more markdown syntax fixes
This commit is contained in:
parent
5ceca2db2d
commit
dc7d69f0ee
|
@ -8,7 +8,7 @@
|
|||
* व्यभिचारिणी-व्यभिचार करनेवाली स्त्री के सन्दर्भ में है।
|
||||
* व्यभिचार में पति-पत्नी द्वारा विवाह की वाचा में की गई प्रतिज्ञाओं को तोड़ना।
|
||||
* परमेश्वर ने इस्राएलियों को व्यभिचार नहीं करने का आदेश दिया।
|
||||
“व्यभिचारिणियों” प्रतीकात्मक रूप में इस्राएल के लिए काम में लिया गया है जब वे परमेश्वर के स्वामीभक्त नहीं होते थे, विशेष करके जब वे छुठे ईश्वर की उपासना करते थे।
|
||||
* “व्यभिचारिणियों” प्रतीकात्मक रूप में इस्राएल के लिए काम में लिया गया है जब वे परमेश्वर के स्वामीभक्त नहीं होते थे, विशेष करके जब वे छुठे ईश्वर की उपासना करते थे।
|
||||
|
||||
## अनुवाद के सुझाव: ##
|
||||
|
||||
|
|
|
@ -4,7 +4,7 @@
|
|||
|
||||
“अभिषेक करना” शब्द का अर्थ है, किसी मनुष्य या वस्तु पर तेल उण्डेलना। कभी-कभी तेल में मसाले मिलाए जाते थे कि उसमें से सुगन्ध हो। यह शब्द पवित्र आत्मा के लिए प्रतीकात्मक रूप में भी काम में लिया गया है जब वह किसी को चुनकर सामर्थ्य प्रदान करता है।
|
||||
|
||||
पुराने नियम में याजकों, राजाओं तथा भविष्यद्वक्ताओं को तेल से अभिषेक किया जाता था कि उन्हें परमेश्वर के लिए एक विशेष सेवा के निमित्त अलग किया जाए।
|
||||
* पुराने नियम में याजकों, राजाओं तथा भविष्यद्वक्ताओं को तेल से अभिषेक किया जाता था कि उन्हें परमेश्वर के लिए एक विशेष सेवा के निमित्त अलग किया जाए।
|
||||
* वेदी तथा मिलापवाले तम्बू का भी तेल से अभिषेक किया जाता था ताकि प्रकट हो कि वे परमेश्वर की उपासना एवं महिमामय काम लेने के लिए थे।
|
||||
* नये नियम में रोगियों की चंगाई के लिए तेल से अभिषेक किया जाता था।
|
||||
* नये नियम में दो बार किसी स्त्री ने उपासना स्वरूप यीशु का सुगन्धित द्रव्य से अभिषेक किया था। एक बार यीशु ने कहा कि ऐसा करके वह स्त्री उसे भावी अन्तिम संस्कार के लिए तैयार कर रही है।
|
||||
|
|
|
@ -11,7 +11,7 @@
|
|||
## अनुवाद के सुझाव: ##
|
||||
|
||||
* इस शब्द के अनुवाद हो सकते हैं, ऐसे शब्द या उक्तियां हो सकती हैं जिनका अर्थ हो, “मसीह का विरोधी” या “मसीह का बैरी” या “मसीह का विरोध करनेवाला मनुष्य”
|
||||
“मसीह का विरोधी की आत्मा” का अनुवाद हो सकता है, “आत्मा जो मसीह के विरुद्ध है”। या “(कोई) मसीह के बारे झूठी शिक्षा देता है” या “मसीह के बारे में झूठी शिक्षा पर विश्वास करने का रवैया” या “बुरी आत्मा जो मसीह के बारे में झूठ शिक्षा देता है।”
|
||||
* “मसीह का विरोधी की आत्मा” का अनुवाद हो सकता है, “आत्मा जो मसीह के विरुद्ध है”। या “(कोई) मसीह के बारे झूठी शिक्षा देता है” या “मसीह के बारे में झूठी शिक्षा पर विश्वास करने का रवैया” या “बुरी आत्मा जो मसीह के बारे में झूठ शिक्षा देता है।”
|
||||
* इस बात का भी ध्यान रखें कि इस शब्द का अनुवाद स्थानीय या राष्ट्रीय भाषा के बाइबल अनुवाद में कैसा है। (देखें: [अपरिचित शब्दों का अनुवाद कैसे करे](rc://en/ta/man/translate/translate-unknown))
|
||||
|
||||
(यह भी देखें: [मसीह](../kt/christ.md), [रगट करना](../kt/reveal.md), [क्लेश](../other/tribulation.md))
|
||||
|
|
|
@ -1,4 +1,4 @@
|
|||
# प्रेरित, प्रेरितों, प्रेरिताई#
|
||||
# प्रेरित, प्रेरितों, प्रेरिताई#
|
||||
|
||||
## परिभाषा: ##
|
||||
|
||||
|
|
|
@ -10,7 +10,7 @@
|
|||
|
||||
## अनुवाद के सुझाव: ##
|
||||
|
||||
इस शब्द का अनुवाद हो सकता है, “स्नेही”, या “प्रिय जन” या “अति प्रिय” या “अति स्नेहमय”
|
||||
* इस शब्द का अनुवाद हो सकता है, “स्नेही”, या “प्रिय जन” या “अति प्रिय” या “अति स्नेहमय”
|
||||
* घनिष्ठ मित्रों के संदर्भ में इसका अनुवाद हो सकता है, “मेरे प्रिय मित्र” या “मेरे घनिष्ठ मित्र” अंग्रेजी भाषा में यह कहना स्वाभाविक है, “मेरे प्रिय मित्र पौलुस” या “पौलुस, मेरे प्रिय मित्र” अन्य भाषाओं में अलग-अलग उक्तियां अधिक स्वाभाविक होंगी।
|
||||
* ध्यान दें कि “प्रिय” शब्द परमेश्वर के प्रेम से आता है जो शर्तरहित है, निःस्वार्थ और आत्म त्याग का है।
|
||||
|
||||
|
|
|
@ -13,7 +13,7 @@
|
|||
## अनुवाद के सुझाव: ##
|
||||
|
||||
* “आशीष” देना का अनुवाद “उदारता से प्रदान करना” या “किसी पर अत्यधिक दया एवं कृपा प्रकट करना” भी हो सकता है।
|
||||
“परमेश्वर ने बहुत आशीष दी” का अनुवाद हो सकता है, “परमेश्वर ने बहुत भली वस्तुएँ दी” या “परमेश्वर उसे समृद्धि प्रदान करेगा”।
|
||||
* “परमेश्वर ने बहुत आशीष दी” का अनुवाद हो सकता है, “परमेश्वर ने बहुत भली वस्तुएँ दी” या “परमेश्वर उसे समृद्धि प्रदान करेगा”।
|
||||
* “वह आशीषित है” इसका अनुवाद हो सकता है, “वह बहुत लाभ उठाएगा” या “वह अच्छी-अच्छी वस्तुएँ प्राप्त करेगा” या “परमेश्वर उसे समृद्धि प्रदान करेगा”।
|
||||
* “धन्य है वह पुरूष जो” इसका अनुवाद हो सकता है, “कितना धन्य है वह पुरुष जो”
|
||||
* “धन्य है प्रभु परमेश्वर” ऐसी अभिव्यक्तियों का अनुवाद “प्रभु की स्तुति हो” या “ यहोवा की स्तुति करो” या “मैं परमेश्वर की स्तुति करता हूं”।
|
||||
|
|
|
@ -10,7 +10,7 @@
|
|||
|
||||
## अनुवाद के सुझाव: ##
|
||||
|
||||
“तरस” का मूल अर्थ है, “दया का मर्म”। यह एक वाकशैली है जिसका अर्थ है “करूणा” या “दया”। अन्य भाषाओं में इसका समानार्थक वाकशैली होंगी।
|
||||
* “तरस” का मूल अर्थ है, “दया का मर्म”। यह एक वाकशैली है जिसका अर्थ है “करूणा” या “दया”। अन्य भाषाओं में इसका समानार्थक वाकशैली होंगी।
