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Larry Versaw 2022-05-23 13:11:09 -06:00
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@ -9,3 +9,4 @@ STRs:
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@ -5,7 +5,7 @@
“ईश्वरीय” अर्थात परमेश्वर से संबन्धित सब बातें।
* इस शब्द का कुछ उपयोग इस प्रकार है, “दिव्य अधिकार,” “परमेश्वर का न्याय,” “ईश्वरीय स्वभाव,” “ईश्वरीय सामर्थ्य” और “परमेश्वर की महिमा”।
* बाइबल के एक गद्यांश में “ईश्वरीय” शब्द झूठ देवता के संबन्ध में भी काम में लिया गया है।
* बाइबल के एक गद्यांश में “ईश्वरीय” शब्द झूठ देवता के संबन्ध में भी किसी बात का वर्णन करने के लिए काम में लिया गया है।
## अनुवाद के सुझाव:
@ -19,9 +19,9 @@
## बाइबल सन्दर्भ:
* [2 कुरिन्थियों 10:3-4](rc://*/tn/help/2co/10/03)
* [2 पतरस 01:3-4](rc://*/tn/help/2pe/01/03)
* [रोमियो 01:20-21](rc://*/tn/help/rom/01/20)
* [2 पतरस 1:4](rc://*/tn/help/2pe/01/04)
* [रोमियो 1:20](rc://*/tn/help/rom/01/20)
## शब्द तथ्य:
* Strong's: G2304, G2999
* स्ट्रोंग्स: G23040, G29990

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@ -5,30 +5,30 @@
प्रेरितों के समय में वास करनेवाला बरनबास एक आरंभिक मसीही विश्वासी था।
* बरनबास इस्राएल के लेवी गोत्र का था जो कुप्रुस द्वीप का निवासी था।
* शाऊल (पौलुस) ने जब यीशु को स्वीकार किया तब बरनबास ने अन्य विश्वासियों से आग्रह किया कि वे उसे स्वीकार कर ले।
* शाऊल (पौलुस) ने जब यीशु को स्वीकार किया तब बरनबास ने अन्य विश्वासियों से आग्रह किया कि वे उसे एक साथी विश्वासी के रूप में स्वीकार कर ले।
* बरनबास और पौलुस एक साथ विभिन्न नगरों में गए कि वहां यीशु के बारे में शुभ सन्देश सुनाए।
* उसका नाम यूसुफ था परन्तु उसे "बरनबास" अर्थात प्रोत्साहन का पुत्र कहा जाता था।
* उसका नाम यूसुफ था परन्तु उसे "बरनबास" अर्थात "प्रोत्साहन का पुत्र" कहा जाता था।
(अनुवाद के सुझाव [नामों का अनुवाद कैसे करें](rc://*/ta/man/translate/translate-names))
(अनुवाद के सुझाव: [नामों का अनुवाद कैसे करें](rc://*/ta/man/translate/translate-names))
(यह भी देखें: [मसीही](../kt/christian.md), [कुप्रुस](../names/cyprus.md), [शुभ सन्देश](../kt/goodnews.md), [लेवी](../names/levite.md), [पौलुस](../names/paul.md))
(यह भी देखें: [मसीही विश्वासी](../kt/christian.md), [कुप्रुस](../names/cyprus.md), [शुभ सन्देश](../kt/goodnews.md), [लेवी](../names/levite.md), [पौलुस](../names/paul.md))
## बाइबल सन्दर्भ:
* [प्रे.का. 04:36-37](rc://*/tn/help/act/04/36)
* [प्रे.का. 11:25-26](rc://*/tn/help/act/11/25)
* [प्रे.का. 13:1-3](rc://*/tn/help/act/13/01)
* [प्रे.का. 15:33-35](rc://*/tn/help/act/15/33)
* [कुलुस्सियों 04:10-11](rc://*/tn/help/col/04/10)
* [गलातियों 02:9-10](rc://*/tn/help/gal/02/09)
* [गलातियों 02:13-14](rc://*/tn/help/gal/02/13)
* [प्रे.का. 4:36](rc://*/tn/help/act/04/36)
* [प्रे.का. 11:26](rc://*/tn/help/act/11/26)
* [प्रे.का. 13:3](rc://*/tn/help/act/13/03)
* [प्रे.का. 15:33](rc://*/tn/help/act/15/33)
* [कुलुस्सियों 4:10-11](rc://*/tn/help/col/04/10)
* [गलातियों 2:9-10](rc://*/tn/help/gal/02/09)
* [गलातियों 2:13](rc://*/tn/help/gal/02/13)
## बाइबल कहानियों से उदाहरण:
## बाइबल की कहानियों के उदाहरण:
* __[46:08](rc://*/tn/help/obs/46/08)__ तब __बरनबास__ ने उसे अपने साथ प्रेरितों के पास ले जाकर उनको बताया कि दमिश्क में इसने कैसे हियाव से यीशु के नाम से प्रचार किया।
* __[46:09](rc://*/tn/help/obs/46/09)__ __बरनबास__ और शाऊल इन नए विश्वासियों को पढ़ाने, यीशु के बारे में बताने और कलीसिया को मजबूत करने के लिये अन्ताकिया आए। I
* __[46:10](rc://*/tn/help/obs/46/10)__ एक दिन जब अन्ताकिया की कलीसिया के मसीही उपवास सहित प्रभु की उपासना कर रहे थे, तो पवित्र आत्मा ने कहा, "मेरे लिये बरनबास और शाऊल को उस काम के लिये अलग करो जिसके लिये मैं ने उन्हें बुलाया है।" तब अन्ताकिया की कलीसिया ने शाउल और __बरनबास__ के लिए प्रार्थना की और उन पर हाथ रखा।
* __[46:8](rc://*/tn/help/obs/46/08)__ तब __बरनबास__ ने उसे अपने साथ प्रेरितों के पास ले जाकर उनको बताया कि दमिश्क में इसने कैसे हियाव से यीशु के नाम से प्रचार किया।
* __[46:9](rc://*/tn/help/obs/46/09)__ __बरनबास__ और शाऊल इन नए विश्वासियों को पढ़ाने, यीशु के बारे में बताने और कलीसिया को स्थिर करने के लिये अन्ताकिया आए। I
* __[46:10](rc://*/tn/help/obs/46/10)__ एक दिन जब अन्ताकिया की कलीसिया के मसीही उपवास सहित प्रभु की उपासना कर रहे थे, तो पवित्र आत्मा ने कहा, "मेरे लिये __बरनबास__ और शाऊल को उस काम के लिये अलग करो जिसके लिये मैं ने उन्हें बुलाया है।" तब अन्ताकिया की कलीसिया ने शाउल और __बरनबास__ और पौलुस के लिए प्रार्थना की और उन पर हाथ रखा।
## शब्द तथ्य:
* Strong's: G921
* स्ट्रोंग्स: G09210

