June 2022 updates

This commit is contained in:
Larry Versaw 2022-07-07 16:06:52 -06:00
parent e1fd3306a9
commit d983a50037
6 changed files with 64 additions and 67 deletions

View File

@ -10,3 +10,4 @@ STRs:
* https://git.door43.org/unfoldingWord/SourceTextRequestForm/issues/539
* https://git.door43.org/unfoldingWord/SourceTextRequestForm/issues/634
* https://git.door43.org/unfoldingWord/SourceTextRequestForm/issues/672
* https://git.door43.org/unfoldingWord/SourceTextRequestForm/issues/745

View File

@ -14,12 +14,12 @@ dublin_core:
description: 'A modular handbook that provides a condensed explanation of Bible translation and checking principles that the global Church has implicitly affirmed define trustworthy translations. It enables translators to learn how to create trustworthy translations of the Bible in their own language.'
format: 'text/markdown'
identifier: 'ta'
issued: '2021-12-02'
issued: '2022-07-07'
language:
identifier: hi
title: 'हिन्दी, हिंदी (Hindi)'
direction: ltr
modified: '2021-12-02'
modified: '2022-07-07'
publisher: 'BCS'
relation:
- 'hi/glt'
@ -38,11 +38,11 @@ dublin_core:
-
identifier: 'ta'
language: 'en'
version: '22'
version: '24'
subject: 'Translation Academy'
title: 'translationAcademy'
type: 'man'
version: '22.5'
version: '24.1'
checking:
checking_entity:

View File

@ -1,6 +1,6 @@
title: "Table of Contents"
title: "विषय-सूची"
sections:
- title: "Introduction"
- title: "परिचय"
sections:
- title: "अनुवाद सहायक पुस्तिका का परिचय"
link: translate-manual
@ -12,7 +12,7 @@ sections:
link: translate-more
- title: "अपने बाइबल अनुवाद का लक्ष्य कैसे बनाएँ?"
link: translate-aim
- title: "Defining a Good Translation"
- title: "एक अच्छे अनुवाद को परिभाषित करना"
sections:
- title: "अच्छे अनुवादक के गुण"
link: guidelines-intro
@ -42,7 +42,7 @@ sections:
link: guidelines-collaborative
- title: "निरंतरता के अनुवाद को तैयार करना"
link: guidelines-ongoing
- title: "Meaning-Based Translation"
- title: "अर्थ आधारित अनुवाद"
sections:
- title: "अनुवाद प्रक्रिया"
link: translate-process
@ -70,21 +70,19 @@ sections:
sections:
- title: "अर्थ के लिए अनुवाद"
link: translate-tform
- title: "Before Translating"
- title: "अनुवाद करने से पहले"
sections:
- title: "अनुवाद दल को चुनना"
link: choose-team
sections:
- title: "अनुवादक की योग्यताएँ"
link: qualifications
- title: "Choosing a Translation Style"
link: choose-style
- title: "चुनना कि क्या अनुवाद किया जाए"
link: translation-difficulty
- title: "स्रोत लेख को चुनना"
link: translate-source-text
sections:
- title: "कॉपीराइट, लार्इसेंस और स्रोत लेख"
- title: "कॉपीराइट, लाइसेंस और स्रोत लेख"
link: translate-source-licensing
- title: "स्रोत लेख एवं वर्जन संख्याएँ"
link: translate-source-version
@ -97,13 +95,13 @@ sections:
link: translate-alphabet2
- title: "फाइल प्रारूप"
link: file-formats
- title: "How to Start Translating"
- title: "अनुवाद का आरम्भ कैसे करें"
sections:
- title: "प्रथम प्रालेख तैयार करना"
link: first-draft
- title: "अनुवाद में मदद"
link: translate-help
- title: "The Bible Text"
- title: "अनलॉक बाइबल टेक्सट"
sections:
- title: "मूल एवं स्रोत भाषा"
link: translate-original
@ -117,7 +115,7 @@ sections:
link: translate-formatsignals
- title: "बाइबल के अनुवाद में ULB एवं UDB का उपयोग कैसे करें"
link: translate-useulbudb
- title: "Use the Translation Helps when Translating"
- title: "अनुवाद करते वक्त अनुवाद सहायक(ट्रांसलेशन हेल्प) का उपयोग करें"
sections:
- title: "लिंक्स के साथ नोट्स"
link: resources-links
@ -146,19 +144,19 @@ sections:
link: resources-iordquote
- title: "ULB कथनों के साथ नोट्स"
link: resources-long
- title: "शब्दों के अनुवाद संसाधन का उपयोग करना"
- title: "ट्रांसलेशन वर्ड का उपयोग करना"
link: resources-words
- title: "अनुवाद प्रश्नों का उपयोग"
link: resources-questions
- title: "Just-in-Time Learning Modules"
- title: "सही समय पर सीखने का अनुखंड"
sections:
- title: "Translation Issues"
- title: "भाषा के अलंकार"
sections:
- title: "लेखों के भेद"
link: translate-textvariants
- title: "पद सेतु"
link: translate-versebridge
- title: "Writing Styles (Discourse)"
- title: "लेखन शैली (लेख)"
sections:
- title: "लेखन के प्रकार"
link: writing-intro
@ -178,11 +176,11 @@ sections:
link: writing-poetry
- title: "नीतिवचन"
link: writing-proverbs
- title: "प्रतीकात्मक भाषा"
- title: "प्रतीकों की भाषा"
link: writing-symlanguage
- title: "प्रतीकात्मक भविष्यद्वाणी"
link: writing-apocalypticwriting
- title: "Sentences"
- title: "वाक्य"
sections:
- title: "वाक्य रचना"
link: figs-sentences
@ -220,7 +218,7 @@ sections:
link: grammar-connect-condition-hypothetical
- title: "संयोजक - अपवाद खण्ड"
link: grammar-connect-exceptions
- title: "Grammar"
- title: "व्याकरण"
sections:
- title: "व्याकरण के विषय"
link: figs-grammar
@ -257,14 +255,9 @@ sections:
- title: "जब पुल्लिंग शब्दों में स्त्रियाँ शामिल होती हैं"
link: figs-gendernotations
- title: "Word Order"
sections:
- title: "शब्द क्रम"
link: figs-order
- title: "Word Order Hebrew"
link: figs-orderHeb
- title: "Word Order Greek"
link: figs-orderGrk
- title: "Quotes"
- title: "शब्द क्रम"
link: figs-order
- title: "उद्धरण"
sections:
- title: "उद्धरण एवं उद्धरण हासिये"
link: writing-quotations
@ -274,7 +267,7 @@ sections:
link: figs-quotemarks
- title: "उद्धरणों में उद्धरण"
link: figs-quotesinquotes
- title: "Pronouns"
- title: "सर्वनाम"
sections:
- title: "सर्वनाम"
link: figs-pronouns
@ -290,7 +283,7 @@ sections:
link: figs-rpronouns
- title: "सर्वनाम - उनका कब उपयोग करें"
link: writing-pronouns
- title: "Unknowns"
- title: "अपरिचित"
sections:
- title: "अज्ञात का अनुवाद"
link: translate-unknown
@ -322,7 +315,7 @@ sections:
link: translate-fraction
- title: "प्रतीकात्मक कार्य"
link: translate-symaction
- title: "Figures of Speech"
- title: "भाषा के अलंकार"
sections:
- title: "भाषा के अलंकार"
link: figs-intro
@ -366,7 +359,7 @@ sections:
link: figs-simile
- title: "उपलक्षण अलंकार"
link: figs-synecdoche
- title: "Biblical Imagery"
- title: "भाषा के अलंकार"
sections:
- title: "बाइबल के रूप"
link: biblicalimageryta
@ -374,12 +367,8 @@ sections:
link: bita-part1
- title: "बाइबल के रूप - सामान्य मेटोनिमी"
link: bita-part2
- title: "Biblical Imagery Simple Metaphors"
link: figs-simetaphor
- title: "विस्तृत रूपक"
link: figs-exmetaphor
- title: "Biblical Imagery Complex Metaphors"
link: figs-cometaphor
- title: "Biblical Imagery Common Metaphors in the Bible"
sections:
- title: "बाइबल आधारित छवियाँ - देह के अंग एवं मानवीय गुण"

