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### वर्णन
शिष्टोक्ति किसी अप्रिय, दुखी करने वाली या सामाजिक तौर पर अमान्य बात को मृदु अथवा विनम्र तरीके के कहने का तरीका है, जैसे कि मृत्यु या चुपके से की जाने वाली बातें।
> … उनको शाऊल और उसके पुत्र गिलबो पहाड़ पर **पड़े** हुए मिले। (1 इतिहास 10:8ब ULT)
इसका अर्थ है कि शाऊल और उसके पुत्र ‘‘मर चुके थे’’। यह शिष्टोक्ति है क्योंकि महत्वपूर्ण यह नही था कि शाऊल और उसके पुत्र पड़े हुए थे परंतु यह कि वे मर चुके थे। कभी कभार लोग ऐसी बातें सीधे बोलना पसंद नही करते हैं क्योंकि ऐसा बोलना अप्रिय होता है।
### कारण यह अनुवाद की समस्या है
विभिन्न भाषाएँ विभिन्न शिष्टोक्तियों का उपयोग करती हैं। यदि लक्षित भाषा स्रोत भाषा की तरह समान शिष्टोक्तियों का उपयोग नही करती है, तो पाठकों को उनका अर्थ नही समझ आएगा और वे सोचेंगे कि लेखक लिखे हुए शब्द का शाब्दिक अर्थ ही बता रहा है।
### बाइबल से उदाहरण
> ... जहाँ एक गुफा थी और शाऊल दिशा फिरने को उसके भीतर गया। (1 शमूएल 24:3ब ULT)
मूल पाठकों को पता चल गया होगा कि शाऊल गुफा का शौचालय की तरह उपयोग कर रहा था, परंतु लेखक ठेस पहुँचाने वाली भाषा का उपयोग नही करना चाहता था, अत: **उसने विशेष तौर पर नही कहा** कि शाऊल ने गुफा में क्या किया या वह वहाँ क्या छोड़कर आया ।
> परन्तु मरियम ने स्वर्गदूत से कहा, “यह क्योंकर होगा? मैं तो पुरूष को जानती ही नहीं?” (लूका 1:34 ULT)
**विनम्रता** दिखाने के लिए, मरियम शिष्टोक्ति को उपयोग कर कह रही है कि उसने कभी भी किसी पुरूष के साथ लैंगिक संबंध नही बनाया है।
### अनुवाद रणनीति
यदि आपकी भाषा में शिष्टोक्ति का उपयोग सामान्य है और सही अर्थ देता है, तो इसका उपयोग करें। यदि नही, तो अन्य विकल्प निम्नलिखित हैं:
(1) अपनी संस्कृति की शिष्टोक्ति के शब्द का उपयोग करें।
(2) यदि किसी को ठेस न पहुँचे तो शिष्टोक्ति का उपयोग किए बगैर, उसका सीधा अर्थ लिखें।
###अनुवाद रणनीतियों के प्रयोग के उदाहरण
(1) अपनी संस्कृति की शिष्टोक्ति के शब्द का उपयोग करें।
> ... जहाँ एक गुफा थी और शाऊल **दिशा फिरने** को उसके भीतर गया। (1 शमूएल 24:3ब ULT) - कुछ भाषाएँ शिष्टोक्ति का उपयोग कर निम्न तरीके से कर सकती हैं:
> > “... जहाँ एक गुफा थी और शाऊल **एक गड़हा खोदने के लिए** उसके भीतर गया।
> > “... जहाँ एक गुफा थी और शाऊल **कुछ समय के लिए एकान्त में रहने के लिए** उसके भीतर गया।
> परन्तु मरियम ने स्वर्गदूत से कहा, “यह क्योंकर होगा? मैं तो पुरूष को जानती ही नहीं?” (लूका 1:34 ULT)
> > परन्तु मरियम ने स्वर्गदूत से कहा, “यह क्योंकर होगा? **मैं तो पुरूष को जानती ही नहीं**?” - (यह मूल यूनानी में प्रयुक्त शिष्टोक्ति है)
(2) यदि किसी को ठेस न पहुँचे तो शिष्टोक्ति का उपयोग किए बगैर, उसका सीधा अर्थ लिखें।
> … उनको शाऊल और उसके पुत्र गिलबो पहाड़ पर **पड़े** हुए मिले। (1 इतिहास 10:8ब ULT)
> > “ उनको शाऊल और उसके पुत्र गिलबो पहाड़ पर **मरे** हुए मिले।

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शिष्टोक्ति क्या है?

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शिष्टोक्ति

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### वर्णन
बाइबल में घटनाओं को सदैव उनके घटे हुए क्रम में नहीं लिखा गया है। कर्इ बार लेखक किसी एक घटना के बारे में बताना चाहता है जो बतार्इ जा रही घटना से बहुत समय पहले घटी चुकी थी। इससे पाठक असमंजस में पड़ सकते हैं।
#### कारण यह अनुवाद की समस्या है:
पाठक सोच सकते हैं कि घटनाएँ उसी क्रम में घटी हैं जैसे उन्हे बताया गया है। घटनाओं के सही क्रम को समझने में उनकी मदद करना महत्वपूर्ण है।
### बाइबल से उदाहरण
> इसलिए हेरोदेस ने उन सबसे बढ़कर यह कुकर्म भी किया, कि यूहन्ना को बन्दीगृह में डाल दिया। जब सब लोगों ने बपतिस्मा लिया, और यीशु भी बपतिस्मा लेकर प्रार्थना कर रहा था, तो आकाश खुल गया। (लूका 3:20-21 ULT)
इसको पढ़कर ऐसे लगे कि यूहन्ना के कैद होने के बाद यीशु का बपतिस्मा हुआ परंतु वास्तव में कैद से पहले ही उसने यीशु को बपतिस्मा दे दिया था।
> और जब यहोशू ये बातें लोगों से कह चुका, तो वे सात याजक जो यहोवा के सामने सात नरसिंगे लिए हुए थे नरसिंगे फूँकते हुए चले, और यहोवा की वाचा का सन्दूक उनके पीछे-पीछे चला। और यहोशू ने लोगों को आज्ञा दी, “जब तक मैं तुम्हें जयजयकार करने की आज्ञा न दूँ, तब तक जयजयकार न करना, और न तुम्हारा कोई शब्द सुनने में आए, न कोई बात तुम्हारे मुँह से निकलने पाए; आज्ञा पाते ही जयजयकार करना।” (यहोशू 6:8-10 ULT)
ऐसा लग सकता है कि सेना के प्रस्थान करने के बाद यहोशु उन्हें जयजयकार नही करने का आदेश दे रहा है, परंतु उसके आदेश को पाने के पश्चात सेना ने प्रस्थान किया था ।
> पुस्तक को खोलने और उसकी मुहरें तोड़ने के योग्य कौन है? (प्रकाशितवाक्य 5:2ब ULT)
ऐसा लगता है कि एक व्यक्ति पहले पुस्तक को खोले और फिर मुहर तोड़े, परंतु पुस्तक को बंद करने वाली मुहर को तोड़ने के बाद ही पुस्तक खोली जाती है।
### अनुवाद रणनीतियाँ
(1) यदि आपकी भाषा में ऐसे कथनों या समय के शब्दों का उपयोग आमतौर पर किया जाता है जहाँ बतार्इ जा रही घटना के साथ पिछली घटनाओं को भी जोड़कर बताया जाता है, तो इस तरीके का उपयोग करें।
(2) यदि आपकी भाषा में क्रियाओं के काल या संबंधित शब्दों का उपयोग आमतौर पर किया जाता है जहाँ बतार्इ जा रही घटना के साथ पिछली घटनाओं को भी बताया जाता है, तो इस तरीके का उपयोग करें [क्रियाओं](../figs-verbs/01.md).) के पहलूओं के खण्ड को देखें।)
(3) यदि आपकी भाषा घटनाओं को उनके समयानुक्रम में बताने को महत्व देती है तो घटनाओं को उसी क्रम में लिखें। इसमें दो या तीन पदों को एक साथ लिखने की जरूरत पड़ सकती है (जैसे 5-6) (देखें: [पद सम्पर्क](../translate-versebridge/01.md).)
### अनुवाद रणनीतियों के प्रयोग के उदाहरण
(1) यदि आपकी भाषा में ऐसे कथनों या समय के शब्दों का उपयोग आमतौर पर किया जाता है जहाँ बतार्इ जा रही घटना के साथ पिछली घटनाओं को भी जोड़कर बताया जाता है, तो इस तरीके का उपयोग करें।
> 20 इसलिए हेरोदेस ने उन सबसे बढ़कर यह कुकर्म भी किया, कि यूहन्ना को बन्दीगृह में डाल दिया। जब सब लोगों ने बपतिस्मा लिया, और यीशु भी बपतिस्मा लेकर प्रार्थना कर रहा था, तो आकाश खुल गया। (लूका 3:20-21 ULT)
> > 20 परन्तु तब हेरोदेस ... ने यूहन्ना को बन्दीगृह में डाल दिया। 21 **यूहन्ना के बन्दीगृह में डाले जाने से पहले** जब सब लोगों को यूहन्ना के द्वारा बपतिस्मा दिया जा रहा था, यीशु ने भी बपतिस्मा लिया।
> पुस्तक को खोलने और उसकी मुहरें तोड़ने के योग्य कौन है? (प्रकाशितवाक्य 5:2ब ULT)
> > इस पुस्तक की मुहरें तोड़ने **के बाद** उसे खोलने के योग्य कौन है?
(2) यदि आपकी भाषा में क्रियाओं के काल या संबंधित शब्दों का उपयोग आमतौर पर किया जाता है जहाँ बतार्इ जा रही घटना के साथ पिछली घटनाओं को भी बताया जाता है, तो इस तरीके का उपयोग करें।
> और जब यहोशू ये बातें लोगों से कह चुका, तो वे सात याजक जो यहोवा के सामने सात नरसिंगे लिए हुए थे नरसिंगे फूँकते हुए चले, और यहोवा की वाचा का सन्दूक उनके पीछे-पीछे चला। और यहोशू ने लोगों को आज्ञा दी, “जब तक मैं तुम्हें जयजयकार करने की आज्ञा न दूँ, तब तक जयजयकार न करना, और न तुम्हारा कोई शब्द सुनने में आए, न कोई बात तुम्हारे मुँह से निकलने पाए; आज्ञा पाते ही जयजयकार करना।” (यहोशू 6:8-10 ULT)
> > 8और जब यहोशू ये बातें लोगों से कह चुका, तो वे सात याजक जो यहोवा के साम्हने सात नरसिंगे लिये हुए थे नरसिंगे फूंकते हुए चले 10 और यहोशू ने लोगों को **आज्ञा दी** थी कि, “तब तक जयजयकार न करो कि जब तक मैं तुम्हें जयजयकार करने की आज्ञा न दूं, तुम्हारा कोर्इ शब्द सुनने में न आए आज्ञा पाते ही जयजयकार करना।
(3) यदि आपकी भाषा घटनाओं को उनके समयानुक्रम में बताने को महत्व देती है तो घटनाओं को उसी क्रम में लिखें। इसमें दो या तीन पदों को एक साथ लिखने की जरूरत पड़ सकती है (जैसे 5-6)
> और जब यहोशू ये बातें लोगों से कह चुका, तो वे सात याजक जो यहोवा के सामने सात नरसिंगे लिए हुए थे नरसिंगे फूँकते हुए चले, और यहोवा की वाचा का सन्दूक उनके पीछे-पीछे चला। और यहोशू ने लोगों को आज्ञा दी, “जब तक मैं तुम्हें जयजयकार करने की आज्ञा न दूँ, तब तक जयजयकार न करना, और न तुम्हारा कोई शब्द सुनने में आए, न कोई बात तुम्हारे मुँह से निकलने पाए; आज्ञा पाते ही जयजयकार करना।” (यहोशू 6:8-10 ULT)
> > 8, 10 और जब यहोशू ने लोगों को यह कहते हुए आज्ञा दी कि, तब तक जयजयकार न करना, और न तुम्हारा कोई शब्द सुनने में आए, न कोई बात तुम्हारे मुँह से निकलने पाए; आज्ञा पाते ही जयजयकार करना।” तब जैसे यहोशू ने लोगों से कहा था ठीक वैसे ही सात याजक जो यहोवा के साम्हने सात नरसिंगे लिये हुए थे नरसिंगे फूंकते हुए चले...
> पुस्तक को खोलने और उसकी मुहरें तोड़ने के योग्य कौन है? (प्रकाशितवाक्य 5:2ब ULT)
> > इस पुस्तक की की मुहर तोड़ने और इसे खोलने के योग्य कौन है?
आप http://ufw.io/figs_events पर वीडियो भी देख सकते हैं।

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घटनाओं को उनके घटे हुए क्रम में क्यों नही लिखा गया है और मैं उनका अनुवाद कैसे करूँ?

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घटनाओं का क्रम

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### वर्णन
विस्मयादिबोधक चिन्ह वे शब्द अथवा वाक्य हैं जो चकित होने, खुशी, डर या क्रोध जैसी सशक्त भावनाओं को प्रकट करते हैं। ULT और UST में, वे आमतौर पर अंत में विस्मय चिन्ह (!) का उपयोग करते हैं। यह चिन्ह दिखाता है कि यह एक विस्मय है। लोगों ने जो कहा, उसकी स्थिति और अर्थ हमें यह समझने में सहायता करता है कि वे किन भावनाओं को व्यक्त कर रहे थे। मत्ती 8 से नीचे दिए गए उदाहरण में, वक्ता बहुत अधिक डरे हुए थे। मत्ती 9 से लिए गए उदाहरण में, वक्ता आश्चर्यचकित थे, क्योंकि कुछ ऐसा हुआ था जो उन्होंने पहले कभी नहीं देखा था।
> हे प्रभु; हमें बचा, हम नाश हुए जाते हैं! (मत्ती 8:25ब ULT)
> और जब दुष्टात्मा निकाल दी गर्इ, तो गूंगा बोलने लगा। भीड़ ने अचम्भा करके कहा, ‘‘इस्राएल में ऐसा कभी नहीं देखा गया! (मत्ती 9:33 ULT)
### कारण यह अनुवाद की समस्या है
भाषाओं में यह प्रकट करने के विभिन्न तरीके होते हैं कि एक वाक्य कितनी अधिक शक्तिशाली भावनाओं को प्रकट कर रहा है।
### बाइबल से उदाहरण
कुछ विस्मयादिबोधक चिन्हों में एक शब्द होता है जो भावनाओं को प्रकट करता है। नीचे लिखें वाक्यों में वे ‘‘आहा’’ और ‘‘हाय’’ हैं। ‘‘आहा’’ शब्द वक्ता के अचंभित होने को दिखाता है।
> **आहा **, परमेश्वर का धन और बुद्धि और ज्ञान क्या ही गंभीर है! (रोमियों 11:33 ULT)
शब्द ‘‘हाय’’ बताता है कि गिदोन अत्याधिक भयभीत था।
>जब गिदोन ने जान लिया कि वह यहोवा का दूत था । गिदोन कहने लगा, “**हाय**, प्रभु यहोवा! मैंने तो यहोवा के दूत को साक्षात देखा है! (न्यायियों 6:22 ULT)
> कुछ विस्मयादिबोधक चिन्ह ‘‘कैसे’’ या ‘‘क्यों’’ जैसे प्रश्नों से आरम्भ होते हैं, यद्यपि वे प्रश्न नही होते हैं। नीचे के कथन बताते हैं कि वक्ता इस बात से चकित है कि परमेश्वर के विचार कितने गहरे हैं।
> उसके विचार **कैसे** अथाह, और उसके मार्ग कैसे अगम हैं! (रोमियों 11:33 (रोमियों 11:33ब ULT)
बाइबल के कुछ विस्मयादिबोधक चिन्हों में मुख्य क्रिया नही होती है। नीचे लिखे विस्मयादिबोधक चिन्ह दिखाते हैं कि वक्ता उन लोगों से नाराज है जिनसे वह बात कर रहा है।
> अरे मूर्ख! (मत्ती 5:22ब ULT)
### अनुवाद रणनीतियाँ
(1) आपकी भाषा में विस्मयादिबोधक चिन्ह को यदि क्रिया की जरूरत हैं तो जोड़ें । अक्सर एक अच्छी क्रिया ‘‘है’’ या ‘‘हैं’’ होती है।
(2) अपनी भाषा के उन विस्मयादिबोधक चिन्हों उपयोग करें जो सशक्त भावनाओं को दिखाते हैं।
(3) विस्मयादिबोधक चिन्हों का अनुवाद वाक्य के साथ करें जो भावनाओं को दिखाते हैं।
(4) वाक्य के भाग पर बल देने वाले शब्द का उपयोग करें जो सशक्त भावनाओं को दिखाते हैं
(5) यदि लक्षित भाषा में शक्तिशाली भावना स्पष्ट नही हैं, तो बताएँ कि व्यक्ति को कैसा लगा।
###अनुवाद रणनीतियों के प्रयोग के उदाहरण
(1) आपकी भाषा में विस्मयादिबोधक चिन्ह को यदि क्रिया की जरूरत हैं तो जोड़ें । अक्सर एक अच्छी क्रिया ‘‘है’’ या ‘‘हैं’’ होती है।
> अरे मूर्ख! (मत्ती 5:22ब ULT)
> > “तुम तो इतने अधिक मूर्ख व्यक्ति **हो**!"
> आहा, परमेश्वर का धन और बुद्धि और ज्ञान क्या ही गंभीर है! (रोमियों 11:33 ULT)
>> “आहा, परमेश्वर का धन और बुद्धि और ज्ञान क्या ही गंभीर **है**!”
(2) अपनी भाषा के उन विस्मयादिबोधक चिन्हों उपयोग करें जो सशक्त भावनाओं को दिखाते हैं। नीचे दिए गए पहले सुझाए गए अनुवाद में, "वाह" शब्द से पता चलता है कि वे चकित थे। दूसरे सुझाए गए अनुवाद में, अभिव्यक्ति "ओह नहीं" से पता चलता है कि कुछ भयानक या भयावह हुआ है।
> और वे बहुत ही आश्चर्य में होकर कहने लगे, "उस ने जो कुछ किया सब अच्छा किया है। वह बहिरों को सुनने, की, और गूंगों को बोलने की शक्ति देता है।" (मरकुस 7:37 ULT)
> > और वे बहुत ही आश्चर्य में होकर कहने लगे, **वाह** ! उस ने जो कुछ किया सब अच्छा किया है। वह बहिरों को सुनने, की, और गूंगों को बोलने की शक्ति देता है।'"
>हाय, प्रभु यहोवा! मैं ने तो यहोवा के दूत को साक्षात देखा है! (न्यायियों 6:22ब ULT)
>> **अरे नही** , प्रभु यहोवा! मैं ने तो यहोवा के दूत को साक्षात देखा है!
(3) विस्मयादिबोधक चिन्हों का अनुवाद वाक्य के साथ करें जो भावनाओं को दिखाते हैं।
>**हाय**, हे मेरे प्रभु यहोवा, इस कारण से मैं ने यहोवा के दूत को साक्षात देखा है! ” (न्यायियों 6:22 ULT)
> > प्रभु यहोवा, **मेरे साथ क्या होगा**? क्योंकि मैंने यहोवा के दूत को साक्षात देखा है!
> > **मदद कर** प्रभु यहोवा! मैंने यहोवा के दूत को साक्षात देखा है!
(4) वाक्य के भाग पर बल देने वाले शब्द का उपयोग करें जो सशक्त भावनाओं को दिखाते हैं
> उसके विचार कैसे अथाह, और उसके मार्ग कैसे अगम हैं (रोमियों 11:33ब ULT)
> > "उसके विचार **बहुत** अथाह, और उसके मार्ग **बड़े** अगम हैं!"
(5) यदि लक्षित भाषा में शक्तिशाली भावना स्पष्ट नही हैं, तो बताएँ कि व्यक्ति को कैसा लगा।
> गिदोन ने जान लिया कि वह यहोवा का दूत था । तब गिदोन कहने लगा, “**हाय,** प्रभु यहोवा! मैं ने तो यहोवा के दूत को साक्षात देखा है!" (न्यायियों 6:22 ULT)
> > "गिदोन को पता चला कि वह यहोवा का दूत था। **वह भयभीत हो गया** और कहने लगा, **हाय! **, प्रभु यहोवा! मैं ने तो यहोवा के दूत को साक्षात देखा है!

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विस्मयादिबोधक को अनुवाद करने के तरीके क्या हैं?

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विस्मयादिबोधक

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### वर्णन
आदेशात्मक वाक्य अपनी एक इच्छा अथवा जरूरत को दिखाने के लिए किया जाता है कि कोर्इ कुछ करके दे। कर्इ बार, बाइबल में आदेशात्मक वाक्यों के अन्य उपयोग भी होते हैं।
### कारण यह अनुवाद की समस्या है
कुछ भाषाओं में, बाइबल में उपयोग किए किए गए कुछ कार्यों के लिए आदेशात्मक वाक्यों का उपयोग नही होता है।
### बाइबल से उदाहरण
अक्सर वक्तागण श्रोताओं को कुछ करने के लिए कहने के लिए आदेशात्मक वाक्यों का उपयोग करते हैं। उत्पति 26 में, परमेश्वर इसहाक को मिस्र में नही परंतु जहाँ वह कहे वहाँ जाकर रहने के लिए कहता है।
> वहाँ यहोवा ने उसको दर्शन देकर कहा, मिस्र में "**मत जा; जो देश मैं तुझे बताऊँ, उसी में **रह** (उत्पति 26:2 ULT)
कर्इ बार बाइबल में आदेशात्मक वाक्यों के अन्य उपयोग भी होते हैं।
#### आदेश जो चीजों को पूरा करवाते हैं
परमेश्वर आदेश के द्वारा चीजों को पूरी करवा सकता है और वे होती हैं। यीशु ने एक व्यक्ति को चँगा होने का आदेश देकर चँगा किया। वह व्यक्ति आदेश का पालन करने के लिए कुछ भी नही कर सकता था, परंतु यीशु ने आदेश देकर उस व्यक्ति की चंगार्इ को पूरा किया (इस संदर्भ में "शुद्ध हो" का अर्थ ‘‘चंगा हो’’ जाने से है ताकि आसपास के अन्य लोगों को पता चले कि उस व्यक्ति को फिर से स्पर्श करना सुरक्षित था।)
> "मैं चाहता हूँ, **तू शुद्ध हो जा**." और वह तुरन्त कोढ़ से शुद्ध हो गया (मत्ती 8:3ब ULT)
उत्पति 1 में, परमेश्वर ने आदेश दिया कि उजियाला हो, और आज्ञा देने के कारण से ऐसा हो गया। कुछ भाषाओं जैसे बाइबल की भाषा इब्रानी में, कुछ आदेशों को तृतीय पुरूष रूप में दिया जाता है। अंग्रेजी में ऐसा नही है, इसीलिए ULT के समान, तृतीय पुरूष रूप को द्वितीय पुरूष में बदलना जरूरी है:
> परमेश्वर ने कहा, उजियाला “**हो**, तो उजियाला हो गया। (उत्पत्ति 1:3 ULT)
तृतीय पुरूष रूप का उपयोग करने वाली भाषाएँ मूलभूत इब्रानी भाषा की तरह कार्य कर सकती हैं, जो निम्न प्रकार का अनुवाद करती हैं, "उजियाला को अवश्य ही उत्पन्न होना है।’’
#### आदेशात्मक वाक्य जो आशीषों के रूप में कार्य करते हैं
बाइबल में, परमेश्वर लोगों को आदेशात्मक तरीके का उपयोग कर आशीष दे सकता है। इससे पता चलता है कि उनके लिए उसकी इच्छा क्या है।
> परमेश्वर ने उनको आशीष दी और उनसे कहा, “**फूलो** और **फलो**, और पृथ्वी में **भर** जाओ, और उसको अपने **वश** में कर लो; और समुद्र की मछलियों, तथा आकाश के पक्षियों, और पृथ्वी पर रेंगनेवाले सब जन्तुओ पर **अधिकार रखो**." (उत्पत्ति 1:28 ULT)
#### आदेशात्मक वाक्य जो शर्तों के रूप में कार्य करते हैं
आदेशात्मक वाक्य का उपयोग उस **शर्त** को बताने के लिए भी किया जा सकता है जिसके अधीन कोर्इ कार्य पूरा होगा। यह कहावत जीवन और चीजों के बारे में वे बातें बताती है जो अक्सर हुआ करती हैं। नीचे लिखे नीतिवचन 4:6 का उद्देश्य एक आदेश देना नही है, परंतु यह शिक्षा देना है कि **यदि** लोग बुद्धि से प्रेम से करें तो वे किस बात की प्रतीक्षा कर सकते हैं।
>**बुद्धि** को न छोड़, वह तेरी रक्षा करेगी;
> उस से **प्रीति** रख, वह तेरा पहरा देगी उस से प्रीति रख, वह तेरा पहरा देगी। (नीतिवचन 4:6 ULT)
नीचे लिखे नीतिवचन 22:6 का उद्देश्य एक आदेश देना नही है, परंतु यह शिक्षा देना है कि यदि वे अपने बच्चों को उस मार्ग की शिक्षा देते जिस पर उन्हें चलना चाहिए तो वे किस बात की प्रतीक्षा कर सकते हैं।
> **लड़के** को शिक्षा उसी मार्ग की दे जिस में उसको चलना चाहिये,
> और वह बुढ़ापे में भी उस से न हटेगा। (नीतिवचन 22:6 ULT)
### अनुवाद रणनीतियाँ
(1) यदि लोग बाइबल के किसी एक कार्य के लिए आदेशात्मक वाक्यों का उपयोग नही करते हैं, तो उसके बदले में एक कथन का उपयोग करें।
(2) यदि लोगों को समझ नही आ रहा है कि कथन का उपयोग किसी चीज के होने को दर्शाने के लिए किया गया है, तो ‘‘ताकि’’ जैसे शब्द को जोड़ें जिससे हुर्इ घटना के परिणाम को पहचाना जा सके जिसे कहा गया था।
(3) यदि लोग आदेश को शर्त के रूप में नही समझ सकते हैं, तो उसे ‘‘यदि’’ और ‘‘तब’’ के साथ जोड़कर अनुवाद करें।
अनुवाद रणनीतियों के प्रयोग के उदाहरण
(1) यदि लोग बाइबल के किसी एक कार्य के लिए आदेशात्मक वाक्यों का उपयोग नही करते हैं, तो उसके बदले में एक कथन का उपयोग करें।
> **शुद्ध हो **. (मती 8:3ब ULT)
> > "अब तू शद्ध है।"
> > "मैं तुझे शुद्ध करता हूँ।"
> परमेश्वर ने कहा, उजियाला “**हो** तो उजियाला हो गया। (उत्पत्ति 1:3 ULT)
> > परमेश्वर ने कहा, “**अब उजियाला है** और वहाँ उजियाला था।
> परमेश्वर ने उनको आशीष दी और उनसे कहा, “**फूलो** और **फलो**, और पृथ्वी में **भर** जाओ, और उसको अपने **वश** में कर लो; और समुद्र की मछलियों, तथा आकाश के पक्षियों, और पृथ्वी पर रेंगनेवाले सब जन्तुओ पर **अधिकार रखो**." (उत्पत्ति 1:28 ULT)
> > परमेश्वर ने उनको आशीष दी और उनसे कहा, “**तुम्हारे लिए मेरी इच्छा यह है कि तुम फलदायी हों** और **फलो**, और पृथ्वी में **भर** जाओ, और उसको अपने **वश** में कर लो; और समुद्र की मछलियों, तथा आकाश के पक्षियों, और पृथ्वी पर रेंगनेवाले सब जन्तुओ पर **मैं चाहता हूँ कि तुम अधिकार रखो**."
(2) यदि लोगों को समझ नही आ रहा है कि कथन का उपयोग किसी चीज के होने को दर्शाने के लिए किया गया है, तो ‘‘ताकि’’ जैसे शब्द को जोड़ें जिससे हुर्इ घटना के परिणाम को पहचाना जा सके जिसे कहा गया था।
> परमेश्वर ने कहा, उजियाला “**हो** तो उजियाला हो गया। (उत्पत्ति 1:3 ULT)
> > परमेश्वर ने कहा, 'अब उजियाला है,' **और** वहाँ उजियाला था।
> > परमेश्वर ने कहा, "उजियाला होना चाहिए;" **इसके परिणामस्वरूप**, वहाँ उजियाला था।
(3) यदि लोग आदेश को शर्त के रूप में नही समझ सकते हैं, तो उसे ‘‘यदि’’ और ‘‘तब’’ के साथ जोड़कर अनुवाद करें।
> लड़के को शिक्षा उसी मार्ग की दे जिस में उसको चलना चाहिये और वह बुढ़ापे में भी उस से न हटेगा। (नीतिवचन 22:6 ULT)
इस रूप में अनुवादित:-*
> “**यदि तू लड़के को शिक्षा उसी मार्ग की दे जिस में उसको चलना चाहिये
> **तब**वह बुढ़ापे में भी उस से न हटेगा।"

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बाइबल के आदेशात्मक वाक्यों के अन्य उपयोग क्या हैं?

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आदेशात्मक - अन्य उपयोग

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कुछ भाषाएँ एक शब्द या कथन को संज्ञा के साथ उपयोग कर, उस संज्ञा की सूचना दे सकती हैं और लोगों को उसके बारे में कुछ याद दिला सकती है।
*मरियम ने अपनी बहन को थोड़ा भोजन दिया, **जो बहुत ही धन्यवादी थी**.
‘‘बहुत ही धन्यवादी’’ कथन "बहन" के बाद में आता है जो हमें बताता है कि जब मरियम ने अपनी बहन को भोजन दिया तो उसकी प्रतिक्रिया कैसी रही। इस विषय में यह इस बहन को मरियम की किसी और बहन से अलग नही करता है। यह केवल उस बहन के बारे में अतिरिक्त जानकारी देता है।
### वर्णन
कुछ भाषाएँ एक शब्द या कथन को संज्ञा के साथ उपयोग कर उस संज्ञा की सूचना दे सकती है और लोगों को उसके बारे में कुछ याद दिला सकती है।
मरियम ने अपनी बहन को थोड़ा भोजन दिया, **जो बहुत ही धन्यवादी थी**.
‘‘बहुत ही धन्यवादी’’ कथन "बहन" के बाद में आता है जो हमें बताता है कि जब मरियम ने अपनी बहन को भोजन दिया तो उसकी प्रतिक्रिया कैसी रही। इस विषय में यह इस बहन को मरियम की किसी और बहन से अलग नही करता है। इस विषय में यह इस बहन को दूसरी बहन से अलग नहीं करता है जो मरियम के पास हो सकती है।
**लोग इसे क्यों उपयोग करते हैं**: लोग इसका उपयोग अक्सर याद करवाने अथवा नर्इ जानकारी देने के लिए हल्के तरीके के रूप में करते हैं। इसके द्वारा वे अपने श्रोताओं का ध्यान उनके द्वारा कही जाने वाली बातों से अलग किसी और बात की ओर लगाने के लिए करते हैं। उपरोक्त उदाहरण में, वक्ता मरियम के कार्य पर ध्यान खींचना चाहता है, उसकी बहन की प्रतिक्रिया पर नही।
#### कारण यह अनुवाद की समस्या है
भाषाएँ विभिन्न तरीकों से अपनी बात को लोगों तक पहुँचाती है ताकि श्रोता अपने सर्वोत्म रूप में ध्यान दें सके।
### अनुवाद के सिद्धांत
* यदि आपकी भाषा नई जानकारी या अनुस्मारक के लिए संज्ञा के वाक्यांशों का उपयोग नहीं करती है, तो आपको उस जानकारी या अनुस्मारक को वाक्य के किसी दूसरे भाग में रखने की आवश्यकता हो सकती है।
* इसे हल्के से बताने का प्रयास करें।
* स्वयं से पूछें: हमारी भाषा में, मैं किसी सूचना सबसे अच्छे तरीके से कैसे बताऊँ, या हल्के से कैसे बताऊँ?
### बाइबल से उदाहरण
> और तीसरी नदी का नाम हिद्देकेल है, यह वही है, **जो अश्शूर के पूर्व की ओर बहती है**. (उत्पत्ति 2:14अ ULT)
हिद्देकेल नदी केवल एक है । ‘‘जो अश्शूर से बहती है’’ कथन इस बात को बताता है कि हिद्देकेल नदी कहाँ थी । यह बात मूल श्रोताओं के लिए लाभदायक थी क्योंकि उन्हे पता था कि अश्शूर कहाँ था ।
> इस कारण यहोवा ने कहा, "मै मनुष्य को **जिसकी मैने सृष्टि की है** पृथ्वी के ऊपर से मिटा दूंगा।" (उत्पत्ति 6:7अ ULT)
‘‘जिसकी मै ने सृष्टि की है’’ कथन परमेश्वर और मनुष्य के बीच के संबंध को याद दिलाता है। और इसीलिए परमेश्वर के पास मनुष्य को मिटा डालने का भी अधिकार था ।
> मैं नोप में से **मूल्यहीन** मूरतों को नाश करूंगा। (यहेजकेल 30:13ब ULT)
सारी मूरतें मूल्यहीन हैं। और इसीलिए परमेश्वर उनका नाश करेगा
> ...क्योंकि तेरे **धर्मी** नियम उत्तम हैं (भजन संहिता 119:39ब ULT)
परमेश्वर के सभी नियम उत्तम हैं। और इसीलिए इसको लिखने वाला भजनकार कहता है कि ये उत्तम हैं।
### अनुवाद रणनीतियाँ
यदि लोग संज्ञा के साथ उपयोग किए गए कथन का उद्देश्य समझ सकते हैं, तो उस संज्ञा एवं उस कथन का एक साथ उपयोग करें। यदि नही, तो यहाँ कुछ रणनीतियाँ लिखी हैं जो बताती हैं कि कथन का उपयोग सूचना या याद कराने के लिए किया गया है।
(1) सूचना को वाक्य के किसी और भाग में डालें और उसके मकसद को प्रकट करने वाले शब्दों का उपयोग करें (2) अपनी भाषा में सूचना को बताने के किसी हल्के तरीके का उपयोग करें। शायद किसी छोटे शब्द को जोड़कर, या शब्द की आवाज को बदलकर। कभी-कभी आवाज़ में बदलाव को विराम चिह्नों जैसे कोष्ठक या अल्पविराम से दिखाया जा सकता है।
### अनुवाद रणनीतियों के प्रयोग के उदाहरण
(1) सूचना को वाक्य के किसी और भाग में डालें और उसके मकसद को प्रकट करने वाले शब्दों का उपयोग करें।
> जो **व्यर्थ** मूरतों पर मन लगाते हैं, उनसे मैं घृणा करता हूँ। (भजन संहिता 31:6अ ULT)
> "व्यर्थ मूरतों", के उल्लेख से, दाऊद सारी मूरतों के बारे में कह रहा है और उसकी सेवा करने वालों से अपनी घृणा का कारण बता रहा है। यह व्यर्थ मूरतों और मूल्यवान मूरतों का अंतर नही बता रहा है।"
> > **चूँकि** तुम्हारी मूरतें व्यर्थ हैं, उनसे मैं घृणा करता हूँ जो उन पर मन लगाते हैं।"
> … क्योंकि तेरे **धर्मी** नियम उत्तम हैं। (भजन संहिता 119:39ब ULT)
> > ... तेरे नियम उत्तम हैं **क्योंकि** वे धर्मी हैं।
> क्या सारा जो **नब्बे**, वर्ष की है, पुत्र जनेगी? (उत्पत्ति 17:17-18ब ULT)
> कथन ‘‘जो नब्बे वर्ष की है’’ सारा की आयु को याद दिलाने के लिए है। जो यह बताता है कि अब्रहाम प्रश्न क्यों पूछ रहा था। वह सोच भी नही सकता था कि उस आयु वाली स्त्री एक बच्चे को जन्म दे सकती है।"
> > क्या सारा **अब भी** पुत्र जनेगी जब वह नब्बे वर्ष की है पुत्र जनेगी?"
> मैं यहोवा को पुकारूंगा, **जो स्तुति के योग्य है।** (2 शमूएल 22:4अ ULT)
यहोवा केवल एक है। कथन ‘‘जो स्तुति के योग्य’’ यहोवा को पुकारने का कारण बताता है।
> > “मैं यहोवा को पुकारूँगा, **क्योंकि** वह स्तुति के योग्य है।"
(2) अपनी भाषा में सूचना को बताने के किसी हल्के तरीके का उपयोग करें।
> और तीसरी नदी का नाम हिद्देकेल है, **यह वही है जो अश्शूर के पूर्व की ओर बहती है**. (उत्पत्ति 2:14अ ULT)
> > “तीसरी नदी का नाम हिद्देकेल है। **यह अश्शूर के पूर्व की ओर बहती है**.

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जब कथनों का उपयोग संज्ञाओं के साथ किया जाता है, तो सूचना देने या याद दिलाने वाले कथन कौन से होते हैं और मैं उनका अनुवाद कैसे करूँ?

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सूचना देने अथवा याद दिलाने वाले कथन

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### वर्णन
कुछ भाषाओं में एक विशेषण के उपयोग से उस विशेषण के द्वारा बतार्इ गर्इ चीजों के वर्ग को बताया जा सकता है। और जब ऐसा होता है, तो वह संज्ञा की तरह कार्य करता है। उदाहरण के तौर पर, ‘‘धनी’’ शब्द एक विशेषण है। नीचे दो वाक्य हैं जो दिखाते हैं कि ‘‘धनी’’ शब्द विशेषण है।
> **धनी व्यक्ति** के पास तो बहुत सी भेड़-बकरियां और गाय बैल थे। (2 शमूएल 12:2 ULT)
‘‘धनी’’ नामक विशेषण ‘‘व्यक्ति’’ से पहले आता है और व्यक्ति का वर्णन करता है।
> **वह धनी न रहेगा**; और न उसकी सम्पत्ति बनी रहेगी। (अय्यूब 15:29अ ULT)
‘‘धनी’’ नामक विशेषण ‘‘वह’’ के बाद आता है और "वह" का वर्णन करता है।
निम्न वाक्य बताता है कि ‘‘धनी’’ शब्द संज्ञा का भी कार्य कर सकता है।
> तब न **तो**** धनी आधे शेकेल से अधिक दें, और न **कंगाल** उससे कम दें । (निर्गमन 30:15ब ULT)
निर्गमन 30:15 में, ‘‘धनी’’ शब्द संज्ञा का कार्य करता है और धनी व्यक्तियों की बात करता है। ‘‘कंगाल’’ शब्द भी संज्ञा का कार्य करता है और कंगाल लोगों की बात करता है।
### कारण यह अनुवाद की समस्या है
* बाइबल में अक्सर विशेषण का उपयोग संज्ञा की तरह लोगों के समूह को दिखाने के लिए हुआ है।
* कुछ भाषाएँ विशेषणों की उपयोग ऐसे नही करती हैं।
* इन भाषाओं के पाठक समझेंगे कि यह पद किसी व्यक्ति विशेष की बात कर रहा है परंतु यह वास्तव में केवल उन लोगों के समूह की बात कर रहा होगा जिसे विशेषण दिखाता है।
### बाइबल से उदाहरण
> क्योंकि दुष्टों का राजदण्ड **धर्मी** के भाग पर बना न रहेगा (भजन संहिता 125:3अ ULT)
शब्द ‘‘धर्मी’’ यहाँ पर धर्मी लोगों को दिखा रहा है, न कि किसी एक धर्मी को।
> धन्य हैं वे, जो **नम्र** हैं, (मत्ती 5:5अ ULT)
‘‘नम्र’’ वे लोग हैं जो नम्र हैं, कोर्इ एक नम्र व्यक्ति नही।
### अनुवाद रणनीतियाँ
यदि आपकी भाषा में विशेषणों का उपयोग संज्ञा के रूप में भी आमतौर पर होता है, तो उनका उपयोग करें। परंतु यदि यह अपरिचित सा लगता है या उसका अर्थ स्पष्ट नही है या गलत है, तो एक और विकल्प निम्नलिखित है:
(1) संज्ञा के बहुवचन रूप के साथ विशेषण का प्रयोग करें जिसका वर्णन विशेषण करता है।
### अनुवाद रणनीतियों के प्रयोग के उदाहरण
(1) संज्ञा के बहुवचन रूप के साथ विशेषण का प्रयोग करें जिसका वर्णन विशेषण करता है।
> दुष्टों का राजदण्ड **धर्मी** के भाग पर बना न रहेगा (भजन संहिता 125:3अ ULT)
>> दुष्टों का राजदण्ड **धर्मी लोगों** के भाग पर बना न रहेगा।
> धन्य हैं वे जो **नम्र हैं** (मत्ती 5:5अ ULT)
> धन्य हैं **वे लोग जो नम्र**हैं।

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संज्ञा के समान लगने वाले विशेषणों का मैं अनुवाद कैसे करूँ?

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आम विशेषण

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### वर्णन
समरूपता में, संरचना या विचार में समान दिखने वाले दो खंड या वाक्यांशों का एक साथ उपयोग होता है। नीचे दी गई समरूपताएँ कर्इ प्रकार की होती हैं।
* दूसरे खंड या वाक्यांश का अर्थ पहले जैसा है। इसे पर्यायवाची समानता कहा जाता है।
* दूसरा पहले के अर्थ को स्पष्ट करता या उसे बल देता है।
* दूसरा पहले में कही गर्इ बात को पूरा करता है।
* दूसरा पहले में लिखे विचार के विपरीत कहता है। परंतु उस विचार में कुछ जोड़ता भी है।
समरूपता को हम अधिकतर भजन संहिता एवं नीतिवचन जैसी पुराने नियम की कविताओं में पा सकते हैं। यह नये नियम की यूनानी भाषा में भी मिलती है, दोनों चार सुसमाचारों और प्रेरितों की पत्रियों में।
मूल भाषाओं की कविताओं में प्रयुक्त पर्यायवाची समरूपता (एक रूप जिसमें दोनों वाक्य एक दूसरे जैसे लगते हैं) के कर्इ प्रभाव हो सकते हैं:
* एक बार से अधिक बार अथवा तरीकों में बताने से यह दिखाता है कि उक्त कथन बहुत महत्वपूर्ण है।
* अलग तरीके से बताने के द्वारा इसे सुननेवाले उस विचार को अधिक गहरार्इ से समझते हैं।
* इससे भाषा अधिक सुंदर एवं बोलने के आम तरीके से उत्तम हो जाती है।
### कारण यह अनुवाद की समस्या है
कुछ भाषाओं में समरूपता का उपयोग नही होता है। एक बात को दो बार कहने से उनको यह अजीब सा लगता है या वे सोचते हैं कि उन दोनों वाक्यों के विभिन्न अर्थ हैं। उनके लिए यह सुंदर होने के स्थान पर, संदेहपूर्ण हो जाता है।
ध्यान दें: हम उन लंबे वाक्यों या कथनों के लिए ‘‘पर्यायवाची समरूपता’’ का उपयोग करते हैं जिनका अर्थ समान होता है। हम उन शब्दों या छोटे वाक्यों के लिए [युग्मकों](../figs-doublet/01.md) का उपयोग करते हैं जिनके मूल अर्थ समान होते और एक साथ उपयोग किया जाता है।
### बाइबल में से उदाहरण
**(1)दूसरे खंड या वाक्यांश का अर्थ पहले जैसा है। **
> तेरा वचन मेरे पांव के लिये दीपक
> और मेरे मार्ग के लिये उजियाला है। (भजन संहिता 119:105 ULT)
वाक्य के दोनों भाग रूपक हैं जो यह कहते हैं कि परमेश्वर का वचन लोगों को जीना सिखाता है।
> तूने उसे अपने हाथों के कार्यों पर प्रभुता दी है;
> तूने उसके पांव तले सब कुछ कर दिया है। (भजन संहिता 8:6 ULT)
दोनों वाक्य कहते हैं कि परमेश्वर ने मनुष्य को सबका शासक बनाया है।
**(2) दूसरा पहले के अर्थ को स्पष्ट करता या उसे बल देता है।**
> यहोवा की आंखें सब स्थानों में लगी रहती हैं,
> वह बुरे भले दोनों को देखती रहती हैं (नीतिवचन 15:3 ULT)
दूसरा वाक्य विशेष रूप से बताता है कि यहोवा नजर रखता है।
**(3)दूसरा पहले में कही गर्इ बात को पूरा करता है।**
> मैं ऊँचे शब्द से यहोवा को पुकारता हूँ,
> और वह अपने पवित्र पर्वत पर से मुझे उत्तर देता है (भजन संहिता 3:4 ULT)
दूसरा वाक्य बताता है कि व्यक्ति पहले वाक्य में जो करता है यहोवा उसके उत्तर में कुछ दूसरे वाक्य में करता है।
**(4) दूसरा पहले में लिखे विचार के विपरीत कहता है। परंतु उस विचार में कुछ जोड़ता भी है।**
> क्योंकि यहोवा धर्मियों का मार्ग जानता है,
> परन्तु दुष्टों का मार्ग नाश हो जाएगा। (भजन संहिता 1:6 ULT)
यह धर्मी लोगों के साथ क्या होता की तुलना दुष्टों के साथ क्या होता है से करने के द्वारा अंतर करता है।
> कोमल उत्तर सुनने से जलजलाहट ठंडी होती है,
> परन्तु कटुवचन से क्रोध धधक उठता है। (नीतिवचन 15:1 ULT)
यह अंतर बताता है कि जब कोर्इ कोमल उत्तर देता है तो क्या होता और कठोर उत्तर का क्या प्रभाव पड़ता है।
### अनुवाद की रणनीतियाँ
समरूपता के अधिकतर प्रकारों में, दोनों वाक्यों या कथनों का अनुवाद करना उचित होता है। प्रयायावाची समरूपता में, दोनों वाक्यों का अनुवाद करना उचित है यदि आपकी भाषावाले इस बात को जानते हैं कि किसी बात को दो बार कहने से उस बात को बल मिलता है। परंतु यदि आपकी भाषा में समरूपता का उपयोग इस प्रकार नही होता है, तो अनुवाद के निम्न तरीकों में से एक का उपयोग करें।
(1) दोनों वाक्यों के विचारों को एक कर लें।
(2) यदि आपको यह लगता है कि उनके द्वारा कर्इ गर्इ बातें वास्तव में सच हैं, तो आप ‘‘वास्तव’’ या ‘‘सच में’’ जैसे शब्दों का उपयोग कर सकते हैं।
(3) यदि आपको लगता है कि वाक्यों का उपयोग उसके विचार को गहरा करने के लिए दिया गया है तो आप ‘‘बहुत’’, ‘‘पूर्णतया’’ या ‘‘सब’’ जैसे शब्दों का उपयोग कर सकते हैं।
###अनुवाद रणनीतियों के प्रयोग के उदाहरण
(1) दोनों वाक्यों के विचारों को एक कर लें।
> अब तक तू मुझ से छल करता और झूठ बोलता आया है (न्यायियों 16:13, ULT) - दलीला दो बार शब्दों का उपयोग कर बताती है कि वह कितनी अधिक नाराज है।
> > "अब तक तूने झूठ से मेरे साथ छल किया है
> क्योंकि मनुष्य के मार्ग यहोवा की दृष्टि से छिपे नहीं हैं, और वह उसके सब मार्गों पर ध्यान करता है। (नीतिवचन 5:21 ULT) - ‘‘उसके सब मार्ग’’ ‘‘मनुष्य के मार्ग’’ का रूपक है
> > ‘‘यहोवा मनुष्य के किए गए हर कार्य पर ध्यान देता है’’
> क्योंकि यहोवा का अपनी प्रजा के साथ मुकद्दमा है, और वह इस्राएल से वादविवाद करता है (मीका 6:2 ULT) - यह समरूपता यहोवा और एक समूह के लोगों के बीच की गंभीर मतभेद को दिखाती है यदि यह स्पष्ट नही है, तो वाक्यों को एक किया जा सकता है:
> > ‘‘क्योंकि यहोवा के पास अपने लोगों के लिए मुकद्दमा है।’’
(2) यदि आपको यह लगता है कि उनके द्वारा कर्इ गर्इ बातें वास्तव में सच हैं, तो आप ‘‘वास्तव’’ या ‘‘सच में’’ जैसे शब्दों का उपयोग कर सकते हैं।
> क्योंकि मनुष्य के मार्ग यहोवा की दृष्टि से छिपे नहीं हैं, और वह उसके सब मार्गों पर ध्यान करता है। (नीतिवचन 5:21 ULT)
> > ‘‘यहोवा वास्तव में मनुष्य के हर कार्य को देखता है।’’
(3) यदि आपको लगता है कि वाक्यों का उपयोग उसके विचार को गहरा करने के लिए दिया गया है तो आप ‘‘बहुत’’, ‘‘पूर्णतया’’ या ‘‘सब’’ जैसे शब्दों का उपयोग कर सकते हैं।
> अब तक तू मुझ से छल करता, और झूठ बोलता आया है। (न्यायियों 16:13, ULT)
> > ‘‘तूने मेरे साथ सब कुछ झूठ बोला है।’’
> क्योंकि मनुष्य के मार्ग यहोवा की दृष्टि से छिपे नहीं हैं और वह उसके सब मार्गों पर ध्यान करता है (नीतिवचन 5:21 ULT)
> > "यहोवा मनुष्य के किए गए सब कार्यों को अच्छी तरह से जानता है। "

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समरूपता क्या है?

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समरूपता

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### वर्णन
उद्धरण दो प्रकार के होते हैं: प्रत्यक्ष उद्धरण एवं अप्रत्यक्ष उद्धरण।
प्रत्यक्ष उद्धरण तब प्रगट होता है जब कोर्इ किसी के कहे कथन को मूलभूत श्रोताओं के दृष्टिकोण से प्रस्तुत करता है। लोग अपेक्षा करते हैं कि इस प्रकार के उद्धरण वास्तविक लेखक के वास्तविक शब्दों को बताएँ। नीचे दिए गए उदाहरण में, यूहन्ना ने स्वयं का उल्लेख करते हुए ‘‘मैं’’ कहा होगा, अत: यूहन्ना के शब्दों की सूचना देने वाला वक्ता भी यूहन्ना की ओर इशारा करते हुए ‘‘मैं का उपयोग कर रहा है। यह दिखाने के लिए कि ये शब्द स्वयं यूहन्ना के हैं, कर्इ भाषाएँ उद्वरण चिन्ह . के बीच में उसके शब्दों को लिखते हैं।
*यूहन्ना ने कहा, **मैं** नही जानता कि **मैं** कब पहुँचूँगा?
अप्रत्यक्ष उद्धरण तब प्रगट होता है जब कोर्इ किसी के कहे कथन को बताता तो है, परंतु इस घटना में, वह उसकी बात को, वास्तविक लेखक के स्थान पर, स्वयं के दृष्टिकोण से प्रस्तुत करता है। इस प्रकार का उद्धरण आम तौर पर, सर्वनाम में आए बदलाव को बताते हैं और अक्सर समय, शब्दों के चुनाव और लंबार्इ में परिवर्तन को दिखाता है।
नीचे दिए गए उदाहरण में, कथाकार यूहन्ना को उद्धरण में "वह" के रूप में संदर्भित करता है और शब्द निश्चित "होगा" द्वारा इंगित भविष्य काल को बदलने के लिए शब्द अनुमानित "होगा" का उपयोग करता है।
* यूहन्ना ने कहा कि **वह** नही जानता था कि **वह** कब पहुचेगा?
### कारण यह अनुवाद की समस्या है
कुछ भाषाओं में, सूचित वक्तव्य को प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष दोनों उद्धरणों के साथ बताता जा सकता है। जबकि कुछ भाषाओं में, एक का उपयोग दूसरे से अधिक सामान्य तरीके से होता है। एक प्रकार के तरीके से उपयोग से उसे निश्चित अर्थ मिलता है। इसलिए हर उद्धरण के लिए, अनुवादक को निर्णय लेना है कि उनका उनका प्रत्यक्ष उद्धरण में करे या अप्रत्यक्ष में।
### बाइबल में से उदाहरण
निम्नलिखित उदाहरण में प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष दोनों प्रकार के उद्धरण सम्मिलित हैं। नीचे लिखे वर्णनों में, हमने उद्धरणों को मोटे अक्षरों में लिखा है।
> तब उसने उसे चिताया, कि किसी से न कह, "परन्तु जाकर, अपने आप को याजक को दिखा, और अपने शुद्ध होने के विषय में जो कुछ मूसा ने चढ़ावा ठहराया है, उसे चढ़ा; कि उन पर गवाही हो।’’ (लूका 5:14 ULT)
*अप्रत्यक्ष उद्धरण: तब उसने उसे चिताया, **कि किसी से न कह**,
प्रत्यक्ष उद्धरण: "**परन्तु जाकर, अपने आप को याजक को दिखा…**"
> जब फरीसियों के द्वारा पूछा गया, कि परमेश्वर का राज्य कब आएगा? तो उसने उनको उत्तर दिया कि, "पमेश्वर का राज्य प्रगट रूप में नहीं आता। **21** और लोग यह न कहेंगे कि, 'देखो, यहाँ है!', या 'वहाँ है!" क्योंकि देखो, परमेश्वर का राज्य तुम्हारे बीच में है।’’
> जब फरीसियों के द्वारा पूछा गया, कि परमेश्वर का राज्य कब आएगा? तो उसने उनको उत्तर दिया कि, "पमेश्वर का राज्य प्रगट रूप में नहीं आता। और लोग यह न कहेंगे कि, 'देखो, यहाँ है!' या 'वहाँ है!' क्योंकि देखो, परमेश्वर का राज्य तुम्हारे बीच में है।’’ (लूका 17:20-21 ULT)
* अप्रत्यक्ष उद्धरण: जब फरीसियों के द्वारा पूछा गया, **कि परमेश्वर का राज्य कब आएगा,**
*प्रत्यक्ष उद्धरण: यीशु ने उनको उत्तर दिया और कहा कि, "**पमेश्वर का राज्य प्रगट रूप में नहीं आता। और लोग यह न कहेंगे कि, 'देखो, यहाँ है!' या 'वहाँ है!' क्योंकि देखो, परमेश्वर का राज्य तुम्हारे बीच में है।**"
* प्रत्यक्ष उद्धरण: लोग यह न कहेंगे कि '**देखो, यहाँ है!' या, **वह**** वहाँ है!'
### अनुवाद की रणनीतियाँ
स्रोत लेख में उपयोग किये गए उद्धरण यदि आपकी भाषा में सही बैठते हैं तो उनका उपयोग करें। यदि उपयोग किए गए उद्धरण आपकी भाषा में स्वाभाविक नही लगते हैं, तो इन रणनीतियों का उपयोग करें
(1) यदि आपकी भाषा में प्रत्यक्ष उद्धरण का उपयोग नही होता है, तो उसे अप्रत्यक्ष उद्धरण में बदलें।
(2) यदि आपकी भाषा में अप्रत्यक्ष उद्धरण का उपयोग नही होता है, तो उसे प्रत्यक्ष उद्धरण में बदलें।
###अनुवाद रणनीतियों के प्रयोग के उदाहरण
(1) यदि आपकी भाषा में प्रत्यक्ष उद्धरण का उपयोग नही होता है, तो उसे अप्रत्यक्ष उद्धरण में बदलें।
> तब उसने उसे चिताया कि किसी से न कह, “**परन्तु जाकर अपने आप को याजक को दिखा, और अपने शुद्ध होने के विषय में जो कुछ मूसा ने चढ़ावा ठहराया है उसे चढ़ा; कि उन पर गवाही हो।**" (लूका 5:14 ULT)
> > तब उसने उसे चिताया, कि किसी से न कह, **परन्तु जाकर स्वयं को याजक को दिखा, और अपने शुद्ध होने के विषय में जो कुछ मूसा ने चढ़ावा ठहराया है उसे चढ़ा; कि उन पर गवाही हो।**."
(2) यदि आपकी भाषा में अप्रत्यक्ष उद्धरण का उपयोग नही होता है, तो उसे प्रत्यक्ष उद्धरण में बदलें।
> तब उसने उसे चिताया, **कि किसी से न कह, ** परन्तु, "जाकर अपने आप को याजक को दिखा, और अपने शुद्ध होने के विषय में जो कुछ मूसा ने चढ़ावा ठहराया है उसे चढ़ा; कि उन पर गवाही हो।" (लूका 5:14 ULT)
> > तब उसने उसे चिताया कि, “**किसी से न कह**. बस जाकर अपने आप को याजक को दिखा और अपने शुद्ध होने के विषय में जो कुछ मूसा ने चढ़ावा ठहराया है उसे चढ़ा; कि उन पर गवाही हो।"
आप http://ufw.io/figs_quotations पर वीडियो भी देख सकते हैं।

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प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष उद्धरण क्या हैं?

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प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष उद्धरण

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एक भाषणगत प्रश्न वह होता है जिसे एक वक्ता तब पूछता है कि जब वह इसके बारे में जानकारी प्राप्त करने की अपेक्षा किसी वस्तु के बारे में अपना दृष्टिकोण व्यक्त करने में अधिक रुचि रखता है। वक्ता गहरी भावना व्यक्त करने के लिए भाषणगत प्रश्नों का उपयोग करते हैं या श्रोताओं को कुछ के बारे में गहराई से सोचने के लिए प्रोत्साहित करते हैं। बाइबल में कई भाषणगत प्रश्न पाए जाते हैं, अक्सर आश्चर्य व्यक्त करने के लिए, श्रोताओं को ताड़ना देने या डांटने या सिखाने के लिए। कुछ भाषाओं के वक्ता अन्य प्रयोजनों की प्राप्ति के लिए भी भाषणगत प्रश्नों का उपयोग करते हैं।
### वर्णन
एक भाषणगत प्रश्न एक ऐसा प्रश्न होता है जो किसी चीज़ के प्रति वक्ता के रवैये को दृढ़ता से व्यक्त करता है। अक्सर वक्ता जानकारी की खोज नहीं कर रहा होता है, परन्तु यदि वह जानकारी माँग रहा है, तो सामान्य रूप से वह जानकारी नहीं होती है जिसके लिए प्रश्न को पूछा गया प्रतीत होता है। वक्ता जानकारी प्राप्त करने की अपेक्षा अपने दृष्टिकोण को व्यक्त करने में अधिक रुचि रखता है।
> जो लोग पास खड़े थे, उन्होंने कहा, “**क्या तू परमेश्वर के महायाजक का अपमान करता है?**" (प्रेरितों 23:4 ULT)
जिन लोगों ने पौलुस से यह प्रश्न पूछा वे परमेश्वर के महायाजक का अपमान करने के उसके तरीके के बारे में नहीं पूछ रहे थे। इसकी अपेक्षा उन्होंने महायाजक का अपमान करने के लिए पौलुस पर आरोप लगाने के लिए इस प्रश्न का उपयोग किया था।
बाइबल में कई भाषणगत प्रश्न पाए जाते हैं। इन भाषणगत प्रश्नों के कुछ उद्देश्यों में लोगों को ताड़ना देने, लोगों को शिक्षा देने, कुछ लोगों को स्मरण दिलाने के लिए कुछ सीखने और उन्हें कुछ नया करने के लिए लागू करने, और कुछ ऐसा करने के लिए प्रोत्साहित करना है, जिसके बारे में वे बात करना चाहते हैं।
### कारण यह अनुवाद की समस्या है
* कुछ भाषाएँ भाषणगत प्रश्नों का उपयोग नहीं करती हैं; उनके लिए एक प्रश्न सदैव जानकारी के लिए एक अनुरोध होता है।
* कुछ भाषाएँ भाषणगत प्रश्नों का उपयोग करती हैं, परन्तु उन उद्देश्यों के लिए जो बाइबल की तुलना में अधिक सीमित या भिन्न होते हैं।
* भाषाओं के बीच इन मतभेदों के कारण, कुछ पाठक बाइबल में एक भाषणगत प्रश्न के उद्देश्य को गलत समझ सकते हैं।
### बाइबल में से उदाहरण
> क्या तू अभी भी इस्राएल के राज्य के ऊपर शासन नहीं करता है? (1 राजा 21:7ब ULT)
ईज़ेबेल ने उपरोक्त प्रश्न का उपयोग राजा अहाब को स्मरण दिलाने के लिए किया था जिसे वह पहले से जानता था: कि वह अभी भी इस्राएल के राज्य के ऊपर शासन कर रहा था। भाषणगत् प्रश्न ने उसकी बात को और अधिक मजबूती बना दिया यदि उसने केवल इसे कहा मात्र होता, क्योंकि इसने अहाब को इस बात को स्वीकार करने के लिए मजबूर कर दिया था। उसने निर्धन व्यक्ति की सम्पत्ति लेने की इच्छा न रखने के लिए उसे ताड़ना देने के लिए ऐसा किया। वह यह कह रही थी कि क्योंकि वह इस्राएल का राजा था, इस लिए उसके पास उस व्यक्ति की सम्पत्ति लेने की सामर्थ्य थी।
> **क्या एक कुँवारी उसके गहने, दुल्हन उसके घूंघट भूल जाएगी? ** तौभी मेरी प्रजा ने असँख्य दिनों से मुझे भुला दिया हैं! (यिर्मयाह 2:32 ULT)
परमेश्वर ने उपरोक्त प्रश्न का उपयोग अपने लोगों को स्मरण दिलाने के लिए किया था जिस बात को वे पहले से ही जानते थे: एक जवान स्त्री अपने गहने को कभी नहीं भूलती या दुल्हन अपने घूंघट को नहीं भूलती है। उसके बाद उसने अपने लोगों को भूलने के लिए ताड़ना दी जो उन वस्तुओं से बहुत अधिक बढ़कर है।
> जब मैं गर्भ से बाहर आया तो मैं मर ही नहीं नहीं गया? (अय्यूब 3:11अ ULT)
अय्यूब ने गहरे भाव को दिखाने के लिए ऊपर दिए गए प्रश्न का उपयोग किया है। यह भाषणगत प्रश्न व्यक्त करता है कि वह कितना अधिक दुखी था कि वह जन्म होने के तुरन्त बाद ही क्यों नहीं मर गया। वह आशा करता था कि उसे जीवित नहीं रहना चाहिए था।
> और मेरे साथ ऐसा क्यों घटित हुआ कि मेरे पास प्रभु की माता पास आई? (लूका 1:43 ULT)
इलीशिबा ने उपरोक्त प्रश्न का उपयोग यह दिखाने के लिए किया है कि वह कितनी अधिक आश्चर्यचकित और आनन्दित थी कि उसके अपने प्रभु की माता उसके पास आई थी
> या तुम में से ऐसा कौन सा व्यक्ति है, कि यदि उसका पुत्र उस से रोटी मांगता है, तो उसे पत्थर देगा? (मत्ती 7:9 ULT)
यीशु ने ऊपर दिए गए प्रश्न का उपयोग उन वस्तुओं को लोगों को स्मरण दिलाने के लिए किया जिन्हें वे पहले से ही जानते थे: एक अच्छा पिता कभी अपने पुत्र को खाने के लिए कुछ बुरा नहीं देगा। इस बात को प्रस्तुत करते हुए, यीशु उन्हें अपने अगले भाषणगत प्रश्न के साथ परमेश्वर के बारे में शिक्षा दे सकता था:
> इसलिए, यदि तुम बुरे होकर अपने बच्चों को अच्छे उपहार देना जानते हो, तो स्वर्ग से तुम्हारा पिता उनके लिए और अच्छी वस्तुओं को क्यों न देगा जो उससे मांगते हैं? (मत्ती 7:11 ULT)
यीशु ने इस प्रश्न का उपयोग लोगों को ओजस्वी तरीके से सिखाने के लिए किया था कि परमेश्वर उन्हें अच्छी वस्तुएँ देता है जो उससे मांगते हैं।
> **परमेश्वर का राज्य कैसा है, और मैं इसकी तुलना किस से कर सकता हूँ?** यह सरसों के बीज की तरह है जिसे एक व्यक्ति ने अपने खेत में ले लिया और बिखरा कर चला गया… (लूका 13:18ब-19अ ULT)
यीशु ने ऊपर दिए गए प्रश्न का उपयोग करने के लिए कहा कि वह किस बारे में बात करने वाला था। वह परमेश्वर के राज्य की तुलना किसी वस्तु से करने वाला था। इस घटना में, उसने परमेश्वर के राज्य की तुलना सरसों के बीज से की।
### अनुवाद की रणनीतियाँ
एक भाषणगत प्रश्न का सही अनुवाद करने के लिए पहले सुनिश्चित करें कि जिस प्रश्न का आप अनुवाद कर रहे हैं वह वास्तव में एक भाषणगत प्रश्न है और यह एक जानकारी वाला प्रश्न नहीं है। स्वयं से पूछें, "क्या प्रश्न पूछने वाले व्यक्ति को पहले से ही प्रश्न का उत्तर पता है?" यदि हाँ, तो यह एक भाषणगत प्रश्न है। या, यदि कोई इस प्रश्न का उत्तर नहीं में देता है, तो क्या जिसने पूछा है उसे उत्तर प्राप्त करने की आशा थी? यदि नहीं, तो यह एक भाषणगत प्रश्न है।
जब आप सुनिश्चित हो जाते हैं कि प्रश्न भाषणगत है, तो सुनिश्चित करें कि आप जानते हैं कि भाषणगत प्रश्न का उद्देश्य क्या है। क्या यह श्रोताओं को प्रोत्साहित करने या ताड़ना देने या शर्मिंदा करने के लिए है? क्या यह एक नया विषय लाने के लिए है? क्या यह किसी और कार्य को करने के लिए है?
जब आप भाषणगत प्रश्न के उद्देश्य को जानते हैं, तो लक्षित भाषा में उस उद्देश्य को व्यक्त करने के सबसे स्वभाविक तरीके के बारे में सोचें। यह एक प्रश्न, या एक कथन, या विस्मयादिबोधक के रूप में हो सकता है।
यदि भाषणगत प्रश्न का प्रयोग करना स्वाभाविक हो और आपकी भाषा में सही अर्थ दे, तो ऐसा करने पर विचार करें। यदि नहीं, तो यहाँ अन्य विकल्प दिए गए हैं:
(1) प्रश्न के बाद उत्तर जोड़ें।
(2) भाषणगत प्रश्न को एक कथन या विस्मयादिबोधक में परिवर्तित करें।
(3) भाषणगत प्रश्न को एक कथन में परिवर्तित करें, और फिर इसे एक संक्षिप्त प्रश्न के साथ उपयोग करें।
(4) प्रश्न के रूप अर्थात् ढ़ांचे को परिवर्तित करें ताकि यह आपकी भाषा में संचारित कर सके कि मूल वक्ता ने उसके बारे में क्या बताया।
###अनुवाद रणनीतियों के प्रयोग के उदाहरण
(1) प्रश्न के बाद उत्तर जोड़ें।
> **क्या एक कुँवारी उसके गहने, दुल्हन को उसके घूंघट भूल जाएगी?** तौभी मेरी प्रजा ने असँख्य दिनों से मुझे भुला दिया हैं! (यिर्मयाह 2:32 ULT)
> > क्या एक कुँवारी उसके गहने, दुल्हन को उसके घूंघट भूल जाएगी? **बिलकुल भी नहीं! ** तौभी मेरी प्रजा ने असँख्य दिनों से मुझे भुला दिया हैं!
> या आप में से कौन सा व्यक्ति ऐसा है, कि यदि उसका पुत्र उस से रोटी मांगे, तो वह उसे पत्थर देगा? (मत्ती 7:9 ULT)
>> या आप में से कौन सा व्यक्ति ऐसा है, कि यदि उसका पुत्र उस से रोटी मांगे, तो वह उसे पत्थर देगा? **तुम में से कोई भी ऐसा नहीं करेगा!**
(2) भाषणगत प्रश्न को एक कथन या विस्मयादिबोधक में परिवर्तित करें।
> **परमेश्वर का राज्य कैसा है, और मैं इसकी तुलना किस से कर सकता हूँ?** यह सरसों के बीज की तरह है। (लूका 13:18-19अ ULT)
>> ** परमेश्वर का राज्य ऐसा ही है।** यह सरसों के बीज की तरह है..."
> **क्या तू इस तरह परमेश्वर के महायाजक का अपमान करता है?** (प्रेरितों 23:4ब ULT) (प्रेरितों 23:4 ULT)
>> **तुझे परमेश्वर के महायाजक का अपमान नहीं करना चाहिए!**
> **जब मैं गर्भ से बाहर आया तो मैं मर ही नहीं नहीं गया? ** (अय्यूब 3:11अ ULT)
>> **कितना अच्छा होता कि जब मैं गर्भ से बाहर आया तो मैं मर गया होता!**
> **और मेरे साथ ऐसा क्यों हुआ कि मेरे प्रभु की माता मेरे पास आई?** (लूका 1:43 ULT)
>> **यह कितना अद्भुत है कि मेरे प्रभु की माता मेरे पास आई है!**
(3) भाषणगत प्रश्न को एक कथन में परिवर्तित करें, और फिर इसे एक संक्षिप्त प्रश्न के साथ उपयोग करें।
> इस्राएल के राज्य के ऊपर **क्या तू अभी भी शासन नहीं करता है? ** (1 राजा 21:7ब ULT)
>> तू अभी भी इस्राएल के राज्य पर शासन करता है, **क्या तू नहीं करता है?**
(4) प्रश्न के रूप अर्थात् ढ़ांचे को परिवर्तित करें ताकि यह आपकी भाषा में संचारित कर सके कि मूल वक्ता ने उसके बारे में क्या बताया।
> या तुम में से ऐसा कौन सा व्यक्ति है जो , यदि उसका पुत्र उस से रोटी की रोटी मांगे, तो वह उसे पत्थर देगा? (मत्ती 7:9 ULT)
>> या तुम में से ऐसा कौन सा व्यक्ति है, जो यदि उसका पुत्र उस से रोटी की रोटी मांगे, **तो वह उसे पत्थर देगा**?
> **क्या एक कुँवारी उसके गहने, तौभी मेरी प्रजा ने असँख्य दिनों से मुझे भुला दिया हैं**? तौभी मेरी प्रजा ने असँख्य दिनों से मुझे भुला दिया हैं! (यिर्मयाह 2:32 ULT)
>> **कौन सी कुँवारी उसके गहने को भूल जाएगी, और दुल्हन उसके घूंघट को भूल जाएगी**? तौभी मेरी प्रजा ने असँख्य दिनों से मुझे भुला दिया हैं।

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भाषणगत प्रश्न क्या हैं और मैं कैसे उनका अनुवाद कर सकता हूँ?

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भाषणगत प्रश्न

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### वर्णन
बाइबल में उपयोग की जाने वाली मात्रा की निम्न सामान्य इकाइयाँ यह बताती हैं कि एक निश्चित पात्र में कितना तरल आ सकता है। पात्र और माप दोनों तरल पदार्थ (जैसे दाखरस) और शुष्क ठोस (जैसे अनाज) के लिए उपयोग किए जाते हैं। मीट्रिक अर्थात् दशमलव मूल्य सटीकता के साथ बाइबल के मापों के तुल्य नहीं हैं। बाइबल के माप कदाचित् विभिन्न समयों और स्थानों में सटीक मूल्य में भिन्न थे। नीचे समकक्ष औसत माप देने का प्रयास किए गए हैं।
| प्रकार | मूल माप | लीटर |
| -------- | -------- | -------- |
| ठोस | ओमेर | 2 लीटर |
| ठोस | एपा | 22 लीटर |
| ठोस | होमेर | 220 लीटर |
| ठोस | कोर | 220 लीटर |
| ठोस | सीआ | 7.7 लीटर |
| ठोस | लेथेक | 114.8 लीटर |
| तरल | मेरेटे | 40 लीटर |
| तरल | बत| 22 लीटर |
| तरल | हीन | 3.7 लीटर |
| तरल | कब | 1.23 लीटर |
| तरल | लोज| 0.31 लीटर |
#### अनुवाद के सिद्धान्त
* बाइबल के लोगों ने मीटर, लीटर और किलोग्राम जैसे आधुनिक मापों का उपयोग नहीं किया। मूल मापों का उपयोग करने से पाठकों को यह जानने में सहायता मिल सकती है कि बाइबल वास्तव में बहुत समय पहले लिखी गई थी जब लोग उन मापों का उपयोग करते थे।
* आधुनिक मापों का उपयोग पाठकों को मूलपाठ को अधिक आसानी से समझने में सहायता कर सकते हैं।
* जो भी माप आप उपयोग करते हैं, मूलपाठ, या फुटनोट में अन्य प्रकार के मापों के बारे में बताना, यदि सम्भव हो तो यह अच्छा रहेगा।
* यदि आप बाइबल के मापों का उपयोग नहीं करते हैं, तो पाठकों को यह विचार देने का प्रयास न करें कि माप सटीक हैं। उदाहरण के लिए, यदि आप एक हीन का अनुवाद "3.7 लीटर" के रूप में करते हैं, तो पाठकों को लगता है कि माप पूर्ण रीति से 3.7 लीटर है, 3.6 या 3.8 नहीं। अधिक अनुमानित माप जैसे "साढ़े तीन लीटर" या "चार लीटर" का उपयोग करना सर्वोत्तम रीति से अच्छा होगा।
* जब परमेश्वर लोगों को बताता है कि कितना उपयोग करना है, और जब लोग उन आज्ञाओं का पालन करते हैं, तो अनुवाद में "इसके बारे में" मत कहें। अन्यथा यह इस तरह का प्रभाव देगा कि परमेश्वर को सटीकता के साथ कोई सरोकार नहीं है कि वास्तव में उन्होंने कितने माप का उपयोग किया।
### माप की इकाई को कब कहा जाता है
#### अनुवाद की रणनीतियाँ
1. यूएलटी अनुवाद से मापों का प्रयोग करें। ये वही माप हैं, जिन्हें मूल लेखक उपयोग करते थे। उन्हें ऐसे तरीके से वर्तनी करें जो यूएलटी अनुवाद में ध्वनि देते या वर्तनी के तरीके के समतुल्य हैं। (देखें [प्रतिलिपी या उधार शब्दों को लें](../translate-transliterate/01.md).)
1. यूएसटी अनुवाद में दिए गए मीट्रिक मापों का प्रयोग करें। यूएसटी अनुवाद के अनुवादकों ने पहले से ही मीट्रिक अर्थात् दशमलव पद्धति में मूल्यों का प्रतिनिधित्व करने के बारे में सोचा है।
1. उन मापों का प्रयोग करें जो पहले से ही आपकी भाषा में उपयोग की जा रही हैं। ऐसा करने के लिए आपको यह जानना होगा कि आपके माप मीट्रिक पद्धति से कैसे सम्बन्धित हैं और प्रत्येक मापों को समझते हैं
1. यूएलटी अनुवाद से मापों का उपयोग करें और उन मापों को सम्मिलित करें जिन्हें आपके लोग मूलपाठ या नोट में जानते हैं।
1. अपने लोगों के द्वारा जानने वाले मापों का उपयोग करें, और मूलपाठ में या नोट में यूएलटी अनुवाद से मापों को सम्मिलित करें।
###अनुवाद रणनीतियों के प्रयोग
प्रयोग की गई रणनीतियाँ नीचे यशायाह 5:10 पर लागू होती हैं।
> चार हेक्टेयर दाख की बारी के लिए केवल एक बत मिलेगा, और बीज का एक होमेर केवल एक एपा को उत्पन्न करेगा। (यशायाह 5:10 ULT)
(1) यूएलटी अनुवाद से मापों का प्रयोग करें। ये वही माप हैं, जिन्हें मूल लेखक उपयोग करते थे। उन्हें ऐसे तरीके से वर्तनी करें जो यूएलबी अनुवाद में ध्वनि देते या वर्तनी के तरीके के समतुल्य हैं। (देखें [प्रतिलिपी या उधार शब्दों को लें](../translate-transliterate/01.md).)
>> "अंगूर के चार हेक्टेयर खेत के लिए केवल एक **बत** मिलेगा, और बीज के एक **होमेर** से केवल एक **एपा** उत्पन्न होगा।"
(2) यूएसटी अनुवाद में दिए गए मापों का प्रयोग करें। सामान्य रूप से वे मीट्रिक माप हैं। यूडीबी अनुवाद के अनुवादकों ने पहले से ही मीट्रिक पद्धति में मूल्यों का प्रतिनिधित्व करने के बारे में सोचा है।
>> "चार हेक्टेयर अंगूर के खेत लिए केवल **बीस लीटर** मिलेगा, और बीज की **दस टोकरी** केवल **एक टोकरी** को उत्पन्न करेगी।"
>> "चार हेक्टेयर अंगूर के लिए केवल **बीस लीटर** और **220 लीटर** बीज से केवल **बाईस लीटर** मिलेगा।"
(3) उन मापों का प्रयोग करें जो पहले से ही आपकी भाषा में उपयोग किए जा रहे हैं। ऐसा करने के लिए आपको यह जानना होगा कि आपके माप मीट्रिक पद्धति से कैसे सम्बन्धित हैं और आप प्रत्येक माप को समझते हैं।
>> "चार हेक्टेयर अंगूर के खेत लिए केवल छह गैलन मिलेगा, और बीज के **ढाई बुशेल** केवल बीस क्वार्ट को उत्पन्न करेंगे।"
(4) यूएलटी अनुवाद से मापों का उपयोग करें और उन मापों को सम्मिलित करें जिन्हें आपके लोग मूलपाठ या नोट में जानते हैं। निम्नलिखित मूलपाठ में दोनों माप दिखाए गए हैं।
>> "चार हेक्टेयर अंगूर के खेत लिए केवल **एक बत (छः गैलन)** मिलेगा, और बीज के **एक होमेर (ढाई बुशेल) ** से केवल **एक एपा (बीस क्वार्ट्स) ** मिलेगा।”
(5)आपके लोगों के द्वारा जानने वाले मापों का उपयोग करें, और मूलपाठ में या नोट में यूएलटी अनुवाद से माप सम्मिलित करें। निम्नलिखित फुटनोट्स में यूएलटी अनुवाद माप दिखाए गए हैं।
>> "चार हेक्टेयर अंगूर के खेत लिए केवल बीस लीटर <sup> 1 </sup> मिलेगा, और बीज के 220 लीटर <sup> 2</sup> केवल बाइस लीटर <sup> 3</sup > के देंगे।”
फुटनोट इस तरह दिखेगा:
>> <sup> [1]</sup> एक बत
>> <sup> [2]</sup> एक होमेर
>> <sup> [3]</sup> एक एपा
### जब माप की इकाई को निहित किया जाता है
कभी-कभी इब्रानी मात्रा की एक विशेष इकाई को निर्दिष्ट नहीं करती है, परन्तु केवल एक सँख्या का उपयोग करती है। ऐसी घटनाओं में, यूएलटू अनुवाद और यूएसटी अनुवाद समेत अंग्रेजी के कई अन्य संस्करण, शब्द "माप" को जोड़ते हैं।
> जब भी कोई अनाज के **बीस** मापों के लिए आया, तो उसने केवल **दस** को ही पाया था, और जब भी कोई व्यक्ति दाखरस की भट्टी के पास **पचास माप** की दाख को पाने के लिए आया तो उसने वहाँ से केवल **बीस** को ही पाया था। (हाग्गै 2:16 ULT)
#### अनुवाद की रणनीतियाँ
1. एक इकाई के बिना सँख्या का उपयोग करके शाब्दिक रूप से अनुवाद करें।
1. "माप" या "मात्रा" या "मूल्य" जैसे सामान्य शब्द का प्रयोग करें।
1. उचित पात्र के नाम का प्रयोग करें, जैसे अनाज के लिए "टोकरी" या दाखरस के लिए "बर्तन"।
1. माप के एक इकाई का उपयोग करें जिसे आप पहले से ही अपने अनुवाद में उपयोग कर रहे हैं।
###अनुवाद रणनीतियों के प्रयोग
प्रयोग की गई सभी रणनीतियाँ नीचे हाग्गै 2:16 पर लागू होती हैं।
> जब भी कोई अनाज के **बीस मापों** के लिए आया, तो उसने केवल **दस** को ही पाया था, और जब भी कोई व्यक्ति दाखरस की भट्टी के पास **पचास माप** की दाख को पाने के लिए आया तो उसने वहाँ से केवल **बीस** को ही पाया था। (हाग्गै 2:16 ULT)
(1) एक इकाई के बिना सँख्या का उपयोग करके शाब्दिक रूप से अनुवाद करें।
> जब भी कोई अनाज के **बीस** के लिए आया, तो उसने केवल **दस** को ही पाया था, और जब भी कोई व्यक्ति दाखरस की भट्टी के पास **पचास** की दाख को पाने के लिए आया तो उसने वहाँ केवल **बीस** को ही पाया था।
(2) "माप" या "मात्रा" या "मूल्य" जैसे सामान्य शब्द का प्रयोग करें।
>> जब भी कोई अनाज के **बीस मूल्यों** के लिए आया, तो उसने केवल **दस** को ही पाया था, और जब भी कोई व्यक्ति दाखरस की भट्टी के पास **पचास मूल्यों** की दाख को पाने के लिए आया तो उसने वहाँ केवल **बीस** को ही पाया था।
(3) उचित पात्र के नाम का प्रयोग करें, जैसे अनाज के लिए "टोकरी" या दाखरस के लिए "बर्तन"।
>> जब भी कोई अनाज की **बीस टोकरी** के लिए आया, तो उसने केवल **दस** को ही पाया था, और जब भी कोई व्यक्ति दाखरस की भट्टी के पास **पचास बर्तन** की दाख को पाने के लिए आया तो उसने वहाँ केवल **बीस** को ही पाया था।
(4) उस माप के एक इकाई का उपयोग करें जिसे आप पहले से ही अपने अनुवाद में उपयोग कर रहे हैं।
>> जब भी कोई अनाज के **बीस लीटर** के लिए आया, तो उसने केवल **दस** को ही पाया था, और जब भी कोई व्यक्ति दाखरस की भट्टी के पास **पचास लीटर** की दाख को पाने के लिए आया तो उसने वहाँ केवल **बीस** को ही पाया था।

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मैं बाइबल में दिए गए मात्रा के माप का अनुवाद कैसे करूँ?

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बाइबलीय मात्रा

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### वर्णन
एक प्रतीकात्मक गतिविधि कुछ ऐसी बात होती है, जिसे एक निश्चित विचार को व्यक्त करने के लिए कोई करता है। उदाहरण के लिए, कुछ संस्कृतियों में लोगों ने अपने सिर को ऊपर और नीचे हिलाते हुए "हाँ" का या अपने सिर को इधर से उधर हिलाते हुए "ना" का अर्थ दिया है। प्रतीकात्मक कार्यों का अर्थ सभी संस्कृतियों में एक ही बात से नहीं होता है। बाइबल में, कभी-कभी लोग प्रतीकात्मक कार्य करते हैं और कभी-कभी वे केवल प्रतीकात्मक गतिविधि को सन्दर्भित करते हैं।
#### प्रतीकात्मक कार्यों के उदाहरण
* कुछ संस्कृतियों में लोग यह दिखाने के लिए हाथ मिलाते हैं कि वे मित्रतापूर्ण बनने के लिए इच्छुक हैं।
* कुछ संस्कृतियों में लोग आगे की ओर झुकते हैं, जब वे एक-दूसरे का सम्मान करने के लिए मिलते हैं।
### कारण यह अनुवाद की समस्या है
एक गतिविधि का एक संस्कृति में अपना अर्थ हो सकता है, और किसी अन्य संस्कृति में एक अलग अर्थ या कोई अर्थ नहीं हो सकता है। उदाहरण के लिए, कुछ संस्कृतियों में भौहें उठाने का अर्थ "मैं आश्चर्यचकित हूँ" या "आपने क्या कहा है?" होता है। अन्य संस्कृतियों में इसका अर्थ "हाँ" होता है।
बाइबल में लोगों ने ऐसी बातें की जिनका उनकी संस्कृति में कुछ अर्थ थे। जब हम बाइबल पढ़ते हैं, तो हम समझ नहीं पाएँ कि किसी बात का क्या अर्थ है, यदि हम अपनी संस्कृति में इसका अर्थ यह है, पर आधारित होकर गतिविधि की व्याख्या करते हैं।
आपको (अनुवादकों को) यह समझने की आवश्यकता होती है कि बाइबल में लोगों का क्या अर्थ था, जब उन्होंने प्रतीकात्मक गतिविधियों का उपयोग किया। यदि किसी गतिविधि का अर्थ उनकी संस्कृति में वही बात नहीं है, तो उन्हें यह समझने की आवश्यकता है कि उस गतिविधि का क्या अर्थ है, जिसका अनुवाद करना है।
### बाइबल से उदाहरण
> याईर यीशु के पैरों पर गिर गया। (लूका 8:41 ULT)
प्रतीकात्मक गतिविधि का अर्थ: उसने यीशु के प्रति बहुत अधिक सम्मान दिखाने के लिए ऐसा किया।
> देख, मैं दरवाजे पर खड़ा हूँ और **खटखटाता** हूँ। यदि कोई मेरी आवाज सुनता है, और दरवाजे को खोलता है, तो मैं उसके घर के भीतर आऊँगा, और उसके साथ भोजन करूँगा, और वह मेरे साथ। (प्रकाशितवाक्य 3:20 ULT)
प्रतीकात्मक गतिविधि का अर्थ: जब लोग चाहते थे कि कोई उन्हें अपने घर में स्वागत करे, तो वे दरवाजे पर खड़े होकर उस पर खटखटाए थे।
### अनुवाद की रणनीतियाँ
यदि लोग सटकीता से समझेंगे कि बाइबल में लोगों के लिए एक प्रतीकात्मक कार्यवाही का क्या अर्थ है, तो इसका उपयोग करने पर विचार करें। यदि नहीं, तो अनुवाद करने के लिए यहाँ कुछ रणनीतियाँ दी गई हैं।
1. बताएँ कि व्यक्ति ने क्या किया और उसने ऐसा क्यों किया।
1. यह मत बताएँ कि व्यक्ति ने क्या किया, परन्तु बताएँ कि उसका क्या अर्थ है।
1. अपनी संस्कृति से एक गतिविधि का प्रयोग करें जिसका अर्थ वैसा ही है। इसे केवल काव्य, दृष्टान्त, और उपदेशों में ही करें। तब ऐसा न करें जब वास्तव में एक व्यक्ति था जिसने एक विशेष गतिविधि की था।
###अनुवाद रणनीतियों के प्रयोग के उदाहरण
1. बताएँ कि व्यक्ति ने क्या किया और उसने ऐसा क्यों किया।
> याईर यीशु के पैरों पर गिर गया। (लूका 8:41 ULT)
>> यीशु के पैरों पर याईर यह दिखाने के लिए गिर गया कि वह उसका बहुत अधिक सम्मान करता था।
> देखो, मैं दरवाजे पर खड़ा हूँ और खटखटाता हूँ। (प्रकाशितवाक्य 3:20 ULT)
>> देखो, मैं दरवाजे पर खड़ा हूँ और उस को खटखटा रहूँ हूँ, जिससे कि तुम मुझे भीतर आने के लिए कहो।
2. यह मत बताएँ कि व्यक्ति ने क्या किया, परन्तु बताएँ कि उसका क्या अर्थ है।
> याईर यीशु के पैरों पर गिर गया। (लूका 8:41)
>> याईर ने यीशु को बहुत अधिक सम्मान दिखाया।
> देखो, मैं दरवाजे पर खड़ा हूँ और खटखटाता हूँ। (प्रकाशितवाक्य 3:20)
>> देखो, मैं दरवाजे पर खड़ा हूँ और तुम से भीतर आने के लिए कहता हूँ।
3. अपनी संस्कृति से एक गतिविधि का प्रयोग करें जिसका अर्थ वैसा ही है।
> याईर यीशु के चरणों में गिर गया। (लूका 8:41 यूएलटी) - क्योंकि याईर ने वास्तव में ऐसा किया था, इसलिए हम अपनी संस्कृति से इसके लिए कोई विकल्प नहीं देंगे।
> देखो, मैं दरवाजे पर खड़ा हूँ और खटखटाता हूँ। (प्रकाशितवाक्य 3:20 यूएलबी) - यीशु एक वास्तविक दरवाजे पर नहीं खड़ा था। अपितु वह लोगों के साथ सम्बन्ध बनाने के बारे में बात कर रहा था। इस कारण ऐसी संस्कृतियाँ जहाँ एक घर में भीतर जाने की इच्छा रखते समय किसी के द्वारा गले से हुंकार भरना विनम्र तरीका है, तो आप उसका उपयोग कर सकते हैं
>> देखो, मैं दरवाजे पर खड़ा हूँ और अपने गले से हुंकार भर रहा हूँ।

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प्रतीकात्मक कार्य क्या है और उनका अनुवाद कैसे करूँ?

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प्रतीकात्मक कार्य

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### वर्णन
जब लोग एक कहानी को बताते हैं, तो वे सामान्य रूप से घटनाओं को बताते हैं, उनमें क्या घटित हुआ था। घटनाओं का यह अनुक्रम कहानी की कथा को निर्मित करता है। कहानी की कथा सक्रिय क्रियाओं से भरी होती है, जो समय के साथ कहानी को आगे बढ़ाती हैं। परन्तु कभी-कभी एक लेखक कहानी से विराम लगा सकता है और कुछ श्रोताओं को कहानी सुनने में सहायता करने के लिए कुछ जानकारी दे सकता है। इस प्रकार की सूचनाओं को **पृष्ठभूमि की जानकारी** कहा जाता है। पृष्ठभूमि की जानकारी उन बातों के बारे में हो सकती है, जो घटनाओं से पहले हुईं थीं, या यह कहानी में किसी बात को समझा सकती हैं, या यह कुछ ऐसी होंगी जो बहुत बाद में कहानी में घटित होंगी।
**उदाहरण** - नीचे दी गई कहानी में रेखांकित वाक्य पृष्ठभूमि की पूरी जानकारी हैं।
पतरस और यूहन्ना एक शिकार यात्रा पर गए क्योंकि **उनके गाँव में अगले दिन एक त्यौहार होने वाला था**. **पतरस गाँव का सबसे अच्छा शिकारी था**. **उसने एक बार तीन जंगली सूअरों को मार डाला था! ** वे जंगली सुअर की आवाज पाने के लिए कम झाड़ियों के मध्य में से घंटों तक चलते रहे। सुअर भाग गया, परन्तु वे सुअर को गोली दागने और उसे मारने में सफल रहे। फिर उन्होंने उसके पैरों को थोड़ी सी रस्सी के साथ बांध लिया **जिसे वे अपने साथ लाए थे**, और उसे एक लकड़ी पर लटका कर घर ले गए।जब वे उसे गाँव में लाए, तो पतरस के चचेरे भाई ने सुअर को देखा और महसूस किया कि **यह उसका स्वयं का सुअर था**. पतरस ने गलती से उसके अपने चचेरे भाई के सुअर को मार डाला था .
पृष्ठभूमि की जानकारी अक्सर ऐसी बात के बारे में बताती है, जो पहले घटित हुई थी या ऐसा ही कुछ बाद में घटित होगा। इनके कुछ उदाहरण ये हैं "उनके गाँव में अगले दिन एक त्योहार होगा" और "उसने एक बार तीन जंगली सूअरों को मार डाला था," "जिसे वे अपने साथ लाए थे," और "पतरस ने गलती से अपने स्वयं के चचेरे भाई के सुअर को मार डाला था।"
अक्सर पृष्ठभूमि की जानकारी देने वाली सक्रिय क्रियाएँ "होगा" की अपेक्षा क्रियाओं जैसे "थी" और "थे" का उपयोग करती है। इनके कुछ उदाहरण ये हैं "पतरस गाँव में सबसे अच्छा शिकारी **था**" और "यह उसका स्वयं का सुअर **था**."
पृष्ठभूमि की जानकारी को उन शब्दों के साथ भी चिह्नित किया जा सकता है, जो पाठक को बताते हैं कि यह जानकारी कहानी की घटना का भाग नहीं है। इस कहानी में, इनमें से कुछ शब्द "क्योंकि," "एक बार," और "था" इत्यादि है।
####एक लेखक पृष्ठभूमि की जानकारी का उपयोग कर सकता है
* अपने श्रोताओं को कहानी में रुचि रखने में सहायता देने के लिए
* अपने श्रोताओं को कहानी में कुछ समझने में सहायता देने के लिए
* श्रोताओं को समझने में सहायता देने के लिए कि कहानी में कुछ महत्वपूर्ण क्यों है
* एक कहानी की रूपरेखा या पूर्वस्थिति को बताने के लिए
* पूर्वस्थिति में निम्न बातें सम्मिलित होती हैं:
* कहानी कहाँ घटित हुई है
* कहानी कब घटित हुई है
* उस समय कौन उपस्थित है जब कहानी आरम्भ होती है
* कहानी आरम्भ होने पर क्या हो रहा है
### कारण यह अनुवाद की समस्या है
* भाषाओं की पृष्ठभूमि की जानकारी और कहानी की जानकारी को चिह्नित करने के विभिन्न तरीके होते हैं।
* आपको (अनुवादकों को) बाइबल में घटनाओं के क्रम को जानने की आवश्यकता होती है, यह जानकारी पृष्ठभूमि की जानकारी, और कहानी की जानकारी होती है।
* अनुवादकों को कहानी को इस तरह से अनुवाद करने की आवश्यकता होती है, जो पृष्ठभूमि की जानकारी को इस तरह से चिह्नित करे कि उसके पाठक घटनाओं के क्रम को समझें, जो जानकारी पृष्ठभूमि की जानकारी, और कहानी की जानकारी होती है।
### बाइबल से उदाहरण
> हाजिरा ने अब्राम के पुत्र को जन्म दिया, और अब्राम ने अपने पुत्र का नाम इश्माएल रखा, जिसे हाजिरा ने जन्म दिया था। अब्राम **छियासी वर्ष का था** जब हाजिरा ने इश्माएल को अब्राम के द्वारा जन्म दिया। (उत्पत्ति 16:16 ULT)
पहला वाक्य दो घटनाओं के बारे में बताता है। हाजिरा ने जन्म दिया और अब्राहम ने अपने पुत्र को नाम दिया। दूसरी वाक्य पृष्ठभूमि की जानकारी देता है, कि जब ये बातें हुईं तब अब्राम कितना बुजुर्ग था।
> अब स्वयं यीशु, जब उसने सिखाना आरम्भ कर दिया, तो लगभग **तीस वर्ष की आयु का था**. वह हेली के पुत्र यूसुफ **का पुत्र था** (जैसा कि माना जाता था)। (लूका 3:23 ULT)
यह वचन यीशु के बपतिस्मा लेने के बारे में बताए जाने से पहले का है। यह वाक्य यीशु की आयु और पूर्वजों के बारे में पृष्ठभूमि की जानकारी प्रस्तुत करता है। कहानी अध्याय 4 में पुन: आरम्भ होती है, जहाँ यह यीशु के जंगल में जाने के बारे में बताती है।
> अब यह **एक सब्त के दिन हुआ था** कि यीशु **गेहूँ के खेतों में से जा रहा था** और उसके शिष्य **गेहूँ की बालियाँ तोड़ते हुए**, उसे अपने हाथों में रगड़ रहे थे, और गेहूँ को खा रहे थे। परन्तु कुछ फरीसियों ने कहा… (लूका 6:1-2अ ULT)
ये वचन कहानी की पूर्वस्थिति को देते हैं। घटनाएँ सब्त के दिन गेहूँ के खेत में हुईं। यीशु, उसके शिष्य और कुछ फरीसी वहाँ थे, और यीशु के शिष्य गेहूँ की बालियाँ तोड़ रहे थे और उसे खा रहे थे। कहानी में मुख्य कार्यवाही वाक्य के साथ आरम्भ होती है, "परन्तु कुछ फरीसियों ने कहा।"
### अनुवाद की रणनीतियाँ
अनुवादों को स्पष्ट और स्वभाविक रखने के लिए आपको अध्ययन करना होगा कि लोग आपकी भाषा में कहानियाँ कैसे बताते हैं। देखें कि आपकी भाषा पृष्ठभूमि की जानकारी को कैसे चिह्नित करती है। इसका अध्ययन करने के लिए आपको कुछ कहानियाँ लिखने की आवश्यकता हो सकती है। पृष्ठभूमि की जानकारी के लिए आपकी भाषा किस प्रकार की क्रियाओं का उपयोग करती है और किस प्रकार के शब्द या अन्य चिन्ह्ति संकेत देती हैं कि कोई बात पृष्ठभूमि की जानकारी है। जब आप अनुवाद करते हैं, तो इन बातों को उपयोग करें, ताकि आपका अनुवाद स्पष्ट और स्वभाविक हो और लोग इसे आसानी से समझ सकें।
1. अपनी भाषा में इसे दिखाने के तरीके का उपयोग करें कि कोई जानकारी पृष्ठभूमि की जानकारी है।
1. जानकारी को पुन: व्यवस्थित करें ताकि पहले की घटनाओं का उल्लेख पहले किया जा सके। (पृष्ठभूमि की जानकारी बहुत लम्बी होने पर यह सदैव सम्भव नहीं होता है।)
###अनुवाद रणनीतियों के प्रयोग के उदाहरण
1. अपनी भाषा में इसे दिखाने के तरीके का उपयोग करें कि कोई जानकारी पृष्ठभूमि की जानकारी है। नीचे दिए गए उदाहरण बताते हैं कि यह यूएलटी अंग्रेजी अनुवादों में इसे कैसे किया गया था।
> **अब** स्वयं यीशु, जब उसने सिखाना आरम्भ कर दिया, तो लगभग तीस वर्ष की आयु का **था**. वह हेली के पुत्र यूसुफ के पुत्र **था** (जैसा माना जाता था)। (लूका 3:23 ULT)
अंग्रेजी "अब" शब्द का उपयोग यह दिखाने के लिए करता है कि कहानी में किसी प्रकार का परिवर्तन है। क्रिया "था" दिखाती है कि यह पृष्ठभूमि की जानकारी है।
> कई अन्य उपदेशों के साथ, उसने लोगों को शुभ समाचार का प्रचार किया। यूहन्ना ने चौथाई के राजा हेरोदेस को भी **उसके अपने भाई की पत्नी हेरोदियास के साथ विवाह करने** और **हेरोदेस की अन्य सभी बुरी बातों के लिए भी ताडना दी**. परन्तु फिर हेरोदेस ने एक और बहुत बुरा काम किया। उसने यूहन्ना को जेल में डाल दिया। (लूका 3:18-20 ULT)
यूहन्ना के द्वारा हेरोदेस को ताड़ना देने से पहले रेखांकित वाक्यांश घटित हुए हैं। अंग्रेजी में, सहायता करने वाले क्रिया शब्द "किए थे" में "करना" से पता चलता है कि हेरोदेस ने उन बातों को यूहन्ना के द्वारा ताड़ना देने से पहले किया था।
1. जानकारी को पुन: व्यवस्थित करें ताकि पहले की घटनाओं का उल्लेख पहले किया जा सके।
> हाजिरा ने अब्राम के पुत्र को जन्म दिया, और अब्राम ने अपने पुत्र का नाम इश्माएल रखा, जिसे हाजिरा ने जन्म दिया था। **अब्राम छियासी वर्ष का था जब हाजिरा ने इश्माएल को अब्राम के द्वारा जन्म दिया था**. (उत्पत्ति 16:16 ULT)
>> "**जब अब्राम छियासी वर्ष का था**, हाजिरा ने अपने पुत्र को जन्म दिया, और अब्राम ने अपने पुत्र को इश्माएल नाम दिया।"
> यूहन्ना ने चौथाई के राजा हेरोदेस को भी **उसके अपने भाई की पत्नी हेरोदियास के साथ विवाह करने** और **हेरोदेस की अन्य सभी बुरी बातों के लिए भी ताडना दी**. परन्तु फिर हेरोदेस ने एक और बहुत बुरा काम किया। उसने यूहन्ना को जेल में डाल दिया। (लूका 3:18-20)
नीचे दिया गया अनुवाद यूहन्ना के विद्रोह और हेरोदेस के कार्यों को दर्शाता है।
>> “अब चौथाई के राजा हेरोदेस ने अपने भाई की पत्नी हेरोदियास से शादी की, और उसने कई अन्य बुरे काम किए, इसलिए यूहन्ना ने उसकी ताड़ना की। परन्तु फिर हेरोदेस ने एक और बहुत बुरा काम किया। उसने यूहन्ना को जेल में डाल दिया।”

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पृष्ठभूमि की जानकारी क्या है और मैं कैसे बताऊँ कि कौन सी सूचनाएँ पृष्ठभूमि की जानकारी होती हैं?

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पृष्ठभूमि की जानकारी

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### वर्णन
कहानी के अन्त में विभिन्न प्रकार की जानकारी दी जा सकती है। अक्सर यह पृष्ठभूमि की जानकारी होती है। पृष्ठभूमि की जानकारी यह उन गतिविधियों से अलग होती है जो कहानी के मुख्य भाग को बनाती हैं। बाइबल की एक पुस्तक अक्सर कई छोटी कहानियों से मिलकर बनी होती है, जो एक पुस्तक की बड़ी कहानी का भाग होती हैं। उदाहरण के लिए, लूका की पुस्तक की बड़ी कहानी में यीशु के जन्म की कहानी एक छोटी सी कहानी है। इनमें से प्रत्येक कहानियाँ, चाहे बड़े या छोटे हों, इसके अन्त में पृष्ठभूमि की जानकारी हो सकती है।
#### कहानी की जानकारी के अन्त के लिए विभिन्न उद्देश्य
* कहानी को सारांशित करने के लिए
* कहानी में क्या हुआ इसके बारे में एक टिप्पणी देने के लिए
* एक छोटी सी कहानी को बड़ी कहानी से जोड़ने के लिए यह एक भाग है
* पाठक को यह बताने के लिए कहानी के मुख्य भाग के बाद एक विशेष पात्र के साथ क्या घटित होता है
* कहानी के मुख्य भाग के बाद निरन्तर चलने वाली कार्यवाही को बताने के लिए
* यह बताने के लिए कहानी में होने वाली घटनाओं के परिणामस्वरूप कहानी के बाद क्या होता है
### कारण यह अनुवाद की समस्या है
विभिन्न भाषाओं में इस प्रकार की जानकारी प्रस्तुत करने के विभिन्न तरीके होते हैं। यदि आप (अनुवादक) अपनी भाषा के तरीकों का उपयोग नहीं करते हैं, तो पाठकों को ये बातें पता नहीं हो सकती हैं:
* यह जानकारी कहानी समाप्त कर रही है
* जानकारी का उद्देश्य क्या है
* जानकारी कहानी से कैसे सम्बन्धित है
#### अनुवाद के सिद्धान्त
* एक कहानी के अन्त में विशेष प्रकार की जानकारी का अनुवाद उस तरह से करें जैसे आपकी भाषा उस जानकारी को व्यक्त करती है।
* इसका अनुवाद करें ताकि लोग समझ सकें कि यह उस कहानी से कैसे सम्बन्धित है, जो उसका भाग है।
* यदि सम्भव हो, तो कहानी के अन्त का अनुवाद इस तरह से करें कि लोगों को पता चले कि कहानी कहाँ समाप्त होती है और अगली कहानी कहाँ से आरम्भ होती है।
### बाइबल से उदाहरण
1. कहानी सारांशित करने के लिए
> तब शेष पुरुषों का जाना चाहिए, कुछ को तख्तों पर, और कुछ को जहाज की अन्य वस्तुओं के ऊपर। **इस तरह से ऐसा हुआ कि हम सभी सुरक्षित रूप से भूमि पर आ गए।** (प्रेरितों 27:44 ULT)
1. कहानी में क्या हुआ उसके बारे में एक टिप्पणी देने के लिए
> जादू की कलाओं का अभ्यास करने वाले बहुत से लोग अपनी पुस्तकें एक साथ लाए और उन्हें सभी के सामने जला दिया। जब उन्होंने उनके मूल्य की गिनती की, तो यह चाँदी के पचास हजार टुकड़े थे। **इस तरह परमेश्वर का वचन सामर्थी तरीकों में व्यापक रूप से फैलता चला गया।** (प्रेरितों 19:19-20 ULT)
1. पाठक को यह बताने के लिए कहानी के मुख्य भाग के बाद एक विशेष पात्र के साथ क्या घटित होता है
> मरियम ने कहा, "मेरी आत्मा प्रभु की स्तुति करती है, और मेरी आत्मा परमेश्वर मेरे उद्धारकर्ता में प्रसन्न होती है …" **मरियम इलीशिबा के साथ तीन महीने तक रुकी और फिर अपने घर लौट आई।** (लूका 1:46 -47, 56 ULT)
कहानी के मुख्य भाग के बाद निरन्तर चलने वाली गतिविधि को बताने के लिए
> जो लोग यह सुनते थे, कि चरवाहों के द्वारा उनसे जो बात की गई थी, उससे वे आश्चर्यचकित थे। **परन्तु मरियम उन सभी बातों के बारे में निरन्तर सोचती रही, जिसे उसने सुना था, उन्हें अपने मन में ही रखा।** (लूका 2:18-19 ULT)
1. यह बताने के लिए कहानी में होने वाली घटनाओं के परिणामस्वरूप कहानी के बाद क्या होता है
> "यहूदी कानूनों के शिक्षकों के ऊपर हाय, क्योंकि उन्होंने ज्ञान की कुँजी तो ले ली है, परन्तु वे आप स्वयं प्रवेश नहीं करते हैं, और प्रवेश करने वालों के मार्ग में बाधा डालते हैं।" **यीशु के वहाँ जाने के बाद, शास्त्री और फरीसियों ने उसका विरोध किया और कई शब्दों को लेकर उसके साथ तर्क दिया, उसे अपने शब्दों में फंसाने की प्रयास की।** (लूका 11:52-54 ULT)

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एक कहानी के अंत में किस प्रकार की सूचनाएँ दी गर्इ होती हैं?

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कहानी का अंत

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### वर्णन
जब लोग एक कहानी को बताते हैं, तो वे एक घटना या घटनाओं की एक श्रृंखला के बारे में बताते हैं। अक्सर वे कहानी के आरम्भ में कुछ जानकारी को देते हैं, जैसे कि कहानी किसके बारे में है, कब क्या घटित हुआ, और यह कहाँ घटित हुआ था। कहानी का आरम्भ होने से पहले जिन घटनाओं की जानकारी लेखक देता है उसे कहानी की पूर्वस्थिति कहा जाता है। एक कहानी में कुछ नई घटनाओं में भी एक पूर्वस्थिति होती है क्योंकि उसमें नए लोग, नए समय और नए स्थान सम्मिलित हो सकते हैं। कुछ भाषाओं में लोग यह भी बताते हैं कि उन्होंने घटना को देखा है या किसी और से इसके बारे में सुना है।
जब आपके लोग घटनाओं के बारे में बताते हैं, तो आरम्भ में वे कौन सी जानकारी देते हैं? क्या कोई निश्चित क्रम है जिसमें उन्होंने इसे रखा है? आपके अनुवाद में, आपको अपनी भाषा में एक नई कहानी या स्रोत भाषा के तरीके की अपेक्षा एक नई घटना के परिचय को प्रस्तुत करने के लिए दिए गए आरम्भ को उपयोग करने की आवश्यकता होगी। इस तरह आपका अनुवाद स्वभाविक रूप से शुद्ध होगा और आपकी भाषा में स्पष्ट रूप से संचारित करेगा।
### बाइबल से उदाहरण
> यहूदिया के राजा, **हेरोदेस के दिनों में**, **जकर्याह नाम का एक विशेष याजक**, अबिय्याह के दल से था। **उसकी पत्नी** हारून की पुत्रियों में से थी, और उसका नाम इलीशिबा था। (लूका 1:5 ULT)
उपरोक्त वचन जकर्याह के बारे में एक कहानी प्रस्तुत करते हैं। पहला रेखांकित वाक्यांश बताता है कि यह कब घटित हई, और अगले दो रेखांकित वाक्यांश मुख्य लोगों को प्रस्तुत करते हैं। अगले दो वचन बताते हैं कि जकर्याह और इलीशिबा बूढ़े थे और उनके पास कोई बच्चा नहीं था। यह सब पूर्वस्थिति है। फिर लूका 1:8 में "एक दिन" वाक्यांश इस कहानी में पहली घटना को प्रस्तुत करने में सहायता करता है:
>> **एक दिन** जबकि जकर्याह अपने दल की व्यवस्था के अनुसार परमेश्वर के सामने एक याजक के रूप में अपने कर्तव्यों का पालन कर रहा था, याजकों ने अपनी परम्परा का पालन किया और उसे परमेश्वर के मन्दिर में प्रवेश करने और धूप जलाने के लिए चुना। (लूका 1:8-9 ULT)
> **यीशु मसीह का जन्म निम्न तरीके से हुआ।** उसकी माता मरियम की यूसुफ के साथ मंगनी हुई थी, परन्तु इससे पहले कि वे एक साथ आते, वह पवित्र आत्मा की ओर से गर्भवती पाई गई। (मत्ती 1:18 ULT)
ऊपर दिया गया रेखांकित वाक्य यह स्पष्ट करता है कि यीशु के बारे में एक कहानी प्रस्तुत की जा रही है। कहानी बताएगी कि यीशु का जन्म कैसे हुआ।
> **हेरोदेस राजा के दिनों में यहूदिया के बेतलेहेम में यीशु के जन्म के होने के बाद राजा**, ने यह जाना कि पूर्व से विद्वान लोग यरूशलेम में पहुँचे हैं… (मत्ती 2:1 ULT)
ऊपर दिए गए रेखांकित वाक्यांश से पता चलता है कि विद्वान पुरुषों से सम्बन्धित घटनाएँ यीशु के जन्म के **बाद** घटित हुई थीं।
> **उन दिनों में** यूहन्ना बपतिस्मा देने वाले यहूदिया के जंगल में प्रचार कर रहा था, … (मत्ती 3:1-22 ULT)
ऊपर दिए गए रेखांकित वाक्यांश से पता चलता है कि यूहन्ना बपतिस्मा देने वाले पिछली घटनाओं के समय प्रचार कर रहा था। यह कदाचित् बहुत ही अधिक सामान्य है और यह दर्शाता है कि यीशु नासरत में कब रहता था।
> **तब** यीशु गलील से यरदन नदी तक यूहन्ना से बपतिस्मा लेने के लिए आया था। (मत्ती 3:13 ULT)
शब्द "तब" से पता चलता है कि यीशु पिछले वचनों की घटनाओं के कुछ समय बाद यरदन नदी में आया था।
> अब वहाँ पर एक **फरीसी था जिसका नाम नीकुदेमुस था, जो यहूदी महासभा का सदस्य था**. यह व्यक्ति रात के समय यीशु के पास आया (यूहन्ना 3:1-2 ULT)
लेखक ने पहले नए व्यक्ति को प्रस्तुत किया और फिर बताया कि उसने क्या किया और जब उसने ऐसा कब किया। कुछ भाषाओं में समय को पहला बताना और अधिक स्वभाविक हो सकता है।
> <sup> 6</sup> पृथ्वी पर बाढ़ आने के समय नूह छह सौ वर्ष का था। > <sup> 7</sup> नूह, उसके पुत्र, उसकी पत्नी और उसके पुत्रों की पत्नियाँ बाढ़ के पानी की कारण एक साथ जहाज में गए। (उत्पत्ति 7:6-7 ULT)
वचन 6 उन अध्यायों का सारांश है, जो अध्याय 7 के शेष में घटित होती हैं। अध्याय 6 ने पहले ही बता दिया है कि परमेश्वर ने नूह को बताया कि बाढ़ आएगी, और नूह कैसे इसके लिए तैयार हुआ। अध्याय 7 वचन 6 कहानी के उस भाग को प्रस्तुत करता है, जो नूह और उसके परिवार और जहाज में जाने वाले जानवरों, वर्षा आरम्भ होने और वर्षा के पृथ्वी पर बाढ़ के रूप में आने के बारे में बताता है। कुछ भाषाओं को यह स्पष्ट करने की आवश्यकता हो सकती है कि यह वचन घटना मात्र का परिचय देता है, या इस वचन को वचन 7 के बाद ले जाए जाए। वचन 6 कहानी की घटनाओं में से एक नहीं है। बाढ़ आने से पहले लोग जहाज में चले गए थे।
### अनुवाद की रणनीतियाँ
यदि किसी नई घटना के आरम्भ में दी गई जानकारी आपके पाठकों के लिए स्पष्ट और स्वाभाविक है, तो उसे अनुवाद करने के लिए विचार करें जैसी यह यूएलटी या यूएसटी में पाई जाती है। यदि नहीं, तो इन रणनीतियों में से एक के ऊपर विचार करें।
1. उस जानकारी को प्रस्तुत करें जो घटना को उस क्रम में प्रस्तुत करती है, जिसमें आपके लोग इसे रखते हैं।
1. यदि पाठक कुछ निश्चित जानकारी की अपेक्षा करते हैं, परन्तु यह बाइबल में नहीं है, तो उस जानकारी को देने के लिए अनिश्चित शब्द या वाक्यांश का उपयोग करने पर विचार करें, जैसे: "किसी अन्य समय" या "कोई।"
1. यदि परिचय पूरी घटना का सारांश है, तो अपनी भाषा में इसे इस तरह से दिखाने के तरीके का उपयोग करें कि यह सारांश है।
1. यदि आरम्भ में ही घटना का सारांश देना लक्षित भाषा में असामान्य है, तो दिखाएँ कि घटना वास्तव में कहानी में बाद की होगी।
###अनुवाद रणनीतियों के प्रयोग के उदाहरण
1. उस जानकारी को प्रस्तुत करें जो घटना को उस क्रम में प्रस्तुत करती है, जिसमें आपके लोग इसे रखते हैं।
> अब वहाँ पर एक **फरीसी था जिसका नाम नीकुदेमुस था, जो यहूदी महासभा का सदस्य था**. यह व्यक्ति रात के समय यीशु के पास आया और उससे कहा… (यूहन्ना 3:1,2)
> एक **व्यक्ति जिसका नाम निकुदेमुस था। वह एक फरीसी और यहूदी महसभा का सदस्य था**. एक रात वह यीशु के पास आया और उससे कहा…
>> एक रात **निकुदेमुस नाम का एक व्यक्ति, जो एक फरीसी था और यहूदी महासभा का सदस्य**, यीशु के पास आया और कहा…
**जैसे ही वह वहाँ से पार हुआ, **उसने कर संग्रह करने वाले स्थान पर** हलफई के पुत्र लेवी को देखा, और उसने उससे कहा … (मरकुस 2:14 ULT)
>> जैसे ही वह वहाँ से पार हुआ, **उसने कर संग्रह करने वाले स्थान पर** हलफई के पुत्र लेवी को देखा। यीशु ने उसे देखा और उससे कहा ...
>> जैसे ही वह से होकर निकला, **वहाँ एक व्यक्ति** कर संग्रह करने वाले स्थान पर बैठा था। उसका नाम लेवी था, और वह हलफई का पुत्र था। यीशु ने उसे देखा और उससे कहा...
>> जैसे ही से होकर निकलका, **उसने वहाँ एक चुँगी लेने वाले को** चुँगी इक्ट्टा करने वाले स्थान पर बैठे देखे। उसका नाम लेवी था, और वह हलफई का पुत्र था। यीशु ने उसे देखा और उससे कहा...
2. यदि पाठक कुछ निश्चित जानकारी की अपेक्षा करते हैं, परन्तु यह बाइबल में नहीं है, तो उस जानकारी को देने के लिए अनिश्चित शब्द या वाक्यांश का उपयोग करने पर विचार करें, जैसे: "किसी अन्य समय" या "कोई।"
> पृथ्वी पर बाढ़ के आने के समय नूह छः सौ वर्ष का था।** (उत्पत्ति 7:6 यूएलटी) - यदि लोगों नई घटना के बारे में कुछ बताया जाने की अपेक्षा करते है, तो वाक्यांश "उसके बाद" उनकी सहायता कर सकता है, देखें कि यह घटनाओं के पहले ही उल्लेख किया गया है।
>> **उसके बाद**, जब नूह छह सौ वर्ष का था, तो बाढ़ पृथ्वी पर आई।
> **फिर उसने झील के किनारे में सिखाना** आरम्भ किया। (मरकुस 4:1 यूएलटी) - अध्याय 3 में यीशु किसी के घर पर शिक्षा दे रहा था। पाठकों को यह बताने की आवश्यकता हो सकती है कि यह नई घटना किसी अन्य समय पर घटित हुई थी, या यीशु वास्तव में झील में गया था।
>> **किसी अन्य समय** यीशु ने झील के किनारे में लोगों को पुन: शिक्षा देनी आरम्भ की।
>> यीशु झील में गया और **लोगों को पुन:** वहाँ सिखाना आरम्भ किया।
3. यदि परिचय पूरी घटना का सारांश है, तो अपनी भाषा में इसे इस तरह से दिखाने के तरीके का उपयोग करें कि यह सारांश है।
> पृथ्वी पर बाढ़ आने पर नूह छह सौ वर्ष का था। (उत्पत्ति 7:6 ULT)
>> **अब यह घटित हुआ कि जब** नूह छह सौ वर्ष का था और बाढ़ पृथ्वी पर आई थी।
>> **यह भाग बताता है कि क्या हुआ जब** बाढ़ पृथ्वी पर आई थी। ऐसा हुआ जब नूह छह सौ वर्ष का था।
4. यदि आरम्भ में ही घटना का सारांश देना लक्षित भाषा में असामान्य है, तो दिखाएँ कि घटना वास्तव में कहानी में बाद की होगी।
> पृथ्वी पर बाढ़ आने के समय नूह छह सौ वर्ष का था। नूह, उसके पुत्र, उसकी पत्नी और उनके पुत्र की पत्नियाँ बाढ़ के पानी की कारण जहाज में एक साथ गए। (उत्पत्ति 7:6-7 ULT)
>> **अब यह घटित हुआ कि जब** नूह छह सौ वर्ष का था। नूह, उसके पुत्र, उनकी पत्नी और उनके पुत्रों की पत्नियाँ एक साथ जहाज में गए क्योंकि **परमेश्वर ने कहा था कि बाढ़ का पानी आ जाएगा**.

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एक कहानी में हम एक नर्इ घटना का परिचय कैसे करवाएँ?

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नर्इ घटनाओं का परिचय

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### वर्णन
पहली बार जब किसी कहानी में लोगों या वस्तुओं का उल्लेख किया जाता है, तो वे **नए प्रतिभागी** होते हैं। उसके बाद, जब भी उनका उल्लेख किया जाता है, वे **पुराने प्रतिभागी** होते हैं।
>अब **एक फरीसी था जिसका नाम निकुदेमुस था** …**यह व्यक्ति** रात के समय यीशु के पास आया … यीशु ने **उसे** उत्तर दिया (यूहन्ना 3:1)
पहला रेखांकित वाक्यांश नीकुदेमुस को एक नए प्रतिभागी के रूप में प्रस्तुत करता है। उसके बाद उसे "यह व्यक्ति" और "उसे" कहा जाता है, तब वह एक पुराना प्रतिभागी होता है।
### कारण यह अनुवाद की समस्या है
अपने अनुवाद को स्पष्ट और स्वभाविक बनाने के लिए, प्रतिभागियों को इस तरह से सन्दर्भित करना आवश्यक है कि लोगों को पता चले कि वे नए प्रतिभागियों या उन प्रतिभागियों के बारे में जानते हैं, जिन्हें वे पहले से ही पढ़ चुके हैं। विभिन्न भाषाओं में ऐसा करने के विभिन्न तरीके होते हैं। आपको अपनी भाषा उस तरीके का पालन करना चाहिए, न कि जिस तरह से स्रोत भाषा करती है।
### बाइबल में से उदाहरण
#### नए प्रतिभागी
अक्सर सबसे महत्वपूर्ण नए प्रतिभागी को एक वाक्यांश के साथ प्रस्तुत किया जाता है, जो कहता है कि वह अस्तित्व में है, जैसे कि "वहाँ एक व्यक्ति था" नीचे दिए गए उदाहरण में। "वहाँ था" वाक्यांश हमें बताता है कि यह व्यक्ति पहले से ही अस्तित्व में था। "एक व्यक्ति" शब्द "एक" हमें बताता है कि लेखक पहली बार उसके बारे में बात कर रहा है। शेष वाक्य बताता है कि यह व्यक्ति कहाँ से आया था, उसका परिवार कौन सा था, और उसका नाम क्या था।
> **वहाँ एक व्यक्ति** दानियों के परिवार से था, जिसका नाम मानोह था। (न्यायियों 13:2 ULT)
एक नया प्रतिभागी जो सबसे अधिक महत्वपूर्ण नहीं है, अक्सर उसे पहले से प्रस्तुत किए जाने वाले अधिक महत्वपूर्ण व्यक्ति के सम्बन्ध में प्रस्तुत किया जाता है। नीचे दिए गए उदाहरण में, मानोह की पत्नी को मात्र "उसकी पत्नी" कहा जाता है। यह वाक्यांश उसके साथ उसका सम्बन्ध दिखाता है।
> वहाँ एक व्यक्ति दानियों के परिवार से था, जिसका नाम मानोह था। **उसकी पत्नी** गर्भवती होने में सक्षम नहीं थी और इसलिए वह किसी को जन्म नहीं देती। (न्यायियों 13:2 ULT)
कभी-कभी एक नया प्रतिभागी के नाम से प्रस्तुत किया जाता है, क्योंकि लेखक यह कल्पना करता है कि पाठकों को पता है कि व्यक्ति कौन है। 1 राजा की पहला वचन में, लेखक कल्पना करता है कि उसके पाठकों को पता है कि राजा दाऊद कौन है, इसलिए यह समझाने की कोई आवश्यकता नहीं है कि वह कौन है।
> जब राजा दाऊद बहुत बूढ़ा हो गया, तो उन्होंने उसे कम्बल से ढका दिया, परन्तु वह गर्म नहीं रह सका। (1 राजा 1:1 ULT)
#### पुराने प्रतिभागी
एक व्यक्ति जिसे पहले से ही कहानी में लाया गया था, उसे उसके बाद सर्वनाम के साथ सन्दर्भित किया जा सकता है। नीचे दिए गए उदाहरण में, मानोह को "उसकी" सर्वनाम के साथ सन्दर्भित किया जाता है और उसकी पत्नी को "वह" सर्वनाम के साथ सन्दर्भित किया जाता है।
> **उसकी** पत्नी गर्भवती होने में सक्षम नहीं थी और इसलिए **वह** किसी को जन्म नहीं देती। (न्यायियों 13:2 ULT)
कहानी में क्या हो रहा है, इस पर निर्भर करते हुए पुराने प्रतिभागियों को अन्य तरीकों से भी सन्दर्भित किया जा सकता है। नीचे दिए गए उदाहरण में, कहानी एक पुत्र को जन्म देने के बारे में है, और मानोह की पत्नी को "स्त्री" संज्ञा वाक्यांश के साथ सन्दर्भित किया जाता है।
> यहोवा का दूत **स्त्री** को दिखाई दिया और उससे कहा, (न्यायियों 13:3 ULT)
यदि पुराने प्रतिभागी का कुछ समय के लिए उल्लेख नहीं किया गया है, या यदि प्रतिभागियों के बीच भ्रम हो सकता है, तो लेखक प्रतिभागी के नाम का पुन: उपयोग कर सकता है। नीचे दिए गए उदाहरण में, मानोह को उसके नाम से सन्दर्भित किया गया है, जिसे लेखक ने वचन 2 के बाद उपयोग नहीं किया है।
> फिर **मानोह** ने परमेश्वर से प्रार्थना की … (न्यायियों 13:8 ULT)
कुछ भाषाओं में क्रिया के बारे में कुछ ऐसी बात है, जो कर्ता के बारे में कुछ और बताती है। उन भाषाओं में से कुछ लोग सदैव पुराने वाक्यांशों के लिए संज्ञा वाक्यांशों या सर्वनामों का उपयोग नहीं करते हैं, जब वे वाक्य में कर्ता होते हैं। क्रिया पर चिन्ह्ति करना श्रोता के लिए पर्याप्त जानकारी यह समझने के लिए देता है कि कर्ता कौन है। (देखें क्रियाएँ ](../figs-verbs/01.md).)
### अनुवाद की रणनीतियाँ
1. यदि प्रतिभागी नया है, तो नए प्रतिभागियों को प्रस्तुत करने के लिए अपनी भाषा के तरीकों में से एक का उपयोग करें।
1. यदि यह स्पष्ट नहीं है कि यह सर्वनाम को सन्दर्भित करता है, तो संज्ञा वाक्यांश या नाम का उपयोग करें।
1. यदि किसी पुराने प्रतिभागी को नाम या संज्ञा वाक्यांश के द्वारा सन्दर्भित किया जाता है, और लोग सोचते हैं कि यह एक और नया प्रतिभागी है, तो उसकी अपेक्षा सर्वनाम का उपयोग करने का प्रयास करें। यदि सर्वनाम की आवश्यकता नहीं है, क्योंकि लोग इसे सन्दर्भ से स्पष्ट रूप में समझेंगे, तो सर्वनाम के उपयोग को छोड़ दें।
###अनुवाद रणनीतियों के प्रयोग के उदाहरण
(1) यदि प्रतिभागी नया है, तो नए प्रतिभागियों को प्रस्तुत करने के लिए अपनी भाषा के तरीकों में से एक का उपयोग करें।
> यूसुफ, एक लेवी साइप्रस से था, जिसे प्रेरितों के द्वारा बरनबास नाम दिया गया था (अर्थात्, इसकी व्याख्या, प्रोत्साहन का पुत्र है)। (प्रेरितों 4:36-37 यूएलटी) - यूसुफ के नाम के साथ वाक्य आरम्भ करना जब उसे परिचित नहीं किया गया है तब कुछ भाषाओं में भ्रम को उत्पन्न कर सकता है।
>> साइप्रस का एक व्यक्ति था, जो लेवी था। उसका नाम यूसुफ था, और उसे प्रेरितों के द्वारा बरनबास नाम दिया गया था (अर्थात्, इसकी व्याख्या, प्रोत्साहन का पुत्र है)।
>> साइप्रस से एक लेवी थी, जिसका नाम यूसुफ था। प्रेरितों ने उसे बरनबास नाम दिया, जिसका अर्थ प्रोत्साहन का पुत्र है।
(2) यदि यह स्पष्ट नहीं है कि यह सर्वनाम को सन्दर्भित करता है, तो संज्ञा वाक्यांश या नाम का उपयोग करें।
> ऐसा तब हुआ जब **उसने** एक निश्चित स्थान पर प्रार्थना करना समाप्त कर दिया, उसके एक शिष्य ने कहा, "हे प्रभु, हमें प्रार्थना करना सिखाएँ जैसे यूहन्ना ने अपने शिष्यों को सिखाई थी।" (लूका 11:1 यूएलटी) - क्योंकि यह एक अध्याय में पहला वचन है, पाठकों को आश्चर्य हो सकता है कि "उस" किसके सन्दर्भ में है।
>> ऐसा हुआ जब **यीशु** ने एक निश्चित स्थान पर प्रार्थना करना समाप्त कर दिया, उसके एक शिष्य ने कहा, "हे प्रभु, हमें प्रार्थना करना सिखाएँ जैसे यूहन्ना ने अपने शिष्यों को सिखाई थी।
(3) यदि किसी पुराने प्रतिभागी को नाम या संज्ञा वाक्यांश के द्वारा सन्दर्भित किया जाता है, और लोग सोचते हैं कि यह एक और नया प्रतिभागी है, तो उसकी अपेक्षा सर्वनाम का उपयोग करने का प्रयास करें। यदि सर्वनाम की आवश्यकता नहीं है, क्योंकि लोग इसे सन्दर्भ से स्पष्ट रूप में समझेंगे, तो सर्वनाम के उपयोग को छोड़ दें।
> **यूसुफ** के स्वामी ने **यूसुफ** को लिया और **उसे** जेल में रखा, उस स्थान पर जहाँ राजा के सभी कैदियों को रखा गया था, और **यूसुफ** वहाँ रहा। (उत्पत्ति 3 9:20 यूएलटी) - क्योंकि यूसुफ कहानी में मुख्य व्यक्ति है, इसलिए कुछ भाषाओं को इसका अत्याधिक उपयोग अस्वभाविक या भ्रमित करने वाला हो सकता है। वे एक सर्वनाम प्राथमिकता दे सकते हैं।
>> यूसुफ के स्वामी ने **उसे** लिया और **उसे** जेल में रखा, उस स्थान पर जहाँ राजा के सभी कैदियों को रखा गया था, और **वह** वहाँ जेल में रहा।

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मेरे अनुवाद को पाठक क्यों नही समझ सकते कि लेखक किसके बारे में लिख रहा था?

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नए एवं पुराने सहभागियों का परिचय