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1:1 sc5p आरंभ [01-01] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-01-01.jpg)\n\nसब चीज़ों का आरंभ कुछ इस प्रकार हुआ। परमेश्वर ने छः दिन के भीतर __ब्रह्माण्ड__ और उसके भीतर की सभी चीज़ों की __रचना__ की। परमेश्वर द्वारा सृष्टि किये जाने बाद पृथ्वी __अंधियारी__ और __खाली__ थी, और इसके भीतर __किसी भी चीज़__ की रचना नहीं हुई थी। लेकिन जल के ऊपर परमेश्वर का आत्मा था।\n\n=====Important Terms: =====\n\n* __[God](https://git.door43.org/Door43/en-tw/src/master/content/kt/God.md)__\n\n* __[holyspirit](https://git.door43.org/Door43/en-tw/src/master/content/kt/holyspirit.md)__\n\n## Translation Notes: ##\n\n* __आरंभ__ - ‘‘सब चीज़ों का आरंभ’’, और किसी भी चीज़ के आस्तित्व में आने से पहले, परमेश्वर विद्यमान था।\n\n* __रचना की__ - इसका आशय है कि परमेश्वर ने कुछ नहीं से सब कुछ बनाया।\n\n* __ब्रह्माण्ड__-इसमें पृथ्वी और आकाश में परमेश्वर की रची गोचर व अगोचर, दोनो तरह की रचनाएँ शामिल हैं।\n\n* __अंधियारी__-पृथ्वी पूरी तरह अंधकार में डूबी थी। इस पर थोड़ा सा भी प्रकाश नहीं था, क्योंकि परमेश्वर ने प्रकाश की रचना अब तक नहीं की थी।\n\n* __खाली __- परमेश्वर ने अभी तक खाली पृथ्वी जो पानी से ढकी हुई थी के अलावा कुछ भी नही बनाया था|\n\n* __किसी भी चीज़ की रचना नहीं हुई थी __- पृथ्वी पर कुछ नहीं था, सब जगह बस पानी था।\n\n* __परमेश्वर का आत्मा __- आदि में परमेश्वर का आत्मा, जिसे कई बार पवित्र आत्मा भी कहते हैं, विद्यमान था, और पृथ्वी पर सब जगह मंडरा रहा था ताकि वह अपनी योजना के अनुसार रचना कर सके।
1:2 q6d4 परमेश्वर ने प्रकाश की रचना की [01-02] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-01-02.jpg)\n\nतब [[:hi:key-terms:god|परमेश्वर]] ने कहा, ‘‘प्रकाश हो! और __प्रकाश__ हो गया। परमेश्वर ने देखा कि प्रकाश __अच्छा था__, और उसने उसे ‘‘दिन’’ कहा। उसने अंधकार को उससे अलग किया, और उसे ‘‘रात’’ कहा। __सृष्टि__ के पहले दिन परमेश्वर ने प्रकाश को बनाया।\n\n## अनुवाद के लिए नोट्स: ##\n\n* __परमेश्वर ने कहा__ - प्रकाश की रचना परमेश्वर ने बस अपने मुँह से आज्ञा देने के द्वारा की थी।\n\n* __होने दो__ - यह एक मौखिक आज्ञा थी और कहते ही पूरी हो गई थी, क्योंकि यह परमेश्वर की दी आज्ञा थी। इसे एक अवश्यंभावी कथन की तरह अनूदित करना अधिक सहज रहेगा। जैसे कि, आप इसका अनुवाद ऐसे कर सकते हैं कि ‘‘परमेश्वर ने कहा, ‘प्रकाश होगा!’”\n\n* __प्रकाश__ - यह एक अलग तरह का प्रकाश था, क्योंकि इस समय तक परमेश्वर ने सूर्य की सृष्टि नहीं की थी।\n\n* __अच्छा था__ - उत्पत्ति में सृष्टि की रचना के दौरान इन शब्दों का बारंबार इस्तेमाल हुआ है, जो इस बात पर बल देता है कि परमेश्वर को सृष्टि के हर चरण से प्रसन्नता हुई, और वे उसकी योजना व उद्देश्य को पूरा करते थे।\n\n* __सृष्टि__ - यहाँ पर सृष्टि का आशय छः दिनों की उस अवधि से है जिसके दौरान परमेश्वर ने हर उस चीज़ को बनाया जो आस्तित्व में है।
1:3 tjon परमेश्वर ने आकाश की रचना की [01-03] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-01-03.jpg)\n\nसृष्टि की रचना के __दूसरे दिन__ [[:hi:key-terms:god|परमेश्वर]] ने __कहा__, और पृथ्वी के ऊपर __आकाश__ को __बनाया__ । उसने ऊपर के पानी और नीचे के पानी को अलग करने के द्वारा आकाश की रचना की।\n\n<font 18px/inherit;;inherit;;inherit>__ अनुवाद के लिए नोट्स __</font>\n\n* __दूसरे दिन__ - परमेश्वर द्वारा सृष्टि का कार्य बहुत सुव्यवस्थित, उद्देश्यपूर्ण, और क्रमबद्ध तरीके से किया गया। हर दिन वह जो सृष्टि करता था, वह पिछले दिन की सृष्टि पर आधारित व निर्मित होता था।\n\n* __परमेश्वर ने कहा__ - आकाश की रचना परमेश्वर ने बस अपने मुँह से आज्ञा देने के द्वारा की थी।\n\n* __रचना की__ - इसका आशय है कि परमेश्वर ने कुछ नहीं से सब कुछ बनाया।\n\n* __आकाश__ - इस शब्द का आशय यहाँ पृथ्वी से ऊपर की हर चीज़ से हैं, जिसमें साँस लेने के लिए हवा और स्वर्ग, सब कुछ शामिल है।
1:4 oh7u परमेश्वर ने भूमि की रचना की [01-04] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-01-04.jpg)\n\n__तीसरे दिन__, [[:hi:key-terms:god|परमेश्वर]] ने __कहा__ और पानी को सूखी भूमि से अलग किया। उसने सूखी भूमि को __धरती__ और पानी को ‘‘सागर’’ कहा। परमेश्वर ने देखा कि उसने जो __सृजा__ था वह [[:hi:key-terms:good|अच्छा]] था।\n\n## अनुवाद के लिए नोट्स: ##\n\n* __तीसरे दिन__ - छः दिनों की अवधि का तीसरा दिन, जिसमें जीवन के लिए परमेश्वर ने धरती को तैयार किया।\n\n* __परमेश्वर ने कहा__ - धरती की रचना परमेश्वर ने बस अपने मुँह से आज्ञा देने के द्वारा की थी।\n\n* __धरती__ - यहाँ पर इस शब्द का आशय सखी भूमि को बनाने वाली धूल या मिट्टी से है। __[[:hi:obs:notes:frames:01-01|[01-01]]]__ में प्रयुक्त ‘‘पृथ्वी’’ शब्द का आशय पृथ्वी ग्रह से है।\n\n* __रचना की__ - इसका आशय है कि परमेश्वर ने कुछ नहीं से सब कुछ बनाया।
1:5 xat8 परमेश्वर ने पेड़-पौधों की रचना की [01-05] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-01-05.jpg)\n\nतब [[:hi:key-terms:god|परमेश्वर]] ने __कहा__, __धरती____ सब तरह के__ पेड़-पौधे पैदा करे।’’ और बिल्कुल वैसा ही हो गया। परमेश्वर ने देखा कि उसने जो __रचा__ था, वह __[[:hi:key-terms:good|अच्छा]] था__ ।\n\n## अनुवाद के लिए नोट्स: ##\n\n* __परमेश्वर ने कहा__ - पूरे वनस्पति जगत की रचना परमेश्वर ने बस अपने मुँह से आज्ञा देने के द्वारा की थी।\n\n* __धरती सब तरह के पेड़-पौधे पैदा करे__- यह एक मौखिक आज्ञा थी और कहते ही पूरी हो गई थी, क्योंकि यह परमेश्वर की दी आज्ञा थी।\n\n* __सब तरह के__ - पेड़-पौधों की तरह-तरह की प्रजातिया व प्रकार।\n\n* __रचना की__ - इसका आशय है कि परमेश्वर ने कुछ नहीं से सब कुछ बनाया।\n\n* __अच्छा था__ - उत्पत्ति में सृष्टि की रचना के दौरान इन शब्दों का बारंबार इस्तेमाल हुआ है, जो इस बात पर बल देता है कि परमेश्वर को सृष्टि के हर चरण से प्रसन्नता हुई, और वे उसकी योजना व उद्देश्य को पूरा करते थे।
1:6 tdm1 परमेश्वर ने सूर्य, चन्द्रमा, और सितारों की रचना की [01-06] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-01-06.jpg)\n\nसृष्टि के __चैथे दिन__ __परमेश्वर ने कहा__ और सूर्य, चन्द्रमा, और सितारों को बनाया। [[:hi:key-terms:god|परमेश्वर]] ने उन्हें धरती को __प्रकाश__ देने व __दिन को रात__ से अलग करने, और __ऋतुओं व वर्षों__ की चिन्हित करने के लिए बनाया। परमेश्वर ने देखा कि उसने जो __रचा__ था, वह [[:hi:key-terms:good|अच्छा]] था।\n\n## अनुवाद के लिए नोट्स: ##\n\n* __चैथा दिन__ - परमेश्वर द्वारा सृष्टि किये जाने की अवधि के छः दिनों का चैथा दिन।\n\n* __परमेश्वर ने कहा__ - सूर्य, चन्द्रमा, और सितारों की रचना परमेश्वर ने बस अपने मुँह से आज्ञा देने के द्वारा की थी।\n\n* __प्रकाश__ - आकाश में जगमगाती चीज़ो स अब धरती को प्रकाश मिलने लगा।\n\n* __रात व दिन, ऋतुओं व वर्षों__ - समय के छोटे से लेकर बड़े, हर हिस्से को चिन्हित करने के लिए परमेश्वर ने अलग-अलग ज्योति पिण्ड बनाये, और उन्हें अनन्त काल के लिए उन्हें एक नियम से बाँध दिया।\n\n* __रचना की__ - इसका आशय है कि परमेश्वर ने कुछ नहीं से सब कुछ बनाया।
1:7 cd5p परमेश्वर ने पंछियों व मछलियों की रचना की [01-07] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-01-07.jpg)\n\n__पाँचवें दिन__, [[:hi:key-terms:god|परमेश्वर]] ने __कहा__ और पानी में __तैरनेवाले हर जीव__, तथा आकाश में उड़नेवाले __सभी पंछियों__ को बनाया। परमेश्वर ने देखा कि __यह [[:hi:key-terms:good|अच्छा]] था__, और __उन्हें [[:hi:key-terms:bless|आशीष]] दी__ ।\n\n## अनुवाद के लिए नोट्स: ##\n\n* __पाँचवां दिन__ - पिछले चार दिनों से होनेवाली सृष्टि की रचना के क्रमबद्ध कार्य को परमेश्वर आगे बढ़ाता है।\n\n* __परमेश्वर ने कहा__ - अपने मुँह से आदेश के द्वारा परमेश्वर ने पंछियों व पानी के सब जंतुओं को बनाया।\n\n* __तैरनेवाले हर जीव__ - परमेश्वर न मछलियाँ ही नहीं बल्कि पानी में रहनेवाले हर जीव को बनाया। सब कुछ इसलिए आस्तित्व में है क्योंकि परमेश्वर ने उन्हें रचा है।\n\n* __सभी पंछियों__ - परमेश्वर ने केवल एक तरह के पंछी नहीं बनाये, बल्कि कई तरह के डील-डौल, आकार, रंगों और प्रजातियोंवाले पंछी बनाये।\n\n* __अच्छा था__ - उत्पत्ति में सृष्टि की रचना के दौरान इन शब्दों का बारंबार इस्तेमाल हुआ है, जो इस बात पर बल देता है कि परमेश्वर को सृष्टि के हर चरण से प्रसन्नता हुई, और वे उसकी योजना व उद्देश्य को पूरा करते थे।\n\n* __आशीष दी__ - परमेश्वर अपनी यह इच्छा व्यक्त की, कि वे फले-फूलें और जिस जगत के लिए उन्हें रचा गया है, वहाँ उनके साथ सब अच्छा-अच्छा हो।
1:8 tcf8 परमेश्वर ने जानवरों की रचना की [01-08] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-01-08.jpg)\n\nसृष्टि के __छठे दिन__ [[:hi:key-terms:god|परमेश्वर]] ने __कहा__, ‘‘धरती पर रहनेवाले __सभी तरह__ के जंतु हों! और जैसा परमेश्वर ने कहा, वैसा ही हो गया। कुछ __बाड़े में रहनेवाले जानवर__ थे, तो कोई __रेंगनेवाले__ जानवर, और कुछ __जंगली__ जानवर। और परमेश्वर ने देखा कि __यह [[:hi:key-terms:good|अच्छा]] था__ ।\n\n## अनुवाद के लिए नोट्स: ##\n\n* __छठे दिन__ - परमेश्वर द्वारा सृष्टि के क्रमबद्ध कार्य में हुई अगली घटना।\n\n* __परमेश्वर ने कहा__ - अपने मुँह से आदेश के द्वारा परमेश्वर ने जानवरो को बनाया।\n\n* __सभी तरह__ - इससे बहुत अधिक विविधता, और सुव्यवस्था का संकेत मिलता है।\n\n* __land animals__ - Every kind of animal that lived on the land, as opposed to the birds, or animals that live in the seas.\n\n* __बाड़े में रहनेवाले जानवर__ - ये लोगों के साथ अकसर शांति से रहनेवाले जानवर हैं, जैसे कि पालतू या घरेलू जानवर।\n\n* __धरती पर रेंगनेवाले जानवर__ - इसमें सरीसृप, और शायद कीड़े-मकौड़े शामिल थे।\n\n* __जंगली जानवर__ - ये जानवर अकसर लोगों के साथ शांतिपूर्वक नहीं रहते, जो कि अकसर इसलिए होता है क्योंकि वे लोगों से डरते हैं, या फिर उनके लिए खतरनाक होते हैं।\n\n* __अच्छा था__ - उत्पत्ति में सृष्टि की रचना के दौरान इन शब्दों का बारंबार इस्तेमाल हुआ है, जो इस बात पर बल देता है कि परमेश्वर को सृष्टि के हर चरण से प्रसन्नता हुई, और वे उसकी योजना व उद्देश्य को पूरा करते थे।
1:9 fsxs परमेश्वर ने मनुष्य को अपने स्वरुप में बनाया [01-09] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-01-09.jpg)\n\nतब [[:hi:key-terms:god|परमेश्वर]] ने कहा, __चलो हम__ मनुष्य को __अपने स्वरुप में__ बनाते हैं, ताकि वह __हमारे समान__ बने। धरती और सभी जीव-जंतुओं पर उनका __अधिकार__ होगा।”\n\n## अनुवाद के लिए नोट्स: ##\n\n* __चलो हम__ - इससे पता चलता हे कि परमेश्वर ने सोच-विचार के साथ, अपनी इच्छा से मनुष्य को एक विशेष उद्देश्य के लिए और एक विशेष रीति से बनाया था। आप इसका अनुवाद ऐसे भी कर सकते हैं, कि ‘‘हम…..बनायेंगे।’’\n\n* __हम…हमारा…हम__ - बाइबल हमें बताती है कि परमेश्वर केवल एक है, लेकिन पुराने नियम में ‘‘परमेश्वर’’ के लिए बहुवचन का प्रयोग किया गया है, और स्वयं से बातचीत करते समय भी परमेश्वर ने‘‘बहुवचन’’ का प्रयोग किया है। कुछ लोग इसे परमेश्वर की बातचीत करने की एक विशेष रीति मानते हैं, और कुछ लोग इसे पिता परमेश्वर, बेटे और आत्मा, जो कि सभी परमेश्वर हैं, के संदर्भ में प्रयुक्त हुआ मानते हैं।\n\n* __हमारे स्वरुप में__ - किसी व्यक्ति या वस्तु के जैसा होना। परमेश्वर ने हम मनुष्यों को ऐसी रीति से बनाया है कि हम में परमेश्वर के कुछ गुण तथा विशेषताएँ दिखें।\n\n* __हमारे समान__ - मनुष्यों के भीतर परमेश्वर के सभी तो नहीं, लेकिन कुछ गुण अवश्य होते हैं। इस वाक्यांश का अनुवाद ऐसे शब्दों के साथ किया जाना चाहिए जो यह दर्शायें के कि मनुष्य परमेश्वर के समान तो है, लेकिन उसके बराबर, या बिल्कुल उसके जैसा नहीं है।\n\n* __अधिकार__ - पृथ्वी और जीव-जंतुओं को किस प्रकार इस्तेमाल में लाना है, इस बात का अधिकार परमेश्वर ने मनुष्य को दिया है।
1:10 xe5p परमेश्वर ने आदम को बनाया [01-10] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-01-10.jpg)\n\nतो [[:hi:key-terms:god|परमेश्वर]] ने __कुछ धूल ली__, और उसे __एक मनुष्य__ का __आकार दिया__, और उसके भीतर __[[:hi:key-terms:life|जीवन]] का श्वास ____फूँका__ । इस मनुष्य का नाम __[[:hi:key-terms:adam|आदम]]__ था। परमेश्वर ने आदम के रहने के लिए एक __बगीचा__ बनाया, और उसकी __देखरेख__ के लिए उसे वहाँ पर रखा।\n\n## अनुवाद के लिए नोट्स: ##\n\n* __कुछ धूल ली__ - परमेश्वर ने मनुष्य की रचना धूल से, अर्थात् भूमि की सूखी मिट्टी से की। इसका अनुवाद धरती के लिए सामान्य तौर पर प्रयुक्त हानेवाले शब्द से नहीं की जानी चाहिए।\n\n* __आकार दिया__ - इन शब्दों से पता चलता है कि परमेश्वर ने मनुष्य को स्वयं अपने हाथों से रचा; और इसकी तुलना मनुष्य द्वारा किसी चीज़ को अपने हाथों से रचने के साथ करता है। ध्यान रहे इसके लिए ‘‘रचने’’ के अतिरिक्त किसी अन्य शब्द का प्रयोग करें। ध्यान दें कि अन्य सभी चीज़ों को केवल शब्दों को कहने के द्वारा बनाने से बिल्कुल अलग रचना है।\n\n* __एक मनुष्य__ - इस समय केवल नर को उत्पन्न किया था, नारी की उत्पत्ति बाद में किसी और तरीके से हुई थी।\n\n* __जीवन का श्वास फूँका__ - ये शब्द परमेश्वर द्वारा स्वयं अपने जीवन को आदम में फूँकने के निजी, व्यक्तिगत कार्य को दर्शाते हैं, और मनुष्य के साँस लेने की प्रक्रिया से इसकी तुलना करते हैं।\n\n* __जीवन__ - ऐसा करते समय परमेश्वर ने आदम के भीतर शारीरिक तथा आत्मिक, दोनो प्रकार का जीवन फूँका।\n\n* __आदम__ - पुराने नियम में ‘‘मनुष्य’’ के लिए जो शब्द को प्रयोग हुआ है वही ‘‘आदम’ के लिए भी हुआ है, और यह ‘‘धूल’’ के लिए प्रयुक्त हुए शब्द के समान है, जिससे कि उसे उत्पन्न किया गया था।\n\n* __बगीचा__ - भूमि का ऐसा टुकड़ा जिसमें भोजन पैदा करने या खूबसूरती बढाने के लिए पेड़-पौधे लगाते हैं।\n\n* __देखरेख के लिए__ - रखवाली, निराई, सिंचाई, फसल काटने, व पेड़-पौधे उगाने के द्वारा बगीचे का रख-रखाव करना।
1:11 lt82 दो पेड़ [01-11] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-01-11.jpg)\n\n__बगीचे__ के __बीच में__ [[:hi:key-terms:god|परमेश्वर]] ने दो विशेष पेड़ लगाए थे, __जीवन का पेड़__ और __भले व बुरे के ज्ञान का पेड़__ । परमेश्वर ने आदम से कहा कि अच्छे व बुरे के ज्ञान के पेड़ के फल को छोड़, वह बगीचे के बाकी किसी भी पेड़ का फल खा सकता है। उस पेड़ का फल खाने पर, वह [[:hi:key-terms:death|मर]] जायेगा।\n\n## अनुवाद के लिए नोट्स: ##\n\n* __बीच में__ - बीच में होना उन दो पेडों के महत्व को उजागर रकता है।\n\n* __बगीचा__ - भूमि का ऐसा टुकड़ा जिसमें भोजन पैदा करने या खूबसूरती बढाने के लिए पेड़-पौधे लगाते हैं।\n\n* __जीवन का पेड़__ - इस पेड़ का फल खानेवाला व्यक्ति कभी नहीं मरेगा।\n\n* __भले व बुरे के ज्ञान का पेड़__ - इस पेड़ का फल खाने से व्यक्ति को अच्छे और बुरे का ज्ञान हो जायेगा।\n\n* __ज्ञान__ - अपने अनुभव द्वारा जानना या समझना।\n\n* __अच्छा व बुरा__ - अच्छे का विपरीत होता है बुरा। जैसे ‘‘अच्छे’’ का आशय परमेश्वर को प्रसन्नता देनेवाली बातों से है, वैसे ही ‘‘बुरे’’ का आशय हर उस चीज़ से है जो परमेश्वर को अप्रिय है।\n\n* __मरना__ - यहाँ पर इस शब्द का आशय शारीरिक तथा आत्मिक, दोनो तरह की मौत से है।
1:12 vxyv आदम अकेला था [01-12] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-01-12.jpg)\n\nतब [[:hi:key-terms:god|परमेश्वर]] ने कहा, ‘‘मनुष्य का __अकेला__ रहना [[:hi:key-terms:good|अच्छा]] __नहीं__ ।’’ लेकिन कोई भी जानवर [[:hi:key-terms:adam|आदम]] का __सहायक__ होने योग्य नहीं था।\n\n## अनुवाद के लिए नोट्स: ##\n\n* __अच्छा नहीं था__ - पहली बार, सृष्टि में एक ऐसी बात हुई जो अच्छी नहीं थी। इसका आशय है कि इसका ‘‘अच्छा होना अभी शेष था’’, क्योंकि परमेश्वर द्वारा मनुष्य की रचना का काम अभी तक पूरा नहीं हुआ था।\n\n* __अकेला__ - आदम अकेला मनुष्य था, और किसी अन्य मनुष्य के साथ संबंध रखने, व संतान उत्पन्न करके अपनी संख्या बढ़ाने में असमर्थ था।\n\n* __आदम का सहायक__ - कोई भी ऐसा नहीं था कि आदम के साथ मिलकर उस कार्य को पूरा कर सके जो परमेश्वर ने उसे दिया था। किसी भी जानवर में यह योग्यता नहीं थी।
1:13 fa9z परमेश्वर ने हव्वा की रचना की [01-13] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-01-13.jpg)\n\nतो [[:hi:key-terms:god|परमेश्वर]] ने [[:hi:key-terms:adam|आदम]] को एक __गहरी नींद__ में डाल दिया। इसके बाद परमेश्वर ने __आदम की एक पसली निकाली__ और उसे एक __नारी__ बनाया, और __उसे आदम के पास ले ____आया__ ।\n\n## अनुवाद के लिए नोट्स: ##\n\n* __एक गहरी नींद__ - यह सामान्य नींद से बहुत गहरी नींद थी।\n\n* __आदम की एक पसली निकाली और उसे एक नारी बनाया__ - इस क्रिया परमेश्वर द्वारा स्वयं अपने हाथों से पसली निकाल कर नारी को बनाने की बात पता चलती है।\n\n* __एक नारी__ - वह पहली नारी, मनुष्य का स्त्री स्वरुप थी, जो कि पहले नहीं थी और अब आस्तित्व में आई थी।\n\n* __उसे आदम के पास ले आया__ - परमेश्वर ने स्वयं उन्हें एक-दूसरे से परिचित कराया। उसने नारी को आदम को, एक विशेष उपहार की तरह दिया।
1:14 hof6 आदम की नारी से भेंट [01-14] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-01-14.jpg)\n\nजब [[:hi:key-terms:adam|आदम]] ने उसे देखा, उसने कहा, __आखिरकार__! यह __मेरी जैसी__ है! उसे __नारी__ कह कर बुलाया जाये, क्योंकि उसकी __उत्पत्ति नर में से हुई__ है।’’ इसीलिए, __एक नर अपने पिता व माता को छोड़ कर__, अपनी पत्नी के साथ __एक होता__ है।\n\n## अनुवाद के लिए नोट्स: ##\n\n* __आखिरकार !__ - आदम के इस उद्गार से पता चलता है कि वह नारी जैसी किसी की प्रतीक्षा कर रहा था।\n\n* __मेरी जैसी__ - कुछ महत्वपूर्ण अन्तर होने के बावजूद, नारी आदम के समान थी।\n\n* __नारी__ - यह नर शब्द का स्त्रीलिंग है।\n\n* __उसकी उत्पत्ति नर में से हुई है__ - इस नारी की उत्पत्ति सीधा नर से हुई थी।\n\n* __एक नर ......छोड़ता है__ - यह संकेत देने के लिए कि यह बात भविष्य में सामान्य होनेवाली है, इस कथन में वर्तमान काल का प्रयोग हुआ है। आदम के माता-पिता नहीं थे, लेकिन बाकी पुरुषों के होंगे।\n\n* __एक होता है__ - पति-पत्नी के बीच बहुत ही अंतरंग संबंध होता है, और एक-दूसरे के प्रति उनकी निष्ठा दूसरे किसी संबंध से कहीं अधिक होगी।
1:15 b9zy धरती में भर जाओ [01-15] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-01-15.jpg)\n\n[[:hi:key-terms:god|परमेश्वन]] ने नर व नारी को __अपने स्वरुप में__ __बनाया__ । उसने उन्हें [[:hi:key-terms:bless|आशीष]] दी और कहा, ‘‘बहुत सी संतानें और उनकी संतानें पैदा करों, और धरती को भरो! और परमेश्वर ने देखा कि जो कुछ भी उसने बनाया, वह __बहुत__ [[:hi:key-terms:good|अच्छा]] था, और उन सब चीज़ों से प्रसन्न था। यह सब, __सृष्टि__ के छठे दिन में हुआ।\n\n## अनुवाद के लिए नोट्स: ##\n\n* __परमेश्वन ने .....बनाया__- नर और नारी को परमेश्वर ने स्वयं अपने हाथों से बनाया।\n\n* __अपने स्वरुप में__ - किसी व्यक्ति या वस्तु के जैसा होना। परमेश्वर ने हम मनुष्यों को ऐसी रीति से बनाया है कि हम में परमेश्वर के कुछ गुण तथा विशेषताएँ दिखें।\n\n* __बहुत अच्छा__ - पिछले दिनों के ‘‘अच्छा था’’ कथन से अधिक गहरा कथन। कवल नर या नारी के लिए नहीं, बल्कि ‘‘बहुत अच्छा’’ का आशय पूरी सृष्टि के संदर्भ में है। सब कुछ वैसा ही था जैसा परमेश्वर चाहता था।\n\n* __सृष्टि__ - यहाँ पर सृष्टि का आशय छः दिनों की उस अवधि से है जिसके दौरान परमेश्वर ने हर उस चीज़ को बनाया जो आस्तित्व में है।
1:16 zbed परमेश्वर ने विश्राम किया [01-16] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-01-16.jpg)\n\n__सातवें दिन__ तक [[:hi:key-terms:god|परमेश्वर]] __अपना कार्य पूरा कर चुका था__ । इसलिए, परमेश्वर ने अपने क्रिया-कलापों से __विश्राम ____लिया__ । उसने __सातवें दिन__ को [[:hi:key-terms:bless|आशीष]] दी और इसे [[:hi:key-terms:holy|पवित्र]] __ठहराया__, क्योंकि इस दिन उसने अपने कार्यों से विश्राम किया था। इस प्रकार परमेश्वर ने __ब्रह्माण्ड__ और उसके भीतर की सब चीज़ों को रचा।\n\n_A Bible story from: Genesis 1-2_\n\n## अनुवाद के लिए नोट्स: ##\n\n* __सातवें दिन__ - सृष्टि की रचना के छः दिनों के बाद सातवाँ दिन।\n\n* __अपना कार्य पूरा कर चुका__ - विशेष रुप से परमेश्वर द्वारा सृष्टि का कार्य पूरा किया जाना। उसे दूसरे काम अब भी करने थे।\n\n* __परमेश्वर ने …विश्राम किया__ - ‘‘विश्राम किया’’ का आशय यहाँ सृष्टि की रचना के कार्य से विराम लेने से है, क्योंकि यह कार्य पूरा हो चुका था। परमेश्वर थका नहीं था, या कि और अधिक श्रम करने में अक्षम नहीं था।\n\n* __सातवें दिन को आशीष दी__ - सातवे दिन, और उसके बाद आनेवाले सभी सातवें दिनों के लिए परमेश्वर के पास एक विशेष, अच्छी योजना थी।\n\n* __उसे पवित्र ठहराया__ - इसका आशय हे कि पमरेश्वर ने उसे एक विशेष दिन बना कर ‘‘अलग किया।’’ इसे बाकी छः दिनों की तरह नहीं लिया जाना चाहिए था।\n\n* __ब्रह्माण्ड__ - इसमें पृथ्वी और आकाश में परमेश्वर की रची गोचर व अगोचर, दोनो तरह की रचनाएँ शामिल हैं।\n\n* बाइबल की कहानी- बाइबल के कुछ संस्करणों में इनका अनुवाद अलग तरह से किया हो सकता हैं
2:1 djor एक सिद्ध संसार [02-01] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-02-01.jpg)\n\nपरमेश्वर द्वारा बनाये सुंदर से बगीचे में आदम और उसकी पत्नी बहुत खुशी से अपना जीवन बिता रहे थे। दोनो ही वस्त्र नहीं पहनते थे, लेकिन वे शर्माते न थे, क्योंकि उस समय संसार में कोई पाप नहीं था। वे अकसर बगीचे में सैर करते और परमेश्वर से बातें किया करते थे।\n\n## अनुवाद के लिए नोट्स: ##\n\n* __बगीचे__ - पेड़-पौधों का विशेष समूह जिसे परमेश्वर ने आदम व नारी के लिए लगाया था कि वे उनका आनन्द ले और उसके फलों का सवेन करें। इसके लिए उसी शब्द का प्रयोग किया जाना है जो __[[:hi:obs:notes:frames:01-11|[01-11]]]__ में प्रयुक्त है। देखिये कि आपने उसका अनुवाद किस प्रकार किया है।\n\n* __शर्माते__ - पाप करने के बाद, या गलत काम करने पर होनेवाली भावना। संसार में पाप के आने से पहले निर्वस्त्र होने पर शर्म नहीं आती थी।\n\n* __परमेश्वर____ से बातें किया करते थे__ - यहाँ पर ‘‘बातें’’ करने का आशय उसी प्रकार से बातचीत करने से है जैसे हम लोगों के साथ सामान्यतया बातचीत करते हैं। मनुष्यों से बातें करने के लिए संभव है परमेश्वर ने कोई दैहिक रुप धारण किया हो, क्योंकि इस वाक्यांश से आमने-सामने की बातचीत के संकेत मिलते हैं।
2:2 vrb4 साँप [02-02] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-02-02.jpg)\n\nलेकिन बगीचे में एक धूर्त साँप था। उसने नारी से पूछा, ‘‘क्या सचमुच परमेश्वर ने तुम्हें बगीचे के किसी भी पेड़ का फल खाने से मना किया है?\n\n## अनुवाद के लिए नोट्स: ##\n\n* __धूर्त__ - धोखे देने की मंशावाला, चालाक व कपटी।\n\n* __साँप__ - लंबा, बिना पैरोंवाला, थलजीव जो अब पेट के बल रेंगता है। हालांकि कहानी में बाद में पता चलता है कि वह साँप असल में शैतान था, लेकिन यह बात कहानी के इस हिस्से में नहीं बतानी है।\n\n* __क्या सचमुच परमेश्वर ने तुम्हें.....मना किया है__ - साँप ने नारी से पूछा कि क्या सचुमच में परमेश्वर ने उसे किसी भी पेड़ का फल खाने से मना किया है। लेकिन वह तो बस इस बात का दिखावा कर रहा था कि उसे परमेश्वर की कही बात के बारे में पता नहीं था, क्योंकि वह नारी के दिमाग में एक संदेह पैदा करना चाहता था। वह चाहता था कि परमेश्वर की अच्छाई पर नारी सवाल करे।\n\n* __किसी भी पेड़ का फल__ - बगीचे में मौजूद हर तरह के पेड़ के फल।
2:3 c1cs छुओ मत। [02-03] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-02-03.jpg)\n\nनारी ने उत्तर दिया, [[:hi:key-terms:god|परमेश्वर]] ने हमें कहा है कि __[[:hi:key-terms:good|भले]] और [[:hi:key-terms:evil|बुरे]] के ज्ञान के पेड़__ को छोड़, हम और किसी भी पेड़ का __फल__ खा सकते हैं। परमेश्वर ने हमसे कहा कि यदि तुम उस पेड़ का खाओगे, या छू भी लोगे तो __[[:hi:key-terms:death|मर ]]____जाओगे__ ।’’\n\n## अनुवाद के लिए नोट्स: ##\n\n* __फल__ - इस बात की कोई जानकारी नहीं है कि वह किस प्रकार का फल था। हम बस इतना जानते हैं कि वह इस पेड़ पर उगता था। संभव हो तो यहाँ किसी फल विशेष का नाम का प्रयोग न करते हुए केवल ‘फल’ लिखा जाए।\n\n* __भले व बुरे के ज्ञान का पेड़__ - नारी ने बिल्कुल सही समझा था कि परमेश्वर ने उन्हें इस एक पेड़ का फल खाने से मना किया था, क्योंकि इससे उन्हें भले और बुरे का ज्ञान हो जाता।\n\n* __मर जाओगे__ - यहाँ मृत्यु के लिए व्यक्ति की शारीरिक जीवन का अंत व्यक्त करनेवाले सामान्य शब्द का प्रयोग करें। मृत्यु शब्द को लिखने से केवल इसलिए नहीं बचे क्योंकि यह बहुत कठोर शब्द लगता है।
2:4 nkfw झूठ [02-04] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-02-04.jpg)\n\nसाँप ने नारी को उत्तर दिया, ‘‘यह __[[:hi:key-terms:true|सच]]__ नहीं है! तुम नहीं __[[:hi:key-terms:death|मरोगे]]__! __[[:hi:key-terms:god|परमेश्वर]]__ यह जानता है कि जैसे ही तुम इसे खाओगे, तुम भी परमेश्वर के जैसे हो जाओगे और उस की तरह तुम्हें भी __[[:hi:key-terms:good|भले]]__ व __[[:hi:key-terms:evil|बुरे]]__ का ज्ञान हो जाएगा।’’\n\n## महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांशः ##\n\n* __[सच ](https://door43.org/en/obs/notes/key-terms/true)__\n\n* __[मर ](https://door43.org/en/obs/notes/key-terms/death)__\n\n* __[परमेश्वर ](https://door43.org/en/obs/notes/key-terms/god)__\n\n* __[भले ](https://door43.org/en/obs/notes/key-terms/good)__\n\n* __[बुरे](https://door43.org/en/obs/notes/key-terms/evil)__\n\n## अनुवाद के लिए नोट्स: ##\n\n* __परमेश्वर के जैसे__ - नर और नारी को परमेश्वर ने पहले ही अपनी समानता में बनाया था। साँप नारी के मन में यह बात डाल रहा है कि बुरे का ज्ञान होने पर वह और अधिक परमेश्वर के समान हो जाएगी। लेकिन, परमेश्वर की मंशा कभी नहीं थी कि उसे इसका ज्ञान हो।\n\n* __भले और बुरे का ज्ञान__ - अपने अनुभव से जानना कि कौन सी चीज़ें अच्छी है और कौन सी बुरीं, या यह जानना कि चीज़ बुरी है या भली।
2:5 p6u0 अवज्ञा [02-05] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-02-05.jpg)\n\nनारी ने देखा कि फल सुंदर था और खाने में स्वादिष्ट लगता था। वह __[[:hi:key-terms:wise|ज्ञानी]]__ बनना चाहती थी, इसलिए उसने उनमें वह फल लिया और खा लिया। इसके बाद उसने कुछ हिस्सा अपने पति को भी खाने को दिया, __जो कि उसके साथ था__, और उसने भी इसे खा लिया।\n\n## महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश: ##\n\n*\n\n__[ज्ञानी ](https://door43.org/en/obs/notes/key-terms/wise)__\n\n## अनुवाद के लिए नोट्स: ##\n\n* __ज्ञानी__ - ज्ञान व समझ जैसी साँप के पास दिखती थी, या जैसी परमेश्वर के पास थी, नारी भी उसे पाना चाहती थी।\n\n* __जो कि उसके साथ था__ - यह बहुत महत्वपूर्ण जानकारी है, क्योंकि इससे पता चलता है कि जब नारी ने फल खाने का निर्णय लिया, उस समय वह भी उसके साथ था।
2:6 unc9 खुली आँखें [02-06] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-02-06.jpg)\n\nअचानक, __उनकी आँखें खुल गईं__, और उन्हें अहसास हुआ कि __वे नंगे थे__ । __अपने शरीरों को ढकने__ के लिए उन्होंने पत्तों के कपड़े सीए।\n\n## अनुवाद के लिए नोट्स: ##\n\n* __उनकी आँखें खुल गईं__ - इसका अनुवाद इस तरह भी कर सकते हैं कि ‘‘उन्हें सब कुछ अलग रीति से दिखने लगा।’’ इन शब्दों से पता चलता है कि कोई एक बात थी जिसकी समझ उन्हें पहली बार हुई थीं। आपकी भाषा में इसके लिए कोई विशिष्ट शब्द हो सकता हैं जिसका आप प्रयोग कर सकते हैं?\n\n* __अहसास हुआ कि वे नंगे थे__ - परमेश्वर की अवज्ञा करने के बाद आदम व नारी को पहली बार अपनी नग्नता पर शर्म का अहसास हुआ। यही कारण था कि अपनी नग्नता को छिपाने के लिए उन्होंने पत्तो को सी कर बने कपड़ों से अपने नग्न शरीरों को छिपाने का प्रयास किया।\n\n* __अपने शरीरों को ढकने के लिए__ - परमेश्वर से छिपने के लिए आदम व नारी ने स्वयं को पत्तों के द्वारा छिपाने का प्रयास किया।
2:7 m2lo तू कहाँ है? [02-07] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-02-07.jpg)\n\nआदम और नारी को बगीचे में __[[:hi:key-terms:god|परमेश्वर]]__ के चलने की आहट सुनाई दी। वे दोनो परमेश्वर से छिप गये। परमेश्वर ने तब आदम को पुकारा, ‘‘तू कहाँ है? __[[:hi:key-terms:adam|आदम]]__ ने उत्तर दिया, ‘‘मैने बगीचे में तेरे चलने की आहट सुनाई दी, तो मैं डर गया, क्योंकि मैं नंगा था। इसलिए मैं छिप गया।’’\n\n## महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश: ##\n\n* __[परमेश्वर ](https://door43.org/en/obs/notes/key-terms/god)__\n\n* __[आदम ](https://door43.org/en/obs/notes/key-terms/adam)__\n\n## अनुवाद के लिए नोट्स: ##\n\n* __परमेश्वर के चलने__ - ऐसा प्रतीत होता है कि बगीचे में घूमने और आदम व नारी से बातें करने परमेश्वर नियमित रुप से आता था। हम नहीं जानते कि कैसे, क्या होता था। बेहतर होगा कि हम यहाँ उसी शब्द का प्रयोग करें जो किसी व्यक्ति के चलने की क्रिया को व्यक्त करने के लिए प्रयुक्त होता है।\n\n* __तू कहाँ है?__ - परमेश्वर को इस प्रश्न का उत्तर पहले से पता था। इसे पूछने का उद्देश्य स्वयं आदम व नारी को अपने छिपने का कारण बताने के लिए मजबूर करना था।
2:8 eqb3 दोष [02-08] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-02-08.jpg)\n\nतब __परमेश्वर__ ने कहा, __तुझे____ किसने बताया कि तू नंगा है____?__ जिस फल को खाने से मैने तुझे मना किया था, क्या तूने वही फल खाया है? आदम ने कहा, ‘‘तूने मुझे यह स्त्री दी, और __इसी ने मुझे वह फल दिया था__ ।’’ परमेश्वर ने तब नारी से पूछा, ‘‘यह तूने क्या किया? नारी ने उत्तर दिया, __मुझे____ साँप ने बहकाया था__?\n\n## महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश: ##\n\n*\n\n__[परमेश्वर](https://door43.org/en/obs/notes/key-terms/god)__\n\n## अनुवाद के लिए नोट्स: ##\n\n* __तुझे किसने बताया कि तू नंगा है?__ - या कि, ‘‘तुझे कैसे पता चला कि तू नंगा है? जो भी प्रश्न परमेश्वर पूछ रहा था, उसे उन सभी के उत्तर पता थे। इस प्रश्नों को पूछने के द्वारा वह आदम को इस बात का अंगीकार करने का अवसर दे रहा था कि उसने अवज्ञा की थी। नंगा होना पाप नहीं था। परमेश्वर ने उन्हें वैसे ही बनाया था। समस्या थी नंगे होने का ज्ञान होना। उनका शर्म दर्शाता है कि उन्होंने पाप किया था।\n\n* __इसी ने मुझे वह फल दिया__ - अपनी अवज्ञा को मानने और अवज्ञा की जि़म्मेदारी लेने की बजाय आदम ने सारा दोष नारी पर जड़ दिया।\n\n* __यह तूने क्या किया?__ - या कि, ‘‘यह तूने क्यों किया? परमेश्वर को इसका उत्तर पहले से पता था। इस प्रश्न को पूछने के द्वारा, वह नारी को अपना अपराध स्वीकारने का अवसर दे रहा था। वह इस बात को भी उजागर करना चाहता था कि उसने जो किया था, वह उसे नहीं करना चाहिए था।\n\n* __मुझे साँप ने बहकाया__ - साँप ने उसे धोखा दिया था, या कि उसके साथ चाल चली थी। उसने उससे झूठ बोला था। ऐसे शब्दों का प्रयोग न करें जिससे ऐसा भान हो कि उसने नारी पर कोई जादू-टोना किया था, या कि उसे पर सम्मोहन किया था। अपनी अवज्ञा को स्वीकारने तथा उसकी जि़म्मेदारी लेने की बजाय नारी ने साँप को दोष दिया।
2:9 yc2i परमेश्वर ने साँप को कुचल दिया [02-09] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-02-09.jpg)\n\n__[[:hi:key-terms:god|परमेश्वर]]__ ने साँप से कहा, __तुझ पर [[:hi:key-terms:curse|श्राप]] है__! तू अपने पेट के बल चलेगा और धूल खाएगा। तू और स्त्री __एक दूसरे से नफरत करेंगे__, और तेरे बच्चे और उसके बच्चे भी एक दूसरे से नफरत करेंगे। __स्त्री का __ __[[:hi:key-terms:descendant|वंशज]]____तेरा____ सिर कुचलेगा__, और तू __उसकी ऐड़ी को ____डसेगा__ ।’’\n\n## महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश: ##\n\n* __[[archive:ktobs:god|परमेश्वर ]]__\n\n* __[[archive:ktobs:curse|श्राप है ]]__\n\n* __[[archive:ktobs:descendant|वंशज ]]__\n\n## अनुवाद के लिए नोट्स: ##\n\n* __तुझ पर श्राप है__ - इसका अनुवाद करते समय, ‘‘मैं तुझे श्राप देता हूँ, या, ‘‘तुझ पर घोर नाश आएगा, भी कह सकते हैं। ऐसा कोई शब्द का प्रयोग न करे जिससे जादू करने या जादू में डालने का भान होता है।\n\n* __एक दूसरे से नफरत करेंगे__ - साँप को स्त्री से, और स्त्री को साँप से नफरत होगी। स्त्री के वंशज साँप के वंशजों से नफरत करेंगे, और साँप के वंशज उसके वंशजों से।\n\n* __स्त्री का वंशज__ - यह स्त्री के एक विशेष वंशज के बारे में है।\n\n* __तेरा सिर कुचलेगा__ - स्त्री का वंशज साँप के वंशज के वंशज का नाश करेगा।\n\n* __उसकी ऐड़ी को डसेगा__ - साँप का वंशज स्त्री के वंशज की ऐड़ी को डसेगा।
2:10 kty1 स्त्री पर परमेश्वर का श्राप [02-10] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-02-10.jpg)\n\n__[[:hi:key-terms:god|परमेश्वर]]__ ने तब स्त्री से कहा,‘‘मैं तरेे लिए __प्रसव को बहुत पीड़ादायक__ करुँगा। तू अपने पति की इच्छा करेगी, और व तुझ पर शासन करेगा।’’\n\n## महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश: ##\n\n* __[[archive:ktobs:god|परमेश्वर]]__\n\n## अनुवाद के लिए नोट्स: ##\n\n* प्__रसव____ को बहुत पीड़ादायक__ - कुछ भाषाओं में इसे एक क्रिया के रुप में व्यक्त किये जाने की ज़रुरत हो सकती है। आप कह सकते हैं कि ‘‘मैं बच्चे को जनने की पीड़ा को तेरे लिए बहुत बढ़ा दूँगा।’’
2:11 m4ox परमेश्वर ने आदम को श्राप दिया। [02-11] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-02-11.jpg)\n\n__[[:hi:key-terms:god|परमेश्वर]]__ आदम से बोला, ‘‘तूने अपनी पत्नी की सुन कर मेरी __[[:hi:key-terms:disobey|अवज्ञा]]__ की। अब __भूमि [[:hi:key-terms:curse|श्रापित है]]__ [[:hi:key-terms:curse|,]] और अन्न उगाने के लिए तुझे अब कड़ा श्रम करना होगा। फिर __तू [[:hi:key-terms:death|मर]] जायेगा__, और तेरा शरीर वापिस __धूल में लौट ____जाएगा__ ।’’ आदम ने अपनी पत्नी का नाम __[[:hi:key-terms:eve|हव्वा]]__ रखा, __जिसका अर्थ है ________जीवन____ देनेवाली__, क्योंकि वह __समस्त मनुष्य जाति की माता ____होगी__ । परमेश्वर ने __[[:hi:key-terms:adam|आदम]]__ और हव्वा को जानवर की खाल के कपड़े पहनाएँ।\n\n## महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश: ##\n\n* __[परमेश्वर ](https://door43.org/en/obs/notes/key-terms/god)__\n\n* __[अवज्ञा](https://door43.org/en/obs/notes/key-terms/disobey)__\n\n* __[श्रापित ](https://door43.org/en/obs/notes/key-terms/curse)__\n\n* __[मर जायेगा](https://door43.org/en/obs/notes/key-terms/death)__\n\n* __[हव्वा](https://door43.org/en/obs/notes/key-terms/eve)__\n\n* __[आदम](https://door43.org/en/obs/notes/key-terms/adam)__\n\n## अनुवाद के लिए नोट्स: ##\n\n* __भूमि श्रापित है__ - आदम की अवज्ञा के दंड स्वरुप, धरती अब इतनी फलवंत नहीं रहेगी। भोजन के लिए अन्न उगाने के लिए आदम को अब कड़ा श्रम करना होगा।\n\n* __तू मर जायेगा__ - उनकी अवज्ञा का सबसे बड़ा दंड था मृत्यु। परमेश्वर ने अलगाव आत्मिक मृत्यु थी। और अपने शरीर से अलगाव शारीरिक मृत्यु हैं।\n\n* __वापिस धूल में लौट जाएगा__ - परमेश्वर ने आदम को धूल या मिट्टी से बना कर उसमे जीवन डाला था। पाप के परिणामस्वरुप, उसका जीवन उससे ले लिया जाएँगा और उसका शरीर सड़ कर फिर से धूल बन जाएगा।\n\n* __हव्वा, जिसका अर्थ है ‘‘जीवन ____देनेवाली__ - परमेश्वर ने आदम और हव्वा को जीवन दिया, और बच्चे के जन्म के साथ यह हर व्यक्ति को आगे मिलता जाता है।\n\n* __समस्त मनुष्य जाति का माता__ - इसका आशय है कि वह सारे जगत की पूर्वज माता है। कुछ भाषाओं में कहते हैं कि ‘‘वह सब लोगों की मातामही होगी।’’
2:12 lbwb बगीचे से निष्कासन [02-12] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-02-12.jpg)\n\nतब __[[:hi:key-terms:god|परमेश्वर]]__ ने कहा, ‘‘अब जबकि __[[:hi:key-terms:good|भले]] और [[:hi:key-terms:evil|बुरे]] का ज्ञान पाकर__ मनुष्य __हमारे समान हो गये हैं__, उन्हें __[[:hi:key-terms:life|जीवन]] का फल__ खाने और अनन्त काल तक जीवित रहने नहीं दिया जाना चाहिए।’’ इसलिए परमेश्वर ने __[[:hi:key-terms:adam|आदम]]__ और __[[:hi:key-terms:eve|हव्वा]]__ को उस सुंदर बगीचे से दूर भेज दिया। परमेश्वर ने दो विशाल, शक्तिशाली __[[:hi:key-terms:angel|स्वर्गदूतों]]__ को बगीचे के प्रवेश द्वार पर तैनात कर दिया, ताकि कोई भी जीवन के पेड़ का फल न खा सके।\n\n## महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश: ##\n\n* __[परमेश्वर ](https://door43.org/en/obs/notes/key-terms/god)__\n\n* __[अच्छा ](https://door43.org/en/obs/notes/key-terms/good)__\n\n* __[बुरा ](https://door43.org/en/obs/notes/key-terms/evil)__\n\n* __[जीवन ](https://door43.org/en/obs/notes/key-terms/life)__\n\n* __[आदम ](https://door43.org/en/obs/notes/key-terms/adam)__\n\n* __[हव्वा ](https://door43.org/en/obs/notes/key-terms/eve)__\n\n* __[स्वर्गदूतों ](https://door43.org/en/obs/notes/key-terms/angel)__\n\n## अनुवाद के लिए नोट्स: ##\n\n* __भले और बुरे का ज्ञान पाकर मनुष्य हमारे समान__ - यहाँ, यह वाक्यांश आदम और हव्वा के एक नई रीति में परमेश्वर के समान होने का संकेत करता है। चूँकि उन दोनो ने पाप किया था, इसलिए उन्हें बुराई का पता था आर इसका अनुभव कर सकते थे। आप कह सकते हैं, कि ‘‘क्योंकि अब दोनो को भले व बुरे का ज्ञान था।’’\n\n* __फल__ - इस बात की कोई जानकारी नहीं है कि वह किस प्रकार का फल था, इसलिए बेहतर होगा कि यहाँ किसी फल विशेष का नाम का प्रयोग न करते हुए केवल ‘फल’ लिखा जाये।\n\n* __जीवन का पेड__ - यह एक सचमुच का फलदार पेड़ था। __[[:hi:obs:notes:frames:01-11|[01-11]]]__. को देखें। इस पेड़ का फल खाने से व्यक्ति हमेशा जीवित रहता और कभी न मरता।\n\n* __बाइबल की कहानी__- बाइबल के कुछ संस्करणों में इनका अनुवाद अलग तरह से किया हो सकता हैं
3:1 ozck पाप का बढ़ना [03-01] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-03-01.jpg)\n\n__बहुत समय बाद__, संसार में बहुत से लोग रह रहे थे। वे __बहुत दुष्ट और हिंसक__ हो चुके थे। __यह इतना बुरा हो गया__, कि __[[:hi:key-terms:god|परमेश्वर]]__ ने एक __विशाल बाढ़__ के द्वारा सारे संसार का __नाश करने का निर्णय__ कर लिया।\n\n## महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश: ##\n\n* __[परमेश्वर](https://door43.org/en/obs/notes/key-terms/god)__\n\n## अनुवाद के लिए नोट्स: ##\n\n* __बहुत समय बाद__ - यह कहानी सृष्टि के बाद हुई कई पीढि़यों (सैकड़ों सालों) के बाद में घटती है।\n\n* __बहुत दुष्ट और हिंसक__ - ऐसा कहना अधिक सहज लगेगा कि वे ‘‘बहुत दुष्ट हो चुके थे और बहुत हिंसक चीज़ें करते थे।’’\n\n* __इतना बुरा हो गया__ - यहाँ ऐसा कह सकते हैं कि ‘‘लोग इतने घातक और बुरे रास्तों पर चल रहे थे कि परमेश्वर को….।’’\n\n* __परमेश्वर ने …..नाश करने का निण्रय कर लिया__ - इसका अर्थ यह नहीं है कि परमेश्वर पृथ्वी का ही नामो-निशान मिटाना चाहता था। बल्कि परमेश्वर उन लोगों का सफाया करना चाहता था जो उसकी अवज्ञा करते थे और बुरे व हिंसक कार्य करते थे। इस बाढ़ से सभी थल जीवों तथा पंछियों का भी नाश होनेवाला था।\n\n* __विशाल बाढ़__ - इतना गहरा पानी की वह धरती को पूरी तरह डुबो दे, यहाँ तक कि धरती के सूखे इलाकों व सबसे ऊँचे पर्वत भी।
3:2 nora नूह को अनुग्रह मिला। [03-02] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-03-02.jpg)\n\nलेकिन __[[:hi:key-terms:noah|नूह]]__ पर __[[:hi:key-terms:god|परमेश्वर]]__ का __अनुग्रह ____मिला__ । अधर्मियों के बीच रहनेवाला, वह एक __[[:hi:key-terms:righteous|धर्मी]]__ व्यक्ति था। परमेश्वर ने नूह को इस बाढ़ के बारे में बताया जिसे वह __भेजने की योजना__ बना रहा था। उसने नूह को एक बहुत विशाल नाव बनाने को कहा।\n\n## महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश: ##\n\n* __[नूह](https://door43.org/en/obs/notes/key-terms/noah) __\n\n* __[परमेश्वर ](https://door43.org/en/obs/notes/key-terms/god)__\n\n* __[धर्मी ](https://door43.org/en/obs/notes/key-terms/righteous)__\n\n## अनुवाद के लिए नोट्स: ##\n\n* __अनुग्रह हुआ__ - नूह से परमेश्वर प्रसन्न था क्योंकि नूह के भीतर परमेश्वर का भय था और वह उसकी आज्ञाओं का पालन करता था। हालाकि नूह भी पापरहित नहीं था, लेकिन परमेश्वर ने उस पर अनुग्रह किया और उस विनाशकारी बाढ़ से नूह व उसके परिवार को बचाने की एक योजना बनाई। ध्यान रहे कि अनुवाद से ऐसा न लगे कि नूह को भाग्यवश अनुग्रह मिला था, या कि वह किसी तरह बच निकला था। बल्कि, ऐसा परमेश्वर की इच्छा से हुआ था।\n\n* __बाढ़__ - देखें कि __[[:hi:obs:notes:frames:03-01|[03-01] ]]__ में आपने इसका क्या अनुवाद किया है।\n\n* __भेजने की योजना__ - परमेश्वर ने धरती पर बहुत अधिक मात्रा में बारिश भेजने के द्वारा उसे पानी में डुबोने की योजना बनाई। अर्थात् उसने बहुत अधिक मात्रा में बारिश भेज कर बाढ़ पैदा करने की योजना बनाई।
3:3 qkoh विशाल नाव [03-03] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-03-03.jpg)\n\n__[[:hi:key-terms:god|परमेश्वर]]__ ने __[[:hi:key-terms:noah|नूह]]__ को लगभग 140 मीटर लंबी, 23 मीटर चैड़ी और 13.5 मीटर ऊँचीं __नाव__ बनाने को कहा। नूह को इसे लकड़ी से बनाना था और उसमें तीन मंजि़लें, कई कमरे, एक छत, और एक खिड़की बनानी थी। यह नाव नूह और उसके परिवार, और हर तरह के थल जीव के जोड़ों को बाढ़ के दौरान सुरक्षित रखेगी।\n\n## महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश: ##\n\n* __[परमेश्वर ](https://door43.org/en/obs/notes/key-terms/god)__\n\n* __[नूह ](https://door43.org/en/obs/notes/key-terms/noah)__\n\n## अनुवाद के लिए नोट्स: ##\n\n* __नाव__ - नाव इतनी बड़ी थी कि आठ लोगों, हर तरह के जानवर के जोड़ों, और लगभग एक साल के राशन को लाद सके।
3:4 zbn5 नाव को बनाना। [03-04] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-03-04.jpg)\n\n__[[:hi:key-terms:noah|नूह]] ने [[:hi:key-terms:god|परमेश्वर]] की [[:hi:key-terms:obey|आज्ञा का पालन]] ____किया__ । उसने और उसके तीन बेटों ने मिल कर ठीक वैसी नाव का निर्माण किया, जैसा परमेश्वर ने उन्हें बताया था। नाव बहुत विशाल थी, इसलिए इसे बनाने में कई साल लगे। नूह ने लोगों को आनेवाली बाढ़ की चेतावनी दी, और उन्हें __परमेश्वर की आरे मुड़ने__ को कहा, लेकिन उन्होंने उस पर विश्वास नहीं किया।\n\n## महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश: ##\n\n* __[नूह ](https://door43.org/en/obs/notes/key-terms/noah)__\n\n* __[आज्ञा का पालन ](https://door43.org/en/obs/notes/key-terms/obey)__\n\n* __[परमेश्वर ](https://door43.org/en/obs/notes/key-terms/god)__\n\n## अनुवाद के लिए नोट्स: ##\n\n* __नूह ने....चेतावनी दी__ - नूह ने सब लोगों को बताया कि लोगों के पापों के कारण परमेश्वर ने बाढ़ के द्वारा संसार का नाश करने की योजना बनाई है।\n\n* __परमेश्वर की ओर मुड़ने__ - इसका आशय है कि वे पाप करना छोड़, परमेश्वर की आज्ञाओं का पालन करें।
3:5 hnb3 नाव पर सवार होना [03-05] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-03-05.jpg)\n\n__[[:hi:key-terms:god|परमेश्वर]]__ ने __[[:hi:key-terms:noah|नूह ]]__ और उसके परिवार को अपने व जानवरों के लिए पर्याप्त मात्रा में भोजन एकत्रित करने को कहा। सारी तैयारियाँ होने पर, नूह को परमेश्वर ने बताया कि अब उसके, उसकी पत्नी, उसके तीन बेटों, व उनकी पत्नियों के, अर्थात् कुल मिला कर आठ लोगों के नाव में सवार होने का समय आ गया है।\n\n## महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांशः: ##\n\n* __[परमेश्वर ](https://door43.org/en/obs/notes/key-terms/god)__\n\n* __[नूह ](https://door43.org/en/obs/notes/key-terms/noah)__\n\n## Translation Notes: ##\n\n(यहाँ पर कोई नोट्स नहीं है।)
3:6 ahmi जानवर आये [03-06] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-03-06.jpg)\n\n__[[:hi:key-terms:god|परमेश्वर]]__ ने भूमि पर रहनेवाले हर जानवर तथा पंछियों के नर-मादा के जोड़े __[[:hi:key-terms:noah|नूह]]__ के पास __भेजे__, ताकि वे नाव में जा सकें और बाढ़ के दौरान सुरक्षित रह सकें। परमेश्वर ने सात ऐसे तरह के जानवरों के नर-मादा के जोड़े भी भेजे जिनका __[[:hi:key-terms:sacrifice|बलि]] के लिए प्रयोग किया जा सकता था__ । जब वे नाव में चढ़ गये, तब __स्वयं परमेश्वर ने नाव का द्वार बंद किया__ ।\n\n## महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश: ##\n\n* __[परमेश्वर ](https://door43.org/en/obs/notes/key-terms/god)__\n\n* __[नूह ](https://door43.org/en/obs/notes/key-terms/noah)__\n\n* __[बलि](https://door43.org/en/obs/notes/key-terms/sacrifice)__\n\n## अनुवाद के लिए नोट्स: ##\n\n* __परमेश्वर ने ….भेजे__ - नूह को जानवर खोजने की ज़रुरत नहीं थी। परमेश्वर ने उन्हें उसके पास भेज दिया।\n\n* __बलि के लिए प्रयोग किया जा सकता था__ - कुछ भाषाओं में इसका अनुवाद ऐसे किया जा सकता है कि ‘‘ऐसे जानवर, जिनकी बलि परमेश्वर को स्वीकार्य थी।’’ परमेश्वर ने निर्णय किया था कि लोग उसे जानवरों को बलि स्वरुप दें, लेकिन उसने केवल कुछ विशिष्ट जानवरों की बलि को योग्य ठहराया था।\n\n* __स्वयं परमेश्वर ने नाव का द्वार बंद किया__ - यह इस बात पर बल देता है कि नाव का दरवाज़ा बंद करनेवाला स्वयं परमेश्वर था।
3:7 hzxt बारिश शुरु हुई [03-07] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-03-07.jpg)\n\nतब __बारिश शुरु हुई और होती चली गई__ । चालीस दिन और चालीस रातों तक लगातार बारिश होती रही! धरती से भी पानी __फूट कर निकलने ____लगा__ । __पूरे संसार की हर चीज़__ पानी में डूब गई, यहाँ तक सबसे ऊँचें पर्वत भी।\n\n## अनुवाद के लिए नोट्स: ##\n\n* __बारिश शुरु हई और होती चली गई__ - यह इस बात पर बल देता है कि यह एक असामान्य, और बहुत भयंकर बारिश थी। दूसरी भाषाओं में इसे अलग तरह से व्यक्त किया जा सकता है।\n\n* __फूट कर निकलने लगा__ - इससे बहुत बड़ी मात्रा में पानी के बह कर निलकने का पता चलता है।\n\n* __पूरे संसार की हर चीज़__ - इसका आशय है कि पूरा संसार पानी में डूब गया था।
3:8 skrp बाढ़ से सुरक्षित [03-08] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-03-08.jpg)\n\nनाव के भीतर के लोगों व जानवरों को छोड़, भूमि पर रहनेवाली हर चीज़ __[[:hi:key-terms:death|मर]]__ गई। नाव पानी में तैरने लगी, और उसके भीतर की हर चीज़ डूबने से बच गई।\n\n## महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश: ##\n\n* __[मर](https://door43.org/en/obs/notes/key-terms/death)__\n\n## अनुवाद के लिए नोट्स: ##\n\n* (यहाँ पर कोई नोट्स नहीं है।)
3:9 iany बारिश रुकी [03-09] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-03-09.jpg)\n\n__बारिश रुकने के__ बाद, पाँच महीनों तक नाव पानी पर तैरती रही, और इस दौरान पानी नीचे उतरने लगा। फिर एक दिन, __नाव__ __एक पर्वत__ __पर__ __ठहर गई__, लेकिन सारा संसार अब भी पानी में डुबा हुआ था। __तीन महीने__ बाद, __पर्वतों की चोटियाँ नज़र आने लगी थीं।__\n\n## अनुवाद के लिए नोट्स: ##\n\n* __बारिश रुकने के बाद__ - अनुवाद करते समय इसे ‘‘बारिश रुकने लगी, भी कह सकते हैं।\n\n* __नाव ठहर गई__ - बारिश से इतना पानी बरसा था कि पर्वत-पहाड़ भी उसमें डूब गये थे। नाव पर्वतों के ऊपर बह रही थी, और जब पानी उतरने लगा, तब वह पानी के स्तर के साथ नीचे होते हुए पर्वत पर टिक गई।\n\n* __तीन महीने__ - अगले तीन महीनों के दौरान, पानी का स्तर कम होता जा रहा था।\n\n* __पर्वतों की चोटियाँ नज़र आने लगीं __- इसका अनुवाद ऐसे भी कर सकते हैं, कि ‘‘चाटियाँ दिखने लगी थीं, या ‘‘दिखाई दीं, या ‘‘देखी जा सकती थीं।’’ अधिक स्पष्टता के लिए इसका अनुवाद ऐसे भी कर सकते हैं, कि ‘‘तीन महीनों बाद, पानी इतना घट गया कि नूह और उसके परिवार को पर्वत साफ दिखाई देने लगे थे।’’
3:10 xe89 कौआ [03-10] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-03-10.jpg)\n\nचालीस और दिनों के बाद, __[[:hi:key-terms:noah|नूह]]__ ने __कौआ__ नामक पंछी को यह देखने बाहर भेजा कि पानी सूखा है या नहीं। सूखी भूमि की तलाश में कौआ आगे-पीछे उड़ा, लेकिन उसे सूखी भूमि कहीं न मिली।\n\n## महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश: ##\n\n* __[नूह](https://door43.org/en/obs/notes/key-terms/noah)__\n\n## अनुवाद के लिए नोट्स: ##\n\n* __कौआ__ - काले रंग का एक पंछी जो तरह-तरह के पेड़-पौधे और पशु आहार खाता है, जिसमें मरे हुए जानवर का सड़ा हुआ माँस भी शामिल है।
3:11 hutm कबूतर [03-11] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-03-11.jpg)\n\n__[[:hi:key-terms:noah|नूह]]__ ने बाद में __कबूतर__ नाम का एक पंछी भेजा। लेकिन उसे भी कहीं सूखी भूमि दिखाई न दी, और वह नूह के पास लौट आया। एक सप्ताह बाद उसने फिर से एक कबूतर उड़ाया, और वह अपनी चोंचे में __जैतून की एक शाखा__ लेकर लौटा! __पानी घट रहा था__, और पेड़-पौधे फिर से उगने लगे थे।\n\n## महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश: ##\n\n* __[नूह](https://door43.org/en/obs/notes/key-terms/noah)__\n\n## अनुवाद के लिए नोट्स: ##\n\n* __कबूतर__ - सफेद या स्लेटी रंग का एक छोटा सा पंछी जो बीज या फल खाता है।\n\n* __जैतून की शाखा__ - जैतून के पेड़ में उगनेवाले फल में तेल होता है जिसे लोग खाना पकाने या अपने शरीर में लगाने के लिए इस्तेमाल में लाते हैं। अपनी भाषा के अुनसार आप इसे ‘‘जैतून नाम के पेड़ की एक शाखा’’ , या ‘‘तेलवाले पेड़ की एक शाखा’’ कह सकते हैं।\n\n* __पानी घट रहा था__ - संभव है कि अपनी भाषा में आप इसका अनुवाद करते समय कहना चाहें कि ‘‘पानी कम हो रहा था, या ‘‘पानी का स्तर कम होने लगा था।’’
3:12 pp5f सूखी भूमि [03-12] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-03-12.jpg)\n\n__[[:hi:key-terms:noah|नूह]]__ ने __एक और सप्ताह प्रतीक्षा की__, और तीसरी बार एक और कबूतर उड़ाया। इस बार, उसे बेठने की जगह मिल गई और वह वापिस न लौटा। पानी सूख रहा था।\n\n## महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश: ##\n\n* __[नूह](https://door43.org/en/obs/notes/key-terms/noah)__\n\n## अनुवाद के लिए नोट्स: ##\n\n* __एक और सप्ताह प्रतीक्षा की__ - आप कह सकते हैं कि ‘‘और सात दिनों तक प्रतीक्षा की।’’ ‘‘प्रतीक्षा की’’ से स्पष्ट होता है कि कबूतर को दोबारा भेजने से पहले नूह ने पानी के उतरने की प्रतीक्षा की।
3:13 kqci नाव छोड़ना [03-13] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-03-13.jpg)\n\n__दो महीनों बाद [[:hi:key-terms:god|परमेश्वर]]__ ने __[[:hi:key-terms:noah|नूह]]__ से कहा, ‘‘तू और तेरा परिवार, और सारे जानवर अब नाव से बाहर आ सकते हैं। __बहुत से बच्चे__, और उनके बच्चे पैदा करों, और __धरती को भर दो__ ।’’ इस तरह, नूह व उसका परिवार नाव से बाहर आ गया।\n\n## महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश: ##\n\n* __[परमेश्वर ](https://door43.org/en/obs/notes/key-terms/god)__\n\n* __[नूह](https://door43.org/en/obs/notes/key-terms/noah)__\n\n## अनुवाद के लिए नोट्स: ##\n\n* __दो महीने बाद__ - नाव से कबूतर को उड़ाने के दो महीने बाद। अधिक स्पष्टता के लिए यदि ज़रुरी हो तो इस तथ्य को अलग से भी बताएँ।\n\n* __बहुत से बच्चे__ - यह दिखाने के लिए यह परमेश्वर की दी आज्ञा थी, आप ऐसा भी कह सकते हैं कि ‘‘तुम बहुत से बच्चे पैदा करो, या कि ‘‘मैं चाहता हूँ कि तुम बहुत से बच्चे पैदा करों’’\n\n* __धरती को भर दो__ - यदि बात स्पष्ट न हो तो ऐसा कहना ज़रुरी हो सकता है कि ‘‘और धरती को लोगों से भर दो, या ‘‘ताकि धरती पर बहुत से लोगों का वास हो।’
3:14 gynx नूह का बलिदान [03-14] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-03-14.jpg)\n\nनाव से उतरने के बाद, __[[:hi:key-terms:noah|नूह]]__ ने एक __[[:hi:key-terms:altar|वेदी]]__ को बनाया और __[[:hi:key-terms:sacrifice|बलिदान]]__ करने योग्य हर प्रकार के __जानवर को बलि स्वरुप ____दिया__ । __[[:hi:key-terms:god|परमेश्वर]]____बलिदान से प्रसन्न हुआ__ और नूह व उसके परिवार को __[[:hi:key-terms:bless|आशीष]]__ दी।\n\n## महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश: ##\n\n* __[नूह](https://door43.org/en/obs/notes/key-terms/noah)__\n\n* __[वेदी](https://door43.org/en/obs/notes/key-terms/altar)__\n\n* __[बलिदान](https://door43.org/en/obs/notes/key-terms/sacrifice)__\n\n* __[परमेश्वर](https://door43.org/en/obs/notes/key-terms/god)__\n\n* __[आशीष दी](https://door43.org/en/obs/notes/key-terms/bless)__\n\n## अनुवाद के लिए नोट्स: ##\n\n* __बलिदान करने योग्य जानवर__ - इस यह भी कहा जा सकता है कि ‘‘जिन जानवरों को लोग बलि स्वरुप प्रस्तुत कर सकते थे।’’\n\n* __परमेश्वर प्रसन्न हुआ__ - जानवरों की इन बलि से परमेश्वर प्रसन्न हुआ।
3:15 icyi परमेश्वर की वाचा [03-15] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-03-15.jpg)\n\n__[[:hi:key-terms:god|परमेश्वर]]__ ने कहा, ‘‘मैं __[[:hi:key-terms:promise|प्रतिज्ञा]]__ करता हूँ कि लोगों की __[[:hi:key-terms:evil|दुष्टता]]__ भरे कार्य करने पर __फिर कभी__ मैं __धरती को [[:hi:key-terms:curse|श्रापित]]__ न करुँगा, या बाढ़ के द्वारा संसार का नाश न करुँगा, हालाकि __लोग__ __अपने बचपन से ही [[:hi:key-terms:sin|पापी]] ____हैं__ ।’’\n\n## महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश: ##\n\n* __[परमेश्वर](https://door43.org/en/obs/notes/key-terms/god)__\n\n* __[प्रतिज्ञा ](https://door43.org/en/obs/notes/key-terms/promise)__\n\n* __[श्रापित ](https://door43.org/en/obs/notes/key-terms/curse)__\n\n* __[दुष्टता ](https://door43.org/en/obs/notes/key-terms/evil)__\n\n* __[पापी ](https://door43.org/en/obs/notes/key-terms/sin)__\n\n## अनुवाद के लिए नोट्स: ##\n\n* __फिर कभी__ - इसका आशय है कि ‘‘फिर न कभी, या कि ‘‘कभी भी नहीं, या ‘‘सचमुच फिर कभी नहीं।’’ उदाहरण: ‘‘मैं सचमुच फिर कभी धरती को श्रापित न करुँगा।’’ और "मैं किसी भी समय फिर भूमि को श्रापित नहीं करूँगा" और "मैं वास्तव में फिर भूमि को श्रापित नहीं करूँगा |"\n\n* __भूमि को श्रापित__ - मुनष्यों के पाप के कारण धरती और अन्य सभी जीवों को कष्ट भुगतना पड़ा।\n\n* __संसार__ - इसका आशय पृथ्वी तथा इसमें रहनेवाले सभी जीवों से है।\n\n* __लोग अपने बचपन से ही पापी हैं__ - इसे कहने का दूसरा तरीका ऐसा होगा, ‘‘लोग जीवन भर पाप करते हैं।’’
3:16 hbme इन्द्रधनुष [03-16] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-03-16.jpg)\n\n__[[:hi:key-terms:god|परमेश्वर]]__ ने तब अपनी __[[:hi:key-terms:promise|प्रतिज्ञा]]____के__ __एक चिन्ह__ __स्वरुप__ पहले __इन्द्रधनुष__ की रचना की। आकाश में __जब भी__ इन्द्रधनुष दिखता, परमेश्वर __अपनी प्रतिज्ञा को__ याद करेगा, और साथ में लोग भी।\n\n## महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश: ##\n\n* __[परमेश्वर ](https://door43.org/en/obs/notes/key-terms/god)__\n\n* __[प्रतिज्ञा ](https://door43.org/en/obs/notes/key-terms/promise)__\n\n## अनुवाद के लिए नोट्स: ##\n\n* __इन्द्रधनुष__ - बारिश के बाद आकाश में दिखाई देनेवाला अर्ध गोलाकार में दीप्त रंग-बिरंगा प्रकाश।\n\n* __एक चिन्ह__ - एक चिन्ह एक ऐसी चीज़ होती है जिसमें काई विशेष अर्थ निहित हो, या जो किसी ऐसी बात की ओर संकेत करता है जो सत्य है, या जो घटित होगी।\n\n* __प्रतिज्ञा के एक चिन्ह स्वरुप__ - कुछ भाषाओं में ऐसा कहना सही रहेगा कि ‘‘यह दिखाने के लिए उसने प्रतिज्ञा की है।’\n\n* __जब भी__ - सुनिश्चित करें कि अनुवाद में यह स्पष्ट हो कि तब से बननेवाले हर इन्द्रधनुष की बात हो रही है। यदि ज़रुरत हो तो कथन में ‘‘उसके बाद से..... जोड़ दें।\n\n* __अपनी प्रतिज्ञा को__ - यह पृथ्वी का फिर कभी बाढ़ से नाश न करने की प्रतिज्ञा के संदर्भ में है।\n\n* __बाइबल की कहानी__- बाइबल के कुछ संस्करणों में इनका अनुवाद अलग तरह से किया हो सकता हैं
4:1 i0cj एक लोग [04-01] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-04-01.jpg)\n\n__बाढ़ के बहुत सालों बाद__, संसार में __फिर से बहुत से लोग__ हो गये थे, और वे सभी __एक ही भाषा__ में बोलते थें। __[[:hi:key-terms:god|परमेश्वर]]__ की आज्ञा के अनुसार धरती में भरने की बजाय, उन्होंने एकत्रित होकर __एक नगर__ का निर्माण किया।\n\n## महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश: ##\n\n* __[परमेश्वर ](https://door43.org/en/obs/notes/key-terms/god)__\n\n## अनुवाद के लिए नोट्स: ##\n\n* __बाढ़ के बहुत सालों बाद__ - बाढ़ के समाप्त होने के बाद भी कई पीढि़याँ हो चुकी थीं।\n\n* __फिर से बहुत से लोग__ - नूह का परिवार बढ़ता-बढ़ता पूरे नगर में भर गया।\n\n* __एक ही भाषा__ - इसका आशय है कि तब केवल एक ही भाषा थी, ताकि वे एक दूसरे की बात समझ सके।\n\n* __एक नगर__ - चूँकि वचन में नगर का कोई नाम नहीं बताया गया है, इसलिए यहाँ पर नगर के लिए इस्तेमाल होनेवाली सामान्य संज्ञा शब्द का प्रयोग करें।
4:2 ae16 मीनार [04-02] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-04-02.jpg)\n\nवे बहुत __[[:hi:key-terms:proud|दंभी]]__ थे, और __[[:hi:key-terms:god|परमेश्वर]]__ की कही बातों की परवाह नहीं करते थे। यहाँ तक कि वे __[[:hi:key-terms:heaven|स्वर्ग ]]____तक पहुँचने के लिए एक ऊँची मीनार__ का निर्माण करने लगे थे। परमेश्वर ने देखा कि यदि वे साथ मिलकर __[[:hi:key-terms:evil|बुरे]]__ काम करते रहे, तो वे उससे भी अधिक __[[:hi:key-terms:sin|पापमय]]__ काम कर सकते थे।\n\n## महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश: ##\n\n* __[दंभी](https://door43.org/en/obs/notes/key-terms/proud)__\n\n* __[परमेश्वर ](https://door43.org/en/obs/notes/key-terms/god)__\n\n* __[स्वर्ग](https://door43.org/en/obs/notes/key-terms/heaven)__\n\n* __[दुष्टता](https://door43.org/en/obs/notes/key-terms/evil)__\n\n* __[पापमय](https://door43.org/en/obs/notes/key-terms/sin)__\n\n## अनुवाद के लिए नोट्स: ##\n\n* __स्वर्ग तक पहुँचने के लिए एक ऊँची मीनार__ - यह मीनार इतनी ऊँची थी कि इसका सिरा आकाश तक पहुँचता था।\n\n* __स्वर्ग__ - स्वर्ग की जगह ‘‘आकाश’’ शब्द का प्रयोग भी किया जा सकता है।
4:3 vufe कई भाषाएँ [04-03] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-04-03.jpg)\n\nइस तरह __[[:hi:key-terms:god|परमेश्वर]]__ ने __उनकी भाषा को बदल दिया__ __कई अलग-अलग__ __भाषाओं में __ और __लोगों को संसार भर में बिखरा दिया__ । वे जिन नगर का निर्माण कर रहे थे, वह __बाबेल__ कहलाती थी, जिसका आशय था __भ्रमित__ ।’’\n\n## महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश: ##\n\n* __[परमेश्वर](https://door43.org/en/obs/notes/key-terms/god)__\n\n## अनुवाद के लिए नोट्स: ##\n\n* __भाषाओं में बदल दिया__ - एक क्षण में ही, परमेश्वर ने आश्चर्यजनक रीति से उन्हें अलग-अलग भाषाएँ दे दी, ताकि वे तुरंत ही एक दूसरे की बातें न समझ सकें।\n\n* __कई अलग-अलग भाषाओं__ - सभी लोगों की एक ही भाषा होने की बजाय अब छोर्ट-छोटे समूहों के लागों की अलग-अलग भाषाएँ हो गई।\n\n* __लोगों को संसार भर में बिखरा दिया__ - जब परमेश्वर ने उनकी भाषाओं को बदला, तब परमेश्वर ने लोगों के इन समूहों को संसार भर में अलग-अलग जगह तितर-बितर कर दिया, और हर समूह अपनी नियत जगह पर चला गया।\n\n* __बाबेल __- हमें इस नगर की सटीक स्थिति का पता नहीं है, बस इतना ही मालूम है कि यह प्राचीन मध्य-पूर्व में कहीं पर स्थित थी।\n\n* __भ्रमित__ - यह बताता है कि लोग कितने भ्रमित हो गये थे जब परमेश्वर द्वारा भाषाओं को बदलने के कारण वे एक दूसरे की बातों को नहीं समझ पा रहे थे।
4:4 bd2d परमेश्वर ने अब्राहम को चुना [04-04] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-04-04.jpg)\n\n__सैकड़ों सालों के बाद__, __[[:hi:key-terms:god|परमेश्वर]]__ ने __[[:hi:key-terms:abraham|अब्राम]]__ नाम के एक व्यक्ति से बातचीत की। परमेश्वर ने उसे कहा, __अपनी____ भूमि और परिवार को छोड़__ और उस भूमि पर जा जो मैं तुझे दिखाऊँगा। मैं तुझे __[[:hi:key-terms:bless|आशीषित]]__ करुँगा और __तुझे एक महान जाति ____बनाऊँगा__ । मैं __तेरे नाम को महान ____बनाऊँगा__ । जो तुझे आशीष देंगे मैं उन्हें आशीष दूँगा, और जो तुझे __[[:hi:key-terms:curse|श्राप]]__ देंगे, मैं उन्हें श्राप दूँगा। तेरे कारण __धरती के सारे परिवार__ आशीष पाएंगे।’’\n\n## महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश: ##\n\n* __[परमेश्वर ](https://door43.org/en/obs/notes/key-terms/god)__\n\n* __[अब्राम](https://door43.org/en/obs/notes/key-terms/abraham)__\n\n* __[आशीष ](https://door43.org/en/obs/notes/key-terms/bless)__\n\n* __[श्रापित](https://door43.org/en/obs/notes/key-terms/curse)__\n\n## अनुवाद के लिए नोट्स: ##\n\n* __सैकड़ों सालों के बाद__ - इसका अनुवाद इस तरह भी किया जा सकता है, कि ‘‘बाबुल में लोगों के अलग-अलग भाषाओं के समूह में बँटने के सैकड़ों सालों बाद।’’ अथवा ‘‘ऐसा होने के सैकड़ों सालों बाद।’’\n\n* __अपनी भूमि......को छोड़__ - इसमें भूमि से आशय उस जगह से है जहाँ पर अब्राम की परवरिश हुई थी (जो कि मध्य एशिया में उर नामक क्षेत्र था।) इसके लिए ‘‘मातृ भूमि’’ या ‘‘जन्मभूमि’’ का भी इस्तेमाल कर सकते हैं।\n\n* __और परिवार__ - परमेश्वर अब्राम से अपने अधिकांश सगे-संबंधियों को छोड़ने को कह रहा था। लेकिन, परमेश्वर उससे स्वयं पर आश्रित परिवार के सदस्यों, जिसमें कि उसकी पत्नी भी शामिल है, त्यागने को नहीं कर रहा था।\n\n* __तुझे एक महान जाति बनाऊँगा__ - परमश्वर अब्राम को बहुत सी संतानें देगा, और वे एक विशाल और महत्व्पूर्ण देश या राष्ट्र बनेंगे।\n\n* __तेरे नाम को महान बनाऊँगा__ - इसका आशय है कि संसार भर में अब्राम और उसका परिवार प्रसिद्धी पाएगा, तथा लोग उनके बारे में भला सोचेंगे।\n\n* __धरती के सारे परिवार__ - परमेश्वर के पीछे चलने का अब्राम द्वारा लिया निर्णय न केवल उसके परिवार पर ही नहीं बल्कि धरती के सारे परिवारों पर प्रभाव डालेगा।
4:5 ik11 कनान की ओर [04-05] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-04-05.jpg)\n\nइस तरह __[[:hi:key-terms:abraham|अब्राम]] ने [[:hi:key-terms:god|परमेश्वर]] की [[:hi:key-terms:obey|आज्ञा का पालन]] __ किया। उसने अपनी पत्नी __[[:hi:key-terms:sarah|सारै]]__ को __साथ लिया__, और अपने सारे __[[:hi:key-terms:servant|सेवका्र]]__ तथा जो कुछ भी उसका था, उन सबको लेकर उस भूमि, __[[:hi:key-terms:canaan|कनान]] की भूमि__ की ओर चला गया जो भूमि __परमेश्वर ने उसे दिखाई __ थी।\n\n## महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश: ##\n\n* __[अब्राम](https://door43.org/en/obs/notes/key-terms/abraham)__\n\n* __[आज्ञा पालन ](https://door43.org/en/obs/notes/key-terms/obey)__\n\n* __[परमेश्वर ](https://door43.org/en/obs/notes/key-terms/god)__\n\n* __[सारै](https://door43.org/en/obs/notes/key-terms/sarah)__\n\n* __[सेवक](https://door43.org/en/obs/notes/key-terms/servant)__\n\n* __[कनान ](https://door43.org/en/obs/notes/key-terms/canaan)__\n\n## अनुवाद के लिए नोट्स: ##\n\n* __साथ लिया__ - कुछ भाषाओं में यहाँ ‘‘साथ ले गया’’ कह सकते हैं। दूसरी भाषाओं में दो क्रियाओं का प्रयोग हो सकता है, जैसे कि ‘‘उसने अपनी पत्नी को साथ ले आया, और, ‘‘वे अपने सारे सेवक और संपत्ति साथ ले आए।।’’\n\n* __परमेश्वर ने उसे दिखाई__ - किसी तरह परमेश्वर ने अब्राम को समझा दिया कि उसे कहाँ जाना था। वचन में इस बात का उल्लेख नहीं है कि ऐसा उसने कैसे किया था।\n\n* __कनान की भूमि__ - उस जगह का नाम ‘‘कनान’’ था। इसे ‘‘कनान की भूमि’’ कहा जा सकता है।
4:6 jc2s परमेश्वर ने अब्राम को आशीष दी [04-06] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-04-06.jpg)\n\nजब __[[:hi:key-terms:abraham|अब्राम]]__ __[[:hi:key-terms:canaan|कनान]]__ में पहुँचा, __[[:hi:key-terms:god|परमेश्वर]]__ ने उससे कहा, ‘‘अपनी चारो तरफ देख। __जितनी भी भूमि तुझे दिखाई देती है__, में वह सारी भूमि तुझे और तेरे __[[:hi:key-terms:descendant|वंशजों]]__ को __[[:hi:key-terms:inherit|मीरास]] में__ दूँगा।’’ __इसके बाद अब्राहम भूमि में ठहर ____गया__ ।\n\n## महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश: ##\n\n* __[अब्राम ](https://door43.org/en/obs/notes/key-terms/abraham)__\n\n* __[कनान ](https://door43.org/en/obs/notes/key-terms/canaan)__\n\n* __[परमेश्वर](https://door43.org/en/obs/notes/key-terms/god)__\n\n* __[वंशज ](https://door43.org/en/obs/notes/key-terms/descendant)__\n\n* __[मीरास ](https://door43.org/en/obs/notes/key-terms/inherit)__\n\n## अनुवाद के लिए नोट्स: ##\n\n* __जितनी भी भूमि तुझे दिखाई देती है__ - यदि अब्राहम किसी पहाड़ी पर खड़ा होता, तो उसे भूमि का अधिक टुकड़ा दिखाई दे सकता था। परमेश्वर ने कई अवसरों पर अब्राम व उसके वंशेजों को कनान की संपूर्ण भूमि देने की प्रतिज्ञा की थी।\n\n* __मीरास में__ - जैसे एक पिता अपने बेच्चों के लिए मीरास छोड़ता है, वैसे ही परमेश्वर ने अब्राम व उसके वंशेजों को भूमि देने की प्रतिज्ञा की।\n\n* __अब्राम तब वहाँ ठहर गया__ - अब्राम जिन लोगों के साथ भूमि को निकला था, वह उन सभी लोगों के साथ वहाँ पर ठहर गया।
4:7 e27z मलिकिसिदक [04-07] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-04-07.jpg)\n\nएक दिन, __[[:hi:key-terms:abraham|अब्राम]]__ __[[:hi:key-terms:god|परम प्रधान परमेश्वर]]__ के __[[:hi:key-terms:priest|याजक]]____मलिकिसिदक__ से मिला। मलिकिसिदक ने अब्राम को __[[:hi:key-terms:bless|आशीष]]__ दी और कहा, __धरती____ और __ __[[:hi:key-terms:heaven|स्वर्ग]]____के____ मालिक__, परम प्रधान परमेश्वर अब्राम को आशीष दे।’’ इसके बाद अब्राहम ने अपनी संपति का दशमांश मलिकिसिदक को दे दिया।\n\n## महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश: ##\n\n* __[अब्राम](https://door43.org/en/obs/notes/key-terms/abraham)__\n\n* __[याजक ](https://door43.org/en/obs/notes/key-terms/priest)__\n\n* __[परम प्रधान परमेश्वर ](https://door43.org/en/obs/notes/key-terms/god)__\n\n* __[आशीष ](https://door43.org/en/obs/notes/key-terms/bless)__\n\n* __[स्वर्ग](https://door43.org/en/obs/notes/key-terms/heaven)__\n\n## अनुवाद के लिए नोट्स: ##\n\n* __मलिकिसिदक__ - मलिकिसिदक कनान का प्रतिष्ठित धार्मिक अगुवा था जो परमेश्वर के लिए भेंट को लेता था और उन्हें परमेश्वर के समक्ष प्रस्तुत करता था।\n\n* __परम प्रधान परमेश्वर__ - कनानवासी बहुत से झूठे देवताओं की आराधना करते थे। ‘‘परम प्रधान परमेश्वर’’ की उपाधि इस बात को दर्शाती है कि जिस परमेश्वर की आराधना मलिकिसिदक किया करता था, वह दूसरे देवताओं से कही अधिक ऊँचा था, और यह वही परमेश्वर था जिसकी आराधना अब्राम करता था।
4:8 isdu कोई पुत्र नहीं [04-08] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-04-08.jpg)\n\n__बहुत साल__ बीत गये, लेकिन __[[:hi:key-terms:abraham|अब्राम]]__ व __[[:hi:key-terms:sarah|सारै]]__ को कोई __[[:hi:key-terms:son|पुत्र]]__ न हुआ। __[[:hi:key-terms:god|परमेश्वर]]__ ने दोबारा अब्राम से बातचीत की और फिर से __[[:hi:key-terms:promise|प्रतिज्ञा ]]__ दोहराई कि उसे एक बेटा होगा और __आकाश में जितने तारे हैं__, उतने उसके __[[:hi:key-terms:descendant|वंशज]]__ होंगे। अब्राम ने परमेश्वर की प्रतिज्ञा पर __[[:hi:key-terms:believe|विश्वास]]__ किया। परमेश्वर ने अब्राम को __[[:hi:key-terms:righteous|धर्मी]]__ ठहराया क्योंकि उसने परमेश्वर की वाचा पर विश्वास किया था।\n\n## महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश: ##\n\n* __[अब्राम](https://door43.org/en/obs/notes/key-terms/abraham)__\n\n* __[सारै ](https://door43.org/en/obs/notes/key-terms/sarah)__\n\n* __[बेटा](https://door43.org/en/obs/notes/key-terms/son)__\n\n* __[परमेश्वर](https://door43.org/en/obs/notes/key-terms/god)__\n\n* __[प्रतिज्ञा](https://door43.org/en/obs/notes/key-terms/promise)__\n\n* __[वंशज ](https://door43.org/en/obs/notes/key-terms/descendant)__\n\n* __[विश्वास किया ](https://door43.org/en/obs/notes/key-terms/believe)__\n\n* __[धर्मी ](https://door43.org/en/obs/notes/key-terms/righteous)__\n\n## अनुवाद के लिए नोट्स: ##\n\n* __बहुत साल__ - परमेश्वर द्वारा अब्राम को बेटा देने की वाचा किये हुए कई साल हो चेुके हैं।\n\n* __आकाश में जितने तारे__ - ऐसा कहने का आशय है कि अब्राम के वंशज इतने अधिक होंगे कि उन्हें गिनना असंभव होगा।
4:9 tr6h परमेश्वर की वाचा [04-09] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-04-09.jpg)\n\n__[[:hi:key-terms:god|परमेश्वर]]__ ने तब __[[:hi:key-terms:abraham|अब्राम]]__ के साथ एक __[[:hi:key-terms:covenant|वाचा]]__ बांधी। वाचा, __दो पक्षों__ के बीच किया गया अनुबंध होता है। परमेश्वर ने कहा, ‘‘मैं तुझे __तेरा निज__ __[[:hi:key-terms:son|बेटा]]__ दूँगा। __[[:hi:key-terms:canaan|कनान]]__ की भूमि मैं तेरे __[[:hi:key-terms:descendant|वंशजों]]__ को देता हूँ।’’ लेकिन अब्राम के अब तक __कोई बेटा न था।__\n\n## Important Terms: ##\n\n* __[परमेश्वर ](https://door43.org/en/obs/notes/key-terms/god)__\n\n* __[वाचा ](https://door43.org/en/obs/notes/key-terms/covenant)__\n\n* __[अब्राम ](https://door43.org/en/obs/notes/key-terms/abraham)__\n\n* __[बेटा ](https://door43.org/en/obs/notes/key-terms/son)__\n\n* __[कनान](https://door43.org/en/obs/notes/key-terms/canaan)__\n\n* __[वंशज ](https://door43.org/en/obs/notes/key-terms/descendant)__\n\n## अनुवाद के लिए नोट्स: ##\n\n* __दो प़क्षों__ - दो पक्षों में दो व्यक्ति, दो समूह, या एक व्यक्ति और लोगों का एक समूह भी हो सकता है। इस मामले में यह अनुबंध परमेश्वर और अब्राम के बीच था।\n\n* __तेरा निज बेटा__ - अब्राम द्वारा सारै के गर्भ धारण के द्वारा अब्राम का निज बेटो होने की बात है, ताकि दोनो का नैसर्गिक रुप से अपना बेटा हो। यह एक अद्भुत प्रतिज्ञा थी, क्योंकि अब्राम व सौर बहुत बूढ़े थे।\n\n* __बेटा नहीं था__ - अब्राम का अब तक कोई वंशज नहीं था जो कि भूमि को ले सके।\n\n* ___बाइबल की कहानी में से _ ___- कुछ बाइबिल अनुवाद में यह संदर्भ थोड़ा अलग हो सकता है |_
5:1 hd6f हाजिरा [05-01] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-05-01.jpg)\n\n__[[:hi:key-terms:abraham|अब्राम]]__ और__[[:hi:key-terms:sarah|सारै]]__ के __[[:hi:key-terms:canaan|कनान]]__ में पहुँचने के दस साल __बाद भी____, उनके कोई बेटा नहीं था__ । इसलिए अब्राम की पत्नी सौर ने कहा, ‘‘क्योंकि __[[:hi:key-terms:god|परमेश्वर]]__ ने मुझे कोई संतान नहीं दी है और अब मैं बच्चे पैदा करने के लिए बहुत बूढ़ी भी हो चुकी हूँ, इसलिए यह रही मेरी __[[:hi:key-terms:servant|सेविका]]__ __[[:hi:key-terms:hagar|हाजिरा]]__ । __इससे भी शादी कर लो__ ताकि यह __मेरे लिए एक संतान पैदा कर ____सके__ ।’’\n\n## महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश: ##\n\n* __[अब्राम](https://door43.org/en/obs/notes/key-terms/abraham)__\n\n* __[सारै](https://door43.org/en/obs/notes/key-terms/sarah)__\n\n* __[कनान](https://door43.org/en/obs/notes/key-terms/canaan)__\n\n* __[परमेश्वर ](https://door43.org/en/obs/notes/key-terms/god)__\n\n* __[सेवक](https://door43.org/en/obs/notes/key-terms/servant)__\n\n* __[हाजिरा](https://door43.org/en/obs/notes/key-terms/hagar)__\n\n## अनुवाद के लिए नोट्स: ##\n\n* __बाद भी कोई बेटा नहीं था__ - संतान के बिना, अब्राम के वंशज कैसे एक महान जाति बनते।\n\n* __इससे भी शादी कर लो__ - अब्राम का हाजिरा को पत्नी बनाना, लेकिन सारै की तरह हाजिरा को पत्नी का पूरा सम्मान नहीं मिलता। वह तब भी सारै की सेविका रहती।\n\n* __मेरे लिए एक संतान पैदा कर सके__ - चूँकि हाजिरा सारै की सेविका थी, इसलिए हाजिरा के बच्चों की माँ सारै ही कहलाती।
5:2 jojz इश्माएल का जन्म [05-02] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-05-02.jpg)\n\n__[[:hi:key-terms:abraham|अब्राम]]__ ने तब __[[:hi:key-terms:hagar|हाजिरा]]__ से __शादी__ __कर ली__ । हाजिरा को एक बेटा हुआ, और अब्राम ने उसका नाम __[[:hi:key-terms:ishmael|इश्माएल]]__ रखा। लेकिन __[[:hi:key-terms:sarah|सारै]]__ को __हाजिरा से जलन होने ____लगी__ । जब इश्माएल तेरह साल का था, तब __[[:hi:key-terms:god|परमेश्वर]]__ ने फिर अब्राम से बातचीत की।\n\n## महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश: ##\n\n* __[अब्राम](https://door43.org/en/obs/notes/key-terms/abraham)__\n\n* __[हाजिरा ](https://door43.org/en/obs/notes/key-terms/hagar)__\n\n* __[इश्माएल](https://door43.org/en/obs/notes/key-terms/ishmael)__\n\n* __[सारै](https://door43.org/en/obs/notes/key-terms/sarah)__\n\n* __[परमेश्वर](https://door43.org/en/obs/notes/key-terms/god)__\n\n## अनुवाद के लिए नोट्स: ##\n\n* __शादी कर ली__ - हाजिरा अब्राम की रखैल, ‘‘दूसरे दर्जे की पत्नी’’ बन गई। हाजिरा अब भी सारै की सेविका थी।\n\n* __हाजिरा से जलन होने लगी__ - सारै को हाजिरा से जलन होने लगी थी क्योंकि हाजिरा के बच्चे हुए थे जबकि सारै के नहीं।
5:3 plvs परमेश्वर द्वारा वाचा को नया बनाना [05-03] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-05-03.jpg)\n\nपरमेश्वर ने कहा, ‘‘मैं सर्वशक्तिमान __[[:hi:key-terms:god|परमेश्वर]]__ हूँ। मैं तेरे साथ __[[:hi:key-terms:covenant|वाचा]]__ बाँधूंगा।’’ इसके बाद __[[:hi:key-terms:abraham|अब्राम]]__ ने भूमि पर गिर कर प्रणाम किया। परमेश्वर ने अब्राम को बताया, ‘‘तू __कई जातियों का पिता__ होगा। मैं तुझे और तेरे __[[:hi:key-terms:descendant|वंशजों]]__ को __[[:hi:key-terms:canaan|कनान]]__ की भूमि मीरास में दूँगा और __मैं सदा के लिए उनका परमेश्वर__ __रहूँगा__ । तू __अपने परिवार के हर पुरुष सदस्य__ का __[[:hi:key-terms:circumcise|खतना]]__ करना।’’\n\n## महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश: ##\n\n* __[परमेश्वर ](https://door43.org/en/obs/notes/key-terms/god)__\n\n* __[वाचा ](https://door43.org/en/obs/notes/key-terms/covenant)__\n\n* __[अब्राम ](https://door43.org/en/obs/notes/key-terms/abraham)__\n\n* __[वंशज ](https://door43.org/en/obs/notes/key-terms/descendant)__\n\n* __[कनान ](https://door43.org/en/obs/notes/key-terms/canaan)__\n\n* __[खतना ](https://door43.org/en/obs/notes/key-terms/circumcise)__\n\n## अनुवाद के लिए नोट्स: ##\n\n* __कई जातियों का पिता__ - अब्राम के कई वंशज होंगे, और उनके पास अपनी भूमियाँ होंगी और वे स्वयं राज करेंगे। वे और अन्य लोग अब्राम को अपने पूर्वज के रुप में याद करेंगे और सम्मान देंगे।\n\n* __मैं सदा के लिए उनका परमेश्वर रहूँगा__ - इसे ऐसा भी कह सकते हैं कि ‘‘मैं उनका परमेश्वर रहूँगा जिसकी वे आराधना करेंगे।’’\n\n* __अपने परिवार के हर पुरुष सदस्य__ - इसे ऐसे भी कह सकते है। कि ‘‘तेरे परिवार का लड़का और पुरुष।’’ इसमें अब्राम के सेवक और उसके वंशज भी शामिल थे।
5:4 ngzn परमेश्वर द्वारा इसहाक के जन्म की प्रतिज्ञा [05-04] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-05-04.jpg)\n\nतेरी पत्नी, __[[:hi:key-terms:sarah|सारै]]__ को एक बेटा होगा, जो कि __[[:hi:key-terms:promise|प्रतिज्ञा]] का [[:hi:key-terms:son|बेटा]]__ होगा। उसका नाम __[[:hi:key-terms:isaac|इसहाक]]__ रखना। __मैं उसके साथ अपनी [[:hi:key-terms:covenant|वाचा]] बांधूंगा__, और वह एक महान जाति होगा। मैं __[[:hi:key-terms:ishmael|इश्माएल]]__ को भी एक महान जाति बनाऊँगा, लेकिन मेरी वाचा इसहाक के साथ होगी।’’ इसके बाद __[[:hi:key-terms:god|परमेश्वर]]__ ने __[[:hi:key-terms:abraham|अब्राम का]]__ नाम बदल कर __[[:hi:key-terms:abraham|अब्राहम]]__ कर दिया, जिसका अर्थ होता है __कई____ जातियों का मूल ____पिता__ ।’’ परमेश्वर ने सारै का भी नाम बदल कर __[[:hi:key-terms:sarah|सारा]]__ कर दिया, जिसका अर्थ होता है __राजकुमारी__ ।’’\n\n## महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश: ##\n\n* __[सारै](https://door43.org/en/obs/notes/key-terms/sarah)__\n\n* __[बेटा](https://door43.org/en/obs/notes/key-terms/son)__\n\n* __[प्रतिज्ञा ](https://door43.org/en/obs/notes/key-terms/promise)__\n\n* __[इसहाक](https://door43.org/en/obs/notes/key-terms/isaac)__\n\n* __[वाचा](https://door43.org/en/obs/notes/key-terms/covenant)__\n\n* __[इश्माएल](https://door43.org/en/obs/notes/key-terms/ishmael)__\n\n* __[परमेश्वर](https://door43.org/en/obs/notes/key-terms/god)__\n\n* __[अब्राम का ](https://door43.org/en/obs/notes/key-terms/abraham)__\n\n* __[अब्राहम ](https://door43.org/en/obs/notes/key-terms/abraham)__\n\n* __[सारा ](https://door43.org/en/obs/notes/key-terms/sarah)__\n\n## अनुवाद के लिए नोट्स: ##\n\n* (परमेश्वर अब्राम से बातचीत जारी रखता है।)\n\n* __प्रतिज्ञा का बेटा__ - इसहाक वह बेटा होगा जिसे देने की प्रतिज्ञा परमेश्वर ने अब्राहम व सारै के साथ की थी। साथ ही, यही वह बेटा होगा जिसके द्वारा परमेश्वर अब्राम को बहुत से वंशज देगा।\n\n* __मैं उसके साथ अपनी वाचा बाँँधूँगा__ - यह वही वाचा है जो परमेश्वर ने अब्राम के साथ बाँधी थी।\n\n* __कई जातियों का पिता__ - परमेश्वर की प्रतिज्ञा के अनुसार ही, अब्राहम बहुतों का पूर्वज बनेगा और वे कई जातियाँ बनेंगे।\n\n* __राजकुमारी__ - राजा की बेटी को राजकुमारी कहते हैं। सारै तथा सारा, दोनो ही का अर्थ ‘‘राजकुमारी’’ प्रतीत होता है। लेकिन परमेश्वर ने उसका नाम इस बात के प्रतीक स्वरुप बदला था कि वह कई जातियों की, जिनमें से कुछ राजा बनेंगे, माता होगी।
5:5 jg02 इसहाक का जन्म [05-05] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-05-05.jpg)\n\nउस दिन __[[:hi:key-terms:abraham|अब्राहम]]__ ने __अपने घराने के हर पुरुष__ सदस्य का __[[:hi:key-terms:circumcise|खतना]]__ किया। लगभग एक साल बाद, जब अब्राहम 100 साल का और __[[:hi:key-terms:sarah|सारा]]__ 90 साल की थी, साराह ने अब्राहम के __[[:hi:key-terms:son|बेटे ]]__ को जन्म दिया। जैसा कि __[[:hi:key-terms:god|परमेश्वर]]__ ने उन्हें कहा था, उन्होंने उसे __[[:hi:key-terms:isaac|इसहाक]]__ नाम दिया।\n\n## महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश: ##\n\n* __[अब्राहम ](https://door43.org/en/obs/notes/key-terms/abraham)__\n\n* __[खतना ](https://door43.org/en/obs/notes/key-terms/circumcise)__\n\n* __[सारा ](https://door43.org/en/obs/notes/key-terms/sarah)__\n\n* __[बेटा ](https://door43.org/en/obs/notes/key-terms/son)__\n\n* __[इसहाक ](https://door43.org/en/obs/notes/key-terms/isaac)__\n\n* __[परमेश्वर ](https://door43.org/en/obs/notes/key-terms/god)__\n\n## अनुवाद के लिए नोट्स: ##\n\n* __अपने घराने के हर पुरुष__ - इसका आशय हर उस पुरुष व लड़के जो अब्राहम पर निर्भर थे, इसमें बड़े और छोटे सभी सेवक भी शामिल थे।
5:6 khcn विश्वास की परख [05-06] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-05-06.jpg)\n\n__[[:hi:key-terms:isaac|इसहाक]]__ जब एक लड़़कपन में ही था, __[[:hi:key-terms:god|परमेश्वर]]____ने [[:hi:key-terms:abraham|अब्राहम के]] [[:hi:key-terms:faith|विश्वास]] की परख__ लेते हुए उससे कहा, ‘‘अपने __[[:hi:key-terms:son|बेटे]]__, इसहाक को ले, और उसे एक __[[:hi:key-terms:sacrifice|बलि]]__ के रुप में मेरे लिए __मार__ ।’’ एक बार फिर, अब्राहम ने परमेश्वर की [[:hi:key-terms:obey|आज्ञाका पालन]] किया और अपने बेटे को __बलि के लिए तैयार__ किया।\n\n## महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश: ##\n\n* __[इसहाक](https://door43.org/en/obs/notes/key-terms/isaac)__\n\n* __[परमेश्वर ](https://door43.org/en/obs/notes/key-terms/god)__\n\n* __[अब्राहम के ](https://door43.org/en/obs/notes/key-terms/abraham)__\n\n* __[विश्वास ](https://door43.org/en/obs/notes/key-terms/faith)__\n\n* __[बेटा ](https://door43.org/en/obs/notes/key-terms/son)__\n\n* __[बलि ](https://door43.org/en/obs/notes/key-terms/sacrifice)__\n\n* __[आज्ञा का पालन ](https://door43.org/en/obs/notes/key-terms/obey)__\n\n## अनुवाद के लिए नोट्स: ##\n\n* __परमेश्वर ने अब्राहम के विश्वास की परख__ - परमेश्वर चाहता था कि अब्राहम यह दिखाए कि वह परमेश्वर के प्रति पूरी तरह समर्पित था, कि परमेश्वर चाहे जो भी आज्ञा दे, वह उसका पालन ज़रुर करेगा।\n\n* __मार__ - परमेश्वर मनुष्य की बलि नहीं चाहता। परमेश्वर तो यह देखना चाहता था कि अब्राहम अपने बेटे से अधिक परमेश्वर को प्रेम करता था, और चाहे परमेश्वर उससे उसका बेटा वापिस भी क्यों न मांगे, अब्राहम आज्ञा को अवश्य मानेगा।\n\n* __बलि के लिए तैयार__ - अब्राहम अपने बेटे की बलि देने को तैयार हो गया। इससे पहले कि व अपने बेटे को मारता, परमेश्वर ने उसे रोक लिया।
5:7 kfyb परमेश्वर देगा [05-07] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-05-07.jpg)\n\nजैसे ही __[[:hi:key-terms:abraham|अब्राहम]]__ और __[[:hi:key-terms:isaac|इसहाक]]__ __[[:hi:key-terms:sacrifice|बलि]] की जगह पर गये__, इसहाक ने पूछा, ‘‘हे पिता, हमारे पास __बलि के लिए लकड़ी__ तो है, लेकिन __[[:hi:key-terms:lamb|मेम्ना]]__ कहाँ है? अब्राहम ने उत्तर दिया, ‘‘हे मेरे बेटे, बलि के लिए __[[:hi:key-terms:god|परमेश्वर]]__ ही मेम्ना देगा।’’\n\n## महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश: ##\n\n* __[अब्राहम ](https://door43.org/en/obs/notes/key-terms/abraham)__\n\n* __[इसहाक](https://door43.org/en/obs/notes/key-terms/isaac)__\n\n* __[बलि](https://door43.org/en/obs/notes/key-terms/sacrifice)__\n\n* __[मेम्ना](https://door43.org/en/obs/notes/key-terms/lamb)__\n\n* __[परमेश्वर](https://door43.org/en/obs/notes/key-terms/god)__\n\n## अनुवाद के लिए नोट्स: ##\n\n* __बलि की जगह पर गये__ - परमेश्वर ने अब्राहम को एक विशेष पहाड़ी पर जाकर बलि देने को कहा था, जो कि उसके घर से तीन दिन की दूरी पर थी।\n\n* __बलि के लिए लकडि़याँ__ - बलि के लिए सामान्यतया मेम्ना मारा जाता था और फिर उसे लकडि़यों के ऊपर पर रखा जाता था, ताकि लकड़ी और मेम्ना आग में जलाये जा सकें।\n\n* __मेम्ना__ - भेड़ या बकरी का बच्चा, जो कि बलि के लिए अकसर प्रयोग होते थे।\n\n* __देगा__ - संभव है कि अब्राहम को लगा था कि इसहाक ही परमेश्वर का दिया मेम्ना था, हालाकि बलि की जगह पर एक मेंढा देकर परमेश्वर ने अब्राहम की कही बात को पूरा भी किया था।
5:8 ucrj बलि [05-08] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-05-08.jpg)\n\nजब वे __[[:hi:key-terms:sacrifice|बलि]]__ की जगह पहुँचे, तो __[[:hi:key-terms:abraham|अब्राहम]]__ ने अपने __[[:hi:key-terms:son|बेटे]] [[:hi:key-terms:isaac|इसहाक]]__ को बांधा और __[[:hi:key-terms:altar|वेदी]]__ पर लेटा दिया। वह __अपने बेटे को मारने__ ही वाला था कि __[[:hi:key-terms:god|परमेश्वर]]__ ने उसे रोक लिया और कहा, __रुक जा! लड़के को चोट न पहुँचा__! मैं अब जानता हूँ कि __तू मेरा भय रखता है__, क्योंकि तूने __अपने एकलौते बेटे__ को भी मुझसे न रख छोड़ा।\n\n## महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश: ##\n\n* __[बलि](https://door43.org/en/obs/notes/key-terms/sacrifice)__\n\n* __[अब्राहम ](https://door43.org/en/obs/notes/key-terms/abraham)__\n\n* __[बेटा](https://door43.org/en/obs/notes/key-terms/son)__\n\n* __[इसहाक](https://door43.org/en/obs/notes/key-terms/isaac)__\n\n* __[वेदी](https://door43.org/en/obs/notes/key-terms/altar)__\n\n* __[परमेश्वर](https://door43.org/en/obs/notes/key-terms/god)__\n\n## अनुवाद के लिए नोट्स: ##\n\n* __अपने बेटे को मारने__ - परमेश्वर को मनुष्य की बलि नहीं चाहता। परमेश्वर तो यह देखना चाहता था कि अब्राहम अपने बेटे से अधिक परमेश्वर को प्रेम करता था, और चाहे परमेश्वर उससे उसका बेटा वापिस भी क्यों न मांगे, अब्राहम आज्ञा को अवश्य मानेगा।\n\n* __रुक जा! लड़के को चोट न पहुँचा!__ - परमेश्वर ने इसहाक की रक्षा की और अब्राहम को उसे मारने से रोक दिया।\n\n* __तू मेरा भय रखता है__ - अब्राहम परमेश्वर का भय रखता था, जिसमें परमेश्वर के प्रति आदर व सम्मान की भावना भी थी। उन बातों के कारण उसने परमेश्वर की आज्ञा का पालन किया।\n\n* __अपने एकलौते बेटे__ - इश्माएल भी अब्राहम का बेटा था, लेकिन इसहाक, अब्राहम और सारा का एकलौता बेटा था। परमेश्वर की वाचा इसहाक के साथ थी और परमेश्वर अपनी प्रतिज्ञा इसहाक के द्वारा ही पूरी करनेवाला था।
5:9 h2m1 मेंढा [05-09] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-05-09.jpg)\n\n__[[:hi:key-terms:abraham|अब्राहम]]__ ने पास ही झाड़ी में __एक मेंढा__ फँसा देखा। __[[:hi:key-terms:sacrifice|बलि]]__ के लिए __[[:hi:key-terms:isaac|इसहाक]]__ की जगह __[[:hi:key-terms:god|परमेश्वर]] ने एक मेंढा ____दिया__ । अब्राहम ने खुशी-खुशी वह मेंढा बलि स्वरुप दे दिया।\n\n## महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश: ##\n\n* __[अब्राहम](https://door43.org/en/obs/notes/key-terms/abraham)__\n\n* __[परमेश्वर ](https://door43.org/en/obs/notes/key-terms/god)__\n\n* __[बलि](https://door43.org/en/obs/notes/key-terms/sacrifice)__\n\n* __[इसहाक](https://door43.org/en/obs/notes/key-terms/isaac)__\n\n## अनुवाद के लिए नोट्स: ##\n\n* __एक मेंढा__ - नर बकरी को मेंढा कहते हैं। बकरियाँ उन जानवरों में से थीं जिन्हें वे परमेश्वर के समक्ष बलि स्वरुप दे सकते थे।\n\n* __परमेश्वर ने एक मेंढा दिया__ - बिल्कुल सही समय पर, परमेश्वर ने मेंढे को झाड़ी में फँसा दिया।
5:10 hm6h आशीष [05-10] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-05-10.jpg)\n\n__[[:hi:key-terms:god|परमेश्वर]]__ ने तब __[[:hi:key-terms:abraham|अब्राहम ]]__ से कहा, ‘‘क्योंकि तू मुझे अपना सब कुछ अर्पण करने को तैयार था, यहाँ तक कि अपना __एकलौता [[:hi:key-terms:son|बेटा]]__ भी देने को तैयार था, मैं तुझे आशीषित करने की __[[:hi:key-terms:promise|प्रतिज्ञा]]__ करता हूँ। __आकाश के तारो__ से अधिक तेरे __[[:hi:key-terms:descendant|वंशज]]__ होंगे। क्योंकि तूने मेरी __[[:hi:key-terms:obey|आज्ञा का पालन]]__ किया है, __संसार के सभी परिवार__ __तेरे परिवार के द्वारा आशीष ____पाएंगे__ ।\n\n## महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश: ##\n\n* __[परमेश्वर ](https://door43.org/en/obs/notes/key-terms/god)__\n\n* __[अब्राहम ](https://door43.org/en/obs/notes/key-terms/abraham)__\n\n* __[बेटा ](https://door43.org/en/obs/notes/key-terms/son)__\n\n* __[प्रतिज्ञा ](https://door43.org/en/obs/notes/key-terms/promise)__\n\n* __[आशीष ](https://door43.org/en/obs/notes/key-terms/bless)__\n\n* __[वंशज ](https://door43.org/en/obs/notes/key-terms/descendant)__\n\n* __[आज्ञा का पालन ](https://door43.org/en/obs/notes/key-terms/obey)__\n\n## अनुवाद के लिए नोट्स: ##\n\n* __एकलौता बेटा__ - स्पष्टीकरण के लिए देखें __[[:hi:obs:notes:frames:05-08|[05-08]]]__.\n\n* __आकाश में तारें__ - स्पष्टीकरण के लिए देखें __[[:hi:obs:notes:frames:04-05|[04-05]]]__.\n\n* __संसार के सभी परिवार__ - यहाँ ‘‘परिवार’’ का आशय माता-पिता और बच्चों की हर इकाई की जगह पृथ्वी पर लोगों के बड़े-बड़े समूहों से है।\n\n* __तेरे परिवार के द्वारा__ - यहाँ ‘‘परिवार’’ का आशय अब्राहम के होनेवाले बहुत से वंशजों से है। अब्राहम के परिवार द्वारा संसार की होनेवाली पीढ़ियाँ आशीष पाएँगी। सबसे बड़ी आशीष परमेश्वर के चुने हुए सेवक, मसीह के द्वारा कई पीढ़ियों बाद आनी थी।\n\n* ___बाइबल की कहानी में से__ _ - कुछ बाइबल अनुवादों में यह संदर्भ थोड़ा अलग हो सकता है |
6:1 lbro इसहाक के लिए पत्नी [06-01] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-06-01.jpg)\n\n__[[:hi:key-terms:abraham|अब्राहम]]__ जब बहुत बूढ़ा हो गया, उसका __[[:hi:key-terms:son|बेटा]]__ __[[:hi:key-terms:isaac|इसहाक]]__, एक युवक हो गया। इसलिए अब्राहम ने __अपने [[:hi:key-terms:servant|सेवकों]] में से एक को अपने रिश्तेदारों की भूमि में वापिस भेजा__ कि वह __इसहाक के लिए एक पत्नी ले ____आये__ ।\n\n## महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश: ##\n\n* __[अब्राहम](https://door43.org/en/obs/notes/key-terms/abraham)__\n\n* __[बेटा](https://door43.org/en/obs/notes/key-terms/son)__\n\n* __[इसहाक](https://door43.org/en/obs/notes/key-terms/isaac)__\n\n* __[सेवक](https://door43.org/en/obs/notes/key-terms/servant)__\n\n## अनुवाद के लिए नोट्स: ##\n\n* __अपने सेवकों में से एक को अपने रिश्तेदारों.....वापिस भेजा__ - इसका अनुवाद इस प्रकार भी किया जा सकता है: ‘’अपने सेवकों में से एक को रिश्तेदारों के पास वापिस जाने को कहा।‘’ ‘’वापिस जाने’’ से पता चलता है कि सेवक को उस जगह पर भेजा गया था जहाँ अब्राहम कनान में आने से पहले रहा करता था। सुनिश्चत करें कि अनुवाद में यह बात अच्छी तरह से स्पष्ट हो जाये।\n\n* __भूमि में__ - जिस भूमि में अब्राहम वर्तमान में रहता था, यह भूमि उसके पूर्व की ओर थी।\n\n* __इसहाक के लिए एक पत्नी ले आये__ - इसका अनुवाद इस प्रकार भी कर सकते हैं कि “कि वह इसहाक की पत्नी होने के लिए एक कुँवारी कन्या को ले आये।“
6:2 a8p0 रिबका को खोजना [06-02] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-06-02.jpg)\n\n__[[:hi:key-terms:abraham|अब्राहम]]__ __[[:hi:key-terms:abraham|के]]__ रिश्तेदारों की भूमि की ओर कई दिनों तक यात्रा करने के बाद, __[[:hi:key-terms:god|परमेश्वर]]__ ने __[[:hi:key-terms:servant|सेवक]]__ को __[[:hi:key-terms:rebekah|रिबका]]__ की ओर भेजा। वह __अब्राहम के भाई की पोती__ थी।\n\n## महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश: ##\n\n* __[अब्राहम के ](https://door43.org/en/obs/notes/key-terms/abraham)__\n\n* __[परमेश्वर](https://door43.org/en/obs/notes/key-terms/god)__\n\n* __[सेवक](https://door43.org/en/obs/notes/key-terms/servant)__\n\n* __[रिबका](https://door43.org/en/obs/notes/key-terms/rebekah)__\n\n## अनुवाद के लिए नोट्स: ##\n\n__अब्राहम के भाई की पोती__ - वह अब्राहम के भाई के बेटे की बेटी थी। अब्राहम उसके दादा का भाई था।
6:3 cttc इसहाक का रिबका से विवाह [06-03] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-06-03.jpg)\n\n__[[:hi:key-terms:rebekah|रिबका]]__ अपने परिवार को विदा कर __[[:hi:key-terms:servant|सेवक]]__ के साथ __[[:hi:key-terms:isaac|इसहाक]]__ __[[:hi:key-terms:isaac|के]]__ घर जाने को __तैयार__ __हो गई__ । उसके पहुँचते ही इसहाक ने उससे विवाह कर लिया।\n\n## महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश: ##\n\n* __[रिबका ](https://door43.org/en/obs/notes/key-terms/rebekah)__\n\n* __[सेवक](https://door43.org/en/obs/notes/key-terms/servant)__\n\n* __[इसहाक के](https://door43.org/en/obs/notes/key-terms/isaac)__\n\n## अनुवाद के लिए नोट्स: ##\n\n* __रिबका....तैयार हो गई__ - हालाकि रिबका के माता-पिता उसके विवाह का प्रबन्ध कर रहे थे, लेकिन उन्होंने उसे इसहाक से विवाह के लिए मजबूर नहीं किया था।
6:4 s2i0 रिबका निःसंतान थी [06-04] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-06-04.jpg)\n\nबहुत समय बाद, __[[:hi:key-terms:abraham|अब्राहम]]__ की मृत्यु हो गई और जो भी __[[:hi:key-terms:promise|वाचाएँ]]__ __[[:hi:key-terms:god|परमेश्वर]]__ ने उसके साथ बाँधी थीं, __वे सब__ __[[:hi:key-terms:isaac|इसहाक]]____के हिस्से आ ____गईं__ । परमेश्वर ने अब्राहम को __असंख्य__ __[[:hi:key-terms:descendant|वंशजों]]__ देने की __[[:hi:key-terms:covenant|प्रतिज्ञा]]__ की थी, लेकिन इसहाक की पत्नी __[[:hi:key-terms:rebekh|रिबका]]__ को कोई संतान न हो सकी थी।\n\n## महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश: ##\n\n* __[अब्राहम](https://door43.org/en/obs/notes/key-terms/abraham)__\n\n* __[वाचाएँ](https://door43.org/en/obs/notes/key-terms/promise)__\n\n* __[परमेश्वर ](https://door43.org/en/obs/notes/key-terms/god)__\n\n* __[वाचा](https://door43.org/en/obs/notes/key-terms/covenant)__\n\n* __[इसहाक](https://door43.org/en/obs/notes/key-terms/isaac)__\n\n* __[वंशज](https://door43.org/en/obs/notes/key-terms/descendant)__\n\n* __[रिबका](https://door43.org/en/obs/notes/key-terms/rebekah)__\n\n## अनुवाद के लिए नोट्स: ##\n\n* __वे सब (वाचाएँ) इसहाक के हिस्से आ गई__ - परमेश्वर ने जो वाचाएँ अब्राहम के साथ बाँँधी थीं, वे सिर्फ अब्राहम के लिए ही नहीं बल्कि उसके सारे वंशजों के लिए भी थी।\n\n* __असंख्य__ - इस शब्द की जगह “बहुत से” का भी प्रयोग किया जा सकता है।
6:5 is7z रिबका गर्भवती हुई [06-05] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-06-05.jpg)\n\n__[[:hi:key-terms:isaac|इसहाक]]__ ने __[[:hi:key-terms:rebekah|रिबका]]__ के लिए प्रार्थना की, और __[[:hi:key-terms:god|परमेश्वर]]__ ने उसे जुड़वा बच्चों से गर्भवती किया। __रिबका के गर्भ के भीतर__ ही दोनो बच्चें एक दूसरे से संघर्ष कर रहे थे, इस पर रिबका ने परमेश्वर से पूछा कि यह सब क्या था।\n\n## महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश: ##\n\n* __[इसहाक ](https://door43.org/en/obs/notes/key-terms/isaac)__\n\n* __[रिबका](https://door43.org/en/obs/notes/key-terms/rebekah)__\n\n* __[परमेश्वर](https://door43.org/en/obs/notes/key-terms/god)__\n\n## अनुवाद के लिए नोट्स: ##\n\n* __रिबका के गर्भ के भीतर__ - अर्थात् रिबका के भीतर।
6:6 xwuv दो जातियाँ [06-06] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-06-06.jpg)\n\n__[[:hi:key-terms:god|परमेश्वर]]__ ने __[[:hi:key-terms:rebekah|रिबका]]__ से कहा, “तेरे भीतर पल रहे __दो [[:hi:key-terms:son|बेटों]] से__ दो जातियाँ निकलेंगी। __वे एक दूसरे से संघर्ष करेंगे__ और __बड़ा बेटा, छोटेवाले की सेवा ____करेगा__ ।“\n\n## महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश: ##\n\n* __[परमेश्वर](https://door43.org/en/obs/notes/key-terms/god)__\n\n* __[रिबका](https://door43.org/en/obs/notes/key-terms/rebekah)__\n\n* __[बेटा](https://door43.org/en/obs/notes/key-terms/son)__\n\n## अनुवाद के लिए नोट्स: ##\n\n* __दो बेटों से__ - अर्थात् दो बेटों से होनवाले वंशजों से।\n\n* __वे एक दूसरे से संघर्ष करेंगे__ - दोनो बेटे, और उनसे होनेवाले वंशज आपस में लगातार लड़ते रहेंगे। __[[:hi:obs:notes:frames:06-05|रिबका गर्भवती हुई [06-05]]]__.\n\n* __बड़ा बेटा__ - हालाकि वे जुड़वे थे, लेकिन पहले पैदा होनवाले बेटे को बड़ा बेटा कहा जाएगा।\n\n* __छोटेवाले की सेवा करेगा__ - इसका अनुवाद ऐसे भी कर सकते हैं: “बड़ा बेटा, छोटे बेटे की बातों के अनुसार चलेगा।“
6:7 tz4f जुड़वाँओं का पैदा होना [06-07] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-06-07.jpg)\n\n__[[:hi:key-terms:rebekah|रिबका ]][[:hi:key-terms:rebekah|के]]जब बच्चे पैदा हुए__, तब __बड़ा__ __[[:hi:key-terms:son|बेटा]]लाल__ रंग का और __रोयेंदार__ पैदा हुआ, और उन्होंने उसका नाम __[[:hi:key-terms:esau|एसाव]]__ रखा। इसके बाद, बड़े बेटे की एड़ी पकड़े __छोटा बेटा__ पैदा हुआ, और उन्होंने उसे __[[:hi:key-terms:jacob|याकूब]]__ नाम दिया।\n\n## महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश: ##\n\n* __[रिबका के](https://door43.org/en/obs/notes/key-terms/rebekah)__\n\n* __[बेटा](https://door43.org/en/obs/notes/key-terms/son)__\n\n* __[एसाव](https://door43.org/en/obs/notes/key-terms/esau)__\n\n* __[याकूब](https://door43.org/en/obs/notes/key-terms/jacob)__\n\n## अनुवाद के लिए नोट्स: ##\n\n* __रिबका के जब बच्चे पैदा हुए__ - कुछ भाषाओं में इस बात को अप्रत्यक्ष रुप से अधिक कहा जाता है, जैसे कि “रिबका ने जब उन्हें देखा और लिया,” या कि “रिबका जब उन्हें इस दुनिया में ले कर आई।“\n\n* __बड़ा बेटा, छोटा बेटा__ - इसका अनुवाद ऐसे भी किया जा सकता है: “पहले पैदा होनेवाला बेटा,” और “दूसरे क्रम में पैदा होनवाला बेटा।“ \\ सुनिश्चित करें कि “पहले” और “बाद में” शब्दों के प्रयोग के बावजूद यह बात पूरी तरह साफ हो कि वे जुड़वा बेटे थे।\n\n* __लाल__ - इसका आशय त्वचा के रंग से भी हो सकता है और शरीर के रोयों के रंग से भी।\n\n* __रोयेंदार__ - एसाव के शरीर पर बहुत बाल थे। "आप कह सकते है कि, बड़े बेटे का शरीर लाल था बहुत सारे बालों के साथ |"\n\n* ___बाइबल की कहानी__- बाइबल के कुछ संस्करणों में इनका अनुवाद अलग तरह से किया हो सकता हैं_ |
7:1 a784 लड़कों का बड़ा होना [07-01] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-07-01.jpg)\n\nबड़ा होने पर, __[[:hi:key-terms:jacob|याकूब ]]को घर पर रहना अच्छा लगता था__, लेकिन __[[:hi:key-terms:esau|एसाव]] को शिकार पर जाना भाता था__ । __[[:hi:key-terms:rebekah|रिबका]] का स्नेह याकूब पर था__, __लेकिन [[:hi:key-terms:isaac|इसहाक]] को एसाव से प्रेम था।__\n\n## महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश: ##\n\n* __[याकूब](https://door43.org/en/obs/notes/key-terms/jacob)__\n\n* __[एसाव](https://door43.org/en/obs/notes/key-terms/esau)__\n\n* __[रिबका](https://door43.org/en/obs/notes/key-terms/rebekah)__\n\n* __[इसहाक](https://door43.org/en/obs/notes/key-terms/isaac)__\n\n## अनुवाद के लिए नोट्स: ##\n\n* __घर पर रहना अच्छा लगता था;शिकार पर जाना भाता था__ - हालाकि अंग्रेजी में रिबका की याकूब के प्रति भावना तथा यहाँ पर याकूब तथा एसाव की पसंदगी के लिए “लव” शब्द का प्रयोग हुआ है, लेकिन अन्य भाषाओं में इन भावनाओं के लिए अलग-अलग शब्द हो सकते हैं। जैसे कि हिन्दी में “अच्छा लगता था,” या कि “भाता था” जैसे शब्दों का प्रयोग हुआ है।\n\n* __घर पर__ - अर्थात् घर और उसके आस-पास के दायरे के भीतर। याकूब को निवास के तंबू के आस-पास ही रहना अच्छा लगता था। कुछ भाषाओं में “घर पर” के लिए कोई विशेष अभिव्यक्ति हो सकती है।\n\n* __रिबका का स्नेह याकूब पर था, लेकिन इसहाक को एसाव से प्रेम था__- इसे कुछ इस तरह से भी कहा जा सकता है कि “रिबका का लाडला याकूब था, जबकि एसाव इसहाक का लाडला था।“ इसका आशय यह नहीं कि रिबका और इसहाक को केवल वही बेटा पसंद था। ये शब्द बताते हैं कि उनका स्नेह किस पर अधिक था।
7:2 o0ob एसाव ने अपना अधिकार बेचा [07-02] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-07-02.jpg)\n\nएक दिन, __[[:hi:key-terms:esau|एसाव]]__ शिकार करके लौटा, और बहुत भूखा था। एसाव ने __[[:hi:key-terms:jacob|याकूब]]__ से कहा, “तूने जो भोजन पकाया है, __उसमें से कुछ मुझे खाने को ____दे__ ।“इस पर याकूब ने कहा, “पहले, तू मुझे अपने बड़े बेटे का अधिकार दे।“एसाव ने तब याकूब को अपना अधिकार दे दिया। इस पर याकूब ने उसे भोजन दिया।\n\n## महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश: ##\n\n* __[एसाव](https://door43.org/en/obs/notes/key-terms/esau)__\n\n* __[याकूब](https://door43.org/en/obs/notes/key-terms/jacob)__\n\n## अनुवाद के लिए नोट्स: ##\n\n* __उसमें से कुछ मुझे खाने को दे;अपने बड़े बेटे का अधिकार दे__ - कुछ भाषाओं में यहाँ “दे” शब्द के लिए अलग-अलग शब्दों को प्रयोग हो सकता है। \\ यही बात एसाव के “देने” तथा याकूब के “देने” पर भी लागू होती है।\n\n* __बड़े बेटे का अधिकार__ - उनकी प्रथा के अनुसार, पिता की मृत्यु पर बड़े बेटे को अन्य की तुलना में लगभग दोगुनी संपत्ति मिलती है। याकूब ने एसाव से बड़े बेटे के अधिकारों को हथियाने की योजना बनाई।
7:3 wc8d रिबका और याकूब का इसहाक को धोखा देना [07-03] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-07-03.jpg)\n\n__[[:hi:key-terms:isaac|इसहाक]]____अपनी__ __[[:hi:key-terms:bless|आशीष]]__ __[[:hi:key-terms:esau|एसाव]]__ को देना चाहता था। लेकिन इससे पहले कि वह ऐसा करता, याकूब द्वारा एसाव होने का __स्वांग कर__ __[[:hi:key-terms:rebekah|रिबका]]__ व __[[:hi:key-terms:jacob|याकूब]]__ ने इसहाक से __छल ____किया__ । इसहाक बहुत बूढ़ा हो चुका था और अब देख नहीं पाता था। इसलिए याकूब ने एसाव के कपड़े पहने और __बकरी की खाल__ पहन ली।\n\n## महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश: ##\n\n* __[इसहाक](https://door43.org/en/obs/notes/key-terms/isaac)__\n\n* __[आशीष ](https://door43.org/en/obs/notes/key-terms/bless)__\n\n* __[एसाव ](https://door43.org/en/obs/notes/key-terms/esau)__\n\n* __[रिबका ](https://door43.org/en/obs/notes/key-terms/rebekah)__\n\n* __[याकूब](https://door43.org/en/obs/notes/key-terms/jacob)__\n\n## अनुवाद के लिए नोट्स: ##\n\n* __अपनी आशीष__ - प्रथा के अनुसार पिता औपचारिक रुप से अपने बच्चों पर अपनी आशीषें बोलता था। आम तौर पर सबसे बड़े बेटे को सबसे बेहतर आशीष मिलती थी। इसहाक की इच्छा थी कि यह विशेष आशीष एसाव को मिले।\n\n* __छल किया__ - ‘‘छल’’ करने का आशय जानबूझ कर धोखा देने से है। रिबका ने याकूब को छल से बड़े बेटे की आशीष दिलवाने की योजना बनाई।\n\n* __स्वागं किया__ - स्वांग शब्द दर्शाता है कि कैसे याकूब अपने पिता (जो कि बुढ़ापे के कारण देख नहीं सकता था) को धोखा देगा।\n\n* __बकरी की खाल__ - बकरी की खाल में उगे बालों से एसाव की बालोंवाली त्वचा के होने का अहसास होगा।
7:4 m4ti इसहाक ने याकूब को आशीष दी [07-04] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-07-04.jpg)\n\n__[[:hi:key-terms:isaac|इसहाक]]____के____ पास आकर __ __[[:hi:key-terms:jacob|याकूब]]____बोला__, “मैं __[[:hi:key-terms:esau|एसाव]]__ हूँ। मैं तुझसे __[[:hi:key-terms:bless|आशीषें]]__ लेने आया हूँ। “जब इसहाक ने बकरी के बालों को महसूस किया और उसके कपड़ों को सूंघा, तो __उसे लगा कि वह एसाव था__, और उसे आशीष दी।\n\n## महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश: ##\n\n* __[याकूब ](https://door43.org/en/obs/notes/key-terms/jacob)__\n\n* __[इसहाक](https://door43.org/en/obs/notes/key-terms/isaac)__\n\n* __[एसाव](https://door43.org/en/obs/notes/key-terms/esau)__\n\n* __[आशीष](https://door43.org/en/obs/notes/key-terms/bless)__\n\n## अनुवाद के लिए नोट्स: ##\n\n* __इसहाक के पास आकर याकूब बोला__ - कुछ भाषाओं में “आकर” की जगह “जाकर” भी कह सकते हैं।\n\n* __उसे लगा कि वह एसाव था__ - उसने सोचा कि वह जिसे छू और सूंघ रहा था, वह एसाव था।
7:5 nhs0 एसाव की याकूब से नफरत [07-05] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-07-05.jpg)\n\n__[[:hi:key-terms:esau|एसाव]]__ को __[[:hi:key-terms:jacob|याकूब]]__ से नफरत थी क्योंकि याकूब ने उसके __बड़े बेटे के अधिकार__ चुरा लिए थे और साथ ही, __उसकी__ __[[:hi:key-terms:bless|आशीषें]]__ भी। इसलिए, पिता की मृत्यु के बाद उसने याकूब की हत्या करने की योजना बनाई।\n\n## महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश: ##\n\n* __[एसाव](https://door43.org/en/obs/notes/key-terms/esau)__\n\n* __[याकूब ](https://door43.org/en/obs/notes/key-terms/jacob)__\n\n* __[आशीष](https://door43.org/en/obs/notes/key-terms/bless)__\n\n## अनुवाद के लिए नोट्स: ##\n\n* __बड़े बेटे का अधिकार__ - याकूब ने अपने पिता की संपत्ति का बड़ा हिस्सा लेने की तिकड़म लगा ली थी, जो कि हिसाब से एसाव को मिलनी थी। __[[:hi:obs:notes:frames:07-02|[07-02]]]__.\n\n* __उसकी आशीष__ - याकूब ने छल से वे अतिरिक्त आशीषें ले ली थीं जिन्हें इसहाक एसाव को देना चाहता था। __[[:hi:obs:notes:frames:07-03|[07-03]]]__.