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@ -6,9 +6,9 @@
* भू-मध्यसागर से 100 मील भीतर कुलुस्से इफिसुस और फरात नदी के मध्य एक महत्वपूर्ण व्यापार मार्ग था।
* रोम के कारावास में पौलुस ने कुलुस्से के विश्वासियों को पत्र लिखकर झूठी शिक्षाओं का सुधार किया था।
* पत्र लिखते समय पौलुस ने कुलुस्से की कलीसिया से भेंट नहीं की थी। उसने अपने मित्र इपफ्रस से उस कलीसिया के बारे में सुना था।
* संभवतः एक मसीही प्रचारक था जिसने कुलुस्से में कलीसिया संगठित की थी।
* फिलेमोन को लिखा पत्र कुलुस्से में ही दासों के एक स्वामी को लिखा गया था।
* पत्र लिखते समय पौलुस ने कुलुस्से की कलीसिया से भेंट नहीं की थी। उसने अपने मित्र इपफ्रुदीतुस से उस कलीसिया के बारे में सुना था।
* इपफ्रुदीतुस एक मसीही प्रचारक था जिसने कुलुस्से में कलीसिया संगठित की थी।
* फिलेमोन की पत्री कुलुस्से में ही दासों के एक स्वामी को लिखा पौलुस का पत्र था।
(अनुवाद के सुझाव [नामों का अनुवाद कैसे करें](rc://*/ta/man/translate/translate-names))
@ -16,8 +16,8 @@
## बाइबल सन्दर्भ:
* [कुलुस्सियों 01: 1-3](rc://*/tn/help/col/01/01)
* [कुलुस्सियों 1:3](rc://*/tn/help/col/01/03)
## शब्द तथ्य:
* Strong's: G2857, G2858
* स्ट्रोंग्स: G28570

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@ -2,10 +2,10 @@
## तथ्य:
अमोरा सदोम के निकट उपजाऊ घाटी में एक नगर था, जहाँ अब्राहम के भतीजे लूत ने रहने का चुना था।
अमोरा सदोम के निकट उपजाऊ घाटी में एक नगर था, जहाँ अब्राहम के भतीजे लूत ने रहने का चुनाव किया था।
* अमोरा और सदोम का सही स्थान अज्ञात है परन्तु कुछ संकेतों से ज्ञात होता है कि ये दो नगर नमक सागर के निकट दक्षिण में सिद्दिम घाटी में बसे हुए थे।
* सदोम और आमोरा के स्थान में अनेक राजा युद्ध करते थे।
* अमोरा और सदोम का सही स्थान अज्ञात है परन्तु कुछ संकेतों से ज्ञात होता है कि ये दो नगर खारे ताल के निकट दक्षिण में सिद्दिम घाटी में बसे हुए थे।
* सदोम और आमोरा के क्षेत्र में अनेक राजा युद्ध करते थे।
सदोम और अन्य नगरों के मध्य युद्ध में लूत का परिवार भी बन्दी बनाया गया था, परन्तु अब्राहम ने अपने पुरुषों के साथ जाकर उन्हें छुड़ा लिया था।
इसके बाद अधिक समय नहीं हुआ था कि परमेश्वर ने सदोम और अमोरा को नष्ट कर दिया था क्योंकि वहां के निवासी दुराचारी थे।
@ -16,13 +16,13 @@
## बाइबल सन्दर्भ:
* [2 पतरस 02:4-6](rc://*/tn/help/2pe/02/04)
* [उत्पत्ति 10:19-20](rc://*/tn/help/gen/10/19)
* [2 पतरस 2:6](rc://*/tn/help/2pe/02/06)
* [उत्पत्ति 10:19](rc://*/tn/help/gen/10/19)
* [उत्पत्ति 14:1-2](rc://*/tn/help/gen/14/01)
* [उत्पत्ति 18:20-21](rc://*/tn/help/gen/18/20)
* [यशायाह 01:9](rc://*/tn/help/isa/01/09)
* [मत्ती 10:14-15](rc://*/tn/help/mat/10/14)
* [उत्पत्ति 18:21](rc://*/tn/help/gen/18/21)
* [यशायाह 1:9](rc://*/tn/help/isa/01/09)
* [मत्ती 10:15](rc://*/tn/help/mat/10/14)
## शब्द तथ्य:
* Strong's: H6017
* स्ट्रोंग्स: H6017

