diff --git a/README.md b/README.md index c044942..2df2c91 100644 --- a/README.md +++ b/README.md @@ -1,3 +1,3 @@ -# hi_tA +# Hindi Translation Academy -Hindi Translation Academy \ No newline at end of file +STR https://git.door43.org/unfoldingWord/SourceTextRequestForm/issues/234 diff --git a/checking/acceptable/01.md b/checking/acceptable/01.md new file mode 100644 index 0000000..60d54dc --- /dev/null +++ b/checking/acceptable/01.md @@ -0,0 +1,11 @@ + +### मान्य तरीके में अनुवाद + +नये अनुवाद को पढ़ते समय, स्वयं से ये प्रश्न पूछें। इन प्रश्नों से आपको पता चल पायेगा कि अनुवाद उक्त भाषा समाज के द्वारा मान्य तरीके में किया गया है या नही: + +1. क्या अनुवाद को एक तरीके से लिखा गया है कि भाषा समाज के युवा एवं बुजुर्ग, दोनो प्रकार के सदस्यों के द्वारा आसानी से समझा जा सके। (जब भी कोर्इ बोलता है, तो वे अपने जवान अथवा बुजुर्ग श्रोताओं के आधार पर शब्दों को बदल सकते हैं) क्या यह अनुवाद जवान एवं बुजुर्ग श्रोताओं को समझ में आने वाले शब्दों के इस्तेमाल से किया गया है? +1. क्या अनुवाद का यह तरीका अधिक औपचारिक अथवा अनौपचारिक है? (क्या बोलने का तरीका ऐसा है जिसे स्थानीय समाज पहचानता है, या इसे और औपचारिक एवं अनौपचारिक बनाना जरूरी है?) +1. क्या अनुवाद में कर्इ सारे शब्द ऐसे शामिल हैं जिसे दूसरी भाषा से लिया गया है अथवा क्या ये शब्द उस भाषा समुदाय में मान्य हैं, +1. क्या लेखक ने भाषा का सही रूप इस्तेमाल किया है जिसे भाषा समुदाय के अधिकांश लोग स्वीकार करते हैं, (क्या लेखक को उस क्षेत्र में हर जगह प्रचलित भाषा के शब्दों की पहचान है?) क्या लेखक ने भाषा के उस रूप का इस्तेमाल किया है जिसे भाषा समुदाय अच्छे से जानता है, या उसने केवल थोड़ी सी जगह पर इस्तेमाल किए जाने वाले रूप का उपयोग किया है। + +यदि किसी जगह पर अनुवाद भाषा का गलत तरीके से इस्तेमाल करता है, तो उसका उल्लेख करें जिससे आप अनुवाद के दल के साथ उसके बारे में विचार विमर्श कर सको। diff --git a/checking/acceptable/sub-title.md b/checking/acceptable/sub-title.md new file mode 100644 index 0000000..a4c2582 --- /dev/null +++ b/checking/acceptable/sub-title.md @@ -0,0 +1 @@ +क्या अनुवाद के दल ने स्वीकार्य तरीके का उपयोग किया है? diff --git a/checking/acceptable/title.md b/checking/acceptable/title.md new file mode 100644 index 0000000..2983ec6 --- /dev/null +++ b/checking/acceptable/title.md @@ -0,0 +1 @@ +स्वीकार्य शैली diff --git a/checking/accuracy-check/01.md b/checking/accuracy-check/01.md new file mode 100644 index 0000000..d6894c1 --- /dev/null +++ b/checking/accuracy-check/01.md @@ -0,0 +1,40 @@ + +### भाषा के सटीकता की जाँच + +इस भाग का उद्देश्य नए अनुवाद की खरार्इ अथवा सटीकता को निश्चित करना है। दूसरे शब्दों में, स्रोत के अनुवाद के साथ तुलना करने पर, क्या नया अनुवाद उसी अर्थ को बताता है (जरूरी नही है कि समान शब्दों या क्रम का उपयोग हुआ हो) + +#### स्तर एक + +पहले स्तर में भाषा की सटीकता को जाँचने वाले अनुवाद के दल का हिस्सा बन सकते हैं परंतु वे वही हों नही जिन्होने उसी कहानी या बाइबल के भाग का पहली बार अनुवाद किया हो, जिसे वे अभी जाँच रहे हैं। वे समुदाय के लोग भी हो सकते हैं जो अनुवाद के दल का हिस्सा न हों। वे अनुवाद की जाने वाली भाषा को बोलने वाले हों, समुदाय में आदरणीय हों, और यदि हो सके तो, अधिकतर लोगों के द्वारा बोली जाने वाली भाषा में बाइबल का अच्छा ज्ञान हो। इस कदम का उद्देश्य यह निश्चित करना है कि यह अनुवाद पूरी शुद्धता के साथ मूल कहानी अथवा बाइबल के भाग के अर्थ को बताए।जाँच करने वाले कहानी अथवा बाइबल के भाग का उनकी भाषा में सही अर्थ के साथ सबसे अच्छे तरीके से, अनुवाद करने में मदद करेंगे। कहानी या बाइबल के भाग को एक व्यक्ति या अधिक लोग जाँच सकते हैं। एक से ज्यादा लोगों के द्वारा जाँच लाभदायक होगी क्योंकि विभिé जाँचकर्ता ही विभिé बातों को देख सकते हैं। + +#### स्तर दो और तीन + +स्तर दो या तीन के जाँचकर्ता अनुवाद दल के हिस्सा न हों। वे कलीसिया के अगुवे हों जो अनुवाद की भाषा को जानते हों और मूल भाषा में बाइबल का अच्छा ज्ञान हो। यह सही है कि [भाषा समुदाय जाँच](../language-community-check/01.md) करने वाले अनुवाद की स्वाभाविकता और स्पष्टता को निश्चित करने के लिए स्रोत के लेख को *बिल्कुल भी* न देखें। सटीकता की जाँच के लिए, जाँचकर्ता स्रोत के लेख को *अवश्य* देखें जिससे वे नए अनुवाद के साथ उसकी तुलना कर सकें + +#### सारे स्तर + +जाँच करने वाले निम्न कदमों का पालन करें: + +1. हर जाँचकर्ता स्वयं अनुवाद को पढ़े (या रिकॉर्डिंग को सुने), अधिकाँश लोगों की भाषा में बाइबल के मूल भाग या कहानी के साथ तूलना करें। यह लाभदायक होगा यदि अनुवादक जाँचकर्ता को अनुवाद पढ़कर सुनाए जिसे वह मूल बाइबल भाग अथवा कहानी के स्रोत को पढ़ने के साथ साथ देख सकता है।जब जाँचकर्ता अनुवाद को पढ़कर (या सुनकर) स्रोत के साथ इसकीर तुलना करता है, तो वह इन प्रश्नों को मन में रखे: + + * क्या अनुवाद में मूल अर्थ के साथ कुछ जुड़ा है? + * (मूल अर्थ भी सम्मिलित है [अंतर्निहित जानकारी](../../translate/figs-explicit/01.md)) + * क्या कोर्इ भाग अनुवाद में छुट गया है? + * क्या अनुवाद ने अर्थ को किसी भी तरीके से बदला है? + +1. जाँचकर्ता उन सब बातों को लिख ले जहाँ उसे लगता हो कि कुछ गलत है या कुछ सही किया जा सकता है। हर जाँचकर्ता उन बातों को अनुवाद के दल के साथ बाँटे + +1. एक बाइबल कहानी या अध्याय को व्यक्तिगत तौर पर जाँचने के बाद, जाँचकर्ता अनुवादक अथवा अनुवादक दल से मिलकर, उस कहानी अथवा बाइबल के भाग पर पुनरावलोकन करें। जब वे उस जगह पर पहुँचते हैं जहाँ जाँचकर्ता ने समस्या या प्रश्न को इंगित कर रखा है, तो वे उसमें फेरबदल या विकास के लिए, आपस में प्रश्न पूछें या सुझाव दें। जब जाँचकर्ता और अनुवादक दल प्रश्नों और सुझावों पर विचार विमर्श कर लें, तो वे दूसरे प्रश्नों अथवा बातों को कहने के दूसरे तरीकों के बारे में विचार विमर्श कर सकते हैं। यह अच्छा है । +जब जाँचकर्ता और अनुवादक दल एक साथ काम करें, तो कहानी अथवा बाइबल के भाग के अर्थ को सही तरीके से बताने में परमेश्वर उनकी मदद करेगा। + +1. जब जाँचकर्ता और अनुवादक दल बदलने वाली बातों को निर्धारित कर लें, तो अनुवादक दल अनुवाद को अवलोकन करें। अनुवादक दल के द्वारा अनुवाद के अवलोकन के बाद, वे इसे एक दूसरे के सामने या भाषा समुदाय के लोगों के साथ पढ़कर सुनाएँ जिससे कि वह भाषा सुनने में स्वाभाविक लगे। + +1. अनुवादक (या दल) उस बाइबल के भाग को इंगित कर लें जो अभी भी कठिन लगते हों और जहाँ उन्हे बाइबल के जाँचकर्ताओं की अधिक जरूरत महसूस होती हो । कलीसिया के अगुवे और जाँचकर्ता इन लेखों का स्तर दो और तीन में इस्तेमाल करेंगे, जिससे अनुवादकों को उसका अर्थ पता चल सके और पूरी स्पष्टता के साथ उसे बताया जा सके। + +##### अतिरिक्त प्रश्न + +इन प्रश्नों की मदद से यह भी पता लगाया जा सकता है कि अनुवाद में कहीं और भी सटीकता की कमी है या नही + +* क्या स्रोत भाषा के अनुवाद में मौजूद सब बातें, नए (स्थानीय) अनुवाद के बहाव में भी मौजूद हैं +* क्या नए अनुवाद के अर्थ में मूल स्रोत के अनुवाद का संदेश (शब्द अलग हो सकते हैं) शामिल था? (कर्इ बार शब्दों की संरचना अथवा विचारों का क्रम स्रोत के अनुवाद से अलग दिख सकता है, परंतु वही अक्सर बेहतर तरीका अथवा सटीक होता है) +* क्या हर कहानी में बताए गए सारे किरदार मूल स्रोत भाषा के अनुवाद के अनुसार ही कार्य कर रहे हैं? (स्रोत भाषा के साथ तूलना के दौरान, क्या नए अनुवाद में यह पता लगा पाना मुश्किल तो नही हो रहा था कि कौन क्या कर रहा है?) diff --git a/checking/accuracy-check/sub-title.md b/checking/accuracy-check/sub-title.md new file mode 100644 index 0000000..cc0e6c1 --- /dev/null +++ b/checking/accuracy-check/sub-title.md @@ -0,0 +1,2 @@ +मैं सटीकता की जाँच कैसे करूँ? + diff --git a/checking/accuracy-check/title.md b/checking/accuracy-check/title.md new file mode 100644 index 0000000..dbb103e --- /dev/null +++ b/checking/accuracy-check/title.md @@ -0,0 +1,2 @@ +सटीकता की जाँच + diff --git a/checking/accurate/01.md b/checking/accurate/01.md new file mode 100644 index 0000000..22136e2 --- /dev/null +++ b/checking/accurate/01.md @@ -0,0 +1,7 @@ + +### एक सटीक अनुवाद + +यह निश्चित करना जरूरी है कि नया अनुवाद एकदम सही अथवा सटीक हो। सटीकता की जाँच करने के लिए चुने गए लोगों की जिम्मेदारी है कि उन्हे वही अर्थ लोगों तक पहुँचाना है जो मूल लेखक बताना चाहता था या बताने की प्रतीक्षा में था। + +ऐसा करने के निर्देशों के लिए, [सटीकता की जाँच](../accuracy-check/01.md) में जाएँ और ‘‘सब स्तर’’ के तहत दिए गए कदमों का पालन करें। + diff --git a/checking/accurate/sub-title.md b/checking/accurate/sub-title.md new file mode 100644 index 0000000..f799383 --- /dev/null +++ b/checking/accurate/sub-title.md @@ -0,0 +1,2 @@ +क्या अनुवाद सटीक है? + diff --git a/checking/accurate/title.md b/checking/accurate/title.md new file mode 100644 index 0000000..4face3d --- /dev/null +++ b/checking/accurate/title.md @@ -0,0 +1,2 @@ +सटीक अनुवाद + diff --git a/checking/alphabet/01.md b/checking/alphabet/01.md new file mode 100644 index 0000000..fa8a4a0 --- /dev/null +++ b/checking/alphabet/01.md @@ -0,0 +1,9 @@ + +### अनुवाद के लिए शब्दमाला + +जब आप अनुवाद को पढ़ते हैं तो शब्दों के उच्चारण के लिए निम्न प्रश्नों को पूछें। इन प्रश्नों से आपको भाषा के उच्चारण के लिए एकदम सही शब्द को चुनने में मदद मिलेगी और क्या इन शब्दों को उनकी निरंतरता में लिखा गया है जिससे उन्हे पढ़ना आसान हो। + +1. क्या वह शब्द उस भाषा के उच्चारण में इस्तेमाल करने योग्य है? (क्या कोर्इ और उच्चारण हैं जिनका अर्थ अलग लगता है परंतु उन्हे अलग आवाज के लिए उसी अक्षर के साथ इस्तेमाल करना है) क्या इससे शब्द को पढ़ना कठिन तो नही हो जाता? क्या इन शब्दों को कहीं पर लगाने के लिए कुछ अलग चिन्हों को लगाने की जरूरत है जिससे उनका अंतर पता चल सके +1. क्या पुस्तक में इस्तेमाल की गर्इ स्पेलिंग सही है? (क्या लेखक को बताने के लिए कोर्इ नियम हैं कि कैसे विभिé हालातों में शब्द कैसे बदलते हैं?) क्या उनका वर्णन किया जा सकता है जिससे दूसरे लोग भाषा को आसानी से पढ़ और लिख सकें? +1. क्या अनुवाद ने उन भावों, कथनों, प्रत्ययों या स्पेलिंगों का उपयोग किया है जिन्हे उस भाषा समुदाय के अधिकाँश लोग जानते हैं? यदि अक्षर या स्पेलिंग के बारे में कुछ गलत है, उसको लिख लें जिससे अनुवादक दल के साथ विचार विमर्श किया जा सके + diff --git a/checking/alphabet/sub-title.md b/checking/alphabet/sub-title.md new file mode 100644 index 0000000..00f30a6 --- /dev/null +++ b/checking/alphabet/sub-title.md @@ -0,0 +1,2 @@ +क्या अनुवाद में उचित अक्षरमाला का उपयोग किया गया है? + diff --git a/checking/alphabet/title.md b/checking/alphabet/title.md new file mode 100644 index 0000000..8c4590b --- /dev/null +++ b/checking/alphabet/title.md @@ -0,0 +1,2 @@ +उचित अक्षरमाला + diff --git a/checking/authority-level1/01.md b/checking/authority-level1/01.md new file mode 100644 index 0000000..b57eedd --- /dev/null +++ b/checking/authority-level1/01.md @@ -0,0 +1,9 @@ + +### अधिकार स्तर 1: अनुवादक दल की पुष्टि + +इस स्तर का मकसद आदर्श मसीही सिद्धांतों के साथ एवं स्वयं अनुवाद की सटीकता को निश्चित करने के लिए दिए गए निर्देंशों के साथ अनुवादक दल की सहमति की पुष्टि करना है। + +इस स्तर में प्रकाशित लेख सक्रिय प्रोजेक्ट के तौर पर एक खुला आमंत्रण देता है जहाँ भाषा समुदाय से सीधे लोगों को फेरबदल अथवा विकास के सुझावों को बताने का अवसर दिया जाता है। + +इस स्तर को पूरा करने के लिए, अनुवादक दल सत्यापित करता है कि विश्वास कथन उनकी अपनी मान्य विचारधाराओं का सही प्रकटीकरण है और अनुवाद भी उसी के अनुसार किया गया है। + diff --git a/checking/authority-level1/sub-title.md b/checking/authority-level1/sub-title.md new file mode 100644 index 0000000..a519b40 --- /dev/null +++ b/checking/authority-level1/sub-title.md @@ -0,0 +1,2 @@ +अधिकार स्तर 1 क्या है? + diff --git a/checking/authority-level1/title.md b/checking/authority-level1/title.md new file mode 100644 index 0000000..9672a50 --- /dev/null +++ b/checking/authority-level1/title.md @@ -0,0 +1,2 @@ +अधिकार जाँच 1 + diff --git a/checking/authority-level2/01.md b/checking/authority-level2/01.md new file mode 100644 index 0000000..c3df4cf --- /dev/null +++ b/checking/authority-level2/01.md @@ -0,0 +1,15 @@ + +### अधिकार स्तर 2: समुदाय के द्वारा पुष्टि + +इस भाग के दो उद्देश्य हैं: + +1. भाषा समुदाय के प्रतिनिधियों के द्वारा निर्धारित तरीके के अनुसार, अनुवाद में उपयुक्त भाषा के रूप के प्रभाव की पुष्टि करना। +1. इसका उपयोग करने वाले स्थानीय कलीसिया के पासवानों और अगुवों के द्वारा निर्धारित तरीके के अनुसार, अनुवाद की सटीकता की पुष्टि करना। + +इस स्तर के तहत, जाँच प्रक्रिया में ‘‘दो या तीन लोगों की गवाही’’ का नमूना लागु किया जाएगा। + +इस स्तर को पूरा करने के लिए, अनुवादक दल अपना अनुवाद भाषा समुदाय को देगा जो उस अनुवाद का उपयोग करेंगे। भाषा समुदाय अनुवाद की **स्पष्टता** एवं **स्वाभाविकता** को समझने के लिए अवलोकन करेगा। + +उसके बाद, अनुवादक दल वह अनुवाद, उसका उपयोग करने वाले भाषा समुदाय की कलीसिया के अगुवों को देगा। कलीसिया के ये अगुवे मूल स्रोत लेख, व्याख्या सामग्रियों, [विश्वास कथन](../../intro/statement-of-faith/01.md) एवं [अनुवाद के निर्देश](../../intro/translation-guidelines/01.md) के साथ तुलना कर इसकी स्पष्टता की जाँच करेंगे। + +उसके बाद, अनुवादक दल इन अवलोकनों के आधार पर अनुवाद में संसोधन करेगी जिससे भाषा समुदाय पुष्टि कर सके कि अनुवाद स्वाभाविक और स्पष्ट है और कलीसिया के अगुवे पुष्टि कर सकें कि यह सटीक है। diff --git a/checking/authority-level2/sub-title.md b/checking/authority-level2/sub-title.md new file mode 100644 index 0000000..05f9d61 --- /dev/null +++ b/checking/authority-level2/sub-title.md @@ -0,0 +1,2 @@ +अधिकार स्तर 2 क्या है? + diff --git a/checking/authority-level2/title.md b/checking/authority-level2/title.md new file mode 100644 index 0000000..39cb191 --- /dev/null +++ b/checking/authority-level2/title.md @@ -0,0 +1,2 @@ +अधिकार जाँच 2 + diff --git a/checking/authority-level3/01.md b/checking/authority-level3/01.md new file mode 100644 index 0000000..b2c5e87 --- /dev/null +++ b/checking/authority-level3/01.md @@ -0,0 +1,11 @@ + +### अधिकार स्तर 3: कलीसिया के अगुवों की पुष्टि + +इस स्तर का उद्देश्य इस बात की पुष्टि करना है कि अनुवाद मूल लेख के उद्देश्य से तथा ऐतिहासिक एवं वैश्विक कलीसिया के सिद्धांतों से मेल खाता है। + +इस स्तर को पूरा करने के लिए, अनुवादक दल, यह अनुवाद अवलोकन के लिए, कलीसिया के उन बड़े अगुवों को देगा जो उस भाषा को बोलते हैं। यह सबसे अच्छा होगा यदि ये अगुवे उस भाषा समुदाय में मौजूद अधिकाँश कलीसियाओं का प्रतिनिधित्व करते हों। + +अत: उस क्षेत्र की विभिé कलीसियाओं के सहयोग एवं सहमति से ही स्तर 3 को पूरा किया जा सकता है। अनुवादक दल अनुवाद में संसोधन करेगा जिससे इन कलीसियाओं के अगुवे पुष्टि कर सकें कि अनुवाद सटीक है और उसे कलीसियाओं की संगति स्वीकार करती है। + +उस क्षेत्र की कम से कम दो कलीसियाओं के ऐसे अगुवे (या उनके सहयोगी) जो अनुवाद के सिद्धांतों को जानते और बाइबलीय भाषा तथा लेख से परिचित हैं, इस अनुवाद को संपूर्ण तौर पर जाँचकर पुष्टि कर दें तो स्तर 3 पूरा हो जाता है। + diff --git a/checking/authority-level3/sub-title.md b/checking/authority-level3/sub-title.md new file mode 100644 index 0000000..e07b0a0 --- /dev/null +++ b/checking/authority-level3/sub-title.md @@ -0,0 +1,2 @@ +अधिकार स्तर 3 क्या है? + diff --git a/checking/authority-level3/title.md b/checking/authority-level3/title.md new file mode 100644 index 0000000..6bf6adb --- /dev/null +++ b/checking/authority-level3/title.md @@ -0,0 +1,2 @@ +अधिकार स्तर 3 + diff --git a/checking/authority-process/01.md b/checking/authority-process/01.md new file mode 100644 index 0000000..cb66734 --- /dev/null +++ b/checking/authority-process/01.md @@ -0,0 +1,13 @@ + +### वर्णन + +हर जन जाति में मौजूद कलीसिया के पास यह निर्धारित करने का अधिकार है कि उनकी भाषा में किये गये बाइबल के अनुवाद की गुणवत्ता सही है या नही है। बाइबल अनुवाद को जाँचने एवं पुष्टि करने का अधिकार (जो निरंतर होता है), बाइबल के अनुवाद को जाँचने की प्रक्रिया को करने की योग्यता एवं क्षमता से अलग है (जिसे बढ़ाया जा सकता है) ।गुणवत्ता को निर्धारित करने का अधिकार कलीसिया पर है जो संसाधनों पर उनकी वर्तमान क्षमता, अनुभव और पहुँच से अलग है जिससे वे बाइबल अनुवाद की जाँच का कार्य करते हैं। अत: जबकि भाषा समूह की कलीसिया के पास अपने बाइबल अनुवाद को जाँचने और पुष्टि करने का अधिकार है, ट्राँसलेशन अकेडमी के मापदण्ड समेत, शब्दों की सामग्रियाँ इस बात को निश्चित करने के लिए तैयार की गर्इ हैं कि उत्तम प्रक्रियाओं के द्वारा, कलीसिया के पास भी अपने बाइबल अनुवाद को जाँचने का अधिकार है। + +निर्धारित नमूना एक अनुवाद की गुणवत्ता को मान्य ठहराने के तीन चरणीय प्रस्ताव को प्रस्तुत करता है, जिन्हे उक्त जन समूह में मौजूद कलीसिया के अधिकारों के तीन स्तरों को दिखाने के लिए बनाया गया है: + +* [अधिकार स्तर 1](../authority-level1/01.md): क्लीसिया आधारित अनुवादक दल के द्वारा निर्धारित +* [अधिकार स्तर 2](../authority-level2/01.md): भाषा समूह में मौजूद एवं भाषा समुदाय से परिचित, विभिé कलीसियाओं की संगतियों के पासवानों अथवा अगुवों की सहमति के द्वारा निर्धारित। +* [अधिकार स्तर 3](../authority-level3/01.md): भाषा को बोलने वाले लोगों की कलीसियाओं की संगतियों के अगुवों के द्वारा निर्धारित + +अनुवाद को जाँचने की प्रक्रिया को ‘‘जाँच प्रक्रिया’’ शीर्षक के तहत मौजुद मापदण्ड के आधार पर किया जाएगा। + diff --git a/checking/authority-process/sub-title.md b/checking/authority-process/sub-title.md new file mode 100644 index 0000000..66f3fbb --- /dev/null +++ b/checking/authority-process/sub-title.md @@ -0,0 +1,2 @@ +बाइबल अनुवाद को जाँचने के अधिकार एवं जाँचने की प्रक्रिया में क्या अंतर है? + diff --git a/checking/authority-process/title.md b/checking/authority-process/title.md new file mode 100644 index 0000000..96fd8ee --- /dev/null +++ b/checking/authority-process/title.md @@ -0,0 +1,2 @@ +अधिकार एवं प्रक्रिया की जाँच + diff --git a/checking/church-leader-check/01.md b/checking/church-leader-check/01.md new file mode 100644 index 0000000..89c5535 --- /dev/null +++ b/checking/church-leader-check/01.md @@ -0,0 +1,16 @@ + +### कलीसियार्इ अगुवे की जाँच कैसे करें + +समुदाय के सदस्यों के द्वारा स्पष्टता के लिए अनुवाद सटीकता के लिए इसे कलीसिया के अगुवे जाँच करेंगे। इस समूह में उक्त भाषा को बोलने वाली कम से कम तीन कलीसियाओं के अगुवे शामिल हों जो मूल स्रोत लेख की भाषा को अच्छी तरह से जानते हों। वे अनुवादक दल के किसी भी सदस्य के रिश्तेदार या किसी भी प्रकार से जानकार, न हों। आम तौर पर, अवलोकन करने वाले लोग पासवान होंगे। ये कलीसियार्इ अगुवे भाषा समूह में मौजूद विभिé कलीसियाओं के प्रतिनिधि हों। हम सुझाव देते हैं कि यदि समुदाय में कर्इ सारी कलीसियाएँ हैं तो कम से कम तीन कलीसियाओं की संगति से लोगों को समूह में शामिल करें। + +अवलोकन करने वाले निम्न कदमों का पालन करें: + +1. [अनुवाद के निर्देश](../../intro/translation-guidelines/01.md) पढ़ें और अवलोकन के दौरान निश्चित करें कि अनुवाद उन दोनों के साथ पूरी सहमति में है +1. [अनुवादक की योग्यताएँ](../../translate/qualifications/01.md) में नियुक्त अनुवादक अथवा अनुवादक दल के बारे में निम्न प्रश्न पूछें +1. [मान्य तरीके](../acceptable/01.md) में दिए गए प्रश्नों को पूछकर, यह सत्यापित करें कि अनुवाद उसी तरीके में किया गया है जो लक्षित श्रोताओं के द्वारा मान्य है या नही +1. [सटीकता की जाँच](../accuracy-check/01.md) में दिए गए निर्देशों के अनुसार, सत्यापित करें कि अनुवाद सही तरीके से मूल स्रोत के लेख के अर्थ को समझा पा रहा है या नही। +1. [पूर्ण अनुवाद](../complete/01.md) में दिए गए निर्देशों के अनुसार, सत्यापित करें कि अनुवाद पूर्ण है या नही +1. कुछ अध्यायों या बाइबल के एक पुस्तक का अवलोकन कर लेने के पश्चात, अनुवादक दल से मिलें और हर समस्या के बारे में पूछें। अनुवादक दल के साथ विचार विमर्श करें कि उक्त समस्या को सुलझाने के लिए अनुवाद में क्या फेरबदल किए जा सकते हैं। अनुवाद में फेरबदल एवं समुदाय में इसकी जाँच के पश्चात, किसी भी समय पुन: अनुवादक दल से मिलने की योजना बनाएँ +1. अनुवादक दल से पुन: मिलें और देखें कि समस्या सही हो चुकी है या नही +1. पुष्टि करें कि अनुवाद अच्छा है। स्तर दो के पुष्टिकरण के पृष्ठ को पूरा करने के लिए [स्तर 2 पुष्टि](../good/01.md) देखें। + diff --git a/checking/church-leader-check/sub-title.md b/checking/church-leader-check/sub-title.md new file mode 100644 index 0000000..c631e3d --- /dev/null +++ b/checking/church-leader-check/sub-title.md @@ -0,0 +1,2 @@ +कलीसिया के अगुवे अनुवाद के विकास में क्या मदद कर सकते हैं? + diff --git a/checking/church-leader-check/title.md b/checking/church-leader-check/title.md new file mode 100644 index 0000000..637557c --- /dev/null +++ b/checking/church-leader-check/title.md @@ -0,0 +1,2 @@ +कलीसियार्इ अगुवों की जाँच + diff --git a/checking/clear/01.md b/checking/clear/01.md new file mode 100644 index 0000000..5f89430 --- /dev/null +++ b/checking/clear/01.md @@ -0,0 +1,14 @@ + +### एक स्पष्ट अनुवाद + +अनुवाद को पढ़ते समय यह जानने के लिए अनुवाद का संदेश स्पष्ट है या नही, निम्न प्रकार के प्रश्न पूछें। जाँच के इस भाग के लिए, स्रोत भाषा के अनुवाद से नए अनुवाद की तुलना न करें। यदि कहीं कोर्इ समस्या है, तो इंगित करें या लिख लें जिससे कि आप बाद में अनुवादक दल के साथ उक्त समस्या पर विचार विमर्श कर सकें। + +1. क्या उपयुक्त शब्द एवं कथन संदेश को समझने में मददगार है? (शब्द भ्रामक तो नही हैं, या क्या वे आपको स्पष्ट बता पा रहे हैं कि अनुवाद क्या कह रहा है?) +1. क्या समुदाय के लोग अनुवाद में उपयुक्त शब्दों और कथनों का उपयोग करते हैं? या अनुवादक राष्ट्रीय भाषा के शब्दों का उपयोग तो नही कर रहा? (जब लोग आपकी भाषा में कुछ महत्वपूर्ण कहना चाहते हैं तो क्या वे इन शब्दों का उपयोग करते हैं?) +1. क्या आप लेख आसानी से पढ़ सकते हैं और क्या आप समझ सकते हैं कि लेखक आगे क्या कह सकता है? (क्या अनुवादक कहानी को बताने के अच्छे तरीके का उपयोग कर रहा है? क्या उसकी बातें अर्थपूर्ण हैं जिससे कि पीेछे की घटना से आगे की घटना का मिलान सही हो रहा है) + +अतिरिक्त मदद: + +* लेख की स्पष्टता को जानने का एक तरीका यह है कि कुछ पदों को ऊँची आवाज में पढ़ें और हर भाग को पढ़ने के बाद, किसी सुनने वाले को वह कहानी बताने को कहें। यदि वह सही तरीके से आपके संदेश को बता पा रहा है, तो लेख स्पष्ट है +* यदि कहीं पर अनुवाद स्पष्ट नही है, तो उसे लिखें जिससे कि आप अनुवादक दल के साथ उसके बारे में विचार विमर्श कर सकें + diff --git a/checking/clear/sub-title.md b/checking/clear/sub-title.md new file mode 100644 index 0000000..741022b --- /dev/null +++ b/checking/clear/sub-title.md @@ -0,0 +1,2 @@ +मुझे कैसे पता चलेगा कि अनुवाद स्पष्ट है? + diff --git a/checking/clear/title.md b/checking/clear/title.md new file mode 100644 index 0000000..6cc2434 --- /dev/null +++ b/checking/clear/title.md @@ -0,0 +1,2 @@ +स्पष्ट अनुवाद + diff --git a/checking/community-evaluation/01.md b/checking/community-evaluation/01.md new file mode 100644 index 0000000..83b6db5 --- /dev/null +++ b/checking/community-evaluation/01.md @@ -0,0 +1,30 @@ + +हम, अनुवादक दल के सदस्य, पुष्टि करते हैं कि हमने भाषा समुदाय के सदस्यों के साथ मिलकर अनुवाद को जाँचा है। + +* हमने बुजुर्गों और नौजवानों, स्त्री और पुरूषों के साथ अनुवाद को जाँचा है। +* समुदाय के साथ अनुवाद को जाँचते वक्त हमने अनुवादप्रश्नों का उपयोग किया +* जहाँ पर भी समुदाय के सदस्यों को समझ नही आया + +निम्न प्रश्नों का भी उत्तर दें। इन प्रश्नों के उत्तर बड़े मसीही समुदाय वालों की यह समझने में मदद करेंगे कि लक्षित भाषा समुदाय के लिए अनुवाद स्पष्ट, सटीक और स्वाभाविक है। + +* कुछ भागों की सूची जहाँ समुदाय की टिप्पणियों की जरूरत पड़ी + +आपने उन भागों को स्पष्ट करने के लिए क्या बदला? + +
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+ +* कुछ महत्वपूर्ण शब्दों का वर्णन करें और बताएँ कि वे स्रोत भाषा में उपयुक्त शब्दों के समान कैसे हैं? इससे जाँचकर्ताओं को जानने में मदद मिलेगी कि आपने ये शब्द क्यों चुना? + +
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+ +* क्या समुदाय पुष्टि करता है कि जब भागों को पढ़ा जाता है तो उसमें भाषा का एक सुगम बहाव मौजूद है? (क्या भाषा को पढ़कर लगता है कि लेखक आपके समुदाय का ही था?) + +
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+ +समुदाय के अगुवे शायद इस बात में अपनी कुछ जानकारियाँ डालना या सारांश बनाना चाहें कि स्थानीय समुदाय के लिए भाषा कैसी है।इसे स्तर दो समुदाय जाँच मूल्याकंन में शामिल किया जा सकता है। वृहद कलीसियार्इ अगुवे इन जानकारियो को ले सकेगे और इससे उन्हे, स्थानीय मसीही समुदाय के द्वारा स्तर दो कलीसिया जाँच एवं स्तर तीन जाँच को करने के बाद, अनुवाद की पुष्टि करने में मदद मिलेगी। diff --git a/checking/community-evaluation/sub-title.md b/checking/community-evaluation/sub-title.md new file mode 100644 index 0000000..68cdc4f --- /dev/null +++ b/checking/community-evaluation/sub-title.md @@ -0,0 +1,2 @@ +मैं कैसे दिखा सकता हूँ कि समुदाय अनुवाद को मान्यता देता है? + diff --git a/checking/community-evaluation/title.md b/checking/community-evaluation/title.md new file mode 100644 index 0000000..c5ed81d --- /dev/null +++ b/checking/community-evaluation/title.md @@ -0,0 +1,2 @@ +भाषा समुदाय मूल्यांकन प्रश्न + diff --git a/checking/complete/01.md b/checking/complete/01.md new file mode 100644 index 0000000..66ea701 --- /dev/null +++ b/checking/complete/01.md @@ -0,0 +1,10 @@ + +### एक संपूर्ण अनुवाद + +इस भाग का उद्देश्य यह निश्चित करना है कि अनुवाद संपूर्ण है। इस भाग में, नये अनुवाद की तुलना स्रोत अनुवाद से करनी है। जब आप दोनों अनुवादों को पूरा कर लें तो निम्न प्रश्न पूछें: + +1. क्या अनुवाद में कोर्इ भी भाग छूटा तो नही? दूसरे शब्दों में, क्या अनुवाद में वे सारी घटनाएँ शामिल हैं जिनका अनुवाद किया गया है? +1. क्या अनुवाद में सारे आयत शामिल हैं जिनका अनुवाद किया गया है? (जब आप स्रोत भाषा के अनुवाद में आयतों की संख्या को देखें, तो क्या नए अनुवाद में सभी आयत शामिल किये गये हैं?) कभी कभार, अनुवादों में आयतों को दी गर्इ संख्याओं में अंतर आ सकता है । उदाहरण के तौर पर, कुछ अनुवादों में, कुछ आयत एक साथ लिखे अथवा कुछ आयतों को नीचे टिप्पणी के तौर पर लिखा होता है। यद्यपि स्रोत अनुवाद एवं नए अनुवाद में ऐसे अंतर आएँ, तौभी नए अनुवाद को संपूर्ण माना जा सकता है। +1. क्या अनुवाद में ऐसे स्थान हैं जहाँ लगता है कि कुछ छुट गया, या स्रोत भाषा अनुवाद के संदेश से कुछ अलग लग रहा है? (शब्द अथवा क्रम में अंतर हो सकता है, परंतु अनुवादक के द्वारा इस्तेमाल की गर्इ भाषा स्रोत भाषा अनुवाद के संदेश को ही देने वाली हो) + +यदि ऐसी जगह है जहाँ अनुवाद संपूर्ण नही है, तो उसे लिखें जिससे कि आप अनुवादक दल के साथ उस पर विचार विमर्श कर सकें। diff --git a/checking/complete/sub-title.md b/checking/complete/sub-title.md new file mode 100644 index 0000000..2f5d430 --- /dev/null +++ b/checking/complete/sub-title.md @@ -0,0 +1,2 @@ +क्या अनुवाद संपूर्ण है? + diff --git a/checking/complete/title.md b/checking/complete/title.md new file mode 100644 index 0000000..692c2ca --- /dev/null +++ b/checking/complete/title.md @@ -0,0 +1,2 @@ +संपूर्ण अनुवाद + diff --git a/checking/config.yaml b/checking/config.yaml new file mode 100644 index 0000000..03bcb08 --- /dev/null +++ b/checking/config.yaml @@ -0,0 +1,294 @@ +acceptable: + recommended: + - alphabet + - complete + dependencies: + - clear + - natural + - church-leader-check +accuracy-check: + recommended: + - level2 + - language-community-check + - church-leader-check + - other-methods + - guidelines-accurate + dependencies: + - level1 + - guidelines-accurate + - important-term-check +accurate: + recommended: + - complete + - accuracy-check + - guidelines-accurate + dependencies: + - alphabet + - church-leader-check +alphabet: + recommended: [] + dependencies: + - acceptable + - translate-alphabet +authority-level1: + recommended: + - authority-level2 + - level1 + dependencies: + - authority-process +authority-level2: + recommended: + - authority-level3 + dependencies: + - authority-level1 +authority-level3: + recommended: + - level3 + - level1 + dependencies: + - authority-level2 +authority-process: + recommended: + - authority-level1 + - level1 + dependencies: + - goal-checking +church-leader-check: + recommended: + - accuracy-check + - accurate + - good + dependencies: + - level2 +clear: + recommended: + - acceptable + - natural + - guidelines-clear + - language-community-check + dependencies: + - level2 +community-evaluation: + recommended: + - church-leader-check + - self-assessment + dependencies: + - language-community-check + - other-methods + - writing-decisions +complete: + recommended: + - self-assessment + - good + dependencies: + - accurate +formatting: + recommended: + - alphabet + - spelling + - punctuation + dependencies: + - vol2-things-to-check +goal-checking: + recommended: + - intro-checking + - authority-process + dependencies: + - intro-levels +good: + recommended: + - self-assessment + - level3 + dependencies: + - complete +headings: + recommended: + - community-evaluation + dependencies: + - acceptable + - punctuation + - verses +important-term-check: + recommended: + - accuracy-check + dependencies: + - level1 + - peer-check +intro-check: + recommended: + - intro-checking + dependencies: + - translate-manual +intro-checking: + recommended: + - intro-levels + dependencies: + - intro-check +intro-levels: + recommended: + - intro-levels + - level1 + - translate-source-version + dependencies: + - intro-checking +language-community-check: + recommended: + - natural + - other-methods + - writing-decisions + - community-evaluation + dependencies: + - level2 +level1: + recommended: + - statement-of-faith + - translation-guidelines + - accuracy-check + dependencies: + - intro-levels +level1-affirm: + recommended: + - level2 + dependencies: + - statement-of-faith + - translation-guidelines + - level1 + - accuracy-check +level2: + recommended: + - language-community-check + - church-leader-check + - self-assessment + - good + dependencies: + - intro-levels + - accuracy-check +level3: + recommended: + - level3-questions + - self-assessment + dependencies: + - intro-levels + - level2 + - accuracy-check +level3-approval: + recommended: [] + dependencies: + - level3 + - level3-questions + - self-assessment +level3-questions: + recommended: + - accuracy-check + - level3-approval + - self-assessment + dependencies: + - level3 +natural: + recommended: + - acceptable + - guidelines-natural + - language-community-check + dependencies: + - alphabet + - level2 + - clear +other-methods: + recommended: + - writing-decisions + - community-evaluation + dependencies: + - language-community-check +peer-check: + recommended: + - important-term-check + dependencies: + - level1 + - self-check +punctuation: + recommended: + - verses + dependencies: + - spelling + - translate-alphabet + - alphabet +self-assessment: + recommended: + - good + - accuracy-check + - language-community-check + - accurate + - clear + - natural + - level3-questions + - level3-approval + dependencies: + - complete + - church-leader-check + - level3 +self-check: + recommended: + - peer-check + dependencies: + - level1 +spelling: + recommended: + - punctuation + dependencies: + - vol2-intro + - acceptable + - translate-alphabet + - alphabet +verses: + recommended: + - headings + dependencies: + - spelling + - punctuation + - alphabet +vol2-backtranslation: + recommended: + - vol2-backtranslation-purpose + dependencies: + - vol2-steps +vol2-backtranslation-guidelines: + recommended: + - vol2-things-to-check + dependencies: + - vol2-backtranslation-written +vol2-backtranslation-kinds: + recommended: + - vol2-backtranslation-written + dependencies: + - vol2-backtranslation-who +vol2-backtranslation-purpose: + recommended: + - vol2-backtranslation-who + dependencies: + - vol2-backtranslation +vol2-backtranslation-who: + recommended: + - vol2-backtranslation-kinds + dependencies: + - vol2-backtranslation-purpose +vol2-backtranslation-written: + recommended: + - vol2-backtranslation-guidelines + dependencies: + - vol2-backtranslation-kinds +vol2-intro: + recommended: + - vol2-steps + dependencies: + - church-leader-check + - level3 +vol2-steps: + recommended: + - vol2-backtranslation + dependencies: + - vol2-intro +vol2-things-to-check: + recommended: + - formatting + dependencies: + - vol2-steps diff --git a/checking/formatting/01.md b/checking/formatting/01.md new file mode 100644 index 0000000..ea071b4 --- /dev/null +++ b/checking/formatting/01.md @@ -0,0 +1,22 @@ + +कुछ ऐसी भी जाँचें हैं जिन्हे आप बाइबल के एक पुस्तक के अनुवाद से पहले, उसके दौरान या बाद में कर सकते हैं जिससे अनुवाद को और आसान, दिखने में अच्छा और पढ़ने में अधिक से अधिक सरल बनाया जा सकता है। इस भाग के मापदण्ड निम्न विषयों पर अधिक जानकारी प्रदान करते हैं: + +### अनुवाद से पहले + +अनुवादक दल अनुवाद शुरू करने से पहले निम्न निर्णय ले + +1. अक्षर (देखें [उचित अक्षर](../alphabet/01.md)) +1. स्पेलिंग (देखें [सही स्पेलिंग](../spelling/01.md)) +1. विराम चिन्ह (देखें [सही विराम चिन्ह](../punctuation/01.md)) + +### अनुवाद के दौरान + +कुछ अध्यायों का अनुवाद कर लेने के बाद, अनुवादक दल अनुवाद के दौरान दिखीं समस्याओं के आधार पर इन निर्णयों में फेरबदल कर सकते हैं। आप लेख में निरंतरता की जाँच कर सकते और पता लगा सकते हैं कि स्पेलिंग या विराम चिन्हों के बारे में निर्णयों में फेरबदल की जरूरत है या नही। + +### पुस्तक को समाप्त करने के पश्चात + +पुस्तक को समाप्त कर लेने के पश्चात, आप यह निश्चित करने के लिए जाँच कर सकते हैं कि सभी आयत सही हैं और उस दौरान आप भागों के शीर्षकों को भी निर्धारित कर सकते हैं। अनुवाद के दौरान की, शीर्षक के लिए विचारों को आप लिख सकते हैं। + +1. छंद रचना (देखें [उचित छंद रचना](../verses/01.md)) +1. भाग के शीर्षक (देखें [भाग के शीर्षक](../headings/01.md)) + diff --git a/checking/formatting/sub-title.md b/checking/formatting/sub-title.md new file mode 100644 index 0000000..34652a9 --- /dev/null +++ b/checking/formatting/sub-title.md @@ -0,0 +1,2 @@ +मैं क्या करूँ जिससे अनुवाद सही दिखे? + diff --git a/checking/formatting/title.md b/checking/formatting/title.md new file mode 100644 index 0000000..09ea474 --- /dev/null +++ b/checking/formatting/title.md @@ -0,0 +1,2 @@ +संरूपण जाँच कैसे करें + diff --git a/checking/goal-checking/01.md b/checking/goal-checking/01.md new file mode 100644 index 0000000..1b69dd6 --- /dev/null +++ b/checking/goal-checking/01.md @@ -0,0 +1,21 @@ + +### क्यों जाँचें? + +जाँच का लक्ष्य एक ऐसा अनुवाद करने में अनुवादक दल की मदद करना है जो सही, स्वाभाविक, स्पष्ट और कलीसिया के द्वारा स्वीकार्य हो। अनुवादक दल भी इसी लक्ष्य को पाना चाहता है।यह आसान लग सकता है, परंतु ऐसा करना बहुत ही मुश्किल है और इसके लिए कर्इ सारे लोगों एवं कर्इ बार अवलोकन करने की जरूरत पड़ती है। इसीलिए, सही, स्वाभाविक, स्पष्ट और कलीसिया के द्वारा स्वीकार्य अनुवाद को पाने के लिए, जाँचकर्ता अनुवादक दल की सहायता करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। + +#### सही + +जाँचकर्ता जो पासवान, कलीसियार्इ अगुवे या कलीसियार्इ संगतियों के अगुवे हैं, वे सही अनुवाद करने में अनुवादक दल की मदद करेंगे। वे यह कार्य स्रोत अनुवाद के साथ्, और हो सके तो, बाइबल की मूल भाषा के साथ तुलना करके करेंगे। (सही अनुवाद के बारे में अधिक जानकारी के लिए देखें [सही अनुवाद बनाएँ](../../translate/guidelines-accurate/01.md)) + +#### स्पष्ट + +जाँचकर्ता जो भाषा समुदाय के सदस्य हैं, वे स्पष्ट अनुवाद को करने में मदद करेंगे । वे यह कार्य अनुवाद को सुनकर करेंगे और जहाँ अनुवाद संदेहपूर्ण है या अर्थ नही लगता, उसे बताएँगे। उसके बाद अनुवादक दल उन कमियों को दूर कर सकता है जिससे अनुवाद स्पष्ट हो सके। (स्पष्ट अनुवाद के बारे में अधिक जानकारी के लिए देखें [स्पष्ट अनुवाद बनाएँ](../../translate/guidelines-clear/01.md)) + +#### स्वाभाविक + +जाँचकर्ता जो भाषा समुदाय के सदस्य हैं, वे स्वाभाविक अनुवाद को करने में मदद करेंगे। वे यह कार्य अनुवाद को सुनकर करेंगे और जहाँ अनुवाद की आवाज अलग सी लगे या ऐसा लगे कि ऐसी भाषा तो यहाँ कोर्इ नही बोलता, तो उसे लिख लें। उसके बाद अनुवादक दल उन कमियों को दूर कर सकता है जिससे अनुवाद स्वाभाविके लगे। (स्वाभाविक अनुवाद के बारे में अधिक जानकारी के लिए देखें [स्वाभाविक अनुवाद बनाएँ](../../translate/guidelines-natural/01.md)) + +#### कलीसिया के द्वारा स्वीकार्य + +जाँचकर्ता जो भाषा समुदाय के सदस्य हैं, वे कलीसिया के द्वारा स्वीकार्य एवं पुष्टिकृत अनुवाद को करने में अनुवादक दल की मदद करेंगे। वे यह कार्य उस भाषा समुदाय में मौजूद कलीसियाओं के सदस्यों और अगुवों के साथ मिलकर करेंगे। जब भाषा समुदाय में मौजूद कलीसियाओं के अगुवे और सदस्य एक साथ मिलकर कार्य करते हैं और सहमत हों कि अनुवाद अच्छा है, तब इसे स्वीकार और उस समाज में इस्तेमाल किया जाएगा। (कलीसिया के द्वारा स्वीकार्य अनुवाद के बारे में अधिक जानकारी के लिए देखें [कलीसिया स्वीकार्य अनुवाद](../../translate/guidelines-church-approved/01.md)) + diff --git a/checking/goal-checking/sub-title.md b/checking/goal-checking/sub-title.md new file mode 100644 index 0000000..f48df32 --- /dev/null +++ b/checking/goal-checking/sub-title.md @@ -0,0 +1,2 @@ +जाँच का लक्ष्य क्या है? + diff --git a/checking/goal-checking/title.md b/checking/goal-checking/title.md new file mode 100644 index 0000000..faccbb6 --- /dev/null +++ b/checking/goal-checking/title.md @@ -0,0 +1,2 @@ +जाँच का लक्ष्य + diff --git a/checking/good/01.md b/checking/good/01.md new file mode 100644 index 0000000..1d0a422 --- /dev/null +++ b/checking/good/01.md @@ -0,0 +1,28 @@ + +### स्तर दो की पुष्टिकरण के लिए उचित दस्तावेजों का सही रखरखाव + +क्लीसियार्इ अगुवे होने के नाते, हम निम्न बातों की पुष्टि करते हैं: + +1. अनुवाद विश्वास कथन एवं अनुवाद के निर्देशों के अनुसार है +1. अनुवाद लक्षित भाषा के अनुसार सही और स्पष्ट है +1. अनुवाद भाषा के मान्य तरीके का उपयोग करता है +1. अनुवाद सही शब्दों और स्पेलिंग के तरीके का उपयोग करता है +1. समुदाय अनुवाद को मान्यता देता है +1. सामुदायिक मूल्यांकन प्रपत्र भरा जा चुका है + +यदि कोर्इ समस्या अभी भी शेष है तो उन्हे लिखें जिन्हे स्तर तीन के जाँचकर्ताओं के ध्यान में लाया जा सके। + +स्तर 2 जाँचकर्ताओं के नाम एवं स्थान: + +* नाम + * स्थान +* नाम + * स्थान +* नाम + * स्थान +* नाम + * स्थान +* नाम + * स्थान +* नाम + * स्थान diff --git a/checking/good/sub-title.md b/checking/good/sub-title.md new file mode 100644 index 0000000..5cb3acc --- /dev/null +++ b/checking/good/sub-title.md @@ -0,0 +1,2 @@ +कलीसिया के अगुवे कैसे प्रमाणित करेंगे कि अनुवाद अच्छा है? + diff --git a/checking/good/title.md b/checking/good/title.md new file mode 100644 index 0000000..70284ca --- /dev/null +++ b/checking/good/title.md @@ -0,0 +1,2 @@ +स्तर 2 पुष्टिकरण + diff --git a/checking/headings/01.md b/checking/headings/01.md new file mode 100644 index 0000000..ab7b29e --- /dev/null +++ b/checking/headings/01.md @@ -0,0 +1,21 @@ + +### भागों के शीर्षकों का निर्णय + +अनुवादक दल को एक निर्णय यह लेना पड़ेगा कि भागों के शीर्षकों का उपयोग करे या नही । भागों के शीर्षक बाइबल के हर उस भाग को दिया गया शीर्षक या नाम है जो नए विषय को शुरू करता है। भागों के शीर्षक से लोगों को उस भाग की जानकारी मिलती है। कुछ अनुवाद उनका उपयोग करते हैं तो कुछ नही । आप अधिकतर लोगों के द्वारा उपयोग किए जाने वाले, राष्ट्रीय भाषा में बाइबल के नमूने का पालन कर सकते हैं। आप यह भी पता लगा सकते हैं कि भाषा समुदाय क्या पसंद करता है। + +भागों के शीर्षकों का उपयोग आपको अधिक काम देता है क्योंकि बाइबल के लेख के अलावा, आपको हर भाग के शीर्षक का भी अनुवाद करना पड़ेगा। यह आपके बाइबल के अनुवाद को भी लंबा बनाएगा। परंतु भागों के शीर्षक पाठकों के लिए लाभदायक होंगे। भागों के शीर्षक की वजह से ढ़ूँढ़ना आसान को जाता है कि बाइबल में कहाँ कौनसा विषय लिखा है। यदि कोर्इ व्यक्ति किसी विशेष चीज को खोज रहा है तो वह भागों के शीर्षक को देखकर उस विषय तक पहुँच सकता है जिसे वह पढ़ना चाहता है। तत्पश्चात वह उस भाग को पढ़ सकता है। + +यदि आपने भागों के शीर्षक का उपयोग करने का निर्णय ले लिया है, तो आपको यह निर्णय लेना होगा कि किस प्रकार का उपयोग करना है। पुन:, आपको यह देखना होगा कि किस प्रकार के भागों के शीर्षकों को समुदाय पसंद करता है और आप शायद राष्ट्रीय भाषा के तरीके का ही उपयोग करना चाहें। ऐसे प्रकार को ही चुनें जिसे लोग यह समझ सकें कि यह लेख का हिस्सा नही है जिसका यह परिचय करवा रहा है। भागों के शीर्षक वचन के भाग नही हैं; वे केवल वचन के विभिé भागों के निर्देश हैं। आप इस चीज को भागों के शीर्षक से पहले और बाद में एक अतंर देकर, अलग फोंट (विभिé तरीके से अक्षर का) इस्तेमाल कर दिखा सकते हैं। देखें कि राष्ट्रीय भाषा की बाइबल में इसे कैसे दर्शाया गया है और भाषा समुदाय के विभिé तरीकों का उपयोग करें। + +### भागों के शीर्षक के प्रकार + +भागों के शीर्षक के कर्इ सारे प्रकार हैं। यहाँ मरकुस 2:1-12 के संबंध में इस्तेमाल किए गए कुछ उदाहरणों से हम कुछ प्रकारों के बारे में जान सकते हैं: + +* सारांश कथन: ‘‘लकवाग्रसित व्यक्ति को चंगार्इ देकर, यीशु ने पाप क्षमा करने एवं चंगा करने के अपने अधिकार को साबित किया’’ यह पूरे भाग के मुख्य बिन्दु का सार बताने की कोशिश कर रहा है और इसीलिए अधिकाँश जानकारी एक कथन के माध्यम से दे रहा है। +* वर्णनात्मक टिप्पणी: ‘‘यीशु ने लकवाग्रसित को चंगा किया’’ यह भी पूरा कथन है परंतु केवल एक जानकारी दे रहा है कि आगे भाग में क्या लिख है। +* विषयात्मक संदर्भ: ‘‘लकवाग्रसित की चंगार्इ’’ यह बहुत छोटा होने की कोशिश कर रहा है, केवल कुछ शब्दों का इस्तेमाल करता है। इससे जगह बच सकती है, परंतु उनके लिए लाभदायक होगा जिन्हे पहले से बाइबल ज्ञात है। +* प्रश्न: ‘‘क्या यीशु मसीह के पास पापक्षमा और चंगार्इ का अधिकार है?’’ यह एक प्रश्न उठाता है जिसका उत्तर उक्त भाग देता है। बाइबल के बारे में कर्इ सारे सवालों को लेकर चलने वालो के लिए यह लाभदायक है। +* ‘‘बारे में’’ टिप्पणी: ‘‘यीशु के द्वारास लकवाग्रसित की चंगार्इ के बारे में’’ यह वर्णनात्मक तरीके से यह बताने की कोशिश में है कि भाग में क्या लिखा है। इस तरीके में यह बात स्पष्ट दिखती है कि यह भाग वचन का हिस्सा नही है। + +और जैसा आप देख सकते हैं, कर्इ प्रकार के भागों के शीर्षकों को बनाना संभव है परंतु सबका उद्देश्य समान है। सारे तरीके बाइबल के उस मुख्य भाग के मुख्य विषय की जानकारी देते हैं। कुछ छोटे हैं, तो लंबे हैं। कुछ थोड़ी जानकारी देते हैं, तो कुछ अधिक। आप किसी और प्रकार का भी उपयोग कर सकते हैं और लोगों से पूछें कि उनके लिए कौनसा तरीका लाभप्रद है। + diff --git a/checking/headings/sub-title.md b/checking/headings/sub-title.md new file mode 100644 index 0000000..7209d2a --- /dev/null +++ b/checking/headings/sub-title.md @@ -0,0 +1,2 @@ +हम किस प्रकार भाग के शीर्षकों को चुनें? + diff --git a/checking/headings/title.md b/checking/headings/title.md new file mode 100644 index 0000000..dac4b31 --- /dev/null +++ b/checking/headings/title.md @@ -0,0 +1,2 @@ +भागों के शीर्षक + diff --git a/checking/important-term-check/01.md b/checking/important-term-check/01.md new file mode 100644 index 0000000..5629536 --- /dev/null +++ b/checking/important-term-check/01.md @@ -0,0 +1,2 @@ +### अनुवादशब्द जाँच कैसे करें + diff --git a/checking/important-term-check/sub-title.md b/checking/important-term-check/sub-title.md new file mode 100644 index 0000000..0cdff55 --- /dev/null +++ b/checking/important-term-check/sub-title.md @@ -0,0 +1,2 @@ +मेरे अनुवाद में मैं महत्वपूर्ण शब्दों को कैसे जाँच सकता हूँ? + diff --git a/checking/important-term-check/title.md b/checking/important-term-check/title.md new file mode 100644 index 0000000..f3eada4 --- /dev/null +++ b/checking/important-term-check/title.md @@ -0,0 +1,2 @@ +अनुवाद के शब्दों की जाँच + diff --git a/checking/intro-check/01.md b/checking/intro-check/01.md new file mode 100644 index 0000000..1b94c92 --- /dev/null +++ b/checking/intro-check/01.md @@ -0,0 +1,8 @@ + +### अनुवाद जाँच निर्देशिका + +यह निर्देशिका बताती है कि अनुवाद किए गए बाइबल की सटीकता को कैसे जाँचे कि यह सही, स्पष्ट और स्वाभाविक है या नही। + +इस निर्देशिका की शुरूआत उन निर्देशों से होती है जिनका उपयोग अनुवादक दल एक दूसरे के कार्य को जाँचने के लिए करेगा। यदि वे निर्देशों का पालन करते हैं, तो वे स्तर एक जाँच को पूरा करेंगे। फिर, वे निर्देश हैं जिनके उपयोग से अनुवादक दल भाषा समुदाय के साथ मिलकर इसकी सटीकता, स्पष्टता और स्वाभाविकता को जाँचेगा और फिर कलीसिया के अगुवे इसकी सटीकता की जाँच कर पाएँगे। यदि वे निर्देशों का पालन करते हैं, तो वे स्तर दो जाँच को पूरा करेंगे। + +इस निर्देशिका में कलीसियार्इ संगतियों के अगुवों के लिए भी निर्देश हैं जो स्तर तीन पर इसकी सटीकता की जाँच करेंगे। इस निर्देशिका की मदद से कलीसियार्इ संगतियों के अगुवे अनुवाद की जाँच कर सकते हैं। चूँकि कलीसियार्इ संगतियों के सभी अगुवे अनुवाद की भाषा को नही बोलते हैं, तो एक आधारभूत अनुवाद को बनाने के निर्देश भी इसमें शामिल हैं जिससे लोग उस भाषा में भी अनुवाद को जाँच सकते हैं जिसे वे नही जानते। diff --git a/checking/intro-check/sub-title.md b/checking/intro-check/sub-title.md new file mode 100644 index 0000000..8f232b2 --- /dev/null +++ b/checking/intro-check/sub-title.md @@ -0,0 +1,2 @@ +जाँच सहायकपुस्तिका क्या है? + diff --git a/checking/intro-check/title.md b/checking/intro-check/title.md new file mode 100644 index 0000000..df144c4 --- /dev/null +++ b/checking/intro-check/title.md @@ -0,0 +1,2 @@ +हस्तपुस्तिका की जाँच का परिचय + diff --git a/checking/intro-checking/01.md b/checking/intro-checking/01.md new file mode 100644 index 0000000..977f11a --- /dev/null +++ b/checking/intro-checking/01.md @@ -0,0 +1,31 @@ + +### अनुवाद जाँच + +#### परिचय + +अनुवाद प्रक्रिया के तहत, यह अनिवार्य है कि विभिé लोग अनुवाद को जाँचें जिससे यह निश्चित हो सके कि संदेश के अर्थ को सही तरीके से कहा गया है। एक शुरूआत का अनुवादक ने कहा, जिसे उसके अनुवाद को जाँचने के लिए कहा गया था, ‘‘परंतु मैं अपनी स्थानीय भाषा अच्छे से जानता हूँ’’ अनुवाद उस भाषा के लिए है। और क्या चाहिए? उसकी सही थी, परंतु दो और बातों को मन में रखना है। + +एक, शायद उसने स्रोत लेख को अच्छी तरह से नही समझा होगा, अत: ऐसा व्यक्ति जो जानता है कि इसका अर्थ क्या है, वही उस अनुवाद को सही कर सकता है । ऐसा इसलिए क्योंकि उसे स्रोत भाषा में लिखा कथन या पद समझ में नही आया था। ऐसे मामले में, स्रोत भाषा को अच्छी तरह से जानने वाला ही अच्छी तरह से अनुवाद कर सकता है। + +या ऐसा भी हो सकता है कि उसने पता नही चला कि बाइबल उस जगह में वास्तव में क्या कहना चाहती है। ऐसे मामले में, जिसे बाइबल अच्छी तरह से पता है, उदाहारण, बाइबल शिक्षक बाइबल अनुवाद जाँच के लिए सही रहेगा और उसे सही कर पाएगा। + +इतना ही नही, यद्यपि अनुवादक को पता है कि लेख क्या कह रहा है, परंतु उसके अनुवाद का तरीका ऐसे था जिससे दूसरा व्यक्ति उसके अर्थ को समझ नही नही पा रहा। दूसरा व्यक्ति सोच सकता है कि अनुवाद अनुवादक के द्वारा सोची गर्इ बात से कुछ अलग ही बता रहा है, या अनुवाद को पढ़ने या सुनने वाला समझ ही नही पाए कि अनुवादक क्या कह रहा है। इसीलिए यह जाँचना जरूरी है कि कोर्इ दूसरा उस अनुवाद को पढ़कर क्या समझता है जिससे कि इसे अधिक स्पष्ट और सटीक बनाया जा सके। + +यह जाँच प्रक्रिया की निर्देशिका है, जिसमें तीन स्तरों का एक मापदण्ड है। + +जाँच का मापदण्ड इस सीमा को भी बताता है कि अनुवाद की कितनी सटीकता और स्पष्टता को नापा गया है। इन जाँच के मानदण्डों को अनफोल्ड नेटवर्क (देखें https://unfoldingword.org) के द्वारा विकसित किया गया है, वही दल जो कर्इ वोलन्टियरों की मदद से Door43 का संचालन करता है और उन्होने Door43 में बाइबल के सभी भागों पर सभी जाँच स्तरों को लागु किया है। + +#### जाँच स्तर + +तीन प्रकार के जाँच स्तर हैं: + +* [जाँच स्तर एक - अनुवादक दल की पुष्टि](../level1/01.md) +* [जाँच स्तर दो - समुदाय की पुष्टि](../level2/01.md) +* [जाँच स्तर तीन - कलीसियार्इ अगुवों की पुष्टि](../level3/01.md) + +जिस अनुवाद की स्तर एक जाँच भी नही हुर्इ है, उसे जाँचरहित माना जाता और उस पर ‘‘जाँचरहित’’ की निशानी लगा दी जाती है। + +कर्इ सारी जाँच प्रक्रियाओं में से होकर गुजारने का मकसद कलीसिया की पहुँच तक सामग्रियों को बनाना है जिससे लेख की खुली जाँच और पुष्टिकरण का भी अवसर मिलता है। हर समय, यह बात स्पष्ट रूप से दर्शायी जाएगी कि सटीकता के लिए किस सीमा तक लेख की जाँच हुर्इ है। हमारा विश्वास है कि इससे जाँच पक्रिया में गति आएगी, कलीसियार्इ बॉर्ड एवं अधिकार की भागिदारी होगी और बेहतर अनुवाद बाहर लाया जा सकेगा। + +*आभार: अनुमति के साथ इस्तेमाल, © 2013, SIL International, Sharing Our Native Culture, p. 69.* + diff --git a/checking/intro-checking/sub-title.md b/checking/intro-checking/sub-title.md new file mode 100644 index 0000000..579cee0 --- /dev/null +++ b/checking/intro-checking/sub-title.md @@ -0,0 +1,2 @@ +हम अनुवाद की जाँच कैसे करते हैं? + diff --git a/checking/intro-checking/title.md b/checking/intro-checking/title.md new file mode 100644 index 0000000..c3fada7 --- /dev/null +++ b/checking/intro-checking/title.md @@ -0,0 +1,2 @@ +अनुवाद की जाँचों का परिचय + diff --git a/checking/intro-levels/01.md b/checking/intro-levels/01.md new file mode 100644 index 0000000..a6ab960 --- /dev/null +++ b/checking/intro-levels/01.md @@ -0,0 +1,24 @@ + +### जाँच स्तर कैसे कार्य करता है + +जाँच स्तर पर कार्य करते समय याद रखने हेतु कुछ महत्वपूर्ण सुझाव निम्न हैं: + +* जाँच स्तर एक अथवा उसके ऊपर के स्तर पहुँचा हुआ अनुवाद ही अनफॉल्डिंग-वर्ड की वेबसाइट और अनफॉल्डिंग-वर्ड के मोबाइल ऐप पर उपलब्ध करवाया जाएगा। (देखें http://ufw.io/content/) +* जाँच स्तर तीन पार कर चुका अनुवाद ही दूसरे अनुवादों के लिए स्रोत लेख के रूप में प्रमाणित किया जाएगा +* जब एक जाँच स्तर पूरा होता एवं Door43 पर सारे संसोधनों को कर लिया जाता है, जाँचकर्ता अनफॉल्डिंग-वर्ड को जाँच के सारे विवरण बताएगा जिसमें जाँच करने वाले का नाम, जाँचकर्ता के रूप में उसकी योग्यता इत्यादि भी शामिल होगा। तब अनफॉल्डिंग-वर्ड Door43 की प्रति को निकालेगा और अनफॉल्डिंग-वर्ड की वेबसाइट (https://unfoldingword.org) पर इसको कॉपी करेगा और अनफॉल्डिंग-वर्ड मोबाइल ऐप पर इसे उपलबध कराएगा ।प्रिंट के योग्य एक प्रति भी तैयार करें और वह डाऊनलोड के लिए उपलब्ध रहे। door43 पर जाँच किया गया संस्करण भी फेरबदल के लिए उपलब्ध रहेगा जिससे कि भविष्य में भी किसी प्रकार का बदलाव या संपादन किया जा सकता है। +* *ऑपन बाइबल स्टोरीस* प्रोजेक्ट के लिए: केवल *ऑपन बाइबल स्टोरीस* अनुवाद में ही, जिन्हे अंग्रेजी के स्रोत लेख के 3.0 या उसके ऊँचे वजऱ्न से लिया गया है, जाँच स्तर एक (या उससे ऊपरी स्तर) के तहत फेरबदल के लिए मान्य होगा। 3ण्0 से नीचे के वजऱ्नों के द्वारा तैयार किये गये अनुवाद को जाँच प्रक्रिया के लिए भेजने से पहले अपडेट करना जरूरी है। (देखें [स्रोत लेख एवं वर्जन संख्या](../../translate/translate-source-version/01.md) + +### जाँच स्तर + +*ऑपन बाइबल स्टोरीस* समेत अनफॉल्डिंग-वर्ड के लेखों की सटीकता की निश्चितता के बारे में यहाँ बताया गया है जो पर भी उपलब्घ है। + +हमारे द्वारा उपयोग किया जाने वाला तीन स्तरीय जाँच का मापदण्ड अनफॉल्डिंग-वर्ड [अनुवाद के निर्देश](../../intro/translation-guidelines/01.md) पर आधारित है।अनुवाद किये गये भाग की तुलना विश्वास कथन के धर्मविज्ञान एवं अनुवाद के निर्देशों की प्रक्रियाओं एवं तरीकों के आधार पर की जाती है। इस प्रकार तैयार हो रहे इन दस्तावेजों की मदद से, अनफॉल्डिंग-वर्ड प्रोजेक्ट में जाँच के तीन स्तर लागु किए जाते हैं। + +* [जाँच स्तर एक - अनुवादक दल की पुष्टि](../level1/01.md) +* [जाँच स्तर दो - समुदाय की पुष्टि](../level2/01.md) +* [जाँच स्तर तीन - कलीसियार्इ अगुवों की पुष्टि](../level3/01.md) + + +### जाँचकर्ताओं की जाँच + +इस दस्ताचेज में उपलब्ध जाँच प्रक्रिया एवं कार्यप्रणाली, लेखों की निरंतर जाँच एवं संसोधन का हिस्सा है जिसे कलीसिया ने निर्धारित किया है जिसका वह इस्तेमाल करती है। टिप्पणियों अथवा सुझावों का स्वागत है (जहाँ हो सके, अनुवाद में उदाहरण पेश किया गया है) जो लेख को इस्तेमाल करने वाले अनगिनत लोगों के सुझावों को प्राप्त करने के मकसद से रखा गया है। लेखों के अनुवाद को अनुवाद मंच (देखें ) पर उपलब्ध कराया गया है जिसे लोगों के इस्तेमाल के लिए बहुत ही आसान बनाया गया जिससे आसानी से लेख के गुण को लगातार बढ़ाया जा सके। diff --git a/checking/intro-levels/sub-title.md b/checking/intro-levels/sub-title.md new file mode 100644 index 0000000..861e3c3 --- /dev/null +++ b/checking/intro-levels/sub-title.md @@ -0,0 +1,2 @@ +जाँच के स्तर कैसे कार्य करते हैं? + diff --git a/checking/intro-levels/title.md b/checking/intro-levels/title.md new file mode 100644 index 0000000..2789c6b --- /dev/null +++ b/checking/intro-levels/title.md @@ -0,0 +1,2 @@ +जाँच के स्तरों का परिचय + diff --git a/checking/language-community-check/01.md b/checking/language-community-check/01.md new file mode 100644 index 0000000..a4bc00f --- /dev/null +++ b/checking/language-community-check/01.md @@ -0,0 +1,27 @@ + +### भाषा समुदाय जाँच + +अनुवादक दल के द्वारा, स्तर एक के तहत, जाँच कर लेने के बाद, अब यह समय है कि अनुवाद को समुदाय के पास ले जाया जाए जहाँ यह निश्चित किया जा सके कि लक्षित भाषा में यह संदेश को स्पष्ट और स्वाभाविक तरीके बता पा रहा है। + +इस जाँच के लिए, आप अनुवाद के भाग को समुदाय के सदस्यों को पढ़कर सुनाएँगे। अनुवाद को पढ़ने से पहले, सुन रहे लोगों से कहें कि जब भी उन्हे कुछ भी स्वाभाविक न लगे तो बीच में रोक दें। (अनुवाद की स्वाभाविकता का पता लगाने में अधिक जानकारी के लिए, देखें [स्वाभाविक अनुवाद](../natural/01.md) + +हर *ऑपन बाइबल स्टोरी* और बाइबल के हर अध्याय के लिए प्रश्नों और उत्तरों का एक सेट तैयार है जिससे आप अनुवाद की जाँच कर सकते हैं कि यह सही तरीके से संदेश समझा पा रहा है या नही। (प्रश्नों के लिए, देखें http://ufw.io/tq/) + +इन प्रश्नों का उपयोग करने के लिए, निम्न कदमों का पालन करें: + +1. भाषा समुदाय के एक या अधिक लोगों के सामने अनुवाद के अनुच्छेद को पढ़ें जो इन प्रश्नों का उत्तर देंगे। भाषा समुदाय के ये लोग, कभी भी अनुवादक दल का हिस्सा नही रहे हों।दूसरे शब्दों में, प्रश्न पूछे जा रहे समुदाय के इन सदस्यों को इन प्रश्नों का उत्तर पता नही होना चाहिए जो उन्हे अनुवाद के दौरान या बाइबल के ज्ञान से मिला होगा। हम चाहते हैं कि वे कहानी या बाइबल के भाग के अनुवाद को केवल सुनकर या पढ़कर की उत्तर दें। इसी प्रकार हम पता लगा पाएँगे कि अनुवाद स्पष्ट है या नही। इसी वजह से, यह भी महत्वपूर्ण है कि समुदाय के सदस्य उत्तर देते वक्त बाइबल को नही देखें। + +1. इस अनुच्छेद के लिए, समुदाय के सदस्य से प्रश्न पूछें, एक बार में एक प्रश्न। यह जरूरी नही है कि हर कहानी या अध्याय के लिए सभी प्रश्नों का उपयोग किया जाए यदि यह लगता है कि समुदाय के सदस्य अनुवाद को अच्छी तरह से समझ पा रहे हैं। + +1. हर प्रश्न के पश्चात, भाषा समुदाय का एक सदस्य उस प्रश्न का उत्तर देगा। यदि व्यक्ति प्रश्न का उत्तर केवल ‘‘हाँ’’ या ‘‘नही’’ में दे रहा है तो प्रश्न पूछने वाला एक और प्रश्न पूछे जिससे वह निश्चित हो सके कि अनुवाद को अच्छी तरह से समझा जा रहा है। अगला प्रश्न कुछ इस तरह का हो सकता है, ‘‘आपको यह कैसे पता?’’ या ‘‘अनुवाद का कौनसा भाग यह बात कह रहा है?’’ + +1. व्यक्ति के दिए उत्तर को लिख लें। यदि व्यक्ति का उत्तर दिए गए सुझावित उत्तर के समान है, तो कहानी का अनुवाद सही तरीके से संदेश को बता पा रहा है। जरूरीर नही है ेिक दिया गया उत्तर, एकदम सुझावित उत्तर के समान होना चाहिए, परंतु आधारभूत तरीके से उसी सूचना को हम तक पहुँचाने वाला हो। कर्इ बार, सुझावित उत्तर बहुत लंबा होता है। यदि वह व्यक्ति सुझावित उत्तर का एक अंश ही बता रहा है, तो वह भी सही उत्तर है। + +1. यदि दिया गया उत्तर, सुझावित उत्तर से बिल्कुल अलग और अनेपक्षित है या व्यक्ति उत्तर नही दे पा रहा है, तो अनुवादक दल अनुवाद के उस भाग को पुन: देखे जिससे कि संदेश को स्पष्ट किया जा सके। + +1. अनुवादक दल के द्वारा अनुवाद में फेरबदल कर लिए जाने के बाद, समुदाय के किसी दूसरे सदस्य से वही प्रश्न दुबारा पूछें, अर्थात ऐसे व्यक्ति से जो किसी भी प्रकार से, अनुवाद की पिछली जाँचे की प्रक्रिया का हिस्सा नही रहा है। यदि वे प्रश्न का उत्तर सही देते हैं तो अब अनुवाद सही संदेश दे रहा है + +1. हर कहानी अथवा बाइबल के अध्याय के साथ यही प्रक्रिया तब तक दोहराएँ, जब तक कि समुदाय के सदस्य प्रश्नों का सही उत्तर दे सकें जिससे साबित होता है कि अनुवाद सही संदेश दे पा रहा है । जब समुदाय के ये लोग, जिन्होने पहले अनुवाद को नही सुना है, सभी प्रश्नों का सही उत्तर दे देते हैं तो अब अनुवाद कलीसियार्इ जाँच स्तर 2 के लिए तैयार हो जाता है। + +1. समुदाय मुल्यांकन पृष्ठ में जाँ और प्रश्नों के उत्तर दें (देखें [भाषा समुदाय मूल्यांकन प्रश्न](../community-evaluation/01.md)) + diff --git a/checking/language-community-check/sub-title.md b/checking/language-community-check/sub-title.md new file mode 100644 index 0000000..3761e94 --- /dev/null +++ b/checking/language-community-check/sub-title.md @@ -0,0 +1,2 @@ +भाषा समुदाय मेरे कार्य की जाँच में मेरी मदद कैसे कर सकता है? + diff --git a/checking/language-community-check/title.md b/checking/language-community-check/title.md new file mode 100644 index 0000000..9421c82 --- /dev/null +++ b/checking/language-community-check/title.md @@ -0,0 +1,2 @@ +भाषा समुदाय की जाँच + diff --git a/checking/level1-affirm/01.md b/checking/level1-affirm/01.md new file mode 100644 index 0000000..ba1a357 --- /dev/null +++ b/checking/level1-affirm/01.md @@ -0,0 +1,10 @@ + +### स्तर 1 पुष्टिकरण के लिए सही तरीके से कागजातों का रखरखाव + +हम, अनुवादक दल के सदस्य, पुष्टि करते हैं कि हमने स्तर 1 की जाँच प्रक्रिया के निम्न कदमों को पूरा कर लिया है: + +* लेख का प्रांरभिक अध्ययन + * अनुवाद-लेख + + + diff --git a/checking/level1-affirm/sub-title.md b/checking/level1-affirm/sub-title.md new file mode 100644 index 0000000..506ad58 --- /dev/null +++ b/checking/level1-affirm/sub-title.md @@ -0,0 +1,2 @@ +मैं स्तर 1 जाँच कैसे करूँ? + diff --git a/checking/level1-affirm/title.md b/checking/level1-affirm/title.md new file mode 100644 index 0000000..75f019c --- /dev/null +++ b/checking/level1-affirm/title.md @@ -0,0 +1,2 @@ +जाँच स्तर एक - अनुवाद दल का पुष्टिकरण + diff --git a/checking/level1/01.md b/checking/level1/01.md new file mode 100644 index 0000000..f43103c --- /dev/null +++ b/checking/level1/01.md @@ -0,0 +1,20 @@ + +### जाँच स्तर एक - अनुवादक दल जाँच + +स्तर एक की जाँच को प्राथमिक तौर पर अनुवादक दल करता है जिसमें भाषा समुदाय के कुछ लोगों की मदद ली जाती है. अनुवादक अथवा अनुवादक दल बहुत सारी कहानियों या बाइबल के अध्यायों का अनुवाद करने से पहले अपने अनुवाद को देखें जिससे कि वे अनुवाद की प्रक्रिया के दौरान ही अपनी गलतियों को सही कर सकें. इस प्रक्रिया में कर्इ सारे कदमों को अनुवाद के पूरे होने से पहले कर्इ बार दोहराया जा सकता है. + +अनफॉल्डिंग-वर्ड प्रोजेक्ट के उद्देश्य के लिए, बाइबल लेख एवं बाइबल के भाग जाँच स्तर एक के पूरे होते ही प्रकाशित होने के योग्य होने चाहिए. इससे उन भागों को तैयार कर, अधिक से अधिक लोगों में पहुँच में लाया जा सकता है जिससे भाषा समुदाय के लोगों को भी अनुवाद में फेरबदल अथवा विकास के लिए बुलाया जा सकता है. + +### स्तर एक के तहत जाँच के कदम + +जाँच के स्तर एक को पूरा करने के लिए अनुवादक दल को निम्न कदम पूरे करने होंगे: + +1. **संपर्क करें** अनफॉल्डिंग-वर्ड के कम से कम एक व्यक्ति से संपर्क बनाएँ, अनफॉल्डिंग-वर्ड को सूचना दें कि आप अनुवाद शुरू करने जा रहे हैं. ऐसा करने की अधिक जानकारी के लिए, देखें [उत्तरों की खोज](../../intro/finding-answers/01.md) +1. **अवलोकन करें** [अनुवाद के निर्देश](../../intro/translation-guidelines/01.md) का अवलोकन करें. +1. **सहमत हों** प्रपत्र पर हस्ताक्षर करने के साथ, सहमत हों कि विश्वास कथन आपके विश्वास का ही प्रतिरूप है और आप अपना अनुवाद भी इसके एवं अनुवाद के निर्देशों के अनुसार ही करेंगे (देखें http://ufw.io/forms/) +1. **प्रालेख** लेख के कुछ भागों के अनुवाद का एक प्रालेख अथवा ड्राफ्ट बनाएँ. प्रालेख बनाने में मदद के लिए, देखें [पहला प्रालेख](../../translate/first-draft/01.md) +1. **स्वयं जाँच** अपने प्रालेख अनुवाद की स्वयं जाँच करने के निर्देशों के लिए, देखें [स्वयं जाँच](../self-check/01.md) +1. **समकक्ष जाँच** अपने प्रालेख अनुवाद की समकक्ष जाँच करने के निर्देशों के लिए, [समकक्ष जाँच](../peer-check/01.md) +1. **अनुवाद-के-शब्द जाँच** अपने प्रालेख अनुवाद की अनुवाद-के-शब्द जाँच करने के निर्देशों के लिए [ अनुवाद-के-शब्द जाँच](../important-term-check/01.md) +1. **सटीकता की जाँच** देखें [सटीकता की जाँच](../accuracy-check/01.md) + diff --git a/checking/level1/sub-title.md b/checking/level1/sub-title.md new file mode 100644 index 0000000..b2fed65 --- /dev/null +++ b/checking/level1/sub-title.md @@ -0,0 +1,2 @@ +मैं कैसे सत्यापित करूँ कि मैने स्तर 1 की जाँच पूरी कर ली है? + diff --git a/checking/level1/title.md b/checking/level1/title.md new file mode 100644 index 0000000..91d85c7 --- /dev/null +++ b/checking/level1/title.md @@ -0,0 +1,2 @@ +स्तर 1 पुष्टिकरण + diff --git a/checking/level2/01.md b/checking/level2/01.md new file mode 100644 index 0000000..515f616 --- /dev/null +++ b/checking/level2/01.md @@ -0,0 +1,10 @@ + +### जाँच स्तर दो - बाहरी जाँच + +स्तर दो जाँच का उद्देश्य यह सत्यापित करना है कि स्थानीय भाषा समुदाय के प्रतिनिधि दल इस बात से सहमत हैं कि अनुवाद अच्छा है। स्तर दो जाँच दो चरणों में पूरा होता है: + +1. **भाषा समुदाय जाँच** - अनुवाद को भाषा समुदाय के सदस्य यह सत्यापित करने के लिए जाँचेंगे कि अनुवाद स्पष्ट, स्वाभाविक और समझने लायक है। भाषा समुदाय जाँच के कदमों का पालन करने के लिए, देखें [भाषा समुदाय जाँच](../language-community-check/01.md) +1. **कलीसियार्इ अगुवों की जाँच** - अनुवाद को कलीसियार्इ अगुवों का एक दल यह सत्यापित करने के लिए जाँचेंगे कि अनुवाद सटीक है।कलीसियार्इ अगुवा जाँच के कदमों का पालन करने के लिए, देखें [कलीसियार्इ अगुवा जाँच](../church-leader-check/01.md) + +इसे पूरा करने के बाद, इस कार्य का पुष्टिकरण भी जरूरी है। (देखें [स्तर 2 पुष्टिकरण](../good/01.md)) + diff --git a/checking/level2/sub-title.md b/checking/level2/sub-title.md new file mode 100644 index 0000000..1de51a7 --- /dev/null +++ b/checking/level2/sub-title.md @@ -0,0 +1,2 @@ +मैं स्तर दो जाँच कैसे करूँ? + diff --git a/checking/level2/title.md b/checking/level2/title.md new file mode 100644 index 0000000..941bec2 --- /dev/null +++ b/checking/level2/title.md @@ -0,0 +1,2 @@ +जाँच स्तर 2 - समुदाय का पुष्टिकरण + diff --git a/checking/level3-approval/01.md b/checking/level3-approval/01.md new file mode 100644 index 0000000..44f4b71 --- /dev/null +++ b/checking/level3-approval/01.md @@ -0,0 +1,17 @@ + +### स्तर तीन की जाँच के लिए कागजातों का उचित रखरखाव + +मैं, *भाषा समुदाय का नाम लिखें* भाषा समुदाय में सेवा कर रहे *कलीसियार्इ संगति या बाइबल अनुवाद संगठन का नाम भरें * , के प्रतिनिधि के रूप में अनुवाद की पुष्टि और निम्न को सत्यापित करता हूँ: + +1. अनुवाद विश्वास कथन एवं अनुवाद के निर्देशों के अनुरूप है +1. अनुवाद लक्षित भाषा में सही और स्पष्ट है +1. अनुवाद भाषा की मान्य शैली का इस्तेमाल करता है +1. समुदाय अनुवाद की पुष्टि करता है + +दूसरी बर अनुवादक दल के साथ मुलाकात के बावजूद भी, यदि समस्या है, तो उन्हे यहाँ लिखें। + +हस्ताक्षर: *यहाँ हस्ताक्षर करें* + +पद: *यहाँ अपने पद का नाम लिखें* + +प्रमुख भाषाओं के लिए, आपको [स्रोत लेख प्रक्रिया](../../process/source-text-process/01.md) का पालन करना होगा जिससे आपका अनुवाद एक स्रोत लेख बन सके। \ No newline at end of file diff --git a/checking/level3-approval/sub-title.md b/checking/level3-approval/sub-title.md new file mode 100644 index 0000000..4052e90 --- /dev/null +++ b/checking/level3-approval/sub-title.md @@ -0,0 +1,2 @@ +मैं स्तर 3 जाँच कैसे करूँ? + diff --git a/checking/level3-approval/title.md b/checking/level3-approval/title.md new file mode 100644 index 0000000..ac7c9e9 --- /dev/null +++ b/checking/level3-approval/title.md @@ -0,0 +1,2 @@ +जाँच स्तर 3 - कलीसिया अगुवार्इ का पुष्टिकरण + diff --git a/checking/level3-questions/01.md b/checking/level3-questions/01.md new file mode 100644 index 0000000..2990c72 --- /dev/null +++ b/checking/level3-questions/01.md @@ -0,0 +1,38 @@ + +### स्तर तीन के लिए प्रश्न + +स्तर तीन की जाँच के लिए इन प्रश्नों को अपने मन में रखकर नया अनुवाद पढ़ना है। + +अनुवाद के भाग को पढ़ने के बाद या लेख में समस्या का संदेह पैदा हो तो आप इन प्रश्नों को पढ़ें. यदि आप पहले समूह में इन प्रश्नों का उत्तर ‘‘नही’’ में देते हैं, तो कृपया इसका विस्तृत तौर पर विवरण दें, जहाँ आपको सही नही लगता है और सुझाव दें कि अनुवादक दल उसमें क्या फेरबदल लाए। + +यह ध्यान रखें कि अनुवादक दल का लक्ष्य स्रोत लेख को स्वाभाविक एवं स्पष्ट तरीके से उसकी लक्षित भाषा में अर्थ दिलाना है। इसका मतलब है कि हमें कुछ खण्डों के क्रम को बदलना पड़ सकता है क्योंकि स्रोत भाषा में एक शब्द कर्इ अर्थों को दिखाता थ, तो लक्षित भाषा में उनके स्थान पर कर्इ सारे शब्दों का उपयोग किया गया. दूसरी भाषाओं (OL) के अनुवाद में ये बातें इतनी समस्याएँ खड़ी नही करती हैं। ULB और UDB की गेटवे भाषाओं (GL) के लिए अनुवाद करते वक्त, अनुवादक कोर्इ बदलाव न करें। ULB का मकसद OL अनुवादकों को यह बताना है कि किस प्रकार मूलभूत बाइबलीय भाषा में एक अर्थ दिया गया है और UDB का मकसद उसी अर्थ को सरल, स्पष्ट तरीके से प्रकट करना है, चाहे इससे OL में एक कहावत का उपयोग भी बहुत ही स्वाभाविक लगे। GL अनुवादक उन दिशानिर्देंशों को याद रखे। परंतु OL अनुवादों के लिए, लक्ष्य उन्हे स्वाभाविक और स्पष्ट बनाना है। + +यह भी ध्यान रखें कि अनुवादकों ने उन सुचनाओं को भी शामिल किया होगा जिन्हे मूलभूत संदेश को पाने वाले आरंभिक श्रोताओं ने समझा होगा, परंतु आरंभिक लेखक ने उसे इतना व्यक्त नही लिखा होगा। जब यह सूचना जरूरी लगे जिससे श्रोता लेख के संदेश को समझ सकें, उसे सुस्पष्ट तरीके से लिखना लाभदायक होता है। इसके बारे में अधिक जानने के लिए, देखें [अंतर्निहित एवं व्यक्त सूचना](../../translate/figs-explicit/01.md) + +1. क्या अनुवाद विश्वास कथन एवं अनुवाद के निर्देशों के अनुरूप है? +1. क्या अनुवाद से पता चलता है कि इसे स्रोत भाषा एवं लक्षित भाषा तथा उनकी संस्कृति का अच्छा ज्ञान है +1. क्या भाषा समुदाय पुष्टि करता है कि अनुवाद उनकी भाषा को स्पष्ट और स्वाभाविक तरीके से बोल पा रहा है? +1. निम्न में से अनुवाद के किस तरीके को अनुवादक ने इस्तेमाल किया है? + + 1. शब्द दर शब्द अनुवाद, स्रोत अनुवाद के बिल्कुल समान दिखने की कोशिश। + 1. वाक्य दर वाक्य अनुवाद, भाषा के स्वाभाविक वाक्यों का इस्तेमाल + 1. अर्थ केन्द्रित अनुवाद, स्थानीय भाषा के भावों का पूरी आजादी से इस्तेमाल + +1. क्या समुदाय के अगुवों को लगता है कि अनुवाद के द्वारा इस्तेमाल किया गया तरीका (जैसा प्रश्न 4 में पहचाना गया) समुदाय के लिए उचित है? +1. क्या समुदाय के अगुवों को लगता है कि अनुवादक के द्वारा इस्तेमाल किए गए शब्द समुदाय के अधिकतर लोगों के द्वारा बोले जाने वाले हैं? उदाहरण के तौर पर, क्या अनुवादक ने ऐसे भाव, वाक्य या स्पेलिंग का उपयोग किया है जिसे भाषा समुदाय के अधिकाँश लोग मान्यता देते हैं? +1. जब आप अनुवाद को पढ़ते हैं, तो स्थानीय समुदाय के उन सांस्कृतिक विषयों के बारे में सोचें जो पुस्तक में लिखे कुछ भागों के अनुवाद को मुश्किल बना सकते है? क्या अनुवादक ने उस भाग को अनुवाद इस प्रकार किया है जिससे स्रोत भाषा का संदेश स्पष्ट लगे और सांस्कृतिक विषयों के कारण, लोग गलतफहमी में भी न पड़ें। +1. ऐसे कठिन भागों में, क्या समुदाय के अगुवों को लगता है कि अनुवादक ने ऐसी भाषा का उपयोग किया है जो स्रोत भाषा के संदेश को ही बता रहा है +1. आपके अनुसार, क्या अनुवाद स्रोत भाषा में बताए गए संदेश को ही बता रहा है? यदि अनुवाद के किसी भी अंश में, ‘‘नही’’ उत्तर देना पड़ रहा है तो नीचे लिखे दूसरे समूह के प्रश्नों का उत्तर दें + +यदि आप दूसरे समूह के प्रश्नों में से किसी भी एक का उत्तर ‘‘हाँ’’ में देते हैं, तो वर्णन देकर समझाएँ जिससे अनुवादक दल अच्छी तरह से जान सके कि वास्तव में समस्या क्या है, क्या किसी भाग में फेरबदल की जरूरत है, और आप इसे कैसे सही करवाना चाहते हैं? + +1. क्या अनुवाद में सिद्धांत संबंधी गलतियाँ तो नही है? +1. क्या अनुवाद में कहीं पर आपको लगा कि इसमें कुछ है जो राष्ट्रीय भाषा अथवा आपके मसीही समुदाय के लिए महत्वपूर्ण विश्वास के किसी भी सिद्धांत का विरोधाभासी है? +1. क्या अनुवादक दल ने कुछ ऐसा अतिरिक्त जोड़ दिया है जो स्रोत भाषा के संदेश में नही था? (याद रखें, मूलभूत संदेश में [अंतर्निहित सूचना](../../translate/figs-explicit/01.md) भी शामिल है) +1. क्या अनुवादक दल ने कुछ ऐसा छोड़ दिया है जो स्रोत भाषा के संदेश में था? + +यदि अनुवाद में समस्याएँ थीं, तो अनुवादक दल से मुलाकात कर, उन समस्याओं को दूर करने की योजना बनाएँ। उनके मिलने के पश्चात, अनुवादक दल समुदाय के अगुवों के साथ मिलकर, उस संशोधित प्रति को पुन: देखेंगे जिससे यह निश्चित हो सके कि इसका संदेश सही है और फिर तुमसे मिले। + +जब आप अनुवाद की पुष्टि के लिए तैयार हैं, तो आप [स्तर तीन पुष्टिकरण](../level3-approval/01.md) पर जाएँ। + + diff --git a/checking/level3-questions/sub-title.md b/checking/level3-questions/sub-title.md new file mode 100644 index 0000000..b0ea3d6 --- /dev/null +++ b/checking/level3-questions/sub-title.md @@ -0,0 +1,2 @@ +मैं अनुवाद की द्वितीय स्तरीय मान्यता को कैसे प्रमाणित करूँ? + diff --git a/checking/level3-questions/title.md b/checking/level3-questions/title.md new file mode 100644 index 0000000..289cfac --- /dev/null +++ b/checking/level3-questions/title.md @@ -0,0 +1,2 @@ +स्तर 3 पुष्टि + diff --git a/checking/level3/01.md b/checking/level3/01.md new file mode 100644 index 0000000..d3b9bcb --- /dev/null +++ b/checking/level3/01.md @@ -0,0 +1,12 @@ + +### जाँच स्तर तीन - प्रमाणित जाँ + +स्तर तीन की जाँच भाषा समुदाय की कलीसियाओं के द्वारा मान्य समूहों अथवा संगठनों के द्वारा की जाएगी। इन समूहों के अगुवे सत्यापित करेंगे कि वे उनके द्वारा मान्यता प्राप्त लोगों में अनुवाद के वितरण और उपयोग की अनुमति देते हैं। यह अनुमति अनुवाद के वितरण के लिए जरूरी नही है, परंतु इसको प्रमाणित करती है। + +स्तर तीन जाँच करने वाले स्तर दो जाँच में शामिल लोगों से अलग हों। + +इस स्तर का उद्देश्य, भाषा बोलने वाली कलीसिया के अगुवों के अवलोकन एवं पुष्टिकरण के द्वारा, आधारभूत लेख एवं ऐतिहासिक तथा वैश्विक कलीसिया के सही सिद्धांतों के साथ इस अनुवाद की सहमति को सत्यापित करना है।अत: स्तर 3 को विभिé कलीसियार्इ अगुवों की आपसी सहमति के द्वारा ही पूरा किया जा सकता है. कलीसियार्इ संगतियाँ उक्त भाषा समुदाय में मौजूद कलीसियाओं की प्रतिनिधि हों. अनुवाद को जाँचने वाले उस भाषा को बालने वाले हों, और जाँच पर अपने हस्ताक्षर करने वाले लोग कलीसियार्इ संगतियों के अगुवे हों. कलीसियार्इ संगति का एक अगुवा, जो अनुवाद की भाषा को बोलने वाला भी है, अनुवाद की जाँच और जाँच पर हस्ताक्षर, दोनों कर सकता है। + +अनुवाद को जब कम से कम दो कलीसियार्इ संगतियों के अगुवे, जिन्हे बाइबल की भाषा एवं लेख का अच्छा ज्ञान है, अच्छी तरह से जाँचकर, सत्यापित कर दें तो स्तर 3 पूरा हो जाता है। + +स्तर तीन जाँच मे आगे बढ़ने के लिए, [स्तर तीन की जाँच के प्रश्न](../level3-questions/01.md) को देखें। diff --git a/checking/level3/sub-title.md b/checking/level3/sub-title.md new file mode 100644 index 0000000..2cacc48 --- /dev/null +++ b/checking/level3/sub-title.md @@ -0,0 +1,2 @@ +मैं स्तर दो की जाँच में क्या देखूँ? + diff --git a/checking/level3/title.md b/checking/level3/title.md new file mode 100644 index 0000000..af629fc --- /dev/null +++ b/checking/level3/title.md @@ -0,0 +1,2 @@ +स्तर तीन की जाँच के प्रश्न + diff --git a/checking/natural/01.md b/checking/natural/01.md new file mode 100644 index 0000000..13d88c1 --- /dev/null +++ b/checking/natural/01.md @@ -0,0 +1,13 @@ + +### स्वाभाविक अनुवाद + +ऐसा अनुवाद कि बाइबल स्वाभाविक लगे, इसका अर्थ है: + +अनुवाद ऐसा लगे कि इसे लक्षित भाषा समुदाय के सदस्यों ने तैयार किया है, किसी विदेशी ने नही। + +अनुवाद की स्वाभाविकता को जाँचने के लिए, स्रोत अनुवाद के साथ तुलना करना लाभदायक नही होगा। स्वाभाविकता की जाँच के दौरान, कोर्इ भी स्रोत भाषा की बाइबल को नही देखे। सटीकता जैसे अन्य जाँचों के लिए लोग स्रोत भाषा की बाइबल को बाद में देखेंगे परंतु इस जाँच के दौरान उसे न देखें। + +स्वाभाविकता की जाँच के लिए, आप या भाषा समुदाय का सदस्य इसे ऊँची आवाज में पढ़े। आप इसे लक्षित भाषा समुदाय के किसी एक व्यक्ति या बड़े समूह के सामने पढ़ सकते हैं। पढ़ना शुरू करने से पहले, सुनने वाले लोगों से कहें कि सुनते समय, यदि कहीं पर भी उन्हे ऐसा लगे कि स्वाभाविक नही या ऐसी आवाज में उसे नही कहा जाता है, तो वे आपको रोक दें। जब कोर्इ आपको रोकता है, तो आप किसी को वही बात अधिक स्वाभाविक तौर पर बोलने को कहें। + +ऐसा करना मददगार होगा कि आप अपने गाँव के माहौल में अनुवाद के उस भाग की कल्पना करके देखें जिसके बारे में अनुवाद बता रहा है कि वहाँ के लोग इसे कैसे कहेंगे। आप जिन लोगों को जानते हैं, कल्पना करें कि वे यह बात कह रहे हैं, और फिर उसे ऊँची आवाज में कहें। यदि दूसरे सहमत हैं कि यही कहने का अच्छा और स्वाभाविक तरीका है, तो उस अनुवाद को उसी तरीके से लिखें + diff --git a/checking/natural/sub-title.md b/checking/natural/sub-title.md new file mode 100644 index 0000000..da0c707 --- /dev/null +++ b/checking/natural/sub-title.md @@ -0,0 +1,2 @@ +क्या मेरा अनुवाद स्वाभाविक है? + diff --git a/checking/natural/title.md b/checking/natural/title.md new file mode 100644 index 0000000..68c378f --- /dev/null +++ b/checking/natural/title.md @@ -0,0 +1,2 @@ +स्वाभाविक अनुवाद + diff --git a/checking/other-methods/01.md b/checking/other-methods/01.md new file mode 100644 index 0000000..72d9558 --- /dev/null +++ b/checking/other-methods/01.md @@ -0,0 +1,15 @@ + +### जाँच के अन्य तरीके + +प्रश्न पूछने के साथ साथ, जाँच के कुछ और भी तरीके हैं जिनसे आप निश्चित कर सकते हैं कि अनुवाद पढ़ने में आसान और श्रोताओंं को सुनने में स्वाभाविक लगता है या नही। निम्नलिखित कुछ तरीके हैं जिन्हे आप इस्तेमाल कर सकते हैं: + +* **पुन: बताएँ तरीका** आप, अनुवादक अथवा जाँचकर्ता, कुछ आयतों को पढ़ें और फिर किसी से उसी बात को दुबारा कहकर सुनाने को कहें। इससे अनुवाद की स्पष्टता एवं स्वाभाविकता को जाँचने एवं उसी बात को कहने के अन्य तरीके का उपयोग करने में मदद मिलती है + +* **पढ़ने का तरीका** आपके अर्थात अनुवाद या जाँचकर्ता के अलावा कोर्इ और, अनुवाद के भाग को पढे़ और जब भी वे रूकते या गलती नजर आती है, वहाँ आप लेख लिख सकते हैं।इससे पता चलेगा कि अनुवाद पढ़ने या समझने में कितना आसान या कठिन था । अनुवाद की उन जगहों पर ध्यान दें जहाँ पढ़ने वाला रूका था या गलती की थी और सोचें कि अनुवाद का कौनसा भाग कठिन था । उन जगहों में अनुवाद को बदलने की जरूरत पड़ सकती है जिससे कि इसे पढ़ने और समझने में आसान बनाया जा सके। + +* **अनुवाद का अन्य विकल्प पेश करना** यदि कहीं पर आपको लगता है कि वहाँ के लिए आपके पास सही शब्द या वाक्य नही है तो दूसरे लोगों से उसका विकल्प पूछ सकते हैं या दो अनुवादों में से एक विकल्प चुनकर, निश्चित कर सकते हैं कि कौनसा अनुवाद लोगों के लिए अधिक स्पष्ट है। + +* **अवलोकनकर्ताओं के सुझाव** आप जिनका सम्मान करते हैं, उन्हे अनुवाद पढ़ने दें। उनसे टिप्पणियाँ ़करने और बताने को कहें कि कहाँ अनुवाद को बेहतर बनाया जा सकता है। अच्छे शब्दों के विकल्प, स्वाभाविक भाव, स्पेलिंग के बेहतर रूप इत्यादि को चुनें। + +* **विचार विमर्श तरीका** लोगों से एक समुह के सामने अनुवाद को ऊँची आवाज में पढ़ने को कहें और उन्हे तथा दूसरों को ऐसे सवाल पूछने को कहें कि अनुवाद में स्पष्टता लार्इ जा सके। उनके द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले शब्दों पर ध्यान दें क्योंकि वैकल्पिक शब्दों और भावों के आ जाने से उन्हे दिक्कत सी महसूस हो सकती है परंतु शायद यही शब्द या भाव अनुवाद में इस्तेमाल किए गए शब्दों और भावों से सही हो। जहाँ लोगों को अनुवाद समझ न आएँ, उन पर ध्यान दें और उसे स्पष्ट करें। + diff --git a/checking/other-methods/sub-title.md b/checking/other-methods/sub-title.md new file mode 100644 index 0000000..ce702c6 --- /dev/null +++ b/checking/other-methods/sub-title.md @@ -0,0 +1,2 @@ +अनुवाद को जाँचने के कुछ अन्य कदम कौन कौनसे हैं? + diff --git a/checking/other-methods/title.md b/checking/other-methods/title.md new file mode 100644 index 0000000..5f5e87b --- /dev/null +++ b/checking/other-methods/title.md @@ -0,0 +1,2 @@ +अन्य तरीके + diff --git a/checking/peer-check/01.md b/checking/peer-check/01.md new file mode 100644 index 0000000..525dced --- /dev/null +++ b/checking/peer-check/01.md @@ -0,0 +1,6 @@ + +### समकक्ष जाँच कैसे करें + +* अपना अनुवाद अनुवादक दल के एक सदस्य को दें जिसने उस भाग पर कार्य नही किया हो। व्ह व्यक्ति भी स्वयं जाँच के सारे चरणों को पूरा करे और इस दौरान, यदि कहीं बदलाव आवश्यक है, उन्हे लिखता रहे +* एक साथ मिलकर अनुवाद का अवलोकन करें और उन समस्याओं को दूर करें +* संशोधित अनुवाद को ऊँची आवाज में पढ़े और यदि कहीं पर भी ऐसा लगे कि यह समुदाय के किसी व्यक्ति के कहने के समान नही है तो उसे सही करें diff --git a/checking/peer-check/sub-title.md b/checking/peer-check/sub-title.md new file mode 100644 index 0000000..5dfa78a --- /dev/null +++ b/checking/peer-check/sub-title.md @@ -0,0 +1,2 @@ +मेरे कार्य की जाँच में दूसरे लोग मेरी मदद कैसे कर सकते हैं? + diff --git a/checking/peer-check/title.md b/checking/peer-check/title.md new file mode 100644 index 0000000..d4f172b --- /dev/null +++ b/checking/peer-check/title.md @@ -0,0 +1,2 @@ +समकक्ष जाँच + diff --git a/checking/punctuation/01.md b/checking/punctuation/01.md new file mode 100644 index 0000000..cf204b3 --- /dev/null +++ b/checking/punctuation/01.md @@ -0,0 +1,6 @@ + +‘‘विराम चिन्ह’’ उन चिन्हों को दिखाता है जो ये बताते हैं कि एक वाक्य को कैसे पढ़ना या समझना है। उदाहरणों में अल्पविराम या अंतराल या कोटेशन चिन्ह जैसे वाक्य के बीच में रूकने को इंगित किया गया है जिन्हे वक्ता के शब्दों के चारों ओर लगाया जाता है।अनुचाद को अच्छी तरह से पढ़ने यश समझने के लिए, जरूरी है कि उनमें सही प्रकार के चिन्हों का उपयोग किया जाए। + +अनुवाद करने से पहले, अनुवादक दल को निश्चित करना है कि किस प्रकार के चिन्हों का उपयोग अनुवाद में किया जाए। उन चिन्हों के तरीकों का इस्तेमाल करना बेहतर होगा जिन्हे राष्ट्रीय भाषा में उपयोग किया जाता है या राष्ट्रीय भाषा की बाइबल या उससे संबंधित बाइबल में किया जाता है। तरीके का निर्णय कर लेने के पश्चात, निश्चित करें कि हर कोर्इ उनका पालन करे। हर दल को एक मार्गनिर्देशिका देना लाभप्रद होगा जिनमें चिन्हों का इस्तेमाल करने के तरीके दिए गए हों। + +मार्गनिर्देशिका होने के बावजूद भी, यह सामान्य बात है कि अनुवादकों से गलतियाँ हो सकती हैं। इसीलिए, पुस्तक के अनुवाद के बाद, हमारा सुझाव है कि इसे ParaTExt में इंपोर्ट कर दिया जाए । आप ParaTExt में लक्षित भाषा के लिए उपयोगी चिन्हों के उपयोग के नियमों को डाल सकते हैं और उसके बाद, उसमें उपलब्ध चिन्ह-जाँच को चला सकते हैं। ParaTExt चिन्हों से संबंधित गलती को ढूँढ़ेगा और आपको दिखाएगा। उसके बाद आप उन गलतियों का अवलोकन कर देख सकते हैं कि वहाँ गलती है या नही । यदि गलती है, तो उसे दूर करें। चिन्ह-जाँच चलाने के बाद, आप निश्चित हो सकते हैं कि आपने अपने अनुवाद में सही चिन्हों का इस्तेमाल किया है। diff --git a/checking/punctuation/sub-title.md b/checking/punctuation/sub-title.md new file mode 100644 index 0000000..df81b57 --- /dev/null +++ b/checking/punctuation/sub-title.md @@ -0,0 +1,2 @@ +क्या अनुवाद में विराम चिन्हों का सही उपयोग हुआ है? + diff --git a/checking/punctuation/title.md b/checking/punctuation/title.md new file mode 100644 index 0000000..477931e --- /dev/null +++ b/checking/punctuation/title.md @@ -0,0 +1,2 @@ +सतत विराम चिन्ह + diff --git a/checking/self-assessment/01.md b/checking/self-assessment/01.md new file mode 100644 index 0000000..da4cc9a --- /dev/null +++ b/checking/self-assessment/01.md @@ -0,0 +1,92 @@ + +### अनुवाद के गुणवत्ता की स्व-मूल्यांकन + +इस भाग का मकसद एक ऐसी प्रक्रिया को वर्णन करना है जिसके द्वारा कलीसिया स्वयं एक अनुवाद की गुणवत्ता जाँच कर निर्धारित कर सकती है। निम्न मूल्यांकन का उद्देश्य हर की जा सकने वाली जाँच का पूरा ब्यौरा देना नही, वरन् एक अनुवाद को जाँचने की कुछ तकनीकों को प्रस्तुत करना है। अंतत:, किस जाँच का उपयोग करना है, कब करना है और कौन करेगा, इत्यादि का निर्णय कलीसिया ही को लेना है। + +#### मूल्यांकन का उपयोग कैसे करें + +मूल्यांकन का यह तरीका दो प्रकार के कथनों को बताता है। कुछ कथन हाँ/नही में हैं जहाँ नही में दिया गया उत्तर समस्या को बताता है जिसे सही करना जरूरी है। दूसरे भागों में एक समान-महत्व के तरीके का उपयोग हुआ है जो अनुवादकों और जाँचकर्ताओं को अनुवाद के कथन प्रस्तुत करता है। हर कथन को (अनुवादक दल से शुरू कर) जाँच करने वाले सदस्य के द्वारा 0-2 तक के मापदण्ड में अंक दिए जाएँ: + +**0** - असहमत + +**1** - थोड़ा बहुत सहमत + +**2** - एकदम सहमत + +अवलोकन के बाद, एक भाग में मिले सभी उत्तरों के कुल अंकों को जोड़ा जाए, और यदि दिए गए उत्तर वास्तव में अनुवाद के सही स्तर को बताते हैं, तो अवलोकनकर्ताओं के अवलोकनों के आधार पर अधिकतम मान्य तरीके से कहा जा सकता है कि अनुवाद के अध्याय की गुणवत्त अच्छी है। निम्न निर्देश, अवलोकनकर्ताओं को एक आसान अवलोकन का तरीका देने के लिए तैयार किया गया है जिसकी मदद से कार्य को सही तरीके से विकसित किया जा सके। *उदाहरण के तौर पर, यदि एक अनुवाद को ‘‘सटीकता’’ में अच्छे अंक मिलते हैं, परंतु ‘‘स्वाभाविकता’’ और ‘‘स्पष्टता’’ में कम अंक मिलते हैं, तो अनुवादक दल को सामाजिक जाँच पर थोड़ा अधिक ध्यान देना पड़ेगा।* + +ये निर्देश अनुवाद किए गए हर बाइबल भाग के हर अध्याय में इस्तेमाल करने के लिए दिए गए हैं। अन्य जाँचों को करने के बाद, अनुवादक दल हर अध्याय का मूल्यांकन करे, और उसके बाद, स्तर 2 कलीसिया जाँचकर्ता इसे दुबारा करें और फिर, स्तर 3 जाँचकर्ता इसी जाँचसूची के द्वारा इसका मूल्यांकन करे। हर स्तर पर कलीसिया के द्वारा अघ्याय पर इतनी सारी जाँचों को कर लेने के पश्चात, सभी चार भागों (समीक्षा, स्वाभाविकता, स्पष्टता, सटीकता) के तहत, अध्याय के अंकों को जोड़ा जाए, जहाँ कलीसिया और समुदाय को भी अनुवाद के विकास को देखने का अवसर हो। + +#### स्व-जाँच + +यह प्रक्रिया पाँच भागों में बाँटी गर्इ है: **समीक्षा** (अनुवाद के बारे में जानकारी), **स्वाभाविकता**, **स्पष्टता**, **सटीकता** एवं **कलीसिया का पुष्टिकरण** + + +##### 1. समीक्षा + +*नीचे लिखे हर कथन के लिए ‘‘नही’’ या ‘‘हाँ’’ पर गोला बनाएँ* + +** नही | हाँ ** यह अनुवाद अर्थ-आधारित अनुवाद है जो मूलभूत लेख के अर्थ को लक्षित भाषा के समान, स्वाभाविक, स्पष्ट और सटीक तरीके से पेश करने की कोशिश करता है। + +** नही | हाँ ** अनुवाद की जाँच कर रहे लोग लक्षित भाषा को स्वयं बोलने वाले लोग हैं। + +** नही | हाँ ** इस अध्याय का अनुवाद विश्वास कथन के अनुसार है। + +** नही | हाँ ** इस अध्याय के अनुवाद को अनुवाद के निर्देशों के आधार पर किया गया है। + +##### 2. स्वाभाविकता: ‘‘यह *मेरी* भाषा है + +*नीचे लिखे हर कथन के लिए "0" या "1" या "2" पर गोला बनाएँ* + +इस भाग को अधिक समुदाय जाँच के दौरान और भी लागु किया जा सकता है। (देखें [भाषा समुदाय की जाँच](../language-community-check/01.md)) + +**0 1 2** भाषा को बोलने एवं इस अध्याय को पढ़ने वाले सहमत है कि अनुवाद में भाषा का सही रूप इस्तेमाल किया गया है। + +**0 1 2** भाषा बोलने वाले सहमत हैं कि इसके अध्यायों में प्रयुक्त प्रमुख शब्द इस संस्कृति में स्वीकार्य एवं सही है। + +**0 1 2** इस भाषा को बोलने वाले, अध्याय के प्रयुक्त उदाहरणों एवं कहानियों को समझ सकते हैं। + +**0 1 2** इस भाषा को बोलने वाले सहमत हैं कि इसकी वाक्य रचना एवं लेखों का क्रम स्वाभाविक है और सही बहाव को प्रस्तुत करता है। + +**0 1 2** स्वाभाविकता के लिए इस अध्याय के अनुवाद की जाँच में समुदाय के वे लोग शामिल थे, जिन्होने इस अध्याय के अनुवाद की प्रक्रिया में भाग नही लिया। + +**0 1 2** स्वाभाविकता के लिए इस अध्याय के अनुवाद की जाँच में विश्वासी एवं गैर-विश्वासी दोनों शामिल थे जिन्हे बाइबल का इतना ज्ञान नही था जिससे कि लेख को सुनते ही उन्हे यह आभास न हो जाए कि लेख क्या कह रहा है। + +**0 1 2** स्वाभाविकता के लिए इस अध्याय के अनुवाद की जाँच में विभिé उम्र के उक्त भाषा बोलने वाले शामिल थे। + +**0 1 2** स्वाभाविकता के लिए इस अध्याय के अनुवाद की जाँच में स्त्री एवं पुरूष दोनों शामिल थे। + +##### 3. स्पष्टता: ‘‘अर्थ स्पष्ट है’’ + +*नीचे लिखे हर कथन के लिए "0" या "1" या "2" पर गोला बनाएँ* + +इस भाग को अधिक समुदाय जाँच के दौरान और भी लागु किया जा सकता है। (देखें [भाषा समुदाय की जाँच](../language-community-check/01.md)) + +**0 1 2** इस अध्याय का अनुवाद उस भाषा के उपयोग से किया गया है जिसे स्थानीय भाषा बोलने वाले आसानी से समझ सकते हैं। + +**0 1 2** भाषा बोलने वाले सहमत हैं कि इस अध्याय में नाम, स्थान और क्रिया के शब्दों का सही उपयोग किया गया है। + +**0 1 2** इस अध्याय में प्रयुक्त भाषा के अलंकार इस संस्कृति के लोगो को समझ आते हैं। + +**0 1 2** भाषा बोलने वाले सहमत हैं कि अध्याय की संरचना इसके मूल अर्थ के विपरीत या उससे अलग नही है। + +**0 1 2** स्पष्टता के लिए इस अध्याय के अनुवाद की जाँच में समुदाय के वे लोग शामिल थे, जिन्होने इस अध्याय के अनुवाद की प्रक्रिया में भाग नही लिया। + +**0 1 2** स्पष्टता के लिए इस अध्याय के अनुवाद की जाँच में विश्वासी एवं गैर-विश्वासी दोनों शामिल थे जिन्हे बाइबल का इतना ज्ञान नही था जिससे कि लेख को सुनते ही उन्हे यह आभास न हो जाए कि लेख क्या कह रहा है। + +**0 1 2** स्पष्टता के लिए इस अध्याय के अनुवाद की जाँच में विभिé उम्र के उक्त भाषा बोलने वाले शामिल थे। + +**0 1 2** स्पष्टता के लिए इस अध्याय के अनुवाद की जाँच में स्त्री एवं पुरूष दोनों शामिल थे। + +##### 4. सटीकता: अनुवाद मूलभूत स्रोत लेख के उसी अर्थ को बताता है + +*नीचे लिखे हर कथन के लिए "0" या "1" या "2" पर गोला बनाएँ* + +इस भाग को अधिक सटीकता जाँच के दौरान और भी लागु किया जा सकता है। (देखें [सटीकता की जाँच](../accuracy-check/01.md)) + +**0 1 2** मूलभूत स्रोत लेख के इस अध्याय के सभी महत्वपूर्ण शब्दों की सूची की मदद से, इस अनुवाद में उनके उपयोग को निश्चित किया गया है। + +**0 1 2** इस अध्याय में सभी महत्वपूर्ण शब्दों का अनुवाद सही तरीके से किया गया है। + +**0 1 2** उन सभी महत्वपूर्ण शब्दों का अनुवाद, सतत् तौर पर, इस अध्याय में एवं जहाँ जहाँ भी उनकी जरूरत पड़ी है, किया गया है। + diff --git a/checking/self-assessment/sub-title.md b/checking/self-assessment/sub-title.md new file mode 100644 index 0000000..d7eb07c --- /dev/null +++ b/checking/self-assessment/sub-title.md @@ -0,0 +1,2 @@ +मैं अनुवाद की गुणवत्ता का अप्रत्यक्ष तौर पर मूल्यांकन कैसे करूँ? + diff --git a/checking/self-assessment/title.md b/checking/self-assessment/title.md new file mode 100644 index 0000000..083cdc4 --- /dev/null +++ b/checking/self-assessment/title.md @@ -0,0 +1,2 @@ +स्व-मूल्यांकन निर्देश + diff --git a/checking/self-check/01.md b/checking/self-check/01.md new file mode 100644 index 0000000..622a468 --- /dev/null +++ b/checking/self-check/01.md @@ -0,0 +1,7 @@ + +### स्व-जाँच कैसे करें + +* यदि आपने [प्रथम प्रालेख](../../translate/first-draft/01.md) अनुवाद के मार्गनिर्देशों का पालन किया है, तो आपने पहले स्रोत लेख का अध्ययन किया और फिर, स्रोत लेख को देखे बिना, उसे लिखा और अपना पहला अनुवाद तैयार किया । इस प्रकार एक भाग का अनुवाद कर लेने के पश्चात, एक स्व-जाँच करें, स्रोत लेख को पुन: देखें और अपने अनुवाद से उसकी तुलना करें। निश्चित करें कि स्रोत लेख के संपूर्ण भाग को अनुवाद हो चुका हो, कुछ भी छुटा न हो। यदि संदेश का कोर्इ भी भाग छुटा है, तो उसे अपने अनुवाद में उस जगह पर लिखें या डालें जहाँ यह सही लगता है। +* यदि आप बाइबल का अनुवाद कर रहे हैं, तो अपने अनुवाद की तुलना इसी बाइबल अंश के अन्य अनुवादों के साथ करके देखें। यदि आपको लगता है कि उसमें उपयुक्त तरीका अच्छा है, तो अपने अनुवाद में अनिवार्य परिवर्तन करें। यदि वो अनुवाद आपके अनुवाद से अच्छा समझा पा रहा है तो अपने अनुवाद को उसके अनुसार बदलें जिससे समुदाय इसे बेहतर तरीके से समझ सके। +* इन चरणों के पश्चात, स्वयं अपने अनुवाद को ऊँची आवाज में पढ़ें। यदि आपको लगता है कि उसमें कोर्इ भी भाग ऐसा नही लग रहा जैसा आपके समुदाय में उसे बोला जाता है तो उसे सही करें। कुछ वाक्यों के अंशों को विभिé तरीके से लिखने की जरूरत पड़ सकती है। + diff --git a/checking/self-check/sub-title.md b/checking/self-check/sub-title.md new file mode 100644 index 0000000..22b0f0d --- /dev/null +++ b/checking/self-check/sub-title.md @@ -0,0 +1,2 @@ +मैं अपने प्रथम प्रालेख की कैसे जाँच करूँ? + diff --git a/checking/self-check/title.md b/checking/self-check/title.md new file mode 100644 index 0000000..669c877 --- /dev/null +++ b/checking/self-check/title.md @@ -0,0 +1,2 @@ +स्व-मूल्यांकन + diff --git a/checking/spelling/01.md b/checking/spelling/01.md new file mode 100644 index 0000000..44ccfde --- /dev/null +++ b/checking/spelling/01.md @@ -0,0 +1,8 @@ + +अनुवाद को पाठक अच्छी तरह से समझ और पढ़ पाएँ, इसके लिए जरूरी है कि शब्दों के अक्षर सही हों। यदि कठिन हो सकता है यदि लक्षित भाषा में अक्षरों को लिखने या बोलने का रिवाज न हो। एक अनुवाद के कर्इ भागों पर कर्इ अनुवादकों के कार्य करने से भी कार्य कठिन हो सकता है। और इसीलिए, अनुवादक दल को अनुवाद शुरू करने से पहले, आपस में मिलना और शब्दों की सही वर्जनी को निर्धारित करना महत्वपूर्ण है। + +दल में उन शब्दों पर विचार विमर्श करें जिनही वर्जनी अर्थात बोलना कठिन है। यदि शब्दों के उच्चारण में कुछ भी कठिन लगता है तो आप अपने लिखने के तरीके में बदलाव ला सकते हैं। (देखें [Alphabet/Orthography](../../translate/translate-alphabet/01.md)) यदि एक शछ का कर्इ प्रकार से उच्चारण है तो दल एक साथ मिलकर, एक सही उच्चारण का निर्धारण करें। सहमत शब्दों की अक्षरानुक्रम में सूची बनाएँ। दल के हर सदस्य के पास इस सूची की प्रति रहे जिसकी अनुवाद के दौरान मदद ली जा सकती है। यदि और भी कठिन शब्द इस दौरान मिलते हैं तो उसको भी सूची में जोड़ें और निश्चित करें कि हर एक के पास ताजी सूची हो। स्प्रेडशीट को बनाना इस जाँच के लिए लाभदायक हो सकता है। + +बाइबल के व्यक्तियों और स्थलों के नामों के उच्चारण कठिन हो सकते हैं क्योंकि उनमें से अधिकतर नाम लक्षित भाषा के लिए अपरिचित हैं। उन्हे भी अक्षरों की सूची में शामिल करें। + +उच्चारण जाँच में कम्प्यूटर अच्छे मददगार हो सकते हैं। यदि आप गेटवे भाषा पर कार्य कर रहे हैं, तो उसका शब्दकोष पहले से ही उपलब्ध होगा। यदि आप और किसी भाषा में अनुवाद कर रहे हैं तो आप खोजें और बदले के विकल्प का उपयोग कर गलत शब्दों को सही कर सकते हैं। ParaTExt में शब्द जाँच की सुविधा है जिससे शब्दों के उच्चारणों को जाना जा सकता है। यह आपको उच्चारण बताएगा और फिर आप निर्णय ले सकते हैं कि आपको उनमें से कौनसा चुनना है। diff --git a/checking/spelling/sub-title.md b/checking/spelling/sub-title.md new file mode 100644 index 0000000..09ca260 --- /dev/null +++ b/checking/spelling/sub-title.md @@ -0,0 +1,2 @@ +क्या अनुवाद में उपयोग किए गए शब्दों की स्पेलिंग सटीक हैं? + diff --git a/checking/spelling/title.md b/checking/spelling/title.md new file mode 100644 index 0000000..ad663b0 --- /dev/null +++ b/checking/spelling/title.md @@ -0,0 +1,2 @@ +सतत अक्षरमाला + diff --git a/checking/toc.yaml b/checking/toc.yaml new file mode 100644 index 0000000..f4bf926 --- /dev/null +++ b/checking/toc.yaml @@ -0,0 +1,111 @@ +title: "Table of Contents" +sections: + - title: "Introduction to Checking" + sections: + - title: "Introduction to the Checking Manual" + link: intro-check + - title: "Introduction to Translation Checking" + link: intro-checking + - title: "Introduction to the Checking Levels" + link: intro-levels + - title: "The Goal of Checking" + link: goal-checking + + - title: "Types of Checks" + sections: + - title: "Self Check" + link: self-check + - title: "Peer Check" + link: peer-check + - title: "translationWord Check" + link: important-term-check + - title: "Accuracy Check" + link: accuracy-check + - title: "Language Community Check" + link: language-community-check + - title: "Church Leader Check" + link: church-leader-check + - title: "Other Methods" + link: other-methods + + - title: "What to Check For" + sections: + - title: "Accurate Translation" + link: accurate + - title: "Clear Translation" + link: clear + - title: "Natural Translation" + link: natural + - title: "Acceptable Style" + link: acceptable + - title: "Complete Translation" + link: complete + - title: "Self-Assessment Rubric" + link: self-assessment + + - title: "Defining Church Authority" + sections: + - title: "Checking Authority and Process" + link: authority-process + - title: "Authority Level 1" + link: authority-level1 + - title: "Authority Level 2" + link: authority-level2 + - title: "Authority Level 3" + link: authority-level3 + + - title: "Checking Process" + sections: + - title: "Checking Level One - Affirmation by Translation Team" + link: level1 + sections: + - title: "Level 1 Affirmation" + link: level1-affirm + - title: "Checking Level Two - Affirmation by Community" + link: level2 + sections: + - title: "Language Community Evaluation Questions" + link: community-evaluation + - title: "Level 2 Affirmation" + link: good + - title: "Checking Level Three - Affirmation by Church Leadership" + link: level3 + sections: + - title: "Questions for Checking on Level Three" + link: level3-questions + - title: "Level 3 Approval" + link: level3-approval + + - title: "Introduction to Translation Checking - Part 2" + link: vol2-intro + - title: "Steps in Checking a Translation" + link: vol2-steps + sections: + - title: "Back Translation" + link: vol2-backtranslation + sections: + - title: "The Purpose of the Back Translation" + link: vol2-backtranslation-purpose + - title: "The Back Translator" + link: vol2-backtranslation-who + - title: "Kinds of Back Translations" + link: vol2-backtranslation-kinds + - title: "Kinds of Written Back Translations" + link: vol2-backtranslation-written + - title: "Guidelines for Creating a Good Back Translation" + link: vol2-backtranslation-guidelines + - title: "Types of Things to Check" + link: vol2-things-to-check + - title: "How to Do a Formatting Check" + link: formatting + sections: + - title: "Appropriate Alphabet" + link: alphabet + - title: "Consistent Spelling" + link: spelling + - title: "Consistent Punctuation" + link: punctuation + - title: "Complete Versification" + link: verses + - title: "Section Headings" + link: headings diff --git a/checking/verses/01.md b/checking/verses/01.md new file mode 100644 index 0000000..fb537c6 --- /dev/null +++ b/checking/verses/01.md @@ -0,0 +1,12 @@ + +यह महत्वपूर्ण है कि आपकी अनुवादित भाषा में वे सभी शब्द मौजूद हों जो स्रोत भाषा बाइबल में मौजूद हैं। हम नही चाहते कि गलती से भी कोर्इ शब्द छूटे। परंतु यह भी याद रखें कि कुछ बाइबलों में उन शब्दों को लिखने के अपने कारण हो सकते हैं जो दूसरी बाइबल में न हों। + +### गायब पदों की वजह + +1. **लेख संबंधी परिवर्तन** - कुछ आयत जिन पर कर्इ बाइबल ज्ञाता विश्वास नही करते, मूलभूत बाइबल का भाग थे, जिन्हे बाद में जोड़ा गया है। इसलिए कुछ बाइबलों के अनुवादकों ऐसे शब्दों का उपयोग करना नही चाहते हैं, या उन्हे केवल फुटनॉटस के रूप में लिख देते हैं। (इसके बारे में अधिक जानकारी के लिए, देखें ([Chapter and Verse Numbers](../../translate/translate-textvariants/01.md)) आपके अनुवादक दल को निर्धारित करना है कि उन आयतों का उपयोग करें या नही। +1. **विभिé संख्या** - कुछ बाइबलों में, अन्य बाइबलों से, आयतों की संख्या के अलग तरीकों का उपयोग किया है। (इसके बारे में अधिक जानकारी के लिए, देखें [Chapter and Verse Numbers](../../translate/translate-chapverse/01.md)) आपके अनुवादक दल को निर्धारित करना है कि कौनसे तरीकों का उपयोग करें। +1. **आयत पुल** - बाइबल के कुछ अनुवादों में, सूचना में बहाव लाने के लिए, दो या तीन आयतों के लेख को इधर उधर किया गया है जिससे वह सूचना सही और समझने योग्य बने। और जब ऐसा होता है, आयत की संख्याएँ एक हो जाती हैं, जैसे कि 4-5 या 4-6। UDB अक्सर ऐसा करता है, और कभी कभार ULB भी ऐसा करता है। चूँकि सारे आयत वहाँ नही है या कुछ भाग ही वहाँ है तो आपको लग सकता है कि वहाँ से कुछ गायब है। परंतु उन पदों के लेख वहाँ मौजूद हैं। (इसके बारे में अधिक जानकारी के लिए, देखें [Chapter and Verse Number](../../translate/translate-versebridge/01.md)) अनुवादक दल निर्धारित करेगा कि इन आयतों के पूलों का उपयोग करें या नही + +### गायब पदों की जाँच + +अपने अनुवाद में गायब आयतों की जाँच के लिए, एक पुस्तक के अनुवाद के बाद, अनुवाद के अंश को ParaTExt में इम्पोर्ट करें और फिर, ‘‘अध्याय /आयत संख्या’’ चलाएँ । ParaTExt उस पुस्तक की हर जगह दिखागा जहाँ भी कोर्इ आयत गायब लगेगा । और फिर आप उस हर जगह को देखें और निर्धारित कर सकते हैं कि आयत को किसी मकसद से हटा रखा है जिनके बारे में हमने ऊपर देखा था, या गलती से हट गया है और यदि जरूरी हो तो वापिस उस आयत का अनुवाद करें। diff --git a/checking/verses/sub-title.md b/checking/verses/sub-title.md new file mode 100644 index 0000000..35263a7 --- /dev/null +++ b/checking/verses/sub-title.md @@ -0,0 +1,2 @@ +क्या अनुवाद में कोर्इ शब्द छूटा तो नही है? + diff --git a/checking/verses/title.md b/checking/verses/title.md new file mode 100644 index 0000000..f1743cb --- /dev/null +++ b/checking/verses/title.md @@ -0,0 +1,2 @@ +संपूर्ण छंद रचना + diff --git a/checking/vol2-backtranslation-guidelines/01.md b/checking/vol2-backtranslation-guidelines/01.md new file mode 100644 index 0000000..105254d --- /dev/null +++ b/checking/vol2-backtranslation-guidelines/01.md @@ -0,0 +1,28 @@ + +### 1. लक्षित भाषा अनुवाद के शब्दों और वाक्यों को दिखाना + +#### a. शब्दों के अर्थ को उनकी पृष्ठभूमि में इस्तेमाल करना + +यदि किसी शब्द का आधारभूत अर्थ केवल एक है, तो पिछला अनुवाद करने वाले बड़े समुदाय की भाषा के अनुवाद में उसी अर्थ को शुरू से लेकर अंत तक इस्तेमाल करें। परंतु यदि लक्षित भाषा में उस शब्द के एक से अधिक अर्थ हैं, और पृष्ठभूमि के अनुसार उस शब्द का अर्थ बदलता रहता है तो पिछला अनुवाद करने वाले हर एक शब्द को इस प्रकार इस्तेमाल करें कि उस पृष्ठभूमि में उसका सही अर्थ निकलता हो । अनुवाद जाँचकर्ताओं का संदेह दूर करने के लिए, पिछला अनुवाद करने वाले उस शब्द के खुले अर्थ को वहाँ इंगित कर सकते हैं जिससे जाँचकर्ता समझ पाएँ कि उस शब्द के एक से ज्यादा अर्थ हैं। उदाहरण के तौर पर, उसने लिखा होगा, ‘‘आओ (जाओ)’’ यदि लक्षित भाषा के शब्द का अर्थ पिछले अनुवाद में ‘‘जाओ’’ होगा परंतु नयी पृष्ठभूमि में इसे बेहतर तरीके से ‘‘आओ’’ लिखा गया है। + +यदि लक्षित भाषा किसी कहावत का उपयोग करती है तो जाँचकर्ताओं के द्वारा यह जाँचना बहुत जरूरी है कि पिछला अनुवादकों ने उस कहावत का अनुवाद लेख के अनुसार किया है (शब्द के अर्थ के अनुसार) और साथ ही साथ, वहीं पर उसके अन्य अर्थों को भी इंगित किया है। इस प्रकार, अनुवाद जाँचकर्ता देख सकते हैं कि स्रोत भाषा अनुवाद में उस जगह पर कहावत का उपयोग होता है और उसका अर्थ भी देख सकता है। उदाहरण के तौर पर, पिछला अनुवादक ‘‘उसने बाल्टी पर लात मारी (वह मर गया)’’ नामक कहावत का अनुवद कर रहा है। यदि यह कहावत एक से अधिक बार इस्तेमाल हो रही है तो पिछला अनुवादक को उसका वर्णन बार बार देने की जरूरत नही है, परंतु वह इसका अनुवाद या तो शब्द के अर्थानुसार या वर्णनानुसार कर सकता है। + +#### b. शब्दों के भेदों को समान रखें + +पिछला अनुवाद में, पिछला अनुवादक लक्षित अनुवाद में शब्दों के भेद को बड़े समुदाय की भाषा के अनुवाद में भी वही रखे। इसका अर्थ है कि अनुवादक संज्ञा का अनुवाद संज्ञा में, क्रिया का अनुवाद क्रिया में और विशेषण का अनुवाद विशेषण में ही करे। इससे अनुवादक जाँचकर्ता को यह देखने में मदद मिलेगी कि लक्षित भाषा कैसे कार्य करती है। + +#### c. वाक्यों के प्रकार समान रखें + +पिछला अनुवाद में, पिछला अनुवादक लक्षित अनुवाद में वाक्य खंडों के प्रकार को, बड़े समुदाय की भाषा के अनुवाद में भी समान रखे। उदाहरण के तौर पर, यदि लक्षित भाषा का वाक्य खंड एक आदेश है तो पिछला अनुवादक भी उसे आदेश के तौर पर ही लिखें, सुझाव या विनती के रूप में नही। अथवा यदि लक्षित भाषा एक अलंकारिक प्रश्न का इस्तेमाल कर रहा है तो पिछला अनुवाद भी कथन अथवा प्रकटीकरण की बजाय, एक प्रश्न ही होना चाहिए। + +#### d. विराम चिन्हों को समान रखें + +पिछला अनुवादक पिछले अनुवाद में उन्ही विराम चिन्हों का ही उपयोग करे जो स्रोत भाषा के अनुवाद में इस्तेमाल किया जा रहा है। उदाहरण के तौर पर, यदि लक्षित अनुवाद में अल्प विराम चिन्ह का उपयोग हुआ है तो पिछला अनुवाद भी अल्प विराम का उपयोग करे। अंतराल, विस्मयादिबोधक चिन्ह, उद्धरण चिन्ह और सभी विराम चिन्हों का उपयोग दोनों अनुवादों में समान स्थल पर किया जाए। इस प्रकार, अनुवाद जाचकर्ता आसानी से देख सकता है कि पिछले अनुवाद का कौनसा हिस्सा लक्षित भाषा के अनुवाद के कौनसे हिस्से को दिखा रहा है। बाइबल का पिछला अनुवाद करते वक्त, यह निश्चित करना बहुत जरूरी है कि सभी अध्यायों और आयतों की संख्याएँ पिछले अनुवाद में भी सही जगह पर हों। + +#### e. जटिल शब्दों का पूरा अर्थ बताएँ + +कर्इ बार, बड़े समुदाय की भाषा के शब्दों के मुकाबले, लक्षित भाषा के शब्द जटिल अथवा कठिन होते हैं। ऐसे मामलों में, पिछला अनुवाद लक्षित भाषा के शब्द को बड़े समुदाय की भाषा के अनुसार पूरा खोलकर बताए। यह जरूरी है क्योंकि इससे अनुवाद जाँचकर्ता उसके अर्थ को अधिक स्पष्ट तौर पर समझ सकता है। उदाहरण के तौर पर, लक्षित अनुवाद के एक शब्द का अर्थ बताने के लिए बड़े समुदाय की भाषा में एक लंबे कथन का उपयोग करना पड़े, जैसे कि ‘‘ऊपर जा’’ या ‘‘जाकर लेट जा’’। इतना ही नही, कर्इ भाषाओं के शब्द इतनी सूचनाओं से भरे होते हैं जिन्हे बड़े समुदाय की भाषा में बताने के लिए अधिक शब्दों का उपयोग करना पड़ता है। ऐसे मामले में, लाभदायक रहेगा यदि पिछला अनुवादक उस सूचना को अतिरिक्त सूचना के रूप में लिखे, जैसे कि ‘‘हम (सब सम्मिलित)’’ या ‘‘तुम (स्त्रीवाचक, बहुवचन)’’। + +### 2 वाक्यों और अर्थपूर्ण संरचना के लिए वृहद तौर पर इस्तेमाल की जाने वाली बातचीत के तरीके का उपयोग + +पिछले अनुवाद में लक्षित भाषा में उपयुक्त संरचना की बजाय, उन वाक्यों और अर्थपूर्ण संरचनाओं का उपयोग होना चाहिए जो वृहद तौर पर इस्तेमाल की जाने वाली बातचीत में सामान्य हो। इसका मतलब है कि पिछला अनुवाद ऐसे शब्दों का उपयोग करे जो वृहद तौर पर इस्तेमाल की जाने वाली बातचीत में आम हों, लक्षित भाषा में उपयोग होने वाले शब्द नही। पिछला अनुवाद एक जैसे स्वभाव वाले वाक्यों एवं उन्हे जोड़ने वाले शब्दों को दिखाने के लिए ऐसे तरीकों का उपयोग करे जो वृहद तौर पर इस्तेमाल की जाने वाली बातचीत में सामान्य हों। इससे पिछला अनुवाद अनुवाद-जाँचकर्ता के लिए पढ़ने और समझने में आसान होगा। इससे पिछले अनुवाद की जाँच प्रक्रिया भी तेज गति से हो पाएगी। diff --git a/checking/vol2-backtranslation-guidelines/sub-title.md b/checking/vol2-backtranslation-guidelines/sub-title.md new file mode 100644 index 0000000..74a3a8d --- /dev/null +++ b/checking/vol2-backtranslation-guidelines/sub-title.md @@ -0,0 +1,2 @@ +पिछला अनुवाद क्या है? + diff --git a/checking/vol2-backtranslation-guidelines/title.md b/checking/vol2-backtranslation-guidelines/title.md new file mode 100644 index 0000000..116b201 --- /dev/null +++ b/checking/vol2-backtranslation-guidelines/title.md @@ -0,0 +1,2 @@ +पिछला अनुवाद + diff --git a/checking/vol2-backtranslation-kinds/01.md b/checking/vol2-backtranslation-kinds/01.md new file mode 100644 index 0000000..ecf673f --- /dev/null +++ b/checking/vol2-backtranslation-kinds/01.md @@ -0,0 +1,20 @@ + +### पिछला अनुवाद के कितने प्रकार हैं? + +#### मौखिक + +मौखिक अनुवाद वो होता है जो पिछला अनुवादक लक्षित भाषा को पढ़कर या सुनकर, वृहद तौर पर बोली जाने वाली भाषा में अनुवाद-जाँचकर्ता को मँूह जबानी बताता है।वह एक एक कथन कर उसे बताता है या एक बारे में दो कथन भी बता सकता है यदि कथन छोटे हैं। जब अनुवाद जाँचकर्ता कुछ ऐसा सुनता है जिसमें कोर्इ समस्या है, तो वह मौखिक तौर पर बोल रहे पिछले अनुवादक को रोकेगा कि उससे इसके बारे में सवाल पूछ सके। अनुवादक दल के दो या तीन लोग भी मौजूद रहें जिससे कि वे भी अनुवाद के बारे में सवाल का जवाब दे सकें। + +मौखिक पिछला अनुवाद का एक लाभ यह है कि अनुवाद जाँचकर्ता आसानी से पिछले अनुवाद को समझ सकता और पिछले अनुवाद के बारे में जाँचकर्ता के सवाल का जवाब दे सकता है। मौखिक पिछला अनुवाद का एक नुकसान यह है कि पिछले अनुवादक के पास सर्वश्रेष्ट पिछला अनुवाद के शब्दों को सोचने का काफी सीमित समय रहता है और वह शायद अनुवाद का सर्वश्रेष्ठ तरीका बता भी न पाए। यदि पिछला अनुवाद बेहतर तरीके से बताया गया होता तो शायद यह जाँचकर्ता के लिए प्रश्नों को पूछना अनिवार्य नही कर पाता। एक और नुकसान यह है कि जाँचकर्ता के पास पिछला अनुवाद को जाँचने का बहुत कम समय रहता है। उसके पास एक वाक्य को सुनने के बाद और अगला सुनने से पहले कुछ ही सेकण्ड सोचने के मिलते हैं. इसके कारण, वह केवल कुछ ही समस्याओं को ढ़ूँढ़ सकेगा, जबकि यदि उसके पास हर वाक्य के बाद सोचने का मौका मिलता तो अधिक समस्याओं को ढ़ूँढ़ सकता था। + +#### लिखित + +लिखित पिछला अनुवाद दो प्रकार का होता है। अगले भागों में इन दोनों के अंतरों के बारे में बताया जाएगा। मौखिक की बजाय, लिखित पिछला अनुवाद के कर्इ सारे लाभ हैं। पहला, जब पिछला अनुवाद लिखा होता है तो अनुवादक दल उसे पढ़कर देख सकता है कि कहीं पिछले अनुवादक ने अनुवाद के अर्थ को गलत तो नही समझ लिया है। यदि अनुवाद का गलत अर्थ लिख दिया गया है तो निसंदेह, दूसरे पाठक एवं श्रोता भी उसी अर्थ को समझ बैठते हैं इसलिए ऐसी जगहों पर अनुवादक दल जरूरी बदलाव करे। + +दूसरा, जब पिछला अनुवाद लिखा होता है तो अनुवाद जाँचकर्ता अनुवादक दल से मिलने से पहले पिछला अनुवाद को पढ़ सकता और उस अनुवाद से उठने वाले सवालों पर विचार विमर्श कर सकता है। यद्यपि अनुवाद जाँचकर्ता को सवाल पर विचार विमर्श करने की जरूरत न भी हो, उसे अनुवाद के बारे में सोचने का काफी समय मिल जाता है। व्ह अनुवाद से संबंधित अधिक समसयाओं को पहचान सकता और हल निकालने की कोशिश कर सकता है क्योंकि उसके पास अनुवाद के बारे में सोचने का काफी समय मौजूद रहता है। + +तीसरा, जब पिछला अनुवाद लिखा होता है, अनुवाद जाँचकर्ता अनुवादक दल से मुलाकात करने से पहले, अपने सवालों को भी तैयार कर सकता है। यदि मुलाकात से पहले उनके पास समय है या बातचीत का कोर्इ और तरीका मौजूद है तो जाँचकर्ता अपने लिखित सवालों को दल के पास भेज सकता है जिससे उनके पास उन्हे पढ़ने और अनुवाद के अंश को बदलने का समय रहता है यदि जाँचकर्ता को उसमें कोर्इ समस्या नजर आती है। इससे अनुवादक दल और अनुवाद जाँचकर्ता को मुलाकात के दौरान बाइबल के अधिकतम भागों का पुनरावलोकन करने का मौका मिलता है क्योंकि मुलाकता से पहले ही उन्होने कर्इ सारी समस्याओं का हल निकाल लिया होता है। मुलाकात के दौरान, शेष बची समस्याओं पर वे केंद्रित हो सकते हैं। ये अक्सर ऐसी जगह होती हैं, जहाँ अनुवादक दल को जाँचकर्ता का कोर्इ सवाल समझ में नही आया होगा या जाँचकर्ता लक्षित भाषा की किसी चीज को नही समझ पाया होगा और सोचता है कि वहाँ समस्या हो सकती है, परंतु वास्तव में समस्या न भी हो। ऐसे मामले में, मुलाकात के दौरान, अनुवादक दल जाँचकर्ता को उसके बारे में समझा सकता है जो उन्हे समझ नही आया । + +यदि जाँचकर्ता के पास मुलाकात से पहले, अपने सवाल अनुवादक दल को भेजने का समय न हो, वे मुलाकात के दौरान भी वे भागों का अवलोकन कर सकते हैं क्योंकि जाँचकर्ता पिछले अनुवाद को पढ़कर अपने सवालों को तैयार कर चुका होता है। चूँकि उसे तैयारी का यह समय मिल गया था, वह और अनुवादक दल अपने मुलाकात के समय में, अनुवाद को धीरे धीरे पढ़कर पूरा करने की बजाय, जैसा कि मौखिक पिछला अनुवाद में किया जाता है, अनुवाद की समस्याओं पर विचार विमर्श करने में समय बिताए। + +चौथा, लिखित पिछला अनुवाद, अनुवाद जाँचकर्ता के तनाव को कम करता है क्योंकि उसे कर्इ घंटे मौखिक अनुवाद को सुनने और समझने में बिताने की जरूरत नही पड़ती। यदि अनुवाद जाँचकर्ता और अनुवादक दल की मुलाकात किसी शोर से भरे स्थल में होती है तो हर शब्द को बड़े ध्यान से सुनने की कोशिश में ही जाँचकर्ता थक जाएगा। इतनी कोशिश में यह संभव है कि जाँचकर्ता कुछ समस्याओं को समझ ही न पा और परिणामस्वरूप वे गलतियाँ बाइबल के लेख में भी बिना सही किए बनी रहें। इसीलिए, हमारा सुझाव है कि यदि संभव हो, तो लिखित पिछला अनुवाद ही करें। diff --git a/checking/vol2-backtranslation-kinds/sub-title.md b/checking/vol2-backtranslation-kinds/sub-title.md new file mode 100644 index 0000000..6433f3e --- /dev/null +++ b/checking/vol2-backtranslation-kinds/sub-title.md @@ -0,0 +1,2 @@ +एक अच्छा पिछला अनुवाद करने के मार्गनिर्देश क्या क्या हैं? + diff --git a/checking/vol2-backtranslation-kinds/title.md b/checking/vol2-backtranslation-kinds/title.md new file mode 100644 index 0000000..d20f38b --- /dev/null +++ b/checking/vol2-backtranslation-kinds/title.md @@ -0,0 +1,2 @@ +एक अच्छे पिछले अनुवाद को करने के मार्गनिर्देश + diff --git a/checking/vol2-backtranslation-purpose/01.md b/checking/vol2-backtranslation-purpose/01.md new file mode 100644 index 0000000..68a7b76 --- /dev/null +++ b/checking/vol2-backtranslation-purpose/01.md @@ -0,0 +1,8 @@ + +### पिछला अनुवाद जरूरी क्यों है? + +पिछले अनुवाद का मकसद बाइबल के लेख की जाँच करने या जानकारी पाने वाले की लक्षित भाषा के अनुवाद को समझने में मदद करना है, यद्यपि उसे उस भाषा का ज्ञान न भी हो. अत: पिछले अनुवाद की भाषा ऐसी हो जिसे पिछला अनुवाद करने वाला और जाँचकर्ता दोनों अच्छी तरह से समझते हों. इसका अक्सर मतलब होता है कि पिछले अनुवादक को लेख का अनुवाद वृहद समुदाय में बोली जाने वाली उसी भाषा में करना है जिसका उपयोग स्रोत लेख में हुआ था. + +कुछ लोगों को यह अनावश्यक लगे, क्योंकि स्रोत भाषा में बाइबल के लेख पहले से ही मौजूद होते हैं. परंतु याद रखें कि पिछले अनुवाद का मकसद क्या है: जाँचकर्ता की इस बात में मदद करना कि स्रोत भाषा अनुवाद में क्या है. मूलभूत स्रोत भाषा के अनुवाद को केवल पढ़ने से जाँचकर्ता नही समझ पाएगा कि स्रोत भाषा अनुवाद में क्या है. अत: पिछला अनुवादक एक नया अनुवाद पीछे की ओर बड़े समुदाय में बोली जाने वाली भाषा के लिए करे जो लक्षित भाषा अनुवाद पर ही आधारित हो. इसीलिए, पिछला अनुवादक अनुवाद करते वक्त मूल स्रोत लेख को नही देखे, वह केवल लक्षित भाषा लेख को देख सकता है. इस प्रकार, जाँचकर्ता किसी भी समस्या को ढ़ूँढ़ सकता है जो लक्षित भाषा में हो और अनुवादक के साथ मिलकर उसे सही कर सकता है. + +पिछला अनुवाद, जाँचकर्ता के द्वारा अनुवाद की जाँच करने से पहले ही, लक्षित अनुवाद को विकसित करने में भी मदद कर सकता है. जब अनुवादक दल अनुवाद को पढ़ता है, तो वे समझ सकते हैं कि पिछला अनुवादक ने अनुवाद को कैसे समझा है. कभी कभार, पिछला अनुवादक अनुवाद को एक अलग तरीके से समझता है परंतु उसका अर्थ वास्तव में कुछ और होता है. ऐसे मामले में, वे अपना अनुवाद बदल सकते हैं जिससे अर्थ स्पष्ट हो सके और असली अर्थ समझ आ सके. जाँचकर्ता को देने से पहले, यदि अनुवादक दल इस प्रकार पिछला अनुवाद को इस्तेमाल कर सकते हैं, तो वे अपने अनुवाद में आवश्यक बदलाव कर सकते हैं. ऐसा करने पर, जाँचकर्ता अपनी जाँच में गति ला सकते हैं क्योंकि अनुवादक दल ने अनुवाद की कर्इ कमियों को जाँचकर्ता से मिलने से पहले ही सही कर लिया होता है. diff --git a/checking/vol2-backtranslation-purpose/sub-title.md b/checking/vol2-backtranslation-purpose/sub-title.md new file mode 100644 index 0000000..9be52a6 --- /dev/null +++ b/checking/vol2-backtranslation-purpose/sub-title.md @@ -0,0 +1,2 @@ +लिखित पिछला अनुवाद कितने प्रकार के हैं? + diff --git a/checking/vol2-backtranslation-purpose/title.md b/checking/vol2-backtranslation-purpose/title.md new file mode 100644 index 0000000..81bcac7 --- /dev/null +++ b/checking/vol2-backtranslation-purpose/title.md @@ -0,0 +1,2 @@ +पिछले अनुवाद के प्रकार + diff --git a/checking/vol2-backtranslation-who/01.md b/checking/vol2-backtranslation-who/01.md new file mode 100644 index 0000000..f4a1e36 --- /dev/null +++ b/checking/vol2-backtranslation-who/01.md @@ -0,0 +1,8 @@ + +### पिछला अनुवाद कौन कर सकता है? + +एक अच्छा पिछला अनुवाद करने के लिए, एक व्यक्ति में तीन योग्यताएँ होनी चाहिए. + +1. उस स्थल की स्थानीय लक्षित भाषा, पिछला अनुवाद करने वाले व्यक्ति की मातृभाषा होनी चाहिए और उसे समुदाय में बड़े तौर पर बोली जाने वाली भाषा भी आनी चाहिए +1. यह व्यक्ति उस भाषा में तैयार किए गए स्थानीय लक्षित भाषा अनुवाद की किसी भी प्रक्रिया में भाग नही लेने वाला होना चाहिए जिसका वह पिछला अनुवाद करने जा रहा है. इसकी वजह यह है कि यदि स्थानीय लक्षित भाषा को बनाने वाला जानता है कि किस अर्थ के साथ उस अनुवाद को तैयार किया गया है, तो वह उस अर्थ को तैयार किए जाने वाले पिदले अनुवाद में भी डाल देगा जिससे यह अनुवाद भी स्रोत अनुवाद के समान ही लगेगा. परंतु यह हो सकता है कि स्थानीय लक्षित भाषा के अनुवाद में कार्य करने वाला एक स्थानीय भाषा का वक्ता अनुवाद को अलग तरीके से समझे या बिल्कुल भी न समझ पाए. जाँचकर्ता उनके अन्य अर्थों को जानना चाहता है जो स्थानीय लक्षित भाषा अनुवाद से समझ पा रही है ताकि वह अनुवादक दल के साथ मिलकर उन सब जगहों को सही कर सकता है जहाँ कमियाँ नजर आ रही हों. +1. पिछला अनुवाद करने वाला बाइबल को भी अच्छी तरह से जानने वाला न हो. इसका कारण यह है कि पिछले अनुवादक को केवल वही अर्थ देना है जो वह अनुवाद से समझ पा रहा है, दूसरी भाषा में बाइबल को पढ़ने के अपने ज्ञान के अर्थ बिल्कुल भी नही लगाना है. diff --git a/checking/vol2-backtranslation-who/sub-title.md b/checking/vol2-backtranslation-who/sub-title.md new file mode 100644 index 0000000..d08d2d7 --- /dev/null +++ b/checking/vol2-backtranslation-who/sub-title.md @@ -0,0 +1,2 @@ +पिछले अनुवाद की जरूरत क्या है? + diff --git a/checking/vol2-backtranslation-who/title.md b/checking/vol2-backtranslation-who/title.md new file mode 100644 index 0000000..350ec2a --- /dev/null +++ b/checking/vol2-backtranslation-who/title.md @@ -0,0 +1,2 @@ +पिछला अनुवाद का उद्देश्य + diff --git a/checking/vol2-backtranslation-written/01.md b/checking/vol2-backtranslation-written/01.md new file mode 100644 index 0000000..4d80b1c --- /dev/null +++ b/checking/vol2-backtranslation-written/01.md @@ -0,0 +1,10 @@ + +लिखित पिछला अनुवाद के दो प्रकार हैं: + +### अंतर्निहित पिछला अनुवाद + +अंतर्निहित पिछला अनुवाद वह होता है जिसे पिछला अनुवादक लक्षित भाषा अनुवाद के हर शब्द के नीचे लिखता है. इसका परिणाम एक ऐसा लेख होता है जिसमें लक्षित भाषा अनुवाद के हर वाक्य के बाद वृहद बातचीत की भाषा का वाक्य आएगा . इस प्रकार के पिछले अनुवाद का लाभ यह है कि जाँचकर्ता आसानी से देख सकता है कि अनुवादक दल किस प्रकार लक्षित भाषा के हर शब्द का अनुवाद कर रहा है. वह लक्षित भाषा के हर शब्द के स्तर को आसानी से देखकर, तुलना कर सकता है कि इसी शब्द का दूसरी पृश्ठभूमि में किस प्रकार उपयोग हो सकता है. इस प्रकार के पिछले अनुवाद का नुकसान यह है कि वृहद तौर पर बोली जाने वाली भाषा के लेख का हर वाक्य अलग अलग शब्दों के मिश्रण से बनता है. और इससे लेख को पढ़ना और समझना कठिन हो जाता है और पिछला अनुवाद के दूसरे तरीकों की बजाय, इस तरीके से जाँचकर्ता के मन में अधिक प्रश्न और गलतफहमियाँ उत्पé हो सकते हैं. इन्ही कारणों से, हम शब्द के लिए शब्द तरीके के बाइबल के अनुवाद की सिफारिश नही करते हैं. + +### स्वतंत्र पिछला अनुवाद + +स्वतंत्र पिछला अनुवाद वह होता है जिसमें पिछला अनुवादक वृहद तौर बोली जाने वाली भाषा में अनुवाद के बाद एक अंतराल देकर लक्षित भाषा के अनुवाद को लिखता है. इस तरीके का नुकसान यह है कि पिछला अनुवाद लक्षित भाषा के अनुवाद से नजदीकी से जुड़ा नही होता है. ल्ेकिन फिर भी, पिछले अनुवाद के साथ आयतों की संख्याओं को जोड़कर, पिछला अनुवादक बाइबल के पिछले अनुवाद के द्वारा इस नुकसान पर जय पा सकता है. दोनों अनुवादों में आयतों की संख्याओं की मदद से, अनुवाद जाँचकर्ता जान सकता है कि वृहद भाषा का कौनसा भाग लक्षित भाषा के किस भाग से जुड़ा है. इस तरीके का लाभ यह है कि पिछला अनुवादक बातचीत की वृहद भाषा के व्याकरण और शब्दों के क्रम का उपयोग कर सकता है और इससे अनुवाद जाँचकर्ता उसे आसानी से पढ़ और समझ सकता है. वृहद भाषा के व्याकरण एवं शब्दों के क्रम के उपयोग करने के साथ साथ, पिछला अनुवादक यह भी ध्यान रखे कि वह शब्दों का अनुवाद लेख दर लेख के आधार पर ही करे. हम सुझाव देते हैं कि पिछला अनुवादक स्वतंत्र पिछला अनुवाद तरीके का इस्तेमाल करे. diff --git a/checking/vol2-backtranslation-written/sub-title.md b/checking/vol2-backtranslation-written/sub-title.md new file mode 100644 index 0000000..94549ef --- /dev/null +++ b/checking/vol2-backtranslation-written/sub-title.md @@ -0,0 +1,2 @@ +पिछला अनुवाद कौन करे? + diff --git a/checking/vol2-backtranslation-written/title.md b/checking/vol2-backtranslation-written/title.md new file mode 100644 index 0000000..f92e458 --- /dev/null +++ b/checking/vol2-backtranslation-written/title.md @@ -0,0 +1,2 @@ +पिछला अनुवादक + diff --git a/checking/vol2-backtranslation/01.md b/checking/vol2-backtranslation/01.md new file mode 100644 index 0000000..91322ba --- /dev/null +++ b/checking/vol2-backtranslation/01.md @@ -0,0 +1,6 @@ + +### पिछला अनुवाद क्या है? + +पिछला अनुवाद का अर्थ है, स्थानीय स्रोत भाषा के बाइबल के भाग को उससे बड़े समुदाय की भाषा में अनुवाद करना. इसे इसलिए ‘‘पिछला अनुवाद’’ कहा जाता है क्योंकि यह स्थानीय स्रोत भाषा के अनुवाद को बनाने की बजाय, उसकी विपरीत दिशा में किया जाने वाला अनुवाद है. + +पिछला अनुवाद एक सामान्य तरीके से नही किया जाता है क्योंकि इसमें स्वाभाविकता नही होती, जो किसी भी अनुवाद (इस मामले में, बड़े समूह की भाषा) का एक लक्ष्य होता है. इसकी बजाय, इसका लक्ष्य स्थानीय भाषा के अनुवाद के भाव को लिखित तरीके में ही पेश करना है जिसमें बड़े समुदाय में उपयुक्त व्याकरण एवं शब्दों के क्रम का उपयोग किया जा सकता है. इस प्रकार, अनुवाद जाँचकर्ता लक्षित भाषा के लेख में इसके अर्थ को और पिछले अनुवाद को अधिक स्पष्ट तरीके से समझ सकता है और आसानी से पढ़ भी सकता है. diff --git a/checking/vol2-backtranslation/sub-title.md b/checking/vol2-backtranslation/sub-title.md new file mode 100644 index 0000000..9be52a6 --- /dev/null +++ b/checking/vol2-backtranslation/sub-title.md @@ -0,0 +1,2 @@ +लिखित पिछला अनुवाद कितने प्रकार के हैं? + diff --git a/checking/vol2-backtranslation/title.md b/checking/vol2-backtranslation/title.md new file mode 100644 index 0000000..c8bb0db --- /dev/null +++ b/checking/vol2-backtranslation/title.md @@ -0,0 +1,2 @@ +लिखित पिछला अनुवाद के प्रकार + diff --git a/checking/vol2-intro/01.md b/checking/vol2-intro/01.md new file mode 100644 index 0000000..ccce4d1 --- /dev/null +++ b/checking/vol2-intro/01.md @@ -0,0 +1,7 @@ + +हम देख चुके हैं कि कहाँ अनुवादक दल अपने खुद के अनुवाद की कर्इ सारी जाँच करेगा। वे जाँचें उनके कार्य को जाँच स्तर एक तक ले आते हैं। + +स्तर दो और स्तर तीन के लिए, अनुवादक दल अपने कार्य को भाषा समुदाय के सदस्यों और कलीसिया के अगुवों के पास लाए। यह जरूरी है क्योंकि अनुवादक दल अपने कार्य के काफी करीब और उसमें इतने संलग्न है कि कर्इ बार वे स्वयं कमियों को देख नही पाते हैं जो दूसरों की नजर में आसानी से आ जाती हैं। भाषा के अन्य वक्ता उन्हे बोलने के बेहतर तरीकों के बारे में सुझाव दे सकते हैं जिसके बारे में अनुवादक दल ने सोचा नही होगा। कर्इ बार अनुवादक दल अनुवाद को अपरिचित सा बना देता है क्योंकि वे स्रोत भाशा के शब्दों को नजदीकी के साथ इस्तेमाल करता है। भाषा को बोलने वाले दूसरे लोग ऐसी कमियों को दूर करने में कदद कर सकते हैं। इतना ही नही, अनुवादक दल के पास बाइबल ज्ञान या अन्य बातों की जानकारी की कमी होगी जो दूसरों में हो सकती है और इसीलिए उनकी कुछ कमियों को वे दूर कर सकते हैं।