7:6 mdv8 इसहाक का याकूब को दूर भेजना [07-06] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-07-06.jpg)\n\nलेकिन __[[:hi:key-terms:rebekah|रिबका]]__ ने __[[:hi:key-terms:esau|एसाव की]]____योजना__ सुन ली। इसलिए __[[:hi:key-terms:isaac|इसहाक]]____और उसने__ __[[:hi:key-terms:jacob|याकूब]]____को__ __अपने (रिबका के ) दूर दराज़ के रिश्तेदार__ के पास रहने भेज दिया।\n\n## महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश: ##\n\n* __[रिबका ](https://door43.org/en/obs/notes/key-terms/rebekah)__\n\n* __[एसाव की ](https://door43.org/en/obs/notes/key-terms/esau)__\n\n* __[इसहाक](https://door43.org/en/obs/notes/key-terms/isaac)__\n\n* __[याकूब](https://door43.org/en/obs/notes/key-terms/jacob)__\n\n## अनुवाद के लिए नोट्स: ##\n\n* __एसाव की योजना__ - एसाव की योजना थी कि वह अपने पिता की मुत्यु के बाद याकूब की हत्या कर देगा।\n\n* __इसहाक और उसने याकूब को__ - रिबका याकूब को बचाना चाहती थी। इसलिए उसने याकूब को दूर भेजने के बारे में इसहाक से बात की।\n\n* __अपने (रिबका के ) दूर दराज़ के रिश्तेदार__ - This was the same place where Rebekah was living when Abraham's servant got her to be Isaac's wife. इसे और साफ करने के लिए, आप यह भी कह सकते हैं, कि “वह पहले जहाँ रहा करती थी, वहाँ पर रहनेवाले एक रिश्तेदार के पास।“ \\ यह जगह पूर्व में कई मील दूर स्थित थी।\n\n* __अपने (रिबका के) रिश्तेदारों__ - अनुवाद करते समय इसे “उनके रिश्तेदार” भी लिखा जा सकता था। चूँकि अब्राहम का भाई रिबका के दादा थे, इसलिए रिबका के रिश्तेदार इसहाक के रिश्तेदार भी थे।
7:7 gtpe याकूब की समृद्धि [07-07] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-07-07.jpg)\n\n__[[:hi:key-terms:jacob|याकूब]]__ कई सालों तक __[[:hi:key-terms:rebekah|रिबका के]]__ रिश्तेदारों के यहाँ रहा। उस दौरान उसने विवाह किया और उसके बारह बेटे और एक बेटी हुई। __[[:hi:key-terms:god|परमेश्वर]]__ ने उसे बहुत __धनवान__ बनाया।\n\n## महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश: ##\n\n* __[याकूब](https://door43.org/en/obs/notes/key-terms/jacob)__\n\n* __[रिबका के](https://door43.org/en/obs/notes/key-terms/rebekah)__\n\n* __[परमेश्वर](https://door43.org/en/obs/notes/key-terms/god)__\n\n## अनुवाद के लिए नोट्स: ##\n\n* __धनवान__ - इसमें धन-दौलत, पशुओं के के विशाल झुंड और अन्य संपत्तियाँ थीं।
7:8 ra2l याकूब का घर लौटना [07-08] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-07-08.jpg)\n\n__[[:hi:key-terms:canaan|कनान]]__ में स्थित अपने घर से __बीस सालों तक__ दूर रहने के बाद, __[[:hi:key-terms:jacob|याकूब]]__ अपनी पत्नी, अपने __[[:hi:key-terms:servant|सेवकों]]__, और पशुओं के झुंडों के साथ वहाँ पर लौटा।\n\n## महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश: ##\n\n* __[कनान](https://door43.org/en/obs/notes/key-terms/canaan)__\n\n* __[याकूब ](https://door43.org/en/obs/notes/key-terms/jacob)__\n\n* __[सेवकों](https://door43.org/en/obs/notes/key-terms/servant)__\n\n## अनुवाद के लिए नोट्स: ##\n\n* __बीस सालों तक__ - अपनी माता की मातृभूमि में याकूब बीस सालों तक रहा था। यदि यह अब भी स्पष्ट न हो, तो ऐसा कहें कि “बीस सालों तक अपने रिश्तेदारों की भूमि पर रहने के बाद।“
7:9 rjbb याकूब का एसाव से मिलना [07-09] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-07-09.jpg)\n\n__[[:hi:key-terms:jacob|याकूब]]__ बहुत डरा हुआ था, क्योंकि उसे लगता था कि __[[:hi:key-terms:esau|एसाव]]__ उसे अब भी मार डालना चाहता है। इसलिए, उसने एसाव के पास जानवरों के कई झुंड भेट स्वरुप भेजे। जानवर लेकर जानेवाले __[[:hi:key-terms:servant|सेवकों]]__ ने एसाव से कहा, “__आपके____ सेवक, याकूब__ ने आपके लिए यह जानवर भेजे हैं। वह जल्द ही आनेवाले हैं।“\n\n## महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश: ##\n\n* __[याकूब ](https://door43.org/en/obs/notes/key-terms/jacob)__\n\n* __[एसाव ](https://door43.org/en/obs/notes/key-terms/esau)__\n\n* __[सेवकों ](https://door43.org/en/obs/notes/key-terms/servant)__\n\n## अनुवाद के लिए नोट्स: ##\n\n* __आपके सेवक, याकूब__ - असल में याकूब एसाव का सेवक नहीं था। लेकिन याकूब ने अपने सेवकों से ऐसा कहने को कहा था, क्योंकि वह एसाव को यह जताना चाहता था कि वह दीनता व सम्मानपूर्वक एसाव के पास आ रहा है, ताकि उस पर एसाव का क्रोध खत्म हो जाये।
7:10 nkvj भाइयों को फिर से एक होना [07-10] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-07-10.jpg)\n\nलेकिन __[[:hi:key-terms:esau|एसाव]]__ पहले ही __[[:hi:key-terms:jacob|याकूब]]__ को __[[:hi:key-terms:forgive|माफ]]कर चुका था__, और एक दूसरे से दोबारा मिल कर दोनो बहुत खुश थे। __[[:hi:key-terms:canaan|कनान]]__ में तब याकूब __[[:hi:key-terms:peace|शांतिपूर्वक ]]____रहा__ । इसके बाद __[[:hi:key-terms:isaac|इसहाक]]__ की मुत्यु हो गई, और याकूब तथा एसाव ने उसे __मिट्टी दी__ । जो __[[:hi:key-terms:covenant|वाचाएँ]]__ __[[:hi:key-terms:god|परमेश्वर]]__ ने __[[:hi:key-terms:abraham|अब्राहम]]__ के साथ __[[:hi:key-terms:promise|वादा]]__ किया था, वे अब __इसहाक से याकूब को__ मिल गई थी।\n\n## महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश: ##\n\n* __[एसाव](https://door43.org/en/obs/notes/key-terms/esau)__\n\n* __[माफ कर चुका था ](https://door43.org/en/obs/notes/key-terms/forgive)__\n\n* __[याकूब ](https://door43.org/en/obs/notes/key-terms/jacob)__\n\n* __[शांतिपूर्वक](https://door43.org/en/obs/notes/key-terms/peace)__\n\n* __[कनान ](https://door43.org/en/obs/notes/key-terms/canaan)__\n\n* __[इसहाक](https://door43.org/en/obs/notes/key-terms/isaac)__\n\n* __[वाचाएँ](https://door43.org/en/obs/notes/key-terms/covenant)__\n\n* __[वादा](https://door43.org/en/obs/notes/key-terms/promise)__\n\n* __[परमेश्वर ](https://door43.org/en/obs/notes/key-terms/god)__\n\n* __[अब्राहम ](https://door43.org/en/obs/notes/key-terms/abraham)__\n\n## अनुवाद के लिए नोट्स: ##\n\n* __शांतिपूर्वक रहा__ - यह इस बात का सूचक है कि एसाव और याकूब अब एक दूसरे क्रोधित नहीं थे, और एक दूसरे से नहीं लड़ते थे।\n\n* __मिट्टी दी__ - इसका आशय यह हो सकता है कि उन्होंने एक गड्ढा खोद कर उसमें इसहाक के मृत शरीर को डाला, और फिर उसे मिट्टी व पत्थरों से भर दिया। \\ या फिर इसका आशय यह भी हो सकता है कि उन्होंने इसहाक के मृत शरीर को गुफा में रख कर, गुफा के प्रवेश द्वार को पत्थर से बंद कर दिया।\n\n* __वाचाएँ__ - ये वे प्रतिज्ञाएं हैं जो अब्राहम के साथ बांधी अपनी वाचाओं में परमेश्वर ने दी थीं।\n\n* __इसहाक से याकूब को__ - ये प्रतिज्ञाएँ अब्राहम से उसके बेटे इसहाक, और फिर इसहाक से याकूब को मिली थीं। एसाव को वाचाएँ नहीं मिली। यह भी देखे__[[:hi:obs:notes:frames:06-04|[06-04]]]__.\n\n* __बाइबल की कहानी__- बाइबल के कुछ संस्करणों में इनका अनुवाद अलग तरह से किया हो सकता हैं
8:1 kmf0 सबसे प्रिय बेटा, यूसुफ [08-01] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-08-02.jpg)\n\nबहुत सालों बाद, जब __[[:hi:key-terms:jacob|याकूब]]__ बूढ़ा हो चुका था, उसने अपने __प्रिय बेटे__ __[[:hi:key-terms:joseph|यूसुफ]]__ को __जानवरों के झुंडों__ की रखवाली करते अपने __भाइयों__ का __देखने__ __भेजा__ ।\n\n## महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश: ##\n\n* __[याकूब](https://door43.org/en/obs/notes/key-terms/jacob)__\n\n* __[यूसुफ](https://door43.org/en/obs/notes/key-terms/joseph)__\n\n## अनुवाद के लिए नोट्स: ##\n\n* __भेजा__ - इसका आशय इस बात से है कि याकूब ने यूसुफ को भेजा था।\n\n* __सबसे प्रिय बेटा__ - इसका अनुवाद ऐसे भी कर सकते हैं: ‘वह बेटा, जिसे याकूब अन्य बेटों की तुलना में सबसे अधिक स्नेह करता था।“\n\n* __देखने भेजा __- इसका आशय है कि याकूब ने युसूफ को इसलिए भेजा कि वह देखे कि उसके सब भाई ठीक-ठाक तो हैं। \\ कुछ भाषाओं में ऐसा भी कह सकते हैं, “यह देखने भेजा कि उसके भाई कुशल से तो हैं।“\n\n* __भाई__ - यहाँ पर यूसुफ के भाइयों की बात हो रही है।\n\n* __जानवरों के झुडों__ - क्योंकि भाइयों तक पहुँचने मे कई दिनों का रास्ता तय करना था, इसलिए यहाँ ऐसा कहना ज़रुरी हो सकता है कि “जो बहुत दूर, जानवरों की देखरेख कर रहे थे।“
8:2 ix3e युसुफ को दास के रुप में बेचना [08-02] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-08-01.jpg)\n\n__[[:hi:key-terms:joseph|यूसुफ के]]__ भाइयों को उससे नफरत थी, क्योंकि याकूब उसे औरो की तुलना में सबसे अधिक प्रेम करता था, और इसलिए भी क्योंकि उसने __[[:hi:key-terms:dream|सपना देखा था]]__ कि एक दिन वह सब भाइयों पर राज करेगा। युसुफ जब __अपने भाइयों के पास पहुँचा__, तब उन्होंने उसे __पकड़ लिया__, और __दासों के व्यापारियों__ को __[[:hi:key-terms:servant|दास]]__ के रुप में बेच दिया।\n\n## महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश: ##\n\n* __[यूसुफ के ](https://door43.org/en/obs/notes/key-terms/joseph)__\n\n* __[सपना देखा था ](https://door43.org/en/obs/notes/key-terms/dream)__\n\n* __[दास](https://door43.org/en/obs/notes/key-terms/servant)__\n\n## अनुवाद के लिए नोट्स: ##\n\n__ अपने भाइयों के पास पहुँचा__ - इसे ऐसे भी कहा जा सकता है, “जब वह उस जगह पहुँचा जहाँ उसके भाई थे।“\n\n* __पकड़ लिया__ - उसकी इच्छा के विरुद्ध उसे पकड़ लिया।\n\n* __दासों के व्यापारियों__ - ये दासों के खरीद-फरोख्त द्वारा पैसा कमानेवाले लोग थे।
8:3 bvy9 भाइयों का झूठ [08-03] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-08-03.jpg)\n\nघर पहुँचने से पहले __[[:hi:key-terms:joseph|यूसुफ के]]__ भाइयों ने उसके अंगरखे को लेकर उसे फाड़ा और उसे __बकरी के लहू__ में भिगो दिया। उन्होंने तब वह अंगरखा अपने पिता को दिखाया, ताकि उसे लगे कि यूसुफ को किसी जंगली जानवर ने मार डाला है। __[[:hi:key-terms:jacob|याकूब]]__ बहुत दुखी हुआ।\n\n## महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश: ##\n\n* __[यूसुफ के ](https://door43.org/en/obs/notes/key-terms/joseph)__\n\n* __[याकूब ](https://door43.org/en/obs/notes/key-terms/jacob)__\n\n## अनुवाद के लिए नोट्स: ##\n\n* __बकरी का लहू__ - यूसुफ के भाई अपने पिता को यह दिखाना चाहते थे कि कपड़ें पर लगा लहू असल में यूसुफ का था।
8:4 fvyp मिस्र में यूसुफ [08-04] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-08-04.jpg)\n\n__[[:hi:key-terms:servant|दासों]]__ के व्यापारी __[[:hi:key-terms:joseph|यूसुफ]]__ को __[[:hi:key-terms:egypt|मिस्र]]__ ले गये। __[[:hi:key-terms:nile-river|नील नदी]]__ के किनारे स्थित, मिस्र एक विशाल, शाक्तिशाली देश था। दासों के व्यापारियों ने यूसुफ को एक दास के रुप में, एक धनी __सरकारी अधिकारी__ को बेच दिया। यूसुफ ने अपने स्वामी की बहुत अच्छी सेवा की, और __[[:hi:key-terms:god|परमेश्वर]]__ ने यूसुफ को __[[:hi:key-terms:bless|आशीषित]]__ किया।\n\n## महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश: ##\n\n* __[दास](https://door43.org/en/obs/notes/key-terms/servant)__\n\n* __[यूसुफ](https://door43.org/en/obs/notes/key-terms/joseph)__\n\n* __[मिस्र](https://door43.org/en/obs/notes/key-terms/egypt)__\n\n* __[नील नदी](https://door43.org/en/obs/notes/key-terms/nile-river)__\n\n* __[परमेश्वर ](https://door43.org/en/obs/notes/key-terms/god)__\n\n* __[आशीषित](https://door43.org/en/obs/notes/key-terms/bless)__\n\n## अनुवाद के लिए नोट्स: ##\n\n* __सरकारी अधिकारी__ - यह मिस्र सरकार में एक अधिकारी था। इसे “मिस्र की सरकार के एक अगुवे” के रुप में भी अनूदित किया जा सकता है।
8:5 x514 यूसुफ का जेल में होना [08-05] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-08-05.jpg)\n\n__[[:hi:obs:notes:key-terms:joseph|यूसुफ]]__ के स्वामी की पत्नी __उसके साथ सोना चाहती थी__, लेकिन यूसुफ ने __[[:hi:obs:notes:key-terms:god|परमेश्वर]] के विरोध में इस [[:hi:obs:notes:key-terms:sin|पाप]]__ को करने से मना कर दिया। उसे यूसुफ पर बहुत क्रोध आया और उसे जेल भिजवाने के लिए उसने यूसुफ पर झूठा दोष लगा दिया। जेल में भी यूसुफ __परमेश्वर के प्रति __ __[[:hi:obs:notes:key-terms:faithful|विश्वासयोग्य ]]रहा__, और परमेश्वर ने उसे __[[:hi:obs:notes:key-terms:bless|आशीषित]]__ किया।\n\n## महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश: ##\n\n* __[यूसुफ](https://door43.org/en/obs/notes/key-terms/joseph)__\n\n* __[पाप](https://door43.org/en/obs/notes/key-terms/sin)__\n\n* __[परमेश्वर ](https://door43.org/en/obs/notes/key-terms/god)__\n\n* __[विश्वासयोग्य ](https://door43.org/en/obs/notes/key-terms/faithful)__\n\n* __[आशीषित](https://door43.org/en/obs/notes/key-terms/bless)__\n\n## अनुवाद के लिए नोट्स: ##\n\n* __यूसुफ के साथ सोना चाहती थी__ इसे ऐसे भी कह सकते हैं की "उसने यूसुफ को बहकाने की कोशिश की।” "सोना चाहती थी"असल में बात को कहने का शालीन तरीका है।\n\n* __परमेश्वर के विरुद्ध पाप__ - अपने पति/पत्नी के आलावा किसी और से यौन संबंध बनाना परमेश्वर के नियम के विरुद्ध होता है। यूसुफ परमेश्वर की आज्ञा तोड़ने के द्वारा पाप नहीं करना चाहता था |\n\n* __परमेश्वर के प्रति विश्वासयोग्य बना रहा__ - इसे यूँ भी कह सकते हैं कि "वह परमेश्वर का आज्ञाकारी बना रहा।"
8:6 rszj फिरौन का सपना [08-06] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-08-06.jpg)\n\nदो साल बाद भी, __[[:hi:obs:notes:key-terms:joseph-ot|यूसुफ]]__ __[[:hi:obs:notes:key-terms:innocent|निर्दोष]]__ होने के बावजूद जेल में ही था। एक रात __[[:hi:obs:notes:key-terms:pharaoh|फिरौन]]__ को, जैसा की __[[:hi:obs:notes:key-terms:egypt|मिस्र]]__ के लोग अपने __[[:hi:obs:notes:key-terms:king|राजाओं]]__ को पुकारते थे, दो __[[:hi:obs:notes:key-terms:dream|सपने]]__ आये जिसने उसे __बहुत बेचैन कर__ दिया। __उसका कोई भी सलाहकार__ उन __सपनो का अर्थ__ न बता सका।\n\n## महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश: ##\n\n* __[यूसुफ](https://door43.org/en/obs/notes/key-terms/joseph)__\n\n* __[निर्दोष](https://door43.org/en/obs/notes/key-terms/innocent)__\n\n* __[फिरौन](https://door43.org/en/obs/notes/key-terms/pharaoh)__\n\n* __[मिस्र के लोग ](https://door43.org/en/obs/notes/key-terms/egypt)__\n\n* __[राजाओ](https://door43.org/en/obs/notes/key-terms/king)__\n\n* __[सपनो](https://door43.org/en/obs/notes/key-terms/dream)__\n\n## अनुवाद के लिए नोट्स: ##\n\n* __बहुत बेचैन कर दिया__ - इसका आशय है कि उन सपनो ने राजा को बहुत भय और भ्रम में डाल दिया ।\n\n* उसके सलाहकार - ये विशेष सामर्थ्य व ज्ञानी लोग थे जो कई बार सपनो का अर्थ भी बताते थे। कुछ अनुवादों में उन्हें मजूसी या ज्ञानीजन भी कहा गया है ।\n\n* __meaning of the dreams__ - People in Egypt believed that dreams were messages from the gods telling them about what would happen in the future. God used Pharaoh's dreams to tell him what would happen.
8:7 qbsz यूसुफ ने स्वप्न की व्याख्या की [08-07] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-08-07.jpg)\n\n__[[:hi:obs:notes:key-terms:god|परमेश्वर]]__ ने __[[:hi:obs:notes:key-terms:joseph-ot|युसुफ]]__ को __[[:hi:obs:notes:key-terms:dream|सपनो ]]का____ अर्थ__ बताने की योग्यता दी थी,इसलिए __यूसुफ को जेल से निकाल कर [[:hi:obs:notes:key-terms:pharaoh|फिरौन]] के सामने पेश किया गया।__ यूसुफ ने उसके लिए सपनो का अर्थ बताया और कहा कि,"__परमेश्वर सात सालों की धन्धान्यता भेजेगा__,जिसके बाद सात सालों का __अकाल__ पड़ेगा।"\n\n## महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश: ##\n\n* __[परमेश्वर ](https://door43.org/en/obs/notes/key-terms/god)__\n\n* __[यूसुफ](https://door43.org/en/obs/notes/key-terms/joseph)__\n\n* __[सपनो ](https://door43.org/en/obs/notes/key-terms/dream)__\n\n* __[फिरौन ](https://door43.org/en/obs/notes/key-terms/pharaoh)__\n\n## अनुवाद के लिए नोट्स: ##\n\n* __सपनो का अर्थ__ - सपनो का अर्थ बताने का मतलब उसमे होनेवाली घटनाओं का आशय समझाना है।\n\n* __यूसुफ को जेल से निकल कर फिरौन के सामने पेश किया गया__ - इसे ऐसे भी कह सकते हैं कि,"यूसुफ को जेल से निकाल कर फिरौन के सामने पेश होने का आदेश दिया।"\n\n* __परमेश्वर…….भेजनेवाला __ है - परमेश्वर सात सालों तक फसल की भरपूरी देगा,इसके बाद सात सालों तक बहुत फसल की बहुत कम पैदावार देगा कि लोगो और जानवरों के लिए खाने को बहुत कम अन्न रहेगा।\n\n* __अकाल__ - खेत-खलिहानों में इतनी कम पैदावार होगी कि लोगो और जानवरों के लिए खाने को बहुत कम अन्न होगा।
8:8 d37t यूसुफ ने मिस्र पर राज्य किया [08-08] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-08-08.jpg)\n\n__[[:hi:obs:notes:key-terms:joseph-ot|यूसुफ]]__ से __[[:hi:obs:notes:key-terms:pharaoh|फिरौन]]__ इतना अधिक __प्रभावित हुआ__ कि उसने उसे __[[:hi:obs:notes:key-terms:egypt|मिस्र]]__ का __दूसरा____ सबसे शक्तिशाली व्यक्ति__ बना दिया!\n\n## महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश: ##\n\n* __[फिरौन ](https://door43.org/en/obs/notes/key-terms/pharaoh)__\n\n* __[यूसुफ](https://door43.org/en/obs/notes/key-terms/joseph)__\n\n* __[मिस्र](https://door43.org/en/obs/notes/key-terms/egypt)__\n\n## अनुवाद के लिए नोट्स: ##\n\n* __प्रभावित हुआ__ - यूसुफ की बुद्धि पर फिरौन चकित था और उसके मन में उसके लिए सम्मान की भावना थी;उसे पूरा भरोसा था कि यूसुफ लोगो के हित में सही निर्णय लेगा । ऐसा कहने से बात अधिक स्पष्ट होगी की "वह यूसुफ की बुद्धि से बहुत प्रभावित था ।"\n\n* __दूसरा सबसे शक्तिशाली व्यक्ति__ - फिरौन ने यूसुफ को पूरे मिस्र में सबसे अधिक शक्तिशाली और महत्वपूर्ण व्यक्ति बना दिया । फिरौन के बाद यूसुफ ही सबसे शक्तिशाली व्यक्ति था।
8:9 hfwb यूसुफ का अनाज का भंडारण करना [08-09] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-08-09.jpg)\n\n__[[:hi:obs:notes:key-terms:joseph-ot|यूसुफ]]__ ने लोगो से कहा कि सात सालों की धन्धान्यता के दौरान वे __अनाज____ की एक बड़ी मात्रा का भंडारण कर लें__ । जब सात साल का __अकाल__ पड़ा,तब यूसुफ ने लोगो को अनाज बेच दिया ताकि उनके पास खाने को पर्याप्त अनाज हो ।\n\n## महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश: ##\n\n* __[यूसुफ ](https://door43.org/en/obs/notes/key-terms/joseph)__\n\n## अनुवाद के लिए नोट्स: ##\n\n* __अनाज की एक बड़ी मात्रा का भंडारण कर लें__ - उन्होंने फसल की बहुतायत में से लेकर उसे नगर ले जाकर उसका भंडारण कर दिया । अनाज तब फिरौन का हो गया।\n\n* __famine__ - See how you translated this in __[[:hi:obs:notes:frames:08-07|[08-07]]]__.
8:10 h5v4 अकाल [08-10] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-08-10.jpg)\n\n__अकाल का प्रकोप__ केवल __[[:hi:obs:notes:key-terms:egypt|मिस्र]] में ही नहीं बल्कि [[:hi:obs:notes:key-terms:canaan|कनान]] पर भी__ पड़ा था,जहां __[[:hi:obs:notes:key-terms:jacob|याकूब]]__ और उसका परिवार रहता था ।\n\n## महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश: ##\n\n* __[मिस्र](https://door43.org/en/obe/other/egypt)__\n\n* __[कनान](https://door43.org/en/obe/other/canaan)__\n\n* __[याकूब](https://door43.org/en/obe/other/jacob)__\n\n## अनुवाद के लिए नोट्स: ##\n\n* __मिस्र में ही नहीं बल्कि कनान पर भी__ कुछ भाषाओँ में ऐसा कहने से अधिक स्पष्ट आएगी, "मिस्र देश में ही नहीं बल्कि कनान की भूमि पर भी ।"\n\n* __अकाल का प्रकोप__ - बहुत बुरा अकाल पड़ा था । भोजन की बहुत ही कम मात्रा रह गयी थी, और मिस्र के बाहर लोग भूख से तड़प रहे थे ।
8:11 f43d भाइयों ने भोजन खरीदा [08-11] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-08-11.jpg)\n\n__[[:hi:obs:notes:key-terms:jacob|याकूब]]__ ने __उम्र में__ __बड़े बेटों को__ भोजन खरीदने __[[:hi:obs:notes:key-terms:egypt|मिस्र]]__ भेजा । भोजन खरीदने के लिए जब __[[:hi:obs:notes:key-terms:joseph-ot|यूसुफ]]__ के भाई उसके सामने खड़े हुए तो __वे उसे पहचान न सके । __ लेकिन यूसुफ उन्हें पहचान गया ।\n\n## महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश : ##\n\n* __[याकूब](https://door43.org/en/obe/other/jacob)__\n\n* __[मिस्र](https://door43.org/en/obe/other/egypt)__\n\n* __[यूसुफ](https://door43.org/en/obe/other/josephot)__\n\n## अनुवाद के लिए नोट्स: ##\n\n* __उम्र में बड़े बेटों को__ - ये यूसुफ के वही बड़े भाई लोग थे जिन्होंने उसे दास बनने के लिए बेच दिया था ।\n\n* __वे उसे पहचान न सके__ - उन्हें नहीं पता था कि वह व्यक्ति यूसुफ था, क्योंकि यूसुफ को देखे उन्हें बहुत समय बीत चूका था और फिर वो मिस्र के अधिकारी की पोशाक में भी था ।
8:12 u8bl यूसुफ का अपने भाइयों से मिलना [08-12] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-08-12.jpg)\n\n__भाइयों को परखने__ के बाद कि वे __बदले हैं या नहीं__, __[[:hi:obs:notes:key-terms:joseph-ot|यूसुफ]]__ ने उनसे कहा कि, "मैं तुम्हारा भाई यूसुफ हूँ ।" __डरो मत |__ मुझे एक __[[:hi:obs:notes:key-terms:servant|दास]]__ के रूप में बेच कर तुम लोगो ने __[[:hi:obs:notes:key-terms:evil|बुरा]]__ करने की कोशिश की, लेकिन __[[:hi:obs:notes:key-terms:god|परमेश्वर]]__ ने उस __बुराई का इस्तेमाल [[:hi:obs:notes:key-terms:good|भलाई]] के लिए__ किया ! आओ और आ कर __[[:hi:obs:notes:key-terms:egypt|मिस्र]]__ में रहो, ताकि मैं तुम्हे और तुम्हारे परिवारों का भरण-पोषण कर सकूं ।"\n\n## महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश : ##\n\n* __[यूसुफ](https://door43.org/en/obe/other/josephot)__\n\n* __[बुरा ](https://door43.org/en/obe/kt/evil)__\n\n* __[दास ](https://door43.org/en/obe/other/servant)__\n\n* __[परमेश्वर ](https://door43.org/en/obe/kt/god)__\n\n* __[भलाई ](https://door43.org/en/obe/kt/good)__\n\n* __[मिस्र ](https://door43.org/en/obe/other/egypt)__\n\n## अनुवाद के लिए नोट्स: ##\n\n* __भाइयों को परखने__ - अपने भाईयों को जानबूझ कर कठिनाई में डाल कर यूसुफ देखना चाहता था कि उसके भाई सबसे छोटेवाले भाई को बचायेंगे या कि उसके साथ भी बुरा सलूक करेंगे,जैसा कि उन्होंने स्वयं यूसुफ के साथ किया था । जब उन्होंने छोटे भाई को बचाया तो यूसुफ जान गया कि वे बदल चुके हैं ।\n\n* __बदले हैं या नहीं__ - इसे ऐसे भी कहा जा सकता है, कि " उनका स्वाभाव पहले से अलग था या नहीं ।" बहुत साल पहले यूसुफ को उसके भाइयों ने दास के रूपे में बेच दिया । यूसुफ जानना चाहता था कि क्या वे अब वो करेंगे जो सही है या नहीं।\n\n* __डरो मत__ - इसे यूँ भी कह सकते हैं, "मेरी सज़ा से डरने की ज़रुरत नहीं है ।" यूसुफ के भाइयों को उससे डर लग रहा था, क्योंकि उन्होंने उसके साथ बुरा किया था और अब इतना बड़ा शासक होने के बाद उसके पास उन्हें सज़ा देने की ताकत थी । यूसुफ उन्हें भोजन देने से मना कर सकता था, या फिर उन्हें सज़ा दिलवा सकता था और मरवा भी सकता था ।\n\n* __बुराई का इस्तेमाल भलाई के लिए__ - यूसुफ के भाइयों ने उसे बेच कर उसके साथ बुरा किया था जिसके चलते वह मिस्र पहुँच गया था । लेकिन परमेश्वर ने ऐसा होने दिया ताकि अकाल के दौरान वह लोगों को और अपने परिवार को भुखमरी से बचा सके । यह एक भला काम था ।
8:13 x531 यूसुफ जिंदा था [08-13] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-08-13.jpg)\n\nघर लौटने पर जब __[[:hi:obs:notes:key-terms:joseph ot|यूसुफ के]]__ भाइयों ने __[[:hi:obs:notes:key-terms:jacob|याकूब]]__ को बताया की यूसुफ जिंदा है, वह बहुत खुश हुआ ।\n\n## महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश : ##\n\n* __[यूसुफ के](https://door43.org/en/obe/other/josephot)__\n\n* __[याकूब](https://door43.org/en/obe/other/jacob)__\n\n## अनुवाद के लिए नोट्स: ##\n\n(इस अनुछेद में अनुवाद से जुड़े कोई नोट्स नहीं हैं )
8:14 bksy याकूब मिस्र गया [08-14] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-08-14.jpg)\n\n__हालाकि [[:hi:obs:notes:key-terms:jacob|याकूब]] बहुत बूढा हो चूका था,लेकिन तब भी वह अपने परिवार समेत [[:hi:obs:notes:key-terms:egypt|मिस्र]] को चला गया__,और वे सब वहाँ पर रहने लगे। __अपनी मृत्यु से पहले, याकूब ने__ अपने हर बेटे को __[[:hi:obs:notes:key-terms:bless|आशीष दी]]__ ।\n\n## महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश : ##\n\n* __[याकूब](https://door43.org/en/obe/other/jacob)__\n\n* __[मिस्र ](https://door43.org/en/obe/other/egypt)__\n\n* __[आशीष दिया](https://door43.org/en/obe/kt/bless)__\n\n## अनुवाद के लिए नोट्स: ##\n\n* __हालाकि याकूब बहुत बूढा हो चूका था, लेकिन तब भी वह अपने परिवार समेत मिस्र को चला गया__ - मिस्र कनान से बहुत दूर था, और एक बुज़ुर्ग के लिए इतनी लम्बी दूरी की पैदल या जानवर द्वारा खींची जानेवाली गाडी में जाना बहुत ही कठिन रहा होगा।\n\n* __अपनी मृत्यु से पहले, याकूब ने__ - याकूब की मृत्यु मिस्र में हुई थी। वह कनान की उस भूमि पर वापिस न लौट सका था जो परमेश्वर ने उसे व उसके वंशजो को देने की वाचा बाँधी थी।
8:15 msef बारह बेटे [08-15] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-08-15.jpg)\n\n__[[:hi:obs:notes:key-terms:god|परमेश्वर]]__ ने जिन __[[:hi:obs:notes:key-terms:covenant|वाचाओं ]]__ की__ [[:hi:obs:notes:key-terms:promise|प्रतिज्ञाएँ]]__ __[[:hi:obs:notes:key-terms:abraham|अब्राहम]]__ के साथ बाँधी थीं वे __[[:hi:obs:notes:key-terms:isaac|इसहाक ]]को____,उससे [[:hi:obs:notes:key-terms:jacob|याकूब]] को,और फिर याकूब के बारह बेटों व उनके परिवारों को ____मिली__ । बारह बेटों के __[[:hi:obs:notes:key-terms:descendant|वंशज]]__ __[[:hi:obs:notes:key-terms:israel|इस्राएल]]__ के बारह घराने हुए।\n\n## महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश: ##\n\n* __[वाचाओं](https://door43.org/en/obe/kt/covenant)__\n\n* __[प्रतिज्ञाएँ](https://door43.org/en/obe/kt/promise)__\n\n* __[परमेश्वर ](https://door43.org/en/obe/kt/god)__\n\n* __[अब्राहम ](https://door43.org/en/obe/other/abraham)__\n\n* __[इसहाक ](https://door43.org/en/obe/other/isaac)__\n\n* __[याकूब ](https://door43.org/en/obe/other/jacob)__\n\n* __[वंशज ](https://door43.org/en/obe/other/descendant)__\n\n* __[इस्राएल](https://door43.org/en/obe/other/israel)__\n\n## अनुवाद के लिए नोट्स: ##\n\n* __वाचाओ की प्रतिज्ञाएँ__ - बहुत समय पहले परमेश्वर ने अब्राहम के साथ एक अनुबध किया था और उसे बहुत से वंशज देने की प्रतिज्ञा की थी; वे कनान की भूमि के स्वामी बनेंगे और एक महान जाति होंगे। परमेश्वर ने यह वाचा भी बाँधी थी कि अब्राहम के परिवार द्वारा सभी लोग आशीष पायेंगे। यह भी देखे __[[:hi:obs:notes:frames:07-10|[07-10]]]__\n\n* __वे इसहाक को,उससे याकूब को, और याकूब के बारह बेटों व उनके परिवारों को मिली__ - इसे "मिल गयी," या "लागू हुई" भी कह सकते हैं। अब्राहम के साथ परमेश्वर की वाचा अब्राहम के बच्चों,उनके भी बच्चों और सभी वंशजों के लिए भी थीं। यह भी देखे __[[06-04](https://door43.org/en/obs/notes/frames/06-04)]__.\n\n* __इस्राएल____के____ बारह गोत्र__ - परमेश्वर ने अब्राहम, इसहाक और याकूब से वाचा बाँधी थी कि वह उन्हें एक महान जाति बनाएगा। परमेश्वर ने बाद में याकूब का नाम बदल कर इस्राएल रख दिया था। याकूब के बारह बेटे बारह महान गोत्र हुए। इन्ही बारह गोत्रों से मिल कर प्राचीन इस्राएल का निर्माण हुआ,जो याकूब के नए नाम पर आधारित था।\n\n* __बाइबिल की कहानी__ - बाइबिल के कुछ संस्करणों में इनका अनुवाद अलग तरह से किया हो सकता है।
9:1 jfob इस्राएली लोग [09-01] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-09-01.jpg)\n\n__[[:hi:obs:notes:key-terms:joseph-ot|यूसुफ]]__ की मृत्यु के बाद उसके सभी सम्बन्धी __[[:hi:obs:notes:key-terms:egypt|मिस्र]]__ में ही रह गए। वे और उनके __[[:hi:obs:notes:key-terms:descendant|वंशज]]__ बहुत सालों तक वही पर रहे और बहुत सी संताने पैदा की। वे __[[:hi:obs:notes:key-terms:israel|इस्रायली]]____कहलाएँ__ ।\n\n## महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश: ##\n\n* __[यूसुफ ](https://door43.org/en/obe/other/josephot)__\n\n* __[मिस्र ](https://door43.org/en/obe/other/egypt)__\n\n* __[वंशज ](https://door43.org/en/obe/other/descendant)__\n\n* __[इस्राएली](https://door43.org/en/obe/other/israel)__\n\n## अनुवाद के लिए नोट्स: ##\n\n__इस्रायली__ __कहलाएँ __- याकूब के वंशजों को "इस्राएल" कहा गया,जो कि याकूब को परमेश्वर का दिया नया नाम था। इस समूह के लोग ही "इस्राएली" कहलाएँ।
9:2 vdfz एक नया फिरौन [09-02] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-09-02.jpg)\n\nसैकड़ों साल बाद, __[[:hi:obs:notes:key-terms:israel|इस्रायली]]__ संख्या में बहुत अधिक हो गए थे।__ [[:hi:obs:notes:key-terms:egypt|मिस्र]] __ के लोग __[[:hi:obs:notes:key-terms:joseph-ot|यूसुफ]]__ को,और जो कुछ भी उसने उनकी मदद के लिए किया था,वे सब भुला चुके थे। इस्रायालियो की विशाल संख्या के कारण मिस्रवासी उनसे भय करने लगे थे। इसलिए उस समय जिस __[[:hi:obs:notes:key-terms:pharaoh|फिरौन]]__ का शासन था,उसने __इस्रायालियों को____ मिस्रवासियों का [[:hi:obs:notes:key-terms:servant|दास]] बना दिया।__\n\n## महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश : ##\n\n* __[इस्रालियों ](https://door43.org/en/obe/other/israel)__\n\n* __[मिस्रवासियों ](https://door43.org/en/obe/other/egypt)__\n\n* __[यूसुफ ](https://door43.org/en/obe/other/josephot)__\n\n* __[फिरौन ](https://door43.org/en/obe/other/pharaoh)__\n\n* __[दास ](https://door43.org/en/obe/other/servant)__\n\n## अनुवाद के लिए नोट्स: ##\n\n* __फिरौन__ मिस्र की भाषा में "राजा" के लिए प्रयुक्त होनेवाला शब्द। संभव है की यह फिरौन उसी फिरौन का वंशज हो जिसकी यूसुफ ने मदद की थी।\n\n* __इस्रायलियों को मिस्रवासियों का दास बना दिया__ - इसका आशय है कि इस्रायालियों से उनकी इच्छा के विरुद्ध काम करवाया और उनके साथ बहुत सख्ती बरती।
9:3 vg0g कड़ी मेहनत [09-03] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-09-03.jpg)\n\n__[[:hi:obs:notes:key-terms:egypt|मिस्रवासियों]]__ ने __[[:hi:obs:notes:key-terms:israel|इस्रायालियों]]__ से जबरन कई सारे भवनों और नगरों तक का निर्माण करवाया। इस कड़ी मेहनत के कारण उनका जीवन बहुत __दूभर__ हो गया था,लेकिन __[[:hi:obs:notes:key-terms:god|परमेश्वर]] ने उन्हें [[:hi:obs:notes:key-terms:bless|आशीषित]] किया__, उन्हें और भी अधिक संख्या में संताने हुई।\n\n## महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश: ##\n\n* __[मिस्रवासियों ](https://door43.org/en/obe/other/egypt)__\n\n* __[इस्राएलियों](https://door43.org/en/obe/other/israel)__\n\n* __[परमेश्वर ](https://door43.org/en/obe/kt/god)__\n\n* __[आशीषित ](https://door43.org/en/obe/kt/bless)__\n\n## अनुवाद के लिए नोट्स: ##\n\n* __दूभर__ इसका आशय है कि जबरन कड़ी मेहनत करने,तथा कठोर बर्ताव झेलने के कारण वे बहुत बुरी तरह कष्ट झेल रहे थे। साथ ही वे बहुत निराश भी थे।\n\n* __परमेश्वर ने उन्हें आशीषित किया__ - परमेश्वर ने उनकी देखरेख की, ऐसे कठोर बर्ताव को झेलने में मदद की और उन्हें और भी अधिक संख्या में संतानें देकर उनकी संख्या को और अधिक बढाया।
9:4 lp7w बेटों को मार दो [09-04] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-09-04.jpg)\n\n__[[:hi:obs:notes:key-terms:pharaoh|फिरौन]]__ ने __देखा__ की __[[:hi:obs:notes:key-terms:israel|इस्रायालियों]]__ की बहुत अधिक संख्या में संतानें हो रही थीं, इसलिए उसने लोगों को इस्रायालियों के छोटी उम्र के बेटों को __[[:hi:obs:notes:key-terms:nile-river|नील नदी]]__ में फ़ेंक कर मार डालने की आज्ञा दी।\n\n## महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश: ##\n\n* __[फिरौन](https://door43.org/en/obe/other/pharaoh)__\n\n* __[इस्राएलियों](https://door43.org/en/obe/other/israel)__\n\n* __[नील नदी ](https://door43.org/en/obe/other/nileriver)__\n\n## अनुवाद के लिए नोट्स: ##\n\n* __देखा__ - इसके लिए "अहसास हुआ" या "पता चला" का भी प्रयोग कर सकते हैं।
9:5 ryz0 मूसा का जन्म [09-05] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-09-05.jpg)\n\nएक __[[:hi:obs:notes:key-terms:israel|इस्राएली]]__ स्त्री ने एक बेटे को जन्म दिया। वह और उसका पति,बच्चे को __जब तक__ छिपा सकते थें,तब तक उसे छिपाया |\n\n## महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश: ##\n\n* __[इस्राएली](https://door43.org/en/obe/other/israel)__\n\n## अनुवाद के लिए नोट्स: ##\n\n* __जब तक__ - उन्होंने अपने बच्चे को तब तक मिस्रवासियों से छिपाए रखा,जब तक कि वे उसे उनकी नज़रों से छिपा सकते थे।
9:6 lhm2 टोकरी में मूसा [09-06] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-09-06.jpg)\n\nजब बच्चे के माता-पिता उसे और अधिक न छिपा सके, तब उन्होंने उसकी जान बचाने के लिए एक टोकरी में डाल का,__[[:hi:obs:notes:key-terms:nile-river|नील नदी]]____के किनारे उगे सरकंडो के बीच बहा दिया।__ उसकी बड़ी बहन उस पर नज़रे लगाए रही।\n\n## महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश: ##\n\n* __[नील नदी](https://door43.org/en/obe/other/nileriver)__\n\n## अनुवाद के लिए नोट्स: ##\n\n* (इस अनुछेद में अनुवाद से जुड़े कोई नोट्स नहीं हैं )
9:7 a0rd फिरौन की बेटी [09-07] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-09-07.jpg)\n\n__[[:hi:obs:notes:key-terms:pharaoh|फिरौन]]__ की एक बेटी को वह टोकरी दिखी तो उसने उसके भीतर झाँक कर देखा। जब उसने बच्चे को देखा,तो उसने उसे __अपना [[:hi:obs:notes:key-terms:son|बेटा]] बना ____लिया__ । उसे __दूध पिलाने के लिए__ उसने एक __[[:hi:obs:notes:key-terms:israel|इस्राएली]]__ स्त्री को रख लिया और उसे पता ही न चला कि वह स्त्री स्वयं उस बच्चे की माँ ही थी। जब बच्चा इतना बड़ा हो गया कि उसे दूध पीने की और ज़रुरत न रही, तब उसने वह बच्चा फिरौन की बेटी को लौटा दिया जिसने उसका नाम __[[:hi:obs:notes:key-terms:moses|मूसा]]__ रखा।\n\n## महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश: ##\n\n* __[फिरौन ](https://door43.org/en/obe/other/pharaoh)__\n\n* __[बेटा](https://door43.org/en/obe/kt/son)__\n\n* __[इस्राएली](https://door43.org/en/obe/other/israel)__\n\n* __[मूसा](https://door43.org/en/obe/other/moses)__\n\n## अनुवाद के लिए नोट्स: ##\n\n* __अपना बेटा बना लिया__ - वह एक राजकुमारी थी। उसका बेटा होने पर वह बच्चा भी मिस्र का राजकुमार हो गया था।\n\n* __दूध पिलाने__ - इसे "बच्चे को पोसने के लिए" भी कह सकते हैं।
9:8 aiy4 एक मिस्रवासी द्वारा एक दास की पिटाई करना [09-08] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-09-08.jpg)\n\nएक दिन,__[[:hi:obs:notes:key-terms:moses|मूसा]]__ जब __बड़ा हो चुका__ था,उसने एक __[[:hi:obs:notes:key-terms:egypt|मिस्रवासी]]__ को एक __[[:hi:obs:notes:key-terms:israel|इस्राएली]]____ [[:hi:obs:notes:key-terms:servant|दास]]__ की पिटाई करते देखा। मूसा ने अपने __संगी इस्राएली__ को __[[:hi:obs:notes:key-terms:save|बचाने]]__ की कोशिश की।\n\n## महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश : ##\n\n* __[मूसा](https://door43.org/en/obe/other/moses)__\n\n* __[मिस्रवासी](https://door43.org/en/obe/other/egypt)__\n\n* __[इस्राएलवासी](https://door43.org/en/obe/other/israel)__\n\n* __[दास](https://door43.org/en/obe/other/servant)__\n\n* __[बचाने](https://door43.org/en/obe/kt/save)__\n\n## अनुवाद के लिए नोट्स: ##\n\n* __बड़ा हो चुका__ -इसे ऐसे भी कह सकते हैं कि "वह वयस्क हो चूका था।"\n\n* __संगी इस्राएली__ - यह वाक्य एक इस्राएली दास के सन्दर्भ में है। "संगी" शब्द इस बात का संकेत करता है कि मूसा भी एक इस्राएली था। हालाकि मूसा को फिरौन की बेटी ने पाला-पोसा था,लेकिन मूसा को याद था कि वह भी एक इस्राएली था।
9:9 ztj4 मूसा द्वारा एक मिस्रवासी की हत्या [09-09] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-09-09.jpg)\n\nजब __[[:hi:obs:notes:key-terms:moses|मूसा]]__ को लगा कि कोई उसे नहीं देख रहा है,उसने उस __[[:hi:obs:notes:key-terms:egypt|मिस्रवासी]]__ को मार कर उसके शरीर को दफना दिया। लेकिन किसी ने मूसा को ऐसा करते देख लिया।\n\n## महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश: ##\n\n* __[मूसा](https://door43.org/en/obe/other/moses)__\n\n* __[मिस्रवासी](https://door43.org/en/obe/other/egypt)__\n\n## अनुवाद के लिए नोट्स: ##\n\n* (इस अनुछेद में अनुवाद से जुड़े कोई नोट्स नहीं हैं )
9:10 b3y6 मूसा का मिस्र से भागना [09-10] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-09-10.jpg)\n\n__[[:hi:obs:notes:key-terms:pharaoh|फिरौन]]__ को जब __[[:hi:obs:notes:key-terms:moses|मूसा]]__ की करनी का पता चला,तो उसने मूसा को मरवाना चाहा। फिरौन के सिपाहियों से बचने के लिए मूसा __[[:hi:obs:notes:key-terms:egypt|मिस्र]]__ छोड़ कर __बीहड़__ में भाग गया।\n\n## महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश: ##\n\n* __[फिरौन](https://door43.org/en/obe/other/pharaoh)__\n\n* __[मूसा](https://door43.org/en/obe/other/moses)__\n\n* __[मिस्र](https://door43.org/en/obe/other/egypt)__\n\n## अनुवाद के लिए नोट्स: ##\n\n* __बीहड़__ - भूमि का रेतीला और पथरीला विशाल टुकड़ा। भूमि का वह टुकड़ा खेती के लिए उपयोगी नहीं था, और बहुत कम लोग वहाँ रहते थे।
9:11 g76n मूसा का बीहड़ में होना [09-11] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-09-11.jpg)\n\n__[[:hi:obs:notes:key-terms:egypt|मिस्र]]__ से बहुत दूर स्थित __बीहड़__ में __[[:hi:obs:notes:key-terms:moses|मूसा]]__ एक __[[:hi:obs:notes:key-terms:shepherd|गड़रिया]]__ हो गया। उसने वहाँ की एक स्त्री से विवाह कर लिया,जिससे उसे दो बेटे हुए।\n\n## महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश: ##\n\n* __[मूसा](https://door43.org/en/obe/other/moses)__\n\n* __[गड़रिया](https://door43.org/en/obe/other/shepherd)__\n\n* __[मिस्र](https://door43.org/en/obe/other/egypt)__\n\n## अनुवाद के लिए नोट्स: ##\n\n* __बीहड़__ - भूमि का रेतीला और पथरीला विशाल टुकड़ा। भूमि का वह टुकड़ा खेती के लिए उपयोगी नहीं था, और बहुत कम लोग वहाँ रहते थे। __[[:hi:obs:notes:frames:09-10|[09-10]]]__.
9:12 iz73 जलती हुई झाड़ी [09-12] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-09-12.jpg)\n\nएक दिन,जब __[[:hi:obs:notes:key-terms:moses|मूसा]]____अपनी____ [[:hi:obs:notes:key-terms:sheep|भेड़ों]] की रखवाली कर रहा था__,उसने जलती हुई एक झाडी देखी। लेकिन वह __झाडी भस्म नहीं हो रही__ थी। जैसे ही वह उस जलती हुई झाडी के पास गया,तो __[[:hi:obs:notes:key-terms:god|परमेश्वर]] की आवाज़____ ने उससे कहा__, "मूसा, __अपनी जूतियाँ उतार__ दे। तू एक __[[:hi:obs:notes:key-terms:holy|पवित्र]] भूमि__ पर खड़ा है।"\n\n## महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश: ##\n\n* __[मूसा](https://door43.org/en/obe/other/moses)__\n\n* __[भेड़ो](https://door43.org/en/obe/other/sheep)__\n\n* __[परमेश्वर](https://door43.org/en/obe/kt/god)__\n\n* __[पवित्र](https://door43.org/en/obe/kt/holy)__\n\n## अनुवाद के लिए नोट्स: ##\n\n* __अपनी भेड़ों की रखवाली कर रहा था__ - इसका मतलब है कि वह एक गड़रिये की तरह उन्हें चराने,और उनकी रक्षा करने का काम कर रहा था। इसे "भेड़ों की देखरेख कर रहा था" भी लिख सकते हैं।\n\n* __झाड़ी भस्म नहीं हुई__ - परमेश्वर ने झाड़ी में आग तो लगाईं, लेकिन वह जल कर भस्म नहीं हो रही थी।\n\n* __परमेश्वर की आवाज़ ने उससे कहा__ - इसे "परमेश्वर ने ऊंची आवाज़ में कहा" भी कह सकते हैं। मूसा ने परमेश्वर की आवाज़ तो सूनी लेकिन उसे देखा नहीं था।\n\n* __अपनी जूतियाँ उतार__ - परमेश्वर चाहता था कि परमश्वर के प्रति सम्मान व्यक्त करने के लिए मूसा अपने जूते उतारे। इस बात को अधिक स्पष्ट करने के लिए आप ऐसा भी कह सकते हैं, कि "अपनी जूतियाँ उतार, क्योंकि तू पवित्र भूमि पर खड़ा है।"\n\n* __पवित्र भूमि__ - वह भूमि इसलिए पवित्र थी क्योंकि स्वयं को प्रकट करने के लिए परमेश्वर ने चुना था।
9:13 cayt परमेश्वर ने मूसा को मिस्र भेजा [09-13] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-09-13.jpg)\n\n__[[:hi:obs:notes:key-terms:god|परमेश्वर]]__ ने कहा,"मैंने अपने __लोगो के [[:hi:obs:notes:key-terms:suffer|कष्ट]]__ देखे हैं। I मैं तुझे __[[:hi:obs:notes:key-terms:pharaoh|फिरौन]]__ के पास भेजूँगा,ताकि __[[:hi:obs:notes:key-terms:israel|इस्राएलियों]]__ को तू __[[:hi:obs:notes:key-terms:egypt|मिस्र]] की____ [[:hi:obs:notes:key-terms:servant|बन्धुआई]] से छुड़ा कर__ ला सके। I मैं __[[:hi:obs:notes:key-terms:canaan|कनान]]__ की भूमि उन्हें दूंगा,वह भूमि जो मैंने __[[:hi:obs:notes:key-terms:abraham|अब्राहम]]__,__[[:hi:obs:notes:key-terms:isaac|इसहाक]]__,और __[[:hi:obs:notes:key-terms:jacob|याकूब]]__ को देने की __[[:hi:obs:notes:key-terms:promise|वाचा]]__ बाँधी थी।"\n\n## महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश: ##\n\n* __[परमेश्वर ](https://door43.org/en/obe/kt/god)__\n\n* __[कष्ट ](https://door43.org/en/obe/kt/suffer)__\n\n* __[फिरौन ](https://door43.org/en/obe/other/pharaoh)__\n\n* __[इस्राएलियों](https://door43.org/en/obe/other/israel)__\n\n* __[बंधुआई](https://door43.org/en/obe/other/servant)__\n\n* __[मिस्र](https://door43.org/en/obe/other/egypt)__\n\n* __[कनान](https://door43.org/en/obe/other/canaan)__\n\n* __[वाचा](https://door43.org/en/obe/kt/promise)__\n\n* __[अब्राहम](https://door43.org/en/obe/other/abraham)__\n\n* __[इसहाक](https://door43.org/en/obe/other/isaac)__\n\n* __[याकूब](https://door43.org/en/obe/other/jacob)__\n\n## अनुवाद के लिए नोट्स: ##\n\n* __लोगो के कष्ट__ - इसका अनुवाद ऐसे भी किया जा सकता है,कि "मैंने अपने लोगो के साथ होनेवाला बुरा बर्ताव देखा है।" कुछ भाषों में अनुवाद कुछ इस तरह भी किया जा सकता है कि "मिस्रवासी कैसे घोर कष्ट मेरे लोगो को दे रहे हैं।"\n\n* __मेरे लोग__ - यहाँ पर इस्राएलियों की बात हो रही है। परमेश्वर ने अब्राहम व उसके वंशजो से यह वाचा बाँधी थी कि वह उन्हें आशीष देगा और उन्हें एक महान जाति बनाएगा। इस वाचा के द्वारा इस्राएली लोग परमेश्वर के अपने लोग हो गए थे।\n\n* __मिस्र की बन्धुआई से छुड़ा कर__ - इसका अनुवाद ऐसे भी कर सकते हैं कि,"मिस्र में दास होने से छुटकारा दिलाऊँगा," या कि "उन्हें मिस्र से बाहर ले कर आऊँँगा जहाँँ वे दास थे।"
9:14 qc8i परमेश्वर का नाम [09-14] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-09-14.jpg)\n\n__[[:hi:obs:notes:key-terms:moses|मूसा]]__ ने पूछा,"__लोग__ अगर यह जानना चाहेंगे कि मुझे किसने भेजा है,तो मैं क्या कहूँ?" __[[:hi:obs:notes:key-terms:god|परमेश्वर]]__ ने कहा,"__मैं जो हूँ,सो हूँ।__ उनसे कहना कि तुझे "__मैं हूँ__" ने भेजा है। साथ मैं यह भी बताना कि मैं तुम्हारे पूर्वजों, __[[:hi:obs:notes:key-terms:abraham|अब्राहम]]__,__[[:hi:obs:notes:key-terms:isaac|इसहाक]]__,और __[[:hi:obs:notes:key-terms:jacob|याकूब]]__ का परमेश्वर,__[[:hi:obs:notes:key-terms:yahweh|यहोवा]]__ हूँ। यही सदा के लिए __मेरा नाम__ है।"\n\n## महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश: ##\n\n* __[मूसा](https://door43.org/en/obe/other/moses)__\n\n* __[परमेश्वर](https://door43.org/en/obe/kt/god)__\n\n* __[यहोवा](https://door43.org/en/obe/kt/yahweh)__\n\n* __[अब्राहम](https://door43.org/en/obe/other/abraham)__\n\n* __[इसहाक](https://door43.org/en/obe/other/isaac)__\n\n* __[याकूब](https://door43.org/en/obe/other/jacob)__\n\n## अनुवाद के लिए नोट्स: ##\n\n* __लोग__ - "मेरे लोग" के अनुवाद का सन्दर्भ लें। in __[[:hi:obs:notes:frames:09-13|[09-13]]]__\n\n* __मैं जो हूँ सो हूँ__ - इससे पता चलता है कि हमारी जानकारी में मौजूद कोई ऐसी चीज़ नहीं जो परमेश्वर को परिभाषित कर सके, केवल परमेश्वर ही स्वयं को परिभाषित कर सकता है; और उसकी तुलना किसी भी चीज़ से नहीं की जा सकती।\n\n* __मै हूँ__ - इससे पता चलता है कि परमेश्वर ही एक मात्र ऐसा है जो था,और जो सदा जीवता रहेगा।\n\n* __मेरा नाम__ - मूसा और सारे इस्राएल को परमेश्वर ने अपना जो नाम इस्तेमाल करने को कहा था,वह था "यहोवा",जो कि "मैं हूँ" से जुड़ा नाम है और "वह है"जैसा लगता है।
9:15 b2lt Aaron Helped Moses [09-15] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-09-15.jpg)\n\n__[[:en:key-terms:moses|Moses]] was afraid and did not want to go__ to __[[:en:key-terms:pharaoh|Pharaoh]]__ because he thought he could not speak well, so __[[:en:key-terms:god|God]]__ sent __Moses brother, [[:en:key-terms:aaron|Aaron]]__, to help him. God warned Moses and Aaron that Pharaoh would be __stubborn__.\n\n_A Bible story from: Exodus 1-4_\n\n## Translation Notes: ##\n\n* __was afraid and did not want to go__ - Moses knew that Pharaoh wanted to kill him, and he did not believe that he could do what God wanted him to do.\n\n* __Moses' brother, Aaron__ - Aaron was Moses's actual brother from his Israelite mother and father. Aaron would have been at least several years older than Moses.\n\n* __stubborn__ - This means the Pharaoh would refuse to obey God. You may also want to add, "stubborn and refuse to listen (or obey).”\n\n* _A Bible story from_ - These references may be slightly different in some Bible translations.
10:1 t2im मेरे लोगो को जाने दे! [10-01] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-10-01.jpg)\n\n__मूसा __ और __हारून__ __फिरौन__ के पास गए। उन्होंने कहा,"__इस्राएल__ का __परमेश्वर__ यह कहता है, "__मेरे लोगो को जाने दे____!"__ लेकिन फिरौन ने उनकी न __सुनी__ ।” बजाय इसके कि __वह ____इस्रायालियों__ को मुक्त करके जाने दे, उसने उन्हें और भी अधिक मेहनत करने पर मजबूर किया! __महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश____:__\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:moses|मूसा]]__ __\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:aaron|हारून]]__ __\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:pharaoh|फिरौन]]__ __\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:god|परमेश्वर]]__ __\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:israel|इस्राएल]]__ __\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:israel|इस्राएलियों]]__ __\n\n__अनुवाद के लिए नोट्स____:__\n\n* __फिरौन के पास__ - "फिरौन के महल में उससे बात करने गए" कहना शायद अधिक स्पष्ट होगा।\n\n* __इस्राएल का परमेश्वर__ - इसका अनुवाद ऐसे भी किया जा सकता है, "इस्राएल को अपना चुननेवाला परमेश्वर," या "इस्राएल पर राज्य करनेवाला परमेश्वर", या फिर "इस्रायलियों का आराध्य परमेश्वर।"\n\n* __मेरे लोगो को जाने दे__ - इसे कहने का दूसरा तरीका यह भी हो सकता है, "मेरे लोगो को मुक्त होकर जाने दे" या, "मेरे लोगो को मिस्र से जाने दे।"\n\n* __मेरे लोग__ - ____[[:hi:obs:notes:frames:09-13|[09-13]]]____में उल्लिखित "मेरे लोगो को जाने दे" का पूर्व अनुवाद देखें।\n\n* __सुनी__ - इसे ऐसे भी कह सकते हैं, कि "कोई परवाह न की", या फिर "उनकी बात न मानी।”
10:2 qy0k फिरौन ने आज्ञा मानने से मना कर दिया [10-02] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-10-02.jpg)\n\n__फिरौन__ बारम्बार __लोगो को__ जाने देने से मना कर देता, इसलिए __परमेश्वर__ ने __मिस्र__ पर __दस घोर विपत्तियाँ__ भेजी। इन विपत्तियों के द्वारा परमेश्वर ने फिरौन को दिखाया कि वह फिरौन तथा __मिस्र के सभी__ __देवताओं__ से अधिक बलशाली है।\n\n__महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश____:__\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:pharaoh|फिरौन]]__ __\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:god|परमेश्वर]]__ __\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:egypt|मिस्र]]__ __\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:god-false|देवताओं]]__ __\n\n__अनुवाद के लिए नोट्स____:__\n\n* __लोग__ - इसका आशय इस्राएल के लोगो से है, जिन्हें "इस्राएली" भी कहते हैं।\n\n* __दस घोर विपत्तियाँ__ - किसी के साथ बहुत बुरा होने को उस पर विपत्ति आना कहते हैं। यह अकसर लोगो की विशाल संख्या अथवा विशाल भौगोलिक क्षेत्र के लोगों को प्रभावित करता है। "विपत्ति" के लिए "त्रासदी" भी कह सकते हैं।\n\n* __मिस्र के सभी देवताओं__ - इसे और अधिक स्पष्ट करने के लिए हम ऐसा भी कह सकते है "मिस्रवासी जितने भी देवताओं की आराधना करते हैं।" मिस्र के लोग बहुत से देवताओं की आराधन करते थे। ये झूठे देवता या तो इस्राएल के परमेश्वर द्वारा रचे आत्मिक जीव थे, या फिर असल में उनका आस्तित्व ही नहीं था।
10:3 gzj0 पानी लहू हो गया [10-03] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-10-03.jpg)\n\n__परमेश्वर ने नील नदी को लहू में बदल दिया__, लेकिन __फिरौन__ तब भी __इस्राएलियों__ को जाने नहीं देता था।\n\n__महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश____:__\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:god|परमेश्वर]]__ __\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:nile-river|नील नदी]]__ __\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:pharaoh|फिरौन]]__ __\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:israel|इस्राएलियों]]__ __\n\n__अनुवाद के लिए नोट्स____:__\n\n* __नील नदी को लहू में बदल दिया__ - कुछ भाषाओँ में ऐसा भी कहा जा सकता है, "नील नदी के पानी को लहू में बदल दिया।" नदी में पानी की जगह लहू था, जिस कारण उसकी सब मछलियाँ मर गयीं और लोगो के पीने के लिए पानी न रहा।
10:4 pu2m मेंढक [10-04] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-10-04.jpg)\n\n__परमेश्वर ने पूरे मिस्र में मेंढक भेज ____दिए__ ।फिरौन ने मूसा से विनती कीऔर उन मेंढकों को वहाँ से हटाने को कहा। लेकिन सब मेंढकों के मरने के बाद, फिरौन ने अपना मन कठोर कर लिया और इस्राएलियोंको मिस्र से जाने न दिया। __महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश____:__\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:god|परमेश्वर]]__ __\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:egypt|मिस्र]]__ __\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:pharaoh|फिरौन]]__ __\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:beg|विनती की]]__ __\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:moses|मूसा]]__ __\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:israel|इस्राएलियों]]__ __\n\n__अनुवाद के लिए नोट्स____:__\n\n* __परमेश्वर ने पूरे मिस्र में मेंढक भेज दिए__ - अनुवाद करते समय इस बात को ऐसे भी लिखा जा सकता है कि, "परमेश्वर ने पूरे मिस्र को मेंढकों से भर दिया।"\n\n* __मन कठोर कर लिया__ - वह फिर से हठ करते हुए परमेश्वर की आज्ञा को मानने से मना कर दिया।
10:5 piur कुटकियां और मक्खियाँ [10-05] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-10-05.jpg)\n\nइस तरह परमेश्वर ने __कुटकियों की एक विपत्ति ____भेजी__ । इसके बाद उसने __मक्खियों __ की विपत्ति भेजी।__फिरौन__ ने __मूसा__ और__हारून__ को बुलवाया और कहा कि यदि वे इस विपत्ति से छुटकारा दिला देंगे तो वह __इस्राएली__ लोग __मिस्र__ से जा सकेंगे। मूसा के प्रार्थना करने पर, परमेश्वर ने मिस्रसे सभी मक्खियों को हटा दिया। लेकिन फिरौन ने अपना मन कठोरकर लिया और लोगो को न जाने दिया। __महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश____:__\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:god|परमेश्वर]]__ __\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:pharaoh|फिरौन]]__ __\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:moses|मूसा]]__ __\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:aaron|हारून]]__ __\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:israel|इस्राएलियों]]__ __\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:egypt|मिस्र]]__ __\n\n__अनुवाद के लिए नोट्स____:__\n\n* __परमेश्वर ने कुटकियों की एक विपत्ति भेजी__ - इसका अनुवाद ऐसे भी कर सकते हैं, कि "परमेश्वर ने वहाँ पर एक विपत्ति आने दी," या कि "परमेश्वर ने मिस्र देश में कुटकियों की विपत्ति पड़ने दी।"\n\n* __कुटकियां__ - ये छोटे - छोटे, काटनेवाले कीड़े थे जो विशाल झुंडों मैं उड़ कर मिस्र के सब लोगों और जानवरों को परेशान करते हुए उन पर बैठ रहे थे।\n\n* __मक्खियाँ__ - ये आकर में बड़ी मक्खियाँ थी जो परेशान भी करती थीं और नुकसान भी। इन कुटकियों की संख्या इतनी अधिक थी कि इन्होने सब कुछ ढांप लिया था, यहाँ तक कि मिस्रवासियों के घरों के भीतर भी भर गयी थीं।\n\n* __मन कठोर कर लिया__ - ____________[[:hi:obs:notes:frames:10-04|[10- 04]]]____________को देखें।\n\n*
10:6 aqdn जानवर मर गए [10-06] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-10-06.jpg)\n\nइसके बाद __परमेश्वर__ ने __मिस्रवासियों__ के सारे पालतू जानवरों पर बीमारी भेजी और वे मर गए। लेकिन __फिरौन__ का मन कठोर था, और उसने __इस्राएलियों__ को जाने न दिया।\n\n__महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश____:__\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:god|परमेश्वर]]__ __\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:egypt|मिस्रवासियों]]__ __\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:pharaoh|फिरौन]]__ __\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:israel|इस्राएलियों]]__ __\n\n__अनुवाद के लिए नोट्स____:__\n\n* __पालतू जानवर__ - इसका आशय घोड़े, गधे, ऊँट,गाय - भैंस, भेड़ और बकरियों जैसे जानवरों से हैं जिनका प्रयोग मिस्रवासी अपने काम - काज में मदद के लिए करते थे।\n\n* __मन कठोर था__ - ____________[[:hi:obs:notes:frames:10-04|[10- 04]]]__ ____ ______में दी टिपण्णी देखें।\n\n*
10:7 f33u दर्दनाक घाव् [10-07] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-10-07.jpg)\n\nइसके बाद __परमेश्वर __ ने __मूसा__ को __फिरौन__ के आगे राख को हवा में उड़ाने को कहा। उसके ऐसा करने पर __मिस्रवासियों__ की त्वचा पर दर्दनाक घाव निकल आये, लेकिन __इस्राएलियों__ के साथ ऐसा नहीं हुआ। __परमेश्वर ने फिरौन का मन कठोर कर दिया__, और फिरौन ने इस्राएलियों को जाने न दिया।\n\n__महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश____:__\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:god|परमेश्वर]]__ __\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:moses|मूसा]]__ __\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:pharaoh|फिरौन]]__ __\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:egypt|मिस्रवासियों]]__ __\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:israel|इस्राएलियों]]__ __\n\n__अनुवाद के लिए नोट्स____:__\n\n* __परमेश्वर ने फिरौन का मन कठोर कर दिया__ - परमेश्वर उस फिरौन को कठोर बनाए रखा। ____________[[:hi:obs:notes:frames:10-04|[10- 04]]]____________ में दी टिपण्णी को देखे।
10:8 ipys ओले [10-08] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-10-08.jpg)\n\n__इसके बाद__,__परमेश्वर__ उस __ओले बरसाए__, जिसने __मिस्र__ के अधिकाँश फसल को बर्बाद कर दिया और जो भी बाहर गया, वह मारा गया। __फिरौन __ ने __मूसा__ और __हारून__ को बुलाया और कहा, "मैंने __पाप__ किया है। __तुम लोग जा सकते हो__ ।" तब मूसा ने __प्रार्थना __ की, और आकाश से ओलों का बरसना बंद हो गया।\n\n__महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश____:__\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:god|परमेश्वर]]____\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:egypt|मिस्र]]____\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:pharaoh|फिरौन]]____\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:moses|मूसा]]____\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:aaron|हारून]]____\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:sin|पाप किये]]____\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:pray|प्रार्थना]]____\n\n__अनुवाद के लिए नोट्स____:__\n\n* __इसके बाद__ - अर्थात परमेश्वर मिस्रवासियों की त्वचा पर दर्दनाक घाव निकालने के बाद।\n\n* __परमेश्वर ने ओले बरसाए__ - परमेश्वर ने आकाश से ओलों की बारिश की।\n\n* __ओले__ - बारिश के समय आकाश से बरसनेवाले बर्फ के टुकड़े। ये टुकड़े आकार में छोटे भी हो सकते हैं और बड़े भी। बड़े टुकड़े जिन पर भी बरसते हैं, उसे ख़त्म कर सकते हैं।\n\n* __तुम लोग जा सकते हो - __ यहाँ पर मूसा, हारून और सभी इस्राएलियों की बात हो रही है।
10:9 oi43 फिरौन का कठोर मन [10-09] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-10-09.jpg)\n\nलेकिन __फिरौन ने फिर पाप किया__ और अपने __मन को फिर से कठोर कर ____लिया__ । उसने __इस्राएलियों__ को जाने न दिया।\n\n__महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश____:__\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:pharaoh|फिरौन]]____\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:sin|पाप किये]]____\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:israel|इस्राएलियों]]____\n\n__अनुवाद के लिए नोट्स____:__\n\n* __मन कठोर कर लिया__ - __[[:hi:obs:notes:frames:10-04|[10-04]]]__ को देखें।
10:10 m445 टिड्डियाँ [10-10] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-10-10.jpg)\n\nऐसा हुस कि तब __परमेश्वर __ ने __टिड्डियों के विशाल झुण्ड __ को __मिस्र__ पर भेजा। इन __टिड्डियों __ ने __ओलो __ से बर्बाद हुई फसल को खा लिया।\n\n__महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश____:__\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:god|परमेश्वर]]____\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:egypt|मिस्र]]____\n\n__अनुवाद के लिए नोट्स____:__\n\n* __टिड्डियों के दल__ - विशाल दलों में उड़नेवाली टिड्डियाँ, जो एक विशाल क्षेत्र में उगे सब तरह के पौधों और फसल को खा कर बर्बाद कर सकते हैं।\n\n* __ओले__ - बारिश के समय आकाश से गिरनेवाले बर्फ के टुकड़े।
10:11 qalq अंधकार [10-11] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-10-11.jpg)\n\nइसके बाद __परमेश्वर ने तीन दिनों तक छाया रहेनेवाला अन्धकार ____भेजा__ । अन्धकार इतना गहन था कि कोई भी __मिस्रवासी __ अपने घर से बाहर न निकल सका। लेकिन __इस्राएलियों __ के डेरों पर प्रकाश था।\n\n__महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश____:__\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:god|परमेश्वर]]____\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:egypt|मिस्रवासियों]]____\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:israel|इस्राएलियों]]____\n\n__अनुवाद के लिए नोट्स____:__\n\n* __परमेश्वर ने अन्धकार भेजा__ - परमेश्वर ने लगभग पूरे मिस्र को अन्धकार से धक् दिया। दूसरे शब्दों में कहें तो, परमेश्वर ने उस मिस्र से प्रकाश को हटा लिया।\n\n* __तीन दिनों तक छाया रहनेवाला अन्धकार__ - यह रात में छानेवाले अन्धकार से कहीं अधिक गहन था, और यह अन्धकार पूरे तीन दिनों तक छाया रहा।\n\n*
10:12 k4me फिरौन ने आज्ञा मानने से इनकार कर दिया [10-12] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-10-12.jpg)\n\n__इन नौ विपत्तियों__ के बावजूद, __फिरौन__ ने __इस्राएलियों __ को जाने न दिया। __चूंकि फिरौन आज्ञा नहीं मान रहा था__, इसलिए __परमेश्वर __ ने एक अंतिम विपत्ति भेजने की योजना बनाई। __इससे फिरौन का मन बदल ____जाएगा__ ।\n\n__महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश____:__\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:pharaoh|फिरौन]]____\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:israel|इस्राएलियों]]____\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:god|परमेश्वर]]____\n\n__अनुवाद के लिए नोट्स____:__\n\n* __इस नौ विपत्तियों__ - इसका आशय उन नौ त्रासदियों से है जो परमेश्वर ने मिस्र पर भेजी थीं।\n\n* __चूंकि फिरौन आज्ञा नहीं मान रहा था__ - इसका अबुवाद हम ऐसे भी कर सकते हैं, "चूंकि फिरौन परमेश्वर की कही बात को न मानता," या. "चूंकि फिरौन ने परमेश्वर की आज्ञा मानने से मना कर दिया था।"\n\n* __इससे फिरौन का मन बदल जाएगा__ - इसे कहने का दूसरा तरीका होगा, "अन्तिम विपत्ति परमेश्वर के प्रति फिरौन के विचार बदल देगा और जिस कारण वह इस्राएलियों को जाने देगा।"\n\n* बाइबिल की कहानी - बाइबिल के कुछ संस्करणों में इनका अनुवाद अलग तरह से किया हो सकता है।\n\n*
11:1 cx8n पहलौठे बेटों की मृत्यु [11-01] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-11-01.jpg)\n\n__परमेश्वरने फ़िरौन __ को चेतावनी दी__, __ यदि उसने __इस्राएलियों __ को नहीं जाने दिया तो वह__ मनुष्य व पशु सबके पहिलौठो __ को नष्ट कर देंगा। यह सुन कर भी फिरौन ने परमेश्वर पर __विश्वास__ करने और__ आज्ञा__ मानने से मना कर दिया।\n\n__महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश____:__\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:god|परमेश्वर]]____\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:pharaoh|फिरौन]]____\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:israel|इस्राएलियों]]____\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:believe|विश्वास]]____\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:obey|आज्ञाओं का पालन]]____\n\n__अनुवाद के लिए नोट्स____:__\n\n* __मनुष्य व पशु सबके पह्लौठो को__ - इसका अनुवाद ऐसे भी कर सकते हैं, कि "हर परिवार का सबसे बड़े बेटे और हर जानवर के पहली संतान।"
11:2 ti12 बलिदान [11-02] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-11-02.jpg)\n\n__परमेश्वर ने ____उस____पर__ __विश्वास__ करनेवालों के पहलौठे __बेटों__ को __बचाने__ के लिए एक रीति दी। हर परिवार को एक __निर्दोष मेमना__ लेकर उसे मारना था।\n\n__महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश____:__\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:god|परमेश्वर]]__ __\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:save|बचा]]__ __\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:son|बेटा]]__ __\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:believe|विश्वास किया]]__ __\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:lamb|मेमने]]__ __\n\n__अनुवाद के लिए नोट्स____:__\n\n* __परमेश्वर____….____एक रीति दी__ - इस्राएलियों के बेटों को मृत्यु से बचाने की रीति केवल परमेश्वर ही दे सकता था।\n\n* __निर्दोष मेमना__ - अर्थात, भेड़ या बकरी का छोटा बच्चा जिसमे कोई दाग - धब्बे या दोष न हो।
11:3 q2j2 द्वार पर लहू [11-03] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-11-03.jpg)\n\n__परमेश्वर __ ने __इस्राएलियों__ को अपने घर की चौकट पर __मेमने का लहू __ लगाने, और मांस को भून कर, उसे __अखामीरी रोटी__ के साथ तुरंत खाने को कहा। उसने उन्हें __खाने के बाद मिस्र से पलायन करने __ के लिए तैयार रहने को भी कहा।\n\n__महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश____:__\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:god|परमेश्वर]]____\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:israel|इस्राएलियों]]____\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:lamb|मेमना]]____\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:blood|लहू]]____\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:egypt|मिस्र]]____\n\n__अनुवाद के लिए नोट्स____:__\n\n* __अखामीरी__ - रोटी को फुलाने के लिय आटा गूंधते समय खमीर को आटें में डाला जाता है। इसका अनुवाद ऐसे भी कर सकते हैं,"रोटी को फुलाने के लिए उसमे डाले जानेवाले खमीर के बिना।" खमीर के साथ रोटी बनाने में अधिक समय लगता, इस तरह बिना खमीर की रोटी बनान असल में मिस्र से जल्दी निकलने की तय्यारी थी।\n\n* __खाने के बाद__ - यानी कि उन्हें खाने से पहले ही निकलने की तैयारी कर लेनी थी।
11:4 mu8v फसह का भोजन [11-04] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-11-04.jpg)\n\n__इस्राएलियों __ ने सब कुछ ठीक वैसा ही किया जैसा __परमेश्वर __ ने उन्हें करने की आज्ञा दी थी। बीच रात में, परमेश्वर ने पूरे __मिस्र __ में __पहलौठे बेटों __ को मृत्यु दी।\n\n__महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश____:__\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:israel|इस्राएलियों]]__ __\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:god|परमेश्वर]]__ __\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:egypt|मिस्र]]__ __\n\n__अनुवाद के लिए नोट्स____:__\n\n* __हर पहलौठे बेटे__ - इसका मतलब हर उस परिवार के पहेल बेटे से था जिन्होंने लहू का बलिदान नहीं दिया था, अर्थात मिस्रवासी। इस बात को और अधिक स्पष्ट करने के लिए आप यह भी जोड़ सकते हैं कि "हर मिस्रवासी के पहलौठे बेटे" (क्योंकि इस्राएली परिवारों ने अपनी द्वार परे लहू लगाया था)।
11:5 nqae लहू द्वारा बचाया जाना [11-05] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-11-05.jpg)\n\n__इस्राएलियों__ के सभी घरों की चौखटों पर __लहू__ था, इसलिए परमेश्वर उनके घरों से __गुज़र ____गया__ । उनके भीतर के सभी लोग सुरक्षित बचे रहे। मे__मने____ के लहू के कारण वे बच पाए थे__ ।\n\n__महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश____:__\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:israel|इस्राएलियों]]____\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:blood|लहू]]____\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:god|परमेश्वर]]____\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:save|बचाया]]____\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:lamb|मेमना]]____\n\n__अनुवाद के लिए नोट्स____:__\n\n* __गुज़र गया__ - इसका अर्थ है की परमेश्वर उन घरो को छोड़ता हुआ आगे निकल गया और उनके भीतर के किसी जन को मृत्यु देने के लिए नहीं रुका। इसी दिन को "फसह के पर्व" के रूप में मनाया जाता है।\n\n* __बच पाए__ - परमेश्वर ने उनके पहलौठे बेटों को न मारा।\n\n* __मेमने के लहू के कारण__ - इसे ऐसे भी कह सकते हैं, "क्योंकि मेमने का लहू उनको चौखटों पर था।" परमेश्वर ने देखा कि उसकी आज्ञा के अनुसार उन्होंने मेमने को मारा था, इसलिए उसने उनके बेटों को बख्श दिया।
11:6 ison पहलौठों की मृत्यु [11-06] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-11-06.jpg)\n\nलेकिन __मिस्रवासियों ने परमेश्वर की बात पर न तो विश्वास किया और न ही उसकी आज्ञाओं का पालन ____किया__ । इसलिए परमेश्वर ने __उनके घरों को न ____बख्शा__ । परमेश्वर ने हर मिस्रवासी के पहलौठे को मृत्यु दे दी।\n\n__महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश____:__\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:egypt|मिस्रवासियों]]____\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:believe|विश्वास]]____\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:god|परमेश्वर]]____\n\n__अनुवाद के लिए नोट्स____:__\n\n* __परमेश्वर की बात पर न तो विश्वास किया और न ही उसकी आज्ञाओं का पालन किया__ - कुछ भाषाओं में ऐसा कहना अधिक सहज होगा कि, "परमेश्वर की बात पर विश्वास नहीं किया और इसलिए उसकी आज्ञाओं का पालन भी नहीं किया।"\n\n* __न बख्शा__ - उसने उनके घरो को न छोड़ा। बल्कि वह हर घर पर रुका और उनके सबसे बड़े बेटों को मृत्यु दी।
11:7 jkc6 मिस्र में दुःख [11-07] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-11-07.jpg)\n\n__जेल के कैदी से ले कर, फिरौन के पहले बेटे तक__, हर __मिस्रवासी __ का पहलौठा मारा गया। गहरे दुःख के कारण __मिस्र __ में कई लोग मातम मना रहे थे।\n\n__महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश____:__\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:egypt|मिस्र की]]____\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:pharaoh|फिरौन]]____\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:egypt|मिस्र]]____\n\n__अनुवाद के लिए नोट्स____:__\n\n* __जेल के कैदी से लेकर____, ____फिरौन के बेटे तक__ - ऐसा कह कर ये बताया जा रहा है की मिस्र के साधारण व्यक्ति से लेकर सबसे महत्वपूर्ण व्यक्ति तक हर व्यक्ति के पहलौठे की मृत्यु हो गयी थी।
11:8 pib2 चले जाओ! [11-08] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-11-08.jpg)\n\nउसी रात, फिरौन ने मूसा और __हारून__ को बुलवाया __और कहा__, "__इस्राएलियों __ को साथ ले और __मिस्र __ से तुरंत निकल जा!" __मिस्र के लोगों __ ने इस्राएलियों को तुरंत निकल जाने को कहा।\n\n__महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश____:__\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:pharaoh|फिरौन]]____\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:moses|मूसा]]____\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:aaron|हारून]]____\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:israel|इस्राएलियों]]____\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:egypt|मिस्र]]____\n\n__अनुवाद के लिए नोट्स____:__\n\n* __बुलवाया__ - इसका अर्थ है की फिरौन ने अपने सेवको के द्वारा मूसा और हारून को बुलवाया था।\n\n* __और कहा__ - मूसा और हारून के आने के बाद फिरौन ने ये शब्द उनसे कहे। कुछ भाषाओं में इसका अनुवाद ऐसा होगा, "और उनसे कहा," या कि, "उनके आने पर फिरौन उनसे बोला।"\n\n* बाइबिल की कहानी - बाइबिल के कुछ संस्करणों में इनका अनुवाद अलग तरह से किया हो सकता है।
12:1 dzp9 इस्राएल का मिस्र छोड़ना [12-01] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-12-01.jpg)\n\n__इस्राएलियों __ को __मिस्र__ छोड़ने की बहुत ख़ुशी थी। __वे अब दास न थे__, और वे अब अपनी __वाचा की भूमि__ की और__ जा रहे थे__! इस्राएलियों ने जो भी माँगा, __मिस्रवासियों __ ने वो सब उन्हें दे दिया, यहाँ तक कि सोना और चांदी और दूसरी बहुमूल्य चीज़ें भी। दुसरे देशों के कुछ लोगो ने भी __परमेश्वर__ पर __विश्वास__ किया और इस्राएलियों के साथ मिस्र छोड़ कर चले गए।\n\n__महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश____:__\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:israel|इस्राएलियों]]__ __\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:egypt|मिस्र]]__ __\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:servant|दास]]__ __\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:promised-land|वाचा की भूमि]]__\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:egypt|मिस्रवासियों]]__ __\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:believe|विश्वास किया]]__ __\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:god|परमेश्वर]]__ __\n\n__अनुवाद के लिए नोट्स____:__\n\n* __वे अब दास न थे__ - इसे ऐसे भी कह सकते हैं, कि "अब वे किसी के दास नहीं थे।"\n\n* __जा रहे थे __- कुछ भाषाओं में "यात्रा कर रहे थे" कहना अधिक स्पष्टता देगा क्योंकि वे दूर स्थित वाचा की भूमि की ओर जा रहे थे।\n\n* __वाचा की भूमि__ - यही वह भूमि है जिसे अब्राहम के वंशजो को देने की वाचा परमेश्वर ने बाँधी थी।
12:2 if2e इस्राएल के आगे परमेश्वर का जाना [12-02] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-12-02.jpg)\n\n__परमेश्वर __ ने दिन के समय __बादल का ऊंचा खम्भाबन__ कर उनके आगे जाकर उनकी अगुवाई की, और रात के समय वोह __आग का ऊंचा खम्भाबन__ जाता। परमेश्वर सदा उनके साथ था और उनकी यात्रा के दौरान उनका __मार्गदर्शन__ किया। उन्हें बस उसके पीछे - पीछे चलना था।\n\n__महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश____:__\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:god|परमेश्वर]]____\n\n__अनुवाद के लिए नोट्स____:__\n\n* __बादल का ऊंचा खम्भा__ - इसे "ऊंचा बादल" या, "खम्भे जैसा ऊंचे बादल की तरह" भी कह सकते हैं।\n\n* __आग का ऊंचा खम्भा__ - ये इस्राएलियों के आगे - आगे जाता हुआ आग का एक लटका हुआ खम्भा या हवा में उड़ता हुआ आग का खम्भा हो सकता है।\n\n* __मार्गदर्शन किया__ - उनके आगे खम्भा बन कर परमेश्वर उन्हें रास्ता दिखता हुआ जा रहा था ताकि वे उसके पीछे - पीछे आ सकें।\n\n*
12:3 tfpw फिरौन ने अपने मन को बदला [12-03] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-12-03.jpg)\n\n__थोड़े ही समय बाद__,__फिरौन__ और उसके लोगों का __मन बदल गया __ और वे फिर से __इस्राएलियों __ को अपना __दास __ बनाना चाहते थे। __परमेश्वर__ ने फिरौन का मन कठोर किया ताकि लोग यह देख सकें इस केवल वही एकमेव सच्चा परमेश्वर है, और यह समझे की वह,यहोवा, फिरौन व उसके __देवताओं __ से अधिक सामर्थी है।\n\n__महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश____:__\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:pharaoh|फिरौन]]__ __\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:israel|इस्राएलियों]]__ __\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:servant|दास]]__ __\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:god|परमेश्वर]]__ __\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:god-false|देवताओं]]__ __\n\n__अनुवाद के लिए नोट्स____:__\n\n* __थोड़े ही समय बाद__ - शायद दो ही दिन बीते थे। इस बात को अधिक स्पष्ट करने के लिए अनुवाद करते समय ऐसे भी लिख सकते हैं, कि "कुछ दिनों के बाद" या कि, "इस्राएलियों के मिस्र छोड़ने के कुछ दिन बाद।"\n\n* __मन बदल गया__ - इसका मतलब है, कि "उनके विचार बदल गए थे।" कुछ भाषाओं में हो सकता है कि यह अभिव्यक्ति न हो, और उन्हें सीधे शब्दों में बात को कहना पड़े।
12:4 xmye फिरौन इस्राएल का पीछा करता है [12-04] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-12-04.jpg)\n\nइसलिए __फिरौन __ और उसकी सेना ने __इस्राएलियों __ को __फिर से अपना दास बनाने के लिए__ उनका पीछा किया। जब इस्राएलियों ने __मिस्र __ की सेना को आते देखा, तो उन्हें इस बात का अहसास हुआ कि वे __फिरौन की सेना और लाल सागर के बीच फंसे हुए थे__ । वे डर गए और चिल्लाने लगे, "__न जाने हमने मिस्र क्यों छोड़ा__? हम मरनेवाले है!"\n\n__महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश____:__\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:pharaoh|फिरौन]]__ __\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:israel|इस्राएलियों]]__ __\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:servant|दास]]__ __\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:egypt|मिस्र की]]__ __\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:red-sea|लाल सागर]]__ __\n\n__अनुवाद के लिए नोट्स____:__\n\n* __वे फंसे हुए ____थे____¦____लाल____ सागर__ - इसे ऐसे भी कह सकते है, कि "उनके पास भागने की कोई जगह नहीं थी क्योंकि मिस्र के लोग उनके पीछे थे और लाल सागर उनके आगे।\n\n* __न जाने हमने मिस्र क्यों छोड़ा____?__ - उनके कहने का मतलब था कि "हमें मिस्र नहीं छोड़ना चाहिए था!" वे असल में किसी से कोई कारण नहीं पूछ रहे थे। असल में वे डरे हुए थे, इसलिए इस समय वे यह कामना कर रहे की काश उन्होंने मिस्र न छोड़ा होता (बावजूद इसके कि उनका जीवन वहां बहुत दूभर था)।
12:5 so94 परमेश्वर आप ही तुम्हारे लिए लड़ेगा [12-05] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-12-05.jpg)\n\n__मूसा __ ने __इस्राएलियों __ से कहा, "__डरना बंद करो__! __आज तुम्हारे लिए परमेश्वर लडेगा और तुम्हे ____बचाएगा__ ।" तब परमेश्वर ने मूसा से कहा, "लोगों से __लाल सागर की ओर जाने__ को कह।" __महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश____:__\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:moses|मूसा]]__ __\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:israel|इस्राएलियों]]__ __\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:god|परमेश्वर]]__ __\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:save|बचा]]__ __\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:red-sea|लाल सागर]]__ __\n\n__अनुवाद के लिए नोट्स____:__\n\n* __आज परमेश्वर तुम्हारे लिए लडेगा और तुम्हे बचाएगा__ - इसे कहना का दूसरा तरीका है, "आज परमेश्वर मिस्रवासियों को तुम्हारे लिए हराएगा और तुम्हे कोई हानि न होने देगा।"\n\n* __जाने__ - कुछ भाषाओं में "चलो" भी कह सकते हैं।
12:6 yxsf मिस्र के लोगों पर अन्धकार [12-06] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-12-06.jpg)\n\nइसके बाद __परमेश्वर __ ने बादल के खम्भे को __इस्राएलियों __ और मिस्रवासियों के बीच खडा कर दिया, ताकि मिस्रवासी इस्राएलियों को न देख सकें।\n\n__महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश____:__\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:god|परमेश्वर]]____\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:israel|इस्राएलियों]]____\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:egypt|मिस्रवासियों]]____\n\n__अनुवाद के लिए नोट्स____:__\n\n* __बादल के खम्भे__ - ____________[[:hi:obs:notes:frames:12-02|[12- 02]]]____________ में जा कर पहले का अनुवाद देखें।\n\n* __न देख सकें__ - बादल का खम्भा इतना विशाल था कि मिस्रवासियों को इस्राएली लोग दिखाई न दिए।
12:7 t9tv मूसा ने सागर को दो भाग किया [12-07] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-12-07.jpg)\n\n__परमेश्वर __ ने __मूसा __ को__ ____सागर पर अपने हाथ उठा __ कर पानी को बांटने को कहा। तब परमेश्वर ने हवा से सागर को दांयी और बायीं ओर बाँट दिया, ताकि सागर के बीचोबीच एक रास्ता बन सके।\n\n__महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश____:__\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:god|परमेश्वर]]____\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:moses|मूसा]]____\n\n__अनुवाद के लिए नोट्स____:__\n\n* __सागर पर अपने हाथ उठाने__ - इसका अनुवाद ऐसे भी कर सकते है, कि "अपने हाथ सागर के सामने उठाए।" इसके द्वारा यह बताया गया है कि परमेश्वर ने यह आश्चर्यकर्म मूसा के द्वारा करवाया था।
12:8 gqfc इस्राएल सागर को पार कर गया [12-08] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-12-08.jpg)\n\nसागर के बीच की सूखी ज़मीन पर,__अपनी दोनों ओर पानी की दीवार__ के बीच से __इस्राएली लोग चलते हुए निकल गए__ ।\n\n__महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश____:__\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:israel|इस्राएलियों]]____\n\n__अनुवाद के लिए नोट्स____:__\n\n* __चलते हुए निकल गए__ - इसे हम "चले गये" या, "से गए" भी लिख सकते हैं।\n\n* __अपनी दोनों ओर पानी की दीवार के बीच से__ - इसका अनुवाद इस तरह भी किया जा सकता है, "और उनकी दोनों ओर पानी ऐसे खड़ा था मानो एक ऊंची दीवार हो।"
12:9 suwc मिस्र का इस्राएल का पीछा करना [12-09] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-12-09.jpg)\n\n__परमेश्वर__ ने तब बादल को उठा कर मार्ग से हटा लिया ताकि __मिस्रवासियों__ को मुक्त होकर जाते __इस्राएली__ लोग दिख सकें। मिस्रवासियों ने उनका पीछा करने का निर्णय लिया।\n\n__महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश____:__\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:god|परमेश्वर]]____\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:egypt|मिस्रवासियों]]____\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:israel|इस्राएलियों]]____\n\n__अनुवाद के लिए नोट्स____:__\n\n* _(इस अनुचछेद में अनुवाद से जुड़े कोई नोट्स नहीं हैं।)_
12:10 xw3x परमेश्वर ने इस्राएल के लिए युद्ध किया [12-10] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-12-10.jpg)\n\nइसलिए__ उस सागर के मार्ग__ में भी उन्होंने __इस्राएलियों __ का पीछा किया, लेकिन __परमेश्वर__ ने __मिस्रवासियों__ के बीच हड़बड़ी मचा दी और उनके__ रथों__ को __धंसा ____दिया__ । "भागो, भागो!", वे चिल्लाये। इस्राएलियों के लिए परमेश्वर लड़ रहा था!"\n\n__महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश____:__\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:israel|इस्राएलियों]]____\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:god|परमेश्वर]]____\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:egypt|मिस्रवासियों]]____\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:chariot|रथों]]____\n\n__अनुवाद के लिए नोट्स____:__\n\n* __सागर के मार्ग में__ - - यह सागर के तल की सूखी भूमि थी, जिसके दोनों ओर पानी की दीवार थी।\n\n* __हड़बड़ी__ - इसे "डर और गड़बड़ी पैदा की" भी कह सकते हैं।\n\n* __धंस गए__ - उनके रथ आगे नहीं बढ़ पा रहे थे।
12:11 gko7 मिस्र की सेना डूब गई [12-11] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-12-11.jpg)\n\n__इस्राएलियों__ के __सुरक्षित रूप से सागर की दूसरी ओर पहुँचने__ पर __परमेश्वर __ ने __मूसा__ से __एक बार फिर से अपने हाथ उठाने __ को कहा। जब उसने आज्ञा का पालन किया तो __पानी मिस्र की सेना पर गिर पड़ा__ और फिर से __अपनी सामान्य अवस्था में लौट ____आया__ । __मिस्र की पूरी सेना__ डूब गयी।\n\n__महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश____:__\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:israel|इस्राएलियों]]____\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:god|परमेश्वर]]____\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:moses|मूसा]]____\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:egypt|मिस्र की]]____\n\n__अनुवाद के लिए नोट्स____:__\n\n* __सुरक्षित रूप से सागर की दूसरी ओर पहुँचने पर__ - इसका अनुवाद ऐसे भी किया जा सकता है, "सुरक्षित रूप से दूसरी ओर जाने पर", या फिर, "मिस्रवासियों तथा सागर से सुरक्षित दूसरी ओर पहुंचने पर।"\n\n* __एक बार फिर से अपने हाथ उठाने को कहा__ - इसका अनुवाद ऐसे भी किया जा सकता है, "एक बार फिर से अपने हाथ सागर पर उठाने," या फिर इसे एक प्रत्यक्ष आज्ञा के रूप में लिखें, जैसे कि, "परमेश्वर मूसा से बोला, "अपने हाथ फिर से उठा।"\n\n* __अपनी सामान्य अवस्था में लौट आया__ - इसका अनुवाद ऐसे भी किया जा सकता है "जहां मार्ग बना था, वह जगह फिर पानी से भर गयी," या फिर, "सागर को फिर से भर दिया" या कि, "सागर वैसा हो गया जैसा वह परमेश्वर द्वारा बांटे जाने से पहले था।"\n\n* __मिस्र की पूरी सेना__ - इसका अनुवाद करते समय "मिस्र की सेना के सभी लोग" भी लिख सकते हैं।
12:12 e7ll इस्राएल ने परमेश्वर पर विश्वास किया [12-12] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-12-12.jpg)\n\nजब __इस्राएलियों__ ने देखा कि सभी __मिस्रवासियों__ की मृत्यु हो गई है, उन्होंने __परमेश्वर पर विश्वास किया__ और इस बात पर विश्वास किया कि __मूसा__ सचमुच __परमेश्वर का नबी__ था।\n\n__महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश____:__\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:israel|इस्राएलियों]]____\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:egypt|मिस्रवासियों]]____\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:god|परमेश्वर]]____\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:believe|विश्वास किया]]____\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:moses|मूसा]]____\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:prophet|नबी]]____\n\n__अनुवाद के लिए नोट्स____:__\n\n* __परमेश्वर पर विश्वास किया__ - दूसरे शब्दों पर यूँ भी कह सकते हैं, कि "लोगो को अब भरोसा हो गया था कि परमेश्वर सामर्थी और उन्हें बचाने में सक्षम था।
12:13 y3p5 इस्राएल आनन्दित हुआ [12-13] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-12-13.jpg)\n\n__इस्राएलियों__ ने बहुत उत्साह के साथ आनंद भी मनाया क्योंकि __परमेश्वर__ ने उन्हें मृत्यु और बन्धुआइ से बचाया था! वे अब परमेश्वर की सेवा करने के लिए मुक्त थे। अपनी नयी स्वतंत्रता का उत्सव मनाने किए लिए और __परमेश्वर की स्तुति__ के लिए इस्राएलियों ने कई गीत गाये क्योंकि उसने उन्हें __मिस्र की सेना__ से बचाया था।\n\n__महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश____:__\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:israel|इस्राएलियों]]____\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:god|परमेश्वर]]____\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:save|बचाया]]____\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:servant|बन्धुआई]]____\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:praise|स्तुति]]____\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:egypt|मिस्र की]]____\n\n__अनुवाद के लिए नोट्स____:__\n\n* __बहुत उत्साह के साथ आनंद भी मनाया__ - इसका अनुवाद करते समय ऐसा भी कह सकते हैं, "वे बहुत आनंदित थे और इसे बहुत उत्साह के साथ प्रकट किया", या, "पूरे दिल से मनाया", या फिर, "जी - जान से आनंद मनाया।"\n\n* __मृत्यु और बन्धुआई से__ - इसका अनुवाद ऐसे भी कर सकते हैं, "मरने से और मिस्रवासियों के दास होने से बचाया।"\n\n* __सेवा के लिए मुक्त थे__ - परमेश्वर ने इस्राएलियों को मुक्त, या कि मिस्रवासियों का दास होने से बचाया ताकि वे उसकी सेवा कर सकें।\n\n* __परमेश्वर की स्तुति__ - कुछ भाषाओं में इसका अनुवाद ऐसे भी कर सकते हैं, "परमेश्वर के नाम की महिमा की", या कि "कहा कि परमेश्वर महान है।"\n\n*
12:14 jszh एक वार्षिक उत्सव [12-14] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-12-14.jpg)\n\n__परमेश्वर__ ने __इस्राएलियों__ को हर साल इस बात की याद में __फसह का पर्व__ मनाने की आज्ञा दी कि कैसे __परमेश्वर ने उन्हें मिस्रवासियों पर जय दी थी__ और उन्हें __दास__ होने से बचाया था। एक __निर्दोष मेमने__ को मार कर, और उसे अ__खामीरी____ रोटी__ के साथ खाया और इस बात का बखान करके उत्सव मनाया कि कैसे परमेश्वर ने उन्हें __बचाया__ था।\n\n__महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश____:__\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:god|परमेश्वर]]__ __\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:israel|इस्राएलियों]]__ __\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:passover|फसह का पर्व]]__ __\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:egypt|मिस्रवासियों]]__ __\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:servant|दास]]__ __\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:lamb|मेमने]]__ __\n\n__अनुवाद के लिए नोट्स____:__\n\n* __फसह का पर्व__ - इसका अनुवाद ऐसे भी कर सकते हैं, "फसह की गतिविधियों" या, "फसह का उत्सव" या फिर, "फसह का भोज"\n\n* __इस बात की याद में…..परमेश्वर ने उन्हें मिस्रवासियों पर जय दी थी __- इसका अनुवाद ऐसे भी कर सकते हैं, "स्वयं को नियमित रूप से यह याद करने के लिए……कि परमेश्वर ने कैसे हराया था।" यहाँ पर याद" शब्द केवल याद करने के सन्दर्भ में ही नहीं प्रयुक्त हुआ; बल्कि औपचारिक रूप से उत्सव मनाने के सन्दर्भ में भी प्रयुक्त हुआ है।\n\n* __निर्दोष मेमने__ - यहाँ पर "निर्दोष" शब्द का आशय रोगहीन होने, और किसी भी प्रकार के कोई अन्य दोष से है। इस बात को ऐसे भी के सकते हैं, "पूरी तरह से स्वस्थ और सुडौल मेमने।"\n\n* __अखामीरी रोटी__ - इसे "बिना खमीर की रोटी" भी कह सकते हैं। देखिये [[:hi:obs:notes:frames:11-03|[11-03]]]\n\n* बाइबिल की कहानी - बाइबिल के कुछ संस्करणों में इनका अनुवाद अलग तरह से किया हो सकता है।
13:1 plgj सीनै पर्वत पर [13-01] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-13-01.jpg)\n\n__लाल सागर__ के बीच से __इस्राएलियों__ की अगुवाई करने के बाद __परमेश्वर__ उन्हें बीहड़ से होता हुआ __सीनै__ नाम के पर्वत की ओर ले गया। यह वही पर्वत था जहाँ__ मूसा__ ने __जलती हुई झाडी__ देखी थी। __पर्वत के नीचे__ लोगो ने __अपने तम्बू गाड़__ लिए।\n\n__महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश____:__\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:god|परमेश्वर]]____\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:israel|इस्राएलियों]]____\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:red-sea|लाल सागर]]____\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:sinai|सीनै]]____\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:moses|मूसा]]____\n\n__अनुवाद के लिए नोट्स____:__\n\n* __जलती हुई झाडी__ - मूसा के मिस्र लौटने से पहले, परमेश्वर ने एक झाडी के माध्यम से बात की थी जो जल तो रही थी लेकिन भस्म नहीं हो रही थी। देखिए ____________[[:hi:obs:notes:frames:09-12|[09- 12]]]____________.\n\n* __अपने तम्बू गाड़ लिए__ - इस्राएलियों को मिस्र से लेकर वाचा की भूमि तक का लम्बा सफ़र तय करना था। इसलिए वे अपने तम्बू साथ ले कर चले थे ताकि उनसे वे अपने सिर छिपाने की जगह बना सकें और यात्रा के दौरान उनमे सो सकें। कुछ भाषों में इसे यूँ भी कह सकते हैं कि "उनहोंने अपने तम्बू टांग लिए।"\n\n* __पर्वत के नीचे__ - इसका अनुवाद करते समय इसे "पर्वत के साए में" भी कर सकते हैं। यह पर्वत के पास की उस जगह हो कहते हैं जहां से पर्वत का आधार शुरू हो कर ज़मीन ऊपर की ओर बढती है।
13:2 szh1 परमेश्वर ने इस्राएल को बुलाया [13-02] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-13-02.jpg)\n\n__परमेश्वर__ ने __मूसा__ और __इस्राएल__ के लोगो से बोला,"यदि तुम मेरी __आज्ञा मानोगे__ और __मेरी वाचा के अनुसार चलोगे__,तो __तुम मेरी निज धन संपत्ति__,__याजको का राज्य__,और एक __पवित्र जाति__ बनोगे।"\n\n__महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश____:__\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:god|परमेश्वर]]__ __\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:moses|मूसा]]__ __\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:israel|इस्राएल]]__ __\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:obey|आज्ञाओं का पालन]]____\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:covenant|वाचा]]____\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:kingdom|राज्य]]____\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:priest|याजकों]]____\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:holy|पवित्र]]____\n\n__अनुवाद के लिए नोट्स____:__\n\n* __मेरी वाचा के अनुसार चलेंगे__ - यहाँ पर "मेरी वाचा का पालन" करेंगे भी लिख सकते हैं। वाचा का पालन करना और उसके अनुसार चलना, दोनों एक ही बात है। इसे और अधिक स्पष्ट से कहने के लिए यूँ भी लिख सकते है, "मेरी वाचा रखते हुए मेरी आज्ञा का पालन करेंगे।" परमेश्वर जल्द ही उन्हें बतानेवाला है कि वाचा का पालन करने के लिए उन्हें क्या करना होगा।\n\n* __मेरी निज धन सम्पति__ - इसका अनुवाद करते हुए ऐसे भी लिखे सकते है, कि "तुम मेरी अनमोल सम्पति बनोगे" या, "तुम मेरे अपने लोग होंगे जो मेरे लिए दूसरी किसी भी जाति से अधिक अनमोल होंगे", या फिर "तुम मेरे अपने अनमोल लोग होंगे।"\n\n* __याजकों का राज्य____….____बनोगे__ - इसे ऐसे भी लिख सकते हैं कि, "मई तुम्हारा राजा हूँगा और तुम मेरे याजको के सामान होंगे।" इस्राएलियों को दूसरों को भी परमेश्वर के बारे में बताना था और परमेश्वर व लोगों के बीच ठीक उसी तरह का एक मध्यस्थ होना था जैसा की इस्राएलियों व परमेश्वर के बीच याजक मध्यस्थ होते थे।
13:3 ts1u मूसा परमेश्वर से मिला [13-03] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-13-03.jpg)\n\n__तीन दिन बाद__, लोग जब स्वयं को __आत्मिक रूप से तैयार कर चुके__ थे,तब गर्जना, बिजली की कड़कड़ाहट, धुए, और __तुरही की ऊंची आवाज़ __ के साथ,__सीनै पर्वत__ के ऊपर __परमेश्वर __ उतरा। __केवल मूसा को पर्वत पर जाने की अनुमति थी__ ।\n\n__महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश____:__\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:god|परमेश्वर]]____\n\n* [[:hi:obs:notes:key-terms:sinai|सीनै पर्वत]]\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:moses|मूसा]]____\n\n__अनुवाद के लिए नोट्स____:__\n\n* __तीन दिन बाद__ - दूसरे शब्दों में, पहुँचने के तीन दिन बाद सीनै पर्वत पर परमेश्वर उनसे बोला।\n\n* __स्वयं को आतिमिक रूप से तैयार कर चुके थे__ - इसका आशय यहान्न परमेश्वर से मिलने के लिए विधिवत रूपे से निर्मल होने से है इसके अनुवाद में ऐसे भी लिखे सकते है,"परमेश्वर से मिलने के लिए तैयार हुए", या कि "परमेश्वर से मिलने के लिए स्वयं को तैयार किया।"\n\n* __तुरही को ऊंची आवाज़__ - इसका अनुवाद यूँ भी कर सकते हैं, कि "और नरसिंगे की ऊंची आवाज़ आई", या फिर, "जोर से एक नरसिंगा फूँका गया," या कि, "उन्हें नरसिंगे के फूंके जाने का उंच शब्द सुने दिया।" मेंढे के सींघों से तुरहियाँ बनाई जाति थीं। परमेश्वर से मिलने के लिए लोगो को जमा करने के लिए उस दिन उनका इस्तेमाल किया गया था।\n\n* __केवल मूसा को____.......____पर्वत पर जाने की अनुमति थे__ - इसका अनुवाद करते समय यह भी लिख सकते हैं, कि "पर्वत पर आने की अनुमति परमेश्वर ने मूसा को तो दी, लेकिन किसी और को नहीं।"
13:4 x6np मैं तुम्हारा परमेश्वर हूँ [13-04] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-13-04.jpg)\n\n__इसके बाद परमेश्वर ने उन्हें वाचा दी और कहा__, "__मैं तुम्हारा परमेश्वर, यहोवा हूँ,जिसने तुम्हे मिस्र में बन्धुआई से बचाया__ है। किसी और __देवताओं__ की __आराधना__ न करना।\n\n__महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश____:__\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:god|परमेश्वर]]____\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:covenant|वाचा]]____\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:yahweh|यहोवा]]____\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:save|बचाया]]____\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:servant|बन्धुआई]]____\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:egypt|मिस्र]]____\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:worship|आराधना]]____\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:god-false|देवताओं]]____\n\n__अनुवाद के लिए नोट्स____:__\n\n* __इसके बाद परमेश्वर ने उन्हें वाचा दी और कहा__ - इस कथन के बाद परमेश्वर ने जो कहा, वो वाचा की विषयवस्तु है; वह उन्हें वे बातें बताता जिनका पालन उन्हें करना था। इसका अनुवाद ऐसे भी कर सकते हैं, "इसके बाद परमेश्वर ने उन्हें अपनी वाचा बताई। उसने कहा", या कि, "परमेश्वर ने तब उन्हें अपनी वाचा बताई:"\n\n* तुम्हारा __परमेश्वर____,____यहोवा__ - कुछ भाषाओं में "तुम्हारा यहोवा परमेश्वर" कहना अधिक सहज लगेगा। इस बात को सुनिश्चित करें कि अनुवाद करते समय कतई ऐसा न लगे कि इस्राएलियों के एक से अधिक परमेश्वर थे। यह बिलकुल स्पष्ट होना चाहिए कि यहोवा ही एकमेव परमेश्वर है। एक और तरह से भी इसका अनुवाद किया जा सकता है, कि "यहोवा, जो कि तुम्हारा परमेश्वर है", या फिर "तुम्हारा परमेश्वर, जिसका नाम यहोवा है।"\n\n* __तुम्हे बन्धुआई से बचाया__ - इसे ऐसे भी लिख सकते हैं कि "मैंने तुम्हे बन्धुआई से छुड़ाया था।"
13:5 cav2 आज्ञाएं [13-05] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-13-05.jpg)\n\n"कोई __मूरतें__ न बनाना और न ही उनकी __आराधना__ करना, क्योंकि __मैं__,__यहोवा__, __जलन रखनेवाला__ __परमेश्वर ____हूँ__ । __मेरा नाम अनादर से न ____लेना__ । सुनिश्चित करना कि __सब्त का दिन पवित्र ____रहे__ । अर्थात, अपने सब कार छ दिनों में करना, लेकिन __सातवाँ दिन__ अपने विश्राम और __मुझे याद करने__ के लिए रखना।"\n\n__महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश____:__\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:idol|मूरतों]]____\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:worship|आराधना]]____\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:yahweh|यहोवा]]____\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:god|परमेश्वर]]____\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:sabbath|सब्त का दिन]]____\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:holy|पवित्र]]____\n\n__अनुवाद के लिए नोट्स____:__\n\n* (परमेश्वर मूसा से अपनी बात कहना जारी रखता है।)\n\n* __मैं____, ____यहोवा____, ____एक जलन रखनेवाला परमेश्वर हूँ__ - इसका अनुवाद करते समय ऐसे भी लिख सकते हैं, "यदि तुम मेरे आलावा किसी और की आराधना या आदर करोगे, तो मै, यहोवा, तुम पर क्रोध करूंगा।" परमेश्वर की यह तीव्र इच्छा है कि उसके लोग किसी भी चीज़ से अधिक उससे प्रेम करें, उसकी सेवा करें और उसकी आज्ञाओं का पालन करें। केवल वही उनके जीवनों का मालिक हो।\n\n* __मेरा नाम अनादर से न लेना__ - इसका अनुवाद ऐसे भी कर सकते है, "मेरे विषय में इस रीति से न कहना कि उससे अनादर व असम्मान प्रकट हो", या, "मेरे बारे मैं सम्मान व आदर के साथ कहना।"\n\n* __सातवाँ दिन__ - इसका अनुवाद करते समय अंक के नाम का इस्तेमाल करना बेहतर होगा बनिस्पत कि सातवे दिन के किसी विशिष्ट नाम का।\n\n* __मुझे याद करने__ - इसका अनुवाद करते समय ऐसे भी लिख सकते हैं, "मेरा स्मरण करने", या फिर, "मेरे सम्मान में।"
13:6 pr4o अन्य आज्ञाएँ [13-06] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-13-06.jpg)\n\n__"____अपने पिता - माता का ____"____आदर____" ____करना__ । हत्या न करना। __व्यभिचार न ____करना__ । __चोरी न ____करना__ । __झूठ न ____बोलना__ । अपने पड़ोसे की पत्नी, उसके घर, या उसकी किसी भी चीज़ की इच्छा न करना।"\n\n__महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश____:__\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:adultery|व्यभिचार]]____\n\n__अनुवाद के लिए नोट्स____:__\n\n* (परमेश्वर मूसा से अपनी बात कहना जारी रखता है।)\n\n* __व्यभिचार न करनाल__ - इसका अनुवाद", ऐसे भी कर सकते है, "किसी और की पत्नी/पति के साथ शारीरिक संबंध न बनाना", या फिर, "किसी और की पत्नी और पति के साथ वैवाहिक संबंध न बनाना।" इसका अनुवाद ऐसे करें कि जिससे किसी को शर्मिंदगी या परेशानी महसूस न हो कुछ भाषाओं में इस बात को कहने के शालीन तरीके भी होते हैं, जैसे कि "किसी के साथ न सोना।"\n\n* __झूठ न बोलना__ - अर्थात "किसी के विरुद्ध झूठी बातें न बोलना।"
13:7 po96 पत्थर की तख्तियां [13-07] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-13-07.jpg)\n\nइसके बाद __परमेश्वर__ ने __पत्थर की दो तख्तियों__ पर ये __दस आज्ञाए __ लिखी और उन्हें __मूसा__ को दिया। साथ ही __परमेश्वर ने__ कई और व्यवस्थाये व नियम भी __पालन करने__ के लिए दिए। यदि लोग द्वारा इन व्यवस्थाओं का पालन करने पर परमेश्वर ने उन्हें आशीष देने और उनकी रक्षा करने की प्रतिज्ञा की। यदि वे उनकी अवज्ञा करते हैं, तो परमेश्वर उन्हें दंड देगा।\n\n__महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश____:__\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:god|परमेश्वर]]__ __\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:ten-commandments|दस आज्ञाएँ]]__ __\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:moses|मूसा]]__ __\n\n* ____व्यवस्थाओं__ __\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:obey|आज्ञाओं का पालन किया]]__ __\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:promise|प्रतिज्ञा की]]__ __\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:bless|आशीष]]__\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:disobey|अवज्ञा की]]__ __\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:punish|दंड]]__ __\n\n__अनुवाद के लिए नोट्स____:__\n\n* __इन दस आज्ञाओं__ - इसका आशय उन नियमों से है जिन्हें परमेश्वर ने इस्राएलियों के लिए मूसा को दी थीं। इनकी सूची ____________[[:hi:obs:notes:frames:13-05|[13- 05] ]]__ ____ ______और____[[:hi:obs:notes:frames:13-06|[13]]____________[[:hi:obs:notes:frames:13-06|- 06] ]]__ ______के फ्रेम में दी गयी है।\n\n* __पत्थर की तख्तियां__ - ये पत्थर के सपाट टुकड़े थे।\n\n* __साथ ही परमेश्वर ने __- इसका अनुवाद ऐसे भी कर सकते हैं, कि "परमेश्वर ने उन्हें…..भी दिए।"\n\n* __पालन करने__ - इसका अनुवाद ऐसे भी कर सकते हैं, "उन्हें मानना होगा" या फिर, "कि उनके अनुसार चलना होगा।"
13:8 t986 मिलापवाला तम्बू [13-08] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-13-08.jpg)\n\n__परमेश्वर __ ने __इस्राएलियों को एक तम्बू का विस्तृत ब्यौरा __ भी दिया जो वह चाहता था कि वे बनाए। __इसे मिलाप का तम्बू कहा गया__, जिसमे दो कमरे थे जिनके बीच उन्हें बाँटनेवाला एक विशाल पर्दा था। __परदे के पीछेवाले कमरे__ में जाने की अनुमति केवल __महा याजक__ को थी, क्योंकि __परमेश्वर का निवास वहां पर था__ ।\n\n__महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश____:__\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:god|परमेश्वर]]____\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:israel|इस्राएलियों]]____\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:tent-of-meeting|मिलाप के तम्बू]]____\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:priest-high|महा याजक]]__\n\n__अनुवाद के लिए नोट्स____:__\n\n* __एक विस्तृत ब्यौरा__ - इसका अनुवाद ऐसे किया जा सकता है,"परमेश्वर ने उन्हे विस्तार से बताया कि," या फिर "परमेश्वर उन्हें इस बात का पूरा ब्यौरा दिया कि वह उनसे ये कैसा बनवाना चाहता था।"\n\n* __कहा गया__ - इसका अनुवाद यूँ भी कर सकते हैं, "उन्होंने उसे....कहा", या फिर, "मूसा ने उसे ....कहा।"\n\n* __परदे के पीछेवाले कमरे__ - ये कमरा परदे से छिपा था। कुछ भाषाओं में इसे "परदे के आगेवाला कमरा" कहा जा सकता है।\n\n* __परमेश्वर का निवास वहां पर था__ - यदि इस कथन से लोगो को ऐसा लग सकता है कि अनुवाद से लोगो को परमेश्वर के उसी स्थान में सीमित होने का भ्रम हो सकता है, तो ऐसे में इसे अलग तरह से कहें: “परमेश्वर वहां था", या, "परमेश्वर वहां स्वयं को लोगो पर प्रकट करता था।.”