View File

@ -1,51 +1,58 @@
### विवरण
बोलने और लेखन में प्रतीकात्मक भाषा अन्य बातों और घटनाओं का प्रतिनिधित्व करने के लिए प्रतीकों का उपयोग करती है। बाइबल में यह भविष्यद्वाणी और काव्य में सबसे अधिक होता है, विशेषकर भविष्य में होने वाली धटनाओं के बारे में दर्शनों और सपनों में। यद्यपि लोग तुरन्त प्रतीक के अर्थ को नहीं जानते हैं, परन्तु प्रतीक को अनुवाद में रखना महत्वपूर्ण है।
बोलने में और लिखने में जब प्रतीकों की भाषा का उपयोग किया जाता है तो वस्तुओं, घटनाओं आदि के लिए प्रतीकों का प्रयोग किया जाता है| बाईबल में यह भविष्यद्वाणी और भजनों में में सबसे अधिक प्रयोग की जाती है, विशेष करके भविष्य में होने वाली धटनाओं के बारे में दर्शनों और सपनों में। यद्यपि लोग प्रतीक के अर्थ को तत्काल ही समझ नहीं पाते हैं, परन्तु प्रतीक को अनुवाद में रखना महत्वपूर्ण है।
> इस कुण्डल पत्र को खा, फिर इस्राएल के घराने से बात कर।” (यहेजकेल 3:1 यूएलबी) यह एक स्वप्न में था। कुण्डल पत्र खाने का अर्थ कुण्डल पत्र पर जो लिखा गया था उसे पढ़ने और समझने का प्रतीक है, और इन शब्दों को परमेश्वर से स्वयं स्वीकार करना है।
> इस पुस्तक को खा, तब जाकर इस्राएल के घराने से बातें कर।” (यहेजकेल 3:1 ULT)
#### प्रतीकात्मवाद के उद्देश्य
यह एक स्वप्न में था। पुस्तक को खाना, उस पुस्तक में जो लिखा था उसे यहेजकेल द्वारा पढ़ कर भली-भाँति समझ लेने के लिए तथा परमेश्वर के इन वचनों को स्वयं में अंतर्ग्रहण करने के लिए एक प्रतीक है।
- प्रतीकात्मकवाद का एक उद्देश्य अन्य घटनाओं में बहुत ही अधिक नाटकीय शब्दों को डालकर लोगों को किसी घटना की महत्व या गम्भीरता को समझने में सहायता करना है।
- प्रतीकात्मकवाद का एक और उद्देश्य कुछ लोगों को कुछ दूसरे लोगों के बारे में बताने के लिए है, जो वास्तविकता को छिपाते हैं, जो प्रतीकवाद को नहीं समझते हैं।
#### प्रतीक प्रयोग के उद्देश्य
#### इसका कारण यह अनुवाद का एक विषय है
- प्रतीक प्रयोग का एक उद्देश्य है, किसी घटना के महत्त्व या उग्रता को अन्य अत्यधिक नाटकीय शब्दों में व्यक्त करके मनुष्यों को समझने में सहायता करना।
- प्रतीक प्रयोग का एक और उद्देश्य है, कुछ मनुष्यों पर किसी बात को प्रकट करना जबकि उन अन्य मनुष्यों से उसके वास्तविक अर्थ का छिपा कर रखना जो प्रतीकों को नहीं समझते हैं।
जो लोग आज बाइबल पढ़ते हैं, उन्हें यह समझना कठिन हो सकता है कि भाषा प्रतीकात्मक है, और वे नहीं जानते कि प्रतीक क्या है।
#### इसके अनुवाद की समस्या का कारण
जो लोग आज बाइबल पढ़ते हैं, उन्हें यह समझना कठिन होता है कि भाषा प्रतीकात्मक है, और वे नहीं जानते कि प्रतीक किसका द्योतक है।
#### अनुवाद के सिद्धान्त
- जब प्रतीकात्मक भाषा का उपयोग किया जाता है, तो प्रतीक को अनुवाद में रखना महत्वपूर्ण है।