|
||||
* “तरस” (करूणा) के अनुवाद के अन्यरूप हैं, “हृदय की गहराई से सुधि लेना” या “सहायक दया”
|
||||
* “तरस खाने वाला” (दयावान) का अनुवाद “सुधि लेने वाला और सहायता करने वाला” या “गहरा प्रेम एवं दया करने वाला”
|
||||
|
||||
|
|
|
@ -12,7 +12,7 @@
|
|||
## अनुवाद के सुझाव: ##
|
||||
|
||||
* “कोने के पत्थर” का अनुवाद “भवन का मुख्य पत्थर” या “नींव का पत्थर” किया जा सकता है।
|
||||
यहां ध्यान दें कि लक्षित भाषा में भवन की नींव के किसी भाग के लिए कोई शब्द है जो मुख्य आधार है। यदि ऐसा शब्द है तो उस शब्द का उपयोग किया जा सकता है।
|
||||
* यहां ध्यान दें कि लक्षित भाषा में भवन की नींव के किसी भाग के लिए कोई शब्द है जो मुख्य आधार है। यदि ऐसा शब्द है तो उस शब्द का उपयोग किया जा सकता है।
|
||||
* इसका अनुवाद इस प्रकार भी किया जा सकता है, “भवन के कोने के लिए काम में लिया गया नींव का पत्थर”
|
||||
* यह महत्वपूर्ण है कि इस पत्थर के बड़े होने का तथ्य निहित हो जो भवन के लिए एक ठोस एवं सुरक्षित सामग्री स्वरूप काम में लिया जाता है। यदि भवन निर्माण में पत्थर काम में नहीं लिए जाते हैं तो “बड़े पत्थर” के लिए कोई और शब्द होगा और इसका विचार विशेष करके तराशा हुआ और जोड़ने के लिए बनाया गया है।
|
||||
|
||||
|
|
|
@ -4,7 +4,7 @@
|
|||
|
||||
वाचा एक विधिवत बन्धक समझौता है जिसे दोनों पक्षों को निभाना होता है।
|
||||
|
||||
यह समझौता दो मनुष्यों, दो जन समूहों में या परमेश्वर और मनुष्यों के मध्य हो सकता है।
|
||||
* यह समझौता दो मनुष्यों, दो जन समूहों में या परमेश्वर और मनुष्यों के मध्य हो सकता है।
|
||||
* मनुष्य जब एक दूसरे के साथ वाचा बांधते हैं तब वे कुछ प्रतिज्ञाएं करते हैं और उनका पूरा करना अनिवार्य होता है।
|
||||
* मनुष्यों के मध्य वाचा के उदाहरण हैं, विवाह, व्यापारिक समझौते तथा देशों के मध्य संधि।
|
||||
* संपूर्ण बाइबल में परमेश्वर ने अपने लोगों के साथ अनेक वाचाएं बांधी हैं।
|
||||
|
|
|
@ -1,4 +1,4 @@
|
|||
# श्राप, श्रापित, श्राप दे, कोसता है#
|
||||
# श्राप, श्रापित, श्राप दे, कोसता है
|
||||
|
||||
## परिभाषा: ##
|
||||
|
||||
|
|
|
@ -6,7 +6,7 @@
|
|||
|
||||
* “अनन्तकाल” इस बात का संदर्भ देते हैं जिसकी न आरंभ या न ही अन्त है। इसका संदर्भ ऐसे जीवन से भी है जिसका अन्त नहीं।
|
||||
* इस वर्तमान पार्थिव जीवन के बाद, मनुष्य परमेश्वर के साथ स्वर्ग में या परमेश्वर से अलग नरक में अनन्त जीवन व्यतीत करेंगे।
|
||||
“अनन्त जीवन” और “सदा का जीवन” नये नियम में परमेश्वर के साथ स्वर्ग में सदा के जीवन के लिए काम में ली गई उक्तियां हैं।
|
||||
* “अनन्त जीवन” और “सदा का जीवन” नये नियम में परमेश्वर के साथ स्वर्ग में सदा के जीवन के लिए काम में ली गई उक्तियां हैं।
|
||||
* “ युगानुयुग” इस उक्ति द्वारा अनन्तकाल या अनन्त जीवन व्यक्त किया जाता है।
|
||||
|
||||
## अनुवाद के सुझाव: ##
|
||||
|
@ -14,7 +14,7 @@
|
|||
* “अनन्त” और “सदाकाल” का अनुवाद करने की अन्य विधियां, “अन्तरहित” या “कभी नहीं रूकनेवाला” या “सदा चलनेवाला” हो सकते है।
|
||||
* “अनन्त जीवन” और “सदा का जीवन” का अनुवाद, “जीवन जिसका अन्त नहीं या “जीवन जो रुके बिना चलता है” या “ देह का पुनरूत्थान अनन्त जीवन पाने के लिए” हो सकता है।
|
||||
* प्रकरण के आधार पर “अनन्तकाल” की अनुवाद विधियां, “समय के परे उपस्थित” या “समाप्त न होने वाला जीवन” या “स्वर्ग का जीवन” हो सकता है।
|
||||
*स्थानीय भाषा या राष्ट्रीय भाषा के बाइबल अनुवाद में इस शब्द का अनुवाद कैसे किया गया है उस पर भी ध्यान दें। (देखें: [अपरिचित शब्दों का अनुवाद कैसे करे](rc://en/ta/man/translate/translate-unknown))
|
||||
* *स्थानीय भाषा या राष्ट्रीय भाषा के बाइबल अनुवाद में इस शब्द का अनुवाद कैसे किया गया है उस पर भी ध्यान दें। (देखें: [अपरिचित शब्दों का अनुवाद कैसे करे](rc://en/ta/man/translate/translate-unknown))
|
||||
|
||||
(यह भी देखें: [सदाकालीन](../kt/forever.md), [जीवन](../kt/life.md))
|
||||
|
||||
|
|
|
@ -5,7 +5,7 @@
|
|||
बाइबल में “माँस” मनुष्य या पशु के कोमल उत्तकों का संदर्भ देता है।
|
||||
|
||||
* बाइबल “माँस” शब्द का प्रतीकात्मक उपयोग भी करती है जिसके द्वारा सब मनुष्यों या सब पशुओं का उल्लेख करती है।
|
||||
नये नियम में “माँस” शब्द मनुष्यों के पापी स्वभाव के लिए काम में लिया गया है। इसका उपयोग प्रायः आत्मिक स्वभाव के विपरीत किया जाता है।
|
||||
* नये नियम में “माँस” शब्द मनुष्यों के पापी स्वभाव के लिए काम में लिया गया है। इसका उपयोग प्रायः आत्मिक स्वभाव के विपरीत किया जाता है।
|
||||
* “अपना माँस और लहू” किसी के साथ लहू के संबन्ध का संदर्भ देता है जैसे माता-पिता, भाई-बहन, सन्तान, नाती-पोते।
|
||||
* इसका संदर्भ पूर्वजों या वंशजो से भी है।
|
||||
* “एक देह” अर्थात विवाहित संबन्ध से भी है।
|
||||
|
@ -18,6 +18,7 @@
|
|||
* “माँस और लहू” का अनुवाद हो सकता है “परिजन” या “परिवार” या “संबन्धी” या “पारिवारिक कुल”। कुछ संदर्भों में यह शब्द "पूर्वजों" या “वंशज” हो सकता है।
|
||||
* कुछ भाषाओं में अभिव्यक्ति हो सकती है जो "माँस और लहू" के समान है।
|
||||
