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* यदि लक्षित भाषा में व्यभिचार के अनुवाद हेतु एक शब्द न होते। इसका अनुवाद एक उक्ति में किया जा सकता है, “किसी और की पत्नी के साथ यौन संबन्ध बनाना” या “किसी और के जीवन साथी के साथ अन्तरंग संबन्ध बनाना”।
* कुछ भाषाओं में व्यभिचार को स्पष्ट व्यक्त नहीं किया जाता है जैसे, “किसी और के जीवन साथी के साथ सोना” या “अपनी पत्नी से विश्वासघात करना”। (देखें: [व्यंजना](rc://hi/ta/man/translate/figs-euphemism))
* जब '' व्यभिचारी '' का प्रयोग किसी आलंकारिक अर्थ में किया जाता है, तो अविश्वासी पति / पत्नी के साथ तुलना की जा रही उनके आज्ञा न मानने वाले लोगों के बारे में परमेश्वर के विचारों के बारे में संवाद करने के लिए, यह सबसे अच्छा अनुवाद करना है। अगर यह लक्षित भाषा में सही ढंग से नहीं व्यक्त किया जाए, तो "व्यभिचारी" का आलंकारिक उपयोग "विश्वासघाती" या "अनैतिक" या "विश्वासघाती पति की तरह" के रूप में अनुवाद किया जा सकता है।
* जब '' व्यभिचारी '' का प्रयोग किसी आलंकारिक अर्थ में किया जाता है, तो अविश्वासी पति / पत्नी के साथ तुलना की जा रही उनके आज्ञा न मानने वाले लोगों के बारे में परमेश्वर के विचारों के बारे में संवाद करने के लिए, यह सबसे अच्छा अनुवाद करना है। अगर यह लक्षित भाषा में सही ढंग से नहीं व्यक्त किया जाए, तो "व्यभिचारी" का आलंकारिक उपयोग "विश्वासघाती" या "अनैतिक" या "विश्वासघाती पति की तरह" के रूप में अनुवाद किया जा सकता है।
(यह भी देखें: [प्रतिबद्ध](../other/commit.md), [वाचा](../kt/covenant.md), [यौन अनैतिकता](../other/fornication.md), [के साथ सोना](../other/sex.md), [विश्वासघाती](../kt/unfaithful.md))

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@ -7,10 +7,10 @@
* “नियुक्त होना” का संदर्भ भी “चुना गया” कि कुछ प्राप्त करे जैसे “अनन्त जीवन के लिए ठहराया” लोग जो “अनन्त जीवन के लिए ठहराया” अर्थात वे अनन्त जीवन के लिए चुने गए हैं।
* “नियुक्त समय” अर्थात परमेश्वर का “चुना हुआ समय” या “योजनाबद्ध समय” कि कोई घटना घटे।
* “ठहराए” शब्द का अर्थ “आज्ञा दी” या “किसी को किसी काम के लिए रखना”
## अनुवाद के सुझाव: ##
* प्रकरण के अनुवाद “ठहराए” के अनुवाद रूप हो सकते हैं, “चुनना” या “सौंपना” या “विधिवत चुन लेना” या “अधिकार देना”।
* प्रकरण के अनुवाद “ठहराए” के अनुवाद रूप हो सकते हैं, “चुनना” या “सौंपना” या “विधिवत चुन लेना” या “अधिकार देना”।
* “नियुक्त किया” का अनुवाद हो सकता है, “सौंपा” या “योजना बनाई” या “विशेष रूप से चुना”।
* “निुयक्त किया गया” का अनुवाद “चुना गया” हो सकता है।

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@ -5,14 +5,14 @@
“अधिकार” शब्द किसी के द्वारा किसी पर प्रभाव एवं नियंत्रण की शक्ति को दर्शता है।
* राजाओं और शासकीय अधिकारियों का शासन करने वालों लोगो पर उनका अधिकार होता है।
* शब्द " अधिकारियों " लोगों, सरकारों या संगठनों का उल्लेख कर सकता है, जिनके पास दूसरों पर अधिकार है।
* शब्द " अधिकारियों " लोगों, सरकारों या संगठनों का उल्लेख कर सकता है, जिनके पास दूसरों पर अधिकार है।
* शब्द " अधिकारियों" उन आत्माओं को भी संदर्भित कर सकता हैं, जो उन लोगों पर अधिकार रखते हैं जिन्होंने स्वयं को परमेश्वर के अधिकार के अधीन नहीं किया है।
* स्वामी अपने सेवकों या दासों पर अधिकार रखते हैं। माता-पिता के पास अपने संतानों पर अधिकार है।
* सरकारों को अपने नागरिकों को नियंत्रित करने वाले कानून बनाने का अधिकार या हक़ है।
## अनुवाद के सुझाव: ##
“अधिकार” का अनुवाद “नियंत्रण” या “वर्चस्व” या “योग्यता” भी हो सकता है
“अधिकार” का अनुवाद “नियंत्रण” या “वर्चस्व” या “योग्यता” भी हो सकता है
* कभी-कभी "अधिकार " का अर्थ "शक्ति" के अर्थ के साथ किया जाता है।
* जब "अधिकारियों " का प्रयोग लोगों या संगठनों को संदर्भित करने के लिए किया जाता है, जो लोगों पर शासन करते हैं, तो इसे "हाकिमों" या "शासकों" या "शक्तियों" के रूप में भी अनुवाद किया जा सकता है।

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@ -33,7 +33,7 @@
* __[24:03](rc://hi/tn/help/obs/24/03)__ जब उन लोगों ने यूहन्ना का संदेश सुना, उन्होंने अपने-अपने पापों को मानकर, __बपतिस्मा लिया__, बहुत से धर्मी याजक यूहन्ना से __बपतिस्मा लेने__ को आए, परन्तु उन्होंने अपने पापों का अंगीकार न किया।
* __[24:06](rc://hi/tn/help/obs/24/06)__ अगले दिन, यीशु यूहन्ना के पास उससे __बपतिस्मा लेने__ को आया।
* __[24:07](rc://hi/tn/help/obs/24/07)__ यूहन्ना ने यीशु से कहा, “मैं इस योग्य नहीं कि तुझे बपतिस्मा दूँ। मुझे तो तेरे हाथ से बपतिस्मा लेने की आवश्कता है।”
* __[24:07](rc://hi/tn/help/obs/24/07)__ यूहन्ना ने यीशु से कहा, “मैं इस योग्य नहीं कि तुझे बपतिस्मा दूँ। मुझे तो तेरे हाथ से बपतिस्मा लेने की आवश्कता है।”
* __[42:10](rc://hi/tn/help/obs/42/10)__ इसलिये तुम जाओ, सब जातियों के लोगों को चेला बनाओ और उन्हें पिता, और पुत्र, और पवित्र आत्मा के नाम से __बपतिस्मा__ दो, और उन्हें सब बातें जो मैं ने तुम्हें आज्ञा दी है, मानना सिखाओ। "
* __[43:11](rc://hi/tn/help/obs/43/11)__ पतरस ने उनसे कहा, “मन फिराओ, और तुम में से हर एक यीशु मसीह के नाम से __बपतिस्मा__ ले तो परमेश्वर तुम्हारे पापों को क्षमा करेगा।
* __[43:12](rc://hi/tn/help/obs/43/12)__ लगभग 3000 लोगों ने पतरस कि बात पर विश्वास किया और यीशु के चेले बन गए। और उन्हें बप्तिस्मा दिया गया और वे यरूशलेम की कलीसिया का हिस्सा बन गए।

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@ -11,8 +11,8 @@
## अनुवाद के सुझाव: ##
* “पहिलौठे का अधिकार” के संभावित अनुवाद हो सकते हैं, “प्रथम पुत्र के अधिकार और सम्पदा” या “पारिवारिक सम्मान” या “प्रथम पुत्र के सौभाग्य और उत्तराधिकार”
* “पहिलौठे का अधिकार” के संभावित अनुवाद हो सकते हैं, “प्रथम पुत्र के अधिकार और सम्पदा” या “पारिवारिक सम्मान” या “प्रथम पुत्र के सौभाग्य और उत्तराधिकार”
(यह भी देखें: [पहिलौठे](../other/firstborn.md), [उत्तराधिकार में पाना](../kt/inherit.md), [वंशज](../other/descendant.md))

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@ -7,9 +7,7 @@
* अब्राहम और नूह परमेश्वर की दृष्टि में निर्दोष थे।
* जिस मनुष्य को "निर्दोष" माना जाता है, वह परमेश्वर को आदर देनेवाला आचरण रखता है।
* एक बाइबल पद के अनुसार निर्दोष मनुष्य “परमेश्वर का भय मानता है और बुराई से दूर रहता है”।
* अनुवाद के सुझाव: ##
* इसका अनुवाद इस प्रकार भी हो सकता है “उसका चरित्र दोषरहित है” या पूर्वतः परमेश्वर का आज्ञाकारी है” या “पाप से दूर रहना” या “बुराई से दूर रहता है”
## बाइबल संदर्भ: ##

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@ -3,7 +3,6 @@
## परिभाषा: ##
* “बांधना” अर्थात किसी वस्तु को बांधकर रखना या सुरक्षित बन्धन में रखना। बंधी हुई या संयोजित वस्तुएं “बन्धन” में कहलाती हैं। इस शब्द की भूतकाल क्रिया “बांधा” है
* “बंधा” होने का अर्थ है किसी वस्तु से लिपटा या बंधा होना।
* प्रतीकात्मक रूप में मनुष्य किसी शपथ से “बांधा” होता है जिसका अर्थ कि उसने जो प्रण किया है उसे "पूरा करना" उसके लिए अनिवार्य है।
* “बंधन” में होना अर्थात किसी भी बांधने वाली वस्तु या सीमाओं में बंधे होना या किसी को बन्दीगृह में डालना। इसका संदर्भ प्रायः जंजीर, बेड़ियों या रस्सी से है जो मनुष्य की स्वतंत्रता को बाधित करती है।

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@ -7,9 +7,9 @@
* बाइबल में शिष्यों को या अनुयायियों को भी कभी-कभी "बच्चे" कहा गया है।
* “बच्चे” शब्द सामान्यतः वंशजों के लिए प्रयोग करा गया है।
* “की बच्चे” का अभिप्राय किसी बात के लक्षण प्रकट करने से भी होता है। इसके कुछ उदाहरण हैः
* ज्योति की सन्तान
* आज्ञा मानने वाली सन्तान
* शैतान की संतान
* ज्योति की सन्तान
* आज्ञा मानने वाली सन्तान
* शैतान की संतान
* यह शब्द आत्मिक पुत्र/पुत्रियों के संदर्भ में भी आता है। उदाहरणार्थ, “परमेश्वर की सन्तान” अर्थात यीशु में विश्वास करने के कारण परमेश्वर के लोग।
## अनुवाद के सुझाव: ##

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@ -19,7 +19,7 @@
(यह भी देखें: [अपरिचित शब्दों का अनुवाद कैसे करे](rc://hi/ta/man/translate/translate-unknown))
(यह भी देखें: [खतनारहित](../kt/uncircumcised.md), [वाचा](../kt/covenant.md))
(यह भी देखें: [खतनारहित](../kt/uncircumcised.md), [वाचा](../kt/covenant.md))
## बाइबल सन्दर्भ: ##

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@ -8,7 +8,7 @@
* आज्ञा सकारात्मक हो सकता है (“अपने माता-पिता का आदर कर”) या नकारात्मक (“चोरी मत कर”)।
* “आदेश हाथ में लेना” अर्थात “नियंत्रण संभालना” या किसी काम या मनुष्य का दायित्व संभालना”।
## अनुवाद सुझाव: # ##
## अनुवाद सुझाव: ##
* “व्यवस्था” शब्द का अनुवाद भिन्न अर्थ में किया जाना सबसे अच्छा है। “आदेश” और “विधियों” की परिभाषा से भी इसकी तुलना करें।
* कुछ अनुवादक अपनी भाषा में एक ही शब्द द्वारा आज्ञा और ईश्वरीय आज्ञा का अनुवाद करना पसंद कर सकते हैं।

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@ -4,10 +4,10 @@
“तरस” शब्द का संदर्भ मनुष्यों के प्रति चिन्ता की भावना से है। विशेष करके पीड़ित लोगों के प्रति। “तरस खाने वाला” मनुष्यों की चिन्ता करके उनकी सहायता करता है।
* “तरस” शब्द का अभिप्राय है मनुष्यों की सुधि लेना तथा उनकी सहायता का कदम उठाना।
* “तरस” शब्द का अभिप्राय है मनुष्यों की सुधि लेना तथा उनकी सहायता का कदम उठाना।
* बाइबल में परमेश्वर को तरस खानेवाला कहा गया है, अर्थात वह प्रेमी एवं दयालु है।
* कुलुस्से की कलीसिया को लिखे पत्र में पौलुस उनसे कहता है, “बड़ी करूणा... धारण करो” वह उन्हें आदेश देता है कि वे मनुष्यों की सुधि लें और जो आवश्यकताग्रस्त है, उनकी सहायता करें।
## अनुवाद के सुझाव: ##
* “तरस” का मूल अर्थ है, “दया का मर्म”। यह एक वाकशैली है जिसका अर्थ है “करूणा” या “दया”। अन्य भाषाओं में इसका समानार्थक वाकशैली होंगी।

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@ -2,7 +2,7 @@
## परिभाषा: ##
अंगीकार करने का अर्थ है स्वीकार करना या बलपूर्वक कहना कि कोई बात सच है। “अंगीकार” अभिकथन या स्वीकरण है कि कोई बात सच है।
अंगीकार करने का अर्थ है स्वीकार करना या बलपूर्वक कहना कि कोई बात सच है। “अंगीकार” अभिकथन या स्वीकरण है कि कोई बात सच है।
* “अंगीकार” का संदर्भ परमेश्वर के बारे में सत्य का निर्भीकतापूर्वक वर्णन करने से है। इसका संदर्भ अपने पाप मान लेने से भी है।
* बाइबल में लिखा है कि यदि मनुष्य परमेश्वर के समक्ष अपने पापों का अंगीकार करें तो परमेश्वर उन्हें क्षमा कर देगा।

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@ -2,7 +2,7 @@
## परिभाषा: ##
“कोने का पत्थर” एक बड़ा पत्थर होता है जो विशेष करके तराशा हुआ होता है और भवन की नींव में रखा जाता है।
“कोने का पत्थर” एक बड़ा पत्थर होता है जो विशेष करके तराशा हुआ होता है और भवन की नींव में रखा जाता है।
* भवन के अन्य सब पत्थर इस कोने के पत्थर के संयोजन में रखे जाते हैं।
* यह पत्थर संपूर्ण रचना की दृढ़ता एवं स्थिरता के लिए बहुत महत्वपूर्ण होता है।

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@ -2,7 +2,7 @@
## परिभाषा: ##
वाचा एक विधिवत बन्धक समझौता है जिसे दोनों पक्षों को निभाना होता है।
वाचा एक विधिवत बन्धक समझौता है जिसे दोनों पक्षों को निभाना होता है।
* यह समझौता दो मनुष्यों, दो जन समूहों में या परमेश्वर और मनुष्यों के मध्य हो सकता है।
* मनुष्य जब एक दूसरे के साथ वाचा बांधते हैं तब वे कुछ प्रतिज्ञाएं करते हैं और उनका पूरा करना अनिवार्य होता है।

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@ -5,8 +5,8 @@
इस शब्द से परमेश्वर द्वारा उसकी प्रजा से की गई वह प्रतिज्ञाओं की पूर्ति के प्रति परमेश्वर की वचनबद्धता प्रकट होती है।
* “परमेश्वर ने इस्राएल से जो प्रतिज्ञाएं की थी वे औपचारिक समझौते “वाचा” में थीं।
* यहोवा की “वाचा की विश्वासयोग्यता” या “वाचा की निष्ठा” का अर्थ है कि वह अपनी प्रजा से की गई प्रतिज्ञाओं को पूरा करता है।
* वाचा की प्रतिज्ञाओं को पूरा करने में परमेश्वर की विश्वासयोग्यता का अर्थ है, उसकी प्रजा के प्रति उसके अनुग्रह की अभिव्यक्ति।
* यहोवा की “वाचा की विश्वासयोग्यता” या “वाचा की निष्ठा” का अर्थ है कि वह अपनी प्रजा से की गई प्रतिज्ञाओं को पूरा करता है।
* वाचा की प्रतिज्ञाओं को पूरा करने में परमेश्वर की विश्वासयोग्यता का अर्थ है, उसकी प्रजा के प्रति उसके अनुग्रह की अभिव्यक्ति।
* “स्वामीभक्ति” (प्रीति/कृपा) एक और शब्द है जिसका अर्थ है प्रतिज्ञा को करना और कहने में समर्पित एवं निर्भर करने योग्य जिससे किसी को लाभ हो।
## अनुवाद के सुझाव: ##