- यह भी महत्वपूर्ण है कि मूल वक्ता या लेखक की तुलना में प्रतीक को समझाया न जाए, क्योंकि वह कदाचित् हर किसी को जीवित नहीं चाहता था, ताकि वह इसे आसानी से समझ सके।
- जब भाषा में प्रतीकों का प्रयोग किया जाता है तो अनुवाद में उन प्रतीकों को रखना महत्पूर्ण होता है।
- यह भी महत्वपूर्ण है कि मूल वक्ता या लेखक जो समझाने का प्रयास कर रहा है उससे अधिक उसकी व्याख्या न की जाए क्योंकि संभव है कि वह नहीं चाहता था कि उस समय का हर एक मनुष्य उसे आसानी से समझ ले।
### बाइबल से उदाहरण
> इसके बाद मैंने रात में अपने स्वप्नों में <u> चौथा जानवर देखा जो</u>, भययोग्य, डरावना, और बहुत अधिक दृढ़ थआ। उसके <u> लौहे के बड़े दांत थे</u>; यह नष्ट हो गया, टुकड़ों में तोड़ दिया गया, और जो कोई भी बचा था, उसके नीचे कुचला गया। यह अन्य जानवरों से अलग था, और इसके <u> दस सींग </u> थे। (दानिय्येल 7:7 यूएलबी)
> फिर इसके बाद मैं ने स्वप्न में दृष्टि की और देखा, कि एक **चौथा जंतु है** जो भयंकर और डरावना और बहुत सामर्थी है, और उसके **बड़े बड़े लोहे के दांत** हैं; वह सब कुछ खा डालता है और चूर चूर करता है, और जो बच जाता है, उसे पैरों से रौंदता है| वह सब पहले जंतुओं से भिन्न है; और उसके **दस सींग** हैं। (दानिय्येल 7:7 ULT)
नीचे दिखाए गए अनुसार रेखांकित प्रतीकों का अर्थ दानिय्येल 7:23-24 में बताया गया है। जानवर साम्राज्यों का प्रतिनिधित्व करते हैं, लौह के दांत वाला एक सामर्थी सेना का प्रतिनिधित्व करता है, और सींग सामर्थी अगुओं का प्रतिनिधित्व करते हैं।
इन मोटी छपाई के प्रतीकों के अर्थ की व्याख्या दानिय्येल 7:23-24 में की गई है, जैसा नीचे दिखाया गया है। जानवर साम्राज्यों का प्रतिनिधित्व करते हैं, लौह के दांत एक सामर्थी सेना का प्रतिनिधित्व करते हैं, और सींग सामर्थी अगुओं का प्रतिनिधित्व करते हैं।
> तब यह उस व्यक्ति ने, 'चौथे जानवर के लिए कहा, कि यह पृथ्वी पर एक चौथा साम्राज्य </u> होगा जो अन्य सभी साम्राज्यों से अलग होगा। यह सारी पृथ्वी को भस्म कर देगा, और यह इसे कुचल र देगा और उसे टुकड़ों में बाँट देगा। जहाँ तक दस सिंगों की बात है, इस साम्राज्य में से <u> दस राजा </u> उठेंगे, और दूसरा उनके बाद उठेगा। वह पिछले लोगों से अलग होगा, और वह तीन राजाओं पर जय पाएगा। (दानिय्येल 7:23-24 यूएलबी)
> उसने कहा, 'उस चौथे जंतु का अर्थ एक **चौथा राज्य** है, जो पृथ्वी पर होकर और सब राज्यों से भिन्न होगा, और सारी पृथ्वी का नाश करेगा, और दांव कर चूर चूर करेगा। उन दस सींगों का अर्थ यह है, कि उस राज्य में से **दस राजा** उठेंगे, और उसके बाद पहलों से भिन्न एक और राजा उठेगा जो तीन राजाओं को गिरा देगा, (दानिय्येल 7:23-24 ULT)