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@ -1,28 +1,28 @@
# यूनानी, यूनानी
# यूनानी, यूनानी, यूनानीवादी
## तथ्य:
शब्द "यूनानी" यूनान देश में बोली जाने वाली भाषा को संदर्भित करता है, यह शब्द यूनान देश के व्यक्ति के लिए भी उपयोग किया है। यूनानी भी रोमन साम्राज्य भर में बोली जाती थी यूनानी का अर्थ था “यूनानी भाषा बोलने”
* क्योंकि रोमन साम्राज्य में अधिकांश गैर-यहूदी लोग यूनानी भाषा बोलते हैं, इसलिए नए नियम में अन्यजातियों को अक्सर "यूनानी" कहा जाता है, विशेष रूप से जब यहूदियों के साथ विषम हो।
* वाक्यांश "यूनानी यहूदी" का सन्दर्भ यहूदियों से है जो यूनानी भाषा बोलते है न कि "इब्रानी भाषा से संबंधित यहूदी" जो केवल इब्रानी या शायद अरामी भाषा बोलते है।
* क्योंकि रोमन साम्राज्य में अधिकांश गैर-यहूदी लोग यूनानी भाषा बोलते हैं, इसलिए नए नियम में अन्यजातियों को अक्सर "यूनानी" कहा जाता है, विशेष रूप से जब यहूदियों के साथ विषमता दर्शाई गई हो।
* यह वाक्यांश, "यूनानी यहूदी" का सन्दर्भ यहूदियों से है जो यूनानी भाषा बोलते थे जो "इब्रानी यहूदियों" की विषमता में था क्योंकि वे केवल इब्रानी भाषा या संभवतः अरामी भाषा बोलते थे। यूनानीवादी" यूनानी भाषा-भाषी के लिए यूनानी शब्दोच्चारण से वियुत्पन्न है|
* “यूनानी” के अन्य अनुवाद रूप हो सकते हैं; “यूनानी बोलनेवाले” या “यूनानी संस्कृति के” या “यूनानी”।
* गैर-यहूदी के संदर्भ में इसका अनुवाद हो सकता है, “यूनानी” या “अन्य-जाति” हो सकता है
* गैर-यहूदियों  के संदर्भ में, "यूनानी" का अनुवाद हो सकता है, “अन्य-जाति।"
(अनुवाद के सुझाव [नामों का अनुवाद कैसे करें](rc://*/ta/man/translate/translate-names))
(यह भी देखें: [अराम](../names/aram.md), [अन्य-जाति](../kt/gentile.md), [यूनान](../names/greece.md), [इब्रानी](../kt/hebrew.md), [रोम](../names/rome.md))
(यह भी देखें: [अराम](../names/aram.md), [अन्यजाति](../kt/gentile.md), [यूनान](../names/greece.md), [इब्रानी](../kt/hebrew.md), [रोम](../names/rome.md))
## बाइबल सन्दर्भ:
* [प्रे.का. 06:1](rc://*/tn/help/act/06/01)
* [प्रे.का. 09:28-30](rc://*/tn/help/act/09/28)
* [प्रे.का. 11:19-21](rc://*/tn/help/act/11/19)
* [प्रे.का. 6:1](rc://*/tn/help/act/06/01)
* [प्रे.का. 9:229](rc://*/tn/help/act/09/29)
* [प्रे.का. 11:20](rc://*/tn/help/act/11/20)
* [प्रे.का. 14:1-2](rc://*/tn/help/act/14/01)
* [कुलुस्सियों 03:9-11](rc://*/tn/help/col/03/09)
* [गलातियों 02:3-5](rc://*/tn/help/gal/02/03)
* [यूहन्ना 07:35-36](rc://*/tn/help/jhn/07/35)
* [कुलुस्सियों 3:11](rc://*/tn/help/col/03/11)
* [गलातियों 2:3-5](rc://*/tn/help/gal/02/03)
* [यूहन्ना 7:35](rc://*/tn/help/jhn/07/35)
## शब्द तथ्य:
* Strong's: H3125, G1672, G1673, G1674, G1675, G1676
स्ट्रोंग्स: H3125, G16720, G16730, G16740, G16750, G16760

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@ -4,16 +4,16 @@
याकूब इसहाक और रिबका के जुड़वा लड़कों में छोटा था। परमेश्वर ने उसका नाम बदल कर "इस्राएल" कर दिया था, उसके वंशज इस्राएली जाती हुए|
याकूब इस्राएली जाती के तीन पितरों में अंतिम था:अब्राहम, इसहाक और याकूब|
याकूब इस्राएली जाती के तीन पितरों में अंतिम था:अब्राहम, इसहाक और याकूब| याकूब के बारह पुत्र इस्राएल के बारह गोत्र हुए|
* इब्रानी भाषा में याकूब शब्द उस शब्द के समरूप है जिसका अर्थ है,"एड़ी"| जन्म के समय याकूब अपने जुड़वा भाई एसाव की एड़ी पकड़े हुए था।पुराने युग में शरीर के अंग, एड़ी का अभिप्रेत अर्थ था, वार करना और मनुष्य के शरीर का अधो भाग| इब्रानी नाम याकूब संभवतः किसी पर पीछे से वर करने का अर्थ रखता था|
* इब्रानी भाषा में याकूब शब्द उस शब्द के समरूप है जिसका अर्थ है,"एड़ी"| जन्म के समय याकूब अपने जुड़वा भाई एसाव की एड़ी पकड़े हुए था।पुराने युग में शरीर के अंग, एड़ी के दो अर्थ थे, वार करना और मनुष्य के शरीर का अधो भाग| इब्रानी नाम याकूब संभवतः किसी पर पीछे से वर करने का अर्थ रखता था|
* वर्षों बाद परमेश्वर ने याकूब का नाम बदलकर इस्राएल रखा जिसका अर्थ है, “वह परमेश्वर के साथ संघर्ष करता है।”
* याकूब ने लाबान की दो पुत्रियों से विवाह किया था जिनके नाम: लिआ और राहेल थे जिनके साथ उनकी सेविकाएँ, जिल्पा और बिल्हा भी थीं। इन चार स्त्रिओं से बारह पुत्र उत्पन्न हुए जो इस्राएल के बारह गोत्रों के पितृ हुए।
* मत्ती रचित सुसमाचार में जो वंशावली दी गई है उसमें एक और याकूब का उल्लेख किया गया है, वह यूसुफ का पिता था।
* नए नियम में, मत्ती रचित सुसमाचार में जो वंशावली दी गई है उसमें एक और याकूब का उल्लेख किया गया है, वह यूसुफ का पिता था।
(अनुवाद के सुझाव [नामों का अनुवाद कैसे करें](rc://*/ta/man/translate/translate-names))
(यह भी देखें: [कनान](../names/canaan.md), [छल करना](../other/deceive.md), [एसाव](../names/esau.md), [इसहाक](../names/isaac.md), [इस्राएल](../kt/israel.md), [रिबका](../names/rebekah.md), [इस्राएल के बारह गोत्र](../other/12tribesofisrael.md))
(यह भी देखें: [इस्राएल](../kt/israel.md), [इस्राएल के बारह गोत्र](../other/12tribesofisrael.md), [लीआ:](../names/leah.md), [राहेल](../names/rachel.md), [ज़िल्पा](../names/zilpah.md), [बिल्हा](../names/bilhah.md), [deceive](../other/deceive.md), [एसाव](../names/esau.md), [इसहाक](../names/isaac.md), [रिबका](../names/rebekah.md), [लाबान](../names/laban.md))
## बाइबल सन्दर्भ:
@ -36,4 +36,4 @@
## शब्द तथ्य:
* Strong's: H3290, G2384
* स्ट्रोंग्स: H3290, G2384