13:9 mfiw वेदी [13-09] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-13-09.jpg)\n\nजो भी __परमेश्वर की व्यवस्था की अवज्ञा करता__, वह व्यक्ति __परमेश्वर__ के लिए एक __बलि__ स्वरुप एक पशु, __मिलापवाले तम्बू के आगे की वेदी पर ला सकता था__ । एक __याजक__ पशु को मार कर __वेदी__ पर भस्म करता। __बलि किये पशु का लहू व्यक्ति के पाप को ढांप देता__ और उसे __परमेश्वर के समक्ष निर्मल बना ____देता__ । परमेश्वर ने __मूसा के __ भाई __हारून__, और हारून के__ वंशजों __ को अपना याजक नियुक्त किया।\n\n__महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश____:__\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:disobey|अवज्ञा की]]____\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:gods-law|परमेश्वर की व्यवस्था]]____\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:tent-of-meeting|मिलाप के तम्बू]]____\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:sacrifice|भेंट]]____\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:god|परमेश्वर]]____\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:priest|याजक]]____\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:altar|वेदी]]____\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:blood|लहू]]____\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:sin|पाप]]____\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:moses|मूसा के]]____\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:aaron|हारून]]____\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:descendant|वंशजो]]____\n\n__अनुवाद के लिए नोट्स____:__\n\n* __परमेश्वर की व्यवस्था__ - इसका आशय उन आज्ञाओं और निर्देशों से है जो परमेश्वर ने इस्राएलियों को पालन करने के लिए दी थी।\n\n* __मिलाप के तम्बू के आगे__ - वे पशु को मिलाप के तम्बू के भीतर नहीं लाते थे, बल्कि वे उसे मिलाप के तम्बू के सामने की वेदी पर लाते थे। धयान रहे कि आप ऐसे किसी शब्द का इस्तेमाल नहीं कर रहे हैं जिससे ऐसा लगे कि वे उसे भीतर लेकर आते थे।\n\n* __व्यक्ति के पाप को ढांप देता__ - लोग जब पशुओं को बलि के लिए लाते, परमेश्वर उन पशुओं के लहू को उनके पाप की ढांप की तरह देखता। यह किसी भद्दी या गन्दी चीज़ को किसी से ढकने के जैसा था।\n\n* __परमेश्वर के समक्ष निर्मल__ - इसका अनुवाद इस तरह से किया जा सकता है, कि "मानो परमेश्वर के अनुसार उसने कोई पाप किया ही न हो", या फिर, "परमेश्वर की व्यवस्था का उल्लंघन करने के दंड से मुक्त।
13:10 s5c8 लोगो ने पाप किया [13-10] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-13-10.jpg)\n\nकेवल __परमेश्वर__ की __आराधना __ करने की परमेश्वर __द्वारा उन्हें दी गयी__ __आज्ञा को मानने__, और __उसकी विशेष प्रजा__ होने की बात पर सब लोग सहमत हो गए। लेकिन परमेश्वर की आज्ञा मानने की __प्रतिज्ञा__ करने के थोड़े ही समय बाद, उन्होंने फिर से __घोर पाप ____किया__ ।\n\n__महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश____:__\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:obey|आज्ञाओं का पालन]]____\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:god|परमेश्वर]]____\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:worship|आराधना]]____\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:promise|प्रतिज्ञा की]]____\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:sin|पाप किये]]____\n\n__अनुवाद के लिए नोट्स____:__\n\n* __उन्हें दी__ - इसे अनुवाद करते समय "उन्हें मानने के लिया कहा था" भी कह सकते हैं।\n\n* __उसकी विशेष प्रजा__ - लोगो की सब जातियों के बीच, परमेश्वर ने इस्राएलियों को अपने विशेष उद्देश्य के लिए चुना। इसे अनुवाद करते समय "उसकी विशेष जाति" या फिर, "अपने निज लोग" या, "अपने निज के लोग होने के लिए चुनी जाति" कह सकते हैं।\n\n* __थोड़े ही समय बाद__ - लोगो ने मूसा की परमेश्वर के साथ पर्वत पर चालीस दिनों की भेंट के दौरान पाप किया।\n\n* __घोर पाप किया__ - उन्होंने ऐसे - ऐसे पाप किये थे जो परमेश्वर को बहुत ही घृणा थी। अनुवाद करते समय यह भी लिखा जा सकता है कि, "उन्होंने बहुत ही बुरे पाप किये थे," या फिर, "उन्होंने ऐसे बुरे पाप किये जिससे परमेश्वर बहुत हुआ।"
13:11 pwkm हमारे लिए एक मूर्ति बनाओं [13-11] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-13-11.jpg)\n\n__मूसा __ कई दिनों तक __सीनै पर्वत__ पर __परमेश्वर__ से बातचीत करता रहा। __लोग उसके लौटने की प्रतीक्षा करते - करते थक गए__ । इसलिए वे__ हारून के पास सोना लाये __ और उससे उनके लिए एक __मूरत__ बनाने को कहा!\n\n__महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश____:__\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:moses|मूसा]]____\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:sinai|सीनै पर्वत]]__\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:god|परमेश्वर]]____\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:aaron|हारून]]____\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:idol|मूरत]]____\n\n__अनुवाद के लिए नोट्स____:__\n\n* __प्रतीक्षा करते__ - करते थक गए - इसका अनुवाद करते समय ऐसे भी कह सकते हैं कि, "उसके जल्दी न लौटने के कारण लोग धीरज खो बैठे", या फिर, "लोग उसके लौटने की और अधिक प्रतीक्षा नहीं करना चाहते थे।"\n\n* __सोना लाये__ - इसका आशय सोने की वस्तुओं और गहनों से है, जिन्हें पिघला कर कोई और आकृति बनाई जा सकती है।
13:12 a3uo सोने का बछड़ा [13-12] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-13-12.jpg)\n\n__हारून ने बछड़े के आकार में सोने की एक मूरत ____बनाई__ । लोग उस मूरत की अंधाधुंध आराधना करने और उसके लिए बलियां देने लगे। उनके पाप के कारण __परमेश्वर __ को उन पर बहुत क्रोध आया, और उसने उन्हें नष्ट करने की योजना बनाई। लेकिन __मूसा ने उनके लिए प्रार्थना की__, और परमेश्वर ने __उसकी प्रार्थना सुनी__ और उन्हें नष्ट नहीं किया।\n\n__महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश____:__\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:aaron|हारून]]____\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:idol|मूरत]]____\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:worship|आराधना]]____\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:sacrifice|भेंटे]]____\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:god|परमेश्वर]]____\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:sin|पाप]]____\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:moses|मूसा]]____\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:pray|प्रार्थना]]____\n\n__अनुवाद के लिए नोट्स____:__\n\n* __सोने की एक मूरत बनाई__ -\n\n* __अंधाधुंध आराधना__ - मूरत की आराधना करने तथा साथ ही उसकी आराधना करते समय बुरी चीज़ें करके लोगो ने पाप किया।\n\n* __उसकी प्रार्थना सुनी__ - परमेश्वर हमेशा प्रार्थना सुनता है। यहाँ "सुनी" का आशय परमेश्वर के मूसा की विनती पूरी करने की सहमति से है।
13:13 hfzf मूसा क्रोधित था [13-13] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-13-13.jpg)\n\nपर्वत से नीचे उतरने पर जब __मूसा __ ने जब __मूरत __ को देखा, तो उसे इतना क्रोध आया कि उसने __वे पत्थर तोड़ डाले__ जिन पर __परमेश्वर __ ने __दस आज्ञाएँ__ लिखी थीं।\n\n__महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश____:__\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:moses|मूसा]]____\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:idol|मूरत]]____\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:god|परमेश्वर]]____\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:ten-commandments|दस आज्ञाएँ]]____\n\n__अनुवाद के लिए नोट्स____:__\n\n* __पत्थर तोड़ डाले__ - उसने पत्थरों की तख्तियों को भूमि पर पटक दिया और उसके छोटे - छोटे टुकड़े हो गए।
13:14 hat0 मूसा ने मूरत तोड़ डाली [13-14] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-13-14.jpg)\n\nइस पर __मूसा ने मूरत को तोड़ कर उसका चूरा किया__, और उसे थोड़े पानी में मिला कर लोगो को पिला दिया। __परमेश्वर __ ने उन लोगो पर एक __विपत्ति__ भेजी, जिसमे बहुत लोग मारे गए।\n\n__महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश____:__\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:moses|मूसा]]____\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:idol|मूरत]]____\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:god|परमेश्वर]]____\n\n__अनुवाद के लिए नोट्स____:__\n\n* __तोड़ कर उसका चूरा किया__ - मूसा ने मूरत को पीट - पीट कर चूरे में बदल दिया।\n\n* __थोड़े पानी में__ - मूसा ने सोने का चूरा पानी के सोते में बिखेर दिया।\n\n* __एक विपत्ति__ - इसे "भयानक रोग भी कह सकते हैं।
13:15 cmbp मूसा ने इस्राएल के लिए प्रार्थना की [13-15] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-13-15.jpg)\n\n__मूसा __ फिर से पहाड़ी पर गया और __परमेश्वर __ से लोगों को क्षमा करने के लिए प्रार्थना की। परमेश्वर ने मूसा की प्रार्थना सुनी और उन्हें क्षमा कर दिया। __मूसा ने दस आज्ञाओं को__ पत्थर की नयी तख्तियों पर लिखा और उन्हें टूटी हुई तख्तियों को बदल दिया। परमेश्वर तब __इस्राएलियों__ को __सीनै पर्वत__ से दूर __वाचा की भूमि__ की ओर ले गया।\n\n__महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश____:__\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:moses|मूसा]]____\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:pray|प्रार्थना]]____\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:god|परमेश्वर]]____\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:forgive|क्षमा]]____\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:ten-commandments|दस आज्ञाएँ]]____\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:israel|इस्राएलियों]]____\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:sinai|सीनै पर्वत]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:promised-land|वाचा की भूमि]]__\n\n__अनुवाद के लिए नोट्स____:__\n\n* __सुनी__ - ____________[[:hi:obs:notes:frames:13-12|[13- 12]]]____________में देखे कि आपने इसका अनुवाद कैसे किया था।\n\n* __मूसा____.....____लिखा__ - एक औजार का इस्तेमाल करते हुए मूसा ने उन शब्दों को पत्थर की तख्तियों पर लिखा।\n\n* बाइबिल की कहानी - बाइबिल के कुछ संस्करणों में इनका अनुवाद अलग तरह से किया हो सकता है।
14:1 h0lp परमेश्वर ने इस्राएल का नेतृत्व किया [14-01] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-14-01.jpg)\n\n__इस्राएलियों__ को वे व्यवस्थाये बताने के बाद, जो __परमेश्वर__ चाहता था की उनके साथ हुई __वाचा__ के हिस्से के रूप में वे उनका पालन करें, वे __सीनै पर्वत__ छोड़ कर आगे बढ़ गए। __वाचा की भूमि__, जो __कनान__ भी कहलाती थी, परमेश्वर उस ओर उनकी अगुआई करने लगा। __बादल का खम्बा__ उनके आगे - आगे कनान की ओर चला, और वे उसके पीछे हो लिए।\n\n__महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश____:__\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:god|परमेश्वर]]__ __\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:israel|इस्राएलियों]]__ __\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:covenant|वाचा]]__ __\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:sinai|सीनै पर्वत]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:promised-land|वाचा की भूमि]]__\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:canaan|कनान]]__ __\n\n__अनुवाद के लिए नोट्स____:__\n\n* __बादल का खम्भा__ - [[:hi:obs:notes:frames:12-02|[12-02]]]__में देखे की अप्पने इसका अनुवाद कैसे किया है। __\n\n____ __ ____ __
14:2 ffro कनानियों की मूरतें [14-02] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-14-02.jpg)\n\n__परमेश्वर__ ने अब्राहम, इसहाक, और याकूब से वाचा बाँधी थी, कि __वाचा की भूमि __ वह उनके वंशजों को देगा, लेकिन अभी तो वहां पर बहुत से समुदायों का डेरा था। वे कनानी कहलाते थे। कनानी लोग न तो परमेश्वर की __आराधना __ करते थे और न ही उसकी आज्ञाओं का पालन। वे झूठे देवताओं की आराधना करते थे और कई तरह की बुराइयों में लगे थे।\n\n__महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश____:__\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:god|परमेश्वर]]__ __\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:promise|प्रतिज्ञा की]]__ __\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:abraham|अब्राहम]]__ __\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:isaac|इसहाक]]____\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:jacob|याकूब]]____\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:promised-land|वाचा की भूमि ]]__\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:descendant|वंशजो]]____\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:people-group|समुदायों]]____\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:canaan|कनानियो]]____\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:worship|आराधना]]____\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:obey|आज्ञाओं का पालन]]____\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:god-false|झूठे देवताओं]]____\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:evil|बुराई]]____\n\n__अनुवाद के लिए नोट्स____:__\n\n_(_//इस अनुचछेद में अनुवाद से जुड़े कोई नोट्स नहीं हैं।__)//
14:3 unqf कनानियों का नाश कर दो [14-03] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-14-03.jpg)\n\n__परमेश्वर __ ने __इस्राएलियों __ से कहा, "तुम्हे __वाचा की भूमि __ की भूमि के सभी कनानियों को मिटाना होगा। उनके साथ संधि न करना और न ही उनके साथ विवाह करना। तुम्हे उनकी सभी मूरतों का नाश करना है। यदि तुमने मेरी आज्ञा नहीं मानी, तो तुम मेरी जगह उनकी मूरतों की आराधन करोगे।"\n\n__महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश____:__\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:god|परमेश्वर]]____\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:israel|इस्राएलियों]]____\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:canaan|कनानियो]]____\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:promised-land|वाचा की भूमि ]]__\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:peace|शान्ति]]____\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:idol|मूरतों]]____\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:obey|आज्ञाओं का पालन]]____\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:worship|आराधना]]____\n\n__अनुवाद के लिए नोट्स____:__\n\n* __मिटाना__ - इसे लिसे भी लिख सकते हैं, "उन्हें भूमि से खदेड़ना होगा" या फिर, "उन्हें भूमि से हटाना होगा।"\n\n* __उनके साथ संधि न करना__ - इसका अनुवाद ऐसे कर सकते हैं, "उनके साथ, या उनके बीच शान्ति से न रहना", या फिर, "उन्हें यह भरोसा न देना कि तुम उनके साथ शान्तिपूर्वक रहोगे।"\n\n* __उनके साथ विवाह न करना__ - परमेश्वर नहीं चाहता था की कोई इस्राएली किसी कनानी से विवाह करे।\n\n* __तुम उनके मूरतों की आराधना करोगे__ - यदि इस्राएलियों ने कनानियों के साथ मित्रता की और उनके मूरतों को नष्ट नहीं किया, तो ऐसे में वे परमेश्वर की जगह उन मूरतों की आराधना करने की परीक्षा में पद सकते हैं। आप कह सकते हैं, "तुम एक दिन उनकी आराधना करने लगोगे", ताकि यह स्पष्ट हो जाए की अन्यथा वे कनानियों के बातें सीख लेंगे।
14:4 wynv बारह जासूस [14-04] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-14-04.jpg)\n\n__इस्राएलियों __ के __कनान __ की सीमा पर पहुँचने पर, __मूसा __ ने इस्राएल के हर गोत्र से एक को लेकर, बारह लोगों को चुना। उसने उन व्यक्तियों को भूमि में जाकर वहां का भेद लाने को कहा। साथ ही उन्हें __कनानियों का भेद लेकर पता लगाना वे बलशाली थे या ____कमज़ोर__ ।\n\n__महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश____:__\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:israel|इस्राएलियों]]____\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:canaan|कनान]]____\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:moses|मूसा]]____\n\n__अनुवाद के लिए नोट्स____:__\n\n* __भेद लाने__ - इसके अनुवाद में ऐसे भी लिख सकते हैं, कि "गुप्त रीति से वहां के बारे में पता लगाने", या फिर "गुप्त रीति से भूमि के बारे में जानने।" भेदियों को जिन बातों का पता लगाना था उसमें इस बात की जानकारी भी लेनी थी कि वहां किस तरह का अन्न उगते हैं।\n\n* __कनानियों का भेड़ लेकर__ - इसका अनुवाद यूँ भी कर सकते हैं, "उन्हें गुप्त रीति से कनान के लोगो की जानकारी लेनी थी" या फिर, "उन्हें गुप्त रीति से कनानियों के बारे में जानना था।"\n\n* __कि वे बलशाली थे या कमज़ोर__ - वे इस बात का पता लगाना चाहते थे की कनानी लोग लड़ाई के लिए तैयार थे या नहीं। इसे ऐसे भी लिख सकते हैं, कि "वे पता लगाना चाहते थे कि कनानी सेना कितनी शक्तिशाली थी।"
14:5 b8vj बुरी खबर [14-05] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-14-05.jpg)\n\nउन बारह लोगों ने चालीस दिनों तक कनान की यात्रा के बाद वे लौट आये। उन्होंने लोगो से कहा, "भूमि बहुत ही उपजाऊ और फसल की बहुतायत है!" लेकिन उनमे से दस भेदियों ने कहा, "__वे बहुत ही शक्तिशाली नगर हैं __ और वहां के लोग बहुत ऊंचे डील - डौल के हैं! यदि हमने उन पर हमला किया तो अवश्य ही वे हमें हरा कर मार डालेंगे!"\n\n__महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश____:__\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:canaan|कनान]]____\n\n__अनुवाद के लिए नोट्स____:__\n\n* __वे लौट आये__ - वे कनान की सीमा से बस थोड़े बाहर उस जगह पर लौट आये जहां बाकी के इसरायली प्रतीक्षा कर रहे थे।\n\n* __वे बहुत शक्तिशाली नगर हैं__ - - नगर के चारो ओर बहुत मज़बूत दीवार थी, जिस कारण इस्राएलियों के लिए उन पर हमला करना बहुत कठिन होता।\n\n* __लोग बहुत ऊंचे डील - डौल के हैं__ - इसका अनुवाद ऐसे भी किया जा सकता है, "हमारे मुकाबले वे लोग बहुत ऊंचे हैं!" या, "वे लोग हमसे कहीं अधिक लम्बे - चौड़े हैं!"
14:6 pgix यहोशु और कालिब [14-06] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-14-06.jpg)\n\nकालिब और यहोशु नाम के दूसरे दो भेदियों ने तुरंत कहा, "यह सही है कि __कनान के लोग __ डील - डौल में बहुत विशाल और ताकतवर हैं, लेकिन हम उन्हें ज़रूर हरा सकते हैं! __परमेश्वर हमारे लिए लडेगा__!"\n\n__महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश____:__\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:caleb|कालिब]]____\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:joshua|यहोशु]]____\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:canaan|कनान]]____\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:god|परमेश्वर]]____\n\n__अनुवाद के लिए नोट्स____:__\n\n* __कनान ले लोग__ - यहाँ "कनानवासी" या फिर, "कनानी" भी लिख सकते हैं।\n\n* हम उन्हें ज़रूर हरा सकते हैं! परमेश्वर हमारे लिए लडेगा - इन दो वाक्यों के बीच संबंध दिखाने के लिए हम ऐसे भी कह सकते हैं कि, "हर उन्हें ज़रूर हरा सकते हैं, क्योंकि परमेश्वर हमारे लिए उनसे लडेगा!"\n\n* __परमेश्वर हमारे लिए लडेगा__ - इसे अनुवाद करते समय "परमेश्वर हमारे साथ मिल कर उनसे लडेगा!" भी कह सकते हैं। इससे यह स्पष्ट हो जाएगा कि इस्राएली लोग भी कनानियों से लड़ेंगे।
14:7 gb2e लोगों का बलवा करना [14-07] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-14-07.jpg)\n\nलेकिन लोगो ने __कालिब __ और __यहोशु __ की न सुनी। वे __मूसा __ और __हारून __ पर क्रोधित हुए और बोले, "__तुम हमें ऐसी भयानक जगह पर क्यों लाये__? लड़ाई में मारे जाने और बीवी - बच्चों के दास बनाए जाने से तो बेहतर था की हम मिस्र में ही रह गए होते।" लोग कोई और अगुवा चुन कर मिस्र में वापिस लौटना चाहते थे।\n\n__महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश____:__\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:caleb|कालिब]]__ __\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:joshua|यहोशु]]__ __\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:moses|मूसा]]__ __\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:aaron|हारून]]__ __\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:egypt|मिस्र]]__ __\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:servant|दास]]__ __\n\n__अनुवाद के लिए नोट्स____:__\n\n* __तुम हमें - - - - - - - क्यों ले आये__ - - असल में यहाँ कोई प्रश्न नहीं पूछा जा रहा है। कुछ भाषों में असल में ऐसा कहने का आशय है कि, "तुम्हे हमको यहाँ नहीं लाना चाहिए था।"\n\n* __ऐसी भयानक जगह - __ वे कनान को एक "भयानक" जगह समझते थे क्योंकि उन्हें लगता था कि वह इतनी खतरनाक जगह थी कि वहां पर उनके मारे जाने की आशंका थी।\n\n* लड़ाई में मारे जाने और बीवी - बच्चों के दास बनाए जाने से तो बेहतर था कि - - - इस पीरे कथन का अनवाद ऐसे भी किया जा सकता है, "यदि हमने कनानियों के साथ युद्ध किया, तो वे हमे मार डालेंगे और स्त्रियों व बच्चो को अपनी बन्धुआई में ले लेंगे।"
14:8 ceei परमेश्वर का बात करना [14-08] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-14-08.jpg)\n\n__परमेश्वर बहुत क्रोधित था __ और मिलाप के तम्बू पर उनसे मिलने आया। __परमेश्वर __ बोला, "क्योंकि तुमने मेरे विरुद्ध द्रोह किया है, इसलिए सब लोगों को बीहड़ में भटकना पड़ेगा। __यहोशु __ और __कालिब __ को छोड़, बीस साल और उससे अधिक आयु के सभी लोग कभी __वाचा की भूमि __ में प्रवेश करने न पायेंगे।"\n\n__महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश____:__\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:god|परमेश्वर]]____\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:tent-of-meeting|मिलाप के तम्बू]]____\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:god|परमेश्वर]]____\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:joshua|यहोशु]]____\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:caleb|कालिब]]____\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:promised-land|वाचा की भूमि]]__\n\n__अनुवाद के लिए नोट्स____:__\n\n* __आया__ - परमेश्वर किसी व्यक्ति के रूप में नहीं, बल्कि ऐसे किसी रूप में आया था जिससे उनकी महिमा व सामर्थ्य प्रकट होता था।\n\n* __बीहड़ में भटकोगे__ - परमेश्वर उन्हें बीहड़ में भटकता रहेगा जब तक कि द्रोह करनेवाले हर वयस्क व्यक्ति की मृत्यु नहीं हो जाती।
14:9 xu4m लोगों ने परमेश्वर को अनदेखा किया [14-09] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-14-09.jpg)\n\nलोगों ने जब यह सुना तो उन्हें अपने पाप करने पर पछतावा हुआ। उन्होंने अपने हथियार लिए और __कनान __ के लोगों पर हमला बोलने चले गए। __मूसा ने उन्हें न जाने की चेतावनी दी __ क्योंकि __परमेश्वर उनके साथ नहीं था__, लेकिन उन्होंने उसके एक न सुनी।\n\n__महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश____:__\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:sin|पाप किये]]____\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:canaan|कनान]]____\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:moses|मूसा]]____\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:god|परमेश्वर]]____\n\n__अनुवाद के लिए नोट्स____:__\n\n* __पाप करने पर__ - यहाँ पर ये जोड़ना ज़रूरी हो सकता है कि "कनान के लोगो पर जय करने की आज्ञा को न मान कर उन्होंने पाप किया था।"\n\n* __मूसा ने उन्हें न जाने की चेतावनी दी__ - - अर्थात मूसा ने उन्हें कनानियों के साथ युद्ध करने से मना किया था क्योंकि ऐसा करने पर वे भारी खतरे में पद सकते थे।\n\n* __परमेश्वर उनके साथ नहीं था__ - दूसरे शब्दों में कहें तो उनकी मदद के लिए परमेश्वर उनके साथ नहीं था। इस्राएलियों की अवज्ञा करने के कारण परमेश्वर ने उनके बीच से अपनी उपस्थिति, सुरक्षा, और सामर्थ हटा ली थी।\n\n* __लेकिन उन्होंने उसकी एक न सुनी__ - उन्होंने मूसा की बात नहीं मानी; और वे कनानियों पर हमला करने चले गए।
14:10 inpf कनानियों ने इस्राएल को पराजित किया [14-10] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-14-10.jpg)\n\n__परमेश्वर उनके साथ युद्ध में नहीं गया__, और इस कारण उनकी हार हुई और वे मारे गए। इसके बाद इस्राएल लोग कनान से लौट आये और चालीस सालों तक बीहड़ में भटकते रहे।\n\n__महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश____:__\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:god|परमेश्वर]]____\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:israel|इस्राएलियों]]____\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:canaan|कनान]]____\n\n__अनुवाद के लिए नोट्स____:__\n\n* __परमेश्वर उनके साथ युद्ध में नहीं गया__ - दूसरे शब्दों में, परमेश्वर ने युद्ध में उनकी कोई सहायता नहीं की।\n\n* __कनान से लौट आपये__ - उन्होंने कनान छोड़ दिया और उस बीहड़ में लौट गए जहां वे पहले रहते थे।\n\n* __बीहड़ में भटकते रहे__ - वे बीहड़ में रहे और अपने व अपने पशुओं के लिये भोजन - पानी की खोज में एक जगह से दूसरी जगह जाते रहे।
14:11 bl96 स्वर्ग से मन्ना [14-11] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-14-11.jpg)\n\n__इस्राएल__ के लोग चालीस सालों तक बीहड़ में भटकते रहे, इस दौरान __परमेश्वर ने उनका पोषण करता ____रहा__ । उसने __मन्ना कहलाने वाली रोटी उन्हें स्वर्ग से दी__ । उसने बटेरों के झुण्ड भी (जो कि माध्यम आकार की चिड़िया होती है) उनके शिविरों में भेजे, ताकि उनके पास खाने के लिए मांस हो। इस अवधि के दौरान, परमेश्वर ने उनके कपड़ों और जूतों को फटने - घिसने न दिया।\n\n__महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश____:__\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:israel|इस्राएल]]____\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:god|परमेश्वर]]____\n\n__अनुवाद के लिए नोट्स____:__\n\n* __परमेश्वर ने उनका पोषण किया__ - इसका अनुवाद ऐसे ही कर सकते है, "परमेश्वर ने उनके भोजन पानी और आश्रय की सभी ज़रूरतें पूरी की।"\n\n* __मन्ना कहलाने वाली स्वर्ग की रोटी__ - यह पतली रोटी जैसी खाने की चीज़ थी जो ओस की मानिंद रात भर आसमान से बरसती थी। उन्होंने उसे "मन्ना" कहा। लगभग हर दिन लोग "मन्ना" बटोरते और पका कर खाते।\n\n* __उसने बटेरो के झुण्ड भी उनके शिविरों में भेजे__ - इसे हम ऐसे भी कह सकते है, "उसने कई साड़ी बटेरें भी उनके शिविरों की ओर भेजीं।" यदि बटेर के बारे में जानकारी न हो तो आप किसी दूसरी छोटी चिड़िया का नाम भी लिख सकते हैं। या फिर अनुवाद करते समय ऐसे भी लिख सकते हैं, "माध्यम आकार की चिड़ियों के झुण्ड"।\n\n* __उनके शिविरों__ - सोने के लिए इस्राएलियों द्वारा गाड़े गए तम्बुओं को "शिविर" कहते हैं। ये इमारतों की जगह तम्बुओं से भरे हुए नगर की तरह था, और इसे एक जगह से दूसरी जगह ले जाया जा सकता था।
14:12 rmth पत्थर से पानी [14-12] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-14-12.jpg)\n\n__बड़ी ही अद्भुत रीति से परमेश्वर ने उनके लिए पत्थर से पानी निकाला __ । लेकिन इन सबके बावजूद, इस्राएल के लोग परमेश्वर और __मूसा __ के विरुद्ध कुडकूड़ाटे रहे। इस पर भी,__परमेश्वर अब्राहम__,__इसहाक__,__याकूब से बाँधी अपनी वाचाओं के प्रति विश्वासयोग्य रहा__ ।\n\n__महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश____:__\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:god|परमेश्वर]]____\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:israel|इस्राएल]]____\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:moses|मूसा]]____\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:faithful|विश्वासयोग्य]]____\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:promise|वाचाओं]]____\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:abraham|अब्राहम]]____\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:isaac|इसहाक]]____\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:jacob|याकूब]]____\n\n__अनुवाद के लिए नोट्स____:__\n\n* __बड़ी ही अद्भुत रीति से परमेश्वर ने उनके लिए पत्थर से पानी निकला__ - इसका अनुवाद हम ऐसे कर सकते हैं, "परमेश्वर ने अपनी सामर्थ्य से पत्थर से पानी निकला, ताकि लोग और उनके जानवर पानी पी सकें।\n\n* __लेकिन इन सबके बावजूद__ - इसका अनुवाद ऐसे किया जा सकता है, कि "लेकिन तब भी, परमेश्वर उनकी सभी ज़रूरते पूरी करते हुए उनके लिए भोजन, पानी और वस्त्र उपलब्ध करता रहा।"\n\n* __इस पर भी__ - इसका अनुवाद ऐसे कर सकते है, "इस्राएलियों की शिकायतों और कुडकुडाने पर भी....।"\n\n* __परमेश्वर - - - - अपनी वाचाओं के प्रति विश्वासयोग्य रहा__ - इसका अनुवाद करते समय यह लिखे सकते हैं, कि "परमेश्वर वो सब करता रहा जो उनसे अब्राहम,इसहाक और याकूब से कहा था की वो करेगा।" उनके वंशजो को उसने पानी दिया ताकि वे जीवित रहें और एक महान जाति बन कर आखिरकार कनान की भूमि पर स्वामित्व पा सकें।
14:13 wczd मूसा ने पत्थर पर मारा [14-13] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-14-13.jpg)\n\nएक और अवसर की बात है, लोगों के पास पीने के लिए थोडा भी पानी न था, तब __परमेश्वर __ ने __मूसा __ से कहा, "पत्थर को बोल, और उसमे से पानी बह निकलेगा।" लेकिन बजाय पत्थर से बोलने के मूसा ने उस पर जोर से दो बार वार किया और सब लोगो के आगे परमेश्वर का अनादर किया। सब लोगो के पीने के लिए पत्थर से पानी तो निकला, लेकिन परमेश्वर को मूसा पर क्रोध आया और बोला, "वाचा की भूमि में तू प्रवेश न कर सकेगा।"\n\n__महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश____:__\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:god|परमेश्वर]]____\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:moses|मूसा]]____\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:promised-land|वाचा की भूमि]]____\n\n__अनुवाद के लिए नोट्स____:__\n\n* __परमेश्वर का अनादर किया__ - इसका अनुवाद हम ऐसा कहते हुए कर सकते हैं, "मूसा ने परमेश्वर की अवज्ञा की," या फिर, "मूसा ने परमेश्वर का अपमान किया।" परमेश्वर एक विशेष रीति से लोगों के आगे प्रकट करना चाहता था कि उसके पास लोगों की ज़रूरतें पूरी करने की सामर्थ है। मूसा ने कार्य को परमेश्वर की रीति से करने की बजाय किसी और रीति से किया, जो कि परमेश्वर के प्रति सम्मान की कमी को दर्शाती थी।\n\n* __बोलने की बजाय पत्थर पर दो बार वार करने के द्वारा__ - इसका अनुवाद हम ऐसे भी कर सकते है, "मूसा ने पत्थर से बात नाहिया की, बल्कि अपनी छड़ी से उस पर दो बार वार किया।"
14:14 lv7o वाचा की भूमि में [14-14] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-14-14.jpg)\n\nइस्राएलियों के चालीस सालों तक बीहड़ में भटकने के बाद, परमेश्वर के विरुद्ध द्रोह करनेवाले सब लोग मर चुके थे। एक बार फिर, परमेश्वर लोगों को __वाचा की भूमि __ के किनारे ले गया। __मूसा __ अब बहुत बूढा हो चूका था, इसलिए लोगों की अगुआई करने के लिए परमेश्वर ने __यहोशु__ को चुना। साथ ही परमेश्वर ने मूसा से यह प्रतिज्ञा की, कि एक दिन वह __मूसा के जैसा एक और नबी __ भेजेगा।\n\n__महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश____:__\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:israel|इस्राएलियों]]____\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:rebel|द्रोह किया]]____\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:god|परमेश्वर]]____\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:promised-land|वाचा की भूमि ]]__\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:moses|मूसा]]____\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:joshua|यहोशु]]____\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:promise|प्रतिज्ञा की]]____\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:prophet|नबी]]____\n\n__अनुवाद के लिए नोट्स____:__\n\n* __जिन्होंने परमेश्वर के विरुद्ध द्रोह किया था__ - इसका अनुवाद करते समय ऐसे भी लिख सकते हैं, "जिन्होंने वाचा की भूमि में जाने की परमेश्वर द्वारा दी गयी आज्ञा को मानने से मना किया था।"\n\n* __लोगों__ - यह बीहड़ में मर चुकी पिछली पीढ़ी की संतानें थीं।\n\n* __एक दिन__ - अर्थात, "भविष्य में कभी।"\n\n* __मूसा के जैसा दूसरा नबी__ - मूसा के जैसा का आशय है कि यह व्यक्ति एक इसरायली होगा, वह लोगो को परमेश्वर के वचन बतायेगा, और लोगों की अगुआई करेगा।
14:15 v6fc मूसा की मृत्यु [14-15] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-14-15.jpg)\n\n__परमेश्वर __ ने तब __मूसा __ से पहाड़ी के ऊपर जाने को कहा ताकि वह __वाचा की भूमि __ देख सके। मूसा ने वाचा की भूमि को देखा, लेकिन परमेश्वर ने उसे वहां जाने की अनुमति नहीं दी। फिर मूसा की मृत्यु हो गयी, और __इस्राएलियों ने तीस दिनों तक शोक ____किया__ । __यहोशु __ उनका नया अगुआ बना। यहोशु एक अच्छा अगुआ था क्योंकि ओग __परमेश्वर पर भरोसा रखता था __ और उसकी आज्ञाओं का पालन करता था।\n\n__महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश____:__\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:god|परमेश्वर]]____\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:moses|मूसा]]____\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:promised-land|वाचा की भूमि ]]__\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:israel|इस्राएलियों]]____\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:joshua|यहोशु]]____\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:trust|भरोसा]]____\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:obey|आज्ञाओं का पालन किया]]____\n\n__अनुवाद के लिए नोट्स____:__\n\n* __तीस दिनों तक शोक किया__ - तीस दिनों तक इस्राएल के लोग रोए और यह जताते रहे की मूसा की मृत्यु से वे कितने दुखी थे।\n\n* बाइबिल की कहानी - बाइबिल के कुछ संस्करणों में इनका अनुवाद अलग तरह से किया हो सकता है।
15:1 iizc दो जासूस [15-01] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-15-01.jpg)\n\n__आखिरकार__ __इस्राएलियों के कनान में__,__वाचा की भूमि __ में__ प्रवेश __ करने का समय आ गया। चारो ओर मज़बूत दीवारों से घिरे हुए कनानी नगर, यरीहो में, __यहोशु __ ने __दो ____जासूस __ भेजे। उस नगर में रहाब नाम की एक वेश्या रहती थी, जिसने उन जासूसों को छिपाया और बाद में उन्हें भागने में मदद की थी। उसने ऐसा इसलिए किया क्योंकि उसे __परमेश्वर पर विश्वास था__ । उन्होंने रहाब से प्रतिज्ञा की और कहा कि __इस्राएलियों__ द्वारा यरीहो का नाश किये जाते समय, वह और उसके परिवार को कुछ नहीं होगा।\n\n__महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश____:__\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:israel|इस्राएलियों]]____\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:canaan|कनान]]____\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:promised-land|वाचा की भूमि]]__\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:joshua|यहोशु]]____\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:jericho|यरीहो]]____\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:rahab|राहाब]]____\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:believe|विश्वास किया]]____\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:god|परमेश्वर]]____\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:promise|प्रतिज्ञा की]]____\n\n__अनुवाद के लिए नोट्स____:__\n\n* __आखिरकार - - - - - समय आ गया__ - "आखिरकार" अर्थात "अंतत:" या कि, "एक लम्बी प्रतीक्षा के बाद।" बात को अधिक स्पष्ट बनाने के लिए आप ऐसा लिखे सकते हैं, कि "बीहड़ में ४० सालों तक भटकने के बाद, आख़िरकार परमेश्वर ने उन्हें अनुमति दे दी।"\n\n* __कनानी नगर यरीहो में ____....____दो भेदिये__ - इसका अनुवाद करते समय यूँ भी लिख सकते हैं, कि "कनानी नगर, यरीहो के बारे में जानकारी लेने दो लोग भेजे।" साथ ही ____[[:hi:obs:notes:frames:14-04|[14-04] ]]____में जा कर अनुवाद देखे।\n\n* __मज़बूत दीवारों से घिरे__ - इसका अनुवाद ऐसे भी कर सकते हैं, "चारो और पत्थर की बनी मोटी दीवार से घिरे।"\n\n* __भागने__ - - यहाँ पर "यरीहो के उन लोगो से भागने में मदद की जो उन्हें नुक्सान पहुंचाना चाहते थे।"\n\n* __उसके परिवार__ - रहाब ने अपने पिता - माता,भाइयों, और बहनों की सुरक्षा मांगी। अपनी भाषा में एक ऐसे शब्द का प्रयोग करें जिसमे परिवार के ये लोग भी शामिल होते हों।
15:2 vvxe यरदन नदी को पार करना [15-02] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-15-02.jpg)\n\n__वाचा की भूमि__ में प्रवेश करने के लिए __इस्राएलियों__ को __यरदन नदी__ पार करनी थी। परमेश्वर ने यहोशु से कहा, "सबसे पहले याजकों को जाने दे।" जैसे ही याजकों ने यरदन नदी में पैर रखा, इस्राएलियों की ओर ऊपर से आ रहे पानी का बहाव रुक गया ताकि वे नदी की दूसरी तरफ की सूखी भूमि पर जा सकें।\n\n__महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश____:__\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:israel|इस्राएलियों]]__ __\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:jordan-river|यरदन नदी]]__ __\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:promised-land|वाचा की भूमि]]__\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:god|परमेश्वर]]__ __\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:joshua|यहोशु]]__ __\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:priest|याजकों]]__ __\n\n__अनुवाद के लिए नोट्स____:__\n\n* __याजकों को पहले जाने दे__ - कुछा भाषाओँ में अनुवाद करते समय ऐसा कहना मददगार होगा, "नदी को पार करते समय याजकों को सबके आगे जाने दे।"\n\n* __ऊपर से आ रहे पानी का बहाव रुक गया__ - कुछ भाषाओँ में ऐसा कहना उचित होगा, "और उनके आगे खड़ा पानी नीचे की ओर बह गया।"
15:3 xbyx यरीहो के चारों ओर चक्कर लगाना [15-03] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-15-03.jpg)\n\n__लोगों के यरदन नदी को पार करने के बाद__, __परमेश्वर__ ने __यहोशु को बताया__ कि उस शक्तिशाली नगर, __यरीहो पर हमला कैसे करना है__ । लोगों ने परमेश्वर की आज्ञा मानी। जैसा कि परमेश्वर ने उन्हें करने को कहा था, सिपाहियों और याजकों ने छ: दिनों तक हर दिन एक बार, यरीहो नगर के चक्कर लगाये।\n\n__महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश____:__\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:jordan-river|यरदन नदी]]____\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:god|परमेश्वर]]____\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:joshua|यहोशु]]____\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:jericho|यरीहो]]____\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:obey|आज्ञाओं का पालन किया]]____\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:priest|याजकों]]____\n\n__अनुवाद के लिए नोट्स____:__\n\n* __लोगों के यरदन नदी को पार करने के बाद__ - कुछ भाषाओं में ऐसा कहना बेहतर होगा, कि "लोगों ने यरदन नदी को पार किया और फिर...।"\n\n* __हमला कैसे करना है__ - इसका अनुवाद ऐसे भी कर सकते हैं, "कि हमला करने के लिए उसे क्या करना है।"\n\n* __छ__: __दिनों तक हर दिन में एक बार__ - - अर्थात, छ: दिनों तक वे हर दिन, एक बार नगर का चक्कर लगाते थे।"
15:4 g4ms परमेश्वर के लिए ऊंची आवाज़ [15-04] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-15-04.jpg)\n\nइसके बाद सातवें दिन, __इस्राएलियों__ ने और सात चक्कर लगाए। अंतिम बार नगर का चक्कर लगाने के दौरान सिपाहियों ने ऊंची आवाजों में चिल्लाये जबकि याजकों ने अपनी तुरहियाँ फूंकी।\n\n__महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश____:__\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:israel|इस्राएलियों]]____\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:priest|याजकों]]____\n\n__अनुवाद के लिए नोट्स____:__\n\n* __अंतिम बार नगर का चक्कर लगाते समय__ - इसके अनुवाद मैं यह ही लिख सकते हैं, "नगर के अंतिम चक्कर के दौरान।"\n\n* __अपनी तुरहियों फूंकी__ - इसके अनुवाद में हम "उन्होंने अपनी तुरहियों से आवाज़ की" या फिर, "उन्होंने अपनी तुरहियाँ बजाई" भी लिख सकते हैं। ये तुरहियाँ मेंढे के सींघो से बनी थीं।
15:5 ytue दीवारें गिर गई [15-05] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-15-05.jpg)\n\n__यरीहो__ की दीवार गिर पड़ी! __परमेश्वर__ की आज्ञा अनुसार __इस्राएलियों__ ने नगर की हर चीज़ का नाश कर दिया। उन्होंने केवल __रा____हाब__ और उसके परिवार को छोड़ा, जो इस्राएलियों का हिस्सा बन गये। जब कनान में रहनेवाले दूसरे समुदायों ने सुना कि इस्राएलियों ने यरीहो का नाश कर दिया है, वे भयभीत हो गए कि कहीं इस्राएली लोग उन भी हमला न कर दें।\n\n__महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश____:__\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:jericho|यरीहो]]____\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:israel|इस्राएलियों]]____\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:god|परमेश्वर]]____\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:rahab|राहाब]]____\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:canaan|कनान]]____\n\n__अनुवाद के लिए नोट्स____:__\n\n* __हिस्सा बन गए__ - इसके अनुवाद में ऐसा भी लिखा जा सकता है, कि "बाद में वे इस्राएली समुदाय से जुड़ गए" या फिर, "जो फिर इस्राएल जाति के सदस्य हो गए।"इस्राएल
15:6 rq1x गिबोनियों का झूठ [15-06] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-15-06.jpg)\n\n__परमेश्वर __ ने __इस्राएलियों __ को आदेश दिया था कि वे कनान में रहनेवाले किसी भी समुदाय के साथ शान्ति संधिन करें। लेकिन गिबोनी कहलानेवाले कनानी लोगो के एक समुदाय ने __यहोशु से झूठ बोला और कहा __ कि वे कनान से दूर स्थित एक जगह से हैं। उन्होंने यहोशु से शान्ति संधि करने को कहा। यहोशु और इस्राएलियों ने परमेश्वर से नहीं पूछा कि आखिर गिबोनी लोग कहाँ से थे। इसलिए यहोशु ने उनके साथ शांति संधि कर ली।\n\n__महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश____:__\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:god|परमेश्वर]]____\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:israel|इस्राएलियों]]____\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:peace|शान्ति]]____\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:canaan|कनान]]____\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:gibeon|गिबोनियों]]____\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:joshua|यहोशु]]____\n\n__अनुवाद के लिए नोट्स____:__\n\n* __शान्ति संधि__ - लोगों के दो समुदायों के बीच हुए समझौता कि वे एक दूसरे को नुकसान नहीं पहुंचाएंगे तथा शांति व आपसी सहयोग से रहेंगे। इसे "शान्ति समझौता" भी कह सकते हैं।\n\n* __लेकिन गिबोनी कहलानेवाले कनानी लोगों के एक समुदाय ने__ - कुछ भाषाओं में ऐसे भी लिख सकते हैं, "लेकिन एक दिन गिबोनी नाम के एक समुदाय...।"कनान\n\n* __यहोशु से झूठ बोला और कहा__ - इसका अनुवाद ऐसे भी कर सकते हैं, "उन्होंने यह कहते हुए यहोशु से झूठ बोला कि" या फिर, "उन्होंने यहोशु से झूठ बोलते हुए कहा" या फिर, "उन्होंने झूठमूठ में यहोशु से कहा", या कि, "उन्होंने यहोशु को गलत बताया।"\n\n* __गिबोनी लोग कहाँ से थे__ - अर्थात, "गिबोनी लोग कहाँ रहते थे" या फिर, "गिबोनियों का निवास कहाँ था।" "गिबोनियों" का मतलब "गिबोनवासियों से था।"
15:7 zhcc गिबोन के निवासियों का संकट [15-07] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-15-07.jpg)\n\n__इस्राएलियों __ को जब गिबोनियों द्वारा धोखा दिया जाने के पता चला तो उन्हें बहुत क्रोध आया, लेकिन उन्होंने उनके साथ की शांति संधि का मान रखा क्योंकि यह परमेश्वर के आगे की प्रतिज्ञा थी। कुछ समय बाद, __कनान __ के एक दूसरे समुदाय के राजाओं, अमोरियों, ने जब गिबोनियों की इस्राएलियों के साथ संधि करने की बात सुनी, तो उन्होंने अपनी सेनाओं को मिला कर एक विशाल सेना बना कर गिबोन पर हमला बोल दिया। गिबोनियों ने यहोशु से मदद मांगने के लिए सन्देश भेजा।\n\n__महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश____:__\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:israel|इस्राएलियों]]____\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:gibeon|गिबोनियों]]____\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:peace|शान्ति]]____\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:promise|प्रतिज्ञा]]____\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:god|परमेश्वर]]____\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:king|राजाओं]]____\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:canaan|कनान]]____\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:amorite|अमोरियों]]____\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:joshua|यहोशु]]____\n\n__अनुवाद के लिए नोट्स____:__\n\n* __यहोशु के पास मदद मांगने के लिए सन्देश भेजा__ - इस्कान अनुवाद ऐसे भी कर सकते हैं, "कुछ लोगो को यहोशु को यह बताने के लिए भेजा कि अपने शत्रुओं से बचाव के लिए उन्हें इस्राएलियों की मदद चाहिए।"
15:8 td6f इस्राएल का गिबोनियों की मदद करना [15-08] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-15-08.jpg)\n\nइस पर __यहोशु __ ने __इस्राएली__ सेना को इकठ्ठा किया, और __गिबोनियों तक पहुँचने__ के लिए वे लोग रात भर पैदल चले। भोर के समय उन्होंने __अमोरियों के सेनाओं को चौंका__ दिया और उन पर हमला बोल दिया।\n\n__महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश____:__\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:joshua|यहोशु]]____\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:israel|इस्राएली]]____\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:gibeon|गिबोनियों]]____\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:amorite|अमोरियों]]____\n\n__अनुवाद के लिए नोट्स____:__\n\n* __गिबोनियों तक पहुँचने के लिए__ - अर्थात, "गिबोनियों के पास पहुँचाने के लिए" या फिर, "गिबोनियों की जगह ता पहुँचने के लिए।" गिबोनी लोग कनान में रहते थे, लेकिन कनान इतना विशाल था कि अपने शिविर से गिबोनियों तक पहुँचने के लिए इस्राएली सेना को पूरी रात की यात्रा करनी पड़ी।\n\n* __उन्होंने अमोरियों के सेनाओं को चौंका दिया__ - अमोरियों को इस बात की ज़रा भी खबर नहीं थी कि इस्राएली लोग उन पर हमला करने आ रहे थे।
15:9 w7ix अमोरियों से परमेश्वर ने युद्ध किया [15-09] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-15-09.jpg)\n\nउस दिन __इस्राएल के लिए परमेश्वर ____लड़ा__ । उसने अमोरियों के बीच गड़बड़ी पैदा कर दी और उन पर बड़े - बड़े ओले बरसा कर कई अमोरियों के मार दिया।\n\n__महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश____:__\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:god|परमेश्वर]]____\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:israel|इस्राएल]]____\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:amorite|अमोरियों]]____\n\n__अनुवाद के लिए नोट्स____:__\n\n* __इस्राएल के लिए परमेश्वर लड़ा__ - - इस्राएल के शत्रुओं के विरुद्ध परमेश्वर उनसे लड़ा।\n\n* __अमोरियों के बीच गड़बड़ी पैदा की__ - - इसका अनुवाद ऐसे भी कर सकते हैं, "अमोरियों के बीच आतंक पैदा कर दिया" या फिर, "अमोरियों की साथ मिल कर लड़ने की क्षमता ख़त्म कर दी।"\n\n* __बड़े - बड़े ओले__ - इसका अनुवाद करते समय यह भी कह सकते हैं : "बर्फ के बड़े - बड़े टुकड़े आसमान से बरसाए।"
15:10 gchx सूर्य ठहरा रहा [15-10] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-15-10.jpg)\n\n__परमेश्वर __ ने सूर्य को भी आकाश में एक ही जगह पर स्थिर रखा, ताकि इस्राएल के पास अमोरियों को पूरी तरह से हारने का पूरा समय हो। उस दिन परमेश्वर ने इस्राएल के लिए एक महान जय पाई।\n\n__महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश____:__\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:god|परमेश्वर]]____\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:israel|इस्राएल]]____\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:amorite|अमोरियों]]____\n\n__अनुवाद के लिए नोट्स____:__\n\n* _(_//इस अनुचछेद में अनुवाद से जुड़े कोई नोट्स नहीं हैं।__)//
15:11 yv0w इस्राएल ने कनानियों को पराजित किया [15-11] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-15-11.jpg)\n\nपरमेश्वर के हांथो उन सेनाओं की हार के बाद, कनानी लोगों के कई दूसरे समुदायों ने साथ मिल कर इस्राएल पर हमला किया। __यहोशु __ और इस्राएलियों ने उन पर हमला किया और उनका नाश कर दिया।\n\n__महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश____:__\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:canaan|कनानी]]____\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:israel|इस्राएल]]____\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:joshua|यहोशु]]____\n\n__अनुवाद के लिए नोट्स____:__\n\n* __हमला किया और उनका नाश कर दिया__ - इसका अनुवाद करते समय हम यह भी लिख सकते हैं कि, "उनके विरुद्ध लड़ाई की और उन्हें हरा दिया।"
15:12 ii5c वाचा की भूमि को बाटना [15-12] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-15-12.jpg)\n\nइस युद्ध के बाद, __परमेश्वर ने इस्राएल के हर गोत्र को वाचा की भूमि में अपना अलग हिस्सा दिया__ । परमेश्वर ने तब इस्राएल की सभी सीमाओं पर शांति दी।\n\n__महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश____:__\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:god|परमेश्वर]]____\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:israel|इस्राएल]]____\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:promised-land|वाचा की भूमि]]__\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:peace|शान्ति]]____\n\n__अनुवाद के लिए नोट्स____:__\n\n* __परमेश्वर ने____…..____भूमि में हिस्सा दिया__ - इसका अनुवाद ऐसे भी कर सकते हैं कि "परमेश्वर ने इस्राएल के हरेक गोत्र को भूमि का अपना हिस्सा दिया," या फिर, "परमेश्वर ने फैसला किया कि वाचा की भूमि के कौन से हिस्से में इस्राएल का कौन सा गोत्र रहेगा।"इस्राएल\n\n* __इस्राएल की सभी सीमाओं पर शान्ति दी__ - इसका अनुवाद करते समय यह भी लिखे सकते हैं कि "परमेश्वर ने इस्राएल को अपने आस - पास के अन्य समुदायों के साथ शांति के साथ रहने दिया," या फिर, "इस्राएल दे आस - पास के अन्य देशों के साथ……।"
15:13 lpuz यहोशु द्वारा वाचा का नवीनीकरण [15-13] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-15-13.jpg)\n\n__यहोशु बहुत बूढा हो गया था__, एक दिन उसने इस्राएल के लोगो को एक साथ अपने पास बुलाया। यहोशु ने __इस्राएलियों को उस__ वाचा का पालन करने की बात याद दिलाई जो वाचा परमेश्वर ने उनके साथ सीनै पर्वत पर बाँधी थी। __लोगों ने परमेश्वर के प्रति विश्वासयोग्य बने रहने __ और उसकी व्यवस्था का पालन करने की प्रतिज्ञा की।\n\n__महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश____:__\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:joshua|यहोशु]]____\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:israel|इस्राएल]]____\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:obey|आज्ञाओं का पालन]]____\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:covenant|वाचा]]____\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:god|परमेश्वर]]____\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:sinai|सीनै]]____\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:promise|प्रतिज्ञा की]]____\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:faithful|विश्वासयोग्य]]____\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:gods-law|उसकी व्यवस्था]]____\n\n__अनुवाद के लिए नोट्स____:__\n\n* __यहोशु बहुत बूढा हो गया__ - इसको और अधिक स्पष्ट करने के लिए हम इसे यूँ भी लिख सकते हैं, "बहुत सालों बाद, यहोशु बहुत बूढा हो चला था।" इस समय यहोशु 100 साल की आयु का था।\n\n* __परमेश्वर के प्रति विश्वासयोग्य बने रहने__ - दूसरे शब्दों में, वे परमेश्वर के प्रति निष्ठावान बने रहते। वे केवल परमेश्वर की आराधना व उसीकी सेवा करते; वे किसी अन्य देवता आदि की आराधना या सेवा नहीं करेंगे।\n\n* __उसकी व्यवस्था का पालन__ - इसका आशय लोगो द्वारा उन नियमो का पालन करने से था जो परमेश्वर उन्हें वाचा के अंश के रूप में पहले ही दे चुका था।\n\n* बाइबिल की कहानी - बाइबिल के कुछ संस्करणों में इनका अनुवाद अलग तरह से किया हो सकता है।
16:1 l09z इस्राएल ने मूर्तियों कि आराधना की [16-01] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-16-01.jpg)\n\n__यहोशु __ की मृत्यु के बाद, __इस्राएलियों ने परमेश्वर की अवज्ञा की __ और न तो उन्होंने शेष बचे कनानियों को नगर से बाहर खदेड़ा, और न ही परमेश्वर की व्यवस्था का पालन किया। इस्राएली लोग सच्चे परमेश्वर, यहोवा की जगह कनानी __देवताओं __ की __आराधना __ करने लगे। इस्राएलियों का कोई राजा नहीं था, इसलिए जिसे जो सही लगता, वह वाही करता।\n\n__महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश____:__\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:joshua|यहोशु]]____\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:israel|इस्राएलियों]]____\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:disobey|अवज्ञा की]]____\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:god|परमेश्वर]]____\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:canaan|कनानियो]]____\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:obey|आज्ञाओं का पालन]]____\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:gods-law|परमेश्वर की व्यवस्था]]____\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:worship|आराधना]]____\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:god-false|देवताओं]]____\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:yahweh|यहोवा]]____\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:truth|सच्चा]]____\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:king|राजा]]____\n\n__अनुवाद के लिए नोट्स____:__\n\n* __न तो____.....____को खदेड़ा__ - यह बताता कि उन्होंने परमेश्वर की अवज्ञा किस रीति से की थी। कुछ भाषाओं में इस वाक्य को "उन्होंने" के साथ शुरू कर सकते हैं।\n\n* __शेष बचे कनानियों को खदेड़ा__ - इसका अनुवाद ऐसे भी कर सकते हैं, "शेष बचे कनानियों से युद्ध करके उन्हें वहां से जाने को विवश नहीं किया।"\n\n* __न ही परमेश्वर की व्यवस्था का पालन किया__ - इसका आशय है कि लोगों ने परमेश्वर द्वारा सीनै पर्वत पर दिए नियमो का पालन भी नहीं किया।\n\n* __सच्चे परमेश्वर__ - - अर्थात, "एकमेव सच्चे परमेश्वर"। लोगों को केवल यहोवा ही की आराधना करनी चाहिए।\n\n* __जिसे जो सही लगा____, ____उसने वही किया__ - इसका आशय है कि सबने अपनी मनमर्जी की।
16:2 qeae शत्रुओं द्वारा इस्राएल की हार [16-02] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-16-02.jpg)\n\n__इस्राएलियों के परमेश्वर की लगातार अवज्ञा किये जाने के कारण__, परमेश्वर ने उन्हें उनके शत्रुओं द्वारा पराजित किये जाने के द्वारा दण्डित किया। इन शत्रुओं ने इस्राएलियों की चीज़ें चुरा लीं, उनकी संपत्ति का नाश किया, और उनके बहुत से लोगों को मार डाला। बहुत सालों तक परमेश्वर की अवज्ञा करते रहने और अपने शत्रुओं का दमन झेलने के बाद, इस्राएलियों ने पश्चाताप किया और __परमेश्वर से उन्हें बचाने को ____कहा__ । __महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश____:__\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:israel|इस्राएलियों]]____\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:disobey|अवज्ञा किये जाने]]____\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:god|परमेश्वर]]____\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:punish|दंड दिया]]____\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:repent|पश्चाताप किया]]____\n\n__अनुवाद के लिए नोट्स____:__\n\n* __परमेश्वर से उन्हें बचाने को कहा__ - अर्थात, अपने शत्रुओं से छुटकारा पाने की परमेश्वर से गुहार की।
16:3 a9qp मुक्तिदाता [16-03] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-16-03.jpg)\n\n__परमेश्वर ने तब एक मुक्तिदाता दिया __ जिसने उन्हें शत्रुओं से छुड़ाया और उनकी भूमि में शान्ति को स्थापित किया। लेकिन लोग फिर से __परमेश्वर को भूल गए __ और मूरतों की __आराधना करने __ लगे। इसलिए परमेश्वर ने पास ही रहनेवाले शत्रुओं, __मिद्यानियों __ द्वारा उन्हें पराजय दिलाई।\n\n__महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश____:__\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:god|परमेश्वर]]____\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:deliverer|मुक्तिदाता]]____\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:peace|शान्ति]]____\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:worship|आराधना करना]]____\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:idol|मूरतों]]____\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:midian|मिद्यानियों]]____\n\n__अनुवाद के लिए नोट्स____:__\n\n* __परमेश्वर____.....____ने दिया__ - इसका अनुवाद करते समय "चुना" या "नियुक्त किया" भी लिखे सकते हैं।\n\n* __शान्ति स्थापित किया__ - इसका अनुवाद ऐसे भी कर सकते हैं : "लोगो को भयमुक्त जीवन दिया," या फिर, "लड़ाई का अंत किया," या कि, "उनके शत्रुओं को हमला करने से रोक दिया।"\n\n* __भूमि__ - इसका आशय परमेश्वर द्वारा अब्राहम को दी गयी कनान, अर्थात वाचा की भूमि से है।\n\n* __लोग परमेश्वर को भूल गए__ - अर्थात, "लोगो ने परमेश्वर को याद करना और उसके आज्ञाओं का पालन करना छोड़ दिया।"
16:4 g3fd मिद्यान का राज्य [16-04] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-16-04.jpg)\n\nसात सालों तक मिद्यानियों ने __इस्राएलियों की फसल__ का सारा हिस्सा लिया। इस्राएली लोग इतने भयभीत थे कि वे डर के मारे गुफाओं में छिप गए ताकि मिद्यानी उन्हें ढूँढ न सकें। आखिरकार, उन्होंने __परमेश्वर__ से गुहार लगाईं कि वह उन्हें बचा ले।\n\n__महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश____:__\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:midian|मिद्यानियों]]____\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:israel|इस्राएलियों]]____\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:god|परमेश्वर]]____\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:save|बचा]]____\n\n__अनुवाद के लिए नोट्स____:__\n\n* __फसल__ - इसका आशय इस्राएलियों द्वारा अपने बाग़ - बगीचों और खेतों में उगाये भोजन देनेवाले पेड़ - पौधों से है।\n\n* __इतने भयभीत थे कि ____...____वे छिप गए__ - इसका अनुवाद ऐसे भी कर सकते हैं: "वे मिद्यानियों से बहुत डरते थे, इसलिए वे छिप गए।"\n\n* __गुहार लगाईं__ - इसका अनुवाद करते ऐसे भी लिख सकते हैं, : "उन्होंने पुकारा" या फिर, "पूरे मन से प्रार्थना की।"\n\n* __उन्हें बचा ले__ - इसका अनुवाद हम यूँ भी कर सकते हैं, : "उन्हें मुक्ति दे", या फिर, "उनके शत्रुओं से छुटकारा दे।"
16:5 xi3w एक स्वर्गदूत ने गिदोन से बाते की [16-05] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-16-05.jpg)\n\nएक दिन, गिदोन नाम का एक इस्राएली व्यक्ति गुपचुप तरीके से अपने गेहूं की बालियों को पीट कर दानों को अलग कर रहा था ताकि मिद्यानी उसे चुरा न सकें। __यहोवा__ का स्वर्गदूत गिदोन के पास आकर बोला, "हे सामर्थी योद्धा,__परमेश्वर तेरे साथ है__ । जा और __इस्राएल__ को मिद्यानियों से बचा।"\n\n__महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश____:__\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:gideon|गिदोन ]]____\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:midian|मिद्यानियों]]____\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:angel|स्वर्गदूत]]____\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:yahweh|यहोवा]]____\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:god|परमेश्वर]]____\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:israel|इस्राएल]]____\n\n__अनुवाद के लिए नोट्स____:__\n\n* __एक दिन __ - ये शब्द घटना के अतीत में होने का संकेत तो देते हैं, लेकिन किसी विशिष्ट तिथि का उल्लेख नहीं करते। कई भाषाओं में कहानियां अकसर इन्ही शब्दों के साथ शुरू होती हैं।\n\n* __गेहूं की बालियों को पीट कर दाने अलग कर रहा था__ - गेहूं की बालियाँ पतली - पतली डालियों पर लगी होती हैं। गेहूं की बालियों को पीट कर गेहूं के दानों को उसकी डालियों से अलग करते हैं। गेहूं के दाने हमारा भोजन बनते हैं लेकिन उसकीं डालियाँ नहीं।\n\n* __गुपचुप__ - गिदोन अपने गेहूं किसी छिपी हुई जगह में पछार रहा था, ताकि उन पर किसी मिद्यानी की नज़र न पड़े।\n\n* __परमेश्वर तेरे साथ है__ - अर्थात, "परमेश्वर विशेष रूप से तेरे साथ है", या फिर, "परमेश्वर के पास तुझे विशेष रीति से प्रयोग करने की योजना है।"
16:6 wf0g गिदोन ने मूर्ति को नष्ट कर दिया [16-06] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-16-06.jpg)\n\n__गिदोन__ के पिता ने एक मूरत के लिए एक वेदी बना रखी थी। __परमेश्वर__ ने गिदोन को वह वेदी ध्वस्त करने को कहा। लेकिन गिदोन को लोगों का भय था, इसलिए उसने रात होने तक प्रतीक्षा की। रात होने पर उसने वेदी दो तोड़ डाला और उसके टुकड़े - टुकड़े कर दिए। परमेश्वर के लिए उसने एक नयी वेदी बनाई जो उसी जगह पर थी जहां वह मूरत को समर्पित वेदी हुआ करती थी, और परमेश्वर को एक भेट चढ़ाई।\n\n__महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश____:__\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:gideon|गिदोन के]]____\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:altar|वेदी]]____\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:idol|मूरत]]____\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:god|परमेश्वर]]____\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:sacrifice|भेंट]]____\n\n__अनुवाद के लिए नोट्स____:__\n\n* __ध्वस्त करने__ - अर्थात, "बलपूर्वक ध्वंस करना", या फिर, "ढहा कर नष्ट करना।"\n\n* __लोगों का डर__ - गिदोन को डर था कि उस मूरत की आराधना करनेवाले संगी इस्राएली उस पर क्रोध करेंगे।\n\n* __रात होने तक प्रतीक्षा__ - इसका अनुवाद करते समय यह भी लिख सकते हैं, : "अँधेरा होने तक प्रतीक्षा की।" सब जबकि सो रहे थे, गिदोन ने वेदी को रात में चूर - चूर किया, ताकि किसी कोई उसे ऐसा करते न देख सके।
16:7 emb1 गिदोन छुड़ाया गया [16-07] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-16-07.jpg)\n\nअगली सुबह लोग यह देख कर बहुत क्रोधित हुए कि किसी ने वेदी को तोड़ कर पूरी तरह से ध्वस्त कर दिया है। वे गिदोन को मारने के लिए उसके घर पहुँच गए, लेकिन गिदोन के पिता ने कहा, "__तुम अपने परमेश्वर की मदद करने की कोशिश क्यों कर रहे हो__? यदि वह परमेश्वर है, तो उसे आप ही अपनी सुरक्षा करने दो!" उसके ऐसा कहने के कारण, लोगों ने गिदोन की जान नहीं ली।\n\n__महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश____:__\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:altar|वेदी]]____\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:gideon|गिदोन के]]____\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:god-false|देवता]]____\n\n__अनुवाद के लिए नोट्स____:__\n\n* __तुम लोग अपने परमेश्वर की मदद करने के कोशिश क्यों कर रहे हो____?__ - असल में यह एक प्रश्न की तरह नहीं पूछा गया था। इसे यूँ भी कह सकते हैं, "तुम्हे अपने परमेश्वर की मदद करने की कोशिश नहीं करनी चाहिए" या फिर, "तुम्हे अपने परमेश्वर की मदद करने की ज़रुरत नहीं है।"\n\n* __यही वह परमेश्वर है____, ____तो उसे आप ही अपनी सुरक्षा करने दो__ - अर्थात, "यदि वह सचमुच एक परमेश्वर है, तो वह आप ही अपनी रक्षा कर लेगा।"
16:8 jdio मिद्यानियों ने दोबारा इस्राएल पर आक्रमण किया [16-08] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-16-08.jpg)\n\nइसके बाद मिद्यानी फिर से __इस्राएलियों की चोरी करने लौटे__ । वे संख्या में इतने अधिक थे कि उन्हें गिनना संभव नहीं था। उनका मिल कर सामना करने के लिए __गिदोन __ ने इस्राएलियों को साथ आने को कहा। गिदोन ने __परमेश्वर से दो चिन्ह मांगे __ ताकि उसे इस बात का निश्चय हो जाए कि __इस्राएल को बचाने में परमेश्वर उसका इस्तेमाल करेगा__ ।\n\n__महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश____:__\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:midian|मिद्यानियों]]____\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:israel|इस्राएलियों]]____\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:gideon|गिदोन ]]____\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:god|परमेश्वर]]____\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:save|बचा]]____\n\n__अनुवाद के लिए नोट्स____:__\n\n* मिद्यानी फिर से __इस्राएलियों की चोरी करने लौटे__ - इसका अनुवाद ऐसे भी कर सकते हैं, : "वे फिर चोरी करने के इरादे से इस्राएलियों की भूमि पर लौटे।"\n\n* __उन्हें गिनना संभव नहीं था__ - इसका अनुवाद ऐसे भी कर सकते हैं, : "मिद्यानियों की संख्या बहुत अधिक थी" या फिर, "मिद्यानियों की गिनती करना बहुत विकट था।"\n\n* __दो चिन्ह__ - इसका अनुवाद ऐसे किया जा सकता है, : "दो आश्चर्यकर्म करने को कहा", या फिर, "दो असंभव कार्य करने को कहा।"\n\n* __कि परमेश्वर____.....____उसका इस्तेमाल करेगा__ - इसका अनुवाद ऐसे भी किया जा सकता है, : "कि परमेश्वर उसे सक्षम बनाएगा", या फिर, "कि परमेश्वर उसे बुला रहा था।"\n\n* __इस्राएल को बचाने__ - इसके अनुवाद करते समय "इस्राएल को मिद्यानियों से छुड़ाने" भी लिख सकते हैं।
16:9 w9yt गीला कपड़ा [16-09] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-16-09.jpg)\n\nपहले चिन्ह के लिए __गिदोन__ ने भूमि पर एक गीला कपडा रखा और __परमेश्वर__ से कहा कि सुबह की ओस केवल कपडे पर गिरे लेकिन भूमि सूखी रहे। __परमेश्वर ने वैसा ही ____किया__ । अगली रात, उसने कहा कि भूमि गीली हो जाये लेकिन कपडा सूखा ही रहे। परमेश्वर ने वैसा ही किया। इन दो चिन्हों के मिलने पर गिदोन को पूरा भरोसा हो गया कि मिद्यानियों से __इस्राएल को बचाने में__ परमेश्वर उसका इस्तेमाल करेगा।\n\n__महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश____:__\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:gideon|गिदोन ]]____\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:sheep|परमेश्वर]]____\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:save|बचा]]____\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:israel|इस्राएल]]____\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:midian|मिद्यानियों]]____\n\n__अनुवाद के लिए नोट्स____:__\n\n* __चिन्ह__ - इसे "अद्भुत कार्य" या, "असंभव कार्य" भी कह सकते हैं।\n\n* __सुबह की ओस केवल कपडे पर गिरे__ - इसका अनुवाद करते समय यह भी लिखे सकते हैं, : "सुबह ही ओस केवल कपडे पर नज़र आये", या फिर, "सुबह की ओस को केवल कपडे पर गिरा"। "ओस" का आशय सुबह के समय भूमि पर दिखनेवाली पानी की नन्ही - नन्ही व सूक्ष्म जलकणों से है। सहज रूप से यह सब जगह एक सामान गिरती है।\n\n* __परमेश्वर ने वैसा ही किया__ - इसका अनुवाद ऐसे भी किया जा सकता है, : "परमेश्वर ने थी वैसा ही कर दिया जैसा कि गिदोन ने कहा था।"
16:10 v29h बहुत सारे सैनिक [16-10] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-16-10.jpg)\n\n__गिदोन के पास ____32,000 ____इस्राएली सिपाही आये__, लेकिन __परमेश्वर__ ने उसे कहा कि उनकी संख्या बहुत अधिक है। इसलिए लड़ाई से डरने वाले 22,000 लोगों को गिदोन ने घर वापिस भेज दिया। परमेश्वर ने गिदोन से कहा कि वे अब भी गिनती में बहुत अधिक हैं। इसलिए __300 ____सिपाहियों को छोड़__ बाकी सभी को गिदोन ने वापिस भेज दिया।\n\n__महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश____:__\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:israel|इस्राएल ]]__ __\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:gideon|गिदोन ]]____\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:god|परमेश्वर]]____\n\n__अनुवाद के लिए नोट्स____:__\n\n* __गिदोन के पास ____32,000 ____इस्राएली सिपाही आये__ - कुछ भाषाओं इस वाक्य से पहले निम्न वाक्य को लिखने की ज़रुरत हो सकती है: "गिदोन ने इस्राएलियों को मिद्यानियों के विरोध में लड़ने का आह्वाहन दिया।" See ____[16__ ______ - __ ______08]____.\n\n* __बहुत अधिक__ - - परमेश्वर जितने लोगो को इस युद्ध में इस्तेमाल करना चाहता था, भाग लेनेवालों की संख्या उससे कहीं अधिक थी। यदि उतने सिपाहियों ने युद्ध करके जीत हासिल की होती, तो उन्हें लगता की वे यह युद्ध अपनी सामर्थ से जीते हैं, और उन्हें इस बात का अहसास नहीं होता की वास्तव में परमेश्वर ने उन्हें यह जय दी है।\n\n* __300 ____सिपाहियों को छोड़__ - इस वाक्यांश का अनुवाद हम यूँ भी कर सकते हैं, : "गिदोन ने तब केवल 300 लोगों को लड़ाई में हिस्सा लेने की अनुमति दी, और बाकी लोग घर चले गए।"
16:11 r9q5 मिद्यानि का स्वप्न [16-11] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-16-11.jpg)\n\nउस रात परमेश्वर गिदोन से बोला, "तू नीचे __मिद्यानी__ शिविर की ओर जा और जब तू उनकी बातें सुनेगा, तो और न डरेगा।" इसलिए, उस रात गिदोन नीचे की ओर उनके शिविर में गया और एक मिद्यानी सिपाही द्वारा अपने दोस्त को अपने सपने में दिखाई दी कोई बात बताते सुना। उस व्यक्ति के दोस्त ने कहा, "इस सपने का मतलब है कि गिदोन की सेना मिद्यानी सेना को हारने वाली है!" यह सुन कर गिदोन ने परमेश्वर की __आराधना__ की।\n\n__महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश____:__\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:god|परमेश्वर]]____\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:gideon|गिदोन ]]____\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:midian|मिद्यानी]]____\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:dream|सपने में दिखाई दी कोई बात]]____\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:worship|आराधना की]]____\n\n__अनुवाद के लिए नोट्स____:__\n\n* __नीचे की ओर....में जाने__ - मिद्यानी सिपाहियों ने एक घाटी में शिविर लगाया था जो की इस्राएली सिपाहियों के शिविर से नीचे की ओर था।\n\n* __तू....और न डरेगा __- अर्थात, "तू डरना बंद कर देगा।"\n\n* __सपने में दिखी कोई बात__ - अर्थात, "ऐसी बात जो उसे अपने सपने में दिखी थी" या फिर, "अपना एक सपना बताया।"
16:12 h8er गिदोन की सेना [16-12] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-16-12.jpg)\n\n__गिदोन__ तब अपने सिपाहियों के पास लौटा और उनमे से हरेक को एक नरसिंगा, एक मटका, और एक मशाल दी। मिद्यानी सिपाही जहां सो रहे थे, उन शिविरों को घेर लिया। गिदोन के 300 सिपाहियों ने अपनी मशालें मिटटी के उन घड़ो में रख दी ताकि मशाल की रोशनी मिद्यानियों से छिपी रहे।\n\n__महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश____:__\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:gideon|गिदोन ]]____\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:midian|मिद्यानी]]____\n\n__अनुवाद के लिए नोट्स____:__\n\n* __नरसिंगा__ - इसका अनुवाद करते समय "तुरही" या, "मेंढे के सींघो से बनी तुरही" भी लिख सकते हैं। ये नरसिंगे नर भेड़ से प्राप्त होते हैं और युद्ध में घोष के लिए इनका इस्तेमाल किया जाता था।\n\n* __एक मशाल__ - संभवत: यह लकड़ी का एक टुकड़ा था जिस पर एक कपड़ा बंधा होता था ताकि वह अच्छी तरह जलता रहे। (यह आज कल इस्तेमाल की जानेवाली टोर्च नहीं थी।)
16:13 rhx2 आक्रमण [16-13] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-16-13.jpg)\n\nफिर __गिदोन__ के सभी सिपाहियों ने एक साथ अपने मटके तोड़ डाले और आग की मशालें एकदम उजागर कर दी। फिर नरसिंगे फूंके और ऊंची आवाज़ में चिल्लाये, "__यहोवा की तलवार और गिदोन की तलवार__!"\n\n__महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश____:__\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:gideon|गिदोन के]]____\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:yahweh|परमेश्वर]]____\n\n__अनुवाद के लिए नोट्स____:__\n\n* __चिल्लाये__ - इसके लिए "जोर से बोले" या फिर, "ऊंचे स्वर में बोले" भी लिख सकते हैं।"\n\n* __तलवार__ - तलवार आकार में लम्बी, एक धारदार अस्त्र होता है, और इसके सिरे पर इसे पकड़ने के लिए हत्था होता है। इसके हत्थे को पकड़ कर लोग अपने शत्रु पर धारवाली जगह से वार करते हैं। यदि किसी की भाषा में तलवार के लिए कोई विशिष्ट शब्द न हो तो आप इसके लिए "लम्बा चाकू", "लम्बा चापड़" भी लिख सकते हैं।\n\n* __परमेश्वर की तलवार और गिदोन की तलवार__ - अर्थात, "हम परमेश्वर के लिए, और गिदोन के लिए लड़ते हैं!"