<blockquote> मैं यह देखने के लिए पीछे की ओर मुड़ गया कि किसकी आवाज़ मुझसे बात कर रही थी, और जैसे ही मैं मुड़ा, मैंने <u> सात सुनहरे दीपदानों को </u> देखा। दीपदानों के बीच में मनुष्य के पुत्र की तरह एक था ... ... उसके दाहिने हाथ में <u> सात सितारे </u> थे, और उसके मुँह से <u> एक तेज दो धारी वाली तलवार बाहर निकल रही थी </u>...। जहाँ तक आपने दाहिने हाथ में सात तारों के बारे में छुपे हुए अर्थ, और सात सुनहरे दीपदानों के बारे में छिपे अर्थ की बात है: <u> सात तारे सात कलीसियाओं के दूत हैं </u>, और <u> सात दीपदान सात कलीसियाएँ हैं</u>. (प्रकाशितवाक्य 1:12, 16, 20 यूएलबी) </blockquote>
< तब मैं ने उसे, मुझ से रह ा, देखेने के ि अपन मुंह फेरा; और छे घूमकर मैं ने **सोने की सात दीवटें** देख, और उन वट के में मनुष्य के पुत्र सदृश्य एक पुरुष देखा... वह अपने में **सात तारे** ि हुए ा, और उसके मुख से **तेज दोधारी तलवार** िकलत ी| उन भेद िन्हें तू ने मेरे िने में देख ा, और उन ने वट भेद: वे **सात तारे सातों कलीसियाओं के दूत है,** और वे **सात दीवटें सात कलीसियाएं हैं|** (प्रकितवक्य 1:12-13, 16, 20 ULT)
>
>
यह सन्दर्भ सात दीपदानों और सात तारों के अर्थ को समझाता है। दो धार वाली तलवार परमेश्वर के वचन और न्याय का प्रतिनिधित्व करती है।
यह गद्ध्यांश सात दीपदानों और सात तारों के अर्थ को समझाता है। दोधारी तलवार परमेश्वर के वचन और न्याय का प्रतीक हैं
### अनुवाद की रणनीतियाँ
### अनुवाद की युक्तियाँ
1. प्रतीकों के साथ मूलपाठ का अनुवाद करें। अक्सर वक्ता या लेखक सन्दर्भ में बाद में अर्थ बताते हैं
1. प्रतीकों के साथ मूलपाठ का अनुवाद करें। फिर फुटनोट्स अर्थात् पाद टिप्पणियों में प्रतीकों की व्याख्या करें।
(1) मूलपाठ का अनुवाद करते समय प्रतीकों को ज्यों का त्यों रखें । वक्ता या लेखक अधिकतर आगे चलकर गद्ध्यांश में अर्थ समझाता है
(2) मूलपाठ का अनुवाद करते समय प्रतीकों को ज्यों का त्यों रखें। फिर पाद टिप्पणियों में प्रतीकों की व्याख्या करें।
### अनुवाद के लिए लागू की गई रणनीतियों के उदाहरण
### अनुवाद की युक्तियों के प्रायोगिक उदाहरण
1. प्रतीकों के साथ मूलपाठ का अनुवाद करें। अक्सर वक्ता या लेखक सन्दर्भ में बाद में अर्थ बताते हैं
(1) मूलपाठ का अनुवाद करते समय प्रतीकों को ज्यों का त्यों रखें । वक्ता या लेखक अधिकतर आगे चलकर गद्ध्यांश में अर्थ समझाता है
* **इसके बाद मैंने रात में अपने स्वप्नों में चौथा जानवर देखा जो</u>, भययोग्य, डरावना, और बहुत अधिक दृढ़ था। उसके <u> लौहे के बड़े दांत थे</u>; यह नष्ट हो गया, टुकड़ों में तोड़ दिया गया, और जो कोई भी बचा था, उसके नीचे कुचला गया। यह अन्य जानवरों से अलग था, और इसमें <u> दस सींग थे।** (दानिय्येल 7:7 यूएलबी) - लोग समझने में सक्षम होंगे कि प्रतीकों का अर्थ क्या है, जब वे दानिय्येल 7 में स्पष्टीकरण पढ़ते हैं:23-24।