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@ -3,7 +3,7 @@
## परिभाषा: ##
“क्रूस पर चढ़ा” अर्थात किसी को क्रूस पर लटका कर छोड़ देना कि वह पीड़ित होकर मर जाए।
* अपराधी को क्रूस पर बांध कर लटकाया जाता या कीलों से ठोंक कर लटकाया जाता था। क्रूस पर लटकाया हुआ व्यक्ति रक्त की कमी से या सांस लेने में कठिनाई के कारण मर जाता था।
* प्राचीन रोमी साम्राज्य में मृत्यु-दण्ड की यह विधि प्रायः काम में ली जाती थी, विशेष करके भयानक अपराधियों के लिए या सरकार के विद्रोहियों के लिए।
* यहूदियों के अगुओं ने रोमी अधिपति को विवश किया कि वह यीशु को क्रूस पर चढ़ाने के लिए सैनिकों को आज्ञा दे। सैनिकों ने यीशु को कीलों से क्रूस पर ठोंका था। यीशु ने मरने से पूर्व छः घंटे दुःख उठाया था।
@ -25,11 +25,11 @@
## बाइबल कहानियों से उदाहरण: ##
* __[39:11](rc://hi/tn/help/obs/39/11)__ लेकिन यहूदी अगुवों और भीड़ ने चिल्लाकर कहा कि, “उसे क्रूस पर चढाओं।”
* __[39:11](rc://hi/tn/help/obs/39/11)__ लेकिन यहूदी अगुवों और भीड़ ने चिल्लाकर कहा कि, “उसे क्रूस पर चढाओं।”
* __[39:12](rc://hi/tn/help/obs/39/12)__ परन्तु पिलातुस डर गया कि कही कोलाहल न मच जाए, इसलिये उसने यीशु को __क्रूस पर चढ़ाए__ जाने के लिए सैनिको को सौंप दिया।.played a major role in the crucifixion of Jesus Christ.
* __[40:01](rc://hi/tn/help/obs/40/01)__ सैनिको द्वारा यीशु का मजाक उड़ाने के बाद, वह यीशु को __क्रूस पर चढ़ाने__ के लिये ले गए। उन्होंने यीशु से वो क्रूस उठवाया जिस पर उसे मरना था।
* __[40:04](rc://hi/tn/help/obs/40/04)__ यीशु को दो डाकुओ के बीच __क्रूस पर चढ़ाया__ गया।
* __[43:06](rc://hi/tn/help/obs/43/06)__ “हे इस्राएलियो ये बातें सुनो: यीशु नासरी एक मनुष्य था, जिसने परमेश्वर की सामर्थ्य से कई आश्चर्य के कामों और चिन्हों को प्रगट किया, जो परमेश्वर ने तुम्हारे बीच उसके द्वारा कर दिखाए जिसे तुम आप ही जानते हो तुम ने अधर्मियों के हाथ उसे क्रूस पर चढ़वाकर मार डाला।”
* __[43:06](rc://hi/tn/help/obs/43/06)__ “हे इस्राएलियो ये बातें सुनो: यीशु नासरी एक मनुष्य था, जिसने परमेश्वर की सामर्थ्य से कई आश्चर्य के कामों और चिन्हों को प्रगट किया, जो परमेश्वर ने तुम्हारे बीच उसके द्वारा कर दिखाए जिसे तुम आप ही जानते हो तुम ने अधर्मियों के हाथ उसे क्रूस पर चढ़वाकर मार डाला।”
* __[43:09](rc://hi/tn/help/obs/43/09)__ "उसी यीशु को जिसे तुमने क्रूस पर चढ़ाया।”
* __[44:08](rc://hi/tn/help/obs/44/08)__ तब पतरस ने उन्हें उत्तर दिया, “यीशु मसीह की सामर्थ्य से यह व्यक्ति तुम्हारे सामने भला चंगा खड़ा है। तुमने यीशु को __क्रूस पर चढ़ाया__, परन्तु परमेश्वर ने मरे हुओं में से जिलाया।”

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@ -6,7 +6,7 @@
* पुराने नियम में “सिय्योन” शब्द यरूशलेम का दूसरा नाम है।
* “सिय्योन” और “यरूशलेम” दोनों शब्द इस्राएल के लिए काम में लिए गए हैं।
* “पुत्री” शब्द अनुराग और प्रेमपूर्ण शब्द है। यह परमेश्वर द्वारा उसकी प्रजा के प्रति उसके धीरज और देखरेख का एक रूपक है।
* “पुत्री” शब्द अनुराग और प्रेमपूर्ण शब्द है। यह परमेश्वर द्वारा उसकी प्रजा के प्रति उसके धीरज और देखरेख का एक रूपक है।
## अनुवाद के सुझाव: ##

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@ -2,14 +2,14 @@
## वर्णन: ##
पुराने नियम में “यहोवा का दिन” एक निश्चित समय के संबन्ध में है जब परमेश्वर मनुष्यों को पाप का दण्ड देगा।
पुराने नियम में “यहोवा का दिन” एक निश्चित समय के संबन्ध में है जब परमेश्वर मनुष्यों को पाप का दण्ड देगा।
* नये नियम में “प्रभु का दिन” उस समय के संदर्भ में है जब प्रभु यीशु पुनः आएगा और अन्त के समय में मनुष्यों का न्याय करेगा।
* न्याय और पुनरुत्थान का यह अन्तिम भावी समय जिसे “अन्तिम दिन” भी कहते हैं। यह समय तब आरंभ होगा जब प्रभु यीशु पापियों का न्याय करने आएगा और अपना स्थाई राज्य स्थापित करेगा।
* इन उक्तियों में “दिन” कभी-कभी वास्तव में दिन के ही संदर्भ में होता है या यह कभी “समय” या “अवसर” के संदर्भ में हो सकता है जिसकी अवधि दिन से अधिक हो सकती है।
* कभी-कभी दण्ड को “परमेश्वर के क्रोध का पड़ना” भी कहते हैं जो विश्वास नहीं करने वालों पर आएगा।
## अनुवाद के सुझाव: ##
* प्रकरण के आधार पर “यहोवा का दिन” का अनुवाद होगा, “यहोवा का समय” या “वह समय जब यहोवा अपने बैरियों को दण्ड देगा” या “यहोवा के क्रोध का समय."

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@ -6,7 +6,7 @@
* “सुसमाचार प्रचारक” का मूल अर्थ है “शुभ सन्देश सुनानेवाला”।
* यीशु ने अपने चेलों को भेजा कि मनुष्यों में शुभ सन्देश प्रसारित करें कि यीशु और पाप के मोचन को उसके बलिदान द्वारा परमेश्वर के राज्य का भाग कैसे बनें।
* सब मसीही विश्वासियों से आग्रह किया जाता है कि इस शुभ सन्देश को सुनाए।
* सब मसीही विश्वासियों से आग्रह किया जाता है कि इस शुभ सन्देश को सुनाए।
* कुछ विश्वासियों को विशेष आत्मिक वरदान प्राप्त है कि मनुष्यों में इस शुभ सन्देश का प्रभावी प्रचार करें। इन मनुष्यों के पास सुसमाचार प्रचार का वरदान है और इन्हें “सुसमाचार प्रचारक” कहते हैं।
## अनुवाद के सुझाव: ##

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@ -14,7 +14,6 @@
* कुछ संदर्भों में “विश्वास” का अनुवाद “आस्था-श्रद्धा” या “अधिकार” या “निश्चिय” या “भरोसा” किया जा सकता है।
* कुछ भाषाओं में इन शब्दों का अनुवाद “विश्वास करना” के क्रिया रूपों द्वारा किया जा सकता है। [भाववाचक संज्ञा](rc://hi/ta/man/translate/figs-abstractnouns))
* "विश्वास रखना" का अनुवाद "यीशु पर विश्वास करना" या "यीशु पर विश्वास जारी रखें" द्वारा अनुवादित किया जा सकता है।
* ये वाक्य "विश्वास की गहरी सच्चाइयों को पकड़ना" का अनुवाद, "उन्हें यीशु के बारे में सारी सच्ची बातें मानना चाहिए जो उन्हें सिखाया गया हैके रूप में किया जा सकता है ।"
* "विश्वास में मेरा सच्चा पुत्र" शब्द का अनुवाद "मेरे पुत्र के समान है क्योंकि मैंने उसे यीशु पर विश्वास करने के लिए सिखाया था" या "मेरा सच्चा आध्यात्मिक पुत्र, जो यीशु पर विश्वास करता है" का अनुवाद किया जा सकता है।

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@ -2,7 +2,7 @@
## परिभाषा: ##
“भटकनेवाली” अर्थात विश्वास से विमुख या विश्वास न करना।
“भटकनेवाली” अर्थात विश्वास से विमुख या विश्वास न करना।
* इस शब्द द्वारा उन लोगों का वर्णन किया गया है जो परमेश्वर में विश्वास नहीं करते। वे अपने अनैतिक आचरण के द्वारा परमेश्वर में विश्वास नहीं करते है।
* भविष्यद्वक्ता यिर्मयाह ने इस्राएल पर दोष लगाया था कि वे भटकनेवाली कन्या के स्वरूप हैं, वे परमेश्वर की आज्ञा नहीं मानते हैं।

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@ -10,11 +10,11 @@
राजा किसी पर अनुग्रह करता है तो उसका अर्थ प्रायः यह होता है कि राजा ने उसकी विनती स्वीकार कर ली है।
* "पक्ष" संकेत या क्रिया है जो किसी अन्य व्यक्ति के लिए लाभदायक हो।
* "पक्ष" संकेत या क्रिया है जो किसी अन्य व्यक्ति के लिए लाभदायक हो।
## अनुवाद के सुझाव: ##
* “अनुग्रह” के अन्य अनुवाद है, “आशिष” या “लाभ”।
* “अनुग्रह” के अन्य अनुवाद है, “आशिष” या “लाभ”।
* “यहोवा के प्रसन्न रहने के वर्ष” का अनुवाद हो सकता है, “परमेश्वर के अनुग्रह का वर्ष”।
* शब्द "पक्षपात" का अनुवाद "भेदभाव" या "पूर्वाग्रहित" या "अन्यायपूर्ण व्यवहार" के रूप में किया जा सकता है। * यह शब्द "पसंदीदा" शब्द से संबंधित है, जिसका अर्थ है "जो पसंद किया गया है या सर्वश्रेष्ठ प्यार करता है।"

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@ -3,7 +3,6 @@
## परिभाषा: ##
* “आत्मा से भर गए” प्रतीकात्मक अभिव्यक्ति है जिसका अर्थ है कि पवित्र आत्मा मनुष्य को शक्ति देता है कि परमेश्वर की इच्छा पूरी करे।
* “भर जाना” एक वाक्शैली है जिसका अर्थ प्रायः “नियंत्रित होना” होता है।
* मनुष्य “पवित्र आत्मा से भर जाते हैं, जब वे पवित्र आत्मा की अगुआई में रहते हैं और परमेश्वर की इच्छा पूरी करने के लिए उस पर पूर्णतः निर्भर करते हैं।

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@ -15,9 +15,9 @@
* पशु की देह के संदर्भ में शरीर का अनुवाद हो सकता है, “देह” या “त्वचा” या “माँस”
* जब सब प्राणियों के संदर्भ में काम में लिया जाए तो इस शब्द का अनुवाद हो सकता है, “जीवित प्राणी” या “सब जीवित वस्तुएं”।
* जब मनुष्यों के लिए सामान्य उपयोग किया जाए तो इसका अनुवाद हो सकता है, “मनुष्य” या “मानव जाति” या “सब जीवित लोग”
* “माँस और लहू” का अनुवाद हो सकता है “परिजन” या “परिवार” या “संबन्धी” या “पारिवारिक कुल”। कुछ संदर्भों में यह शब्द "पूर्वजों" या “वंशज” हो सकता है।
* “माँस और लहू” का अनुवाद हो सकता है “परिजन” या “परिवार” या “संबन्धी” या “पारिवारिक कुल”। कुछ संदर्भों में यह शब्द "पूर्वजों" या “वंशज” हो सकता है।
* कुछ भाषाओं में अभिव्यक्ति हो सकती है जो "माँस और लहू" के समान है।
* अभिव्यक्ति "एक माँस बन गया" का अनुवाद "यौन एकजुट" या "एक शरीर के रूप में हो" या "शरीर और आत्मा में एक व्यक्ति के समान हो" के रूप में किया जा सकता है। इस अभिव्यक्ति का अनुवाद, यह सुनिश्चित करने के लिए किया जाना चाहिए कि यह परियोजना भाषा और संस्कृति में स्वीकार्य है। (देखें: [व्यंजना](rc://hi/ta/man/translate/figs-euphemism)). यह भी समझना चाहिए कि यह लाक्षणिक है, और इसका अर्थ यह नहीं है कि एक पुरुष और स्त्री जो "एक तन होंगे" का शाब्दिक रूप से एक व्यक्ति बन गया है।
* अभिव्यक्ति "एक माँस बन गया" का अनुवाद "यौन एकजुट" या "एक शरीर के रूप में हो" या "शरीर और आत्मा में एक व्यक्ति के समान हो" के रूप में किया जा सकता है। इस अभिव्यक्ति का अनुवाद, यह सुनिश्चित करने के लिए किया जाना चाहिए कि यह परियोजना भाषा और संस्कृति में स्वीकार्य है। (देखें: [व्यंजना](rc://hi/ta/man/translate/figs-euphemism)). यह भी समझना चाहिए कि यह लाक्षणिक है, और इसका अर्थ यह नहीं है कि एक पुरुष और स्त्री जो "एक तन होंगे" का शाब्दिक रूप से एक व्यक्ति बन गया है।
## बाइबल सन्दर्भ: ##

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@ -6,7 +6,7 @@
* “युगानुयुग” अर्थात सदा अस्तित्वान वस्तु।
* “युगानुयुग” इस उक्ति द्वारा अनन्तकाल या अनन्तजीवन व्यक्त किया जाता है। इसमें अनन्त समय का भाव निहित है।
* परमेश्वर ने कहा था कि दाऊद का राज्य “सर्वदा” का होगा। इसका अभिप्राय है कि दाऊद का वंशज यीशु राजा होकर सदा राज करता रहेगा।
* परमेश्वर ने कहा था कि दाऊद का राज्य “सर्वदा” का होगा। इसका अभिप्राय है कि दाऊद का वंशज यीशु राजा होकर सदा राज करता रहेगा।
## अनुवाद के सुझाव: ##

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@ -34,9 +34,9 @@
* __[07:10](rc://hi/tn/help/obs/07/10)__ परन्तु एसाव याकूब को पहले ही __माफ़ कर__ चुका था, और वह एक दूसरे को देखकर बहुत ही प्रसन्न हुए।
* __[13:15](rc://hi/tn/help/obs/13/15)__ मूसा पर्वत पर फिर चढ़ गया और उसने प्रार्थना की कि परमेश्वर उन लोगों के पाप को __क्षमा कर__ दे। परमेश्वर ने मूसा की प्रार्थना सुनी और उन्हें __क्षमा किया__
* __[17:13](rc://hi/tn/help/obs/17/13)__ दाऊद को अपने किए हुए अपराधों पर पश्चाताप हुआ और परमेश्वर ने उसे __क्षमा किया__
* __[21:05](rc://hi/tn/help/obs/21/05)__ परन्तु जो वाचा मैं उन दिनों के बाद उनसे बाँधूँगा वह यह है : मैं अपनी व्यवस्था उनके मन में समवाऊँगा, और उसे उनके ह्रदय पर लिखूँगा, और मैं उनका परमेश्वर ठहरूँगा, और वह मेरी प्रजा ठहरेंगे, लोग परमेश्वर को जानेंगे कि वह परमेश्वर के लोग है, और परमेश्वर उनका अधर्म __क्षमा करेगा__
* __[21:05](rc://hi/tn/help/obs/21/05)__ परन्तु जो वाचा मैं उन दिनों के बाद उनसे बाँधूँगा वह यह है : मैं अपनी व्यवस्था उनके मन में समवाऊँगा, और उसे उनके ह्रदय पर लिखूँगा, और मैं उनका परमेश्वर ठहरूँगा, और वह मेरी प्रजा ठहरेंगे, लोग परमेश्वर को जानेंगे कि वह परमेश्वर के लोग है, और परमेश्वर उनका अधर्म __क्षमा करेगा__
* __[29:01](rc://hi/tn/help/obs/29/01)__ एक दिन पतरस ने पास आकर यीशु से पूछा , “हे प्रभु, यदि मेरा भाई अपराध करता रहे, तो मैं उसे कितनी बार __क्षमा__ करूँ?”
* __[29:08](rc://hi/tn/help/obs/29/08)__तू ने जो मुझ से विनती की, तो मैं ने तेरा वह पूरा कर्ज़ __क्षमा कर दिया__
* __[29:08](rc://hi/tn/help/obs/29/08)__तू ने जो मुझ से विनती की, तो मैं ने तेरा वह पूरा कर्ज़ __क्षमा कर दिया__
* __[38:05](rc://hi/tn/help/obs/38/05)__ फिर उसने दाखरस का कटोरा लिया और कहा, “इसे पीओं। यह वाचा का मेरा लहू है, जो बहुतों के पापों की __क्षमा__ के लिये बहाया जाता है।

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@ -5,7 +5,7 @@
“छोड़ना” अर्थात किसी को अलग कर देना या किसी वस्तु का प्रत्याख्यान करना। यदि कोई “त्यागा हुआ” है तो वह किसी के द्वारा अकेला छोड़ दिया गया या अलग कर दिया गया है।
* जब मनुष्य परमेश्वर को “त्याग” देते हैं तो वे अवज्ञा के द्वारा उसका विश्वासघात करते है।
* परमेश्वर मनुष्यों का त्याग करता है तो इसका अर्थ है कि उसने उनकी सहायता करना छोड़ दिया है और उन्हें कष्ट भोगने दिया है कि वे उसके पास लौट आएं।
* परमेश्वर मनुष्यों का त्याग करता है तो इसका अर्थ है कि उसने उनकी सहायता करना छोड़ दिया है और उन्हें कष्ट भोगने दिया है कि वे उसके पास लौट आएं।
* इस शब्द का अर्थ प्रत्याख्यान भी है जैसे परमेश्वर की शिक्षाओं को त्यागना या उन का अनुसरण नहीं करना।
* “त्यागा हुआ” का भूतकाल में काम में लिया जा सकता है जैसे “उसने तुझे त्याग दिया” या जैसे किसी को "त्याग दिया गया है" के संदर्भ में।

