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Larry Versaw 2021-01-18 11:31:40 -07:00
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@ -8,7 +8,9 @@
* जिस मनुष्य को "निर्दोष" माना जाता है, वह परमेश्वर को आदर देनेवाला आचरण रखता है।
* एक बाइबल पद के अनुसार निर्दोष मनुष्य “परमेश्वर का भय मानता है और बुराई से दूर रहता है”।
* अनुवाद के सुझाव: ##
* अनुवाद के सुझाव:
## ??
* इसका अनुवाद इस प्रकार भी हो सकता है “उसका चरित्र दोषरहित है” या पूर्वतः परमेश्वर का आज्ञाकारी है” या “पाप से दूर रहना” या “बुराई से दूर रहता है”
@ -17,11 +19,9 @@
* [1 थिस्सलुनीकियों 02:10](rc://*/tn/help/1th/02/10)
* [1 थिस्सलुनीकियों 03:11-13](rc://*/tn/help/1th/03/11)
* [2 पतरस 03:14](rc://*/tn/help/2pe/03/14)
* [कुलुस्सियों 01: 2](rc://*/tn/help/col/01/21)
* [2](rc://*/tn/help/col/01/21)
* [कुलुस्सियों 01: 2](rc://*/tn/help/col/01/21), [2](rc://*/tn/help/col/01/21)
* [उत्पत्ति 17: 1-2](rc://*/tn/help/gen/17/01)
* [फिलिप्पियों02:](rc://*/tn/help/php/02/14)
* [15](rc://*/tn/help/php/02/15)
* [फिलिप्पियों02:](rc://*/tn/help/php/02/14), [15](rc://*/tn/help/php/02/15)
* [फिलिप्पियों03:6](rc://*/tn/help/php/03/06)
## शब्द तथ्य:

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@ -29,11 +29,10 @@
* [मत्ती 23:27](rc://*/tn/help/mat/23/27)
* [लूका 05:13](rc://*/tn/help/luk/05/13)
* [प्रे.का. 08:07](rc://*/tn/help/act/08/07)
* [प्रे.का.](rc://*/tn/help/act/08/07)
* [10:27-29](rc://*/tn/help/act/10/27)
* [प्रे.का.](rc://*/tn/help/act/08/07), [10:27-29](rc://*/tn/help/act/10/27)
* [कुलुसियों 03:05](rc://*/tn/help/col/03/05)
* [1 थिस्लुनिकियों 04:07](rc://*/tn/help/1th/04/07)
* [याकूब](rc://*/tn/help/jas/04/08)
* [याकूब](rc://*/tn/help/jas/04/08), [04:08](rc://*/tn/help/jas/04/08)
## शब्द तथ्य:

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@ -10,6 +10,8 @@
## अनुवाद सुझाव:
# ??
* “व्यवस्था” शब्द का अनुवाद भिन्न अर्थ में किया जाना सबसे अच्छा है। “आदेश” और “विधियों” की परिभाषा से भी इसकी तुलना करें।
* कुछ अनुवादक अपनी भाषा में एक ही शब्द द्वारा आज्ञा और ईश्वरीय आज्ञा का अनुवाद करना पसंद कर सकते हैं।
* अन्य अनुवादक ईश्वरीय आज्ञा के लिए एक विशेष शब्द का उपयोग करना पसंद कर सकते हैं, जो कि स्थायी, औपचारिक आज्ञाएँ जो परमेश्वर ने बनायीं है।

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@ -14,6 +14,7 @@
* कुछ संदर्भों में “विश्वास” का अनुवाद “आस्था-श्रद्धा” या “अधिकार” या “निश्चिय” या “भरोसा” किया जा सकता है।
* कुछ भाषाओं में इन शब्दों का अनुवाद “विश्वास करना” के क्रिया रूपों द्वारा किया जा सकता है। [भाववाचक संज्ञा](rc://*/ta/man/translate/figs-abstractnouns))
* "विश्वास रखना" का अनुवाद "यीशु पर विश्वास करना" या "यीशु पर विश्वास जारी रखें" द्वारा अनुवादित किया जा सकता है।
* ये वाक्य "विश्वास की गहरी सच्चाइयों को पकड़ना" का अनुवाद, "उन्हें यीशु के बारे में सारी सच्ची बातें मानना चाहिए जो उन्हें सिखाया गया हैके रूप में किया जा सकता है ।"
* "विश्वास में मेरा सच्चा पुत्र" शब्द का अनुवाद "मेरे पुत्र के समान है क्योंकि मैंने उसे यीशु पर विश्वास करने के लिए सिखाया था" या "मेरा सच्चा आध्यात्मिक पुत्र, जो यीशु पर विश्वास करता है" का अनुवाद किया जा सकता है।

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@ -3,6 +3,7 @@
## परिभाषा:
* “यहूदियों का राजा” यीशु मसीह का पदनाम है।
* पहली बार बाइबल में यह पदनाम उस समय आया है जब बैतलहम आनेवाले ज्योतिषियों ने “यहूदियों के राजा” होने वाले शिशु को खोजने के लिए काम में लिया था।
* स्वर्गदूत ने मरियम से कहा था कि उसका पुत्र, दाऊद का वंशज एक राजा होगा जिसका राज्य सदाकालीन होगा।
* यीशु के क्रूसीकरण से पूर्व रोमी सैनिकों ने ठट्ठा करके यीशु को “यहूदियों का राजा” कहा था। यह पदनाम एक तख्ती पर लिखकर यीशु के क्रूस पर भी लगाया गया था।

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@ -3,6 +3,7 @@
## परिभाषा:
* “प्रभु भोज” प्रेरित पौलुस इस उक्ति को फसह के भोज के लिए काम में लेता है जो यीशु ने अपने शिष्यों के साथ उस रात खाया था जब यहूदी अगुओं ने उसे बन्दी बनाया था।
* इस भोजन के समय यीशु ने फसह की रोटी को तोड़कर अपनी देह से कहा जो शीघ्र ही प्रताड़ित की जाएगी और मार डाली जायेगी।
* दाखरस के कटोरे को उसने अपना लहू कहा जो शीघ्र ही बहाया जायेगा जब वह पापबलि होकर मरेगा।
* यीशु ने आज्ञा दी थी कि उसके शिष्य जब भी इस भोज में सहभागी हों तब वे उसकी मृत्यु और पुनरूत्थान को सदैव स्मरण करें।

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@ -1,4 +1,4 @@
# परमेश्‍वर की प्रजा, मेरी प्रजा
# परमेश्‍वर की प्रजा, मेरी प्रजा
## परिभाषा:

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@ -4,7 +4,7 @@
“नाश होना” का अर्थ है मरना या नष्ट होना, प्रायः हिंसा के द्वारा या आपदा के द्वारा। नए नियम में, यह अक्सर परमेश्वर के लोगों से खो जाने या अलग होने का आध्यात्मिक अर्थ है।
## "पेरिश:" का आध्यात्मिक अर्थ
### "पेरिश:" का आध्यात्मिक अर्थ
* “नाश होने वाले” मनुष्य वे है जिन्होंने अपने उद्धार के लिए यीशु में विश्वास करने से इन्कार किया है।
* जो "नाश" हैं वे स्वर्ग में परमेश्वर के साथ अनंत काल तक नहीं रहेंगे। इसके बजाय, वे परमेश्वर की न्याय के तहत नरक में अनंत काल तक जीवित रहेंगे।

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@ -3,6 +3,7 @@
## परिभाषा:
* “अधर्मी” और “अन्याय से” मनुष्यों के साथ पक्षपात करना, प्रायः हानि के व्यवहार के साथ।
* “अन्याय” किसी मनुष्य के साथ बुरा करना, जबकि वह इस योग्य नहीं। इसका संदर्भ पक्षपाती व्यवहार से है।
* कुटिलता का अर्थ यह भी है कि कुछ के साथ बुरा कुछ के साथ अच्छा व्यवहार करना।
* जो मनुष्य पक्षपात करता है वह मनुष्यों के साथ समता का व्यवहार नहीं करता है।

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@ -3,6 +3,7 @@
## परिभाषा:
* “व्यवस्था विरोधी” नियमों का उल्लंघन करनेवाले कामों का वर्णन करता है।
* नये नियम में “व्यवस्था विरोधी” उक्ति का उपयोग परमेश्वर के नियमों के उल्लंघन ही के लिए नहीं मानव निर्मित यहूदी परम्पराओं के उल्लंघन के लिए भी काम में ली जाती है।
* वर्षों के अन्तराल में यहूदियों ने परमेश्वर प्रदत्त व्यवस्था में अपनी परम्पराओं को जोड़ दिया था। यहूदी अगुवे मानव निर्मित परम्पराओं के उल्लंघन को “व्यवस्था विरोधी” कहते थे।
* यीशु के शिष्य सब्त के दिन गेहूँ की बालें तोड़ रहे थे तो फरीसियों ने उन्हें व्यवस्था विरोधी काम करने का दोषी ठहराया था क्योंकि वह सब्त के दिन विश्राम करने का यहूदी व्यवस्था का उल्लंघन कर रहा था।

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@ -36,7 +36,9 @@
* [याकूब](rc://*/tn/help/jas/02/08), [01:18](rc://*/tn/help/jas/01/18)
* [याकूब](rc://*/tn/help/jas/02/08), [02:8-9](rc://*/tn/help/jas/02/08)
## बाइबल कहानियों के उदाहरण:
## बाइबल कहानियों के उदाहरण:
# ??
* __[25:07](rc://*/tn/help/obs/25/07)__ परमेश्वर के वचन__ में वह अपने लोगों को आज्ञा देता है कि 'तू प्रभु अपने परमेश्वर को प्रणाम कर, और केवल उसी की उपासना कर।’”
* __[33:06](rc://*/tn/help/obs/33/06)__ तब यीशु ने उन्हें समझाया कि, “बीज __परमेश्वर का वचन__ है ।

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@ -3,6 +3,7 @@
## परिभाषा:
* “सेनाओं का यहोवा” और “सेनाओं का परमेश्वर” ये पदनाम हजारों स्वर्गदूतों पर परमेश्वर के अधिकार को दर्शाते हैं जो उसकी आज्ञा का पालन करते हैं।
* “सेना” या “सेनाओं” ये शब्द किसी भी बात की बड़ी संख्या को व्यक्त करते हैं जैसे सेना या सितारों की विशाल संख्या। यह बुरी आत्माओं सहित सभी कई आत्माओं के संदर्भ में भी है। संदर्भ यह स्पष्ट करता है कि क्या संदर्भित किया जा रहा है। “स्वर्ग की सेना” सितारों, ग्रहों और अन्य आकाशीय पिण्डों के लिए काम में लिए जाते हैं।
* नए नियम में, वाक्यांश, "सेनाओं का प्रभु" का अर्थ "सेनाओं का यहोवा" के समान है, लेकिन इसका इस तरह से अनुवाद नहीं किया जा सकता है क्योंकि "यहोवा" इब्रानी शब्द है नए नियम में प्रयोग नहीं किया गया है।

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@ -3,6 +3,7 @@
## परिभाषा:
* गिलाद यरदन नदी के पूर्व में एक पर्वतीय प्रदेश है जहां इस्राएली गोत्र गाद, रूबेन, मनश्शे वास करने लगे थे।
* इस क्षेत्र को “गिलाद का पहाड़ी प्रदेश” या “गिलाद पर्वत” भी कहा गया है।
* “गिलाद” पुराने नियम में अनेक पुरुषों का नाम भी था। उनमें से एक मनश्शे का पोता भी था। एक और पुरुष जिसका नाम गिलाद था, वह यिप्तह का पिता था।

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@ -3,6 +3,7 @@
## तथ्य:
* नबात का पुत्र यारोबाम उत्तरी राज्य इस्राएल का प्रथम राजा हुआ था, लगभग 900-910 ई.पू. * यारोबाम नामक इस्राएल का एक और राजा हुआ था, वह राजा यहोआश का पुत्र था जिसने 120 वर्ष बाद इस्राएल पर राज्य किया था।
* यहोवा ने नबात के पुत्र यारोबाम को भविष्यद्वाणी में कहा था कि वह सुलैमान के बाद राजा होगा और उसका राज्य दस गोत्रों पर होगा।
* सुलैमान के मरणोपरान्त इस्राएल के दस गोत्रों ने सुलैमान के पुत्र रहबाम से विद्रोह करके यारोबाम को अपना राजा घोषित कर दिया। अब रहबाम केवल दक्षिण के दो गोत्रों, यहूदा और बिन्यामीन क्षेत्रों का ही राजा रह गया था।
* यारोबाम एक दुष्ट राजा हुआ जिसने प्रजा को यहोवा से विमुख करके उनकी पूजा करने के लिए मूर्तियों को स्थापित किया। इस्राएल के उत्तरकालीन सब राजाओं ने यारोबाम का अनुकरण किया और उसी के तुल्य दुष्ट हुए।

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@ -3,6 +3,7 @@
## तथ्य:
* “इस्राएल के राज्य” जो इस्राएल का उत्तरी भाग था, सुलैमान के मरणोपरान्त इस्राएल के बारह गोत्र दो राज्यों में विभाजित हो गए थे।
* इस्राएल का राज्य उत्तरी राज्य हो गया जिसमें दस गोत्र और दक्षिण में यहूदा राज्य जिसमें दो गोत्र थे।
* इस्राएल राज्य की राजधानी सामरिया थी। यहूदा राज्य की राजधानी यरूशलेम से वह नगर 50 कि.मी. दूर था।
* इस्राएल राज्य के सभी राजा दुष्ट थे। उन्होंने प्रजा को झूठे देवता की मूर्तिपूजा के लिए प्रभावित किया था।

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@ -8,6 +8,7 @@
* मनश्शे और एप्रैम दोनों को यूसुफ के पिता याकूब ने गोद लिया था। जिसके कारण उनके वंशजों को इस्राएल के बारह गोत्रों में गिने जाने का सौभाग्य प्राप्त हुआ।
* मनश्शे के वंशज इस्राएल का एक गोत्र हुए।
* मनश्शे का गोत्र “मनश्शे का आधा गोत्र” कहलाता था क्योंकि कनान देश में इस गोत्र के एक भाग ने ही निवास किया था, यरदन नदी के पश्चिम में। इस गोत्र का शेष भाग यरदन नदी के पूर्व में बस गया।
* यहूदा के एक राजा का नाम भी मनश्शे था।
* मनश्शे एक दुष्ट राजा था जिसने अपने बच्चों को झूठे देवताओं के समक्ष होम बलि चढ़ाया था।
* परमेश्वर ने राजा मनश्शे को शत्रु की सेना द्वारा बन्दी बनाये जाने का दण्ड दिया। मनश्शे मन फिराकर परमेश्वर के निकट आया और सब मूर्ति-पूजा की सब वेदियों को नष्ट कर दिया।

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@ -5,6 +5,7 @@
मिद्यान अब्राहम और उसकी पत्नी कतूरा का पुत्र था। यह एक जाति और स्थान का भी नाम पड़ गया जो कनान के दक्षिण में अरब के रेगिस्तान के उत्तर में था। इस जाति के लोग मिद्यानी थे।
* जब मूसा मिस्र से भागा था तब वह मिद्यान देश में ही गया था जहाँ उसकी भेंट यित्रों की पुत्री से हुई थी जिसकी भेड़ों को पानी पिलाने में उसने सहायता की थी। बाद में मूसा ने यित्रों की पुत्रियों में से एक से विवाह कर लिया था।
* यूसुफ को मिद्यानी व्यापारी ही खरीदकर मिस्र ले गए थे।
वर्षों बाद मिद्यानियों ने कनान देश में इस्राएलियों पर आक्रमण करके उन्हें लूटा था। गिदोन ने इस्राएलियों को लेकर उन्हें हराया था।

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@ -17,3 +17,5 @@
* [1 इतिहास 01:24-27](rc://*/tn/help/1ch/01/24)
* [लूका 03:33-35](rc://*/tn/help/luk/03/33)
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@ -14,7 +14,9 @@
* जब दुष्ट को धर्मी "घृणित" करने के लिए आवेदन किया जाता है, तो इसे "बहुत अवांछनीय माना जाता है" या "अयोग्य" या "अस्वीकार कर दिया" के रूप में अनुवाद किया जा सकता है।
* परमेश्वर ने कुछ प्रकार के जानवरों को "घृणा" करने के लिए इस्राएलियों से कहा था कि परमेश्वर ने उन्हें "अशुद्ध" और भोजन के लिए उपयुक्त नहीं घोषित किया था। * इसका अनुवाद “प्रबल नापसंदगी” या “परित्याग” या “अस्वीकार्य मानना” के रूप में किया जा सकता है।
(यह भी देखें: ## [भविष्य कहना](../other/divination.md), [शुद्ध](../kt/clean.md))
(यह भी देखें:
## [भविष्य कहना](../other/divination.md), [शुद्ध](../kt/clean.md))
## बाइबल सन्दर्भ:

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@ -3,6 +3,7 @@
## परिभाषा:
* “सनौबर” एक सदाबहार वृक्ष है जिसमें शंकुओं के अन्दर बीज होते है।
* इन वृक्षों की सदाबहार वृक्ष भी कहते हैं।
* प्राचीन युग में सनोवर की लकड़ी संगीतवाद्यों को बनाने में तथा नाव, घर एवं मन्दिर बनाने के लिए प्रयोग किया जाता था।
* बाइबल में इस प्रजाति के वृक्षों के नाम है, चीड़, देवदारू, सनौबर, और सदाबहार वृक्ष।

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@ -3,6 +3,7 @@
## परिभाषा:
* वीणा, एक तारवाला वाद्य यन्त्र होता था।
* बाइबल में चीड़ की लकड़ी से वीणा एवं अन्य वाद्ययंत्र बनाए जाते थे।
* वीणा हाथ में उठाकर चलते हुए बजाया जाता था।
* बाइबल में वीणा परमेश्वर की स्तुति एवं उपासना में बजाई जाती थी।

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@ -13,6 +13,7 @@
* कई अनुवादों को "बांज वृक्ष" शब्द का उपयोग करने के बजाय केवल "बांज" शब्द का उपयोग करना महत्वपूर्ण होगा।
* यदि लक्षित भाषा के स्थान में बांज वृक्ष नहीं है तो इसका अनुवाद किया जा सकता है, “एक बड़ा बांज का छायादार वृक्ष” और इसके गुणों वाले किसी स्थानीय वृक्ष का नाम दें।
* देखें: [अपरिचित शब्दों का अनुवाद कैसे करें](rc://*/ta/man/translate/translate-unknown))
(यह भी देखें: [पवित्र](../kt/holy.md))

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@ -20,7 +20,7 @@
## अनुवाद के सुझाव:
* प्रकरण के अनुसार “लाभ” का अनुवाद “हितकारी” या “सहायता” या “प्राप्ति” हो सकता है।
* प्रकरण के अनुसार “लाभ” का अनुवाद “हितकारी” या “सहायता” या “प्राप्ति” हो सकता है।
* “लाभदायक” का अनुवाद “उपयोगी” या “हितकारी” या “सहायक” हो सकता है।
* “से लाभ प्राप्त करना” का अनुवाद “से लाभ उठाना” या “से पैसा प्राप्त करना” था, “से सहायता प्राप्त करना” हो सकता है।
* व्यापार के संदर्भ में “लाभ” का अनुवाद ऐसे शब्द या व्याख्यांश द्वारा किया जाएँ जिसका अर्थ “पैसों का लाभ” या “पैसों की अधिकता” या “अतिरिक्त पैसा” हो।

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@ -9,6 +9,8 @@
* परमेश्वर के लिए बलि चढ़ाने में प्रायः पशु को वध किया जाता था।
* केवल यीशु- परमेश्वर का सिद्ध निष्पाप पुत्र, की बलि मनुष्यों के पापों से पूर्ण शोधन प्रदान कर सकती है, जानवरों का बलिदान कभी ऐसा नहीं कर सकता था।
### भेंट
* "भेंट" शब्द का अर्थ है सामान्यतः है कि जो कुछ भी चढ़ाया गया था दिया गया। "बलि" का संदर्भ उस हर एक बात से था जो चढ़ाने वाले के लिए बहुत मूल्य की होती थी।

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@ -1,4 +1,4 @@
# सिखाना, सिखाता है, सिखाकर, पढ़ाया गया, शिक्षा, शिक्षायें, अशिक्षित
# सिखाना, सिखाता है, सिखाकर, पढ़ाया गया, शिक्षा, शिक्षायें, अशिक्षित
## परिभाषा:

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@ -9,7 +9,7 @@
* नये नियम में परमेश्वर के लिए दशमांश पृथक करने की आज्ञा तो नहीं है परन्तु उदारता तथा सहर्ष देने का विचार है कि मसीही सेवा में सहयोग तथा गरीबों को सहायता प्राप्त हो।
* इसका अनुवाद हो सकता है, “दसवां अंश” या “दस में से एक।”
(यह भी देखें: [विश्वास](../kt/believer.md), [इस्राएल](../kt/israel.md), [लेवी](../names/levite.md), [जीवन](../other/livestock.md), [मेलिकिसिदक](../names/melchizedek.md), [सेवक](../kt/minister.md), [बलि](../other/sacrifice.md), [मिलापवाला तम्बू](../kt/tabernacle.md), [मन्दिर](../kt/temple.md))
(यह भी देखें: [विश्वास](../kt/believer.md), [इस्राएल](../kt/israel.md), [लेवी](../names/levite.md), [जीवन](../other/livestock.md), [मेलिकिसिदक](../names/melchizedek.md), [सेवक](../kt/minister.md), [बलि](../other/sacrifice.md), [मिलापवाला तम्बू](../kt/tabernacle.md), [मन्दिर](../kt/temple.md))
## बाइबल सन्दर्भ:

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@ -3,6 +3,7 @@
## परिभाषा:
* “डर” शब्द अत्यंत भय को व्यक्त करता है। किसी को “डराना” अर्थात उसे भयभीत करना।
* “डर” किसी वस्तु या मनुष्य द्वारा उत्पन्न भय भी होता है। डर का एक उदाहरण हमलावर दुश्मन सेना या महामारी या बीमारी है जो व्यापक है, कई लोगों की हत्या कर सकता है।
* इन भयावहों को "भयानक" के रूप में वर्णित किया जा सकता है। इस शब्द का अनुवाद हो सकता है, “भय-कारण” या “आतंक-उत्पादक।”
* परमेश्वर का न्याय एक दिन मन न फिराने वाले मनुष्यों में जो उसके अनुग्रह को अस्वीकार करते हैं, भय उत्पन्न करेगा।

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@ -3,6 +3,7 @@
## परिभाषा:
* “कब्र” वह स्थान है जहां मृतक के शव को रखा जाता है। * इसी संदर्भ में “कब्रिस्तान” भी है।
* यहूदी कभी-कभी गुफाओं में मृतकों को रखते थे। कभी-कभी वे पहाड़ों में गुफा खोदते थे।
* नये नियम के समय ऐसी कब्रों को बन्द करने के लिए उन पर बड़ा पत्थर लुढ़का देना एक आम अभ्यास था।
* यदि कब्र का अर्थ शव को दफन करने के लिए जमीन के नीचे गड्डा हो तो इसका अनुवाद करने के और तरीके “गुफा” या “पहाड़ में छेद करना” हो सकता है।

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@ -6,6 +6,7 @@
* परमेश्वर अपने शब्द को कहता है यद्यपि उसका शब्द मनुष्य जैसी नहीं है।
* शब्द संपूर्ण मनुष्य का संदर्भ देती है जैसे “जंगल में एक पुकारने वाले का शब्द सुनाई देता है, प्रभु का मार्ग तैयार करो।” इसका अनुवाद हो सकता है, “जंगल में एक मनुष्य की पुकार सुनी जाती है”। (देखें: [उपलक्षण](rc://*/ta/man/translate/figs-synecdoche))
* “किसी की वाणी सुनना” अर्थात “किसी को बोलते सुनना”।
कभी कभी "शब्द" का प्रयोग ऐसी वस्तुओं के लिए भी किया गया है जो बोल नहीं सकती, जैसे दाऊद लिखता है कि परमेश्वर की अद्भुत सृष्टि उसके कामों का वर्णन करती है, अर्थात् उनके शब्द उनकी महानता की घोषणा करती है। इसका अनुवाद हो सकता हैः "उनकी गरिमा परमेश्वर की महिमा का वर्णन कर रही है।"

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