय में अन्य संभावित अनुवाद की कठिनाइयाँ

### पुराना मनुष्य और नया मनुष्य
""पुराना मनुष्य"" शब्द संभवतः उस पापी प्रकृति को संदर्भित करता है जिसके साथ एक व्यक्ति पैदा होता है। ""नया मनुष्य"" नई प्रकृति या नया जीवन है जिसे परमेश्वर मसीह में विश्वास करने के बाद एक व्यक्ति को देता है।
" +EPH 4 intro ang8 0 # इफिसियों 04 के सामान्य टिप्पणियाँ
## संरचना एवं स्वरूपण

कुछ अनुवाद पढ़ने के लिए आसान बनाने हेतु पाठ के शेष भाग की तुलना में काव्य की प्रत्येक पंक्ति को दाईं ओर व्यवस्थित करते हैं। यूएलटी ने पद 8 के साथ ऐसा किया है, जो पुराने नियम से लिया गया है.

## इस अध्याय में विशेष सिद्धांत

### आत्मिक वरदान
आत्मिक वरदान विशिष्ट अलौकिक क्षमताएं हैं जो पवित्र आत्मा मसीहियों को यीशु में विश्वास करने के बाद देता है। ये आत्मिक वरदान कलीसिया को विकसित करने के लिए मूलभुत थे। पौलुस यहाँ केवल कुछ आत्मिक वरदानों की सूची देता है। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/faith]])

### एकता
पौलुस बहुत महत्व देता है कि कलीसिया एकजुट हो। यह इस अध्याय का प्रमुख विषय है।

## इस अध्याय में अन्य संभावित अनुवाद की कठिनाइयाँ

### पुराना मनुष्य और नया मनुष्य
""पुराना मनुष्य"" शब्द संभवतः उस पापी प्रकृति को संदर्भित करता है जिसके साथ एक व्यक्ति पैदा होता है। ""नया मनुष्य"" नई प्रकृति या नया जीवन है जिसे परमेश्वर मसीह में विश्वास करने के बाद एक व्यक्ति को देता है।
EPH 4 1 sb64 0 Connecting Statement: जिस कारण से पौलुस इफिसियों को लिख रहा था, वह उनको बताता है कि विश्वासियों के तौर पर उन्हें अपना जीवन कैसे जीना है और फिर से इस बात पर जोर देता है कि विश्वासियों को आपस में सहमत होना है। EPH 4 1 uss5 ὁ δέσμιος ἐν Κυρίῳ 1 as the prisoner for the Lord ऐसे व्यक्ति के समान जो प्रभु की सेवा करने का चुनाव करने के कारण कैद है। EPH 4 1 zxr1 figs-metaphor ἀξίως περιπατῆσαι τῆς κλήσεως 1 walk worthily of the calling चलना किसी व्यक्ति के जीवन जीने के विचार को व्यक्त करने का एक सामान्य तरीका है। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-metaphor]]) @@ -236,7 +236,7 @@ EPH 4 31 v576 figs-metaphor πᾶσα πικρία, καὶ θυμὸς, καὶ EPH 4 31 t1gj θυμὸς 1 rage तीव्र क्रोध EPH 4 32 ygw4 γίνεσθε…χρηστοί 1 Be kind इसके बजाए, कृपालु बनो" EPH 4 32 w7tk εὔσπλαγχνοι 1 tenderhearted दूसरों के प्रति नम्र और कृपामय होना -EPH 5 intro tdd2 0 "# इफिसियों 05 के सामान्य टिप्पणियाँ
## संरचना एवं स्वरूपण

कुछ अनुवाद पढ़ने के लिए आसान बनाने हेतु पाठ के शेष भाग की तुलना में काव्य की प्रत्येक पंक्ति को दाईं ओर व्यवस्थित करते हैं। यूएलटी ऐसा पद 14 के शब्दों के साथ करता है

## इस अध्याय में विशेष अवधारणाएँ

### मसीह के राज्य की विरासत
इसे समझना कठिन है। कुछ विद्वानों का मानना है कि जो लोग इन चीजों का अभ्यास करना जारी रखते हैं, उन्हें अनन्त जीवन नहीं मिलेगा। परन्तु परमेश्वर इस पद में सूचीबद्ध सभी पापों को क्षमा कर सकते हैं। इसलिए व्यभिचार, अशुद्ध काम या लोभी लोग अभी भी अनंत जीवन प्राप्त कर सकते हैं यदि वे पश्चाताप करते हैं और यीशु पर विश्वास करते हैं। पढने में अधिक स्वाभाविक है कि ""कोई भी व्यक्ति जो यौन सम्बंधित अनैतिकता या अश्लील काम करता है, या लालची है (यह मूर्तिपूजा के समान है), वह परमेश्वर के लोगों के बीच, जिन पर मसीह राजा के रूप में राज्य करते हैं, न पाया जाए।"" (यूएसटी) (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/forgive]], [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/eternity]] और [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/life]] और [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/inherit]])

## इस अध्याय में अन्य संभावित अनुवाद की कठिनाइयाँ

### पत्नियों, अपने पति के अधीन रहें
विद्वान इस पद्यांश को ऐतिहासिक और सांस्कृतिक सन्दर्भ में समझने के बारे में असहमत हैं. कुछ विद्वान विश्वास करते हैं कि स्त्री और पुरुष सभी बातों में पुर्णतः एक सामान हैं। अन्य विद्वान विश्वास करते हैं कि परमेश्वर ने स्त्री और पुरुषों को विवाह और कलीसिया में स्पष्ट रूप से भिन्न भूमिकाएँ निभाने के लिए रचा है। अनुवादकों को यह ध्यान रखना होगा कि वे इस मुद्दे को जिस तरह समझते हैं वह उनके इस पद्यांश के अनुवाद पर प्रभाव न डाले।
" +EPH 5 intro tdd2 0 # इफिसियों 05 के सामान्य टिप्पणियाँ
## संरचना एवं स्वरूपण

कुछ अनुवाद पढ़ने के लिए आसान बनाने हेतु पाठ के शेष भाग की तुलना में काव्य की प्रत्येक पंक्ति को दाईं ओर व्यवस्थित करते हैं। यूएलटी ऐसा पद 14 के शब्दों के साथ करता है

## इस अध्याय में विशेष अवधारणाएँ

### मसीह के राज्य की विरासत
इसे समझना कठिन है। कुछ विद्वानों का मानना है कि जो लोग इन चीजों का अभ्यास करना जारी रखते हैं, उन्हें अनन्त जीवन नहीं मिलेगा। परन्तु परमेश्वर इस पद में सूचीबद्ध सभी पापों को क्षमा कर सकते हैं। इसलिए व्यभिचार, अशुद्ध काम या लोभी लोग अभी भी अनंत जीवन प्राप्त कर सकते हैं यदि वे पश्चाताप करते हैं और यीशु पर विश्वास करते हैं। पढने में अधिक स्वाभाविक है कि ""कोई भी व्यक्ति जो यौन सम्बंधित अनैतिकता या अश्लील काम करता है, या लालची है (यह मूर्तिपूजा के समान है), वह परमेश्वर के लोगों के बीच, जिन पर मसीह राजा के रूप में राज्य करते हैं, न पाया जाए।"" (यूएसटी) (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/forgive]], [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/eternity]] और [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/life]] और [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/inherit]])

## इस अध्याय में अन्य संभावित अनुवाद की कठिनाइयाँ

### पत्नियों, अपने पति के अधीन रहें
विद्वान इस पद्यांश को ऐतिहासिक और सांस्कृतिक सन्दर्भ में समझने के बारे में असहमत हैं. कुछ विद्वान विश्वास करते हैं कि स्त्री और पुरुष सभी बातों में पुर्णतः एक सामान हैं। अन्य विद्वान विश्वास करते हैं कि परमेश्वर ने स्त्री और पुरुषों को विवाह और कलीसिया में स्पष्ट रूप से भिन्न भूमिकाएँ निभाने के लिए रचा है। अनुवादकों को यह ध्यान रखना होगा कि वे इस मुद्दे को जिस तरह समझते हैं वह उनके इस पद्यांश के अनुवाद पर प्रभाव न डाले।
EPH 5 1 wus5 0 Connecting Statement: पौलुस विश्वासियों को बताना जारी रखता है कि उन्हें परमेश्वर के बच्चे के रूप में कैसे रहना चाहिए और क्या नहीं करना चाहिए। EPH 5 1 jx2q γίνεσθε οὖν μιμηταὶ τοῦ Θεοῦ 1 Therefore be imitators of God "इसीलिए तुम्हें वही करना चाहिए जो परमेश्वर करता है। इसीलिए वापस [इफिसियों 4:32](../04/32.md) को संदर्भित करता है जो कहता है कि विश्वासियों को परमेश्वर का अनुकरण करना चाहिए, क्योंकि मसीह ने विश्वासियों को क्षमा किया है। EPH 5 1 zen5 figs-simile ὡς τέκνα ἀγαπητά 1 as dearly loved children परमेश्वर चाहता है कि हम उसका अनुकरण और अनुसरण करें क्योंकि हम उसकी सन्तान हैं। वैकल्पिक अनुवाद: ""जैसे प्रिय बच्चे अपने पिता की नकल करते है"" या ""क्योंकि तुम उसके बच्चे हो और वह तुमसे बहुत प्रेम रखता है"" (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-simile]]) diff --git a/hi_tn_56-2TI.tsv b/hi_tn_56-2TI.tsv index e359d99..ff1aa3e 100644 --- a/hi_tn_56-2TI.tsv +++ b/hi_tn_56-2TI.tsv @@ -1,5 +1,5 @@ Book Chapter Verse ID SupportReference OrigQuote Occurrence GLQuote OccurrenceNote -2TI front intro s7fk 0 "# 2 तीमुथियुस का परिचय
## भाग 1: सामान्य परिचय

### 2 तीमुथियुस पुस्तक की रूपरेखा

1 पौलुस तीमुथियुस का अभिवादन करता है और उसे परमेश्वर की सेवा करते समय कठिनाई का सामना करने के लिए प्रोत्साहित करता है (1:1-2:13)।
1। पौलुस तीमुथियुस को सामान्य निर्देश देता है (2:14–26)।
1। पौलुस तीमुथियुस को भविष्य में होने वाली घटनाओं के विषय में चेतावनी देता है और उसे निर्देश देता है कि वह किस प्रकार परमेश्वर के प्रति अपनी सेवा को पूरा करे (3:1-4:8)।
1। पौलुस व्यक्तिगत टिप्पणियां करता है (4:9-24)।

### 2 तीमुथियुस की पुस्तक को किसने लिखा?

2 तीमुथियुस को पौलुस ने लिखा। वह तरसुस नगर का रहने वाला था। वह अपने प्रारंभिक जीवन में शाऊल के रूप में जाना जाता था। एक मसीही बनने से पहले, पौलुस एक फरीसी था। उसने मसीहियों को सताया था। उसके एक मसीही बनने के बाद, उसने लोगों को यीशु के विषय में बताते हुए, कई बार रोमी साम्राज्य की यात्रा की।

यह पुस्तक तीमुथियुस को लिखा गया पौलुस का दूसरा पत्र है। तीमुथियुस उसका शिष्य और घनिष्ठ मित्र था। पौलुस ने इस पत्र को रोम में कैद के समय लिखा। पौलुस इस पत्र को लिखने के बाद जल्द ही मर जाएगा।

### 2 तीमुथियुस की पुस्तक का विषय क्या है?

पौलुस ने तीमुथियुस को इफिसुस नगर में वहाँ के विश्वासियों की सहायता करने के लिए छोड़ा था। पौलुस ने इस पत्र को कई मामलों में तीमुथियुस को निर्देश देने के लिए लिखा। जिन विषयों पर उसने बात की उनमें झूठे शिक्षकों और कठिन परिस्थितियों को सह लेने के विषय में चेतावनियाँ सम्मिलित हैं। यह पत्र इस बात को भी प्रकट करता है कि किस प्रकार पौलुस तीमुथियुस को कलीसियाओं के मध्य एक अगुवा बनने का प्रशिक्षण दे रहा था।

### इस पुस्तक का शीर्षक किस प्रकार अनुवाद किया जाना चाहिए?

अनुवादक इस पुस्तक को इसके पारम्परिक शीर्षक ""2 तीमुथियुस ""या"" दूसरा तीमुथियुस"" से पुकारने का चुनाव कर सकते हैं। या वे एक स्पष्ट शीर्षक चुन सकते हैं, जैसे कि ""तीमुथियुस के लिए पौलुस का दूसरा पत्र"" या ""तीमुथियुस को दूसरा पत्र""। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/translate-names]])

## भाग 2: महत्वपूर्ण धार्मिक और सांस्कृतिक अवधारणाएँ

### 2 तीमुथियुस में सैन्य चित्रण क्या है?

जैसे-जैसे पौलुस बंदीगृह में प्रतीक्षा कर रहा था, यह जानते हुए कि वह शीघ्र ही मर जाएगा, प्रायः उसने अक्सर स्वयं को यीशु मसीह के एक सैनिक के रूप बताया। सैनिक अपने अगुवों को उत्तर देते हैं। इसी प्रकार, मसीही यीशु को उत्तर देते हैं। मसीह के ""सैनिक"" के रूप में, विश्वासियों को उसकी आज्ञाओं का पालन करना है, भले ही वे इसके परिणाम-स्वरूप मर क्यों न जाएँ।

### इसका क्या अर्थ है कि परमेश्वर ने पवित्र-शास्त्र की प्रेरणा दी?

परमेश्वर पवित्र-शास्त्र का सच्चा लेखक है। उसने उन मानव लेखकों को प्रेरणा दी जिन्होंने इन पुस्तकों को लिखा था। इसका अर्थ यह है कि लोगों ने जो लिखा है उसे लिखने के लिए किसी तरह से परमेश्वर ने उन्हें प्रेरित किया था। इसी कारण से इसे परमेश्वर के वचन के रूप में भी संदर्भित किया गया है। यह बाइबल के विषय में कई बातों को निहित करता है। पहला, बाइबल त्रुटिहीन है और इस पर भरोसा किया जा सकता है। दूसरा, हम परमेश्वर पर पवित्र-शास्त्र की उन लोगों से रक्षा करने के विषय में विश्वास कर सकते हैं जो इसे बिगाड़ना या नाश करना चाहते हैं। तीसरा, परमेश्वर का वचन संसार की सभी भाषाओं में अनुवादित किया जाना चाहिए।

## भाग 3: महत्वपूर्ण अनुवाद के मुद्दे

### एकवचन और बहुवचन ""तुम""

इस पुस्तक में, ""मैं"" शब्द पौलुस को संदर्भित करता है। यहाँ ""तुम"" शब्द लगभग सदैव एकवचन है और तीमुथियुस का सन्दर्भ देता है। इसमें अपवाद 4:22 है। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-exclusive]] और [[rc://hi/ta/man/translate/figs-you]])

### पौलुस का ""मसीह में"", ""प्रभु में"" आदि अभिव्यक्ति से क्या अर्थ था?

पौलुस का अर्थ मसीह और विश्वासियों के साथ एक बहुत निकटवर्ती सम्बन्ध के विचार को व्यक्त करना था । कृपया इस तरह की अभिव्यक्ति के विषय में अधिक जानकारी के लिए रोमियों की पुस्तक का परिचय देखें।

### 2 तीमुथियुस की पुस्तक के शब्द में प्रमुख लेखन विषय क्या हैं?

निम्नलिखित आयतों के लिए, आधुनिक संस्करण बाइबल के पुराने संस्करणों से अलग है। यूएलटी पाठ में आधुनिक पठन है और पुराने पठन को पाद टिप्पणी (फुटनोट) में रखा गया है। यदि सामान्य क्षेत्र में बाइबल का अनुवाद मौजूद है, तो अनुवादकों को उन संस्करणों में पाए जाने वाले पठन का उपयोग करना चाहिए। यदि नहीं, तो अनुवादकों को आधुनिक लेख का अनुसरण करने का परामर्श दिया गया है।

* “जिसके लिए मैं प्रचारक, और प्रेरित, और उपदेशक भी ठहरा।” (1:11)। कुछ पुराने संस्करणों में इस प्रकार लिखा है, “इस कारण, मुझे अन्यजातियों के लिए एक उपदेशक, एक प्रेरित, और शिक्षक नियुक्त किया गया।”
* “प्रभु के सामने चेतावनी दे” (2:14)। कुछ पुराने संस्करणों में इस प्रकार लिखा है, “प्रभु के सामने उन्हें चेतावनी दे।”

(देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/translate-textvariants]])
" +2TI front intro s7fk 0 # 2 तीमुथियुस का परिचय
## भाग 1: सामान्य परिचय

### 2 तीमुथियुस पुस्तक की रूपरेखा

1 पौलुस तीमुथियुस का अभिवादन करता है और उसे परमेश्वर की सेवा करते समय कठिनाई का सामना करने के लिए प्रोत्साहित करता है (1:1-2:13)।
1। पौलुस तीमुथियुस को सामान्य निर्देश देता है (2:14–26)।
1। पौलुस तीमुथियुस को भविष्य में होने वाली घटनाओं के विषय में चेतावनी देता है और उसे निर्देश देता है कि वह किस प्रकार परमेश्वर के प्रति अपनी सेवा को पूरा करे (3:1-4:8)।
1। पौलुस व्यक्तिगत टिप्पणियां करता है (4:9-24)।

### 2 तीमुथियुस की पुस्तक को किसने लिखा?

2 तीमुथियुस को पौलुस ने लिखा। वह तरसुस नगर का रहने वाला था। वह अपने प्रारंभिक जीवन में शाऊल के रूप में जाना जाता था। एक मसीही बनने से पहले, पौलुस एक फरीसी था। उसने मसीहियों को सताया था। उसके एक मसीही बनने के बाद, उसने लोगों को यीशु के विषय में बताते हुए, कई बार रोमी साम्राज्य की यात्रा की।

यह पुस्तक तीमुथियुस को लिखा गया पौलुस का दूसरा पत्र है। तीमुथियुस उसका शिष्य और घनिष्ठ मित्र था। पौलुस ने इस पत्र को रोम में कैद के समय लिखा। पौलुस इस पत्र को लिखने के बाद जल्द ही मर जाएगा।

### 2 तीमुथियुस की पुस्तक का विषय क्या है?

पौलुस ने तीमुथियुस को इफिसुस नगर में वहाँ के विश्वासियों की सहायता करने के लिए छोड़ा था। पौलुस ने इस पत्र को कई मामलों में तीमुथियुस को निर्देश देने के लिए लिखा। जिन विषयों पर उसने बात की उनमें झूठे शिक्षकों और कठिन परिस्थितियों को सह लेने के विषय में चेतावनियाँ सम्मिलित हैं। यह पत्र इस बात को भी प्रकट करता है कि किस प्रकार पौलुस तीमुथियुस को कलीसियाओं के मध्य एक अगुवा बनने का प्रशिक्षण दे रहा था।

### इस पुस्तक का शीर्षक किस प्रकार अनुवाद किया जाना चाहिए?

अनुवादक इस पुस्तक को इसके पारम्परिक शीर्षक ""2 तीमुथियुस ""या"" दूसरा तीमुथियुस"" से पुकारने का चुनाव कर सकते हैं। या वे एक स्पष्ट शीर्षक चुन सकते हैं, जैसे कि ""तीमुथियुस के लिए पौलुस का दूसरा पत्र"" या ""तीमुथियुस को दूसरा पत्र""। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/translate-names]])

## भाग 2: महत्वपूर्ण धार्मिक और सांस्कृतिक अवधारणाएँ

### 2 तीमुथियुस में सैन्य चित्रण क्या है?

जैसे-जैसे पौलुस बंदीगृह में प्रतीक्षा कर रहा था, यह जानते हुए कि वह शीघ्र ही मर जाएगा, प्रायः उसने अक्सर स्वयं को यीशु मसीह के एक सैनिक के रूप बताया। सैनिक अपने अगुवों को उत्तर देते हैं। इसी प्रकार, मसीही यीशु को उत्तर देते हैं। मसीह के ""सैनिक"" के रूप में, विश्वासियों को उसकी आज्ञाओं का पालन करना है, भले ही वे इसके परिणाम-स्वरूप मर क्यों न जाएँ।

### इसका क्या अर्थ है कि परमेश्वर ने पवित्र-शास्त्र की प्रेरणा दी?

परमेश्वर पवित्र-शास्त्र का सच्चा लेखक है। उसने उन मानव लेखकों को प्रेरणा दी जिन्होंने इन पुस्तकों को लिखा था। इसका अर्थ यह है कि लोगों ने जो लिखा है उसे लिखने के लिए किसी तरह से परमेश्वर ने उन्हें प्रेरित किया था। इसी कारण से इसे परमेश्वर के वचन के रूप में भी संदर्भित किया गया है। यह बाइबल के विषय में कई बातों को निहित करता है। पहला, बाइबल त्रुटिहीन है और इस पर भरोसा किया जा सकता है। दूसरा, हम परमेश्वर पर पवित्र-शास्त्र की उन लोगों से रक्षा करने के विषय में विश्वास कर सकते हैं जो इसे बिगाड़ना या नाश करना चाहते हैं। तीसरा, परमेश्वर का वचन संसार की सभी भाषाओं में अनुवादित किया जाना चाहिए।

## भाग 3: महत्वपूर्ण अनुवाद के मुद्दे

### एकवचन और बहुवचन ""तुम""

इस पुस्तक में, ""मैं"" शब्द पौलुस को संदर्भित करता है। यहाँ ""तुम"" शब्द लगभग सदैव एकवचन है और तीमुथियुस का सन्दर्भ देता है। इसमें अपवाद 4:22 है। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-exclusive]] और [[rc://hi/ta/man/translate/figs-you]])

### पौलुस का ""मसीह में"", ""प्रभु में"" आदि अभिव्यक्ति से क्या अर्थ था?

पौलुस का अर्थ मसीह और विश्वासियों के साथ एक बहुत निकटवर्ती सम्बन्ध के विचार को व्यक्त करना था । कृपया इस तरह की अभिव्यक्ति के विषय में अधिक जानकारी के लिए रोमियों की पुस्तक का परिचय देखें।

### 2 तीमुथियुस की पुस्तक के शब्द में प्रमुख लेखन विषय क्या हैं?

निम्नलिखित आयतों के लिए, आधुनिक संस्करण बाइबल के पुराने संस्करणों से अलग है। यूएलटी पाठ में आधुनिक पठन है और पुराने पठन को पाद टिप्पणी (फुटनोट) में रखा गया है। यदि सामान्य क्षेत्र में बाइबल का अनुवाद मौजूद है, तो अनुवादकों को उन संस्करणों में पाए जाने वाले पठन का उपयोग करना चाहिए। यदि नहीं, तो अनुवादकों को आधुनिक लेख का अनुसरण करने का परामर्श दिया गया है।

* “जिसके लिए मैं प्रचारक, और प्रेरित, और उपदेशक भी ठहरा।” (1:11)। कुछ पुराने संस्करणों में इस प्रकार लिखा है, “इस कारण, मुझे अन्यजातियों के लिए एक उपदेशक, एक प्रेरित, और शिक्षक नियुक्त किया गया।”
* “प्रभु के सामने चेतावनी दे” (2:14)। कुछ पुराने संस्करणों में इस प्रकार लिखा है, “प्रभु के सामने उन्हें चेतावनी दे।”

(देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/translate-textvariants]])
2TI 1 intro p5lf 0 # 2 तीमुथियुस 1 सामान्य टिप्पणियाँ
## संरचना एवं स्वरूपण

पौलुस औपचारिक रूप से पद 1-2 में इस पत्र को प्रस्तुत करता है। प्रायः प्राचीन निकट पूर्व में लेखक इस तरह से पत्र आरम्भ किया करते थे।

## इस अध्याय में विशेष अवधारणा

### आत्मिक संतान

पौलुस ने एक मसीही और एक कलीसिया के अगुवे के रूप में तीमुथियुस को अनुशासित किया। सम्भवतः पौलुस ही उसे मसीह में लेकर आया था। इसलिए, पौलुस तीमुथियुस को “प्रिय पुत्र” कहता है। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/disciple]] और [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/spirit]])

## इस अध्याय में अन्य संभावित अनुवाद की कठिनाइयाँ

### सताव
पौलुस इस पत्र को लिखते समय बंदीगृह में था। पौलुस ने तीमुथियुस को सुसमाचार के लिए कष्ट सहने के लिए प्रोत्साहित किया। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-explicit]])
2TI 1 1 dcr3 figs-inclusive 0 General Information: "इस पुस्तक में, जब तक कि अन्यथा टिप्पणी न की जाए, शब्द ""हमारा"" पौलुस (इस पत्र के लेखक) और तीमुथियुस (जिसे यह पत्र लिखा गया है), साथ ही साथ सभी विश्वासियों को भी संदर्भित करता है। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-inclusive]])" 2TI 1 1 ha4l Παῦλος 1 Paul आपकी भाषा में एक पत्र के लेखक का परिचय देने का एक विशेष तरीका हो सकता है। इसके अलावा, लेखक का परिचय देने के तुरंत बाद, आपको यह बताना होगा कि पत्र किसके बारे में लिखा गया है, जैसा कि यूएसटी में है। diff --git a/hi_tn_58-PHM.tsv b/hi_tn_58-PHM.tsv index a6f8282..40624e4 100644 --- a/hi_tn_58-PHM.tsv +++ b/hi_tn_58-PHM.tsv @@ -1,5 +1,5 @@ Book Chapter Verse ID SupportReference OrigQuote Occurrence GLQuote OccurrenceNote -PHM front intro sz2w 0 "# फिलेमोन का परिचय
## भाग 1: सामान्य परिचय

### फिलेमोन की पत्री की रुपरेखा

1। पौलुस फिलेमोन का अभिवादन करता है (1:1-3)
1। पौलुस उनेसिमुस के विषय में फिलेमोन से विनती करता है (1:4-21)
1। निष्कर्ष (1:22-25)

#### फिलेमोन की पुस्तक का लेखक कौन है?

पौलुस ने फिलेमोन को लिखा। पौलुस तरसुस नगर से था। वह अपने प्रारंभिक जीवन में शाऊल के नाम से जाना जाता था। एक मसीही बनने से पहले, पौलुस एक फरीसी था। उसने मसीहियों को सताया। मसीही बनने के पश्चात, उसने कई बार रोमी साम्राज्य की यात्रा करके लोगों को यीशु के विषय में बताया।

इस पत्री को लिखते समय पौलुस बंदीगृह में था।

### फिलेमोन की पुस्तक किस विषय पर है?

पौलुस ने इस पत्र को फिलेमोन नामक व्यक्ति को लिखा। फिलेमोन, कुलुस्से नामक शहर में रहने वाला एक मसीही था। वह उनेसिमुस नामक एक दास का मालिक था। उनेसिमुस, फिलेमोन के पास से भाग गया था और उससे कुछ चोरी भी की थी। उनेसिमुस रोम में जाकर पौलुस से बंदीगृह में मिला.

पौलुस ने फिलेमोन को बताया कि वह उनेसिमुस को उसके पास वापस भेज रहा है। रोमी नियम के अनुसार फिलेमोन के पास उनेसिमुस को मुत्यूदण्ड करने का अधिकार था। लेकिन पौलुस ने कहा कि फिलेमोन उनेसिमुस को वापस अपने मसीही भाई के रूप में स्वीकार करे। उसने यह सलाह दी कि फिलेमोन, उनेसिमुस को पौलुस के पास लौटकर, बंदीगृह में उसकी सहायता करने के लिए अनुमति दे।

### इस पुस्तक के शीर्षक का किस प्रकार अनुवाद किया जाना चाहिए?

अनुवादक इस पुस्तक को इसके पारंपरिक शीर्षक “फिलेमोन” कहने का चुनाव कर सकते हैं। या वे और अधिक स्पष्ट शीर्षक, जैसे, “फिलेमोन को पौलुस का पत्र” या “पत्र जो पौलुस ने फिलेमोन को लिखा” का चुनाव कर सकते हैं।"" (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/translate-names]] )

## भाग 2: महत्वपूर्ण धार्मिक और सांस्कृतिक अवधारणाएं

### क्या यह पत्री दासत्व की प्रथा को स्वीकृत करती है?

पौलुस ने उनेसिमुस को उसके पहले स्वामी के पास वापस भेज दिया। लेकिन इसका अर्थ यह नही था कि पौलुस दास-प्रथा को स्वीकार्य समझता था। इसकी बजाय, पौलुस इस बात के लिए अधिक चिंतित रहता था की लोग हर परिस्तिथि में परमेश्वर की सेवा करते रहें।

### ""मसीह में"", ""प्रभु में"", इत्यादि, जैसी अभिव्यक्तियों के द्वारा पौलुस का क्या तात्पर्य है?

पौलुस मसीह और विश्वासियों के साथ एक निकटतम एकता के विचार को प्रकट करना चाहता है। इस प्रकार की अभिव्यक्तियों के विषय में और जानकारी के लिए रोमियों की पुस्तक का परिचय देखें।

## भाग 3: महत्वपूर्ण अनुवाद के मुद्दे

### एकवचन और बहुवचन ""तुम""

इस पुस्तक में, “मैं” शब्द पौलुस को संदर्भित करता है। ""तुम"" शब्द लगभग सदेव ही एकवचन है और फिलेमोन को संदर्भित करता है। इसमें दो छूट 1:22 और 1:25 हैं। इसमें ""तुम"" फिलेमोन को और जो विश्वासी उसके घर पर एकत्रित होते थे उन्हें संदर्भित करता है। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-exclusive]] और [[rc://hi/ta/man/translate/figs-you]])
" +PHM front intro sz2w 0 # फिलेमोन का परिचय
## भाग 1: सामान्य परिचय

### फिलेमोन की पत्री की रुपरेखा

1। पौलुस फिलेमोन का अभिवादन करता है (1:1-3)
1। पौलुस उनेसिमुस के विषय में फिलेमोन से विनती करता है (1:4-21)
1। निष्कर्ष (1:22-25)

#### फिलेमोन की पुस्तक का लेखक कौन है?

पौलुस ने फिलेमोन को लिखा। पौलुस तरसुस नगर से था। वह अपने प्रारंभिक जीवन में शाऊल के नाम से जाना जाता था। एक मसीही बनने से पहले, पौलुस एक फरीसी था। उसने मसीहियों को सताया। मसीही बनने के पश्चात, उसने कई बार रोमी साम्राज्य की यात्रा करके लोगों को यीशु के विषय में बताया।

इस पत्री को लिखते समय पौलुस बंदीगृह में था।

### फिलेमोन की पुस्तक किस विषय पर है?

पौलुस ने इस पत्र को फिलेमोन नामक व्यक्ति को लिखा। फिलेमोन, कुलुस्से नामक शहर में रहने वाला एक मसीही था। वह उनेसिमुस नामक एक दास का मालिक था। उनेसिमुस, फिलेमोन के पास से भाग गया था और उससे कुछ चोरी भी की थी। उनेसिमुस रोम में जाकर पौलुस से बंदीगृह में मिला.