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@ -17,7 +17,7 @@
* “परमेश्वर” शब्द के अनुवाद हो सकते हैं, “दिव्य शक्ति” या “सृजनहार” या “अलौकिक प्राणी”।
* “परमेश्वर” शब्द के अन्य अनुवाद हो सकते हैं, “अलौकिक सृजनहार” या “अनन्त परम प्रधान प्रभु” या “शाश्वत अलौकिक प्राणी”
* ध्यान दें कि स्थानीय या राष्ट्रीय भाषा में परमेश्वर के लिए क्या शब्द काम में लिया जाता है। हो सकता है कि लक्षित भाषा में परमेश्वर के लिए एक शब्द है। यदि है तो सुनिश्चित करें कि उस शब्द में एकमात्र सच्चे परमेश्वर के गुण प्रकट है, जैसा ऊपर व्यक्त किया गया है।
* अनेक भाषाओं में परमेश्वर शब्द का प्रथम अक्षर बड़ा कर दिया जाता है कि वह झूठे ईश्वरों से भिन्न करा जा सके।
* अनेक भाषाओं में परमेश्वर शब्द का प्रथम अक्षर बड़ा कर दिया जाता है कि वह झूठे ईश्वरों से भिन्न करा जा सके।
* इस अन्तर को प्रकट करने के लिए परमेश्वर और ईश्वर शब्दों को दो भिन्न अक्षरों द्वारा व्यक्त किया जाए।
* “मैं उनका परमेश्वर होऊंगा और वे मेरे लोग होंगे” इस उक्ति का अनुवाद हो सकता है, “मैं परमेश्वर इन लोगों पर राज करूंगा और वे मेरी उपासना करेंगे।”
@ -40,7 +40,7 @@
* [यिर्मयाह 05:4-6](rc://hi/tn/help/jer/05/04)
* [यूह. 01:1-3](rc://hi/tn/help/jhn/01/01)
* [यहोशू 03:9-11](rc://hi/tn/help/jos/03/09)
* [[विलापना 03:40-43](rc://hi/tn/help/lam/03/40)
* [विलापना 03:40-43](rc://hi/tn/help/lam/03/40)
* [मीका 04:4-5](rc://hi/tn/help/mic/04/04)
* [फिलिप्पुस 02:5-8](rc://hi/tn/help/php/02/05)
* [नीतिवचन 24:11-12](rc://hi/tn/help/pro/24/11)

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@ -10,7 +10,7 @@
## अनुवाद के सुझाव ##
* “ईश्वर-भक्त” का अनुवाद “परमेश्वर परायण लोग” या “परमेश्वर की आज्ञा मानने वाले लोग” (देखें: [नाममात्र](rc://hi/ta/man/translate/figs-nominaladj)
* विशेषण "ईश्वरीय" का अनुवाद "ईश्वर के आज्ञाकारी" या "धर्मी" या "ईश्वर को प्रसन्न" के रूप में किया जा सकता है।
* विशेषण "ईश्वरीय" का अनुवाद "ईश्वर के आज्ञाकारी" या "धर्मी" या "ईश्वर को प्रसन्न" के रूप में किया जा सकता है।
* वाक्यांश "ईश्वरीय ढंग से" का अनुवाद "परमेश्वर की आज्ञा के अनुसार" या "कर्मों और शब्दों से किया गया है जो परमेश्वर को खुश करता है" के रूप में किया जा सकता है।
* "भक्ति" का अनुवाद करने के तरीके में "परमेश्वर को प्रसन्न करने वाले तरीके से काम करना" या "परमेश्वर का पालन करना" या "एक धर्मी तरीके से जी रहे" हो सकते हैं।

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@ -22,7 +22,7 @@
* [1 कुरिन्थियों 08:4-6](rc://hi/tn/help/1co/08/04)
* [1 यूह. 02:1-3](rc://hi/tn/help/1jn/02/01)
[1 यूह. 02:22-23](rc://hi/tn/help/1jn/02/22)
* [1 यूह. 02:22-23](rc://hi/tn/help/1jn/02/22)
* [1 यूह. 03:1-3](rc://hi/tn/help/1jn/03/01)
* [कुलुस्सियों 01: 1-3](rc://hi/tn/help/col/01/01)
* [इफिसियों 05: 18-21](rc://hi/tn/help/eph/05/18)
@ -35,7 +35,7 @@
* __[24:09](rc://hi/tn/help/obs/24/09)__ केवल एक ही परमेश्वर है। परन्तु जब यूहन्ना ने यीशु को बपतिस्मा दिया, उसने __पिता परमेश्वर__ को कहते सुना, पुत्र परमेश्वर को देखा, और पवित्र आत्मा को भी देखा ।
* __[29:09](rc://hi/tn/help/obs/29/09)__ तब यीशु ने कहा, “इसी प्रकार यदि तुम में से हर एक अपने भाई को मन से क्षमा न करेगा, तो मेरा __पिता जो स्वर्ग में है__ , तुम से भी वैसा ही करेगा"
* __[37:09](rc://hi/tn/help/obs/37/09)__ फिर यीशु ने स्वर्ग की ओर देखा और कहा, " __पिता__, मुझे सुनने के लिए धन्यवाद।"
* __[40:07](rc://hi/tn/help/obs/40/07)__ तब यीशु ने रोते हुए कहा, “पूरा हुआ! हे __पिता__, मैं अपनी आत्मा तेरे हाथों में सौंपता हूँ।”
* __[40:07](rc://hi/tn/help/obs/40/07)__ तब यीशु ने रोते हुए कहा, “पूरा हुआ! हे __पिता__, मैं अपनी आत्मा तेरे हाथों में सौंपता हूँ।”
* __[42:10](rc://hi/tn/help/obs/42/10)__ इसलिये तुम जाओ, सब जातियों के लोगों को चेला बनाओ और उन्हें __पिता__, और पुत्र, और पवित्र आत्मा के नाम से बपतिस्मा दो, और उन्हें सब बातें जो मैं ने तुम्हें आज्ञा दी है, मानना सिखाओ। "
* __[43:08](rc://hi/tn/help/obs/43/08)__ “यीशु अब महिमा में __पिता परमेश्वर__ के दाहिनी ओर बैठा है।"
* __[50:10](rc://hi/tn/help/obs/50/10)__ तब धर्मीलोग अपने __पिता परमेश्वर__ के राज्य में सूर्य के समान चमकेंगे।”

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@ -36,7 +36,7 @@
## बाइबल कहानियों के उदाहरण: ##
* __[01:04](rc://hi/tn/help/obs/01/04)__ परमेश्वर ने देखा कि जो सृष्टि उसने की है वह __अच्छी__ है।।
* __[01:11](rc://hi/tn/help/obs/01/11)__ परमेश्वर ने __अच्छे__ और बुरे के ज्ञान का पेड़ लगाया।
* __[01:11](rc://hi/tn/help/obs/01/11)__ परमेश्वर ने __अच्छे__ और बुरे के ज्ञान का पेड़ लगाया।
* __[01:12](rc://hi/tn/help/obs/01/12)__ फिर परमेश्वर ने कहा “आदमी का अकेला रहना __अच्छा__ नहीं है।”
* __ \[02:04](rc://hi/tn/help/obs/02/04)__ "परमेश्वर इतना जानता है कि जैसे ही तुम इसे खाते हो, तो तुम परमेश्वर की तरह हो जाओगे और __अच्छा__ और बुरे को समझोगे जैसा वह समझता है।"
* __[08:12](rc://hi/tn/help/obs/08/12)__ "आपने दास के रूप में मुझे बेचकर तुमने बुराई करने की कोशिश की, लेकिन परमेश्वर ने __भलाई__ के लिए बुराई का इस्तेमाल किया!"

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@ -4,7 +4,7 @@
“अधोलोक” और “अथाह-कुण्ड” बाइबल में मृत्यु के संदर्भ में काम में लिए गए हैं और उस स्थान को दर्शाते हैं जहां मरणोपरान्त मनुष्यों की आत्मायें जाती हैं। इनके अर्थ एक से ही हैं।
* पुराने नियम में “अधोलोक” का इब्रानी शब्द (शिओल) सामान्यतः मृत्यु के स्थान को दर्शाता है
* पुराने नियम में “अधोलोक” का इब्रानी शब्द (शिओल) सामान्यतः मृत्यु के स्थान को दर्शाता है
* नये नियम में यूनानी शब्द “हेडीज़” (अथाह-कुण्ड) परमेश्वर के विद्रोहियों की आत्माओं का स्थान है। इन आत्माओं के लिए कहा गया है कि वे अथाह-कुण्ड में डाली जायेंगी। यह कभी-कभी स्वर्गारोहण के विपरीत विचार व्यक्त करने के लिए है जहां यीशु के विश्वासियों की आत्मायें हैं।
* प्रकाशितवाक्य की पुस्तक में अथाह-कुण्ड के साथ मृत्यु शब्द जुड़ा है। अन्त समय में मृत्यु और अधोलोक दोनों आग की झील में डाले जायेंगे।
@ -12,7 +12,7 @@
पुराने नियम के शब्द “शिओल” (अधोलोक) का अनुवाद “मृतकों का स्थान” या “मृतक आत्माओं का स्थान” कुछ अनुवादों में इसे “कुण्ड” या “मृत्यु” कहा गया है-प्रकरण के अनुसार।
* नये नियम का शब्द “हेडीज़” का अनुवाद भी “अविश्वासी मृतक आत्माओं का स्थान” या “अविश्वासी मृतकों मनुष्यों की आत्माओं का स्थान”।
* नये नियम का शब्द “हेडीज़” का अनुवाद भी “अविश्वासी मृतक आत्माओं का स्थान” या “अविश्वासी मृतकों मनुष्यों की आत्माओं का स्थान”।
* कुछ अनुवादों में “शिओल” और “हेडीज़” का उसी भाषा के उच्चारण में ज्यों का त्यों रखा गया है। (देखें: [अपरिचित शब्दों का अनुवाद कैसे करे](rc://hi/ta/man/translate/translate-unknown))
* एक वाक्यांश को यह भी समझाने के लिए प्रत्येक शब्द में जोड़ा जा सकता है, ऐसा करने के उदाहरण, "अधोलोक, जगह जहाँ मृत लोग हैं" और "अथाह-कुण्ड, मृत्यु के स्थान"।

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@ -6,7 +6,7 @@
* “कठोर मन” एक सामान्य अभिव्यक्ति है जिसका अर्थ है हठ करके परमेश्वर की आज्ञा न मानना।
* “अपने पूरे हृदय से” या “मेरे पूरे मन से” अर्थात बिना आरक्षण, संपूर्ण समर्पण एवं इच्छा से।
* “मन में बसा लेना” अर्थात किसी बात को गंभीरता से लेते हुए जीवन में आत्मसात कर लेना।
* “मन में बसा लेना” अर्थात किसी बात को गंभीरता से लेते हुए जीवन में आत्मसात कर लेना।
* “दिल टूटना” अर्थात बहुत दुःखी होना। उनकी भावनाएं बहुत आहत हुई हैं।
## अनुवाद के सुझाव ##

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@ -36,7 +36,7 @@
## बाइबल कहानियों से उदाहरण: ##
* __[04:02](rc://hi/tn/help/obs/04/02)__ फिर उन्होंने __स्वर्ग__ तक लंबी चोटी बनाने का निर्माण किया।
* __[14:11](rc://hi/tn/help/obs/14/11)__ उसने (परमेश्वर) उन्हें __स्वर्ग__ से रोटी दी, “जिसे मन्ना कहते थे।”
* __[14:11](rc://hi/tn/help/obs/14/11)__ उसने (परमेश्वर) उन्हें __स्वर्ग__ से रोटी दी, “जिसे मन्ना कहते थे।”
* __[23:07](rc://hi/tn/help/obs/23/07)__ तब एकाएक स्वर्गदूतों का दल परमेश्वर की स्तुति करते हुए और यह कहते हुए दिखाई दिया, “__आकाश__ में परमेश्वर की महिमा और पृथ्वी पर उन मनुष्यों में जिनसे वह प्रसन्न है, शान्ति हो।”
* __[29:09](rc://hi/tn/help/obs/29/09)__ तब यीशु ने कहा, “इसी प्रकार यदि तुम में से हर एक अपने भाई को मन से क्षमा न करेगा, तो मेरा पिता जो __स्वर्ग__ में है , तुम से भी वैसा ही करेगा।”
* __[37:09](rc://hi/tn/help/obs/37/09)__ तब यीशु ने __स्वर्ग__ की ओर देखा और कहा, “हे पिता, मैं आपका धन्यवाद करता हूँ कि आपने मेरी सुन ली है।

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@ -7,7 +7,7 @@
* नरक को आग और घोर पीड़ा का स्थान कहा गया है।
* शैतान और उसके साथ की दुष्टात्माएं अनन्त दण्ड के लिए नरक में डाली जाएंगी।
* जो लोग उनके पापों के लिए यीशु के बलिदान में विश्वास नहीं करते और उद्धार के लिए उसमें विश्वास नहीं करते उन्हें भी सदा के लिए दण्ड हेतु नरक में डाला जाएगा।
## अनुवाद के लिए सुझाव: ##

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@ -2,7 +2,7 @@
## परिभाषा: ##
“महायाजक” वह याजक था जो सब इस्राएली भाषाओं का अगुआ नियुक्त किया जाता था जिसका कार्यकाल एक वर्ष था।
“महायाजक” वह याजक था जो सब इस्राएली भाषाओं का अगुआ नियुक्त किया जाता था जिसका कार्यकाल एक वर्ष था।
* महायाजक के विशेष उत्तरदायित्व थे। एकमात्र वही था जो वर्ष में एक बार विशेष बलि चढ़ाने के लिए वर्ष में एक बार मन्दिर के परम-पवित्र स्थान में प्रवेश कर सकता था।
* इस्राएल में याजक तो अनेक थे परन्तु एक बार में एक ही महायाजक होता था।

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@ -34,7 +34,7 @@
* __[01:16](rc://hi/tn/help/obs/01/16)__ उस ने सातवें दिन को आशीष दिया और उसे __पवित्र__ बनाया क्योंकि इस दिन परमेश्वर ने अपने काम से विश्राम लिया था।
* __[09:12](rc://hi/tn/help/obs/09/12)__ “जिस स्थान पर तू खड़ा है वह __पवित्र__ भूमि है।”
* __[13:02](rc://hi/tn/help/obs/13/01)__ ,”इसलिये अब यदि तुम निश्चय मेरी मानोगे, और मेरी वाचा का पालन करोगे, तो सब लोगों में से तुम ही मेरा निज धन ठहरोगे, समस्त पृथ्वी तो मेरी है, और तुम मेरी दृष्टी में याजकों का राज्य और __पवित्र__ जाति ठहरोगे।”
* __[13:02](rc://hi/tn/help/obs/13/01)__ ,”इसलिये अब यदि तुम निश्चय मेरी मानोगे, और मेरी वाचा का पालन करोगे, तो सब लोगों में से तुम ही मेरा निज धन ठहरोगे, समस्त पृथ्वी तो मेरी है, और तुम मेरी दृष्टी में याजकों का राज्य और __पवित्र__ जाति ठहरोगे।”
* __[13:05](rc://hi/tn/help/obs/13/05)__ तू सब्त के दिन को __पवित्र__ मानने के लिये स्मरण रखना।
* __[22:05](rc://hi/tn/help/obs/22/05)__“इसलिये वह __पवित्र__ जो उत्पन्न होनेवाला है, परमेश्वर का पुत्र कहलाएगा।”
* __[50:02](rc://hi/tn/help/obs/50/02)__ जबकि हम यीशु के वापस आने का इंतजार कर रहे हैं, तो परमेश्वर चाहता है कि हम ऐसा जीवन जियें जो __पवित्र__ हो तथा उसे आदर देता हो।

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@ -15,7 +15,7 @@
* इस शब्द का अनुवाद “पवित्र” और “आत्मा” शब्दों के अनुवाद से किया जा सकता है।
* इस शब्द का अनुवाद, “शुद्ध आत्मा”, या “आत्मा जो पवित्र है” या “परमेश्वर जो आत्मा है” हो सकता है।
(यह भी देखें: [पवित्र](../kt/holy.md), [आत्मा](../kt/spirit.md), [परमेश्वर](../kt/god.md), [प्रभु](../kt/lordgod.md), [पिता परमेश्वर](../kt/godthefather.md), [परमेश्वर का पुत्र](../kt/sonofgod.md) [भेंट ](../kt/gift.md)
(यह भी देखें: [पवित्र](../kt/holy.md), [आत्मा](../kt/spirit.md), [परमेश्वर](../kt/god.md), [प्रभु](../kt/lordgod.md), [पिता परमेश्वर](../kt/godthefather.md), [परमेश्वर का पुत्र](../kt/sonofgod.md), [भेंट ](../kt/gift.md)
## बाइबल सन्दर्भ: ##

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@ -15,7 +15,7 @@
* “आदर” के अन्य अनुवाद रूप हैं, “किसी को विशेष सम्मान दिखाना” या “प्रतिष्ठा दर्शाना” या “उच्च सम्मान देना”
“आदर करना” का अनुवाद हो सकता है, “विशेष सम्मान करना” या “प्रशंसा करना” या “उच्च प्रतिष्ठा दर्शाना” या “महान महत्व प्रकट करना”
(यह भी देखें: [अपमान](../other/dishonor.md), [महिमा](../kt/glory.md), [महिमा करना](../kt/glorify.md), [स्तुति करना](../other/praise.md))
## बाइबल सन्दर्भ: ##

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@ -2,10 +2,10 @@
## परिभाषा: ##
आशा यह है कि कुछ होने के लिए दृढ इच्छा है।
भविष्य में होने वाली घटना के बारे में आशा या अनिश्चितता या तो निश्चित हो सकती है
आशा यह है कि कुछ होने के लिए दृढ इच्छा है।
भविष्य में होने वाली घटना के बारे में आशा या अनिश्चितता या तो निश्चित हो सकती है
* बाइबल में, शब्द "आशा" का "भरोसा"; का अर्थ भी है, जैसा कि "मेरी उम्मीद प्रभु में है।" यह उन लोगों को प्राप्त करने की एक निश्चित उम्मीद को दर्शाता है जो परमेश्वर ने अपने लोगों से वादा किया है
* बाइबल में, शब्द "आशा" का "भरोसा"; का अर्थ भी है, जैसा कि "मेरी उम्मीद प्रभु में है।" यह उन लोगों को प्राप्त करने की एक निश्चित उम्मीद को दर्शाता है जो परमेश्वर ने अपने लोगों से वादा किया है
* कभी-कभी यूएलबी शब्द को मूल भाषा में "आत्मविश्वास"; के रूप में तब्दील कर देता है। यह ज्यादातर नए नियम में परिस्थितियों में होता है, जहां लोग जो अपने उद्धारकर्ता के रूप में यीशु पर विश्वास करते हैं, उन्हें परमेश्वर ने वादा किया है उसे प्राप्त करने का आश्वासन (या आत्मविश्वास या आशा) है।
* “कोई आशा नहीं” अर्थात किसी अच्छी बात का विश्वास नहीं। इसका मतलब है कि यह वास्तव में बहुत निश्चित है कि ऐसा नहीं होगा।