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@ -1,4 +1,4 @@
# कोरह, कोरे, कोरहियों
# कोरह, कोरहियों
## परिभाषा:
@ -12,11 +12,11 @@
## बाइबल सन्दर्भ:
* [1 इतिहास 01:34-37](rc://*/tn/help/1ch/01/34)
* [1 इतिहास 1:34-37](rc://*/tn/help/1ch/01/34)
* [गिनती 16:1-3](rc://*/tn/help/num/16/01)
* [गिनती 16:25-27](rc://*/tn/help/num/16/25)
* [भजन संहिता 042:1-2](rc://*/tn/help/psa/042/001)
* [भजन संहिता 42:1-2](rc://*/tn/help/psa/042/001)
## शब्द तथ्य:
* Strong's: H7141
* स्ट्रोंग्स H7141

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@ -6,23 +6,23 @@
* पौलुस और सीलास ने फिलिप्पी नगर जाकर वहां के लोगों को यीशु के बारे में बताया।
* फिलिप्पी में पौलुस और सीलास को बन्दी बना लिया गया था परन्तु परमेश्वर ने चमत्कारी रूप से उन्हें बचाया।
* नये नियम में फिलिप्पियों की पत्री पौलुस ने फिलिप्पी के विश्वासियों की कलीसिया को लिखा था
* नये नियम में फिलिप्पियों की पत्री पौलुस द्वारा फिलिप्पी नगर की कलीसिया के विश्वासियों को लिखा पत्र है
* ध्यान रखें कि यह नगर कैसरिया फिलिप्पी नहीं है, कैसरिया फिलिप्पी उत्तर पूर्वी इस्राएल में हर्मन पर्वत के निकट था।
(यह भी देखें: [कैसरिया](../names/caesarea.md), [मसीही विश्वासी](../kt/christian.md), [आराधनालय](../kt/church.md), [मकिदुनिया](../names/macedonia.md), [पौलुस](../names/paul.md), [सीलास](../names/silas.md))
(यह भी देखें: [कैसरिया](../names/caesarea.md), [मसीही विश्वासी](../kt/christian.md), [कलीसिया](../kt/church.md), [मकिदुनिया](../names/macedonia.md), [पौलुस](../names/paul.md), [सीलास](../names/silas.md))
## बाइबल सन्दर्भ:
* [1 थिस्सलुनीकियों 02:1-2](rc://*/tn/help/1th/02/01)
* [प्रे.का. 16:11-13](rc://*/tn/help/act/16/11)
* [1 थिस्सलुनीकियों 2:1-2](rc://*/tn/help/1th/02/01)
* [प्रे.का. 16:11](rc://*/tn/help/act/16/11)
* [मत्ती 16:13-16](rc://*/tn/help/mat/16/13)
* [फिलिप्पियों 01:1-2](rc://*/tn/help/php/01/01)
* [फिलिप्पियों 1:1](rc://*/tn/help/php/01/01)
## बाइबल कहानियों से उदाहरण:
## बाइबल की कहानियों के उदाहरण:
* __[47:01](rc://*/tn/help/obs/47/01)__ एक दिन पौलुस और उसका मित्र सीलास __फिलिप्पी__ में यीशु का प्रचार करने को गए |
* __[47:1](rc://*/tn/help/obs/47/01)__ एक दिन पौलुस और उसका मित्र सीलास __फिलिप्पी__ में यीशु का प्रचार करने गए |
* __[47:13](rc://*/tn/help/obs/47/13)__ जब दिन हुआ तो सिपाहियों ने पौलुस और सीलास को छोड़ दिया और उन्हें आज्ञा दी कि __फिलिप्पी__ छोड़ दे |
## शब्द तथ्य:
* Strong's: G5374, G5375
* स्ट्रोंग्स: G53740, G53750

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@ -2,7 +2,7 @@
## परिभाषा:
“जीवन की पुस्तक” का संदर्भ उस अभिलेख से है जिसमें परमेश्वर ने उन सब मनुष्यों के नाम लिखे हैं जिनका उसने उद्धार करके उन्हें अनन्त जीवन दे दिया है।
“जीवन की पुस्तक” का संदर्भ उस अभिलेख से है जिसमें परमेश्वर ने उन सब मनुष्यों के नाम लिखे हैं जिनका उसने उद्धार करके अनन्त जीवन दे दिया है।
* प्रकाशितवाक्य की पुस्तक में इस पुस्तक को “मेम्ने के जीवन की पुस्तक” कहा गया है। इसका अनुवाद किया जा सकता है, “परमेश्वर के मेम्ने यीशु की जीवन की पुस्तक”। क्रूस पर यीशु की बलि ने मनुष्यों के पाप का दण्ड उठा लिया कि वे उसमें विश्वास के द्वारा अनन्त जीवन पाएं।
* “पुस्तक” शब्द का अर्थ है “कुंडली-ग्रन्थ” या “पत्र” या “लेख” या “वैध अभिलेख।” यह शाब्दिक या प्रतीकात्मक हो सकता है।
@ -11,11 +11,11 @@
## बाइबल सन्दर्भ:
* [फिलिप्पियों 04:1-3](rc://*/tn/help/php/04/01)
* [भजन संहिता 069:28-29](rc://*/tn/help/psa/069/028)
* [प्रकाशितवाक्य 03:5-6](rc://*/tn/help/rev/03/05)
* [फिलिप्पियों 4:3](rc://*/tn/help/php/04/03)
* [भजन संहिता 69:28-29](rc://*/tn/help/psa/069/028)
* [प्रकाशितवाक्य 3:5-6](rc://*/tn/help/rev/03/05)
* [प्रकाशितवाक्य 20:11-12](rc://*/tn/help/rev/20/11)
## शब्द तथ्य:
* Strong's: H2416, H5612, G976, G2222
* स्ट्रोंग्स: H2416, H5612, G09760, G22220

View File

@ -1,27 +1,27 @@
# प्राणी, प्राणियों
# प्राणी, सृष्टि
## परिभाषा:
“प्राणी” का अर्थ है परमेश्वर द्वारा सृजित सब जीव चाहे मनुष्य हो या पशु।
* भविष्यद्वक्ता यहेजकेल ने परमेश्वर की महिमा के दर्शन में "जीवित प्राणियों" का वर्णन किया है। वह उन्हें पहचानता नहीं था इसलिए उसने उन्हें यह नाम दिया।
* ध्यान दें कि सृष्टि का अर्थ यहां भिन्न है क्योंकि परमेश्वर ने सब कुछ बनाया है जीवित एवं निर्जीव वस्तुएं (जैसे भूमि, जल, सितारे)। “प्राणी” शब्द का अर्थ है केवल जीवित वस्तुएं।
* भविष्यद्वक्ता यहेजकेल ने परमेश्वर की महिमा के दर्शन में "जीवित प्राणियों" का वर्णन किया है। वह उन्हें पहचानता नहीं था इसलिए उसने उन्हें यह सामान्य नाम दिया।
* ध्यान दें कि सृष्टि का अर्थ यहां भिन्न है क्योंकि इस शब्द में परमेश्वर द्वारा सृजित सब वस्तुओं को समाहित किया गया है-जीवित तथा निर्जीव दोनों को (जैसे भूमि, जल, सितारे). “प्राणी” शब्द का अर्थ है केवल जीवित वस्तुएं।
## अनुवाद के सुझाव:
* प्रकरण के अनुसार “प्राणी” का अनुवाद “जीव” या “जीवित प्राणी” या “सृज प्राणी” भी किया जा सकता है।
* प्रकरण के अनुसार “प्राणी” का अनुवाद “जीव” या “जीवित प्राणी” या “सृजित प्राणी” भी किया जा सकता है।
* इस शब्द का बहुवचन “प्राणियों” का अनुवाद “सभी जीवित प्राणी" या “मनुष्य और पशु” या "पशु" या “मनुष्य।”
(यह भी देखें: [उत्‍पन्‍न](../other/creation.md))
## बाइबल सन्दर्भ:
* [दानिय्येल 04:10-12](rc://*/tn/help/dan/04/10)
* [यहेजकेल 01:7-9](rc://*/tn/help/ezk/01/07)
* [दानिय्येल 4:10-12](rc://*/tn/help/dan/04/10)
* [यहेजकेल 1:9](rc://*/tn/help/ezk/01/07)
* [यहोशू 10:28](rc://*/tn/help/jos/10/28)
* [लैव्यव्यवस्था 11:46-47](rc://*/tn/help/lev/11/46)
* [प्रकाशितवाक्य 19:3-4](rc://*/tn/help/rev/19/03)
## शब्द तथ्य:
* Strong's: H255, H1320, H1321, H1870, H2119, H2416, H4639, H5315, H5971, H7430, H8318, G2226, G2937, G2938
* स्त्रोंग्स: H1320, H1321, H1870, H2119, H2416, H4639, H5315, H5971, H7430, H8318, G22260, G29370, G29380

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@ -2,33 +2,33 @@
## परिभाषा:
स्वप्न मनुष्यों के सोते समय मस्तिष्क में उभरता है।
मनुष्य के सोते समय मस्तिष्क में जो देखता है या अनुभव करता है वह स्वप्न कहलाता है।
* स्वप्न यथार्थ घटना प्रतीत होते हैं जबकि वे होत नहीं हैं।
* कभी-कभी परमेश्वर स्वप्नों द्वारा मनुष्यों को कुछ सिखाता है। परमेश्वर स्वप्नों में मनुष्यों से सीधी बातें भी करता है।
* बाइबल में परमेश्वर ने कुछ लोगों को विशेष स्वप्नों द्वारा सन्देश दिए, अक्सर भविष्य में होने वाली घटनाओं के बारे में।
* स्वप्न प्रायः यथार्थ घटना प्रतीत होते हैं जबकि वे होत नहीं हैं।
* कभी-कभी परमेश्वर मनुष्यों को स्वप्न दिखाता है कि वे उससे कुछ सीखें। परमेश्वर स्वप्नों में मनुष्यों से सीधी बातें भी कर सकता है।
* बाइबल में परमेश्वर ने कुछ लोगों को विशेष स्वप्नों के माध्यम से सन्देश दिए जो अधिकतर भावी घटनाओं के बारे में थे
* स्वप्न दर्शन से भिन्न होता है। स्वप्न मनुष्य को नींद में दिखाई देते हैं परन्तु दर्शन जागृत अवस्था में दिखाई देते हैं।
(यह भी देखें: [दर्शन](../other/vision.md))
## बाइबल सन्दर्भ:
* [प्रे.का. 02:16-17](rc://*/tn/help/act/02/16)
* [दानिय्येल 01:17-18](rc://*/tn/help/dan/01/17)
* [दानिय्येल 02:1-2](rc://*/tn/help/dan/02/01)
* [उत्पत्ति 37:5-6](rc://*/tn/help/gen/37/05)
* [प्रे.का. 2:16-17](rc://*/tn/help/act/02/16)
* [दानिय्येल 1:17-18](rc://*/tn/help/dan/01/17)
* [दानिय्येल 2:1](rc://*/tn/help/dan/02/01)
* [उत्पत्ति 37:6](rc://*/tn/help/gen/37/06)
* [उत्पत्ति 40:4-5](rc://*/tn/help/gen/40/04)
* [मत्ती 02:13-15](rc://*/tn/help/mat/02/13)
* [मत्ती 02:19-21](rc://*/tn/help/mat/02/19)
* [मत्ती 2:13](rc://*/tn/help/mat/02/13)
* [मत्ती 2:19-21](rc://*/tn/help/mat/02/19)
## बाइबल कहानियों से उदाहरण:
* __[08:02](rc://*/tn/help/obs/08/02)__ यूसुफ के भाई उससे बैर रखते थे क्योंकि जब यूसुफ के भाइयो ने देखा कि हमारा पिता हम सबसे अधिक उसी से प्रीति रखता है, और यूसुफ ने __स्वप्न में देखा__ था कि वह अपने भाइयो पर राज्य करेगा।
* __[08:06](rc://*/tn/help/obs/08/06)__ एक रात को मिस्र के राजा ने, जिसे फ़िरौन कहते है उसने रात में दो __स्वप्न__ देखे जो उसे निरंतर परेशान कर रहे थे। जो __स्वप्न__ उसने देखा उसका फल बताने वाला कोई भी नहीं है
* __[08:07](rc://*/tn/help/obs/08/07)__ परमेश्वर ने यूसुफ को यह योग्यता दी थी कि वह __स्वप्न__ का अर्थ समझ सके, इसलिये फ़िरौन ने यूसुफ को बंदीगृह से बुलवा भेजा। यूसुफ ने उसके लिये __स्वप्न__ की व्याख्या की और कहा कि “सारे मिस्र देश में सात वर्ष तो बहुतायत की उपज के होंगे, और उनके पश्चात् सात वर्ष अकाल के आयेंगे।”
* __[16:11](rc://*/tn/help/obs/16/11)__ उसी रात जब गिदोन मिद्यानियों के डेरे में आया तब एक मिद्यानी सैनिक अपने संगी से अपना __स्वप्न__ कह रहा था। वह जन अपने संगी से कह रहा था, “कि इस स्वप्न का अर्थ यह हुआ कि गिदोन की सेना हरा देंगी मिद्यानियों की सेना को।”
* __[23:01](rc://*/tn/help/obs/23/01)__ अत: यूसुफ ने जो धर्मी था और उसको बदनाम करना नहीं चाहता था, उसे चुपके से त्याग देने का विचार किया। जब वह इन बातों के सोच ही में था त प्रभु का स्वर्गदूत उसे __स्वप्न__ में दिखाई दिया।
* __[8:2](rc://*/tn/help/obs/08/02)__ यूसुफ के भाई उससे बैर रखते थे क्योंकि जब यूसुफ के भाइयो ने देखा कि हमारा पिता हम सबसे अधिक उसी से प्रीति रखता है, और यूसुफ ने __स्वप्न में देखा__ था कि वह अपने भाइयो पर राज्य करेगा।
* __[8:6](rc://*/tn/help/obs/08/06)__ एक रात को मिस्र के राजा ने, जिसे मिस्री फ़िरौन कहते थे, रात में दो __स्वप्न__ देखे जो उसे निरंतर परेशान कर रहे थे। जो __स्वप्न__ उसने देखे उनका फल बताने वाला उसके ज्ञानियों में से कोई भी नहीं था
* __[8:7](rc://*/tn/help/obs/08/07)__ परमेश्वर ने यूसुफ को यह योग्यता दी थी कि वह __स्वप्न__ का अर्थ समझ सके, इसलिये फ़िरौन ने यूसुफ को बंदीगृह से बुलवा भेजा। यूसुफ ने उसके लिये __स्वप्न__ की व्याख्या की और कहा कि “सारे मिस्र देश में सात वर्ष तो बहुतायत की उपज के होंगे, और उनके पश्चात् सात वर्ष अकाल के आयेंगे।”
* __[16:11](rc://*/tn/help/obs/16/11)__ उसी रात जब गिदोन मिद्यानियों के डेरे में आया तब एक मिद्यानी सैनिक अपने संगी से अपना __स्वप्न__ कह रहा था। वह अपने संगी से कह रहा था, “कि इस स्वप्न का अर्थ यह हुआ कि गिदोन की सेना मिद्यानियों की सेना को पराजित कर देगी।”
* __[23:1](rc://*/tn/help/obs/23/01)__ अत: यूसुफ ने जो धर्मी था और उसको बदनाम करना नहीं चाहता था, उसे चुपके से त्याग देने का विचार किया। जब वह इन बातों के सोच ही में था त प्रभु का स्वर्गदूत उसे __स्वप्न__ में दिखाई दिया।
## शब्द तथ्य:
* Strong's: H1957, H2472, H2492, H2493, G1797, G1798, G3677
* स्ट्रोंग्स: H1957, H2472, H2492, H2493, G17970, G17980, G36770