इसी कारण, जो लोग अनुवाद का भाग नही हैं, वे ही अनुवाद की जाँच करें। + +इस हस्तपुस्तिका का शेष भाग उन मार्गनिर्देशों को बताएगा जिन्हे कलीसिया के अगुवे स्तर दो और स्तर तीन के तहत अनुवाद को जाँचने में इस्तेमाल कर सकते हैं। + diff --git a/checking/vol2-intro/sub-title.md b/checking/vol2-intro/sub-title.md new file mode 100644 index 0000000..d0e31cc --- /dev/null +++ b/checking/vol2-intro/sub-title.md @@ -0,0 +1,2 @@ +मैं किसी दूसरे के अनुवाद की जाँच क्यों करूँ? + diff --git a/checking/vol2-intro/title.md b/checking/vol2-intro/title.md new file mode 100644 index 0000000..339ce04 --- /dev/null +++ b/checking/vol2-intro/title.md @@ -0,0 +1,2 @@ +अनुवाद की जाँच का परिचय - भाग 2 + diff --git a/checking/vol2-steps/01.md b/checking/vol2-steps/01.md new file mode 100644 index 0000000..b577866 --- /dev/null +++ b/checking/vol2-steps/01.md @@ -0,0 +1,8 @@ + +### एक अनुवाद को जाँचने के कदम + +#### जाँच से पहले + +1. समय से पहले ही जान लें कि आप कौनसी कहानी अथवा बाइबल का भाग जाँचेंगे +1. समझ में आने वाले किसी भी भाषा में कर्इ सारे अनुवादों को पढ़ें, उपलब्ध हो तो मूल भाषा में भी पढ़ने की कोशिश करें + diff --git a/checking/vol2-steps/sub-title.md b/checking/vol2-steps/sub-title.md new file mode 100644 index 0000000..0196c1d --- /dev/null +++ b/checking/vol2-steps/sub-title.md @@ -0,0 +1,2 @@ +दूसरे के अनुवाद की जाँच के कौन कौनसे कदम मैं उठाऊँ? + diff --git a/checking/vol2-steps/title.md b/checking/vol2-steps/title.md new file mode 100644 index 0000000..12f1602 --- /dev/null +++ b/checking/vol2-steps/title.md @@ -0,0 +1,2 @@ +एक अनुवाद को जाँचने के कदम + diff --git a/checking/vol2-things-to-check/01.md b/checking/vol2-things-to-check/01.md new file mode 100644 index 0000000..3592a43 --- /dev/null +++ b/checking/vol2-things-to-check/01.md @@ -0,0 +1,11 @@ + +### कौन कौनसी चीजें जाँचें + +1. आपको जो भी सही नही लगे, पूछें जिससे कि अनुवादक दल उसका वर्णन कर सके। यदि वह उन्हे भी सही नही लगे, तो वे अनुवाद को सही कर सकते हैं। सामान्य तौर पर: + + 1. जाँचें कि कहीं कुछ जोड़ना तो नही है जो स्रोत लेख के अर्थ का भाग नही था । (याद रखें कि मूल अर्थ में [अंतर्निहित सूचना](../../translate/figs-explicit/01.md) भी शामिल है) + 1. जाँचें कि कहीं कुछ गायब तो नही है तो मूल स्रोत लेख का भाग था परंतु अनुवाद में शामिल नही हुआ है। + 1. जाँचें कि कहीं ऐसा अर्थ तो नही आ रहा जो स्रोत लेख के अर्थ से बिल्कुल अलग हो। + +1. यह निश्चित करने के लिए जाँचें कि हर भाग का मुख्य बिन्दु या मुख्य विषय स्पष्ट है। अनुवादक दल से एक भाग का सार कहने को कहें और देखें कि वह स्पष्ट है या नही। यदि आप किसी छोटे बिन्दु को मुख्य बिन्दु के रूप में लेते हैं तो उन्हे उस भाग के अनुवाद में आवश्यक बदलाव करना जरूरी है। +1. जाँचें कि पद्यांशों के विभिé भाग आपस में सही तरीके से जुडे़ हैं - अर्थात लक्षित भाषा में बाइबल पद्यांशों के बीच के जोड़ने वाले, कारण, जोड़, परिणाम, सारांश इत्यादि तथ्य सही तरीके से जुड़े हों। diff --git a/checking/vol2-things-to-check/sub-title.md b/checking/vol2-things-to-check/sub-title.md new file mode 100644 index 0000000..e6cf649 --- /dev/null +++ b/checking/vol2-things-to-check/sub-title.md @@ -0,0 +1,2 @@ +मैं कौन कौनसी चीजें जाँचूं? + diff --git a/checking/vol2-things-to-check/title.md b/checking/vol2-things-to-check/title.md new file mode 100644 index 0000000..bbeec96 --- /dev/null +++ b/checking/vol2-things-to-check/title.md @@ -0,0 +1,2 @@ +जाँच की चीजों के प्रकार + diff --git a/intro/config.yaml b/intro/config.yaml new file mode 100644 index 0000000..7b61ae7 --- /dev/null +++ b/intro/config.yaml @@ -0,0 +1,52 @@ +finding-answers: + recommended: + - process-manual + dependencies: + - ta-intro +gl-strategy: + recommended: + - finding-answers + dependencies: + - uw-intro + - open-license +open-license: + recommended: + - gl-strategy + - translate-source-licensing + dependencies: + - uw-intro + - statement-of-faith + - translation-guidelines +statement-of-faith: + recommended: + - translation-guidelines + - open-license + - translate-source-licensing + dependencies: + - uw-intro +ta-intro: + recommended: + - uw-intro + dependencies: [] +translate-why: + recommended: + - guidelines-intro + - translate-process + dependencies: + - uw-intro + - translate-manual + - translate-whatis +translation-guidelines: + recommended: + - open-license + - translate-manual + - intro-checking + dependencies: + - uw-intro + - statement-of-faith +uw-intro: + recommended: + - statement-of-faith + - gl-strategy + dependencies: + - ta-intro diff --git a/intro/finding-answers/01.md b/intro/finding-answers/01.md new file mode 100644 index 0000000..a023a1b --- /dev/null +++ b/intro/finding-answers/01.md @@ -0,0 +1,12 @@ + +### उत्तर कैसे पाएँ + +प्रश्नों के उत्तरों को खोजने के कर्इ सारी सामग्रियाँ उपलब्ध हैं: + +* ** translationAcademy** - यह प्रशिक्षण हस्तपुस्तिका पर उपलब्ध है और इसमें निम्नलिखित बातों समेत कर्इ सारी जानकारियाँ मौजूद हैं: + * [Introduction](../ta-intro/01.md)) - यह unfoldingWord प्रोजेक्ट का परिचय करवाता है + * [Process Manual](../../process/process-manual/01.md)) - ‘‘आगे क्या’’ नामक प्रश्न का उत्तर देता है + * [Translation Manual](../../translate/translate-manual/01.md)) - अनुवाद के सिद्धांतों और प्रायोगिक अनुवाद की मदद की मूलभूत बातों का वर्णन करता है + * [Checking Manual](../../checking/intro-check/01.md)) - जाँचने के सिद्धांतों और बेहतर प्रयोगों का वर्णन करता है +* **दल चैटरूम** - Team43 दल में शामिल हों, ‘‘हेल्पडेस्क’’ चैनल पर अपने प्रश्न डालें और अपने प्रश्नों का उसी समय जवाब प्राप्त करें (http://ufw.io/team43 पर साइन-अप करें:) +* **हेल्पडेस्क** - अपना प्रश्न इस र्इमेल पर भेजें। diff --git a/intro/finding-answers/sub-title.md b/intro/finding-answers/sub-title.md new file mode 100644 index 0000000..a140706 --- /dev/null +++ b/intro/finding-answers/sub-title.md @@ -0,0 +1,2 @@ +मैं अपने प्रश्नों के उत्तर कहाँ पा सकता हूँ? + diff --git a/intro/finding-answers/title.md b/intro/finding-answers/title.md new file mode 100644 index 0000000..391f4b7 --- /dev/null +++ b/intro/finding-answers/title.md @@ -0,0 +1,2 @@ +उत्तरों की तलाश + diff --git a/intro/gl-strategy/01.md b/intro/gl-strategy/01.md new file mode 100644 index 0000000..5fc8a53 --- /dev/null +++ b/intro/gl-strategy/01.md @@ -0,0 +1,14 @@ + +*इस लेख का मूल वर्ज़न http://ufw.io/gl/ पर उपलब्ध है* + +### वर्णन + +गेटवे भाषा कार्यप्रणाली का लक्ष्य 100 प्रतिशत जनसमूहों को तैयार करना है जो उस बाइबल अंश के द्वारा वैश्विक कलीसिया को बनाते हैं जिसे कॉपीरार्इट प्रतिबंधों के साथ अभिव्यक्त किया गया है और ऐसी भाषा में उपलब्ध करवाया गया है जिन्हे वे (वृहद तौर पर बातचीत के लिए उपयुक्त भाषा) अच्छे से समझते हों और उन्हे प्रतिबंधरहित अनुवाद प्रशिक्षण एवं सामग्रियाँ उपलब्ध कराएँ जिन्हे वे अपनी समझ में आने वाली भाषाओं (खुद की भाषाओं) में अनुवाद कर सकें. ‘‘गेटवे भाषाएँ’’ बड़े समुदाय में अधिकतर लोगो के द्वारा बोली जाने वाली आम भाषा है जिसके माध्यम से उसी भाषा को बोलने वाले द्वितीय स्तर के लोग इन सामग्रियों को पा सकें और अपनी भाषाओं में अनुवाद कर सकें। + +सांसारिक स्तर पर ‘‘गेटवे भाषाएँ’’ भाषाओं की कम से कम संख्या को भी शामिल करती हैं जिनके द्वारा उस सामग्री को, द्विभाषीय वक्ताओं के माध्यम से, हर एक भाषा में उपलब्ध कराया जा सके. उदाहरण के तौर पर, फ्रेंच फ्रेंकोफोन अफ्रिका के एक अल्पसंख्यक समुदाय की एक गेटवे भाषा है जहाँ फ्रेंच में उपलब्ध सामग्री को द्वीभाषियों के द्वारा उनकी भाषा में अनुवाद कर उपलब्ध कराया जा सकता है। + +अंतर्देशीय स्तर पर, एक देश की गेटवे भाषाओं में, वहाँ वृहद बातचीत में उपयोग की जाने वाली कुछ ही भाषाएँ होती हैं और ऐसे में हर अल्पसंख्यक भाषावादियों में द्वीभाषियों की जरूरत देश के लिए होती है (पलायनपरांत बसने वाले नही) जिनकी पहुँच वहाँ की सामग्रियों तक बन सके. उदाहरण के तौर पर, अंग्रेजी उत्तर कोरिया की गेटवे भाषा है और जिससे उत्तरी कोरिया के सारे निवासियों तक अंग्रेजी से उनकी भाषाओं में अनुवाद के द्वारा सामग्रियों को उन तक पहुँचाया जा सकता है। + +### प्रभाव + +इस तरीके के दो प्रभाव है: पहला, संसार की हर भाषा में सामग्री की पहुँच के लिए उनके लेख और मदद के निर्देशों को तैयार कर लेने के बाद, हर भाषा को बल मिलता है कि वे अपनी भाषाओं में सामग्री को ‘‘खींच लें’’। दूसरा, चूँकि यह अनुवाद केवल गेटवे भाषाओं के अनुवाद का की निर्देश देता है, अनुवाद के संख्या पर नियंत्रण बना रहा है। दूसरी सारी भाषाएँ केवल बाइबल के भागों का अनुवाद कर सकती हैं क्योंकि कोर्इ भी भाषा अनुवाद के निर्देशों की समझ के लिए उन पर निर्भर नही रहेगी। diff --git a/intro/gl-strategy/sub-title.md b/intro/gl-strategy/sub-title.md new file mode 100644 index 0000000..a21436d --- /dev/null +++ b/intro/gl-strategy/sub-title.md @@ -0,0 +1,2 @@ +हर भाषा तक कैसे पहूँचा जा सकता है? + diff --git a/intro/gl-strategy/title.md b/intro/gl-strategy/title.md new file mode 100644 index 0000000..0243c96 --- /dev/null +++ b/intro/gl-strategy/title.md @@ -0,0 +1,2 @@ +गेटवे भाषाओं की रणनीति + diff --git a/intro/open-license/01.md b/intro/open-license/01.md new file mode 100644 index 0000000..b30c032 --- /dev/null +++ b/intro/open-license/01.md @@ -0,0 +1,53 @@ + +#### स्वतंत्रता के लिए लाइसेंस + +श्र **हर भाषा में प्रतिबंधरहित सामग्री** पाने के लिए, एक लाइसेंस की जरूरत होती है जो वैश्विक कलीसिया को ‘‘प्रतिबंधरहित’’ पहुँच देती है. हम विश्वास करते हैं कि यह अभियान बेराक बन जाएगा जब कलीसिया की पहुँच प्रतिबंधरहित होगी. [Creative Commons Attribution-ShareAlike 4.0 International License](http://creativecommons.org/licenses/by-sa/4.0/) नामक लाइसेंस बाइबल के लेखों के अनुवाद एवं वितरण के लिए जरूरी हर अधिकार को प्रदान करता एवं निश्चित करता है कि सामग्री सबके उपयोग के लिए खुली हो. यदि कहीं पर इंगित नही है तो पूरी सामग्री CC BY-SA से लाइसेंस प्राप्त है. + +*Door43 का आधिकारिक लाइसेंस https://door43.org/hi/legal/license पर उपलब्ध है* + + +#### Creative Commons Attribution-ShareAlike 4.0 International (CC BY-SA 4.0) + +यह मनुष्य के द्वारा पढ़ा जा सकने वाला [license](http://creativecommons.org/licenses/by-sa/4.0/) का सार है. + + +#### आप ये कर सकते हैं: + +* **बाँट सकते हैं** - प्रतिलिपि बनाना, किसी भी रूप या मीडिया के द्वारा पुन: वितरण करना +* **अपना सकते हैं** - पुन: तैयार करना, बदलना, सामग्री को विकसित करना + +किसी भी मकसद के लिए, व्यवसायिक भी + +यदि आप लाइसेंस की शर्तों को मान रहे हैं तो लाइसेंस देने वाला भी आपको रोक नही सकता + +#### निम्न शर्तों के तहत + +* **संबंध बताएँ (Attribution)** - उचित श्रेय दें, लाइसेंस का लिंक दिखाएँ, यदि बदलाव किया है तो इंगित करें. आप ऐसा किसी भी उचित तरीके से कर सकते हैं, परंतु ऐसे किसी भी तरीके से नही जो लाइसेंस धारक आपको सौंपता है. +* **ऐसा ही बाँटे (ShareAlike)** - यदि आप पुन: तैयार करते हैं, बदलते हैं या पुन: विकसित करते हैं तो आपको इसी लाइसेंस के तहत ही ऐसा करना होगा. +**कोर्इ अतिरिक्त प्रतिबंध नही (No additional restrictions)** श्र + +#### सूचनाएँ: + +आपको सार्वजनिक डोमैन या जहाँ आपको किसी सीमा या प्रतिबंध के साथ उसके उपयोग की अनुमति है, वहाँ पर सामग्री के तत्वों के लिए लाइसेंस के अनुपालन की जरूरत नही है. + +कोर्इ वारंटी नही दी गर्इ है. यह लाइसेंस आपके हर उद्देश्य के लिए आपकी आवश्यकतानुसार कुछ भी करने के लिए नही दिया गया है. उदाहरण के तौर पर, प्रकाशन, गोपनीयता, या नैतिक अधिकार जैसे अन्य अधिकार इस सामग्री के इस्तेमाल को सीमित कर सकते हैं + +उपयक्त कार्य के लिए संबंध जताने के नमूना: “Door43 World Missions Community के द्वारा तैयार की गर्इ मूल सामग्री, पर उपलब्ध एवं Creative Commons Attribution-ShareAlike 4.0 International License के तहत लाइसेंसी (http://creativecommons.org/licenses/by-sa/4.0/). यह कार्य इसके मूल रूप से बदला गया है और मूल लेखकों ने इसे अनुपालित नही किया है. + +### Door43 सहयोगियो का संबंध जताना + +Door43 में कोर्इ भी सामग्री इम्पोर्ट करने के लिए, खुले लाइसेंस के तहत, मूल कार्य के सही संबंध को बताया जाना चाहिए जिसके अंतर्गत यह उपलब्ध है. उदाहरण के तौर पर, ओपन बाइबल कहानियों में उपयोगी कलाकृतियों का स्पष्ट संबंध प्रोजेक्ट के [main page](http://openbiblestories.com) से बताया गया है. + +Door43 के प्रोजेक्टों के सहयोगी सहमत हैं कि हर पृष्ठ के पुनरावलोकन इतिहास पर वर्णित संबंध जताता काफी है** अर्थात Door43 का हर सहयोगी ‘‘ Door43 विश्व मिशन समाज’’ अथवा उससे संबंधिक किसी में सूचीबद्ध हो. हर सहयोगी का योगदान उस कार्य के पुनरावलोकन इतिहास में प्रस्तुत किया जाएगा. + +### स्रोत लेख + +स्रोत लेखों का उपयोग किया जा सकता है यदि उनके पास निम्न में से कोर्इ एक लाइसेंस है: + +* **[CC0 Public Domain Dedication (CC0)]( http://creativecommons.org/publicdomain/zero/1.0/)** +* **[CC Attribution (CC BY)](http://creativecommons.org/licenses/by/3.0/)** +* **[CC Attribution-ShareAlike (CC BY-SA)](http://creativecommons.org/licenses/by-sa/4.0/)** +* **[Free Translate License](http://ufw.io/freetranslate/)** + +अधिक जानकारी के लिए, देखें [Copyrights, Licensing, and Source Texts](../../translate/translate-source-licensing/01.md) + diff --git a/intro/open-license/sub-title.md b/intro/open-license/sub-title.md new file mode 100644 index 0000000..80d0114 --- /dev/null +++ b/intro/open-license/sub-title.md @@ -0,0 +1,2 @@ +unfoldingWord के संबंध में उपयोगकर्ताओं को क्या क्या करने की आजादी है? + diff --git a/intro/open-license/title.md b/intro/open-license/title.md new file mode 100644 index 0000000..9022015 --- /dev/null +++ b/intro/open-license/title.md @@ -0,0 +1,2 @@ +खुला लार्इसेंस + diff --git a/intro/statement-of-faith/01.md b/intro/statement-of-faith/01.md new file mode 100644 index 0000000..95e50db --- /dev/null +++ b/intro/statement-of-faith/01.md @@ -0,0 +1,36 @@ + +*इस लेख का आधिकारिक वर्ज़न http://ufw.io/faith/ पर उपलब्ध है* + +*निम्नलिखित विश्वास मत, अन्फोल्डिन्ग वर्ड [unfoldingWord](https://unfoldingword.org/) सभी सदस्य संगठनों एवं सहयोगियों के द्वारा प्रमाणित है. यह निम्नलिखित ऐतिहासिक विश्वासा कथनों के साथ भी सहमति दिखाता है: अपोस्टल्स क्रीड [Apostles’ Creed](https://git.door43.org/Door43/en_creeds/src/master/content/apostles.md), नाइसियन क्रीड [Nicene Creed](https://git.door43.org/Door43/en_creeds/src/master/content/nicene.md), और अथेनेशियन क्रीड [Athanasian Creed](https://git.door43.org/Door43/en_creeds/src/master/content/athanasian.md); और लौसेने कवनेन्ट [Lausanne Covenant](http://www.lausanne.org/en/documents/lausanne-covenant.html) भी।* + +हम विश्वास करते हैं कि मसीही विश्वास दो भागों, **अत्यावश्यक विश्वास** **सतही विश्वास** में विभाजित हो सकता और होना चाहिए (रोमियों 14). + +#### अत्यावश्यक विश्वास + +अत्यावश्यक विश्वास ही यीशु मसीह के अनुयार्इयों को परिभाषित करता है जो किसी भी प्रकार का समझौता या नजरअंदाज करने को तैयार नही होता है + +* हम विश्वास करते हैं कि बाइबल प्रेरित, अचूक, पर्याप्त, आधिकारिक परमेश्वर का वचन है (1 थिस्सलूनिकियों 2:13; 2 तिमुथियुस 3:16-17) + +* gम विश्वास करते हैं कि परमेश्वर एक और तीन व्यवक्तित्वों में विद्यमान है: पिता परमेश्वर, पुत्र यीशु मसीह और पवित्र आत्मा (मती 28:19; यूहéा 10:30) + +* हम यीशु मसीह की र्इश्वरीयता पर विश्वास करते हैं (यूहéा 1:1-4; फिलिप्पियों 2:5-11; 2 पतरस 1:1) + +* हम यीशु मसीह की मानवीयता, कुँवारी के द्वारा उनका जन्म, पापरहित जीवन, उसके चमत्कार, लहू बहाकर, प्रायश्चित के रूप में एवं हमारे बदले में ली गर्इ उसकी मौत, सशरीर पुनरूत्थान और पिता के दाहिने ओर उसके स्वर्गारोहण पर विश्वास करते हैं (मती 1:18,25; 1 कुरिन्थियों 15:1-8; इब्रानियों 4:15; प्रेरितों के काम 1:9-11; 2:22-24) + +* हम विश्वास करते हैं कि हर व्यक्ति पैदायशी से पापी है और अनंत नरक के योग्य है। (रोमियों 3:23; यशायाह 64:6-7) + +* हम विश्वास करते हैं कि पाप से उद्धार परमेश्वर का वरदान है जो यीशु मसीह की बलिदानी मृत्यु और पुनरूत्थान के द्वारा उपलब्ध करवाया गया और विश्वास से अनुग्रह ही के द्वारा प्राप्त किया जाता है, कमोर्ं से नही। (यूहéा 3:16; 14:6; इफिसियों 2:8-9; तीतुस 3:3-7) + +* हम विश्वास करते हैं कि सच्चा विश्वास पश्चाताप और पवित्रात्मा के द्वारा नयेपन के साथ जुड़ा होता है (याकुब 2:14-26; यूहéा 16:5-17; रोमियों 8:9) + +* हम पवित्रात्मा की वर्तमान सेवकार्इ में विश्वास करते हैं जो यीशु मसीह के अनुयार्इयों के अंदर बसता और उन्हे दैवीय जीवन जीने का बल देता है (यूहéा 14:15-26; इफिसियों 2:10; गलातियों 5:16-18) + +* हम प्रभु यीशु मसीह में, सब राष्ट्रों, भाषाओं और जनसमूहों के सभी विश्वासियों की एकता पर विश्वास करते हैं (फिलिप्पियों 2:1-4; इफिसियों 1:22-23; 1 कुरिन्थियों 12:12,27) + +* हम यीशु मसीह के व्यक्तिगत एवं सशरीर पुनरागमन पर विश्वास करते हैं (मती 24:30; प्रेरितों के काम 1:10-11) + +* हम उद्धार पाए हुओं एवं खो हुओं, दोनों प्रकार के लोगों के पुनरूत्थान पर विश्वास करते हैं; उद्धार नही पाए हुए नरक में अनंत नाश के लिए एवं उद्धार पाए हुए परमेश्वर के साथ अनंत स्वर्ग की आशीषों को पाने के लिए पुनरूत्थान पाएँगे (इब्रानियों 9:27-28; मती 16:27; यूहéा 14:1-3; मती 25:31-46) + +#### सतही विश्वास + +सतही विश्वास बाकी सब कुछ है जो वचन में है परंतु इनसे मसीह के सच्चे अनुयार्इ असहमत हो सकते हैं (उदा0 बपतिस्मा, प्रभुभोज, उठाया जाना इत्यादि) . हम इन विषयों पर सहमति के साथ, असहमति जताने के लिए सहमत होते हैं और एक साथ मिलकर, हर जनसमूह में से चेलों के बनाने के अंतरिम लक्ष्य की ओर अग्रसर होते हैं (मती 28:18-20). diff --git a/intro/statement-of-faith/sub-title.md b/intro/statement-of-faith/sub-title.md new file mode 100644 index 0000000..a452238 --- /dev/null +++ b/intro/statement-of-faith/sub-title.md @@ -0,0 +1,2 @@ +हम क्या विश्वास करते हैं? + diff --git a/intro/statement-of-faith/title.md b/intro/statement-of-faith/title.md new file mode 100644 index 0000000..256693d --- /dev/null +++ b/intro/statement-of-faith/title.md @@ -0,0 +1,2 @@ +विश्वास कथन + diff --git a/intro/ta-intro/01.md b/intro/ta-intro/01.md new file mode 100644 index 0000000..04ef682 --- /dev/null +++ b/intro/ta-intro/01.md @@ -0,0 +1,11 @@ + +### ट्रांसलेशन अकेडमी (translationAcademy) में आपका स्वागत है + +‘‘ट्रांसलेशन अकेडमी’’ का लक्ष्य हर एक को, हर जगह पर स्वयं निपुण बनाना है कि वह बाइबल की सामग्रियों का अपनी भाषा में उच्चस्तरीय अनुवाद कर सके। ट्रांसलेशन अकेडमी अपने आप में बहुत ही लचीली है. इसका उपयोग एक क्रमबद्ध, समय-पूर्व पहल अथवा समय-के-अंतर्गत प्रशिक्षण, के लिए (अथवा दोनों के लिए) इस्तेमाल किया जा सकता है. इसकी संरचना प्रमापीय अथवा माप-दर-माप है. + +ट्रांसलेशन अकेडमी में निम्न भाग हैं: + +* [Introduction](../ta-intro/01.md) परिचय - ट्रांसलेशन अकेडमी एवं अन्फॉल्डिन्ग वर्ड का परिचय +* [Process Manual](../../process/process-manual/01.md) प्रक्रिया पुस्तिका - यह ‘‘आगे क्या’’ का उत्तर देता है +* [Translation Manual](../../translate/translate-manual/01.md) अनुवाद पुस्तिका - अनुवाद के मूलभूत सिद्धांतों एवं प्रायोगिक अनुवाद के तरीकों को बताता है +* [Checking Manual](../../checking/intro-check/01.md) जाँच पुस्तिका - मूलभूत जाँच सिद्धांतों एवं सर्वश्रेष्ठ प्रयोगों के बारे में बताता है diff --git a/intro/ta-intro/sub-title.md b/intro/ta-intro/sub-title.md new file mode 100644 index 0000000..48eba4b --- /dev/null +++ b/intro/ta-intro/sub-title.md @@ -0,0 +1,2 @@ +translationAcademy क्या है? + diff --git a/intro/ta-intro/title.md b/intro/ta-intro/title.md new file mode 100644 index 0000000..edc8932 --- /dev/null +++ b/intro/ta-intro/title.md @@ -0,0 +1,2 @@ +translationAcademy का परिचय + diff --git a/intro/toc.yaml b/intro/toc.yaml new file mode 100644 index 0000000..8b74907 --- /dev/null +++ b/intro/toc.yaml @@ -0,0 +1,25 @@ +title: "Table of Contents" +sections: + - title: "Introduction to translationAcademy" + link: ta-intro + + - title: "Why We Translate the Bible" + link: translate-why + + - title: "The unfoldingWord Project" + link: uw-intro + + - title: "Statement of Faith" + link: statement-of-faith + + - title: "Translation Guidelines" + link: translation-guidelines + + - title: "Open License" + link: open-license + + - title: "Gateway Languages Strategy" + link: gl-strategy + + - title: "Finding Answers" + link: finding-answers \ No newline at end of file diff --git a/intro/translate-why/01.md b/intro/translate-why/01.md new file mode 100644 index 0000000..b6ecde3 --- /dev/null +++ b/intro/translate-why/01.md @@ -0,0 +1,12 @@ + +ट्रांसलेशन अकेडमी का उद्देश्य आपको बाइबल अनुवादक बनने का प्रशिक्षण देना है. अपने लोगों को यीशु मसीह के चेले बनाने के लिए अपनी भाषा में परमेश्वर के वचन का अनुवाद करना एक महत्वपूर्ण कार्य है. आपको इस कार्य के लिए समर्पित होना है, अपनी जिम्मेदारियाँ गम्भीरता से लेनी हैं, और परमेश्वर से मदद के लिए प्रार्थना करनी है. + +परमेश्वर ने बाइबल में हमसे बात की है. उसने बाइबल के लेखकों को इब्री, अरामिक और यूनानी भाषा में परमेश्वर का वचन लिखने के लिए प्रेरित किया. 40 विभिé लेखकों ने 1400 र्इसापूर्व से लेकर र्इस्वी सन् 100 तक बाइबल के भागों को लिखा. इन लेखों को मध्यपूर्व, उत्तरी अफ्रीका और यूरोप महाद्वीपों में लिखा गया. उन भाषाओं में अपने वचन को लिखने के द्वारा, परमेश्वर ने निश्चित किया कि उस समय के लोग उन भाषाओं को समझ सकें. + +आज, आपके देश के लोग इब्री, अरामिक और यूनानी भाषा नही जानते हैं. उनकी भाषाओं में अनुवाद करने से, वे भी इन्हे समझ सकते हैं. + +‘‘मातृ भाषा’ या ‘दिल की भाषा’ का मतलब वो भाषा है जो किसी व्यक्ति ने बचपन में पहली बार बोली थी या जिसे वे अपने घर में इस्तेमाल करते हैं. इस भाषा में वे आराम महसूस करते और अपने दिल के गहरे विचार प्रकट करते हैं. हम चाहते हैं कि हर एक व्यक्ति अपने दिल की भाषा में परमेश्वर का वचन पढ़े. + +हर भाषा बहुमूल्य एवं महत्वपूर्ण है. छोटी भाषाएँ भी आपके देश में बोली जाने वाली राष्ट्रीय भाषा के समान ही महत्वपूर्ण हैं और वे भी अच्छी तरह से अर्थ बता सकती हैं. कोर्इ भी अपनी भाषा बोलने में शर्म महसूस न करे. कर्इ बार, अल्पसंख्यक समूह के लोग अपनी भाषाओं के प्रति शर्म महसूस करते हैं और समूह के बहुसंख्यकों के सामने उस भाषा को बालते नही हैं. परंतु कुछ भी ऐसा नही है कि राष्ट्रीय भाषा में स्थानीय भाषा से अधिक महत्वपूर्ण, अधिक प्रसिद्ध या अधिक शिक्षित कुछ है. हर भाषा में अर्थ की सूक्ष्मताएँ एवं प्रकार हैं जो अपने आप में विशेष होते हैं. हम उस भाषा का उपयोग करें जिसमें हम सबसे ज्यादा आराम महसूस करते और दूसरों से उस भाषा में अच्छी तरह से बात कर सकते हैं. + +*श्रेय: टोड प्राइस, Ph.D की ‘‘बाइबल ट्रांसलेशन थियोरी एण्ड प्रैक्टिस’’ से लिया गया। CC BY-SA 4.0* diff --git a/intro/translate-why/sub-title.md b/intro/translate-why/sub-title.md new file mode 100644 index 0000000..3382d21 --- /dev/null +++ b/intro/translate-why/sub-title.md @@ -0,0 +1,2 @@ +हम बाइबल का अनुवाद क्यों करें? + diff --git a/intro/translate-why/title.md b/intro/translate-why/title.md new file mode 100644 index 0000000..1c5e24f --- /dev/null +++ b/intro/translate-why/title.md @@ -0,0 +1,2 @@ +हम बाइबल का अनुवाद क्यों करते हैं? + diff --git a/intro/translation-guidelines/01.md b/intro/translation-guidelines/01.md new file mode 100644 index 0000000..086bf53 --- /dev/null +++ b/intro/translation-guidelines/01.md @@ -0,0 +1,26 @@ + +*इस सामग्री का आधिकारिक वर्ज़न http://ufw.io/guidelines/ पर उपलब्ध है* + +*अनुवाद में इस्तेमाल किए जाने वाले निम्न सिद्धांतों और प्रक्रियाओं का अनुपालन unfoldingWord प्रोजेक्ट के सभी सदस्य संगठन एवं सहयोगी करते हैं (देखें https://unfoldingword.org). अनुवाद की सभी गतिविधियाँ इन निर्देशों के आधार पर होती हैं* + +1. **सटीक** - सटीकता से अनुवाद करें, मूल अर्थ में किसी भी प्रकार का बदलाव, भटकाव या जोड़ न हो. अनुवाद की गर्इ सामग्री पुरी विश्वसनीयता के साथ मूल अर्थ को संपूर्ण तरीके से प्रदर्शित करे, ठीक उसी प्रकार जैसा इसके मूल श्रोताओं ने समझा था ([Create Accurate Translations](../../translate/guidelines-accurate/01.md) देखें) +1. **स्पष्ट** - भाषा की किसी भी संरचना का उपयोग कर, उच्चस्तरीय समझ को प्रदर्शित करें. इसमें एक लेख को पुन: व्यवस्थित करना, मूल अर्थ को स्पष्टता के साथ समझाने के लिए अधिक से अधिक शब्दों का उपयोग करना इत्यादि शामिल है (देखें [Create Clear Translations](../../translate/guidelines-clear/01.md)) +1. **स्वाभाविक** - भाषा के ऐसे रूपों का उपयोग करना जो प्रभावशाली हों और आपकी भाषा की पृष्ठभूमि में उचित हों ([Create Natural Translations](../../translate/guidelines-natural/01.md) देखें) +1. **विश्वसनीय** - अपने अनुवाद में कसी भी प्रकार राजनैतिक, संगठनात्मक, वैचारिक, सामाजिक, सांस्कृतिक अथवा धर्मवैज्ञानिक भाव को प्रदर्शित न होने दें. ऐसे कथनों का उपयोग करें जो मूल बाइबलीय भाषा के अक्षरों के प्रति विश्वसनीय हों. बइबलीय शब्दों के लिए समान रूप के भाषा के शब्दों का उपयोग करें जो परमेश्वर पिता और पुत्र परमेश्वर के रिश्ते को प्रकट करते हों. जरूरत पड़े तो नीचे लिखी टिप्पणियों अथवा अतिरिक्त लेखों में इनका वर्णन किया जा सकता है। ([Create Faithful Translations](../../translate/guidelines-faithful/01.md) देखें) +1. **आधिकारिक** - मूल भाषा के बाइबलीय लेखों का उपयोग बाइबल के लेखों के लिए उच्चस्तरीय आधिकारिक मापदण्ड के तौर पर करें. दूसरी भाषाओं के भरोसेमंद बाइबलीय लेखों का उपयोग स्पष्टता के लिए एवं स्रोत के बीच के लिए किया जा सकता है ([Create Authoritative Translations](../../translate/guidelines-authoritative/01.md) देखें) +1. **ऐतिहासिक** - ऐतिहासिक घटनाओं और तथ्यों को एकदम सही बताएँ, जरूरी हो तो अतिरिक्त जानकारी भी दें जिससे कि उस प्रकार की प्रष्ठभूमि अथवा संस्कृति से अंजान लोग भी मूल श्रोताओं के समान ही, उन बातों को अच्छी तरह से जान सकें। ([Create Historical Translations](../../translate/guidelines-historical/01.md) देखें) +1. **समान** - सामग्री को मूल सामग्री के समान ही प्रस्तुत करें जिसमें भाव एवं व्यवहार भी समान हों. जितना संभव हो, मूल लेख के विभिé साहित्यों को ऐसा ही रखें जैसे कि कथा, कविता, प्रचार, भविष्यद्वाणी और उन्हे अपनी भाषा में समान तरीके से प्रस्तुत करें ([Create Equal Translations](../../translate/guidelines-equal/01.md)) देखें) + +### अनुवाद गुणवत्ता की पहचान एवं संचालन + +अनुवाद की गुणवत्ता सामान्य तौर पर मूल लेख के अर्थ के अनुवाद में सत्यनिष्ठा से संबंधित है, अनुवाद उक्त भाषा के लोगों के लिए किस हद तक समझने योग्य और प्रभावशाली है. हमारे द्वारा सुझार्इ गर्इ कार्यप्रणाली में अनुवाद के रूप और वार्तालाप के गुण को जाँचने की प्रक्रिया शामिल है, साथ ही साथ, उस जनसमूह में विद्यमान कलीसिया के साथ उस अनुवाद की गुणवत्ता जो जाँचा जाता है. + +ये कदम अनुवाद प्रोजेक्ट की भाषा और माहौल के आधार पर बदल भी सकते हैं. आम तौर पर, हम अनुवाद को अच्छा तब मानते हैं जब उसे भाषा समुदाय के लोगों और उस समुदाय में उपस्थित कलीसिया के अगुवों के द्वारा पुनरावलोकन कर लिया जाए. + +1. **सटीक, स्पष्ट, स्वाभाविक एवं समान** -उक्त जनसमूह में उपस्थित कलीसिया के द्वारा निर्धारित मापदण्डों के आधार पर, अनुवाद उसकी मूलप्रति के वास्तविक अर्थ के प्रति पूरा विश्वसनीय एवं वैश्विक तथा ऐतिहासिक कलीसिया के अनुरूप हो +1. **कलीसिया के द्वारा पुष्टि** - कलीसिया के द्वारा मान्य एवं उपयोग की जा सकने वाला ([Create Church-Approved Translations](../../translate/guidelines-church-approved/01.md) देखें) + +हम सिफारिश करते हैं कि अनुवाद निम्न प्रकार का हो: + +1. **सहयोगपूर्ण** - जहाँ संभव हो, आपकी भाषा को बोलने वाले दूसरे विश्वासियों के साथ मिलकर अनुवाद, जाँच और अनुवाद किय गए लेख का वितरण करें और निश्चित करें कि यह उच्चतर गुणवाला एवं अधिकतम लोगों तक पहुँचने वाला हो। ([Create Collaborative Translations](../../translate/guidelines-collaborative/01.md) देखें) +1. **निरंतर** - अनुवाद का कार्य कभी भी पूरी तरह से समाप्त नही होता है. भाषा में निपुध लोगों को प्रोत्साहित करें कि जहाँ भी उन्हे लगे कि कुद सही करना जरूरी है, वे उन बातों को कहने का बेहतर तरीका आपको बताएँ. अनुवाद में आर्इ कमी को दिखते ही दूर करना जरूरी है. साथ ही साथ, अनुवाद का समय समय पर पुनरावलोकन भी होता रहे जब भी इसकी जरूरत महसूस हो. हम सुझाव देते हैं कि हर भाषा समुदाय एक ‘‘अनुवाद समिति’’ का गठन करे तो इस निरंतर कार्य पर नजर रख सके. अन्फॉल्डिन्ग वर्ड की ऑनलाइन सामग्रियों के इस्तेमाल से, अनुवाद में बदलावों को आसानी से एवं जल्दी किया जा सकता है ([Create Ongoing Translations](../../translate/guidelines-ongoing/01.md) देखें) diff --git a/intro/translation-guidelines/sub-title.md b/intro/translation-guidelines/sub-title.md new file mode 100644 index 0000000..ba299a1 --- /dev/null +++ b/intro/translation-guidelines/sub-title.md @@ -0,0 +1,2 @@ +हम किन सिद्धांतों से अनुवाद करते हैं? + diff --git a/intro/translation-guidelines/title.md b/intro/translation-guidelines/title.md new file mode 100644 index 0000000..2c545d5 --- /dev/null +++ b/intro/translation-guidelines/title.md @@ -0,0 +1,2 @@ +अनुवाद मार्गनिर्देश + diff --git a/intro/uw-intro/01.md b/intro/uw-intro/01.md new file mode 100644 index 0000000..d20042f --- /dev/null +++ b/intro/uw-intro/01.md @@ -0,0 +1,34 @@ + +अन्फॉल्डिन्ग वर्ड प्रोजेक्ट का अस्तित्व इसलिए है कि हम **हर भाषा में प्रतिबंधरहित बाइबल के अंश** देखना चाहते हैं. + +यीशु मसीह ने हर जनसमूह में से ‘चेलों’ को बनाने की आज्ञा दी + +> ‘‘यीशु उनके पास आया और उनसे कहा, ‘‘स्वर्ग और पृथ्वी का सारा अधिकार मुझे दिया गया है’’। इसलिये तुम जाकर सब जातियों के लोगों को चेला बनाओ। और उन्हें पिता और पुत्र और पवित्रात्मा के नाम से बपतिस्मा दो। और उन्हें सब बातें जो मैं ने तुम्हें आज्ञा दी है, मानना सिखाओ. और देखो, मैं जगत के अन्त तक सदैव तुम्हारे संग हूं। (मती 28:18-20) + +ळमें वायदा मिला है कि हर भाषा के लोग स्वर्ग में मौजूद होंगे। + +> ‘‘इसके बाद मैंने दृष्टि की, और देखो, हर एक जाति, और कुल, और लोग और भाषा में से एक ऐसी बड़ी भीड़, जिसे कोर्इ गिन नहीं सकता था, ... सिंहासन और मेम्ने के सामने खड़ी है।’’ (प्रकाशितवाक्य 7:9) + +किसी के दिल की भाषा में परमेश्वर के वचन को समझना बहुत महत्वपूर्ण है: + +> ‘‘सो विश्वास सुनने से, और सुनना मसीह के वचन से होता है।’’ (रोमियों 10:17) + +### ये कैसे करें? + +**हर भाषा में प्रतिबंधरहित बाइबल के अंश** नामक लक्ष्य को हम कैसे पूरा करें? + +* [unfoldingWord Network](https://unfoldingword.org/network/) अन्फॉल्डिन्ग वर्ड नेटवर्क - समान मन वाले दूसरे संगठनों के साथ भागिदारी के द्वारा +* [Statement of Faith](../statement-of-faith/01.md) विश्वास कथन - समान विश्वास वाले लोगों के साथ कार्य करने के द्वारा +* [Translation Guidelines](../translation-guidelines/01.md) अनुवाद मार्गनिर्देश - समान अनुवाद सिद्धांत का उपयोग करने के द्वारा +* [Open License](../open-license/01.md) ऑपन लाइसेंस - हमारे द्वारा बनार्इ गर्इ हर चीज को ऑपन लाइसेंस के तहत सबके लिए उपयोगयोग्य बनाना +* [Gateway Languages Strategy](../gl-strategy/01.md) गेटवे भाषा कार्यप्रणाली - बाइबल के लेखों को ज्ञात भाषा से अनुवाद करने के लिए उपलब्ध बराना + + +### हम क्या करें? + +* **रूपरेखा** - हम मुफ्त और प्रतिबंधरहित बाइबल अंश तैयार करते और बनाते और अनुवाद के लिए उपलब्ध कराते हैं। सामग्रियों और अनुवाद की संपूर्ण सूची के लिए, देखें http://ufw.io/content/ । कुछ नमूने निम्न हैं: + * **ऑपन बाइबल कहानियाँ** - सुसमाचार प्रचार के लिए, सृष्टि से लेकर प्रकाशितवाक्य तक, समयानुक्रम में 50 मुख्य कहानियों का संग्रह प्रिंटिंग, ऑडियों और वीडियो रूप में उपलब्ध है (देखें ) + * **दी बाइबल** - परमेश्वर का प्रेरित, अचूक, पर्याप्त और आधिकारिक वचन ऑपन लाइसेंस के तहत प्रतिबंधरहित अनुवाद, इस्तेमाल एवं वितरण के लिए उपलब्ध कराना (देखें http://ufw.io/bible/) + * **अनुवाद लेख** - अनुवादकों के लिए भाषात्मक, सांस्कृतिक एवं पद-दर-पद मदद। वे ऑपन बाइबल कहानियों और बाइबल के लिए मौजूद हैं (देखें http://ufw.io/tn/) + * **अनुवाद प्रश्न** - हर लेख के लिए प्रश्नों को उपलब्ध करना जिसके इस्तेमाल से अनुवादक और जाँचकर्ता जान सकते हैं कि अनुवाद समझ के योग्य एवं सही है या नही +वे ऑपन बाइबल कहानियों और बाइबल के लिए मौजूद हैं (देखें http://ufw.io/tq/) diff --git a/intro/uw-intro/sub-title.md b/intro/uw-intro/sub-title.md new file mode 100644 index 0000000..dc4b525 --- /dev/null +++ b/intro/uw-intro/sub-title.md @@ -0,0 +1,2 @@ +अन्फॉल्डिंग वर्ड प्रोजेक्ट क्या है? + diff --git a/intro/uw-intro/title.md b/intro/uw-intro/title.md new file mode 100644 index 0000000..5c2d00e --- /dev/null +++ b/intro/uw-intro/title.md @@ -0,0 +1,2 @@ +अन्फोल्डिंग वर्ड परियोजना + diff --git a/manifest.yaml b/manifest.yaml new file mode 100644 index 0000000..0da9a39 --- /dev/null +++ b/manifest.yaml @@ -0,0 +1,77 @@ +dublin_core: + conformsto: 'rc0.2' + contributor: + - 'Cdr.Thomas Mathew' + - 'Dr.Bobby Chellappan' + - 'Hind Prakash' + - 'Shojo John' + - 'Sunny' + - 'Vipin' + creator: 'Door43 World Missions Community' + description: 'A modular handbook that provides a condensed explanation of Bible translation and checking principles that the global Church has implicitly affirmed define trustworthy translations. It enables translators to learn how to create trustworthy translations of the Bible in their own language.' + format: 'text/markdown' + identifier: 'ta' + issued: '2019-01-29' + language: + identifier: hi + title: 'हिन्दी, हिंदी' + direction: ltr + modified: '2019-01-29' + publisher: 'Door43' + relation: + - 'hi/ulb' + - 'hi/udb' + - 'hi/tn' + - 'hi/tq' + - 'hi/tw' + - 'hi/obs' + - 'hi/obs-tn' + rights: 'CC BY-SA 4.0' + source: + - + identifier: 'ta' + language: 'en' + version: '10' + subject: 'Translation Academy' + title: 'translationAcademy' + type: 'man' + version: '10.1' + +checking: + checking_entity: + - 'BCS' + checking_level: '3' + +projects: + - + categories: + - 'ta' + identifier: 'intro' + path: './intro' + sort: 0 + title: 'Introduction to translationAcademy' + versification: + - + categories: + - 'ta' + identifier: 'process' + path: './process' + sort: 1 + title: 'Process Manual' + versification: + - + categories: + - 'ta' + identifier: 'translate' + path: './translate' + sort: 2 + title: 'Translation Manual' + versification: + - + categories: + - 'ta' + identifier: 'checking' + path: './checking' + sort: 3 + title: 'Checking Manual' + versification: diff --git a/process/config.yaml b/process/config.yaml new file mode 100644 index 0000000..ca1177b --- /dev/null +++ b/process/config.yaml @@ -0,0 +1,65 @@ +intro-publishing: + recommended: [] + dependencies: + - prechecking-training +intro-share: + recommended: + - share-content + dependencies: + - intro-publishing +platforms: + recommended: + - setup-ts + - pretranslation-training + dependencies: + - process-manual + - file-formats +prechecking-training: + recommended: + - intro-check + - goal-checking + - required-checking + dependencies: + - pretranslation-training +pretranslation-training: + recommended: + - choose-team + - translate-source-text + - translate-alphabet + - writing-decisions + - translation-difficulty + dependencies: + - translate-process + - translate-why +process-manual: + recommended: [] + dependencies: + - finding-answers +required-checking: + recommended: + - intro-publishing + dependencies: + - prechecking-training +setup-team: + recommended: + - choose-team + - qualifications + - translate-source-text + - translate-alphabet + - writing-decisions + - translation-difficulty + dependencies: + - translate-process +setup-ts: + recommended: [] + dependencies: + - platforms +share-content: + recommended: [] + dependencies: + - intro-share +source-text-process: + recommended: + - intro-share + dependencies: + - intro-publishing diff --git a/process/intro-publishing/01.md b/process/intro-publishing/01.md new file mode 100644 index 0000000..c056641 --- /dev/null +++ b/process/intro-publishing/01.md @@ -0,0 +1,11 @@ + +### प्रकाशन समीक्षा + +Door43 में कार्य के अपलोड हो जाने के तुरंत बाद, यह स्वत: ही आपके यूज़र अकाऊंट के तहत उपलब्ध हो जाता है। इसका उल्लेख स्व-प्रकाशन के तौर पर होता है। आप अपने प्रोजेक्ट के वेब वजऱ्न को http://door43.org/u/user_name/project_name पर पा सकते हैं (जहाँ user_name आपका यूज़र नेम और project_name आपके अनुवाद का प्रोजक्ट होगा)। अपलोड करते वक्त translationStudio ऐप आपको सही लिंक दे देगा। आप सभी कार्यों को http://door43.org पर भी देख सकते हैं। + +Door43 प्रोजेक्ट पेज से, आप: + +* अपने प्रोजेक्ट के वेब वर्ज़न को उसके वितथ संरूपण (डिफॉल्ट फॉमेंटिंग) में देख सकते हैं +* अपने प्रोजेक्ट के कार्य को डाऊनलोउ कर सकते हैं (जैसे कि पी.डी.एफ.) +* अपने प्रोजक्ट की स्रोत फाइलों (USFM) के लिंक को पा सकते हैं। +* अपने प्रोजेक्ट के बारे में दूसरों से बातचीत कर सकते हैं। diff --git a/process/intro-publishing/sub-title.md b/process/intro-publishing/sub-title.md new file mode 100644 index 0000000..f07ba77 --- /dev/null +++ b/process/intro-publishing/sub-title.md @@ -0,0 +1,2 @@ +प्रकाशन क्या है? + diff --git a/process/intro-publishing/title.md b/process/intro-publishing/title.md new file mode 100644 index 0000000..62d8d7e --- /dev/null +++ b/process/intro-publishing/title.md @@ -0,0 +1,2 @@ +प्रकाशन का परिचय + diff --git a/process/intro-share/01.md b/process/intro-share/01.md new file mode 100644 index 0000000..9664d48 --- /dev/null +++ b/process/intro-share/01.md @@ -0,0 +1,16 @@ + +### वितरण समीक्षा + +सामग्री बेअर्थ होगी यदि इसे वितरित या उपयोग नही किया जाए। Door43 अनुवाद एवं प्रकाशन मंच के उपयोग का एक लाभ यह है कि यह इसका वितरण करने के कर्इ परंतु आसान तरीके उपलब्ध कराता है। + +### ऑपन लाइसेंस + +सामग्री के वितरण को प्रोत्साहित करने वाला सबसे बड़ा तथ्य ऑपन लाइसेंस [Open License](../../intro/open-license/01.md) है जो Door43 की सभी सामग्रियों के लिए उपयोग किया जाता है। यह लाइसेंस हर एक को निम्न कार्य की आजादी देता है: + +* **बाँटें** - किसी भी रूप में सामग्री की प्रतिलिपियाँ बनाएँ या वितरित करें +* **अपनाएँ** - सामग्री को पुन: मिलाएँ, परिवर्तित करें या विकसित करें + +किसी भी मकसद के लिए, व्यवसायिक भी। + +लाइसेंस की शर्तों के अंतर्गत। + diff --git a/process/intro-share/sub-title.md b/process/intro-share/sub-title.md new file mode 100644 index 0000000..7341de5 --- /dev/null +++ b/process/intro-share/sub-title.md @@ -0,0 +1,2 @@ +मैं सामग्री को कैसे बाँटँू? + diff --git a/process/intro-share/title.md b/process/intro-share/title.md new file mode 100644 index 0000000..a8e99e2 --- /dev/null +++ b/process/intro-share/title.md @@ -0,0 +1,2 @@ +वितरण का परिचय + diff --git a/process/platforms/01.md b/process/platforms/01.md new file mode 100644 index 0000000..6743669 --- /dev/null +++ b/process/platforms/01.md @@ -0,0 +1,8 @@ + +### अनुशंसित मंच + +Door43 इको सिस्टम में अनुवाद करने का अंनुशंसित मंच अथवा स्थल ट्रासलेशन स्टूडियो (translationStudio) है। इसी जगह पर अनुवाद और जाँच दल दोनों अपना कार्य करेंगे। आप एंड्रोयड, विन्डोज़, मैक, या लाइनक्स यंत्रों पर इसे सेटअप कर सकते हैं (अधिक जानकारी के लिए, [Setting up translationStudio](http://ufw.io/ts/) देखें)। + +### अन्य विकल्प + +यदि आपका दल TranslationStudio का उपयोग नही करना चाहता है, तो आप ऑनलाइन या ऑफलाइन के औजारों का उपयोग कर सकते हैं। ध्यान दें कि USFM या मार्कडाऊन फॉर्मेट में सामग्र को परिवर्तित करने की जिम्मेदारी आपकी होगी यदि आप TranslationStudio का उपयोग नही करते हैं (अधिक जानकारी के लिए, [File Formats](../setup-ts/01.md) देखें)। diff --git a/process/platforms/sub-title.md b/process/platforms/sub-title.md new file mode 100644 index 0000000..a01ebf3 --- /dev/null +++ b/process/platforms/sub-title.md @@ -0,0 +1,2 @@ +अनुवाद के लिए मैं किन औजारों का उपयोग करूँ? + diff --git a/process/platforms/title.md b/process/platforms/title.md new file mode 100644 index 0000000..b0f7d83 --- /dev/null +++ b/process/platforms/title.md @@ -0,0 +1,2 @@ +एक मंच चुनना + diff --git a/process/prechecking-training/01.md b/process/prechecking-training/01.md new file mode 100644 index 0000000..4a74b0a --- /dev/null +++ b/process/prechecking-training/01.md @@ -0,0 +1,4 @@ + +### जाँच से पहले + +यह सुझाव दिया जाता है कि सामग्रियों की जाँच के दौरान निरंतर ([Checking Manual](../../checking/intro-check/01.md)) की मदद लेते रहें। जाँच शुरू करने से पहले, हमारा सुझाव है कि आप अपने तरीके से पुस्तिका की जाँच शुरू कर दें जब तक के आपको यह न पता चल जाए कि हर स्तर की जरूरतें क्या हैं। जाँच प्रक्रिया में कार्य करने के दौरान, आपको जाँच हस्तपुस्तिका की निरंतर मदद लेनी होगी। diff --git a/process/prechecking-training/sub-title.md b/process/prechecking-training/sub-title.md new file mode 100644 index 0000000..801b4a5 --- /dev/null +++ b/process/prechecking-training/sub-title.md @@ -0,0 +1,2 @@ +शुरू करने से पहले मैं जाँचने के बारे में क्या जानूँ? + diff --git a/process/prechecking-training/title.md b/process/prechecking-training/title.md new file mode 100644 index 0000000..6875fa0 --- /dev/null +++ b/process/prechecking-training/title.md @@ -0,0 +1,2 @@ +जाँच शुरू होने के पहले प्रशिक्षण + diff --git a/process/pretranslation-training/01.md b/process/pretranslation-training/01.md new file mode 100644 index 0000000..b6c59f0 --- /dev/null +++ b/process/pretranslation-training/01.md @@ -0,0 +1,14 @@ + +### अनुवाद से पहले क्या जानें + +हम सुझाव देते हैं कि सामग्री के अनुवाद के दौरान आप लगातार [Translation Manual](../../translate/translate-manual/01.md) की मदद लें। अनुवाद शुरू करने से पहले, हमारा सुझाव है कि आप अपने तरीके से अनुवाद सहायक पुस्तिका का उपयोग करना शुरू कर दें जब तक कि आपको आक्षरिक अनुवाद एवं अर्थ-आधारित अनुवाद में अंतर समझ में न आ जाए।अनुवाद सहायक पुस्तिका का अधिकाँश भाग ‘‘उसी समय’’ के सीखने के स्रोत के रूप में उपयोग किया जा सकता ह। + +अनुवाद कार्य को शुरू करने से जानने की कुछ महत्वपूर्ण बातें: + +* [The Qualities of a Good Translation](../../translate/guidelines-intro/01.md) - अच्छे अनुवाद की परिभाषा +* [The Translation Process](../../translate/translate-process/01.md) - एक अच्छा अनुवाद कैसे तैयार किया जाता है +* [Form and Meaning](../../translate/translate-fandm/01.md) - रूप और अर्थ में अंतर +* [Meaning-Based Translations](../../translate/translate-dynamic/01.md) - अर्थआधारित अनुवाद कैसे करें। शुरू कर लेने के साथ साथ, उपयोगी कुछ और महत्वपूर्ण विषय: +* [Choosing What to Translate](../../translate/translation-difficulty/01.md) - सुझाव कि कहाँ से अनुवाद शुरू किया जाए +* [First Draft](../../translate/first-draft/01.md) - प्रथम प्रालेख कैसे बनाएँ +* [Help with Translating](../../translate/translate-help/01.md) - अनुवाद की मदद का उपयोग करना diff --git a/process/pretranslation-training/sub-title.md b/process/pretranslation-training/sub-title.md new file mode 100644 index 0000000..6541c6f --- /dev/null +++ b/process/pretranslation-training/sub-title.md @@ -0,0 +1,2 @@ +अनुवाद को शुरू करने से पहले मैं किन बातों को जानूँ? + diff --git a/process/pretranslation-training/title.md b/process/pretranslation-training/title.md new file mode 100644 index 0000000..e08d48f --- /dev/null +++ b/process/pretranslation-training/title.md @@ -0,0 +1,2 @@ +अनुवाद शुरू करने से पहले प्रशिक्षण + diff --git a/process/process-manual/01.md b/process/process-manual/01.md new file mode 100644 index 0000000..0da16b1 --- /dev/null +++ b/process/process-manual/01.md @@ -0,0 +1,8 @@ + +### स्वागत + +प्रक्रिया सहायक पुस्तिका अनुवाद दल की कदम-दर-कदम यह मदद करना है कि प्रोजेक्ट की शुरूआत से लेकर अंत तक, उन्हे पता हो कि उन्हे क्या करना है। यह सहायक पुस्तिका अनुवाद की गर्इ एवं जाँची गर्इ सामग्री की शुरूआत से लेकर, इसके प्रकाशन तक मदद करेगी। + +### प्रारम्भ करना + +अनुवाद एक जटिल कार्य है जिसके लिए एक संगठन एवं यक योजना की जरूरत होती है। विचार से शुरू कर, पूर्ण, जाँचे गए, वितरिकत किए गए एवं उपयोग किए गए अनुवाद तक एक कार्य को पहुँचाने के लिए कर्इ सारे कदमों की जरूरत होती है। इस प्रक्रिया सहायक पुस्तिका में लिखी जानकारियाँ अनुवाद की प्रक्रिया में जरूरी कदमों को समझने में आपकी मदद करेगी। diff --git a/process/process-manual/sub-title.md b/process/process-manual/sub-title.md new file mode 100644 index 0000000..e6470f6 --- /dev/null +++ b/process/process-manual/sub-title.md @@ -0,0 +1,2 @@ +प्रक्रिया सहायक पुस्तिका क्या है? + diff --git a/process/process-manual/title.md b/process/process-manual/title.md new file mode 100644 index 0000000..75b6603 --- /dev/null +++ b/process/process-manual/title.md @@ -0,0 +1,2 @@ +प्रक्रिया हस्तपुस्तिका का परिचय + diff --git a/process/required-checking/01.md b/process/required-checking/01.md new file mode 100644 index 0000000..9fdc6b3 --- /dev/null +++ b/process/required-checking/01.md @@ -0,0 +1,17 @@ + +### जाँच स्तरों का उद्देश्य + +प्राथमिक तौर पर, जाँच स्तरों (देखें [Checking Manual](../../checking/intro-check/01.md)) का उद्देश्य यह निश्चित करना है कि अनुवाद विश्वास कथन ([Statement of Faith]) एवं अनुवाद के निर्देशों ([Translation Guidelines])के अनुसार हुआ है। +दूसरा कारण यह है कि उसका उपयोग करने जा रहा समुदाय अधिक से अघिक टिप्पणियाँ और इस अनुवाद अपना समझे। + +#### जाँच स्तर 1 + +जाँच स्तर 1 को अनुवादक दल करता है जिसमें समुदाय के लोगों के कुछ सुझाव लिए जाते हैं। [Checking Level One - Affirmation by Translation Team](../../intro/statement-of-faith/01.md) देखें। जाँच स्तर 1 को पूरा करने के बाद, आप Door43 में अपलोड कर सकते हैं ([Introduction to Publishing](../../intro/translation-guidelines/01.md) देखें) और जाँच स्तर 2 की ओर बढ़ें (नीचे देखें)। + +#### जाँच स्तर 2 + +जाँच स्तर 2 इस बात को सत्यापित करने के लिए किया जाता है कि क्या स्थानीय भाषा समुदाय के प्रतिनिधि समूह इस बात से सहमत हैं कि अनुवाद अच्छा है ([Checking Level Two - Affirmation by Community](../../checking/level1/01.md) देखें)। इसे भाषा समुदाय जाँच (देखें [Language Community Check](../intro-publishing/01.md)) एवं कलीसियार्इ अगुवा जाँच (देखें [Church Leader Check] ) के साथ किया जाता है। स्तर 2 जाँच को पूरा करने के बाद, आप Door43 में अपलोड कर सकते हैं (देखें [Introduction to Publishing](../../checking/level2/01.md) और जाँच स्तर 3 (नीचे देखें) की ओर बढ़ें, यदि आप चाहते हैं। + +#### जाँच स्तर 3 + +जाँच स्तर 3 को तब पूरा होता है, जब कम से कम दो कलीसियार्इ समूह इसमें सहमत होते हैं कि अनुवाद अच्छा है (देखें [Checking Level Three - Affirmation by Church Leadership](../../checking/language-community-check/01.md))। निश्चित करें कि आप स्तर 3 की जाँच को पूरा करने के साथ साथ, इसके प्रश्नों को भी करें (देखें [Questions for Checking on Level Three](../../checking/church-leader-check/01.md))। स्तर 3 जाँच को पूरा करने के बाद, आप Door43 में अपलोड कर सकते हैं (देखें [Introduction to Publishing](../intro-publishing/01.md) यह जाँच का सबसे उच्च स्तर है। गेटवे भाषाएँ भीं [Source Text Process](../../checking/level3/01.md) को पूरा करें। diff --git a/process/required-checking/sub-title.md b/process/required-checking/sub-title.md new file mode 100644 index 0000000..bcbb240 --- /dev/null +++ b/process/required-checking/sub-title.md @@ -0,0 +1,2 @@ +मैं एक अनुवाद को कैसे जाँचूँ? + diff --git a/process/required-checking/title.md b/process/required-checking/title.md new file mode 100644 index 0000000..3aa3cbb --- /dev/null +++ b/process/required-checking/title.md @@ -0,0 +1,2 @@ +कैसे जाँचें + diff --git a/process/setup-team/01.md b/process/setup-team/01.md new file mode 100644 index 0000000..62b6a14 --- /dev/null +++ b/process/setup-team/01.md @@ -0,0 +1,25 @@ + +### एक दल अथवा टीम को चुनना + +जब आप अनुवाद एवं जाँच के दल को चुनते हैं तो कर्इ प्रकार के लोगों और भूमिकाओं की जरूरत होती है। हर दल के लिए विशेष योग्यताओं का होना जरूरी है। + +* अनुवाद दल को चुनना [Choosing a Translation Team](../../translate/choose-team/01.md) - जरूरी भुमिकाओं का वर्णन करता है +* अनुवादक की योग्यताएँ [Translator Qualifications](../../translate/qualifications/01.md) - अनुवादकों में जरूरी निपुणताओं के बारे में बताता है +* याद रखें कि दल के प्रत्येक व्यक्ति को सहमति के कथन पर हस्ताक्षर करना जरूरी है (फॉर्म पर उपलब्ध हैं) + * [Statement of Faith](../../intro/statement-of-faith/01.md) + * [Translation Guidelines](../../intro/translation-guidelines/01.md) + * [Open License](../../intro/open-license/01.md) +* दल का प्रत्येक व्यक्ति अनुवादक की योग्यताओं से ज्ञात हो (देखें [The Qualities of a Good Translation](../../translate/guidelines-intro/01.md)) +* दल को यह भी ज्ञात होना चाहिए कि उत्तर कहाँ मिल सकते हैं (देखें [Finding Answers](../../intro/finding-answers/01.md)) + +### अनुवाद के निर्णय + +अनुवादक दल को कर्इ सारे निर्णय लेने पड़ेंगे, जिनमें से अधिकतर निर्णय प्रोजेक्ट से पहले ही लेने होंगे। िम्नलिखित उनमें शामिल हैं: + +* चुनना कि क्या अनुवाद करें [Choosing What to Translate](../../translate/translation-difficulty/01.md) - एक और निर्णय यह लेना पड़ेगा कि पहले क्या अनुवाद किया जाए +* स्रोत लेख को चुनना [Choosing a Source Text](../../translate/translate-source-text/01.md) - स्रोत लेख को चुनना महत्वपूर्ण है +* कॉपीराइट, लाइसेंस एवं स्रोत लेख [Copyrights, Licensing, and Source Texts](../../translate/translate-source-licensing/01.md) - स्रोत के लेख को चुनते वक्त कॉपीराइट के विषय को ध्यान में रखना बहुत जरूरी है +* स्रोत लेख एवं वर्ज़न संख्याएँ [Source Texts and Version Numbers](../../translate/translate-source-version/01.md) - स्रोत लेख के सबसे नए वर्जन से अनुवाद करना अच्छा होता है +* अक्षरमाला/वर्तनी [Alphabet/Orthography](../../translate/translate-alphabet/01.md) - कर्इ भाषाओं में अक्षरमाला के विषय में भी निर्णय लेना पड़ता है +* अपनी भाषा को लिखने के निर्णय [Decisions for Writing Your Language](../../translate/writing-decisions/01.md) - लिखने का तरीका, नामों के अनुवाद, सही शब्द और अन्य निर्णयों को लेना जरूरी है + diff --git a/process/setup-team/sub-title.md b/process/setup-team/sub-title.md new file mode 100644 index 0000000..b12bf68 --- /dev/null +++ b/process/setup-team/sub-title.md @@ -0,0 +1,2 @@ +मैं अनुवादक दल को कैसे स्थापित करूँ? + diff --git a/process/setup-team/title.md b/process/setup-team/title.md new file mode 100644 index 0000000..40d440f --- /dev/null +++ b/process/setup-team/title.md @@ -0,0 +1,2 @@ +अनुवाद दल को स्थापित करना + diff --git a/process/setup-ts/01.md b/process/setup-ts/01.md new file mode 100644 index 0000000..7215086 --- /dev/null +++ b/process/setup-ts/01.md @@ -0,0 +1,21 @@ + +### मोबाइल के लिए tS को इन्स्टॉल करना + +ट्रांसलेशन स्टूडियो का मोबाइल (एंड्रोयड) संस्करण पर [Google Play Store](https://play.google.com/store/apps/details?id=com.translationstudio.androidapp) उपलब्ध है: या आप इसे http://ufw.io/ts/ से सीधा डाऊनलोड कर सकते हैं। यदि आप प्लेस्टोर से इन्स्टॉल करते हैं तो जब भी इसका नया वर्जन उपलब्ध होगा, प्लेस्टोर आपको सूचित करेगा। ध्यान दें कि आप इन्स्टॉल किए जा चुके ऐप को साइडलॉड कर, दूसरे यंत्रों में शेयर कर सकते हैं। + +### डेस्कटॉप के लिए tS इन्स्टॉल करना + +डेस्कटॉप या लैपटॉप (विन्डोज़, मैक या लाइनेक्स) के लिए ट्रांसलेशन स्टूडियो का नवीनतम वर्ज़न http://ufw.io/ts/ पर उपलब्ध है। कार्यक्रम को इन्स्टॉल करने के लिए, ‘‘डेस्कटॉप’’ सेक्शन की ओर जाएँ और नवीनतम निर्मोचन डाऊनलॉड करें। ध्यान दें कि आप इन्स्टॉलेशन फाइल की प्रतिलिपि बनाकर, दूसरे कम्प्यूटरों में शेयर कर सकते हैं। + +### tS का उपयोग करना + +इन्स्टॉल करने के बाद, ट्रांसलेशन स्टूडियो के दोनों संस्करण एक तरीके से कार्य करते हैं। ट्रांसलेशन स्टूडियो के उपयोग के लिए आपको इंटरनेट की आवश्यकता *नही* है। ट्रांसलेशन स्टूडियो को पहली बार इस्तेमाल करने वालों को विश्वास कथन [Statement of Faith](../../intro/statement-of-faith/01.md), अनुवाद निर्देश [Translation Guidelines](../../intro/translation-guidelines/01.md) और ऑपन लाइसेंस [Open License](../../intro/open-license/01.md) के सहमति पत्र पर हस्ताक्षर करना होगा। + +फस्र्ट यूज़ स्क्रीन के बाद, आप होमू स्क्रीन पर आएँगे जहाँ आप नया प्रोजेक्ट शुरू कर सकते हैं। प्रोजेक्ट को बनाने के बाद, आप वहीं से अनुवाद करना शुरू कर सकते हैं। ऐप के अंदर अनुवाद की मदद (translationHelps) उपलब्ध है जिससे आप स्रोत लेख की अच्छी समझ पा सकते हैं। ध्यान दें कि आपका कार्य अपने आप सेव होता जाता है। आप चाहें तो उसका बैक-अप ले सकते, बाँट सकते या बीच बीच में अपने कार्य को अपलोड कर सकते हैं (इन कार्यों को करने के लिए मेन्यू (menu) को देखें)। + +### tS के उपयोग के बाद + +1. यह बलपूर्वक सुझाव देते हैं कि अपने अनुवाद की जाँच होती रहे (देखें [Training Before Checking Begins](../prechecking-training/01.md)) +1. जाँच (किसी भी स्तर की) पूरी होते ही, आप ऐप से अपने कार्य को अपलोड कर सकते हैं (Menu → Upload) +1. अपलोड करने के बाद, आप Door43 पर अपना कार्य ऑनलाइन देख सकते हैं (देखें [Publishing](../intro-publishing/01.md)) + diff --git a/process/setup-ts/sub-title.md b/process/setup-ts/sub-title.md new file mode 100644 index 0000000..a413b76 --- /dev/null +++ b/process/setup-ts/sub-title.md @@ -0,0 +1,2 @@ +मैं translationStudio को कैसे स्थापित करूँ? + diff --git a/process/setup-ts/title.md b/process/setup-ts/title.md new file mode 100644 index 0000000..16a1460 --- /dev/null +++ b/process/setup-ts/title.md @@ -0,0 +1,2 @@ +अनुवाद स्टूडियो स्थापित करना + diff --git a/process/share-content/01.md b/process/share-content/01.md new file mode 100644 index 0000000..636df70 --- /dev/null +++ b/process/share-content/01.md @@ -0,0 +1,12 @@ + +### tS से सामग्री को शेयर करना + +ट्रांसलेशन स्टुडियो की सामग्री को बाँटना आसान है। ऑफलाइन शेयर करने के लिए, tS मेन्यू से बैक-अप प्रणाली का उपयोग करें। ऑनलाइन शेयर करने के लिए, tS मेन्यू से अपलोड प्रणाली का उपयोग करें। + +### Door43 कर सामग्री को बाँटना + +यदि आप ट्रांसलेशन स्टूडियो से अपने कार्य को अनलोड कर रहे हैं तो यह अपने आप ही इंटरनेट पर Door43 में उपलब्ध हो जाता है। अपलोड की गर्इ सारी सामग्रियाँ आपके अकाऊँट के तहत मौजूद रहेंगी। उदाहरण के तौर पर, यदि आपका यूज़रनेम * test_user* है तो आप अपने सभी कार्यों को पर पा सकते हैं। आप अपलोड किए गए प्रोजेक्ट का लिंक शेयर कर अपने कार्य को ऑनलाइन बाँट सकते हैं। + +### सामग्री को ऑफलाइन शेयर करना + +आप Door43 के अपने प्रोजेक्ट के पेजों से अपने कार्यों को बना और डाऊनलोउ कर सकते हैं। डाऊनलोड करने के बाद, यदि आप चाहें तो उन कार्यों को छापने और प्रतिलिपियाँ निकालकर बाँटने के लिए दूसरों को भेज सकते हैं। diff --git a/process/share-content/sub-title.md b/process/share-content/sub-title.md new file mode 100644 index 0000000..7341de5 --- /dev/null +++ b/process/share-content/sub-title.md @@ -0,0 +1,2 @@ +मैं सामग्री को कैसे बाँटँू? + diff --git a/process/share-content/title.md b/process/share-content/title.md new file mode 100644 index 0000000..9cd56e0 --- /dev/null +++ b/process/share-content/title.md @@ -0,0 +1,2 @@ +रूपरेखा को कैसे बाँटें + diff --git a/process/source-text-process/01.md b/process/source-text-process/01.md new file mode 100644 index 0000000..6ab379f --- /dev/null +++ b/process/source-text-process/01.md @@ -0,0 +1,31 @@ + +### स्रोत लेख प्रक्रिया + +स्रोत लेख का प्रकाशन सारी गेटवे भाषाओं के लिए जरूरी है ताकि उन्हे दूसरी भाषाओं के लिए स्रोत लेख के तौर उपयोग किया जा सके। ध्यान दें कि यह प्रक्रिया गेटवे भाषाओं के लिए है। + +### जरूरी चीजें + +गेटवे भाषा को स्रोत लेख बनाने से पहले, निम्न चीजों को पहले करना आवश्यक है: + +* **सपूंर्ण सामग्री** - सपूंर्ण सामग्री का अनुवाद होना और आवश्यक स्तरों पर जाँच का होना जरूरी है। ामग्रियों के अंश (उदा. ऑपन बाइबल कहानियों का आधा, बाइबल की पुस्तकों के कुछ अध्याय) प्रकाशित नही किये जा सकते हैं। +* **जाँच** अनुवाद जाँच के सही स्तरों को पार कर चुका हो। बाइबल अनुवाद में, उसका अर्थ है, स्तर 3 की जाँच [Checking Level Three - Affirmation by Church Leadership](../../checking/level3/01.md) +* **Door43 पर** Door43 का ऐसा वर्ज़न हो जिसे प्रकाशित किया जा सके। यदि कार्य को एक से ज्यादा यंत्रों पर किया गया है तो उन्हे आपस में मिलाना जरूरी है। आसानी से, आपस में मिलाने के लिए सामग्री के तकनीककार की मदद लें (आप पर र्इमेल कर सकते हैं या स्लैक पर #content-techs चैनल का उपयोग कर सकते हैं) +* **सहमतियाँ** - अनुवाद और जाँच प्रक्रिया में शामिल हर व्यक्ति विश्वास कथन [Statement of Faith](../../intro/statement-of-faith/01.md), अनुवाद निर्देश [Translation Guidelines](../../intro/translation-guidelines/01.md) और ऑपन लाइसेंस [Open License](../../intro/open-license/01.md) की सहमति पर हस्ताक्षर करें। इसे Door43 का अकाऊँट बनाकर अथवा कागजातों पर हस्ताक्षर कर, उन्हे स्कैन कर या तश्वीर लेकर डिजिटल बना सकते हैं। सहमति प्रपत्रों के लिए http://ufw.io/forms देखें। + +### स्रोत लेख आवेदन प्रपत्र + +पहले से जरूरी चीजों को पूरा कर लेने के बाद, आप http://ufw.io/pub/ पर स्रोत लेख के आवेदन प्रपत्र को भर सकते हैं। प्रपत्र के बारे में कुछ बातें: + +* आवेदन करने के लिए आपके पास Door43 का अकाऊँट होना चाहिए +* आपको शामिल हो रहे हर व्यक्ति का नाम या उपनाम लिखना है। यदि आप उनके हस्ताक्षर किए गए सहमति पत्र को संलग्न नही कर रहे हैं तो आपको उनके Door43 के यूज़रनेम को लिखना है। +* ध्यान दें कि आपके द्वारा दी गर्इ जानकारी सार्वजनिक होगी और यही स्रोत लेख की सामग्री का प्रथम भाग बनेगा। + +प्रपत्र जमा कर देने के पश्चात, यदि आपने कुछ छोड़ दिया है तो आपसे संपर्क किया जाएगा। आवेदन के सत्यापित होने के बाद, यह प्रकाशन की पंक्ति में चला जाएगा जहाँ एक डेवलेपर इस अनुवाद को स्रोत लेख में बदल देगा । डेवलेपर भी आपसे संपर्क कर सकता है यदि प्रकाशन की प्रक्रिया में कोर्इ बाधा आती नजर आए। प्रक्रिया के पूर्ण होने पर आपको सूचित किया जाएगा और आप कार्य के पीडीएफ की समीक्षा कर सकते हैं। + +### स्रोत लेख प्रक्रिया को पूरा करना + +स्रोत लेख प्रकाशन के पूरा होते ही, आपका कार्य निम्न तौर पर उपलब्ध होगा: + +* unfoldingWord वेबसाइट पर ऑनलाइन +* unfoldingWord से डाऊनलोड किया जा सकने वाला, पीडीएफ रूप +* translationStudio में स्रोत लेख के तौर पर जिसे अन्य भाषाएँ उपयोग कर सकें (उसके लिए पहले tS अपडेट की जरूरत पड़ेगी) diff --git a/process/source-text-process/sub-title.md b/process/source-text-process/sub-title.md new file mode 100644 index 0000000..a810c71 --- /dev/null +++ b/process/source-text-process/sub-title.md @@ -0,0 +1,2 @@ +मैं गेटवे भाषा अनुवाद को एक स्रोत लेख कैसे बना सकता हूँ? + diff --git a/process/source-text-process/title.md b/process/source-text-process/title.md new file mode 100644 index 0000000..0f8bf0c --- /dev/null +++ b/process/source-text-process/title.md @@ -0,0 +1,2 @@ +स्रोत लेख प्रक्रिया + diff --git a/process/toc.yaml b/process/toc.yaml new file mode 100644 index 0000000..ed29d6e --- /dev/null +++ b/process/toc.yaml @@ -0,0 +1,41 @@ +title: "Table of Contents" +sections: + - title: "1. Getting Started" + sections: + - title: "Introduction to the Process Manual" + link: process-manual + + - title: "2. Setting Up a Translation Team" + sections: + - title: "Setting Up A Translation Team" + link: setup-team + + - title: "3. Translating" + sections: + - title: "Training Before Translation Begins" + link: pretranslation-training + - title: "Choosing a Translation Platform" + link: platforms + - title: "Setting Up translationStudio" + link: setup-ts + + - title: "4. Checking" + sections: + - title: "Training Before Checking Begins" + link: prechecking-training + - title: "How to Check" + link: required-checking + + - title: "5. Publishing" + sections: + - title: "Introduction to Publishing" + link: intro-publishing + - title: "Source Text Process" + link: source-text-process + + - title: "6. Distributing" + sections: + - title: "Introduction to Distribution" + link: intro-share + - title: "How to Share Content" + link: share-content diff --git a/translate/biblicalimageryta/01.md b/translate/biblicalimageryta/01.md new file mode 100644 index 0000000..3a8c009 --- /dev/null +++ b/translate/biblicalimageryta/01.md @@ -0,0 +1,38 @@ + +### वर्णन + +अलंकार एक भाषा है जिसमें एक चित्र को एक विचार से जोड़ा जाता है जिससे कि वह तश्वीर विचार को दिखा सके । इसमें रूपालंकार, उपमा, रूपक या सांस्कृतिक नमूना शामिल रहता है। एक भाषा में इनमें से अधिकतर रूपों में चित्र और विचार को बड़े तौर पर जोड़ा जाता है, परंतु कुछ रूपों में ऐसा नही होता। बाइबल के अंलकार के इन पन्नों में बाइबल में वर्णित अलंकार को दर्शाया गया है। + +बाइबल में वर्णित जोड़ने का तरीका, इब्री और यूनानी भाषाओं में विशिष्ट था। इन तरीकों को जानना लाभदायक है क्योंकि इससे अनुवादकों के सामने समान समस्याओं को बार बार लाया जाता है कि उनका अनुवाद कैसे हो। और एक बार अनुवाद सोचकर इन चुनौतियों का सामना करने का हल निकाल लेता है तो वे समस्या को कहीं और पर भी आ जाने पर इन्हे आसानी से निपट सकते हैं। + + +### रूपालंकार और उपमा में समान तथ्य + +**रूपालंकार** तब आता है जब कोर्इ एक वस्तु के बारे में इस प्रकार बात करता है और ऐसा लगता है कि वह किसी और की बात कर रहा है। वक्ता अपनी पहली बात को अच्छी तरह से समझाने के लिए एक रूप का उपयोग करता है। उदाहरण के तौर पर, ‘‘मेरी मोहब्बत एक लाल, लाल पुष्प है,’’ वक्ता उस स्त्री से बात कर रहा है जिससे वह प्रेम करता है और वो इतनी सुंदर और लचीली है जितना एक फूल। + +**उपमा** एक रूपालंकार के समान है परंतु वह श्रोताओं को एक इशारा देने के लिए यह केवल एक भाषा का रूप है, इसमें ‘‘के समान’’ या ‘‘जैसा’’ का उपयोग करता है। उपरोक्त उदाहरण को कहने के लिए, उपमा रूप कहेगा ‘‘मेरा प्रेम फूल, लाल फूल जैसा है’’। + +‘‘रूपालंकार और उपमा को आपस में जोड़ने के कुछ आम तरीकों के लिंक को पाने के लिए, देखें [Biblical Imagery - Common Patterns](../bita-part1/01.md)’’ + + +### आम रूपक + +रूपकों में, एक वस्तु अथवा विचार को उसके नाम से नही, परंतु उससे नजदीकी से जुड़ी अन्य वस्तु के नाम से पुकारा जाता है। + +‘‘बाइबल में वर्णित आम रूपकों के लिए [Biblical Imagery - Common Metonymies](../bita-part2/01.md) देखें’’ + + +### सांस्कृतिक नमूने + +सांस्कृतिक नमूने जिंदगी अथवा व्यवहार के भागों की मानसिक तश्वीर होती है। ये तश्वीरें कल्पना करने एवं इन बातों के बारे में बात करने में हमारी मदद करती हैं। उदाहरण के लिए, अमरीकी व्यक्ति विवाह, मित्रता इत्यादि चीजों के बारे में इस प्रकार सोचते हैं कि वे एक मशीन हों। अमरीकी कहेगा, ‘‘उसकी शादी टूट रही है,’’ या ‘‘उनकी दोस्ती तीव्र गति से आगे दौड़ रही है’’ + +बाइबल अक्सर परमेश्वर को चरवाहे और लोगों को भेड़ों के रूप में दिखाती है । यह है सांस्कृतिक नमूना + +
यहोवा मेरा चरवाहा है; मुझे कोर्इ कमी नही होगी । (भजन संहिता 23:1 ULB)
+ +> उसने लोगों को भेड़ों की तरह अगुवार्इ दी और एक झुण्ड के रूप में जंगल में से होकर निकाल ले गया (भजन संहिता 78:52 ULB) + +बाइबल में वर्णित कुछ सांस्कृतिक नमूनों को प्राचीन पूर्वी देशों के द्वारा अधिकतर उपयोग किया जाता था, केवल इस्राएल के द्वारा ही नही । + +‘‘बाइबल के सांस्कृतिक नमूनों की सूची के लिए see [Biblical Imagery - Cultural Models](../bita-part3/01.md) देखें’’ + diff --git a/translate/biblicalimageryta/sub-title.md b/translate/biblicalimageryta/sub-title.md new file mode 100644 index 0000000..0f5ff42 --- /dev/null +++ b/translate/biblicalimageryta/sub-title.md @@ -0,0 +1,2 @@ +बाइबल में आम तौर पर किस प्रकार के अलंकारों का उपयोग होता है? + diff --git a/translate/biblicalimageryta/title.md b/translate/biblicalimageryta/title.md new file mode 100644 index 0000000..a345591 --- /dev/null +++ b/translate/biblicalimageryta/title.md @@ -0,0 +1,2 @@ +बाइबल के रूप + diff --git a/translate/bita-animals/01.md b/translate/bita-animals/01.md new file mode 100644 index 0000000..540be50 --- /dev/null +++ b/translate/bita-animals/01.md @@ -0,0 +1,92 @@ + +बाइबल में वर्णित शरीर के अंगों और मनुष्यों के गुणों से संबंधित कुछ तश्वीरों को नीचे वर्णमाला के क्रम में दिया गया है। बड़े अक्षरों में लिखे गए शब्द एक विचार को दिखाते हैं। यह जरूरी नही है कि जहाँ जहाँ भी यह तश्वीर है, उस हर आयत में यह शब्द हो, परंतु उस शब्द का विचार अवश्य मौजूद है। + +#### जानवर का सींग ताकत को दिखाता है + +> परमेश्वर मेरी चट्टान है। उसका मैं शरणागत हूँ। +> वह मेरी ढाल, मेरा बचानेवाला सींग, मेरा ऊंचा गढ़, और मेरा शरणस्थान है। +> वह मुझे उपद्रव से बचाता है (2 शमुएल 22:3 ULB) + +मेरे ‘‘उद्धार का सींग’’ मुझे बचाने में शक्तिशाली है + +> वहाँ मैं दाऊद के सींग को उठाऊँगा । (भजन संहिता 132:17 ULB) + +‘‘दाऊद का सींग’’ राजा दाऊद की सैनिक ताकत है + + +#### पक्षी उन लोगों को दिखाता है जो खतरे में है ओर कोर्इ बचाव नही है + +कारण यह है कि कुछ पक्षी आसानी से फंदे में पड़ जाते हैं + +> मेरे शत्रुओं ने निर्दयता से पक्षी के समान मेरा अहेर किया है । (विलापगीत 3:52 ULB) + +> अपने आपको हरिणी के समान शिकारी के हाथ से छुड़ा +> पक्षी के समान बहेलिये के शिकंजे से छुड़ा (नीतिवचन 6:5 ULB) + +बहेलिया पक्षियों को पकड़ने वाला व्यक्ति है और शिकंजा एक छोटा फंदा होता है + +> हमारा जीव पक्षी की नार्इं बहेलिये के जाल से छूट गया; +> जाल फट गया, हम बच निकले (भजन संहिता 124:7 ULB) + +#### माँसाहारी पक्षी चतुरार्इ से हमला करने वाले शत्रु को दिखाता है + +हबक्कुक और होशै में, इस्राएल के सामने आकर हमला करने वाले दुश्मनों की तुलना एक उकाब से की गर्इ है। +
और उनके घुड़सवार कोसों दूर से आए - वे अहेर पर झपटने वाले उकाब की नांर्इ उड़ते हैं। ( बक्कुक 1:8 ULB)
+ +> एक उकाब यहोवा के घर पर आता है +> …इस्राएल ने भले को त्याग दिया +> और दुश्मन उसका पीछा करेगा (होशै 8:1 ULB) + +यशायाह में, परमेश्वर ने एक राजा को अहेर करने वाला पक्षी कहा क्योंकि वह तीव्रगति से आता और इस्राएल के दुश्मनों पर हमला करता। +> मैं पूर्व से एक उकाब पक्षी को अर्थात् दूर देश से अपनी युक्ति के पूरा करनेवाले पुरूष को बुलाता हूँ। (यशायाह 46:11 ULB) + +#### पक्षी के पंख सुरक्षा को दिखाते हैं + +कारण यह कि पक्षी अपने बच्चों पर पंख फैलाए रखते हैं कि उन्हे खतरों से सुरक्षित रखे +> आँख की पुतली समान मुझे सुरक्षित रख; अपने पंखों की छाँव में मुझे छिपा रख। +> दुष्टों से जो मुझ पर अत्याचार करते हैं, मेरे प्राण के शत्राुओं से जो मुझे घेरे हुए हैं (भजन संहिता 17:8-9 ULB) + +एक और उदाहरण कि कैसे पंख सुरक्षा को दिखाते हैं +> हे परमेश्वर, मुझ पर अनुग्रह कर, मुझ पर अनुग्रह कर +> क्योंकि मैं तेरा शरणागत हूं; और जब तक ये आपत्तियां निकल न जाएं +> इस नाश के समापत होने तक मैं तेरे पंखों के तले शरण लिए रहूंगा ।(भजन संहिता 57:1 ULB) + + +#### खतरनाक जानवर खतरनाक लोगों को दिखाते हैं + +भजन संहिता में, दाऊद अपने दुश्मनों की तुलना शेर से करता है +> मेरा प्राण सिंहों के बीच में है +> मैं मुझे निगलने वालों के बीच में हूँ +>मैं ऐसे मनुष्यों के बीच में हूँ जिनके दांत बर्छी और तीर हैं +> और जिनकी जीभ तेज तलवार है +> हे यहोवा, तू स्वर्ग पर विराजमान है (भजन संहिता 57:4 ULB) + +पतरस ने शैतान को गर्जने वाला शेर कहा +> सचेत हो, और जागते रहो तुम्हारा विरोधी शैतान गर्जनेवाले शेर की नार्इ इस खोज में रहता है, कि किसको निगल जाए (1 पतरस 8:8 ULB) + +मती में, यीशु मसीह ने झूठे भविष्यद्वक्ताओं को भेड़िये कहा क्योंकि उन्होने अपने झूठ से लोगों को इतना नुकसान पहुँचाया था +> झूठे भविष्यद्वक्ताओं से सावधान रहो, जो भेड़ों के वेष में तुम्हारे पास आते हैं, परन्तु अंदर में वे फाड़नेवाले भेड़िए हैं (मत्ती 7:15 ULB) + +मती में, यूहéा बपतिस्मादाता ने धार्मिक अगुवों को जहरीले सर्प कहा क्योंकि उन्होने अपनी शिक्षाओं से लोगों को क्षति पहुँचार्इ थी +> जब उसने बहुत से फरीसियों और सदूकियों को बपतिस्मा के लिये अपने पास आते देखा, तो उनसे कहा, कि हे विषैले सर्प के बच्चों, तुम्हें किसने जता दिया कि आनेवाले क्रोध से भागो? (मती 3:7 ULB) + + +#### उकाब ताकत को दिखाता है + +> वही तो तेरी लालसा को उत्तम पदार्थों से तृप्त करता है +> जिससे तेरी जवानी उकाब की नार्इं नर्इ हो जाती है (भजन संहिता 103:5 ULB) + +
क्योंकि यहोवा यों कहता है, देखो, वह उकाब सा उड़ेगा और मोआब के ऊपर अपने पंख फैलाएगा (यिर्मयाह 48:40 ULB)
+ + +#### भेड़ या झुण्ड ऐसे लोगों को दिखाता है जिन्हे अगुवार्इ की जरूरत है और जो खतरे में पड़े हैं + +> मेरी प्रजा खोर्इ हुर्इ भेडें हैं। उनके चरवाहों ने उनको पहाड़ों पर भटका दिया है; (यिर्मयाह 50:6 ULB) + +
परन्तु अपनी प्रजा को भेड़-बकरियों की चलया, और जंगल में उनकी अगुवार्इ पशुओं के झुण्ड के समान की (भजन संहिता 78:52 ULB)
+ +> इस्राएल भगार्इ हुर्इ भेड़ है, सिंहों ने उसको भगा दिया है। पहिले तो अश्शूर के राजा ने उसको खा डाला +> और तब बाबुल के राजा नबूकदनेस्सर ने उसकी हड्डियों को तोड़ दिया है। (यिर्मयाह 50:17 ULB) + +
देखो, मैं तुम्हें भेड़ों की नार्इ भेड़ियों के बीच में भेजता हूँ, सो सांपों की नार्इ बुद्धिमान और कबूतरों की नार्इ भोले बनो । लोगों से सावधान रहो! वे तुम्हे कटघरों में खड़ा करेंगे और न्यायालयों में कोड़े लगवाएँगे। (मत्ती 10:16 ULB)
+ diff --git a/translate/bita-animals/sub-title.md b/translate/bita-animals/sub-title.md new file mode 100644 index 0000000..a8fe489 --- /dev/null +++ b/translate/bita-animals/sub-title.md @@ -0,0 +1,2 @@ +वे कौनसे जानवर अथवा उनके शरीरों के अंग हैं जिनका उपयोग बाइबल में अलंकार के रूप् किया गया है? + diff --git a/translate/bita-animals/title.md b/translate/bita-animals/title.md new file mode 100644 index 0000000..2c83260 --- /dev/null +++ b/translate/bita-animals/title.md @@ -0,0 +1,2 @@ +बाइबल के रूप - जानवर + diff --git a/translate/bita-farming/01.md b/translate/bita-farming/01.md new file mode 100644 index 0000000..89516b9 --- /dev/null +++ b/translate/bita-farming/01.md @@ -0,0 +1,32 @@ + +बाइबल में वर्णित खेतीबाड़ी से संबंधित कुछ तश्वीरें निम्नलिखित हैं। बड़े अक्षरों में अंकित शब्द एक विचार को दिखाते हैं। यह जरूरी नही है कि जहाँ जहाँ भी यह तश्वीर है, उस हर आयत में यह शब्द हो, परंतु उस शब्द का विचार अवश्य मौजूद है। + +#### किसान परमेश्वर को दिखाता और दाख की बारी चुने हुए लोगों को दिखाती है + +> एक अति उपजाऊ टीले पर मेरे प्रिय की एक दाख की बारी थी +> उसने मिट्टी खोदी और उसके पत्थर बीनकर उसमें उत्तम जाति की एक दाखलता लगार्इ +> उसके बीच में उस ने एक गुम्मट बनाया, और दाखरस के लिये एक कुंड भी खोदा +> तब उसने दाख की आशा की, परन्तु उस में निकम्मी दाखें ही लगीं (यशायाह 5:1-2) + +
स्वर्ग का राज्य किसी गृहस्थ के समान है, जो सवेरे निकला, कि अपने दाख की बारी में मजदूरों को लगाए (मती 20:1 ULB)
+ +> एक गृहस्थ था, जिसने दाख की बारी लगार्इ । और उसके चारों ओर बाड़ा बान्धा; और उस मे रस का कुंड खोदा; और गुम्मट बनाया; और किसानों को उसका ठीका दिया और परदेश चला गया (मती 21:33 ULB) + +#### जमीन लोगों के दिल (अंतरंग) को दिखाती है + +> क्योंकि यहूदा और यरूशलेम के लोगों से यहोवा ने यों कहा है: ‘अपनी पड़ती भूमि को जोतो’ +> और कटीले झाड़ों में बीज मत बोओ (यिर्मयाह 4:3 ULB) + +
जो कोर्इ राज्य का वचन सुनकर नहीं समझता यह वही बीज है, जो मार्ग के किनारे बोया गया था जो पत्थरीली भूमि पर बोया गया, यह वह है, जो वचन सुनकर तुरन्त आनन्द के साथ मान लेता है... जो झाड़ियों में बोया गया, यह वह है, जो वचन को सुनता है, पर इस संसार की चिन्ता और धन का धोखा वचन को दबाता है... जो अच्छी भूमि में बोया गया, यह वह है, जो वचन को सुनकर समझता है (मती 13:19-23 ULB)
+ +> अपनी पड़ती भूमि को जोतो... +> यह यहोवा के पीछे हो लेने का समय है (होशै 10:12 ULB) + +#### बोना कार्य अथवा व्यवहार को तथा काटना न्याय एवं इनाम को दिखाता है + +> मेरे देखने में तो जो पाप को जोतते +> और दुख बोते हैं, वही उसको काटते हैं (अय्यूब 4:8 ULB) +> धोखा न खाओ परमेश्वर ठट्ठों में नहीं उड़ाया जाता क्योंकि मनुष्य जो कुछ बोता है, वही काटेगा क्योंकि जो अपने शरीर के लिये बोता है, वह शरीर के द्वारा विनाश की कटनी काटेगा; और जो आत्मा के लिये बोता है, वह आत्मा के द्वारा अनन्त जीवन की कटनी काटेगा (गलातियों 6:7-8 ULB) + +#### गहाना एवं फटकना अच्छे लोगों का बुरे लोगों से अलग होने को दिखाता है + diff --git a/translate/bita-farming/sub-title.md b/translate/bita-farming/sub-title.md new file mode 100644 index 0000000..cadf6a5 --- /dev/null +++ b/translate/bita-farming/sub-title.md @@ -0,0 +1,2 @@ +खेतीबाड़ी से लिए गए वे कौनसे उदाहरण हैं जिनका उपयोग बाइबल में अलंकार के रूप में किया गया है + diff --git a/translate/bita-farming/title.md b/translate/bita-farming/title.md new file mode 100644 index 0000000..8b7af44 --- /dev/null +++ b/translate/bita-farming/title.md @@ -0,0 +1,2 @@ +बाइबल के रूप - खेतीबाड़ी + diff --git a/translate/bita-hq/01.md b/translate/bita-hq/01.md new file mode 100644 index 0000000..45db933 --- /dev/null +++ b/translate/bita-hq/01.md @@ -0,0 +1,136 @@ + +### वर्णन + +बाइबल में वर्णित शरीर के अंगों और मनुष्यों के गुणों से संबंधित कुछ तश्वीरों को नीचे वर्णमाला के क्रम में दिया गया है। बड़े अक्षरों में अंकित शब्द एक विचार को दिखाते हैं। यह जरूरी नही है कि जहाँ जहाँ भी यह तश्वीर है, उस हर आयत में यह शब्द हो, परंतु उस शब्द का विचार अवश्य मौजूद है। + +#### देह लोगों के समूह को दिखाती है + +> इसी प्रकार तुम सब मिलकर मसीह की देह हो और अलग अलग उसके अंग हो (1 कुरिन्थियों 12:27 ULB) + +
वरन् प्रेम में सच्चार्इ से चलते हुए, सब बातों में उस में जो सिर है अर्थात् मसीह में बढ़ते जाएं मसीह से सारी देह हर एक जोड़ की सहायता से एक साथ मिलकर, और एक साथ गठकर, अपने आपको बढ़ाती है, कि वह प्रेम में उन्नति करती जाए (इफिसियों 4:15-16 ULB)
+ +इन वचनों में मसीह की देह मसीह के पीछे चलने वाले लोगों के समूह को दिखाती है। + +#### चेहरा किसी की उपस्थिति को दिखाता है + +> मेरा भय नहीं मानते-यहोवा की यही वाणी है- या मेरे सम्मुख (चेहरे के सामने) नहीं थरथराते? (यिर्मयाह 5:22 ULB) + +किसी के सामने होने का मतलब है किसी की उपस्थिति में, उसके साथ होना। + +#### चेहरा किसी के ध्यान को दिखाता है + +> इस्राएल के घराने में से जो कोर्इ अपनी मूरतें अपने मन में स्थापित करके, और अपने अधर्म की ठोकर अपने (चेहरे के) सामने रखकर भविष्यद्वक्ता के पास आए, उसको, मैं यहोवा, उसकी बहुत सी मूरतों के अनुसार ही उत्तर दूँगा (यहेजकेल 14:4 ULB) + +किसी के चेहरे को ताकने का मतलब है, उसकी ओर ध्यान से देखना या ध्यान देना + +> कर्इ लोग शासकों के चेहरों को ताकते हैं (नीतिवचन 29:26 ULB) + +यदि एक व्यक्ति दूसरे का चेहरा ताकता है तो वह आशा करता है कि यह व्यक्ति उस पर ध्यान देगा। + +> तू क्यों अपना मूँह (चेहरा) छिपा लेता है? और हमारा दु:ख और सताया जाना भूल जाता है? (भजन संहिता 44:24 ULB) + +किसी के चेहरे से छुपने का मतलब है, उसे नजरंदाज करना + +#### चेहरा सतह को दिखाता है + +> जब अकाल सारी पृथ्वी (के चेहरे पर) पर फैल गया, (उत्पत्ति 41:56 ULB) + +
वह चंद्रमा के मुख (चेहरे) को ढ़ाँपता और बादल फैलाता है (अय्यूब 26:9 ULB)
+ +#### हाथ एक व्यक्ति का कार्य अथवा ताकत को दिखाता है + +> परमेश्वर मेरे (हाथ के) द्वारा मेरे शत्रुओं पर जल की धारा की नार्इ टूट पड़ा है। (1 इतिहास 14:11 ULB) + +‘‘परमेश्वर मेरे (हाथ के) द्वारा मेरे शत्रुओं पर’’ का मतलब है ‘‘परमेश्वर ने शत्रुओं पर टूट पड़ने के लिए मेरा उपयोग किया + +> तेरा हाथ तेरे सब शत्रुओं को ढूंढ़ निकालेगा, तेरा दाहिना हाथ सब बैरियों का पता लगा लेगा (भजन संहिता 21:8 ULB) + +‘‘तेरा हाथ तेरे सब शत्रुओं को ढ़ूँढ़ निकालेगा’’ का मतलब है ‘‘तुम अपनी ताकत से सारे बैरियों को ढ़ँूढ निकालोगे’’ + +> सुनो, यहोवा का हाथ ऐसा छोटा नहीं हो गया कि उद्धार न कर सके (यशायाह 59:1 ULB) + +‘‘हाथ छोटा नही हो गया’’ का मतलब है कि आप कमजोर नही हैं + +#### सिर शासक को दिखाता है, एक ऐसा व्यक्ति जिसका दूसरों पर अधिकार है + +> और सब कुछ मसीह के पांवों तले कर दिया: और उसे सब वस्तुओं पर शिरोमणि ठहराकर (सिर बनाकर) कलीसिया को दे दिया। (इफिसियों 1:22 ULB) + +
पत्नियाँ, अपने अपने पति के ऐसे आधीन रहो, जैसे प्रभु के क्योंकि पति पत्नी का सिर है जैसे कि मसीह कलीसिया का सिर है; और आप ही देह का उद्धारकर्ता है इफिसियों 5रू22-23 न् (इफिसियों 5:22-23 ULB)
+ +#### स्वामी हर उस चीज को दिखाता है जो दूसरों को हमेशा प्रोत्साहित करता रहता है + +> कोर्इ मनुष्य दो स्वामियों की सेवा नहीं कर सकता, क्योंकि वह एक से बैर ओर दूसरे से प्रेम रखेगा, वा एक से मिला रहेगा और दूसरे को तुच्छ जानेगा; + +“तुम परमेश्वर और धन दोनो की सेवा नहीं कर सकते” (मत्ती 6रू24 ULB) + +परमेश्वर की सेवा काने का प्रोत्हासन परमेश्वर से आता है पैसे की सेवा काने का प्रोत्हासन पैसे से आता है + + +#### नाम उस व्यक्ति को दिखाता है जिसका वह नाम है + +‘‘तेरा परमेश्वर, सुलैमान का नाम, तेरे नाम से भी महान करे, और उसका राज्य तेरे राज्य से भी अधिक बढ़ाए’’ न् (1 राजा 1:47 ULB) + +
मैंने अपने बड़े नाम की शपथ खार्इ है कि अब पूरे मिस्र देश में कोर्इ यहूदी मनुष्य मेरा नाम लेकर फिर कभी यह न कहने पाएगा... (यिर्मयाह 44:26)
+ +यदि किसी का नाम महान है तो इसका मतलब वह महान है + +> तू अपने दास की प्रार्थना पर, और अपने उन दासों की प्रार्थना पर, जो तेरे नाम का भय मानना चाहते हैं (नहेम्याह 1:11 ULB) + +किसी के नाम का आदर करना उस व्यक्ति का आदर करना है + +#### नाम किसी की प्रसिद्धि को दिखाता है + +> परन्तु मेरे पवित्र नाम को अपनी भेंटों ओर मूरतों के द्वारा फिर अपवित्र न करना न् (यहेजकेल 20:39 ULB) + +परमेश्वर के नाम को अपवित्र करना उसकी कीर्ति को अपवित्र करना है अर्थात लोग उसके बारे में क्या सोचेंगे + +>मैं अपने बड़े नाम को पवित्र ठहराऊंगा, जो जातियों में अपवित्र ठहराया गया... (यहेजकेल 36:23 ULB) + +परमेश्वर का नाम पवित्र बनाना लोगों को यह दिखाना है कि परमेश्वर पवित्र है + +>तेरे दास बहुत दूर के देश से तेरे परमेश्वर यहोवा का नाम सुनकर आए हैं + +क्योंकि हमने यह सब सुना है, अर्थात् उसकी कीर्ति और जो कुछ उसने मिस्र में किया (यहोशू 9:9 ULB) + +लोगों के द्वारा कही गर्इ ये बात कि उन्होने परमेश्वर की कीर्ति सुनी है तो इसका मतलब है, ‘‘यहोवा के नाम के कारण’’ अर्थात यहोवा की प्रसिद्धि के कारण । + +#### नाक गुस्से को दिखाता है + +>तब... जगत की नेवें प्रगट हुर्इ, यह तो हे यहोवा तेरी डांट से, और तेरे नथनों (नाक) की सांस की झोंक से हुआ भजन संहिता 18रू15 (भजन संहिता 18:15 ULB) + +तेरे नथनों (नाक) की सांस से जल एकत्र हो गया (निर्गमन 15:8 ULB)
+ +>उसके नथनों (नाक) से धुंआ निकला, और उसके मुंह से आग निकलकर... (2 शमुएल 22:9 ULB) + +
यह परमेश्वर की वाणी है ‘उसी दिन मेरी जलजलाहट मेरे मुख (नाक) से प्रगट होगी!’ (यहेजकेल 38:18 ULB)
+ +किसी के नथनों से हवा या धुँआ का निकलना उस व्यक्ति के गुस्से को दिखाता है + +#### उठी हुर्इ बौहें घमंड को दिखाती हैं + +>परन्तु घमण्ड भरी (उठी हुर्इ) आंखों को नीची करता है (भजन संहिता 18:27 ULB) + +उठी हुर्इ आँखें व्यक्ति के घमण्ड को दिखाती हैं । + +>परमेश्वर घमण्डी को नीचा करता और नम्र मनुष्य (नीची आँखों) को बचाता है (अय्यूब 22:29 ULB) + +नीची आँखें दिखाती हैं कि व्यक्ति नम्र है। + +#### किसी की संतान उसके गुण को दिखाती है + +> न कुटिल जन उसको दु:ख देने पाएगा (भजन संहिता 89:22ब ULB) + +कुटिल जन एक दुष्ट व्यक्ति को दिखाता है + +> बन्धुओं का कराहना तेरे कान तक पहुंचे +> मृत्यू की संतानों को अपने भुजबल के द्वारा बचा .न् (भजन संहिता 79:11 ULB) + +मृत्यु की संतान वे लोग हैं जो दूसरों को मारने की योजना बनाते हैं + +> न् इनमें हम भी सब के सब पहिले अपने शरीर की लालसाओं में दिन बिताते थे, और शरीर, और मन की मनसाएं पूरी करते थे, और और लोगों के समान स्वभाव ही से क्रोध की सन्तान थे (इफिसियों 2:3 ULB) + +यहाँ क्रोध की सन्तान वे लोग हैं जिनसे परमेश्वर क्रोधित है + +### अनुवाद रणनीति + +([Biblical Imagery - Common Patterns](../bita-part1/01.md) पर अनुवाद की रणनीति देखें) diff --git a/translate/bita-hq/sub-title.md b/translate/bita-hq/sub-title.md new file mode 100644 index 0000000..011c68d --- /dev/null +++ b/translate/bita-hq/sub-title.md @@ -0,0 +1,2 @@ +उन शरीर के अंगों और मानुषिक गुणों के उदाहरण बताएँ जिनका उपयोग बाइबल में अलंकार के रूप में किया गया है + diff --git a/translate/bita-hq/title.md b/translate/bita-hq/title.md new file mode 100644 index 0000000..41b7204 --- /dev/null +++ b/translate/bita-hq/title.md @@ -0,0 +1,2 @@ +बाइबल के रूप - शरीर के अंग एवं मानवीय गुण + diff --git a/translate/bita-humanbehavior/01.md b/translate/bita-humanbehavior/01.md new file mode 100644 index 0000000..d20c56b --- /dev/null +++ b/translate/bita-humanbehavior/01.md @@ -0,0 +1,240 @@ + +बाइबल में वर्णित शरीर के अंगों और मनुष्यों के गुणों से संबंधित कुछ तश्वीरों को नीचे वर्णमाला के क्रम में दिया गया है. बड़े अक्षरों में अंकित शब्द एक विचार को दिखाते हैं. यह जरूरी नही है कि जहाँ जहाँ भी यह तश्वीर है, उस हर आयत में यह शब्द हो, परंतु उस शब्द का विचार अवश्य मौजूद है + +#### झुके हुए का मतलब है निराश + +>यहोवा सब गिरते हुओं को संभालता है, सब झुके हुओं को सीधा खड़ा करता है. (भजन संहिता 145:14 ULB) + +#### प्रसव पीड़ा एक नर्इ हालत को पाने में जरूरी दर्द को दिखाती है + +>हे सिय्योन की बेटी, जच्चा स्त्री की नार्इं पीड़ा उठाकर उत्पé कर +>क्योंकि अब तू गढ़ी में से निकलकर मैदान में बसेगी, वरन बाबुल तक जाएगी +>वहीं तू छुड़ार्इ जाएगी +>वहीं यहोवा तुझे तेरे शत्राुओं के वश में से छुड़ा लेगा (मीका 4:10 ULB) + +
क्योंकि जाति पर जाति, और राज्य पर राज्य चढ़ार्इ करेगा और जगह जगह अकाल पड़ेंगे, और भुर्इडोल होंगे ये सब बातें (प्रसव) पीड़ाओं का आरम्भ होंगी (मत्ती 24:7-8)
+ +> हे मेरे बालकों, जब तक तुम में मसीह का रूप न बन जाए, तब तक मैं तुम्हारे लिये फिर जच्चा की सी पीड़ाएं सहता हूं! (गलातियों 4:19 ULB) + +#### कुछ कहलाना दिखाता है कि वह व्यक्ति वैसा है + +>इस्राएल का पवित्र तेरा छुड़ानेवाला है, वह सारी पृथ्वी का भी परमेश्वर कहलाएगा (यशायाह 54:5 ULB) + +कारण, वह वास्तव में संपूर्ण पृथ्वी का परमेश्वर है + +>जिसके हृदय में बुद्धि है, वह समझवाला कहलाता है, (नीतिवचन 16:21अ ULB) + +कारण, वह वास्तव में समझवाला है + +>वह... परमप्रधान का पुत्र कहलाएगा (लूका 1:32 ULB) + +कारण, वह वास्तव में परमप्रधान का पुत्र है + +>वह पवित्र जो उत्पन्न होनेवाला है, परमेश्वर का पुत्र कहलाएगा (लूका 1:35 ULB) + +कारण, वह वास्तव में परमेश्वर का पुत्र है + +>हर एक पहिलौठा प्रभु के लिये पवित्र ठहरेगा (लूका 2:23 ULB) + +कारण, वह वास्तव में प्रभु के लिए पवित्र है + +#### शुद्धता का मतलब परमेश्वर के मकसद के लिए स्वीकार्य बनना है + +तब नूह ने यहोवा के लिये एक वेदी बनार्इ और सब शुद्ध पशुओं, और सब शुद्ध पक्षियों में से, कुछ कुछ लेकर वेदी पर होमबलि चढ़ाया परमेश्वर ने सुखदायक सुगंध ली (उत्पत्ति 8:20 ULB) + +>सातवें दिन याजक उसको फिर देखे, और यदि देख पड़े कि व्याधि की चमक कम है और व्याधि चर्म पर फैली न हो तो याजक उसको शुद्ध ठहराए क्योंकि उसके तो चर्म में पपड़ी है और वह अपने वस्त्र धोकर शुद्ध हो जाए और वह शुद्ध है (लैव्यव्यवस्था 13:6 ULB) + +#### शुद्ध करना किसी वस्तु को परमेश्वर के लिए स्वीकार्य बनाना है + +>फिर वह निकलकर उस वेदी के पास जो यहोवा के सामने है, जाए और उसके लिये प्रायश्चित्त करे, अर्थात् बछड़े के लहू और बकरे के लहू दोनों में से कुछ लेकर उस वेदी के चारों कोनों के सींगो पर लगाए और उस लहू में से कुछ अपनी उंगली के द्वारा सात बार उस पर छिड़ककर उसे इस्राएलियों की भांति भांति की अशुद्धता छुड़ाकर शुद्ध और पवित्र करे (लैव्यव्यवस्था 16:18-19 ULB) + +
क्योंकि उस दिन तुम्हें शुद्ध करने के लिये तुम्हारे निमित्त प्रायश्चित्त किया जाएगा; और तुम अपने सब पापों से यहोवा के सम्मुख पवित्र ठहरोगे (लैव्यव्यवस्था 16:30 ULB)
+ +#### अशुद्धता का मतलब परमेश्वर के स्वीकार्य योग्य नही होना है + +>पशुओं में से जितने चिरे वा फटे खुर के होते हैं और पागुर करते हैं उन्हें खा सकते हो परन्तु पागुर करनेवाले वा फटे खुरवालों में से इन पशुओं को न खाना, अर्थात् ऊंट, जो पागुर तो करता है परन्तु चिरे खुर का नहीं होता इसलिये वह तुम्हारे लिये अशुद्ध ठहरा है (लैव्यव्यवस्था 11:3-4 ULB) + +
और इनमें से किसी की लोथ जिस किसी वस्तु पर पड़ जाए वह भी अशुद्ध ठहरे, चाहे वह काठ का कोर्इ पात्र हो, चाहे वस्त्र, चाहे खाल, चाहे बोरा चाहे किसी काम का कैसा ही पात्रादि क्यों न हो; वह जल में डाला जाए, और सांझ तक अशुद्ध रहे तब शुद्ध समझा जाए (लैव्यवस्था 11:32 ULB)
+ +#### किसी वस्तु को अशुद्ध करने का मतलब है उसे परमेश्वर के लिए अस्वीकार्य बनाना + +>यदि कोर्इ किसी अशुद्ध वस्तु को अज्ञानता से छू ले, तो चाहे वह अशुद्ध बनैले पशु की, चाहे अशुद्ध रेंगनेवाले जीव-जन्तु की लोथ हो, तो वह अशुद्ध होकर दोषी ठहरेगा (लैव्यव्यवस्था 5:2 ULB) + +#### किसी के यहाँ जा नही पाने का मतलब है कि वह उससे अलग हो गया है + +>और उज्जिय्याह राजा मरने के दिन तक कोढ़ी रहा, और कोढ़ के कारण अलग एक घर में रहता था, वह तो यहोवा के भवन में जाने न पाता था। (2 इतिहास 26:21 ULB) + +#### बीच में से नाश करने का मतलब है मार दिया जाना + +>इस कारण तुम विश्रामदिन को मानना, क्योंकि वह तुम्हारे लिये पवित्र ठहरा है जो उसको अपवित्र करे वह निश्चय मार डाला जाए जो कोर्इ उस दिन में से कुछ कामकाज करे वह प्राणी अपने लोगों के बीच से नाश किया जाए (निर्गमन 31:14-15 ULB) + +
इसलिये जो प्राणी उस दिन दु:ख न सहे वह अपने लोगों में से नाश किया जाएगा जो प्राणी उस दिन किसी प्रकार का कामकाज करे, उसे मैं उसके लोगों के बीच में से नाश कर डालूंगा (लैव्यव्यवस्था 23:29-30 ULB)
+ +>वह जीवतों के बीच में से उठा लिया गया (यशायाह 53:8 ULB) + +#### किसी के सामने आने और खड़े होने का मतलब है उसकी सेवा करना + +
धन्य हैं तेरे जन! धन्य हैं तेरे ये सेवक! जो नित्य तेरे सम्मुख उपस्थित रहकर तेरी बुठ्ठि की बातें सुनते हैं (1 राजा 10:8 ULB)
+ +>वाचा की विश्वासयोग्यता और सच्चार्इ तेरे आगे आगे चलती है (भजन संहिता 89:14 ULB) + +>वाचा की विश्वासयोग्यता और सच्चार्इ को यहाँ व्यक्तिरूप दिया गया है (देखें [Personification](../figs-personification/01.md)) + + +#### शराबीपन कष्ट को एवं दाखमधु न्याय को दिखाता है + +अधिक मदिरा व्यक्ति को कमजोर बनाती एवं लड़खड़ाती है. इसी प्रकार, जब लोग न्याय करते हैं तो वे भी कमजोर होते और लड़खड़ाते हैं. अत: दाखमधु का विचार परमेश्वर के न्याय को दिखाने के लिए लाया गया है + +>तूने अपनी प्रजा को कठिन दु:ख भुगताया +>तूने हमें लड़खड़ा देनेवाला दाखमधु पिलाया है (भजन संहिता 60:3 ULB) + +भजन संहिता से एक और उदाहरण +>परंतु परमेश्वर ही न्यायी है +>वही एक को उठाता और दूसरे को गिराता है +>यहोवा के हाथ में एक कटोरा है, जिसमें का दाखमधु झागवाला है +>उसमें मसाला मिला है, और वह उसमें से उंडेलता है +>निश्चय उसकी तलछट तक पृथ्वी के सब दुष्ट लोग पी जाएंगे (भजन संहिता 75:8 ULB) + +प्रकाशितवाक्य से एक उदाहरण +>वह परमेश्वर के प्रकोप की निरी मदिरा जो उसके क्रोध के कटोरे में डाली गर्इ है, पीएगा (प्रकाशितवाक्य 14:10 ULB) + +#### खा जाने का मतलब है नाश कर देना + +>परमेश्वर इस्राएल को मिस्र में से निकाले लिये आ रहा है +>वह तो बनैले सांड के सामान बल रखता है +>जाति जाति के लोग जो उसके द्रोही है उनको वह खा जायेगा +> और उनकी हड्डियों को टुकडे़ टुकडे़ करेगा +>और अपने तीरों से उनको बेधेगा (गिनती 24:8 ULB) + +‘‘खा डालने’’ का एक और शब्द है निगलना +> इस कारण जैसे अग्नि की लौ से खूंटी भस्म होती है और सूखी घास जलकर बैठ जाती है +>वैसे ही उनकी जड़ सड़ जाएगी और उनके फूल धूल होकर उड़ जाएंगे (यशायाह 5:24 ULB) + +यशायाह से एक और उदाहरण +>इस कारण यहोवा उन पर रसीन के बैरियों को प्रबल करेगा और उनके शत्रुओं को +>अर्थात् पहिले आराम को और तब पलिश्तियों को उभारेगा +>और वे मुंह खोलकर इस्राएलियों को निगल लेंगे (यशायाह 9:11-12 ULB) + +व्यवस्थाविवरण से एक उदाहरण +>मैं अपने तीरों को लहू से मतवाला करूँगा +>और मेरी तलवार माँस खाएगी +>वह लहू, मारे हुओं और बन्धुओं का +>और वह मांस, शत्रुओं के प्रधानों के शीश का होगा (व्यवस्थाविवरण 32:42 ULB) + + +#### उतरना अथवा में डालना प्रभाव डालने को दिखाता है + +
तब यहोवा परमेश्वर ने आदम को भारी नींद में डाल दिया, और जब वह सो गया (उत्पत्ति 2:21 ULB)
+ +>क्या तुम उसके माहात्म्य से भय न खाओगे? +>क्या उसका डर तुम्हारे मन में न समाएगा (उतारेगा)? (अय्यूब 13:11 ULB) + +
तब यहोवा का आत्मा मुझ पर उतरा, और मुझसे कहा यहेजकेल 11रू5 ULB)
+ +> अब देख, प्रभु का हाथ तुझ पर लगा (उतरा) है; और तू कुछ समय तक अन्धा रहेगा (प्रेरितों के काम 13:11 ULB) + +#### किसी के पीछे चलने का मतलब है उसके प्रति कृतध्न होना + +>वे अपने पूर्वजों के परमेश्वर यहोवा को, जो उन्हें मिस्र देश से निकाल लाया था, त्यागकर पराये देवताओं की उपासना करने लगे, और उन्हें दण्डवत् किया यहोवा को रिस दिलार्इ क्योंकि वे यहोवा को त्याग कर के बाल देवताओं और अशतोरेत देवियों की उपासना करने लगे + +
सुलैमान तो सीदोनियों की अशतोरेत नाम देवी के पीछे चला, और अम्मोनियों के मिल्कोम नाम घृणित देवता के पीछे चला (1 राजा 11:5 ULB)
+ +>जितनों ने मेरा अपमान किया है, उनमें से कोर्इ भी उसे देखने न पाएगा परन्तु इस कारण से कि मेरे दास कालिब के पास और ही आत्मा है और उसने पूरी रीति से मेरा अनुकरण किया है, मैं उसको उस देश में जिस में वह हो आया है, पहुंचाऊंगा और उसका वंश उस देश का अधिकारी होगा (गिनती 14:23-24 ULB) + +#### आगे जाना, साथ जाना अथवा दूसरे साथियों के साथ राजा के पीछे चलना उसकी सेवा करने को दिखाता है + +>देख, मजदूरी उसके पास है और उसका काम उसके सामने है (यशायाह 62:11 ULB) + +
धर्म उसके आगे आगे चलेगा, और उसके पांवों के चिन्हों को हमारे लिये मार्ग बनाएगा भजन संहिता 85:13 ULB)
+ +#### अधिकारी होने का मतलब है अपने वश में करना + +>तब राजा अपनी दाहिनी ओर वालों से कहेगा, ‘‘हे मेरे पिता के धन्य लोगो, आओ, उस राज्य के अधिकारी हो जाओ, जो जगत के आरंभ से तुम्हारे लिये तैयार किया हुआ है। (मत्ती 25:34 ULB) राजा जिनसे बात कर रहा है उन्हे परमेश्वर के संपूर्ण राज स्थायी अधिकार के तौर पर मिल रहा है + +>हे भाइयों, मैं यह कहता हूँ कि मांस और लहू परमेश्वर के राज्य के अधिकारी नहीं हो सकते और न विनाश अविनाशी का अधिकारी हो सकता है (1 कुरिन्थियों 15:50 ULB) + +लोग तब तक परमेश्वर के राज को स्थायी तौर पर नही पा सकते हैं, जब तक वे अपने मरणहार शरीर में हैं + +**मीरास** का अर्थ है किसी वस्तु को स्थायी तौर पर अपना बनाना + +>तू उन्हें पंहुचाकर अपने निज भागवाले (निर्गमन 15:17 ULB) + +परमेश्वर के उपासना के पहाड़ को एक स्थिर भाग के रूप में बताया गया है + +>हमारे अधर्म और पाप को क्षमा कर, और हमें अपना निज भाग मानके ग्रहण कर (निर्गमन 34:9 ULB) + +मूसा फिर परमेश्वर से कहता है कि वह इस्राएल को अपने निज भाग के रूप में स्वीकार करे अर्थात ऐसी प्रजा जो स्थिर तौर पर उसकी होगी + +>उसके लिए पवित्र किए गए लोगों में उसकी मीरास की महिमा का धन कैसा है (इफिसियों 1:18 ULB) + +परमेश्वर के लिए पवित्र किए गए लोगों के लिए परमेश्वर जिन बातों को करता है, वे उनकी स्थिर निज भाग होती हैं + +‘‘वारिस’’ एक ऐसा व्यक्ति होता है जो स्थायी तौर पर अपनी चीजों का अधिकारी होता है + +>क्योंकि यह प्रतिज्ञा कि वह जगत का वारिस होगा, न इब्राहीम को, न उसके वंश को व्यवस्था के द्वारा दी गर्इ थी, परन्तु विश्वास की धार्मिकता के द्वारा मिली (रोमियों 4:13 ULB) + +प्रतीज्ञा यह थी कि अब्रहाम और उसके वंश पूरे संसार के स्थायी अधिकारी होंगे + +>इन दिनों के अन्त में हमसे पुत्र के द्वारा बातें की, जिसे उसने सारी वस्तुओं का वारिस ठहराया और उसी के द्वारा उस ने सारी सृष्टि रची है (इब्रानियों 1:2 ULB) + +परमेश्वर का पुत्र सब चीजों को स्थायी भाग के तौर पर स्वीकार करेगा + +>विश्वास ही से नूह ने..... संसार को दोषी ठहराया; और उस धर्म का वारिस हुआ, जो विश्वास से होता है (इब्रानियों 11:7 ULB) + +नूह धार्मिकता को स्थायी भाग के रूप में स्वीकार करता है + +#### सोना मरने को दिखाता है + +
जब तेरी आयु पूरी हो जाएगी, और तू अपने पुरखाओं के संग सो जाएगा, तब मैं तेरे निज वंश को तेरे पीछे खड़ा करके उसके राज्य को स्थिर करूंगा (2 शमुएल 7:12 ULB)
+ +>उनसे पूछो, ‘‘तू किससे मनोहर है? तू उतरकर खतनाहीनों के संग पड़ा रह +>वे तलवार से मरे हुओं के बीच गिरेंगे! उनके लिये तलवार ही ठहरार्इ गर्इ है; सो मिस्र को उसकी सारी भीड़ समेत घसीट ले जाओ! (यहेजकेल 32:19-20 ULB) + +#### राज या शासन करना नियंत्रण करने को दिखाता है + +>जैसा पाप ने मृत्यु फैलाते हुए राज्य किया, वैसा ही हमारे प्रभु यीशु मसीह के द्वारा अनुग्रह भी अनन्त जीवन के लिये धर्मी ठहराते हुए राज्य करे (रोमियों 5:21 ULB) + +
इसलिये पाप तुम्हारे मरनहार शरीर में राज्य न करे, कि तुम उस की लालसाओं के आधीन रहो (रोमियों 6:12 ULB)
+ +#### विश्राम करना अथवा विश्रामस्थल एक स्थायी लाभदायक हालत को दिखाता है + +>उसकी सास नाओमी ने उससे कहा, ‘‘हे मेरी बेटी, क्या मैं तेरे लिये ठांव (विश्रामस्थल) न ढूंढूं कि तेरा भला हो?’’ (रूत 3:1) + +
इस कारण मैंने क्रोध में आकर शपथ खार्इ कि ये मेरे विश्रामस्थान में कभी प्रवेश न करने पाएंगे (भजन संहिता 95:11 ULB)
+ +यह तो युग युग के लिये मेरा विश्रामस्थान हैं; यहीं मैं रहूंगा, क्योंकि मैं ने इसको (Zion) चाहा है (भजन संहिता 132:14 ULB) + +
सब राज्यों के लोग उसे ढूंढ़ेंगें, और उसका विश्रामस्थान तेजोमय होगा (यशायाह 11:10 ULB)
+ +#### उठना या खड़े होना कार्य करने को दिखाता है + +>हमारी सहायता के लिये उठ खड़ा हो! और अपनी करूणा के निमित्त हमको छुड़ा ले (भजन संहिता 44:26 ULB) + +#### कुछ देखना का मतलब है वहाँ उपस्थित होना + +>क्योंकि तू विश्वासयोग्य मेरे प्राण को अधोलोक में न छोड़ेगा (देखेगा) (भजन संहिता 16:10 ULB) + +#### बेचना किसी के नियंत्रण में दे देने को दिखाता है + +खरीदना किसी के नियंत्रण में आने को दिखाता है + +>उसने (Yahweh) उनको अरम्नहरैम के राजा कूशत्रिशातैम के अधीन (बेच) कर दिया (न्यायियों 3:8 ULB) + +#### विराजमान होना राज करने को दिखाता है + +>तब दया के साथ एक सिंहासन स्थिर किया जाएगा और उस पर दाऊद के तम्बू में सच्चार्इ के साथ एक
विराजमान
होगा (यशायाह 16:5 ULB) + + +#### खड़े रहना सफलतापूर्वक सामना करने को दिखाता है + +>इस कारण दुष्ट लोग अदालत में खड़े न रह सकेंगे, और न पापी धर्मियों की मण्डली में ठहरेंगे; (भजन संहिता 1:5 ULB) + +#### चलना व्यवहार करने एवं पथ (मार्ग) व्यवहार को दिखाता है + +>क्या ही धन्य है वह पुरूष जो दुष्टों की युक्ति पर नहीं चलता (भजन संहिता 1:1 ULB) + +
क्योंकि यहोवा धर्मियों के मार्ग को मान्यता देता है (भजन संहिता 1:6 ULB)
+ +>मुझ को झूठ के मार्ग से दूर कर (भजन संहिता 119:29 ULB) + +
मैं तेरी आज्ञाओ के मार्ग में दौडूंगा (भजन संहिता 119:32 ULB)
diff --git a/translate/bita-humanbehavior/sub-title.md b/translate/bita-humanbehavior/sub-title.md new file mode 100644 index 0000000..20da4f2 --- /dev/null +++ b/translate/bita-humanbehavior/sub-title.md @@ -0,0 +1,2 @@ +लोगों के कार्यों में वे कौनसे उदाहरण हैं जिनका उपयोग बाइबल में अलंकार के रूप में किया गया है + diff --git a/translate/bita-humanbehavior/title.md b/translate/bita-humanbehavior/title.md new file mode 100644 index 0000000..5a85266 --- /dev/null +++ b/translate/bita-humanbehavior/title.md @@ -0,0 +1,2 @@ +बाइबल के रूप - मानवीय व्यवहार + diff --git a/translate/bita-manmade/01.md b/translate/bita-manmade/01.md new file mode 100644 index 0000000..11f7e7a --- /dev/null +++ b/translate/bita-manmade/01.md @@ -0,0 +1,44 @@ + +बाइबल में वर्णित मनुष्य निर्मित वस्तुओं से संबंधित कुछ तश्वीरों को नीचे वर्णमाला के क्रम में दिया गया है। +बड़े अक्षरों में अंकित शब्द एक विचार को दिखाते हैं। यह जरूरी नही है कि जहाँ जहाँ भी यह तश्वीर है, उस हर आयत में यह शब्द हो, परंतु उस शब्द का विचार अवश्य मौजूद है। + +#### पीतल ताकत को दिखाता है + +>वह मेरे हाथों... पीतल का धनुष झुक जाता है । (भजन संहिता 18:34 ULB) + +#### रस्सियाँ या जंजीर नियंत्रण को दिखाती हैं + +>आओ, हम उनके बन्धन तोड़ डालें, और उनकी रस्सियों को अपने ऊपर से उतार फेंके। (भजन संहिता 2:3 ULB) + +#### वस्त्र नैतिक गुणों (भावनाएँ, व्यवहार, आत्मा, जीवन)को दिखाता है + +>यह वही र्इश्वर है, जो सामर्थ से मेरा कटिबन्ध बान्धता है। (भजन संहिता 18:32 ULB) + +
उसकी कटि का फेंटा धर्म और उसकी कमर का फेंटा सच्चार्इ होगी (यशायाह 11:5 ULB)
+ +>मेरे विरोधियों को अनादररूपी वस्त्र पहिनाया जाए, और वे अपनी लज्जा को कम्बल की नार्इं ओढ़ें (भजन संहिता 109:29 ULB) + +
मैं उसके शत्रुओं को तो लज्जा का वस्त्र पहिनाऊंगा (भजन संहिता 132:18 ULB)
+ +#### फंदा (रस्सियों से बना हल्का सा जाल) मृत्यु को दिखाता है + +>वह तो मुझे बहेलिये के जाल से बचाएगा (भजन संहिता 91:3 ULB) + +
मृत्यु की रस्सियां मेरे चारों ओर थीं; मैं अधोलोक की सकेती में पड़ा था (भजन संहिता 116:3 ULB)
+ +>मैं दुष्टों की रस्सियों से बन्ध गया हँू (भजन संहिता 119:61 ULB) + +
दुष्टों ने मेरे लिये फन्दा लगाया है (भजन संहिता 119:110 ULB)
+ +>दुष्ट अपने किए हुए कामों में फंस जाता है (भजन संहिता 9:16 ULB) +>वरन उन्हीं जातियों से हिलमिल गए और उनके व्यवहारों को सीख लिया और उनकी मू​िर्त्तयों की पूजा करने लगे, और वे उनके लिये फन्दा बन गर्इ (भजन संहिता 106:35-36 ULB) + +इस मामले में फंदा दुष्टता को करने का प्रभाव था जो मृत्यु की ओर खींचता है + +#### तंबु अथवा डेरा एक घर, गृह, घर के लोग, बच्चों को दिखाता है + +>निश्चय र्इश्वर तुझे सदा के लिये नाश कर देगा; वह तुझे पकड़कर तेरे डेरे से निकाल देगा (भजन संहिता 52:5 ULB) + +
दुष्टों का घर नाश हो जाता है, परन्तु सीधे लोगों के तम्बू में आबादी होती है (नीतिवचन 14:11 ULB)
+ +> तब दया के साथ एक सिंहासन स्थिर किया जाएगा और उस पर दाऊद के तम्बू में सच्चार्इ के साथ एक विराजमान होगा (यशायाह 16:5 ULB) diff --git a/translate/bita-manmade/sub-title.md b/translate/bita-manmade/sub-title.md new file mode 100644 index 0000000..3f353a9 --- /dev/null +++ b/translate/bita-manmade/sub-title.md @@ -0,0 +1,2 @@ +लोगों की बनार्इ गर्इ चीजों में वे कौनसे उदाहरण हैं जिनका उपयोग बाइबल में अलंकार के रूप में किया गया है + diff --git a/translate/bita-manmade/title.md b/translate/bita-manmade/title.md new file mode 100644 index 0000000..6d80e64 --- /dev/null +++ b/translate/bita-manmade/title.md @@ -0,0 +1,2 @@ +बाइबल के रूप - मानवनिर्मित वस्तुएँ + diff --git a/translate/bita-part1/01.md b/translate/bita-part1/01.md new file mode 100644 index 0000000..398137f --- /dev/null +++ b/translate/bita-part1/01.md @@ -0,0 +1,60 @@ + +यह पéा उन विचारों को बताता है जो सीमित तरीकों से एक साथ जुड़े हैं। (अधिक जटिल युग्मों पर विचार विमश करने के लिए, देखें [Biblical Imagery - Cultural Models](../bita-part3/01.md).*) + +### वर्णन + +भी भाषाओं में, अधिकतर **रूपक** कर्इ विचारों को एक साथ जोड़ने के द्वारा बनते हैं जिसमें एक विचार दूसरे को दिखाता है। उदाहरण के तौर पर, कुछ भाषाओं में __ऊँचार्इ__ को ‘‘ज्यादा’’ एवं __नीचे__ को ‘‘ज्यादा नही’’ से जोड़ा जाता है जिससे __ऊँचार्इ__ ‘‘ज्यादा’’ को एवं __नीचा__ ‘‘ज्यादा नही’’ को दर्शाए। + +कारण, यदि ढ़ेर में बहुत सारी चीजें होती हैं तो ढ़ेर ऊँचा होता है। इसी प्रकार, किसी वस्तु के लिए ज्यादा पैसा लगता है तो लोग कहते हैं कि कीमत __ऊँची__ है या किसी शहर में पहले से ज्यादा लोग रहने लगे हैं, हम कह सकते हैं कि यहाँ के लोगों की संख्या __बढ़__ गर्इ है। + +इसी तरह, यदि किसी का वनज कम हो गया है या वह पतला हो गया है तो हम कहेंगे कि उसका वजन __घट__ गया है ।बाइबल में इस्तेमाल किए गए तरीके यूनानी एवं इब्री भाषा में विशेष हैं। इन तरीकों को पहचानना महत्वपूर्ण हैं क्योंकि अनुवादकों के सामने समान समस्याओं को लाते हैं कि उनका अनुवाद कैसे किया जाए। + +एक बार अनुवादक को पता चल जाए कि उस चुनौती का हल कैसे निकले तो वे हर जगह पर इसका सामना करने के लिए तैयार होंगे। उदाहरण के तौर पर, विचार जोड़ने का एक तरीका है कि बाइबल में चाल को व्यवहार से एवं मार्ग को व्यवहार के एक तरीके से जोड़ा गया है। + +भजन संहिता 1 में, दुष्ट की युक्ति में चलने का अर्थ है दुष्ट के कहे अनुसार कार्य करना + +>धन्य है वह जो दुष्टों की युक्ति से नही चलता है (भजन संहिता 1:1 ULB) + +यही तरीका हम भजन संहिता 119:32 में भी देख सकते हैं जहाँ परमेश्वर के मार्ग में दौड़ने का मतलब परमेश्वर की आज्ञाओं को मानना है। चूँकि दौड़ाना चलने से अधिक गंभीर है, दौड़ने का अर्थ पूरे दिल से कार्य करना हो सकता है। मैं तेरी विधियों के मार्ग में दौड़ूँगा (भजन संहिता 119:32 ULB) + +#### कारण यह अनुवाद का मामला है + +ये तरीके तीन चुनौतियों को पेश करते हैं जो उन्हे पहचानना चाहता है: + +1. बाइबल के किसी रूपक को यदि हम देखें, हमेशा यह व्यक्त नही होता है कि उसमें दो विचार जुड़े हैं । उदाहरण के तौर पर, यह विचार कि परमेश्वर मुझे एक कटिबंध की तरह सामर्थ पहनाता है। (भजन संहिता 18:32), हमें शायद, एकदम से पता न चले कि यहाँ वस्त्र को नैतिक मूल्य से जोड़ा गया है। इस मामले में, कटिबंध की तश्वीर सामर्थ को दिखाती है (देखें [Biblical Imagery - Man-made Objects](../bita-manmade/01.md)) + +1. किसी भी विचार को देखते ही, अनुवादक को यह पता करना है कि यह किसी को प्रकट कर रहा है या नही। यह आस पास के कथनों को समझने से ही पहचाना जा सकता है। उदाहरण के तौर पर, आसपास के कथन बताते हैं कि ‘‘दीवट’’ तेल से भरे एक डिब्बे और उसमें लगी बत्ती को दिखाता है या यह केवल एक प्रतीक के रूप में उपयोग हो रहा है। (देखें [Biblical Imagery - Natural Phenomena](../bita-phenom/01.md) में ‘‘आग और दीवट जीवन को दिखाते हैं’’) + +1 राजा 7:50 में, कैंची एक सामान्य दीवट की बत्ती को काटने के लिए इस्तेमाल किया जाने वाला औजार है + +2 शमुएल 21:17 में इस्राएल का दीवट दाऊद राजा के जीवन को दिखाता है + +जब उसके लोग चिंतित थे कि ‘‘इस्राएल का दीवट बुझ न जाए’’, तो उनकी चिंता थी कि उसे मार डाला न जाए + +
कटोरे, दीवट की कैंचियाँ, तसले, चिमटे और धूपदान सब चोखे सोने से बने थे (1 राजा 7:50 ULB)
+ +> तब यिशबोबनोब ने.... दाऊद को मारने को ठाना । परन्तु सरूयाह के पुत्र अबीशै ने दाऊद की सहायता करके उस पलिश्ती को ऐसा मारा कि वह मर गया। + +तब दाऊद के जनों ने शपथ खाकर उससे कहा, ‘‘तू फिर हमारे संग युद्ध करने नही जाएगा, ऐसा न हो कि तेरे मरने से इस्राएल का दीया बुझ जाए’’ (2 शमूएल 21:16-17 ULB) + +1. विचारों को आपस में जोड़ने वाले प्रकटीकरण अक्सर जटिल तरीके से एक दूसरे से जुड़े होते हैं। इतना ही नही, वे अक्सर समान रूपकों अथवा सांस्कृतिक नमूनों के आधार पर जुड़े होते हैं। (देखें [Biblical Imagery - Common Metonymies](../bita-part2/01.md) and [Biblical Imagery - Cultural Models](../bita-part3/01.md) + +उदाहरण के तौर पर, 2 शमुएल 14:7 में, ‘‘अंगारा’’ पुत्र के जीवन की तश्वीर है जिसका प्रकटीकरण उसके पिता को याद कराता है। अत: यहाँ दो प्रकार के युग्मों को देख सकते हैं: पुत्र के जीवन के साथ अंगारे का संबंध एवं पुत्र का पिता की याद के साथ संबंध + +>वे कहते हैं, कि जिसने अपने भार्इ को घात किया उसको हमें सौंप दे, कि उसके मारे हुए भार्इ के प्राण के पलटे में उसको प्राण दंड दे’’ + +और वारिस को भी नाश करें। + +इस तरह वे मेरे अंगारे को जो बच गया है बुझाएंगे, और मेरे पति का नाम और सन्तान धरती पर से मिटा डालेंगे (2 शमूएल 14:7 ULB) + + +#### बाइबल के तश्वीरों के लिंक + +निम्न पéों में उन विचारों की सूचियाँ हैं जो बाइबल मं किसी दूसरे को प्रकट करते हैं। इन्हे तश्वीरों के प्रकार के आधार पर क्रमबद्ध किया गया है + +* [Biblical Imagery - Body Parts and Human Qualities](../bita-hq/01.md) शरीर कं अंग एवं मावनीय गुण +* [Biblical Imagery - Human Behavior](../bita-humanbehavior/01.md) – मानवीय व्यवहार Includes both physical and non-physical actions, conditions and experiences इसमें शारीरिक, गैर-शारीरिक कार्य, हालत एवं अनुभव भी शामिल हैं +* [Biblical Imagery - Plants](../bita-plants/01.md) पेड़ पौधे +* [Biblical Imagery - Natural Phenomena](../bita-phenom/01.md) प्राकृतिक वस्तुएँ +* [Biblical Imagery - Man-made Objects](../bita-manmade/01.md) मानव निर्मित वस्तुएँ + diff --git a/translate/bita-part1/sub-title.md b/translate/bita-part1/sub-title.md new file mode 100644 index 0000000..5c296e2 --- /dev/null +++ b/translate/bita-part1/sub-title.md @@ -0,0 +1,2 @@ +बाइबल में अक्सर कौनसे विचारों का उपयोग दूसरों विचारों को बताने के लिए किया जाता है? + diff --git a/translate/bita-part1/title.md b/translate/bita-part1/title.md new file mode 100644 index 0000000..02fdecd --- /dev/null +++ b/translate/bita-part1/title.md @@ -0,0 +1,2 @@ +बाइबल के रूप - सामान्य नमूने + diff --git a/translate/bita-part2/01.md b/translate/bita-part2/01.md new file mode 100644 index 0000000..0ba4fc5 --- /dev/null +++ b/translate/bita-part2/01.md @@ -0,0 +1,76 @@ + +बाइबल में से कुछ रूपकों को नीचे वर्णमाला के क्रम में दिया गया है। बड़े अक्षरों में अंकित शब्द एक विचार को दिखाते हैं। यह जरूरी नही है कि जहाँ जहाँ भी यह तश्वीर है, उस हर आयत में यह शब्द हो, परंतु उस शब्द का विचार अवश्य मौजूद है। + +#### एक कटोरा अथवा बर्तन दिखाता है कि उसमें क्या है + +>मेरा कटोरा उमण्ड रहा है (भजन संहिता 23:5 ULB) + +कटोरे में इतना कुछ है कि वह उसके मूँह के ऊपर से बह रहा है + +>जब भी तुम यह रोटी खाते, और इस कटोरे में से पीते हो, तो प्रभु की मृत्यु को जब तक वह न आए, प्रचार करते हो (1 कुरिन्थियों 11:26 ULB) + +लोग कटोरा नही पीते हैं। जो कटोरे के अंदर जो है, उसे पीते हैं + +#### मूँह शब्दों अथवा बातचीत को दिखाता है + +>मूर्ख का विनाश उसकी बातों (मूँह) से होता है (नीतिवचन 18:7 ULB) + +
वरन मैं अपने वचनों (मूँह) से तुमको हियाव दिलाता (अय्यूब 16:5 ULB)
+ +> तुमने अपने मुुंह से मेरे विरुद्ध बड़ार्इ मारी, और मेरे विरुद्ध बहुत बातें कही हैं । इसे मैंने सुना है (यहेजकेल 35:13 ULB) + +इन उदाहरणों में मूँह उन बातों को दिखाता है जो एक व्यक्ति कहता है + +#### एक व्यक्ति की याद उसके वंशजों को दिखाता है + +एक व्यक्ति की याद उसके वंशजों को दिखाता है क्योंकि वे ही याद करते और उसका सम्मान करते हैं। यदि बाइबल कहती है किसी की याद चली गर्इ, तो इसका मतलब है कि या तो उसकी संतान नही है, या उनकी मृत्यु होगी। + +> तूने अन्यजातियों को झिड़का +> और दुष्ट को नाश किया है +>तूने उनका नाम अनन्तकाल के लिये मिटा दिया है +>शत्रु जो है, वह मर गए, वे अनन्तकाल के लिये उजड़ गए हैं; +> और जिन नगरों को तू ने ढा दिया +>उनका नाम वा निशान भी मिट गया है (भजन संहिता 9:5-6 ULB) + +
पृथ्वी पर से उसका स्मरण मिट जाएगा (अय्यूब 18:17 ULB)
+ +>यहोवा बुरार्इ करनेवालों के विमुख रहता है +> ताकि उनका स्मरण पृथ्वी पर से मिटा डाले (भजन संहिता 34:16 ULB) + +#### एक व्यक्ति लोगों के समूह को दिखाता है + +>क्योंकि दुष्ट अपनी अभिलाषा पर घमण्ड करता है +>और लोभी परमेश्वर को त्याग देता है और उसका तिरस्कार करता है (भजन संहिता 10:3 ULB) + +यह किसी दुष्ट विशेष की ओर इशारा नही है परंतु आम दुष्ट लोगों की ओर इशारा है + +#### व्यक्ति का नाम उसके वंशजों को बुलाता है + +>गाद पर एक दल चढ़ार्इ तो करेगा; पर वह उसी दल के पिछले भाग पर छापा मारेगा +>आशेर का भोजन स्वादिष्ट खाना होगा, वह स्वादिष्ट राजकीय भोजन दिया करेगा +>नप्ताली एक छूटी हुर्इ हरिणी है; वह सुन्दर बातें बोलता है (उत्पत्ति 49:19-21 ULB) + +गाद, नप्ताली और आशेर जैसे नाम केवल मनुष्यों को ही नही, वरन् उनकी संतानों को भी दिखाते हैं + +#### एक व्यक्ति स्वयं को और लोगों को खुद के द्वारा प्रकट करता है + +>फिर ऐसा हुआ कि जब अब्राम मिस्र में आया, तब मिस्रियों ने उसकी पत्नी को देखा कि वह अति सुन्दर है (उत्पत्ति 12:14 ULB) + +यहाँ ‘‘अब्राम’’ शब्द अब्राम एवं उसके साथ यात्रा करने वाले लोगों को दिखाता है। केन्द्र अब्राम पर था + +#### बेधना मारने को दिखाता है + +>उसके हाथों ने वेग से भागनेवाले नाग को बेधा (अय्यूब 26:13 ULB) + +इसका अर्थ है कि उसने सर्प को मारा + +>देखो, वह बादलों के साथ आनेवाला है; और हर एक आंख उसे देखेगी, वरन् जिन्होंने उसे बेधा था, वे भी उसे देखेंगे (प्रकाशितवाक्य 1:7 ULB) + +‘‘जिन्होने बेधा’’ का मतलब है जिन्होने यीशु को मारा। + +#### पाप (अपराध) उन पापों के दण्ड को दिखाता है + +>यहोवा ने हम सभों के अधर्म का बोझ उसी पर लाद दिया। + +इसका अर्थ है कि उसने उस पर वह दण्ड लाद दिया जो हम सबको मिलना था। + diff --git a/translate/bita-part2/sub-title.md b/translate/bita-part2/sub-title.md new file mode 100644 index 0000000..7abc231 --- /dev/null +++ b/translate/bita-part2/sub-title.md @@ -0,0 +1,2 @@ +बाइबल में आमतौर पर उपयोग की गर्इ मेटोनिमी कौन कौनसी हैं? + diff --git a/translate/bita-part2/title.md b/translate/bita-part2/title.md new file mode 100644 index 0000000..58dd4f5 --- /dev/null +++ b/translate/bita-part2/title.md @@ -0,0 +1,2 @@ +बाइबल के रूप - सामान्य मेटोनिमी + diff --git a/translate/bita-part3/01.md b/translate/bita-part3/01.md new file mode 100644 index 0000000..ea4ee2d --- /dev/null +++ b/translate/bita-part3/01.md @@ -0,0 +1,234 @@ + +### इ + +सांस्कृतिक नमूने जीवन अथवा व्यवहार के अंगों की मानसिक तश्वीरें हैं। ये तश्वीरें इन विषयों के बारे में कल्पना एवं बातचीत करने में हमारी मदद करती हैं। + +उदाहरण के तौर पर, अमरीकी लोग विवाह, मित्रता जैसी कर्इ चीजों के बारे में ऐसा सोचते हैं जैसे कि वो मशीनें हैं। अमरीकी शायद कहे, ‘‘उसका विवाह टूट रहा है’’ या ‘‘उनकी दोस्ती तेज गति में बढ़ रही है’’ + +इस उदाहरण में, मानवीय संबंधों को मशीन की तरह दर्शाया गया है। बाइबल मं वर्णित कुछ सांस्कृतिक नमूने अथवा मानसिक तश्वीरें निम्नलिखित हैं। पहले, परमेश्वर के नमूने हैं, फिर मनुष्यों, वस्तुओं और अनुभवों के नमूने हैं। हर शीर्षक के नमूने को बड़े अक्षरों में लिखा गया है। यह जरूरी नही है कि हर आयत में यह शब्द हो, परंतु उस शब्द का विचार अवश्य मौजूद है + +#### परमेश्वर को मानव अथवा मनुष्य के रूप में दिखाया गया है + +यद्यपि बाइबल इंकार करती है कि परमेश्वर एक मानव है, अक्सर उसके कार्यों को मनुष्यों के कार्यों के समान बताया गया है। परंतु परमेश्वर मानव नही है अत: जब बाइबल कहती है कि परमेश्वर बोलता है, तो हमें यह नही सोचना चाहिए कि परमेश्वर का कंठ है और उसमें स्वरतंत्री है। और जब यह उसके हाथ के किसी कार्य को बताती है तो हमें यह नही साचेना है कि परमेश्वर के शारीरिक हाथ होते हैं। + +>यदि हम अपने परमेश्वर यहोवा का शब्द फिर सुनें, तब तो मर ही जाएंगे (व्यवस्थाविवरण 5:25 ULB) + +
मेरे परमेश्वर यहोवा के हाथ ने मुझे बल दिया (एज्रा 7:28 ULB)
+ +>यहूदा पर भी परमेश्वर का हाथ (शक्ति) आया कि वे एक मन होकर, जो आज्ञा राजा और हाकिमों ने यहोवा के वचन के अनुसार दी थी, उसे मानने को तैयार हुए (2 इतिहास 30:12 ULB) + +‘‘हाथ’’ शब्द परमेश्वर की शक्ति को दिखाने वाला रूपक है (देखें: [Metonymy](../figs-metonymy/01.md)) + +#### परमेश्वर को राजा के रूप में दिखाया गया है + +>क्योंकि परमेश्वर सारी पृथ्वी का राजा है; (भजन संहिता 47:7 ULB) +>क्योंकि राज्य यहोवा ही का है +>और सब जातियों पर वही प्रभुता करता है (भजन संहिता 22:28 ULB) +>हे परमेश्वर, तेरा सिंहासन सदा सर्वदा बना रहेगा +>तेरे राज्य का राजदण्ड न्याय का राजदण्ड है (भजन संहिता 45:6 ULB) +>यहोवा यों कहता है, +>आकाश मेरा सिंहासन और पृथ्वी मेरे चरणों की चौकी है (यशायाह 66:1 ULB) +>परमेश्वर जाति जाति पर राज्य करता है +>परमेश्वर अपने पवित्र सिंहासन पर विराजमान है +>राज्य राज्य के रर्इस (राजकुमार) +>इब्राहीम के परमेश्वर की प्रजा होने के लिये इकट्ठे हुए हैं +>क्योंकि पृथ्वी की ढालें परमेश्वर के वश में हैं +>वह तो शिरोमणि है (भजन संहिता 47:8-9 ULB) + +#### परमेश्वर को चरवाहे एवं उसके लोगों को भेड़ों के रूप में दिखाया गया है + +>यहोवा मेरा चरवाहा है, मुझे कुछ घटी न होगी (भजन संहिता 23:1 ULB) + +उसके लोग भेड़ हैं + +>क्योंकि वही हमारा परमेश्वर है, और हम उसकी चरार्इ की प्रजा, और उसके हाथ की भेड़ें हैं।। भला होता, कि आज तुम उसकी बात सुनते (भजन संहिता 95:7 ULB) + +वह अपने लोगों को भेड़ों के समान चलाता है + +>परन्तु अपनी प्रजा को भेड़-बकरियों की नार्इ पयान कराया, और जंगल में उनकी अगुवार्इ पशुओं के झुण्ड की सी की (भजन संहिता 78:52 ULB) + +वह अपनी भेड़ों को बचाने के लिए मरने के लिए भी तैयार है + +>अच्छा चरवाहा मैं हूँ; मैं अपनी भेड़ों को जानता हूँ, और मेरी भेड़ें मुझे जानती हैं + +जिस तरह पिता मुझे जानता है, और मैं पिता को जानता हूं, और मैं भेड़ों के लिये अपना प्राण देता हूँ मेरी और भी भेड़ें हैं, जो इस भेड़शाला की नहीं; मुझे उन का भी लाना अवश्य है, वे मेरा शब्द सुनेंगी; तब एक ही झुंड और एक ही चरवाहा होगा (युहन्ना 10:14-15 ULB) + +#### परमेश्वर को योद्धा के रूप में दिखाया गया है + +>यहोवा योद्धा है (निर्गमन 15:3 ULB) +>यहोवा वीर की नार्इं निकलेगा और योद्धा के समान अपनी जलन भड़काएगा +>वह ऊंचे शब्द से ललकारेगा और अपने शत्रुओं पर जयवन्त होगा (यशायाह 42:13 ULB) +>हे यहोवा, तेरा दाहिना हाथ शक्ति में महाप्रतापी है +>हे यहोवा, तेरा दाहिना हाथ शत्रु को चकनाचूर कर देता है (निर्गमन 15:6 ULB) +> परन्तु परमेश्वर उन पर तीर चलाएगा +>वे अचानक घायलहो जाएंगे (भजन संहिता 64:7 ULB) + +
क्योंकि तू अपना धनुष उनके वि:द्ध चढ़ाएगा, और वे पीठ दिखाकर भागेंगे (भजन संहिता 21:12 ULB)
+ +#### एक अगुवे को चरवाहा अथवा उसकी अगुवार्इ के लोगों को भेड़ों के रूप में दिखाया गया है + +>तब इस्राएल के सब गोत्र दाऊद के पास हेब्रोन में आकर कहने लगे, सुन... जब शाऊल हमारा राजा था, तब भी इस्राएल का अगुवा तू ही था; और यहोवा ने तुझ से कहा, कि मेरी प्रजा इस्राएल का चरवाहा, और इस्राएल का प्रधान तू ही होगा (2 शमूएल 5:1-2 ULB) + +
‘‘उन चरवाहों पर हाय जो मेरी चरार्इ की भेड़ों को तितर-बितर करते ओर नाश करते हैं, यहोवा यह कहता है।’’ (यिर्मयाह 23:1 ULB)
+ +>इसलिये अपनी और पूरे झुंड की चौकसी करो; जिससे पवित्र आत्मा ने तुम्हें अध्यक्ष ठहराया है + +कि तुम परमेश्वर की कलीसिया की रखवाली करो, जिसे उस ने अपने लोहू से मोल लिया है। मैं जानता हूँ कि मेरे जाने के बाद फाड़नेवाले भेड़िए आएंगे, जो झुंड को न छोड़ेंगे। तुम्हारे ही बीच में से भी ऐसे ऐसे मनुष्य उठेंगे, जो चेलों को अपने पीछे खींच लेने को टेढ़ी मेढ़ी बातें कहेंगे। (प्रेरितों के काम 20:28-30 ULB) + +#### आँख को दीवट के रूप में दिखाया गया है + +इस नमूने एवं दुष्ट आँखों के नमूने में विभिéताएँ संसार के कर्इ भागों में मौजूद हैं। बाइबल में वर्णित अधिकतर संस्कृतियों में, इन नमूनों में निम्न तत्व शामिल हैं: + +लोग वस्तुओं को देखते हैं, उनके चारों ओर मौजूद रोशनी की वजह से नही, परंतु उनकी आँखों से उन वस्तुओं पर रोशनी चमकने की वजह से + +>शरीर का दीवट आंख है + +इसलिये यदि तेरी आंख निर्मल हो, तो तेरा सारा शरीर भी उजियाला होगा (मत्ती 6:22 ULB) आँखों से चमकने वाली इस रोशनी में, देखने वाले का स्वभाव भी सम्मिलित होता है। + +>दुष्ट जन बुरार्इ की लालसा जी से करता है; वह अपने पड़ोसी पर अनुग्रह की दृष्टि नही करता (नीतिवचन 21:10 ULB) + +#### घृणा और शाप को किसी पर बुरी दृष्टि एवं प्रसéता को अच्छी नजर के रूप में दिखाया गया है + +बुरी नजर से भरे व्यक्ति की प्राथमिक भावना घृणा होती है। मरकुस में ‘‘घृणा’’ का यूनानी शब्द से अनुवाद ‘‘आँख’’ किया गया है जो दुष्ट दृष्टि को दिखाता है। + +>उसने कहा, ‘‘जो मनुष्य में से निकलता है, वही मनुष्य को अशुद्ध करता है क्योंकि भीतर से अर्थात् मनुष्य के मन से, बुरी बुरी चिन्ता.... कुदृष्टि, ... (मरकुस 7:20-22 ULB) + +मती 20:15 की पृष्ठभूमि में घृणा की भावना सम्मिलित है ‘‘क्या .... बुरी दृष्टि से देखता है?’’ का अर्थ है ‘‘क्या तुममें घृणा है’’ + +>क्या उचित नहीं कि मैं अपने माल से जो चाहूँ सो करूं? + +या क्या मेरे भेले होने के कारण तू बुरी दृष्टि से देखता है? (मत्ती 20:15 ULB) यदि एक व्यक्ति की दृष्टि बुरी होती है तो उसकी नजर दूसरे लोगों के धन पर रहती है + +>शरीर का दीया आंख है + +इसलिये यदि तेरी आंख निर्मल हो, तो तेरा सारा शरीर भी उजियाला होगा। परन्तु यदि तेरी आंख बुरी हो, तो तेरा सारा शरीर भी अन्धियारा होगा । इस कारण वह उजियाला जो तुझ में है यदि अन्धकार हो तो वह अन्धकार कैसा बड़ा होगा। कोर्इ मनुष्य दो स्वामियों की सेवा नहीं कर सकता, क्योंकि वह एक से बैर ओर दूसरे से प्रेम रखेगा, वा एक से मिला रहेगा और दूसरे को तुच्छ जानेगा; “तुम परमेश्वर और धन दोनो की सेवा नहीं कर सकते“ (मत्ती 6:22-24 ULB) + +घृणा से भरा व्यक्ति दूसरों पर अपनी बुरी दृष्टि डालकर उन पर जादू या शाप डाल सकता है। + +>हे निर्बुद्धि गलतियों, किसने (किसकी बुरी आँखों) ने तुम्हें मोह लिया? (गलतियों 3:1 ULB) + +अच्छी दृष्टि वाला व्यक्ति दूसरों पर अपनी दृष्टि डालकर आशीष दे सकता है + +>मुझ पर तेरे अनुग्रह की दृष्टि हो, (1 शमूएल 27:5 ULB) + +#### जीवन को लहू के रूप में दिखाया गया है + +इस नमूने में, किसी व्यक्ति या जन्तु का लहू उनके जीवन को दिखाता है + +>पर मांस को प्राण समेत अर्थात् लहू समेत तुम न खाना (उत्पत्ति 9:4 ULB) + +लहू का बहाया या छिड़का जाना, किसी के मारे जाने को दिखाता है + +>जो कोर्इ मनुष्य का लहू बहाएगा, उसका लहू मनुष्य ही से बहाया जाएगा (उत्पत्ति 9:6 ULB) + +
जब तक न्याय के लिये मण्डली के सामने खड़ा न हो, तब तक बहाए गए खून का पलटा लेनेवाला उसे मार डालने न पाए (यहोशू 20:9 ULB)
+ +यदि लहू पुकारता है, प्रकृति स्वयं उस व्यक्ति से पलटा लेने के लिए पुकार रही है जिसने किसी को मारा है। (इसमें लहू को व्यक्ति के रूप में दिखाया गया है क्योंकि लहू पुकार रहा है) देखें: [Personification](../figs-personification/01.md)) + +>यहोवा ने कहा, तूने क्या किया है? तेरे भार्इ का लहू भूमि में से मेरी ओर चिल्लाकर मेरी दोहार्इ दे रहा है (उत्पत्ति 4:10 ULB) + +#### एक देश को स्त्री और वहाँ के देवताओं को उसके पति के रूप में दिखाया गया है + +>गिदोन के मरते ही इस्राएली फिर गए, और व्यभिचारिणी की नार्इं बाल देवताओं के पीछे हो लिए और बालबरीत को अपना देवता मान लिया (न्यायियों 8:33 ULB) + +#### इस्राएल राष्ट्र को परमेश्वर के पुत्र के रूप में दिखाया गया है + +>जब इस्राएल बालक था, तब मैंने उससे प्रेम किया, और अपने पुत्र को मिस्र से बुलाया (होशे 11:1 ULB) + +#### सूरज को रात में मण्डप के अंदर दिखाया गया है + +उनका स्वर सारी पृथ्वी पर गूंज गया है, और उनके वचन जगत की छोर तक पहुंच गए हैं। उनमें उसने सूर्य के लिये एक मण्डप खड़ा किया है । जो दुल्हे के समान अपने महल से निकलता है। वह शूरवीर की नार्इ अपनी दौड़ दौड़ने को हर्षित होता है । (भजन संहिता 19:4-5 ULB) + +भजन संहिता 110 बताता है कि उदय से पहले सूरज गर्भ के अंदर होता है + +>तेरे जवान लोग पवित्रता से शोभायमान, और भोर के गर्भ से जन्मी हुर्इ ओस के समान तेरे पास हैं (भजन संहिता 110:3 ULB) + +#### तेजी से चलने वाली चीजों को पंख के रू में दिखाया गया है + +ये बात हवा या आकाश में चलने वाली वस्तुओं के बारे में सही है। सूरज को पंख लगी तश्तरी की तरह दिखाया गया है जिससे यह हवा में से उड़ता और दिनभर में पूर्व से पश्चिम की ओर बढ़ता है। + +भजन संहिता 139 में, ‘‘भोर के पंख’’ का इशारा सूरज की ओर है। + +मलाकी 4 में, परमेश्वर स्वयं को ‘‘धार्मिकता का सूरज’’ कहता है और सूरज को पंखसहित बताता है। + +>यदि मैं भोर की किरणों पर चढ़कर समुद्र के पार जा बसूँ... (भजन संहिता 139:9 ULB) + +
परन्तु तुम्हारे लिये जो मेरे नाम का भय मानते हो, धार्मिकता का सूर्य उदय होगा, और उसकी किरणों (पंखों) के द्वारा तुम चंगे हो जाओगे (मलाकी 4:2 ULB)
+ +हवा तेजी से बहती और उसे पंखसहित बताया गया है + +>और वह करूब पर सवार होकर उड़ा, और पवन के पंखों पर चढ़कर दिखार्इ दिया (2 शमूएल 22:11 ULB) + +
और वह करूब पर सवार होकर उड़ा, वरन पवन के पंखों पर सवारी करके वेग से उड़ा (भजन संहिता 18:10 ULB)
+ +>पवन के पंखों पर चलता है (भजन संहिता 104:3 ULB) + +#### व्यर्थता को एक ऐसी वस्तु के रूप में दिखाया गया है जिसे पवन उड़ा ले जाता है + +इस नमूने में, पवन मूल्यहीन अथवा ज्यादा समय तक नही टिकने वाली वस्तुओं को उड़ा ले जाता है। भजन संहिता 1 और अय्यूब 27 बताता है कि दुष्ट व्यक्ति मूल्यहीन एवं ज्यादा समय तक नही टिकने वाले लोग हैं। + +>दुष्ट लोग ऐसे नहीं होते +>वे उस भूसी के समान होते हैं, जो पवन से उड़ार्इ जाती है (भजन संहिता 1:4 ULB) +>पुरवार्इ उसे ऐसा उड़ा ले जाएगी, और वह जाता रहेगा +>और उसको उसके स्थान से उड़ा ले जाएगी (अय्यूब 27:21 ULB) + +उपदेशक का यह वचन है कि सब कुछ व्यर्थ है +>ओस की भाप की तरह +>हवा के झोंके की तरह +>सब कुछ व्यर्थ! कर्इ सारे सवाल बाकी हैं +>उस सब परिश्रम से जो मनुष्य सूर्य तले धरती पर करता है, उसको क्या लाभ प्राप्त होता है? (सभोपदेशक 1:2-3 ULB) + +अय्यूब 30:15 में, अय्यूब शिकायत करता है कि उसका सम्मान और समृद्धि चली गर्इ है +>मुुझमें घबराहट छा गर्इ है +>और मेरा रर्इसपन (सम्मान) मानो वायु से उड़ाया गया है +>और मेरा कुशल (समृद्धि) बादल की नार्इ जाता रहा (अय्यूब 30:15 ULB) + +#### मनुष्य के युद्ध को दैवीय मल्लयुद्ध के रूप में दिखाया गया है + +जब राष्ट्रों के बीच युद्ध हो रहा था, तो लोगों ने सोचा कि राष्ट्र के देवता आपस में युद्धरत् थे + +>जब कि मिस्री अपने सब पहिलौठों को मिट्टी दे रहे थे जिन्हें यहोवा ने मारा था; और उसने उनके देवताओं को भी दण्ड दिया था (गिनती 33:4 ULB) + +
तेरी प्रजा इस्राएल के भी तुल्य कौन है? यह तो पृथ्वी भर में एक ही जाति है जिसे परमेश्वर ने जाकर अपनी निज प्रजा करने को छुड़ाया... और तू अपनी प्रजा के सामने, जिसे तूने मिस्र में से और जाति जाति के लोगों और उनके देवताओं से छूड़ा लिया (2 शमूएल 7:23 ULB)
+ +>तब अराम के राजा के कर्मचारियों ने उससे कहा, उन लोगों का देवता पहाड़ी देवता है । इस कारण वे हम पर प्रबल हुए। इसलिये हम उनसे चौरस भूमि पर लड़ें तो निश्चय हम उन पर प्रबल हो जाएंगे (1 राजा 20:23 ULB) + +#### जीवन की कठिनार्इयों को भौतिक सीमाओं के रूप में दिखाया गया है + +नीचे के आयत वास्तविक सीमाओं के बारे में नही, परंतु जीवन की कठिनार्इयों अथवा कठिनार्इयों की कमी के बारे में बताते हैं + +>उसने मेरे चारों ओर बाड़ा बान्धा है कि मैं निकल नहीं सकता उसने मुझे भारी सांकल से जकड़ा है। (विलापगीत 3:7 ULB) + +
मेरे मार्ग को उसने गढ़े हुए पत्थरों से रोक रखा है, मेरी डगरों को उस ने टेढ़ी कर दिया है (विलापगीत 3:9 ULB)
+ +>मेरे लिये माप की डोरी मनभावने स्थान में पड़ी (भजन संहिता 16:5 ULB) + +#### खतरनाक स्थलों को संकरे स्थल के रूप में दिखाया गया है + +भजन संहिता 4 में, दाऊद परमेश्वर से छुटकारे की गुहार करता है + +>हे मेरे धर्ममय परमेश्वर, जब मैं पुकारूं तब तू मुझे उत्तर दे +>जब मैं सकेती में पड़ा, तब तूने मुझे विस्तार दिया +>मुझ पर अनुग्रह कर और मेरी प्रार्थना सुन ले (भजन संहिता 4:1 ULB) + +#### सकेती से भरी हालत को जंगल के रूप में दिखाया गया है + +जब अय्यूब उस पर आर्इ परेशानियों के कारण सकेती में था, तो वह इस प्रकार बोला जैसे िकवह किसी जंगल में था। गीदड़ और शुतुर्मुर्ग जंगल में रहने वाले जानवर हैं। + +>मेरी अन्तड़ियां निरन्तर उबलती रहती हैं और आराम नहीं पातीं; +>मेरे दुख के दिन आ गए हैं +>मैं शोक का पहिरावा पहिने हुए मानो बिना सूर्य की गर्मी के काला हो गया हूँ; +>और सभा में खड़ा होकर सहायता के लिये दोहार्इ देता हूँ +>मैं गीदड़ों का भार्इ +>और शुतुर्मुर्ग का संगी हो गया हूँ (अय्यूब 30:27-29 ULB) + +#### कुशलता को शारीरिक शुद्धि एवं दुष्टता को शारीरिक अशुद्धि के रूप में दिखाया गया है + +कोढ़ एक रोग है। यदि किसी व्यक्ति में यह होता था, तो उसे अशुद्ध माना जाता था। + +>और देखो, एक कोढ़ी ने पास आकर उसे प्रणाम किया और कहा; कि हे प्रभु यदि तू चाहे, तो मुझे शुद्ध कर सकता है यीशु ने हाथ बढ़ाकर उसे छूआ, और कहा, ‘‘मैं चाहता हूँ तू शुद्ध हो जा’’ और वह तुरन्त कोढ़ से शुद्ध हो गया। (मत्ती 8:2,3 ULB) + +‘‘अशुद्ध आत्मा’’ दुष्टात्मा होती है + +>जब अशुद्ध आत्मा मनुष्य में से निकल जाती है, तो सूखी जगहों में विश्राम ढूंढ़ती फिरती है, और नही पाती है (मत्ती 12:43 ULB) + diff --git a/translate/bita-part3/sub-title.md b/translate/bita-part3/sub-title.md new file mode 100644 index 0000000..12315a4 --- /dev/null +++ b/translate/bita-part3/sub-title.md @@ -0,0 +1,2 @@ +सांस्कृतिक नमूने क्या हैं एवं बाइबल में कौनसे सांस्कृतिक नमूनों का उपयोग किया गया है? + diff --git a/translate/bita-part3/title.md b/translate/bita-part3/title.md new file mode 100644 index 0000000..6e4c2aa --- /dev/null +++ b/translate/bita-part3/title.md @@ -0,0 +1,2 @@ +बाइबल के रूप - सांस्कृतिक नमूने + diff --git a/translate/bita-phenom/01.md b/translate/bita-phenom/01.md new file mode 100644 index 0000000..507c309 --- /dev/null +++ b/translate/bita-phenom/01.md @@ -0,0 +1,114 @@ + +बाइबल में से कुछ प्राकृतिक नमूनों को नीचे वर्णमाला के क्रम में दिया गया है। बड़े अक्षरों में अंकित शब्द एक विचार को दिखाते हैं। यह जरूरी नही है कि जहाँ जहाँ भी यह तश्वीर है, उस हर आयत में यह शब्द हो, परंतु उस शब्द का विचार अवश्य मौजूद है। + +#### रोशनी किसी के चेहरे को दिखाती है (यह इस विचार से जुड़ा है कि चेहरा किसी की उपस्थिति को दिखाता है) + +
हे यहोवा तू अपने मुख का प्रकाश हम पर चमका (भजन संहिता 4:6 ULB)
+ +>क्योंकि वे न तो अपनी तलवार के बल से इस देश के अधिकारी हुए, +> और न अपने बाहुबल से; +>परन्तु तेरे दहिने हाथ और तेरी भुजा और तेरे प्रसé मुख के कारण जयवन्त हुए; +>क्योंकि तू उनको चाहता था (भजन संहिता 44:3 ULB) + +
जब उनको कुछ आशा न रहती थी तब मैं हंसकर उनको प्रसé करता था; (अय्यूब 29:24 ULB)
+ +>हे यहोवा, वे लोग तेरे मुख के प्रकाश में चलते हैं (भजन संहिता 89:15 ULB) + + +#### रोशनी भलार्इ को एवं अंधकार दुष्टता को दिखाता है + +>परन्तु यदि तेरी आंख बुरी हो, तो तेरा सारा शरीर भी अन्धियारा होगा इस कारण वह उजियाला जो तुझमें है, यदि अन्धकार हो तो वह अन्धकार कैसा बड़ा होगा! (मत्ती 6:23 ULB) + +#### छाया या अंधकार मृत्यु को दिखाता है + +>तौभी तूने हमें गीदड़ों के स्थान में पीस डाला और हमको घोर अन्धकार में छिपा दिया है (भजन संहिता 44:19 ULB) + +#### आग बड़ी भावनाओं, अर्थात प्रेम एवं क्रोध को दिखाती है + +>और अधर्म के बढ़ने से बहुतों का प्रेम ठण्डा हो जाएगा (मत्ती 24:12 ULB) + +
पानी की बाढ़ से भी प्रेम नहीं बुझ सकता (श्रेष्ठगीत 8:7 ULB)
+ +>क्योंकि मेरे कोप की आग भड़क उठी है, जो पाताल की तह तक जलती जाएगी (व्यवस्थाविवरण 32:22 ULB) + +
तब यहोवा का क्रोध इस्राएलियों पर भड़का (न्यायियों 3:8 ULB)
+ +यहोवा सुनकर क्रोध से भर गया, तब याकूूब के बीच आग लगी, और इस्राएल के विरूठ्ठ क्रोध भड़का (भजन संहिता 78:21 ULB) + +#### आग या दीवट जीवन को दिखाता है + +>वे कहते हैं, ‘‘जिसने अपने भार्इ को घात किया उसको हमें सौंप दे, कि उसके मारे हुए भार्इ के प्राण के पलटे में उसको प्राण दंड दे’’ और वारिस को भी नाश करें। इस तरह वे मेरे अंगारे को जो बच गया है बुझाएंगे, और मेरे पति का नाम और सन्तान धरती पर से मिटा डालेंगे (2 शमूएल 14:7 ULB) + +
तू फिर हमारे संग युद्ध को जाने न पाएगा, ऐसा न हो कि तेरे मरने से इस्राएल का दीया बुझ जाए (2 शमूएल 21:17 ULB)
+ +>और सुलैमान के पुत्र को मैं एक गोत्र दूंगा, इसलिये कि यरूशलेम में मेरे दास दाऊद का दीपक मेरे सामने सदैव बना रहे (1 राजा 11:36 ULB) + +
तौभी दाऊद के कारण उसके परमेश्वर यहोवा ने यरूशलेम में उसे एक दीपक दिया अर्थात् उसके पुत्रा को उसके बाद ठहराया और यरूशलेम को बनाए रखा (1 राजा 15:4 ULB)
+ +>तौभी दुष्टों का दीपक बुझ जाएगा, और उसकी आग की लौ न चमकेगी उसके डेरे में का उजियाला अन्धेरा हो जाएगा, और उसके ऊपर का दीया बुझ जाएगा (अय्यूब 18:5-6 ULB) + +
हां, तू ही मेरे दीपक को जलाता है; मेरा परमेश्वर यहोवा मेरे अन्धियारे को उजियाला कर देता है (भजन संहिता 18:28 ULB)
+ +>न टिमटिमाती बत्ती को बुझाएगा (यशायाह 42:3 ULB) + +#### चौड़ा स्थान सुरक्षा, हिफाजत एवं आराम को दिखाता है + +>मेरी विपत्ति के दिन वे मुझ पर आ पडे, परन्तु यहोवा मेरा आश्रय था! +>और उसने मुझे निकालकर चौड़े स्थान में पहुंचाया, उस ने मुझको छुड़ाया, क्योंकि वह मुझसे प्रसé था (भजन संहिता 18:18-19 ULB) +>तू मेरे पै़रों के लिये स्थान चौड़ा करता है +>और मेरे पैर नहीं फिसले (2 शमूएल 22:37 ULB) +>तूने घुड़चढ़ों को हमारे सिरों के ऊपर से चलाया +>हम आग और जल से होकर गए +>परन्तु तूने हमको उबार के सुख से भर दिया है (भजन संहिता 66:12 ULB) + +#### संकरा स्थान खतरे और कठिनार्इयों को दिखाता है + +>हे मेरे धर्ममय परमेश्वर, जब मैं पुकारूं तब तू मुझे उत्तर दे +>जब मैं सकेती में पड़ा तब तूने मुझे विस्तार दिया +>मुझ पर अनुग्रह कर और मेरी प्रार्थना सुन ले (भजन संहिता 4:1 ULB) +>वेश्या गहिरा गड़हा ठहरती है +>और परार्इ स्त्री संकरे कुँए के समान है (नीतिवचन 23:27 ULB) + +#### तरल पदार्थ नैतिक गुण (भावना, व्यवहार, आत्मा, जीवन) को दिखाती है + +>यहोवा मेरे सामने होकर मेरे शत्रुओं पर जल की धारा की नार्इ टूट पड़ा है (2 शमूएल 5:20 ULB) + +
परन्तु वह उमड़ती हुर्इ धारा से उसके स्थान का अन्त कर देगा (नहूम 1:8 ULB)
+ +>मेरा जीव उदासी के मारे गल चला है (भजन संहिता 119:28 ULB) + +
मैं जल की नार्इं बह गया हूँ (भजन संहिता 22:14 ULB)
+ +>उन बातों के बाद मैं सब प्राणियों पर अपना आत्मा उण्डेलूंगा (योएल 2:28 ULB) + +
हे मेरे परमेश्वर; मेरा प्राण मेरे भीतर गिरा जाता है (भजन संहिता 42:6 ULB)
+ +>क्योंकि यहोवा की बड़ी ही जलजलाहट हम पर इसलिये भड़की है (2 इतिहास 34:21 ULB) + +#### जल किसी की बातचीत को दिखाती है + +>पत्नी के झगड़े-रगड़े सदा टपकने वाले जल के समान है (नीतिवचन 19:13 ULB) + +
उसके होंठ सोसन फूल हैं जिनसे पिघला हुआ गन्धरस टपकता है (श्रेष्ठगीत 5:13 ULB)
+ +>मेरा विलाप धारा की नार्इ बहता रहता है (अय्यूब 3:24 ULB) + +
मनुष्य के मुंह के वचन गहिरा जल, वा बुद्धि के सोते हैं (नीतिवचन 18:4 ULB)
+ +#### बड़ा जल या बाढ़ आपदा को दिखाती है + +>मैं गहिरे जल में आ गया, और धारा में डूबा जाता हूं (भजन संहिता 69:2 ULB) + +
मैं गहिरे जल में डूब न मरूँ (भजन संहिता 69:15 ULB)
+ +अपने हाथ ऊपर से बढ़ाकर मुझे महासागर से उबार, अर्थात् परदेशियों के वश से छुड़ा (भजन संहिता 144:7 ULB) + +#### जल का सोता किसी वस्तु के स्रोत अथवा आरंभ को दिखाती है + +>यहोवा का भय मानना, जीवन का सोता है (नीतिवचन 14:27 ULB) + +#### चट्टान सुरक्षा को दिखाती है + +>हमारे परमेश्वर को छोड़ क्या और कोर्इ चट्टान है? (भजन संहिता 18:31 ULB) + +
हे यहोवा परमेश्वर, मेरी चट्टान और मेरे उद्धार करनेवाले (भजन संहिता 19:14 ULB)
diff --git a/translate/bita-phenom/sub-title.md b/translate/bita-phenom/sub-title.md new file mode 100644 index 0000000..2b4d616 --- /dev/null +++ b/translate/bita-phenom/sub-title.md @@ -0,0 +1,2 @@ +प्रकृति के किन उदाहरणों का उपयोग बाइबल में अलंकार के रूप में किया गया है? + diff --git a/translate/bita-phenom/title.md b/translate/bita-phenom/title.md new file mode 100644 index 0000000..06d4cc7 --- /dev/null +++ b/translate/bita-phenom/title.md @@ -0,0 +1,2 @@ +बाइबल के रूप - प्राकृतिक नमूने + diff --git a/translate/bita-plants/01.md b/translate/bita-plants/01.md new file mode 100644 index 0000000..1e59de5 --- /dev/null +++ b/translate/bita-plants/01.md @@ -0,0 +1,43 @@ + +बाइबल में वर्णित पेड़ पौधों से संबंधित तश्वीरों को को नीचे वर्णमाला के क्रम में दिया गया है। बड़े अक्षरों में अंकित शब्द एक विचार को दिखाते हैं। यह जरूरी नही है कि जहाँ जहाँ भी यह तश्वीर है, उस हर आयत में यह शब्द हो, परंतु उस शब्द का विचार अवश्य मौजूद है। + +#### शाखा अथवा डाली एक व्यक्ति के वंश को दिखाती है + +नीचे लिखें उदाहरण में, यशायाह ने यिशै के एक वंशज एवं यिर्मयाह ने दाऊद के एक वंशज के बारे में लिखा +>तब यिशै के ठूंठ में से एक डाली फूट निकलेगी और उसकी जड़ में से एक शाखा निकलकर फलवन्त होगी +>और यहोवा की आत्मा, बुद्धि और समझ की आत्मा, उस पर ठहरी रहेगी। (यशायाह 11:1-2 ULB) +>देख, ऐसे दिन आते हैं - यहोवा की यही वाणी है - जब मैं दाऊद के कुल में एक धर्मी अंकुर उगाऊँगा, +>और वह राजा बनकर बुठ्ठि से राज्य करेगा, और अपने देश में न्याय और धर्म से प्रभुता करेगा (यिर्मयाह 23:5 ULB) + +अय्यूब में, लिखा है, ‘‘डालियां कट जाएंगी’’ जिसका अर्थ है कि उसका वंश नही होगा +>उसकी जड़ तो सूख जाएगी +>और डालियां कट जाएंगी +>पृथ्वी पर से उसका स्मरण मिट जाएगा +>और बाज़ार में उसका नाम कभी न सुन पड़ेगा । +(अय्यूब 18:17 ULB) + +#### पौधा एक व्यक्ति को दिखाता है + +>निश्चय र्इश्वर तुझे सदा के लिये नाश कर देगा; वह तुझे .... जीवतों के लोक से तुझे उखाड़ डालेगा (भजन संहिता 52:5 ULB) + +#### पौधा भावना अथवा व्यवहार को दिखाता है + +जैसे एक प्रकार का बीज बोने से उसी प्रकार का पौधा उगता है, एक तरीके का व्यवहार उसी तरीके का परिणाम लाता है। आयतों में लिखी भावनाओं और व्यवहार को रेखांकित किया गया है। + +>अपने लिये धार्मिकता का बीज बोओ, तब करूणा के अनुसार खेत काटने पाओगे। (होशे 10:12 ULB) + +
मेरे देखने में तो जो पाप को जोतते और दुख बोते हैं, वही उसको काटते हैं (अय्यूब 4:8 ULB)
+ +> वे वायु बोते हैं, और वे बवण्डर लवेंगे। (होशे 8:7 ULB) + +
तुम लोगों ने .... धार्मिकता के फल को कड़वे फल से बदल डाला है? (आमोस 6:12 ULB)
+ +>सो जिन बातों से अब तुम लज्जित होते हो, उनसे उस समय तुम क्या फल पाते थे? (रोमियों 6:21 ULB) + +#### वृक्ष एक व्यक्ति को दिखाता है + +> वह उस वृक्ष के समान है, जो बहती नालियों के किनारे लगाया गया है। और अपनी ऋतु में फलता है, और जिसके पत्ते कभी मुरझाते नहीं। इसलिये जो कुछ वह पुरूष करे वह सफल होता है (भजन संहिता 1:3 ULB) + +
मैंने दुष्ट को बड़ा पराक्रमी और ऐसा फैलता हुए देखा, जैसा कोर्इ हरा पेड़ अपने निज भूमि में फैलता है (भजन संहिता 37:35 ULB)
+ +>परन्तु मैं तो परमेश्वर के भवन में हरे जलपार्इ के वृक्ष के समान हूँ (भजन संहिता 52:8 ULB) diff --git a/translate/bita-plants/sub-title.md b/translate/bita-plants/sub-title.md new file mode 100644 index 0000000..7b7e4d5 --- /dev/null +++ b/translate/bita-plants/sub-title.md @@ -0,0 +1,2 @@ +पौधों के कौनसे उदाहरणों का उपयोग बाइबल में अलंकार के रूप में किया गया है? + diff --git a/translate/bita-plants/title.md b/translate/bita-plants/title.md new file mode 100644 index 0000000..7a1c629 --- /dev/null +++ b/translate/bita-plants/title.md @@ -0,0 +1,2 @@ +बाइबल के रूप - पौधे + diff --git a/translate/choose-team/01.md b/translate/choose-team/01.md new file mode 100644 index 0000000..81e8de4 --- /dev/null +++ b/translate/choose-team/01.md @@ -0,0 +1,31 @@ + +### अनुवादक दल का महत्व + +बाइबल का अनुवाद करना एक बड़ा एवं कठिन कार्य है जिसे पूरा करने के लिए कर्इ लोगों की जरूरत पड़ती है। यह भाग उन योग्यताओं और जिम्मेदारियों पर विचार विमर्श करेगा जो बाइबल अनुवाद दल के एक सदस्य में होनी चाहिए।कुछ लोगों में बहुत सारी योग्यताएँ एवं जिम्मेदारियाँ होती हैं, तो कुछ लोगों में ये कम होती हैं। परंतु यह महत्वपूर्ण है कि हर अनुवादक दल में इतने लोग तो जरूर हों कि इन सारी योग्यताओं को इस्तेमाल किया जा सके। + +### कलीसियार्इ अगुवे + +अनुवाद के कार्य को शुरू करने से पहले, अधिक से अधिक कलीसियार्इ समूहों से संपर्क करना जरूरी है कि वे अनुवाद का, या तो स्वयं हिस्सा बन सकें या अपने लोगों को भेज सकें। अनुवाद के कार्य, इसके लक्ष्य एवं इसकी प्रक्रिया में उनकी सलाह लें, उनके निर्देश स्वीकार करें। + +### अनुवाद समिति + +यह अच्छा होगा यदि ये कलीसियार्इ समूह या उनके अगुवे एक समिति बनाएँ जिससे कार्य में, अनुवाद को चुनने में, आने वाली समस्याओं को सुलझाने में और कलीसियाओं को प्रार्थना एवं आर्थिक मदद करने के लिए उत्साहित करने में योगदान मिल सके। यह समिति उन लोगों को भी चुन सकती है जो अनुवाद को स्तर 2 एवं स्तर 3 की सटीकता जाँच में मदद कर सकते हैं। यदि जरूरत पड़े तो यह समिति अनुवाद के प्रारूप, इसके वितरण और अनुवाद किए गए सामग्रियों की कलीसियाओं के द्वारा उपयोग पर निर्णय ले सकती है। + +### अनुवादक + +ये लोग अनुवाद ड्राफ्ट को बनाने का काम करते हैं। उन्हे अनुवाद समिति के द्वारा गठित किया जाएगा। ये लोग लक्षित स्थानीय भाषा बोलने वाले हों जो स्रोत भाषा (गेटवे भाषा) को अच्छी तरह से पढ़ सकें और अपने मसीही स्वभाव के लिए समाज में सुनामी हों। इन बातों की अधिक जानकारी के लिए, देखें [Translator Qualifications](../qualifications/01.md)। + +पहला ड्राफ्ट बनाने के साथ साथ, वे अनुवादक दल के महत्वपूर्ण दल को भी गठित करेंगे जो एक दूसरे के कार्य को जाँचेंगे, भाषा समुदाय के साथ अनुवाद को जाचेंगे और स्तर 2 एवं स्तर 3 जाँचकर्ताओं से पुनरावलोकन के लिए सुझाव स्वीकार करेंगे। हर पुनरावलोकन अथवा जाँच सत्र के पश्चात, ये अनुवादक अनुवाद में उचित परिवर्तन करने के लिए जिम्मेदार होंगे जिससे इसे बहेतर तरीके से कहा जा सके। अत: वे अनुवाद का कर्इ बार अवलोकन करेंगे। + +### टंकणकर्ता (टार्इप करने वाले) + +यदि अनुवादक अपने ड्राफ्ट को स्वयं कम्प्यूटर या लैपटॉप में नही डालते हैं तो किसी और को यह कार्य करना पड़ेगा। किसी ऐसे की जरूरत होगी जो अधिक गलतियाँ किए बिना, टंकण कार्य कर सके। उसे सही और सतत् तरीके से विराम चिन्हों का उपयोग आना चाहिए।उसे हर जाँच और अवलोकन के बाद आए सुधारों और अवलोकनों को भी टंकित करना पड़ेगा। + +### अनुवाद जाँचकर्ता + +कुछ लोग भाषा समुदायों के सदस्यों के साथ मिलकर अनुवाद को जाँचेंगे जिससे यह निश्चित हो सके कि अनुवाद लक्षित भाषा के अनुसार स्पष्ट और स्वाभाविक है। आमतौर पर, अनुवादक ही ऐसा करते हैं, परंतु दूसरों को भी लिया जा सकता है। ये जाँचकर्ता लोगों के सामने अनुवाद को पढ़ें और उनसे यह पता करने के लिए प्रश्न पूछें कि उन्हे समझ आ रहा है या नही। इस कार्य के अधिक वर्णन के लिए, देखें [Other Methods](../../checking/other-methods/01.md) + +### जाँचकर्ता + +अनुवाद की सटीकता जाँचने वाले वे लोग हों जो स्रोत भाषा में बाइबल को अच्छी तरह से जानते हों। वे स्रोत भाषा को अच्छी तरह से पढ़ने वाले हों। वे स्रोत बाइबल के साथ अनुवाद की तुलना कर निश्चित करेंगे कि स्रोत बाइबल में लिखी हर बात का अनुवाद हुआ है। ये अनुवाद के कार्य को पसंद करने वाले लोग हों और इनके पास इस कार्य को अच्छी तरह से करने का समय हो। यह अच्छा होगा कि स्रोत भाषा को बोलने वाले एवं इस सामग्री का बाद में उपयोग करने जा रहे, विभिé कलीसियार्इ समूहों में से इन लोगों को चुना जाए। स्तर 2 जाँचकर्ता स्थानीय कलीसिया के अगुवे हों। स्तर 3 जाँचकर्ता कलीसियार्इ समूहों के अगुवे और उस भाषा क्षेत्र में सम्मानित व्यक्ति हों। +चूँकि ये लोग बहुत व्यस्त रहते हैं, एक या कुछ व्यक्तियों पर अधिक भार डालने से बेहतर होगा कि अलग अलग पुस्तकों को अलग अलग व्यक्तियों के पास भेजा जाए। diff --git a/translate/choose-team/sub-title.md b/translate/choose-team/sub-title.md new file mode 100644 index 0000000..ab6eb8a --- /dev/null +++ b/translate/choose-team/sub-title.md @@ -0,0 +1,2 @@ +मैं अनुवाद दल को कैसे चुनूँ? + diff --git a/translate/choose-team/title.md b/translate/choose-team/title.md new file mode 100644 index 0000000..5c46a7e --- /dev/null +++ b/translate/choose-team/title.md @@ -0,0 +1,2 @@ +अनुवाद दल को चुनना + diff --git a/translate/config.yaml b/translate/config.yaml new file mode 100644 index 0000000..958d38d --- /dev/null +++ b/translate/config.yaml @@ -0,0 +1,969 @@ +choose-team: + recommended: + - qualifications + - translate-source-text + - translate-alphabet + - writing-decisions + dependencies: + - guidelines-intro + - translate-whatis + - translate-why +figs-123person: + recommended: + - figs-you + dependencies: + - figs-explicitinfo + - figs-pronouns +figs-abstractnouns: + recommended: [] + dependencies: + - figs-partsofspeech + - figs-sentences +figs-activepassive: + recommended: + - figs-abstractnouns + - figs-order + dependencies: + - figs-sentences + - figs-verbs +figs-apostrophe: + recommended: [] + dependencies: + - figs-intro +figs-declarative: + recommended: [] + dependencies: + - figs-sentencetypes +figs-distinguish: + recommended: + - figs-doublenegatives + dependencies: + - figs-partsofspeech + - figs-sentences +figs-doublenegatives: + recommended: + - figs-verbs + dependencies: + - figs-partsofspeech + - figs-sentences +figs-doublet: + recommended: [] + dependencies: + - figs-intro +figs-ellipsis: + recommended: [] + dependencies: + - figs-intro + - figs-sentences +figs-euphemism: + recommended: [] + dependencies: + - figs-intro +figs-events: + recommended: + - writing-background + - writing-connectingwords + - writing-newevent + - translate-versebridge + dependencies: + - writing-intro + - figs-verbs +figs-exclamations: + recommended: [] + dependencies: + - figs-sentencetypes +figs-exclusive: + recommended: + - figs-gendernotations + dependencies: + - figs-pronouns +figs-exmetaphor: + recommended: + - bita-part1 + dependencies: + - figs-metaphor + - figs-simile +figs-explicit: + recommended: + - figs-explicitinfo + dependencies: [] +figs-explicitinfo: + recommended: + - figs-extrainfo + dependencies: + - figs-explicit +figs-extrainfo: + recommended: [] + dependencies: + - figs-explicit + - figs-explicitinfo +figs-gendernotations: + recommended: [] + dependencies: + - figs-pronouns + - figs-genericnoun +figs-genericnoun: + recommended: + - figs-gendernotations + dependencies: + - figs-partsofspeech +figs-go: + recommended: [] + dependencies: [] +figs-grammar: + recommended: [] + dependencies: [] +figs-hendiadys: + recommended: + - 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आम तौर पर वक्ता स्वयं के लिए यही शब्द उपयोग करता है। अंग्रेजी ‘‘मैं’’ और ‘‘हम’’ के सर्वनामों का उपयोग करता है (और: मुझे, मेरा, मेरा, हमें, हमारा) +* **द्वितीय पुरूष** - इस शब्द से वक्ता आम तौर पर उसको संबोधित करता है। जिससे वह बात कर रहा है। अंग्रेजी ‘‘आप’’ के सर्वनामों का उपयोग करता है (और: आपका, तुम्हारा) +* **तृतीय पुरूष** - इसके द्वारा, वक्ता और किसी को संबोधित करता है। अंग्रेजी ‘‘वह’’ और ‘‘वे’’ के सर्वनामों का उपयोग करता है (और: उसे, उसका, उनका) ‘‘पुरूष’’ या ‘‘स्त्री’’ भी तृतीय पुरूष हैं। + +### कारण यह अनुवाद का विषय है + +बाइबल में कर्इ बार वक्ता स्वयं को या जिनसे बात कर रहा है, उनको संबोधित करने के लिए तृतीय पुरूष का उपयोग करता है। पाठक समझते हैं कि वक्ता किसी और की बात कर रहा है। उनको पता नही चल पाता कि उसका मतलब ‘‘मैं’’ या ‘‘आप’’ था। + +### बाइबल से उदाहरण + +अक्सर लोग ‘‘मैं’’ या ‘‘मुझे’’ की बजाय, स्वयं के बारे में बताने के लिए तृतीय पुरूष का इस्तेमाल करते हैं। + +>परंतु दाऊद ने शाऊल से कहा, ‘‘आपका सेवक अपने पिता की भेड़ों की रखवाली किया करता था’’ (1 शमुएल 17:34 ULB) + +दाऊद ने स्वयं को तृतीय पुरूष के तौर पर कहा, ‘‘आपका सेवक’’ और ‘‘अपना’’। शाऊल के सामने अपनी नम्रता दर्शाने के लिए, वह स्वयं को शाऊल का सेवक कह रहा था + +>तब यहोवा ने भयंकर तूफान में से अय्यूब को उत्तर देकर कहा, +>‘‘...क्या तेरी भुजाएँ परमेश्वर के समान हैं? क्या तुम उसकी आवाज की भांति गर्जन कर सकते हो? (अय्यूब 40:6,9 ULB) + +परमेश्वर ने ‘‘परमेश्वर के’’ और ‘‘उसके’’ जैसे शब्दों से स्वयं के लिए तृतीय पुरूष का संबोधन किया। वजह, वह बल देना चाहता था कि वह परमेश्वर है और ताकतवर है। अक्सर लोग ‘‘आप’’ या ‘‘आपका’’ के बदले, तृतीय पुरूष का उपयोग उनके लिए करते हैं जिनसे वो बात कर रहे हैं + +>अब्रहाम ने उत्तर दिया और कहा, ‘‘देख मैंने क्या किया है, मैने मेरे प्रभु यहोवा से बात की है, यद्यपि मैं केवल धूल और राख हूँ! (उत्पति 18:27 ULB) + +अब्रहाम परमेश्वर से बात कर रहा था और उसे ‘‘आप’’ की बजाय, ‘‘मेरे प्रभु’’ के रूप में संबोधित किया । उसने ऐसा परमेश्वर के सामने अपनी नम्रता दिखाने के लिए किया। + +>इसलिए मेरा स्वर्ग का पिता भी तुम्हारे साथ ऐसा ही करेगा, यदि तुममें हर कोर्इ पूरे दिल से अपने भार्इ को क्षमा न करे (मती 18:35 ULB) + +‘‘हर कोर्इ’’ कहने के बाद, ‘‘उसका’’ या ‘‘तुम्हारा’’ कहने की बजाय, यीशु ने तृतीय पुरूष का उपयोग किया। + +### अनुवाद की रणनीति + +यदि ‘‘मैं’’ और ‘‘तुम’’ के अर्थ को बताने के लिए तृतीय पुरूष का उपयोग सर्वसाधारण है और आपकी भाषा में सही अर्थ दिया जा सकता है तो उसका उपयोग करें। यदि नही, तो निम्नलिखित कुछ विकल्प हैं: + +1. सर्वनाम ‘‘मैं’’ या ‘‘आप’’ के साथ तृतीय पुरूष वाक्यों का उपयोग करें +1. तृतीय पुरूष की बजाय, केवल प्रथम (’’मैं’’) या द्वितीय पुरूष (’’आप’’) का उपयोग करें + +### अनुवाद की रणनीति के प्रयोग के उदाहरण + +1. सर्वनाम ‘‘मैं’’ या ‘‘आप’’ के साथ तृतीय पुरूष वाक्यों का उपयोग करें + +* **परंतु दाऊद ने शाऊल से कहा, ‘‘आपका सेवक अपने पिता की भेड़ों की रखवाली किया करता था’’** (1 शमुएल 17:34) + * परंतु दाऊद ने शाऊल से कहा, ‘‘मैं, आपका सेवक मेरे पिता की भेड़ों की रखवाली किया करता था’’ + +1. तृतीय पुरूष की बजाय, केवल प्रथम (’’मैं’’) या द्वितीय पुरूष (’’आप’’) का उपयोग करें + +* **तब यहोवा ने भयंकर तूफान में से अय्यूब को उत्तर देकर कहा, ‘‘...क्या तेरी भुजाएँ परमेश्वर के समान हैं? क्या तुम उसकी आवाज की भांति गर्जन कर सकते हो?** (अय्यूब 40:6,9 ULB) + * तब यहोवा ने भयंकर तूफान में से अय्यूब को उत्तर देकर कहा, ‘‘...क्या तेरी भुजाएँ मेरे समान हैं? क्या तुम मेरी आवाज की भांति गर्जन कर सकते हो?’’ + +* **इसलिए मेरा स्वर्ग का पिता भी तुम्हारे साथ ऐसा ही करेगा, यदि तुममें हर कोर्इ पूरे दिल अपने भार्इ को क्षमा न करे** (मती 18:35 ULB) + * इसलिए मेरा स्वर्ग का पिता भी तुम्हारे साथ ऐसा ही करेगा, यदि तुममें हर कोर्इ पूरे दिल से तुम्हारे भार्इ को क्षमा न करे + diff --git a/translate/figs-123person/sub-title.md b/translate/figs-123person/sub-title.md new file mode 100644 index 0000000..e7c27a2 --- /dev/null +++ b/translate/figs-123person/sub-title.md @@ -0,0 +1,2 @@ +प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय पुरूष क्या होते हैं और मैं इसका अनुवाद कैसे करूँ जब तृतीय पुरूष के रूप का इशारा तृतीय पुरूष की ओर नही होता है? + diff --git a/translate/figs-123person/title.md b/translate/figs-123person/title.md new file mode 100644 index 0000000..5ea1e14 --- /dev/null +++ b/translate/figs-123person/title.md @@ -0,0 +1,2 @@ +प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय पुरूष + diff --git a/translate/figs-abstractnouns/01.md b/translate/figs-abstractnouns/01.md new file mode 100644 index 0000000..a11c962 --- /dev/null +++ b/translate/figs-abstractnouns/01.md @@ -0,0 +1,69 @@ + +भाववाचक संज्ञाएँ व्यवहार, गुण, घटनाएँ, हालात या इन विचारों के तहत रिश्तों को दिखाते हैं। ये ऐसी चीजें हैं जिन्हे शारीरिक तौर पर देखा या छुआ नही जा सकता है, जैसे कि खुशी, वजन, चोट, एकता, मित्रता, सेहत और वजह। अनुवाद में यह एक समस्या है क्योंकि कुछ भाषाओं में कुछ विचारों को भावनात्मक संज्ञा के द्वारा, तो कुछ अन्य भाषाओं में किसी दूसरे तरीके के द्वारा प्रकट किया जाता है। उदाहरण के तौर पर, ‘‘इसका वजन क्या है?’’ को निम्न तरीके से भी कहा जा सकता है, इसका कितना वजन होगा या यह कितना वजनी होगा। + +### वर्णन + +याद रखें कि संज्ञाएँ वे शब्द हैं जो किसी व्यक्ति, वस्तु अथवा विचार को दिखाते हैं, तो ‘‘भाववाचक संज्ञाएँ’’ विचारों को दिखाती हैं। ये व्यवहार, गुण, घटनाएँ, हालात या इन विचारों के तहत रिश्ता हो सकती हैं। ये ऐसी चीजें हैं जिन्हे शारीरिक तौर पर देखा या छुआ नही जा सकता है, जैसे कि खुशी, शांति, सृष्टि, भलार्इ, संतुष्टि, न्याय, सच, आजादी, बदला, धीमापन, लंबार्इ या वजन। + +भाववाचक संज्ञा की मदद से लोग अपने विचारों को कम शब्दों में प्रकट कर सकते हैं, अन्यथा उन्हे ज्यादा शब्दों का उपयोग करना पड़ सकता है। यह कार्य या गुण को नाम देना कहलाता है जिससे लोग उनके बारे में ऐसे बात करते हैं िकवे वास्तव में वस्तुएँ हैं। यह भाषा का एक छोटा रास्ता है। + +उदाहरण के तौर पर, भाववाचक संज्ञाओं का उपयोग करने वाली भाषाओं में, लोग कह सकते हैं, ‘‘मैं पापों की क्षमा में विश्वास करता हूँ’’। परंतु यदि उक्त भाषा में ‘‘क्षमा’’ एवं ‘‘पाप’’ नामक दो भाववाचक संज्ञाएँ नही हैं तो वे इसी अर्थ को बताने वाला कथन नही बता पाएँगे। उन्हे कहना पड़ेगा, उदाहरण के तौर पर, ‘‘मैं विश्वास करता हूँ कि पाप कर चुके मनुष्य को परमेश्वर क्षमा करना चाहता है’’ और उसमें विचार की संज्ञाओं का उपयोग करने की बजाय, क्रिया के शब्दों का उपयोग होता है। + +#### वजह यह अनुवाद की समस्या है + +अनुवाद की जाने वाली बाइबल में कुछ विचारों के लिए भाववाचक संज्ञाओं का उपयोग हो सकता है। शायद आपकी भाषा कुछ विचारों के लिए भाववाचक संज्ञा का उपयोग नही करती हो; इसकी बजाय, वे उन विचारों को प्रकट करने के लिए दूसरे कथनों का उपयोग करती होगी। वे कथन भाववाचक संज्ञाओं का उपयोग करने के लिए, अलग प्रकार के शब्दों का उपयोग करते होंगे, जैसे विशेषण, क्रियाएँ, क्रियाविशेषण इत्यादि। + +### बाइबल से उदाहरण + +>...बालकपन से पवित्र शास्त्र तेरा जाना हुआ है... (2 तीमुथियुस 3:15 ULB) + +भाववाचक संज्ञा ‘‘बालकपन’’ बताता है कि व्यक्ति बालक है + +>पर सन्तोषसहित भक्ति बड़ी कमार्इ है। (1 तीमुथियुस 6:6 ULB) + +भाववाचक संज्ञा ‘‘भक्ति’’ और ‘‘संतोष’’ बताता है कि व्यक्ति दैवीय और संतुष्ट है । भाववाचक संज्ञा ‘‘कमार्इ’’ लाभदायक अथवा मददगार वस्तु की बात करती है। + +>आज इस घर में उद्धार आया है, इसलिये कि यह भी इब्राहीम का एक पुत्र है (लूका 19:9 ULB) + +भाववाचक संज्ञा ‘‘उद्धार’’ मुक्ति पाने के बारे में बताता है + +>प्रभु प्रतिज्ञा में देर नहीं करता, जैसी देर कुछ समझते हैं (2 पतरस 3:9 ULB) + +भाववाचक संज्ञा ‘‘देर’’ बताता है कि कैसे कोर्इ कार्य धीमे होता है + +>वह अन्धकार की छिपी बातें ज्योति में दिखाएगा, और मनों की मतियों को प्रगट करेगा (1 कुरिन्थियों 4:5 ULB) + +भाववाचक संज्ञा ‘‘मतियों’’ बताता है कि लोग क्या करना चाहते हैं और उसे क्यों करना चाहते हैं + +### अनुवाद रणनीति + +यदि भाववाचक संज्ञा आपकी भाषा में स्वाभाविक है और उसका अर्थ सही निकलता है तो उसका उपयोग करें। यदि नही, तो अगले विकल्प निम्नलिखित हैं: + +1. वाक्य को ऐसे कथन में पुन: लिखें जो भाववाचक संज्ञा का अर्थ प्रकट करता हो + +संज्ञा की बजाय, नया कथन भाववाचक संज्ञा के अर्थ को बताने के लिए एक क्रिया, एक विशेषण या एक क्रियाविशेषण का उपयोग कर सकता है.... + +### अनुवाद की रणनीति के प्रयोग के उदाहरण + +1. वाक्य को ऐसे कथन में पुन: लिखें जो भाववाचक संज्ञा का अर्थ प्रकट करता हो + +संज्ञा की बजाय, नया कथन भाववाचक संज्ञा के अर्थ को बताने के लिए एक क्रिया, एक विशेषण या एक क्रियाविशेषण का उपयोग कर सकता है + +* **....बालकपन से पवित्र शास्त्र तेरा जाना हुआ है**.... (2 तीमुथियुस 3:15 ULB) + * जबसे तुम बालक थे तुमने पवित्र शास्त्र को जाना है + +* **पर सन्तोष सहित भक्ति बड़ी कमार्इ है।** (1 तीमुथियुस 6:6 ULB) + * पर भक्ति और संतोष में रहना बड़ा लाभदायक है + * पर हमें बड़ा लाभ मिलता है जब हमारे अंदर भक्ति और संतोष होता है + * पर हमें बड़ा लाभ मिलता है जब हम परमेश्वर के प्रति सम्मान और आज्ञाकारिता दिखाते और हमारे पास जो है उससे खुश होते हैं + +* **आज इस घर में उद्धार आया है, इसलिये कि यह भी इब्राहीम का एक पुत्र है** (लूका 19:9 ULB) + * आज इस घर के लोगों ने उद्धार पाया है + * आज इस घर के लोगों को परमेश्वर ने उद्धार दिया है + +* **प्रभु प्रतिज्ञा में देर नहीं करता, जैसी देर कुछ समझते हैं** (2 पतरस 3:9 ULB) + * प्रभु अपनी प्रतिज्ञा के बारे में देरी से काम नही करता, जैसी देरी कुछ लोग समझते हैं + +* **वही तो अन्धकार की छिपी बातें ज्योति में दिखाएगा, और मनों की मतियों को प्रगट करेगा** (1 कुरिन्थियों 4:5 ULB) + * वह अन्धकार की छिपी बातों को ज्योति में लाएगा, और उन बातों को प्रकट करेगा जो लोग करना चाहते और कारणों को कि वे क्यों करना चाहते हैं + diff --git a/translate/figs-abstractnouns/sub-title.md b/translate/figs-abstractnouns/sub-title.md new file mode 100644 index 0000000..a8752d0 --- /dev/null +++ b/translate/figs-abstractnouns/sub-title.md @@ -0,0 +1,2 @@ +भाववाचक संज्ञाएँ क्या होती हैं और मैं अनुवाद में उनसे कैसे निपटूँ? + diff --git a/translate/figs-abstractnouns/title.md b/translate/figs-abstractnouns/title.md new file mode 100644 index 0000000..a1cc501 --- /dev/null +++ b/translate/figs-abstractnouns/title.md @@ -0,0 +1,2 @@ +भाववाचक संज्ञा + diff --git a/translate/figs-activepassive/01.md b/translate/figs-activepassive/01.md new file mode 100644 index 0000000..354f27f --- /dev/null +++ b/translate/figs-activepassive/01.md @@ -0,0 +1,82 @@ + +कुछ भाषाओं में कर्तवाच्य (एक्टिव वॉयस) एवं कर्मवाच्य (पैसिव वॉयस) दोनों वाक्य होते हैं। कर्तवाच्य में कर्ता कार्य करता है। कर्मवाच्य में कर्ता पर कार्य होता है। + +यहाँ कुछ उदाहरण दिए गए हैं जिनके कर्ताओं को रेखांकित किया गया है: + +* कर्तवाच्य: मेरे पिता ने 2010 में घर बनाया +* कर्मवाच्य: घर 2010 में मेरे पिता के द्वारा बनाया गया + +जिनकी भाषा में कर्मवाच्य वाक्य नही होते हैं, उन अनुवादकों को जानना जरूरी है िकवे किस प्रकार बाइबल में लिखे कर्मवाच्य वाक्यों का अनुवाद करें। अन्य अनुवादकों को पता होना चाहिए कि कर्मवाच्य का कब उपयोग करना है और कर्तवाच्य का कब। + +### वर्णन + +कुछ भाषाओं में वाक्य के दोनों रूप होते हैं + +* **कर्तवाच्य** वाक्य में, कर्ता कार्य करता है और उसका उल्लेख हमेशा होता है +* **कर्मवाच्य** वाक्य में, कर्ता पर कार्य किया जाता है और कार्य करने वाले का ‘हमेशा उल्लेख नही होता’’ है + +नीचे लिखे, कर्तवाच्य एवं कर्मवाच्य वाक्यों में, हमने कर्ता को रेखांकित किया है + +* **कर्तवाच्य**: मेरे पिता ने 2010 में घर बनाया +* **कर्मवाच्य**: घर 2010 में मेरे पिता के द्वारा बनाया गया +* **कर्मवाच्य**: घर 2010 में बनाया गया + +(इसमें नही लिखा कि किसने घर बनाया) + +#### कारण यह अनुवाद की एक समस्या है + +सब भाषाओं में कर्तवाच्य वाक्य रूप होते हैं। कुछ भाषाओं में कर्मवाच्य वाक्य रूप होते हैं, कुछ में नही। उपयोग किए जाने वाले कर्मवाच्य रूप सभी भाषाओं में समान मकसद के लिए उपयोग नही किए जाते हैं। + +#### कर्मवाच्य वाक्यों के उद्देश्य + +* वक्ता एक व्यक्ति अथवा वस्तु पर किए गए कार्य को बताता है, उसके द्वारा किए गए कार्य नही। +* वक्ता नही बताना चाहता कि किसने कार्य किया +* वक्ता को नही पता कि किसने कार्य किया + +#### कर्मवाच्य रूप से संबंधित अनुवाद के सिद्धांत + +* जिन भाषाओं में कर्मवाच्य रूप नही होते हैं, उनके अनुवादकों को इन्हे अलग तरीके से बताने की जानकारी होनी चाहिए +* जिन भाषाओं में कर्मवाच्य रूप होते हैं, उन अनुवादकों को पता लगाना है कि बाइबल में इन्हे किस मकसद से उपयोग किया गया है और फिर निर्धारित करना है कि कर्मवाच्य रूप का उपयोग किया जाए या नही + +#### बाइबल से उदाहरण + +>तब धनुर्धारियों ने शहरपनाह पर से तेरे जनों पर तीर छोड़े; और राजा के कितने जन मारे गए, और तेरा दास ऊरिय्याह हित्ती भी मारा गया (2 शमूएल 11:24 ULB) + +इसका अर्थ है कि दुश्मनों के धनुर्धारियों ने तीर छोड़े; और ऊरिय्याह समेत, राजा के लोगों को मार डाल । यहाँ का विषय राजा के जनों और ऊरिय्याह हैं, मारने वाले लोग नही । यहाँ उपयुक्त कर्मवाच्य रूप का उद्देश्य राजा के जनों और ऊरिय्याह पर के्रद्रित रहना है। + +>बिहान को नगर के लोग सवेरे उठकर क्या देखते हैं, कि बाल की वेदी गिरी पड़ी है (न्यायियों 6:28 ULB) + +नगर के लोगों ने देखा कि बाल की वेदी के साथ क्या हुआ परंतु उन्हे यह नही पता था कि उसे किसने गिराया। यहाँ उपयुक्त कर्मवाच्य रूप का उद्देश्य नगर के लोगों के नजरिए से घटना का विवरण देना है। + +>उसके लिये यह भला होता, कि चक्की का पाट उसके गले में लटकाया जाता, और वह समुद्र में डाल दिया जाता (लूका 17:2 ULB) + +यह एक ऐसी घटना बताता है जिसमें एक व्यक्ति अपने गले में चक्की के पाट के साथ समुद्र की गहरार्इ में डाला जाता है। यहाँ उपयुक्त कर्मवाच्य रूप का उद्देश्य उस व्यक्ति पर केंद्रित रहना है जिसके साथ यह घटना घटी। यह महत्वपूर्ण नही है कि उस व्यक्ति के साथ ऐसा कौन करता है। + +### अनुवाद रणनीति + +यदि आप कर्मवाच्य रूप के बिना अनुवाद करने का निर्णय लेते हैं, तो निम्नलिखित रणनीतियों में से विकल्प चुन सकते हैं: + +1. उसी क्रिया को कर्तवाच्य रूप में उपयोग करें और बताएँ कि किसने यह कार्य किया । यदि आप ऐसा करते हैं, तो उस व्यक्ति पर केंद्रित रहें जिस पर यह कार्य किया गया। +1. उसी क्रिया को कर्तवाच्य रूप में उपयोग करें परंतु नही बताएँ कि किसने यह कार्य किया । इसकी बजाय, ‘‘वे’’ या ‘‘लोग’’ या ‘‘कोर्इ’’ जैसे प्रकटीकरणों के शब्दों का उपयोग करें। +1. अलग क्रिया का उपयोग करें + +### अनुवाद रणनीति प्रयोग के उदाहरण + +1. उसी क्रिया को कर्तवाच्य रूप में उपयोग करें और बताएँ कि किसने यह कार्य किया । यदि आप ऐसा करते हैं, तो उस व्यक्ति पर केंद्रित रहें जिस पर यह कार्य किया गया + +* **उसको रोटीवालों की दूकान में से प्रतिदिन एक रोटी दी जाती थी।** (यिर्मयाह 37:21 ULB) + + * राजा के सेवक यिर्मयाह को रोटीवालों की दूकान में से प्रतिदिन एक रोटी देते थे थी। + +1. उसी क्रिया को कर्तवाच्य रूप में उपयोग करें परंतु नही बताएँ कि किसने यह कार्य किया। इसकी बजाय, ‘‘वे’’ या ‘‘लोग’’ या ‘‘कोर्इ’’ जैसे प्रकटीकरणों के शब्दों का उपयोग करें। + +* **उसके लिये यह भला होता, कि चक्की का पाट उसके गले में लटकाया जाता और वह समुद्र में डाल दिया जाता** (लूका 17:2 ULB) + + * यह भला होता, कि वे उसके गले में चक्की का पाट लटकाकर, उसे समुद्र में डाल देते + * यह भला होता, कि कोर्इ उसके गले में चक्की का पाट लटकाकर, उसे समुद्र में डाल देता + +1. अलग क्रिया का उपयोग करें + +* **उसको रोटीवालों की दूकान में से प्रतिदिन एक रोटी दी जाती थी।** (यिर्मयाह 37:21 ULB) + + * उसे रोटीवालों की दूकान में से प्रतिदिन एक रोटी मिलती थी diff --git a/translate/figs-activepassive/sub-title.md b/translate/figs-activepassive/sub-title.md new file mode 100644 index 0000000..0f20ffb --- /dev/null +++ b/translate/figs-activepassive/sub-title.md @@ -0,0 +1,2 @@ +कर्तवाच्य एवं कर्मवाच्य का अर्थ क्या है और मैं कर्मवाच्य कथनों का कैसे अनुवाद करूँ? + diff --git a/translate/figs-activepassive/title.md b/translate/figs-activepassive/title.md new file mode 100644 index 0000000..6943edf --- /dev/null +++ b/translate/figs-activepassive/title.md @@ -0,0 +1,2 @@ +प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष + diff --git a/translate/figs-apostrophe/01.md b/translate/figs-apostrophe/01.md new file mode 100644 index 0000000..ee9bb10 --- /dev/null +++ b/translate/figs-apostrophe/01.md @@ -0,0 +1,46 @@ + +### परिभाषा + +संबोधक चिन्ह विराम चिन्हों में से एक चिन्ह है जहाँ वक्ता अपने श्रोताओं का ध्यान आकर्षित करता और उससे बात करता है जिसके बारे में उसे पता है वह उसे सुन नही सकता। + +### वर्णन + +वह श्रोताओं को किसी व्यक्ति या वस्तु के बारे में अपना संदेश या भावनाओं को शक्तिशाली तरीके से बताने के लिए ऐसा करता है। + +### कारण यह अनुवाद की समस्या है + +कर्इ भाषाएँ संबोधक चिन्ह का उपयोग नही करती हैं और पाठक इससे संदेह में पड़ सकते हैं। उनको पता नही चल पाएगा कि वक्ता किससे बात कर रहा है या सोचेंगे कि वक्ता ऐसे अपनी बातें उनको बताने की कोशिश कर रहा है जो उसे सुन नही पा रहे। + +### बाइबल से उदाहरण + +>हे गिलबो पहाड़ों, तुम पर न ओस पड़े, और न वर्षा हो (2 शमूएल 1:21 ULB) + +राजा शाऊल गिलबो पहाड़ पर मारा गया और दाऊद ने उसके बारे में एक गीत गाया। इन पहाड़ों से बात करने के द्वारा, वह चाहता है कि उन पर ओस या वर्षा न पड़े, वह दिखा रहा है कि उसे कितना दुख है। + +>हे यरूशलेम, हे यरूशलेम, तू जो भविष्यद्वक्ताओं को मार डालती है, और जो तेरे पास भेजे गए उन्हें पत्थरवाह करती है; (लूका 13:34 ULB) + +यीशु मसीह अपने चेलों और फरीसियों के एक समूह के सामने यरूशलेम के प्रति अपनी भावनाओं को प्रकट कर रहे थे। यरूशलेम से इस प्रकार बात करने के द्वारा, जैसे कि वहाँ के लोग सुन रहे हों, यीशु उन्हे बता रहे थे कि वह उसकी कितनी चिंता करते हैं। + +> उसने यहोवा से वचन पाकर वेदी के विरुद्ध यों पुकारा: कि हे वेदी, हे वेदी यहोवा यों कहता है, कि सुन.... तुझ पर मनुष्यों की हड्डियाँ जलार्इ जाएंगी (1 राजा 13:2 ULB) + +परमेश्वर का जन ऐसे बोल रहा था जैसे कि वेदी उसकी आवाज सुन रही हो, परंतु वास्तव में वह वहाँ खड़े राजा को यह सुना रहा था। + +### अनुवाद रणनीति + +यदि संबोधक चिन्ह आपकी भाषा में आम है और सही अर्थ दे रहा है, तो उसका उपयोग करें। यदि नही, तो निम्नलिखित कुछ विकल्प हैं: + +1. यदि इस प्रकार की भाषा आपके लोगों को संदेह से भरती है, तो वक्ता को उसकी सुन रहे लोगों से सीधा बात करे, जब वह उन्हे उनके बारे में अपना संदेश या भावनाएँ शक्तिशाली तरीके से बताता है जो उसे सुन नही रहे हैं + +### अनुवाद रणनीति प्रयोग के उदाहरण + +1. यदि इस प्रकार की भाषा आपके लोगों को संदेह से भरती है, तो वक्ता को उसकी सुन रहे लोगों से सीधा बात करे, जब वह उन्हे उनके बारे में अपना संदेश या भावनाएँ शक्तिशाली तरीके से बताता है जो उसे सुन नही रहे हैं + +* **उसने यहोवा से वचन पाकर वेदी के विरुद्ध यों पुकारा: कि हे वेदी, हे वेदी! +यहोवा यों कहता है, कि सुन.... तुझ पर मनुष्यों की हड्डियाँ जलार्इ जाएंगी** (1 राजा 13:2 ULB) + + * उसने यह वेदी के बारे में कहा ‘‘यहोवा वेदी के बारे में यों कहता है, सुन, ... वे इस पर मनुष्यों की हड्डियाों को जलाएँगे’’ + +* **हे गिलबो पहाड़ों, तुम पर न ओस पड़े, और न वर्षा हो,** (2 शमूएल 1:21 ULB) + +* **गिलबो पहाड़ों की बात करें, तो
उन पर न ओस पड़े, और न वर्षा हो** + diff --git a/translate/figs-apostrophe/sub-title.md b/translate/figs-apostrophe/sub-title.md new file mode 100644 index 0000000..40d01c9 --- /dev/null +++ b/translate/figs-apostrophe/sub-title.md @@ -0,0 +1,2 @@ +संबोधक चिन्ह नामक विराम चिन्ह का थ्या अर्थ है? + diff --git a/translate/figs-apostrophe/title.md b/translate/figs-apostrophe/title.md new file mode 100644 index 0000000..f14fb7a --- /dev/null +++ b/translate/figs-apostrophe/title.md @@ -0,0 +1,2 @@ +संबोधक चिन्ह + diff --git a/translate/figs-declarative/01.md b/translate/figs-declarative/01.md new file mode 100644 index 0000000..085d66a --- /dev/null +++ b/translate/figs-declarative/01.md @@ -0,0 +1,66 @@ + +### वर्णन + +बाइबल में अक्सर कथनों का उपयोग सूचना देने के लिए किया जाता है। परंतु कभी कभार, बाइबल में उनका उपयोग दूसरे कार्यों के लिए भी होता है। + +### कारण यह अनुवाद की समस्या है + +कुछ भाषाओं में कथनों का उपयोग उसी मकसद के साथ होता है, जैसे बाइबल में हुआ है। + +### बाइबल से उदाहरण + +कथनों का उपयोग, बाइबल में अक्सर **सूचना** देने के लिए किया जाता है। निम्नलिखित यूहéा 1:6-8 के सारे वाक्य कथन हैं और उनका मकसद सूचना देना है। + +>एक मनुष्य परमेश्वर की ओर से आ उपस्थित हुआ, जिसका नाम यूहन्ना था । यह गवाही देने आया, कि ज्योति की गवाही दे, ताकि सब उसके द्वारा विश्वास लाएँ। वह आप तो वह ज्योति न था, परन्तु उस ज्योति की गवाही देने के लिये आया था। (युहन्ना 1:6-8 ULB) + +कथनों का उपयोग, किसी को कुछ करने को कहने वाली **आज्ञा** के रूप में भी किया जा सकता है। नीचे के उदाहरण में, महायाजक ने ‘‘करने’’ की क्रिया के साथ कथन का उपयोग लोगों को करने के आज्ञा देकर किया । + +> और उस ने उन्हें आज्ञा दी, कि एक काम **अवश्य** करो। तुममें से एक तिहार्इ लोग जो विश्रामदिन को आनेवाले _हों_, वह राजभवन के पहरे की चौकसी करें। और एक तिहार्इ लोग सूर नाम फाटक में ठहरे _रहें_, और एक तिहार्इ लोग पहरुओं के पीछे के फाटक में रहें। (2 राजा 11:5 ULB) + +एक कथन का उपयोग **निर्देश** के लिए भी किया जा सकता है । नीचे के कथन में वक्ता यूसुफ को भविष्य में की जाने वाली बात के बारे में ही नही बताता है, परंतु यह भी बताता है कि उसे क्या करना है। + +>वह पुत्र जनेगी और _तू उसका नाम यीशु रखना_; क्योंकि वह अपने लोगों का उन के पापों से उद्धार करेगा । (मत्ती 1:21 ULB) + +एक कथन का उपयोग **विनती** के लिए भी किया जा सकता है । कोढ़ी केवल कह ही नही रहा था कि यीशु क्या कर सकता है। वह यीशु से, उसे चंगा करने को भी कह रहा था । + +>देखो, एक कोढ़ी ने पास आकर उसे प्रणाम किया और कहा; कि हे प्रभु यदि तू चाहे, तो _मुझे शुद्ध कर सकता है_ (मत्ती 8:2 ULB) + +कथनों का उपयोग, बाइबल में अक्सर **सूचना** देने के लिए किया जाता है। आदम को यह कहने के द्वारा कि धरती भी उसके कारण शापित है, वास्तव में परमेश्वर ने उसे शापित किया था। + +>.... इसलिये भूमि तेरे कारण शापित है;(उत्पत्ति 3:17 ULB) + +उस व्यक्ति को ‘‘तेरे पाप क्षमा हुए’’, यीशु उस मनुष्य के पाप को क्षमा कर रहे थे + +>यीशु ने, उनका विश्वास देखकर, झोले के मारे हुए से कहा; हे पुत्र, तेरे पाप क्षमा हुए । (मरकुस 2:5 ULB) + +### अनुवाद रणनीति + +1. यदि आपकी भाषा में किसी कथन का सही उपयोग स्पष्ट नही हो रहा है, तो _वाक्य के एक प्रकार_ का उपयोग करें जिसे उस कार्य को बताया जा सके +1. यदि आपकी भाषा में किसी कथन का सही उपयोग स्पष्ट नही हो रहा है, तो _वाक्य के एक प्रकार को जोड़कर_ उस कार्य को बताया जाए +1. यदि आपकी भाषा में किसी कथन का सही उपयोग स्पष्ट नही हो रहा है, तो _क्रिया के एक प्रकार_ का उपयोग करें जिसे उस कार्य को बताया जा सके + +### अनुवाद रणनीति प्रयोग के उदाहरण + +1. यदि आपकी भाषा में किसी कथन का सही उपयोग स्पष्ट नही हो रहा है, तो वाक्य के एक प्रकार का उपयोग करे जिसे उस कार्य को बताया जा सके + +* **वह एक पुत्र जनेगी और तू उसका नाम यीशु रखना; क्योंकि वह अपने लोगों का उन के पापों से उद्धार करेगा।** (मत्ती 1:21 ULB) ‘‘तू उसका नाम यीशु रखना’’ एक निर्देश है । सामान्य निर्देश के वाक्य के प्रकार का उपयोग कर इसका अनुवाद किया जा सकता है + + * वह एक पुत्र जनेगी और उसका नाम यीशु रखना; वह अपने लोगों का उनके पापों से उद्धार करेगा + +1. यदि आपकी भाषा में किसी कथन का सही उपयोग स्पष्ट नही हो रहा है, तो वाक्य के एक प्रकार को जोड़कर, उस कार्य को बताया जाए + +* **हे प्रभु यदि तू चाहे, तो मुझे शुद्ध कर सकता है** (मत्ती 8:2 ULB) कथन के साथ साथ, विनती को भी जोड़ा जा सकता है + + * हे प्रभु यदि तू चाहे, तो मुझे शुद्ध कर सकता है । कृपया कर दो + * हे प्रभु यदि तू चाहे, तो कृपया मुझे शुद्ध कर मैं जानता हूँ कि तु कर सकता है + +1. यदि आपकी भाषा में किसी कथन का सही उपयोग स्पष्ट नही हो रहा है, तो क्रिया के एक प्रकार का उपयोग करें जिसे उस कार्य को बताया जा सके। + +* **वह पुत्र जनेगी और तू उसका नाम यीशु रखना; क्योंकि वह अपने लोगों का उनके पापों से उद्वार करेगा** (मत्ती 1:21 ULB) + + * वह पुत्र जनेगी और तू उसका नाम यीशु रखना; क्योंकि वह अपने लोगों का उनके पापों से उद्वार करेगा + +* **हे पुत्र, तेरे पाप क्षमा हुए** (मरकुस 2:5 ULB) + + * हे पुत्र, मैं तेरे पाप क्षमा करता हूँ + * हे पुत्र, परमेश्वर ने तेरे पाप क्षमा कर दिए हैं diff --git a/translate/figs-declarative/sub-title.md b/translate/figs-declarative/sub-title.md new file mode 100644 index 0000000..0015fb9 --- /dev/null +++ b/translate/figs-declarative/sub-title.md @@ -0,0 +1,2 @@ +कथनों के अन्य उपयोग क्या क्या हैं? + diff --git a/translate/figs-declarative/title.md b/translate/figs-declarative/title.md new file mode 100644 index 0000000..21d5b4e --- /dev/null +++ b/translate/figs-declarative/title.md @@ -0,0 +1,2 @@ +कथन - अन्य उपयोग + diff --git a/translate/figs-distinguish/01.md b/translate/figs-distinguish/01.md new file mode 100644 index 0000000..9891c03 --- /dev/null +++ b/translate/figs-distinguish/01.md @@ -0,0 +1,87 @@ + +### वर्णन + +कुछ भाषाओं में, संज्ञा को परिवर्तित करने वाले कथन संज्ञा के साथ ही दो विभिé उद्देश्यों के लिए किया जा सकता है। वे या तो समान रूप से प्रयुक्त अन्य शब्दों से संज्ञा को अलग दिखा सकता है, या उस संज्ञा के बारे में जानकारी दे सकता है। वह जानकारी पाठकों के लिए नयी होगी या पहले से ज्ञात जानकारी को पुन: याद दिलाती होगी। + +दूसरी भाषाएँ परिवर्तित करने वाले अन्य कथनों का उपयोग करती हैं जिससे समान रूप से प्रयुक्त अन्य शब्दों से संज्ञा को अलग दिखाया जा सके। इस भाषा को बोलने वाले, जब संज्ञा के साथ, परिवर्तित करने वाले अन्य कथनों को सुनते हैं तो वे अनुमान लगाते हैं कि इनका मकसद समान रूप ये प्रयुक्त अन्य शब्दों से अलग दिखाना है। कुछ भाषाएँ समान लगने वाले शब्दों में अंतर दिखाने एवं उनके बारे में अधिक जानकारी देने के लिए, अल्पविराम चिन्ह का उपयोग करती हैं। + +अल्पविराम के बगैर, नीचे लिख कथन बताता है कि यह एक परिवर्तन दिखा रहा है: + +* मरियम ने अपनी बहन को भोजन दिया और वह बहुत धन्यवादी थी +* यदि उसकी बहन आमतौर पर, धन्यवादी होती तो निम्न कथन ‘‘जो धन्यवादी स्त्री थी’’ मरियम की उस **बहन से स्वयं को अलग** दिखा सकती थी जो आमतौर पर, धन्यवादी नही होती है + +अल्पविराम के साथ, यह कथन अधिक जानकारी दे रहा है: + +* मरियम ने अपनी बहन को भोजन दिया और वह बहुत धन्यवादी थी +* इसी कथन के उपयोग से मरियम की बहन के बारे में अधिक जानकारी दी जा सकती है + +यह हमें बताता है कि **मरियम ने कैसे प्रतिक्रिया की** जब उसकी बहन ने उसे भोजन दिया। इस मामले में एक बहन को दूसरी से अलग नही दिखाया गया है। + +### कारण यह अनुवाद की समस्या है + +* बाइबल की कर्इ स्रोत भाषाएँ ऐसे कथनों का उपयोग करती हैं जो संज्ञा को **दोनों** मकसदों अर्थात समान लगने वाले कथन से अलग दिखाने **एवं** उसके बारे में अधिक जानकारी देने के लिए परिवर्तित करती हैं । अनुवादक को सावधानीपूर्वक पहचानना है कि लेखक किस मकसद का उपयोग कर रहा है। +* कुछ भाषाएँ ऐसे कथनों का उपयोग करती हैं जो संज्ञा को **केवल** समान लगने वाले कथन से अलग दिखाने के लिए परिवर्तित करती हैं। ऐसे कथन का अनुवाद करते समय जिन्हे अधिक जानकारी देने के लिए इस्तेमाल किया जाता है, उस भाषा का उपयोग करने वाले लोग उक्त कथन एवं संज्ञा में अंतर अवश्य करें। अन्यथा, इसे पढ़ने या सुनने वाले लोग समझेंगे कि इस संज्ञा का उपयोग समान लगने वाले पदों से संज्ञा को अलग दिखाने के लिए किया गया है + +### बाइबल से उदाहरण + +**एक कथन दूसरे समान लगने वाले कथन से अलग दिखाने के शब्दों के उदाहरण**: + +ये आमतौर पर अनुवाद में समस्याएँ खड़ी नही करते हैं + +> ... बीचवाला पर्दा पवित्र स्थान को अतिपवित्र स्थान से अलग किये रहे (निर्गमन 26:33 ULB) + +‘‘पवित्र‘‘ एवं ‘‘अतिपवित्र‘‘ शब्द दो स्थान हैं जो एक दूसरे से अलग एवं हर कोर्इ जगह से अलग हैं + +> मूर्ख पुत्र से पिता उदास होता है, और जनने वाली माँ को शोक होता है (नीतिवचन 17:25 ULB) + +‘‘जनने’’ शब्द फर्क बताता है कि किस औरत के लिए पुत्र एक शोक है। वह हर औरत के लिए शोक नही है, परंतु अपनी माँ के लिए है + +**किसी कथन के बारे में अतिरिक्त जानकारी देने या याद दिलाने वाले शब्दों के उदाहरण**: + +ये उन भाषाओं के लिए अनुवाद के विषय हैं जो इनका उपयोग नही करते हैं + +> ... क्योंकि तेरे धर्ममय न्याय उत्तम हैं (भजन संहिता 119:39 ULB) + +‘‘धर्ममय’’ शब्द हमें याद दिलाता है कि परमेश्वर के न्याय सही हैं। यह उसके धार्मिक न्याय या अधर्मी न्याय के बीच अंतर नही दिखा रहा है क्योंकि उसके सारे न्याय धर्ममय हैं। + +> क्या सारा जो नब्बे वर्ष की है पुत्र जनेगी? (उत्पत्ति 17:17-18 ULB) + +‘‘जो नब्बे वर्ष की है’’ शब्द एक कारण है जिससे अब्रहाम सोचता है कि सारा पुत्र नही जन सकती। यह किसी सारा नाम की एक औरत और उसी नाम की दूसरी औरत के बीच में अंतर नही दिखा रहा है जिसकी उम्र अलग है और वह उसकी उम्र के बारे में भी कुछ नया नही बता रहा है। उसने बस नही सोचा कि उस उम्र की औरत को बच्चा हो सकता है। + +> मनुष्य को जिसकी मैने सृष्टि की है पृथ्वी के ऊपर से मिटा दूंगा (उत्पत्ति 6:7 ULB) + +‘‘जिसकी मैने सृष्टि की है’’ शब्द परमेश्वर और मनुष्य के बीच के संबंध को बताता है। यही कारण था कि परमेश्वर के पास मनुष्य को पृथ्वी पर से मिटा डालने का अधिकार था। और दूसरा मनुष्य नही है जिसकी परमेश्वर ने सृष्टि की थी। + +### अनुवाद रणनीति + +यदि लोग संज्ञा के साथ आए शब्द के मकसद को समझ सकते हैं, तो कथन और संज्ञा दोनों को एक साथ उपयोग करने की सोचें। उन भाषाओं में जहाँ संज्ञा का उपयोग एक शब्द का दूसरे से अंतर दिखाने के लिए किया जाता है, उनके लिए जानकारी या याद देने वाले शब्दों के अनुवाद की कुछ रणनीतियाँ निम्नलिखित हैं। + +1. वाक्य के एक भाग में जानकारी दें और उसके मकसद को बताने वाले शब्दों को जोड़ें +1. अपनी भाषा में उसे बताने के सबसे अच्छे तरीके का उपयोग कर बताएँ कि ये केवल अतिरिक्त सूचना है। शायद एक शब्द जोड़ा गया होगा, या इसकी ध्वनि के अनुसरार बदला गया होगा। अक्सर ध्वनि में बदलाव को विरामचिन्हों के प्रयोग से बताया जा सकता है, उदा0 अल्पविराम, कोष्ठक इत्यादि। + +### अनुवाद रणनीति प्रयोग के उदाहरण + +1. वाक्य के एक भाग में जानकारी दें और उसके मकसद को बताने वाले शब्दों को जोड़ें + +* **जो व्यर्थ मूर्तियों पर मन लगाते हैं, उनसे मैं घृणा करता हूँ** (भजन संहिता 31:6 ULB) - ‘‘व्यर्थ मूर्तियों’’ का उपयोग कर, दाऊद सारी मूर्तियों पर अपनी टिप्पणी दे रहा और उनसे घृणा करने का कारण बता रहा था। यहाँ व्यर्थ मूर्तियों या मूल्यवान मूर्तियों का अंतर नही बताया जा रहा है + + * चूँकि मूर्तियाँ व्यर्थ हैं, मैं उनकी सेवा करने वालों से घृणा करता हूँ। + +* **क्योंकि तेरे न्याय धर्ममय हैं** (भजन संहिता 119:39 ULB) + + * ... तेरे न्याय अच्छे हैं क्योंकि वे धर्ममय हैं + +* **क्या सारा जो नब्बे वर्ष की है पुत्र जनेगी?** (उत्पत्ति 17:17-18 ULB) - ‘‘जो नब्बे वर्ष की है’’ कथन सारा के उम्र को याद दिलाती है।यह बताती है कि अब्रहाम प्रश्न क्यों पूछ रहा था। उसने प्रतीक्षा नही की थी कि इस उम्र में भी औरत बच्चा जन सकती है। + + * क्या सारा बच्चा जन सकती है, यद्यपि वह नब्बे वर्ष की है? + +* **मैं यहोवा को जो स्तुति के योग्य है पुकारूँगा** (2 शमूएल 22:4 ULB) - केवल एक ही यहोवा है । ‘‘स्तुति के योग्य’’ शब्द यहोवा को पुकारने का कारण बताता है। + + * मैं यहोवा को पुकारूँगा क्योंकि वह स्तुति के योग्य है + +1. अपनी भाषा में उसे बताने के सबसे अच्छे तरीके का उपयोग कर बताएँ कि ये केवल अतिरिक्त सूचना है + +* **तू मेरा पुत्र है जिससे मैं प्रेम करता हूँ तुझसे मैं प्रसन्न हूँ** (लूका 3:22 ULB) + + * तू मेरा पुत्र है मैं तुझसे प्रेम करता हूँ और तुझसे मैं प्रसन्न हूँ + * मेरा प्रेम पाने वाले तू मेरा पुत्र है। तुझसे मैं प्रसन्न हूँ diff --git a/translate/figs-distinguish/sub-title.md b/translate/figs-distinguish/sub-title.md new file mode 100644 index 0000000..3af1956 --- /dev/null +++ b/translate/figs-distinguish/sub-title.md @@ -0,0 +1,2 @@ +जब एक संज्ञा के साथ किसी कथन का उपयोग होता है तो एक संज्ञा को दूसरी के अलग करने वाले कथनों एवं केवल सुचनाएँ देने वाले कथनों में क्या अंतर होता है? + diff --git a/translate/figs-distinguish/title.md b/translate/figs-distinguish/title.md new file mode 100644 index 0000000..1716cff --- /dev/null +++ b/translate/figs-distinguish/title.md @@ -0,0 +1,2 @@ +सूचना देने एवं याद दिलाने वाले शब्दों में अंतर करना + diff --git a/translate/figs-doublenegatives/01.md b/translate/figs-doublenegatives/01.md new file mode 100644 index 0000000..8a9440b --- /dev/null +++ b/translate/figs-doublenegatives/01.md @@ -0,0 +1,62 @@ + +दो नकारात्मकताएँ तब उत्पé होती है जब किसी कथन में दो शब्द ‘‘नही’’ के अर्थ को प्रकट करते हैं। दो नकारात्मकताओं का अर्थ विभिé भाषाओं में अलग अलग होता है। दो नकारात्मकता वाले कथनों का सही और स्पष्ट अनुवाद करने के लिए, आपको जानना जरूरी है कि बाइबल में नकारात्मकता का क्या अर्थ है और उसे अपनी भाषा में कैसे अनुवाद करें। + +### वर्णन + +नकारात्मक शब्द वे शब्द होते हैं जिनमें ‘‘नही’’ का भाव मौजुद रहता है। उदाहरणत: ‘‘नही’’, ‘‘ना’’, ‘‘कोर्इ नही’’, ‘‘कहीं नही’’, ‘‘कभी नही’’, ‘‘या नही’’ ‘‘बिना’’ इत्यादि। साथ ही साथ, कुछ शब्दों में ‘‘प्रत्यय’’ या ‘‘उपसर्ग’’ जुड़े होते हैं जिनका अर्थ ‘‘ना’’ होता है, जैसे नाखुश, संभव, अनउपयोगी इत्यादि। + +दो नकारात्मकताएँ तब उत्पé होती है जब किसी कथन में दो शब्द ‘‘नही’’ के अर्थ को प्रकट करते हैं। + +>ऐसा नही है कि हमारे पास अधिकार नही है। (2 थिस्सलूनिकियों 3:9 ULB) + +
और इसलिये कि मसीह की नियुक्ति बिना शपथ नहीं हुर्इ। (इब्रानियों 7:20 ULB)
+ +>मैं दृढ़ता के साथ कहता हूं, बुरा मनुष्य निर्दोष ठहरेगा (नीतिवचन 11:21 ULB) + +### कारण यह अनुवाद की समस्या है + +दो नकारात्मकताओं का अर्थ विभिé भाषाओं में अलग अलग होता है: + +* कुछ भाषाओं में, जैसे कि स्पैनिश, दुगुनी नकारात्मकता नकारात्मकता पर बल देती है। निम्न स्पैनिश कथन *No ví a nadie* का अर्थ है ‘‘मैने किसी को नही, नही देखा’’ इसमें क्रिया के बाद ‘‘नही’’ और ‘nadie’ जिसका अर्थ है ‘‘किसी को नही’’, दोनों का उपयोग है। दोनो नकारात्मकताएँ एक दूसरे से सहमत हैं और वाक्य का अर्थ है, ‘‘मैंने किसी को नही देखा’’ +* कुछ भाषाओं में, दूसरा नकारात्मक शब्द पहले को रद्द कर देता है जिससे वाक्य सकारात्मक बन जाता है। अत: ‘‘वह निर्बुद्धि नही है’’ का अर्थ होता है कि वह बुद्धिमान है। +* कुछ भाषाओं में, दो नकारात्मकताएँ मिलकर एक सकारात्मक वाक्य बनाते हैं, परंतु यह एक कमजोर वाक्य होता है। अत: ‘‘वह निर्बुद्धि नही है’’ का अर्थ होता है कि ‘‘उसमें थोड़ी बहुत बुद्धि है’’। +* कुछ भाषाओं में, जैसे कि बाइबल की भाषा, दो नकारात्मकता एक सकारात्मक वाक्य को बनाती और वाक्य को बल प्रदान करती है। अत: ‘‘वह निर्बुद्धि नही है’’ का अर्थ हो सकता है कि ‘‘वह बहुत बुद्धिमान है’’। दो नकारात्मकता वाले कथनों का सही और स्पष्ट अनुवाद करने के लिए, आपको जानना जरूरी है कि बाइबल में नकारात्मकता का क्या अर्थ है और उसे अपनी भाषा में कैसे अनुवाद करें। + +### बाइबल से उदाहरण + +> .... ताकि वे नि“फल रहें (तीतुस 3:14 ULB) + +इसका अर्थ है ‘‘कि वे फलवंत बनें’’ + +> सब कुछ उसी के द्वारा उत्पन्न हुआ और जो कुछ उत्पन्न हुआ है, उस में से कोर्इ भी वस्तु उसके बिना उत्पन्न न हुर्इ (युहन्ना 1:3 ULB) + +दो नकारात्मकताओं का उपयोग कर, यूहéा बता रहा है कि परमेश्वर ने पुत्र ने ही सब कुछ बनाया है + +### अनुवाद रणनीति + +यदि दो नकारात्मकताएँ स्वाभाविक हैं और आपकी भाषा में यह सकारात्मकता को बताती है, तो उनका उपयोग करें। अन्यथा, निम्न रणनीतियों को अपना सकते हैं: + +1. यदि बाइबल में उपयोग की गर्इ दो नकारात्मकताओं का उद्देश्य केवल सकारात्मकता को प्रकट करना है और आपकी भाषा में ऐसा नही होता है, तो दोनो नकारात्मकताओं को हटा दें जिससे यह सकारात्मक बन जाएगा +1. यदि बाइबल में उपयोग की गर्इ दो नकारात्मकताओं का उद्देश्य एक शक्तिशाली सकारात्मक वाक्य बनाना है और आपकी भाषा में ऐसा नही होता है, तो दोनो नकारात्मकताओं को हटा दें और ‘‘बहुत’’ या ‘‘निश्चय तौर पर’’ जैसे शब्दों को जोड़ दें + +### अनुवाद रणनीति प्रयोग के उदाहरण + +1. यदि बाइबल में उपयोग की गर्इ दो नकारात्मकताओं का उद्देश्य केवल सकारात्मकता को प्रकट करना है और आपकी भाषा में ऐसा नही होता है, तो दोनो नकारात्मकताओं को हटा दें जिससे यह सकारात्मक बन जाएगा + +* **क्योंकि हमारा ऐसा महायाजक नहीं, जो हमारी निर्बलताओं में हमारे साथ दुखी हो सके** (इब्रानियों 4:15 ULB) + + * ’’क्योंकि हमारा ऐसा महायाजक है जो हमारी निर्बलताओं में हमारे साथ दुखी होता है’’ + +* **.... ताकि वे नि“फल रहें** (तीतुस 3:14 ULB) + + * ‘‘.... ताकि वे फलदायक बनें’’ + +1. यदि बाइबल में उपयोग की गर्इ दो नकारात्मकताओं का उद्देश्य एक शक्तिशाली सकारात्मक वाक्य बनाना है और आपकी भाषा में ऐसा नही होता है, तो दोनो नकारात्मकताओं को हटा दें और ‘‘बहुत’’ या ‘‘निश्चय तौर पर’’ जैसे शब्दों को जोड़ दें। + +* **मैं निश्चय तौर पर कहता हूँ - बुरा मनुष्य निर्दोष ठहरेगा...** (नीतिवचन 11:21 ULB) + + * मैं निश्चय तौर पर कहता हूँ - बुरा मनुष्य अवश्य दण्ड पाएगा + +* **सब कुछ उसी के द्वारा उत्पन्न हुआ और जो कुछ उत्पन्न हुआ है, उस में से कोर्इ भी वस्तु उसके बिना उत्पन्न न हुर्इ** (युहन्ना 1:3 ULB) + + * ‘‘सब कुछ उसी के द्वारा उत्पन्न हुआ’’ जो कुछ बना है, वह सब उसके द्वारा बना गया है diff --git a/translate/figs-doublenegatives/sub-title.md b/translate/figs-doublenegatives/sub-title.md new file mode 100644 index 0000000..e42cad2 --- /dev/null +++ b/translate/figs-doublenegatives/sub-title.md @@ -0,0 +1,2 @@ +दो नकारात्मकता क्या होती है? + diff --git a/translate/figs-doublenegatives/title.md b/translate/figs-doublenegatives/title.md new file mode 100644 index 0000000..a8e8919 --- /dev/null +++ b/translate/figs-doublenegatives/title.md @@ -0,0 +1,2 @@ +दोहरे नकारात्मक + diff --git a/translate/figs-doublet/01.md b/translate/figs-doublet/01.md new file mode 100644 index 0000000..4b42e31 --- /dev/null +++ b/translate/figs-doublet/01.md @@ -0,0 +1,54 @@ + +### वर्णन + +हम ‘‘युग्म’’ शब्द का उपयोग दो शब्दों या छोटे कथनों को करते हैं जिनका अर्थ समान है, एकदम करीब होते हैं और एक साथ उपयोग किए जाते हैं। ये शब्द अक्सर ‘‘और’’ से जुड़े होते हैं। अक्सर उनका उपयोग दो शब्दों के द्वारा प्रकट अर्थों पर बल देने के लिए किया जाता है। + +### कारण यह अनुवाद की समस्या है + +कुछ भाषाओं में, लोग युग्मों का उपयोग नही करते हैं। या वे युग्मों का उपयोग तो करते हैं परंतु केवल कुद परिस्थितियों में, अत: कुछ पदों के लिए, उनकी भाषा में युग्मों का कोर्इ अर्थ नही निकलता है। दोनों मामलों में, अनुवादकों को युग्मों के द्वारा प्रकट अर्थ को किसी और तरीके से समझना जरूरी है। + +### बाइबल से उदाहरण + +>दाऊद राजा बूढ़ा वरन बहुत पुरनिया हुआ (1 राजा 1:1 ULB) + +रेखांकित शब्दों का अर्थ समान है। दोनों शब्दों का अर्थ है ‘‘बहुत बूढ़ा’’ + +>... उसने ... अपने से अधिक धर्मी और भले दो पुरुषों पर, ... पर टूटकर.... (1 राजा 2:32 ULB) + +इसका अर्थ है कि वे उससे ‘‘बहुत अधिक धर्मी’’ थे। + +>तुमने... झूठी और गपशप की बातें ....गोष्ठी की है (दानिय्येल 2:9 ULB) + +इसका अर्थ है कि उन्होने ‘‘बहुत सारी झूठी बातें’’ कहने की तैयारी कर रखी थी। + +>....पर निर्दोष और निष्कलंक मेम्ने (1 पतरस 1:19 ULB) + +इसका अर्थ है कि वह एक ऐसा मेमना था जिसमें कोर्इ दोष नही था - एक भी नही। + +### अनुवाद रणनीति + +यदि आपकी भाषा में युग्मों का उपयोग सामान्य है और सही अर्थ बताता है, उसका उपयोग करें। अन्यथा, इन रणनीतियों को आजमाएँ। + +1. केवल एक शब्द का अनुवाद करें +1. यदि युग्म का उपयोग अर्थ पर बल देने के लिए किया गया है, तो दोनों में से एक का अनुवाद करें और उस शब्द के साथ ‘‘बहुत’’, -’’अधिक’’, ‘‘कर्इ’’ जैसे शब्दों को जोड़कर बल दें। +1. यदि युग्म का उपयोग अर्थ पर बल देने के लिए किया गया है, तो अपनी भाषा में से किसी तरीके का उपयोग करें + +### अनुवाद रणनीति प्रयोग के उदाहरण + +1. दोनों में से एक शब्द का अनुवाद करें + +* **तुमने .... झूठी और गपशप की बातें .... गोष्ठी की है** (दानिय्येल 2:9 ULB) + + * ‘‘तुमने झूठी बातें .... गोष्ठी की है’’ + +1. यदि युग्म का उपयोग अर्थ पर बल देने के लिए किया गया है, तो दोनों में से एक का अनुवाद करें और उस शब्द के साथ ‘‘बहुत’’, -’’अधिक’’, ‘‘कर्इ’’ जैसे शब्दों को जोड़कर बल दें + +* ** दाऊद राजा बूढ़ा वरन बहुत पुरनिया हुआ** (1 राजा 1:1 ULB) + + * ‘‘दाऊद राजा बहुत बूढ़ा हुआ’’ + +1. यदि युग्म का उपयोग अर्थ पर बल देने के लिए किया गया है, तो अपनी भाषा में से किसी तरीके का उपयोग करें + +* **....पर निर्दोष और निष्कलंक मेम्ने...** (1 पतरस 1:19 ULB) - अंग्रेजी में ‘‘any’’ एवं ‘‘at all’’ जैसे शब्दों से इस पर बल दिया जा सकता है + + * ‘‘...पर बिल्कुल निर्दोष मेम्ने... diff --git a/translate/figs-doublet/sub-title.md b/translate/figs-doublet/sub-title.md new file mode 100644 index 0000000..6948c54 --- /dev/null +++ b/translate/figs-doublet/sub-title.md @@ -0,0 +1,2 @@ +युग्म क्या होते हैं और मैं उनका अनुवाद कैसे करूँ? + diff --git a/translate/figs-doublet/title.md b/translate/figs-doublet/title.md new file mode 100644 index 0000000..b7a3c8b --- /dev/null +++ b/translate/figs-doublet/title.md @@ -0,0 +1,2 @@ +युग्मक + diff --git a/translate/figs-ellipsis/01.md b/translate/figs-ellipsis/01.md new file mode 100644 index 0000000..240987f --- /dev/null +++ b/translate/figs-ellipsis/01.md @@ -0,0 +1,44 @@ + +### वर्णन + +अध्याहार उस समय होता है जब वक्ता या लेखक एक या अधिक शब्दों को लिखते वक्त छोड़ देता है क्योंकि उसे पता है कि श्रोता या पाठक वाक्य के पूरे अर्थ को समझ लेंगे और उसे सुनते या पढ़ते वक्त अपने मन में वह शब्द भर लेंगे। छोड़ी गर्इ सूचना को पहले वाक्य में कहा जा चुका होता है। + +> इस कारण दुष्ट लोग अदालत में स्थिर न रह सकेंगे, न पापी धर्मियों की मण्डली में (भजन संहिता 1:5) + +यह अध्याहार है क्योंकि ‘‘न पापी धर्मियों की मण्डली में’’ संपूर्ण वाक्य नही है। वक्ता अनुमान लगाता है कि श्रोता पिछले वाक्य के आधार पर अपने आप अपने मन इस बात का अर्थ पता लगा लेंगे कि एक पापी धर्मियों की मण्डली में क्या नही कर पाएगा। + +### कारण यह अनुवाद की समस्या है + +अपूर्ण वाक्यों य कथनों को देखने वाले पाठक छुटी सूचना को नही जान पाएँगे, यदि वे अपनी भाषा में अध्याहार का उपयोग नही करते हैं। + +### बाइबल से उदाहरण + +> ..... जब वह निकट आया, तो यीशु ने उससे पूछा, ‘‘तू क्या चाहता है, कि मैं तेरे लिये करूं?’’ उसने कहा; हे प्रभु यह कि मैं देखने लगूँ (लूका 18:40-41 ULB) + +मनुष्य ने अधूरा उत्तर दिया क्योंकि वह विनम्र रहना चाहता और प्रभु से सीधा चंगार्इ नही माँगना चाहता था। वह जानता था कि वह तभी देखने योग्य हो सकता था यदि यीशु उसे चंगा करते। + +>वह लबानोन को बछड़े की नार्इ उछालता है और शिर्योन को जंगली बछड़े के समान (भजन संहिता 29:6 ULB) + +लेखक अपने शब्दों को संक्षिप्त रखना और अच्छा काव्य रूप देना चाहता है। उसने यह नही कहा कि यहोवा शिर्योन को जंगली बछड़े के समान उछालता है, क्योंकि उसे पता है कि पाठक स्वयं इस जानकारी को समझ लेंगे। + +### अनुवाद रणनीति + +यदि आपकी भाषा में अध्याहार का उपयोग सामान्य है और सही अर्थ देता है, तो इसका उपयोग करें। अन्यथा, अन्य विकल्प निम्न हैं: + +1. अपूर्ण वाक्यों या कथनों में गायब शब्दों को भरें + +### अनुवाद रणनीति प्रयोग के उदाहरण + +1. अपूर्ण वाक्यों या कथनों में गायब शब्दों को भरें + +* **इस कारण दुष्ट लोग अदालत में स्थिर न रह सकेंगे, न पापी धर्मियों की मण्डली में** (भजन संहिता 1:5) + + * .... दुष्ट लोग अदालत में स्थिर न रह सकेंगे, न पापी धर्मियों की मण्डली में** खड़े रह सकेंगे + +* **.... जब वह निकट आया, तो यीशु ने उससे पूछा, ‘‘तू क्या चाहता है, कि मैं तेरे लिये करूं?’’ उसने कहा; हे प्रभु यह कि मैं देखने लगूँ ** (लूका 18:40-41 ULB) + + * ....जब अंधा निकट आया, तो यीशु ने उससे पूछा, ‘‘तू क्या चाहता है, कि मैं तेरे लिये करूं?’’ उसने कहा; हे प्रभु मैं चाहता हूँ तू मुझे चंगा कर कि मैं देखने लगूँ’’ + +* **वह लबानोन को बछड़े की नार्इ उछालता है और शिर्योन को जंगली बछड़े के समान** (भजन संहिता 29:6 ULB) + + * वह लबानोन को बछड़े की नार्इ उछालता है और वह शिर्योन को जंगली बछड़े के समानउछालता है diff --git a/translate/figs-ellipsis/sub-title.md b/translate/figs-ellipsis/sub-title.md new file mode 100644 index 0000000..41e1a95 --- /dev/null +++ b/translate/figs-ellipsis/sub-title.md @@ -0,0 +1,2 @@ +अध्याहार क्या है? + diff --git a/translate/figs-ellipsis/title.md b/translate/figs-ellipsis/title.md new file mode 100644 index 0000000..9801634 --- /dev/null +++ b/translate/figs-ellipsis/title.md @@ -0,0 +1,2 @@ +अध्याहार + diff --git a/translate/figs-euphemism/01.md b/translate/figs-euphemism/01.md new file mode 100644 index 0000000..1f3883f --- /dev/null +++ b/translate/figs-euphemism/01.md @@ -0,0 +1,50 @@ + +### वर्णन + +शिष्टोक्ति किसी अप्रिय, दुखी करने वाली या सामाजिक तौर पर अमान्य बात को मृदुल अथवा विनम्र तरीके के कहने का तरीका है, जैसे कि मृत्यु या चुपके से की जाने वाली बातें। + +### परिभाषा + +>.... उनको शाऊल और उसके पुत्र गिलबो पहाड़ पर पड़े हुए मिले (1 इतिहास 10:8 ULB) + +इसका अर्थ है कि शाऊल और उसके पुत्र ‘‘मर चुके थे’’। यह शिष्टोक्ति है क्योंकि महत्वपूर्ण यह नही था कि शाऊल और उसके पुत्र पड़े हुए थे परंतु यह कि वे मर चुके थे। कभी कभार लोग ऐसी बातें सीधे बोलना पसंद नही करते हैं क्योंकि वे अप्रिय होती हैं। + +### कारण यह अनुवाद की समस्या है + +विभिé भाषाएँ विभिé शिष्टोक्तियों का उपयोग करती हैं। यदि लक्षित भाषा स्रोत भाषा की तरह समान शिष्टोक्तियों का उपयोग नही करती है, तो पाठकों को उनका अर्थ नही समझ आएगा और वे सोचेंगे कि लेखक लिखे हुए शब्द का शाब्दिक अर्थ ही बता रहा है। + +### बाइबल से उदाहरण + +> .... जहाँ एक गुफा थी और शाऊल दिशा फिरने को उसके भीतर गया.... (1 शमूएल 24:3 ULB) + +मूल पाठकों को पता चल गया होगा कि शाऊल गुफा का शौचालय की तरह उपयोग कर रहा था परंतु लेखक ठेस पहुँचाने वाली भाषा का उपयोग नही करना चाहता था अत: उसने **विशेष तौर पर नही कहा** कि शाऊल ने गुफा में क्या किया या क्या छोड़कर आया । + +>मरियम ने स्वर्गदूत से कहा, यह क्योंकर होगा? मैं तो पुरूष को जानती ही नहीं (लूका 1:34 ULB) + +**विनम्रता दिखाने** के लिए, मरियम शिष्टोक्ति को उपयोग कर, कह रही है कि उसने कभी भी किसी पुरूष के साथ लैंगिक संबंध नही बना हैं। + +### अनुवाद रणनीति + +यदि आपकी भाषा में शिष्टोक्ति का उपयोग सामान्य है और सही अर्थ देता है, तो इसका उपयोग करें। यदि नही, तो अन्य विकल्प निम्नलिखित हैं: + +1. अपनी संस्कृति की शिष्टोक्ति के शब्द का उपयोग करें +1. यदि किसी को ठेस न पहुँचे तो शिष्टोक्ति का उपयोग किए बगैर, उसका सीधा अर्थ लिखें + +### अनुवाद रणनीति प्रयोग के उदाहरण + +1. अपनी संस्कृति की शिष्टोक्ति के शब्द का उपयोग करें + +* **... जहाँ एक गुफा थी तब शाऊल दिशा फिरने को उसके भीतर गया** (1 शमूएल 24:3 ULB) - कुछ भाषाएँ निम्न शिष्टोक्ति का उपयोग कर सकती हैं: + + * .... जहाँ गुफा थी तब शाऊल बड़ा गड्ढ़ा खोदने उसके भीतर गया + * .... जहाँ गुफा थी तब शाऊल थोड़ा समय अकेले में बिताने उसके भीतर गया + +* **मरियम ने स्वर्गदूत से कहा, यह क्योंकर होगा? मैं तो पुरूष को जानती ही नहीं** (लूका 1:34 ULB)/ + + * मरियम ने स्वर्गदूत से कहा, यह क्योंकर होगा, क्योंकि मैं किसी पुरूष को नही जानती + +1. यदि किसी को ठेस न पहुँचे तो शिष्टोक्ति का उपयोग किए बगैर, उसका सीधा अर्थ लिखें + +* **तब उनको शाऊल और उसके पुत्र गिलबो पहाड़ पर पड़े हुए मिले** (1 इतिहास 10:8 ULB) + + * तब उनको शाऊल और उसके पुत्र गिलबो पहाड़ पर मरे हुए मिले diff --git a/translate/figs-euphemism/sub-title.md b/translate/figs-euphemism/sub-title.md new file mode 100644 index 0000000..5feff7c --- /dev/null +++ b/translate/figs-euphemism/sub-title.md @@ -0,0 +1,2 @@ +शिष्टोक्ति क्या है? + diff --git a/translate/figs-euphemism/title.md b/translate/figs-euphemism/title.md new file mode 100644 index 0000000..c685e31 --- /dev/null +++ b/translate/figs-euphemism/title.md @@ -0,0 +1,2 @@ +शिष्टोक्ति + diff --git a/translate/figs-events/01.md b/translate/figs-events/01.md new file mode 100644 index 0000000..84c808f --- /dev/null +++ b/translate/figs-events/01.md @@ -0,0 +1,59 @@ + +### वर्णन + +बाइबल में घटनाओं को उनके घटे हुए क्रम में लिखा गया है। कर्इ बार लेखक किसी एक घटना के बारे में बताना चाहता है जो बतार्इ जा रही घटना से बहुत समय पहले घटी थी। इससे पाठक असमंजस में पड़ सकते हैं। + +**कारण यह अनुवाद की समस्या है:** पाठक सोच सकते हैं कि घटनाएँ उसी क्रम में घटी हैं जैसे उन्हे बताया गया है। उन्हे घटना का सही क्रम जानना बहुत जरूरी है। + +### बाइबल से उदाहरण + +> इसलिये हेरोदेस ने ....यूहन्ना को बन्दीगृह में डाल दिया जब सब लोगों ने बपतिस्मा लिया, और यीशु भी बपतिस्मा लेकर... (लूका 3:20-21 ULB) + +इसको पढ़कर लग सकता है कि यूहéा के कैद होने के बाद यीशु का बपतिस्मा हुआ परंतु वास्तव में कैद से पहले उसने यीशु को बपतिस्मा दिया था। + +>जब यहोशू ये बातें लोगों से कह चुका, तो वे सात याजक जो यहोवा के साम्हने सात नरसिंगे लिये हुए थे नरसिंगे फूंकते हुए चले... और यहोशू ने लोगों को आज्ञा दी, तब तक जयजयकार न करो, कि जब तक मैं तुम्हें जयजयकार करने की आज्ञा न दूं, तुम्हारा कोर्इ शब्द सुनने में न आए आज्ञा पाते ही जयजयकार करना’’ (यहोशू 6:8-10 ULB) + +ऐसा लग सकता है कि सेना के प्रस्थान करने के बाद यहोशु उन्हे जयजयकार नही करने का आदेश दे रहा है, परंतु उसके आदेश को पाने के पश्चात सेना ने प्रस्थान किया था । + +> पुस्तक को खोलने और उसकी मुहरें तोड़ने के योग्य कौन है? (प्रकाशितवाक्य 5:2 ULB) + +ऐसा लगता है कि एक व्यक्ति पहले पुस्तक को खोले और फिर मुहर तोड़े, परंतु पुस्तक को बंद करने वाली मुहर को तोड़ने के बाद ही, पुस्तक खोली जाती है। + +### अनुवाद रणनीति + +1. यदि आपकी भाषा में ऐसे कथनों या समय के शब्दों का उपयोग आमतौर पर किया जाता है जहाँ बतार्इ जा रही घटना के साथ पिछली घटनाओं को भी जोड़कर बताया जाता है, तो इस तरीके का उपयोग करें + +1. यदि आपकी भाषा में क्रियायों के काल या संबंधित शब्दों का उपयोग आमतौर पर किया जाता है जहाँ बतार्इ जा रही घटना के साथ पिछली घटनाओं को भी बताया जाता है, तो इस तरीके का उपयोग करें ([Verbs](../figs-verbs/01.md) के पहलूओं के सेक्शन को देखें) + +1. यदि आपकी भाषा घटनाओं को उनके समयानुक्रम में बताने को महत्व देती है तो घटनाओं को उसी क्रम में लिखें। +इसमें दो या तीन पदों को एक साथ लिखने की जरूरत पड़ सकती है (जैसे 5-6) (देखें: [Verse Bridges](../translate-versebridge/01.md)) + +### अनुवाद रणनीति प्रयोग के उदाहरण + +1. यदि आपकी भाषा में ऐसे कथनों या समय के शब्दों का उपयोग आमतौर पर किया जाता है जहाँ बतार्इ जा रही घटना के साथ पिछली घटनाओं को भी जोड़कर बताया जाता है, तो इस तरीके का उपयोग करें + +* **20इसलिये हेरोदेस ने ....यूहन्ना को बन्दीगृह में डाल दिया। 21जब सब लोगों ने बपतिस्मा लिया, और यीशु भी बपतिस्मा लेकर प्रार्थना कर रहा था, तो आकाश खुल गया** (लूका 3:20-21 ULB) + + * 20इसलिये हेरोदेस ने ....यूहन्ना को बन्दीगृह में डाल दिया। 21यूहéा के कैद में जाने से पहले, जब सब लोगों ने बपतिस्मा लिया, और यीशु भी बपतिस्मा लेकर...। + +* **इस पुस्तक के खोलने और उस की मुहरें तोड़ने के योग्य कौन है** (प्रकाशितवाक्य 5:2 ULB) + + * इस पुस्तक की मुहरें तोड़ने के बाद, उसे खोलने के योग्य कौन है? + +1. यदि आपकी भाषा में क्रियायों के काल या संबंधित शब्दों का उपयोग आमतौर पर किया जाता है जहाँ बतार्इ जा रही घटना के साथ पिछली घटनाओं को भी बताया जाता है, तो इस तरीके का उपयोग करें + +* **8और जब यहोशू ये बातें लोगों से कह चुका, तो वे सात याजक जो यहोवा के साम्हने सात नरसिंगे लिये हुए थे नरसिंगे फूंकते हुए चले ... 10 और यहोशू ने लोगों को आज्ञा दी, तब तक जयजयकार न करो, कि जब तक मैं तुम्हें जयजयकार करने की आज्ञा न दूं, तुम्हारा कोर्इ शब्द सुनने में न आए आज्ञा पाते ही जयजयकार करना’’** (यहोशू 6:8-10 ULB) + + * 8और जब यहोशू ये बातें लोगों से कह चुका, तो वे सात याजक जो यहोवा के साम्हने सात नरसिंगे लिये हुए थे नरसिंगे फूंकते हुए चले ... 10 और यहोशू ने लोगों को आज्ञा दे रखी थी कि तब तक जयजयकार न करें, कि जब तक मैं तुम्हें जयजयकार करने की आज्ञा न दूं, तुम्हारा कोर्इ शब्द सुनने में न आए आज्ञा पाते ही जयजयकार करना + +1. यदि आपकी भाषा घटनाओं को उनके समयानुक्रम में बताने को महत्व देती है तो घटनाओं को उसी क्रम में लिखें। इसमें दो या तीन पदों को एक साथ लिखने की जरूरत पड़ सकती है (जैसे 5-6) + +* **8और जब यहोशू ये बातें लोगों से कह चुका, तो वे सात याजक जो यहोवा के साम्हने सात नरसिंगे लिये हुए थे नरसिंगे फूंकते हुए चले ... 10 और यहोशू ने लोगों को आज्ञा दी कि तब तक जयजयकार न करें, कि जब तक मैं तुम्हें जयजयकार करने की आज्ञा न दूं, तुम्हारा कोर्इ शब्द सुनने में न आए आज्ञा पाते ही जयजयकार करना’’** (यहोशू 6:8-10 ULB) + + * 8-10यहोशु ने लोगों को आज्ञा दी, ‘‘जयजयकार न करो। कि जब तक मैं तुम्हें जयजयकार करने की आज्ञा न दूं, तुम्हारा कोर्इ शब्द सुनने में न आए आज्ञा पाते ही जयजयकार करना’’ तब, जैसे यहोशु ने लोगों को आज्ञा दी थी, वे सात याजक, जो यहोवा के साम्हने सात नरसिंगे लिये हुए थे, नरसिंगे फूंकते हुए चले.... + +* **इस पुस्तक के खोलने और उस की मुहरें तोड़ने के योग्य कौन है** (प्रकाशितवाक्य 5:2 ULB) + + * इस पुस्तक की की मुहर तोड़ने और इसे खोलने के योग्य कौन है? + +आप http://ufw.io/figs_events पर वीडियो भी देख सकते हैं। diff --git a/translate/figs-events/sub-title.md b/translate/figs-events/sub-title.md new file mode 100644 index 0000000..23bc689 --- /dev/null +++ b/translate/figs-events/sub-title.md @@ -0,0 +1,2 @@ +घटनाओं को उनके घटे हुए क्रम में क्यों नही लिखा गया है और मैं उनका अनुवाद कैसे करूँ? + diff --git a/translate/figs-events/title.md b/translate/figs-events/title.md new file mode 100644 index 0000000..403f5db --- /dev/null +++ b/translate/figs-events/title.md @@ -0,0 +1,2 @@ +घटनाओं का क्रम + diff --git a/translate/figs-exclamations/01.md b/translate/figs-exclamations/01.md new file mode 100644 index 0000000..868bc11 --- /dev/null +++ b/translate/figs-exclamations/01.md @@ -0,0 +1,82 @@ + +### वर्णन + +विष्मयाधिबोधक चिन्ह वे शब्द अथवा वाक्य हैं जो चकित होने, खुशी, डर या क्रोध जैसी सशक्त भावनाओं को प्रकट करते हैं। ULB और UDB में, वे आमतौर पर अंत में (!) का उपयोग करते हैं। चिन्ह दिखाता है कि उसमें विष्मय (स्तम्भित होना) है। लोग की बातों के हालात एवं अर्थ यह समझने में हमारी मदद करते हैं कि उनमें कौनसी भावनाएँ मौजूद हैं। + +निम्नलिखित मती 8 के उदाहरण में, वक्ता बहुत अधिक डरे हुए थे। + +मती 9 के उदाहरण में, वक्ता बहुत अधिक चकित थे क्योंकि उन्होने जीवन में पहली बार ऐसा कुछ देखा था। + +>हे प्रभु; हमें बचा, हम नाश हुए जाते हैं! (मत्ती 8:25 ULB) +>और जब दुष्टात्मा निकाल दी गर्इ, तो गूंगा बोलने लगा;  भीड़ ने अचम्भा करके कहा, ‘‘इस्राएल में ऐसा कभी नहीं देखा गया!’’ (मत्ती 9:33 ULB) + +### कारण यह अनुवाद की समस्या है + +भाषाओं में यह प्रकट करने के विभिé तरीके हैं कि एक वाक्य कितनी शक्तिशाली भावनाओं को प्रकट कर रहा है। + +### बाइबल से उदाहरण + +कुछ विष्मयाधिबोधक चिन्हों में शब्द होते हैं जो भावनाओं को प्रकट करते हैं। + +नीचे लिखें वाक्यों में वे ‘‘आहा’’ और ‘‘हाय’’ हैं। ‘‘आहा’’ शब्द वक्ता के अचंभित होने को दिखाता है। + +>आहा! परमेश्वर का धन और बुद्धि और ज्ञान क्या ही गंभीर है! (रोमियों 11:33 ULB) + +‘‘हाय’’ शब्द बताता है कि यहोशु भयभीत था + +>जब गिदोन ने जान लिया कि वह यहोवा का दूत था । गिदोन कहने लगा, ‘‘हाय, प्रभु यहोवा! मैंने तो यहोवा के दूत को साक्षात देखा है!’’ (न्यायियों 6:22 ULB) + +कुछ विष्मयाधिबोधक चिन्ह ‘‘कैसे’’ या ‘‘क्यों’’ जैसे प्रश्नों से शुरू होते हैं, यद्यपि वे प्रश्न नही हैं। नीचे के कथन बताते हैं कि वक्ता इस बात से चकित है कि परमेश्वर के विचार कितने गहरे हैं। + +> उसके विचार कैसे अथाह, और उसके मार्ग कैसे अगम हैं! (रोमियों 11:33 ULB) + +बाइबल के कुछ विष्मयाधिबोधक चिन्हों में मुख्य क्रिया नही होती है। नीचे लिखे विष्मयाधिबोधक चिन्ह दिखाते हैं कि वक्ता उन लोगों से नाराज है जिनसे वह बात कर रहा है। + +>अरे मूर्ख! (मत्ती 5:22 ULB) + +### अनुवाद रणनीति + +1. आपकी भाषा में विष्मयाधिबोधक चिन्ह को यदि क्रिया की जरूरत हैं तो जोड़ें । अक्सर एक अच्छी क्रिया ‘‘है’’ सा ‘‘हैं’’ होती है। +1. अपनी भाषा के उन विष्मयाधिबोधक चिन्हों उपयोग करें जो सशक्त भावनाओं को दिखाते हैं +1. विष्मयाधिबोधक चिन्हों का अनुवाद वाक्य के साथ करें जो भावनाओं को दिखाते हैं +1. वाक्य के भाग पर बल देने वाले शब्द का उपयोग करें जो सशक्त भावनाओं को दिखाते हैं +1. यदि लक्षित भाषा में शक्तिशाली भावना स्पष्ट नही हैं, तो बताएँ कि व्यक्ति को कैसा लगा + +### अनुवाद रणनीति प्रयोग के उदाहरण + +1. आपकी भाषा में विष्मयाधिबोधक चिन्ह को यदि क्रिया की जरूरत हैं तो जोड़ें। अक्सर एक अच्छी क्रिया ‘‘है’’ सा ‘‘हैं’’ होती है। + +* **अरे मूर्ख!** (मत्ती 5:22 ULB) + +* **आहा! परमेश्वर का धन और बुद्धि और ज्ञान की गंभीरता!** (रोमियों 11:33 ULB) + + * आहा! परमेश्वर का धन और बुद्धि और ज्ञान कितने गंभीर हैं! + +1. अपनी भाषा के उन विष्मयाधिबोधक चिन्हों उपयोग करें जो सशक्त भावनाओं को दिखाते हैं। नीचे लिखे ‘‘वाह!’’शब्द बताता है कि वे आश्चर्यचकित थे। ‘‘अरे नही’’ का भाव बताता है कि कुछ भयानक अथवा डरावना हुआ था + +* **और वे बहुत ही आश्चर्य में होकर कहने लगे, उस ने जो कुछ किया सब अच्छा किया है। वह बहिरों को सुनने, की, और गूंगों को बोलने की शक्ति देता है** (मरकुस 7:37 ULB) + + * वे बहुत ही आश्चर्य में होकर कहने लगे, वाह! उस ने जो कुछ किया सब अच्छा किया है वह बहिरों को सुनने, की, और गूंगों को बोलने की शक्ति देता है’’ + +* **हाय, प्रभु यहोवा! मैं ने तो यहोवा के दूत को साक्षात देखा है** (न्यायियों 6:22 ULB) + + * ‘‘__अरे नही__, प्रभु यहोवा! मैं ने तो यहोवा के दूत को साक्षात देखा है!’’ + +1. विष्मयाधिबोधक चिन्हों का अनुवाद वाक्य के साथ करें जो भावनाओं को दिखाते हैं + +* **हाय , प्रभु यहोवा! मैं ने तो यहोवा के दूत को साक्षात देखा है!’’** (न्यायियों 6:22 ULB) + + * प्रभु यहोवा, मेरे साथ क्या होगा? क्योंकि मैंने यहोवा के दूत को साक्षात देखा है! + * मदद कर, प्रभु यहोवा! मैंने यहोवा के दूत को साक्षात देखा है! + +1. वाक्य के भाग पर बल देने वाले शब्द का उपयोग करें जो सशक्त भावनाओं को दिखाते हैं + +* **उसके विचार कैसे अथाह, और उसके मार्ग कैसे अगम हैं** (रोमियों 11:33 ULB) + + * उसके विचार बहुत अथाह, और उसके मार्ग
बड़े
अगम हैं + +1. यदि लक्षित भाषा में शक्तिशाली भावना स्पष्ट नही हैं, तो बताएँ कि व्यक्ति को कैसा लगा + +* **गिदोन ने जान लिया कि वह यहोवा का दूत था । तब गिदोन कहने लगा, हाय, प्रभु यहोवा! मैं ने तो यहोवा के दूत को साक्षात देखा है!** (न्यायियों 6:22 ULB) + + * गिदोन को पता चला कि वह यहोवा का दूत था। वह भयभीत हो गया और कहने लगा, हाय! प्रभु यहोवा! मैं ने तो यहोवा के दूत को साक्षात देखा है!’’ (न्यायियों 6:22 ULB) diff --git a/translate/figs-exclamations/sub-title.md b/translate/figs-exclamations/sub-title.md new file mode 100644 index 0000000..7b7e4d5 --- /dev/null +++ b/translate/figs-exclamations/sub-title.md @@ -0,0 +1,2 @@ +पौधों के कौनसे उदाहरणों का उपयोग बाइबल में अलंकार के रूप में किया गया है? + diff --git a/translate/figs-exclamations/title.md b/translate/figs-exclamations/title.md new file mode 100644 index 0000000..3498d69 --- /dev/null +++ b/translate/figs-exclamations/title.md @@ -0,0 +1,2 @@ +विष्मयाधिबोधक चिन्ह + diff --git a/translate/figs-exclusive/01.md b/translate/figs-exclusive/01.md new file mode 100644 index 0000000..6915322 --- /dev/null +++ b/translate/figs-exclusive/01.md @@ -0,0 +1,37 @@ + +### वर्णन + +कुछ भाषाओं में ‘‘हम’’ के एक से अधिक रूप होते हैं: एक ‘‘संयुक्त’’ रूप जिसका अर्थ ‘‘मैं और तुम’’ एवं एक ‘‘विशिष्ट’’ रूप जिसका अर्थ है ‘‘मैं एवं कोर्इ और परंतु तुम नही‘‘ + +विशिष्ट रूप उस व्यक्ति को अलग रखता है जिससे बात हो रही होती है। संयुक्त रूप उस व्यक्ति को जिससे बात हो रही होती है और संभवत: दूसरों को भी शामिल करता है। ‘‘हम’’, ‘‘हमारा’’ एवं ‘‘हम स्वयं’’ के मामले में भी यही सच है। + +कुछ भाषाओं में इसमें से हर एक के लिए संयुक्त एवं विशिष्ट रूप दोनों होते हैं। उन भाषाओं के अनुवादक जिनमें इन शब्दों के लिए संयुक्त एवं विशिष्ट रूप दोनों होते हैं, उन्हे पता होना चाहिए कि वक्ता क्या कहना चाहता था जिससे वे सही रूप का उपयोग कर सकें। + +चित्र देखें: दाहिनी ओर खड़े लोगों से वक्ता बात कर रहा है। पीला रंग दिखाता है कि उनमें कौन संयुक्त ‘‘हम’’ हैं और कौन विशिष्ट ‘‘हम’’ हैं। + +![](https://cdn.door43.org/ta/jpg/vocabulary/we_us_inclusive.jpg) + +![](https://cdn.door43.org/ta/jpg/vocabulary/we_us_exclusive.jpg) + + +### कारण यह अनुवाद की समस्या है + +बाइबल को सर्वप्रथम इब्री, अरामी और यूनानी भाषा में लिखा गया था। अंग्रजी के समान, इन भाषाओं में ‘‘हम’’ के लिए अलग अलग रूप नही हैं। ‘‘हम’’ के लिए विभिé रूपों का उपयोग करने वाली भाषाओं के अनुवादकों को पता होना चाहिए कि वक्ता क्या कहना चाहता था जिससे वे ‘‘हम’’ के सही रूप का उपयोग कर सकें। + +### बाइबल से उदाहरण + +>उसने उनसे कहा, हमारे पास पांच रोटियां और दो मछली को छोड़ और कुछ नहीं: परन्तु हां, यदि हम जाकर इन सब लोगों के लिये भोजन मोल लें... (लूका 9:13 ULB) + +पहले कथन में, चेले यीशु को कह रहे हैं कि उनके पास कितनी रोटियाँ हैं, अत: यह ‘‘हम’’ संयुक्त या विशिष्ट भी हो सकता है। दूसरे कथन में, चेले कह रहे हैं कि उनमें से कुछ लोग भोजन मोल लेने जा सकते हैं, अत: यहा ‘‘हम’’ का रूप विशिष्ट है क्योंकि यीशु भोजन मोल लेने नही जा रहे थे। + +>हम ने उसे देखा, और उस की गवाही देते हैं, और तुम्हें उस अनन्त जीवन का समाचार देते हैं, जो पिता के साथ था, और हम पर प्रगट हुआ (1 यूहन्ना 1:2 ULB) + +यूहéा उन लोगों को बता रहा है जिन्होने यीशु को नही देखा है कि उसने और प्रेरितों ने क्या देखा है। अत: ‘‘हम’’ के विभिé रूपों का उपयोग करने वाली भाषाएँ, यहाँ विशिष्ट रूप का उपयोग करेंगी। + +>.... गड़ेरियों ने आपस में कहा, आओ, हम बैतलहम जाकर यह बात जो हुर्इ है, और जिसे प्रभु ने हमें बताया है, देखें। (लूका 2:15 ULB) + +चरवाहे एक दूसरे से बात कर रहे हैं। उनके द्वारा प्रयुक्त ‘‘हम’’ में वे सब शामिल हैं जिनसे वे आपस में बात कर रहे हैं। + +>फिर एक दिन, वह और उसके चेले नाव पर चढ़े, और उसने उनसे कहा; कि आओ, हम झील के पार चलें। सो उन्होंने नाव खोल दी। (लूका 8:22 ULB) + +यीशु के द्वारा प्रयुक्त ‘‘हम’’ में वे स्वयं एवं चेले शामिल थे जिनसे वे बात कर रहे थे अत: यह संयुक्त रूप है। diff --git a/translate/figs-exclusive/sub-title.md b/translate/figs-exclusive/sub-title.md new file mode 100644 index 0000000..4d9752b --- /dev/null +++ b/translate/figs-exclusive/sub-title.md @@ -0,0 +1,2 @@ +संयुक्त और ‘‘विशिष्ट ‘‘हम’’ क्या है? + diff --git a/translate/figs-exclusive/title.md b/translate/figs-exclusive/title.md new file mode 100644 index 0000000..574f690 --- /dev/null +++ b/translate/figs-exclusive/title.md @@ -0,0 +1,2 @@ +विशिष्ट एवं अंतर्निहित ‘‘हम’’ + diff --git a/translate/figs-exmetaphor/01.md b/translate/figs-exmetaphor/01.md new file mode 100644 index 0000000..c1d12b5 --- /dev/null +++ b/translate/figs-exmetaphor/01.md @@ -0,0 +1,110 @@ + +### वर्णन + +विस्तृत अन्योक्ति तब उत्पé होती है जब कोर्इ एक परिस्थिति के बारे में इस प्रकार बात करता है जैसे कि कुछ और परिस्थिति हैं। वह इसलिए ऐसा करता है कि दूसरी परिस्थिति में भी समान तरीके से लागु हो सकने वाली वर्तमान परिस्थिति को प्रभावशाली तरीके से प्रस्तुत किया जा सके। दूसरी परिस्थिति में, उन लोगों, वस्तुओं और कार्यों की तश्वीरें मौजूद हैं जो पहली परिस्थिति का प्रतिनिधित्व करती हैं। + +### कारण यह अनुवाद की समस्या है + +* लोगों को शायद यह पता ही न चले कि ये तश्वीरें किसी और की प्रतिनिधि हैं +* लोग शायद उन वस्तुओं से परिचित न हों जिनका उपयोग हो रहा है +* विस्तृत अन्योक्ति के शब्द अक्सर इतनी गहरार्इ क होते हैं कि अनुवादक के लिए उनका पूरा अर्थ निकालना मुश्किल हो जाता है + +### अनुवाद के सिद्धांत + +* विस्तृत अन्योक्ति के अर्थ को लक्षित भाषा के अनुसार इतना स्पष्ट बनाएँ जितना यह मूल श्रोताओं के लिए स्पष्ट था +* विस्तृत अन्योक्ति के अर्थ को लक्षित भाषा के अनुसार उतना ही स्पष्ट बनाएँ जितना यह मूल श्रोताओं के लिए स्पष्ट था, उससे अधिक नही +* जब कोर्इ विस्तृत अन्योक्ति का उपयोग करता है, तो जो वो कहता है, उसमें तश्वीरें महत्वपूर्ण भूमिकाएँ निभाती हैं +* यदि लक्षित श्रोता उपयोग की गर्इ तश्वीरों से परिचित नही हैं, तो उन्हे उन तश्वीरों को समझाने के लिए आपको कोर्इ तरीका अपनाना होगा जिससे कि वे विस्तृत अन्योक्ति के अर्थ अच्छी तरह से समझ सके + +### बाइबल से उदाहरण + +भजन संहिता 23:1-4 में अपने लोगों के प्रति परमेश्वर की संभाल और चिंता के बारे में लेखक लिखता है जहाँ एक चरवाहे के द्वारा अपने भेड़ों को मिलने वाली संभाल की तश्वीर दी गर्इ है। चरवाहे अपनी भेड़ों को उनकी जरूरत की वस्तुएँ देते, उन्हे सुरक्षित स्थान पर रखते, बचाते और सुरक्षा देते हैं। + +परमेश्वर के द्वारा उसके लोगों की संभाल भी ऐसी ही है। + +[1]यहोवा मेरा चरवाहा है, मुझे कुछ घटी न होगी। +[2] वह मुझे हरी हरी चराइयों में बैठाता है। मुझे सुखदार्इ जल के झरने के पास ले चलता है +[3]वह मेरे जी में जी ले आता है। धर्म के मार्गो में वह अपने नाम के निमित्त अगुवार्इ करता है। +[4]चाहे मैं घोर अन्धकार से भरी हुर्इ तरार्इ में होकर चलूँ। >तौभी हानि से न डरूँगा, क्योंकि तू मेरे साथ रहता है; तेरे सोंटे और तेरी लाठी से मुझे शान्ति मिलती है (ULB) + +यशायाह 5:1-7 में, परमेश्वर अपने लोगों से इस प्रकार निराश है जैसा एक किसान अपनी दाख की बारी से होता है जिसने निकम्मा फल दिया हो । किसान अपने खेतों की संभाल करते हैं; परंतु यदि उनमें अच्छा फल नही लगे, किसान उनकी देखभाल बंद कर देता है । + +1 से 6 तक के आयत एक किसान और उसकी बारी के बारे में हैं परंतु 7वाँ आयत स्पष्ट करता है कि यहाँ परमेश्वर और उसके लोगों की बात हो रही है। + +>1.... एक अति उपजाऊ टीले पर मेरे प्रिय की एक दाख की बारी थी +>2उसने मिट्टी खोदी और उसके पत्थर बीनकर उसमें उत्तम जाति की एक दाखलता लगार्इ +>उसके बीच में उस ने एक गुम्मट बनाया, और दाखरस के लिये एक कुंड भी खोदा +>तब उसने दाख की आशा की, परन्तु उस में निकम्मी दाखें ही लगीं +>3 अब हे यरूशलेम के निवासियों और हे यहूदा के मनुष्यों, +>मेरे और मेरी दाख की बारी के बीच न्याय करो +>4मेरी दाख की बारी के लिये और क्या करना रह गया जो मैं ने उसके लिये न किया हो? फिर क्या कारण है कि जब मैं ने दाख की आशा की तब उस में निकम्मी दाखें लगीं? +>5 अब मैं तुम को जताता हूं कि अपनी दाख की बारी से क्या करूंगा; मैं उसके बाड़े को उखाड़ दूंगा +>कि वह चट की जाए, और उसकी भीत को ढा दूंगा कि वह रौंदी जाए। +>6 मैं उसे उजाड़ दूंगा; वह न तो फिर छांटी और न खोदी जाएगी और उस में भांति भांति के कटीले पेड़ उगेंगे +>मैं मेघों को भी आज्ञा दूंगा कि उस पर जल न बरसाएँ +>7क्योंकि सेनाओं के यहोवा की दाख की बारी इस्राएल का घराना, +>और उसका मनभाऊ पौधा यहूदा के लोग है +>और उस ने उन में न्याय की आशा की, परन्तु अन्याय देख पड़ा +>उसने धार्मिकता की आशा की, परन्तु उसे चिल्लाहट ही सुन पड़ी (ULB) + +### अनुवाद रणनीतियाँ + +यदि आपके पाठक उसी रूपक को समझ सकते हैं जिन्हे प्रथम श्रोता समझ सकते थे तो उन्ही का उपयोग करें। यदि नही, तो निम्न रणनीतियों को अपना सकते हैं: + +1. यदि लक्षित श्रोता सोचता है कि तश्वीरों को सीधे (आक्षरिक) तौर पर समझा जाना चाहिए, तो एक उपमा की तरह ‘‘जैसे’’, ‘‘की तरह’’ जैसे शब्दों के उपयोग से इसका अनुवाद किया जाए। इसे केवल प्रथम एक या दो वाक्यों में कहना काफी होगा + +1. यदि लक्षित भाषा इन तश्वीरों को नही जानती है तो उनके अनुवाद का एक तरीका खोजें जिससे वे तश्वीर को समझ सकें। + +1. यदि लक्षित श्रोता फिर भी नही समझ पा रहे तो उसे स्पष्ट तौर पर, वर्णन के साथ बताएँ। + +### अनुवाद रणनीतियों के प्रयोग के उदाहरण + +यदि लक्षित श्रोता सोचता है कि तश्वीरों को सीधे (आक्षरिक) तौर पर समझा जाना चाहिए, तो एक उपमा की तरह ‘‘जैसे’’, ‘‘की तरह’’ जैसे शब्दों के उपयोग से इसका अनुवाद किया जाए। इसे केवल प्रथम एक या दो वाक्यों में कहना काफी होगा + +उदाहरण के लिए, भजन संहिता 23:1-2 देखें: + +> **यहोवा मेरा चरवाहा है, मुझे कुछ घटी न होगी** +> **वह मुझे हरी हरी चराइयों में बैठाता है** +> **वह मुझे सुखदार्इ जल के झरने के पास ले चलता है** (ULB) + +इसका अनुवाद निम्न तरीके से हो सकता है: + +> यहोवा मेरे लिए चरवाहे के समान है, मुझे कुछ घटी न होगी +> एक चरवाहे की तरह जो अपनी भेड़ को हरी हरी चराइयों में बैठाता है और सुखदार्इ जल के झरने के पास ले चलता है +> यहोवा मुझे शांति से चलाता है + +1. यदि लक्षित श्रोता तश्वीरों को नही जानता है, तो उनका अनुवाद इस प्रकार किया जाए जिनसे वे उन तश्वीरों को समझ सकें + +> **एक अति उपजाऊ टीले पर मेरे प्रिय की एक दाख की बारी थी** +> **उसने उसकी मिट्टी खोदी और उसके पत्थर बीनकर उस में उत्तम जाति की एक दाखलता लगार्इ** +> **उसके बीच में उसने एक गुम्मट बनाया, और दाखरस के लिये एक कुंड भी खोदा** +> **तब उसने दाख की आशा की, परन्तु उस में निकम्मी दाखें ही लगीं** (यशायाह 5:1-2 ULB) + +इसका अनुवाद निम्न तरीके से हो सकता है: +> ‘‘एक अति उपजाऊ टीले पर मेरे प्रिय का एक दाख का बगीचा बारी थी +> उसने उसकी जमीन खोदी और उसके पत्थर बीनकर उस में सबसे अच्छी दाखलता लगार्इ +> उसके बीच में उसने एक गुम्मट बनाया, और दाखरस के लिये एक गड्ढ़ा खेदा जहाँ दाख को पीसा जाता है +> तब उसने दाख की आशा की, परन्तु उसमें निकम्मी दाखें ही लगीं जो दाख बनाने के लिए उपयुक्त नही थीं + +1. यदि लक्षित श्रोता समझ नही पा रहा है, तो इसे सीधे तरीके से बताएँ। यहोवा मेरा चरवाहा है; मुझे कुछ घटी न होगी** (भजन संहिता 23:1) + +* ‘‘जैसे एक चरवाहा अपनी भेड़ों की संभाल करता है, यहोवा मेरी परवाह करता है, इसलिए मुझे घटी नही होगी’’ + +> **सेनाओं के यहोवा की दाख की बारी इस्राएल का घराना है** +> **और उसका मनभाऊ पौधा यहूदा के लोग है** +> **उसने उनमें न्याय की आशा की, परन्तु अन्याय देख पड़ा** +> **उसने धार्मिकता की आशा की, परन्तु उसे चिल्लाहट ही सुन पड़ी** (यशायाह 5:7 ULB) + +इसका अनुवाद निम्न तरीके से हो सकता है +> सेनाओं के यहोवा की दाख की बारी इस्राएल के घराने को दिखाती है +> और यहूदा के लोग उसके मनभाऊ पौधे के समान है +> उसने उनमें न्याय की आशा की, परन्तु अन्याय देख पड़ा +> उसने धार्मिकता की आशा की, परन्तु उसे चिल्लाहट ही सुन पड़ी + +या + +* अत: जैसे किसान निक्कमी दाख देने वाली दाख की देखभाल बंद कर देता है +* यहोवा इस्राएल और यहूदा को सुरक्षा देना बंद कर देगा +* क्योंकि उन्होने उसकी दृष्टि में बुरा काम किया है +* उसने उनमें न्याय की आशा की, परन्तु अन्याय देख पड़ा +* उसने धार्मिकता की आशा की, परन्तु उसे चिल्लाहट ही सुन पड़ी diff --git a/translate/figs-exmetaphor/sub-title.md b/translate/figs-exmetaphor/sub-title.md new file mode 100644 index 0000000..c45f801 --- /dev/null +++ b/translate/figs-exmetaphor/sub-title.md @@ -0,0 +1,2 @@ +विस्तृत अन्योक्ति क्या है? + diff --git a/translate/figs-exmetaphor/title.md b/translate/figs-exmetaphor/title.md new file mode 100644 index 0000000..09cef5d --- /dev/null +++ b/translate/figs-exmetaphor/title.md @@ -0,0 +1,2 @@ +विस्तृत रूपक + diff --git a/translate/figs-explicit/01.md b/translate/figs-explicit/01.md new file mode 100644 index 0000000..c5134b4 --- /dev/null +++ b/translate/figs-explicit/01.md @@ -0,0 +1,78 @@ + +* **अनुमानित ज्ञान** वो ज्ञान है जो एक वक्ता सोचता है कि उसके बोलने या किसी प्रकार की सूचना देने से पहले ही उसके श्रोता जानते हैं। वक्ता श्रोताओं को दो तरीके से सूचनाएँ देता है: +* **सुस्पष्ट** वक्ता अपनी बात सीधी बोलता है। +* **अंतर्निहित** वक्ता अपनी बात सीधी नही बोलता है क्योंकि वह चाहता है कि उसकी बातों को सुनकर श्रोता स्वयं उसे जानें या सीखें। + +### वर्णन + +जब कोर्इ लिखता या बोलता है, वह लोगों को कुछ विशेष देना चाहता है कि वे जानें, करें या सोचें। अक्सर वह उस बात को सीधे कहता है। यह है **सूस्पष्ट सूचना**। + +वक्ता अनुमान लगाता है कि श्रोताओं को पहले से ही कुछ पता है और अब इस सूचना को समझने के लिए उनके बारे में सोचना जरूरी है। अक्सर वह लोगों को ये बातें नही बताता है क्योंकि उन्हे पहले से ही पता होता है। यह है **अनुमानित ज्ञान**। + +वक्ता अपनी बात सीधी नही बोलता है क्योंकि वह चाहता है कि उसकी बातों को सुनकर श्रोता स्वयं उसे जानें या सीखें। वे सूचनाएँ, जिनके बारे में वक्ता चाहता है कि लोग उसके द्वारा कही बातों के द्वारा समझें, यद्यपि उन्हे सीधे नही कहा गया हो, **अंतर्निहित सूचनाएँ** कहलाती हैं। + +अक्सर, श्रोता पहले से ज्ञात (**अनुमानित सूचना**) एवं वक्ता के द्वारा सीधी बोली जाने वाली बातों को **सूस्पष्ट सूचना** के साथ जोड़कर ही, **अंतर्निहित सूचना** को समझ पाते हैं। + +### कारण यह अनुवाद की समस्या है + +ये तीनों प्रकार की सूचनाएँ वक्ता के संदेश का हिस्सा हैं। यदि सूचना का एक भी प्रकार गायब है, तो श्रोता संदेश को नही समझ पाएँगे। चूँकि लक्षित अनुवाद एक ऐसी भाषा में हो रहा है जो बाइबल की भाषा से अलग है एवं श्रोतागण का समय एवं स्थान बाइबल के समय के लोगों से एकदम अलग है, कर्इ बार **अनुमानित सूचना** या **अंतर्निहित सूचना** संदेश से गायब रहती है। दूसरे शब्दों में, आधुनिक पाठक को उन बातों का बिलकुल भी ज्ञान नही है जो मूलभूत वक्ताओं एवं पाठकों को था। चूँकि ये सारी बातें संदेश को समझने के लिए महत्वपूर्ण हैं, आप इन्हे अपने लेख के बीच में या नीचे लिखी टिप्पणियों में लिख सकते हैं। + +### बाइबल से उदाहरण + +तब एक शास्त्री ने पास आकर उस से कहा, हे गुरू, जहां कहीं तू जाएगा, मैं तेरे पीछे पीछे हो लूँगा। यीशु ने उससे कहा, लोमड़ियों के भट और आकाश के पक्षियों के बसेरे होते हैं; परन्तु मनुष्य के पुत्र के लिये सिर धरने की भी जगह नहीं है। (मत्ती 8:20 ULB) + +यीशु ने यह नही कहा कि लोमड़ी या पक्षी भट और बसेरे किसके लिए इस्तेमाल करते हैं, क्योंकि उसका अनुमान था कि शास्त्री को यह पता होगा कि लोमड़ियाँ भट में और पक्षी बसेरों से रहते हैं। यह **अनुमानित ज्ञान** है + +यीशु ने सीधे नही कहा कि ‘‘मैं मनुष्य का पुत्र हूँ’’ परंतु यदि शास्त्रियों को पहले से यह पता नही होता तो यह **अंतर्निहित सूचना** हो जाती और इसीलिए वह समझ पाया कि यीशु स्वयं की ओर इशारा कर रहे थे। और, यीशु ने स्पष्ट नही बताया कि वे बहुत अधिक यात्रा करते थे और हर रात को उन्हे सोने के लिए घर नही मिलता था। + +यह **अंतर्निहित सूचना** है जिससे शास्त्री यीशु की बात को जान सके कि उसके पास सिर धरने की जगह नही थी + +>हाय, खुराजीन! हाय, बैतसैदा! जो सामर्थ के काम तुम में किए गए, यदि वे सूर और सैदा में किए जाते, तो टाट ओढ़कर, और राख में बैठकर, वे कब से मन फिरा लेते न्याय के दिन तुम्हारी दशा से सूर और सैदा की दशा अधिक सहने योग्य होगी (मत्ती 11:21-22 ULB) + +यीशु ने अनुमान लगाया कि जिनसे वह बात कर रहा था वे सूर और सैदा के बारे में जानते थे कि वे बहुत दुष्ट थे और न्याय का दिन एक ऐसा दिन है जब परमेश्वर सब लोगों का न्याय करेगा । यीशु को यह भी पता था कि जिनसे वह बात कर रहा था, वे विश्वास करते थे कि वे लोग अच्छे थे और उन्हे मन फिराने की जरूरत नही थी । यीशु को उन्हे यह सब बताने की जरूरत नही थी । ये सब **अनुमानित ज्ञान** है । + +यहाँ **अंतर्निहित सूचना** का एक महत्वपूर्ण कथन यह है कि चूँकि उन लोगों ने मन नही फिराया, जिनसे यीशु बात कर रहा था, उनका न्याय सूर और सैदा के लोगों से भी अधिक कठिन होगा। + +> तेरे चेले पुरनियों की रीतों को क्यों टालते हैं? वे बिना हाथ धोए रोटी खाते हैं (मत्ती 15:2 ULB) + +प्राचीनों की परंपराओं में से एक यह थी जिसमें लोग भोजन करने से पहले परंपरागत तरीके से अपने हाथों को धोया करते थे। लोगों का मानना था कि धर्मी बनने के लिए, प्राचीनों की परंपराओं का पालन करना जरूरी था । यह **अनुमानित ज्ञान** था कि फरीसी जिनसे यीशु बात कर रहे थे, वे ये बातें जानते थे। + +यह कहकर, वे चेलों पर परंपराओं का पालन नही करने एवं धर्मी नही होने का आरोप लगा रहे थे। **अंतर्निहित सूचना** थी कि वे चाहते थे कि वह उनकी बातों को समझें । + +### अनुवाद रणनीतियाँ + +यदि पाठक के पास संदेश को पूरी तरह से समझने का अनुमानित ज्ञान है, या वे किसी भी अंतर्निहित एवं सुस्पष्ट सूचना को समझ सकते हैं तो उस ज्ञान को वैसा ही, एवं अंतर्निहित सूचना को अंतर्निहित ही रहने दें। यदि वे इन बातों की जानकारी नही होने के कारण, संदेश समझ नही पा रहे हैं तो निम्न रणनीतियों का पालन करें: + +1. यदि पाठक अनुमानित ज्ञान नही होने के कारण संदेश को नही समझ पा रहे हैं, तो उस ज्ञान को सुस्पष्ट ज्ञान के रूप में लिखें +1. यदि पाठक अंतर्निहित सूचना की जानकारी नही होने के कारण, संदेश को नही समझ पा रहे हैं, तो उस कथन को स्पष्ट तौर पर लिखें परंतु उसे इस प्रकार लिखें जिससे श्रोताओं को यह नही लगे कि यह सूचना नर्इ थी + +### अनुवाद रणनीतियों के प्रयोग के उदाहरण + +1. यदि पाठक अनुमानित ज्ञान नही होने के कारण संदेश को नही समझ पा रहे हैं, तो उस ज्ञान को सुस्पष्ट ज्ञान के रूप में लिखें + +* **यीशु ने उससे कहा, ‘‘लोमड़ियों के भट और आकाश के पक्षियों के बसेरे होते हैं; परन्तु मनुष्य के पुत्र के लिये सिर धरने की भी जगह नहीं है।’’** (मत्ती 8:20 ULB) - अनुमानित ज्ञान यह था कि लोमड़ी भटों में और पक्षी बसेरों में सोते हैं + + * यीशु ने उससे कहा, ‘‘लोमड़ी भट में रहती और आकाश के पक्षी बसेरे में रहते हैं; परन्तु मनुष्य के पुत्र के लिये सिर धरने की भी जगह नहीं है।’’ + +* **कि न्याय के दिन तुम्हारी दशा से सूर और सैदा की दशा अधिक सहने योग्य होगी** (मत्ती 11:21-22 ULB) - अनुमानित ज्ञान यह था कि सूर और सैदा के लोग बहुत, बहुत दुष्ट थे। इसे सुस्पष्ट बताया जा सकता है + + * .... न्याय के दिन तुम्हारी दशा से सूर और सैदा जिसके लोग बहुत दुष्ट थे की दशा अधिक सहने योग्य होगी + * या: + * ... न्याय के दिन तुम्हारी दशा से दूष्ट शहर सूर और सैदा की दशा अधिक सहने योग्य होगी + +* **तेरे चेले पुरनियों की रीतों को क्यों टालते हैं? वे बिना हाथ धोए रोटी खाते हैं** (मत्ती 15:2 ULB) - अनुमानित ज्ञान यह था कि प्राचीनों की परंपराओं में से एक यह थी जिसमें लोग भोजन करने से पहले परंपरागत तरीके से अपने हाथ धोया करते थे कि वे धर्मी बन सकें। यह रोगों से बचने के लिए किटाणुओं को मारने का तरीका नही था जसा एक आधुनिक पाठक समझता होगा । + + * तुम्हारे चेले प्राचीनों की प्रथा को क्यों तोड़ते हैं? क्योंकि वे धर्मी बनने के लिए, हाथ धाने की पवित्र प्रथा का पालन नही करते हैं जब वे रोटी खाते हैं + +1. यदि पाठक अंतर्निहित सूचना की जानकारी नही होने के कारण, संदेश को नही समझ पा रहे हैं, तो उस कथन को स्पष्ट तौर पर लिखें परंतु उसे इस प्रकार लिखें जिससे श्रोताओं को यह नही लगे कि यह सूचना नर्इ थी + +* **तब एक शास्त्री ने पास आकर उससे कहा, ‘‘हे गुरू, जहां कहीं तू जाएगा, मैं तेरे पीछे पीछे हो लूंगा।’’ यीशु ने उससे कहा, लोमड़ियों के भट और आकाश के पक्षियों के बसेरे होते हैं; परन्तु मनुष्य के पुत्र के लिये सिर धरने की भी जगह नहीं है।** (मत्ती 8:20 ULB) - अंतनिर्हित सूचना यह है कि यीशु स्वयं मनुष्य का पुत्र है । एक और अंतर्निहित सूचना यह है कि यदि शास्त्री यीशु के पीछे चलना चाहता है, तो उसे यीशु के समान बिना घर के जीना पड़ता। + + * यीशु ने उससे कहा, लोमड़ियों के भट और आकाश के पक्षियों के बसेरे होते हैं; परन्तु मनुष्य के पुत्र के लिये सिर धरने की भी जगह नहीं है। यदि तुम मेरे पीछे चलोगे, तो तुम भी वहाँ जी पाओगे जहाँ मैं जीता हूँ + +* **न्याय के दिन तुम्हारी दशा से सूर और सैदा की दशा अधिक सहने योग्य होगी** इसे सुस्पष्ट बनाया जा सकता है + + * न्याय के दिन परमेश्वर आपको मिलने वाले दण्ड से कम सूर और सैदा को दण्ड देगा जहाँ के लोग दुष्ट हैं + * न्याय के दिन परमेश्वर आपको सूर और सैदा से अधिक दण्ड देगा जहाँ के लोग दुष्ट हैं। आधुनिक पाठक शायद कुछ बातों को न पहचानें जिन्हे प्रथम पाठक अथवा उस समय के लोग जानते हों। इससे उन्हे वक्ता अथवा लेखक की कही जाने वाली अथवा अंतर्निहित बातों को समझना मुश्किल हो सकता है। + +अनुवादकों को अपने अनुवाद में इन बातों को सुस्पष्ट तरीके से बतानी होंगीं जिन्हे लेखकों अथवा वक्ताओं ने अंतर्निहित तरीके से लिखा था diff --git a/translate/figs-explicit/sub-title.md b/translate/figs-explicit/sub-title.md new file mode 100644 index 0000000..a7c6873 --- /dev/null +++ b/translate/figs-explicit/sub-title.md @@ -0,0 +1,2 @@ +मुझे कैसे निश्चय हो कि मेरे अनुवाद में अनुमानित ज्ञान के साथ साथ, मूल संदेश की सुस्पष्ट एवं अंतर्निहित जानकारी भी शामिल है + diff --git a/translate/figs-explicit/title.md b/translate/figs-explicit/title.md new file mode 100644 index 0000000..ad16c49 --- /dev/null +++ b/translate/figs-explicit/title.md @@ -0,0 +1,2 @@ +अनुमानित ज्ञान एवं अंतर्निहित सूचना + diff --git a/translate/figs-explicitinfo/01.md b/translate/figs-explicitinfo/01.md new file mode 100644 index 0000000..150f9d6 --- /dev/null +++ b/translate/figs-explicitinfo/01.md @@ -0,0 +1,51 @@ + +### वर्णन + +कुछ भाषाओं में कह जानी बातें उन्हे स्वाभाविक लगती हैं परंतु उनके अनुवाद के बाद वे अपरिचित सी लग सकती हैं। इसका एक कारण यह है कि कुछ भाषाओं में बातों को सुस्पष्ट तरीके से बताया जाता है जिन्हे दूसरी भाषाएँ अंतर्निहित तरीके से बताती हैं। + +### कारण यह अनुवाद की समस्या है + +यदि आप स्रोत भाषा की सभी सुस्पष्ट सुचनाओं का अनुवाद लक्षित भाषा में भी सुस्पष्ट तरीके से ही करते हैं, तो ये अपरिचित, अस्वाभाविक, मूर्खतापूर्ण लग सकती हैं यदि उन्हे अंतर्निहित नही किया जाए। इसकी बजाय, उस सूचना को लक्षित भाषा में अंतर्निहित रखना ही बेहतर है। + +### बाइबल से उदाहरण + +>औरअबीमेलेक गुम्मट के निकट जाकर उसके विरूद्ध लड़ने लगा, और गुम्मट के द्वार तक गया कि उसमें आग लगाए (न्यायियों 9:52 ESV) + +बाइबलीय इब्री भाषा में, वाक्यों के आपसी संबंध को दिखाने के लिए, ‘‘और’’ जैसे संयोजकों के साथ वाक्यों को शुरू करना एक आम बात थी । अंग्रेजी में, ऐसा करना व्याकरणीय तौर पर गलत है, अंग्रेजी पाठकों के लिए यह उबाऊ होता है, और यह भाव उत्पé होता है कि लेखक पढ़ा लिखा नही है। अंग्रेजी में, अधिकतर मामालों में वाक्यों के बीच में संयोजक के उपयोग को अंतर्निहित रखना ही अच्छा है, उसे अलग से अनुवाद करने की आवश्यकता नही है। + +बाइबलीय इब्री भाषा में, यह कहना आम है कि कुछ आग से जल रहा था । अंग्रेजी में, आग का विचार आग जलने से संबंधित होता है और उसे आक्षरिक तौर पर लिखना सही नही है । यह कहना काफी है कि कुछ जल रहा था और शेष अर्थ अंतनिर्र्हित रहने दें। + +>सूबेदार ने उत्तर दिया और कहा ‘‘कि हे प्रभु मैं इस योग्य नहीं, कि तू मेरी छत के तले आए....’’ (मत्ती 8:8 ULB) + +बाइबलीय इब्री भाषा में, दो क्रिया शब्दों के साथ प्रत्यक्ष कथन को बताना स्वाभाविक है। एक क्रिया बताने के तरीके एवं दूसरी क्रिया वक्ता के शब्दों को बताती है। अंग्रेजी वक्ता ऐसा नही करते हैं, अत: उनके लिए दो क्रियाओं का उपयोग करना संदेहपूर्ण एवं अस्वाभाविक होता है। अंग्रेजी वक्ता के लिए, बोलने का तरीका उत्तर देने के तरीके में शामिल होता है। अंग्रेजी में दो क्रियाओं का उपयोग, एक की बजाय, दो विभिé कथनों को दिखाता है। अत: अंग्रेजी में, बोलने की एक क्रिया का उपयोग बेहतर है। + +### अनुवाद रणनीतियाँ + +1. यदि स्रोत भाषा की स्पष्ट सूचना लक्षित भाषा में भी स्वाभाविक लगती है तो इसे स्पष्ट सूचना के तौर पर ही इसतेमाल करें +1. यदि स्रोत भाषा की स्पष्ट सूचना लक्षित भाषा में भी स्वाभाविक नही लगती है, जरूरी नही है, या संदेह पैदा कर रही है तो स्पष्ट सूचना को अंतर्निहित रहने दें। इसे तभी करें जब पाठक इसकी पृष्ठभूमि से इस सूचना को आसानी से समझ पा रहा हो। आप इस भाग के बारे में किसी पाठक से प्रश्न पूछकर इसे जाँच सकते हैं + +### अनुवाद रणनीतियों के प्रयोग के उदाहरण + +1. यदि स्रोत भाषा की स्पष्ट सूचना लक्षित भाषा में भी स्वाभाविक लगती है तो इसे स्पष्ट सूचना के तौर पर ही इसतेमाल करें + +* इस रणनीति के उपयोग से कथन में कोर्इ परिवर्तन नही आएगा, अत: कोर्इ उदाहरण नही दिया गया है + +1. यदि स्रोत भाषा की स्पष्ट सूचना लक्षित भाषा में भी स्वाभाविक नही लगती है, जरूरी नही है, या संदेह पैदा कर रही है तो स्पष्ट सूचना को अंतर्निहित रहने दें। इसे तभी करें जब पाठक इसकी पृष्ठभूमि से इस सूचना को आसानी से समझ पा रहा हो। आप इस भाग के बारे में किसी पाठक से प्रश्न पूछकर इसे जाँच सकते हैं + +* **तब अबीमेलेक गुम्मट के निकट जाकर उसके विरूद्ध लड़ने लगा, और गुम्मट के द्वार तक गया कि उसमें आग लगाए** (न्यायियों 9:52 ESV) + + * तब अबीमेलेक गुम्मट के निकट जाकर उसके विरूद्ध लड़ने लगा, और गुम्मट के द्वार तक गया कि उसमें आग लगाए (न्यायियों 9:52 ESV) या उसे आग के हवाले करे + +अंगे्रजी में, यह स्पष्ट है कि किसी आयत का कार्य उसके पीछे के आयत में हुए कार्य की निरंतरता होती है जो बिना संयोजक ‘‘और’’ के बतार्इ जाती है, इसीलिए इसे लिखा नही गया है। इतना ही नही, ‘‘आग’’ नही लिखा गया, क्योंकि उस शब्द को ‘‘जलाया गया’’ के शब्द के साथ अंतर्निहित बताया गया है। ‘‘जलाया गया’’ का एक वैकल्पिक अनुवाद है ‘‘आग के हवाले किया’’। + +अंग्रेजी में वक्ता दो क्रियाओं को एक साथ इसतेमान नही करता है इसीलिए वह किसी एक क्रिया का ही उपयोग कर रहा है। आप निम्न प्रश्न के द्वारा जान सकते हैं कि पाठक को अंतर्निहित सूचना का पता चला है या नही, ‘‘दरवाजा कैसे जलता है?’’ यदि वह कहता है कि आग से, तो वह उसका अंतनिर्हित अर्थ समझ चुका है + +या, यदि आप दूसरा विकल्प चुनते हैं, तो आप पूछ सकते हैं, ‘‘यदि दरवाजे को आग के हवाले करते हैं तो क्या होता है?’’ यदि पाठक उत्तर देता है, ‘‘यह जलता है’’, तो वह अंतर्निहित सुचना को समझ चुका है + +* **सूबेदार ने उत्तर दिया और कहा, ‘‘हे प्रभु, मैं इस योग्य नहीं, कि तू मेरी छत के तले आए...’’** (मत्ती 8:8 ULB) + + * सूबेदार ने उत्तर दिया ‘‘हे प्रभु, मैं इस योग्य नहीं, कि तू मेरी छत के तले आए...’’ + +अंग्रेजी में, सुबेदार के द्वारा कहे गए ‘‘कहा’’ क्रिया शब्द में ‘उत्तर दिया’ भी शामिल होता है और इसलिए उस क्रिया को अंतर्निहित रखा जा सकता है। आप निम्न प्रश्न के द्वारा जान सकते हैं कि पाठक को अंतर्निहित सूचना का पता चला है या नही, ‘‘सुबेदार ने कैसे उत्तर दिया?’’ + +यदि वह उत्तर देता है कि ‘‘कहने के द्वारा’’ तो वह अंतर्निहित सुचना को समझ चुका है। diff --git a/translate/figs-explicitinfo/sub-title.md b/translate/figs-explicitinfo/sub-title.md new file mode 100644 index 0000000..a25f438 --- /dev/null +++ b/translate/figs-explicitinfo/sub-title.md @@ -0,0 +1,2 @@ +यदि हमारी भाषा में कोर्इ सुस्पष्ट सूचना संदेहपूर्ण, अस्वाभाविक अथवा अनावश्यक लगे तो मैं क्या करूँ? + diff --git a/translate/figs-explicitinfo/title.md b/translate/figs-explicitinfo/title.md new file mode 100644 index 0000000..5da4bd7 --- /dev/null +++ b/translate/figs-explicitinfo/title.md @@ -0,0 +1,2 @@ +विशिष्ट सूचना को अंतर्निहित कब बनाएँ + diff --git a/translate/figs-extrainfo/01.md b/translate/figs-extrainfo/01.md new file mode 100644 index 0000000..2ff8892 --- /dev/null +++ b/translate/figs-extrainfo/01.md @@ -0,0 +1,39 @@ + +कर्इ बार यह बेहतर रहता है कि हम अनुमानित ज्ञान या अंतनिर्हित सूचना को सुस्पष्ट न बताएँ। + +### वर्णन + +कर्इ बार यह बेहतर रहता है कि हम अनुमानित ज्ञान या अंतनिर्हित सूचना को सुस्पष्ट न बताएँ। यह पृष्ठ कुछ निर्देश दे रहा है कि कहाँ उनका उपयोग नही होना चाहिए। + +### अनुवाद के सिद्धांत + +* यदि वक्ता अथवा लेखक ने जानबूझकर कुछ स्पष्ट नही किया है, तो उसे स्पष्ट करने की कोशिश न करें +* यदि प्राथमिक श्रोताओं ने वक्ता के संदेश को नही समझा, तो आप भी उसे इतना स्पष्ट न करें कि पाठकों को यह अपरिचित सा लगे कि असली श्रोताओं को यह समझ क्यों नही आया +* यदि आप किसी अनुमानित ज्ञान अथवा अंतर्निहित सूचना को स्पष्ट रूप से बताना चाहते हैं, तो इसे इस प्रकार करने की कोशिश करें जिससे पाठकों को यह नही लगे कि प्राथमिक श्रोताओं को यह सब बताने की जरूरत थी +* यदि यह संदेश को उसकी मुख्य बात से से दूर करता या इसके कारण पाठक इसके केन्द्रबिन्दु को भूल रहे हैं तो इसे स्पष्ट लिखने की कोशिश न करें +* यदि आपके पाठक इसे वैसे ही समझ पा रहे हैं तो अनुमानित ज्ञान या अंतर्निहित सूचना को स्पष्ट न करें + +### बाइबल से उदाहरण + +>खानेवाले में से खाना; +>बलवन्त में से मीठी वस्तु (न्यायियों 14:14 ULB) + +यह एक पहेली थी। शिमशोन ने जानबूझकर ऐसे तरीके में कहा कि उसके दुश्मन उसके अर्थ को न समझ पाएँ। स्पष्ट न करें कि खानेवाला या बलवन्त वस्तु सिंह था और मीठी वस्तु शहद था। + +>यीशु ने उनसे कहा, ‘‘फरीसियों और सदूकियों के खमीर से सावधान और चौकस रहना’’ चेले आपस में विचार करने लगे और कहा, ‘‘हम तो रोटी नहीं लाए।’’.... (मती 16:6,7 ULB) + +यहाँ संभव अंतर्निहित सूचना यह है कि चेलों को फरीसियों और सदूकियों की झूठी शिक्षाओं से सावधान रहना था । परंतु यीशु के चेले यह नही समझे । उन्होने सोचा कि यीशु वास्तविक खमीर और रोटी की बात कर रहे थे। अत: इसे स्पष्ट तरीके से बताना सही नही होगा कि यहाँ प्रयुक्त शब्द ‘‘खमीर’’ झूठी शिक्षा’’ को दिखाता है। + +चेले तब तक समझ नही पाए, जब तक कि यीशु ने इसके बारे में मती 16:11 में नही कहा - + +>‘‘तुम क्यों नहीं समझते कि मैंने तुमसे रोटियों के विषय में नहीं कहा? फरीसियों और सदूकियों के खमीर से चौकस रहना।’’ तब उनको समझ में आया, कि उसने रोटी के खमीर से नहीं, पर फरीसियों और सदूकियों की शिक्षा से चौकस रहने को कहा था (मती 16:11,12 ULB) + +यीशु मसीह के द्वारा वर्णन करने पर ही उन्हे पता चला कि उसने रोटी के बारे में नही, परंतु फरीसियों और सदूकियों की झूठी शिक्षा के बारे में कहा था। अत: मती 16:6 में वर्णित अंतर्निहित सूचना को स्पष्ट लिखना सही नही होगा। + +### अनुवाद रणनीतियाँ + +इस पृष्ठ में कोर्इ अनुवाद रणनीति नही है। + +### अनुवाद रणनीतियों के प्रयोग के उदाहरण + +इस पृष्ठ में कोर्इ अनुवाद रणनीतियों के प्रयोग नही हैं। diff --git a/translate/figs-extrainfo/sub-title.md b/translate/figs-extrainfo/sub-title.md new file mode 100644 index 0000000..6bb8cae --- /dev/null +++ b/translate/figs-extrainfo/sub-title.md @@ -0,0 +1,2 @@ +अंतर्निहित सूचना को सुस्पष्ट सुचना में कैसे बदलूँ? + diff --git a/translate/figs-extrainfo/title.md b/translate/figs-extrainfo/title.md new file mode 100644 index 0000000..2b37322 --- /dev/null +++ b/translate/figs-extrainfo/title.md @@ -0,0 +1,2 @@ +सूचना को अंतर्निहित कब रखें + diff --git a/translate/figs-gendernotations/01.md b/translate/figs-gendernotations/01.md new file mode 100644 index 0000000..0c84cd2 --- /dev/null +++ b/translate/figs-gendernotations/01.md @@ -0,0 +1,64 @@ + +बाइबल के कुछ भागों में ‘‘पुरूष’’, ‘‘भार्इ’’ और ‘‘पुत्र‘‘ जैसे शब्द केवल पुरूषों को दिखाते हैं। तो कुछ अन्य भागों में, ये शब्द स्त्री एवं पुरूष दोनों को दिखाते हैं। जब लेखक स्त्री एवं पुरूष दोनों को दिखाता है, तो अनुवादकों को भी ऐसे अनुवाद करना है जिससे यह केवल पुरूष को दिखाने वाला न हो। + +### वर्णन + +कुछ भाषाओं में,ं पुरूष को दिखाने वाला शब्द ही स्त्री एवं पुरूष दोनों को दिखाने वाला सामान्य शब्द भी हो सकता है। उदाहरण के तौर पर, बाइबल कर्इ बार जब ‘भार्इयों‘ कहती है तो उसका अर्थ भार्इ और बहन दोनो होता है। और, कुछ भाषाओं में, पुरूषवाची उच्चारण ‘‘वह’’ और ‘‘उसका’’ को किसी भी व्यक्ति के लिए अधिक सामान्य तरीके से भी इस्तेमाल किया जाता है यदि उसे स्त्री या पुरूष दिखाना महत्वपूर्ण नही है। + +नीचे के उदाहरण में, उपयुक्त सर्वनाम ‘‘उसका’’, पुरूष तक ही सीमित है: + +>बुद्धिमान पुत्र से पिता आनन्दित होता है +>परन्तु मूर्ख पुत्र के कारण माता उदास रहती है (नीतिवचन 10:1 ULB) + +### कारण यह अनुवाद की समस्या है + +* कुछ संस्कृतियों में, ‘‘पुरूष’’, ‘‘भार्इ’’ और ‘‘पुत्र‘‘ केवल पुरूषों के लिए इस्तेमाल होते हैं। यदि उन शब्दों को एक अनुवाद में अधिक सामान्य तौर पर उपयोग किया जाए तो लोग सोच सकते हैं कि ये बातें स्त्रियों पर लागु नही होती हैं। +* कुछ संस्कृतियों में, पुरूषवाची सर्वनाम ‘‘वह’’ और ‘‘उसका’’ केवल पुरूषों को दिखाता है। यदि पुरूषवाची सर्वनाम का उपयोग होता है तो लोग सोचेंगे कि ये बातें स्त्रियों पर लागु नही होती हैं। + +### अनुवाद के सिद्धांत + +यदि कोर्इ कथन स्त्री एवं पुरूष दोनों पर लागु होता है, तो उसका अनुवाद भी ऐसे ही हो जिससे लोग समझें कि यह दोनों के लिए है। + +### बाइबल से उदाहरण + +> अब हे भाइयों, हम तुम्हें परमेश्वर के उस अनुग्रह का समाचार देते हैं, जो मकिदुनिया की कलीसियाओं पर हुआ है (2 कुरिन्थियों 8:1 ULB) + +यह वचन कोरिन्थ के विश्वासियों के लिए है, केवल पुरूष नही, वरन् **पुरूष एवं स्त्री** दोनों + +> ‘‘तब यीशु ने अपने चेलों से कहा; यदि कोर्इ मेरे पीछे आना चाहे, तो वह अपने आपका इन्कार करे और अपना क्रूस उठाए, और मेरे पीछे हो ले’’ (मत्ती 16:24-26 ULB) + +यहाँ यीशु केवल पुरूष की नही, वरन् **पुरूष एवं स्त्री** दोनों की बात कर रहे हैं + +**चेतावनी** : कर्इ बार केवल पुरूष को दिखाने वाले शब्दों का उपयोग होता है । तो ऐसे शब्दों का उपयोग न करें जिससे लोगों को लगे कि यह स्त्रियों के लिए भी है। नीचे लिखे रेखांकित शब्द केवल पुरूषां के लिए हैं। + +मूसा ने कहा था, कि यदि कोर्इ बिना सन्तान मर जाए, तो उसका भार्इ उसकी पत्नी को ब्याह करके अपने भार्इ के लिये वंश उत्पé करे (मत्ती 22:24 ULB) + + +### अनुवाद रणनीतियाँ + +यदि लोग समण्ते हैं कि पुरूषवाची सर्वनाम ‘‘पुरूष’’, ‘‘भार्इ’’ और ‘‘वह’’ स्त्रियों के लिए भी इस्तेमाल हो सकता है, तो उनका प्रयोग करने की कोशिश करें। अन्यथा, यहाँ अनुवाद के कुछ तरीके दिए गए हैं जिनमें स्त्रियाँ भी शामिल हैं। + +1. एक संज्ञा का उपयोग करें जिसका इस्तेमाल पुरूष एवं स्त्री दोनों के लिए हो सके +1. पुरूष के इस्तेमाल के लिए एक शब्द और स्त्री के इस्तेमाल के लिए एक शब्द का उपयोग करें +1. ऐसे सर्वनामों का उपयोग करें जिनका इस्तेमाल स्त्री एवं पुरूष दोनों के लिए हो सके + +### अनुवाद रणनीतियों के प्रयोग के उदाहरण + +1. एक संज्ञा का उपयोग करें जिसका इस्तेमाल पुरूष एवं स्त्री दोनों के लिए हो सके + +* **बुद्धिमान क्योंकर मूर्ख के समान मरता है** (सभोपदेशक 2:17 ULB) + + * ‘‘बुद्धिमान ऐसे मरता है जैसे एक मूर्ख’’ + * ‘‘बुद्धिमान मूर्ख के समान मरता है’’ + +1. पुरूष के इस्तेमाल के लिए एक शब्द और स्त्री के इस्तेमाल के लिए एक शब्द का उपयोग करें + +* **हे भाइयों, हम नहीं चाहते कि तुम हमारे उस क्लेश से अनजान रहो, जो आसिया में हम पर पड़ा** (2 कुरिन्थियों 1:8) - पौलुस अपना खत स्त्री और पुरूष दोनों को लिख रहा है + + * ‘‘हे भाइयों और बहनों, हम नहीं चाहते कि तुम हमारे उस क्लेश से अनजान रहो, जो आसिया में हम पर पड़ा’’ (2 कुरिन्थियों 1:8) + +1. ऐसे सर्वनामों का उपयोग करें जिनका इस्तेमाल स्त्री एवं पुरूष दोनों के लिए हो सके + +* **यदि कोर्इ मेरे पीछे आना चाहे, तो अपने आप का इन्कार करे और अपना क्रूस उठाए, और मेरे पीछे हो ले’’** (मत्ती 16:24-26 ULB) - अंग्रेजी वक्ता ‘‘वह’’,’’उसका’’ और ‘‘वह स्वयं’’ जैसे एकवचन के सर्वनामों को बहुवचन ‘‘वे’’, ‘‘वे स्वयं’’ और ‘‘उनका’’ में बदल सकते हैं जिससे यह पता चले कि यह केवल पुरूष के लिए लागु नही हो रहा है। + +* **यदि लोग मेरे पीछे आना चाहें, तो वे स्वयं का इन्कार करे और अपना क्रूस उठाए, और मेरे पीछे हो ले** diff --git a/translate/figs-gendernotations/sub-title.md b/translate/figs-gendernotations/sub-title.md new file mode 100644 index 0000000..969bf21 --- /dev/null +++ b/translate/figs-gendernotations/sub-title.md @@ -0,0 +1,2 @@ +मैं ‘भार्इ’ या ‘वह’ का अनुवाद कैसे करूँ, जबकि इसका इशारा स्त्री या पुरूष किसी की ओर भी हो सकता है? + diff --git a/translate/figs-gendernotations/title.md b/translate/figs-gendernotations/title.md new file mode 100644 index 0000000..3d218d8 --- /dev/null +++ b/translate/figs-gendernotations/title.md @@ -0,0 +1,2 @@ +जब पुल्लिंग शब्दों में स्त्रियाँ शामिल होती है + diff --git a/translate/figs-genericnoun/01.md b/translate/figs-genericnoun/01.md new file mode 100644 index 0000000..f5b2a3c --- /dev/null +++ b/translate/figs-genericnoun/01.md @@ -0,0 +1,70 @@ + +### वर्णन + +सामान्य संज्ञा विशेष व्यक्तियों अथवा वस्तुओं को नही, वरन् सामान्य लोगों अथवा वस्तुओं को दिखाती है, इसे अक्सर नीतिवचन में देखा जा सकता है क्योंकि नीतिवचन उन चीजों के बारे में बताती है जो लोगों में सामान्य होती हैं। + +>क्या हो सकता है कि कोर्इ अंगारे पर चले, और उसके पांव न झुलसें? +>जो परार्इ स्त्री के पास जाता है, उसकी दशा ऐसी है +>वरन जो कोर्इ उसको छूएगा, वह दंड से न बचेगा। (नीतिवचन 6:28-29 ULB) + +उपरोक्त रेखांकित कथन किसी एक व्यक्ति विशेष को नही दिखाते हैं। वे ऐसे कामों को करने वाले व्यक्तियों की ओर इशारा कर रहे हैं। + +### कारण यह अनुवाद की समस्या है + +विभिé भाषाओं में यह दिखाने के विभिé तरीके होते हैं कि संज्ञाएँ किसी सामान्य बात को दिखाती हैं। अनुवादक सामान्य विचारों के उन तरीकों को पहचानें जो उनकी भाषा में आम हैं। + +### बाइबल से उदाहरण + +> धर्मी कार्य करने वाला विपत्ति से छूट जाता है, परन्तु दुष्ट उसी विपत्ति में पड़ जाता है (नीतिवचन 11:8 ULB) + +उपरोक्त रेखांकित कथन किसी एक व्यक्ति विशेष को नही वरन् धर्मी अथवा दुष्ट कार्य करने वाले प्रत्येक को दिखाते हैं। + +> जो अपना अनाज रख छोड़ता है, उसको लोग शाप देते हैं (नीतिवचन 11:26 ULB) + +यह किसी एक व्यक्ति विशेष को नही वरन् अनाज बेचने से मना करने वाले प्रत्येक को दिखाता हैं। + +> भले मनुष्य से तो यहोवा प्रसé होता है, परन्तु बुरी युक्ति करनेवाले को वह दोषी ठहराता है। (नीतिवचन 12:2 ULB) + +‘‘भले मनुष्य’’ कथन किसी एक व्यक्ति विशेष को नही वरन् हर भले व्यक्ति को दिखाता हैं। ‘‘बुरी युक्ति करनेवाले’’ कथन किसी एक व्यक्ति विशेष को नही वरन् हर बुरी युक्ति करने वाले व्यक्ति को दिखाता हैं। + +### अनुवाद रणनीतियाँ + +यदि आपकी भाषा लोगों अथवा वस्तुओं को दिखाने के लिए ULB के समान ही शब्दों का उपयोग कर सकती है, तो उन्ही शब्दों का उपयोग करें। आप निम्न रणनीतियों का भी उपयोग कर सकते हैं। + +1. संज्ञा कथन में ‘‘the’’ शब्द का उपयोग करें। +1. संज्ञा कथन में ‘‘एक’’ शब्द का उपयोग करें। +1. ‘‘किसी व्यक्ति’’ या ‘‘कोर्इ भी’’ के समान ‘‘किसी या कोर्इ’’ शब्द का उपयोग करें +1. ‘‘लोग’’ के समान बहुवचन का उपयोग करें +1. अपनी भाषा में स्वाभाविक तौर पर इस्तेमाल होने वाले तरीकों का उपयोग करें + +### अनुवाद रणनीतियों के प्रयोग के उदाहरण + +1. संज्ञा कथन में ‘‘the’’ शब्द का उपयोग करें। + +* **भले मनुष्य से तो यहोवा प्रसé होता है, परन्तु बुरी युक्ति करनेवाले को वह दोषी ठहराता है।’’** (नीतिवचन 12:2 ULB) + + * the भले मनुष्य से तो यहोवा प्रसé होता है, परन्तु the बुरी युक्ति करनेवाले को वह दोषी ठहराता है।’’ (नीतिवचन 12:2) + +1. संज्ञा कथन में ‘‘एक’’ शब्द का उपयोग करें। + +* **जो अपना अनाज रख छोड़ता है, उसको लोग शाप देते हैं** (नीतिवचन 11:26 ULB) + + * एक जो अपना अनाज रख छोड़ता है, उसको लोग शाप देते है। + +1. ‘‘किसी व्यक्ति’’ या ‘‘कोर्इ भी’’ के समान ‘‘किसी या कोर्इ’’ शब्द का उपयोग करें। + +* **जो अपना अनाज रख छोड़ता है, उसको लोग शाप देते हैं** (नीतिवचन 11:26 ULB) + + * जो कोर्इ अपना अनाज रख छोड़ता है, उसको लोग शाप देते हैं। + +1. ‘‘लोग’’ के समान बहुवचन का उपयोग करें (जैसा इस कथन में है, ‘‘मनुष्य’’। + +* **जो अपना अनाज रख छोड़ता है, उसको लोग शाप देते हैं** (नीतिवचन 11:26 ULB) + + * जो अपना अनाज रख छोड़ते हैं, उनको लोग शाप देते हैं। + +1. अपनी भाषा में स्वाभाविक तौर पर इस्तेमाल होने वाले तरीकों का उपयोग करें। + +* **जो अपना अनाज रख छोड़ता है, उसको लोग शाप देते हैं** (नीतिवचन 11:26 ULB) + + * जो भी अपना अनाज रख छोड़ता है, उसको लोग शाप देते हैं। diff --git a/translate/figs-genericnoun/sub-title.md b/translate/figs-genericnoun/sub-title.md new file mode 100644 index 0000000..d4f07cc --- /dev/null +++ b/translate/figs-genericnoun/sub-title.md @@ -0,0 +1,2 @@ +सामान्य संज्ञा के कथन क्या हैं और मैं उनका अनुवाद कैसे कर सकता हूँ? + diff --git a/translate/figs-genericnoun/title.md b/translate/figs-genericnoun/title.md new file mode 100644 index 0000000..58c02d8 --- /dev/null +++ b/translate/figs-genericnoun/title.md @@ -0,0 +1,2 @@ +सामान्य संज्ञा + diff --git a/translate/figs-go/01.md b/translate/figs-go/01.md new file mode 100644 index 0000000..394c9e1 --- /dev/null +++ b/translate/figs-go/01.md @@ -0,0 +1,76 @@ + +### वर्णन + +विभिé भाषाएँ गति के बारे में बात करते वक्त इस बात को निर्धारित करने के विभिé तरीके अपनाती हैं कि ‘‘जा’’ या ‘‘आ’’ का उपयोग करें, अथवा ‘‘ले’’ या ‘‘दे’’ का। + +उदाहरण के तौर पर, यह कहने के लिए कि वे एक व्यक्ति के पास जा रहे हैं जिसने उन्हे बुलाया है, अंग्रेजी वक्ता कहेंगे, ‘‘मैं आ रहा हूँ’’ परंतु स्पैनिश वक्ता कहेंगे, ‘‘मैं जा रहा हूँ’’। + +आपको ‘‘जा’’ या ‘‘आ’’ (’’ले’’ या ‘‘दे’’) का अनुवाद इस प्रकार करना होगा जिससे पाठक समझ सकें कि वे किस दिशा में बढ़ रहे हैं। + + +### कारण यह अनुवाद की समस्या है + +विभिé भाषाएँ गति के बारे में बताने के लिए विभिé तरीके अपनाती हैं। + +बाइबलीय भाषाएँ अथवा आपकी स्रोत भाषा ‘‘जा’’ और ‘‘आ’’ अथवा ‘‘ले’’ या ‘‘दे’’ का उपयोग शायद आपकी अपनी भाषा के तरीके से अलग प्रकार से करती होगी। + +यदि इन शब्दों का अनुवाद आपकी भाषा में प्रचलित तरीके के अनुसार नही किया गया तो पाठक इस संदेह में पड़ सकते हैं कि लोग किस दिशा में बढ़ रहे हैं। + +### बाइबल से उदाहरण + +>यहोवा ने नूह से कहा, तू अपने सारे घराने समेत जहाज में ; (उत्पत्ति 7:1 ULB) + +कुछ भाषाओं में, लोग समझेंगे कि परमेश्वर जहाज के अंदर से बात कर रहा है + +>तू तब ही मेरी इस शपथ से छूटेगा, जब तू मेरे कुल के लोगों के पास आएगा; और वे कोर्इ स्त्री न दें तो तू मेरी शपथ से छूटेगा (उत्पत्ति 24:41 ULB) + +अब्राहम अपने दास से बात कर रहा है । अब्राहम के रिश्तेदार उस जगह से दूर रहते हैं जहाँ वह और उसका दास खड़ा है और वह चाहता है कि उसका दास, उसकी ओर आए नही, वरन् उनके पास जाए + +>जब तू उस देश में आए जिसे तेरा परमेश्वर यहोवा तुझे देता है, और उसका अधिकारी हो, और उन में बसकर कहने लगे (व्यवस्थाविवरण 17:14 ULB) + +मूसा जंगल में लोगों से बात कर रहा है । वे अभी तक उस देश में आए नही हैं जो परमेश्वर उन्हे देने जा रहा है । कुछ भाषाओं में, इसे इस प्रकार कहना अच्छा होगा, ‘‘जब तू उस देश में जाए ‘‘ + +>यूसुफ और मरियम मंदिर में उसे प्रभु के सामने चढ़ाने के लिए लाए (लूका 2:22 ULB) + +कुछ भाषाओं में, ऐसा कहना सही होगा कि यूसुफ और मरियम यीशु को मंदिर में लाए या उठाकर लाए + +> और देखो, यार्इर नाम एक मनुष्य जो आराधनालय का सरदार था, आया और यीशु के पांवों पर गिर के उससे विनती करने लगा, कि मेरे घर (लूका 8:41 ULB) + +जब इस व्यक्ति ने यीशु से बात की तो वह घर पर नही था । वह चाहता था कि यीशु उसके साथ उसके घर जाए + +> इन दिनों के बाद उस की पत्नी इलीशिबा गर्भवती हुर्इ; और पांच महीने तक सबके सामने नही गर्इ (लूका 1:24 ULB) + +कुछ भाषाओं में, ऐसा कहना सही होगा कि इलीशिबा सबके सामने नही आर्इ + +### अनुवाद रणनीतियाँ + +ULB में प्रयुक्त शब्द शायद आपकी भाषा में स्वाभाविक हों और सही अर्थ देते हों, तो उनका उपयोग करें। यदि नही, तो निम्न रणनीतियों का उपयोग कर सकते हैं। + +1. ‘‘जा’’, ‘‘आ’’, ‘‘ले’’ या ‘‘दे’’ में से उन शब्दों का उपयोग करें जो आपकी भाषा में स्वाभाविक हों +1. सही अर्थ को दिखाने वाले किसी अन्य शब्द का उपयोग करें + +### अनुवाद रणनीतियों के प्रयोग के उदाहरण + +1. ‘‘जा’’, ‘‘आ’’, ‘‘ले’’ या ‘‘दे’’ में से उन शब्दों का उपयोग करें जो आपकी भाषा में स्वाभाविक हों + +* **तू तब ही मेरी इस शपथ से छूटेगा, जब तू मेरे कुल के लोगों के पास आएगा; और वे कोर्इ स्त्री न दें** (उत्पत्ति 24:41 ULB) + + * तू तब ही मेरी इस शपथ से छूटेगा, जब तू मेरे कुल के लोगों के पास जाएगा; और वे कोर्इ स्त्री न दें + +* **इन दिनों के बाद उस की पत्नी इलीशिबा गर्भवती हुर्इ; और पांच महीने तक सबके सामने नही गर्इ** (लूका 1:24 ULB) + + * इन दिनों के बाद उस की पत्नी इलीशिबा गर्भवती हुर्इ; और पांच महीने तक सबके सामने नही आर्इ + +1. सही अर्थ को दिखाने वाले किसी अन्य शब्द का उपयोग करें + +* **जब तू उस देश में आए जिसे तेरा परमेश्वर यहोवा तुझे देता है, और उसका अधिकारी हो, और उन में बसकर कहने लगे...** (व्यवस्थाविवरण 17:14 ULB) + + * ‘‘जब तू उस देश में पहुँचे जिसे तेरा परमेश्वर यहोवा तुझे देता है, और उसका अधिकारी हो, और उन में बसकर कहने लगे...’’ + +* **यहोवा ने नूह से कहा, तू अपने सारे घराने समेत जहाज में ;** (उत्पत्ति 7:1 ULB) + + * ‘‘यहोवा ने नूह से कहा, तू अपने सारे घराने समेत जहाज में प्रवेश कर‘‘ + +* **इन दिनों के बाद उस की पत्नी इलीशिबा गर्भवती हुर्इ; और पांच महीने तक सबके सामने नही गर्इ** (लूका 1:24 ULB) + + * इन दिनों के बाद उस की पत्नी इलीशिबा गर्भवती हुर्इ; और पांच महीने तक सबके सामने आर्इ ही नही diff --git a/translate/figs-go/sub-title.md b/translate/figs-go/sub-title.md new file mode 100644 index 0000000..d678dd3 --- /dev/null +++ b/translate/figs-go/sub-title.md @@ -0,0 +1,2 @@ +यदि किसी वाक्य में ‘‘आ’’ और ‘‘जा’’ में सदेह उत्पé हो रहा है तो मैं क्या करूँ? + diff --git a/translate/figs-go/title.md b/translate/figs-go/title.md new file mode 100644 index 0000000..62af2ea --- /dev/null +++ b/translate/figs-go/title.md @@ -0,0 +1,2 @@ +जाओ और आओ + diff --git a/translate/figs-grammar/01.md b/translate/figs-grammar/01.md new file mode 100644 index 0000000..eb1e263 --- /dev/null +++ b/translate/figs-grammar/01.md @@ -0,0 +1,18 @@ + +व्याकरण के दो भाग हैं: शब्द एवं संरचना। संरचना का अर्थ, किसी कथन, वाक्य अथवा कहावत को बनाने के लिए शब्दों को कैसे जोड़ा जाए। + +**शब्द के भेद** - एक भाषा में सभी शब्द ‘‘शब्द के भेद’’ नामक श्रेणी में आते हैं (देखें [Parts of Speech](../figs-partsofspeech/01.md)) +**वाक्य** - जब हम बोलते हैं तो हम हमारे विचारों को वाक्यों में बदलते हैं। एक वाक्य अक्सर, किसी घटना या हालत या अवस्था के बारे में एक पूर्ण विचार होता है (देखें [Sentence Structure](../figs-sentences/01.md)) + + * वाक्य में कथन, प्रश्न, आज्ञा या विष्मय हो सकता है (देखें [Exclamations](../figs-sentencetypes/01.md)) + * वाक्य में एक से अधिक कथन हो सकते हैं (देखें [Sentence Structure](../figs-sentences/01.md)) + * कुछ भाषाओं में, प्रत्यक्ष एवं परोक्ष कथन दोनों होते हैं (देखें [Active or Passive](../figs-activepassive/01.md)) + +**संपत्ति** - ये बताता है कि दो संज्ञाओं में मेल है। अंग्रेजी में यह ‘‘लव ऑफ गॉड’’ के ‘‘ऑफ’’ या ‘‘गॉड्स लव’’ के ‘‘एस’’के द्वारा अथवा ‘‘हिस लव’’ के समान स्थानात्मक सर्वनाम के द्वारा चिन्हित होता है (देखें [Possession](../figs-possession/01.md)) +**उद्धरण** - उद्धरण किसी व्यक्ति के द्वारा कही गर्इ बात को कहना है। + + * अक्सर, उद्धरण के दो भाग होते हैं: यह सूचना के किसने कुछ कहा और क्या कहा (देखें [Quotations and Quote Margins](../writing-quotations/01.md)) + * उद्धरण प्रत्यक्ष अथवा परोक्ष भी हो सकते हैं (देखें [Direct and Indirect Quotations](../figs-quotations/01.md)) + * उद्धरण के अंदर उद्धरण हो सकते हैं (देखें [Quotes within Quotes](../figs-quotesinquotes/01.md)) + * उद्धरण को चिन्हित कर, इन्हे पाठक के लिए आसान बनाया जा सकता है कि किसने क्या कहा (देखें [Quotes Makings](../figs-quotemarks/01.md)) + \ No newline at end of file diff --git a/translate/figs-grammar/sub-title.md b/translate/figs-grammar/sub-title.md new file mode 100644 index 0000000..74f1bb0 --- /dev/null +++ b/translate/figs-grammar/sub-title.md @@ -0,0 +1,2 @@ +अंग्रेजी व्याकरण की कुछ मूलभूत सूचनाएँ क्या हैं? + diff --git a/translate/figs-grammar/title.md b/translate/figs-grammar/title.md new file mode 100644 index 0000000..f14d036 --- /dev/null +++ b/translate/figs-grammar/title.md @@ -0,0 +1,2 @@ +व्याकरण के विषय + diff --git a/translate/figs-hendiadys/01.md b/translate/figs-hendiadys/01.md new file mode 100644 index 0000000..6ff7676 --- /dev/null +++ b/translate/figs-hendiadys/01.md @@ -0,0 +1,68 @@ + +### वर्णन + +जब एक वक्ता दो शब्दों के उपयोग से एक विचार को बताता है तो ‘‘और’’ से जुड़े होते हैं, उसे ‘‘हेन्डियडिस’’ कहते हैं। हेन्डियडिस में दो शब्द एक साथ कार्य करते हैं। + +आमतौर पर, उनमें से एक शब्द प्राथमिक होता है एवं दूसरा शब्द पहले का वर्णन करता है। + +> .... अपने राज्य और महिमा में (1 थिस्सलुनीकियों 2:12 ULB) + +‘‘राज्य’’ और ‘‘महिमा’’ दोनों संज्ञाएँ हैं, महिमा बताता है कि राज्य कैसा है: यह महिमा का राज्य है। + +### कारण यह अनुवाद की समस्या है + +* अक्सर हेन्डियडिस में एक भाववाचक संज्ञा होती है। कुछ भाषाओं में शायद इसी अर्थ की संज्ञाएँ न हों। +* कर्इ सारी भाषाएँ हेन्डियडिस का उपयोग नही करतीं, इसलिए लोगों को शायद पता न चले कि दो शब्द एक साथ कैसे कार्य करते हैं और एक दूसरे की व्याख्या कैसे करता है। + +### बाइबल से उदाहरण + +>क्योंकि मैं तुम्हें ऐसा शब्द और बुद्धि दूंगा (लूका 21:15 ULB) + +‘‘शब्द’’ और ‘‘बुद्धि’’ संज्ञाएँ हैं, परंतु अलंकार भाषा में ‘‘बुद्धि’’ ‘‘शब्दों’’ का वर्णन करती है। + +> ... यदि तुम चाहते और आज्ञा मानते हो... (यशायाह 1:19 ULB) + +‘‘चाहना’’ और ‘‘आज्ञा मानना’’ विशेषण हैं परंतु ‘‘चाहना’’ ‘‘आज्ञा मानना’’ का वर्णन करता है। + +### अनुवाद रणनीतियाँ + +यदि आपकी भाषा में हेन्डियडिस स्वाभाविक हैं और सही अर्थ देते हैं, तो उनका इस्तेमाल करें। यदि नही, तो निम्न विकल्प मौजूद हैं: + +1. वर्णन करने वाली संज्ञा के बदले में एक विशेषण लगाएँ जिसका समान अर्थ हो +1. वर्णन करने वाली संज्ञा के बदले में एक वाक्य लगाएँ जिसका समान अर्थ हो +1. वर्णन करने वाली विशेषण के बदले में एक क्रिया-विशेषण लगाएँ जिसका समान अर्थ हो +1. उसकी जगह पर अन्य शब्द भेद लगाएँ जिसका समान अर्थ हो और दिखाए कि एक शब्द दूसरे का वर्णन कर रहा है + +### अनुवाद रणनीतियों के प्रयोग के उदाहरण + +1. वर्णन करने वाली संज्ञा के बदले में एक विशेषण लगाएँ जिसका समान अर्थ हो + +* **मैं तुम्हें ऐसा शब्द और बुद्धि दूंगा** (लूका 21:15 ULB) + + * मैं तुम्हें बुद्धिमान शब्द दूंगा + +* **कि तुम्हारा चाल चलन परमेश्वर के योग्य हो, जो तुम्हें अपने राज्य और महिमा में बुलाता है** (1 थिस्सलुनीकियों 2:12 ULB) + + * कि तुम्हारा चाल चलन परमेश्वर के योग्य हो, जो तुम्हें अपने महिमा के राज्य में बुलाता है + +1. वर्णन करने वाली संज्ञा के बदले में एक वाक्य लगाएँ जिसका समान अर्थ हो + +* **क्योंकि मैं तुम्हें ऐसा शब्द और बुद्धि दूंगा** (लूका 21:15 ULB) + + * क्योंकि मैं तुम्हें ऐसा बुद्धिमान शब्द दूंगा + +* **कि तुम्हारा चाल चलन परमेश्वर के योग्य हो, जो तुम्हें अपने राज्य और महिमा में बुलाता है** (1 थिस्सलुनीकियों 2:12 ULB) + + * कि तुम्हारा चाल चलन परमेश्वर के योग्य हो, जो तुम्हें अपने महिमा के राज्य में बुलाता है + +1. वर्णन करने वाली विशेषण के बदले में एक क्रिया-विशेषण लगाएँ जिसका समान अर्थ हो + +* **... यदि तुम चाहते और आज्ञा मानते हो...** (यशायाह 1:19 ULB) + + * यदि तुम आज्ञा मानना चाहते हो... + +1. उसकी जगह पर अन्य शब्द भेद लगाएँ जिसका समान अर्थ हो और दिखाए कि एक शब्द दूसरे का वर्णन कर रहा है + +* **यदि तुम चाहते और आज्ञा मानते हो...** (यशायाह 1:19 ULB) - विशेषण ‘‘आज्ञा’’ की जगह पर ‘‘आज्ञा मानना’’ आ सकता है + + * यदि तुम आज्ञा मानना चाहते diff --git a/translate/figs-hendiadys/sub-title.md b/translate/figs-hendiadys/sub-title.md new file mode 100644 index 0000000..3b2da0b --- /dev/null +++ b/translate/figs-hendiadys/sub-title.md @@ -0,0 +1,2 @@ +हेन्डियडिस क्या है और इन्हे उपयोग किये जा रहे कथनों का मैं कैसे अनुवाद करूँ? + diff --git a/translate/figs-hendiadys/title.md b/translate/figs-hendiadys/title.md new file mode 100644 index 0000000..668649b --- /dev/null +++ b/translate/figs-hendiadys/title.md @@ -0,0 +1,2 @@ +हेन्डियडिस + diff --git a/translate/figs-hyperbole/01.md b/translate/figs-hyperbole/01.md new file mode 100644 index 0000000..0d8c6e4 --- /dev/null +++ b/translate/figs-hyperbole/01.md @@ -0,0 +1,116 @@ + +### वर्णन + +एक वक्ता किसी बात को कहने के लिए समान शब्दों का उपयोग कर, उसका एकदम सही ओर सच्चा अर्थ बता सकता है या अतिशयोक्ति भी कह सकता है। और इसीलिए एक कथन को समझने का निर्णय लेने में कठिनार्इ हो सकती है। + +*यहाँ हर रात बरसात होती है* + +1. वक्ता एकदम सही बोल रहा है जैसा लिखा है कि यहाँ हर रात बरसात होती है +1. वक्ता एक आत बात बोल रहा है जो वहाँ सामान्य तौर पर होता है कि वहाँ लगभग हर रात बरसात होती है +1. वक्ता इसे अतिशयोक्ति के रूप में यह कहना चाहता है कि यहाँ सामान्य तरीके से अधिक बरसात होती है जिससे वह बरसात की तादाद को अधिक बल देकर, खुशी या नाराजगी जाहिर करते हुए कहना चाहता है। + +**अतिशयोक्ति** : यह एक अलंकार है जिसमें बढ़ा चढ़ाकर बताना अथवा **अत्युक्ति** + +वक्ता असामान्य या बड़े शब्दों में कुद कहना चाहता है, जिससे वह इसके बारे में, अपनी भावना या विचार को प्रकट कर सके। वह आशा करता है कि लोग उसकी अत्युक्ति को पहचान सकें। + +>वे तुझमें पत्थर पर पत्थर भी न छोड़ेंगे (लूका 19:44 ULB) + +*यह अत्युक्ति है* + +इसका अर्थ है है कि दुश्मन पूरे यरूशलेम का नाश कर डालेंगे + +**सामान्यीकरण:** एक कथन जो अक्सर सही होता है और जिसे हर परिस्थिति में लागु किया जा सकता है। + +>जो शिक्षा को सुनी-अनसुनी करता, वह निर्धन होता और अपमान पाता है, +>परन्तु जो डाँट को मानता, उसकी महिमा होती है (नीतिवचन 13:18) + +*ये सामान्यीकरण हमें बताता है कि निर्देशों को पाने एवं शिक्षा को सुनने वाले हर व्यक्ति के साथ क्या होता है* + +>प्रार्थना करते समय अन्यजातियों की नार्इ बक बक न करो; क्योंकि वे समझते हैं कि उनके बहुत बोलने से उन की सुनी जाएगी (मत्ती 6:7) + +*ये सामान्यीकरण बताता है कि अन्यजाति किस कार्य के लिए विख्यात थे* + +कर्इ अन्यजातियों ने ऐसा किया होगा। यद्यपि सामान्यीकरण में ‘‘सब’’, ‘‘हमेशा’’, ‘‘कोर्इ नही’’ या ‘‘कभी नही’’ जैसे शक्तिशाली लगने वाले शब्द हो सकते हैं, इसका मतलब यह नही है उनका अर्थ बिल्कुल वही होगा। इसका मतलब हो सकता है, ‘‘अक्सर’’, ‘‘अधिकतर’’ या ‘‘कभी कभार’’। + +>और मूसा को मिस्रियों की सारी विद्या पढ़ार्इ गर्इ (प्रेरितों के काम 7:22 ULB) + +*ये सामान्यीकरण का अर्थ है कि उसने मिस्र की अधिकतर विद्याएँ सीख ली थीं।* + +### कारण यह अनुवाद की समस्या है + +1. पाठकों को ज्ञात होना चाहिए कि एक कथन पूरा सही है या नही +1. यदि पाठकों को लगता है कि कथन पूरा सही नही है, तो उन्हे यह पता होना चाहिए कि कहीं ये अतिशयोक्ति, सामान्यीकरण या झूठ तो नही है (यद्यपि बाइबल पूरी तौर पर सच है, यह उन लोगों के बारे में बताती है जो हमेशा सच नही बोलते थे) + +### बाइबल से उदाहरण + +### अत्युक्ति के उदाहरण + +>यदि तेरा हाथ तुझे ठोकर खिलाए तो उसे काट डाल टुंडा होकर जीवन में प्रवेश करना, तेरे लिये इससे भला है..... (मरकुस 9:43 ULB) + +जब यीशु ने हाथ काट डालने को कहा, तो उसका मतलब था कि हमें पाप को रोकने के लिए कुछ भी कठिन कार्य करना पड़े, तो करने को तैयार हों। वह इस अतिशयोक्ति का उपयोग कर पाप को रोकने की गंभीरता को दिखा रहे हैं। + +>और पलिश्ती इस्राएल से युद्ध करने के लिये इकट्ठे हो गए: तीस हजार रथ, और छ: हजार सवार, और समुद्र के तीर की बालू के किनकों के समान बहुत से लोग इकट्ठे हुए (1 शमूएल 13:5 ULB) + +उक्त रेखांकित शब्द सा वाक्य एक अत्युक्ति है। इसका अर्थ है कि फिलिस्तीनों के साथ बहुत सारे सैनिक थे। + +### सामान्यीकरण के उदाहरण + +>‘‘जब वह मिला, तो उससे कहा कि सब लोग तुझे ढूंढ रहे हैं’’ (मरकुस 1:37 ULB) + +चेलों ने यीशु से कहा कि सब लोग उसे खोज रहे थे। उनका मतलब यह नही था कि शहर के सब लोग उसे खोज रहे थे, परंतु कर्इ लोग अथवा उसे घने मित्र उसे ढ़ँूढ़ रहे थे। + +>वरन जैसे वह अभिषेक... तुम्हें सब बातें सिखाता है, और यह सच्चा है, और झूठा नहीं: और जैसा उस ने तुम्हें सिखाया है वैसे ही तुम उसमें बने रहते हो। (1 यूहन्ना 2:27 ULB) + +यह सामान्यीकरण है। परमेश्वर का आत्मा हमें सिखार्इ जा सकने वाली सारी बाते नही, वरन् हमारी जरूरत की सब बातें सिखाता है। + +### चेतावनी + +जब कोर्इ बात कठिन लगे तो अंदाजा न लगाएँ कि यह अत्युक्ति हो सकती है। परमेश्वर चमत्कार करता है + +>उन्होंने यीशु को झील पर चलते, और नाव के निकट आते देखा (युहन्ना 6:19 ULB) + +यह अतिशयोक्ति नही है। यीशु वास्तव में जल पर चले थे। यह सच्चा कथन है । यह अनुमान न लगाएँ कि जहाँ भी ‘‘सब’’ आता है, उसका अर्थ हमेशा ‘‘अधिकतर’’ होता है। + +>यहोवा अपनी सब गति में धर्मी +>और अपने सब कामों मे करूणामय है (भजन संहिता 145:17 ULB) + +यहोवा सदा धर्मी है। यह पूरा सच्चा कथन है। + +### अनुवाद रणनीतियाँ + +यदि आपकी भाषा में सामान्यीकरण या अतिशयोक्ति स्वाभाविक है और लोगों को समझ आता है और इसे झूठ नही समझते हैं, तो इसका उपयोग करें। यदि नही, तो दूसरे विकल्प निम्न हैं: + +1. बिना अत्युक्ति के कथन लिखें +1. सामान्यीकरण के लिए, ‘‘सामान्य तौर पर’’ या ‘‘अक्सर’’ जैसे शब्दों का उपयोग कर बताएँ कि यह सामान्यीकरण है +1. सामान्यीकरण के लिए, ‘‘अधिकतर’’ या ‘‘लगभग’’ जैसे शब्द जोड़ें जिससे पता चले कि सामान्यीकरण एकदम सही नही है +1. ‘‘सब’’, ‘‘हमेशा’’, ‘‘कोर्इ नही’’ या ‘‘कभी नही’’ का उपयोग करने वाले सामान्यीकरण में उन शब्दों को हटाने की कोशिश करें + +### अनुवाद रणनीतियों के प्रयोग के उदाहरण + +1. बिना अत्युक्ति के कथन लिखें + +* **पलिश्ती इस्राएल से युद्ध करने के लिये इकट्ठे हो गए: तीस हजार रथ, और छ: हजार सवार, और समुद्र के तीर की बालू के किनकों के समान बहुत से लोग इकट्ठे हुए** (1 शमूएल 13:5 ULB) + + * पलिश्ती इस्राएल से युद्ध करने के लिये इकट्ठे हो गए: तीस हजार रथ, और छ: हजार सवार, और एक बड़ी संख्या में लोग इकट्ठे हुए + +1. सामान्यीकरण के लिए, ‘‘सामान्य तौर पर’’ या ‘‘अक्सर’’ जैसे शब्दों का उपयोग कर बताएँ कि यह सामान्यीकरण है + +* **जो शिक्षा को सुनी-अनसुनी करता वह निर्धन होता और अपमान पाता है...** (नीतिवचन 13:18 ULB) + + * सामान्य तौर पर, जो शिक्षा को सुनी-अनसुनी करता वह निर्धन होता और अपमान पाता है... + +* **प्रार्थना करते समय अन्यजातियों की नार्इ बक बक न करो; क्योंकि वे समझते हैं कि उनके बहुत बोलने से उनकी सुनी जाएगी** (मत्ती 6:7 ULB) + + * प्रार्थना करते समय अन्यजातियों की नार्इ, जैसा वो अक्सर करते हैं बक बक न करो; क्योंकि वे समझते हैं कि उनके बहुत बोलने से उनकी सुनी जाएगी + +1. सामान्यीकरण के लिए, ‘‘अधिकतर’’ या ‘‘लगभग’’ जैसे शब्द जोड़ें जिससे पता चले कि सामान्यीकरण एकदम सही नही है + +* **और सारे यहूदिया देश के, और यरूशलेम के सब रहनेवाले निकलकर उसके पास गए** (मरकुस 1:5 ULB) + + * और लगभग सारे यहूदिया देश के, और यरूशलेम के लगभग सब रहनेवाले निकलकर उसके पास गए + * और करीब सारे के सारे यहूदिया देश के, और यरूशलेम के करीब सब के सब रहनेवाले निकलकर उसके पास गए + +1. ‘‘सब’’, ‘‘हमेशा’’, ‘‘कोर्इ नही’’ या ‘‘कभी नही’’ का उपयोग करने वाले सामान्यीकरण में उन शब्दों को हटाने की कोशिश करें + + * और सारे यहूदिया देश के, और यरूशलेम के सब रहनेवाले निकलकर उसके पास गए (मरकुस 1:5 ULB) + * यहूदिया देश और यरूशलेम के लोग निकलकर उसके पास गए diff --git a/translate/figs-hyperbole/sub-title.md b/translate/figs-hyperbole/sub-title.md new file mode 100644 index 0000000..e401775 --- /dev/null +++ b/translate/figs-hyperbole/sub-title.md @@ -0,0 +1,4 @@ +अतिशयोक्ति क्या है? + +सामान्यीकरण क्या हैं? + diff --git a/translate/figs-hyperbole/title.md b/translate/figs-hyperbole/title.md new file mode 100644 index 0000000..4848b2b --- /dev/null +++ b/translate/figs-hyperbole/title.md @@ -0,0 +1,2 @@ +अतिशयोक्ति एवं सामान्यीकरण + diff --git a/translate/figs-hypo/01.md b/translate/figs-hypo/01.md new file mode 100644 index 0000000..b38bd34 --- /dev/null +++ b/translate/figs-hypo/01.md @@ -0,0 +1,82 @@ + +‘‘यदि सूरज चमकना बंद हो जाए’’, ‘‘यदि सूरज चमकना बन्द हो गया तो’’, ‘‘मान लो सूरज चमकना बंद हो गया’’ ‘‘यदि सूरज चमकना बंद नही होता तो’’। हम ऐसे कथनों का उपयोग कर, ऐसी सोचों के साथ, काल्पनिक माहौल खड़े करते हैं कि यदि ये हो गया तो क्या होगा, या ऐसे नही हुआ तो, या भविष्य में ऐसा नही हुआ तो इत्यादि। हम हमारे खेद या कामनाएँ प्रकट करते वक्त भी इनका उपयोग करते हैं। + +बाइबल में हम इसे अक्सर देख सकते हैं । हमें उनका अनुवाद इस प्रकार करना है जिससे लोगों को पता रहे कि वह घटना वास्तव में हुर्इ नही थी, परंतु मात्र एक कल्पना थी। + +### वर्णन + +काल्पनिक माहौल वास्तविक नही होते। वे भूत, वर्तमान और भविष्य में हो सकते हैं। भूत और वर्तमान के काल्पनिक माहौल कभी हुए नही हैं और भविष्य के कभी होंगे भी नही। कर्इ बार लोग शर्तों को बताते हैं और शर्तें पूरी न हों तो क्या हो सकता है, परंतु उन्हे पता है कि ये कभी नही हुर्इ हैं और कभी होंगी भी नही। (शर्तें ‘‘यदि’’ शब्द के साथ शुरू होने वाले कथन हैं) + +* यदि उसे पार्टी का पता होता, तो वह आ जाता (परंतु वह नही आया) +* यदि उसे पार्टी का पता होता, तो वह यहाँ होता (परंतु वह यहाँ नही है) +* यदि उसे पार्टी का पता होता, तो वह आ जाता (परंतु शायद वह नही आयेगा) + +लोग अक्सर चीजों के बारे में अपनी कामनाएँ प्रकट करते हैं जो कभी पूरी नही हुर्इं या शायद कभी पूरी न भी हों + +* काश वह आ जाता +* काश वह यहाँ होता +* काश वह आ जाए + +लोग अक्सर चीजों के बारे में अपने खेद प्रकट करते हैं जो कभी पूरी नही हुर्इं या शायद कभी पूरी न भी हों + +* यदि वह आ जाता तो +* यदि वह यहाँ होता तो +* यदि वह आ जाए + +### कारण यह अनुवाद की समस्या है + +* अनुवादकों को बाइबल में वर्णित विभिé प्रकार की अतिशयोक्तिपूर्ण परिस्थितियों की पहचान होनी चाहिए +* अनुवादकों को अपनी भाषा में विभिé प्रकार की अतिशयोक्तिपूर्ण परिस्थितियों को बताने के तरीकों की जानकारी होनी चाहिए + +### बाइबल से उदाहरण + +1. भूतकाल की अतिशयोक्तिपूर्ण परिस्थितियाँ + +>‘‘हाय, खुराजीन! हाय, बैतसैदा! जो सामर्थ के काम तुम में किए गए, यदि वे सूर और सैदा में किए जाते, तो टाट ओढ़कर, और राख में बैठकर, वे कब से मन फिरा लेते’’ (मत्ती 11:21 ULB) + +यहाँ मत्ती 11:21 में यीशु कह रहे हैं कि सूर और सैदा के प्राचीन नगरों में रहने वाले लोग यदि उसके द्वारा किए गए चमत्कारों को देख लेते तो कब से मन फिरा लेते। वास्तव में, सूर और सैदा के लोगों ने चमत्कारों को देखा ही नही था कि मन नही फिराते। उसने खूराजीन और बैतसैदा को डाँटते हुए यह कहा जिन्होने चमत्कारों को देखा था परंतु मन नही फिराया। + +>मार्था ने यीशु से कहा, ‘‘हे प्रभु, यदि तू यहां होता, तो मेरा भार्इ कदापि न मरता’’ (युहन्ना 11:21 ULB) + +मार्था ने यीशु से अपनी कामना व्यक्त करने के लिए यह कहा कि काश वह पहले आ जाता। परंतु वह पहले नही आया, और उसका भार्इ मर गया। + +1. वर्तमान की अतिशयोक्तिपूर्ण परिस्थितियाँ + +>कोर्इ भी नया दाखरस पुरानी मशकों में नही भरता यदि नहीं, तो नया दाखरस मशकों को फाड़कर बह जाएगा, और मशकें भी नाश हो जाएंगी (लूका 5:37 ULB) + +यीशु कह रहे हैं कि यदि कोर्इ भी नया दाखरस पुरानी मशकों में भरता है तो क्या होता है। परंतु कोर्इ ऐसा करता नही है। वह यह साबित करने के लिए एक काल्पनिक तश्वीर का उपयोग कर रहे हैं कि कर्इ बार पुरानी के साथ नर्इ चीजों को मिलाना बुद्धिमता नही होती है। उसने लोगों को यह समझाने के लिए यह कहा कि चेले दूसरे धार्मिक लोगों की तरह उपवास क्यों नही करते हैं। + +>उसने उनसे कहा, ‘‘तुममें ऐसा कौन है, यदि उसके पास एक भेड़ हो, और वह सब्त के दिन गड़हे में गिर जाए, तो वह उसे पकड़कर न निकाले? (मत्ती 12:11 ULB) + +यीशु धार्मिक अगुवों से पूछ रहे थे कि यदि सब्त के दिन उनकी भेड़ गड़हे में गिर पड़े तो वो क्या करेंगे । वह यह नही कह रहे थे उनकी भेड़ गड़हे में गिर पड़ी थी। वह यह दिखाने के लिए एक काल्पनिक तश्वीर का उपयोग किया कि सब्त के दिन हुर्इ चंगार्इ पर प्रश्न उठाकर वे गलत कार्य कर रहे थे। + +1. भविष्य की अतिशयोक्तिपूर्ण परिस्थितियाँ + +>और यदि वे दिन घटाए न जाते, तो कोर्इ प्राणी न बचता; परन्तु चुने हुओं के कारण वे दिन घटाए जाएंगे (मत्ती 24:22 ULB) + +यीशु मसीह भविष्य की बात रहे थे जब बुरी घटनाएँ होंगीं । उसने यह बताया कि यदि वे लंबे होते तो क्या हो सकता था। उसने यह दिखाने के लिए कहा कि वे बुरे दिन, इतने अधिक बुरे होंगे कि यदि घटाए नही जाते तो कोर्इ भी नही बचता । और फिर उसने स्पष्ट किया कि परमेश्वर उन कष्ट के दिनों को घटाएगा, जिससे कि चुने हुए बचाए जाएँ + +1. अतिशयोक्तिपूर्ण परिस्थितियों के बारे में भावनाओं को प्रकट करना। खेद एवं कामनाएँ समान लगती हैं + +>‘‘और इस्राएली उन से कहने लगे, कि जब हम मिस्र देश में मांस की हांडियों के पास बैठकर मनमाना भोजन खाते थे, तब यदि हम यहोवा के हाथ से मार डाले भी जाते तो उत्तम वही था; पर तुम हम को इस जंगल में इसलिये निकाल ले आए हो कि इस सारे समाज को भूखों मार डालो’’ (निर्गमन 16:3 ULB) + +यहाँ इस्राएली उरे हुए हैं कि उन्हे जंगल में कष्ट सहना और भूख से मरना पड़ेगा, इसलिए उनकी कामना थी कि यदि वे मिस्र में ही रह जाते और भरे पेट मर सकते थे। वे शिकायत कर रहे थे, खेद प्रकट कर रहे थे कि ऐसा नही हुआ + +>मैं तेरे कामों को जानता हूं कि तू न तो ठंडा है और न गर्म: भला होता कि तू ठंडा या गर्म होता! (प्रकाशितवाक्य 3:5 ULB) + +यीशु ने कामना की कि यदि लोग ठंडे या गर्म होते, परंतु वे वैसे नही थे। वह उन्हे डाँट रहा था, क्रोध प्रकट कर रहा था। + +### अनुवाद रणनीतियाँ + +जानें कि आपकी भाषा को बोलने वाले लोग किस प्रकार निम्न बातें प्रकट करते हैं: + +* कुछ होना था, परंतु नही हुआ +* कुछ सच होता, परंतु अब नही है +* भविष्य में कुछ होता, परंतु तब तक नही होगा, जब तक कि कुछ बदले नही +* उसने कुछ कामना ही, परंतु हुआ नही +* उन्हे खेद है कि कुछ हुआ नही + +इन चीजों को प्रकट करने के लिए अपनी भाषा के तरीकों का इस्तेमाल करें। + +आप ये वीडियो भी देख सकते हैं: http://ufw.io/figs_hypo । + diff --git a/translate/figs-hypo/sub-title.md b/translate/figs-hypo/sub-title.md new file mode 100644 index 0000000..b1bf032 --- /dev/null +++ b/translate/figs-hypo/sub-title.md @@ -0,0 +1,2 @@ +काल्पनिक हालात क्या हैं? + diff --git a/translate/figs-hypo/title.md b/translate/figs-hypo/title.md new file mode 100644 index 0000000..c755d9b --- /dev/null +++ b/translate/figs-hypo/title.md @@ -0,0 +1,2 @@ +अतिशयाक्ति हालात + diff --git a/translate/figs-idiom/01.md b/translate/figs-idiom/01.md new file mode 100644 index 0000000..8f1b2d2 --- /dev/null +++ b/translate/figs-idiom/01.md @@ -0,0 +1,82 @@ + +मुहावरा शब्दों के समूह से बना अलंकार का एक तरीका है जिसका संपूर्ण अर्थ एक एक शब्द के अर्थ से बिल्कुल अलग होता है। एक संस्कृति के बाहर वाला व्यक्ति उन मुहावरों को तब तक नही समझा सकता, जब तक कि संस्कृति के अंदर वाला व्यक्ति उसे समझाए नही। हर भाषा मुहावरों का उपयोग करती है। + +कुछ अंग्रेजी के उदाहरण निम्न है: + +* यू आर पुलिंग मार्इ लेग (इसका अर्थ है, ‘‘तुम झूठ बोल रहे हो’’) +* डू नॉट पुश दि एनवेलप (इसका अर्थ है, ‘‘किसी बात को ऊपर त कमत लेकर जाओ’’) +* दिस वाटर इस अंडर वाटर (इसका अर्थ है, ‘‘इस घर पर लिया गया कर्जा इसकी कीमत से अधिक है’’) +* वी आर पैंटिंग दि टाऊन रेड (इसका अर्थ है, ‘‘तुम आज रात शहर में बहुत आनंद लेने जा रहे हो’’) + +### वर्णन + +मुहावरा एक वाक्य है जिसका, उस भाषा या संस्कृति के लोगों में विशेष अर्थ होता है। उससका संपूर्ण अर्थ उसके एक एक शब्द के अर्थ से बिल्कुल अलग होता है जिनकी मदद से वह वाक्य बनता है। + +> उसने यरूशलेम की ओर अपना मुख किया (लूका 9:51 ULB) + +‘‘अपना मुख किया’’ एक मुहावरा है जिसका अर्थ है ‘‘निर्णय लिया’’। कर्इ बार लोग दूसरी संस्कृति के मुहावरों को समझ सकते हैं परंतु उसका अर्थ बताना उनके लिए कठिन हो सकता है + +>मैं इस योग्य नहीं, कि तू मेरी छत के तले आए (लूका 7:6 ULB) + +‘‘तू मेरी छत तले आए’’ एक मुहावरा है जिसका अर्थ है ‘‘घर में आए’’ + +>ये बातें तुम्हारे कानों में पड़ी रहें (लूका 9:44 ULB) + +इस मुहावरे का अर्थ है ‘‘ध्यान से सुनें और मेरी बातों को याद रखें’’ + +**उद्देश्य** + +एक संस्कृति में शायद एक मुहावरा तब बनता है जब कोर्इ किसी कार्य को असामान्य तरीके से बताता है। परंतु, जब यह असामान्य तरीका संदेश को पूरे बल के साथ बताता है और लोगों को स्पष्ट समझ में आता है तो लोग इसका उपयोग शुरू कर देते हैं। कुछ समय के बाद, उस भाषा में बातचीत का यह तरीका सामान्य हो जाता है + +### कारण यह अनुवाद की समस्या है + +* लोग बाइबल की मूल भाषा के मुहावरों का गलत अर्थ निकाल सकते हैं यदि उस संस्कृति का ज्ञान नही है जिसमें बाइबल तैयार हुर्इ है +* लोग स्रोत बाइबल की भाषा के मुहावरों का गलत अर्थ निकाल सकते हैं यदि उस संस्कृति का ज्ञान नही है जिसमें वे अनुवाद तैयार हुए हैं +* मुहावरों को आक्षरिक अनुवाद (एक एक शब्द का अर्थ बताना) व्यर्थ होगा यदि श्रोता को उसका अर्थ समझ नही आ रहा है + +### बाइबल से उदाहरण + +> तब सब इस्राएली दाऊद के पास हेब्रोन में इकट्ठे होकर कहने लगे, ‘‘सुन, हम लोग और तू एक ही हड्डी और मांस हैं’’ (1 इतिहास 11:1 ULB) + +इसका अर्थ है, ‘‘हम और तुम एक वंश, एक परिवार के हैं’’ + +>परंतु इस्राएली तो बेखटके निकले चले जाते थे (निर्गमन 14:8 ULB) + +इसका अर्थ है, ‘‘इस्राएली निडर होकर चले जाते थे’’ + +> मेरे मस्तिष्क का ऊंचा करनेवाला है। (भजन संहिता 3:3 ULB) + +इसका अर्थ है, ‘‘मेरी मदद करने वाला’’ + +### अनुवाद रणनीतियाँ + +यदि आपकी भाषा में मुहावरों का उपयोग सामान्य है तो उनका उपयोग करें । अन्यथा, निम्नलिखित कुछ विकल्प हैं + +1. मुहावरे के उपयोग के बगैर ही साफ अर्थ लिखें +1. उसी अर्थ को बताने वाले, आपकी भाषा में उपयोग किये जाने वाले मुहावरों का इस्तेमाल करें + +### अनुवाद रणनीतियों के प्रयोग के उदाहरण + +1. मुहावरे के उपयोग के बगैर ही साफ अर्थ लिखें + +* **तब सब इस्राएली दाऊद के पास हेब्रोन में इकट्ठे होकर कहने लगे, ‘‘सुन, हम लोग और तू एक ही हड्डी और मांस हैं’’** (1 इतिहास 11:1 ULB) + + * ... देखो, हम सब एक राष्ट्र के लोग हैं + +* **उसने यरूशलेम की ओर अपना मुख किया** (लूका 9:51 ULB) + + * उसने यरूशलेम पहुँचने के लिए उसकी ओर यात्रा शुरू कर दी + +* **मैं इस योग्य नहीं, कि तू मेरी छत के तले आए ** (लूका 7:6 ULB) + + * मैं इस योग्य नहीं, कि तू मेरे घर में आए + +1. उसी अर्थ को बताने वाले, आपकी भाषा में उपयोग किये जाने वाले मुहावरों का इस्तेमाल करें + +* **ये बातें तुम्हारे कानों में पड़ी रहें** (लूका 9:44 ULB) + + * ये सारी बातें सुनने के लिए सब कुछ सब कान बन जाएँ + +* **’’मेरी आंखें शोक से बैठी जाती हैं** (भजन संहिता 6:7 ULB) + + * रो रोकर मेरी आँखें निकल आर्इ हैं diff --git a/translate/figs-idiom/sub-title.md b/translate/figs-idiom/sub-title.md new file mode 100644 index 0000000..9acce6f --- /dev/null +++ b/translate/figs-idiom/sub-title.md @@ -0,0 +1,2 @@ +मुहावरे क्या हैं और मैं उनका अनुवाद कैसे करूँ? + diff --git a/translate/figs-idiom/title.md b/translate/figs-idiom/title.md new file mode 100644 index 0000000..822cd25 --- /dev/null +++ b/translate/figs-idiom/title.md @@ -0,0 +1,2 @@ +मुहावरे + diff --git a/translate/figs-imperative/01.md b/translate/figs-imperative/01.md new file mode 100644 index 0000000..2d665e4 --- /dev/null +++ b/translate/figs-imperative/01.md @@ -0,0 +1,69 @@ + +### वर्णन + +आदेशात्मक वाक्य अपनी एक इच्छा अथवा जरूरत को दिखाने के लिए किया जाता है कि कोर्इ कुछ करके दे। कर्इ बार, बाइबल में आदेशात्मक वाक्यों के अन्य उपयोग भी होते हैं। + +### कारण यह अनुवाद की समस्या है + +कुछ भाषाओं में, बाइबल में उपयोग किए किए गए कुछ कार्यों के लिए आदेशात्मक वाक्यों का उपयोग नही होता है। + +### बाइबल से उदाहरण + +अक्सर वक्तागण श्रोताओं को कुछ करने के लिए कहने को आदेशात्मक वाक्यों का उपयोग करे हैं। उत्पति 26 में, परमेश्वर इसहाक को मिस्र में नही, परंतु जहाँ वह कहे, वहाँ जाकर रहने को कहता है। + +> वहाँ यहोवा ने उसको दर्शन देकर कहा, मिस्र में मत जा; जो देश मैं तुझे बताऊँ, उसी में रह। (उत्पति 26:2 ULB) + +कर्इ बार, बाइबल में आदेशात्मक वाक्यों के अन्य उपयोग भी होते हैं। + +### आदेश जो चीजों को पूरा करवाते हैं + +परमेश्वर आदेश के द्वारा चीजों को पूरी करवा सकता है और वे होती हैं। यीशु ने एक व्यक्ति को चंगा होने का आदेश देकर चंगा किया। वह व्यक्ति आदेश का पालन करने के लिए कुछ भी नही कर सकता था, परंतु यीशु ने आदेश देकर उस व्यक्ति की चंगार्इ को पूरा किया (’’शुद्ध हो’’ का अर्थ है ‘‘चंगा हो’’) + +> मैं चाहता हूँ, तू शुद्ध हो जा’’ और वह तुरन्त कोढ़ से शुद्ध हो गया (मत्ती 8:3 ULB) + +उत्पति 1 में परमेश्वर ने आदेश दिया कि रोशनी हो, और आज्ञा देने की वजह से ऐसा हो गया। कुछ भाषाओं जैसे बाइबल की भाषा इब्री में, कुछ आदेशों को तृतीय पुरूष रूप में दिया जाता है। अंग्रेजी में ऐसा नही है, इसीलिए ULB के समान, तृतीय पुरूष रूप को द्वितीय पुरूष में बदलना जरूरी है। + +> परमेश्वर ने कहा, उजियाला हो: तो उजियाला हो गया (उत्पत्ति 1:3 ULB) + +तृतीय पुरूष रूप का उपयोग करने वाली भाषाएँ मूलभूत इब्री भाषा की तरह कार्य कर सकती हैं जो निम्न प्रकार का अनुवाद करती हैं, ‘‘रोशनी को अवश्य उत्पé होना है’’ + +### आदेशात्मक वाक्य जो आशीषों के रूप में कार्य करते हैं + +बाइबल में, परमेश्वर लोगों को आदेशात्मक तरीके का उपयोग कर आशीष दे सकता है। इससे पता चलता है कि उनके लिए उसकी इच्छा क्या है। + +> परमेश्वर ने उनको आशीष दी और उनसे कहा, फूलो-फलो, और पृथ्वी में भर जाओ, और उसको अपने वश में कर लो; और समुद्र की मछलियों, तथा आकाश के पक्षियों, और पृथ्वी पर रेंगनेवाले सब जन्तुओ पर अधिकार रखो।’’ + +### आदेशात्मक वाक्य जो शर्तों के रूप में कार्य करते हैं + +आदेशात्मक वाक्यों का उपयोग उन शर्तो को बताने के लिए भी किया जा सकता है जिसके तहत कोर्इ चीज पूरी होगी। यह कहावत जीवन और चीजों के बारे में वे बातें बताती है जो अक्सर हुआ करती हैं। + +नीचे लिखे नीतिवचन 4:6 का उद्देश्य एक आदेश देना नही है, परंतु सिखाना है कि ‘‘यदि’’ लोग बुद्धि से प्रेम से करें तो किस बात की प्रतीक्षा कर सकते हैं। + +> बुद्धि को न छोड़, वह तेरी रक्षा करेगी; उस से प्रीति रख, वह तेरा पहरा देगी +> उस से प्रीति रख, वह तेरा पहरा देगी (नीतिवचन 4:6 ULB) + +नीचे लिखे नीतिवचन 22:6 का उद्देश्य एक आदेश देना नही है, परंतु सिखाना है कि ‘‘यदि’’ लोग बुद्धि से प्रेम से करें तो किस बात की प्रतीक्षा कर सकते हैं: + +> लड़के को शिक्षा उसी मार्ग की दे जिस में उसको चलना चाहिये +> और वह बुढ़ापे में भी उस से न हटेगा (नीतिवचन 22:6 ULB) + +### अनुवाद रणनीतियाँ + +1. यदि लोग बाइबल के किसी एक कार्य के लिए आदेशात्मक वाक्यों का उपयोग नही करते हैं तो उसके बदले में एक कथन का उपयोग करें +1. यदि लोगों को समझ नही आ रहा है कि कथन का उपयोग किसी चीज के होने को दर्शाने के लिए किया गया है, तो ‘‘ताकि’’ जैसे शब्द को जोड़ें जिससे हुर्इ घटना के परिणाम को पहचाना जा सके +1. यदि लोग आदेश को शर्त के रूप में नही समझ सकते हैं, तो उसे ‘‘यदि’’ और ‘‘तब’’ के साथ जोड़कर अनुवाद करें + +### अनुवाद रणनीतियों के प्रयोग के उदाहरण + +1. यदि लोग बाइबल के किसी एक कार्य के लिए आदेशात्मक वाक्यों का उपयोग नही करते हैं तो उसके बदले में एक कथन का उपयोग करें + +* **शुद्ध हो** (मती 8:3 ULB) + + * ‘‘अब तुम शद्ध हो’’ + * मैं तुम्हे शुद्ध करता हूँ’’ + +* **परमेश्वर ने कहा, उजियाला हो तो उजियाला हो गया** (उत्पत्ति 1:3 ULB) + + * परमेश्वर ने कहा, अब उजियाला है और वहाँ उजियाला था + +* **परमेश्वर ने उनको आशीष दी और कहा, फूलो फलो, पृथ्वी में भर जाओ, उसको अपने वश में कर लो; और समुद्र की मछलियों, आकाश के पक्षियों, रेंगनेवाले सब जन्तुओ पर अधिकार रखो।** (उत्पत्ति 1:3 ULB) diff --git a/translate/figs-imperative/sub-title.md b/translate/figs-imperative/sub-title.md new file mode 100644 index 0000000..1b41ae1 --- /dev/null +++ b/translate/figs-imperative/sub-title.md @@ -0,0 +1,2 @@ +बाइबल के आदेशात्मक वाक्यों के अन्य उपयोग क्या हैं? + diff --git a/translate/figs-imperative/title.md b/translate/figs-imperative/title.md new file mode 100644 index 0000000..5257b9e --- /dev/null +++ b/translate/figs-imperative/title.md @@ -0,0 +1,2 @@ +आदेशात्मक - अन्य उपयोग + diff --git a/translate/figs-inclusive/01.md b/translate/figs-inclusive/01.md new file mode 100644 index 0000000..07888a3 --- /dev/null +++ b/translate/figs-inclusive/01.md @@ -0,0 +1,24 @@ + +### वर्णन + +कुछ भाषाओं में ‘‘हम’’ के कर्इ रूप हैं: **सम्मिलित** रूप जिसका अर्थ है ‘‘मैं एवं तुम’’ एवं **विशिष्ट** रूप जिसका अर्थ है ‘‘मैं एवं कोर्इ और, तुम नही’’। यह सम्मिलित रूप उस व्यक्ति को जिससे बोला जा रहा है, एवं कुछ और को भी शामिल करता है। ‘‘हम’’ ‘‘हमें’’ और ‘‘हम स्वयं’’ में भी यही सच है। कुछ भाषाओं में इन सबके लिए सम्मिलित एवं विशिष्ट रूप होते हैं। + +तश्वीर देखें: + +दाहिनी ओर खड़े लोग वे हैं जिनसे वक्ता बोल रहा है। पीला रंग दिखाता है कि कौनसा ‘‘हम’’ सम्मिलित है और कौनसा विशिष्ट। + +![](https://cdn.door43.org/ta/jpg/vocabulary/we_us_inclusive.jpg) + +![](https://cdn.door43.org/ta/jpg/vocabulary/we_us_exclusive.jpg) + +**कारण यह अनुवाद की समस्या है** - बाइबल को सर्वप्रथम इब्री, अरामी और यूनानी भाषा मे लिखा गया था। अंग्रेजी की तरह, इन भाषाओं में ‘‘हम’’ के लिए अलग सम्मिलित अथवा विशिष्ट रूप नही हैं। जिन भाषाओं में ‘‘हम’’ के लिए अलग सम्मिलित अथवा विशिष्ट रूप हैं, उनके अनुवादकों को समझना है कि वक्ता क्या कहना चाहता है जिससे कि वे उसके अनुसार ‘‘हम’’ के रूप को लिख सकें। + +### बाइबल से उदाहरण + +>... गड़ेरियों ने आपस में कहा, आओ, हम बैतलहम जाकर यह बात जो हुर्इ है, और जिसे प्रभु ने हमें बताया है, देखें (लूका 2:15 ULB) + +चरवाहे एक दूसरे से बात कर रहे थे। जब उन्होने ‘‘हम’’ कहा तो उनमें वे सब शामिल थे जिनसे वे बात कर रहे थे। + +>फिर एक दिन वह और उसके चेले नाव पर चढ़े, और उसने उनसे कहा; कि आओ हम, झील के पार चलें। सो उन्होंने नाव खोल दी। (लूका 8:22 ULB) + +जब यीशु ने ‘‘हम’’ कहा तो वे अपनी ओर एवं चेलों की ओर इशारा कर रहे थे जिनसे वे बात कर रहे थे। diff --git a/translate/figs-inclusive/sub-title.md b/translate/figs-inclusive/sub-title.md new file mode 100644 index 0000000..a63d9e0 --- /dev/null +++ b/translate/figs-inclusive/sub-title.md @@ -0,0 +1,2 @@ +संपूर्ण ‘‘हम’’ क्या है? + diff --git a/translate/figs-inclusive/title.md b/translate/figs-inclusive/title.md new file mode 100644 index 0000000..80d00d6 --- /dev/null +++ b/translate/figs-inclusive/title.md @@ -0,0 +1,2 @@ +अंतर्निहित ‘‘हम’’ + diff --git a/translate/figs-informremind/01.md b/translate/figs-informremind/01.md new file mode 100644 index 0000000..e7cda3c --- /dev/null +++ b/translate/figs-informremind/01.md @@ -0,0 +1,77 @@ + +कुछ भाषाएँ एक शब्द या कथन को संज्ञा के साथ इस्तेमाल कर, उस संज्ञा की सूचना दे सकती और लोगों को उसके बारे में कुछ याद दिला सकती है। + +* मरियम ने अपनी बहन को थोड़ा भोजन दिया, जो बहुत ही धन्यवादी थी + +‘‘बहुत ही धन्यवादी’’ कथन बहन के बाद में आता है जो हमें बताता है कि जब मरियम ने अपनी बहन को भोजन दिया तो उसकी प्रतिक्रिया कैसी रही। इस मामले में, यह इस बहन को मरियम की किसी और बहन से अलग नही करता है। यह सिर्फ उस बहन के बारे में अतिरिक्त जानकारी देता है। + +### वर्णन + +कुछ भाषाएँ एक शब्द या कथन को संज्ञा के साथ इस्तेमाल कर, उस संज्ञा की सूचना दे सकती और लोगों को उसके बारे में कुछ याद दिला सकती है। + +* मरियम ने अपनी बहन को थोड़ा भोजन दिया, जो बहुत ही धन्यवादी थी + +‘‘बहुत ही धन्यवादी’’ कथन बहन के बाद में आता है जो हमें बताता है कि जब मरियम ने अपनी बहन को भोजन दिया तो उसकी प्रतिक्रिया कैसी रही। इस मामले में, यह इस बहन को मरियम की किसी और बहन से अलग नही करता है। + +**लोग इसे क्यों उपयोग करते हैं?** लोग इसका उपयोग अक्सर याद करवाने अथवा नर्इ जानकारी देने के हल्के तरीके के रूप में करते हैं। इसके द्वारा वे अपने श्रोताओं का ध्यान उनके द्वारा कही जाने वाली बातों से अलग, किसी और बात की ओर लगाने के लिए करते हैं। उपरोक्त उदाहरण में, वक्ता मरियम के कार्य पर ध्यान लगवाना चाहता है, उसकी बहन की प्रतिक्रिया पर नही + +* **कारण यह अनुवाद की समस्या है** भाषाएँ विभिé तरीकों से अपनी बात को लोगों की ओर पहुँचाती है कि श्रोताओं का ध्यान खींच सके + +### अनुवाद के सिद्धांत + +* यदि आपकी भाषा संज्ञा के साथ किसी शब्द या कथन का इस्तेमाल नही करती है, तो आपको वह सूचना कथन के किसी और भाग में डालनी होगी +* इसे हल्के से बताने का प्रयास करें +* स्वयं से पूछें: + +हमारी भाषा में, मैं किसी सूचना सबसे अच्छे तरीके से कैसे बताऊँ, या हल्के से कैसे बताऊँ? + +### बाइबल से उदाहरण + +> और तीसरी नदी का नाम हिद्देकेल् है, यह वही है जो अश्शूर् के पूर्व की ओर बहती है (उत्पत्ति 2:14 ULB) + +हिद्देकेल नदी केवल एक है । ‘‘जो अश्शूर से बहती है’’ कथन इस बात को बताता है कि हिद्देकेल नदी कहाँ थी । यह बात मूल श्रोताओं के लिए लाभदायक थी क्योंकि उन्हे पता था कि अश्शुर कहाँ था । + +>मै मनुष्य को जिसकी मैने सृष्टि की है पृथ्वी के ऊपर से मिटा दूंगा (उत्पत्ति 6:7 ULB) + +‘‘जिसकी मै ने सृष्टि की है’’ कथन परमेश्वर और मनुष्यस के बीच के रिश्ते को याद दिलाता है। और इसीलिए परमेश्वर के पास मनुष्य को मिटा डालने का भी अधिकार था । + +> मैं नोप में से मूल्यहीन मूरतों को नाश करूंगा । (यहेजकेल 30:13 ULB) + +सारी मूरतें मूल्यहीन हैं। और इसीलिए परमेश्वर उनका नाश करेगा + +> क्योंकि तेरे धर्मी नियम उत्तम हैं (भजन संहिता 119:39 ULB) + +परमेश्वर के सभी नियम उत्तम हैं। और इसीलिए इसको लिखने वाला भजनकार कहता है कि ये उत्तम हैं। + +### अनुवाद रणनीतियाँ + +यदि लोग संज्ञा के साथ इस्तेमाल किए गए कथन का उद्देश्य समझ सकते हैं, तो उस संज्ञा एवं उस कथन का एक साथ उपयोग करें। यदि नही, तो यहाँ कुछ रणनीतियाँ लिखी हैं जो बताती हैं कि कथन का उपयोग सूचना या याद कराने के लिए किया गया है। + +1. सूचना को वाक्य के किसी और भाग में डालें और उसके मकसद को प्रकट करने वाले शब्दों का उपयोग करें +1. अपनी भाषा में सूचना को बताने के किसी हल्के तरीके का उपयोग करें। शायद किसी छोटे शब्द को जोड़कर, या शब्द की आवाज को बदलकर। कर्इ बार, अल्पविराम या कोष्ठक जैसे शब्दों का उपयोग कर, आवाज में बदलाव को प्रकट किया जा सकता है। + +### अनुवाद रणनीतियों के प्रयोग के उदाहरण + +1. सूचना को वाक्य के किसी और भाग में डालें और उसके मकसद को प्रकट करने वाले शब्दों का उपयोग करें + +* **जो व्यर्थ मूरतों पर मन लगाते हैं, उनसे मैं घृणा करता हूँ।** (भजन संहिता 31:6 ULB) - व्यर्थ मूरतों के उल्लेख से, दाऊद सारी मूरतों के बारे में कह रहा है और उसकी सेवा करने वालों से अपनी घृणा का कारण बता रहा है। यह व्यर्थ मूरतों और मूल्यवान मूरतों का अंतर नही बता रहा है + + * चूँकि तुम्हारी मूरतें व्यर्थ हैं उनसे मैं घृणा करता हूँ जो उन पर मन लगाते हैं + +* **क्योंकि तेरे नियम उत्तम हैं** (भजन संहिता 119:39 ULB) + + * तेरे नियम उत्तम हैं क्योंकि वे धर्मी हैं + +* **क्या सारा जो नब्बे वर्ष की है पुत्र जनेगी?** (उत्पत्ति 17:17-18 ULB) - ‘‘जो नब्बे वर्ष की है’’ कथन सारा की उम्र को याद दिलाने के लिए है । यह बताता है कि अब्रहाम प्रश्न क्यों पूछ रहा था। वह सोच भी नही सकता था कि उस उम्र वाली स्त्री, बच्चे को जन्म दे सकती है। + + * क्या सारा अब भी पुत्र जनेगी, जब वह नब्बे वर्ष की है पुत्र जनेगी? + +* **मैं यहोवा को जो स्तुति के योग्य है पुकारूंगा** (2 शमूएल 22:4 ULB) - यहोवा केवल एक है। ‘‘जो स्तुति के योग्य’’ कथन यहोवा को पुकारने की वजह बताता है + + * ‘‘मैं यहोवा को पुकारूँगा, क्योंकि वह स्तुति के योग्य है’’ + +1. अपनी भाषा में सूचना को बताने के किसी हल्के तरीके का उपयोग करें + +* **और तीसरी नदी का नाम हिद्देकेल् है, यह वही है जो अश्शूर् के पूर्व की ओर बहती है।** (उत्पत्ति 2:14 ULB) + + * तीसरी नदी का नाम हिद्देकेल् है। यह अश्शूर् के पूर्व की ओर बहती है। diff --git a/translate/figs-informremind/sub-title.md b/translate/figs-informremind/sub-title.md new file mode 100644 index 0000000..4d7a644 --- /dev/null +++ b/translate/figs-informremind/sub-title.md @@ -0,0 +1,2 @@ +जब कथनों का उपयोग संज्ञा के साथ किया जाता है तो सूचना देने या याद दिलाने वाले कथन कौनसे होते हैं और मैं उनका अनुवाद कैसे करूँ? + diff --git a/translate/figs-informremind/title.md b/translate/figs-informremind/title.md new file mode 100644 index 0000000..a92a1cb --- /dev/null +++ b/translate/figs-informremind/title.md @@ -0,0 +1,2 @@ +सूचना देने अथवा याद दिलाने वाले कथन + diff --git a/translate/figs-infostructure/01.md b/translate/figs-infostructure/01.md new file mode 100644 index 0000000..c22661b --- /dev/null +++ b/translate/figs-infostructure/01.md @@ -0,0 +1,70 @@ + +### वर्णन + +विभिé भाषाएँ वाक्यों के भागों को विभिé प्रकार से क्रमबद्ध करती हैं। अंग्रेजी में, आम तौर पर, पहले संज्ञा, फिर क्रिया, फिर कर्म, और विशेषण, इत्यादि होता है। + +**पतरस ने कल अपने घर की रंगार्इ की** + +कर्इ सारी भाषाएँ इस वाक्य को कर्इ तरीके से लिखती हैं, जैसे: + +**रंगार्इ की, कल, पतरस ने अपने घर की** + +यद्यपि सभी भाषाओं में वाक्यों के भागों के आम क्रम हैं, वक्ता के द्वारा दी जाने वाली सूचना के आधार पर यह क्रम बदल सकता है जिसे वक्ता अधिक जरूरी समझता है। मान लो कि कोर्इ ये प्रश्न पूछे? ‘‘पतरस ने कल क्या रंगार्इ की?’’ + +व्यक्ति उपर के कथन में लिखी हर सूचना को जानता है, एक को छोड़कर ‘‘अपना घर’’। अत: यह शब्द सूचना का महत्वपूर्ण भाग बन जाता है और अंग्रेजी में उत्तर देने वाला कह सकता है: + +**अपने घर की पतरस ने रंगार्इ की (कल)** + +इसमें महत्वपूर्ण सूचना पहले स्थान पर है जो अंग्रेजी में आम तरीका है। दूसरी कुछ भाषाओं में शायद महत्वपूर्ण सूचना को अंत में डाला जाए। एक लेख के बहाव में, सबसे महत्वपूर्ण सूचना को अक्सर लेखक पाठकों के लिए नर्इ सूचना के रूप में लेता है। कुछ भाषाओं में महत्वपूर्ण सूचना पहले आती है, तो कुछ में इन्हे अंत में डाला जाता है। + +### कारण यह अनुवाद की समस्या है + +* विभिé भाषाएँ वाक्यों के भागों को विभिé प्रकार से क्रमबद्ध करती हैं। यदि अनुवादक स्रोत में से वाक्य के भाग को कॉपी करता है तो शायद उसकी भाषा में उसका कोर्इ अर्थ नही निकले। +* विभिé भाषाएँ नयी या महत्वपूर्ण सूचनाओं को वाक्यों के विभिé भागों में दिखाती हैं। यदि अनुवादक स्रोत की ही तरह उस नर्इ या महत्वपूर्ण सूचना को उसी स्थान पर रखे तो उसकी भाषा में उसका गलत अर्थ निकल सकता है या लोगों को समझ ही नही आए। + +### बाइबल से उदाहरण + +>और सब खाकर तृप्त हो गए। (मरकुस 6:42 ULB) + +मूल यूनानी भाषा में इस वाक्य के भागों को अलग क्रम में लिखा गया था । वे इस प्रकार थे: + +* और सबने खाया और वे तृप्त हुए। अंग्रेजी में, इसका अर्थ लगता है कि लोगों ने सब कुछ खा लिया। परंतु अगला आयत कहता है कि उन्होने टुकड़ों से भरी बारह टोकरियाँ इकट्ठी कीं। + +इस संदेह को दूर करने के लिए, ULB के अनुवादकों ने अंग्रेजी में इस सही क्रम में डाल दिया + +> ‘‘जब दिन ढलने लगा, तो बारहों ने आकर उससे कहा, भीड़ को विदा कर, कि चारों ओर के गांवों और बस्तियों में जाकर टिकें, और भोजन का उपाय करें, क्योंकि हम यहां सुनसान जगह में हैं’’ (लूका 9:12 ULB) + +इस आयत में, चेलों के द्वारा यीशु को कर्इ गर्इ बात को महत्वपूर्ण सूचना के तौर पर पहले डाला गया है - कि वह भीड़ को विदा करे। परंतु उन भाषाओं में जहाँ महत्वपूर्ण बातों को अंत में लिखा जाता है, लोग यह समझ सकें कि उनके द्वारा दिया गया कारण -यह सुनसान जगह है- एस वाक्य की सबसे महत्वपूर्ण सूचना है। वे शायद यह सोचने लगें कि चेले वहाँ सुनसान जगह की आत्माओं से डरे हुए थे और लोगों को भोजन लेने के लिए विदा करना, आत्माओं से बचाने का सही तरीका था। यह गलत संदेश है। + +> हाय, तुम पर; जब सब मनुष्य तुम्हें भला कहें, क्योंकि उनके बाप-दादे झूठे भविष्यद्वक्ताओं के साथ भी ऐसा ही किया करते थे। (लूका 6:26 ULB) + +इस आयत में, सूचना का सबसे महत्वपूर्ण भाग पहले लिखा है - ‘‘हाय’’ लोगों के किए पर कहा जा रहा है। उस चेतावनी की मदद करने वाला भाग अंत में आता है। यह उन लोगों को संदेह में डाल सकता है जिनकी भाषा में महत्वपूर्ण सूचनाओं को अंत में डाला जाता है। + +### अनुवाद रणनीतियाँ + +1. अध्ययन करें कि आपकी भाषा में वाक्य के भागों को कैसे क्रमबद्ध किया जाता है और अपने अनुवाद में उसका उपयोग करें +1. अध्ययन करें कि आपकी भाषा में सबसे महत्वपूर्ण सूचनाओं को किस स्थान पर रखा जाता है और सूचनाओं के क्रम को उस प्रकार बदलें जिस प्रकार उन्हे आपकी भाषा में क्रमबद्ध किया जाता है + +### अनुवाद रणनीतियों के प्रयोग के उदाहरण + +1. अध्ययन करें कि आपकी भाषा में वाक्य के भागों को कैसे क्रमबद्ध किया जाता है और अपने अनुवाद में उसका उपयोग करें + +* वह वहां से निकलकर, आया अपने देश में, और वे पीछे हो लिए, उसके चेले (मरकुस 6:1 ULB) + +यह आयत मूल यूनानी भाषा के क्रम में लिखा है। ULB ने अंग्रेजी में इसे आम क्रम में लिखा है + +> वह वहां से निकलकर अपने देश में आया, और उसके चेले उसके पीछे हो लिए (मरकुस 6:1 ULB) + +1. अध्ययन करें कि आपकी भाषा में सबसे महत्वपूर्ण सूचनाओं को किस स्थान पर रखा जाता है और सूचनाओं के क्रम को उस प्रकार बदलें जिस प्रकार उन्हे आपकी भाषा में क्रमबद्ध किया जाता है + +> जब दिन ढलने लगा, तो बारहों ने आकर उससे कहा, ‘‘भीड़ को विदा कर, कि चारों ओर के गांवों और बस्तियों में जाकर टिकें, और भोजन का उपाय करें, क्योंकि हम यहां सुनसान जगह में हैं’’ (लूका 9:12 ULB) + +यदि आपकी भाषा में महत्वपूर्ण सुचनाओं को अंत में डाला जाता है तो आप इस वाक्य के क्रम को बदल सकते हैं: + +* जब दिन ढलने लगा, तो बारहों ने आकर उससे कहा, ‘‘क्योंकि हम यहां सुनसान जगह में हैं, भीड़ को विदा कर, कि वे चारों ओर के गांवों और बस्तियों में जाकर टिकें, और भोजन का उपाय करें’’ + +> हाय, तुम पर; जब सब मनुष्य तुम्हें भला कहें, क्योंकि उन के बाप-दादे झूठे भविष्यद्वक्ताओं के साथ भी ऐसा ही किया करते थे (लूका 6:26 ULB) + +यदि आपकी भाषा में महत्वपूर्ण सुचनाओं को अंत में डाला जाता है तो आप इस वाक्य के क्रम को बदल सकते हैं: + +* जब सब मनुष्य तुम्हें भला कहें, क्योंकि उनके बाप-दादे झूठे भविष्यद्वक्ताओं के साथ भी ऐसा ही किया करते थे, तो हाय, तुम पर! diff --git a/translate/figs-infostructure/sub-title.md b/translate/figs-infostructure/sub-title.md new file mode 100644 index 0000000..52ae6a8 --- /dev/null +++ b/translate/figs-infostructure/sub-title.md @@ -0,0 +1,2 @@ +भाषाएँ एक वाक्य के भागों को कैसे क्रमबद्ध करती हैं? + diff --git a/translate/figs-infostructure/title.md b/translate/figs-infostructure/title.md new file mode 100644 index 0000000..20350ba --- /dev/null +++ b/translate/figs-infostructure/title.md @@ -0,0 +1,2 @@ +सूचना संरचना + diff --git a/translate/figs-intro/01.md b/translate/figs-intro/01.md new file mode 100644 index 0000000..9aa2da8 --- /dev/null +++ b/translate/figs-intro/01.md @@ -0,0 +1,28 @@ + +अलंकार के विशेष अर्थ होते हैं जो उसके एक एक शब्दों के अर्थ के समान नही होते हैं। अलंकार के कर्इ प्रकार होते हैं। यह पृष्ठ बाइबल में प्रयुक्त इस प्रकार के शब्दों की सूची की जानकारी देता है। + +### वर्णन + +अलंकार बातों को कहने का एक तरीका है जिसमें शब्दों का उपयोग गैर-शाब्दिक तौर पर होता है। अर्थात, अलंकार का अर्थ उसमें प्रयुक्त एक एक शब्द के प्रत्यक्ष अर्थ के समान नही होता है। अर्थ का अनुवाद करने के लिए, आपको अलंकार को पहचानना है और जानना है कि आपकी भाषा में उस अलंकार के लिए क्या इस्तेमाल होता है। तब आप चुन सकते हैं कि स्रोत भाषा में उसके अर्थ को समझाने के लिए अलंकार का प्रयोग करें या सीधा अर्थ बताएँ। + +### प्रकार + +नीचे अलंकार के प्रकारों को लिखा गया है। यदि आप अधिक जानकारी चाहते हैं तो रंगीन शब्दों पर क्लिक करें जिससे आप प्रत्येक अलंकार की परिभाषाओं, उदाहरणों एवं वीडियो के पेज पर जा सकते हैं + +* **संबोधन [Apostrophe](../figs-apostrophe/01.md)** - संबोधन एक अलंकार है जिसमें वक्ता ऐसे व्यक्ति या वस्तु की बात करता है जो वहाँ उपस्थित नही है +* **युग्मक [Doublet](../figs-doublet/01.md)** - युग्मक ऐसे शब्दों या छोटे छोटे कथनों का जोड़ा होता है जिनका अर्थ समान होता और उपयोग समान कथनों में किया जाता है। बाइबल में, युग्मकों का उपयोग कविताओं, भविष्यवाणियों और किसी विचार को महत्व देने वाले संदेशों में हुआ है। +* **शिष्ट प्रयोग [Euphemism](../figs-euphemism/01.md)** - शिष्ट प्रयोग किसी अप्रिय अथवा निंदित बात को मृदुल तरीके से कहने का तरीका है। इसका उद्देश्य सुनने या पठने वाले लोगों को चोट नही पहुँचाना है। +* **युगल शब्द [Hendiadys](../figs-hendiadys/01.md)** - युगल शब्द में एक विचार को दो शब्दों में प्रकट किया जाता है जो आपस में ‘‘और’’ से जुड़े होते हैं एवं एक से दूसरे को बदला जा सकता है। +* **अतिशयोक्ति [Hyperbole](../figs-hyperbole/01.md)** - अतिशयोक्ति मनपूर्वक बढ़ा चढ़ाकर कहे जाने का एक तरीका है जिससे लेखक अपनी भावनाओं या विचारों को प्रकट करना वाहता है। +* **मुहावरा [Idiom](../figs-idiom/01.md)** - मुहावरा शब्दों का समूह है जिसका एक संयुक्त अर्थ होता है जो उसमें प्रयुक्त प्रत्येक शब्द के सीधे अर्थ से अलग होता है। +* **व्यंग्य[Irony](../figs-irony/01.md)** - व्यंग्य एक अलंकार है जिसमें लेखक का विचार लिखे गए शब्द के सीधे अर्थ से विपरीत होता है। +* **विडंबना [Litotes](../figs-litotes/01.md)** - विडंबना नकारात्मक अथवा विपरीत के विचारों के द्वारा किसी वस्तु के बारे में प्रकट किया गया कथन है। +* **मेरिस्म [Merism](../figs-merism/01.md)** - वैपरित्व एक अलंकार है जिसमें एक व्यक्ति उसके किसी एक भाग की ओर इशारा कर, उसकी दोनो पराकाष्ठा अथवा चरमसीमा को व्यक्त करता है। +* **रूपक [Metaphor](../figs-metaphor/01.md)** - रूपक एक अलंकार है जिसमें एक विचार के स्थान पर दूसरे विचार का इस्तेमाल होता है और दोनों विचार एक दूसरे से संबंधित नही होते हैं। इससे श्रोता यह सोचने को मजबुर हो जाता है कि इन विपरीत विचारों में समान क्या है। अर्थात, रूपक दो विपरीत वस्तुओं के बीच की अंतर्निहित तुलना है। +* **मेटोनिमी [Metonymy](../figs-metonymy/01.md)** - मेटोनिमी एक अलंकार है जिसमें एक वस्तु अथवा विचार को उसके नाम से नही, परंतु उससे जुड़े किसी और नाम से पुकारा जाता है। मेटोनिम एक शब्द या कथन है जिसका उपयोग किसी वस्तु के बदले में होता है जिससे वह जुड़ी है। +* **समरूपता [Parallelism](../figs-parallelism/01.md)** - समरूपता में, संरचना या विचार में समान दिखने वाले दो कथनों या वाक्यांशों का एक साथ उपयोग होता है। यह पूरी इब्री बाइबल में पाया जाता है, विशेषकर, भजन संहिता एवं नीतिवचन की कविताओं में। +* **मानवीकरण [Personification](../figs-personification/01.md)** - मानवीकरण एक अलंकार है जिसमें एक वस्तु या विचार कोएक मनुष्य के समान प्रकट किया जाता है और उसमें एक मनुष्य जैसी योग्यताएँ हैं। +* **भविष्यसूचक अतीत [Predictive Past](../figs-pastforfuture/01.md)** - भविष्यसूचक अतीत कुछ भाषाओं के द्वारा उपयोग किया जाने वाला रूप है जो भविष्य में घटने वाली बातों को प्रकट करता है। इनका उपयोग भविष्यवाणियों में यह दिखाने के लिए होता है कि ये पूरी होंगी। +* **शब्दाडंबर प्रश्न [Rhetorical Question](../figs-rquestion/01.md)** - शब्दाडंबर प्रश्न एक ऐसा प्रश्न है जिसे मात्र सूचना पाने के अधिक के लिए उपयोग किया जाता है। अक्सर यह विषय अथवा श्रोता के प्रति वक्ता के व्यवहार को प्रकट करता है। इसका उपयोग अक्सर डाँट, फटकार के लिए होता है, परंतु कुछ भाषाओं में इसके अलग उद्देश्य भी हैं +* **उपमा [Simile](../figs-simile/01.md)** - उपमा दो बातों की तुलना है जिन्हे आम तौर पर समान नही माना जाता। यह उन दोनों वस्तुओं में समान दिखने वाली बात पर केन्द्रित होता एवं ‘‘जैसे’’, ‘‘समान’’ ‘‘तरह’’ जैसे शब्दों का उपयोग करता है। +* **उपलक्ष्य अलंकार [Synecdoche](../figs-synecdoche/01.md)** - उपलक्ष्य अलंकार एक अलंकार है जिसमें 1) किसी वस्तु के एक भाग के नाम का उपयोग उस पूरी वस्तु के वर्णन में होता है; या 2) पूरी वस्तु के नाम का उपयोग उसके किसी एक भाग के वर्णन के लिए होता है। diff --git a/translate/figs-intro/sub-title.md b/translate/figs-intro/sub-title.md new file mode 100644 index 0000000..91414dd --- /dev/null +++ b/translate/figs-intro/sub-title.md @@ -0,0 +1,2 @@ +भााषा के अलंकार कौन कौनसे हैं? + diff --git a/translate/figs-intro/title.md b/translate/figs-intro/title.md new file mode 100644 index 0000000..4561330 --- /dev/null +++ b/translate/figs-intro/title.md @@ -0,0 +1,2 @@ +भाषा के अलंकार + diff --git a/translate/figs-irony/01.md b/translate/figs-irony/01.md new file mode 100644 index 0000000..2560bd7 --- /dev/null +++ b/translate/figs-irony/01.md @@ -0,0 +1,74 @@ + +### वर्णन + +व्यंग्य एक अलंकार है जिसमें लेखक का विचार लिखे गए शब्द के सीधे अर्थ से विपरीत होता है। कर्इ बार एक व्यक्ति और किसी के शब्दों के उपयोग कर इसका इस्तेमाल करता है, परंतु एक ऐसे तरीके से बताता है जिससे वह स्वयं सहमत नही है। लोग यह दिखाने के लिए ऐसा करते हैं कि कोर्इ वस्तु जैसे उसको होना था, उससे अलग क्यों है या किसी के प्रति किसी का विश्वास गलत या मूर्खतापूर्ण क्यों है। यह अक्सर हास्यप्रद लगता है। + +>यीशु ने उनको उत्तर दिया; ‘‘कि वैद्य भले चंगों के लिये नहीं, परन्तु बीमारों के लिये अवश्य है । मैं धर्मियों को नहीं, परन्तु पापियों को मन फिराने के लिये बुलाने आया हूँ’’ (लूका 5:31-32 ULB) + +जब यीशु धर्मी लोगों की बात की तो उनकी बात नही कर रहे थे जो वास्तव में धर्मी थे। परंतु उन्होने गलत तरीके से विश्वास कर रखा था कि वे धर्मी हैं। व्यंग्य के उपयोग से, यीशु ने बताया कि उनका यह विश्वास गलत था कि वे दूसरों से बेहतर थे और उन्हे मन फिराने की जरूरत नही थी। + +### कारण यह अनुवाद की समस्या है + +* यदि किसी को पता न चले कि लेखक व्यंग्य का उपयोग कर रहा है, तो पाठक समझेगा कि लेखक लिखी हुर्इ बात पर वास्तव में विश्वास करता है। + +वह आयत के वास्तविक उद्देश्य के विपरीत उल्टा समझ बैठेगा + +### बाइबल से उदाहरण + +> तुम अपनी रीतियों को मानने के लिये परमेश्वर की आज्ञा कैसी अच्छी तरह टाल देते हो (मरकुस 7:9 ULB) + +यहाँ यीशु फरीसियों को सराह रहे हैं, उनके द्वारा किए गए गलत काम के लिए। व्यंग्य के द्वारा, वह सराहना के विपरीत का अर्थ बताते हैं। वे बताते हैं कि फरीसी जो आज्ञाओं को मानने में गर्व महसूस करते हैं, परमेश्वर के इतने दूर हैं कि उन्हे ज्ञात तक नही है कि उनका रिवाज परमेश्वर की आज्ञाएँ तोड़ रहा है। व्यंग्य का उपयोग फरीसियों के पाप को और दिखने वाला और गंभीर जताता है। + +>यहोवा कहता है, ‘‘अपना मुकद्दमा लड़ो; याकूब का राजा कहता है, अपने प्रमाण दो वे उन्हें देकर हम को बताएं कि भविष्य में क्या होगा? पूर्वकाल की घटनाएं बताओ कि आदि में क्या क्या हुआ, जिस से हम उन्हें सोचकर जान सकें कि भविष्य में उनका क्या फल होगा; वा होनेवाली घटनाएं हम को सुना दो’’ (यशायाह 41:21-22 ULB) + +लोग मुरतों की ऐसे उपासना करते थे जैसे कि उनमें ज्ञान और ताकत थी, और यहोवा उनके काम की वजह से उनसे नाराज था। अत: वह व्यंग्य का उपयोग कर, मुरतों को वो बातें बताकर चुनौती देता है जो भविष्य में होने वाली हैं। वह जानता था कि मूरतें कुछ नही कर सकती हैं परंतु ऐसे बोलकर जैसे कि वे कर सकती हों, वह मूरतों का उपहास कर रहा था, जिससे उनकी अयोग्यता सबके सामने आर्इ और उनकी आराधना करने के लिए लोगों को भी डाँटा । + +> क्या तू रोशनी और अंधकार को उसके सिवाने तक हटा सकता है? +> क्या तू उसके घर की डगर पहिचान सकता है? +> निसन्देह तू यह सब कुछ जानता होगा ! क्योंकि तू तो उस समय उत्पé हुआ था +> और तू बहुत आयु का है (अय्यूब 38:20-21) + +अय्यूब ने सोचा कि वह बुद्धिमान था । यहोवा ने व्यंग्य का उपयोग कर अय्यूब को बताया कि वह बुद्धिमान नही था । उपरोक्त कथन में दो रेखांकित शब्द व्यंग्यात्मक हैं। वे कही गर्इ बात का विपरीत दिखाते हैं क्योंकि स्पष्ट दिखता है कि वे गलत हैं। वे बताते हैं कि अय्यूब शायद परमेश्वर के प्रश्न का उत्तर नही दे पाया था क्योंकि उसका जन्म कर्इ कर्इ सालों बाद हुआ था । + +>तुम तो तृप्त हो चुके हो! तुम धनी हो चुके हो! तुमने हमारे बिना राज्य किया! (1 कुरिन्थियों 4:8 ULB) + +कोरिन्थवासियों ने खुद को बहुत ही बुद्धिमान, स्व-आश्रित और ऐसा समझा कि उन्हे पौलुस के उपदेशों की जरूरत नही थी । पौलुस व्यंग्य का उपयोग करता है, लगता है कि वह उनसे सहमत है कि वे यह सब करते हुए गर्व महसूस कर रहे थे परंतु वास्तव में, वे कितनी दूर थे । + +### अनुवाद रणनीतियाँ + +यदि आपकी भाषा में व्यंग्य को अच्छी तरह से पहचाना जा सकता है, तो इसका अनुवाद ठीक इसी प्रकार करें। यदि नही, तो कुछ रणनीतियाँ निम्नलिखित हैं: + +1. इस प्रकार अनुवाद करें जिससे यह पता चल सके कि वक्ता वो बात कह रहा है जो श्रोता मानते या विश्वास करते हैं +1. व्यंग्य के द्वारा बतार्इ गर्इ बात को अथवा उसके असली उद्देश्य को सीधा लिखें। व्यंग्य का सही अर्थ वक्ता के शब्दों में नही मिलेगा परंतु वक्ता के शब्दों का विपरीत अर्थ ही उसका सही अर्थ होगा। + +### अनुवाद रणनीतियों के प्रयोग के उदाहरण + +1. इस प्रकार अनुवाद करें जिससे यह पता चल सके कि वक्ता वो बात कह रहा है जो श्रोता मानते या विश्वास करते हैं + +* **तुम अपनी रीतियों को मानने के लिये परमेश्वर की आज्ञा कैसी अच्छी तरह टाल देते हो** (मरकुस 7:9 ULB) + + * आपका मानना है कि परमेश्वर की आज्ञा को तोड़ते वक्त आप अच्छा कर रहे हो जिससे कि आप अपनी रीतियों को मान सको! + * आप ऐसा बर्ताव करते हो कि परमेश्वर की आज्ञा तोड़ना अच्छा है, बस अपनी रीतियाँ पूरी होनी चाहिए + +* **मैं धर्मियों को नहीं, परन्तु पापियों को मन फिराने के लिये बुलाने आया हूँ** (लूका 5:31-32 ULB) + + * मैं उन लोगो को पश्चाताप के लिए बुलाने नही आया जो खुद को धर्मी समझते हैं, परंतु पापियों को पश्चाताप के लिए बुलाने आया हूँ + +1. व्यंग्य के द्वारा बतार्इ गर्इ बात को अथवा उसके असली उद्देश्य को सीधा लिखें + +* **तुम अपनी रीतियों को मानने के लिये परमेश्वर की आज्ञा कैसी अच्छी तरह टाल देते हो** (मरकुस 7:9 ULB) + + *
जब तुम परमेश्वर की आज्ञाओं को तोड़ते हो तो खतरनाक काम करते हो
जिससे तुम अपनी रीतियों को पूरा कर सको! + +* **’’यहोवा कहता है, अपना मुकद्दमा लड़ो; याकूब का राजा कहता है, अपने प्रमाण दो वे उन्हें देकर हमको बताएं कि भविष्य में क्या होगा? पूर्वकाल की घटनाएं बताओ कि आदि में क्या क्या हुआ, जिससे हम उन्हें सोचकर जान सकें कि भविष्य में उनका क्या फल होगा; वा होनेवाली घटनाएं हम को सुना दो’’** (यशायाह 41:21-22 ULB) + + * ‘यहोवा कहता है, अपना मुकद्दमा लड़ो; अपनी मुरतों के लिए अपने प्रमाण लाओ, याकुब का राजा कहता है । तुम्हारी मूरतें आगे आकर अपना मुकद्दमा नही लड़ सकतीं या नही बता सकतीं कि भविष्य में क्या होगा कि हमें पता चले कि क्या होने वाला है। हम उन्हे नही सुन सकते क्योंकि वे बोल नही सकतीं, हमें अपने पूर्वकाल की घटनाओं को बता नही सकती, इससे हम जान नही सकते कि उनका क्या फल होगा या वे कैसे पूरी होंगी + +* **क्या तू रोशनी और अंधकार को उसके सिवाने तक हटा सकता है?** +**क्या तू उसके घर की डगर पहिचान सकता है?** +**निसन्देह तू यह सब कुछ जानता होगा! क्योंकि तू उस समय उत्पé हुआ था** +**और तू बहुत आयु का है** (अय्यूब 38:20-21) + + * क्या तू रोशनी और अंधकार को उसके सिवाने तक हटा सकता है? + +क्या तू उसके घर की डगर पहिचान सकता है? तेरे बर्ताव से लगता है कि तुझे रोशनी और अंधेरे के सिवानों का पता है, कि तू वहाँ था, कि तेरी उम्र सृष्टि के समान है, परंतु तु उतनी उम्र का नही है! diff --git a/translate/figs-irony/sub-title.md b/translate/figs-irony/sub-title.md new file mode 100644 index 0000000..39f6158 --- /dev/null +++ b/translate/figs-irony/sub-title.md @@ -0,0 +1,2 @@ +व्यंग्य क्या है और मैं इसका अनुवाद कैसे करूँ? + diff --git a/translate/figs-irony/title.md b/translate/figs-irony/title.md new file mode 100644 index 0000000..0ac94c1 --- /dev/null +++ b/translate/figs-irony/title.md @@ -0,0 +1,2 @@ +व्यंग्यात्मक + diff --git a/translate/figs-litotes/01.md b/translate/figs-litotes/01.md new file mode 100644 index 0000000..963434f --- /dev/null +++ b/translate/figs-litotes/01.md @@ -0,0 +1,44 @@ + +### वर्णन + +विडंबना नकारात्मक अथवा विपरीत के विचारों के द्वारा किसी वस्तु के बारे में प्रकट किया गया कथन है। नकारात्मक शब्दों के कुछ उदाहरण ‘‘नही’’, ‘‘कोर्इ नही’’ एवं ‘‘कभी नही’’ इत्यादि हैं। ‘‘अच्छा’’ का विलोम ‘‘बुरा’’ है। यदि कोर्इ कहता है कि कुछ ‘‘बुरा नही’’ है तो उसका अर्थ है कि वह बहुत अच्छा है। + +### कारण यह अनुवाद की समस्या है + +कुछ भाषाएँ विडंबनाओं का उपयोग नही करतीं। उन भाषाओं को बोलने वाले नही समझ सकते कि विडंबनाओं के उपयोग से कथन के सकारात्मक पहलू को अधिक बल मिलता है। परंतु, वे सोच सकते हैं कि इसका उपयोग सकारात्मक अर्थ को कमजोर या नगण्य कर देता है। + +### बाइबल से उदाहरण + +> हे भाइयों, तुम आप ही जानते हो कि हमारा तुम्हारे पास आना व्यर्थ न हुआ (1 थिस्सलुनीकियों 2:1 ULB) + +विडंबना के उपयोग से, पौलुस बल देता है कि उसका आना बहुत ही लाभदायक रहा + +> भोर को सिपाहियों की हलचल कम नही थी कि पतरस क्या हुआ (प्रेरितों के काम 12:18 ULB) + +विडंबना के उपयोग से, लूका बल देता है कि पतरस के साथ हुर्इ घटना के कारण सिपाहियों में बहुत ज्यादा हलचल थी। (पतरस कैदखाने में था और सिपाहियों की निगरानी के बावजूद, वह स्वर्गदूत की मदद से बाहर निकल आया । इसलिए वे गुस्साए हुए थे) + +>हे बैतलहम, जो यहूदा के देश में है +>तू किसी रीति से यहूदा के अधिकारियों में सबसे छोटा नहीं +>क्योंकि तुझ में से एक अधिपति निकलेगा +>जो मेरी प्रजा इस्राएल की रखवाली करेगा (मत्ती 2:6 ULB) + +विडंबना के उपयोग से, भविष्यद्वक्ता बल देता है कि बेतलहेम बहुत महत्वपूर्ण शहर होगा + +### अनुवाद रणनीतियाँ + +यदि विडंबना को सही तरह से समझा जाता है, तो उसका उपयोग करें + +1. यदि नकारात्मक रूप से कही बात समझ के परे हैं, तो सीधे तौर पर सकारात्मक रूप से बात को कहें + +### अनुवाद रणनीतियों के प्रयोग के उदाहरण + +1. यदि नकारात्मक रूप से कही बात समझ के परे हैं, तो सीधे तौर पर सकारात्मक रूप से बात को कहें + +* **हे भाइयों, तुम आप ही जानते हो कि हमारा तुम्हारे पास आना व्यर्थ न हुआ** (1 थिस्सलुनीकियों 2:1 ULB) + + * ‘‘तुम स्वयं जानते हो, भार्इयों, हमारा आपके पास आना काफी लाभदायक था + +* **भोर को सिपाहियों में कम हलचल न थी, कि पतरस के साथ क्या हुआ** (प्रेरितों के काम 12:18 ULB) + + * और जब दिन हुआ, तो सिपाहियों के बीच में बड़ी हलचल होने लगी कि पतरस के साथ क्या हुआ’’ + * और जब दिन हुआ, तो सिपाही बहुत चिंतित थे कि पतरस के साथ क्या हुआ’’ diff --git a/translate/figs-litotes/sub-title.md b/translate/figs-litotes/sub-title.md new file mode 100644 index 0000000..47c264c --- /dev/null +++ b/translate/figs-litotes/sub-title.md @@ -0,0 +1,2 @@ +विडंबना क्या है? + diff --git a/translate/figs-litotes/title.md b/translate/figs-litotes/title.md new file mode 100644 index 0000000..c70d147 --- /dev/null +++ b/translate/figs-litotes/title.md @@ -0,0 +1,2 @@ +विडंबना + diff --git a/translate/figs-merism/01.md b/translate/figs-merism/01.md new file mode 100644 index 0000000..1cc4290 --- /dev/null +++ b/translate/figs-merism/01.md @@ -0,0 +1,57 @@ + +### वर्णन + +मेरिस्म एक अलंकार है जिसमें एक व्यक्ति उसके किसी एक भाग की ओर इशारा कर, उसकी दोनो पराकाष्ठा अथवा चरमसीमा को व्यक्त करता है। चरम सीमा की ओर इशारा कर, वक्ता उन दोनों चरमसीमाओं के बीच की हर बात को शामिल करना चाहता है। + +> ‘‘प्रभु परमेश्वर वह जो है, और जो था, और जो आनेवाला है; जो सर्वशक्तिमान है; यह कहता है, कि मैं ही अल्फा और ओमिगा हूँ (प्रकाशितवाक्य 1:8 ULB) + +>‘‘मैं अल्फा और ओमिगा, पहिला और पिछला, आदि और अंत हूँ। (प्रकाशितवाक्य 22:13 ULB) + +अल्फा और ओमिगा यूनानी भाषा के पहला और अंतिम शब्द है। यह मेरिस्म है जो शुरू से लेकर अंत के बीच की सभी बातों को शामिल करता है। इसका अर्थ है अनंत । + +>हे पिता, स्वर्ग और पृथ्वी के प्रभु; मैं तेरा धन्यवाद करता हूँ (मत्ती 11:25 ULB) + +स्वर्ग और पृथ्वी मेरिस्म है जो उस हर चीज को शामिल करता है जो अस्तित्व में है। + +### कारण यह अनुवाद की समस्या है + +कुछ भाषाएँ मेरिस्म का उपयोग नही करती हैं। उन भाषाओं के पाठक समझेंगे कि ये कथन केवल लिखे गये तथ्य तक ही सीमित है। वे यह न समझ पाएँ कि उसके बीच की हर बात में उसमें शामिल किया गया है। + +### बाइबल से उदाहरण + +> उदयाचल से लेकर अस्ताचल तक, यहोवा का नाम स्तुति के योग्य है। (भजन संहिता 113:3 ULB) + +रेखांकित कथन मेरिस्म है क्योंकि यह पूर्व से पश्चिम के बीच की हर चीज को शामिल करता है। इसका अर्थ है ‘‘हर जगह’’ + +>क्या छोटे क्या बड़े जितने यहोवा के डरवैये हैं, वह उन्हें आशीष देगा। (भजन संहिता 115:13 ULB) + +रेखांकित कथन मेरिस्म है क्योंकि यह बड़े और छोटे लोगों एवं उनके बीच के सब लोगों की बात कर रहा है। इसका अर्थ है ‘‘प्रत्येक’’। + +### अनुवाद रणनीतियाँ + +यदि आपकी भाषा में मेरिस्म का उपयोग आम तौर पर होता है तो इसका उपयोग करें। अन्यथा, निम्न विकल्प मौजूद हैं: + +1. दोनों भागों को बताए बिना, समझाएँ कि मेरिस्म किसको दिखाता है। +1. दोनों भागों को शामिल करके, समझाएँ कि मेरिस्म किसको दिखाता है। + +### अनुवाद रणनीतियों के प्रयोग के उदाहरण + +1. दोनों भागों को बताए बिना, समझाएँ कि मेरिस्म किसको दिखाता है। + +* **हे पिता, स्वर्ग और पृथ्वी के प्रभु; मैं तेरा धन्यवाद करता हूँ...** (मत्ती 11:25 ULB) + + * हे पिता, सबके प्रभु; मैं तेरा धन्यवाद करता हूँ... + +* **उदयाचल से लेकर अस्ताचल तक, यहोवा का नाम स्तुति के योग्य है** (भजन संहिता 113:3 ULB) + + * सब जगह में, यहोवा का नाम स्तुति के योग्य है + +1. दोनों भागों को शामिल करके, समझाएँ कि मेरिस्म किसको दिखाता है + +* **हे पिता, स्वर्ग और पृथ्वी के प्रभु; मैं तेरा धन्यवाद करता हूँ...** (मत्ती 11:25 ULB) + + * हे पिता, स्वर्ग और पृथ्वी को मिलाकर, सबके प्रभु; मैं तेरा धन्यवाद करता हूँ + +* **क्या छोटे क्या बड़े जितने यहोवा के डरवैये हैं, वह उन्हें आशीष देगा** (भजन संहिता 113:3 ULB) + + * सबको जितने यहोवा के डरवैये हैं, वह उन्हें आशीष देगा, चाहे वो छोटे हों, या बडे़ diff --git a/translate/figs-merism/sub-title.md b/translate/figs-merism/sub-title.md new file mode 100644 index 0000000..8503000 --- /dev/null +++ b/translate/figs-merism/sub-title.md @@ -0,0 +1,2 @@ +मेरिस्म का अर्थ क्या है और इसका उपयोग करने वाले वाक्यो का मैं अनुवाद कैसे करूँ? + diff --git a/translate/figs-merism/title.md b/translate/figs-merism/title.md new file mode 100644 index 0000000..7bf124a --- /dev/null +++ b/translate/figs-merism/title.md @@ -0,0 +1,2 @@ +मेरिस्म + diff --git a/translate/figs-metaphor/01.md b/translate/figs-metaphor/01.md new file mode 100644 index 0000000..330875d --- /dev/null +++ b/translate/figs-metaphor/01.md @@ -0,0 +1,196 @@ + +### वर्णन + +रूपक एक अलंकार है जिसमें एक विचार के स्थान पर दूसरे विचार का इस्तेमाल होता है और दोनों विचार एक दूसरे से संबंधित नही होते हैं। अर्थात, विषय के बारे में ऐसे बताया जाता है कि मानो वहाँ कोर्इ तश्वीर है। + +उदाहरण के तौर पर, यदि कोर्इ कहे, + +* लड़की जिससे मैं प्रेम करता हँू, लाल गुलाब है। + +यहाँ विषय है ‘‘ लड़की जिससे मैं प्रेम करता हँू’’ और तश्वीर है ‘‘लाल गुलाब’’। लड़की के बारे में ऐसे बोला गया है, मानो वह एक गुलाब है। एक भाषा में कुछ भी रूपक की तरह कार्य कर सकता है। + +उदाहरण के तौर पर, क्रियाओं को असामान्य तरीके से उपयोग किया जा सकता है, जैसे + +* प्रेरित पौलुस हमें कहता है कि मसीही पुन: जीवित होंगे + +इस विषय में, अंग्रेजी का वर्तमान काल ‘‘कहता’’ भूतकाल के शब्द ‘‘कहा’’ का एक रूपक है क्योंकि पौलुस सालों पहले जीवित था। कर्इ बार, वक्ता ऐसे रूपकों का उपयोग करता है जो उस भाषा में आम होते हैं। परंतु, कभी कभार, वक ऐसे भी रूपक का उपयोग करता है जो आम नही होते हैं और कर्इ बार तो बहुत ही विशिष्ट होते हैं। वक्तागण अक्सर रूपकों का उपयोग अपने संदेश में बल देने, अपनी भावनाओं को प्रकट करने, और किसी तरीके से नही कही जा सकने वाली बातों को इस तरीके से कहने और उनके संदेशों को याद रखने लायक बनाने के लिए करते हैं। + +### रूपक के प्रकार + +रूपक कर्इ प्रकार के होते हैं: ‘‘जीवित रूपक’’, ‘‘मृत रूपक’’ एवं ‘‘नमूना रूपक’’। + +**जीवित रूपक** + +ये रूपक वो होते हैं जिन्हे लोग एक तथ्य के लिए उपयोगी दूसरे तथ्य के तौर पर लेते हैं। लोग आसानी से पहचान सकते हैं कि ये संदेश को बल और गुण देते हैं। इसी कारण, लोग इन रूपकों पर लोग ध्यान देते हैं। + +उदाहरण के तौर पर, + +>परन्तु तुम्हारे लिये जो मेरे नाम का भय मानते हो, धर्म का सूर्य उदय होगा, जिसकी किरणों से तुम चंगे हो जाओगे; (मलाकी 4:2 ULB) + +यहाँ परमेश्वर अपने उद्धार के बारे में बताता है, मानो कि सूरज उन लोगों को पर उदय हो रहा है जिनसे वह प्रेम करता है। वह सुरज की किरणों को पंख के रूप में दिखा रहा है और, वह उन पंखों की बात कर रहा, जैसे कि वे लोगों को चंगा करने की दवा ला रहे हों । + +एक और उदाहरण: + +यीशु ने कहा, ‘‘जाओ और उस लोमड़ी से कह दो...’’ वह राजा हेरोदेश को लोमड़ी कह रहा है। + +यीशु को सुनने वाले समझ चुके थे कि यीशु हेरोदेश को दुष्ट, चालाक व्यक्ति और केवल खुद को महान दिखाने की कोशिश करना वाला राजा बता रहा है। + +**मृत रूपक** + +मृत रूपक में लेखक एक तथ्य को दूसरे तथ्य के लिए उपयोग नही करता है। + +अंग्रेजी में उदाहरण हैं, ‘‘टेबल लेग’’ ‘‘फैमिली ट्री’’ ‘‘लीफ’’ का अर्थ एक पुस्तक का पृष्ठ होता है, तो ‘‘क्रेन’’ का अर्थ भारी बोझ उठाने वाली मशीन होती है। + +अंग्रेजी वक्ता इन शब्दों को एक से अधिक अर्थ वालों के रूप में लेते हैं। बाइबल की इब्री भाषा के उदाहरण, ‘‘चंगार्इ’’ का अर्थ ‘‘मरम्मत’’ और ‘‘बिमार’’ का अर्थ ‘‘पाप के कारण आत्मिक तौर पर कमजोर’’। + +**रूपक के रूप में तथ्यों के नमूनेरत् युग्म** + +रूपकों का उपयोग तथ्यों के युग्मों के आधार पर कर्इ प्रकार से किया जाता है, जहाँ एक महत्वपूर्ण तथ्य सदैव दूसरे तथ्य के स्थान पर कार्य करता है। + +उदाहरण के तौर पर, अंग्रेजी में, अप (ऊपर) की दिशा अधिक को भी दिखाती है। इन महत्वपूर्ण तथ्यों के युग्मों के कारण, हम निम्न वाक्य बना सकते हैं, ‘‘गैस की कीमत *चढ*़ रही है’’, *उच्च* गुणों से भरा व्यक्ति और विचार का विलोम भी: + +‘‘गर्मी *उतर* रही है’’ और शेयर बाजार में *गिरावट* आर्इ’’ + +तथ्यों के नमूनारत् युग्मों का उपयोग आम तौर पर, विश्व की भाषाओं में होता है क्योंकि उनसे विचारों को आसानी से जोड़ा जा सकता है। + +सामान्य तौर पर, लोग ताकत, उपस्थिति, भावना एवं अधिक गुण जैसे भावात्मक गुणों के बारे में ऐसे बोलना पसंद करते हैं, मानो वे कोर्इ देखी या छुर्इ जा सकने वाली वस्तुएँ हों, शरीर के अंग हों या कुछ ऐसा हो जिन्हे हम अपने सामने होता हुआ देख सकते हों। + +जब इन रूपकों का सामान्य तौर पर उपयोग किया जाता है, तो बहुत कम बार, उन्हे अलंकार के रूप में इस्तेमाल करते हैं। अंग्रेजी में उपयोगी रूपकों के उदाहरण जिन पर अक्सर ध्यान नही दिया जाता: + +* ‘‘गर्मी *बढ़ा* दे’’ बढ़ा का अर्थ है ज्यादा। +* ‘‘आइए बहस में आगे *बढे़ं*’’ योजनाबद्ध काम को करने का अर्थ है चलना या आगे बढ़ना +* ‘‘तुम अपने सिद्धांत का अच्छा *बचाव* कर लेते हो’’ बहस का अर्थ है युद्ध +* ‘‘शब्दों का *बहाव*’’ शब्द को तरल पदार्थ बताया गया है + +अंग्रेजी वक्ता उन्हे असामान्य तौर पर नही लेते हैं अत: दूसरी भाषाओं में उनका इस प्रकार अनुवाद करना गलत होगा कि व इसे अलंकार समझने लगें। + +बाइबल की भाषा में इस प्रकार के रूपकों के महत्वपूर्ण नमूनों के बारे में अधिक जानकारी के लिए, कृपया [Biblical Imagery - Common Patterns](../bita-part1/01.md) देखें एवं उनके द्वारा डायरेक्ट किए जाने वाले अन्य पेजों को देखें। + +### रूपक के भाग + +रूपक के बात करते वक्त, उनके भागों की बात करना भी लाभदायक होगा। रूपक के तीन भाग होते हैं + +1. **विषय** - जिसके बारे में वक्ता बात कर रहा है, विषय कहलाता है +1. **तश्वीर** - उस वस्तु को वो जो कहता है, तश्वीर कहलाता है +1. **तुलना के बिन्दु** - जिस तरीके से वक्ता कहता है कि किस प्रकार विषय और तश्वीर समान हैं, वह तुलना का बिन्दु कहलाता है + +नीचे लिखे रूपक में, वक्ता उस लड़की को लाल गुलाब कहता है जिससे वह प्रेम करता है। + +लड़की (उसका ‘‘प्रेम’’) ‘‘विषय’’ है और ‘‘लाल गुलाब’’ ‘‘तश्वीर’’ है। सुंदरता और कोमलता तुलना के बिन्दु हैं, समानताएँ जो वक्ता विषय और तश्वीर में देखता है। ध्यान दें, तौभी, फूल की तुलना औरत की सुंदरता से नही की जा सकती है। न ही, दोनों की कोमलता एक समान है। + +अत: तुलना के ये बिन्दु एकदम सटीक स्वभाव या गुण के आधार पर नही बनाए जाते हैं, परंतु ये वक्ता के द्वारा देखे गए स्वभाव होते हैं। + +* मेरा प्रेम लाल, लाल गुलाब है। अक्सर, जैसा ऊपर के रूपक में देखा, वक्ता स्पष्ट तौर पर **विषय ** और **तश्वीर** के बारे में बता देता है, परंतु वह तुलना के बिन्दु नही बताता है। वक्ता उस बात को श्रोताओं पर डाल देता है कि वे तुलना के बिन्दु के बारे में सोचें। क्योंकि जब श्रोता ऐसा करेंगे, तो वक्ता का संदेश और भी बल पाएगा। + +बाइबल में भी, सामान्य तौर पर, **विषय ** और **तश्वीर** को स्पष्ट बताया जाता है परंतु तुलना के बिन्दु को नही बताया जाता। लेखक श्रोताओं से आशा करता है कि वे स्वत: ही उसमें निहित तुलना को समझ जाएँ + +> यीशु ने उन से कहा ‘‘जीवन की रोटी मैं हूं: जो मेरे पास आएगा वह कभी भूखा न होगा और जो मुझ पर विश्वास करेगा, वह कभी पियासा न होगा’’ (युहन्ना 6:35 ULB) + +इस रूपक में, यीशु स्वयं को जीवन की रोटी कहता है। ‘‘विषय’’ ‘‘मैं’’ और ‘‘तश्वीर’’ ‘‘रोटी’’ है। रोटी एक ऐसा भोजन है जिसे लोग हर समय में खाते आए हैं। रोटी और यीशु में तुलना का बिन्दु यह है कि लोगों को पोषण के लिए हर दिन रोटी की जरूरत होती है। इसी प्रकार, लोगों को आत्मिक तौर पर, हर दिन यीशु की जरूरत है। ध्यान दें कि यह रूपक वास्तव में कर्इ सारे रूपक हैं। पहला रूपक रोटी है जो यीशु को दिखाती है। दूसरा रूपक, पहले के अंदर है, अर्थात शारीरिक जीवन आत्मिक जीवन को दिखाता है जो परमेश्वर के साथ सदाकाल के जीवन को दिखाता है। तीसरा रूपक यह है कि यीशु से लाभ पाने को दिखाता है जो हमें परमेश्वर के साथ सदा जीवन जीने का बल देता है। + +**रूपक के उद्देश्य** + +* पहला उद्देश्य लोगों को वे बातें जो उन्हे पता नही (**विषय**), उस माध्यम के द्वारा (**तश्वीर**) सिखाना जिनके बारे में वे पहले से ही जानते हैं। +* दूसरा उद्देश्य यह दिखाना है कि उस वस्तु में एक विशेष गुण है अथवा यह बताना है कि इसमें वह गुण बहुत अधिक है +* एक और उद्देश्य लोगों में एक वस्तु के बारे में इस प्रकार का भाव लाना है जैसा वो किसी ज्ञात वस्तु के बारे में सोचते हैं + +### कारण यह अनुवाद की समस्या है + +* लोग शायद समझ ही नही पाएँ कि रूपक का उपयोग हुआ है। दूसरे शब्दों में, वे रूपक को एक आम कथन समझकर, गलतफहमी में पड़ सकते हैं। +* लोग उपयोग की गर्इ तश्वीर से परिचित न हों और उपयुक्त रूपक को समझ नही न पाएँ। +* यदि विषय को नही बताया गया होता है, तो लोग पहचान ही नही पाएँ कि यह एक विषय है। +* लोग तुलना के बिन्दु को समझ नही पाएँ जो लेखक के मन में है और उन्हे बताना चाहता है + +यदि वे तुलना के बिन्दु को नही समझ पाते हैं तो रूपक को भी नही समझ पाएँगे। + +### अनुवाद के सिद्धांत + +* रूपक के अर्थ को लक्षित श्रोताओं के उतना ही स्पष्ट रखें जितना यह प्रथम श्रोताओं के लिए था +* रूपक के अर्थ को लक्षित श्रोताओं के उससे अधिक स्पष्ट न बनाएँ जितना यह प्रथम श्रोताओं के लिए था + +### बाइबल से उदाहरण + +> तुम बाशान की गायो, यह वचन सुनो (आमोस 4:1 ULB) + +इस रूपक में, आमोस सामरिया की उच्च वर्ग की महिलाओं से इस प्रकार बात करता है (विषय ‘‘तुम’’ है) जैसे कि वे गायें (तश्वीर) हों। आमोस इन महिलाओं और गायों के बीच के तुलना के बिन्दु को नही बताता है परंतु पृष्ठभूमि से उसका यह अर्थ स्पष्ट है कि महिलाएँ और गायें दोनों मोटी और केवल खाने में इच्छुक हैं। तौभी, ध्यान दें कि आमोस यह नही कह रहा है कि वे औरतें गायेंह ैं क्योंकि वह उन्हे मनुष्य ही बता रहा है। + +>तौभी, हे यहोवा, तू हमारा पिता है; हम तो मिट्टी है। तू हमारा कुम्हार है; हम सबके सब तेरे हाथ के काम हैं। (यशायाह 64:8 ULB) + +उपरोक्त उदाहरण दो संबंधित रूपक हैं। विषय ‘‘हम’’ और ‘‘तुम’’ एवं तश्वीरें ‘‘मिट्टी’’ और ‘‘कुम्हार’’ हैं। कुम्हार और परमेश्वर के बीच में उद्देश्यरत् तुलना यह तथ्य है कि दोनो वही बनाते हैं जो उनकी मर्जी होती है: कुम्हार मिट्टी से और परमेश्वर अपने लोग, इस्राएलियों से अपनी मर्जी के अनुसार बनाता है। कुम्हार की मिट्टी और ‘‘हमारे’’ बीच की तुलना यह है कि मिट्टी और इस्राएलियों को उससे बिलकुल अलग बनाया गया जो वे पहले थे। + +>यीशु ने उनसे कहा, ‘‘देखो; फरीसियों और सदूकियों के खमीर से चौकस रहना। वे आपस में विचार करने लगे, कि हम तो रोटी नहीं लाए’’ (मत्ती 16:6-7 ULB) + +यीशु यहाँ एक रूपक का इस्तेमाल करते हैं परंतु चेलों ने उसे नही पहचाना। जब उसने ‘‘खमीर’’ कहा, तो उन्होने सोचा कि वह रोटी की बात कर रहा है परंतु ‘‘खमीर’’ उसके रूपक की तश्वीर थी, और विषय था, फरीसियों और सदूकियों की शिक्षाएँ। चूँकि चेलों (प्रथम श्रोताओं) ने यीशु के अर्थ को नही पहचाना, तो यीशु के अर्थ को पहले से ही खुलकर अथवा स्पष्ट बताना सही नही होगा + +### अनुवाद रणनीतियाँ + +यदि आपकी भाषा में लोग रूपकों को ठीक उसी प्रकार समझ सकते हैं जैसे प्रथम श्रोता समण्ते थे, तो इसका उपयोग करें। अनुवाद को जाँचना न भूलें कि लोग इसे समझ पा रहे हैं या नही। + +यदि लोग नही समझ पा रहे हैं, तो आप निम्न रणनीतियाँ अपना सकते हैं: + +1. यदि बाइबल की भाषा में लिखा गया रूपक तथ्यों के नमूनेरूपी युग्म को सामान्य तौर पर प्रकट कर रहा है, तो अपनी भाषा में भी सबसे सरल शब्दों का उपयोग कर इस मुख्य विचार को प्रकट करें । (तथ्यों के नमूनेरूपी युग्मों [Biblical Imagery - Common Patterns](../bita-part1/01.md) की सूची के लिए देखें) +1. यदि रूपक ‘‘जीवित रूपक’’ है तो इसका सीधा अनुवाद कर सकते हैं यदि आपको लगता है कि लक्षित भाषा में भी इसका उपयोग होता है। यदि आप ऐसा करते हैं तो जाँचकर अवश्य देख लें कि भाषा समुदाय इसे समझ तो पा रहा है। +1. यदि लक्षित भाषा नही समझ पा रही है कि यह एक रूपक है, तो रूपक को उपमा मे बदल दें। कुछ भाषाएँ ‘‘जैसे’’ या ‘‘तरह’’ इत्यादि शब्दों का इसतेमाल कर इन्हे लिखती हैं। देखें [Simile](../figs-simile/01.md) +1. यदि लक्षित भाषा तश्वीर को नही समझ पा रही है तो तश्वीर को विचारों में बदलने में मदद के लिए [Translate Unknowns](../translate-unknown/01.md) देखें। +1. यदि लक्षित भाषा उस अर्थ के लिए उस तश्वीर का उपयोग नही करती है तो अपनी संस्कृति में से तश्वीर का उपयोग करें। यह निश्चित करें कि ये तश्वीर बाइबल के समय में संभवतया प्रचलित रही हो। +1. यदि लक्षित भाषा उसके विषय को नही समझ पाती है, तो विषय के बारे में स्पष्ट तौर पर लिखें। (लेकिन यदि मूल श्रोताओं को भी विषय का पता नही था तो ऐसा न करें) +1. यदि लक्षित भाषा विषय और तश्वीर के बीच के तुलना के बिन्दुओं को नही समझ पाती है, तो उनके बारे में स्पष्ट तौर पर लिखें। +1. यदि उपरोक्त वर्णित कोर्इ भी रणनीति काम नही आती है, तो कथन को बिना रूपक के स्पष्ट तौर पर लिखें। + +### अनुवाद रणनीतियों के प्रयोग के उदाहरण + +1. यदि बाइबल की भाषा में लिखा गया रूपक तथ्यों के नमूनेरूपी युग्म को सामान्य तौर पर प्रकट कर रहा है, तो अपनी भाषा में भी सबसे सरल शब्दों का उपयोग कर इस मुख्य विचार को प्रकट करें। + +* **और यार्इर नाम आराधनालय के सरदारों में से एक आया, और उसे देखकर, उसके पांवों पर गिरा** (मरकुस 5:22 ULB) + + * न् + +1. यदि रूपक ‘‘जीवित रूपक’’ है तो इसका सीधा अनुवाद कर सकते हैं यदि आपको लगता है कि लक्षित भाषा में भी इसका उपयोग होता है। यदि आप ऐसा करते हैं तो जाँचकर अवश्य देख लें कि भाषा समुदाय इसे समझ तो पा रहा है + +* **तुम्हारे कठोर मन के कारण उसने तुम्हारे लिये यह आज्ञा लिखी** (मरकुस 10:5 ULB) + + * तुम्हारे कठोर मन के कारण उसने तुम्हारे लिये यह आज्ञा लिखी। इसमें कोर्इ बदलाव नही है - परंतु आपको यह जाँचना है कि भाषा समुदाय इस रूपक को समझ रहे हैं या नही। + +1. यदि लक्षित भाषा नही समझ पा रही है कि यह एक रूपक है, तो रूपक को उपमा मे बदल दें। कुछ भाषाएँ ‘‘जैसे’’ या ‘‘तरह’’ इत्यादि शब्दों का इसतेमाल कर इन्हे लिखती हैं। + +* **तौभी, हे यहोवा, तू हमारा पिता है; देख, हम तो मिट्टी है । तू हमारा कुम्हार है; हम सबके सब तेरे हाथ के काम हैं (यशायाह 64:8 ULB)** + + * तौभी, हे यहोवा, तू हमारा पिता है; देख, हम मिट्टी की तरह हैं। तू कुम्हार की तरह है; हम सबके सब तेरे हाथ के काम हैं। + +1. यदि लक्षित भाषा तश्वीर को नही समझ पा रही है तो तश्वीर को विचारों में बदलने में मदद के लिए [Translate Unknowns](../translate-unknown/01.md) देखें। + +* **शाऊल, हे शाऊल, तू मुझे क्यों सताता है? पैने पर लात मारना तेरे लिये कठिन है** (प्रेरितों के काम 26:14 ULB) + + * शाऊल, हे शाऊल, तू मुझे क्यों सताता है? नुकीली वस्तु पर लात मारना तेरे लिये कठिन है। + +1. यदि लक्षित भाषा उस अर्थ के लिए उस तश्वीर का उपयोग नही करती है तो अपनी संस्कृति में से तश्वीर का उपयोग करें। यह निश्चित करें कि ये तश्वीर बाइबल के समय में संभवतया प्रचलित रही हो। + +* **तौभी, हे यहोवा, तू हमारा पिता है; देख, हम तो मिट्टी है । तू हमारा कुम्हार है; हम सबके सब तेरे हाथ के काम हैं (यशायाह 64:8 ULB)** + + * तौभी, हे यहोवा, तू हमारा पिता है; देख, हम तो लकड़ी है। तू हमारा कारीगर है; हम सबके सब तेरे हाथ के काम हैं। + * तौभी, हे यहोवा, तू हमारा पिता है; देख, हम तो तार है। तू हमारा बुनने वाला है; हम सबके सब तेरे हाथ के काम हैं। + +1. यदि लक्षित भाषा उसके विषय को नही समझ पाती है, तो विषय के बारे में स्पष्ट तौर पर लिखें। (लेकिन यदि मूल श्रोताओं को भी विषय का पता नही था तो ऐसा न करें) + +* **यहोवा परमेश्वर जीवित है;मेरी चट्टान धन्य है और मेरे मुक्तिदाता परमेश्वर की बड़ार्इ हो (भजन संहिता 18:46 ULB)** + + * यहोवा परमेश्वर जीवित है;वह मेरी चट्टान है। उसकी स्तुति हो । और मेरे मुक्तिदाता परमेश्वर की बड़ार्इ हो। + +1. यदि लक्षित भाषा विषय और तश्वीर के बीच के तुलना के बिन्दुओं को नही समझ पाती है, तो उनके बारे में स्पष्ट तौर पर लिखें। + +* **यहोवा परमेश्वर जीवित है;मेरी चट्टान धन्य है । और मेरे मुक्तिदाता परमेश्वर की बड़ार्इ हो** (भजन संहिता 18:46 ULB) + + * यहोवा परमेश्वर जीवित है; उसकी स्तुति हो क्योंकि वह मेरी चट्टान है जिसके नीचे वह मुझे अपने दुश्मनों से छुपाए रखता है और मेरे मुक्तिदाता परमेश्वर की बड़ार्इ हो + +* **हे शाऊल, हे शाऊल, तू मुझे क्यों सताता है? पैने पर लात मारना तेरे लिये कठिन है** (प्रेरितों के काम 26:14 ULB) + + * हे शाऊल, हे शाऊल, तू मुझे क्यों सताता है? तू मुझसे लड़कर खुद को ही चोट पहुँचा रहा है जैसे एक बैल स्वामी के पैने पर लात मारकर चोटिल होता है + +1. यदि उपरोक्त वर्णित कोर्इ भी रणनीति काम नही आती है, तो कथन को बिना रूपक के स्पष्ट तौर पर लिखें + +* **मैं तुमको मनुष्यों के मछुवे बनाऊंगा** (मरकुस 1:17 ULB) + + * मैं तुमको मनुष्यों को इकट्ठे करने वाले बनाऊँगा + * अब तुम मनुष्यों के मछलियाँ इकट्ठी करते हो । मैं तुमसे मनुष्य इकट्ठे करवाऊँगा + +रूपकों के बारे में अधिक जानने के लिए [Biblical Imagery - Common Patterns](../bita-part1/01.md) देखें। diff --git a/translate/figs-metaphor/sub-title.md b/translate/figs-metaphor/sub-title.md new file mode 100644 index 0000000..c540212 --- /dev/null +++ b/translate/figs-metaphor/sub-title.md @@ -0,0 +1,2 @@ +रूपक क्या है और मैं इसका उपयोग करने वाले कथनों का अनुवाद कैसे करूँ? + diff --git a/translate/figs-metaphor/title.md b/translate/figs-metaphor/title.md new file mode 100644 index 0000000..c5be746 --- /dev/null +++ b/translate/figs-metaphor/title.md @@ -0,0 +1,2 @@ +रूपक + diff --git a/translate/figs-metonymy/01.md b/translate/figs-metonymy/01.md new file mode 100644 index 0000000..b33db17 --- /dev/null +++ b/translate/figs-metonymy/01.md @@ -0,0 +1,66 @@ + +### वर्णन + +**मेटोनिमी** एक अलंकार है जिसमें एक वस्तु अथवा विचार को उसके नाम से नही, परंतु उससे जुड़े किसी और नाम से पुकारा जाता है। + +**मेटोनिमी** एक शब्द है जिसका उपयोग उससे जुड़ी किसी और वस्तु के बदले में होता है। + +> और उसके पुत्र यीशु मसीह का लहू हमें सब पापों से शुद्ध करता है (1 यूहन्ना 1:7 ULB) + +लहू यीशु की मृत्यू को दिखाता है। + +>इसी रीति से उसने बियारी के बाद कटोरा भी यह कहते हुआ दिया, कि यह कटोरा मेरे उस लहू में जो तुम्हारे लिये बहाया जाता है नर्इ वाचा है (लूका 22:20 ULB) + +कटोरा उसमें डाली गर्इ दाखरस को दिखाता है। + +### मेटोनिमी का उपयोग किया जा सकता है + +* उस वस्तु के बारे में संक्षिप्त में बताने के लिए जिसे यह दिखाती है +* इससे संबंधित किसी वस्तु का उपयोग कर उसके अर्थ को और अर्थपूर्ण बनाने के लिए + +### कारण यह अनुवाद की समस्या है + +बाइबल मेटानिमी का अक्सर उपयोग करती है। कुछ भाषावाले मेटोनिमी का उपयोग नही करते हैं और शायद इसी कारण, वे बाइबल को पढ़ते वक्त इन्हे समझ न पाएँ। यदि वे मेटोनिमी को नही पहचानते हैं तो संदेश को भी नही पहचानेंगे, और उससे भी बदत्तर, वे उसका गलत अर्थ समझ लेंगे। जब भी मेटोनिम का उपयोग होता है तो लोगों को पहचान होनी चाहिए कि यह किसको दिखाता है। + +### बाइबल से उदाहरण + +>प्रभु परमेश्वर उसके पिता दाऊद का सिंहासन उसको देगा (लूका 1:32 ULB) + +सिंहासन अधिकार को दिखाता है। ‘‘सिंहासन’’ ‘‘राजकीय अधिकार’’ ‘‘राजत्व’’ ‘‘राज’’ का मेटोनिम है। इसका अर्थ है कि परमेश्वर उसे राजा दाऊद के बाद का एक राजा बनाएगा। + +>तुरंत उसका मुंह और जीभ खुल गर्इ (लूका 1:64 ULB) + +मूँह बोलने की सामर्थ को दिखाता है। इसका अर्थ है कि वह दुबारा बोलने के लायक हो गया। + +> .... तुम्हें किसने जता दिया, कि आनेवाले क्रोध से भागो। (लूका 3:7 ULB) + +‘‘क्रोध’’ या ‘‘गुस्सा’’ ‘दण्ड अथवा सजा’ का मेटोनिम है। परमेश्वर अपने लोगों से बहुत क्रोधित था और परिणामस्वरूप, वह उनको दण्ड देगा। + +### अनुवाद रणनीतियाँ + +यदि लोग मेटोनिम को अच्छी तरह से समझ स्कते हैं तो उनका उपयोग करें।अन्यथा, निम्नलिखित विकल्पों को चुना जा सकता है। + +1. मेटोनिम के साथ में ही उस वस्तु का नाम भी लिखें जिसे वह दिखाता है +1. केवल वस्तु का नाम लिखें जो जिसे मेटानिम दिखाता है। + +### अनुवाद रणनीतियों के प्रयोग के उदाहरण + +1. मेटोनिम के साथ में ही उस वस्तु का नाम भी लिखें जिसे वह दिखाता है। + +* **इसी प्रकार, उसने बियारी के बाद कटोरा यह कहते हुआ दिया, कि यह कटोरा मेरे उस लहू में जो तुम्हारे लिये बहाया जाता है नर्इ वाचा है** (लूका 22:20 ULB) + + * इसी प्रकार, उसने बियारी के बाद कटोरा यह कहते हुआ दिया, कि इस कटोरे का दाखरस मेरे उस लहू में, जो तुम्हारे लिये बहाया जाता है नर्इ वाचा है + +1. केवल वस्तु का नाम लिखें जो जिसे मेटानिम दिखाता है। + +* **प्रभु परमेश्वर उसके पिता दाऊद का सिंहासन उसको देगा** (लूका 1:32 ULB) + + * प्रभु परमेश्वर उसके पिता दाऊद का राजकीय अधिकार उसको देगा + * प्रभु परमेश्वर उसके पिता दाऊद के समान उसे राजा बनाएगा + +* **तुम्हें किसने जता दिया, कि आनेवाले क्रोध से भागो** (लूका 3:7 ULB) + + * तुम्हें किसने जता दिया, कि आनेवाले परमेश्वर के दण्ड से भागो? + +आम तौर पर उपयोग होने वाले मेटोनिम की जानकारी के लिए, [Biblical Imagery - Common Metonymies](../bita-part2/01.md) देखें। + diff --git a/translate/figs-metonymy/sub-title.md b/translate/figs-metonymy/sub-title.md new file mode 100644 index 0000000..1cf25aa --- /dev/null +++ b/translate/figs-metonymy/sub-title.md @@ -0,0 +1,2 @@ +मेटोनिमी क्या है? + diff --git a/translate/figs-metonymy/title.md b/translate/figs-metonymy/title.md new file mode 100644 index 0000000..50833d1 --- /dev/null +++ b/translate/figs-metonymy/title.md @@ -0,0 +1,2 @@ +मेटोनिमी + diff --git a/translate/figs-nominaladj/01.md b/translate/figs-nominaladj/01.md new file mode 100644 index 0000000..1a468ed --- /dev/null +++ b/translate/figs-nominaladj/01.md @@ -0,0 +1,50 @@ + +### वर्णन + +कुछ भाषाओं में एक विशेषण के उपयोग से उस विशेषण के द्वारा बतार्इ गर्इ चीजों के समूह को बताया जा सकता है। और जब ऐसा होता है, तो वह संज्ञा की तरह कार्य करता है। उदाहरण के तौर पर, ‘‘धनी’’ शब्द एक विशेषण है। नीचे दो वाक्य हैं जो दिखाते हैं कि ‘‘धनी’’ शब्द विशेषण है। + +> धनी व्यक्ति के पास तो बहुत सी भेड़-बकरियां और गाय बैल थे... (2 शमूएल 12:2 ULB) + +‘‘धनी’’ नामक विशेषण ‘‘व्यक्ति’’ से पहले आता है और व्यक्ति का वर्णन करता है। + +> वह धनी न रहेगा, और न उसकी सम्पत्ति बनी रहेगी (अय्यूब 15:29 ULB) + +‘‘धनी’’ नामक विशेषण ‘‘वह’’ के बाद आता है और ‘वह’ का वर्णन करता है। निम्न वाक्य बताता है कि ‘‘धनी’’ शब्द संज्ञा का भी कार्य कर सकता है। + +> तब न तो धनी आधे शेकेल से अधिक दें, और न कंगाल उससे कम दें । (निर्गमन 30:15 ULB) + +निर्गमन 30:15 ULB में, ‘‘धनी’’ शब्द संज्ञा का कार्य करता है और धनी व्यक्तियों की बात करता है। ‘‘कंगाल’’ शब्द भी संज्ञा का कार्य करता है और कंगाल लोगों की बात करता है। + +### कारण यह अनुवाद की समस्या है + +* बाइबल में अक्सर विशेषण का उपयोग संज्ञा की तरह, लोगों के समूह को दिखाने के लिए हुआ है +* कुछ भाषाएँ विशेषणों को ऐसे नही बताती हैं +* इन भाषाओं के पाठक समझेंगे कि यह पद किसी व्यक्ति विशेष की बात कर रहा है, परंतु वह केवल उन लोगों के समूह की बात कर रहा होगा जिसे विशेषण दिखाता है + +### बाइबल से उदाहरण + +> क्योंकि दुष्टों का राजदण्ड धर्मी के भाग पर बना न रहेगा (भजन संहिता 125:3 ULB) + +‘‘धर्मी’’ शब्द धर्मी लोगों को दिखा रहा है, किसी एक धर्मी को नही। + +>धन्य हैं वे, जो नम्र हैं, (मत्ती 5:5 ULB) + +‘‘नम्र’’ वे लोग हैं जो नम्र हैं, कोर्इ एक नम्र व्यक्ति नही + +### अनुवाद रणनीतियाँ + +यदि आपकी भाषा में विशेषणों का उपयोग संज्ञा के रूप में भी आमतौर पर होता है, तो उनका उपयोग करें। परंतु यदि यह अपरिचित सा लगता है या उसका अर्थ स्पष्ट नही है या गलत है, तो एक और विकल्प निम्नलिखित है: + +1. विशेषण जिस संज्ञा को दिखा रहा है उसका उपयोग बहुवचन में करें + +### अनुवाद रणनीतियों के प्रयोग के उदाहरण + +1. विशेषण जिस संज्ञा को दिखा रहा है उसका उपयोग बहुवचन में करें + +* **दुष्टों का राजदण्ड धर्मी के भाग पर बना न रहेगा** (भजन संहिता 125:3 ULB) + + * दुष्टों का राजदण्ड धर्मी लोगों के भाग पर बना न रहेगा + +* **धन्य हैं वे, जो नम्र हैं** (मत्ती 5:5 ULB) + + * धन्य हैं वे लोग जो म्र हैं diff --git a/translate/figs-nominaladj/sub-title.md b/translate/figs-nominaladj/sub-title.md new file mode 100644 index 0000000..d2378e2 --- /dev/null +++ b/translate/figs-nominaladj/sub-title.md @@ -0,0 +1,2 @@ +संज्ञा के समान लगने वाले विशेषणों का मैं अनुवाद कैसे करूँ? + diff --git a/translate/figs-nominaladj/title.md b/translate/figs-nominaladj/title.md new file mode 100644 index 0000000..dad3b09 --- /dev/null +++ b/translate/figs-nominaladj/title.md @@ -0,0 +1,2 @@ +आम विशेषण + diff --git a/translate/figs-order/01.md b/translate/figs-order/01.md new file mode 100644 index 0000000..26f129b --- /dev/null +++ b/translate/figs-order/01.md @@ -0,0 +1,68 @@ + +### वर्णन + +कर्इ भाषाओं में एक वाक्य के भागों को क्रमबद्ध करने के सामान्य तरीके होते हैं। सभी भाषाओं में ऐसा नही होता है। अनुवादकों को पता होना चाहिए कि उनकी भाषाओं में कौनसे सामान्य तरीके इस्तेमाल होते हैं। + +### वर्णन + +अधिकतर वाक्यों में आम तौर पर तीन मूलभूत भाग होते हैं: कर्ता, कर्म और क्रिया। कर्ता और कर्म आम तौर पर संज्ञाएँ (उदा. एक व्यक्ति, वस्तु, स्थल या विचार) या सर्वनाम होते हैं। क्रियाएँ कार्यों अथवा उसके वर्तमान अवस्था को दिखाती हैं। + +### कर्ता + +कर्ता अर्थात वाक्य क्या है या क्या बता रहा है। यह आम तौर पर, कुछ कार्यों को प्रकट करता अथवा उसका वर्णन देता है। कर्ता **प्रत्यक्ष** हो सकता है; यह कुछ करता है, जैसे कि गाना, कार्य करना या सिखाना। + +* पतरस अच्छा गीत गाता है। कर्ता के साथ कुछ किया गया होता है +* पतरस को अच्छा खाना खिलाया गया। कर्ता का वर्णन किया जा सकता है या यह किसी अवस्था में पाया जा सकता है, जैसे कि खुश, उदास या क्रोधित। +* वह लंबा है। +* लड़का खुश है। + +### कर्म + +कर्म वो वस्तु है जिस पर या जिसके लिए कर्ता कार्य करता है। + +* पतरस गेंद को मारता है। +* पतरस पुस्तक पढ़ता है। +* पतरस ने अच्छा गीत गाया। +* पतरस ने अच्छा खाना खाया। + +### क्रिया + +जिन शब्दों में किसी कार्य का करना या होना व्यक्त होता है। + +* पतरस अच्छा गीत गाता है। +* पतरस गा रहा है। +* पतरस लंबा है। + +### इच्छित शब्द क्रम + +सब भाषाओं में शब्दों के इच्छित क्रम होते हैं। + +निम्नलिखित उदाहरण कुछ भाषाओं में ‘‘पतरस गेंद को मारता है’’ के कर्ता, कर्म और क्रिया के क्रम को दिखाते हैं। अंग्रेजी जैसी कुछ भाषाओं में निम्न क्रम होते हैं: कर्ता, क्रिया, कर्म, + +* पतरस मारता है गेंद को। कुछ भाषाओं में क्रम होता है: कर्ता, कर्म, क्रिया +* पतरस गेंद को मारता है। कुछ भाषाओं में क्रम होता है: क्रिया, कर्ता, कर्म +* मारता है पतरस गेंद को। + +### शब्दों के क्रम में परिवर्तन + +शब्द क्रम बदल सकता है यदि वाक्य: + +* एक प्रश्न या आदेश है +* होने को बताता है (यह खुश है। वह लंबा है) +* ‘‘यदि’’ जैसी बात बताता है +* में कोर्इ क्षेत्र या जगह शामिल है +* में कोर्इ समय शामिल है +* में कोर्इ कविता है + +शब्द के क्रम भी बदल सकते हैं + +* यदि वाक्य के किसी भाग पर किसी प्रकार का ज्यादा बल है +* यदि वाक्य वास्तव में कर्ता के अलावा, और किसी के बारे में है + +### अनुवाद प्रक्रिया + +* जानें कि आपकी भाषा में शब्दों का कौनसा क्रम प्रचलित है +* अपनी भाषा के प्रचलित शब्द क्रम का ही उपयोग करें, यदि आपके पास इसे बदलने का कोर्इ जरूरी कारण न हो +* वाक्य का अनुवाद इस प्रकार करें कि इसका अर्थ सही और स्पष्ट हो और सबको स्वाभाविक लगे + +आप वीडियो को http://ufw.io/figs_order पर भी देख सकते हैं diff --git a/translate/figs-order/sub-title.md b/translate/figs-order/sub-title.md new file mode 100644 index 0000000..c87fd05 --- /dev/null +++ b/translate/figs-order/sub-title.md @@ -0,0 +1,2 @@ +शब्द क्रम का मतलब क्या है? + diff --git a/translate/figs-order/title.md b/translate/figs-order/title.md new file mode 100644 index 0000000..8da238e --- /dev/null +++ b/translate/figs-order/title.md @@ -0,0 +1,2 @@ +शब्द कृम + diff --git a/translate/figs-parables/01.md b/translate/figs-parables/01.md new file mode 100644 index 0000000..96f6a9e --- /dev/null +++ b/translate/figs-parables/01.md @@ -0,0 +1,49 @@ + +दृष्टांत एक लघु कहानी है जो सच को समझने में आसान बनाती है और जिसे भूलना कठिन होता है। + +### वर्णन + +दृष्टांत एक सच को सिखाने के लिए बतार्इ जाने वाली छोटी कहानी है। दृष्टांत की बातें हो तो सकती हैं, परंतु हुर्इ नही होती हैं। उन्हे केवल सच को सिखाने के लिए बताया जाता है। दृष्टांतों में बहुत ही कम लोगों का नाम लिखा जाता है। (इससे आपको मदद मिल सकती है कि कौनसा दृष्टांत है और कौनसी सच्ची घटना है) दृष्टांत में उपमा एवं रूपक जैसे अलंकार के शब्द अक्सर होते हैं। + +> तब उसने उन्हे एक दृष्टांत बताया। ‘‘क्या अन्धा, अन्धे को मार्ग बता सकता है? क्या दोनो गड़हे में नहीं गिरेंगे?’’ (लूका 6:39 ULB) + +यह दृष्टांत बताता है कि यदि एक मनुष्य में आत्मिक समझ नही है तो वह आत्मिक बातों के बारे में किसी और की मदद भी नही कर सकता । + +### बाइबल में से उदाहरण + +>और लोग दिया जलाकर पैमाने के नीचे नहीं परन्तु दीवट पर रखते हैं, तब उस से घर के सब लोगों को प्रकाश पहुंचता है। उसी प्रकार तुम्हारा उजियाला मनुष्यों के साम्हने चमके कि वे तुम्हारे भले कामों को देखकर तुम्हारे पिता की, जो स्वर्ग में हैं, बड़ार्इ करें। (मत्ती 5:15-16) + +यह दृष्टांत बताता है कि हमें परमेश्वर के लिए जिस प्रकार जीते हैं, उन्हे हमें दूसरों से नही छिपाना है। + +> उस ने उन्हें एक और दृष्टान्त दिया । कि स्वर्ग का राज्य रार्इ के एक दाने के समान है, जिसे किसी मनुष्य ने लेकर अपने खेत में बो दिया। वह सब बीजों से छोटा तो है। पर जब बढ़ जाता है तब सब साग पात से बड़ा होता है; और ऐसा पेड़ हो जाता है, कि आकाश के पक्षी आकर उस की डालियों पर बसेरा करते हैं। (मत्ती 13:31-32 ULB) + +यह दृष्टांत बताता है कि परमेश्वर के राज्य की चीजें पहले तो छोटी लग सकती हैं, परंतु यह बढ़कर संसारभर में फैल जाएँगीं। + +### अनुवाद की रणनीतियाँ + +1. यदि दृष्टांत इस कारण समझने में कठिन है कि इसमें अन्जान चीजें लिखी हैं, तो आप उन अंजान चीजों के स्थान पर आपकी संस्कृति में परिचित बातों को लिख सकते हैं। तौभी, शिक्षा अथवा विषय को वही बनाए रखें। (See: [Translate Unknowns](../translate-unknown/01.md)) +1. यदि दृष्टांत की बातें स्पष्ट नही हैं, तो यह बताने की कोशिश करें जो यह परिचय में बताता है, जैसे कि ‘‘यीशु ने यह कहानी उदारता के बारे में कही।’’ + +### अनुवाद की रणनीतियों को लागु करने के उदाहरण + +1. यदि दृष्टांत इस कारण समझने में कठिन है कि इसमें अन्जान चीजें लिखी हैं, तो आप उन अंजान चीजों के स्थान पर आपकी संस्कृति में परिचित बातों को लिख सकते हैं। तौभी, शिक्षा अथवा विषय को वही बनाए रखें। + +* **यीशु ने उनसे कहा; क्या दिये को इसलिये लाते हैं कि पैमाने या खाट के नीचे रखा जाए? क्या इसलिये नहीं, कि दीवट पर रखा जाए?** (मरकुस 4:21 ULB) + +(मरकुस 4:21 ULB) यदि लोगों को पता नही है कि दीवट क्या होता है तो आप उसकी जगह पर उस वस्तु का उपयोग कर सकते हैं जो आपके लोग दीये को रखने उपयोग करते हैं + +* **यीशु ने उनसे कहा; क्या दिये को इसलिये लाते हैं कि पैमाने या खाट के नीचे रखा जाए? क्या इसलिये नहीं, कि बड़ी अलमारी पर रखा जाए?** (मरकुस 4:21 ULB) + +> उसने उन्हें एक और दृष्टान्त दिया । उसने कहा कि स्वर्ग का राज्य रार्इ के एक दाने के समान है, जिसे किसी मनुष्य ने लेकर अपने खेत में
बोया
। वह सब बीजों से छोटा तो है। पर जब बढ़ जाता है तब सब साग पात से बड़ा होता है; और ऐसा पेड़ हो जाता है, कि आकाश के पक्षी आकर उस की डालियों पर बसेरा करते हैं। (मत्ती 13:31-32 ULB) - बीज बोने का अर्थ उन्हे जमीन पर फेंकना है। यदि लोग बोने से परिचित नही तो आप उसके बदले में बागवानी को लेते हैं। + + * उसने उन्हें एक और दृष्टान्त दिया. उसने कहा कि स्वर्ग का राज्य रार्इ के एक दाने के समान है, जिसे किसी मनुष्य ने लेकर अपने खेत में
बोया
वह सब बीजों से छोटा तो है. पर जब बढ़ जाता है तब सब साग पात से बड़ा होता है; और ऐसा पेड़ हो जाता है, कि आकाश के पक्षी आकर उस की डालियों पर बसेरा करते हैं। (मत्ती 13:31-32 ULB) - बीज बोने का अर्थ उन्हे जमीन पर फेंकना है। + +1. यदि दृष्टांत की बातें स्पष्ट नही हैं, तो यह बताने की कोशिश करें जो यह परिचय में बताता है, जैसे कि ‘‘यीशु ने यह कहानी उदारता के बारे में कही।’’ + +* **यीशु ने उनसे कहा, ‘‘क्या दिये को इसलिये लाते हैं कि पैमाने या खाट के नीचे रखा जाए? क्या इसलिये नहीं, कि दीवट पर रखा जाए?’’** (मरकुस 4:21 ULB) + + * यीशु उनसे खुले रूप में गवाही बताने की बात कह रहे थे, ‘‘क्या दिये को इसलिये लाते हैं कि पैमाने या खाट के नीचे रखा जाए? क्या इसलिये नहीं, कि दीवट पर रखा जाए?’’ (मरकुस 4:21 ULB) + +* **उसने उन्हें एक और दृष्टान्त दिया। उसने कहा कि स्वर्ग का राज्य रार्इ के एक दाने के समान है, जिसे किसी मनुष्य ने लेकर अपने खेत में बोया। वह सब बीजों से छोटा तो है. पर जब बढ़ जाता है तब सब साग पात से बड़ा होता है; और ऐसा पेड़ हो जाता है, कि आकाश के पक्षी आकर उस की डालियों पर बसेरा करते हैं।’’** (मत्ती 13:31-32 ULB) + + * तब यीशु ने उन्हें एक और दृष्टान्त दिया कि परमेश्वर का राज्य कैसे बढ़ता है उसने कहा कि स्वर्ग का राज्य रार्इ के एक दाने के समान है, जिसे किसी मनुष्य ने लेकर अपने खेत में बोया। वह सब बीजों से छोटा तो है. पर जब बढ़ जाता है तब सब साग पात से बड़ा होता है; और ऐसा पेड़ हो जाता है, कि आकाश के पक्षी आकर उस की डालियों पर बसेरा करते हैं।’’ diff --git a/translate/figs-parables/sub-title.md b/translate/figs-parables/sub-title.md new file mode 100644 index 0000000..7d2fdc4 --- /dev/null +++ b/translate/figs-parables/sub-title.md @@ -0,0 +1,2 @@ +दृष्टांत क्या हैं? + diff --git a/translate/figs-parables/title.md b/translate/figs-parables/title.md new file mode 100644 index 0000000..7c858e3 --- /dev/null +++ b/translate/figs-parables/title.md @@ -0,0 +1,2 @@ +दृष्टांत + diff --git a/translate/figs-parallelism/01.md b/translate/figs-parallelism/01.md new file mode 100644 index 0000000..3717e3a --- /dev/null +++ b/translate/figs-parallelism/01.md @@ -0,0 +1,101 @@ + +### वर्णन + +**समरूपता** में संरचना या विचार में समान दिखने वाले दो कथनों या वाक्यांशों का एक साथ उपयोग होता है। समरूपता कर्इ प्रकार के होती है। + +कुछ निम्नलिखित हैं: + +1. दूसरे कथन या वाक्य का अर्थ पहले जैसा होता है। इसे प्रयायवाची समरूपता भी कहते हैं। +1. दूसरा पहले के अर्थ को स्पष्ट करता या उसे बल देता है। +1. दूसरा पहले में कही गर्इ बात को पुरा करता है। +1. दूसरा पहले में लिखे विचार के विपरीत कहता है। परंतु उस विचार में कुछ जोड़ता भी है। समरूपता को हम अधिकतर भजन संहिता एवं नीतिवचन जैसी पुराने नियम की कविताओं में पा सकते हैं। यह नये नियम की युनानी भाषा में भी मिलती है, परंतु चार सुसमाचारों और प्रेरितों की पत्रियों में। मूल भाषाओं क कविताओं में प्रयुक्त प्रयायवाची समरूपता (एक रूप जिसमें दोनों वाक्य एक दूसरे जैसे लगते हैं) के कर्इ प्रभाव हो सकते हैं: + +* एक बार से अधिक बार अथवा तरीकों में बताने से यह दिखाता है कि उक्त कथन बहुत महत्वपूर्ण है। +* अलग तरीके से बताने के द्वारा इसे सुननेवाले उस विचार को अधिक गहरार्इ से समझते हैं। +* इससे भाषा अधिक सुंदर एवं बोलने के आम तरीके से बेहतर हो जाती है। + +### यह अनुवाद का विषय क्यों है + +कुछ भाषाओं में समरूपता का उपयोग नही होता है। एक बात को दो बार कहने से उनको यह अजीब सा लगता है या वे सोचते हैं कि उन दोनों वाक्यों के विभिé अर्थ हैं। उनके लिए यह सुंदर होने की बजाय, संदेहपूर्ण हो जाता है। + +ध्यान दें: हम उन लंबे वाक्यों या कथनों के लिए ‘‘प्रयायवाची समरूपता’’ का उपयोग करते हैं जिनका अथ ्रसमान होता है। हम उन शब्दों या छोटे वाक्यों के लिए युग्मकों [Doublet](../figs-doublet/01.md) का उपयोग करते हैं जिनके मूल अर्थ समान होते और एक साथ उपयोग किया जाता है। + +### बाइबल में से उदाहरण + +**दूसरे कथन या वाक्य का अर्थ पहले जैसा होता है** + +>तेरा वचन मेरे पांव के लिये दीपक। +>और मेरे मार्ग के लिये उजियाला है (भजन संहिता 119:105 ULB) + +वाक्य के दोनों भाग रूपक हैं जो यह कहते हैं कि परमेश्वर का वचन लोगों को जीना सिखाता है। + +>तूने उसे अपने हाथों के कार्यों पर प्रभुता दी है। +>तूने उसके पांव तले सब कुछ कर दिया है। (भजन संहिता 8:6 ULB) + +दोनों वाक्य कहते हैं कि परमेश्वर ने मनुष्य को सबका शासक बनाया है। + +**दूसरा पहले के अर्थ को स्पष्ट करता या उसे बल देता है** + +>यहोवा की आंखें सब स्थानों में लगी रहती हैं +>वह बुरे भले दोनों को देखती रहती हैं (नीतिवचन 15:3 ULB) + +दूसरा वाक्य विशेष रूप से बताता है कि यहोवा नजर रखता है। + +**दूसरा पहले में कही गर्इ बात को पुरा करता है** + +>मैं ऊंचे शब्द से यहोवा को पुकारता हूँ। +>और वह अपने पवित्र पर्वत पर से मुझे उत्तर देता है (भजन संहिता 3:4 ULB) + +दूसरा वाक्य बताता है कि व्यक्ति पहले वाक्य में जो करता है, यहोवा उसके उत्तर में कुछ दूसरे वाक्य में करता है। + +**दूसरा पहले में लिखे विचार के विपरीत कहता है परंतु उस विचार में कुछ जोड़ता भी है** + +>क्योंकि यहोवा धर्मियों का मार्ग जानता है। +>परन्तु दुष्टों का मार्ग नाश हो जाएगा (भजन संहिता 1:6 ULB) + +यह अंतर है कि धर्मी लोगों के साथ होता है और दुष्टों के साथ क्या। + +>कोमल उत्तर सुनने से जलजलाहट ठंडी होती है। +>परन्तु कटुवचन से क्रोध धधक उठता है (नीतिवचन 15:1 ULB) + +यह अंतर बताता है कि जब कोर्इ कोमल उत्तर देता है तो क्या होता और कठोर उत्तर का क्या प्रभाव पड़ता है। + +### अनुवाद की रणनीतियाँ + +समरूपता के अधिकतर प्रकारों में, दोनों वाक्यों या कथनों का अनुवाद करना उचित होता है। प्रयायावाची समरूपता में, दोनों वाक्यों का अनुवाद करना उचित है यदि आपकी भाषावाले इस बात को जानते हैं कि किसी बात को दो बार कहने से, उस बात को बल मिलता है। परंतु यदि आपकी भाषा में समरूपता का उपयोग इस प्रकार नही होता है, तो अनुवाद के निम्न तरीकों में से एक का उपयोग करें। + +1. दोनों वाक्यों के विचारों को एक कर लें। +1. परंतु यदि आपको ये लगता है कि उनके द्वारा कर्इ गर्इ बातें वास्तव में सच हैं, तो आप ‘‘वास्तव’’ या ‘‘सच में’’ जैसे शब्दों का उपयोग कर सकते हैं। +1. यदि आपको लगता है कि वाक्यों का उपयोग उसके विचार को गहरा करने के लिए दिया गया है तो आप ‘‘बहुत’’, ‘‘पूर्णतया’’ या ‘‘सब’’ जैसे शब्दों का उपयोग कर सकते हैं। + +### अनुवाद की रणनीतियों को लागु करने के उदाहरण + +1. दोनों वाक्यों के विचारों को एक कर लें। + +* **अब तक तू मुझ से छल करता, और झूठ बोलता आया है** (न्यायियों 16:13 ULB) - दलीला दो बार शब्दों का उपयोग कर बताती है कि वह कितनी नाराज है। + + * अब तक तूने झूठ से मेरे साथ छल किया है + +* **क्योंकि मनुष्य के मार्ग यहोवा की दृष्टि से छिपे नहीं हैं, और वह उसके सब मार्गों पर ध्यान करता है।** (नीतिवचन 5:21 ULB) - ‘‘उसके सब मार्ग’’ ‘‘मनुष्य के मार्ग’’ का रूपक है + + * ‘‘यहोवा मनुष्य के किए गए हर कार्य पर ध्यान देता है’’ + +* **क्योंकि यहोवा का अपनी प्रजा के साथ मुकद्दमा है, और वह इस्राएल से वादविवाद करता है (मीका 6:2 ULB) - यह समरूपता यहोवा और एक समूह के लोगों के बीच की गंभीर मतभेद को दिखाता है** यदि यह स्पष्ट नही है, तो वाक्यों को एक किया जा सकता है: + + * ‘‘यहोवा के पास अपने लोगों के लिए मुकद्दमा है’’ + +1. परंतु यदि आपको ये लगता है कि उनके द्वारा कर्इ गर्इ बातें वास्तव में सच हैं, तो आप ‘‘वास्तव’’ या ‘‘सच में’’ जैसे शब्दों का उपयोग कर सकते हैं + +* **क्योंकि मनुष्य के मार्ग यहोवा की दृष्टि से छिपे नहीं हैं, और वह उसके सब मार्गों पर ध्यान करता है** (नीतिवचन 5:21 ULB) + + * ‘‘यहोवा वास्तव में मनुष्य के हर कार्य को देखता है’’ + +1. यदि आपको लगता है कि वाक्यों का उपयोग उसके विचार को गहरा करने के लिए दिया गया है तो आप ‘‘बहुत’’, ‘‘पूर्णतया’’ या ‘‘सब’’ जैसे शब्दों का उपयोग कर सकते हैं। + +* **अब तक तू मुझ से छल करता, और झूठ बोलता आया है** (न्यायियों 16:13 ULB) + + * ‘‘तूने मेरे साथ सब कुछ झूठ बोला है’’ + +* **क्योंकि मनुष्य के मार्ग यहोवा की दृष्टि से छिपे नहीं हैं, और वह उसके सब मार्गों पर ध्यान करता है** (नीतिवचन 5:21 ULB) + + * ‘‘यहोवा मनुष्य के किए गए सब कार्यों को अच्छी तरह से जानता है’’ diff --git a/translate/figs-parallelism/sub-title.md b/translate/figs-parallelism/sub-title.md new file mode 100644 index 0000000..f56ca72 --- /dev/null +++ b/translate/figs-parallelism/sub-title.md @@ -0,0 +1,2 @@ +समरूपता क्या है? + diff --git a/translate/figs-parallelism/title.md b/translate/figs-parallelism/title.md new file mode 100644 index 0000000..3e93bde --- /dev/null +++ b/translate/figs-parallelism/title.md @@ -0,0 +1,2 @@ +समरूपता + diff --git a/translate/figs-partsofspeech/01.md b/translate/figs-partsofspeech/01.md new file mode 100644 index 0000000..a430337 --- /dev/null +++ b/translate/figs-partsofspeech/01.md @@ -0,0 +1,24 @@ + +### वर्णन + +अलंकार के शब्द शब्दों की श्रेणियाँ हैं। शब्दों की श्रेणियाँ एक वाक्य में कर्इ प्रकार के कार्य करती हैं। सब भाषाओं में अलंकार के शब्द होते हैं और एक भाषा के सभी शब्द अलंकार के शब्दों का भाग होते हैं। + +अधिकतर भाषाओं में ये मूलभूत अलंकार के शब्द, कुछ बदलावों के साथ, होते हैं और कुछ भाषाओं में अधिक श्रेणियाँ होती हैं। यह अलंकार के शब्दों की संपूर्ण सूची नही है, परंतु ये सिर्फ मूलभूत श्रेणियों को दिखा रही है। + +**क्रियाएँ** किसी कार्य के करने (उदाहरण, आ, जा, खा) एवं होने (जैसे कि, है, था, थे इत्यादि) को दिखाती हैं। इसकी विस्तृत जानकारी [Verbs](../figs-verbs/01.md) में उपलब्ध है। + +**संज्ञाएँ** एक व्यक्ति, स्थान, वस्तु अथवा विचार को दिखाने वाले शब्द हैं। सामान्य संज्ञाएँ सर्वसामान्य हैं अर्थात वे किसी व्यक्ति विशेष (मनुष्य, शहर अथवा देश) को नही दिखाती हैं। नाम, अथवा व्यक्तिवाचक संज्ञाएँ व्यक्तिविशेष को दिखाती हैं अर्थात पतरस, यरूशेलम, मिस्र। अधिक जानकारी के लिए देखें: नामों का अनुवाद कैसे करें [How to Translate Names](../translate-names/01.md). + +**सर्वनाम** संज्ञा के स्थान पर काम आता है और वह, वे, हम जैसे शब्दों का इस्तेमाल होता है। सर्वनाम के बारे में अधिक जानकारी [Pronouns](../figs-pronouns/01.md) पृष्ठ पर पार्इ जा सकती है। + +**संयोजक** वे शब्द हैं जो कथनों अथवा वाक्यों को जोड़ते हैं। उदाहरण के तौर पर, और, या, के लिए, तौभी, ना तो इत्यादि। कुछ संयोजकों को युगलों में भी उपयोग किया जाता है: दोनों/और, या/तो, ना/तो इत्यादि। इनके बारे में अधिक जानकारी [Connecting Words](../writing-connectingwords/01.md) पर पा सकते हैं। + +**उपसर्ग** वे शब्द हैं जो किसी संज्ञा या क्रिया के साथ जुड़कर उनकी अधिक विशेषता बताते हैं। उदाहरण: लड़की अपने पिता की ओर दौड़ी। यहाँ उपसर्ग ‘‘की ओर’’ लड़की के अपने पिता के साथ रिश्ते के कारण उसकी ओर जाने की क्रिया को दिखाता है। दूसरा उदाहरण, ‘‘यीशु के चारों ओर भीड़ बढ़ने लगी । यहाँ उपसर्ग ‘‘चारों ओर’’ यीशु के संबंध में भीड़ की जगह को दिखाता है। उपसर्ग के कुछ और उदाहरण निम्न हैं: की ओर, से, बाहर, शुरू, साथ, बिना, ऊपर, नीचे, पीछे, आगे, बीच में, द्वारा, बाद में। + +**आर्टिकल्स** ये प्रदर्शित करने वाले शब्द हैं जिन्हे जब वक्ता बताता है तो सुनने वाले समझ सकें। अंग्रेजी में ये शब्द ए (a), एन (an) और दि (the) हैं। ए (a), एन (an) और दि (the) इन तीनों शब्दों के अर्थ समान हैं। + +यदि एक वक्ता कहता है, ए डोग तो वह श्रोताओं को बताना चाहता है कि वह कुत्ते की बात बता रहा है, शायद वह पहली बार इस कुत्ते की बात कर रहा हो। यदि एक वक्ता कहता है, दि डोग तो वह एक विशेष कुत्ते की बात बता है और चाहता है कि श्रोता भी इस बात को पहचानें कि वह किस कुत्ते की बात बता रहा है। अंग्रेजी वक्ता दि का उपयोग यह बताने के लिए भी करते हैं वे किसी बात पर सामान्य राय दे रहे हैं। उदाहरण के तौतर पर, वे कहते हैं दि एलिफेंट इस ए लार्ज ऐनिमल (हाथी एक बड़ा जानवर होता है) तो वह हाथी के बारे में सामान्य जानकारी दे रहा है। इसके बारे में आप अधिक जानकारी [Generic Noun Phrases](../figs-genericnoun/01.md) पर पा सकते हैं। + +**विशेषण** वे शब्द होते हैं जो संज्ञा की विशेषता बताते हैं और उनकी संख्या, आकार, रंग और उम्र इत्यादि की जानकारी देते हैं। कुछ उदाहरण: कर्इ, बड़ा, नीला, बूढ़ा, होशियार, थका। कर्इ बार लोग किसी चीज के बारे में कुछ जानकारियाँ देने के लिए विशेषण का उपयोग करते हैं और कर्इ बार लोग इनकी मदद से एक चीज का दूसरी से अंतर करते हैं। उदाहारण, मेरे बुजुर्ग पिता, बुजुर्ग विशेषण मेरे पिता के बारे में कुछ बातें बताता है। परंतु मेरी सबसे बड़ी बहन में सबसे बड़ी शब्द मेरी एक और बड़ी बहन से अलग दिखा रहा है। आप इसकी अधिक जानकारी [Distinguishing versus Informing or Reminding](../figs-distinguish/01.md) पर पा सकते हैं। + +**क्रिया विशेषण** वे शब्द हैं जो क्रिया या विशेषण की विशेषता बताते हैं और उनके बारे में ‘‘कैसे, कब, कहाँ, क्यों और कहाँ तक’’ जैसी जानकारियाँ देते हैं। कर्इ सारे अंग्रेजी क्रिया विशेषण के शब्दों के अंत में ly होता है। क्रिया विशेषण के कुछ उदाहरण हैं: स्लोली (धीरे धीरे), लेटर (बाद में), फार (दूर), इंटेंनशन्ली (जानबूझकर), वैरी (बहुत) । diff --git a/translate/figs-partsofspeech/sub-title.md b/translate/figs-partsofspeech/sub-title.md new file mode 100644 index 0000000..369a4f9 --- /dev/null +++ b/translate/figs-partsofspeech/sub-title.md @@ -0,0 +1,2 @@ +अंग्रेजी में भाषा के अलंकार कौन कौनसे हैं? + diff --git a/translate/figs-partsofspeech/title.md b/translate/figs-partsofspeech/title.md new file mode 100644 index 0000000..f92eef2 --- /dev/null +++ b/translate/figs-partsofspeech/title.md @@ -0,0 +1,2 @@ +भाषा के भाग + diff --git a/translate/figs-pastforfuture/01.md b/translate/figs-pastforfuture/01.md new file mode 100644 index 0000000..5bc2d3a --- /dev/null +++ b/translate/figs-pastforfuture/01.md @@ -0,0 +1,54 @@ + +### वर्णन + +‘भविष्यसूचक अतीत’ भाषा का वो अलंकार है जो भूतकाल का उपयोग कर, भविष्य की किसी घटना का उल्लेख करता है। ऐसा अक्सर भविष्यद्वाणियों में, ये दिखाने के लिए किया जाता है कि वह घटना जरूर घटेगी। इसे भविष्यद्वाणीय परफेक्ट भी कहते हैं। + +>इसलिये अज्ञानता के कारण मेरी प्रजा बंधुआर्इ में जाती है +>उसके प्रतिष्ठित पुरूष भूखों मरते और साधारण लोग प्यास से ब्याकुल होते हैं (यशायाह 5:13 ULB) + +उपरोक्त उदाहरण में, इस्राएली अभी बत बंधुवार्इ में गए नही थे परंतु परमेश्वर ने उनके बंधुवार्इ में जाने के बारे में इस प्रकार कहा कि वे बंधुवार्इ में हैं क्यों उसने उन्हे बंधुवार्इ में भेजने की ठान ली थी। + +### कारण यह अनुवाद का विषय है + +भूतकाल के बारे में अनभिज्ञ पाठक भविष्यद्वाणी में बतार्इ गर्इ भावी घटना के बारे में पढ़कर संदेह से भर सकते हैं। + +### बाइबल में से उदाहरण + +> और यरीहो के सब फाटक इस्राएलियों के डर के मारे लगातार बन्द रहे और कोर्इ बाहर भीतर आने जाने नहीं पाता था।फिर यहोवा ने यहोशू से कहा, सुन, मैं यरीहो को उसके राजा और शूरवीरों समेत तेरे वश में कर देता हूं। (यहोशू 6:1-2 ULB) + +>क्योंकि हमारे लिये एक बालक उत्पé हुआ, हमें एक पुत्र दिया गया है। +>और प्रभुता उसके कांधे पर होगी (यशायाह 9:6 ULB) + +उपरोक्त उदाहरण में, परमेश्वर ने भविष्य में होने वाली घटना के बारे में इस प्रकार कहा कि वह घट चुकी हो। + +>और हनोक ने भी जो आदम से सातवीं पीढ़ी में था, इन के विषय में यह भविष्यद्ववाणी की, कि देखो, प्रभु अपने लाखों पवित्रों के साथ आया (यहूदा 1:5 ULB) + +हनोक भविष्य में होने वाली घटना के बारे में बता रहा था परंतु उसने यह कहकर भूतकाल का उपयोग किया, ‘‘प्रभु... आया’’। + +### अनुवाद की रणनीतियाँ + +यदि आपकी भाषा में भूतकाल सही है और इसका अर्थ स्पष्ट है तो इसका ही उपयोग करें। अन्यथा, कुछ विकल्प निम्नलिखित हैं: + +1. भविष्य की बातों को बताने के लिए भविष्यसूचक शब्दों का ही उपयोग करें +1. यदि वहाँ भविष्य की एकदम से घटने वाली घटना के बारे में लिखा है, तो ऐसे रूप का उपयोग करें जिससे वह स्पष्ट हो +1. कुछ भाषाएँ भविष्य में होने वाली घटना को दिखाने के लिए वर्तमान काल का भी उपयोग करती हैं + +### अनुवाद की रणनीतियों को लागु करने के उदाहरण + +1. भविष्य की बातों को बताने के लिए भविष्यसूचक शब्दों का ही उपयोग करें + +* **क्योंकि हमारे लिये एक बालक उत्पé हुआ, हमें एक पुत्र दिया गया है** (यशायाह 9:6क ULB) + + * ‘‘क्योंकि हमारे लिये एक बालक उत्पé होगा, हमें एक पुत्र दिया जाएगा + +1. यदि वहाँ भविष्य की एकदम से घटने वाली घटना के बारे में लिखा है, तो ऐसे रूप का उपयोग करें जिससे वह स्पष्ट हो + +* **फिर यहोवा ने यहोशू से कहा, सुन, मैं यरीहो को उसके राजा और शूरवीरों समेत तेरे वश में कर देता हूँ ।** (यहोशू 6:2 ULB) + + * फिर यहोवा ने यहोशू से कहा, सुन, मैं यरीहो को उसके राजा और शूरवीरों समेत तेरे वश में करूँगा + +1. कुछ भाषाएँ भविष्य में होने वाली घटना को दिखाने के लिए वर्तमान काल का भी उपयोग करती हैं + +* **फिर यहोवा ने यहोशू से कहा, सुन, मैं यरीहो को उसके राजा और शूरवीरों समेत तेरे वश में कर देता हूँ ।** (यहोशू 6:2 ULB) + + * फिर यहोवा ने यहोशू से कहा, सुन, मैं यरीहो को उसके राजा और शूरवीरों समेत तेरे वश में कर रहा हूँ diff --git a/translate/figs-pastforfuture/sub-title.md b/translate/figs-pastforfuture/sub-title.md new file mode 100644 index 0000000..8f5eb4e --- /dev/null +++ b/translate/figs-pastforfuture/sub-title.md @@ -0,0 +1,2 @@ +भविष्यसूचक अतीत क्या है? + diff --git a/translate/figs-pastforfuture/title.md b/translate/figs-pastforfuture/title.md new file mode 100644 index 0000000..2e04672 --- /dev/null +++ b/translate/figs-pastforfuture/title.md @@ -0,0 +1,2 @@ +भाविसूचक अतीत + diff --git a/translate/figs-personification/01.md b/translate/figs-personification/01.md new file mode 100644 index 0000000..37a261b --- /dev/null +++ b/translate/figs-personification/01.md @@ -0,0 +1,61 @@ + +### वर्णन + +मानवीकरण भाषा का एक अलंकार है जिसमें एक वस्तु को एक व्यक्ति या जन्तु के समान दिखाया जाता है कि वह उनके समान कार्य सकती है। लोग इसका उपयोग इसलिए करते हैं जिससे वे नही दिखने वाली चीजों की जानकारी आसानी से दे सकें। + +उदाहरण - बुद्धि: + +>क्या बुद्धि नहीं पुकारती है? (नीतिवचन 8:1 ULB) + +या पाप: + +>पाप द्वार पर छिपा रहता है (उत्पत्ति 4:7 ULB) + +लोग इसका उपयोग इसलिए भी करते हैं क्योंकि उन्हे संपत्ति जैसी निर्जीव वस्तुओं के साथ मनुष्य के रिश्ते के बारे में बताना आसान लगता है, जैसे कि वे जीवित हों। + +>तुम परमेश्वर और धन दोनो की सेवा नहीं कर सकते” (मत्ती 6:24 ULB) + +### यह अनुवाद का विषय क्यों है + +* कुछ भाषाएँ मानवीकरण का उपयोग नही करती हैं +* कुछ भाषाएँ मानवीकरण का उपयोग कुछ परिस्थितियों में करती हैं + +### बाइबल में से उदाहरण + +>तुम परमेश्वर और धन दोनो की सेवा नहीं कर सकते” (मत्ती 6:24 ULB) + +यीशु धन को एक मालिक के समान बताते हैं जिनकी मनुष्य सेवा कर सकता है। धन से प्रेम करना या उसके आधार पर निर्णय लेना उस दास के समान है जो अपने मालिक की सेवा करता है। + +> क्या बुद्धि नहीं पुकारती है? क्या समझ ऊंचे शब्द से नहीं बोलती है? (नीतिवचन 8:1 ULB) + +लेखक बुद्धि और समझ को स्त्रियों के समान बताता है जो लोगों को सिखाने के लिए पुकार रही हैं। इसका अर्थ है कि वे छुपी हुर्इ वस्तुएँ नहीं, वरन् देख सकने योग्य हैं जिन पर लोग ध्यान दे सकते हैं। + +### अनुवाद की रणनीतियाँ + +यदि आपकी भाषा में मानवीकरण को आसानी से समझा जा सकता है तो उसका उपयोग करें। यदि इसे समझा नही जाता है तो अनुवाद के कुछ अन्य तरीकों का उपयोग करें। + +1. स्पष्ट करने वाले शब्दों और कथनों का उपयोग करें। +1. ‘‘जैसे’’ या ‘‘समान’’ जैसे शब्दों का उपयोग करें जिससे कथन का सीधा अर्थ न ले लिया जाए। +1. मानवीकरण के बिना, इसका अनुवाद करने की कोशिश करें। + +### अनुवाद की रणनीतियों को लागु करने के उदाहरण + +1. स्पष्ट करने वाले शब्दों और कथनों का उपयोग करें + +* **... द्वार पर पाप छिपा रहता है**, (उत्पत्ति 4:7 ULB) - परमेश्वर पाप को एक जंगली जानवर के रूप में दिखा रहा है जो हमला करने के मौके की तलाश में लगा है। यह दिखाता है कि पाप कितना खतरनाक है। इस खतरे को और दिखाने के लिए एक अतिरिक्त कथन जोड़ा जा सकता है। + + * ... पाप तुम्हारे द्वार पर है जो तुम पर हमला करने की इंतजार में है + +1. ‘‘जैसे’’ या ‘‘समान’’ जैसे शब्दों का उपयोग करें जिससे कथन का सीधा अर्थ न ले लिया जाए + +* **... द्वार पर पाप छिपा रहता है**, (उत्पत्ति 4:7 ULB) - परमेश्वर पाप को एक जंगली जानवर के रूप में दिखा रहा है जो हमला करने के मौके की तलाश में लगा है + + * ... द्वार पर पाप छिपा रहता है, (उत्पत्ति 4:7 ULB) - परमेश्वर पाप को एक जंगली जानवर के रूप में दिखा रहा है जो हमला करने के मौके की तलाश में लगा है + +1. मानवीकरण के बिना, इसका अनुवाद करने की कोशिश करें + +* **... आँधी और पानी भी उसकी आज्ञा मानते हैं।** (मत्ती 8:27 ULB) - मनुष्य ‘‘आँधी और पानी के बारे में ऐसे बोल रहे हैं जैसे कि वो सुन पा रहे हैं’’ और लोगों के समान यीशु की बात मानते हैं। आज्ञा के विचार के बिना भी इसका अनुवाद किया जा सकता है, इस प्रकार कि यीशु का उन पर अधिकार हो। + + * वह तो आँधी और पानी पर भी नियंत्रण रखता है + +* **ध्यान दें** : हमने मानवीकरण की परिभाषा को और बड़ा करके उसमें ‘‘जूफोर्मिस्म’’ (वस्तुओं को ऐसे पेश करना कि उनमें जानवरों का स्वभाव हो) और ‘‘आन्द्रोपोफोर्मिस्म’’ (गैरमानवीय वस्तुओं को मनुष्य समान दिखाना) को भी शामिल किया गया है। diff --git a/translate/figs-personification/sub-title.md b/translate/figs-personification/sub-title.md new file mode 100644 index 0000000..141bd2a --- /dev/null +++ b/translate/figs-personification/sub-title.md @@ -0,0 +1,2 @@ +मानवीकरण क्या है? + diff --git a/translate/figs-personification/title.md b/translate/figs-personification/title.md new file mode 100644 index 0000000..620f064 --- /dev/null +++ b/translate/figs-personification/title.md @@ -0,0 +1,2 @@ +व्यक्तिकरण + diff --git a/translate/figs-possession/01.md b/translate/figs-possession/01.md new file mode 100644 index 0000000..4286229 --- /dev/null +++ b/translate/figs-possession/01.md @@ -0,0 +1,132 @@ + +### वर्णन + +सामान्य अंग्रेजी में, ‘‘संपत्ति’’ का अर्थ है कि कुछ होना अथवा मनुष्य के पास कुछ होना है। अंग्रेजी में उस व्याकरणीय संबंध को of या अपस्ट्रोफी s के द्वारा दिखाया गया है। + +* मेरे दादा का घर +* मेरे दादा का घर +* उनका घर + +इब्री, यूनानी और अंग्रेजी में संपत्ति अथवा कुछ होने का उपयोग विभिé तरीके से किया जाता है। कुछ परिस्थितियाँ दी गर्इ हैं जहाँ इनका उपयोग होता है। + +* स्वामित्व - किसी के पास कुछ है +* मेरे वस्त्र - वस्त्र जो मेरे हैं +* सामाजिक संबंध - किसी एक का दूसरे के साथ सामाजिक संबंध है +* मेरी माता - मुझे जन्म देने वालीं या मुझे संभालने वालीं +* मेरे अध्यापक - मुझे सिखाने वाले +* सामग्रियाँ - किसी चीज में कुछ है +* आलु का थैला - एक थैला जिसमें आलु हैं, या जो आलुओं से भरा थैला +* अंश अथवा संपूर्ण + +एक चीज दूसरी का अंश है + +* मेरा सिर - सिर जो मेरे शरीर का भाग है +* एक घर की छत - छत जो किसी घर का भाग है + +### यह अनुवाद का विषय क्यों है + +* अनुवादकों को दोनो संज्ञाओं के आपसी संबंध को जानना जरूरी है जिसमें एक दूसरे के अर्थ को सम्मिलित करता है +* कुछ भाषाओं में सारी परिस्थितियों के अंदर संपत्ति अथवाकुछ होने के भाव को विभिé तरीके से पेश किया जाता है + +### बाइबल में से उदाहरण + +**स्वामित्व** - निम्नलिखित उदाहरण में, पुत्र के पास पैसा था + +> छुटका पुत्र ... वहाँ कुकर्म में अपनी संपत्ति उड़ा दी। (लूका 15:13 ULB) + +**सामाजिक संबंध** - निम्नलिखित उदाहरण में, चेले वे लोग थे जिन्होने यूहéा तक सीखा + +> तब यूहéा के चेले उसके पास आए (मत्ती 9:14 ULB) + +**सामाजिक संबंध** - निम्नलिखित उदाहरण में, मुकुट बनाने की सामग्री सोना था + +> और उन टिड्डियों के आकार लड़ार्इ के लिये तैयार किए हुए घोड़ों के से थे, और उन के सिरों पर मानों सोने के मुकुट थे; और उन के मुंह मनुष्यों के से थे। (प्रकाशितवाक्य 9:7 ULB) + +**सामग्री** - निम्नलिखित उदाहरण में, कटोरे में जल है + +> जो कोर्इ एक कटोरा पानी तुम्हें इसलिये पिलाए कि तुम मसीह के हो तो मैं तुम से सच कहता हूं कि वह अपना प्रतिफल किसी रीति से न खोएगा। (मरकुस 9:41 ULB) + +**संपूर्ण का भाग** - निम्नलिखित उदाहरण में, द्वार महल का भाग है + +> परन्तु ऊरिय्याह अपने स्वामी के सब सेवकों के संग राजभवन के द्वार में लेट गया, और अपने घर न गया। (2 शमूएल 11:9 ULB) + +**समूह का भाग** - निम्नलिखित उदाहरण में, ‘‘हम’’ पूरे भाग को दिखाता है और ‘‘प्रत्येक’’ उसके एक एक सदस्य को दिखाता है + +> पर हम में से हर एक को मसीह के दान के परिमाण से अनुग्रह मिला है। (इफिसियों 4:7 ULB) + +### घटनाएँ एवं संपत्ति + +कर्इ बार एक अथवा दोनो संज्ञाएँ भाववाचक संज्ञा है जो किसी घटना या कार्य को दिखाती है। निम्नलिखित उदाहरण में, भाववाचक संज्ञाएँ गाढ़े रंग में दी गर्इ हैं। ये कुछ संबंध हैं जो दो संज्ञाओं के बीच संभव हैं जब एक किसी घटना की ओर इशारा करती है। + +**कर्ता** - अक्सर ‘का’ से जुड़ा शब्द बताता है कि प्रथम संज्ञा के नाम पर, कौन कार्य करेगा। निम्नलिखित उदाहरण में, यूहéा लोगों को बपतिस्मा देता है + +> यूहéा का **बपतिस्मा** क्या यह स्वर्ग की ओर से था वा मनुष्यों की ओर से? उत्तर दो।’’ (मरकुस 11:30 ULB) + +निम्नलिखित उदाहरण में, मसीह हमसे प्रेम करता है + +>कौन हमको मसीह के प्रेम से अलग करेगा? (रोमियों 8:35 ULB) + +**कर्म** - कर्इ बार ‘का’ से जुड़ा शब्द बताता है कि किसके साथ क्या घटना होगी। + +निम्नलिखित उदाहरण में, लोग धन से प्रेम करते हैं + +>क्योंकि रूपये का लोभ सब प्रकार की बुराइयों की जड़ है (1 तिमुथियुस 6:10 ULB) + +**उपकरण** - कर्इ बार ‘का’ से जुड़ा शब्द बताता है कि कैसे एक घटना घटेगी + +निम्नलिखित उदाहरण में, परमेश्वर तलवार के द्वारा हमला करने के लिए दुश्मनों को भेजकर दण्ड देगा + +> तो तुम तलवार से डरो, क्योंकि जलजलाहट से तलवार का दंड मिलता है (अय्यूब 19:29 ULB) + +**प्रतिनिधित्व** - कर्इ बार ‘का’ से जुड़ा शब्द बताता है कि किसके साथ क्या घटना होगी + +यह दिखाने के लिए वे मन फिरा रहे हैं, उन्होने बपतिस्मा लिया। उनका बपतिस्मा उनके मनफिराव का चिन्ह था + +> यूहéा आया, जो जंगल में बपतिस्मा देता, और पापों की क्षमा के लियेमनफिराव के बपतिस्मा का प्रचार करता था। (मरकुस 1:4 ULB) + +### दो संज्ञाओं के आपसी संबंध को जानने की रणनीतियाँ + +1. आसपास के पदों को पढ़कर पता करें कि इससे आप दो संज्ञाओं के बीच के संबंध को पहचान सकें +1. पद को UDB में पढ़ें। कर्इ बार यह संबंध को स्पष्ट बताता है +1. देखें कि लेख इसके बारे में क्या बताता है। + +### अनुवाद रणनीति + +यदि दो संज्ञाओं के बीच के संबंध के बारे में बताने के लिए संपत्ति का उपयोग स्पष्ट या सामान्य है तो उसका उपयोग करें। यदि यह अपरिचित या समझने में कठिन लगता है, तो निम्न को देखें: + +1. ऐसे विशेषण का उपयोग करें जिससे एक वस्तु दूसरे को स्पष्ट कर सके +1. क्रिया का उपयोग कर बताएँ कि दोनो कैसे संबंधित हैं +1. यदि एक संज्ञा किसी घटना को बताती है तो इसका अनुवाद एक क्रिया के रूप में करें + +### अनुवाद की रणनीतियों को लागु करने के उदाहरण + +1. ऐसे विशेषण का उपयोग करें जिससे एक वस्तु दूसरे को स्पष्ट कर सके। निम्नलिखित विशेषणों को गाढ़े रंग में दिखाया गया है। + +* **उनके सिरों पर मानों सोने के मुकुट थे** (प्रकाशितवाक्य 9:7 ULB) + + * उनके सिरों पर मानों **सोने** के मुकुट थे + +1. क्रिया का उपयोग कर बताएँ कि दोनो कैसे संबंधित हैं। निम्नलिखित उदाहरण में, जोड़ी गर्इ क्रिया को गाढ़े रंग में दिखाया गया है। + +* **...जो कोर्इ एक कटोरा पानी पिलाए ....... वह अपना प्रतिफल न खोएगा।**’ (मरकुस 9:41 ULB) + + * ...जो कोर्इ एक कटोरा पानी पिलाए ....... वह अपना प्रतिफल न खोएगा। + +* **कोप के दिन धन से तो कुछ लाभ नहीं होता** (नीतिवचन 11:4 ULB) + + * धन से तो कुछ लाभ नहीं होता, जब परमेश्वर अपना कोप **दिखाएगा** + * धन से तो कुछ लाभ नहीं होता जब परमेश्वर अपने कोप के कारण लोगों को **दण्ड** देगा + +1. यदि एक संज्ञा किसी घटना को बताती है तो इसका अनुवाद एक क्रिया के रूप में करें। निम्नलिखित उदाहरण में, क्रिया को गाढ़े रंग में दिखाया गया है। + +* **सोचो क्योंकि मैं तो तुम्हारे बाल-बच्चों से नहीं कहता,) जिन्होंने न तो देखा और न जाना है कि तुम्हारे परमेश्वर यहोवा ने क्या क्या ताड़ना की** (व्यवस्थाविवरण 11:2 ULB) + + * सोचो क्योंकि मैं तो तुम्हारे बाल-बच्चों से नहीं कहता,) जिन्होंने न तो देखा और न जाना है कि तुम्हारे परमेश्वर यहोवा ने मिस्रियों को कैसे **दण्ड दिया** + +* **तू अपनी आंखों से दृष्टि करेगा और दुष्टों के अंत को देखेगा** (भजन संहिता 91:8 ULB) + + * तू अपनी आंखों से दृष्टि करेगा और देखेगा कि यहोवा कैसे दुष्टों का अंत करता है + +* **... तुम पवित्र आत्मा का दान पाओगे** (प्रेरितों के काम 2:38 ULB) + + * ... तुम पवित्र आत्मा को पाओ जो परमेश्वर आपको **देगा** diff --git a/translate/figs-possession/sub-title.md b/translate/figs-possession/sub-title.md new file mode 100644 index 0000000..a206bb6 --- /dev/null +++ b/translate/figs-possession/sub-title.md @@ -0,0 +1,2 @@ +‘‘संपत्ति’’ या अधिकार की वस्तु क्या है और मैं उसका अनुवाद कैसे कर सकता हूँ? + diff --git a/translate/figs-possession/title.md b/translate/figs-possession/title.md new file mode 100644 index 0000000..023624d --- /dev/null +++ b/translate/figs-possession/title.md @@ -0,0 +1,2 @@ +संपति या अधिकार + diff --git a/translate/figs-pronouns/01.md b/translate/figs-pronouns/01.md new file mode 100644 index 0000000..d6fc8ce --- /dev/null +++ b/translate/figs-pronouns/01.md @@ -0,0 +1,67 @@ + +### वर्णन + +किसी व्यक्ति या वस्तु को दिखाने के लिए संज्ञा के स्थान पर काम में आने वाले शब्द सर्वनाम कहलाते हैं। कुछ उदाहरण हैं, मैं, तुम, यह, वह, स्वयं, कोर्इ। सर्वनाम का सर्वाधिक सामान्य प्रकार व्यक्तिवाचक है। + +### व्यक्तिवाचक सर्वनाम + +व्यक्तिवाचक सर्वनाम लोगों या वस्तुओं को दिखाता है और बताता है कि वक्ता स्वयं की बात कर रहा है या जिससे बात कर रहा है या किसी व्यक्ति या किसी वस्तु को दिखा रहा है। व्यक्तिवाचक सर्वनाम के द्वारा दी जाने वाली सुचनाओं के प्रकार निम्न हैं। अन्य प्रकार के सर्वनाम भी इनमें से कुछ सूचनाएँ दे सकते हैं। + +### व्यक्ति + +* प्रथम व्यक्ति - वक्ता एवं शायद कुछ और (मैं, हम) +* द्वितीय व्यक्ति - वक्ता जिससे या जिनसे बात कर रहा एवं शायद कुछ और (तुम) +* [Forms of You](../figs-exclusive/01.md) +* तृतीय व्यक्ति - वक्ता अथवा जिनसे वह बात कर रहा है, उनके अलावा कोर्इ और व्यक्ति या वस्तु (वह, यह, वे) + +### संख्या + +* एकवचन - एक (मैं, तू, वह, यह) +* बहुवचन - एक से अधिक (हम, तूम वे) +* [Singular Pronouns that Refer to Groups](../figs-you/01.md) +* युग्म - दो (कुछ भाषाओं में दो लोगों या वस्तुओं के लिए सर्वनाम होते हैं) + +### लिंग + +* पुल्लिंग - वह +* स्त्रीलिंग - वह +* नपुंसक लिंग - यह + +### वाक्य के अन्य शब्दों से संबंध + +* क्रिया का विषय: मैं, तु, वह, यह, ये +* क्रिया या पूर्वसर्ग के कर्म: मुझे, तुझे, उसे, उन्हे +* संज्ञा के साथ स्वामित्व: मेरा, तेरा, उसका, हमारा, उनका +* पुल्लिंग - वह + +### सर्वनाम के अन्य प्रकार + +**[Reflexive Pronouns](../figs-youcrowd/01.md)** कर्मकर्ता सर्वनाम उसी वाक्य में मौजूद दूसरी संज्ञा या सर्वनाम को दिखाता है: मैं स्वयं, तुम स्वयं, हम स्वयं, वह स्वयं, वे स्वयं + +* यूहéा ने स्वयं को दर्पण में देखा** - ‘‘स्वयं’’ शब्द यूहéा को दिखाता है। + +**प्रश्नवाचक सर्वनाम** ऐसे प्रश्न हैं जिनका उत्तर केवल हाँ या ना से अधिक होता है: कौन, किसका, किसको, क्या, कहाँ, कब, क्यों, कैसे + +* किसने घर बनाया? + +**संबंधवाचक** सर्वनाम एक संबंध के कथन को बताता है। वे वाक्य के मुख्य भाग में दी गर्इ संज्ञा के बारे में अधिक जानकारी देते हैं: जो, जिसने, जिसका, जहाँ, जब। + +* **मैने वो घर देखा जो यूहéा ने बनाया है** ‘‘जो यूहéा ने बनाया’’ उक्त कथन बताता है कि मैने कौनसा घर देखा + +* **मैने उस व्यक्ति को देखा जिसने यूहéा ने बनाया है** ‘‘जो यूहéा ने बनाया’’ उक्त कथन बताता है कि मैने कौनसा घर देखा + +**संकेतवाचक** सर्वनाम किसी वस्तु या व्यक्ति की ओर ध्यान खींचता एवं उससे वक्ता की दूरी को दिखाता है, जैसे यह, ये, वह, वे। + +* **क्या तुमने ये यहाँ देखा है?** + +* **यहाँ वह कौन है?** + +**अनिश्चयवाचक** सर्वनाम से किसी निश्चित वस्तु या व्यक्ति को बोध नही होता, जैसे कोर्इ, किसी, कुछ, कहीं। कर्इ बार ऐसा करने के लिए व्यक्तिवाचक सर्वनाम का भी उपयोग होता है: तुम, वे, वह या यह। + +* **वह किसी से बात नही करना चाहता** + +* **किसी ने इसे सही कर दिया है, परंतु मुझे नही पता कि वह कौन है** + +* **वे कहते हैं कि तुम्हे सोए हुए कुत्ते को जगाना नही चाहिए** + +अंतिम उदाहरण में, ‘‘वे’’ एवं ‘‘तुम’’ सामान्य रूप में लोगों की ओर इशारा करते हैं। diff --git a/translate/figs-pronouns/sub-title.md b/translate/figs-pronouns/sub-title.md new file mode 100644 index 0000000..de0b0af --- /dev/null +++ b/translate/figs-pronouns/sub-title.md @@ -0,0 +1,2 @@ +सर्वनाम क्या हैं और कुछ भाषाओं में सर्वनाम के कौन कौनसे प्रकार होते हैं? + diff --git a/translate/figs-pronouns/title.md b/translate/figs-pronouns/title.md new file mode 100644 index 0000000..b283f7a --- /dev/null +++ b/translate/figs-pronouns/title.md @@ -0,0 +1,2 @@ +सर्वनाम + diff --git a/translate/figs-quotations/01.md b/translate/figs-quotations/01.md new file mode 100644 index 0000000..fe18b2f --- /dev/null +++ b/translate/figs-quotations/01.md @@ -0,0 +1,55 @@ + +### वर्णन + +उद्धरण दो प्रकार के होते हैं: प्रत्यक्ष उद्धरण एवं अप्रत्यक्ष उद्धरण। + +**प्रत्यक्ष उद्धरण** तब होता है जब कोर्इ किसी के कहे कथन को मूलभूत श्रोताओं के नजरिए से पेश करता है। लोग अपेक्षा करते हैं कि इस प्रकार के उद्धरण वास्तविक लेखक के वास्तविक शब्दों को बताएँ। नीचे के उदाहरण में, यूहéा ने स्वयं का उल्लेख करते हुए ‘‘मैं’’ कहा होगा, अत: यूहéा के शब्दों की सूचना देने वाला वक्ता भी यूहéा की ओर इशारा करते हुए ‘‘मैं का उपयोग कर रहा है। यह दिखाने के लिए कि ये शब्द स्वयं यूहéा के हैं, कर्इ भाषाएँ उद्वरण चिन्ह ‘‘ ‘‘ के बीच में उसके शब्दों को लिखते हैं। + +* यूहéा ने कहा, ‘‘मैं नही जानता कि आप कब पहुँचोगे?’’ + +**अप्रत्यक्ष उद्धरण** तब होता है जब कोर्इ किसी के कहे कथन को बताता तो है, परंतु इस मामले में, वह उसकी बात को, वास्तविक लेखक की बजाए, स्वयं के नजरिए से पेश करता है। इस प्रकार का उद्धरण आम तौर पर, सर्वनाम में आए बदलाव को बताते हैं और अक्सर समय, शब्दों के चुनाव और लंबार्इ में परिवर्तन को दिखाता है। नीचे के उदाहरण में, वक्ता यूहéा का उल्लेख ‘‘वह’’ के रूप में उद्वरण के साथ करता है। + +* यूहéा ने कहा कि वह नही जानता था कि वह कब पहुचेगा?’’ + +### यह अनुवाद का विषय क्यों है + +कुछ भाषाओं में, सूचित वक्तव्य को प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष दोनों उद्धरणों के साथ बताता जा सकता है। परंतु कुछ भाषाओं में, एक का उपयोग दूसरे से अधिक सामान्य तरीके से होता है और एक प्रकार के तरीके से उपयोग से उसे निश्चित अर्थ मिलता है। हर उद्धरण के लिए, अनुवादक को निर्णय लेना है कि उनका उनका प्रत्यक्ष उद्धरण में करे या अप्रत्यक्ष में। + +### बाइबल में से उदाहरण + +निम्नलिखित उदाहरण में प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष, दोनो प्रकार के उद्धरण सम्मिलित हैं। नीचे लिखे वर्णनों में, उद्धरणों को रेखांकित किया गया है। + +>तब उसने उसे चिताया, कि किसी से न कह, परन्तु जाकर, अपने आप को याजक को दिखा, और अपने शुद्ध होने के विषय में जो कुछ मूसा ने चढ़ावा ठहराया है, उसे चढ़ा; कि उन पर गवाही हो’’ (लूका 5:14 ULB) + +* अप्रत्यक्ष उद्धरण: तब उसने उसे चिताया, कि किसी से न कह +* प्रत्यक्ष उद्धरण: ‘‘परन्तु जाकर, अपने आप को याजक को दिखा...’’ + +>जब फरीसियों के द्वारा पूछा गया, कि परमेश्वर का राज्य कब आएगा? तो उसने उनको उत्तर दिया, कि पमेश्वर का राज्य प्रगट रूप में नहीं आता। और लोग यह न कहेंगे, कि देखो, यहां है, या वहां है, क्योंकि देखो, परमेश्वर का राज्य तुम्हारे बीच में है।’’ (लूका 17:20-21 ULB) + +* अप्रत्यक्ष उद्धरण: जब फरीसियों के द्वारा पूछा गया, कि परमेश्वर का राज्य कब आएगा +* प्रत्यक्ष उद्धरण: यीशु ने उनको उत्तर दिया और कहा, कि ‘‘पमेश्वर का राज्य प्रगट रूप में नहीं आता। और लोग यह न कहेंगे, कि देखो, यहां है, या वहां है, क्योंकि देखो, परमेश्वर का राज्य तुम्हारे बीच में है।‘‘ +* प्रत्यक्ष उद्धरण: लोग यह न कहेंगे, कि देखो, यहां है, या वहां है + +### अनुवाद की रणनीतियाँ + +निम्नलिखित उदाहरण में प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष, दोनो प्रकार के उद्धरण सम्मिलित हैं। नीचे लिखे वर्णनों में, उद्धरणों को रेखांकित किया गया है। स्रोत लेख में उपयोग किये गए उद्धरण यदि आपकी भाषा में सही बैठते हैं तो उनका इस्तेमाल करें। यदि उपयोग किए गए उद्धरण आपकी भाषा में स्वाभाविक नही लगते हैं, तो इन रणनीतियों का उपयोग करें + +1. यदि आपकी भाषा में प्रत्यक्ष उद्धरण का उपयोग नही होता है तो उसे अप्रत्यक्ष उद्धरण में बदलें +1. यदि आपकी भाषा में अप्रत्यक्ष उद्धरण का उपयोग नही होता है तो उसे प्रत्यक्ष उद्धरण में बदलें + +### अनुवाद की रणनीतियों को लागु करने के उदाहरण + +1. यदि आपकी भाषा में प्रत्यक्ष उद्धरण का उपयोग नही होता है तो उसे अप्रत्यक्ष उद्धरण में बदलें + +* **तब उसने उसे चिताया, कि किसी से न कह, ‘‘परन्तु जाकर अपने आप को याजक को दिखा, और अपने शुद्ध होने के विषय में जो कुछ मूसा ने चढ़ावा ठहराया है उसे चढ़ा; कि उन पर गवाही हो।‘‘** (लूका 5:14 ULB) + + * तब उसने उसे चिताया, कि किसी से न कह, ‘‘परन्तु जाकर स्वयं को याजक को दिखा, और अपने शुद्ध होने के विषय में जो कुछ मूसा ने चढ़ावा ठहराया है उसे चढ़ा; कि उन पर गवाही हो।‘‘** (लूका 5:14 ULB) + +1. यदि आपकी भाषा में अप्रत्यक्ष उद्धरण का उपयोग नही होता है तो उसे प्रत्यक्ष उद्धरण में बदलें + +* **तब उसने उसे चिताया, कि किसी से न कह, ‘‘परन्तु जाकर अपने आप को याजक को दिखा, और अपने शुद्ध होने के विषय में जो कुछ मूसा ने चढ़ावा ठहराया है उसे चढ़ा; कि उन पर गवाही हो।‘‘** (लूका 5:14 ULB) + + * तब उसने उसे चिताया, कि किसी से न कह, परन्तु जाकर अपने आप को याजक को दिखा, और अपने शुद्ध होने के विषय में जो कुछ मूसा ने चढ़ावा ठहराया है उसे चढ़ा; कि उन पर गवाही हो। + +आप http://ufw.io/figs_quotations पर भी वीडियो देख सकते हैं। + diff --git a/translate/figs-quotations/sub-title.md b/translate/figs-quotations/sub-title.md new file mode 100644 index 0000000..8416e04 --- /dev/null +++ b/translate/figs-quotations/sub-title.md @@ -0,0 +1,2 @@ +प्रत्यक्ष उद्धरण एवं अप्रत्यक्ष उद्धरण क्या हैं? + diff --git a/translate/figs-quotations/title.md b/translate/figs-quotations/title.md new file mode 100644 index 0000000..545495d --- /dev/null +++ b/translate/figs-quotations/title.md @@ -0,0 +1,2 @@ +प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष उद्धरण + diff --git a/translate/figs-quotemarks/01.md b/translate/figs-quotemarks/01.md new file mode 100644 index 0000000..6a8a46e --- /dev/null +++ b/translate/figs-quotemarks/01.md @@ -0,0 +1,80 @@ + +### वर्णन + +कुछ भाषाएँ उद्धरण चिन्हों का उपयोग कर उद्धरणों को शेष वाक्य से अलग दिखते हैं। अंग्रेजी भाषा में उद्धरण चिन्ह का उपयोग उद्धरण के पहले और ठीक बाद में होता है। + +* यूहéा ने कहा, ‘‘मुझे नही पता कि मैं कब पहुँचुँगा’’ + +उद्धरण चिन्हों को अप्रत्यक्ष उद्धरणों में उपयोग नही किया जाता। + +* यूहéा ने कहा कि उसे नही पता कि वह कब पहुँचेगा। + +जब उद्धरणों के बीच में उद्धरणों की कर्इ परतें होती हैं, तो पाठकों को यह पता नही चल पाता है कि कौन क्या कह रहा है। दो प्रकार के उद्धरण चिन्हों का बदल बदल कर उपयोग करने से उन्हे समझा जा सकता है। अंग्रेजी में, सबसे बाहर के उद्धरण चिन्ह में दुगुने चिन्ह का उपयोग होता है और उसके अंदर का चिन्ह एकक होता है। और उसके अंदर का उद्धरण चिन्ह दुगुना होता है। + +* मरियम ने कहा, ‘‘यूहéा ने कहा, ‘मुझे नही पता कि मैं कब पहुँचुँगा’ ‘‘ +* बॉब ने कहा, ‘‘मरियम ने कहा, ‘यूहéा ने कहा, ‘‘मुझे नही पता कि मैं कब पहुँचुँगा’’ ‘ ‘‘ + +कुछ दूसरी भाषाओं में और भी प्रकार के उद्धरण चिन्ह का उपयोग होता है + +कुछ उदाहरण हैं: ‚ ' „ " ‹ › « » ⁊ — + + +### बाइबल में से उदाहरण + +नीचे के उदाहरण में ULB में उपयोग किए गए उद्धरण चिन्हों के बारे में बताया गया है। + +### एक परत के साथ उद्धरण चिन्ह + +प्रथम प्रत्यक्ष उद्धरण के बाहर दूगुना उद्धरण चिन्ह होता है। + +> राजा ने उत्तर दिया, ‘‘वह तिशबी एलिय्याह होगा।’’ (2 राजा 1:8 ULB) + +### दो परतों के साथ उद्धरण चिन्ह + +दूसरे प्रत्यक्ष उद्धरण के बाहर एकल उद्धरण चिन्ह होता है। हमने उसे और कथन को रेखांकित किया है जिससे आप उसे पहचान सकें। + +>उन्होंने उससे पूछा, ‘‘वह कौन मनुष्य है जिसने तुझसे कहा, ‘खाट उठाकर चल फिर?’’ (यूहन्ना 5:12 ULB) +> .... उसने अपने चेलों में से दो को यह कहकर भेजा, ‘‘साम्हने के गांव में जाओ, और उसमें पहुंचते ही एक गदही का बच्चा जिस पर कभी कोर्इ सवार नहीं हुआ, बन्धा हुआ तुम्हें मिलेगा, उसे खोलकर लाओ। और यदि कोर्इ तुमसे पूछे, ‘उसे क्यों खोलते हो? तो यह कह देना, कि ‘प्रभु को इस का प्रयोजन है।’‘‘ (लूका 19:29-31 ULB) + +### तीन परतों के साथ उद्धरण चिन्ह + +तीसरे प्रत्यक्ष उद्धरण के बाहर दुगुना उद्धरण चिन्ह होता है। हमने उसे रेखांकित किया है जिससे आप उसे पहचान सकें। + +>इब्राहीम ने कहा, ‘‘मैंने यह सोचा था, कि इस स्थान में परमेश्वर का कुछ भी भय न होगा; सो ये लोग मेरी पत्नी के कारण मेरा घात करेंगे।’ और फिर भी सचमुच वह मेरी बहिन है, वह मेरे पिता की बेटी तो है पर मेरी माता की बेटी नहीं; फिर वह मेरी पत्नी हो गर्इ। और ऐसा हुआ कि जब परमेश्वर ने मुझे अपने पिता का घर छोड़कर निकलने की आज्ञा दी, तब मैंने उससे कहा, ‘इतनी कृपा तुझे मुझ पर करनी होगी: कि हम दोनों जहां जहां जाएं वहां वहां तू मेरे विषय में कहना, ‘‘यह मेरा भार्इ है।’’ ‘ ‘‘ (उत्पत्ति 20:10-13 ULB) + +### चार परतों के साथ उद्धरण चिन्ह + +चौथे प्रत्यक्ष उद्धरण के बाहर एकल उद्धरण चिन्ह होता है। हमने उसे रेखांकित किया है जिससे आप उसे पहचान सकें। + +>उन्होंने उससे कहा, ‘‘एक मनुष्य हम से मिलने को आया, और कहा, ‘जिस राजा ने तुम को भेजा उसके पास लौटकर कहो, ‘‘यहोवा यों कहता है: ‘क्या इस्राएल में कोर्इ परमेश्वर नहीं जो तू एक्रोन के बालजबूब देवता से पूछने को भेजता है? इस कारण जिस पलंग पर तू पड़ा है, उस पर से कभी न उठेगा, परन्तु मर ही जाएगा।’ ‘‘ ‘ ‘‘ (2 राजा 1:5-6 ULB) + +### उद्धरण उपयोग की रणनीतियाँ + +निम्नलिखित कुछ तरीके हैं जिनके द्वारा आप पाठकों को दिखा सकते हैं कि उद्धरण कहाँ शुरू हुआ है और कहाँ समाप्त जिससे वो जान सकें कि कौन क्या कह रहा है। + +1. दोनों प्रकार के उद्धरण चिन्हों का बदल बदल उपयोग कर प्रत्यक्ष उद्धरण की परतों को दिखाएँ। अंग्रेजी में दूगुने उद्धरण चिन्ह और एकल उद्धरण चिन्ह का उपयोग होता है। +1. एक या कुछ उद्धरण चिन्हों का अनुवाद अप्रत्यक्ष उद्धरणों में करे जिससे कम से कम चिन्हों का उपयोग हो क्योंकि अप्रत्यक्ष कथनों में चिन्हों की जरूरत नही होती है। +1. यदि कोर्इ उद्धरण बहुत लंबा है और उसमें चिन्हों की कर्इ परते हैं, तो एकदम नए उद्धरण चिन्ह का उपयोग करें और केवल प्रत्यक्ष उद्धरणों में ही उद्धरण चिन्हों का उपयोग करें। + +### उद्धरण उपयोग की रणनीतियों के उदाहरण + +1. दोनों प्रकार के उद्धरण चिन्हों का बदल बदल उपयोग कर प्रत्यक्ष उद्धरण की परतों को दिखाएँ। + +>उन्होंने उससे कहा, ‘‘एक मनुष्य हमसे मिलने को आया, और कहा, ‘जिस राजा ने तुमको भेजा उसके पास लौटकर कहो, ‘‘यहोवा यों कहता है: ‘क्या इस्राएल में कोर्इ परमेश्वर नहीं जो तू एक्रोन के बालजबूब देवता से पूछने को भेजता है? इस कारण जिस पलंग पर तू पड़ा है, उस पर से कभी न उठेगा, परन्तु मर ही जाएगा।’ ‘‘ ‘ ‘‘ (2 राजा 1:5-6 ULB) + +1. एक या कुछ उद्धरण चिन्हों का अनुवाद अप्रत्यक्ष उद्धरणों में करे जिससे कम से कम चिन्हों का उपयोग हो क्योंकि अप्रत्यक्ष कथनों में चिन्हों की जरूरत नही होती है। अंग्रेजी में, ‘‘जो अथवा कि’’ शब्द अप्रत्यक्ष उद्धरण को दिखा सकता है। + +निम्नलिखित उदाहरण में, ‘‘कि’’ के बाद के वे सभी कथन अप्रत्यक्ष हैं जो संदेशवाहक ने राजा से कहे। उस अप्रत्यक्ष उद्धरण के अंदर, ‘‘और’’ शब्द के साथ कुद प्रत्यक्ष उद्धरण भी होते हैं। + +> उन्होंने उससे कहा, ‘‘एक मनुष्य हमसे मिलने को आया, और कहा, ‘जिस राजा ने तुमको भेजा उसके पास लौटकर कहो, ‘‘यहोवा यों कहता है: ‘क्या इस्राएल में कोर्इ परमेश्वर नहीं जो तू एक्रोन के बालजबूब देवता से पूछने को भेजता है? इस कारण जिस पलंग पर तू पड़ा है, उस पर से कभी न उठेगा, परन्तु मर ही जाएगा।’ ‘‘ ‘ ‘‘ (2 राजा 1:5-6 ULB) + +* उन्होंने उससे कहा कि एक मनुष्य उनसे मिलने आया, और कहा, ‘जिस राजा ने तुमको भेजा उसके पास लौटकर कहो, ‘यहोवा यों कहता है: ‘‘क्या इस्राएल में कोर्इ परमेश्वर नहीं जो तू एक्रोन के बालजबूब देवता से पूछने को भेजता है? इस कारण जिस पलंग पर तू पड़ा है, उस पर से कभी न उठेगा, परन्तु मर ही जाएगा।’’ ‘ ‘‘ + +1. यदि कोर्इ उद्धरण बहुत लंबा है और उसमें चिन्हों की कर्इ परते हैं, तो एकदम नए उद्धरण चिन्ह का उपयोग करें और केवल प्रत्यक्ष उद्धरणों में ही उद्धरण चिन्हों का उपयोग करें + +> उन्होंने उससे कहा, ‘‘एक मनुष्य हमसे मिलने को आया, और कहा, ‘जिस राजा ने तुमको भेजा उसके पास लौटकर कहो, ‘‘यहोवा यों कहता है: ‘क्या इस्राएल में कोर्इ परमेश्वर नहीं जो तू एक्रोन के बालजबूब देवता से पूछने को भेजता है? इस कारण जिस पलंग पर तू पड़ा है, उस पर से कभी न उठेगा, परन्तु मर ही जाएगा।’ ‘‘ ‘ ‘‘ (2 राजा 1:5-6 ULB) + +* उन्होंने उससे कहा, +* एक मनुष्य उनसे मिलने आया, और कहा, ‘जिस राजा ने तुमको भेजा उसके पास लौटकर कहो, ‘यहोवा यों कहता है: ‘‘क्या इस्राएल में कोर्इ परमेश्वर नहीं जो तू एक्रोन के बालजबूब देवता से पूछने को भेजता है? + +इस कारण जिस पलंग पर तू पड़ा है, उस पर से कभी न उठेगा, परन्तु मर ही जाएगा।’’ ‘ ‘‘ diff --git a/translate/figs-quotemarks/sub-title.md b/translate/figs-quotemarks/sub-title.md new file mode 100644 index 0000000..69bdbad --- /dev/null +++ b/translate/figs-quotemarks/sub-title.md @@ -0,0 +1,2 @@ +उद्धरणों को चिन्हित कैसे करें, विशेषतौर पर तब, जब उद्धरण के अंदर उद्धरण हों? + diff --git a/translate/figs-quotemarks/title.md b/translate/figs-quotemarks/title.md new file mode 100644 index 0000000..cef2e43 --- /dev/null +++ b/translate/figs-quotemarks/title.md @@ -0,0 +1,2 @@ +उद्धरण चिन्ह + diff --git a/translate/figs-quotesinquotes/01.md b/translate/figs-quotesinquotes/01.md new file mode 100644 index 0000000..130c906 --- /dev/null +++ b/translate/figs-quotesinquotes/01.md @@ -0,0 +1,63 @@ + +### विवरण + +एक उद्धरण के भीतर एक उद्धरण हो सकता है, और उद्धरणों के भीतर जो उद्धरण होते हैं, उन भीतर भी उद्धरण हैं। जब एक उद्धरण के भीतर उद्धरण होता है, तो हम उद्धरण की परतों के बारे में बात कर सकते हैं, और प्रत्येक उद्धरण एक परत है। जब उद्धरणों के भीतर उद्धरणों की कई परतें होती हैं, तो श्रोताओं और पाठकों के लिए यह जानना कठिन हो सकता है कि कौन क्या कह रहा है6।कुछ भाषाएँ इसे आसान बनाने के लिए प्रत्यक्ष उद्धरण और अप्रत्यक्ष उद्धरण के संयोजन का उपयोग करती हैं। + +#### इसका कारण यह अनुवाद का एक विषय है + +1. जब उद्धरण के भीतर एक उद्धरण होता है, तो श्रोता को यह जानने की आवश्यकता होती है कि सर्वनाम किसको सन्दर्भित करता है। उदाहरण के लिए यदि उद्धरण के भीतर एक उद्धरण में शब्द "मैं" है, तो श्रोता को यह जानने की आवश्यकता है कि "मैं" आन्तरिक उद्धरण या बाहरी उद्धरण के वक्ता को सन्दर्भित करता है या नहीं। +1. उद्धरण के भीतर उद्धरण होने पर कुछ भाषाएँ विभिन्न प्रकार के उद्धरणों का उपयोग करके इसे स्पष्ट करती हैं। वे दूसरों के लिए अप्रत्यक्ष उद्धरणों और कुछ के लिए प्रत्यक्ष उद्धरण का उपयोग कर सकती हैं। +1. कुछ भाषाएँ अप्रत्यक्ष उद्धरणों का उपयोग नहीं करती हैं। + +### बाइबल से उदाहरण + +#### केवल एक परत वाला एक उद्धरण + +> परन्तु पौलुस ने कहा, "मेरा जन्म रोमी नागरिक के रूप में हुआ था।" (प्रेरितों 22:28 यूएलबी) + +#### दो परतों वाले उद्धरण + +> यीशु ने उत्तर दिया और कहा, "सावधान रहो कि कोई भी तुम्हें भटका न दे। कई लोग मेरे नाम पर आएंगे। वे कहेंगे, 'मैं मसीह हूँ,' और कई भटका देंगे।” मत्ती 24:4-5 यूएलबी + +सबसे बाहरी परत वह है जिसे यीशु ने अपने शिष्यों से कहा था। दूसरी परत वह है जो यह कहती है कि अन्य लोग क्या कहेंगे। + +> यीशु ने उत्तर दिया, "तुम कहते हो कि मैं राजा हूँ।" (यूहन्ना 18:37 यूएलबी) + +सबसे बाहरी परत वह है जिसे यीशु ने पिलातुस से कहा था। पीलातुस ने यीशु के बारे में जो कहा वह दूसरी परत है। + +#### तीन परतों वाला एक उद्धरण + +> अब्राहम ने कहा, "... मैंने उससे कहा, 'तूझे मुझे मेरी पत्नी के रूप में यह विश्वासयोग्यता दिखानी चाहिए: हर स्थान जहाँ हम जाते हैं, मेरे बारे में कहें, "वह मेरा भाई है।" '“ (उत्पत्ति 20:10-13 यूएलबी) + +सबसे बाहरी परत वह है जिसे अब्राहम ने अबीमेलेक से कहा था। दूसरी परत वह है जिसे अब्राहम ने अपनी पत्नी से कहा था। तीसरी परत वह है जिसे वह अपनी पत्नी को कहना चाहता था। (हमने तीसरी परत को रेखांकित किया है।) + +#### चार परतों वाला एक उद्धरण + +> उन्होंने उससे कहा, "एक व्यक्ति हमसे मिलने आया जिसने हमसे कहा, 'उस राजा के पास वापस चले जाओ, जिसने तुम्हें भेजा है, और उससे कहो," यहोवा यह कहता है: ' ऐसा इसलिए है कि क्या इस्राएल में कोई परमेश्वर नहीं है कि तूने एक्रोन के देवता बाल जबूब से परामर्श करने के लिए पुरुषों को भेजा था? इसलिए तू अपने बिस्तर से नीचे नहीं आएगा जिस पर तू पड़ा हैं; इसकी अपेक्षा, तू निश्चित मर जाएगा।' " ' " (2 राजा 1:6 यूएलबी) + +सबसे बाहरी परत वह है जिसे सन्देशवाहकों ने राजा से कहा था। दूसरी परत वह है उस व्यक्ति ने कही जो सन्देशवाहकों से मिला था। तीसरी परत वह है जिसे वह व्यक्ति सन्देशवाहकों को राजा से कहने के लिए कहना चाहता था। चौथा परत वह है जिसे यहोवा ने कहा था। (हमने चौथी परत को रेखांकित किया है।) + +### अनुवाद की रणनीतियाँ + +कुछ भाषाएँ केवल प्रत्यक्ष उद्धरण का उपयोग करती हैं। अन्य भाषाएँ प्रत्यक्ष उद्धरण और अप्रत्यक्ष उद्धरण के संयोजन का उपयोग करती हैं। उन भाषाओं में यदि प्रत्यक्ष उद्धरणों की कई परतें हैं तो यह असामान्य लग सकता है और कदाचित् भ्रमित भी कर सकता है। + +1. सभी उद्धरणों का प्रत्यक्ष उद्धरण के रूप में अनुवाद करें। +1. अप्रत्यक्ष उद्धरण के रूप में एक या कुछ उद्धरणों का अनुवाद करें। (देखें [[प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष उद्धरण](../figs-quotations/01.md)) + +### अनुवाद के लिए लागू की गई रणनीतियों के उदाहरण + +1. सभी उद्धरणों का प्रत्यक्ष उद्धरण के रूप में अनुवाद करें। नीचे दिए गए उदाहरण में हमने यूएलबी अनुवाद में दिए गए अप्रत्यक्ष उद्धरणों और उन उद्धरणों को रेखांकित किया है, जिन्हें हमने नीचे दिए गए प्रत्यक्ष उद्धरणों में परिवर्तित दिया है। + +* **फेस्तुस ने पौलुस के मुकद्दमे को राजा को प्रस्तुत किया; उसने कहा, "फ़ेलिक्स के द्वारा कैदी के रूप में एक निश्चित व्यक्ति को पीछे छोड़ गया है... मैं इस विषय की जाँच को लेकर परेशान था, और मैंने उससे पूछा कि यदि वह इन बातों के बारे में न्याय प्राप्त करने के लिए यरूशलेम जाना चाहता है . परन्तु जब पौलुस ने कहा कि सम्राट के निर्णय की प्राप्ति तक उसे सुरक्षा में रखा जाए , तो मैंने आदेश दिया कि उसे तब तक रखा जाए जब तक कि मैं उसे के पास न भेज दूँ.”** (प्रेरितों 25:14- 21 यूएलबी) + +फेस्तुस ने पौलुस के मुकद्दमे को राजा को प्रस्तुत किया; उसने कहा, "फ़ेलिक्स के द्वारा कैदी के रूप में एक निश्चित व्यक्ति को पीछे छोड़ गया है... मैं इस विषय की जाँच को लेकर परेशान था, और मैंने उससे पूछा कि यदि वह इन बातों के बारे में न्याय प्राप्त करने के लिए यरूशलेम जाना चाहता है परन्तु जब पौलुस ने कहा कि सम्राट के निर्णय की प्राप्ति तक उसे सुरक्षा में रखा जाए , तो मैंने आदेश दिया कि उसे तब तक रखा जाए जब तक कि मैं उसे के पास न भेज दूँ. + +1. अप्रत्यक्ष उद्धरण के रूप में एक या कुछ उद्धरणों का अनुवाद करें। अंग्रेजी में शब्द "यह" अप्रत्यक्ष उद्धरण से पहले आ सकता है। यह नीचे दिए गए उदाहरणों में रेखांकित है। अप्रत्यक्ष उद्धरण के कारण परिवर्तित किए गए सर्वनाम भी रेखांकित किए गए हैं। + +* **तब यहोवा ने मूसा से कहा और कहा, "मैंने इस्राएलियों की बुड़बुड़ाहट को सुना है। उनसे कहो, 'सांझ में तो तुम मांस खाओगे, और सुबह में तु रोटी से भर दिए जाओगे। तब तुम जानोगे कि मैं तुम्हारा परमेश्वर यहोवा हूँ।”** (निर्गमन 16:11-12 यूएलबी) + + * तब यहोवा ने मूसा से कहा और कहा, "मैंने इस्राएलियों की बुड़बुड़ाहट को सुना है। उनसे कहो यह कि सांझ वे मांस खाएंगे, और सुबह वे रोटी से भरे जाएंगे। फिर वे जान जाएंगे कि मैं यहोवा उनका परमेश्वर हूँ।” + +* **उन्होंने उससे कहा, "एक व्यक्ति हमसे मिलने आया जिसने हमसे कहा, 'उस राजा के पास वापस चले जाओ, जिसने तुम्हें भेजा है, और उससे कहो," यहोवा यह कहता है: 'क्या ऐसा इसलिए है कि क्या इस्राएल में कोई परमेश्वर नहीं है कि तूने एक्रोन के देवता बाल जबूब से परामर्श करने के लिए पुरुषों को भेजा था? इसलिए तू अपने बिस्तर से नीचे नहीं आएगा जिस पर तू पड़ा हैं; इसकी अपेक्षा, तू निश्चित मर जाएगा।' " ' "** (2 राजा 1:6 यूएलबी) + + * उन्होंने उससे कहा यह कि एक व्यक्ति उन से मिलने आया था, जिसने उन्हें कहा था, "'उस राजा के पास वापस चले जाओ, जिसने तुम्हें भेजा है, और उससे कहो यह कि यहोवा यह कहता है: 'क्या ऐसा इसलिए है कि क्या इस्राएल में कोई परमेश्वर नहीं है कि तूने एक्रोन के देवता बाल जबूब से परामर्श करने के लिए पुरुषों को भेजा था? इसलिए तू अपने बिस्तर से नीचे नहीं आएगा जिस पर तू पड़ा हैं; इसकी अपेक्षा, तू निश्चित मर जाएगा। ' " diff --git a/translate/figs-quotesinquotes/sub-title.md b/translate/figs-quotesinquotes/sub-title.md new file mode 100644 index 0000000..66f2b1b --- /dev/null +++ b/translate/figs-quotesinquotes/sub-title.md @@ -0,0 +1,2 @@ +संबोधन के अंदर संबोधन का क्या अर्थ है? और मैं पाठकों को यह बताने में कैस मदद करूँ कि कौन क्या कह रहा है? + diff --git a/translate/figs-quotesinquotes/title.md b/translate/figs-quotesinquotes/title.md new file mode 100644 index 0000000..73c6638 --- /dev/null +++ b/translate/figs-quotesinquotes/title.md @@ -0,0 +1,2 @@ +उद्धरणों में उद्धरण + diff --git a/translate/figs-rpronouns/01.md b/translate/figs-rpronouns/01.md new file mode 100644 index 0000000..8b78532 --- /dev/null +++ b/translate/figs-rpronouns/01.md @@ -0,0 +1,88 @@ + +### विवरण + +सभी भाषाओं में यह दिखाने का तरीका होता है कि एक ही व्यक्ति एक वाक्य में दो भिन्न भूमिकाएँ को पूरा करता है। + +अंग्रेजी **कर्मकर्ता सर्वनाम** का उपयोग करके ऐसा करती है। ये सर्वनाम हैं जो किसी व्यक्ति या किसी बात को सन्दर्भित करते हैं जिसका पहले से ही वाक्य में उल्लेख किया गया है। अंग्रेजी में कर्मकर्ता सर्वनाम: मैंने, तुम, उसका, उसकी, स्वयं, हमारा, अपने आप और हमारे अपने इत्यादि हैं। अन्य भाषाओं में इसे दिखाने के अन्य तरीके हो सकते हैं। + +### इसका कारण यह अनुवाद का एक विषय है + +* भाषाओं में इसे दिखाने के विभिन्न तरीके होते हैं जिससे कि एक ही व्यक्ति एक वाक्य में दो भिन्न भूमिकाएँ पूरी करता है। उन भाषाओं के लिए, अनुवादकों को यह जानने की आवश्यकता होगी कि अंग्रेजी कर्मकर्ता सर्वनाम का अनुवाद कैसे करता है। +* अंग्रेजी में कर्मकर्ता सर्वनामों में अन्य कार्य भी होते हैं। + +### कर्मकर्ता सर्वनामों का उपयोग + +* यह दिखाने के लिए कि एक ही व्यक्ति या चीजें वाक्य में दो भिन्न भूमिकाएँ पूरी करती हैं +* वाक्य में किसी व्यक्ति या वस्तु पर जोर देना +* यह दिखाने के लिए कि किसी ने अकेले ही कुछ किया है +* यह दिखाने के लिए कि कोई या कुछ वस्तु अकेली था + +### बाइबल से उदाहरण + +कर्मकर्ता सर्वनाम का उपयोग उसी व्यक्ति या वस्तु को दिखाने के लिए किया जाता है जो वाक्य में दो भिन्न भूमिकाएँ पूरी करते हैं। + +
यदि मैं ही अपने बारे में गवाही दूँ, तो मेरी गवाही सच नहीं होगी। (यूहन्ना 5:31 यूएलबी)
+ +> अब यहूदियों का फसह निकट था, और कई लोग फसह से पहले ही देश से बाहर यरूशलेम गए थे ताकि आप स्वयं को शुद्ध कर सकें। (यूहन्ना 11:55 यूएलबी) + +कर्मकर्ता सर्वनाम का उपयोग वाक्य में किसी व्यक्ति या वस्तु पर जोर देने के लिए किया जाता है। + +
यीशु स्वयं बपतिस्मा नहीं दे रहा था, परन्तु उसके शिष्य दे रहे थे (यूहन्ना 4:2 यूएलबी)
+ +> इसलिए वे भीड़ को छोड़कर, यीशु को अपने साथ ले गए, क्योंकि वह पहले से ही नाव में था। अन्य नाव भी उनके साथ थीं। और एक बड़ा तूफान उभर उठा और लहरें नाव को तोड़ रही थी जिससे कि नाव में पानी भरता जा रहा था। परन्तु यीशु स्वयं पिछले भाग पर एक गद्दी पर सो रहा था। (मरकुस 4:36-38 यूएलबी) + +कर्मकर्ता सर्वनाम का उपयोग यह दिखाने के लिए किया जाता है कि किसी ने अकेले ही कुछ किया है। + +> जब यीशु को एहसास हुआ कि वे उसे राजा बनाने के लिए मजबूर करने के लिए आने और उसे पकड़ने वाले हैं, तो वह पहाड़ की ओर पुन: वापस स्वयं चला गया . (यूहन्ना 6:15 यूएलबी) + +कर्मकर्ता सर्वनाम का उपयोग यह दिखाने के लिए किया जाता है कि कोई या कुछ अकेला था। + +> उसने वहाँ सन के कपड़े और उस कपड़े को पड़ा देखा जिसे उसने सिर पर लगाया हुआ था। यह सन का कपड़ा उन कपड़ों को साथ नहीं पड़ा हुआ था, परन्तु अपने स्थान पर स्वयं से ही लपेटा हुआ था। (यूहन्ना 20:6-7 यूएलबी) + +### अनुवाद की रणनीतियाँ + +यदि एक कर्मकर्ता सर्वनाम आपकी भाषा में एक ही कार्य करेगा, तो इसका उपयोग करने पर विचार करें। यदि नहीं, तो यहाँ कुछ अन्य रणनीतियों को दिया गया है। + +1. कुछ भाषाओं में लोग यह दिखाने के लिए क्रिया पर जोर डालते हैं कि क्रिया का कर्म वही जो कि कर्ता का है। +1. कुछ भाषाओं में लोग वाक्य में एक विशेष स्थान पर इसका वर्णन करते हुए एक निश्चित व्यक्ति या वस्तु पर जोर देते हैं। +1. कुछ भाषाओं में लोग उस शब्द को कुछ जोड़कर या उसके साथ एक और शब्द डालकर किसी निश्चित व्यक्ति या वस्तु पर जोर देते हैं। +1. कुछ भाषाओं में लोग दिखाते हैं कि किसी ने "अकेले" शब्द का उपयोग करके अकेले ही कुछ किया है। +1. कुछ भाषाओं में लोग यह दिखाने के लिए यह कहाँ था एक वाक्यांश का उपयोग यह दिखाने के लिए करते हैं कि कुछ अकेला था। + +### अनुवाद के लिए लागू की गई रणनीतियों के उदाहरण + +1. कुछ भाषाओं में लोग यह दिखाने के लिए क्रिया पर जोर डालते हैं कि क्रिया का कर्म वही जो कि कर्ता का है। + +* **यदि मैं ही अपने बारे में गवाही दूँ, तो मेरी गवाही सच नहीं होगी।** (यूहन्ना 5:31) + + * " यदि मैं स्वयं-अपनी
गवाही दूँ, तो मेरी गवाही सच नहीं होगी।" + +* **अब यहूदियों का फसह निकट था, और बहुत से लोग फसह के लिए यरूशलेम गए, ताकि
स्वयं को शुद्ध कर सकें
.** ( यूहन्ना 11:55) + + * "अब यहूदियों का फसह निकट था, और बहुत से लोग फसह के लिए यरूशलेम गए, ताकि अपने आप को-शुद्ध कर सकें ." + +1. कुछ भाषाओं में लोग वाक्य में एक विशेष स्थान पर इसका वर्णन करते हुए एक निश्चित व्यक्ति या वस्तु पर जोर देते हैं। + +* ** उसने स्वयं के ऊपर हमारी बीमारियों को ले लिया और हमारी दुर्बलताओं को उठा लिया।** (मत्ती 8:17 यूएलबी) + + * " यह वही था जिसने स्वयं के ऊपर हमारी बीमारियों को ले लिया और हमारी दुर्बलताओं को उठा लिया।" + +* ** यीशु स्वयं बपतिस्मा नहीं दे रहा था, परन्तु उसके शिष्य थे।** (यूहन्ना 4:2) + + * " यह यीशु नहीं था जो बपतिस्मा दे रहा था, परन्तु उसके शिष्य दे रहे थे।" + +1. कुछ भाषाओं में लोग उस शब्द को कुछ जोड़कर या उसके साथ एक और शब्द डालकर किसी निश्चित व्यक्ति या वस्तु पर जोर देते हैं। अंग्रेजी कर्मकर्ता सर्वनाम को जोड़ता है। + +* **अब यीशु ने फिलिप्पुस को परखने के लिए कहा था, क्योंकि वह स्वयं जानता था कि वह क्या करने वाला था।** (यूहन्ना 6:6) + +1. कुछ भाषाओं में लोग दिखाते हैं कि किसी ने "अकेले" शब्द का उपयोग करके अकेले ही कुछ किया है। + +* **जब यीशु को एहसास हुआ कि वे उसे राजा बनाने के लिए मजबूर करने के लिए आने और उसे पकड़ने वाले हैं, तो वह पहाड़ की ओर पुन: वापस स्वयं चला गया.** (यूहन्ना 6:15) + + * "जब यीशु को एहसास हुआ कि वे उसे राजा बनाने के लिए मजबूर करने के लिए आने और उसे पकड़ने वाले हैं, तो वह पहाड़ की ओर पुन: वापस अकेले ही चला गया।" + +1. कुछ भाषाओं में लोग यह दिखाने के लिए यह कहाँ था एक वाक्यांश का उपयोग यह दिखाने के लिए करते हैं कि कुछ अकेला था। + +* **उसने वहाँ सन के कपड़े और उस कपड़े को पड़ा देखा जिसे उसने सिर पर लगाया हुआ था। सन का कपड़ा उन कपड़ों को साथ नहीं पड़ा हुआ था, परन्तु अपने स्थान पर स्वयं से ही लपेटा पड़ा हुआ था.** (यूहन्ना 20:6-7 यूएलबी) + + * "उसने वहाँ सन के कपड़े और उस कपड़े को पड़ा देखा जिसे उसने सिर पर लगाया हुआ था। सन का कपड़ा उन कपड़ों को साथ नहीं पड़ा हुआ था, परन्तु अपने स्थान पर स्वयं से ही लपेटा पड़ा हुआ था।” diff --git a/translate/figs-rpronouns/sub-title.md b/translate/figs-rpronouns/sub-title.md new file mode 100644 index 0000000..cefc0c0 --- /dev/null +++ b/translate/figs-rpronouns/sub-title.md @@ -0,0 +1,2 @@ +कर्मकर्ता सर्वनाम क्या होते हैं? + diff --git a/translate/figs-rpronouns/title.md b/translate/figs-rpronouns/title.md new file mode 100644 index 0000000..b0fba6f --- /dev/null +++ b/translate/figs-rpronouns/title.md @@ -0,0 +1,2 @@ +कर्मकर्ता सर्वनाम + diff --git a/translate/figs-rquestion/01.md b/translate/figs-rquestion/01.md new file mode 100644 index 0000000..dbd3ae6 --- /dev/null +++ b/translate/figs-rquestion/01.md @@ -0,0 +1,107 @@ + +एक भाषणगत प्रश्न यह है कि जिसे एक वक्ता तब पूछता है कि जब वह इसके बारे में जानकारी प्राप्त करने की अपेक्षा किसी वस्तु के बारे में अपना दृष्टिकोण व्यक्त करने में अधिक रुचि रखता है। वक्ता गहरी भावना व्यक्त करने के लिए भाषणगत प्रश्नों का उपयोग करते हैं या श्रोताओं को कुछ के बारे में गहराई से सोचने के लिए प्रोत्साहित करते हैं। बाइबल में कई भाषणगत प्रश्न पाए जाते हैं, अक्सर आश्चर्य व्यक्त करने के लिए, श्रोताओं को ताड़ना देने या डांटने या सिखाने के लिए। कुछ भाषाओं के वक्ता अन्य प्रयोजनों की प्राप्ति के लिए भी भाषणगत प्रश्नों का उपयोग करते हैं। + +### विवरण + +एक भाषणगत प्रश्न एक ऐसा प्रश्न होता है जो किसी बात के प्रति वक्ता के दृष्टिकोण को आज्ञावाचकता से व्यक्त करता है। अक्सर वक्ता जानकारी की खोज नहीं कर रहा होता है, परन्तु यदि वह जानकारी मांग रहा है, तो सामान्य रूप से वह जानकारी नहीं होती है जिसके लिए प्रश्न को पूछा गया प्रतीत होता है। वक्ता जानकारी प्राप्त करने की अपेक्षा अपने दृष्टिकोण को व्यक्त करने में अधिक रुचि रखता है। + +> जो लोग पास खड़े थे, उन्होंने कहा, " क्या तू परमेश्वर के महायाजक का अपमान करता है? " (प्रेरितों 23:4 यूएलबी) + +जिन लोगों ने पौलुस से यह प्रश्न पूछा वे परमेश्वर के महायाजक का अपमान करने के उसके तरीके के बारे में नहीं पूछ रहे थे। इसकी अपेक्षा उन्होंने महायाजक का अपमान करने के लिए पौलुस पर आरोप लगाने के लिए शोध-प्रबन्ध प्रश्न का उपयोग किया था। बाइबल में कई भाषणगत प्रश्न पाए जाते हैं। इन भाषणगत प्रश्नों के कुछ उद्देश्यों में लोगों को ताड़ना देने, लोगों को शिक्षा देने, कुछ लोगों को स्मरण दिलाने के लिए कुछ सीखने और उन्हें कुछ नया करने के लिए लागू करने, और कुछ ऐसा करने के लिए प्रोत्साहित करना है, जिसके बारे में वे बात करना चाहते हैं। + +#### इसका कारण यह अनुवाद का एक विषय है + +* कुछ भाषाएँ भाषणगत प्रश्नों का उपयोग नहीं करती हैं; उनके लिए एक प्रश्न सदैव जानकारी के लिए एक अनुरोध है। +* कुछ भाषाएँ भाषणगत प्रश्नों का उपयोग करती हैं, परन्तु उन उद्देश्यों के लिए जो बाइबल की तुलना में अधिक सीमित या भिन्न हैं। +* भाषाओं के बीच इन मतभेदों के कारण, कुछ पाठक बाइबल में एक भाषणगत प्रश्न के उद्देश्य को गलत समझ सकते हैं। + +### बाइबल से उदाहरण + +> क्या तू अभी भी इस्राएल के राज्य के ऊपर शासन नहीं करता है? (1 राजा 21:7 यूएलबी) + +ईज़ेबेल ने उपरोक्त प्रश्न का उपयोग राजा अहाब को स्मरण दिलाने के लिए किया था जिसे वह पहले से जानता था: कि वह अभी भी इस्राएल के राज्य के ऊ पर शासन कर रहा था। भाषणगत प्रश्न ने उसकी बात को अधिक आज्ञावाचकता से बनाया, यदि उसने केवल यह कहा होता, क्योंकि उसने अहाब को स्वयं को इस विषय को स्वीकार करने के लिए मजबूर कर दिया था। उसने निर्धन व्यक्ति की सम्पत्ति लेने की इच्छा न रखने के लिए उसे ताड़ना देने के लिए ऐसा किया। वह यह कह रही थी कि क्योंकि वह इस्राएल का राजा था, इस लिए उसके पास उस व्यक्ति की सम्पत्ति लेने की सामर्थ्य थी। + +> क्या एक कुँवारी उसके गहने, दुल्हन उसके घूंघट भूल जाएगी? तौभी मेरी प्रजा ने असँख्य दिनों से मुझे भुला दिया हैं! (यिर्मयाह 2:32 यूएलबी) + +परमेश्वर ने उपरोक्त प्रश्न का उपयोग अपने लोगों को स्मरण दिलाने के लिए किया था जिस बात को वे पहले से ही जानते थे: एक जवान स्त्री अपने गहने को कभी नहीं भूलती या दुल्हन अपने घूंघट को नहीं भूलती है। उसके बाद उसने अपने लोगों को भूलने के लिए ताड़ना दी, जो उन वस्तुओं से बहुत अधिक बढ़कर है। + +> जब मैं गर्भ से बाहर आया तो मैं मर ही नहीं नहीं गया? (अय्यूब 3:11 यूएलबी) + +अय्यूब ने गहरे भाव को दिखाने के लिए ऊपर दिए गए प्रश्न का उपयोग किया है। यह भाषणगत प्रश्न व्यक्त करता है कि वह कितना दुखी था कि वह जन्म होने के तुरन्त बाद ही क्यीं नहीं मर गया। वह आशा करता था कि उसे जीवित नहीं रहना चाहिए था। + +> और मेरे साथ ऐसा क्यों घटित हुआ कि मेरे पास प्रभु की माता पास आई? (लूका 1:43 यूएलबी) + +इलीशिबा ने उपरोक्त प्रश्न का उपयोग यह दिखाने के लिए किया है कि वह कितनी अधिक आश्चर्यचकित और आनन्दित थी कि वह अपने प्रभु की माता उसके पास आई थी। + +> या तुम में से ऐसा कौन सा व्यक्ति है, कि यदि उसका पुत्र उस से रोटी मांगता है, तो उसे पत्थर देगा? (मत्ती 7:9 यूएलबी) + +यीशु ने ऊपर दिए गए प्रश्न का उपयोग उन वस्तुओं को लोगों को स्मरण दिलाने के लिए किया जिन्हें वे पहले से ही जानते थे: एक अच्छा पिता कभी अपने पुत्र को खाने के लिए कुछ बुरा नहीं देगा। इस बात को प्रस्तुत करके, यीशु उन्हें अपने अगले भाषणगत प्रश्न के साथ परमेश्वर के बारे में शिक्षा दे सकता था: + +> इसलिए, यदि तुम बुरे होकर अपने बच्चों को अच्छे उपहार देना जानते हो, तो स्वर्ग से तुम्हारा पिता उनके लिए और अच्छी वस्तुओं को क्यों न देगा जो उससे मांगते हैं? (मत्ती 7:11 यूएलबी) + +यीशु ने इस प्रश्न का उपयोग लोगों को बलपूर्वक तरीके से सिखाने के लिए किया था कि परमेश्वर उन्हें अच्छी वस्तुएँ देते हैं, जो उससे मांगते हैं। + +> परमेश्वर का राज्य कैसा है, और मैं इसकी तुलना किस से कर सकता हूँ? यह सरसों के बीज की तरह है जिसे एक व्यक्ति ने अपने खेत में ले लिया और बिखरा कर चला गया... (लूका 13:18-19 यूएलबी) + +यीशु ने ऊपर दिए गए प्रश्न का उपयोग करने के लिए कहा कि वह किस बारे में बात करने वाला था। वह परमेश्वर के राज्य की तुलना किसी वस्तु से करने वाला था। + +### अनुवाद की रणनीतियाँ + +एक भाषणगत प्रश्न का सही अनुवाद करने के लिए, पहले सुनिश्चित करें कि जिस प्रश्न का आप अनुवाद कर रहे हैं वह वास्तव में एक भाषणगत प्रश्न है और यह एक जानकारी वाला प्रश्न नहीं है। स्वयं से पूछें, "क्या प्रश्न पूछने वाले व्यक्ति को पहले से ही प्रश्न का उत्तर पता है?" यदि हाँ, तो यह एक भाषणगत प्रश्न है। + +या, यदि कोई भी प्रश्न का उत्तर नहीं देता है, तो जिसने इसे पूछा था क्या वह इस कारण चिन्तित है कि उसे इसका उत्तर नहीं मिला? यदि नहीं, तो यह एक भाषणगत प्रश्न है। जब आप सुनिश्चित हो जाते हैं कि प्रश्न भाषणगत है, तो सुनिश्चित करें कि आप जानते हैं कि भाषणगत प्रश्न का उद्देश्य क्या है। क्या यह श्रोताओं को प्रोत्साहित करने या ताड़ना देने या शर्मिंदा करने के लिए है? + +क्या यह एक नया विषय लाने के लिए है? क्या यह किसी और कार्य को करने के लिए है? जब आप भाषणगत प्रश्न के उद्देश्य को जानते हैं, तो लक्षित भाषा में उस उद्देश्य को व्यक्त करने के सबसे स्वभाविक तरीके के बारे में सोचें। यह एक प्रश्न, या एक कथन, या विस्मयादिबोधक के रूप में हो सकता है। + +यदि भाषणगत प्रश्न का प्रयोग करना स्वाभाविक हो और आपकी भाषा में सही अर्थ दे, तो ऐसा करने पर विचार करें। यदि नहीं, तो यहाँ अन्य विकल्प दिए गए हैं: + +1. प्रश्न के बाद उत्तर जोड़ें। +1. भाषणगत प्रश्न को एक कथन या विस्मयादिबोधक में परिवर्तित करें। +1. भाषणगत प्रश्न को एक कथन में परिवर्तित करें, और फिर इसे एक संक्षिप्त प्रश्न के साथ उपयोग करें। +1. प्रश्न के रूप अर्थात् ढ़ांचे को परिवर्तित करें ताकि यह आपके भाषा में संचारित कर सके कि मूल वक्ता ने उसके बारे में क्या बताया। + +### अनुवाद के लिए लागू की गई रणनीतियों के उदाहरण + +1. प्रश्न के बाद उत्तर जोड़ें। + +* ** क्या एक कुँवारी उसके गहने, दुल्हन को उसके घूंघट भूल जाएगी? तौभी मेरी प्रजा ने असँख्य दिनों से मुझे भुला दिया हैं!** (यिर्मयाह 2:32 यूएलबी) + + * क्या एक कुँवारी उसके गहने, दुल्हन को उसके घूंघट भूल जाएगी? बिलकुल भी नहीं! तौभी मेरी प्रजा ने असँख्य दिनों से मुझे भुला दिया हैं! + +* **या आप में से कौन सा व्यक्ति ऐसा है, कि यदि उसका पुत्र उस से रोटी मांगे, तो वह उसे पत्थर देगा?** (मत्ती 7:9 यूएलबी) + + * या आप में से कौन सा व्यक्ति ऐसा है, कि यदि उसका पुत्र उस से रोटी मांगे, तो वह उसे पत्थर देगा? आप में से कोई भी ऐसा नहीं करेगा! + +1. भाषणगत प्रश्न को एक कथन या विस्मयादिबोधक में परिवर्तित करें। + +* ** परमेश्वर का राज्य कैसा है, और मैं इसकी तुलना किस से कर सकता हूँ? यह सरसों के बीज की तरह है ...** (लूका 13:18-19 यूएलबी) + + * परमेश्वर का राज्य ऐसा ही है। यह सरसों के बीज की तरह है ... " + +* ** क्या तू इस तरह परमेश्वर के महायाजक का अपमान करता है? ** (प्रेरितों 23:4 यूएलबी) + + * तुझे परमेश्वर के महायाजक का अपमान नहीं करना चाहिए! + +* **जब मैं गर्भ से बाहर आया तो मैं मर ही नहीं नहीं गया? ** (नौकरी 3:11 यूएलबी) + + * कितना अच्छा होता कि जब मैं गर्भ से बाहर आया तो मैं मर गया होता! + +* ** और मेरे साथ ऐसा क्यों हुआ कि मेरे प्रभु की माता मेरे पास आई? ** (लूका 1:43 यूएलबी) + + * यह कितना अद्भुत है कि मेरे प्रभु की माता मेरे पास आई है! + +1. भाषणगत प्रश्न को एक कथन में परिवर्तित करें, और फिर इसे एक संक्षिप्त प्रश्न प्रश्न के साथ उपयोग करें। + +* ** क्या तू अभी भी इस्राएल के राज्य के ऊपर शासन नहीं करता है?** (1 राजा 21:7 यूएलबी) + + * तू अभी भी इस्राएल के राज्य पर शासन करता है, क्या तू नहीं करता है? + +1. प्रश्न के रूप अर्थात् ढ़ाचें को परिवर्तित करें ताकि यह आपकी भाषा में संचार कर सके कि मूल वक्ता ने उसके बारे में क्या संचारित किया है। + +* **या तुम में से ऐसा कौन सा व्यक्ति है जो , यदि उसका पुत्र उस से रोटी की रोटी मांगे, तो वह उसे पत्थर देगा? ** (मत्ती 7:9 यूएलबी) + + * यदि तेरा पुत्र तुझसे रोटी का टुकड़ा मांगता है, क्या तू उसे एक पत्थर देगा ? + +* ** क्या एक कुँवारी उसके गहने, तौभी मेरी प्रजा ने असँख्य दिनों से मुझे भुला दिया हैं!? तौभी मेरी प्रजा ने असँख्य दिनों से मुझे भुला दिया हैं!** (यिर्मयाह 2:32 यूएलबी) + + * कौन सी कुँवारी उसके गहने को भूल जाएगी, और दुल्हन उसके घूंघट को भूल जाएगी? तौभी मेरी प्रजा ने असँख्य दिनों से मुझे भुला दिया हैं। diff --git a/translate/figs-rquestion/sub-title.md b/translate/figs-rquestion/sub-title.md new file mode 100644 index 0000000..65bc65c --- /dev/null +++ b/translate/figs-rquestion/sub-title.md @@ -0,0 +1,2 @@ +भाषणगत प्रश्न क्या हैं और मैं कैसे उनका अनुवाद कर सकता हूँ? + diff --git a/translate/figs-rquestion/title.md b/translate/figs-rquestion/title.md new file mode 100644 index 0000000..8a53d72 --- /dev/null +++ b/translate/figs-rquestion/title.md @@ -0,0 +1,2 @@ +आलंकारिक प्रश्न + diff --git a/translate/figs-sentences/01.md b/translate/figs-sentences/01.md new file mode 100644 index 0000000..361c3c8 --- /dev/null +++ b/translate/figs-sentences/01.md @@ -0,0 +1,66 @@ + +### विवरण + +अंग्रेजी में सबसे सरल वाक्य संरचना में**कर्ता ** और एक** क्रिया** शब्द सम्मिलित है: + +* लड़का भागा। + +#### कर्ता + +* **कर्ता** वह होता है कि वाक्य किसके बारे में है या क्या है। इन उदाहरणों में, कर्ता रेखांकित किया गया है: + +* लड़का दौड़ रहा है। +* वह चल रहा है। + +कर्ता सामान्य रूप से संज्ञा वाक्यांश या सर्वनाम होते हैं। (देखें [शब्द के भाग](../figs-partsofspeech/01.md)) उपर्युक्त उदाहरणों में, "लड़का" एक संज्ञा वाक्यांश है जिसमें संज्ञा "लड़का" और "वह" एक सर्वनाम है। जब वाक्य एक आदेश होता है, तो कई भाषाओं में इसका कोई कर्ता नहीं होता है। लोग समझते हैं कि कर्ता "आप" है। + +* दरवाजा बंद करो। + +#### भविष्यद्वाणी करें + +भविष्यद्वाणी एक वाक्य का भाग होती है जो इसके कर्ता के बारे में कुछ बताती है। इसकी सामान्य रूप से एक क्रिया होती है। (देखें: [क्रियाएँ](../figs-verbs/01.md)) नीचे दिए गए वाक्यों में, कर्ता "व्यक्ति" और "वह" हैं। भविष्यद्वाणियों को रेखांकित किया गया है और क्रियाएँ बड़े अझरों में हैं। + +* व्यक्ति **है** शक्तिशाली. +* उसने **कठोर** परिश्रम किया. +* वह **एक वाटिका** को बनाया . + +#### यौगिक वाक्य + +एक वाक्य को एक से अधिक वाक्य से बनाया जा सकता है। नीचे दी गई दो पंक्तियों में से प्रत्येक में एक कर्ता और भविष्यद्वाणी है और यह एक पूर्ण वाक्य है। + +* उसने जिमीकंद को लगाया। +* उसकी पत्नी ने मक्कई लगाई। नीचे दिए गए यौगिक वाक्य में ऊपर के दो वाक्य सम्मिलित हैं। + +अंग्रेजी में, यौगिक वाक्य "और," "परन्तु," या "या" जैसे संयोजन के साथ आपस में जुड़ जाते हैं। + +* उसने जिमीकंद को लगाया और उसकी पत्नी ने मक्कई लगाई। + +#### खण्डवाक्य + +वाक्य में खण्डवाक्य और अन्य वाक्यांश भी हो सकते हैं। खण्डवाक्य वाक्यों की तरह हैं क्योंकि उनके पास एक कर्ता और भविष्यद्वाणी होती है, परन्तु वे सामान्य रूप से स्वयं प्रगट नहीं होते हैं। खण्डवाक्य के कुछ उदाहरण यहाँ दिए गए हैं। कर्ता बड़े अझरों में हैं, और भविष्यद्वाणियों को रेखांकित किया गया है। + +* जब **मक्कई** तैयार था +* **के बाद उसने** उसे तोड़ लिया +* क्योंकि **इसका** स्वाद बहुत अच्छा वाक्य में कई खण्ड हो सकते हैं, और इसलिए वे लम्बे और जटिल हो सकते हैं। + +परन्तु प्रत्येक वाक्य में कम से कम एक**स्वतंत्र खण्ड** होना चाहिए, अर्थात्, एक खण्ड जो स्वयं ही एक वाक्य हो सकता है। अन्य खण्ड जिन्हें स्वयं अपने आप में वाक्य नहीं हो सकता है उन्हें **आश्रित खण्ड** कहा जाता है। आश्रित खण्ड उनके अर्थ को पूरा करने के लिए स्वतंत्र खण्ड पर निर्भर होते हैं। आश्रित खण्ड नीचे दिए गए वाक्यों में रेखांकित किए गए हैं। + +* जब मक्कई तैयार थी , उसने उसे तोड़ लिया। +* उसे तोड़ लेने के पश्चात् , वह उस अपने घर ले गई और उसे पकाया। +* तब उसने और उसके पति ने इसे खा लिया, क्योंकि यह स्वाद में बहुत अच्छा था . निम्नलिखित वाक्यांश का प्रत्येक खण्ड एक पूर्ण वाक्य हो सकता है। वे उपरोक्त वाक्यों से स्वतंत्र खण्ड हैं। + +* उसने उसे तोड़ा। +* वह उसे घर ले गई और उसे पकाया। +* तब उसने और उसके पति ने इसे खा लिया। + +#### सम्बन्धात्मक खण्डवाक्य + +कुछ भाषाओं में, खण्डों का उपयोग संज्ञा के साथ किया जा सकता है, जो वाक्य का भाग होती है। इन्हें **सम्बन्धात्मक खण्डवाक्य** कहा जाता है। नीचे दिए गए वाक्य में, "मक्कई जो तैयार थी" पूरे वाक्य के पूर्वानुमान का भाग है। सम्बन्धात्मक खण्डवाक्य "जो तैयार थी" का प्रयोग "मक्कई" संज्ञा के साथ इसलिए किया जाता है, ताकि यह बताया जा सके कि उसने कौन सी मक्कई उठाई है। + +* उसकी पत्नी ने ** मक्का तोड़ी जो तैयार थी . नीचे दिए गए वाक्य में "उसकी माता, जो बहुत अधिक नाराज थी" पूरे वाक्य की भविष्यद्वाणी का भाग है। सम्बन्धात्मक खण्डवाक्य "जो बहुत अधिक नाराज थी" का प्रयोग "माता" के साथ इसलिए किया गया है ताकि यह बताया जा सके कि उसकी माता ने कैसा महसूस किया जब उसे मक्कई नहीं मिली थी। +* उसने **अपनी माता** को कोई मक्का नहीं दी, जो बहुत अधिक नाराज थी . + +#### अनुवाद के विषय + +* एक वाक्य के भागों के लिए भाषाओं के भिन्न क्रम होते हैं। (देखें: // जानकारी संरचना पृष्ठ को जोड़ें //) +* कुछ भाषाओं में सम्बन्धात्मक खण्डवाक्य नहीं होते हैं, या वे सीमित तरीके से उनका उपयोग करते हैं। (देखें [विशेषता-सूचक बनाम सूचना या अनुस्मारक](../figs-distinguish/01.md)) diff --git a/translate/figs-sentences/sub-title.md b/translate/figs-sentences/sub-title.md new file mode 100644 index 0000000..7548b32 --- /dev/null +++ b/translate/figs-sentences/sub-title.md @@ -0,0 +1,2 @@ +वाक्य के भाग क्या क्या हैं? + diff --git a/translate/figs-sentences/title.md b/translate/figs-sentences/title.md new file mode 100644 index 0000000..7796416 --- /dev/null +++ b/translate/figs-sentences/title.md @@ -0,0 +1,2 @@ +वाक्य रचना + diff --git a/translate/figs-sentencetypes/01.md b/translate/figs-sentencetypes/01.md new file mode 100644 index 0000000..987e0af --- /dev/null +++ b/translate/figs-sentencetypes/01.md @@ -0,0 +1,97 @@ + +### विवरण + +एक **वाक्य** शब्दों का एक समूह होता है जो एक पूर्ण विचार को व्यक्त करता है। वाक्यों के मूल प्रकार उन कार्यों के साथ नीचे सूचीबद्ध हैं जिनका मुख्य रूप से उपयोग किया जाता है। + +* **विवरण** - इन्हें मुख्य रूप से जानकारी देने के लिए उपयोग किया जाता है। '_यह एक सच है।_' +* **प्रश्न** - इन्हें मुख्य रूप से जानकारी मांगने के लिए उपयोग किया जाता है। '_क्या आप उसे जानते हो?_' +* **आज्ञावाचक वाक्य** - ये मुख्य रूप से किसी इच्छा या आवश्यकता को व्यक्त करने के लिए उपयोग किए जाते हैं, कि कोई कुछ करे। '_उसे ऊपर उठाओ._' +* **विस्मयादिबोधक** - ये मुख्य रूप से एक दृढ़ भावना को व्यक्त करने के लिए उपयोग किया जाता है। '_ओह! इससे दर्द हुआ!_' + +#### इसका कारण यह अनुवाद का एक विषय है + +* विशेष कार्यों को व्यक्त करने के लिए भाषाओं में वाक्य प्रकारों का उपयोग करने के विभिन्न तरीके होते हैं। +* अधिकांश भाषाएँ एक से अधिक गतिविधि के लिए इन वाक्य प्रकारों का उपयोग करती हैं। +* बाइबल में प्रत्येक वाक्य एक निश्चित वाक्य प्रकार से सम्बन्धित है और इसमें एक निश्चित गतिविधि होती है, परन्तु कुछ भाषाएँ उस गतिविधि के लिए उस प्रकार की वाक्य का उपयोग नहीं करतीं हैं। + +#### बाइबल से उदाहरण + +नीचे दिए गए उदाहरण इन मुख्य प्रकारों में से प्रत्येक को उनके मुख्य कार्यों के लिए उपयोग करते हैं। + +#### वक्तव्य + +> आरम्भ में परमेश्वर ने आकाश और पृथ्वी बनाई। (उत्पत्ति 1:1 यूएलबी) + +वक्तव्यों में अन्य कार्य भी हो सकते हैं। (देखें [वक्तव्य - अन्य उपयोग](../figs-declarative/01.md)) + +#### प्रश्न + +नीचे दिए गए वक्ताओं ने जानकारी प्राप्त करने के लिए, और जिन लोगों को वे बोल रहे थे, उनके प्रश्नों के उत्तर देने के लिए इन प्रश्नों का उपयोग किया। + +
यीशु ने उनसे कहा, " क्या तुम्हें विश्वास है कि मैं यह कर सकता हूँ? " उन्होंने उससे कहा, "हाँ, प्रभु।" (मत्ती 9:28 यूएलबी)
+ +
जेलर ... ने कहा, "श्रीमान्, मुझे बचाए जाने के लिए क्या करना चाहिए? " उन्होंने कहा, "प्रभु यीशु में विश्वास कर, और तू और तेरे घराने को बचाया जाएगा।” (प्रेरितों 16:2 9 -31 यूएलबी)
+ +प्रश्नों में अन्य कार्य भी हो सकते हैं। (देखें [भाषणगत प्रश्न](../figs-rquestion/01.md)) + +#### अनिवार्य वाक्य + +अनिवार्य वाक्य विभिन्न प्रकार के होते हैं: आदेश, निर्देश, सुझाव, निमन्त्रण, अनुरोध, और इच्छाएँ। + +**आदेश** के साथ, वक्ता अपने अधिकार का उपयोग करता है और किसी को कुछ करने के लिए कहता है। + +> उठ , बालाक, और सुन . सिप्पोर के पुत्र, मेरी सुन . (गिनती 23:18 यूएलबी) + +**निर्देश** के साथ, वक्ता किसी को कुछ करने के लिए कहता है। + +> ... परन्तु यदि तुम जीवन में प्रवेश करना चाहते हैं, तो आज्ञाओं को मानो . ... यदि तू सिद्ध होना चाहता है, तो जा , बेच जो कुछ तेरे पास है, और उसे गरीबों को बाँट दें, और तुझे स्वर्ग में धन प्राप्त होगा। (मत्ती 19:17, 21 यूएलबी) + +**सुझाव** के साथ, वक्ता किसी को कुछ करने के लिए कहता है या ऐसा नहीं करता है क्योंकि वह सोचता है कि इस से उस व्यक्ति की सहायता हो सकती है। नीचे दिए गए उदाहरण में, यदि वे एक-दूसरे का मार्गदर्शन करने का प्रयास नहीं करते हैं तो यह दोनों अन्धे पुरुषों के लिए सबसे अच्छा है। + +> एक अन्धे व्यक्ति को दूसरे अन्धे व्यक्ति का मार्गदर्शन करने का प्रयास नहीं करना चाहिए यदि उसने किया, तो वे दोनों एक गड़हे में गिर जाएंगे! (लूका 6:39 यूडीबी) + +वक्ता समूह का भाग बनने का मंशा रख सकते हैं, जिसका सुझाव दिया जाता है। उत्पत्ति 11 में, लोग कह रहे थे कि उनके लिए ईंटों को एक साथ बनाना अच्छा होगा। + +> उन्होंने एक-दूसरे से कहा, "आओ, हम मिलकर ईंटें बनाएँ और उन्हें अच्छी तरह से सेंक लें।" (उत्पत्ति 11:3 यूएलबी) + +**आमंत्रण** के साथ, वक्ता विनम्रता या मित्रता का उपयोग करता है ताकि यह सुझाव दिया जा सके कि यदि वह चाहे तो कोई कुछ कुछ करता है। इससे सामान्य रूप से ऐसा कुछ होता है जिससे वक्ता सोचता है कि श्रोता को आनन्द मिलेगा। + +> आओ हमारे साथ और हम आपको साथ अच्छा करेंगे। (गिनती 10:29) + +**अनुरोध** के साथ, वक्ता यह कहने के लिए विनम्रता का उपयोग करता है कि वह चाहता है कि कोई ऐसा कुछ करे। इसमें यह सुनिश्चित करने के लिए 'कृपया' शब्द सम्मिलित हो सकता है कि यह एक अनुरोध है, न कि आदेश। यह सामान्य रूप से कुछ ऐसा होता है जो वक्ता को लाभ पहुँचाएगा। + +
आज हमें प्रतिदिन की रोटी हमें दें . (मत्ती 6:11 यूएलबी)
+ +
मुझे कृपया क्षमा करें . (लूका 14:18 यूएलबी)
+ +एक **इच्छा** के साथ एक व्यक्ति व्यक्त करता है कि वे क्या करना चाहते हैं। अंग्रेजी में वे अक्सर "कृप्या" या "आइए" शब्द से आरम्भ होते हैं। उत्पत्ति 28 में, इसहाक ने याकूब से कहा कि वह क्या चाहता था कि परमेश्वर उसके लिए क्या करे। + +> परमेश्वर सर्वसामर्थी तुझे आशीष दे तुझे, फलदायी बनाए और तुझे बढ़ाए। (उत्पत्ति 28:3 यूएलबी) + +उत्पत्ति 9 में, नूह ने कहा कि वह क्या चाहता था कि कनान के साथ क्या घटित हो। + +> कनान शापित हो। ऐसा हो कि वह तेरा भाइयों के नौकरों के लिए एक नौकर हो जाए। (उत्पत्ति 9:25 यूएलबी) + +उत्पत्ति 21 में, हाजिरा ने अपने पुत्र के न मरने के लिए अपनी दृढ़ इच्छा व्यक्त की, और फिर वह चली गई ताकि वह उसे मरते हुए न देख सके। + +> मुझे बच्चे को मरते हुए न देखने पड़े। (उत्पत्ति 21:16 यूएलबी) + +अनिवार्य शब्दों वाले वाक्यों में अन्य कार्य भी होते हैं। (देखें [अनिवार्य - अन्य उपयोग](../figs-imperative/01.md)) + +#### विस्मयादिबोधक + +विस्मयादिबोधक दृढ़ भाव को व्यक्त करते हैं। यूएलबी और यूडीबी अनुवादों अनुवादों में, सामान्य रूप से अन्त में विस्मयादिबोधक चिह्न (!) होता है। + +> हे प्रभु, हमें बचा,; हम मरने वाले हैं! (मत्ती 8:25 यूएलबी) + +(अन्य तरीकों के लिए [विस्मयादिबोधक](../figs-exclamations/01.md) जिनमें विस्मयादिबोधकों को दिखाया जाता है और उनके अनुवाद करने के तरीके को देखें।) + +### अनुवाद की रणनीतियाँ + +1. अपनी भाषा में प्रयोग किए जाने वाले तरीकों का प्रयोग यह दिखाने के लिए करें कि एक वाक्य में एक ही विशेष कार्य होता है। +1. जब बाइबल में एक वाक्य में एक वाक्य का प्रकार होता है कि आपकी भाषा उसे वाक्य की गतिविधि के लिए उपयोग नहीं करती है, तो अनुवाद के लिए रणनीतियों के लिए नीचे दिए गए पृष्ठ को देखें। + +* [वक्तव्य - अन्य उपयोग](../figs-declarative/01.md) +* [भाषणगत प्रश्न](../figs-rquestion/01.md) +* [अविवार्य - अन्य उपयोग](../figs-imperative/01.md) +* [विस्मयादिबोधक](../figs-exclamations/01.md) diff --git a/translate/figs-sentencetypes/sub-title.md b/translate/figs-sentencetypes/sub-title.md new file mode 100644 index 0000000..957e273 --- /dev/null +++ b/translate/figs-sentencetypes/sub-title.md @@ -0,0 +1,2 @@ +वाक्य के विभिé प्रकार कौन कौनसे हैं और उनका उपयोग कहाँ होता है? + diff --git a/translate/figs-sentencetypes/title.md b/translate/figs-sentencetypes/title.md new file mode 100644 index 0000000..573287e --- /dev/null +++ b/translate/figs-sentencetypes/title.md @@ -0,0 +1,2 @@ +वाक्य के प्रकार + diff --git a/translate/figs-simile/01.md b/translate/figs-simile/01.md new file mode 100644 index 0000000..ffedd7b --- /dev/null +++ b/translate/figs-simile/01.md @@ -0,0 +1,83 @@ + +एक उपमा दो वस्तुओं की तुलना होती है जो सामान्य रूप से एक जैसी नहीं मानी जाती है। एक को दूसरे के "जैसा" कहा जाता है। यह एक विशेष गुण पर केन्द्रित होता है जिसमें दो वस्तुएँ एक जैसी होती हैं, और इसमें "जैसे", "की तरह" या "तब" शब्द सम्मिलित होते हैं। + +### विवरण + +एक उपमा दो वस्तुओं की तुलना होती है जो सामान्य रूप से एक जैसी नहीं मानी जाती है। यह एक विशेष गुण पर केन्द्रित होता है जिसमें दो वस्तुएँ एक जैसी होती हैं, और इसमें "जैसे", "की तरह" या "तब" शब्द सम्मिलित होते हैं। + +> जब उसने भीड़ को देखा, तो उसे उनके ऊपर दया आई, क्योंकि वे चिन्तित और उलझन में थे, क्योंकि वे
बिन चरवाहे की भेड़ों की तरह थे
. (मत्ती 9:36) + +यीशु ने लोगों की भीड़ की तूलना बिन चरवाहे की भेड़ के साथ की। भेड़ भयभीत हो जाती है जब उनके पास सुरक्षित स्थानों में उनका अगुवाई करने के लिए एक अच्छा चरवाहा नहीं होता है। भीड़ उनके जैसे थे क्योंकि उनके पास अच्छे धार्मिक अगुवे नहीं थे। + +> देखें, मैं तुम्हें भेड़िये के बीच भेड़ के रूप में भेजता हूँ , तो बुद्धिमान सांपों के रूप में और हानिरहित कबूतर के रूप में हो। (मत्ती 10:16 यूएलबी) + +यीशु ने अपने शिष्यों की तुलना भेड़ों और उनके शत्रुओं की तुलना भेड़ियों के साथ की। भेड़िये भेड़ पर आक्रमण करते हैं। यीशु के शत्रु उसके शिष्यों पर आक्रमण करेंगे। + +> परमेश्वर का वचन किसी भी दो धारी तलवार की तुलना में जीवित और सक्रिय और तेज है। (इब्रानियों 4:12 यूएलबी) + +परमेश्वर के वचन की तुलना दो धारी वाली तलवार से की जाती है। एक दो धार वाली तलवार एक ऐसा हथियार है, जो आसानी से किसी व्यक्ति के मांस को काट सकता है। परमेश्वर का वचन यह दिखाने में बहुत ही अधिक प्रभावी है कि किसी व्यक्ति के मन और विचारों में क्या कुछ होता है। + +#### उपमा के उद्देश्य + +* एक उपमा कुछ ऐसी वस्तु के बारे में शिक्षा दे सकता है, कि यह कैसे किसी दूसरी वस्तु के जैसा है जो कि ज्ञात है। +* एक उपमा एक विशेष गुण पर जोर दे सकता है, कभी-कभी इस तरह से लोगों का ध्यान आकर्षित करता है। +* उपमाएँ मन में एक चित्र बनाने में सहायता करते हैं या पाठक को जो कुछ वह पढ़ रहा होता है उसे पूरी तरह से समझने के अनुभव को पाने में सहायता करते हैं । + +#### इसका कारण यह अनुवाद का एक विषय है + +* लोग नहीं जानते कि दोनों वस्तुएँ एक जैसी कैसे होती हैं। +* लोग उस वस्तुएँ से परिचित नहीं होंगे जिसकी तुलना किसी वस्तु से की जाती है। + +### बाइबल से उदाहरण + + मसीह यीशु के एक अच्छे सैनिक के रूप में, > मेरे साथ कठिनाई का सामना कर
। (2 तीमुथियुस 2:3 यूएलबी) + +इस उपमा में, पौलुस जो सैनिकों की तरह कठिनाई का सामना करने की तुलना की जिस से वे दुख उठाते है, और वह तीमुथियुस को उनके उदाहरण का पालन करने के लिए प्रोत्साहित करता है। + +> क्योंकि जैसे बिजली प्रकट होती है जब यह आकाश के एक भाग से आकाश के दूसरे भाग में चमकती है , वैसे ही मनुष्य का पुत्र उसके दिन में होगा। (लूका 17:24 यूएलबी) + +यह वचन यह नहीं बताता है कि मनुष्य का पुत्र बिजली की चमक की तरह कैसे होगा। परन्तु सन्दर्भ से हम पहले के वचनों से पहले समझ सकते हैं कि जैसे प्रकाश अचानक चमकता है और हर कोई उसे देख सकता है, मनुष्य का पुत्र अचानक आ जाएगा और हर कोई उसे देख पाएगा। इसके बारे में किसी को भी नहीं बताया जाना चाहिए। + +### अनुवाद की रणनीतियाँ + +यदि लोग एक उपमा के सही अर्थ में समझेंगे, तो इसका उपयोग करने पर विचार करें। यदि वे ऐसा नहीं करेंगे, तो यहाँ पर उपयोग करने के लिए कुछ रणनीतियाँ दी गई है: + +1. यदि लोग नहीं जानते कि दोनों वस्तुएँ एक जैसी कैसे हैं, तो बताएँ कि वे एक जैसी कैसे हैं। तथापि, ऐसा न करें यदि मूल दर्शकों के लिए अर्थ स्पष्ट न होता है। +1. यदि लोग उस वस्तुएँ से परिचित नहीं हैं जिसकी तुलना किसी वस्तु से की जाती है, तो अपनी स्वयं की संस्कृति से किसी दूसरी वस्तुएँ का उपयोग करें। सुनिश्चित करें कि यह वही हैं जिसे बाइबल की संस्कृतियों में उपयोग किया जा सकता था। +1. केवल इसे ही किसी अन्य वस्तु से तुलना किए बिना वर्णन करें। + +### अनुवाद के लिए लागू की गई रणनीतियों के उदाहरण + +1. यदि लोग नहीं जानते कि दोनों वस्तुएँ एक जैसी कैसे हैं, तो बताएँ कि वे एक जैसी कैसे हैं। तथापि, ऐसा न करें यदि मूल दर्शकों के लिए अर्थ स्पष्ट न होता है। + +* **देखो, मैं तुम्हें भेड़िये के बीच में भेड़ के रूप में भेजता हूँ
** (मत्ती 10:16 यूएलबी) - यह खतरे की तुलना करता है कि यीशु के शिष्य भेड़ के रूप में खतरे से घिरे हुए होंगे जब वे भेड़िये के मध्य में होते हैं। + + * देखो, मैं तुम्हें दुष्ट लोगों के बीच भेजता हूँ और तुम उनकी ओर से खतरे में होंगे <जैसे भेड़ें तब खतरे में होती हैं जब वे भेड़िये से घिरे हुई होती हैं
. + +* **परमेश्वर का वचन किसी भी दो धारी तलवार की तुलना में जीवित और सक्रिय और तेज है।** (इब्रानियों 4:12 यूएलबी) + + * परमेश्वर का वचन किसी भी दो धारी तलवार से अधिक सामर्थी जीवित और सक्रिय और तेज है + +1. यदि लोग उस वस्तुएँ से परिचित नहीं हैं जिसकी तुलना किसी वस्तु से की जाती है, तो अपनी स्वयं की संस्कृति से ही किसी वस्तुएँ का उपयोग करें। सुनिश्चित करें कि यह वही है जो बाइबल की संस्कृतियों में उपयोग किया जा सकता था। + +* **देखो, मैं तुम्हें भेड़िये के बीच में भेड़ के रूप में भेजता हूँ
,** (मत्ती 10:16 यूएलबी) - यदि लोग नहीं जानते कि भेड़ और भेड़िये क्या हैं, या भेड़िये मारते हैं और भेड़ खाते हैं, तो आप किसी अन्य जानवर का उपयोग कर सकते हैं जो किसी और को मारता है। + + * देखो, मैं आपको जंगली कुत्तों के बीच में मुर्गियों के रूप में भेजता हूँ , + +* **कितनी बार मैं अपने बच्चों को एक साथ इकट्ठा करना चाहता था, बस एक मुर्गी उसके बच्चों को उसके पंखों के नीचे इकट्ठा करती है , परन्तु तुम इस से सहमत नहीं थे!** (मत्ती 23:37 यूएलबी) + + * मैं कितनी बार तेरे बच्चों को एक साथ इकट्ठा करना चाहता था, ठीक वैसे ही जैसे माता अपने शिशुओं का ध्यान बहुत ही अच्छी तरह से करती है , परन्तु तुमने इन्कार कर दिया! + +* **यदि तुम्हारे पास सरसों के अनाज के जैसा,** छोटे विश्वास है तो (मत्ती 17:20) + + * यदि तुम्हारे पास छोटे से बीज जितना , विश्वास है + +1. केवल इसे ही किसी अन्य वस्तु से तुलना किए बिना वर्णन करें। + +* **देखो, मैं तुम्हें भेड़ियों के बीच में भेड़ के रूप में भेजता हूँ ,** (मत्ती 10:16 यूएलबी) + + * देखो, मैं तुम्हे भेजता हूँ और लोग तुम्हें नुकसान पहुँचाना चाहेंगे . + +* **कितनी बार मैं तेरे बच्चों को एक साथ इकट्ठा करना चाहता था, ठीक वैसे ही जैसे एक मुर्गी उसके बच्चों को उसके पंखों के नीचे इकट्ठा करती है , परन्तु तुम सहमत नहीं थे!** (मत्ती 23:37 यूएलबी) + + * मैं कितनी बार तुम्हारी रक्षा करना चाहता था , परन्तु तुमने इन्कार कर दिया! diff --git a/translate/figs-simile/sub-title.md b/translate/figs-simile/sub-title.md new file mode 100644 index 0000000..1013744 --- /dev/null +++ b/translate/figs-simile/sub-title.md @@ -0,0 +1,2 @@ +उपमा क्या है? + diff --git a/translate/figs-simile/title.md b/translate/figs-simile/title.md new file mode 100644 index 0000000..11107ba --- /dev/null +++ b/translate/figs-simile/title.md @@ -0,0 +1,2 @@ +उपमा + diff --git a/translate/figs-synecdoche/01.md b/translate/figs-synecdoche/01.md new file mode 100644 index 0000000..51c5518 --- /dev/null +++ b/translate/figs-synecdoche/01.md @@ -0,0 +1,46 @@ + +### विवरण + +उपलक्ष्य अलंकार का उपयोग तब होता है जब एक वक्ता पूरे सन्दर्भ में कुछ भाग का उपयोग करता है या किसी भाग को सन्दर्भित करने के लिए पूरे का उपयोग करता है। + +> मेरी आत्मा परमेश्वर की बड़ाई करती है। (लूका 1:46 यूएलबी) + +मरियम बहुत ही अधिक आनन्दित था कि प्रभु क्या कर रहा था, इसलिए उसने कहा, "मेरी आत्मा," जिसका अर्थ है कि वह अपने पूरे स्वयं को सन्दर्भित करने के लिए आन्तरिक, भावनात्मक भाग का उपयोग करती है। + +> फरीसियों ने उससे कहा, "देखो, वे ऐसा क्यों कर रहे हैं जो वैध नहीं है ...?" (मरकुस 2:24 यूएलबी) + +फरीसी जो वहाँ खड़े थे, वे सभी एक ही समय में एक ही शब्द नहीं कहते थे। इसकी अपेक्षा, यह संभावना अधिक है कि समूह का प्रतिनिधित्व करने वाले एक व्यक्ति ने उन शब्दों को कहा होगा। + +#### इसका कारण यह अनुवाद का एक विषय है + +* कुछ पाठक शब्दों को शाब्दिक रूप से समझ सकते हैं। +* कुछ पाठकों को यह एहसास हो सकता है कि उन्हें शब्दों को शाब्दिक रूप से नहीं समझना है, परन्तु वे नहीं जानते कि इसका अर्थ क्या है। + +### बाइबल से उदाहरण + +> मैंने उन सभी कार्यों को देखा जो मेरे हाथ पूरा कर चुके थे (सभोपदेशक 2:11 यूएलबी) + +"मेरे हाथ" पूरे व्यक्ति के लिए एक उपलक्ष्य अलंकार है, क्योंकि स्पष्ट रूप से हाथों और शेष शरीर और मन सभी एक व्यक्ति की उपलब्धियों में सम्मिलित थे। + + +### अनुवाद की रणनीतियाँ + +यदि उपलक्ष्य अलंकार स्वभाविक होगा और आपकी भाषा में सही अर्थ देगा, तो इसका उपयोग करने पर विचार करें। यदि नहीं, तो यहाँ एक और विकल्प है: + +1. विशेष रूप से बताएँ कि उपलक्ष्य अलंकार क्या सन्दर्भित करता है। + +### अनुवाद के लिए लागू की गई रणनीतियों के उदाहरण + +1. विशेष रूप से बताएँ कि उपलक्ष्य अलंकार क्या सन्दर्भित करता है। + +* **" मेरी आत्मा प्रभु की बड़ाई करती है।"** (लूका 1:46 यूएलबी) + + * " मैं प्रभु की बड़ाई करती हूँ।" + +* **... फरीसियों ने उससे कहा** (मरकुस 2:24 यूएलबी) + + * ... फरीसियों के प्रतिनिधि ने उससे कहा ... + +* **...मैंने उन सभी कार्यों को देखा जो मेरे हाथ पूरा कर चुके थे ...** (सभोपदेशक 2:11 यूएलबी) + + * मैंने उन सभी कार्यों को देखा जो मेरे हाथ पूरा कर चुके थे diff --git a/translate/figs-synecdoche/sub-title.md b/translate/figs-synecdoche/sub-title.md new file mode 100644 index 0000000..3eaad45 --- /dev/null +++ b/translate/figs-synecdoche/sub-title.md @@ -0,0 +1,2 @@ +उपलक्ष्य अलंकार का अर्थ क्या है? + diff --git a/translate/figs-synecdoche/title.md b/translate/figs-synecdoche/title.md new file mode 100644 index 0000000..4d0feb0 --- /dev/null +++ b/translate/figs-synecdoche/title.md @@ -0,0 +1,2 @@ +उपलक्ष्य अलंकार + diff --git a/translate/figs-synonparallelism/01.md b/translate/figs-synonparallelism/01.md new file mode 100644 index 0000000..1b827ec --- /dev/null +++ b/translate/figs-synonparallelism/01.md @@ -0,0 +1,74 @@ + +### विवरण + +**समान अर्थ के साथ समान्तरतावाद** एक काव्य युक्ति है जिसमें एक जटिल विचार दो या दो से अधिक अलग तरीकों से व्यक्त किया जाता है। वक्ता दो विचारों में समान विचारों पर जोर देने के लिए ऐसा कर सकते हैं। इसे "समानार्थी समान्तरतावाद" भी कहा जाता है। + +ध्यान दें: हम लम्बे वाक्यांशों या खण्डों के लिए "समान अर्थ वाले समान्तरतावादी" शब्द का उपयोग करते हैं जिसका अर्थ समान है। हम शब्दों के लिए [युग्म](../figs-doublet/01.md) शब्दावली का उपयोग करते हैं या बहुत कम वाक्यांशों को जिनका अर्थ मूल रूप से एक ही वस्तु के अर्थ से और एक साथ उपयोग से होता है। + +> यहोवा सब कुछ देखता है जो एक व्यक्ति करता है और वह सभी उसके द्वारा लिए हुए सभी पथों पर ध्यान करता है . (नीतिवचन 5:21 यूएलबी) + +पहला रेखांकित वाक्यांश और दूसरा रेखांकित वाक्यांश एक ही बात का अर्थ देता है। इन दो वाक्यांशों के बीच तीन विचार हैं, जो एक जैसे हैं। "देखता" "ध्यान" की समानता में, "सब कुछ ... करता है" "सभी पथ ... लेता है" और "एक व्यक्ति" की समानता में है "वह"। वचन में समानार्थी समान्तरतावाद के कई प्रभाव पाए जाते हैं: + +* यह दिखाता है कि इसे एक से अधिक बार और एक से अधिक तरीकों से कहकर बुलाना बहुत ही अधिक महत्वपूर्ण है। +* यह श्रोताओं को विभिन्न तरीकों से कहने के विचार के बारे में अधिक गहराई से सोचने में सहायता करता है। +* यह भाषा को और अधिक सुन्दर बनाता और बोलने के सामान्य तरीके से ऊपर उठाता है। + +#### इसका कारण यह अनुवाद का एक विषय है + +कुछ भाषाओं में लोग किसी से भी भिन्न तरीकों से दो बार एक ही बात कहने की अपेक्षा नहीं करते हैं। वे अपेक्षा करते हैं कि यदि दो वाक्यांश या दो वाक्य हैं, तो उनके भिन्न अर्थ होंगे। इसलिए वे समझ में नहीं पाते हैं कि विचारों की पुनरावृत्ति ही विचार पर जोर देती है। + +### बाइबल से उदाहरण + +> तेरा वचन मेरे पैरों के लिए एक दीपक है और मेरे पथ के लिए एक प्रकाश है। (भजन 119:105 यूएलबी) + +वाक्यों के दोनों भाग रूपक हैं, जो कह रहे हैं कि परमेश्वर का वचन लोगों को शिक्षा देता है कि कि कैसे जीवन व्यतीत करना है। शब्द "दीपक" और "प्रकाश" अर्थ में एक जैसे ही हैं क्योंकि वे प्रकाश का सन्दर्भ देते हैं, और "मेरे पैर" और "मेरे पथ" शब्द सम्बन्धित हैं, क्योंकि वे चलने वाले व्यक्ति को सन्दर्भित करते हैं। + +> यहोवा की स्तुति करो , तुम सभी राष्ट्रों; उसकी बड़ाई करों , तुम सभी लोग! (भजन 117:1 यूएलबी) + +इस वचन के दोनों भाग लोगों को हर स्थान पर यहोवा की स्तुति करने के लिए कहते हैं। 'स्तुति' और 'बड़ाई' शब्द का अर्थ एक ही बात से है, 'यहोवा' और 'उसकी' उसी व्यक्ति का सन्दर्भ देते हैं, और तुम सभी राष्ट्रों' और तुम सभी लोग' एक ही तरह के लोगों को सन्दर्भित करते हैं। + +> क्योंकि यहोवा का उसके लोगों के साथ मुकदमा है , और वह इस्राएल के विरूद्ध अदालत में लड़ेगा। (मीका 6:2 यूएलबी) + +इस वचन के दो भाग हैं जो कहते हैं कि यहोवा का उसके लोगों, इस्राएल के साथ गम्भीर असहमति है। ये दो भिन्न मतभेद या लोगों के दो भिन्न समूह नहीं हैं। + +### अनुवाद की रणनीतियाँ + +यदि आपकी भाषा समानांतरता का उपयोग करती है जैसे बाइबल की भाषाएँ, अर्थात्, एक विचार को दृढ़ करने के लिए, तो आपके अनुवाद में इसका उपयोग करना उचित होगा। + +परन्तु यदि आपकी भाषा इस तरह की समानांतरता का उपयोग नहीं करती है, तो निम्न अनुवाद रणनीतियों में से एक का उपयोग करने पर विचार करें। + +1. दोनों खण्डों के विचारों को एक में मिलाएँ। +1. यदि ऐसा प्रतीत होता है कि खण्डों का उपयोग यह दिखाने के लिए किया जाता है कि वे जो कहते हैं वह वास्तव में सच है, तो आप उन शब्दों को सम्मिलित कर सकते हैं जो सत्य को "सच" या "निश्चित रूप से" होने पर जोर देते हैं। +1. यदि ऐसा प्रतीत होता है कि खण्डों में एक विचार को तीव्रता देने के लिए एक साथ उपयोग किया जाता है, तो आप "बहुत," "पूरी तरह से" या "सब" जैसे शब्दों का उपयोग कर सकते हैं। + +### अनुवाद के लिए लागू की गई रणनीतियों के उदाहरण + +1. दोनों खण्डों के विचारों को एक में मिलाएँ। + +* **अब तक तूने मुझे धोखा दिया है और मुझसे झूठ कहा है .** (न्यायियों 16:13, यूएलबी) - दलीला ने इस विचार को दो बार व्यक्त किया कि वह बहुत अधिक परेशान थी। + + * अब तक तूने मुझे अपने झूठ से धोखा दिया है . + +* **यहोवा सब कुछ देखता है जो एक व्यक्ति करता है और वह उन सब पथों पर ध्यान देता हैजिसे वह लेता है।** (नीतिवचन 5:21 यूएलबी) - वाक्यांश "वह उन सब पथों को लेता है" इस बात "वह जो कुछ करता है" के लिए रूपक है। + + * यहोवा सब कुछ पर ध्यान देता है जिसे एक व्यक्ति करता है। + +* **क्योंकि यहोवा का उसके लोगों के साथ मुकदमा है
, और वह इस्राएल के विरूद्ध अदालत में लड़ेग** (मीका 6:2 यूएलबी) - यह समान्तरतावाद एक गम्भीर असहमति का वर्णन करती है जो यहोवा की एक समूह था लोगों के साथ थी। यदि यह अस्पष्ट है, तो वाक्यांशों को जोड़ा जा सकता है: + + * क्योंकि यहोवा का तुम्हारे लोगों
, इस्राएल के साथ मुकदमा है । + +1. यदि ऐसा प्रतीत होता है कि खण्डों का उपयोग यह दिखाने के लिए किया जाता है कि वे जो कहते हैं वह वास्तव में सच है, तो आप उन शब्दों को सम्मिलित कर सकते हैं जो सत्य को "सच" या "निश्चित रूप से" पर जोर देते हैं। + +* **यहोवा सब कुछ देखता है कोई व्यक्ति करता है और वह जो भी पथ लेता है उस पर ध्यान देता है।** (नीतिवचन 5:21 यूएलबी) + + * यहोवा वास्तव में सब कुछ देखता है जिसे एक व्यक्ति करता है। + +1. यदि ऐसा प्रतीत होता है कि खण्डों में एक विचार को तीव्रता देने के लिए एक साथ उपयोग किया जाता है, तो आप "बहुत," "पूरी तरह से" या "सब" जैसे शब्दों का उपयोग कर सकते हैं। + +* **... तूने मुझे धोखा दिया है और मुझ से झूठ कहा है।** (न्यायियों 16:13 यूएलबी) + + * सभी तूने जो किया वह झूठ है। + +* **यहोवा सब कुछ देखता है जिसे एक व्यक्ति करता है और वह जो भी पथ लेता है उस पर ध्यान देता है।** (नीतिवचन 5:21 यूएलबी) + + * यहोवा पूर्ण रीति से सब कुछ देखता है जिसे एक व्यक्ति करता है। diff --git a/translate/figs-synonparallelism/sub-title.md b/translate/figs-synonparallelism/sub-title.md new file mode 100644 index 0000000..949c874 --- /dev/null +++ b/translate/figs-synonparallelism/sub-title.md @@ -0,0 +1,2 @@ +समान अर्थ के साथ समानान्तरवाद का क्या अर्थ हैं? + diff --git a/translate/figs-synonparallelism/title.md b/translate/figs-synonparallelism/title.md new file mode 100644 index 0000000..2a989aa --- /dev/null +++ b/translate/figs-synonparallelism/title.md @@ -0,0 +1,2 @@ +समान अर्थ के साथ समरूपता + diff --git a/translate/figs-verbs/01.md b/translate/figs-verbs/01.md new file mode 100644 index 0000000..f858dd5 --- /dev/null +++ b/translate/figs-verbs/01.md @@ -0,0 +1,82 @@ + +### विवरण + +क्रियाएँ वे शब्द होते हैं जो किसी क्रिया या घटना का सन्दर्भ देते हैं या जिसका उपयोग वस्तुओं का वर्णन करने या पहचानने में किया जाता है। + +**उदाहरण** नीचे दिए गए उदाहरणों में क्रियाएँ रेखांकित की गई हैं। + +* यूहन्ना दौड़ा . ("दौड़ना" एक गतिविधि है।) +* यूहन्ना एक केला खाया। ("खाना" एक गतिविधि है।) +* यूहन्ना ने मरकुस को देखा। ("देखना" एक घटना है।) +* यूहन्ना की मृत्यु हो गई। ("मृत्यु" एक घटना है।) +* यूहन्ना लम्बा है। (वाक्यांश "लम्बा है" यूहन्ना का वर्णन करता है। + +"है" शब्द एक क्रिया है जो "यूहन्ना" को "लम्बा" होने से जोड़ती है।) + +* यूहन्ना सुन्दर दिखता है। (वाक्यांश "सुन्दर है" यूहन्ना का वर्णन करता है। + +शब्द "दिखता" यहाँ एक क्रिया है जो "यूहन्ना" को "सुन्दर" होने से जोड़ती है।) + +* यूहन्ना मेरा भाई है। (वाक्यांश "मेरा भाई" यूहन्ना की पहचान करता है।) + +### एक क्रिया के साथ संबद्ध लोग या चीजें + +एक क्रिया सामान्य रूप से किसी या किसी वस्तु के बारे में कुछ कहती है। ऊपर दिए गए सभी उदाहरण वाक्य यूहन्ना के बारे में कुछ कहते हैं। "यूहन्ना" उन वाक्यों का **कर्ता** है। अंग्रेजी में कर्ता सामान्य रूप से क्रिया से पहले आता है। कभी-कभी क्रिया के साथ कोई अन्य व्यक्ति या वस्तु जुड़ी होती है। नीचे दिए गए उदाहरणों में, रेखांकित शब्द क्रिया है, और बड़े अझरों छपे वाक्यांश **कर्म** है। अंग्रेजी में कर्म सामान्य रूप से क्रिया के बाद में आता है। + +* उसने खाया **भोजन**. +* उसने गाया **एक गीत**. +* उसने पढ़ी **एक पुस्तक**. +* उसने देखी **पुस्तक**. + +कुछ क्रियाओं में कभी कर्म नहीं होता है। + +* सूर्य उगता है छः बजे। +* यूहन्ना सोया अच्छी तरह से। +* यूहन्ना गिर गया था कल। + +अंग्रेजी में कई क्रियाओं में, कर्म को छोड़ना तब ठीक होता है, जब कर्म वाक्य में महत्वपूर्ण नहीं है। + +* वह रात में खाता है कभी नहीं। +* वह हर समय गाता है। +* वह पढ़ता है अच्छी तरह से। +* वह देख नहीं सकता है। + +कुछ भाषाओं में, एक क्रिया जिसे कर्म की आवश्यकता होती है, वह सदैव एक कर्म को लेना चाहिए, चाहे कर्म बहुत महत्वपूर्ण न हो। जो लोग उन भाषाओं को बोलते हैं वे इस तरह के वाक्य कह सकते हैं। + +* वह कभी रात में **भोजन** नहीं खाता है। +* वह हर समय **गाने** गाता है । +* वह **शब्दों** को अच्छी तरह से पढ़ता है . +* वह** कुछ भी **नहीं देखें** है। + +### क्रियाओं के ऊपर कर्ता और कर्म को चिन्हित करना + +कुछ भाषाओं में, क्रियाएँ व्यक्तियों या उससे जुड़े वस्तुओं के आधार पर थोड़ी अलग हो सकती हैं। उदाहरण के लिए, जब कभी-कभी कर्ता केवल एक व्यक्ति होता है तो अंग्रेजी बोलने वाले क्रिया के अन्त में "बहुवचक शब्द" को लगा देते हैं। क्रिया को चिन्हित करने वाली अन्य भाषाओं में यह दिखाया जा सकता है कि कर्ता "मैं," "आप," या "वह" है; एकवचन, द्विवाचक, या बहुवचन; पुरूष या स्त्री, या मानव या गैर-मानवीय है। + +* वे हर दिन __केले__ खाते हैं। (कर्ता "वे" एक से अधिक व्यक्ति हैं।) +* यूहन्ना __हर दिन__ केला खाता है। (कर्ता "यूहन्ना" एक व्यक्ति है।) + +### समय और काल + +जब हम किसी घटना के बारे में बताते हैं, तो हम सामान्य रूप से बताते हैं कि यह अतीत, वर्तमान या भविष्य में घटित हुई है या नहीं। कभी-कभी हम इसे "कल," "अब," या "कल" जैसे शब्दों के साथ करते हैं। कुछ भाषाओं में क्रिया इसके साथ जुड़े समय के आधार पर थोड़ी अलग हो सकती है। + +क्रिया पर इस तरह के चिन्ह को **काल** कहा जाता है। जब घटनाएँ अतीत में घटित हुईं हैं तो अंग्रेजी बोलने वाले कभी-कभी क्रिया के अन्त में अतीतकालीन "चिन्ह" डालते हैं। + +* कभी-कभी मरियम मीट बनाती है। +* कल मरियम ने मीट पकाया था। (उसने अतीत में ऐसा किया था।) + +कुछ भाषाओं में वक्ता समय के बारे में कुछ बताने के लिए एक शब्द को जोड़ सकते हैं। अंग्रेजी बोलने वाले शब्द "इच्छा" का उपयोग करते हैं जब क्रिया भविष्य में किसी बात को सन्दर्भित करती है। + +* कल मरियम मीट पकाएंगी। + +### भाव + +जब हम किसी घटना के बारे में बताते हैं, तो कभी-कभी हम यह दिखाना चाहते हैं कि घटना की समय की अवधि में कैसे प्रगति हुई, या घटना किसी अन्य घटना से कैसे सम्बन्धित है। + +यह **भाव** है। कभी-कभी एक घटना किसी अन्य घटना से या वर्तमान समय से कैसे सम्बन्धित होता है, इसे दिखाने के लिए अंग्रेजी बोलने वाले शब्द "है" या "पास है" क्रिया का उपयोग करते हैं और क्रिया के अन्त में वर्तमान सूचक "है," "रहा" या "चुका" को जोड़ते हैं। + +* मरियम बनाती है मीट हर दिन। (यह बातती है कि मरियम अक्सर कुछ करती है।) +* मरियम खाना पकाना मांस है। (यह कुछ करने के बारे में बताता है जिसे मरियम अभी करने की प्रक्रिया में है।) +* मरियम ने मीट बनाया, और यूहन्ना घर आया। (यह को केवल उन बातों वस्तुओं के बारे में बताता है, जिसे मरियम और यूहन्ना ने किया था।) +* जब मरियम मीट बना रही थी, यूहन्ना घर आया। (यह बताता है कि मरियम घर आने पर प्रक्रिया करने की प्रक्रिया में था) +* मरियम ने मीट बनाया था, और वह चाहता है कि हम इसे खाएँ। (यह बताता है कि मरियम ने ऐसा कुछ किया जो अब भी प्रासंगिक है।) +* मरियम खाना पका चुकी थी उस समय तक मरकुस घर आ गया था। (यह किसी वस्तु के बारे में बताता है कि इससे पहले कुछ और घटित होता मरियम ने अतीत में अपने कार्य को पूरा कर लिया था।) diff --git a/translate/figs-verbs/sub-title.md b/translate/figs-verbs/sub-title.md new file mode 100644 index 0000000..397853b --- /dev/null +++ b/translate/figs-verbs/sub-title.md @@ -0,0 +1,2 @@ +क्रियाएँ क्या होती हैं और उनके साथ कौन कौनसी वस्तुएँ जुड़ी हैं? + diff --git a/translate/figs-verbs/title.md b/translate/figs-verbs/title.md new file mode 100644 index 0000000..2d44bfb --- /dev/null +++ b/translate/figs-verbs/title.md @@ -0,0 +1,2 @@ +क्रियाएँ + diff --git a/translate/figs-you/01.md b/translate/figs-you/01.md new file mode 100644 index 0000000..0382896 --- /dev/null +++ b/translate/figs-you/01.md @@ -0,0 +1,24 @@ + +### एकवचन, द्विवचन, और बहुवचन + +कुछ भाषाओं में "आप" शब्द के आधार पर "आप" शब्द के लिए एक से अधिक शब्द हैं। + +**एकवचन** रूप एक व्यक्ति को सन्दर्भित करता है, और **बहुवचन** रूप एक से अधिक व्यक्ति को सन्दर्भित करता है। + +कुछ भाषाओं में एक **द्विवचन** रूप भी होता है, जो दो लोगों को सन्दर्भित करता है, और कुछ के अन्य रूप होते हैं जो तीन या चार लोगों को सन्दर्भित करते हैं। + +आप http://ufw.io/figs_younum पर दिया गया वीडियो भी देखना चाहेंगे। कभी-कभी बाइबल में एक वक्ता "आप" को एकवचन रूप का उपयोग करता है, चाहे वह भीड़ से ही बात क्यों न कर रहा हो। + +* [एकवचन वाले सर्वनाम जो समूह का सन्दर्भित करते हैं](../figs-youcrowd/01.md) + + +### औपचारिक और अनौपचारिक + +वक्ता और जिस व्यक्ति से बात की जा रही है, उसके बीच सम्बन्धों के आधार पर कुछ भाषाओं में "आप" के एक से अधिक रूप होते हैं। लोग अपने से बड़ों से या जो उच्च अधिकार रखते हैं, या कोई ऐसा व्यक्ति है, जिसे वे बहुत अच्छी तरह से नहीं जानते हैं, से बात करते समय "आप" के **औपचारिक** रूप का उपयोग करते हैं, । + +लोग किसी ऐसे व्यक्ति से बात करते समय**अनौपचारिक**रूप का उपयोग करते हैं, बड़े नहीं है, या जिनके पास उच्च अधिकार नहीं है, या परिवार का सदस्य या घनिष्ठ मित्र हैं। + +आप http://ufw.io/figs_youform पर दिया गया वीडियो भी देखना चाहेंगे। इनका अनुवाद करने में सहायता के लिए, हम आपको सुझाव देते हैं, जिन्हें पढ़ लें: + +* ["आप" के रूप - औपचारिक या अनौपचारिक](../figs-youformal/01.md) + diff --git a/translate/figs-you/sub-title.md b/translate/figs-you/sub-title.md new file mode 100644 index 0000000..3ec27a9 --- /dev/null +++ b/translate/figs-you/sub-title.md @@ -0,0 +1,2 @@ +तुम के कौन कौनसे प्रारूप हैं? + diff --git a/translate/figs-you/title.md b/translate/figs-you/title.md new file mode 100644 index 0000000..2bea280 --- /dev/null +++ b/translate/figs-you/title.md @@ -0,0 +1,2 @@ +‘तुम’ के प्रारूप + diff --git a/translate/figs-youcrowd/01.md b/translate/figs-youcrowd/01.md new file mode 100644 index 0000000..c14184c --- /dev/null +++ b/translate/figs-youcrowd/01.md @@ -0,0 +1,73 @@ + +### विवरण + +बाइबल इब्रानी, अरामी और यूनानी में लिखी गई थी। + +इन भाषाओं में**एकवचन** "आप" शब्द "तुम" के रूप में है जब केवल एक व्यक्ति को सन्दर्भित किया जाता है, और**बहुवचन** शब्द शब्द "तुम्हारे" के रूप में है जब एक से अधिक व्यक्ति को सन्दर्भित किया जाता है। + +यद्यपि कभी-कभी बाइबल में वक्ताओं ने "आप" के **एकवचन**रूप का उपयोग किया है, चाहे वे लोगों के समूह से ही बात क्यों न कर रहे थे। + +जब आप अंग्रेजी में बाइबल पढ़ते हैं तो यह स्पष्ट नहीं होता है, क्योंकि अंग्रेजी में "आप" एकवचन और "आप" बहुवचन के लिए भिन्न रूप नहीं हैं। + +परन्तु आप इसे देख सकते हैं यदि आप ऐसी भाषा में बाइबल पढ़ते हैं, जिसमें इनके भिन्न रूप पाए जाते हैं। + +इसके अतिरिक्त, पुराने नियम के वक्ताओं और लेखकों ने अक्सर बहुवचन सर्वनाम "वे" की अपेक्षा एकवचन सर्वनाम "वह" को लोगों के समूहों के लिए सन्दर्भित किया। + + +### इसका कारण यह अनुवाद का एक विषय है + +* क्योंकि कई भाषाओं में, एक अनुवादक जो "आप" के सामान्य रूप से बाइबल पढ़ता है उसे यह जानने की आवश्यकता होगी कि वक्ता एक व्यक्ति से या एक से अधिक से बात कर रहा था या नहीं। +* कुछ भाषाओं में यह एक भ्रम उत्पन्न करने वाला हो सकता है, यदि एक वक्ता एक से अधिक व्यक्ति से बात करते समय एकवचन सर्वनाम का उपयोग करता है। + + +### बाइबल से उदाहरण + +> 1 सावधान रहो कि कहीं तुम लोगों के सामने दिखाने के लिए अपने धर्म वाले कामों को तो नहीं करते हैं, अन्यथा तुम्हें पिता से जो स्वर्ग में हैं, कोई प्रतिफल नहीं मिलेगा। 2 तो जब तुम दान देते हैं, तो स्वयं के लिए तुरही न बजवाएँ, क्योंकि पापी लोग सभाओं और सड़कों पर ऐसा करते हैं, ताकि वे लोगों की प्रशंसा को प्राप्त कर सकें। + +वास्तव में मैं आपको you कहता हूँ, उन्हें अपना प्रतिफल प्राप्त हुआ है। (मत्ती 6:1,2 यूएलबी) + +यीशु ने भीड़ को यह कहा। उसने वचन 1 में पहली बार "तुम" बहुवचन और वचन 2 के पहले वाक्य में "तुम" एकवचन का उपयोग किया। फिर अन्तिम वाक्य में उसने बहुवचन का पुन: उपयोग किया। + +> परमेश्वर ने इन सभी शब्दों को बोला: "मैं यहोवा, तेरा परमेश्वर हूँ, जो दासता के घर मिस्र देश से तुझे लाया था। तेरे पास मेरे सामने अन्य ईश्वर नहीं नहीं होने चाहिए।” (निर्गमन 20:1-3 यूएलबी) + +परमेश्वर ने इस्राएल के सभी लोगों से यह कहा। वह उन्हें मिस्र से बाहर ले लिया था और वह चाहता था कि वे सभी उसकी आज्ञा का पालन करें, परन्तु उसने उनसे बात करते समय यहाँ शब्द तूझे का एकवचनीय रूप का उपयोग किया है। + +> यहोवा यह कहता है, +> "एदोम के तीन पापों के लिए, +> वरन् चार के लिए भी, +> मैं दण्ड को नहीं बदलूँगा, +> क्योंकि वह तलवार के साथ उसके भाई के पीछे दौड़ा +> और सारी दया को एक किनारे रख दिया। +> उसका क्रोध लगातार बढ़ता ही चला गया, +> और उसका क्रोध सदैव के लिए बना रहा।” (आमोस 1:11 यूएलबी) + +यहोवा ने इन बातों को एदोम राष्ट्र के बारे में कहा, न केवल एक व्यक्ति के बारे में। + +### अनुवाद की रणनीतियाँ + +यदि लोगों के समूह का वर्णन करते समय सर्वनाम का एकवचन रूप स्वभाविक हो, तो इसका उपयोग करने पर विचार करें। + +* चाहे आप इसका उपयोग कर सकें, यह तौभी इस बात पर निर्भर हो सकता है कि वक्ता कौन है और लोग कौन हैं जिस के बारे में या जिस से वह बात कर रहा है। +* यह वक्ता क्या कह रहा है, इस पर भी निर्भर हो सकता है। + +1. यदि लोगों के समूह का वर्णन करते समय सर्वनाम का एकवचनीय रूप स्वभाविक नहीं है, या यदि पाठक इसके द्वारा भ्रमित हो जाएंगे, तो सर्वनाम के बहुवचन रूप का उपयोग करें। + +### अनुवाद की लागू की गईं रणनीतियाँ + +1. यदि लोगों के समूह का वर्णन करते समय सर्वनाम का एकवचनीय रूप स्वभाविक नहीं है, या यदि पाठक इसके द्वारा भ्रमित हो जाएंगे, तो सर्वनाम के बहुवचन रूप का उपयोग करें। + +> यहोवा यह कहता है, +> "एदोम के तीन पापों के लिए, +> चार के लिए भी, मैं दण्ड को नहीं बदलूँगा, +> क्योंकि वह तलवार के साथ उसके भाई के पीछे दौड़ा +> और सारी दया को एक किनारे रख दिया। +> उसका क्रोध लगातार बढ़ता ही चला गया, +> और उसका क्रोध सदैव के लिए बना रहा।” (आमोस 1:11 यूएलबी) + +यहोवा यह कहता है, + +> "एदोम के तीन पापों के लिए, +> चार के लिए भी, मैं दण्ड को नहीं बदलूँगा, क्योंकि उन्होंने तलवार के साथ उनके भाइयों का पीछा किया +> और सारी दया को एक किनारे रख दिया। +> उनका क्रोध लगातार बढ़ता ही चला गया, +> और उनका क्रोध सदैव के लिए बना रहा।” diff --git a/translate/figs-youcrowd/sub-title.md b/translate/figs-youcrowd/sub-title.md new file mode 100644 index 0000000..a0d596e --- /dev/null +++ b/translate/figs-youcrowd/sub-title.md @@ -0,0 +1,2 @@ +लोगों के समूह को दिखाने वाले एकवचन सर्वनाम का मैं कैसे अनुवाद करूँ? + diff --git a/translate/figs-youcrowd/title.md b/translate/figs-youcrowd/title.md new file mode 100644 index 0000000..132776a --- /dev/null +++ b/translate/figs-youcrowd/title.md @@ -0,0 +1,2 @@ +समूह को दिखाने वाले एकवचन सर्वनाम + diff --git a/translate/figs-youdual/01.md b/translate/figs-youdual/01.md new file mode 100644 index 0000000..22fb5b2 --- /dev/null +++ b/translate/figs-youdual/01.md @@ -0,0 +1,46 @@ + +### विवरण + +कुछ भाषाओं में "आप" का **एकवचनीय**रूप होता है जब शब्द "आप" केवल एक व्यक्ति को सन्दर्भित करता है, और एक**बहुवचन**रूप जब शब्द "आप" एक से अधिक व्यक्ति को सन्दर्भित करता है। + +कुछ भाषाओं में "आप" का एक**द्विवचनीय**रूप भी होता है जब शब्द "आप" केवल दो लोगों को सन्दर्भित करता है। + +अनुवादक जो इन भाषाओं में से किसी एक को बोलते हैं, उन्हें सदैव यह जानने की आवश्यकता होगी कि वक्ता का अर्थ क्या है, ताकि वे अपनी भाषा में शब्द "आप" के लिए सही शब्द को चुन सकें। + +अंग्रेजी जैसी अन्य भाषाओं में केवल एक ही रूप होता है, जिसे लोग इस बात पर ध्यान दिए बिना कि कितने लोगों को यह सन्दर्भित करता है, उपयोग करते हैं। बाइबल सबसे पहले इब्रानी, अरामी और यूनानी भाषाओं में लिखी गई थी। इन भाषाओं में शब्द "आप" के एकवचन रूप है और "आप" के बहुवचन रूप भी हैं। जब हम उन भाषाओं में बाइबल पढ़ते हैं, तो सर्वनाम और क्रिया के रूप हमें दिखाते हैं कि "आप" शब्द एक व्यक्ति या एक से अधिक व्यक्ति को सन्दर्भित करता है। + +यद्यपि, वे हमें नहीं दिखाते हैं कि क्या यह केवल दो लोगों या दो से अधिक लोगों को सन्दर्भित करता है। जब सर्वनाम हमें नहीं दिखाते हैं कि "आप" शब्द कितने लोगों को सन्दर्भित करता है, तो हमें यह देखने के लिए सन्दर्भ देखने की आवश्यकता है कि वक्ता कितने लोग बात कर रहे थे। + +#### इसका कारण यह अनुवाद का एक विषय है + +* अनुवादक जो एक ऐसी भाषा बोलते हैं, जिसमें "आप" के भिन्न एकवचनी, द्विवचनीय और बहुवचनीय रूप होते हैं, उन्हें सदैव यह जानने की आवश्यकता होगी कि वक्ता का अर्थ क्या है, ताकि वे अपनी भाषा में "आप" के लिए सही शब्द चुन सकें। +* कर्ता के एकवचन या बहुवचन रूप होते है या नहीं, इस पर निर्भर करते हुए कई भाषाओं में क्रिया के विभिन्न रूप भी होते हैं। इसलिए यदि किसी भाषा में सर्वनाम अर्थ को देने वाला "आप" है, तो इन भाषाओं के अनुवादकों को यह जानने की आवश्यकता होगी कि क्या वक्ता एक व्यक्ति या एक से अधिक का वर्णन कर रहा था। + +अक्सर सन्दर्भ यह स्पष्ट कर देगा कि "आप" शब्द एक व्यक्ति या एक से अधिक सन्दर्भित करता है या नहीं। यदि आप वाक्य में अन्य सर्वनामों को देखते हैं, तो वे आपको यह जानने में सहायता करेंगे कि वक्ता कितने लोग सम्बोधित कर रहे थे। + +### बाइबल से उदाहरण + +> जब्दी के पुत्र याकूब और यूहन्ना उसके पास आए और कहा, "गुरुजी, हम चाहते हैं कि आप हमारे लिए वह करें, जो हम आपसे मांगते हैं।" उसने [यीशु] उनसे कहा, "तुम मुझ से क्या चाहते हो कि मैं तुम्हारे लिए करूँ?" (मरकुस 10:35-36 यूएलबी) + +यीशु **दोनों** याकूब और यूहन्ना से पूछ रहा है, कि वे क्या चाहते हैं कि वह उनके लिए करे। + +यदि लक्षित भाषा में "आप" का **द्विवचनीय**रूप है, तो इसका उपयोग करें। यदि लक्षित भाषा में द्विवचनीय रूप नहीं है, तो बहुवचनीय रूप ही उपयुक्त होगा। + +> ... और यीशु ने अपने दो शिष्यों को भेजा और उनसे कहा, "हमारे सामने वाले गाँव में जाओ। जैसे ही तुम इसमें प्रवेश करो, तुम्हें को एक गदही का बच्चा मिलेगा जिस पर कोई कभी भी सवार नहीं हुआ है। उसे खोलो और उसे मेरे पास लाओ। (मरकुस 11:1-2 यूएलबी) + +सन्दर्भ यह स्पष्ट करता है कि यीशु **दोनों** को सम्बोधित कर रहा है। + +यदि लक्षित भाषा में "आप" का **द्विवचनीय**रूप है, तो उसका उपयोग करें। यदि लक्षित भाषा में द्विवचनीय रूप नहीं है, तो बहुवचनीय रूप ही उपयुक्त होगा। + +> याकूब, परमेश्वर और प्रभु यीशु मसीह का एक सेवक, बिखरे हुए बारह गोत्रों को, नमम्कार। हे मेरे भाइयों, इसे आनन्द की बात समझो कि, जब तुम विभिन्न प्रकार की परेशानियों का अनुभव, यह जानते हुए करते हो कि तुम्हारे विश्वास की परीक्षा धीरज को उत्पन्न करता है। (याकूब 1:1-3 यूएलबी) + +याकूब ने इस पत्र को कई लोगों को लिखा है, इसलिए शब्द "तुम" कई लोगों को सन्दर्भित करता है। यदि लक्षित भाषा में "तुम" का **बहुवचनीय**रूप है, तो इसका उपयोग करना ही सबसे अच्छा होगा। + +### यह जानने के लिए रणनीतियाँ कि "आप" कितने लोगों के लिए सन्दर्भित है + +1. यह देखने के लिए नोट्स देखें कि क्या वे बताते हैं कि “आप” एक व्यक्ति या एक से अधिक व्यक्ति को सन्दर्भित करता है या नहीं। +1. इसे देखने के लिए यूडीबी अनुवाद देखें कि क्या यह ऐसा कुछ कहता है, जो आपको दिखाए कि शब्द "आप" एक व्यक्ति या एक से अधिक व्यक्ति को सन्दर्भित करता है या नहीं। +1. यह देखने के लिए सन्दर्भ देखें कि वक्ता कितने लोग बात कर रहे थे और किसने उत्तर दिया था। +1. इसे देखने के लिए सन्दर्भ देखें कि वक्ता किससे बात कर रहा था और किसने उत्तर दिया था। + +आप http://ufw.io/figs_youdual पर दिया गया वीडियो भी देखना चाहेंगे। diff --git a/translate/figs-youdual/sub-title.md b/translate/figs-youdual/sub-title.md new file mode 100644 index 0000000..3eecb1a --- /dev/null +++ b/translate/figs-youdual/sub-title.md @@ -0,0 +1,2 @@ +कैसे पता करूँ कि ‘तुम’ शब्द युग्म है या बहुवचन? + diff --git a/translate/figs-youdual/title.md b/translate/figs-youdual/title.md new file mode 100644 index 0000000..fbffce9 --- /dev/null +++ b/translate/figs-youdual/title.md @@ -0,0 +1,2 @@ +‘तुम’ के प्रारूप - युग्म/बहुवचन + diff --git a/translate/figs-youformal/01.md b/translate/figs-youformal/01.md new file mode 100644 index 0000000..4d4e04e --- /dev/null +++ b/translate/figs-youformal/01.md @@ -0,0 +1,53 @@ + +(आप http://ufw.io/figs_youform पर दिया गया वीडियो भी देखना चाहेंगे।) + +### विवरण + +कुछ भाषाएँ "आप" के औपचारिक रूप और "आप" के अनौपचारिक रूप के बीच अन्तर बनाती हैं। यह पृष्ठ मुख्य रूप से उन लोगों के लिए है जिनकी भाषा इस अन्तर को बनाती है। + +कुछ संस्कृतियों में लोग बुर्जगों या अधिकार प्राप्त व्यक्ति से बात करते समय औपचारिक "आप" का उपयोग करते हैं, और वे अनौपचारिक "आप" का उपयोग तब करते हैं, जब वे किसी ऐसे बात करते हैं जो उनकी आयु से या उनसे छोटा होता है या जिसके पास कम अधिकार होते हैं। अन्य संस्कृतियों में, लोग अनजानों से या लोगों से बात करते समय औपचारिक "आप" का, जिन्हें वे अच्छी तरह से नहीं जानते हैं, और परिवार के सदस्यों और घनिष्ठ मित्रों के साथ बात करते समय अनौपचारिक "आप" उपयोग करते हैं। + +#### इसका कारण यह अनुवाद का एक विषय है + +* बाइबल इब्रानी, अरामी और यूनानी में लिखी गई थी। इन भाषाओं में "आप" औपचारिक और अनौपचारिक रूप नहीं पाए जाते हैं। +* अंग्रेजी और कई अन्य स्रोत भाषाओं में "आप" के औपचारिक और अनौपचारिक रूप नहीं पाए जाते हैं। +* अनुवादक जो किसी भाषा में स्रोत मूलपाठ का उपयोग करते हैं, जिसमें "आप" के औपचारिक और अनौपचारिक रूप होते हैं, उन्हें यह समझने की आवश्यकता होगी कि उस भाषा में उन रूपों का उपयोग कैसे किया जाता है। उस भाषा में पाए जाने वाले नियम अनुवादक की भाषा में पाए जाने वाले नियमों के जैसे नहीं हो सकते हैं। +* अनुवादकों को अपनी भाषा में उपयुक्त रूप चुनने के लिए दो वक्ताओं के बीच सम्बन्धों को समझने की आवश्यकता होगी। + +#### अनुवाद के सिद्धान्त + +* एक वक्ता और उस व्यक्ति या लोगों के बीच सम्बन्धों को समझें जिनसे वह बोल रहे हैं। +* उस व्यक्ति के प्रति वक्ता के दृष्टिकोण को समझें जिस से वह बोल रहा है। +* उस भाषा का चयन करें जो उस सम्बन्ध और व्यवहार के लिए उपयुक्त है। + +### बाइबल से उदाहरण + +> यहोवा परमेश्वर ने उस व्यक्ति को बुलाया और उससे कहा, " तूकहाँ हैं?" (उत्पत्ति 3:9 यूएलबी) + +परमेश्वर उस व्यक्ति के ऊपर अधिकार में है, इसलिए जिन भाषाओं में "आप" के औपचारिक और अनौपचारिक रूप हैं, वे यहाँ अनौपचारिक रूप का उपयोग करेंगे। + +> इसलिए, मुझे यह भी अच्छा लगा कि, आरम्भ से सटीक रूप से सब कुछ जाँच कर, इसे तुझे क्रमबद्ध तरीके से लिखूँ, हे श्री मान् थियुफिलुस। मैं चाहता हूँ कि तूझे उन बातों की निश्चिता को जाने जिनकी तूने शिक्षा पाई थी। (लूका 1:3-4 यूएलबी) + +लूका ने थियुफिलुस को "श्री मान्" कहा है। यह हमें दिखाता है कि थियुफिलुस कदाचित् एक उच्च अधिकारी था. जिसके लिए लूका बहुत अधिक सम्मान दिखा रहा था। "आप" का औपचारिक रूप रखने वाली भाषाओं के वक्ताओं के लिए कदाचित् इसी रूप का उपयोग करें। + +> स्वर्गीय पिता, अपने नाम को पवित्र कर। (मत्ती 6:9 यूएलबी) + +यह एक प्रार्थना का भाग है, जिसे यीशु ने अपने शिष्यों को सिखाया था। कुछ संस्कृतियाँ औपचारिक "आप" का उपयोग करती हैं, क्योंकि परमेश्वर अधिकारी है। अन्य संस्कृतियाँ अनौपचारिक "आप" का उपयोग करेंगी क्योंकि परमेश्वर हमारा पिता है। + +### अनुवाद की रणनीतियाँ + +अनुवादक जिनकी भाषा में "आप" के औपचारिक और अनौपचारिक रूप पाए जाते हैं, उन्हें अपनी भाषा में "आप" के उचित रूप का चयन करने के लिए दो वक्ताओं के बीच सम्बन्धों को समझने की आवश्यकता होगी। + +#### औपचारिक या अनौपचारिक "आप" का उपयोग करना है या नहीं + +1. वक्ताओं के बीच सम्बन्धों पर ध्यान दें। + +* क्या एक वक्ता दूसरे के ऊपर अधिकारी है? +* क्या एक वक्ता दूसरे से बड़ा है? +* क्या वक्तागण परिवार का सदस्य, सम्बन्धी, मित्र, अनजान, या शत्रु हैं? + +1. यदि आपके पास ऐसी भाषा में बाइबल है, जिसमें "आप" के औपचारिक और अनौपचारिक रूप हैं, तो देखें कि यह किस रूप में उपयोग करती है। स्मरण रखें, यद्यपि, उस भाषा में नियम आपकी भाषा के नियमों से अलग हो सकते हैं। + +### अनुवाद की लागू की गईं रणनीतियाँ + +अंग्रेजी में "आप" के औपचारिक और अनौपचारिक रूप नहीं हैं, इसलिए हम अंग्रेजी में "आप" के औपचारिक और अनौपचारिक रूपों का उपयोग अनुवाद करने के लिए नहीं दिखा सकते हैं। कृपया उपरोक्त उदाहरण और चर्चा देखें। diff --git a/translate/figs-youformal/sub-title.md b/translate/figs-youformal/sub-title.md new file mode 100644 index 0000000..eb1e452 --- /dev/null +++ b/translate/figs-youformal/sub-title.md @@ -0,0 +1,2 @@ +औपचारिक एवं अनौपचारिक ‘तुम’ क्या हैं? + diff --git a/translate/figs-youformal/title.md b/translate/figs-youformal/title.md new file mode 100644 index 0000000..c379d5d --- /dev/null +++ b/translate/figs-youformal/title.md @@ -0,0 +1,2 @@ +‘तुम’ के प्रारूप - औपचारिक या अनौपचारिक + diff --git a/translate/figs-yousingular/01.md b/translate/figs-yousingular/01.md new file mode 100644 index 0000000..4b132f0 --- /dev/null +++ b/translate/figs-yousingular/01.md @@ -0,0 +1,53 @@ + +### विवरण + +इन भाषाओं में**एकवचन** “आप” शब्द “तुम” के रूप में है जब केवल एक व्यक्ति को सन्दर्भित किया जाता है, और**बहुवचन** शब्द शब्द “तुम्हारे” के रूप में है जब एक से अधिक व्यक्ति को सन्दर्भित किया जाता है। + +अनुवादक जो इन भाषाओं में से किसी एक को बोलते हैं, उन्हें सदैव यह जानने की आवश्यकता होगी कि वक्ता का अर्थ क्या है, ताकि वे अपनी भाषा में शब्द "आप" के लिए सही शब्द को चुन सकें। + +अंग्रेजी जैसी अन्य भाषाओं में केवल एक ही रूप होता है, जिसे लोग इस बात पर ध्यान दिए बिना कि कितने लोगों को यह सन्दर्भित करता है, उपयोग करते हैं। + +बाइबल सबसे पहले इब्रानी, अरामी और यूनानी भाषाओं में लिखी गई थी। + +इन भाषाओं में शब्द "आप" के एकवचन रूप है और "आप" के बहुवचन रूप भी हैं। + +जब हम उन भाषाओं में बाइबल पढ़ते हैं, तो सर्वनाम और क्रिया के रूप हमें दिखाते हैं कि "आप" शब्द एक व्यक्ति या एक से अधिक व्यक्ति को सन्दर्भित करता है। + +जब हम ऐसी भाषा में बाइबल पढ़ते हैं जिसमें आप के भिन्न रूप नहीं होते हैं, तो हमें यह देखने के लिए सन्दर्भ की आवश्यकता है कि वक्ता कितने लोग बात कर रहे थे। + + +#### इसका कारण यह अनुवाद का एक विषय है + +* अनुवादक जो ऐसी भाषा बोलते हैं, जिसमें "आप" के भिन्न एकवचनीय और बहुवचनीय रूप होते हैं, उन्हें सदैव यह जानने की आवश्यकता होगी कि वक्ता का अर्थ क्या है, ताकि वे अपनी भाषा में "आप" के लिए सही शब्द चुन सकें। +* कर्ता के एकवचन या बहुवचन रूप होते है या नहीं, इस पर निर्भर करते हुए कई भाषाओं में क्रिया के विभिन्न रूप भी होते हैं। + +इसलिए यदि "आप" का कोई सर्वनाम नहीं है, तो इन भाषाओं के अनुवादकों को यह जानने की आवश्यकता होगी कि क्या वक्ता एक व्यक्ति या एक से अधिक का वर्णन कर रहा था। अक्सर सन्दर्भ यह स्पष्ट कर देगा कि "आप" शब्द एक व्यक्ति या एक से अधिक सन्दर्भित करता है या नहीं। यदि आप वाक्य में अन्य सर्वनामों को देखते हैं, तो वे आपको वक्ता से बात करने वाले लोगों की सँख्या जानने में सहायता करेंगे। कभी-कभी यूनानी और इब्रानी वक्ताओं ने "आप" एकवचन का उपयोग किया, चाहे वे लोगों के समूह से ही बात क्यों न कर रहे थे। + +देखें [['आप' के रूप - एक भीड़ के लिए एकवचन](../figs-youcrowd/01.md) + +### बाइबल से उदाहरण + +> शासक ने कहा, "मैं अपने युवकपन से ही, इन सभी बातों का पालन करता आया हूँ।" जब यीशु ने यह सुना, तो उसने उससे कहा, " तुझ में एक बात की अभी भी कमी है। तूझे अपना सब कुछ बेच देना चाहिए और उसे गरीबों को वितरित कर देना चाहिए, और तब तुझे स्वर्ग में खजाना प्राप्त होगा-और आ, मेरे पीछे चलने लग जा।” (लूका 18:21, 22 यूएलबी) + +जब शासक ने "मैं" कहा तो वह स्वयं के बारे में बात कर रहा था यह हमें दिखाता है कि जब यीशु ने "तुझे" कहा तो वह केवल शासक का वर्णन कर रहा था। इसलिए जिन भाषाओं में "तुझ" के एकवचन और बहुवचन रूप हैं, उनका यहाँ एकवचन रूप होगा। + +> स्वर्गदूत ने उससे कहा, " अपने कपड़े पहिन और अपनी जुत्ते पहिन ले।" पतरस ने ऐसा ही किया। स्वर्गदूत ने उससे कहा, "अपने बाहरी वस्त्र पहिन और मेरे पीछे आ।" तब पतरस स्वर्गदूत के पीछे हो लिया और बाहर चला गया। (प्रेरितों 12:8, यूएलबी) + +सन्दर्भ यह स्पष्ट करता है कि स्वर्गदूत एक व्यक्ति से बात कर रहा था और केवल एक व्यक्ति ने ही कार्य किया जिसे स्वर्गदूत ने आदेश दिया था। + +इसलिए जिन भाषाओं में "आप" के एकवचन और बहुवचन रूप हैं, उनके पास "आप" और "आपके" के लिए एकवचन रूप होगा। + +इसके अतिरिक्त, यदि क्रियाओं में एकवचन और बहुवचन कर्ताओं के लिए भिन्न रूप हैं, तो क्रियाएँ "कपड़े" और "पहिन" क्रियाओं को "आप" एकवचन के रूप की आवश्यकता होगी। + +> तीतुस को, जो हमारे सामान्य विश्वास में एक सच्चा पुत्र है... इस उद्देश्य के लिए मैंने क्रेते में तुझे छोड़ा, कि तू उन बातों को सही कर सके, जो अभी तक पूर्ण नहीं हुई हैं, और हर शहर में बुजुर्गों को निर्देशित करे, जैसा मैंने तूझे निर्देश दिया है।... परन्तु तू , वही कह जो शुद्ध धर्मसिद्धान्त से सहमत हो। (तीतुस 1:4,5; 2:1 यूएलबी) + +पौलुस ने यह पत्र एक व्यक्ति, तीतुस को लिखा था। अधिकांश समय इस पत्र में शब्द "तू" केवल तीतुस को सन्दर्भित करता है। + +### यह जानने के लिए रणनीतियाँ कि “आप” कितने लोगों के लिए सन्दर्भित है + +1. यह देखने के लिए नोट्स देखें कि क्या वे बताते हैं कि "आप" एक व्यक्ति या एक से अधिक व्यक्ति को सन्दर्भित करता है या नहीं। +1. इसे देखने के लिए यूडीबी अनुवाद देखें कि क्या यह ऐसा कुछ कहता है, जो आपको दिखाए कि शब्द “आप” एक व्यक्ति या एक से अधिक व्यक्ति को सन्दर्भित करता है या नहीं। +1. यह देखने के लिए सन्दर्भ देखें कि वक्ता कितने लोग बात कर रहे थे और किसने उत्तर दिया था। +1. यह देखने के लिए सन्दर्भ देखें कि वक्ता कितने लोग बात कर रहे थे और किसने उत्तर दिया था। + +आप http://ufw.io/figs_younum पर दिया गया वीडियो भी देखना चाहेंगे। diff --git a/translate/figs-yousingular/sub-title.md b/translate/figs-yousingular/sub-title.md new file mode 100644 index 0000000..65cffb5 --- /dev/null +++ b/translate/figs-yousingular/sub-title.md @@ -0,0 +1,2 @@ +आप कैसे पता लगाएँगे कि ‘तुम’ शब्द एकवचन में है या नही + diff --git a/translate/figs-yousingular/title.md b/translate/figs-yousingular/title.md new file mode 100644 index 0000000..9968e64 --- /dev/null +++ b/translate/figs-yousingular/title.md @@ -0,0 +1,2 @@ +‘तुम’ के प्रारूप - एकवचन + diff --git a/translate/file-formats/01.md b/translate/file-formats/01.md new file mode 100644 index 0000000..71fd993 --- /dev/null +++ b/translate/file-formats/01.md @@ -0,0 +1,76 @@ + +### अनुवाद का तकनीकी स्वभाव + +जबकि अनुवाद के एक बड़े भाग का सरोकार भाषा, शब्दों और वाक्यों के साथ है, यह भी सच है कि अनुवाद का एक प्रमुख पहलू तकनीकी स्वभाव है। अक्षरों, अंकण, अक्षर-रचना, स्वरूपण, प्रकाशन और वितरण करने से लेकर अनुवाद तक कई तकनीकी पहलू पाए जाते हैं। यह सब सम्भव बनाने के लिए, कुछ मानक हैं जिन्हें अपनाया गया है। + +### मानक प्रारूप: + +बाइबल अनुवाद के प्रारूप। + +कई वर्षों तक, बाइबल अनुवाद के लिए यूएसएफएम अर्थात् मानक प्रारूप रहा है (जो संकेतकों के लिए एकीकृत मानक प्रारूप है)। हमने भी इसी मानक को अपनाया है। मानक प्रारूप संकेत भाषा का एक प्रकार है जो एक कंप्यूटर प्रोग्राम को बताता है कि पाठ के प्रारूप को कैसे प्रारूपित किया जाता है। + +उदाहरण के लिए, प्रत्येक अध्याय को इस '' \ c 1 '' या '' c 33 '' 'के रूप में संकेतित किया जाता है। + +वचन संकेतक ''\v 8'' or ''\v 14'' जैसा दिख सकते हैं। + +अनुच्छेद को ''\p'' के रूप में संकेतित किया गया है। + +इस तरह के कई अन्य संकेतक हैं, जिनके विशेष अर्थ है। + +तो मानक प्रारूप में यूहन्ना 1:1-2 की तरह एक सन्दर्भ इस तरह दिखेगा: + +\c 1 + +\ p + +\ v 1 आरम्भ में वचन था, और वचन परमेश्वर के साथ था, और वचन परमेश्वर था। + +\ v 2 यही, वचन, परमेश्वर के साथ आरम्भ में था। + +जब एक कंप्यूटर प्रोग्राम जो मानक प्रारूप को पढ़ सकता है, इसे देखता है, तो यह सभी अध्याय संकेतकों को उसी रूप में प्रारूपित करने में (उदाहरण के लिए, बड़ी सँख्या के साथ) और सभी वचन सँख्याओं को वैसे ही (उदाहरण के लिए, एक छोटे सुपरस्क्रिप्ट अर्थात् शब्द के ऊपर की ओर सँख्या के साथ लिखा हुआ होना) सक्षम होता है। + +* **इसे उपयोग करने में सक्षम होने के लिए बाइबल अनुवाद मानक प्रारूप में होना चाहिए!** + +मानक प्रारूप नोटेशन अर्थात् संकेत पद्धति के बारे में अधिक पढ़ने के लिए, कृपया http://paratext.org/about/usfm पढ़ें। + +#### मानक प्रारूप का उपयोग करते हुए बाइबल अनुवाद कैसे करें + +अधिकांश लोगों को नहीं पता कि मानक प्रारूप में कैसे लिखना होता है। यह एक कारण है कि हमने अनुवाद स्टूडियो को बनाया है। जब आप अनुवाद स्टूडियो में अनुवाद करते हैं, तो आप जो भी देखते हैं, वह बिना किसी संकेत भाषा के सामान्य शब्द संसाधकीय दस्तावेज़ के समान दिखता है। + +यद्यपि, अनुवाद स्टूडियो में आप जो देखते हैं उसके नीचे मानक प्रारूप में बाइबल अनुवाद स्वरूपित हो रहा होता है। इस तरह, जब आप अनुवाद स्टूडियो से अपना अनुवाद अपलोड करते हैं, तो अपलोड किया जी रही सामग्री पहले से ही मानक प्रारूप में स्वरूपित या परिवर्तित हो रही होती है और इसे विभिन्न प्रारूपों में तुरन्त प्रकाशित किया जा सकता है। + +#### एक अनुवाद को मानक प्रारूप में परिवर्तित करना + +यद्यपि मानक प्रारूप संकेत पद्धति का उपयोग करके ही अनुवाद करने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है, तथापि कभी-कभी मानक प्रारूप संकेतकों का उपयोग किये बिना भी अनुवाद किया जाता है। इस प्रकार के अनुवाद का अभी भी उपयोग किया जा सकता है, परन्तु पहले मानक प्रारूप संकेतकों को जोड़ा जाना चाहिए। ऐसा करने का एक तरीका अनुवाद स्टूडियो में कॉपी और पेस्ट अर्थात् नकल को चस्पा करना, फिर सही स्थान पर वचन संकेतकों को रखना है। जब यह किया जाता है, तो अनुवाद मानक प्रारूप के रूप में परिवर्तित करने में सक्षम हो जाएगा। + +यह एक बहुत ही कठिन कार्य है, इसलिए हम आपको अनुवाद स्टूडियो या मानक प्रारूप का उपयोग करने वाले कुछ अन्य कार्यक्रमों का उपयोग करते हुए आरम्भ से ही अपने बाइबल अनुवाद कार्य को करने का परामर्श देते हैं + +### अन्य सामग्री के लिए मार्कडाउन या चिन्ह + +मार्कडाउन एक बहुत ही सामान्य संकेत पद्धति भाषा है, जिसका प्रयोग इंटरनेट पर कई स्थानों पर किया जाता है। मार्कडाउन का उपयोग एक ही पाठ के लिए विभिन्न प्रारूपों (जैसे वेबपृष्ठ, मोबाइल ऐप, पीडीएफ, आदि) में उपयोग को बहुत अधिक आसान बनाता है। इस इसी पद्धति में लिखा जाता है, तो मार्कडाउन** बड़े अझरों ** और * तिरछे अक्षर * का समर्थन करता है: + +मार्कडाउन **बड़े अझरों** और *तिरछे अक्षर* का समर्थन करता है। मार्कडाउन इस तरह के शीर्षकों का भी समर्थन करता है: + +# शीर्षक 1 + +## शीर्षक 2 + +### शीर्षक 3 + +मार्कडाउन लिंक अर्थात् सम्पर्कों का भी समर्थन करता है। + +सम्पर्क इस तरह https://unfoldingword.org की सूचना को प्रदर्शित करते हैं और इस तरह लिखे जाते हैं: https://unfoldingword.org + +सम्पर्क के लिए विशेष रूप से लिखे शब्द भी समर्थित होते हैं, इस तरह: [uW Website](http://ufw.io/ts/)(https://unfoldingword.org) + +ध्यान दें कि एचटीएमएल भी वैध मार्कडाउन है। मार्कडाउन वाक्य-रचना की पूरी सूची के लिए कृपया http://ufw.io/md पर जाएँ। + +### निष्कर्ष + +मानक प्रारूप या मार्कडाउन के साथ चिह्नित सामग्री प्राप्त करने का सबसे आसान तरीका एक संपादक का उपयोग करना है, जिसे विशेष रूप से ऐसा करने के लिए निर्मित किया गया है। यदि एक वर्ड प्रोसेसर अर्थात् शब्द संसोधक या मूलपाठ संपादक का उपयोग किया जाता है, तो इन संकेतों को हस्तलिखित रूप से वर्णित किया जाना चाहिए। + +*ध्यान दें: वर्ड प्रोसेसर में मूलपाठ बड़े अझरों, तिरछे अक्षरों, या रेखांकित करना संकेतक भाषा में बड़े अझरों, तिरछे अक्षर या रेखांकित नहीं करता है। नामित प्रतीकों को लिखकर इस प्रकार का स्वरूपण किया जाना चाहिए।* + +जब सॉफ्टवेयर का उपयोग करने पर विचार करते हैं, तो कृपया ध्यान रखें कि अनुवाद केवल शब्दों के बारे में नहीं है; ऐसे कई तकनीकी पहलू हैं, जिन्हें ध्यान में रखा जाना चाहिए। + +जिस भी सॉफ्टवेयर का उपयोग किया जाता है, उसके लिए केवल इतना स्मरण रखें कि बाइबल अनुवादों को मानक प्रारूप में रखा जाना चाहिए, और शेष सब कुछ मार्कडाउन में डालने की आवश्यकता है। diff --git a/translate/file-formats/sub-title.md b/translate/file-formats/sub-title.md new file mode 100644 index 0000000..d014c6a --- /dev/null +++ b/translate/file-formats/sub-title.md @@ -0,0 +1,2 @@ +कौन कौनसे प्रारूप स्वीकार्य हैं? + diff --git a/translate/file-formats/title.md b/translate/file-formats/title.md new file mode 100644 index 0000000..08dc624 --- /dev/null +++ b/translate/file-formats/title.md @@ -0,0 +1,2 @@ +फाइल प्रारूप + diff --git a/translate/first-draft/01.md b/translate/first-draft/01.md new file mode 100644 index 0000000..6d6c6b6 --- /dev/null +++ b/translate/first-draft/01.md @@ -0,0 +1,7 @@ + +### मैं कैसे आरम्भ करूँ? + +* प्रार्थना करें कि परमेश्वर आपको उस सन्दर्भ को समझने में सहायता करे जिसे आप अनुवाद कर रहे हैं और वह आपकी भाषा में उस सन्दर्भ को संचारित करने का सबसे अच्छा तरीका खोजने में आपकी सहायता करेगा। +* यदि आप ओपन बाइबल की कहानियों का अनुवाद कर रहे हैं, तो इसका अनुवाद आरम्भ करने से पहले इसकी पूरी कहानी पढ़ें। यदि आप बाइबल का अनुवाद कर रहे हैं, तो इससे पहले कि आप इसके किसी भी भाग का अनुवाद करना आरम्भ करें, पूरा अध्याय पढ़ें। इस तरह आप समझेंगे कि आप जिस भाग का अनुवाद कर रहे हैं, वह बड़े सन्दर्भ में कैसे उपयुक्त बैठती है, और आप इसका सर्वोत्तम रीति से अनुवाद करेंगे। +* उस सन्दर्भ को पढ़ें जिसे आप कई भिन्न अनुवादों में अनुवाद करने की योजना बना रहे हैं। यूएलबी अनुवाद आपको मूल पाठ के रूप को देखने में सहायता करेगा, और यूडीबी अनुवाद आपको मूल पाठ के अर्थ को समझने में सहायता करेगा। इस बारे में सोचें कि इस रूप या ढ़ाचें में अर्थ को कैसे संचारित करें कि लोग उसे आपकी भाषा में उपयोग कर सकें। किसी बाइबल पद्रत्त सहायता या टीका को भी पढ़ें जिसमें आपके सन्दर्भ के बारे में बताया गया है। +* जिस सन्दर्भ को आप अनुवाद करने की योजना बना रहे हैं, उसके लिए अनुवाद नोट्स को पढ़ें। diff --git a/translate/first-draft/sub-title.md b/translate/first-draft/sub-title.md new file mode 100644 index 0000000..a12e5a9 --- /dev/null +++ b/translate/first-draft/sub-title.md @@ -0,0 +1,2 @@ +मैं प्रथम प्रालेख कैसे बनाऊँ? + diff --git a/translate/first-draft/title.md b/translate/first-draft/title.md new file mode 100644 index 0000000..ae954cd --- /dev/null +++ b/translate/first-draft/title.md @@ -0,0 +1,2 @@ +प्रथम प्रालेख तैयार करना + diff --git a/translate/guidelines-accurate/01.md b/translate/guidelines-accurate/01.md new file mode 100644 index 0000000..6ea5a7e --- /dev/null +++ b/translate/guidelines-accurate/01.md @@ -0,0 +1,11 @@ + +### सटीक अनुवाद + +बाइबल का **सटीक**अनुवाद बनाने का अर्थ है कि अनुवाद स्रोत के जैसे ही सन्देश को संचारित करता है। अनुसरण करने के लिए यहाँ कुछ चरण दिए गए हैं: + +* एक सन्दर्भ का अर्थ खोजें। +* मुख्य विचार की पहचान करें। +* लेखक के सन्देश को ध्यान में रखते हुए अनुवाद करें। + +#### अर्थ का पता लगाएँ + diff --git a/translate/guidelines-accurate/sub-title.md b/translate/guidelines-accurate/sub-title.md new file mode 100644 index 0000000..048c71e --- /dev/null +++ b/translate/guidelines-accurate/sub-title.md @@ -0,0 +1,2 @@ +मैं एक सटीक अनुवाद कैसे बनाऊँ? + diff --git a/translate/guidelines-accurate/title.md b/translate/guidelines-accurate/title.md new file mode 100644 index 0000000..26fc834 --- /dev/null +++ b/translate/guidelines-accurate/title.md @@ -0,0 +1,2 @@ +सटीक अनुवाद को तैयार करना + diff --git a/translate/guidelines-authoritative/01.md b/translate/guidelines-authoritative/01.md new file mode 100644 index 0000000..6a5d8d8 --- /dev/null +++ b/translate/guidelines-authoritative/01.md @@ -0,0 +1,21 @@ + +एक **आधिकारिक** बाइबल अनुवाद वह है, जो कि बाइबल की सामग्री के अर्थ के प्रति सर्वोच्च अधिकारी के रूप में मूल भाषाओं में बाइबल आधारित मूलपाठों पर आधारित है। जब भी बाइबल के दो या दो से अधिक अनुवाद बाइबल सन्दर्भ के अर्थ से असहमत होते हैं, तो यह मूल भाषा है जिसके पास अर्थ को निर्धारित करने का अन्तिम अधिकार होता है। + +कभी-कभी लोग कुछ लोग कुछ निश्चित बाइबल अनुवादों के प्रति बहुत अधिक विश्वासयोग्य होते हैं, जिनके वे पढ़ने में अभ्यस्त होते हैं, और दूसरे लोगों के साथ तर्क वितर्क कर सकते हैं, जो एक अलग बाइबल अनुवाद के प्रति विश्वासयोग्य हैं। + +परन्तु उन बाइबल अनुवादों में से कोई भी उच्चतम अधिकार पाया हुआ नहीं है, क्योंकि वे केवल मूल के अनुवाद मात्र हैं। + +सभी अनुवाद मूल भाषाओं के अधिकार की तुलना में द्वितीय स्तर के होते हैं। + +यही कारण है कि बाइबल का अनुवाद कैसे करें, यह निर्धारित करते समय हमें सदैव बाइबल की मूल भाषाओं का वर्णन करना चाहिए। + +क्योंकि सभी अनुवाद सूमहों में कोई एक सदस्य नहीं होता है, जो बाइबल की मूल भाषाएँ पढ़ सकता है, बाइबल का अनुवाद करते समय बाइबल की भाषाओं को सन्दर्भित करना सदैव सम्भव नहीं होता है। + +इसकी अपेक्षा, अनुवाद समूह को अनुवादों पर भरोसा करना पड़ता है, जिसे वे उपलब्ध पाठ को पढ़ने में सक्षम होते हैं, बदले में, वे बाइबल की भाषाओं पर आधारित होते हैं। + +गेटवे भाषाओं अर्थात् प्रवेशिका भाषा में कई अनुवादों को बाइबल की भाषाओं से किया गया था, जिनमें यूएलबी अनुवाद भी सम्मिलित है, परन्तु कुछ अनुवाद तो अनुवाद के अनुवाद हैं। + +जब अनुवाद को मूल से दो या तीन चरणों तक दूर कर जाता है तो त्रुटियों को प्रस्तुत करना आसान होता है। + +इस समस्या के समाधान में सहायता के लिए, अनुवाद समूह तीन बातें कर सकता है: + diff --git a/translate/guidelines-authoritative/sub-title.md b/translate/guidelines-authoritative/sub-title.md new file mode 100644 index 0000000..7413892 --- /dev/null +++ b/translate/guidelines-authoritative/sub-title.md @@ -0,0 +1,2 @@ +आधिकारिक अनुवाद क्या होते हैं? + diff --git a/translate/guidelines-authoritative/title.md b/translate/guidelines-authoritative/title.md new file mode 100644 index 0000000..8aeaf34 --- /dev/null +++ b/translate/guidelines-authoritative/title.md @@ -0,0 +1,2 @@ +आधिकारिक अनुवाद को तैयार करना + diff --git a/translate/guidelines-church-approved/01.md b/translate/guidelines-church-approved/01.md new file mode 100644 index 0000000..b685659 --- /dev/null +++ b/translate/guidelines-church-approved/01.md @@ -0,0 +1,32 @@ + +### चर्च-स्वीकृत अनुवाद + +एक अच्छे अनुवाद के पहले तीन गुण **स्पष्ट** हैं (देखें [स्पष्ट अनुवाद बनाएँ](../guidelines-clear/01.md)), **स्वभाविक** (देखें [स्वभाविक अनुवाद बनाएँ]), और**सटीक** (देखें [सटीक अनुवाद बनाएँ])। + +ये तीनों ही प्रत्यक्ष रूप से उन शब्दों और वाक्यांशों को प्रभावित करते हैं जिनका अनुवाद में उपयोग किया जाता है। यदि कोई अनुवाद इन तीनों में किसी एक के उपयोग से नहीं की गई है, तो उपयोग किए गए शब्दों को परिवर्तित या पुन: व्यवस्थित करने से अक्सर समस्या ठीक हो सकती है। + +चौथा गुण, चर्च-अनुमोदित, अनुवाद का सरोकार उपयोग किए गए शब्दों के साथ और अधिक उपयोग करने वाली प्रक्रियाओं के साथ कम से कम होता है। + +### अनुवाद का लक्ष्य + +बाइबल की सामग्री के अनुवाद का लक्ष्य न केवल उच्च गुणवत्ता वाले अनुवाद का उत्पादन करना है, अपितु चर्च द्वारा उपयोग और प्रेम किए जाने वाले उच्च गुणवत्ता वाले अनुवाद का उत्पादन करना है। उच्च गुणवत्ता वाला अनुवाद स्पष्ट, स्वभाविक और सटीक होना चाहिए। परन्तु चर्च के द्वारा उपयोग और प्रेम किए जाने वाले अनुवाद के लिए, यह चर्च-अनुमोदित भी होना चाहिए। + +### चर्च-स्वीकृत अनुवाद कैसे बनाएँ + +एक चर्च द्वारा अनुमोदित अनुवाद बनाना अनुवाद, जाँच और वितरण की प्रक्रिया के बारे में है। इन प्रक्रियाओं में जितना अधिक चर्च नेटवर्क सम्मिलित होगा, उतना ही अधिक वे अनुवाद को स्वीकृति देंगे। + +एक अनुवाद परियोजना को आरम्भ करने से पहले, जितना अधिक सम्भव हो उतने अधिक चर्च नेटवर्कों से सम्पर्क किया जाना चाहिए और अनुवाद का भाग बनने के लिए प्रोत्साहित किया जाना चाहिए और यहाँ तक ​​कि अपने कुछ लोगों को अनुवाद समूह का भाग बनने के लिए भी प्रोत्साहित किया जाना चाहिए। + +उनसे परामर्श लेना चाहिए और अनुवाद परियोजना, इसके लक्ष्यों और इसकी प्रक्रिया में उनके सहयोग के लिए कहा जाना चाहिए। + +यह आवश्यक नहीं है कि चर्च सक्रिय रूप से अनुवाद का नेतृत्व करे और सभी प्रयासों का समन्वय करे, परन्तु यह आवश्यक है कि जो कोई भी अनुवाद का नेतृत्व कर रहा है, उसे चर्च नेटवर्कों के द्वारा अनुमोदित किया जाना चाहिए, इससे पहले कि वे आरम्भ करें। + +### चर्च स्वीकृति और जाँच के स्तर + +अनुवाद की चर्च-स्वीकृति की आवश्यकता जाँच स्तरों में स्पष्ट रूप से दिखाई देती है। वास्तव में, जाँच स्तर काफी सीमा तक इस बात का एक माप है कि चर्च व्यापक रूप से अनुवाद को कैसे स्वीकृति देता है। + +* स्तर 1 बताता है कि चर्च द्वारा अनुमोदित अनुवाद समूह ने अनुवाद को सहमति दे दी है। +* स्तर 2 बताता है कि स्थानीय चर्चों के पासबान और अगुवे अनुवाद को सहमति देते हैं। +* स्तर 3 बताता है कि कई चर्च नेटवर्कों के अगुओं ने अनुवाद की स्वीकृति दी है। + +प्रत्येक स्तर पर, अनुवाद करने वाले लोगों को चर्च नेटवर्क से भागीदारी और सहयोग को प्रोत्साहित करना चाहिए। इस प्रक्रिया का उपयोग करके, हम अपेक्षा करते हैं कि जितना सम्भव हो उतना अधिक चर्च नेटवर्क के बीच अनुवाद के लिए चर्च स्वामित्व को प्रोत्साहित करना। इस अनुमोदन के साथ, चर्च को दृढ़ और प्रोत्साहित करने के लिए अनुवाद से कुछ भी बाधा नहीं आनी चाहिए। diff --git a/translate/guidelines-church-approved/sub-title.md b/translate/guidelines-church-approved/sub-title.md new file mode 100644 index 0000000..0912f81 --- /dev/null +++ b/translate/guidelines-church-approved/sub-title.md @@ -0,0 +1,2 @@ +मैं कलीसिया द्वारा प्रमाणित अनुवाद कैसे तैयार करूँ? + diff --git a/translate/guidelines-church-approved/title.md b/translate/guidelines-church-approved/title.md new file mode 100644 index 0000000..a4b06ba --- /dev/null +++ b/translate/guidelines-church-approved/title.md @@ -0,0 +1,2 @@ +कलीसिया द्वारा प्रमाणित अनुवाद को तैयार करना + diff --git a/translate/guidelines-clear/01.md b/translate/guidelines-clear/01.md new file mode 100644 index 0000000..9e498ab --- /dev/null +++ b/translate/guidelines-clear/01.md @@ -0,0 +1,93 @@ + +### स्पष्ट अनुवाद + +पाठकों को आसानी से पढ़ने और समझने में सहायता के लिए एक स्पष्ट अनुवाद जो भी भाषाई संरचना की आवश्यकता होती है, उसका उपयोग करेगा। + +इसमें पाठ को एक अलग रूप अर्थात् ढ़ाचें या व्यवस्था में सम्मिलित करना और मूल अर्थ को यथासम्भव स्पष्ट रूप से संचारित करने के लिए आवश्यकतानुसार कई या कम शर्तों का उपयोग करना सम्मिलित होता है। + +ये दिशानिर्देश अन्य भाषा अनुवादों के लिए हैं, गेटवे भाषा अर्थात् प्रवेशिका भाषा अनुवादों के लिए नहीं। + +यूएलबी अनुवाद को गेटवे भाषा में अनुवाद करते समय, आपको इन बदलावों को नहीं करना चाहिए। + +यूडीबी अनुवाद को गेटवे भाषा में अनुवाद करते समय इन प्रवेशिका भाषा को करना आवश्यक नहीं है, क्योंकि वे पहले से ही कर चुके हैं। + +स्रोत मूलपाठ से स्पष्ट अनुवाद बनाने के लिए यहाँ कुछ विचार दिए गए हैं: + + +#### सर्वनामों की जाँच करें + +आपको स्रोत मूलपाठ में सर्वनामों की जाँच करनी होगी और यह स्पष्ट करना होगा कि प्रत्येक सर्वनाम किसके सन्दर्भ में है या क्या है। + +सर्वनामों वे शब्द होते हैं, जो संज्ञा या संज्ञा वाक्यांश के स्थान पर पाए जाते हैं। + +वे उस वस्तु का उल्लेख करते हैं, जिसका पहले ही उल्लेख किया जा चुका है। + +सदैव ध्यान से जांचें कि यह स्पष्ट है कि प्रत्येक सर्वनाम किसके सन्दर्भ में है या क्या है। + +यदि यह स्पष्ट नहीं है, तो एक सर्वनाम की अपेक्षा किसी व्यक्ति या वस्तु का नाम रखना आवश्यक हो सकता है। + + +#### प्रतिभागियों की पहचान करें + +इसके बाद आपको यह समझने की आवश्यकता है कि कौन कार्यवाही कर रहा है। + +एक स्पष्ट अनुवाद** प्रतिभागियों ** की पहचान करेगा। + +**प्रतिभागी** एक घटना में लोग या वस्तुएँ होती हैं, जो उस घटना में भाग लेते हैं। + +वह कर्ता जो कार्यवाही कर रहा है और जिस वस्तु पर कार्यवाही की गई है, वह मुख्य **प्रतिभागी** है। + +एक**घटना**विचार को एक क्रिया के रूप में पुन: व्यक्त करते समय, अक्सर यह कहने के लिए आवश्यक होती है कि उस घटना में**प्रतिभागी** कौन या क्या हैं। + +सामान्य रूप से यह सन्दर्भ से स्पष्ट होगा। + + +#### स्पष्ट रूप से घटना के विचार को व्यक्त करें + +कई **घटना**विचार गेटवे अर्थात् प्रवेशिका भाषा में संज्ञा के रूप में हो सकती हैं। + +इन**घटना** वाले विचारों को क्रियाओं के रूप में व्यक्त करने के लिए एक स्पष्ट अनुवाद की आवश्यकता हो सकती है। + +अनुवाद करने की तैयारी करते समय, किसी भी **घटना** वाले विचारों को सन्दर्भ देखना उपयोगी होता है, विशेष रूप से जो किसी क्रिया के अतिरिक्त किसी अन्य रूप से व्यक्त किए जाते हैं। + +देखें कि **घटना** वाले विचार को व्यक्त करने के लिए आप क्रिया का उपयोग करके अर्थ को पुन: व्यक्त कर सकते हैं या नहीं। + +यदि, यद्यपि, आपकी भाषा **घटना** वाले विचारों को व्यक्त करने के लिए संज्ञाओं का भी उपयोग करती है और घटना या क्रिया संज्ञा के रूप में अधिक स्वभाविक लगता है, तो संज्ञा रूप का ही उपयोग करें। देखें [भाववाचक संज्ञा](../figs-abstractnouns/01.md) + +आपको इसे सुनिश्चित करने के लिए प्रत्येक**घटना** वाले विचार को एक सक्रिय खण्ड में परिवर्तित करने की आवश्यकता हो सकती है। + + +#### निष्क्रिय क्रियाएँ + +एक स्पष्ट अनुवाद को **निष्क्रिय** क्रियाओं से **सक्रिय** क्रियाओं में परिवर्तित करने की आवश्यकता हो सकती है। देखें [सक्रिय या निष्क्रिय](../figs-activepassive/01.md) + +**क्रिय** रूप में, वाक्य का कर्ता वह व्यक्ति होता है, जो कार्यवाही करता है। + +**निष्क्रिय** रूप में, वाक्य का कर्ता वह व्यक्ति या वस्तु है, जिस पर कार्यवाही की जाती है। उदाहरण के लिए, "यूहन्ना ने बिल को मारा" एक सक्रिय वाक्य है। "बिल यूहन्ना के द्वारा मारा गया था" एक निष्क्रिय वाक्य है। + +कई भाषाओं में**निष्क्रिय**रूप नहीं है, केवल**सक्रिय**रूप विद्यमान होता है। + +इस घटना में, **निष्क्रिय**रूप से **सक्रिय**रूप में एक वाक्य को परिवर्तित करना आवश्यक होगा। + +यद्यपि, कुछ भाषाएँ **निष्क्रिय**रूपों का उपयोग करना पसन्द करती हैं। अनुवादकों को उन रूपों का उपयोग करना चाहिए, जो लक्षित भाषा में सबसे अधिक स्वभाविक हैं। + + +#### प्रत्येक वाक्यांश के 'का' को देखें + +एक स्पष्ट अनुवाद करने के लिए, आपको "का" से जुड़ी संज्ञाओं के बीच सम्बन्धों के अर्थ की पहचान करने के लिए प्रत्येक वाक्यांश के "का" को भी देखना होगा। कई भाषाओं में, "का" के निर्माण निरन्तर नहीं पाया जाता है, जितना कि बाइबल की मूल भाषाओं में पाया जाता है। प्रत्येक के अर्थ का अध्ययन करें और का "वाक्यांश" को पुन: व्यक्त करें जिससे भागों के बीच सम्बन्ध स्पष्ट हो जाए। + +इन वस्तुओं की जाँच करने के बाद और जितना सम्भव हो सके अपने अनुवाद को उतना अधिक स्पष्ट कर देने के पश्चात्, आपको इसे अन्य लोगों को पढ़ना होगा जो आपकी भाषा बोलते हैं, जो यह देखें कि यह उनके लिए स्पष्ट है या नहीं। + +यदि ऐसे भाग हैं, जिन्हें वे समझ में नहीं पाते हैं, तो ऐसा इसलिए हो सकता है, क्योंकि वह भाग स्पष्ट नहीं है। उनके साथ में, आप उस भाग को कहने के लिए एक स्पष्ट तरीका सोच सकते हैं। कई लोगों के साथ अनुवाद की जाँच को करते रहें जब तक कि यह सब स्पष्ट न हो। + +स्मरण रखें: अनुवाद जितना सम्भव हो उतना सटीकता के साथ, मूल सन्देश के अर्थ को लक्षित भाषा में स्पष्ट और स्वभाविक रूप से पुन: कहना होता है। + + +#### स्पष्ट रूप से लिखना + +स्वयं से इन प्रश्नों से पूछने से आप एक अनुवाद बनाने में भी सहायता कर सकते हैं जो स्पष्ट रूप से निम्न बातों को संचारित करता है: + +* क्या आपने पाठक को अस्थाई विराम या श्वास लेने के बारे में जानने में सहायता देने के लिए विराम चिह्न का उपयोग किया है? +* क्या आपने संकेत दिया है कि कौन से भाग प्रत्यक्ष कथन हैं? +* क्या आप अनुच्छेद को अलग कर रहे हैं? +* क्या आपने अंश शीर्षकों को जोड़ने पर विचार किया है? diff --git a/translate/guidelines-clear/sub-title.md b/translate/guidelines-clear/sub-title.md new file mode 100644 index 0000000..fa54191 --- /dev/null +++ b/translate/guidelines-clear/sub-title.md @@ -0,0 +1,2 @@ +मैं एक स्पष्ट अनुवाद कैसे बनाऊँ? + diff --git a/translate/guidelines-clear/title.md b/translate/guidelines-clear/title.md new file mode 100644 index 0000000..754d5ee --- /dev/null +++ b/translate/guidelines-clear/title.md @@ -0,0 +1,2 @@ +स्पष्ट अनुवाद को तैयार करना + diff --git a/translate/guidelines-collaborative/01.md b/translate/guidelines-collaborative/01.md new file mode 100644 index 0000000..5bf9abd --- /dev/null +++ b/translate/guidelines-collaborative/01.md @@ -0,0 +1,8 @@ + +बाइबल अनुवाद जो **सहयोगी** होते हैं, वे होते हैं, जिनका अनुवाद उसी भाषा के वक्ताओं के समूह द्वारा किया गया है। यह सुनिश्चित करने के लिए कि आपका अनुवाद उच्च गुणवत्ता का है, अन्य विश्वासियों के साथ मिलकर काम करें, जो अनुवादित सामग्री का अनुवाद, जाँच और वितरण करने के लिए आपकी भाषा बोलते हैं। दूसरों के लिए अनुवाद की गुणवत्ता में सुधार करने में सहायता करने के कुछ तरीके यहाँ दिए गए हैं। + +* किसी के सामने जोर से अनुवाद को पढ़ें। यदि वाक्यों को अच्छी तरह से जोड़ता है, तो उसे उस पर ध्यान देने के लिए कहें। उस व्यक्ति से उन शब्दों या वाक्यांशों को इंगित करने के लिए कहें जो सही नहीं हैं या अस्पष्ट हैं। परिवर्तन करें ताकि ऐसा लगे कि जैसे आपके समुदाय का कोई व्यक्ति बोल रहा है। +* किसी को अपनी वर्तनी जाँचने के लिए अपना अनुवाद पढ़ने के लिए कहें। हो सकता है कि आपने एक शब्द को भिन्न तरीके से लिखा हो, जब आवश्यक नहीं था। कुछ शब्द भिन्न परिस्थितियों में परिवर्तित होते हैं, परन्तु कुछ शब्द हर स्थिति में एक जैसे ही रह सकते हैं। इन परिवर्तनों के ऊपर ध्यान दें, ताकि अन्य लोग जान सकें कि आपने अपनी भाषा की वर्तनी पर क्या निर्णय लिए हैं। +* स्वयं से पूछें कि आपके द्वारा लिखे गए तरीके को आपकी भाषा वाले समुदाय में विभिन्न बोलियों के वक्ताओं के द्वारा आसानी से पहचाना जा सकता है। दूसरों से पूछें कि क्या वे ऐसा कुछ बताएंगे जो आपके अनुवाद में स्पष्ट नहीं है। इससे पहले कि आप इसे विस्तृत दर्शकों में वितरित करें, अनुवाद में परिवर्तन करें। + +स्मरण रखें, यदि सम्भव हो, तो उन अन्य विश्वासियों के साथ मिलकर काम करें जो अनुवादित सामग्री का अनुवाद, जाँच और वितरण करने के लिए अपनी भाषा बोलते हैं, यह सुनिश्चित करते हुए कि यह उच्च गुणवत्ता का है और जितना सम्भव हो उतना अधिक लोग इसे पढ़ें और समझ सकें। (आप http://ufw.io/guidelines_collab पर दिया गया वीडियो भी देखना चाहेंगे।) diff --git a/translate/guidelines-collaborative/sub-title.md b/translate/guidelines-collaborative/sub-title.md new file mode 100644 index 0000000..7c58b0b --- /dev/null +++ b/translate/guidelines-collaborative/sub-title.md @@ -0,0 +1,2 @@ +सहयोगी अनुवाद क्या होते हैं? + diff --git a/translate/guidelines-collaborative/title.md b/translate/guidelines-collaborative/title.md new file mode 100644 index 0000000..3729c12 --- /dev/null +++ b/translate/guidelines-collaborative/title.md @@ -0,0 +1,2 @@ +सहयोगी अनुवाद को तैयार करना + diff --git a/translate/guidelines-equal/01.md b/translate/guidelines-equal/01.md new file mode 100644 index 0000000..81c65de --- /dev/null +++ b/translate/guidelines-equal/01.md @@ -0,0 +1,70 @@ + +एक**समतुल्य**अनुवाद लक्षित भाषा में समान तरीके से लेकर स्रोत भाषा से किसी भी अभिव्यक्तिपूर्ण अर्थ को संचारित करता है। विशेष रूप से स्रोत मूलपाठ में रूपों अर्थात् ढ़ाचें पर ध्यान दें, जो निश्चित प्रकार की भावनाओं को संचारित करते हैं और लक्षित भावनाओं में रूपों का चयन करते हैं, जो एक जैसी भावनाओं को संचारित करते हैं। इनमें से कुछ रूपों या ढ़ाचों के उदाहरणों यहाँ दिए गए हैं। + +#### मुहावरे + +**परिभाषा** - एक मुहावरा शब्दों का एक ऐसा समूह होता है, जिसका अर्थ उससे भिन्न होता है, जिसे एक व्यक्ति के द्वारा कहे हुए शब्दों के अर्थों से समझ गया होता है। मुहावरे, नीतिवचन, और शब्द प्रारूप या अंलकारों का अर्थ निर्धारित करें और उन्हें अपनी भाषा में अभिव्यक्तियों के साथ अनुवाद करें जिसका अर्थ एक जैसा है। + +**विवरण** - सामान्य रूप से मुहावरे का अनुवाद शाब्दिक रूप से किसी अन्य भाषा में नहीं किया जा सकता है। +मुहावरे का अर्थ इस तरह से व्यक्त किया जाना चाहिए कि दूसरी भाषा में स्वभाविक हो। प्रेरितों 18:6 के एक जैसे अर्थों के साथ तीन अनुवाद यहाँ दिए गए हैं: + +* "आपका खून आपके सिर पर हो! मैं निर्दोष हूँ।” (आरएसवी अनुवाद) +* "यदि आप खो गए हो, तो आपको ही इसके लिए उत्तरदायित्व लेना होगा! मैं उत्तरदायी नहीं हूँ।” (जीएनबी अनुवाद) +* "यदि परमेश्वर आपको दण्डित करता है, तो यह मेरे नहीं, आपके कारण है!" (टीएफटी अनुवाद) ये सभी दोष के आरोप हैं। + +कुछ शब्द "खून" या "खोए" के साथ मुहावरे का उपयोग कर रहे हैं, जबकि तीसरा शब्द "दण्ड" का उपयोग अधिक प्रत्यक्ष रूप में किया गया है। आपके अनुवाद को समतुल्य होने के लिए, यह भावनात्मक तरीके से एक आरोप को भी व्यक्त करना चाहिए, और इसके लिए एक मुहावरे का उपयोग तब तक कर सकते हैं, जब तक कि आरोप और मुहावरे दोनों रूप लक्षित भाषा और संस्कृति के लिए उपयुक्त हों। + +#### अलंकार + +**परिभाषा** - एक शब्द प्रारूप या अंलकार ध्यान देने या जो कहा जाता है, उसके बारे में भाव को व्यक्त करने के लिए कुछ कहने का एक विशेष तरीका होता है। + +**विवरण** - अपने पूर्ण रूप से अंलकार का अर्थ एक व्यक्ति के शब्दों के सामान्य अर्थ से भिन्न होता है। यहाँ कुछ उदाहरण दिए गए हैं: + +* मैं टूट गया था! वक्ता सचमुच में नहीं टूटा था, परन्तु उसने बहुत बुरा महसूस किया। +* मैं जो कह रहा था उसके प्रति उसने अपना कान बन्द कर लिए थे। अर्थ, "मैं जो कह रहा था उसने सुनना नहीं चाहा।" +* हवा पेड़ों को रूला रही थी . इसका अर्थ है कि पेड़ होती हुई जाने वाली हवा एक व्यक्ति की तरह रोती हुई प्रतीत हो रही थी। +* पूरी संसार सभा में आया था . संसार में से हर कोई सभा में सम्मिलित नहीं हुआ था। + +सभा में कई लोग थे। प्रत्येक भाषा विभिन्न अंलकारों का उपयोग करती है। सुनिश्चित करें कि आप इसे कर सकते हैं: + +* पहचानें कि एक अंलकार का उपयोग किया जा रहा है +* अंलकार के उद्देश्य को पहचानें +* अंलकार के वास्तविक अर्थ को पहचानें + +यह पूरे अंलकार का **वास्तविक अर्थ** है, न कि व्यक्तिगत शब्दों का अर्थ, जिसे आपकी भाषा में अनुवादित किया जाना चाहिए। एक बार जब आप वास्तविक अर्थ को समझ लेते हैं, तो आप उस लक्षित भाषा में एक अभिव्यक्ति चुन सकते हैं, जो समान अर्थ और भावना को संचारित करता है। (अधिक जानकारी के लिए, [अंलकार](../figs-intro/01.md) जानकारी को देखें।) + +#### भाषणगत प्रश्न + +**परिभाषा** - भाषणगत या आलंकारिक प्रश्न एक और तरीका है, जिसमें वक्ता पाठक का ध्यान आकर्षित करता है। + +**विवरण** - भाषणगत प्रश्न एक प्रकार का प्रश्न है, जो किसी उत्तर की अपेक्षा नहीं करता है या जानकारी नहीं मांगता है। वे सामान्य रूप से किसी प्रकार की भावना व्यक्त करते हैं और उन्हें एक ताड़ना, चेतावनी, आश्चर्य व्यक्त करने, या कुछ और के रूप में लक्षित किया जा सकता है। + +उदाहरण के लिए, मत्ती 3:7 देखें + +"तुम जहरीले सांपों की सन्तान हो, जिन्होंने स्वयं को आने वाले क्रोध से भागने की चेतावनी दी है?" + +यहाँ कोई उत्तर अपेक्षित नहीं है। वक्ता जानकारी नहीं मांग रहा है; वह अपने सुनने वालों को ताड़ना दे रहा है। परमेश्वर के क्रोध के लिए इन लोगों को चेतावनी देना अच्छा नहीं है, क्योंकि वे इससे बचने का एकमात्र तरीका: अपने पापों से पश्चाताप करने के लिए मना करते हैं। यदि आपकी भाषा इस तरह से भाषणगत प्रश्नों का उपयोग नहीं करती है, तो जब आप अनुवाद करते हैं, तो आपको इस भाषणगत प्रश्न को एक कथन के रूप में पुन: स्थापित करने की आवश्यकता हो सकती है। परन्तु स्मरण रखें, एक ही उद्देश्य और अर्थ को रखना सुनिश्चित करें, और मूल भाषणगत प्रश्नों की जैसी भावनाओं को संचारित करें। + +यदि आपकी भाषा एक अलग तरह के अंलकार के साथ एक भाषणगत प्रश्न के उद्देश्य, अर्थ, और भावना को संचारित करती है, तो उसी अलंकार का उपयोग करें। (देखें [भाषणगत प्रश्न](../figs-rquestion/01.md)) + +#### विस्मयादिबोधक + +**परिभाषा** - भाषाएँ भावनाओं को संचारित करने के लिए विस्मयादिबोधक का उपयोग करती हैं। कभी-कभी विस्मयादिबोधक शब्द या शब्दों में भावनाओं की अभिव्यक्ति के अतिरिक्त अन्य अर्थ नहीं होते हैं, जैसे अंग्रेजी में शब्द "आह" या "वाह" का होना। देखें, उदाहरण के लिए, 1 शमूएल 4:8: **हमारे ऊपर हाय**! इन सामर्थी देवताओं की सामर्थ्य से हमें कौन बचाएगा? (यूएलबी अनुवाद) + +यहाँ "हाय" के रूप में अनुवादित इब्रानी शब्द कुछ बुरा होने के बारे में दृढ़ भाव को व्यक्त करता है। यदि सम्भव हो, तो अपनी भाषा में विस्मयादिबोधक की खोज करने का प्रयास करें जो इस जैसे ही भाव को संचारित करता है। + +#### काव्य + +**परिभाषा** - काव्य के प्रयोजनों में से एक किसी वस्तु के बारे में भाव को व्यक्त करना होता है। + +**विवरण** - काव्य इस कार्य को भिन्न तरीकों से करती है, जो कि भिन्न भाषाओं में भिन्न हो सकती हैं। + +इन तरीकों में अब तक चर्चा की गई सभी बातें सम्मिलित हो सकती हैं, जैसे अंलकार और विस्मयादिबोधक इत्यादि। काव्य साधारण कथन की तुलना में भिन्न तरह की व्याकरण का भी उपयोग कर सकती है, या भावनाओं को व्यक्त करने के लिए समान ध्वनियों या कुछ ताल के साथ शब्दों की भूमिकाओं या शब्दों का उपयोग कर सकती है। + +देखें, उदाहरण के लिए, भजन 36:5: तेरी वाचा विश्वासयोग्य है, हे यहोवा, जो आकाश में (पहुँचती है) है; तेरी विश्वासयोग्यता आकाश में (पहुँचती है)। (यूएलबी अनुवाद) + +काव्य के यह वचन दो पंक्तियों में एक जैसे विचार को दोहराते हैं, जो अच्छी इब्रानी की काव्य शैली है। इसके अतिरिक्त, मूल इब्रानी में कोई क्रिया नहीं होती है, जिसमें साधारण कथन की तुलना में व्याकरण का एक अलग तरह से उपयोग होता है। आपकी भाषा में काव्य में भिन्न बातें हो सकती हैं, जो इसे काव्य के रूप में चिह्नित करती हैं। जब आप काव्य का अनुवाद कर रहे होते हैं, तो अपनी भाषा के रूपों का उपयोग करने का प्रयास करें जो पाठक को संचारित करती हैं कि यह काव्य साहित्य है, और यह उसी भावनाओं को संचारित करता है, जिसमें स्रोत काव्य संचारित करने की प्रयास कर रही है। + +**स्मरण रखें:** मूल पाठ की भावनाओं और दृष्टिकोणों को संचारित करें। उन्हें उन रूपों में अनुवाद करें जो आपकी भाषा में उसी तरीके को संचारित करते हैं। + +इस बात पर विचार करें कि इसका अर्थ कैसे **सटीक**, **स्पष्ट**, **एक जैसा**, और लक्षित भाषा में**स्वाभाविक रूप से व्यक्त** हो सकता है। diff --git a/translate/guidelines-equal/sub-title.md b/translate/guidelines-equal/sub-title.md new file mode 100644 index 0000000..5a4bcdf --- /dev/null +++ b/translate/guidelines-equal/sub-title.md @@ -0,0 +1,2 @@ +समान अनुवाद क्या होता है? + diff --git a/translate/guidelines-equal/title.md b/translate/guidelines-equal/title.md new file mode 100644 index 0000000..cb9b10a --- /dev/null +++ b/translate/guidelines-equal/title.md @@ -0,0 +1,2 @@ +समान अनुवाद को तैयार करना + diff --git a/translate/guidelines-faithful/01.md b/translate/guidelines-faithful/01.md new file mode 100644 index 0000000..865ad57 --- /dev/null +++ b/translate/guidelines-faithful/01.md @@ -0,0 +1,11 @@ + +### विश्वासयोग्य अनुवाद + +बाइबल के लिए **विश्वासयोग्य** अनुवाद करने के लिए, आपको अपने अनुवाद में किसी राजनीतिक, साम्प्रदायिक, वैचारिक, सामाजिक, सांस्कृतिक, या धार्मिक पूर्वाग्रह से बचना चाहिए। + +उन मूल शब्दों का प्रयोग करें जो बाइबल की मूल भाषाओं की शब्दावली के प्रति विश्वासयोग्य हैं। बाइबल के शब्दों के लिए समतुल्य सामान्य भाषा के शब्दों का प्रयोग करें जो परमेश्वर पिता और परमेश्वर पुत्र के बीच सम्बन्धों का वर्णन करते हैं। इन्हें फुटनोट अर्थात् पाद टिप्पणियों या अन्य पूरक संसाधनों में आवश्यकतानुसार स्पष्ट किया जा सकता है। + +बाइबल अनुवादक के रूप में आपका लक्ष्य उसी सन्देश को संचारित करना है, जिसकी मंशा बाइबल के मूल लेखक ने संचारित करने की थी। इसका अर्थ है कि आपको अपने सन्देश, या सन्देश जो आपको लगता है कि बाइबल को क्या कहना चाहिए, या आपकी चर्च सोचती है कि बाइबल को क्या कहना चाहिए, संचारित करने की प्रयास नहीं करना चाहिए। + +किसी भी बाइबल सन्दर्भ के लिए, आपको वही संचारित करना चाहिए, और केवल वही कहना चाहिए, जो यह कहता है। आपको बाइबल में अपनी कोई भी व्याख्या या सन्देश डालने या उस सन्देश में कोई अर्थ जोड़ने के परीक्षा का विरोध करना चाहिए जो बाइबल सन्दर्भ में नहीं है। (बाइबल सन्दर्भ के सन्देश में अन्तर्निहित जानकारी सम्मिलित होती है। देखें [कल्पित ज्ञान और अस्पष्ट जानकारी](../figs-explicit/01.md)) + diff --git a/translate/guidelines-faithful/sub-title.md b/translate/guidelines-faithful/sub-title.md new file mode 100644 index 0000000..64ea272 --- /dev/null +++ b/translate/guidelines-faithful/sub-title.md @@ -0,0 +1,2 @@ +विश्वासयोग्य अनुवाद क्या हैं? + diff --git a/translate/guidelines-faithful/title.md b/translate/guidelines-faithful/title.md new file mode 100644 index 0000000..6f2ea31 --- /dev/null +++ b/translate/guidelines-faithful/title.md @@ -0,0 +1,2 @@ +विश्वासयोग्य अनुवाद को तैयार करना + diff --git a/translate/guidelines-historical/01.md b/translate/guidelines-historical/01.md new file mode 100644 index 0000000..f81cd87 --- /dev/null +++ b/translate/guidelines-historical/01.md @@ -0,0 +1,11 @@ + +(http://ufw.io/trans_culture पर दिए गए वीडियो "पवित्रशास्त्र की – संस्कृति का अनुवाद करना" देखें।) + +एक**ऐतिहासिक परिभाषा**अनुवाद ऐतिहासिक घटनाओं और तथ्यों को सटीकता के साथ संचारित करती है। मूल सामग्री के मूल प्राप्तकर्ताओं के समतुल्य सन्दर्भ और संस्कृति को साझा नहीं करने वाले लोगों को इच्छित सन्देश को सटीक रूप से संचारित करने के लिए आवश्यकतानुसार अतिरिक्त जानकारी प्रदान करना। ऐतिहासिक सटीकता के साथ अच्छी तरह से संचारित करने के लिए, आपको दो बातों को स्मरण रखने की आवश्यकता है: + +1. बाइबल एक ऐतिहासिक दस्तावेज है। बाइबल की घटनाएँ इस तरह से हुईं कि जिसे बाइबल इतिहास में भिन्न समय पर वर्णन करती है। इसलिए, जब आप बाइबल का अनुवाद करते हैं, तो आपको यह संचारित करने की आवश्यकता होती है कि ये घटनाएँ घटित हुईं, और जो हुआ उसके बारे में किसी भी विवरण को परिवर्तित न करें। +1. बाइबल की पुस्तकें एक निश्चित संस्कृति के लोगों के इतिहास में विशेष समय पर लिखी गई थीं। इसका अर्थ यह है कि बाइबल में कुछ बातें जो मूल श्रोताओं और पाठकों के लिए बहुत स्पष्ट थीं, वे भिन्न समयों और विभिन्न संस्कृतियों में बाइबल को पढ़ने वाले लोगों के लिए स्पष्ट नहीं होंगी। + +ऐसा इसलिए है, क्योंकि लेखक और पाठक दोनों उन प्रथाओं से परिचित थे, जिन्हें लेखक ने लिखा था, और इसलिए लेखक को उन्हें समझाने की आवश्यकता नहीं थी। हम, अन्य समयों और संस्कृतियों से, इन बातों से परिचित नहीं हैं, और इसलिए हम से किसी को उनकी व्याख्या करने की आवश्यकता है। इस तरह की जानकारी को "अस्पष्ट (या अन्तर्निहित) जानकारी कहा जाता है।" (देखें [कल्पित ज्ञान और अस्पष्ट जानकारी"](../figs-explicit/01.md)) + +अनुवादकों के रूप में, हमें ऐतिहासिक विवरणों का सटीक रूप से अनुवाद करने की आवश्यकता होती है, परन्तु कुछ स्पष्टीकरण भी प्रदान करन होते हैं, जब हमें लगता है कि हमारे पाठकों को इसकी आवश्यकता होगी ताकि वे समझ सकें कि अनुवाद क्या है। diff --git a/translate/guidelines-historical/sub-title.md b/translate/guidelines-historical/sub-title.md new file mode 100644 index 0000000..8e2f4a6 --- /dev/null +++ b/translate/guidelines-historical/sub-title.md @@ -0,0 +1,2 @@ +ऐतिहासिक अनुवाद क्या हैं? + diff --git a/translate/guidelines-historical/title.md b/translate/guidelines-historical/title.md new file mode 100644 index 0000000..4d4d6fb --- /dev/null +++ b/translate/guidelines-historical/title.md @@ -0,0 +1,2 @@ +ऐतिहासिक अनुवाद को तैयार करना + diff --git a/translate/guidelines-intro/01.md b/translate/guidelines-intro/01.md new file mode 100644 index 0000000..4ca1dc2 --- /dev/null +++ b/translate/guidelines-intro/01.md @@ -0,0 +1,38 @@ + +### चार मुख्य गुण + +एक अच्छे अनुवाद के चार मुख्य गुण हैं। यह होना चाहिए: + +* स्पष्ट करें - देखें [स्पष्ट अनुवाद बनाएँ](../guidelines-clear/01.md) +* स्वभाविक - देखें [स्वभाविक अनुवाद बनाएँ](../guidelines-natural/01.md) +* सटीक - देखें [सटीक अनुवाद बनाएँ](../guidelines-accurate/01.md) +* चर्च-स्वीकृत - देखें [चर्च-स्वीकृत अनुवाद बनाएँ](../guidelines-church-approved/01.md) + +हम इन गुणों में से प्रत्येक को चार पैर वाले मेज के पैर के रूप में सोच सकते हैं। प्रत्येक आवश्यक है। यदि कोई एक नहीं है, तो मेज खड़ी नहीं होगी। इसी तरह, चर्च के लिए उपयोगी और विश्वासयोग्य होने के लिए इन गुणों में से प्रत्येक को एक अनुवाद में उपस्थित होना चाहिए। + +#### स्पष्ट + +उच्चत्तम स्तर की समझ प्राप्त करने के लिए जो भी भाषा संरचना आवश्यक है, उसका उपयोग करें। इसमें सरलीकृत अवधारणाएँ सम्मिलित होती हैं, मूलपाठ के रूप अर्थात् ढ़ाचें को पुनर्व्यवस्थित करना, और जितना अदिक सम्भव हो उतना अधिक मूल अर्थ को संचारित करने के लिए आवश्यकतानुसार कई या कम शर्तों का उपयोग करना सम्मिलित होता है। स्पष्ट अनुवाद कैसे करें, सीखने के लिए, देखें [स्पष्ट अनुवाद बनाएँ](../guidelines-clear/01.md)। + +#### स्वभाविक + +भाषा के उन रूपों का प्रयोग करें, जो प्रभावी हैं और इससे सम्बन्धित सन्दर्भों में आपकी भाषा का उपयोग करने के तरीके को प्रदर्शित किया जाता है। स्वभाविक अनुवाद कैसे करें, सीखने के लिए, देखें [स्वभाविक अनुवाद बनाएँ](../guidelines-natural/01.md)। + +#### सटीक + +मूल पाठ के अर्थ से अलग होने, परिवर्तित करने, या जोड़ बिना सटीक रूप से अनुवाद करें क्योंकि मूल दर्शकों के द्वारा इसे समझा जाएगा। पाठ को अर्थ के साथ मन में अनुवाद करें और सटीक रूप से अन्तर्निहित जानकारी, अज्ञात अवधारणाओं और अंलकारों को संचारित करें। सटीक अनुवाद कैसे करें, सीखने के लिए, देखें [सटीक अनुवाद बनाएँ](../guidelines-accurate/01.md)। + +#### चर्च-स्वीकृत + +यदि अनुवाद स्पष्ट, स्वभाविक और सटीक है, परन्तु चर्च इसकी अनुमति नहीं देता या इसे स्वीकार नहीं करता है, तो यह चर्च की उन्नति करने के अन्तिम लक्ष्य को प्राप्त नहीं करता है। यह महत्वपूर्ण है कि चर्च अनुवाद, जाँच और वितरण में सम्मिलित हो। चर्च-स्वीकृत अनुवाद कैसे करें, सीखने के लिए, देखें [चर्च-स्वीकृत अनुवाद बनाएँ](../guidelines-church-approved/01.md)। + +### छह अन्य गुण + +स्पष्ट, स्वभाविक, सटीक, और चर्च-अनुमोदित होने के अतिरिक्त, सर्वोत्तम अनुवाद में ये बातें भी होनी चाहिए: + +* विश्वासयोग्यता - देखें [विश्वासयोग्य अनुवाद बनाएँ](../guidelines-faithful/01.md) +* आधिकारिक - देखें [आधिकारिक अनुवाद बनाएँ](../guidelines-authoritative/01.md) +* ऐतिहासिक - देखें [ऐतिहासिक अनुवाद बनाएँ](../guidelines-historical/01.md) +* समतुल्य - देखें [समतुल्य अनुवाद बनाएँ](../guidelines-equal/01.md) +* सहयोगी - देखें [सहयोगी अनुवाद बनाएँ](../guidelines-collaborative/01.md) +* चलते रहने वाला - देखें [चलते रहने वाला अनुवाद बनाएँ](../guidelines-ongoing/01.md) diff --git a/translate/guidelines-intro/sub-title.md b/translate/guidelines-intro/sub-title.md new file mode 100644 index 0000000..fa00705 --- /dev/null +++ b/translate/guidelines-intro/sub-title.md @@ -0,0 +1,2 @@ +एक अच्छे अनुवाद के गुण क्या क्या होते हैं? + diff --git a/translate/guidelines-intro/title.md b/translate/guidelines-intro/title.md new file mode 100644 index 0000000..5c9eb5a --- /dev/null +++ b/translate/guidelines-intro/title.md @@ -0,0 +1,2 @@ +अच्छे अनुवादक के गुण + diff --git a/translate/guidelines-natural/01.md b/translate/guidelines-natural/01.md new file mode 100644 index 0000000..5ce8f73 --- /dev/null +++ b/translate/guidelines-natural/01.md @@ -0,0 +1,33 @@ + +### स्वभाविक अनुवाद + +बाइबल का अनुवाद करने का **स्वभाविक**अर्थ यह है कि: अनुवाद ऐसा प्रतीत हो कि जैसे यह लक्षित समूह के एक सदस्य द्वारा लिखा गया था-एक परदेशी के द्वारा नहीं। स्वभाविक अनुवाद करने के लिए यहाँ कुछ विचार दिए गए हैं: + +#### लघु वाक्यों का प्रयोग करें + +स्वभाविक ध्वनि के अनुवाद के लिए, कभी-कभी लम्बे, जटिल शब्दों से छोटे, सरल वाक्य बनाना आवश्यक होता है। यूनानी भाषा में अक्सर लम्बे, व्याकरणिक जटिल वाक्य होते हैं। बाइबल के कुछ अनुवाद यूनानी संरचना का निकटता से पालन करते हैं और लम्बे वाक्यों को उनके अनुवाद में बनाए रखते हैं, तब भी जब यह स्वभाविक ध्वनि नहीं होती है या लक्षित भाषा में भ्रमित उत्पन्न करने वाला नहीं होता है। + +अनुवाद की तैयारी करते समय, अक्सर वाक्यों को बड़े वाक्यों को छोटे वाक्यों में तोड़ते हुए पुन: लिख जाना सहायक होता है। यह आपको अर्थ को और अधिक स्पष्ट रूप से देखने और इसे सर्वोत्तम रीति से अनुवाद करने में सहायता कर सकता है। + +जटिल वाक्यों से बचने के लिए, कई भाषाओं में, छोटी वाक्यों की अच्छी शैली होती है, या जब वाक्य अधिक बड़े होते हैं। इस तरह से लक्षित भाषा में अर्थ को पुन: व्यक्त करने में, कभी-कभी कई मूल वाक्यों को कई छोटे वाक्यों में तोड़ना आवश्यक होता है। क्योंकि कई भाषाएँ केवल एक या दो खण्डवाक्यों को आपस में जोड़ते हुए वाक्य का उपयोग करती हैं, इसलिए छोटे वाक्यों में स्वभाविकता के भाव को देंगे। + +छोटे वाक्यों से पाठकों को सर्वोत्तम रीति से समझ भी मिल जाएगी, क्योंकि अर्थ स्पष्ट होगा। नए, छोटे खण्ड वाक्यों और वाक्यों के बीच स्पष्ट सम्पर्क शब्दों को सम्मिलित करना सुनिश्चित करें। लम्बे वाक्य, अधिक जटिल वाक्यों से छोटे वाक्यों को बनाने के लिए, वाक्य में शब्दों को पहचानें, जो प्रत्यक्ष एक दूसरे से सम्बन्धित हैं, अर्थात्, जो एक खण्डवाक्य बनाने के लिए एक दूसरे से सम्बन्धित होते हैं। सामान्य रूप से, प्रत्येक क्रिया या क्रिया शब्द के दोनों ओर के शब्द होते हैं, जो क्रिया की गतिविधि को पीछे या आगे के ओर इंगित करते हैं। इस तरह के शब्दों का एक समूह जो स्वयं पर टिका हुआ हो सकता है, उसे एक स्वतंत्र खण्डवाक्य या साधारण वाक्य के रूप में लिखा जा सकता है। + +शब्दों के उन समूहों में से प्रत्येक को एक साथ रखें और इस तरह वाक्य को अपने अलग विचारों या भागों में विभाजित करें। यह सुनिश्चित करने के लिए कि वे अभी भी भाव को दे रहे हैं, नए वाक्यों को पढ़ें। यदि कोई समस्या है, तो आपको लम्बे वाक्य को अलग तरीके से विभाजित करने की आवश्यकता हो सकती है। जब आप नए वाक्यों के सन्देश को समझते हैं, तो उन्हें लक्षित भाषा में अनुवाद करें, वाक्यों को स्वभाविक लम्बाई दें और उन्हें स्वभाविक तरीके से आपस में जोड़ें। तत्पश्चात् भाषा समुदाय के एक सदस्य को इसे दिखा कर अपने अनुवाद का परीक्षा करें कि यह स्वभाविक लगता है या नहीं। + + +#### अपना लोग जिस तरह से बात करते हैं उसे लिखें + +बाइबल के सन्दर्भ या अध्याय को पढ़ें और स्वयं से पूछें, "यह किस प्रकार का सन्देश है?" फिर उस सन्दर्भ या अध्याय का अनुवाद इस तरीके से करें कि आपकी भाषा उस तरह के सन्देश को संचारित करे। उदाहरण के लिए, यदि सन्दर्भ एक वचन है, जैसे कि भजन संहिता में, तो इसे इस रूप अर्थात् ढ़ाचें में अनुवाद करें कि आपके लोग इसे वचन के ही रूप में पहचान जाएँ। या यदि सन्दर्भ जीवन व्यतीत करने के सही तरीके के बारे में एक उपदेश है, जैसे नए नियम के पत्रों में पाया जाता है, तो इसे इस रूप में अनुवाद करें कि आपकी भाषा में लोग एक-दूसरे को प्रोत्साहित कर सकें। + +या यदि सन्दर्भ किसी के बारे में एक कहानी है, तो इसे एक कहानी के रूप में अनुवाद करें (जो वास्तव में घटित हुई थी)। बाइबल में इस तरह की कई कहानियाँ हैं, और इन कहानियों के अंश के रूप में लोग एक-दूसरे से बातें कहते हैं, जिनके पास इनके लिए अपने स्वयं के रूप भी होते है। उदाहरण के लिए, लोग खतरे, चेतावनियाँ देते हैं, और प्रशंसा करते हैं या एक दूसरे को ताड़ना देते हैं। + +अपना अनुवाद स्वभाविक बनाने के लिए, आपको इन सभी बातों का अनुवाद इस तरीके से करना चाहिए कि जैसे आपकी भाषा में लोग खतरे, चेतावनियाँ देते हैं, प्रशंसा करते हैं या एक-दूसरे को ताड़ना देते हैं। इन भिन्न बातों को लिखने के बारे में जानने के लिए, आपको वह सुनना पड़ेगा कि लोग आपके आस-पास क्या कहते हैं, और विभिन्न बातों को लिखने का कैसे अभ्यास करते हैं, जिसे लोग कहते और करते हैं, ताकि आप उस रूप और शब्दों से परिचित हो जाएँ जो लोग इन्हें विभिन्न उद्देश्यों के लिए उपयोग करते हैं। एक अच्छा अनुवाद उसी शब्दावली और अभिव्यक्तियों का उपयोग करेगा जिसे लक्षित समूह के लोग सामान्य रूप से उपयोग करते हैं। + +उनके लिए इसे पढ़ना या सुनना आसान होना चाहिए। कोई अनुपयुक्त या अनजाना वाक्यांश नहीं होना चाहिए। अनुवाद को एक घनिष्ठ मित्र के द्वारा एक पत्र के रूप में आसानी से पढ़ जाना चाहिए। + +#### गेटवे भाषाओं में अनुवाद के लिए नहीं + +यह खण्ड यूएलबी और यूडीबी अनुवादों अनुवाद वाली गेटवे भाषा के अनुवादों के लिए नहीं है। ये वे बाइबल हैं, जिन्हें विशेष गुणों के साथ तैयार किया गया है, जो उन्हें लक्षित भाषा में स्वभाविक होने से रोकती हैं। वे बाइबल अनुवाद संसाधन हैं, अंग्रेजी की एण्ड-यूजर बाइबल नहीं है। + +इसके बारे में अधिक जानकारी के लिए, गेटवे भाषा निर्देशिका पुस्तक में "यूएलबी अनुवाद करना" और "यूडीबी अनुवाद करना" को देखें। diff --git a/translate/guidelines-natural/sub-title.md b/translate/guidelines-natural/sub-title.md new file mode 100644 index 0000000..f16f8ef --- /dev/null +++ b/translate/guidelines-natural/sub-title.md @@ -0,0 +1,2 @@ +मैं स्वाभाविक अनुवाद कैसे बनाऊँ? + diff --git a/translate/guidelines-natural/title.md b/translate/guidelines-natural/title.md new file mode 100644 index 0000000..daa5009 --- /dev/null +++ b/translate/guidelines-natural/title.md @@ -0,0 +1,2 @@ +स्वाभविक अनुवाद को तैयार करना + diff --git a/translate/guidelines-ongoing/01.md b/translate/guidelines-ongoing/01.md new file mode 100644 index 0000000..944d7f6 --- /dev/null +++ b/translate/guidelines-ongoing/01.md @@ -0,0 +1,8 @@ + +बाइबल अनुवाद **चलता हुआ** होना चाहिए. यह देखने के लिए कि क्या वे सन्देश के अर्थ को समझते हैं, दूसरों के साथ अनुवाद को साझा करें। उनके सहयोग के द्वारा अपने अनुवाद में सुधार करें। समझ और सटीकता बढ़ाने के लिए अनुवाद को संशोधित करना सदैव एक अच्छा विचार है। जब भी किसी के पास अनुवाद को सर्वोत्तम रीति से बनाने के लिए कोई अच्छा विचार हो, तो आपको उस परिवर्तन को सम्मिलित करने के लिए अनुवाद को संपादित करना चाहिए। जब आप अनुवाद स्टूडियो या अन्य इलेक्ट्रॉनिक मूलपाठ संपादकों का उपयोग करते हैं, तो आप संशोधन और सुधार को करते रहने की प्रक्रिया को बनाए रख सकते हैं। + +* समीक्षाकर्ताओं की आवश्यकता होती है, जो अनुवाद पढ़ सकते हैं और मूलपाठ को इंगित कर सकते हैं, जिस में संशोधन की आवश्यकता होती है। +* क्या लोग अनुवाद पढ़ते हैं या अनुवाद की रिकॉर्डिंग सुनते हैं। यह आपको इस बात को जानने में सहायता करेगा कि अनुवाद का आपके समुदाय में वैसा ही प्रभाव है, जैसा कि यह मूल श्रोताओं में था (उदाहरण के लिए: सांत्वना , प्रोत्साहन या मार्गदर्शन देना)। +* अनुवाद में सुधार को करते रहना बनाए रखें जो इसे अधिक सटीक, अधिक स्पष्ट और अधिक स्वभाविक बना देगा। लक्ष्य सदैव स्रोत मूलपाठ के जैसे अर्थ को संचारित करने के लिए होता है। + +स्मरण रखें, लोगों को अनुवाद की समीक्षा करने और इसे सर्वोत्तम रीति से बनाने के लिए आपको विचार देने के लिए प्रोत्साहित करें। इन विचारों के बारे में अन्य लोगों से बात करें। जब कई लोग मानते हैं कि ये अच्छे विचार हैं, तो अनुवाद में इन परिवर्तनों को ले आएँ। इस तरह से, अनुवाद उत्तम और सर्वोत्तम होता चला जाएगा। (आप http://ufw.io/guidelines_ongoing पर दिया गया वीडियो भी देखना चाहेंगे।) diff --git a/translate/guidelines-ongoing/sub-title.md b/translate/guidelines-ongoing/sub-title.md new file mode 100644 index 0000000..6a51158 --- /dev/null +++ b/translate/guidelines-ongoing/sub-title.md @@ -0,0 +1,2 @@ +निरंतरता के अनुवाद क्या होते हैं? + diff --git a/translate/guidelines-ongoing/title.md b/translate/guidelines-ongoing/title.md new file mode 100644 index 0000000..e4118f9 --- /dev/null +++ b/translate/guidelines-ongoing/title.md @@ -0,0 +1,2 @@ +निरंतरता के अनुवाद को तैयार करना + diff --git a/translate/guidelines-sonofgod/01.md b/translate/guidelines-sonofgod/01.md new file mode 100644 index 0000000..93d9c68 --- /dev/null +++ b/translate/guidelines-sonofgod/01.md @@ -0,0 +1,42 @@ + +### परमेश्वर एक है, और वह पवित्र त्रिएकत्व या त्रित्व अर्थात पिता, पुत्र और पवित्र आत्मा के रूप में विद्यमान है + +#### बाइबल शिक्षा देती है कि केवल एक ही परमेश्वर है। + +पुराने नियम में: + +> यहोवा, ही परमेश्वर है; कोई अन्य परमेश्वर नहीं है ! (1 राजा 8:60 यूएलबी) + +नए नियम में: + +> यीशु ने कहा, ... "अनन्त जीवन यह है: कि तुम्हें यह जानना चाहिए, कि सच्चा परमेश्वर एक ही है" . (यूहन्ना 17:3 यूएलबी) + +(इसे भी देखें: व्यवस्थाविवरण 4:35, इफिसियों 4:5-6, 1 तीमुथियुस 2:5, याकूब 2:19) + +#### पुराना नियम परमेश्वर के तीन व्यक्तित्वों को प्रकट करना आरम्भ कर देता है। + +> परमेश्वर ने आकाश बनाया ... परमेश्वर का आत्मा उस पर मण्डरा रहा था ... "आओ हम मनुष्य को अपने स्वरूप में बनाएँ।" (उत्पत्ति 1:1-2 यूएलबी) + +
परमेश्वर ने हम से पुत्र के द्वारा बात की है ... जिसके माध्यम से उसने ब्रह्माण्ड भी बनाया है। उसका पुत्र उसकी महिमा का प्रकाश, उसके चरित्र का सार है... जो पुत्र के बारे में ऐसे कहता है कि, ... "आरम्भ में, परमेश्वर, आपने पृथ्वी की नींव रखी है, आकाश उसके हाथों का काम है।" (इब्रानियों 1:2-3, और 8-10 यूएलबी भजन संहिता को उद्धृत कर रही है 102:25)
+ +#### चर्च ने यह सदैव यह बताना आवश्यक समझा है कि नया नियम परमेश्वर के बारे में क्या कहता है कि वह तीन विशेष व्यक्तियों में विद्यमान है: + +पिता, पुत्र, और पवित्र आत्मा। + +> यीशु ने कहा, "... उन्हें पिता , पुत्र , और पवित्र आत्मा के नाम पर बपतिस्मा दें।" (मत्ती 28:19 यूएलबी) + +
परमेश्वर ने अपना पुत्र को भेजा, जो एक स्त्री से जन्मा, ... परमेश्वर ने अपने पुत्र के आत्मा को भेजा है, जो, "अब्बा, पिता कहते हैं।" (गलातियों 4:4-6 यूएलबी)
+ +इसे भी देखें: यूहन्ना 14:16-17, 1 पतरस 1:2 + +परमेश्वर का प्रत्येक व्यक्ति पूरी तरह से परमेश्वर है और बाइबल में "परमेश्वर" कहा जाता है। + +> तौभी हमारे लिए केवल एक ही परमेश्वर पिता ... है (1 कुरिन्थियों 8:6 यूएलबी) + +
थोमा ने उत्तर दिया और कहा, "हे मेरे प्रभु और हे मेरे परमेश्वर ." यीशु ने उससे कहा, "क्योंकि तुने मुझे देखा है, तुने विश्वास किया है। धन्य हैं, वे जिन्होंने नहीं देखा है, और तौभी विश्वास किया है।” (यूहन्ना 20:28-29 यूएलबी)
+ +
परन्तु पतरस ने कहा, "हनन्याह, शैतान ने तेरे मन में <पवित्र आत्मा से झूठ बोलने और भूमि के मूल्य के एक भाग को अपने पास वापस के लिए क्यों उभारा? ... तुने मनुष्यों से नहीं, परन्तु परमेश्वर से झूठ बोला है।” (प्रेरितों 5:3-4 यूएलबी)
+ +प्रत्येक व्यक्ति अन्य दोनों व्यक्तियों से भिन्न है। सभी तीनों व्यक्ति एक ही समय में भिन्न दिखाई दे सकते हैं। नीचे दिए वचनों में, परमेश्वर पुत्र का बपतिस्मा होता हैं, जबकि परमेश्वर आत्मा नीचे आता है और परमेश्वर पिता स्वर्ग से बोलते हैं। + +> बपतिस्मा लेने के बाद, यीशु पानी से... बाहर आया ... उसने देखा कि परमेश्वर का आत्मा नीचे उतर रहा है ..., और एक आवाज [पिता] स्वर्ग से आई, "यह मेरा प्रिय पुत्र ... है” (मत्ती 3:16-17 यूएलबी) diff --git a/translate/guidelines-sonofgod/sub-title.md b/translate/guidelines-sonofgod/sub-title.md new file mode 100644 index 0000000..6a9b177 --- /dev/null +++ b/translate/guidelines-sonofgod/sub-title.md @@ -0,0 +1,2 @@ +पुत्र परमेश्वर और पिता परमेश्वर कौन हैं? + diff --git a/translate/guidelines-sonofgod/title.md b/translate/guidelines-sonofgod/title.md new file mode 100644 index 0000000..f2c20ad --- /dev/null +++ b/translate/guidelines-sonofgod/title.md @@ -0,0 +1,2 @@ +परमेश्वर का पुत्र एवं पिता परमेश्वर + diff --git a/translate/guidelines-sonofgodprinciples/01.md b/translate/guidelines-sonofgodprinciples/01.md new file mode 100644 index 0000000..04f1edc --- /dev/null +++ b/translate/guidelines-sonofgodprinciples/01.md @@ -0,0 +1,50 @@ + +Door43 उन बाइबल अनुवादों का समर्थन करता है, जो इन अवधारणाओं का प्रतिनिधित्व करती हैं, जब वे परमेश्वर का उल्लेख करती हैं। + +### बाइबल की गवाही + +**"पिता" और "पुत्र" वे नाम हैं, जिस से परमेश्वर स्वयं को बाइबल में पुकारता है।** + +बाइबल बताती है कि परमेश्वर ने यीशु को अपना पुत्र कहा: + +> बपतिस्मा लेने के बाद, यीशु तुरन्त पानी से आया, और ... स्वर्ग से एक आवाज आई, " यह मेरा प्रिय पुत्र है . मैं उस से बहुत अधिक आनन्दित हूँ।” (मत्ती 3:16-17 यूएलबी) + +बाइबल बताती है कि यीशु ने परमेश्वर को अपने पिता कह कर पुकारा था: + +> यीशु ने कहा, "मैं तेरी प्रशंसा करता हूँ पिता , स्वर्ग और पृथ्वी के परमेश्वर, ... कोई भी पुत्र को को छोड़कर पिता को नहीं जानता है, और कोई भी पिता “ को छोड़कर पुत्र नहीं जानता है" (मत्ती 11:25-27 यूएलबी) (इसे भी देखें: यूहन्ना 6:26-57) + +मसीहियों ने पाया है कि "पिता" और "पुत्र" ऐसे विचार हैं, जो अनिवार्य रूप से एक दूसरे के लिए त्रिएकत्व अर्थात् त्रित्व के पहले और दूसरे व्यक्तियों के शाश्वत सम्बन्धों का वर्णन करते हैं। बाइबल वास्तव में उन्हें विभिन्न तरीकों से सन्दर्भित करती है, परन्तु कोई अन्य शब्दावली इन व्यक्तियों के बीच अनन्त प्रेम और घनिष्ठता, न ही उनके बीच परस्पर निर्भरता के शाश्वत सम्बन्ध को प्रदर्शित करता है। + +यीशु ने निम्नलिखित शब्दावली में परमेश्वर को सन्दर्भित किया: + +> उन्हें पिता, पुत्र और पवित्र आत्मा के नाम से बपतिस्मा दो . (मत्ती 28:19 यूएलबी) + +पिता और पुत्र के बीच घनिष्ठ, प्रेमपूर्ण सम्बन्ध शाश्वत है, जैसा कि वे शाश्वत हैं। + +> पिता पुत्र को प्रेम करता है। (यूहन्ना 3:35-36; 5:19-20 यूएलबी) + +
मैं पिता से प्रेम करता हूँ, मैं वही करता हूँ जिसे पिता आज्ञा देता है, जैसे उसने मुझे आज्ञा दी थी। (यूहन्ना 14:31 यूएलबी)
+ +
... कोई भी पिता को छोड़कर नहीं जानता कि पुत्र कौन है, और कोई भी पुत्र को छोड़कर नहीं जानता कि पिता कौन है . (लूका 10:22 यूएलबी)
+ +"पिता" और "पुत्र" शब्द भी संचारित करते हैं कि पिता और पुत्र का सार एक ही हैं; वे दोनों शाश्वत परमेश्वर हैं। + +> यीशु ने कहा, "हे पिता, अपने पुत्र की महिमा कर ताकि पुत्र तुझे महिमा दे सके ...मैंने पृथ्वी पर तेरी महिमा की है, ...अब हे पिता, मेरी महिमा ... उस महिमा के साथ कर जो संसार के निर्माण से पहले तेरे साथ थी .” (यूहन्ना 17:1-5 यूएलबी) + +
परन्तु इन अन्तिम दिनों में, उसने [परमेश्वर पिता] पुत्र के माध्यम से हमसे बात की है, जिसे उसने सभी वस्तुओं का उत्तराधिकारी नियुक्त किया है। यह उसके माध्यम से है कि परमेश्वर ने ब्रह्माण्ड भी बनाया है। वह परमेश्वर की महिमा का प्रकाश, उसके चरित्र का सार है। वह अपनी सामर्थ्य के वचन के द्वारा सब कुछ एक साथ थामे रहता है। (इब्रानियों 1:2-3 यूएलबी)
+ +> यीशु ने उससे कहा, "मैं तुम्हारे साथ इतने लम्बे समय से रहा हूँ और हे फिलिप्पुस, तू अभी भी मुझे नहीं जानता है? जो मुझे देखता है, वह पिता को देखता है . तुम कैसे कह सकते हो कि, 'हमें पिता को दिखा'? (यूहन्ना 14:9 यूएलबी) + +### मानवीय सम्बन्ध + +**मानवीय पिता और पुत्र सिद्ध नहीं हैं, परन्तु बाइबल तौभी उन शब्दों का उपयोग करती है, जिसे पिता और पुत्र के लिए किया जाता हैं, जो सिद्ध हैं।** + +आज की तरह ही, बाइबल के समयों में भी मानवीय पिता-पुत्र सम्बन्ध उतने अधिक प्रेममयी और सिद्ध नहीं जैसे कि यीशु और उसके पिता के बीच में थे। परन्तु इसका अर्थ यह नहीं है कि अनुवादक को पिता और पुत्र की अवधारणाओं से बचना चाहिए। पवित्रशास्त्र इन शब्दों का उपयोग परमेश्वर, सिद्ध पिता और पुत्र के साथ-साथ पाप से भरे हुए मानवीय पिता और पुत्रों के सन्दर्भ में करता है। पिता और पुत्र के रूप में परमेश्वर का वर्णन करते हुए, अपनी भाषा में शब्दों का चयन करें जिनका व्यापक रूप से मानवीय "पिता" और "पुत्र" के सन्दर्भ में उपयोग किया जाता है। + +इस तरह आप संचारित करेंगे कि परमेश्वर पिता और परमेश्वर पुत्र अनिवार्य रूप से एक ही हैं (वे दोनों परमेश्वर हैं), जैसे मानवीय पिता और पुत्र अनिवार्य रूप से एक ही हैं, दोनों मनुष्य हैं और समान विशेषताओं को साझा करते हैं। + +### अनुवाद की रणनीतियाँ + +1. सभी संभावनाओं के बारे में सोचें जिस में आपकी भाषा को "पुत्र" और "पिता" शब्द का अनुवाद करना है। निर्धारित करें कि आपकी भाषा में कौन से शब्द ईश्वरीय "पुत्र" और "पिता" का सबसे अच्छा प्रतिनिधित्व करते हैं। +1. यदि आपकी भाषा में "पुत्र" के लिए एक से अधिक शब्द हैं, तो उस शब्द का उपयोग करें जिसका निकटत्तम अर्थ "एकलौते पुत्र" से है (या यदि आवश्यक हो तो "प्रथम पुत्र")। +1. यदि आपकी भाषा में "पिता" के लिए एक से अधिक शब्द हैं, तो "गोद लेने वाले पिता" की अपेक्षा "जन्म देने वाले पिता" के निकटतम शब्द का उपयोग करें। diff --git a/translate/guidelines-sonofgodprinciples/sub-title.md b/translate/guidelines-sonofgodprinciples/sub-title.md new file mode 100644 index 0000000..9df8556 --- /dev/null +++ b/translate/guidelines-sonofgodprinciples/sub-title.md @@ -0,0 +1,2 @@ +ये सारे तथ्य परमेश्वर का उल्लेख करने में महत्वपूर्ण क्यों हैं? + diff --git a/translate/guidelines-sonofgodprinciples/title.md b/translate/guidelines-sonofgodprinciples/title.md new file mode 100644 index 0000000..e68b505 --- /dev/null +++ b/translate/guidelines-sonofgodprinciples/title.md @@ -0,0 +1,2 @@ +पुत्र और पिता का अनुवाद करना + diff --git a/translate/qualifications/01.md b/translate/qualifications/01.md new file mode 100644 index 0000000..6536be3 --- /dev/null +++ b/translate/qualifications/01.md @@ -0,0 +1,30 @@ + +### अनुवादक या अनुवाद समूह की योग्यताएँ + +अनुवाद संजाल अर्थात् नेटवर्क में सम्मिलित होने वाले चर्च नेटवर्क के अगुओं को उन लोगों को चुनते समय निम्नलिखित प्रश्नों पर विचार करना चाहिए जो अनुवाद समूह के सदस्य होंगे। ये प्रश्न चर्च और समुदाय के अगुओं को यह जानने में सहायता करेंगे कि वे जिन लोगों को चुनते हैं, वे सफलतापूर्वक बाइबल या ओपन बाइबल की कहानियों का अनुवाद करने में सक्षम होंगे। + +1. क्या व्यक्ति लक्षित भाषा का एक बहुत अच्छा वक्ता माना जाता है? यह महत्वपूर्ण है कि व्यक्ति लक्षित भाषा को अच्छी तरह से बोलें। + +* क्या यह व्यक्ति लक्षित भाषा को अच्छी तरह से पढ़ और लिख सकता है? +* क्या व्यक्ति भाषा समुदाय में अपने अधिकांश जीवन को व्यतीत कर रहा या रही है? कोई भी जो बहुत लम्बे समय तक भाषा क्षेत्र से दूर रहता है, उसे स्वभाविक अनुवाद करने में कठिनाई हो सकती है। +* क्या लोग उस तरीके का सम्मान करते हैं जिसमें यह व्यक्ति अपनी भाषा बोलता है? +* प्रत्येक अनुवादक की आयु और स्थानीय भाषाई पृष्ठभूमि क्या है? + +सामान्य रूप से भाषाई क्षेत्र और विभिन्न आयु वर्ग के लोगों के भिन्न स्थानों से लोगों का होना अच्छा होता है, क्योंकि विभिन्न स्थानों और आयु के लोग भाषा का उपयोग भिन्न तरह से कर सकते हैं। इन लोगों को तब उन सभी वस्तुओं को कहने के तरीके पर सहमत होना चाहिए जो उन सभों को अच्छा लगता है। + +1. क्या व्यक्ति को स्रोत भाषा की बहुत अच्छी समझ है? + +* उन्हें किस स्तर की शिक्षा मिली है, और उन्होंने स्रोत भाषा में कौशल कैसे प्राप्त किए हैं? +* क्या मसीही समुदाय यह मानता है कि इस व्यक्ति के पास स्रोत भाषा को बोलने के लिए पर्याप्त कौशल और नोट्स या अन्य टीका सम्बन्धी सहायता प्रदान करने के लिए के पर्याप्त शिक्षा है? +* क्या व्यक्ति धाराप्रवाह रूप से भाषा और समझ के साथ स्रोत भाषा को पढ़ और लिख सकता है? + +1. क्या व्यक्ति मसीह के अनुयायी के रूप में समुदाय में सम्मानित है? व्यक्ति को नम्र होना चाहिए और अपने अनुवाद कार्य से सम्बन्धित दूसरों के सुझावों या सुधारों को सुनने के लिए तैयार होना चाहिए। व्यक्ति सदैव दूसरों से सीखने के लिए तैयार होना चाहिए। + +* वे कितने समय से एक मसीही हैं, और क्या वे अपने मसीही समुदाय के साथ अच्छी प्रतिष्ठा में हैं? +* इस व्यक्ति ने स्वयं को मसीह के साथ एक शिष्य के रूप में कैसे दिखाया है? + +बाइबल अनुवाद कठिन है, इसमें कई संशोधन सम्मिलित होते हैं, और कार्य को समर्पण की आवश्यकता होती है। अनुवादकों के द्वारा थोड़ी देर के लिए काम करने के बाद, अनुवाद समिति को यह सुनिश्चित करने की आवश्यकता होगी कि क्या वे अच्छी तरह से काम कर रहे हैं। + +वे पूछ सकते हैं: + +* क्या उनके काम उनके साथी अनुवादकों और स्थानीय चर्च के अगुओं की अपेक्षाओं को पूरा करते हैं? (क्या अनुवादक दूसरों के द्वारा परीक्षा और जाँच में सहयोग करने के लिए तैयार है?) diff --git a/translate/qualifications/sub-title.md b/translate/qualifications/sub-title.md new file mode 100644 index 0000000..9d01bf1 --- /dev/null +++ b/translate/qualifications/sub-title.md @@ -0,0 +1,2 @@ +एक अनुवादक की योग्यताएँ कौन कौनसी होती हैं? + diff --git a/translate/qualifications/title.md b/translate/qualifications/title.md new file mode 100644 index 0000000..6f3a26d --- /dev/null +++ b/translate/qualifications/title.md @@ -0,0 +1,2 @@ +अनुवादक की योग्यताएँ + diff --git a/translate/resources-alter/01.md b/translate/resources-alter/01.md new file mode 100644 index 0000000..3be9a36 --- /dev/null +++ b/translate/resources-alter/01.md @@ -0,0 +1,48 @@ + +### विवरण + +यदि लक्षित भाषा प्राथमिकता देती है या इसे किसी भिन्न रूप अर्थात् ढ़ाचें की आवश्यकता होती है तो यूएलबी अनुवाद के रूप को परिवर्तित करने का एक वैकल्पिक तरीका है। वैकल्पिक अनुवाद का उपयोग केवल तभी किया जाना चाहिए जब यूएलबी अनुवाद का रूप अर्थात् ढ़ांचा या सामग्री गलत अर्थ दे, या अस्पष्ट या अस्वभाविक हो। उदाहरण के लिए, वैकल्पिक अनुवाद के सुझाव में अन्तर्निहित जानकारी स्पष्ट रूप से, कर्म वाच्य से कर्ता वाच्य में परिवर्तित करते हुए बताई जा सकती है, या कथन के रूप में भाषणगत प्रश्नों को पुन: प्रस्तुत करना सम्मिलित होता है। नोट्स अक्सर समझाते हैं कि वैकल्पिक अनुवाद क्यों होता है और उसका पृष्ठ के साथ सम्पर्क होता है, जो विषय की व्याख्या करता है। + +### अनुवाद नोट्स के उदाहरण + +"AT:" इंगित करता है कि यह एक वैकल्पिक अनुवाद है। कुछ उदाहरण निम्न दिए गए हैं: + +**अस्पष्ट जानकारी को स्पष्ट करना** + +> यह मादियों और फारसियों का कानून है, कि ऐसा कोई राजाज्ञा या विधान नहीं है, जिस से राजा के राजपत्र को बदला जा सकता है . (दानिय्येल 6:15 यूएलबी) + +* **कोई राजाज्ञा...नहीं बदली जा सकता है** - समझ पाने में सहायता के लिए यहाँ एक अतिरिक्त वाक्य जोड़ा जा सकता है। + +वैकल्पिक अनुवाद "कोई राजाज्ञा नहीं बदली जा सकती है। इसलिए उन्हें दानिय्येल को सिंहों के गड्ढे में फेंक देना चाहिए।” (देखें: *स्पष्ट*) + +अतिरिक्त वाक्य दिखाता है कि वक्ता चाहता था कि राजा अपने स्मरणपत्र से समझ प्राप्त कर सके कि राजा की राजाज्ञा और विधानों को नहीं बदला जा सकता है। अनुवादकों को अनुवाद में स्पष्ट रूप से कुछ बातों को बताने की आवश्यकता हो सकती है, जिसे मूल वक्ता या लेखक बिना कहे हुए या अस्पष्ट छोड़ देता है। + +**कर्म वाच्य से कर्ता वाच्य में परिवर्तन करना** + +> जो पवित्र आत्मा की निन्दा करता है, उसे क्षमा नहीं किया जाएगा . (लूका 12:10 यूएलबी) + +* **उसे क्षमा नहीं किया जाएगा** - इसे एक सक्रिय क्रिया के साथ व्यक्त किया जा सकता है। + +वैकल्पिक अनुवाद: परमेश्वर उसे क्षमा नहीं करेगा। + +इसे एक क्रिया का उपयोग करके सकारात्मक तरीके से भी व्यक्त किया जा सकता है अर्थात् "क्षमा करना" के विपरीत को व्यक्त करना। + +वैकल्पिक अनुवाद + +"परमेश्वर उसे सदैव के लिए दोषी मानेगा" (देखें: *कर्ता से कर्म वाच्य*) + +यह नोट उदाहरण देता है कि अनुवादक कैसे इस कर्म वाची वाक्य का अनुवाद कर सकते हैं, यदि उनकी भाषा कर्म वाची वाक्य का उपयोग नहीं करती है। + +**भाषणगत प्रश्न** + +> हे शाऊल, हे शाऊल, तू मुझे क्यों सता रहा है? (प्रेरितों 9:4 यूएलबी) + +* **तू मुझे क्यों सता रहा है?** - यह भाषणगत प्रश्न शाऊल को ताड़ना दिए जाने को संचारित करता है। + +कुछ भाषाओं में, एक कथन अधिक स्वभाविक होगा (वैकल्पिक अनुवाद): + +"तू मुझे सता रहा है!" या एक आदेश (वैकल्पिक अनुवाद): + +"मुझे सताना बन्द करो!" (देखें: *भाषणगत प्रश्न*) + +यदि आपकी भाषा किसी को ताड़ना देने के लिए भाषणगत प्रश्न के उसी रूप का उपयोग नहीं करती है तो यहाँ दिया गया अनुवाद सुझाव (वैकल्पिक अनुवाद) भाषणगत प्रश्न का अनुवाद करने का एक वैकल्पिक तरीका प्रदान करता है। diff --git a/translate/resources-alter/sub-title.md b/translate/resources-alter/sub-title.md new file mode 100644 index 0000000..f0ab08f --- /dev/null +++ b/translate/resources-alter/sub-title.md @@ -0,0 +1,2 @@ +जब मैं लेख में ‘‘AT:’’ को देखता हूँ तो मैं उसे अनुवाद करने का क्या निर्णय लूँ? + diff --git a/translate/resources-alter/title.md b/translate/resources-alter/title.md new file mode 100644 index 0000000..e24839a --- /dev/null +++ b/translate/resources-alter/title.md @@ -0,0 +1,2 @@ +वैकल्पिक अनुवाद (AT) वाले नोट्स + diff --git a/translate/resources-alterm/01.md b/translate/resources-alterm/01.md new file mode 100644 index 0000000..14ab9b9 --- /dev/null +++ b/translate/resources-alterm/01.md @@ -0,0 +1,20 @@ + +#### विवरण + +वैकल्पिक अर्थ यह है कि जब बाइबल के विद्वानों के पास कोई शब्द या वाक्यांश का अर्थ होता है, तो समझ भिन्न होती है। नोट में यूएलबी अनुवाद का मूलपाठ होगा जो "दिए गए संभावित अर्थ" शब्दों के साथ आरम्भ होना वाला एक स्पष्टीकरण के साथ होगा। अर्थों को गिना जाता है, और पहला वही होता है, जिसे बाइबल के अधिकांश विद्वान सही मानते हैं। + +यदि कोई अर्थ इस तरह दिया जाता है कि इसे अनुवाद के रूप में उपयोग किया जा सकता है, तो इसके आस-पास उद्धरण चिह्न होंगे। अनुवादक को यह निर्धारित करने की आवश्यकता है कि किस अर्थ का अनुवाद करना है। अनुवादक पहले अर्थ का चयन कर सकते हैं, या वे अन्य अर्थों में से एक चुन सकते हैं यदि उनके समुदाय के लोग दूसरे बाइबल संस्करण का उपयोग करते हैं और उनका सम्मान करते हैं। + +### अनुवाद नोट्स के उदाहरण + +> परन्तु उनसे बाल की एक छोटी गिनती को लें और उन्हें अपने वस्त्र की छोर में बांध दे। (यहेजकेल 5:3 यूएलबी) + +* **अपने वस्त्र की छोर** - संभावित अर्थ 1) "आपकी बाहों का कपड़ा" ("आपका छोर") (यूडीबी अनुवाद) या 2) "आपके वस्त्र के कपड़े का अन्तिम भाग" ("आपका आँचल ") या 3) परिधान का किनारा जहाँ इसे कमरबन्द के साथ बांधा जाता है। इस नोट में यूएलबी मूलपाठ के बाद आने वाले तीन संभावित अर्थ दिए गए हैं। + +"आपके कपड़ों का छोर" के द्वारा अनुवादित शब्द का अर्थ वस्त्र के ढीले भागों को दर्शाता है। अधिकांश विद्वानों का मानना ​​है कि यह यहाँ किनारे को सन्दर्भित करता है, परन्तु यह नीचे के ढीले भाग को भी दिखा सकता है या कमरबन्द के आस-पास के बीच का किनारा भी हो सकता है। + +> परन्तु शिमौन पतरस, ने जब उसे देखा तो वह, यीशु के घुटनों पर गिर गया (लूका 5:8 यूएलबी) + +* **यीशु के घुटनों पर गिर गया** - संभावित अर्थ 1) "यीशु के सामने घुटने टिका दिए" या 2) "यीशु के पैरों के सामने झुक गया" या 3) "यीशु के चरणों में भूमि पर लेट गया।" + +पतरस दुर्घटनावश नहीं गिरा था। उसने ऐसा यीशु के लिए विनम्रता और सम्मान के संकेत के रूप में किया था। यह नोट बताता है कि "यीशु के घुटनों पर गिरने" का क्या अर्थ हो सकता है। पहला अर्थ सबसे अधिक सही है, परन्तु अन्य अर्थ भी सम्भव हैं। यदि आपकी भाषा में एक ऐसी सामान्य अभिव्यक्ति नहीं है, जिसमें इन तरह के विभिन्न कार्यों को सम्मिलित किया जा सकता है, तो आपको इन संभावनाओं में से एक को चुनने की आवश्यकता हो सकती है, जिसे शिमौन पतरस ने विशेष रूप से वर्णन किया था। यह सोचने में भी सहायतापूर्ण है कि शिमौन पतरस ने ऐसा क्यों किया, और किस तरह की कार्यवाही आपकी संस्कृति में नम्रता और सम्मान के समतुल्य दृष्टिकोण को संचारित करेगी। diff --git a/translate/resources-alterm/sub-title.md b/translate/resources-alterm/sub-title.md new file mode 100644 index 0000000..29c30cc --- /dev/null +++ b/translate/resources-alterm/sub-title.md @@ -0,0 +1,2 @@ +कुछ अनुवाद नोट्स में संख्याबद्ध अनुवाद के सुझाव क्यों होते हैं? + diff --git a/translate/resources-alterm/title.md b/translate/resources-alterm/title.md new file mode 100644 index 0000000..b40bce4 --- /dev/null +++ b/translate/resources-alterm/title.md @@ -0,0 +1,2 @@ +वैकल्पिक अर्थ वाले नोट्स + diff --git a/translate/resources-clarify/01.md b/translate/resources-clarify/01.md new file mode 100644 index 0000000..95dd9ff --- /dev/null +++ b/translate/resources-clarify/01.md @@ -0,0 +1,22 @@ + +### विवरण + +कभी-कभी एक नोट यूडीबी अनुवाद से अनुवाद का सुझाव देता है। उस घटना में यूडीबी के मूलपाठ का पालन दी गई बातों से किया जाएगा “(यूडीबी)।" + +### अनुवाद नोट्स के उदाहरण + +> वह जो आकाश में बैठता है उन पर व्यंग्य कसेगा (भजन 2:4 **यूएलबी**) +> परन्तु वह जो स्वर्ग में अपने सिंहासन पर बैठता है उन पर हँसता है (भजन 2:4 **यूडीबी**) + +इस वचन के लिए नोट यह कहता है कि: + +* **आकाश में बैठता है** - यहाँ बैठना शासन का प्रतिनिधित्व करता है। वह जो बैठता है, इसे स्पष्ट रूप से कहा जा सकता है। वैकल्पिक अनुवाद "स्वर्ग से शासन करता है" या "स्वर्ग में अपने सिंहासन पर बैठता है" (यूडीबी) (देखें: [उपलक्ष्य अलंकार](../figs-metonymy/01.md) और [स्पष्ट]) + +यहाँ 'आकाश में बैठता है' वाक्यांश के लिए सुझाए गए दो अनुवाद हैं। पहला स्पष्ट रूप से व्यक्त करता है कि जो "स्वर्ग में बैठता है" वह क्या दर्शाता है। दूसरा स्पष्ट रूप से बताए गए निर्णयों के विचार के बारे में एक संकेत देता है कि वह अपने "सिंहासन" पर बैठता है। यह सुझाव यूडीबी अनुवाद से है। + +> जब उसने यीशु को देखा, वह अपने मुँह के बल गिर गया . (लूका 5:12 **यूएलबी**) +> जब उसने यीशु को देखा, वह भूमि पर झुक गया . (लूका 5:12 **यूडीबी**) + +इस वचन के लिए नोट यह कहता है कि: + +* ** वह अपने मुँह के बल गिर गया** - "उसने घुटने टेककर अपने मुँह से भूमि को छुआ" या "वह भूमि पर झुक गया" (यूडीबी) यहाँ यूडीबी अनुवाद के शब्दों को एक और अनुवाद के सुझाव के रूप में प्रदान किया गया है। diff --git a/translate/resources-clarify/sub-title.md b/translate/resources-clarify/sub-title.md new file mode 100644 index 0000000..93c7d87 --- /dev/null +++ b/translate/resources-clarify/sub-title.md @@ -0,0 +1,2 @@ +कुछ अनुवाद नोट्स में UDB से उद्धरण चिन्ह क्यों लिए होते हैं? + diff --git a/translate/resources-clarify/title.md b/translate/resources-clarify/title.md new file mode 100644 index 0000000..d45960d --- /dev/null +++ b/translate/resources-clarify/title.md @@ -0,0 +1,2 @@ +UDB के उद्धरण को शामिल करने वाले नोट्स + diff --git a/translate/resources-connect/01.md b/translate/resources-connect/01.md new file mode 100644 index 0000000..70a58a0 --- /dev/null +++ b/translate/resources-connect/01.md @@ -0,0 +1,48 @@ + +### विवरण + +कभी-कभी, नोट्स की सूची के शीर्ष पर, ऐसे नोट्स होते हैं जो **सम्पर्क स्थापित करता हुआ कथन** या **सामान्य जानकारी** से आरम्भ होते हैं। + +एक**सम्पर्क स्थापित करता हुआ कथन** बताता है कि कैसे एक खण्ड पवित्रशास्त्र में पहले के खण्डों से सम्बन्धित है। सम्पर्क स्थापित करते हुए कथन में निम्नलिखित कुछ प्रकारों की जानकारी दी गई है। + +* क्या यह खण्ड आरम्भ, मध्य, या एक सन्दर्भ के अन्त में है +* कौन बोल रहा है +* वक्ता किस से बोल रहा है + +एक**सामान्य जानकारी** वाला नोट उस खण्ड में विषयों के बारे में बताता है, जो एक से अधिक वाक्यांशों को पूरा करते हैं। जानकारी के कुछ प्रकारों निम्नलिखित दिया गया है, जो सामान्य सूचना विवरण में दिखाई देते हैं। + +* व्यक्ति या वस्तु जो सर्वनाम का सन्दर्भ देती हैं +* महत्वपूर्ण पृष्ठभूमि या अन्तर्निहित जानकारी जो खण्ड में मूलपाठ को समझने के लिए आवश्यक है +* तार्किक तर्क और निष्कर्ष + +दोनों प्रकार के नोट आपको सन्दर्भ को सर्वोत्तम रीति से समझने में सहायता करने के लिए हैं और उन विषयों से अवगत रहें, जिन्हें आपको अनुवाद में सम्बोधित करने की आवश्यकता हो सकती है। + +### उदाहरण + +#### क्या यह खण्ड आरम्भ, निरन्तरता या का अन्त सन्दर्भ है + +> 1 यह तब हुआ जब यीशु ने अपने बारह शिष्यों को निर्देश देना समाप्त कर दिया, इसलिए वह वहाँ से निकलकर उनके शहरों में शिक्षा देने और प्रचार करने के लिए निकल गया। 2 अब जब यूहन्ना ने मसीह के कार्यों के बारे में बन्दीगृह में सुना, तो उसने अपने शिष्यों के द्वारा एक सन्देश भेजा 3 और उससे कहा, "क्या तू ही आने वाला हैं, या क्या कोई और व्यक्ति है, जिसे हमें ढूँढना चाहिए? " (मत्ती 11:1-3 यूएलबी) + +* **सामान्य जानकारी**: - यह कहानी के एक नए भाग की आरम्भ है, जहाँ लेखक बताता है कि यीशु ने यूहन्ना बपतिस्मा देने वाले के शिष्यों को कैसी प्रतिक्रिया दी। (देखें: *नई घटना का परिचय*) यह नोट आपको एक कहानी के एक नए भाग की आरम्भ में सचेत करता है और आपको एक ऐसे पृष्ठ का सम्पर्क देता है, जो नई घटनाओं और उनके अनुवाद से सम्बन्धित विषयों के बारे में और अधिक बताता है। + +#### कौन बोल रहा है + +> 17 क्योंकि वह हम में से एक था और इस सेवाकाई के लाभों का उसको भाग प्राप्त हुआ था।” 18 (अब इस व्यक्ति ने अपने बुरे कार्य की कमाई के साथ एक खेत खरीदा। तब वह अपने सिर के बल गिर गया, और उसका शरीर फट गया, और उसके सारी आंतें बाहर निकल गए। 19 यह यरूशलेम में रहने वाले सभी लोगों को ज्ञात हो गया कि खेत को उनकी भाषा हकलदमा, अर्थात्, खून वाला खेत कहा जाता था।) (प्रेरितों 1:17-19 यूएलबी) + +* **सम्पर्क स्थापित करते हुआ कथन:** - पतरस विश्वासियों को अपना सन्देश देता रहता है, जिसे उसने *प्रेरितों 1:16* में आरम्भ किया था। यह नोट आपको बताता है कि यह अभी भी पतरस ही है, जो वचन 17 में बोल रहा है ताकि आप अपनी भाषा में इसे सही तरीके से चिह्नित कर सकें। + +#### व्यक्ति या वस्तु जिसे सर्वनाम यहाँ उद्धृत कर रहा है' + +> 20 और यशायाह बड़े साहस के साथ और कहता है कि, +> "मैं उन लोगों के द्वारा पाया गया जिन्होंने मुझे नहीं खोजा था। +> मैं उन लोगों को दिखाई दिया जिन्होंने मुझे ढूँढा भी नहीं।” +> 21 परन्तु इस्राएल के लिए वह कहता है, "पूरे दिन मैं अपने हाथों को +> एक अनाज्ञाकारी और विरोधी लोगों की ओर फैलाए रहा।” (रोमियों 10:20-21 यूएलबी) + +* **सामान्य जानकारी:** - यहाँ शब्द "मैं," "मुझे," और "मेरा" परमेश्वर को उद्धृत करता है। यह नोट आपको यह बताता है कि सर्वनाम किसको सन्दर्भित करता है। आपको कुछ जोड़ने की आवश्यकता हो सकती है, ताकि पाठकों को पता चले कि यशायाह स्वयं के लिए बात नहीं कर रहा है, परन्तु परमेश्वर ने जो कहा है उसे उद्धृत कर रहा है। + +#### महत्वपूर्ण पृष्ठभूमि या निहित जानकारी + +> 26 अब यहोवा के एक स्वर्गदूत ने फिलिप्पुस से कहा और कहा, "उठ और दक्षिण की ओर यरूशलेम से गाजा तक जाने वाली सड़क पर जा।" (यह सड़क एक रेगिस्तान में है।) 27 वह उठा और चला गया। देखो, इथियोपिया का एक व्यक्ति था, जो इथियोपियाई लोगों की रानी कन्दाके के अधीन बड़े अधिकार को पाए हुए एक अधिकारी था। वह उसके सारे खजाने का प्रभारी था। वह आराधना करने के लिए यरूशलेम आया था। 28 वह अपने रथ में लौट रहा था और बैठा हुआ था, और भविष्यद्वक्ता यशायाह को पढ़ रहा था। (प्रेरितों 8:26-28 यूएलबी) + +* **सामान्य जानकारी:** - यह फिलिप्पुस और इथियोपिया के व्यक्ति के बारे में कहानी की आरम्भ है। वचन 27 इथियोपिया के व्यक्ति के बारे में पृष्ठभूमि की जानकारी देता है। (देखें: *पृष्ठभूमि*) यह नोट आपको कहानी के एक नए भाग के आरम्भ और कुछ पृष्ठभूमि जानकारी के लिए सचेत करता है, ताकि आप इन बातों से अवगत रह सकें और इन बातों को दिखाने के तरीके का अपनी भाषा के तरीकों में उपयोग कर सकें। नोट में पृष्ठभूमि की जानकारी के बारे में पृष्ठ का एक सम्पर्क सम्मिलित है, ताकि आप इस तरह की जानकारी का अनुवाद कैसे करें के बारे में अधिक जान सकें। diff --git a/translate/resources-connect/sub-title.md b/translate/resources-connect/sub-title.md new file mode 100644 index 0000000..170bb66 --- /dev/null +++ b/translate/resources-connect/sub-title.md @@ -0,0 +1,2 @@ +कुछ अनुवाद नोट्स की शुरूआत में ULB के लेख होते ही क्यों नही हैं? + diff --git a/translate/resources-connect/title.md b/translate/resources-connect/title.md new file mode 100644 index 0000000..9e889fa --- /dev/null +++ b/translate/resources-connect/title.md @@ -0,0 +1,2 @@ +नोट्स में जोड़ने वाले कथन एवं आम सूचनाएँ + diff --git a/translate/resources-def/01.md b/translate/resources-def/01.md new file mode 100644 index 0000000..1c9adf4 --- /dev/null +++ b/translate/resources-def/01.md @@ -0,0 +1,27 @@ + +### विवरण + +कभी-कभी आप नहीं जानते कि यूएलबी अनुवाद में क्या शब्द हैं। नोट्स में शब्द या वाक्यांश की एक परिभाषा या वर्णन हो सकता है, ताकि आपको यह समझने में सहायता मिल सके कि इसका क्या अर्थ है। + +### अनुवाद नोट्स के उदाहरण + +शब्दों या वाक्यांशों की सरल परिभाषा उद्धरणों या वाक्य प्रारूप के बिना जोड़ दी जाती है। यहाँ उदाहरण दिए गए हैं: + +> यह बाजार में खेलने वाले बच्चों की तरह है, जो बैठते और एक-दूसरे को पुकारते और कहते हैं, "हमने तुम्हारे लिए बाँसुरी बजाई है।" (मत्ती 11:16-17 यूएलबी) + +* **बाजार** - एक बड़ा, खुला हवा वाला क्षेत्र होता है, जहाँ लोग अपने सामान बेचने के लिए आते हैं +* ** बाँसुरी** - एक लम्बा, खोखला संगीत वाद्य यंत्र होता है, जिसे ऊपर से लेकर नीचे तक हवा भरते हुए बजाया जाता है + +> जो लोग वैभवशाली कपड़ों को पहनते और विलासिता में रहते हैं, वे राजाओं के महलों (लूका 7:25 यूएलबी) में रहते हैं + +* **राजाओं के महलों** - एक बड़ा, महंगा घर जिसमें एक राजा रहता है + +### अनुवाद के सिद्धान्त + +* यदि सम्भव हो तो उन शब्दों का प्रयोग करें जो आपकी भाषा में पहले से ही हैं। +* यदि सम्भव हो तो अभिव्यक्तियों को कम रखें। +* परमेश्वर के आदेशों और ऐतिहासिक तथ्यों का सटीकता से प्रतिनिधित्व करते हैं। + +### अनुवाद की रणनीतियाँ + +उन शब्दों या वाक्यांशों का अनुवाद करने के बारे में अधिक जानकारी के लिए [अज्ञात का अनुवाद करें](../translate-unknown/01.md) देखें जो आपकी भाषा में ज्ञात नहीं हैं। diff --git a/translate/resources-def/sub-title.md b/translate/resources-def/sub-title.md new file mode 100644 index 0000000..d14a93c --- /dev/null +++ b/translate/resources-def/sub-title.md @@ -0,0 +1,2 @@ +जब मैं लेख में परिभाषा को देखता हूँ तो मैं उसे अनुवाद करने का क्या निर्णय लूँ? + diff --git a/translate/resources-def/title.md b/translate/resources-def/title.md new file mode 100644 index 0000000..78ec005 --- /dev/null +++ b/translate/resources-def/title.md @@ -0,0 +1,2 @@ +परिभाषा के साथ नोट्स + diff --git a/translate/resources-eplain/01.md b/translate/resources-eplain/01.md new file mode 100644 index 0000000..e7a42b4 --- /dev/null +++ b/translate/resources-eplain/01.md @@ -0,0 +1,20 @@ + +#### विवरण + +कभी-कभी आप नहीं जानते कि यूएलबी अनुवाद में किसी शब्द या वाक्यांश का क्या अर्थ है, और इसका उपयोग यूडीबी अनुवाद में भी किया जा सकता है। इस घटना में, यह नोट्स में समझाया जाएगा। ये स्पष्टीकरण शब्द या वाक्यांश को समझने में आपकी सहायता के लिए हैं। अपनी बाइबल में स्पष्टीकरणों का अनुवाद न करें। अर्थ को समझने में आपकी सहायता के लिए उनका उपयोग करें ताकि आप बाइबल के मूलपाठ का सही अनुवाद कर सकें। + +### अनुवाद नोट्स के उदाहरण + +शब्दों या वाक्यांशों के बारे में सरल स्पष्टीकरण पूर्ण वाक्यों के रूप में लिखा जाता है। वे बड़े अक्षरों से आरम्भ होते हैं और एक विराम ("।") के साथ समाप्त होते हैं। + +> मछुआरे उनसे निकल गए थे और अपने जाल को धो रहे थे . (लूका 5:2 यूएलबी) + +* **अपने जाल धो रहे थे** - वे मछली पकड़ने के लिए पुन: उनका उपयोग करने के लिए अपने मछली पकड़ने वाले जाल की सफाई कर रहे थे। यदि आपको पता नहीं था कि मछुआरों ने मछली पकड़ने के लिए जाल का उपयोग किया था, तो आप सोच सकते हैं कि मछुआरे अपने जाल की सफाई क्यों कर रहे थे। यह स्पष्टीकरण आपको "धोने" और "जाल" के लिए अच्छे शब्दों को चुनने में सहायता दे सकता है। + +> उन्होंने अन्य नावों में सवार अपने साथियों को संकेतदिया (लूका 5:7 यूएलबी) + +* **गति** - वे तट से पुकारने के लिए बहुत दूर थे, इसलिए उन्होंने संकेत दिया, कदाचित् अपनी बाहों को लहराते हुए ऐसा किया। यह नोट आपको यह समझने में सहायता कर सकता है कि लोग किस प्रकार की संकेत बनाते हैं। यह एक संकेत था जिसे लोग दूरी से देखने में सक्षम रहे होंगे। यह आपको "संकेत" के लिए एक अच्छा शब्द या वाक्यांश चुनने में सहायता करेगा। + +> वह पवित्र आत्मा से भरा होगा, यहाँ तक कि जब वह अभी अपनी माता के गर्भ में ही होगा. (लूका 1:14 यूएलबी) + +* **यहाँ तक कि अपनी माता के गर्भ में** - शब्द "यहाँ तक कि" यहाँ इंगित करता है कि यह विशेष रूप से आश्चर्यजनक समाचार है। लोग पहले पवित्र आत्मा से भरे हुए थे, परन्तु किसी ने भी एक अज्ञात बच्चे को पवित्र आत्मा से भरने के बारे में नहीं सुना था। यह नोट आपको यह समझने में सहायता कर सकता है कि इस वाक्य में "यहाँ तक कि" शब्द का अर्थ क्या है, ताकि आप यह दिखाने का एक तरीका खोज सकें कि यह कितना अधिक आश्चर्यजनक था। diff --git a/translate/resources-eplain/sub-title.md b/translate/resources-eplain/sub-title.md new file mode 100644 index 0000000..7c9f486 --- /dev/null +++ b/translate/resources-eplain/sub-title.md @@ -0,0 +1,2 @@ +जब मैं लेख में एक वर्णन देखूँ तो मैं उसे अनुवाद करने का क्या निर्णय लूँ? + diff --git a/translate/resources-eplain/title.md b/translate/resources-eplain/title.md new file mode 100644 index 0000000..d767126 --- /dev/null +++ b/translate/resources-eplain/title.md @@ -0,0 +1,2 @@ +वर्णन करने वाले नोट्स + diff --git a/translate/resources-fofs/01.md b/translate/resources-fofs/01.md new file mode 100644 index 0000000..6b9586d --- /dev/null +++ b/translate/resources-fofs/01.md @@ -0,0 +1,20 @@ + +### विवरण + +अंलकार उन बातों को कहने के तरीके होते हैं, जो गैर-शाब्दिक तरीकों से शब्दों का उपयोग करते हैं। अर्थात्, अंलकार का अर्थ अपने शब्दों के अधिक प्रत्यक्ष अर्थ के समतुल्य नहीं होता है। अंलकार भिन्न प्रकारों के होते हैं। अनुवाद नोट्स में विद्यमान अंलकार के अर्थ के बारे में एक स्पष्टीकरण होगा, जो कि सन्दर्भ में है। कभी-कभी वैकल्पिक अनुवाद प्रदान किया जाता है। + +इसे "एटी" के रूप में चिह्नित किया गया है, जो "वैकल्पिक अनुवाद" शब्दों के आरम्भिक अक्षर हैं। ट्रैन्स्लेशनअकैडमी (टीए) के एक पृष्ठ का एक सम्पर्क भी होगा, जो उस तरह के अंलकार के लिए अतिरिक्त जानकारी और अनुवाद रणनीतियों को प्रदान करता है। अर्थ का अनुवाद करने के लिए, आपको अंलकार को पहचानने और स्रोत भाषा में इसका अर्थ क्या है, का पता लगाने में सक्षम होना चाहिए। तत्पश्चात् आप लक्षित भाषा में वही अर्थ संचारित करने के लिए या तो अंलकार को या प्रत्यक्ष तरीके को चुन सकते हैं। + +### अनुवाद नोट्स के उदाहरण + +> कई लोग मेरे नाम पर आएंगे और कहेंगे, 'मैं वह हूँ,' और वे कईयों को भटक देंगे। (मरकुस 13:6 यूएलबी) + +* **मेरे नाम में** - इसके संभावित अर्थ 1) वैकल्पिक अनुवाद "मेरे अधिकार का दावा करेंगे" या 2) "यह दावा करेंगे कि परमेश्वर ने उन्हें भेजा है।" (देखें: [उपलक्ष्य अलंकार](../figs-metonymy/01.md) और [मुहावरे]) + +इस नोट में अंलकार को उपलक्ष्य अलंकार कहा जाता है। "मेरे नाम में" वाक्यांश वक्ता के नाम (यीशु) को नहीं, अपितु उसके व्यक्तित्व और अधिकार को सन्दर्भित करता है। नोट दो वैकल्पिक अनुवादों को देकर इस सन्दर्भ में उपलक्ष्य अलंकार को बताता है। उसके बाद, उपलक्ष्य अलंकार के बारे में टीए पृष्ठ पर एक सम्पर्क दिया गया है। उपलक्ष्य अलंकारों को अनुवाद करने के लिए उपलक्ष्य अलंकार और सामान्य रणनीतियों के बारे में जानने के लिए सम्पर्क पर क्लिक करें। क्योंकि यह वाक्यांश भी एक सामान्य मुहावरा है, नोट में टीए पृष्ठ का एक सम्पर्क सम्मिलित है जो मुहावरे को बताता है। + +> " हे सांपो की सन्तान ! आने वाले क्रोध से भागने के लिए तुम्हें किसने चेतावनी दी? (लूका 3:7 यूएलबी) + +* **हे सांपो की सन्तान** - इस रूपक में, यूहन्ना भीड़ की तुलना सांपों से करता है, जो घातक या खतरनाक सांप होते थे और बुराई का प्रतिनिधित्व करते हैं। वैकल्पिक अनुवाद: "तुम बुरे जहरीले सांप हो" या "लोगों को तुम से दूर रहना चाहिए जैसे वे जहरीले सांपों से बचते हैं" (देखें: [रूपक](../figs-idiom/01.md)) + +इस नोट में अंलकार को रूपक कहा जाता है। नोट रूपक को समझाता है और दो वैकल्पिक अनुवादों को प्रदान करता है। उसके बाद, रूपकों के बारे में टीए पृष्ठ पर एक सम्पर्क दिया गया है। अनुवादकों के लिए रूपकों और सामान्य रणनीतियों के बारे में जानने के लिए सम्पर्क पर क्लिक करें। diff --git a/translate/resources-fofs/sub-title.md b/translate/resources-fofs/sub-title.md new file mode 100644 index 0000000..2b6a7fb --- /dev/null +++ b/translate/resources-fofs/sub-title.md @@ -0,0 +1,2 @@ +कैसे पता लगेगा कि अनुवाद नोट्स अलंकार है या नही? + diff --git a/translate/resources-fofs/title.md b/translate/resources-fofs/title.md new file mode 100644 index 0000000..0856b4f --- /dev/null +++ b/translate/resources-fofs/title.md @@ -0,0 +1,2 @@ +अलंकार के शब्दों को पहचानने वाले नोट्स + diff --git a/translate/resources-iordquote/01.md b/translate/resources-iordquote/01.md new file mode 100644 index 0000000..8351ac0 --- /dev/null +++ b/translate/resources-iordquote/01.md @@ -0,0 +1,20 @@ + +### विवरण + +दो प्रकार के उद्धरण: प्रत्यक्ष उद्धरण और अप्रत्यक्ष उद्धरण होते हैं। उद्धरण का अनुवाद करते समय, अनुवादकों को यह निर्धारित करने की आवश्यकता होती है कि इसे प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष उद्धरण के रूप में अनुवाद करना है या नहीं। (देखें: [प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष उद्धरण](../figs-quotations/01.md)) + +जब यूएलबी अनुवाद में प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष उद्धरण आता है, तो नोट्स के पास अन्य प्रकार के उद्धरण के रूप में अनुवाद करने का विकल्प हो सकता है। अनुवाद सुझाव "प्रत्यक्ष उद्धरण के रूप में अनुवादित किया जा सकता है:" या "इसे अप्रत्यक्ष उद्धरण के रूप में अनुवादित किया जा सकता है:" और इसके बाद उस तरह के उद्धरण के साथ इसका सुझाव दिया जा सकता है। इसके बाद "प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष उद्धरण" नामक सूचना पृष्ठ का एक सम्पर्क होगा, जो दोनों प्रकार के उद्धरणों की व्याख्या करता है। प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष उद्धरणों के बारे में एक नोट हो सकता है, जब उद्धरण के भीतर एक और उद्धरण होता है, क्योंकि ये भ्रम उत्पन्न कर सकते हैं। कुछ भाषाओं में इन उद्धरणों में से एक को प्रत्यक्ष उद्धरण और दूसरे को अप्रत्यक्ष उद्धरण के साथ अनुवाद करना अधिक स्वाभाविक हो सकता है। नोट "[उद्धरणों के भीतर उद्धरण](../figs-quotesinquotes/01.md) नामक सूचना पृष्ठ एक सम्पर्क के साथ समाप्त होगा।" + +### अनुवाद नोट्स के उदाहरण + +> उसने उसे निर्देश दिया कि किसी को न बताए (लूका 5:14 यूएलबी) + +* **किसी को न बताए** - इसका अनुवाद प्रत्यक्ष उद्धरण के रूप में किया जा सकता है: "किसी को मत बताओ" निहित जानकारी है, जिसे स्पष्ट रूप से कहा जा सकता है (एटी): "किसी को भी यह न बताएँ कि तू ठीक हो गया हैं" (देखें: [प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष उद्धरण](../figs-quotations/01.md) और [पदलोप]) + +यहाँ अनुवाद नोट दिखाता है कि अप्रत्यक्ष उद्धरण को प्रत्यक्ष उद्धरण में कैसे परिवर्तित किया जाए, यदि यह लक्षित भाषा में स्पष्ट या अधिक स्वभाविक होते हैं। + +> कटनी के समय मैं काटने वालों से कहूँगा, "पहले खरबूजे खींचें और उन्हें जलाने के लिए बंडलों में बांधें, परन्तु गेहूं को मेरे बर्न में इकट्ठा करें ." (मत्ती 13:30 यूएलबी) + +* **मैं काटने वालों से कहूँगा, "सबसे पहले खरपतवार को निकालें और उन्हें जलाने के लिए गाँठों में बांधें, परन्तु गेहूं को मेरे खत्तों में इकट्ठा करें"** - आप इसे अप्रत्यक्ष उद्धरण के रूप में अनुवाद कर सकते हैं: "मैं सबसे पहले खरपतवार इकट्ठा करने के लिए काटनेवालों को बता दूँगा और उन्हें जलाने के लिए गाँठों में बांध दूँगा, फिर गेहूं को मेरे खत्तों में इकट्ठा करूँगा।" (देखें: [प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष उद्धरण](../figs-ellipsis/01.md)) + +यहाँ अनुवाद नोट दिखाता है कि प्रत्यक्ष उद्धरण को अप्रत्यक्ष उद्धरण में कैसे परिवर्तित किया जाए, यदि यह लक्षित भाषा में स्पष्ट या अधिक स्वभाविक होता हैं। diff --git a/translate/resources-iordquote/sub-title.md b/translate/resources-iordquote/sub-title.md new file mode 100644 index 0000000..8a08d7c --- /dev/null +++ b/translate/resources-iordquote/sub-title.md @@ -0,0 +1,2 @@ +अनुवाद नोट्स की मदद से मैं प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष संबोधक चिन्हों का अनुवाद कैसे कर सकता हूँ? + diff --git a/translate/resources-iordquote/title.md b/translate/resources-iordquote/title.md new file mode 100644 index 0000000..3524f5f --- /dev/null +++ b/translate/resources-iordquote/title.md @@ -0,0 +1,2 @@ +प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष उद्धरणों को पहचानने वाले नोट्स + diff --git a/translate/resources-links/01.md b/translate/resources-links/01.md new file mode 100644 index 0000000..f987005 --- /dev/null +++ b/translate/resources-links/01.md @@ -0,0 +1,34 @@ + +अनुवाद नोट्स में दो प्रकार के लिंक अर्थात् सम्पर्क होते हैं: एक सम्पर्क ट्रैन्स्लेशनअकैडमी विषय पृष्ठ के लिए और दूसरा उसी पुस्तक के भीतर दोहराए गए शब्दों या वाक्यांशों से सम्पर्क स्थापित करने के लिए। + +### ट्रैन्स्लेशनअकैडमी के विषय + +ट्रैन्स्लेशनअकैडमी विषयों का उद्देश्य बाइबल को अपनी भाषा में अनुवाद करने के तरीके के बारे में जानने के लिए हर किसी को, कहीं भी सक्षम करना है। वे वेबसाइट और ऑफ़लाइन मोबाइल वीडियो प्रारूपों में समय-समय पर सीखने के लिए अत्यधिक लचीला होने की मंशा रखते हैं। + +प्रत्येक अनुवाद नोट यूएलबी अनुवाद से एक वाक्यांश का अनुसरण करता है और उस वाक्यांश का अनुवाद करने के तरीके पर तत्काल सहायता प्रदान करेगा। कभी-कभी सुझाए गए अनुवाद के अन्त में कोष्ठक में एक कथन होगा, जो ऐसा दिखाई दे सकता है: (देखें: *रूपक*)। + +हरे रंग में दिए गए शब्दों या शब्द ट्रैन्स्लेशनअकैडमी के एक विषय के लिए एक लिंक हैं। विषय के बारे में अधिक जानने के लिए आप सम्पर्क पर क्लिक कर सकते हैं। ट्रैन्स्लेशनअकैडमी विषय जानकारी को पढ़ने के कई कारण हैं: + +* विषय के बारे में सीखने से अनुवादक को अधिक सटीक अनुवाद करने में सहायता मिलेगी। +* विषयों को अनुवाद करने के सिद्धान्तों और रणनीतियों की मूलभूत समझ प्रदान करने के लिए चुना गया है। + +#### उदाहरण + +* **साझ और सुबह** - यह पूरे दिन को सन्दर्भित करता है। दिन के दो भागों का उपयोग पूरे दिन के सन्दर्भ में किया जाता है। यहूदी संस्कृति में, सूर्य अस्त होने पर एक दिन आरम्भ होता है। (देखें: *विभाज्यवाद*) +* **चलना** - "आज्ञा पालन करना" (देखें: *रूपक*) +* **उसे बता दिया** - "इसे संचारित किया" (देखें: *मुहावरा*) + +### एक पुस्तक में दोहराए गए वाक्यांश + +कभी-कभी एक पुस्तक में एक वाक्यांश का प्रयोग कई बार किया जाता है। जब ऐसा होता है, तो अनुवाद नोट्स-हरे अध्याय और वचन की सँख्याओं में एक लिंक होगा जिस पर आप क्लिक कर सकते हैं-जो आपको उस वाक्यांश पर वापस ले जाएगा, जहाँ आपने सबसे पहले उस वाक्यांश का अनुवाद किया है। ऐसे कई कारण हैं, जिनसे आप उस स्थान पर वापस जाना चाहेंगे, जहाँ शब्द या वाक्यांश का सबसे पहले अनुवाद किया गया था: + +* इससे आपको इस वाक्यांश का अनुवाद करना आसान हो जाएगा क्योंकि यह आपको स्मरण दिलाएगा कि आपने इसे पहले कैसे अनुवाद किया था। +* यह आपके अनुवाद को शीघ्रता से और अधिक सुसंगत बनाएगा क्योंकि आपको हर बार उसी वाक्यांश का अनुवाद करने के लिए स्मरण दिलाया जाएगा। यदि किसी एक अनुवाद के लिए आपने पहले ही किसी वाक्यांश का उपयोग किया है जो एक नए सन्दर्भ के लिए उपयुक्त नहीं है, तो आपको इसका अनुवाद करने के लिए एक नया तरीका सोचना होगा। इस घटना में, आपको इसका ध्यान रखना चाहिए और अनुवाद समूह में दूसरों के साथ चर्चा करनी चाहिए। + +ये लिंक आपको उस पुस्तक में केवल नोट्स पर ले जाएंगे जिन पर आप काम कर रहे हैं। + +#### उदाहरण + +* **फलदायी हो और भर जा** - देखें कि उत्पत्ति 1:28 में आपने इन आदेशों का अनुवाद कैसे किया है। +* **भूमि पर रेंगने वाला हर एक जीव** - इसमें सभी प्रकार के छोटे जानवर सम्मिलित हैं। देखें उत्पत्ति 1:25 में आपने इसका अनुवाद कैसे किया है। +* **उसमें उसे आशीष मिलेगी** - वैकल्पिक अनुवाद "अब्राहम के कारण आशीष दी जाएगा" या "आशीष को दिया जाएगा क्योंकि मैंने अब्राहम को आशीष दिया है।" शब्द "उसमें" का अनुवाद करने के लिए, देखें कि आपने उत्पत्ति 12:3 में "तेरे द्वारा" का अनुवाद कैसे किया है। diff --git a/translate/resources-links/sub-title.md b/translate/resources-links/sub-title.md new file mode 100644 index 0000000..4ead386 --- /dev/null +++ b/translate/resources-links/sub-title.md @@ -0,0 +1,2 @@ +मैं अनुवाद नोट्स का उपयोग क्यों करूँ? + diff --git a/translate/resources-links/title.md b/translate/resources-links/title.md new file mode 100644 index 0000000..1354343 --- /dev/null +++ b/translate/resources-links/title.md @@ -0,0 +1,2 @@ +लिंक्स के साथ नोट्स + diff --git a/translate/resources-long/01.md b/translate/resources-long/01.md new file mode 100644 index 0000000..fabd1cf --- /dev/null +++ b/translate/resources-long/01.md @@ -0,0 +1,17 @@ + +### विवरण + +कभी-कभी एक वाक्यांश के लिए नोट्स होते हं और उस वाक्यांश के अंशों के लिए भिन्न नोट्स होते हैं। इस स्थिति में, बड़े वाक्यांश की पहले, और तत्पश्चात् अंश की व्याख्या की जाती है। + +### अनुवाद नोट्स के उदाहरण + +> परन्तु यह तेरी कठोरता और अपश्चातापी मन की सीमा तक है कि तू अपने लिए क्रोध के दिन के लिए क्रोध को इक्ट्ठा कर रहा है (रोमियों 2:5 यूएलबी) + +* **परन्तु यह तेरी कठोरता और अपश्चातापी मन की सीमा तक है** - पौलुस एक ऐसे व्यक्ति की तुलना करने के लिए एक रूपक का उपयोग करता है जो परमेश्वर की आज्ञा को पत्थर के जैसे कठोर मानते हुए पालन करने से इन्कार कर देता है। वह पूरे व्यक्ति का प्रतिनिधित्व करने के लिए "मन" के लिए उपलक्ष्य अंलकार का भी उपयोग करता है। + +वैकल्पिक अनुवाद + +"ऐसा इसलिए है, क्योंकि तू सुनने और पश्चाताप करने से इन्कार करता है" (देखें: [रूपक](../figs-metaphor/01.md) और [उपलक्ष्य अलंकार]) + +* **कठोरता और अपश्चातापी मन** - वाक्यांश "अपश्चातापी मन" शब्द "कठोरता" की व्याख्या करता है (देखें: [दोहराव](../figs-metonymy/01.md)] इस उदाहरण में पहला नोट रूपक और उपलक्ष्य अलंकार की व्याख्या करता है, और दूसरा उसी सन्दर्भ में दोहराव को बताता है। + diff --git a/translate/resources-long/sub-title.md b/translate/resources-long/sub-title.md new file mode 100644 index 0000000..3b490e6 --- /dev/null +++ b/translate/resources-long/sub-title.md @@ -0,0 +1,2 @@ +कुछ अनुवाद नोट्स पिछले लेख को दोहराते हूए क्यों प्रतीत होते हैं? + diff --git a/translate/resources-long/title.md b/translate/resources-long/title.md new file mode 100644 index 0000000..dfbfcbf --- /dev/null +++ b/translate/resources-long/title.md @@ -0,0 +1,2 @@ +ULB कथनों के साथ नोट्स + diff --git a/translate/resources-porp/01.md b/translate/resources-porp/01.md new file mode 100644 index 0000000..de45013 --- /dev/null +++ b/translate/resources-porp/01.md @@ -0,0 +1,26 @@ + +### विवरण + +कभी-कभी बाइबल के विद्वान निश्चित रूप से नहीं जानते हैं, या इस बात पर सहमत नहीं होते हैं, बाइबल में एक विशेष वाक्यांश या वाक्य का क्या अर्थ है। + +इसके कुछ कारणों में निम्न बातें सम्मिलित हैं: + +1. प्राचीन बाइबल के मूलपाठों में थोड़ा सी भिन्नताएँ हैं। +1. एक शब्द के एक से अधिक अर्थ या उपयोग हो सकते हैं। +1. यह स्पष्ट नहीं हो सकता है कि एक शब्द (जैसे सर्वनाम) किसी विशेष वाक्यांश में क्या सन्दर्भित करता है। + +### अनुवाद नोट्स के उदाहरण + +जब कई विद्वान कहते हैं कि एक शब्द या वाक्यांश का अर्थ एक ही बात है, और कई अन्य कहते हैं कि इसका अर्थ अन्य बातों से हैं, तो हम सबसे सामान्य अर्थ को दिखाते हैं, जिसे वे देते हैं। ऐसी परिस्थितियों में हमारे नोट "संभावित अर्थ हैं" के साथ आरम्भ होते हैं और फिर **क्रमांकित सूची** को प्रदान करते हैं। + +हम अनुशंसा करते हैं कि आप दिए गए पहले अर्थ का उपयोग करें। यद्यपि, यदि आपके समुदाय के लोगों के पास किसी अन्य बाइबल तक पहुँच है, जो किसी अन्य संभावित अर्थों में से किसी एक का उपयोग करती है, तो आप यह निर्धारित कर सकते हैं कि क्या उस अर्थ का उपयोग करना सर्वोत्तम तरीका है। + +> परन्तु शमौन पतरस, ने जब उसे देखा तो, यीशु के घुटनों पर गिर गया यह कहते हुए कि, "मुझ से दूर जा, क्योंकि हे प्रभु, मैं एक पापी मनुष्य हूँ।" (लूका 5:8 यूएलबी) + +* **यीशु के घुटनों पर गिर गया** - संभावित अर्थ 1) "यीशु के सामने घुटने टिका दिए" या 2) "यीशु के पैरों के सामने झुक गया" या 3) "यीशु के चरणों में भूमि पर लेट गया।" पतरस दुर्घटनावश नहीं गिरा था। उसने ऐसा यीशु के लिए विनम्रता और सम्मान के संकेत के रूप में किया था। + +### अनुवाद की रणनीतियाँ + +1. इसे इस तरह से अनुवाद करें कि पाठक इसके अर्थ को एक संभावना के रूप में समझ सके। +1. यदि आपकी भाषा में ऐसा करना सम्भव नहीं है, तो एक अर्थ चुनें और उस अर्थ के साथ इसका अनुवाद करें। +1. यदि किसी अर्थ को न चुनना पाठकों के लिए सामान्य रूप से समझने में कठिनाई को उत्पन्न करेगा, तो एक अर्थ चुनें और उस अर्थ के साथ इसका अनुवाद करें। diff --git a/translate/resources-porp/sub-title.md b/translate/resources-porp/sub-title.md new file mode 100644 index 0000000..9916f53 --- /dev/null +++ b/translate/resources-porp/sub-title.md @@ -0,0 +1,2 @@ +जब मैं लेख में ‘‘संभव’ शब्द को देखता हूँ तो मैं उसे अनुवाद करने का क्या निर्णय लूँ? + diff --git a/translate/resources-porp/title.md b/translate/resources-porp/title.md new file mode 100644 index 0000000..a60e7e9 --- /dev/null +++ b/translate/resources-porp/title.md @@ -0,0 +1,2 @@ +संभावित अथोर्ं के साथ नोट्स + diff --git a/translate/resources-questions/01.md b/translate/resources-questions/01.md new file mode 100644 index 0000000..3bd7455 --- /dev/null +++ b/translate/resources-questions/01.md @@ -0,0 +1,29 @@ + +यह अनुवादक का कर्तव्य है, कि अपनी सर्वोत्तम योग्यता के अनुसार, यह सुनिश्चित करे कि प्रत्येक बाइबल सन्दर्भ जिस का वह अनुवाद करता है, उसका अर्थ वही है, जैसा उस सन्दर्भ के लेखक ने उसे संचारित करने का मंशा से लिखा था। + +ऐसा करने के लिए, अनुवाद के सहायता की आवश्यकता होगी, जिसे अनुवाद प्रश्नों सहित बाइबल के विद्वानों के द्वारा तैयार किया गया है। + +अनुवाद प्रश्न (टीक्यू) यूएलबी अनुवाद के मूलपाठ के ऊपर आधारित हैं, परन्तु इनका उपयोग किसी भी बाइबल अनुवाद की जाँच के लिए किया जा सकता है। + +वे बाइबल की विषय वस्तु के बारे में प्रश्न पूछते हैं, जिसे परिवर्तित नहीं किया जाना चाहिए क्योंकि ये भिन्न भाषाओं में अनुवादित की गई है। प्रत्येक प्रश्न के साथ, टीक्यू उस प्रश्न के लिए एक सुझाए गए उत्तर को प्रदान करता है। + +आप अपने अनुवाद की सटीकता की जाँच करने के लिए प्रश्नों और उत्तरों की इन सूचियों का उपयोग कर सकते हैं, और आप उन्हें भाषा समुदाय के सदस्यों के साथ भी उपयोग कर सकते हैं। सामुदायिक जाँच के दौरान टीक्यू का उपयोग करने से अनुवादक को यह पता चल जाएगा कि लक्षित भाषा अनुवाद सही बात को स्पष्ट रूप से संचारित कर रहा है या नहीं। यदि समुदाय के सदस्य बाइबल के अध्याय के अनुवाद को सुनने के बाद प्रश्नों का सही उत्तर देते हैं, तो अनुवाद स्पष्ट और सटीक है। + +#### टीक्यू के साथ अनुवाद को जाँचना + +स्व-जाँच करते समय टीक्यू का उपयोग करने के लिए, इन चरणों का पालन करें: + +1. बाइबल के एक सन्दर्भ, या अध्याय का अनुवाद करें। +1. "प्रश्न" नामक खण्ड को देखें। +1. उस सन्दर्भ के लिए प्रश्न प्रविष्टि को पढ़ें। +1. अनुवाद से उत्तर के बारे में सोचो। जो कुछ आप अन्य बाइबल अनुवादों से जानते हैं, उससे उत्तर न देने का प्रयास करें। +1. उत्तर प्रदर्शित करने के लिए प्रश्न पर क्लिक करें। +1. यदि आपका उत्तर सही है, तो आपने एक अच्छा अनुवाद किया है। परन्तु स्मरण रखें, आपको अभी भी भाषा समुदाय के साथ अनुवाद की परीक्षा करने की आवश्यकता, यह देखने के लिए कि क्या यह दूसरों को समतुल्य अर्थ संचारित करता है। समुदायिक जाँच के लिए टीक्यू का उपयोग करने के लिए, इन चरणों का पालन करें: + +1. समुदाय के एक या अधिक सदस्यों को बाइबल के अध्याय के नए पूर्ण अनुवाद को पढ़कर कर सुनाएँ। +1. श्रोताओं को केवल इस अनुवाद के प्रश्नों का उत्तर देने के लिए कहें और बाइबल के अन्य अनुवादों से वे जो कुछ जानते हैं, उसका उपयोग न करें। यह लोगों की नहीं, अनुवाद की परीक्षा है। यही वह कारण है कि क्यों उन लोगों के साथ अनुवाद की जाँच करना जो बाइबल को अच्छी तरह से नहीं जानते हैं, बहुत अधिक उपयोगी है। +1. “प्रश्न” नामक खण्ड को देखें। +1. उस अध्याय के लिए पहली प्रश्न प्रविष्टि को पढ़ें। +1. समुदाय के सदस्यों से प्रश्न का उत्तर देने के लिए कहें। केवल अनुवाद से ही उत्तर के बारे में सोचने के लिए उन्हें स्मरण दिलाएँ। +1. उत्तर को प्रदर्शित करने के लिए प्रश्न पर क्लिक करें। यदि समुदाय के सदस्य का उत्तर प्रदर्शित उत्तर के जैसा ही है, तो अनुवाद सही बात को स्पष्ट रूप से संचारित कर रहा है। यदि व्यक्ति प्रश्न का उत्तर नहीं दे सकता है या उत्तर गलत बताता है, तो अनुवाद अच्छी तरह से संचारित नहीं हो रहा है और इसे परिवर्तित करने की आवश्यकता हो सकती है। +1. अध्याय को शेष प्रश्नों के साथ आगे बढ़ाएँ। diff --git a/translate/resources-questions/sub-title.md b/translate/resources-questions/sub-title.md new file mode 100644 index 0000000..f61c7e7 --- /dev/null +++ b/translate/resources-questions/sub-title.md @@ -0,0 +1,2 @@ +अनुवाद प्रश्न की मदद से मैं अपने अनुवाद को बेहतर कैसे बना सकता हूँ? + diff --git a/translate/resources-questions/title.md b/translate/resources-questions/title.md new file mode 100644 index 0000000..a80e386 --- /dev/null +++ b/translate/resources-questions/title.md @@ -0,0 +1,2 @@ +अनुवद प्रश्नों का उपयोग + diff --git a/translate/resources-synequi/01.md b/translate/resources-synequi/01.md new file mode 100644 index 0000000..1653e06 --- /dev/null +++ b/translate/resources-synequi/01.md @@ -0,0 +1,18 @@ + +### विवरण + +कुछ नोट्स एक अनुवाद सुझाव को प्रदान करते हैं, जो यूएलबी अनुवाद में उद्धृत शब्द या वाक्यांश को प्रतिस्थापित कर सकता है। ये प्रतिस्थापन वाक्य के अर्थ को परिवर्तित किए बिना वाक्य में उपयुक्त हो सकते हैं। ये समानार्थी और समकक्ष वाक्यांश हैं और दोहरे-उद्धरणों में लिखे गए हैं। ये यूएलबी अनुवाद में दिए गए मूलपाठ के जैसे ही हैं। इस तरह का नोट आपको एक ही बात कहने के अन्य तरीकों के बारे में सोचने में सहायता कर सकता है, यदि यूएलबी अनुवाद में शब्द या वाक्यांश आपकी भाषा में स्वभाविक समतुल्यता को देता हुआ प्रतीत नहीं होता है। + +### अनुवाद नोट्स के उदाहरण + +> प्रभु के पथ को तैयार करें, (लूका 3:4 यूएलबी) + +* **पथ** - "मार्ग" या "सड़क" + +इस उदाहरण में, शब्द "सड़क" या शब्द "मार्ग" यूएलबी अनुवाद में "पथ" शब्द को प्रतिस्थापित कर सकती है। आप निर्धारित कर सकते हैं कि आपकी भाषा में "मार्ग," "पथ" या "सड़क" कहना स्वाभाविक है या नहीं। + +> डीकन, वैसे ही , दो-मुँहे नहीं, अपितु सम्मानित होने चाहिए। (1 तीमुथियुस 3:8 यूएलबी) + +* **डीकन, वैसे ही** - "उसी तरह, डीकन" या "डीकन, पर्यवेक्षकों की तरह" + +इस उदाहरण में, "उसी तरह, डीकन" या "डीकन, पर्यवेक्षकों की तरह" शब्द यूएलबी में "डीकन, वैसे ही" शब्दों को प्रतिस्थापित कर सकते हैं। आप, अनुवादक के रूप में, यह निर्धारित कर सकते हैं कि आपकी भाषा के लिए स्वभाविक क्या है। diff --git a/translate/resources-synequi/sub-title.md b/translate/resources-synequi/sub-title.md new file mode 100644 index 0000000..48f264b --- /dev/null +++ b/translate/resources-synequi/sub-title.md @@ -0,0 +1,2 @@ +जब मैं लेख में शब्दों को दो संबोधक चिन्हों में देखता हूँ तो मैं उसे अनुवाद करने का क्या निर्णय लूँ? + diff --git a/translate/resources-synequi/title.md b/translate/resources-synequi/title.md new file mode 100644 index 0000000..24462d8 --- /dev/null +++ b/translate/resources-synequi/title.md @@ -0,0 +1,2 @@ +प्रयायवाची एवं समान कथनों के साथ नोट्स + diff --git a/translate/resources-types/01.md b/translate/resources-types/01.md new file mode 100644 index 0000000..ffdfd8b --- /dev/null +++ b/translate/resources-types/01.md @@ -0,0 +1,36 @@ + +#### यूएलबी अनुवाद से अनुवाद करने के लिए + +* यूएलबी अनुवाद को पढ़ें। क्या आप मूलपाठ के अर्थ को समझते हैं, ताकि आप सटीक, स्पष्ट और स्वाभाविक रूप से अपनी भाषा में अर्थ का अनुवाद कर सकें? +* हाँ? अनुवाद आरम्भ करें। +* नहीं? यूडीबी अनुवाद को देखें। क्या यूडीबी अनुवाद आपको यूएलबी अनुवाद के मूलपाठ के अर्थ को समझने में सहायता करता है? +* हाँ? अनुवाद आरम्भ करें। +* नहीं? सहायता के लिए अनुवाद नोट्स को पढ़ें। + +अनुवाद नोट्स यूएलबी अनुवाद से नकल किए गए शब्द या वाक्यांश हैं और तब उनकी व्याख्या की गई है। अंग्रेजी में, प्रत्येक नोट जो यूएलबी की व्याख्या करता है, वैसे ही आरम्भ होता है। यहाँ पर बुलेट प्वाइंट अर्थात् गोलिका-चिह्न दिए गए हैं, बड़े अझरों में दिया गया यूएलबी अनुवाद का मूलपाठ है, जिसके बाद डैश अर्थात् शब्द विच्छेद रेखा चिन्ह आती है, और उसके बाद अनुवादक के लिए अनुवाद सुझाव या जानकारी होती है। + +नोट्स इस प्रारूप का पालन करता है: + +* **यूएलबी अनुवाद मूलपाठ की प्रतिलिपि** - अनुवादक के लिए अनुवाद सुझाव या जानकारी। + + +### नोट्स के प्रकार + +अनुवाद नोट्स में कई भिन्न प्रकार के नोट्स दिए गए हैं। प्रत्येक नोट स्पष्टीकरण को एक भिन्न तरीके से देता है। नोट के प्रकार को जानना अनुवादक को बाइबल के मूलपाठ को अपनी भाषा में अनुवाद करने के सर्वोत्तम तरीके में निर्णय लेने में सहायता करेगा। + +* **[परिभाषाओं के साथ नोट्स](../resources-def/01.md)** - कभी-कभी आप नहीं जानते कि यूएलबी अनुवाद में शब्द क्या है। शब्दों या वाक्यांशों की सरल परिभाषा उद्धरणों या वाक्य प्रारूप के बिना जोड़ दी जाती है। +* **[नोट्स जो व्याख्या करते हैं](../resources-eplain/01.md)** - शब्दों या वाक्यांशों के बारे में सरल स्पष्टीकरण वाक्य प्रारूप में हैं। +* **नोट्स जो अनुवाद करने के अन्य तरीकों का सुझाव देते हैं** - क्योंकि इन नोट्स के कई भिन्न प्रकार हैं, इसलिए उन्हें नीचे विस्तार से समझाया गया है। + +#### सुझाए गए अनुवाद + +कई प्रकार के सुझाए गए अनुवाद पाए जाते हैं। + +* **[समानार्थी और समतुल्य वाक्यांशों के साथ नोट्स](../resources-synequi/01.md)** - कभी-कभी नोट्स एक अनुवाद ऐसे सुझाव को प्रदान करते हैं, जो यूएलबी अनुवाद में शब्द या वाक्यांशों को प्रतिस्थापित कर सकता है। ये प्रतिस्थापन वाक्य के अर्थ को परिवर्तित किए बिना वाक्य में उपयुक्त रीति से आ सकते हैं। ये समानार्थी और समकक्ष वाक्यांश हैं और दोहरे-उद्धरणों में लिखे गए हैं। ये यूएलबी अनुवाद में मूलपाठ के जैसे ही हैं। +* **[वैकल्पिक अनुवादों के साथ नोट्स](../resources-alter/01.md)** - एक वैकल्पिक अनुवाद यूएलबी अनुवाद के रूप या विषय वस्तु में एक सुझाया गया परिवर्तन है, क्योंकि लक्षित भाषा एक अलग रूप को पसन्द कर सकती है। वैकल्पिक अनुवाद का उपयोग तब किया जाना चाहिए जब यूएलबी रूप या विषय वस्तु आपकी भाषा में सटीक या स्वभाविक न हो। +* **[नोट्स जो यूडीबी अनुवाद को स्पष्ट करते हैं](../resources-clarify/01.md)** - जब यूडीबी अनुवाद यूएलबी अनुवाद के लिए एक अच्छा वैकल्पिक अनुवाद प्रदान करता है, तो वैकल्पिक अनुवाद प्रदान करने में कोई नोट नहीं हो सकता है। यद्यपि, किसी एक अवसर पर एक नोट यूडीबी अनुवाद के मूलपाठ के अतिरिक्त वैकल्पिक अनुवाद प्रदान करेगा, और कभी-कभी यह यूडीबी अनुवाद से मूलपाठ को वैकल्पिक अनुवाद के रूप में उद्धृत करेगा। इस स्थिति में, नोट यूडीबी अनुवाद के मूलपाठ के बाद “(यूडीबी अनुवाद)" कहेंगे। +* **[नोट्स जिनमें वैकल्पिक अर्थ दिए गए हैं](../resources-alterm/01.md)** - कुछ नोट्स वैकल्पिक अर्थ प्रदान करते हैं, जब एक शब्द या वाक्यांश को एक से अधिक तरीकों से समझा जा सकता है। जब ऐसा होता है, तो नोट सबसे संभावित अर्थ पहले प्रदान करेंगे। +* **[संभाव्य या संभावित अर्थों के साथ नोट्स](../resources-porp/01.md)** - कभी-कभी बाइबल के विद्वान निश्चित रूप से नहीं जानते हैं, या इस बात पर सहमत नहीं होते हैं कि बाइबल में कोई विशेष वाक्यांश या वाक्य क्या अर्थ रखता है। इसके कुछ कारणों में ये बातें सम्मिलित हैं: प्राचीन बाइबल के मूलपाठों में, या एक शब्द में एक से अधिक अर्थ या उपयोग हो सकते हैं, या यह स्पष्ट नहीं हो सकता है कि एक शब्द (जैसे सर्वनाम) किसी विशेष वाक्यांश में सन्दर्भित होता है, में थोड़ी सी भिन्नताएँ पाई जाती हैं। इस घटना में, नोट सबसे संभावित अर्थ देगा, या सबसे संभावित अर्थों के साथ कई संभावित अर्थों को सूचीबद्ध करेगा। +* **[नोट्स जो अंलकारों की पहचान करते हैं](../resources-fofs/01.md)** - जब यूएलबी अनुवाद के मूलपाठ में एक अंलकार होता है, तो नोट्स उस अंलकार के स्पष्टीकरण का विवरण प्रदान करेंगे कि इसे कैसे अनुवाद किया जाए। कभी-कभी एक वैकल्पिक अनुवाद (एटी :) प्रदान किया जाता है। अनुवादक की सहायता करने के लिए अतिरिक्त जानकारी और अनुवाद रणनीतियों के लिए ट्रैन्स्लेशनअकैडमी पृष्ठ में, अनुवादक को उस प्रकार के अंलकार के प्रकार का सटीक रूप से अनुवाद करने में सहायता देने के लिए एक सम्पर्क अर्थात् लिंक भी होगा। +* **[नोट्स जो अप्रत्यक्ष और प्रत्यक्ष उद्धरणों की पहचान करते हैं](../resources-iordquote/01.md)** - दो प्रकार के उद्धरण: प्रत्यक्ष उद्धरण और अप्रत्यक्ष उद्धरण होते हैं। उद्धरण का अनुवाद करते समय, अनुवादकों को यह निर्धारित करने की आवश्यकता होती है कि इसे प्रत्यक्ष उद्धरण या अप्रत्यक्ष उद्धरण के रूप में अनुवाद करना है या नहीं। ये नोट्स अनुवादक को उस विकल्प के बारे में सूचित करेंगे जिसे करने की आवश्यकता है। +* **[यूएलबी अनुवाद के लम्बे वाक्यांशों के लिए नोट्स](../resources-long/01.md)** - कभी-कभी ऐसे नोट्स होते हैं, जो एक वाक्यांश का सन्दर्भ देते हैं और तब ऐसे पृथक नोट्स होते हैं, जो उस वाक्यांश के अंशों को सन्दर्भित करते हैं। इस स्थिति में, बड़े वाक्यांश के लिए नोट पहले आते है, और उसके छोटे अंशों के लिए नोट्स बाद में आते हैं। इस तरह, नोट्स सम्पूर्ण के साथ-साथ प्रत्येक अंश के लिए अनुवाद सुझाव या स्पष्टीकरण दे सकते हैं। diff --git a/translate/resources-types/sub-title.md b/translate/resources-types/sub-title.md new file mode 100644 index 0000000..fc9b10a --- /dev/null +++ b/translate/resources-types/sub-title.md @@ -0,0 +1,2 @@ +विभिé प्रकार के अनुवाद नोट्स कौन कौनसे हैं? + diff --git a/translate/resources-types/title.md b/translate/resources-types/title.md new file mode 100644 index 0000000..fa70e5b --- /dev/null +++ b/translate/resources-types/title.md @@ -0,0 +1,2 @@ +अनुवद नोट्स का उपयोग + diff --git a/translate/resources-words/01.md b/translate/resources-words/01.md new file mode 100644 index 0000000..e69de29 diff --git a/translate/resources-words/sub-title.md b/translate/resources-words/sub-title.md new file mode 100644 index 0000000..e69de29 diff --git a/translate/resources-words/title.md b/translate/resources-words/title.md new file mode 100644 index 0000000..e69de29 diff --git a/translate/toc.yaml b/translate/toc.yaml new file mode 100644 index 0000000..ed62aa8 --- /dev/null +++ b/translate/toc.yaml @@ -0,0 +1,364 @@ +title: "Table of Contents" +sections: + - title: "Introduction" + sections: + - title: "Introduction to the Translation Manual" + link: translate-manual + - title: "Terms to Know" + link: translate-terms + - title: "What is Translation" + link: translate-whatis + - title: "More about Translation" + link: translate-more + - title: "How to Aim Your Bible Translation" + link: translate-aim + - title: "Defining a Good Translation" + sections: + - title: "The Qualities of a Good Translation" + link: guidelines-intro + sections: + - title: "Create Clear Translations" + link: guidelines-clear + - title: "Create Natural Translations" + link: guidelines-natural + - title: "Create Accurate Translations" + link: guidelines-accurate + - title: "Create Church-Approved Translations" + link: guidelines-church-approved + - title: "Create Faithful Translations" + link: guidelines-faithful + sections: + - title: "Son of God and God the Father" + link: guidelines-sonofgod + - title: "Translating Son and Father" + link: guidelines-sonofgodprinciples + - title: "Create Authoritative Translations" + link: guidelines-authoritative + - title: "Create Historical Translations" + link: guidelines-historical + - title: "Create Equal Translations" + link: guidelines-equal + - title: "Create Collaborative Translations" + link: guidelines-collaborative + - title: "Create Ongoing Translations" + link: guidelines-ongoing + - title: "Meaning-Based Translation" + sections: + - title: "The Translation Process" + link: translate-process + sections: + - title: "Discover the Meaning of the Text" + link: translate-discover + - title: "Re-telling the Meaning" + link: translate-retell + - title: "Form and Meaning" + link: translate-fandm + sections: + - title: "The Importance of Form" + link: translate-form + - title: "Levels of Meaning" + link: translate-levels + - title: "Literal Translations" + link: translate-literal + sections: + - title: "Word for Word Substitution" + link: translate-wforw + - title: "Problems with Literal Translations" + link: translate-problem + - title: "Meaning-Based Translations" + link: translate-dynamic + sections: + - title: "Translate for Meaning" + link: translate-tform + - title: "Before Translating" + sections: + - title: "First Draft" + link: first-draft + - title: "Choosing a Translation Team" + link: choose-team + sections: + - title: "Translator Qualifications" + link: qualifications + - title: "Choosing What to Translate" + link: translation-difficulty + - title: "Choosing a Source Text" + link: 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सभी घटनाओं में, हम भिन्न शब्दों और अभिव्यक्तियों का उपयोग करने का निर्णय लेते हैं। + +उदाहरण के लिए, यदि मैं एक छोटे बच्चे के साथ सुसमाचार साझा कर रहा हूँ, तो मुझे उससे नहीं कहना चाहिए, "पश्चाताप करो, और प्रभु तुम्हें अपना अनुग्रह देगा।" इसकी अपेक्षा, मुझे कुछ कहना चाहिए, "गलत कामों के लिए खेदित होना है, जिसे तुमने किए हैं और यीशु को बताओ कि तुम क्षमा को चाहते हो। + +फिर वह तुम्हारा स्वागत करेगा, क्योंकि वह तुमसे प्रेम करता है।” प्रत्येक भाषा में, ऐसे शब्द होते हैं, जिन्हें केवल वयस्क ही उपयोग करते हैं, ये वे शब्द होते हैं, जिन्हें बच्चों ने अभी तक नहीं सीखा है। + +नि:सन्देह, बच्चे अन्ततः इन शब्दों में से कई का उपयोग करना सीख जाएंगे। परन्तु यदि आप एक ही समय में इन शब्दों में से बहुत से शब्दों को कहते हैं, तो उन्हें आपको समझना बहुत कठिन लगेगा। इसके अतिरिक्त, भाषाएँ पेड़ की तरह होती हैं, जिन पर नई पत्तियाँ उगती हैं और पुरानी खत्म हो जाती हैं: नए शब्द सदैव भाषाओं में बनते रहते हैं, और कुछ शब्द सदैव प्रचलन से बाहर होते चले जाते हैं। ये शब्द मर जाते हैं और पत्तियों की तरह गिरते हैं; ये वे शब्द होते हैं, जिन्हें पुराने लोग जानते हैं, परन्तु युवा लोग कभी भी इनका उपयोग करना नहीं सीखते हैं। + +पुरानी पीढ़ी के खत्म हो जाने के बाद, इन पुराने शब्दों वाली भाषा अब उपयोग में नहीं रहती है। यहाँ तक कि यदि उन्हें शब्दकोष में भी लिख दिया जाए, उदाहरण के लिए, जैसा कि उन्हें होना चाहिए, जवान लोग कदाचित् उन्हें पुन: उपयोग नहीं करेंगे। इन कारणों से, बाइबल अनुवादकों को यह निर्धारित करना होगा कि वे लोग कौन हैं, जो उनके अनुवाद का लक्ष्य हैं। + +यहाँ उनके विकल्प दिए गए हैं: + +#### भविष्य के लिए लक्ष्य + +अनुवादक युवा माताओं और उनके बच्चों को लक्षित भाषा बोलने वाले के लक्ष्य के रूप में रख सकते हैं, क्योंकि ये लोग अपनी भाषा के भविष्य का प्रतिनिधित्व करते हैं। यदि अनुवादक इस तरह से काम करते हैं, तो वे पुराने शब्दों का उपयोग करने से बचेंगे जिसे जवान लोग नहीं सीख रहे हैं। इसकी अपेक्षा, वे सामान्य, प्रतिदिन के शब्दों जितना अधिक सम्भव हो उतना उपयोग करेंगे। इसके अतिरिक्त, ऐसे अनुवादक इन अन्य नियमों का पालन करेंगे: + +1. वे अन्य भाषाओं से लक्षित भाषा में बाइबल के सामान्य शब्दों को लिप्यंतरित करने का प्रयास नहीं करते हैं। उदाहरण के लिए, इसका अर्थ है कि वे बाइबल के शब्द "यहूदी आराधनालय" को " यहूदी सभास्थल" जैसे शब्दों में परिवर्तित करने की प्रयास नहीं करेंगे और तत्पश्चात् लोगों को इसका अर्थ सिखाने की प्रयास करें। वे "स्वर्गदूत" जैसे बाइबल के शब्द को "देवदूत" में परिवर्तित करने की प्रयास नहीं करेंगे और तत्पश्चात् लक्षित भाषा पाठकों को अपना अर्थ सिखाने की प्रयास करें। +1. वे नए शब्दों से विचारों को आरम्भ करने के आविष्कार का प्रयास नहीं करेंगे जिन्हें वे बाइबल से पाते हैं। उदाहरण के लिए, यदि लक्षित भाषा में कोई शब्द नहीं है, जो "अनुग्रह" या "पवित्रता" में सम्मिलित सभी पहलुओं को इंगित करता है, तो अनुवादक उनके लिए नए शब्द निर्मित नहीं करते हैं। इसकी अपेक्षा, वे उन बाइबल सन्दर्भों में शब्द के अर्थ के मुख्य भाग को व्यक्त करने के लिए उपयुक्त वाक्यांश पाएंगे जिन पर वे काम कर रहे हैं। +1. उन्हें स्मरण है कि लक्षित भाषा से ज्ञात शब्द नहीं लेना और उनमें नए अर्थ को नहीं भरना है। वे जानते हैं कि यदि वे ऐसा करने का प्रयास करते हैं, तो लोग नए अर्थ को ऐसे ही अनदेखा करे देंगे। परिणामस्वरूप, लोग उस अर्थ को गलत समझेंगे जिसे आप मूलपाठ से संचारित करना चाहते हैं। +1. वे बाइबल के विचारों को स्पष्ट और स्वभाविक तरीके से व्यक्त करना स्मरण रखते हैं। (देखें: [स्पष्ट अनुवाद बनाएँ](../guidelines-clear/01.md), [स्वभाविक अनुवाद बनाएँ](../guidelines-natural/01.md)) + +जब अनुवादक इन नियमों का पालन करते हैं, तो हम परिणाम को एक सामान्य भाषाई संस्करण कहते हैं। यदि आप अपनी पहली बाइबल के साथ भाषा प्रदान करने के लिए काम कर रहे हैं, तो हम अनुशंसा करते हैं कि आप इन दिशानिर्देशों का पालन करें। अंग्रेजी में सामान्य भाषा संस्करणों में अंग्रेजी का टुडे संस्करण और कॉमन अंग्रेजी बाइबल अनुवाद सम्मिलित है। परन्तु स्मरण रखें कि आपकी लक्षित भाषा कदाचित् उन तरीकों से कई विचारों को व्यक्त करना चाहती है, जो इन अंग्रेजी संस्करणों के रूप में आपके पास उपलब्ध हैं, बहुत अधिक भिन्न हैं। + +#### स्टडी बाइबल के अनुवाद के लक्ष्य + +अनुवादक मसीहियों के ऊपर अपना अनुवाद लक्षित कर सकते हैं, जो बाइबल का अध्ययन ऐसे तरीके से करना चाहते हैं, जो नए मसीहियों के द्वारा पढ़े जाने वाले तरीके से अधिक गहन होता है। अनुवादक यह करने का निर्णय कर सकते हैं कि क्या लक्षित भाषा में पहले से ही एक अच्छी बाइबल उपलब्ध है, जो अविश्वासी और नए विश्वासियों से अच्छी तरह से बात करती है। यदि अनुवादक इस तरह से काम करते हैं, तो वे यह निर्धारित कर सकते हैं: + +1. बाइबल की भाषाओं में पाए जानी वाली व्याकरणिक संरचनाओं की नकल करने का प्रयास करें। उदाहरण के लिए, जब बाइबल कहती है, "परमेश्वर का प्रेम," अनुवादक अभिव्यक्ति को अस्पष्ट छोड़ने का निर्णय कर सकते हैं। यदि वे ऐसा करते हैं, तो वे यह निर्धारित नहीं करेंगे कि इसका अर्थ "उस प्रेम से है जो लोगों में परमेश्वर के लिए है" या "परमेश्वर के लिए प्रेम होने से है।" जब बाइबल कहती है, "हमारे पास मसीह यीशु में जो प्रेम है," अनुवादक यह निर्णय ले सकता है कि इसका अर्थ "मसीह यीशु के कारण" या "मसीह यीशु के साथ एक" होने से है। +1. वही कहने का प्रयास करें, जो शब्द यूनानी या इब्रानी अनुवाद में विभिन्न अभिव्यक्तियों की "पृष्ठभूमि में पाया जाता" हैं। उदाहरण के लिए, वे इसे फुटनोट्स में लिख सकते हैं। +1. लक्षित भाषा में नई अभिव्यक्तियों का आविष्कार करने का प्रयास करें जो बाइबल के शब्दों के द्वारा दिए गए अर्थों का अधिक संकेत देते हैं। यदि अनुवादक ऐसा करते हैं, तो उन्हें लक्षित भाषा के साथ रचनात्मक बनना चाहिए। + +हम अनुशंसा नहीं करते हैं कि आप इस दूसरे पथ का पालन करेंगे जब तक कि लक्षित भाषा में पहले से ही बाइबल का एक अनुवाद उपलब्ध न हो जो स्पष्ट और स्वभाविक तरीके से संचार करता हो। diff --git a/translate/translate-aim/sub-title.md b/translate/translate-aim/sub-title.md new file mode 100644 index 0000000..f14ba1e --- /dev/null +++ b/translate/translate-aim/sub-title.md @@ -0,0 +1,2 @@ +बाइबल अनुवाद का उद्देश्य क्या होना चाहिए? + diff --git a/translate/translate-aim/title.md b/translate/translate-aim/title.md new file mode 100644 index 0000000..b2aeccc --- /dev/null +++ b/translate/translate-aim/title.md @@ -0,0 +1,2 @@ +अपने बाइबल अनुवाद का लक्ष्य कैसे बनाएँ? + diff --git a/translate/translate-alphabet/01.md b/translate/translate-alphabet/01.md new file mode 100644 index 0000000..74c1f21 --- /dev/null +++ b/translate/translate-alphabet/01.md @@ -0,0 +1,27 @@ + +### एक वर्णमाला बनाना + +यदि आपकी भाषा पहले लिखी नहीं गई है, तो आपको एक वर्णमाला बनाना होगा ताकि आप इसे लिख सकें। वर्णमाला बनाने के समय सोचने के लिए कई बातें हैं, और एक अच्छी वर्णमाला बनाना बहुत ही अधिक कठिन हो सकता है। यदि यह बहुत कठिन प्रतीत होता है, तो आप लिखित की अपेक्षा ऑडियो अनुवाद कर सकते हैं। + +एक अच्छी वर्णमाला का लक्ष्य आपकी भाषा में प्रत्येक पृथक ध्वनि का प्रतिनिधित्व करने के लिए एक पृथक अक्षर का होना है। यदि पड़ोसी भाषा में पहले से ही वर्णमाला है, और यदि उस भाषा में आपकी भाषा जैसी ही ध्वनियाँ है, तो उनकी वर्णमाला को उधार ले कर कार्य करना आसान रहेगा। यदि नहीं, तो अगली सबसे अच्छी बात यह है कि विद्यालय में सीखाई गई राष्ट्रीय भाषा की वर्णमाला से शब्दों को उधार लें। + +यद्यपि, यह संभावना पाई जाती है कि आपकी भाषा में ऐसा प्रतीत हो है कि राष्ट्रीय भाषा नहीं है, और इसलिए आपकी भाषा की सभी ध्वनियों का प्रतिनिधित्व करने के लिए इस वर्णमाला का उपयोग करना कठिन होगा। इस स्थिति में, अपनी भाषा में प्रत्येक ध्वनि के बारे में सोचना अच्छा होगा। कागज के टुकड़े के ऊपर से नीचे तक राष्ट्रीय भाषा की वर्णमाला को लिखें। तत्पश्चात् प्रत्येक अक्षर के सामने अपनी भाषा से एक शब्द लिखें जो या तो उस ध्वनि से आरम्भ होता है या उसमें ध्वनि पाई जाती है। + +उस अक्षर को रेखांकित करें जो प्रत्येक शब्द के साथ वैसी ही ध्वनि को बनाता है। राष्ट्रीय वर्णमाला में ऐसे अक्षर हो सकते हैं, जिनका उपयोग आपकी भाषा में नहीं होता है। यह ठीक है। अब इन शब्दों से निकलने वाली ध्वनियों के बारे में सोचें जिसे लिखना आपके लिए कठिन होगा, या जिस के लिए आपको अक्षर न मिलें। + +यदि ध्वनि उस जैसी ध्वनि के समान है, जिसके अक्षर को आपने वहाँ पाया है, तो हो सकता है कि आप उस ध्वनि को अन्य अक्षर का प्रतिनिधित्व करने के लिए संशोधित करें। उदाहरण के लिए, यदि आपके पास "s" द्वारा प्रस्तुत ध्वनि है, और उस के जैसी ही एक और ध्वनि है, कि जिसके लिए कोई अक्षर नहीं है, तो आप समतुल्य ध्वनि के लिए अक्षर में एक चिह्न जोड़ सकते हैं, जैसे ' या ^ या ~ इसके ऊपर डाल देना। + +यदि आपको प्रतीत होता है कि ध्वनियों का एक समूह है, जो राष्ट्रीय भाषा वाले अक्षरों की ध्वनियों के तुल्य भिन्नता में है, तो उसी तरह से अक्षरों के समूह को संशोधित करना अच्छा होगा। एक बार जब आप इस अभ्यास को समाप्त कर लेंगे और अपनी भाषा में किसी और ध्वनि के बारे में सोच नहीं सकते हैं, तो किसी कहानी या किसी ऐसी घटना को लिखने का प्रयास करें या अभी निवर्तमान समय में घटित हुई है। + +जब आप लिखते हैं, तब आप कदाचित् उन ध्वनियों को खोज लेंगे, जिन्हें आपने पहले नहीं सोचा था। अक्षरों को संशोधित करते रहिए ताकि आप इन ध्वनियों को लिख सकें। इन ध्वनियों को आपके द्वारा पहले बनाई गई सूची में जोड़ें। अपनी भाषा के अन्य वक्ताओं को जो राष्ट्रीय भाषा भी पढ़ते हैं, ध्वनि की अपनी सूची दिखाएँ और देखें कि वे इसके बारे में क्या सोचते हैं। हो सकता है कि वे कुछ अक्षरों को संशोधित करने के लिए एक अलग तरीका सुझा सकें जो पढ़ने के लिए आसान या सरल हो। + +इन अन्य लोगों को जो कहानी आपने लिखी है उसे दिखाएँ और उन्हें शब्दों और अक्षर-की-ध्वनियों की सूची का वर्णन करते हुए इसे पढ़ने सिखाएँ। यदि वे इसे आसानी से पढ़ना सीख सकते हैं, तो आपकी वर्णमाला अच्छी है। + +यदि यह कठिन है, तो हो सकते हैं कि वर्णमाला के कुछ भागों को अभी भी सरल करने के लिए काम किए जाने की आवश्यकता है, या ऐसी ही भिन्न ध्वनियाँ हो सकती हैं जिन्हें एक ही अक्षर के द्वारा प्रदर्शित किया जा रहा है, या ऐसी कुछ ध्वनियाँ हो सकती हैं, जिनके लिए आपको अभी भी अक्षर खोजने की आवश्यकता है । + +अपनी भाषा के अन्य वक्ताओं के साथ इस वर्णमाला पर काम करते रहना अच्छा है, जो कि राष्ट्रीय भाषा के अच्छे पाठक हैं। आप विभिन्न ध्वनियों पर चर्चा कर सकते हैं और उन्हें एक साथ प्रस्तुत करने का सबसे अच्छा तरीका निर्धारित कर सकते हैं। यदि राष्ट्रीय भाषा रोमन अर्थात् अंग्रेजी वर्णमाला के अतिरिक्त किसी अन्य लेखन प्रणाली का उपयोग करती है, तो उन चिन्हों के बारे में सोचें जिन्हें आप प्रतीकों के रूप में संशोधित करने के लिए उपयोग कर सकते हैं, ताकि वे आपकी भाषा की ध्वनि का प्रतिनिधित्व कर सकें। + +यह सबसे अच्छा है यदि आप प्रतीकों को उन तरीकों से चिह्नित कर सकते हैं, जिन्हें कंप्यूटर पर पुन: उत्पन्न किया जा सकता है। (आप वर्ड प्रोसेसर में या पद्धति के कीबोर्ड में लिखने वाले पद्धति के साथ प्रयोग कर सकते हैं। http://ufw.io/tk/) यदि आपको कीबोर्ड बनाने में सहायता की आवश्यकता है, तो पर एक ईमेल अनुरोध भेजें । + +जब आप कंप्यूटर कीबोर्ड पर टाइप किए जा सकने वाले प्रतीकों का उपयोग करते हैं, तो आपका अनुवाद इलेक्ट्रॉनिक रूप से संग्रहीत, प्रतिलिपित और वितरित किया जा सकता है, और तत्पश्चात् लोग इसे बिना किसी मूल्य को दिए प्राप्त कर सकते हैं और इसे टेबलेट या सेल फ़ोन इत्यादि पर पढ़ सकते हैं। + diff --git a/translate/translate-alphabet/sub-title.md b/translate/translate-alphabet/sub-title.md new file mode 100644 index 0000000..baafa7c --- /dev/null +++ b/translate/translate-alphabet/sub-title.md @@ -0,0 +1,2 @@ +मैं अपनी भाषा के लिए अक्षरमाला कैसे बनाऊँ? + diff --git a/translate/translate-alphabet/title.md b/translate/translate-alphabet/title.md new file mode 100644 index 0000000..c433431 --- /dev/null +++ b/translate/translate-alphabet/title.md @@ -0,0 +1,2 @@ +अक्षरमाला/वर्तनी + diff --git a/translate/translate-alphabet2/01.md b/translate/translate-alphabet2/01.md new file mode 100644 index 0000000..147b193 --- /dev/null +++ b/translate/translate-alphabet2/01.md @@ -0,0 +1,76 @@ + +### परिभाषाएँ + +ये उन शब्दों की परिभाषाएँ हैं, जिनका उपयोग हम इस बात के लिए करते हैं कि लोग कैसी ध्वनियाँ को निकालते हैं, जो शब्दों को बनाती हैं, और साथ ही शब्दों के परिभाषाओं को जो शब्दों के अंशों को सन्दर्भित करते हैं। + +#### व्यंजन + +ये वे ध्वनियाँ हैं, जिन्हें लोग तब निकालते हैं, जब उनके फेफड़ों से वायु का प्रवाह बाधित होता है, या जीभ, दांत या होंठ की स्थिति से सीमित हो जाता हैं। वर्णमाला में अधिकांश अक्षरों में व्यंजन अक्षर पाए जाते हैं। अधिकांश व्यंजन अक्षरों में केवल एक ही ध्वनि होती है। + +#### स्वर + +ये ध्वनि मुँह से बनाई जाती हैं, जब दांत, जीभ या होंठ से अवरुद्ध किए बिना मुँह से श्वास का प्रवाह निकलता है। (अंग्रेजी में, स्वर अ, ई, आई, ओ, यू और कभी-कभी वाई है।) + +#### अक्षर (अ-क्ष-र) + +एक एक शब्द का वह भाग जिसमें केवल एक स्वर की ध्वनि, व्यंजनों के साथ या उसके बिना होती है। कुछ शब्दों में केवल एक अक्षर होता है। + +#### प्रत्यय + +ऐसा कुछ जो शब्द में जोड़ा जाता है, जिससे उसका अर्थ परिवर्तित हो जाता है। यह आरम्भ, या अन्त में, या एक शब्द के भीतर हो सकता है। + +#### मूल शब्द + +एक शब्द का सबसे मूलभूत भाग; जब सभी प्रत्यय हटा दिए जाते हैं, तो जो बचता है। + +#### शब्द का भाग + +एक शब्द या एक शब्द का एक भाग जिसका अर्थ होता है और उसमें कोई छोटा भाग नहीं होता है, जिसका अर्थ हो। (उदाहरण के लिए, "अक्षर" में 3 अक्षर हैं, परन्तु केवल शब्द का 1 भाग है, जबकि "अक्षरों" में 3 अक्षर और दो भाग (अ-क्ष-र **ओं**) है। (अन्तिम "ओ" एक भाग है, जिसका अर्थ है कि यह "बहुवचन" है) + +### अक्षर कैसे शब्दों को बनाते हैं + +प्रत्येक भाषा में ध्वनियाँ होती हैं, जो अक्षर को बनाने के लिए उन्हें संयुक्त करती है। एक शब्द या एक शब्द के मूल में एक प्रत्यय में एक अक्षर हो सकता है, या इसमें कई अक्षर हो सकते हैं। ध्वनियाँ अक्षरों को बनाने के लिए संयोजन होती है, जो शब्द के भागों को बनाने के लिए एक साथ सम्मिलित हो जाती हैं। शब्दों के भाग सार्थक शब्दों को बनाने के लिए मिलकर काम करते हैं। यह समझना महत्वपूर्ण है कि आपकी भाषा में अक्षरों का गठन कैसे किया जाता है और ये अक्षर एक-दूसरे को कैसे प्रभावित करते हैं, ताकि वर्तनी को नियमों का गठन किया जा सके और लोग आपकी भाषा को आसानी से पढ़ सकें। स्वर ध्वनियाँ अक्षरों का मूल भाग होती हैं। + +अंग्रेजी में केवल पाँच स्वर प्रतीक हैं, "ए, ई, आई, ओ, यू", परन्तु इसमें 11 स्वर ध्वनियाँ निलकती हैं, जो स्वर संयोजनों और कई अन्य तरीकों से लिखी गई हैं। अंग्रेजी के प्रत्येक स्वर की ध्वनियाँ "बीट, बिट, बाएट, बैट, बट, बॉडी, बऔट, बौट, बुक, बूट" जैसे शब्दों में मिल सकती हैं। [उच्चारण चित्र को जोड़ें] + +**अंग्रेजी के स्वर** + +मुँह में स्थिति{MQ}फ्रंट{MQ}-{MQ}मिड{MQ} -{MQ} बैक +गोलाई {MQ} (अनराऊन्डिड) {MQ} (अनराऊन्डिड) {MQ} (राऊन्डिड) +जीभ ऊँची करते हुए{MQ}हाई{MQ}मैं "बीट"{MQ} यू "बूट" +बीच-में ऊँचा उठाते हुए{MQ}आई "बिट"{MQ} यू "बुक" +बीच में{MQ}ई "बैट"{MQ}यू "बट" ओ "बोट" +नीचे- पर बीच में{MQ}ई "बट्ट"{MQ} ओ "बऔट" +नीचे{MQ}ए "बैट"{MQ} ए "बॉडी" + +(इन स्वरों में से प्रत्येक का वर्णमाला में अन्तर्राष्ट्रीय ध्वनि-सम्बन्धी अपना-अपना प्रतीक होता है।) स्वर की ध्वनि प्रत्येक अक्षर के बीच में से गठित होती है, और व्यंजन ध्वनि स्वरों के पहले और बाद में आते हैं। + +**उच्चारण** यह वर्णन है कि मुँह या नाक के माध्यम से हवा कैसे ध्वनियों को पहचानने के लिए निकलती है, ताकि हम उसे भाषा के रूप में पहचान सकें। +**उच्चारण के मुख्य बिन्दु** उन स्थानों पर गले या मुँह से निकलती हैं, जहाँ हवा को बांध दिया जाता है या इसका प्रवाह बन्द हो जाता है। उच्चारण के सामान्य बिन्दुओं में होंठ, दांत, दांतों का (वायुकोशा) उभार, तालू (मुँह की कठोर छत), कोमल तालू (मुँह की मुलायम छत), अलिजिह्वा, और स्वर-रज्जु (या कण्ठद्वार) सम्मिलित हैं। +**उच्चारक** मुँह के हिलने वाले भाग होते हैं, विशेष रूप से जीभ के कुछ भागों जो हवा के प्रवाह को धीमा करते हैं। जीभ के कुछ भागों में जीभ का मूल, पीठ, धार और नोक सम्मिलित हो सकते हैं। होंठ जीभ के उपयोग के बिना मुँह के माध्यम से हवा प्रवाह को धीमा कर सकते हैं। होंठों से बनी ध्वनि में व्यंजन सम्मिलित हैं जैसे "बी," "वी," और "एम।" +**उच्चारण का तरीका** वर्णन करता है कि श्वास का प्रवाह कैसे धीमा हो जाता है। यह एक पूर्ण विराम के रूप में (जैसे "पी" या "बी" के साथ आ सकता है, जिन्हें विराम व्यंजन या रूकना कहा जाता है), भारी घर्षण के रूप में (जैसे "एफ" या "वी," संघर्ष अक्षर कहा जाता है), या थोड़े से प्रतिबन्धित रूप में (जैसे "डब्ल्यू" या "वाई," जिन्हें अर्द्ध-स्वर कहा जाता है, क्योंकि वे लगभग स्वरों के रूप में स्वतंत्र होते हैं।) आ सकते हैं। +**आवाज निर्धारण** दिखाता है कि जब हवा उन के माध्यम से गुजरती है, तो स्वर-रज्जु अर्थात् कण्ड-द्वार हिलते हैं या नहीं। अधिकांश स्वर, जैसे कि "ए, ई, आई, यू, ओ" आवाजें निकालती हुई ध्वनियाँ हैं। व्यंजनों को आवाजों के साथ (+ ​​वी), जैसे "बी, डी, जी, वी," या आवाज रहित (-वी) जैसे "पी, टी, के, एफ" कहा जा सकता है। ये उच्चारण के एक ही बिन्दु पर और उसी उच्चारकों के साथ बनते हैं, जैसा कि आवाज निकालने वाले व्यंजनों का उल्लेख पहले किया गया है। "बी, डी, जी, वी" और "पी, टी, के, एफ" के बीच एकमात्र अन्तर आवाज (+​​वी और -वी) का है। +**अंग्रेजी के व्यंजन** उच्चारण के बिन्दु {MQ}होंठ{MQ}दांत{MQ}छत{MQ}कोठर तालू{MQ}कोमल तालू{MQ}अलिजिह्वा{MQ}स्वर-रज्जु +आवाज निर्धारण करना{MQ}-वी/+वी{MQ}-वी/+वी{MQ}-वी/+वी{MQ}-/+वी{MQ}-वी/+वी{MQ}-वी/+वी{MQ}-v/+v +उच्चारक – पद्घति +होंठ - रोकें{MQ}पी/बी +होंठ -{MQ}संघर्ष{MQ} एफ/वी +जीभ की नोक - +रोकें{MQ} टी/डी +तरल{MQ} /एल{MQ}/ आर +जीभ की धार - +संघर्ष{MQ} सी/डीजी +जीभ को वापस लेना - +रोकें{MQ} के/जी +जीभ का मूल - +अर्ध-स्वर{MQ} /डब्ल्यू{MQ} / वाई{MQ} एच/ +नाक - दीर्घोच्चारणीय{MQ} / एम{MQ}/ एन +**ध्वनियों का नामकरण** उनकी गुणों को पहचानने के द्वारा किया जा सकता है। "बी" की आवाज को ध्वनि का ओष्ठयीय (दो होंठ) रूकना कहा जाता है। "एफ" की आवाज़ को ध्वनि रहित लैबियो-दंत (होंठ-दांत के युग्म) के संघर्ष के रूप में जाना जाता है। "एन" की आवाज को ध्वनियुक्त वायुकोशा (छत) नासिका कहा जाता है। +**ध्वनियों को प्रतीक बनाना** दो तरीकों में किया जा सकता है। या तो हम अन्तर्राष्ट्रीय ध्वनि-सम्बन्धी वर्णमाला में पाए गए उस ध्वनि के प्रतीक का उपयोग कर सकते हैं, या हम पाठक द्वारा ज्ञात वर्णमाला से प्रसिद्ध प्रतीकों का उपयोग कर सकते हैं। +**व्यंजन तालिका** - उच्चारकों का उल्लेख किए बिना यहाँ एक व्यंजन प्रतीक तालिका को प्रस्तुत किया गया है। जब आप अपनी भाषा की ध्वनियों का पता लगाते हैं, ध्वनि सुनने के समय आवाज और अपनी जीभ और होंठ की स्थिति को महसूस करते हैं, तो आप इस लेख में तालिका को उन ध्वनियों का प्रतिनिधित्व करने के लिए प्रतीकों के साथ भर सकते हैं। उच्चारण के बिन्दु होंठ दांत छत कोठर तालू कोमल तालू अलिजिह्वा स्वर-रज्जु +आवाज -वी/+वी -वी/+वी -वी/+वी -वी/+वी -वी/+वी -वी/+वी -वी/+वी +पद्घति रोकें पी/बी टी/डी के/जी +संघर्ष एफ/वी च/डीजी +तरल /एल /आर +अर्ध-स्वर /डब्ल्यू /वाई एच / +नासिका /एम /एन diff --git a/translate/translate-alphabet2/sub-title.md b/translate/translate-alphabet2/sub-title.md new file mode 100644 index 0000000..b4be41a --- /dev/null +++ b/translate/translate-alphabet2/sub-title.md @@ -0,0 +1,2 @@ +ध्वनियों को शब्दों में कैसे बदला जाता है? + diff --git a/translate/translate-alphabet2/title.md b/translate/translate-alphabet2/title.md new file mode 100644 index 0000000..e7916b0 --- /dev/null +++ b/translate/translate-alphabet2/title.md @@ -0,0 +1,2 @@ +अक्षरमाला विकास + diff --git a/translate/translate-bdistance/01.md b/translate/translate-bdistance/01.md new file mode 100644 index 0000000..3dced14 --- /dev/null +++ b/translate/translate-bdistance/01.md @@ -0,0 +1,88 @@ + +### विवरण + +निम्नलिखित शब्द बाइबल में मूल रूप से उपयोग की जाने वाली दूरी या लम्बाई के लिए सबसे सामान्य समाधान हैं। इनमें से अधिकांश हाथ और बाँह की हथेली के आकार पर आधारित हैं। + +* **हाथ की दूरी** एक व्यक्ति के हाथ की हथेली की चौड़ाई थी। +* **लम्बाई** या हाथ की लम्बाई उँगलियों को फैलाने के साथ एक व्यक्ति के हाथ की चौड़ाई थी। +* **एक हाथ** कोहनी से लेकर सबसे लम्बी उंगली की नोक तक, एक व्यक्ति के बाँहों की हथेली की लम्बाई थी। +* **"लम्बा" हाथ** केवल यहेजकेल 40-48 में उपयोग किया जाता है। + +यह एक सामान्य हाथ और एक हाथ की दूरी की लम्बाई है। + +* **स्टेडीयम** (बहुवचन, **स्टेडिया**) एक निश्चित दौड़ प्रतिस्पर्धा को सन्दर्भित करता है जो लगभग 185 मीटर लम्बी थी। + +अंग्रेजी के कुछ पुराने संस्करणों ने इस शब्द को "फर्लोंग" के रूप में अनुवादित किया, जो एक खेती वाले क्षेत्र की औसत लम्बाई को सन्दर्भित करता है। + +नीचे दी गई तालिका में दशमलव मापन विधि के अनुसार माप दिए गए हैं, परन्तु ये बाइबल के समय में उपयोग होते मापों के तुल्य नहीं हैं। + +बाइबल के समय के माप समय और स्थान के अनुसार सटीक लम्बाई में एक दूसरे भिन्न थे। + +नीचे समकक्ष औसत माप देने का प्रयास किया गया है। + +| मूल माप | दशमलव आधारित माप | +| -------- | -------- | +| हाथ की दूरी | 8 सेंटीमीटर | +| लम्बाई | 23 सेंटीमीटर | +| हाथ | 46 सेंटीमीटर | +| "लम्बी" हाथ | 54 सेंटीमीटर | +| स्टेडिया | 185 मीटर | + + +#### अनुवाद के सिद्धान्त + +1. बाइबल के लोगों ने मीटर, लीटर और किलोग्राम जैसे आधुनिक मापों का उपयोग नहीं किया। मूल मापों का उपयोग करने से पाठकों को यह जानने में सहायता मिल सकती है कि बाइबल वास्तव में बहुत समय पहले लिखा गई थी जब लोग उन मापों का उपयोग करते थे। + +1. आधुनिक मापों का उपयोग करने से पाठकों को मूलपाठ को आसानी से समझने में सहायता मिल सकती है। + +1. जो भी माप आप उपयोग करते हैं, पाठ, या फुटनोट अर्थात् पाद टिप्पणी में अन्य प्रकार के मापों के बारे में बताना, यदि सम्भव हो तो यह अच्छा होगा। + +1. यदि आप बाइबल के मापों का उपयोग नहीं करते हैं, तो पाठकों को यह विचार न देने का प्रयास करें कि माप सटीक हैं। उदाहरण के लिए, यदि आप एक वर्ग को ".46 मीटर" या "46 सेंटीमीटर" के रूप में भी अनुवाद करते हैं, तो पाठकों को लगता है कि माप सटीक है। "आधा मीटर," "45 सेंटीमीटर," या "50 सेंटीमीटर" इत्यादि कहना सर्वोत्तम होगा। + +1. कभी-कभी यह दिखाने के लिए शब्द "माप" का उपयोग करने में सहायता मिल सकती है कि माप सटीक नहीं है। उदाहरण के लिए, लूका 24:13 कहता है कि इम्माऊस यरूशलेम से साठ स्टेडिया पर स्थित था। इसका अनुवाद यरूशलेम से "लगभग दस किलोमीटर" के रूप में किया जा सकता है। + +1. जब परमेश्वर लोगों को बताता हैं कि कितना समय होना चाहिए, और जब लोग उस लम्बाई के अनुसार कामों को करते हैं, तो अनुवाद में इसके "बारे" में उपयोग न करें। अन्यथा यह इस तरह का प्रभाव देगा कि परमेश्वर को सटीकता के साथ सरोकार नहीं है कि वास्तव में कोई समय कितना लम्बा होना चाहिए था। + +### अनुवाद की रणनीतियाँ + +1. यूएलबी अनुवाद से माप का प्रयोग करें। ये वही माप हैं, जिन्हें मूल लेखकों उपयोग किया करते थे। उन्हें ऐसे तरीके से वर्तनी करें जो यूएलबी अनुवाद में ध्वनि देते या वर्तनी के तरीके के समतुल्य हो। (देखें [[प्रतिलिपी या उधार शब्दों को लें](../translate-transliterate/01.md)) + +1. यूडीबी अनुवाद में दिए गए मीट्रिक अर्थात् दशलमव माप का प्रयोग करें। यूडीबी अनुवाद के अनुवादकों ने पहले से ही मीट्रिक पद्धति में मूल्यों को प्रतिनिधित्व करने के बारे में सोचा है। + +1. उन मापों का प्रयोग करें जो पहले से ही आपकी भाषा में उपयोग किया जा रहा है। ऐसा करने के लिए आपको यह जानना होगा कि आपके माप मीट्रिक पद्धति से कैसे सम्बन्धित हैं और आप प्रत्येक माप को समझते हैं। + +1. यूएलबी अनुवाद से माप का उपयोग करें और उन मापों को सम्मिलित करें जिन्हें आपके लोग मूलपाठ या नोट में जानते हैं। + +1. आपके लोगों के द्वारा मापने वाले मापों का उपयोग करें, और मूलपाठ में या नोट में यूएलबी अनुवाद से मापों को सम्मिलित करें। + +### अनुवाद की लागू की गईं रणनीतियाँ + +सारी रणनीतियों को नीचे निर्गमन 25:10 पर लागू किया गया हैं। + +* **उन्हें बबूल की लकड़ी का एक सन्दूक बनाना है। इसकी लम्बाई ढाई हाथ होनी चाहिए; इसकी चौड़ाई डेढ़ हाथ होगी; और इसकी ऊँचाई डेढ़ हाथ होगी।** (निर्गमन 25:10 यूएलबी) + +1. यूएलबी में दिए गए माप का प्रयोग करें। ये वही माप हैं, जो मूल लेखक उपयोग करते थे। उन्हें ऐसे तरीके से वर्तनी करें जो यूएलबी अनुवाद में ध्वनि देते या वर्तनी के तरीके के समतुल्य हो। (देखें [[प्रतिलिपी या उधार शब्दों को लें](../translate-transliterate/01.md)) + + * "उन्हें बबूल की लकड़ी का एक सन्दूक बनाना है। इसकी लम्बाई ढाई हाथ होनी चाहिए; इसकी चौड़ाई डेढ़ हाथ होगी; और इसकी ऊँचाई डेढ़ हाथ होगी।” + +1. यूडीबी अनुवाद में दिए गए मीट्रिक माप का प्रयोग करें। यूडीबी अनुवाद के अनुवादकों ने पहले से ही मीट्रिक पद्धति में मूल्यों को प्रतिनिधित्व करने के बारे में सोचा है। + + * "उन्हें बबूल की लकड़ी का एक सन्दूक बनाना है। इसकी लम्बाई एक मीटर होनी चाहिए; इसकी चौड़ाई मीटर का दो तिहाई होगी; और इसकी ऊँचाई मीटर का दो तिहाई होगी।” + +1. उस उन मापों का प्रयोग करें जिन्हें पहले से ही आपकी भाषा में उपयोग किया जा रहा है। ऐसा करने के लिए आपको यह जानना होगा कि आपके माप मीट्रिक पद्धति से कैसे सम्बन्धित हैं और आप प्रत्येक माप को समझते हैं। उदाहरण के लिए, यदि आप मानक फुट की लम्बाई का उपयोग करके वस्तुओं को मापते हैं, तो आप इसे नीचे दिए अनुसार अनुवाद कर सकते हैं। + + * "उन्हें बबूल की लकड़ी का एक सन्दूक बनाना है। इसकी लम्बाई 3 3/4 फीट होनी चाहिए; इसकी चौड़ाई 2 1/4 फीट होगी; और इसकी ऊँचाई 2 1/4 फीट होगी।” + +1. यूएलबी अनुवाद से माप का उपयोग करें और उन मापों को सम्मिलित करें जिन्हें आपके लोग मूलपाठ या नोट में जानते हैं। निम्नलिखित मूलपाठ में दोनों माप दिखाए गए हैं। + + * "उन्हें बबूल की लकड़ी का एक सन्दूक बनाना है। इसकी लम्बाई ढाई हाथ (एक मीटर) होनी चाहिए; इसकी चौड़ाई डेढ़ हाथ होगी (एक मीटर का दो तिहाई) ; और इसकी ऊँचाई डेढ़ हाथ (मीटर का दो तिहाई) होगी।” + +1. आपके लोगों के द्वारा मापने वाले मापों का उपयोग करें, और मूलपाठ में या नोट में यूएलबी अनुवाद से मापों को सम्मिलित करें। निम्नलिखित नोट्स में यूएलबी अनुवाद माप को दिखाता है। + + * "उन्हें बबूल की लकड़ी का एक सन्दूक बनाना है। इसकी लम्बाई एक मीटर 1 होना चाहिए; इसकी चौड़ाई मीटर का दो तिहाई 2 होगी; और इसकी ऊँचाई मीटर का दो तिहाई होगी।” + +फुटनोट इस तरह दिखेगा: + +* [1] ढाई हाथ +* [2] डेढ़ हाथ + \ No newline at end of file diff --git a/translate/translate-bdistance/sub-title.md b/translate/translate-bdistance/sub-title.md new file mode 100644 index 0000000..9d5d076 --- /dev/null +++ b/translate/translate-bdistance/sub-title.md @@ -0,0 +1,2 @@ +बाइबल में दी गर्इ लंबार्इ एवं दूरी के माप का अनुवाद कैसे करूँ? + diff --git a/translate/translate-bdistance/title.md b/translate/translate-bdistance/title.md new file mode 100644 index 0000000..f9e2ac3 --- /dev/null +++ b/translate/translate-bdistance/title.md @@ -0,0 +1,2 @@ +बाइबलीय दूरी + diff --git a/translate/translate-bibleorg/01.md b/translate/translate-bibleorg/01.md new file mode 100644 index 0000000..a4b8fab --- /dev/null +++ b/translate/translate-bibleorg/01.md @@ -0,0 +1,20 @@ + +बाइबल 66 "पुस्तकों" से मिलकर बनी है। यद्यपि उन्हें "पुस्तकें" कहा जाता है, परन्तु वे लम्बाई में बहुत अधिक भिन्न हैं और सबसे छोटी तो केवल एक पृष्ठ या दो पृष्ठों जितनी हैं। बाइबल में दो मुख्य भाग हैं। + +पहला भाग पहले लिखा गया था और इसे पुराने नियम कहा जाता है। दूसरा भाग बाद में लिखा गया था और इसे नया नियम कहा जाता है। पुराने नियम में 39 पुस्तकें हैं और नए नियम में 27 पुस्तकें हैं। (नए नियम में कुछ पुस्तकें लोगों को लिख गए पत्र हैं।) + +प्रत्येक पुस्तक अध्यायों में विभाजित है। अधिकांश पुस्तकों में एक से अधिक अध्याय हैं, परन्तु ओबद्याह, फिलेमोन, 2 यूहन्ना, 3 यूहन्ना और यहूदा प्रत्येक में केवल एक ही अध्याय है। सभी अध्याय वचनों में विभाजित हैं। + +जब हम एक वचन का उल्लेख करना चाहते हैं, तो हम पहले पुस्तक का नाम, फिर अध्याय, और फिर वचन लिखते हैं। उदाहरण के लिए "यूहन्ना 3:16" का अर्थ यूहन्ना की पुस्तक, अध्याय 3, वचन 16 है। जब हम दो या दो से अधिक वचनों को सन्दर्भित करते हैं, जो एक दूसरे के साथ होते हैं, तो हम उनके बीच एक पड़ी रेखा को डालते हैं। + +"यूहन्ना 3:16-18" का अर्थ यूहन्ना, अध्याय 3, वचन 16, 17, और 18 है। जब हम उन वचनों का सन्दर्भ देते हैं, जो एक दूसरे के साथ नहीं होते हैं, तो हम उन्हें अलग करने के लिए अल्पविराम का उपयोग करते हैं। + +"यूहन्ना 3:2, 6, 9" का अर्थ यूहन्ना अध्याय 3, वचन 2, 6, और 9 है। अध्याय और वचन सँख्याओं के बाद, हमने बाइबल के अनुवाद के लिए संक्षिप्त नाम दिया है, जिसे हम उपयोग करते हैं। + +नीचे दिए गए उदाहरण में, "यूएलबी" *अनलॉक्डड लिटरल बाइबल* को दिखाता है। ट्रैन्स्लेशनअकैडमी हम इस पद्धति का उपयोग यह बताने के लिए करती है कि पवित्रशास्त्र के अंश कहाँ से आते हैं। + +यद्यपि, इसका अर्थ यह नहीं है कि पूरे वचन या वचनों की सूची को दिखाया गया है। नीचे दिया गया मूलपाठ न्यायियों, अध्याय 6, वचन 28 से आता है, परन्तु यह पूरा वचन नहीं है। + +इस वचन में अन्त में और अधिक वचन हैं। ट्रैन्स्लेशनअकैडमी में, हम केवल उस वचन का भाग दिखाते हैं, जिसके बारे में हम बात करना चाहते हैं। + +> सुबह जब नगर के लोग उठ गए, बाल की वेदी टूट गई थी ... (न्यायियों 6:28 यूएलबी) diff --git a/translate/translate-bibleorg/sub-title.md b/translate/translate-bibleorg/sub-title.md new file mode 100644 index 0000000..b40214a --- /dev/null +++ b/translate/translate-bibleorg/sub-title.md @@ -0,0 +1,2 @@ +बाइबल को कैसे संघठित किया गया? + diff --git a/translate/translate-bibleorg/title.md b/translate/translate-bibleorg/title.md new file mode 100644 index 0000000..46f919f --- /dev/null +++ b/translate/translate-bibleorg/title.md @@ -0,0 +1,2 @@ +बाइबल की संरचना + diff --git a/translate/translate-bmoney/01.md b/translate/translate-bmoney/01.md new file mode 100644 index 0000000..864ff11 --- /dev/null +++ b/translate/translate-bmoney/01.md @@ -0,0 +1,67 @@ + +### विवरण: + +पुराने नियम के आरम्भिक दिनों में, लोग चाँदी और सोने जैसे धातुओं का वजन करते थे और इन वस्तुओं को खरीदने के लिए उस धातु को एक निश्चित वजन देते थे। बाद में लोगों ने सिक्कों को बनाना आरम्भ कर दिया कि प्रत्येक में एक निश्चित धातु की मानक मात्रा होती है। + +डेरिक एक ऐसा सिक्का है। नए नियम के समय में, लोग चाँदी और तांबे के सिक्कों का उपयोग किया करते थे। नीचे दी गई दो सारणी पुराने नियम (पुनि) और नए नियम (ननि) में पाए गए पैसे की कुछ सबसे प्रसिद्ध इकाइयों को दिखाती हैं। + +पुराने नियम की इकाइयों की तालिका से पता चलता है कि किस प्रकार की धातु का उपयोग किया गया था और इसका वजन कितना था। नए नियम की इकाइयों की तालिका दिखाती है कि किस प्रकार की धातु का उपयोग किया गया था और दिन के वेतन के सन्दर्भ में यह कितना मूल्य रखता था। + +| पुनि में यूनिट | धातु | वजन | +| -------- | -------- | -------- | +| डेरिक | सोने का सिक्का | 8.4 ग्राम | +| शेकेल | विभिन्न धातु | 11 ग्राम | +| तोडा | विभिन्न धातु | 33 किलोग्राम | +| ननि में यूनिट | धातु | एक दिवस का वेतन | + +| -------- | -------- | -------- | +| दिनारें/दिनार | चाँदी का सिक्का | 1 दिन | +| दिरहम | चाँदी का सिक्का | 1 दिन | +| पाई | तांबे का सिक्का | 1/64 दिन | +| शेकेल | चाँदी का सिक्का | 4 दिन | +| तोड़ा | चाँदी | 6,000 दिन | + +#### अनुवाद के सिद्धान्त + +प्रतिवर्ष आधुनिक धन के मूल्य में परिवर्तन आने के कारण इनका उपयोग न करें। उनका उपयोग करने से बाइबल अनुवाद पुराने और गलत हो जाएगा। + +### अनुवाद की रणनीतियाँ + +पुराने नियम में अधिकांश समय पैसे का मूल्य उसके वजन पर आधारित था। इस कारण जब पुराने नियम में इन वजनों का अनुवाद करते हैं, तो [बाइबल के वजन](../translate-bweight/01.md) को देखें। नीचे दी गई रणनीतियाँ नए नियम में पैसे के मूल्य का अनुवाद करने के लिए हैं + +1. बाइबल के शब्दों का प्रयोग करें और इसे इस उसे तरह से लिखे कि यह उनके समतुल्य अर्थ को संचारित करें। (देखें [[प्रतिलिपी या उधार शब्दों को लें](../translate-transliterate/01.md)) +1. वर्णन करें कि पैसे के मूल्य को किस प्रकार के धातु से किया गया था और कितने सिक्के उपयोग किए गए थे। +1. एक दिन के वेतन में बाइबल के समय में लोग क्या कमा सकते हैं, इस विषय में पैसे के मूल्य का वर्णन करें। +1. बाइबल के शब्द का प्रयोग करें और मूलपाठ या नोट में समतुल्य मूल्य को लिखें। +1. बाइबल के शब्द का प्रयोग करें और इसे एक नोट में समझाएँ। + +### अनुवाद की रणनीतियाँ + +अनुवाद रणनीतियाँ नीचे दिए गए लूका 7:41 पर लागू होती हैं। + +* **एक पर पाँच सौ दिनार, और अन्य पर पचास दिनार की देन थी।** (लूका 7:41 यूएलबी) + +1. बाइबल के शब्दों का प्रयोग करें और इसे इस उसे तरह से लिखे कि यह उनके समतुल्य अर्थ को संचारित करें। (देखें [[प्रतिलिपी या उधार शब्दों को लें](../translate-transliterate/01.md)) + + * "एक पर पाँच सौ दिनार , और दूसरा पर पचास दिनार की देन थी।" (लूका 7:41 यूएलबी) + +1. पैसे के मूल्य का वर्णन किस प्रकार के धातु से किया गया था और कितने टुकड़े या सिक्के का उपयोग किया गया था। + + * "एक पर पाँच सौ चाँदी के सिक्के , और दूसरा पर पचास चाँदी के सिक्कों की देन थी।" (लूका 7:41 यूएलबी) + +1. एक दिन के वेतन में बाइबल के समय में लोग क्या कमा सकते हैं, इस विषय में पैसे के मूल्य का वर्णन करें। + + * "एक पर पाँच सौ दिन की मजदूरी , और अन्य पर पचास दिन की मजदूरी का देन था।" + +1. बाइबल के शब्द का प्रयोग करें और मूलपाठ या फुटनोट में समतुल्य मूल्य को लिखें। + + * "एक पर पाँच सौ दिनार की 1 , और दूसरे पर पचास दिनार की देन थी . 2 " (लूका 7:41 यूएलबी) फुटनोट इस तरह दिखेगा: + + * [1] पाँच सौ दिन की मजदूरी + * [2] पचास दिन की मजदूरी + +1. बाइबल के शब्द का प्रयोग करें और इसकी व्याक्या एक फुटनोट में करें। + + * "एक पर पाँच सौ दिनार की 1 , और दूसरे पर पचास दिनार की देन थी।" (लूका 7:41 यूएलबी) + * [1] एक दिनार की मूल्य चाँदी की उतनी मात्रा थी, जिसे लोग एक दिन के काम को करके कमा सकते थे। + diff --git a/translate/translate-bmoney/sub-title.md b/translate/translate-bmoney/sub-title.md new file mode 100644 index 0000000..67f54bb --- /dev/null +++ b/translate/translate-bmoney/sub-title.md @@ -0,0 +1,2 @@ +बाइबल में दिए गए धन के माप का अनुवाद कैसे करूँ? + diff --git a/translate/translate-bmoney/title.md b/translate/translate-bmoney/title.md new file mode 100644 index 0000000..8024c98 --- /dev/null +++ b/translate/translate-bmoney/title.md @@ -0,0 +1,2 @@ +बाइबलीय धन + diff --git a/translate/translate-bvolume/01.md b/translate/translate-bvolume/01.md new file mode 100644 index 0000000..166b711 --- /dev/null +++ b/translate/translate-bvolume/01.md @@ -0,0 +1,107 @@ + +### विवरण + +बाइबल में उपयोग की जाने वाली मात्रा की निम्न सामान्य इकाइयाँ यह बताती हैं कि एक निश्चित पात्र में कितना तरल आ सकता है। पात्र और माप दोनों तरल पदार्थ (जैसे दाखरस) और शुष्क ठोस (जैसे अनाज) के लिए उपयोग किए जाते हैं। मीट्रिक अर्थात् दशमलव मूल्य सटीकता के साथ बाइबल के मापों के तुल्य नहीं हैं। बाइबल के माप कदाचित् विभिन्न समयों और स्थानों में सटीक मूल्य में भिन्न थे। नीचे समकक्ष औसत माप देने का प्रयास किए गए हैं। + +| प्रकार | मूल माप | लीटर | +| -------- | -------- | -------- | +| ठोस | ओमेर | 2 लीटर | +| ठोस | एपा | 22 लीटर | +| ठोस | होमेर | 220 लीटर | +| ठोस | कोर | 220 लीटर | +| ठोस | सीआ | 7.7 लीटर | +| ठोस | लेथेक | 114.8 लीटर | +| तरल | मेरेटे | 40 लीटर | +| तरल | बत| 22 लीटर | +| तरल | हीन | 3.7 लीटर | +| तरल | कब | 1.23 लीटर | +| तरल | लोज| 0.31 लीटर | + +#### अनुवाद के सिद्धान्त + +* बाइबल के लोगों ने मीटर, लीटर और किलोग्राम जैसे आधुनिक मापों का उपयोग नहीं किया। मूल मापों का उपयोग करने से पाठकों को यह जानने में सहायता मिल सकती है कि बाइबल वास्तव में बहुत समय पहले लिखी गई थी जब लोग उन मापों का उपयोग करते थे। +* आधुनिक मापों का उपयोग पाठकों को मूलपाठ को अधिक आसानी से समझने में सहायता कर सकते हैं। +* जो भी माप आप उपयोग करते हैं, मूलपाठ, या फुटनोट में अन्य प्रकार के मापों के बारे में बताना, यदि सम्भव हो तो यह अच्छा रहेगा। +* यदि आप बाइबल के मापों का उपयोग नहीं करते हैं, तो पाठकों को यह विचार देने का प्रयास न करें कि माप सटीक हैं। उदाहरण के लिए, यदि आप एक हीन का अनुवाद "3.7 लीटर" के रूप में करते हैं, तो पाठकों को लगता है कि माप पूर्ण रीति से 3.7 लीटर है, 3.6 या 3.8 नहीं। अधिक अनुमानित माप जैसे "साढ़े तीन लीटर" या "चार लीटर" का उपयोग करना सर्वोत्तम रीति से अच्छा होगा। +* जब परमेश्वर लोगों को बताता है कि कितना उपयोग करना है, और जब लोग उन आज्ञाओं का पालन करते हैं, तो अनुवाद में "इसके बारे में" मत कहें। अन्यथा यह इस तरह का प्रभाव देगा कि परमेश्वर को सटीकता के साथ कोई सरोकार नहीं है कि वास्तव में उन्होंने कितने माप का उपयोग किया। + +### माप की इकाई को कब कहा जाता है + +#### अनुवाद की रणनीतियाँ + +1. यूएलबी अनुवाद से मापों का प्रयोग करें। ये वही माप हैं, जिन्हें मूल लेखक उपयोग करते थे। उन्हें ऐसे तरीके से वर्तनी करें जो यूएलबी अनुवाद में ध्वनि देते या वर्तनी के तरीके के समतुल्य हैं। (देखें [[प्रतिलिपी या उधार शब्दों को लें](../translate-transliterate/01.md)) +1. यूडीबी अनुवाद में दिए गए मीट्रिक मापों का प्रयोग करें। यूडीबी अनुवाद के अनुवादकों ने पहले से ही मीट्रिक अर्थात् दशमलव पद्धति में मूल्यों का प्रतिनिधित्व करने के बारे में सोचा है। +1. उन मापों का प्रयोग करें जो पहले से ही आपकी भाषा में उपयोग की जा रही हैं। ऐसा करने के लिए आपको यह जानना होगा कि आपके माप मीट्रिक पद्धति से कैसे सम्बन्धित हैं और प्रत्येक मापों को समझते हैं +1. यूएलबी अनुवाद से मापों का उपयोग करें और उन मापों को सम्मिलित करें जिन्हें आपके लोग मूलपाठ या नोट में जानते हैं। +1. अपने लोगों के द्वारा जानने वाले मापों का उपयोग करें, और मूलपाठ में या नोट में यूएलबी अनुवाद से मापों को सम्मिलित करें। + +#### अनुवाद की लागू की गईं रणनीतियाँ + +लागू की गई रणनीतियाँ यशायाह 5:10 पर लागू होती हैं। + +* **चार हेक्टेयर दाख की बारी के लिए केवल एक बत मिलेगा, और बीज का एक होमेर केवल एक एपा को उत्पन्न करेगा।** (यशायाह 5:10 यूएलबी) + +1. यूएलबी अनुवाद से मापोंम का प्रयोग करें। ये वही माप हैं, जिन्हें मूल लेखक उपयोग करते थे। उन्हें ऐसे तरीके से वर्तनी करें जो यूएलबी अनुवाद में ध्वनि देते या वर्तनी के तरीके के समतुल्य हैं। (देखें [[प्रतिलिपी या उधार शब्दों को लें](../translate-transliterate/01.md)) + + * "अंगूर के चार हेक्टेयर खेत के लिए केवल एक बत मिलेगा, और बीज के एक होमेर से केवल एक एपा उत्पन्न होगा।" + +1. यूडीबी अनुवाद में दिए गए मापों का प्रयोग करें। सामान्य रूप से वे मीट्रिक माप हैं। यूडीबी अनुवाद के अनुवादकों ने पहले से ही मीट्रिक पद्धति में मूल्यों का प्रतिनिधित्व करने के बारे में सोचा है। + + * "चार हेक्टेयर अंगूर के खेत लिए केवल बीस लीटर मिलेगा, और बीज की दस टोकरी केवल एक टोकरी को उत्पन्न करेगी।" + * "चार हेक्टेयर अंगूर के लिए केवल बीस लीटर और 220 लीटर बीज से केवल बाईस लीटर मिलेगा।" + +1. उन मापों का प्रयोग करें जो पहले से ही आपकी भाषा में उपयोग किए जा रहे हैं। ऐसा करने के लिए आपको यह जानना होगा कि आपके माप मीट्रिक पद्धति से कैसे सम्बन्धित हैं और आप प्रत्येक माप को समझते हैं। + + * "चार हेक्टेयर अंगूर के खेत लिए केवल छह गैलन मिलेगा, और बीज के ढाई बुशेल
केवल बीस क्वार्ट को उत्पन्न करेंगे।" + +1. यूएलबी अनुवाद से मापों का उपयोग करें और उन मापों को सम्मिलित करें जिन्हें आपके लोग मूलपाठ या नोट में जानते हैं। निम्नलिखित मूलपाठ में दोनों माप दिखाए गए हैं। + + * "चार हेक्टेयर अंगूर के खेत लिए केवल एक बत (छः गैलन) मिलेगा, और बीज के एक होमेर (ढाई बुशेल) से केवल एक एपा (बीस क्वार्ट्स) मिलेगा।” + +1. आपके लोगों के द्वारा जानने वाले मापों का उपयोग करें, और मूलपाठ में या नोट में यूएलबी अनुवाद से माप सम्मिलित करें। निम्नलिखित फुटनोट्स में यूएलबी अनुवाद माप दिखाए गए हैं। + + * "चार हेक्टेयर अंगूर के खेत लिए केवल बीस लीटर 1 मिलेगा, और बीज के 220 लीटर 2 केवल बाइस लीटर 3 के देंगे।” + +फुटनोट इस तरह दिखेगा: + +* [1] एक बत +* [2] एक होमेर +* [3] एक एपा + + +### जब माप की इकाई को निहित किया जाता है + +कभी-कभी इब्रानी मात्रा की एक विशेष इकाई को निर्दिष्ट नहीं करती है, परन्तु केवल एक सँख्या का उपयोग करती है। ऐसी घटनाओं में, यूएलबी अनुवाद और यूडीबी अनुवाद समेत अंग्रेजी के कई अन्य संस्करण, शब्द "माप" को जोड़ते हैं। + +* **जब भी कोई अनाज के बीस मापों के लिए आया, तो उसने केवल दस को ही पाया था, और जब भी कोई व्यक्ति दाखरस की भट्टी के पास पचास माप की दाख को पाने के लिए आया तो उसने वहाँ से केवल बीस को ही पाया था।** (हाग्गै 2:16 यूएलबी) + + +#### अनुवाद की रणनीतियाँ + +1. एक इकाई के बिना सँख्या का उपयोग करके शाब्दिक रूप से अनुवाद करें। +1. "माप" या "मात्रा" या "मूल्य" जैसे सामान्य शब्द का प्रयोग करें। +1. उचित पात्र के नाम का प्रयोग करें, जैसे अनाज के लिए "टोकरी" या दाखरस के लिए "बर्तन"। +1. माप के एक इकाई का उपयोग करें जिसे आप पहले से ही अपने अनुवाद में उपयोग कर रहे हैं। + +#### अनुवाद की लागू की गईं रणनीतियाँ + +लागू की गई सभी रणनीतियाँ नीचे हाग्गै 2:16 पर लागू होती हैं। + +* **जब भी कोई अनाज के बीस मापों के लिए आया, तो उसने केवल दस को ही पाया था, और जब भी कोई व्यक्ति दाखरस की भट्टी के पास पचास माप की दाख को पाने के लिए आया तो उसने वहाँ से केवल बीस को ही पाया था।** (हाग्गै 2:16 यूएलबी) + +1. एक इकाई के बिना सँख्या का उपयोग करके शाब्दिक रूप से अनुवाद करें। + + * जब भी कोई अनाज के बीस के लिए आया, तो उसने केवल दस को ही पाया था, और जब भी कोई व्यक्ति दाखरस की भट्टी के पास पचास की दाख को पाने के लिए आया तो उसने वहाँ केवल बीस को ही पाया था। + +1. "माप" या "मात्रा" या "मूल्य" जैसे सामान्य शब्द का प्रयोग करें। + + * जब भी कोई अनाज के बीस मूल्यों के लिए आया, तो उसने केवल दस को ही पाया था, और जब भी कोई व्यक्ति दाखरस की भट्टी के पास पचास मूल्यों बीस को ही पाया था। + +1. उचित पात्र के नाम का प्रयोग करें, जैसे अनाज के लिए "टोकरी" या दाखरस के लिए "बर्तन"। + + * जब भी कोई अनाज की बीस टोकरी के लिए आया, तो उसने केवल दस को ही पाया था, और जब भी कोई व्यक्ति दाखरस की भट्टी के पास पचास बर्तन बीस को ही पाया था। + +1. उस माप के एक इकाई का उपयोग करें जिसे आप पहले से ही अपने अनुवाद में उपयोग कर रहे हैं। + + * जब भी कोई अनाज के बीस लीटर के लिए आया, तो उसने केवल दस को ही पाया था, और जब भी कोई व्यक्ति दाखरस की भट्टी के पास पचास लीटर बीस को ही पाया था। + diff --git a/translate/translate-bvolume/sub-title.md b/translate/translate-bvolume/sub-title.md new file mode 100644 index 0000000..afc2c01 --- /dev/null +++ b/translate/translate-bvolume/sub-title.md @@ -0,0 +1,2 @@ +बाइबल में दिए गए मात्रा के माप का अनुवाद कैसे करूँ? + diff --git a/translate/translate-bvolume/title.md b/translate/translate-bvolume/title.md new file mode 100644 index 0000000..6974a76 --- /dev/null +++ b/translate/translate-bvolume/title.md @@ -0,0 +1,2 @@ +बाइबलीय मात्रा + diff --git a/translate/translate-bweight/01.md b/translate/translate-bweight/01.md new file mode 100644 index 0000000..1d38120 --- /dev/null +++ b/translate/translate-bweight/01.md @@ -0,0 +1,59 @@ + +### विवरण + +निम्नलिखित शब्द बाइबल में वजन की सबसे सामान्य इकाइयाँ हैं। शब्द शेकेल का अर्थ अर्थ "वजन" और कई अन्य वजनों से हैं जो शेकेल के शब्द में वर्णित किए गए हैं। इनमें से कुछ वजनों को पैसे के लिए उपयोग किया गया था। नीचे दी गई तालिका में मीट्रिक अर्थात् दशमलव मान बाइबल के मापों के समतुल्य नहीं हैं। बाइबल के माप विभिन्न समयों और स्थानों में सटीक मूल्य में भिन्न थे। नीचे दिए गए समकक्ष माप औसत माप को देने एक प्रयास मात्र है। + +| मूल माप | शेकेल | ग्राम | किलोग्राम | +| -------------------- | ---------- | --------- | ------- ----- | +| शेकेल | 1 शेकेल | 11 ग्राम | - | +| बेका | 1/2 शेकेल | 5.7 ग्राम | - | +| पिम | 2/3 शेकेल | 7.6 ग्राम | - | +| गेरा | 1/20 शेकेल | 0.57 ग्राम | - | +| मीना | 50 शेकेल | 550 ग्राम | 1/2 किलोग्राम | +| तोड़ा | 3,000 शेकेल | - | 34 किलोग्राम | + +#### अनुवाद के सिद्धान्त + +1. बाइबल के लोगों ने मीटर, लीटर और किलोग्राम जैसे आधुनिक मापों का उपयोग नहीं किया। मूल मापों का उपयोग करने से पाठकों को यह जानने में सहायता मिल सकती है कि बाइबल वास्तव में बहुत समय पहले लिखी गई थी जब लोग उन मापों का उपयोग करते थे। +1. आधुनिक मापों का उपयोग करने से पाठकों को मूलपाठ को आसानी से समझने में सहायता मिल सकती है। +1. जो भी माप आप उपयोग करते हैं, पाठ, या फुटनोट में अन्य प्रकार के माप के बारे में बताना, यदि सम्भव हो तो यह अच्छा रहेगा। +1. यदि आप बाइबल के मापों का उपयोग नहीं करते हैं, तो पाठकों को यह विचार न देने का प्रयास करें कि माप सटीक हैं। उदाहरण के लिए, यदि आप एक गेरा को ".57 ग्राम" के रूप में अनुवाद करते हैं, तो पाठकों को लगता है कि माप सटीक है। "आधा ग्राम" कहना सर्वोत्तम रीति से अच्छा होगा। +1. कभी-कभी यह दिखाने के लिए शब्द "लगभग" का उपयोग करने में सहायता मिल सकती है कि माप सटीक नहीं है। उदाहरण के लिए, 2 शमूएल 21:16 कहता है कि गोलीयत का भाला 300 शेकेल वजन जितना था। इसे "3300 ग्राम" या "3.3 किलोग्राम" के रूप में अनुवाद करने की अपेक्षा, इसका अनुवाद "लगभग साडे तीन किलोग्राम" के रूप में किया जा सकता है। +1. जब परमेश्वर लोगों को बताता है कि कोई वजन कितना वजन होना चाहिए, और जब लोग उन वजनों का उपयोग करते हैं, तो अनुवाद में "लगभग" न कहें। अन्यथा यह प्रभाव देगा कि परमेश्वर का सटीकता से इस बात से कोई सरोकार नहीं है कि वस्तु को कितना वजन होना चाहिए। + +### अनुवाद की रणनीतियाँ + +1. यूएलबी अनुवाद से मापों का प्रयोग करें। ये वही माप हैं, जिन्हें मूल लेखक उपयोग करते थे। उन्हें ऐसे तरीके से वर्तनी करें जो यूएलबी अनुवाद में ध्वनि देते या वर्तनी के तरीके के समतुल्य है। (देखें [[प्रतिलिपी या उधार शब्दों को लें](../translate-transliterate/01.md)) +1. यूडीबी अनुवाद में दिए गए मीट्रिक अर्थात् दशमलव माप का प्रयोग करें। यूडीबी अनुवाद के अनुवादकों ने पहले से ही मीट्रिक पद्धति में मूल्य का प्रतिनिधित्व करने के बारे में सोचा है। +1. उन मापों का प्रयोग करें जिन्हें पहले से ही आपकी भाषा में उपयोग किया जा रहा है। ऐसा करने के लिए आपको यह जानना होगा कि आपके माप मीट्रिक पद्धति से कैसे सम्बन्धित हैं और आप प्रत्येक माप को समझते हैं। +1. यूएलबी से माप का उपयोग करें और उन मापों को सम्मिलित करें जिन्हें आपके लोग मूलपाठ या नोट में जानते हैं। +1. आपके लोगों के द्वारा जानने वाले मापों का उपयोग करें, और मूलपाठ में या नोट में यूएलबी अनुवाद से माप सम्मिलित करें। + +### अनुवाद की लागू की गईं रणनीतियाँ + +लागू की गई सभी रणनीतियाँ नीचे निर्गमन 38:29 पर लागू होती हैं। + +* **भेंट का कांस्य सत्तर किक्कार और 2,400 शेकेल वजनी था।** (निर्गमन 38:29 यूएलबी) + +1. यूएलबी अनुवाद से मापों का प्रयोग करें। ये वही माप हैं, जिन्हें मूल लेखक उपयोग करते थे। उन्हें ऐसे तरीके से वर्तनी करें जो यूएलबी अनुवाद में ध्वनि देते या वर्तनी के तरीके के समतुल्य है। (देखें [[प्रतिलिपी या उधार शब्दों को लें](../translate-transliterate/01.md)) + + * "भेंट का कांस्य सत्तर किक्कार और 2,400 शेकेल वजनी था।" + +1. यूडीबी अनुवाद में दिए गए मीट्रिक अर्थात् दशमलव मापों का प्रयोग करें। यूडीबी अनुवाद के अनुवादकों ने पहले से ही मीट्रिक पद्धति में मूल्य का प्रतिनिधित्व करने के बारे में सोचा है। + + * "भेंट का कांस्य 2,400 किलोग्राम वजनी था।" + +1. उन मापों का प्रयोग करें जिन्हें पहले से ही आपकी भाषा में उपयोग किया जा रहा है। ऐसा करने के लिए आपको यह जानना होगा कि आपके माप मीट्रिक पद्धति से कैसे सम्बन्धित हैं और आप प्रत्येक माप को समझते हैं। + + * "भेंट का कांस्य 5,300 पाउंड वजनी था।" + +1. यूएलबी से मापों का उपयोग करें और उन मापों को सम्मिलित करें जो आपके लोगों को मूलपपाठ या फुटनोट में पता है। निम्नलिखित मूलपाठ में दोनों माप दिखाए गए हैं। + + * "भेंट का कांस्य सत्तर किक्कार (2,380 किलोग्राम) और 2,400 शेकेल (26.4 किलोग्राम) वजनी था. + +1. उन मापों का प्रयोग करें जिन्हें आपके लोग पहले से जानते हैं, और मूलपाठ में या फुटनोट में यूएलबी अनुवाद से मापों को सम्मिलित करें। निम्नलिखित नोट्स में यूएलबी माप दिखाए गए हैं। + + * "भेंट से कांस्य सत्तर किक्कार और 2,400 शेकेल . 1 वजनी था" + * फुटनोट इस तरह दिखेगा: + + [1] यह लगभग 2,400 किलोग्राम का था। diff --git a/translate/translate-bweight/sub-title.md b/translate/translate-bweight/sub-title.md new file mode 100644 index 0000000..aff793c --- /dev/null +++ b/translate/translate-bweight/sub-title.md @@ -0,0 +1,2 @@ +बाइबल में दिए गए वजन के माप का मैं अनुवाद कैसे करूँ? + diff --git a/translate/translate-bweight/title.md b/translate/translate-bweight/title.md new file mode 100644 index 0000000..d98e262 --- /dev/null +++ b/translate/translate-bweight/title.md @@ -0,0 +1,2 @@ +बाइबलीय वजन + diff --git a/translate/translate-chapverse/01.md b/translate/translate-chapverse/01.md new file mode 100644 index 0000000..ef9a833 --- /dev/null +++ b/translate/translate-chapverse/01.md @@ -0,0 +1,56 @@ + +### विवरण + +जब बाइबल की पुस्तकें पहली बार लिखी गईं, तो अध्यायों और वचनों के लिए कोई विराम नहीं था। लोगों ने बाद में इसे जोड़ा, और फिर दूसरों ने बाइबल के विशेष भागों को ढूँढना आसान बनाने के लिए अध्यायों और वचनों में सँख्या को जोड़ दिया। क्योंकि एक से अधिक व्यक्ति ने ऐसा किया है, इसलिए भिन्न अनुवादों में विभिन्न सँख्याओं का उपयोग किया जाता है। यदि यूएलबी अनुवाद में सँख्या पद्धति आपके द्वारा उपयोग की जाने वाली किसी अन्य बाइबल में दी हुई सँख्या पद्धति से अलग है, तो आप कदाचित् उस बाइबल से पद्धति का उपयोग करना चाहेंगे। + +#### इसका कारण यह अनुवाद का एक विषय है + +जो लोग आपकी भाषा बोलते हैं, वे किसी अन्य भाषा में लिखी गई बाइबल का भी उपयोग कर सकते हैं। यदि वह बाइबल और आपका अनुवाद भिन्न अध्यायों और पद सँख्याओं का उपयोग करता है, तो लोगों के लिए यह जानना कठिन होगा कि जब कोई अध्याय और वचन सँख्या कहता है, तो कोई वचन किस बारे में बात कर रहा है। + +### बाइबल से उदाहरण + +> 14 परन्तु मैं शीघ्रता से तुझे देखने की अपेक्षा करता हूँ, और हम आमने-सामने बातचीत करेंगे। **15** शान्ति तेरे लिए हो। मित्र तुझे नमस्कार करते हैं। नाम लेकर मित्रों को नमस्कार कर। (3 यूहन्ना 1:14-15 यूएलबी) + +क्योंकि 3 यूहन्ना में केवल एक ही अध्याय है, कुछ संस्करण अध्याय सँख्या को चिह्नित नहीं करते हैं। यूएलबी अनुवाद और यूडीबी अनुवाद में इसे अध्याय 1 के रूप में चिह्नित किया जाता है। इसके अतिरिक्त, कुछ संस्करण वचन 14 और 15 को दो वचनों में विभाजित नहीं करते हैं। इसकी अपेक्षा वे इसे एक ही वचन 14 के रूप में चिह्नित करते हैं। + +> दाऊद का एक भजन, जब वह अपने पुत्र अबशालोम से भागा। +> 1 हे यहोवा, मेरे शत्रु कितने हैं! (भजन 3:1 यूएलबी) + +कुछ भजनों के आगे उनके बारे में स्पष्टीकरण दिया गया है। कुछ संस्करणों में स्पष्टीकरण को एक वचन सँख्या नहीं दी गई है, जैसा कि यूएलबी और यूडीबी अनुवादों में है। अन्य संस्करणों में स्पष्टीकरण वचन 1 है, और वास्तविक भजन वचन 2 के साथ आरम्भ होता है। + +> ... और दारा मादी को राज्य मिला जब वह लगभग बासठ वर्ष का था। (दानिय्येल 5:31 यूएलबी) + +कुछ संस्करणों में यह दानिय्येल 5 का अन्तिम वचन है। अन्य संस्करणों में यह दानिय्येल 6 की पहला वचन है। + +### अनुवाद की रणनीतियाँ + +1. यदि आपकी भाषा बोलने वाले लोग एक और बाइबल का उपयोग करते हैं, तो अध्यायों और वचनों को जिस तरह से लिखा है, उनकी सँख्या बनाएँ। [TranslStudio APP] में वचनों को चिह्नित करने के निर्देशों को पढ़ें (http://help.door43.org/en/knowledgebase/13-translationstudio-android/docs/24-marking-verses-in-translationstudio) । + +### अनुवाद के लिए लागू की गई रणनीतियों के उदाहरण + +यदि आपकी भाषा बोलने वाले लोग एक और बाइबल का उपयोग करते हैं, तो अध्यायों और वचनों को जिस तरह से लिखा है, उनकी सँख्या बनाएँ। नीचे दिया गया उदाहरण 3 यूहन्ना 1 से है। कुछ बाइबल इस पाठ को वचन 14 और 15 के रूप में चिह्नित करते हैं, और कुछ इसे 14 पद के रूप में चिह्नित करते हैं। आप वचन सँख्या को वैसे चिह्नित कर सकते हैं, जैसे आपकी दूसरी बाइबल करती है। + +** 14 परन्तु मैं शीघ्रता से तुझे देखने की अपेक्षा करता हूँ, और हम आमने-सामने बातचीत करेंगे।** 15 ** शान्ति तेरे लिए हो। + +मित्र तुझे नमस्कार करते हैं। मित्रों का नाम लेकर नमस्कार कर।** (3 यूहन्ना 1:14-15 यूएलबी) + + 14 परन्तु मैं शीघ्रता से तुझे देखने की अपेक्षा करता हूँ, और हम आमने-सामने बातचीत करेंगे। शान्ति तेरे लिए हो। मित्र तुझे नमस्कार करते हैं। मित्रों का नाम लेकर नमस्कार कर। (3 यूहन्ना 14) + +अगला उदाहरण भजन संहिता 3 से है। कुछ बाइबल भजन के आरम्भ में स्पष्टीकरण को एक वचन के रूप में चिह्नित नहीं करती हैं, और अन्य इसे वचन 1 के रूप में चिह्नित करती हैं। आप वचन सँख्या को वैसे चिह्नित कर सकते हैं, जैसे आपकी दूसरी बाइबल करती है। + +* **दाऊद का एक भजन, जब वह अपने पुत्र अबशालोम से भाग गया।** * + + 1 **हे यहोवा, मेरे शत्रु कितने हैं!** + +**कई लोग मुझ से दूर हो गए हैं और मुझ पर आक्रमण किया है।** + + 2 **कई मेरे बारे में कहते हैं,** + +**"परमेश्वर से उसको कोई सहायता नहीं है।" *सेला*** + + 1 *दाऊद का एक भजन, जब वह अपने पुत्र अबशालोम से भागा।* + + 2 हे यहोवा, मेरे शत्रु कितने हैं! कई लोग मुझ से दूर हो गए हैं और मुझ पर आक्रमण किया है। + + 3 कई मेरे बारे में कहते हैं, "परमेश्वर से उसको कोई सहायता नहीं है।" *सेला* + diff --git a/translate/translate-chapverse/sub-title.md b/translate/translate-chapverse/sub-title.md new file mode 100644 index 0000000..a188a32 --- /dev/null +++ b/translate/translate-chapverse/sub-title.md @@ -0,0 +1,2 @@ +मेरी बाइबल के अध्याय और आयत आपकी बाइबल से विभिé क्यों होते हैं? + diff --git a/translate/translate-chapverse/title.md b/translate/translate-chapverse/title.md new file mode 100644 index 0000000..5ed49c8 --- /dev/null +++ b/translate/translate-chapverse/title.md @@ -0,0 +1,2 @@ +अध्याय एवं आयतों की संख्याएँ + diff --git a/translate/translate-decimal/01.md b/translate/translate-decimal/01.md new file mode 100644 index 0000000..c78cd78 --- /dev/null +++ b/translate/translate-decimal/01.md @@ -0,0 +1,66 @@ + +### विवरण + +दशमलव बिन्दु, या दशमलव अल्पविराम, यह दिखाने के लिए सँख्या के बाईं ओर स्थित एक चिह्न होता है कि सँख्या पूरी सँख्या के भाग को सन्दर्भित करती है। उदाहरण के लिए .1 मीटर एक पूरा मीटर नहीं है, परन्तु मीटर का केवल दसवाँ भाग है और .5 मीटर पाँच मीटर नहीं है, परन्तु मीटर का केवल पाँचवाँ भाग है। 3.7 मीटर एक मीटर का तीन और दसवें का सातवाँ भाग है। + +इन तरह की सँख्याएँ *अनलॉक्डड डायनामिक बाइबल* (यूडीबी) में उपयोग की जाती है। कुछ देशों में लोग दशमलव बिन्दु का उपयोग करते हैं, और अन्य देशों में लोग दशमलव अल्पविराम का उपयोग करते हैं। इस कारण दशमलव अल्पविराम का उपयोग करने वाले देशों में अनुवादक "3.7 मीटर" को "3,7 मीटर" लिखेंगे। कुछ संस्कृतियों में लोग अंशों को पसन्द करते हैं। (देखें [अंश](../translate-fraction/01.md)) + +अनलॉक्ड डायनैमिक बाइबल (यूडीबी) में सँख्या के कुछ भागों को दशमलव या अंश के रूप में लिखा जाता है। जब मीटर, ग्राम और लीटर जैसे माप के साथ उनका उपयोग किया जाता है, तो सामान्य रूप से दशमलव बिन्दुओं के रूप में लिखा जाता है। + +#### यूडीबी में दशमलव सँख्या + +| दशमलव | अंश | सरलत्तम अंश | +| -------- | -------- | -------- | +| .1 | एक बटा दस | | +|2 | दो बटा दस | एक पाँच | +|3 | तीन बटा दस | | +|4 | चार बटा दस | दो पाँच | +|5 | पाँच बटा दसवाँ | एक का आधा | +|6 | छः बटा दसवाँ | तीन पाँच | +|7 | सात बटा दसवाँ | | +|8 | आठ बटा दसवाँ | चार पाँच | +|9 | नौ बटा दस | | +|25 | एक बटा पच्चीस | एक चौथाई | +|75 | एक बटा पचहत्तर | तीन चौथाई | + +#### इसका कारण यह अनुवाद का एक विषय है + +* यदि अनुवादक यूडीबी अनुवाद में मापों का उपयोग करना चाहते हैं, तो उन्हें उनके साथ उपयोग की जाने वाली दशमलव सँख्याओं को समझने में सक्षम होना चाहिए। +* अनुवादकों को सँख्याओं को इस तरह लिखने की आवश्यकता होगी कि उनके पाठक उन्हें समझ सकें। + +### बाइबल से उदाहरण + +किसी सँख्या के कुछ भागों के बारे में बताने के लिए, अनलॉक्ड शाब्दिक बाइबल (यूएलबी) भिन्नता का उपयोग करती है, और अनलॉक्ड डायनामिक बाइबल (यूडीबी) माप के साथ उपयोग किए जाने पर अधिकतर समय दशमलव का उपयोग करती है। यूएलबी और यूडीबी अनुवादों के बीच एक और अन्तर यह है कि [बाइबल में दी गई दूरी](../translate-bdistance/01.md), [बाइबल में दिए गए वजन], और [बाइबल की मात्राएँ] को मापते समय, वे विभिन्न पद्धतियों का उपयोग करती हैं, इसलिए यूएलबी और यूडीबी अनुवादों में सँख्याएँ इन मापों में समान नहीं हैं। + +> उन्हें बबूल की लकड़ी का एक सन्दूक बनाना है। इसकी लम्बाई ढाई हाथ होनी चाहिए; इसकी चौड़ाई डेढ़ हाथ होगी ; और इसकी ऊँचाई डेढ़ हाथ की होगी। (निर्गमन 25:10 यूएलबी) + +यूएलबी अनुवाद अंश "आधा" का उपयोग करता है। इसे दशमलव के रूप में भी लिखा जा सकता है: .5 + +> लोगों से बबूल की लकड़ी से एक पवित्र सन्दूक बनाने के लिए कह। यह एक मीटर लम्बा, 0.7 मीटर चौड़ा , और 0.7 मीटर ऊँचा होना चाहिए। (निर्गमन 25:10 यूडीबी) + +यूडीबी दशमलव 0.7 का उपयोग करता है। यह दसवें के सात के बराबर है। ढाई हाथ लगभग एक मीटर है। ढाई हाथ एक मीटर के 7 भाग या दसवें का सातवाँ हैं। + +### अनुवाद की रणनीतियाँ + +* निर्धारित करें कि आप केवल अंशों, दशमलव, या दोनों के संयोजन का उपयोग करना चाहते हैं। +* निर्धारित करें कि आप यूएलबी या यूडीबी अनुवाद या किसी अन्य प्रकार के अनुवाद में दिए मापों का उपयोग करना चाहते हैं या नहीं। +* यदि आप यूएलबी अनुवाद में दिए गए अंशों और मापों का उपयोग करने का निर्णय लेते हैं, तो केवल यूएलबी अनुवाद की ही सँख्याओं और मापों का अनुवाद करें। +* यदि आप यूडीबी में दिए गए दशमलवों और मापों का उपयोग करने का निर्णय लेते हैं, तो बस यूडीबी की ही सँख्याओं और मापों का अनुवाद करें। + +1. यदि आप यूएलबी में दिए हए दशमलवों और मापों का उपयोग करने का निर्णय लेते हैं, तो आपको यूएलबी में अंशों को दशमलवों में परिवर्तित करने की आवश्यकता होगी। +1. यदि आप यूडीबी अनुवाद में दशमलव और मापों का उपयोग करने का निर्णय लेते हैं, तो आपको यूडीबी अनुवाद में दशमलवों को अंशों में परिवर्तितना होगा। + +### अनुवाद के लिए लागू की गई रणनीतियों के उदाहरण + +1. यदि आप यूएलबी अनुवाद में दिए गए दशमलवों और मापों का उपयोग करने का निर्णय लेते हैं, तो आपको यूएलबी अनुवाद में अंशों को दशमलव में परिवर्तित करने की आवश्यकता होगी। + +* **अनाज के तीन दसवें का एक एपा तेल के साथ अनाज की भेंट बलि के रूप में मिलाया हुआ मैदा, और तेल का एक लोज .** (लैव्यव्यवस्था 14:10 यूएलबी) + + * " 0.3 एपा तेल के साथ अनाज की भेंट बलि के रूप में मिलाया हुआ मैदा, और तेल का एक लोज ." + +1. यदि आप यूडीबी अनुवाद में भिन्नताओं और मापों का उपयोग करने का निर्णय लेते हैं, तो आपको यूडीबी में दशमलवों को अंशों में परिवर्तितना होगा। + +* ** लगभग 6.5 लीटर > जैतून के तेल के साथ अनाज की भेंट बलि के रूप में मिलाया हुआ मैदा, और तेल का एक तिहाई लीटर.** (लैव्यव्यवस्था 14 :10 यूडीबी) + + * "लगभग साढ़े छह लीटर जैतून के तेल के साथ अनाज की भेंट बलि के रूप में मिलाया हुआ मैदा, और तेल का लगभग एक तिहाई लीटर.** + diff --git a/translate/translate-decimal/sub-title.md b/translate/translate-decimal/sub-title.md new file mode 100644 index 0000000..9525ef1 --- /dev/null +++ b/translate/translate-decimal/sub-title.md @@ -0,0 +1,2 @@ +क्रमसूचक संख्या क्या है और मैं उसका अनुवाद कैसे करूँ? + diff --git a/translate/translate-decimal/title.md b/translate/translate-decimal/title.md new file mode 100644 index 0000000..6038a0b --- /dev/null +++ b/translate/translate-decimal/title.md @@ -0,0 +1,2 @@ +दशमलव संख्याएँ + diff --git a/translate/translate-discover/01.md b/translate/translate-discover/01.md new file mode 100644 index 0000000..ecd171e --- /dev/null +++ b/translate/translate-discover/01.md @@ -0,0 +1,14 @@ + +### अर्थ का पता कैसे लगाएँ + +मूलपाठ के अर्थ को खोजने में हमारी सहायता करने के लिए हम कई भिन्न बातें कर सकते हैं, अर्थात यह सुनिश्चित करने के लिए कि हम समझ सकते हैं कि मूलपाठ क्या कहने का प्रयास कर रहा है। + +यहाँ कुछ सुझाव दिए गए हैं: + +1. अनुवाद करने से पहले पूरे सन्दर्भ को पढ़ें। इससे पहले कि आप इसका अनुवाद करना आरम्भ करें, पूरे सन्दर्भ के मुख्य बिन्दु को समझें। यदि यह एक कथा सन्दर्भ है, जैसे कि यीशु के आश्चर्यकर्मों में से एक की कहानी, जो मूल स्थिति को चित्रित करती है। कल्पना कीजिए कि आप वहाँ थे। कल्पना कीजिए कि लोगों को कैसा लगा। + +1. बाइबल का अनुवाद करते समय, सदैव अपने स्रोत मूलपाठ के रूप में बाइबल के कम-से-कम दो संस्करणों का उपयोग करें। दो संस्करणों की तुलना करने से आपको अर्थ के बारे में सोचने में सहायता मिलेगी, जिससे आप मात्र एक संस्करण का ही शब्दिक पालन न करें। दो संस्करणों को होना चाहिए: + +* एक संस्करण जो मूल भाषा के रूप अर्थात् ढ़ाचें की बहुत अधिक निकटता में हो, जैसे अनलॉक्ड शाब्दिक बाइबल (यूएलबी)। +* एक अर्थ-आधारित संस्करण, जैसे *अनलॉक्ड डायनामिक बाइबल* (यूडीबी)। + diff --git a/translate/translate-discover/sub-title.md b/translate/translate-discover/sub-title.md new file mode 100644 index 0000000..12520ed --- /dev/null +++ b/translate/translate-discover/sub-title.md @@ -0,0 +1,2 @@ +एक लेख के अर्थ को मैं कैसे खोजूँ? + diff --git a/translate/translate-discover/title.md b/translate/translate-discover/title.md new file mode 100644 index 0000000..c653001 --- /dev/null +++ b/translate/translate-discover/title.md @@ -0,0 +1,2 @@ +लेख के अर्थ की खोज + diff --git a/translate/translate-dynamic/01.md b/translate/translate-dynamic/01.md new file mode 100644 index 0000000..e77c62a --- /dev/null +++ b/translate/translate-dynamic/01.md @@ -0,0 +1,67 @@ + +### परिचय + +हमने शाब्दिक अनुवादों को निकटता से देखा है। अब, हम अर्थ-आधारित अनुवादों को देखेंगे। इन अनुवादों को भी यह भी कहा जाता है: + +* अर्थ-समकक्ष +* मुहावरेदार +* गतिशील + +### मुख्य विशेषताएँ + +अर्थ-आधारित अनुवादों की मुख्य विशेषता यह है कि वे स्रोत मूलपाठ के रूप अर्थात् ढ़ांचे को पुन: उत्पन्न करने के लिए अर्थ को अनुवाद करने के लिए प्राथमिकता देते हैं। अर्थात्, वे स्पष्ट रूप से अर्थ स्पष्ट करने के लिए आवश्यक मूलपाठ के रूप अर्थात् ढ़ांचे को परिवर्तित करती हैं। + +**अर्थ-आधारित अनुवादों के सबसे सामान्य प्रकार के परिवर्तन निम्न हैं**: + +* लक्षित भाषा की व्याकरण के अनुरूप शब्द व्यवस्था को परिवर्तित करें +* स्वभाविक व्याकरण के साथ विदेशी व्याकरण संरचनाओं को प्रतिस्थापित करें +* लक्षित भाषा में तर्क के प्रवाह के सामान्य क्रम के अनुरूप कारणों या परिणामों का क्रम परिवर्तित करें +* मुहावरे के विकल्प दें या व्याख्या करें +* अन्य भाषाओं से शब्दों की व्याख्या या अनुवाद को लें ("गोलगोथा" = "खोपड़ी की स्थान") +* स्रोत मूलपाठ में कठिन या असामान्य शब्दों के लिए एकल शब्द समकक्षों को खोजने की प्रयास करने की अपेक्षा सरल शब्दों के साथ वाक्यांशों का उपयोग करें +* उन शब्दों को प्रतिस्थापित करें जो लक्षित संस्कृति में अज्ञात शब्दों या विवरणों के साथ अज्ञात हैं +* सम्पर्क स्थापित करने वाले शब्दों को प्रतिस्थापित करें जिन्हें लक्षित भाषा उन भाषाओं को जोड़ने वाले शब्दों के साथ उपयोग नहीं करती है, जिनकी लक्षित भाषा को आवश्यकता होती है +* लक्षित भाषा के अंलकार के विकल्प को उन्हीं अर्थों में लिखें जिनके मूल अंलकार जैसे ही अर्थ हैं +* मूलपाठ के अर्थ को समझने के लिए आवश्यक जानकारी सम्मिलित करें +* अस्पष्ट वाक्यांशों या निर्माण की व्याख्या करें + +### अर्थ-आधारित अनुवादों के उदाहरण + +अर्थ-आधारित अनुवाद कैसा दिखता है? हम देखेंगे कि विभिन्न संस्करण एक ही वचन का अनुवाद कैसे करते हैं। लूका 3:8 में, *यूहन्ना बपतिस्मा देने वाले ने स्व-धर्मी लोगों को ताडना दी जो बपतिस्मा लेने आए थे।* वचन के पहले भाग के **यूनानी** मूलपाठ नीचे दिखाया गया है। + +> Ποιήσατε οὖν καρποὺς ἀξίους τῆς μετανοίας + +प्रत्येक यूनानी शब्द के रूप में एक ही क्रम में **अंग्रेजी** अनुवाद, कुछ वैकल्पिक अंग्रेजी शब्दों को चुनने के द्वारा, नीचे दिया गया है। + +> करें/बनाओ/इसलिए योग्य फल उत्पादन/पश्चाताप के लिए उपयुक्त + +#### शाब्दिक + +एक शाब्दिक अनुवाद सामान्य रूप से जितना अधिक सम्भव हो सके यूनानी मूलपाठ के शब्दों और क्रम का पालन करेगा, जैसे कि निम्नलिखित। + +> पश्चाताप के योग्य फल का उत्पादन करें (लूका 3:8 यूएलबी) + +ध्यान दें कि इस संशोधित-शाब्दिक अनुवाद शब्द "फल" और "पश्चाताप" को बनाए रखता है। शब्द व्यवस्था यूनानी मूलपाठ के जैसी ही है। + +ऐसा इसलिए है क्योंकि यूएलबी अनुवाद को मूल रूप से मूलपाठ में अनुवादकों को दिखाने के लिए रूपरेखित किया गया है। परन्तु यह आपकी भाषा में इस अर्थ को संचारित करने का स्वभाविक या स्पष्ट तरीका नहीं हो सकता है। + +#### अर्थ-आधारित + +दूसरी ओर, अर्थ-आधारित अनुवाद में, शब्दों और व्यवस्था को परिवर्तित करने की अधिक संभावना है, यदि अनुवादकों को लगता है कि यह अर्थ को स्पष्ट करने में सहायता करेगा। इन तीन अर्थ-आधारित अनुवादों पर विचार करें: + +अंग्रेजी की लिविंग बाइबल से: + +> ... प्रमाणित करें कि तुम योग्य कामों को करके पाप की ओर से मुड़ गए हो। + +अंग्रेजी के न्यू लिविंग अनुवाद से: + +> जिस तरह से तुम जीवन व्यतीत करते हो, उससे प्रमाणित करो कि तुमने अपने पापों से पश्चाताप किया है और परमेश्वर की ओर मुड़ गए हो। + +अनलॉक्ड डायनामिक बाइबल से + +> उन कामों को करें जो दिखाते हैं कि तुम वास्तव में अपने पापी व्यवहार से दूर हो गए हो! + +ध्यान दें कि इन अनुवादों ने शब्द व्यवस्था को अंग्रेजी में और अधिक स्वभाविक बनाने के लिए परिवर्तित दिया है। इसके अतिरिक्त, शब्द "फल" अब प्रकट नहीं होता है। वास्तव में, लिविंग बाइबल अनुवाद यूएलबी अनुवाद के लगभग किसी भी शब्द को उपयोग नहीं करता है। इसकी अपेक्षा, "फल" के स्थान पर, अर्थ-आधारित अनुवाद "कामों" या "जिस तरह से तुम जीवन व्यतीत करते हो" को सन्दर्भित करता है। इस वचन में "फल" एक रूपक के रूप में प्रयोग किया गया है। इस रूपक में "फल" का अर्थ "काम जो एक व्यक्ति करता है।" (देखें [रूपक](../figs-metaphor/01.md)।) + +इसलिए इन अनुवादों ने केवल शब्दों की अपेक्षा सन्दर्भ में रहते हुए अर्थ का अनुवाद किया। उन्होंने एक कठिन शब्द "पश्चाताप" की अपेक्षा "पाप से मुड़ना" या "अपने पापपूर्ण व्यवहार से दूर रहना" जैसे अधिक समझे जाने वाले वाक्यांशों का भी उपयोग किया है, या उन्होंने यह कहते हुए शब्द समझाया, "आपने पापों से पश्चाताप किया और परमेश्वर की ओर मुड़ गए।” उनमें सभी का अर्थ समान है, परन्तु रूप अर्थात् ढ़ांचा बहुत अधिक भिन्न है। अर्थ-आधारित अनुवादों में, अर्थ बहुत अधिक स्पष्ट होता है। + diff --git a/translate/translate-dynamic/sub-title.md b/translate/translate-dynamic/sub-title.md new file mode 100644 index 0000000..ad91a40 --- /dev/null +++ b/translate/translate-dynamic/sub-title.md @@ -0,0 +1,2 @@ +अर्थ आधारित अनुवाद का क्या मतलब हैं? + diff --git a/translate/translate-dynamic/title.md b/translate/translate-dynamic/title.md new file mode 100644 index 0000000..6492d19 --- /dev/null +++ b/translate/translate-dynamic/title.md @@ -0,0 +1,2 @@ +अर्थ आधारित अनुवाद + diff --git a/translate/translate-fandm/01.md b/translate/translate-fandm/01.md new file mode 100644 index 0000000..dd735ec --- /dev/null +++ b/translate/translate-fandm/01.md @@ -0,0 +1,28 @@ + +### रूप अर्थात् ढ़ांचे और अर्थ परिभाषित करना + +मूलपाठ का अनुवाद करने में उपयोग किए जाने वाले दो प्रमुख शब्द "रूप" और "अर्थ" हैं। इन शब्दों का प्रयोग बाइबल अनुवाद में विशेष तरीकों से किया जाता है। उनकी निम्नलिखित परिभाषाएँ हैं: + +* **रूप** - भाषा की संरचना होती है जैसा कि यह पृष्ठ पर दिखाई देती है या जैसा बोली जाती है। शब्द "रूप" उसे सन्दर्भित करता है, जिसमें भाषा की व्यवस्था की गई है- इसमें शब्द, शब्द क्रम, व्याकरण, मुहावरे, और मूलपाठ की संरचना जैसी कोई अन्य विशेषताएँ सम्मिलित हैं। +* **अर्थ** - अन्तर्निहित विचार या अवधारणा कि मूलपाठ पाठक या सुनने वाले के लिए संचारित करने की प्रयास कर रहा है। एक वक्ता या लेखक भाषा के विभिन्न रूपों का उपयोग करके एक ही अर्थ को संचारित कर सकते हैं, और भिन्न लोग एक ही भाषाई रूप को सुनने या पढ़ने से भिन्न अर्थों को समझ सकते हैं। इस तरह आप देख सकते हैं कि रूप और अर्थ एक ही जैसी बात नहीं है। + +### एक उदाहरण + +आइए सामान्य जीवन से एक उदाहरण के ऊपर विचार करें। मान लीजिए कि एक मित्र ने आपको नीचे लिखा हुआ नोट भेजा है: + +* "यह सप्ताह मेरे लिए बहुत अधिक कठिन था। मेरी माता बीमार थी और मैंने सारा पैसा डॉक्टर को लेने और उसके लिए दवा खरीदने के लिए खर्च हो गया। मेरे पास कुछ भी नहीं बचा है। मेरा नियोक्ता अगले सप्ताहांत तक मुझे भुगतान नहीं करेगा। मुझे नहीं पता कि मैं इसे सप्ताह अपनी अन्य आवश्यकताओं को कैसे पूरी करूँगा। मेरे पास खाना खरीदने के लिए पैसे भी नहीं हैं।” + +#### अर्थ + +आपको लगता है कि मित्र ने यह नोट क्यों भेजा? बस आपको अपने सप्ताह के बारे में बताने के लिए? कदाचित् नहीं। उसकी असली मंशा आपको कुछ और बताने की संभावना थी: + +* "मैं चाहता हूँ कि आप मुझे पैसे दें।" यही नोट का **प्राथमिक** अर्थ है, जिसे प्रेषक आपको संचारित करना चाहता था। यह एक रिपोर्ट नहीं है, परन्तु एक अनुरोध है। यद्यपि, कुछ संस्कृतियों में पैसे की ऐसे मांग करना-यहाँ तक कि एक मित्र से भी बहुत अधिक कठिन होगा। इसलिए, उसने अनुरोध करने के लिए नोट के **रूप** को उपयोग किया और उसकी आवश्यकता को समझने में आपकी सहायता की। + +उसने एक सांस्कृतिक रूप से स्वीकार्य तरीके से लिखा जिसमें उसने पैसे की अपनी आवश्यकता को प्रस्तुत किया है, परन्तु आपको उत्तर देने के लिए बाध्य नहीं किया। उसने वर्णन किया है कि उनके पास पैसा क्यों नहीं था (उसकी बीमार माँ), कि उसकी आवश्यकता केवल अस्थायी थी (जब तक उसे भुगतान नहीं किया जाता), और उसकी स्थिति हताशापूर्ण थी (भोजन नहीं था)। अन्य संस्कृतियों में, अनुरोध का एक और प्रत्यक्ष रूप इस अर्थ को संचारित करने के लिए अधिक उपयुक्त हो सकता है। + + +#### रूप + +इस उदाहरण में, **रूप** नोट का पूरा मूलपाठ है। **अर्थ** यह है कि "मैं चाहता हूँ कि आप मुझे पैसे दें!" + +हम इन शब्दों का एक समान तरीके से उपयोग करते हैं। **रूप** उन वचनों के पूरे मूलपाठ को सन्दर्भित करेगा जिन्हें हम अनुवाद कर रहे हैं। **अर्थ** उस विचार या विचारों का उल्लेख करेगा जो मूलपाठ संचारित करने का प्रयास कर रहा है। एक निश्चित अर्थ संचारित करने के लिए सबसे अच्छा रूप विभिन्न भाषाओं और संस्कृतियों में भिन्न होगा। diff --git a/translate/translate-fandm/sub-title.md b/translate/translate-fandm/sub-title.md new file mode 100644 index 0000000..f4b965d --- /dev/null +++ b/translate/translate-fandm/sub-title.md @@ -0,0 +1,2 @@ +रूप क्या है ओर उसका अर्थ क्या है? + diff --git a/translate/translate-fandm/title.md b/translate/translate-fandm/title.md new file mode 100644 index 0000000..23d7cfd --- /dev/null +++ b/translate/translate-fandm/title.md @@ -0,0 +1,2 @@ +प्रारूप एवं अर्थ + diff --git a/translate/translate-form/01.md b/translate/translate-form/01.md new file mode 100644 index 0000000..9e363d2 --- /dev/null +++ b/translate/translate-form/01.md @@ -0,0 +1,41 @@ + +### रूप क्यों महत्वपूर्ण है + +एक मूलपाठ का अर्थ सबसे महत्वपूर्ण तत्व है। यद्यपि, मूलपाठ का रूप भी बहुत अधिक महत्वपूर्ण है। यह अर्थ के लिए मात्र एक "पात्र" से अधिक है। यह अर्थ समझने और प्राप्त किए जाने के तरीके को प्रभावित करता है। इस तरह से स्वयं रूप में अपना एक अर्थ होता है। उदाहरण के लिए, भजन 9:1-2 के दो अनुवादों के बीच रूप में मतभेदों को देखें: + +अंग्रेजी के न्यू लाईफ संस्करण से: + +> मैं अपने पूरे मन से परमेश्वर का धन्यवाद करूँगा। मैं तेरे द्वारा किए गए सभी महान कामों के बारे में बताऊँगा। मैं आनन्दित हूँ और तेरे कारण आनन्द से भरा हूँ। हे सर्वोच्च परमेश्वर, मैं तेरे नाम की स्तुति गाऊँगा। अंग्रेजी के न्यू रिवाईज्ड स्टैन्डर्ड संस्करण से + +> मैं अपने सारे मन से यहोवा का धन्यवाद करूँगा; +> मैं तेरे सारे अद्भुत कर्मों के बारे में बताऊँगा। +> मैं तुझ में आनन्दित और प्रसन्न होऊँगा; +> हे सर्वोच्च परमेश्वर, मैं तेरे नाम की स्तुति गाऊँगा। + +पहला संस्करण मूलपाठ को ऐसे रूप में रखता है, जो कहानियों को कहने के लिए उपयोग किए जाने वाले रूप से अलग नहीं है। भजन की प्रत्येक पंक्ति को एक अलग वाक्य के रूप में वर्णित किया गया है। दूसरे संस्करण में, काव्य की व्यवस्था पृष्ठ की एक अलग पंक्ति के साथ वचन की प्रत्येक पंक्ति को लेते हुए लक्षित संस्कृति में काव्य की व्यवस्था की जाती है। इसके अतिरिक्त, दूसरी पंक्ति से हटाकर नया परिच्छेद आरम्भ करने के साथ, पहली दो पंक्तियाँ अर्ध-विराम से जुड़ती हैं। + +ये बातें इंगित करती हैं कि दो पंक्तियाँ सम्बन्धित हैं-वे बहुत समान बातें कहते हैं। तीसरी और चौथी पंक्तियाँ में भी वही व्यवस्था पाई जाती है। दूसरे संस्करण के एक पाठक को पता चलेगा कि यह भजन एक काव्य या गीत है, जो उसके स्वरूप के कारण है, जबकि पहले संस्करण के पाठक को यह समझ नहीं मिल सकती है, क्योंकि इसे मूलपाठ के रूप में संचारित नहीं किया गया था। पहले संस्करण के पाठक भ्रमित हो सकते हैं, क्योंकि भजन एक गीत प्रतीत होता है, परन्तु इसे एक गीत के रूप में प्रस्तुत नहीं किया गया है। शब्द एक आनन्द से भरी हुई भावना को व्यक्त कर रहे हैं। एक अनुवादक के रूप में, आपको अपनी भाषा में एक आनन्द से भरे हुए गीत को व्यक्त करने के लिए रूप का उपयोग करना चाहिए। + +अंग्रेजी के न्यू इन्टरनेशनल संस्करण में 2 शमूएल 18:33ब के रूप को भी देखें: + +> "हे मेरे पुत्र अबशालोम! मेरे पुत्र, मेरे पुत्र अबशालोम! यदि मैं केवल तेरे बदले में मर गया होता- हे अबशालोम, मेरे पुत्र, मेरे पुत्र!" कोई कह सकता है कि इस वचन के इस भाग में निहित अर्थ यह है कि, "मैं चाहता हूँ कि मेरे पुत्र अबशालोम की अपेक्षा मेरी मृत्यु हो गई होती।" यह शब्दों में निहित अर्थ का सारांश देता है। परन्तु रूप मात्र उस विषय वस्तु से अधिक को संचार करता है। + +"मेरे पुत्र" की कई बार हुई पुनरावृत्ति, "अबशालोम" नाम की पुनरावृत्ति, शब्द "हे" की अभिव्यक्ति, इच्छा का रूप "यदि केवल ..." सभी एक पिता के मन पर गहरी पीड़ा की एक दृढ़ भावना को संचारित करते हैं कि एक पिता ने अपने एक पुत्र को खो दिया है। एक अनुवादक के रूप में, आपको न केवल शब्दों का अर्थ, अपितु रूप का अर्थ भी अनुवाद करना होगा। + +2 शमूएल 18:33ब के लिए, यह महत्वपूर्ण है कि आप एक ऐसे रूप का उपयोग करें जो मूल भाषा में निहित भावनाओं को संचारित करे। इसलिए हमें बाइबल के मूलपाठ के रूप की जाँच करने की आवश्यकता है और स्वयं से पूछें कि इसका रूप ऐसा क्यों है और कुछ दूसरे जैसा क्यों नहीं है। यह किस दृष्टिकोण या भावना को संचारित कर रहा है? + +अन्य प्रश्न जो रूप के अर्थ को समझने में हमारी सहायता कर सकते हैं: + +* इसे किसने लिखा? +* इसे किसने प्राप्त किया? +* यह किस स्थिति में लिखा गया था? +* कौन से शब्द और वाक्यांश चुने गए थे और क्यों? +* क्या शब्द बहुत अधिक भावनात्मक शब्द हैं, या शब्दों के क्रम के बारे में कुछ विशेष बात है? + +जब हम रूप के अर्थ को समझते हैं, तो हम एक ऐसा रूप चुन सकते हैं, जिसका लक्ष्य लक्षित भाषा और संस्कृति में समान अर्थ को देना हो। + +### संस्कृति अर्थ को प्रभावित करती है + +रूपों का अर्थ संस्कृति के द्वारा निर्धारित किया जाता है। विभिन्न संस्कृतियों में एक ही रूप के कई भिन्न अर्थ हो सकते हैं। अनुवाद में, अर्थ का अर्थ वैसा जैसा ही होना चाहिए, जिसमें रूप के अर्थ सम्मिलित हैं। इसका अर्थ है कि मूलपाठ के रूप में संस्कृति के अनुसार परिवर्तन होना चाहिए। + +रूप में मूलपाठ की भाषा, इसकी व्यवस्था, कोई दोहराव, या कोई अभिव्यक्ति सम्मिलित है, जो "हे" जैसे ध्वनियों की नकल करती हैं। आपको इन सभी बातों की जाँच करनी चाहिए, उनका निर्णय करना चाहिए कि उनका क्या अर्थ है, और फिर निर्धारित करें कि कौन सा रूप लक्षित भाषा और संस्कृति के सर्वोत्तम तरीके को व्यक्त करेगा। diff --git a/translate/translate-form/sub-title.md b/translate/translate-form/sub-title.md new file mode 100644 index 0000000..2ca6631 --- /dev/null +++ b/translate/translate-form/sub-title.md @@ -0,0 +1,2 @@ +रूप क्यों महत्वपूर्ण हैं? + diff --git a/translate/translate-form/title.md b/translate/translate-form/title.md new file mode 100644 index 0000000..b8a0f2e --- /dev/null +++ b/translate/translate-form/title.md @@ -0,0 +1,2 @@ +प्रारूप का महत्व + diff --git a/translate/translate-formatsignals/01.md b/translate/translate-formatsignals/01.md new file mode 100644 index 0000000..30e3c9a --- /dev/null +++ b/translate/translate-formatsignals/01.md @@ -0,0 +1,55 @@ + +### विवरण + +*अनलॉक्ड शाब्दिक बाइबल* (यूएलबी) और *अनलॉक्ड डायनामिक बाइबल* (यूडीबी) पदलोप चिन्ह, लम्बे डैश अर्थात् शब्द विच्छेद रेखा चिन्ह, कोष्टक, और इंडेंटेशन अर्थात् अभिस्थापन का उपयोग यह दिखाने के लिए करते हैं कि मूलपाठ में जानकारी किस प्रकार से सम्बन्धित है। + + +#### पदलोप चिन्ह + +**परिभाषा** - पदलोप चिन्ह (...) का उपयोग यह दिखाने के लिए किया जाता है कि किसी ने एक वाक्य समाप्त नहीं किया है, या लेखक ने जो कुछ कहा है, उस पूरे को उद्धृत नहीं किया गया है। + +मत्ती 9:4-6 में, पदलोप चिन्ह से पता चलता है कि यीशु ने अपने वाक्य को शास्त्रियों के साथ पूरा नहीं किया जब उसने लकवा ग्रसित व्यक्ति पर अपना ध्यान दिया और उससे बात की: + +> देखो, कुछ शास्त्रियों ने स्वयं में एक दूसरे से कहा, "यह मनुष्य निन्दा करता है।" यीशु ने उनके विचारों को जानकर कहा, "तुम अपने मन में बुराई क्यों सोच रहे हो? + +क्या कहना आसान है, 'तेरे पाप क्षमा हुए हैं,' या यह कहना, 'उठ और चल'? + +परन्तु तुम जानते हो कि मनुष्य के पुत्र के पास पृथ्वी पर पापों को क्षमा करने का अधिकार है, **....** "उसने लकवा ग्रसित से कहा," उठ, अपनी खाट उठा, और अपने घर चला जा।” (यूएलबी) + +मरकुस 11:31-33 में, पदलोप चिन्ह से पता चलता है कि या तो धार्मिक अगुओं ने अपने वाक्य को पूरा नहीं किया, या मरकुस ने जो कुछ कहा वह समाप्त नहीं हुआ है। + +> उन्होंने आपस में चर्चा की और तर्क दिया और कहा, "यदि हम कहते हैं, 'स्वर्ग से,' तो वह कहेगा, 'फिर तुमने उस पर विश्वास क्यों नहीं किया?' परन्तु यदि हम कहते हैं, 'लोगों की ओर से,' **...**" वे लोगों से डरते थे, क्योंकि वे सभी ने माना था कि यूहन्ना एक भविष्यद्वक्ता था। तब उन्होंने यीशु को उत्तर दिया और कहा, "हम नहीं जानते।" तब यीशु ने उनसे कहा, "न ही मैं तुम्हें बताऊँगा कि मैं किस अधिकार से इन कामों को करता हूँ।" (यूएलबी) + + +#### लम्बे पदलोप चिन्ह अर्थात् शब्द विच्छेद रेखा चिन्ह + +**परिभाषा** - लम्बी डैश अर्थात् शब्द विच्छेद रेखा चिन्ह (—) ऐसी जानकारी को प्रस्तुत करती है, जो उससे पहले जो कुछ हुआ है, उससे तुरन्त प्रासंगिक होती है। + +उदाहरण के लिए: + +> फिर दो लोग एक खेत में होंगे **—** एक को ले लिया जाएगा, और एक पीछे छोड़ दिया जाएगा। दो स्त्रीयाँ एक साथ चक्की पीस रही होंगी **—** एक को ले लिया जाएगा, और एक छोड़ा दिया जाएगा। इसलिए सावधान रहो, क्योंकि तुम नहीं जानते कि तुम्हारा प्रभु किस दिन आएगा। (मत्ती 24:40-41 यूएलबी) + +#### कोष्टक + +**परिभाषा** - कोष्टक “( )" दिखाती हैं कि कुछ जानकारी एक स्पष्टीकरण या बाद का विचार है। यह पृष्ठभूमि की जानकारी होती है, जिसे पाठक उस स्थान पर रखता है, ताकि पाठक को इसके आस-पास की सामग्री को समझने में सहायता मिल सके। + +यूहन्ना 6:6 में, यूहन्ना ने उस कहानी को हस्तक्षेप कर दिया, जिसे वह लिख रहा था कि यीशु पहले से ही जानता था कि वह क्या करने जा रहा है। + +यह कोष्टक में रखा जाता है। + +> 5 जब यीशु ने देखा और देखा कि एक बड़ी भीड़ उसके पास आ रही थी, तो उसने फिलिप्पुस से कहा, "हम रोटी खरीदने कहाँ जा रहे हैं, ताकि वे खा सकें?" 6 ** (** अब यीशु ने ऐसा फिलिप्पुस की परीक्षा करने के लिए कहा था, क्योंकि वह स्वयं जानता था कि वह क्या करने जा रहा है . **)** 7 फिलिप्पुस ने उत्तर दिया, "प्रत्येक के लिए दो सौ दिनार जितना भोजन भी पर्याप्त नहीं होगा।" (यूहन्ना 6:5-7 यूएलबी) + +नीचे दिए गए कोष्टक में वे शब्द नहीं हैं, जिन्हें यीशु कह रहा था, परन्तु वह हैं, जिसे यूहन्ना पाठक से कह रहा था, पाठक को सतर्क करने के लिए कि यीशु उन शब्दों का उपयोग कर रहा था कि जिस पर उन्हें सोचने और व्याख्या करने की आवश्यकता थी। + +> "इसलिए, जब तुम पवित्र स्थान में खड़ी हुई दानिय्येल भविष्यद्वक्ता द्वारा कही गई घृणित घृणा को देखो," ** (** पाठक समझें **)**, " तो जो यहूदिया में हैं, वे पहाड़ पर भाग जाएँ, जो छत पर हैं, नीचे घर में से कुछ भी लेने के लिए न जाएँ, 18 और जो खेत में है, वह अपना कपड़ा लेने के लिए वापस न आएँ।” (मत्ती 24:15-18 यूएलबी) + +#### अभिस्थापन + +**परिभाषा** - जब मूलपाठ अभिस्थापित किया जाता है, तो इसका अर्थ होता है कि मूलपाठ की रेखा ऊपर और नीचे के मूलपाठ की रेखाओं की तुलना में दाईं ओर से आरम्भ होती है, जो अभिस्थापित नहीं होते हैं। यह काव्य और कुछ सूचियों के लिए, यह दिखाने के लिए किया जाता है कि अभिस्थापित पँक्तियों उनके ऊपर दी गई गैर-अभिस्थापन पँक्तियों का भाग बनती हैं। + +उदाहरण के लिए: + +> 5 ये उन अगुओं के नाम हैं, जिन्हें तेरे साथ युद्ध करना चाहिए: +> & nbsp; & nbsp; & nbsp; & nbsp; रूबेन के गोत्र से, शदेऊर के पुत्र एलीसूर; +> शिमोन के गोत्र से 6 , सुरीशदे के पुत्र शलूमीएल; +> & nbsp; & nbsp; & nbsp; & nbsp; 7 यहूदा के गोत्र से, अम्मीनादाब के पुत्र नहशोन; (गिनती 1:5-7 यूएलबी) diff --git a/translate/translate-formatsignals/sub-title.md b/translate/translate-formatsignals/sub-title.md new file mode 100644 index 0000000..2a49e5b --- /dev/null +++ b/translate/translate-formatsignals/sub-title.md @@ -0,0 +1,2 @@ +ULB और UDB में दिए गए प्रारूप बदलने के चिन्ह कौन कौनसे हैं? + diff --git a/translate/translate-formatsignals/title.md b/translate/translate-formatsignals/title.md new file mode 100644 index 0000000..165d54c --- /dev/null +++ b/translate/translate-formatsignals/title.md @@ -0,0 +1,2 @@ +ULB और UDB में दिए गए प्रारूप बदलने के चिन्ह + diff --git a/translate/translate-fraction/01.md b/translate/translate-fraction/01.md new file mode 100644 index 0000000..6f55e74 --- /dev/null +++ b/translate/translate-fraction/01.md @@ -0,0 +1,81 @@ + +### विवरण + +अंश एक प्रकार की सँख्या होती है, जो किसी वस्तु के बराबर भागों या लोगों या वस्तुओं के बड़े समूह के बराबर समूहों को सन्दर्भित करती है। एक वस्तु या वस्तुओं का ए समूह दो या दो से अधिक भागों या समूहों में बांटा गया है, और एक अंश उन भागों या समूहों में से एक या अधिक को सन्दर्भित करता है। + +> अर्घ के बलिदान के लिए, तू दाखरस को एक हीन की एक तिहाई भेंट में प्रस्तुत करना। (गिनती 15:7 यूएलबी) + +एक हीन एक पात्र होता है, जो दाखरस और अन्य तरल पदार्थ को मापने के लिए उपयोग किया जाता है। वे एक हीन पात्र को तीन बराबर भागों में विभाजित करने और उन भागों में से केवल एक को भरने के बारे में सोचते थे, और उस मूल्य को प्रस्तुत करते थे। + +> जहाजों के एक तिहाई भाग नष्ट हो गए थे। (प्रकाशितवाक्य 8:9 यूएलबी) + +कई जहाज थे। यदि उन सभी जहाजों को जहाजों के तीन बराबर समूहों में विभाजित किया गया था, तो जहाजों का एक समूह नष्ट हो गया था। अंग्रेजी में अधिकांश अंशों में केवल "-th" सँख्या को अन्त में जोड़ा गया है। + +| पूरे भाग को |अंश | में विभाजित किया गया है +| -------- | -------- | +| चार | चौथा | +| दस | दसवाँ | +| सौ | एक सौवाँ | +| हजार | एक हज़ारवाँ | + +अंग्रेजी में कुछ अंश उस पद्धति का पालन नहीं करते हैं। + +| पूरे भाग को |अंश | में विभाजित किया गया है +| -------- | -------- | +| दो | आधा | +| तीन | तीसरा | +| पाँच | पाँचवाँ | + +**इसका कारण यह अनुवाद का एक विषय है:** कुछ भाषाएँ अंशों का उपयोग नहीं करती हैं। वे मात्र भागों या समूहों के बारे में बात कर सकती हैं, परन्तु वे यह बताने के लिए अंशों का उपयोग नहीं करती हैं कि समूह में कितना बड़ा भाग है या कितने सम्मिलित हैं। + +### बाइबल से उदाहरण + +> अब मनश्शे के गोत्र के आधे को, मूसा ने बाशान में विरासत दी, परन्तु दूसरे आधे को, यहोशू ने यदरन के पश्चिम में अपने भाइयों के साथ एक विरासत दी। (यहोशू 22:7 यूएलबी) + +मनश्शे का गोत्र दो समूहों में बांटा गया। वाक्यांश "मनश्शे के गोत्र का पहला आधा" उन समूहों में से एक को सन्दर्भित करता है। वाक्यांश "दूसरा आधा" दूसरे समूह को सन्दर्भित करता है। + +> चार स्वर्गदूत जो उस घड़ी के लिए तैयार किए गए थे, उस दिन, उस महीने, और उस वर्ष, मनुष्यों की एक तिहाई को मारने के लिए छोड़ दिए गए थे। (प्रकाशितवाक्य 9:15 यूएलबी) + +यदि सभी लोगों को तीन बराबर समूहों में विभाजित किया जाए, तो एक समूह के लोगों की सँख्या मारी जाएगी। + +> अर्घ के बलिदान के लिए, तू दाखरस को एक हीन की चौथाई को भेंट में प्रस्तुत करने के लिए तैयार करना। (गिनती 15:5 यूएलबी) + +वे चार बराबर भागों में दाखरस को एक हीन में विभाजित करने और उनमें से एक को समतुल्य मूल्य में तैयार करने की कल्पना कर रहे थे। + +### अनुवाद की रणनीतियाँ + +यदि आपकी भाषा में कोई अंश सही अर्थ देता है, तो इसका उपयोग करने पर विचार करें। यदि नहीं, तो आप इन रणनीतियों पर विचार कर सकते हैं। + +1. उन भागों या समूहों की सँख्या बताएँ जिसमें वस्तु को विभाजित किया जाएगा, और फिर उन भागों या समूहों की सँख्या बताएँ जिन्हें सन्दर्भित किया जा रहा है। +1. वजन और लम्बाई के माप के लिए, एक इकाई का उपयोग करें जो आपके लोगों को पता हो या जो यूडीबी में इकाई हो। +1. माप के लिए, अपनी भाषा में उपयोग किए जाने वाले मापों का ही उपयोग करें। + +ऐसा करने के लिए आपको यह जानना होगा कि आपका माप मीट्रिक अर्थात् दशमलव पद्धति से कैसे सम्बन्धित है और आप प्रत्येक माप को समझता है। + +### अनुवाद के लिए लागू की गई रणनीतियों के उदाहरण + +1. उन भागों या समूहों की सँख्या बताएँ जिसमें वस्तु को विभाजित किया जाएगा, और फिर उन भागों या समूहों की सँख्या बताएँ जिन्हें सन्दर्भित किया जा रहा है। + +* **महासागर की एक तिहाई रक्त की तरह लाल हो गया** (प्रकाशितवाक्य 8:8 यूएलबी) + + * यह ऐसे था कि मानो उन्होंने महासागर को तीन भागों में विभाजित कर दिया , और समुद्र का एक भाग रक्त बन गया। + +* **तब तू बैल के साथ तेल के आधे हीन के साथ अच्छे मैदे के एक एपा के तीन दसवाँ अंश भाग को अनाज की भेंट के रूप में प्रस्तुत करना।** (गिनती 15:9 यूएलबी) + + * ... तब तू मैदे का एक एपा दस भागों में > विभाजित करना और तेल के एक हीन को दो भागों में विभाजित करना होगा . तब उन तीन भागों को को मैदे के उन तीन भागों में से एक में मिलाना। तब तू बैल के साथ उस अनाज की भेंट को प्रस्तुत करना। + +1. माप के लिए, यूडीबी अनुवाद में दिए गए माप का उपयोग करें। यूडीबी अनुवाद के अनुवादकों ने पहले से ही मीट्रिक पद्धति में मूल्य का प्रतिनिधित्व करने के बारे में सोचा है। + +* ** शेकेल का दो तिहाई ** (1 शमूएल 13:21 यूएलबी) + + * चाँदी के आठ ग्राम (1 शमूएल 13:21 यूडीबी) + +* ** तेल के आधे हीन के साथ मैदे के एपा के तीन दसवें मिलाना।** (गिनती 15:9 यूएलबी) + + * साढ़े छह लीटर बारीक पिसे हुए आटे को दो लीटर जैतून के तेल में मिलाए जाए। (गिनती 15:9 यूडीबी) + +1. माप के लिए, अपनी भाषा में उपयोग किए जाने वाले मापों का ही उपयोग करें। ऐसा करने के लिए आपको यह जानना होगा कि आपका माप मीट्रिक पद्धति से कैसे सम्बन्धित है और आप प्रत्येक माप को समझता है। + +* ** तेल के आधे हीन के साथ मिश्रित बारीक आटे के एपा के तीन दसवें ** (गिनती 15:9, यूएलबी) + + * छः क्वार्ट मैदा दो क्वार्ट तेल के साथ मिला हुआ। diff --git a/translate/translate-fraction/sub-title.md b/translate/translate-fraction/sub-title.md new file mode 100644 index 0000000..b8b5319 --- /dev/null +++ b/translate/translate-fraction/sub-title.md @@ -0,0 +1,2 @@ +अंश क्या होते हैं और मैं उनका अनुवाद कैसे करूँ? + diff --git a/translate/translate-fraction/title.md b/translate/translate-fraction/title.md new file mode 100644 index 0000000..7c92acc --- /dev/null +++ b/translate/translate-fraction/title.md @@ -0,0 +1,2 @@ +अंश + diff --git a/translate/translate-hebrewmonths/01.md b/translate/translate-hebrewmonths/01.md new file mode 100644 index 0000000..205f3a5 --- /dev/null +++ b/translate/translate-hebrewmonths/01.md @@ -0,0 +1,73 @@ + +### विवरण + +बाइबल में उपयोग किए गए इब्रानी कैलेन्डर या पंचाग में बारह महीने हैं। पश्चिमी कैलेन्डर के विपरीत, इसका पहला महीना उत्तरी गोलार्ध के वसन्त में आरम्भ होता है। कभी-कभी एक महीने को उसके नाम (अबीब, जीव, सीवान) के द्वारा बुलाया जाता है, और कभी-कभी इसे इब्रानी कैलेन्डर वर्ष (पहले महीने, दूसरे महीने, तीसरे महीने) की अपनी व्यवस्था से बुलाया जाता है। + +#### इसका कारण यह अनुवाद का एक विषय है + +* पाठकों को उन महीनों को पढ़ने में आश्चर्यचकित हो सकता है, जिनके बारे में उन्होंने कभी नहीं सुना है, और वे आश्चर्यचकित हो सकते हैं कि ये महीनों उन महीनों के अनुरूप कैसे हैं, जिन्हें वे उपयोग करते हैं। +* पाठकों को यह एहसास नहीं हो सकता है कि "पहला महीना" या "दूसरा महीना" जैसे वाक्यांश इब्रानी कैलेन्डर के पहले या दूसरे महीने को सन्दर्भित करते हैं, कुछ अन्य कैलेन्डर नहीं। +* पाठकों को पता नहीं हो सकता है कि इब्रानी कैलेन्डर का पहला महीना कब आरम्भ होता है। +* पवित्रशास्त्र किसी निश्चित महीने में कुछ होने के बारे में बता सकता है, परन्तु पाठक यह समझने में सक्षम नहीं होगा कि इसके बारे में क्या कहा जाता है, यदि वे नहीं जानते कि वर्ष की कौन सी ऋतु थी। + +#### इब्रानी महीनों की सूची + +यहाँ इब्रानी महीनों की एक सूची है, जो उनके बारे में जानकारी देती है, जो अनुवाद में सहायक हो सकती है। + +**अबीब** - (इस महीने को बेबीलोन में निर्वासन के बाद **नीसान** कहा जाता है।) यह इब्रानी कैलेन्डर का पहला महीना है। यह तब चिन्हित करता है, जब परमेश्वर इस्राएल के लोगों को मिस्र से बाहर लाया था। यह वसन्त ऋतु का आरम्भ है, जब पिछली वर्षा होती है और लोग अपनी फसलों की कटनी आरम्भ करते हैं। यह मार्च के अन्तिम भाग और पश्चिमी कैलेन्डर में अप्रैल के पहले भाग का समय है। फसह का त्यौहार अबीब 10 से आरम्भ हुआ, अखमीरी रोटी का त्योहार उसके ठीक बाद में आता था, और कटनी का त्यौहार उसके कुछ हफ्ते बाद था। +**जीव** - यह इब्रानी कैलेन्डर का दूसरा महीना है। यह कटनी के ऋतु के समय आता है। यह अप्रैल के अन्तिम भाग और पश्चिमी कैलेन्डर मे मई के पहले भाग का समय है। +**शीवान** - यह इब्रानी कैलेन्डर का तीसरा महीना है। यह कटनी की ऋतु के अन्त में और शुष्क ऋतु के आरम्भ में आता है। यह मई के अन्तिम भाग और पश्चिमी कैलेन्डर मे जून के पहले भाग का समय है। शीवान 6 से सप्ताहों का त्यौहार मनाया जाता है। +**तम्मूज** - यह इब्रानी कैलेन्डर का चौथा महीना है। यह शुष्क ऋतु के समय आता है। यह जून के अन्तिम भाग और पश्चिमी कैलेन्डर मे जुलाई के पहले भाग का समय है। +**अब** - यह इब्रानी कैलेन्डर का पाँचवाँ महीना है। यह शुष्क ऋतु के समय आता है। यह जुलाई के अन्तिम भाग और पश्चिमी कैलेन्डर मे अगस्त के पहले भाग का समय है। +**एलुल** - यह इब्रानी कैलेन्डर का छठा महीना है। यह शुष्क ऋतु के अन्त में और वर्षा के ऋतु की आरम्भ में है। यह अगस्त के अन्तिम भाग और पश्चिमी कैलेन्डर मे सितम्बर के पहले भाग का समय है। +**इथानीम** - यह इब्रानी कैलेन्डर का सातवाँ महीना है। यह आरम्भिक वर्षा की ऋतु के समय आता है, जो बुवाई के लिए भूमि को नरम कर देती है। यह सितम्बर के अन्तिम भाग और पश्चिमी कैलेन्डर मे अक्टूबर के पहले भाग का समय है। इस महीने में झोपड़ियों का त्यौहार और प्रायश्चित के दिन को मनाया जाता है। +**बुल** - यह इब्रानी कैलेन्डर का आठवाँ महीना है। यह वर्षा की ऋतु के समय आता है जब लोग अपने खेतों को जोतते और बीज बोते हैं। यह अक्टूबर के अन्तिम भाग और पश्चिमी कैलेन्डर मे नवम्बर के पहले भाग का समय है। +**कीस्लेव** - यह इब्रानी कैलेन्डर का नौवाँ महीना है। यह बुवाई की ऋतु के अन्त में और ठण्ड की ऋतु की आरम्भ में आता है। यह नवम्बर के अन्तिम भाग और पश्चिमी कैलेन्डर मे दिसम्बर के पहले भाग में है। +**टीबेथ** - यह इब्रानी कैलेन्डर का दसवाँ महीना है। यह ठण्ड के ऋतु के समय आता है जब वर्षा और बर्फ हो सकती है। यह दिसम्बर के अन्तिम भाग और पश्चिमी कैलेन्डर मे जनवरी के पहले भाग का समय है। +**शेबत** - यह इब्रानी कैलेन्डर का ग्यारहवाँ महीना है। यह वर्ष का सबसे ठण्डा महीना है, और इसमें भारी वर्षा होती है। यह जनवरी के अन्तिम भाग और पश्चिमी कैलेन्डर मे फरवरी के पहले भाग का समय है। +**अदार** - यह इब्रानी कैलेन्डर का बारहवाँ और अन्तिम महीना है। यह ठण्ड की ऋतु का समय है।। यह फरवरी के अन्तिम भाग और पश्चिमी कैलेन्डर मे मार्च के पहले भाग का समय है। पुरीम नामक त्योहार अदार महीने में मनाया जाता है। + +#### बाइबल से उदाहरण + +
तुम इस दिन मिस्र से बाहर जा रहे हैं, अबीब के महीने में। (निर्गमन 13:4 यूएलबी)
+ +> तुम चौदहवें दिन के सूर्यास्त के समय से वर्ष के पहले महीने से लेकर , महीने के बीसवें दिन के सूर्यास्त तक अखमीरी रोटी खाना। (निर्गमन 12:18 यूएलबी) + +### अनुवाद की रणनीतियाँ + +आपको महीनों के बारे में कुछ जानकारी स्पष्ट करने की आवश्यकता हो सकती है। (देखें [कल्पित ज्ञान और अस्पष्ट जानकारी](../figs-explicit/01.md)) + +1. इब्रानी महीने की सँख्या बताओ। +1. उन महीनों का उपयोग करें जिन्हें लोग जानते हैं। +1. स्पष्ट रूप से बताएँ कि महीना किस ऋतु में आया था। +1. समय को महीने के सन्दर्भों में लेने की अपेक्षा ऋतु के सन्दर्भ में उद्धृत करें। + +(यदि सम्भव हो, तो इब्रानी महीने और दिन दिखाने के लिए एक फुटनोट का उपयोग करें।) + +### अनुवाद के लिए लागू की गई रणनीतियों के उदाहरण + +नीचे दिए गए उदाहरण इन दो वचनों का उपयोग करते हैं। + +* **उस समय, तुम मेरे सामने अबीब के महीने में आना, जो इस उद्देश्य के लिए निर्धारित है। यह इस महीने में ही हुआ था कि तुम मिस्र से बाहर आए थे।** (निर्गमन 23:15 यूएलबी) + +* **यह सदैव तुम्हारे लिए एक कानून होगा कि सातवें महीने में, महीने के दसवें दिन में, तुम्हें स्वयं को नम्र करना चाहिए और कोई काम नहीं करना चाहिए।** (लैव्यव्यवस्था 16:29 यूएलबी) + +1. इब्रानी महीने की सँख्या बताओ। + + * उस समय, तुम मेरे सामने वर्ष के पहले महीने में आना, जो इस उद्देश्य के लिए निर्धारित है। यह इस महीने में हुआ था कि तुम मिस्र से बाहर आए थे। + +1. उन महीनों का उपयोग करें जिन्हें लोग जानते हैं। + + * उस समय, तुम मेरे सामने मार्च महीने में आना, जो इस उद्देश्य के लिए निर्धारित है। यह इस महीने में हुआ था कि तुम मिस्र से बाहर आए थे। + * यह सदैव तुम्हारे लिए एक कानून होगा कि जिस दिन को मैं उत्तरोत्तर सितम्बर में चुनता हूँ तुम्हें स्वयं को नम्र करना चाहिए और कोई काम नहीं करना चाहिए। + +1. स्पष्ट रूप से बताएँ कि महीना किस ऋतु में आया था। + + * यह सदैव तुम्हारे लिए एक कानून होगा कि शरद ऋतु में, सातवें महीने के दसवें दिन, तुम्हें स्वयं को नम्र करना चाहिए और कोई काम नहीं करना चाहिए। + +1. समय को महीने के सन्दर्भों में लेने की अपेक्षा ऋतु के सन्दर्भ में उद्धृत करें। + + * यह सदैव तुम्हारे लिए एक कानून होगा कि जिस दिन को मैं आरम्भिक शरद ऋतु में चुनता हूँ 1 तुम्हें स्वयं को नम्र करना चाहिए और कोई काम नहीं करना चाहिए। + * फुटनोट इस तरह दिखेगा: + + * [1] इब्रानी कहता है, "सातवें महीना, महीने के दसवें दिन।" diff --git a/translate/translate-hebrewmonths/sub-title.md b/translate/translate-hebrewmonths/sub-title.md new file mode 100644 index 0000000..f6a7a2f --- /dev/null +++ b/translate/translate-hebrewmonths/sub-title.md @@ -0,0 +1,2 @@ +इब्री महीने कौन कौनसे हैं? + diff --git a/translate/translate-hebrewmonths/title.md b/translate/translate-hebrewmonths/title.md new file mode 100644 index 0000000..678769b --- /dev/null +++ b/translate/translate-hebrewmonths/title.md @@ -0,0 +1,2 @@ +इब्री महीने + diff --git a/translate/translate-help/01.md b/translate/translate-help/01.md new file mode 100644 index 0000000..adbc779 --- /dev/null +++ b/translate/translate-help/01.md @@ -0,0 +1,3 @@ + +### अनुवाद-सहायता का उपयोग करना + diff --git a/translate/translate-help/sub-title.md b/translate/translate-help/sub-title.md new file mode 100644 index 0000000..ef0abad --- /dev/null +++ b/translate/translate-help/sub-title.md @@ -0,0 +1,2 @@ +अनुवाद के लिए मैं मदद कहाँ से पाऊँ? + diff --git a/translate/translate-help/title.md b/translate/translate-help/title.md new file mode 100644 index 0000000..aa89e54 --- /dev/null +++ b/translate/translate-help/title.md @@ -0,0 +1,2 @@ +अनुवाद में मदद + diff --git a/translate/translate-levels/01.md b/translate/translate-levels/01.md new file mode 100644 index 0000000..a75616c --- /dev/null +++ b/translate/translate-levels/01.md @@ -0,0 +1,29 @@ + +### अर्थ के स्तर + +एक अच्छा अनुवाद मांग करता है कि स्रोत भाषा के अर्थ लक्षित भाषा में एक जैसे ही हो। बाइबल समेत किसी भी मूलपाठ में अर्थ के कई भिन्न स्तर हैं। इन स्तरों में सम्मिलित हैं: + +* शब्दों के अर्थ +* वाक्यांशों के अर्थ +* वाक्यों के अर्थ +* अनुच्छेदों के अर्थ +* अध्यायों के अर्थ +* पुस्तकों के अर्थ + +### शब्दों के अर्थ होते है + +हम में यह सोच होती हैं कि मूलपाठ का अर्थ शब्दों में होता है। परन्तु इस अर्थ को सन्दर्भ द्वारा नियन्त्रित किया जाता है जिसमें प्रत्येक शब्द है। अर्थात्, भिन्न शब्दों का अर्थ वाक्यांशों, वाक्यों और अनुच्छेदों सहित इसके ऊपर के स्तरों के द्वारा नियन्त्रित होता है। उदाहरण के लिए, सन्दर्भ (उच्चत्तम स्तर) के आधार पर, "देने" जैसे एक शब्द में निम्नलिखित संभावित अर्थ हो सकते हैं: + +* उपहार देने के लिए +* पतन या तोड़ने के लिए +* आत्मसमर्पण करने के लिए +* छोड़ देने के लिए +* स्वीकार करने के लिए +* आपूर्ति करने के लिए +* इत्यादि। + +### बड़े अर्थ का निर्माण करना + +अनुवादक को यह निर्धारित करना होगा कि प्रत्येक सन्दर्भ में प्रत्येक शब्द का क्या अर्थ है, और उसके बाद अनुवादित मूलपाठ में वही अर्थ पुन: उत्पन्न करें। इसका अर्थ है कि शब्दों का व्यक्तिगत रूप से अनुवाद नहीं किया जा सकता है, परन्तु केवल उनके अर्थ के साथ जब वे वाक्यांशों, वाक्यों, अनुच्छेदों और अध्यायों में दूसरे शब्दों के साथ मिलकर बने होते हैं, जिसमें वे एक भाग को बनाते हैं। + +यही कारण है कि अनुवादक को पूरे अनुच्छेद, अध्याय या पुस्तक को पढ़ना चाहिए जिसे वह अनुवाद करने से पहले अनुवाद कर रहा है। बड़े स्तर को पढ़कर, वह समझ जाएगा कि निम्न स्तरों में से प्रत्येक कैसे पूरी तरह से उपयुक्त होता है, और वह प्रत्येक भाग का अनुवाद करेगा ताकि यह अर्थ को इस तरह से संचारित कर सके जो उच्चत्तम स्तरों के साथ सबसे अधिक निकट भाव को देता है। diff --git a/translate/translate-levels/sub-title.md b/translate/translate-levels/sub-title.md new file mode 100644 index 0000000..9469563 --- /dev/null +++ b/translate/translate-levels/sub-title.md @@ -0,0 +1,2 @@ +अर्थ के विभिé स्तर कौन कौनसे होते हैं? + diff --git a/translate/translate-levels/title.md b/translate/translate-levels/title.md new file mode 100644 index 0000000..4111077 --- /dev/null +++ b/translate/translate-levels/title.md @@ -0,0 +1,2 @@ +अर्थ के सतर + diff --git a/translate/translate-literal/01.md b/translate/translate-literal/01.md new file mode 100644 index 0000000..4ff5cf0 --- /dev/null +++ b/translate/translate-literal/01.md @@ -0,0 +1,37 @@ + +### परिभाषा + +शाब्दिक अनुवाद स्रोत मूलपाठ के रूप में, यथासम्भव, पुन: प्रस्तुत करने का प्रयास करते हैं। + +#### अन्य नाम + +शाब्दिक अनुवाद को यह भी कहा जाता है: + +* रूप-आधारित +* शब्द-प्रति-शब्द +* संशोधित शाब्दिक + +#### अर्थ से अधिक रूप + +एक शाब्दिक अनुवाद वह है, जो लक्षित मूलपाठ में स्रोत मूलपाठ के रूप को पुन: उत्पन्न करने पर केन्द्रित होता है, जिसके परिणामस्वरूप, चाहे अर्थ परिवर्तित हो जाता है, या समझने में कठिन हो। एक शाब्दिक अनुवाद का एक चरम संस्करण पूर्ण रीति से अनुवाद नहीं होगा-इसमें स्रोत भाषा के समान वर्ण और शब्द होंगे। इसके अगला निकटतम कदम स्रोत भाषा के प्रत्येक शब्द को लक्षित भाषा में समकक्ष शब्द के साथ प्रतिस्थापित करना होगा। + +भाषाओं के मध्य व्याकरण में मतभेदों के कारण, लक्षित भाषा के दर्शक कदाचित् इस तरह के अनुवाद को नहीं समझ पाएंगे। बाइबल के कुछ अनुवादक गलत तरीके से मानते हैं कि उन्हें लक्षित मूलपाठ में स्रोत मूलपाठ का शब्द रखना चाहिए और केवल स्रोत भाषा के शब्दों को ही लक्षित भाषा के शब्दों में प्रतिस्थापित करना चाहिए। वे गलत विश्वास करते हैं कि यह परमेश्वर के वचन के रूप में स्रोत मूलपाठ के प्रति सम्मान दिखाता है। परन्तु वास्तव में इस प्रकार का अनुवाद लोगों को परमेश्वर के वचन को समझने से रोकता है। परमेश्वर चाहता है कि लोग उसका वचन समझें, इसलिए यह बाइबल के प्रति सबसे बड़ा सम्मान दिखाता है और परमेश्वर के प्रति इसलिए क्योंकि बाइबल का अनुवाद किया जाए ताकि लोग इसे समझ सकें। + +#### साहित्यिक अनुवाद की कमजोरियाँ + +शाब्दिक अनुवादों में सामान्य रूप से निम्नलिखित समस्याएँ होती हैं: + +* विदेशी शब्द जिसे लक्षित दर्शकों के द्वारा नहीं समझा जाता है +* शब्द व्यवस्था जो लक्षित भाषा में अनुपयुक्त या अनजानी है +* मुहावरे जो लक्षित भाषा में उपयोग या समझ में नहीं आते हैं +* उन वस्तुओं के नाम जो लक्षित संस्कृति में विद्यमान नहीं हैं +* उन रीति-रिवाजों के विवरण जो लक्षित संस्कृति में नहीं समझा जाते हैं +* अनुच्छेद जिनका लक्षित भाषा में कोई तार्किक सम्पर्क नहीं होता है +* कहानियाँ और स्पष्टीकरण जो लक्षित भाषा में समझ में नहीं आते हैं +* अन्तर्निहित जानकारी छोड़ दी जाती है, जो इच्छित अर्थ को समझने के लिए आवश्यक है + +#### शब्दिक अनुवाद कब करें + +शब्दिक अनुवाद करने का एकमात्र समय तब है जब गेटवे भाषा अर्थात् प्रवेशिका भाषा सामग्री, जैसे यूएलबी का अनुवाद करना, जिसका प्रयोग अन्य भाषा अनुवादकों के द्वारा किया जाएगा। यूएलबी अनुवाद का उद्देश्य अनुवादक को यह दिखाना है कि मूल में क्या है। तौभी, यूएलबी अनुवाद कठरोता के साथ शाब्दिक नहीं है। यह एक संशोधित शाब्दिक अनुवाद है, जो लक्षित भाषा की व्याकरण का उपयोग करता है, ताकि पाठक इसे समझ सकें (पाठ [संशोधित शाब्दिक अनुवाद](../translate-modifyliteral/01.md) को देखें)। + +उन स्थानों पर, जहाँ यूएलबी अनुवाद बाइबल की मूल अभिव्यक्तियों का उपयोग करता है, जिन्हें समझना कठिन हो सकता है, हमने इन्हें समझाने के लिए अनुवादों को अनुवादनोट्स प्रदान किए हैं। diff --git a/translate/translate-literal/sub-title.md b/translate/translate-literal/sub-title.md new file mode 100644 index 0000000..64a8f96 --- /dev/null +++ b/translate/translate-literal/sub-title.md @@ -0,0 +1,2 @@ +आक्षरिक अनुवाद क्या होता है? + diff --git a/translate/translate-literal/title.md b/translate/translate-literal/title.md new file mode 100644 index 0000000..e122f68 --- /dev/null +++ b/translate/translate-literal/title.md @@ -0,0 +1,2 @@ +आक्षरिक अनुवाद + diff --git a/translate/translate-manual/01.md b/translate/translate-manual/01.md new file mode 100644 index 0000000..a33fee6 --- /dev/null +++ b/translate/translate-manual/01.md @@ -0,0 +1,11 @@ + +### अनुवाद निर्देश पुस्तिका क्या सिखाती है? + +यह निर्देश पुस्तिका अनुवाद सिद्धान्त और अन्य भाषाओं (ओएलएस) में एक अच्छा अनुवाद कैसे करना है, को सिखाती है। इस निर्देश पुस्तिका में अनुवाद के कुछ सिद्धान्त गेटवे भाषा अर्थात् प्रवेशिका भाषा के अनुवाद पर भी लागू होते हैं। गेटवे भाषाओं के लिए अनुवाद संसाधनों की सूची को कैसे अनुवाद करना है, के तरीके के बारे में विशेष निर्देश के लिए, कृपया गेटवे भाषा निर्देश पुस्तिका को देखें। किसी भी प्रकार की अनुवाद परियोजना आरम्भ करने से पहले इन मॉड्यूलों अर्थात् खण्डों में से कईयों का अध्ययन करना बहुत उपयोगी होगा। अन्य मॉड्यूल, जैसे कि व्याकरण के बारे में, केवल अनुवाद के "समय-में-ही" सीखना आवश्यक हैं। + +अनुवाद निर्देश पुस्तिका में कुछ मुख्य अंश: + +* [एक अच्छे अनुवाद की विशेषताएँ](../guidelines-intro/01.md) - एक अच्छा अनुवाद परिभाषित करना +* [अनुवाद प्रक्रिया](../translate-process/01.md) - एक अच्छा अनुवाद कैसे प्राप्त करें +* [एक अनुवाद समूह का चयन](../choose-team/01.md) - एक अनुवाद परियोजना आरम्भ को करने से पहले कुछ बातों पर विचार करना +* [क्या अनुवाद करना है का चयन करना](../translation-difficulty/01.md) - अनुवाद आरम्भ करना क्या होता है diff --git a/translate/translate-manual/sub-title.md b/translate/translate-manual/sub-title.md new file mode 100644 index 0000000..de6b7a4 --- /dev/null +++ b/translate/translate-manual/sub-title.md @@ -0,0 +1,2 @@ +अनुवाद सहायक पुस्तिका क्या है? + diff --git a/translate/translate-manual/title.md b/translate/translate-manual/title.md new file mode 100644 index 0000000..4b8c138 --- /dev/null +++ b/translate/translate-manual/title.md @@ -0,0 +1,2 @@ +अनुवाद सहायक पुस्तिका का परिचय + diff --git a/translate/translate-manuscripts/01.md b/translate/translate-manuscripts/01.md new file mode 100644 index 0000000..58bc9c9 --- /dev/null +++ b/translate/translate-manuscripts/01.md @@ -0,0 +1,9 @@ + +### मूल पांडुलिपियों की लेख + +बाइबल को कई सैकड़ों वर्षों पहले परमेश्वर के भविष्यद्वक्ताओं और प्रेरितों ने लिखा था, क्योंकि परमेश्वर ने उन्हें लिखने के लिए निर्देश दिए थे। इस्राएल के लोग इब्रानी बोलते थे, इसलिए पुराना नियम की अधिकांश पुस्तकें इब्रानी में लिखी गई थीं। जब वे अश्शूर और बाबुल में परदेशियों के रूप में रहते थे, तो उन्होंने अरामी में बात करना सीखा, इसलिए पुराना नियम के बाद के कुछ भागों में अरामी में लिखे गए थे। + +मसीह के आने से लगभग तीन सौ वर्ष पहले, यूनानी व्यापक रूप से संचार की भाषा बन गई थी। यूरोप और मध्य पूर्व के कई लोग यूनानी को दूसरी भाषा के रूप में बोलते थे। इस कारण पुराना नियम का यूनानी में अनुवाद किया गया था। जब मसीह आया, तो संसार के उन क्षेत्रों में बहुत से लोग यूनानी भाषा को दूसरी भाषा के रूप में बात करते थे, और नए नियम सभी पुस्तकें यूनानी में लिखी गई थीं। + +परन्तु तब वहाँ कोई छापाखाना नहीं थे, इसलिए लेखकों ने इन पुस्तकों को हाथ से लिखा था। ये मूल पांडुलिपियाँ थीं। जिन लोगों ने इन पांडुलिपियों की प्रतिलिपियाँ बनाई, उन्होंने भी हाथ से काम किया। +ये भी पांडुलिपियाँ ही थीं। ये पुस्तकें अति महत्वपूर्ण हैं, इसलिए प्रतिलिपकों को विशेष प्रशिक्षण मिला और वे सटीक रूप से नकल करने की प्रयास के प्रति बहुत अधिक सावधान थे। सैकड़ों वर्षों से, लोगों ने बाइबल की पुस्तकों की हजारों प्रतियाँ बनाईं हैं। लेखकों के द्वारा मूल रूप से लिखी गई सभी लिखितें या तो खो गई हैं या नष्ट हो चुकी हैं, इसलिए हमारे पास नहीं है। परन्तु हमारे पास जो प्रतियाँ हैं, उन्हें बहुत पहले हाथ से लिखा गया था। इनमें से कुछ प्रतियाँ कई सैकड़ों और यहाँ तक ​​कि हजारों वर्षों से बची हुईं हैं। diff --git a/translate/translate-manuscripts/sub-title.md b/translate/translate-manuscripts/sub-title.md new file mode 100644 index 0000000..bff8896 --- /dev/null +++ b/translate/translate-manuscripts/sub-title.md @@ -0,0 +1,2 @@ +मूल भाषा लेख के बारे में क्या और अधिक जानकारी भी है? + diff --git a/translate/translate-manuscripts/title.md b/translate/translate-manuscripts/title.md new file mode 100644 index 0000000..1f2fc7e --- /dev/null +++ b/translate/translate-manuscripts/title.md @@ -0,0 +1,2 @@ +मूल प्रतिलिपियाँ + diff --git a/translate/translate-more/01.md b/translate/translate-more/01.md new file mode 100644 index 0000000..b054b7a --- /dev/null +++ b/translate/translate-more/01.md @@ -0,0 +1,28 @@ + +अनुवाद एक ऐसी प्रक्रिया है, जो भिन्न भाषाओं के बीच में की जाती है, जिसके लिए एक व्यक्ति (अनुवादक) को उस अर्थ को समझने की आवश्यकता होती है, जिसे स्रोत भाषा में एक लेखक या वक्ता मूल श्रोताओं के साथ, और तब उसी अर्थ को एक भिन्न श्रोताओं को लक्षित भाषा में व्यक्त करने के लिए संचारित करने का मंशा रखता है। + +#### लोग मूलपाठों का अनुवाद क्यों करते हैं? + +सामान्य रूप से अनुवादकों के पास अपने काम को करने के लिए भिन्न कारण होते हैं। उनके कारण उन दस्तावेजों पर, जिनका वे अनुवाद कर रहे होते हैं, और उस व्यक्ति की आवश्यकताओं पर निर्भर होते हैं, जिसने उन्हें अनुवाद करने के लिए कहा है। बाइबल अनुवाद के विषय में, लोग सामान्य रूप से अपना काम करते हैं, क्योंकि वे बाइबल के विचारों के द्वारा लक्षित भाषा के पाठकों को उसी तरह प्रभावित करना चाहते हैं, जैसे मूल पाठकों और बाइबल के मूलपाठों के सुनने वालों को प्रभावित किया गया था। + +क्योंकि बाइबल में परमेश्वर के विचार हमें यीशु मसीह के माध्यम से उसके साथ अनन्त जीवन को प्राप्त करने की अगुवाई करते हैं, अनुवादक भी चाहते हैं कि लक्षित भाषा के पाठक उसके विचारों को जानें। + + +#### बाइबल अनुवादकों के रूप में हम बाइबल के विचारों को प्रस्तुत प्रतिनिधित्व करने की अपेक्षा करते हैं? + +ऐसे कई तरीके हैं, जिनमें हम स्रोत मूलपाठ में विचारों का प्रतिनिधित्व कर सकते हैं: हम उन्हें एक सूची में डाल सकते हैं, हम लिखित पृष्ठ पर बहुत कम स्थान का उपयोग करके उन्हें सारांशित कर सकते हैं, हम उन्हें सरल बना सकते हैं (जैसा कि हम अक्सर बच्चों के लिए बाइबल की कहानी की पुस्तकों और अन्य प्रकार की बाइबल सहायता साम्रगी में करते हैं), या हम उन्हें आरेख या तालिका में भी डाल सकते हैं। + +तथापि, बाइबल अनुवादक सामान्य रूप से बाइबल के विचारों को यथासम्भव पूर्ण रूप से प्रस्तुत करने का प्रयास करते हैं। + +इसका यह भी अर्थ है कि वे मूल दस्तावेजों (भविष्यद्वाणी के लिए एक भविष्यद्वाणी, एक पत्र के लिए एक पत्र, इतिहास की पुस्तक के लिए इतिहास की एक पुस्तक, आदि) को उसी प्रकार के दस्तावेजों में अनुवाद करके उत्पादन करने का प्रयास करते हैं। + +साथ ही, वे स्रोत मूलपाठों में विद्यमान अनुवाद में वैसे ही **तनावों** को पुन: बनाने का प्रयास करते हैं। + +#### मूलपाठों में "तनाव" से हमारा क्या अर्थ है? + +तनाव के उदाहरण तब प्रगट होते हैं, जब एक पाठक आश्चर्य करता है कि किसी कहानी में प्रतिभागियों के साथ क्या घटित होगा, या जब कोई पाठक एक पत्री के लेखक के तर्क, प्रोत्साहन और चेतावनियों या मूलपाठ में रिपोर्ट की गई वार्तालाप का अनुसरण करता है। एक पाठक एक भजन पढ़ते समय तनाव महसूस कर सकता है, क्योंकि परमेश्वर की स्तुति विभिन्न तरीकों से भजनकार को प्रभावित करती है। + +पुराने नियम की भविष्यद्वाणी पुस्तक को पढ़ते समय, पाठक तनाव में वृद्धि को महसूस कर सकता है, क्योंकि भविष्यद्वक्ता लोगों के पापों की निन्दा करता है, या वह उन्हें परमेश्वर के पास जाने की चेतावनी देता है। भविष्य के लिए परमेश्वर की प्रतिज्ञा के बारे में पढ़ते समय भी तनाव महसूस किया जा सकता है, जैसा कि कोई विश्वास करता है कि कब परमेश्वर ने उन प्रतिज्ञाओं को पूरा किया, या वह उन्हें कब पूरा करेगा। अच्छे अनुवादक स्रोत दस्तावेज़ों में पाए जाने वाले तनाव के प्रकार का अध्ययन करते हैं, और वे लक्षित भाषा में उन तनावों को पुन: निर्मित करने का प्रयास करते हैं। + +स्रोत मूलपाठ में तनावों को पुननिर्मित करने के बारे में बात करने का एक और तरीका यह कहना है कि अनुवाद को लक्षित दर्शकों पर उस तरह के प्रभाव को डालना चाहिए जैसा कि स्रोत मूलपाठ के मूल दर्शकों के ऊपर था। उदाहरण के लिए, यदि स्रोत मूलपाठ मूल श्रोताओं के लिए एक ताड़ना है, तो लक्षित दर्शकों को भी एक ताड़ना के रूप में अनुवाद को महसूस करना चाहिए। एक अनुवादक को यह सोचने की आवश्यकता होगी कि लक्षित भाषा कैसे ताड़ना और अन्य प्रकार के संचार को व्यक्त करती है, ताकि अनुवाद का लक्षित दर्शकों के ऊपर सही तरह का प्रभाव डाले। + diff --git a/translate/translate-more/sub-title.md b/translate/translate-more/sub-title.md new file mode 100644 index 0000000..e75f1fe --- /dev/null +++ b/translate/translate-more/sub-title.md @@ -0,0 +1,2 @@ +अनुवाद के बारे में और क्या जानने की आवश्यकता है? + diff --git a/translate/translate-more/title.md b/translate/translate-more/title.md new file mode 100644 index 0000000..707d9f3 --- /dev/null +++ b/translate/translate-more/title.md @@ -0,0 +1,2 @@ +अनुवाद के बारे में अधिक जानकारी + diff --git a/translate/translate-names/01.md b/translate/translate-names/01.md new file mode 100644 index 0000000..f922ac7 --- /dev/null +++ b/translate/translate-names/01.md @@ -0,0 +1,114 @@ + +### विवरण + +बाइबल में कई लोगों, लोगों के समूह और स्थानों के नाम हैं। इनमें से कुछ नाम असामान्य लग सकते हैं और कहने में कठोर हो सकते हैं। कभी-कभी पाठकों को यह नहीं पता होता कि नाम क्या सन्दर्भित करता है, और कभी-कभी उन्हें यह समझने की आवश्यकता हो सकती है कि नाम का क्या अर्थ है। यह पृष्ठ आपको यह दिखाने में सहायता करेगा कि आप इन नामों का अनुवाद कैसे कर सकते हैं और आप लोगों को यह समझने में कैसे सहायता कर सकते हैं कि उन्हें उनके बारे में क्या जानने की आवश्यकता है। + +#### नामों के अर्थ + +बाइबल में अधिकांश नामों के अर्थ हैं। अधिकांश समय, बाइबल में नामों का उपयोग उन लोगों और स्थानों की पहचान करने के लिए किया जाता है, जिन्हें वे सन्दर्भित करते हैं। परन्तु कभी-कभी किसी नाम का अर्थ विशेष रूप से महत्वपूर्ण होता है। + +> यह मलिकिसिदक शालेम का राजा, परमप्रधान परमेश्वर का याजक था, ने अब्राहम के साथ मुलाकात की जो राजाओं की मारकर से लौट आता था और उसे आशीष दी। (इब्रानियों 7:1 यूएलबी) + +यहाँ लेखक मुख्य रूप से "मलिकिसिदक" नाम का उपयोग करते हैं, जो उस व्यक्ति को उद्धृत करता है, जिसका यह नाम था, और "शालेम के राजा" शीर्षक हमें बताता है कि वह एक निश्चित शहर के ऊपर शासन करता था। + +> उसके नाम "मलिकिसिदक" का अर्थ "धार्मिकता का राजा" और "शालेम का राजा", अर्तात्, "शान्ति का राजा" है। (इब्रानियों 7:2 यूएलबी) + +यहाँ लेखक मलिकिसिदक के नाम और शीर्षक के अर्थ को बताता है, क्योंकि ये बातें हमें व्यक्ति के बारे में और अधिक जानकारी देती हैं। अन्य समयों में, लेखक किसी नाम के अर्थ की व्याख्या नहीं करता है, क्योंकि वह अपेक्षा करता है कि पाठक पहले ही उनके अर्थ को जानते हैं। यदि सन्दर्भ को समझने के लिए नाम का अर्थ महत्वपूर्ण है, तो आप मूलपाठ में या फुटनोट में अर्थ को सम्मिलित कर सकते हैं। + +### इसका कारण यह अनुवाद का एक विषय है + +* पाठकों को बाइबल में कुछ नामों का पता नहीं हो सकता है। वे नहीं जानते कि कोई नाम किसी व्यक्ति या स्थान या कुछ और को सन्दर्भित करता है या नहीं। +* सन्दर्भ को समझने के लिए पाठकों को नाम के अर्थ को समझने की आवश्यकता हो सकती है। +* कुछ नामों में विभिन्न ध्वनियाँ या ध्वनियों के संयोजन हो सकते हैं, जिनका उपयोग आपकी भाषा में नहीं किया जाता है या आपकी भाषा में कहने के लिए अप्रिय हैं। इस समस्या को सम्बोधित करने के लिए रणनीतियों के लिए, [शब्दों को उधार लेना](../translate-transliterate/01.md) को देखें। +* बाइबल में कुछ लोगों और स्थानों के दो नाम हैं। पाठकों को यह एहसास नहीं हो सकता कि दो नाम एक ही व्यक्ति या स्थान को सन्दर्भित करते हैं। + +### बाइबल से उदाहरण + +> तुम यरदन पार हुए और यरीहो पर पहुँचे। यरीहो के अगुओं ने तुम्हारे विरुद्ध, अमोरियों के साथ मिलकर लड़ाई की (यहोशू 24:11 यूएलबी) + +पाठकों को पता नहीं हो सकता कि "यरदन" नदी का नाम है, "यरीहो" एक शहर का नाम है, और "अमोरी" लोगों के समूह का नाम है। + +> उसने कहा, "क्या मैं वास्तव में निरन्तर देखती रहूँ, जबकि उसने मुझे देख लिया है?" इसलिए कुएँ को लहौरोई कहा जाता था; (उत्पत्ति 16:13-14 यूएलबी) + +पाठकों को दूसरा वाक्य समझ में नहीं आ सकता है, यदि उन्हें नहीं पता कि "लहौरोई" का अर्थ "जीवित रहने वाले का कुँआ जो मुझे देखता है।" + +> उसने उसके मूसा नाम दिया और कहा, "क्योंकि मैंने उसे पानी से खींचा था।" (निर्गमन 2:11 यूएलबी) + +पाठकों को यह समझ में नहीं आ सकता है कि उसने यह क्यों कहा यदि उन्हें नहीं पता कि मूसा का नाम इब्रानी शब्दों "खींच कर बाहर निकालने" की तरह प्रतीत होता है। + +> शाऊल उसकी मृत्यु के लिए समझौता था (प्रेरितों 8:1 यूएलबी)
+ +
ऐसा इकुनियुम में हुआ कि पौलुस और बरनबास ने यहूदी आराधनालय में एक साथ प्रवेश किया (प्रेरितों 14:1 यूएलबी)
+ +पाठकों को यह नहीं पता हो सकता है कि शाऊल और पौलुस नाम एक ही व्यक्ति को सन्दर्भित करते हैं। + +### अनुवाद की रणनीतियाँ + +1. यदि पाठक सन्दर्भ से आसानी से समझ नहीं सकते हैं कि नाम किस प्रकार की बात को सन्दर्भित करता है, तो आप इसे स्पष्ट करने के लिए एक शब्द जोड़ सकते हैं। + +1. यदि पाठकों को, जो कहा गया है, उसके बारे में समझने के लिए किसी नाम के अर्थ को समझने की आवश्यकता है, तो नाम की नकल करें और मूलपाठ में या फुटनोट में इसके अर्थ के बारे में बताएँ। + +1. या यदि पाठकों को, जो कहा गया है, उसके बारे में समझने के लिए किसी नाम के अर्थ को समझने की आवश्यकता है, और वह नाम केवल एक ही बार उपयोग किया गया है, तो नाम की प्रतिलिपि बनाने की अपेक्षा नाम के अर्थ का अनुवाद करें। + +1. यदि किसी व्यक्ति या स्थान के दो भिन्न नाम होते हैं, तो अधिकांश समय एक नाम का और दूसरा नाम केवल तभी उपयोग करें, जब मूलपाठ व्यक्ति या स्थान के बारे में बताता है, जिसमें एक से अधिक नाम होते हैं या जब यह कहता है कि व्यक्ति या स्थान को वह नाम क्यों दिया गया था। जब स्रोत मूलपाठ उस नाम का उपयोग करता है, जिसका उपयोग निरन्तर कम किया जाता है, तो एक फुटनोट लिखें। + +1. या यदि किसी व्यक्ति या स्थान के दो भिन्न नाम हैं, तो स्रोत मूलपाठ में जो भी नाम दिया गया है, उसका उपयोग करें, और एक फुटनोट जोड़ें, जो दूसरा नाम प्रदान करता है। + +### अनुवाद के लिए लागू की गई रणनीतियों के उदाहरण + +1. यदि पाठक सन्दर्भ को आसानी से नहीं समझ सकते हैं कि नाम किस प्रकार की बात को सन्दर्भित करता है, तो आप इसे स्पष्ट करने के लिए एक शब्द जोड़ सकते हैं। + +* **आप यरदन पर गए और यरीहो पर आए। यरीहो के अगुओं ने आप के विरूद्ध लड़ाई की, अमोरियों ** (यहोशू 24:11 यूएलबी) के साथ + + * तुम यरदन नदी पार हुए और यरीहो के नगर पहुँचे। यरीहो के अगुओं ने तुम्हारे विरुद्ध, अमोरियों के गोत्र के साथ मिलकर लड़ाई की
+ +* **कुछ समय बाद, कुछ फरीसी आए और उससे कहा, "जा और यहाँ से चले जा क्योंकि
हेरोदेस तुझे मारना चाहता है।"** (लूका 13:31 यूएलबी) + + * कुछ समय बाद, कुछ फरीसी आए और उससे कहा, "जा और यहाँ से चले जा क्योंकि राजा हेरोदेस तुझे मारना चाहता है। + +1. यदि पाठकों को, जो कहा गया है, उसके बारे में समझने के लिए किसी नाम के अर्थ को समझने की आवश्यकता है, तो नाम नकल करें और मूलपाठ में या फुटनोट में इसके अर्थ के बारे में बताएँ। + +* **उसने उसे मूसा नाम दिया और कहा, "क्योंकि मैंने उसे पानी से खींचा था।"** (निर्गमन 2:11 यूएलबी) + + * उसने उसे नाम दिया मूसा, जो 'खींचा गया' जैसा प्रतीत होता है, और कहा, "क्योंकि मैंने उसे पानी से बाहर निकाला था।" + +1. या यदि पाठकों को, जो कहा गया है, उसके बारे में समझने के लिए किसी नाम के अर्थ को समझने की आवश्यकता है, और वह नाम केवल एक ही बार उपयोग किया जाता है, तो नाम की प्रतिलिपि बनाने की अपेक्षा नाम के अर्थ का अनुवाद करें। + +* **... उसने कहा, "क्या मैं वास्तव में निरन्तर देखती रहूँ, जबकि उसने मुझे देख लिया है?" इसलिए कुएँ को लहौरोई कहा जाता था;** (उत्पत्ति 16:13-14 यूएलबी) + + * ... उसने कहा, "क्या मैं वास्तव में निरन्तर देखती रहूँ, जबकि उसने मुझे देख लिया है?" इसलिए कुएँ को जीवित रहने वाले का कुँआ जो मुझे देखता है कह गया; + +1. यदि किसी व्यक्ति या स्थान के दो भिन्न नाम होते हैं, तो अधिकांश समय एक नाम का और दूसरा नाम केवल तभी उपयोग करें, जब मूलपाठ व्यक्ति या स्थान के बारे में बताता है, जिसमें एक से अधिक नाम होते हैं या जब यह कहता है कि व्यक्ति या स्थान को वह नाम क्यों दिया गया था जब स्रोत मूलपाठ उस नाम का उपयोग करता है, जिसका उपयोग निरन्तर कम किया जाता है, तो एक फुटनोट लिखें। + +उदाहरण के लिए, प्रेरितों 13 के पहले पौलुस को "शाऊल" और प्रेरितों 13 के बाद "पौलुस" कहा जाता है। प्रेरितों 13:9 को छोड़कर आप हर समय "पौलुस" के रूप में उसका नाम अनुवाद कर सकते हैं, जहाँ यह उसके दो नाम होने के बारे में बात करता है। + +* **... एक जवान व्यक्ति जिसका नाम शाऊल ** (प्रेरितों 7:58 यूएलबी) + + * ... एक युवा व्यक्ति जिसे पौलुस 1 नाम दिया गया है + * फुटनोट इस तरह दिखेगा: + + * [1] अधिकांश संस्करण यहाँ शाऊल कहते हैं, परन्तु बाइबल में अधिकांश समय उसे पौलुस कहा जाता है। + +* **परन्तु शाऊल , जिसे पौलुस भी कहा जाता है, पवित्र आत्मा से भरा हुआ था;** (प्रेरितों 13:9) + + * परन्तु शाऊल , जिसे पौलुस भी कहा जाता है, पवित्र आत्मा से भरा हुआ था; + +1. या यदि किसी व्यक्ति या स्थान के दो नाम हैं, तो स्रोत मूलपाठ में जो भी नाम दिया गया है, उसका उपयोग करें, और एक फुटनोट जोड़ें, जो दूसरा नाम प्रदान करता है। उदाहरण के लिए, आप "शाऊल", जहाँ स्रोत मूलपाठ में "शाऊल" और "पौलुस" जहाँ स्रोत मूलपाठ में "पौलुस" है, लिख सकते हैं। + +* **एक युवा व्यक्ति जिसका नाम शाऊल था** (प्रेरितों 7:58 यूएलबी) + + * शाऊल नाम का एक जवान व्यक्ति + * फुटनोट इस तरह दिखेगा: + + * [1] यह वही व्यक्ति है, जिसे प्रेरितों 13 के आरम्भ में पौलुस को कहा जाता है। + +* **परन्तु शाऊल , जिसे पौलुस भी कहा जाता है, पवित्र आत्मा से भरा हुआ था;** (प्रेरितों 13:9) + + * परन्तु शाऊल , जिसे पौलुस भी कहा जाता है, पवित्र आत्मा से भरा हुआ था; + +* **ऐसा इकुनियुम में हुआ कि पौलुस और बरनबास ने यहूदी आराधनालय में एक साथ प्रवेश किया** (प्रेरितों 14:1 यूएलबी) + + * ऐसा इकुनियुम में हुआ कि पौलुस 1 और बरनबास ने यहूदी आराधनालय में एक साथ प्रवेश किया। + * फुटनोट इस तरह दिखेगा: + + * [1] यह वही मनुष्य है, जिसे प्रेरितों 13 से पहले शाऊल कहा जाता था। diff --git a/translate/translate-names/sub-title.md b/translate/translate-names/sub-title.md new file mode 100644 index 0000000..5dd1651 --- /dev/null +++ b/translate/translate-names/sub-title.md @@ -0,0 +1,2 @@ +मेरी संस्कृति के लिए नए नामों का मैं अनुवाद कैसे करूँ? + diff --git a/translate/translate-names/title.md b/translate/translate-names/title.md new file mode 100644 index 0000000..4ce854c --- /dev/null +++ b/translate/translate-names/title.md @@ -0,0 +1,2 @@ +नामों का अनुवाद कैसे करें + diff --git a/translate/translate-numbers/01.md b/translate/translate-numbers/01.md new file mode 100644 index 0000000..6dc4680 --- /dev/null +++ b/translate/translate-numbers/01.md @@ -0,0 +1,85 @@ + +### विवरण + +बाइबल में कई सँख्याएँ हैं। उन्हें शब्दों, जैसे "पाँच" या अंकों के रूप में, जैसे "5" के रूप में लिखा जा सकता है। कुछ सँख्याएँ बहुत बड़ी हैं, जैसे कि "दो सौ" (200), "बीस हजार" (22,000), या "दस करोड़" (100,000,000) कुछ भाषाओं में इन सभी सँख्याओं के लिए शब्द नहीं हैं। + +अनुवादकों को यह निर्धारित करने की आवश्यकता है कि सँख्याओं का अनुवाद कैसे करें और उन्हें शब्दों या अंकों के रूप में लिखना है या नहीं। कुछ सँख्याएँ सटीक हैं और अन्य पूर्णांक हैं। + +> अब्राहम छियासी वर्षों का था जब हाजिरा ने इश्माएल को अब्राम से जन्म दिया। (उत्पत्ति 16:16 यूएलबी) + +छियासी (86) एक सटीक सँख्या है। + +> उस दिन लगभग तीन हजार लोगों की मृत्यु हो गई। (निर्गमन 32:28 यूएलबी) + +यहाँ सँख्या तीन हजार एक पूर्णांक सँख्या है। यह उससे थोड़ा अधिक या उससे थोड़ा कम हो सकती है। शब्द "लगभग" दिखाता है कि यह एक सटीक सँख्या नहीं है। + +**इसका कारण यह अनुवाद का एक विषय है**: कुछ भाषाओं में इनमें से कुछ सँख्याओं के लिए शब्द नहीं हैं। + +#### अनुवाद के सिद्धान्त + +* सटीक सँख्याओं का अनुवाद निकटता से और विशेष रूप से किया जा सकता है, जितना सम्भव वे हो सकती हैं। +* पूर्णांक सँख्याओं का अधिक सामान्य रूप से अनुवाद किया जा सकता है। + +### बाइबल से उदाहरण + +> जब ईराद 162 वर्ष जीवित रहा, तब वह हनोक का पिता बन गया। हनोक के पिता बनने के बाद, ईराद आठ सौ वर्ष जीवित रहा। वह अधिक पुत्रों और पुत्रियों का जनक बन गया। ईराद 962 वर्षों तक जीवित रहा, और फिर वह मर गया। (उत्पत्ति 5:18-20 यूएलबी) + +सँख्या 162, आठ सौ, और 962 सटीक सँख्याएँ हैं, और उन सँख्याओं के निकटता में जितना अधिक सम्भव हो सके अनुवाद किया जाना चाहिए। + +> हमारी बहन, क्या तू हजारों लाखों की माता हो (उत्पत्ति 24:60 यूएलबी) यह एक पूर्णांक सँख्या है। + +यह पूर्ण रीति से नहीं कहता कि उसके कितने वंशज होने चाहिए, परन्तु उनमें से यह एक बड़ी सँख्या थी। + +### अनुवाद की रणनीतियाँ + +1. अंक का उपयोग कर सँख्याएँ लिखें। +1. उन सँख्याओं के लिए अपनी भाषा के शब्दों या गेटवे भाषा प्रवेशिका भाषा के शब्दों का उपयोग करके सँख्याएँ लिखें। +1. शब्दों का उपयोग करके सँख्याएँ लिखें, और अंक उनके बाद कोष्टक में रखें। +1. बड़ी सँख्याओं के लिए शब्दों को आपस में जोड़ दें। +1. बहुत बड़ी पूर्णांक सँख्याओं के लिए एक बहुत ही सामान्य अभिव्यक्ति का उपयोग करें और बाद में कोष्टक में अंक लिखें। + +### अनुवाद के लिए लागू की गई रणनीतियों के उदाहरण + +हम अपने उदाहरणों में निम्नलिखित वचन का उपयोग करेंगे: + +> अब, देखो, बड़े प्रयासों से मैंने यहोवा के घर के लिए 100,000 सोने के किक्कार, दस लाख चाँदी, और कांस्य और लोहे के बड़ी मात्रा में किक्कार को तैयार किया है। (1 इतिहास 22:14 यूएलबी) + +1. अंक का उपयोग कर सँख्या लिखें। + + * मैंने यहोवा के घर के लिए तैयार किया है 100,000 सोने के किक्कार, 1,000,000 चाँदी, और कांस्य और लौहे के बड़ी मात्रा में किक्कार। + +1. उन सँख्याओं के लिए अपनी भाषा के शब्दों या गेटवे भाषा शब्दों का उपयोग करके सँख्याएँ लिखें। + + * मैंने यहोवा के घर के लिए तैयार किया है एक लाख सोने के किक्कार, दस लाख चाँदी, और कांस्य और लोहे के बड़ी मात्रा में किक्कार। + +1. शब्दों का उपयोग करके सँख्याएँ लिखें, और अंक उनके बाद कोष्टक में रखें। + + * मैंने यहोवा के घर के लिए एक सौ हजार (100,000) सोने के किक्कार, एक सौ लाख (1,000,000) चाँदी, और कांस्य और लौहे के बड़ी मात्रा में किक्कार तैयार किए हैं। + +1. बड़ी सँख्याओं के लिए शब्दों को आपस में जोड़ दें। + + * मैंने यहोवा के घर के लिए तैयार किया है एक सौ हजार सोने के किक्कार, दस लाख चाँदी, और कांस्य और लौह के बड़ी मात्रा में किक्कार तैयार किए हैं। + +1. बहुत बड़ी पूर्णांक सँख्याओं के लिए एक बहुत ही सामान्य अभिव्यक्ति का उपयोग करें और बाद में कोष्टक में अंक लिखें। + + * मैंने यहोवा के घर के लिए तैयार किया है सोने की एक बड़ी मात्रा (100,000 किक्कार) , चाँदी का दस गुणा अधिक (1,000,000 किक्कार) , और बड़ी मात्रा में कांस्य और लौह। + + +#### सुसंगता + +अपने अनुवाद में सुसंगत रहें। सँख्याओं या अंकों का उपयोग करके, सँख्याओं का अनुवाद कैसे किया जाएगा, निर्धारित करें। सुसंगत होने के विभिन्न तरीके हैं। + +* हर समय सँख्याओं का प्रतिनिधित्व करने के लिए शब्दों का प्रयोग करें। (आपके पास बहुत लम्बा शब्द हो सकता है।) +* हर समय सँख्याओं का प्रतिनिधित्व करने के लिए अंकों का उपयोग करें। +* उन शब्दों का प्रतिनिधित्व करने के लिए शब्दों का उपयोग करें जिनके लिए आपकी भाषा में शब्द हैं और सँख्याओं के लिए अंकों का उपयोग करें, जिनके लिए आपकी भाषा में शब्द नहीं हैं। +* छोटी सँख्या के लिए कम शब्दों का और बड़ी सँख्याओं के लिए अंकों का प्रयोग करें। +* उन सँख्याओं के लिए शब्दों का उपयोग करें, जिनके लिए कुछ शब्दों और अंकों के लिए सँख्याओं की आवश्यकता होती है, जिन्हें कुछ शब्दों की ही आवश्यकता होती है। +* सँख्याओं का प्रतिनिधित्व करने के लिए शब्दों का प्रयोग करें, और उनके बाद कोष्टक में अंकों को लिखें। + +#### यूएलबी और यूडीबी अनुवादों में सुगंतता + +*अनलॉक्ड शाब्दिक बाइबल* (यूएलबी) और *अनलॉक्ड डायनामिक बाइबल* (यूडीबी) उन सँख्याओं के लिए शब्दों का उपयोग करती है, जिनमें केवल एक या दो शब्द (नौ, सोलह, तीन सौ) हैं। + +ये सँख्याओं के लिए अंकों का उपयोग करती हैं, जिनमें दो से अधिक शब्द होते हैं ("एक सौ तीस" की अपेक्षा अंक "130")। + +> जब आदम 130 वर्षों तक रहा, तो वह अपने स्वरूप पर, अपने पुत्र का पिता बन गया, और उसने उसका नाम शेत पुकारा। आदम का शेत के पिता बनने के बाद, वह आठ सौ वर्षों तक जीवित रहा। वह और भी अधिक पुत्रों और पुत्रियों का जनक बन गया। आदम 930 वर्षों तक रह, और तब वह मर गया। (उत्पत्ति 5:3-5 यूएलबी) diff --git a/translate/translate-numbers/sub-title.md b/translate/translate-numbers/sub-title.md new file mode 100644 index 0000000..d0a8ad1 --- /dev/null +++ b/translate/translate-numbers/sub-title.md @@ -0,0 +1,2 @@ +मैं संख्याओं का अनुवाद कैसे करूँ? + diff --git a/translate/translate-numbers/title.md b/translate/translate-numbers/title.md new file mode 100644 index 0000000..7f6aae7 --- /dev/null +++ b/translate/translate-numbers/title.md @@ -0,0 +1,2 @@ +संख्याएँ + diff --git a/translate/translate-ordinal/01.md b/translate/translate-ordinal/01.md new file mode 100644 index 0000000..8d43e1a --- /dev/null +++ b/translate/translate-ordinal/01.md @@ -0,0 +1,72 @@ + +### विवरण + +मूल रूप से किसी सूची में किसी बात की स्थिति बताने के लिए बाइबल में सामान्य सँख्याओं का उपयोग किया जाता है। + +> उसने कलीसिया को पहले प्रेरितों, दूसरे भविष्यद्वक्ताओं, तीसरा शिक्षकों को दिया, तब वे जो सामर्थ्य के काम करते हैं (1 कुरिन्थियों 12:28 यूएलबी) + +यह सेवकों की एक सूची है, जिसे परमेश्वर ने अपने क्रम में कलीसिया को दिया था। + +#### अंग्रेजी में क्रमसूचक सँख्याएँ + +अंग्रेजी में अधिकांश क्रमसूचक सँख्याओं में केवल "-th" अन्त में जोड़ा जाता है। + +| अंक | सँख्या | क्रमसूचक सँख्या | +| -------- | -------- | -------- | +| 4 | चार | चौथा | +| 10 | दस | दसवाँ | +| 100 | एक सौ | एक सौवाँ | +| 1000 | एक हजार | एक हज़ारवाँ | + +अंग्रेजी में कुछ क्रमसूचक सँख्या इस पद्धित का पालन नहीं करती हैं। + +| अंक | सँख्या | क्रमसूचक सँख्या | +| -------- | -------- | -------- | +| 1 | एक | पहला | +| 2 | दो | दूसरा | +| 3 | तीन | तीसरा | +| 5 | पाँच | पाँचवाँ | +| 12 | बारह | बारहवाँ | + + +#### इसका कारण यह अनुवाद का एक विषय है: + +कुछ भाषाओं की सूची में वस्तुओं का क्रम दिखाने के लिए विशेष सँख्या नहीं होती है। इससे निपटने के विभिन्न तरीके पाए जाते हैं। + +### बाइबल से उदाहरण + +> पहली चिट्ठी यहोयारीब, दूसरी यदायाह, तीसरी हारीम, चौथी सोरीम के ऊपर निकली, ... तेईसवाँ दलायाह की, और चौबीसवीं माज्याह के नाम पर निकली। (1 इतिहास 24:7-18 यूएलबी) + +लोगों ने बहुत सारी चिट्ठीयाँ डाली और की गई व्यवस्था के अनुसार चिट्ठीयाँ इन लोगों में से प्रत्येक के नाम पर निकली। + +> तूझे उसमें बहुमूल्य पत्थरों की चार पंक्तियाँ रखनी होंगी। पहली पंक्ति में एक माणिक्य, एक पद्मराग और एक लालड़ी होनी चाहिए। दूसरी पंक्ति में एक मरकत, एक नीलमणि, और एक हीरा होना चाहिए। तीसरी पंक्ति में एक लशम jacinth, एक सूर्यकांत agate, और एक नीलम amethyst होना चाहिए। चौथा पंक्ति में एक फोरीजा, और एक सुलैमानी मणि, और एक यशब होना चाहिए। + +उन्हें सोने की खानों में जड़ा जाना चाहिए। (निर्गमन 28:17-20 यूएलबी) + +यह पत्थरों की चार पंक्तियों का वर्णन करता है।पहली पंक्ति कदाचित् शीर्ष पंक्ति है, और चौथी पंक्ति कदाचित् नीचे वाली पंक्ति है। + +### अनुवाद की रणनीतियाँ + +यदि आपकी भाषा में क्रमसूचक सँख्याएँ हैं और उनका उपयोग करने से सही अर्थ प्राप्त होगा, तो उनका उपयोग करने पर विचार करें। यदि नहीं, तो यहाँ कुछ रणनीतियों पर विचार करना चाहिए: + +1. पहले वस्तु के साथ "एक" और शेष के साथ "दूसरा" या "अगला" का प्रयोग करें। +1. वस्तुओं की कुल सँख्या बताएँ और फिर उन्हें सूचीबद्ध करें या उनके साथ जुड़ी बातों को सूचीबद्ध करें। + +### अनुवाद के लिए लागू की गई रणनीतियों के उदाहरण + +1. वस्तुओं की कुल सँख्या बताएँ, और पहली वस्तु के साथ "एक" और शेष के साथ "दूसरा" या "अगला" का उपयोग करें। + +* **पहली यहोयारीब के नाम पर, यदायाह को दूसरी, हारीम को तीसरी, सोरीम को चौथी, ... तेईसवीं दलायाह और चौबीसवीं माज्याह पर निकली।** (1 इतिहास 24:7- 18 यूएलबी) + + * चौबीस चिट्ठीयाँ थी। एक चिट्ठी यहोयारीब के नाम पर, दूसरी यदायाह, तीसरी हारिम पर, ... तेईसवीं दलायाह के पर, और अन्तिम माज्याह के नाम पर निकली। + * चौबीस चिट्ठीयाँ थी। एक चिट्टी यहोयारीब के पास गई, अगली यदायाह, उससे अगली हारीम के पास, ... उससे अगली दलायाह के पास, और अन्तिम माज्याह के पाई गई। + +* **वाटिका को पानी देने के लिए अदन से एक नदी निकाली गई। वहाँ से यह विभाजित हो गई और चार नदियाँ बन गईं। पहली का नाम पिशोन है। यह वह है, जो हवीला की सारी भूमि में बहती है, जहाँ सोना है। उस भूमि का सोना अच्छा है। वहाँ मोती और सुलैमानी पत्थर भी है। दूसरी नदी का नाम गीहोन है। यह कूश की पूरी भूमि में बहती है। तीसरा नदी का नाम हिद्देकेल है, जो अश्शूर के पूर्व में बहता है। चौथा नदी फरात है।** (उत्पत्ति 2:10-14 यूएलबी) + + * वाटिका को पानी देने के लिए अदन से एक नदी निकाली गई। वहाँ से यह विभाजित हो गई और चार नदियाँ बन गईं। एक का नाम पिशोन है। यह वह है, जो हवीला की सारी भूमि में बहती है, जहाँ सोना है। उस भूमि का सोना अच्छा है। वहाँ मोती और सुलैमानी पत्थर भी है। अगली नदी का नाम गीहोन है। यह कूश की पूरी भूमि में बहती है। अगली नदी का नाम हिद्देकेल है, जो अश्शूर के पूर्व में बहता है। अन्तिम नदी फरात है। + +1. वस्तुओं की कुल सँख्या बताएँ और फिर उन्हें सूचीबद्ध करें या उनके साथ जुड़े बातें सूचीबद्ध करें। + +* **पहली यहोयारीब के नाम पर, यदायाह को दूसरी, हारीम को तीसरी, सोरीम को चौथी, ... तेईसवीं दलायाह और चौबीसवीं माज्याह पर निकली।** (1 इतिहास 24:7- 18 यूएलबी) + + * उन्होंने चौबीस चिट्ठीयों को डाला था। चिट्ठीयाँ यरोयारीब, यदायाह, हारीम, सोरीम, ... दलायाह और माज्याह के नाम पर निकली। diff --git a/translate/translate-ordinal/sub-title.md b/translate/translate-ordinal/sub-title.md new file mode 100644 index 0000000..b837146 --- /dev/null +++ b/translate/translate-ordinal/sub-title.md @@ -0,0 +1,2 @@ +क्रमबद्ध संख्याएँ क्या हैं और मैं उनका अनुवाद कैसे करूँ? + diff --git a/translate/translate-ordinal/title.md b/translate/translate-ordinal/title.md new file mode 100644 index 0000000..acc5fea --- /dev/null +++ b/translate/translate-ordinal/title.md @@ -0,0 +1,2 @@ +क्रमबद्ध संख्याएँ + diff --git a/translate/translate-original/01.md b/translate/translate-original/01.md new file mode 100644 index 0000000..3fd86b1 --- /dev/null +++ b/translate/translate-original/01.md @@ -0,0 +1,10 @@ + +### मूल भाषा में मूलपाठ सबसे सटीक होता है + +**परिभाषा** - मूल भाषा वह भाषा होती है, जिसमें एक बाइबल मूलपाठ आरम्भ में लिखा गया था। + +**विवरण** - नए नियम की मूल भाषा यूनानी है। + +पुराने नियम के अधिकांश मूल भाषा इब्रानी है। यद्यपि, दानिय्येल और एज्रा की पुस्तकों के कुछ भागों की मूल भाषा अरामी है। मूल भाषा सदैव एक सटीक भाषा होती है, जिसमें से एक सन्दर्भ का अनुवाद किया जाता है। स्रोत भाषा वह भाषा होती है, जहाँ से अनुवाद किया जा रहा है। + +यदि कोई अनुवादक मूल भाषाओं से बाइबल का अनुवाद कर रहा है, तो उसके अनुवाद के लिए मूल भाषा और स्रोत भाषा एक जैसी होती है। यद्यपि, केवल वे लोग जिन्होंने मूल भाषा का अध्ययन करने में कई वर्षों बिताए हैं, उन्हें समझते हैं और उन्हें स्रोत भाषा के रूप में उपयोग कर सकते हैं। इसी कारण, अधिकांश अनुवादक ऐसी बाइबलों का उपयोग करते हैं, जिनका अनुवाद उनकी स्रोत भाषा के मूलपाठ के रूप में व्यापक संचार की भाषा में किया गया है। diff --git a/translate/translate-original/sub-title.md b/translate/translate-original/sub-title.md new file mode 100644 index 0000000..4fa7d22 --- /dev/null +++ b/translate/translate-original/sub-title.md @@ -0,0 +1,2 @@ +मूल भाषा और स्रोत भाषा की बीच क्या अंतर है? + diff --git a/translate/translate-original/title.md b/translate/translate-original/title.md new file mode 100644 index 0000000..4b6df8b --- /dev/null +++ b/translate/translate-original/title.md @@ -0,0 +1,2 @@ +मूल एवं स्रोत भाषा + diff --git a/translate/translate-problem/01.md b/translate/translate-problem/01.md new file mode 100644 index 0000000..f9b9681 --- /dev/null +++ b/translate/translate-problem/01.md @@ -0,0 +1,24 @@ + +### रूपों के परिवर्तन का अर्थ + +शाब्दिक अनुवाद लक्षित मूलपाठ में स्रोत मूलपाठ का रूप रखते हैं। कुछ अनुवादक ऐसा करना चाहते हैं, क्योंकि, जैसा कि हमने शिक्षा के मॉड्यूल या खण्ड में "रूप का महत्व" देखा है, मूलपाठ का रूप मूलपाठ के अर्थ को प्रभावित करता है। + +तथापि, हमें यह ध्यान में रखना चाहिए कि विभिन्न संस्कृतियों के लोग रूपों के अर्थ को भिन्न समझते हैं। विभिन्न संस्कृतियों में, एक ही रूप को बहुत अलग तरीकों से समझा जा सकता है। इसलिए मूल रूपों को परिवर्तन से बचा कर अर्थ की रक्षा करना सम्भव नहीं है। अर्थ की रक्षा करने का एकमात्र तरीका मूल रूप की एक नए रूप में परिवर्तन होना है, जो पुरानी संस्कृति में पुरानी रूप में पुरानी संस्कृति के समान अर्थ को संचारित करता है। + +### विभिन्न भाषाएँ शब्दों और वाक्यांशों के विभिन्न व्यवस्थाओं का उपयोग करती हैं + +यदि आप अपने अनुवाद में स्रोत शब्द व्यवस्था को रखते हैं, तो इसे समझना आपकी भाषा बोलने वाले लोगों के लिए बहुत अधिक कठिन और कभी-कभी असम्भव सा होगा। आपको लक्षित भाषा के स्वभाविक शब्द क्रम का उपयोग करना चाहिए ताकि लोग मूलपाठ के अर्थ को समझ सकें। + +### विभिन्न भाषाएँ विभिन्न मुहावरे और अभिव्यक्तियों का उपयोग करती हैं + +प्रत्येक भाषा में अपनी स्वयं के मुहावरे और अन्य अभिव्यक्तियाँ होती हैं, जो शब्द या ध्वनि या भावनाओं का प्रतिनिधित्व करती हैं। इन बातों के अर्थ को व्यक्त करने के लिए, आपको एक मुहावरे या अभिव्यक्ति का चयन करना होगा जिसका लक्ष्य लक्षित भाषा में उसी अर्थ को देना हो, न कि केवल प्रत्येक शब्द का अनुवाद करना। यदि आप केवल प्रत्येक शब्द का अनुवाद करते हैं, तो मुहावरे या अभिव्यक्ति का गलत अर्थ मिलेगा। + +### कुछ शब्दों में अन्य संस्कृतियों में समकक्ष शब्द नहीं होते हैं + +बाइबल में ऐसी वस्तुओं के लिए कई शब्द हैं, जो अब विद्यमान नहीं हैं, जैसे वजन के लिए (स्टाडिया, क्यूबिट), पैसा के लिए (दीनार, स्टाटर) और मापों के लिए (हीन, एपा)। पवित्रशास्त्र में पशु संसार के कुछ भाग (लोमड़ी, ऊंट) विद्यमान नहीं हो सकते हैं। अन्य शब्द (बर्फ, खतना) कुछ संस्कृतियाँ में अज्ञात हो सकते हैं। उन परिस्थितियों में इन शब्दों के लिए समकक्ष शब्दों का विकल्प पाना सम्भव नहीं होता है। अनुवादक को मूल अर्थ संचारित करने के लिए एक और तरीके की खोज करनी चाहिए। + +### बाइबल को समझने का मंशा से लिखा गया था + +पवित्रशास्त्र की गवाही स्वयं दिखाती है कि वे समझे जाने के लिए थे। बाइबल तीन भाषाओं में लिखी गई है, क्योंकि भाषा का उपयोग परमेश्वर के लोगों ने भिन्न समयों में भिन्नता के साथ किया था। जब यहूदी निर्वासन से लौटे और अब उन्हें इब्रानी स्मरण नहीं रही, तो याजकों ने अरामी में पुराने नियम के पठ्न का अनुवाद किया ताकि वे समझ सकें (नहे 8:8)। + +बाद में, जब नया नियम लिखा गया, तब यह सामान्य बोलचाल वाली यूनानी में लिखा गया था, जो कि उस समय की भाषा थी, जो कि इब्रानी या अरामी या यहाँ तक कि शास्त्रीय यूनानी की अपेक्षा जिसे सामान्य लोगों को समझने के लिए कठिन होता, अधिकांश लोगों के द्वारा बोले जाने वाली भाषा थी। ये और अन्य कारण बताते हैं कि परमेश्वर चाहता है कि लोग उसका वचन समझें। इसलिए हम जानते हैं कि वह चाहता है कि हम बाइबल के अर्थ का अनुवाद करें, उसके स्वरूप को पुन: उत्पन्न न करें। पवित्रशास्त्र का अर्थ रूप से अधिक महत्वपूर्ण है। diff --git a/translate/translate-problem/sub-title.md b/translate/translate-problem/sub-title.md new file mode 100644 index 0000000..1a8ca00 --- /dev/null +++ b/translate/translate-problem/sub-title.md @@ -0,0 +1,2 @@ +अधिकतम आक्षरिक तौर पर किए गए अनुवादों की समस्याएँ क्या क्या हैं? + diff --git a/translate/translate-problem/title.md b/translate/translate-problem/title.md new file mode 100644 index 0000000..097a750 --- /dev/null +++ b/translate/translate-problem/title.md @@ -0,0 +1,2 @@ +आक्षरिक अनुवाद की समस्याएँ + diff --git a/translate/translate-process/01.md b/translate/translate-process/01.md new file mode 100644 index 0000000..84b1540 --- /dev/null +++ b/translate/translate-process/01.md @@ -0,0 +1,11 @@ + +### अनुवाद कैसे करें + +अनुवाद में दो बातें करनी होती हैं: + +1. स्रोत भाषा के मूलपाठ में अर्थ खोजें (देखें: [मूलपाठ का अर्थ खोजें](../translate-discover/01.md)) +1. लक्षित भाषा के अनुवाद में अर्थ पुन: बताएँ (देखें: [अर्थ को पुन: बताएँ](../translate-retell/01.md)) + +अनुवाद के लिए निर्देश कभी-कभी इन दोनों बातों को छोटे चरणों में विभाजित करती हैं। नीचे चित्र दिखाते हैं कि ये दोनों अनुवाद प्रक्रिया में कैसे उपयुक्त रूप से आते हैं। +! [](Https://cdn.door43.org/ta/jpg/translation_process.png) + diff --git a/translate/translate-process/sub-title.md b/translate/translate-process/sub-title.md new file mode 100644 index 0000000..eae7553 --- /dev/null +++ b/translate/translate-process/sub-title.md @@ -0,0 +1,2 @@ +अनुवाद करने के लिए मैं कौनसी दो चीजें करूँ? + diff --git a/translate/translate-process/title.md b/translate/translate-process/title.md new file mode 100644 index 0000000..f0e7608 --- /dev/null +++ b/translate/translate-process/title.md @@ -0,0 +1,2 @@ +अनुवाद प्रक्रिया + diff --git a/translate/translate-retell/01.md b/translate/translate-retell/01.md new file mode 100644 index 0000000..767b14a --- /dev/null +++ b/translate/translate-retell/01.md @@ -0,0 +1,16 @@ + +### अर्थ को पुन: कैसे बताएँ + +व्यस्थित चरणों की एक सूची निम्नलिखित दी गई है। इन चरणों का उद्देश्य अनुवादक को स्वभाविक, समझने योग्य और सटीक अनुवाद का उत्पादन करने में सहायता करना है। अनुवादक की सबसे सामान्य गलातियों में से एक एक सुसंगत मूलपाठ विकसित करने के लिए लक्षित भाषा में स्वभाविक रूपों का उपयोग करने में विफल रहना है। इन चरणों का पालन करके, अनुवादक एक अधिक स्वभाविक और अधिक समझने योग्य अनुवाद का उत्पादन करेगा। + +1. स्रोत भाषा में चुने हुए पूरे सन्दर्भ को पढ़ें। सन्दर्भ एक अनुच्छेद या एक बात हो सकती है, जो एक कहानी में घटित हुई हो, या यहाँ तक कि एक पूरा खण्ड (कुछ बाइबल में, एक शीर्षक से अगली शीर्षक तक सब कुछ को)। एक कठिन मूलपाठ में, एक सन्दर्भ केवल एक या दो वचन हो सकता है। +1. स्रोत भाषा में मूलपाठ को देखे बिना, इसे लक्षित भाषा में मौखिक रूप से बताएँ। यद्यपि आप कुछ भागों को भूल सकते हैं, फिर भी बताएँ कि आपको अन्त में क्या स्मरण है। +1. फिर से, स्रोत भाषा के मूलपाठ को देखें। अब लक्षित भाषा में सब कुछ बताएँ। +1. स्रोत भाषा के मूलपाठ को पुन: देखिए, केवल उन भागों पर ध्यान केन्द्रित करें जिन्हें आप भूल गए हैं, और फिर इसे अपनी स्मृति से लक्षित भाषा में सभी को पुन: बताएँ। +1. पूरे सन्दर्भ को स्मरण करने के बाद, इसे ठीक उसी तरह लिखें जैसा आपने इसे स्मृति से पुन: बताया था। +1. एक बार लिखे जाने के पश्चात्, यह देखने के लिए स्रोत भाषा देखें कि आपने किसी विवरण को अनदेखा तो नहीं किया है। सबसे अधिक स्वभाविक स्थान में ऐसी कोई जानकारी डालें। +1. यदि आप स्रोत मूलपाठ की किसी बात को नहीं समझते हैं, तो अनुवाद '[समझा नहीं आया]' में लिखें और शेष सन्दर्भ को लिखते रहें। +1. अब, आपने जो लिखा है, उसे पढ़ें। मूल्यांकन करें कि आप इसे समझते हैं या नहीं। उन भागों को ठीक करें, जिनमें सुधार चाहिए। +1. अगले खण्ड पर जाएँ। इसे स्रोत भाषा में पढ़ें। कठोरता से चरण 2 से 8 का पालन करें। + +*आभार: अनुमति के द्वारा उपयोग किया गया है, © 2013, एसआईएल इंटरनेशनल, हमारी मूल संस्कृति को साझा करना, पृष्ठ 59.* diff --git a/translate/translate-retell/sub-title.md b/translate/translate-retell/sub-title.md new file mode 100644 index 0000000..24b1afc --- /dev/null +++ b/translate/translate-retell/sub-title.md @@ -0,0 +1,2 @@ +मैं अर्थ को दुबारा कैसे बताऊँ? + diff --git a/translate/translate-retell/title.md b/translate/translate-retell/title.md new file mode 100644 index 0000000..6d8fc11 --- /dev/null +++ b/translate/translate-retell/title.md @@ -0,0 +1,2 @@ +अर्थ को पुन: बताना + diff --git a/translate/translate-source-licensing/01.md b/translate/translate-source-licensing/01.md new file mode 100644 index 0000000..d49c447 --- /dev/null +++ b/translate/translate-source-licensing/01.md @@ -0,0 +1,35 @@ + +### यह महत्वपूर्ण क्यों है? + +जब कोई स्रोत मूलपाठ चुनना होता है, जिस में से अनुवाद करना होता है, तो मुद्राधिकार/लाइसेंसिंग समस्या पर विचार करना दो कारणों से महत्वपूर्ण है। सबसे पहले, यदि आप बिना किसी पूर्व अनुमति के मुद्राधिकृत किए गए काम से अनुवाद करते हैं, तो आप कानून तोड़ रहे हैं, क्योंकि सामग्री का अनुवाद केवल इसकी विषय वस्तु के स्वामी के पास ही सुरक्षित है। + +कुछ स्थानों पर, मुद्राधिकार उल्लंघन एक आपराधिक अपराध है और मुद्राधिकार धारक की सहमति के बिना सरकार द्वारा मुकदमा चलाया जा सकता है! दूसरा, जब एक मुद्राधिकार किए गए काम से अनुवाद किया जाता है, तो अनुवाद स्रोत मूलपाठ के मुद्राधिकार धारक की बौद्धिक सम्पदा हो जाती है। + +वे अनुवाद के सभी अधिकारों को सुरक्षित रखते हैं, ठीक वैसे ही जैसे वे स्रोत मूलपाठ के साथ करते हैं। इन और अन्य कारणों से, अन्फोल्डिंगवर्ड केवल उन अनुवादों को ही वितरित करेगा जो मुद्राधिकार कानून का उल्लंघन नहीं करते हैं। + + +### हम किस लाइसेंस अर्थात् अनुज्ञा पत्र का उपयोग करते हैं? + +अन्फोल्डिंगवर्ड के द्वारा प्रकाशित सभी सामग्री को **क्रिएटिव कॉमन्स एट्रिब्यूशन-शेयरएक्लिक 4.0 लाइसेंस (CC BY-SA)** के अधीन प्रकाशित किया गया है (देखें http://creativecommons.org/licenses/by-sa/4.0/)। + +हमारा विश्वास ​​है कि यह लाइसेंस चर्च के लिए सबसे बड़ी सहायता है, क्योंकि यह अनुवादों और अन्य अमौलिक सामग्रियों को इस से निर्मित करने के लिए पर्याप्त रूप से अनुमति देता है, परन्तु यह इतनी अधिक अनुमति नहीं देता है कि उन अमौलिक सामग्रियों को प्रतिबन्धित लाइसेंस के अधीन सुरक्षित किया जा सके। इस विषय पर पूरी चर्चा के लिए, मसीही शिष्टाचारों को पढ़ें (http://thechristiancommons.com/ देखें)। + + +### किस स्रोत मूलपाठ का उपयोग किया जा सकता है? + +स्रोत मूलपाठों का उपयोग तब किया जा सकता है, जब वे सार्वजनिक ज्ञानक्षेत्र में आते हों या निम्न लाइसेंसों में से किसी एक के अधीन उपलब्ध होते हों, जो क्रिएटिव कॉमन्स एट्रिब्यूशन-शेयरएक्लिक लाइसेंस के अधीन अनुवाद किए हुए कार्य को प्रकाशित करने अनुमति देते हों: + +* **CC0 Public Domain Dedication (CC0)** (see http://creativecommons.org/publicdomain/zero/1.0/) +* **CC Attribution (CC BY)** (see http://creativecommons.org/licenses/by/3.0/) +* **CC Attribution-ShareAlike (CC BY-SA)** (see http://creativecommons.org/licenses/by-sa/4.0/) +* Works released under the **Free Translate License** (see http://ufw.io/freetranslate/) + +अनुवाद कार्य में उठने वाले अन्य सभी प्रश्नों के लिए, कृपया से सम्पर्क करें। + +**ध्यान दें:** + +* ट्रैन्स्लेशनस्टूडियो में स्रोत मूलपाठों के रूप में दिखाई देने वाले सभी स्रोत मूलपाठों की समीक्षा की गई है और किसी भी स्रोत किसी के द्वारा उपयोग के लिए वैद्यता प्राप्त हैं। + +* अन्फोल्डिंगवर्ड के द्वारा प्रकाशित की गई सारी साम्रगी से पहले, स्रोत मूलपाठ की समीक्षा की जानी चाहिए और वे ऊपर सूचीबद्ध लाइसेंसों में से एक के अधीन उपलब्ध हैं। + +अपना अनुवाद प्रकाशित करने में असमर्थ होने से बचने के लिए अनुवाद आरम्भ करने से पहले कृपया अपने स्रोत मूलपाठ को देखें। diff --git a/translate/translate-source-licensing/sub-title.md b/translate/translate-source-licensing/sub-title.md new file mode 100644 index 0000000..fb51759 --- /dev/null +++ b/translate/translate-source-licensing/sub-title.md @@ -0,0 +1,2 @@ +स्रोत अनुवाद का उपयोग करते वक्त किन लार्इसेंस एवं कॉपिराइट संबंधित बातों पर ध्यान दिया जाना चाहिए? + diff --git a/translate/translate-source-licensing/title.md b/translate/translate-source-licensing/title.md new file mode 100644 index 0000000..9dc0a78 --- /dev/null +++ b/translate/translate-source-licensing/title.md @@ -0,0 +1,2 @@ +कॉपीराइट, लार्इसेंस और स्रोत लेख + diff --git a/translate/translate-source-text/01.md b/translate/translate-source-text/01.md new file mode 100644 index 0000000..0929b5b --- /dev/null +++ b/translate/translate-source-text/01.md @@ -0,0 +1,14 @@ + +### एक स्रोत मूलपाठ के लिए विचार करने के लिए कारक + +स्रोत मूलपाठ चुनते समय, ऐसे कई कारक होते हैं, जिन पर विचार किया जाना चाहिए: + +* **[विश्वास का कथन](../../intro/statement-of-faith/01.md)** - क्या मूलपाठ विश्वास के कथन के अनुरूप है? +* **[अनुवाद दिशानिर्देश](../../intro/translation-guidelines/01.md)** - क्या मूलपाठ अनुवाद दिशानिर्देशों के अनुरूप है? +* **भाषा** - क्या मूलपाठ एक उपयुक्त भाषा में है, जिसे अनुवादक और जाँचकर्ता अच्छी तरह से समझते हैं? +* **[मुद्राधिकार, लाइसेंसिंग, और स्रोत मूलपाठ](../translate-source-licensing/01.md)** - क्या मूलपाठ लाइसेंस के अधीन प्रकाशित किया गया है, जो पर्याप्त कानूनी स्वतंत्रता देता है? +* **[स्रोत मूलपाठ और संस्करण सँख्या](../translate-source-version/01.md)** - क्या मूलपाठ नवीनतम, सबसे अधिक अद्यतित किया हुआ संस्करण है? +* **[मूल और स्रोत भाषाएँ](../translate-original/01.md)** - क्या अनुवाद समूह स्रोत भाषाओं और मूल भाषाओं के बीच अन्तर को समझता है? +* **[मूल पांडुलिपियाँ](../translate-manuscripts/01.md)** - क्या अनुवाद समूह मूल पांडुलिपियों और [पाठ्यात्मक असंगति] के बारे में समझता है? + +यह महत्वपूर्ण है कि भाषा समूह में चर्चों के अगुओं इस बात से सहमत हों कि स्रोत मूलपाठ अच्छा है। अंग्रेजी के ओपन बाइबल की कहानियाँ http://ufw.io/stories/ पर कई स्रोत भाषाओं में उपलब्ध हैं। अंग्रेजी में अनुवाद के लिए स्रोतों के रूप में उपयोग करने के लिए बाइबल के अनुवाद भी उपलब्ध हैं, और वे शीघ्र ही अन्य भाषाओं भी उपलब्ध होंगे। diff --git a/translate/translate-source-text/sub-title.md b/translate/translate-source-text/sub-title.md new file mode 100644 index 0000000..d91576a --- /dev/null +++ b/translate/translate-source-text/sub-title.md @@ -0,0 +1,2 @@ +स्रोत लेख को चुनने में किन किन बातों पर ध्यान दिया जाए? + diff --git a/translate/translate-source-text/title.md b/translate/translate-source-text/title.md new file mode 100644 index 0000000..991cc8b --- /dev/null +++ b/translate/translate-source-text/title.md @@ -0,0 +1,2 @@ +स्रोत लेख को चुनना + diff --git a/translate/translate-source-version/01.md b/translate/translate-source-version/01.md new file mode 100644 index 0000000..7805bfb --- /dev/null +++ b/translate/translate-source-version/01.md @@ -0,0 +1,24 @@ + +### संस्करण सँख्या का महत्व + +विशेष रूप से एक सावर्जनिक परियोजना जैसे अन्फोल्डिंगवर्ड में, प्रकाशित संस्करणों पर ध्यान देते रहना महत्वपूर्ण है। यह महत्वपूर्ण है, क्योंकि अनुवाद (और स्रोत मूलपाठ) प्राय: परिवर्तित हो सकते हैं। + +प्रत्येक संस्करण की पहचान करने में सक्षम होना स्पष्टता लाने में सहायता करता है, जिसकी पुनरावृत्ति के बारे में बात की गई है। संस्करण सँख्या भी महत्वपूर्ण हैं, क्योंकि सभी अनुवाद नवीनतम स्रोत मूलपाठ के आधार पर होने चाहिए। यदि स्रोत मूलपाठ परिवर्तित हो जाता है, तो अनुवाद को नवीनतम संस्करण के अनुरूप होने लिए अन्ततः अधतित किया जाना चाहिए। + +एक अनुवाद परियोजना आरम्भ करने से पहले, कृपया सुनिश्चित करें कि आपके पास स्रोत मूलपाठ का नवीनतम संस्करण उपलब्ध है। + +### संस्करण परिवर्तन कैसे काम करता है + +संस्करण सँख्या केवल तभी दी जाती है, जब किसी लेखन कार्य को प्रकाशित किया जाता है, न कि जब उन्हें संपादित किया जाता है। संशोधन इतिहास Door43 में डाला गया है, परन्तु यह उस लेखन कार्य से भिन्न है, जिसकी सँख्या दी गई है। + +![](Https://cdn.door43.org/ta/jpg/versioning.jpg) + +प्रत्येक स्रोत के मूलपाठ को प्रत्येक प्रकाशन (संस्करण 1, 2, 3, आदि) के लिए एक पूर्ण सँख्या दी जाती है। उस स्रोत मूलपाठ पर आधारित कोई भी अनुवाद स्रोत मूलपाठ की संस्करण सँख्या को लेगा और .1 को जोड़ देगा (अंग्रेजी ओबीएस संस्करण 4 का अनुवाद संस्करण 4.1 बन जाएगा)। + +मध्यवर्ती अनुवाद पर आधारित अन्य कोई भी अनुवाद एक और .1 संस्करण सँख्या को उसमें जोड़ देगा, जिसमें से इसे निर्मित किया गया था (उदाहरण के लिए 4.1.1)। इनमें से किसी भी मूलपाठ का नया प्रकाशन 1 को जोड़ने के द्वारा "दशमलव बिन्दु" को आगे बढ़ा देता है। अधिक जानकारी के लिए कृपया http://ufw.io/versioning देखें। + +### नवीनतम संस्करण कहाँ खोजें + +https://unfoldingword.org में सदैव प्रत्येक संसाधन का नवीनतम प्रकाशित संस्करण उपलब्ध होता रहता है। प्रत्येक संसाधन के संस्करण इतिहास पृष्ठ को http://ufw.io/dashboard पर दिए डैशबोर्ड अर्थात् नियंत्रण-पट्ट पृष्ठ को देखें। + +*नोट: ट्रैन्स्लेशनस्टूडियो और अन्फोल्डिंगवर्ड ऐप में सदैव नवीनतम संस्करण नहीं होते हैं, क्योंकि सामग्री स्वचालित रूप से अधतित नहीं होती है।* diff --git a/translate/translate-source-version/sub-title.md b/translate/translate-source-version/sub-title.md new file mode 100644 index 0000000..b6d5749 --- /dev/null +++ b/translate/translate-source-version/sub-title.md @@ -0,0 +1,2 @@ +वर्जन की संख्याएँ स्रोत लेख को चुनने में मेरी मदद कैसे करती हैं? + diff --git a/translate/translate-source-version/title.md b/translate/translate-source-version/title.md new file mode 100644 index 0000000..aac5645 --- /dev/null +++ b/translate/translate-source-version/title.md @@ -0,0 +1,2 @@ +स्रोत लेख एवं वर्जन संख्याएँ + diff --git a/translate/translate-symaction/01.md b/translate/translate-symaction/01.md new file mode 100644 index 0000000..d883c8e --- /dev/null +++ b/translate/translate-symaction/01.md @@ -0,0 +1,70 @@ + +### विवरण + +एक प्रतीकात्मक कार्यवाही कुछ ऐसी बात होती है, जिसे एक निश्चित विचार को व्यक्त करने के लिए कोई करता है। उदाहरण के लिए, कुछ संस्कृतियों में लोगों ने अपने सिर को ऊपर और नीचे हिलाते हुए "हाँ" का या अपने सिर को इधर से उधर हिलाते हुए "ना" का अर्थ दिया है। + +प्रतीकात्मक कार्यों का अर्थ सभी संस्कृतियों में एक ही बात से नहीं होता है। बाइबल में, कभी-कभी लोग प्रतीकात्मक कार्य करते हैं और कभी-कभी वे केवल प्रतीकात्मक कार्यवाही का सन्दर्भित करते हैं। + +#### प्रतीकात्मक कार्यों के उदाहरण + +* कुछ संस्कृतियों में लोग यह दिखाने के लिए हाथ मिलाते हैं कि वे मित्रतापूर्ण बनने के लिए इच्छुक हैं। +* कुछ संस्कृतियों में लोग आगे की ओर झुकते हैं, जब वे एक-दूसरे का सम्मान करने के लिए मिलते हैं। + +#### इसका कारण यह अनुवाद का एक विषय है + +एक गतिविधि का एक संस्कृति में अपना अर्थ हो सकता है, और किसी अन्य संस्कृति में एक अलग अर्थ या कोई अर्थ नहीं हो सकता है। उदाहरण के लिए, कुछ संस्कृतियों में भौहें उठाने का अर्थ "मैं आश्चर्यचकित हूँ" या "आपने क्या कहा है?" होता है। + +दूसरों की संस्कृतियों में इसका अर्थ "हाँ" होता है। बाइबल में लोगों ने ऐसी बातें की जिनका उनकी संस्कृति में कुछ अर्थ थे। जब हम बाइबल पढ़ते हैं, तो हम समझ नहीं पाएँ कि किसी बात का क्या अर्थ है, यदि हम अपनी संस्कृति में इसका अर्थ यह है, पर आधारित होकर कार्यवाही की व्याख्या करते हैं। + +अनुवादकों को यह समझने की आवश्यकता होती है कि बाइबल में लोगों का क्या अर्थ था, जब उन्होंने प्रतीकात्मक गतिविधियों का उपयोग किया। यदि किसी गतिविधि का अर्थ उनकी संस्कृति में वही बात नहीं है, तो उन्हें यह समझने की आवश्यकता है कि उस कार्यवाही का क्या अर्थ है, जिसका अनुवाद करना है। + + +### बाइबल से उदाहरण + +> याईर यीशु के पैरों पर गिर गया। (लूका 8:41 यूएलबी) + +प्रतीकात्मक कार्यवाही का अर्थ: उसने यीशु के प्रति बहुत अधिक सम्मान दिखाने के लिए ऐसा किया। + +> देख, मैं दरवाजे पर खड़ा हूँ और खटखटाता हूँ। यदि कोई मेरी आवाज सुनता है, और दरवाजे को खोलता है, तो मैं उसके घर के भीतर आऊँगा, और उसके साथ भोजन करूँगा, और वह मेरे साथ। (प्रकाशितवाक्य 3:20 यूएलबी) + +प्रतीकात्मक कार्यवाही का अर्थ: जब लोग चाहते थे कि कोई उन्हें अपने घर में स्वागत करे, तो वे दरवाजे पर खड़े होकर उस पर खटखटाए थे। + +### अनुवाद की रणनीतियाँ + +यदि लोग सटकीता से समझेंगे कि बाइबल में लोगों के लिए एक प्रतीकात्मक कार्यवाही का क्या अर्थ है, तो इसका उपयोग करने पर विचार करें। यदि नहीं, तो अनुवाद करने के लिए यहाँ कुछ रणनीतियाँ दी गई हैं। + +1. बताएँ कि व्यक्ति ने क्या किया और उसने ऐसा क्यों किया। +1. यह मत बताएँ कि व्यक्ति ने क्या किया, परन्तु बताएँ कि उसका क्या अर्थ है। +1. अपनी संस्कृति से एक गतिविधि का प्रयोग करें जिसका अर्थ वैसा ही है। + +इसे केवल काव्य, दृष्टान्त, और उपदेशों में ही करें। तब ऐसा न करें जब वास्तव में एक व्यक्ति था जिसने एक विशेष कार्यवाही की था। + +### अनुवाद के लिए लागू की गई रणनीतियों के उदाहरण + +1. बताएँ कि व्यक्ति ने क्या किया और उसने ऐसा क्यों किया। + +* **याईर यीशु के पैरों पर गिर गया।** (लूका 8:41 यूएलबी) + + * यीशु के पैरों पर याईर यह दिखाने के लिए गिर गया कि वह उसका बहुत अधिक सम्मान करता था। + +* **देखो, मैं दरवाजे पर खड़ा हूँ और खटखटाता हूँ।** (प्रकाशितवाक्य 3:20 यूएलबी) + + * देखो, मैं दरवाजे पर खड़ा हूँ और उस को खटखटा रहूँ हूँ, जिससे तुम मुझे भीतर आने के लिए कहो। + +1. यह मत बताएँ कि व्यक्ति ने क्या किया, परन्तु बताएँ कि उसका क्या अर्थ है। + +* **याईर यीशु के पैरों पर गिर गया।** (लूका 8:41) + + * याईर ने यीशु को बहुत अधिक सम्मान दिखाया। + +* **देखो, मैं दरवाजे पर खड़ा हूँ और खटखटाता हूँ।** (प्रकाशितवाक्य 3:20) + + * देखो, मैं दरवाजे पर खड़ा हूँ और तुम से भीतर आने के लिए कहता हूँ। + +1. अपनी संस्कृति से एक गतिविधि का प्रयोग करें जिसका अर्थ वैसा ही है। + +* **याईर यीशु के चरणों में गिर गया।** (लूका 8:41 यूएलबी) - क्योंकि याईर ने वास्तव में ऐसा किया था, इसलिए हम अपनी संस्कृति से इसके लिए कोई विकल्प नहीं देंगे। + +* **देखो, मैं दरवाजे पर खड़ा हूँ और खटखटाता हूँ।** (प्रकाशितवाक्य 3:20 यूएलबी) - यीशु एक वास्तविक दरवाजे पर नहीं खड़ा था। अपितु वह लोगों के साथ सम्बन्ध बनाने के बारे में बात कर रहा था। इस कारण ऐसी संस्कृतियाँ जहाँ एक घर में भीतर जाने की इच्छा रखते समय किसी के द्वारा गले से हुंकार भरना विनम्र तरीका है, तो आप उसका उपयोग कर सकते हैं। + + * देखो, मैं दरवाजे पर खड़ा हूँ और अपने गले से हुंकार भर रहा हूँ। diff --git a/translate/translate-symaction/sub-title.md b/translate/translate-symaction/sub-title.md new file mode 100644 index 0000000..8a7b762 --- /dev/null +++ b/translate/translate-symaction/sub-title.md @@ -0,0 +1,2 @@ +प्रतीकात्मक कार्य क्या है और उनका अनुवाद कैसे करूँ? + diff --git a/translate/translate-symaction/title.md b/translate/translate-symaction/title.md new file mode 100644 index 0000000..a4ecd6f --- /dev/null +++ b/translate/translate-symaction/title.md @@ -0,0 +1,2 @@ +प्रतीकात्मक कार्य + diff --git a/translate/translate-terms/01.md b/translate/translate-terms/01.md new file mode 100644 index 0000000..8b6e1e4 --- /dev/null +++ b/translate/translate-terms/01.md @@ -0,0 +1,56 @@ + +### महत्वपूर्ण शब्दों को जानना + +*ध्यान दें: इस निर्देश पुस्तिका में इन शब्दों का उपयोग किया गया है। अनुवाद निर्देश पुस्तिका का उपयोग करने के लिए अनुवादक को इन शब्दों को समझने की आवश्यकता होगी।* + +**शब्दावली** - एक शब्द या वाक्यांश जो एक वस्तु, विचार या गतिविधि को सन्दर्भित करता है। उदाहरण के लिए, एक व्यक्ति के द्वारा मुँह में तरल उण्डलने के लिए अंग्रेजी में शब्द "पीना" होता है। एक समारोह के लिए शब्द जो किसी के जीवन में एक महत्वपूर्ण परिवर्तन को चिह्नित करता है, वह "यादगार उत्सव" वाक्यांश होता है। एक शब्दावली और एक शब्द के बीच का अन्तर यह है कि एक शब्दावली में कई शब्द हो सकते हैं। + +**मूलपाठ** - एक मूलपाठ ऐसा कुछ लेख है, जिसे एक वक्ता या लेखक भाषा के माध्यम से श्रोता या पाठक को संचारित कर रहा है। वक्ता या लेखक के मन में एक निश्चित अर्थ होता है, और इसलिए वह उस अर्थ को व्यक्त करने के लिए भाषा का एक रूप चुनता है। + +**सन्दर्भ** - शब्द, वाक्यांश, या वाक्य और अनुच्छेद के चारों ओर शब्द, वाक्यांश, वाक्य, या अनुच्छेद का होना। सन्दर्भ वह मूलपाठ होता है, जो मूलपाठ के उस भाग से घिरा हुआ होता है, जिसे आप जाँच रहे होते हैं। व्यक्तिगत शब्दों और वाक्यांशों का अर्थ परिवर्तित हो सकता है, जब वे भिन्न सन्दर्भों में होते हैं। + +**रूप** - अर्थात् ढ़ांचा भाषा की संरचना होता है, जैसा कि यह पृष्ठ पर दिखाई देती है या जैसी यह बोली जाती है। "रूप" उस तरीके को सन्दर्भित करता है, जिसमें भाषा की व्यवस्था की गई है- इसमें शब्द, शब्द व्यवस्था, व्याकरण, मुहावरे, और मूलपाठ की संरचना की कई अन्य विशेषताएँ सम्मिलित होती हैं। + +**व्याकरण** - जिस तरह से वाक्य एक भाषा में एक साथ रखी जाती है। इसका सरोकार इसके विभिन्न भागों की व्यवस्था से होता है, जैसे कि क्रिया शब्द पहले या अन्तिम या बीच में आता है। + +**संज्ञा** - एक प्रकार का शब्द जो किसी व्यक्ति, स्थान या वस्तु को सन्दर्भित करता है। एक उचित संज्ञा किसी व्यक्ति या स्थान का नाम होता है। एक अमूर्त संज्ञा एक ऐसी वस्तु होती है, जैसे कि हम "शान्ति" या "एकता" जैसी बातों को न देख सकते या न ही स्पर्श कर सकते हैं। यह किसी विचार या राज्य की स्थिति को सन्दर्भित करती है। कुछ भाषाएँ अमूर्त संज्ञाओं का उपयोग नहीं करती हैं। + +**क्रिया** - एक प्रकार का शब्द जो किसी गतिविधि को सन्दर्भित करता है, जैसे "चलना" या "आगमन"। + +**संशोधक** - एक प्रकार का शब्द जो किसी अन्य शब्द के बारे में कुछ कहता है। दोनों विशेषण और क्रियाएँ संशोधक होती हैं। + +**विशेषण** - एक प्रकार का शब्द जो संज्ञा के बारे में कुछ कहता है। उदाहरण के लिए, शब्द "लम्बा" निम्नलिखित वाक्य में "व्यक्ति" संज्ञा के बारे में कुछ कहता है। *मैं एक लम्बा व्यक्ति देखता हूँ*। + +**क्रियाविशेषण** - एक प्रकार का शब्द जो एक क्रिया के बारे में कुछ कहता है। उदाहरण के लिए, शब्द "जोर से" निम्नलिखित वाक्य में क्रिया "बोलने" वाले के बारे में कुछ कहता है। *उस व्यक्ति ने लोगों की भीड़ से जोर से बात की*। + +**मुहावरा** - एक अभिव्यक्ति जो कई शब्दों का उपयोग करती है और इसका अर्थ अपने पूरे वाक्य में भिन्न होता है कि मानो कि उसके शब्दों को उनके अर्थों के द्वारा समझा जा चुका होता है इसकी अपेक्षा कि जब उन शब्दों को शाब्दिक रूप में देखा जाए। मुहावरे का अनुवाद शाब्दिक रूप से नहीं किया जा सकता है, अर्थात, भिन्न शब्दों के अर्थों के साथ। उदाहरण के लिए, "उसने बाल्टी को लात मार दी" अंग्रेजी में एक मुहावरे है, जिसका अर्थ "अल्लाह को प्यारा हो जाने" से या मर जाने से है। + +**अर्थ** - अन्तर्निहित विचार या अवधारणा जिसे मूलपाठ पाठक या श्रोता के लिए संचारित करने का प्रयास कर रहा है। एक वक्ता या लेखक भाषा के विभिन्न रूपों या ढ़ांचों का उपयोग करके एक ही अर्थ को संचारित कर सकता है, और भिन्न लोग एक ही भाषा के रूप को सुनने या पढ़ने से भिन्न अर्थों को समझ सकते हैं। इस तरह आप देख सकते हैं कि रूप अर्थात् ढ़ांचा और अर्थ एक ही बात नहीं होते है। + +**अनुवाद** - लक्षित भाषा के रूप में व्यक्त करने की प्रक्रिया जिस का अर्थ वही हो जिसे एक लेखक या वक्ता के द्वारा स्रोत भाषा के रूप में व्यक्त किया गया है। + +**स्रोत भाषा** - भाषा जहाँ *से* अनुवाद को किया जा रहा है। + +**स्रोत मूलपाठ** - मूलपाठ जहाँ *से* अनुवाद को किया जा रहा है। + +**लक्षित भाषा** - भाषा * जिस में* एक अनुवाद किया जा रहा है। + +**लक्षित मूलपाठ** - अनुवादक के द्वारा द्वारा निर्मित किया जा रहा मूलपाठ जिसे वह स्रोत मूलपाठ के अर्थ से अनुवाद करता या करती है। + +**मूल भाषा** - वह भाषा जिस में बाइबल मूलपाठ आरम्भ में लिखी गई थी। नए नियम की मूल भाषा यूनानी है। पुराने नियम की अधिकांश मूल भाषा इब्रानी है। यद्यपि, दानिय्येल और एज्रा के कुछ भागों की मूल भाषा अरामी है। मूल भाषा सदैव एक सटीक भाषा होती है, जिसमें से एक सन्दर्भ का अनुवाद करना होता है। + +**संचार की व्यापक भाषा** - एक भाषा जो एक व्यापक क्षेत्र और कई लोगों के द्वारा बोली जाती है। अधिकांश लोगों के लिए, यह उनकी पहली भाषा नहीं होती है, परन्तु वह वह भाषा होती है, जिसका उपयोग वे अपनी भाषा के समुदाय के बाहर लोगों से बात करने के लिए करते हैं। कुछ लोग इसे एक व्यापार की भाषा कहते हैं। अधिकांश बाइबलों का अनुवाद स्रोत भाषा के रूप में व्यापक संचार की भाषा का उपयोग करके किया जाएगा। + +**शाब्दिक अनुवाद** - एक अनुवाद जो लक्षित मूलपाठ में स्रोत मूलपाठ के ही रूप को पुन: उत्पन्न करने पर केन्द्रित होता है, चाहे इसके परिणामस्वरूप अर्थ ही क्यों न परिवर्तित हो जाए। + +**अर्थ-आधारित अनुवाद (या गतिशील अनुवाद)** - एक अनुवाद जो लक्षित मूलपाठ में स्रोत मूलपाठ के अर्थ को पुन: उत्पन्न करने पर केन्द्रित है, चाहे इसके परिणामस्वरूप रूप अर्थात् ढ़ांचा ही क्यों न परिवर्तित हो जाए। + +**अनुच्छेद** - बाइबल मूलपाठ का एक खण्ड जिसके बारे में बात की जा रही है। यह एक वचन के रूप में छोटा हो सकता है, परन्तु सामान्य रूप से यह कई वचन को मिलकर बना होता है, जिसमें एक विषय होता है या जो एक कहानी को बताता है। + +**गेटवे भाषा** - एक गेटवे भाषा (जीएल) अर्थात् प्रवेशिका भाषा व्यापक संचार की एक ऐसी भाषा होती है, जिसे हमने उन भाषाओं में से एक माना है, जिनमें हम अपने सभी अनुवाद संसाधनों का अनुवाद करेंगे। गेटवे भाषा की सूची भाषा की सबसे छोटी सँख्या है, जिसके माध्यम से द्विभाषी वक्ताओं के द्वारा अनुवाद के माध्यम से संसार की हर दूसरी भाषा में विषय वस्तु को वितरित किया जा सकता है। + +**दूसरी भाषा** - दूसरी भाषाएँ (ओएलएस) संसार की सभी वे भाषाएँ हैं, जो गेटवे भाषा अर्थात् प्रवेशिका भाषा नहीं हैं। हम अपने बाइबल अनुवाद संसाधनों का गेटवे भाषा में अनुवाद करते हैं, ताकि लोग बाइबल को अन्य भाषाओं में अनुवाद करने के लिए उन संसाधनों का उपयोग कर सकें। + +**एण्ड-यूजर बाइबल** - अन्तिम उपयोगकर्ता बाइबल एक ऐसी बाइबल है, जिसे लोगों ने अनुवादित किया है, ताकि यह लक्षित भाषा में स्वभाविक तरीके से बातचीत कर सके। इसका उपयोग कलीसियाओं और घरों में किए जाने के लिए है। इसके विपरीत, यूएलबी और यूडीबी बाइबल हैं, जो अनुवाद ससांधन हैं। वे किसी भी भाषा में स्वाभाविक रूप से बात नहीं करती हैं, क्योंकि यूएलबी एक शाब्दिक अनुवाद है और यूडीबी मुहावरे और अंलकारों का उपयोग करने से बचाती है, जिसे एक स्वभाविक अनुवाद उपयोग करेगा। इन अनुवाद संसाधनों का उपयोग करके, एक अनुवादक एण्ड-यूजर अर्थात् अन्तिम उपयोगकर्ता बाइबल का उत्पादन कर सकता है। + +**प्रतिभागी** - एक प्रतिभागी एक वाक्य में नायकों में से एक होता है। यह वह व्यक्ति हो सकता है, जो कार्यवाही कर रहा है, या वह व्यक्ति जो कार्यवाही प्राप्त कर रहा है, या किसी तरह से भाग लेने के रूप में उल्लिखित है। एक प्रतिभागी एक वस्तु भी हो सकती है, जिसे वाक्य की कार्यवाही में भाग लेने के रूप में बताया जाता है। उदाहरण के लिए, निम्नलिखित वाक्य में, प्रतिभागियों को रेखांकित किया गया है: यूहन्ना और मरियम एक पत्र को अन्द्रियास को भेजते हैं। कभी-कभी प्रतिभागियों को बिना कहे ही छोड़ दिया जाता है, परन्तु वे अभी भी कार्यवाही का भाग होते हैं। इस घटना में, प्रतिभागी *निहित* है। उदाहरण के लिए, निम्नलिखित वाक्य में, केवल दो प्रतिभागियों ही कहे गए है: अन्द्रियास को एक पत्र प्राप्त हुआ . प्रेषक, यूहन्ना और मरियम, निहित हैं। कुछ भाषाओं में, निहित प्रतिभागियों को अवश्य बताया जाना चाहिए। diff --git a/translate/translate-terms/sub-title.md b/translate/translate-terms/sub-title.md new file mode 100644 index 0000000..08dde97 --- /dev/null +++ b/translate/translate-terms/sub-title.md @@ -0,0 +1,2 @@ +मुझे कौनसे शब्दों का ज्ञान हो? + diff --git a/translate/translate-terms/title.md b/translate/translate-terms/title.md new file mode 100644 index 0000000..8231406 --- /dev/null +++ b/translate/translate-terms/title.md @@ -0,0 +1,2 @@ +जानने के शब्द + diff --git a/translate/translate-textvariants/01.md b/translate/translate-textvariants/01.md new file mode 100644 index 0000000..b1f7364 --- /dev/null +++ b/translate/translate-textvariants/01.md @@ -0,0 +1,49 @@ + +### विवरण + +हजारों वर्षों पहले, लोगों ने बाइबल की पुस्तकें को लिखा था। तब अन्य लोगों ने उनकी हाथ से नकल बनाईं और उनका अनुवाद किया। उन्होंने यह काम बहुत ही अधिक सावधानी से किया, और कई वर्षों तक कई लोगों ने हजारों प्रतियाँ बनाईं। यद्यपि, जिन्होंने बाद में उन लोगों को देखा, उन्होंने देखा कि उनके बीच कुछ छोटी भिन्नाताएँ थीं। कुछ नकलकर्ताओं ने गलती से कुछ शब्दों को छोड़ दिया, और कुछ ने किसी दूसरे के शब्द को गलत समझा, जो उसे गलत आभासित हुआ। कभी-कभी उन्होंने दुर्घटनावश शब्दों या यहाँ तक ​​कि पूरे वाक्यों को जोड़ा, या इसलिए क्योंकि वे कुछ समझाना चाहते थे। + +आधुनिक बाइबलें पुरानी प्रतियों के अनुवाद हैं। कुछ आधुनिक बाइबलों में इनमें से कुछ वाक्यों को जोड़ा गया है। यूएलबी अनुवाद में, इन अतिरिक्त वाक्यों को सामान्य रूप से फुटनोट्स में लिखा गया है। बाइबल के विद्वानों ने कई पुरानी प्रतियाँ को पढ़ा है और उनकी तुलना एक दूसरे के साथ की है। बाइबल में उस प्रत्येक स्थान पर जहाँ थोड़ी सी भिन्नता थी, उन्होंने यह पता लगाया है कि कौन से शब्द सबसे अधिक सही हैं। यूएलबी अनुवाद के अनुवादक यूएलबी अनुवाद पर आधारित शब्दों के ऊपर आधारित हैं, जिसे विद्वान कहते हैं कि यह सबसे अधिक सही हैं। + +क्योंकि यूएलबी अनुवाद का उपयोग करने वाले लोगों के पास अन्य प्रतियों के ऊपर आधारित बाइबल तक पहुँच हो सकती है, यूएलबी अनुवाद के अनुवादकों ने फुटनोट को सम्मिलित किया हैं, जो उनके बीच कुछ भिन्नता को बताते हैं। अनुवादकों को यूएलबी में मूलपाठ का अनुवाद करने और यूएलबी में किए गए फुटनोट्स में जोड़े गए वाक्यों के बारे में लिखने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है। यद्यपि, यदि स्थानीय कलीसिया वास्तव में उन वाक्यों को मुख्य मूलपाठ में सम्मिलित करना चाहती है, तो अनुवादक उन्हें मूलपाठ में डाल सकते हैं और उनके बारे में एक फुटनोट को सम्मिलित कर सकते हैं। + +### बाइबल से उदाहरण + +मत्ती 18:10-11 यूएलबी अनुवाद में वचन 11 के बारे में एक फुटनोट दिया गया है। + +> 10 देखें कि तुम इनमें से किसी भी छोटे को तुच्छ न जानो। क्योंकि मैं तुम से कहता हूँ कि स्वर्ग में उनके स्वर्गदूत सदैव मेरे पिता के चेहरे को देखते हैं, जो स्वर्ग में है। 11 [1] + + [1] कई मूलपाठ, कुछ प्राचीन, v. 11 में इसे सम्मिलित करती हैं। *क्योंकि मनुष्य का पुत्र जो खो गया था, उसे बचाने के लिए आया था।* + +यूहन्ना 7:53-8:11 सबसे पुरानी पांडुलिपियों में नहीं पाया जाता है। इसे यूएलबी अनुवाद में सम्मिलित किया गया है, परन्तु इसे आरम्भ और अन्त में वर्गाकार कोष्टक ([ ]) के साथ चिह्नित किया गया है, और वचन 11 के बाद एक फुटनोट दिया गया है। + +> 53 तब हर व्यक्ति अपने घर चला गया। ... 11 उसने कहा, "किसी से नहीं, प्रभु।" यीशु ने कहा, "मैं भी तेरी निन्दा नहीं करता हूँ। अपने रास्ते पर चली जा; अब से फिर पाप न करना।”] [2] + + [2] सबसे पुरानी पांडुलिपियों में यूहन्ना 7:53-8:11 नहीं मिलता है + +### अनुवाद की रणनीतियाँ + +जब किसी मूलपाठ में असंगति होती है, तो आप उस समय यूएलबी अनुवाद या किसी अन्य संस्करण का पालन करना चुन सकते हैं, जिस तक आपके पास पहुँच है। + +1. यूएलबी अनुवाद के द्वारा दिए गए वचनों का अनुवाद करें और यूएलबी अनुवाद को प्रदान किए जाने वाले फुटनोट को सम्मिलित करें। + +1. वचनों का अनुवाद एक और संस्करण के रूप में करें, और फुटनोट को परिवर्तित करें ताकि यह उस स्थिति के अनुसार उपयुक्त हो सके। + + +### अनुवाद के लिए लागू की गई रणनीतियों के उदाहरण + +अनुवाद रणनीतियों को मरकुस 7:14-16 यूएलबी पर लागू किया गया है, जिसमें वचन 16 के बारे में एक फुटनोट है। + +* 14 **उसने भीड़ को पुन: बुलाया और उनसे कहा, "तुम सभी मेरी सुनो, और समझो। 15 किसी व्यक्ति के पास बाहर से कुछ भी नहीं है जो जब उसमें प्रवेश करता है तो उसे अशुद्ध कर सकता है। जो कुछ उस व्यक्ति से निकलता है, वही उसे अशुद्ध करता है।”** 16 [1] + +* ** [1] सबसे प्राचीन प्रतियाँ वचन 16. को छोड़ देती हैं *यदि किसी के पास सुनने के लिए कान हैं, तो वह सुनें*.** + +1. यूएलबी अनुवाद के द्वारा दिए गए वचनों का अनुवाद करें और यूएलबी अनुवाद के द्वारा प्रदान किए वाले फुटनोट को सम्मिलित करें। + +* 14 उसने भीड़ को पुन: बुलाया और उनसे कहा, "तुम सभी, मेरी बात सुनो, और समझो। 15 किसी व्यक्ति के पास बाहर कुछ भी नहीं है जो उसे अशुद्ध कर सकता है, जब वह उसके भीतर प्रवेश करता है। जो कुछ उस व्यक्ति से निकलता है, वही उसे अशुद्ध करता है।” 16 [1] +* [1] सबसे प्राचीन प्रतियाँ वचन 16 को छोड़ देती हैं। *यदि किसी के पास सुनने के कान हैं, तो वह इसे सुनें*। + +1. वचनों का अनुवाद एक और संस्करण के रूप में करें, और फुटनोट को परिवर्तित करें ताकि यह उस स्थिति के अनुसार उपयुक्त हो सके। + +* 14 उसने भीड़ को पुन: बुलाया और उनसे कहा, "तुम सभी, मेरी बात सुनो, और समझो। 15 किसी व्यक्ति के पास बाहर कुछ भी नहीं है जो उसे अशुद्ध कर सकता है, जब वह उसके भीतर प्रवेश करता है। जो कुछ उस व्यक्ति से निकलता है, वही उसे अशुद्ध करता है। 16 यदि किसी के पास सुनने के कान हैं, तो वह इसे सुनें।” [1] +* [1] कुछ प्राचीन प्रतियों में वचन 16 नहीं है। diff --git a/translate/translate-textvariants/sub-title.md b/translate/translate-textvariants/sub-title.md new file mode 100644 index 0000000..e892a80 --- /dev/null +++ b/translate/translate-textvariants/sub-title.md @@ -0,0 +1,2 @@ +ULB में छूटे अथवा अतिरिक्त पद क्यों होते हैं और क्या मैं उनका अनुवाद करूँ? + diff --git a/translate/translate-textvariants/title.md b/translate/translate-textvariants/title.md new file mode 100644 index 0000000..3659a7c --- /dev/null +++ b/translate/translate-textvariants/title.md @@ -0,0 +1,2 @@ +लेखों के भेद + diff --git a/translate/translate-tform/01.md b/translate/translate-tform/01.md new file mode 100644 index 0000000..f7f2c71 --- /dev/null +++ b/translate/translate-tform/01.md @@ -0,0 +1,15 @@ + +### अर्थ का महत्व + +जिन लोगों ने बाइबल लिखी थी, उनके पास परमेश्वर की ओर से सन्देश थे, जिसे परमेश्वर चाहता था कि लोग समझें। इन मूल लेखकों ने उस भाषा का उपयोग किया, जिसे उनके लोगों बोलते थे ताकि वे और उनके लोग परमेश्वर के सन्देशों को समझ सकें। परमेश्वर आज लोगों को उन्हीं सन्देशों को समझना चाहता है। परन्तु लोग आज उन भाषाओं को नहीं बोलते हैं, जिनमें बाइबल को बहुत पहले लिखा गया था। इसलिए परमेश्वर ने हमें बाइबल को उन भाषाओं में अनुवाद करने का कार्य दिया है, जिसे लोग आज बोलते हैं। + +जो भाषा लोग परमेश्वर के संदेशों को संचारित करने के लिए उपयोग करते हैं, वह विशेष रूप से महत्वपूर्ण नहीं है। उपयोग किए जाने वाले विशेष शब्द महत्वपूर्ण नहीं हैं। महत्वपूर्ण बात यह है कि ये शब्द अर्थ को संचारित करते हैं। अर्थ सन्देश होता है, न कि शब्द या भाषा। हमें क्या अनुवाद करना चाहिए, तब, यह स्रोत भाषाओं के वाक्यों के शब्दों या रूप नहीं हैं, अपितु अर्थ है। नीचे दिए गए वाक्य के जोड़े को देखो। + +* सारी रात वर्षा हुई।/वर्षा पूरी रात होती रही। +* जब उसने समाचार सुना तो यूहन्ना बहुत अधिक आश्चर्यचकित था।/जब उसने इस समाचार को सुना तो यूहन्ना बहुत अधिक आश्चर्यचकित हुआ। +* यह एक गर्म दिन था।/दिन गर्म था। +* पतरस का घर/घर जो पतरस से सम्बन्धित है + +आप देख सकते हैं कि वाक्यों की प्रत्येक जोड़ी का अर्थ समान है, चाहे वे भिन्न शब्दों का उपयोग कर रहे हैं। ऐसा ही एक अच्छे अनुवाद में होता है। हम स्रोत मूलपाठ की तुलना में भिन्न शब्दों का उपयोग करेंगे, परन्तु हम इसका अर्थ भी बनाए रखेंगे। हम उन शब्दों का उपयोग करेंगे, जो हमारे लोग समझते हैं और उन्हें अपनी भाषा के लिए स्वभाविक तरीके से उपयोग करते हैं। एक स्पष्ट और स्वभाविक तरीके से स्रोत मूलपाठ के जैसे ही अर्थ को संचार करना अनुवाद का लक्ष्य होता है। + +*आभार: बर्नवेल की अनुसार उदाहरण वाक्य, पृष्ठ 19-20, (c) एसआईएल इंटरनेशनल 1986, अनुमति के द्वारा उपयोग किया गया है।* diff --git a/translate/translate-tform/sub-title.md b/translate/translate-tform/sub-title.md new file mode 100644 index 0000000..c0a22e8 --- /dev/null +++ b/translate/translate-tform/sub-title.md @@ -0,0 +1,2 @@ +मैं अर्थ के लिए अनुवाद क्यों करूँ? + diff --git a/translate/translate-tform/title.md b/translate/translate-tform/title.md new file mode 100644 index 0000000..0d06338 --- /dev/null +++ b/translate/translate-tform/title.md @@ -0,0 +1,2 @@ +अर्थ के लिए अनुवाद + diff --git a/translate/translate-transliterate/01.md b/translate/translate-transliterate/01.md new file mode 100644 index 0000000..4bec831 --- /dev/null +++ b/translate/translate-transliterate/01.md @@ -0,0 +1,58 @@ + +### विवरण + +कभी-कभी बाइबल में ऐसी बातें सम्मिलित होती हैं. जो आपकी संस्कृति का भाग नहीं होती हैं और आपकी भाषा में इनके लिए कोई शब्द नहीं होता है। इसमें ऐसे लोगों और स्थानों को भी सम्मिलित किया गया है, जिनके लिए आपके पास नाम नहीं हो सकते हैं। जब ऐसा होता है तो आप बाइबल से शब्द को अपनी भाषा में "उधार" ले सकते हैं। इसका अर्थ है कि आप मूल रूप से इसे दूसरी भाषा से नकल करते हैं। यह पृष्ठ बताता है कि शब्दों को "उधार" कैसे लें। + +(उन बातों के लिए शब्दों का अनुवाद करने के अन्य तरीके भी हैं, जो आपकी भाषा में नहीं हैं। [अज्ञात का अनुवाद करें](../translate-unknown/01.md) देखें।) + +### बाइबल से उदाहरण + +> उसने सड़क के किनारे एक अंजीर का पेड़ देखा (मत्ती 21:19 यूएलबी) + +यदि अंजीर का कोई पेड़ नहीं है, जहाँ आपकी भाषा बोली जाती है, तो आपकी भाषा में इस प्रकार के पेड़ का नाम नहीं हो सकता है। + +> उसके ऊपर साराप थे; प्रत्येक के छह पंख थे; प्रत्येक ने दो के साथ अपना चेहरा ढका हुआ था, और दो के साथ अपने पैरों को ढका था, और दो के साथ उड़ रहे थे। (यशायाह 6:2 यूएलबी) + +आपकी भाषा के इस तरह के प्राणी के लिए नाम नहीं हो सकता है। + +> मलाकी के हाथ से इस्राएल के लिए यहोवा के वचन की घोषणा। (मलाकी 1:1 यूएलबी) + +मलाकी कदाचित् ऐसा नाम न हो, जिसे लोग आपकी भाषा बोलते हैं, उपयोग करते हों। + +### अनुवाद की रणनीतियाँ + +किसी अन्य भाषा से शब्दों को उधार लेने के बारे में जागरूक होने के लिए कई बातें हैं। + +* भिन्न भाषाएँ इब्रानी, यूनानी, लतीनी, सिरिलिक, देवनागरी और कोरियाई विभिन्न लिपियों का उपयोग करती हैं। ये लिपियाँ उनके शब्दों में अक्षरों का प्रतिनिधित्व करने के लिए विभिन्न आकारों का उपयोग करती हैं। +* एक ही मूलपाठ का उपयोग करने वाली भाषाएँ उस मूलपाठ में अक्षरों को भिन्न उच्चारण कर सकती हैं। उदाहरण के लिए, जर्मन बोलते समय, लोग "जे" अक्षर को उसी तरह बोलते हैं, जिसे लोग अंग्रेजी बोलते समय "y" अक्षर के उच्चारण के लिए करते हैं। +* सभी भाषाओं में ध्वनियाँ या ध्वनियों के संयोजन नहीं होते हैं। उदाहरण के लिए, कई भाषाओं में अंग्रेजी शब्द "सोच" के लिए कोमल "थ" की ध्वनि नहीं होती है, और कुछ भाषाएँ "स्टॉप" में "स्टॉ" जैसे ध्वनियों के संयोजन के साथ एक शब्द का आरम्भ नहीं कर सकती हैं। + +एक शब्द उधार लेने के कई तरीके होते हैं। + +1. यदि आपकी भाषा उस भाषा से एक अलग लिपि का उपयोग करती है, जिसका आप अनुवाद कर रहे हैं, तो आप अपनी भाषा की लिपि के सम्बन्धित अक्षर के आकार के साथ प्रत्येक अक्षर के आकार को आसानी से प्रतिस्थापित कर सकते हैं। + +1. आप इस शब्द को लिख सकते हैं, जैसा दूसरी भाषा में लिखा जाता है, और उसका उच्चारण इस तरह से करें कि जैसा आपकी भाषा में सामान्य रूप से उन अक्षरों के लिए उच्चारण किया जाता है। + +1. आप इस शब्द को दूसरी भाषा के तरीके से उच्चारण कर सकते हैं, और अपनी भाषा के नियमों में उपयुक्त बनाने के लिए वर्तनी को समायोजित कर सकते हैं। + +### अनुवाद के लिए लागू की गई रणनीतियों के उदाहरण + +1. यदि आपकी भाषा उस भाषा से एक अलग लिपि का उपयोग करती है, जिसका आप अनुवाद कर रहे हैं, तो आप अपनी भाषा की लिपि के सम्बन्धित अक्षर के आकार के साथ प्रत्येक अक्षर के आकार को आसानी से प्रतिस्थापित कर सकते हैं। + +* **צְפַנְיָ֤ה** - इब्रानी अक्षरों में एक व्यक्ति का नाम। + + * "सपन्याह" - अंग्रेजी अक्षरों में यही नाम + +1. आप इस शब्द को लिख सकते हैं, जैसा दूसरी भाषा में लिखा जाता है, और उसका उच्चारण इस तरह से करें कि जैसा आपकी भाषा में सामान्य रूप से उन अक्षरों के लिए उच्चारण किया जाता है। + +* **सपन्याह** - यह एक व्यक्ति का नाम है। + + * "सपन्याह" - जैसा कि अंग्रेजी में लिखा गया है, परन्तु आप इसे अपनी भाषा के नियमों के अनुसार उच्चारण कर सकते हैं। + +1. आप इस शब्द को दूसरी भाषा के तरीके से उच्चारण कर सकते हैं, और अपनी भाषा के नियमों में उपयुक्त बनाने के लिए वर्तनी को समायोजित कर सकते हैं। + +* **सपन्याह** - यदि आपकी भाषा में "स" नहीं है, तो आप "ज" का उपयोग कर सकते हैं। यदि आपकी लेखन प्रणाली "प" का उपयोग नहीं करती है तो आप "फ" का उपयोग कर सकते हैं। यह इस बात पर निर्भर करता है कि आप "न्" का उच्चारण कैसे करते हैं, आप इसे "न्" या "ना" या "नि" के साथ लिख सकते हैं। + + * "सेफानिया" + * "सेफानीया" + * "सेफानाया" diff --git a/translate/translate-transliterate/sub-title.md b/translate/translate-transliterate/sub-title.md new file mode 100644 index 0000000..5c5b293 --- /dev/null +++ b/translate/translate-transliterate/sub-title.md @@ -0,0 +1,2 @@ +दूसरी भाषा से शब्दों को उधार लेने का मतलब क्या है और मैं यह कैसे कर सकता हूँ? + diff --git a/translate/translate-transliterate/title.md b/translate/translate-transliterate/title.md new file mode 100644 index 0000000..b52a778 --- /dev/null +++ b/translate/translate-transliterate/title.md @@ -0,0 +1,2 @@ +शब्दों की प्रति बनाना या उधार लेना + diff --git a/translate/translate-unknown/01.md b/translate/translate-unknown/01.md new file mode 100644 index 0000000..d8d3f0f --- /dev/null +++ b/translate/translate-unknown/01.md @@ -0,0 +1,5 @@ + +मैं सिंह, अंजीर के पेड़, पर्वत, याजक या मन्दिर जैसे शब्दों का अनुवाद कैसे करूँ क्योंकि मेरी संस्कृति में लोगों ने इन चीजों को कभी नहीं देखा है और हमारे पास उनके लिए कोई शब्द नहीं है? + +### विवरण + diff --git a/translate/translate-unknown/sub-title.md b/translate/translate-unknown/sub-title.md new file mode 100644 index 0000000..a1deb7f --- /dev/null +++ b/translate/translate-unknown/sub-title.md @@ -0,0 +1,2 @@ +मैं उन विचारों का अनुवाद कैसे करूँ जिनसे मेरे पाठक परिचित नही हैं? + diff --git a/translate/translate-unknown/title.md b/translate/translate-unknown/title.md new file mode 100644 index 0000000..85863c3 --- /dev/null +++ b/translate/translate-unknown/title.md @@ -0,0 +1,2 @@ +अपरिचितों का अनुवाद + diff --git a/translate/translate-useulbudb/01.md b/translate/translate-useulbudb/01.md new file mode 100644 index 0000000..1090163 --- /dev/null +++ b/translate/translate-useulbudb/01.md @@ -0,0 +1,128 @@ + +अनुवादकों के रूप में, आप यूएलबी और यूडीबी अनुवादों को उपयोग कर सकते हैं, यदि आप दोनों के बीच में निम्नलिखित भिन्नताओं को स्मरण रखते हैं, और यदि आप जानते हैं कि लक्षित भाषा उन विषयों के साथ सबसे अच्छी तरह से कैसे निपटारा कर सकती है, जो इन मतभेदों का प्रतिनिधित्व करते हैं। + +### विचारों की व्यवस्था + +यूएलबी अनुवाद **उसी क्रम में** विचार प्रस्तुत करने की प्रयास करता है, जैसा कि वे स्रोत मूलपाठ में दिखाई देते हैं। + +यूडीबी अनुवाद एक ऐसे क्रम में विचार को प्रस्तुत करने की प्रयास करती है, जो अंग्रेजी में अधिक स्वाभाविक है, या तर्क के क्रम या अनुक्रम के क्रम का पालन करती है। + +जब आप अनुवाद करते हैं, तो आपको विचारों को उसी क्रम में रखना चाहिए, जो लक्षित भाषा में स्वाभाविक हों। (देखें [घटनाओं की व्यवस्था](../figs-events/01.md)) + +
1 पौलुस, यीशु मसीह का एक सेवक, जिसे प्रेरित कहा जाता है, और परमेश्वर के सुसमाचार के लिए अलग हो गया ... 7 यह पत्र उन सभी के लिए है, जो रोम में हैं, जो परमेश्वर के प्रिय हैं। (रोमियों 1:1,7 यूएलबी)
+ + + +
1 मैं, पौलुस, जो मसीह यीशु की सेवा करता है, रोम के शहर में तुम सभी विश्वासियों को यह पत्र लिख रहा हूँ। (रोमियों 1:1 यूडीबी)
+ +यूएलबी अनुवाद पौलुस की शैली को उसका पत्र आरम्भ करने की शैली दिखाती है। वह वचन 7 तक नहीं बताता है कि उसके दर्शक कौन हैं। यद्यपि, यूडीबी अनुवाद एक ऐसी शैली का पालन करती है, जो आज अंग्रेजी और कई अन्य भाषाओं में अधिक स्वभाविक है। + +### निहितार्थ जानकारी + +यूएलबी अनुवाद अक्सर विचार प्रस्तुत करता है, जो अन्य विचारों को **निहित** **कल्पित** करते हैं, जो पाठक को समझने के लिए महत्वपूर्ण हैं। + +यूडीबी अनुवाद अक्सर उन अन्य विचारों को स्पष्ट करता है। यूडीबी अनुवाद आपको यह स्मरण दिलाने के लिए करता है कि आपको कदाचित् अपने अनुवाद में ऐसा ही करना चाहिए यदि आपको लगता है कि मूलपाठ को समझने के लिए आपके दर्शकों को यह जानकारी जाननी होगी। + +जब आप अनुवाद करते हैं, तो आपको यह निर्धारित करना चाहिए कि इनमें से कौन सा अन्तर्निहित विचार आपके दर्शकों के द्वारा सम्मिलित किए बिना समझा जाएगा। यदि आपके दर्शक इन विचारों को मूलपाठ में सम्मिलित किए बिना समझते हैं, तो आपको उन विचारों को स्पष्ट करने की आवश्यकता नहीं है। यह भी स्मरण रखें कि यदि आप अनिवार्य रूप से अन्तर्निहित विचारों को प्रस्तुत करते हैं, तो वे आपके दर्शकों को भी ठेस पहुँचा सकते हैं कि जिसे वे वैसे भी समझें ही लेंगे। (देखें [कल्पित ज्ञान और अस्पष्ट जानकारी](../figs-explicit/01.md)) + +> और यीशु ने शमौन से कहा, "मत डर, क्योंकि तुम अब से मनुष्यों को पकड़ोगे ." (लूका 5:10 यूएलबी) + +
परन्तु यीशु ने शमौन से कहा, "मत डर! अब तक तुने मछली में इकट्ठा किया है, परन्तु अब से तुम लोगों को मेरे शिष्य बनने के लिए इकट्ठा करेंगे।” (लूका 5:10 यूडीबी)
+ +यहाँ यूडीबी अनुवाद पाठक को स्मरण दिलाता है कि शिमौन व्यापार के कारण मछुआरा था। + +यह साथ ही समानाता को भी स्पष्ट करता है, जिसे यीशु शिमौन के पिछले काम और उसके भविष्य के काम के बीच दर्शाने के लिए कर रहा था। इसके अतिरिक्त, यूडीबी अनुवाद यह स्पष्ट करता है कि क्यों यीशु शिमौन से चाहता था कि वह "मनुष्यों को पकड़े" (यूएलबी), अर्थात् "मेरे शिष्य बनाने" (यूडीबी) का लिए अगुवाई दे। + +> जब उसने यीशु को देखा, तो वह उसके मुँह के बल गिर गया और उससे विनती की, "हे प्रभु, यदि तू चाहता हैं, तो तू मुझे शुद्ध कर सकता हैं ." (लूका 5:12 यूएलबी) + +
जब उसने यीशु को देखा, तो वह उसके सामने भूमि पर झुक गया और उससे विनती की, "हे प्रभु, कृपया मुझे चंगा करें , क्योंकि तू चंगा करने में सक्षम हैं यदि तु चाहता है तो! " (लूका 5:12 यूडीबी)
+ +यहाँ यूडीबी अनुवाद यह स्पष्ट करता है कि जिस व्यक्ति को कुष्ठ रोग था वह दुर्घटना से भूमि पर नहीं झुका था। इसकी अपेक्षा, वह जानबूझकर भूमि पर झुक गया। इसके अतिरिक्त, यूडीबी अनुवाद यह स्पष्ट करता है कि वह यीशु से उसे चंगा करने के लिए कह रहा है। यूएलबी अनुवाद में, वह केवल इस अनुरोध का तात्पर्य देता है। + +### प्रतीकात्मक क्रियाएँ + +**परिभाषा** - एक प्रतीकात्मक कार्यवाही कुछ ऐसा होती है, जिसे किसी एक निश्चित विचार को व्यक्त करने के लिए किया जाता है। + +यूएलबी अक्सर प्रतीकात्मक कार्यवाही को बिना किसी व्याख्या के प्रस्तुत करता है, कि इसका क्या अर्थ है। यूडीबी अनुवाद अक्सर प्रतीकात्मक कार्यवाही के द्वारा व्यक्त अर्थ को प्रस्तुत करता है। + +जब आप अनुवाद करते हैं, तो आपको यह निर्धारित करना चाहिए कि क्या आपके दर्शक एक प्रतीकात्मक कार्यवाही को सही तरीके से समझेंगे या नहीं। यदि आपके दर्शक समझ नहीं पाएंगे, तो आपको यूडीबी अनुवाद के रूप में करना चाहिए। (देखें [प्रतीकात्मक कार्यवाही](../translate-symaction/01.md)) +> महायाजक ने अपने वस्त्र फाड़ें (मरकुस 14:63 यूएलबी) + +
यीशु के शब्दों के उत्तर में, महायाजक इतना अधिक चौंक गया था कि उसने अपना बाहरी वस्त्र फाड़ डाले।(मरकुस 14:63 यूडीबी)
+ +यहाँ यूडीबी यह स्पष्ट करता है कि यह दुर्घटना से ऐसा नहीं हुआ था कि महायाजक ने अपने वस्त्र फाड़े थे।यह इस बात को भी स्पष्ट करता है कि कदाचित् वह केवल उसका बाहरी वस्त्र था, जिसे उसने फाड़ा था, और उसने ऐसा इसलिए किया क्योंकि वह यह दिखाना चाहता था कि वह उदास या गुस्से में था या फिर दोनों बातें थीं। + +क्योंकि महायाजक वास्तव में अपने वस्र को फाड़ देता है, यूडीबी अनुवाद निश्चित रूप से कहता है कि उसने किया था। यद्यपि, यदि एक प्रतीकात्मक कार्यवाही वास्तव में कभी नहीं हुई, तो आपको उस कार्य को बताने की आवश्यकता नहीं है। यहाँ एक उदाहरण दिया गया है: + +> अपने को राज्यपाल के सामने प्रस्तुत करें; क्या वह तुझे स्वीकार करेगा या वह तेरे चेहरे को उघाड़ देगा ? “(मलाकी 1:8 यूएलबी) + +
आप अपने गवर्नर को ऐसे उपहार दिखाने का साहस नहीं करेंगे! आप जानते हैं कि वह उन्हें नहीं लेगा। आप जानते हैं कि वह आपके साथ नाराज होगा और आपका स्वागत नहीं करेगा ! (मलाकी 1:8 यूडीबी)
+ +यहाँ यूएलबी में इस तरह से प्रतिनिधित्व की गई प्रतीकात्मक कार्यवाही "किसी के चेहरे को उघाड़ना", यूडीबी में केवल इसका अर्थ प्रस्तुत किया गया है: "वह तुझसे नाराज होगा और तेरा स्वागत नहीं करेगा।" इसे इस तरह से प्रस्तुत किया जा सकता है, क्योंकि मलाकी वास्तव में एक विशेष घटना का वर्णन नहीं कर रहा है, जो वास्तव में घटित हुई थी। वह केवल उस घटना के द्वारा प्रतिनिधित्व किए गए विचार का वर्णन कर रहा है। + +### क्रिया का निष्क्रिय रूप + +बाइबल के इब्रानी और यूनानी दोनों भाषा अक्सर क्रिया के निष्क्रिय रूपों का उपयोग करते हैं, जबकि कई अन्य भाषाओं में यह संभावना नहीं होती है। जब मूल भाषाएँ उनका उपयोग करती हैं, तो यूएलबी अनुवाद क्रिया के निष्क्रिय रूपों का उपयोग करने की प्रयास करता है।यद्यपि, यूडीबी सामान्य रूप से इन क्रिया के निष्क्रिय रूपों का उपयोग नहीं करता है। परिणामस्वरूप, यूडीबी अनुवाद कई वाक्यांशों को **पुनर्गठित** करती है। + +जब आप अनुवाद करते हैं, तो आपको यह निर्धारित करना होगा कि लक्षित भाषा निम्नलिखित उदाहरणों में निष्क्रिय रूपों की अभिव्यक्ति का उपयोग करके घटनाओं या कथनों को प्रस्तुत कर सकती है या नहीं।यदि आप किसी विशेष सन्दर्भ में क्रिया के निष्क्रिय रूप का उपयोग नहीं कर सकते हैं, तो आप वाक्यांश को पुन: स्थापित करने के लिए यूडीबी अनुवाद में एक संभावित तरीका पा सकते हैं। (देखें [सक्रिय या निष्क्रिय](../figs-activepassive/01.md)) + + +### बाइबल से उदाहरण + +> वह आश्चर्यचकित था, और जो उसके साथ थे, उस मछली के एक बड़े ढेर के ऊपर, जिसे उन्होंने पकड़ा था।(लूका 5:9 यूएलबी) + +
उसने यह इसलिए कहा क्योंकि वह उनके द्वारा पकड़ी गई मछलियों की एक बड़ी सँख्या के कारण आश्चर्यचकित किया। उसके साथ रहने वाले सभी लोग भी आश्चर्यचकित हुए।(लूका 5:9 यूडीबी)
+ +यहाँ यूडीबी अनुवाद निष्क्रिय आवाज में "वह आश्चर्यचकित था" का उपयोग करता है जबकि यूएलबी अनुवाद सक्रिय आवाज में एक क्रिया "आश्चर्यचकित था" का उपयोग करता है + +> लोगों की बड़ी भीड़ उसके पास उससे सिखाने और अपनी बीमारियों से चंगा होने के लिए एक साथ आईं। (लूका 5:15 यूएलबी) + +
परिणाम यह था कि बड़ी भीड़ यीशु से सिखाने और उससे अपनी बीमारियों से चंगा होने के लिए आई थी . (लूका 5:15 यूडीबी)
+ +यहाँ यूडीबी यूएलबी की क्रिया निष्क्रिय रूप से "चंगा होने के लिए" के उपयोग से बचाता है। वह ऐसा वाक्यांश को पुनर्गठन करने के द्वारा करता है। यह कहता है कि चिकित्सक कौन है: "उसके (यीशु) साथ हो कि वह उन्हें ठीक करे।" + +### रूपक और अंलकार + +**परिभाषा** - यूएलबी अनुवाद बाइबल के मूलपाठों में जितनी अधिक हो सके अंलकार का प्रतिनिधित्व करने की प्रयास करता है। + +यूडीबी अनुवाद अक्सर इन विचारों का अर्थ अन्य तरीकों से प्रस्तुत करता है। + +जब आप अनुवाद करते हैं, तो आपको यह निर्धारित करना होगा कि लक्षित भाषा पाठक कुछ प्रयासों के साथ, कम प्रयास के साथ अंलकार को समझते हैं या नहीं। यदि उन्हें समझने के लिए एक बड़ा प्रयास करना है, या यदि ये उन्हें पूर्ण रीति से समझ में नहीं आते हैं, तो आपको दूसरे शब्दों का उपयोग करके अंलकार के आवश्यक अर्थ को प्रस्तुत करना होगा। + +> उन्होंने तुम्हें सारी बात और सारे ज्ञान के साथ हर तरह से समृद्ध बनाया है . (1 कुरिन्थियों 1:5 यूएलबी) + +
मसीह ने तुम्हें बहुत सी वस्तुएँ दी हैं . उसने तुम्हें अपनी सच्चाई बोलने और परमेश्वर को जानने में सहायता की। (1 कुरिन्थियों 1:5 यूडीबी)
+ +पौलुस शब्द "समृद्ध" में व्यक्त भौतिक सम्पदा के रूपक का उपयोग करता है। यद्यपि वह तुरन्त बताता है कि उसका अर्थ क्या है "सारीब बात और सारे ज्ञान के साथ," कुछ पाठक न समझ सकें। यूडीबी अनुवाद भौतिक सम्पदा के रूपक को उपयोग किए बिना विचार को अलग तरीके से प्रस्तुत करता है। (देखें [रूपक](../figs-metaphor/01.md)) + +> मैं तुम्हें भेड़ियों के बीच में भेड़ के रूप में भेजता हूँ , (मत्ती 10:16 यूएलबी) + +
जब मैं तुम्हें भेजता हूँ, तो तुम भेड़िये के रूप में खतरनाक पाए जाने वाले लोगों के बीच भेड़ के रूप में होंगे . (मत्ती 10:16 यूडीबी)
+ +यीशु एक रूपक का उपयोग करता है, जो उसके प्रेरितों को लोगों के बीच जाने की तुलना भेड़िये के बीच भेड़ के जाने से करता है। कुछ पाठक यह नहीं समझ सकते कि प्रेरित कैसे भेड़ों की तरह होंगे जबकि अन्य लोग भेड़िये की तरह होंगे। यूडीबी अनुवाद स्पष्ट करता है कि प्रेरित असुरक्षित होंगे, और उनके शत्रु खतरनाक होंगे। (देखें [उपमा](../figs-simile/01.md)) + +> तुम मसीह से अलग हो गए हैं, सभी आप जो कानून द्वारा "न्यायसंगत" ठहराए गए हो. तुम अनुग्रह से दूर हो गए हैं। (गलातियों 5:4 यूएलबी) + +
यदि तुम अपेक्षा करते हैं कि परमेश्वर तुम्हें अपनी दृष्टि में अच्छा घोषित करे क्योंकि तुम व्यवस्था का पालन करने का प्रयास करते हैं , तुमने स्वयं को मसीह से अलग कर दिया है; परमेश्वर अब तुम्हारे प्रति दयालु कार्य नहीं करेगा। (गलातियों 5:4 यूडीबी)
+ +पौलुस विडंबना का उपयोग करता है, जब वह उन्हें कानून द्वारा न्यायसंगत ठहराए जाने को उद्धृत करता है। उसने पहले ही उन्हें सिखाया था कि कानून के द्वारा किसी को भी न्यायसंगत नहीं ठहराया जा सकता है। यूएलबी अनुवाद यह दिखाने के लिए "न्यायसंगत" के आसपास उद्धरण चिह्नों का उपयोग करता है कि पौलुस वास्तव में विश्वास नहीं करता था कि वे कानून के द्वारा न्यायसंगत ठहराए गए थे। यूडीबी अनुवाद इसी विचार का उपयोग करके स्पष्ट करता है कि यही वह बात जिस पर अन्य लोगों ने विश्वास किया था। (देखें [आयरनी](../figs-irony/01.md)) + +### अमूर्त अभिव्यक्तियां + +यूएलबी अक्सर अमूर्त संज्ञाओं, विशेषणों, और वाक्य के अन्य भागों का उपयोग करता है, क्योंकि यह बाइबल के मूलपाठों के साथ मिलकर काम करने का प्रयास करते हैं। + +यूडीबी इस तरह की अमूर्त अभिव्यक्तियों का उपयोग नहीं करने की प्रयास करता है, क्योंकि कई भाषाएँ अमूर्त अभिव्यक्तियों का उपयोग नहीं करती हैं। + +जब आप अनुवाद करते हैं, तो आपको यह निर्धारित करना होगा कि लक्षित भाषा इन विचारों को प्रस्तुत करने के लिए किसे प्राथमिकता देती है। (देखें [अमूर्त संज्ञाएँ](../figs-abstractnouns/01.md)] + +> उसने तुम्हें सारी बातों और सारे ज्ञान में हर तरह से समृद्ध बना दिया है।(1 कुरिन्थियों 1:5 यूएलबी) + +
मसीह ने तुम्हें इतनी सारी वस्तुएँ दी हैं। उसने तुम्हें अपनी सच्चाई बोलने में और परमेश्वर को जानने के लिए सहायता की। (1 कुरिन्थियों 1:5 यूडीबी)
+ +यहाँ यूएलबी अनुवाद अभिव्यक्तियाँ "सारी बातें" और "सारे ज्ञान" अमूर्त संज्ञा की अभिव्यक्तियाँ हैं। उनके साथ एक समस्या यह है कि पाठकों को यह नहीं पता चलता है कि किसे बोलना है और उन्हें क्या बोलना है, या कौन जानने का कार्य कर रहा है और वह क्या बात जिसे उन्हें जानना हैं। यूडीबी अनुवाद इन प्रश्नों का उत्तर देता है। + +### निष्कर्ष + +संक्षेप में, यूएलबी आपको अनुवाद करने में सहायता करेगा क्योंकि यह आपको मूल बाइबल मूलपाठों के रूप में एक बड़े स्तर पर समझने में सहायता कर सकता है। + +यूडीबी आपको अनुवाद करने में सहायता कर सकता है, क्योंकि यह यूएलबी मूलपाठ के अर्थ को स्पष्ट करने में सहायता कर सकता है, और साथ ही यह आपको बाइबल के मूलपाठ में विचारों को अपने स्वयं के अनुवाद में स्पष्ट करने के विभिन्न तरीकों को दे सकता है। diff --git a/translate/translate-useulbudb/sub-title.md b/translate/translate-useulbudb/sub-title.md new file mode 100644 index 0000000..a3231e0 --- /dev/null +++ b/translate/translate-useulbudb/sub-title.md @@ -0,0 +1,2 @@ +बाइबल का अनुवाद करने में ULB ,oa UDB के उपयोग का सबसे अच्छा तरीका कौनसा है? + diff --git a/translate/translate-useulbudb/title.md b/translate/translate-useulbudb/title.md new file mode 100644 index 0000000..efa6706 --- /dev/null +++ b/translate/translate-useulbudb/title.md @@ -0,0 +1,2 @@ +बाइबल के अनुवाद में ULB एवं UDB का उपयोग कैसे करें + diff --git a/translate/translate-versebridge/01.md b/translate/translate-versebridge/01.md new file mode 100644 index 0000000..4bc04a1 --- /dev/null +++ b/translate/translate-versebridge/01.md @@ -0,0 +1,46 @@ + +### विवरण + +दुर्लभ विषयों में, आप अनलॉक्ड शाब्दिक बाइबल (यूएलबी) या अनलॉक्ड डायनामिक बाइबल (यूडीबी) में देखेंगे कि दो या दो से अधिक वचन सँख्याएँ संयुक्त हैं, जैसे कि 17-18। + +इसे एक वचन सम्पर्क कहा जाता है। इसका अर्थ है कि वचनों की जानकारी को पुन: व्यवस्थित किया गया था ताकि कहानी या सन्देश को आसानी से समझा जा सके। + +> 29 ये होरियों के कुलों थे: लोनान, शोबाल, शिबोन और अना, 30 दोशोन, एसेर, दीशान: ये सेईर देश में उनके कबीलों की सूचियों के अनुसार होरियों के कुल हैं। (उत्पत्ति 26:29-30 ULB) + +
29-30 लोगों के समूह जो होर के वंशज थे, जो सेईर की भूमि में रहते थे। लोगों के समूहों के नाम लोनान, शोबाल, शिबोन और अना, दोशोन, एसेर, दीशान हैं। (उत्पत्ति 26:29-30 यूडीबी)
+ +यूएलबी मूलपाठ में, वचन 29 और 30 अलग हैं, और सेईर में रहने वाले लोगों के बारे में जानकारी वचन 30 के अन्त में दी हुई है। यूडीबी मूलपाठ में, वचन सम्मिलित हो गए हैं, और सेईर में रहने वालों के बारे में जानकारी आरम्भ में दी गई है। कई भाषाओं के लिए, यह जानकारी का एक और तार्किक क्रम है। + +### बाइबल से उदाहरण + +कभी-कभी यूएलबी के वचन पृथक होते हैं, जबकि यूडीबी में एक वचन सम्पर्क होता है। + +> 4 यद्यपि, तुम्हारे बीच कोई निर्धन नहीं होना चाहिए (क्योंकि यहोवा तुम्हें निश्चित रूप से उस देश में आशीष देगा जो वह तुमको विरासत के रूप में देता है), 5 यदि तुम केवल अपने परमेश्वर यहोवा की आवाज सुनो और इन सभी आज्ञाओं को मानो जिन्हें मैं आज तुम्हें आज्ञा देता हूँ। (व्यवस्थाविवरण 15:4-5 यूएलबी) + +
4-5 यहोवा हमारा परमेश्वर तुम्हें उस देश में आशीष देगा जो वह तुम्हें दे रहा है। यदि तुम हमारे परमेश्वर यहोवा की आज्ञा मानते हैं और जो आज्ञा मैं आज तुम्हें दे रहा हूँ, उसका पालन करते हो, तो तुम्हारे बीच कोई भी निर्धन नहीं होगा। (व्यवस्थाविवरण 15:4-5 यूडीबी)
+ +यूएलबी अनुलवाद में कुछ वचन सम्पर्क भी पाए जाते हैं। + +> 17-18 एज्रा के पुत्र येतेर, मेरेद, एपेर और चालोन थे। मेरेद की मिस्री पत्नी से मिर्य्याम, शम्मै और यिशबह थे, जो एशतमो का पिता बना। ये बित्या के पुत्र थे, जो फ़िरौन की पुत्री थी, जिसे मेरेद ने विवाह किया था। मेरेदे की यहूदिन पत्नी ने येदेद को जन्म दिया, जो गदोर का पिता बन गया; हेबेर, जो सोको; और यकूतीएल का पिता बन गया, जो जानोह का पिता बन गया। (1 इतिहास 4:17-18 यूएलबी) + +यूएलबी अनुवाद ने वचन 18 से वचन 17 के लिए रेखांकित वाक्य को और स्पष्ट रूप से दिखाया कि बित्या के पुत्र कौन थे। यहाँ मूल व्यवस्था दी गई है, जो कई पाठकों को भ्रमित कर रही है: + +> 17 एज्रा के पुत्र: येतेर, मेरेद, एपेर और चालोन। वह गर्भवती हुई और उसने मिर्य्याह, शम्मै और एशतमो के पिता यिश्बाह को जन्म दिया। 18 और उसकी यहूदिन पत्नी ने गदोर के पिता जेरेद, सोको के पिता हेबेर और जानोह के पुत्र यकूतीएल को जन्म दिया। ये फिरौन की बेटी बित्या के पुत्र थे, जिससे मेरेद विवाहित था। (1 इतिहास 4:17-18 टीएनके अनुवाद) + +### अनुवाद की रणनीतियाँ + +जानकारी को इस तरह की व्यवस्था में रखें कि जो आपके पाठकों के लिए स्पष्ट हो। + +1. यदि आप पहले वचन की जानकारी को उससे पहले के वचन की जानकारी के आगे डालते हैं, तो दो वचन सँख्याओं के बीच एक हाइफ़न अर्थात् समास चिह्न डालें। + +1. यदि यूएलबी अनुवाद में एक वचन सम्पर्क पाया जाता है, परन्तु आपके द्वारा सन्दर्भित एक और बाइबल में ऐसा कुछ भी नहीं है, तो आप उस क्रम का चयन कर सकते हैं, जो आपकी भाषा में सबसे अच्छी तरह से काम करती है। [ट्रैन्स्लेशनस्टूडियो ऐप] में देखें कि वचनों को कैसे चिह्नित किया जाता है (http://help.door43.org/en/knowledgebase/13-translationstudio-android/docs/24-marking-verses-in-translationstudio)। + +### अनुवाद के लिए लागू की गई रणनीतियों के उदाहरण + +1. यदि आप पहले वचन की जानकारी को उससे पहले के वचन की जानकारी के आगे डालते हैं, तो दो वचन सँख्याओं के बीच एक हाइफ़न अर्थात् समास चिह्न डालें। + +* ** 2 तुम्हें अपने देश के मध्य में अपने लिए तीन शहरों का चयन करना होगा, जिसे यहोवा तुम्हारा परमेश्वर तुम्हें देने पर है। 3 तुम्हें एक सड़क को बनाना होगा और अपनी भूमि की सीमाओं को तीन भागों में विभाजित करना होगा, उस देश में जिसे तुम्हारा परमेश्वर यहोवा तुम्हें विरासत में दे रहा है, ताकि कोई भी जो किसी दूसरे व्यक्ति को मार डाले, वहाँ भाग जाए।** ( व्यवस्थाविवरण 19:2-3) + + * 2-3 अपनी भूमि की सीमाओं को तीन भागों में विभाजित करना होगा, जिसे वह तुम्हें विरासत में दे रहा है। फिर प्रत्येक भाग में एक शहर का चयन करना। तुम्हें अच्छी सड़कों को बनाना होगा ताकि लोग आसानी से उन शहरों में जा सकें। कोई भी जो किसी दूसरे व्यक्ति को मारता है, वह अपनी सुरक्षा के लिए उन शहरों में से एक में जाकर बच सकता है। (व्यवस्थाविवरण 19:2-3 यूडीबी) + +1. यदि यूएलबी अनुवाद में एक वचन सम्पर्क पाया जाता है, परन्तु आपके द्वारा सन्दर्भित एक और बाइबल में ऐसा कुछ भी नहीं है, तो आप उस क्रम का चयन कर सकते हैं, जो आपकी भाषा में सबसे अच्छी तरह से काम करती है। diff --git a/translate/translate-versebridge/sub-title.md b/translate/translate-versebridge/sub-title.md new file mode 100644 index 0000000..36fd673 --- /dev/null +++ b/translate/translate-versebridge/sub-title.md @@ -0,0 +1,2 @@ +कुछ पदों की संख्या आपस में मिली क्यों होती हैं, जैसे “3-5” या “17-18” + diff --git a/translate/translate-versebridge/title.md b/translate/translate-versebridge/title.md new file mode 100644 index 0000000..ce84046 --- /dev/null +++ b/translate/translate-versebridge/title.md @@ -0,0 +1,2 @@ +संदर्भ पुल + diff --git a/translate/translate-wforw/01.md b/translate/translate-wforw/01.md new file mode 100644 index 0000000..12a73b0 --- /dev/null +++ b/translate/translate-wforw/01.md @@ -0,0 +1,48 @@ + +### परिभाषा + +शब्द-प्रति-शब्द वैकल्पिक अनुवाद अपने सबसे अधिक रूप में शाब्दिक होता है। अच्छा अनुवाद करने के लिए यह सबसे अच्छा विकल्प नहीं है। शब्द-प्रति-शब्द अनुवाद केवल स्रोत भाषा के प्रत्येक शब्द को लक्षित भाषा के समकक्ष शब्द के विकल्प के रूप में प्रस्तुत करता है। + +#### शब्द-प्रति-शब्द अनुवाद में + +* ध्यान एक समय में एक ही शब्द पर होता है। +* लक्षित भाषा की स्वभाविक वाक्य संरचना, वाक्यांश संरचनाओं और अंलकार अनदेखा हो जाते हैं। +* शब्द-प्रति-शब्द अनुवाद की प्रक्रिया बहुत ही सरल है। +* स्रोत मूलपाठ में पहला शब्द समकक्ष शब्द के द्वारा अनुवादित किया जाता है। +* फिर अगला शब्द के साथ ऐसा किया जाता है। + +यह तब तक चलता रहता है जब तक वचन का अनुवाद नहीं हो जाता है। + +* शब्द-प्रति-शब्द दृष्टिकोण आकर्षक है क्योंकि यह बहुत ही अधिक आसान है। यद्यपि, इसका परिणाम खराब गुणवत्ता वाले अनुवाद में निकलता है। शब्द-प्रति-शब्द विकल्प के परिणाम अनुवाद में ऐसे निकलते हैं, जो पढ़ने के लिए असामान्य होते हैं। वे अक्सर भ्रमित होते हैं और गलत अर्थ देते हैं या यहाँ तक ​​कि किसी भी अर्थ को नहीं देते हैं। आपको इस प्रकार के अनुवाद को करने से बचना चाहिए। यहाँ कुछ उदाहरण दिए गए हैं: + +#### शब्द क्रम या व्यवस्था + +यूएलबी अनुवाद में लूका 3:16 का उदाहरण यहाँ दिया गया है: + +> यूहन्ना ने उन सभी से कहा, "जहाँ तक मेरी बात है, मैं तुम्हें पानी से बपतिस्मा देता हूँ, परन्तु एक आ रहा है, जो मुझ से अधिक सामर्थी है, और मैं अपने जुत्ती का फीता भी खोलने के योग्य नहीं हूँ। + +वह तुम्हें पवित्र आत्मा और आग से बपतिस्मा देगा।” यह अनुवाद स्पष्ट और समझने में आसान है। परन्तु कल्पना करें कि अनुवादकों ने शब्द-प्रति-शब्द विधि का उपयोग किया था। तब अनुवाद कैसा होगा? यहाँ, अंग्रेजी में अनुवादित, मूल यूनानी के समान क्रम में शब्दों के दिया गया हैं। + +> सभी को यूहन्ना ने यह कहते हुए उत्तर दिया कि वास्तव में मैं पानी से तुम्हें बपतिस्मा देता है, वह आता है, परन्तु जो मुझ से अधिक सामर्थी है, मैं उसकी जुत्ती का फीता भी खोलने के योग्य नहीं हूँ, वह तुम्हें आत्मा पवित्र और अग्नि के साथ बपतिस्मा देगा + +यह अनुवाद असामान्य है और अंग्रेजी में समझ में नहीं आता है। ऊपर यूएलबी संस्करण देखें। अंग्रेजी यूएलबी अनुवादकों ने मूल यूनानी शब्द व्यवस्था को बनाए नहीं रखा। उन्होंने अंग्रेजी व्याकरण के नियमों के अनुरूप वाक्य में शब्दों को स्थानांतरित करते हुए वाक्य को अर्थ दे दिया है। उन्होंने कुछ वाक्यांशों को भी परिवर्तित किया है। उदाहरण के लिए, अंग्रेजी यूएलबी का कहना है, "यूहन्ना ने उन सभी से कहा," इसके स्थान पर कि "सभी को यूहन्ना ने यह कहते हुए उत्तर दिया।” + +मूलपाठ को स्वभाविक बनाने के लिए उन्होंने भिन्न शब्दों को भिन्न क्रम में उपयोग किया ताकि यह मूल अर्थ को सफलतापूर्वक संचारित कर सके। अनुवाद को यूनानी मूलपाठ के समान अर्थ को संचारित करना चाहिए। इस उदाहरण में, यूएलबी असामान्य शब्द-प्रति-शब्द संस्करण की तुलना में एक सर्वोत्तम रीति से किया गया अंग्रेजी अनुवाद है। + +#### शब्द अर्थों की सीमा + +इसके अतिरिक्त, शब्द-प्रति-शब्द वैकल्पिक अनुवाद सामान्य रूप से इस बात पर ध्यान नहीं देता है कि सभी भाषाओं में अधिकांश शब्दों में कई अर्थ होते हैं। किसी भी एक सन्दर्भ में, सामान्य रूप से लेखक के मन में केवल उन अर्थों में से एक ही होता है। एक अलग सन्दर्भ में, उसके मन में यह एक अलग अर्थ हो सकता है। + +परन्तु शब्द-प्रति-शब्द अनुवादों में, सामान्य रूप से केवल एक अर्थ को चुना जाता है और पूरे अनुवाद में उपयोग किया जाता है। उदाहरण के लिए, यूनानी शब्द "एग्गोलोस" मानवीय सन्देशवाहक या एक स्वर्गदूत को सन्दर्भित कर सकता है। + +> "यह वह है जिसके बारे में लिखा है, 'देखो, मैं आपने सन्देशवाहक को अपने से पहले भेज रहा हूँ, जो तुम्हारे सामने अपना रास्ता तैयार करेगा।' (लूका 7:27) + +यहाँ "एग्गोलोस" शब्द मानवीय सन्देशवाहक को सन्दर्भित करता है। यीशु यूहन्ना बपतिस्मा देने वाले के बारे में बात कर रहा था। + +> स्वर्गदूत उनसे स्वर्ग में चले गए थे (लूका 2:15) + +यहाँ "एग्गोलोस" शब्द स्वर्ग से स्वर्गदूतों को सन्दर्भित करता है। एक शब्द-प्रति-शब्द अनुवाद प्रक्रिया दोनों वचनों में एक ही शब्द का उपयोग कर सकती है, चाहे इसका उपयोग दो भिन्न प्रकार के प्राणियों के सन्दर्भ में किया जाता है। यह पाठक को भ्रमित कर देगा। + +#### अलंकार + +अन्त में, अंलकार शब्द-प्रति-शब्द अनुवाद में सही ढंग से व्यक्त नहीं किए जाते हैं। अंलकार का अर्थ यह है कि वे भिन्न शब्दों से अलग होते हैं, जिनके द्वारा वे बने हुए होते हैं। जब उनका अनुवाद शब्द-प्रति-शब्द के लिए किया जाता है, तो अंलकार का अर्थ खो जाता है। चाहे उनका अनुवाद किया गया हो ताकि वे लक्षित भाषा के सामान्य शब्द क्रम का पालन करें, पाठक उनके अर्थ को समझ नहीं पाएंगे। उन्हें सही ढंग से अनुवाद करने का तरीका जानने के लिए [अंलकार](../figs-intro/01.md) पृष्ठ को देखें। diff --git a/translate/translate-wforw/sub-title.md b/translate/translate-wforw/sub-title.md new file mode 100644 index 0000000..619ee2e --- /dev/null +++ b/translate/translate-wforw/sub-title.md @@ -0,0 +1,2 @@ +मैं एक शब्द के बदले एक शब्द का उपयोग कर अनुवाद क्यों नही करूँ? + diff --git a/translate/translate-wforw/title.md b/translate/translate-wforw/title.md new file mode 100644 index 0000000..ce729f8 --- /dev/null +++ b/translate/translate-wforw/title.md @@ -0,0 +1,2 @@ +शब्द की जगह शब्द का परिवर्तन + diff --git a/translate/translate-whatis/01.md b/translate/translate-whatis/01.md new file mode 100644 index 0000000..a18d872 --- /dev/null +++ b/translate/translate-whatis/01.md @@ -0,0 +1,7 @@ + +### विवरण + +अनुवाद एक ऐसी प्रक्रिया है, जो भिन्न भाषाओं के बीच में की जाती है, जिसके लिए एक व्यक्ति (अनुवादक) को उस अर्थ को समझने की आवश्यकता होती है, जो एक लेखक या वक्ता स्रोत भाषा में मूल श्रोताओं के साथ व्यक्त करने, और फिर उसी अर्थ को एक अलग श्रोताओं को लक्षित भाषा में संचारित करने की मंशा रखता है । अनुवाद को इसी तरह अधिकांश समय कार्य करना चाहिए, परन्तु कभी-कभी कुछ अनुवादों में अन्य लक्ष्य होते हैं, जैसे स्रोत भाषा के रूप को पुन: प्रस्तुत करना, जैसा कि हम नीचे देखेंगे। मूल रूप से दो प्रकार के अनुवाद होते हैं: शाब्दिक और गतिशील (या अर्थ-आधारित)। + +* शाब्दिक अनुवाद स्रोत भाषा में शब्दों का प्रतिनिधित्व करने पर केन्द्रित होते हैं जिसमें लक्षित भाषा में शब्दों के समान अर्थ होते हैं। वे उन वाक्यांशों का भी उपयोग करते हैं, जिनकी स्रोत भाषा के वाक्यांशों में समान संरचनाएं होती हैं। इस प्रकार का अनुवाद पाठक को स्रोत मूलपाठ की संरचना को देखने की अनुमति देता है, परन्तु यह स्रोत मूलपाठ के अर्थ को समझने में पाठक के लिए कठिन या असम्भव हो सकता है। +* गतिशील, अर्थ-आधारित अनुवाद इसके सन्दर्भ में स्रोत भाषा वाक्य के अर्थ का प्रतिनिधित्व करने के ऊपर केन्द्रित होता है, और लक्षित भाषा में इसका अर्थ व्यक्त करने के लिए जो भी शब्द और वाक्यांश संरचनाएं सबसे उपयुक्त हैं, उनका उपयोग करते हैं। इस प्रकार के अनुवाद का लक्ष्य पाठक को स्रोत मूलपाठ के अर्थ को समझने के लिए आसान बनाना है। यह एक तरह का अनुवाद है, जिसे अन्य अनुवादों (ओएल) के लिए इस अनुवाद निर्देश पुस्तिका में अनुशंसित अनुवाद के रूप में दिया गया है। यूएलबी अनुवाद को एक शाब्दिक अनुवाद के लिए रूपरेखित किया गया है, ताकि ओएल अनुवादक मूल बाइबल भाषाओं के रूपों को देख सके। यूडीबी अनुवाद को गतिशील अनुवाद के लिए रूपरेखित किया गया है, ताकि ओएल अनुवादक बाइबल में इन रूपों के अर्थ को समझ सके। इन संसाधनों का अनुवाद करते समय, कृपया यूएलबी अनुवाद को शाब्दिक तरीके से अनुवाद करें और यूडीबी अनुवाद को गतिशील तरीके से अनुवाद करें। इन संसाधनों के बारे में अधिक जानकारी के लिए, गेटवे निर्देश पुस्तिका को देखें। diff --git a/translate/translate-whatis/sub-title.md b/translate/translate-whatis/sub-title.md new file mode 100644 index 0000000..2994a1a --- /dev/null +++ b/translate/translate-whatis/sub-title.md @@ -0,0 +1,2 @@ +अनुवाद क्या है? + diff --git a/translate/translate-whatis/title.md b/translate/translate-whatis/title.md new file mode 100644 index 0000000..2994a1a --- /dev/null +++ b/translate/translate-whatis/title.md @@ -0,0 +1,2 @@ +अनुवाद क्या है? + diff --git a/translate/translation-difficulty/01.md b/translate/translation-difficulty/01.md new file mode 100644 index 0000000..b2873dc --- /dev/null +++ b/translate/translation-difficulty/01.md @@ -0,0 +1,96 @@ + +### मुझे पहले क्या अनुवाद करना चाहिए? + +किसी स्थान पर, अनुवाद समूह को यह पता लगाना होगा कि उन्हें सबसे पहले क्या अनुवाद करना चाहिए, या, यदि उन्होंने पहले से ही कुछ अनुवाद किया है, तो उन्हें आगे क्या अनुवाद करना चाहिए। ऐसे कई कारक हैं, जिन पर विचार करने की आवश्यकता होती है: + +* चर्च क्या चाहता है कि क्या अनुवाद किया जाए? +* अनुवाद समूह कितना अधिक अनुभवी है? +* इस भाषा में कितनी अधिक बाइबल की सामग्री का अनुवाद किया गया है? + +इन सभी प्रश्नों के उत्तर महत्वपूर्ण हैं। परन्तु इसे स्मरण रखें: + +**अनुवाद एक कौशल है, जो अनुभव के साथ बढ़ता है।** + +क्योंकि अनुवाद एक कौशल है, जो बढ़ता है, ऐसी सामग्री को अनुवाद करना प्रारम्भ करना बुद्धिमान है, जो कम जटिल होती है, ताकि कुछ सरल अनुवाद करते समय अनुवादक कौशल सीख सकें। + +### अनुवाद की कठिनाई + +विक्लिफ बाइबल अनुवादकों ने बाइबल की विभिन्न पुस्तकों का अनुवाद करने के लिए गुणों या विशेषता को मापने की कठिनाई का पता लगाया है। अपनी मूल्याकंन स्तर पद्धति में, अनुवाद के लिए सबसे जटिल पुस्तकों का स्तर 5 सबसे अधिक कठिनाई को प्राप्त करता है। + +अनुवाद के लिए सबसे आसान पुस्तकों का स्तर 1 हैं। सामान्य रूप से, जिन पुस्तकों में अधिक अमूर्त, काव्यात्मक, और धर्मवैज्ञानिक रूप से बहुतायत के साथ पाए जाने वाली शब्दावली और विचार होते हैं, उनका अनुवाद करना उतना ही अधिक कठिन होता है। पुस्तकें जो अधिक कथात्मक और ठोस होती हैं, उनका अनुवाद करना सामान्य रूप से उतना ही आसान होता है। + +#### कठिनाई स्तर 5 (अनुवाद करने में सबसे कठिन) + +पुराना नियम + +* अय्यूब, भजन, यशायाह, यिर्मयाह, यहेजकेल + +नया नियम + +* रोमियों, गलातियों, इफिसियों, फिलिप्पियों, कुलुस्सियों, इब्रानियों + +#### कठिनाई स्तर 4 + +पुराना नियम + +* लैव्यव्यवस्था, नीतिवचन, उपदेशक, श्रेष्ठगीत, विलापगीत, दानिय्येल, होशे, योएल, आमोस, ओबद्याह, मीका, नहूम, हबक्कूक, सपन्याह, हाग्गै, जकर्याह, मलाकी + +नया नियम + +* यूहन्ना, 1-2 कुरिन्थियों, 1-2 थिस्सलुनिकियों, 1-2 पतरस, 1 यूहन्ना, यहूदा + +#### कठिनाई स्तर 3 + +पुराना नियम + +* उत्पत्ति, निर्गमन, गिनती, व्यवस्था + +नया नियम + +* मत्ती, मरकुस, लूका, प्रेरितों, 1-2 तीमुथियुस, तीतुस, फिलेमोन, याकूब, 2-3 यूहन्ना, प्रकाशितवाक्य + +#### कठिनाई स्तर 2 + +पुराना नियम + +* यहोशू, न्यायियों, रूत, 1-2 शमूएल, 1-2 राजा, 1-2 इतिहास, एज्रा, नहेम्याह, एस्तेर, योना + +नए नियम + +* *कोई भी कठिनाई नहीं* + +#### कठिनाई स्तर 1 (अनुवाद करने के लिए सबसे आसान) + +* *कोई नहीं* + +### बाइबल की साधारण कहानियाँ + +यद्यपि इस मूल्यांकन स्तर पद्धति के अनुसार बाइबल की साधारण कहानियाँ का आकलन नहीं किया गया था, परन्तु यह कठिनाई स्तर 1 के अधीन आनी चाहिए। हम अनुशंसा करते हैं कि आप बाइबल की साधारण कहानियाँ का अनुवाद करके आरम्भ करें। बाइबल की साधारण कहानियाँ का अनुवाद करके आरम्भ करने के कई अच्छे कारण हैं: + +* बाइबल की साधारण कहानियाँ आसानी से अनुवादित करने के लिए बनाई गई थीं। +* यह एक बड़ी सीमा तक कथा होती है। +* कई कठिन वाक्यांश और शब्दों को सरलीकृत किया गया है। +* अनुवादक को मूलपाठ को समझने में सहायता करने के लिए इसमें कई चित्र होते हैं। +* बाइबल की साधारण कहानियाँ बाइबल या यहाँ तक ​​कि नए नियम से भी बहुत अधिक छोटी हैं, इसलिए इसे शीघ्रता के साथ पूरा किया और वितरित किया जा सकता है। +* क्योंकि यह पवित्रशास्त्र नहीं है, इसलिए बाइबल की साधारण कहानियाँ डर को हटा देती है जो कि कई अनुवादकों में परमेश्वर के वचन का अनुवाद करने के लिए होता है। +* बाइबल का अनुवाद करने से पहले बाइबल की साधारण कहानियाँ का अनुवाद अनुवादकों को अनुवाद में अनुभव और प्रशिक्षण देता है, ताकि जब वे। + +बाइबल, का अनुवाद करें तो उसे अच्छी तरह से करें। बाइबल की साधारण कहानियाँ का अनुवाद करके, अनुवाद समूह लाभ प्राप्त करेगा: + +* अनुवाद और जाँच समूह निर्मित करने का अनुभव +* अनुवाद और जाँच प्रक्रिया को पूरा करने का अनुभव +* Door43 अनुवाद संसाधन का उपयोग करने का अनुभव +* अनुवाद असहमतियों को समाधान करने का अनुभव +* चर्च और सामुदायिक भागीदारी पाने का अनुभव +* सामग्री को प्रकाशित और वितरित करने का अनुभव +* बाइबल की साधारण कहानियाँ चर्च को शिक्षा देने, खोए हुओं को प्रचार करने और अनुवादकों को प्रशिक्षित करने के लिए एक बहुत बड़ा संसाधन है, जो कि बाइबल के बारे में है। + +आप जो भी क्रम चाहते हैं, उसमें कहानियों के माध्यम से अपना कार्य में उपयोग कर सकते हैं, परन्तु हमने पाया है कि कहानी # 31 (http://ufw.io/en-obs-31 को देखें) अनुवाद करने के लिए एक सबसे अच्छी कहानी है, क्योंकि यह छोटी है और समझने में आसान है। + +### निष्कर्ष + +अन्त में, चर्च को यह निर्धारित करने की आवश्यकता है कि वे क्या अनुवाद, और किस क्रम में करना चाहते हैं। परन्तु क्योंकि अनुवाद एक ऐसा कौशल है, जो उपयोग करने के साथ सुधार को लाता है, और क्योंकि अनुवाद और जाँच समूह बाइबल का अनुवाद बाइबल की साधारण कहानियाँ का करने के द्वारा बहुत कुछ शिक्षा पा सकता है, और अत्यधिक महत्व होने के कारण यह अनुवादित बाइबल की साधारण कहानियों को स्थानीय चर्च को देता हैं, हम बाइबल की साधारण कहानियाँ के साथ आपको अनुवाद परियोजना आरम्भ करने के लिए अत्यधिक अनुशंसा करते हैं। + +बाइबल की साधारण कहानियाँ का अनुवाद करने के बाद, चर्च को यह निर्धारित करने की आवश्यकता होगी कि लाभकारी बात किसे आरम्भ करने से प्राप्त होगी (उत्पत्ति, निर्गमन) या यीशु (नया नियम सुसमाचार) के साथ आरम्भ करना। किसी भी घटना में, हम कठिनाई स्तर 2 और 3 की पुस्तकों (जैसे उत्पत्ति, रूत, और मरकुस) के साथ बाइबल के अनुवाद को आरम्भ करने का परामर्श देते हैं। + +अन्त में, जब अनुवाद समूह के पास बहुत अधिक अनुभव हो जाता है, तो वे कठिनाई स्तर 4 और 5 की पुस्तकों (जैसे यूहन्ना, इब्रानियों और भजनों) का अनुवाद आरम्भ कर सकते हैं। यदि अनुवाद समूह इस कार्यक्रम का पालन करते हैं, तो वे बहुत कम गलातियों के साथ सर्वोत्तम रीति से अनुवाद कर सकेंगे। diff --git a/translate/translation-difficulty/sub-title.md b/translate/translation-difficulty/sub-title.md new file mode 100644 index 0000000..ad6a3b1 --- /dev/null +++ b/translate/translation-difficulty/sub-title.md @@ -0,0 +1,2 @@ +मैं सबसे पहले क्या अनुवाद करूँ? + diff --git a/translate/translation-difficulty/title.md b/translate/translation-difficulty/title.md new file mode 100644 index 0000000..517bc86 --- /dev/null +++ b/translate/translation-difficulty/title.md @@ -0,0 +1,2 @@ +चुनना कि क्या अनुवाद किया जाए + diff --git a/translate/writing-apocalypticwriting/01.md b/translate/writing-apocalypticwriting/01.md new file mode 100644 index 0000000..62c517c --- /dev/null +++ b/translate/writing-apocalypticwriting/01.md @@ -0,0 +1,67 @@ + +### विवरण + +प्रतीकात्मक भविष्यद्वाणी एक प्रकार का सन्देश है, जिसे परमेश्वर ने एक भविष्यवक्ता को दिया ताकि भविष्यवक्ता दूसरों को बताए। ये सन्देश भविष्य में परमेश्वर क्या करेगा, को दिखाने के लिए चित्रों और प्रतीकों का उपयोग करता है। मुख्य पुस्तकें जिनमें भविष्यद्वाणियाँ हैं, यशायाह, यहेजकेल, दानिय्येल, जकर्याह और प्रकाशितवाक्य हैं। प्रतीकात्मक भविष्यद्वाणी के छोटे उदाहरण अन्य पुस्तकों में भी पाए जाते हैं, जैसे कि मत्ती 24, मरकुस 13, और लूका 21 में। बाइबल बताती है कि परमेश्वर ने प्रत्येक सन्देश को कैसे दिया और सन्देश क्या था। + +जब परमेश्वर ने सन्देश दिया, तो उसने अक्सर स्वप्न और दृष्टान्तों जैसे आश्चर्यजनक तरीकों के द्वारा ऐसा किया। ("स्वप्न" और "दर्शन" का अनुवाद करने में सहायता पाने के लिए: [स्वप्न](rc://hi/tw/dict/bible/other/dream) और [दर्शन](rc://hi/tw/dict/bible/other/vision) जब भविष्यद्वक्ताओं ने इन स्वप्नों और दृष्टान्तों को देखा, तो उन्होंने अक्सर परमेश्वर और स्वर्ग के बारे में चित्रों और प्रतीकों को देखा। + +इनमें से कुछ चित्र सिंहासन, सुनहरे दीपदान, श्वेत बाल और श्वेत कपड़े वाले सामर्थी, और आग की तरह आँखें और लोहे की तरह पैर वाले व्यक्ति की हैं। इनमें से कुछ चित्रों को एक से अधिक भविष्यद्वक्ता के द्वारा देखा गया था। संसार के बारे में भविष्यद्वाणियों में चित्रों और प्रतीकों भी सम्मिलित हैं। + +उदाहरण के लिए, कुछ भविष्यद्वाणियों में सामर्थी जानवर साम्राज्यों का प्रतिनिधित्व करते हैं, सींग राजाओं या साम्राज्यों का प्रतिनिधित्व करते हैं, एक अजगर या सांप शैतान का प्रतिनिधित्व करता है, समुद्र राष्ट्रों का प्रतिनिधित्व करता है, और सप्ताह लम्बे समय का प्रतिनिधित्व करते हैं। इनमें से कुछ चित्रों को एक से अधिक भविष्यद्वक्ता के द्वारा भी देखा गया था। + +भविष्यद्वाणियाँ इस संसार में बुराई के बारे में बताती हैं, कैसे परमेश्वर संसार का न्याय करेगा और पाप को दण्डित करेगा, और परमेश्वर कैसे नए संसार में अपने धार्मिकता से भरे हुए राज्य को स्थापित करेगा। वे उन बातों के बारे में भी बताती हैं, जो स्वर्ग और नरक से सम्बन्धित होंगी। बाइबल में अधिकांश भविष्यद्वाणी को काव्य के रूप में प्रस्तुत किया गया है। कुछ संस्कृतियों में लोग मानते हैं कि यदि काव्य में कुछ कहा जाता है, तो यह सच या अधिक महत्वपूर्ण नहीं हो सकता है। यद्यपि, बाइबल में भविष्यद्वाणियाँ सत्य और बहुत ही अधिक महत्वपूर्ण हैं, भले ही वे काव्य के रूपों या गैर-काव्य रूपों में क्यों न प्रस्तुत हों। कभी-कभी अतीत में घटित हुई घटनाओं के लिए इन पुस्तकों में भूतकाल का उपयोग किया जाता है। यद्यपि, कभी-कभी भूतकाल का उपयोग भविष्य में होने वाली घटनाओं के लिए किया जाता है। + +इसके लिए हमारे लिए दो कारण हैं। जब भविष्यद्वक्ताओं ने उन बातों के बारे में बताया जो उन्होंने एक स्वप्न या दर्शम में देखी थीं, तो वे अक्सर भूतकाल का उपयोग किया गया था क्योंकि उनका स्वप्न अतीत का था। भविष्य की घटनाओं के सन्दर्भ में भूतकाल का उपयोग करने का दूसरा कारण यह था कि उन घटनाओं में निश्चित रूप से ऐसा ही घटित होगा। घटनाएँ इतनी निश्चित थीं, कि मानो ऐसा लगता था कि वे पहले से घटित हो चुकी थीं। हम अतीत काल के इस दूसरे उपयोग को "पूर्वानुमानित अतीत" कहते हैं। [पूर्वानुमानित अतीत](rc://hi/tw/dict/bible/other/vision) देखें। + +इन बातों में से कुछ भविष्यद्वक्ताओं के द्वारा बताए जाने के पश्चात् घटित हुई थीं, और उनमें से कुछ इस संसार के अन्त में घटित होंगी। + + +#### इसका कारण यह अनुवाद का एक विषय है + +* कुछ चित्रों को समझना कठिन होता है, क्योंकि हमने पहले कभी उनके जैसी बातों को घटित होते नहीं देखा है। +* उन बातों का विवरण जिन्हें हमने कभी नहीं देखा है या जो इस संसार में विद्यमान नहीं हैं, का अनुवाद करना कठिन है। +* यदि परमेश्वर या भविष्यवक्ता ने अतीत काल का उपयोग किया, तो मूलपाठकों को यह जानने में कठिनाई हो सकती है कि वहाँ कुछ ऐसा घटित हुआ था, जो पहले से ही घटित हो चुका था या कुछ ऐसा बाद में घटित होगा। + +#### अनुवाद के सिद्धान्त + +* मूलपाठ में चित्रों का अनुवाद करें। उनकी व्याख्या और उनके अर्थ का अनुवाद करने की प्रयास न करें। +* जब बाइबल में एक से अधिक स्थानों पर एक चित्र दिखाई देता है, और उसी तरह वर्णित किया गया है, तो उन सभी स्थानों पर उसी तरह के अनुवाद को करने का प्रयास करें। +* यदि या तो काव्य रूप या गैर-काव्य रूप आपके मूलपाठकों को सूचित करेगा कि भविष्यद्वाणी सत्य हैं या नहीं या महत्वहीन है या नहीं, उस समय ऐसे रूप का उपयोग करें जो उन बातों को इंगित नहीं करता है। +* कभी-कभी यह समझना कठिन होता है कि विभिन्न भविष्यद्वाणियों में वर्णित घटनाओं का क्या क्रम होता है। केवल उन्हें ज्यों का त्यों लिखें क्योंकि वे प्रत्येक भविष्यद्वाणी में दिखाई देते हैं। +* वाक्य को इस तरह से अनुवाद करें कि पाठक समझ सकें कि वक्ता का क्या अर्थ है। यदि पाठक पूर्वानुमानित अतीत को नहीं समझ पाएं, तो भविष्यकाल के वाक्य का उपयोग करना स्वीकार्य है। +* भविष्यद्वक्ताओं के द्वारा लिखे जाने के पश्चात् कुछ भविष्यद्वाणियाँ पूरी हुईं थीं। उनमें से कुछ अभी तक पूरी नहीं हुई हैं। भविष्यद्वाणी को स्पष्ट न करें कि कब ये भविष्यद्वाणियाँ पूरी हुईं हैं या वे कैसे पूरी हुईं हैं। + +### बाइबल से उदाहरण + +निम्नलिखित सन्दर्भ सामर्थी प्राणियों का वर्णन करते हैं, जिन्हें यहेजकेल, दानिय्येल और यूहन्ना ने देखा था। इन दर्शनों में आने वाले चित्रों में वे बाल सम्मिलित हैं, जो ऊन के जैसे श्वेत हैं, बहुत से पानी की तरह एक आवाज़, एक सुनहरा कमरबन्द, और पीत्तल के जैसे पैर या लातों वाले थे। यद्यपि भविष्यद्वक्ताओं ने विभिन्न विवरणों को देखा, परन्तु वही विवरणों का अनुवाद करना अच्छा होगा। + +प्रकाशितवाक्य में से मिलने वाले रेखांकित वाक्यांश दानिय्येल और यहेजकेल के सन्दर्भों में भी प्रगट होते हैं + +
दीपदानों के बीच में मनुष्य के पुत्र की तरह एक था, जो एक लम्बे वस्त्र को पहिने हुए था, जो उसके पैरों तक नीचे जा रहा था, और उसकी छाती के चारों ओर एक सुनहरा कमरबन्द था। उसके सिर और बाल ऊन के जैसे श्वेत थे - बर्फ के जैसे श्वेत, और उसकी आँखें आग की लौ की तरह थीं। उसके पैर चमकते हुए पीत्तल की तरह थे , जो भट्टी में शुद्ध किया गया था, और उसकी आवाज बहुत से चलने वाले पानी की आवाज की तरह थी । वह अपने दाहिने हाथ में सात तारों को रखता था, और उसके मुँह से एक तेज दो धारों वाली तलवार निकल रही थी। उसका चेहरा सूर्य की तरह चमक रहा था। (प्रकाशितवाक्य 1:13-16 यूएलबी)
+ +> जैसा कि मैंने देखा, +> सिंहासन अपने स्थान पर रखा हुआ था, +> और उस प्राचीनकाल से निकलने वाले अपने स्थान को ग्रहण किया। +> उसके कपड़े बर्फ के जैसे श्वेत थे, +> और उसके सिर के बाल शुद्ध ऊन की तरह थे । (दानिय्येल 7: 9 यूएलबी) + +
मैंने ऊपर देखा और सन के वस्त्र पहने हुए एक व्यक्ति को देखा, ऊफाज़ से मिलने वाले शुद्ध सोने से बना हुआ कमरबन्द उसकी कमर के चारों ओर लिपटा हुआ था।उसका शरीर फीरोजा की तरह था, उसका चेहरा बिजली की तरह था, उसकी आँखें आग लगाने वाली मशाल की तरह थीं, उसकी बाहों और उसके पैर चमकाए हुए पीत्तल की तरह थे , और उसके शब्दों की आवाज एक बड़ी भीड़ की आवाज़ की तरह थी । (दानिय्येल 10: 5-6 यूएलबी)
+ +> देखो! इस्राएल के परमेश्वर की महिमा पूर्व से आई थी; उसकी आवाज बहुत से बहने वाले पानी की आवाज की तरह थी , और पृथ्वी उसकी महिमा से चमक गई! (यहेजकेल 43:2 यूएलबी) + +निम्नलिखित सन्दर्भ पिछली घटनाओं के सन्दर्भ में अतीत काल के उपयोग को दिखाता है। रेखांकित क्रियाएँ अतीक की घटनाओं को सन्दर्भित करती हैं। + +> आमोस के पुत्र यशायाह का दर्शन, जो उसने यहूदा और यरूशलेम के विषय में यहूदा के राजा उज्जिय्याह, योथाम, आहाज और हिजकिय्याह के दिनों में देखा था। +> सुनो, आकाश, और हे पृथ्वी, अपना ध्यान लगा; क्योंकि यहोवा ने बोला है : +> "मैंने पोषित किया है और बच्चे को पालन किया, परन्तु वे मेरे विरूद्ध विद्रोह कर चुके हैं । (यशायाह 1: 1-2 यूएलबी) + +निम्नलिखित सन्दर्भ भविष्यकाल और अतीत काल के विभिन्न उपयोगों को दिखाता है। + +रेखांकित क्रियाएँ पूर्वानुमानित अतीत के उदाहरण हैं, जहां अतीत काल का उपयोग यह दिखाने के लिए किया जाता है कि घटनाएँ निश्चित रूप से घटित होती हैं। + +> उदासीनता उस से चली जाएगी जो दु:ख में थी। +> पहले के समय उसने अपमानित किया +> जबुलून की भूमि और नप्ताली की भूमि, +> परन्तु बाद के समय में वह उसे महिमामय, समुद्र के मार्ग पर, यदरन से परे, राष्ट्रों को गलील बना देगा। +> अन्धेरे में चलने वाले लोग ने एक बड़े प्रकाश को देखा है ; +> जो लोग मृत्यु की छाया वाले देश में रहते हैं, उन पर प्रकाश चमक गया। (यशायाह 9: 1-2 यूएलबी) diff --git a/translate/writing-apocalypticwriting/sub-title.md b/translate/writing-apocalypticwriting/sub-title.md new file mode 100644 index 0000000..f9c9e34 --- /dev/null +++ b/translate/writing-apocalypticwriting/sub-title.md @@ -0,0 +1,2 @@ +प्रतीकात्मक अनुवाद क्या है और मैं इसका अनुवाद कैसे करूँ? + diff --git a/translate/writing-apocalypticwriting/title.md b/translate/writing-apocalypticwriting/title.md new file mode 100644 index 0000000..3adf1ca --- /dev/null +++ b/translate/writing-apocalypticwriting/title.md @@ -0,0 +1,2 @@ +प्रतीकात्मक भविष्यद्वाणी + diff --git a/translate/writing-background/01.md b/translate/writing-background/01.md new file mode 100644 index 0000000..db36958 --- /dev/null +++ b/translate/writing-background/01.md @@ -0,0 +1,71 @@ + +### विवरण + +जब लोग एक कहानी को बताते हैं, तो वे सामान्य रूप से घटनाओं को बताते हैं, उनमें क्या घटित हुआ था। घटनाओं का यह अनुक्रम कहानी की कथा को निर्मित करता है। कहानी की कथा सक्रिय क्रियाओं से भरी होती है, जो समय के साथ कहानी को आगे बढ़ाती हैं। परन्तु कभी-कभी एक लेखक कहानी से विराम लगा सकता है और कुछ श्रोताओं को कहानी सुनने में सहायता करने के लिए कुछ जानकारी दे सकता है। + +इस प्रकार की जानकारी को **पृष्ठभूमि की जानकारी कहा जाता है।** पृष्ठभूमि की जानकारी उन बातों के बारे में हो सकती है, जो घटनाओं से पहले हुईं थीं, या यह कहानी में किसी बात को समझा सकती हैं, या यह कुछ ऐसी होंगी जो बहुत बाद में कहानी में घटित होंगी। + +**उदाहरण** - नीचे दी गई कहानी में रेखांकित वाक्य पृष्ठभूमि की पूरी जानकारी हैं। पतरस और यूहन्ना एक शिकार यात्रा पर गए क्योंकि उनके गाँव में अगले दिन एक त्यौहार होने वाला था . पतरस गाँव का सबसे अच्छा शिकारी था। उसने एक बार तीन जंगली सूअरों को मार डाला था! वे जंगली सुअर की आवाज पाने के लिए कम झाड़ियों के मध्य में से घंटों तक चलते रहे। सुअर भाग गया, परन्तु वे सुअर को गोली दागने और उसे मारने में सफल रहे। फिर उन्होंने उसके पैरों को थोड़ी सी रस्सी के साथ बांध लिया जिसे वे अपने साथ लाए थे , और उसे एक लकड़ी पर लटका कर घर ले गए। + +जब वे उसे गाँव में लाए, तो पतरस के चचेरे भाई ने सुअर को देखा और महसूस किया कि यह उसका स्वयं का सुअर था . पतरस ने गलती से उसके अपने चचेरे भाई के सुअर को मार डाला था . पृष्ठभूमि की जानकारी अक्सर ऐसी बात के बारे में बताती है, जो पहले घटित हुई थी या ऐसा ही कुछ बाद में घटित होगा। इनके कुछ उदाहरण ये हैं "उनके गाँव में अगले दिन एक त्योहार होगा" और "उसने एक बार तीन जंगली सूअरों को मार डाला था," "जिसे वे अपने साथ लाए थे," और पतरस ने गलती से अपने स्वयं के चचेरे भाई के सुअर को मार डाला था। + +अक्सर पृष्ठभूमि की जानकारी देने वाली सक्रिय क्रियाएँ "होगा" की अपेक्षा क्रियाओं जैसे "थी" और "थे" का उपयोग करती है। इनके कुछ उदाहरण ये हैं "पतरस गाँव में सबसे अच्छा शिकारी था " और "यह उसका स्वयं का सुअर था।" पृष्ठभूमि की जानकारी को उन शब्दों के साथ भी चिह्नित किया जा सकता है, जो पाठक को बताते हैं कि यह जानकारी कहानी की घटना का भाग नहीं है। इस कहानी में, इनमें से कुछ शब्द "क्योंकि," "एक बार," और "था" इत्यादि है। + +#### एक लेखक पृष्ठभूमि की जानकारी का उपयोग कर सकता है + +* अपने श्रोताओं को कहानी में रुचि रखने में सहायता देने के लिए +* अपने श्रोताओं को कहानी में कुछ समझने में सहायता देने के लिए +* श्रोताओं को समझने में सहायता देने के लिए कि कहानी में कुछ महत्वपूर्ण क्यों है +* एक कहानी की रूपरेखा या पूर्वस्थिति को बताने के लिए +* पूर्वस्थिति में निम्न बातें सम्मिलित होती हैं: +* कहानी कहाँ घटित हुई है +* कहानी कब घटित हुई है +* उस समय कौन उपस्थित है जब कहानी आरम्भ होती है +* कहानी आरम्भ होने पर क्या हो रहा है + +#### इसका कारण यह अनुवाद का एक विषय है + +* भाषाओं की पृष्ठभूमि की जानकारी और कहानी की जानकारी को चिह्नित करने के विभिन्न तरीके होते हैं। +* अनुवादकों को बाइबल में घटनाओं के क्रम को जानने की आवश्यकता होती है, यह जानकारी पृष्ठभूमि की जानकारी, और कहानी की जानकारी होती है। +* अनुवादकों को कहानी को इस तरह से अनुवाद करने की आवश्यकता होती है, जो पृष्ठभूमि की जानकारी को इस तरह से चिह्नित करे कि उसके पाठक घटनाओं के क्रम को समझें, जो जानकारी पृष्ठभूमि की जानकारी, और कहानी की जानकारी होती है। + +### बाइबल से उदाहरण + +> हाजिरा ने अब्राम के पुत्र को जन्म दिया, और अब्राम ने अपने पुत्र का नाम इश्माएल रखा, जिसे हाजिरा ने जन्म दिया था। अब्राम छियासी वर्ष का था जब हाजिरा ने इश्माएल को अब्राम के द्वार जन्म दिया। (उत्पत्ति 16:16 यूएलबी) + +पहला वाक्य दो घटनाओं के बारे में बताता है। हाजिरा ने जन्म दिया और अब्राहम ने अपने पुत्र को नाम दिया। दूसरी वाक्य पृष्ठभूमि की जानकारी देता है, कि जब ये बातें हुईं तब अब्राम कितना बुजुर्ग था। + +> अब स्वयं यीशु, जब उसने सिखाना आरम्भ कर दिया, तो लगभग तीस वर्ष की आयु का था। वह हेली के पुत्र यूसुफ का पुत्र था (जैसा कि माना जाता था)। (लूका 3:23 यूएलबी) + +यह वचन यीशु के बपतिस्मा लेने के बारे में बताए जाने से पहले का है। यह वाक्य यीशु की आयु और पूर्वजों के बारे में पृष्ठभूमि की जानकारी प्रस्तुत करता है। कहानी अध्याय 4 में पुन: आरम्भ होती है, जहाँ यह यीशु के जंगल में जाने के बारे में बताती है। + +> अब यह एक सब्त के दिन हुआ था कि यीशु <गेहूँ के खेतों> में से जा रहा था और उसके शिष्य गेहूँ की बालियाँ तोड़ते हुए , उसे अपने हाथों में रगड़ रहे थे, और गेहूँ को खा रहे थे। परन्तु कुछ फरीसियों ने कहा ... (लूका 6:1-2 ए यूएलबी) + +ये वचन कहानी की पूर्वस्थिति को देते हैं। घटनाएँ सब्त के दिन गेहूँ के खेत में हुईं। यीशु, उसके शिष्य और कुछ फरीसी वहाँ थे, और यीशु के शिष्य गेहूँ की बालियाँ तोड़ रहे थे और उसे खा रहे थे। कहानी में मुख्य कार्यवाही वाक्य के साथ आरम्भ होती है, "परन्तु कुछ फरीसियों ने कहा।" + +### अनुवाद की रणनीतियाँ + +अनुवादों को स्पष्ट और स्वभाविक रखने के लिए आपको अध्ययन करना होगा कि लोग आपकी भाषा में कहानियाँ कैसे बताते हैं। देखें कि आपकी भाषा पृष्ठभूमि की जानकारी कैसे चिह्नित करती है। इसका अध्ययन करने के लिए आपको कुछ कहानियाँ लिखने की आवश्यकता हो सकती है। पृष्ठभूमि की जानकारी के लिए आपकी भाषा किस प्रकार की क्रियाओं का उपयोग करती है और किस प्रकार के शब्द या अन्य चिन्ह्ति संकेत देती हैं कि कोई बात पृष्ठभूमि की जानकारी है। + +जब आप अनुवाद करते हैं, तो इन बातों को उपयोग करें, ताकि आपका अनुवाद स्पष्ट और स्वभाविक हो और लोग इसे आसानी से समझ सकें। + +1. अपनी भाषा में इसे दिखाने के तरीके का उपयोग करें कि कोई जानकारी पृष्ठभूमि की जानकारी है। +1. जानकारी को पुन: व्यवस्थित करें ताकि पहले की घटनाओं का उल्लेख पहले किया जा सके। (पृष्ठभूमि की जानकारी बहुत लम्बी होने पर यह सदैव सम्भव नहीं होता है।) + +### अनुवाद के लिए लागू की गई रणनीतियों के उदाहरण + +1. अपनी भाषा में इसे दिखाने के तरीके का उपयोग करें कि कोई जानकारी पृष्ठभूमि की जानकारी है। नीचे दिए गए उदाहरण बताते हैं कि यह यूएलबी अंग्रेजी अनुवादों में इसे कैसे किया गया था। + +* **अब स्वयं यीशु, जब उसने सिखाना आरम्भ कर दिया, तो लगभग तीस वर्ष की आयु का था। वह हेली के पुत्र यूसुफ के पुत्र था (जैसा माना जाता था)।** (लूका 3:23 यूएलबी) अंग्रेजी "अब" शब्द का उपयोग यह दिखाने के लिए करता है कि कहानी में किसी प्रकार का परिवर्तन है। क्रिया "था" दिखाती है कि यह पृष्ठभूमि की जानकारी है। + +* **कई अन्य उपदेशों के साथ, उसने लोगों को शुभ समाचार का प्रचार किया। यूहन्ना ने चौथाई के राजा हेरोदेस को भी
उसके अपने भाई की पत्नी हेरोदियास के साथ विवाह करने और हेरोदेस की अन्य सभी बुरी बातों के लिए भी ताडना दी . परन्तु फिर हेरोदेस ने एक और बहुत बुरा काम किया। उसने यूहन्ना को जेल में डाल दिया।** (लूका 3:18-20 यूएलबी) यूहन्ना के द्वारा हेरोदेस को ताड़ना देने से पहले रेखांकित वाक्यांश घटित हुए हैं। अंग्रेजी में, सहायता करने वाले क्रिया शब्द "किए थे" में "करना" से पता चलता है कि हेरोदेस ने उन बातों को यूहन्ना के द्वारा ताड़ना देने से पहले किया था। + +1. जानकारी को पुन: व्यवस्थित करें ताकि पहले की घटनाओं का उल्लेख पहले किया जा सके। + +* **हाजिरा ने अब्राम के पुत्र को जन्म दिया, और अब्राम ने अपने पुत्र का नाम इश्माएल रखा, जिसे हाजिरा ने जन्म दिया था। अब्राम छियासी वर्ष का था जब हाजिरा ने इश्माएल को अब्राम के द्वार जन्म दिया था।** (उत्पत्ति 16:16 यूएलबी) + + * " जब अब्राम छियासी वर्ष का था , हाजिरा ने अपने पुत्र को जन्म दिया, और अब्राम ने अपने पुत्र को इश्माएल नाम दिया।" + +* **यूहन्ना ने चौथाई के राजा हेरोदेस को भी उसके अपने भाई की पत्नी हेरोदियास के साथ विवाह करने और हेरोदेस की अन्य सभी बुरी बातों के लिए भी ताडना दी . परन्तु फिर हेरोदेस ने एक और बहुत बुरा काम किया। उसने यूहन्ना को जेल में डाल दिया।** (लूका 3:18-20) - नीचे दिया गया अनुवाद यूहन्ना के विद्रोह और हेरोदेस के कार्यों को दर्शाता है। + + * "अब चौथाई के राजा हेरोदेस ने अपने भाई की पत्नी हेरोदियास से शादी की, और उसने कई अन्य बुरे काम किए, इसलिए यूहन्ना ने उसकी ताड़ना की। परन्तु फिर हेरोदेस ने एक और बहुत बुरा काम किया। उसने यूहन्ना को जेल में डाल दिया।” diff --git a/translate/writing-background/sub-title.md b/translate/writing-background/sub-title.md new file mode 100644 index 0000000..a405898 --- /dev/null +++ b/translate/writing-background/sub-title.md @@ -0,0 +1,2 @@ +पृष्ठभूमि सूचना क्या है और मैं कैसे बताऊँ कि कौनसी सूचनाएँ पृष्ठभूमि सूचनाएँ होती हैं? + diff --git a/translate/writing-background/title.md b/translate/writing-background/title.md new file mode 100644 index 0000000..ed93019 --- /dev/null +++ b/translate/writing-background/title.md @@ -0,0 +1,2 @@ +पृष्ठभूमि का परिचय + diff --git a/translate/writing-connectingwords/01.md b/translate/writing-connectingwords/01.md new file mode 100644 index 0000000..58d067b --- /dev/null +++ b/translate/writing-connectingwords/01.md @@ -0,0 +1,77 @@ + +### विवरण + +**सम्पर्क स्थापित करने वाले शब्द** दिखाते हैं कि विचार अन्य विचारों से कैसे सम्बन्धित हैं। + +उन्हें **समुच्चय बोधक** भी कहा जाता है। + +यह पृष्ठ उन सम्पर्क करने वाले शब्दों को जोड़ने के बारे में है जो कथनों और कथनों के समूहों को एक दूसरों से जोड़ते हैं। शब्दों को जोड़ने के कुछ उदाहरण हैं: और, परन्तु, इसलिए, इस कारण, अब, यदि, केवल, तब से, तब, कब, जबकि, जब भी, क्योंकि, अभी तक, जब तक। + +* वर्षा हो रही थी, इसलिए मैंने अपना छतरी खोला। +* वर्षा हो रही थी, परन्तु मेरे पास छतरी नहीं थी। इस कारण मैं बहुत अधिक भीग गया हूँ। + +कभी-कभी लोग सम्पर्क स्थापित करने वाले शब्द का उपयोग नहीं कर सकते क्योंकि वे पाठकों को सन्दर्भ के कारण विचारों के बीच सम्बन्धों को समझने की अपेक्षा करते हैं। + +* वर्षा हो रही थी। मेरे पास छतरी नहीं थी। मैं बहुत अधिक भीग गया हूँ। + +#### इसका कारण यह अनुवाद का एक विषय है + +* अनुवादकों को बाइबल में एक सम्पर्क स्थापित करने वाले शब्द के अर्थ और जोड़ने वाले विचारों के बीच सम्बन्धों को समझने की आवश्यकता होती है। +* प्रत्येक भाषा में यह दिखाने का अपना तरीका होता है कि विचार कैसे सम्बन्धित हैं। +* अनुवादकों को यह जानने की आवश्यकता है कि कैसे उनके पाठकों को उनकी भाषा में स्वभाविक तरीके से विचारों के बीच में सम्बन्धों को समझने में सहायता करें। + +#### अनुवाद के सिद्धान्त + +* अनुवादकों को इस तरह से अनुवाद करने की आवश्यकता होती है कि पाठक उन विचारों के बीच एक ही सम्बन्ध को समझ सकें जिसे मूल पाठकों ने समझ लिया है। +* सम्पर्क स्थापित करने वाले शब्द का प्रयोग किया जाता है या नहीं, पाठकों के विचारों के बीच सम्बन्धों को समझने में सक्षम होने के लिए महत्वपूर्ण नहीं है। + +### बाइबल से उदाहरण + +> मैंने तुरन्त शरीर और लहू से परामर्श नहीं किया, और न ही मैं उन लोगों के पास यरूशलेम गया जो मेरे सामने प्रेरित हुए थे, परन्तु इसकी अपेक्षा मैं अरब गया और फिर दमिश्क लौट आया। फिर तीन वर्षों बाद मैं कैफा से मुलाकात करने के लिए यरूशलेम गया, और मैं उसके साथ पन्द्रह दिन तक रहा। (गलातियों 1:16-18 यूएलबी) + +शब्द "परन्तु" कुछ ऐसा प्रस्तुत करता है कि जो पहले कहा गया था, यह उससे विरोधाभास प्रगट करता है। यहाँ अन्तर यह है कि पौलुस ने जो किया की तुलना में उसने क्या नहीं किया है। यहाँ "तब" शब्द दमिश्क में लौटने के बाद पौलुस ने कुछ किया था, को परिचित कराता है। + +> इसलिए जो कोई भी इन आदेशों में से किसी एक को भी तोड़ता है और दूसरों को ऐसा करने की शिक्षा देता है, उसे स्वर्ग के राज्य में सबसे छोटा कहा जाएगा। परन्तु जो कोई उनका पालन करता है और उनकी शिक्षा देता है कि उसे स्वर्ग के राज्य में बड़ा कहा जाएगा। +(मत्ती 5:19 यूएलबी) + +"इसलिए" शब्द इस खण्ड को इसके पहले वाले खण्ड से जोड़ता है, यह संकेत देता है कि पहले से आए हुए खण्ड ने इस खण्ड के कारण को दिया था। "इसलिए" सामान्य रूप से एक वाक्य से बड़े खण्डों का आपस में सम्पर्क करता है। शब्द "और" एक ही वाक्य के भीतर दो गितिविधियों को जोड़ता है, जो आज्ञाओं को तोड़ने और दूसरों को शिक्षा देने की हैं। इस वचन में शब्द "परन्तु" विरोधाभास है कि लोगों के एक समूह को परमेश्वर के राज्य में किस प्रकार बुलाया जाएगा के विरोध में लोगों के दूसरे समूह को कैसे बुलाया जाएगा। + +> हम किसी के सामने एक ठोकरें नहीं डालते हैं, क्योंकि हम नहीं चाहते हैं कि हमारी सेवाकाई पर अप्रतिष्ठा आए। इसकी अपेक्षा , हम अपने सभी कार्यों के द्वारा स्वयं को प्रमाणित करते हैं, कि हम परमेश्वर के सेवक हैं।(2 कुरिन्थियों 6:3-4 यूएलबी) + +यहाँ शब्द "क्योंकि" उस खण्ड से पहले जो आया है, के कारण को जोड़ता है; कारण यह है कि पौलुस ठोकरें इसलिए नहीं रखता है, क्योंकि वह नहीं चाहता कि उसकी सेवाकाई पर कोई अप्रतिष्ठा आए। "इसके स्थान पर" जो कुछ पौलुस करता है उसके साथ तुलना (उसके कामों से प्रमाणित करता है कि वह परमेश्वर का सेवक है) उसने जो कहा है उसे वह नहीं करता है (ठोकरें को आगे रखना) से करता है। + +### अनुवाद की रणनीतियाँ + +यदि यूएलबी में विचारों के बीच सम्बन्ध दिखाया गया है, तो स्वभाविक होगा और आपकी भाषा में सही अर्थ देगा, तब तो इसका उपयोग करने पर विचार करें। यदि नहीं, तो यहाँ कुछ अन्य विकल्प दिए गए हैं। + +1. एक सम्पर्क स्थापित करने वाले शब्द का प्रयोग करें (चाहे यूएलबी किसी एक का उपयोग न करे)। +1. एक सम्पर्क स्थापित करने वाले शब्द का उपयोग न करें यदि यह उपयोग करने में असामान्य हो और लोग इसके बिना विचारों के बीच सही सम्बन्धों को समझें। +1. एक भिन्न सम्पर्क स्थापित करने वाले शब्द का प्रयोग करें। + +### अनुवाद के लिए लागू की गई रणनीतियों के उदाहरण + +1. एक सम्पर्क स्थापित करने वाले शब्द का प्रयोग करें (चाहे यूएलबी किसी एक का उपयोग न करे)। + +* **यीशु ने उनसे कहा, "मेरे पीछे आओ, और मैं तुम्हें मनुष्यों के मछुआरे बनाऊँगा।" तुरन्त उन्होंने जाल छोड़े और उसके पीछे चले गए।** (मरकुस 1:17-18 यूएलबी) - वे यीशु का अनुसरण करते हैं क्योंकि उसने उन्हें बताया कि। कुछ अनुवादक इसे "इसलिए" के साथ चिह्नित करना चाहते हैं। + + * यीशु ने उनसे कहा, "मेरे पीछे आओ, और मैं तुम्हें मनुष्यों के मछुआरे बनाऊँगा।" इसलिए तुरन्त उन्होंने जाल छोड़े और उसके पीछे चले गए। + +1. एक सम्पर्क स्थापित करने वाले शब्द का उपयोग न करें यदि इसका उपयोग करना असामान्य होगा और लोग इसके बिना विचारों के बीच सही सम्बन्ध को समझते हैं। + +* **इसलिए जो कोई भी इन आदेशों में से कम से कम एक को तोड़ता है और दूसरों को ऐसा करने की शिक्षा देता है, उसे स्वर्ग के राज्य में सबसे छोटा बुलाया जाएगा। परन्तु जो कोई इनका पालन करता है और इनकी शिक्षा देता है, उसे स्वर्ग के राज्य में सबसे बड़ा कहा जाएगा।** (मत्ती 5:19 यूएलबी) - कुछ भाषाएँ यहाँ सम्पर्क स्थापित करने वाले शब्दों का उपयोग नहीं करना चाहती हैं, क्योंकि उनके बिना अर्थ स्पष्ट है और उनका उपयोग करना अस्वभाविक होगा। वे इस तरह अनुवाद कर सकते हैं: + + * इसलिए जो कोई भी इन आज्ञाओं में से कम से कम एक को तोड़ते हुए, दूसरों को भी ऐसा करने की शिक्षा देता है, उसे स्वर्ग के राज्य में सबसे छोटा बुलाया जाएगा। जो कोई भी उनका पालन करता है और उनकी शिक्षा देता है कि उसे स्वर्ग के राज्य में सबसे बड़ा कहा जाएगा। + +* **मैंने तुरन्त शरीर और लहू से परामर्श नहीं किया, और न ही मैं उन लोगों के पास यरूशलेम गया जो मेरे सामने प्रेरित हुए थे, परन्तु इसकी अपेक्षा मैं अरब गया और फिर दमिश्क लौट आया। फिर तीन वर्षों के बाद मैं कैफा से मुलाकात करने के लिए यरूशलेम गया, और मैं उसके साथ पन्द्रह दिन तक रहा।** (गलातियों 1:16-18 यूएलबी) - कुछ भाषाओं को "परन्तु" या "फिर" शब्दों की आवश्यकता नहीं हो सकती है। + + * मैंने तुरन्त शरीर और लहू से परामर्श नहीं किया, और न ही मैं उन लोगों के पास यरूशलेम गया जो मेरे सामने प्रेरित हुए थे. इसकी अपेक्षा मैं अरब गया और फिर दमिश्क लौट आया। तीन वर्षों के बाद मैं कैफा से मुलाकात करने के लिए यरूशलेम गया, और मैं उसके साथ पन्द्रह दिन तक रहा + +1. एक अलग सम्पर्क स्थापित करने वाले शब्द का प्रयोग करें। + +* ** इसलिएजो कोई भी इन आज्ञाओं में से कम से कम एक को तोड़ते हुए, दूसरों को भी ऐसा करने की शिक्षा देता है, उसे स्वर्ग के राज्य में सबसे छोटा बुलाया जाएगा। < परन्तुजो कोई भी उनका पालन करता है और उनकी शिक्षा देता है कि उसे स्वर्ग के राज्य में सबसे बड़ा कहा जाएगा।** (मत्ती 5:19 यूएलबी) "इसलिए," जैसे किसी शब्द की अपेक्षा किसी एक भाषा में संकेत देने के लिए एक वाक्यांश की आवश्यकता हो सकती है कि इससे पहले एक खण्ड था, जिसने निम्नलिखित खण्ड का कारण दिया। साथ ही, लोगों के दो समूहों के बीच के विपरीत के कारण शब्द "परन्तु" का उपयोग यहाँ किया जाता है। परन्तु कुछ भाषाओं में, शब्द "परन्तु" दिखाएगा कि उसके बाद जो हुआ, वह इसके कारण आश्चर्य की बात है, जो उससे पहले आता है। इसलिए "और" उन भाषाओं के लिए स्पष्ट हो सकता है। + + * इस कारण , जो कोई भी इन आज्ञाओं में से कम से कम एक को तोड़ते हुए, दूसरों को भी ऐसा करने की शिक्षा देता है, उसे स्वर्ग के राज्य में सबसे छोटा बुलाया जाएगा। < औरजो कोई भी उनका पालन करता है और उनकी शिक्षा देता है कि उसे स्वर्ग के राज्य में सबसे बड़ा कहा जाएगा। + +* ** क्योंकि सूबेदार बहुत अधिक शोर के कारण कुछ भी नहीं बता सका, उसने आदेश दिया कि पौलुस को किले में लाया जाए।** (प्रेरितों 21:34 यूएलबी) - वाक्य के पहले भाग को "क्योंकि" आरम्भ करने की अपेक्षा, कुछ अनुवादक वाक्य के दूसरे भाग को "इसलिए" के साथ उसी जैसा सम्बन्ध दिखाने के लिए आरम्भ कर सकते हैं। + + * "सूबेदार बहुत अधिक शोर के कारण कुछ भी नहीं बता सका, इसलिए उसने आदेश दिया कि पौलुस को किले में लाया जाए।" diff --git a/translate/writing-connectingwords/sub-title.md b/translate/writing-connectingwords/sub-title.md new file mode 100644 index 0000000..7f623f3 --- /dev/null +++ b/translate/writing-connectingwords/sub-title.md @@ -0,0 +1,2 @@ +जोड़ने वाले शब्द क्या होते हैं और मैं उनका अनुवाद कैसे करूँ? + diff --git a/translate/writing-connectingwords/title.md b/translate/writing-connectingwords/title.md new file mode 100644 index 0000000..203eaf4 --- /dev/null +++ b/translate/writing-connectingwords/title.md @@ -0,0 +1,2 @@ +जोड़ने वाले शब्द + diff --git a/translate/writing-decisions/01.md b/translate/writing-decisions/01.md new file mode 100644 index 0000000..eddbca8 --- /dev/null +++ b/translate/writing-decisions/01.md @@ -0,0 +1,11 @@ + +### लेखन के बारे में उत्तर देने के लिए महत्वपूर्ण प्रश्न + +जब कोई भाषा पहली बार लिखी जाती है, तो अनुवादक को यह निर्धारित करना होगा कि सभी लिखित भाषाओं की कुछ विशेषताओं को कैसे इंगित किया जाए। ये प्रश्न व्यापक समुदाय को विराम चिह्न, वर्तनी और बाइबल में नामों को लेखन के क्षेत्र में स्थानीय भाषा में लिखने के लिए अनुवादक के द्वारा किए गए कुछ आरम्भिक निर्णयों की समझ प्रदान करेंगे। + +अनुवाद समूह और समुदाय को इसे कैसे करना चाहिए के ऊपर सहमत होना चाहिए। + +* क्या आपकी भाषा में प्रत्यक्ष या उद्धृत वाक्य को चिन्हांकित करने का कोई तरीका है? आप इसे कैसे दिखाते हैं? +* वचन सँख्या, उद्धृत वाक्य और पुराने नियम के उद्धरणों को इंगित करने के लिए आपने किन दिशानिर्देशों का पालन किया है? (क्या आप राष्ट्रीय भाषा की शैली का पालन कर रहे हैं? अपनी भाषा के अनुरूप उपयोग में लाने के लिए आपने किन परिवर्तनों का उपयोग किया है?) +* बाइबल में दिए नामों को लिखने के लिए आपने किन दिशानिर्देशों का पालन किया है? क्या आप राष्ट्रीय भाषा बाइबल में लिखे गए नामों का उपयोग करते हैं? क्या आपके पास अपनी भाषा के दिशानिर्देश हैं कि नामों को कैसे उच्चारण किए जाता है और क्या उन्हें अतिरिक्त शीर्षक की आवश्यकता है? (क्या यह निर्णय समुदाय को स्वीकार्य है?) +* क्या आपने अपनी भाषा के लिए किसी वर्तनी नियमों पर ध्यान दिया है, जिसे आप दूसरों के साथ साझा करना चाहते हैं, जैसे कि किसी शब्द का अपना रूप परिवर्तित हो जाता है या दो शब्द संयोजन को करते हैं? (क्या ये नियम समुदाय को स्वीकार्य हैं?) diff --git a/translate/writing-decisions/sub-title.md b/translate/writing-decisions/sub-title.md new file mode 100644 index 0000000..2d17384 --- /dev/null +++ b/translate/writing-decisions/sub-title.md @@ -0,0 +1,2 @@ +हमारी भाषा को लिखने में हमें कौनसे निर्णय लेने की जरूरत पड़ती है? + diff --git a/translate/writing-decisions/title.md b/translate/writing-decisions/title.md new file mode 100644 index 0000000..1619e91 --- /dev/null +++ b/translate/writing-decisions/title.md @@ -0,0 +1,2 @@ +अपनी भाषाओं को लिखने के निर्णय + diff --git a/translate/writing-endofstory/01.md b/translate/writing-endofstory/01.md new file mode 100644 index 0000000..07f2c89 --- /dev/null +++ b/translate/writing-endofstory/01.md @@ -0,0 +1,50 @@ + +### विवरण + +कहानी के अन्त में विभिन्न प्रकार की जानकारी दी जा सकती है। अक्सर यह पृष्ठभूमि की जानकारी होती है। पृष्ठभूमि की जानकारी यह उन गतिविधियों से अलग होती है जो कहानी के मुख्य भाग को बनाती हैं। बाइबल की एक पुस्तक अक्सर कई छोटी कहानियों से मिलकर बनी होती है, जो एक पुस्तक की बड़ी कहानी का भाग होती हैं। उदाहरण के लिए, लूका की पुस्तक की बड़ी कहानी में यीशु के जन्म की कहानी एक छोटी सी कहानी है। इनमें से प्रत्येक कहानियाँ, चाहे बड़े या छोटे हों, इसके अन्त में पृष्ठभूमि की जानकारी हो सकती है। + +#### कहानी की जानकारी के अन्त के लिए विभिन्न उद्देश्य + +* कहानी को सारांशित करने के लिए +* कहानी में क्या हुआ इसके बारे में एक टिप्पणी देने के लिए +* एक छोटी सी कहानी को बड़ी कहानी से जोड़ने के लिए यह एक भाग है +* पाठक को यह बताने के लिए कहानी के मुख्य भाग के बाद एक विशेष पात्र के साथ क्या घटित होता है +* कहानी के मुख्य भाग के बाद निरन्तर चलने वाली कार्यवाही को बताने के लिए +* कहानी में होने वाली घटनाओं के परिणामस्वरूप कहानी के बाद क्या होता है, यह बताने के लिए + +#### इसका कारण यह अनुवाद का एक विषय है + +विभिन्न भाषाओं में इस प्रकार की जानकारी प्रस्तुत करने के विभिन्न तरीके होते हैं। यदि अनुवादक अपनी भाषा के तरीकों का उपयोग नहीं करते हैं, तो पाठकों को ये बातें पता नहीं हो सकती हैं: + +* यह जानकारी कहानी समाप्त कर रही है +* जानकारी का उद्देश्य क्या है +* जानकारी कहानी से कैसे सम्बन्धित है + + +#### अनुवाद के सिद्धान्त + +* एक कहानी के अन्त में विशेष प्रकार की जानकारी का अनुवाद उस तरह से करें जैसे आपकी भाषा उस जानकारी को व्यक्त करती है। +* इसका अनुवाद करें ताकि लोग समझ सकें कि यह उस कहानी से कैसे सम्बन्धित है, जो उसका भाग है। +* यदि सम्भव हो, तो कहानी के अन्त का अनुवाद इस तरह से करें कि लोगों को पता चले कि कहानी कहाँ समाप्त होती है और अगली कहानी कहाँ से आरम्भ होती है। + +### बाइबल से उदाहरण + +1. कहानी सारांशित करने के लिए + +> तब शेष पुरुषों का जाना चाहिए, कुछ को तख्तों पर, और कुछ को जहाज की अन्य वस्तुओं के ऊपर। इस तरह से ऐसा हुआ कि हम सभी सुरक्षित रूप से भूमि पर आ गए। (प्रेरितों 27:44 यूएलबी) + +1. कहानी में क्या हुआ उसके बारे में एक टिप्पणी देने के लिए + +> जाद की कलाओं का अभ्यास करने वाले बहुत से लोग अपनी पुस्तकें एक साथ लाए और उन्हें सभी के सामने जला दिया। जब उन्होंने उनके मूल्य की गिनती की, तो यह चाँदी के पचास हजार टुकड़े थे। इस तरह परमेश्वर का वचन सामर्थी तरीकों में व्यापक रूप से फैलता चला गया। (प्रेरितों 19:19-20 यूएलबी) + +1. पाठक को यह बताने के लिए कहानी के मुख्य भाग के बाद एक विशेष पात्र के साथ क्या घटित होता है + +> मरियम ने कहा, "मेरी आत्मा प्रभु की स्तुति करती है, और मेरी आत्मा परमेश्वर मेरे उद्धारकर्ता में प्रसन्न होती है ..." मरियम इलीशिबा के साथ तीन महीने तक रुकी और फिर अपने घर लौट आई। (लूका 1:46 -47, 56 यूएलबी) + +1. कहानी के मुख्य भाग के बाद निरन्तर चलने वाली कार्यवाही को बताने के लिए + +> जो लोग यह सुनते थे, कि चरवाहों के द्वारा उनसे जो बात की गई थी, उससे वे आश्चर्यचकित थे। परन्तु मरियम उन सभी बातों के बारे में निरन्तर सोचती रही, जिसे उसने सुना था, उन्हें अपने मन में ही रखा। (लूका 2:18-19 यूएलबी) + +1. कहानी में होने वाली घटनाओं के परिणामस्वरूप कहानी के बाद क्या होता है, यह बताने के लिए + +> "यहूदी कानूनों के शिक्षकों के ऊपर हाय, क्योंकि उन्होंने ज्ञान की कुँजी तो ले ली है, परन्तु वे आप स्वयं प्रवेश नहीं करते हैं, और प्रवेश करने वालों के मार्ग में बाधा डालते हैं।" यीशु के वहाँ जाने के बाद, शास्त्री और फरीसियों ने उसका विरोध किया और कई शब्दों को लेकर उसके साथ तर्क दिया, उसे अपने शब्दों में फंसाने की प्रयास की। (लूका 11:52-54 यूएलबी) diff --git a/translate/writing-endofstory/sub-title.md b/translate/writing-endofstory/sub-title.md new file mode 100644 index 0000000..62a5a8c --- /dev/null +++ b/translate/writing-endofstory/sub-title.md @@ -0,0 +1,2 @@ +एक कहानी के अंत में किस प्रकार की सूचनाएँ दी गर्इ होती हैं? + diff --git a/translate/writing-endofstory/title.md b/translate/writing-endofstory/title.md new file mode 100644 index 0000000..20458b7 --- /dev/null +++ b/translate/writing-endofstory/title.md @@ -0,0 +1,2 @@ +कहानी का अंत + diff --git a/translate/writing-intro/01.md b/translate/writing-intro/01.md new file mode 100644 index 0000000..1e54221 --- /dev/null +++ b/translate/writing-intro/01.md @@ -0,0 +1,54 @@ + +### विवरण + +लेखन कार्य के विभिन्न प्रकार या किस्में होती हैं, और प्रत्येक प्रकार के लेखन का अपना उद्देश्य होता है। क्योंकि ये उद्देश्य भिन्न होते हैं, विभिन्न प्रकार के लेखन कार्य विभिन्न तरीकों से संगठति होते हैं। वे भिन्न क्रियाओं, विभिन्न प्रकार के वाक्यों का उपयोग करते हैं, और उन लोगों और बातों का उल्लेख करते हैं, जिन्हें वे विभिन्न तरीकों से लिखते हैं। ये भिन्नताएँ पाठक को लेखन के उद्देश्य को तुरन्त जानने में सहायता करती हैं, और वे लेखक के अर्थ को सर्वोत्तम तरीके से संचारित करने के लिए काम करते हैं। + +### लेखन कार्य के प्रकार + +लेखन कार्य के निम्नलिखित चार मूल प्रकार हैं, जो प्रत्येक भाषा में विद्यमान होते हैं। प्रत्येक प्रकार के लेखन कार्य का एक अलग उद्देश्य होता है। + +* **कथा** या**[दृष्टांत](../figs-parables/01.md)** - एक कहानी या घटना को बताता है +* **स्पष्टीकरण** - तथ्यों को बताता है या सिद्धान्तों की शिक्षा देता है +* **प्रक्रियात्मक** - बताता है कि कुछ कैसे किया जाए +* **तर्कसंगत** - किसी को कुछ करने के लिए मनाने के लिए प्रयास करता है + +### यह अनुवाद में एक समस्या क्यों है + +प्रत्येक भाषा में विभिन्न प्रकार के लेखन कार्य को संगठित करने का अपना ही तरीका होता है। अनुवादक को उस लेखन कार्य के प्रकार को समझना चाहिए जिसका वह अनुवाद कर रहा है, समझें कि यह स्रोत भाषा में कैसे आयोजन किया जाता है, और यह भी पता होना चाहिए कि उसकी भाषा इस प्रकार के लेखन कार्य को आयोजित कैसे करती है। + +उन्हें लेखन कार्य को उस रूप में रखना होगा जिसे उनकी भाषा उस प्रकार के लेखन कार्य के लिए उपयोग करती है ताकि लोग उसे सही ढंग से समझ सकें। प्रत्येक अनुवाद में, जिस तरह से शब्दों, वाक्यों और अनुच्छेदों की व्यवस्था की जाती है, वे इस बात को प्रभावित करती हैं कि लोग सन्देश को कैसे समझेंगे। + +### लेखन शैली + +लिखने के निम्नलिखित तरीके होते हैं, जो उपरोक्त रूप से चार मूल प्रकारों में मिल सकते हैं। लेखन कार्य की ये शैलियाँ अक्सर अनुवाद में चुनौतियों को प्रस्तुत करती हैं। + +* **[काव्य](../writing-poetry/01.md)** - एक सुन्दर तरीके से विचारों और भावनाओं को व्यक्त करता है +* **[नीतिवचन](../writing-proverbs/01.md)** - संक्षेप में सच या ज्ञान की शिक्षा देता है +* **[प्रतीकात्मक भाषा](../writing-symlanguage/01.md)** - वस्तुओं और घटनाओं का प्रतिनिधित्व करने के लिए प्रतीकों का उपयोग करता है +* **[प्रतीकात्मक भविष्यद्वाणी](../writing-apocalypticwriting/01.md)** - भविष्य में क्या होगा, यह दिखाने के लिए प्रतीकात्मक भाषा का उपयोग करता है +* **[कल्पित स्थितियाँ](../figs-hypo/01.md)** - बताती हैं कि क्या होता यदि कोई बात वास्तविक होती या किसी वस्तु के बारे में भावना व्यक्त करती हैं, जो वास्तविक नहीं हैं + +### व्याख्यान विशेषताएँ + +किसी भाषा में विभिन्न प्रकार के लेखन कार्य के मध्य में भिन्नताओं को उनकी व्याख्यान विशेषताएँ कहा जा सकता है। किसी विशेष मूलपाठ का उद्देश्य इस बात को प्रभावित करेगा कि किस प्रकार की व्याख्यान विशेषताएँ का उपयोग किया गया है। उदाहरण के लिए, एक कथा में, निम्न व्याख्यान विशेषताएँ सम्मिलित होंगी: + +* अन्य घटनाओं से पहले और बाद में होने वाली घटनाओं के बारे में बताएँ +* कहानी में लोगों को प्रस्तुत करना +* कहानी में नई घटनाओं का परिचय +* वार्तालाप और उद्धरणों का उपयोग +* संज्ञाओं या सर्वनामों के साथ लोगों और वस्तुओं का वर्णन करना + +इन भिन्न व्याख्यान विशेषताओं का उपयोग करने के लिए भाषाओं में विभिन्न तरीके होते हैं। अनुवादक को अपनी भाषा में से प्रत्येक भाषा के तरीके का अध्ययन करने की आवश्यकता होगी, ताकि उसका अनुवाद सही सन्देश को स्पष्ट और स्वभाविक तरीके से संचारित कर सके। अन्य प्रकार के लेखन कार्य में अन्य व्याख्यान विशेषताएँ होती हैं। + +### व्याख्यान के विशेष विषय + +1. **[एक नई घटना का परिचय](../writing-newevent/01.md)** - वाक्यांश "एक दिन" या "यह उसके बारे में था" या "इस तरह से हुआ" या "उसके बाद कुछ समय" पाठक को संकेत देता है कि एक नई घटना बताई जा रहा है। +1. **[नए और पुराने प्रतिभागियों का परिचय](../writing-participants/01.md)** - भाषाओं में नए लोगों को प्रस्तुत करने और उन लोगों का वर्णन करने के तरीके होते हैं। +1. **[पृष्ठभूमि की सूचना](../writing-background/01.md)** - एक लेखक पृष्ठभूमि की जानकारी को कई कारणों से उपयोग कर सकता है: + +1) कहानी में रुचि को जोड़ने के लिए, 2) कहानी को समझने के लिए महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान करने के लिए या 3) यह बताने के लिए कि कहानी में कोई बात महत्वपूर्ण क्यों है। + +1. **[सर्वनाम - इन्हें कब उपयोग करें](../writing-pronouns/01.md)** - भाषाओं में पद्धतियाँ होती हैं कि कितनी बार सर्वनाम का उपयोग करना है। यदि उस पद्धतिय का पालन नहीं किया जाता है, तो परिणाम गलत अर्थ हो सकता है। +1. **[कहानी का अन्त](../writing-endofstory/01.md)** - कहानियाँ विभिन्न प्रकार की जानकारी के साथ समाप्त हो सकती हैं। भाषाएँ में इस बात को दिखाने के लिए विभिन्न तरीके हैं कि यह जानकारी कहानी से कैसे सम्बन्धित है। +1. **[उद्धरण और उद्धरण हाशिया](../writing-quotations/01.md)** - भाषाओं में रिपोर्ट करने के विभिन्न तरीके होते हैं, कि किसी ने क्या कहा था। +1. **[सम्पर्क स्थापित करने वाले शब्द](../writing-connectingwords/01.md)** - भाषाओं में सम्पर्क स्थापित करने वाले शब्दों का उपयोग करने के लिए पद्धतियाँ होती हैं (जैसे "और," "परन्तु," या "फिर")। diff --git a/translate/writing-intro/sub-title.md b/translate/writing-intro/sub-title.md new file mode 100644 index 0000000..1bd1497 --- /dev/null +++ b/translate/writing-intro/sub-title.md @@ -0,0 +1,2 @@ +लेखन के विभिé तरीके कौन कौनसे हैं और उनमें कौन कौनसे मुद्दे शामिल हैं? + diff --git a/translate/writing-intro/title.md b/translate/writing-intro/title.md new file mode 100644 index 0000000..3fa9b89 --- /dev/null +++ b/translate/writing-intro/title.md @@ -0,0 +1,2 @@ +लेखन के प्रकार + diff --git a/translate/writing-newevent/01.md b/translate/writing-newevent/01.md new file mode 100644 index 0000000..5b2b8ef --- /dev/null +++ b/translate/writing-newevent/01.md @@ -0,0 +1,90 @@ + +### विवरण + +जब लोग एक कहानी को बताते हैं, तो वे एक घटना या घटनाओं की एक श्रृंखला के बारे में बताते हैं। अक्सर वे कहानी के आरम्भ में कुछ जानकारी को देते हैं, जैसे कि कहानी किसके बारे में है, कब क्या घटित हुआ, और यह कहाँ घटित हुआ था। कहानी का आरम्भ होने से पहले जिन घटनाओं की जानकारी लेखक देता है उसे कहानी की पूर्वस्थिति कहा जाता है। + +एक कहानी में कुछ नई घटनाओं में भी एक पूर्वस्थिति होती है क्योंकि उसमें नए लोग, नए समय और नए स्थान सम्मिलित हो सकते हैं। कुछ भाषाओं में लोग यह भी बताते हैं कि उन्होंने घटना को देखा है या किसी और से इसके बारे में सुना है। जब आपके लोग घटनाओं के बारे में बताते हैं, तो आरम्भ में वे कौन सी जानकारी देते हैं? + +क्या कोई निश्चित क्रम है जिसमें उन्होंने इसे रखा है? आपके अनुवाद में, आपको अपनी भाषा में एक नई कहानी या स्रोत भाषा के तरीके की अपेक्षा एक नई घटना के परिचय को प्रस्तुत करने के लिए दिए गए आरम्भ को उपयोग करने की आवश्यकता होगी। इस तरह आपका अनुवाद स्वभाविक रूप से शुद्ध होगा और आपकी भाषा में स्पष्ट रूप से संचारित करेगा। + +### बाइबल से उदाहरण + +> यहूदिया के राजा, हेरोदेस के दिनों में, जकर्याह नाम का एक विशेष याजक . अबिय्याह के दल से था। उसकी पत्नी हारून की पुत्रियों में से थी, और उसका नाम इलीशिबा था। (लूका 1:5 यूएलबी) + +उपरोक्त वचन जकर्याह के बारे में एक कहानी प्रस्तुत करते हैं। पहला रेखांकित वाक्यांश बताता है कि यह कब घटित हई, और अगले दो रेखांकित वाक्यांश मुख्य लोगों को प्रस्तुत करते हैं। अगले दो वचन बताते हैं कि जकर्याह और इलीशिबा बूढ़े थे और उनके पास कोई बच्चा नहीं था। यह सब पूर्वस्थिति है। + +फिर लूका 1:8 में "एक दिन" वाक्यांश इस कहानी में पहली घटना को प्रस्तुत करने में सहायता करता है: + +> एक दिन जबकि जकर्याह अपने दल की व्यवस्था के अनुसार परमेश्वर के सामने एक याजक के रूप में अपने कर्तव्यों का पालन कर रहा था, याजकों ने अपनी परम्परा का पालन किया और उसे परमेश्वर के मन्दिर में प्रवेश करने और धूप जलाने के लिए चुना। (लूका 1:8-9 यूएलबी) + +> यीशु मसीह का जन्म निम्न तरीके से हुआ। उसकी माता मरियम की यूसुफ के साथ मंगनी हुई थी, परन्तु इससे पहले कि वे एक साथ आते, वह पवित्र आत्मा की ओर से गर्भवती पाई गई। (मत्ती 1:18 यूएलबी) + +ऊपर दिया गया रेखांकित वाक्य यह स्पष्ट करता है कि यीशु के बारे में एक कहानी प्रस्तुत की जा रही है। कहानी बताएगी कि यीशु का जन्म कैसे हुआ। + +> हेरोदेस राजा के दिनों में यहूदिया के बेतलेहेम में यीशु के जन्म के होने के बाद राजा , ने यह जाना कि पूर्व से विद्वान लोग यरूशलेम में पहुंचे हैं, ... (मत्ती 2:1 यूएलबी) + +ऊपर दिए गए रेखांकित वाक्यांश से पता चलता है कि विद्वान पुरुषों से सम्बन्धित घटनाएँ यीशु के जन्म के बाद घटित हुई थीं। + +> उन दिनों में यूहन्ना बपतिस्मा देने वाले यहूदिया के जंगल में प्रचार कर रहा था, ... (मत्ती 3:1-22 यूएलबी) + +ऊपर दिए गए रेखांकित वाक्यांश से पता चलता है कि यूहन्ना बपतिस्मा देने वाले पिछली घटनाओं के समय प्रचार कर रहा था। यह कदाचित् बहुत ही अधिक सामान्य है और यह दर्शाता है कि यीशु नासरत में कब रहता था। + +> तब यीशु गलील से यरदन नदी तक यूहन्ना से बपतिस्मा लेने के लिए आया था। (मत्ती 3:13 यूएलबी) + +"तब" शब्द से पता चलता है कि यीशु पिछले वचनों की घटनाओं के कुछ समय बाद यरदन नदी में आया था। + +> अब वहाँ पर एक फरीसी था जिसका नाम नीकुदेमुस था, जो यहूदी महासभा का सदस्य था . यह व्यक्ति रात के समय यीशु के पास आया (यूहन्ना 3:1-2 यूएलबी) + +लेखक ने पहले नए व्यक्ति को प्रस्तुत किया और फिर बताया कि उसने क्या किया और जब उसने ऐसा कब किया। कुछ भाषाओं में समय को पहला बताना और अधिक स्वभाविक हो सकता है। + +> 6 पृथ्वी पर बाढ़ आने के समय नूह छह सौ वर्ष का था। 7 नूह, उसके पुत्र, उसकी पत्नी और उसके पुत्रों की पत्नियाँ बाढ़ के पानी की कारण एक साथ जहाज में गए। (उत्पत्ति 7:6-7 यूएलबी) + +वचन 6 उन अध्यायों का सारांश है, जो अध्याय 7 के शेष में घटित होती हैं। अध्याय 6 ने पहले ही बता दिया है कि परमेश्वर ने नूह को बताया कि बाढ़ आएगी, और नूह कैसे इसके लिए तैयार हुआ। अध्याय 7 वचन 6 कहानी के उस भाग को प्रस्तुत करता है, जो नूह और उसके परिवार और जहाज में जाने वाले जानवरों, वर्षा आरम्भ होने और वर्षा के पृथ्वी पर बाढ़ के रूप में आने के बारे में बताता है। कुछ भाषाओं को यह स्पष्ट करने की आवश्यकता हो सकती है कि यह वचन घटना मात्र का परिचय देता है, या इस वचन को वचन 7 के बाद ले जाए जाए। वचन 6 कहानी की घटनाओं में से एक नहीं है। बाढ़ आने से पहले लोग जहाज में चले गए थे। + +### अनुवाद की रणनीतियाँ + +यदि किसी नई घटना के आरम्भ में दी गई जानकारी आपके पाठकों के लिए स्पष्ट और स्वाभाविक है, तो उसे अनुवाद करने के लिए विचार करें जैसी यह यूएलबी या यूडीबी में पाई जाती है। यदि नहीं, तो इन रणनीतियों में से एक के ऊपर विचार करें। + +1. उस जानकारी को प्रस्तुत करें जो घटना को उस क्रम में प्रस्तुत करती है, जिसमें आपके लोग इसे रखते हैं। +1. यदि पाठक कुछ निश्चित जानकारी की अपेक्षा करते हैं, परन्तु यह बाइबल में नहीं है, तो उस जानकारी को देने के लिए अनिश्चित शब्द या वाक्यांश का उपयोग करने पर विचार करें, जैसे: "किसी अन्य समय" या "कोई।" +1. यदि परिचय पूरी घटना का सारांश है, तो अपनी भाषा में इसे इस तरह से दिखाने के तरीके का उपयोग करें कि यह सारांश है। +1. यदि आरम्भ में ही घटना का सारांश देना लक्षित भाषा में असामान्य है, तो दिखाएँ कि घटना वास्तव में कहानी में बाद की होगी। + +### अनुवाद के लिए लागू की गई रणनीतियों के उदाहरण + +1. उस जानकारी को प्रस्तुत करें जो घटना को उस क्रम में प्रस्तुत करती है, जिसमें आपके लोग इसे रखते हैं। + +> अब वहाँ पर एक फरीसी था जिसका नाम नीकुदेमुस था, जो यहूदी महासभा का सदस्य था . यह व्यक्ति रात के समय यीशु के पास आया और उससे कहा... (यूहन्ना 3:1,2) + +* एक व्यक्ति जिसका नाम निकुदेमुस था। वह एक फरीसी और यहूदी महसभा का सदस्य था . एक रात वह यीशु के पास आया और उससे कहा ... +* एक रात निकुदेमुस नाम का एक व्यक्ति, जो एक फरीसी था और यहूदी महासभा का सदस्य , यीशु के पास आया और कहा ... + +* **जैसे ही वह वहाँ से पार हुआ, उसने कर संग्रह करने वाले स्थान पर हलफई के पुत्र लेवी को देखा, और उसने उससे कहा ...** (मरकुस 2:14 यूएलबी) + + * जैसे ही वह वहाँ से पार हुआ, उसने कर संग्रह करने वाले स्थान पर हलफई के पुत्र लेवी को देखा। यीशु ने उसे देखा और उससे कहा ... + * जैसे ही वह से होकर निकला, वहाँ एक व्यक्ति कर संग्रह करने वाले स्थान पर बैठा था उसका नाम लेवी था, और वह हलफई का पुत्र था यीशु ने उसे देखा और उससे कहा ... + * जैसे ही से होकर निकलका, उसने वहाँ एक चुँगी लेने वाले को चुँगी इक्ट्टा करने वाले स्थान पर बैठे देखे। उसका नाम लेवी था, और वह हलफई का पुत्र था। यीशु ने उसे देखा और उससे कहा ... + +1. यदि पाठक कुछ निश्चित जानकारी की अपेक्षा करते हैं, परन्तु यह बाइबल में नहीं है, तो उस जानकारी को देने के लिए अनिश्चित शब्द या वाक्यांश का उपयोग करने पर विचार करें, जैसे: "किसी अन्य समय" या "कोई।" + +* ** पृथ्वी पर बाढ़ के आने के समय नूह छः सौ वर्ष का था।** (उत्पत्ति 7:6 यूएलबी) - यदि लोगों नई घटना के बारे में कुछ बताया जाने की अपेक्षा करते है, तो वाक्यांश "उसके बाद" उनकी सहायता कर सकता है, देखें कि यह घटनाओं के पहले ही उल्लेख किया गया है। + + * उसके बाद , जब नूह छह सौ वर्ष का था, तो बाढ़ पृथ्वी पर आई। + +* ** फिर उसने झील के किनारे में सिखाना आरम्भ किया।** (मरकुस 4:1 यूएलबी) - अध्याय 3 में यीशु किसी के घर पर शिक्षा दे रहा था। पाठकों को यह बताने की आवश्यकता हो सकती है कि यह नई घटना किसी अन्य समय पर घटित हुई थी, या यीशु वास्तव में झील में गया था। + + * किसी अन्य समय यीशु ने झील के किनारे में लोगों को पुन: शिक्षा देनी आरम्भ की। + * यीशु झील में गया और लोगों को पुन: वहाँ सिखाना आरम्भ किया। + +1. यदि परिचय पूरी घटना का सारांश है, तो अपनी भाषा में इसे इस तरह से दिखाने के तरीके का उपयोग करें कि यह सारांश है। + +* **पृथ्वी पर बाढ़ आने पर नूह छह सौ वर्ष का था।** (उत्पत्ति 7:6 यूएलबी) + + * अब यह घटित हुआ कि जब नूह छह सौ वर्ष का था और बाढ़ पृथ्वी पर आई थी। + * यह भाग बताता है कि क्या हुआ जब बाढ़ पृथ्वी पर आई थी। ऐसा हुआ जब नूह छह सौ वर्ष का था। + +1. यदि आरम्भ में ही घटना का सारांश देना लक्षित भाषा में असामान्य है, तो दिखाएँ कि घटना वास्तव में कहानी में बाद की होगी। + +* **पृथ्वी पर बाढ़ आने के समय नूह छह सौ वर्ष का था। नूह, उसके पुत्र, उसकी पत्नी और उनके पुत्र की पत्नियाँ बाढ़ के पानी की कारण जहाज में एक साथ गए।** (उत्पत्ति 7:6-7 यूएलबी) + + * अब यह घटित हुआ कि जब नूह छह सौ वर्ष का था। नूह, उसके पुत्र, उनकी पत्नी और उनके पुत्रों की पत्नियाँ एक साथ जहाज में गएक्योंकि परमेश्वर ने कहा था कि बाढ़ का पानी आ जाएगा. diff --git a/translate/writing-newevent/sub-title.md b/translate/writing-newevent/sub-title.md new file mode 100644 index 0000000..e1251d8 --- /dev/null +++ b/translate/writing-newevent/sub-title.md @@ -0,0 +1,2 @@ +एक कहानी में हम एक नर्इ घटना का परिचय कैसे करवाएँ? + diff --git a/translate/writing-newevent/title.md b/translate/writing-newevent/title.md new file mode 100644 index 0000000..5a70305 --- /dev/null +++ b/translate/writing-newevent/title.md @@ -0,0 +1,2 @@ +नर्इ घटनाओं का परिचय + diff --git a/translate/writing-participants/01.md b/translate/writing-participants/01.md new file mode 100644 index 0000000..32658e8 --- /dev/null +++ b/translate/writing-participants/01.md @@ -0,0 +1,73 @@ + +### विवरण + +पहली बार जब किसी कहानी में लोगों या वस्तुओं का उल्लेख किया जाता है, तो वे नए प्रतिभागी होते हैं। उसके बाद, जब भी उनका उल्लेख किया जाता है, वे पुराने प्रतिभागियों होते हैं। + +> अब एक फरीसी था जिसका नाम निकुदेमुस था ... यह व्यक्ति रात के समय यीशु के पास आया ... यीशु ने उसे उत्तर दिया (यूहन्ना 3:1) + +पहला रेखांकित वाक्यांश नीकुदेमुस को एक नए प्रतिभागी के रूप में प्रस्तुत करता है। उसके बाद उसे "यह व्यक्ति" और "उसे" कहा जाता है, तब वह एक पुराना प्रतिभागी होता है। + +#### इसका कारण यह अनुवाद का एक विषय है + +अपने अनुवाद को स्पष्ट और स्वभाविक बनाने के लिए, प्रतिभागियों को इस तरह से सन्दर्भित करना आवश्यक है कि लोगों को पता चले कि वे नए प्रतिभागियों या उन प्रतिभागियों के बारे में जानते हैं, जिन्हें वे पहले से ही पढ़ चुके हैं। विभिन्न भाषाओं में ऐसा करने के विभिन्न तरीके होते हैं। आपको अपनी भाषा उस तरीके का पालन करना चाहिए, न कि जिस तरह से स्रोत भाषा करती है। + +### बाइबल से उदाहरण + +#### नए प्रतिभागी + +अक्सर सबसे महत्वपूर्ण नए प्रतिभागी को एक वाक्यांश के साथ प्रस्तुत किया जाता है, जो कहता है कि वह अस्तित्व में है, जैसे कि "वहाँ एक व्यक्ति था" नीचे दिए गए उदाहरण में। "वहाँ था" वाक्यांश हमें बताता है कि यह व्यक्ति पहले से ही अस्तित्व में था। + +"एक व्यक्ति" शब्द "एक" हमें बताता है कि लेखक पहली बार उसके बारे में बात कर रहा है। शेष वाक्य बताता है कि यह व्यक्ति कहाँ से आया था, उसका परिवार कौन सा था, और उसका नाम क्या था। + +> वहाँ एक व्यक्ति दानियों के परिवार से था, जिसका नाम मानोह था। (न्यायियों 13:2 यूएलबी) + +एक नया प्रतिभागी जो सबसे अधिक महत्वपूर्ण नहीं है, अक्सर उसे पहले से प्रस्तुत किए जाने वाले अधिक महत्वपूर्ण व्यक्ति के सम्बन्ध में प्रस्तुत किया जाता है। नीचे दिए गए उदाहरण में, मानोह की पत्नी को मात्र "उसकी पत्नी" कहा जाता है। यह वाक्यांश उसके साथ उसका सम्बन्ध दिखाता है। + +> वहाँ एक व्यक्ति दानियों के परिवार से था, जिसका नाम मानोह था। उसकी पत्नी गर्भवती होने में सक्षम नहीं थी और इसलिए वह किसी को जन्म नहीं देती। (न्यायियों 13:2 यूएलबी) + +कभी-कभी एक नया प्रतिभागी के नाम से प्रस्तुत किया जाता है, क्योंकि लेखक यह कल्पना करता है कि पाठकों को पता है कि व्यक्ति कौन है। 1 राजा की पहला वचन में, लेखक कल्पना करता है कि उसके पाठकों को पता है कि राजा दाऊद कौन है, इसलिए यह समझाने की कोई आवश्यकता नहीं है कि वह कौन है। + +> जब राजा दाऊद बहुत बूढ़ा हो गया, तो उन्होंने उसे कम्बल से ढका दिया, परन्तु वह गर्म नहीं रह सका। (1 राजा 1:1 यूएलबी) + +#### पुराने प्रतिभागी + +एक व्यक्ति जिसे पहले से ही कहानी में लाया गया था, उसे उसके बाद सर्वनाम के साथ सन्दर्भित किया जा सकता है। नीचे दिए गए उदाहरण में, मानोह को "उसकी" सर्वनाम के साथ सन्दर्भित किया जाता है और उसकी पत्नी को "वह" सर्वनाम के साथ सन्दर्भित किया जाता है। + +> उसकी पत्नी गर्भवती होने में सक्षम नहीं थी और इसलिए वह किसी को जन्म नहीं देती। (न्यायियों 13:2 यूएलबी) + +कहानी में क्या हो रहा है, इस पर निर्भर करते हुए पुराने प्रतिभागियों को अन्य तरीकों से भी सन्दर्भित किया जा सकता है। नीचे दिए गए उदाहरण में, कहानी एक पुत्र को जन्म देने के बारे में है, और मानोह की पत्नी को "स्त्री" संज्ञा वाक्यांश के साथ सन्दर्भित किया जाता है। + +> यहोवा का दूत स्त्री को दिखाई दिया और उससे कहा, (न्यायियों 13:3 यूएलबी) + +यदि पुराने प्रतिभागी का कुछ समय के लिए उल्लेख नहीं किया गया है, या यदि प्रतिभागियों के बीच भ्रम हो सकता है, तो लेखक प्रतिभागी के नाम का पुन: उपयोग कर सकता है। नीचे दिए गए उदाहरण में, मानोह को उसके नाम से सन्दर्भित किया गया है, जिसे लेखक ने वचन 2 के बाद उपयोग नहीं किया है। + +> फिर मानोह ने परमेश्वर से प्रार्थना की ... (न्यायियों 13:8 यूएलबी) + +कुछ भाषाओं में क्रिया के बारे में कुछ ऐसी बात है, जो कर्ता के बारे में कुछ और बताती है। उन भाषाओं में से कुछ लोग सदैव पुराने वाक्यांशों के लिए संज्ञा वाक्यांशों या सर्वनामों का उपयोग नहीं करते हैं, जब वे वाक्य में कर्ता होते हैं। क्रिया पर चिन्ह्ति करना श्रोता के लिए पर्याप्त जानकारी यह समझने के लिए देता है कि कर्ता कौन है। (देखें [Verbs](../figs-verbs/01.md)) + +### अनुवाद की रणनीतियाँ + +1. यदि प्रतिभागी नया है, तो नए प्रतिभागियों को प्रस्तुत करने के लिए अपनी भाषा के तरीकों में से एक का उपयोग करें। +1. यदि यह स्पष्ट नहीं है कि यह सर्वनाम को सन्दर्भित करता है, तो संज्ञा वाक्यांश या नाम का उपयोग करें। +1. यदि किसी पुराने प्रतिभागी को नाम या संज्ञा वाक्यांश के द्वारा सन्दर्भित किया जाता है, और लोग सोचते हैं कि यह एक और नया प्रतिभागी है, तो उसकी अपेक्षा सर्वनाम का उपयोग करने का प्रयास करें। यदि सर्वनाम की आवश्यकता नहीं है, क्योंकि लोग इसे सन्दर्भ से स्पष्ट रूप में समझेंगे, तो सर्वनाम के उपयोग को छोड़ दें। + +### अनुवाद के लिए लागू की गई रणनीतियों के उदाहरण + +1. यदि प्रतिभागी नया है, तो नए प्रतिभागियों को प्रस्तुत करने के लिए अपनी भाषा के तरीकों में से एक का उपयोग करें। + +* **यूसुफ, एक लेवी साइप्रस से था, जिसे प्रेरितों के द्वारा बरनबास नाम दिया गया था (अर्थात्, इसकी व्याख्या, प्रोत्साहन का पुत्र है)।** (प्रेरितों 4:36-37 यूएलबी) - यूसुफ के नाम के साथ वाक्य आरम्भ करना जब उसे परिचित नहीं किया गया है तब कुछ भाषाओं में भ्रम को उत्पन्न कर सकता है। + + * साइप्रस का एक व्यक्ति था, जो लेवी था। उसका नाम यूसुफ था, और उसे प्रेरितों के द्वारा बरनबास नाम दिया गया था (अर्थात्, इसकी व्याख्या, प्रोत्साहन का पुत्र है)। + * साइप्रस से एक लेवी थी, जिसका नाम यूसुफ था। प्रेरितों ने उसे बरनबास नाम दिया, जिसका अर्थ प्रोत्साहन का पुत्र है। + +1. यदि यह स्पष्ट नहीं है कि सर्वनाम को कौन सन्दर्भित कर रह है, तो संज्ञा वाक्यांश या नाम का उपयोग करें। + +* **ऐसा तब हुआ जब उस ने एक निश्चित स्थान पर प्रार्थना करना समाप्त कर दिया, उसके एक शिष्य ने कहा, "हे प्रभु, हमें प्रार्थना करना सिखाएँ जैसे यूहन्ना ने अपने शिष्यों को सिखाई थी।"** (लूका 11:1 यूएलबी) - क्योंकि यह एक अध्याय में पहला वचन है, पाठकों को आश्चर्य हो सकता है कि "उस" किसके सन्दर्भ में है। + + * ऐसा हुआ जब यीशु ने एक निश्चित स्थान पर प्रार्थना करना समाप्त कर दिया, उसके एक शिष्य ने कहा, "हे प्रभु, हमें प्रार्थना करना सिखाएँ जैसे यूहन्ना ने अपने शिष्यों को सिखाई थी। + +1. यदि किसी पुराने प्रतिभागी को नाम या संज्ञा वाक्यांश के द्वारा सन्दर्भित किया जाता है, और लोग सोचते हैं कि यह एक और नया प्रतिभागी है, तो उसकी अपेक्षा सर्वनाम का उपयोग करने का प्रयास करें। यदि सर्वनाम की आवश्यकता नहीं है, क्योंकि लोग इसे सन्दर्भ से स्पष्ट रूप में समझेंगे, तो सर्वनाम के उपयोग को छोड़ दें। + +* ** यूसुफ के स्वामी ने यूसुफ को लिया और उसे जेल में रखा, उस स्थान पर जहाँ राजा के सभी कैदियों को रखा गया था, और यूसुफ वहाँ रहा।** (उत्पत्ति 3 9:20 यूएलबी) - क्योंकि यूसुफ कहानी में मुख्य व्यक्ति है, इसलिए कुछ भाषाओं को इसका अत्याधिक उपयोग अस्वभाविक या भ्रमित करने वाला हो सकता है। वे एक सर्वनाम प्राथमिकता दे सकते हैं। + + * यूसुफ के स्वामी ने उसे लिया और उसे जेल में रखा, उस स्थान पर जहाँ राजा के सभी कैदियों को रखा गया था, और वह वहाँ जेल में रहा। diff --git a/translate/writing-participants/sub-title.md b/translate/writing-participants/sub-title.md new file mode 100644 index 0000000..0bc97cd --- /dev/null +++ b/translate/writing-participants/sub-title.md @@ -0,0 +1,2 @@ +मेरे अनुवाद के पाठक क्यों नही समझ सकते कि लेखक किसके बारे में लिख रहा था? + diff --git a/translate/writing-participants/title.md b/translate/writing-participants/title.md new file mode 100644 index 0000000..c5c1e2b --- /dev/null +++ b/translate/writing-participants/title.md @@ -0,0 +1,2 @@ +नए एवं पुराने सहभागियों का परिचय + diff --git a/translate/writing-poetry/01.md b/translate/writing-poetry/01.md new file mode 100644 index 0000000..e62c2ba --- /dev/null +++ b/translate/writing-poetry/01.md @@ -0,0 +1,109 @@ + +### विवरण + +काव्य उन तरीकों में से एक है, जिसे लोग अपनी बात को निर्मित करने और अधिक सुन्दर तरह से लिखने और दृढ़ भावना को व्यक्त करने के लिए अपनी भाषा के शब्दों और ध्वनियों के लिए उपयोग करते हैं। काव्य के माध्यम से, लोग साधारण गैर-काव्य रूपों के माध्यम से गहरी भावनाओं को संचारित कर सकते हैं। काव्य सत्य के कथनों के लिए अधिक महत्व और औचित्य देता है, जैसे कि कहानियाँ, और इसे सामान्य बात की तुलना में स्मरण रखना भी आसान होता है। + +#### काव्य में कुछ बातें सामान्य रूप से पाई जाती हैं + +* कई अंलकार जैसे [सम्बोधन](../figs-apostrophe/01.md)। +* समान्तर रेखाएँ (देखें [समान्तरतावाद](../figs-parallelism/01.md) और [एक ही अर्थ के साथ समान्तरतावाद]) +* कुछ या सभी पंक्तियों की पुनरावृत्ति +* **उसके सभी स्वर्गदूतों उसकी स्तुति करें; उसके सारे स्वर्गदूतों की सेनाएँ उसकी स्तुति करें। उसकी स्तुति करो, सूर्य और चंद्रमा; सारे चमकते हुए सितारें, उसकी स्तुति करें।** (भजन 148:2-3 यूएलबी) +* एक जैसी लम्बाई वाली पंक्तियाँ। +* **प्रेम धीरज और दयालु होता है; प्रेम ईर्ष्या या घमन्ड नहीं करता है; यह घमन्डी या रूखा नहीं होता है।** (1 कुरिन्थियों 13:4 यूएलबी) +* एक ही ध्वनि अन्त में या दो या दो से अधिक पंक्तियों की आरम्भ करने में उपयोग की जाती है +* "ट्विंकल, ट्विंकल लिटिल स्टार . हाओ आई वन्डर वॉट यू आर .” (एक अंग्रेजी काव्य से) +* एक ही ध्वनि को कई बार दोहराया जाता है +* "पीटर, पीटर, कद्दू ईटर" (एक अंग्रेजी काव्य से) +* पुराने शब्द और अभिव्यक्तियाँ +* नाटकीय चित्रांकन +* व्याकरण के विभिन्न उपयोग – निम्न के साथ: +* अधूरे वाक्य +* समुच्चयबोधक शब्दों की कमी + +#### आपकी भाषा में काव्य की खोज के लिए कुछ स्थान + +1. गाने, विशेष रूप से पुराने गाने या बच्चों के खेल में गानों के उपयोग को किया जाता है +1. धार्मिक समारोह या याजकों या जादू टोना करने वाले डॉक्टरों के मंत्र +1. प्रार्थना, आशीष, और शाप +1. पुरानी किंवदंतियों में + +#### सुरुचिपूर्ण या लच्छेदार भाषा + +सुरुचिपूर्ण या लच्छेदार भाषा काव्य के जैसी होती है, जिसमें सुन्दर भाषा का उपयोग किया जाता है, परन्तु यह काव्य वाली भाषा की सारी विशेषताओं का उपयोग नहीं करती है, और यह उतना उपयोग नहीं करती है, जितना काव्य करता है। + +भाषा में प्रसिद्ध वक्तागण अक्सर सुरुचिपूर्ण भाषा का उपयोग करते हैं, और सम्भवतः यह इस बात की खोज में मूलपाठ का सबसे आसान स्रोत है कि क्या आपकी भाषा को सुरुचिपूर्ण बनाता है। + + +#### इसका कारण यह अनुवाद का एक विषय है: + +* भिन्न भाषाएँ विभिन्न बातों के लिए काव्य का उपयोग करती हैं। + +यदि एक काव्य रूप आपकी भाषा में एक ही अर्थ को संचारित नहीं करता है, तो आपको काव्य के बिना इसे लिखने की आवश्यकता हो सकती है। + +* कुछ भाषाओं में, बाइबल के किसी विशेष भाग के लिए काव्य का उपयोग करना इसे और अधिक सामर्थी बना देगा। + + +### बाइबल से उदाहरण + +बाइबल गाने, शिक्षा और भविष्यद्वाणी के लिए काव्य का उपयोग करती है। पुराना नियम की लगभग सभी पुस्तकों में काव्य पाए जाते हैं और कई पुस्तकें पूरी तरह से काव्यात्मक हैं। + +> तुने मेरे दुःख को देखा; +> तू मेरी आत्मा के संकट को जानता था। (भजन 31:7 यूएलबी) + +[एक जैसे अर्थ के साथ समान्तरतावाद](../figs-synonparallelism/01.md) का यह उदाहरण दो पंक्तियों का है, जो एक ही बात का अर्थ है। + +> यहोवा, राष्ट्रों का न्याय करे; +> हे यहोवा, हे परमप्रधान, मुझे आश्वस्त कर, क्योंकि मैं धर्मी और निर्दोष हूँ। + +समान्तरतावाद का यह उदाहरण दिखाता है कि दाऊद परमेश्वर से क्या करना चाहता है और वह क्या चाहता है कि वह परमेश्वर को अनैतिक राष्ट्रों के साथ क्या करना चाहिए। (देखें [समान्तरतावाद](../figs-synonparallelism/01.md)) + +> अपने दास को भी घमण्ड के पापों से बचा; +> उन्हें मुझ पर शासन न करने दें। (भजन 19:13 यूएलबी) + +व्यक्तित्ववाद का यह उदाहरण पापों की बात करता है, मानो कि वे किसी व्यक्ति के ऊपर शासन कर सकते हैं। (देखें [[व्यक्तित्व](../figs-parallelism/01.md)) + +> ओह, यहोवा का धन्यवाद करो; क्योंकि वह अच्छा है, क्योंकि उसकी वाचा की विश्वासयोग्यता सदैव के लिए बनी रहती है। +> ओह, ईश्वरों के परमेश्वर का धन्यवाद करो, क्योंकि उसकी वाचा की विश्वासयोग्यता सदैव बनी रहती है। +> ओह, प्रभुओं के परमेश्वर का धन्यवाद करो, क्योंकि उसकी वाचा की विश्वासयोग्यता सदैव के लिए बनी रहती है। (भजन 136:1-3 यूएलबी) + +यह उदाहरण "धन्यवाद देना" वाक्यांशों को दोहराता है और "उसकी वाचा की विश्वासयोग्यता सदैव के लिए बनी रहती है।" + +### अनुवाद की रणनीतियाँ + +यदि स्रोत मूलपाठ में उपयोग की जाने वाली वचन की शैली स्वभाविक है और आपकी भाषा में सही अर्थ देती, तो इसका उपयोग करने पर विचार करें। यदि नहीं, तो इसका अनुवाद करने के कुछ अन्य तरीके यहाँ दिए गए हैं। + +1. वचन की अपनी शैलियों में से एक का उपयोग करके काव्य का अनुवाद करें। +1. सुरुचिपूर्ण भाषा की अपनी शैली का उपयोग कर काव्य का अनुवाद करें। +1. सामान्य भाषा की अपनी शैली का उपयोग करके काव्य का अनुवाद करें। यदि आप काव्य का उपयोग करते हैं तो यह अधिक सुन्दर हो सकता है। यदि आप सामान्य भाषा का उपयोग करते हैं तो यह अधिक स्पष्ट हो सकता है। + +### अनुवाद के लिए लागू की गई रणनीतियों के उदाहरण + +> **धन्य वह व्यक्ति है जो दुष्टों के परामर्श में नहीं चलता है, +> या पापियों के साथ रास्ते में खड़े नहीं होता, +> या ठट्ठा करने वालों की संगति में नहीं बैठता। +> परन्तु उसका आनन्द यहोवा के नियम में है, +> और उसके कानून पर वह दिन और रात ध्यान करता रहता है।** (भजन 1:1,2 यूएलबी) + +निम्नलिखित उदाहरण हैं कि लोग कैसे भजन 1:1,2 का अनुवाद कर सकते हैं। + +1) काव्य की अपनी शैलियों का उपयोग करके काव्य का अनुवाद करें। (इस उदाहरण में शैली में ऐसे शब्द होते हैं, जो प्रत्येक पंक्ति के अन्त में एक जैसे ही होते हैं।) + +> "धन्य है वह व्यक्ति जो पाप करने के लिए प्रोत्साहित नहीं किया जाता है +> परमेश्वर के लिए अपमान क कार्य वह आरम्भ नहीं करेगा +> उन लोगों के साथ जो परमेश्वर पर हँसते हैं, वह कोई सम्बन्ध नहींरखता है +> परमेश्वर ही उसकी निरन्तर प्रसन्नता है +> वह वही करता है, जिसे परमेश्वर कहता है कि सही है +> वह इसके विषय में पूरे दिन और रात सोचता है + +1) सुरुचिपूर्ण भाषा की अपनी शैली का उपयोग कर काव्य का अनुवाद करें। + +* यह वही व्यक्ति है, जो वास्तव में धन्य है: वह जो दुष्ट लोगों के परामर्श का पालन नहीं करता है, या पापियों से बात करने के लिए सड़क के किनारे नहीं रुकता है, या उन लोगों की सभा में सम्मिलित नहीं होता है, जो परमेश्वर का ठट्ठा करते हैं। + +इसकी अपेक्षा वह यहोवा के नियम में बहुत अधिक आनन्द लेता है, और वह दिन-रात उस ही पर ध्यान करता रहता है। + +1) सामान्य भाषा की अपनी शैली का उपयोग करके काव्य का अनुवाद करें। + +* जो लोग बुरे लोगों का परामर्श नहीं सुनते वे वास्तव में आनन्दित होते हैं। + +वे उन लोगों के साथ समय नहीं बिताते हैं, जो लगातार बुरी बातें करते हैं या उन लोगों के साथ जो परमेश्वर का सम्मान नहीं करते हैं। वे यहोवा के नियमों का पालन करना पसन्द करते हैं, और वे हर समय इसके बारे में सोचते रहते हैं। diff --git a/translate/writing-poetry/sub-title.md b/translate/writing-poetry/sub-title.md new file mode 100644 index 0000000..e6907f4 --- /dev/null +++ b/translate/writing-poetry/sub-title.md @@ -0,0 +1,2 @@ +काव्य क्या है और मैं उनका अनुवाद अपनी भाषा में कैसे करूँ? + diff --git a/translate/writing-poetry/title.md b/translate/writing-poetry/title.md new file mode 100644 index 0000000..6645ba1 --- /dev/null +++ b/translate/writing-poetry/title.md @@ -0,0 +1,2 @@ +काव्य + diff --git a/translate/writing-pronouns/01.md b/translate/writing-pronouns/01.md new file mode 100644 index 0000000..af6e8a5 --- /dev/null +++ b/translate/writing-pronouns/01.md @@ -0,0 +1,61 @@ + +### विवरण + +जब हम बात करते हैं या लिखते हैं, तो हम संज्ञा या नाम को दोहराए बिना लोगों या वस्तुओं को सन्दर्भित करने के लिए सर्वनाम का उपयोग करते हैं। सामान्य रूप से पहली बार जब हम किसी कहानी में किसी को सन्दर्भित करते हैं, तो हम एक वर्णनात्मक वाक्यांश या नाम का उपयोग करते हैं। अगली बार हम उस व्यक्ति को साधारण संज्ञा या नाम से सन्दर्भित कर सकते हैं। उसके बाद हम उसे केवल सर्वनाम के साथ सन्दर्भित कर सकते हैं, जब हम सोचते हैं कि हमारे श्रोतागण उसे आसानी से समझने में सक्षम हो जाएगा जिसके लिए सर्वनाम सन्दर्भित किया गया है। + +> अब वहाँ पर एक फरीसी था जिसका नाम नीकुदेमुस था, जो यहूदी महसभा का सदस्य था . यह व्यक्ति यीशु के पास आया ... यीशु ने उसे उत्तर दिया (यूहन्ना 3:1-3 यूएलबी) + +यूहन्ना 3 में, नीकुदेमुस को सबसे पहले संज्ञा वाक्यांशों और उसके नाम से सन्दर्भित किया जाता है। फिर उसे संज्ञा वाक्यांश "यह व्यक्ति" के साथ सन्दर्भित किया जाता है। फिर उसे सर्वनाम "उसे" के साथ सन्दर्भित किया जाता है। प्रत्येक भाषा में लोगों और वस्तुओं का वर्णन करने के इस सामान्य तरीके में इसके लिए नियम और अपवाद होते हैं। + +* कुछ भाषाओं में पहली बार किसी अनुच्छेद या अध्याय में कुछ सन्दर्भित किया जाता है, तो इसे सर्वनाम की अपेक्षा संज्ञा के साथ सन्दर्भित किया जाता है। +* **मुख्य पात्र** वह व्यक्ति होता है, जिसके बारे में एक कहानी होती है। कुछ भाषाओं में, एक कहानी में एक मुख्य चरित्र को प्रस्तुत किए जाने के बाद, उसे सामान्य रूप से सर्वनाम के साथ सन्दर्भित किया जाता है। कुछ भाषाओं में विशेष सर्वनाम होते हैं, जो केवल मुख्य चरित्र को सन्दर्भित करते हैं। +* कुछ भाषाओं में, क्रिया को चिन्ह्ति करने से लोगों को पता चलता है कि कर्ता कौन है। (देखें [[क्रियाएँ] (figs-क्रियाएँ)) इनमें से कुछ भाषाओं में, श्रोतागण इस चिन्ह के ऊपर भरोसा करते हैं कि उन्हें यह समझने में सहायता मिलती है कि कर्ता कौन है, और वक्तागण केवल सर्वनाम, संज्ञा वाक्यांश या नाम का उपयोग करते हैं, जब वे जोर देना चाहते हैं या स्पष्ट करना चाहते हैं कि कर्ता कौन है। + +#### इसका कारण यह अनुवाद का एक विषय है + +* यदि अनुवादक अपनी भाषा के लिए गलत समय पर सर्वनाम का उपयोग करते हैं, तो पाठकों को पता नहीं लग सकता कि लेखक किसके बारे में बात कर रहा है। +* यदि अनुवादक निरन्तर नाम से मुख्य चरित्र का सन्दर्भ लेते हैं, तो कुछ भाषाओं के श्रोताओं को यह नहीं पता चल सकता है कि व्यक्ति एक मुख्य चरित्र है, या वे सोच सकते हैं कि एक ही नाम के साथ एक नया चरित्र दिया गया है। +* यदि अनुवादक गलत समय पर सर्वनाम, संज्ञाएं या नाम का उपयोग करते हैं, तो लोग सोच सकते हैं कि उस व्यक्ति या वस्तु पर कुछ विशेष जोर दिया गया है, जो इसके लिए सन्दर्भित की गई है। + +### बाइबल से उदाहरण + +नीचे दिया गया उदाहरण एक अध्याय के आरम्भ में आता है। कुछ भाषाओं में यह स्पष्ट नहीं हो सकता है कि सर्वनाम किसके सन्दर्भ में हैं। + +> फिर यीशु यहूदी आराधनालय में चला गया, और सूखे हाथ वाला एक व्यक्ति वहाँ था। उन्होंने उसे देखा कि कहीं वह सब्त के दिन तो उसे चंगा नहीं करता है। (मरकुस 3:1-2 यूएलबी) + +नीचे दिए गए उदाहरण में, दो पुरुषों को पहले वाक्य में ही बताया गया है। यह स्पष्ट नहीं हो सकता है कि दूसरे वाक्य में "वह" किसको सन्दर्भित करता है। + +> अब कुछ दिनों के बाद, राजा अग्रिप्पा और बिरनीके फेस्तुस से आधिकारिक मुलाकात करने के लिए कैसरिया पहुंचे। इसके बाद वह कई दिनों तक वहाँ रहा था, फेस्तुस ने पौलुस के मुकद्दमे को राजा के सामने प्रस्तुत किया ... (प्रेरितों 25:13-14 यूएलबी) + +यीशु मत्ती की पुस्तक का मुख्य पात्र है, परन्तु नीचे वचनों में उस नाम के साथ चार बार सन्दर्भित किया जाता है। यह कुछ भाषाओं के वक्ताओं को यह सोचने के लिए प्रेरित कर सकता है कि यीशु मुख्य पात्र नहीं है। या यह उन्हें यह सोचने के लिए प्रेरित कर सकता है कि इस कहानी में यीशु के नाम के एक से अधिक व्यक्ति हैं। या यह उन्हें यह सोचने के लिए प्रेरित कर सकता है कि उस पर किसी प्रकार का दबाव है, चाहे वहाँ पर कोई दबाव नहीं हो। + +> उस समय यीशु सब्त के दिन गेहूँ के खेतों में से होकर जा रहा था।उसके शिष्य भूखे थे और उन्होंने गेहूँ की बालियाँ तोड़नी आरम्भ की और उन्हें खा लिया। परन्तु जब फरीसियों ने यह देखा, तो उन्होंने कहा, "यीशु> ," देख, तेरे शिष्य उस कार्य को करते हैं, जो सब्त के दिन करना गैरकानूनी है।” +> परन्तु यीशु ने उनसे कहा, "क्या तुमने कभी नहीं पढ़ा कि दाऊद, और उसके साथ रहने वाले पुरुष ने क्या किया था, जब वे भूखे थे?..." +> फिर यीशु वहाँ से चला गया और उनके यहूदी आराधनालय में गया। (मत्ती 12:1-9 यूएलबी) + +### अनुवाद की रणनीतियाँ + +1. यदि यह आपके पाठकों को स्पष्ट नहीं है कि सर्वनाम कौन या किस को सन्दर्भित करता है, तो संज्ञा या नाम का उपयोग करें। +1. यदि संज्ञा या नाम दोहराना लोगों को यह सोचने के लिए प्रेरित करता है कि मुख्य पात्र मुख्य पात्र नहीं है, या लेखक उस नाम के साथ एक से अधिक व्यक्तियों के बारे में बात कर रहा है, या कोई और है, या यह कि किसी पर कोई दबाब है, जबकि वहाँ पर किसी के ऊपर कोई दबाब नहीं है, तो इसकी अपेक्षा एक सर्वनाम का उपयोग करें। + +### अनुवाद के लिए लागू की गई रणनीतियों के उदाहरण + +1. यदि यह आपके पाठकों को स्पष्ट नहीं है कि सर्वनाम कौन या किस को सन्दर्भित करता है, तो संज्ञा या नाम का उपयोग करें। + +* **फिर यीशु यहूदी आराधनालय में चला गया, और सूखे हाथ वाला एक व्यक्ति वहाँ था। उन्होंने उसे देखा कि कहीं वह सब्त के दिन तो उसे चंगा तो नहीं करता है।** (मरकुस 3:1- 2 यूएलबी) + + * एक बार फिर से यीशु यहूदी आराधनालय में चला गया, और सूखे हाथ वाला एक व्यक्ति वहाँ था। कुछ फरीसियों ने यीशु को देखा कि कहीं वह सब्त के दिन उसे चंगा तो नहीं करता है। (मरकुस 3:1-2 यूडीबी) + +1. यदि संज्ञा या नाम दोहराना लोगों को यह सोचने के लिए प्रेरित करता है कि मुख्य पात्र मुख्य पात्र नहीं है, या लेखक उस नाम के साथ एक से अधिक व्यक्तियों के बारे में बात कर रहा है, या कोई और है, या यह कि किसी पर कोई दबाब है, जबकि वहाँ पर किसी के ऊपर कोई दबाब नहीं है, तो इसकी अपेक्षा एक सर्वनाम का उपयोग करें। + +* **उस समय यीशु सब्त के दिन गेहूँ के खेतों में से होकर जा रहा था।उसके शिष्य भूखे थे और उन्होंने गेहूँ की बालियाँ तोड़नी आरम्भ की और उन्हें खा लिया। परन्तु जब फरीसियों ने यह देखा, तो उन्होंने कहा, "यीशु> ," देख, तेरे शिष्य उस कार्य को करते हैं, जो सब्त के दिन करना गैरकानूनी है।”** + +* **परन्तु यीशु ने उनसे कहा, "क्या तुमने कभी नहीं पढ़ा कि दाऊद, और उसके साथ रहने वाले पुरुष ने क्या किया था, जब वे भूखे थे?...** + +* **फिर यीशु वहाँ से चला गया और उनके यहूदी आराधनालय में गया।** + +इस प्रकार अनुवाद किया जा सकता है: + +> उस समय यीशु सब्त के दिन गेहूँ के खेतों में से होकर जा रहा था। उसके शिष्य भूखे थे और गेहूँ की बालियाँ तोड़नी आरम्भ की और उन्हें खा लिया। परन्तु जब फरीसियों ने यह देखा, तो उन्होंने, "उस," से कहा, देखे, तेरे शिष्य उस कार्य को करते हैं, जो सब्त के दिन करना गैरकानूनी है। +> परन्तु उसने उनसे कहा, "क्या आपने कभी नहीं पढ़ा कि दाऊद, और उसके साथ रहने वाले पुरुष ने क्या किया था, जब वह भूखा था? ... +> फिर वह वहाँ से चला गया और उनके यहूदी आराधनालय में गए। diff --git a/translate/writing-pronouns/sub-title.md b/translate/writing-pronouns/sub-title.md new file mode 100644 index 0000000..7579c4d --- /dev/null +++ b/translate/writing-pronouns/sub-title.md @@ -0,0 +1,2 @@ +मैं कैसे निर्णय लूँ कि सर्वनाम का उपयोग करूँ या नही? + diff --git a/translate/writing-pronouns/title.md b/translate/writing-pronouns/title.md new file mode 100644 index 0000000..8bc91d1 --- /dev/null +++ b/translate/writing-pronouns/title.md @@ -0,0 +1,2 @@ +सर्वनाम - उनका कब उपयोग करें + diff --git a/translate/writing-proverbs/01.md b/translate/writing-proverbs/01.md new file mode 100644 index 0000000..e5758e9 --- /dev/null +++ b/translate/writing-proverbs/01.md @@ -0,0 +1,85 @@ + +### विवरण + +नीतिवचन छोटी कहावतें होती हैं, जो ज्ञान देती या सत्य को सिखाती हैं। लोग नीतिवचनों का आनन्द लेते हैं, क्योंकि वे कुछ शब्दों में बहुत अधिक ज्ञान देते हैं। बाइबल में नीतिवचन अक्सर रूपक और समान्तरतावाद का उपयोग करते हैं। + +> घृणा संघर्ष को प्रेरित करता है, +> परन्तु प्रेम सभी अपराधों को ढक लेता है। (नीतिवचन 10:12 यूएलबी) + +नीतिवचन से एक और उदाहरण। + +> चींटी को देख, हे आलसी व्यक्ति, उसके तरीके पर विचार करें, और बुद्धिमान बन। +> इसमें कोई सेनापति, अधिकारी या शासक नहीं होता है, +> फिर भी यह गर्मियों में अपना भोजन तैयार करती है, +> और कटनी के समय यह क्या खाएगी को भण्डार कर लेती है। (नीतिवचन 6:6-8 यूएलबी) + +#### इसका कारण यह अनुवाद का एक विषय है + +प्रत्येक भाषा में नीतिवचनों को कहने का अपना ही तरीका होता है। बाइबल में कई नीतिवचन पाए जाते हैं। उन्हें इस तरीके से अनुवाद करने की आवश्यकता होती है, जैसे लोग आपकी भाषा में नीतिवचन कहते हैं, ताकि लोग उन्हें नीतिवचनों के रूप में पहचान सकें और समझ सकें कि वे क्या सिखाते हैं। + +### बाइबल से उदाहरण + +> बड़े धन की तुलना में अच्छे नाम का चुनाव करना भला है, +> और चाँदी और सोने की तुलना में कृपा सर्वोत्तम है। (नीतिवचन 22:1 यूएलबी) + +इसका अर्थ यह है कि एक अच्छा व्यक्ति होना और अच्छी प्रतिष्ठा सर्वोत्तम बात है इसकी तुलना में कि बहुत अधिक पैसा हो। + +> जैसे आंखों में धुँए और दांतों में सिरका होता है, +> वैसे आलसी उनके लिए होता जो उसे भेजते हैं। (नीतिवचन 10:26 यूएलबी) + +इसका अर्थ है कि आलसी व्यक्ति उन लोगों को बहुत अधिक परेशान करता है, जो उसे कुछ करने के लिए भेजते हैं। + +> यहोवा का मार्ग उन लोगों की रक्षा करता है, जिनके पास ईमानदारी होती है, +> परन्तु यह दुष्टों के लिए विनाश होता है। (नीतिवचन 10:29 यूएलबी) + +इसका अर्थ है कि यहोवा उन लोगों की रक्षा करता है, जो सही काम करते हैं, परन्तु वह दुष्टों को नष्ट कर देता है। + +### अनुवाद की रणनीतियाँ + +यदि एक नीतिवचन का अनुवाद शाब्दिक रूप से स्वभाविक होगा और आपकी भाषा में सही अर्थ देगा, तो ऐसा करने पर विचार करें। यदि नहीं, तो यहाँ कुछ विकल्प दिए गए हैं: + +1. जानें कि लोग आपकी भाषा में नीतिवचन कैसे कहते हैं, और उन तरीकों में से एक का उपयोग करें। +1. यदि आपकी भाषा समूह के कई लोगों को नीतिवचनों की कुछ बातें ज्ञात नहीं हैं, तो उन्हें उन बातों के साथ परिवर्तित करने पर विचार करें जिन्हें लोग जानते हैं और उसमें जिसमें यह आपकी भाषा में कार्य करती हैं। +1. अपनी भाषा से एक नीतिवचन को चुनें जिसमें बाइबल में दिए हुए नीतिवचन के जैसे शिक्षा पाई जाती। +1. वही शिक्षा दें परन्तु एक नीतिवचन के रूप में नहीं। + +### अनुवाद के लिए लागू की गई रणनीतियों के उदाहरण + +1. जानें कि लोग आपकी भाषा में नीतिवचनों कैसे कहते हैं, और उन तरीकों में से एक का उपयोग करें। + +* **बड़े धन की तुलना में अच्छे नाम का चुनाव करना भला है,,** + +**और चाँदी और सोने की तुलना में कृपा सर्वोत्तम है।** (नीतिवचन 22:1 यूएलबी) + +यहाँ पर कुछ विचार दिए गए हैं, जिनके उपयोग से लोग अपनी भाषा में एक नीतिवचन कह सकते हैं। + +* बड़े धन को पाने की तुलना में अच्छा नाम पाना सर्वोत्तम है, और चाँदी और सोने की तुलना लोगों के द्वारा की कृपा पाना सर्वोत्तम है। +* बुद्धिमान लोग बड़े धन के स्थान पर अच्छा नाम चुनते हैं, और चाँदी और सोने के स्थान पर कृपा को चुनते हैं। +* बड़े धन की अपेक्षा अच्छी प्रतिष्ठा पाने का प्रयास करें। +* क्या धन वास्तव में आपकी सहायता करेगा? + +इसकी अपेक्षा मैं अच्छी प्रतिष्ठा की चाह करूँगा। + +1. यदि आपकी भाषा समूह के कई लोगों को नीतिवचनों की कुछ बातें ज्ञात नहीं हैं, तो उन्हें उन बातों के साथ परिवर्तित करने पर विचार करें जिन्हें लोग जानते हैं और उसमें जिसमें यह आपकी भाषा में कार्य करती हैं। + +* **जैसे गर्मियों में बर्फ या फसल में वर्षा,** + +**वैसे ही मूर्ख सम्मान के योग्य नहीं है।** (नीतिवचन 26:1 यूएलबी) + +* ठण्डी हवा के लिए गर्मी की ऋतु में बहना स्वभाविक नहीं है या फसल की ऋतु में वर्षा का होना स्वभाविक नहीं है; और वैसे ही मूर्ख व्यक्ति का सम्मान करना स्वाभाविक नहीं होता है। + +1. अपनी भाषा से एक नीतिवचन को चुनें जिसमें बाइबल में दिए हुए नीतिवचन के जैसे शिक्षा पाई जाती। + +* **कल के बारे में घमण्ड न करो** (नीतिवचन 27:1 यूएलबी) + + * अनिश्चित वस्तुओं के आधार पर कोई योजना न बनाएँ। + +1. उसी शिक्षा को दें परन्तु एक नीतिवचन के रूप में नहीं। + +* **एक पीढ़ी जो अपने पिता को श्राप देती है और अपनी माता को आशीष नहीं देती है,** + +**यह एक ऐसी पीढ़ी है जो अपनी आंखों में शुद्ध है,** + +**परन्तु वे अपनी गन्दगी से नहीं धोए गई है।** (नीतिवचन 30:11-12 यूएलबी) + +* जो लोग अपने माता-पिता का सम्मान नहीं करते वे सोचते हैं कि वे धर्मी हैं, और वे अपने पाप से मुड़ने नहीं हैं। diff --git a/translate/writing-proverbs/sub-title.md b/translate/writing-proverbs/sub-title.md new file mode 100644 index 0000000..2d3a39f --- /dev/null +++ b/translate/writing-proverbs/sub-title.md @@ -0,0 +1,2 @@ +लोकोक्ति क्या होती हैं और मैं उनका अनुवाद कैसे करूँ? + diff --git a/translate/writing-proverbs/title.md b/translate/writing-proverbs/title.md new file mode 100644 index 0000000..25bcd57 --- /dev/null +++ b/translate/writing-proverbs/title.md @@ -0,0 +1,2 @@ +लोकोक्तियाँ + diff --git a/translate/writing-quotations/01.md b/translate/writing-quotations/01.md new file mode 100644 index 0000000..b644dcc --- /dev/null +++ b/translate/writing-quotations/01.md @@ -0,0 +1,66 @@ + +### विवरण + +जब यह कहना कि किसी ने कुछ कहा है, तो हम अक्सर यह बताते हैं कि किन्होंने बात की, किसके साथ उन्होंने बात की, और उन्होंने क्या कहा। किसने बात की और किसके साथ बात की, इस बारे में जानकारी को **उद्धरण हाशिया** कहा जाता है। व्यक्ति ने क्या कहा **उद्धरण** है। (इसे हवाला भी कहा जाता है।) + +कुछ भाषाओं में उद्धरण हाशिया उद्धरण के दो भागों के बीच पहले, अन्तिम या यहाँ तक ​​कि बीच में आ सकता है। उद्धरण हाशिया नीचे रेखांकित हैं। + +* उसने कहा , "भोजन तैयार है। आ जाओ और खाओ।" +* "भोजन तैयार है। आ जाओ और खाओ, " उसने कहा . +* "भोजन तैयार है," उसने कहा। "आ जाओ और खाओ।" कुछ भाषाओं में, उद्धरण हाशिया में एक से अधिक क्रिया हो सकती है, जिसका अर्थ "कहा" से है। + +> परन्तु उसकी माता ने उत्तर दिया और कहा , "नहीं, इसकी अपेक्षा उसे यूहन्ना कहा जाएगा।" (लूका 1:60 यूएलबी) + +जब यह लिखना होता है कि किसी ने किसी ने कुछ कहा है, तो कुछ भाषाओं में उल्टे कौमा ("") नामक उद्धरण चिह्नों में उद्धरण (क्या कहा गया) को लिखा जाता है। कुछ भाषा उद्धरण के चारों ओर अन्य तरह के प्रतीकों का उपयोग करती हैं, जैसे कि इन कोण उद्धरण चिह्न («»), या कुछ और। + + +#### इसका कारण यह अनुवाद का एक विषय है + +* अनुवादकों को उद्धरण हाशिया डालना की आवश्यकता होगी जहाँ यह उनकी भाषा में सबसे अधिक स्पष्ट और स्वभाविक है। +* अनुवादकों को यह निर्धारित करने की आवश्यकता है कि क्या वे उद्धरण हाशिए में एक या दो क्रियाएँ चाहते हैं जिसका अर्थ है "कहा" से है। +* अनुवादकों को यह निर्धारित करने की आवश्यकता है कि उद्धरण के आसपास कौन से अंक उपयोग करें। + +### बाइबल से उदाहरण + +#### उद्धरण से पहले उद्धरण हाशिया + +> जकर्याह ने स्वर्गदूत से कहा , "मुझे कैसे पता चलेगा कि यह होगा? क्योंकि मैं बूढ़ा व्यक्ति हूँ, और मेरी पत्नी भी बहुत बूढ़ी है।” (लूका 1:18 यूएलबी) + +
फिर कुछ कर संग्रहकर्ता भी बपतिस्मा लेने आए, और उन्होंने उससे कहा , "हे शिक्षक, हमें क्या करना चाहिए?" (लूका 3:12 यूएलबी)
+ +> उसने उनसे कहा, "तुम्हें जितना पैसा चाहिए उससे अधिक धन इकट्ठा न करो।" (लूका 3:13 यूएलबी) + +##### उद्धरण के बाद उद्धरण हाशिया + +> यहोवा इस विषय के प्रति अनिच्छुक था। "ऐसा नहीं होगा," उसने कहा . (आमोस 7:3 यूएलबी) + +##### उद्धरण के दो भागों के बीच उद्धरण हाशिया + +> "मैं उनसे अपना चेहरा छुपा लूँगा," उसने कहा, "और मैं देखूँगा कि उनका अन्त क्या होगा, क्योंकि वे एक विकृत पीढ़ी हैं, ऐसे बच्चें हैं, जो अविश्वासी हैं।" (व्यवस्थाविवरण 32:20 यूएलबी) + +
"इसलिए, जो कर सकते हैं," उसने कहा, "उसे हमारे साथ वहाँ जाना चाहिए। यदि उस व्यक्ति के साथ कुछ गड़बड़ है, तो तुम्हें उस पर आरोप लगाना चाहिए।” (प्रेरितों 25:5 यूएलबी)
+ +> "क्योंकि देखो, ऐसे दिन आ रहे हैं" - यह यहोवा की घोषणा है - "जब मैं अपने लोगों, इस्राएल के भाग्य को पुर्नस्थापित करूँगा" (यिर्मयाह 30:3 यूएलबी) + +### अनुवाद की रणनीतियाँ + +1. निर्धारित करें कि उद्धरण हाशिया कहाँ रखा जाए। +1. निर्धारित करें कि एक या दो शब्दों वाले "कहा" अर्थ को चुनना है या नहीं। + +### अनुवाद के लिए लागू की गई रणनीतियों के उदाहरण + +1. निर्धारित करें कि उद्धरण हाशिया कहाँ रखा जाए। + +* **"इसलिए, जो लोग कर सकते हैं," उसने कहा, "उन्हें हमारे साथ वहाँ जाना चाहिए। यदि उस व्यक्ति के साथ कुछ गड़बड़ है, तो तुम्हें उस पर आरोप लगाना चाहिए।”** (प्रेरितों 25:5 यूएलबी) + + * उसने कहा, "इसलिए, जो लोग जा सकते हैं, उन्हें हमारे साथ वहाँ जाना चाहिए। यदि उस व्यक्ति के साथ कुछ गड़बड़ है, तो तुम्हें उस पर आरोप लगाना चाहिए।” + * "इसलिए, जो लोग जा सकते हैं, उन्हें हमारे साथ वहाँ जाना चाहिए। यदि उस व्यक्ति के साथ कुछ गड़बड़ है, तो तुम्हें उस पर आरोप लगाना चाहिए, " उसने कहा . + * "इसलिए, जो लोग जा सकते हैं, उन्हें हमारे साथ वहाँ जा सकते हैं," उसने कहा। "यदि व्यक्ति के साथ कुछ गड़बड़ है, तो तुम्हें उस पर आरोप लगाना चाहिए।" + +1. निर्धारित करें कि एक या दो शब्दों वाले "कहा" अर्थ को चुनना है या नहीं। + +* **परन्तु उसकी माता ने उत्तर दिया और कहा , "नहीं, इसकी अपेक्षा उसे यूहन्ना कहा जाएगा।"** (लूका 1:60 यूएलबी) + + * परन्तु उसकी माता ने उत्तर दिया , "नहीं, इसकी अपेक्षा उसे यूहन्ना कहा जाएगा।" + * परन्तु उसकी माता ने कहा , "नहीं, इसकी अपेक्षा उसे यूहन्ना कहा जाएगा।" + * परन्तु उसकी माता ने
इस तरह से उत्तर दिया, "नहीं, इसकी अपेक्षा उसे यूहन्ना कहा जाएगा," उसने कहा . diff --git a/translate/writing-quotations/sub-title.md b/translate/writing-quotations/sub-title.md new file mode 100644 index 0000000..00112db --- /dev/null +++ b/translate/writing-quotations/sub-title.md @@ -0,0 +1,2 @@ +उद्धरण संकेत क्या होते हैं और मैं उनका कहाँ उपयोग करूँ? + diff --git a/translate/writing-quotations/title.md b/translate/writing-quotations/title.md new file mode 100644 index 0000000..751e02e --- /dev/null +++ b/translate/writing-quotations/title.md @@ -0,0 +1,2 @@ +उद्धरण एवं उद्धरण हासिये + diff --git a/translate/writing-symlanguage/01.md b/translate/writing-symlanguage/01.md new file mode 100644 index 0000000..36e01cf --- /dev/null +++ b/translate/writing-symlanguage/01.md @@ -0,0 +1,55 @@ + +### विवरण + +बोलने और लेखन में प्रतीकात्मक भाषा अन्य बातों और घटनाओं का प्रतिनिधित्व करने के लिए प्रतीकों का उपयोग करती है। बाइबल में यह भविष्यद्वाणी और काव्य में सबसे अधिक होता है, विशेषकर भविष्य में होने वाली धटनाओं के बारे में दर्शनों और सपनों में। यद्यपि लोग तुरन्त प्रतीक के अर्थ को नहीं जानते हैं, परन्तु प्रतीक को अनुवाद में रखना महत्वपूर्ण है। + +> इस कुण्डल पत्र को खा, फिर इस्राएल के घराने से बात कर।” (यहेजकेल 3:1 यूएलबी) यह एक स्वप्न में था। कुण्डल पत्र खाने का अर्थ कुण्डल पत्र पर जो लिखा गया था उसे पढ़ने और समझने का प्रतीक है, और इन शब्दों को परमेश्वर से स्वयं स्वीकार करना है। + +#### प्रतीकात्मवाद के उद्देश्य + +- प्रतीकात्मकवाद का एक उद्देश्य अन्य घटनाओं में बहुत ही अधिक नाटकीय शब्दों को डालकर लोगों को किसी घटना की महत्व या गम्भीरता को समझने में सहायता करना है। +- प्रतीकात्मकवाद का एक और उद्देश्य कुछ लोगों को कुछ दूसरे लोगों के बारे में बताने के लिए है, जो वास्तविकता को छिपाते हैं, जो प्रतीकवाद को नहीं समझते हैं। + +#### इसका कारण यह अनुवाद का एक विषय है + +जो लोग आज बाइबल पढ़ते हैं, उन्हें यह समझना कठिन हो सकता है कि भाषा प्रतीकात्मक है, और वे नहीं जानते कि प्रतीक क्या है। + +#### अनुवाद के सिद्धान्त + +- जब प्रतीकात्मक भाषा का उपयोग किया जाता है, तो प्रतीक को अनुवाद में रखना महत्वपूर्ण है। +- यह भी महत्वपूर्ण है कि मूल वक्ता या लेखक की तुलना में प्रतीक को समझाया न जाए, क्योंकि वह कदाचित् हर किसी को जीवित नहीं चाहता था, ताकि वह इसे आसानी से समझ सके। + +### बाइबल से उदाहरण + +> इसके बाद मैंने रात में अपने स्वप्नों में चौथा जानवर देखा जो, भययोग्य, डरावना, और बहुत अधिक दृढ़ थआ। उसके लौहे के बड़े दांत थे; यह नष्ट हो गया, टुकड़ों में तोड़ दिया गया, और जो कोई भी बचा था, उसके नीचे कुचला गया। यह अन्य जानवरों से अलग था, और इसके दस सींग थे। (दानिय्येल 7:7 यूएलबी) + +नीचे दिखाए गए अनुसार रेखांकित प्रतीकों का अर्थ दानिय्येल 7:23-24 में बताया गया है। जानवर साम्राज्यों का प्रतिनिधित्व करते हैं, लौह के दांत वाला एक सामर्थी सेना का प्रतिनिधित्व करता है, और सींग सामर्थी अगुओं का प्रतिनिधित्व करते हैं। + +> तब यह उस व्यक्ति ने, 'चौथे जानवर के लिए कहा, कि यह पृथ्वी पर एक चौथा साम्राज्य होगा जो अन्य सभी साम्राज्यों से अलग होगा। यह सारी पृथ्वी को भस्म कर देगा, और यह इसे कुचल र देगा और उसे टुकड़ों में बाँट देगा। जहाँ तक दस सिंगों की बात है, इस साम्राज्य में से दस राजा उठेंगे, और दूसरा उनके बाद उठेगा। वह पिछले लोगों से अलग होगा, और वह तीन राजाओं पर जय पाएगा। (दानिय्येल 7:23-24 यूएलबी) + +
मैं यह देखने के लिए पीछे की ओर मुड़ गया कि किसकी आवाज़ मुझसे बात कर रही थी, और जैसे ही मैं मुड़ा, मैंने सात सुनहरे दीपदानों को देखा। दीपदानों के बीच में मनुष्य के पुत्र की तरह एक था ... ... उसके दाहिने हाथ में सात सितारे थे, और उसके मुँह से एक तेज दो धारी वाली तलवार बाहर निकल रही थी ...। जहाँ तक आपने दाहिने हाथ में सात तारों के बारे में छुपे हुए अर्थ, और सात सुनहरे दीपदानों के बारे में छिपे अर्थ की बात है: सात तारे सात कलीसियाओं के दूत हैं , और सात दीपदान सात कलीसियाएँ हैं. (प्रकाशितवाक्य 1:12, 16, 20 यूएलबी)
+ +यह सन्दर्भ सात दीपदानों और सात तारों के अर्थ को समझाता है। दो धार वाली तलवार परमेश्वर के वचन और न्याय का प्रतिनिधित्व करती है। + +### अनुवाद की रणनीतियाँ + +1. प्रतीकों के साथ मूलपाठ का अनुवाद करें। अक्सर वक्ता या लेखक सन्दर्भ में बाद में अर्थ बताते हैं। +1. प्रतीकों के साथ मूलपाठ का अनुवाद करें। फिर फुटनोट्स अर्थात् पाद टिप्पणियों में प्रतीकों की व्याख्या करें। + +### अनुवाद के लिए लागू की गई रणनीतियों के उदाहरण + +1. प्रतीकों के साथ मूलपाठ का अनुवाद करें। अक्सर वक्ता या लेखक सन्दर्भ में बाद में अर्थ बताते हैं। + +* **इसके बाद मैंने रात में अपने स्वप्नों में चौथा जानवर देखा जो
, भययोग्य, डरावना, और बहुत अधिक दृढ़ था। +उसके लौहे के बड़े दांत थे; यह नष्ट हो गया, टुकड़ों में तोड़ दिया गया, और जो कोई भी बचा था, उसके नीचे कुचला गया। यह अन्य जानवरों से अलग था, और इसमें दस सींग थे।** (दानिय्येल 7:7 यूएलबी) - लोग समझने में सक्षम होंगे कि प्रतीकों का अर्थ क्या है, जब वे दानिय्येल 7 में स्पष्टीकरण पढ़ते हैं:23-24। + +1. प्रतीकों के साथ मूलपाठ का अनुवाद करें। फिर फुटनोट्स में प्रतीकों की व्याख्या करें। + +* **इसके बाद मैंने रात में अपने स्वप्नों में चौथा जानवर देखा जो , भययोग्य, डरावना, और बहुत दृढ़ था। उसके लौहे के बड़े दांत थे; यह नष्ट हो गया, टुकड़ों में तोड़ दिया गया, और जो कोई भी बचा था, उसके नीचे कुचला गया। यह अन्य जानवरों से अलग था, और इसके दस सींग थे।** (दानिय्येल 7:7 यूएलबी) + + * इसके बाद मैंने रात में अपने स्वप्न में एक चौथा जानवर देखा, 1 जो भययोग्य, डरावना, और बहुत अधिक दृढ़ था। उसके लौहे के बड़े दांत थे 2 यह नष्ट हो गया, टुकड़ों में तोड़ दिया गया, और जो कोई भी बचा था, उसके नीचे कुचला गया। यह अन्य जानवरों से अलग था, और इसके दस सींग थे। 3 + * फुटनोट इस तरह दिखेगा: + + * [1] जानवर एक साम्राज्य का प्रतीक है। + * [2] लौह के दांत वाला साम्राज्य की सामर्थी सेना का प्रतीक है। + * [3] सींग सामर्थी राजाओं के प्रतीक हैं। diff --git a/translate/writing-symlanguage/sub-title.md b/translate/writing-symlanguage/sub-title.md new file mode 100644 index 0000000..17be372 --- /dev/null +++ b/translate/writing-symlanguage/sub-title.md @@ -0,0 +1,2 @@ +प्रतीकात्मक भाषा क्या है और मैं इसका अनुवाद कैसे करूँ? + diff --git a/translate/writing-symlanguage/title.md b/translate/writing-symlanguage/title.md new file mode 100644 index 0000000..a041bd8 --- /dev/null +++ b/translate/writing-symlanguage/title.md @@ -0,0 +1,2 @@ +प्रतीकात्मक भाषा +