पौलुस ने फिलेमोन को बताया कि वह उनेसिमुस को उसके पास वापस भेज रहा है। रोमी नियम के अनुसार फिलेमोन के पास उनेसिमुस को मुत्यूदण्ड करने का अधिकार था। लेकिन पौलुस ने कहा कि फिलेमोन उनेसिमुस को वापस अपने मसीही भाई के रूप में स्वीकार करे। उसने यह सलाह दी कि फिलेमोन, उनेसिमुस को पौलुस के पास लौटकर, बंदीगृह में उसकी सहायता करने के लिए अनुमति दे।

### इस पुस्तक के शीर्षक का किस प्रकार अनुवाद किया जाना चाहिए?

अनुवादक इस पुस्तक को इसके पारंपरिक शीर्षक “फिलेमोन” कहने का चुनाव कर सकते हैं। या वे और अधिक स्पष्ट शीर्षक, जैसे, “फिलेमोन को पौलुस का पत्र” या “पत्र जो पौलुस ने फिलेमोन को लिखा” का चुनाव कर सकते हैं।"" (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/translate-names]] )

## भाग 2: महत्वपूर्ण धार्मिक और सांस्कृतिक अवधारणाएं

### क्या यह पत्री दासत्व की प्रथा को स्वीकृत करती है?

पौलुस ने उनेसिमुस को उसके पहले स्वामी के पास वापस भेज दिया। लेकिन इसका अर्थ यह नही था कि पौलुस दास-प्रथा को स्वीकार्य समझता था। इसकी बजाय, पौलुस इस बात के लिए अधिक चिंतित रहता था की लोग हर परिस्तिथि में परमेश्वर की सेवा करते रहें।

### ""मसीह में"", ""प्रभु में"", इत्यादि, जैसी अभिव्यक्तियों के द्वारा पौलुस का क्या तात्पर्य है?

पौलुस मसीह और विश्वासियों के साथ एक निकटतम एकता के विचार को प्रकट करना चाहता है। इस प्रकार की अभिव्यक्तियों के विषय में और जानकारी के लिए रोमियों की पुस्तक का परिचय देखें।

## भाग 3: महत्वपूर्ण अनुवाद के मुद्दे

### एकवचन और बहुवचन ""तुम""

इस पुस्तक में, “मैं” शब्द पौलुस को संदर्भित करता है। ""तुम"" शब्द लगभग सदेव ही एकवचन है और फिलेमोन को संदर्भित करता है। इसमें दो छूट 1:22 और 1:25 हैं। इसमें ""तुम"" फिलेमोन को और जो विश्वासी उसके घर पर एकत्रित होते थे उन्हें संदर्भित करता है। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-exclusive]] और [[rc://hi/ta/man/translate/figs-you]])
PHM 1 1 sg4f figs-you 0 General Information: तीन बार पौलुस स्वयं को इस पत्री के लेखक के रूप में पहचान कराता हैं। स्पष्ट रूप से, तीमुथियुस उसके साथ था और संभवतः उसने पौलुस के द्वारा कहे गए शब्दों को लिखा। पौलुस उन अन्य लोगों को भी अभिवादन करता है जो फिलेमोन के घर पर संगती करने के लिए मिलते थे। “मैं”, “मुझे”, और “मेरे” के सभी उल्लेख पौलुस को संदर्भित करते हैं। फिलेमोन वो मुख्य व्यक्ति है जिसे यह पत्र लिखा गया है। “तुम” और “तुम्हारे” के सभी उल्लेख उसको संबोधित करते हैं और एकवचन हैं, जब तक की अन्य टिप्पणी न की गई हो। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-you]] ) PHM 1 1 niq3 figs-exclusive Παῦλος, δέσμιος Χριστοῦ Ἰησοῦ, καὶ Τιμόθεος, ὁ ἀδελφὸς; Φιλήμονι 1 Paul, a prisoner of Christ Jesus, and the brother Timothy to Philemon "आपकी भाषा में पत्रियों के लेखकों का परिचय देने का एक विषय तरीका हो सकता है। वैकल्पिक अनुवाद: “मैं, पौलुस, जो मसीह यीशु का बन्दी हूँ, और तीमुथियुस, हमारे भाई, की ओर से, फिलेमोन को यह पत्र लिख रहा हूँ।"" (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-exclusive]] )" PHM 1 1 cgs4 δέσμιος Χριστοῦ Ἰησοῦ 1 a prisoner of Christ Jesus मसीह यीशु का बन्दी जो लोग पौलुस के प्रचार का विरोध करते थे, उन्होंने उसे बंदीगृह में डाल कर दण्डित किया। diff --git a/hi_tn_59-HEB.tsv b/hi_tn_59-HEB.tsv index 92e68bc..4e4458a 100644 --- a/hi_tn_59-HEB.tsv +++ b/hi_tn_59-HEB.tsv @@ -1,6 +1,6 @@ Book Chapter Verse ID SupportReference OrigQuote Occurrence GLQuote OccurrenceNote -HEB front intro xy4n 0 "# इब्रानियों का परिचय
## भाग 1: सामान्य परिचय

### इब्रानियों की पुस्तक की रूपरेखा

1. यीशु परमेश्वर के भविष्यवक्ताओं और स्वर्गदूतों से श्रेष्ठ है (1:1-4:13)
1. यीशु यरूशलेम में मंदिर में सेवा करने वाले याजकों से श्रेष्ठ है (4:14-7:28)
1. यीशु की सेवा उस पुरानी वाचा से बेहतर है जिसे परमेश्वर ने अपने लोगों के साथ बाँधा था (8:1-10:39)
1. विश्वास किसके समान है (11:1-40)
1. परमेश्वर के प्रति विश्वासयोग्य होने के लिए प्रोत्साहन (12:1-29)
1. अंतिम प्रोत्साहन और अभिवादन (13:1-25)

### इब्रानियों की पुस्तक किसने लिखी?

कोई नहीं जानता कि इब्रानियों को किसने लिखा। विद्वानों ने कई अलग-अलग लोगों का सुझाव दिया है जो सम्भवतः लेखक हो सकते हैं। सम्भावित लेखक पौलुस, लुका और बरनबास हैं। इसे लिखने की तिथि भी ज्ञात नहीं है। अधिकांश विद्वानों का मानना है कि इसे 70 इस्वी से पहले लिखा गया था। यरूशलेम को 70 इस्वी में नष्ट कर दिया गया था, लेकिन इस पत्र के लेखक ने यरूशलेम के विषय में इस प्रकार बात की जैसे कि उसको तब तक नष्ट नहीं किया गया था।

### इब्रानियों की पुस्तक किस विषय में है?

इब्रानियों की पुस्तक में, लेखक दिखाता है कि यीशु ने पुराने नियम की भविष्यवाणियों को पूरा किया है। लेखक ने यहूदी मसीहियों को प्रोत्साहित करने और यह समझाने के लिए ऐसा किया कि यीशु हर प्रकार से पुरानी वाचा की तुलना में बेहतर है। यीशु सिद्ध महायाजक है। यीशु सिद्ध बलिदान भी था। पशु के बलिदान व्यर्थ हो गए क्योंकि यीशु का बलिदान एक बार और हमेशा के लिए था। इसलिए, लोगों के लिए परमेश्वर द्वारा स्वीकार किए जाने हेतु यीशु ही अकेला और एकमात्र मार्ग है।

### इस पुस्तक के शीर्षक का अनुवाद किस प्रकार किया जाना चाहिए?

अनुवादक इस पुस्तक को इसके पारम्परिक शीर्षक ""इब्रानियों” द्वारा बुलाना चुन सकते हैं। या वे “इब्रानियों को लिखा गया पत्र” या “यहूदी मसीहियों को लिखा गया पत्र” जैसा एक स्पष्ट शीर्षक चुन सकते हैं। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/translate-names]])

## भाग 2: महत्वपूर्ण धार्मिक और सांस्कृतिक धारणाएँ

### पुराने नियम में महायाजक द्वारा आवश्यक बलियों और कार्यों के विषय में जाने बिना क्या पाठक इस पुस्तक को समझ सकते हैं?

इन विषयों को समझे बिना पाठकों के लिए इस पुस्तक को समझना काफी कठिन होगा। अनुवादक टिप्पणियों में या इस पुस्तक के परिचय में इनमें से कुछ विषयों को समझाने का विचार कर सकते हैं।

### इब्रानियों की पुस्तक में लहू के विचार का किस प्रकार प्रयोग किया गया है?

[इब्रानियों 9:7](../../heb/09/07.md) से आरम्भ होकर, लहू के विचार का प्रयोग, इस्राएल के साथ परमेश्वर की वाचा के अनुसार किसी जानवर की बलि को दर्शाने के लिए समानार्थी के रूप में किया गया है। लेखक ने यीशु मसीह की मृत्यु को दर्शाने के लिए भी लहू का उपयोग किया है। यीशु सिद्ध बलिदान बन गया ताकि परमेश्वर उसके विरुद्ध पाप करने के लिए लोगों को क्षमा कर दे। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-metonymy]])

[इब्रानियों 9:19](../../heb/09/19.md) से आरम्भ होकर, लेखक ने छिड़काव के विचार का प्रयोग एक प्रतीकात्मक कार्रवाई के रूप में किया है। पुराने नियम के याजकों ने बलि चढ़ाए गए जानवरों के लहू को छिड़का था। यह जानवर की मृत्यु का लोगों या किसी वस्तु पर लागू होने वाले लाभों का प्रतीक था। इससे यह ज्ञात होता था कि वे लोग या वह वस्तु परमेश्वर को स्वीकार्य थी। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/translate-symaction]])

## भाग 3: महत्वपूर्ण अनुवाद के मुद्दे

### यूएलटी में, इब्रानियों में वर्णित “पवित्र” और “शुद्ध” के विचारों का किस प्रकार वर्णन किया गया है?

पवित्रशास्त्र, विभिन्न विचारों में से किसी एक को इंगित करने के लिए ऐसे शब्दों का उपयोग करता है। इस कारण से, अनुवादकों के लिए अक्सर उनके संस्करणों में उनका अच्छे से वर्णन करना मुश्किल होता है। अंग्रेजी में अनुवाद करने के लिए, यूएलटी निम्नलिखित सिद्धांतों का उपयोग करता है:

* कभी-कभी किसी अंश के अर्थ का तात्पर्य नैतिक पवित्रता होता है। सुसमाचार को समझने के लिए विशेष रूप से महत्वपूर्ण यह तथ्य है कि परमेश्वर मसीहियों को पापहीन मानता है क्योंकि वे यीशु मसीह के साथ एक हो गए हैं। एक और संबंधित तथ्य यह है कि परमेश्वर परिपूर्ण और दोष-रहित है। एक तीसरा तथ्य यह है कि मसीहियों को अपना जीवन निर्दोष, त्रुटिरहित तरीके से चलाना है। इन मामलों में, यूएलटी ""पवित्र,"" ""पवित्र परमेश्वर,"" ""पवित्र लोग"" या ""पवित्र प्रजा"" का उपयोग करता है।
* कभी-कभी इसका अर्थ सरल रूप से मसीहियों को, बिना उनके द्वारा किसी भी विशेष भूमिका की ओर संकेत करते हुए, सरल संदर्भ इंगित करता है। इन मामलों में, यूएलटी ""विश्वासी"" या ""विश्वासियों"" का उपयोग करता है. (देखें: 6:10; 13:24)
* कई बार इसका अर्थ परमेश्वर के लिए अलग किए गए व्यक्ति या वस्तु के विचार की ओर संकेत करता है. इन मामलों में, यूएलटी ""पवित्र"", ""अलग किए गए"", ""समर्पित,"" या ""बचा कर रखे गए"" का उपयोग करता है। (देखें: 2:11: 9:13; 10:10, 14, 29; 13:12)

इसमें यूएसटी अक्सर सहायक होगा जब अनुवादक विचार करेंगे कि इन विचारों को अपने संस्करणों में कैसे प्रस्तुत किया जाए।

### इब्रानियों की पुस्तक के पाठ में प्रमुख मुद्दे क्या हैं?

निम्नलिखित पदों के लिए, बाइबल के नए संस्करण पुराने संस्करणों से अलग हैं। यूएलटी पाठ में आधुनिक पठन है और पुराने पठन को पाद टिप्पणी (फुटनोट) में रखा गया है। यदि सामान्य क्षेत्र में बाइबल का अनुवाद उपलब्ध है, तो अनुवादकों को उन संस्करणों में मिलने वाले पठन का उपयोग करने का विचार करना चाहिए| यदि नहीं, तो अनुवादकों को नए पठन का पालन करने की सलाह दी जाती है|

* ""तूने उस पर महिमा और आदर का मुकुट रखा"" (2:7). कुछ पुराने संस्करण लिखते हैं, ""तूने उस पर महिमा और आदर का मुकुट रखा और उसे अपनी हाथों की रचना के ऊपर रखा।""
* ""जो आज्ञापालन करने वालों के साथ विश्वास में एकजुट नहीं हुए"" (4:2). कुछ पुराने संस्करण लिखते हैं, ""जिन्होंने बिना विश्वास को उसके साथ जोड़े उसको सुना।""
* ""जो अच्छी वस्तुए आ गई हैं, मसीह उनका महायाजक होकर आया"" (9:11)। कुछ नए और पुराने संस्करण लिखते हैं, ""मसीह आनेवाली अच्छी वस्तुओं का महायाजक होकर आया।""
* ""उनके लिए जो कैदी थे"" (10:34)। कुछ पुराने संस्करण लिखते हैं, ""मेरा, मेरी जंजीरों में।""
* ""उनका पत्थराव किया गया था। वे आरे से काट दिए गए। वे तलवार से मारे गए"" (11:37)। कुछ पुराने संस्करण लिखते हैं, ""उन पर पत्थराव किया गया। वे आरे से काट दिए गए। उनकी परीक्षा हुई। वे तलवार से मारे गए।""
* ""यदि कोई पशु भी पहाड़ को छूए, तो उस पर पत्थराव किया जाए"" (12:20)। कुछ पुराने संस्करण लिखते हैं, ""यदि कोई पशु भी पहाड़ को छूए, तो उस पर पत्थराव किया जाए या उसे तीर से मारा जाए""

(देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/translate-textvariants]])
" -HEB 1 intro aaf9 0 "# इब्रानियों 01 सामान्य टिप्पणियाँ
## संरचना एवं स्वरूपण

यह अध्याय हमें समझाता है कि यीशु किस प्रकार हमारे लिए स्वर्गदूतों से अधिक महत्वपूर्ण है।

कुछ अनुवाद, पढ़ने की सरलता के लिए शेष पाठ की तुलना में कविता की प्रत्येक पंक्ति को दाईं ओर रखते हैं। यूएलटी यह 1:5, 7-13 की कविता के साथ करता है, जो कि पुराने नियम से लिए गए शब्द है।

### ""हमारे पूर्वज""

लेखक ने यह पत्र मसीहियों को लिखा जिनका यहूदियों के रूप में पालण-पोषण हुआ था। इसलिए यह पत्र “इब्रानियों” कहलाया है।

## इस अध्याय के महत्वपूर्ण अलंकार

### अलंकारिक प्रश्न

लेखक अलंकारिक प्रश्नों के माध्यम से यह प्रमाणित करता है कि यीशु स्वर्गदूतों से श्रेष्ठ है। वह स्वयं और उसके पाठक दोनों इन प्रश्नों के उत्तर जानते हैं, और लेखक जानता है कि जब पाठक प्रश्नों के उत्तर के विषय में विचार करेंगे तो वे समझ जाएँगे कि परमेश्वर का पुत्र किसी भी स्वर्गदूत से अधिक महत्वपूर्ण है।

### कविता

यहूदी शिक्षक, पुराने नियम के भविष्यद्वक्ताओं के समान अपनी अधिकांश शिक्षाओं को कविता के रूप में प्रस्तुत करते थे ताकि सुनने वाले उनसे सीख सकें और याद भी रख सकें।
" +HEB front intro xy4n 0 # इब्रानियों का परिचय
## भाग 1: सामान्य परिचय

### इब्रानियों की पुस्तक की रूपरेखा

1. यीशु परमेश्वर के भविष्यवक्ताओं और स्वर्गदूतों से श्रेष्ठ है (1:1-4:13)
1. यीशु यरूशलेम में मंदिर में सेवा करने वाले याजकों से श्रेष्ठ है (4:14-7:28)
1. यीशु की सेवा उस पुरानी वाचा से बेहतर है जिसे परमेश्वर ने अपने लोगों के साथ बाँधा था (8:1-10:39)
1. विश्वास किसके समान है (11:1-40)
1. परमेश्वर के प्रति विश्वासयोग्य होने के लिए प्रोत्साहन (12:1-29)
1. अंतिम प्रोत्साहन और अभिवादन (13:1-25)

### इब्रानियों की पुस्तक किसने लिखी?

कोई नहीं जानता कि इब्रानियों को किसने लिखा। विद्वानों ने कई अलग-अलग लोगों का सुझाव दिया है जो सम्भवतः लेखक हो सकते हैं। सम्भावित लेखक पौलुस, लुका और बरनबास हैं। इसे लिखने की तिथि भी ज्ञात नहीं है। अधिकांश विद्वानों का मानना है कि इसे 70 इस्वी से पहले लिखा गया था। यरूशलेम को 70 इस्वी में नष्ट कर दिया गया था, लेकिन इस पत्र के लेखक ने यरूशलेम के विषय में इस प्रकार बात की जैसे कि उसको तब तक नष्ट नहीं किया गया था।

### इब्रानियों की पुस्तक किस विषय में है?

इब्रानियों की पुस्तक में, लेखक दिखाता है कि यीशु ने पुराने नियम की भविष्यवाणियों को पूरा किया है। लेखक ने यहूदी मसीहियों को प्रोत्साहित करने और यह समझाने के लिए ऐसा किया कि यीशु हर प्रकार से पुरानी वाचा की तुलना में बेहतर है। यीशु सिद्ध महायाजक है। यीशु सिद्ध बलिदान भी था। पशु के बलिदान व्यर्थ हो गए क्योंकि यीशु का बलिदान एक बार और हमेशा के लिए था। इसलिए, लोगों के लिए परमेश्वर द्वारा स्वीकार किए जाने हेतु यीशु ही अकेला और एकमात्र मार्ग है।

### इस पुस्तक के शीर्षक का अनुवाद किस प्रकार किया जाना चाहिए?

अनुवादक इस पुस्तक को इसके पारम्परिक शीर्षक ""इब्रानियों” द्वारा बुलाना चुन सकते हैं। या वे “इब्रानियों को लिखा गया पत्र” या “यहूदी मसीहियों को लिखा गया पत्र” जैसा एक स्पष्ट शीर्षक चुन सकते हैं। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/translate-names]])

## भाग 2: महत्वपूर्ण धार्मिक और सांस्कृतिक धारणाएँ

### पुराने नियम में महायाजक द्वारा आवश्यक बलियों और कार्यों के विषय में जाने बिना क्या पाठक इस पुस्तक को समझ सकते हैं?

इन विषयों को समझे बिना पाठकों के लिए इस पुस्तक को समझना काफी कठिन होगा। अनुवादक टिप्पणियों में या इस पुस्तक के परिचय में इनमें से कुछ विषयों को समझाने का विचार कर सकते हैं।

### इब्रानियों की पुस्तक में लहू के विचार का किस प्रकार प्रयोग किया गया है?

[इब्रानियों 9:7](../../heb/09/07.md) से आरम्भ होकर, लहू के विचार का प्रयोग, इस्राएल के साथ परमेश्वर की वाचा के अनुसार किसी जानवर की बलि को दर्शाने के लिए समानार्थी के रूप में किया गया है। लेखक ने यीशु मसीह की मृत्यु को दर्शाने के लिए भी लहू का उपयोग किया है। यीशु सिद्ध बलिदान बन गया ताकि परमेश्वर उसके विरुद्ध पाप करने के लिए लोगों को क्षमा कर दे। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-metonymy]])

[इब्रानियों 9:19](../../heb/09/19.md) से आरम्भ होकर, लेखक ने छिड़काव के विचार का प्रयोग एक प्रतीकात्मक कार्रवाई के रूप में किया है। पुराने नियम के याजकों ने बलि चढ़ाए गए जानवरों के लहू को छिड़का था। यह जानवर की मृत्यु का लोगों या किसी वस्तु पर लागू होने वाले लाभों का प्रतीक था। इससे यह ज्ञात होता था कि वे लोग या वह वस्तु परमेश्वर को स्वीकार्य थी। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/translate-symaction]])

## भाग 3: महत्वपूर्ण अनुवाद के मुद्दे

### यूएलटी में, इब्रानियों में वर्णित “पवित्र” और “शुद्ध” के विचारों का किस प्रकार वर्णन किया गया है?

पवित्रशास्त्र, विभिन्न विचारों में से किसी एक को इंगित करने के लिए ऐसे शब्दों का उपयोग करता है। इस कारण से, अनुवादकों के लिए अक्सर उनके संस्करणों में उनका अच्छे से वर्णन करना मुश्किल होता है। अंग्रेजी में अनुवाद करने के लिए, यूएलटी निम्नलिखित सिद्धांतों का उपयोग करता है:

* कभी-कभी किसी अंश के अर्थ का तात्पर्य नैतिक पवित्रता होता है। सुसमाचार को समझने के लिए विशेष रूप से महत्वपूर्ण यह तथ्य है कि परमेश्वर मसीहियों को पापहीन मानता है क्योंकि वे यीशु मसीह के साथ एक हो गए हैं। एक और संबंधित तथ्य यह है कि परमेश्वर परिपूर्ण और दोष-रहित है। एक तीसरा तथ्य यह है कि मसीहियों को अपना जीवन निर्दोष, त्रुटिरहित तरीके से चलाना है। इन मामलों में, यूएलटी ""पवित्र,"" ""पवित्र परमेश्वर,"" ""पवित्र लोग"" या ""पवित्र प्रजा"" का उपयोग करता है।
* कभी-कभी इसका अर्थ सरल रूप से मसीहियों को, बिना उनके द्वारा किसी भी विशेष भूमिका की ओर संकेत करते हुए, सरल संदर्भ इंगित करता है। इन मामलों में, यूएलटी ""विश्वासी"" या ""विश्वासियों"" का उपयोग करता है. (देखें: 6:10; 13:24)
* कई बार इसका अर्थ परमेश्वर के लिए अलग किए गए व्यक्ति या वस्तु के विचार की ओर संकेत करता है. इन मामलों में, यूएलटी ""पवित्र"", ""अलग किए गए"", ""समर्पित,"" या ""बचा कर रखे गए"" का उपयोग करता है। (देखें: 2:11: 9:13; 10:10, 14, 29; 13:12)

इसमें यूएसटी अक्सर सहायक होगा जब अनुवादक विचार करेंगे कि इन विचारों को अपने संस्करणों में कैसे प्रस्तुत किया जाए।

### इब्रानियों की पुस्तक के पाठ में प्रमुख मुद्दे क्या हैं?

निम्नलिखित पदों के लिए, बाइबल के नए संस्करण पुराने संस्करणों से अलग हैं। यूएलटी पाठ में आधुनिक पठन है और पुराने पठन को पाद टिप्पणी (फुटनोट) में रखा गया है। यदि सामान्य क्षेत्र में बाइबल का अनुवाद उपलब्ध है, तो अनुवादकों को उन संस्करणों में मिलने वाले पठन का उपयोग करने का विचार करना चाहिए| यदि नहीं, तो अनुवादकों को नए पठन का पालन करने की सलाह दी जाती है|

* ""तूने उस पर महिमा और आदर का मुकुट रखा"" (2:7). कुछ पुराने संस्करण लिखते हैं, ""तूने उस पर महिमा और आदर का मुकुट रखा और उसे अपनी हाथों की रचना के ऊपर रखा।""
* ""जो आज्ञापालन करने वालों के साथ विश्वास में एकजुट नहीं हुए"" (4:2). कुछ पुराने संस्करण लिखते हैं, ""जिन्होंने बिना विश्वास को उसके साथ जोड़े उसको सुना।""
* ""जो अच्छी वस्तुए आ गई हैं, मसीह उनका महायाजक होकर आया"" (9:11)। कुछ नए और पुराने संस्करण लिखते हैं, ""मसीह आनेवाली अच्छी वस्तुओं का महायाजक होकर आया।""
* ""उनके लिए जो कैदी थे"" (10:34)। कुछ पुराने संस्करण लिखते हैं, ""मेरा, मेरी जंजीरों में।""
* ""उनका पत्थराव किया गया था। वे आरे से काट दिए गए। वे तलवार से मारे गए"" (11:37)। कुछ पुराने संस्करण लिखते हैं, ""उन पर पत्थराव किया गया। वे आरे से काट दिए गए। उनकी परीक्षा हुई। वे तलवार से मारे गए।""
* ""यदि कोई पशु भी पहाड़ को छूए, तो उस पर पत्थराव किया जाए"" (12:20)। कुछ पुराने संस्करण लिखते हैं, ""यदि कोई पशु भी पहाड़ को छूए, तो उस पर पत्थराव किया जाए या उसे तीर से मारा जाए""

(देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/translate-textvariants]])
+HEB 1 intro aaf9 0 # इब्रानियों 01 सामान्य टिप्पणियाँ
## संरचना एवं स्वरूपण

यह अध्याय हमें समझाता है कि यीशु किस प्रकार हमारे लिए स्वर्गदूतों से अधिक महत्वपूर्ण है।

कुछ अनुवाद, पढ़ने की सरलता के लिए शेष पाठ की तुलना में कविता की प्रत्येक पंक्ति को दाईं ओर रखते हैं। यूएलटी यह 1:5, 7-13 की कविता के साथ करता है, जो कि पुराने नियम से लिए गए शब्द है।

### ""हमारे पूर्वज""

लेखक ने यह पत्र मसीहियों को लिखा जिनका यहूदियों के रूप में पालण-पोषण हुआ था। इसलिए यह पत्र “इब्रानियों” कहलाया है।

## इस अध्याय के महत्वपूर्ण अलंकार

### अलंकारिक प्रश्न

लेखक अलंकारिक प्रश्नों के माध्यम से यह प्रमाणित करता है कि यीशु स्वर्गदूतों से श्रेष्ठ है। वह स्वयं और उसके पाठक दोनों इन प्रश्नों के उत्तर जानते हैं, और लेखक जानता है कि जब पाठक प्रश्नों के उत्तर के विषय में विचार करेंगे तो वे समझ जाएँगे कि परमेश्वर का पुत्र किसी भी स्वर्गदूत से अधिक महत्वपूर्ण है।

### कविता

यहूदी शिक्षक, पुराने नियम के भविष्यद्वक्ताओं के समान अपनी अधिकांश शिक्षाओं को कविता के रूप में प्रस्तुत करते थे ताकि सुनने वाले उनसे सीख सकें और याद भी रख सकें।
HEB 1 1 c5f3 0 General Information: यद्यपि यह पत्र उन प्राप्तकर्ताओं का उल्लेख नहीं करता है जिन्हें इसे भेजा गया था, लेखक ने इसे विशेष रूप से इब्रानियों (यहूदियों) को लिखा, जो पुराने नियम के कई उद्धरणों को समझते होंगे। HEB 1 1 c5f3 0 General Information: यह प्रस्तावना पूरी किताब के लिए पृष्ठभूमि रखती है: पुत्र की अनोखी महानता — पुत्र सबसे महान है। यह पुस्तक इस बात पर जोर देते हुए आरम्भ होती है कि पुत्र भविष्यद्वक्ताओं और स्वर्गदूतों से श्रेष्ठ है। HEB 1 2 scr8 ἐπ’ ἐσχάτου τῶν ἡμερῶν τούτων 1 in these last days "इन अंतिम दिनों में। यह वाक्यांश उस समय को संदर्भित करता है जब यीशु ने अपनी सेवा आरम्भ की, और तब तक जब कि परमेश्वर अपनी सृष्टि में अपना पूरा राज्य स्थापित नहीं कर लेता। @@ -47,7 +47,7 @@ HEB 1 13 s6k7 translate-symaction κάθου ἐκ δεξιῶν μου 1 Sit at HEB 1 13 ulp5 figs-metaphor ἕως ἂν θῶ τοὺς ἐχθρούς σου, ὑποπόδιον τῶν ποδῶν σου 1 until I make your enemies a stool for your feet मसीह के शत्रुओं के विषय में इस प्रकार बोला गया है जैसे वे एक वस्तु बन जाएँगे जिस पर एक राजा अपने पैरों को रखता है। यह छवि उसके शत्रुओं के लिए हार और अपमान को दर्शाती है। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-metaphor]]) HEB 1 14 fk5v figs-rquestion οὐχὶ πάντες εἰσὶν λειτουργικὰ πνεύματα…κληρονομεῖν σωτηρίαν? 1 Are not all angels spirits ... inherit salvation? "लेखक इस प्रश्न का पाठकों को यह स्मरण दिलाने के लिए प्रयोग करता है कि स्वर्गदूत मसीह के समान शक्तिशाली नहीं हैं, लेकिन उनकी एक अलग भूमिका है। वैकल्पिक अनुवाद: ""सभी स्वर्गदूत आत्माएँ हैं जो ... उद्धार पाने वालों के लिए।"" (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-rquestion]])" HEB 1 14 v541 figs-metaphor διὰ τοὺς μέλλοντας κληρονομεῖν σωτηρίαν 1 for those who will inherit salvation "परमेश्वर ने विश्वासियों से जो प्रतिज्ञा की है उसे प्राप्त करने के विषय में इस प्रकार कहा गया है जैसे कि यह परिवार के किसी सदस्य से विरासत में संपत्ति और धन प्राप्त करना था। वैकल्पिक अनुवाद: ""उनके लिए जिन्हें परमेश्वर बचाएगा"" (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-metaphor]])" -HEB 2 intro s2gd 0 "# इब्रानियों 02 सामान्य टिप्पणियाँ
## संरचना एवं स्वरूपण

यह अध्याय इस विषय में है कि किस प्रकार यीशु, मूसा जो सबसे महान इसरायली था, उस से श्रेठ है.

कुछ अनुवाद, पढ़ने में आसान बनाने के लिए शेष पाठ की तुलना में कविता की प्रत्येक पंक्ति को दाईं ओर रखते हैं। यूएलटी 2:6-8, 12-13, की कविता के साथ ऐसा करता है, जो कि पुराने नियम से लिए गए वचन हैं।

## इस अध्याय में पाई जाने वाली विशेष धारणाएँ

### भाइयों

लेखक सम्भवतः ""भाइयों"" शब्द का प्रयोग उन मसीहियों को संदर्भित करने के लिए करता है जिनका यहूदियों के रूप में पालन-पोषण हुआ है।

* __[इब्रानियों 02:01 टिप्पणियाँ](./01.md)__

__[<<](../01/intro.md) | [>>](../03/intro.md)__
" +HEB 2 intro s2gd 0 # इब्रानियों 02 सामान्य टिप्पणियाँ
## संरचना एवं स्वरूपण

यह अध्याय इस विषय में है कि किस प्रकार यीशु, मूसा जो सबसे महान इसरायली था, उस से श्रेठ है.