> उसने कहा, 'उस चौथे जंतु का अर्थ एक **चौथा राज्य है** जो पृथ्वी पर होकर और सब राज्यों से भिन्न होगा, और सारी पृथ्वी को नाश करेगा, और दांव कर चूर चूर करेगा। उन दस सींगों का अर्थ यह है, कि उस राज्य में से **दस राजा** उठेंगे, और उनके बाद पहिलों से भिन्न एक और राजा उठेगा जो तीन राजाओं को गिरा देगा|' (दानि. 7:23-24 ULT)
1. प्रतीकों के साथ मूलपाठ का अनुवाद करें। फिर फुटनोट्स में प्रतीकों की व्याख्या करें।
(2) प्रतीकों के साथ मूलपाठ के अनुवाद में प्रतीकों को ज्यों का त्यों रखें। प्ररतीकों की व्याख्या पाद टिप्पणी में करें।
* **इसके बाद मैंने रात में अपने स्वप्नों में <u> चौथा जानवर देखा जो </u>, भययोग्य, डरावना, और बहुत दृढ़ था। उसके <u> लौहे के बड़े दांत थे</u>; यह नष्ट हो गया, टुकड़ों में तोड़ दिया गया, और जो कोई भी बचा था, उसके नीचे कुचला गया। यह अन्य जानवरों से अलग था, और इसके <u> दस सींग </u> थे।** (दानिय्येल 7:7 यूएलबी)
* इसके बाद मैंने रात में अपने स्वप्न में एक चौथा जानवर देखा, <sup> 1 </sup> जो भययोग्य, डरावना, और बहुत अधिक दृढ़ था। उसके लौहे के बड़े दांत थे <sup> 2 </sup> यह नष्ट हो गया, टुकड़ों में तोड़ दिया गया, और जो कोई भी बचा था, उसके नीचे कुचला गया। यह अन्य जानवरों से अलग था, और इसके दस सींग थे। <Sup> 3 </sup>
* फुटनोट इस तरह दिखेगा:
* <sup> [1] </sup> जानवर एक साम्राज्य का प्रतीक है।
* <sup> [2] </sup> लौह के दांत वाला साम्राज्य की सामर्थी सेना का प्रतीक है।
* <sup> [3] </sup> सींग सामर्थी राजाओं के प्रतीक हैं।
> फिर इसके बाद मैं ने स्वप्न में दृष्टि की और देखा, कि एक **चौथा जंतु** है जो भयंकर और डरावना और बहुत सामर्थी है ; उसके **बड़े बड़े लोहे के दांत** हैं; वह सब कुछ खा डालता है और चूर चूर करता है, और जो बाख जाता है, उसको पैरों से रौंदता है। वह सब पहले जंतुओं से भिन्न है; और उसके **दस सींग** हैं। (दानिय्येल 7:7 ULT)
> >इसके बाद मैं ने स्वप्न में दृष्टि की और देखा देखा की एक चौथा जंतु है,<sup> 1</sup> जो भयंकर और डरावना, और बहुत सामर्थी है। उसके लौहे के बड़े बड़े दांत हैं;<sup> 2</sup> वह सब कुछ खा डालता है और चूर चूर करता है, और जो बच जाता है, उसको पैरों से रौंदता है| वह पहले जंतुओं से भिन्न है, और उसके दस सींग हैं।<sup> 3</sup>
> पाद टिप्पणी ऎसी होगी :
> > <sup> [1]</sup> वह जंतु एक साम्राज्य का प्रतीक है।
> > <sup> [2]</sup> लौह के दांत उस साम्राज्य की सामर्थी सेना का प्रतीक हैं।
> > <sup> [3]</sup> सींग सामर्थी राजाओं के प्रतीक हैं।

View File

@ -1 +1 @@
प्रतीकात्मक भाषा क्या है और मैं इसका अनुवाद कैसे करूँ?
प्रतीकों की भाषा क्या होती है? मैं इसका अनुवाद कैसे कर सकता/सकती हूँ?

View File

@ -1 +1 @@
प्रतीकात्मक भाषा
प्रतीकों की भाषा