* अभिव्यक्ति "एक माँस बन गया" का अनुवाद "यौन एकजुट" या "एक शरीर के रूप में हो" या "शरीर और आत्मा में एक व्यक्ति के समान हो" के रूप में किया जा सकता है। इस अभिव्यक्ति का अनुवाद, यह सुनिश्चित करने के लिए किया जाना चाहिए कि यह परियोजना भाषा और संस्कृति में स्वीकार्य है। (देखें: [व्यंजना](rc://en/ta/man/translate/figs-euphemism)). यह भी समझना चाहिए कि यह लाक्षणिक है, और इसका अर्थ यह नहीं है कि एक पुरुष और स्त्री जो "एक तन होंगे" का शाब्दिक रूप से एक व्यक्ति बन गया है।
|
||||
|
||||
## बाइबल सन्दर्भ: ##
|
||||
|
||||
* [1 यूहन्ना 02:15-17](rc://en/tn/help/1jn/02/15)
|
||||
|
|
|
@ -7,7 +7,7 @@
|
|||
* बाइबल में मूढ़/मूर्ख शब्द उस मनुष्य के लिए काम में लिया गया है जो परमेश्वर को नहीं मानता था या उसकी आज्ञा नहीं मानता है इसकी विपरीत तुलना प्रायः उस मनुष्य से की गई है जो परमेश्वर में विश्वास करता है और उसकी आज्ञाओं का पालन करता है।
|
||||
* भजनों में दाऊद मूर्ख को ऐसा मनुष्य कहता है जो परमेश्वर में विश्वास नहीं करता या उसकी आज्ञाएं नहीं मानता है। वह सृष्टि में परमेश्वर के अस्तित्व के सब प्रमाणों को अनदेखा करता है।
|
||||
* पुराने नियम की पुस्तक नीतिवचन में भी मूर्ख या मूढ़ का चरित्र चित्रण दिया गया है।
|
||||
“मूर्खता” वह कार्य है जो निर्बुद्धि का है क्योंकि वह कार्य परमेश्वर की इच्छा के विरूद्ध है। “मूर्खता” का अभिप्राय बेतुका या खतरनाक भी होता है।
|
||||
* “मूर्खता” वह कार्य है जो निर्बुद्धि का है क्योंकि वह कार्य परमेश्वर की इच्छा के विरूद्ध है। “मूर्खता” का अभिप्राय बेतुका या खतरनाक भी होता है।
|
||||
|
||||
## अनुवाद के सुझाव: ##
|
||||
|
||||
|
|
|
@ -10,7 +10,7 @@
|
|||
|
||||
## अनुवाद के सुझाव: ##
|
||||
|
||||
वास्तविक शब्दावली है, “वह पवित्र”("एक" के साथ निहित किया जा रहा है।) कई भाषाएं (जैसे अंग्रेज़ी) इसे अंतर्निहित संज्ञा के साथ अनुवाद करेंगे(जैसे "एक" या "परमेश्वर") ।
|
||||
* वास्तविक शब्दावली है, “वह पवित्र”("एक" के साथ निहित किया जा रहा है।) कई भाषाएं (जैसे अंग्रेज़ी) इसे अंतर्निहित संज्ञा के साथ अनुवाद करेंगे(जैसे "एक" या "परमेश्वर") ।
|
||||
* इस शब्द का अनुवाद “परमेश्वर, जो पवित्र है” या “पृथक किए गए लोग” हो सकता है।
|
||||
* वाक्यांश "इस्राएल का पवित्र जन" का अनुवाद "पवित्र परमेश्वर जिसे इस्राएल की आराधना करता है" या "पवित्र इस्राएल के शासन करने वाले" के रूप में किया जा सकता है।
|
||||
* इस शब्द का उत्तम अनुवाद उसी शब्द या वाक्यांश का उपयोग करना है जिसे "पवित्र" का अनुवाद करने के लिए उपयोग किया जाता है।
|
||||
|
|
|
@ -11,9 +11,9 @@
|
|||
* इसका प्रतीकात्मक एवं आत्मिक अर्थ भी है, जिसमें परमेश्वर के लोगो के लिए कहा गया है कि, “पृथ्वी के अधिकारी होंगे”। इसका अर्थ है, समृद्ध होंगे और परमेश्वर से आशीष पाएंगे, सांसारिक एवं आत्मिक आशीषें।
|
||||
* नये नियम में परमेश्वर ने प्रतिज्ञा की है कि जो यीशु में विश्वास करते है वे “उद्धार पाएंगे” और “अनन्त जीवन के वारिस” होंगे। इसका अनुवाद इस प्रकार भी हो सकता है, “परमेश्वर के राज्य के अधिकारी होंगे” यह एक आध्यात्मिक विरासत है जो हमेशा के लिए रहता है।
|
||||
* इस उक्ति के अन्य प्रतीकात्मक अर्थ भी हैं,
|
||||
* बाइबल में लिखा है, कि बुद्धिमान मनुष्य “महिमा के भागी” होंगे और धर्मी मनुष्यों का “भाग भली वस्तुएं” होगा।
|
||||
* “प्रतिज्ञाओं का वारिस” होने का अर्थ है, वे सब वस्तुएं प्राप्त करना जिनकी प्रतिज्ञा परमेश्वर ने अपने लोगों से की है।
|
||||
* इस शब्द का नकारात्मक प्रयोग भी किया जाता है जो मूर्ख और अवज्ञाकारी मनुष्यों के संदर्भ में है, “भोलों का भाग मूढ़ता” ही होता है और “उनके भाग में वायु” ही होती है। इसका अर्थ है कि वे अपने पाप के कार्यों का परिणाम भोगते हैं जिसमें दण्ड एवं निकम्मा जीवन है।
|
||||
* बाइबल में लिखा है, कि बुद्धिमान मनुष्य “महिमा के भागी” होंगे और धर्मी मनुष्यों का “भाग भली वस्तुएं” होगा।
|
||||
* “प्रतिज्ञाओं का वारिस” होने का अर्थ है, वे सब वस्तुएं प्राप्त करना जिनकी प्रतिज्ञा परमेश्वर ने अपने लोगों से की है।
|
||||
* इस शब्द का नकारात्मक प्रयोग भी किया जाता है जो मूर्ख और अवज्ञाकारी मनुष्यों के संदर्भ में है, “भोलों का भाग मूढ़ता” ही होता है और “उनके भाग में वायु” ही होती है। इसका अर्थ है कि वे अपने पाप के कार्यों का परिणाम भोगते हैं जिसमें दण्ड एवं निकम्मा जीवन है।
|
||||
|
||||
## अनुवाद के सुझाव: ##
|
||||
|
||||
|
|
|
@ -4,7 +4,7 @@
|
|||
|
||||
“इस्राएल” परमेश्वर द्वारा याकूब को दिया गया नाम था। इसका अर्थ है, “वह परमेश्वर के साथ संघर्ष करता है”
|
||||
|
||||
याकूब के वंशज “इस्राएल की प्रजा”, “इस्राएल जाति” या “इस्राएली” कहलाए।
|
||||
* याकूब के वंशज “इस्राएल की प्रजा”, “इस्राएल जाति” या “इस्राएली” कहलाए।
|
||||
* परमेश्वर ने इस्राएल की प्रजा से वाचा बांधी थी। वे उसके चुने हुए लोग थे।
|
||||
* इस्राएल जाति बारह गोत्रों की थी।
|
||||
* राजा सुलैमान के मरणोपरान्त इस्राएल दो राज्य विभाजित हो गया था। दक्षिणी राज्य जो “यहूदा” कहलाया और उत्तरी राज्य “इस्राएल”।
|
||||
|
|
|
@ -4,7 +4,7 @@
|
|||
|
||||
“परमप्रधान” शब्द परमेश्वर का पदनाम है। इसका संदर्भ उसकी महानता और अधिकार से है।
|
||||
|
||||
इस शब्द का अर्थ “प्रभुता संपन्न” या “सर्वोच्च” जैसा ही है।
|
||||
* इस शब्द का अर्थ “प्रभुता संपन्न” या “सर्वोच्च” जैसा ही है।
|
||||
* इस पदनाम में ऊँचा का अभिप्राय भौतिक ऊँचाई या दूरी से नहीं है। इसका संदर्भ महानता से है।
|
||||
|
||||