कुछ अनुवाद, पढ़ने में आसान बनाने के लिए शेष पाठ की तुलना में कविता की प्रत्येक पंक्ति को दाईं ओर रखते हैं। यूएलटी 2:6-8, 12-13, की कविता के साथ ऐसा करता है, जो कि पुराने नियम से लिए गए वचन हैं।

## इस अध्याय में पाई जाने वाली विशेष धारणाएँ

### भाइयों

लेखक सम्भवतः ""भाइयों"" शब्द का प्रयोग उन मसीहियों को संदर्भित करने के लिए करता है जिनका यहूदियों के रूप में पालन-पोषण हुआ है।

* __[इब्रानियों 02:01 टिप्पणियाँ](./01.md)__

__[<<](../01/intro.md) | [>>](../03/intro.md)__
HEB 2 1 x7px 0 Connecting Statement: यह लेखक द्वारा दी गई पाँच अत्यावश्यक चेतावनियों में से पहली है। HEB 2 1 c72f figs-inclusive δεῖ…ἡμᾶς 1 we must """हम"" यहाँ लेखक को संदर्भित करता है और उसके दर्शकों को शामिल करता है। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-inclusive]])" HEB 2 1 ayd1 figs-metaphor μήποτε παραρυῶμεν 1 so that we do not drift away from it "इस रूपक के संभावित: अर्थ इस प्रकार हैं 1) जो लोग परमेश्वर के वचन पर विश्वास करना बंद कर देते हैं, उनके विषय में इस प्रकार कहा गया है जैसे कि वे इस प्रकार बहते जा रहे हो, जैसे एक नाव पानी में अपने स्थान से बह जाती है। वैकल्पिक अनुवाद: ""ताकि हम उस पर विश्वास करना बंद न करें"" या 2) जो लोग परमेश्वर के वचन पर विश्वास करना बंद कर देते हैं, उनके विषय में इस प्रकार कहा गया है जैसे कि वे इस प्रकार बहते जा रहे हो, जैसे एक नाव पानी में अपने स्थान से बह जाती है। वैकल्पिक अनुवाद: ""ताकि हम इसका आज्ञापालन करना बंद न करें"" (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-metaphor]])" @@ -106,7 +106,7 @@ HEB 2 17 v3pw τοῖς ἀδελφοῖς ὁμοιωθῆναι 1 like his br HEB 2 17 u6ch εἰς τὸ ἱλάσκεσθαι τὰς ἁμαρτίας τοῦ λαοῦ 1 he would bring about the pardon of the people's sins "क्रूस पर मसीह की मृत्यु का अर्थ है कि परमेश्वर पापों को क्षमा कर सकते हैं। वैकल्पिक अनुवाद: ""वह परमेश्वर के लिए लोगों के पापों को क्षमा करना संभव करेगा""" HEB 2 18 xde4 figs-activepassive πειρασθείς 1 was tempted "इसे सक्रिय रूप में कहा जा सकता है। वैकल्पिक अनुवाद: ""शैतान ने उसकी परीक्षा की"" (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-activepassive]])" HEB 2 18 a3a6 figs-activepassive πειραζομένοις 1 who are tempted "इसे सक्रिय रूप में कहा जा सकता है। वैकल्पिक अनुवाद: ""जिसकी शैतान परीक्षा कर रहा है"" (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-activepassive]])" -HEB 3 intro mu26 0 "# इब्रानीयों 03 सामान्य टिप्पणियाँ
## संरचना एवं स्वरूपण

कुछ अनुवाद, पढ़ने की सरलता के लिए शेष पाठ की तुलना में कविता की प्रत्येक पंक्ति को दाईं ओर रखते हैं। यूएलटी 3:7-11,15 की कविता के साथ ऐसा करता है, जो कि पुराने नियम से लिए गए वचन हैं।

## इस अध्याय में पाई जाने वाली विशेष धारणाएँ

### भाइयों

लेखक सम्भवतः ""भाइयों"" शब्द का प्रयोग उन मसीहियों को संदर्भित करने के लिए करता है जिनका यहूदियों के रूप में पालन-पोषण हुआ है।

## इस अध्याय के महत्वपूर्ण अलंकार

### अपने मन को कठोर करना

अपने मन को कठोर करने वाला व्यक्ति वो होता है जो परमेश्वर की आवाज़ को नहीं सुनेगा और उसकी आज्ञा को नहीं मानेगा। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-metaphor]])

### अलंकारिक प्रश्न

लेखक अपने पाठकों को चेतावनी देने के लिए अलंकारिक प्रश्नों का उपयोग करता है। वह स्वयं और उसके पाठक दोनों इन प्रश्नों के उत्तर जानते हैं, और लेखक जानता है कि जब पाठक प्रश्नों के उत्तर के विषय में विचार करेंगे तो वे समझ जाएँगे कि उन्हें परमेश्वर की आवाज़ को सुनना है और उसकी आज्ञा का पालन करना है।
" +HEB 3 intro mu26 0 # इब्रानीयों 03 सामान्य टिप्पणियाँ
## संरचना एवं स्वरूपण

कुछ अनुवाद, पढ़ने की सरलता के लिए शेष पाठ की तुलना में कविता की प्रत्येक पंक्ति को दाईं ओर रखते हैं। यूएलटी 3:7-11,15 की कविता के साथ ऐसा करता है, जो कि पुराने नियम से लिए गए वचन हैं।

## इस अध्याय में पाई जाने वाली विशेष धारणाएँ

### भाइयों

लेखक सम्भवतः ""भाइयों"" शब्द का प्रयोग उन मसीहियों को संदर्भित करने के लिए करता है जिनका यहूदियों के रूप में पालन-पोषण हुआ है।

## इस अध्याय के महत्वपूर्ण अलंकार

### अपने मन को कठोर करना

अपने मन को कठोर करने वाला व्यक्ति वो होता है जो परमेश्वर की आवाज़ को नहीं सुनेगा और उसकी आज्ञा को नहीं मानेगा। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-metaphor]])

### अलंकारिक प्रश्न

लेखक अपने पाठकों को चेतावनी देने के लिए अलंकारिक प्रश्नों का उपयोग करता है। वह स्वयं और उसके पाठक दोनों इन प्रश्नों के उत्तर जानते हैं, और लेखक जानता है कि जब पाठक प्रश्नों के उत्तर के विषय में विचार करेंगे तो वे समझ जाएँगे कि उन्हें परमेश्वर की आवाज़ को सुनना है और उसकी आज्ञा का पालन करना है।
HEB 3 1 m1cv 0 Connecting Statement: यह दूसरी चेतावनी लंबी और अधिक विस्तृत है और इसमें अध्याय 3 और 4 शामिल हैं। लेखक यह दिखाकर आरंभ करता है कि मसीह अपने दास मूसा से श्रेष्ठ है। HEB 3 1 tp7e figs-metaphor ἀδελφοὶ ἅγιοι 1 holy brothers "यहाँ “भाइयों” का संदर्भ साथी मसिहियों से है, जिसमें पुरुष और स्त्री दोनों शामिल हैं। वैकल्पिक अनुवाद: ""पवित्र भाइयों और बहनों"" या ""मेरे पवित्र साथी विश्वासियों"" (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-metaphor]] और [[rc://hi/ta/man/translate/figs-gendernotations]])" HEB 3 1 af15 figs-metonymy κλήσεως ἐπουρανίου, μέτοχοι 1 you share in a heavenly calling "यहाँ “स्वर्गीय” परमेश्वर को संदर्भित करता है। वैकल्पिक अनुवाद: ""परमेश्वर ने हमें एक साथ बुलाया है"" (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-metonymy]])" @@ -470,7 +470,7 @@ HEB 9 26 dq7m figs-metaphor εἰς ἀθέτησιν ἁμαρτίας διὰ HEB 9 28 p8b6 figs-activepassive ὁ Χριστός ἅπαξ προσενεχθεὶς 1 Christ was offered once "इसे सक्रिय रूप में कहा जा सकता है। वैकल्पिक अनुवाद: ""मसीह ने स्वयं को एक बार चढ़ाया"" (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-activepassive]])" HEB 9 28 hv2t figs-metaphor εἰς τὸ…ἀνενεγκεῖν ἁμαρτίας 1 to take away the sins "हमारे पापों के लिए हमें दोषी के बजाए निर्दोष बनाने के कार्य के विषय में इस प्रकार कहा गया है जैसे कि हमारे पाप भौतिक वस्तुएँ थीं जिन्हें मसीह हमसे दूर ले जा सकता था। वैकल्पिक अनुवाद: ""ताकि परमेश्वर पापों को क्षमा कर सके"" (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-metaphor]])" HEB 9 28 p6th figs-metonymy τὸ…ἁμαρτίας 1 the sins "यहाँ ""पाप"" का अर्थ वो अपराध भावना है जो लोगों में परमेश्वर के सामने उनके पापों के कारण होती है। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-metonymy]])" -HEB 10 intro nev1 0 "# इब्रानियों 10 सामान्य टिप्पणियाँ
## संरचना एवं स्वरूपण

इस अध्याय में, लेखक इस बात का विवरण देना समाप्त करता है कि किस प्रकार यीशु का बलिदान, मंदिर में चढ़ाए गए बलिदानों से बेहतर था। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/lawofmoses]])

कुछ अनुवाद, पढ़ने में आसान बनाने के लिए शेष पाठ की तुलना में कविता की प्रत्येक पंक्ति को दाईं ओर रखते हैं। यूएलटी 10:5-7, 15-17, 37-38 की कविता के साथ ऐसा करता है, जो कि पुराने नियम से लिए गए वचन हैं।

## इस अध्याय में पाई जाने वाली विशेष धारणाएँ

### परमेश्वर का न्याय और पुरस्कार

पवित्र रहन-सहन मसीहियों के लिए महत्वपूर्ण है। परमेश्वर लोगों को इस बात के लिए जिम्मेदार ठहराएगा कि उन्होंने अपना मसीही जीवन कैसे जिया। चाहे मसीहियों के लिए अनंत दंड न होगा, फिर भी अधर्म के कार्य के परिणाम होते हैं और होंगे भी। इसके अतिरिक्त, विश्वासयोग्य जीवित लोगों को पुरस्कृत किया जाएगा। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/holy]], [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/godly]] और [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/faithful]] और [[rc://hi/tw/dict/bible/other/reward]])

## इस अध्याय में अन्य संभावित अनुवाद की कठिनाइयाँ

### ""क्योंकि बैल और बकरियों के लहू के द्वारा पापों को दूर करना असंभव है""
बलिदानों में अपने आप में कोई मुक्ति दिलाने की सामर्थ्य न थी। वे इसलिए प्रभावशाली थे क्योंकि वे विश्वास का प्रदर्शन थे, जिसका लाभ बलिदान चढाने वाले व्यक्ति को मिलता था। अंततः यीशु का बलिदान था जो इन बलिदानों को ""पापों को दूर” करने में सक्षम बना देता है।"" (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/redeem]] और [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/faith]])

### ""जिस वाचा को मैं बनाऊँगा""
यह स्पष्ट नहीं है कि यह भविष्यवाणी लेखक द्वारा यह लिखे जाने के समय पूरी हो रही थी या इसे बाद में होना था। अनुवादक को इस वाचा के आरंभ होने के समय के विषय में दावा करने से बचने की कोशिश करनी चाहिए। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/prophet]] और [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/covenant]])
" +HEB 10 intro nev1 0 # इब्रानियों 10 सामान्य टिप्पणियाँ
## संरचना एवं स्वरूपण

इस अध्याय में, लेखक इस बात का विवरण देना समाप्त करता है कि किस प्रकार यीशु का बलिदान, मंदिर में चढ़ाए गए बलिदानों से बेहतर था। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/lawofmoses]])

कुछ अनुवाद, पढ़ने में आसान बनाने के लिए शेष पाठ की तुलना में कविता की प्रत्येक पंक्ति को दाईं ओर रखते हैं। यूएलटी 10:5-7, 15-17, 37-38 की कविता के साथ ऐसा करता है, जो कि पुराने नियम से लिए गए वचन हैं।

## इस अध्याय में पाई जाने वाली विशेष धारणाएँ

### परमेश्वर का न्याय और पुरस्कार

पवित्र रहन-सहन मसीहियों के लिए महत्वपूर्ण है। परमेश्वर लोगों को इस बात के लिए जिम्मेदार ठहराएगा कि उन्होंने अपना मसीही जीवन कैसे जिया। चाहे मसीहियों के लिए अनंत दंड न होगा, फिर भी अधर्म के कार्य के परिणाम होते हैं और होंगे भी। इसके अतिरिक्त, विश्वासयोग्य जीवित लोगों को पुरस्कृत किया जाएगा। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/holy]], [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/godly]] और [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/faithful]] और [[rc://hi/tw/dict/bible/other/reward]])

## इस अध्याय में अन्य संभावित अनुवाद की कठिनाइयाँ

### ""क्योंकि बैल और बकरियों के लहू के द्वारा पापों को दूर करना असंभव है""
बलिदानों में अपने आप में कोई मुक्ति दिलाने की सामर्थ्य न थी। वे इसलिए प्रभावशाली थे क्योंकि वे विश्वास का प्रदर्शन थे, जिसका लाभ बलिदान चढाने वाले व्यक्ति को मिलता था। अंततः यीशु का बलिदान था जो इन बलिदानों को ""पापों को दूर” करने में सक्षम बना देता है।"" (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/redeem]] और [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/faith]])

### ""जिस वाचा को मैं बनाऊँगा""
यह स्पष्ट नहीं है कि यह भविष्यवाणी लेखक द्वारा यह लिखे जाने के समय पूरी हो रही थी या इसे बाद में होना था। अनुवादक को इस वाचा के आरंभ होने के समय के विषय में दावा करने से बचने की कोशिश करनी चाहिए। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/prophet]] और [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/covenant]])
HEB 10 1 kwq1 0 Connecting Statement: लेखक व्यवस्था और उसके बलिदानों की निर्बलता को दिखाता है, परमेश्वर ने व्यवस्था क्यों दी, और नए याजकपद और मसीह के बलिदान की पूर्णता। HEB 10 1 kj83 figs-metaphor σκιὰν…ἔχων ὁ νόμος τῶν μελλόντων ἀγαθῶν 1 the law is only a shadow of the good things to come यह व्यवस्था के विषय में इस प्रकार बोलता है जैसे कि यह एक छाया हो। लेखक का अर्थ यह है कि व्यवस्था परमेश्वर द्वारा प्रतिज्ञा की गई अच्छी चीजें नहीं है। वह केवल उन अच्छी वस्तुओं की ओर इशारा करती है जो परमेश्वर करने जा रहा है। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-metaphor]]) HEB 10 1 r6ly οὐκ αὐτὴν τὴν εἰκόνα τῶν πραγμάτων 1 not the real forms of those things themselves स्वयं असली वस्तुएँ नहीं हैं diff --git a/hi_tn_60-JAS.tsv b/hi_tn_60-JAS.tsv index 599136a..add359d 100644 --- a/hi_tn_60-JAS.tsv +++ b/hi_tn_60-JAS.tsv @@ -1,6 +1,6 @@ Book Chapter Verse ID SupportReference OrigQuote Occurrence GLQuote OccurrenceNote -JAS front intro exs3 0 "# याकूब का परिचय
## भाग 1: सामान्य परिचय

### याकूब की पुस्तक की रूपरेखा

1। अभिवादन (1:1)
1। परीक्षा और परिपक्वता (1:2-18)
1। परमेश्वर के वचन को सुनना और उस पर चलना (1:19-27)
1। कामों में देखा गया सच्चा विश्वास
- परमेश्वर का वचन (1:19-27)
- प्यार का राजसी कानून (2:1-13)
- कार्य (2:14-26)
1। समुदाय में कठिनाईयाँ
- जीभ के खतरे (3:1-12)
- ऊपर से ज्ञान (3: 13-18)
- सांसारिक इच्छाएँ (4:1-12)
1। तुम्हारे निर्णयों पर परमेश्वर का दृष्टिकोण
- आने वाले कल के बारे में घमंड (4: 13-17)
- धन के बारे में चेतावनी (5:1-6)
- पीड़ा के साथ धीरज (5:7-11)
1। समापन परामर्श
- शपथ (5:12)
- प्रार्थना और उपचार(5:13-18)
- एक दूसरे की देखभाल करना (5:19-20)

### याकूब की पुस्तक किसने लिखी थी?

लेखक स्वयं की याकूब के रूप में पहचान करवाता है। यह सम्भवतः यीशु का सौतेला भाई याकूब था। याकूब प्रारंभिक कलीसिया में एक अगुवा था और यरूशलेम महासभा का हिस्सा था। प्रेरित पौलुस ने भी उसे कलीसिया का ""खंभा"" कहा।

यह प्रेरित याकूब वाला व्यक्ति नहीं है। इस पत्र के लिखे जाने से पहले प्रेरित याकूब की हत्या कर दी गई थी।

### याकूब की पुस्तक का विषय क्या है?

इस पत्र में, याकूब ने उन विश्वासियों को प्रोत्साहित किया जो पीड़ित हो रहे थे। उसने उनसे कहा कि जान लो परमेश्वर उनकी पीड़ा का उपयोग उन्हें परिपक्व मसीही बनने में मदद करने के लिए करते हैं। याकूब ने उन्हें विश्वासियों के लिए अच्छे कर्म करने की आवश्यकता के बारे में भी बताया। उसने इस पत्र में बहुत कुछ लिखा है कि विश्वासियों को कैसे रहना चाहिए और एक दूसरे के साथ कैसा व्यवहार करना चाहिए। उदाहरण के लिये, उसने उन्हें एक-दूसरे के साथ एक समान व्यवहार करने का आदेश दिया, एक दूसरे से नहीं लड़ने, और बुद्धिमानी से धन का उपयोग करने का आदेश दिया।

याकूब ने अपने पाठकों को प्रकृति से कई उदाहरणों का उपयोग करके सिखाया जैसे कि 1: 6, 11 और 3: 1- 12 में है। इसके अलावा, इस पत्र के कई हिस्से यीशु के पहाड़ी उपदेश के समान हैं (मत्ती 5-7):

### ""तितर बितर होकर रहने वाले बारह गोत्र"" कौन थे?

याकूब ने कहा कि वह ""तितर बितर होकर रहने वाले बारह गोत्रों"" (1: 1) को लिख रहा था। कुछ विद्वानों का मानना है कि याकूब यहूदी मसीहियों को लिख रहा था। कुछ विद्धानों का मानना है कि याकूब समस्त मसीहियों को सामान्य रूप से लिख रहा था। यह पत्र ""सामान्य पत्रियों"" में से एक के रूप में जाना जाता है क्योंकि यह किसी विशिष्ट कलीसिया या व्यक्ति को नहीं लिखा गया था।

### इस पुस्तक का शीर्षक किस प्रकार अनुवादित किया जाना चाहिए?

अनुवादक इस पुस्तक को इसका पारंपरिक शीर्षक, ""याकूब” कह सकते हैं। या वे एक स्पष्ट शीर्षक चुन सकते हैं, जैसे कि ""याकूब की ओर से एक पत्र"" या "" याकूब द्वारा लिखित पत्र"" (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/translate-names]])

## भाग 2: महत्वपूर्ण धार्मिक और सांस्कृतिक अवधारणा

### क्या याकूब पौलुस से इस बात पर असहमत था कि कैसे एक व्यक्ति परमेश्वर के सामने न्यायमुक्त है?

पौलुस ने रोमियों में सिखाया कि मसीही विश्वास के द्वारा न्यायमुक्त हैं और कामों से नहीं। याकूब यह सिखाता हुआ प्रतीत होता है कि मसीही कामों से न्यायमुक्त हैं। यह भ्रमित कर सकता है। परन्तु जो पौलुस और याकूब ने सिखाया उसकी एक बेहतर समझ दर्शाती है कि वे एक-दूसरे से सहमत हैं। दोनों ने सिखाया कि एक व्यक्ति को न्यायमुक्त होने के लिए विश्वास की आवश्यकता है। और दोनों ने सिखाया कि सच्चा विश्वास एक व्यक्ति को अच्छे काम करने को प्रेरित करता है। पौलुस और याकूब ने इन चीजों के बारे में विभिन्न तरीकों से पढ़ाया क्योंकि उनके पास अलग-अलग दर्शक थे जिन्हें धर्मी होने के बारे में अलग-अलग चीजों को जानने की आवश्यकता थी। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/justice]] और [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/faith]] और [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/works]])

## भाग 3: महत्वपूर्ण अनुवाद के मुद्दे

### याकूब की पुस्तक में विषयों के बीच बदलावों का संकेत अनुवादक को कैसे देना चाहिए?

पत्र जल्दी से विषयों को बदलता है। कभी-कभी याकूब पाठकों को नहीं बताता कि वह विषयों को बदलने वाला है। पदों को एक-दूसरे से अलग होने की इजाजत देना स्वीकार्य है। एक नई लाइन शुरू करने के द्वारा अनुच्छेदों को दूर निर्धारित करना या विषयों के बीच एक जगह डालना यह सही हो सकता है।

### याकूब की पुस्तक के पाठ में प्रमुख मुद्दे क्या हैं?

* ""क्या तुम जानना चाहते हो, हे मूर्ख व्यक्ति, कि कर्म के बिना विश्वास बेकार है?""(2:20)। यूएलटी, यूएसटी, और आधुनिक संस्करण इस तरह से कहते हैं। कुछ पुराने संस्करण कहते हैं, ""क्या तुम जानना चाहते हो, हे मूर्ख व्यक्ति, कि कर्म के बिना विश्वास मर चुका है?"" यदि सामान्य क्षेत्र में बाइबल का अनुवाद उपलब्ध है, तो अनुवादकों को उन संस्करणों में मिलने वाले पठन का उपयोग करने का विचार करना चाहिए। यदि नहीं, तो अनुवादकों को आधुनिक अध्ययन का अनुसरण करने का परामर्श दिया गया है।

(देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/translate-textvariants]])
" -JAS 1 intro pz2q 0 "# याकूब 01 सामान्य टिप्पणियाँ
## संरचना एवं स्वरूपण

याकूब औपचारिक रूप से इस पत्र को पद 1 में प्रस्तुत करता है। लेखकों ने अक्सर प्राचीन निकट पूर्व में इस तरह से पत्र शुरू किए थे।

## इस अध्याय में पाई जाने वाली विशेष धारणाएँ

### परीक्षा और प्रलोभन

ये दो शब्द ([याकूब 1:12-13](./12.md)) में एक साथ पाए जाते हैं। दोनों शब्द एक ऐसे व्यक्ति के बारे में बोलते हैं जो कुछ अच्छा करने और कुछ बुरा करने के बीच चुनने में सक्षम है। उनके बीच का अंतर महत्वपूर्ण है। परमेश्वर व्यक्ति का परीक्षण कर रहा है और चाहता है कि वह अच्छा करे। शैतान व्यक्ति की परीक्षा कर रहा है और चाहता है कि वह बुराई करे।

### मुकुट

मुकुट जो एक व्यक्ति प्राप्त करता है इनाम है जो परीक्षा उत्तीर्ण करने पर प्राप्त करता है वह कुछ ऐसा है जो लोग कुछ विशेष रूप से अच्छा करने पर पाते हैं। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/other/reward]])

## इस अध्याय के महत्वपूर्ण अलंकार

### रूपकों

याकूब इस अध्याय में कई रूपकों का उपयोग करता हैं, और आपको रूपक से पहले सामग्री को समझने की आवश्यकता होगी इस से पहले उन्हें अच्छी तरह से अनुवाद करें। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-metaphor]])

## इस अध्याय में अन्य संभावित अनुवाद की कठिनाइयाँ

### ""तितर बितर बारह गोत्रों के लिए""

यह स्पष्ट नहीं है कि याकूब ने यह पत्र किसके लिए लिखा था। वह स्वयं को प्रभु यीशु मसीह का सेवक कहता है, इसलिए वह सम्भवतः मसीहियों को लिख रहा था। लेकिन वह अपने पाठकों को ""तितर बितर बारह गोत्रों को"" इन शब्दों से पुकारता है, जो आमतौर पर यहूदियों को संदर्भित करते हैं। यह संभव है कि वह उन सभी लोगों के लिए एक रूपक के रूप में शब्दों का उपयोग कर रहा है ""जिन्हें परमेश्वर ने चुना है"" या यह कि उसने उस समय पत्र लिखा था जब अधिकांश मसीही यहूदी के रूप में बढ़ गए थे।" +JAS front intro exs3 0 # याकूब का परिचय
## भाग 1: सामान्य परिचय

### याकूब की पुस्तक की रूपरेखा

1। अभिवादन (1:1)
1। परीक्षा और परिपक्वता (1:2-18)
1। परमेश्वर के वचन को सुनना और उस पर चलना (1:19-27)
1। कामों में देखा गया सच्चा विश्वास
- परमेश्वर का वचन (1:19-27)
- प्यार का राजसी कानून (2:1-13)
- कार्य (2:14-26)
1। समुदाय में कठिनाईयाँ
- जीभ के खतरे (3:1-12)
- ऊपर से ज्ञान (3: 13-18)
- सांसारिक इच्छाएँ (4:1-12)
1। तुम्हारे निर्णयों पर परमेश्वर का दृष्टिकोण
- आने वाले कल के बारे में घमंड (4: 13-17)
- धन के बारे में चेतावनी (5:1-6)
- पीड़ा के साथ धीरज (5:7-11)
1। समापन परामर्श
- शपथ (5:12)
- प्रार्थना और उपचार(5:13-18)
- एक दूसरे की देखभाल करना (5:19-20)

### याकूब की पुस्तक किसने लिखी थी?

लेखक स्वयं की याकूब के रूप में पहचान करवाता है। यह सम्भवतः यीशु का सौतेला भाई याकूब था। याकूब प्रारंभिक कलीसिया में एक अगुवा था और यरूशलेम महासभा का हिस्सा था। प्रेरित पौलुस ने भी उसे कलीसिया का ""खंभा"" कहा।

यह प्रेरित याकूब वाला व्यक्ति नहीं है। इस पत्र के लिखे जाने से पहले प्रेरित याकूब की हत्या कर दी गई थी।

### याकूब की पुस्तक का विषय क्या है?

इस पत्र में, याकूब ने उन विश्वासियों को प्रोत्साहित किया जो पीड़ित हो रहे थे। उसने उनसे कहा कि जान लो परमेश्वर उनकी पीड़ा का उपयोग उन्हें परिपक्व मसीही बनने में मदद करने के लिए करते हैं। याकूब ने उन्हें विश्वासियों के लिए अच्छे कर्म करने की आवश्यकता के बारे में भी बताया। उसने इस पत्र में बहुत कुछ लिखा है कि विश्वासियों को कैसे रहना चाहिए और एक दूसरे के साथ कैसा व्यवहार करना चाहिए। उदाहरण के लिये, उसने उन्हें एक-दूसरे के साथ एक समान व्यवहार करने का आदेश दिया, एक दूसरे से नहीं लड़ने, और बुद्धिमानी से धन का उपयोग करने का आदेश दिया।

याकूब ने अपने पाठकों को प्रकृति से कई उदाहरणों का उपयोग करके सिखाया जैसे कि 1: 6, 11 और 3: 1- 12 में है। इसके अलावा, इस पत्र के कई हिस्से यीशु के पहाड़ी उपदेश के समान हैं (मत्ती 5-7):

### ""तितर बितर होकर रहने वाले बारह गोत्र"" कौन थे?

याकूब ने कहा कि वह ""तितर बितर होकर रहने वाले बारह गोत्रों"" (1: 1) को लिख रहा था। कुछ विद्वानों का मानना है कि याकूब यहूदी मसीहियों को लिख रहा था। कुछ विद्धानों का मानना है कि याकूब समस्त मसीहियों को सामान्य रूप से लिख रहा था। यह पत्र ""सामान्य पत्रियों"" में से एक के रूप में जाना जाता है क्योंकि यह किसी विशिष्ट कलीसिया या व्यक्ति को नहीं लिखा गया था।

### इस पुस्तक का शीर्षक किस प्रकार अनुवादित किया जाना चाहिए?

अनुवादक इस पुस्तक को इसका पारंपरिक शीर्षक, ""याकूब” कह सकते हैं। या वे एक स्पष्ट शीर्षक चुन सकते हैं, जैसे कि ""याकूब की ओर से एक पत्र"" या "" याकूब द्वारा लिखित पत्र"" (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/translate-names]])

## भाग 2: महत्वपूर्ण धार्मिक और सांस्कृतिक अवधारणा

### क्या याकूब पौलुस से इस बात पर असहमत था कि कैसे एक व्यक्ति परमेश्वर के सामने न्यायमुक्त है?

पौलुस ने रोमियों में सिखाया कि मसीही विश्वास के द्वारा न्यायमुक्त हैं और कामों से नहीं। याकूब यह सिखाता हुआ प्रतीत होता है कि मसीही कामों से न्यायमुक्त हैं। यह भ्रमित कर सकता है। परन्तु जो पौलुस और याकूब ने सिखाया उसकी एक बेहतर समझ दर्शाती है कि वे एक-दूसरे से सहमत हैं। दोनों ने सिखाया कि एक व्यक्ति को न्यायमुक्त होने के लिए विश्वास की आवश्यकता है। और दोनों ने सिखाया कि सच्चा विश्वास एक व्यक्ति को अच्छे काम करने को प्रेरित करता है। पौलुस और याकूब ने इन चीजों के बारे में विभिन्न तरीकों से पढ़ाया क्योंकि उनके पास अलग-अलग दर्शक थे जिन्हें धर्मी होने के बारे में अलग-अलग चीजों को जानने की आवश्यकता थी। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/justice]] और [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/faith]] और [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/works]])

## भाग 3: महत्वपूर्ण अनुवाद के मुद्दे

### याकूब की पुस्तक में विषयों के बीच बदलावों का संकेत अनुवादक को कैसे देना चाहिए?

पत्र जल्दी से विषयों को बदलता है। कभी-कभी याकूब पाठकों को नहीं बताता कि वह विषयों को बदलने वाला है। पदों को एक-दूसरे से अलग होने की इजाजत देना स्वीकार्य है। एक नई लाइन शुरू करने के द्वारा अनुच्छेदों को दूर निर्धारित करना या विषयों के बीच एक जगह डालना यह सही हो सकता है।

### याकूब की पुस्तक के पाठ में प्रमुख मुद्दे क्या हैं?

* ""क्या तुम जानना चाहते हो, हे मूर्ख व्यक्ति, कि कर्म के बिना विश्वास बेकार है?""(2:20)। यूएलटी, यूएसटी, और आधुनिक संस्करण इस तरह से कहते हैं। कुछ पुराने संस्करण कहते हैं, ""क्या तुम जानना चाहते हो, हे मूर्ख व्यक्ति, कि कर्म के बिना विश्वास मर चुका है?"" यदि सामान्य क्षेत्र में बाइबल का अनुवाद उपलब्ध है, तो अनुवादकों को उन संस्करणों में मिलने वाले पठन का उपयोग करने का विचार करना चाहिए। यदि नहीं, तो अनुवादकों को आधुनिक अध्ययन का अनुसरण करने का परामर्श दिया गया है।

(देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/translate-textvariants]])
+JAS 1 intro pz2q 0 # याकूब 01 सामान्य टिप्पणियाँ
## संरचना एवं स्वरूपण

याकूब औपचारिक रूप से इस पत्र को पद 1 में प्रस्तुत करता है। लेखकों ने अक्सर प्राचीन निकट पूर्व में इस तरह से पत्र शुरू किए थे।

## इस अध्याय में पाई जाने वाली विशेष धारणाएँ

### परीक्षा और प्रलोभन

ये दो शब्द ([याकूब 1:12-13](./12.md)) में एक साथ पाए जाते हैं। दोनों शब्द एक ऐसे व्यक्ति के बारे में बोलते हैं जो कुछ अच्छा करने और कुछ बुरा करने के बीच चुनने में सक्षम है। उनके बीच का अंतर महत्वपूर्ण है। परमेश्वर व्यक्ति का परीक्षण कर रहा है और चाहता है कि वह अच्छा करे। शैतान व्यक्ति की परीक्षा कर रहा है और चाहता है कि वह बुराई करे।

### मुकुट

मुकुट जो एक व्यक्ति प्राप्त करता है इनाम है जो परीक्षा उत्तीर्ण करने पर प्राप्त करता है वह कुछ ऐसा है जो लोग कुछ विशेष रूप से अच्छा करने पर पाते हैं। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/other/reward]])

## इस अध्याय के महत्वपूर्ण अलंकार

### रूपकों

याकूब इस अध्याय में कई रूपकों का उपयोग करता हैं, और आपको रूपक से पहले सामग्री को समझने की आवश्यकता होगी इस से पहले उन्हें अच्छी तरह से अनुवाद करें। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-metaphor]])

## इस अध्याय में अन्य संभावित अनुवाद की कठिनाइयाँ

### ""तितर बितर बारह गोत्रों के लिए""

यह स्पष्ट नहीं है कि याकूब ने यह पत्र किसके लिए लिखा था। वह स्वयं को प्रभु यीशु मसीह का सेवक कहता है, इसलिए वह सम्भवतः मसीहियों को लिख रहा था। लेकिन वह अपने पाठकों को ""तितर बितर बारह गोत्रों को"" इन शब्दों से पुकारता है, जो आमतौर पर यहूदियों को संदर्भित करते हैं। यह संभव है कि वह उन सभी लोगों के लिए एक रूपक के रूप में शब्दों का उपयोग कर रहा है ""जिन्हें परमेश्वर ने चुना है"" या यह कि उसने उस समय पत्र लिखा था जब अधिकांश मसीही यहूदी के रूप में बढ़ गए थे। JAS 1 1 ssc8 0 General Information: प्रेरित याकूब सभी मसीहियों को यह पत्र लिखता है। उनमें से कई यहूदी थे, और वे कई अलग-अलग स्थानों में रहते थे। JAS 1 1 pkt2 figs-explicit Ἰάκωβος, Θεοῦ καὶ Κυρίου Ἰησοῦ Χριστοῦ, δοῦλος 1 James, a servant of God and of the Lord Jesus Christ """की ओर से यह पत्र है"" यह वाक्यांश अस्पष्ट है। वैकल्पिक अनुवाद: “यह पत्र याकूब की ओर से है, परमेश्वर और प्रभु यीशु मसीह का एक सेवक” (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-explicit]])" JAS 1 1 l4i7 figs-synecdoche ταῖς δώδεκα φυλαῖς 1 to the twelve tribes "संभावित अर्थ हैं 1) यह यहूदी मसीहियों के लिए एक उपलक्ष्य अलंकार है, या 2) यह सभी मसीहियों के लिए एक रूपक है। वैकल्पिक अनुवाद: ""परमेश्वर के विश्वासयोग्य लोगों के लिए"" (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-synecdoche]] और [[rc://hi/ta/man/translate/figs-metaphor]])" @@ -79,7 +79,7 @@ JAS 1 27 skf4 figs-metaphor παρὰ τῷ Θεῷ καὶ Πατρί 1 before JAS 1 27 iiv2 ὀρφανοὺς 1 the fatherless अनाथ JAS 1 27 r8nj ἐν τῇ θλίψει αὐτῶν 1 in their affliction अनाथ और विधवा पीड़ित हैं क्योंकि उनके पिता या पति की मृत्यु हो गई है। JAS 1 27 nmf7 figs-metaphor ἄσπιλον ἑαυτὸν τηρεῖν ἀπὸ τοῦ κόσμου 1 to keep oneself unstained by the world "दुनिया में पाप ऐसे बोला गया है जैसे कुछ गन्दगी जो मनुष्य को कलंकित कर सकती है। वैकल्पिक अनुवाद: ""दुनिया में बुराई को किसी से पाप कराने की अनुमति न दें” (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-metaphor]])" -JAS 2 intro f5zd 0 "# याकूब 02 सामान्य टिप्पणियाँ
## इस अध्याय में विशेष अवधारणा