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@ -4,13 +4,13 @@
मूरत का अर्थ है किसी के स्वरूप में या चरित्र या तत्त्व में किसी के समान। “परमेश्वर का प्रतिरूप” प्रकरण के अनुसार भिन्न-भिन्न रूप में काम में लिया गया है।
* आरंभ में परमेश्वर ने मनुष्य को “अपने स्वरूप” में सृजा था अर्थात् उसकी समानता में। इसका अर्थ है कि मनुष्य के कुछ गुण परमेश्वर के स्वरूप को दर्शाते हैं जैसे भावनाओं की अनुभूति की क्षमता, तर्क करने और विचारों का आदान प्रदान करने की क्षमता और अनश्वर आत्मा।
* आरंभ में परमेश्वर ने मनुष्य को “अपने स्वरूप” में सृजा था अर्थात् उसकी समानता में। इसका अर्थ है कि मनुष्य के कुछ गुण परमेश्वर के स्वरूप को दर्शाते हैं जैसे भावनाओं की अनुभूति की क्षमता, तर्क करने और विचारों का आदान प्रदान करने की क्षमता और अनश्वर आत्मा।
* बाइबल की शिक्षा के अनुसार यीशु, परमेश्वर का पुत्र, परमेश्वर का प्रतिरूप है अर्थात् वह परमेश्वर है। यीशु सृजा नहीं गया था जैसे मनुष्य सृजा गया था। अनादिकाल से पुत्र परमेश्वर में परमेश्वर के सब गुण हैं, क्योंकि उसके पास पिता परमेश्वर का संपूर्ण तत्त्व है।
## अनुवाद के सुझाव: ##
* जब यीशु को परमेश्वर का प्रतिरूप कहा जाता है तो अनुवाद हो सकता है, “परमेश्वर की यथार्थ समानता में” या “परमेश्वर के तत्त्व में” या “परमेश्वर के अस्तित्व में”।
* मनुष्यों के संदर्भ में “परमेश्वर ने उसे अपने स्वरूप में बनाया” का अनुवाद इस प्रकार की उक्तियों से किया जाए जिनका अर्थ है, “परमेश्वर ने उसे अपनी समानता में बनाया” या “परमेश्वर ने उसे अपने जैसे गुणों में बनाया”।
* मनुष्यों के संदर्भ में “परमेश्वर ने उसे अपने स्वरूप में बनाया” का अनुवाद इस प्रकार की उक्तियों से किया जाए जिनका अर्थ है, “परमेश्वर ने उसे अपनी समानता में बनाया” या “परमेश्वर ने उसे अपने जैसे गुणों में बनाया”।
(यह भी देखें: [रूप ](../other/image.md), [परमेश्वर का पुत्र](../kt/sonofgod.md), [परमेश्वर का पुत्र](../kt/sonofgod.md))

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@ -45,7 +45,7 @@
* __[04:06](rc://hi/tn/help/obs/04/06)__ जब अब्राम कनान देश पहुंचा तब परमेश्वर ने उससे कहा कि, अपने चारों ओर देख’’ क्योंकि जितनी भूमि तुझे दिखाई देती है, उस सब को मैं तुझे और तेरे __वंश__ को दूँगा।
* __[27:01](rc://hi/tn/help/obs/27/01)__ एक दिन, यहूदियों के कानून में एक विशेषज्ञ यीशु की परीक्षा लेने के लिए आया था, उन्होंने कहा, "शिक्षक, मुझे अनन्त जीवन __ पाने के लिए__ क्या करना चाहिए ?"
* __[35:03](rc://hi/tn/help/obs/35/03)__ “किसी व्यक्ति के दो पुत्र थे। उनमें से छोटे पुत्र ने पिता से कहा, ‘हे पिता, सम्पत्ति में से जो __भाग मेरा__ है वह मुझे दे दीजिये।’ तो पिता ने अपने दोनों बेटो में अपनी सम्पत्ति बाँट दी।”
* __[35:03](rc://hi/tn/help/obs/35/03)__ “किसी व्यक्ति के दो पुत्र थे। उनमें से छोटे पुत्र ने पिता से कहा, ‘हे पिता, सम्पत्ति में से जो __भाग मेरा__ है वह मुझे दे दीजिये।’ तो पिता ने अपने दोनों बेटो में अपनी सम्पत्ति बाँट दी।”
## शब्द तथ्य: ##

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@ -11,7 +11,7 @@
## अनुवाद के सुझाव: ##
* “जलन” के अनुवाद रूप हो सकते हैं, “सुरक्षा की प्रबल इच्छा” या “अपनेपन की इच्छा”
* “जलन” के अनुवाद रूप हो सकते हैं, “सुरक्षा की प्रबल इच्छा” या “अपनेपन की इच्छा”
* “ईर्ष्या” का अनुवाद “सुरक्षा की प्रबल भावना” या “अपनेपन की भावना”
* परमेश्वर के लिए जब इस शब्द का अनुवाद करें तो ऐसा प्रकट न हो कि परमेश्वर किसी से जलन रखता है।
* मनुष्यों के प्रति मनुष्यों की क्रोधपूर्ण भावनाओं के संदर्भ में जब कोई सफल होता है तब “जलना” या “जलन” शब्दों का उपयोग किया जा सकता है। परन्तु ये शब्द परमेश्वर के लिए काम में न लें।

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@ -9,7 +9,7 @@
* “न्याय करने” का अर्थ “दोषी ठहराना” है। परमेश्वर अपने लोगों से कहता है कि वे एक दूसरे का ऐसा न्याय नहीं करें।
* इसका एक और अर्थ है “के बीच मध्यस्थता” या “दो मनुष्यों का न्याय करना” कि मतभेद में कौन सही है।
* कुछ प्रकरणों में परमेश्वर के “न्याय” का अर्थ है परमेश्वर ने किस बात को उचित एवं न्याय सम्मत ठहराया है। यह उसके आदेश, नियमों या अध्यादेशों को सम्मानार्थक है।
* “न्याय” का संदर्भ बुद्धिमानी की निर्णय लेने की क्षमता। जिस मनुष्य में “न्याय” की कमी है उसमें बुद्धिमानी के निर्णय लेने की योग्यता नहीं है।
* “न्याय” का संदर्भ बुद्धिमानी की निर्णय लेने की क्षमता। जिस मनुष्य में “न्याय” की कमी है उसमें बुद्धिमानी के निर्णय लेने की योग्यता नहीं है।
## अनुवाद के सुझाव: ##

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@ -4,7 +4,7 @@
“परमेश्वर का राज्य” और “स्वर्ग का राज्य” दोनों ही परमेश्वर के राज्य एवं अधिकार के संदर्भ में है और जो उसकी प्रजा और संपूर्ण सृष्टि पर है।
* यहूदी “स्वर्ग” शब्द को प्रायः परमेश्वर के संदर्भ में काम में लेते थे कि उसका सीधे तौर से नाम न लें। (देखें: [लक्षणालंकार](rc://hi/ta/man/translate/figs-metonymy))
* यहूदी “स्वर्ग” शब्द को प्रायः परमेश्वर के संदर्भ में काम में लेते थे कि उसका सीधे तौर से नाम न लें। (देखें: [लक्षणालंकार](rc://hi/ta/man/translate/figs-metonymy))
* नये नियम में मत्ती रचित सुसमाचार वृत्तान्त में मत्ती परमेश्वर के राज्य को “स्वर्ग का राज्य” कहता है क्योंकि उसका लक्षित समूह संभवतः यहूदी समुदाय था।
* परमेश्वर के राज्य का अर्थ है परमेश्वर मनुष्यों पर आत्मिक परिप्रेक्ष्य में राज करता है वरन् लौकिक संसार पर भी राज करता है।
* पुराने नियम के भविष्यद्वक्ताओं ने कहा था कि परमेश्वर अपना मसीह भेजेगा कि वह धार्मिकता के साथ राज करे। परमेश्वर का पुत्र, यीशु ही वह मसीह है जो परमेश्वर के राज्य में सदाकालीन राज करेगा।

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@ -3,7 +3,6 @@
## परिभाषा: ##
* “यहूदियों का राजा” यीशु मसीह का पदनाम है।
* पहली बार बाइबल में यह पदनाम उस समय आया है जब बैतलहम आनेवाले ज्योतिषियों ने “यहूदियों के राजा” होने वाले शिशु को खोजने के लिए काम में लिया था।
* स्वर्गदूत ने मरियम से कहा था कि उसका पुत्र, दाऊद का वंशज एक राजा होगा जिसका राज्य सदाकालीन होगा।
* यीशु के क्रूसीकरण से पूर्व रोमी सैनिकों ने ठट्ठा करके यीशु को “यहूदियों का राजा” कहा था। यह पदनाम एक तख्ती पर लिखकर यीशु के क्रूस पर भी लगाया गया था।
@ -12,7 +11,7 @@
## अनुवाद के लिए सुझाव: ##
* “यहूदियों का राजा” का अनुवाद “यहूदियों पर राजा” या “यहूदियों पर राज करने वाला राजा” या “यहूदियों का परम प्रधान शासक हो सकता है”।
* देखें कि “का राजा” अन्य स्थानों में किस प्रकार अनुवाद किया गया है।
* देखें कि “का राजा” अन्य स्थानों में किस प्रकार अनुवाद किया गया है।
(यह भी देखें: [वंशज](../other/descendant.md), [यहूदी](../kt/jew.md), [यीशु](../kt/jesus.md), [राजा](../other/king.md), [राज्य](../other/kingdom.md), [परमेश्वर का राज्य](../kt/kingdomofgod.md), [ज्योतिष](../other/wisemen.md))

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@ -13,7 +13,7 @@
* यदि लक्षित भाषा में भेड़ परिचित शब्द है तो उसके बच्चे का नाम के स्थान में अनुवाद किया जाए जैसे “मेम्ना” या “परमेश्वर का मेम्ना” ।
* "परमेश्वर का मेम्ना" का अनुवाद "परमेश्वर का (बलि)मेम्ना" या "मेम्ना, परमेश्वर के लिए बलि चढ़ाया गया" या " परमेश्वर की ओर से (बलिदान)मेम्ना" के रूप में किया जा सकता है।
* यदि लक्षित भाषा में भेड़ परिचित शब्द नहीं है तो इस शब्द का अनुवाद "एक भेड़ का बच्चा" किया जा सकता है और पाद टिप्पणी में उस भेड़ का वर्णन करें। टिप्पणी में भेड़ और भेड़ के बच्चों की तुलना पशुओं से किया जाता है जो झुंडों में रहता है, जो कि डरपोक और निराश्रित है, और वह अक्सर भटकते हैं।
* यह भी ध्यान रखें कि इस शब्द का अनुवाद स्थानीय या राष्ट्रीय भाषा में कैसे किया गया है।
* यह भी ध्यान रखें कि इस शब्द का अनुवाद स्थानीय या राष्ट्रीय भाषा में कैसे किया गया है।
(देखें: [अपरिचित शब्दों का अनुवाद कैसे करे](rc://hi/ta/man/translate/translate-unknown))

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@ -5,7 +5,7 @@
“अन्तिम दिनों” या “अन्त के दिनों” इस युग के अन्त का संदर्भ देते हैं।
* यह समय अज्ञात अवधि है।
* “अन्तिम दिन” न्याय का समय होगा, परमेश्वर से विमुख होने वालों का न्याय।
* “अन्तिम दिन” न्याय का समय होगा, परमेश्वर से विमुख होने वालों का न्याय।
## अनुवाद के सुझाव: ##

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@ -25,7 +25,7 @@
* “रहना” शब्द का अनुवाद “वास करना” या “निवास करना” या “अस्तित्ववान रहना” किया जा सकता है।
* “जीवन का अन्त” का अनुवाद “जीवन का सांस रूक जाए” हो सकता है।
* “जान बचा दी” का अनुवाद “जीने दिया” या “हत्या नहीं की” किया जा सकता है।
* “जान खतरे में डाली” का अनुवाद हो सकता है, “जान जोखिम में डाली” या “ऐसा काम किया जो जान लेवा हो सकता था”।
* “जान खतरे में डाली” का अनुवाद हो सकता है, “जान जोखिम में डाली” या “ऐसा काम किया जो जान लेवा हो सकता था”।
* बाइबल पाठ में आत्मिक रूप से जीवित होने के बारे में बात की जाती है, संदर्भ के आधार पर "जीवन" का अनुवाद "आध्यात्मिक जीवन" या "अनन्त जीवन" के रूप में किया जा सकता है।
* "आत्मिक जीवन" की अवधारणा का भी अनुवाद किया जा सकता है क्योंकि "परमेश्वर हमें अपनी आत्माओं में जीवित कर रहा है" या "परमेश्वर की आत्मा से नया जीवन" या "अंतरात्मा में जीवित किया जाना।"
* संदर्भ के आधार पर, अभिव्यक्ति "जीवन देना" का अनुवाद "जीवित रहने के लिए" या "अनन्त जीवन दे" या "सदा के लिए जीना" के रूप में भी किया जा सकता है।
@ -47,7 +47,7 @@
## बाइबल कहानियों से उदाहरण: ##
* __[01:10](rc://hi/tn/help/obs/01/10)__ फिर परमेश्वर ने मिट्टी लिया, और उससे एक आदमी बनाया, और उसमें __जीवन__ का साँस फूँक दिया।
* __[01:10](rc://hi/tn/help/obs/01/10)__ फिर परमेश्वर ने मिट्टी लिया, और उससे एक आदमी बनाया, और उसमें __जीवन__ का साँस फूँक दिया।
* __[03:01](rc://hi/tn/help/obs/03/01)__ एक लंबे समय के बाद, बहुत से लोग दुनिया में __रह रहे__ थे।
* __[08:13](rc://hi/tn/help/obs/08/13)__ जब यूसुफ के भाई अपने पिता याकूब के पास पहुँचे और उससे कहा, यूसुफ अब तक __जीवित__ है, यह सुन वह बहुत प्रसन्न हुआ।
* __[17:09](rc://hi/tn/help/obs/17/09)__ हालांकि, अपने __जीवन__ के अंतिम समय में उसने परमेश्वर के विरुद्ध भयानक अपराध किया।

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@ -10,7 +10,7 @@
## अनुवाद के सुझाव: ##
* इस शब्द का अनुवाद “स्वामी” शब्द की समानता में किया जा सकता है। जब किसी गुलामों के स्वामी के सन्दर्भ में हो। * एक सेवक भी अपने नियोजक को “स्वामी” कह सकता है।
* जब यह यीशु को संदर्भित करता है, यदि संदर्भ से पता चलता है कि वक्ता एक धार्मिक शिक्षक के रूप में उसे देखता है, तो इसका अनुवाद एक धार्मिक शिक्षक के लिए सम्मानित रूप से किया जा सकता है, जैसे कि "गुरु।"
* जब यह यीशु को संदर्भित करता है, यदि संदर्भ से पता चलता है कि वक्ता एक धार्मिक शिक्षक के रूप में उसे देखता है, तो इसका अनुवाद एक धार्मिक शिक्षक के लिए सम्मानित रूप से किया जा सकता है, जैसे कि "गुरु।"
* यदि यीशु से बात करनेवाला व्यक्ति यीशु को नहीं जानता है तो “प्रभु” शब्द का अनुवाद “श्रीमान” किया जाए। यह अनुवाद अन्य प्रकरणों में भी किया जाए जहां किसी के लिए विनीत संबोधन की आवश्यकता हो।।
* पिता परमेश्वर और यीशु के लिए अंग्रेजी भाषा में "Lord" बड़े अक्षर "L" का अनुवाद “प्रभु” ही करना है।

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@ -2,7 +2,7 @@
## तथ्य: ##
“प्रभु” शब्द का संदर्भ उस मनुष्य से होता है जिसे मनुष्यों पर अधिकार एवं स्वामीत्व प्राप्त होता है। यह परमेश्वर का भी पदनाम होता है। (ध्यान दें कि जब किसी को संबोधित करने के लिए काम में लिया जाए या वाक्य के आरंभ में बड़े अक्षरों में लिखा जाए तो इसका अर्थ “श्रीमान” या “स्वामी” होता है।)
“प्रभु” शब्द का संदर्भ उस मनुष्य से होता है जिसे मनुष्यों पर अधिकार एवं स्वामीत्व प्राप्त होता है। यह परमेश्वर का भी पदनाम होता है। (ध्यान दें कि जब किसी को संबोधित करने के लिए काम में लिया जाए या वाक्य के आरंभ में बड़े अक्षरों में लिखा जाए तो इसका अर्थ “श्रीमान” या “स्वामी” होता है।)
* पुराने नियम में इस शब्द का उपयोग ऐसी अभिव्यक्तियों में भी किया जाता है जैसे “सर्वशक्तिमान प्रभु परमेश्वर” या “प्रभु यहोवा” या “हमारा प्रभु यहोवा।”
* नये नियम में प्रेरितों ने इस शब्द को “प्रभु यीशु” और “प्रभु यीशु मसीह” जैसी अभिव्यक्तियों में काम में लिया है कि यीशु को परमेश्वर दर्शाया जाए।

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@ -2,9 +2,8 @@
## परिभाषा: ##
* “प्रभु भोज” प्रेरित पौलुस इस उक्ति को फसह के भोज के लिए काम में लेता है जो यीशु ने अपने शिष्यों के साथ उस रात खाया था जब यहूदी अगुओं ने उसे बन्दी बनाया था।
* इस भोजन के समय यीशु ने फसह की रोटी को तोड़कर अपनी देह से कहा जो शीघ्र ही प्रताड़ित की जाएगी और मार डाली जायेगी।
* “प्रभु भोज” प्रेरित पौलुस इस उक्ति को फसह के भोज के लिए काम में लेता है जो यीशु ने अपने शिष्यों के साथ उस रात खाया था जब यहूदी अगुओं ने उसे बन्दी बनाया था।
* इस भोजन के समय यीशु ने फसह की रोटी को तोड़कर अपनी देह से कहा जो शीघ्र ही प्रताड़ित की जाएगी और मार डाली जायेगी।
* दाखरस के कटोरे को उसने अपना लहू कहा जो शीघ्र ही बहाया जायेगा जब वह पापबलि होकर मरेगा।
* यीशु ने आज्ञा दी थी कि उसके शिष्य जब भी इस भोज में सहभागी हों तब वे उसकी मृत्यु और पुनरूत्थान को सदैव स्मरण करें।
* कुरिन्थियों की कलीसिया को लिखे पत्र में प्रेरित पौलुस ने मसीह के विश्वासियों के लिए इस भोज को एक नियमित अभ्यास बना दिया था।