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@ -10,15 +10,15 @@
## अनुवाद के सुझाव:
* “पहले ही से जानता था” का अनुवाद हो सकता है, “पूर्वज्ञान था” या “समय से पहले जानता था” या “पहले से जानता था” या “पहले से ही पता था।”
* “पूर्व ज्ञान” का अनुवाद “पहले से जानना” या “समय से पूर्व जानना” या “पहले से जानना” या “समय से पूर्व जानना”।
* “पूर्व ज्ञान” का अनुवाद “पहले से जानना” या “समय से पूर्व जानना” या “जानता ही था” या “समय से पूर्व जानना”।
(यह भी देखें: [जानना](../other/know.md), [पहले से ठहराए गए](../kt/predestine.md))
## बाइबल सन्दर्भ:
* [रोमियो 08:28-30](rc://*/tn/help/rom/08/28)
* [रोमियो 11:1-3](rc://*/tn/help/rom/11/01)
* [रोमियो 08:29](rc://*/tn/help/rom/08/28)
* [रोमियो 11:2](rc://*/tn/help/rom/11/02)
## शब्द तथ्य:
* Strong's: G4267, G4268
* स्ट्रोंग्स: G42670, G42680

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@ -1,22 +1,22 @@
# पत्री, पत्र, चिट्ठियाँ
# पत्री, पत्र
## परिभाषा:
पत्र किसी को या किसी समुदाय को भेजा गया लिखित सन्देश है जो लेखक से बहुत दूर है। यह एक विशेष पत्र होता है जो अधिक विधिवत शैली में लिखा होता है जिसका उद्देश्य विशेष करके शिक्षा देना होता है
पत्र किसी मनुष्य को या किसी समुदाय को भेजा गया लिखित सन्देश है जो लेखक से बहुत दूर है। यह एक विशेष पत्र होता है जो अधिकटार विधिवत शैली में लिखा होता है और एक उद्देश्य विशेष के निमित्त होता है जैसे शिक्षा देना
* नये नियम के युग में पशु की त्वचा से बने चर्मपत्र थे या वृक्षों की खाल से बने कागजों पर लिखे जाते थे।
* नये नियम के पत्र जिन्हें पौलुस, यूसुफ, याकूब और यहूदा और पतरस ने लिखे वे निर्देशन थे जो संपूर्ण रोमी राज्य के विभिन्न स्थानों में विश्वासियों को प्रोत्साहित करने का उपदेश देने तथा शिक्षा देने के उद्देश्य से लिखे गए थे।
* नये नियम के युग में पशु की त्वचा से बने चर्मपत्र थे या वृक्षों की खाल से बने कागजों पर पत्र लिखे जाते थे।
* नये नियम के पत्र जिन्हें पौलुस, यूहन्ना, याकूब और यहूदा और पतरस ने लिखे वे निर्देशन थे जो संपूर्ण रोमी राज्य के विभिन्न स्थानों में विश्वासियों को प्रोत्साहित करने का उपदेश देने तथा शिक्षा देने के उद्देश्य से लिखे गए थे।
* इस शब्द का अनुवाद “लिखित सन्देश” या “लिखे हुए शब्द” या “लेख” हो सकता है।
(यह भी देखें: [प्रोत्साहित करना](../kt/exhort.md), [उपदेश देना](../kt/exhort.md), [समझाना](../other/teach.md))
## बाइबल सन्दर्भ:
* [1 थिस्सलुनीकियों 05:25-28](rc://*/tn/help/1th/05/25)
* [2 थिस्सलुनीकियों 02:13-15](rc://*/tn/help/2th/02/13)
* [प्रे.का. 09:1-2](rc://*/tn/help/act/09/01)
* [1 थिस्सलुनीकियों 5:27](rc://*/tn/help/1th/05/25)
* [2 थिस्सलुनीकियों 2:15](rc://*/tn/help/2th/02/15)
* [प्रे.का. 9:1-2](rc://*/tn/help/act/09/01)
* [प्रे.का. 28:21-22](rc://*/tn/help/act/28/21)
## शब्द तथ्य:
* Strong's: H104, H107, H3791, H4385, H5406, H5407, H5612, H6600, G1121, G1989, G1992
* स्ट्रोंग्स: H0104, H0107, H3791, H4385, H5406, H5407, H5612, H6600, G11210, G19920

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@ -1,4 +1,4 @@
# फूल जाना, फूल जाना
# फूल जाना
## परिभाषा:
@ -7,17 +7,17 @@
* एक व्यक्ति जो फूल जाता है वह स्वयं को अन्यों से अधिक बड़ा समझता है।
* पौलुस ने सिखाया था कि जानकारियां और तथ्यों या धार्मिक अनुभव की अधिकता के कारण मनुष्य “फूल जाता है” और घमण्डी हो जाता है।
* अन्य भाषाओं में भी ऐसी ही या इससे भिन्न उक्ति हो सकती है जिसका अर्थ यही हो जैसे “अकड़ में रहना”।
* इसका अनुवाद "बहुत गर्व" या "दूसरों से घृणास्पद" या "अभिमानी" या "दूसरों की तुलना में खुद को बेहतर समझने" के रूप में किया जा सकता है।
* इसका अनुवाद हो सकता है, "बहुत घमंडी" या "दूसरों से घृणा करना" या "अभिमानी" या "स्वयं को दूसरों की तुलना में अधिक अच्सछा मझना" के रूप में किया जा सकता है।
(यह भी देखें: [अभिमानी](../other/arrogant.md), [घमण्डी](../other/proud.md))
## बाइबल सन्दर्भ:
* [1 कुरिन्थियों 04:6-7](rc://*/tn/help/1co/04/06)
* [1 कुरिन्थियों 08:1-3](rc://*/tn/help/1co/08/01)
* [1 कुरिन्थियों 4:6-7](rc://*/tn/help/1co/04/06)
* [1 कुरिन्थियों 8:1](rc://*/tn/help/1co/08/01)
* [2 कुरिन्थियों 12:6-7](rc://*/tn/help/2co/12/06)
* [हबक्कूक 02:4-5](rc://*/tn/help/hab/02/04)
* [हबक्कूक 2:4](rc://*/tn/help/hab/02/04)
## शब्द तथ्य:
* Strong's: H6075, G5229, G5448
* स्ट्रोंग्स: H6075, G54480

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@ -1,24 +1,24 @@
# परम्परा, परम्पराओं
# परम्परा
## परिभाषा:
परम्परा, प्रथाएं एवं अभ्यास थे जो दीर्घकालीन व्यवहारगत रहे और आनेवाली पीढ़ियों को दिए गए।
* बाइबल में अक्सर "परम्पराओं" शब्द जो कि लोगों द्वारा किए गए शिक्षाओं और प्रथाओं के बारे में बताया जाता है, परमेश्वर के व्यवस्थाओं के अनुसार नहीं। अभिव्यक्ति "पुरुषों की परंपरा" या "मानव परंपरा" इस स्पष्ट करता है।
* वाक्यांश जैसे कि "पुरखों की परंपराओं" या "मेरे पिता की परंपराओं" विशेष रूप से यहूदी रीति-रिवाजों और प्रथाओं के लिए विशेष रूप को संदर्भित करता हैं, जो समय के साथ यहूदी अगुवों ने मूसा के द्वारा इस्राएलियों को दिए गए नियमों में समय के साथ जोड़ा गया था। यद्यपि इन जोड़े गए परंपराएं परमेश्वर से नहीं आई थीं, और लोगों ने सोचा कि उन्हें धर्मी होना के लिए उन्हें इनका पालन करना होगा
* प्रेरित पौलुस ने “परम्परा” को अलग तरीके से उपयोग किया मसीही अभ्यास के बारे में शिक्षाओं को जो परमेश्वर से आया था संदर्भित करने के लिए जो उसने और अन्य प्रेरितों ने नए विश्वासियों को सिखाया
* आधुनिक समय में, कई मसीही परंपराएं हैं जो बाइबल में सिखाई नहीं जाती हैं बल्कि ऐतिहासिक रूप से स्वीकार किए गए रीति-रिवाजों और प्रथाओं का नतीजा है। ये परंपराएं हमेशा बाइबल में परमेश्वर के बारे में हमें सिखाए गए कार्यों के आधार पर मूल्यांकन की जानी चाहिए
* बाइबल में "परम्पराओं" शब्द शब्द का सन्दर्भ प्रायः मानव रचित शिक्षाओं और अभ्यासों से है जो परमेश्वर की व्यवस्था नही थी। यह अभिव्यक्ति, "मनुष्यों की परंपरा" या "मानवीय परंपरा" इस को स्पष्ट करती है।
* यह वाक्यांश जैसे, "पूर्वजों की परंपराओं" या "पितरों की परंपराओं" का सन्दर्भ विशेष करके उन यहूदी प्रथाओं और अभ्यासों से है जिनको यहूदी अगुओं ने समय के अंतराल में मूसा प्रदत्त परमेश्वर की व्यवस्था में जोड़ दिया था यद्यपि, ये अनुषांगिक परम्पराएं परमेश्वर प्रदत्त नहीं थीं, मनुष्यों में एक धारणा थी कि धार्मिकता के लिए ये आवश्यक थीं
* प्रेरित पौलुस ने “परम्परा” को अलग तरीके से उपयोग किया जो पत्मेश्वर प्रदत्त मसीही आचरण के सन्दर्भ में शिक्षाओं के सम्बन्ध में थीं और उसने तथा अन्य प्रेरितों ने नव्विश्वासियों को उनकी शिक्षा दी थी
* आधुनिक समय में, कई मसीही परंपराएं हैं जो बाइबल में सिखाई नहीं गई हैं| वे परम्पराओं और अभ्यासों के ऐतिहासिक स्वीकरण का परिणाम हैं। इन परम्पराओं का अवलोकन बाइबल में निहित परमेश्वर की शिक्मेंषाओं के प्रकाश में की जाना आवश्यक है
(यह भी देखें: [प्रेरित](../kt/apostle.md), [विश्वास](../kt/believer.md), [मसीही विश्वासी](../kt/christian.md), [पूर्वजों](../other/father.md), [पीढ़ी](../other/generation.md), [यहूदी](../kt/jew.md), [व्यवस्था](../kt/lawofmoses.md), [मूसा](../names/moses.md))
## बाइबल सन्दर्भ:
* [2 थिस्सलुनीकियों 03:6-9](rc://*/tn/help/2th/03/06)
* [कुलुस्सियों 02:8-9](rc://*/tn/help/col/02/08)
* [गलातियों 01:13-14](rc://*/tn/help/gal/01/13)
* [मरकुस 07:2-4](rc://*/tn/help/mrk/07/02)
* [मत्ती 15:1-3](rc://*/tn/help/mat/15/01)
* [2 थिस्सलुनीकियों 3:6-9](rc://*/tn/help/2th/03/06)
* [कुलुस्सियों 2:8](rc://*/tn/help/col/02/08)
* [गलातियों 1:13-14](rc://*/tn/help/gal/01/13)
* [मरकुस 7:2](rc://*/tn/help/mrk/07/02)
* [मत्ती 15:3](rc://*/tn/help/mat/15/03)
## शब्द तथ्य:
* Strong's: G3862, G3970
* स्त्रोंग्स: G38620

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