### पक्षपात

याकूब के कुछ पाठकों ने समृद्ध और शक्तिशाली लोगों के साथ अच्छी तरह से व्यवहार किया और गरीब लोगों के साथ बुरी तरह से बर्ताव किया। इसे पक्षपात कहा जाता है, और याकूब उन्हें बताता है कि यह गलत है। परमेश्वर चाहता है कि उसके लोग अमीर लोग और गरीब लोग दोनों के साथ अच्छी तरह व्यवहार करें।

### दोषमुक्ति

दोषमुक्ति तब होती है जब परमेश्वर एक व्यक्ति को धर्मी बनाता है। याकूब यहाँ कहता है कि परमेश्वर धर्मी बनाता है या उन लोगों को न्यायमुक्त करता है जो विश्वास के साथ अच्छे काम करते हैं। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/justice]] और [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/righteous]] और [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/faith]])

## इस अध्याय में अन्य संभावित अनुवाद की कठिनाइयाँ

### उद्धरण चिन्ह

यह वचन ""मुझे कामों के बिना अपना विश्वास दिखाएँ, और मैं तुमको अपने कार्यों से अपना विश्वास दिखाऊँगा"" समझने में मुश्किल हैं। कुछ लोग सोचते हैं कि ये उद्धरण चिन्हों के शब्दों की तरह हैं जैसे ""कोई कह सकता है""। अधिकांश संस्करण उन्हें ऐसे शब्दों के रूप में अनुवाद करते हैं कि याकूब उनको वापस ""किसी को"" कह रहा है।

### ""आपके पास है ... मेरे पास है ""

"" कुछ लोग सोचते हैं कि ""तुम"" और ""मैं"" शब्द ""कुछ लोग"" और ""अन्य लोगों"" के लिए समानार्थी हैं। यदि वे सही हैं, तो पद 18 का अनुवाद ऐसे किया जा सकता है, ""कोई कह सकता है, 'कुछ लोगों के पास विश्वास है और अन्य लोगों के पास काम है। हर किसी के पास दोनों नहीं हैं। '' अगर अगला वाक्य भी ""कोई कह सकता है,"" है तो इसका अनुवाद किया जा सकता है ""कुछ लोग कामों के बिना अपना विश्वास दिखाते हैं, और अन्य लोग अपने कामों से अपना विश्वास दिखाते हैं। दोनों के पास विश्वास है।"" दोनों मामलों में, पाठक केवल तभी समझेंगे जब आप अतिरिक्त वाक्य जोड़ते हैं। सम्भवतः यूएलटी के जैसे इसका अनुवाद करना सबसे अच्छा है। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-metonymy]] और [[rc://hi/ta/man/translate/figs-explicit]])
" +JAS 2 intro f5zd 0 # याकूब 02 सामान्य टिप्पणियाँ
## इस अध्याय में विशेष अवधारणा

### पक्षपात

याकूब के कुछ पाठकों ने समृद्ध और शक्तिशाली लोगों के साथ अच्छी तरह से व्यवहार किया और गरीब लोगों के साथ बुरी तरह से बर्ताव किया। इसे पक्षपात कहा जाता है, और याकूब उन्हें बताता है कि यह गलत है। परमेश्वर चाहता है कि उसके लोग अमीर लोग और गरीब लोग दोनों के साथ अच्छी तरह व्यवहार करें।

### दोषमुक्ति

दोषमुक्ति तब होती है जब परमेश्वर एक व्यक्ति को धर्मी बनाता है। याकूब यहाँ कहता है कि परमेश्वर धर्मी बनाता है या उन लोगों को न्यायमुक्त करता है जो विश्वास के साथ अच्छे काम करते हैं। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/justice]] और [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/righteous]] और [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/faith]])

## इस अध्याय में अन्य संभावित अनुवाद की कठिनाइयाँ

### उद्धरण चिन्ह

यह वचन ""मुझे कामों के बिना अपना विश्वास दिखाएँ, और मैं तुमको अपने कार्यों से अपना विश्वास दिखाऊँगा"" समझने में मुश्किल हैं। कुछ लोग सोचते हैं कि ये उद्धरण चिन्हों के शब्दों की तरह हैं जैसे ""कोई कह सकता है""। अधिकांश संस्करण उन्हें ऐसे शब्दों के रूप में अनुवाद करते हैं कि याकूब उनको वापस ""किसी को"" कह रहा है।

### ""आपके पास है ... मेरे पास है ""

"" कुछ लोग सोचते हैं कि ""तुम"" और ""मैं"" शब्द ""कुछ लोग"" और ""अन्य लोगों"" के लिए समानार्थी हैं। यदि वे सही हैं, तो पद 18 का अनुवाद ऐसे किया जा सकता है, ""कोई कह सकता है, 'कुछ लोगों के पास विश्वास है और अन्य लोगों के पास काम है। हर किसी के पास दोनों नहीं हैं। '' अगर अगला वाक्य भी ""कोई कह सकता है,"" है तो इसका अनुवाद किया जा सकता है ""कुछ लोग कामों के बिना अपना विश्वास दिखाते हैं, और अन्य लोग अपने कामों से अपना विश्वास दिखाते हैं। दोनों के पास विश्वास है।"" दोनों मामलों में, पाठक केवल तभी समझेंगे जब आप अतिरिक्त वाक्य जोड़ते हैं। सम्भवतः यूएलटी के जैसे इसका अनुवाद करना सबसे अच्छा है। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-metonymy]] और [[rc://hi/ta/man/translate/figs-explicit]])
JAS 2 1 ici9 0 Connecting Statement: याकूब बिखरे हुए यहूदी विश्वासियों को बताना जारी रखता है कि एक दूसरे से प्यार करके कैसे रहना चाहिए और उन्हें याद दिलाता है कि गरीब भाइयों पर अमीर लोगों का पक्ष न लें। JAS 2 1 kab4 ἀδελφοί μου 1 My brothers "याकूब अपने पाठकों को यहूदी विश्वासियों के रूप में समझता है। वैकल्पिक अनुवाद: ""मेरे साथी विश्वासियों"" या ""मसीह में मेरे भाइयों और बहनों""" JAS 2 1 qs2x figs-metaphor ἔχετε τὴν πίστιν τοῦ Κυρίου ἡμῶν, Ἰησοῦ Χριστοῦ 1 hold to faith in our Lord Jesus Christ यीशु मसीह में विश्वास करना इस प्रकार बताया गया है कि यह एक वस्तु थी जिसे कोई पकड़ सकता था। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-metaphor]]) @@ -218,7 +218,7 @@ JAS 3 17 hfh9 figs-metaphor μεστὴ ἐλέους καὶ καρπῶν ἀ JAS 3 17 by2l ἀνυπόκριτος 1 and sincere और ईमानदार या “और सत्यवादी” JAS 3 18 md56 figs-metaphor καρπὸς…δικαιοσύνης ἐν εἰρήνῃ σπείρεται, τοῖς ποιοῦσιν εἰρήνην 1 The fruit of righteousness is sown in peace among those who make peace "शांति बनाने वाले लोगों की बात ऐसे की गई है कि जैसे वे बीज बो रहे थे, और धार्मिकता की बात ऐसे की गई है जैसे कि यह शांति पैदा करने के फलस्वरूप बढ़ता हुआ फल था। वैकल्पिक अनुवाद: ""शांति का नतीजा धार्मिकता है"" या ""जो लोग शांति से जीने में मदद करने के लिए शांतिपूर्वक काम करते हैं, वे धार्मिकता पैदा करते हैं"" (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-metaphor]])" JAS 3 18 htr1 figs-abstractnouns ποιοῦσιν εἰρήνην 1 make peace "भाववाचक संज्ञा ""शांति"" को ""शांतिपूर्वक"" कहा जा सकता है। वैकल्पिक अनुवाद: ""लोगों को शांतिपूर्वक रहने का कारण बनता है"" या ""लोगों को एक-दूसरे से नाराज नहीं रहने में मदद करता है"" (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-abstractnouns]])" -JAS 4 intro r6vv 0 "# याकूब 04 सामान्य टिप्पणियाँ
## इस अध्याय में विशेष अवधारणाएँ

### व्यभिचार

बाइबल में लेखकों ने व्यभिचार के बारे में अक्सर लोगों के लिए एक रूपक के रूप में कहा है कि वे परमेश्वर से प्यार करते हैं, लेकिन उन चीजों को करते हैं जिनसे परमेश्वर नफरत करता है। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-metaphor]] और [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/godly]])

### व्यवस्था

याकूब सम्भवतः इस शब्द का उपयोग [याकूब 4:11](../../jas/04/11.md) में ""शाही व्यवस्था"" को सन्दर्भित करने के लिए करता है"" ([याकूब 2:8](../../jas/02/08.md))।

## इस अध्याय के महत्वपूर्ण अलंकार

### उदारवादी प्रश्न

याकूब कई सवाल पूछता है क्योंकि वह चाहता है कि उसके पाठक इस बारे में सोचें कि वे कैसे रह रहे हैं। वह उन्हें सुधारना और सिखाना चाहता है। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-rquestion]])

## इस अध्याय में अन्य संभावित अनुवाद की कठिनाइयाँ

### नम्र

यह शब्द आमतौर पर उन लोगों को संदर्भित करता है जो गर्व नहीं करते हैं। यहाँ उन लोगों का उल्लेख करने के लिए इस शब्द का उपयोग करता है जो गर्व नहीं करते हैं और जो यीशु पर भी भरोसा करते हैं और उसका आज्ञापालन करते हैं।" +JAS 4 intro r6vv 0 # याकूब 04 सामान्य टिप्पणियाँ
## इस अध्याय में विशेष अवधारणाएँ

### व्यभिचार

बाइबल में लेखकों ने व्यभिचार के बारे में अक्सर लोगों के लिए एक रूपक के रूप में कहा है कि वे परमेश्वर से प्यार करते हैं, लेकिन उन चीजों को करते हैं जिनसे परमेश्वर नफरत करता है। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-metaphor]] और [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/godly]])

### व्यवस्था

याकूब सम्भवतः इस शब्द का उपयोग [याकूब 4:11](../../jas/04/11.md) में ""शाही व्यवस्था"" को सन्दर्भित करने के लिए करता है"" ([याकूब 2:8](../../jas/02/08.md))।

## इस अध्याय के महत्वपूर्ण अलंकार

### उदारवादी प्रश्न

याकूब कई सवाल पूछता है क्योंकि वह चाहता है कि उसके पाठक इस बारे में सोचें कि वे कैसे रह रहे हैं। वह उन्हें सुधारना और सिखाना चाहता है। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-rquestion]])

## इस अध्याय में अन्य संभावित अनुवाद की कठिनाइयाँ

### नम्र

यह शब्द आमतौर पर उन लोगों को संदर्भित करता है जो गर्व नहीं करते हैं। यहाँ उन लोगों का उल्लेख करने के लिए इस शब्द का उपयोग करता है जो गर्व नहीं करते हैं और जो यीशु पर भी भरोसा करते हैं और उसका आज्ञापालन करते हैं। JAS 4 1 q3pd 0 General Information: "इस खंड में, शब्द ""स्वयं,"" ""तुम्हारा,"" और ""तुम"" बहुवचन हैं और उन विश्वासियों को संदर्भित करते हैं जिनके लिए याकूब लिखता है।" JAS 4 1 k21j 0 Connecting Statement: याकूब इन विश्वासियों को अपनी सांसारिकता और विनम्रता की कमी के लिए डाँटता है। वह फिर से उनसे आग्रह करता है कि वे देखें वे कैसे एक-दूसरे से और एक दूसरे के बारे में बात करते हैं। JAS 4 1 ub82 figs-doublet πόθεν πόλεμοι καὶ πόθεν μάχαι ἐν ὑμῖν? 1 Where do quarrels and disputes among you come from? "भाववाचक संज्ञाएं ""झगड़े"" और ""विवाद"" का अर्थ मूल रूप से वही है और क्रियाओं के साथ इनका अनुवाद किया जा सकता है। वैकल्पिक अनुवाद: ""तुम अपने बीच में झगड़ा और विवाद क्यों करते हो?"" या ""तुम अपने बीच में क्यों लड़ते हो?"" (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-doublet]] और [[rc://hi/ta/man/translate/figs-abstractnouns]])" diff --git a/hi_tn_61-1PE.tsv b/hi_tn_61-1PE.tsv index 20d970e..fc24532 100644 --- a/hi_tn_61-1PE.tsv +++ b/hi_tn_61-1PE.tsv @@ -1,6 +1,6 @@ Book Chapter Verse ID SupportReference OrigQuote Occurrence GLQuote OccurrenceNote -1PE front intro c1uv 0 "# 1 पतरस का परिचय
## भाग 1: सामान्य परिचय

### 1 पतरस की पुस्तक की रूपरेखा

1। परिचय (1:1-2)
1। विश्वासियों के उद्धार के लिए परमेश्वर की स्तुति (1:3-2:10)
1। मसीही जीवन (2:11-4:11)
1। कष्टों में दृढ़ रहने के लिए प्रोत्साहन (4:12-5:11)
1। समापन (5:12-14)


### 1 पतरस की पुस्तक को किसने लिखा?

1 पतरस की पुस्तक को प्रेरित पतरस ने लिखा। उसने इस पुस्तक को सम्पूर्ण एशिया माइनर में तित्तर-बित्तर होकर रह रहे अन्यजातीय मसीहियों को लिखा।

### 1 पतरस किसके विषय में है?

पतरस ने कहा कि उसने इस पत्र को ""संक्षेप में लिखकर तुम्हें समझाया है, और यह गवाही दी है कि परमेश्वर का सच्चा अनुग्रह यही है, इसी में स्थिर रहो।"" (5:12)।
उसने मसीहियों को प्रोत्साहित किया कि वे पीड़ा में होने पर भी निरंतर परमेश्वर की आज्ञा का पालन करते रहें। उसने उन्हें यह इसलिए करने के लिए कहा क्योंकि यीशु शीघ्र ही वापस आएगा। पतरस ने अधिकार वाले व्यक्तियों के अधीन रहने के विषय में भी मसीहियों को निर्देश दिए।

### इस पुस्तक के शीर्षक का अनुवाद किस प्रकार किया जाना चाहिए?

अनुवादक इस पुस्तक को इसके पारम्परिक शीर्षक ""1 पतरस"" या ""पहला पतरस"" कहने का चुनाव कर सकते हैं। या वे एक स्पष्ट शीर्षक चुन सकते हैं, जैसे कि ""पतरस की ओर से पहला पत्र"" या ""पतरस द्वारा लिखित पहला पत्र।"" (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/translate-names]])

## भाग 2: महत्वपूर्ण धार्मिक और सांस्कृतिक अवधारणाएं### रोम में मसीहियों से कैसा व्यवहार किया गया?

जब पतरस ने इस पत्र को लिखा तब वह सम्भवतः रोम में था। उसने रोम को प्रतीकात्मक नाम ""बाबेल"" दिया (5:13)। ऐसा प्रतीत होता है कि जब पतरस ने इस पत्र को लिखा, तब रोमी मसीहियों को बुरी तरह से सता रहे थे।

## भाग 3: महत्वपूर्ण अनुवाद के मुद्दे
### एकवचन और बहुवचन ""तुम''
इस पुस्तक में, ""मैं"" शब्द केवल दो स्थानों को छोड़कर, पतरस को संदर्भित करता है: [1 पतरस 1:16](../01/16.md) और [1 पतरस 2:6](../02/06.md)। शब्द ""तुम"" सदैव बहुवचन है और पतरस के श्रोताओं को संदर्भित करता है। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-you]])

### 1 पतरस की पुस्तक के शब्द में प्रमुख मुद्दे कौन से हैं?

* ""तुमने सत्य की आज्ञा मानकर अपनी आत्माओं को शुद्ध किया है। यह सत्य के निष्कपट भाईचारे की प्रीति का उद्देश्य था। तो तन-मन लगाकर एक दूसरे से अधिक प्रेम रखो।""(1:22)। यूएलटी, यूएसटी, और अन्य आधुनिक संस्करणों में इस प्रकार लिखा है। कुछ पुराने संस्करणों में इस प्रकार लिखा है, ""निष्कपट भाईचारे की प्रीति के उद्देश्य के लिए तुमने सत्य की आज्ञाकारिता से अपनी आत्माओं को शुद्ध किया है, इसलिए तन-मन से एक दूसरे से प्रेम करो।""

यदि सामान्य क्षेत्र में बाइबल के अनुवाद का अस्तित्व है, तो अनुवादकों को उन संस्करणों में मिले अध्ययन के उपयोग का विचार करना चाहिए। यदि नहीं, तो अनुवादकों को आधुनिक अध्ययन का अनुसरण करने का परामर्श दिया गया है।

(देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/translate-textvariants]])
" -1PE 1 intro ql4i 0 "# 1 पतरस 01 सामान्य टिप्पणियाँ
## संरचना और संरूपण

पतरस औपचारिक रूप से पद 1-2 में इस पत्र को प्रस्तुत करता है। पूर्व में प्राचीन लेखकों ने प्रायः इस तरह से पत्र आरम्भ किए।

कुछ अनुवादों ने पढ़ने के लिए आसान बनाने के लिए, शेष लेख की तुलना में कविता की प्रत्येक पंक्ति को आगे दाईं ओर व्यवस्थित किया है। यूएलटी कविता के साथ ऐसा करता है जिसे पुराने नियम 1:24-25 में से लिया गया है।

## इस अध्याय की विशेष अवधारणाएं

## परमेश्वर क्या प्रकट करता है

जब यीशु फिर से आएगा, तो हर कोई देखेगा कि परमेश्वर के लोगों के लिए कितना अच्छा था कि यीशु पर विश्वास करते थे। तब परमेश्वर के लोग देखेंगे कि परमेश्वर उनके लिए कितना अनुग्रहकारी है, और सभी लोग परमेश्वर और उसके लोगों की प्रशंसा करेंगे।

## पवित्रता

परमेश्वर चाहता है कि उसके लोग पवित्र हों क्योंकि परमेश्वर पवित्र है। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/holy]])

### अनन्तकाल

पतरस मसीहियों को उन बातों के लिए जीवन व्यतीत करने के लिए कहता है जो सर्वदा रहेंगी और इस संसार की बातों के लिए जीवन व्यतीत करने के लिए मना करता है, जिनका अन्त हो जाएगा। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/eternity]])

## इस अध्याय में अन्य संभावित अनुवाद की कठिनाइयाँ

## विरोधाभास

एक विरोधाभास सत्य कथन है जो किसी असंभव बात का वर्णन करता हुआ प्रतीत होता है। पतरस लिखता है कि उसके पाठक एक ही समय में आनन्दित और दु:खी हैं ([1 पतरस 1:6](./06.md))। वह ये इसलिए कह सकता है क्योंकि वे दु:खी हैं क्योंकि वे पीड़ा में हैं, परन्तु वे आनंदित हैं क्योंकि वे जानते हैं कि परमेश्वर उन्हें ""अन्तिम समय में"" बचाएगा ([1 पतरस 1: 5](./05.md))
" +1PE front intro c1uv 0 # 1 पतरस का परिचय
## भाग 1: सामान्य परिचय

### 1 पतरस की पुस्तक की रूपरेखा

1। परिचय (1:1-2)
1। विश्वासियों के उद्धार के लिए परमेश्वर की स्तुति (1:3-2:10)
1। मसीही जीवन (2:11-4:11)
1। कष्टों में दृढ़ रहने के लिए प्रोत्साहन (4:12-5:11)
1। समापन (5:12-14)


### 1 पतरस की पुस्तक को किसने लिखा?

1 पतरस की पुस्तक को प्रेरित पतरस ने लिखा। उसने इस पुस्तक को सम्पूर्ण एशिया माइनर में तित्तर-बित्तर होकर रह रहे अन्यजातीय मसीहियों को लिखा।

### 1 पतरस किसके विषय में है?

पतरस ने कहा कि उसने इस पत्र को ""संक्षेप में लिखकर तुम्हें समझाया है, और यह गवाही दी है कि परमेश्वर का सच्चा अनुग्रह यही है, इसी में स्थिर रहो।"" (5:12)।
उसने मसीहियों को प्रोत्साहित किया कि वे पीड़ा में होने पर भी निरंतर परमेश्वर की आज्ञा का पालन करते रहें। उसने उन्हें यह इसलिए करने के लिए कहा क्योंकि यीशु शीघ्र ही वापस आएगा। पतरस ने अधिकार वाले व्यक्तियों के अधीन रहने के विषय में भी मसीहियों को निर्देश दिए।

### इस पुस्तक के शीर्षक का अनुवाद किस प्रकार किया जाना चाहिए?

अनुवादक इस पुस्तक को इसके पारम्परिक शीर्षक ""1 पतरस"" या ""पहला पतरस"" कहने का चुनाव कर सकते हैं। या वे एक स्पष्ट शीर्षक चुन सकते हैं, जैसे कि ""पतरस की ओर से पहला पत्र"" या ""पतरस द्वारा लिखित पहला पत्र।"" (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/translate-names]])

## भाग 2: महत्वपूर्ण धार्मिक और सांस्कृतिक अवधारणाएं### रोम में मसीहियों से कैसा व्यवहार किया गया?

जब पतरस ने इस पत्र को लिखा तब वह सम्भवतः रोम में था। उसने रोम को प्रतीकात्मक नाम ""बाबेल"" दिया (5:13)। ऐसा प्रतीत होता है कि जब पतरस ने इस पत्र को लिखा, तब रोमी मसीहियों को बुरी तरह से सता रहे थे।

## भाग 3: महत्वपूर्ण अनुवाद के मुद्दे
### एकवचन और बहुवचन ""तुम''
इस पुस्तक में, ""मैं"" शब्द केवल दो स्थानों को छोड़कर, पतरस को संदर्भित करता है: [1 पतरस 1:16](../01/16.md) और [1 पतरस 2:6](../02/06.md)। शब्द ""तुम"" सदैव बहुवचन है और पतरस के श्रोताओं को संदर्भित करता है। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-you]])

### 1 पतरस की पुस्तक के शब्द में प्रमुख मुद्दे कौन से हैं?

* ""तुमने सत्य की आज्ञा मानकर अपनी आत्माओं को शुद्ध किया है। यह सत्य के निष्कपट भाईचारे की प्रीति का उद्देश्य था। तो तन-मन लगाकर एक दूसरे से अधिक प्रेम रखो।""(1:22)। यूएलटी, यूएसटी, और अन्य आधुनिक संस्करणों में इस प्रकार लिखा है। कुछ पुराने संस्करणों में इस प्रकार लिखा है, ""निष्कपट भाईचारे की प्रीति के उद्देश्य के लिए तुमने सत्य की आज्ञाकारिता से अपनी आत्माओं को शुद्ध किया है, इसलिए तन-मन से एक दूसरे से प्रेम करो।""

यदि सामान्य क्षेत्र में बाइबल के अनुवाद का अस्तित्व है, तो अनुवादकों को उन संस्करणों में मिले अध्ययन के उपयोग का विचार करना चाहिए। यदि नहीं, तो अनुवादकों को आधुनिक अध्ययन का अनुसरण करने का परामर्श दिया गया है।

(देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/translate-textvariants]])
+1PE 1 intro ql4i 0 # 1 पतरस 01 सामान्य टिप्पणियाँ
## संरचना और संरूपण

पतरस औपचारिक रूप से पद 1-2 में इस पत्र को प्रस्तुत करता है। पूर्व में प्राचीन लेखकों ने प्रायः इस तरह से पत्र आरम्भ किए।

कुछ अनुवादों ने पढ़ने के लिए आसान बनाने के लिए, शेष लेख की तुलना में कविता की प्रत्येक पंक्ति को आगे दाईं ओर व्यवस्थित किया है। यूएलटी कविता के साथ ऐसा करता है जिसे पुराने नियम 1:24-25 में से लिया गया है।

## इस अध्याय की विशेष अवधारणाएं

## परमेश्वर क्या प्रकट करता है

जब यीशु फिर से आएगा, तो हर कोई देखेगा कि परमेश्वर के लोगों के लिए कितना अच्छा था कि यीशु पर विश्वास करते थे। तब परमेश्वर के लोग देखेंगे कि परमेश्वर उनके लिए कितना अनुग्रहकारी है, और सभी लोग परमेश्वर और उसके लोगों की प्रशंसा करेंगे।

## पवित्रता

परमेश्वर चाहता है कि उसके लोग पवित्र हों क्योंकि परमेश्वर पवित्र है। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/holy]])

### अनन्तकाल

पतरस मसीहियों को उन बातों के लिए जीवन व्यतीत करने के लिए कहता है जो सर्वदा रहेंगी और इस संसार की बातों के लिए जीवन व्यतीत करने के लिए मना करता है, जिनका अन्त हो जाएगा। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/eternity]])

## इस अध्याय में अन्य संभावित अनुवाद की कठिनाइयाँ

## विरोधाभास

एक विरोधाभास सत्य कथन है जो किसी असंभव बात का वर्णन करता हुआ प्रतीत होता है। पतरस लिखता है कि उसके पाठक एक ही समय में आनन्दित और दु:खी हैं ([1 पतरस 1:6](./06.md))। वह ये इसलिए कह सकता है क्योंकि वे दु:खी हैं क्योंकि वे पीड़ा में हैं, परन्तु वे आनंदित हैं क्योंकि वे जानते हैं कि परमेश्वर उन्हें ""अन्तिम समय में"" बचाएगा ([1 पतरस 1: 5](./05.md))
1PE 1 1 g6b4 0 General Information: पतरस स्वयं की लेखक के रूप में पहचान करता है और विश्वासियों की पहचान करता है और उनका अभिवादन करता है जिनके लिए वह लिख रहा है। 1PE 1 1 u3zc figs-metaphor παρεπιδήμοις διασπορᾶς 1 the foreigners of the dispersion पतरस अपने पाठकों को ऐसे लोग कहता है जो कई अलग-अलग देशों में अपने घरों से दूर रहते हैं। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-metaphor]]) 1PE 1 1 qkl8 Καππαδοκίας…Βιθυνίας 1 Cappadocia ... Bithynia "उन अन्य स्थानों के साथ-साथ जिनका वर्णन पतरस करता है, ""कप्पदूकिया"" और ""बितूनिया"" रोमी प्रान्त थे जो अब तुर्की के देश में स्थित हैं।" @@ -69,7 +69,7 @@ Book Chapter Verse ID SupportReference OrigQuote Occurrence GLQuote OccurrenceNo 1PE 1 24 hd2f figs-simile δόξα…ὡς ἄνθος χόρτου 1 glory is like the wild flower of the grass यहाँ ""महिमा"" शब्द सुंदरता या भलाई को संदर्भित करता है। यशायाह उन बातों की तुलना करता है जो लोग मानवता और फूलों के अच्छे या सुंदर होने के विषय में सोचते हैं जो शीघ्र मुरझा जाते हैं। वैकल्पिक अनुवाद: ""जिस प्रकार फूल शीघ्र ही मुरझा जाते हैं, भलाई शीघ्र ही रुक जाती है"" (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-simile]]) 1PE 1 25 aba2 τὸ…ῥῆμα Κυρίου 1 the word of the Lord वह संदेश जो परमेश्वर की ओर से आता है" 1PE 1 25 s11j figs-activepassive τὸ εὐαγγελισθὲν 1 the gospel that was proclaimed "इसे सक्रिय रूप में कहा जा सकता है। वैकल्पिक अनुवाद: ""सुसमाचार जिसका हमने प्रचार किया है"" (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-activepassive]])" -1PE 2 intro a121 0 "# 1 पतरस 02 सामान्य टिप्पणियाँ
## संरचना और संरूपण

कुछ अनुवादों ने पढ़ने में आसान बनाने के लिए शेष लेख की तुलना में कविता की प्रत्येक पंक्ति को दाईं ओर व्यवस्थित किया है। यूएलटी कविता के साथ ऐसा करता है जिसे पुराने नियम के 2:6,7,8, और 22 में से लिया गया है।

कुछ अनुवादों को पढ़ने के लिए और आसान बनाने के लिए शेष लेख की तुलना में कविता की प्रत्येक पंक्ति को दाईं ओर स्थापित किया है। यूएलटी कविता के साथ 2:10 में ऐसा करता है।

## इस अध्याय में विशेष अवधारणाएं

### पत्थर

बाइबल एक उपमा के रूप में, कलीसिया के लिए बड़े पत्थरों से बने एक भवन का उपयोग करती है। यीशु कोने का पत्थर है, सबसे महत्वपूर्ण पत्थर। प्रेरित और भविष्यद्वक्ता नींव हैं, भवन का वह भाग जिस पर अन्य सभी पत्थर स्थिरता पाते हैं। इस अध्याय में, मसीही वे पत्थर हैं जो मिलकर भवन की दीवारें बनते हैं। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-metaphor]] और [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/cornerstone]] और [[rc://hi/tw/dict/bible/other/foundation]])

## इस अध्याय के महत्वपूर्ण अलंकार

## दूध और शिशु

जब पतरस अपने पाठकों को कहता है ""शुद्ध आत्मिक दूध के लिए लालायित रहो"", तो यहाँ वह शिशु के द्वारा अपनी माँ के दूध की लालसा करने की उपमा का प्रयोग कर रहा है। पतरस चाहता है कि मसीही परमेश्वर के वचन के लिए उसी प्रकार लालायित रहें जैसे एक शिशु दूध के लिए लालायित रहता है। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-metaphor]])
" +1PE 2 intro a121 0 # 1 पतरस 02 सामान्य टिप्पणियाँ
## संरचना और संरूपण

कुछ अनुवादों ने पढ़ने में आसान बनाने के लिए शेष लेख की तुलना में कविता की प्रत्येक पंक्ति को दाईं ओर व्यवस्थित किया है। यूएलटी कविता के साथ ऐसा करता है जिसे पुराने नियम के 2:6,7,8, और 22 में से लिया गया है।

कुछ अनुवादों को पढ़ने के लिए और आसान बनाने के लिए शेष लेख की तुलना में कविता की प्रत्येक पंक्ति को दाईं ओर स्थापित किया है। यूएलटी कविता के साथ 2:10 में ऐसा करता है।

## इस अध्याय में विशेष अवधारणाएं

### पत्थर

बाइबल एक उपमा के रूप में, कलीसिया के लिए बड़े पत्थरों से बने एक भवन का उपयोग करती है। यीशु कोने का पत्थर है, सबसे महत्वपूर्ण पत्थर। प्रेरित और भविष्यद्वक्ता नींव हैं, भवन का वह भाग जिस पर अन्य सभी पत्थर स्थिरता पाते हैं। इस अध्याय में, मसीही वे पत्थर हैं जो मिलकर भवन की दीवारें बनते हैं। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-metaphor]] और [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/cornerstone]] और [[rc://hi/tw/dict/bible/other/foundation]])