16:14 b0fb परमेश्वर ने मिद्यानियों को पराजित किया [16-14] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-16-14.jpg)\n\n__परमेश्वर ने मिद्यानियों के बीच गड़बड़ी पैदा कर दी__, जिस कारण वे स्वयं एक दूसरे पर ही हमला करके एक दूसरे को मारने लगे। इसके बाद, मिद्यानियों को खदेड़ने में मदद के लिए शेष __इस्राएलियों को तुरंत अपने घरों से बुलाया ____गया__ । उन्होंने बहुतो को मौत के घात उतार दिया और शेष बचे लोगों को इस्राएलियों की भूमि से खदेड़ डाला। उस दिन 120,000 मिद्यानी मारे गए। परमेश्वर ने __इस्राएल को बचाया था__ ।\n\n__महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश____:__\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:god|परमेश्वर]]____\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:midian|मिद्यानियों]]____\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:israel|इस्राएलियों]]____\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:save|बचाया]]____\n\n__अनुवाद के लिए नोट्स____:__\n\n* __परमेश्वर ने मिद्यानियों के बीच गड़बड़ी पैदा कर दी__ - परमेश्वर ने मिद्यानियों को भ्रम में डाल दिया। वे इस्राएलियों पर हमला करना चाहते थे, लेकिन ऐसा करने की बजाय उन्होंने एक दूसरे पर ही हमला कर दिया।\n\n* __शेष इस्राएलियों__ - अर्थात, "कई अन्य इस्राएली पुरुषों"। इसका आशय उन सिपाहियों से है जिन्हें घर भेज दिया गया था ____[[:hi:obs:notes:frames:16-10|[16-10]]]____।\n\n* __बुलाया गया__ - अर्थात, उन्हें "बुलवा भेजा गया", या कि "बुलवाया गया।" इस वाक्य का अनुवाद हम ऐसे भी कर सकते हैं, : "गिदोन ने दूतों को भेज कर उन इस्राएली सिपाहियों को बुलवाया जिन्हें पहले घर भेज दिया गया था।"
16:15 evdw गिदोन के लिए एक भेंट [16-15] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-16-15.jpg)\n\nलोग __गिदोन__ को अपना राजा बनाना चाहते थे। लेकिन गिदोन ने उन्हें ऐसा न करने दिया, बजाय इसके, उसने लोगों से कहा कि वे उसे __मिद्यानियों__ से लिए गए सोने के चाल्लों में से कुछ छल्ले दें। लोगो ने उसे सोने की बहुत बड़ी मात्र दे दी।\n\n__महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश____:__\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:gideon|गिदोन ]]____\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:king|राजा]]____\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:midian|मिद्यानियों]]____\n\n__अनुवाद के लिए नोट्स____:__\n\n* __ऐसा न करने दिया__ - गिदोन जानता था कि इस्राएलियों के लिए अच्छा है कि वे परमेश्वर को ही अपना राजा माने।\n\n* __बजाय इसके उसने लोगो से कहा कि__ - यह वाक्य "बजाय" शब्द के साथ शुरू हुआ है क्योंकि इसके बाद जो उसने किया वह बुद्धिमानी नहीं थी।
16:16 lzyx गिदोन ने एक मूर्ति बनाई [16-16] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-16-16.jpg)\n\nइसके बाद गिदोन ने उस सोने का इस्तेमाल एक ऐसे विशेष वस्त्र को बनाने में किया जैसा महा याजक पहना करते थे। लेकिन लोग उस वस्त्र की __आराधना__ करने लगे मानो वह एक मूरत थी। इसलिए __परमेश्वर ने इस्राएल को फिर से दंड दिया__ क्योंकि वे मूरतों की आराधना करने लगे थे। परमेश्वर ने उनके शत्रुओं को उन पर हावी होने दिया। आखिरकार उन्होंने फिर से परमेश्वर से मदद की गुहार लगाईं, और परमेश्वर ने उनके लिए एक और __मुक्ति__ __दाता__ भेजा।\n\n__महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश____:__\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:gideon|गिदोन ]]____\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:priest-high|महा याजक]]____\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:worship|आराधना करना]]____\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:idol|मूरत]]____\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:god|परमेश्वर]]____\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:punish|दंड दिया]]____\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:israel|इस्राएल]]____\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:deliverer|मुक्तिदाता]]____\n\n__अनुवाद के लिए नोट्स____:__\n\n* __गिदोन ने उस सोने का इस्तेमाल एक ऐसे विशेष वस्त्र बनाने में किया__ - इसका अनुवाद ऐसे भी किया जा सकता है, कि :"लोगो द्वारा दी गयी सोने की चीज़ों को पिघला कर गिदोन ने उससे एक ऐसा वस्त्र बनाया..।"\n\n* __परमेश्वर से दूर हो गए__ - इसका अनुवाद करते समय आप "परमेश्वर की अवज्ञा", या फिर, "परमेश्वर की आराधना छोड़.." भी लिख सकते हैं।
16:17 juby पाप और उद्धार [16-17] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-16-17.jpg)\n\nयह नमूना कई बार दोहराया गया: इस्राएली पाप करते, परमेश्वर उन्हें दण्ड देता, वे पश्चाताप करते, और फिर परमेश्वर उन्हें बचाने के लिए एक __मुक्तिदाता__ भेजता। कई सालों के दौरान परमेश्वर ने बहुत से मुक्तिदाता भेजे जिन्होंने इस्राएलियों को उनके शत्रुओं से बचाया।\n\n__महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश____:__\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:israel|इस्राएलियों]]____\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:sin|पाप]]____\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:god|परमेश्वर]]____\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:punish|दंड]]____\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:repent|पश्चाताप]]____\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:deliverer|मुक्तिदाता]]____\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:save|बचा]]____\n\n__अनुवाद के लिए नोट्स____:__\n\n* __यह नमूना कई बार दोहराया गया__ - इसका अनुवाद ऐसे भी कर सकते हैं, : "ये चीज़ीं बारम्बार होती" या फिर, "ये बातें बहुत बार हुई।"
16:18 jiq4 इस्राएल को एक राजा चाहिए था [16-18] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-16-18.jpg)\n\n__आखिरकार__, लोगों ने दूसरे समुदायों की तरह लोगों ने अपने लिए भी एक राजा माँगा। उन्हें एक राजा चाहिए था जो लम्बा - चौड़ा और बलवान था, और युद्ध में उनकी अगुआई कर सकता था। __परमेश्वर को उनकी यह विनती नहीं भाई__, लेकिन उसने वैसा ही राजा उन्हें दिया जैसा कि उन्हें चाहिए था।\n\n__महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश____:__\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:god|परमेश्वर ]]__ __\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:king|राजा]]____\n\n__अनुवाद के लिए नोट्स____:__\n\n* __आखिरकार__ - इसका अनुवाद यूँ भी कर सकते हैं, : "अपने शत्रुओं के कई हमलों को झेलने के बाद" या फिर, "बहुत सी जातियों के हमले का शिकार होने दे बाद।"\n\n* __परमेश्वर से एक राजा माँगा__ - इसका अनुवाद करते समय हम ऐसे भी लिख सकते हैं, : "परमेश्वर से राजा की मांग की", या फिर, "परमेश्वर से एक राजा की मांग करते रहे।"\n\n* __दूसरे समुदायों की तरह__ - दूसरे समुदायों के राजा था। इस्राएल भी उनके सामान होना चाहता था और उनकी तरह एक राजा चाहता था।\n\n* __परमेश्वर को उनकी यह विनती नहीं भाई__ - इसका अनुवाद करते समय ऐसा भी लिख सकते हैं, : "परमेश्वर उनकी विनती से सहमत नहीं था।" परमेश्वर जानता था कि वे राजा के रूप में परमेश्वर को अस्वीकार कर रहे थे और उसकी जगह एक मानव अगुवा का अनुकरण करना चाहते थे।\n\n* बाइबिल की कहानी - बाइबिल के कुछ संस्करणों में इनका अनुवाद अलग तरह से किया हो सकता है।
17:1 zjn9 दुष्ट राजा शाऊल [17-01] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-17-01.jpg)\n\n__शाऊल__ __इस्राएल का सबसे पहला राजा था__ । वह लम्बा और आकर्षक व्यक्तित्व का था, ठीक जैसा की लोग चाहते थे। इस्राएल पर अपने शासन के पहले कुछ साल शाऊल बहुत भला राजा था। लेकिन इसके बाद वह एक दुष्ट व्यक्ति बन गया जो __परमेश्वर की अवज्ञा करता था__, इसी कारण परमेश्वर ने एक अन्य पुरुष को चुना जो एक दिन उसकी जगह राजा बनेगा।\n\n__महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश____:__\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:saul|शाऊल]]____\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:king|राजा]]____\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:israel|इस्राएल]]____\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:obey|आज्ञाओं का पालन]]____\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:god|परमेश्वर]]____\n\n__अनुवाद के लिए नोट्स____:__\n\n* __इस्राएल का पहला राजा__ - इसका अनुवाद करते समय ऐसे भी लिख सकते हैं, : "इस्राएल पर राज्य करनेवाला पहला राजा।"\n\n* __एक दिन__ - इसका अनुवाद करते हम यह भी लिखे सकते हैं, : "आनेवाले कुछ समय बाद", या फिर, "कुछ साल बाद।"\n\n* __एक दिन उसकी जगह राजा__ - इसे इस रीति से भी कह सकते हैं, : "उसकी जगह इस्राएल का राजा होगा।"
17:2 aem6 चरवाहा दाऊद [17-02] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-17-02.jpg)\n\nशाऊल के बाद राजा होने के लिए __परमेश्वर __ ने दाऊद नाम के एक का उम्र इस्राएली को चुना। दाऊद बतलेहम नगर का एक गडरिया था। एक बार, अपने पिता की भेड़ों की रखवाली करते समय उसने भेड़ों पर हमला करने वाले एक सिंह और एक भालू को अपने हाथों से मारा था। दाऊद एक दीन और धर्मी व्यक्ति था जो परमेश्वर पर भरोसा करता था और परमेश्वर की आज्ञाओं का पालन करता था।\n\n__महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश____:__\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:god|परमेश्वर]]____\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:israel|इस्राएली]]____\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:david|दाऊद]]____\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:king|राजा]]____\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:saul|शाऊल]]____\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:shepherd|चरवाहा]]____\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:bethlehem|बैतलहम]]____\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:sheep|भेंडे]]____\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:humble|दीन]]____\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:righteous|धर्मी]]____\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:trust|भरोसा]]____\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:obey|आज्ञाओं का पालन किया]]____\n\n__अनुवाद के लिए नोट्स____:__\n\n* __रखवाली__ - अर्थात, "देखभाल" या, "रक्षा" या फिर, "देखरेख"।
17:3 kbr6 दाऊद ने गोलियत को मार डाला [17-03] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-17-03.jpg)\n\n__दाऊद__ एक महान योद्धा और अगुन बन गया। छोटी आयु ही मीना दाऊद ने गोलियत नाम के दैत्याकार व्यक्ति के विरुद्ध लड़ाई की। गोलियत एक प्रशिक्षित सिपाही था और बहुत मज़बूत व लगभग तीन मीटर लम्बा था! लेकिन गोलियत को मारने और इस्राएल को बचाने में __परमेश्वर__ ने दाऊद की मदद की। इसके बाद, इस्राएली शत्रुओं पर दाऊद बहुत बार विजयी रहा, जिसके कारण लोगों ने उसकी प्रशंसा की।\n\n__महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश____:__\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:david|दाऊद]]____\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:god|परमेश्वर]]____\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:israel|इस्राएल]]____\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:praise|प्रशंसा की]]____\n\n__अनुवाद के लिए नोट्स____:__\n\n* __गोलियत नामे के दैत्याकार व्यक्ति__ - "दैत्याकार" का आशय यहाँ लम्बे - चौड़े शरीरवाले व्यक्ति से है। गोलियत इस्राएल के विरुद्ध लड़ रही सेना का एक लम्बा - चौड़ा सिपाही था।
17:4 eipu शाऊल ने दाऊद का पीछा किया [17-04] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-17-04.jpg)\n\n__दाऊद__ के प्रति लोगों का प्रेम देख कर __शाऊल__ को जलन होने लगी। शाऊल ने कई बार उसकी हत्या करने की कोशिश की, जिस कारण दाऊद उसकी नज़रों से छिप गया। एक दिन, दाऊद को मारने के इरादे से शाऊल उसे खोज रहा था। शाऊल से बचने के लिए दाऊद जिस गुफा में छिपा हुआ था, शाऊल ठीक उसी गुफा में गया, लेकिन उसे देख न सका। इस समय दाऊद शाऊल के बहुत नज़दीक था और उसे मार सकता था, लेकिन उसने ऐसा नहीं किया। __शाऊल को यह प्रमाणित करने__ के लिए कि __राजा__ बनने के लिए वह कभी __शाऊल की हत्या नहीं करेगा____, __ दाऊद ने उसके कपडे का बस टुकडा भर ही काटा।\n\n__महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश____:__\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:saul|शाऊल]]____\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:love|प्रेम]]____\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:david|दाऊद]]____\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:king|राजा]]____\n\n__अनुवाद के लिए नोट्स____:__\n\n* __एक दिन__ - ये शब्द घटना के अतीत में होने का संकेत तो देते हैं, लेकिन किसी विशिष्ट तिथि का उल्लेख नहीं करते। कई भाषाओ में कहानियों की शुरुआत अकसर इन्ही शब्दों के साथ की जाती है।\n\n* __शाऊल को यह प्रमाणित करने के लिए__ - अर्थात, "शाऊल को भरोसा दिलाने के लिए" या फिर, "शाऊल को दिखाने के लिए।"\n\n* __राजा बनने के लिए__ - जिस व्यक्ति को परमेश्वर ने इस्राएल का राजा होने के लिए चुना है, उसकी हत्या करके दाऊद अपने परमेश्वर का अनादर नहीं करना चाहता था।
17:5 ia8l दाऊद का राजा बनना [17-05] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-17-05.jpg)\n\nआखिरकार, __शाऊल__ युद्ध में मारा गया, और __दाऊद__ तब __इस्राएल__ का __राजा__ बना। वह एक भला राजा था, और लोग उसे प्रेम करते थे। दाऊद को __परमेश्वर ने आशीष दी__ और उसे सफल बनाया। दाऊद ने कई लड़ाइयाँ लड़ी और इस्राएल के शत्रुओं को हराने में परमेश्वर ने उसकी मदद की। दाऊद ने यरूशलेम को जीता और उसे अपनी राजधानी बनाया। __दाऊद के शासन__ __काल के दौरान__, इस्राएल सामर्थी व समृद्ध हुआ।\n\n__महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश____:__\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:saul|शाऊल]]____\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:david|दाऊद]]____\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:king|राजा]]____\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:israel|इस्राएल]]____\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:love|प्रेम करते थे]]____\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:god|परमेश्वर]]____\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:bless|आशीषें दी]]____\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:jerusalem|यरूशलेम]]____\n\n__अनुवाद के लिए नोट्स____:__\n\n* __उसे सफल बनाया__ - अर्थात, "भले काम करने में उसकी मदद की।"\n\n* __अपनी राजधानी__ - अर्थात, "उसके साम्राज्य की राजधानी।" दाऊद यरूशलेम में रहा और वहीँ से शासन किया।\n\n* __दाऊद के शासनकाल के दौरान__ - अर्थात, "दाऊद के इस्राएल पर शासन करने के दौरान", या फिर, "इस्राएल पर राजा की हैसियत से राज्य करने की अवधि के दौरान।"\n\n*
17:6 ytd5 दाऊद एक मंदिर का निर्माण करना चाहता था [17-06] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-17-06.jpg)\n\n__दाऊद__ एक मंदिर का निर्माण करना चाहता था जहाँ सब __इस्राएली परमेश्वर की आराधना__ कर सकें, और उसे अपनी भेंटें प्रस्तुत कर सकें। 400 सालों से लोग __मूसा__ द्वारा बनाए __मिलाप के तम्बू__ पर परमेश्वर की आराधना और भेंटे अर्पण कर रहे थे।\n\n__महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश____:__\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:david|दाऊद]]____\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:temple|मंदिर]]____\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:israel|इस्राएलियों]]____\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:worship|आराधना]]____\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:god|परमेश्वर]]____\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:sacrifice|भेंटे]]____\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:tent-of-meeting|मिलाप के तम्बू]]____\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:moses|मूसा]]____\n\n__अनुवाद के लिए नोट्स____:__\n\n* __एक मंदिर का निर्माण__ - परमेश्वर की आराधना के लिए दाऊद एक स्थायी भवन का निर्माण करना चाहता था जो आसानी से उठा कर ले जानेवाले मिलाप के तम्बू का स्थान लेगा।
17:7 xy57 दाऊद से परमेश्वर कि प्रतिज्ञा [17-07] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-17-07.jpg)\n\nलेकिन __परमेश्वर__ ने नातान नबी के द्वारा __दाऊद__ के लिए यह सन्देश भेजा, "क्योंकि तू एक योद्धा है, इसलिए इस मंदिर का निर्माण तू नहीं करेगा। इसे तेरा बेटा बनाएगा। लेकिन, मैं तुझे बहुतायत से आशीष दूंगा। तेरा एक __वंशज__ मेरे लोगों पर सदा के लिए राज्य करेगा!" केवल मसीह ही दाऊद का एक ऐसा वंशज था जो अनंत काल के लिए राज्य कर सकता था। मसीह को परमेश्वर ने चुना था कि वह लोगो के इस जगत को उनके पाप से बचाए।\n\n__महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश____:__\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:god|परमेश्वर]]____\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:prophet|नबी]]____\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:nathan|नातान]]____\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:david|दाऊद]]____\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:temple|मंदिर]]____\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:son|बेटा]]____\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:bless|आशीष]]____\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:king|राजा]]____\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:israel|इस्राएल]]____\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:messiah|मसीह]]____\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:descendant|वंशजो]]____\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:sin|पाप]]____\n\n__अनुवाद के लिए नोट्स____:__\n\n* __नातान नबी__ - कुछ भाषाओं में इस बात को कहने की सहज रीति कुछ ऐसी होगी, "नातान नाम का नबी।"\n\n* __योद्धा__ - अर्थात, युद्ध में लडनेवाला। दाऊद ने इस्राएलियों के कई शत्रुओं को मारा था। यहाँ परमेश्वर उसे इसके लिए दंड नहीं दे रहा था, लेकिन वह चाहता था कि ऐसा स्थान जहां लोग उसकी आराधना करेंगे, उसका निर्माण कोई शांतिपूर्ण व्यक्ति ही करे।\n\n* __इस मंदिर__ - अर्थात, "आराधना की इस जगह" या फिर, "इस आराधना स्थल।"\n\n* __पाप से__ - अर्थात, "पाप के भयंकर परिणामों से।"
17:8 hpbe दाऊद ने परमेश्वर की स्तुति की [17-08] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-17-08.jpg)\n\n__दाऊद__ ने जब ये शब्द सुने, तो उसने तुरंत परमेश्वर को धन्यवाद दिया और उसकी स्तुति की क्योंकि उसने दाऊद को यह __महान सम्मान__ और बहुत सी __आशीषें__ देने की वाचा बाँधी थी। दाऊद नहीं जानता थी कि परमेश्वर कब इन बातों को पूरी करने वाला है। लेकिन असल में, __मसीह__ के आने से पहले __इस्राएलियों__ को एक लम्बी प्रतीक्षा करनी थी, लगभग १, साल जितनी।\n\n__महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश____:__\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:david|दाऊद]]____\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:praise|प्रशंसा की]]____\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:god|परमेश्वर]]____\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:promise|प्रतिज्ञा की]]____\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:bless|आशीषे]]____\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:israel|इस्राएलियों]]____\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:messiah|मसीह]]____\n\n__अनुवाद के लिए नोट्स____:__\n\n* __ये शब्द__ - अर्थात, "नबी द्वारा बोले गए शब्द।" ____[[:hi:obs:notes:frames:17-07|[17-07]]]____के सन्दर्भ में।\n\n* __यह महान सम्मान__ - बाद में आनेवाले लोग दाऊद को बहुत ऊंचा सम्मान देंगे क्योंकि उसके कुछ वंशज इस्राएल के राजा होंगे और उनमें से एक मसीह होगा।
17:9 vxfj परमेश्वर ने दाऊद को आशीष दिया [17-09] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-17-09.jpg)\n\n__न्याय और विश्वास__ __योग्यता के साथ दाऊद ने कई सालों तक शासन किया__, और __परमेश्वर ने उसे आशीषित ____किया__ । लेकिन तब भी, अपने जीवन के अंतिम दिनों में उसने परमेश्वर के विरुद्ध भयंकर पाप किये।\n\n__महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश____:__\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:david|दाऊद]]____\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:justice|न्याय]]____\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:faithful|विश्वासयोग्यता]]____\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:god|परमेश्वर]]____\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:bless|आशीषें दी]]____\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:sin|पाप किये]]____\n\n__अनुवाद के लिए नोट्स____:__\n\n* __न्याय और विश्वासयोग्यता के साथ दाऊद ने कई सालों तक शासन किया__ - इसके अनुवाद में ऐसे भी लिख सकते हैं, कि "लोगों पर अपने शासनकाल के दौरान, कई सालों तक उसने सही व न्यायसंगत कार्य ही कियें. और परमेश्वर के प्रति विश्वासयोग्य रहा।"\n\n* __अपने जीवन के अंतिम दिनों में__ - इसका अनुवाद हम ऐसे भी कर सकते हैं, : "दाऊद जब बूढा हुआ।"\n\n* __भयंकर पाप किये__ - अर्थात, "बहुत बुरे - बारे पाप किये।" दाऊद के पाप विशेष रूप से बहुत बुरे थे।
17:10 uswl दाऊद और बतशेबा [17-10] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-17-10.jpg)\n\n__एक दिन__, जब __दाऊद के__ सभी सिपाही अपने घर से दूर युद्ध कर रहे थे, अपने महल की खिड़की से झांकने पर उसे एक सुंदर स्त्री नहाती हुई दिखी। उसका नाम बतशीबा था।\n\n__महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश____:__\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:david|दाऊद के]]____\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:bathsheba|बतशीबा]]____\n\n__अनुवाद के लिए नोट्स____:__\n\n* __एक दिन __ - ये शब्द घटना के अतीत में होने का संकेत तो देते हैं, लेकिन किसी विशिष्ट तिथि का उल्लेख नहीं करते। कई भाषाओ में कहानियों की शुरुआत अकसर इन्ही शब्दों के साथ की जाती है।\n\n* __दिखी__ - बतशीबा शायद अपने घर में नहा रही थी, लेकिन दाऊद का महल बहुत ऊंचा था इसलिए वह अपने महल से नीचे के मकानों को देख सकता था।\n\n* __नहा रही__ - इसके लिए आप "नहा - धो रही थी" या फिर, "स्नान कर रही थी" भी लिख सकते हैं।
17:11 dmk4 दाऊद का पाप [17-11] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-17-11.jpg)\n\n__नज़रें हटाने की जगह__, __दाऊद__ ने किसी को उसे लाने भेज दिया। वह उसके साथ सोया और फिर उसे घर भेज दिया। कुछ समय बाद __बतशेबा__ ने दाऊद को अपने गर्भवती होने की खबर भिजवाई।\n\n__महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश____:__\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:david|दाऊद]]____\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:bathsheba|बतशेबा]]____\n\n__अनुवाद के लिए नोट्स____:__\n\n* __नज़रें हटाने की जगह__ - अर्थात, दाऊद ने नहाती हुई स्त्री से अपनी नज़रे नहीं हटाई, जो कि उसे करना चाहिए था।\n\n* __वह उसके साथ सोया__ - इस बात को कहने का अधिक शालीन तरीका कि दाऊद ने बतशेबा के साथ सहवास किया था।
17:12 gih3 दाऊद द्वारा ऊरिय्याह कि हत्या [17-12] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-17-12.jpg)\n\n__बतशेबा का__ पति, जिसका नाम उरिय्याह था, __दाऊद के__ बेहतरीन सिपाहियों में से एक था। दाऊद ने उरिय्याह को युद्ध क्षेत्र से वापिस बुलवा कर अपने पत्नी के साथ होने को कहा। लेकिन उरिय्याह ने बाकी सिपाहियों को युद्ध में छोड़ कर घर जाने से मना कर दिया। इसलिए दाऊद ने उरिय्याह को फिर युद्ध में भेज दिया और सेनापति से उसे ऐसी जगह पर रखने को कहा जहां पर शत्रु सबसे अभिक प्रबल था, जिससे कि वह मारा जाए।\n\n__महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश____:__\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:bathsheba|बतशेबा का]]____\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:uriah|उरिय्याह]]____\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:david|दाऊद के]]____\n\n__अनुवाद के लिए नोट्स____:__\n\n* __अपनी पत्नी के साथ होने को__ - अर्थात, "घर लौट कर पत्नी के करीब होने को कहा।" दाऊद चाहता था कि लोगों को, विशेषकर उरिय्याह को यह विश्वास हो जाए की बतशेबा की कोख में उरिय्याह की संतान थी।\n\n* __जहां शत्रु सबसे अधिक प्रबल था__ - अर्थात, युद्ध क्षेत्र की एक ऐसी जगह जहां पर सबसे अधिक लड़ाई चल रही थी।
17:13 ajr8 नातान ने दाऊद को डांटा [17-13] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-17-13.jpg)\n\nउरिय्याह की मृत्यु के बाद, __दाऊद__ ने __बतशेबा__ से विवाह कर लिया। बाद में, उसने दाऊद के बेटे को जन्म दिया। __परमेश्वर__ दाऊद की करतूत पर बहुत क्रोधित था, इसलिए दाऊद को यह बताने के लिए कि उसका पाप कितना बुरा था, परमेश्वर ने उसके पास नातान नबी को भेजा। दाऊद ने अपने पाप का पश्चाताप किया और परमेश्वर ने उसे क्षमा कर दिया। अपने शेष जीवन, दाऊद ने कठिन समय में भी __परमेश्वर का अनुकरण किया और उसकी आज्ञाओं को ____माना__ ।\n\n__महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश____:__\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:uriah|उरिय्याह]]____\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:david|दाऊद]]____\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:bathsheba|बतशेबा]]____\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:god|परमेश्वर]]____\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:prophet|नबी]]____\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:nathan|नातान]]____\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:evil|बुराई]]____\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:sin|पाप]]____\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:repent|पश्चाताप किया]]____\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:forgive|क्षमा कर दिया]]____\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:obey|आज्ञाओं का पालन किया]]____\n\n__अनुवाद के लिए नोट्स____:__\n\n* __दाऊद की करतूत__ - इसका आशय दाऊद द्वारा बतशेबा के साथ किये व्यभिचार तथा उसके पति, उरिय्याह की हत्या से है।
17:14 yk6u सुलैमान का जन्म [17-14] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-17-14.jpg)\n\nलेकिन दाऊद के पाप के दंड स्वरुप, उसके बेटे की बालपन में ही मृत्यु हो गई। साथ ही शेष जीवन भर, __दाऊद के परिवार में आतंरिक कलह__ होता रहा, और __दाऊद की सामर्थ बहुत क्षीण हो गई__ । दाऊद के __परमेश्वर__ के प्रति अनिष्ठा के बावजूद, परमेश्वर अपने वाचाओं के प्रति __विश्वासयोग्य__ बना रहा। बाद में, दाऊद और बतशेबा को एक और बीटा हुआ, जिसे उन्होंने सुलैमान नाम दिया।\n\n__महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश____:__\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:punish|दंड]]____\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:david|दाऊद के]]____\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:sin|पाप]]____\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:god|परमेश्वर]]____\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:faithful|विश्वासयोग्य]]____\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:promise|वाचाओं]]____\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:bathsheba|बतशेबा]]____\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:solomon|सुलैमान]]____\n\n__अनुवाद के लिए नोट्स____:__\n\n* __दाऊद के परिवार में आतंरिक कलह__ - यह बहुत ही गंभीर कलह थी। घटनेवाली बहुत सी बातों में उसके बेटे का दूसरे की हत्या करना, और दाऊद के राजा होते हुए उसकी गद्दी छिनने की कोशिश करना शामिल है। यदि संभव हो तो पारिवारिक संघर्ष की इस गंभीरता व्यक्त करनेवाले किसी शब्द का चयन करें।\n\n* __दाऊद की सामर्थ बहुत क्षीण हो गई__ - इसके अनुवाद में ये भी लिख सकते हैं, : "दाऊद की ताकत घाट गयी" या फिर, "दाऊद का अधिकाँश अधिकार खो गया।"\n\n* बाइबिल की कहानी - बाइबिल के कुछ संस्करणों में इनका अनुवाद अलग तरह से किया हो सकता है।
18:1 cxm0 परमेश्वर का सुलैमान को बुद्धिमान बनाना [18-01] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-18-01.jpg)\n\nकई साल बाद, __दाऊद__ की मृत्यु हो गयी और __इस्राएल__ पर उसका बेटा सुलैमान शासन करने लगा। __परमेश्वर__ सुलैमान से बोला और उससे किसी इच्छित चीज़ मांगने को कहा। सुलैमान द्वारा बुद्धि मांगने पर, परमेश्वर प्रसन्न हुआ और उसे संसार का सबसे बुद्धिमान व्यक्ति बना दिया। सुलैमान ने कई चीज़े सीखीं और एक बहुत ही बुद्धिमान न्यायी हुआ। परमेश्वर ने उसे बहुत समृद्धि भी दी।\n\n__महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश____:__\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:david|दाऊद]]____\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:solomon|सुलैमान]]____\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:israel|इस्राएल]]____\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:god|परमेश्वर]]____\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:wise|बुद्धि]]____\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:judge|न्याय करना]]____\n\n__अनुवाद के लिए नोट्स____:__\n\n* __बुद्धि मांगने पर__ - इसे "परमेश्वर से उसे सबसे बुद्धिमान बनाने को कहा" भी लिख सकते हैं।
18:2 t83g सुलैमान ने मंदिर का निर्माण किया [18-02] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-18-02.jpg)\n\n__सुलैमान__ ने __यरूशलेम__ में मंदिर बनवाया, जिसकी योजना उसके पिता __दाऊद__ ने बनाई थी और उसके लिए सामग्री भी जुटाई थी। लोग अब __मिलाप के तम्बू__ की जगह मंदिर में जा कर परमेश्वर की आराधना करते और उसे भेंटे प्रस्तुत करते थे। परमेश्वर आकर मंदिर में उपस्थित था, और अपने लोगों के साथ वहां पर रहता था।\n\n__महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश____:__\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:jerusalem|यरूशलेम]]____\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:solomon|सुलैमान]]____\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:temple|मंदिर]]____\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:david|दाऊद]]____\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:worship|आराधना की]]____\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:god|परमेश्वर]]____\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:sacrifice|भेंटे]]____\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:tent-of-meeting|मिलाप के तम्बू]]____\n\n__अनुवाद के लिए नोट्स____:__\n\n* __मंदिर में उपस्थित था__ - अर्थात, "एक विशेष रीति से उसकी उपस्थिति वहाँ पर थी।" हालाकि परमेश्वर हर समय, हर जगह मौजूद होता है, लेकिन मंदिर में स्वयं को उसने विशेष रूप से लोगों के लिए उपलब्ध किया था।\n\n* __अपने लोगों के साथ__ - इसका अनुवाद ऐसे भी कर सकते हैं, : "लोगों के बीच", या फिर, "लोगों के मध्य।"\n\n*
18:3 py8v सुलैमान का दूसरे देवताओं की सेवा करना [18-03] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-18-03.jpg)\n\nलेकिन सुलैमान को विदेशी महिलाओं से प्रेम था। उसने कई सारी, लगभग 1,000 स्त्रियों से विवाह करके __परमेश्वर की अवज्ञा की__! इनमे से कई स्त्रियाँ विदेशों से थीं और अपने साथ अपने __देवताओं को लाई थीं__ जिनकी वे __आराधना__ करती रहीं। बूढा होने पर सुलैमान ने भी उनके देवताओं के आराधना की।\n\n__महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश____:__\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:solomon|सुलैमान]]____\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:disobey|अवज्ञा की]]____\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:god|परमेश्वर]]____\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:god-false|देवताओं]]____\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:worship|आराधना]]____\n\n__अनुवाद के लिए नोट्स____:__\n\n* __अपने देवताओं को साथ लायीं थीं__ - वे अपनी मूरतें और मूरतों की आराधना पद्धतियाँ भी अपने साथ इस्राएल लायी थीं।
18:4 n85v राज्य में बटवारा होगा [18-04] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-18-04.jpg)\n\n__परमेश्वर__ सुलैमान पर क्रोधित था और सुलैमान की निष्ठा हीनता के दंड स्वरुप, उसने सुलैमान की मृत्यु के बाद इस्राएल को दो राज्यों में बांटने की प्रतिज्ञा की।\n\n__महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश____:__\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:god|परमेश्वर]]____\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:solomon|सुलैमान]]____\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:punish|दंड]]____\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:promise|प्रतिज्ञा की]]____\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:israel|इस्राएल]]____\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:kingdom|राज्यों]]____\n\n__अनुवाद के लिए नोट्स____:__\n\n* __सुलैमान की निष्ठाहीनता के दंडस्वरूप उसने.....दो राज्यों में बांटने की प्रतिज्ञा की__ - - इसका अनुवाद ऐसे भी किया जा सकता है,:"सुलैमान को उसकी निष्ठाहीनता का दंड देने के लिए, परमेश्वर ने गंभीरता के साथ उसे कहा की वह बटवारा करेगा।"
18:5 lwr1 रेहोबाम राजा बना [18-05] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-18-05.jpg)\n\nसुलैमान की मृत्यु के बाद उसका बेटा रेहोबाम राजा हुआ। रेहोबाम एक मूर्ख व्यक्ति था। __इस्राएल देश__ के सारे लोगों ने मिल कर उसे अपना राजा घोषित किया। वे रेहोबाम से शिकायत करते हुए बोले कि सुलैमान ने उनसे कड़ी मेहनत करवाई और ढेर सारा महसूल देने को विवश किया।\n\n__महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश____:__\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:solomon|सुलैमान]]____\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:rehoboam|रेहोबाम]]____\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:king|राजा]]____\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:israel|इस्राएल देश]]____\n\n__अनुवाद के लिए नोट्स____:__\n\n* __राजा घोषित किया__ - अर्थात, "उसे बताया कि उसके राजा बनने की उन्हें बहुत ख़ुशी है और वे उसके आदेशानुसार चलेंगे।"\n\n*
18:6 vp47 रेहोबाम का मूर्खतापूर्ण उत्तर [18-06] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-18-06.jpg)\n\n__रेहोबाम ने इसका बहुत ही मूर्खतापूर्ण उत्तर दिया__, "तुम सोचते हो कि मेरे पिता __सुलैमान__ ने तुमसे बहुत कड़ी मेहनत करवाई है, लेकिन मैं तुमसे और भी कड़ी मेहनत करवाऊंगा, और मैं तुम्हे उससे भी घोर दंड दूंगा।\n\n__महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश____:__\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:rehoboam|रेहोबाम]]____\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:solomon|सुलैमान]]____\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:punish|दंड]]____\n\n__अनुवाद के लिए नोट्स____:__\n\n* __मूर्खतापूर्ण उत्तर दिया__ - रेहोबाम का उत्तर बहुत ही कठोर था जिसके चलते लोग उसके विरुर्द्ध हो गए।
18:7 uw70 इस्राएल का यहूदा के विरोध में विद्रोह [18-07] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-18-07.jpg)\n\nइस्राएल के दस गोत्रों ने रेहोबाम के विरोध में द्रोह कर दिया। केवल दो ही गोत्र उसके प्रति निष्ठावान बने रहे। यही दो गोत्र यहूदा राज्यबने।\n\n__महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश____:__\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:israel|इस्राएल देश]]____\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:rebel|द्रोह किया]]____\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:rehoboam|रेहोबाम]]____\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:faithful|विश्वासयोग्य]]____\n\n* ________[[:hi:obs:notes:key-terms:kingdom-of-judah|यहूदाराज्य]]________\n\n__अनुवाद के लिए नोट्स____:__\n\n* __इस्राएल देश के गोत्र__ - - याकूब के बारहों बेटों के वंशज इस्राएल देश में एक "गोत्र" या कि एक बहुत बड़ा पारिवारिक समूह बन गए थे। इस्राएल का हर व्यक्ति इन्ही बारह गोत्रों में से किसी एक से जुड़ा है।\n\n* __रेहोबाम के विरोध में द्रोह किया__ - अर्थात, "रेहोबाम को अपना राजा मानने से मना कर दिया।" इस वाक्य की शुरुआत "इसलिए" या फिर, "जिस कारण" या कि, "रेहोबाम ने जो कहा था, उसके कारण" भी लिख सकते हैं।\n\n* __उसके प्रति निष्ठावान बने रहे__ - अर्थात, "उसके प्रति विश्वासयोग्य बने रहे" या फिर, "उसे राजा मानते रहे।"
18:8 wfjb यारोबाम ने इस्राएल पर शासन किया [18-08] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-18-08.jpg)\n\nराहोबाम से द्रोह करनेवाले __इस्राएल देश के दस गोत्रों ने यारोबाम नाम के व्यक्ति को अपना राजा नियुक्त किया__ । उन्होंने अपने राज्य की स्थापना __राजा__ भूमि के उत्तरी हिस्से में की और __इस्राएल राज्य__ कहलाये।\n\n__महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश____:__\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:israel|इस्राएल देश]]____\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:rehoboam|रेहोबाम]]____\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:jeroboam|यारोबाम]]____\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:king|राजा]]____\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:kingdom|राज्य]]____\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:kingdom-of-israel|इस्राएल देश]]____\n\n__अनुवाद के लिए नोट्स____:__\n\n* __अपने राज्य की स्थापना__ - यहाँ "का निर्माण किया" भी लिख सकते हैं। इस वाक्य का अनुवाद हम ऐसे भी कर सकते हैं, "उन्होंने दूसरे दो गोत्रों से स्वयं को अलग कर लिए और भूमि के उत्तरी हिस्से में रहने लगे और 'इस्राएल' देश कहलाये।
18:9 sbzs यारोबाम ने मूर्ति बनाई [18-09] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-18-09.jpg)\n\n__यारोबाम ने परमेश्वर के विरुद्ध द्रोह किया__ और लोगों से पाप करवाया। यहूदा राज्य में स्थित मंदिर में परमेश्वर की आराधना करने की बजाय उसने आराधन के लिए दो __मूरतें__ बनवाई।\n\n__महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश____:__\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:jeroboam|यारोबाम]]____\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:rebel|द्रोह किया]]____\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:god|परमेश्वर]]____\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:sin|पाप]]____\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:idol|मूरतों]]____\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:worship|आराधना]]____\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:temple|मंदिर]]____\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:kingdom-of-judah|यहूदा राज्य]]__________ __\n\n__अनुवाद के लिए नोट्स____:__\n\n* __लोगों से पाप करवाया__ - इसका अनुवाद ऐसे भी कर सकते हैं : "वह लोगों को पाप की ओर ले गया", या, "लोगों को पाप करने को उकसाया।" लोगों से मूरतों की आराधना करवा कर राहोबाम ने उनसे पाप करवाया।\n\n* परमेश्वर की __आराधना करने की बजाय__ - इसका अनुवाद करते समय यूँ भी लिखे सकते हैं : "ताकि वे मंदिर में परमेश्वर की आराधना न करें" या फिर, "यहूदा राज्य में जाकर, वहां मंदिर में परमेश्वर की आराधना करने की बजाय....।"
18:10 g1i6 इस्राएल और यहूदा के बीच युद्ध [18-10] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-18-10.jpg)\n\nयहूदा और __इस्राएल__ राज्यों में आपसी शत्रुता हो गई और वे अकसर एक दूसरे से लड़ने लगे।\n\n__महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश____:__\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:kingdom|राज्यों]]____\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:kingdom-of-judah|यहूदा]]____\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:kingdom-of-israel|इस्राएल]]____\n\n__अनुवाद के लिए नोट्स____:__\n\n* __यहूदा और इस्राएल__ - यहूदा और इस्राएल के सभी लोग याकूब के वंशज और परमेश्वर के लोग थे। इस पर भी, उन्होंने परमेश्वर की अवज्ञा की और आपस में लड़ कर, एक दूसरे की हत्या की।
18:11 rksj इस्राएल के अधर्मी राजा [18-11] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-18-11.jpg)\n\n__इस्राएल__ के नए राज्य में सब के सब "अधर्मी राजा" हुए। स्वयं राजा बनने की इच्छा करनेवाले बहुत से __इस्राएलियों__ ने इनमे से बहुत से राजाओं को मार डाला।\n\n__महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश____:__\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:kingdom|राज्य]]____\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:israel|इस्राएल]]____\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:king|राजाओं]]____\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:evil|बुराई]]____\n\n__अनुवाद के लिए नोट्स____:__\n\n* __इस्राएलियों__ - यहाँ, "इस्राएलियों" का आशय उत्तर में रहनेवाले इस्राएल राज्य के नागरिकों से है, दक्षिण में स्थित यहूदा राज्य के लोगों से नहीं।
18:12 t9sb इस्राएल ने मूर्तियों कि आराधना की [18-12] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-18-12.jpg)\n\n__इस्राएल राज्य के सभी राजाओं__ और लगभाग पूरी जनता ने मूरतों के आराधना की। उनकी मूरत आराधना में अकसर व्यभिचार, व कई बार बच्चों की बलि का समावेश होता था।\n\n__महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश____:__\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:king|राजाओं]]__ __\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:kingdom-of-israel|इस्राएल राज्य]]__ __\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:worship|आराधना की]]__ __\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:idol|मूरतों]]__ __\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:sacrifice|भेंट]]__ __\n\n__अनुवाद के लिए नोट्स____:__\n\n* __बाल बलि__ - अपने मूरतों दे समक्ष वे बच्चो की हत्या कर, उन्हें बलि के रूप में भेंट करते थे।
18:13 s3m1 यहूदा निष्ठाहीन था [18-13] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-18-13.jpg)\n\n__यहूदा__ के __राजा__ __दाऊद__ के वंशज थे। इनमे से कुछ राजा भले थे जिन्होंने नयाय पूर्ण रीति से राज्य किया और __परमेश्वर की आराधना की__ । लेकिन यहूदा के अधिकांश राजा दुष्ट, भ्रष्ट, और मूरतों के आराधक थे। कुछ राजाओं ने तो इन झूठे __देवताओं__ के लिए अपने बच्चों तक की बलि दी। यहूदा के अधिकाँश लोगों ने भी परमेश्वर से द्रोह किया और दूसरे देवताओं की आराधना की।\n\n__महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश____:__\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:king|राजाओं]]____\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:kingdom-of-judah|यहूदा]]____\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:descendant|वंशजो]]____\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:david|दाऊद]]____\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:good|भले]]____\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:justice|न्यायपूर्ण]]____\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:worship|आराधना की]]____\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:god|परमेश्वर]]____\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:evil|बुराई]]____\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:idol|मूरतों]]____\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:sacrifice|बलि दी]]____\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:god-false|देवताओं]]____\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:rebel|द्रोह किया]]____\n\n__अनुवाद के लिए नोट्स____:__\n\n* __न्यायपूर्ण रीति से राज्य किया__ - अर्थात, उन्होंने परमेश्वर की व्यवस्था के अनुसार राज्य किया। इसका अनुवाद करते समय हम लिखे सकते हैं, "राज करते समय, उन्होंने वही किया जो सही था।"\n\n* __भ्रष्ट__ - इसका अनुवाद करते समय हम लिख सकते हैं, : "अपनी इच्छित चीज़ पाने के लिए उन्होंने गलत काम किया।"\n\n* बाइबिल की कहानी - बाइबिल के कुछ संस्करणों में इनका अनुवाद अलग तरह से किया हो सकता है।
19:1 z42r परमेश्वर ने भविष्यद्वक्ताओं को भेजा [19-01] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-19-01.jpg)\n\n__इस्राएलियों __ के पूरे इतिहास के दौरान, __परमेश्वर__ ने परमेश्वर ने भविष्यद्वक्ताओं को भेजा को उनके पास भेजा। इन नबियों ने परमेश्वर से सन्देश सुने, और फिर परमेश्वर के ये सन्देश लोगों को बताये।\n\n__महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश____:__\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:israel|इस्राएलियों]]____\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:god|परमेश्वर]]____\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:prophet|नबियों]]____\n\n__अनुवाद के लिए नोट्स____:__\n\n* __पूरे इतिहास के दौरान__ - इस अभिव्यक्ति का आशय यह है कि इस्राएल व यहूदा के आस्तित्व में रहने के पूरे समय तक, परमेश्वर ने अलग - अलग समय में कई अलग - अलग नबियों को वहां भेजा।\n\n* __इस्राएलियों__ - इसका अनुवाद ऐसे भी हो सकता है, "इस्राएल व यहूदा के राज्यों।" याकूब के सभी वंशज "इस्राएली" कहलाते हैं, और इसमे यहूदा के लोग भी शामिल हैं।
19:2 lqfo अहाब को एलिय्याह ने डांटा [19-02] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-19-02.jpg)\n\n__इस्राएल राज्य __ पर अहाब के शासन के समय एलिय्याह नाम का एक __नबी__ हुआ करता था। अहाब एक दुष्ट व्यक्ति था जो लोगों को बाल नाम के एक झूठे देवता की आराधना करने का प्रोत्साहन देता था। एलिय्याह ने अहाब से कहा, "जब तक कि मैं न कहूं इस्राएल राज्य में न तो वर्षा होगी और न ही ओस गिरेगी।" इस बात पर अहाब को बहुत क्रोध आया।\n\n__महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश____:__\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:elijah|एलिय्याह]]____\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:prophet|नबी]]____\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:ahab|अहाब]]____\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:king|राजा]]____\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:kingdom-of-israel|इस्राएल राज्य]]____\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:evil|बुराई]]____\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:worship|आराधना]]____\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:god-false|देवता]]____\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:baal|बाल]]____\n\n__अनुवाद के लिए नोट्स____:__\n\n* __जब तक कि मैं न कहूं__ - - इसका अनुवाद ऐसे भी कर सकते हैं, "जब तक मैं आदेश न दूंगा, तब तक न तो वर्षा होगी और न ओस गिरेगी।"\n\n* __इस बात पर अहाब को बहुत क्रोध आया__ - इसका अनुवाद करते समय ऐसे भी लिख सकते हैं, कि "एलिय्याह की बात सुन कर अहाब बहुत क्रोधित हुआ।"
19:3 n6eb एलिय्याह के लिए परमेश्वर का प्रावधान [19-03] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-19-03.jpg)\n\nअहाब से छिपने के लिए, __परमेश्वर __ ने __एलिय्याह __ को बीहड़ में मौजूद पानी के एक सोते के पास जाने को कहा क्योंकि अहाब उसे मार डालना चाहता था। उसके लिए वहां सुबह - शाम चिड़ियाएँ रोटी व मांस लेकर आतीं। __अहाब__ और उसकी सेना ने एलिय्याह को बहुत खोजा, लेकिन उसे ढूंड न सके। वहां इतना भयंकर अकाल पडा कि आखिरकार पानी के सभी सोते सूख गए।\n\n__महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश____:__\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:god|परमेश्वर]]____\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:elijah|एलिय्याह]]____\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:ahab|अहाब]]____\n\n__अनुवाद के लिए नोट्स____:__\n\n* __बीहड़__ - दूर स्थित एक लगभग निर्जन इलाका। इसे "वीरान" या, "जंगली" भी कह सकते हैं।\n\n* __अकाल__ - इसे "बारिश का अभाव" भी कह सकते हैं। इस अकाल का कारण एलिय्याह की वह घोषणा थी जिसमे उसने बारिश के न होने की बात कही थी।
19:4 otiy विधवा को परमेश्वर का दान [19-04] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-19-04.jpg)\n\nइसलिए __एलिय्याह __ पडोसी देश में चला गया। अकाल के कारण उस देश में एक विधवा और उसके बेटे के पास खाने के लिए लगभग कुछ न बचा था। लेकिन तब भी उन्होंने एलिय्याह की देख रेख की, और __परमेश्वर ने उन्हें भर पूरी दी____; ____उनके आंटे का घडा और तेल की कुप्पी कभी खाली न ____हुए__ । अकाल के पूरे समय, उनके पास भोजन था। एलिय्याह कई सालों तक उनके घर रहा।\n\n__महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश____:__\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:elijah|एलिय्याह]]____\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:god|परमेश्वर]]____\n\n__अनुवाद के लिए नोट्स____:__\n\n* __पड़ोसी देश__ - - यह इस्राएल से साथ लगे, या कि सीमा से सटे देश की बात है।\n\n* __अकाल__ - यदि ज़रुरत हो, तो इसका अनुवाद आप ऐसे भी कर सकते हैं, :"सूखे के कारण पैदा हुई भुखमरी।"\n\n* __देखरेख की__ - अर्थात, उन्होंने उसे अपने घर में रहने की जगह दी और भोजन - पानी दिया। लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि वह बीमार था।\n\n* __परमेश्वर ने उन्हें भरपूरी दी........कभी खाली न हुए __- इसका अनुवाद करते समय हम ऐसे भी लिख सकते हैं, :"परमेश्वर ने उनके आटे के घड़े और तेल की कुप्पी को कभी खाली होने न दिया।"\n\n* __आटे का घड़े__ - - इसका आशय मिटटी के उस मर्तबान से है जिसमे वह विधवा आटा रखती थी।\n\n* __तेल की कुप्पी__ - खाना पकाने के लिए इस्राएल में जैतून के तेल का इस्तेमाल किया जाता है। यहाँ पर हम "तेल की बोतल" भी लिख सकते हैं। विधवा उस आटे और तेल से रोटियाँ पकाती थी।
19:5 uqbf अहाब को एलिय्याह की चुनौती [19-05] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-19-05.jpg)\n\nसाढ़े तीन सालों के बाद, __परमेश्वर __ ने __एलिय्याह __ को __इस्राएल देश __ लौट कर __अहाब से कहने को बोला__, कि अब वह, फिर से बारिश को भेजने वाला था। एलिय्याह को देखा कर अहाब ने कहा, "तो यह रहा तू, सारी मुसीबत की जड़!" एलिय्याह ने उसे उत्तर देता हुए कहा, "मुसीबत की जड़ है तू! तूने ही एकमात्र सच्चे परमेश्वर, यहोवा को त्याग, बाल की आराधना की है। इस्राएल राज्य के सब लोगों को कार्मेल की पहाड़ी पर इकठ्ठा कर।"\n\n__महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश____:__\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:god|परमेश्वर]]____\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:elijah|एलिय्याह]]____\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:kingdom-of-god|इस्राएल राज्य]]____\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:ahab|अहाब]]____\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:yahweh|यहोवा]]____\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:worship|आराधना की]]____\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:baal|बाल]]____\n\n__अनुवाद के लिए नोट्स____:__\n\n* __अहाब से यह कहने को बोला कि अब वह____....____भेजनेवाला है__ - इसका अनुवाद करते समय हम यह भी लिख सकते हैं, कि "अहाब को या बताने को कहा की परमेश्वर........भेजनेवाला है।"\n\n* __मुसीबत की जड़__ - अर्थात, "तू मुसीबत पैदा करता है!" अहाब ने एलिय्याह पर यह दोष लगाया था कि राजा को उसकी गलती के बारे में चेतावनी देकर और बारिश रोक कर उसने मुसीबत पैदा की थी।\n\n* __तूने____....____यहोवा को त्याग__ - अर्थात, अहाब ने इस्राएल द्वारा यहोवा की आराधना व आज्ञा पालन बंद करवा दिया था।\n\n* __कार्मेल की पहाड़ी__ - उत्तर इस्राएल में स्थित एक पहाड़ी का नाम। इसकी ऊंचाई 500 मीटर से भी अधिक है।
19:6 v2dh एलिय्याह और बाल के भविष्यद्वक्ता [19-06] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-19-06.jpg)\n\n__इस्राएल राज्य__ के सब लोग, जिसमे __बाल__ के 450 __नबी भी शामिल थे____, ____कार्मेल की पहाड़ी__ पर जमा हुए। __एलिय्याह__ ने लोगो से कहा, "__कब तक तुम लोग__ अपना मन बदलते रहोगे? यदि __यहोवा परमेश्वर है__, तो उसकी सेवा करो! यदि __बाल परमेश्वर है__, तो उसकी सेवा करो!" __महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश____:__\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:kingdom-of-israel|इस्राएल राज्य]]__ __\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:prophet|नबियों]]__ __\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:baal|बाल]]__ __\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:elijah|एलिय्याह]]__ __\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:yahweh|यहोवा]]__ __\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:god|परमेश्वर]]__ __\n\n__अनुवाद के लिए नोट्स____:__\n\n* __कार्मेल की पहाड़ी__ - ____[[:hi:obs:notes:frames:19-05|[19-05]]]____में जा कर इसके पिछले अनुवाद को देखें।\n\n* __कब तक तुम लोग__ - यह असल में कोई प्रश्न नहीं था। इस बात को लेकर बार - बार अपने विचार बदलने पर, कि वे यहोहा की सेवा करें या बाल की, एलिय्याह इस्राएलियों को झिडकी दे रहा था। कुछ भाषों में यह बात शायद ऐसे कही जायेगी, "इस बात को अच्छे से तय कर लो, कि तुम्हे किसकी आराधना करनी है, किसकी नहीं!"\n\n* __यदि यहोवा परमेश्वर है तो____….____यदि बाल परमेश्वर है तो__ - ये वाक्य एलिय्याह के भीतर अनिर्णय की दशा को नहीं दिखा रहा। वह जनता था कि यहोवा ही सच्चा परमेश्वर है। वह तो लोगों को यह अहसास करवाना चाहता था कि झूठे देवताओं की आराधना करना, एकमात्र सच्चे परमेश्वर, यहोवा को नकारना है। इसका अनुवाद करते समय वाक्य संरचना ऐसी रखे जिससे स्पष्ट हो कि लोगों को यहोवा और बाल के बीच चुनाव करना था।
19:7 jm6c अग्नि के बिना भेंट [19-07] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-19-07.jpg)\n\nएलिय्याह तब बाल के __नबियों__ से बोला, "एक बैल मार कर, उसे भेंट स्वरुप तैयार करों, लेकिन ऐसा करते समय आग न जलाना। मैं भी ऐसा ही करूंगा। जो भी __परमेश्वर आग भेज कर उत्तर देगा__ वही सच्चा परमेश्वर है।" इसलिए बाल के याजकों ने एक भेंट तो तैयार की लेकिन आग न जलाई।\n\n__महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश____:__\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:elijah|एलिय्याह]]__ __\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:prophet|नबियों]]__ __\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:baal|बाल]]__ __\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:sacrifice|भेंट]]__ __\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:god|परमेश्वर]]__ __\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:priest|याजकों]]__ __\n\n__अनुवाद के लिए नोट्स____:__\n\n* __जो आग के साथ उत्तर देगा__ - अर्थात, "जो अलोकिक रीति से भेंट को भस्म करेगा।"\n\n* __सच्चा परमेश्वर__ - अर्थात, एकमात्र सच्चा परमेश्वर।
19:8 zuoi बाल ने उत्तर न दिया [19-08] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-19-08.jpg)\n\nबाल के __नबियों__ ने तब __बाल से यह प्रार्थना की____, "____हे बाल____, ____हमारी सुन____!"__ वे सारा दिन प्रार्थना के साथ - साथ ऊंची आवाज़ में चिल्लाते रहे, यहाँ तक कि उन्होंने स्वयं को चाकूओं से भी काटा, लेकिन उन्हें कोई उत्तर न मिला।\n\n__महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश____:__\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:prophet|नबियों]]____\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:baal|बाल]]____\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:pray|प्रार्थना]]____\n\n__अनुवाद के लिए नोट्स____:__\n\n* __बाल से प्रार्थना की__ - बाल के नबियों ने भेंट स्वरुप जो बैल मारा था, वे बाल से उस पर आग भेजने की प्रार्थना करते रहे।\n\n* __ऊंची आवाज़ से चिल्लाये__ - वे बाल के समक्ष ऊंची आवाज में उसे पुकारते या बुलाते रहे।\n\n* __स्वयं को चाकूओं से काट लिए__ - बाल के प्रति अपनी भक्ति को एक बढ़ - चढ़ कर दिखाने के लिए, इस आशा में उन्होंने स्वयं को चाकूओं से घायल कर लिया कि ऐसा करने से बाल उनकी सुनेगा।\n\n* उन्हें कोई उत्तर न मिला - उनके चीखने - चिल्लाने का कोई उत्तर न मिला, और भेंट को भस्म करने कहीं से कोई आग न उतरी।
19:9 bbfe एलिय्याह ने भेंट तैयार की [19-09] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-19-09.jpg)\n\nशाम के समय, __एलिय्याह__ ने __परमेश्वर__ के लिए एक भेंट तैयार की। फिर उसने लोगों से पानी के बारह बड़े - बड़े घड़े भेंट पर उंडेलने को कहा, जब तक कि मांस, लकड़ी, और यहाँ तक कि __वेदी__ की भूमि भी पूरी तरह से गीली न हो जाए।\n\n__महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश____:__\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:elijah|एलिय्याह]]____\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:sacrifice|भेंट]]____\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:god|परमेश्वर]]____\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:altar|वेदी]]____\n\n__अनुवाद के लिए नोट्स____:__\n\n* _(_//इस अनुचछेद में अनुवाद से जुड़े कोई नोट्स नहीं हैं।__.)//
19:10 i6uc एलिय्याह की प्रार्थना [19-10] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-19-10.jpg)\n\n__एलिय्याह ने प्रार्थना की__ "__हे यहोवा__, __अब्राहम__, __इसहाक__, और __याकूब__ के __परमेश्वर__, हमें आज य दिखा दे कि तू ही __इस्राएल__ का परमेश्वर है, और मैं तेरा सेवक। मुझे उत्तर देता कि ये लोग जान लें कि तू ही सच्चा परमेश्वर है।"\n\n__महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश____:__\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:elijah|एलिय्याह]]__ __\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:pray|प्रार्थना]]__ __\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:yahweh|यहोवा]]__ __\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:god|परमेश्वर]]__ __\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:abraham|अब्राहम]]__ __\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:isaac|इसहाक]]__ __\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:jacob|याकूब]]__ __\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:israel|इस्राएल]]__ __\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:servant|सेवक]]__ __\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:truth|सच्चा]]__ __\n\n__अनुवाद के लिए नोट्स____:__\n\n* __दिखा दे__ - अर्थात,"यह सिद्ध कर" या कि, "हमारे सामने यह प्रकट कर कि।"\n\n* __मैं तेरा सेवक__ - इसका अनुवाद ऐसे भी किया जा सकता है, "कि तूने मुझे अपनी सेवा का अधिकार दिया है।"\n\n* __मुझे उत्तर दे__ - अर्थात, "मेरी विनती का उत्तर दे" या फिर, "मैंने जो आग मांगी है, तू उसे भेज।"\n\n* __लोग जान लें__ - इसका अनुवाद करते समय यह भी लिख सकते हैं, "ताकि लोग यह देखें और जान लें कि…।"
19:11 oxle परमेश्वर ने आग से उत्तर दिया [19-11] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-19-11.jpg)\n\nतुरंत ही आसमान से आग गिरी और मांस, लकड़ी, पत्थर, मिटटी, और __वेदी__ के आस - पास के पानी तक को भस्म कर दिया। यह देख कर लोगों ने __दंडवत किया__ और बोले, "__यहोवा ही परमेश्वर है__! यहोवा ही परमेश्वर है!"\n\n__महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश____:__\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:altar|वेदी]]____\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:yahweh|यहोवा]]____\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:god|परमेश्वर]]____\n\n__अनुवाद के लिए नोट्स____:__\n\n* __आसमान से गिरी__ - इसे हम "आसमान से आई" भी लिख सकते हैं।"\n\n* __दंडवत किया__ - वे तुरंत भूमि पर लेट गए, या कि भूमि पर घुटके टिका कर बैठ गए। वे यहोवा की सामर्थ देख चुके थे, इसलिए वे उससे भयभीत थे। वे जानते थे कि केवल सच्चा परमेश्वर ही ऐसा कर सकता था, और उसके आदर में उन्होंने झुक कर उसकी आराधना की।\n\n* __यहोवा ही परमेश्वर है__ - इस अभिव्यक्ति का आशय है कि उन्हें समझ आ गया था कि यहोवा कई देवताओं में से कोई एक देवता न होकर, एकमात्र परमेश्वर है।
19:12 pe0p बाल के नबियों की हत्या [19-12] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-19-12.jpg)\n\nइसके बाद __एलिय्याह__ बोला, "__बाल के__ किसी भी __नबी को भागने न देना__!" इस पर लोगों ने बाल के नबियों को पकड़ लिया। एलिय्याह तब उन्हें वहाँ से दूर ले गया और उनकी हत्या कर दी।\n\n__महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश____:__\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:elijah|एलिय्याह]]____\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:prophet|नबियों]]____\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:baal|बाल]]____\n\n__अनुवाद के लिए नोट्स____:__\n\n* __भागने__ - उनके देवता का झूठा ठहरने पर बाल के नबियों ने भागने की कोशिश की।\n\n* __पकड़ लिया__ - अर्थात, "कस कर जकड लिया" या कि, "अधिकार में ले लिया।"
19:13 og1p तूफान द्वारा अकाल का अंत [19-13] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-19-13.jpg)\n\nइसके बाद __एलिय्याह__ ने __राजा अहाब__ से कहा, "तुरंत नगर को लौट जा, क्योंकि बारिश होने को है।" जल्द ही आसमान में काले बादल गिर आये, और ज़ोरों की बारिश होने लगी। __यहोवा__ ने अकाल का अंत कर दिया था और यह सिद्ध कर दिया कि वाही सच्चा __परमेश्वर__ है।\n\n__महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश____:__\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:elijah|एलिय्याह]]____\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:king|राजा]]____\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:ahab|अहाब]]____\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:yahweh|यहोवा]]____\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:god|परमेश्वर]]____\n\n__अनुवाद के लिए नोट्स____:__\n\n* __काले बादल घिर आये__ - अर्थात, "आसमान काला हो गया।" बारिश से भरे बादलों ने आसमान को भर दिया था, जिसके कारण आसमान काले - गहरे रंग का हो गया।\n\n* __अकाल__ - अर्थात, "बहुत लम्बे समय तक बारिश का न होना।"
19:14 zt16 एलिशा के पास नामन का आगमन [19-14] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-19-14.jpg)\n\nएलिय्याह के बाद, परमेश्वर ने एलिशा नाम के व्यक्ति को अपना नबी बनाया। एलिशा के द्वारा परमेश्वर ने बहुत से आश्चर्य कर्म किये। इनमे से एक आश्चर्य कर्म, शत्रुओं के सेनापति, नामन के साथ घटित हुआ, जिसे त्वचा का भयंकर रोग था। उसने __एलिशा के बारे में सुन रखा था__, इसलिए चंगाई माँगने के लिए वह __एलिशा के पास ____गया__ । एलिशा ने नामन को __यरदन नदी__ में साथ बार डुबकी लगाने को कहा।\n\n__महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश____:__\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:elijah|एलिय्याह]]____\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:god|परमेश्वर]]____\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:prophet|नबी]]____\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:miracle|आश्चर्यकर्म]]____\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:naaman|नामन]]____\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:heal|चंगाई]]____\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:jordan-river|यरदन नदी]]____\n\n__अनुवाद के लिए नोट्स____:__\n\n* __शत्रुओं के एक सेनापति__ - नामन इस्राएल के शत्रु देशों में से एक का सेनापति था।\n\n* __उसने एलिशा के बारे में सुन रखा था__ - अर्थात, लोगों ने नामन को एलिशा द्वारा आश्चर्यकर्म की सामर्थ के बारे में बता रखा था।\n\n* __चंगाई माँगने के लिए वह एलिशा के पास गया__ - अर्थात, "वह एलिशा से भेंट करने और उससे चंगाई मांगने के लिए गया।" एलिशा से यह करने को कहने के लिए नामन को उसे खोजने इस्राएल जाना पड़ा।
19:15 b8tf नामन की चंगाई [19-15] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-19-15.jpg)\n\nशुरुआत में नामन को गुस्सा आया और उसने ऐसा करने से मना कर दिया, क्योंकि उसे यह बात बहुत मूर्खता पूर्ण लग रही थी। लेकिन बाद में उसने अपने मन को बदला और __यरदन नदी__ में सात बार डुबकी लगाई। आखरी डुबकी लगा कर पानी से बाहर निकलने पर, उसकी त्वचा का रोग पूरी तरह चंगा हो चुका था! __परमेश्वर__ ने उसे चंगाई दे दी थी।\n\n__महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश____:__\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:naaman|नामन]]____\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:jordan-river|यरदन नदी]]____\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:heal|चंगाई दे दी]]____\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:god|परमेश्वर]]____\n\n__अनुवाद के लिए नोट्स____:__\n\n* __उसने ऐसा करने से मना कर दिया____, ____क्योंकि यह मूर्खतापूर्ण लग रहा था__ - - नामन एलिशा के कहे अनुसार नहीं कर रहा था, क्योंकि वह जानता था कि केवल पानी में धोने से रोग से चंगाई नहीं मिलती।\n\n* __उसने अपने मन को बदला__ - - अर्थात, "उसने एलिशा के कहे अनुसार करने का फैसला कर लिया।"
19:16 stul भविष्यद्वक्ताओं द्वारा लोगों को चेतावनी [19-16] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-19-16.jpg)\n\n__परमेश्वर__ ने कई और __भविष्यद्वक्ताओं__ को भी भेजा। सभी ने लोगों को मूरतों की __आराधना__ बंद करने व दूसरे के प्रति न्याय व दया दिखाने को कहा। भविष्यद्वक्ताओं ने लोगों को चेतावनी दी कि यदि उन्होंने बुराई करना बंद करके परमेश्वर की आज्ञाओं का पालन करना शुरू नहीं किया, तो परमेश्वर उन्हें दोषी ठहराएगा, और उन पर दंड भेजेगा।\n\n__महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश____:__\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:god|परमेश्वर]]__ __\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:prophet|भविष्यद्वक्ताओं]]__ __\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:worship|आराधना करना]]__ __\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:idol|मूरतों]]__ __\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:justice|न्याय]]__ __\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:mercy|दया]]__ __\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:evil|बुराई]]__ __\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:obey|आज्ञाओं का पालन]]__ __\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:judge|न्याय करना]]__ __\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:guilt|दोषी]]__ __\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:punish|दंड]]__ __\n\n__अनुवाद के लिए नोट्स____:__\n\n* __न्याय व दया दिखाना__ - इसका अनुवाद यूँ भी किया जा सकता है, :"न्यायसंगत व दयालु होना शुरू करना" भी लिख सकते हैं।
19:17 q55q परमेश्वर के लिए यिर्मयाह का कष्टों को झेलना [19-17] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-19-17.jpg)\n\nअधिकाँश समय लोगों ने __परमेश्वर की आज्ञाओं का पालन__ न किया। वे अकसर __भविष्यद्वक्ताओं__ के साथ बुरा बर्ताव करते और कई बार तो उनकी हत्या भी की। एक बार यिर्मयाह नबी को सूखे कुँएमें डलवा कर, मरने के लिए वहीँ पर छोड़ दिया गया। कुँए की तली में मौजूद कीचड में यिर्मयाह गहरे तक धस गया, लेकिन तभी __राजा को उस पर दया आ गई__ और कुँए में उसकी मृत्यु होने से पहले, उसने अपने सेवको को भेज कर बाहर निकलवा लिया।\n\n__महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश____:__\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:obey|आज्ञाओं का पालन]]____\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:god|परमेश्वर]]____\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:prophet|भविष्यद्वक्ताओं]]____\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:jeremiah|यिर्मयाह]]____\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:king|राजा]]____\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:mercy|दया]]____\n\n__अनुवाद के लिए नोट्स____:__\n\n* __सूखे कुँए__ - उस समय कुँए में पानी मौजूद नहीं था, लेकिन उसकी तली में कीचड ज़रूर था। इसे "खाली कुँए" भी कह सकते हैं।\n\n* __उस पर दया की__ - अर्थात, यिर्मयाह के प्रति दयालु था, और उसकी मदद की।
19:18 hkb5 भविष्यद्वक्ताओं के सन्देश [19-18] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-19-18.jpg)\n\nलोगों की घृणा के बावजूद नबी __परमेश्वर के सन्देश देते ____रहे__ । उन्होंने लोगों को चेतावनी देता हुए कहा कि यदि उन्होंने पश्चातापन किया, तो परमेश्वर उनका नाश कर देगा। उन्होंने लोगों को परमेश्वर द्वारा मसीह को भेजने की प्रतिज्ञा भी याद दिलाई। __महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश____:__\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:prophet|भविष्यद्वक्ताओं]]__ __\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:god|परमेश्वर]]__ __\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:repent|पश्चाताप]]__ __\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:promise|प्रतिज्ञा]]__ __\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:messiah|मसीह]]__ __\n\n__अनुवाद के लिए नोट्स____:__\n\n* नबी __परमेश्वर के सन्देश देते रहे__ - अर्थात, "लोगों को वह बताते रहे जो परमेश्वर उनके माध्यम से उन्हें बताना चाहता था।"\n\n* परमेश्वर द्वारा मसीह को भेजने की प्रतिज्ञा - इसका अनुवाद यूँ भी किया जा सकता है, कि उनके लिए परमेश्वर ने एक मसीह को भेजने की प्रतिज्ञा की है।"\n\n* बाइबिल की कहानी - बाइबिल के कुछ संस्करणों में इनका अनुवाद अलग तरह से किया हो सकता है।\n\n*
20:1 b215 इस्राएल ने पाप किया [20-01] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-20-01.jpg)\n\n__[[:hi:obs:notes:key-terms:god|परमेश्वर]]__ के विरुद्ध __[[:hi:obs:notes:key-terms:kingdom-of-israel|इस्राएल के राज्य]]__ और __[[:hi:obs:notes:key-terms:kingdom-of-judah|यहूदा के राज्य]]__, दोनों राज्यों ने __[[:hi:obs:notes:key-terms:sin|पाप]]__ किया। परमेश्वर ने जो __[[:hi:obs:notes:key-terms:covenant|वाचा]]__ उनके साथ __[[:hi:obs:notes:key-terms:sinai|सीनै]]__ पर बाँधी थी, लोगों ने वह वाचा __तोड़ ____डाली__ । उन्हें __[[:hi:obs:notes:key-terms:repent|मन फिराने]]__ और दोबारा से उसकी __[[:hi:obs:notes:key-terms:worship|आराधना]]__ करने की __चेतावनी__ के साथ, परमेश्वर ने अपने __[[:hi:obs:notes:key-terms:prophet|नबी]]__ उनके पास भेजे, परन्तु उन्होंने परमेश्वर कि __[[:hi:obs:notes:key-terms:obey|आज्ञा मानने]]__ से मना कर दिया।\n\n## महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश: ##\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:kingdom-of-israel|इस्राएल राज्य]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:kingdom-of-judah|यहूदा राज्य]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:sin|पाप किया]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:god|परमेश्वर]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:covenant|वाचा]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:sinai|सीनै]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:prophet|नबियों]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:repent|मन फिराने]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:worship|आराधना]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:obey|आज्ञाओं का पालन]]__\n\n=====अनुवाद के लिए नोट्स:=====\n\n* __वाचा____तोड़____डाली __- अर्थात, "परमेश्वर ने सीनै पर्वत पर अपनी वाचा में जो आज्ञाएँ दी थी, लोगों ने उनकी अवज्ञा की।"\n\n* __उन्हें मन फिराने और दोबारा से उसकी आराधना करने की चेतावनी __- इसको आप इस तरह भी लिख सकते हैं,: "पाप न करने और अन्य देवताओं की बजाय, यहोवा की आराधना करने को कहा, अन्यथा उन पर भयंकर चीज़ें बीतेंगी।"
20:2 zp7s अश्शूर द्वारा इस्राएल का नाश [20-02] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-20-02.jpg)\n\nशत्रुओं द्वारा उनका नाश होने के द्वारा __[[:hi:obs:notes:key-terms:god|परमेश्वर]]__ ने __दोनों राज्यों को [[:hi:obs:notes:key-terms:punish|दण्डित]] किया__ । एक शक्तिशाली, क्रूर देश, __[[:hi:obs:notes:key-terms:assyria|अश्शूरी साम्राज्य ]]__ ने __[[:hi:obs:notes:key-terms:kingdom-of-israel|इस्राएल राज्य]]__ का नाश कर दिया। अश्शूरियों ने इस्राएल राज्य के बहुत से लोग मार डाले, सारा कीमती सामन __लूट लिया__, और देश के अधिकांश हिस्सों में आग लगा दी।\n\n## महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश: ##\n\n* __[परमेश्वर ](https://git.door43.org/Door43/en-tw/src/master/content/kt/god.md)__\n\n* __[दण्डित ](https://git.door43.org/Door43/en-tw/src/master/content/other/punish.md)__\n\n* __[अश्शूरी साम्राज्य ](https://git.door43.org/Door43/en-tw/src/master/content/other/assyria.md)__\n\n* __[इस्राएल का राज्य ](https://git.door43.org/Door43/en-tw/src/master/content/other/kingdomofisrael.md)__\n\n## अनुवाद के लिए नोट्स: ##\n\n* __दोनों राज्यों__ - यहाँ पर आशय इस्राएल और यहूदा के राज्यों से है।\n\n* __साम्राज्य__ - किसी देश को "साम्राज्य" तब कहा जाता है जब वह इतना शक्तिशाली हो कि कई देशों पर अपना प्रभुत्व डालने की क्षमता रखे।\n\n* __लूट लिया__ - अर्थात, "चुरा ली।" वे कीमती चीज़ें चुरा कर अपने साथ अश्शूर ले गए।
20:3 crbx इस्राएल का भूमि से हटाया जाना [20-03] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-20-03.jpg)\n\n__[[:hi:obs:notes:key-terms:assyria|अश्शूरियों]]__ ने सारे अगुओं, समृद्ध लोगों, और __कारीगरों__ को इकठ्ठा किया और अपने साथ अश्शूर ले गए। __[[:hi:obs:notes:key-terms:kingdom-of-israel|इस्राएल राज्य]]__ में केवल वही __[[:hi:obs:notes:key-terms:israel|इस्राएली]]____रह गए__ थे, जो बहुत गरीब थे, और मार दिए जाने से बच गए थे।\n\n## महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश: ##\n\n* __[अश्शूरियों](https://door43.org/en/obe/other/assyria)__\n\n* __[इस्राएलियों ](https://door43.org/en/obe/other/israel)__\n\n* __[इस्राएल का राज्य ](https://door43.org/en/obe/other/kingdom-of-israel)__\n\n## अनुवाद के लिए नोट्स: ##\n\n* __कारीगरों__ अर्थात, बढ़ईगिरी, लुहारी, और मेह्सन का काम करनेवाले कारीगर।\n\n* __बचे हुए__ - अर्थ, "रह गए", या, "पीछे छोड़ दिए गए", या फिर "जिन्हें पीछे रहने दिया गया।"
20:4 xzmq इस्राएल में विदेशी लाये गए [20-04] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-20-04.jpg)\n\nफिर, जहाँ __[[:hi:obs:notes:key-terms:kingdom-of-israel|इस्राएलराज्य]] __ हुआ करता था, उस भूमि पर रहने के लिए __[[:hi:obs:notes:key-terms:assyria|अश्शूरी]]__ लोग__ विदेशियों__ को ले आये। विदेशियों ने नष्ट हुए नगरों को फिर से बनाया और बचे हुए __[[:hi:obs:notes:key-terms:israel|इस्राएलियों]]__ के साथ विवाह किया। इन विदेशियों से विवाह करनेवाले इस्राएलियों के __[[:hi:obs:notes:key-terms:descendant|वंशजों]]__ को __[[:hi:obs:notes:key-terms:samaria|सामरी]]__ कहा गया।\n\n## महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश: ##\n\n* __[अश्शूरियों](https://git.door43.org/Door43/en-tw/src/master/content/other/assyria.md)__\n\n* __[इस्राएल का राज्य](https://git.door43.org/Door43/en-tw/src/master/content/other/kingdomofisrael.md)__\n\n* __[इस्राएलियों](https://git.door43.org/Door43/en-tw/src/master/content/other/israel.md)__\n\n* __[वंशजो](https://git.door43.org/Door43/en-tw/src/master/content/other/descendant.md)__\n\n* __[सामरी](https://git.door43.org/Door43/en-tw/src/master/content/other/samaria.md)__\n\n## अनुवाद के लिए नोट्स: ##\n\n* __विदेशियों__ - अर्थात, गैर-इस्राएली लोग।
20:5 ybh7 यहूदा ने भी मूरतों की आराधना की [20-05] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-20-05.jpg)\n\n__[[:hi:obs:notes:key-terms:kingdom-of-judah|यहूदा के राज्य]]__ के लोग देख चुके थे कि __उसका [[:hi:obs:notes:key-terms:believe|अविश्वास]] और [[:hi:obs:notes:key-terms:obey|अवज्ञा]]__ करने के कारण __[[:hi:obs:notes:key-terms:kingdom-of-israel|इस्राएल राज्य]]__ के लोगों को __[[:hi:obs:notes:key-terms:god|परमेश्वर]]__ ने कैसे __[[:hi:obs:notes:key-terms:punish|दंड दिया था]]__ । लेकिन तब भी, वे __[[:hi:obs:notes:key-terms:idol|मूरतों]]__ की __[[:hi:obs:notes:key-terms:worship|आराधना में लगे]]__ रहे, जिसमे __[[:hi:obs:notes:key-terms:canaan|कनानियों]]__ के __[[:hi:obs:notes:key-terms:god-false|देवता]]__ भी शामिल थे। __उन्हें चिताने__ के लिए परमेश्वर ने __[[:hi:obs:notes:key-terms:prophet|नबियों]]__ को भी भेजा, लेकिन __उन्होंने एक न ____सुनी__ ।
20:5 ligx महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश: # 1 * __[यहूदा का राज्य ](https://door43.org/en/obe/other/kingdom-of-judah)__\n\n* __[परमेश्वर ](https://door43.org/en/obe/kt/god)__\n\n* __[दण्ड दिया था ](https://door43.org/en/obe/other/punish)__\n\n* __[इस्राएल का राज्य ](https://door43.org/en/obe/other/kingdom-of-israel)__\n\n* __[विश्वास ](https://door43.org/en/obe/kt/believe)__\n\n* __[आज्ञा ](https://door43.org/en/obe/other/obey)__\n\n* __[आराधना की ](https://door43.org/en/obe/kt/worship)__\n\n* __[मूरतों](https://door43.org/en/obe/other/idol)__\n\n* __[देवताओं ](https://door43.org/en/obe/kt/falsegod)__\n\n* __[कनानी ](https://door43.org/en/obe/other/canaan)__\n\n* __[नबियों ](https://door43.org/en/obe/kt/prophet)__\n\n## अनुवाद के लिए नोट्स: ##\n\n* __उसका अविश्वास और अवज्ञा__ इसका अनुवाद हम ऐसे भी कर सकते हैं, :"क्योंकि उन्होंने न तो उस पर भरोसा किया और न ही उसकी आज्ञाओं का पालन किया था…।"\n\n* __उन्हें चिताने__ अर्थात, "उन्हें बताने के लिए कि वे पाप करना बंद कर दें, नहीं तो उनके साथ भयंकर चीज़ें होंगी।"\n\n* __उन्होंने एक न सुनी-अर्थात, "उन्होंने आज्ञा__ - पालन से मना कर दिया" या फिर, "उन्होंने अपने दुष्ट बर्ताव छोड़ने से मना कर दिया।"
20:6 ru0i यहूदा द्वारा बेबीलोन की सेवा [20-06] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-20-06.jpg)\n\n__[[:hi:obs:notes:key-terms:assyria|अश्शूरियों]]__ द्वारा __[[:hi:obs:notes:key-terms:kingdom-of-israel|इस्राएल राज्य]]__ के ध्वंस किये जाने के लगभग 100 साल बाद, __[[:hi:obs:notes:key-terms:god|परमेश्वर]]__ ने __[[:hi:obs:notes:key-terms:babylon|बेबीलोनवासियों]]__ के __[[:hi:obs:notes:key-terms:king|राजा]]__ __[[:hi:obs:notes:key-terms:nebuchadnezzar|नबुकदनेस्सर]]__ को __[[:hi:obs:notes:key-terms:kingdom-of-judah|यहूदा राज्य]]__ पर हमला करने भेजा। __[[:hi:obs:notes:key-terms:babylon|बेबीलोन]]__ एक शक्तिशाली __साम्राज्य__ था। यहूदा के राजा ने __नबुकदनेस्सर__ __का__ __[[:hi:obs:notes:key-terms:servant|सेवक]]__ होना, और हर साल एक मोती रकम देना __स्वीकार कर लिया__ ।\n\n## महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश: ##\n\n* __[अश्शूरियों](https://git.door43.org/Door43/en-tw/src/master/content/other/assyria.md)__\n\n* __[इस्राएल का राज्य](https://git.door43.org/Door43/en-tw/src/master/content/other/kingdomofisrael.md)__\n\n* __[परमेश्वर ](https://git.door43.org/Door43/en-tw/src/master/content/kt/god.md)__\n\n* __[नबूकदनेस्सर](https://git.door43.org/Door43/en-tw/src/master/content/other/nebuchadnezzar.md)__\n\n* __[राजा ](https://git.door43.org/Door43/en-tw/src/master/content/other/king.md)__\n\n* __[बेबीलोनवासियों](https://git.door43.org/Door43/en-tw/src/master/content/other/babylon.md)__\n\n* __[यहूदा का राज्य](https://git.door43.org/Door43/en-tw/src/master/content/other/kingdomofjudah.md)__\n\n## अनुवाद के लिए नोट्स: ##\n\n* __साम्राज्य__ - के अनुवाद का सन्दर्भ लें। __[[:hi:obs:notes:frames:20-02|[20-02]]]__.\n\n* __स्वीकार कर लिया__ यहूदा के राजा को या तो बेबीलोन का राजा की सेवा करनी होगी या फिर नष्ट होना होगा।\n\n* __नबुकदनेस्सर का सेवक__ - इसे हम ऐसे भी लिख सकते हैं, :"नबुकदनेस्सर के अगुआई में यहूदा का कार्यभार संभालना होगा।"
20:7 jpnw बेबीलोन ने यहूदा का नाश किया [20-07] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-20-07.jpg)\n\nलेकिन कुछ साल बाद, __[[:hi:obs:notes:key-terms:kingdom-of-judah|यहूदा]]__ के राजा ने __[[:hi:obs:notes:key-terms:babylon|बेबीलोन]]__ के विरुद्ध [[:hi:obs:notes:key-terms:rebel|द्रोह कर ]]__[[:hi:obs:notes:key-terms:rebel|दिया]]__ । इसलिए, बेबीलोनवासी __लौटे__ और यहूदा के राज्य पर हमला कर दिया। उन्होंने __[[:hi:obs:notes:key-terms:jerusalem|यरूशलेम]]____नगर__ __को__ __अधिकार__ __में__ __लिया__, __[[:hi:obs:notes:key-terms:temple|मंदिर ]]__ को ध्वस्त किया, और नगर व मंदिर के सब खजाने __लूट कर ले गए__ ।\n\n## महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश: ##\n\n* __[यहूदा ](https://door43.org/en/obe/other/kingdom-of-judah)__\n\n* __[द्रोह कर दिया ](https://door43.org/en/obe/other/rebel)__\n\n* __[बेबीलोन ](https://door43.org/en/obe/other/babylon)__\n\n* __[यरूशलेम](https://door43.org/en/obe/other/jerusalem)__\n\n* __[मन्दिर](https://door43.org/en/obe/kt/temple)__\n\n## अनुवाद के लिए नोट्स: ##\n\n* __लौटे__ - यहाँ पर हम "वापिस आये", या, "फिर यहूदा में आये" भी लिख सकते हैं।"\n\n* __नगर को अधिकार में लिया__ - अर्थात, "उन्होंने नगर व नागरिकों पर नियंत्रण कर लिया।"\n\n* __लूट ले ____गए__-वे सारे खजाने अपने साथ बेबीलोन ले गए।
20:8 bww3 यहूदा के राजा को दंड [20-08] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-20-08.jpg)\n\n__[[:hi:obs:notes:key-terms:kingdom-of-judah|यहूदा]]__ के __[[:hi:obs:notes:key-terms:king|राजा]]__ को उसके द्रोह के लिए __[[:hi:obs:notes:key-terms:punish|दण्डित]] करने__ के लिए, __[[:hi:obs:notes:key-terms:nebuchadnezzar|नबूकदनेस्सर के]]__ सिपाहियों ने राजा के __[[:hi:obs:notes:key-terms:son|बेटों]]__ को __उसी के सामने__ मार डाला, और फिर __उसे अंधा कर ____दिया__ । इसके बाद, उन्होंने राजा को __[[:hi:obs:notes:key-terms:babylon|बेबीलोन]]__ की जेल में मरने के लिए डाल दिया।\n\n## महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश: ##\n\n* __[दण्डित](https://door43.org/en/obe/other/punish)__\n\n* __[राजा](https://door43.org/en/obe/other/king)__\n\n* __[यहूदा](https://door43.org/en/obe/other/kingdom-of-judah)__\n\n* __[नबूकदनेस्सर के](https://door43.org/en/obe/other/nebuchadnezzar)__\n\n* __[बेटों](https://door43.org/en/obe/kt/son)__\n\n* __[बेबीलोन](https://door43.org/en/obe/other/babylon)__\n\n## अनुवाद के लिए नोट्स: ##\n\n* __दण्डित करने__ - यहूदा के राजा को दंड देने के लिए नबुकदनेस्सर ने अपने सिपाहियों से ये सब करने को कहा था।\n\n* __उसी के सामने__ - यहाँ पर हम "उसी की आँखों के सामने", या, "वहाँँ पर मार डाला जहाँ से वह उन्हें देख सकता था" भी लिख सकते हैं।\n\n* __उसे अंधा कर दिया__ - या फिर, "उसकी आँखें फोड़ दी", अथवा, "दृष्टि छीन ली।"
20:9 fdpm यहूदा का बेबीलोन में ले जाया जाना [20-09] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-20-09.jpg)\n\n__बहुत ही गरीब लोगों को किसानी के लिए छोड़__, __[[:hi:obs:notes:key-terms:nebuchadnezzar|नबुकदनेस्सर]]__ और उसकी सेना __[[:hi:obs:notes:key-terms:kingdom-of-judah|यहूदा राज्य]]__ के लगभग सभी लोगों को अपने साथ __[[:hi:obs:notes:key-terms:babylon|बेबीलोन]]__ ले गई। __समय के इस दौर में__, जब __[[:hi:obs:notes:key-terms:god|परमेश्वर के]]__ लोगों को __[[:hi:obs:notes:key-terms:promised-land|वाचा की भूमि]]__ छोड़ने को विवश किया गया, __निर्वासन__ काल कहलाता है।\n\n## महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश: ##\n\n* __[नबूकदनेस्सर ](https://door43.org/en/obe/other/nebuchadnezzar)__\n\n* __[यहूदा का राज्य ](https://door43.org/en/obe/other/kingdom-of-judah)__\n\n* __[बेबीलोन ](https://door43.org/en/obe/other/babylon)__\n\n* __[परमेश्वर के ](https://door43.org/en/obe/kt/god)__\n\n* __[वाचा की भूमि](https://door43.org/en/obe/kt/promisedland)__\n\n## अनुवाद के लिए नोट्स: ##\n\n* __पीछे छोड़__ - अर्थात, "यहूदा के सबसे घोर गरीबों को छोड़" या कि, "सबसे गरीब लोगों को यहूदा में रहने देने।"\n\n* __समय के इस दौर में__ - इसका अनुवाद करते समय हम ऐसी वाक्य संरचना रख सकते हैं जिससे इस अवधि के लम्बे होने का संकेत मिले, क्योंकि यह निर्वासन काल सत्तर सालों तक चला था।\n\n* __निर्वासन__ - इस शब्द का आशय जबरन देश से निकाले जाने से है। "निर्वासन" का आशय उन सत्तर सालों से है जिस दौरान इस्राएलियों को बेबीलोन में रहने पर मजबूर किया गया था।
20:10 zbc0 परमेश्वर ने अपनी वाचा याद रखी [20-10] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-20-10.jpg)\n\n__निर्वासन__ में लोगों को दूर ले जाने के द्वारा __[[:hi:obs:notes:key-terms:god|परमेश्वर]]__ ने उन्हें उनके __[[:hi:obs:notes:key-terms:sin|पाप]]__ का __[[:hi:obs:notes:key-terms:punish|दंड तो दिया]]__, लेकिन उनके साथ जो __[[:hi:obs:notes:key-terms:promise|वाचाएँ]]__ उसने बाँधी थी, उन्हें वह __न ____भूला__ । परमेश्वर अपने लोगो की __देख-रेख__ और __अपने__ __[[:hi:obs:notes:key-terms:prophet|नबियों]] के द्वारा उनसे बातचीत करता रहा।__ उसने यह प्रतिज्ञा की, की सत्तर सालों के बाद वे __[[:hi:obs:notes:key-terms:promised-land|वाचा की भूमि]]__ में लौटेंगे।\n\n## महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश: ##\n\n* __[परमेश्वर ](https://door43.org/en/obe/kt/god)__\n\n* __[दण्ड तो दिया](https://door43.org/en/obe/other/punish)__\n\n* __[पाप ](https://door43.org/en/obe/kt/sin)__\n\n* __[वाचाएँ](https://door43.org/en/obe/kt/promise)__\n\n* __[नबियों](https://door43.org/en/obe/kt/prophet)__\n\n* __[वाचा की भूमि](https://door43.org/en/obe/kt/promisedland)__\n\n## अनुवाद के लिए नोट्स: ##\n\n* __निर्वासन__ - इस शब्द का आशय जबरन देश से निकाले जाने से है। “निर्वासन” का आशय उन सत्तर सालों से है जिस दौरान इस्राएलियों को बेबीलोन में रहने पर मजबूर किया गया था। __[[:hi:obs:notes:frames:20-09|[20-09]]]__.\n\n* __न भूला__ - "अवहेलना न की" या, "अनदेखी न की" भी लिख सकते हैं। अथवा, पूरे वाक्य को हम ऐसे भी लिख सकते हैं, : "अपने लोगों और अपनी प्रतिज्ञाओं का मान रखा।"\n\n* __देख-रेख__ - अर्थात, "देखभाल"।\n\n* __अपने नबियों के द्वारा बातचीत करता रहा__ - इसके अनुवाद में हम ऐसा लिख सकते हैं, :"जो सन्देश वह अपने लोगो को देना चाहता था, उन्हें वह अपने नबियों को बताता रहा।"
20:11 s3o1 फारस का बेबीलोन को हराना [20-11] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-20-11.jpg)\n\nलगभग __सत्तर सालों के बाद__, __फारसवासियों__ के__ [[:hi:obs:notes:key-terms:king|राजा]]__, __कुस्रू__ ने __[[:hi:obs:notes:key-terms:babylon|बेबीलोन]]__ को हराया, और इस तरह बेबीलोनी साम्राज्य की जगह फारसी साम्राज्य ने ले ली। __[[:hi:obs:notes:key-terms:israel|इस्राएलियों ]]____को अब__ __[[:hi:obs:notes:key-terms:jew|यहूदी]]____कहा जाने लगा__ __था__ और उनमे से अधिकाँश लोगो ने अपना पूरा जीवन बेबीलोन में बिताया था। केवल थोड़े से बूढ़े यहूदियों को ही __यहूदा__ __की__ __भूमि की__ __याद__ __थी।__\n\n## महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश: ##\n\n* __[राजा](https://door43.org/en/obe/other/king)__\n\n* __[बेबीलोन](https://door43.org/en/obe/other/babylon)__\n\n* __[इस्राएलियों](https://door43.org/en/obe/other/israel)__\n\n* __[यहूदी](https://door43.org/en/obe/other/jew)__\n\n## अनुवाद के लिए नोट्स: ##\n\n* __सत्तर सालों के बाद__ - इसका आशय बेबीलोन की सेना द्वारा यरूशलेम के लोगों को निर्वासन में ले जाने के बाद के सत्तर सालों से है।\n\n* __कुस्रू __- जो "कुस्रू महान" भी कहलाता था। फारसी भाषा में "कुस्रू" का मतलब "सूर्य के सामान" होता है। लेकिन, चूंकि कुस्रू एक महत्वपूर्ण ऐतिहासिक व्यक्ति था, इसलिए इसके नाम को लिप्यन्तरित करना सही रहेगा।\n\n* __फारसियों__ - मध्य एशिया से लेकर मिस्र तक फारस साम्राज्य का विस्तार हुआ। इसका मूल स्थान आधुनिक समय के ईरान में स्थित है।\n\n* __इस्राएलियों को अब यहूदी कहा जाने लगा था__ - इसका अनुवाद ऐसे भी किया जा सकता है, : "लोग अब इस्राएलियों को 'यहूदी' कहते थे।"\n\n* __यहूदा की भूमि__ - अर्थात, वह भूमि, जहां निर्वासन से पहले यहूदा राज्य हुआ करता था। यहूदा की राजधानी यरूशलेम थी।
20:12 rmwu कुस्रू द्वारा यहूदा की घर वापसी [20-12] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-20-12.jpg)\n\n__फारसी साम्राज्य__ बहुत शक्तिशाली, लेकिन पराजित देश के लोगो के प्रति __[[:hi:obs:notes:key-terms:mercy|दयालु]]__ भी था। जैसे ही __कुस्रू__ फारसियों का राजा बना, वैसे ही थोड़े समय बाद उसने एक आदेश दिया कि __यहूदा__ __लौटने__ की इच्छा रखेनेवाला कोई भी __[[:hi:obs:notes:key-terms:jew|यहूदी]]__, फारस छोड़ कर अपने यहूदा लौट सकता है। __[[:hi:obs:notes:key-terms:temple|मंदिर]]__ के पुनः र्निर्माण के लिए उसने उन्हें धन भी दिया! इस तरह, सत्तर सालों तक __निर्वासन__ में बिताने के बाद, यहूदियों का एक छोटा समूह यहूदा के __[[:hi:obs:notes:key-terms:jerusalem|यरूशलेम]]__ नगर में __लौट आया__ ।\n\n## महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश: ##\n\n* __[दयालु ](https://door43.org/en/obe/kt/mercy)__\n\n* __[यहूदी ](https://door43.org/en/obe/other/jew)__\n\n* __[मन्दिर ](https://door43.org/en/obe/kt/temple)__\n\n* __[यरूशलेम ](https://door43.org/en/obe/other/jerusalem)__\n\n## अनुवाद के लिए नोट्स: ##\n\n* __फारसी साम्राज्य__ - मध्य एशिया से लेकर मिस्र तक फारस साम्राज्य का विस्तार हुआ। इसका मूल स्थान आधुनिक समय के ईरान में स्थित है। __[[:hi:obs:notes:frames:20-11|[20-11]]]__.\n\n* __कुस्रू__ - जो “कुस्रू महान” भी कहलाता था। फारसी भाषा में “कुस्रू” का मतलब “सूर्य के सामान” होता है। लेकिन, चूंकि कुस्रू एक महत्वपूर्ण ऐतिहासिक व्यक्ति था, इसलिए इसके नाम को लिप्यन्तरित करना सही रहेगा। __[[:hi:obs:notes:frames:20-11|[20-11]]]__.\n\n* __यहूदा__ - अर्थात, वह भूमि, जहां निर्वासन से पहले यहूदा राज्य हुआ करता था। यहूदा की राजधानी यरूशलेम थी। __[[:hi:obs:notes:frames:20-11|[20-11]]]__.\n\n* __यहूदा लौटना__ - ये यहूदा छोड़ कर आनेवाले यहूदियों की दूसरी या तीसरी पीढ़े से थे, इसलिए इससे पहले वे कभी यहूदा में नहीं रहे थे। कुछ भाषाओं में "यहूदा में गए" लिखना बेहतर होगा।\n\n* __निर्वासन__ - इस शब्द का आशय जबरन देश से निकाले जाने से है। “निर्वासन” का आशय उन सत्तर सालों से है जिस दौरान इस्राएलियों को बेबीलोन में रहने पर मजबूर किया गया था। __[[:hi:obs:notes:frames:20-09|[20-09]]]__.\n\n* __लौट गए__ अर्थात, "चले गए।" कुछ भाषाओं में "गए" लिखना बेहतर रहेगा, क्योंकि इससे व्यक्त होता है कि वे वहां पर पहली बार जा रहे थे।
20:13 i0jv मंदिर का पुनर्निर्माण [20-13] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-20-13.jpg)\n\n__[[:hi:obs:notes:key-terms:jerusalem|यरूशलेम]]__ में पहुँचने पर __लोगों__ ने __[[:hi:obs:notes:key-terms:temple|मन्दिर]]__ और नगर के घेरे की __दीवार__ का पुनर्निर्माण किया। हालाकि उन पर अब भी __दूसरों का शासन__ था, __एक____ बार फिर__ वे __[[:hi:obs:notes:key-terms:promised-land|वाचा की भूमि]]__ में रहने लगे और __मंदिर में [[:hi:obs:notes:key-terms:worship|आराधना की]]__ ।\n\n## महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश: ##\n\n* __[यरूशलेम ](https://door43.org/en/obe/other/jerusalem)__\n\n* __[मन्दिर ](https://door43.org/en/obe/kt/temple)__\n\n* __[वाचा की भूमि ](https://door43.org/en/obe/kt/promisedland)__\n\n* __[आराधना की ](https://door43.org/en/obe/kt/worship)__\n\n## अनुवाद के लिए नोट्स: ##\n\n* __लोगों__ - अर्थात, याकूब के वंशज, इस्राएली लोग अब यहूदी कहलाते थे।\n\n* __दीवार__ - यह बहुत (2.5 मीटर) मोटी दीवार थी जो हमलावरों से नगर की सुरक्षा के लिए बनाई गई थी।\n\n* __दूसरों का शासन__ - अर्थात, उन पर किसी दूसरे देश का नियंत्रण था। यहूदियों पर उस समय फारसियों का राज था, और बाद में किसी और का।\n\n* __एक बार फिर__ - कुछ भाषाओं में "अब" या, "अपने पूर्वजों की तरह", या फिर, "निर्वासन से पहले की तरह" जैसे वाक्यांश जोड़ने की ज़रुरत हो सकती है।\n\n* __मंदिर में आराधना की__ - मंदिर का पुनर्निर्माण करके, उन्होंने उसमे एकमेव सच्चे परमेश्वर, यहोवा की आराधना की।\n\n* बाइबिल की कहानी - बाइबिल के कुछ संस्करणों में इनका अनुवाद अलग तरह से किया हो सकता है।
21:1 w9he मसीह शैतान को हराएगा [21-01] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-21-01.jpg)\n\n__आदि__ __से__ __ही__, __[[:hi:obs:notes:key-terms:god|परमेश्वर]]__ ने __[[:hi:obs:notes:key-terms:messiah|मसीह]]__ को भेजने की योजना बना रखी थी। मसीह के आने की पहली __[[:hi:obs:notes:key-terms:promise|प्रतिज्ञा ]]__ सबसे पहले __[[:hi:obs:notes:key-terms:adam|आदम]]__ और __[[:hi:obs:notes:key-terms:eve|हव्वा]]__ को मिली थी। परमेश्वर ने प्रतिज्ञा की थी कि हव्वा का एक __[[:hi:obs:notes:key-terms:descendant|वंशज]]__ पैदा होगा, जो __सर्प का सिर ____कुचलेगा__ । __हव्वा को छलनेवाला वह__ __सर्प [[:hi:obs:notes:key-terms:satan|शैतान]] था__ । प्रतिज्ञा का आशय मसीह द्वारा शैतान को पूरी तरह से परास्त करना था।\n\n## महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश: ##\n\n* __[परमेश्वर ](https://door43.org/en/obe/kt/god)__\n\n* __[मसीह ](https://door43.org/en/obe/kt/christ)__\n\n* __[प्रतिज्ञा ](https://door43.org/en/obe/kt/promise)__\n\n* __[आदम ](https://door43.org/en/obe/other/adam)__\n\n* __[हव्वा ](https://door43.org/en/obe/other/descendant)__\n\n* __[वंशज ](https://door43.org/en/obe/other/descendant)__\n\n* __[शैतान ](https://door43.org/en/obe/kt/satan)__\n\n## अनुवाद के लिए नोट्स: ##\n\n* __आदि से ही__ - अर्थात, पृथ्वी की सृष्टि के समय से।\n\n* __सर्प का सिर कुचलेगा__ - विषैले सर्प के सिर को जब तक नहीं कुचलते, तब तक वह किसी को डस सकता है। यहाँ पर "कुचलना" शब्द का ही प्रयोग करें ताकि उसके पूरी तरह से नाश किये जाने की बात स्पष्ट हो सके।\n\n* __सर्प….शैतान था__ एक सर्प का रूप धारण करके शैतान ने हव्वा से बात की थी। लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि शैतान अब भी सर्प ही है। इसका अनुवाद करते समय इस बात को आप इस प्रकार स्पष्ट कर सकते हैं, :"सर्प का रूप धरके आया शातान"।\n\n* __हव्वा को छलनेवाला सर्प शैतान था__ - हव्वा को छलनेवाला सर्प शैतान था-अर्थात, "हव्वा से झूठ बोलने वाला।" परमेश्वर की कही बात को लेकर हव्वा के मन में संदेह पैदा करने, तथा छल से उसके द्वारा परमेश्वर की अवज्ञा करवा कर सर्प ने हव्वा से झूठ बोला था।
21:2 jri9 सम्पूर्ण जगत के लिए एक प्रतिज्ञा [21-02] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-21-02.jpg)\n\n__[[:hi:obs:notes:key-terms:god|परमेश्वर]]__ ने __[[:hi:obs:notes:key-terms:abraham|अब्राहम]]__ से प्रतिज्ञा की थी कि __उसके द्वारा__ संसार के __[[:hi:obs:notes:key-terms:people group|लोगों के सभी समुदायों]]__ को __[[:hi:obs:notes:key-terms:bless|आशीष]]__ मिलेगी। भविष्य में __[[:hi:obs:notes:key-terms:messiah|मसीह]]__ के आने पर यह आशीष __[[:hi:obs:notes:key-terms:fulfill|पूरी ]]____[[:hi:obs:notes:key-terms:fulfill|होगी]]__। वह संसार की सभी जातियों के लिए __[[:hi:obs:notes:key-terms:save|उद्धार]]__ को संभव बनाएगा।\n\n## महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश: ##\n\n* __[परमेश्वर ](https://door43.org/en/obe/kt/god)__\n\n* __[अब्राहम ](https://door43.org/en/obe/other/abraham)__\n\n* __[लोगों के सभी समुदायों ](https://door43.org/en/obe/other/peoplegroup)__\n\n* __[आशीष ](https://door43.org/en/obe/kt/bless)__\n\n* __[पूरी होगी ](https://door43.org/en/obe/kt/fulfill)__\n\n* __[मसीह ](https://door43.org/en/obe/kt/christ)__\n\n* __[उद्धार ](https://door43.org/en/obe/kt/save)__\n\n## अनुवाद के लिए नोट्स: ##\n\n* __उसके द्वारा__ अर्थात, "उसके एक वंशज के कारण"।
21:3 s98i मूसा के जैसा एक नबी [21-03] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-21-03.jpg)\n\n__[[:hi:obs:notes:key-terms:god|परमेश्वर]]____ने__ __मूसा__ __से__ __[[:hi:obs:notes:key-terms:promise|प्रतिज्ञा की]]__ थी कि भविष्य में वह __[[:hi:obs:notes:key-terms:moses|मूसा]] के जैसा एक और [[:hi:obs:notes:key-terms:prophet|नबी]]__ खड़ा करेगा। यह बाद में आनेवाले __[[:hi:obs:notes:key-terms:messiah|मसीह]]__ को लेकर एक और प्रतिज्ञा थी।\n\n## महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश: ##\n\n* __[परमेश्वर ](https://door43.org/en/obe/kt/god)__\n\n* __[प्रतिज्ञा की ](https://door43.org/en/obe/kt/promise)__\n\n* __[मूसा ](https://door43.org/en/obe/other/moses)__\n\n* __[नबी ](https://door43.org/en/obe/kt/prophet)__\n\n* __[मसीह ](https://door43.org/en/obe/kt/christ)__\n\n## अनुवाद के लिए नोट्स: ##\n\n* __मूसा के जैसा एक और नबी__ - अर्थात, "मूसा के जैसे एक और नबी नियुक्त करेगा" या फिर, "मूसा के जैसे एक और नबी को भेजेगा।"\n\n* __मूसा के जैसा.....नबी__ - मूसा के जैसा होने के लिए, उस भावी नबी के पास परमेश्वर की ओर से लोगों की अगुआई करने व उन्हें छुडाने का सामर्थी अधिकार होना चाहिए।
21:4 no5a दाऊद का एक वंशज [21-04] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-21-04.jpg)\n\n__[[:hi:obs:notes:key-terms:god|परमेश्वर]]__ ने __[[:hi:obs:notes:key-terms:david|राजा दाऊद]]__ से __[[:hi:obs:notes:key-terms:promise|प्रतिज्ञा की]]__ थी कि उसका एक वंशज परमेश्वर के लोगों पर एक राजा के समान अनन्त राज्य करेगा। जिसका आशय था कि __दाऊद का अपना एक__ __[[:hi:obs:notes:key-terms:descendant|वंशज]]__ __[[:hi:obs:notes:key-terms:messiah|मसीह]]__ होगा।\n\n## महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश: ##\n\n* __[परमेश्वर ](https://door43.org/en/obe/kt/god)__\n\n* __[प्रतिज्ञा की ](https://door43.org/en/obe/kt/promise)__\n\n* __[राजा दाऊद](https://door43.org/en/obe/other/david)__\n\n* __[मसीह ](https://door43.org/en/obe/kt/christ)__\n\n* __[वंशज ](https://door43.org/en/obe/other/descendant)__\n\n## अनुवाद के लिए नोट्स: ##\n\n* __दाऊद का अपना वंशज__ - इसे हम ऐसे भी लिख सकते हैं, "स्वयं दाऊद के वंश से हुआ अपना वंशज।"
21:5 s13g नयी वाचा [21-05] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-21-05.jpg)\n\n__[[:hi:obs:notes:key-terms:god|परमेश्वर]]____ने__ __[[:hi:obs:notes:key-terms:jeremiah|यिर्मयाह]]__ __[[:hi:obs:notes:key-terms:prophet|नबी]]____के__ __माध्यम__ __से__ __यह__ __[[:hi:obs:notes:key-terms:promise|प्रतिज्ञा]]____की__ थी कि वह एक __[[:hi:obs:notes:key-terms:new-covenant|नयी वाचा]]__ बांधेगा, लेकिन वह __ऐसी__ __[[:hi:obs:notes:key-terms:covenant|वाचा]]____नहीं__ होगी जैसी परमेश्वर ने __[[:hi:obs:notes:key-terms:israel|इस्राएल]]__ के साथ __[[:hi:obs:notes:key-terms:sinai|सीनै]]__ पर बाँधी थी। नयी वाचा में, __परमेश्वर लोगों के मनों में अपनी व्यवस्था को लिखेगा__, लोग परमेश्वर को व्यक्तिगत रूप से जानेंगे, वे __उसके अपने लोग होंगे__, और परमेश्वर उनके पाप को __[[:hi:obs:notes:key-terms:forgive|क्षमा]]__ करेगा। इस __नयी वाचा का आरम्भ__ मसीह करेगा।\n\n## महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश: ##\n\n* __[नबी ](https://door43.org/en/obe/kt/prophet)__\n\n* __[यिर्मयाह ](https://door43.org/en/obe/other/jeremiah)__\n\n* __[परमेश्वर ](https://door43.org/en/obe/kt/god)__\n\n* __[प्रतिज्ञा ](https://door43.org/en/obe/kt/promise)__\n\n* __[नयी वाचा ](https://door43.org/en/obe/kt/newcovenant)__\n\n* __[वाचा ](https://door43.org/en/obe/kt/covenant)__\n\n* __[इस्राएल ](https://door43.org/en/obe/other/israel)__\n\n* __[सीनै](https://door43.org/en/obe/kt/sinai)__\n\n* __[क्षमा ](https://door43.org/en/obe/kt/forgive)__\n\n* __[पाप](https://door43.org/en/obe/kt/sin)__\n\n* __[मसीह ](https://door43.org/en/obe/kt/christ)__\n\n## अनुवाद के लिए नोट्स: ##\n\n* __परमेश्वर ने यिर्मयाह नबी के माध्यम से यह प्रतिज्ञा की__ इसका अनुवाद करते समय यह भी लिख सकते हैं, : "यिर्मयाह को दिए संदेशों के माध्यम से परमेश्वर ने यह प्रतिज्ञा की" या फिर, "यिर्मयाह ने लोगो को परमेश्वर की प्रतिज्ञा के बारे में बताया।\n\n* __ऐसी वाचा नहीं__ - नयी वाचा सच में प्रभावी होगी। लोग सचमुच परमेश्वर को जानेंगे, वे सचमुच उसके लोग होंगे, और मसीह पर जो विश्वास रखते हैं, उनके लिए दिए मसीह के बलिदान आज्ञा के आधार पर वह उनके सब पाप क्षमा करेगा।\n\n* __लोगों के मनों में अपनी व्यवस्था लिखेगा__- यहाँ पर अलंकार का प्रयोग हुआ है, और इसका आशय है कि "वह व्यवस्था को समझने और उनका पालन करने की इच्छा उनके मन में पैदा करें उनकी मदद करेगा।" यदि संभव हो तो दिल में लिखने के चित्र को रखें, क्योंकि इस्राएलियों के लिए पत्थर की तख्तियों पर आज्ञाओं को लिखने की तुलना में यह बिलकुल अलग बात है। संभव न होने पर अाप बस इसके अर्थ का अनुवाद कर सकते हैं।\n\n* __उसके लोग होंगे__- इसे हम "उसकी विशेष प्रजा" या, "उसके कृपा पात्र होंगे।"\n\n* __नयी वाचा का आरम्भ__ - अर्थात, "नयी वाचा की शुरुआत का कारण होगा" या, "नयी वाचा उसके लोगों के पास लाएगा।"
21:6 k2hh नबी, याजक व राजा [21-06] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-21-06.jpg)\n\n____[[:hi:obs:notes:key-terms:god|परमेश्वरके]]____ __[[:hi:obs:notes:key-terms:prophet|नबियों]]__ ने यह भी कहा की __[[:hi:obs:notes:key-terms:messiah|मसीहा]]__ एक नबी, एक __[[:hi:obs:notes:key-terms:priest|याजक]]__, और एक __[[:hi:obs:notes:key-terms:king|राजा]]__ होगा। परमेश्वर के शब्दों को सुन कर, परमेश्वर के लोगों के बीच उस संदेश की उद्घोषणा करनेवाला व्यक्ति नबी होता है। परमेश्वर ने जिस मसीह को भेजने की प्रतिज्ञा की थी, वह __सिद्ध नबी__ होगा।\n\n## महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश: ##\n\n* __[परमेश्वर के ](https://door43.org/en/obe/kt/god)__\n\n* __[नबियों ](https://door43.org/en/obe/kt/prophet)__\n\n* __[मसीह ](https://door43.org/en/obe/kt/christ)__\n\n* __[याजक ](https://door43.org/en/obe/kt/priest)__\n\n* __[राजा ](https://door43.org/en/obe/other/king)__\n\n## अनुवाद के लिए नोट्स: ##\n\n* __सिद्ध नबी__ - मसीह एक ऐसा नबी होगा जो परमेश्वर के प्रति आज्ञाकारिता में पूरी तरह सिद्ध होगा, और हर वह वचन जो परमेश्वर अपने लोगों से कहना चाहता है, वह वे शब्द लोगों से कहेगा। वह लोगो को परमेश्वर के समक्ष सिद्ध रीति से प्रस्तुत करेगा और परमेश्वर को जानने व समझने में उनकी मदद करेगा।
21:7 u403 सिद्ध महा याजक [21-07] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-21-07.jpg)\n\n__लोगों के [[:hi:obs:notes:key-terms:sin|पापों]] के [[:hi:obs:notes:key-terms:punish|दंड]] के बदले __ में, __उनके लिए__ __[[:hi:obs:notes:key-terms:israel|इस्राएली]]__ __[[:hi:obs:notes:key-terms:priest|याजकों]]__ ने __[[:hi:obs:notes:key-terms:god|परमेश्वर]]__ को __[[:hi:obs:notes:key-terms:sacrifice|बलिदान]]__ चढ़ाए। याजकों ने भी लोगों के लिए परमेश्वर से __[[:hi:obs:notes:key-terms:pray|प्रार्थना की]]__ । __[[:hi:obs:notes:key-terms:messiah|मसीह]]__ ऐसा __सिद्ध [[:hi:obs:notes:key-terms:priest-high|महा याजक]]__ होगा जो परमेश्वर के सामने __स्वयं को एक सिद्ध बलिदान के रूप में प्रस्तुत ____करेगा__ ।\n\n## महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश: ##\n\n* __[इस्राएली](https://door43.org/en/obe/other/israel)__\n\n* __[याजकों ](https://door43.org/en/obe/kt/priest)__\n\n* __[बलिदान ](https://door43.org/en/obe/other/sacrifice)__\n\n* __[परमेश्वर ](https://door43.org/en/obe/kt/god)__\n\n* __[दण्ड ](https://door43.org/en/obe/other/punish)__\n\n* __[पाप ](https://door43.org/en/obe/kt/sin)__\n\n* __[प्रार्थना की ](https://door43.org/en/obe/other/pray)__\n\n* __[मसीह ](https://door43.org/en/obe/kt/christ)__\n\n* __[महा याजक ](https://door43.org/en/obe/kt/highpriest)__\n\n## अनुवाद के लिए नोट्स: ##\n\n* __उनके लिए__ - अनुवाद में हम ऐसे भी लिख सकते हैं, :"उनके हित के लिए", या फिर, "उनकी जगह पर।"\n\n* __लोगों के पापों के दंड के बदले__ - अपने पापों के कारण लोग जिस दंड के योग्य हैं, उस दंड तथा उन पापों को हटाने के लिए परमेश्वर पर उनकी निर्भरता को याद दिलाने के लिए परमेश्वर ने उनके द्वारा जानवरों के बलिदान देने को स्वीकार किया था। उनके पापों को ढांपने के एक अस्थाई आवरण के रूप में परमेश्वर ने उनके इन बलिदानो को स्वीकार किया और उन्हें दंड नहीं दिया।\n\n* __सिद्ध महा याजक__ - दुसरे महा याजकों के समान मसीहा कभी पाप करनेवाला नहीं था, और साथ ही वह लोगों के पापों को हमेशा के लिए दूर करेगा।\n\n* __स्वयं को…..बलि के रूप में प्रस्तुत करेगा__ अर्थात, "स्वयं को मार दिया जाने देगा।"\n\n* __सिद्ध बलि__ - अर्थात, "किसी भी दोष या अपूर्णता से मुक्त बलिदान।"
21:8 bqxf मसीह अनन्त काल तक राज्य करेगा [21-08] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-21-08.jpg)\n\n__[[:hi:obs:notes:key-terms:king|राजा]]__ एक ऐसा व्यक्ति है, जो किसी __[[:hi:obs:notes:key-terms:kingdom|राज्य]]__ पर शासन करता है और लोगो का __[[:hi:obs:notes:key-terms:judge|न्याय करता है]]__ । __[[:hi:obs:notes:key-terms:messiah|मसीह]]__ एक सिद्ध राजा होगा जो __अपने पूर्वज [[:hi:obs:notes:key-terms:david|दाऊद]] के सिंहासन पर विराजेगा।__ वह सदा के लिए __पूरे संसार पर__ राज्य करेगा, और हमेशा ईमानदारी से न्याय करेगा और सही निर्णय लेगा।\n\n## महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश: ##\n\n* __[राजा ](https://door43.org/en/obe/other/king)__\n\n* __[राज्य ](https://door43.org/en/obe/other/kingdom)__\n\n* __[न्याय करता है ](https://door43.org/en/obe/kt/judge)__\n\n* __[मसीह ](https://door43.org/en/obe/kt/christ)__\n\n* __[दाऊद ](https://door43.org/en/obe/other/david)__\n\n## अनुवाद के लिए नोट्स: ##\n\n* __अपने पूर्वज दाऊद के सिंहासन पर विराजेगा__ - सिहासन राजा या रानी का अधिकृत कुर्सी होती है और उनके अधिकार का प्रतीक होती है। इस अभिव्यक्ति को हम यूँ भी लिख सकते हैं, : "अपने पूर्वज, दाऊद के सामान शासन करने का अधिकार होगा," अथवा, "राजा दाऊद का वंशज होगा और परमेश्वर के लोगों पर अपना राज्य को बनाए रखेगा।"\n\n* __सम्पूर्ण संसार__ - इसका अनुवाद ऐसे भी कर सकते हैं, "हर जगह के हर व्यक्ति।"
21:9 kpq3 कुँवारी से जन्म [21-09] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-21-09.jpg)\n\n__[[:hi:obs:notes:key-terms:messiah|मसीह]]__ के बारे में __[[:hi:obs:notes:key-terms:god|परमेश्वर के]]__ __[[:hi:obs:notes:key-terms:prophet|नबियों]]__ ने बहुत से बातों की भविष्यदवाणी की थी। __मलाकी__ नबी ने यह __पूर्व घोषणा की__ थी कि मसीह के आने से पहले एक महान नबी होगा। __[[:hi:obs:notes:key-terms:isaiah|यशायाह]]__ नबी ने __[[:hi:obs:notes:key-terms:prophet|भविष्यदवाणी की]]__ थी कि __मसीह एक__ __[[:hi:obs:notes:key-terms:virgin|कुँँवारी]]____से____ जन्म ____लेगा__ । __मीका__ नबी ने कहा था कि वह __[[:hi:obs:notes:key-terms:bethlehem|बैतलहम]]__ के नगर में जन्म लेगा।\n\n## महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश: ##\n\n* __[परमेश्वर के ](https://door43.org/en/obe/kt/god)__\n\n* __[नबियों ](https://door43.org/en/obe/kt/prophet)__\n\n* __[मसीह ](https://door43.org/en/obe/kt/christ)__\n\n* __[यशायाह ](https://door43.org/en/obe/other/isaiah)__\n\n* __[भविष्यवाणी की ](https://door43.org/en/obe/kt/prophet)__\n\n* __[कुँवारी ](https://door43.org/en/obe/other/virgin)__\n\n* __[बैतलहम ](https://door43.org/en/obe/other/bethlehem)__\n\n## अनुवाद के लिए नोट्स: ##\n\n* __मलाकी__ - पुराने नियम का अंतिम नबी।\n\n* __पूर्वघोषणा की__ - इसे "भविष्यदवाणी की" भी लिख सकते हैं"। अर्थात, किसी को भविष्य में घटित होनेवाली घटना के बारे में पहले से बताना। मसीह के आने से 400 साल पूर्व मलाकी ने लोगों को परमेश्वर का सन्देश बताया।\n\n* __भविष्यद्वाणी की__ दूसरे सन्दर्भ में, "भविष्यद्वाणी" का अर्थ "पहले से बताना" होता है, क्योंकि नबियों ने भविष्य में घटित होनेवाली बातों की पूर्व सूचना दी थी।\n\n* __मसीह एक कुँँवारी से जन्मे लेगा__ - अर्थात, "एक कुँँवारी कन्या मसीह को जन्म देगी।"\n\n* __मीका__ - मीका पुराने नियम के दिनो में हुआ परमेश्वर का नबी था, यशायाह के समान उसने भी मसीह के आने से लगभग 800 साल पहले परमेश्वर से मिले सन्देश कहे थे।
21:10 q8id मसीह से चंगाई मिलेगी [21-10] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-21-10.jpg)\n\n__[[:hi:obs:notes:key-terms:isaiah|यशायाह]] [[:hi:obs:notes:key-terms:prophet|नबी]]__ ने कहा था कि मसीह, __टूटे हुए लोगों__ के पास __[[:hi:obs:notes:key-terms:galilee|गलील]]__ में रहेगा, और __बंधकों के लिए मुक्ति की व कैदियों को रिहाई की उदघोषणा__ करेगा। उसने यह भी कहा था कि __[[:hi:obs:notes:key-terms:messiah|मसीह]]__ रोगियों को, और वे जो __सुनने,देखने,बोलने,या ____चलने__-फिरने में असमर्थ है, उन्हें वह __[[:hi:obs:notes:key-terms:heal|चंगाई]]__ देगा।\n\n## महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश: ##\n\n* __[नबी ](https://door43.org/en/obe/kt/prophet)__\n\n* __[यशायाह ](https://door43.org/en/obe/other/isaiah)__\n\n* __[गलील ](https://door43.org/en/obe/other/galilee)__\n\n* __[मसीह ](https://door43.org/en/obe/kt/christ)__\n\n* __[चंगाई ](https://door43.org/en/obe/other/heal)__\n\n## अनुवाद के लिए नोट्स: ##\n\n* __टूटे हुए लोगों__ - ये शब्द गहरे विषाद का अनुभव करनेवाले लोगों के लिए प्रयुक्त हुआ है।\n\n* __बंधको के लिए मुक्ति की उद्घोषणा__ - अर्थात, "दासों से कहेगा कि वे स्वतंत्र हो सकते हैं।" इसका आशय लोगों को पाप के दासत्व से मुक्ति दिलाने से भी है।\n\n* __कैदियों को रिहाई__ - अर्थात, "वह न्यायपूर्ण रीति से जेल में डलवाये गए लोगों को जेल से रिहा करेगा।" इसका आशय लोगों को पाप से मुक्ति दिलाने से भी हो सकता है।\n\n* __सुनने, देखने, बोलने, या चलने__ --"जो सुन नहीं सकते, देख नहीं सकते थे, बोल नहीं सकते थे, या चल नहीं सकते थे" लिखना बेहतर हो सकता है। कुछ भाषाओं में इनके लिए विशेष शब्द हो सकते हैं, जैसे की "बधिर" व "नेत्रहीन"।
21:11 nk4v मसीह को धोखा दिया जाएगा [21-11] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-21-11.jpg)\n\n__[[:hi:obs:notes:key-terms:isaiah|यशायाह]] [[:hi:obs:notes:key-terms:prophet|नबी]]__ ने यह भी __[[:hi:obs:notes:key-terms:prophet|भविष्यदवाणी की]]__ थी कि लोग __अकारण ही [[:hi:obs:notes:key-terms:messiah|मसीह]] से घृणा करेंगे और उसे नकारेंगे__ । दूसरे नबियों ने __पूर्व सूचना__ दी थी कि मसीह को मारनेवाले __उसके वस्त्रों के लिए जुआ__ करेगे और एक मित्र उसे __[[:hi:obs:notes:key-terms:betray|धोखा]]__ देगा। __जकर्याह__ नबी ने यह भविष्यदवाणी की थी कि मसीह को धोखा देने के एवज़ में उस मित्र को __चांदी के तीस सिक्के__ दिए गए थे।\n\n## महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश: ##\n\n* __[नबी ](https://git.door43.org/Door43/en-tw/src/master/content/kt/prophet.md)__\n\n* __[यशायाह ](https://git.door43.org/Door43/en-tw/src/master/content/other/isaiah.md)__\n\n* __[मसीह ](https://git.door43.org/Door43/en-tw/src/master/content/kt/christ.md)__\n\n* __[धोखा ](https://git.door43.org/Door43/en-tw/src/master/content/kt/betray.md)__\n\n## अनुवाद के लिए नोट्स: ##\n\n* __अकारण ही घृणा करेंगे और उसे नकारेंगे__ - इसका अनुवाद ऐसे भी किया जा सकता है, :"कोई दोष न होने पर भी, लोग उसे घृणा करेंगे और नकारेंगे" या फिर, "हालाकि वह निर्दोष था, तब भी….।"\n\n* __पूर्व सूचना__ अर्थात उन्होंने भविष्य में होनेवाली घटनाओं के बारे में बताया था। इसके लिए "भविष्यदवाणी" भी लिख सकते हैं।\n\n* __उसके वस्त्रों के लिए जुआ किया__ - अर्थात, "यह तय करने के लिए कि उसके वस्त्र किसे मिलेंगे, उन्होंने पर्ची डाल कर लाटरी जैसा एक खेल खेला।"\n\n* __जकर्याह__ - जकर्याह पुराने नियम का एक नबी था जिसने परमेश्वर का सन्देश उस समय लोगों को दिया जब वे बेबीलोन में निर्वासन के बाद वाचा की भूमि में लौट आये थे। यह मसीह के आने से लगभग 500 साल पहले की बात थी।\n\n* __चाँदी के तीस सिक्के__ - उस समय, ऐसे हर सिक्के का मूल्य एक व्यक्ति के चार दिन की कमाई होती थी।
21:12 vjoe मसीह की मृत्यु [21-12] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-21-12.jpg)\n\n__[[:hi:obs:notes:key-terms:prophet|नबियों]]__ ने यह भी कहा था कि __[[:hi:obs:notes:key-terms:messiah|मसीह]]__ __[[:hi:obs:notes:key-terms:death|मारा]]__ जाएगा। __[[:hi:obs:notes:key-terms:isaiah|यशायाह]]__ की __[[:hi:obs:notes:key-terms:prophet|भविष्यदवाणी]]__ थी कि लोग मसीह पर थूकेंगे, उसका ठट्ठा उडाएँगे, और पीटेंगे। निर्दोष होते हुए भी, लोग उसे __भेदेंगे__ और घोर कष्ट और पीड़ा को सहते हुए वह मर जाएगा।\n\n## महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश: ##\n\n* __[नबियों](https://git.door43.org/Door43/en-tw/src/master/content/kt/prophet.md)__\n\n* __[मसीह](https://git.door43.org/Door43/en-tw/src/master/content/kt/christ.md)__\n\n* __[मर](https://git.door43.org/Door43/en-tw/src/master/content/kt/death.md)__\n\n* __[यशायाह](https://git.door43.org/Door43/en-tw/src/master/content/other/isaiah.md)__\n\n## अनुवाद के लिए नोट्स: ##\n\n* __भेदेंगे__-अर्थात, "धारदार वस्तु से उसे काट देंगे।" लोगों के पापों के दंड स्वरुप, उसके शरीर को किसी पैनी चीज़ से भेद दिया जाएगा।
21:13 gyla मसीह शान्ति स्थापित करेगा [21-13] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-21-13.jpg)\n\n__[[:hi:obs:notes:key-terms:prophet|नबियों]]__ ने यह भी कहा था कि __[[:hi:obs:notes:key-terms:messiah|मसीह]]__ बिलकुल __[[:hi:obs:notes:key-terms:sin|निष्पाप]]__ और सिद्ध होगा। वे __दूसरो के पाप के [[:hi:obs:notes:key-terms:punish|दंड]] को [[:hi:obs:notes:key-terms:receieve|अपने ऊपर लेकर]]__ उनके लिए __[[:hi:obs:notes:key-terms:death|मरेगा]]__। उसके दंड से लोगों व __[[:hi:obs:notes:key-terms:god|परमेश्वर]]__ के बीच __[[:hi:obs:notes:key-terms:peace|शान्ति]]__ आएगी। इसलिए, __परमेश्वर की यह इच्छा थी__ कि मसीह __कुचला__ जाए।\n\n## महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश: ##\n\n* __[नबियों ](https://door43.org/en/obe/kt/prophet)__\n\n* __[मसीह ](https://door43.org/en/obe/kt/christ)__\n\n* __[पाप ](https://door43.org/en/obe/kt/sin)__\n\n* __[मर ](https://door43.org/en/obe/kt/death)__\n\n* __[अपने ऊपर लेने ](https://door43.org/en/obe/kt/receive)__\n\n* __[दण्ड ](https://door43.org/en/obe/other/punish)__\n\n* __[शान्ति ](https://door43.org/en/obe/other/peace)__\n\n* __[परमेश्वर ](https://door43.org/en/obe/kt/god)__\n\n## अनुवाद के लिए नोट्स: ##\n\n* __निष्पाप__ –इसके लिए हम "उसने कभी कोई पाप न करने के बावजूद" भी लिख सकते हैं।\n\n* __दूसरों के पापों के दंड को अपने ऊपर ले कर__ - अर्थात, "लोग अपने पाप के लिए जिस दंड के भागी थे" या, "दूसरे की जगह दण्डित होने।\n\n* __परमेश्वर की यह इच्छा थी__ - अर्थात, "इसने परमेश्वर की इच्छा को पूरा किया।" इस वाक्यांश का आशय यह है कि लोगों के पापों का दाम चुकाने के लिए मसीह की मृत्यु, परमेश्वर की योजना के अनुसार थी।\n\n* __कुचला__ - अर्थात, "पूरी तरह से नाश करना," "हत्या करना" या फिर, "पूरी तरह से ध्वंस करना।"
21:14 gbql मसीह का पुनरुत्थान [21-14] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-21-14.jpg)\n\n__[[:hi:obs:notes:key-terms:prophet|नबियों]]__ ने यह पूर्व सूचना दी थी कि __[[:hi:obs:notes:key-terms:messiah|मसीह]]__ __[[:hi:obs:notes:key-terms:death|मरेगा]]__ और __[[:hi:obs:notes:key-terms:god|परमेश्वर]]__ उसे __मुर्दों में से [[:hi:obs:notes:key-terms:raise|जिलाएगा]]।____मसीह की मृत्यु और [[:hi:obs:notes:key-terms:resurrection|पुनरुत्थान]] के दौरान__,__[[:hi:obs:notes:key-terms:sin|पापियों]]__ को __[[:hi:obs:notes:key-terms:save|बचाने]]__ और __[[:hi:obs:notes:key-terms:new-covenant|नयी वाचा]] का आरम्भ__ करने की अपनी योजना परमेश्वर पूरी करेगा।\n\n## महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश: ##\n\n* __[नबियों ](https://door43.org/en/obe/kt/prophet)__\n\n* __[मसीह ](https://door43.org/en/obe/kt/christ)__\n\n* __[मर ](https://door43.org/en/obe/kt/death)__\n\n* __[परमेश्वर ](https://door43.org/en/obe/kt/god)__\n\n* __[जिलाएगा ](https://door43.org/en/obe/kt/raise)__\n\n* __[पुनरुत्थान ](https://door43.org/en/obe/kt/resurrection)__\n\n* __[बचाएगा ](https://door43.org/en/obe/kt/save)__\n\n* __[पापियों ](https://door43.org/en/obe/kt/sin)__\n\n* __[नयी वाचा ](https://door43.org/en/obe/kt/newcovenant)__\n\n## अनुवाद के लिए नोट्स: ##\n\n* __मुर्दों में से जिलाएगा__ - अर्थात, "उसमे फिर से जीवित् करेगा।\n\n* __मसीह की मृत्यु और पुनरुत्थान के दौरान, परमेश्वर__ - इसका अनुवाद हम ऐसे भी कर सकते हैं, :"परमेश्वर मसीह की मृत्यु और पुनरुत्थान को", या "मसीह की मृत्यु और पुनरुत्थान के द्वारा परमेश्वर…।"\n\n* __नयी वाचा का आरम्भ__ अर्थात, "नयी वाचा की शुरुआत करना।"
21:15 ejjz बिलकुल सही समय पर [21-15] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-21-15.jpg)\n\n__[[:hi:obs:notes:key-terms:messiah|मसीह]]__ के बारे में __[[:hi:obs:notes:key-terms:prophet|नबियों]]__ को __[[:hi:obs:notes:key-terms:god|परमेश्वर]]__ ने बहुत से बातें बताई थीं, जबकि मसीह किसी भी नबी के दिनों में नहीं आया था। अंतिम भविष्यदवाणी के 400 सालों से भी अधिक समय बाद, बिलकुल सही समय पर, परमेश्वर __संसार में__ मसीह को भेजेगा।\n\nबाइबल की कहानी का सन्दर्भ_: उत्पत्ति 3:15; 12:1-3; व्यवस्थाविवरण 18:15; 2 शमूएल 7; यिर्मयाह 31; यशायाह 59:16; दानिय्येल 7; मलाकी 4:5; यशायाह 7:14; मीका 5:2; यशायाह 9:1-7; 35:3-5; 61; 53; भजन संहिता 22:18; 35:19; 69:4; 41:9; जकर्याह 11:12-13; यशायाह 50:6; भजन संहिता 16:10-11_\n\n## महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश: ##\n\n* __[परमेश्वर](https://door43.org/en/obe/kt/god)__\n\n* __[नबियों ](https://door43.org/en/obe/kt/prophet)__\n\n* __[मसीह](https://door43.org/en/obe/kt/christ)__\n\n## अनुवाद के लिए नोट्स: ##\n\n* __संसार में__ - इसका अनुवाद ऐसे भी कर सकते हैं, :"जगत के लोगो के पास।" मसीह केवल यहूदियों के लिए नहीं, बल्कि सभी लोगों के लिए भेजा जाएगा।\n\n* बाइबिल की कहानी//\n\n- // बाइबिल के कुछ संस्करणों में इनका अनुवाद अलग तरह से किया हो सकता है।
22:1 vl96 परमेश्वर ने जकर्याह से बोला [22-01] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-22-01.jpg)\n\nबीते समय में, __[[:hi:obs:notes:key-terms:god|परमेश्वर]]__ अपने __[[:hi:obs:notes:key-terms:angel|स्वर्गदूतों]]__, और __[[:hi:obs:notes:key-terms:prophet|नबियों]]__ के माध्यम से __अपने लोगों__ से बातचीत की थी। लेकिन फिर __400__ __साल__ __बीत__ __गए____, ____और__ __परमेश्वर__ __ने__ __उनसे__ __कोई__ __बात__ __न__ __की__ । परमेश्वर का एक सन्देश लेकर, अचानक से एक स्वर्गदूत __[[:hi:obs:notes:key-terms:zechariah-nt|जकर्याह]]__ नाम के एक बूढ़े से __[[:hi:obs:notes:key-terms:priest|याजक]]__ के पास आया। जकर्याह और उसकी पत्नी, एलिशिबा, बहुत __धर्मी लोग__ थे, लेकिन उसकी पत्नी संतान को जन्म नहीं दे पा रही थी।\n\n## महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश: ##\n\n* __[परमेश्वर ](https://door43.org/en/obe/kt/god)__\n\n* __[स्वर्गदूतों](https://door43.org/en/obe/kt/angel)__\n\n* __[नबियों](https://door43.org/en/obe/kt/prophet)__\n\n* __[याजक ](https://door43.org/en/obe/kt/priest)__\n\n* __[जकर्याह ](https://door43.org/en/obe/other/zechariahnt)__\n\n## अनुवाद के लिए नोट्स: ##\n\n* __उसके लोग__ - इसका अनुवाद करते समय हम यह भी लिखे सकते हैं,: "उसके अपने, इस्राएली लोग" या फिर, "उसके अपने, यहूदी लोग।" लेकिन ये अतिरिक्त शब्द तभी जोड़ें जब यह स्पष्ट न हो पा रहा हो कि यहाँ किन लोगों की बात हो रही है।\n\n* __400 साल बीत गए__ - इसे यूँ भी कह सकते हैं, कि "400 साल बीते" या फिर, "फिर 400 सालों का ऐसा समय आया जब...।" पुराने नियम के मलाकी नबी को हुए 400 साल बीत चुके हैं।\n\n* __और परमेश्वर ने उनसे कोई बात न की__ अर्थात, "इस दौरान परमेश्वर ने अपने लोगों के लिए किसी भी नबी को कोई सन्देश न दिया।"\n\n* __धर्मी लोग__ - अर्थात, "परमेश्वर की आज्ञा को माननेवाले लोग।
22:2 tcrt तुझे एक बेटा होगा [22-02] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-22-02.jpg)\n\n__[[:hi:obs:notes:key-terms:zechariah-nt|जकर्याह]]__ से __[[:hi:obs:notes:key-terms:angel|स्वर्गदूत]]__ ने कहा, "तेरी पत्नी एक बेटे को जनेगी। तू उसका नाम __[[:hi:obs:notes:key-terms:john-baptist|यूहन्ना]]__ रखना। वह __[[:hi:obs:notes:key-terms:holy-spirit|पवित्र आत्मा]] से भरा होगा__, और__[[:hi:obs:notes:key-terms:messiah|मसीह]]__ के लिए लोगों को तैयार करेगा!" जकर्याह ने जवाब में कहा, "संतान पैदा करने के लिए मेरी पत्नी और मैं बहुत बूढ़े हो चुके हैं! __मैं कैसे जानू कि यह होगा__?\n\n## महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश: ##\n\n* __[स्वर्गदूत](https://door43.org/en/obe/kt/angel)__\n\n* __[जकर्याह ](https://door43.org/en/obe/other/zechariahnt)__\n\n* __[यूहन्ना](https://door43.org/en/obe/other/johnthebaptist)__\n\n* __[पवित्र आत्मा ](https://door43.org/en/obe/kt/holyspirit)__\n\n* __[मसीह](https://door43.org/en/obe/kt/christ)__\n\n__<font 24px/inherit;;inherit;;inherit>अनुवाद के लिए नोट्स</font> __ __<font 24px/inherit;;inherit;;inherit>:</font> __\n\n* __स्वर्गदूत__ - यहाँ पर उस स्वर्गदूत का सन्दर्भ है जिसने जकर्याह को दर्शन दिए थे। __[[22-01](https://door43.org/en/obs/notes/frames/22-01)]__.\n\n* __पवित्र आत्मा से भरा होगा__ - अर्थात, "पवित्र आत्मा के वश में होगा" या फिर, "उसे पवित्र आत्मा द्वारा ज्ञान व सामर्थ मिलेगी।"\n\n* __मै कैसे जानू कि यह होगा?__ - इसे हम यूँ भी कह सकते हैं, :"मुझे कैसे सुनिश्चित होगा कि ऐसा अवश्य ही होगा भी?"