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@ -6,7 +6,7 @@
* “दया” का अर्थ यह भी है कि मनुष्यों को उनकी गलती का दण्ड न देना।
* कोई सामर्थी मनुष्य जैसे राजा को “दयालु” कहा जाता है जब वह अपनी प्रजा को हानि पहुंचाने की अपेक्षा उनके साथ दया का व्यवहार करता है।
* दयालु होने का अर्थ यह भी है कि किसी को हमारे साथ बुराई करने के लिए क्षमा कर देना।
* दयालु होने का अर्थ यह भी है कि किसी को हमारे साथ बुराई करने के लिए क्षमा कर देना।
* जब हम घोर आवश्यकता में फंसे मनुष्यों की सहायता करते हैं तब हम दया दर्शाते है।
* परमेश्वर हम पर दयालु है और चाहता है कि हम दूसरों के साथ भी दया का व्यवहार करें।

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@ -2,7 +2,7 @@
## परिभाषा: ##
बाइबल में “सेवकाई” शब्द का संदर्भ मनुष्यों को परमेश्वर के बारे में शिक्षा देना और उनकी आत्मिक आवश्यकताओं की पूर्ति में सेवा करने से था।
बाइबल में “सेवकाई” शब्द का संदर्भ मनुष्यों को परमेश्वर के बारे में शिक्षा देना और उनकी आत्मिक आवश्यकताओं की पूर्ति में सेवा करने से था।
* पुराने नियम में याजक मन्दिर में चढ़ावे चढ़ाकर परमेश्वर की सेवा करते थे।
* उनकी “सेवकाई” में मन्दिर की देखरेख और मनुष्यों की ओर से परमेश्वर के लिए प्रार्थना चढ़ाना भी होता था।
@ -12,9 +12,9 @@
## अनुवाद के सुझाव: ##
* मनुष्यों की सेवा के संदर्भ में “सेवा करना” का अनुवाद “परिचर्या” या “सुधि लेना” या “आवश्यकताएं पूरी करना” भी हो सकता है।
* मन्दिर में सेवा के संदर्भ में “सेवक” शब्द का अनुवाद” मन्दिर में परमेश्वर की सेवा करना” या “मनुष्यों के लिए परमेश्वर के समक्ष बलि चढ़ाना” हो सकता है।
* मन्दिर में सेवा के संदर्भ में “सेवक” शब्द का अनुवाद” मन्दिर में परमेश्वर की सेवा करना” या “मनुष्यों के लिए परमेश्वर के समक्ष बलि चढ़ाना” हो सकता है।
* परमेश्वर की सेवा के संदर्भ में इसका अनुवाद “सेवा करना” या “परमेश्वर के लिए काम करना” हो सकता है।
* “सेवा की” का अनुवाद “सुधि ली” या “प्रावधान किया” या “सहायता की” हो सकता है।
* “सेवा की” का अनुवाद “सुधि ली” या “प्रावधान किया” या “सहायता की” हो सकता है।
(यह भी देखें: [सेवा करना](../other/serve.md), [बलिदान](../other/sacrifice.md))

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@ -38,7 +38,7 @@
* __[16:08](rc://hi/tn/help/obs/16/08)__ परमेश्वर इस्राएलियों को बचाने के लिए गिदोन का प्रयोग करना चाहता है, इसके लिए उसने परमेश्वर से दो __चिह्न__ पूछे |
* __[19:14](rc://hi/tn/help/obs/19/14)__ परमेश्वर ने एलीशा के द्वारा बहुत से __चमत्कार__ किए |
* __[37:10](rc://hi/tn/help/obs/37/10)__ अनेक यहूदी उसका यह __काम__ देखकर, उस पर विश्वास किया।
* __[43:06](rc://hi/tn/help/obs/43/06)__ “हे इस्राएलियो ये बातें सुनो: यीशु नासरी एक मनुष्य था, जिसने परमेश्वर की सामर्थ्य से कई __आश्चर्य के कामों__ और __चिन्हों__ को प्रगट किया, जो परमेश्वर ने तुम्हारे बीच उसके द्वारा कर दिखाए जिसे तुम आप ही जानते हो |”
* __[43:06](rc://hi/tn/help/obs/43/06)__ “हे इस्राएलियो ये बातें सुनो: यीशु नासरी एक मनुष्य था, जिसने परमेश्वर की सामर्थ्य से कई __आश्चर्य के कामों__ और __चिन्हों__ को प्रगट किया, जो परमेश्वर ने तुम्हारे बीच उसके द्वारा कर दिखाए जिसे तुम आप ही जानते हो |”
* __[49:02](rc://hi/tn/help/obs/49/02)__ यीशु बहुत से __आश्चर्यकर्म__ किये जो यह सिद्ध करते हैं कि वह परमेश्वर है | वह पानी पर चला, तूफान को शांत किया, बहुत से बीमारों को चंगा किया, दुष्टात्माओं को निकाला, मुर्दों को जीवित किया, और पांच रोटी और दो छोटी मछलियों को इतने भोजन में बदल दिया कि वह 5,000 लोगों के लिए काफी हो |

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@ -10,7 +10,7 @@
## अनुवाद के सुझाव: ##
* इस शब्द का अनुवाद हो सकता है, “परमप्रधान परमेश्वर” या “ सर्वोच्च प्राणी” या “सर्वोच्च परमेश्वर” या “सबसे बड़ा” या “सर्वोपरि” या “सबसे महान परमेश्वर”
* यदि “ऊँचा” शब्द का उपयोग किया गया तो सुनिश्चित करें कि उसका अभिप्राय ऊँचाई या लम्बाई न हो।
* यदि “ऊँचा” शब्द का उपयोग किया गया तो सुनिश्चित करें कि उसका अभिप्राय ऊँचाई या लम्बाई न हो।
(यह भी देखें: [परमेश्वर](../kt/god.md))

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@ -3,7 +3,6 @@
## परिभाषा: ##
* बाइबल में “नाम” शब्द के अनेक प्रतीकात्मक उपयोग हैं।
* कुछ संदर्भों में “नाम” मनुष्य की प्रतिष्ठा का संदर्भ देता है जैसे “अपने लिए नाम कमाएं।”
* “नाम” शब्द किसी स्मृति का संदर्भ भी देता है। उदाहरणार्थ “मूर्तियों का नाम मिटा दो”, अर्थात मूर्तियों को ऐसे नष्ट कर दो कि उनकी स्मृति ही न रहे या उनकी पूजा न की जाए।
* “परमेश्वर के नाम में” बोलना अर्थात उसके सामर्थ्य और अधिकार में या उसके प्रतिनिधि होकर बोलना।

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@ -2,7 +2,7 @@
## परिभाषा: ##
“नई वाचा” अर्थात परमेश्वर द्वारा उसके पुत्र यीशु के बलिदान के माध्यम से परमेश्वर की वचनबद्धता या समझौता।
“नई वाचा” अर्थात परमेश्वर द्वारा उसके पुत्र यीशु के बलिदान के माध्यम से परमेश्वर की वचनबद्धता या समझौता।
* परमेश्वर की यह “नई वाचा” बाइबल के नये नियम में व्यक्त की गई है।
* यह नई वाचा “पुरानी” या “पूर्वकालिक” वाचा की तुलना में है जो परमेश्वर ने पुराने नियम के युग में इस्राएल के साथ बांधी थी।

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@ -12,7 +12,7 @@
* सबसे अच्छा तो यही होगा कि इस शब्द का अनुवाद, “चरवाहा” किया जाए।
* इस शब्द के अन्य अनुवाद हो सकते हैं, “आत्मिक चरवाहा” या “चरानेवाला मसीही अगुआ”।
(यह भी देखें: [चरवाहा](../other/shepherd.md), [भेड़](../other/sheep.md))

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@ -33,7 +33,7 @@
## बाइबल कहानियों से उदाहरण: ##
* __[22:05](rc://hi/tn/help/obs/22/05)__ स्वर्गदूत ने उसको उत्तर दिया, “पवित्र आत्मा तुझ पर उतरेगा, और परमप्रधान की __सामर्थ्य__ तुझ पर छाया करेगी | इसलिये वह पवित्र जो उत्पन्न होनेवाला है, परमेश्वर का पुत्र कहलाएगा |”
* __[22:05](rc://hi/tn/help/obs/22/05)__ स्वर्गदूत ने उसको उत्तर दिया, “पवित्र आत्मा तुझ पर उतरेगा, और परमप्रधान की __सामर्थ्य__ तुझ पर छाया करेगी | इसलिये वह पवित्र जो उत्पन्न होनेवाला है, परमेश्वर का पुत्र कहलाएगा |”
* __[26: 1](rc://hi/tn/help/obs/26/01)__शैतान की परीक्षा पर जय पाने के बाद, यीशु जहाँ वह रहते थे गलील के क्षेत्र के लिए पवित्र आत्मा की__ शक्ति__ में लौट आए।
* __[32:15](rc://hi/tn/help/obs/32/15)__ यीशु ने तुरन्त जान लिया कि मुझ में से __सामर्थ्य__ निकली है |
* __[42:11](rc://hi/tn/help/obs/42/11)__ यीशु के मरे हुओ में से जी उठने के चालीस दिनों के बाद, उसने अपने चेलों से कहा कि तुम यरूशलेम में ही रहना जब तक कि मेरे पिता तुम्हे पवित्र आत्मा का __सामर्थ्य __तुम्हे न दे |”

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@ -6,7 +6,7 @@
* मनुष्य चुप रहकर विचारों में भी परमेश्वर से प्रार्थना करता है या उच्चारित वचनों द्वारा भी प्रार्थना करता है, परमेश्वर से अपनी वाणी में बात करता है। कभी-कभी प्रार्थना लिखित होती है जैसे दाऊद के भजनों में उसकी प्रार्थनायें लिखित हैं।
* प्रार्थना में परमेश्वर से दया, समस्या में सहायता, या निर्णय लेने में बुद्धि का निवेदन भी होता है।
* मनुष्य अधिकतर राशियों की चंगाई या अन्य रूपों में परमेश्वर की सहायता के लिए प्रार्थना करते हैं।
* मनुष्य अधिकतर राशियों की चंगाई या अन्य रूपों में परमेश्वर की सहायता के लिए प्रार्थना करते हैं।
* मनुष्य प्रार्थना में परमेश्वर को धन्यवाद देता है उसका गुणगान करता है।
* प्रार्थना में परमेश्वर के समक्ष अपने पापों को स्वीकार करना और क्षमा मांगना होता है।
* परमेश्वर से बातें करने को उसके साथ संपर्क बनाना भी कहते हैं। जब हमारी आत्मा उसकी आत्मा से संपर्क करती है, हमारी भावनाओं को व्यक्त करना और उसकी उपस्थिति का आनंद लेना।
@ -29,9 +29,9 @@
* __[06:05](rc://hi/tn/help/obs/06/05)__ इसहाक ने परमेश्वर से __प्रार्थना की__, और परमेश्वर ने उसकी विनती सुनी इस प्रकार रिबका जुड़वाँ पुत्रों के साथ गर्भवती हुई |
* __[13:12](rc://hi/tn/help/obs/13/12)__ मूसा ने परमेश्वर से __प्रार्थना की__ और परमेश्वर ने उसकी __प्रार्थना__ को ग्रहण किया, और उन्हें नष्ट नहीं किया |
* __[19:08](rc://hi/tn/help/obs/19/08)__ तब बाल के भविष्यवक्ता यह कहकर बाल से __प्रार्थना करते__ रहे, “हे बाल हमारी सुन, हे बाल हमारी सुन |”
* __[19:08](rc://hi/tn/help/obs/19/08)__ तब बाल के भविष्यवक्ता यह कहकर बाल से __प्रार्थना करते__ रहे, “हे बाल हमारी सुन, हे बाल हमारी सुन |”
* __[21:07](rc://hi/tn/help/obs/21/07)__ पुरोहित परमेश्वर से लोगों के लिए __प्रार्थना__ भी करते थे |
* __[38:11](rc://hi/tn/help/obs/38/11)__ यीशु ने अपने चेलों से कहा कि __प्रार्थना__ करते रहो कि परीक्षा में न पड़ो |
* __[38:11](rc://hi/tn/help/obs/38/11)__ यीशु ने अपने चेलों से कहा कि __प्रार्थना__ करते रहो कि परीक्षा में न पड़ो |
* __[43:13](rc://hi/tn/help/obs/43/13)__ चेले लगातार प्रेरितों से शिक्षा पाने, और संगति रखने, और रोटी तोड़ने, और __प्रार्थना करने__ में लौलीन रहे |
* __[49:18](rc://hi/tn/help/obs/49/18)__ परमेश्वर कहता है कि हम __प्रार्थना करें__, उसका वचन पढ़ें, अन्य मसीही लोगों के साथ उसकी आराधना करें, और जो उसने हमारे लिए किया है वह दूसरों को बताएँ।

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@ -43,7 +43,7 @@
* __[04:07](rc://hi/tn/help/obs/04/07)__ "मलिकिसिदक, __परमप्रधान परमेश्वर के __ याजक "
* __[13:09](rc://hi/tn/help/obs/13/09)__ जो कोई भी परमेश्वर के नियमों का उल्लंघन करता है, वह मिलापवाले तम्बू के सामने वेदी पर परमेश्वर के लिये पशु का बलिदान चढ़ाएगा | एक __याजक__ पशु को मारकर उसे वेदी पर जलाएगा | उस पशु का लहू जिसका बलिदान चढ़ाया गया है, परमेश्वर की दृष्टी में पापी मनुष्य के सभी अपराधों को धो देंगा | परमेश्वर ने मूसा के भाई हारून और हारून के वंश को __याजक__ पद के लिये चुना |
* __[19:07](rc://hi/tn/help/obs/19/07)__ तब बाल के __याजकों__ ने उस बछड़े को जो उन्हें दिया गया था, लेकर बलिदान के लिए तैयार किया, परन्तु उमसे आग न लगाई
* __[19:07](rc://hi/tn/help/obs/19/07)__ तब बाल के __याजकों__ ने उस बछड़े को जो उन्हें दिया गया था, लेकर बलिदान के लिए तैयार किया, परन्तु उमसे आग न लगाई
* __[21:07](rc://hi/tn/help/obs/21/07)__ याजक__ वो है जो लोगों के स्थान पर परमेश्वर के लिए बलिदान चढ़ाता है, जिससे कि परमेश्वर उनके पापों के कारण उन्हें दण्डित न करें | __याजक__ परमेश्वर से लोगों के लिए प्रार्थना भी करते थे |

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@ -2,7 +2,7 @@
## परिभाषा: ##
भविष्यद्वक्ता परमेश्वर का सन्देश मनुष्यों तक पहुंचाता है। भविष्यद्वाणी करनेवाली स्त्री को भविष्यद्वक्तिन कहते हैं।
भविष्यद्वक्ता परमेश्वर का सन्देश मनुष्यों तक पहुंचाता है। भविष्यद्वाणी करनेवाली स्त्री को भविष्यद्वक्तिन कहते हैं।
* भविष्यद्वक्ता मनुष्यों को पापों से विमुख होने और परमेश्वर की आज्ञा मानने के लिए चिताते थे।
* भविष्यद्वाणी भविष्यद्वक्ताओं का सन्देश था। भविष्यद्वाणी करना अर्थात परमेश्वर का सन्देश सुनाना।
@ -22,7 +22,7 @@
* प्रकरण पर आधारित “भविष्यद्वाणी” शब्द का अनुवाद होगा, “परमेश्वर का वचन सुनाना” या “भावी घटनाओं के बारे में परमेश्वर का सन्देश पहुंचाना”।
* इस प्रतिकात्मक अभिव्यक्ति “व्यवस्था और भविष्यद्वक्ता” का अनुवाद हो सकता है “व्यवस्था और भविष्यद्वक्ताओं की पुस्तकें” या “परमेश्वर के प्रदत्त विधान और उसके भविष्यद्वक्ताओं के सन्देश के बारे में सब लिखित बातें” [उपलक्षण](rc://hi/ta/man/translate/figs-synecdoche))
* जब एक झूठे देवता के नबी (या द्रष्टा) का जिक्र करते हैं, तो इसका अर्थ "झूठे भविष्यद्वक्ता (द्रष्टा)" या "झूठे देवता के भविष्यद्वक्ता (द्रष्टा)" या "बाल के नबी" के रूप में अनुवाद किया जा सकता है, उदाहरण के लिए ।
(यह भी देखें: [बाल](../names/baal.md), [दैववाणी](../other/divination.md), [झूठे देवता](../kt/falsegod.md), [झूठे भविष्यद्वक्ता](../other/falseprophet.md), [पूरा करने](../kt/fulfill.md), [व्यवस्था](../kt/lawofmoses.md), [दर्शन](../other/vision.md))

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@ -22,7 +22,7 @@
* [1 तीमुथियुस 01:5-8](rc://hi/tn/help/1ti/01/05)
* [निर्गमन 31:6-9](rc://hi/tn/help/exo/31/06)
* इब्रानियों09:13-15](rc://hi/tn/help/heb/09/13)
* [इब्रानियों09:13-15](rc://hi/tn/help/heb/09/13)
* [याकूब 04:8-10](rc://hi/tn/help/jas/04/08)
* [लूका 02:22-24](rc://hi/tn/help/luk/02/22)
* [प्रका. 14:3-5](rc://hi/tn/help/rev/14/03)

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@ -12,7 +12,7 @@
* इस शब्द के अनुवाद रूप हो सकते हैं, “मेरे गुरू” या “माननीय शिक्षक महोदय” या “धर्म गुरू” कुछ भाषाओं में ऐसे अभिवादन को बड़े अक्षरों में लिखा जाता है तो कुछ में नहीं लिखा जाता है।
* लक्षित भाषा में शिक्षकों को संबोधित करने का एक विशेष तरीका हो सकता हैं।
* परन्तु सुनिश्चित करें कि इस शब्द के ऐसे अनुवाद से यीशु किसी पाठशाला का शिक्षक न समझ में आए।
* उसी भाषा के या राष्ट्रीय भाषा के बाइबल अनुवाद में “रब्बी” के अनुवाद पर भी ध्यान दें।
* उसी भाषा के या राष्ट्रीय भाषा के बाइबल अनुवाद में “रब्बी” के अनुवाद पर भी ध्यान दें।
देखें: [अपरिचित शब्दों का अनुवाद कैसे करें](rc://hi/ta/man/translate/translate-unknown))

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@ -2,17 +2,17 @@
## परिभाषा: ##
“छुटकारे के लिये” अर्थात् बन्दी की मुक्ति के लिए मांगी गई धन-राशि या अन्य कोई भुगतान।
“छुटकारे के लिये” अर्थात् बन्दी की मुक्ति के लिए मांगी गई धन-राशि या अन्य कोई भुगतान।
* क्रिया शब्द "छुटकारे का" दाम देना, किसी बन्दी, दास या कारावास में रखे हुए मनुष्य के लिए धनराशि देना या बचाने के लिए किसी काम को आत्म-त्याग के साथ करना। “पुनः खरीद लेना” “मुक्ति कराने” जैसा ही है।
* यीशु ने स्वयं को छुटकारे के मूल्य स्वरूप करने दिया कि मनुष्य को पाप के दासत्व से मुक्त कराए। मनुष्यों के पाप का दण्ड चुका कर अपने लोगों को पुनः खरीद लेना बाइबल में परमेश्वर का "उद्धार" कहलाता है।
* यीशु ने स्वयं को छुटकारे के मूल्य स्वरूप करने दिया कि मनुष्य को पाप के दासत्व से मुक्त कराए। मनुष्यों के पाप का दण्ड चुका कर अपने लोगों को पुनः खरीद लेना बाइबल में परमेश्वर का "उद्धार" कहलाता है।
## अनुवाद के सुझाव: ##
* “छुटकारे का मूल्य चुकाना” इसका अनुवाद हो सकता है, “मुक्ति के लिए मूल्य चुकाना” या “स्वतंत्र कराने के लिए मूल्य चुकाना” या “ पुनः खरीद लेना”।
* “छुटकारे का मूल्य चुकाना” इसका अनुवाद इस प्रकार हो सकता है “मूल्य चुकाना” या "दंड का भुगतान (लोगों को मुक्त करने के लिए)" या "आवश्यक भुगतान करना।"
* नाम "छुटकारे" का अनुवाद "वापस खरीदना" या "एक जुर्माने का भुगतान " या "भुगतान किया गया मूल्य" (लोगों या जमीन को मुक्त या खरीदने के लिए) के रूप में किया जा सकता है।
* एक "छुटकारे का मूल्य" और "छुटकारा" शब्द का अंग्रेज़ी में एक ही अर्थ है लेकिन कभी-कभी इसे थोड़ा अलग तरीके से इस्तेमाल किया जाता है। अन्य भाषाओं में इस अवधारणा के लिए केवल एक शब्द हो सकता है।
* एक "छुटकारे का मूल्य" और "छुटकारा" शब्द का अंग्रेज़ी में एक ही अर्थ है लेकिन कभी-कभी इसे थोड़ा अलग तरीके से इस्तेमाल किया जाता है। अन्य भाषाओं में इस अवधारणा के लिए केवल एक शब्द हो सकता है।
* सुनिश्चित करें कि यह अनुवाद “प्रायश्चित” के अनुवाद से भिन्न हो।
(यह भी देखें: प्रायश्चित, छुटकारा दिलानेवाला

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@ -2,7 +2,7 @@
## परिभाषा: ##
“छुड़ा ले” या “छुटकारा” इसका अर्थ है जो व्यक्ति या वस्तु पहले किसी और के अधिकाराधीन या स्वामीत्व में थी उसे पैसा देकर छुड़ा लेना। इसे करने की कार्य को "छुटकारा" कहते है। मुक्तिदाता (छुड़ानेवाला) वह मनुष्य है जो किसी वस्तु या मनुष्य को छुड़ा लेता है।
“छुड़ा ले” या “छुटकारा” इसका अर्थ है जो व्यक्ति या वस्तु पहले किसी और के अधिकाराधीन या स्वामीत्व में थी उसे पैसा देकर छुड़ा लेना। इसे करने की कार्य को "छुटकारा" कहते है। मुक्तिदाता (छुड़ानेवाला) वह मनुष्य है जो किसी वस्तु या मनुष्य को छुड़ा लेता है।
* परमेश्वर ने इस्राएल को किसी वस्तु या मनुष्य को छुड़ाने के नियम दिए थे।
* उदाहरणार्थ, किसी दास को मूल्य चुका कर कोई मनुष्य छुड़ा सकता था कि वह स्वतंत्र हो जाए। “मुक्ति धन” भी इसी अभ्यास के संदर्भ में है।

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@ -30,7 +30,7 @@
## बाइबल कहानियों से उदाहरण: ##
* __[21:14](rc://hi/tn/help/obs/21/14)__ मसीह की मृत्यु और उसके जी उठने के माध्यम से, परमेश्वर अपनी योजना सिद्ध करेंगे और पापियों को बचाने के लिए नई वाचा का आरम्भ करेंगे |
* __[35:05](rc://hi/tn/help/obs/37/05)__ यीशु ने उत्तर दिया, "मैं पुनरुत्थान और जीवन हूँ।" जो कोई मुझ पर विशवास करता है वह यदि मर भी जाये, तौभी जीवित रहेगा”
* __[35:05](rc://hi/tn/help/obs/37/05)__ यीशु ने उत्तर दिया, "मैं पुनरुत्थान और जीवन हूँ।" जो कोई मुझ पर विशवास करता है वह यदि मर भी जाये, तौभी जीवित रहेगा”
## शब्द तथ्य: ##

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* परमेश्वर की “धार्मिक” का अनुवाद “सिद्ध विश्वासयोग्यता और भलाई” हो सकता है।
* परमेश्वर के आज्ञाकारी मनुष्यों के उल्लेख में “धर्मी” शब्द का अनुवाद हो सकता है, “नैतिकता में उचित” या “न्यायोचित” या “परमेश्वर के प्रसन्न करनेवाला जीवन व्यतीत करनेवाले के रूप में हो सकता हैं”।
* “धर्मी” का अनुवाद “धर्मी लोग” या “परमेश्वर का भय मानने वाले लोग” के रूप हो सकता है।
* प्रकरण के अनुसार “धार्मिक” का अनुवाद एक ऐसे शब्द या उक्ति द्वारा किया जा सकता है जिसका भावार्थ, “अच्छाई” या “परमेश्वर के सम्मुख सिद्ध होना” या परमेश्वर की आज्ञा मानकर उचित व्यवहार करना” या “पूर्णतः सिद्धता के काम करना” हो सकता है।
* प्रकरण के अनुसार “धार्मिक” का अनुवाद एक ऐसे शब्द या उक्ति द्वारा किया जा सकता है जिसका भावार्थ, “अच्छाई” या “परमेश्वर के सम्मुख सिद्ध होना” या परमेश्वर की आज्ञा मानकर उचित व्यवहार करना” या “पूर्णतः सिद्धता के काम करना” हो सकता है।
* कभी-कभी “धर्मी” शब्द का उपयोग प्रतीकात्मक रूप में भी किया जा सकता है जिसका संदर्भ ऐसे मनुष्यों से किया गया है जो स्वयं को धर्मी समझते हैं” या “लोग जो धर्मी दिखते है।”
(यह भी देखें: [अच्छे](../kt/good.md), [पवित्र](../kt/holy.md), [बुरा](../kt/evil.md), [न्यायी](../kt/justice.md), [विश्वासयोग्य](../kt/faithful.md))

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@ -11,12 +11,12 @@
## अनुवाद के सुझाव: ##
* कभी-कभी दाहिना हाथ मनुष्य के दाहिने हाथ के लिए भी काम में लिया जाता था जैसे रोमी सैनिकों ने यीशु का ठट्ठा उड़ाने के लिए उसके दाहिने हाथ में सरंकडा पकवाया था। इसका अनुवाद लक्षित भाषा में दाहिने हाथ के शब्द द्वारा ही किया जाए।
* कभी-कभी दाहिना हाथ मनुष्य के दाहिने हाथ के लिए भी काम में लिया जाता था जैसे रोमी सैनिकों ने यीशु का ठट्ठा उड़ाने के लिए उसके दाहिने हाथ में सरंकडा पकवाया था। इसका अनुवाद लक्षित भाषा में दाहिने हाथ के शब्द द्वारा ही किया जाए।
* प्रतीकात्मक उपयोगों के संबन्ध में, यदि लक्षित भाषा में “दाहिने हाथ” के लिए ऐसी उक्ति नहीं है तो देखें कि लक्षित भाषा में इसी अर्थ की अन्य कोई उक्ति है।
* "के दाहिनी ओर" अभिव्यक्ति का अनुवाद "दाईं तरफ" या "सम्मान के स्थान पर" या "ताकत की स्थिति" या "सहायता के लिए तैयार" के रूप में किया जा सकता है।
* "अपने दाहिने हाथ से" अनुवाद करने के तरीके में "अधिकार के साथ" या "शक्ति का उपयोग" या "उनकी अद्भुत ताकत के साथ" शामिल हो सकते हैं।
* लाक्षणिक अभिव्यक्ति "उसका दहिने हाथ और उसका शक्तिशाली हाथ" परमेश्वर की सामर्थ और महान ताकत पर बल देने के दो तरीकों का उपयोग करता है। इस अभिव्यक्ति का अनुवाद करने का एक तरीका "उसकी अद्भुत ताकत और शक्तिशाली शक्ति हो सकती है।" (देखें: [समानांतरवाद](rc://hi/ta/man/translate/figs-parallelism))
* "उनका दहिने हाथ झूठ" के अभिव्यक्ति इस रूप में अनुवाद किया जा सकता है, "उनके बारे में सबसे सम्मानजनक बात भी झूठ से भ्रष्ट है" या "उनकी जगह की प्रतिष्ठा धोखे से भ्रष्ट है" या "वे अपने आप को शक्तिशाली बनाने के लिए झूठ का उपयोग करते हैं।"
* "उनका दहिने हाथ झूठ" के अभिव्यक्ति इस रूप में अनुवाद किया जा सकता है, "उनके बारे में सबसे सम्मानजनक बात भी झूठ से भ्रष्ट है" या "उनकी जगह की प्रतिष्ठा धोखे से भ्रष्ट है" या "वे अपने आप को शक्तिशाली बनाने के लिए झूठ का उपयोग करते हैं।"
(यह भी देखें: [दोष](../other/accuse.md), [बुराई](../kt/evil.md), [आदर](../kt/honor.md), [पराक्रमी](../other/mighty.md), [दण्ड](../other/punish.md), [बलवा](../other/rebel.md))

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@ -2,12 +2,12 @@
## परिभाषा: ##
"सब्त" शब्द का अर्थ है सप्ताह का सातवां दिन, जिसके लिए परमेश्वर ने इस्राएल को आज्ञा दी थी कि उस दिन, विश्राम करें, कोई कार्य नहीं करें।
"सब्त" शब्द का अर्थ है सप्ताह का सातवां दिन, जिसके लिए परमेश्वर ने इस्राएल को आज्ञा दी थी कि उस दिन, विश्राम करें, कोई कार्य नहीं करें।
* परमेश्वर ने छः दिन ब्रह्माण्ड की रचना की, और सातवें दिन विश्राम किया। इसी प्रकार, परमेश्वर ने इस्राएलियों को आज्ञा दी थी कि सातवें दिन को पवित्र मानकर विश्राम का विशेष दिन रखें और उसकी आराधना करें।
* परमेश्वर ने छः दिन ब्रह्माण्ड की रचना की, और सातवें दिन विश्राम किया। इसी प्रकार, परमेश्वर ने इस्राएलियों को आज्ञा दी थी कि सातवें दिन को पवित्र मानकर विश्राम का विशेष दिन रखें और उसकी आराधना करें।
* "सब्त के दिन को पवित्र रखने" की आज्ञा दस आज्ञाओं में से एक है जिन्हें परमेश्वर ने पत्थर की पट्टियों पर लिखकर मूसा को इस्राएल के लिए दिए थे।
* यहूदी दिनों की गिनती के अनुसार, सब्त का दिन शुक्रवार सूर्यास्त से आरंभ होकर शनिवार सूर्यास्त तक होता था।
* बाइबल में कभी-कभी मात्र सब्त के स्थान पर "सब्त का दिन" कहा गया है।
* बाइबल में कभी-कभी मात्र सब्त के स्थान पर "सब्त का दिन" कहा गया है।
## अनुवाद के सुझाव: ##

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@ -12,7 +12,7 @@
## अनुवाद के सुझाव: ##
* "शैतान" शब्द का अनुवाद "दोष लगाने वाला" या "दुष्ट" या "दुष्टात्माओं का राजा" या "प्रमुख दुष्टात्मा" के रूप में भी अनुवाद किया जा सकता है।
* "शैतान" शब्द का अनुवाद "दोष लगाने वाला" या "दुष्ट" या "दुष्टात्माओं का राजा" या "प्रमुख दुष्टात्मा" के रूप में भी अनुवाद किया जा सकता है।
* "इबलीस" का अनुवाद "विरोधी" या "बैरी" किया जा सकता है या अन्य कोई शब्द जिससे स्पष्ट हो कि वह शैतान है।
* इन शब्दों का भावार्थ दुष्टात्मा और बुरी आत्मा से भिन्न होना है।
* ध्यान दें कि इन शब्दों का अनुवाद स्थानीय या राष्ट्रीय भाषा में कैसे किया गया है।
@ -41,9 +41,9 @@
* __[33:06](rc://hi/tn/help/obs/33/06)__ तब यीशु ने उन्हें समझाया कि, "बीज परमेश्वर का वचन है।" पथ एक ऐसा व्यक्ति होता है जो परमेश्वर के वचन सुनता है, लेकिन उसे समझ में नहीं आता है, और __शैतान__ उस वचन उससे ले जाता है।"
* __[38:07](rc://hi/tn/help/obs/38/07)__रोटी खाते ही, यहूदा में __शैतान__ समा गया।
* __[48:04](rc://hi/tn/help/obs/48/04)__परमेश्वर ने वादा किया कि हव्वा का ही एक वंशज __शैतान__ का सिर कुचलेगा, और __शैतान__ उसकी एड़ी को डसेगा | इसका अर्थ यह हुआ कि, __शैतान__ मसीह को मार देगा, पर परमेश्वर उसे तीसरे दिन फिर जीवित कर देगा | यीशु __शैतान__ की शक्ति को हमेशा के लिए नाश कर देगा |
* __[49:15](rc://hi/tn/help/obs/49/15)__ परमेश्वर ने तुम्हें __शैतान__ के राज्य के अंधकार से बाहर निकला और तुम्हें परमेश्वर के ज्योतिमय राज्य में रखा है |
* __[49:15](rc://hi/tn/help/obs/49/15)__ परमेश्वर ने तुम्हें __शैतान__ के राज्य के अंधकार से बाहर निकला और तुम्हें परमेश्वर के ज्योतिमय राज्य में रखा है |
* __[50:09](rc://hi/tn/help/obs/50/09)__ "जंगली दाने उन मनुष्यों का प्रतिनिधित्व करते हैं जो __दुष्ट__ से सम्बंधित हैं| जिस शत्रु ने जंगली बीज बोये वह __शैतान__ का प्रतिनिधित्व करता है।"
* __[50:10](rc://hi/tn/help/obs/50/10)__ "जब संसार का अंत होगा, तो जो लोग __शैतान__ के हैं उन सभी लोगों को स्वर्गदूत एक साथ इकठ्ठा करेंगे और उन्हें एक धधकती आग में डाल देंगे, जहाँ वे भयंकर पीड़ा के कारण रोएँगे और अपने दाँत पीसेंगे |
* __[50:10](rc://hi/tn/help/obs/50/10)__ "जब संसार का अंत होगा, तो जो लोग __शैतान__ के हैं उन सभी लोगों को स्वर्गदूत एक साथ इकठ्ठा करेंगे और उन्हें एक धधकती आग में डाल देंगे, जहाँ वे भयंकर पीड़ा के कारण रोएँगे और अपने दाँत पीसेंगे |
* __[50:15](rc://hi/tn/help/obs/50/15)__ जब यीशु वापस आएगा तो वह __शैतान__ और उसके राज्य को सर्वदा के लिये नष्ट कर देगा| वह __शैतान__ को नरक में डाल देगा जहाँ वह उन लोगों के साथ हमेशा जलता रहेगा, जिन्होंने परमेश्वर की आज्ञा मानने की बजाय उसकी बात मानने का चुनाव किया|

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@ -35,7 +35,7 @@
* __[12:13](rc://hi/tn/help/obs/12/13)__ इस्राएलियों ने अपनी स्वतंत्रता का उत्साह मनाने के लिये बहुत से गाने गाए, और परमेश्वर की आराधना की जिसने उन्हें मिस्रियो की सेना से __बचाया__
* __[16:17](rc://hi/tn/help/obs/16/17)__ यह पद्धति कई बार दोहराई गई, इस्राएली पाप करते थे , परमेश्वर उन्हें दण्ड देता था, और फिर वह पश्चाताप करते थे, और फिर परमेश्वर उन्हें __बचाने__ के लिए एक उद्धारक भेजता था
* __[44:08](rc://hi/tn/help/obs/44/08)__ तुमने यीशु को क्रूस पर चढ़ाया, परन्तु परमेश्वर ने उसे मरे हुओं में से जिलाया। तुमने उसे अस्वीकार किया, परन्तु और कोई दूसरा मार्ग नहीं है केवल यीशु के सामर्थ्य के द्वारा ही उद्धार मिल सकता है ।”
* __[47:11](rc://hi/tn/help/obs/47/11)__दारोगा घबरा गया और पौलुस और सीलास के पास आकर पूछा, “हे सज्जनों __उद्धार __ पाने के लिये मैं क्या करूँ ?” पौलुस ने उत्तर दिया, "यीशु, जो मालिक है, उसपर विश्वास करो तो तुम और तुमारा परिवार __उद्धार__ पाएगा।"
* __[47:11](rc://hi/tn/help/obs/47/11)__दारोगा घबरा गया और पौलुस और सीलास के पास आकर पूछा, “हे सज्जनों __उद्धार __ पाने के लिये मैं क्या करूँ ?” पौलुस ने उत्तर दिया, "यीशु, जो मालिक है, उसपर विश्वास करो तो तुम और तुमारा परिवार __उद्धार__ पाएगा।"
* __[49:12](rc://hi/tn/help/obs/49/12)__ अच्छे कार्य तुम्हें __बचा__ नहीं सकते।
* __[49:13](rc://hi/tn/help/obs/49/13)__ जो कोई भी यीशु पर विश्वास करता और उसे प्रभु के रूप में स्वीकार करता है परमेश्वर उसे __बचाएगा__। परन्तु जो उसमें विश्वास नहीं करता है ऐसे किसी व्यक्ति को वह नहीं __बचाएगा__

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@ -18,7 +18,7 @@
* “परमेश्वर का पुत्र” उक्ति के अनुवाद में “पुत्र” के लिए जिस शब्द का उपयोग सामान्यतः किया जाता है, उसी का उपयोग करें।
* जब “पुत्र” के स्थान में किसी वंशज को दर्शाया जाता है तब “वंशज” शब्द का उपयोग किया जाए जैसे यीशु को दाऊद का वंशज कहा जाता था। या वंशावलियों में भी जहां “पुत्र” शब्द किसी वंशज का बोध कराता है।
* कभी-कभी “पुत्रों” का अनुवाद “सन्तान” किया जा सकता है, जब नर-नारी दोनों की समाहित चर्चा की जा रही हो। उदाहरणार्थ “परमेश्वर का पुत्र” का अनुवाद, “परमेश्वर की सन्तान” किया जा सकता है क्योंकि इसमें स्त्री-पुरूष दोनों की चर्चा की जा रही है।
* प्रतीकात्मक अभिव्यक्ति, “का पुत्र” का अनुवाद इस प्रकार भी किया जा सकता है, “जिसमें गुण हैं” या “के स्वरूप” या “में गुण हैं” या “के समान व्यवहार है”
* प्रतीकात्मक अभिव्यक्ति, “का पुत्र” का अनुवाद इस प्रकार भी किया जा सकता है, “जिसमें गुण हैं” या “के स्वरूप” या “में गुण हैं” या “के समान व्यवहार है”
(यह भी देखें: [अजर्याह](../names/azariah.md), [वंशज](../other/descendant.md), [पूर्वजों](../other/father.md), [पहलौठा](../other/firstborn.md), [परमेश्वर का पुत्र](../kt/sonofgod.md), [परमेश्वर के पुत्र।](../kt/sonsofgod.md))

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@ -18,7 +18,7 @@
* जब किसी व्यक्ति को संदर्भित किया जाता है, "मनुष्य के पुत्र" का अनुवाद "आप, एक इंसान" या "आप, मनुष्य" या "इंसान" या "मनुष्य" के रूप में किया जा सकता है।
(यह भी देखें: [स्वर्ग](../kt/heaven.md), [पुत्र](../kt/son.md), [परमेश्वर का पुत्र](../kt/sonofgod.md), [यहोवा](../kt/yahweh.md))
## बाइबल के सन्दर्भ: ##

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@ -16,7 +16,7 @@
* जब “परमेश्वर के पुत्र” यीशु के विश्वासियों के संदर्भ में है तो इसका अनुवाद “परमेश्वर की सन्तान” हो सकता है।
* उत्पत्ति 6:2 मैं “परमेश्वर के पुत्र” के चार अन्य अनुवाद हैं “स्वर्गदूत” या “आत्मिक प्राणी” या “अलौकिक प्राणियों” या “दुष्टात्माएं”।
* इसके अलावा “पुत्र” का लिंक भी देखें।
(यह भी देखें: [स्वर्गदूत](../kt/angel.md), [दुष्टात्मा](../kt/demon.md), [पुत्र](../kt/son.md), [परमेश्वर के पुत्र](../kt/sonofgod.md), [शासक](../other/ruler.md), [आत्मा](../kt/spirit.md))

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@ -44,9 +44,9 @@
## बाइबल के कहानियों से उदाहरण: ##
* __[13:03](rc://hi/tn/help/obs/13/03)__ तीसरे दिन तक, वह अपने आप को __आत्मिक__ रूप से तैयार करे ,जब परमेश्वर सीनै पर्वत पर आया तो बादल गरजने और बिजली चमकने लगी और पर्वत पर काली घटा छा गई फिर नरसिंगे का बड़ा भारी शब्द हुआ |
* __[40:07](rc://hi/tn/help/obs/40/07)__ तब यीशु ने रोते हुए कहा, “पूरा हुआ! हे पिता, मैं अपनी आत्मा तेरे हाथों में सौंपता हूँ |” तब यीशु का सिर झुक गया, और उसने अपनी आत्मा को परमेश्वर के हाथ में सौंप दिया |
* __[40:07](rc://hi/tn/help/obs/40/07)__ तब यीशु ने रोते हुए कहा, “पूरा हुआ! हे पिता, मैं अपनी आत्मा तेरे हाथों में सौंपता हूँ |” तब यीशु का सिर झुक गया, और उसने अपनी आत्मा को परमेश्वर के हाथ में सौंप दिया |
* __[45:05](rc://hi/tn/help/obs/45/05)__ जब स्तिफनुस मरने पर था, वह प्रार्थना करने लगा कि, “हे प्रभु यीशु मेरी आत्मा को ग्रहण कर |”
* __[48:07](rc://hi/tn/help/obs/48/07)__ सभी लोगों का समूह यीशु के कारण आशीषित हुआ, क्योंकि हर कोई जिसने यीशु पर विश्वास किया अपने पापों से छुटकारा पाया, और अब्राहम का एक __आत्मिक__ वंशज बना |
* __[48:07](rc://hi/tn/help/obs/48/07)__ सभी लोगों का समूह यीशु के कारण आशीषित हुआ, क्योंकि हर कोई जिसने यीशु पर विश्वास किया अपने पापों से छुटकारा पाया, और अब्राहम का एक __आत्मिक__ वंशज बना |
## शब्द तथ्य: ##

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@ -5,7 +5,7 @@
पत्थर एक छोटी चट्टान का टुकड़ा होता है। "पत्थर" करने के लिए किसी ने उसे मारने के इरादे से उस व्यक्ति पर पत्थर और बड़ी चट्टानें फेंकना है एक "पत्थरवाह" एक घटना है जिसमें किसी को पत्थरवाह किया गया था।
* प्राचीन समय में, पत्थरों को लोगों द्वारा किए गए अपराधों की सजा के रूप में लोगों को निष्पादित करने का एक सामान्य तरीका था।
* परमेश्वर ने इस्राएल के अगुवों को आज्ञा दी थी कि वे लोगों को कुछ पापों के लिए मार डालें, जैसे व्यभिचार।
* परमेश्वर ने इस्राएल के अगुवों को आज्ञा दी थी कि वे लोगों को कुछ पापों के लिए मार डालें, जैसे व्यभिचार।
* नए नियम में, यीशु ने व्यभिचार में एक महिला को माफ कर दिया और लोगों को उसे मारने से रोक दिया
* स्तिफनुस, जो यीशु के बारे में गवाही देने के लिए बाइबल में पहली व्यक्ति जिसको हत्या कर दी गई थी, उसे पत्थरवाह करके मार डाला गया था
* लुस्त्रा शहर में, प्रेरित पौलुस को पत्थरवाह किया गया था, लेकिन वह अपने घावों से मरा नहीं।

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@ -7,7 +7,7 @@
* प्राचीन काल से, एक आराधनालय की सेवाओं में प्रार्थनाओं के समय, शास्त्र पढ़ना, और शास्त्रों के बारे में शिक्षण शामिल है।
* यहूदियों ने मूल रूप से आराधनालय को अपने ही शहरों में प्रार्थना करने और पूजा करने के लिए निर्माण करना शुरू किया, क्योंकि उनमें से बहुत से यरूशलेम के मंदिर से बहुत दूर रहते थे।
* यीशु प्रायः आराधनालयों में शिक्षा देते थे और लोंगों को चंगा करते थे।
* “आराधनालय” का संदर्भ वहां आराधना करने वाले समूह से भी हो सकता है।
* “आराधनालय” का संदर्भ वहां आराधना करने वाले समूह से भी हो सकता है।
(यह भी देखें: [चंगा करना](../other/heal.md), [यरूशलेम](../names/jerusalem.md), [यहूदी](../kt/jew.md), [प्रार्थना करना](../kt/pray.md), [मन्दिर](../kt/temple.md), [परमेश्वर का वचन](../kt/wordofgod.md), [आराधना](../kt/worship.md))

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@ -1,4 +1,4 @@
# निवासस्थान #
# निवासस्थान 
## परिभाषा: ##

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@ -13,7 +13,7 @@
## अनुवाद के सुझाव: ##
* मन्दिर में मनुष्यों की उपस्थिति की जब चर्चा की गई है तो इसका अर्थ है कि वे भवन के बाहर प्रांगण में थे। इसका अनुवाद किया जा सकता है, “मन्दिर के आंगनों में” या “मन्दिर के प्रांगण में”।
* जब भवन की चर्चा की जा रही हो तो कुछ भाषाओं में इसका अनुवाद होगा, “मन्दिर में” या “मन्दिर के भवन में” कि स्पष्ट समझ में आए।
* जब भवन की चर्चा की जा रही हो तो कुछ भाषाओं में इसका अनुवाद होगा, “मन्दिर में” या “मन्दिर के भवन में” कि स्पष्ट समझ में आए।
* “मन्दिर” अनुवाद के रूप “परमेश्वर का पवित्र घर” या “पवित्र आराधना स्थल” किया जा सकता है।
* बाइबल में मन्दिर का संदर्भ “यहोवा का भवन” या “परमेश्वर का घर” से है।

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@ -17,7 +17,7 @@
परमेश्वर की परीक्षा के संदर्भ में इसका अनुवाद “परमेश्वर को परखना” या “परमेश्वर को जांचना” या “परमेश्वर के धीरज को परखना” या “परमेश्वर द्वारा दण्ड पाने का कारण होना” या “हठीलेपन के कारण परमेश्वर की अवज्ञा करते रहना”।
(यह भी देखें: [आज्ञा न मानना](../other/disobey.md), [शैतान](../kt/satan.md), [पाप](../kt/sin.md), [परीक्षा](../kt/test.md))
(यह भी देखें: [आज्ञा न मानना](../other/disobey.md), [शैतान](../kt/satan.md), [पाप](../kt/sin.md), [परीक्षा](../kt/test.md))
## बाइबल सन्दर्भ: ##

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@ -2,12 +2,12 @@
## परिभाषा: ##
“परीक्षा” का संदर्भ कठिन या दुःखदायी अनुभव से है जो मनुष्य की इच्छाशक्ति या दुर्बलता को दर्शाता है।
“परीक्षा” का संदर्भ कठिन या दुःखदायी अनुभव से है जो मनुष्य की इच्छाशक्ति या दुर्बलता को दर्शाता है।
* परमेश्वर मनुष्य को जांचता है, परन्तु उनको पाप में नहीं गिराता था। परन्तु शैतान मनुष्यों को पाप करने की परीक्षा में डालता है।
* परमेश्वर कभी-कभी कसौटी पर रखकर मनुष्य के पाप को प्रकट करता है। परीक्षा एक व्यक्ति को पाप से दूर करने और परमेश्वर के करीब आने में मदद करती है।
* सोना-चांदी को आग में तपा कर उनकी शुद्धता और मज़बूती देखी जाती है। यह कष्टदायक परिस्थितियों द्वारा मनुष्यों को परखने का चित्रण है।
* “परख कर देखना” अर्थात् “किसी को चुनौती देना कि अपने महत्व को सिद्ध करे।”
* “परख कर देखना” अर्थात् “किसी को चुनौती देना कि अपने महत्व को सिद्ध करे।”
* परमेश्वर की परीक्षा लेने का अर्थ है, उससे हमारे लिए एक चमत्कार कराने कि कोशिश करना है, उसकी दया का अनुचित लाभ उठाना।
* यीशु ने शैतान से कहा था कि परमेश्वर की परीक्षा लेना उचित नहीं है। वह सर्वशक्तिमान पवित्र परमेश्वर है जो सबके ऊपर है।

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@ -10,7 +10,7 @@
## अनुवाद के सुझाव: ##
* “उल्लंघन करना” का अनुवाद , “पाप करना” या “अवज्ञा करने के लिए” या "विद्रोह करना" हो सकता है।
* यदि किसी पद में या गद्यांश में दो अलग शब्दों का उपयोग किया गया है जिनका अर्थ “पाप”, “अपराध” या “अधर्म” है तो यह महत्वपूर्ण है कि यथासंभव इन शब्दों के अनुवाद में अलग-अलग रूप काम में लें। बाइबल यदि एक ही अभिप्राय के निमित्त दो या अधिक शब्दों का उपयोग करती है तो उसका उद्देश्य है कि बात पर बल दिया जाए या उसका महत्व प्रकट किया जाए।
* यदि किसी पद में या गद्यांश में दो अलग शब्दों का उपयोग किया गया है जिनका अर्थ “पाप”, “अपराध” या “अधर्म” है तो यह महत्वपूर्ण है कि यथासंभव इन शब्दों के अनुवाद में अलग-अलग रूप काम में लें। बाइबल यदि एक ही अभिप्राय के निमित्त दो या अधिक शब्दों का उपयोग करती है तो उसका उद्देश्य है कि बात पर बल दिया जाए या उसका महत्व प्रकट किया जाए।
(देखें: [समानता](rc://hi/ta/man/translate/figs-parallelism))

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@ -51,10 +51,10 @@
## बाइबल कहानियों से उदाहरण: ##
* __[02:04](rc://hi/tn/help/obs/02/04)__ साँप ने औरत को जवाब दिया, “यह __सच__ नहीं है ! तुम नहीं मरोगे।
* __[02:04](rc://hi/tn/help/obs/02/04)__ साँप ने औरत को जवाब दिया, “यह __सच__ नहीं है ! तुम नहीं मरोगे।
* __[14:06](rc://hi/tn/help/obs/14/06)__ तुरन्त ही कालेब और यहोशू, अन्य दो जासूस कहने लगे, "हाँ यह __सही__ है कि कनान के लोग लम्बे और तेजस्वी है , पर हम निश्चित रूप से उन्हें पराजित कर देंगे ! परमेश्वर हमारे लिये उनसे युद्ध करेगा।"
* __[16:01](rc://hi/tn/help/obs/16/01)__ इस्राएलियों ने यहोवा जो __सच्चा__ परमेश्वर है उसके स्थान पर, कनानियो के देवता की उपासना करना आरम्भ किया।
* __[31:08](rc://hi/tn/help/obs/31/08)__उन्होंने यीशु की आराधना करी, और उसे कहा, __सचमुच__, तू परमेश्वर का पुत्र है |”
* __[31:08](rc://hi/tn/help/obs/31/08)__उन्होंने यीशु की आराधना करी, और उसे कहा, __सचमुच__, तू परमेश्वर का पुत्र है |”
* __[39:10](rc://hi/tn/help/obs/39/10)__ मैं परमेश्वर के बारे में सच बताने के लिये पृथ्वी पर आया हूँ | हर वह व्यक्ति जिसे __सच्चाई __से प्रेम है, मुझे सुनेगा |” पिलातुस ने कहा, “__सच__ क्या है?”

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* __[12:12](rc://hi/tn/help/obs/12/12)__ जब इस्राएलियों ने देखा कि मिस्र के लोग मारे गए है, तो उन्होंने परमेश्वर पर __भरोसा किया__ और विश्वास करने लगे कि मूसा परमेश्वर का एक नबी है।
* __[14:15](rc://hi/tn/help/obs/14/15)__यहोशू एक अच्छा अगुआ था क्योंकि वह परमेश्वर पर __विश्वास__ करता था व उसकी आज्ञाओ का पालन करता था।
* __[17:02](rc://hi/tn/help/obs/17/02)__दाऊद एक बहुत ही नम्र व धर्मी पुरुष था, जो परमेश्वर पर __विश्वास__ और उसकी आज्ञाओं का पालन करता था।
* __[17:02](rc://hi/tn/help/obs/17/02)__दाऊद एक बहुत ही नम्र व धर्मी पुरुष था, जो परमेश्वर पर __विश्वास__ और उसकी आज्ञाओं का पालन करता था।
* __[34:06](rc://hi/tn/help/obs/34/06)__ फिर यीशु ने उन लोगों के बारे में एक कहानी बताई जो __ अपने स्वयं के अच्छे कर्मों पर __विश्वास__ रखते थे और अन्य लोगों के साथ घृणा करते थे।