## इस अध्याय के महत्वपूर्ण अलंकार

## दूध और शिशु

जब पतरस अपने पाठकों को कहता है ""शुद्ध आत्मिक दूध के लिए लालायित रहो"", तो यहाँ वह शिशु के द्वारा अपनी माँ के दूध की लालसा करने की उपमा का प्रयोग कर रहा है। पतरस चाहता है कि मसीही परमेश्वर के वचन के लिए उसी प्रकार लालायित रहें जैसे एक शिशु दूध के लिए लालायित रहता है। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-metaphor]])
1PE 2 1 cch5 0 Connecting Statement: पतरस अपने पाठकों को पवित्रता और आज्ञाकारिता के विषय में शिक्षा देना जारी रखता है। 1PE 2 1 g65y figs-metaphor ἀποθέμενοι οὖν πᾶσαν κακίαν, καὶ πάντα δόλον, καὶ ὑποκρίσεις, καὶ φθόνους, καὶ πάσας καταλαλιάς 1 Therefore put aside all evil, all deceit, hypocrisy, envy, and all slander "इन पापपूर्ण कार्यों के विषय में इस प्रकार कहा गया है मानो कि वे ऐसी वस्तुएं थीं जिन्हें लोग दूर फेंक सकते थे। ""इसलिए"" शब्द यहाँ उन सभी बातों को जो पतरस ने पवित्र और आज्ञाकारी होने के विषय में कही हैं, संदर्भित करता है। वैकल्पिक अनुवाद: ""तो फिर, बुराई, और पाखंड, ईर्ष्या, और सभी निंदा करने वालों से दूर रह"" या ""तो फिर, बुरा होना, या कपटी होना, या पाखंडी होना, या ईर्ष्यालु होना, या निंदा करना छोड़ दे"" (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-metaphor]])" 1PE 2 2 y6fv figs-metaphor ὡς ἀρτιγέννητα βρέφη τὸ λογικὸν ἄδολον γάλα ἐπιποθήσατε 1 As newborn infants, long for pure spiritual milk "पतरस अपने पाठकों को ऐसा कहता है मानो कि वे शिशु थे। शिशुओं को बहुत शुद्ध भोजन की आवश्यकता होती है, जिसे वे आसानी से पचा सकते हैं। उसी तरह, विश्वासियों को भी परमेश्वर के वचन से शुद्ध शिक्षा की आवश्यकता होती है। वैकल्पिक अनुवाद: ""जिस प्रकार शिशु अपनी माँ के दूध के लिए लालायित रहते हैं, उसी तरह तुम्हें शुद्ध आत्मिक दूध के लिए लालसा करनी चाहिए"" (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-metaphor]])" @@ -197,7 +197,7 @@ Book Chapter Verse ID SupportReference OrigQuote Occurrence GLQuote OccurrenceNo 1PE 3 21 jti3 δι’ ἀναστάσεως Ἰησοῦ Χριστοῦ 1 through the resurrection of Jesus Christ "यीशु मसीह के पुनरुत्थान के कारण। यह वाक्यांश उस विचार को पूरा करता है, ""यह अब बपतिस्में का प्रतीक है जो अब तुम्हें बचाता है।""" 1PE 3 22 g4qh figs-metonymy ὅς ἐστιν ἐν δεξιᾷ Θεοῦ 1 Christ is at the right hand of God """परमेश्वर के दाहिने हाथ"" पर होना एक प्रतीक है कि परमेश्वर ने यीशु को अन्य सभी पर, महान आदर और अधिकार दिया है। वैकल्पिक अनुवाद: ""मसीह, परमेश्वर के साथ आदर और अधिकार के स्थान पर है"" (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-metonymy]])" 1PE 3 22 f6jq ὑποταγέντων αὐτῷ 1 submit to him मसीह यीशु के अधीन -1PE 4 intro zh5n 0 "# 1 पतरस 04 सामान्य टिप्पणियाँ
## संरचना और स्वरूपण

कुछ अनुवादों ने पढ़ने में आसान बनाने के लिए, शेष पाठ की तुलना में कविता की प्रत्येक पंक्ति को, दाईं ओर व्यवस्थित किया है। यूएलटी कविता के साथ ऐसा करता है जिसे पुराने नियम से 4:18 में उद्धृत किया गया है।

## इस अध्याय में विशेष अवधारणाएं

### अधर्मी अन्यजातीय

यह वाक्यांश अन्यजातीय शब्द का उपयोग उन सभी अधर्मी लोगों को संदर्भित करने के लिए करता है जो यहूदी नहीं हैं। यह उन गैर-यहूदीयों को सम्मिलित नहीं करता जो मसीही बन गए हैं। ""लुचपन की बुरी अभिलाषाओं, मतवालापन, लीलाक्रीड़ा, पियक्कड़पन, और घृणित मूर्तिपूजा ये वे कार्य थे जो अधर्मी अन्यजातियों का चरित्र और लक्षण थे। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/godly]])

### शहीद होना
यह स्पष्ट है कि पतरस कई मसीहियों से बात कर रहा है जो बड़े सताव का सामना कर रहे हैं और अपने विश्वास कारण मृत्यु का सामना कर रहे हैं।

## इस अध्याय में अन्य संभावित अनुवाद की कठिनाइयाँ

### ""ऐसे हो"" और ""कोई न करे"" और ""वह करे"" और ""वे करें""

पतरस अपने पाठकों को यह बताने के लिए इन वाक्यांशों का उपयोग करता है जो वह उनसे चाहता है कि वे करें। वे आज्ञाओं की तरह है क्योंकि वह चाहता है कि उसके पाठक आज्ञा का पालन करें। परन्तु ऐसा प्रतीत होता है मानो कि वह एक व्यक्ति को वह बता रहा है जिसे वह चाहता कि अन्य लोग करें।
" +1PE 4 intro zh5n 0 # 1 पतरस 04 सामान्य टिप्पणियाँ
## संरचना और स्वरूपण

कुछ अनुवादों ने पढ़ने में आसान बनाने के लिए, शेष पाठ की तुलना में कविता की प्रत्येक पंक्ति को, दाईं ओर व्यवस्थित किया है। यूएलटी कविता के साथ ऐसा करता है जिसे पुराने नियम से 4:18 में उद्धृत किया गया है।

## इस अध्याय में विशेष अवधारणाएं

### अधर्मी अन्यजातीय

यह वाक्यांश अन्यजातीय शब्द का उपयोग उन सभी अधर्मी लोगों को संदर्भित करने के लिए करता है जो यहूदी नहीं हैं। यह उन गैर-यहूदीयों को सम्मिलित नहीं करता जो मसीही बन गए हैं। ""लुचपन की बुरी अभिलाषाओं, मतवालापन, लीलाक्रीड़ा, पियक्कड़पन, और घृणित मूर्तिपूजा ये वे कार्य थे जो अधर्मी अन्यजातियों का चरित्र और लक्षण थे। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/godly]])

### शहीद होना
यह स्पष्ट है कि पतरस कई मसीहियों से बात कर रहा है जो बड़े सताव का सामना कर रहे हैं और अपने विश्वास कारण मृत्यु का सामना कर रहे हैं।

## इस अध्याय में अन्य संभावित अनुवाद की कठिनाइयाँ

### ""ऐसे हो"" और ""कोई न करे"" और ""वह करे"" और ""वे करें""

पतरस अपने पाठकों को यह बताने के लिए इन वाक्यांशों का उपयोग करता है जो वह उनसे चाहता है कि वे करें। वे आज्ञाओं की तरह है क्योंकि वह चाहता है कि उसके पाठक आज्ञा का पालन करें। परन्तु ऐसा प्रतीत होता है मानो कि वह एक व्यक्ति को वह बता रहा है जिसे वह चाहता कि अन्य लोग करें।
1PE 4 1 b8d4 0 Connecting Statement: पतरस मसीही जीवन के विषय में विश्वासियों को सिखाना जारी रखता है। वह मसीह के दु:खों के विषय में पिछले अध्याय से अपने विचारों पर निष्कर्ष देकर आरम्भ करता है। 1PE 4 1 ess6 σαρκὶ 1 in the flesh उसकी देह में 1PE 4 1 p2rv figs-metaphor ὑμεῖς τὴν αὐτὴν ἔννοιαν ὁπλίσασθε 1 arm yourselves with the same intention "वाक्यांश ""हथियार धारण करो"" पाठकों को उन सैनिकों के विषय में सोचने के लिए प्रेरित करता है जो युद्ध के लिए अपने हथियारों को तैयार करते हैं। यह एक हथियार के रूप में या संभवतः कवच के टुकड़े के रूप में ""वही उद्देश्य"" चित्रित करता है। यहाँ इस उपमा का अर्थ है कि विश्वासियों को अपने मन में यीशु के समान दुःख उठाने का दृढ़ निश्चय करना चाहिए। वैकल्पिक अनुवाद: ""जो विचार मसीह के थे, उन्हीं के साथ स्वयं को तैयार करो"" (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-metaphor]])" diff --git a/hi_tn_63-1JN.tsv b/hi_tn_63-1JN.tsv index ed8afde..0b9add8 100644 --- a/hi_tn_63-1JN.tsv +++ b/hi_tn_63-1JN.tsv @@ -1,5 +1,5 @@ Book Chapter Verse ID SupportReference OrigQuote Occurrence GLQuote OccurrenceNote -1JN front intro nl27 0 "# 1 यूहन्ना का परिचय
## भाग 1: सामान्य परिचय

### 1 यूहन्ना की पुस्तक की रूपरेखा

1. परिचय (1:1-4)
1 मसीही जीवन (1:5-3:10)
1। एक दुसरे को प्रेम करने की आज्ञा (3:11-5:12)
1। निष्कर्ष (5:13-21)

### 1 यूहन्ना की पुस्तक को किसने लिखा?

यह पुस्तक लेखक के नाम का वर्णन नही करती। फिर भी, आरंभिक मसीही काल से, अधिकांश मसीहियों ने प्रेरित यूहन्ना को इसका लेखक माना है। उसने यूहन्ना के सुसमाचार को भी लिखा।

### 1 यूहन्ना की पुस्तक किस विषय में है?

यूहन्ना ने यह पत्री मसीहियों को एक ऐसे समय में लिखी जब झूठे शिक्षक उन्हें परेशान कर रहे थे। यूहन्ना ने इस पत्र को इसलिए लिखा क्योंकि वह विश्वासियों को पाप करने से रोकना चाहता था। वह विश्वासियों को झूठी शिक्षा से बचाना चाहता था। साथ ही वह विश्वासियों को यह आश्वासन देना चाहता था कि वे बच चुके हैं।

### इस पुस्तक के शीर्षक का किस प्रकार अनुवाद होना चाहिए?

अनुवादक इस पुस्तक को उसके परंपरागत शीर्षक, ""1 यूहन्ना"" से बुला सकते हैं। या वे “यूहन्ना से पहला पत्र” या “यूहन्ना द्वारा लिखा गया पहला पत्र” जैसा एक स्पष्ट शीर्षक चुन सकते हैं। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/translate-names]])

## भाग 2: महत्वपूर्ण धार्मिक और सांस्कृतिक धारणाएं

### यूहन्ना किन लोगों के विरुद्ध में बोला?

यूहन्ना जिन लोगों के विरुद्ध बोला वे संभवतः वे लोग थे जो ज्ञानियों के नाम से जाने गए। इन लोगों का मानना था कि भौतिक संसार बुरा था। क्योंकि वे यह मानते थे कि यीशु दिव्य थे, वे उसके पूर्ण मनुष्यत्व का इन्कार करते थे। वे ऐसा इसलिए मानते थे क्योंकि उनका विचार था कि परमेश्वर मनुष्य का रूप नही लेंगे क्योंकि भौतिक शरीर बुरा है। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/evil]])

## भाग 3: महत्वपूर्ण अनुवाद के मुद्दे

### 1 यूहन्ना में, “बने रहना”, “बसना” और “वास करना” शब्दों का, क्या अर्थ है?

यूहन्ना ने अक्सर “रहना”, “बसना” और “वास करना” शब्दों का प्रयोग रूपकों के रूप में किया है। यूहन्ना ने एक विश्वासी के यीशु के प्रति अधिक विश्वासयोग्य होने की और यीशु को इस प्रकार, जैसे यीशु का वचन विश्वासी में रहता हो, और अधिक जानने की बात को कहा। साथ ही, यूहन्ना ने किसी का किसी और से, इस प्रकार आत्मिक संगति के विषय में कहा जैसे कि वह व्यक्ति दुसरे में “बना रहता” हो। मसीहियों को मसीह में और परमेश्वर में “बने रहने” के लिए कहा गया है। पिता के पुत्र में “बने रहने” और पुत्र के पिता में “रहने” के विषय में कहा गया है। पुत्र का विश्वासियों में “बने रहने” के विषय में कहा गया है। पवित्र आत्मा का विश्वासियों में “बने रहने” के विषय में कहा गया है।

कई अनुवादकों के लिए अपनी भाषा में इन विचारों को यथार्थ प्रस्तुत करना असंभव होगा। उदाहरण के लिए, यूहन्ना ने यह कहकर “जो कोई यह कहता है, कि मैं उसमे बना रहता हूँ” (1 यूहन्ना 2:6) एक मसीही का परमेश्वर के साथ आत्मिक तौर पर जुड़े रहने के विचार को प्रकट करना चाहा है। यू एस टी अनुवाद कहता है, ""अगर हम कहते हैं कि हम परमेश्वर के साथ एक हैं,"" लेकिन अनुवादकों को अक्सर इन विचारों को समझाने के लिए अन्य अभिव्यक्तियों की खोज करनी पढ़ेगी।

“परमेश्वर का वचन तुम में रहता है” (1 यूहन्ना 2:13), इस अनुछेद में यू एस टी इस विचार को इस प्रकार व्यक्त करता है, ""परमेश्वर द्वारा दी गई आज्ञाओं का जब तुम पालन करते हो।"" कई अनुवादकों के लिए इस अनुवाद को एक नमूने के रूप में प्रयोग करना संभव होगा।

### 1 यूहन्ना की पुस्तक के पाठ में प्रमुख मुद्दे क्या है?

निम्नलिखित पदों के लिए, बाइबल के आधुनिक संस्करण पुराने संस्करणों से अलग है। यूएलटी पाठ में आधुनिक पठन है और पुराने पठन को पाद टिप्पणी में रखा गया है। यदि सामान्य क्षेत्र में बाइबल का अनुवाद उपलब्ध है, तो अनुवादकों को उन संस्करणों में मिलने वाले पठन का उपयोग करने का विचार करना चाहिए। यदि नहीं, तो अनुवादकों को आधुनिक पठन का पालन करने की सलाह दी जाती है।

* ""और ये बातें हम इसलिए लिखते हैं, कि तुम्हारा आनंद पूरा हो जाए"" (1:4)। कुछ पुराने संस्करण लिखते हैं, "" और ये बातें हम इसलिए लिखते हैं, कि तुम्हारा आनंद पूरा हो जाए ""
* ""और तुम सब सत्य जानते हो"" (2:20)। दुसरे नए संस्करणों में, ""और तुम्हें सब ज्ञान है।"" कुछ पुराने संस्करणों में, ""तुम सब जानते हो।""
* ""और हम यही हैं!"" (3:1). यूएलटी, यूएसटी, और अधिकांश नए संस्करणों में इस प्रकार पढ़ा जा सकता है। कुछ पुराने संस्करण इस वाक्यांश को छोड़ देते हैं।
* "" और जो कोई आत्मा यीशु को नहीं मानती, वह परमेश्वर की ओर से नहीं है; "" (4:3)। यूएलटी, यूएसटी, और अधिकांश नए संस्करणों में इस प्रकार लिखा है। कुछ पुराने संस्करणों में लिखा है, "" और जो कोई आत्मा यह स्वीकार नही करती कि यीशु ने देह धारण करी, वह परमेश्वर की ओर से नहीं है ""

निम्नलिखित अनुछेद के लिए, अनुवादकों को सलाह दी जाती है कि वह इसे यूएलटी के अनुसार अनुवाद करें। फिर भी, यदि अनुवादकों के क्षेत्रों में, बाइबल के ऐसे पुराने संस्करण है जिनमे यह वाक्यांश शामिल है तो अनुवादक इसे शामिल कर सकते हैं। यदि यह शामिल है, तो इसे बड़े कोष्ठक के भीतर डालना होगा ([]), यह दर्शाने के लिए कि यह संभवत: 1 यूहन्ना के मूल संस्करण में नही था।

* ""क्योंकि तीनों गवाही देते हैं: आत्मा, जल और लहू। तीनों एक ही बात पर सहमत हैं।"" (5:7-8) कुछ पुराने संस्करणों में, ""और स्वर्ग में गवाही देने वाले तीन हैं: पिता, वचन, और पवित्र आत्मा; और ये तीनों एक ही हैं। और तीन हैं जो पृथ्वी पर गवाही देते हैं: आत्मा, जल, और लहू; और ये तीनों एक के समान हैं।""

(देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/translate-textvariants]])
" +1JN front intro nl27 0 # 1 यूहन्ना का परिचय
## भाग 1: सामान्य परिचय

### 1 यूहन्ना की पुस्तक की रूपरेखा

1. परिचय (1:1-4)
1 मसीही जीवन (1:5-3:10)
1। एक दुसरे को प्रेम करने की आज्ञा (3:11-5:12)
1। निष्कर्ष (5:13-21)

### 1 यूहन्ना की पुस्तक को किसने लिखा?

यह पुस्तक लेखक के नाम का वर्णन नही करती। फिर भी, आरंभिक मसीही काल से, अधिकांश मसीहियों ने प्रेरित यूहन्ना को इसका लेखक माना है। उसने यूहन्ना के सुसमाचार को भी लिखा।

### 1 यूहन्ना की पुस्तक किस विषय में है?

यूहन्ना ने यह पत्री मसीहियों को एक ऐसे समय में लिखी जब झूठे शिक्षक उन्हें परेशान कर रहे थे। यूहन्ना ने इस पत्र को इसलिए लिखा क्योंकि वह विश्वासियों को पाप करने से रोकना चाहता था। वह विश्वासियों को झूठी शिक्षा से बचाना चाहता था। साथ ही वह विश्वासियों को यह आश्वासन देना चाहता था कि वे बच चुके हैं।

### इस पुस्तक के शीर्षक का किस प्रकार अनुवाद होना चाहिए?

अनुवादक इस पुस्तक को उसके परंपरागत शीर्षक, ""1 यूहन्ना"" से बुला सकते हैं। या वे “यूहन्ना से पहला पत्र” या “यूहन्ना द्वारा लिखा गया पहला पत्र” जैसा एक स्पष्ट शीर्षक चुन सकते हैं। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/translate-names]])

## भाग 2: महत्वपूर्ण धार्मिक और सांस्कृतिक धारणाएं

### यूहन्ना किन लोगों के विरुद्ध में बोला?

यूहन्ना जिन लोगों के विरुद्ध बोला वे संभवतः वे लोग थे जो ज्ञानियों के नाम से जाने गए। इन लोगों का मानना था कि भौतिक संसार बुरा था। क्योंकि वे यह मानते थे कि यीशु दिव्य थे, वे उसके पूर्ण मनुष्यत्व का इन्कार करते थे। वे ऐसा इसलिए मानते थे क्योंकि उनका विचार था कि परमेश्वर मनुष्य का रूप नही लेंगे क्योंकि भौतिक शरीर बुरा है। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/evil]])

## भाग 3: महत्वपूर्ण अनुवाद के मुद्दे

### 1 यूहन्ना में, “बने रहना”, “बसना” और “वास करना” शब्दों का, क्या अर्थ है?

यूहन्ना ने अक्सर “रहना”, “बसना” और “वास करना” शब्दों का प्रयोग रूपकों के रूप में किया है। यूहन्ना ने एक विश्वासी के यीशु के प्रति अधिक विश्वासयोग्य होने की और यीशु को इस प्रकार, जैसे यीशु का वचन विश्वासी में रहता हो, और अधिक जानने की बात को कहा। साथ ही, यूहन्ना ने किसी का किसी और से, इस प्रकार आत्मिक संगति के विषय में कहा जैसे कि वह व्यक्ति दुसरे में “बना रहता” हो। मसीहियों को मसीह में और परमेश्वर में “बने रहने” के लिए कहा गया है। पिता के पुत्र में “बने रहने” और पुत्र के पिता में “रहने” के विषय में कहा गया है। पुत्र का विश्वासियों में “बने रहने” के विषय में कहा गया है। पवित्र आत्मा का विश्वासियों में “बने रहने” के विषय में कहा गया है।

कई अनुवादकों के लिए अपनी भाषा में इन विचारों को यथार्थ प्रस्तुत करना असंभव होगा। उदाहरण के लिए, यूहन्ना ने यह कहकर “जो कोई यह कहता है, कि मैं उसमे बना रहता हूँ” (1 यूहन्ना 2:6) एक मसीही का परमेश्वर के साथ आत्मिक तौर पर जुड़े रहने के विचार को प्रकट करना चाहा है। यू एस टी अनुवाद कहता है, ""अगर हम कहते हैं कि हम परमेश्वर के साथ एक हैं,"" लेकिन अनुवादकों को अक्सर इन विचारों को समझाने के लिए अन्य अभिव्यक्तियों की खोज करनी पढ़ेगी।

“परमेश्वर का वचन तुम में रहता है” (1 यूहन्ना 2:13), इस अनुछेद में यू एस टी इस विचार को इस प्रकार व्यक्त करता है, ""परमेश्वर द्वारा दी गई आज्ञाओं का जब तुम पालन करते हो।"" कई अनुवादकों के लिए इस अनुवाद को एक नमूने के रूप में प्रयोग करना संभव होगा।

### 1 यूहन्ना की पुस्तक के पाठ में प्रमुख मुद्दे क्या है?

निम्नलिखित पदों के लिए, बाइबल के आधुनिक संस्करण पुराने संस्करणों से अलग है। यूएलटी पाठ में आधुनिक पठन है और पुराने पठन को पाद टिप्पणी में रखा गया है। यदि सामान्य क्षेत्र में बाइबल का अनुवाद उपलब्ध है, तो अनुवादकों को उन संस्करणों में मिलने वाले पठन का उपयोग करने का विचार करना चाहिए। यदि नहीं, तो अनुवादकों को आधुनिक पठन का पालन करने की सलाह दी जाती है।

* ""और ये बातें हम इसलिए लिखते हैं, कि तुम्हारा आनंद पूरा हो जाए"" (1:4)। कुछ पुराने संस्करण लिखते हैं, "" और ये बातें हम इसलिए लिखते हैं, कि तुम्हारा आनंद पूरा हो जाए ""
* ""और तुम सब सत्य जानते हो"" (2:20)। दुसरे नए संस्करणों में, ""और तुम्हें सब ज्ञान है।"" कुछ पुराने संस्करणों में, ""तुम सब जानते हो।""
* ""और हम यही हैं!"" (3:1). यूएलटी, यूएसटी, और अधिकांश नए संस्करणों में इस प्रकार पढ़ा जा सकता है। कुछ पुराने संस्करण इस वाक्यांश को छोड़ देते हैं।
* "" और जो कोई आत्मा यीशु को नहीं मानती, वह परमेश्वर की ओर से नहीं है; "" (4:3)। यूएलटी, यूएसटी, और अधिकांश नए संस्करणों में इस प्रकार लिखा है। कुछ पुराने संस्करणों में लिखा है, "" और जो कोई आत्मा यह स्वीकार नही करती कि यीशु ने देह धारण करी, वह परमेश्वर की ओर से नहीं है ""

निम्नलिखित अनुछेद के लिए, अनुवादकों को सलाह दी जाती है कि वह इसे यूएलटी के अनुसार अनुवाद करें। फिर भी, यदि अनुवादकों के क्षेत्रों में, बाइबल के ऐसे पुराने संस्करण है जिनमे यह वाक्यांश शामिल है तो अनुवादक इसे शामिल कर सकते हैं। यदि यह शामिल है, तो इसे बड़े कोष्ठक के भीतर डालना होगा ([]), यह दर्शाने के लिए कि यह संभवत: 1 यूहन्ना के मूल संस्करण में नही था।

* ""क्योंकि तीनों गवाही देते हैं: आत्मा, जल और लहू। तीनों एक ही बात पर सहमत हैं।"" (5:7-8) कुछ पुराने संस्करणों में, ""और स्वर्ग में गवाही देने वाले तीन हैं: पिता, वचन, और पवित्र आत्मा; और ये तीनों एक ही हैं। और तीन हैं जो पृथ्वी पर गवाही देते हैं: आत्मा, जल, और लहू; और ये तीनों एक के समान हैं।""

(देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/translate-textvariants]])
1JN 1 intro ab9v 0 # 1 यूहन्ना 01 सामान्य टिप्पणियाँ
## संरचना और स्वरूपण

इस पत्र को यूहन्ना ने मसीहियों को लिखा।

## इस अध्याय में विशेष विचार

### मसीही और पाप
इस अध्याय में यूहन्ना सिखाता है कि सब मसीही अभी भी पापी हैं। लेकिन परमेश्वर मसीहियों के पापों को क्षमा करता रहता है। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/sin]] और [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/faith]] और [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/forgive]])

## इस अध्याय के महत्वपूर्ण अलंकार

### रूपक

इस अध्याय में यूहन्ना लिखता है कि परमेश्वर ज्योति है। ज्योति, समझ और धार्मिकता के लिए रूपक है। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-metaphor]] और [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/righteous]])

यूहन्ना लोगों के ज्योति या अंधकार में चलने के विषय में भी लिखता है। चलना, व्यवहार या जीने के लिए रूपक है। जो लोग ज्योति में चलते हैं वे समझते हैं कि धार्मिकता क्या है और उसे करते हैं। जो लोग अंधकार में चलते हैं वे धार्मिकता को समझ नही पाएंगे, और वे पाप करते हैं।
1JN 1 1 axg6 figs-you 0 General Information: "प्रेरित यूहन्ना ने यह पत्र विश्वासियों को लिखा। “तुम,” “तुम्हारा,” और “तुम्हारे” के सभी उल्लेख सभी विश्वासियों को शामिल करते हैं और बहुवचन हैं। यहाँ ""हम"" और ""हमारे"" शब्द, यूहन्ना को और जो कोई यीशु के साथ थे उन्हें संदर्भित करते हैं। पद 1-2 में “जिसे”, “जो”, और “उसे”, जैसे कई सर्वनामों का प्रयोग किया गया है। ये “जीवन के वचन” और “अनंत जीवन” को दर्शाते हैं। लेकिन, क्योंकि ये यीशु के नाम हैं, आप मनुष्यों को दर्शाने वाले सर्वनाम जैसे “जो”, “जिसे” या “उसने” का प्रयोग कर सकते हैं”। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-you]] और [[rc://hi/ta/man/translate/figs-exclusive]] और [[rc://hi/ta/man/translate/figs-pronouns]])" 1JN 1 1 ej5x ὃ…ἀκηκόαμεν 1 which we have heard जिसे हमने सुना है @@ -130,7 +130,7 @@ Book Chapter Verse ID SupportReference OrigQuote Occurrence GLQuote OccurrenceNo 1JN 2 28 d4ql μὴ αἰσχυνθῶμεν ἀπ’ αὐτοῦ 1 not be ashamed before him उसकी उपस्तिथि में लज्जित न हों 1JN 2 28 x7ic ἐν τῇ παρουσίᾳ αὐτοῦ 1 at his coming जब वह प्रगट होगा 1JN 2 29 u6er ἐξ αὐτοῦ γεγέννηται 1 has been born from him "जो परमेश्वर से जन्मा है या ""परमेश्वर की संतान है""" -1JN 3 intro d8r2 0 "# 1 यूहन्ना 03 सामान्य टिप्पणियाँ
## इस अध्याय में विशेष विचार

### परमेश्वर की संतान
परमेश्वर ने सभी मनुष्यों की सृष्टि की, लेकिन मनुष्य केवल यीशु में विश्वास कर ने के द्वारा ही परमेश्वर की संतान बन सकते हैं। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/believe]])

### कैन
कैन पहले पुरुष, आदम और पहली स्त्री, हव्वा का बेटा था। वह अपने भाई से ईर्ष्या करता था और उसे मार डाला था। अगर पाठकों ने उत्पत्ति को नहीं पढ़ा है तो उन्हें यह पता नहीं होगा कि कैन कौन था। यदि आप उन्हें यह समझायें तो उनको मदद मिलेगी।

## इस अध्याय में अन्य संभावित अनुवाद की कठिनाइयाँ

### ""जानने के लिए""
इस अध्याय में “जानने के लिए” क्रिया को दो अलग-अलग तरीकों से प्रयोग किया गया है। कई बार इसका उपयोग किसी तथ्य को जानने के विषय में किया जाता है, जैसे 3:2, 3:5, और 3:19 में। कई जगह इसका अर्थ किसी व्यक्ति या बात को अनुभव करना और समझना है, जैसे 3:1, 3:6, 3:16, और 3:20 में है। कुछ भाषाओं में इन अलग-अलग अर्थों के लिए अलग-अलग शब्द हैं।


### ""जो परमेश्वर की आज्ञाओं को मानता है वह उसमें बना रहेगा, और परमेश्वर उसमे बना रहेगा""
कई विद्वानों का मानना है कि यह परमेश्वर की इच्छा में बने रहना है और बचाए जाने या उद्धार के विषय में नहीं है। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/eternity]] और [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/save]])
" +1JN 3 intro d8r2 0 # 1 यूहन्ना 03 सामान्य टिप्पणियाँ
## इस अध्याय में विशेष विचार

### परमेश्वर की संतान
परमेश्वर ने सभी मनुष्यों की सृष्टि की, लेकिन मनुष्य केवल यीशु में विश्वास कर ने के द्वारा ही परमेश्वर की संतान बन सकते हैं। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/believe]])

### कैन
कैन पहले पुरुष, आदम और पहली स्त्री, हव्वा का बेटा था। वह अपने भाई से ईर्ष्या करता था और उसे मार डाला था। अगर पाठकों ने उत्पत्ति को नहीं पढ़ा है तो उन्हें यह पता नहीं होगा कि कैन कौन था। यदि आप उन्हें यह समझायें तो उनको मदद मिलेगी।

## इस अध्याय में अन्य संभावित अनुवाद की कठिनाइयाँ

### ""जानने के लिए""
इस अध्याय में “जानने के लिए” क्रिया को दो अलग-अलग तरीकों से प्रयोग किया गया है। कई बार इसका उपयोग किसी तथ्य को जानने के विषय में किया जाता है, जैसे 3:2, 3:5, और 3:19 में। कई जगह इसका अर्थ किसी व्यक्ति या बात को अनुभव करना और समझना है, जैसे 3:1, 3:6, 3:16, और 3:20 में है। कुछ भाषाओं में इन अलग-अलग अर्थों के लिए अलग-अलग शब्द हैं।


### ""जो परमेश्वर की आज्ञाओं को मानता है वह उसमें बना रहेगा, और परमेश्वर उसमे बना रहेगा""
कई विद्वानों का मानना है कि यह परमेश्वर की इच्छा में बने रहना है और बचाए जाने या उद्धार के विषय में नहीं है। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/eternity]] और [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/save]])
1JN 3 1 as62 0 Connecting Statement: इस भाग में यूहन्ना विश्वासियों को उनके नए स्वभाव के विषय में बताता है, जो पाप नहीं कर सकता। 1JN 3 1 gl8n ἴδετε ποταπὴν ἀγάπην δέδωκεν ἡμῖν ὁ Πατὴρ 1 See what kind of love the Father has given to us सोचें कि हमारा पिता हमें कितना प्रेम करता है 1JN 3 1 x99a τέκνα Θεοῦ κληθῶμεν 1 we should be called children of God पिता ने हमें अपनी संतान बुलाया है @@ -240,7 +240,7 @@ Book Chapter Verse ID SupportReference OrigQuote Occurrence GLQuote OccurrenceNo 1JN 4 18 yg1r figs-activepassive ὁ δὲ φοβούμενος, οὐ τετελείωται ἐν τῇ ἀγάπῃ 1 But the one who fears has not been made perfect in love "इसे सक्रिय रूप में कहा जा सकता है। वैकल्पिक अनुवाद: ""परन्तु यदि एक मनुष्य भयभीत है कि परमेश्वर उसे दंड देगा, उसका प्रेम पूर्ण नही है"" (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-activepassive]])" 1JN 4 20 tfq3 τὸν ἀδελφὸν αὐτοῦ μισῇ 1 hates his brother एक साथी विश्वासी से घृणा करे 1JN 4 20 a8zh figs-doublenegatives ὁ…μὴ ἀγαπῶν τὸν ἀδελφὸν αὐτοῦ, ὃν ἑώρακεν, τὸν Θεὸν, ὃν οὐχ ἑώρακεν, οὐ δύναται ἀγαπᾶν 1 the one who does not love his brother, whom he has seen, cannot love God, whom he has not seen "यदि एक पंक्ति में दो नकारात्मक वाक्य अस्पष्ट हो, तो इसे दूसरी तरह से अनुवाद किया जा सकता है। वैकल्पिक अनुवाद: ""जो अपने भाई से, जिसे उसने देखा है, घृणा करता है, परमेश्वर से जिसे उसने नहीं देखा प्रेम नही कर सकता"" (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-doublenegatives]])" -1JN 5 intro bxm4 0 "# 1 यूहन्ना 05 सामान्य टिप्पणियाँ
## इस अध्याय में विशेष विचार

### परमेश्वर द्वारा जन्मे बच्चे
जब लोग यीशु पर विश्वास करते हैं, तो परमेश्वर उन्हें अपनी संतान बनाता है और अनंत जीवन देता है। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/believe]])

### मसीही जीवन
जो लोग परमेश्वर पर विश्वास करते हैं, उन्हें परमेश्वर की आज्ञाओं को मानना चाहिए और उसके बच्चों से प्रेम करना चाहिए।

## इस अध्याय में अन्य संभावित अनुवाद की कठिनाइयाँ

### मृत्यु
जब यूहन्ना इस अध्याय में मृत्यु के विषय में लिखता है, वह शारीरिक मृत्यु को दर्शाता है। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/other/death]])