## अनुवाद के सुझाव: ##
|
||||
|
|
|
@ -11,7 +11,7 @@
|
|||
## अनुवाद के लिए सुझाव: ##
|
||||
|
||||
* प्रकरण के अनुसार, “ज्यों का त्यों करना” का अनुवाद “नवीकरण करना” या “चुकाना” या “लौटा आना” या “चंगा करना” या “वापस लाना” हो सकता है।
|
||||
इस शब्द की अन्य वाक्शैली, “नया करना” या “नया सा कर देना” हो सकता है।
|
||||
* इस शब्द की अन्य वाक्शैली, “नया करना” या “नया सा कर देना” हो सकता है।
|
||||
* जब संपत्ति "पुनः स्थापन" होती है, तो उसकी "मरम्मत" या "प्रतिस्थापित" या "उसके मालिक को वापस" दिया गया है।
|
||||
* संदर्भ के आधार पर, "पुनः स्थापनचंगा करने" का अनुवाद "नवीनीकरण" या "चंगाई" या "सामंजस्य" के रूप में किया जा सकता है।
|
||||
|
||||
|
|
|
@ -7,7 +7,7 @@
|
|||
* शैतान परमेश्वर और उसकी संपूर्ण सृष्टि से घृणा करता है, क्योंकि वह परमेश्वर का स्थान लेकर परमेश्वर के स्वरूप उपासना करवाना चाहता है।
|
||||
* शैतान मनुष्यों को परमेश्वर से विद्रोह करने की परीक्षा में डालता है।
|
||||
* परमेश्वर ने अपने पुत्र, यीशु को भेजा, कि मनुष्यों को शैतान के वश से मुक्त कराए।
|
||||
शैतान शब्द का अर्थ है, "बैरी" या "शत्रु।"
|
||||
* शैतान शब्द का अर्थ है, "बैरी" या "शत्रु।"
|
||||
* शैतान शब्द का अर्थ है, "दोष लगाने वाला।"
|
||||
|
||||
## अनुवाद के सुझाव: ##
|
||||
|
|
|
@ -8,6 +8,7 @@
|
|||
* “अपराध”, “पाप”, “अधर्म” आदि सब शब्द परमेश्वर की इच्छा के विरूद्ध काम करना और उसकी आज्ञाओं का उल्लंघन करने के संदर्भ में है।
|
||||
|
||||
## अनुवाद के सुझाव: ##
|
||||
|
||||
* “उल्लंघन करना” का अनुवाद , “पाप करना” या “अवज्ञा करने के लिए” या "विद्रोह करना" हो सकता है।
|
||||
* यदि किसी पद में या गद्यांश में दो अलग शब्दों का उपयोग किया गया है जिनका अर्थ “पाप”, “अपराध” या “अधर्म” है तो यह महत्वपूर्ण है कि यथासंभव इन शब्दों के अनुवाद में अलग-अलग रूप काम में लें। बाइबल यदि एक ही अभिप्राय के निमित्त दो या अधिक शब्दों का उपयोग करती है तो उसका उद्देश्य है कि बात पर बल दिया जाए या उसका महत्व प्रकट किया जाए।
|
||||
|
||||
|
|
|
@ -4,7 +4,7 @@
|
|||
|
||||
बाइबल में “परमेश्वर का वचन” उन सभी चीजों को संदर्भित करता है जो परमेश्वर ने लोगों को बताया था। इसमें बोले गए तथा लिखित सन्देश शामिल हैं। यीशु को भी “परमेश्वर का वचन” कहा गया है।
|
||||
|
||||
“पवित्रशास्त्र” का अर्थ है “लेख”। नये नियम में “पवित्रशास्त्र” का संदर्भ इब्रानी धर्मशास्त्र या पुराना नियम से है। ये लेख परमेश्वर का सन्देश है जो उसने मनुष्यों से लिखने को कहा कि भविष्य में पढ़ा जा सके।
|
||||
* “पवित्रशास्त्र” का अर्थ है “लेख”। नये नियम में “पवित्रशास्त्र” का संदर्भ इब्रानी धर्मशास्त्र या पुराना नियम से है। ये लेख परमेश्वर का सन्देश है जो उसने मनुष्यों से लिखने को कहा कि भविष्य में पढ़ा जा सके।
|
||||
* इससे संबन्धित शब्द है, “यहोवा का वचन” या “प्रभु का वचन” आमतौर पर परमेश्वर के विशिष्ट सन्देश के संदर्भ में है जो किसी भविष्यद्वक्ता या किसी मनुष्य को दिया गया।
|
||||
* कभी-कभी मात्र यही लिखा है, “वचन” या “मेरा वचन” या “तेरा वचन” (परमेश्वर के वचन के संदर्भ में)
|
||||
* नये नियम में यीशु को “वचन” या “परमेश्वर का वचन” कहा गया है। इन पदनामों का अर्थ है कि यीशु परमेश्वर को पूर्णतः प्रकट करता है क्योंकि वह स्वयं परमेश्वर है।
|
||||
|
|
|
@ -12,6 +12,7 @@
|
|||
* नये नियम में “यहोवा” नाम का उपयोग नहीं किया गया है; केवल “प्रभु” के लिए यूनानी शब्द का प्रयोग किया जाता है, यहाँ तक कि पुराने नियम के उद्धरण में भी।
|
||||
* पुराने नियम में जब परमेश्वर स्वयं के बारे में कहता है तब वह सर्वनाम के स्थान में अपना नाम लेता है।
|
||||
* सर्वनाम “मैं” और “मुझ” के द्वारा यू.एल.बी. पाठकों के लिए स्पष्ट करती है कि कहनेवाला परमेश्वर ही है।
|
||||
|
||||
## अनुवाद के लिए सुझाव: ##
|
||||
|
||||
* “यहोवा” शब्द के स्थान में “मैं हूँ” या “जीवित प्रभु” या “अस्तित्ववान” या “वह जो जीवित है” काम में लिया जा सकता है।
|
||||
|
|
|
@ -4,7 +4,7 @@
|
|||
|
||||
अबीमेलेक गरार नगर का एक पलिश्ती राजा था, जब अब्राहम और इसहाक कनान देश में रह रहे थे।
|
||||
|
||||
अब्राहम ने राजा अबीमेलेक को धोखा देकर कहा कि सारा उसकी पत्नी नहीं बहन थी।
|
||||
* अब्राहम ने राजा अबीमेलेक को धोखा देकर कहा कि सारा उसकी पत्नी नहीं बहन थी।
|
||||
* अब्राहम और अबीमेलेक ने बेर्शोबा के कुएं के संबन्ध में वाचा बांधी।
|
||||
* अनेक वर्षों बाद इसहाक ने भी अबीमेलेक और गरार के विश्वासियों से झूठ कहा कि उसकी पत्नी रिबका उसकी बहन थी।
|
||||
* अबीमेलेक ने अब्राहम और बाद में इसहाक को झूठ कहने के लिए झिड़का।
|
||||
|
|
|
@ -4,9 +4,9 @@
|
|||
|
||||
अक्विला यहूदी मत से आया मसीही विश्वासी था, वह काले सागर के दक्षिण तट पर स्थित पोन्तुस का निवासी था।
|
||||
|
||||
अक्विला और प्रिस्किल्ला रोम, इटली में कुछ समय रहे थे तब रोमी सम्राट क्लॉडियस ने सब यहूदियों को रोम से चले जाने का आदेश दिया।
|
||||
* अक्विला और प्रिस्किल्ला रोम, इटली में कुछ समय रहे थे तब रोमी सम्राट क्लॉडियस ने सब यहूदियों को रोम से चले जाने का आदेश दिया।
|
||||
* अतः अक्विला और प्रिस्किल्ला कुरिन्थ नगर आ गए जहां उनकी भेंट प्रेरित पौलुस से हुई थी।
|
||||
उन्होंने तम्बू बनाने में और प्रचार कार्य में पौलुस के साथ काम किया।
|
||||