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@ -3,12 +3,12 @@
## परिभाषा: ##
बाइबल में “अशुद्ध” शब्द प्रतीकात्मक रूप में उन बातों के संदर्भ में है जिन्हें परमेश्वर ने अपने लोगों के स्पर्श, भोजन तथा बलि के लिए अछूत ठहराया है।
* परमेश्वर ने इस्राएलियों को स्पष्ट निर्देशन दिए कि उनके लिए कौन-कौन से पशु शुद्ध हैं और कौन-कौन से अशुद्ध हैं। अशुद्ध पशु को खाने के लिए और बलि के लिए उपयोग करने की अनुमति नहीं थी।
* कुछ त्वचा रोगों के कारण लोगों को "अशुद्ध" कहा जाता है जब तक कि वे चंगा नहीं होते।
* यदि इस्राएली किसी अशुद्ध वस्तु का स्पर्श करते थे तो उन्हें भी एक निश्चित समय तक अशुद्ध माना जाता था।
* अशुद्ध वस्तुओं को न तो स्पर्श करके और न ही खा करके इस्राएली परमेश्वर की सेवा के लिए पृथक ठहरते थे।
* यह शारीरिक एवं सांसारिक अशुद्धता नैतिक अशुद्धता का प्रतीक थी।
* परमेश्वर ने इस्राएलियों को स्पष्ट निर्देशन दिए कि उनके लिए कौन-कौन से पशु शुद्ध हैं और कौन-कौन से अशुद्ध हैं। अशुद्ध पशु को खाने के लिए और बलि के लिए उपयोग करने की अनुमति नहीं थी।
* कुछ त्वचा रोगों के कारण लोगों को "अशुद्ध" कहा जाता है जब तक कि वे चंगा नहीं होते।
* यदि इस्राएली किसी अशुद्ध वस्तु का स्पर्श करते थे तो उन्हें भी एक निश्चित समय तक अशुद्ध माना जाता था।
* अशुद्ध वस्तुओं को न तो स्पर्श करके और न ही खा करके इस्राएली परमेश्वर की सेवा के लिए पृथक ठहरते थे।
* यह शारीरिक एवं सांसारिक अशुद्धता नैतिक अशुद्धता का प्रतीक थी।
* प्रतीकात्मक रूप में अशुद्ध आत्मा का संदर्भ दुष्टात्मा से था।
## अनुवाद के सुझाव: ##
@ -17,7 +17,7 @@
* शैतानी अशुद्ध आत्मा के संदर्भ में “अशुद्ध” का अनुवाद “दुष्ट” या “अपवित्र” किया जा सकता है।
* इस शब्द का अनुवाद आत्मिक अशुद्धता का भाव व्यक्त करे। इसका संदर्भ उस हर एक वस्तु से हो जिसे परमेश्वर ने स्पर्श करने, खाने और बलि चढ़ाने के लिए वर्जित किया है।
(यह भी देखें: [शुद्ध](../kt/clean.md), [अशुद्ध](../other/defile.md), [दुष्टात्मा](../kt/demon.md), [पवित्र](../kt/holy.md), [बलिदान](../other/sacrifice.md), [अपवित्र](../kt/unholy.md))
(यह भी देखें: [शुद्ध](../kt/clean.md), [अशुद्ध](../other/defile.md), [दुष्टात्मा](../kt/demon.md), [पवित्र](../kt/holy.md), [बलिदान](../other/sacrifice.md), [अपवित्र](../kt/unholy.md))
## बाइबल सन्दर्भ: ##

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@ -2,7 +2,7 @@
## परिभाषा: ##
“अपवित्र” शब्द का अर्थ है, “पवित्र नहीं”। इस शब्द का तात्पर्य है परमेश्वर का आदर न करनेवाली बात या वस्तु।
“अपवित्र” शब्द का अर्थ है, “पवित्र नहीं”। इस शब्द का तात्पर्य है परमेश्वर का आदर न करनेवाली बात या वस्तु।
* इस शब्द द्वारा उस मनुष्य का वर्णन किया जाता है परमेश्वर का विरोध करके उसका अपमान करता है।
* “अपवित्र” वस्तु को साधरण, अशुद्ध, भ्रष्ट कह सकते हैं। वह परमेश्वर का नहीं है।

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@ -3,7 +3,6 @@
## परिभाषा: ##
* “अधर्मी” और “अन्याय से” मनुष्यों के साथ पक्षपात करना, प्रायः हानि के व्यवहार के साथ।
* “अन्याय” किसी मनुष्य के साथ बुरा करना, जबकि वह इस योग्य नहीं। इसका संदर्भ पक्षपाती व्यवहार से है।
* कुटिलता का अर्थ यह भी है कि कुछ के साथ बुरा कुछ के साथ अच्छा व्यवहार करना।
* जो मनुष्य पक्षपात करता है वह मनुष्यों के साथ समता का व्यवहार नहीं करता है।

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@ -3,7 +3,6 @@
## परिभाषा: ##
* “व्यवस्था विरोधी” नियमों का उल्लंघन करनेवाले कामों का वर्णन करता है।
* नये नियम में “व्यवस्था विरोधी” उक्ति का उपयोग परमेश्वर के नियमों के उल्लंघन ही के लिए नहीं मानव निर्मित यहूदी परम्पराओं के उल्लंघन के लिए भी काम में ली जाती है।
* वर्षों के अन्तराल में यहूदियों ने परमेश्वर प्रदत्त व्यवस्था में अपनी परम्पराओं को जोड़ दिया था। यहूदी अगुवे मानव निर्मित परम्पराओं के उल्लंघन को “व्यवस्था विरोधी” कहते थे।
* यीशु के शिष्य सब्त के दिन गेहूँ की बालें तोड़ रहे थे तो फरीसियों ने उन्हें व्यवस्था विरोधी काम करने का दोषी ठहराया था क्योंकि वह सब्त के दिन विश्राम करने का यहूदी व्यवस्था का उल्लंघन कर रहा था।
@ -11,7 +10,7 @@
## अनुवाद के सुझाव: ##
* इस शब्द के अनुवाद में ऐसा शब्द या उक्ति काम में ले जिसका अर्थ “व्यवस्था सम्मत नहीं” या “व्यवस्था का उल्लंघन करना” हो।
* इस शब्द के अनुवाद में ऐसा शब्द या उक्ति काम में ले जिसका अर्थ “व्यवस्था सम्मत नहीं” या “व्यवस्था का उल्लंघन करना” हो।
* “व्यवस्था-विरोधी” के अनुवाद रूप हो सकते हैं, “अनुमति नहीं” या “परमेश्वर के नियमों के अनुरूप नहीं” या “हमारी व्यवस्था के अनुरूप नहीं है”।
* “व्यवस्था के विरूद्ध” का अर्थ भी “व्यवस्था विरोधी” ही है।

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@ -3,7 +3,7 @@
## परिभाषा: ##
“परमेश्वर की इच्छा” का संदर्भ परमेश्वर के मनोरथ और योजना से है।
* परमेश्वर की इच्छा विशेष करके मनुष्यों के साथ उनकी बातचीत से है और वह मनुष्यों से अपने प्रति कैसी प्रतिक्रिया चाहता है, उससे संबन्धित है।
* इसका संदर्भ उसकी योजनाओं और मनोरथों से है जो उसकी संपूर्ण सृष्टि के संबन्ध में हैं।
* “इच्छा करना” का अर्थ है, “ठान लेना” या “इच्छा करना” से है।

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@ -12,7 +12,7 @@
## अनुवाद के सुझाव: ##
* “गवाह” और “साक्षात गवाह” का अनुवाद ऐसे शब्द या उक्ति द्वारा किया जाए जिसका अर्थ, “देखने वाला व्यक्ति” या “जिसने होते हुए देखा” या “जिन्होंने देखा और सुना” हो।
* “गवाह” और “साक्षात गवाह” का अनुवाद ऐसे शब्द या उक्ति द्वारा किया जाए जिसका अर्थ, “देखने वाला व्यक्ति” या “जिसने होते हुए देखा” या “जिन्होंने देखा और सुना” हो।
* कुछ ऐसा "एक गवाह" का अनुवाद "वादा" या "हमारे वादे का चिन्ह" या "कुछ ऐसा साबित करता है जो यह सच है।"
* वाक्यांश "आप मेरे गवाह होंगे" के रूप में भी अनुवाद किया जा सकता है "आप अन्य लोगों को मेरे बारे में बताएंगे" या "आप लोगों को सच्चाई सिखाना होगा जो मैंने आपको सिखाया था" या "आप लोगों को बताएंगे कि आपने मुझे क्या करते देखा है और सिखाते सुना। "
* '' गवाह होने के लिए '' का अनुवाद "जो देखा वह बताना" या "गवाही देने " या "क्या हुआ यह बताने के लिए" के रूप में किया जा सकता है।

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@ -4,7 +4,7 @@
बाइबल में “परमेश्वर का वचन” उन सभी चीजों को संदर्भित करता है जो परमेश्वर ने लोगों को बताया था। इसमें बोले गए तथा लिखित सन्देश शामिल हैं। यीशु को भी “परमेश्वर का वचन” कहा गया है।
* “पवित्रशास्त्र” का अर्थ है “लेख”। नये नियम में “पवित्रशास्त्र” का संदर्भ इब्रानी धर्मशास्त्र या पुराना नियम से है। ये लेख परमेश्वर का सन्देश है जो उसने मनुष्यों से लिखने को कहा कि भविष्य में पढ़ा जा सके।
* “पवित्रशास्त्र” का अर्थ है “लेख”। नये नियम में “पवित्रशास्त्र” का संदर्भ इब्रानी धर्मशास्त्र या पुराना नियम से है। ये लेख परमेश्वर का सन्देश है जो उसने मनुष्यों से लिखने को कहा कि भविष्य में पढ़ा जा सके।
* इससे संबन्धित शब्द है, “यहोवा का वचन” या “प्रभु का वचन” आमतौर पर परमेश्वर के विशिष्ट सन्देश के संदर्भ में है जो किसी भविष्यद्वक्ता या किसी मनुष्य को दिया गया।
* कभी-कभी मात्र यही लिखा है, “वचन” या “मेरा वचन” या “तेरा वचन” (परमेश्वर के वचन के संदर्भ में)
* नये नियम में यीशु को “वचन” या “परमेश्वर का वचन” कहा गया है। इन पदनामों का अर्थ है कि यीशु परमेश्वर को पूर्णतः प्रकट करता है क्योंकि वह स्वयं परमेश्वर है।
@ -33,7 +33,7 @@
* [लूका 08:11-13](rc://hi/tn/help/luk/08/11)
* [रोमियो 01:1-3](rc://hi/tn/help/rom/01/01)
## बाइबल कहानियों के उदाहरण: # ##
## बाइबल कहानियों के उदाहरण: ##
* __[25:07](rc://hi/tn/help/obs/25/07)__ परमेश्वर के वचन__ में वह अपने लोगों को आज्ञा देता है कि 'तू प्रभु अपने परमेश्वर को प्रणाम कर, और केवल उसी की उपासना कर।’”
* __[33:06](rc://hi/tn/help/obs/33/06)__ तब यीशु ने उन्हें समझाया कि, “बीज __परमेश्वर का वचन__ है ।

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@ -2,7 +2,7 @@
## परिभाषा: ##
बाइबल में “काम”, “कर्म”, “कृत्य” परमेश्वर या मनुष्यों के द्वारा किए गये कार्यों के संदर्भ में उपयोग किए गए शब्द हैं।
बाइबल में “काम”, “कर्म”, “कृत्य” परमेश्वर या मनुष्यों के द्वारा किए गये कार्यों के संदर्भ में उपयोग किए गए शब्द हैं।
* "कार्य" शब्द का सन्दर्भ परिश्रम या कोई कार्य जो अन्य लोगो के लिए किया गया हो।
* परमेश्वर के “काम” और “उसके हाथों के काम” उन सब बातों के संदर्भ में हैं जो परमेश्वर ने किए और करता है, जिससे जगत की सृष्टि, पापियों का उद्धार, पूरी सृष्टि की आवश्यकता प्रदान करना तथा संपूर्ण ब्रह्माण्ड को यथा स्थान स्थिर रखना। “कर्म एवं कृत्य” परमेश्वर के चमत्कारों के संदर्भ में प्रयोग करने के लिए भी किया गया है। जैसे की “सामर्थी कृत्य” या “आश्चर्यकर्म”।

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@ -6,15 +6,15 @@
* इस शब्द का वास्तविक अर्थ है, “झुकना” या “दण्डवत् करना” कि किसी का दीनतापूर्वक सम्मान करें।
* हम परमेश्वर की सेवा और सम्मान करके, उसकी स्तुति करके और आज्ञा मानकर उसकी आराधना करते हैं।
* इस्राएलियों द्वारा परमेश्वर की आराधना में अधिकतर वेदी पर पशु की बली चढ़ाकर होती थी।
* इस्राएलियों द्वारा परमेश्वर की आराधना में अधिकतर वेदी पर पशु की बली चढ़ाकर होती थी।
* कुछ लोग झूठे देवता की उपासना करते थे।
## अनुवाद के लिए सुझाव: ##
* “उपासना” शब्द का अनुवाद हो सकता है “दण्डवत् करना” या “आदर करना और सेवा करना” या “सम्मान करना एवं आज्ञापालन करना”।
* कुछ प्रकरणों में इसका अनुवाद हो सकता है, “दीनतापूर्वक स्तुति करना” या “सम्मान और स्तुति करें।”
(यह भी देखें: [बलिदान](../other/sacrifice.md), [स्तुति](../other/praise.md), [आदर](../kt/honor.md))
(यह भी देखें: [बलिदान](../other/sacrifice.md), [स्तुति](../other/praise.md), [आदर](../kt/honor.md))
## बाइबल सन्दर्भ: ##

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@ -2,7 +2,7 @@
## तथ्य: ##
“यहोवा” परमेश्वर का नाम है, उसने उस जलती हुई झाड़ी पर मूसा को यह नाम बताया था
“यहोवा” परमेश्वर का नाम है, उसने उस जलती हुई झाड़ी पर मूसा को यह नाम बताया था
* “यहोवा” नाम उस शब्द से आता है जिसका अर्थ है “होना” या “अस्तित्व में है।”
* “यहोवा” के संभावित अर्थ हो सकते हैं, “वह है” या “मैं हूँ” या “वह जो होता है”।

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@ -3,7 +3,6 @@
## परिभाषा: ##
* “सेनाओं का यहोवा” और “सेनाओं का परमेश्वर” ये पदनाम हजारों स्वर्गदूतों पर परमेश्वर के अधिकार को दर्शाते हैं जो उसकी आज्ञा का पालन करते हैं।
* “सेना” या “सेनाओं” ये शब्द किसी भी बात की बड़ी संख्या को व्यक्त करते हैं जैसे सेना या सितारों की विशाल संख्या। यह बुरी आत्माओं सहित सभी कई आत्माओं के संदर्भ में भी है। संदर्भ यह स्पष्ट करता है कि क्या संदर्भित किया जा रहा है। “स्वर्ग की सेना” सितारों, ग्रहों और अन्य आकाशीय पिण्डों के लिए काम में लिए जाते हैं।
* नए नियम में, वाक्यांश, "सेनाओं का प्रभु" का अर्थ "सेनाओं का यहोवा" के समान है, लेकिन इसका इस तरह से अनुवाद नहीं किया जा सकता है क्योंकि "यहोवा" इब्रानी शब्द है नए नियम में प्रयोग नहीं किया गया है।
@ -14,7 +13,7 @@
* "सेनाओं का परमेश्वर" और "सेनाओं का प्रभु" शब्दों में "सेनाओं " के वाक्यांश का अनुवाद उसी प्रकार से किया जाएगा जैसा कि ऊपर "सेनाओं का यहोवा" में लिखा गया है।
* कुछ कलीसियाएं “यहोवा” शब्द के स्थान में “प्रभु”(लार्ड अंग्रेजी के बड़े अक्षर) शब्द को काम में लेना अधिक उचित समझते हैं क्योंकि अनेक बाइबल संस्कारणों में ऐसा ही प्रयोग किया गया है। ऐसी कलीसियाओं के लिए “सेनाओं का प्रभु” काम में लें और पुराने नियम में "सेनाओं का यहोवा" काम में ले।
(यह भी देखें: [स्वर्गदूत](../kt/angel.md), [अधिकार](../kt/authority.md), [परमेश्वर](../kt/god.md), [प्रभु](../kt/lord.md), [प्रभु](../kt/lordgod.md), [प्रभु यहोवा](../kt/lordyahweh.md) [यहोवा](../kt/yahweh.md))
(यह भी देखें: [स्वर्गदूत](../kt/angel.md), [अधिकार](../kt/authority.md), [परमेश्वर](../kt/god.md), [प्रभु](../kt/lord.md), [प्रभु](../kt/lordgod.md), [प्रभु यहोवा](../kt/lordyahweh.md), [यहोवा](../kt/yahweh.md))
## बाइबल सन्दर्भ: ##

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@ -5,7 +5,7 @@
“धुन” और “उत्तेजित” का संदर्भ किसी मनुष्य या विचार के समर्थन में प्रबलता से समर्पित होना।
* उत्साह का अभिप्राय है किसी अच्छे काम के लिए प्रबल इच्छा एवं कार्य। इससे प्रायः उस मनुष्य का वर्णन होता है जो निष्ठापूर्वक परमेश्वर की आज्ञा मानता है और अन्यों को भी ऐसी शिक्षा देता है।
* उत्साही होने का अर्थ है, किसी काम को करने में घोर प्रयास करना और उसी में लगे रहना।
* उत्साही होने का अर्थ है, किसी काम को करने में घोर प्रयास करना और उसी में लगे रहना।
* “प्रभु की जलन” या “यहोवा की जलन” का अर्थ है परमेश्वर का प्रबल शाश्वत कार्य कि उसके लोगों को आशिष मिले या न्याय हो।
## अनुवाद के लिए सुझाव: ##

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@ -6,10 +6,10 @@
* हाबिल एक चरवाहा था।
* हाबिल ने अपने पशुओं में से एक की बलि परमेश्वर को चढ़ाई थी।
* परमेश्वर हाबिल और उसकी भेंट से प्रसन्न हुआ था।
* परमेश्वर हाबिल और उसकी भेंट से प्रसन्न हुआ था।
* आदम और हव्वा के पहलौठे कैन ने हाबिल की हत्या कर दी थी।
(अनुवाद के सुझाव [नामों का अनुवाद कैसे करें](rc://hi/ta/man/translate/translate-names))
(अनुवाद के सुझाव [नामों का अनुवाद कैसे करें](rc://hi/ta/man/translate/translate-names))
(यह भी देखें: [कैन](../names/cain.md), [बलि](../other/sacrifice.md), [चरवाहा](../other/shepherd.md))

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@ -6,9 +6,9 @@
* शाऊल जब याजकों का संहार कर रहा था तब एब्यातार भाग कर जंगल में दाऊद की शरण में पहुंचा था।
* एब्यातार और दूसरा महायाजक सादोक दाऊद के संपूर्ण राज्यकाल में उसके विश्वासयोग्य रहे थे।
* दाऊद के मृत्यु के बाद एब्यातार ने सुलैमान के स्थान में अदोनिय्याह को राजा बनाने में सहायता की थी।
* दाऊद के मृत्यु के बाद एब्यातार ने सुलैमान के स्थान में अदोनिय्याह को राजा बनाने में सहायता की थी।
* इस कारण राजा सुलैमान ने एब्यातार को याजकीय पद से हटा दिया था।
(यह भी देखें: [सादोक](../names/zadok.md), [शाऊल (पुराना नियम)](../names/saul.md), [दाऊद](../names/david.md), [सुलैमान](../names/solomon.md), [अदोनिय्याह](../names/adonijah.md))
## बाइबल सन्दर्भ: ##

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