### ""पूरा संसार उस दुष्ट की सामर्थ के आधीन है""
""उस दुष्ट"" वाक्यांश, शैतान को दर्शाता है। परमेश्वर ने उसे संसार पर राज्य करने की अनुमति दी है, किन्तु अंततः परमेश्वर का सब पर नियंत्रण है। परमेश्वर अपने बच्चों को उस दुष्ट से बचा कर रखता है। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/satan]])
" +1JN 5 intro bxm4 0 # 1 यूहन्ना 05 सामान्य टिप्पणियाँ
## इस अध्याय में विशेष विचार

### परमेश्वर द्वारा जन्मे बच्चे
जब लोग यीशु पर विश्वास करते हैं, तो परमेश्वर उन्हें अपनी संतान बनाता है और अनंत जीवन देता है। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/believe]])

### मसीही जीवन
जो लोग परमेश्वर पर विश्वास करते हैं, उन्हें परमेश्वर की आज्ञाओं को मानना चाहिए और उसके बच्चों से प्रेम करना चाहिए।

## इस अध्याय में अन्य संभावित अनुवाद की कठिनाइयाँ

### मृत्यु
जब यूहन्ना इस अध्याय में मृत्यु के विषय में लिखता है, वह शारीरिक मृत्यु को दर्शाता है। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/other/death]])

### ""पूरा संसार उस दुष्ट की सामर्थ के आधीन है""
""उस दुष्ट"" वाक्यांश, शैतान को दर्शाता है। परमेश्वर ने उसे संसार पर राज्य करने की अनुमति दी है, किन्तु अंततः परमेश्वर का सब पर नियंत्रण है। परमेश्वर अपने बच्चों को उस दुष्ट से बचा कर रखता है। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/satan]])
1JN 5 1 nej3 0 General Information: यूहन्ना अपने पाठकों को, परमेश्वर के प्रेम के विषय में और वो प्रेम जो विश्वासियों के पास होना चाहिए क्योंकि उनके पास परमेश्वर द्वारा दिया गया नया स्वभाव है, सिखाना जारी रखता है। 1JN 5 1 h8if ἐκ τοῦ Θεοῦ γεγέννηται 1 is born from God परमेश्वर की संतान है 1JN 5 2 ukc7 ἐν τούτῳ γινώσκομεν ὅτι ἀγαπῶμεν τὰ τέκνα τοῦ Θεοῦ: ὅταν τὸν Θεὸν ἀγαπῶμεν, καὶ τὰς ἐντολὰς αὐτοῦ τηρῶμεν 1 Because of this we know that we love God's children, when we love God and do his commandments. जब हम परमेश्वर से प्रेम करते हैं और उसकी आज्ञा का पालन करते हैं, तब हम यह जान पाते हैं कि हम उसके बच्चों से प्रेम करते हैं diff --git a/hi_tn_64-2JN.tsv b/hi_tn_64-2JN.tsv index ccba860..176013b 100644 --- a/hi_tn_64-2JN.tsv +++ b/hi_tn_64-2JN.tsv @@ -1,5 +1,5 @@ Book Chapter Verse ID SupportReference OrigQuote Occurrence GLQuote OccurrenceNote -2JN front intro vpa9 0 "# 2 यूहन्ना का परिचय
## भाग 1: सामान्य परिचय

### 2 यूहन्ना की पुस्तक की रूपरेखा

1. अभिवादन (1:1-3)
1. प्रोत्साहन और सबसे बड़ी आज्ञा (1: 4-6)
1. झूठे शिक्षकों के बारे में चेतावनी (1: 7-11)
1. साथी विश्वासियों से नमस्कार (1: 12-13)

### 2 यूहन्ना की पुस्तक किसने लिखी?

यह पत्र लेखक का नाम नहीं देता है। लेखक ही स्वयं की पहचान एक ""प्राचीन"" के रूप में कराता है। शायद इस पत्र को प्रेरित यूहन्ना ने अपने जीवन के अन्त में लिखा था। 2 यूहन्ना की विषयवस्तु यूहन्ना के सुसमाचार की विषयवस्तु के जैसे है।

### 2 यूहन्ना की पुस्तक में क्या है?

यूहन्ना ने इस पत्र को ""चुनी हुई महिला"" और ""उसके बच्चों"" के नाम से सम्बोधित करते हुए लिखा है (1: 1). यह एक विशेष मित्र और उसके बच्चों को सन्दर्भित कर सकता है। या यह विश्वासियों के एक विशेष समूह या सामान्य रूप से विश्वासियों को सन्दर्भित कर सकता है। इस पत्र को लिखने के प्रति यूहन्ना का उद्देश्य झूठे शिक्षकों के बारे में उसके पाठकों को चेतावनी देना था। यूहन्ना नहीं चाहता था कि विश्वासी झूठे शिक्षकों की सहायता धन देने के द्वारा करें। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-metaphor]])

### इस पुस्तक का शीर्षक किस प्रकार अनुवादित किया जाना चाहिए?

अनुवादक इस पुस्तक को इसके पारम्परिक शीर्षक, ""2 यूहन्ना"" या ""द्वितीय यूहन्ना"" के नाम को चुनने के द्वारा पुकार सकते हैं। या वे एक स्पष्ट शीर्षक को चुन सकते हैं, जैसे ""यूहन्ना की दूसरी पत्री"" या ""यूहन्ना द्वारा लिखा हुआ दूसरा पत्र।"" (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/translate-names]])

## भाग 2: महत्वपूर्ण धार्मिक और सांस्कृतिक धारणाएँ

### आतिथि सत्कार क्या होता है?

प्राचीन निकट पूर्व में आतिथि सत्कार एक महत्वपूर्ण धारणा के रूप में थी। परदेशियों या बाहरी लोगों के प्रति मित्रता से भरे हुए व्यवहार का होना और यदि उन्हें इसकी आवश्यकता होती तो उन्हें सहायता प्रदान करना महत्वपूर्ण था। यूहन्ना चाहता था कि विश्वासी जन अतिथियों का सत्कार करें। यद्यपि, वह नहीं चाहता था कि विश्वासी जन झूठे शिक्षकों का अतिथि सत्कार करें।

### यूहन्ना ने किन लोगों के विरूद्ध बात की थी?

जिन लोगों के विरूद्ध यूहन्ना ने बात की थी वे सम्भवतः ज्ञानवादियों के नाम से पहचाने जाने वाले थे। इन लोगों का मानना था कि भौतिक संसार बुरा था। चूंकि उनका मानना था कि यीशु ईश्वर था, उन्होंने इनकार कर दिया कि वह वास्तव में मानवीय था। उन्होंने ऐसा इसलिए किया क्योंकि उन्होंने सोचा कि भौतिक शरीर बुरा है इसलिए परमेश्वर मनुष्य नहीं बन सकता। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/evil]])
" +2JN front intro vpa9 0 # 2 यूहन्ना का परिचय
## भाग 1: सामान्य परिचय

### 2 यूहन्ना की पुस्तक की रूपरेखा

1. अभिवादन (1:1-3)
1. प्रोत्साहन और सबसे बड़ी आज्ञा (1: 4-6)
1. झूठे शिक्षकों के बारे में चेतावनी (1: 7-11)
1. साथी विश्वासियों से नमस्कार (1: 12-13)

### 2 यूहन्ना की पुस्तक किसने लिखी?

यह पत्र लेखक का नाम नहीं देता है। लेखक ही स्वयं की पहचान एक ""प्राचीन"" के रूप में कराता है। शायद इस पत्र को प्रेरित यूहन्ना ने अपने जीवन के अन्त में लिखा था। 2 यूहन्ना की विषयवस्तु यूहन्ना के सुसमाचार की विषयवस्तु के जैसे है।

### 2 यूहन्ना की पुस्तक में क्या है?

यूहन्ना ने इस पत्र को ""चुनी हुई महिला"" और ""उसके बच्चों"" के नाम से सम्बोधित करते हुए लिखा है (1: 1). यह एक विशेष मित्र और उसके बच्चों को सन्दर्भित कर सकता है। या यह विश्वासियों के एक विशेष समूह या सामान्य रूप से विश्वासियों को सन्दर्भित कर सकता है। इस पत्र को लिखने के प्रति यूहन्ना का उद्देश्य झूठे शिक्षकों के बारे में उसके पाठकों को चेतावनी देना था। यूहन्ना नहीं चाहता था कि विश्वासी झूठे शिक्षकों की सहायता धन देने के द्वारा करें। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-metaphor]])

### इस पुस्तक का शीर्षक किस प्रकार अनुवादित किया जाना चाहिए?

अनुवादक इस पुस्तक को इसके पारम्परिक शीर्षक, ""2 यूहन्ना"" या ""द्वितीय यूहन्ना"" के नाम को चुनने के द्वारा पुकार सकते हैं। या वे एक स्पष्ट शीर्षक को चुन सकते हैं, जैसे ""यूहन्ना की दूसरी पत्री"" या ""यूहन्ना द्वारा लिखा हुआ दूसरा पत्र।"" (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/translate-names]])

## भाग 2: महत्वपूर्ण धार्मिक और सांस्कृतिक धारणाएँ

### आतिथि सत्कार क्या होता है?

प्राचीन निकट पूर्व में आतिथि सत्कार एक महत्वपूर्ण धारणा के रूप में थी। परदेशियों या बाहरी लोगों के प्रति मित्रता से भरे हुए व्यवहार का होना और यदि उन्हें इसकी आवश्यकता होती तो उन्हें सहायता प्रदान करना महत्वपूर्ण था। यूहन्ना चाहता था कि विश्वासी जन अतिथियों का सत्कार करें। यद्यपि, वह नहीं चाहता था कि विश्वासी जन झूठे शिक्षकों का अतिथि सत्कार करें।

### यूहन्ना ने किन लोगों के विरूद्ध बात की थी?

जिन लोगों के विरूद्ध यूहन्ना ने बात की थी वे सम्भवतः ज्ञानवादियों के नाम से पहचाने जाने वाले थे। इन लोगों का मानना था कि भौतिक संसार बुरा था। चूंकि उनका मानना था कि यीशु ईश्वर था, उन्होंने इनकार कर दिया कि वह वास्तव में मानवीय था। उन्होंने ऐसा इसलिए किया क्योंकि उन्होंने सोचा कि भौतिक शरीर बुरा है इसलिए परमेश्वर मनुष्य नहीं बन सकता। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/evil]])
2JN 1 1 ma4c figs-you 0 General Information: "परम्परा इस पत्र के लेखक की पहचान प्रेरित यूहन्ना के रूप में करती है। यद्यपि सम्भवतः यह एक व्यक्तिगत् महिला को सम्बोधित किया गयाहै, क्योंकि वह लिखता है कि उन्हें ""एक दूसरे से प्रेम करना चाहिए"", यह शायद एक कलीसिया के लिए है। इस पत्र में पाए जाने वाले ""तुम"" और ""तेरे"" के सभी सन्दर्भ बहुवचन हैं जब तक कि उन पर अन्यथा ध्यान न दिया जाए। इस पत्र में, यूहन्ना ने स्वयं और उसके पाठकों को ""हम"" और ""हमारे"" शब्द का उपयोग करके सम्मिलित किया है। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-you]] और [[rc://hi/ta/man/translate/figs-inclusive]] )" 2JN 1 1 z4tk figs-explicit ὁ πρεσβύτερος; ἐκλεκτῇ κυρίᾳ καὶ τοῖς τέκνοις αὐτῆς 1 From the elder to the chosen lady and her children "इस तरह से पत्र आरम्भि किए गए थे। लेखक का नाम स्पष्ट किया जा सकता है। वैकल्पिक अनुवाद: ""मुझ प्राचीन की ओर से उस चुनी हुई महिला और उसके बच्चों के नाम"" (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-explicit]])" 2JN 1 1 z9f1 ὁ πρεσβύτερος 1 the elder "यह यीशु के प्रेरित और शिष्य यूहन्ना, को सन्दर्भित करता है। वह स्वयं को बुढ़ापे के कारण या क्योंकि वह कलीसिया में एक अगुवा है इसलिए एक ""प्राचीन"" के रूप में सन्दर्भित करता है।" diff --git a/hi_tn_65-3JN.tsv b/hi_tn_65-3JN.tsv index 0ff1b4f..b7baf17 100644 --- a/hi_tn_65-3JN.tsv +++ b/hi_tn_65-3JN.tsv @@ -1,5 +1,5 @@ Book Chapter Verse ID SupportReference OrigQuote Occurrence GLQuote OccurrenceNote -3JN front intro kwv9 0 "# 3 यूहन्ना का परिचय
## भाग 1: सामान्य परिचय

### 3 यूहन्ना की पुस्तक की रूपरेखा

1। परिचय(1:1)
1। आतिथ्य दिखाने के लिए प्रोत्साहन और निर्देश (1:2-8)
1। दियुत्रिफेस और दिमेत्रियुस (1:9-12)
1। निष्कर्ष (1: 13-14)

### 3 यूहन्ना की पुस्तक किसने लिखी?

पत्र इसके लेखक का नाम नहीं देता है। लेखक स्वयं की केवल ""प्राचीन"" के रूप में पहचान कराता है (1:1)। पत्र संभवतः प्रेरित यूहन्ना द्वारा उनके जीवन के अंतकाल में लिखा गया था।

### 3 यूहन्ना की पुस्तक किस बारे में है?

यूहन्ना ने इस पत्र को गयुस नामक एक विश्वासी को लिखा था। उसने गयुस को विश्वासियों के साथ सत्कार का निर्देश दिया जो उसके क्षेत्र से गुज़र रहे थे।

### इस पुस्तक का शीर्षक किस प्रकार अनुवादित किया जाना चाहिए?

अनुवादक इस पुस्तक को इसके पारंपरिक शीर्षक, ""यूहन्ना 3"" या ""तीसरा यूहन्ना से संबोधित कर सकते है। या वे एक स्पष्ट शीर्षक चुन सकते हैं, जैसे ""यूहन्ना कि ओर से तीसरा पत्र"" या ""यूहन्ना लिखित तीसरा पत्र ।"" (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/translate-names]] )

## भाग 2: महत्वपूर्ण धार्मिक और सांस्कृतिक अवधारणाएँ

### आतिथ्य क्या है?

प्राचीन पूर्व में आतिथ्य एक महत्वपूर्ण अवधारणा थी। परदेशियों या बाहरी लोगों के प्रति मित्रता से भरे हुए व्यवहार का होना और यदि उन्हें आवश्यकता होती तो उन्हें सहायता प्रदान करना महत्वपूर्ण था। 2 यूहन्ना में, यूहन्ना ने मसीहियों को झूठे शिक्षकों को आतिथ्य दिखाने से निरुत्साहित किया। 3 यूहन्ना में, यूहन्ना ने मसीहियों को विश्वासयोग्य शिक्षकों के लिए आतिथ्य दिखाने के लिए प्रोत्साहित किया।

## भाग 3: महत्वपूर्ण अनुवाद के मुद्दे

### लेखक अपने पत्र में पारिवारिक संबंधो का उपयोग कैसे करता है?

लेखक ने ""भाई"" और ""बच्चों"" शब्दों का उपयोग इस तरह से किया जो उलझा सकते है। शास्त्रों मे अक्सर ""भाइयों"" शब्द का प्रयोग यहूदियों को उल्लेखित करने के लिए किया था। लेकिन इस पत्र में, यूहन्ना ने मसीहियों को उल्लेखित करने के लिए शब्द का प्रयोग किया। और, यूहन्ना ने कुछ विश्वासियों को अपने ""बच्चे"" कहा। ये विश्वासी है जिनको उसने मसीह का पालन करना सिखाया।

यूहन्ना ने ""अन्यजाति"" शब्द का भी इस तरह प्रयोग किया जो उलझा सकता है। शास्त्रों ने अक्सर उन लोगों को संदर्भित करने के लिए ""अन्यजाति "" शब्द का प्रयोग किया जो यहूदी नहीं हैं। लेकिन इस पत्र में, यूहन्ना ने उन लोगों को संदर्भित करने के लिए शब्द का उपयोग किया जो यीशु में विश्वास नहीं करते थे।
" +3JN front intro kwv9 0 # 3 यूहन्ना का परिचय
## भाग 1: सामान्य परिचय

### 3 यूहन्ना की पुस्तक की रूपरेखा

1। परिचय(1:1)
1। आतिथ्य दिखाने के लिए प्रोत्साहन और निर्देश (1:2-8)
1। दियुत्रिफेस और दिमेत्रियुस (1:9-12)
1। निष्कर्ष (1: 13-14)

### 3 यूहन्ना की पुस्तक किसने लिखी?

पत्र इसके लेखक का नाम नहीं देता है। लेखक स्वयं की केवल ""प्राचीन"" के रूप में पहचान कराता है (1:1)। पत्र संभवतः प्रेरित यूहन्ना द्वारा उनके जीवन के अंतकाल में लिखा गया था।

### 3 यूहन्ना की पुस्तक किस बारे में है?

यूहन्ना ने इस पत्र को गयुस नामक एक विश्वासी को लिखा था। उसने गयुस को विश्वासियों के साथ सत्कार का निर्देश दिया जो उसके क्षेत्र से गुज़र रहे थे।

### इस पुस्तक का शीर्षक किस प्रकार अनुवादित किया जाना चाहिए?

अनुवादक इस पुस्तक को इसके पारंपरिक शीर्षक, ""यूहन्ना 3"" या ""तीसरा यूहन्ना से संबोधित कर सकते है। या वे एक स्पष्ट शीर्षक चुन सकते हैं, जैसे ""यूहन्ना कि ओर से तीसरा पत्र"" या ""यूहन्ना लिखित तीसरा पत्र ।"" (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/translate-names]] )

## भाग 2: महत्वपूर्ण धार्मिक और सांस्कृतिक अवधारणाएँ

### आतिथ्य क्या है?

प्राचीन पूर्व में आतिथ्य एक महत्वपूर्ण अवधारणा थी। परदेशियों या बाहरी लोगों के प्रति मित्रता से भरे हुए व्यवहार का होना और यदि उन्हें आवश्यकता होती तो उन्हें सहायता प्रदान करना महत्वपूर्ण था। 2 यूहन्ना में, यूहन्ना ने मसीहियों को झूठे शिक्षकों को आतिथ्य दिखाने से निरुत्साहित किया। 3 यूहन्ना में, यूहन्ना ने मसीहियों को विश्वासयोग्य शिक्षकों के लिए आतिथ्य दिखाने के लिए प्रोत्साहित किया।

## भाग 3: महत्वपूर्ण अनुवाद के मुद्दे

### लेखक अपने पत्र में पारिवारिक संबंधो का उपयोग कैसे करता है?

लेखक ने ""भाई"" और ""बच्चों"" शब्दों का उपयोग इस तरह से किया जो उलझा सकते है। शास्त्रों मे अक्सर ""भाइयों"" शब्द का प्रयोग यहूदियों को उल्लेखित करने के लिए किया था। लेकिन इस पत्र में, यूहन्ना ने मसीहियों को उल्लेखित करने के लिए शब्द का प्रयोग किया। और, यूहन्ना ने कुछ विश्वासियों को अपने ""बच्चे"" कहा। ये विश्वासी है जिनको उसने मसीह का पालन करना सिखाया।

यूहन्ना ने ""अन्यजाति"" शब्द का भी इस तरह प्रयोग किया जो उलझा सकता है। शास्त्रों ने अक्सर उन लोगों को संदर्भित करने के लिए ""अन्यजाति "" शब्द का प्रयोग किया जो यहूदी नहीं हैं। लेकिन इस पत्र में, यूहन्ना ने उन लोगों को संदर्भित करने के लिए शब्द का उपयोग किया जो यीशु में विश्वास नहीं करते थे।
3JN 1 1 rni7 figs-you 0 General Information: "ये यूहन्ना का गयुस को एक व्यक्तिगत पत्र है ""तू"" और ""तुम्हारा"" सभी सन्दर्भों में गयुस को संबोधित करते हैं और एकवचन हैं। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-you]] )" 3JN 1 1 w99t figs-explicit ὁ πρεσβύτερος 1 The elder "यह यीशु के प्रेरित और शिष्य यूहन्ना, को सन्दर्भित करता है। वह स्वयं को बुढ़ापे के कारण या क्योंकि वह कलीसिया में एक अगुवा है इसलिए एक ""प्राचीन"" के रूप में सन्दर्भित करता है। लेखक का नाम स्पष्ट किया जा सकता है: ""मैं, यूहन्ना, प्राचीन, लिख रहा हूँ।"" (देख: )देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-explicit]]यह यीशु के प्रेरित और शिष्य यूहन्ना, को सन्दर्भित करता है। वह स्वयं को बुढ़ापे के कारण या क्योंकि वह कलीसिया में एक अगुवा है इसलिए एक ""प्राचीन"" के रूप में सन्दर्भित करता है। लेखक का नाम स्पष्ट किया जा सकता है: ""मैं, यूहन्ना, प्राचीन, लिख रहा हूँ।"" (देख: )" 3JN 1 1 lls6 translate-names Γαΐῳ 1 Gaius यह एक साथी विश्वासी है जिसको यूहन्ना पत्र लिख रहा है। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/translate-names]] ) diff --git a/hi_tn_67-REV.tsv b/hi_tn_67-REV.tsv index 1fea3ef..260338c 100644 --- a/hi_tn_67-REV.tsv +++ b/hi_tn_67-REV.tsv @@ -1,6 +1,6 @@ Book Chapter Verse ID SupportReference OrigQuote Occurrence GLQuote OccurrenceNote -REV front intro xx8l 0 "# प्रकाशितवाक्य का परिचय
## भाग 1: सामान्य परिचय

### प्रकाशितवाक्य की पुस्तक की रूपरेखा

1. शुरूआत (1:1-20)
1. सात कलीसियाओं को पत्र (2:1-3:22)
1. स्वर्ग में परमेश्वर का दर्शन, और मेम्ने का दर्शन (4:1-11)
1। सात मुहरें (6:1-8:1)
1। सात तुरहियाँ (8:2-13:18)
1। मेम्ने के उपासक, शहीद, और क्रोध का परिणाम (14:1-20)
1। सात कटोरे (15:1-18:24)
1। स्वर्ग में आराधना (19:1-10)
1। मेम्ने का निर्णय, पशु का विनाश, हजार साल, शैतान का विनाश, और अंतिम न्याय (20:11-15)
1। नई सृष्टि और नया यरूशलेम (21:1-22:5)
1। यीशु के लौटने का वादा, स्वर्गदूतों में से गवाह, यूहन्ना के समापन शब्द, अपनी कलीसिया को मसीह का संदेश, निमंत्रण और चेतावनी (22:6-21)

### प्रकाशितवाक्य की पुस्तक किसने लिखी थी?

लेखक स्वयं की पहचान यूहन्ना के रूप में कराता है। यह संभवतः प्रेरित यूहन्ना था। उसने पतमुस द्वीप पर रहते हुए प्रकाशितवाक्य की पुस्तक लिखी। यूहन्ना को वहाँ पर बंधवाई में रखा गया था क्योंकि वह लोगों को यीशु के बारे में शिक्षा देता था।

### प्रकाशितवाक्य की पुस्तक किस विषय में है?

यूहन्ना ने प्रकाशितवाक्य की पुस्तक विश्वासियों को प्रोत्साहित करने के लिए लिखी ताकि वे पीड़ित होने पर भी वफादार बने रहें। यूहन्ना ने उन दर्शनों का वर्णन किया है जिसमें शैतान और उसके अनुयायी विश्वासियों के साथ लड़ रहे थे और उन्हें मार रहे थे। दर्शन में परमेश्वर दुष्ट लोगों को दंडित करने के लिए पृथ्वी पर कई भयानक कामों को होने देता है। अंत में, शैतान और उसके अनुयायियों को यीशु हरा देता है। तब यीशु उन लोगों को सांत्वना देता है जो वफादार थे। और विश्वासी नए आकाश और पृथ्वी में परमेश्वर के साथ हमेशा के लिए जीएँगे।

### इस पुस्तक के शीर्षक को कैसे अनुवाद किया जाना चाहिए?

अनुवादक इस पुस्तक को इसके पारंपरिक शीर्षकों में से एक से पुकारने को चुन सकते हैं, ""प्रकाशितवाक्य,"" ""यीशु मसीह का प्रकाशितवाक्य,"" ""संत यूहन्ना को दिया गया प्रकाशन,"" या ""यूहन्ना का प्रकटीकरण"" या वे संभवतः एक स्पष्ट शीर्षक चुन सकते हैं, जैसे ""वे सब चीजें जो यीशु मसीह ने यूहन्ना को दिखाईं।"" (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/translate-names]])

### प्रकाशितवाक्य की पुस्तक का लेखन किस प्रकार का है?

यूहन्ना ने अपने विचारों का वर्णन करने के लिए लेखन की एक विशेष शैली का उपयोग किया है। यूहन्ना ने कई प्रतीकों का उपयोग करके उन बातों का वर्णन किया जो उसने देखीं। लेखन की इस शैली को प्रतीकात्मक भविष्यवाणी या भविष्य सूचक साहित्य कहा जाता है। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/writing-apocalypticwriting]])

## भाग 2: महत्वपूर्ण धार्मिक और सांस्कृतिक अवधारणाएँ

### प्रकाशितवाक्य की घटनाएँ क्या भूतकाल की हैं या भविष्य की हैं?

प्रारंभिक मसीहीकाल से, विद्वानों ने प्रकाशितवाक्य की अलग-अलग प्रकार से व्याख्या की है। कुछ विद्वानों का मानना ​​है कि यूहन्ना ने अपने समय के दौरान हुई घटनाओं का वर्णन किया था। कुछ विद्वानों का मानना ​​है कि यूहन्ना ने अपने समय से यीशु के लौटने तक होने वाली घटनाओं का वर्णन किया था। अन्य विद्वानों का मानना ​​है कि यूहन्ना ने उन घटनाओं का वर्णन किया जो मसीह के लौटने से ठीक थोड़े समय पहले होंगी।

अनुवादकों को यह तय करने की आवश्यकता नहीं होगी कि वे इसका अनुवाद करने से पहले पुस्तक की व्याख्या कैसे करें। अनुवादकों को यूएलटी में उपयोग किए गए कालों की भविष्यवाणियों को छोड़ देना चाहिए।

### क्या बाइबल में प्रकाशितवाक्य जैसी कोई अन्य पुस्तकें हैं?

बाइबल की कोई अन्य पुस्तक प्रकाशितवाक्य की पुस्तक के समान नहीं है। लेकिन, यहेजकेल, जकर्याह और विशेष रूप से दानिय्येल प्रकाशितवाक्य के सामग्री और शैली में समान हैं। दानिय्येल के समय के साथ ही प्रकाशितवाक्य का अनुवाद करना फायदेमंद हो सकता है क्योंकि उनमें कुछ कल्पनाएँ और शैली समान हैं।

## भाग 3: महत्वपूर्ण अनुवाद के मुद्दे

### क्या किसी को इसका अनुवाद करने के लिए प्रकाशितवाक्य की पुस्तक को समझने की आवश्यकता है?

किसी को इसे अनुवाद करने के लिए प्रकाशितवाक्य की पुस्तक में सभी प्रतीकों को समझने की आवश्यकता नहीं है। अनुवादकों को उनके अनुवाद में प्रतीकों या संख्याओं के लिए संभावित अर्थ नहीं देना चाहिए। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/writing-apocalypticwriting]])

### यूएलटी में प्रकाशितवाक्य में ""पवित्र"" और ""पवित्रता"" के विचारों का प्रतिनिधित्व कैसे किया गया है?

शास्त्र इन शब्दों का उपयोग विभिन्न विचारों में से किसी एक को संकेत करने के लिए करते हैं। इस कारण से, अनुवादकों के लिए अक्सर उनके संस्करणों में उनको दर्शाना मुश्किल होता है। प्रकाशितवाक्य का अंग्रेजी में अनुवाद करने में, यूएलटी निम्नलिखित सिद्धांतों का उपयोग करता है:
* दो अनुच्छेद में अर्थ नैतिक पवित्रता को संकेत करता है। यहाँ, यूएलटी ""पवित्र"" का उपयोग करता है। (देखें: 14:12; 22:11)
* आमतौर पर प्रकाशितवाक्य में पाया जाने वाला अर्थ मसीहियों के लिए एक साधारण संदर्भ की ओर उनके द्वारा किसी भी विशेष भूमिका को स्पष्ट किए बिना संकेत करता है। इन विषयों में, यूएलटी ""विश्वासी"" या ""विश्वासियों"" का उपयोग करता है। (देखें: 5:8; 8:3, 4; 11:18; 13:7; 16:6; 17:6; 18:20, 24; 19:8; 20:9)
* कभी-कभी यह अर्थ किसी व्यक्ति के या किसी चीज के केवल परमेश्वर के लिए अलग करने के विचार को स्पष्ट करता है। इन मामलों में, यूएलटी ""पवित्रता"", ""अलग करना"", ""के लिए समर्पित,"" या ""के लिए आरक्षित"" का उपयोग करता है।

यूएसटी अक्सर सहायक होगा जब अनुवादक इन विचारों को अपने संस्करणों में कैसे प्रस्तुत करें के बारे में सोचते हैं।
### समय की अवधियाँ

यूहन्ना ने प्रकाशितवाक्य में विभिन्न समयावधियों का उल्लेख किया है। उदाहरण के लिए, उसमें बयालीस महीने, सात साल, और साढ़े तीन दिनों के कई संदर्भ हैं। कुछ विद्वानों का मानना ​​है कि ये समयावधियाँ प्रतीकात्मक हैं। अन्य विद्वानों का मानना ​​है कि ये वास्तविक समयावधियाँ हैं। अनुवादक को इन समयावधियों के साथ वास्तविक समयावधियों को संदर्भित करने वाली के जैसे व्यवहार करना चाहिए। इसके बाद यह उनके महत्व को निर्धारित करने के लिए या वे किस बात का प्रतिनिधित्व कर सकते हैं के लिए व्याख्या करने वाले पर निर्भर करता है।

### प्रकाशितवाक्य की पुस्तक के पाठ में प्रमुख मुद्दे क्या हैं?

निम्नलिखित पदों में, बाइबल के कुछ आधुनिक संस्करण पुराने संस्करणों से अलग हैं। यूएलटी के पाठ में आधुनिक पठन है और यह पुराने पठन को एक पाद-टिप्पणी में रखता है। यदि सामान्य क्षेत्र में बाइबल का अनुवाद मौजूद है, तो अनुवादकों को उन संस्करणों में मिलने वाले पठन का उपयोग करना चाहिए। यदि नहीं, तो अनुवादकों को आधुनिक पठन का पालन करने की सलाह दी गई है।

* ""प्रभु परमेश्वर, जो है, और जो था, और जो आने वाला है, जो सर्वशक्तिमान है, यह कहता है, “मैं ही अल्फ़ा और ओमेगा हूँ'"" (1:8)। कुछ संस्करण इस वाक्यांश ""शुरूआत और अंत"" को जोड़ते हैं।
* ""प्राचीनों ने गिरकर दण्डवत् किया और आराधना की"" (5:14)। कुछ पुराने संस्करण कहते हैं, ""चौबीसों प्राचीनों ने स्वयं गिरकर सदा जीवित रहने वाले की आराधना की।""
* ""ताकि इसका [पृथ्वी का] एक तिहाई जला दिया गया"" (8:7)। कुछ पुराने संस्करणों में इस वाक्यांश को शामिल नहीं किया गया है।
* ""वह जो है और जो था"" (11:17)। कुछ संस्करण इस वाक्यांश ""जो आने वाला है"" को जोड़ते हैं।
* ""वे निर्दोष हैं"" (14:5)। कुछ संस्करण इस वाक्यांश ""परमेश्वर के सिंहासन के सामने"" को जोड़ते हैं (14:5)।
* ""वह जो है और जो था, पवित्र जन"" (16:5)। कुछ पुराने संस्करण कहते हैं, ""हे परमेश्वर, वह जो है और जो था और जिसको होना है।""
* ""जाति-जाति उस शहर के प्रकाश से चलेगा"" (21:24)। कुछ पुराने संस्करण कहते हैं, ""जिन जाति-जाति को बचाया जाता है वे उस शहर के प्रकाश से चलेंगे।""
* धन्य हैं वे जो अपने वस्त्र धोते हैं ""(22:14)। कुछ पुराने संस्करण कहते हैं ""धन्य हैं वे जो उसके आदेश का पालन करते हैं।""
* ""परमेश्वर जीवन के पेड़ और पवित्र शहर में अपना हिस्सा लेगा"" (22:19)। कुछ पुराने संस्करण कहते हैं, ""परमेश्वर जीवन की पुस्तक और पवित्र शहर में अपना हिस्सा लेगा।""

(देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/translate-textvariants]])
" -REV 1 intro u1e2 0 "# प्रकाशितवाक्य 01 सामान्य टिप्पणियाँ
## संरचना एवं स्वरूपण

यह अध्याय बताता है कि पतमुस द्वीप पर यूहन्ना को प्राप्त हुए दर्शन को प्रकाशितवाक्य की पुस्तक कैसे लिखती है।

कुछ अनुवाद पुराने नियम के उद्धरणों को पढ़ने में आसान बनाने के लिए उनको पृष्ठ पर दाईं तरफ आगे की ओर निर्धारित करते हैं। यूएलटी पद 7 में उद्धरित शब्दों के साथ ऐसा करता है।

## इस अध्याय में विशेष अवधारणाएँ

### सात कलीसियाएँ

यूहन्ना ने इस पुस्तक को एशिया माइनर के सात वास्तविक कलीसियाओं को लिखा है, जो अब तुर्की का देश है।

### सफेद

बाइबल अक्सर किसी व्यक्ति से संबंधित किसी चीज़ को ""सफेद"" कहती है। यह उस व्यक्ति के लिए रूपक और उपनाम है जो सही ढंग से और परमेश्वर को प्रसन्न करने के लिए जीता है। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-metaphor]] और [[rc://hi/ta/man/translate/figs-metonymy]] और [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/righteous]])

### ""वह जो है, और जो था, और जो आने वाला है""

परमेश्वर अब उपस्थित है। वह हमेशा उपस्थित रहा है। वह हमेशा उपस्थित रहेगा। आपकी भाषा में यह कहने का एक अलग तरीका हो सकता है।

## इस अध्याय के महत्वपूर्ण अलंकार

### लहू

मृत्यु के लिए लहू एक उपनाम है। यीशु ने “अपने लहू से हमें हमारे पापों से मुक्त कर दिया है।"" यूहन्ना का मतलब है कि यीशु ने हमारे लिए मर कर, हमें हमारे पापों से बचाया है। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-metonymy]])

## इस अध्याय में अन्य संभावित अनुवाद की कठिनाइयाँ

### ""वह बादलों के साथ आ रहा है""

यीशु बादलों में चला गया और स्वर्ग पर चढ़ गया जब परमेश्वर ने मृतकों में से जी उठाया। जब यीशु लौटता है, तो वह ""बादलों के साथ"" भी होगा। यह स्पष्ट नहीं है कि वह बादलों पर बैठा हुआ होगा या सवारी किए हुए होगा या बादलों में होकर या ""बादलों के साथ"" किसी अन्य तरीके से आएगा। आपके अनुवाद में इसे ऐसे तरीके से व्यक्त किया जाना चाहिए जो आपकी भाषा में प्राकृतिक है।

### ""वह जो मनुष्य के पुत्र के समान है""

यह यीशु को संदर्भित करता है। आपको ""मनुष्य का पुत्र"" शब्दों का उन्हीं शब्दों का उपयोग करते हुए अनुवाद करना चाहिए जैसे आपने सुसमाचारों में किया है जब यीशु स्वयं को ""मनुष्य के पुत्र"" कहता है।

### ""सात कलीसियाओं के स्वर्गदूत ""

यहाँ ""स्वर्गदूत"" शब्द का अर्थ ""संदेशवाहक"" भी हो सकता है। यह स्वर्गीय प्राणियों को, या इन सात कलीसियाओं के संदेशवाहकों या अगुवों को संदर्भित कर सकता है। यूहन्ना पद 1 में और इस सम्पूर्ण पुस्तक में कई अन्य स्थानों में इसी ""स्वर्गदूत"" (एकवचन) शब्द का प्रयोग करता है। आपके अनुवाद में भी उसी शब्द का उपयोग होना चाहिए।
" +REV front intro xx8l 0 # प्रकाशितवाक्य का परिचय
## भाग 1: सामान्य परिचय

### प्रकाशितवाक्य की पुस्तक की रूपरेखा

1. शुरूआत (1:1-20)
1. सात कलीसियाओं को पत्र (2:1-3:22)
1. स्वर्ग में परमेश्वर का दर्शन, और मेम्ने का दर्शन (4:1-11)
1। सात मुहरें (6:1-8:1)
1। सात तुरहियाँ (8:2-13:18)
1। मेम्ने के उपासक, शहीद, और क्रोध का परिणाम (14:1-20)
1। सात कटोरे (15:1-18:24)
1। स्वर्ग में आराधना (19:1-10)
1। मेम्ने का निर्णय, पशु का विनाश, हजार साल, शैतान का विनाश, और अंतिम न्याय (20:11-15)
1। नई सृष्टि और नया यरूशलेम (21:1-22:5)
1। यीशु के लौटने का वादा, स्वर्गदूतों में से गवाह, यूहन्ना के समापन शब्द, अपनी कलीसिया को मसीह का संदेश, निमंत्रण और चेतावनी (22:6-21)

### प्रकाशितवाक्य की पुस्तक किसने लिखी थी?

लेखक स्वयं की पहचान यूहन्ना के रूप में कराता है। यह संभवतः प्रेरित यूहन्ना था। उसने पतमुस द्वीप पर रहते हुए प्रकाशितवाक्य की पुस्तक लिखी। यूहन्ना को वहाँ पर बंधवाई में रखा गया था क्योंकि वह लोगों को यीशु के बारे में शिक्षा देता था।

### प्रकाशितवाक्य की पुस्तक किस विषय में है?

यूहन्ना ने प्रकाशितवाक्य की पुस्तक विश्वासियों को प्रोत्साहित करने के लिए लिखी ताकि वे पीड़ित होने पर भी वफादार बने रहें। यूहन्ना ने उन दर्शनों का वर्णन किया है जिसमें शैतान और उसके अनुयायी विश्वासियों के साथ लड़ रहे थे और उन्हें मार रहे थे। दर्शन में परमेश्वर दुष्ट लोगों को दंडित करने के लिए पृथ्वी पर कई भयानक कामों को होने देता है। अंत में, शैतान और उसके अनुयायियों को यीशु हरा देता है। तब यीशु उन लोगों को सांत्वना देता है जो वफादार थे। और विश्वासी नए आकाश और पृथ्वी में परमेश्वर के साथ हमेशा के लिए जीएँगे।

### इस पुस्तक के शीर्षक को कैसे अनुवाद किया जाना चाहिए?

अनुवादक इस पुस्तक को इसके पारंपरिक शीर्षकों में से एक से पुकारने को चुन सकते हैं, ""प्रकाशितवाक्य,"" ""यीशु मसीह का प्रकाशितवाक्य,"" ""संत यूहन्ना को दिया गया प्रकाशन,"" या ""यूहन्ना का प्रकटीकरण"" या वे संभवतः एक स्पष्ट शीर्षक चुन सकते हैं, जैसे ""वे सब चीजें जो यीशु मसीह ने यूहन्ना को दिखाईं।"" (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/translate-names]])

### प्रकाशितवाक्य की पुस्तक का लेखन किस प्रकार का है?

यूहन्ना ने अपने विचारों का वर्णन करने के लिए लेखन की एक विशेष शैली का उपयोग किया है। यूहन्ना ने कई प्रतीकों का उपयोग करके उन बातों का वर्णन किया जो उसने देखीं। लेखन की इस शैली को प्रतीकात्मक भविष्यवाणी या भविष्य सूचक साहित्य कहा जाता है। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/writing-apocalypticwriting]])

## भाग 2: महत्वपूर्ण धार्मिक और सांस्कृतिक अवधारणाएँ

### प्रकाशितवाक्य की घटनाएँ क्या भूतकाल की हैं या भविष्य की हैं?

प्रारंभिक मसीहीकाल से, विद्वानों ने प्रकाशितवाक्य की अलग-अलग प्रकार से व्याख्या की है। कुछ विद्वानों का मानना ​​है कि यूहन्ना ने अपने समय के दौरान हुई घटनाओं का वर्णन किया था। कुछ विद्वानों का मानना ​​है कि यूहन्ना ने अपने समय से यीशु के लौटने तक होने वाली घटनाओं का वर्णन किया था। अन्य विद्वानों का मानना ​​है कि यूहन्ना ने उन घटनाओं का वर्णन किया जो मसीह के लौटने से ठीक थोड़े समय पहले होंगी।

अनुवादकों को यह तय करने की आवश्यकता नहीं होगी कि वे इसका अनुवाद करने से पहले पुस्तक की व्याख्या कैसे करें। अनुवादकों को यूएलटी में उपयोग किए गए कालों की भविष्यवाणियों को छोड़ देना चाहिए।

### क्या बाइबल में प्रकाशितवाक्य जैसी कोई अन्य पुस्तकें हैं?

बाइबल की कोई अन्य पुस्तक प्रकाशितवाक्य की पुस्तक के समान नहीं है। लेकिन, यहेजकेल, जकर्याह और विशेष रूप से दानिय्येल प्रकाशितवाक्य के सामग्री और शैली में समान हैं। दानिय्येल के समय के साथ ही प्रकाशितवाक्य का अनुवाद करना फायदेमंद हो सकता है क्योंकि उनमें कुछ कल्पनाएँ और शैली समान हैं।

## भाग 3: महत्वपूर्ण अनुवाद के मुद्दे

### क्या किसी को इसका अनुवाद करने के लिए प्रकाशितवाक्य की पुस्तक को समझने की आवश्यकता है?

किसी को इसे अनुवाद करने के लिए प्रकाशितवाक्य की पुस्तक में सभी प्रतीकों को समझने की आवश्यकता नहीं है। अनुवादकों को उनके अनुवाद में प्रतीकों या संख्याओं के लिए संभावित अर्थ नहीं देना चाहिए। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/writing-apocalypticwriting]])

### यूएलटी में प्रकाशितवाक्य में ""पवित्र"" और ""पवित्रता"" के विचारों का प्रतिनिधित्व कैसे किया गया है?

शास्त्र इन शब्दों का उपयोग विभिन्न विचारों में से किसी एक को संकेत करने के लिए करते हैं। इस कारण से, अनुवादकों के लिए अक्सर उनके संस्करणों में उनको दर्शाना मुश्किल होता है। प्रकाशितवाक्य का अंग्रेजी में अनुवाद करने में, यूएलटी निम्नलिखित सिद्धांतों का उपयोग करता है:
* दो अनुच्छेद में अर्थ नैतिक पवित्रता को संकेत करता है। यहाँ, यूएलटी ""पवित्र"" का उपयोग करता है। (देखें: 14:12; 22:11)
* आमतौर पर प्रकाशितवाक्य में पाया जाने वाला अर्थ मसीहियों के लिए एक साधारण संदर्भ की ओर उनके द्वारा किसी भी विशेष भूमिका को स्पष्ट किए बिना संकेत करता है। इन विषयों में, यूएलटी ""विश्वासी"" या ""विश्वासियों"" का उपयोग करता है। (देखें: 5:8; 8:3, 4; 11:18; 13:7; 16:6; 17:6; 18:20, 24; 19:8; 20:9)
* कभी-कभी यह अर्थ किसी व्यक्ति के या किसी चीज के केवल परमेश्वर के लिए अलग करने के विचार को स्पष्ट करता है। इन मामलों में, यूएलटी ""पवित्रता"", ""अलग करना"", ""के लिए समर्पित,"" या ""के लिए आरक्षित"" का उपयोग करता है।

यूएसटी अक्सर सहायक होगा जब अनुवादक इन विचारों को अपने संस्करणों में कैसे प्रस्तुत करें के बारे में सोचते हैं।
### समय की अवधियाँ

यूहन्ना ने प्रकाशितवाक्य में विभिन्न समयावधियों का उल्लेख किया है। उदाहरण के लिए, उसमें बयालीस महीने, सात साल, और साढ़े तीन दिनों के कई संदर्भ हैं। कुछ विद्वानों का मानना ​​है कि ये समयावधियाँ प्रतीकात्मक हैं। अन्य विद्वानों का मानना ​​है कि ये वास्तविक समयावधियाँ हैं। अनुवादक को इन समयावधियों के साथ वास्तविक समयावधियों को संदर्भित करने वाली के जैसे व्यवहार करना चाहिए। इसके बाद यह उनके महत्व को निर्धारित करने के लिए या वे किस बात का प्रतिनिधित्व कर सकते हैं के लिए व्याख्या करने वाले पर निर्भर करता है।

### प्रकाशितवाक्य की पुस्तक के पाठ में प्रमुख मुद्दे क्या हैं?

निम्नलिखित पदों में, बाइबल के कुछ आधुनिक संस्करण पुराने संस्करणों से अलग हैं। यूएलटी के पाठ में आधुनिक पठन है और यह पुराने पठन को एक पाद-टिप्पणी में रखता है। यदि सामान्य क्षेत्र में बाइबल का अनुवाद मौजूद है, तो अनुवादकों को उन संस्करणों में मिलने वाले पठन का उपयोग करना चाहिए। यदि नहीं, तो अनुवादकों को आधुनिक पठन का पालन करने की सलाह दी गई है।

* ""प्रभु परमेश्वर, जो है, और जो था, और जो आने वाला है, जो सर्वशक्तिमान है, यह कहता है, “मैं ही अल्फ़ा और ओमेगा हूँ'"" (1:8)। कुछ संस्करण इस वाक्यांश ""शुरूआत और अंत"" को जोड़ते हैं।
* ""प्राचीनों ने गिरकर दण्डवत् किया और आराधना की"" (5:14)। कुछ पुराने संस्करण कहते हैं, ""चौबीसों प्राचीनों ने स्वयं गिरकर सदा जीवित रहने वाले की आराधना की।""
* ""ताकि इसका [पृथ्वी का] एक तिहाई जला दिया गया"" (8:7)। कुछ पुराने संस्करणों में इस वाक्यांश को शामिल नहीं किया गया है।
* ""वह जो है और जो था"" (11:17)। कुछ संस्करण इस वाक्यांश ""जो आने वाला है"" को जोड़ते हैं।
* ""वे निर्दोष हैं"" (14:5)। कुछ संस्करण इस वाक्यांश ""परमेश्वर के सिंहासन के सामने"" को जोड़ते हैं (14:5)।
* ""वह जो है और जो था, पवित्र जन"" (16:5)। कुछ पुराने संस्करण कहते हैं, ""हे परमेश्वर, वह जो है और जो था और जिसको होना है।""
* ""जाति-जाति उस शहर के प्रकाश से चलेगा"" (21:24)। कुछ पुराने संस्करण कहते हैं, ""जिन जाति-जाति को बचाया जाता है वे उस शहर के प्रकाश से चलेंगे।""
* धन्य हैं वे जो अपने वस्त्र धोते हैं ""(22:14)। कुछ पुराने संस्करण कहते हैं ""धन्य हैं वे जो उसके आदेश का पालन करते हैं।""
* ""परमेश्वर जीवन के पेड़ और पवित्र शहर में अपना हिस्सा लेगा"" (22:19)। कुछ पुराने संस्करण कहते हैं, ""परमेश्वर जीवन की पुस्तक और पवित्र शहर में अपना हिस्सा लेगा।""

(देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/translate-textvariants]])
+REV 1 intro u1e2 0 # प्रकाशितवाक्य 01 सामान्य टिप्पणियाँ
## संरचना एवं स्वरूपण

यह अध्याय बताता है कि पतमुस द्वीप पर यूहन्ना को प्राप्त हुए दर्शन को प्रकाशितवाक्य की पुस्तक कैसे लिखती है।

कुछ अनुवाद पुराने नियम के उद्धरणों को पढ़ने में आसान बनाने के लिए उनको पृष्ठ पर दाईं तरफ आगे की ओर निर्धारित करते हैं। यूएलटी पद 7 में उद्धरित शब्दों के साथ ऐसा करता है।

## इस अध्याय में विशेष अवधारणाएँ

### सात कलीसियाएँ

यूहन्ना ने इस पुस्तक को एशिया माइनर के सात वास्तविक कलीसियाओं को लिखा है, जो अब तुर्की का देश है।

### सफेद

बाइबल अक्सर किसी व्यक्ति से संबंधित किसी चीज़ को ""सफेद"" कहती है। यह उस व्यक्ति के लिए रूपक और उपनाम है जो सही ढंग से और परमेश्वर को प्रसन्न करने के लिए जीता है। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-metaphor]] और [[rc://hi/ta/man/translate/figs-metonymy]] और [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/righteous]])

### ""वह जो है, और जो था, और जो आने वाला है""

परमेश्वर अब उपस्थित है। वह हमेशा उपस्थित रहा है। वह हमेशा उपस्थित रहेगा। आपकी भाषा में यह कहने का एक अलग तरीका हो सकता है।

## इस अध्याय के महत्वपूर्ण अलंकार

### लहू

मृत्यु के लिए लहू एक उपनाम है। यीशु ने “अपने लहू से हमें हमारे पापों से मुक्त कर दिया है।"" यूहन्ना का मतलब है कि यीशु ने हमारे लिए मर कर, हमें हमारे पापों से बचाया है। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-metonymy]])

## इस अध्याय में अन्य संभावित अनुवाद की कठिनाइयाँ

### ""वह बादलों के साथ आ रहा है""

यीशु बादलों में चला गया और स्वर्ग पर चढ़ गया जब परमेश्वर ने मृतकों में से जी उठाया। जब यीशु लौटता है, तो वह ""बादलों के साथ"" भी होगा। यह स्पष्ट नहीं है कि वह बादलों पर बैठा हुआ होगा या सवारी किए हुए होगा या बादलों में होकर या ""बादलों के साथ"" किसी अन्य तरीके से आएगा। आपके अनुवाद में इसे ऐसे तरीके से व्यक्त किया जाना चाहिए जो आपकी भाषा में प्राकृतिक है।

### ""वह जो मनुष्य के पुत्र के समान है""

यह यीशु को संदर्भित करता है। आपको ""मनुष्य का पुत्र"" शब्दों का उन्हीं शब्दों का उपयोग करते हुए अनुवाद करना चाहिए जैसे आपने सुसमाचारों में किया है जब यीशु स्वयं को ""मनुष्य के पुत्र"" कहता है।

### ""सात कलीसियाओं के स्वर्गदूत ""

यहाँ ""स्वर्गदूत"" शब्द का अर्थ ""संदेशवाहक"" भी हो सकता है। यह स्वर्गीय प्राणियों को, या इन सात कलीसियाओं के संदेशवाहकों या अगुवों को संदर्भित कर सकता है। यूहन्ना पद 1 में और इस सम्पूर्ण पुस्तक में कई अन्य स्थानों में इसी ""स्वर्गदूत"" (एकवचन) शब्द का प्रयोग करता है। आपके अनुवाद में भी उसी शब्द का उपयोग होना चाहिए।
REV 1 1 kv41 0 General Information: यह प्रकाशितवाक्य की पुस्तक का परिचय है। यह बताता है कि यह यीशु मसीह की ओर से प्रकाशन है और यह उन लोगों को आशीर्वाद देता है जो इसे पढ़ते हैं। REV 1 1 ik5v τοῖς δούλοις αὐτοῦ 1 his servants यह उन लोगों को संदर्भित करता है जो मसीह में विश्वास करते हैं। REV 1 1 x8bu ἃ δεῖ γενέσθαι ἐν τάχει 1 what must soon take place वे घटनाएँ जो जल्द ही घटित होनी हैं @@ -66,7 +66,7 @@ REV 1 20 d6ez writing-symlanguage ἀστέρων 1 stars ये तारे REV 1 20 fl5d writing-symlanguage λυχνίας 1 lampstands दीवट प्रतीक हैं जो सात कलीसियाओं का प्रतिनिधित्व करते हैं। देखें कि आपने इसका अनुवाद [प्रकाशितवाक्य 1:12](../01/12.md) में कैसे किया है। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/writing-symlanguage]]) REV 1 20 eek9 ἄγγελοι τῶν ἑπτὰ ἐκκλησιῶν 1 the angels of the seven churches "संभावित अर्थ हैं कि ये ""स्वर्गदूत"" 1) स्वर्गीय स्वर्गदूत हैं जो सात कलीसियाओं की रक्षा करते हैं या 2) सात कलीसियाओं के लिए मानवीय संदेशवाहक हैं, या तो ये वे संदेशवाहक हैं जो यूहन्ना के पास से कलीसियाओं या उन कलीसियाओं के अगुवों के पास गए थे।" REV 1 20 e25n ἑπτὰ ἐκκλησιῶν 1 seven churches यह उन सात कलीसियाओं को संदर्भित करता है जो उस समय एशिया माइनर में वास्तव में मौजूद थीं। देखें कि आपने इसका अनुवाद [प्रकाशितवाक्य 1:11](../01/11.md). में कैसे किया है। -REV 2 intro zps2 0 "# प्रकाशितवाक्य 02 सामान्य टिप्पणियाँ
## संरचना एवं स्वरूपण



अध्याय 2 और 3 को एक साथ आमतौर पर ""सात कलीसियाओं के लिए सात पत्र"" कहा जाता है। आप प्रत्येक पत्र को अलग करना चाह सकते हैं। पाठक तब आसानी से देख सकते हैं कि वे अलग-अलग पत्र हैं।

कुछ अनुवाद पुराने पाठ से उद्धरण को पाठ के बाकी हिस्सों के मुकाबले पृष्ठ पर दाएँ ओर निर्धारित करते हैं। यूएलटी पद 27 के उद्धरित शब्दों के साथ ऐसा करता है।

## इस अध्याय में विशेष अवधारणाएँ

### गरीबी और संपत्ति

स्मुरना में रहने वाले मसीही गरीब थे क्योंकि उनके पास अधिक पैसा नहीं था। लेकिन वे आध्यात्मिक रूप से समृद्ध थे क्योंकि परमेश्वर उन्हें उनके दुःखों के लिए पुरस्कृत करेगा। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/spirit]])

### ""शैतान करने पर है""

लोग स्मुरना में रहने वाले कुछ मसीहियों को लेकर उन्हें जेल में फेंक देने वाले थे और यहाँ तक कि उनमें से कुछ को भी मार डालते वाले थे ([प्रकाशितवाक्य 2:10](../../rev/02/10.md))। यूहन्ना यह नहीं कहता कि ये लोग कौन थे। लेकिन वह उन लोगों के मसीहियों को नुकसान पहुँचाने के बारे में ऐसे बात करता है जैसे कि शैतान स्वयं ही उनको नुकसान पहुँचा रहा था। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-metonymy]])

### बिलाम, बालाक, और इजेबेल

बिलाम, बालाक और इजेबेल वे लोग थे जो यीशु के जन्म से बहुत पहले इस संसार में रहते थे। इन सभी ने इस्राएलियों को या तो शाप देकर या उन्हें परमेश्वर का आज्ञापालन करना बंद करवाने के द्वारा उनका नुकसान करने का प्रयास किया था।

## इस अध्याय के महत्वपूर्ण अलंकार

### ""जिसके कान हैं, वह सुने कि आत्मा कलीसियाओं को क्या कह रहा है ""

लेखक जानता था कि उसके लगभग सभी पाठकों के पास शारीरिक कान थे। जो परमेश्वर कहते हैं उसे सुनने के लिए और उसका पालन करने की इच्छा करने के लिए यहाँ कान एक उपनाम है। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-metonymy]])

## इस अध्याय में अन्य संभावित अनुवाद की कठिनाइयाँ

### ""कलीसिया का स्वर्गदूत""

""स्वर्गदूत"" शब्द का अर्थ ""संदेशवाहक"" भी हो सकता है। यह कलीसिया के संदेशवाहक या अगुवे को संदर्भित कर सकता है। देखें कि आपने [प्रकाशितवाक्य 1:20](../../rev/01/20.md) में ""स्वर्गदूत"" का अनुवाद कैसे किया है।

### ""उस जन के शब्द जो""

इन शब्दों के साथ के पदों को अनुवाद करना मुश्किल हो सकता है। वे पूर्ण वाक्य नहीं बनाते हैं। इन पदों की शुरूआत में आपको ""ये हैं"" जोड़ने की आवश्यकता हो सकती है। इसके अलावा, यीशु ने इन शब्दों का इस्तेमाल स्वयं के बारे में बात करने के लिए ऐसे किया जैसे कि वह किसी अन्य व्यक्ति की बात कर रहा था। शायद आपकी भाषा लोगों को स्वयं के विषय में ऐसे बात करने की अनुमति न दे जैसे कि वे अन्य लोगों के बारे में बात कर रहे थे। यीशु ने [प्रकाशितवाक्य 1:17](../../rev/01/17.md) में बात करना शुरू किया। वह अध्याय 3 के अंत तक बात करना जारी रखता है।
" +REV 2 intro zps2 0 # प्रकाशितवाक्य 02 सामान्य टिप्पणियाँ
## संरचना एवं स्वरूपण



अध्याय 2 और 3 को एक साथ आमतौर पर ""सात कलीसियाओं के लिए सात पत्र"" कहा जाता है। आप प्रत्येक पत्र को अलग करना चाह सकते हैं। पाठक तब आसानी से देख सकते हैं कि वे अलग-अलग पत्र हैं।

कुछ अनुवाद पुराने पाठ से उद्धरण को पाठ के बाकी हिस्सों के मुकाबले पृष्ठ पर दाएँ ओर निर्धारित करते हैं। यूएलटी पद 27 के उद्धरित शब्दों के साथ ऐसा करता है।

## इस अध्याय में विशेष अवधारणाएँ

### गरीबी और संपत्ति

स्मुरना में रहने वाले मसीही गरीब थे क्योंकि उनके पास अधिक पैसा नहीं था। लेकिन वे आध्यात्मिक रूप से समृद्ध थे क्योंकि परमेश्वर उन्हें उनके दुःखों के लिए पुरस्कृत करेगा। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/spirit]])

### ""शैतान करने पर है""

लोग स्मुरना में रहने वाले कुछ मसीहियों को लेकर उन्हें जेल में फेंक देने वाले थे और यहाँ तक कि उनमें से कुछ को भी मार डालते वाले थे ([प्रकाशितवाक्य 2:10](../../rev/02/10.md))। यूहन्ना यह नहीं कहता कि ये लोग कौन थे। लेकिन वह उन लोगों के मसीहियों को नुकसान पहुँचाने के बारे में ऐसे बात करता है जैसे कि शैतान स्वयं ही उनको नुकसान पहुँचा रहा था। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-metonymy]])

### बिलाम, बालाक, और इजेबेल

बिलाम, बालाक और इजेबेल वे लोग थे जो यीशु के जन्म से बहुत पहले इस संसार में रहते थे। इन सभी ने इस्राएलियों को या तो शाप देकर या उन्हें परमेश्वर का आज्ञापालन करना बंद करवाने के द्वारा उनका नुकसान करने का प्रयास किया था।

## इस अध्याय के महत्वपूर्ण अलंकार

### ""जिसके कान हैं, वह सुने कि आत्मा कलीसियाओं को क्या कह रहा है ""

लेखक जानता था कि उसके लगभग सभी पाठकों के पास शारीरिक कान थे। जो परमेश्वर कहते हैं उसे सुनने के लिए और उसका पालन करने की इच्छा करने के लिए यहाँ कान एक उपनाम है। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-metonymy]])

## इस अध्याय में अन्य संभावित अनुवाद की कठिनाइयाँ

### ""कलीसिया का स्वर्गदूत""

""स्वर्गदूत"" शब्द का अर्थ ""संदेशवाहक"" भी हो सकता है। यह कलीसिया के संदेशवाहक या अगुवे को संदर्भित कर सकता है। देखें कि आपने [प्रकाशितवाक्य 1:20](../../rev/01/20.md) में ""स्वर्गदूत"" का अनुवाद कैसे किया है।

### ""उस जन के शब्द जो""

इन शब्दों के साथ के पदों को अनुवाद करना मुश्किल हो सकता है। वे पूर्ण वाक्य नहीं बनाते हैं। इन पदों की शुरूआत में आपको ""ये हैं"" जोड़ने की आवश्यकता हो सकती है। इसके अलावा, यीशु ने इन शब्दों का इस्तेमाल स्वयं के बारे में बात करने के लिए ऐसे किया जैसे कि वह किसी अन्य व्यक्ति की बात कर रहा था। शायद आपकी भाषा लोगों को स्वयं के विषय में ऐसे बात करने की अनुमति न दे जैसे कि वे अन्य लोगों के बारे में बात कर रहे थे। यीशु ने [प्रकाशितवाक्य 1:17](../../rev/01/17.md) में बात करना शुरू किया। वह अध्याय 3 के अंत तक बात करना जारी रखता है।
REV 2 1 mn8x 0 General Information: यह इफिसुस की कलीसिया के लिए मनुष्य के पुत्र के द्वारा स्वर्गदूत को दिए गई संदेश की शुरूआत है। REV 2 1 kq5r τῷ ἀγγέλῳ 1 the angel "संभावित अर्थ हैं कि यह ""स्वर्गदूत"" 1) एक स्वर्गीय स्वर्गदूत है जो इस कलीसिया की रक्षा करता है या 2) कलीसिया के लिए मानवीय संदेशवाहक है, या तो यह एक संदेशवाहक है जो यूहन्ना के पास से कलीसिया या उन कलीसियाओं के अगुवे के पास गया था। देखें कि आपने [प्रकाशितवाक्य 1:20](../01/20.md) में ""स्वर्गदूत"" का अनुवाद कैसे किया है।" REV 2 1 i92a writing-symlanguage ἀστέρας 1 stars ये तारे प्रतीक हैं। वे सात कलीसियाओं के सात स्वर्गदूतों का प्रतिनिधित्व करते हैं। देखें कि आपने [प्रकाशितवाक्य 1:16](../01/16.md) में इसका अनुवाद कैसे किया है। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/writing-symlanguage]]) @@ -155,7 +155,7 @@ REV 2 28 c1zc καὶ δώσω αὐτῷ 1 I will also give him """उसे"" REV 2 28 g5iy writing-symlanguage τὸν ἀστέρα τὸν πρωϊνόν 1 morning star यह एक उज्ज्वल सितारा है जो कभी-कभी भोर होने से पहले सुबह में दिखाई देता है। यह जीत का एक प्रतीक था। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/writing-symlanguage]]) REV 2 29 ilk8 figs-metonymy ὁ ἔχων οὖς, ἀκουσάτω 1 Let the one who has an ear, hear "यीशु ज़ोर दे रहा है कि उसने अभी जो कहा है वह महत्वपूर्ण है और उसका अभ्यास करने और उसे समझने के लिए कुछ प्रयास किया जा सकता है। वाक्यांश ""जिसके कान हो"" यहाँ समझने और आज्ञापालन करने की इच्छा के लिए एक उपनाम है। देखें कि आपने इस वाक्यांश का अनुवाद [प्रकाशितवाक्य 2:7](../02/07.md)) में कैसे किया है। वैकल्पिक अनुवाद: ""जो सुनने की इच्छा रखता है, वह सुने"" या ""जो समझने की इच्छा रखता है, उसे समझने और मानने दो"" (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-metonymy]])" REV 2 29 ikm8 figs-123person ὁ…ἀκουσάτω 1 Let the one ... hear "चूँकि यीशु सीधे अपने दर्शकों से बात कर रहा है, इसलिए आप यहाँ द्वितीय पुरुष का उपयोग करना पसंद कर सकते हैं। देखें कि आपने इस वाक्यांश का अनुवाद [प्रकाशितवाक्य 2:7](../02/07.md)) में कैसे किया है। वैकल्पिक अनुवाद: ""अगर तुम सुनना चाहते हो, तो सुनो"" या ""यदि तुम समझने के इच्छा रखते हो, तो समझो और पालन करो"" (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-123person]])" -REV 3 intro q1l9 0 "# प्रकाशितवाक्य 03 सामान्य टिप्पणियाँ
## संरचना एवं स्वरूपण

अध्याय 2 और 3 को एक साथ आमतौर पर ""सात कलीसियाओं के लिए सात पत्र"" कहा जाता है। आप प्रत्येक पत्र को अलग करना चाह सकते हैं। पाठक तब आसानी से देख सकते हैं कि वे अलग-अलग पत्र हैं।

कुछ अनुवाद पढ़ने के लिए आसान बनाने के लिए पाठ के बाकी हिस्सों की तुलना में कविता की प्रत्येक पंक्ति को दाईं तरफ आगे की ओर निर्धारित करते हैं। यूएलटी पद 7 के साथ ऐसा करता है।