* उन्होंने तम्बू बनाने में और प्रचार कार्य में पौलुस के साथ काम किया।
|
||||
* अक्विला और प्रिस्किल्ला दोनों विश्वासियों को यीशु के सत्य की शिक्षा देते थे, इन विश्वासियों में एक प्रतिभाशाली शिक्षक अप्पुल्लोस भी था।
|
||||
|
||||
(अनुवाद के सुझाव [नामों का अनुवाद कैसे करें](rc://en/ta/man/translate/translate-names))
|
||||
|
|
|
@ -3,8 +3,9 @@
|
|||
## तथ्य: ##
|
||||
|
||||
दारा नाम फारस के अनेक राजाओं का था। संभव है कि “दारा” नाम की अपेक्षा उपाधि थी।
|
||||
* “दारा मादी” को जाल में फंसा कर दानिय्येल विरोधियों ने दानिय्येल को यहोवा की उपासना के कारण सिंहों की मान्द में डलवा दिया था।
|
||||
“फारसी दारा” ने एज्रा और नहेम्याह के समय यरूशलेम के मन्दिर के पुनः निर्माण हेतु प्रबन्ध किया था।
|
||||
|
||||
* “दारा मादी” को जाल में फंसा कर दानिय्येल विरोधियों ने दानिय्येल को यहोवा की उपासना के कारण सिंहों की मान्द में डलवा दिया था।
|
||||
* “फारसी दारा” ने एज्रा और नहेम्याह के समय यरूशलेम के मन्दिर के पुनः निर्माण हेतु प्रबन्ध किया था।
|
||||
|
||||
(अनुवाद के सुझाव [नामों का अनुवाद कैसे करें](rc://en/ta/man/translate/translate-names))
|
||||
|
||||
|
|
|
@ -6,7 +6,7 @@
|
|||
|
||||
* एप्रैम का गोत्र इस्राएल के उत्तरी भाग में स्थित दस गोत्रों में से एक था।
|
||||
* बाइबल में कभी-कभी एप्रैम शब्द संपूर्ण उत्तरी राज्य इस्राएल के लिए काम में लिया जाता था। (देखें: [उपलक्षण](rc://en/ta/man/translate/figs-synecdoche))
|
||||
एप्रैम वास्तव में एक पर्वतीय प्रदेश था, जो “एप्रैम का पहाड़ी प्रदेश” या “एप्रैम के पहाड़ों” के संदर्भ पर आधारित हैं।
|
||||
* एप्रैम वास्तव में एक पर्वतीय प्रदेश था, जो “एप्रैम का पहाड़ी प्रदेश” या “एप्रैम के पहाड़ों” के संदर्भ पर आधारित हैं।
|
||||
|
||||
(अनुवाद के सुझाव [नामों का अनुवाद कैसे करें](rc://en/ta/man/translate/translate-names))
|
||||
|
||||
|
|
|
@ -6,7 +6,7 @@
|
|||
|
||||
* अन्य सब कनानियों के सदृश्य यरीहोवासी भी मूर्तिपूजक थे।
|
||||
* यरीहो कनान देश में पहला नगर था, जिसे परमेश्वर ने इस्राएलियों को जीतने के लिए कहा था।
|
||||
जब यहोशू ने यरीहो के विरूद्ध इस्राएलियों की अगुआई की तब यरीहो को पराजित करने में परमेश्वर ने चमत्कारी कार्य किया था।
|
||||
* जब यहोशू ने यरीहो के विरूद्ध इस्राएलियों की अगुआई की तब यरीहो को पराजित करने में परमेश्वर ने चमत्कारी कार्य किया था।
|
||||
|
||||
(यह भी देखें: [कनान](../names/canaan.md), [यरदन नदी](../names/jordanriver.md), [यहोशू](../names/joshua.md), [आश्चर्यकर्म](../kt/miracle.md), [खारे ताल](../names/saltsea.md))
|
||||
|
||||
|
|
|
@ -7,7 +7,7 @@
|
|||
* आज यरदन नदी पश्चिम में इस्राएल और पूर्व में यरदन को विभाजित करती है।
|
||||
* यरदन नदी गलील सागर से बहती हुई मृत सागर में गिरती है।
|
||||
* यहोशू जब इस्राएलियों को लेकर कनान आ रहा था तब उन्हें यरदन नदी पार करनी पड़ी थी। क्योंकि पानी बहुत गहरा था परमेश्वर ने यरदन नदी का प्रवाह रोक दिया और इस्राएलियों ने उसे पार किया।
|
||||
बाइबल में यरदन नदी का संदर्भ “यरदन ” से है।
|
||||
* बाइबल में यरदन नदी का संदर्भ “यरदन ” से है।
|
||||
|
||||
(यह भी देखें: [कनान](../names/canaan.md), [खारे ताल](../names/saltsea.md), [गलील सागर](../names/seaofgalilee.md))
|
||||
|
||||
|
@ -24,9 +24,9 @@
|
|||
|
||||
## बाइबल कहानियों से उदाहरण: ##
|
||||
|
||||
* __[15:02](rc://en/tn/help/obs/15/02)__ इस्राएलियों को वाचा की भूमि में प्रवेश करने से पहले __यरदन नदी__ को पार करना था।
|
||||
* __[15:03](rc://en/tn/help/obs/15/03)__जब सब इस्राएलियों ने __यरदन नदी__ को पार कर लिया, तब परमेश्वर ने यहोशू को बताया कि किस प्रकार से यरीहो के शक्तिशाली शहर पर आक्रमण करना है।
|
||||
* __[19:14](rc://en/tn/help/obs/19/14)__ एलीशा ने उसे कहा, “तू जाकर __यरदन नदी__ में सात बार डुबकी मार।”
|
||||
* __[15:02](rc://en/tn/help/obs/15/02)__ इस्राएलियों को वाचा की भूमि में प्रवेश करने से पहले __यरदन नदी__ को पार करना था।
|
||||
* __[15:03](rc://en/tn/help/obs/15/03)__जब सब इस्राएलियों ने __यरदन नदी__ को पार कर लिया, तब परमेश्वर ने यहोशू को बताया कि किस प्रकार से यरीहो के शक्तिशाली शहर पर आक्रमण करना है।
|
||||
* __[19:14](rc://en/tn/help/obs/19/14)__ एलीशा ने उसे कहा, “तू जाकर __यरदन नदी__ में सात बार डुबकी मार।”
|
||||
|
||||
## शब्द तथ्य: ##
|
||||
|
||||
|
|
|
@ -4,8 +4,8 @@
|
|||
|
||||
हेर्मोन पर्वत इस्राएल के सबसे ऊंचे पर्वत का नाम है जो लबानोन की पर्वत श्रृंखला के दक्षिणी छोर पर है।
|
||||
|
||||
यह पर्वत गलील सागर के उत्तर में, इस्राएल और सीरिया के मध्य उत्तरी सीमा पर है।
|
||||
अन्य जातियों द्वारा हेर्मोन पर्वत को “पर्वत सिर्योन” और “पर्वत सनीर” भी कहा गया है।
|
||||
* यह पर्वत गलील सागर के उत्तर में, इस्राएल और सीरिया के मध्य उत्तरी सीमा पर है।
|
||||
* अन्य जातियों द्वारा हेर्मोन पर्वत को “पर्वत सिर्योन” और “पर्वत सनीर” भी कहा गया है।
|
||||
* हेर्मोन पर्वत की तीन प्रमुख चोटियाँ हैं। सबसे ऊंची चोटी 2,800 मीटर ऊँची है।
|
||||
|
||||
(अनुवाद के सुझाव [नामों का अनुवाद कैसे करें](rc://en/ta/man/translate/translate-names))
|
||||
|
|
|
@ -4,10 +4,10 @@
|
|||
|
||||
फिलिप्पी एक मुख्य नगर एवं रोमी उपनगर था जो प्राचीन यूनान के उत्तरी भाग में मकिदुनिया प्रान्त में था।
|
||||
|
||||
* पौलुस और सीलास ने फिलिप्पी नगर जाकर वहां के लोगों को यीशु के बारे में बताया।
|
||||
* फिलिप्पी में पौलुस और सीलास को बन्दी बना लिया गया था परन्तु परमेश्वर ने चमत्कारी रूप से उन्हें बचाया।
|
||||
* नये नियम में फिलिप्पियों की पत्री पौलुस ने फिलिप्पी के विश्वासियों की कलीसिया को लिखा था।
|
||||
* ध्यान रखें कि यह नगर कैसरिया फिलिप्पी नहीं है, कैसरिया फिलिप्पी उत्तर पूर्वी इस्राएल में हर्मन पर्वत के निकट था।
|
||||
* पौलुस और सीलास ने फिलिप्पी नगर जाकर वहां के लोगों को यीशु के बारे में बताया।
|
||||
* फिलिप्पी में पौलुस और सीलास को बन्दी बना लिया गया था परन्तु परमेश्वर ने चमत्कारी रूप से उन्हें बचाया।
|
||||
* नये नियम में फिलिप्पियों की पत्री पौलुस ने फिलिप्पी के विश्वासियों की कलीसिया को लिखा था।
|
||||
* ध्यान रखें कि यह नगर कैसरिया फिलिप्पी नहीं है, कैसरिया फिलिप्पी उत्तर पूर्वी इस्राएल में हर्मन पर्वत के निकट था।
|
||||
|
||||
(यह भी देखें: [कैसरिया](../names/caesarea.md), [मसीही विश्वासी](../kt/christian.md), [आराधनालय](../kt/church.md), [मकिदुनिया](../names/macedonia.md), [पौलुस](../names/paul.md), [सीलास](../names/silas.md))
|
||||
|
||||
|
@ -20,8 +20,8 @@
|
|||
|
||||
## बाइबल कहानियों से उदाहरण: ##
|
||||
|
||||
* __[47:01](rc://en/tn/help/obs/47/01)__ एक दिन पौलुस और उसका मित्र सीलास __फिलिप्पी__ में यीशु का प्रचार करने को गए |
|
||||
* __[47:13](rc://en/tn/help/obs/47/13)__ जब दिन हुआ तो सिपाहियों ने पौलुस और सीलास को छोड़ दिया और उन्हें आज्ञा दी कि __फिलिप्पी__ छोड़ दे |
|
||||
* __[47:01](rc://en/tn/help/obs/47/01)__ एक दिन पौलुस और उसका मित्र सीलास __फिलिप्पी__ में यीशु का प्रचार करने को गए |
|
||||
* __[47:13](rc://en/tn/help/obs/47/13)__ जब दिन हुआ तो सिपाहियों ने पौलुस और सीलास को छोड़ दिया और उन्हें आज्ञा दी कि __फिलिप्पी__ छोड़ दे |
|
||||
|
||||
## शब्द तथ्य: ##
|
||||
|
||||
|
|
|
@ -5,7 +5,7 @@
|
|||
सुलैमान दाऊद के पुत्रों में से एक था। उसकी माता बतशेबा थी।
|
||||
|
||||
* जब सुलैमान राजगद्दी पर बैठा तब परमेश्वर ने उससे कहा था कि वह जो चाहे उससे मांग ले। अत: सुलैमान ने अपनी प्रजा पर उचित प्रशासन करने के लिए बुद्धि मांगी थी। परमेश्वर सुलैमान की इस विनती से प्रसन्न हुआ और उसे बुद्धि और धन दोनों दिया।
|
||||
सुलैमान यरूशलेम के वैभवशाली मन्दिर को बनाने के लिए भी प्रसिद्ध है।
|
||||
* सुलैमान यरूशलेम के वैभवशाली मन्दिर को बनाने के लिए भी प्रसिद्ध है।
|
||||
* सुलैमान ने आरम्भिक वर्षों में तो बड़ी बुद्धिमानी से राज किया परन्तु उत्तरकाल में उसने अन्यजाति स्त्रियों से विवाह करके मूर्ति पूजा आरम्भ कर दी थी।
|
||||
* सुलैमान के इस विश्वासघात के कारण परमेश्वर ने उसके मृत्यु के बाद इस्राएल को दो राज्यों में विभाजित कर दिया, इस्राएल और यहूदा। ये दोनों राज्य प्राय: लड़ते रहते थे।
|
||||
|
||||
|
|
|
@ -4,7 +4,7 @@
|
|||
|
||||
जकर्याह फारसी दारा राजा प्रथम के युग में भविष्यद्वाणी करनेवाला भविष्यद्वक्ता था। पुराने नियम में जकर्याह नाम की पुस्तक में उसकी भविष्यद्वाणियां हैं जिसने लौटने वाले बंधुओं को मंदिर के पुन: निर्माण के लिए आग्रह किया।
|
||||
|
||||
उसका सेवाकाल एज्रा, नहेम्याह, जरूब्बाबेल तथा भविष्यद्वक्ता हागै के समय का है। यीशु द्वारा उसका उल्लेख अंतिम भविष्यवक्ताओं के रूप में हुआ था जिसका पुराने नियम के समय के दौरान हत्या हुई थी।
|
||||
* उसका सेवाकाल एज्रा, नहेम्याह, जरूब्बाबेल तथा भविष्यद्वक्ता हागै के समय का है। यीशु द्वारा उसका उल्लेख अंतिम भविष्यवक्ताओं के रूप में हुआ था जिसका पुराने नियम के समय के दौरान हत्या हुई थी।
|
||||
* जकर्याह नाम का एक और आदमी था जो राजा दाऊद के समय मन्दिर का प्रमुख द्वारपाल था।
|
||||
* राजा यहोशापात के पुत्रों में से एक का नाम जकर्याह था जिसकी हत्या उसी के भाई यहोराम ने की थी।
|
||||
* जकर्याह नाम का एक याजक था जिसने प्रजा को मूर्तिपूजा के लिए फटकारा था और लोगों ने उसे पत्थरवाह कर दिया था।
|
||||
|
|
|
@ -6,7 +6,7 @@
|
|||
|
||||
* इस्राएलियों और यहूदियों के लिए दिन का आरंभ सूर्यास्त से होता था और दूसरे दिन सूर्यास्त पर समाप्त होता था।
|
||||
* कभी-कभी “दिन” शब्द का उपयोग रूपक-स्वरूप एक लम्बे समय के लिए भी किया जाता था जैसे “यहोवा का दिन” या “अन्तिम दिनों”
|
||||
कुछ भाषाओं में इन रूपकों के अनुवादों में भिन्न-भिन्न शब्दों का उपयोग करती हैं या “दिन” का अनुवाद रूपक स्वरूप नहीं करती हैं।
|
||||
* कुछ भाषाओं में इन रूपकों के अनुवादों में भिन्न-भिन्न शब्दों का उपयोग करती हैं या “दिन” का अनुवाद रूपक स्वरूप नहीं करती हैं।
|
||||
* “दिन” के अन्य अनुवाद रूप हो सकते हैं, “समय”, “ऋतु” या “अवसर” का “घटना” प्रकरण के अनुसार।
|
||||
|
||||
(यह भी देखें: [दण्ड के दिन](../kt/judgmentday.md), [अन्तिम दिन](../kt/lastday.md))
|
||||
|
|
|
@ -4,7 +4,7 @@
|
|||
|
||||
“भस्म करना” (खा जाना) का मूल अर्थ है, समाप्त करना इसके अनेक प्रतीकात्मक उपयोग हैं।
|
||||
|
||||
बाइबल में "खाए" शब्द को नष्ट करने के संदर्भ में काम में लिया गया है।
|
||||
* बाइबल में "खाए" शब्द को नष्ट करने के संदर्भ में काम में लिया गया है।
|
||||
* आग भस्म करती है अर्थात जलाकर राख कर देती है।
|
||||
* परमेश्वर को “भस्म करने वाली आग” कहा गया है जो पाप के विरूद्ध उसके क्रोध का वर्णन है। उसका क्रोध पश्चातापरहित पापियों को भयानक दण्ड देता है।
|
||||
* भोजन खा जाना अर्थात किसी भोजन वस्तु को खाना-पीना।
|
||||
|
|
|
@ -4,7 +4,7 @@
|
|||
|
||||
“बिगड़कर” या “सड़ाहट” का संदर्भ ऐसी स्थिति से है जिसमें मनुष्य नाश हो जाता है, अनैतिक या बेईमान हो जाता है।
|
||||
|
||||
“बिगड़कर” शब्द का मूल अर्थ है, नैतिकता में “झुकना” या “तोड़ा जाना” है।
|
||||
* “बिगड़कर” शब्द का मूल अर्थ है, नैतिकता में “झुकना” या “तोड़ा जाना” है।
|
||||
* जो मनुष्य “बिगड़ गया” वह सत्य से विमुख हो गया और अनिष्ट एवं अनैतिक कार्य करता है।
|
||||
* किसी को बिगाड़ना अर्थात उसे अनिष्ट एवं अनैतिक कार्य करने के लिए प्रभावित करना।
|
||||
|
||||
|
|
|
@ -4,7 +4,7 @@
|
|||
|
||||
"वंशज वह मनुष्य है जो इतिहास में किसी पूर्वकालिक मनुष्य का सगा संबन्धि है।
|
||||
|
||||
उदाहरणार्थ, अब्राहम नूह का वंशज था।
|
||||
* उदाहरणार्थ, अब्राहम नूह का वंशज था।
|
||||
* वंशज किसी की सन्तान, पोते, परपोते आदि होते हैं। इस्राएल के बारह गोत्र याकूब के वंशज थे।
|
||||
* वाक्यांश "से उतरा" के रूप में "के वंश" कहने का एक और तरीका है "अब्राहम नूह का वंशज था।" इसका अनुवाद “परिवार की रेखा से” भी हो सकता है।
|
||||
|
||||
|
|
|
@ -4,7 +4,7 @@
|
|||
|
||||
“निरादर” का अर्थ है कि किसी की मानहानि का काम करना। इससे उस व्यक्ति के लिए लज्जा और अपमान उत्पन्न होता है।
|
||||
|
||||
“नीच” शब्द का अर्थ है एक लज्जाजनक कार्य या किसी का अपमान करना व्यक्त करता है।
|
||||
* “नीच” शब्द का अर्थ है एक लज्जाजनक कार्य या किसी का अपमान करना व्यक्त करता है।
|
||||
* कभी-कभी निरादर शब्द ऐसी वस्तुओं के लिए भी काम में लिया जाता है जो किसी महत्व के नहीं हैं।
|
||||
* सन्तानों के लिए आज्ञा है कि वे अपने-अपने माता-पिता का आदर करें और उनकी आज्ञा मानें। * बच्चे अवज्ञा करते हैं तो वे अपने माता-पिता का अनादर करते हैं। वे अपने माता-पिता के साथ ऐसा व्यवहार करते हैं जिससे उनको सम्मान प्राप्त नहीं होता है।
|
||||
* मूर्तिपूजा करके और अनैतिक आचरण द्वारा इस्राएल यहोवा का अपमान करते थे।
|
||||
|
|
|
@ -5,7 +5,7 @@
|
|||
“पृथ्वी” अर्थात् वह संसार जिसमें मनुष्य अन्य सब प्राणियों के साथ रहते हैं।
|
||||
|
||||
* “पृथ्वी” का अर्थ भूमि या मिट्टी भी हो सकता है जो भूमि को ढकता है।
|
||||
इस शब्द का प्रतीकात्मक उपयोग प्रायः पृथ्वी के निवासियों को दर्शाता है। (देखें: [लक्षणालंकार](rc://en/ta/man/translate/figs-metonymy))
|
||||
* इस शब्द का प्रतीकात्मक उपयोग प्रायः पृथ्वी के निवासियों को दर्शाता है। (देखें: [लक्षणालंकार](rc://en/ta/man/translate/figs-metonymy))
|
||||
* “पृथ्वी आनन्दित हो” और “वह पृथ्वी का न्याय करेगा” इस शब्द के प्रतीकात्मक उपयोगों के उदाहरण हैं।
|
||||
* “सांसारिक” का संदर्भ लौकिक वस्तुओं से है जो आत्मिक के विपरीत हैं।
|
||||
|
||||
|
|
|
@ -5,12 +5,12 @@
|
|||
राज्यपाल वह मनुष्य है जो किसी राज्य, क्षेत्र या सीमा में शासन करता है। “शासन करना” अर्थात अगुआई करना, मनुष्यों का प्रबन्ध करना।
|
||||
|
||||
* शब्द "प्रोकांस्युल (हाकिम)" एक राज्यपाल के लिए एक अधिक विशिष्ट शीर्षक था जो एक रोमन प्रांत पर शासन करते थे।
|
||||
बाइबल के युग में हाकिम राजा या सम्राट के द्वारा नियुक्त किए जाते थे, वे उसके अधीन रहते थे।
|
||||
* बाइबल के युग में हाकिम राजा या सम्राट के द्वारा नियुक्त किए जाते थे, वे उसके अधीन रहते थे।
|
||||
* "प्रभुता" सभी शासकों के होते हैं जो एक निश्चित देश या साम्राज्य पर शासन करते हैं। ये शासक ऐसे कानून बनाते हैं जो अपने नागरिकों के व्यवहार को निर्देशित करते हैं ताकि उस देश के सभी लोगों के लिए शांति, सुरक्षा और समृद्धि हो।
|
||||
|
||||
## अनुवाद के सुझाव: ##
|
||||
|
||||
“राज्यपाल” का अनुवाद “प्रशासक” या पर्यवेक्षक” या “क्षेत्रीय अगुआ” या “एक छोटे क्षेत्र का शासक” भी किया जा सकता है।
|
||||
* “राज्यपाल” का अनुवाद “प्रशासक” या पर्यवेक्षक” या “क्षेत्रीय अगुआ” या “एक छोटे क्षेत्र का शासक” भी किया जा सकता है।
|
||||
* प्रकरण के अनुवाद “राज करना” का अनुवाद “शासन करना” या “अगुआई करना” या “प्रबन्ध करना” या “पर्यवेक्ष करना” हो सकता है।
|
||||
* शब्द "राज्यपाल" का अनुवाद "राजा" या "सम्राट" के शब्दों से अलग ढंग से अनुवाद किया जाना चाहिए, क्योंकि एक राज्यपाल कम शक्तिशाली शासक था जो उनके अधिकार के अधीन था।
|
||||
* शब्द "हकीम" का अनुवाद “रोमन राज्यपाल” या “रोमन प्रांतीय शासक” के रूप में भी किया जा सकता है।
|
||||
|
|
|
@ -5,7 +5,7 @@
|
|||
अन्नबलि परमेश्वर को चढ़ाई जानेवाली गेहूं या जौ के आटे की भेंट थी जो होमबलि के बाद चढ़ाई जाती थी।
|
||||
|
||||
* अन्नबलि के लिए काम में लिया गया अन्न बारीक पिसा हुआ होना था। कभी-कभी उसे पका कर भी भेंट चढ़ाई जाती थी और कभी कच्चा भी चढ़ाया जाता था।
|
||||
अन्न के आटे में तेल और नमक मिलाया जाता था परन्तु खमीर और शहद वर्जित था।
|
||||
* अन्न के आटे में तेल और नमक मिलाया जाता था परन्तु खमीर और शहद वर्जित था।
|
||||
* अन्नबलि का एक अंश जला दिया जाता था शेष याजक खाता था।
|
||||
|
||||
(यह भी देखें: [होमबलि](../other/burntoffering.md), [दोषबलि](../other/guiltoffering.md), [बलिदान](../other/sacrifice.md), [पाप बलि](../other/sinoffering.md))
|
||||
|
|
|
@ -4,7 +4,7 @@
|
|||
|
||||
“घर” शब्द का उपयोग बाइबल में प्रतीकात्मक रूप से किया जाता है।
|
||||
|
||||
कभी-कभी इसका अभिप्राय “कुटुम्ब” से है अर्थात एक ही घर में रहने वाले सब सदस्य।
|
||||
* कभी-कभी इसका अभिप्राय “कुटुम्ब” से है अर्थात एक ही घर में रहने वाले सब सदस्य।
|
||||
* “घर” प्रायः किसी के वंशजों के संदर्भ में आता है। उदाहरणार्थ, “दाऊद का घराना” अर्थात राजा दाऊद के सब वंशज।
|
||||
* “परमेश्वर का भवन” और “यहोवा का भवन” अर्थात मिलापवाला तम्बू या मन्दिर। इस अभिव्यक्ति का सामान्यतः अभिप्राय यह होता है कि परमेश्वर की उपस्थिति का स्थान या उसके निवास का स्थान।
|
||||
* इब्रानियों अध्याय 3 में “परमेश्वर के घर” एक रूपक स्वरूप काम में लिया गया है जो परमेश्वर के लोगों के संदर्भ में है या अधिक सामान्य परिप्रेक्ष्य में, परमेश्वर से संबन्धित सब वस्तुओं के संदर्भ में है।
|
||||
|
|
|
@ -4,7 +4,7 @@
|
|||
|
||||
“अन्नबलि” परमेश्वर के लिए अन्न या आटे की रोटी के रूप में बलि थी।
|
||||
|
||||
“अन्न” का अर्थ है अन्न का आटा।
|
||||
* “अन्न” का अर्थ है अन्न का आटा।
|
||||
* आटे को पानी या तेल में गूंध कर रोटी बनाई जाती थी। कभी-कभी रोटी पर तेल लगाया जाता था।
|
||||
* यह बलि प्रायः होमबलि के साथ चढ़ाई जाती थी।
|
||||
|
||||
|
|
|
@ -4,7 +4,7 @@
|
|||
|
||||
जैतून एक छोटा अण्डाकार फल होता है, यह अधिकतर भूमध्यसागर के परिवेश में उगाया जाता था।
|
||||
|
||||
जैतून के वृक्ष सदाबहार बड़ी झाड़ी होते है, उनके फूल छोटे और सफेद होते हैं। वे गर्म जलवायु में सबसे अच्छे उगते हैं और उन्हें पानी भी बहुत कम चाहिए होता है।
|
||||
* जैतून के वृक्ष सदाबहार बड़ी झाड़ी होते है, उनके फूल छोटे और सफेद होते हैं। वे गर्म जलवायु में सबसे अच्छे उगते हैं और उन्हें पानी भी बहुत कम चाहिए होता है।
|
||||
* जैतून का फल हरा होता है और पकने पर काला पड़ जाता है। जैतून भोजन के लिए और उनसे निकाले जाने वाले तेल के लिए उपयोग होता था।
|
||||
* जैतून का तेल पकाने के, दीप जलाने और धार्मिक अनुष्ठानों के लिए काम आता था।
|
||||
* बाइबल में जैतून के वृक्ष एवं डालियां मनुष्यों के लिए प्रतीकात्मक रूप में काम में लिए जाते थे।
|
||||
|
|
|
@ -4,7 +4,7 @@
|
|||
|
||||
“धीरज धरना” और “धीरज” का अर्थ है किसी काम को करते रहना चाहे वह बहुत कठिन या लम्बा समय क्यों न लेनेवाला हो।
|
||||
|
||||
धीरज धरने का अर्थ यह भी हो सकता है कि मसीह के जैसा व्यवहार करना चाहे कठिन परीक्षाओं या परिस्थितियों में हो।
|
||||
* धीरज धरने का अर्थ यह भी हो सकता है कि मसीह के जैसा व्यवहार करना चाहे कठिन परीक्षाओं या परिस्थितियों में हो।
|
||||
* “धीरज धरने वाला” मनुष्य वह है जो अपना काम को करता रहता है जो उसे करना चाहिए चाहे वह कष्टकारी या दुःखद हो।
|
||||
* परमेश्वर की शिक्षाओं पर चलते रहना धीरज धरना है चाहे कोई कितनी भी झूठी शिक्षाएं दे।
|
||||
* यहां सावधान रहें कि “हठ” शब्द का उपयोग न करें क्योंकि इसका अर्थ नकारात्मक है।
|
||||
|
|
|
@ -4,7 +4,7 @@
|
|||
|
||||
“बलवा” शब्द का अर्थ है किसी के अधिकार के अधीन होने से इन्कार करना। “बलवा करने वाला” आज्ञा नहीं मानता है और बुरा काम करता है। ऐसा मनुष्य “बलवाई” कहलाता है
|
||||
|
||||
मनुष्य बलवा करता है जब वह ऐसा काम करता है जिसके लिए अधिकारियों ने मना किया है।
|
||||
* मनुष्य बलवा करता है जब वह ऐसा काम करता है जिसके लिए अधिकारियों ने मना किया है।
|
||||
* मनुष्य अधिकारियों द्वारा निर्दिष्ट कार्य न करे तो वह बलवा करता है।
|
||||
* कभी-कभी मनुष्य अपने सरकार या शासकों से भी बलवा (विद्रोह) करते हैं।
|
||||
* प्रकरण के अनुसार “बलवा करना” का अनुवाद “आज्ञा न मानना” या “विद्रोह करना” भी हो सकता है।
|
||||
|
|
|
@ -6,7 +6,7 @@
|
|||
|
||||
* इसका शाब्दिक अर्थ है कि कुछ भी लाभ न करें या किसी को कुछ हासिल करने में मदद न करें।
|
||||
* जो निष्फल है वह कुछ करने योग्य नहीं है क्योंकि यह कोई लाभ नहीं देता है
|
||||
इसका अनुवाद “निष्प्रयोजन” या “निकम्मा” या “व्यर्थ” या “अयोग्य” या “अलाभकारी” या "कोई लाभ नहीं दे रहा है" हो सकता है।
|
||||
* इसका अनुवाद “निष्प्रयोजन” या “निकम्मा” या “व्यर्थ” या “अयोग्य” या “अलाभकारी” या "कोई लाभ नहीं दे रहा है" हो सकता है।
|
||||
|
||||
(यह भी देखें: [लाभ](../other/profit.md), [योग्य](../kt/worthy.md))
|
||||
|
||||
|
|
|
@ -1,6 +1,7 @@
|
|||
# सैनिक, सिपाहियों, योद्धा, शूरवीरों #
|
||||
|
||||
## तथ्य: ##
|
||||
|
||||
“योद्धा” और “सैनिक” दोनों शब्द सेना में युद्ध करनेवाले मनुष्य के संदर्भ में हैं। परन्तु इनमें कुछ अन्तर है।
|
||||
|
||||
* “योद्धा” एक सामान्य एवं एक व्यापक शब्द है जो युद्ध के राज्य में एक निपुण एवं साहसी मनुष्य होता है।
|
||||
|
|
|
@ -10,7 +10,7 @@
|
|||
|
||||
## अनुवाद के सुझाव ##
|
||||
|
||||
इस शब्द का अनुवाद, “जंगली कुत्ते” या “जंगली जानवर” हो सकता है।
|
||||
* इस शब्द का अनुवाद, “जंगली कुत्ते” या “जंगली जानवर” हो सकता है।
|
||||
* जंगली कुत्ते के दुसरे नाम हो सकता है "सियार" या "भेड़िया।"
|
||||
* जब प्रतीकात्मक रूप से मनुष्य के लिए इस्तेमाल किया जाता है, तो इसका अनुवाद "बुरे लोग को जो लोगों को नुकसान पहुँचाते हैं जैसे जानवर जो भेड़ों पर हमला करता है। "
|
||||
|
||||
|
|
Loading…
Reference in New Issue