22:3 imm2 बोलने में असमर्थ [22-03] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-22-03.jpg)\n\n__[[:hi:obs:notes:key-terms:angel|स्वर्गदूत]]__ ने जकर्याह से कहा, "यह सुसमाचार देने, मुझे __[[:hi:obs:notes:key-terms:god|परमेश्वर]]__ ने भेजा था। चूंकि तूने मेरा __[[:hi:obs:notes:key-terms:believe|विश्वास]]__ नहीं किया, इसलिए तेरी संतान के होने तक तू कुछ बोल न सकेगा।" इसके तुरंत बाद ही, __[[:hi:obs:notes:key-terms:zechariah-nt|जकरयाह]]__ की बोलने की शक्ति समाप्त हो गयी। स्वर्गदूत तब जकर्याह को छोड़ कर चला गया। इसके बाद, जकर्याह अपने घर लौट आया, और उसकी पत्नी को __गर्भ ठहर ____गया__ ।\n\n## महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश: ##\n\n* __[स्वर्गदूत](https://door43.org/en/obe/kt/angel)__\n\n* __[परमेश्वर](https://door43.org/en/obe/kt/god)__\n\n* __[विश्वास ](https://door43.org/en/obe/kt/believe)__\n\n* __[जकरयाह](https://door43.org/en/obe/other/zechariahnt)__\n\n## अनुवाद के लिए नोट्स: ##\n\n* __गर्भ ठहर गया__ - कुछ भाषाओं में गर्भ ठहरने के लिए और अधिक शालीन अभिव्यक्ति हो सकती हैं। लोगो के हिसाब से शब्दों का चुनाव करें।
22:4 mgf1 मरियम से एक स्वर्गदूत बोला [22-04] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-22-04.jpg)\n\n__इलीशिबा__ जब __छ: महीने के गर्भ से थी__, तब अचानक वही __[[:hi:obs:notes:key-terms:angel|स्वर्गदूत]]____इलीशिबा____ की रिश्तेदार__, जिसका नाम __[[:hi:obs:notes:key-terms:mary|मरियम]]__ था, के सामने प्रकट हुआ। वह एक __[[:hi:obs:notes:key-terms:virgin|कुँवारी]]__ थी और __[[:hi:obs:notes:key-terms:joseph-nt|यूसुफ]]__ नाम के व्यक्ति के साथ उसकी __सगाई हो__ __रखी थी__ । स्वर्गदूत बोला, "तू गर्भ से होगी और एक बेटे को जन्म देगी। तू उसका नाम __[[:hi:obs:notes:key-terms:jesus|यीशु]]__ रखना। वह __[[:hi:obs:notes:key-terms:god-father|परम प्रधान परमेश्वर]]__ का __[[:hi:obs:notes:key-terms:son|बेटा]]__ होगा और सदा के लिए राज्य करेगा।"\n\n## महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश: ##\n\n* __[स्वर्गदूत](https://door43.org/en/obe/kt/angel)__\n\n* __[मरियम ](https://door43.org/en/obe/other/mary)__\n\n* __[कुँवारी](https://door43.org/en/obe/other/virgin)__\n\n* __[यूसुफ](https://door43.org/en/obe/other/josephnt)__\n\n* __[यीशु](https://door43.org/en/obe/kt/jesus)__\n\n* __[बेटा](https://door43.org/en/obe/kt/sonofgod)__\n\n* __[परम प्रधान परमेश्वर ](https://door43.org/en/obe/kt/godthefather)__\n\n## अनुवाद के लिए नोट्स: ##\n\n* __छ: महीने के गर्भ से थी__ - गर्भ को ठहरे या तो पूरे छ महीने हो चुके थे, या फिर छटवां महीना चल रहा था।\n\n* __गर्भ से__ - अलग-अलग भाषाओं में गर्भाधान के लिए अलग-अलग अभिव्यक्तियाँ हैं, जैसे कि "गर्भवती थी", या, "उसकी कोख में संतान पल रही थी", या कि "वह पेट से थी" कुछ भाषाओं में इस दशा को व्यक्त करने के लिए अधिक शालीन शब्द होंगे। उन शब्दों का प्रयोग करें जिनसे पढ़नेवालों को अजीब न लगे।\n\n* __इलीशिबा__ - वह जकर्याह की पत्नी थी। स्वर्गदूत ने कहा था कि इलीशिबा एक बेटे को जन्म देगी।\n\n* __इलीशिबा____की रिश्तेदार__ - यह स्पष्ट नहीं है कि दोनों महिलाओं के बीच कौन सी रिश्तेदारी थी। इसलिए "रिश्तेदार" जैसे आम शब्द का प्रयोग ही सही रहेगा।\n\n* __सगाई हुई थी__ - अर्थात, "दोनों के बीच एक दूसरे से विवाह करने की प्रतिज्ञा थी।
22:5 v63u मसीह की माता [22-05] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-22-05.jpg)\n\n__[[:hi:obs:notes:key-terms:mary|मरियम]]__ बोली, "__ऐसा कैसे हो सकता है__, क्योंकि मैं तो अभी __[[:hi:obs:notes:key-terms:virgin|कुँवारी]]__ ही हूँ?" __[[:hi:obs:notes:key-terms:angel|स्वर्गदूत]]__ ने समझाया, "__[[:hi:obs:notes:key-terms:holy-spirit|पवित्र ]]__ __[[:hi:obs:notes:key-terms:holy-spirit|आत्मा ]]____तुझ____पर__ __उतरेगा__, __और__ __[[:hi:obs:notes:key-terms:god|परमेश्वर ]]की__ __[[:hi:obs:notes:key-terms:power|सामर्थ्य ]]____तुझ____पर__ __छाएगी__ । इसलिए यह बच्चा __[[:hi:obs:notes:key-terms:holy|पवित्र]]__,__[[:hi:obs:notes:key-terms:god son|परमेश्वर का बेटा]]__ होगा।" मरियम ने __[[:hi:obs:notes:key-terms:believe|विश्वास किया]]__ और स्वर्गदूत की कही बातों को स्वीकार कर लिया।\n\n## महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश: ##\n\n* __[मरियम](https://door43.org/en/obe/other/mary)__\n\n* __[कुँवारी](https://door43.org/en/obe/other/virgin)__\n\n* __[स्वर्गदूत](https://door43.org/en/obe/kt/angel)__\n\n* __[पवित्र आत्मा ](https://door43.org/en/obe/kt/holyspirit)__\n\n* __[सामर्थ्य](https://door43.org/en/obe/kt/power)__\n\n* __[परमेश्वर](https://door43.org/en/obe/kt/god)__\n\n* __[पवित्र](https://door43.org/en/obe/kt/holy)__\n\n* __[परमेश्वर का बेटा ](https://door43.org/en/obe/kt/sonofgod)__\n\n* __[विश्वास किया ](https://door43.org/en/obe/kt/believe)__\n\n## अनुवाद के लिए नोट्स: ##\n\n* __ऐसा कैसे हो सकता है__ - अर्थात, "मुझे गर्भ कैसे ठहर सकता है?" मरियम यहाँ स्वर्गदूत के शब्दों पर अविश्वास व्यक्त नहीं कर रही, बल्कि उससे पूछ रही कि ऐसा कैसे होगा।\n\n* __पवित्र आत्मा तुझ पर आएगा, और परमेश्वर तुझ पर छाएगी__ - इसी बात को कहने के दो तरीके हैं: “"परमेश्वर की सामर्थ द्वारा, आश्चर्यजनक रीति से पवित्र आत्मा तुम्हे गर्भ ठहराएगा।" इस बात को अवश्य सुनिश्चित करें कि इस वाक्य के अनुवाद में शारीरिक संबंध होने की बात नहीं कही/झलकती हो। यह एक आश्चर्यकर्म था।
22:6 h3np मरियम और इलीशिबा [22-06] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-22-06.jpg)\n\n__[[:hi:obs:notes:key-terms:angel|स्वर्गदूत]]__ से अपनी भेंट के तुरंत बाद __[[:hi:obs:notes:key-terms:mary|मरियम]]__ __इलीशिबा__ से मिलने चली गयी। __जैसे ही इलीशिबा ने मरियम का अभिवादन सुना__, इलीशिबा की __कोख में उसका बच्चा हिलने ____लगा__ । __[[:hi:obs:notes:key-terms:god|परमेश्वर]]__ __ने__ __जो__ __उनके__ __लिए__ __किया__ __था__, उसके कारण दोनों स्त्रियाँ आनंद करने लगी। मरियम तीन महीने इलीशिबा से मिल कर अपने घर लौट गई।\n\n## महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश: ##\n\n* __[स्वर्गदूत](https://door43.org/en/obe/kt/angel)__\n\n* __[मरियम](https://door43.org/en/obe/other/mary)__\n\n* __[परमेश्वर](https://door43.org/en/obe/kt/god)__\n\n## अनुवाद के लिए नोट्स: ##\n\n* __इलीशिबा__ - वह जकर्याह की पत्नी थी। स्वर्गदूत ने कहा था कि इलीशिबा एक बेटे को जन्म देगी। __[[:hi:obs:notes:frames:22-05|[22-04]]]__.\n\n* __जैसे ही इलीशिबा ने मरियम का अभिवादन सुना__ - कुछ भाषाओं में इसे यूँ कहना बेहतर होगा, कि "मरियम ने इलीशिबा का अभिवादन किया, और उसकी आवाज़ को सुनते ही इलीशिबा की कोख का बच्चा.....।"\n\n* __कोख में बच्चा हिलने लगा__ - मरियम का अभिवादन सुन कर बच्चा अचानक ही इलीशिबा की कोख में हिलने लगा।\n\n* __परमेश्वर ने जो उनके लिए किया था__ - इसका आशय इस बात से हैं कि दोनों ही महिलायें परमेश्वर की अलौकिक कार्य द्वारा गर्भवती हुई थीं। मरियम ने किसी पुरुष के बिना गर्भधारण किया था और इलीशिबा ने संतान पैदा करने की आयु के निकल जाने के बाद अपने पति जकरयाह द्वारा गर्भ धारण किया था।
22:7 d738 यूहन्ना का जन्म [22-07] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-22-07.jpg)\n\n__इलीशिबा__ के बेटा होने पर, __[[:hi:obs:notes:key-terms:zechariah nt|जकरयाह]]__ और इलीशिबा ने __[[:hi:obs:notes:key-terms:angel|स्वर्गदूत]]__ की आज्ञा अनुसार, अपने बच्चे का नाम __[[:hi:obs:notes:key-terms:john baptist|यूहन्ना]]__ रखा। __[[:hi:obs:notes:key-terms:god|परमेश्वर]]__ ने तब __[[:hi:obs:notes:key-terms:zechariah nt|जकरयाह]]__ की बोलने की शक्ति लौटा दी। जकरयाह ने कहा, "__परमेश्वर__ __की__ __[[:hi:obs:notes:key-terms:praise|स्तुति]]__ __हो__, क्योंकि उसने अपने लोगों को याद किया है! हे मेरे बेटे, तू, __परम__ __प्रधान__ __परमेश्वर__ का __[[:hi:obs:notes:key-terms:prophet|नबी]]__ __कहलायेगा__, जो लोगों को बतायेगा कि वे अपने __[[:hi:obs:notes:key-terms:sin|पापों]]__ की __[[:hi:obs:notes:key-terms:forgive|क्षमा]]__ कैसे पा सकते हैं!"\n\n## महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश: ##\n\n* __[जकरयाह ](https://door43.org/en/obe/other/zechariahnt)__\n\n* __[यूहन्ना](https://door43.org/en/obe/other/johnthebaptist)__\n\n* __[स्वर्गदूत](https://door43.org/en/obe/kt/angel)__\n\n* __[परमेश्वर ](https://door43.org/en/obe/kt/god)__\n\n* __[जकरयाह ](https://door43.org/en/obe/other/zechariahnt)__\n\n* __[स्तुति ](https://door43.org/en/obe/other/praise)__\n\n* __[नबी ](https://door43.org/en/obe/kt/prophet)__\n\n* __[क्षमा ](https://door43.org/en/obe/kt/forgive)__\n\n* __[पापों ](https://door43.org/en/obe/kt/sin)__\n\n## अनुवाद के लिए नोट्स: ##\n\n* __इलीशिबा__ - वह जकर्याह की पत्नी थी। स्वर्गदूत ने कहा था कि इलीशिबा एक बेटे को जन्म देगी। __[[:hi:obs:notes:frames:22-05|[22-04]]]__.\n\n* __परमेश्वर की स्तुति हो__ - अर्थात, "हम सबको परमेश्वर की स्तुति करनी चाहिए।"\n\n* __कहलाएँगा__ - या कि "होगा", या फिर, "जाना जाएगा।" सचमुच ही यूहन्ना परम प्रधान परमेश्वर का एक नबी होगा।\n\n* __नबी__ - अर्थात, "बहुत महत्वपूर्ण नबी।" यूहन्ना ही वह नबी है जिसके बारे में पुराने नियम के नबियों ने कहा था कि वह मसीह से पहले आएगा।\n\n* __परम प्रधान परमेश्वर__ - इसे यूँ भी कह सकते हैं, "सबसे महान परमेश्वर" या फिर, "सब पर राज्य करनेवाला परमेश्वर।"\n\n* बाइबिल की कहानी - बाइबिल के कुछ संस्करणों में इनका अनुवाद अलग तरह से किया हो सकता है।
23:1 z0ca मरियम गर्भ से थी [23-01] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-23-01.jpg)\n\n__[[:hi:obs:notes:key-terms:mary|मरियम]]__ की __[[:hi:obs:notes:key-terms:joseph nt|यूसुफ]]__ नाम के एक __[[:hi:obs:notes:key-terms:righteous|धर्मी]]__ व्यक्ति से सगाई हुई थी। उसे जब मरियम के गर्भवती होने की खबर मिली, तो __वह जान गया कि यह संतान उससे नहीं थी।__ वह __मरियम__ __को__ __अपमानित__ नहीं करना चाहता था, इसलिए __उसने चुपचाप से मरियम को तलाक देने की योजना बना ली__ । लेकिन इससे पहले कि वह ऐसा करता, उसके __[[:hi:obs:notes:key-terms:dream|सपने]] में__ एक __[[:hi:obs:notes:key-terms:angel|स्वर्गदूत]]__ ने आकर उससे बात की।\n\n## महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश: ##\n\n* __[मरियम ](https://door43.org/en/obe/other/mary)__\n\n* __[धर्मी ](https://door43.org/en/obe/kt/righteous)__\n\n* __[यूसुफ ](https://door43.org/en/obe/other/josephnt)__\n\n* __[स्वर्गदूत ](https://door43.org/en/obe/kt/angel)__\n\n* __[सपने ](https://door43.org/en/obe/other/dream)__\n\n## अनुवाद के लिए नोट्स: ##\n\n* __वह जान गया कि यह संतान उससे नहीं थी__ - अर्थात, "वह जानता था कि मरियम को उसने गर्भवती नहीं किया है।"\n\n* __मरियम को अपमानित__ - अर्थात, "मरियम को सबके सामने लज्जित नहीं करना चाहता था।" मरियम के व्यभिचारिणी होने की सम्भावना लगने पर भी, यूसुफ उसके प्रति दया भाव रखता था।\n\n* __उसने चुपचाप से मरियम को तलाक देने की योजना बना ली__ - इसका अनुवाद हर ऐसे भी कर सके हैं, कि : "उसने किसी को कारण बताये, तलाक देने की योजना बना ली," या फिर, "उसके गर्भवती होने की बात किसी को बताये बिना, उसे तलाक देने की योजना बना ली।" यूसुफ एक धर्मी व्यकित था, इसलिए वह स्थिति को सबसे बेह्टर रीति से सुलझाना चाहता था, जो कि इस संस्कृति में चुपके से तलाक देना होता।\n\n* __उसे तलाक देने__ - कुछ भाषाओं में "अपनी सगाई तोड़ने" लिखना बेहतर होगा। यूसुफ और मरियम की सगाई हुई थी, अर्थात "एक दूसरे से विवाह के लिए प्रतिबद्ध थे।" लेकिन यहूदी संस्कृति में सगाई तोड़ने के लिए भी तलाक देना पड़ता था।\n\n* __सपने में__ अर्थात, "जब वह नींद में था और सपना देख रहा था।"
23:2 ly0v मरियम को अपनी पत्नी बना [23-02] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-23-02.jpg)\n\n__[[:hi:obs:notes:key-terms:angel|स्वर्गदूत]]__ बोला, "__[[:hi:obs:notes:key-terms:joseph-nt|यूसुफ]]____,__ __[[:hi:obs:notes:key-terms:mary|मरियम ]]____को____अपनी__ __पत्नी__ __बनाने__ __से__ __न__ __डर।__ जो संतान उसकी कोख में है, वह __[[:hi:obs:notes:key-terms:holy-spirit|पवित्र आत्मा ]]की ओर से है ।__ वह एक __[[:hi:obs:notes:key-terms:son|बेटे]]__ को जन्म देगी। उसका नाम __[[:hi:obs:notes:key-terms:jesus|यीशु]]__ रखना, (जिसका आशय है, "__[[:hi:obs:notes:key-terms:yahweh|यहोवा]] [[:hi:obs:notes:key-terms:save|बचाता है]]__") क्योंकि वह अपने लोंगो को उनके __[[:hi:obs:notes:key-terms:sin|पापों]]__ से बचाएगा।"\n\n## महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश: ##\n\n* __[स्वर्गदूत ](https://door43.org/en/obe/kt/angel)__\n\n* __[यूसुफ ](https://door43.org/en/obe/other/josephnt)__\n\n* __[मरियम ](https://door43.org/en/obe/other/mary)__\n\n* __[पवित्र आत्मा ](https://door43.org/en/obe/kt/holyspirit)__\n\n* __[बेटे ](https://door43.org/en/obe/kt/son)__\n\n* __[यीशु ](https://door43.org/en/obe/kt/jesus)__\n\n* __[यहोवा ](https://door43.org/en/obe/kt/yahweh)__\n\n* __[बचाता है ](https://door43.org/en/obe/kt/save)__\n\n* __[पापों ](https://door43.org/en/obe/kt/sin)__\n\n## अनुवाद के लिए नोट्स: ##\n\n* __मरियम को अपनी पत्नी बनाने से न डर__ - इसे हम यूँ भी लिख सकते हैं, :"मरियम से विवाह तोड़ने की बात को सोचना बंद कर", या फिर, "मरियम को अपनी पत्नी करने से न हिचक।"\n\n* __पवित्र आत्मा की ओर से है__ - अर्थात, "पवित्र आत्मा के अस्श्चार्त्य्कर्म द्वारा गर्भ में आया है।"
23:3 n8z0 यूसुफ ने मरियम से विवाह किया [23-03] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-23-03.jpg)\n\nइस प्रकार __[[:hi:obs:notes:key-terms:joseph-nt|यूसुफ]]__ ने __[[:hi:obs:notes:key-terms:mary|मरियम]]__ से विवाह कर लिया उसे अपनी पत्नी बना कर घर ले गया, लेकिन संतान के पैदा होने तक वह __उसके साथ न ____सोया__ ।"\n\n## महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश: ##\n\n* __[यूसुफ](https://door43.org/en/obe/other/josephnt)__\n\n* __[मरियम](https://door43.org/en/obe/other/mary)__\n\n## अनुवाद के लिए नोट्स: ##\n\n* __उसके साथ न सोया__ - अर्थात, "उसने उसके साथ शारीरिक संबंध स्थापित न किया।" बच्चे के जन्म होने तक उसने उसे कुमारी ही रहने दिया।
23:4 jd6l बैतलहम की यात्रा [23-04] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-23-04.jpg)\n\n__जब__ __[[:hi:obs:notes:key-terms:mary|मरियम ]]के__ __जन्म__ __देने__ __का__ __समय__ __नज़दीक__ __हो__ __आया__, __[[:hi:obs:notes:key-terms:rome|रोमी]]____ सरकार__ ने __जन गणना के लिए__ सबको अपने पूर्वजों के नगर में जाने को कहा। __[[:hi:obs:notes:key-terms:joseph-nt|यूसुफ]]__ और मरियम को भी __[[:hi:obs:notes:key-terms:nazareth|नासरत]]__ से __[[:hi:obs:notes:key-terms:bethlehem|बैतलहम]]__ की एक लम्बी यात्रा करनी पड़ी, क्योंकि __[[:hi:obs:notes:key-terms:david|दाऊद]]__ उनका पूर्वज था जो उस नगर में पला-बड़ा था।\n\n## महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश: ##\n\n* __[मरियम ](https://door43.org/en/obe/other/mary)__\n\n* __[रोमी ](https://door43.org/en/obe/other/rome)__\n\n* __[यूसुफ](https://door43.org/en/obe/other/josephnt)__\n\n* __[नासरत](https://door43.org/en/obe/other/nazareth)__\n\n* __[बैतलहम](https://door43.org/en/obe/other/bethlehem)__\n\n* __[दाऊद](https://door43.org/en/obe/other/david)__\n\n## अनुवाद के लिए नोट्स: ##\n\n* __जब मरियम के जन्म देने का समय नज़दीक हो आया__ - अर्थात, "मरियम के गर्भकाल की समाप्ति के आस-पास।"\n\n* __रोमी सरकार__ - उस समय इस्राएल पर रोम का शासन था।\n\n* __जन गणना के लिए__ - अर्थात, "सरकारी लेखे में स्वयं को दर्ज करवाने के लिए", या फिर, "ताकि सरकार अपनी सूची में उनका नाम दर्ज कर सके" या, "सरकार की गणना में अपनी गिनती करवाने के लिए।" इस जन गणना का उद्देश्य लोगों पर महसूल लगाना था।
23:5 ve97 यीशु का जन्म [23-05] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-23-05.jpg)\n\n__[[:hi:obs:notes:key-terms:bethlehem|बैतलहम]]__ पहुँचने पर उन्हें __ठहरने की कोई जगह न मिली।__ सिर छिपाने के लिए उन्हें __जानवरों का तबेला__ ही मिल सका। बच्चे ने वही पर जन्म लिया और माता ने उसे __चरनी__ में सुला दिया, क्योंकि बच्चे के लिए उनके पास कोई बिस्तर न था। उन्होंने उसका नाम __[[:hi:obs:notes:key-terms:jesus|यीशु]]__ रखा।\n\n## महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश: ##\n\n* __[बैतलहम](https://door43.org/en/obe/other/bethlehem)__\n\n* __[यीशु](https://door43.org/en/obe/kt/jesus)__\n\n## अनुवाद के लिए नोट्स: ##\n\n* __ठहरने की कोई जगह न मिली__ - अर्थात, "ठहरने के लिए कोई आश्रय न मिला।" उस समय बैतलहम में बहुत भीड़ थी, इसलिए आगंतुकों के लिए उपलब्ध सभी सराय वगैरह पहले ही भर चुकी थीं।\n\n* __जानवरों का तबेला__ - यह कमरा जानवरों का आश्रय था, न की लोगों का। जानवरों के रखने की जगह के लिए आपकी भाषा में जिस विशिष्ट शब्द का प्रयोग किया जाता है, उसी का यहाँ प्रयोग करें।\n\n* __चरनी__ - अर्थात, "जानवरों का चारा रखने की पेटी" या फिर, "जानवरों को चारा खिलाने के लिए बनायी गयी लकड़ी या पत्थर की पेटी।" इस पेटी में चारा डाल कर बच्चे के लिए उसे गद्देदार बनाया गया होगा।
23:6 wdt1 स्वर्गदूत और गड़रिये [23-06] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-23-06.jpg)\n\nउस रात, पास ही के मैदान में __अपनी भेड़ों की रखवाली__ करते कुछ __[[:hi:obs:notes:key-terms:shepherd|गड़रिये]]__ थे। अचानक, __एक जगमगाता हुआ [[:hi:obs:notes:key-terms:angel|स्वर्गदूत ]]__ उनके सामने प्रकट हुआ, और __वे भयभीत हो गए__ । स्वर्गदूत बोला, "__डरों__ __मत__, क्योंकि मेरे पास तुम्हारे लिए एक खुशखबरी है। __[[:hi:obs:notes:key-terms:bethlehem|बैतलहम]]__ में __[[:hi:obs:notes:key-terms:lord|प्रभु]]__, __[[:hi:obs:notes:key-terms:messiah|मसीह]]__ का जन्म हुआ है!"\n\n## महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश: ##\n\n* __[गड़रिये ](https://door43.org/en/obe/other/shepherd)__\n\n* __[स्वर्गदूत](https://door43.org/en/obe/kt/angel)__\n\n* __[मसीह ](https://door43.org/en/obe/kt/christ)__\n\n* __[प्रभु ](https://door43.org/en/obe/kt/lord)__\n\n* __[बैतलहम](https://door43.org/en/obe/other/bethlehem)__\n\n## अनुवाद के लिए नोट्स: ##\n\n* __अपने भेड़ों की रखवाली__ - अर्थात भेड़ों के झुण्ड की। वे अपनी भेड़ो की देखरेख कर रहे थे, और उन्हें किसी प्रकार की हानि या चोरी होने से बचा रहे थे।\n\n* __एक जगमगाता हुआ स्वर्गदूत__ - इसे, "तेज़ प्रकश में नहाया हुआ, एक स्वर्गदूत" भी कह सकते हैं। रात के अँधेरे में जगमगाता प्रकाश और भी अधिक चकाचौंध लगा होगा।\n\n* __वे भयभीत हो गए__ - अलौकिक स्वर्गदूत का प्रकट होना बहुत ही भयावह अनुभव था।\n\n* __डरो ____मत__-अर्थात, "डरना बंद करों।" स्वर्गदूत को देख कर गड़रिये बहुत ही डर गए थे, इसलिए उसे गड़रियों से न डरने की बात कहनी पड़ी।
23:7 n2kt स्वर्गदूत ने परमेश्वर की स्तुति की [23-07] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-23-07.jpg)\n\n"जा कर बच्चे को खोजो, और तुम्हे वह __कपड़े में लिपटा__ हुआ, और __चरनी__ में लेटा हुआ मिलेगा।" अचानक, आकाश परमेश्वर की स्तुति करते हुए __[[:hi:obs:notes:key-terms:angel|स्वर्गदूतों]]__ __से__ __भर__ __गया__, जो कह रहे थे, "__[[:hi:obs:notes:key-terms:heaven|स्वर्ग]]__ में __[[:hi:obs:notes:key-terms:god|परमेश्वर]]__ __की__ __[[:hi:obs:notes:key-terms:glory|महिमा]]__हो और __पृथ्वी पर__ __उसके__ __कृपा पात्रों__ पर __[[:hi:obs:notes:key-terms:peace|शान्ति]]__!"\n\n## महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश: ##\n\n* __[स्वर्गदूत](https://door43.org/en/obe/kt/angel)__\n\n* __[परमेश्वर ](https://door43.org/en/obe/kt/god)__\n\n* __[महिमा ](https://door43.org/en/obe/kt/glory)__\n\n* __[स्वर्ग ](https://door43.org/en/obe/kt/heaven)__\n\n* __[शान्ति ](https://door43.org/en/obe/other/peace)__\n\n## अनुवाद के लिए नोट्स: ##\n\n* (स्वर्गदूत कहते रहे)\n\n* __कपडे में लिपटा__ - उस समय नवजात शिशु को कपडे की पट्टियों में लपेटने की प्रथा थी।, यहाँ पर ऐसा कहना बेहतर होगा कि "प्रथा के अनुसार, कपडे की लम्बी-लम्बी पट्टियों में लिपटा…।\n\n* __चरनी__ - अर्थात, “जानवरों का चारा रखने की पेटी” या फिर, “जानवरों को चारा खिलाने के लिए बनायी गयी लकड़ी या पत्थर की पेटी।” इस पेटी में चारा डाल कर बच्चे के लिए उसे गद्देदार बनाया गया होगा। __[[:hi:obs:notes:frames:23-05|[23-05]]]__.\n\n* __स्वर्गदूतों से भर गया__ - अर्थात, वहाँ पर इतने स्वर्गदूत थे की आकाश उनसे भरा दिखाई देता था।\n\n* __परमेश्वर की महिमा__ - इसका अनुवाद ऐसे भी कर सकते हैं, "चलो सब परमेश्वर को महिमा दें!" या, "हमारा परमेश्वर साड़ी महिमा व आदर के योग्य है!" या, "हम सब परमेश्वर को महिमा दें!"\n\n* __धरती पर…..शान्ति__ - अथवा, "धरती पर……शांति हो!"\n\n* __उसके कृपा पात्रों__ - अथवा, "परमेश्वर जिन्हें कृपा, आनंद, या सद्भाव से देखता हैं..।"
23:8 gq8v गड़रियों ने यीशु से भेंट की [23-08] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-23-08.jpg)\n\nजल्द ही __[[:hi:obs:notes:key-terms:shepherd|गड़रिये]]__ उस जगह पहुँच गए जहाँ __[[:hi:obs:notes:key-terms:jesus|यीशु]]__ था, और उन्होंने उसे एक चरनी में पाया, ठीक जैसा कि __[[:hi:obs:notes:key-terms:angel|स्वर्गदूत]]__ ने उन्हें बताया था।वे उत्साह से भर उठे। __[[:hi:obs:notes:key-terms:mary|मरियम]]__ भी बहुत खुश थी। गड़रिये अपनी भेड़ों के पास मैदान में लौट गए, और __जो भी उन्होंने देखा था__, उसके लिए __[[:hi:obs:notes:key-terms:god|परमेश्वर]]__ की __[[:hi:obs:notes:key-terms:praise|स्तुति]]__ की।\n\n## महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश: ##\n\n* __[गड़रिये ](https://door43.org/en/obe/other/shepherd)__\n\n* __[यीशु ](https://door43.org/en/obe/kt/jesus)__\n\n* __[स्वर्गदूत](https://door43.org/en/obe/kt/angel)__\n\n* __[मरियम](https://door43.org/en/obe/other/mary)__\n\n* __[स्तुति](https://door43.org/en/obe/other/praise)__\n\n* __[परमेश्वर ](https://door43.org/en/obe/kt/god)__\n\n## अनुवाद के लिए नोट्स: ##\n\n* __जो भी उन्होंने सुना और देखा था__ - अर्थात, "जो कुछ भी उन्होंने देखा व सुना था।" इसमें तेज से भरे स्वर्गदूत और उनके अद्भुत संदेश के साथ, स्वयं नवजात मसीह के दर्शन करना शामिल था।
23:9 o8cv मजूसियों की यीशु से भेंट [23-09] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-23-09.jpg)\n\n__कुछ समय बाद__, पूर्व के किसी देश के __[[:hi:obs:notes:key-terms:wise|मजूसियों]]__ ने आकाश में __अद्भुत सा एक तारा__ देखा। __उन्हें यह अहसास हो गया__ कि इसका मतलब है कि __[[:hi:obs:notes:key-terms:king of jews|यहूदियों का एक नया राजा]]__ जन्म ले चूका है। इसलिए, राजा को देखने के लिए वे एक लम्बी यात्रा पर निकल पड़े। __[[:hi:obs:notes:key-terms:bethlehem|बैतलहम]]__ आकर उन्हें वह __घर__ मिला जहाँ __[[:hi:obs:notes:key-terms:jesus|यीशु]]__ और उनके माता-पिता रह रहे थे।\n\n## महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश: ##\n\n* __[मजूसी ](https://door43.org/en/obe/kt/wise)__\n\n* __[यहूदियों का राजा ](https://door43.org/en/obe/kt/kingofthejews)__\n\n* __[बैतलहम ](https://door43.org/en/obe/other/bethlehem)__\n\n* __[यीशु ](https://door43.org/en/obe/kt/jesus)__\n\n## अनुवाद के लिए नोट्स: ##\n\n* __कुछ समय बाद__ - इस स्पष्ट नहीं है कि यीशु के जन्म के कितने समय बाद उन्हें वह तारा दिखा था, लेकिन तैयारी करके बैतलहम की यात्रा में निकलने के लिए कम से कम दो सालों का समय तो लगा ही होगा।\n\n* __मजूसी__ - ये मजूसी शायद नक्षत्रों का अध्ययन करनेवाले ज्योतिषी थे। उनके पास पुराने नियम के नबियों के लेख भी अवश्य होंगे जिनमे उन्होंने मसीह के जन्म की भविष्यदवाणी की हैं।\n\n* __अद्भुत सा एक तारा__ - उन्होंने कोई सामान्य तारा नहीं देखा था। यह केवल यीशु के जन्म पर दिखाई दिया था।\n\n* __उन्हें अहसास हुआ__ - कुछ भाषाओं में ऐसा लिखना होगा, कि "अपने अध्ययनों के द्वारा विद्वानों को पता चला कि….।"\n\n* __घर__ - वे अब ज्यादा समय जानवरों के तबेले में नहीं रह रहे थे।
23:10 tfqu बालक की आराधना की [23-10] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-23-10.jpg)\n\n__मजूसियों__ ने जब __[[:hi:obs:notes:key-terms:jesus|यीशु]]__ को अपनी माता के साथ देखा, तो उन्होंने __झुक कर__ उसकी __[[:hi:obs:notes:key-terms:worship|आराधना की]]__। उन्होंने यीशु को __कीमती__ उपहार दिए। फिर वे अपने घर लौट गए।\n\n## महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश: ##\n\n* __[यीशु ](https://door43.org/en/obe/kt/jesus)__\n\n* __[आराधना की ](https://door43.org/en/obe/kt/worship)__\n\n## अनुवाद के लिए नोट्स: ##\n\n* __मजूसी__ - ये मजूसी शायद नक्षत्रों का अध्ययन करनेवाले ज्योतिषी थे। उनके पास पुराने नियम के नबियों के लेख भी अवश्य होंगे जिनमे उन्होंने मसीह के जन्म की भविष्यदवाणी की हैं। __[[:hi:obs:notes:frames:23-09|[23-09]]]__.\n\n* __झुक कर__ - "उन्होंने दंडवत किया।" उस समय, किसी के लिए सम्मान दिखाने का यही रिवाज था।\n\n* __कीमती__ अर्थात, 'बहुमूल्य।"\n\n* बाइबिल की कहानी - बाइबिल के कुछ संस्करणों में इनका अनुवाद अलग तरह से किया हो सकता है।
24:1 m36o यूहन्ना नबी [24-01] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-24-01.jpg)\n\n__[[:hi:obs:notes:key-terms:zechariah-nt|जकरयाह]]__ और इलीशिबा का बेटा __[[:hi:obs:notes:key-terms:john-baptist|यूहन्ना]]__ बड़ा होकर एक __[[:hi:obs:notes:key-terms:prophet|नबी]]__ बना। वह __बीहड़ो__ में रहता, __जंगली शहद__ व __टिड्डियाँ__ खाता, और __ऊँट के बालों__ __से बने वस्त्र__ पहनता था।\n\n## महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश: ##\n\n* __[यूहन्ना ](https://door43.org/en/obe/other/johnthebaptist)__\n\n* __[जकरयाह](https://door43.org/en/obe/other/zechariahnt)__\n\n* __[नबी](https://door43.org/en/obe/kt/prophet)__\n\n## अनुवाद के लिए नोट्स: ##\n\n* __बीहड़__ - अर्थात, "वीराने में" या, "निर्जन में।" ऐसी जगहों पर बहुत ही कम लोग रहते थे।\n\n* __जंगली शहद__ - यह लोगों द्वारा पालतू मक्खियों से बना शहद नहीं, बल्कि जंगल में सहज रूप से मक्खियों द्वारा उनके छत्ते में बनाया गया शहद था। यही लोगो के लिए शहद का मतलब प्राकृतिक शहद से है, तो फिर आपको "जंगली" शब्द लिखने की ज़रुरत नहीं है।\n\n* __टिड्डियाँ__ - ये पंखोवाले छिटकनेवाले, बड़े आकर के टिड्डे थे। मरू भूमि में रहनेवाले कुछ लोग इसका सेवन करते थे।\n\n* __ऊँट के बाल__- ऊँट के बाल बहुत हो सख्त और रूखे होते हैं। लोग इससे वस्त्र बना सकते हैं। यहाँ पर हम "जानवर के रूखे-सकत बाल" भी लिख सकते हैं।\n\n* __ऊँट के बाल से बने वस्त्र__ - अर्थात, "ऊँट के बालों से बने खुरदरे-मोटे वस्त्र।" दूसरे वस्त्रों के सामान, मरू भूमि में ये वस्त्र जल्दी से फटते-घिसते नहीं थे।
24:2 vhah मन फिराने की बुलाहट [24-02] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-24-02.jpg)\n\nबहुत से लोग __[[:hi:obs:notes:key-terms:john-baptist|यूहन्ना]]__ को सुनने __बीहड़__ में जाते थे। यह कहते हुए उसने उन्हें __[[:hi:obs:notes:key-terms:preach|उपदेश दिया]]__, "__[[:hi:obs:notes:key-terms:repent|मन फिराओ]]__, क्योंकि __[[:hi:obs:notes:key-terms:kingdom-of-god|परमेश्वर का राज्य]] निकट है__ ।"\n\n## महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश: ##\n\n* __[यूहन्ना](https://door43.org/en/obe/other/johnthebaptist)__\n\n* __[उपदेश दिया ](https://door43.org/en/obe/other/preach)__\n\n* __[मन फिराओं ](https://door43.org/en/obe/kt/repent)__\n\n* __[परमेश्वर का राज्य](https://door43.org/en/obe/kt/kingdomofgod)__\n\n## अनुवाद के लिए नोट्स: ##\n\n* __बीहड़__ - अर्थात, “वीराने में” या, “निर्जन में।” ऐसी जगहों पर बहुत ही कम लोग रहते थे। __[[:hi:obs:notes:frames:24-01|[24-01]]]__.\n\n* __मन फिराओं__ - शायद "अपने पापों का पश्चाताप करो" कहना बेहतर होगा।\n\n* __परमेश्वर का राज्य निकट है__ - अर्थात, "परमेश्वर का राज्य प्रकट होने को है" या फिर, "परमेश्वर का राज्य जल्दी आनेवाला है।" इसका आशय लोगों पर परमेश्वर के शासन से है। इसके अनुवाद में हम यह भी लिख सकते हैं, "परमेश्वर का राज्य शुरू होनेवाला है", या फिर, "जल्द ही परमेश्वर हम पर राजा होकर राज्य करेगा।"
24:3 hfnq मन फिराव का बप्तिस्मा [24-03] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-24-03.jpg)\n\n__[[:hi:obs:notes:key-terms:john-baptist|यूहन्ना का]]__ उपदेश सुन कर बहुतो ने __अपने [[:hi:obs:notes:key-terms:sin|पापों]] का [[:hi:obs:notes:key-terms:repent|पश्चाताप किया]]__, और यूहन्ना ने उन्हें __[[:hi:obs:notes:key-terms:baptize|बपतिस्मा ]]____[[:hi:obs:notes:key-terms:baptize|दिया]]__। बहुत से __[[:hi:obs:notes:key-terms:jewish leaders|धार्मिक अगुवों]]__ ने भी यूहन्ना से बपतिस्मा लिया, लेकिन __न तो उन्होंने मन फिराया__ और न ही __अपने पापों का अंगीकार ____किया__ ।\n\n## महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश: ##\n\n* __[यूहन्ना के ](https://door43.org/en/obe/other/johnthebaptist)__\n\n* __[पश्चाताप किया ](https://door43.org/en/obe/kt/repent)__\n\n* __[पापों ](https://door43.org/en/obe/kt/sin)__\n\n* __[बपतिस्मा दिया ](https://door43.org/en/obe/kt/baptize)__\n\n* __[धर्मी अगुवों ](https://door43.org/en/obe/other/jewishleaders)__\n\n## अनुवाद के लिए नोट्स: ##\n\n* __अपने पापो का पश्चाताप किया__ - इसका अनुवाद हम ऐसे भी कर सकते हैं, :"अपने पापो से मन फिराया" या फिर, "पापों के विषय में अपना मन बदला", या फिर, "अपने पापों से दूर हो गए।"\n\n* __न तो उन्होंने मन फिराया__ - अर्थात, "उन्होंने अपने पापों का पश्चाताप नही किया।"\n\n* __अपने पापों का अंगीकार किया__ - अंगीकार करना किसी बात के होने को स्वीकारना है। इन अगुवों ने यह स्वीकार नहीं किया कि उन्होंने पाप किया था। इसका अनुवाद करते समय ऐसे भी लिख सकते हैं, "उन्होंने अपने पापों को मानने से मना कर दिया।"
24:4 ijd0 मार्ग तैयार करो [24-04] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-24-04.jpg)\n\n__[[:hi:obs:notes:key-terms:john baptist|यूहन्ना]]__ ने __[[:hi:obs:notes:key-terms:jewish leaders|धार्मिक अगुओं]]__ से कहा, "__हे__ __विषैले__ __साँपों__! __[[:hi:obs:notes:key-terms:repent|मन फिराओं]]__ और अपना बर्ताव बदलो। __हर वह पेड़ जो फल नहीं लाता__, __काट कर आग में झोंक दिया ____जाएगा__ ।" यूहन्ना ने __[[:hi:obs:notes:key-terms:prophet|नबियों]]__ की कही उस बात को __[[:hi:obs:notes:key-terms:fulfill|पूरा किया]]__,"__देखो__, मैं अपना __संदेशवाहक__ __तेरे आगे__ भेजता हूँ, जो __तेरा मार्ग तैयार करेगा।"__\n\n## महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश: ##\n\n* __[यूहन्ना ](https://door43.org/en/obe/other/johnthebaptist)__\n\n* __[धार्मिक अगुओं](https://door43.org/en/obe/other/jewishleaders)__\n\n* __[मन फिराओं ](https://door43.org/en/obe/kt/repent)__\n\n* __[पूरी की ](https://door43.org/en/obe/kt/fulfill)__\n\n* __[नबियों](https://door43.org/en/obe/kt/prophet)__\n\n## अनुवाद के लिए नोट्स: ##\n\n* __हे विषैले साँपों__ - इसे हम यूँ भी लिख सकते हैं, :"तुम लोग विषैले साँपों के सामान हो!" यूहन्ना उन्हें सांप इसलिए कह रहा था क्योंकि वे खतरनाक और धोखेबाज़ थे।\n\n* __हर वह पेड़ जो फल नहीं लाता__ - यूहन्ना यहाँ पर पेड़ों की बात नहीं कर रहा। यह तो अच्छे काम की अच्छे फल और अच्छी प्रवृत्ति से तुलना की गई है जो कि परमेश्वर की ओर से आती है।\n\n* __काट कर आग में झोंक दिया जाएगा__ अर्थात, "परमेश्वर द्वारा उसका न्याय होगा और वह दण्डित होगा।"\n\n* __यूहन्ना….ने पूरी की__ - अर्थात, "यूहन्ना वही कर रहा था" जो कि नबियों ने कहा था कि परमेश्वर का संदेशवाहक करेगा।\n\n* __देखो__ - इसे हम "ध्यान से देखो" भी लिख सकते हैं!"\n\n* __मेरा संदेशवाहक__ - अर्थात, "मैं, यहोवा, अपना संदेशवाहक भेजूँगा।" कुछ भाषाओं में वचन का सीधा सन्दर्भ देना बेहतर होगा, जैसे कि : "जैसा की यशायाह नबी ने कहा था कि परमेश्वर अपना संदेशवाहक भेजेगा…..।"\n\n* __तेरे आगे__ - इस वाक्य में शब्द "तुम्हारे" मसीह के लिए प्रयुक्त हुआ है।\n\n* __तेरा मार्ग तैयार करेगा__ - परमेश्वर का संदेशवाहक लोगों को मसीह की बातें सुनने के लिए तैयार करेगा।
24:5 lzqk मसीह नहीं [24-05] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-24-05.jpg)\n\nकुछ __[[:hi:obs:notes:key-terms:jew|यहूदियों]]__ ने __[[:hi:obs:notes:key-terms:john-baptist|यूहन्ना]]__ से पूछा, कि क्या वह __[[:hi:obs:notes:key-terms:messiah|मसीह]]__ था। यूहन्ना ने उत्तर दिया, "मैं मसीह नहीं हूँ, लेकिन मेरे बाद कोई आनेवाला है। __वह इतना महान है__ कि मैं तो __उसकी जूतियों की रस्सियाँ भी खोलने के योग्य नहीं__ ।"\n\n## महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश: ##\n\n* __[यहूदियों ](https://door43.org/en/obe/other/jew)__\n\n* __[यूहन्ना ](https://door43.org/en/obe/other/johnthebaptist)__\n\n* __[मसीह](https://door43.org/en/obe/kt/christ)__\n\n## अनुवाद के लिए नोट्स: ##\n\n* __वह इतना महान है__ - इसका अनुवाद हम ऐसे भी कर सकते हैं, "वह इतना महत्वपूर्ण है।"\n\n* __उसकी जूतियों की रस्सियाँ भी खोलने के योग्य नहीं__ - दूसरे शब्दों में, "उसकी तुलना में, मेरा इतना भी महत्त्व नहीं कि मैं उसकी जूतियाँ उतारने का काम कर सकूँँ।" जूतियाँ खोलना बहुत छोटा काम समझा जाता था; ऐसे काम दास लोग ही करते थे।
24:6 q0fk यीशु ही परमेश्वर का मेमना है [24-06] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-24-06.jpg)\n\nअगले दिन, __[[:hi:obs:notes:key-terms:baptize|बपतिस्मा]]__ लेने के लिए __[[:hi:obs:notes:key-terms:jesus|यीशु]]__ __[[:hi:obs:notes:key-terms:john baptist|यूहन्ना]]__ के पास आया। उसे देख कर यूहन्ना ने कहा, "देखो! __यह रहा__ __[[:hi:obs:notes:key-terms:god|परमेश्वर]] का [[:hi:obs:notes:key-terms:lamb|मेमना]]__, जो __जगत के [[:hi:obs:notes:key-terms:sin|पाप]]__ को __हर ____लेगा__ ।"\n\n## महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश: ##\n\n* __[यीशु ](https://door43.org/en/obe/kt/jesus)__\n\n* __[बपतिस्मा दिया ](https://door43.org/en/obe/kt/baptize)__\n\n* __[यूहन्ना ](https://door43.org/en/obe/other/johnthebaptist)__\n\n* __[मेम्ना ](https://door43.org/en/obe/kt/lamb)__\n\n* __[परमेश्वर ](https://door43.org/en/obe/kt/god)__\n\n* __[पाप ](https://door43.org/en/obe/kt/sin)__\n\n## अनुवाद के लिए नोट्स: ##\n\n* __यह रहा__ कुछ भाषाओं में हमें "यह है वह व्यक्ति जो…."लिखना होगा।\n\n* __परमेश्वर का मेमना__ - इसका अनुवाद हमें ऐसे कर सकते हैं,: "परमेश्वर की ओर से भेजा मेमना" या फिर, "परमेश्वर का दिया बलिदान का मेमना।" यीशु ही पाप के लिए दिया जानेवाला वह सिद्ध बलिदान था जिसे देने की प्रतिज्ञा परमेश्वर ने की थी। उसने पुराने नियम में मेमने के बलिदान की छवि को पूरा किया है।\n\n* __हर लेगा__ - यीशु के बलिदान से परमेश्वर हमारे पाप को ऐसे देखेगा मानो वे कभी थे ही नहीं।\n\n* __जगत के पाप__ - अर्थात, "संसार के लोगों के पाप।"
24:7 v34x यूहन्ना ने यीशु को बपतिस्मा दिया [24-07] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-24-07.jpg)\n\n__[[:hi:obs:notes:key-terms:john-baptist|यूहन्ना]]__ ने __[[:hi:obs:notes:key-terms:jesus|यीशु]]__ से कहा, "__मैं तुझे [[:hi:obs:notes:key-terms:baptize|बपतिस्मा देने]] के योग्य नहीं__ । बल्कि तुझको मुझे बपतिस्मा देना चाहिए।" लेकिन यीशु ने कहा, "तू मुझे बप्तिस्मा दे, क्योंकि __ऐसा करना सही है__ ।" इस तरह यूहन्ना ने उसे बपतिस्मा दिया, हालाकि यीशु ने कभी कोई __[[:hi:obs:notes:key-terms:sin|पाप नहीं किया]]__ था।\n\n## महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश: ##\n\n* __[यूहन्ना ](https://door43.org/en/obe/other/johnthebaptist)__\n\n* __[यीशु ](https://door43.org/en/obe/kt/jesus)__\n\n* __[बपतिस्मा दिया ](https://door43.org/en/obe/kt/baptize)__\n\n* __[पाप किया था ](https://door43.org/en/obe/kt/sin)__\n\n## अनुवाद के लिए नोट्स: ##\n\n* __मैं तुझे बप्तिस्मा देने के योग्य नहीं__ - इसका अनुवाद हम यूँ भी कर सकते नहीं, : “मैं इतना भला व्यक्ति नहीं कि तुझे बप्तिस्मा देने योग्य ठहरूं,” या फिर, “मैं पापी भला तुझे बप्तिस्मा कैसे दे सकूँगा।“\n\n* __ऐसा करना सही है__ - इसका अनुवाद हम ऐसे भी कर सकते हैं, : “ऐसा करना उचित है”, या फिर, “परमेश्वर चाहता है कि मैं यह करू।“
24:8 kc3c तू मेरा प्रिय बेटा है [24-08] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-24-08.jpg)\n\n__[[:hi:obs:notes:key-terms:baptize|बपतिस्मा लेने के बाद]]__ जब __[[:hi:obs:notes:key-terms:jesus|यीशु]]__ पानी से बाहर निकला, तब एक कबूतर के रूप में __[[:hi:obs:notes:key-terms:holy-spirit|परमेश्वर का आत्मा]]__ आ कर उसके ऊपर ठहर गया। उसी समय, परमेश्वर ने __[[:hi:obs:notes:key-terms:heaven|स्वर्ग]]__ से कहा, “तू __मेरा [[:hi:obs:notes:key-terms:love|प्रिय]] [[:hi:obs:notes:key-terms:son|बेटा]]__ है, और मैं तुझसे बहुत प्रसन्न हूँ।“\n\n## महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश: ##\n\n* __[यीशु ](https://door43.org/en/obe/kt/jesus)__\n\n* __[बपतिस्मा लेंने के बाद ](https://door43.org/en/obe/kt/baptize)__\n\n* __[परमेश्वर का आत्मा](https://door43.org/en/obe/kt/holyspirit)__\n\n* __[स्वर्ग](https://door43.org/en/obe/kt/heaven)__\n\n* __[बेटा ](https://door43.org/en/obe/kt/sonofgod)__\n\n* __[प्रिय](https://door43.org/en/obe/kt/love)__\n\n## अनुवाद के लिए नोट्स: ##\n\n* __मेरा प्रिय बेटा__ - अनुवाद करते समय सुनिश्चित करें कि आपके शब्दों से कहीं भी ऐसा आभास न हो कि परमेश्वर का कोई और बेटा भी है। बात को स्पष्ट करने के लिए आप ऐसे भी लिख सकते हैं: “तू, जो मेरा बेटा है, तुझसे मैं बहुत प्रेम रखता हूँ, और……. ।“ मैं तुझसे बहुत प्रेम करता हूँ और बहुत प्रसन्न हों।“
24:9 oapv यीशु ही परमेश्वर का बेटा है [24-09] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-24-09.jpg)\n\n__[[:hi:obs:notes:key-terms:god|परमेश्वर]] [[:hi:obs:notes:key-terms:john-baptist|यूूहन्ना]] को बता चुका था__, कि “तू जिन्हे __[[:hi:obs:notes:key-terms:baptize|बपतिस्मा]]__ देगा, उनमें से एक के ऊपर __[[:hi:obs:notes:key-terms:holy spirit|पवित्र आत्मा]]__ आकर ठहरेगा। वह व्यक्ति __[[:hi:obs:notes:key-terms:son of god|परमेश्वर का बेटा]]__ है। परमेश्वर केवल एक है। लेकिन यीशु को बपतिस्मा देते समय युहन्ना ने __[[:hi:obs:notes:key-terms:god-father|पिता परमेश्वर]]__ को बोलते सूना, पुत्र परमेश्वर, __[[:hi:obs:notes:key-terms:jesus|यीशु]]__ को अपने समक्ष देखा, और पवित्र आत्मा को भी देखा।\n\n## महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश: ##\n\n* __[परमेश्वर](https://door43.org/en/obe/kt/god)__\n\n* __[यूहन्ना](https://door43.org/en/obe/other/johnthebaptist)__\n\n* __[पवित्र आत्मा](https://door43.org/en/obe/kt/holyspirit)__\n\n* __[बपतिस्मा](https://door43.org/en/obe/kt/baptize)__\n\n* __[परमेश्वर का बेटा](https://door43.org/en/obe/kt/sonofgod)__\n\n* __[पिता परमेश्वर](https://door43.org/en/obe/kt/godthefather)__\n\n* __[यीशु](https://door43.org/en/obe/kt/jesus)__\n\n* __[बेटा](https://door43.org/en/obe/kt/sonofgod)__\n\n## अनुवाद के लिए नोट्स: ##\n\n* __परमेश्वर ने यूहन्ना को बताया__ - अर्थात, “बपतिस्मा लेने के लिए यीशु के आने से पूर्व ही, यूहन्ना को परमेश्वर बता चुका था।“\n\n* बाइबिल की कहानी - बाइबिल के कुछ संस्करणों में इनका अनुवाद अलग तरह से किया हो सकता है।
25:1 gwt5 शैतान द्वारा यीशु की परीक्षा [25-01] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-25-01.jpg)\n\n__[[:hi:obs:notes:key-terms:jesus|यीशु]]__ के __[[:hi:obs:notes:key-terms:baptize|बपतिस्मा लेने के तुरंत बाद]]__ ही __[[:hi:obs:notes:key-terms:holy spirit|पवित्र आत्मा]]__ __उसे बीहड़ में ले गया__, जहाँ उसने __चालीस दिनों और चालीस रातों__ तक __[[:hi:obs:notes:key-terms:fast|उपवास ]]____[[:hi:obs:notes:key-terms:fast|रखा]]__। इसके बाद, __[[:hi:obs:notes:key-terms:satan|शैतान]]__ आया और यीशु को __[[:hi:obs:notes:key-terms:sin|पाप]]__ __करने की__ __[[:hi:obs:notes:key-terms:tempt|परीक्षा]]__ __में ____डाला__ ।\n\n## महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश: ##\n\n* __[यीशु](https://door43.org/en/obe/kt/jesus)__\n\n* __[बपतिस्मा लेने के बाद](https://door43.org/en/obe/kt/baptize)__\n\n* __[पवित्र आत्मा](https://door43.org/en/obe/kt/holyspirit)__\n\n* __[उपवास रखा ](https://door43.org/en/obe/other/fast)__\n\n* __[शैतान](https://door43.org/en/obe/kt/satan)__\n\n* __[परीक्षा](https://door43.org/en/obe/kt/tempt)__\n\n* __[पाप](https://door43.org/en/obe/kt/sin)__\n\n## अनुवाद के लिए नोट्स: ##\n\n* __पवित्र आत्मा उसे….की ओर ले गया__ अर्थात, “पवित्र आत्मा ने उसकी……और अगुआई कि” या फिर, “पवित्र आत्मा ने उसे …….और जाने को प्रेरित किया।“\n\n* __बीहड़__ - अनुवाद करते समय हम इसे “निर्जन”, या “एकांत जगह” भी लिख सकते हैं। इस जगह पर पेड़-पौधे बहुत कम थे, इसलिए वहाँ बहुत ही कम लोग रहते थे।\n\n* __चालीस दिनों और चालीस रातों__ - अर्थात, “दिन-रात मिला कर पूरे चालीस दिन।“ अनुवाद करते समय सुनिश्चित करें कि वाक्य से ऐसा न लगे कि यह अवधि अस्सी दिनों की थी।\n\n* __पाप करने के परीक्षा में डाला__ - चूंकि यीशु न कभी कोई पाप नहीं किया था, इसलिए वाक्य में किसी ऐसे शब्द का प्रयोग न करें जिससे ऐसा लगे कि उसने यीशु को पाप करने के लिए सहमत कर लिया था। इसलिए, इसका अनुवाद करते समय आप यह भी लिख सकते हैं, कि “उसने यीशु को पाप करने के लिए उकसाने कि कोशिश की।“
25:2 zb71 पहली परीक्षा [25-02] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-25-02.jpg)\n\n__[[:hi:obs:notes:key-terms:satan|शैतान]]__ ने ऐसा कहते हुए __[[:hi:obs:notes:key-terms:jesus|यीशु]]__ की __[[:hi:obs:notes:key-terms:tempt|परीक्षा ली]]__, कि “यदि तू __[[:hi:obs:notes:key-terms:son-of-god|परमेश्वर का बेटा]]__ है तो __इन पत्थरों को रोटियों में बदल दे__, ताकि तू उन्हें खा सके!”\n\n## महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश: ##\n\n* __[शैतान](https://door43.org/en/obe/kt/satan)__\n\n* __[परीक्षा ली](https://door43.org/en/obe/kt/tempt)__\n\n* __[यीशु](https://door43.org/en/obe/kt/jesus)__\n\n* __[परमेश्वर का बेटा](https://door43.org/en/obe/kt/sonofgod)__\n\n## अनुवाद के लिए नोट्स: ##\n\n* __इस पत्थरों को रोटियों में बदल दे__ - इसका अनुवाद करते समय आप ऐसा लिख सकते हैं, : “इन पत्थरों को रोटियाँ बना दे”, या फिर, “इन पत्थरों को अलौकिक रीती से रोटियों में बदल दे।“\n\n* __रोटियों__ इसे “भोजन” भी लिख सकते हैं। यहूदी संस्कृति में रोटी ही मुख्य भोजन होती है।
25:3 mcqe परमेश्वर का वचन जीवन देता है [25-03] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-25-03.jpg)\n\n__[[:hi:obs:notes:key-terms:jesus|यीशु]]__ ने उत्तर दिया, “__[[:hi:obs:notes:key-terms:word-of-god|परमेश्वर]]__ __[[:hi:obs:notes:key-terms:word-of-god|के वचन]]__ में लिखा है, कि मनुष्य को जीने के लिए केवल __रोटी__ नहीं, __बल्कि परमेश्वर के हर वचन की ज़रुरत होती है__ ।“\n\n## महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश: ##\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:jesus|यीशु]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:word of god|परमेश्वर का वचन ]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:god|परमेश्वर ]]__\n\n## अनुवाद के लिए शब्द तथा वाक्यांश: ##\n\n* __रोटी__ इसे “भोजन” भी लिख सकते हैं। यहूदी संस्कृति में रोटी ही मुख्य भोजन होती है। __[[:hi:obs:notes:frames:25-02|[25-02]]]__.\n\n* __बल्कि परमेश्वर के हर वचन की ज़रुरत होती है!__ - इसे कहने का दूसरा तरीका है, : “बल्कि लोगों को परमेश्वर के हर वचन को सुनना और उसका पालन करने कि ज़रुरत होती है” या फिर, “बल्कि, परमेश्वर के वचन पर विश्वास करने व उनका पालन करने के द्वारा सच्चा जीवन पाने की ज़रुरत होती है।“
25:4 vlll दूसरी परीक्षा [25-04] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-25-04.jpg)\n\n__शैतान__ तब __यीशु__ को __मंदिर__ के कंगूरे पर ले गया और कहा, “यदि तू __परमेश्वर का बेटा__ है तो __स्वयं को यहाँ से नीचे फ़ेंक दे__, क्योंकि __लिखा है__ कि __परमेश्वर__ अपने __दूतों__ को तेरे निमित्त भेजेगा __कि तेरे पैरों को कहीं पत्थर से ठेस न ____लगे__ ।“\n\n## महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश: ##\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:satan|शैतान]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:jesus|यीशु]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:temple|मन्दिर]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:sonofgod|परमेश्वर का बेटा ]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:god|परमेश्वर]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:angel|स्वर्गदूतों]]__\n\n## अनुवाद के लिए नोट्स: ##\n\n* __स्वयं को यहाँ से नीचे फ़ेंक दे__ - अर्थात, “मंदिर के इस भवन से नीचे की ओर छलांग लगा दे।“\n\n* __लिखा है__ अर्थात, “बहुत समय पहले परमेश्वर के एक नबी ने लिखा था।“\n\n* __कि तेरे पैरों को कहीं पत्थर से ठेस न लगे__ - अर्थात, “ताकि तुझे बिलकुल भी चोट न लगे; कि तेरे पैर को किसी पत्थर से ठेस तक न लगेगी।“ इसे यूँ भी लिख सकते हैं, “ताकि तेरा पैर किसी पत्थर से भी न टकराएगा; तुझे जरा भी चोट न लगेगी।“
25:5 wbvy परमेश्वर की परीक्षा न ले [25-05] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-25-05.jpg)\n\nलेकिन __यीशु__ ने वचन का सन्दर्भ देते हुए __शैतान__ को उत्तर दिया। उसने कहा, “__परमेश्वर अपने वचन में अपने लोगों को आज्ञा देते हुए कहता है__, “__अपने__ __प्रभु__ __परमेश्वर__ __की कभी परीक्षा न लेना__ ।“\n\n## महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश: ##\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:jesus|यीशु]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:satan|शैतान]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:word-of-god|वचन]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:lord|प्रभु]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:god|परमेश्वर]]__\n\n## अनुवाद के लिए नोट्स: ##\n\n* __परमेश्वर अपने वचन में, अपने लोगों को आज्ञा देते हुए कहता है:__ इस वाक्य को परोक्ष रूप से भी कह सकते हैं: ““परमेश्वर अपने वचन में हमें आज्ञा देता है कि हमें अपने प्रभु परमेश्वर कि कभी परीक्षा न लेना।“\n\n* __अपने प्रभु परमेश्वर की कभी परीक्षा न लेना__ - इसे हम ऐसे भी लिख सकते हैं, कि “कभी अपने परमेश्वर को स्वयं को सिद्ध करने को न कहना” या फिर, “कभी अपने परमेश्वर को अपनी भलाई प्रमाणित करने को न कहना।“\n\n* __अपने प्रभु परमेश्वर__ अर्थात, “अपने परमेश्वर, यहोवा” या फिर, “वह जिसका तुम पर अधिकार है, उस यहोवा को।“
25:6 dt29 तीसरी परीक्षा [25-06] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-25-06.jpg)\n\n__शैतान__ तब __यीशु__ को __संसार के सारे राज्य__, __उनका सारा वैभव__ दिखा कर बोला, “यदि तू मेरे सामने झुके और मेरी __आराधना__ करे तो __मैं तुझे यह सब दे ____दूँगा__ ।“\n\n## महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश: ##\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:satan|शैतान]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:jesus|यीशु]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:kingdom|राज्य]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:glory|वैभव]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:worship|आराधना]]__\n\n## अनुवाद के लिए नोट्स: ##\n\n* __संसार के सारे राज्य__ - अर्थात, संसार के महान नगर, देश, और अधिकार क्षेत्र।\n\n* __उनका वैभव__ - अर्थात, “उनकी सामर्थ और समृद्धि।“\n\n* __मैं तुझे यह सब दे दूँँगा__ - इसका अनुवाद हम ऐसे कर सकते हैं,: “मैं तुझे इन सब देशों, नगरों और लोगों का शासक बना दूँगा।“
25:7 b5sa केवल परमेश्वर की आराधना कर [25-07] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-25-07.jpg)\n\n__यीशु__ ने उत्तर दिया, “__दूर भाग__ ऐ __शैतान__! __परमेश्वर अपने वचन__ में अपने लोगों को आदेश देता है, कि “केवल __अपने प्रभु परमेश्वर__ की __आराधना__ कर __और उसी की सेवा कर__ ।“\n\n## महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश: ##\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:jesus|यीशु]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:satan|शैतान]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:word of god|परमेश्वर अपने वचन]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:worship|आराधना]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:lord|प्रभु]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:god|परमेश्वर]]__\n\n## अनुवाद के लिए नोट्स: ##\n\n* __दूर भाग__ - इसे हम “भाग जा” या, “मेरा पीछा छोड़” भी लिख सकते हैं।\n\n* __In Gods word he commands his people, “Worship only the Lord your God and only serve him”__ This could be written as an indirect quote, “In God's word, he commands us that we must worship and serve only the Lord God, who rules over us.”\n\n* __अपने प्रभु परमेश्वर__ अर्थात, “अपने परमेश्वर, यहोवा” या फिर, “वह जिसका तुम पर अधिकार है, उस यहोवा को।“ __[[:hi:obs:notes:frames:25-05|[25-05]]]__.\n\n* __और उसी की सेवा कर__ इसे हम ऐसे भी कह सकते हैं कि, “और उसी एक कीी सेवा तुझे करनी चाहिए।“
25:8 srcy दूतों द्वारा यीशु की सेवा [25-08] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-25-08.jpg)\n\n__यीशु__, __शैतान के__ __उकसाने में न आया__, इसलिए शैतान उसे छोड़ कर चला गया। इस पर, __दूतों__ ने आकर यीशु के देखरेख की।\n\n## महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश: ##\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:jesus|यीशु]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:satan|शैतान के]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:tempt|उकसाने]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:angel|दूतों]]__\n\n## अनुवाद के लिए नोट्स: ##\n\n* __उकसाने में न आया__ - इसे हम यूँ भी कह सकते हैं, कि “उसने वे चीज़े न की जो शैतान उससे करवाना चाहता था।“\n\n* बाइबिल की कहानी - बाइबिल के कुछ संस्करणों में इनका अनुवाद अलग तरह से किया हो सकता है।
26:1 r7d6 यीशु का गलील में होना [26-01] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-26-01.jpg)\n\n__शैतान की परीक्षाओं को जीतने के बाद, पवित्र आत्मा की सामर्थ में होकर यीशु अपने नगर, गलील में लौट आया। __ फिर __जगह-जगह जाकर उसने उपदेश ____सुनाया__ । __हर कोई__ __उसके विषय में भली बातें कहता था__ ।\n\n## महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश: ##\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:satan|शैतान की]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:tempt|परीक्षाओं]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:jesus|यीशु]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:power|सामर्थ्य]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:holy spirit|पवित्र आत्मा]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:galilee|गलील]]__\n\n## अनुवाद के लिए नोट्स: ##\n\n* __शैतान की परीक्षाओं को जीतने के बाद, ....यीशु....में लौट आया__ इस वाक्य को आप दो भागो में लिख सकते हैं। आप ऐसा कह सकते हैं कि, “यीशु ने शैतान के उकसाने पर कोई गलत काम न किया और उसे इस तरह हरा दिया। इसके बाद, यीशु......में लौट आया। “जीतने” को आप “इनकार करने” या फिर, “नकारने” भी लिख सकते हैं।\n\n* __पवित्र आत्मा की सामर्थ में__ - इसके अनुवाद में हम यह भी लिख सकते हैं कि, “पवित्र आत्मा की सामर्थ अपने भीतर लेकर”, या फिर, “और सामर्थ के साथ पवित्र आत्मा उसका मार्गदर्शन कर रहा था।“\n\n* __जगह-जगह जाकर उपदेश सुनाया__ अर्थात, “उसने विभिन्न जगहों की यात्रा की और वहाँ के निवासियों को उपदेश दिया।“\n\n* __हर कोई__ - अर्थात, “उसके विषय में जाननेवाला अथवा उसका उपदेश सुननेवाला हर व्यक्ति।“\n\n* __उसके विषय में भली बातें कहता था__ - अर्थात, “उसके बारे में अच्छी बातें करता था।“
26:2 ktnc नासरत में यीशु [26-02] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-26-02.jpg)\n\n__यीशु__, __नासरत__ नाम की जगह पर गया जहाँ उसका बचपन बीता था। __सब्त__ के दिन, वह __आराधनास्थल__ गया। उन्होंने __यशायाह नबी__ __की__ __पुस्तक__ उसे दी कि वह उसमे से सबके लिए पढ़ दे। यीशु ने __पुस्तक खोली__ और उसके एक अंश को लोगों के लिए पढ़ा।\n\n## महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश: ##\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:jesus|यीशु]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:nazareth|नासरत]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:sabbath|सब्त]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:worship|आराधना]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:prophet|नबी]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:isaiah|यशायाह]]__\n\n## अनुवाद के लिए नोट्स: ##\n\n* __आराधानास्थल__ अर्थात, “वह भवन जहाँ परमेश्वर की आराधना करने सभी यहूदी इकठ्ठा होते हैं।“ इसे “आराधनालय” भी कह सकते हैं।\n\n* __पुस्तक__ - असल में यह कागज़ या चमड़े का एक लम्बा टुकड़ा था जिसे लपेट कर रखा जाता था और उस पर लेख लिखा होता था।\n\n* __यशायाह नबी की पुस्तक__ अर्थात, “कागज़ या चमड़े का लम्बा टुकड़ा जिस पर यशायाह नबी के लिखे वचन थे।“ यह पुस्तक यशायाह नबी ने सैकड़ो साल पहले लिखी थी। यह पुस्तक असल में मूल पुस्तक की एक प्रतिलिपि थी।\n\n* __पुस्तक खोली__ हिंदी भाषा में “खोली” या “खोल दी” ही सही रहेगा।
26:3 is8j यीशु का वचन से पढ़ना [26-03] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-26-03.jpg)\n\nयीशु ने पढ़ा, “__परमेश्वर__ ने मुझे यह __आत्मा__ दी है कि मैं __दीनो को सुसमाचार__, __बंधुओं को आज़ादी__, __दृष्टिहीनों को चंगाई__, और __दबे हुओं को मुक्ति__ का सन्देश सुनाऊं। यह __प्रभु के अनुग्रह का साल__ है।“\n\n## महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश: ##\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:god|परमेश्वर ]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:spirit|आत्मा ]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:good-news|सुसमाचार ]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:lord|प्रभु के ]]__\n\n## अनुवाद के लिए नोट्स: ##\n\n* __दीनों को सुसचामर सुनाऊँ__ - अर्थात, “गरीबों और ज़रूरतमंदों को यह शुभ सन्देश दूँ कि परमेश्वर उनकी सहायता करेगा।“\n\n* __बंधुओं को आज़ादी__ - अर्थात, “जो लोग झूठे आरोपों के साथ जेल में डाले गए हैं, वे आज़ाद होंगे।“\n\n* __दृष्टिहीनों को चंगाई__ - इसे हम यूँ भी लिख सकते हैं, कि “वे जो देख नहीं सकते, उन्हें अपनी दृष्टि फिर से मिलेगी।“\n\n* __दबे हुओं को मुक्ति__ - अर्थात, “जो उत्पीडित हुए हैं, उन्हें मुक्ति मिलेगी।“\n\n* __प्रभु के अनुग्रह का साल__ - इसका अनुवाद करते समय ऐसा भी लिख सकते हैं: “प्रभु के दया दिखाने का समय हैं” या फिर, “हमारे प्रति प्रभु के कृपालु होने का समय है।“
26:4 wksy यीशु के बारे में भविष्यदवाणी [26-04] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-26-04.jpg)\n\nफिर __यीशु__ बैठ गया। हर कोई उसे ध्यान से देखने लगा। उन्हें इस बात का ज्ञान था कि __वचन__ का जो अंश उसने अभी पढ़ा था वह __मसीह__ के विषय में था। यीशु ने कहा, “__वे____ शब्द जो मैंने तुम्हारे लिए अभी पढ़े हैं, वे इस समय घट रहे ____हैं__ ।“ सब लोग इस पर __चकित__ हो गए। ““__क्या____ यह ____यूसुफ____ का बेटा नहीं है__?” वे बोले।\n\n## महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश: ##\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:jesus|यीशु]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:word-of-god|वचन]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:messiah|मसीह]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:joseph-nt|यूसुफ]]__\n\n## अनुवाद के लिए नोट्स: ##\n\n* __वे शब्द जो मैंने अभी तुम्हारे लिए पढ़े हैं, वे इस समय घट रहे हैं__ - इसे यूँ भी कहा जा सकता है, कि “वे शब्द जो तुमने अभी मुझको पढ़ते हुए सुने हैं, वे इस समय पूरे हो रहे हैं” या फिर, “जो वचन मैंने पढ़े हैं, वे तुम्हारे सुनते हुए सच हुए हैं।“\n\n* __चकित__ - अर्थात, भौंचक्के, हैरान, विस्मित, या समझ नहीं नहीं पा रहे थे कि ऐसे कैसे संभव हो सकता है।\n\n* __क्या यह युसूफ का बेटा नहीं है?__ –या फिर, “यह तो बस युसूफ का बेटा है”, या फिर, “सब जानते हैं कि यह तो बस युसूफ का बेटा है!” यहाँ पर लोग प्रश्न नहीं कर रहे थे कि वह युसूफ का बेटा है या नहीं। बल्कि वे तो इस बात पर अपनी हैरानी व्यक्त कर रहे थे कि वह व्यक्ति मसीह कैसे हो सकता है, जबकि वह तो एक साधारण सा व्यक्ति था।
26:5 szrt एलिय्याह की सेवकाई [26-05] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-26-05.jpg)\n\n__यीशु__ तब बोला, “यह बात बिलकुल __सही__ है, कि __कोई भी नबी अपने नगर में अपनाया नहीं जाता__ । __एलिय्याह__ नबी के समय, __इस्राएल__ में कई विधवाएँँ थीं। लेकिन जब साढ़े तीन सालों तक बारिश नहीं हुई, तब __परमेश्वर__ ने एलिय्याह को इस्राएल की किसी विधवा की मदद के लिए नहीं, बल्कि किसी और देश की विधवा की मदद के लिए भेजा था।“\n\n## महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश ##\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:jesus|यीशु]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:truth|सही]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:prophet|नबी]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:elijah|एलिय्याह]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:israel|इस्राएल]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:god|परमेश्वर]]__\n\n## अनुवाद के लिए नोट्स: ##\n\n* __कोई भी नबी अपने नगर में अपनाया नहीं जाता__ - अर्थात, “अपने बीच पले-बढे नबी के अधिकार को कोई नहीं मानता।“
26:6 olgo एलिशा की सेवकाई [26-06] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-26-06.jpg)\n\n__यीशु__ ने आगे कहा, “और __एलिशा नबी__ के समय में, __इस्राएल__ के कई लोग त्वचा के रोगों से पीड़ित थे। लेकिन उनमे से किसी को भी एलिशा न __चंगा__ नहीं किया। उसने चंगाई दी तो इस्राएल की शत्रु सेना के __सेनापति__, __नामान__ को।“ यीशु को सुननेवालों में __यहूदी__ लोग थे। इसलिए उसे कहता सुन __वे आग बबूला हो उठे।__\n\n## महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश: ##\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:jesus|यीशु ]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:prophet|नबी ]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:israel|इस्राएल ]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:heal|चंगा ]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:naaman|नामान ]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:jew|यहूदी ]]__\n\n## अनुवाद के लिए नोट्स: ##\n\n* __एलिशा__ - एलिय्याह के बाद हुआ परमेश्वर का नबी। एलिय्याह के सामान एलिशा ने भी परमेश्वर के विरोध में पाप करनेवाले इस्राएली राजाओं का विरोध क्या और परमेश्वर की दी सामर्थ से आश्चर्य के काम किये।\n\n* __एक सेनापति__ अर्थात, “सेना का अगुआ।“\n\n* __वे आग बबूला हो उठे__ - यहूदियों को यह बात सुनना रास नहीं आता था कि उनके सिवाय परमेश्वर ने किसी अन्य जाति को आशीष दी है, इसलिए वे यीशु की कही बात से नाराज़ हो गए थे।
26:7 has1 यीशु की हत्या का प्रयास [26-07] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-26-07.jpg)\n\n__नासरत__ के लोगों ने __यीशु__ को __आराधनास्थल__ से बाहर निकाल दिया और उसकी हत्या की मंशा से उसे चट्टान से नीचे गिराने के लिए किनारे पर ले गए। __लेकिन यीशु भीड़ में से चलता हुआ बाहर निकला और__ नासरत छोड़ कर चला गया।\n\n## महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश: ##\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:nazareth|नासरत]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:jesus|यीशु]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:worship|आराधना ]]__\n\n## अनुवाद के लिए नोट्स: ##\n\n* __आराधानास्थल__- अर्थात, “वह भवन जहाँ यहूदी लोग परमेश्वर की आराधना के लिए जुटते हैं।“ इसे “आराधनालय” भी कह सकते हैं। __[[:hi:obs:notes:frames:26-02|[26-02]]]__.\n\n* __लेकिन यीशु चलता हुआ भीड़ में से बाहर निकला और__ - “लेकिन” के लिए आप “तो भी” या फिर, “बजाय इसके” जैसे शब्द का इस्तेमाल कर सकते हैं जिससे अंतर खुल कर प्रकट हो, और यह स्पष्ट हो जाए कि लोग यीशु के साथ जो करना चाहते थे, वे न कर सके।
26:8 zvpu यीशु द्वारा रोगियों को चंगाई [26-08] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-26-08.jpg)\n\n__यीशु__ तब __पूरे गलील में गया__, और एक बड़ी भीड़ उसके पीछे हो ली। वे बहुत से रोगियों व अपंगो को उसके पास लेकर आये, जिनमे ऐसे लोग भी थे जो देख, चल, सुन, या बोल नहीं सकते थे, और यीशु ने उन्हें __चंगा कर ____दिया__ ।\n\n## महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश: ##\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:jesus|यीशु ]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:galilee|गलील ]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:heal|चंगा कर दिया ]]__\n\n## अनुवाद के लिए नोट्स: ##\n\n* __पूरे गलील में गया__ - अर्थात, “गलील में चारो और” या फिर, “गलील में जगह-जगह” गया।
26:9 eb6q यीशु का दुष्टात्माओं को निकालना [26-09] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-26-09.jpg)\n\n__दुष्टात्माओं से ग्रस्त__ बहुत से लोग __यीशु__ के पास लाये गए। __यीशु के आदेश पर__ लोगों के भीतर से __दुष्टात्माएँँ__ निकल कर अकसर चिल्लाती, “तू __परमेश्वर का बेटा__ है!” भीड़ चकित हो जाती और __परमेश्वर__ की __आराधना ____करती__ ।\n\n## महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश: ##\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:demon|दुष्टात्माओं ]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:jesus|यीशु ]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:demon|दुष्टात्माएँ]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:son-of-god|परमेश्वर का बेटा ]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:worship|आराधना करती]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:god|परमेश्वर ]]__\n\n## अनुवाद के लिए नोट्स: ##\n\n* __दुष्टात्माओं से ग्रस्त__ –अर्थात, “बुरी आत्माओं के वश में।“\n\n* __यीशु के आदेश पर__ - इसका अनुवाद करते समय हम यह भी लिख सकते हैं, कि “यीशु जब उन्हें आदेश देता था... ।“
26:10 gpro बारह चेले [26-10] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-26-10.jpg)\n\n__यीशु__ ने तब बारह लोगों को चुना जो उसके __प्रेरित__ कहलाए। ये प्ररित यीशु के साथ यात्रा पर जाते और __उससे शिक्षा ____पाते__ ।\n\n## महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश: ##\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:jesus|यीशु ]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:apostle|प्रेरित ]]__\n\n## अनुवाद के लिए नोट्स: ##\n\n* __उससे शिक्षा पाते__ अर्थात, “उसकी सिखाई बातें सीखते” या फिर, “वह जो कहता-करता, वे उन बातों से सीखते।“\n\n* बाइबिल की कहानी - बाइबिल के कुछ संस्करणों में इनका अनुवाद अलग तरह से किया हो सकता है।
27:1 fnag वकील का प्रश्न [27-01] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-27-01.jpg)\n\n__एक दिन__, __यहूदी व्यवस्था में पारंगत__ एक व्यक्ति __यीशु__ को __परखने__ के लिए उसके पास आया, और बोला, “हे __गुरु__, __अनंत जीवन की विरासत पाने__ के लिए मुझे क्या करना होगा?” यीशु ने उत्तर दिया, “__परमेश्वर____ के वचन में क्या लिखा है?__”\n\n## महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश: ##\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:jesus|यीशु ]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:teacher|गुरु ]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:inherit|विरासत पाने ]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:eternal-life|अनन्त जीवन ]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:gods-law|परमेश्वर की व्यवस्था ]]__\n\n## अनुवाद के लिए नोट्स: ##\n\n* __एक दिन__ - ये शब्द घटना के होने के सटीक समय का भान नहीं कराते। कई भाषाओं में कहानियों कि शुरुआत अकसर इन्ही शब्दों के साथ की जाती है।\n\n* __यहूदी व्यवस्था में पारंगत__ - अर्थात, ऐसा व्यक्ति जिसने परमेश्वर द्वारा इस्राएलियों को दी व्यवस्था, तथा अन्य यहूदी नियमो का गहन अध्ययन किया है।\n\n* __परखने__ - अर्थात, “यह देखने कि यीशु उसके प्रश्न का सही उत्तर देता है या नहीं।“\n\n* __अनंत जीवन कि विरासत पाने__ - अर्थात, “परमेश्वर के साथ सदा का जीवन पाने” या फिर, “ताकि परमेश्वर की संगति में मुझे सदा का जीवन मिले” अथवा, “परमेश्वर से अनंतकाल का जीवन पाने के लिए।“ यहूदी व्यवस्था का पंडित पूछ रहा था कि पिता परमेश्वर ने अनंतकाल के जीवन कि विरासत पाने के योग्य वह कैसे बन सकता है।\n\n* __अनंत जीवन__ - इसका आशय नश्वर देह की मृत्यु के बाद परमेश्वर के साथ सदा दे जीवन से है। अनंत जीवन के लिए मुख्य शब्दों के पृष्ठ को देखें।\n\n* __परमेश्वर की व्यवस्था में क्या लिखा है?__ - अर्थात, “इसके विषय में परमेश्वर की व्यवस्था में क्या लिखा है?” यीशु ने यह प्रश्न उस व्यक्ति को व्यवस्था में लिखी बातों पर विचार कर्न्वाने के लिए पूछा था।
27:2 kb11 आज्ञाओं का पालन करो [27-02] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-27-02.jpg)\n\n__व्यवस्था के उस पंडित__ ने उत्तर दिया कि परमेश्वर की व्यवस्था कहती है, “__अपने____ प्रभु परमेश्वर__ __को पूरे मन से, आत्मा से, सामर्थ से, और बुद्धि से__ प्रेम कर। और __अपने पड़ोसी से अपने सामान प्रेम रख।__“ __यीशु__ ने उत्तर दिया, “तू सही है।“ ऐसा ही कर और तू __जीएगा__ ।“\n\n## महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश: ##\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:gods-law|परमेश्वर की व्यवस्था ]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:love|प्रेम ]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:lord|प्रभु ]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:god|परमेश्वर ]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:jesus|यीशु ]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:life|जीएगा ]]__\n\n## अनुवाद के लिए नोट्स: ##\n\n* __वयस्था का पंडित__ - अर्थात, “यहूदी व्यवस्था में पारंगत।“ अर्थात, ऐसा व्यक्ति जिसने परमेश्वर द्वारा इस्राएलियों को दी व्यवस्था, तथा अन्य यहूदी नियमो का गहन अध्ययन किया है। __[[:hi:obs:notes:frames:27-01|[27-01]]]__.\n\n* __अपने प्रभु परमेश्वर से__ आप ऐसा भी लिख सकते हैं, “हमें अपने प्रभु परमेश्वर से प्रेम रखना चाहिए।“ सुनिश्चित करें कि वाक्य संरचना से ऐसा न लगे कि वह व्यक्ति यीशु को ऐसा करने का आदेश दे रहा है। बल्कि, वह परमेश्वर की व्यवस्था को उद्धृत कर रहा है।\n\n* __अपने पूरे मन से, आत्मा से, सामर्थ से, और बुद्धि से__ - अर्थात, “अपने पूरे आस्तित्व के साथ” या फिर, “अपने हर अंश से।“ संभव है कि कुछ भाषाओं में “अपने जिगर से, साँसों से, ताकत से, और सोंच से” लिखना पड़े। मुख्य बात इन अंगों पर केन्द्रित होना न होकर पूरे आस्तित्व के साथ प्रेम करने से है। अपनी भाषा के अनुसार वाक्य संरचना करें।\n\n* __मन__ - अर्थात, व्यक्ति की इच्छाएं व भावनाएं।\n\n* __आत्मा__ - अर्थात, व्यक्ति का अदैहिक, आत्मिक अंश।\n\n* __सामर्थ__ - अर्थात, व्यक्ति की भौतिक देह व इसकी समस्त योग्यताएँ।\n\n* __बुद्धि__ - अर्थात, व्यक्ति के विचार, योजनायें, और युक्तियाँ।\n\n* __पड़ोसी__ - इसका आशय अकसर पड़ोस में रहनेवाले व्यक्ति से होता है। यहूदी लोग उस व्यक्ति को पड़ोसी मानते थे जो न तो सगा-संबंधी है और न ही बिलकुल बाहरी या शत्रु।\n\n* __अपने पड़ोसी से अपने सामान प्रेम रख__ अर्थात, “अपने पड़ोसी से उतना ही प्रेम कर जितना कि तू स्वयं को करता है।“
27:3 amph मेरा पड़ोसी कौन है? [27-03] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-27-03.jpg)\n\nलेकिन __व्यवस्था का पंडित__ स्वयं को __धर्मी__ दिखाना चाहता था, इसलिए उसने पूछा, “__मेरा____ पड़ोसी कौन है?”__\n\n## महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश: ##\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:righteous|धर्मी]]__\n\n## अनुवाद के लिए नोट्स: ##\n\n* __व्यवस्था का पंडित__ - अर्थात, ऐसा व्यक्ति जिसने परमेश्वर द्वारा इस्राएलियों को दी व्यवस्था, तथा अन्य यहूदी नियमो का गहन अध्ययन किया है। __[[:hi:obs:notes:frames:27-01|[27-01]]]__.\n\n* __मेरा पड़ोसी कौन है?__ इसे हम यूँ भी लिख सकते हैं, : “पड़ोसी से आपका क्या मतलब है या कौन लोग मेरे पड़ोसी है?” वह जानता था कि वह सबसे प्रेम नहीं करता था, और इसलिए पूछ रहा था कि उसे किन लोगों से प्रेम करना चाहिए।
27:4 ogz5 यहूदी यात्री [27-04] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-27-04.jpg)\n\n__व्यवस्था के उस पंडित__ को __यीशु__ ने एक कहानी द्वारा उत्तर दिया। ““एक यहूदी व्यक्ति मार्ग के रास्ते __यरूशलेम से यरीहो__ जा रहा था।“\n\n## महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश: ##\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:jesus|यीशु ]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:jew|यहूदी ]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:jerusalem|यरूशलेम ]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:jericho|यरीहो ]]__\n\n## अनुवाद के लिए नोट्स: ##\n\n* (चित्र में बनी बादल जैसे आकृति यह दर्शाती है कि यीशु कहानी सूना रहे हैं, जो कि ज़रूरी नहीं इतिहास से जुडी कोई घटना हो।)\n\n* __व्यवस्था का पंडित__ - अर्थात, ऐसा व्यक्ति जिसने परमेश्वर द्वारा इस्राएलियों को दी व्यवस्था, तथा अन्य यहूदी नियमो का गहन अध्ययन किया है। __[[:hi:obs:notes:frames:27-01|[27-01]]]__.\n\n* __यरूशलेम से यरीहो__ –कुछ भाषाओं में “यरूशलेम के नगर से यरीहो नगर में” या, "यरूशलेम नगर से यरीहो नगर” लिखना ज़रूरी हो सकता है।
27:5 n120 डकैत [27-05] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-27-05.jpg)\n\n“यात्रा करते समय कुछ डकैतों ने उस पर हमला कर दिया। उन्होंने __उसका सब कुछ__ लूट लिया और मार-मार कर उसे अधमरा कर दिया। फिर वे उसे छोड़ कर भाग गए।“\n\n## महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश: ##\n\n## अनुवाद के लिए नोट्स: ##\n\n* (यीशु अपनी कहानी आगे बढ़ाते हैं।)\n\n* __उसका सब कुछ__ अर्थात, “जो भी उसके पास था, यहाँ तक कि उसके पहने कपडे भी।“
27:6 u7s4 याजक [27-06] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-27-06.jpg)\n\n“जल्द ही, एक __यहूदी याजक__ भी __यात्रा करते हुए उसी मार्ग पर पहुँँच ____गया__ । जब उस __धार्मिक अगुए__ की दृष्टि उस व्यक्ति पर पड़ी जिसे लूटा और पीटा गया था, वह तुरंत मार्ग की दूसरी और चला गया, और उस ज़रूरतमंद __व्यक्ति की अनदेखी कर__ __आगे बढ़ता रहा।__\n\n## महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश: ##\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:jew|यहूदी ]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:priest|याजक ]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:jewish-leaders|धार्मिक अगुए ]]__\n\n## अनुवाद के लिए नोट्स: ##\n\n* (यीशु कहानी बताना जारी रखते हैं)\n\n* __यात्रा करते हुए ….पहुँच गया__ अर्थात, “जो कि उसी मार्ग से यात्रा कर रहा था।“ कुछ भाषाओं में “यात्रा” शब्द का ही प्रयोग करना आवश्यक होगा ताकि शब्दों से ऐसा भ्रम न हो कि वह याजक वहाँ पर चलता हुआ आ गया, या कि वह घूमता हुआ आ गया था।\n\n* __व्यक्ति को अनदेखा कर__ - अर्थात, “उसकी मदद न करते हुए” या फिर, “उस व्यक्ति की चिंता किये बगैर।“\n\n* __आगे बढ़ता रहा__ - अर्थात, यात्रा करता रहा।
27:7 t1ci लेवी [27-07] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-27-07.jpg)\n\n“इसके कुछ समय बाद ही, एक लेवी __उस मार्ग पर पहुँचा।__ (__लेवी लोग यहूदियों के गोत्रों से थे__ जो __परमेश्वर के भवन__ में __याजको__ की मदद करते थे।) वह लेवी भी मार्ग की दूसरी तरफ चला गया और उस व्यक्ति की __अनदेखी__ कर दी जिसे लूटा व पीटा गया था।“\n\n## महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश: ##\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:jew|यहूदियों ]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:priest|याजकों ]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:temple|परमेश्वर का भवन ]]__\n\n## अनुवाद के लिए नोट्स: ##\n\n* (यीशु कहानी को आगे बढ़ाते हैं)\n\n* __उस मार्ग पर पहुँचा__ अर्थात, “उसी मार्ग पर यात्रा कर रहा था।“\n\n* __लेवी लोग यहूदियों के गोत्रों से थे__ अर्थात, “लेवी लोग इस्राएल के लेवी गोत्र से थे” या फिर, “लेवी लोग इस्राएल के लेवी कुल से थे।“\n\n* __अनदेखी कर दी__ अर्थात, “उसकी मदद नहीं की।“
27:8 myz8 सामरी व्यक्ति [27-08] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-27-08.jpg)\n\n“उस मार्ग पर __आनेवाला__ अगला व्यक्ति एक __सामरी__ था। (विदेशियों से विवाहित __यहूदियों__ के वंशज थे। सामरी और यहूदी आपस में एक दूसरे से नफरत करते थे।) लेकिन उस घायल यहूदी को देख कर उस सामरी के मन में करुणा पैदा हुई। इसलिए, सामरी ने उस घायल व्यक्ति की देखरेख की और उसके घावों पर पट्टी बाँध दी।“\n\n## महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश: ##\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:samaria|सामरी ]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:jew|यहूदी ]]__\n\n## अनुवाद के लिए नोट्स: ##\n\n* (यीशु कहानी को आगे बढ़ाते हैं।)\n\n* __आनेवाला__ अर्थात, “यात्रा करते हुए पहुँचने वाला।“ ये लोग एक नगर से दूसरे नगर की यात्रा कर रहे थे। सुनिश्चित करें कि पढ़ते समय कटाई ऐसा न लगे कि लोग वहाँ पर बस चहलकदमी कर रहे थे।
27:9 sf08 घायल की मदद [27-09] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-27-09.jpg)\n\n“उस __सामरी__ ने तब उस घायल व्यक्ति को उठा कर __अपने गधे पर__ लाद लिया, और उसे __मार्ग के किनारे बनी सराय__ में ले जाकर __उसकी देखरेख की।__“\n\n## महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश: ##\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:samaria|सामरी]]__\n\n## अनुवाद दे लिए नोट्स: ##\n\n* (यीशु कहानी आगे बढ़ाते है।)\n\n* __अपने गधे पर__ ध्यान रहे कि “अपने” शब्द का आशय सामरी से है।\n\n* __मार्ग के किनारे बनी सराय__ अर्थात, “ठहरने की जगह।“ यहाँ पर यात्रियों को भोजन-पानी और रात में रुकने के लिए जगह मिलती थी।\n\n* __उसकी देखरेख की__ इसे हम ऐसे भी लिख सकते हैं, कि “जहाँ पर वह उसकी देखरेख जारी रखी।“
27:10 qcxu उदार मदद [27-10] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-27-10.jpg)\n\n“अगले दिन, वह __सामरी__ __अपने आगे की यात्रा पर निकल ____गया__ । लेकिन जाने से पहले उसने सराय के __प्रबंधक__ को कुछ धन दिया और कहा, “__इसकी____ देखरेख करना__, और यदि देखरेख के काम पर मेरे दिए हुए धन से अधिक का खर्चा हो जाए, तो मैं वापसी में उसको __चुकता कर ____दूँगा__ ।“\n\n## महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश: ##\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:samaria|सामरी]]__\n\n## अनुवाद के लिए नोट्स: ##\n\n* (यीशु कहानी को आगे बढ़ाते हैं।)\n\n* __अपने आगे की यात्रा पर निकल गया__ इसे हम यूँ भी लिख सकते हैं : “अपने गंतव्य की ओर बढ़ गया।“\n\n* __प्रबंधक__ अर्थात, सराय के काम का प्रबंधन करनेवाला। वह सराय का मालिक भी हो सकता है।\n\n* __इसकी देखरेख करना__ कुछ भाषाओं में “इसकी देखरेख कीजियेगा” भी लिख सकते हैं ताकि यह स्पष्ट हो जाए कि यह कोई आदेश नहीं बल्कि एक विनीत आग्रह था।\n\n* __चुकता कर दूँगा__ इसे मैं “तुम्हें चुका दूँगा” या "ये पैसे चुका दूँगा" भी लिख सकते हैं।
27:11 fm2o वैसा ही कर [27-11] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-27-11.jpg)\n\n__यीशु__ ने तब __व्यवस्था के उस पंडित__ से पूछा, “तुम्हारा क्या विचार है? उन __तीनों व्यक्तियों__ में से उस लुट चुके और घायल यात्री का असली __पड़ोसी__ कौन था? उसने कहा, “वह, जिसने __दया__ दिखाई थी। यीशु बोला, “__तू____ भी जा और__ __ऐसा____ ही कर__ ।“\n\n## महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश: ##\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:jesus|यीशु ]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:mercy|दया ]]__\n\n## अनुवाद के लिए नोट्स: ##\n\n* __व्यवस्था के उस पंडित__ - अर्थात, ऐसा व्यक्ति जिसने परमेश्वर द्वारा इस्राएलियों को दी व्यवस्था, तथा अन्य यहूदी नियमो का गहन अध्ययन किया है। __[[:hi:obs:notes:frames:27-01|[27-01]]]__.\n\n* __तीनो व्यक्तियों__ - अर्थात, याजक, लेवी और सामरी।\n\n* __पड़ोसी__ - ____\[27-02]____ की तुलना में यहाँ पर यीशु “पड़ोसी” शब्द को अधिक व्यापक स्तर पर ले रहे हैं। "यहाँ “पड़ोसी” का अर्थ मदद करनेवाले व्यक्ति से है।\n\n* __पड़ोसी था__ - इसे हम ऐसे भी लिख सकते हैं कि “किसने पड़ोसी का सा बर्ताव किया” या फिर, “उसका मित्र था” अथवा, “किसने प्रेम दिखाया।“\n\n* __तू जा और ऐसा ही कर__ अर्थात, “तुझे भी ऐसा ही करना चाहिए” या, “अब तू भी ऐसा ही कर।“ व्यवस्था के उस पंडित को यीशु सामरी के जैसा करने का आदेश दे रहे थे।\n\n* __ऐसा ही कर__ अर्थात, “दूसरों से, यहाँ तक कि शत्रुओं से भी प्रेम रख।“” ध्यान रहे कि “वैसा ही कर” का आशय केवल घायल की मदद करना न लगे।\n\n* बाइबिल की कहानी - बाइबिल के कुछ संस्करणों में इनका अनुवाद अलग तरह से किया हो सकता है।
28:1 ef25 मुझे क्या करना चाहिए? [28-01] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-28-01.jpg)\n\n__एक दिन__, एक __धनवान युवा अधिकारी__ __यीशु__ __के पास आया__ और उससे प्रश्न किया, “हे __भले__ __गुरु__, __अनंत जीवन__ __पाने के लिए__ मुझे क्या करना होगा?” यीशु ने उससे कहा, “__तू____ मुझे भला क्यों कहता है__? __केवल एक ही है जो कि भला है, और वह है स्वयं__ __परमेश्वर__ । लेकिन यदि तू अनंत जीवन पाना चाहता है तो __परमेश्वर की व्यवस्था__ का __पालन कर__ ।“\n\n## महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश: ##\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:jesus|यीशु ]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:good|भला ]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:teacher|गुरु ]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:eternal-life|अनन्त जीवन ]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:god|परमेश्वर ]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:obey|पालन कर ]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:gods-law|परमेश्वर की व्यवस्था ]]__\n\n## अनुवाद के लिए नोट्स: ##\n\n* __एक दिन__ - ये शब्द घटना के होने के सटीक समय का भान नहीं कराते। कई भाषाओं में कहानियों कि शुरुआत अकसर इन्ही शब्दों के साथ की जाती है।\n\n* __धनवान युवा अधिकारी__ - युवा होते हुए भी यह व्यक्ति धनवान और राजनैतिक रूप से ताकतवर अधिकारी बन चुका था।\n\n* __यीशु के पास आया__ - अर्थात, “वह यीशु के पास पहुँचा।“\n\n* __भले गुरु__ - अर्थात, “धर्मी गुरु।“ वह यीशु को एक कुशल गुरु ही नहीं वरन धर्मी भी कह रहा था।\n\n* __अनंत जीवन पाने के लिए__ - अर्थात, “अनंत जीवन प्राप्त करने के लिए”, अथवा, “परमेश्वर के साथ सदा का जीवन पाने के लिए।“ साथ ही, ____\[27-01]____ में दिए “अनंत जीवन” के अनुवाद को अवश्य देखें।\n\n* __तू मुझे भला क्यों कहता है__ - यीशु अपने परमेश्वर होने की बात को नहीं नकार रहे। बल्कि, वह तो अधिकारी से यह समझने को कह रहे हैं कि यीशु ही परमेश्वर है।\n\n* __केवल एक ही है जो भला है, और वह है स्वयं परमेश्वर__ - इसे यूँ भी कह सकते हैं, : “केवल एक परमेश्वर ही है जो सच में भला है” या फिर, “केवल परमेश्वर ही भला है।“
28:2 b0kw परमेश्वर की आज्ञाएँ [28-02] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-28-02.jpg)\n\n“__मुझे____ कौन सी आज्ञाओं का पालन करना होगा?__” उसने पूछा। __यीशु__ ने उत्तर दिया, “हत्या न कर। __व्यभिचार__ न कर। चोरी न कर। झूठ न बोल। अपने माता-पिता का आदर कर, और अपने पडोसी से __अपने समान प्रेम रख__ ।“\n\n## महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश: ##\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:jesus|यीशु]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:adultery|व्यभिचार]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:love|प्रेम]]__\n\n## अनुवाद के लिए नोट्स: ##\n\n* __मुझे कौन सी आज्ञाओं का पालन करना होगा?__ - अर्थात, “अनंत जीवन पाने के लिए कौन सी आज्ञाओं का पालन करना पर्याप्त होगा?”\n\n* __अपने समान प्रेम रख __- अर्थात, “जितना प्रेम तू स्वयं से रखता है।“
28:3 vmib मुझे और क्या करना होगा? [28-03] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-28-03.jpg)\n\nलेकिन युवक बोला,”मैं तो __बालपन से ही__ इन सभी __आज्ञाओं__ का __पालन__ करता आया हूँ। अनंत जीवन पाने के लिए __मुझे और क्या करना होगा?__” __यीशु__ ने उसे देखा और __उससे प्रेम ____किया__ ।\n\n## महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश: ##\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:obey|पालन]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:gods-law|व्यवस्था ]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:jesus|यीशु ]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:love|स्नेह]]__\n\n## अनुवाद के लिए नोट्स: ##\n\n* __बालपन से ही__ एक अन्य तरीका यह होगा कहने के लिए कि , “बचपन से लेकर अब तक।”\n\n* __मुझे और क्या करना होगा?__ - अर्थात, “मुझे और क्या करना होगा?” या फिर, “इन सबके आलावा, मुझे और क्या करना है?”\n\n* __उससे प्रेम किया__ - यीशु ने उस पर करुणा की। यहाँ पर ऐसे शब्द का चुनाव करें जो लोगों के प्रति परमेश्वर के प्रेम को व्यक्त करता है।
28:4 v911 सब कुछ बेच दे [28-04] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-28-04.jpg)\n\n__यीशु__ ने उत्तर दिया, “यदि __तू__ __सिद्ध__ होना चाहता है, तो जा और __जो कुछ भी तेरा है__, उसे बेच कर वह धन गरीबों को दे दे, और __स्वर्ग में__ तेरे लिए __खज़ाना__ होगा। फिर तू मेरे पास आ और मेरा अनुकरण कर।“\n\n## महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश: ##\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:jesus|यीशु ]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:heaven|स्वर्ग]]__\n\n## अनुवाद के लिए नोट्स: ##\n\n* __तू __- यदि आपकी भाषा में “तू” के लिए कई वैकल्पिक शब्द हों, तो ऐसे शब्द का प्रयोग करें जो एकवचन के लिए प्रयुक्त होता है। यीशु यह आदेश इसी एक व्यक्ति को दे रहे थे।\n\n* __सिद्ध__ - अर्थात, “सम्पूर्ण रूप से धर्मी।“\n\n* __जो कुछ भी तेरा है__ - अर्थात, “तेरी सारी संपत्ति।“\n\n* __खज़ाना__ - इसे “धन” या, “अपार निधि” भी कह सकते हैं।\n\n* __स्वर्ग में__ - इस वाक्यांश को हम यूँ भी लिख सकते हैं: “स्वर्ग पहुँचने पर तुझे वहाँ ….मिलेगा।“ यह खज़ाना उसे “वहाँ उस समय” मिलेगा, न कि “यहाँ और अभी” ।
28:5 cbp2 पालन करने की अनिच्छा [28-05] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-28-05.jpg)\n\n__यीशु की बात सुन कर__ युवक बहुत उदास हो गया, क्योंकि वह बहुत धनी था और अपनी संपत्ति नहीं देना चाहता था। वह मुड़ कर यीशु से दूर चला गया।\n\n## महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश: ##\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:jesus|यीशु]]__\n\n## अनुवाद के लिए नोट्स: ##\n\n* __यीशु की बात सुन कर__ अर्थात, “यीशु के मुख से संपत्ति को त्यागने का निर्देश सुन कर।“
28:6 ruah ऊँट और सूईं [28-06] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-28-06.jpg)\n\n__यीशु__ तब अपने __चेलों__ से बोला, “धनी लोगों के लिए __परमेश्वर के राज्य__ में जाना बहुत ही दूभर है! हाँ, एक धनी व्यक्ति के __परमेश्वर के राज्य में प्रवेश__ पाने की तुलना में एक __ऊँट__ का __सूईं की नोंक__ में से होते हुए निकल जाना अधिक आसान है।\n\n## महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश: ##\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:jesus|यीशु]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:disciple|चेलों ]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:kingdom of god|परमेश्वर का राज्य]]__\n\n## अनुवाद के लिए नोट्स: ##\n\n* __परमेश्वर के राज्य में प्रवेश__ - इसे हम “परमेश्वर के राज्य का नागरिक होना” भी कह सकते हैं।\n\n* __ऊँट__ - ऊँट एक बहुत बड़ा जानवर है जो बोझ ढोने के लिए इस्तमाल होता है। यदि पाठकों को ऊँट का ज्ञान न हो तो “एक विशाल जानवर” भी लिख सकते है। यदि आप बदले में किसी दूसरे विशाल जानवर का नाम लिखना चाहते हैं, तो ध्यान देकर किसी ऐसे जानवर का नाम लिखे जिससे पाठक परिचित हों जैसे “गधा” या, “बैल”।\n\n* __सूई की नोंक__ - सूईं की नोंक पर बना बहुत ही छोटा सा छेद। सूईं की नोंक से बड़े से ऊँट के निकलने का आशय किसी बात के होने की असम्भवता को दर्शाना है।
28:7 x6nv कौन बचाया जा सकता है? [28-07] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-28-07.jpg)\n\nयीशु की बातें सुन कर __चेले__ __अवाक्__ रह गए और बोले,”तो फिर __कौन__ __बचाया__ __जा सकता है?__”\n\n## महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश: ##\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:disciple|चेले ]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:save|बचाया ]]__\n\n## अनुवाद के लिए नोट्स: ##\n\n* __अवाक्__ - अर्थात, “विस्मित।“\n\n* __कौन बचाया जा सकता है__ - इसे हम यूँ भी लिख सकते हैं: “यदि धनी व्यक्तियों का बचाया जाना भी असंभव है, तो फिर कौन बचाया जा सकेगा?” बहुत से लोग धनी होने को परमेश्वर के अनुग्रह का चिन्ह मानते थे।\n\n* __बचाया__ - यहाँ हमारे पापों के लिए परमेश्वर के न्याय व दंड से बचने व परमेश्वर के राज्य का नागरिक होने की बात हो रही है।
28:8 b85z सारी बातें संभव हैं [28-08] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-28-08.jpg)\n\n__यीशु__ ने __चेलों__ को देखा और कहा, “__मनुष्यों____ के साथ या असंभव हैं__ लेकिन __परमेश्वर के साथ सब कुछ संभव है।__“\n\n## महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश: ##\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:jesus|यीशु ]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:disciple|चेलों ]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:god|परमेश्वर ]]__\n\n## अनुवाद के लिए नोट्स: ##\n\n* __मनुष्यों के साथ असंभव है__ - अर्थात, “मनुष्यों के लिए इसे करना संभव नहीं” या फिर, “मनुष्य इसे स्वयं नहीं कर सकता।“\n\n* __परमेश्वर के साथ संभव है__ - इसे हम यूँ भी लिख सकते हैं, : “परमेश्वर कुछ भी करने में सक्षम है, वह धनी लोगों तक को बचा सकता है” या फिर, “परमेश्वर असंभव को भी संभव कर सकता है, इसलिए वह धनी को भी बचा सकता है।“
28:9 ibbc हमारा प्रतिफल क्या है? [28-09] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-28-09.jpg)\n\n__पतरस__ ने __यीशु__ से कहा, “हम __सब कुछ त्याग कर__ तेरे पीछे चलते हैं। __हमें क्या प्रतिफल मिलेगा?__\n\n## महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश: ##\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:peter|पतरस]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:jesus|यीशु]]__\n\n## अनुवाद के लिए नोट्स: ##\n\n* __सब कुछ त्याग कर__ - अर्थात, “सब कुछ पीछे छोड़ आये हैं” या फिर, “अपना सब कुछ त्याग दिया।“\n\n* __हमें क्या प्रतिफल मिलेगा?__ - या फिर, “हम क्या प्रतिफल पाएंगे?” या फिर, “परमेश्वर हमें क्या प्रतिफल देगा?” ज़रुरत हो तो इससे पहले “क्योंकि हमने ऐसा किया है” लगा दें।
28:10 aw2v प्रथम और अंतिम [28-10] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-28-10.jpg)\n\n__यीशु__ ने उत्तर दिया, “जिसने भी __मेरे निमित्त__ अपने घर, भाई, बहन, पिता, माता, संतान, या संपत्ति को __छोड़ा है__, वह __१ गुना__ पायेगा और साथ ही __अनंत जीवन__ ही प्राप्त करेगा। लेकिन __पहलों में से कई अंतिम होंगे__, और __अंतिम में के कई प्रथम होंगे।__\n\n## महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश: ##\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:jesus|यीशु ]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:eternal-life|अनन्त जीवन ]]__\n\n## अनुवाद के लिए नोट्स: ##\n\n* __छोड़ा है__ अर्थात, “पीछे छोड़ आये हैं” या फिर, “परमेश्वर से कम महत्वपूर्ण जाना है।“\n\n* __मेरे निमित्त__ - इसे “मेरे लिए” या फिर, “मेरे कारण” कह सकते हैं।\n\n* __सौ गुना__ - अर्थात, “पहले से कई गुना अधिक पाएगा।“\n\n* __पहलों में से कई अंतिम होंगे__ - अर्थात, “आज जो बहुत महत्त्व रखते हैं, तब उनका कोई महत्त्व न होगा।“\n\n* __अंतिम में से कई प्रथम होंगे__- अर्थात, “वे जिन्हें आज कोई महत्त्व नहीं देता, वे स्वर्ग में महत्वपूर्ण माने जायेंगे।“\n\n* बाइबिल की कहानी - बाइबिल के कुछ संस्करणों में इनका अनुवाद अलग तरह से किया हो सकता है।
29:1 tywc कितनी बार? [29-01] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-29-01.jpg)\n\n__एक दिन__ __पतरस__ ने __यीशु__ से पूछा, “हे __स्वामी__, __मेरे विरोध में__ __पाप__ __करनेवाले__ __भाई__ को मुझे कितनी बार __क्षमा__ करना चाहिए?” क्या सात बार? यीशु बोले, “__सात बार नहीं, बल्कि सत्तर बार सात__!” __ऐसा कहने के द्वारा__ यीशु कहना चाहते थे कि हमें हर बार उसे क्षमा करना चाहिए। यीशु ने तब __यह कहानी__ सुनाई।\n\n## महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश: ##\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:peter|पतरस ]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:jesus|यीशु ]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:lord|स्वामी ]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:forgive|क्षमा ]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:sin|पाप ]]__\n\n## अनुवाद के लिए नोट्स: ##\n\n* __एक दिन__ - ये शब्द घटना के होने के सटीक समय का भान नहीं कराते। कई भाषाओं में कहानियों कि शुरुआत अकसर इन्ही शब्दों के साथ की जाती है।\n\n* __मेरे भाई__ - कई बार इसका आशय अपने सगे भाई से न होकर ऐसे लोगों से होता है जिनके साथ हम धार्मिक, सांस्कृतिक रूप से बहुत निकटता से जुड़े होते हैं।\n\n* __मेरे विरोध में पाप करता है__ - या फिर “मेरे विरुद्ध कोई काम करता है।\n\n* __सात बार नहीं, सत्तर बार सात!__ - या फिर, “सात बार नहीं, बल्कि सत्तर बार सात गुना।“ यीशु यहाँ पर कोई सटीक संख्या नहीं बता रहे। वे तो यह स्पष्ट कर रहे हैं कि हमें लोगों को हर बार क्षमा करना है।\n\n* __ऐसा कहने के द्वारा__ अर्थात, “जब यीशु ने ऐसा कहा, तब उनका आशय था कि।
29:2 c8eq बड़ा ऋण [29-02] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-29-02.jpg)\n\nयीशु बोला, “__परमेश्वर____ का राज्य__ __एक राजा__ के समान है जो __अपने सेवकों से हिसाब करना__ चाहता था। उसके एक सेवक ने 200,000 सालों की मजदूरी के बराबर का ऋण उससे लिया हुआ था।\n\n## महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश: ##\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:kingdom-of-god|परमेश्वर का राज्य]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:king|राजा]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:servant|सेवकों ]]__\n\n## अनुवाद के लिए नोट्स: ##\n\n* __परमेश्वर का राज्य__ - या फिर “लोगों पर परमेश्वर का राज्य” या, “परमेश्वर जिस रीती से लोगों पर राज्य करता हैं, उसकी तुलना एक… ।“\n\n* __एक राजा__ - या फिर, “ऐसे राजा के राज्य के सामान है जो” या कि, “एक ऐसे राजा के शासन से तुलना की जा सकती हैं जो… ।“\n\n* __अपने सेवकों से हिसाब करना__ - अर्थात, “सेवकों से अपना उधार वापिस ले रहा था।“
29:3 lhzi ऋण चुकाने में अक्षम [29-03] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-29-03.jpg)\n\n“चूंकि राजा से लिए __ऋण को चुकाने__ में __सेवक__ अक्षम था, इसलिए __राजा__ ने आदेश देते हुए कहा, “__ऋण____ के भुगतान की राशि की उगाही के लिए__ इस आदमी को इसके परिवार समेत __दास__ बना कर बेच दो।“\n\n## महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश: ##\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:servant|सेवक]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:king|राजा ]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:servant|दास]]__\n\n## अनुवाद के लिए नोट्स: ##\n\n* (यीशु कहानी को आगे बढ़ने हैं।)\n\n* __ऋण चुकाने__ - अर्थात, “उधार लिए पैसे राजा को वापिस करने थे।“\n\n* __ऋण की उगाही के लिए__ - इसका अनुवाद ऐसे भी किया जा सकता है: “और उनको बेचने से प्राप्त धन राशि से ऋण का भुगतान किया जाए।“
29:4 r1v1 ऋण माफ़ हुआ [29-04] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-29-04.jpg)\n\n“__राजा__ __के सामने__ __घुटनों पर गिर कर__ वह __सेवक__ बोला, “कृपा करके मुझे थोडा और समय दें; मैं आपकी पूरा ऋण चुका दूंगा।“ राजा को उस पर __दया आ गई__, और उसने __उसका सारा ऋण माफ__ कर उसे जाने दिया।“\n\n## महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश: ##\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:servant|सेवक]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:king|राजा]]__\n\n## अनुवाद के लिए नोट्स: ##\n\n* (यीशु कहानी को आगे बढ़ाते हैं।)\n\n* __घुटनो पर गिर कर__ - अर्थात, “तुरंत घुटने टेक कर।“ यह राजा के सामने अपनी दीनता दिखने और उससे मदद की गुहार लगाने का एक तरीका था। अनुवाद को पढ़ कर ऐसा न लगे कि वह गलती से गिर पड़ा था।\n\n* __राजा के सामने__ - अर्थात, “राजा के आगे।“\n\n* __दया आ गई__ - अर्थात, “करुणा जागी” अथवा, “उसकी दशा देख कर बुरा लगा।“ राजा को यह अच्छी तरह से ज्ञात था कि दास के रूप में बिकने पर सेवक और उसका परिवार बहुत कष्ट झेलेगा।\n\n* __उसका सारा ऋण माफ़__ - इसका अनुवाद ऐसे भी कर सकते हैं, :”राजा ने कहा कि उससे लिए ऋण का भुगतान करने की उसे कोई ज़रुरत नहीं है।“
29:5 glwp छोटा सा ऋण [29-05] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-29-05.jpg)\n\n“लेकिन राजा के यहाँ से बाहर निकलने पर उस __सेवक__ को अपना एक __साथी सेवक__ मिला जिसने उससे चार महीने के वेतन बराबर उधार लिया हुआ था। सेवक ने अपने साथी सेवक को पकड़ा और बोला, “मेरी तरफ तेरा जो भी उधार बनता है, उसे चुकता कर!\n\n## महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश: ##\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:servant|सेवक]]__\n\n## अनुवाद के लिए नोट्स: ##\n\n* (यीशु कहानी आगे बढाते हैं।)\n\n* __साथी सेवक__ - राजा का एक और सेवक।
29:6 bwfs जेल में [29-06] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-29-06.jpg)\n\n“__साथी__ __सेवक__ __अपने घुटनों पर गिर कर__ बोला, “मुझे थोडा समय दो; मैं तुम्हारा सारा उधार चुकता कर दूंगा।“ लेकिन उस सेवक ने __अपने साथी को जेल में डलवा ____दिया।__“\n\n## महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश: ##\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:servant|सेवक]]__\n\n## अनुवाद के लिए नोट्स: ##\n\n* (यीशु कहानी को आगे बढाते हैं।)\n\n* __साथी सेवक__ - राजा का एक और सेवक। __[[:hi:obs:notes:frames:29-05|[29-05]]]__.\n\n* __अपने घुटनों पर गिर कर__ - अर्थात, “तुरंत घुटने टेक कर।“ यह राजा के सामने अपनी दीनता दिखने और उससे मदद की गुहार लगाने का एक तरीका था। अनुवाद को पढ़ कर ऐसा न लगे कि वह गलती से गिर पड़ा था। __[[:hi:obs:notes:frames:29-04|[29-04]]]__.\n\n* __अपने साथी सेवक को जेल में डलवा दिया__ - इसके हम “जेल भिजवा दिया” भी लिख सकते हैं। “डलवाने” का आशय असल में “डालने” की क्रिया से नहीं है।
29:7 r5tl बात राजा तक पहुँची [29-07] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-29-07.jpg)\n\n“__यह____ देख कर__ दूसरे __सेवकों__ को __बहुत बुरा लगा।__ उन्होंने __राजा__ के पास जाकर __सारी बातें__ कह सुनाई।“\n\n## महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश: ##\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:servant|सेवकों]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:king|राजा]]__\n\n## अनुवाद के लिए नोट्स: ##\n\n* (यीशु कहानी आगे बढाते हैं।)\n\n* __यह देख कर__ - अर्थात, “यह देख कर कि सेवक ने अपने साथी सेवक के उधार को माफ़ करने से मना कर उसे जेल भिजवा दिया है।“\n\n* __बहुत बुरा लगा__ - अर्थात, “बहुत दुःख हुआ।“\n\n* __सब ____कुछ__अर्थात, “उन्होंने राजा को सब कुछ बता दिया कि उस सेवक ने अपने साथी के साथ क्या किया है।“
29:8 j3i9 दुष्ट सेवक [29-08] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-29-08.jpg)\n\n“__राजा__ ने __सेवक__ __को बुलाया__ और बोला, “__दुष्ट__ सेवक कहीं के! I तेरे __गिड़गिड़ाने__ पर मैंने तेरा ऋण __माफ़ कर दिया था।__ __तुझे भी ऐसा ही करना चाहिए था।__“ राजा को उस पर इतना क्रोध आया कि उसने उस दुष्ट सेवक को तब तक के लिए जेल में __डलवा दिया__, जब तक कि वह उधार का एक-एक पैसा न चुका दे।“\n\n## महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश: ##\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:king|राजा]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:servant|सेवक ]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:forgive|माफ़ कर दिया ]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:beg|गिड़गिड़ाने]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:evil|दुष्ट]]__\n\n## अनुवाद के लिए नोट्स: ##\n\n* (यीशु कहानी को आगे बढाते हैं।)\n\n* __सेवक को बुलाया__ - अर्थात, “सेवक को अपने पास आदेश दिया” या कि, “पहरेदारों को उसे लाने का आदेश दिया।“\n\n* __गिड़गिड़ाने __ इसे “विनती की” या, “मुझसे दया की भीख माँँगी” कह सकते हैं।\n\n* __तुझे भी ऐसा ही करना चाहिए था__ - अर्थात, “तुझे भी अपने कर्ज़दार का उधार माफ़ कर देना चाहिए था।“\n\n* __डलवा दिया__ - इसके हम “जेल भिजवा दिया” भी लिख सकते हैं। “डलवाने” का आशय असल में “डालने” की क्रिया से नहीं है। __[[:hi:obs:notes:frames:29-06|[29-06]]]__.
29:9 jjxp अपने भाई को क्षमा कर [29-09] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-29-09.jpg)\n\n__यीशु__ __तब बोला__ कि, “यदि तुम __अपने भाई__ को __मन से__ __क्षमा__ नहीं करोगे, तो __मेरा__ __स्वर्गिक पिता__ तुम्हारे साथ __ऐसा ही__ करेगा।“\n\n## महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश: ##\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:jesus|यीशु बोला ]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:god-father|स्वर्गिक पिता ]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:forgive|क्षमा ]]__\n\n## अनुवाद के लिए नोट्स: ##\n\n* __यीशु तब बोला कि__ कुछ भाषाओं में स्पष्ट लाने के लिए “अपने चेलों से बोला” लिखना पड़ सकता है।\n\n* __ऐसा ही__- "अर्थात, “तुझे भी अपने कर्ज़दार का उधार माफ़ कर देना चाहिए था।“ __[[:hi:obs:notes:frames:29-08|[29-08]]]__.\n\n* __मेरा स्वर्गिक पिता__ - अर्थात, “मेरा पिता जो स्वर्ग में है।“ यीशु यहाँ पर पिता परमेश्वर के साथ अपने व्यक्तिगत अद्वितीय सम्बन्ध को प्रकट कर रहे हैं।\n\n* __अपने भाई__ - कई बार इसका आशय अपने सगे भाई से न होकर ऐसे लोगों से होता है जिनके साथ हम धार्मिक, सांस्कृतिक रूप से बहुत निकटता से जुड़े होते हैं। __[[:hi:obs:notes:frames:29-01|[29-01]]]__.\n\n* __अपने मन से__ - अर्थात, “पूरी निष्ठा से” या फिर, “सचमुच में।“\n\n* बाइबिल की कहानी - बाइबिल के कुछ संस्करणों में इनका अनुवाद अलग तरह से किया हो सकता है।
30:1 j341 एक विश्राम स्थल [30-01] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-30-01.jpg)\n\nअपने __[[:hi:obs:notes:key-terms:apostle|प्रेरितों]]__ को __[[:hi:obs:notes:key-terms:jesus|यीशु]]__ ने कई नगरो-गाँवों में __[[:hi:obs:notes:key-terms:preach|उपदेश]]__ और शिक्षा देने भेजा। वहाँ पर उन्होंने जो भी किया, वे सारी बाते उन्होंने यीशु के निवास स्थान पर लौट कर उसे बताई। यीशु ने तब उनसे झील पार की एक __एकांत जगह__ पर चल कर थोडा सा विश्राम करने को कहा। इस पर वे नाव में सवार हो कर झील की दूसरी और चले गए।\n\n## महत्वपूर्ण शब्द: ##\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:jesus|यीशु]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:apostle|प्रेरित]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:preach|उपदेश देना]]__\n\n## अनुवाद के लिए नोट्स: ##\n\n* __एकांत जगह __- इसका आशय भीड़भाड़ से दूर एक ऐसे जगह से है जहां पर लोग एकांत से रह सकते हैं।
30:2 tagx यीशु के पीछे भीड़ का आना [30-02] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-30-02.jpg)\n\nलेकिन कुछ लोगों ने __[[:hi:obs:notes:key-terms:jesus|यीशु]]__ और उसके __[[:hi:obs:notes:key-terms:disciple|चेलों]]__ को __नाव में बैठ कर__ झील के पार जाते देख लिया। वे लोग झील के किनारे-किनारे दौड़ते हुए,उनसे पहले झील के उस पार पहुँच गए। इसलिए जब यीशु और चेले वहाँ __पहुंचे__, तब लोगों की एक बड़ी भीड़ पहले से उनकी प्रतीक्षा कर रही थी।\n\n## महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश: ##\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:jesus|यीशु]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:disciple|चेले]]__\n\n## अनुवाद के लिए नोट्स: ##\n\n* __पहुंचे__ - अर्थात, "झील की दूसरी और पहुंचे" या फिर, "झील की दूसरी और उतरे।"
30:3 s119 यीशु ने लोगों को उपदेश दिया और चंगा किया [30-03] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-30-03.jpg)\n\n__महिलाओं व बच्चों को छोड़__, भीड़ में ५००० से भी अधिक लोग थे। यीशु को उन पर बहुत तरस आया। __यीशु के लिए__ वे लोग __बिना गडरिये की भेड़ों के समान__ थे। इसलिए यीशु ने उन्हें उपदेश सुनाया और उनमे से जो बीमार थे, उन्हें __चंगा ____किया__ ।\n\n## महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश: ##\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:jesus|यीशु]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:sheep|भेड़ों]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:shepherd|गडरिये]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:heal|चंगा किया]]__\n\n## अनुवाद के लिए नोट्स: ##\n\n* __महिलाओं व बच्चों को छोड़__ —अर्थात, "उनके साथ आयीं महिलाओं व बच्चों को छोड़" या फिर, "उनके साथ महिलायें व बच्चे भी थे।"\n\n* __यीशु के ____लिए__ –या फिर,"यीशु को ज्ञात था कि वे…" या फिर, "यीशु को वे ……लगे।"\n\n* __बिना गडरिये की भेड़ों के समान__ –इसकी जगह हम "बिना गडरिये की भेड़ों के समान वे कमज़ोर और खोये हुए थे" भी लिख सकते हैं।
30:4 b5vw लोग भूखे थे [30-04] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-30-04.jpg)\n\n__दोपहर बाद__ __चेलों__ ने __यीशु__ से कहा, "बहुत देर हो चुकी है और पास ही कोई नगर भी नहीं है। __लोगों को विदा कर दे__ ताकि वे अपने लिए भोजन का प्रबंध कर सकें।"\n\n## महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश: ##\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:jesus|यीशु]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:apostle|प्रेरित ]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:preach|प्रचार ]]__\n\n## अनुवाद के लिए नोट्स: ##\n\n* __दोपहर बाद__ —इसे हम "जब लगभग शाम होने को थी" भी लिख सकते हैं।\n\n* __लोगों को विदा कर ____दे__ –इसका अनुवाद करते समय यूँ भी लिख सकते हैं, कि "लोगों को पास ही के नगर में जाने को कह दे" या फिर, "लोगों को कहीं जाने को कह देना चाहिए" अथवा, "लोगों को किसी नगर में जाने दे कि" भी लिख सकते हैं। वाक्य में विनती का भाव रखे, आदेश देने जैसा न लगे।
30:5 afn9 पाँच रोटी और दो मछली [30-05] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-30-05.jpg)\n\nलेकिन __यीशु__ ने अपने __चेलों__ से कहा, "तुम ही इन्हें कुछ खाने को दे दो!" उन्होंने उत्तर दिया, "हम ऐसा कैसे कर सकते हैं? हमारे पास तो केवल पांच रोटी और २ छोटी-छोटी मछलियाँ हैं।\n\n## महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश: ##\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:jesus|यीशु ]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:disciple|चेलों]]__\n\n## अनुवाद के लिए नोट्स: ##\n\n* __हम ऐसा कर सकते हैं?__ –इसका अनुवाद हम ऐसे कर सकते हैं, : "हम ऐसा नहीं कर सकते!" या फिर, "यह तो असंभव है!" यहाँ पर चेले कोई प्रश्न नहीं पूछ रहे थे। बल्कि वे अपनी इस बात को बल देकर कह रहे थे कि उनके अनुसार ऐसा करना असंभव था।
30:6 cc6b भोजन की तैयारी [30-06] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-30-06.jpg)\n\n__यीशु__ ने अपने __चेलों__ से कहा कि वे लोगों को पचास-पचास के समूह बना कर बैठने को कहें।\n\n## महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश: ##\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:jesus|यीशु ]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:disciple|चेलों]]__\n\n## अनुवाद के लिए नोट्स: ##\n\n* (अनुवाद के लिए कोई नोट्स नहीं हैं।)
30:7 zrwh यीशु का भोजन को आशीष देना [30-07] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-30-07.jpg)\n\nयीशु ने तब पांच रोटी और दो मछली को लेकर आकाश की और उठाया, और भोजन के लिए परमेश्वर को धन्यवाद दिया।\n\n## महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश: ##\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:jesus|यीशु ]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:heaven|स्वर्ग ]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:god|परमेश्वर ]]__\n\n## अनुवाद के लिए नोट्स: ##\n\n* (अनुवाद के लिए कोई नोट्स नहीं हैं।)
30:8 w0v7 सबने खाया [30-08] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-30-08.jpg)\n\n__यीशु__ ने तब __रोटी और मछली के हिस्से ____किये__ । फिर लोगों में बाँँटने के लिए उसने वे टुकड़े अपने __चेलों__ को दे दिए। चेले भोजन को बाटते रहे और __वह ख़त्म ही न हुआ__! सब लोगों ने __भरपूर भोजन ____किया__ ।\n\n## महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश: ##\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:jesus|यीशु]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:disciple|चेलों]]__\n\n## अनुवाद के लिए नोट्स: ##\n\n* __रोटी और मछली के हिस्से ____किये__ –अर्थात, "रोटी और मछली के टुकड़े किये।"\n\n* __भोजन…ख़त्म ही न ____हुआ__ –या फिर, "भोजन तब शेष रहता।"\n\n* __भरपूर भोजन ____किया__ –अर्थात, "तृप्त हो गए" या कि, "भूखे न रहे।"
30:9 wzlp भरपूर ही भरपूर [30-09] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-30-09.jpg)\n\nइसके बाद __चेलों__ ने बचे हुए भोजन को इकठ्ठा किया जो बारह टोकरियों को भरने के लिए पर्याप्त था! यह सारा भोजन उन पांच रोटी और दो मछली से प्राप्त भोजन था।\n\n## महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश: ##\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:disciple|चेलों]]__\n\n## अनुवाद के लिए नोट्स: ##\n\n* बाइबिल की कहानी - बाइबिल के कुछ संस्करणों में इनका अनुवाद अलग तरह से किया हो सकता है।
31:1 gv16 यीशु की एकांत में प्रार्थना [31-01] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-31-01.jpg)\n\n__यीशु__ ने तब __चेलों__ से कहा कि जबकि वह __भीड़ को विदा कर रहा है__, वे एक नाव में सवार होकर झील की दूसरी ओर चले जाएँ। भीड़ को विदा करने के बाद, यीशु __प्रार्थना__ करने __पहाड़ी की ढाल__ पर चला गया। यीशु वहाँ बिलकुल अकेला था, और उसने देर रात तक प्रार्थना की।\n\n## महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश: ##\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:jesus|यीशु]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:disciple|चेलों]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:pray|प्रार्थना]]__\n\n## अनुवाद के लिए नोट्स: ##\n\n* __भीड़ को विदा कर रहा ____है__ —इस बात को कहने का दूसरा तरीका होगा, : "वह भीड़ को भेज रहा है" या फिर, "उसने भीड़ को अपने घर लौट जाने को कहा।"\n\n* __पहाड़ी की ____ढाल__ –अर्थात, "पहाडी के ढलान पर।"
31:2 ieyx तूफ़ान [31-02] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-31-02.jpg)\n\n__इस बीच__, __चेले__ अब भी नाव पर जा रहे थे, और बीच रात होने तक बस झील के बीच तक ही पहुँच पाए थे। उन्हें __नाव चलाने में__ __बहुत मशक्कत करनी पड़ रही थी__ क्योंकि उलटी दिशा से हवा बहुत ज़ोरों की चल रही थी।\n\n## महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश: ##\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:disciple|चेले ]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:pray|प्रार्थना ]]__\n\n## अनुवाद के लिए नोट्स: ##\n\n* __इस बीच__ –अर्थात, "जिस समय यीशु पहाड़ी पर प्रार्थना कर रहा था।"\n\n* __नाव चलाने में__ –नाव में पाल थी लेकिन तेज़ हवा के चलते वो काम नहीं कर रहा था।\n\n* __बहुत मशक्कत करनी पड़ रही ____थी__ —अर्थात, "बहुत कठिनाई हो रही थी" या फिर, "बहुत जोर लगाना पड़ रहा था।"
31:3 r8n8 यीशु का पानी पर चलना [31-03] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-31-03.jpg)\n\n__प्रार्थना__ कर चुकने के बाद __यीशु__ अपने __चेलों__ के पास चला गया। वह पानी पर चलता हुआ अपने चेलों की नाव की ओर जाने लगा!\n\n## महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश: ##\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:jesus|यीशु]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:disciple|चेलों]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:pray|प्रार्थना ]]__\n\n## अनुवाद के लिए नोट्स: ##\n\n* (अनुवाद के लिए कोई नोट्स नहीं हैं।)
31:4 zjuu चेलों का भयभीत होना [31-04] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-31-04.jpg)\n\n__यीशु__ को देख कर __चेले__ भयभीत हो उठे, क्योंकि उन्हें लगा कि उन्होंने __कोई भूत__ देख लिया है। यीशु जानते थे कि चेले डरे हुए थे, इसलिए उन्होंने उन्हें पुकारा और कहा, "__डरो मत__ । __यह मैं हूँ__!!""\n\n## महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश: ##\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:disciple|चेले ]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:jesus|यीशु ]]__\n\n## अनुवाद के लिए नोट्स: ##\n\n* __कोई भूत__ –अर्थात, "कोई आत्मा।" उन्होंने सोंचा कि यीशु कोई आत्मा है, क्योंकि मनुष्य तो पानी पर नहीं चल सकते हैं।\n\n* __डरो ____मत__ –कुछ भाषाओं में "डरना बंद करो" भी लिखना पड़ सकता है।\n\n* __यह मैं हूँ!__ –कुछ भाषाओं में "मैं हूँ, यीशु" लिखना अधिक सहज लग सकता है।
31:5 q5rv यीशु ने पतरस को बुलाया [31-05] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-31-05.jpg)\n\n__पतरस__ तब __यीशु__ से बोला, "हे __स्वामी__, __यदि यह तू है__, तो मुझे भी पानी पर अपने पास आने को कह।" यीशु ने तब पतरस से कहा, "__आ__!"\n\n## महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश: ##\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:peter|पतरस ]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:jesus|यीशु ]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:lord|स्वामी ]]__\n\n## अनुवाद के लिए नोट्स: ##\n\n* __यदि यह तू है__ –अर्थात, "यदि यह सचमुच में तू ही है, न कि कोई आत्मा।"\n\n* __आ__!–अर्थात, "इधर आ" या फिर, "मेरे पास आ" अथवा, "आ, मेरे पास चला आ।"
31:6 cura पतरस का पानी पर चलना [31-06] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-31-06.jpg)\n\nइस पर __पतरस__ नाव से बाहर निकल कर, पानी पर चलते हुए __यीशु__ की ओर जाने लगा। लेकिन थोड़ी दूर पहुँचने पर पतरस ने __अपनी आँखे यीशु से हटा लीं__, और पानी की लहरें देखने व हवा के जोर को महसूस करने लगा।\n\n## महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश: ##\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:peter|पतरस]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:jesus|यीशु ]]__\n\n## अनुवाद के लिए नोट्स: ##\n\n* __अपनी आँखें यीशु से हटा ____लीं__ –अर्थात, "दूसरी ओर देखने लगा", या फिर "उसे देखना बन्द कर दिया..।"
31:7 immt पतरस डूबने लगा [31-07] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-31-07.jpg)\n\n__पतरस__ डर गया और डूबने लगा। उसने चिल्ला कर पुकारा, "हे __स्वामी__, मुझे __बचा__!" __यीशु__ ने तब हाथ बड़ा कर उसे खींच लिया। फिर वह पतरस से बोला, "__हे कम__ __विश्वास__ __करनेवाले__, __तूने संदेह क्यों किया__?"\n\n## महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश: ##\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:peter|पतरस]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:lord|स्वामी]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:save|बचा]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:jesus|यीशु]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:faith|विश्वास ]]__\n\n## अनुवाद के लिए नोट्स: ##\n\n* __हे कम विश्वास ____करनेवाले__ –इसका अनुवाद करते समय हम लिख सकते हैं, : "तू मुझ पर कितना कम विश्वास रखता है", या फिर, "तूू मुझ पर पूरी तरह विश्वास नहीं रखता।"\n\n* __तूने सन्देह क्यों किया?__ –अर्थात, "तुझे मुझ पर सन्देश नहीं करना चाहिए था," या फिर, "तुझे मच पर पूरा विश्वास रखना चाहिए।" असल में यहाँ कोई प्रश्न नहीं पूछा गया, बल्कि बात पर बल दिया गया है। कई भाषाओं में इसे प्रश्न की तरह न लिख कर एक सरल कथन की तरह लिखना सही रहेगा।
31:8 tdl1 परमेश्वर का बेटा [31-08] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-31-08.jpg)\n\n__पतरस__ व __यीशु__ के नाव में बैठते ही, हवा थम गयी और पानी की लहरें शांत हो गयीं। __चेले__ हैरान हो गए। उन्होंने यीशु की __आराधना की__ और बोले, "__सचमुच__, तू __परमेश्वर का बेटा__ है।"\n\n## महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश: ##\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:peter|पतरस ]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:jesus|यीशु ]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:disciple|चेले ]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:worship|आराधना की ]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:truth|सचमुच ]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:son-of-god|परमेश्वर का बेटा ]]__\n\n## अनुवाद के लिए नोट्स: ##\n\n* __पतरस और यीशु के नाव में बैठते ही, हवा__ ---ऐसा कहना बेहतर होगा कि "यीशु और पतरस नाव में बैठ गए, और तब हवा..।"\n\n* __यीशु की आराधना की__ --इसका अनुवाद ऐसे भी कर सकते हैं,: "झुक कर यीशु की आराधना की।" इन शब्दों में आदर व सम्मान के साथ किसी के आगे झुकने का भाव है।\n\n* __सचमुच, तू परमेश्वर का बेटा ____है__ --या फिर, "तू सचमुच परमेश्वर का बेटा है" या फिर, "यह सच ही है कि तू परमेश्वर का बेटा है।"\n\n* बाइबिल की कहानी - बाइबिल के कुछ संस्करणों में इनका अनुवाद अलग तरह से किया हो सकता है।
32:1 kzm8 गिरासेनियों का देश [32-01] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-32-01.jpg)\n\n__एक दिन__ __यीशु__ और उसके __चेले__ नाव में बैठ कर, झील के पार __गिरासेनियों के देश__ गए।\n\n## महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश: ##\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:jesus|यीशु ]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:disciple|चेले ]]__\n\n## अनुवाद के लिए नोट्स: ##\n\n* __एक दिन__—ये शब्द घटना के होने के सटीक समय का भान नहीं कराते। कई भाषाओं में कहानियों कि शुरुआत अकसर इन्ही शब्दों के साथ की जाती है।\n\n* __गिरासेनियों का देश__ --गिरसेनी लोग गलील की झील के पूर्वी किनारे पर रहते हैं। वे थे तो यहूदियों के वंशज, लेकिन उनके विषय में अधिक जानकारी उपलब्ध नहीं है।
32:2 pabi दुष्टात्माओं से ग्रस्त व्यक्ति [32-02] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-32-02.jpg)\n\nजैसे ही वे गलील की झील के उस ओर उतरे, __दुष्टात्मा से ग्रस्त__ __एक आदमी__ __यीशु__ की ओर __दौड़ा चला ____आया__ ।\n\n## महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश: ##\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:demon-possessed|दुष्टात्मा से ग्रस्त]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:jesus|यीशु ]]__\n\n## अनुवाद के लिए नोट्स: ##\n\n* __दुष्टात्मा से ग्रस्त एक व्यक्ति__ –अर्थात, "एक ऐसा व्यक्ति जिसके भीतर दुष्टात्मा का वास था" या कि, "एक व्यक्ति जो दुष्टात्मा के वश में था।"\n\n* __दौड़ा चला आया__ –अर्थात, "की ओर दौड़ा" या कि, "दौड़ता हुआ उसके आगे आ खड़ा हुआ।"
32:3 vc39 कड़ियों का टूटना [32-03] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-32-03.jpg)\n\nउस व्यक्ति में इतनी ताकत थी कि कोई भी उसे वश में नहीं कर सकता था। यहाँ तक कि लोगों ने __उसके हाथ-पैर कड़ियों से बाँध दिए थे__, लेकिन वह __उन्हें बार-बार तोड़ ____डालता__ ।\n\n## महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश: ##\n\n## अनुवाद के लिए नोट्स: ##\n\n* __उसके हाथ-पैर कड़ियों से बाँध दिए थे__ --अर्थात,"जकड़ दिए थे।"\n\n* __उन्हें बार-बार तोड़ ____डालता__ --कुछ भाषाओं में "उन्हें" के स्थान पर "कड़ियाँ" लिखना ज़रूरी हो सकता है।
32:4 hh27 कब्रों के बीच रहना [32-04] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-32-04.jpg)\n\nवह व्यक्ति उस जगह की __कब्रों__ __के बीच__ रहता था। वह दिन-रात चिल्लाता रहता। वह कोई वस्त्र न पहनता था और स्वयं को पत्थर से बारम्बार काटता रहता।\n\n## महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश: ##\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:tomb|कब्रों]]__\n\n## अनुवाद के लिए नोट्स: ##\n\n* __कब्रों के बीच__ –अर्थात, "कब्रों के आस-पास" अथवा, "कब्रों के पास।"
32:5 rqrc यीशु ने दुष्टात्माओं को निकाला [32-05] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-32-05.jpg)\n\n__यीशु__ के पास पहुँचते ही, वह उसके आगे __घुटनों के बल गिर ____गया__ । यीशु ने __दुष्टात्मा__ से कहा, "इस व्यक्ति से बाहर निकल।"\n\n## महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश: ##\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:jesus|यीशु]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:demon|दुष्टात्मा ]]__\n\n## अनुवाद के लिए नोट्स: ##\n\n* __घुटनों के बल हो गया__ –अर्थात, "तुरंत भूमि पर घुटनों के बल बैठ गया।"
32:6 etch मेरा नाम सेना है [32-06] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-32-06.jpg)\n\n__दुष्टात्मा से ग्रस्त वह व्यक्ति__ जोर से __चिल्लाया__, "हे __परम प्रधान परमेश्वर__ के __बेटे__, __यीशु__, __तू मुझसे क्या चाहता है__? मुझे न सता!" यीशु ने तब दुष्टात्मा से पूछा, "तेरा नाम क्या है?" उसने कहा, "मेरा नाम __सेना__ है, क्योंकि __हम बहुत सारे ____हैं__ ।" (रोमी सेना के कई हज़ार सिपाहियों के दस्ते को सेना कहा जाता था।)\n\n## महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश: ##\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:demon-possessed|दुष्टात्मा से ग्रस्त व्यक्ति ]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:jesus|यीशु ]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:son|बेटे ]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:god|परम प्रधान परमेश्वर ]]__\n\n## अनुवाद के लिए नोट्स: ##\n\n* __चिल्लाया__ –अर्थात, "ऊँँची आवाज़ में बोला" या फिर, "चीखा।"\n\n* __तू मुझसे क्या चाहता ____है__ –अर्थात, "तू मेरे साथ क्या करनेवाला है?"\n\n* __परम प्रधान ____परमेश्वर__ — सर्वोच्च परमेश्वर, या फिर, "परम अधिपति परमेश्वर" या कि, "सबसे महान परमेश्वर।" "उच्च" का अर्थ यहाँ परमेश्वर की महानता को दर्शाता है। यह ऊँचाई या लंबा किया जा रहा है का उल्लेख नहीं है ।\n\n* __सेना__ –यह दुष्टात्माओं से समूह का नाम था, इससे यह भी पता चलता है कि वे संख्या में बहुत सारे थे। इस नाम विशेष का प्रयोग तभी करें जब कोष्ठकों में दिए नोट से पाठक को बात स्पष्ट हो रही है। ऐसा न होने पर आप इसकी जगह "सेना" या,"भीड़" या फिर, "हज़ारों" भी लिख सकते हैं।\n\n* __हम बहुत सारे ____हैं__ –अर्थात, "हम संख्या में बहुत से हैं" या "हम बहुत सारी दुष्टात्माएँ हैं।"
32:7 qw9t सूअरों का झुण्ड [32-07] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-32-07.jpg)\n\n__दुष्टात्माओं__ ने __यीशु__ से __गिड़गिड़ाते हुए विनती की__, "कृपा करों, __हमें__ इस जगह से __बाहर न भेज__!" पास ही पहाडी पर सूअरों का एक झुण्ड चर रहा था। दुष्टात्माओं ने यीशु से विनती करते हुए कहा, "__कृपा__ करके, और __हमें__ __बल्कि__ सूअरों के भीतर __जाने दे__!" यीशु बोला, "__जाओ__!"\n\n## महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश: ##\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:demon|दुष्टात्माओं ]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:beg|गिड़गिड़ाते हुए विनती की]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:jesus|यीशु]]__\n\n## अनुवाद के लिए नोट्स: ##\n\n* __हमें …बाहर न ____भेज__ –अर्थात, "हमें यहाँ से जबरन न निकल।"\n\n* __कृपा, हमें….जाने ____दे__ –अर्थात, "हमें जाने दो।"\n\n* __बल्कि__ –अर्थात, "हमें…पर भेजने की जगह….में भेज।"\n\n* __जाओ__! –इसके अनुवाद में हम "जाओ, सूअरों में घुस जाओ!" या फिर, "तुम सूअरों के भीतर जा सकते हो!" भी लिख सकते हैं।
32:8 n3vj सूअरों का डूबना [32-08] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-32-08.jpg)\n\nउस व्यक्ति के शरीर से निकल कर वे __दुष्टात्माएँ__ सूअरों के भीतर चली गयीं। सूअर तेज़ किनारे से लुड़कते हुए झील में जा गिरे और डूब मरे। __झुण्ड__ में लगभग 2000 सूअर थे।\n\n## महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश: ##\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:demon|दुष्टात्माएँ]]__\n\n## अनुवाद के लिए नोट्स: ##\n\n* __झुण्ड__ -अंग्रेज़ी के सामान कई एसी भाषाओं में भी अलग-अलग जानवरों के झुण्डों के अपने विशिष्ट नाम होते हैं। यदि ऐसा है तो सूअरों के झुण्ड के लिए प्रयोग होनेवाले विशिष्ट शब्दों का प्रयोग करें।
32:9 a7lf व्यक्ति चंगा हो गया [32-09] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-32-09.jpg)\n\nजब सूअरों की देखरेख करनेवालों ने __यीशु__ के __किये कार्य को देखा__, तो वे दौड़ कर नगर में गए और मिलनेवाले हर व्यक्ति को __यीशु__ के किये कार्य के बारे में बताया। __जिस व्यक्ति में दुष्टात्मा हुआ करती थी__, उसे देखने नगर से बहुत से लोग आये। वह आराम से बैठा था, और उसके शरीर पर कपडे भी थे, और उसका बर्ताव सामान्य व्यक्ति जैसा था।\n\n## महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश: ##\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:jesus|यीशु]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:demon|दुष्टात्मा ]]__\n\n## अनुवाद के लिए नोट्स: ##\n\n* __किये कार्य को ____देखा__ --अर्थात, "यीशु द्वारा व्यक्ति के शरीर से दुष्टात्माओं को निकाल कर उन्हें सूअरों में भेजना ।"\n\n* __जिस व्यक्ति में दुष्टात्मा हुआ करती ____थीं__ --अर्थात, "जिसके भीतर दुष्टात्माओं का वास था" या फिर, "जो व्यक्ति बुरी आत्माओं के वश में था।"
32:10 lpm2 यीशु का प्रस्थान [32-10] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-32-10.jpg)\n\nइस बात से __लोग__ बहुत __भयभीत__ हो गए और उन्होंने __यीशु __ को वहाँ से चले जाने को कहा। इसलिए यीशु नाव में बैठ कर __जाने को हुआ__ कि वह व्यक्ति, जिसके दुष्टात्माओं का वास हुआ करता था आया और __यीशु के साथ जाने का आग्रह करने ____लगा__ ।\n\n## महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश: ##\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:jesus|यीशु ]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:beg|आग्रह ]]__\n\n## अनुवाद के लिए नोट्स: ##\n\n* __लोग__ –कुछ भाषाओं में "वहाँ के निवासी" या कि "गिरासेनी लोग" कहने से बात अधिक स्पष्ट लगेगी।\n\n* __भयभीत__ –यहाँ पर "यीशु के किये कार्य से लोग भयभीत हो गए" बेहतर हो सकता है।\n\n* __जाने को हुआ__ –अर्थात, "जाने को तैयार हुआ।"\n\n* __यीशु के साथ जाने का आग्रह करने ____लगा__ –अर्थात, "उसने यीशु से अपने साथ होने की अनुमति मांगी" या फिर, "गिडगिड़ा कर साथ जाने का आग्रह करने लगा।"
32:11 y7xw घर जा [32-11] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-32-11.jpg)\n\nलेकिन __यीशु__ उससे बोला, "नहीं,मैं चाहता हूँ कि तू अपने घर जाए और अपने मित्रों व परिवार के सदस्यों को बताए कि __परमेश्वर__ ने तेरे लिए क्या किया है और __कैसी__ __दया__ __उसने तुझ पर दिखाई है__ ।"\n\n## महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश: ##\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:jesus|यीशु ]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:god|परमेश्वर]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:mercy|दया ]]__\n\n## अनुवाद के लिए नोट्स: ##\n\n* __कैसी दया उसने तुझ पर दिखाई ____है__ –हम यहाँ "कैसी दया उसने तुझ पर की है" या फिर, "उसने तुझ पर दया की है" भी लिख सकते हैं।
32:12 t8qx व्यक्ति की गवाही [32-12] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-32-12.jpg)\n\nइसलिए वह व्यक्ति अपने घर लौट गया, और उसके लिए जो भी __यीशु__ ने किया था, वे बाते हर एक को बताई। __उसकी कहानी सुन कर__ सब लोग __आश्चर्य और विस्मय से भर जाते।__\n\n## महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश: ##\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:jesus|यीशु]]__\n\n## अनुवाद के लिए नोट्स: ##\n\n* __उसकी कहानी सुन कर__ –अर्थात, "व्यक्ति के साथ हुई बातें सुन कर।"\n\n* __आश्चर्य और विस्मय से भर ____जाते__ –असल में आश्चर्य और विस्मय एक ही भाव को प्रकट करते हैं। यहाँ दोनों के एक साथ प्रयोग द्वारा यह व्यक्त करने का प्रयास किया गया है कि लोग कितने अधिक आश्चर्यचकित होते थे। इसे हम ऐसे भी लिख सकते हैं : "उसकी बातें सुन कर लोग पूरी तरह अवाक् रह जाते थे।"
32:13 dr2i बीमार स्त्री [32-13] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-32-13.jpg)\n\n__यीशु__ झील की दूसरी और लौट आया था। वहाँ पहुँचने पर लोगों की एक विशाल भीड़ उसके आस-पास इकट्ठी हो गयी, और चारो तरफ से उसे दबाया। बारह सालों से लहू बहने के रोग से पीड़ित एक स्त्री भी उस भीड़ में थी। __चंगाई__ पाने के लिए वह अपना सारा धन डॉक्टरों पर खर्च कर चुकी थी, लेकिन __उसकी हालत पहले से बदतर हो गयी थी।__\n\n## महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश: ##\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:jesus|यीशु ]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:heal|चंगाई]]__\n\n## अनुवाद के लिए नोट्स: ##\n\n* __उसे दबाया__ —अर्थात, "उसके आसपास जम कर भीड़ लगी थी।"\n\n* __उसकी हालत पहले से बदतर हो गई ____थी__ –अर्थात, "उसकी दशा पहले और अधिक बिगड़ गयी थी" या फिर,"लेकिन ठीक होने की बजाय उसकी हालत और खराब हो गई थी।"
32:14 yz11 स्त्री को चंगाई मिली [32-14] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-32-14.jpg)\n\n__यीशु__ द्वारा लोगों को __चंगाई__ देने की बात उसने सुन रखी थी, इसलिए उसने सोंचा, "मुझे पूरा विश्वास है, यदि मैं यीशु के वस्त्र को बस छू लूं तो ज़रूर चंगी हो जाऊँगी!" इसलिए वह यीशु के पीछे आई और उसके वस्त्र छू लिए। वस्त्र को छूते ही उसके लहू का बहना बंद हो गया!\n\n## महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश: ##\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:jesus|यीशु]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:heal|चंगी]]__\n\n## अनुवाद के लिए नोट्स: ##\n\n* (अनुवाद के लिए कोई नोट्स नहीं हैं।)
32:15 ae7v किसने छुआ? [32-15] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-32-15.jpg)\n\nउसके ऐसा करते ही, __यीशु__ को तुरंत अपने भीतर से चंगाई की __सामर्थ्य__ का निकलना महसूस हुआ। इसलिए, उसने मुड़ कर पूछा, "मुझे किसने छुआ?" __चेलों__ ने कहा, "तेरे आसपास बहुत से लोग तुझ पर उमड़े जा रहे हैं। तो फिर तूने यह क्यों पूछा कि "मुझे किसने छुआ?"\n\n## महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश: ##\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:jesus|यीशु]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:power|सामर्थ्य]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:disciple|चेलों]]__\n\n## अनुवाद के लिए नोट्स: ##\n\n* __भीतर से चंगाई की सामर्थ का ____निकलना__ --या फिर, "कि उसकी सामर्थ से किसी को चंगाई मिली है।" सामर्थ के निकलने से यीशु की सामर्थ समाप्त नहीं हुई थी।\n\n* __तूने यह क्यों पूछा कि "मुझे किसने छुआ?__"--कुछ भाषाओं में इसे परोक्ष रूप से कहना बेहतर होगा। जैसे कि "तू यह क्यों पूछता है कि तुझे किसने छुआ?" या फिर "तू क्यों सोंचता है कि तुझे किसने छुआ?"
32:16 wp76 विश्वास द्वारा चंगाई [32-16] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-32-16.jpg)\n\n__भय से कांपते हुए__ उस स्त्री ने __यीशु__ __के आगे__ __घुटनों के बल गिर ____पड़ी__ । स्त्री ने तब बताया कि उसने यीशु के वस्त्र को छुआ था और उसे चंगाई मिल गयी है। यीशु ने उससे कहा, "__तेरे__ __विश्वास__ __ने तुझे__ __चंगा__ __किया है__ । __शान्ति__ __से जा__ ।"\n\n## महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश: ##\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:jesus|यीशु]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:faith|विश्वास]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:heal|चंगा ]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:peace|शान्ति]]__\n\n## अनुवाद के लिए नोट्स: ##\n\n* __घुटनों के बल गिर पड़ी__ –अर्थात, "तुरंत घुटनों के बल हो गयी।"\n\n* __यीशु के आगे__ –अर्थात, यीशु के सामने।\n\n* __भय से कांपते हुए__ –अर्थात, "भय के कारण कांपते हुए" या फिर, "भयभीत होने के कारण कांपते हुए।"\n\n* __तेरे विश्वास ने तुझे चंगा किया है__ –इसे हम यूँ भी लिख सकते हैं, कि "तेरे विश्वास के कारण तुझे चंगाई मिली है।'\n\n* __शान्ति से ____जा__ –यह एक दूसरे से विदा लेते समय अभिवादन का पारंपरिक तरीका था। कुछ भाषाओं में इसे अलग तरह से भी व्यक्त किया जाता है, जैसे कि "तेरा हित हो" या फिर, "शान्ति हो।" इसे हम ऐसे भी अनुवाद कर सकते हैं, "तुझे पथ में शान्ति मिले" या कि, "शान्ति से जा कि हमारे बीच सब भला है।"\n\n* बाइबिल की कहानी - बाइबिल के कुछ संस्करणों में इनका अनुवाद अलग तरह से किया हो सकता है।
33:1 v8pj यीशु का भीड़ को उपदेश देना [33-01] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-33-01.jpg)\n\n__एक दिन__, झील के किनारे __यीशु__ एक विशाल भीड़ को उपदेश सुना रहा था। उसे सुनने के लिए इतने सारे लोग इकठ्ठा हो गए थे कि अपना उपदेश सुनाने के लिए यीशु नाम पर जा खड़ा हुआ ताकि लोगों के पास बैठ कर सुनने की पर्याप्त जगह हो। वह नाव में बैठ कर लोगों को उपदेश सुनाने लगा।\n\n## महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश: ##\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:jesus|यीशु]]__\n\n## अनुवाद के लिए नोट्स: ##\n\n* __एक दिन__—ये शब्द घटना के होने के सटीक समय का आभास नहीं कराते। कई भाषाओं में कहानियों की शुरुआत अकसर इन्ही शब्दों के साथ की जाती है।
33:2 zzrp पथ पर बीज [33-02] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-33-02.jpg)\n\n__यीशु__ ने यह कहानी सुनाई। "एक किसान बीज बोने निकला। __बीज को हाथों से फैलाते समय__ कुछ बीज मार्ग पर गिर गए, और चिड़ियों ने आकर उन्हें चुग लिया।"\n\n## महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश: ##\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:jesus|यीशु]]__\n\n## अनुवाद के लिए नोट्स: ##\n\n* __हाथों से बीज फैलाते समय __ –अर्थात, "भूमि पर बीज बोते समय" या कि, "अपने खेत पर बीज बिखेरते समय।"
33:3 x8v9 पत्थर पर गिरे बीज [33-03] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-33-03.jpg)\n\n"कुछ दूसरे बीज पथरीली भूमि पर गिर गए, जहाँँ मिट्टी बहुत कम थी। __पथरीली भूमि__ पर गिरे बीज अंकुरित तो हुए, लेकिन उनकी जड़ें गहराई तक न पहुँच सकीं। इसलिए, जब सूरज निकला और गर्मी पड़ी, तो वे सारे पौधे सूख कर झड़ गए।"\n\n## महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश: ##\n\n## अनुवाद के लिए नोट्स: ##\n\n* (यीशु अपनी कहानी आगे बढ़ाते हैं।)\n\n* __पथरीली ____भूमि__ –अर्थात, "कंकड़, पत्थरों से भरी भूमि।"
33:4 dqwz काँँटो में गिरे बीज [33-04] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-33-04.jpg)\n\n"फिर और भी कुछ बीज थे जो झाड़ियों में गिरे थे। वे समय के साथ-साथ बढ़ने लगे, लेकिन कंटीली झाड़ियों ने उन्हें दबा दिया। इसलिए, इस झाड़ी-झंकारवाली भूमि पर उगनेवाले बीजों से बहुत ही कम अन्न उपजा।"\n\n## महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश: ##\n\n## अनुवाद के लिए नोट्स: ##\n\n* (यीशु अपनी कहानी आगे बढाते हैं।)\n\n* __झाड़ियों__अर्थात, "काँँटेदार पौधे" या, "काँँटेदार झाड़ियाँ।"\n\n* __उन्हें दबा ____दिया__ --यहाँ पर हम "उन्हें घेर लिया" या फिर "उनकी चारो तरफ से उग आई" भी लिख सकते हैं।\n\n* __झाड़ी__- झंकारवाली भूमि--अर्थात, "कंटीली झाड़ियों से भरी भूमि।"
33:5 u5qx अच्छी भूमि पर गिरे बीज [33-05] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-33-05.jpg)\n\n"फिर कुछ ऐसे बीज भी थे जो __अच्छी__ भूमि पर गिरे। इन बीजों से 30, 60, से लेकर 100 गुना तक पैदावार हुई। __जिसके कान हों वे सुन लें__!"\n\n## महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश: ##\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:good|अच्छी]]__\n\n## अनुवाद के लिए नोट्स: ##\n\n* (यीशु अपनी कहानी आगे बढाते हैं।)\n\n* __अच्छी भूमि__ -अर्थात, "उपजाऊ भूमि" या कि "पेड़-पौधे लगाने के लिए बढ़िया भूमि।\n\n* __जिसके कान हों वो सुन ले__! –यहाँ पर कहने का आशय है कि "जो भी मेरी बात सुन रहा है, वो इस पर पूरा ध्यान दे" या फिर,"मेरी बातों को सुननेवाला हर व्यक्ति, मेरी कही बातों के अर्थ पर ध्यान दे।" इसे एक आदेश की तरह भी लिखा जा सकता है। "क्योंकि तुम्हारे पास सुनने के लिए कान हैं, इसलिए ध्यान लगा कर मेरी बातें सुनो।"
33:6 vdcw वचन वे बीज हैं [33-06] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-33-06.jpg)\n\n__चेले__ __इस कहानी का अर्थ नहीं जान ____सके__ । इसलिए __यीशु__ ने उन्हें समझाते हुए कहा, "वे बीज, __परमेश्वर का वचन__ हैं। मार्ग __एक ऐसा व्यक्ति__ है जो परमेश्वर के वचन को सुनाता तो है लेकिन उसे गहराई से समझ नहीं पाता, इसलिए __उसके वे वचन शैतान ले जाता है__ ।\n\n## महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश: ##\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:disciple|चेले]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:jesus|यीशु]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:word-of-god|परमेश्वर का वचन]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:satan|शैतान]]__\n\n## अनुवाद के लिए नोट्स: ##\n\n* __चेले इस कहानी को समझ नहीं पाए__ –अर्थात, "वे इस कहानी का अर्थ नहीं समझ पाए।"\n\n* __एक व्यक्ति__ –यहाँ पर तुलना का भाव पैदा करते हुए "एक ऐसे व्यक्ति के समान है जो…." या फिर, "का आशय एक ऐसे व्यक्ति से है", अथवा, "एक ऐसे व्यक्ति के बारे मैं हैं" भी लिख सकते हैं।\n\n* __उसके वे वचन शैतान ले जाता है__ —इसको हम कुछ इस तरह भी लिख सकते हैं, : "शैतान परमेश्वर का वचन उससे ले जाता है, और व्यक्ति उन्हें भूल जाता है" या फिर, "उसके मन से उन वचनों को चुरा लेता है ताकि वह उन पर विश्वास करके उद्धार न पा सके। अनुवाद करते समय आप यह अतिरिक्त पंक्ति भी लिख सकते हैं,:"जिस प्रकार चिड़ियाँ मार्ग के बीज चुग जाती हैं, उसी प्रकार….।"
33:7 shmo सताव व कठिनाइयाँँ [33-07] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-33-07.jpg)\n\n"__पथरीली भूमि__ __एक ऐसा व्यक्ति__ है जो __परमेश्वर के वचन__ को सुनाता व पूरे __आनंद__ __के साथ उन्हें ग्रहण भी करता है__ । लेकिन कठिनाइयां व __सताव__ आने पर, उसका __विश्वास टूट जाता है__ ।"\n\n## महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश: ##\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:word-of-god|परमेश्वर का वचन ]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:joy|आनन्द]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:persecute|सताव ]]__\n\n## अनुवाद के लिए नोट्स: ##\n\n* (यीशु अपनी कहानी आगे बढ़ाते हैं।)\n\n* __पथरीली भूमि__ - अर्थात, “कंकड़, पत्थरों से भरी भूमि। __[[:hi:obs:notes:frames:33-03|[33-03]]]__.\n\n* __एक व्यक्ति__ - यहाँ पर तुलना का भाव पैदा करते हुए “एक ऐसे व्यक्ति के समान है जो….” या फिर, “का आशय एक ऐसे व्यक्ति से है”, अथवा, “एक ऐसे व्यक्ति के बारे मैं हैं” भी लिख सकते हैं। __[[:hi:obs:notes:frames:33-06|[33-06]]]__.\n\n* __आनंद के साथ उन्हें ग्रहण भी करता ____है__ –अर्थात, "आनंद के साथ उन पर विश्वास करता है" या फिर, "आनंद के साथ उनकी सच्चाई पर विश्वास करता है।"\n\n* __विश्वास टूट जाता ____है__ –अर्थात, "परमेश्वर का अनुकरण या आज्ञापालन नहीं करता" या फिर,"परमेश्वर का अनुकरण अथवा पालन करना छोड़ देता है।"
33:8 oakf धन-संपत्ति की इच्छा [33-08] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-33-08.jpg)\n\n"__कंटीली झाड़ियों वाली भूमि__ __एक ऐसा व्यक्ति__ है जो __परमेश्वर का वचन__ सुनता तो है, लेकिन समय के बीतने के साथ __चिंताएँँ__,__धन__-संपत्ति और __जीवन के सुख-विलास__ __परमेश्वर__ के प्रति उसके __प्रेम__ को __दबा देता है__ । परिणामस्वरूप,उसके सुने उपदेशों से __कोई लाभ नहीं ____होता__ ।"\n\n## महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश: ##\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:word-of-god|परमेश्वर का वचन]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:love|प्रेम]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:god|परमेश्वर]]__\n\n## अनुवाद के लिए नोट्स: ##\n\n* (यीशु अपनी कहानी आगे बढ़ाते हैं।)\n\n* __कंटीली झाड़ियों वाली भूमि__ - झंकारवाली भूमि–अर्थात, “कंटीली झाड़ियों से भरी भूमि।”__[[:hi:obs:notes:frames:33-04|[33-04]]]__\n\n* __एक व्यक्ति__ –यहाँ पर तुलना का भाव पैदा करते हुए “एक ऐसे व्यक्ति के समान है जो….” या फिर, “का आशय एक ऐसे व्यक्ति से है”, अथवा, “एक ऐसे व्यक्ति के बारे मैं हैं” भी लिख सकते हैं। __[[:hi:obs:notes:frames:33-06|[33-06]]]__.\n\n* __चिंताएँ__अर्थात, "प्रयोजन" या, "ज़रूरतें" अथवा, "समस्याएँ।"\n\n* __धन__ - अर्थात, "धन के लिए इच्छा |"\n\n* __जीवन के ____सुख-विलास__ –इसका अनुवाद करते समय हम "सुख-विलास प्राप्ति की चीज़ें" या फिर, "सुख-विलास की चीज़ों के पीछे भागने" भी लिख सकते हैं।\n\n* __दबा देता ____है__ –अर्थ, "कुचल दालान" या, "नष्ट करना" या, "वशीभूत करना" भी लिख सकते हैं।\n\n* __कोई लाभ नहीं ____होता__ –अर्थात, "कोई आत्मिक फल नहीं होते" या फिर, "ऐसा बर्ताव करता है जो दर्शाता है कि परमेश्वर का आत्मा उसके भीतर काम नहीं कर रहा है।"
33:9 m35z आत्मिक फल [33-09] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-33-09.jpg)\n\n"लेकिन __अच्छी भूमि__ __एक ऐसा व्यक्ति__ है जो __परमेश्वर का वचन__ सुनता है, उस पर __विश्वास करता है__, और __फल लाता है__ ।"\n\n## महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश: ##\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:good|अच्छी]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:word-of-god|परमेश्वर का वचन]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:believe|विश्वास करता है]]__\n\n## अनुवाद के लिए नोट्स: ##\n\n* (यीशु अपनी कहानी आगे बढाते हैं।)\n\n* __अच्छी भूमि__ - अर्थात, “उपजाऊ भूमि” या कि “पेड़-पौधे लगाने के लिए बढ़िया भूमि। __[[:hi:obs:notes:frames:33-05|[33-05]]]__.\n\n* __एक व्यक्ति__ - यहाँ पर तुलना का भाव पैदा करते हुए “एक ऐसे व्यक्ति के समान है जो….” या फिर, “का आशय एक ऐसे व्यक्ति से है”, अथवा, “एक ऐसे व्यक्ति के बारे मैं हैं” भी लिख सकते हैं। __[[:hi:obs:notes:frames:33-06|[33-06]]]__.\n\n* __फल लाता है__ - अर्थात, “कोई आत्मिक फल नहीं होते” या फिर, “ऐसा बर्ताव करता है जो दर्शाता है कि परमेश्वर का आत्मा उसके भीतर काम नहीं कर रहा है।” __[[:hi:obs:notes:frames:33-08|[33-08]]]__.\n\n* बाइबिल की कहानी - बाइबिल के कुछ संस्करणों में इनका अनुवाद अलग तरह से किया हो सकता है।
34:1 phz1 राई का दाना [34-01] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-34-01.jpg)\n\nपरमेश्वर के राज्य से जुडी बहुत सी __कहानियाँँ__ __यीशु__ ने सुनाई। उदाहरण के लिए, उसने कहा था कि, "__परमेश्वर का राज्य__ राई के दाने के समान है जिसे किसी ने भूमि पर बो दिया। तुम्हे पता है कि राई का दाना __सबसे छोटा बीज__ होता है।"\n\n## महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश: ##\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:jesus|यीशु]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:kingdom-of-god|परमेश्वर का राज्य]]__\n\n## अनुवाद के लिए नोट्स: ##\n\n* __कहानियाँ__इन कहानियों के द्वारा यीशु ने परमेश्वर के राज्य की सच्चाइयों के बारे में लोगों को सिखाया। यह स्पष्ट नहीं ही कि ये असल में घटित भी हुई थी या नहीं। यदि आपकी भाषा में कोई ऐसा शब्द है जो वास्तविक तथा काल्पनिक, दोनों प्रकार की कहानियों के लिए प्रयुक्त होता है, तो अवश्य ही उसी शब्द का प्रयोग करें। यदि आपकी भाषा में राई के लिए कोई शब्द हो तो उसका प्रयोग करें, नहीं तो आप राई जैसे किसी दूसरे पौधे का नाम भी लिख सकते हैं।\n\n* __सबसे छोटा ____बीज__ –अर्थात, "खेती के लिए प्रयोग होनेवाले पौधों में सबसे छोटा बीज।"
34:2 pkuw विशाल पेड़ [34-02] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-34-02.jpg)\n\n"लेकिन __पौधा बनने पर__ यह __बगीचे का सबसे बड़ा पौधा__ बन जाता है, इतना बड़ा कि चिड़िया आकर उसकी शाखों पर __विश्राम भी करती ____हैं__ ।"\n\n## महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश: ##\n\n## अनुवाद के लिए नोट्स: ##\n\n* (यीशु अपनी कहानी आगे बढ़ाते हैं।)\n\n* __राई का दाना__ - यदि आपकी भाषा में राई के लिए कोई शब्द हो तो उसका प्रयोग करें, नहीं तो आप राई जैसे किसी दूसरे पौधे का नाम भी लिख सकते हैं। __[[:hi:obs:notes:frames:34-01|[34-01]]]__.\n\n* __पौधा बनने पर__ --अर्थात, "बीज के पौधा बनने पर।"\n\n* __बगीचे का...पौधा__ --अर्थात, "बगीचे में उगाये गए पौधों में।"\n\n* __विश्राम करती हैं__ --इसे "बैठती हैं" भी कह सकते हैं।
34:3 lrpp खमीर [34-03] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-34-03.jpg)\n\n__यीशु__ ने एक और __कहानी__ सुनाई, "__परमेश्वर का राज्य__ एक __खमीर__ के समान है जिसे एक स्त्री ने __रोटी के आटे__ में मिला दिया और धीरे-धीरे वह __सारे आटे में फैल ____गया__ ।"\n\n## महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश: ##\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:jesus|यीशु]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:kingdom-of-god|परमेश्वर का राज्य]]__\n\n## अनुवाद के लिए नोट्स: ##\n\n* __कहानी__ - इन कहानियों के द्वारा यीशु ने परमेश्वर के राज्य की सच्चाइयों के बारे में लोगों को सिखाया। यह स्पष्ट नहीं ही कि ये असल में घटित भी हुई थी या नहीं। यदि आपकी भाषा में कोई ऐसा शब्द है जो वास्तविक तथा काल्पनिक, दोनों प्रकार की कहानियों के लिए प्रयुक्त होता है, तो अवश्य ही उसी शब्द का प्रयोग करें। __[[:hi:obs:notes:frames:34-01|[34-01]]]__.\n\n* __खमीर__ –आटे को फुलाने के लिए इसे आटे में डाला जाता है। आटे की बड़ी मात्रा में थोडा सा खमीर मिलाने पर यह पूरे आटे में फैल कर उसे फुला देता है।\n\n* __रोटी का आटा__ –सूखे आटे को तरल पदार्थ के साथ मिला कर उसे गूंध कर उसे रोटी के आकार में बेल कर सेंका जाता है। यदि आपकी भाषा में आटे या गूंधे हुए आटे जैसे शब्द न हो, तो आप किसी दूसरी प्रचलित भाषा के शब्द का प्रयोग कर लें, या फिर "पीसे हुए अन्न के दानों का चूर्ण" लिख लें।\n\n* __पूरे आटे में फैल कर__ –अर्थात, "पूरे आटे में खमीर फैल जाता है।"
34:4 cwsx भूमि में खज़ाना [34-04] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-34-04.jpg)\n\n"__परमेश्वर का राज्य __ एक ऐसे खजाने के समान भी है जिसे किसी ने भूमि में गाड़ कर छिपा दिया। किसी और व्यक्ति को यह __खजाना__ मिला और उसने __फिर से उसे भूमि में गाड़ ____दिया__ । उसे इतना __आनन्द__ __हुआ__ कि उसने अपना सब कुछ बेच दिया और इस धन से वह __भूमि खरीद ली__ ।"\n\n## महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश: ##\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:kingdom-of-god|परमेश्वर का राज्य]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:joy|आनन्द]]__\n\n## अनुवाद के लिए नोट्स: ##\n\n* (यीशु अपनी कहानी आगे बढ़ाते हैं।)\n\n* __खजाना__ –अर्थात, "बहुमूल्य चीज़ें।"\n\n* __फिर भूमि में गाड़ दिया__ –यहाँ पर हम "…ताकि वह किसी और को न मिल जाए" भी जोड़ सकते हैं।\n\n* __आनंद हुआ__ –अर्थात, "बहुत खुश" या "बहुत उत्साहित।"\n\n* __भूमि खरीद ____ली__ –कुछ लोग इसके बाद "…ताकि वह खज़ाना उसका हो जाए" भी जोड़ना चाह सकते हैं।
34:5 l99e बहुमूल्य मोती [34-05] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-34-05.jpg)\n\n"__परमेश्वर का राज्य__ एक __बहुमूल्य, मोती__ के समान है। जब एक __मोती के व्यापारी__ को वह मिला, तो उसने अपना सारा सामान बेचा, और उस धन से वह __मोती__ खरीद लिया।"\n\n## महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश: ##\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:kingdom-of-god|परमेश्वर का राज्य]]__\n\n## अनुवाद के लिए नोट्स: ##\n\n* (यीशु अपनी कहानी आगे बढाते हैं।)\n\n* __बहुमूल्य मोती__ –अर्थात, "बिलकुल खरा मोती।"\n\n* __मोती__ --यदि मोती के बारे में लोग न जानते हों तो आप "बहुमूल्य रत्न" भी लिख सकते हैं।\n\n* __बहुमूल्य__ --अर्थात, "बेशकीमती" अथवा "जिसकी कीमत बहुत अधिक हो।"\n\n* __मोती का व्यापारी__ --अर्थात, "मोती का सौदागर" या कि, "मोती की खरीद-फरोख्त करनेवाला।"
34:6 rkth मन्दिर में दो लोग [34-06] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-34-06.jpg)\n\n__यीशु__ ने तब कुछ ऐसे लोगों को एक __कहानी__ सुनाई जिन्हें __अपने भले कामों पर बहुत__ __भरोसा था__ और __दूसरों को धिक्कार की दृष्टि से देखते थे।__ उसने कहा, "__मंदिर__ में __प्रार्थना__ के लिए दो लोग जाते हैं। उनमें से एक __महसूल लेनेवाला__ व्यक्ति था और दूसरा एक __धार्मिक ____अगुआ__ ।"\n\n## महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश: ##\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:jesus|यीशु ]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:trust|भरोसा था]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:temple|मन्दिर]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:pray|प्रार्थना ]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:tax-collector|महसूल लेनेवाला ]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:jewish-leaders|धार्मिक अगुआ ]]__\n\n## अनुवाद के लिए नोट्स: ##\n\n* __कहानी__ –इन कहानियों के द्वारा यीशु ने परमेश्वर के राज्य की सच्चाइयों के बारे में लोगों को सिखाया। यह स्पष्ट नहीं ही कि ये असल में घटित भी हुई थी या नहीं। यदि आपकी भाषा में कोई ऐसा शब्द है जो वास्तविक तथा काल्पनिक, दोनों प्रकार की कहानियों के लिए प्रयुक्त होता है, तो अवश्य ही उसी शब्द का प्रयोग करें। __[[34-01](https://door43.org/en/obs/notes/frames/34-01)]__.\n\n* __अपने भले कामों पर बहुत भरोसा ____था__ –अर्थात, "उन्हें लगता था कि उनके भले कामों ने उन्हें धर्मी बना दिया है" या फिर, "उन्हें विश्वास था कि उनके भले कामों के कारण परमेश्वर उनसे प्रसन्न था।"\n\n* __दूसरों को धिक्कार की दृष्टि से देखते ____थे__ –अर्थात, "दूसरो को अपने से नीचा समझते थे।"
34:7 hu6f धार्मिक अगुवे की प्रार्थना [34-07] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-34-07.jpg)\n\n"__धार्मिक अगुवे__ __ने कुछ इस तरह से प्रार्थना की__, "हे __परमेश्वर__, तेरा धन्यवाद कि मैं डकैतों, __अधर्मियों__, __व्यभिचारियों__, और __महसूल लेनेवालों__ के जैसा __पापी__ नहीं हूँ।"\n\n## महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश: ##\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:jewish-leaders|धार्मिक अगुवे ]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:god|परमेश्वर ]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:sin|पापी ]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:adultery|व्यभिचारी]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:tax-collector|महसूल लेनेवाला ]]__\n\n## अनुवाद के लिए नोट्स: ##\n\n* (यीशु अपनी कहानी आगे बढाते हैं।)\n\n* __धार्मिक अगुवे ने कुछ इस तरह से प्रार्थना की__ --इसे कहने की दूसरी रीति यूँ भी हो सकती है, "धार्मिक अगुवे ने इस प्रकार प्रार्थना की" या फिर, "धार्मिक अगुवे ने इस रीती से प्रार्थना की।" --इसे कहने की दूसरी रीति यूँ भी हो सकती है, "धार्मिक अगुवे ने इस प्रकार प्रार्थना की" या फिर, "धार्मिक अगुवे ने इस रीती से प्रार्थना की।"\n\n* __मैं......के जैसा पापी ____नहीं__ --अर्थात, "कि मैं धर्मी हूँ, न की.....के जैसा पापी।"\n\n* __अधर्मी__ --अर्थात, "वे लोग जिनमे धार्मिकता नहीं होती" या फिर, "बुरे काम करनेवाले लोग" या कि "अपराधी लोग।'"
34:8 tdfm मैं भला हूँ [34-08] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-34-08.jpg)\n\n"जैसे कि, मैं सप्ताह में दो दिन __उपवास__ __करता हूँ__ और प्राप्त होनेवाले धन व संपत्ति का __दशमांश__ तुझे देता हूँ।"\n\n## महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश: ##\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:fast|उपवास]]__\n\n## अनुवाद के लिए नोट्स: ##\n\n* (यीशु अपनी कहानी आगे बढाते हैं।)\n\n* __मैं …उपवास करता हूँ__ –धार्मिक अगुवे को लगता था कि ऐसा करने से उसे परमेश्वर का अनुग्रह मिलता है।\n\n* __दशमांश__ —अर्थात, "दसवां भाग।"
34:9 ippp महसूल लेनेवाले की प्रार्थना [34-09] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-34-09.jpg)\n\n"लेकिन __महसूल लेनेवाला__ उस __धार्मिक अगुवे__ से बहुत __दूर जाकर खड़ा हो गया__, और अपने सिर को ऊपर उठा कर __स्वर्ग की ओर__ __तक न ____देखा__ । बजाय ऐसा करने के __उसने अपनी छाती पर मुक्के मारे__ और __प्रार्थना में बोला__, "हे __परमेश्वर__, मुझ पर __दया कर__ क्योंकि मैं एक __पापी__ हूँ।"\n\n## महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश: ##\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:tax-collector|महसूल लेनेवाला ]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:jewish-leaders|धार्मिक अगुवा ]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:heaven|स्वर्ग की ओर]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:pray|प्रार्थना में बोला ]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:god|परमेश्वर ]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:mercy|दया कर ]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:sin|पापी ]]__\n\n## अनुवाद के लिए नोट्स: ##\n\n* (यीशु अपनी कहानी आगे बढ़ाते हैं।)\n\n* __दूर जाकर खड़ा हो गया__ –इसे हम "दूरी पर खड़ा हो गया" या कि "अलग से जाकर खड़ा हो गया" भी लिख सकते हैं।\n\n* __स्वर्ग की ओर तक न देखा__ "तक" शब्द यह व्यक्त करता है कि प्रार्थना करते समय लोग अकसर परमेश्वर की और देखते थे, लेकिन यह व्यक्ति अपने पापों के कारण इतना लज्जित महसूस कर रहा था कि उसने अपनी गर्दन तक नहीं उठाई।\n\n* __उसने अपनी छाती पर मुक्के ____मारे__ –अनुवाद करते समय हम इस बात को ऐसे भी लिख सकते हैं कि "अपने दुःख के कारण उसने अपनी छाती पर मुक्के मारे" या फिर, "दुखी होकर उसने अपनी छाती पर मुक्के मारे ।"
34:10 iewa घमंडियों को दीन बनाया जाएगा [34-10] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-34-10.jpg)\n\n__यीशु__ तब बोला, "मैं तुमसे __सच__ कहता हूँ, __परमेश्वर__ ने उस __महसूल लेनेवाले__ की __प्रार्थना__ सूनी और __उसे__ __धर्मी__ __ठहराया__ है। लेकिन उस __धार्मिक अगुवे__ की प्रार्थना से वह बिलकुल प्रसन्न नहीं था। परमेश्वर हर __दम्भी__ को __दीन__ बनाएगा, और जो भी __स्वयं को__ __दीन बनाएगा__, परमेश्वर उसे __ऊँँचा ____उठाएगा__ ।"\n\n## महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश: ##\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:jesus|यीशु]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:truth|सच]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:god|परमेश्वर]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:tax-collector|महसूल लेनेवाले]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:pray|प्रार्थना ]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:righteous|धर्मी]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:jewish-leaders|धार्मिक अगुवे]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:humble|दीन]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:proud|दम्भी ]]__\n\n## अनुवाद के लिए नोट्स: ##\n\n* __उसे धर्मी ____ठहराया__ –अर्थात, "उसे एक धर्मी व्यक्ति जाना।" हालाकिं महसूल लेनेवाला पापी था, लेकिन उसकी दीनता के कारण परमेश्वर ने उस पर दया की।\n\n* __दीन बनाएगा__ –इस हम "निचला स्थान देगा" या फिर, "उसके महत्त्व को समाप्त कर देगा" भी लिख सकते हैं। यहाँ अलंकृत भाषा का प्रयोग करते हुए "सिर नीचा करेगा" भी लिख सकते हैं।\n\n* __ऊँँचा ____करेगा__ –अर्थात, "ऊँचे स्थान पर बैठाएगा" या फिर, "आदर का स्थान देगा।"\n\n* __स्वयं को दीन बनाता ____है__ —अर्थात, "दीनता के साथ बर्ताव करने का चुनाव करता है" या फिर, "स्वयं को दूसरों से कर आंकता है।"\n\n* बाइबिल की कहानी - बाइबिल के कुछ संस्करणों में इनका अनुवाद अलग तरह से किया हो सकता है।
35:1 vriv पापियों को यीशु का उपदेश [35-01] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-35-01.jpg)\n\n__एक दिन__, __यीशु__ __महसूल लेनेवालों__ और दुसरे कई __पापियों__ को उपदेश सुना रहा था जो उसे सुनने के लिए वहाँ पर जमा थे।\n\n## महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश: ##\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:jesus|यीशु]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:tax-collector|महसूल लेनेवालों]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:sin|पापियों]]__\n\n## अनुवाद के लिए नोट्स: ##\n\n* __एक दिन__—ये शब्द घटना के होने के सटीक समय का भान नहीं कराते।\n\n* __महसूल ____लेनेवालों__ –महसूल लेनेवालों को सबसे बुरे पापियों में गिना जाता था, क्योंकि वे सरकार द्वारा तय दर से अधिक दर पर लोगों से महसूल लेकर, बीच के धन की चोरी कर लेते थे।
35:2 ju74 धार्मिक अगुवों का कुड़कुड़ाना [35-02] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-35-02.jpg)\n\nवहाँ कुछ यहूदी __धार्मिक अगुवे__ भी उपस्थित थे, उन्होंने जब __यीशु__ को उन __पापियों__ के साथ दोस्तों सा बर्ताव करते देखा, तो उसकी निंदा करने लगे। इस पर यीशु ने उन्हें यह __कहानी__ सुनाई।\n\n## महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश: ##\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:jewish-leaders|धार्मिक अगुवे]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:jesus|यीशु]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:sin|पापियों]]__\n\n## अनुवाद के लिए नोट्स: ##\n\n* __कहानी__ –इन कहानी के द्वारा यीशु ने लोगों को परमेश्वर के राज्य की सच्चाइयों के बारे में सिखाया। यह स्पष्ट नहीं ही कि ये असल में घटित भी हुई थी या नहीं। यदि आपकी भाषा में कोई ऐसा शब्द है जो वास्तविक तथा काल्पनिक, दोनों प्रकार की कहानियों के लिए प्रयुक्त होता है, तो अवश्य ही उसी शब्द का प्रयोग करें।
35:3 tpfz दो बेटे [35-03] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-35-03.jpg)\n\n"एक व्यक्ति दे दो __बेटे__ थे। छोटे बेटे ने अपने पिता से कहा, "पिताजी, मुझे __अपने हिस्से की__ __विरासत__ अभी चाहिए!" इस पर पिता ने अपनी __संपत्ति__ के दो हिस्से किये और दोनों बेटों में बाँट दिया।"\n\n## महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश: ##\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:son|बेटे]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:inherit|विरासत ]]__\n\n## अनुवाद के लिए नोट्स: ##\n\n* (यीशु अपनी कहानी आगे बढ़ाते हैं।)\n\n* __अपने हिस्से की विरासत__ –इसे हम ऐसे भी लिख सकते हैं, : "पिताजी, संपत्ति का जो हिस्सा आपके मरने पर मुझे मिलेगा, मुझे वह हिस्सा अभी चाहिए।"\n\n* __संपत्ति__ –अर्थात, "धन-दौलत"। इस संपत्ति में संभवतः भूमि, जानवर, और धन शामिल था।
35:4 stzx छोटा बेटा [35-04] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-35-04.jpg)\n\n"जल्द ही छोटे बेटे ने अपना हिस्सा बटोरा और दूर कहीं जा बसा, जहाँ पर उसने अपना हिस्सा __अधर्म के सब कामों__ को करने में __गवां ____डाला__ ।"\n\n## महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश: ##\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:sin|अधर्म के कामो]]__\n\n## अनुवाद के लिए नोट्स: ##\n\n* (यीशु अपनी कहानी आगे बढ़ाते हैं।)\n\n* __गवां दिया__ –अर्थात, "बेकार के कामों पर पैसा नष्ट किया।" कुछ भाषाओं में इसे "पैसे फूँक दिए" या "उड़ा दिए" भी लिख सकते हैं।\n\n* __अधर्म के ____कामो__ –अर्थात, "बुरे कामों में।"
35:5 dbqx अकाल [35-05] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-35-05.jpg)\n\n"इसके बाद, उस जगह पर __भयंकर अकाल पड़ा__ और उसके पास __भोजन खरीदने के लिए भी धन शेष न ____रहा__ । इसलिए उसे केवल __सूअरों को चारा खिलाने__ का __काम__ मिल सका। वह इतना दुखी और भूखा था कि वह सूअरों का भोजन ही खा जाना चाहता था।\n\n## महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश: ##\n\n## अनुवाद के लिए नोट्स: ##\n\n* (यीशु अपनी कहानी आगे बढ़ाते हैं।)\n\n* __एक भयंकर अकाल पड़ा__ --अर्थात, "भोजन की भयंकर कमी हो गई।"\n\n* __भोजन खरीदने के लिए भी कोई धन शेष न ____था__ --वह अपने पैसे पहले ही उड़ा चूका था, और ऐसे में अकाल के कारण भोजन बहुत महंगा हो गया था।\n\n* __काम __ --अर्थात, "नौकरी।" अधिक स्पष्टता लाने के लिये कथन की शुरुआत आप ऐसे भी कर सकते हैं, "धन कमाने के लिए उसने......का काम पकड़ लिया।"\n\n* __सूअरों को चारा ____खिलाने__ --अर्थात, "सूअरों को खाना खिलाने" का काम। उस समय के समाज ये सबसे निचले दर्जे का काम समझा जाता था। यदि आपकी भाषा में इस काम के लिए कोई विशिष्ट शब्द हो, तो उसी का प्रयोग करें।
35:6 pxji बेटे का पश्चाताप [35-06] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-35-06.jpg)\n\n"छोटा बेटा हार मान कर स्वयं से कहता है, "__यह मैं क्या कर रहा हूँ?__ मेरे पिता के सारे __सेवकों__ के पास भी खाने को बहुत सा भोजन है, और मैं यहाँ भूख से मर रहा हूँ। मैं अपने पिता के पास लौट कर उनसे विनती करूँँगा कि वह मुझे अपना सेवक के समान ही रख लें।"\n\n## महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश: ##\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:servant|सेवकों]]__\n\n## अनुवाद के लिए नोट्स: ##\n\n* (यीशु अपनी कहानी आगे बढ़ाते हैं।)\n\n* __यह मैं क्या कर रहा हूँ?__ –अर्थात, "मैं ऐसा जीवन क्यों जी रहा हूँ?" या फिर, "मुझे ऐसी दशा में नहीं रहना चाहिए!" या फिर, "इस तरह जीवन बिताने का कोई तुक ही नहीं बनता।" बेटा असल में यहाँ कोई प्रश्न नहीं पूछ रहा है। कुछ भाषाओँ में इसे एक सपाट कथन के रूप में लिखना बेहतर रहेगा।
35:7 j13n पिता द्वारा स्वागत [35-07] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-35-07.jpg)\n\n“"इसलिए छोटा __बेटा__ अपने पिता के घर की तरफ वापिस चल दिया। __अभी वह दूर ही था__ कि उसके पिता ने उसे आते देख लिया और उसकी दशा पर उसे बहुत __दया आई__ । वह दौड़ कर अपने बेटे की ओर लपका और उसे गले से चिपटा कर बहुत चूमा।"\n\n## महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश: ##\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:son|बेटा]]__\n\n## अनुवाद के लिए नोट्स: ##\n\n* (यीशु अपनी कहानी आगे बढ़ाते हैं।)\n\n* __अभी दूर ही था __ –इसका अनुवाद करते समय हम ऐसे भी लिख सकते हैं: "उसे अपने पिता का घर दिखाई देने लगा था जो अब भी दूर ही था कि…।"वह बेटा अपने पिता के घर के पास तो पहुँच गया था लेकिन अब भी इतना दूर था कि घर के बाकी लोग उसे आते देख न सके। यह बात अवश्य स्पष्ट करें कि वह अब भी किसी दुसरे देश में नहीं था।\n\n* __दया आई__ –अर्थात, "गहरे प्रेम और करुणा का भाव पैदा हुआ।"
35:8 oc3d मैंने पाप किया है [35-08] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-35-08.jpg)\n\n"__बेटा__ बोला, "हे पिता, मैंने __परमेश्वर__ __और आपके विरुद्ध__ __पाप किया है__ । मैं तेरा बेटा होने __योग्य नहीं हूँ।__"\n\n## महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश: ##\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:son|बेटा]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:sin|पाप किया है]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:god|परमेश्वर]]__\n\n## अनुवाद के लिए नोट्स: ##\n\n* (यीशु अपनी कहानी आगे बढ़ाते हैं।)\n\n* __परमेश्वर और आपके विरुद्ध पाप किया ____है__इसे हम यूँ भी लिख सकते हैं कि : "मैंने परमेश्वर के विरुद्ध पाप किया है, और आपके विरुद्ध भी पाप किया है।"\n\n* __मैं….योग्य नहीं हूँ-__-ऐसा लिखना भी संभव है कि "इसलिए मैं तेरा बेटा होने के योग्य नहीं हूँ" या फिर, "जिस कारण मैं….।"
35:9 yya2 भोज तैयार करो [35-09] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-35-09.jpg)\n\n"लेकिन उसके पिता ने अपने एक __सेवक__ को बुलाया और कहा, "जल्दी जाओ और सबसे बेहतर पोशाक लाकर मेरे बेटे को पहनाओ! उसकी अंगुली में एक अंगूठी और पैरों में जूते पहनाओ। फिर __सबसे बढ़िया बछड़ा__ मारो ताकि हम भोज करें और उत्सव मनाएं, क्योंकि मेरा __बेटा__ __मर__ __गया था__, __लेकिन अब वह__ __जीवता__ __है__! __वह खो गया था,लेकिन अब वह मिल गया है!__"\n\n## महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश: ##\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:servant|सेवकों]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:son|बेटा]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:death|मर]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:life|जीवता]]__\n\n## अनुवाद के लिए नोट्स: ##\n\n* (यीशु अपनी कहानी आगे बढ़ाते हैं।)\n\n* __सबसे बेहतर ____बछड़ा__ –अनुवाद करते समय इसे "सबसे मोटा बछडा" लिख सकते हैं। इस बछड़े को मोटा किया जाता था ताकि पकाने पर इसका मांस सबसे स्वादिष्ट लगे।\n\n* __मेरा बेटा मर गया था, लेकिन अब वह जीवता ____है__ –अर्थात, "यह मेरा बेटा है जो मर गया था, लेकिन अब फिर से जीवित हो गया है!" या फिर, "मेरा बेटा मर गया था इसलिए मैं दुःख मनाता था, लेकिन अब वह जीवित हो गया है, इसलिए मैं उत्सव मनाऊँँगा!" ऐसा कह कर पिता अपने बेटे के लौटने की खुशी व्यक्त कर रहा था।\n\n* __वह खो गया था, लेकिन अब वह मिल गया है!__ –अर्थात,"मानो मैंने उसे खो दिया था, और अब उसे पा लिया है।" ये शब्द भी बेटे के लौटने की ख़ुशी दर्शाते हैं।
35:10 t3lh बड़ा बेटा [35-10] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-35-10.jpg)\n\n"इसलिए लोग उत्सव मनाने लगे। __अभी अधिक समय नहीं बीता था__ कि बड़ा बेटा खेत से लौट आया। घर से आ रहे नाच-गाने के शोर को सुन कर सोंचने लगा कि आखिर घर में क्या चल रहा था।"\n\n## महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश: ##\n\n## अनुवाद के लिए नोट्स: ##\n\n* (यीशु अपनी कहानी आगे बढाते हैं।)\n\n* __अभी अधिक समय नहीं बीता ____था__ --यहाँ हम "जल्द ही" अथवा "थोड़ी ही देर में" भी लिख सकते हैं।
35:11 rzwf बड़े बेटे का क्रोध [35-11] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-35-11.jpg)\n\n"बड़े__ बेटे__ को जब पता चला कि वे उसके छोटे भाई के लौटने की खुशी में उत्सव कर रहे थे, तो वह बहुत क्रोधित हुआ और घर में न घुसा। उसके पिता ने बाहर आकर उसे घर के भीतर आ कर उत्सवे में शामिल होने की __विनती की__, लेकिन वह न माना।"\n\n## महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश: ##\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:son|बेटे]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:beg|विनती की]]__\n\n## अनुवाद के लिए नोट्स: ##\n\n* (यीशु अपनी कहानी आगे बढ़ाते हैं।)
35:12 bvvx व्यर्थ ही सब किया [35-12] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-35-12.jpg)\n\n"बड़े बेटे ने पिता से कहा, "इतने सालों से मैंने आपके लिए इतनी __निष्ठा से__ कार्य किया! मैंने कभी आपकी __अवज्ञा__ नहीं की, और तब भी आपने मुझे कभी __एक छोटी सी बकरी__ तक न दी कि मैं अपने दोस्तों के साथ जश्न मना सकूं! लेकिन जब __आपका यह उड़ाऊ बेटा__, __आपके सारे धन को फूँक कर लौटा__, तो आपने उसके लिए __सबसे बढ़िया बछड़ा मरवा डाला__!"\n\n## महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश: ##\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:faithful|निष्ठा से ]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:disobey|अवज्ञा ]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:sin|बुरे कामों ]]__\n\n## अनुवाद के लिए नोट्स: ##\n\n* (यीशु अपनी कहानी आगे बढ़ाते हैं।)\n\n* __एक छोटी सी बकरी__ –बछड़े की तुलना में एक छोटी से बकरी से अधिक लोगों का पेट नहीं भरता,और इसकी कीमत भी कम होती है। बड़ा बेटा यहाँ पर अपने पिता से शिकायत कर रहा है कि वह अपने अधर्मी बेटे के साथ बेहतर बर्ताव कर रहा था।\n\n* __आपका यह उड़ाऊ बेटा__ –इन शब्दों से पता चलता है कि बड़ा बेटा अपने पिता से बहुत नाराज़ था। ये शब्द उसका अपने भाई को भाई मानने से इनकार करना व अपने पिता द्वारा उसके स्वागत में दिए भोज की अस्वीकृति को दर्शाते हैं। अन्य भाषाओं में भी इस भावों को व्यक्त करने के अपने तरीके होंगे।\n\n* __आपके सारे धन को फूँक कर लौटा__ –अर्थात, "सारा धन बेकार में खर्च करके" या कि, "आपकी संपत्ति हज़म करके लौटा।" यहाँ पर ऐसे शब्दों कर प्रयोग करें जिससे बड़े बेटे के गुस्से का अंदाज़ा हो जाए।\n\n* __सबसे बढ़िया बछड़ा मरवा डाला__ –अर्थात, "भोज में परोसने के लिए सबसे बढ़िया बछड़ा मरवा डाला!"
35:13 ar2q हमें उत्सव करना चाहिए [35-13] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-35-13.jpg)\n\n"पिता ने उत्तर दिया, "मेरे __बेटे__, तू तो सदा मेरे साथ है; और जो कुछ भी मेरा है, वो सब तेरा ही तो है। लेकिन __हमारा यूँ उत्सव मनाना बिलकुल सही है__, क्योंकि __तेरा भाई__ जो __मर गया था, अब जीवता है__ । वह __खो गया था, लेकिन अब मिल गया है__!"\n\n## महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश: ##\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:son|बेटे]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:death|मर]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:life|जीवता]]__\n\n## अनुवाद के लिए नोट्स: ##\n\n* (यीशु अपनी कहानी आगे बढाते हैं।)\n\n* __हमारा यूँ उत्सव मनाना बिलकुल सही ____है__ –अर्थात, "हमारा उत्सव मनाना बिलकुल उचित है।"\n\n* __तेरा ____भाई__ –इन शब्दों के द्वारा पिता अपने बड़े बेटे को यह याद दिला रहा है कि छोटा बेटा उसका अपना छोटा भाई है और उसके मन में उसके लिए स्नेह होना चाहिए।\n\n* __मर गया था, अब जीवता है__ - अर्थात, “यह मेरा बेटा है जो मर गया था, लेकिन अब फिर से जीवित हो गया है!” या फिर, “मेरा बेटा मर गया था इसलिए मैं दुःख मनाता था, लेकिन अब वह जीवित हो गया है, इसलिए मैं उत्सव मनाऊँँगा!” ऐसा कह कर पिता अपने बेटे के लौटने की खुशी व्यक्त कर रहा था। __[[:hi:obs:notes:frames:35-09|[35-09]]]__.\n\n* __खो गया था, लेकिन अब मिल गया है__ - अर्थात,”मानो मैंने उसे खो दिया था, और अब उसे पा लिया है।” ये शब्द भी बेटे के लौटने की ख़ुशी दर्शाते हैं। __[[:hi:obs:notes:frames:35-09|[35-09]]]__.\n\n* बाइबिल की कहानी - बाइबिल के कुछ संस्करणों में इनका अनुवाद अलग तरह से किया हो सकता है।
36:1 oqv0 पहाड़ी पर [36-01] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-36-01.jpg)\n\n__एक दिन__, __यीशु__ ने __पतरस__, __याकूब__ और __यूहन्ना__ नामे के __चेलों__ को अपने साथ लिया। (यह यूहन्ना यीशु को __बप्तिस्मा __ देनेवाला यूहन्ना नहीं था।) एकांत में प्रार्थना करने के लिए वे पहाड़ी के उपर चले गए।\n\n## महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश: ##\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:jesus|यीशु]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:disciple|चेलों ]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:peter|पतरस ]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:john-the-apostle|यूहन्ना ]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:baptize|बपतिस्मा]]__\n\n## अनुवाद के लिए नोट्स: ##\n\n* __एक दिन__, यीशु ने पतरस, याकूब और यूहन्ना नामे के चेलों को अपने साथ लिया। (यह यूहन्ना यीशु को बप्तिस्मा देनेवाला यूहन्ना नहीं था।) एकांत में प्रार्थना करने के लिए वे पहाड़ी के ऊपर चले गए।\n\n* __याकूब__ –यह याकूब की पत्री लिखनेवाला याकूब नहीं था। इस अंतर को बताने के लिए कुछ भाषाओँ में इनके नामो को थोड़ा अलग तरह से लिखा जा सकता है।
36:2 tttw यीशु का रूप परिवर्तन [36-02] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-36-02.jpg)\n\n__प्रार्थना__ करते हुए __यीशु__ का मुख सूरज के समान दमकने लगा, और उसके वस्त्र प्रकाश के समान सफेद हो उठे, इतने सफेद कि धरती पर कोई उन्हें __इतना सफेद__ नहीं बना सकता था।\n\n## महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश: ##\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:jesus|यीशु]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:pray|प्रार्थना ]]__\n\n## अनुवाद के लिए नोट्स: ##\n\n* __इतने सफेद__ —"बहुत सफेद।"
36:3 f3wt मूसा और एलिय्याह [36-03] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-36-03.jpg)\n\nइसके बाद __मूसा__ और __एलिय्याह__ नबी __प्रकट ____हुए__ । ये लोग बहुत पहले धरती पर हुए थे। उन्होंने __यीशु__ से __यरूशलेम__ __में जल्द ही होनेवाली उसकी__ __मृत्यु__ के बारे में बातें की।\n\n## महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश: ##\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:moses|मूसा ]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:prophet|नबी ]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:elijah|एलिय्याह ]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:jesus|यीशु ]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:death|मृत्यु ]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:jerusalem|यरूशलेम]]__\n\n## अनुवाद के लिए नोट्स: ##\n\n* __प्रकट हुए__ –इसे ऐसे भी कह सकते है कि, "अचानक से प्रकट हुए" भी लिखा जा सकता है।\n\n* __यरूशलेम में जल्द ही होनेवाली उसकी ____मृत्यु__ --इसे "जल्द ही वह कैसे मारा जानेवाला है" भी लिख सकते हैं।\n\n* __यरूशलेम में__ --कुछ भाषाओं में "यरूशलेम नगर" लिखना भी आवश्यक हो सकता है।
36:4 nuff पतरस के कथन [36-04] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-36-04.jpg)\n\nजब __मूसा__ और __एलिय्याह__ __यीशु__ से बाते कर रहे थे, __पतरस__ ने यीशु से कहा,"हमारे लिए यहाँ पर रहना ही __अच्छा__ है। हमें तू तीन __मंडप__ बनाने दे, एक तेरे लिए, एक मूसा के लिए, और एक एलिय्याह के लिए।" पतरस को __समझ नहीं थी कि वह क्या बोल रहा था__ ।\n\n## महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश: ##\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:moses|मूसा ]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:elijah|एलिय्याह]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:jesus|यीशु]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:peter|पतरस]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:good|भला]]__\n\n## अनुवाद के लिए नोट्स: ##\n\n* __मंडप__ --इसे हम "बगीचे की कुटिया" या "तम्बू" भी कह सकते हैं। यहाँ पर आशय एक ऐसे अस्थायी आश्रयस्थल से है जिसे यहूदी लोग सालाना यहूदी छुट्टियों के दौरान पेड़ों की डालियों से बनाया करते थे।\n\n* __समझ नहीं थी कि वह क्या बोल रहा ____था__ --अर्थात, "बिना सोचे-समझे बोल रहा था" या फिर, "यह सब देख कर वह इतना उत्साहित हो गया था कि वह बिना सोंचे ही बोल पड़ा था।
36:5 h9ka यह मेरा बेटा है [36-05] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-36-05.jpg)\n\n__पतरस__ बोल ही रहा था कि एक उजले __बादल__ ने यीशु को ढांप लिया, और उसमे से एक आवाज़ सुनाई दी, "यह मेरा __प्रिय__ __बेटा__ है, जिससें मैं प्रसन्न हूँ। __इसकी ____सुनो__ ।" तीनो __चेले__ __बहुत अधिक डर गए__ और __भूमि पर गिर ____पड़े__ ।\n\n## महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश: ##\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:peter|पतरस]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:son|बेटा]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:love|प्रिय]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:disciple|चेले]]__\n\n## अनुवाद के लिए नोट्स: ##\n\n* __बादल__…में से एक आवाज़ सुनाई दी–अनुवाद करते समय "बादल में से एक आवाज़ ने कहा" या, "परमेश्वर ने बादल में से कहा" भी लिख सकते हैं।\n\n* __उसकी सुनो__ –इसे हम "तुम्हे इसी की बातें सुननी चाहिए" भी लिख सकते हैं।\n\n* __बहुत अधिक डर ____गए__ –अर्थात, "भयभीत हो गए।"\n\n* __भूमि पर गिर ____पड़े__ –अर्थात, "भूमि पर तुरंत गिर कर प्रणाम किया।" सुनिश्चित करें कि "गिरे" शब्द से दुर्घटना घटने जैसा भाव न पैदा हो। संभवतः वे आदर व सम्मान के साथ स्वयं झुके थे।
36:6 noin केवल यीशु के साथ [36-06] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-36-06.jpg)\n\n__यीशु__ ने तब उन्हें __स्पर्श किया__ और कहा, "डरो मत। उठो।" उन्होंने आसपास देखा तो __केवल यीशु वहाँ पर खड़ा दिखाई ____दिया__ ।\n\n## महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश: ##\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:jesus|यीशु]]__\n\n## अनुवाद के लिए नोट्स: ##\n\n* __स्पर्श किया__ –अर्थात,"उन पर अपना हाथ रखा।" कुछ भाषाओं में हाथ रखने की जगह बताना ज़रूरी हो सकता है। यदि ऐसा है तो इसका अनुवाद हम यूँ कर सकते हैं, "उसने उनके कंधो पर हाथ रखा" अथवा, "उसने उन सबके कंधो पर हाथ रखा।" अनुवाद करते समय ध्यान रहे कि यीशु ने यह पूरी नम्रता के साथ कही थी।\n\n* __Do not be afraid__ This could also be translated as, “Stop being afraid.”\n\n* __Get up__ - This could also be translated as, “Stand up” or, “Please get up.” Make sure that it sounds like Jesus spoke this with kindness.\n\n* __केवल यीशु वहाँ पर खड़ा दिखाई ____दिया__ –इसमे "मूसा और एलिय्याह जा चुके थे" भी जोड़ सकते हैं।
36:7 erie भेद बनाए रख [36-07] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-36-07.jpg)\n\n__यीशु__ और उसके तीन __चेले__ पहाड़े से नीचे उतरे। यीशु ने तब उनसे कहा, कि "यहाँ जो भी हुआ, उसके विषय में अभी किसी को कुछ न बताना। जल्द ही मेरी __मृत्यु__ होगी और फिर मैं दोबारा से __जी ____उठूँगा__ । इसके बाद, तुम ये बातें लोगो को बता सकते हों।"\n\n## महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश: ##\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:jesus|यीशु]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:disciple|चेले ]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:death|मृत्यु ]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:life|जी उठूँगा ]]__\n\n## अनुवाद के लिए नोट्स: ##\n\n* बाइबिल की कहानी - बाइबिल के कुछ संस्करणों में इनका अनुवाद अलग तरह से किया हो सकता है।
37:1 dp0a लाज़र बीमार था [37-01] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-37-01.jpg)\n\n__एक दिन__, __यीशु__ को सन्देश मिला कि __लाज़र__ बहुत बीमार है। लाज़र और उसकी दो बहने, जिनका नाम __मरियम__ और मारथा था, यीशु के साथ घनिष्ट मित्र थे। इस समाचार को सुन कर यीशु ने कहा, "__इस बीमारी का अंत मृत्यु से नहीं__, __बल्कि__ __परमेश्वर__ की __महिमा__ __से ____होगा__ ।" यीशु अपने मित्रो से बहुत __स्नेह__ रखता था, __लेकिन तब भी वह तुरंत न जाकर दो दिन बाद गया।__\n\n## महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश: ##\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:jesus|यीशु]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:lazarus|लाज़र]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:death|मृत्यु]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:glory|महिमा]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:god|परमेश्वर ]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:love|स्नेह]]__\n\n## अनुवाद के लिए नोट्स: ##\n\n* __एक दिन__—ये शब्द घटना के होने के सटीक समय का भान नहीं कराते। कई भाषाओं में कहानियों की शुरुआत अकसर इन्ही शब्दों के साथ की जाती है।\n\n* __मरियम__ –यीशु की माता का नाम भी मरियम था। लेकिन यह मरियम कोई और थी।\n\n* __इस बीमारी का अंत मृत्यु से नहीं, बल्कि परमेश्वर की महिमा से ____होगा__ —अनुवाद करते समय आप यह भी लिख सकते हैं कि "इस बीमारी का परिणाम मृत्यु, वरन परमेश्वर की महिमा होगा" या फिर, "लाजर बीमार है, लेकिन उसकी बीमारी का अंत मृत्यु में नहीं, वरन ….।" यह सुन कर यीशु के चेलों को शायद लगा हो कि लाज़र की मृत्यु नहीं होगी। लेकिन यीशु जानता था कि लाजरस की मृत्यु होगी और वह फिर जी उठेगा।\n\n* __परमेश्वर के महिमा से ____होगा__ –अर्थात, "इसके कारण लोग परमेश्वर की स्तुति करेंगे कि वह कितना महान है!"\n\n* __लेकिन तब भी वह तुरंत न जाकर दो दिन बाद गया__ "लोग चाहते थे कि यीशु तुरंत जाकर लाज़र को चंगा करे, लेकिन वह दो दिनों तक वहीं पर बना रहा।"
37:2 z0i9 यहूदिया में वापिस [37-02] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-37-02.jpg)\n\nदो दिन बीतने पर __यीशु__ ने अपने __चेलों__ से कहा, "चलो, __यहूदिया__ वापिस चलते हैं।" "लेकिन हे __गुरु__," चेले बोले,"अभी थोड़े दिन पहले तो वहाँ के लोग तुम्हारी हत्या करना चाहते थे।" इस पर यीशु ने कहा, "हमारा मित्र __लाज़र__ __सो गया है__, __मुझे उसे जगाना ____होगा__ ।"\n\n## महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश: ##\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:jesus|यीशु]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:disciple|चेले]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:teacher|गुरु]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:lazarus|लाज़र]]__\n\n## अनुवाद के लिए नोट्स: ##\n\n* __यहूदिया__ –इसका आशय इस्राएल के यहूदा कुल के लोगों द्वारा बसाए गए इस्राएल के दक्षिणी हिस्से से है। कुछ भाषाओं में "यहूदिया प्रांत" कहना बेहतर रहेगा।\n\n* __सो गया है, मुझे उसे जगाना ____होगा__ –इसका अनुवाद करते समय सोने व जगाने के लिए प्रयुक्त होनेवाले आम शब्दों का ही प्रयोग करें। हालाँकि यीशु का आशय यहाँ कुछ और था, लेकिन चेले उसे समझ नहीं पाए थे।
37:3 akuk लाज़र मर चुका था [37-03] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-37-03.jpg)\n\n__यीशु के__ __चेलों__ ने उत्तर दिया, "हे __स्वामी__, __लाज़र__ यदि सोता है, तो __वह भला हो ही ____जाएगा__ ।" इस पर यीशु ने साफ शब्दों में बताया, कि "लाज़र __मर__ चुका है। __मैं प्रसन्न हूँ__ कि इस समय मैं वहाँ पर नहीं हूँ, ताकि तुम मुझ पर __विश्वास__ रख सको।"\n\n## महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश: ##\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:jesus|यीशु के]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:disciple|चेलों]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:lord|स्वामी]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:lazarus|लाज़र]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:death|मर]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:believe|विश्वास]]__\n\n## अनुवाद के लिए नोट्स: ##\n\n* __वह भला हो ही जाएगा__ –चेलों के ऐसा कहना का आशय यह था कि "जब वह आप भला हो ही जाएगा, तो हमें वहां जाने कि क्या ज़रुरत है।"\n\n* __मैं प्रसन्न हूँ__ –इसे हम "मैं खुश हूँ" या फिर, "अच्छा ही है कि" भी लिख सकते हैं। इसका आशय यह नहीं है कि यीशु को लाज़र के मरने की खुशी थी, वरन् वह इस बात से प्रसन्न था कि परमेश्वर उसकी महानता को प्रकट करनेवाला था।
37:4 c0c1 मारथा की यीशु से भेंट [37-04] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-37-04.jpg)\n\n__यीशु__ जब __लाज़र के__ नगर पहुँचा, तब लाज़र को __मरे__ चार दिन हो चुके थे। __मार्था__, __यीशु से भेंट करने के लिए गई__ और बोली, "हे __स्वामी__, यदि तू यहाँ पर होता, तो __मेरा भाई न ____मरता__ । लेकिन मेरा __विश्वास__ है कि __तू जो भी परमेश्वर से मांगेगा, वह__ __परमेश्वर__ __तुझे अवश्य ____देगा__ ।"\n\n## महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश: ##\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:jesus|यीशु]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:lazarus|लाज़र के ]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:death|मर]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:lord|स्वामी ]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:believe|विश्वास]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:god|परमेश्वर]]__\n\n## अनुवाद के लिए नोट्स: ##\n\n* __मार्था__ - मार्था लाज़र और मरियम की बहन थी। देखे __[[:hi:obs:notes:frames:37-01|[37-01]]]__.\n\n* __यीशु से भेंट करने के लिए ____गई__ --अर्थात, "यीशु जब नगर में प्रवेश कर रहा था, वह उससे भेंट करने गई।"\n\n* __मेरा भाई न मरता__ --अर्थात, "तू मेरे भाई को चंगाई दे देता, और उसकी मृत्यु न होती" या फिर, "मेरे भाई को मरने से रोक लेता।"\n\n* __तू जो भी परमेश्वर से मांगेगा, वह परमेश्वर तुझे ____देगा__ --अर्थात, "तू जो मांगेगा, परमेश्वर वैसा ही करेगा।"
37:5 gd4q मैं ही पुनरुत्थान हूँ [37-05] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-37-05.jpg)\n\n__यीशु__ ने उत्तर दिया, "__मैं ही__ __पुनरुत्थान__ __व जीवन__ हूँ। जो भी मुझ में विश्वास रखता है, यदि वह __मर भी जाए तो भी जीवित रहता है__ । मुझ पर विश्वास रखनेवाला हर व्यक्ति __कभी न ____मरेगा__ । क्या तुम्हे इस बात पर विश्वास है?" मार्था ने कहा, "हाँ,स्वामी! मैं विश्वास करती हों कि तू ही परमेश्वर का बेटा, और हमारा मसीह है।"\n\n## महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश: ##\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:jesus|यीशु]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:resurrection|पुनरुत्थान]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:life|जीवन]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:believe|विश्वास रखता है]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:death|मर भी जाए ]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:lord|स्वामी ]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:messiah|मसीह ]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:son-of-god|परमेश्वर का बेटा ]]__\n\n## अनुवाद के लिए नोट्स: ##\n\n* __मैं ही पुनरुत्थान और जीवन ____हूँ__ —यह उन प्रभावशाली कथनों में से है जिनमे यीशु "मैं" का प्रयोग करते हुए अपनी सारभूत प्रकृति को उद्घाटित करते हैं। इस कथन विशेष में यीशु स्वयं के जीवन व पुनरुत्थान का "स्रोत" होने की बात प्रकट कर रहे हैं। इसके अनुवाद में इन यूँ भी लिख सकते हैं कि "लोगों को जिलानेवला और उन्हें जीवन देनेवला मैं ही तो हूँ।"\n\n* __मर भी जाए तो भी जीवित रहता ____है__ –अर्थात, "वह मर कर भी अनंतकाल का जीवन जीएगा।" "जो भी" जा आशय स्त्री-पुरुष दोनों से है।\n\n* __मार्था__ - मार्था लाज़र और मरियम की बहन थी। देखे __[[:hi:obs:notes:frames:37-01|[37-01]]]__.\n\n* __कभी न ____मरेगा-__-इसे "सदा के लिए जीएगा" भी लिख सकते हैं।
37:6 efjv मरियम की यीशु से भेंट [37-06] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-37-06.jpg)\n\nतब __मरियम__ भी वहाँ पहुँच गयी। __यीशु__ __के पैरों पर गिर कर__ उसने कहा, "हे __स्वामी__, यदि तू यहाँ पर होता, तो __मेरा भाई लाज़र न__ __मरता__ ।" यीशु ने उनसे पूछा, "तुम लोगो ने __लाज़र__ को कहाँ रखा है?" उन्होंने बताया, "__कब्र__ में। आकर देख लो।" यीशु तब रो पड़ा।\n\n## महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश: ##\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:jesus|यीशु]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:lord|स्वामी]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:death|मरता]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:lazarus|लाज़र]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:tomb|कब्र]]__\n\n## अनुवाद के लिए नोट्स: ##\n\n* __मरियम__ - यीशु की माता का नाम भी मरियम था। लेकिन यह मरियम कोई और थी। __[[:hi:obs:notes:frames:37-01|[37-01]]]__\n\n* __यीशु के पैरो पर गिर ____कर__ --अर्थात, आदर व सम्मान के साथ "यीशु के समक्ष घुटने टेक कर।"\n\n* __मेरा भाई न मरता__ --अर्थात, "तू मेरे भाई को चंगाई दे देता, और उसकी मृत्यु न होती" या फिर, "मेरे भाई को मरने से रोक लेता।"
37:7 usog कब्र का द्वार खोलो [37-07] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-37-07.jpg)\n\n__कब्र__ एक गुफा में थी जिसके मुह को बड़े से पत्थर से बंद किया गया था। कब्र पर पहुँचने पर __यीशु____ ने कहा__, "कब्र का __पत्थर हटा दो__ ।" लेकिन __मार्था__ ने कहा, "__इसे__ __मरे__ __चार दिन बीत चुके ____हैं__ । इसमें से दुर्गन्ध आती होगी।"\n\n## महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश: ##\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:tomb|कब्र]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:jesus|यीशु]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:death|मरे]]__\n\n## अनुवाद के लिए नोट्स: ##\n\n* __यीशु ने ____कहा__ –अर्थात, "वहां मौजूद लोगों से कहा।" उसने मरियम और मारथा से यह करने के लिए नहीं कहा होगा।\n\n* __पत्थर हटाओ__ - कुछ भाषओं में इसे कह सकते है कि, “कब्र के द्वार से पत्थर को हटाओ।”\n\n* __मार्था__ - मार्था लाज़र और मरियम की बहन थी। देखे __[[:hi:obs:notes:frames:37-01|[37-01]]]__.\n\n* __उसे मरे चार दिन हो चुके ____हैं__ --इसका अनुवाद करते समय ऐसे भी लिख सकते हैं, कि "वह चार दिन पहले मरा था, अब तो उसमे से दुगंध भी आती होगी।"
37:8 wvwt कब्र का पत्थर लुड़का [37-08] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-37-08.jpg)\n\n__यीशु__ ने उत्तर दिया, "__क्या मैंने तुम्हे नहीं कहा था__ कि यदि तुम मुझ पर __विश्वास__ रखोगे, तो __परमेश्वर की__ __महिमा__ __देखोगे__?" इस पर उन्होंने कब्र का __पत्थर लुड़का ____दिया__ ।\n\n## महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश: ##\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:jesus|यीशु]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:god|परमेश्वर की]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:glory|महिमा ]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:believe|विश्वास ]]__\n\n## अनुवाद के लिए नोट्स: ##\n\n* __क्या मैंने तुम्हे नहीं कहा ____था__ –अर्थात, "याद है, मैंने तुमसे कहा था कि..।" यीशु यहाँ पर उनसे कोई प्रश्न नहीं कर रहे हैं, इसलिए कुछ भाषाओं में इसे एक आज्ञा की तरह लिखना बेहतर होगा।\n\n* __परमेश्वर की महिमा ____देखोगे__ –अर्थात, "परमेश्वर की महिमा का प्रदर्शन देखोगे" या फिर, "देखोगे कि परमेश्वर कितना महान है।"\n\n* __पत्थर लुड़का ____दिया__ –अधिक स्पष्ट लाने के लिए कुछ भाषाओँ में ऐसे लिखना बेहतर होगा, "कब्र के मूह पर लगा पत्थर दूर हटा दिया।"
37:9 gtop यीशु की प्रार्थना [37-09] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-37-09.jpg)\n\n__यीशु__ ने तब __स्वर्ग__ की ओर देखा और कहा, "हे __पिता__, मैं तेरा धन्यवाद देता हूँ कि __तूने मेरी सुन ली है__ । मैं जानता हूँ कि तू सदा मेरी सुनता है, लेकिन जो भीड़ मेरे आसपास खड़ी है, उनके कारण मैंने ऐसा कहा, जिससे कि वे __विश्वास__ करें कि तूने मुझे भेजा है।" यह कह कर यीशु ने जोर से कहा, "हे __लाज़र__, __बाहर निकल ____आ__ ।"\n\n## महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश: ##\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:jesus|यीशु]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:heaven|स्वर्ग]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:god-father|पिता]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:believe|विश्वास]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:lazarus|लाज़र]]__\n\n## अनुवाद के लिए नोट्स: ##\n\n* __तूने मेरी सुन ली ____है__ –अर्थात, "तू मुझे सुन रहा है।" यहाँ पर "जब मैं प्रार्थना करता हूँ, तब तू…." अथवा, "जब मैं तुझसे बातचीत करता हूँ, तब तू…."जोड़ना बेहतर होगा।\n\n* __बाहर निकल आ__ –कुछ भाषाओं में "कब्र से बाहर निकल आ" कहना बेहतर होगा।
37:10 d3rz लाज़र का फिर से जीवित होना [37-10] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-37-10.jpg)\n\nइस पर __लाज़र__ बाहर निकल आया! वह अब भी __कब्र के कपड़ों__ में ही बंधा हुआ था। __यीशु__ ने लोगों से कहा, "कब्र के कपड़े निकालने में उसकी मदद करो, और जाने दो!" __इस__ __आश्चर्यकर्म__ __के कारण__ बहुत से __यहूदियों__ ने यीशु पर __विश्वास ____किया__ ।\n\n## महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश: ##\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:lazarus|लाज़र]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:jesus|यीशु]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:jew|यहूदियों]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:believe|विश्वास किया ]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:miracle|आश्चर्यकर्म ]]__\n\n## अनुवाद के लिए नोट्स: ##\n\n* __हे लाज़र, बाहर निकल आ__ –कुछ भाषाओ में "हे लाज़र, कब्र से बाहर आ" कहना सही रहेगा।\n\n* __कब्र के ____कपड़ों__ –अर्थात, "दफनाते समय पहनाये जानेवाले कपड़े।" इसे "कपड़ों की पट्टियाँँ" भी कह सकते हैं।\n\n* __इस आश्चर्यकर्म के कारण__ –अर्थात, "परमेश्वर के इस महान आश्चर्यकर्म के कारण" या फिर, "यीशु द्वारा लाज़र को दोबारा जीवन देने के कारण।"
37:11 hwgw अगुओ की इर्ष्या [37-11] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-37-11.jpg)\n\nलेकिन __यहूदियों__ के __धार्मिक अगुए__ __इर्ष्या__ करने लगे, इस कारण वे __जमा होकर__ __यीशु__ व __लाज़र__ की हत्या की योजना बनाने लगे।\n\n## महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश: ##\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:jewish-leaders|धार्मिक अगुवे]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:jew|यहूदियों]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:jesus|यीशु]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:lazarus|लाज़र]]__\n\n## अनुवाद के लिए नोट्स: ##\n\n* __इर्ष्या__ –अर्थात, "यीशु की सामर्थ और लोकप्रियता से जलने लगे" अथवा, "इतने यहूदियों को उस पर विश्वास करते देख उससे इर्ष्या करने लगे।"\n\n* __जमा होकर__ –अर्थात,"एकजुट होकर" या कि, "साथ मिल कर।" उनकी बैठके मिलने-जुलने के लिए नहीं, वरन यीशु व लाज़र की हत्या का षड्यंत्र रचने के लिए होती थीं।\n\n* बाइबिल की कहानी - बाइबिल के कुछ संस्करणों में इनका अनुवाद अलग तरह से किया हो सकता है।
38:1 va3h फसह का पर्व [38-01] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-38-01.jpg)\n\n__यहूदी लोग__ हर साल __फसह का पर्व__ मनाते थे। यह __सदियों पहले__ __परमेश्वर__ द्वारा उनके पूर्वजो को __मिस्र__ की __बन्धुआई__ से मिली __मुक्ति__ का उत्सव था। लोगों के बीच सार्वजनिक रूप से __उपदेश सुनाने__ और सिखाने की शुरुआत के तीन साल बाद, __यीशु__ ने अपने __चेलों__ से कहा कि वह __यरूशलेम__ में उनके साथ फसह का पर्व मनाना चाहता है, और यह भी कि वहाँ पर उसकी हत्या की जाएगी।\n\n## महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश: ##\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:jew|यहूदी लोग ]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:passover|फसह का पर्व ]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:god|परमेश्वर]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:save|मुक्ति ]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:servant|बन्धुआई ]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:egypt|मिस्र ]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:jesus|यीशु]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:preach|उपदेश सुनाने ]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:disciple|चेलों]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:jerusalem|यरूशलेम]]__\n\n## अनुवाद के लिए नोट्स: ##\n\n* __सदियों पहले__ --अर्थात, "सैकड़ों साल पहले" या कि, "बहुत समय पहले।"
38:2 m0gy यहूदा का सौदा 38-02] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-38-02.jpg)\n\n__यीशु के__ __चेलों__ में एक __यहूदा__ नाम का चेला था। उस पर __प्रेरितों__ __के धन की थैलियों का प्रभार था__, लेकिन __उसे धन से बहुत प्रेम था__ और अकसर किसी न किसी की थैले से चुरा लेता था। यीशु और चेलों के __यरूशलेम__ में पहुँचने पर, वह __यहूदी अगुओं__ के पास गया और धन के एवज़ में यीशु से __धोखा करने__ को तैयार हो गया। उसे मालूम था कि यहूदी अगुओं ने यीशु को __मसीह__ मानने से इंकार कर दिया था, और वे उसकी हत्या का षड्यंत्र रच रहे थे।\n\n## महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश: ##\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:jesus|यीशु के ]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:disciple|चेलों ]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:judas|यहूदा ]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:apostle|'प्रेरितों]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:jerusalem|यरूशलेम]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:jewish-leaders|यहूदी अगुओं]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:betray|धोखा करने ]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:messiah|मसीह]]__\n\n## अनुवाद के लिए नोट्स: ##\n\n* __प्रेरितों के धन की थैलियों का प्रभार ____था__ –अर्थात, "प्रेरितों के पैसों की थैलियाँ रखने का प्रभार था" अथवा, "चेलों के पैसों की थैलियाँँ रख कर उन पैसो को ज़िम्मेदारी से बाँटने का दायित्व था।"\n\n* __उसे धन से बहुत प्रेम ____था__ –अर्थात, "वह पैसों को बहुत महत्त्व देता था" या फिर, "पैसों की चाहत थी।" कुछ भाषाओ में पैसों के प्रेम के लिए एक अलग शब्द हो सकते हैं।
38:3 hfes चाँदी के तीस सिक्के [38-03] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-38-03.jpg)\n\n__महा याजक__ की अगुआई में, __यहूदी अगुओं__ न __यीशु__ से __धोखा करने__ के एवज़ में __यहूदा__ को __चाँदी के तीस सिक्के __ दिये। ऐसा ठीक __नबियों__ की भविष्यदवाणी के अनुसार हुआ। यहूदा मान गया, और पैसे लेकर चला गया। वह अब यीशु को पकड़वाने के अवसर की ताक में रहने लगा।\n\n## महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश: ##\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:jewish-leaders|यहूदी अगुओं]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:priest-high|महा याजक ]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:judas|यहूदा ]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:betray|धोखा करने ]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:jesus|यीशु]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:prophet|नबियों]]__\n\n## अनुवाद के लिए नोट्स: ##\n\n* __चाँदी के तीस ____सिक्के__हर सिक्के की कीमत चार दिन के मेहनताने के बराबर थी।
38:4 rt3x यह मेरी देह है [38-04] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-38-04.jpg)\n\n__यीशु __ ने अपने __चेलों__ के साथ __यरूशलेम__ में __फसह__ का पर्व __मनाया__ । फसह के भोजन के दौरान, यीशु ने __रोटी के कुछ हिस्से__ लेकर उन्हें __तोड़ा__ । उसने कहा, "इसे लो और खाओ। यह मेरी देह है, जो __तुम्हारे लिए दी गयी है__ । __ऐसा मेरी याद में किया ____करो__ ।" ऐसा करके यीशु ने कहा कि उसकी देह को उनके लिए __बलिदान__ किया जाएगा।\n\n## महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश: ##\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:jerusalem|यरूशलेम ]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:jesus|यीशु]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:passover|फसह]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:disciple|चेलों]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:sacrifice|बलिदान]]__\n\n## अनुवाद के लिए नोट्स: ##\n\n* __मनाया__ –अर्थात, "उत्सव मनाया।"\n\n* __रोटी के हिस्से__ –इसे "रोटी के टुकड़े उठाये" या फिर, "रोटी का एक टुकडा लिया" भी लिख सकते हैं।\n\n* __तोड़ा__ –कुछ भाषाओँ में "टुकड़ों में बाँँटा" या कि, "आधा किया" भी लिखा जा सकता है।\n\n* __तुम्हारे लिए दी गयी ____है__ –इसे "जो मैं तुम्हे देता हूँ" भी लिख सकते हैं।\n\n* __ऐसा मेरी याद में किया ____करो__ –अर्थात, "मैं जो तुम्हारे लिए कर रहा हूँ, उसे याद करने के लिए ऐसा करना।" यीशु, जल्द होनेवाली अपनी मृत्यु के विषय में कह रहे थे।
38:5 wepo यह मेरा लहू है [38-05] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-38-05.jpg)\n\n__यीशु__ ने तब __एक कटोरा__ उठाया और कहा, "__इसे पी लो__ । यह __नयी वाचा__ का मेरा __लहू__ है, जो तुम्हारे __पापों__ __की__ __क्षमा__ __के लिए__ __बहाया जाता है__ । जब कभी पीओ, तो __मेरे स्मरण के लिए__ यही किया करो।"\n\n## महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश: ##\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:jesus|यीशु]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:blood|लहू]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:new-covenant|नयी वाचा ]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:forgive|क्षमा ]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:sin|पापों ]]__\n\n## अनुवाद के लिए नोट्स: ##\n\n* __एक कटोरा__ –अर्थात, "दाखरस का कटोरा" या कि, "अंगूर के रस से भरा कटोरा।"\n\n* __इसे ____पीओ__ –अर्थात, "इस कटोरे के दाखरस को पीओ" या कि, "इस कटोरे में से पीओ।" कटोरे में अंगूर के रस से बना पेय भरा था जिसका रंग गहरा लाल था।\n\n* __blood of the New Covenant__ This could be translated as, “blood that makes the New Covenant possible” or, “blood that is the basis for the New Covenant.”\n\n* __बहाया जाता ____है__ –इसे "मेरे शरीर से बहेगा" भी लिख सकते हैं।\n\n* __पापों की क्षमा के ____लिए__ —अर्थात, "ताकि लोगों को उनके पापों के लिए परमेश्वर पूरी तरह से क्षमा कर सकें।"\n\n* __मेरे स्मरण के लिए__ –अर्थात, "मेरा उत्सव मनाने" या कि, "मुझे याद करने के लिए।" इसके लिए हम "मुझ पर ध्यान लगाने" या कि, "स्वयं को मेरी याद दिलाने के लिए" भी लिख सकते हैं।
38:6 ri7w धोखेबाज़ [38-06] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-38-06.jpg)\n\n__यीशु__ ने तब अपने __चेलों__ से कहा, "तुम में से एक मेरे साथ __धोखा__ करेगा।" यह सुनकर चेले अवाक रह गए, और पूछने लगे कि ऐसा कौन कर सकता है। यीशु बोला, "मैं जिसे __रोटी का यह टुकड़ा दूँँगा__, वही __धोखेबाज़__ है।" ऐसा कह कर उसने रोटी का एक टुकड़ा __यहूदा__ को दे दिया।\n\n## महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश: ##\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:jesus|यीशु]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:disciple|चेले]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:betray|धोखा]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:judas|यहूदा]]__\n\n## अनुवाद के लिए नोट्स: ##\n\n* __रोटी का यह टुकड़ा ____दूँगा__ –अर्थात,"मैं जिसे रोटी का यह टुकड़ा पकड़ाऊँगा।"\n\n* __धोखेबाज़__ –इसे "वही मुझे धोखा देगा" या फिर, "वही मुझे धोखा देगा" भी लिख सकते हैं।
38:7 xssw यहूदा में शैतान का प्रवेश [38-07] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-38-07.jpg)\n\nरोटी लेने के बाद, __यहूदा__ __के भीतर__ __शैतान__ __घुस ____गया__ । __यहूदा वहाँ से चला गया__ और जाकर यीशु को पकड़वाने में __यहूदी__ अगुओं की मदद में जुट गया। अभी रात का पहर था।\n\n## महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश: ##\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:judas|यहूदा]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:satan|शैतान]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:jew|यहूदी]]__\n\n## अनुवाद के लिए नोट्स: ##\n\n* __यहूदा के भीतर शैतान घुस ____गया__ –अर्थात, "शैतान उसके भीतर चला गया" या कि, "शैतान ने उसे अपने वश में कर लिया।"\n\n* __यहूदा वहाँ से चला ____गया__ –अधिक स्पष्टता के लिए कुछ भाषाओँ में ऐसा कहना बहतर होगा, कि "यहूदा भोजन छोड़ कर चला गया", या कि, "यहूदा उस कमरे से निकल गया और बाहर चला गया।"
38:8 zt9a तुम बिखेरे जाओगे [38-08] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-38-08.jpg)\n\nभोजन के बाद __यीशु__ अपने __चेलों__ के साथ __जैतून की पहाड़ी__ पर चला गया। यीशु ने कहा, "आज रात, तुम सब __मुझे छोड़ ____जाओगे__ । __यह लिखा है__ कि "__मैं__ __गड़रिये__ __को घात करूँगा__, __और सारी__ __भेड़ें__ __तितर-बितर हो ____जायेंगी__ ।"\n\n## महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश: ##\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:jesus|यीशु]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:disciple|चेलों]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:shepherd|गड़रिये]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:sheep|भेड़े]]__\n\n## अनुवाद के लिए नोट्स: ##\n\n* __जैतून की ____पहाड़ी__ --यरूशलेम नगर की दीवार के बाहर स्थिर एक पहाड़ी का नाम जिस पर जैतून के पेड़ ही पेड़ लगे थे। अनुवाद करते समय हम इसे "जैतूनवाली पहाड़ी" भी लिख सकते हैं।\n\n* __मुझे छोड़ ____जाओगे__ --अर्थात, "अकेला छोड़ दोगे" या कि, "मुझे त्याग दोगे।"\n\n* __यह लिखा ____है__ --अर्थात, "परमेश्वर के वचन में यह लिखा है" या कि, "वचन में लिखा है", अथवा, "परमेश्वर के नबियो ने लिखा है कि।" यहाँ पर "जो लिखा है, सो होगा ही" भी लिख सकते है। यह भविष्यदवाणी यीशु की मृत्यु और उसके चेलों के भाग जाने के विषय में थी।\n\n* __मैं गड़रिये को घात ____करूँगा__ --अर्थात, "मैं गड़रिये को मार दूँगा।"\n\n* __गड़रिये को घात करूँगा और सारी ____भेड़ें__ --यहाँ पर "गड़रिये" की जगह "यीशु" शब्द का प्रयोग न करें क्योंकि भविष्यदवाणी करनेवाले नबी को संभवतः गड़रिये का नाम नहीं पता होगा। साथ ही "भेड़ें" की जगह "चेले" शब्द का प्रयोग भी न करें। बेहतर यही होगा कि अनुवाद करनेवाला इनके लिए अपनी भाषा में मौजूद उन्ही शब्दों का प्रयोग करें जो इनके शाब्दिक अर्थ को बताते हैं।\n\n* __तितर-बितर हो ____जायेंगी__ --अर्थात, "इधर-उधर भाग जायेंगी।"
38:9 xijg यीशु द्वारा पतरस के लिए प्रार्थना [38-09] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-38-09.jpg)\n\n__पतरस__ ने उत्तर दिया, "यदि सारे __तुझे छोड़__ जाए, तो भी मैं ऐसा न करूँगा!" इस पर __यीशु__ ने पतरस से कहा, "__शैतान__ __तुम लोगों पर पूरी तरह से हावी हो जाना चाहता है__, लेकिन मैंने तेरे लिए __प्रार्थना की__ है __कि तेरा__ __विश्वास__ __बना ____रहे__ । लेकिन तब भी, इससे पहले कि __मुर्गा बाँग दे__, तू तीन बार मेरा इनकार करेगा।"\n\n## महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश: ##\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:peter|पतरस ]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:jesus|यीशु ]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:satan|शैतान ]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:pray|प्रार्थना की]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:faith|विश्वास]]__\n\n## अनुवाद के लिए नोट्स: ##\n\n* __तुझे छोड़ दें__ अर्थात, “अकेला छोड़ दोगे” या कि, “मुझे त्याग दोगे।” __[[:hi:obs:notes:frames:38-08|[38-08]]]__.\n\n* __तुम लोगों पर हावी होना चाहता ____है__ –अर्थात, "तुम्हे पूरी तरह अपने वश में करना चाहता है" या फिर, "तुम्हे पूरी तरह से अपना दास बनाना चाहता है। स्पष्ट है कि "तुम लोगों" बहुवचन है जबकि इसके बाद आनेवाले "तेरे" और "तेरा" एकवचन।\n\n* __कि तेरा विश्वास बना ____रहे__ –अर्थात, "कि तू मुझ पर विश्वास करना न छोड़े।"\n\n* __मुर्गा बाँग ____दे__ –मुर्गे अकसर भोर के पहले पहर में बाँग देते हैं। बात को और अधिक स्पष्ट करने के लिए आप इसे यूँ लिखें,"कल तड़के मुर्गे के बाँग देने से पहले।"
38:10 llde पतरस की प्रतिज्ञा [38-10] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-38-10.jpg)\n\n__पतरस__ ने तब __यीशु__ से कहा, "मैं चाहे __मर__ भी जाऊँ, तो भी कभी __तेरा इनकार__ न करूँगा!" सभी __चेलों__ ने यही बात कही।\n\n## महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश: ##\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:peter|पतरस]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:jesus|यीशु]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:death|मर]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:disciple|चेलों]]__\n\n## अनुवाद के लिए नोट्स: ##\n\n* __तेरा ____इनकार__ –अर्थात, "मैं इस बात का इंकार नहीं करूँगा कि मैं तुझे जानता हूँ" या कि "मैं तेरा चेला हूँ।"
38:11 e9uu गतसमनी पर [38-11] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-38-11.jpg)\n\nइसके बाद, अपने __चेलों__ के साथ __यीशु__ __गतसमनी नाम की जगह__ पर चला गया। यीशु ने अपने चेलों से कहा कि वे __प्रार्थना__ करें कि __परीक्षा__ __में न ____पड़ें__ । इसके बाद यीशु __एकांत में__ प्रार्थना करने चला गया।\n\n## महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश: ##\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:jesus|यीशु]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:disciple|चेलों]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:pray|प्रार्थना]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:tempt|परीक्षा]]__\n\n## अनुवाद के लिए नोट्स: ##\n\n* __गतसमनी नाम की ____जगह__ –अनुवाद के समय आप "पास ही स्थित गतसमनी नाम की जगह" या फिर, "जैतून की पहाड़ी के नीचे स्थित गतसमनी नाम की जगह" भी लिख सकते हैं।\n\n* __परीक्षा में न ____पड़ें__ –अर्थात, "परीक्षा में पड़ने पर पाप न करें" या कि, "आनेवाली परीक्षा से बच सकें।"\n\n* __एकांत ____में__ –अर्थात, "अकेले में।"
38:12 p0qe तेरी इच्छा पूरी होने पाए [38-12] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-38-12.jpg)\n\n__यीशु__ ने तीन बार __प्रार्थना__ की, "हे __मेरे पिता__, यदि संभव, तो इस __कष्ट__ __के प्याले__ से मुझे न पीने दे। लेकिन यदि लोगों के __पापों __ की __क्षमा__ का केवल एक यही मार्ग है, तो __तेरी इच्छा पूरी हो।__" यीशु बहुत व्याकुल था और उसका पसीना __लहू__ की बूंदों के समान था। उसे सामर्थ्य देने के लिए, __परमेश्वर__ ने तब एक __दूत__ उसके पास भेजा।\n\n## महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश: ##\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:jesus|यीशु]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:pray|प्रार्थना]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:god-father|मेरे पिता]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:suffer|कष्ट]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:sin|पापों]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:forgive|क्षमा]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:blood|लहू]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:god|परमेश्वर]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:angel|स्वर्गदूत]]__\n\n## अनुवाद के लिए नोट्स: ##\n\n* __कष्ट के इस ____प्याले__ –अर्थात, "कष्ट झेलने" या, "आनेवाले कष्टों से बचा" अथवा, "कष्टों को सहने से बचा ले।"\n\n* __तेरी इच्छा पूरी ____हो__ –अर्थात, "जो योजना तूने बनाई है।"
38:13 k1hr चेले सो गए [38-13] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-38-13.jpg)\n\n__अपनी हर____ प्रार्थना __ __के बाद__ __यीशु__ अपने __चेलों__ के पास लौटता, लेकिन वे सो रहे होते। तीसरी बार प्रार्थना करके लौटने पर यीशु ने कहा, "उठो, मुझे __धोखा देनेवाला__ आ पहुँचा है।"\n\n## महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश: ##\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:pray|प्रार्थना]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:jesus|यीशु]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:disciple|चेलों]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:betray|धोखा देनेवाला]]__\n\n## अनुवाद के लिए नोट्स: ##\n\n* __अपनी हर प्रार्थना के बाद__ - अर्थात, "यीशु जब भी प्रार्थना करके लौटता।" यह कथन __[[:hi:obs:notes:frames:38-12|[38-12]]]__ में उल्लिखित यीशु की तीन प्रार्थनाओं के सन्दर्भ में है।
38:14 x8mv यहूदा का यीशु को धोखा देना [38-14] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-38-14.jpg)\n\n__यहूदी अगुओं__, सिपाहियों, और एक बड़ी भीड़ के साथ __यहूदा__ वहाँ पहुँचा। उनके हाँथो में तलवारें और लाठियाँ थीं। यीशु के पास __आकर__ यहूदा बोला, "हे __गुरु,__ __अभिनन्दन__," और उसे चूमा। यह यहूदी अगुओं के लिए एक __चिन्ह__ था कि इसी व्यक्ति को पकड़ना है। इस पर यीशु ने कहा, "यहूदा, __तू मुझे चूम कर__ __धोखा__ __देता है?__"\n\n## महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश: ##\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:judas|यहूदा]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:jewish-leaders|यहूदी अगुओं]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:jesus|यीशु]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:teacher|गुरु]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:betray|धोखा]]__\n\n## अनुवाद के लिए नोट्स: ##\n\n* __आकर__ –कुछ भाषाओं में "गया" शब्द का प्रयोग हो सकता है।\n\n* __अभिनन्दन__ –इसके अनुवाद में हम "प्रणाम" या, "शुभ रात्रि" भी लिख सकते हैं।\n\n* __चिन्ह__ –अर्थात, "संकेत।"\n\n* __तो तू मुझे चूम कर धोखा देता है?__ –अर्थात, "क्या तू सचमुच चूम कर मुझे धोखा देनेवाला है?" यीशु यहाँ उससे कोई प्रश्न नहीं कर रहे। कुछ भाषाओं में इसे कथन के रूप में लिखना उचित होगा, जैसे कि, "तो तू मुझे चूम कर धोखा दे रहा है!"
38:15 nhnx यीशु के लिए पतरस का लड़ाई करना [38-15] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-38-15.jpg)\n\n__जैसे ही सिपाहियों ने यीशु को गिरफ्तार किया__, __पतरस__ ने अपनी __तलवार निकाली__ और __महा याजक__ के एक __सेवक__ का कान काट दिया। यीशु ने कहा, "तलवार हटा ले! मैं अपनी रक्षा के लिए __दूतों__ की एक सेना मंगवा सकता था। लेकिन __मुझे अपने__ __पिता__ __की आज्ञा का पालन करना ____होगा__ ।" यीशु ने तब उस व्यक्ति के कान को __चंगा कर ____दिया__ । यीशु के गिरफ्तार होते ही, सारे __चेले__ भाग गए।\n\n## महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश: ##\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:jesus|यीशु]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:peter|पतरस]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:servant|सेवक]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:priest-high|महा याजक]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:god-father|पिता]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:angel|दूतों]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:heal|चंगा कर दिया]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:disciple|चेले]]__\n\n## अनुवाद के लिए नोट्स: ##\n\n* __जैसे ही सिपाहियों ने यीशु को गिरफ्तार ____किया__ –अर्थात, "जिस समय सिपाही यीशु को गिरफ्त में ले रहे थे।"\n\n* __तलवार ____निकाली__ –अर्थात, "जहां तलवार रखी थी, वहां से निकाली।"\n\n* __मुझे अपने पिता की आज्ञा का पालन करना ____होगा__ –अर्थात, "मैं ऐसा नहीं करूंगा क्योंकि मुझे अपने पिता की इच्छा पूरी करनी है और स्वयं को गिरफ्तार होने देना होगा।"\n\n* बाइबिल की कहानी - बाइबिल के कुछ संस्करणों में इनका अनुवाद अलग तरह से किया हो सकता है।
39:1 zsx6 महा याजक का घर [39-01] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-39-01.jpg)\n\n__आधी रात__ हो चुकी थी। __यीशु__ को सिपाही पकड़ कर __महा याजक__ के घर ले आये ताकि वह उससे __पूछताछ__ कर सके। पतरस दूर से ही पीछा कर रहा था। जब वे यीशु को घर के भीतर ले गए, उस समय __पतरस__ बाहर ही रहा और आग तापने लगा।\n\n## महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश: ##\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:jesus|यीशु]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:priest-high|महा याजक]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:peter|पतरस]]__\n\n## अनुवाद के लिए नोट्स: ##\n\n* __आधी रात__ –अर्थात, "रात आधी बीत चुकी थी" या कि, "देर रात।"\n\n* __पूछताछ__ –अर्थात, "उससे सवाल-जवाब करके कोई ऐसी बात का पता लगाने,जिसे वे यीशु के विरुद्ध इस्तेमाल कर सकें।
39:2 v6gj झूठे गवाह [39-02] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-39-02.jpg)\n\nघर के भीतर __यहूदी अगुओ__ ने __यीशु__ __पर अभियोग ____चलाया__ । वे बहुत से झूठे __गवाह__ लाये जिन्होंने __उसके विरोध में झूठ ____बोला__ । लेकिन तब भी, __उनकी बातें आपस में मेल न खाती थीं__, इसलिए यहूदी अगुवे यीशु पर __किसी बात का__ __दोष__ __न लगा ____सके__ । यीशु ने कुछ न कहा।\n\n## महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश: ##\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:jewish-leaders|यहूदी अगुवे]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:jesus|यीशु]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:witness|गवाह]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:guilt|दोष]]__\n\n## अनुवाद के लिए नोट्स: ##\n\n* __यीशु पर अभियोग चलाया__ –इसे आप यूँ भी लिख सकते हैं कि "यीशु पर दोष लगाने के लिए, उन्होंने एक औपचारिक सभा बुलाई।" आम तौर पर अभियोग चला कर पता लगाया जाता है कि व्यक्ति दोषी है या निर्दोष। इस मामले में, अगुवे किसी भी सूरत में यीशु को दोषी ठहराना चाहते थे।\n\n* __उसके विषय में झूठ ____बोला__ –अर्थात, "उस पर झूठे दोष लगाए।"\n\n* __उनकी बातें आपस में मेल न खाती ____थीं__ –इसके अनुवाद में हम यूँ लिख सकते हैं, कि "उनके कथन एक दुसरे से बिलकुल अलग थे" या फिर, "यीशु के बारे में गवाहों ने पारस्परिक विरोधी बातें कहीं।"\n\n* __किसी बात का दोष न लगा ____सके__ –अर्थात, "यीशु में कोई दोष न खोज सके।"
39:3 fw0n क्या तू परमेश्वर का बेटा है? [39-03] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-39-03.jpg)\n\n__अंत में__, __महा याजक__ ने सीधा __यीशु__ की ओर देख कर कहा, "हमें बता, कि क्या तू __जीवते परमेश्वर का बेटा__ और __मसीह__ है?"\n\n## महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश: ##\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:priest-high|महा याजक]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:jesus|यीशु]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:messiah|मसीह]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:god-son|जीवते परमेश्वर का बेटा]]__\n\n## अनुवाद के लिए नोट्स: ##\n\n* __अंत ____में__ –अर्थात, "आखिरकार जब वे उस पर कोई दोष न लगा सके" या फिर, "जब वे उस पर कोई दोष सिद्ध न कर सके।"
39:4 oszi मैं ही परमेश्वर का बेटा हूँ [39-04] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-39-04.jpg)\n\n__यीशु__ ने कहा, "हाँ __मैं हूँ__,और तुम मुझे __परमेश्वर__ __के साथ बैठे__ __और__ __स्वर्ग__ __से आते ____देखोगे__ ।" __महा याजक__ ने __क्रोध में अपने कपड़े फाड़ लिए__ और चिल्ला कर दूसरे __धार्मिक__ __अगुओं__ से बोला, "हमें और किसी __गवाह__ की ज़रुरत नहीं है! तुम लोग इसे यह कहते सुन चुके हो कि यह __परमेश्वर का बेटा__ है। __तुम्हारा__ __न्याय__ __क्या कहता है?__"\n\n## महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश: ##\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:jesus|यीशु]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:god|परमेश्वर]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:heaven|स्वर्ग]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:priest-high|महा याजक]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:jewish-leaders|धार्मिक अगुओं]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:witness|गवाह]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:god-son|परमेश्वर का बेटा]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:judge|न्याय]]__\n\n## अनुवाद के लिए नोट्स: ##\n\n* __मैं ____हूँ__ –अर्थात, "जो तुम कहते हो, मैं वही हूँ" या फिर, "मैं ही परमेश्वर का बेटा, और मसीह हूँ।" "मैं हूँ" परमेश्वर का नाम भी है ([__[[:hi:obs:notes:frames:09-14|०९-१४]]__] को देखें)। "मैं हूँ" कहने के द्वारा यीशु स्वयं के परमेश्वर होने की पुष्टि कर रहे थे। यदि समभव् हो तो अनुवाद इस प्रकार से करें कि लोगों को यीशु के उत्तर और परमेश्वर के नाम के बीच के समता साफ दिखाई दे।\n\n* __परमेश्वर के साथ ____बैठे__ –इसे आप "परमेश्वर के साथ राज्य करते" भी लिख सकते हैं। परमेश्वर सभी का अधिपति है,लोग उसके स्वर्ग के सिंहासन पर विराजमान देखते हैं। ऐसा कहने के द्वारा कि वह परमेश्वर के साथ बैठेगा, यीशु पिता के साथ राज्य करने के अपने अधिकार का दावा कर रहा है।\n\n* __परमेश्वर के साथ बैठे और स्वर्ग से आते ____देखोगे__ –इसे आप "परमेश्वर के साथ बैठे अरु फिर स्वर्ग से आते देखोगे" भी लिख सकते हैं।\n\n* __क्रोध में अपने कपड़े फाड़ लिए__ –दुःख और क्रोध में यहूदी अपने कपडे फाड़ते थे। यदि आपकी संस्कृति में कपडे फाड़ने का अर्थ कुछ और है तो आप इस कथन को अलग तरह से लिख सकते हैं, जैसे कि, "गुस्से में आग बबूला हो गया।"\n\n* __तुम्हारा न्याय क्या कहता है?__ –अर्थात, "तुम्हारा क्या निर्णय है?" या फिर, "हमें अपना निर्णय बताओ: क्या यह दोषी है या निर्दोष?" प्रधान याजक चाहता था कि धार्मिक अगुवे यीशु पर परमेश्वर की बराबरी करने का दोष लगाएं।
39:5 rxo5 उन्होंने यीशु का ठट्ठा उड़ाया [39-05] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-39-05.jpg)\n\n__महा याजक__ को उत्तर में सब __यहूदी अगुओं__ ने कहा, "इसे __मरना__ चाहिए!" __उन्होंने तब__ __यीशु__ __की आँखों पर पट्टी__ __बाँँधी__, __उस पर थूका__, उसे पीटा, और उसका __ठट्ठा ____उड़ाया__ ।\n\n## महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश: ##\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:jewish-leaders|यहूदी अगुओं]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:priest-high|महा याजक]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:death|मरना]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:jesus|यीशु]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:mock|ठट्ठा उड़ाया]]__\n\n## अनुवाद के लिए नोट्स: ##\n\n* __उन्होंने तब यीशु की आँखों पर पट्टी ____बाँधी__ –अर्थात, "उन्होंने यीशु की आँखों पर पट्टी बाँधी ताकि वह देख न सके।"\n\n* __उस पर ____थूका__ –इसका अनुवाद करते समय हम ऐसे भी लिख सकते हैं,: "उसका अपमान करने के लिए उस पर थूका" अथवा, "यह बताने के लिए उस पर थूका कि उसका जीवन बेकार है।" यह किसी का अपमान करने की एक रीति थी।
39:6 iu8n पतरस और सेविका [39-06] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-39-06.jpg)\n\n__पतरस__ घर के बाहर प्रतीक्षा कर रहा था कि एक __सेविका__ की दृष्टि उस पर पड़ गई, और उसने पतरस से कहा, "तू भी __यीशु__ के साथ था!" पतरस ने __इनकार कर ____दिया__ । बाद में, एक और लड़की ने भी यही बात कही, और __पतरस ने फिर से इंकार कर ____दिया__ । अंत में,लोगों ने कहा,"हमें पता है कि तू भी यीशु के साथ था, क्योंकि तुम दोनों ही __गलील__ __से हो__ ।"\n\n## महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश: ##\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:peter|पतरस]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:servant|सेविका]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:jesus|यीशु]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:galilee|गलील]]__\n\n## अनुवाद के लिए नोट्स: ##\n\n* __इंकार कर दिया__ –अनुवाद करते समय ऐसे भी लिख सकते है, : " उसने कहा कि या सच नहीं था" या फिर, "उसने कहा कि वह यीशु के साथ नहीं था" अथवा, "उसने कहा,नहीं। यह सच नहीं है।"\n\n* __पतरस ने फिर से इंकार कर ____दिया__ –इसके अनुवाद में हम लिख सकते हैं कि "पतरस ने यीशु से अपनी जान-पहचान होने से इंकार कर दिया" या फिर, "पतरस ने फिर से कहा कि वह कभी भी यीशु के साथ नहीं था।"\n\n* __गलील से हो__ –इसे आप "दोनों गलीलवासी हो" भी लिख सकते हैं। यीशु और पतरस की बोली से लोगों को पता चल जाता था कि दोनों ही गलील से हैं।
39:7 umqx पतरस ने यीशु का इंकार किया [39-07] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-39-07.jpg)\n\n__पतरस__ ने तब __शपथ खाते हुए कहा__, "__यदि मैं इस व्यक्ति को जानता हूँ तो__ __परमेश्वर__ __का__ __श्राप__ __मुझ पर पड़े__!" ऐसा कहते ही __एक मुर्गे ने बाँग दी__ और __यीशु__ ने मुड़ कर पतरस की ओर देखा।\n\n## महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश: ##\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:peter|पतरस]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:god|परमेश्वर]]__\n\n* [[:hi:obs:notes:key-terms:curse|श्राप]]\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:jesus|यीशु]]__\n\n## अनुवाद के लिए नोट्स: ##\n\n* __शपथ खाते हुए ____कहा__ –अर्थात, "बल देकर कहा।"\n\n* __यदि मैं इस व्यक्ति को जानता हों तो परमेश्वर का श्राप मुझ पर पड़े!__ –इस श्राप का मतलब है कि "यदि तेरी बात सच निकले तो परमेश्वर मेरा बुरा करे" या कि, "यदि मेरी बात झूठ है तो परमेश्वर मुझे दंड दे!" इस प्रकार पतरस अपनी इस बात को बल दे रहा था कि वह यीशु को नहीं जानता। साथ ही, उसने यीशु को "इस व्यक्ति" कह कर संबोधित किया ताकि उन्हें इस बात का विश्वास हो जाए कि वह उसे नहीं जानता।\n\n* __एक मुर्गे ने बाँग ____दी__मुर्गा बहुत ऊँचे स्वर में बाँग देता या कि कुकडू-कू करता है।__[[:hi:obs:notes:frames:38-09|[३८-०९]]]__ में इसका अनुवाद देखें।
39:8 e0ud यहूदा द्वारा आत्महत्या [39-08] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-39-08.jpg)\n\n__पतरस__ वहाँ से चला गया और __फूट-फूट कर ____रोया__ । इस बीच, __धोखेबाज़__ __यहूदा__ ने देखा कि __यहूदी अगुओं__ ने __यीशु__ __को मृत्यु दंड दिया __ है। यह देखकर यहूदा को अपने किये पर गहरा दुःख हुआ और उसने जाकर आत्महत्या कर ली।\n\n## महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश: ##\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:peter|पतरस]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:judas|यहूदा]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:betray|धोखेबाज़]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:jewish-leaders|यहूदी अगुओं]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:jesus|यीशु]]__\n\n## अनुवाद के लिए नोट्स: ##\n\n* __फूट-फूट कर रोया__ - अर्थात, "गहरे दुःख से भर कर रोया" या फिर, "मन में पछतावे की गहरी भावना के साथ रोया।"\n\n* __धोखेबाज़__ –अर्थात, "जिसने यीशु से धोखा किया है" या फिर, "जिसने यीशु को पकडवाने में अगुओं की मदद की थी।\n\n* __यीशु को मृत्यु दंड ____दिया__ –अर्थात, "कहा कि यीशु दोषी था और उसे मृत्यु मिलनी चाहिए।"
39:9 mpnw यीशु और पिलातुस [39-09] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-39-09.jpg)\n\nअगली सुबह तड़के ही __यहूदी अगुए__ __यीशु__ को __रोमी__ __अधिकारी__, __पिलातुस__ के पास लाये। उन्हें आशा थी कि पिलातुस यीशु को दोषी ठहरा कर __उसे मृत्यु दंड__ सुनाएगा। यीशु से पिलातुस ने पूछा, "क्या तू __यहूदियों का राजा__ है?"\n\n## महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश: ##\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:jewish-leaders|यहूदी अगुए]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:jesus|यीशु]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:pilate|पिलातुस]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:rome|रोमन]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:king-of-jews|यहूदियों का राजा]]__\n\n## अनुवाद के लिए नोट्स: ##\n\n* __रोमी अधिकारी__ - अर्थात, "रोम की सरकार का ऊंचा अधिकारी।" इस्राएल के यहूदिया क्षेत्र पर राज्य करने के लिए रोमी सरकार ने पिलातुस को नियुक्त किया था।\n\n* __उसे मृत्यु दंड__ - सरकार का एक बड़ा अधिकारी होने के नाते पिलातुस के पास यीशु को मृत्यु दंड देने व क्रूस की सज़ा देने, अथवा उसे छोड़ देने का अधिकार था। किसी को मृत्यु दंड देने का अधिकार यहूदियों के पास नहीं था।
39:10 rt1b सच क्या है? [39-10] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-39-10.jpg)\n\n__यीशु__ ने उत्तर दिया, "__तूने आप ही ऐसा कहाँ है__, लेकिन मेरा __राज्य__ इस धरती पर नहीं है। यदि होता, तो __मेरे सेवक__ __मेरे लिए लड़ रहे ____होते__ । मैं इस धरती पर लोगों को __परमेश्वर__ के विषय में सत्य बताने आया हूँ। जिसे भी __सत्य__ से__ प्रेम __ है, वह __मेरी सुन ले__ । __पिलातुस__ ने पूछा, "__सत्य क्या है?__"\n\n## महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश: ##\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:jesus|यीशु]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:kingdom-of-god|राज्य]]__\n\n* [[:hi:obs:notes:key-terms:kingdom|राज्य]]\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:servant|सेविका]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:truth|सत्य]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:god|परमेश्वर]]__\n\n* [[:hi:obs:notes:key-terms:love|प्रेम]]\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:pilate|पिलातुस]]__\n\n## अनुवाद के लिए नोट्स: ##\n\n* __तूने आप ही ऐसा कहा है __- अर्थात, "तूने बिलकुल सही कहा है।"\n\n* __मेरे सेवक मेरे लिए लड़ रहे होते__ - अर्थात, "मेरी रक्षा के लिए मेरे चेले लड़ते" ताकि मैं अपने राज्य की स्थापना कर सकूँँ।\n\n* __मेरी सुन ले__ - अर्थात, "मेरी शिक्षा को सुने और मेरा कहना माने।" इसमें यीशु की बातों को सुनना ही नहीं बल्कि उनका पालन करना भी शामिल है।\n\n* __सत्य क्या है?__ - अर्थात, "क्या कोई बता सकता है कि सत्य क्या है?"
39:11 xbdn यह निर्दोष है [39-11] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-39-11.jpg)\n\n__यीशु __ से बातें करने के बाद __पिलातुस__ भीड़ के पास गया और बोला, "__मुझे इस व्यक्ति में कोई__ __दोष__ __नहीं ____दिखता__ ।" लेकिन __यहूदी अगुए__ व भीड़ चिल्लाने लगी, "इसे __क्रूस दो__!" पिलातुस ने उत्तर दिया, "__यह निर्दोष है__ ।" लेकिन वे और जोर से चिल्लाने लगे। इस पर पिलातुस ने तीसरी बार कहा, "यह निर्दोष है!"\n\n## महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश: ##\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:jesus|यीशु]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:pilate|पिलातुस]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:guilt|दोष]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:jewish-leaders|यहूदी अगुवे]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:crucify|क्रूस दो]]__\n\n## अनुवाद के लिए नोट्स: ##\n\n* __मुझे इस व्यक्ति में कोई दोष नहीं दिखता__ - अर्थात, "मुझे यह व्यक्ति दोषी नहीं मिला" अथवा, "मैंने इस व्यक्ति की पड़ताल की है, और मुझे कोई दोष नहीं दिखा।"\n\n* __यह निर्दोष है__ - अर्थात, "इसने कोई गलत काम नहीं किया है!"
39:12 crwl यहूदियों का राजा [39-12] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-39-12.jpg)\n\n__पिलातुस__ को भीड़ के __दंगा__ कर देने का भय हुआ, इसलिए उसने अपने सिपाहियों द्वारा __यीशु__ को __क्रूस पर चढ़ाने__ की __सहमति दे दी__ । __रोमी__ सिपाहियों ने यीशु पर कोड़े बरसाए,और फिर __एक राजसी वस्त्र__ व __कांटो से बना ताज__ उसे पहना दिया। फिर उन्होंने यह कहते हुए उसका __ठट्ठा उड़ाया__ कि "__देखो__, __यहूदियों का राजा__!"\n\n## महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश: ##\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:pilate|पिलातुस]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:crucify|क्रूस पर चढ़ाने]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:jesus|यीशु]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:rome|रोमी]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:mock|ठट्ठा उड़ाया]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:king-of-jews|यहूदियों का राजा]]__\n\n## अनुवाद के लिए नोट्स: ##\n\n* __दंगा__ - अर्थात, "गुस्से में आकर हिंसात्मक कार्यवाही करना।"\n\n* __उसने सहमति दे दी __- पिलातुस यीशु को मृत्यु दंड नहीं देना चाहता था क्योंकि उसे विश्वास था कि वह निर्दोष था। लेकिन वह भीड़ से डर गया था और इसीलिए उसने अपने सिपाहियों को यीशु को क्रूस पर चढाने की आज्ञा दे दी। संभव हो तो इस कथन का अनुवाद इस प्रकार करें कि उसमे पिलातुस की यह हिचकिचाहट दिखाई दे।\n\n* __एक राजसी वस्त्र __- अर्थात, "राजा के लबादे जैसा वस्त्र।" किसी राजा के वस्त्रों के समान यह उज्जवल रंग का वस्त्र था।\n\n* __कांटो से बना ताज__ - अर्थात, उन्होंने कांटो से भरी डालों को मोड़ कर ताज के आकार में बाँध दिया। ताज असल में राजाओ के सिर पर पहना जानेवाला आभूषण होता है और राजा के अधिकार का प्रतीक होता है। लेकिन जो ताज उन्होंने यीशु के सिर पर पहनाया था वह भयंकर कांटो से बना था।\n\n* __देखो__ - अर्थात, "यह रहां यहूदियों का राजा।"\n\n* __यहूदियों का राजा__ - चूंकि वे लोग यीशु का ठट्ठा उड़ा रहे थे, इसलिए यहाँ पर आप "यह रहा, यहूदियों का तथाकथित राजा" भी लिख सकते हैं।\n\n* बाइबिल की कहानी - बाइबिल के कुछ संस्करणों में इनका अनुवाद अलग तरह से किया हो सकता है।
40:1 t3xg यीशु ने अपना क्रूस उठाया [40-01] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-40-01.jpg)\n\nयीशु का ठट्ठा उड़ाने के बाद सिपाही उसे क्रूस पर चढाने के लिए ले गए। उन्होंने उससे वह क्रूस उठवाया जिस पर उसे मारा जाना था।\n\n## महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश: ##\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:mock|ठट्ठा उड़ाया]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:jesus|यीशु]]__\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:crucify|क्रूस पर चढाने]]__ __\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:cross|क्रूस]]__\n\n## अनुवाद के लिए नोट्स: ##\n\n* __ले गए__—अर्थात, “अपने साथ आने को विवश किया।“ हम यहाँ पर “साथ ले गए” भी लिख सकते हैं।\n\n* __क्रूस पर चढाने के लिए__—अर्थात, “क्रूस पर मारने के लिए।“
40:2 i3zz यीशु को क्रूस पर कीलों से टांगा गया [40-02] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-40-02.jpg)\n\nसिपाही यीशु को “खोपड़ी” नाम की जगह पर ले आये और उसके हाथ-पैर क्रूस पर ठोक दिए। लेकिन इस पर भी यीशु ने कहा, “हे पिता, इन्हें क्षमा कर, क्योंकि ये नहीं जानते कि ये क्या कर रहे हैं।” पिलातुस ने सिपाहियों को आदेश दिया कि वे एक पट्टी पर “यहूदियों का राजा” लिख कर उसे यीशु के सिर के ऊपरवाली जगह पर लगा दें।\n\n## महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश: ##\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:jesus|यीशु]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:cross|क्रूस]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:god-father|पिता]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:forgive|क्षमा]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:pilate|पिलातुस]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:king-of-jews|यहूदियों का राजा]]__\n\n## अनुवाद के लिए नोट्स: ##\n\n* __खोपड़ी__—यरूशलेम के पास सफेद रंग के शीर्ष वाली पहाडी, जिसका आकर कुछ-कुछ मनुष्य की खोपड़ी के ऊपरी हिस्से जैसा था।\n\n* __इन्हें क्षमा कर, क्योंकि ये नहीं जानते कि ये क्या कर रहे हैं__—अर्थात, “वे स्वयं नहीं जानते कि वे क्या कर रहे हैं, इसीलिए हे पिता इन्हें क्षमा कर।“ सिपाहियों की द्रिस्थी में यीशु एक अपराधी था और वह मृत्यु दंड के योग्य था। वे नहीं जानते थे कि यीशु, परमेश्वर का बेटा था।
40:3 z7o0 उसके वस्त्रों पर दाव लगा [40-03] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-40-03.jpg)\n\nयीशु के वस्त्रों को बांटने के लिए सिपाहियों ने दाव लगाया। उनके ऐसा करने से एक भविष्यदवाणी पूरी हुई, जो कहती थी कि “उन्होंने मेरे कपडे आपस में बाँट लिए और मेरे वस्त्र पर चिट्ठी डाली (दाव लगाया) ।”\n\n## महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश: ##\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:jesus|यीशु के]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:fulfill|पूरा होना]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:prophet|भविष्यदवाणी]]__\n\n## अनुवाद के लिए नोट्स: ##\n\n* __यीशु के वस्त्रों पर दाव लगाया__—अर्थात, “यीशु के कपडे जीतने के लिए उस पर दाव लगाया । इस बात की जानकारी नहीं है कि उन्होंने यह किस प्रकार किया था, लेकिन कुछ संस्कृति सन्दर्भ में अनुवाद करते समय आप “गिट्टियां लुड़का कर” या फिर, “चिट्ठियां डाल कर” लिख सकते हैं ।\n\n* __एक भविष्यदवाणी पूरी हुई__—अर्थात, “उन्होंने जो किया वह पवित्र शास्त्र में बहुत पहले से लिखा “, या कि, “उन्होंने सदियों पहले एक नबी की कही बात पूरी की ।“
40:4 buws दो डाकू [40-04] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-40-04.jpg)\n\nदो लुटेरों के बीच यीशु क्रूस पर चढ़ाया गया था। उनमें से एक डाकू ने यीशु का ठट्ठा उड़ाया, लेकिन दूसरा बोला, “क्या तुझे परमेश्वर का भय नहीं है?” हम तो दोषी हैं,लेकिन यह व्यक्ति पूरी तरह निर्दोष है ।“ इसके बाद वह यीशु से बोला, “मुझे अपने राज्य में याद करना ।“ यीशु ने उत्तर दिया, “आज ही तू मेरे साथ स्वर्ग में होगा ।”\n\n## महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश: ##\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:jesus|यीशु]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:crucify|क्रूस पर चढ़ा दिया]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:mock|ठट्ठा उड़ाया]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:god|परमेश्वर]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:guilt|दोषी]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:innocent|निर्दोष]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:kingdom-of-god|राज्य]]__\n\n## अनुवाद के लिए नोट्स: ##\n\n* __दो डाकूओं__—यहाँ पर “दो डकैत” भी लिख सकते हैं । यहाँ दूसरो पर हिंसा या बल का प्रयोग करके उनकी चीज़ों को चुराने वाले व्यक्ति की बात हो रही है ।\n\n* __क्या तुझे परमेश्वर का भय नहीं है?__—डाकू यहाँ कोई प्रश्न नहीं कर रहा; कुछ भाषाओँ में अपनी बात पर बल देते समय ऐसे बोला/लिखा जाता है । यदि आपकी भाषा में इस प्रकार प्रश्नात्मक रीती से बातचीत न होती हो, तो आप इसे सरल कथन के रूप में लिख लें, जैसे कि “परमेश्वर से डर!”\n\n* __हम तो दोषी हैं लेकिन यह व्यकित बिलकुल निर्दोष है__—इसका अनुवाद करते समय हम यूँ लिख सकते हैं, कि “तूने और मैंने तो बुरे काम किये है और मृत्यु के योग्य हैं, लेकिन इसने, इस यीशु ने कोई गलत काम नहीं किया, इसलिए यह मृत्यु के योग्य नहीं है।“ यहाँ पर “हम” शब्द का आशय उन दोनों डाकूओं से है, इसमें यीशु शामिल नहीं है।\n\n* __यह व्यक्ति__—अर्थात यीशु।\n\n* __मुझे याद रखना__—अर्थात, “मुझे ग्रहण करना” या कि , “मुझे अपने साथ होने देना।“ “याद करना” का आशय यहाँ यादों को सोंचने से नहीं है। इसना अनुवाद इस प्रकार करे कि इसने विनती का भाव स्पष्ट रूप से दिखे।\n\n* __अपने राज्य मं__—अर्थात, “जब तू अपने राज्य स्थापित करेगा” या फिर, “जब तू राजा होकर राज्य करेगा।“\n\n* __स्वर्ग__—स्वर्ग
40:5 ha7o क्रूस से उतर आ [40-05] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-40-05.jpg)\n\nयहूदी अगुवो और भीड़ में मौजूद कुछ लोगों ने यीशु का ठट्ठा उड़ाया। वे बोले, “यदि तू परमेश्वर का बेटा है, तो क्रूस से उतर आ और स्वयं को बचा ले! फिर जाकर हम तेरा विश्वास करेंगे।”\n\n## महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश: ##\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:jewish-leaders|यहूदी अगुओं]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:mock|ठट्ठा उड़ाया]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:jesus|यीशु]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:god-son|परमेश्वर का बेटा]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:cross|क्रूस]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:save|उद्धार]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:believe|विश्वास]]__\n\n## अनुवाद के लिए नोट्स: ##\n\n* __तेरा विश्वास करेंगे__—अर्थात, “तुझ पर विश्वास करेंगे” अथवा, “मानेंगे कि तू मसीह है।“
40:6 tn0c अँधियारा [40-06] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-40-06.jpg)\n\nभरी दोपहरी में भी तब पूरा आकश अंधकारमय हो गया। यह अँधेरा दोपहर ३. बजे तक बना रहा।\n\n## महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश: ##\n\n## अनुवाद के लिए नोट्स: ##\n\n* (अनुवाद के लिए कोई नोट्स नहीं हैं।)
40:7 p1kc यीशु की मृत्यु [40-07] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-40-07.jpg)\n\nयीशु तब ऊंची आवाज़ में कहा, “पूरा हुआ!”हे पिता, मैं अपनी आत्मा तेरे हाथों में सौंपता हूँ।“ तब वह उसके सिर झुका और उसकी आत्मा को दे दिया। उसके मरते ही वहाँ एक भूचाल आया, और मंदिर के बीच लगा बड़ा पर्दा, जो लोगों को परमेश्वर की उपस्थिति से अलग रखता था, वह ऊपर से लेकर नीचे तक फट कर दो हिस्सों में बंट गया।\n\n## महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश: ##\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:jesus|यीशु]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:god-father|पिता]]__\n\n* [[:hi:obs:notes:key-terms:spirit|आत्मा]]\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:death|मर गया]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:god|परमेश्वर]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:temple|मंदिर]]__\n\n## अनुवाद के लिए नोट्स: ##\n\n* __पूरा हुआ!__—इसे “सम्पूर्ण हुआ” अथवा, “मैंने इसे पूरा कर दिया” या फिर, “मैने कार्य पूरा कर दिया है” भी लिख सकते हैं। इसका आशय है कि यीशु ने उद्धार का कार्य कर दिया है।\n\n* __तेरे हाथों में__—अर्थात, “तेरे आश्रय में।“\n\n* __अपना सिर झुकाया__ –अर्थात, “अपने सिर को नीचे किया।“\n\n* __अपने प्रांत छोड़ दिए__—अर्थात, “परमेश्वर के हाथों में अपनी आत्मा सोंप दी” अथवा, “अपनी आत्मा परमेश्वर को दे दी और मर गया।“\n\n* __बड़ा पर्दा__—यह मज़बूत कपडे से बना एक बड़ा सा पर्दा था जो मंदिर के बीच में लटका रहता था। यह दो कमरों को अलग करनेवाली दीवार के समान था। अनुवाद करते समय आप इसे “मोटा पर्दा” भी लिख सकते हैं।
40:8 rqra सिपाही की गवाही [40-08] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-40-08.jpg)\n\nअपनी मृत्यु के द्वारा यीशु ने लोगों के लिए परमेश्वर के पास आने का मार्ग खोल दिया। इन सारी घटनाओं को देख कर, यीशु की पहरेदारी कर रहे सिपाहियों ने कहा, “निश्चय ही, यह आदमी निर्दोष था। यह परमेश्वर का बेटा था।\n\n## __महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश:__ ##\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:death|मृत्यु]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:jesus|यीशु]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:god|परमेश्वर]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:innocent|निर्दोष]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:god-son|परमेश्वर का बेटा]]__\n\n## अनुवाद के लिए नोट्स: ##\n\n* __अपनी मृत्यु के द्वारा__—अर्थात, “अपनी मृत्यु के माध्यम से” या फिर, “मर कर।“\n\n* __एक मार्ग खोल दिया__—अर्थात, “संभव बना दिया।“\n\n* __परमेश्वर के पास आने__—अर्थात “परमेश्वर के निकट आने” या फिर, ”व्यक्तिगत रूप से परमेश्वर को जानने।“ परदे के फटना दिखता है कि परमेश्वर और लोगों के बीच की बाधा हटा दी गई है।
40:9 epda यीशु को कब्र देना [40-09] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-40-09.jpg)\n\nयीशु को मसीह माननेवाले दो यहूदी अगुवे, युसूफ और नीकुदेमुस ने पीलातुस से यीशु की मृत देह मांगी। उन्होंने उसकी देख को कपडे से लपेटा और पत्थर काट कर बनी एक कब्र में रख दिया। इसके बाद, कब्र के द्वार पर बड़ा सा एक पत्थर लुड़का कर उन्होंने उसे बंद कर दिया।\n\n_A Bible story from: Matthew 27:27-61; Mark 15:16-47; Luke 23:26-56; John 19:17-42_\n\n## महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश: ##\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:jewish-leaders|यहूदी अगुओं]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:believe|विश्वासियों]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:jesus|यीशु]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:messiah|मसीह]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:pilate|पिलातुस]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:tomb|कब्र]]__\n\n## अनुवाद के लिए नोट्स: ##\n\n* __युसूफ__—यह मरियम का पति नहीं था। यह कोई और युसूफ था।\n\n* __पीलातुस से यीशु की देह मांगी__—अर्थात, “यीशु की देह को क्रूस पर से उतारने की अनुमति मांगी।“\n\n* __बाइबिल की कहानी - __ बाइबिल के कुछ संस्करणों में इनका अनुवाद अलग तरह से किया हो सकता है।
41:1 mvw6 कब्र के लिए पहरेदार [41-01] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-41-01.jpg)\n\nसिपाहियों द्वारा यीशु को क्रूस पर चढाने के बाद, अविशासी यहूदी अगुओं ने पीलातुस से कहा, “उस झूठे यीशु ने कहा था कि वह तीन दिन के बाद मरे हुओं में से जी उठेगा। किसी को उसकी कब्र की पहरेदारी करनी चाहिए ताकि उसके चेले उसकी देह को चुरा कर यूँ न कहें कि यह मुर्दों में से जी उठा है।”\n\n## महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश: ##\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:crucify|क्रूस पर चढ़ा दिया]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:jesus|यीशु]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:jewish-leaders|यहूदी अगुओं]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:pilate|पिलातुस]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:raise|जीवित होगा]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:death|मुर्दों]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:tomb|कब्र]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:disciple|चेले]]__\n\n## अनुवाद के लिए नोट्स: ##\n\n* __अविश्वासी यहूदी अगुओं__—अर्थात, “यीशु पर विश्वास न रखनेवाले यहूदी अगुए।“\n\n* __उस झूठे यीशु न कहा__—अर्थात, “यह जो आदमी है, यीशु, उसने झूठ बोला था, कहता था कि वह…. ।“ यीशु ने परमेश्वर का बेटा होने की जो बात उन्हें बताई थी, वे उसे नहीं मानते थे।\n\n* __मरे हुओं में से जी उठेगा__—अर्थात, “फिर से जीवित हो जायेगा” या कि, “फिर जी उठेगा।“
41:2 tio3 कब्र मुहरबंद थी [41-02] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-41-02.jpg)\n\nपीलातुस बोला, “अपने साथ कुछ पहरेदार ले लो, और जितना हो सके कब्र को उतना सुरक्षित कर दो।“ इसलिए उन्होंने कब्र के द्वार पर लगे पत्थर पर मुहर लगा दी और कुछ सिपाहियों को वहाँ पर तैनात कर दिया ताकि कोई भी देह को चुरा न सके।\n\n## महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश: ##\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:pilate|पिलातुस]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:tomb|कब्र]]__\n\n## अनुवाद के लिए नोट्स: ##\n\n* __उन्होंने मुहर लगा दी__—अर्थात, “धार्मिक अगुओं व सिपाहियों ने मुहर लगा दी।“\n\n* __पत्थर पर मुहर लगा दी__ --कब्र के द्वार पर लगे पत्थर तथा कब्र की दीवार के बीचवाली जगह पर मिटटी या मोम जैसी कोई मुलायम चीज़ लगा दी, और फिर उस पर आधिकारिक मुहर से चिन्हित कर दिया। पत्थर हिलाने पर लगाई हुई सामग्री टूट जाती और पता चल जाता कि किसी ने कब्र में प्रवेश किया था। इसके अनुवाद में हम यूँ भी लिख सकते हैं कि “पत्थर पर एक चिन्ह लगा दिया ताकि लोग उसे न हटायें।“
41:3 bf0s स्त्रियाँ [41-03] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-41-03.jpg)\n\nयीशु को दफनाने के अगले दिन बाद सब्त का दिन था, और यहूदी उस दिन यहूदियों को कब्र पर जाने की अनुमति नहीं थी। इसलिए सब्त के बाद वाली सुबह, यीशु की देह पर सुगन्धित पदार्थ लगाने के लिए कुछ स्त्रियाँ उसके कब्र पर आईं।\n\n## महत्वपूर्णशब्द तथा वाक्यांश: ##\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:jesus|यीशु]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:sabbath|सब्त]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:jew|यहूदियों]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:tomb|कब्र]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:tomb|कब्र]]__\n\n## अनुवाद के लिए नोट्स: ##\n\n* __यहूदियों को कब्र पर जाने की अनुमति नहीं थी__—सब्त के दिन किसी भी यहूदी को अधिक दूर चलने या किसी प्रकार का काम करने के अनुमति नहीं थी।\n\n* __सुगन्धित पदार्थ__—इस आशय उन खुशबूदार सामग्रियों से है जिन्हें लाश की बदबू को दबाने के लिए उस पर मला जाता है। अनुवाद में हौं “खुशबूदार सामग्री” या, “खुशबूदार तेल” अथवा, “खुशबूदार औषधियां” भी लिख सकते हैं।
41:4 q3di स्वर्गदूतों का प्रकट होना [41-04] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-41-04.jpg)\n\nअचानक, एक बड़ा भूचाल हुआ। प्रकाश के जैसे उजला स्वर्गदूत प्रकट हुआ। उसने कब्र का पत्थर हटाया और उस पर बैठ गया। कब्र की पहरेदारी कर रहे सिपाही डर गए और भूमि पर ऐसे गिर पड़े मानो मर गए हों।\n\n## महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश: ##\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:angel|स्वर्गदूत]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:heaven|स्वर्ग]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:tomb|कब्र]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:death|मुर्दों]]__\n\n## अनुवाद के लिए नोट्स: ##\n\n* __बड़ा भूचाल__—इसे हम “भयंकर भूचाल” अथवा, “धरती बुरी तरह डोल गयी” भी लिख सकते हैं। स्पष्टता के लिए कुछ भाषाओं में “धरती बुरी तरह डोलने लगी” लिखना बेहतर होगा।\n\n* __प्रकाश के समान उजला स्वर्गदूत__—अर्थात, “जो प्रकाश के समान तेजोमय था।“\n\n* __भूमि पर गिर पड़े मानो मर गए हों__—वे मरे नहीं थे, बल्कि डर के कारण हिल-डुल नहीं रहे थे जैसे कि उनमे प्राण न हों। वे शायद डर के कारण मूर्छित हो गए थे। स्पष्ट लाने के लिए आप इसे “अचानक भूमि पर निश्चल पड़े रहे” भी लिख सकते हैं।
41:5 x940 यीशु फिर से जी उठा है [41-05] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-41-05.jpg)\n\nकब्र पर पहुँचने पर एक स्वर्गदूत उन स्त्रियों से बोला, “डरो मत।यीशु यहाँ नहीं है।वह मुर्दों में से जी उठा है, जैसा कि उसने कहा था कि वह करेगा! कब्र के भीतर देखो और जान लो।“ स्त्रियों ने तब कब्र के भीतर जाकर उस जगह को देखा जहाँ पर यीशु की देह को रखा गया था। उसकी देह वहाँ पर नहीं थी।\n\n## महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश: ##\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:angel|स्वर्गदूत]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:jesus|यीशु]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:raise|जी उठा]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:death|मुर्दों]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:tomb|कब्र]]__\n\n## अनुवाद के लिए नोट्स: ##\n\n* __डरो मत__—अर्थात, “डरना बंद करो।“ प्रकाश जैसे उज्जवल स्वर्गदूत को देखना एक भयावह अनुभव था!\n\n* __वह मुर्दों में से जी उठा ____है__ --इसके स्थात पर हम “वह फिर जीवित हो गया है” भी लिख सकते हैं।
41:6 tr44 चेलों को बताओ [41-06] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-41-06.jpg)\n\nस्वर्गदूत ने तब स्त्रियों से कहा, “ जाओ और सारे चेलों को बता दो कि यीशु मुर्दों में से जी उठा है और वह तुम्हारे आगे-आगे गलील को जाएगा।“\n\n## महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश: ##\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:angel|स्वर्गदूत]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:disciple|चेले]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:jesus|यीशु]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:raise|जी उठा ]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:death|मुर्दों]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:galilee|गलील]]__\n\n## अनुवाद के लिए नोट्स: ##\n\n* __वह तुम्हारे आगे-आगे गलील को जाएगा__—अर्थात, “वह तुमसे गलील में मिलेगा” या फिर, “गलील पहुँचने पर वह तुम्हे वहां मिलेगा।“ यहाँ पर “तुमसे” में बहुवचन का भाव है। इसमें प्रेरित व अन्य चेले शामिल हैं।
41:7 o3yc आनंद का समाचार [41-07] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-41-07.jpg)\n\nस्त्रियों को भय व परम आनंद, दोनों का अनुभव हो रहा था। वे दौड़ कर चेलों के पास गयीं और उन्हें यह सुसमाचार दिया।\n\n## महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश: ##\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:joy|आनंद]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:disciple|चेले]]__\n\n## अनुवाद के लिए नोट्स: ##\n\n* __भय व परम आनंद, दोनों का ____अनुभव__ —अर्थात, “वे भय के साथ आनंदित भी थीं।“\n\n* __सुसमाचार__—अनुवाद के समय इसे “यह सुसमाचार दिया कि यीशु फिर जी उठा है।“ सुसमाचार का आशय यीशु के फिर से जी उठने से है।
41:8 f5f0 यीशु का स्त्रियों के समक्ष प्रकट होना [41-08] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-41-08.jpg)\n\nजब स्त्रियाँ चेलों को यह सुसमाचार बताने ही जा रही थीं कि मार्ग में उन्हें यीशु ने दर्शन दिया, और उन्होंने उसकी आराधना की। यीशु ने कहा, “डरो मत। जाओ और जाकर मेरे चेलों से कहो कि वे गलील को जाएँ। वे मुझे वहाँ पर देखेंगे।“\n\n_A Bible story from: Matthew 27:62-28:15; Mark 16:1-11; Luke 24:1-12; John 20:1-18_\n\n## महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश: ##\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:disciple|चेले]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:jesus|यीशु]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:worship|आराधना करती थी]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:galilee|गलील]]__\n\n## अनुवाद के लिए नोट्स: ##\n\n* __मुझे वहाँ पर देखेंगे__—अर्थात, “वे मुझसे वहाँ पर मिलेंगे” या कि, “मुझसे वहाँ पर मिल सकते हैं।\n\n* __बाइबिल की कहानी- __ बाइबिल के कुछ संस्करणों में इनका अनुवाद अलग तरह से किया हो सकता है।
42:1 gomm दो चेले [42-01] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-42-01.jpg)\n\nजिस दिन यीशु मुर्दों में से जी उठा था, उस दिन उसके दो चेले पास ही के एक नगर जा रहे थे। रास्ते में वे यीशु के साथ हुई बातों पर चर्चा कर रहे थे। उन्हें आशा था कि वह मसीह था, लेकिन फिर उसकी हत्या कर दी गई। लेकिन अब स्त्रियाँ कह रही थीं कि वह जीवित हो उठा है। उन्हें समझ नहीं आ रहा था कि वे किस पर विश्वास करें और किस पर नहीं।\n\n## महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश: ##\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:jesus|यीशु]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:raise|जिलाया]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:disciple|चेले]]__\n\n* [[:hi:obs:notes:key-terms:messiah|मसीह]]\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:life|जीवित होंगे]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:believe|विश्वास]]__\n\n## अनुवाद के लिए नोट्स: ##\n\n* (अनुवाद के लिए कोई नोट्स नहीं हैं।)
42:2 dvsa यीशु का चेलों के साथ चलना [42-02] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-42-02.jpg)\n\nयीशु उनके पास आया और उनके साथ-साथ चलने लगा, लेकिन वे उसे पहचान न सके। उसने उनकी बातचीत का विषय पूछा, और उन्होंने पिछले कुछ दिनों में यीशु के साथ घटित हुई अद्भुत घटनाओं के बारे में उसे बताया। उन्होंने सोचा कि वे किसी आगंतुक से बातें कर रहे हैं जिसे यरूशलेम में हुई घटना की जानकारी नहीं है।\n\n## महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश: ##\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:jesus|यीशु]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:jerusalem|यरूशलेम]]__\n\n## अनुवाद के लिए नोट्स: ##\n\n* __उसे पहचान न सकते__—अर्थात, “उन्हें पता नहीं चला कि वह स्वयं यीशु था।“\n\n* __अद्भुत घटनाओं के बारे में__ —इसका आशय यीशु के आश्चर्यकर्मों, उसकी मृत्यु व जी उठने की खबरों से है।
42:3 nscw यीशु ने नबियों के विषय में समझाया [42-03] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-42-03.jpg)\n\nइसके बाद यीशु ने उन्हें समझाया कि परमेश्वर के वचन में मसीह के विषय में क्या लिखा है। उसने बताया कि नबियों ने कहा था कि मसीह कष्ट भोगेगा और मारा जाएगा, लेकिन तीसरे दिन वह फिर जी उठेगा। जिस नगर में उन दोनों को ठहरना था, जब वे वहाँ पहुंचे तब तक शाम लगभग हो चुकी थी।\n\n## महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश: ##\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:jesus|यीशु]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:word-of-god|परमेश्वर के वचन]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:messiah|मसीह]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:prophet|नबियों]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:suffer|कष्ट तो पाओगे]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:raise|जीवित होगा]]__\n\n## अनुवाद के लिए नोट्स: ##\n\n* __तीसरे ____दिन__ –अधिक स्पष्ट के लिए कुछ भाषाओं में “मृत्यु के तीसरे दिन” कहना बेहतर होगा।\n\n* __लगभग शाम हो चुकी थी__—अनुवाद करते समय हम इसे “दिन ढलने को था” या फिर, “सूरज ढलने को था” अथवा, “अँधेरा होने को था” भी लिख सकते है।
42:4 vvee रोटी तोडना [42-04] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-42-04.jpg)\n\nउन दोनों व्यक्तियों ने यीशु को साथ ठहरने को कहा, और उसने उनका आग्रह मान लिया। जब वे रात का भोजन करने को थे, यीशु ने एक रोटी उठायी, परमेश्वर को धन्यवाद दिया, और फिर उसे टुकड़े किये। इस पर उन लोगो ने अचानक उसे पहचान लिया। लेकिन उसी पल वह उनकी नज़रों से ओझल हो गया।\n\n## महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश: ##\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:jesus|यीशु]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:god|परमेश्वर]]__\n\n## अनुवाद के लीयते नोट्स: ##\n\n* __वह उनकी नज़रों से ओझल हो गया__—इसकी जगह आप “वह चला गया” या फिर, “अब वह वहाँ न था” भी लिख सकते हैं।
42:5 vwrz यीशु जीवित है [42-05] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-42-05.jpg)\n\nदोनों व्यक्तियों ने एक दूसरे से कहा, “वह यीशु था! इसीलिए जब वह हमें परमेश्वर का वचन समझा रहा था तब हमारे मन में उत्तेजना हो रही थी!” वे तुरंत ही यरूशलेम को लौट गए। वहाँ पहुँच कर उन्होंने चेलो को बताया, “यीशु जीवित है! हम उसे देख चुके हैं!”\n\n## महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश: ##\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:jesus|यीशु]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:word-of-god|परमेश्वर के वचन]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:jerusalem|यरूशलेम]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:disciple|चेले]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:life|जीवित होंगे]]__\n\n## अनुवाद के लिए नोट्स: ##\n\n* __हमारे मन में उत्तेजना हो रही थी__—अर्थात, “हम उत्साहित हो रहे थे” या कि, “हमारे भीतर आशा जाग रही थी” अथवा, “हमें आनंद हो रहा था।“ कुछ भाषाओँ में इसे व्यक्त करने के लिए विशिष्ट अभिव्यक्तियाँ हो सकती हैं, जैसे कि, “हमारे मन पिघल रहे थे” या कि, “हमारे मन में हलचल हो रही थी।“ यदि आपकी भाषा में मन की ऐसे उत्तेजना के लिए कोई विशिष्ट शब्द या अभिव्यक्ति हो तो उसीका प्रयोग करे, लेकिन ध्यान रहें यहाँ पर उत्तेजना या हलचल का आशय क्रोध से नहीं है।
42:6 s65u चेलों के समक्ष यीशु का प्रकट होना [42-06] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-42-06.jpg)\n\nचेले बातचीत कर ही रहे थे कि कमरे में अचानक यीशु ने प्रकट होकर कहा, “तुम्हे शांति मिले!” चेलों ने सोचा कि उन्होंने कोई भूत देख लिया है, लेकिन यीशु ने कहा, “तुम क्यों डरते और संदेह करते हो? मेरे हाथों और पैरों को देखो। भूतों के पास मेरी तरह देह नहीं होती।“यह सिद्ध करने के लिए को वह कोई भूत नहीं था, उसने खाने के लिए कुछ माँगा। उन्होंने उसे पकी हुई मछली का एक टुकड़ा दिया, और उसने उसे खा लिया।\n\n## महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश: ##\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:disciple|चेले]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:jesus|यीशु]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:peace|शान्ति]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:disciple|चेले]]__\n\n## अनुवाद के लिए नोट्स: ##\n\n* __तुम्हे शांति मिले__—अनुवाद करे समय आप “तुमको शांति मिले” या फिर, “शांति तुम्हारे साथ हो” लिख सकते हैं।\n\n* __भूत__—इसका आशय मृत व्यक्ति कि आत्मा से है।\n\n* __संदेह__—अर्थात, “संदेह क्यों करते हों कि मैं जीवित हूँ और यहाँ तुम्हारे साथ हूँ।“\n\n* __सिद्ध करने__—अर्थात, “यह दिखाने के लिए।“
42:7 l164 यीशु का उनकी बुद्धि से पर्दा हटाना [42-07] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-42-07.jpg)\n\nयीशु न कहा, “मैंने तुम्हे बताया था कि मेरे निमित्त जो भी परमेश्वर के वचन में लिखा है, उसे पूरा होना होगा।“ इसके बाद उसने उनकी बुद्धि पर से हटा पर्दा दिया ताकि वे परमेश्वर के वचन को समझ सकें। उसने कहा, “बहुत समय पहले से ही यह लिखा है कि मसीह कष्ट भोगेगा, मारा जाएगा, और फिर तीसरे दिन मुदों में से जी उठेगा।“\n\n## महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश: ##\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:jesus|यीशु]]__\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:word-of-god|परमेश्वर के वचन]]____\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:fulfill|पूरा होना]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:messiah|मसीह]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:suffer|कष्ट तो पाओगे]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:death|मृत्यु]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:raise|जीवित होगा]]__\n\n## अनुवाद के लिए नोट्स: ##\n\n* __पूरा होना होगा__—अर्थात, “होकर रहेगा।“\n\n* __उनकी बुद्धि से पर्दा हटा दिया ताकि वे परमेश्वर के वचन को समझ सकें__—अनुवाद करे समय हम ऐसे भी लिख सकते हैं, कि “उन्हें समझ दी” या कि, “समझने के बुद्धि दी।“\n\n* __तीसरे दिन__—अर्थात, “तीन दिन बाद।“
42:8 muyz तुम गवाह हो [42-08] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-42-08.jpg)\n\n“वचन में यह लिखा है कि मेरे चेले यह उद्घोषणा करेंगे कि अपने पापों की क्षमा पाने के लिए सब अपना मन फिराएं। वे इस काम का आरम्भ यरूशलेम से करेंगे, और फिर हर जगह के सभी लोगों के पास जायेंगे।इन बातों के निमित्त तुम मेरे गवाह हो।“\n\n## महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश: ##\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:word-of-god|वचनों]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:disciple|चेले]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:repent|मन फिराओ]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:receive|ग्रहण]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:forgive|क्षमा]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:sin|पापों]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:jerusalem|यरूशलेम]]__\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:people-group|समुदायों]]____\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:witness|गवाह]]__\n\n## अनुवाद के लिए नोट्स: ##\n\n* __उद्घोषणा__—अर्थात, “घोषणा” या फिर, “प्रचार” करेंगे।\n\n* __वे इस काम का आरम्भ यरूशलेम से करेंगे__—अर्थात, “वे इस काम को करने की शुरुआत यरूशलेम से करेंगे” अथवा, “वे इस बातों की उदघोषणा का आरम्भ यरूशलेम में करेंगे।“\n\n* __इन बातों के निमित्त तुम मेरे गवाह हो__—अर्थात, “तुमने इन बातो को होते देखा है” या फिर, “तुमने जो बातें होती देखी हैं, उनके बारे में तुम लोगों को बताओगे।“
42:9 zsmn यीशु ने चालीस दिनों तक उपदेश दिया [42-09] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-42-09.jpg)\n\nअगले चालीस दिनों के दौरान, यीशु कई बार अपने चेलों को दिखाई दिए। एक बार, वह ५०० लोगों को एक साथ दिखाई दिया! उसने कई रीतियों से अपने चेलों को अपने जीवित होने की बात सिद्ध की और परमेश्वर के राज्य के बारे में सिखाया।\n\n## महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश: ##\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:jesus|यीशु]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:disciple|चेले]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:life|जीवित होंगे]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:kingdom-of-god|परमेश्वर के राज्य]]__\n\n## अनुवाद के लिए नोट्स: ##\n\n* (अनुवाद के लिए कोई नोट्स नहीं हैं।)
42:10 om7s चेले बनाओ [42-10] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-42-10.jpg)\n\nयीशु ने अपने चेलों से कहा, “स्वर्ग और धरती का सब अधिकार मुझे दिया गया है। इसलिए जाओ और सभी समुदाय के लोगो को पिता, पुत्र, व पवित्र आत्मा के नाम से बप्तिस्मा देकर, व मैं जो आज्ञाएँ तुम्हे देता हूँ, उनका पालन करने की शिक्षा देकर उन्हें मेरा चेला बनाओ। याद रहे, मैं सदा तुम्हारे साथ रहूँगा।“\n\n## महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश: ##\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:jesus|यीशु]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:disciple|चेले]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:heaven|स्वर्ग]]__\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:people-group|समुदायों]]____\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:baptize|बप्तिस्मा देकर]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:god-father|पिता]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:god-son|बेटा]]__\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:holy-spirit|पवित्र आत्मा]]____\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:obey|आज्ञाओं का पालन]]__\n\n## अनुवाद के लिए नोट्स: ##\n\n* __स्वर्ग और धरती का सब अधिकार मुझे दिया गया है__—इसका अनुवाद करते समय यूँ भी लिख सकते हैं, “परमेश्वर ने स्वर्ग और धरती का सब अधिकार मुझे दिया है” या फिर, “स्वर्ग और धरती के हर बाशिंदे पर परमेश्वर ने मुझे पूरा अधिकार दिया है” अथवा, “स्वर्ग और धरती का सारा अधिकार मेरा है।“\n\n* __सभी समुदाय के लोगों को .....मेरा चेला बनाओ__—अर्थात, “मेरा चेला बनने में सभी समुदाय के लोगों की मदद करों।“\n\n* __के नाम में__—इसका आशय “के अधिकार से” व “के अधिकार द्वारा”, दोनों ही है। यहाँ पर “नाम” के लिए प्रयुक्त होनेवाले शब्द का जस का तस प्रयोग करें। इस वाक्यांश को दोहरा कर भी प्रयोग किया जा सकता है, जैसे कि “पिता के नामे में, पुत्र के नामे में, और पवित्र आत्मा के नाम में।“
42:11 d471 यीशु का स्वर्गारोहण [42-11] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-42-11.jpg)\n\nमुर्दों में से जी उठने के चालीस दिन बाद यीशु ने अपने चेलों से कहा, “जब तक पवित्र आत्मा तुम लोगों पर न आये और मेरे पिता से तुम सामर्थ न पाओ, तब तक तुम यरूशलेम में ही बने रहो।“ यीशु तब स्वर्ग चला गया, और एक बादल ने उसे ओझल कर दिया। सभी चीज़ों पर राज्य करने हेतु यीशु ठीक परमेश्वर की दायीं ओर बैठ गया।\n\n_A Bible story from: Matthew 28:16-20; Mark 16:12-20; Luke 24:13-53; John 20:19-23; Acts 1:1-11_\n\n## महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश: ##\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:jesus|यीशु]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:disciple|चेले]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:jerusalem|यरूशलेम]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:god-father|पिता]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:power|सामर्थ]]__\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:holy-spirit|पवित्र आत्मा]]____\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:heaven|स्वर्ग]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:god|परमेश्वर]]__\n\n## अनुवाद के लिए नोट्स: ##\n\n* __जब तक पवित्र आत्मा तुम पर न आये__—अर्थात, “तुम पर न उतरे।“\n\n* __एक बादल ने उसे ओझल कर दिया__—इसे “वह बादल में अदृश्य हो गया” भी लिख सकते हैं।\n\n* __परमेश्वर की दायी ओर__—इसे “परमेश्वर की दायीं तरफ” भी लिख सकते हैं।\n\n* __सभी चीज़ों पर__—अर्थात, “सभी पर।“\n\n* बाइबिल की कहानी - बाइबिल के कुछ संस्करणों में इनका अनुवाद अलग तरह से किया हो सकता है।
43:1 adsf यरूशलेम में चेले [43-01] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-43-01.jpg)\n\nयीशु के स्वर्ग लौटने के बाद, यीशु की आज्ञा के अनुसार चेले यरूशलेम में रहे। विश्वासी नियमित रूप प्रार्थना के लिए जमा होते रहे।\n\n## महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश: ##\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:jesus|यीशु]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:heaven|स्वर्ग]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:disciple|चेले]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:jerusalem|यरूशलेम]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:believer|विश्वासियों]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:pray|प्रार्थना]]__\n\n## अनुवाद के लिये नोट्स: ##\n\n* __स्वर्ग लौटने के बाद__—अर्थात, “स्वर्ग में वापिस जाने के बाद।“\n\n* __यरूशलेम में रहे__—अर्थात, “कुछ और समय यरूशलेम में ठहरे रहे।“ वे वहाँ पर स्थायी रूप से बस नहीं गए थे।
43:2 rjv2 पिन्तेकुस्त का भोज [43-02] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-43-02.jpg)\n\nफसह के ५० दिन बाद, यहूदी लोग सालाना रूप से पिन्तेकुस्त नाम का एक महत्वपूर्ण दिवस मनाते थे। पिन्तेकुस्त के समय यहूदी कटनी का उत्सव मनाते थे। पिन्तेकुस्त को मनाने के लिए विश्व भर से यहूदी यरूशलेम में जमा होते थे।इस साल, पिन्तेकुस्त का दिन यीशु के स्वर्गारोहण के लगभग एक सप्ताह बाद पड़ा था।\n\n## महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश: ##\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:passover|फसह]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:jew|यहूदियों]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:jerusalem|यरूशलेम]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:jesus|यीशु]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:heaven|स्वर्ग]]__\n\n## अनुवाद के लिए नोट्स: ##\n\n* __पिन्तेकुस्त__—“पिन्तेकुस्त” का शाब्दिक अर्थ “पचासवाँ (दिवस)” है। आप यहाँ पर “पिन्तेकुस्त” शब्द का प्रयोग कर सकते हैं और लेखन सामग्री से आशय को स्वयं स्पष्ट होने दें। नहीं तो आप अपने भाषा में “५०वें दिन” के लिए प्रयुक्त होनेवाले विशिष्ट शब्द का भी प्रयोग कर सकते हैं।\n\n* __कटनी का उत्सव मनाते थे__—परमेश्वर को भेंट व उपहार समर्पित करने के द्वारा यहूदी अच्छी फसल के लिए परमेश्वर का धन्यवाद करते थे और विशेष भोजन का सेवन करके उत्सव मनाते थे।\n\n* __इस साल__—अर्थात, “जिस साल यीशु की मृत्यु हुई थी।“\n\n__[ [[https://door43.org/hi/obs/notes/43|Up](https://door43.org/hi/obs/notes/frames/43-01|<<]] ) | [>>](https://door43.org/hi/obs/notes/frames/43-03)__
43:3 kaqe अन्य भाषाओं में बोलना [43-03] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-43-03.jpg)\n\nसारे विश्वासी साथ ही में थे कि अचानक जिस घर में वे थे, वहाँ तेज़ आंधी की सनसनाहट जैसी आवाज़ हुई। इसके बाद सभी विश्वासियों के सिरों पर आग की लपटें सी दिखाई दीं। वे पवित्र आत्मा से भर गए और अन्य-अन्य भाषाओँ में बात करने लगे।\n\n## महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश: ##\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:believer|विश्वासियों]]__\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:holy-spirit|पवित्र आत्मा]]____\n\n## अनुवाद के लिए नोट्स: ##\n\n* __आंधी की सनसनाहट जैसे आवाज़ हुई__—अर्थात, “तेज़ आंधी की आवाज़” या कि, “आंधी चलने की आवाज़ हुई।“\n\n* __पवित्र आत्मा से भर गए__—अर्थात, “पवित्र आत्मा ने उन्हें सामर्थ दी” या कि, “पवित्र आत्मा ने उन्हें योग्यता दी।“\n\n* __अन्य-अन्य भाषाओं में__—अनुवाद करते समय हम यूँ भी लिख सकते हैं, “मूल भाषा की जगह कोई और भाषा बोलने लगे” या फिर, “विदेशियों की सी अनजान भाषाओं में बोलने लगे।“ पवित्र आत्मा द्वारा सामर्थ मिलने पर ही विश्वासियों को अन्य भाषाओँ में बोलने की योग्यता मिली थी। ध्यान रहे कि “भाषाओँ” शब्द का आशय लोगों द्वारा बोली जानेवाली भाषाओँ से है।
43:4 hirb भीड़ इकट्ठी हुई [43-04] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-43-04.jpg)\n\nजब यरूशलेम में लोगों को यह शोर सुनाई दिया, तो उत्सुकता के मारे वहाँ एक भीड़ जमा हो गई। लोगों ने जब विश्वासियों को परमेश्वर के अद्भुत कार्यों की उड़घोषणा करते सुना, तो वे इस बात से हैरान हो गए कि उन्हें वे सारी बातें अपनी ही भाषा में सुनाई दे रही थीं।\n\n## महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश: ##\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:jerusalem|यरूशलेम]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:believer|विश्वासियों]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:god|परमेश्वर]]__\n\n## अनुवाद के लिए नोट्स: ##\n\n* __भीड़__ ---इसे “लोगों की भीड़” या कि, “लोगों का जमावड़ा” भी लिख सकते हैं।\n\n* __परमेश्वर के अद्भुत कार्यों__—अनुवाद करते समय, “परमेश्वर द्वारा किये आश्चर्य के कार्य” भी लिख सकते हैं।
43:5 mndk परमेश्वर का आत्मा उंडेला गया [43-05] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-43-05.jpg)\n\nकुछ लोगों ने चेलों पर मतवाल होने का दोष लगाया। लेकिन पतरस ने खड़े होकर उनसे कहा, “मेरी बात सुनो! ये लोग मतवाल नहीं हैं! यह तो योएल नबी की उस भविष्यदवाणी का पूरा होना है, जो कहती है कि “अंत के दिनों में मैं अपना आत्मा उंडेलूँगा।’”\n\n## महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश: ##\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:disciple|चेले]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:peter|पतरस]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:fulfill|पूरी होती है]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:prophet|भविष्यदवाणी]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:holy-spirit|आत्मा]]__\n\n## अनुवाद के लिए नोट्स: ##\n\n* __मतवाल होने का दोष लगाया__—इसे हम “कहा कि चेले नशे में थे” भी कह सकते हैं।\n\n* __योएल__—इस घटना के होने से कई सैकड़ो साल पहले यरूशलेम में हुए एक नबी।\n\n* __अंत के दिनों में__-–इसका आशय “जगत के अंत से पूर्व के अंतिम दिनों से है।“\n\n* __अपना आत्मा उंडेलूँगा__—अनुवाद करते समय हम इस वाक्यांश को इस प्रकार भी लिख सकते हैं, कि “मैं अपना आत्मा लोगों को बहुतायत से दूंगा” या कि, “अपने आत्मा द्वारा लोगों को सामर्थ दूंगा।“\n\n* __अपना आत्मा__ –अर्थात, “मेरा पवित्र आत्मा।“
43:6 xnk5 तुमने यीशु को क्रूस दिया [43-06] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-43-06.jpg)\n\n“हे इस्राएल के लोगों, यीशु एक व्यक्ति था जिसने परमेश्वर की सामर्थ से बहुत से सामर्थी चिन्ह व अद्भुत कार्य किये, जैसा कि तुम पहले ही देख चुके हो और जानते भी हो। परन्तु तुमने उसे __क्रूस पर मार दिया__!”\n\n## महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश: ##\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:israel|इस्राएल]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:jesus|यीशु]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:miracle|चिन्ह व अद्भुत कार्य]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:power|सामर्थ]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:god|परमेश्वर]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:crucify|क्रूस पर चढ़ा दिया]]__\n\n## अनुवाद के लिए नोट्स: ##\n\n* (पतरस अपना संबोधन जारी रखता है।)\n\n* __इस्राएल के लोगों__—कुछ भाषाओं में “इस्राएल के लोगों” का प्रयोग ही उचित होगा ताकि स्पष्ट हो जाए कि पतरस पुरुष व स्त्री, दोनों को संबोधित कर रहा है। अनुवाद करते समय आप “हे मेरे संगी इस्राएलियों” या कि, “हे मेरे संगी यहूदियों” भी लिख सकते हैं ताकि स्पष्ट हो जाए कि पतरस भी यहूदी था और “यरूशलेम के लोगों” का हिस्सा था।\n\n* __तुमने उसे क्रूस पर मार दिया__!—अनुवाद करते समय आप “तुमसे उसे क्रूस पर चढ़ा दिया” या कि, “तुम्हारे कारण वह क्रूस पर मारा गया” भी लिख सकते हैं। असल में यहूदियों ने यीशु को क्रूस पर नहीं टांगा था। लेकिन, तब भी, ये यहूदी अगुवे ही थे जिन्होंने यीशु को क्रूस पर चढाने के नारे लगाए थे।
43:7 n78w परमेश्वर ने यीशु को जिलाया [43-07] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-43-07.jpg)\n\nयीशु का पुनरुत्थानइससे वह भविष्यदवाणी पूरी होती है जो कहती है कि, “तू अपने पवित्र जन को कब्र में सड़ने न देगा।“ हम इस बात के गवाह हैं कि परमेश्वर ने यीशु को फिर से जीवित किया है।“\n\n## महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश: ##\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:jesus|यीशु]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:god|परमेश्वर]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:raise|जिलाया]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:death|मुर्दों]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:fulfill|पूरी होती है]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:prophet|भविष्यदवाणी]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:messiah|पवित्र जन]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:witness|गवाह]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:life|जिलाया]]__\n\n## अनुवाद के लिए नोट्स: ##\n\n* (पतरस अपना संबोधन जारी रखता है।)\n\n* __इससे वह भविष्यदवाणी पूरी होती है जो कहती है कि__—अनुवाद करते समय हम इस बात को यूँ भी लिख सकते हैं, कि “इसने एक नबी की सदियों पहले कही बात को सच किया है कि.. ।“\n\n* __तू अपने__ —यहाँ पर “तू” और “अपने” का आशय पिता परमेश्वर से है। बात को स्पष्ट करने के लिए आप “हे परमेश्वर, तू अपने” भी लिख सकते हैं। कुछ भाषाओं में परमेश्वर को संबोधित करते समय विशेष शब्दों का प्रयोग किया जाता है।\n\n* __कब्र में सड़ने न दूँँगा__—अर्थात, “कब्र में क्षय होने न दूँगा।“ इसका आशय इस तथ्य से है कि यीशु अधिक समय के लिए कब्र में नहीं रहा; यह इस बात को कहने का एक और तरीका है कि वह अधिक समय के लिए मृत नहीं था, बल्कि जल्द ही जीवन में लौट आया था।\n\n* __यीशु को फिर से जीवित किया है__—अर्थात, “यीशु को फिर से जीवन दिया है।“
43:8 nvuv पवित्र आत्मा [43-08] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-43-08.jpg)\n\n“यीशु अब सर्वोच्च पद पाकर पिता परमेश्वर की दाहिनी ओर विराजमान है। अपनी प्रतिज्ञा के अनुसार यीशु ने पवित्र आत्मा को भेज दिया है। जो कुछ भी तुम देख और सुन रहे हो, वो पवित्र आत्मा ने किया है।“\n\n## महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश: ##\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:jesus|यीशु]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:god father|पिता परमेश्वर]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:holy spirit|पवित्र आत्मा]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:promise|प्रतिज्ञा की है]]__\n\n## अनुवाद के लिए नोट्स: ##\n\n* (पतरस अपना संबोधन जारी रखता है।)\n\n* __यीशु अब सर्वोच्च पद पाकर__—अनुवाद करते समय हम “सर्वोच्च पद” के स्थान पर “उन्नत किया गया” अथवा, “उठाया गया” भी लिख सकते हैं।\n\n* __दायीं ओर__—अनुवाद करते समय “सबसे महत्वपूर्ण पद” या कि, “आदर का उच्चतम स्थान दिया।\n\n* __किया है__—अर्थात, “विश्वासियों को सक्षम बनाया है” या कि, “ऐसा करने की सामर्थ्य उन्हें पवित्र आत्मा ने दिया है।“
43:9 u2la यीशु ही मसीह है [43-09] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-43-09.jpg)\n\nतुमने उस व्यक्ति यीशु को, __क्रूस पर चढ़ा दिया__ __| __ लेकिन निश्चय ही जान लो कि परमेश्वर ने यीशु को प्रभु व मसीह, दोनों ही ठहराया है!”\n\n## महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश: ##\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:crucify|क्रूस पर चढ़ा दिया]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:jesus|यीशु]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:god|परमेश्वर]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:lord|प्रभु]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:messiah|मसीह]]__\n\n## अनुवाद के लिए नोट्स: ##\n\n* (पतरस अपना संबोधन जारी रखता है।)\n\n* __लेकिन निश्चय ही जान लो__—अनुवाद करते समय यूँ भी लिख सकते हैं, कि “लेकिन तुम यह जान लो कि या सत्य है कि” अथवा, “लेकिन इस बात कर भरोसा रखो कि..... ।“
43:10 ovtk हमें क्या करना चाहिए? [43-10] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-43-10.jpg)\n\nपतरस की बातें सुन कर लोग व्याकुल हो गए। इसलिए उन्होंने पतरस व अन्य चेलों से पूछा, “हे भाइयों, हमें क्या करना चाहिए?”\n\n## महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश: ##\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:peter|पतरस]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:disciple|चेले]]__\n\n## अनुवाद के लिए नोट्स: ##\n\n* __व्याकुल हो ____गए__ ---अर्थात, “चिंतित हुए” अथवा, “बहुत दुखी हो गए।“ “व्याकुल” होने का आशय है कि उनके मन में उसकी कही बातें लग गयीं थीं।\n\n* __भाइयों__—संगी यहूदी को संबोधित करने की सामान्य रीती। अनुवाद करते समय आप “हे मित्रों” भी लिख सकते हैं।
43:11 gvgh मन फिराव और बप्तिस्मा लो [43-11] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-43-11.jpg)\n\nपतरस ने उत्तर देते हुए कहा, “तुम में से हरेक अपना मन फिराए और यीशु मसीह के नाम में बप्तिस्मा ले ताकि परमेश्वर तुम्हारे पापो की क्षमा तुम्हे दे। फिर वह तुम्हे पवित्र आत्मा के वरदान भी देगा।“\n\n## महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश: ##\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:peter|पतरस]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:repent|मन फिराओ]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:baptize|बपतिस्मा ]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:jesus|यीशु मसीह]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:god|परमेश्वर]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:forgive|क्षमा]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:sin|पापों]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:holy spirit|पवित्र आत्मा]]__\n\n## अनुवाद के लिए नोट्स: ##\n\n* __के नाम में__—इसका आशय “के अधिकार से” व “के अधिकार द्वारा”, दोनों ही है। यहाँ पर “नाम” के लिए प्रयुक्त होनेवाले शब्द का जैसा का तैसा प्रयोग करें।\n\n* __मसीह__—“मसीह” व “ख्रीस्त” दोनों का अर्थ एक ही है। अनुवाद करते समय आप “अभिषिक्त हुआ” या कि “चुना हुआ” भी लिख सकते हैं। अनुवाद करने की बजाय आप “ख्रीस्त” शब्द का सीधा प्रयोग भी कर सकते हैं।\n\n* __यीशु मसीह__—चूंकि “मसीह” एक उपाधि है, इसलिए भाषा की माँग के अनुसार आप “मसीह यीशु” भी लिख सकते हैं। ये दोनों तरीका बाइबिल में इस्तेमाल किया गया है।
43:12 eegw 3000 विश्वासी [43-12] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-43-12.jpg)\n\nलगभग 3000 लोगों ने विश्वास करके जो पतरस ने कहा और यीशु मसीह के चेले बन गए और बप्तिस्मा ले कर वे यरूशलेम की कलीसिया का हिस्सा बन गए।\n\n## महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश: ##\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:believe|विश्वासियों]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:peter|पतरस]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:disciple|चेले]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:jesus|यीशु]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:baptize|बपतिस्मा ]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:church|कलीसिया]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:jerusalem|यरूशलेम]]__\n\n## अनुवाद के लिए नोट्स: ##\n\n* _(अनुवाद के लिए कोई नोट्स नहीं हैं।)_
43:13 wh85 चेलों का आपस में मिलना [43-13] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-43-13.jpg)\n\nचेलों को प्रेरितों से शिक्षा सुनने, संगति करने, और मिल कर भोजन करने व एक दूसरे के साथ प्रार्थना करते रहें। उन्हें साथ मिल कर परमेश्वर की स्तुति करने में आनंद आता था और वे एक दूसरे के साथ अपनी वस्तुएँ साँझी करते थे। सब लोग उनके विषय में भला सोचते थे। हर दिन अधिकाधिक लोग विश्वास में आ रहे थे।\n\n## महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश: ##\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:disciple|चेले]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:apostle|प्रेरितों]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:pray|प्रार्थना की]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:praise|स्तुति करने]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:god|परमेश्वर]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:believer|विश्वासियों]]__\n\n## अनुवाद के लिए नोट्स: ##\n\n* __उनके विषय में भला सोचते थे__—अर्थात, “उनके प्रति लोगों के विचार अच्छे थे।“\n\n* बाइबिल की कहानी : बाइबिल के कुछ संस्करणों में इनका अनुवाद अलग तरह से किया हो सकता है।
44:1 sej0 लंगड़ा व्यक्ति [44-01] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-44-01.jpg)\n\nएक दिन पतरस और यूहन्ना मन्दिर में जा रहे थे | भवन के द्वार के पास पहुँचने पर उन्हें भीख मांगता हुआ, एक लंगड़ा व्यक्ति दिखाई दिया।\n\n## महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश: ##\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:peter|पतरस]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:john-the-apostle|यूहन्ना]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:temple|मंदिर]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:beg|भीख मांगता हुआ]]__\n\n## अनुवाद के लिए नोट्स: ##\n\n* __एक दिन __— ये शब्द घटना के अतीत में होने का संकेत तो देते हैं, लेकिन किसी विशिष्ट तिथि का उल्लेख नहीं करते। कई भाषाओ में कहानियों की शुरुआत अकसर इन्ही शब्दों के साथ की जाती है।\n\n* __एक लंगड़ा व्यक्ति__—अनुवाद करते समय आप “पंगु” या “अपंग” भी लिख सकते हैं। यहाँ पर एक ऐसे व्यक्ति की बात हो रही है जो अपने पैरो का अच्छी तरह से प्रयोग नहीं कर सकते थे, और जो खड़ा हो या चल नहीं सकता।
44:2 b6xq __उठ और चल__ [44-02] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-44-02.jpg)\n\nपतरस ने उस लंगड़े व्यक्ति को देखा और कहा, “तुझे देने को मेरे पास पैसे नहीं हैं। लेकिन जो मेरे पास है, वह मै तुझे अवश्य दूँगा। यीशु के नाम में, उठ और चल!”\n\n## महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश: ##\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:peter|पतरस]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:jesus|यीशु]]__\n\n## अनुवाद के लिए नोट्स: ##\n\n* __यीशु के नाम में__—यहाँ पर “नाम” का आशय उस व्यक्ति के अधिकार व सामर्थ से है। इसलिए, यहाँ इस वाक्यांश का अर्थ है “यीशु के अधिकार से।“\n\n* __उठ__—अर्थात “खड़ा हो।“
44:3 pqll लंगड़े व्यक्ति का चंगाई पाना [44-03] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-44-03.jpg)\n\nपरमेश्वर ने तुरंत ही उस लंगड़े व्यक्ति को चंगा कर दिया, और वह चलने-फिरने, व कूदने लगा और परमेश्वर की स्तुति करने लगा। यह देख, परमेश्वर के भवन के आँगन में उपस्थित लोग अचंभित हो गए।\n\n## महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश: ##\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:god|परमेश्वर]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:heal|चंगाई दी]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:praise|स्तुति]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:temple|मंदिर]]__\n\n## अनुवाद के लिए नोट्स: ##\n\n* __परमेश्वर के भवन के आँगन ____में__ ---परमेश्वर के भवन में केवल याजक जा सकते थे, लेकिन उसके चारो और के प्रांगण में साधारण यहूदी भी जा सकते थे।
44:4 xz45 यीशु की सामर्थ [44-04] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-44-04.jpg)\n\nचंगे हुए व्यक्ति को देखने, जल्द ही लोगो की भीड़ इकट्ठी हो गयी।पतरस ने उनसे कहा,”इस व्यक्ति की चंगाई देख कर तुम लोग इतने हैरान क्यों हो? इस व्यक्ति को हमें अपनी सामर्थ या भलाई से चंगा नहीं किया। बल्कि, इस व्यक्ति को हमने यीशु की सामर्थ व यीशु जो विश्वास हमें देता है, उसके द्वारा चंगा किया है।“\n\n## महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश: ##\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:heal|चंगाई दी]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:peter|पतरस]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:power|सामर्थ्य]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:jesus|यीशु]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:faith|विश्वास]]__\n\n## अनुवाद के लिए नोट्स: ##\n\n* _(अनुवाद के लिए कोई नोट्स नहीं हैं।)_
44:5 ekse पतरस द्वारा प्रचार[44-05] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-44-05.jpg)\n\n“तुम्ही लोग हो जिन्होंने रोमी अधिकारी को यीशु को मार डालने को कहा था। तुमने जीवन के कर्ता को मार डाला, लेकिन परमेश्वर ने उसे मुर्दों में से जिला दिया। हालाकि तुम नहीं जानते थे कि तुम क्या कर रहे हो, लेकिन तुम्हारे कार्य को परमेश्वर ने उन भविष्यदवाणियों को पूरा करने में इस्तेमाल किया जो कहती हैं कि मसीह कष्ट भोगेगा और मारा जायेगा। इसलिए, अब पाप से मन फिराओ और परमेश्वर की ओर लौट आओ ताकि तुम्हारे पाप धुल जाएँ।“\n\n## महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश: ##\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:rome|रोमी]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:jesus|यीशु]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:life|जीवन]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:god|परमेश्वर]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:raise|जिलाया]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:death|मुर्दों]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:fulfill|पूरा करने]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:prophet|भविष्यदवाणियों]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:messiah|मसीह]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:suffer|कष्ट तो पाओगे]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:repent|मन फिराओ]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:sin|पापों]]__\n\n## अनुवाद के लिए नोट्स: ##\n\n* (पतरस अपना संबोधन जारी रखता है।)\n\n* __जीवन का कर्ता__—अर्थात, “जीवन के रचयिता” या कि, “हमारे जीवनदाता” अथवा, “लोगों को जीवन देनेवाले।“ यहाँ पर यीशु की बात हो रही है।\n\n* __तुम्हारे कार्य__—अनुवाद करते समय आप “तुम्हारे किये को” भी लिख सकते हैं। यहाँ पर पीलातुस द्वारा यीशु को मरवाने की बात हो रही है।\n\n* __परमेश्वर की ओर लौट ____आओ__ ---अर्थात, “परमेश्वर की आज्ञाओं का पालन करने का निर्णय कर लो।\n\n* __तुम्हारे पाप धुल ____जाएँ__ ---अनुवाद करते समय आप “परमेश्वर तुम्हारे पाप धो दे” अथवा, “परमेश्वर तुम्हारे पाप लेकर तुम्हे निर्मल बना सके” भी लिख सकते हैं। यहाँ परमेश्वर द्वारा लोगों के पाप दूर कर उनकी आत्मा को निर्मल बनाए जाने की बात हो रही है। इसका आशय किसी भी रीती से शारीरिक स्वच्छता से नहीं है।
44:6 tz5g पतरस व यूहन्ना का बंदी बनाया जाना [44-06] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-44-06.jpg)\n\nपतरस व यूहन्ना की बातें सुन कर मंदिर के अगुओं को बहुत क्रोध आया। इसलिए उन्होंने उन्हें बंदी बना कर कैदखाने में डलवा दिया। लेकिन पतरस के उपदेश पर बहुतो ने विश्वास किया और यीशु के विश्वासियों की संख्या बढ़ कर 5,000 हो गई।\n\n## महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश: ##\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:temple|मंदिर]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:peter|पतरस]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:john-the-apostle|यूहन्ना]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:believe|विश्वासियों]]__\n\n## अनुवाद के लिए नोट्स: ##\n\n* __पतरस के ____उपदेश__ —अर्थात, “पतरस ने जो सन्देश उन्हें दिया था।“\n\n* __विश्वासियों की ____संख्या__ –यीशु पर विश्वास करनेवाली स्त्रियों व बच्चों के अतिरिक्त लोग थे।
44:7 zkue यहूदी अगुओं के समक्ष [44-07] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-44-07.jpg)\n\nअगले दिन यहूदी अगुओं ने पतरस व यूहन्ना को महा याजक व अन्य धार्मिक अगुओं के समक्ष पेश किया। उन्होंने पतरस व यूहन्ना से प्रश्न किया, “तुमने किसकी सामर्थ से इस लंगड़े व्यक्ति को चंगा किया है?”\n\n## महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश: ##\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:jewish leaders|यहूदी अगुओं]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:peter|पतरस]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:john the apostle|यूहन्ना]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:priest high|महा याजक]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:power|सामर्थ्य]]__\n\n## अनुवाद के लिए नोट्स: ##\n\n* _(अनुवाद के लिए कोई नोट्स नहीं हैं।)_
44:8 c2tp मात्र यीशु ही एक मार्ग है [44-08] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-44-08.jpg)\n\nपतरस ने उत्तर दिया, “यह व्यक्ति यीशु मसीह कि सामर्थ द्वारा चंगा होकर तुम्हारे सामने खड़ा है। तुमने यीशु को क्रूस पर चढ़ा दिया, लेकिन परमेश्वर ने उसे फिर से जीवित किया है! तुमने इसे नकार दिया, लेकिन उद्धार पाने का यीशु की सामर्थ के आलावा और कोई मार्ग नहीं है।\n\n## महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश: ##\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:peter|पतरस]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:heal|चंगाई दी]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:power|सामर्थ्य]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:jesus|यीशु]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:messiah|मसीह]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:crucify|क्रूस पर चढ़ा दिया]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:god|परमेश्वर]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:raise|जिलाया]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:life|जीवन]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:save|उद्धार पाना]]__\n\n## अनुवाद के लिए नोट्स: ##\n\n* __चंगा__—अर्थात, “स्वस्थ” या कि, “बलवान।“\n\n* __नकार दिया__—अर्थात, “उसे ग्रहण करने से मना कर दिया” या कि, “यीशु में विश्वास रखने से मना किया” अथवा, “यीशु को उद्धारकर्ता मानने से इंकार कर दिया।“\n\n* __लेकिन उद्धार पाने का यीशु की सामर्थ के आलावा और कोई मार्ग नहीं है__—अनुवाद करते समय आप इस बात को इस प्रकार भी लिख सकते हैं, कि “लेकिन उद्धार पाने का केवल एक ही मार्ग है, और वह हो यीशु की सामर्थ” अथवा, “लेकिन केवल यीशु ही, अपनी सामर्थ द्वारा हमें बचा सकता है।“\n\n* __उद्धार पाने का__—अनुवाद करते समय आप “पापों से बचाए जाने का” अथवा, “कि हम अपने पापों से उद्धार पा सकें” भी लिख सकते हैं।
44:9 k69n चेलों को छोड़ा जाना [44-09] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-44-09.jpg)\n\nपतरस व यूहन्ना के हियाव को देख कर अगुए हैरान हो गए, क्योंकि वे देख सकते थें कि ये दोनों साधारण व अशिक्षित लोग थे। लेकिन तब उन्हें याद आया कि वे लोग यीशु के साथ थे।उन्होंने पतरस व यूहन्ना को चेतावनी देकर छोड़ दिया।\n\n## महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश: ##\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:jewish-leaders|अगुए]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:peter|पतरस]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:john-the-apostle|यूहन्ना]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:jesus|यीशु]]__\n\n## अनुवाद के लिए नोट्स: ##\n\n* __हैरान हो गए__—अर्थात, “बहुत अचम्भे में आ अगये” या कि, “आश्चर्य हुआ।”\n\n* __साधारण__ –अर्थात, “आम लोग” या कि, “निचले वर्ग।“ पतरस व यूहन्ना साधारण से मछुए थे।\n\n* __अशिक्षित थें__—अर्थात, “औपचारिक शिक्षा नहीं हुई थी।“ अनुवाद करते समय “जो धार्मिक विद्यालय नहीं गए थे” लिख सकते हैं।\n\n* __तब उन्हें याद आया__—आप इसे “लेकिन तब उन्होंने इस बात पर ध्यान दिया कि” भी लिख सकते हैं।\n\n* __यीशु के साथ थे__—अनुवाद करते समय आप “यीशु के साथ समय बिताया था” अथवा, “यीशु द्वारा सिखाये गए थे” भी लिख सकते हैं।\n\n* __चेतावनी ____देकर__ —अगुओं ने पतरस व यूहन्ना से कहा कि यदि उन्होंने लोगों को यीशु के बारे में बताना जारी रखा तो वे उन्हें दंड देंगे।\n\n* __छोड़ दिया__—अर्थात,”उन्हें जाने दिया।“\n\n* बाइबिल की कहानी - बाइबिल के कुछ संस्करणों में इनका अनुवाद अलग तरह से किया हो सकता है।
45:1 o9f5 स्तिफनुस के आश्चर्य भरे काम [45-01] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-45-01.jpg)\n\nप्रारम्भिक कलीसिया के अगुओं में एक था स्तिफनुस नाम का व्यक्ति था। वह बहुत सुनामी था और पवित्र आत्मा व बुद्धि से भरा था। स्तिफनुस ने बहुत से आश्चर्यकर्म किये और वाद-विवाद करते हुए लोगों को यीशु पर विश्वास करने को कहता था।\n\n## महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश: ##\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:church|कलीसिया]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:holy spirit|पवित्र आत्मा]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:wise|बुद्धि]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:miracle|आश्चर्यकर्म]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:believe|विश्वास]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:jesus|यीशु]]__\n\n## अनुवाद के लिए नोट्स: ##\n\n* __प्रारंभिक कलीसिया__—अर्थात, “शुरूआती कलीसिया।“\n\n* __सुनामी__—अर्थात, “उसके प्रति लोगों के अच्छे विचार थे।“ कुछ भाषाओ में इसे, “अच्छा नाम था“ लिखना होगा।\n\n* __पवित्र आत्मा तथा बुद्धि से भरा था__—अनुवाद करते समय आप यूँ भी लिख सकते हैं, कि “पवित्र आत्मा से सामर्थ व अधिकार मिला था, और बहुत बुद्धिमान भी था” अथवा, “पवित्र आत्मा से परिपूर्ण व बहुत बुद्धिमान था।“\n\n* __वाद-विवाद__ –अर्थात, “ठोस तर्क करते हुए।“
45:2 u4ad स्तिफनुस को बंदी बनाया जाना [45-02] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-45-02.jpg)\n\nएक दिन, जब स्तिफनुस यीशु के विषय में सिखा रहा था, कुछ यहूदियों ने यीशु पर विश्वास नहीं किया और स्तिफनुस से वाद-विवाद करने लगे। वे बहुत क्रोधित थे और धार्मिक अगुओं से स्तिफनुस की झूठी शिकायत की। उन्होंने कहा, “हमने इसे मूसा व परमेश्वर के विरोध में बुरी बातें कहते सुना है!” यह सुन कर धार्मिक अगुओ ने स्तिफनुस को बंदी बना लिया और महा याजक व अन्य यहूदी अगुओं के समक्ष पेश किया, जहां झूठे गवाहों ने स्तिफनुस के विरोध में झूठी बातें कही।\n\n## महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश: ##\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:jesus|यीशु]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:jew|यहूदियों]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:jewish-leaders|धार्मिक अगुओं]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:satan|शैतान]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:moses|मूसा]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:god|परमेश्वर]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:priest-high|महा याजक]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:witness|गवाह]]__\n\n## अनुवाद के लिए नोट्स: ##\n\n* __एक दिन - __ ये शब्द घटना के अतीत में होने का संकेत तो देते हैं, लेकिन किसी विशिष्ट तिथि का उल्लेख नहीं करते। कई भाषाओ में कहानियों की शुरुआत अकसर इन्ही शब्दों के साथ की जाती है।
45:3 jnjd तुमने मसीह की हत्या की है [45-03] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-45-03.jpg)\n\nमहा याजक ने स्तिफनुस से पूछा, “क्या ये बातें सही हैं?” स्तिफनुस ने उत्तर में उन्हें परमेश्वर द्वारा की गई बहुत सी महान बातों का स्मरण कराया जो उसने अब्राहम के समय से लेकर यीशु के समय तक की थी, और यह भी कि कैसे परमेश्वर के लोगों ने लगातार उसकी अवज्ञा की थी। इसके बाद उसने कहा, “तुम ढीठ और द्रोही लोगों, तुम सदा ही पवित्र आत्मा को नकारते हो, जैसा कि तुम्हारे पूर्वजों ने सदा ही परमेश्वर को नकारा और उसके नबियों की हत्या की थी। लेकिन तुमने तो उनसे भी बुरा काम किया है। तुमने मसीह की हत्या की है।\n\n## महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश: ##\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:priest-high|महा याजक]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:truth|सही]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:god|परमेश्वर]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:abraham|अब्राहम]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:jesus|यीशु]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:disobey|अवज्ञा]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:rebel|द्रोही]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:holy spirit|पवित्र आत्मा]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:prophet|नबियों]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:messiah|मसीह]]__\n\n## अनुवाद के लिए नोट्स: ##\n\n* __क्या ये बातें सही हैं?__—अर्थात, “क्या तुम पर लगाए सारे दोष सही हैं?” या कि, “तुम्हारे विषय में जो ये लोग कह रहे हैं, क्या वे बातें सही हैं?” अथवा, “क्या यह सही है कि तुमने मूसा और परमेश्वर के विरोध में बुरी बातें कही हैं?”\n\n* __सदा ही पवित्र आत्मा को नकारते हो__ —अर्थात, “कभी भी पवित्र आत्मा का आज्ञापालन नहीं करते” अथवा, “पवित्र आत्मा की बात सुनने से सदा इंकार करते हो।“\n\n* __तुम्हारे पूर्वज__—आप इसे “इसरायली लोग, जो कि तुम्हारे पूर्वज थे” भी लिख सकते हैं।
45:4 lqr3 स्तिफनुस पर पथराव [45-04] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-45-04.jpg)\n\nयह सुन कर धार्मिक अगुओं को बहुत क्रोध आया और उन्होंने अपने कान बंद कर लिए और ऊंची आवाज़ में चिल्लाये। उन्होंने स्तिफनुस को घसीट कर नगर के बाहर कर दिया और उसे मार डालने के लिए उन्होंने उस पर पत्थर बरसाए।\n\n## महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश: ##\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:jewish leaders|धार्मिक अगुओं]]__\n\n## अनुवाद के लिए नोट्स: ##\n\n* __अपने कान बंद कर लिए__—अनुवाद करते समय आप “कान पर हाथ रख लिए” भी लिख सकते हैं। यह इस बात को दर्शाता है कि वे स्तिफनुस की बातों को नहीं सुनना चाहते थे।\n\n* __ऊँची आवाज़ में चिल्लाये__—-वे गुस्से में चिल्ला रहे थे। अनुवाद करते समय उन शब्दों का प्रयोग करे जो उनकी खिन्नता को दर्शाते हों।
45:5 kdzh __स्तिफनुस की प्रार्थना__ [45-05] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-45-05.jpg)\n\nमरते समय स्तिफनुस ने ऊँँची आवाज़ में कहा, “हे यीशु, मेरी आत्मा को ग्रहण कर।“ इस पर वह अपने घुटनों पर गिर पड़ा और एक बार फिर ऊँँची आवाज़ में बोला, “हे स्वामी, इस पाप को इनके विरुद्ध मत लेना।“ फिर उसने प्राण त्याग दिए।\n\n## महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश: ##\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:jesus|यीशु]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:receive|ग्रहण]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:spirit|आत्मा]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:lord|मालिक]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:sin|पाप]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:death|मर गया]]__\n\n## अनुवाद के लिए नोट्स: ##\n\n* __मरते समय स्तिफनुस ____ने__ ---अर्थात, “मरने से पहले।“\n\n* __ऊँची आवाज़ में ____बोला__ ---अर्थात, “जोर से कहा” या फिर, “ऊंची आवाज़ में कहा।“\n\n* __इस पाप को इनके विरुद्ध मत ____लेना__ ---अर्थात, “मेरी हत्या का दोष उन पर न लगाना।“
45:6 g0ai विश्वासियों पर लोगों ने हमला किया [45-06] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-45-06.jpg)\n\nशाऊल नाम का एक युवा स्तिफनुस के हत्यारों से सहमत था और जब वे उस पर पथराव कर रहे थे, तब वह उनके कपड़े की रखवाली कर रहा था। उस दिन, यरूशलेम में बहुत से लोगों ने यीशु के अनुयायियों को सताव भेजने लगे, इसलिए विश्वासी अन्य जगहों पर भाग गए।लेकिन तब भी, वे जहां भी गए, वहाँ यीशु का प्रचार किया।\n\n## महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश: ##\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:saul|शाऊल]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:jerusalem|यरूशलेम]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:persecute|सताव]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:jesus|यीशु]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:believer|विश्वासियों]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:preach|प्रचार]]__\n\n## अनुवाद के लिए नोट्स: ##\n\n* __उनके कपड़ो की ____रखवाली__ —अनुवाद करते समय आप “उनके अंगरखों की निगरानी की” भी लिख सकते हैं। वह शायद उनके कपड़ों को चोरी होने से बचाने के लिए उनकी देखरेख कर रहा था।\n\n* __लेकिन तब भी__, यहूदी अगुओं को लगता था कि यीशु के अनुयायियों पर सताव भेजने के द्वारा वे उसके उपदेशों को फैलने से रोक सकेंगे। लेकिन ऐसा न होकर, उसकी शिक्षा का और अधिक विस्तार होता चला गया।
45:7 ow7s रेगिस्तानी रास्ते में फिलिप्पुस [45-07] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-45-07.jpg)\n\nसताव के दौरान यरूशलेम से भागने वाले विश्वासियों में फिलिप्पुस नाम का चेला था। उसने सामरिया जाकर यीशु के उपदेश सुनाएँ और बहुत से लोगों ने उद्धार पाया। फिर एक दिन, परमेश्वर के एक स्वर्गदूत ने फिलिप्पुस को एक विशेष सुनसान मार्ग में जाने को कहा। उस मार्ग पर यात्रा करते समय फिलिप्पुस को इथियोपिया का एक महत्वपूर्ण अधिकारी अपने रथ पर यात्रा करते दिखा। पवित्र आत्मा ने फिलिप्पुस को उस व्यक्ति के पास जाकर, उससे बातचीत करने को कहा।\n\n## महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश: ##\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:disciple|चेला]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:jesus|यीशु के]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:believer|विश्वासियों]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:jerusalem|यरूशलेम]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:persecute|सताव]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:samaria|सामरिया]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:preach|प्रचार]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:save|उद्धार पाना]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:angel|स्वर्गदूत]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:god|परमेश्वर]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:chariot|रथ]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:holy spirit|पवित्र आत्मा]]__\n\n## अनुवाद के लिए नोट्स: ##\n\n* __एक दिन__—ये शब्द घटना के होने के सटीक समय का भान नहीं कराते। कई भाषाओ में कहानियों की शुरुआत अकसर इन्ही शब्दों के साथ की जाती है।\n\n* __इथियोपिया__ ---पूर्वी अफ्रीका का एक देश।
45:8 rypp इथियोपियावासी यशायाह की पुस्तक पढ़ रहा था [45-08] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-45-08.jpg)\n\nरथ के पास पहुँचने पर फिलिप्पुस ने उस इथियोपियावासी को यशायाह नबी की पुस्तक में से पढ़ते सुना। वह पढ़ रहा था, कि “वह भेड़ की नाई वध होने के लिए पहुँचाया गया, और जैसे मेमना चुपचाप रहता है, वेसे ही उसने भी कुछ न कहा। उन्होंने उसके साथ दुर्व्यवहार किया और उसका सम्मान न किया। उन्होंने उसके प्राण ले लिए।“\n\n## महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश: ##\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:chariot|रथ]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:isaiah|यशायाह नबी]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:lamb|मेमना]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:life|जिलाया]]__\n\n## अनुवाद के लिए नोट्स: ##\n\n* __एथियोपियावासी__—अर्थात, इथियोपिया देश का निवासी। नोट देखने के लिए [४५-०७] पर जाएँ।\n\n* __रथ के पास पहुँचने पर__—अर्थात, “रथ के निकट पहुँचने पर” अथवा, “जब वह रथ के पास आया।“\n\n* __जैसे मेमना चुपचाप रहता है__—बात को स्पष्ट करने के लिए अनुवाद करते समय आप ऐसे भी लिख सकते हैं, कि “जैसे मारे जाने से पहले भी, मेमना चुपचाप रहता है।“
45:9 u3dw फिलिप्पुस की इथियोपियावासी से भेंट [45-09] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-45-09.jpg)\n\nइथियोपियावासी से फिलिप्पुस ने पूछा,”तुम जो पढ़ रहे हो, क्या तुम उसका अर्थ भी जानते हो?” इथियोपियावासी ने कहा, “नहीं। जब तक कोई मुझे समझाए न, तब तक मुझे यह कैसे समझ आएगा। कृपया मेरे पास बैठिये। क्या यशायाह यहाँ अपनी बात कर रहा है या फिर किसी और की?”\n\n## महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश: ##\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:isaiah|यशायाह]]__\n\n## अनुवाद के लिए नोट्स: ##\n\n* __क्या यशायाह यहाँ अपनी बात कर रहा ____है__ ---अनुवाद करते समय आप यूँ भी लिख सकते हैं, कि “क्या यशायाह अपने सन्दर्भ में कह रहा है।“
45:10 vvll फिलिप्पुस द्वारा यीशु का प्रचार [45-10] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-45-10.jpg)\n\nफिलिप्पुस ने इथियोपिया के उस निवासी को समझाया कि यशायाह ने यह बात यीशु के विषय में लिखी थी। फिलिप्पुस ने अन्य वचनों का भी सन्दर्भ देते हुए यीशु का सुसमाचार उसे बताया।\n\n## महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश: ##\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:isaiah|यशायाह]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:jesus|यीशु]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:word of god|वचनों]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:good news|सुसमाचार]]__\n\n## अनुवाद के लिए नोट्स: ##\n\n* _(अनुवाद के लिए कोई नोट्स नहीं हैं।)_
45:11 prir यह रहा जल [45-11] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-45-11.jpg)\n\nयात्रा के दौरान फिलिप्पुस और वह इथियोपियावासी जल के सोते के पास पहुँचें। इथियोपियावासी ने कहा, “देखो! यहाँ थोड़ा जल है! क्या मुझे बपतिस्मा दोगे?” ऐसा कह कर उसने रथवाहक से रथ रोकने को कहा।\n\n## महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश: ##\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:baptize|बपतिस्मा]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:chariot|रथ]]__\n\n## अनुवाद के लिए नोट्स: ##\n\n* __जल के सोते__—बड़े जलाशय के सन्दर्भ में इस्तेमाल होने वाले शब्द का प्रयोग करें।\n\n* __क्या मुझे ____बपतिस्मा ____दोगे?__—अर्थात, “क्या मुझे बपतिस्मा मिल सकता है?”
45:12 cc7v फिलिप्पुस का इथियोपियावासी को बपतिस्मा देना [45-12] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-45-12.jpg)\n\nइसलिए वे दोनों जल में उतरे, और फिलिप्पुस ने उस इथियोपियावासी को बपतिस्मा दिया। जब वे जल से बाहर निकले, तो पवित्र आत्मा अचानक से फिलिप्पुस को किसी दूसरी जगह ले गया, जहाँ वह लोगों को यीशु के बारे में बताता रहा।\n\n## महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश: ##\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:baptize|बपतिस्मा]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:holy spirit|पवित्र आत्मा]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:jesus|यीशु]]__\n\n## अनुवाद के लिए नोट्स: ##\n\n* __फिलिप्पुस को किसी दूसरी जगह ले गया__—अर्थात, “फिलिप्पुस को झट से ले गया।“
45:13 jmk7 इथियोपियावासी का घर जाना [45-13] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-45-13.jpg)\n\nइथियोपियावासी ने अपनी आगे की यात्रा शुरू की और इस बात से आनंदित हुआ कि उसने यीशु को जान लिया था।\n\n## महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश: ##\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:jesus|यीशु]]__\n\n## अनुवाद के लिए नोट्स: ##\n\n* बाइबिल की कहानी- बाइबिल के कुछ संस्करणों में इनका अनुवाद अलग तरह से किया हो सकता है।
46:1 epu0 शाऊल द्वारा विश्वासियों को बंदी बनाना [46-01] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-46-01.jpg)\n\nस्तिफनुस की हत्या करनेवालों के अंगरखों की रखवाली करनेवाला युवक शाऊल था। उसे यीशु में विश्वास नहीं था, और इसलिए वह विश्वासियों को सताता था। वह यरूशलेम के घर-घर जाकर स्त्री व पुरुष, दोनों को बंदी बना कर उन्हें बंदीगृह में डालता था। महा याजक ने शाऊल को दमिश्क जाकर मसीहियों को बंदी बनाकर यरूशलेम वापिस लाने की अनुमति दी थी।\n\n## महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश: ##\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:saul|शाऊल]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:believe|विश्वास]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:jesus|यीशु]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:persecute|सताता था]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:believer|विश्वासियों]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:jerusalem|यरूशलेम]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:priest-high|महा याजक]]__\n\n## अनुवाद के लिए नोट्स: ##\n\n* __स्तिफनुस की हत्या करनेवाले के अंगरखों की रखवाली ____करने__ —अनुवाद करते समय आप “उनके अंगरखों की निगरानी की” भी लिख सकते हैं। वह शायद उनके कपड़ों को चोरी होने से बचाने के लिए उनकी देखरेख कर रहा था। [४५-०६] देखें।\n\n* __घर-घर__ —अर्थात, “बहुत से घरों में जाकर।“\n\n* __दमिश्क__—आजकल यह नगर सीरिया की राजधानी है। शाऊल के समय यह नगर रोमी साम्राज्य के अधीन था। वहाँ के अधिकांश निवासी गैर-यहूदी थे, लेकिन वहाँ कुछ यहूदी व मसीही भी रहते थे।
46:2 getk शाऊल को यीशु का दर्शन [46-02] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-46-02.jpg)\n\nदमिश्क के मार्ग में शाऊल के आसपास आकाश से निकलता एक तेज़ प्रकाश छा गया, और वह भूमि पर गिर गया। शाऊल ने किसी को यह कहते सूना, कि “शाऊल! शाऊल! तू मुझे क्यों सताता है?” शाऊल ने पूछ, “हे स्वामी, तू कौन है?” यीशु ने उसे उत्तर दिया, “मैं यीशु हूँ। तू मुझे सता रहा है!”\n\n## महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश: ##\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:saul|शाऊल]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:persecute|सताता]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:lord|मालिक]]__\n\n## अनुवाद के लिए नोट्स: ##\n\n* __के मार्ग में__ ---अर्थात, “की यात्रा के दौरान।“
46:3 k9gs शाऊल का अँधा होना [46-03] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-46-03.jpg)\n\nशाऊल जब खड़ा हुआ, उसे कुछ दिखाई न दे सका। उसके मित्रों को उसे दमिश्क ले जाना पड़ा। तीन दिनों तक शाऊल ने न कुछ खाया और न कुछ पीया।\n\n## महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश: ##\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:saul|शाऊल]]__\n\n## अनुवाद के लिए नोट्स: ##\n\n* _(अनुवाद के लिए कोई नोट्स नहीं हैं।)_
46:4 xmfy परमेश्वर ने हनन्याह को शाऊल के पास भेजा [46-04] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-46-04.jpg)\n\nदमिश्क में हनन्याह नाम का एक चेला था।परमेश्वर ने उससे कहा, “शाऊल जिस घर में ठहरा है, वहाँ जा। उस पर अपने हाथ रख ताकि वह फिर से देख सके।“लेकिन हनन्याह बोला, “हे स्वामी, मैंने इस व्यक्ति के बारे में सुन रखा है कि इसने विश्वासियों को कैसे सताया था।“परमेश्वर ने उत्तर में कहा, “जा! यहूदियों व गैर-यहूदियों के बीच अपने नाम की उदघोषणा के लिए मैंने इसे चुना है। वह मेरे नाम के निमित्त वह बहुत कष्ट भोगेगा।“\n\n## महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश: ##\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:disciple|चेला]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:god|परमेश्वर]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:saul|शाऊल]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:lord|मालिक]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:persecute|सताता था]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:suffer|कष्ट तो पाओगे]]__\n\n## अनुवाद के लिए नोट्स: ##\n\n* __लेकिन हनन्याह बोला__ ---यदि वाक्य में “लेकिन” शब्द का प्रयोग स्पष्ट न हो रहा हो तो आप वाक्य को इस प्रकार भी लिख सकते हैं, “लेकिन हनन्याह डर गया, इसलिए वह बोला कि।“\n\n* __परमेश्वर ने उत्तर में कहा__—इसे यूँ भी लिख सकते हैं, कि “हनन्याह को आश्वस्त करने के लिए परमेश्वर ने कहा।“\n\n* __मेरे नाम की ____उदघोषणा__ ---अर्थात, “मेरे विषय में उपदेश देने” या कि, “मेरे नाम को फैलाने।“\n\n* __मेरे नाम के निमित्त__—अर्थात, “मेरे लिए” या कि, “मेरे कारण” अथवा, “क्योंकि वह मेरी सेवा करता है” अथवा, “क्योंकि वह मेरे बारे में लोगों को सिखाता है।“
46:5 qh7y हनन्याह द्वारा शाऊल को बपतिस्मा [46-05] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-46-05.jpg)\n\nइसलिए हनन्याह शाऊल के पास गया, उस पर अपना हाथ रखा, और कहा, “यहाँ आने के मार्ग में जो यीशु तेरे सम्मुख प्रकट हुआ था, उसने मुझे तुम्हारे पास भेजा है ताकि तुम्हे अपनी दृष्टि वापिस मिल जाए और तुम पवित्र आत्मा से भर जाओ। शाऊल की दृष्टि तब तुरंत लौट आई, और हनन्याह ने उसे बपतिस्मा दिया। इसके बाद शाऊल ने कुछ भोजन खाया और उसकी सामर्थ लौट आयी।\n\n## महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश: ##\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:saul|शाऊल]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:jesus|यीशु]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:holy spirit|पवित्र आत्मा]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:baptize|बपतिस्मा]]__\n\n## अनुवाद के लिए नोट्स: ##\n\n* __यहाँ__ ---अर्थात “दमिश्क।“\n\n* __तुम्हे अपनी दृष्टि वापिस मिल जाए__—अर्थात, “तुम दोबारा से देखने लगो।“\n\n* __उसकी दृष्टि तब तुरंत लौट ____आई__ ---अर्थात, “वह फिर से बलवंत हो गया” या कि, “उसने बेहतर महसूस किया।"
46:6 ccb5 शाऊल द्वारा यीशु का प्रचार [46-06] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-46-06.jpg)\n\nयह कहते हुए शाऊल तुरंत ही दमिश्क में रहनेवाले यहूदियों में प्रचार करने लगा, कि “यीशु परमेश्वर का बेटा है!” यह हैरान हो गए कि जिस व्यक्ति ने विश्वासियों का नाश करने का प्रयास किया था, अब वह भी यीशु में विश्वास रखता है! शाऊल ने यहूदियों के साथ वाद-विवाद किया और सिद्ध किया कि यीशु ही मसीह था।\n\n## महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश: ##\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:saul|शाऊल]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:preach|प्रचार]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:jew|यहूदियों]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:jesus|यीशु]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:god son|परमेश्वर का बेटा]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:believer|विश्वासियों]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:messiah|मसीह]]__\n\n## अनुवाद के लिए नोट्स: ##\n\n* __तुरंत__—अर्थात, “तभी के तभी।“\n\n* __यहूदियों से वाद-विवाद किया__ ---अनुवाद करते समय आप ऐसे भी लिख सकते हैं, कि “यहूदियों को यीशु में विश्वास करने के भले तर्क दिए” अथवा, “यहूदियों को विश्वास दिलाते हुए कहा।“
46:7 ga9b शाऊल का दमिश्क से बच निकलना [46-07] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-46-07.jpg)\n\nबहुत दिनों बाद यहूदियों ने शाऊल की हत्या का षड्यंत्र रचा। उन्होंने कुछ लोगों को उस पर दृष्टि रखने के लिए नगर के द्वारों पर भेजा ताकि वे उसकी हत्या कर सकें। लेकिन शाऊल को उनकी योजना का पता चल गया, और उसके मित्रों ने उसकी बच निकलने में मदद की। एक रात, उन्होंने एक टोकरी में डाल कर उसे नगर की दीवार की दूसरी ओर उतार दिया। दमिश्क से बच निकलने के बाद भी शाऊल यीशु का प्रचार करता रहा।\n\n## महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश: ##\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:jew|यहूदियों]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:saul|शाऊल]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:preach|उपदेश सुनायेंगे]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:jesus|यीशु]]__\n\n## अनुवाद के लिए नोट्स: ##\n\n* __नगर के ____द्वार__ ---चारो तरफ दीवार से घिरे नगर में आने-जाने के लिए नगर के द्वार का प्रयोग किया जाता था।\n\n* __एक टोकरी में डाल कर उसे नगर की दीवार की दूसरी ओर उतार दिया__—अर्थात, “उसे एक बड़ी सी टोकरी में डाला और फिर नगर की दीवार से उसे नीचे उतार दिया।“
46:8 jq76 शाऊल का यरूशलेम जाना [46-08] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-46-08.jpg)\n\nचेलों से भेंट करने शाऊल यरूशलेम चला गया, लेकिन वे उससे डरते थे। तब बरनबास नाम के एक विश्वासी शाऊल को प्रेरितों के पास ले गया और उन्हें बताया कि किस प्रकार दमिश्क में शाऊल ने हियाव के साथ प्रचार किया था। इसके बाद, चेलों ने शूल को स्वीकार कर लिया।\n\n## महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश: ##\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:saul|शाऊल]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:jerusalem|यरूशलेम]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:disciple|चेले]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:believer|विश्वासी]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:barnabas|बरनबास]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:apostle|प्रेरितों]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:preach|प्रचार]]__\n\n## अनुवाद के लिए नोट्स: ##\n\n* __शाऊल को स्वीकार कर ____लिया__ ---अर्थात, “शाऊल को यीशु में विश्वास रखनेवाला मान लिया।“
46:9 xdig अन्ताकिया में मसीही [46-09] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-46-09.jpg)\n\nयरूशलेम में होनेवाले सताव से बचने के लिए कुछ विश्वासी दूर स्थित अन्ताकिया नगर में भाग गए और यीशु का प्रचार किया। अन्ताकिया के अधिकांश लोग यहूदी नहीं थे, लेकिन पहली बार ऐसा हुआ कि उनमे से बहुत से लोग विश्वासी हो गए। नए विश्वासियों को यीशु के विषय में सिखाने व कलीसिया को बल देने के लिए बरनबास व शाऊल वहाँ गए। अन्ताकिया ही व जगह है जहाँ पहली बार यीशु में विश्वास रखनेवालों को “मसीही” कहा गया।\n\n## महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश: ##\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:persecute|सताव]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:jerusalem|यरूशलेम]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:jesus|यीशु]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:jew|यहूदियों]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:barnabas|बरनबास]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:saul|शाऊल]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:church|कलीसिया]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:christian|मसीही]]__\n\n## अनुवाद के लिए नोट्स: ##\n\n* __अन्ताकिया ____नगर__ —आधुनिक तुर्की देश के सुदूर दखिन में स्थित एक प्राचीन नगर, जिसकी सीमा सीरिया तथा भूमध्यसागर के समीप है। यह यरूशलेम से 450 मील उत्तरपश्चिम में था।\n\n* __कलीसिया को बल देने__—अनुवाद करते समय आप इसे “कलीसिया की आत्मिक उन्नति में मदद करने” या फिर, “यीशु मसीह के विश्वास में बढ़ने में नए विश्वासियों की मदद करने” अथवा, “नए विश्वासियों को यीशु के विश्वास में स्थिर करने” भी लिख सकते हैं।
46:10 f789 बरनबास व शाऊल [46-10] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-46-10.jpg)\n\nएक दिन, अन्ताकिया के मसीही जब उपवास व प्रार्थना में लगे थे, पवित्र आत्मा ने उनसे कहा, “बरनबास और शाऊल को मेरे उस काम के लिए अलग करो जिसे करने के लिए मैंने उन्हें बुलाया है।“ इसलिए अन्ताकिया की कलीसिया ने बरनबास व शाऊल के लिए प्रार्थना की और उन पर अपने हाथ रखे। इसके बाद उन्होंने दोनों को जगह-जगह यीशु के सुसमाचार का प्रचार करने भेजा। बरनबास व शाऊल ने लोगों के कई समुदायों में उपदेश सुनाया, और उन्होंने यीशु में विश्वास किया।\n\n## महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश: ##\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:fast|उपवास]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:pray|प्रार्थना]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:holy-spirit|पवित्र आत्मा]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:church|कलीसिया]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:pray|प्रार्थना की]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:barnabas|बरनबास]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:saul|शाऊल]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:preach|उपदेश सुनायेंगे]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:good-news|सुसमाचार]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:jesus|यीशु]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:believer|विश्वासियों]]__\n\n## अनुवाद के लिए नोट्स: ##\n\n* __एक दिन__ - ये शब्द घटना के अतीत में होने का संकेत तो देते हैं, लेकिन किसी विशिष्ट तिथि का उल्लेख नहीं करते। कई भाषाओ में कहानियों की शुरुआत अकसर इन्ही शब्दों के साथ की जाती है।\n\n* __मेरे उस काम के लिए अलग ____करो__ —अनुवाद करते समय आप इस बात को यूँ भी लिख सकते हैं, कि “मेरे उस विशेष कार्य को करने के लिए अलग रखो।“\n\n* __कलीसिया__ —अनुवाद करते समय आप “विश्वासियों” अथवा, “मसीहियों” भी लिख सकते हैं।\n\n* __उन पर अपने हाथ रखे__—अर्थात, “अपने हाथ उन पर रख कर उन्हें पवित्र आत्मा की सामर्थ व अधिकार से आशीषित किया।“ कुछ भाषाओं में हाथ रखने की जगह को स्पष्ट करना आवश्यक हो सकता है। ऐसी स्थिति में आप लिख सकते हैं कि उन्होंने अपने हाथ उनके सिर, कंधो या पीठ पर रखे।\n\n* __भेजा__—अर्थात, “यात्रा पर भेजा।“\n\n* बाइबिल की कहानी - बाइबिल के कुछ संस्करणों में इनका अनुवाद अलग तरह से किया हो सकता है।
47:1 siuv फिलिप्पी में पौलुस व सीलास[47-01] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-47-01.jpg)\n\nरोमी साम्राज्य में यात्रा के दौरान शाऊल अपने रोमी नाम, “पौलुस” का प्रयोग करने लगा। एक दिन, पौलुस और उसका मित्र सीलास यीशु के सुसमाचार का प्रचार करने फिलिप्पी नगर में गए। वे नगर के बाहर स्थित नदी के किनारे एक ऐसी जगह पर गए जहाँ लोग प्रार्थना के लिए जमा हुए थे। वहाँ पर उनकी भेंट लुदिया नाम की एक स्त्री से हुई जो व्यपारिन थी। वह प्रेम करते थी और परमेश्वर की आराधना करती थी।\n\n## महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश: ##\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:rome|रोमी साम्राज्य]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:paul|पौलुस]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:silas|सीलास]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:philippi|फिलिप्पी]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:good news|सुसमाचार]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:jesus|यीशु]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:love|प्रेम रखा]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:worship|आराधना करती थी]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:god|परमेश्वर]]__\n\n## अनुवाद के लिए नोट्स: ##\n\n* __प्रचार करने__ ---अर्थात, “शिक्षा देने” या, “उपदेश देने।“\n\n* __व्यपारिन__—आप यहाँ “व्यवसाय करनेवाली स्त्री” अथवा, “कारोबारिन” भी लिख सकते हैं।
47:2 o71w लुदिया का बपतिस्मा पाना [47-02] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-47-02.jpg)\n\nपरमेश्वर ने लुदिया के मन में यीशु के सन्देश पर विश्वास जगाया, और उसने अपने परिवार सहित बपतिस्मा लिया। उसने पौलुस व सीलास को अपने घर में ठहरने का आग्रह किया, इसलिए वे उसके व उसके परिवार के साथ ठहर गए।\n\n## महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश: ##\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:god|परमेश्वर]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:believe|विश्वास]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:jesus|यीशु]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:baptize|बपतिस्मा]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:paul|पौलुस]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:silas|सीलास]]__\n\n## अनुवाद के लिए नोट्स: ##\n\n* __लुदिया के मन में विश्वास जगाया__—अर्थात, “लुदिया को विश्वास करने में समर्थ बनाया।“\n\n* __उसने अपने परिवार सहित बप्तिस्मा लिया__—अर्थात, “उन्होंने लुदिया व उसके परिव्वा को बप्तिस्मा दिया।“\n\n* __इसलिए वे उसके व उसके परिवार के साथ ठहर गए__—अतिथियों को अपने घर ठहराना उन दिनों लोगों के आतिथ्य की सामान्य रीती हुआ करती थी। इसके पीछे कोई अनैतिक उद्देश्य या मंशा नहीं थी।
47:3 gwf7 दासी [47-03] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-47-03.jpg)\n\nपौलुस व सीलास लोगों से प्रायः प्रार्थना की जगह पर मिलते थे। दुष्टात्मा से ग्रस्त एक दासी हर दिन उनका पीछा करती थी। दुष्टात्मा की मदद से वह लोगों का भविष्य बताया करती थी, और इस तरह भावी का काम करके वह अपने मालिकों के लिए बहुत सा पैसा कमाया करती थी।\n\n## महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश: ##\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:paul|पौलुस]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:silas|सीलास]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:pray|प्रार्थना]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:servant|दासी]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:demon possessed|दुष्टात्मा से ग्रस्त]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:demon|दुष्टात्मा]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:lord|मालिकों]]__\n\n## अनुवाद के लिए नोट्स: ##\n\n* __अपने ____मालिकों__ ---इस सन्दर्भ में हम “उसके हाकिमों” भी लिख सकते हैं।\n\n* __भावी के रूप ____में__ ----अर्थात, “भविष्य में होनेवाली घटनाओं के बारे में भविष्यवाणी करने वाली।“
47:4 khis दुष्टात्मा की गवाही [47-04] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-47-04.jpg)\n\nदासी उनके पीछे-पीछे चिल्लाती रही, “ये लोग परम प्रधान परमेश्वर के दास हैं। वे तुम्हे उद्धार का मार्ग बता रहे हैं!” वह इतना अधिक बोलने लगी कि पौलुस बहुत दुखित हो गया।\n\n## महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश: ##\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:servant|दासी]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:god|परम प्रधान परमेश्वर]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:save|उद्धार पाना]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:paul|पौलुस]]__\n\n## अनुवाद के लिए नोट्स: ##\n\n* __उद्धार का ____मार्ग__ ---अर्थात, “बचने का मार्ग” अथवा, “परमेश्वर द्वारा लोगों को बचाने का मार्ग” या फिर “लोगों को बचाने की परमेश्वर की योजना।“
47:5 xyc7 पौलुस द्वारा दासी की चंगाई [47-05] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-47-05.jpg)\n\nआखिरकार एक दिन जब वह दासी लड़की पीछे-पीछे चिल्ला रही रही, पौलुस उसकी ओर पलट कर बोला, “यीशु के नाम से, इसमें से बाहर निकल आ।“ ऐसा कहते ही, दुष्टात्मा ने तुरंत उसे छोड़ दिया।\n\n## महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश: ##\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:servant|दासी]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:paul|पौलुस]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:demon|दुष्टात्मा]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:jesus|यीशु]]__\n\n## अनुवाद के लिए नोट्स: ##\n\n* __एक दिन__—ये शब्द घटना के होने के सटीक समय का भान नहीं कराते। कई भाषाओ में कहानियों की शुरुआत अकसर इन्ही शब्दों के साथ की जाती है।\n\n* __उसकी ओर पलट कर__ –अर्थात, “उसे मुड़ कर देखा।“\n\n* __यीशु के नाम ____में__ ---अर्थात, “यीशु के अधिकार से।“ यीशु के अधिकार के कारण ही पौलुस उस दुष्टात्मा को छोड़ने का आदेश दे सका था।\n\n* __इसमें से बाहर निकल ____आ__ ---अर्थात, “इसे छोड़ दे” या कि, “इससे दूर हो जा।“
47:6 csut लोगों का क्रोधित होना [47-06] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-47-06.jpg)\n\nदासी लड़की के मालिक बहुत क्रोध में आ गए! उन्हें पता था कि दुष्टात्मा के बिना लड़की किसी का भविष्य नहीं बता सकेगी। जिसका अर्थ था कि लोग अब अपना भविष्य जानने के लिए उसके मालिकों को पैसे नहीं देंगे।\n\n## महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश: ##\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:servant|दासी]]__\n\n## अनुवाद के लिए नोट्स: ##\n\n* __दुष्टात्मा के ____बिना__ —अर्थात, “दुष्टात्मा की शक्ति के बिना” या कि, “चूंकि अब उसके भीतर दुष्टात्मा नहीं थी।“\n\n* __भविष्य__ —अर्थात, “भविष्य की घटनाएँ।“\n\n* __जिसका अर्थ__—अनुवाद करते समय आप “इस कारण” या, “इसलिए” भी लिख सकते हैं।
47:7 kej0 पौलुस व सीलास का बंदी बनाया जाना [47-07] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-47-07.jpg)\n\nइसलिए दासी के मालिक पौलुस व सीलास को रूमी अधिकारियों के पास ले गए, जिन्होंने उन्हें मार-पीट कर कैदखाने में फिंकवा दिया।\n\n## महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश: ##\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:servant|दासी]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:paul|पौलुस]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:silas|सीलास]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:rome|रोमी अधिकारीयों]]__\n\n## अनुवाद के लिए नोट्स: ##\n\n* __फिंकवा दिया__ —अर्थात, “डाल दिया।“
47:8 dfek बंदीगृह में पौलुस व सीलास [47-08] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-47-08.jpg)\n\nउन्होंने पौलुस व सीलास को कैदखाने की सबसे सुरक्षित जगह में डाल दिया और उनके पैरों में कड़ियाँ भी पहना दी। लेकिन मध्य रात्री के समय भी वे परमेश्वर की आराधना के गीत व स्तुति गा रहे थे।\n\n## महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश: ##\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:paul|पौलुस]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:silas|सीलास]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:praise|स्तुति]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:god|परमेश्वर]]__\n\n## अनुवाद के लिए नोट्स: ##\n\n* __मध्य रात्री के ____समय__ —अनुवाद करते समय आप “देर रात” या, “पौ फटने तक” भी लिखे सकते हैं। इस समय बाहर गुप अँधेरा होता है, और लोग अभी भी सो रहे होते हैं।\n\n* __आराधना के गीत व स्तुति गा रहे ____थे__ —अनुवाद करते समय आप “गीतों के द्वारा परमेश्वर की स्तुति कर रहे थे” भी लिख सकते हैं।
47:9 u9ot भूकंप [47-09] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-47-09.jpg)\n\nअचानक, वहाँ एक जोर का भूकंप आया! इस कारण बंदीगृह के सारे द्वार खुल गए, और सभी बंदियों की कड़ियाँ निकल का गिर गयीं।\n\n## महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश: ##\n\n## अनुवाद के लिए नोट्स: ##\n\n* __खुल ____गए__ —अर्थात, “द्वार के ताले खुल गए और वे पूरी तरह से खुल गए।“\n\n* __गिर ____गयीं__ —अर्थात, “अचानक बाहर निकल आयीं” या कि, “अचानक से खुल गयी और बंदी रिहा हो गए।“
47:10 nbhv दारोगा [47-10] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-47-10.jpg)\n\nदारोगा की नींद टूटी, और बंदीगृह का द्वार खुला देख कर वह सक्ते में आ गया! उसने सोचा कि सभी कैदी भाग गए हैं, और इसलिए वह आत्महत्या करने की सोचने लगा। (क्योंकि वह जानता था कि बंदियों के भागने देने के दंड स्वरुप रोमी अधिकारी उसे मार डालेंगे।) लेकिन उसे देख कर पौलुस चिल्लाया, “रुक जाओ! स्वयं को कुछ न करो! हम सब यहीं पर हैं।“\n\n## महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश: ##\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:rome|रोमी अधिकारीयों]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:paul|पौलुस]]__\n\n## अनुवाद के लिए नोट्स: ##\n\n* __दारोगा__ —अर्थात, “बंदीगृह का अधिकारी।“\n\n* __हम__ —कुछ भाषाओं में “हम” के लिए एक ऐसा विशिष्ट शब्द होता है जिसमे संबोधित व्यक्ति शामिल नहीं होता है। यहाँ पर भी “हम” में दारोगा शामिल नहीं है। इसमें केवल पौलुस व बाकी बंदियों के सन्दर्भ में प्रयुक्त हुआ है।
47:11 wzjm मुझे क्या करना होगा? [47-11] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-47-11.jpg)\n\nदारोगा काँपता हुआ पौलुस व सीलास के पास आया और बोला, “उद्धार पाने के लिए मुझे क्या करना होगा?”पौलुस ने उत्तर दिया, “प्रभु यीशु पर विश्वास रख, और तू व तेरा घराना उद्धार पायेगा।“ इस पर दारोगा पौलुस व सीलास को अपने घर ले गया और उनके घाव धोये। उसके घर में पौलुस ने यीशु के सुसमाचार का प्रचार किया।\n\n## महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश: ##\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:paul|पौलुस]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:silas|सीलास]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:save|उद्धार पाना]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:paul|पौलुस]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:believe|विश्वास]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:jesus|यीशु]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:lord|मालिक]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:save|उद्धार पाना]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:preach|प्रचार]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:good-news|सुसमाचार]]__\n\n## अनुवाद के लिए नोट्स: ##\n\n* __उद्धार पाने के ____लिए__ —-अनुवाद करते समय आप यूँ भी लिख सकते हैं, कि “अपने पापों से उद्धार पाने के लिए” या फिर, “…..कि परमेश्वर मुझे मेरे पापों से बचाए।“ यहाँ भूकंप करनेवाले परमेश्वर के दंड से बचने की बात हो रही है।\n\n* __प्रभु यीशु में विश्वास ____रख__ —यहाँ पर दारोगा व उसके परिवार की बात हो रही है, जिन्होंने बाद में विश्वास किया और बपतिस्मा लिया। कुछ भाषाओं में ऐसे शब्दों का प्रावधान हो सकता है जो यह दर्शाते हों कि पौलुस यहाँ पूरे समूह से बातचीत कर रहा है।\n\n* __तू और तेरा घराना उद्धार ____पायेगा__ —अनुवाद करते समय आप “परमेश्वर तुझे और तेरे घराने को तेरे पापों के अनंत दंड से बचाएगा” भी लिख सकते हैं। सुनिश्चित करें कि यहाँ पर शरीर को बचाने की नहीं बल्कि आत्मा के बचाए जाने की बात हो रही है।
47:12 je3d दारोगा का बपतिस्मा [47-12] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-47-12.jpg)\n\nदारोगा और उसके पूरे घराने ने यीशु पर विश्वास किया और बपतिस्मा लिया। इसके बाद दारोगा ने पौलुस व सीलास को भोजन खिलाया और साथ में आनन्द मनाया।\n\n## महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश: ##\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:believe|विश्वासियों]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:jesus|यीशु]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:baptize|बपतिस्मा]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:paul|पौलुस]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:silas|सीलास]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:joy|आनंद मनाया]]__\n\n## __अनुवाद के लिए नोट्स:__ ##\n\n* (अनुवाद के लिए कोई नोट्स नहीं हैं।)
47:13 mmgq सुसमाचार का विस्तार [47-13] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-47-13.jpg)\n\nअगले दी नगर के अधिकारीयों ने पौलुस व सीलास को बंदीगृह से मुक्त कर दिया और उन्हें फिलिप्पी से चले जाने को कहा। लुदिया व अन्य मित्रों से भेंट करने के पश्चात पौलुस व सीलास नगर छोड़ कर चले गए। यीशु का सुसमाचार फैलता गया और कलीसिया विस्तार पाती रही।\n\n## महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश: ##\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:paul|पौलुस]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:silas|सीलास]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:philippi|फिलिप्पी]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:good-news|सुसमाचार]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:jesus|यीशु]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:church|कलीसिया]]__\n\n## अनुवाद के लिए नोट्स: ##\n\n* __नगर के अधिकारीयों__—यहाँ पर “नगर के शासकीय अधिकारियों” से है।\n\n* __यीशु का सुसमाचार फैलता ____गया__ —अर्थात, “जगह-जगह के लोग यीशु का सुसमाचार सुन रहे थे।“\n\n* __कलीसिया विस्तार पाती रही__—अर्थात, “अधिकाधिक संख्या में लोग कलीसिया से जुड़ते जा रहे थे” या कि, “अधिकाधिक संख्या में लोग यीशु पर विश्वास कर रहे थे।“
47:14 mb3c कलीसियाओं को पत्र [47-14] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-47-14.jpg)\n\nयीशु का प्रचार व उसका सुसमाचार सिखाने के लिए पौलुस व अन्य मसीही अगुवों ने कई नगरों की यात्रा की। कलीसियाओं के विश्वासियों को प्रोत्साहन व शिक्षा देने के लिए उन्होंने कई पत्र भी लिखे। इनमे से कुछ पत्र बाइबिल की पुस्तकें बन गयीं।\n\n## महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश: ##\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:paul|पौलुस]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:christian|मसीही]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:preach|प्रचार]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:good-news|सुसमाचार]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:jesus|यीशु]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:believe|विश्वासियों]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:church|कलीसियाओं]]__\n\n## अनुवाद के लिए नोट्स: ##\n\n* बाइबिल की कहानी - बाइबिल के कुछ संस्करणों में इनका अनुवाद अलग तरह से किया हो सकता है।
48:1 eta6 सिद्ध रचना [48-01] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-48-01.jpg)\n\nपरमेश्वर ने जब संसार को रचा, तब सब कुछ सिद्ध था। कोई पाप न था। आदम व हव्वा एक दूसरे से, व परमेश्वर से प्रेम रखते थे। न तो कोई रोग-बीमारी थी और न ही मृत्यु। परमेश्वर संसार का यही रूप चाहता था।\n\n## महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश: ##\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:god|परमेश्वर]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:sin|पाप]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:adam|आदम]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:eve|हव्वा]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:love|प्रेम रखा]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:death|मृत्यु]]__\n\n## अनुवाद के लिए नोट्स: ##\n\n* __परमेश्वर ने जब संसार को रचा__—अर्थात, “परमेश्वर ने जब कुछ नहीं से सब कुछ की रचना की, तब…. ।“\n\n* __सिद्ध__—अर्थात, परमेश्वर जैसा चाहता था, “ठीक वैसा ही था।“\n\n* __कोई पाप न ____था__ —कुछ भाषाओं में “पाप” को किसी वस्तु की तरह संबोधित न कर, एक क्रिया के समान संबोधित करते हैं। इन मामलों में अनुवाद करते समय ऐसे लिख सकते हैं, कि “किसी ने कोई पाप नहीं किया था” या कि, “लोग पाप नहीं करते थे” अथवा, “कुछ बुरा नहीं घटा था।“\n\n* __न तो कोई रोग-बीमारी थी और न ही मृत्यु__—अर्थात, “कोई बीमार नहीं हुआ और न ही कोई मरा” या फिर, “वे न तो बीमार हुए और न कभी मरे।“
48:2 gp6f आदम व हव्वा का पाप [48-02] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-48-02.jpg)\n\nहव्वा को छलने के लिए शैतान बगीचे में सर्प के रूप में बोला। तब उसने व आदम ने परमेश्वर के विरोध में पाप किया। उनके पाप के कारण धरती के सब लोग बीमार होते हैं और मरते हैं।\n\n## महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश: ##\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:satan|शैतान]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:eve|हव्वा]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:adam|आदम]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:sin|पाप]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:god|परमेश्वर]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:death|मरते हैं]]__\n\n## अनुवाद के लिए नोट्स: ##\n\n* __बगीचे में__—यहाँ पर बगीचे का आशय अदन के बगीचे से हैं जहाँ परमेश्वर ने पहले नर व पहली नारी की रचना की थी।\n\n* __हव्वा को छलने__—अर्थात, “हव्वा से झूठ बोला।“ परमेश्वर की कही बातों पर हव्वा के मन में संदेह पैदा कर शैतान ने उससे झूठ बोला था। ऐसा कर, उसने छल से उससे परमेश्वर की अवज्ञा करवाई।
48:3 agzc परमेश्वर के शत्रु [48-03] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-48-03.jpg)\n\nआदम व हव्वा का पाप [४८-०२] परमेश्वर के शत्रु [४८-०३] जिसके कारण, उस समय के बाद से हर बच्चा पापी प्रवृत्ति के साथ पैदा होता है और परमेश्वर का शत्रु होता है। परमेश्वर व लोगों के बीच का सम्बन्ध पाप ने तोड़ दिया है। लेकिन परमेश्वर के पास उस सम्बन्ध को फिर से बहाल करने की एक योजना है।\n\n## महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश: ##\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:adam|आदम]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:eve|हव्वा]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:sin|पाप]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:god|परमेश्वर]]__\n\n## अनुवाद के लिए नोट्स: ##\n\n* __और भी भयंकर बात ____हुई__ —अर्थात, “और भी बुरी” या कि, “अब तक की सबसे बुरी बात हुई।“
48:4 l84o यीशु शैतान को कुचलेगा [48-04] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-48-04.jpg)\n\nपरमेश्वर ने प्रतिज्ञा की थी कि हव्वा का एक वंशज शैतान का सिर कुचलेगा, और शैतान उसकी एड़ी पर वार करेगा। इसका अर्थ यह हुआ कि शैतान मसीह को मार डालेगा, लेकिन परमेश्वर उसे फिर से जीवित करेगा, और फिर मसीह शैतान की शक्ति को सदा के लिए कुचल देगा। बहुत सालों बाद, परमेश्वर ने यीशु मसीह को प्रकट किया।\n\n## महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश: ##\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:god|परमेश्वर]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:promise|प्रतिज्ञा की है]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:eve|हव्वा का]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:descendant|वंशज]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:satan|शैतान के]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:messiah|मसीह]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:raise|जीवित करेगा]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:life|जिलाया]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:jesus|यीशु]]__\n\n## अनुवाद के लिए नोट्स: ##\n\n* __शैतान का सिर कुचलेगा__—अनुवाद करते समय आप यूँ भी लिख सकते हैं, कि “शैतान के सिर पर खडा होकर उसे पूरी तरह नष्ट करेगा” या कि, “शैतान के सिर पर पैर रख कर उसकी धज्जियां उड़ा देगा।“ यहाँ पर व्यक्ति द्वारा एक सर्प के सिर पर खड़े होने की बात हो रही है। सिर पूरी तरह से कुचल गया है, और सर्प मर जाता और कोई हानि नहीं पहुंचा पाता।\n\n* __उसकी एड़ी पर वार करेगा__—यहाँ पर सर्प द्वारा व्यक्ति की एड़ी को डसने की बात हो रही है। इस सन्दर्भ में, शैतान के कारण मसीह कष्ट भोगेगा, लेकिन वह उसे नष्ट नहीं करेगा।\n\n* __फिर जीवित करेगा__—अर्थात, “उसमें जीवन का दोबारा संचार करेगा।“
48:5 jywc उद्धार का मार्ग [48-05] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-48-05.jpg)\n\nपरमेश्वर ने जब बाढ़ के द्वारा पूरे संसार का ध्वंस किया था, तब भी उसने अपने विश्वासी जनों को बचाने के लिए नाव प्रदान की थी। इसी तरह, अपने पापों के कारण हर कोई नाश होने योग्य है, लेकिन परमेश्वर ने अपने विश्वासियों को बचाने के लिए यीशु को दिया है।\n\n## महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश: ##\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:god|परमेश्वर]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:save|उद्धार]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:believe|विश्वासियों]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:sin|पापों]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:jesus|यीशु]]__\n\n## अनुवाद के लिए नोट्स: ##\n\n* __अपने पापों के कारण हर कोई नाश होने योग्य ____है__ —अनुवाद करते समय आप यूँ भी लिख सकते हैं, कि “अपने पापों के कारण हर किसी को परमेश्वर से अनंत दंड मिलना चाहिए।“
48:6 cx0i प्रधान महा याजक [48-06] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-48-06.jpg)\n\nसैकड़ों सालों से याजक लोगों के लिए परमेश्वर के समक्ष बलि प्रस्तुत करते आ रहे थे, और उन्हें वह दंड दिखा रहे थे जो अपने पापों के कारण उन्हें मिलना चाहिए था। लेकिन वे बलि उनके पापों को हर नहीं सकती थीं। प्रधान महा याजक[४८-०६] अन्य याजकों के समान नहीं है, उसने स्वयं को एक मेल बलि के रूप में समर्पित किया जो संसार के सभी लोगों के पाप को दूर कर सकता है। यीशु ही सिद्ध महा याजक था क्योंकि उसने अब तक किये हर पाप के दंड को अपने ऊपर ले लिया।\n\n## महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश: ##\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:priest|याजकों]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:sacrifice|बलि]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:god|परमेश्वर]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:sin|पापों]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:jesus|यीशु]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:priest-high|प्रधान महा याजक]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:punish|दंड]]__\n\n## अनुवाद के लिए नोट्स: ##\n\n* __स्वयं को….समर्पित किया__—अर्थात, “स्वयं को….मारने दिया।\n\n* __दंड को अपने ऊपर ले ____लिया__ —अर्थात, “दंड को अपने शरीर में ग्रहण कर लिया।“
48:7 hvu7 परमेश्वर के लोग [48-07] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-48-07.jpg)\n\nपरमेश्वर ने अब्राहम से कहा, “तेरे द्वारा धरती के सभी लोग आशीष पायेंगे।“यीशु अब्राहम का वंशज था। संसार के सभी लोग उसके द्वारा आशीष पाते हैं, क्योंकि जो भी यीशु में विश्वास रखता है, वह पाप से बचा लिया जाता है, और अब्राहम का आत्मिक वंशज बन जाता है।\n\n## महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश: ##\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:god|परमेश्वर]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:abraham|अब्राहम]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:people-group|समुदायों]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:bless|आशीष पायेंगे]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:jesus|यीशु]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:descendant|वंशज]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:believe|विश्वास रखनेवाले]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:save|उद्धार पाना]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:spirit|आत्मिक]]__\n\n## अनुवाद के लिए नोट्स: ##\n\n* __धरती के सभी लोग__ —अनुवाद करते समय आप “धरती के हर हिस्से के लोग” भी लिख सकते हैं।\n\n* __अब्राहम का एक आत्मिक वंशज__—अर्थात, “आत्मिक रीती से अब्राहम से जुड़ जाता है, और परमेश्वर का जन हो जाता है।“
48:8 df2p परमेश्वर का मेमना [48-08] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-48-08.jpg)\n\nपरमेश्वर ने जब अब्राहम से अपने बेटे इसहाक को बलि स्वरुप देने को कहा था, तब उसने उसके बेटे, इसहाक की जगह एक मेमना दिया था। हम सब अपने पापों के कारण मृत्यु के योग्य हैं! लेकिन परमेश्वर ने अपने मेमने, यीशु को हमारे स्थान पर मरने के लिए बलि कर दिया।\n\n## महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश: ##\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:god|परमेश्वर]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:abraham|अब्राहम]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:son|बेटे]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:isaac|इसहाक]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:sacrifice|बलि]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:lamb|मेमना]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:death|मृत्यु]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:sin|पापों]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:jesus|यीशु]]__\n\n## अनुवाद के लिए नोट्स: ##\n\n* __उसके बेटे, इसहाक की जगह__—अनुवाद करते समय आप ऐसे भी लिख सकते हैं, कि “उसके बेटे इसहाक की जगह” या फिर, “ताकि उसे अपने बेटे इसहाक की बलि न देनी पड़े।“\n\n* __मृत्यु के योग्य ____हैं__ ---अर्थात, “मर जाना चाहिए।“\n\n* __हमारे स्थान पर मरने के ____लिए__ ---अनुवाद करते समय आप यूँ भी लिख सकते हैं, कि “हम सबकी जगह मरने के लिए”, या कि, “ताकि उसे हमें मारना न पड़े।“
48:9 tyaq फसह का पर्व [48-09] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-48-09.jpg)\n\nमिस्र पर जब परमेश्वर न अंतिम विपत्ति भेजी थी, तब उसने हर इस्राएली परिवार को एक निर्दोष मेमना मार कर उसके लहू को अपनी चौखटों पर लगाने को कहा था। लहू देख कर परमेश्वर ने उनके घर छोड़ दिया और उनके पहिलौठों को नहीं मारा। इस घटना को फसह कहते हैं।\n\n## महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश: ##\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:god|परमेश्वर]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:egypt|मिस्र]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:israel|इस्राएली]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:lamb|मेमना]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:blood|लहू]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:passover|फसह]]__\n\n## अनुवाद के लिए नोट्स: ##\n\n* __मिस्र पर जब परमेश्वर ने अंतिम विपत्ति भेजी__—अर्थात, “मिस्र पर अंतिम विपत्ति डाली।“ यह दसवीं विपत्ति थी जिसमे परमेश्वर ने मिस्रवासियों के पह्लौठों के प्राण हर लिए थे।\n\n* __एक निर्दोष ____मेमना__ —अर्थात, “ऐसा मेमना जिसमे कोई शारीरिक दोष न हो।“\n\n* __उसके लहू ____को__ —अर्थात, “निर्दोष मेमने के लहू को।“\n\n* __चौखटों पर__—दरवाज़े पर लगा ढाँचा; अनुवाद करते समय आप केवल “दरवाजों पर” भी लिख सकते हैं।\n\n* __फसह__ —अनुवाद करते समय आप “गुज़र जाने का पर्व” भी कह सकते हैं। आप इसका फसह के सन्दर्भ में अनुवाद करें।
48:10 x7vb फसह का मेमना [48-10] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-48-10.jpg)\n\nहमारे फसह का मेमना यीशु है। वह सिद्ध और निष्पाप था और फसह के पर्व के दौरान मारा गया था। जब कोई यीशु में विश्वास करता है, तब यीशु का लहू उसके पाप का दाम चुका देता है और परमेश्वर का दंड उस व्यक्ति पर नहीं पड़ता।\n\n## __महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश:__ ##\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:jesus|यीशु]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:passover|फसह]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:lamb|मेमना]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:believe|विश्वास रखनेवाले]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:blood|लहू]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:sin|पाप]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:god|परमेश्वर के]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:punish|दंड]]__\n\n## अनुवाद के लिए नोट्स: ##\n\n* __फसह का मेमना__—अर्थात, “हमारे लिए मारा गया फसह का मेमना” या कि, “वह मेमना जो इसलिए मारा गया कि परमेश्वर हमें बक्श दे।“\n\n* __निष्पाप-__ --इसका अनुवाद करते समय आप “जिसने कभी पाप नहीं किया था” भी लिख सकते हैं।\n\n* __यीशु का लहू__—यहाँ आप “पापियों के लिए मर कर यीशु ने अपनी बलि दी थी” भी लिख सकते हैं। यहाँ पर “लहू” का आशय “मृत्यु” से भी है।\n\n* __परमेश्वर का दंड उस व्यक्ति पर नहीं ____पड़ता__ ---इस कथन का आशय है कि “परमेश्वर उस व्यक्ति को दंड नहीं देता।“ अनुवाद करते समय ऐसे कथन का प्रयोग करे जो “फसह” व “फसह के मेमने” के लिए प्रयुक्त होनेवाले शब्दों से इसका सम्बन्ध दिखाता हो। यदि फसह के लिए “क्षमा करना” प्रयुक्त हुआ है, तो आप लिखें कि “परमेश्वर उस व्यक्ति को क्षमा कर देता है।“
48:11 j39m परमेश्वर की नयी वाचा [48-11] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-48-11.jpg)\n\nपरमेश्वर ने इस्राएलियों के साथ, जो कि उसके चुने हुए लोग थे, एक वाचा बाँधी। लेकिन परमेश्वर ने अब एक नयी वाचा बाँधी है जो सभी के लिए है। इस नयी वाचा के कारण किसी भी समुदाय का कोई भी व्यक्ति, यीशु में विश्वास के द्वारा परमेश्वर के लोगों का हिस्सा बन सकता है।\n\n## महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश: ##\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:god|परमेश्वर]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:covenant|वाचा]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:israel|इस्राएलियों]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:new-covenant|नयी वाचा]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:people-group|समुदायों]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:believe|विश्वास]]__\n\n## अनुवाद के लिए नोट्स: ##\n\n* __इस्राएलियों के साथ, जो कि उसके चुने हुए लोग ____थे__ —-अर्थात, “इस्राएली लोग, जिन्हें उसने चुना था।“
48:12 otte परमेश्वर का वचन [48-12] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-48-12.jpg)\n\nमूसा एक महान नबी था जिसने परमेश्वर के वचन की उदघोषणा की थी। लेकिन सभी नबियों में सबसे महान है यीशु। वह परमेश्वर है, इसलिए जो कुछ भी उसने किया वह स्वयं परमेश्वर के कार्य और वचन थे। यही कारण है कि यीशु को परमेश्वर का वचन कहा जाता है।\n\n## महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश: ##\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:moses|मूसा]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:prophet|नबी]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:word-of-god|परमेश्वर के वचन]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:jesus|यीशु]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:god|परमेश्वर]]__\n\n## अनुवाद के लिए नोट्स: ##\n\n* __a great prophet__ - That is, "a very important prophet."\n\n* __the greatest prophet__ - That is, "the most important prophet."\n\n* __He is the Word of God__ - That is, “He is called the Word of God” because he reveals God's character. The other prophets preached the message God gave them, but Jesus revealed God in his preaching and his actions.
48:13 mmlr दाऊद का वंशज [48-13] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-48-13.jpg)\n\nपरमेश्वर ने राजा दाऊद से प्रतिज्ञा की थी कि उसका एक वंशज परमेश्वर के लोगों पर सदा के लिए राज्य करेगा। चूंकि यीशु परमेश्वर का बेटा और मसीह है, इसलिए वही दाऊद का वह विशेष वंशज है जो सदा के लिये राज्य कर सकता है।\n\n## महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश: ##\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:god|परमेश्वर]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:promise|प्रतिज्ञा की है]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:david|राजा दाऊद]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:god-son|परमेश्वर का बेटा]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:messiah|मसीह]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:descendant|वंशज]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:jesus|यीशु]]__\n\n## अनुवाद के लिए नोट्स: ##\n\n* (अनुवाद के लिए कोई नोट्स नहीं हैं।)
48:14 lk80 ब्रह्माण्ड का राजा [48-14] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-48-14.jpg)\n\nपूरे ब्रह्माण्ड का राजा—अर्थात, “सब जगह की सभी वस्तुओं का राजा।“ वह फिर से आएगा और अपने राज्य में न्याय व शांति के साथ, सदा के लिए राज्य करेगा।\n\n## महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश: ##\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:david|दाऊद]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:king|राजा]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:israel|इस्राएल]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:jesus|यीशु]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:kingdom-of-god|राज्य]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:justice|न्याय]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:peace|शान्ति]]__\n\n## अनुवाद के लिए नोट्स: ##\n\n* __पूरे ब्रह्माण्ड का ____राजा__ —अर्थात, “सब जगह की सभी वस्तुओं का राजा।“\n\n* बाइबिल की कहानी - बाइबिल के कुछ संस्करणों में इनका अनुवाद अलग तरह से किया हो सकता है।
49:1 hlfs कुँवारी से जन्म [49-01] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-49-01.jpg)\n\nमरियम नाम की एक कुमारी को एक स्वर्गदूत ने बताया कि वह परमेश्वर के बेटे को जन्म देगी। इसलिए जबकि वह कुमारी ही थी, उसने एक बेटे को जन्म दिया और उसका नाम यीशु रखा। इसलिए, यीशु परमेश्वर और मनुष्य, दोनों है।\n\n## महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश: ##\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:virgin|कुमारी]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:mary|मरियम]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:god-son|परमेश्वर के बेटे]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:jesus|यीशु]]__\n\n## अनुवाद के लिए नोट्स: ##\n\n* (अनुवाद के लिए कोई नोट्स नहीं हैं।)
49:2 ga8x आश्चर्यकर्म [49-02] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-49-02.jpg)\n\nअपने परमेश्वर होने के प्रमाण में यीशु ने कई आश्चर्यकर्म किये। वह पानी पर चला, उसने तूफानों को शांत किया, बहुत से बीमार लोगों को चंगाई दी, दुष्टात्माएँ निकालीं, मरे हुओं को जिलाया, और पाँच रोटी व 2 छोटी मछलियों से उसने 5000 लोगों को खिलाया।\n\n## महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश: ##\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:jesus|यीशु]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:miracle|आश्चर्यकर्म]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:god|परमेश्वर]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:heal|चंगाई दी]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:demon|दुष्टात्माएँँ]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:raise|जिलाया]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:death|मुर्दों]]__\n\n## अनुवाद के लिए नोट्स: ##\n\n* __दुष्टात्माएं निकाली__\n\n* __मरे हुओं को जिल्लाया__—आप यहाँ “लोगों में फिर से जीवित किया” भी लिख सकते हैं।
49:3 fwe5 शिक्षक यीशु [49-03] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-49-03.jpg)\n\nयीशु एक महान शिक्षक भी थे, और पूरे अधिकार के साथ बोलते थे क्योंकि वे परमेश्वर के बेटे थे। यीशु ने सिखाया कि दूसरों से भी आपको उतना प्रेम करना चाहिए जितना कि आप स्वयं से करते हैं।\n\n## महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश: ##\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:jesus|यीशु]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:god-son|परमेश्वर का बेटा]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:love|प्रेम]]__\n\n## अनुवाद के लिए नोट्स: ##\n\n* __एक महान शिक्षक__—अर्थात, “एक बहुत ही महत्वपूर्ण शिक्षक” अथवा, “एक उत्कृष्ट शिक्षक” थे।\n\n* __उतना ____प्रेम__ ---अर्थात, “उसी रीती से” या कि, “उतनी ही मात्रा में।“
49:4 i3yb सबसे अधिक परमेश्वर से प्रेम रखो [49-04] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-49-04.jpg)\n\nउसने यह भी सिखाया कि हमें किसी भी चीज़ से अधिक, अपनी संपत्ति से भी अधिक परमेश्वर से प्रेम रखना चाहिए।\n\n## महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश: ##\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:love|प्रेम]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:god|परमेश्वर]]__\n\n## अनुवाद के लिए नोट्स: ##\n\n* __अपनी सम्पत्ति__—आप यहाँ “अपने धन से” या, “अपनी चीज़ों” भी लिख सकते हैं।
49:5 xnkf उद्धार का मूल्य [49-05] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-49-05.jpg)\n\nयीशु ने कहा कि संसार की किसी भी चीज़ से अधिक परमेश्वर का राज्य मूल्यवान है। परमेश्वर के राज्य का हिस्सा होना ही व्यक्ति के लिए सबसे महत्वपूर्ण चीज़ है। परमेश्वर के राज्य में प्रवेश पाने के लिए आपने अपने पाप से उद्धार पाना होगा।\n\n## महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश: ##\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:jesus|यीशु]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:kingdom-of-god|परमेश्वर के राज्य]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:save|उद्धार पाना]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:sin|पाप]]__\n\n## अनुवाद के लिए नोट्स: ##\n\n* __अपने पाप से उद्धार ____पाना__ ---अर्थात, “अपने पापों के दंड से बचाया जाना” या कि, “कि आपके किये पापों से परमेश्वर आपको बचाए” अथवा, “अपने पाप से उद्धार पाना।
49:6 rr4b सभी को उद्धार नहीं मिलेगा [49-06] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-49-06.jpg)\n\nयीशु ने सिखाया कि कुछ लोग उसे ग्रहण कर उद्धार पायेंगे, लेकिन अन्य नहीं। उसने कहा कि कुछ लोग उपजाऊ मिट्टी के समान होते हैं। वे यीशु के सुसमाचार को ग्रहण करके उद्धार पा जाते हैं। जबकि अन्य लोग मार्ग की कठोर मिट्टी के समान होते हैं, जहाँ परमेश्वर के वचन के बीज प्रवेश नहीं कर पाते और कोई फसल नहीं हो पाती। वे लोग यीशु के सन्देश को नकार देते हैं और उसके राज्य में प्रवेश नहीं करेंगे।\n\n## महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश: ##\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:jesus|यीशु]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:receive|ग्रहण]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:save|उद्धार पाना]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:good-news|सुसमाचार]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:word-of-god|परमेश्वर के वचन]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:kingdom-of-god|उसके राज्य]]__\n\n## अनुवाद के लिए नोट्स: ##\n\n* __जबकि अन्य नहीं__ —अर्थात, “अन्य लोग उसे ग्रहण नहीं करेंगे और इसलिए उद्धार नहीं पायेंगे।“\n\n* __परमेश्वर के वचन के ____बीज__ —अनुवाद करते समय आप यूँ भी लिख सकते हैं कि , “जहाँ वे बीज, जो कि परमेश्वर के वचन के समान हैं… ।“ यह वाक्य बीज व परमेश्वर के वचन के बीच तुलना दिखता है।
49:7 jidc परमेश्वर पापियों से प्रेम रखता है [49-07] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-49-07.jpg)\n\nयीशु ने सिखाया कि परमेश्वर पापियों से बहुत प्रेम रखता है। वह उन्हें क्षमा कर, उन्हें अपनी संतान बनाना चाहता है।\n\n## महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश: ##\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:jesus|यीशु]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:god|परमेश्वर]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:love|प्रेम रखता है]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:sin|पापियों]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:forgive|क्षमा]]__\n\n## अनुवाद के लिए नोट्स: ##\n\n* (अनुवाद के लिए कोई नोट्स नहीं हैं।)
49:8 ncgo परमेश्वर पाप से घृणा करता है [49-08] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-49-08.jpg)\n\nयीशु ने हमें यह भी बताया कि परमेश्वर को पाप से घृणा है। आदम और हव्वा के पाप के कारण उनके सभी वंशज प्रभावित हुए। जिस कारण, पाप के कारण संसार का हर व्यक्ति परमेश्वर से अलग है। इसलिए, हरेक जन परमेश्वर का शत्रु बन गया है।\n\n## महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश: ##\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:jesus|यीशु]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:god|परमेश्वर]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:sin|पाप]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:adam|आदम]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:eve|हव्वा]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:sin|पाप]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:descendant|वंशज]]__\n\n## अनुवाद के लिए नोट्स: ##\n\n* __परमेश्वर से अलग हो गया__ - इसका अनुवाद "परमेश्वर के साथ नहीं रह सकते" या, "परमेश्वर के पास नहीं जा सकते" या "परमेश्वर के साथ एक रिश्ता नही रख सकता है" किया जा सकता |
49:9 tb7t परमेश्वर ने अपना बेटा दे दिया [49-09] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-49-09.jpg)\n\nलेकिन परमेश्वर संसार के हर व्यक्ति से इतना प्रेम रखा कि उसने अपना एकलौता बेटा दे दिया, ताकि जो कोई भी उस पर विश्वास करे उसे अपने पापों का दंड न मिले, बल्कि परमेश्वर के साथ सदा का जीवन पाए।\n\n## महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश: ##\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:god|परमेश्वर]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:love|प्रेम रखा]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:god-son|बेटा]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:believe|विश्वास रखनेवाले]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:jesus|यीशु]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:punish|दंड]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:sin|पापों]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:life|रहेंगे]]__\n\n## अनुवाद के लिए नोट्स: ##\n\n* __अपना बेटा दे ____दिया__ ---अनुवाद करते समय आप यूँ भी लिख सकते हैं, कि “संसार के पापों के लिए अपने बेटे को बलि स्वरुप प्रस्तुत किया” या फिर, “हमारे पापों के लिए बलि स्वरुप हमें अपना बेटा दे दिया।“\n\n* __जो कोई भी उस पर विशवास करे__—अर्थात, “जो भी उस पर विश्वास करे।“\n\n* __जो कोई भी उस पर विश्वास करे उसे अपने पापों का दंड न मिले, बल्कि वह परमेश्वर के साथ सदा का जीवन ____पाए__ ---अर्थात, “जब कोई यीशु पर विश्वास करता है, परमेश्वर उसे उसके पापों का दंड नहीं देता, बल्कि उसे अपने साथ सदा के लिए रहने देता है।“
49:10 vgez हमारी जगह यीशु मारा गया [49-10] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-49-10.jpg)\n\nअपने पाप के कारण, आप दोषी है और मृत्यु के योग्य हैं। परमेश्वर को आप पर क्रोधित होना चाहिए, लेकिन उसने अपना सारा क्रोध आपकी जगह, यीशु पर उंडेल दिया। क्रूस पर मर कर यीशु ने आपके दंड को ग्रहण किया था।\n\n## महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश: ##\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:sin|पाप]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:guilt|दोषी]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:death|मृत्यु]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:god|परमेश्वर]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:jesus|यीशु]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:cross|क्रूस]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:receive|ग्रहण]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:punish|दंड]]__\n\n## अनुवाद के लिए नोट्स: ##\n\n* __अपने पाप के कारण__—अनुवाद करते समय आप “चूंकि आपने पाप किया है” भी लिख सकते हैं। इस बात को स्पष्ट करने के लिए कि यहाँ पर सभी लोगों की बात हो रही है, हो सकता है कुछ भाषाओं में इसे यूँ लिखना पड़े, कि “चूंकि सभी लोगों ने पाप किया है, इसलिए सब दोषी हैं। सब के सब मृत्यु के योग्य हैं।“\n\n* __परमेश्वर को क्रोधित होना ____चाहिए__ —अर्थात, “परमेश्वर का क्रोधित होना उचित है।“\n\n* __अपना सारा क्रोध यीशु पर उंडेल ____दिया__ —अर्थात, “अपने क्रोध को उस पर डाल दिया” या कि, “यीशु पर क्रोधित हुआ।“\n\n* __आपके दंड को ग्रहण ____किया__ —अनुवाद करते समय आप “आपके स्थान पर उसने दंड भोगा” अथवा, “आपके पापों के लिए दण्डित हुआ” भी लिख सकते हैं। यह स्पष्ट करने के लिए कि यहाँ सभी लोगों की बात हो रही है, आप इस वाक्यांश को यूँ भी लिख सकते हैं, कि “सभी के पाप का दंड भोगा।“
49:11 dz1g निष्पाप बलि [49-11] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-49-11.jpg)\n\nयीशु न कभी कोई पाप नहीं किया था, लेकिन आपके पापों व संसार के हर व्यक्ति के पापों को हरने के लिए उसने क्रूस पर एक सिद्ध बलि के रूप में मरना और दंड भोगना स्वीकार किया। चूंकि यीशु ने स्वयं को बलि स्वरुप अर्पित किया था, परमेश्वर कोई भी पाप, यहाँ तक कि भयंकर से भयंकर पाप भी क्षमा कर सकता है।\n\n## महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश: ##\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:jesus|यीशु]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:sin|पाप]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:punish|दंड]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:death|मृत्यु]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:sacrifice|बलि]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:god|परमेश्वर]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:forgive|क्षमा]]__\n\n## अनुवाद के लिए नोट्स: ##\n\n* __हरने के ____लिए__ ---अर्थात, “दंड को मिटाने के लिए।“ यीशु के बलिदान के कारण परमेश्वर हमारे पापों को ऐसे देखता है कि मानो वे थे ही नहीं।
49:12 j5ka यीशु मरा और जी उठा [49-12] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-49-12.jpg)\n\nभले काम आपको बचा नहीं सकते। परमेश्वर के साथ सम्बन्ध बनाने के लिए आप अपने बल बूते पर कुछ नहीं कर सकते हैं। आपके पाप केवल यीशु धो सकता है। आपको यह विश्वास करना होगा कि यीशु परमेश्वर का बेटा है, कि वह क्रूस पर आपकी जगह मरा, और परमेश्वर ने उसे फिर से जिलाया है।\n\n## महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश: ##\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:save|उद्धार]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:god|परमेश्वर]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:jesus|यीशु]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:sin|पापों]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:believe|विश्वास]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:god-son|परमेश्वर का बेटा]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:death|मर गया]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:cross|क्रूस]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:raise|जिलाया]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:life|जिलाया]]__\n\n## अनुवाद के लिए नोट्स: ##\n\n* __भले काम आपको नहीं बचा सकते__ —अर्थात, “भले काम करने से आप अपने पापों से नहीं बच सकते” या कि, “आप ऐसी कोई भलाई नहीं कर सकते जो आपको आपके पापों से बचा सके।“\n\n* __पाप केवल यीशु धो सकता ____है__ —अर्थात, “पापों को पूरी तरह हटा सकता है” या कि, “आपके पाप लेकर आपको निर्मल बना सकता है।“ यहाँ परमेश्वर द्वारा लोगों के पाप दूर कर उनकी आत्मा को निर्मल बनाए जाने की बात हो रही है। इसका आशय किसी भी रीती से शारीरिक स्वच्छता से नहीं है।\n\n* __आपकी ____जगह__ —अर्थात, “आपके स्थान पर।“\n\n* __फिर से ____जिलाया__ —आप “फिर से जीवित किया है” भी लिख सकते हैं।
49:13 zqdj परमेश्वर आपसे प्रेम रखता है [49-13] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-49-13.jpg)\n\nजो भी यीशु में विश्वास रखता है और उसे अपना प्रभु ग्रहण करता है, परमेश्वर उसे बचाएगा। लेकिन वह किसी अविश्वासी को नहीं बचाएगा। इससे कोई अंतर नहीं पड़ता कि आप धनी हैं या निर्धन, पुरुष हैं या स्त्री, विरद्ध हैं या जवान, या कि आप कहाँ पर रहते हैं। परमेश्वर आपसे प्रेम रखता है और चाहता है कि आप यीशु पे विश्वास रखे ताकि वह आपके साथ निकट का संबंध बना सके।\n\n## महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश: ##\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:god|परमेश्वर]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:save|उद्धार]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:believe|विश्वास रखनेवाले]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:jesus|यीशु]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:receive|ग्रहण करता है]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:lord|मालिक]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:love|प्रेम रखता है]]__\n\n## अनुवाद के लिए नोट्स: ##\n\n* __ताकि वह आपके साथ निकट का सम्बन्ध बना सके__ ---अनुवाद करते समय आप ऐसे भी लिख सकते हैं, कि “ताकि आप उसकी संतान बन सकें” अथवा, “ताकि आप उसके मित्र हो सकें” या फिर, “ताकि आप उससे जुड़ सकें।“
49:14 k378 यीशु में विश्वास रखें [49-14] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-49-14.jpg)\n\nयीशु आपको उसमे विश्वास रखने और बपतिस्मा लेना को आमंत्रित करता है। क्या आप यह विश्वास करते हैं कि यीशु ही मसीह, और परमेश्वर का बेटा है? क्या आप मानते है कि आप एक पापी हैं और परमेश्वर के दंड के भागी हैं? क्या आपको विश्वास है कि आपके पापों को दूर करने के लिए ही यीशु क्रूस पर मरा था?\n\n## महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश: ##\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:jesus|यीशु]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:believe|विश्वास]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:baptize|बपतिस्मा]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:messiah|मसीह]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:god-son|परमेश्वर का बेटा]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:sin|पापी]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:god|परमेश्वर]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:punish|दंड]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:death|मर गया]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:cross|क्रूस]]__\n\n## अनुवाद के लिए नोट्स: ##\n\n* __विश्वास ____रखने__ ---यहाँ पर आप “भरोसा करने”, “अपने उद्धार के लिए उस पर भरोसा करने” भी लिख सकते हैं।\n\n* __बपतिस्मा ____लेने__ ---यहाँ पर आप “किसी से बपतिस्मा लेने” भी लिख सकते हैं।\n\n* __विश्वास करते हैं ____कि__ ----यहाँ पर “विश्वास करते हैं” की जगह “मानते हैं” भी लिख सकते हैं।\n\n* __दूर करने__—कृपया __[[:hi:obs:notes:frames:49-11|[४९-११]]]__ का नोट देखें।
49:15 aciv परमेश्वर के राज्य की ज्योति [49-15] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-49-15.jpg)\n\nयदि आप यीशु में, और उसने जो आपके लिए किया है, उस पर विश्वास रखते हैं, तो आप एक मसीही हैं! परमेश्वर आपको शैतान के अंधकार के राज्य से निकाल कर आपको अपने ज्योति के राज्य में ले आया है। परमेश्वर ने आपके पुराने, पापमय रीतियों को दूर कर दिया है और आपको एक नया, धर्मी जीवन रीती दी है।\n\n## महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश: ##\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:believe|विश्वास]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:jesus|यीशु]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:christian|मसीही]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:god|परमेश्वर]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:satan|शैतान के]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:kingdom|राज्य]]__\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:kingdom-of-god|परमेश्वर के राज्य]]____\n\n## अनुवाद के लिए नोट्स: ##\n\n* __शैतान के अंधकार के राज्य__—“अन्धकार” का आशय यहाँ पाप व बुरी बातों से है। अनुवाद करते समय आप “शैतान के बुरे राज्य पर, जो कि अन्धकार के समान है” भी लिख सकते हैं।\n\n* __अपने (परमेश्वर के) ज्योति के राज्य__—“ज्योति” का आशय यहाँ परमेश्वर की पवित्रता व भलाई से है। अनुवाद करते समय आप इसे “परमेश्वर के धर्मी राज्य, जो कि ज्योति के समान है” भी लिख सकते हैं। बाइबिल में बुराई की अन्धकार से, और भलाई की ज्योति से अकसर तुलना की गयी है।
49:16 ujq6 पाप क्षमा हुए [49-16] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-49-16.jpg)\n\nयदि आप एक मसीही हैं, तो यीशु के किये काम के कारण परमेश्वर आपके पाप क्षमा कर चुका है। अब, परमेश्वर आपको शत्रु नहीं बल्कि एक निकट का मित्र मानता है।\n\n## महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश: ##\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:christian|मसीही]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:god|परमेश्वर]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:forgive|क्षमा कर चुका है]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:sin|पापों]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:jesus|यीशु]]__\n\n## अनुवाद के लिए नोट्स: ##\n\n* __मानता है__—अर्थात, “समझता है” या कि, “लेता है” अथवा, “बुलाता है।“
49:17 z413 यीशु की शिक्षाओं का पालन करें [49-17] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-49-17.jpg)\n\nयदि आप परमेश्वर के मित्र व प्रभु यीशु के दास हैं, तो आप यीशु की शिक्षाओं का पालन करना चाहेंगे। मसीही होने के बावजूद भी आप पाप की परीक्षा में पड़ेंगे। लेकिन परमेश्वर विश्वासयोग्य है और कहता है कि यदि तुम अपने पापों का अंगीकार करोगे, तो वह तुम्हे क्षमा करेगा।वह आपको पाप से लड़ने की सामर्थ देगा।\n\n## महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश: ##\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:god|परमेश्वर]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:servant|दास]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:jesus|यीशु]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:lord|मालिक]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:obey|आज्ञाओं का पालन]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:christian|मसीही]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:tempt|परीक्षा]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:sin|पाप]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:faithful|विश्वासयोग्य]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:forgive|क्षमा]]__\n\n## अनुवाद के लिए नोट्स: ##\n\n* __पाप की परीक्षा में पड़ेंगे__—अर्थात, “यह जानते हुए भी कि पाप एक बुराई है, आप उसे करने को लालायित हो सकते हैं।“\n\n* __विश्वासयोग्य है__—अर्थात,”परमेश्वर अपनी प्रतिज्ञाएँ पूरी करता है।“\n\n* __तुम अपने पापों का अंगीकार ____करोगे__ ---अर्थात, “परमेश्वर के आगे मानोगे कि तुमने बुरा काम किया है।“\n\n* __वह आपको पाप से लड़ने की सामर्थ ____देगा__ ---अर्थात, “पाप को नकारने की आत्मिक सामर्थ देगा।“
49:18 pc98 मसीही के रूप में उन्नति करें [49-18] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-49-18.jpg)\n\nपरमेश्वर आपसे प्रार्थना करने, उसके वचन का अध्ययन करने, दूसरे मसीहियों के साथ उसकी आराधना करने, और उसने जो आपके लिए किया है, दूसरों को वह बताने को कहता है। ये सारी बातें आपको उसके साथ गहरा सम्बन्ध बनाने में मदद करेंगी।\n\n_A Bible story from: Romans 3:21-26, 5:1-11; John 3:16; Mark 16:16; Colossians 1:13-14; 2 Corinthians 5:17-21; 1 John 1:5-10_\n\n## महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश: ##\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:god|परमेश्वर]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:pray|प्रार्थना]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:word-of-god|उसके वचन]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:worship|आराधना]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:christian|मसीही]]__\n\n## अनुवाद के लिए नोट्स: ##\n\n* __उसके साथ गहरा सम्बन्ध बनाने__ ---अनुवाद करते समय आप “उससे और अधिक प्रेम रखने” या कि, “उसे और अधिक जानने” अथवा, “उसके प्रति और अधिक विश्वासयोग्य बनने“ भी लिख सकते हैं।\n\n* बाइबिल की कहानी - बाइबिल के कुछ संस्करणों में इनका अनुवाद अलग तरह से किया हो सकता है।
50:1 y5ku विस्तार पाती कलीसिया [50-01] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-50-01.jpg)\n\nलगभग २००० सालों से विश्व भर के अधिकाधिक लोग यीशु मसीह के सुसमाचार को सुन रहे हैं। कलीसिया बढती रही है। यीशु ने प्रतिज्ञा की है कि वह जगत के अंत में लौट कर आएगा। वह अब तक आया तो नहीं है, लेकिन वह अपनी प्रतिज्ञा अवश्य ही पूरी करेगा।\n\n## महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश: ##\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:good-news|सुसमाचार]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:jesus|यीशु]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:messiah|मसीह]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:church|कलीसिया]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:promise|प्रतिज्ञा की है]]__\n\n## अनुवाद के लिए नोट्स: ##\n\n* __कलीसिया बढती रही है__ ---अनुवाद करते समय आप “विश्व भर में कलीसिया से जुड़नेवालों की संख्या बढ़ रही है” या कि, “यीशु के विश्वासियों की संख्या बढती जा रही है” भी लिख सकते हैं।\n\n* __जगत के अंत में__—इसका आशय “इस संसार के अंत” या कि “अंतिम दिनों” से है।
50:2 kswm सुसमाचार [50-02] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-50-02.jpg)\n\nपरमेश्वर चाहता है कि यीशु की बाट जोहते हुए हम एक पवित्र व ऐसा जीवन जीए जिससे उसे आदर मिलता हो। वह साथ में यह भी चाहता है कि हम दूसरों को भी उसके राज्य के बारे में बताएं। यीशु जब इस धरती पर था, तब उसने कहा था, कि “मेरे चेले संसार के हर कोने के हर व्यक्ति को परमेश्वर के राज्य का उपदेश सुनायेंगे, और तब अंत आ जाएगा।“\n\n## महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश: ##\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:jesus|यीशु]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:god|परमेश्वर]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:holy|पवित्र]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:kingdom-of-god|राज्य]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:disciple|चेले]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:preach|उपदेश सुनायेंगे]]__\n\n* [[:hi:obs:notes:key-terms:good-news|सुसमाचार]]\n\n## अनुवाद के लिए नोट्स: ##\n\n* __अंत आ जाएगा__ ---अनुवाद करते समय आप “इसके बाद संसार का अंत आ जाएगा” या फिर, “संसार का अंत हो जायेगा” अथवा, “वर्तमान जगत का अंत हो जाएगा” भी लिख सकते हैं।
50:3 kt2v फसल तो बहुत है [50-03] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-50-03.jpg)\n\nलोगों के बहुत से समुदायों ने अब तक यीशु के विषय में नहीं सुना है। स्वर्ग लौटने से पहले यीशु ने मसीहियों से कहा था कि जिन्होंने कभी सुसमाचार नहीं सुना है, वे उन्हें सुसमाचार सुनाएँ। उसने कहा था, कि “जाओ और सभी समुदाय के लोगों को मेरा चेला बनाओ!” और , यह भी कि “खेत कटनी के लिए तैयार है!”\n\n## महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश: ##\n\n* ____[[:hi:obs:notes:key-terms:people-group|समुदायों]]____\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:jesus|यीशु]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:heaven|स्वर्ग]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:christian|मसीही]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:good-news|सुसमाचार]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:disciple|चेले]]__\n\n## अनुवाद के लिए नोट्स: ##\n\n* __चेला ____बनाओं__ ---अर्थात, “मेरा चेला बनने में उनकी मदद करो।“\n\n* __खेत कटनी के लिए तैयार ____है__ ---अनुवाद करते समय यूँ लिख सकते हैं, कि “कटनी के लिए तैयार फसल की तरह वे भी पमेश्वर के खत्ते में आने को तैयार हैं” अथवा, “कट कर जमा कए जाने के लिए तैयार खेत की फसल के समान , वे लोग भी जमा किये जाने के लिए तैयार हैं।“\n\n* __खेत__ ----अर्थात, “संसार के लोग।“\n\n* __तैयार__—“पकी हुई फसल”, अर्थात, यीशु में विश्वास करने को तैयार लोग।\n\n* __कटनी__—“कटनी” का आशय लोगों में यीशु का प्रचार कर उन्हें परमेश्वर के पास लाने की क्रिया से है।
50:4 y1mx विश्वासयोग्य बने रहो [50-04] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-50-04.jpg)\n\nयीशु ने यह भी कहा कि “कोई भी सेवक अपने स्वामी से बड़ा नहीं होता। इस संसार ने जैसे मुझ से बैर किया है, वैसे ही वे मेरे कारण तुम्हे भी कष्ट देंगे और मार डालेंगे। तुम इस संसार में कष्ट तो पाओगे, लेकिन इस बात से प्रोत्साहन पाओ कि मैं शैतान को हरा चुका हूँ, जो कि इस दुनिया का शासक है। यदि तुम अंत तक मेरे प्रति विश्वासयोग्य रहोगे, तो परमेश्वर तुम्हे उद्धार देगा!”\n\n## महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश: ##\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:jesus|यीशु]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:servant|दास]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:lord|मालिक]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:suffer|कष्ट तो पाओगे]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:satan|शैतान]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:faithful|विश्वासयोग्य]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:save|उद्धार]]__\n\n## अनुवाद के लिए नोट्स: ##\n\n* __से बड़ा नहीं ____होता__ ---अर्थात, “से अधिक महत्वपूर्ण नहीं होता” या कि, “को अपने स्वामी से बेहतर बर्ताव नहीं मिलता।“\n\n* __मेरे ____कारण__ ---अर्थात, “मेरी आज्ञाओं का पालन करने के कारण” अथवा, “क्योंकि तुम मेरे विषय में सिखाते हो, इसलिए....” या फिर, “क्योंकि तुम मेरे हो, इसलिए... ।“\n\n* __इस संसार ____में__ ----आप यहाँ “इस जीवन में” भी लिख सकते हैं।\n\n* __मेरे प्रति विश्वासयोग्य बने ____रहोगे__ ---अर्थात, “तुम मेरी आज्ञाओं का पालन करते रहोगे।“\n\n* __अंत ____तक__ ----अर्थात, “जीवन के अंत तक।“\n\n* __तुम्हे उद्धार ____देगा__ ---यहाँ पर आत्मिक उद्धार की बात हो रही है न कि शारीरिक। यह पहले ही कहा गया है कि कई मसीहियों को मारा या सताया जाएगा।
50:5 u4hl शत्रु [50-05] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-50-05.jpg)\n\nसंसार के अंत में लोगों के साथ होनेवाली घटनाओं को समझाने के लिए यीशु ने अपने चेलो को एक कहानी सुनाई। उसने कहा, “एक व्यक्ति ने अच्छे भूमि में कुछ अच्छे बीज बोये। जब वह सो रहा था, तब एक शत्रु आकर गेहूं के साथ में जंगली बीज बो कर चला गया।\n\n## महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश: ##\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:jesus|यीशु]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:disciple|चेले]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:good|अच्छे]]__\n\n## अनुवाद के लिए नोट्स: ##\n\n* __अच्छे बीज__ ---गेहूं के बीज। यदि आपके यहाँ गेहूं नहीं उगाया जाता है तो केवल “बीज” के लिए आम तौर पर इस्तेमाल किये जाने वाले शब्द का प्रयोग करें। यदि आपकी भाषा में बीज के लिए अलग से कोई शब्द न हो तो किसी भी प्रमुख भोजन के बीज के नाम का प्रयोग कर लें, जैसे की चावल के बीज।\n\n* __जंगली बीज__—--ऊंचे कद की घास के बीज थे जिन्हें भोजन में इस्तेमाल नहीं किया जा सकता है। वे बेकार के बीज थे।\n\n* __गेहूं__ ----अर्थात, “गेहूं के बीज।“ गेहूं भी ऊंचे घास की तरह उगती है। लोग इसके बीजों का सेवन करते हैं।
50:6 fjkg जंगली पौधा [50-06] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-50-06.jpg)\n\n“जब पौधे निकले, तो सेवकों ने व्यक्ति से कहा, “हे मालिक, तूने तो खेत में अच्छे बीज बोये थे। फिर यहाँ जंगली पौंध कहाँ से आई?” मालिक बोला, “यह काम अवश्य ही एक शत्रु का है।”\n\n## महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश: ##\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:servant|सेवकों]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:lord|मालिक]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:good|अच्छे]]__\n\n## अनुवाद के लिए नोट्स: ##\n\n* (यीशु कहानी को आगे बढ़ाते हैं।)\n\n* __एक शत्रु ने बीज बोया होगा - __ यदि संभव हो तो इसका अनुवाद इस प्रकार करे जैसे वक्ता ने यह होते न देखा हो।
50:7 zsbv कटनी के दिन की प्रतीक्षा करो [50-07] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-50-07.jpg)\n\n“सेवकों ने अपने मालिक से कहा, “क्या हम इन जंगली पौधों को उखाड़ दें?” मालिक बोला, “नहीं। यदि तुम ऐसा करोगे, तो कुछ गेहूं भी उखाड़ दोगे। कटनी तक प्रतीक्षा करो और तब जंगली घास का गट्ठर बना कर आग में झोक देना, लेकिन गेहूं को मेरे खलिहान में ले आना।"\n\n## महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश: ##\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:servant|सेवकों]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:lord|मालिक]]__\n\n## अनुवाद के लिए नोट्स: ##\n\n* (यीशु कहानी को आगे बढ़ाते हैं।)\n\n* __तुम ऐसा करोगे, तो कुछ गेहूं भी उखाड़ दोगे__ ---अर्थात, “तुमसे गेहूं भी उखड सकता है।“ जगली घास और गेहूं की पौध में अंतर करना, व गेहूं को नुक्सान पहुंचाए बिना जंगली घास को उखाड़ना कठिन होगा।\n\n* __कटनी तक प्रतीक्षा ____करो__ ---अर्थात, “गेहूं की कटनी तक प्रतीक्षा करो” अथवा, “गेहूं को कटनी के लिए तैयार होने तक प्रतीक्षा करो।“\n\n* __गेहूं__—अर्थात, “कटे हुए गेहूं के दाने।“\n\n* __खलिहान__ ---कटे हुए गेहूं का भण्डारगृह। इसे “भण्डारगृह” भी कह सकते हैं।
50:8 z79w खेत यह संसार है [50-08] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-50-08.jpg)\n\nचेलों को कहानी का अर्थ समझ नहीं आया, इसलिए उन्होंने यीशु से उसे समझाने को कहा। यीशु ने कहा, “खेत में अच्छे बीज बोनेवाला व्यक्ति मसीह है। खेत यह संसार है। अच्छे बीज परमेश्वर के राज्य के लोग हैं।\n\n## महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश: ##\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:disciple|चेले]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:jesus|यीशु]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:good|अच्छे]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:messiah|मसीह]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:kingdom-of-god|परमेश्वर का राज्य]]__\n\n## अनुवाद के लिए नोट्स: ##\n\n* __परमेश्वर के राज्य के लोग__ ---अनुवाद करते समय आप इसे “परमेश्वर के अधिकार में रहनेवाले लोग” या फिर, “परमेश्वर के राज्य को समर्पित लोग” अथवा, “परमेश्वर के राज्य में रहनेवाले लोग” भी कह सकते हैं।
50:9 lppn शैतान वह शत्रु है [50-09] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-50-09.jpg)\n\n“दुष्ट के पीछे चलनेवाले लोग वे जंगली बीज हैं। जंगली बीज बोनेवाला शत्रु शैतान है। कटनी इस संसार के अंत का प्रतीक है, और कटनी करनेवाले मजदूर हैं परमेश्वर के स्वर्गदूत।”\n\n## महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश: ##\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:evil|शैतान]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:satan|शैतान]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:god|परमेश्वर के]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:angel|स्वर्गदूत]]__\n\n## अनुवाद के लिए नोट्स: ##\n\n* __दुष्ट के पीछे चलनेवाले लोग__—अर्थात, “वे जो दुष्ट की आज्ञाओं का पालन करते हैं” या फिर,”जो दुष्ट के राज्य में हैं।“\n\n* __दुष्ट__ ---शैतान का दूसरा नाम। अनुवाद करते समय आप यहाँ “शैतान” भी लिख सकते हैं, लेकिन “दुष्ट” होने उसके चरित्र के विषय में बताता है।\n\n* __शैतान__ ---अर्थात “दुष्ट” या “शैतान।“\n\n* __संसार के अंत का प्रतीक ____है__ ---अर्थात, “संसार के अंत में लोगों के साथ होनेवाली घटनाओं का प्रतीक है।“\n\n* __कटनी करनेवाले मजदूर__—अनुवाद करते समय आप “पकी फसल को इकठ्ठा करनेवाले लोग” भी लिख सकते हैं।
50:10 kj7w दुष्ट लोगों का न्याय होगा [50-10] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-50-10.jpg)\n\n“संसार का अंत होने पर, स्वर्गदूत शैतान के लोगों को इकठ्ठा करके उन्हें भभकती हुई आग की लपटों में फ़ेंक देंगे, जहां वे रोयेगे और भयंकर कष्ट झेलते हुए अपने दांत पीसेंगे। तब धर्मी लोग अपने स्वर्गीक पिता के राज्य में सूर्य की तरह चमकेंगे।“\n\n## महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश: ##\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:angel|स्वर्गदूत]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:satan|शैतान]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:suffer|कष्ट झेलते हुए]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:righteous|धर्मी]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:kingdom-of-god|राज्य]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:god-father|पिता परमेश्वर]]__\n\n## अनुवाद के लिए नोट्स: ##\n\n* __शैतान के लोगों को__ ---अनुवाद करते समय आप यहाँ “शैतान के कहे पर चलनेवालों को” भी लिख सकते हैं। इसका आशय उन लोगों से है जो यीशु में विश्वास नहीं रखते और शैतान के बुरे रास्तों पर चलते हैं।\n\n* __भभकती हुई आग की ____लपटों__ ---अर्थात, “भयंकर तापमान वाले आग में” अथवा, “बहुत बड़ी और गरम आग।“\n\n* __धर्मी__ ---इसका आशय मसीह के लोगों से है। ____[[:hi:obs:notes:frames:50-08|[50-08]]]____को देखे।\n\n* __सूर्य के समान ____चमकेंगे__ ---अनुवाद करते समय आप “सूर्य के समान तेजस्वी” अथवा, “जिस प्रकार सूर्य अपनी आभा चमकता है, उसी प्रकार अपनी निर्मलता को दिखाएंगे।“
50:11 b8uy मर चुके विश्वासी फिर से जिलाए जायेंगे [50-11] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-50-11.jpg)\n\nयीशु ने यह भी कहा कि संसार के ठीक पहले वह धरती पर लौट कर आएगा। जिस रीती से वह गया था, उसी रीती से लौटेगा, अर्थात, उसके पास एक भौतिक देह होगी और वह आकाश के बादलों पर आएगा। यीशु की वापसी पर, मर चुका हर मसीही फिर से जीवित होगा और आकाश में उससे भेंट करेगा।\n\n## महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश: ##\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:jesus|यीशु]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:christian|मसीही]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:death|मर गया]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:raise|जीवित होगा]]__\n\n## अनुवाद के लिए नोट्स: ##\n\n* __वह गया था__—अनुवाद करते समय आप “वह धरती से गया था” या कि, “वह स्वर्ग के लिए गया था” भी लिख सकते हैं।\n\n* __आकाश के बादलों पर ____आएगा__ ---अर्थात, “आते समय वह आकाश के बादलों से घिरा होगा” या कि, “आकाश के बादल उसे उठा कर लायेंगे।“\n\n* __यीशु की वापसी ____पर__ ---अर्थात, “धरती पर यीशु की वापसी पर।“\n\n* __आकाश में उससे भेंट ____करेगा__ ----अर्थात, “उससे आकाश में मिलेंगे।“ यीशु पर विश्वास रखनेवाले लोग आकाश में उसके निकट जायेंगे।
50:12 ce3y हम आकाश में यीशु से मिलेंगे [50-12] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-50-12.jpg)\n\nफिर, जो मसीही उस समय जीवित होंगे, वे आकाश में उठाये जायेंगे और मुर्दों में से जी उठे मसीहियों से जुड़ जायेंगे। वे वहाँ यीशु के साथ होंगे।\n\n## महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश: ##\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:christian|मसीही]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:life|जीवित होंगे]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:raise|मुर्दों में से जी उठे]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:death|मुर्दों]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:jesus|यीशु]]__\n\n## अनुवाद के लिए नोट्स: ##\n\n* __जो मसीही उस समय जीवित होंगे__ ---अर्थात, “यीशु की वापसी के समय जीवित होंगे।“
50:13 lnvq हमारा मुकुट [50-13] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-50-13.jpg)\n\nयीशु ने उस पर विश्वास रखनेवाले हर व्यक्ति को मुकुट देने कि प्रतिज्ञा की है। वे सम्पूर्ण शान्ति में सदा के लिए परमेश्वर के साथ रहेंगे और राज्य करेंगे।\n\n## महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश: ##\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:jesus|यीशु]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:promise|प्रतिज्ञा की है]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:believe|विश्वास रखनेवाले]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:life|रहेंगे]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:god|परमेश्वर]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:peace|शान्ति]]__\n\n## अनुवाद के लिए नोट्स: ##\n\n* __मुकुट__ ---यह मुकुट यीशु में विश्वास रखने और अपने जीवन में उसकी सेवा करने का पुरस्कार है।\n\n* __सम्पूर्ण__ ---अर्थात, “पूरी।“
50:14 xror नरक की आग [50-14] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-50-14.jpg)\n\nलेकिन जिन्होंने भी यीशु पर विश्वास नहीं किया है, परमेश्वर उनका न्याय करेगा। वह उन्हें नरक में डाल देगा, जहां वे सदा के लिए रोयेंगे और भयंकर कष्ट में अपने दांत पीसेंगे। कभी न बुझनेवाली एक आगे उन्हें सदा जलाती रहेगी, और उन्हें कीड़ें लगातार खाते रहेंगे।\n\n## महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश: ##\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:god|परमेश्वर]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:judge|न्याय]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:believe|विश्वास]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:jesus|यीशु]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:hell|नरक]]__\n\n## अनुवाद के लिए नोट्स: ##\n\n* __रोयेंगे और भयंकर कष्ट में अपने दांत पीसेंगे__ —-अनुवाद के लिए __[[:hi:obs:notes:frames:50-10|[५०-१०]]]__ का नोट देखें।
50:15 z2ra परमेश्वर द्वारा शैतान का न्याय होगा [50-15] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-50-15.jpg)\n\nलौटने पर यीशु शैतान और उसके राज्य को धूल में मिला देगा। वह शैतान को नरक में फ़ेंक देगा जहां वह, उन लोगों के साथ सदा के लिए जलता रहेगा जिन्होंने पमेश्वर की जगह शैतान की आज्ञाओं का पालन करने का चुनाव किया था।\n\n## महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश: ##\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:jesus|यीशु]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:satan|शैतान]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:kingdom|राज्य]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:hell|नरक]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:obey|आज्ञाओं का पालन]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:god|परमेश्वर]]__\n\n## अनुवाद के लिए नोट्स: ##\n\n* __उसके राज्य__—अनुवाद करते समय आप “शैतान के दुष्ट राज्य” अथवा, “उसके सारे बुरे कामों और उसके वश में जितने भी बुरे लोग हैं, उन सबको” भी लिख सकते हैं।\n\n* __की ____जगह__ ----अर्थात, “की बजाय।“
50:16 t4em नया स्वर्ग और नयी धरती [50-16] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-50-16.jpg)\n\nआदम और हव्वा द्वारा परमेश्वर की अवज्ञा के कारण संसार में पाप का प्रवेश हुआ, जिस कारण परमेश्वर ने इसे श्रापित किया और इसका ध्वंस करने का निर्णय किया। लेकिन एक दिन परमेश्वर एक नया स्वर्ग और एक नयी धरती की रचना करेगा, जो पूरी तरह सिद्ध होंगे।\n\n## महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश: ##\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:adam|आदम]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:eve|हव्वा]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:disobey|अवज्ञा]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:god|परमेश्वर]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:sin|पाप]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:curse|श्रापित]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:heaven|स्वर्ग]]__\n\n## अनुवाद के लिए नोट्स: ##\n\n* __पाप का प्रवेश हुआ__ ---या फिर “पाप के प्रवेश का कारण बना।“\n\n* __एक नया स्वर्ग__—अनुवाद करते समय आप “एक नए आकाश” या फिर, “एक नए ब्रह्माण्ड” भी लिख सकते हैं। इसका आशय सितारों से लेकर आकाश के हर एक चीज़ के नए होने से है।\n\n* __एक नयी ____धरती__ ---वर्तमान धरती की जगह नयी और बेहतर धरती होगी।
50:17 keb4 यीशु सदा के लिए राज्य करेगा [50-17] # 1 ![Image](https://api.unfoldingword.org/obs/jpg/1/en/360px/obs-en-50-17.jpg)\n\nयीशु और उसके लोग इस नयी धरती पर सदा के लिए रहेंगे, और हरेक चीज़ जो आस्तित्व में है, वह उस पर राज्य करेगा। वह आंसू की हर बूँद को पोंछेगा और वहाँ कोई कष्ट, कोई दुःख-उदासी, रोना, बुराई, पीड़ा, या मृत्यु न होगी। यीशु अपने राज्य में शान्ति व न्याय के साथ राज्य करेगा, और वह अपने लोगों के साथ सदा-सदा के लिए रहेगा।\n\n_A Bible story from: Matthew 24:14; 28:18; John 15:20, 16:33; Revelation 2:10; Matthew 13:24-30, 36-42; 1 Thessalonians 4:13-5:11; James 1:12; Matthew 22:13; Revelation 20:10, 21:1-22:21_\n\n## महत्वपूर्ण शब्द तथा वाक्यांश: ##\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:jesus|यीशु]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:suffer|कष्ट झेलते हुए]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:evil|शैतान]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:death|मृत्यु]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:kingdom-of-god|राज्य]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:peace|शान्ति]]__\n\n* __[[:hi:obs:notes:key-terms:justice|न्याय]]__\n\n## अनुवाद के लिए नोट्स: ##\n\n* __आंसू की हर बूँद पोछेगा__—अनुवाद करते समय आप ऐसे भी लिख सकते हैं, कि “सारे दुखों का अंत करेगा” या फिर, “लोगों के सारे दुःख हर लेगा।“\n\n* __वहाँ कोई कष्ट, कोई दुःख-उदासी, रोना, बुराई, पीड़ा, या मृत्यु न ____होगी__ ---अनुवाद करते समय आप ऐसा भी लिख सकते हैं, कि “लोगों को तब न कोई कष्ट होगा, न वे उदास होंगे, न रोयेंगे, न बुरे काम करेंगे, न उन्हें पीड़ा होगी, और न ही वे कभी मरेंगे।\n\n* __यीशु अपने राज्य में शान्ति व न्याय के साथ राज्य ____करेगा__ ---अनुवाद करते समय हम ऐसा भी लिख सकते हैं, कि “लोगों पर न्याय के साथ ऐसे राज्य करेगा जो शान्ति लाएगा।\n\n* बाइबिल की कहानी - बाइबिल के कुछ संस्करणों में इनका अनुवाद अलग तरह से किया हो सकता है।
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