## इस अध्याय में विशेष अवधारणाएँ

### परमेश्वर की सात आत्माएँ


ये आत्माएँ [प्रकाशितवाक्य 1:4](../../rev/01/04.md) की सात आत्माएँ हैं।

### सात सितारे

ये सितारे [प्रकाशितवाक्य 1:20](../../rev/01/20.md) के सात सितारे हैं।

## इस अध्याय में महत्वपूर्ण रूपक

### देखो, मैं दरवाजे पर खड़ा हूँ और खटखटा रहा हूँ

यीशु लौदीकिया में रहने वाले मसीहियों से उसका आज्ञापालन करने की इच्छा रखने को ऐसे बोलता है जैसे कि वह एक व्यक्ति था जो एक घर के लोगों से प्रवेश करने और उनके साथ खाने की अनुमति देने के लिए कह रहा था ([प्रकाशितवाक्य 3:20](../../rev/03/20.md))। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-metaphor]])

### ""जिसके कान हो, वह सुन ले कि आत्मा कलीसियाओं को क्या कह रहा है""

वक्ता जानता था कि उसके लगभग सभी पाठकों के पास शारीरिक कान थे। जो परमेश्वर कहते हैं उसे सुनने के लिए और उसका पालन करने की इच्छा करने के लिए यहाँ कान एक उपनाम है। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-metonymy]])

## इस अध्याय में अन्य संभावित अनुवाद की कठिनाइयाँ

### ""कलीसिया का स्वर्गदूत""

""स्वर्गदूत"" शब्द का अर्थ ""संदेशवाहक"" भी हो सकता है। यह कलीसिया के संदेशवाहक या अगुवे को संदर्भित कर सकता है। देखें कि आपने [प्रकाशितवाक्य 1:20](../../rev/01/20.md) में ""स्वर्गदूत"" का अनुवाद कैसे किया है।

### ""उस जन के शब्द जो""

इन शब्दों के साथ के पदों को अनुवाद करना मुश्किल हो सकता है। वे पूर्ण वाक्य नहीं बनाते हैं। इन पदों की शुरूआत में आपको ""ये हैं"" जोड़ने की आवश्यकता हो सकती है। इसके अलावा, यीशु ने इन शब्दों का इस्तेमाल स्वयं के बारे में बात करने के लिए ऐसे किया जैसे कि वह किसी अन्य व्यक्ति की बात कर रहा था। शायद आपकी भाषा लोगों को स्वयं के विषय में ऐसे बात करने की अनुमति न दे जैसे कि वे अन्य लोगों के बारे में बात कर रहे थे। यीशु ने [प्रकाशितवाक्य 1:17](../../rev/01/17.md) में बात करना शुरू किया। वह अध्याय 3 के अंत तक बात करना जारी रखता है।
" +REV 3 intro q1l9 0 # प्रकाशितवाक्य 03 सामान्य टिप्पणियाँ
## संरचना एवं स्वरूपण

अध्याय 2 और 3 को एक साथ आमतौर पर ""सात कलीसियाओं के लिए सात पत्र"" कहा जाता है। आप प्रत्येक पत्र को अलग करना चाह सकते हैं। पाठक तब आसानी से देख सकते हैं कि वे अलग-अलग पत्र हैं।

कुछ अनुवाद पढ़ने के लिए आसान बनाने के लिए पाठ के बाकी हिस्सों की तुलना में कविता की प्रत्येक पंक्ति को दाईं तरफ आगे की ओर निर्धारित करते हैं। यूएलटी पद 7 के साथ ऐसा करता है।

## इस अध्याय में विशेष अवधारणाएँ

### परमेश्वर की सात आत्माएँ


ये आत्माएँ [प्रकाशितवाक्य 1:4](../../rev/01/04.md) की सात आत्माएँ हैं।

### सात सितारे

ये सितारे [प्रकाशितवाक्य 1:20](../../rev/01/20.md) के सात सितारे हैं।

## इस अध्याय में महत्वपूर्ण रूपक

### देखो, मैं दरवाजे पर खड़ा हूँ और खटखटा रहा हूँ

यीशु लौदीकिया में रहने वाले मसीहियों से उसका आज्ञापालन करने की इच्छा रखने को ऐसे बोलता है जैसे कि वह एक व्यक्ति था जो एक घर के लोगों से प्रवेश करने और उनके साथ खाने की अनुमति देने के लिए कह रहा था ([प्रकाशितवाक्य 3:20](../../rev/03/20.md))। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-metaphor]])

### ""जिसके कान हो, वह सुन ले कि आत्मा कलीसियाओं को क्या कह रहा है""

वक्ता जानता था कि उसके लगभग सभी पाठकों के पास शारीरिक कान थे। जो परमेश्वर कहते हैं उसे सुनने के लिए और उसका पालन करने की इच्छा करने के लिए यहाँ कान एक उपनाम है। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-metonymy]])

## इस अध्याय में अन्य संभावित अनुवाद की कठिनाइयाँ

### ""कलीसिया का स्वर्गदूत""

""स्वर्गदूत"" शब्द का अर्थ ""संदेशवाहक"" भी हो सकता है। यह कलीसिया के संदेशवाहक या अगुवे को संदर्भित कर सकता है। देखें कि आपने [प्रकाशितवाक्य 1:20](../../rev/01/20.md) में ""स्वर्गदूत"" का अनुवाद कैसे किया है।

### ""उस जन के शब्द जो""

इन शब्दों के साथ के पदों को अनुवाद करना मुश्किल हो सकता है। वे पूर्ण वाक्य नहीं बनाते हैं। इन पदों की शुरूआत में आपको ""ये हैं"" जोड़ने की आवश्यकता हो सकती है। इसके अलावा, यीशु ने इन शब्दों का इस्तेमाल स्वयं के बारे में बात करने के लिए ऐसे किया जैसे कि वह किसी अन्य व्यक्ति की बात कर रहा था। शायद आपकी भाषा लोगों को स्वयं के विषय में ऐसे बात करने की अनुमति न दे जैसे कि वे अन्य लोगों के बारे में बात कर रहे थे। यीशु ने [प्रकाशितवाक्य 1:17](../../rev/01/17.md) में बात करना शुरू किया। वह अध्याय 3 के अंत तक बात करना जारी रखता है।
REV 3 1 k6b7 0 General Information: यह सरदीस की कलीसिया के लिए मनुष्य के पुत्र के द्वारा स्वर्गदूत को दिए गए संदेश की शुरूआत है। REV 3 1 u1zs τῷ ἀγγέλῳ 1 the angel "संभावित अर्थ हैं कि यह ""स्वर्गदूत"" 1) एक स्वर्गीय स्वर्गदूत है जो इस कलीसिया की रक्षा करता है या 2) कलीसिया के लिए मानवीय संदेशवाहक है, या तो यह एक संदेशवाहक है जो यूहन्ना के पास से कलीसिया या उन कलीसियाओं के अगुवे के पास गया था। देखें कि आपने [प्रकाशितवाक्य 1:20](../01/20.md) में ""स्वर्गदूत"" का अनुवाद कैसे किया है।" REV 3 1 q7n9 translate-names Σάρδεσιν 1 Sardis यह एशिया के पश्चिमी हिस्से में एक शहर का नाम है जो आज का आधुनिक तुर्की है। देखें कि आपने इसका अनुवाद [प्रकाशितवाक्य 1:11](../01/11.md). में कैसे किया है। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/translate-names]]) @@ -390,7 +390,7 @@ REV 8 12 z936 figs-metaphor ἐπλήγη τὸ τρίτον τοῦ ἡλίου REV 8 12 ukh6 σκοτισθῇ τὸ τρίτον αὐτῶν 1 a third of them turned dark "संभावित अर्थ हैं 1) ""एक तिहाई समय वे अंधकार थे"" या 2) ""सूर्य का एक तिहाई, चंद्रमा का एक तिहाई, और तारों का एक तिहाई अंधकारमय हो गया""" REV 8 12 t1ag ἡ ἡμέρα μὴ φάνῃ τὸ τρίτον αὐτῆς, καὶ ἡ νὺξ ὁμοίως 1 a third of the day and a third of the night had no light "दिन के एक तिहाई और रात के एक तिहाई के दौरान कोई उजाला नहीं था या ""वे दिन के एक तिहाई और रात के एक तिहाई के दौरान नहीं चमके थे""" REV 8 13 x375 figs-activepassive ἐκ τῶν λοιπῶν φωνῶν τῆς σάλπιγγος…σαλπίζειν 1 because of the remaining trumpet ... angels "इसे सक्रिय रूप में कहा जा सकता है। वैकल्पिक अनुवाद: ""क्योंकि जिन तीन स्वर्गदूतों ने अभी तक अपनी तुरही नहीं फूँकी हैं वे उनको फूँकने वाले हैं"" (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-activepassive]])" -REV 9 intro sq5c 0 "# प्रकाशितवाक्य 09 सामान्य टिप्पणियाँ
## संरचना एवं स्वरूपण

इस अध्याय में, यूहन्ना यह बताना जारी रखता है कि जब स्वर्गदूत सात तुरहियों को फूँकते हैं तो क्या होता है। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/writing-apocalypticwriting]])

### विपत्ति
यूहन्ना प्रकाशितवाक्य की पुस्तक में कई ""विपत्तियों"" का वर्णन करता है। यह अध्याय पिछले अध्याय 8 के अंत में बताई गई तीन ""विपत्तियों"" का वर्णन करना शुरू करता है।

## इस अध्याय में विशेष अवधारणाएँ

### पशु कल्पना
यह अध्याय में कई जानवरों को शामिल करता है: टिड्डियाँ, बिच्छू, घोड़े, शेर, और साँप। जानवर विभिन्न गुण या विशेषताएँ व्यक्त करते हैं। उदाहरण के लिए, एक शेर शक्तिशाली और खतरनाक है। यदि संभव हो तो अनुवादकों को उनके अनुवाद में उसी जानवर का उपयोग करना चाहिए। यदि जानवर अज्ञात है, तो समान गुणों या विशेषताओं वाले किसी का उपयोग किया जाना चाहिए।

### अथाह कुण्ड
यह छवि प्रकाशितवाक्य की पुस्तक में कई बार देखी गई है। यह अपरिहार्य होने के रूप में और स्वर्ग की विपरीत दिशा में नरक की एक तस्वीर है। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/hell]])

### नरक और अपोलियन

""नरक"" एक यहूदी शब्द है। ""अपोलियन"" एक यूनानी शब्द है। दोनों शब्दों का मतलब ""विनाशक"" है। यूहन्ना ने यहूदी शब्द की आवाज़ का इस्तेमाल किया और उन्हें यूनानी अक्षरों के साथ लिखा। यूएलटी और यूएसटी दोनों शब्दों की आवाज़ों को अंग्रेजी अक्षरों के साथ लिखते हैं। अनुवादकों को लक्षित भाषा के अक्षरों का उपयोग करके इन शब्दों को लिप्यंतरित करने के लिए प्रोत्साहित किया गया है। मूल यूनानी पाठकों ने ""अपोलियन"" का अर्थ ""विनाशक"" के रूप में समझ लिया होगा। इसलिए अनुवादक पाठ में या पाद-टिप्पणी में इसके अर्थ को उपलब्ध कर सकते हैं। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/translate-transliterate]])

### पश्चाताप
महान संकेतों के बावजूद, लोगों को पश्चाताप नहीं करने वालों के रूप में वर्णित किया गया है और इसलिए वे अपने पाप में रहते हैं। पश्चाताप करने से इंकार करने वाले लोगों का अध्याय 16 में भी उल्लेख किया गया है। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/repent]] और [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/sin]])

## इस अध्याय के महत्वपूर्ण अलंकार

### उपमाएँ
यूहन्ना इस अध्याय में कई उपमाओं का उपयोग करता है। वे उसके दर्शन में देखे गए चित्रों का वर्णन करने में मदद करते हैं। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-simile]])
" +REV 9 intro sq5c 0 # प्रकाशितवाक्य 09 सामान्य टिप्पणियाँ
## संरचना एवं स्वरूपण

इस अध्याय में, यूहन्ना यह बताना जारी रखता है कि जब स्वर्गदूत सात तुरहियों को फूँकते हैं तो क्या होता है। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/writing-apocalypticwriting]])

### विपत्ति
यूहन्ना प्रकाशितवाक्य की पुस्तक में कई ""विपत्तियों"" का वर्णन करता है। यह अध्याय पिछले अध्याय 8 के अंत में बताई गई तीन ""विपत्तियों"" का वर्णन करना शुरू करता है।

## इस अध्याय में विशेष अवधारणाएँ

### पशु कल्पना
यह अध्याय में कई जानवरों को शामिल करता है: टिड्डियाँ, बिच्छू, घोड़े, शेर, और साँप। जानवर विभिन्न गुण या विशेषताएँ व्यक्त करते हैं। उदाहरण के लिए, एक शेर शक्तिशाली और खतरनाक है। यदि संभव हो तो अनुवादकों को उनके अनुवाद में उसी जानवर का उपयोग करना चाहिए। यदि जानवर अज्ञात है, तो समान गुणों या विशेषताओं वाले किसी का उपयोग किया जाना चाहिए।

### अथाह कुण्ड
यह छवि प्रकाशितवाक्य की पुस्तक में कई बार देखी गई है। यह अपरिहार्य होने के रूप में और स्वर्ग की विपरीत दिशा में नरक की एक तस्वीर है। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/hell]])

### नरक और अपोलियन

""नरक"" एक यहूदी शब्द है। ""अपोलियन"" एक यूनानी शब्द है। दोनों शब्दों का मतलब ""विनाशक"" है। यूहन्ना ने यहूदी शब्द की आवाज़ का इस्तेमाल किया और उन्हें यूनानी अक्षरों के साथ लिखा। यूएलटी और यूएसटी दोनों शब्दों की आवाज़ों को अंग्रेजी अक्षरों के साथ लिखते हैं। अनुवादकों को लक्षित भाषा के अक्षरों का उपयोग करके इन शब्दों को लिप्यंतरित करने के लिए प्रोत्साहित किया गया है। मूल यूनानी पाठकों ने ""अपोलियन"" का अर्थ ""विनाशक"" के रूप में समझ लिया होगा। इसलिए अनुवादक पाठ में या पाद-टिप्पणी में इसके अर्थ को उपलब्ध कर सकते हैं। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/translate-transliterate]])

### पश्चाताप
महान संकेतों के बावजूद, लोगों को पश्चाताप नहीं करने वालों के रूप में वर्णित किया गया है और इसलिए वे अपने पाप में रहते हैं। पश्चाताप करने से इंकार करने वाले लोगों का अध्याय 16 में भी उल्लेख किया गया है। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/repent]] और [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/sin]])

## इस अध्याय के महत्वपूर्ण अलंकार

### उपमाएँ
यूहन्ना इस अध्याय में कई उपमाओं का उपयोग करता है। वे उसके दर्शन में देखे गए चित्रों का वर्णन करने में मदद करते हैं। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-simile]])
REV 9 1 d26c 0 Connecting Statement: सात स्वर्गदूतों में से पाँचवाँ अपनी तुरही को फूँकना शुरू करता है। REV 9 1 jim6 εἶδον ἀστέρα ἐκ τοῦ οὐρανοῦ πεπτωκότα 1 I saw a star from heaven that had fallen यूहन्ना ने पृथ्वी पर एक तारा गिरता हुआ देखा उसने नहीं देखा, यदि गिरा. REV 9 1 v12j ἡ κλεὶς τοῦ φρέατος τῆς Ἀβύσσου 1 the key to the shaft of the bottomless pit वह कुंजी जो अथाह कुण्ड की कड़ी को खोलती है @@ -521,7 +521,7 @@ REV 11 19 c7pd figs-activepassive καὶ ἠνοίγη ὁ ναὸς τοῦ Θ REV 11 19 d9z7 figs-activepassive ὤφθη ἡ κιβωτὸς τῆς διαθήκης τοῦ Κυρίου ἐν τῷ ναῷ αὐτοῦ 1 the ark of his covenant was seen within his temple "इसे सक्रिय रूप में कहा जा सकता है। वैकल्पिक अनुवाद: ""मैंने उसके मन्दिर में उसकी वाचा के सन्दूक को देखा"" (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-activepassive]])" REV 11 19 b6ly ἀστραπαὶ 1 flashes of lightning अपनी भाषा के वर्णन करने के तरीके का उपयोग करें कि हर बार जब बिजली चमकती है तो यह किसकी तरह दिखाई देती है। देखें कि आपने इसका अनुवाद [प्रकाशितवाक्य 4:5](../04/05.md) में कैसे किया है। REV 11 19 ap5g φωναὶ, καὶ βρονταὶ 1 rumblings, crashes of thunder ये जोरदार शोर हैं जो तूफान उत्पन्न करता है। तूफान की आवाज का वर्णन करने के लिए अपनी भाषा के तरीके का प्रयोग करें। देखें कि आपने इसका अनुवाद [प्रकाशितवाक्य 4:5](../04/05.md) में कैसे किया है। -REV 12 intro cq7x 0 "# प्रकाशितवाक्य 12 सामान्य टिप्पणियाँ
## संरचना एवं स्वरूपण

कुछ अनुवाद पढ़ने के लिए आसान बनाने के लिए पाठ के बाकी हिस्सों की तुलना में कविता की प्रत्येक पंक्ति को दाईं तरफ आगे की ओर निर्धारित करते हैं। यूएलटी पद 10-12 के साथ ऐसा करता है।

## इस अध्याय में विशेष अवधारणाएँ

### साँप
प्रकाशितवाक्य की पुस्तक पुराने नियम से अलंकार का उपयोग करती है। उदाहरण के लिए, यूहन्ना शैतान को साँप के रूप में संदर्भित करता है। जब छवि अदन की वाटिका के विवरण से आती है जब शैतान ने हव्वा की परीक्षा की। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-explicit]])

## इस अध्याय में अन्य संभावित अनुवाद की कठिनाइयाँ

### ""स्वर्ग पर एक बड़ा चिन्ह देखा गया""
यहाँ कर्मवाच्य का उपयोग करके, यूहन्ना यह नहीं कहता कि इस महान चिन्ह को स्वर्ग पर किसने देखा। अनुवाद करना तब मुश्किल हो सकता है जब विषय अस्पष्ट है, अगर आपकी भाषा में कर्मवाच्य नहीं है। कई अंग्रेजी अनुवाद यहाँ भूतकाल का उपयोग करते हैं और कहते हैं ""स्वर्ग पर एक बड़ा चिन्ह प्रकट हुआ।"" (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-activepassive]] और [[rc://hi/ta/man/translate/writing-apocalypticwriting]])
" +REV 12 intro cq7x 0 # प्रकाशितवाक्य 12 सामान्य टिप्पणियाँ
## संरचना एवं स्वरूपण

कुछ अनुवाद पढ़ने के लिए आसान बनाने के लिए पाठ के बाकी हिस्सों की तुलना में कविता की प्रत्येक पंक्ति को दाईं तरफ आगे की ओर निर्धारित करते हैं। यूएलटी पद 10-12 के साथ ऐसा करता है।

## इस अध्याय में विशेष अवधारणाएँ

### साँप
प्रकाशितवाक्य की पुस्तक पुराने नियम से अलंकार का उपयोग करती है। उदाहरण के लिए, यूहन्ना शैतान को साँप के रूप में संदर्भित करता है। जब छवि अदन की वाटिका के विवरण से आती है जब शैतान ने हव्वा की परीक्षा की। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-explicit]])

## इस अध्याय में अन्य संभावित अनुवाद की कठिनाइयाँ

### ""स्वर्ग पर एक बड़ा चिन्ह देखा गया""
यहाँ कर्मवाच्य का उपयोग करके, यूहन्ना यह नहीं कहता कि इस महान चिन्ह को स्वर्ग पर किसने देखा। अनुवाद करना तब मुश्किल हो सकता है जब विषय अस्पष्ट है, अगर आपकी भाषा में कर्मवाच्य नहीं है। कई अंग्रेजी अनुवाद यहाँ भूतकाल का उपयोग करते हैं और कहते हैं ""स्वर्ग पर एक बड़ा चिन्ह प्रकट हुआ।"" (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-activepassive]] और [[rc://hi/ta/man/translate/writing-apocalypticwriting]])
REV 12 1 n4ii 0 General Information: यूहन्ना अपने दर्शन में प्रकट होने वाली एक स्त्री का वर्णन करना शुरू करता है। REV 12 1 d7pw figs-activepassive σημεῖον μέγα ὤφθη ἐν τῷ οὐρανῷ 1 A great sign was seen in heaven "इसे सक्रिय रूप में कहा जा सकता है। वैकल्पिक अनुवाद: ""स्वर्ग पर एक बड़ा चिन्ह प्रकट हुआ"" या ""मैं, यूहन्ना, ने स्वर्ग पर एक बड़ा चिन्ह देखा"" (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-activepassive]])" REV 12 1 j9yl figs-activepassive γυνὴ περιβεβλημένη τὸν ἥλιον, καὶ ἡ σελήνη ὑποκάτω τῶν ποδῶν αὐτῆς 1 a woman clothed with the sun, and with the moon under her feet "इसे सक्रिय रूप में कहा जा सकता है। वैकल्पिक अनुवाद: ""एक स्त्री जो सूर्य को पहने हुए थी और उसके पैरों के नीचे चाँद था"" (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-activepassive]])" @@ -693,7 +693,7 @@ REV 15 6 w9kw ζώνας 1 sashes पट्टी शरीर के ऊपर REV 15 7 s4dj τῶν τεσσάρων ζῴων 1 the four living creatures "जीवित जीव या ""जीवित वस्तु""। देखें कि आपने ""जीवित प्राणियों"" का अनुवाद [प्रकाशितवाक्य 4:6](../04/06.md) में कैसे किया है। REV 15 7 z1wz figs-explicit ἑπτὰ φιάλας χρυσᾶς, γεμούσας τοῦ θυμοῦ τοῦ Θεοῦ 1 seven golden bowls full of the wrath of God कटोरे में दाखरस की छवि को स्पष्ट रूप से कहा जा सकता है। यहाँ ""प्रकोप"" शब्द दण्ड को संदर्भित करता है। दाखरस दण्ड का एक प्रतीक है। वैकल्पिक अनुवाद: ""दाखरस से भरे हुए सात सोने के कटोरे जो परमेश्वर के प्रकोप का प्रतिनिधित्व करते हैं"" (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-explicit]] [[rc://hi/ta/man/translate/writing-symlanguage]]) REV 15 8 s67r ἄχρι τελεσθῶσιν αἱ ἑπτὰ πληγαὶ τῶν ἑπτὰ ἀγγέλων 1 until the seven plagues of the seven angels were completed जब तक उन सातों स्वर्गदूतों ने पृथ्वी पर सातों विपत्तियों को भेजना समाप्त नहीं कर लिया" -REV 16 intro v1cm 0 "# प्रकाशितवाक्य 16 सामान्य टिप्पणियाँ
## संरचना एवं स्वरूपण

अध्याय 15 के दर्शन को यह अध्याय जारी रखता है। एकसाथ वे उन सातों विपत्तियों को देते हैं जो परमेश्वर के प्रकोप का अन्त करती है। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/wrath]])

कुछ अनुवाद पढ़ने के लिए आसान बनाने के लिए पाठ के बाकी हिस्सों की तुलना में कविता की प्रत्येक पंक्ति को दाईं तरफ आगे की ओर निर्धारित करते हैं। यूएलटी पद 5-7 के साथ ऐसा करता है।

## इस अध्याय में विशेष अवधारणाएँ

### ""फिर मैंने मंदिर में किसी को ऊँचे शब्द से ... यह कहते सुना""

यह वही मंदिर है जिसका अध्याय 15 में उल्लेख किया गया था।

### परमेश्वर के प्रकोप के सात कटोरे

यह अध्याय गंभीर न्याय को प्रकट करता है। उन्हें स्वर्गदूतों के परमेश्वर के प्रकोप के सात कटोरे उंडेलने के समान चित्रित किया गया है। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-metaphor]])

## इस अध्याय में अन्य संभावित अनुवाद की कठिनाइयाँ

इस अध्याय का स्वर पाठक को आश्चर्यचकित करने के लिए है। अनुवादकों को इस अध्याय में व्यक्त की गई ज्वलंत भाषा को कम नहीं करना चाहिए।

### हर-मगिदोन

यह एक यहूदी शब्द है। यह एक जगह का नाम है। यूहन्ना ने यहूदी शब्द की आवाज़ का इस्तेमाल किया और उन्हें यूनानी अक्षरों के साथ लिखा। अनुवादकों को लक्षित भाषा के अक्षरों का उपयोग करके इसे लिप्यांतरित करने के लिए प्रोत्साहित किया गया है। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/translate-transliterate]])

" +REV 16 intro v1cm 0 # प्रकाशितवाक्य 16 सामान्य टिप्पणियाँ
## संरचना एवं स्वरूपण

अध्याय 15 के दर्शन को यह अध्याय जारी रखता है। एकसाथ वे उन सातों विपत्तियों को देते हैं जो परमेश्वर के प्रकोप का अन्त करती है। (देखें: [[rc://hi/tw/dict/bible/kt/wrath]])

कुछ अनुवाद पढ़ने के लिए आसान बनाने के लिए पाठ के बाकी हिस्सों की तुलना में कविता की प्रत्येक पंक्ति को दाईं तरफ आगे की ओर निर्धारित करते हैं। यूएलटी पद 5-7 के साथ ऐसा करता है।

## इस अध्याय में विशेष अवधारणाएँ

### ""फिर मैंने मंदिर में किसी को ऊँचे शब्द से ... यह कहते सुना""

यह वही मंदिर है जिसका अध्याय 15 में उल्लेख किया गया था।

### परमेश्वर के प्रकोप के सात कटोरे

यह अध्याय गंभीर न्याय को प्रकट करता है। उन्हें स्वर्गदूतों के परमेश्वर के प्रकोप के सात कटोरे उंडेलने के समान चित्रित किया गया है। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-metaphor]])

## इस अध्याय में अन्य संभावित अनुवाद की कठिनाइयाँ

इस अध्याय का स्वर पाठक को आश्चर्यचकित करने के लिए है। अनुवादकों को इस अध्याय में व्यक्त की गई ज्वलंत भाषा को कम नहीं करना चाहिए।

### हर-मगिदोन

यह एक यहूदी शब्द है। यह एक जगह का नाम है। यूहन्ना ने यहूदी शब्द की आवाज़ का इस्तेमाल किया और उन्हें यूनानी अक्षरों के साथ लिखा। अनुवादकों को लक्षित भाषा के अक्षरों का उपयोग करके इसे लिप्यांतरित करने के लिए प्रोत्साहित किया गया है। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/translate-transliterate]])

REV 16 1 nj83 0 Connecting Statement: यूहन्ना सातों विपत्तियों को लिए हुए सातों स्वर्गदूतों के बारे में दर्शन के हिस्से का वर्णन करना जारी रखता है। वे सातों विपत्तियाँ परमेश्वर के प्रकोप के सात कटोरे हैं। REV 16 1 t995 ἤκουσα 1 I heard """मैंने"" शब्द यूहन्ना को संदर्भित करता है।" REV 16 1 k2nq figs-explicit φιάλας τοῦ θυμοῦ τοῦ Θεοῦ 1 bowls of God's wrath "कटोरे में दाखरस की छवि को स्पष्ट रूप से कहा जा सकता है। यहाँ ""प्रकोप"" शब्द दण्ड को संदर्भित करता है। दाखरस दण्ड का एक प्रतीक है। देखें कि आपने [प्रकाशितवाक्य 15:7](../15/07.md) में एक ऐसे ही वाक्यांश का अनुवाद कैसे किया है। वैकल्पिक अनुवाद: ""दाखरस से भरे कटोरे जो परमेश्वर के प्रकोप को प्रतिनिधित्व करते हैं"" (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-explicit]] [[rc://hi/ta/man/translate/writing-symlanguage]])" @@ -1011,7 +1011,7 @@ REV 21 26 ps25 οἴσουσιν 1 They will bring पृथ्वी के REV 21 27 n3nh figs-doublenegatives οὐ μὴ εἰσέλθῃ εἰς αὐτὴν πᾶν κοινὸν, καὶ ὁ 1 nothing unclean will ever enter into it, nor anyone "इसे सकारात्मक रूप में कहा जा सकता है। वैकल्पिक अनुवाद: ""केवल जो पवित्र है वह ही प्रवेश कर पाएगा, और कभी भी ऐसा कोई नहीं"" (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-doublenegatives]])" REV 21 27 g7fr figs-activepassive εἰ μὴ οἱ γεγραμμένοι ἐν τῷ βιβλίῳ τῆς ζωῆς τοῦ Ἀρνίου 1 but only those whose names are written in the Lamb's Book of Life "इसे सक्रिय रूप में कहा जा सकता है। वैकल्पिक अनुवाद: ""पर केवल वे लोग जिनके नाम मेम्ने ने अपनी जीवन की पुस्तक में लिखा है"" (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/figs-activepassive]])" REV 21 27 cw99 writing-symlanguage τοῦ Ἀρνίου 1 the Lamb यह एक भेड़ का बच्चा होता है। यहाँ यह मसीह को संदर्भित करने के लिए प्रतीकात्मक रूप से प्रयोग किया गया है। देखें कि आपने इसका अनुवाद [प्रकाशितवाक्य 5:6](../05/06.md) में कैसे किया है। (देखें: [[rc://hi/ta/man/translate/writing-symlanguage]]) -REV 22 intro e1ya 0 "# प्रकाशितवाक्य 22 सामान्य टिप्पणियाँ
##

संरचना एवं स्वरूपण

यह अध्याय इस पर बल देता है कि यीशु जल्द ही आ रहा है।

## इस अध्याय में विशेष अवधारणाएँ

### जीवन का पेड़

संभवतः अदन की वाटिका के जीवन के वृक्ष और इस अध्याय में वर्णित जीवन के पेड़ के बीच में एक अभिप्रेत संबंध है। अदन में शुरू हुआ अभिशाप इस समय समाप्त होगा।

## इस अध्याय में अन्य संभावित अनुवाद की कठिनाइयाँ

### अल्फा और ओमेगा

ये यूनानी वर्णमाला में पहले और अन्तिम अक्षरों के नाम हैं। यूएलटी अंग्रेजी में उनके नाम बताता है। यह रणनीति अनुवादकों के लिए एक नमूने के रूप में काम कर सकती है। हालाँकि, कुछ अनुवादक अपनी स्वयं की वर्णमाला के पहले और अन्तिम अक्षरों का उपयोग करने का निर्णय ले सकते हैं। यह हिन्दी में ""अ और ज्ञ"" होगा।
## Links:

* __[प्रकाशितवाक्य 22:01 टिप्पणियाँ](./01.md)__

__[<<](../21/intro.md) | __
" +REV 22 intro e1ya 0 # प्रकाशितवाक्य 22 सामान्य टिप्पणियाँ
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संरचना एवं स्वरूपण

यह अध्याय इस पर बल देता है कि यीशु जल्द ही आ रहा है।

## इस अध्याय में विशेष अवधारणाएँ

### जीवन का पेड़

संभवतः अदन की वाटिका के जीवन के वृक्ष और इस अध्याय में वर्णित जीवन के पेड़ के बीच में एक अभिप्रेत संबंध है। अदन में शुरू हुआ अभिशाप इस समय समाप्त होगा।

## इस अध्याय में अन्य संभावित अनुवाद की कठिनाइयाँ

### अल्फा और ओमेगा

ये यूनानी वर्णमाला में पहले और अन्तिम अक्षरों के नाम हैं। यूएलटी अंग्रेजी में उनके नाम बताता है। यह रणनीति अनुवादकों के लिए एक नमूने के रूप में काम कर सकती है। हालाँकि, कुछ अनुवादक अपनी स्वयं की वर्णमाला के पहले और अन्तिम अक्षरों का उपयोग करने का निर्णय ले सकते हैं। यह हिन्दी में ""अ और ज्ञ"" होगा।
## Links:

* __[प्रकाशितवाक्य 22:01 टिप्पणियाँ](./01.md)__

__[<<](../21/intro.md) | __
REV 22 1 b1ad 0 Connecting Statement: यूहन्ना नए यरूशलेम का वर्णन करना जारी रखता है जैसे स्वर्गदूत उसे दिखाता है। REV 22 1 uu7b ἔδειξέν μοι 1 showed me "यहाँ ""मुझे"" यूहन्ना को संदर्भित करता है।" REV 22 1 vl23 ποταμὸν ὕδατος ζωῆς 1 the river of the water of life जीवनदायी जल लिए बहती नदी diff --git a/manifest.yaml b/manifest.yaml index 8766883..49aacce 100644 --- a/manifest.yaml +++ b/manifest.yaml @@ -35,7 +35,7 @@ dublin_core: subject: 'TSV Translation Notes' title: 'translationNotes' type: 'help' - version: '13.11' + version: '13.12' checking: checking_entity: