diff --git a/README.md b/README.md index 7559848..08e4b48 100644 --- a/README.md +++ b/README.md @@ -10,3 +10,4 @@ STRs: * https://git.door43.org/unfoldingWord/SourceTextRequestForm/issues/539 * https://git.door43.org/unfoldingWord/SourceTextRequestForm/issues/634 * https://git.door43.org/unfoldingWord/SourceTextRequestForm/issues/672 +* https://git.door43.org/unfoldingWord/SourceTextRequestForm/issues/745 diff --git a/manifest.yaml b/manifest.yaml index f3279bc..46ff479 100644 --- a/manifest.yaml +++ b/manifest.yaml @@ -14,12 +14,12 @@ dublin_core: description: 'A modular handbook that provides a condensed explanation of Bible translation and checking principles that the global Church has implicitly affirmed define trustworthy translations. It enables translators to learn how to create trustworthy translations of the Bible in their own language.' format: 'text/markdown' identifier: 'ta' - issued: '2021-12-02' + issued: '2022-07-07' language: identifier: hi title: 'हिन्दी, हिंदी (Hindi)' direction: ltr - modified: '2021-12-02' + modified: '2022-07-07' publisher: 'BCS' relation: - 'hi/glt' @@ -38,11 +38,11 @@ dublin_core: - identifier: 'ta' language: 'en' - version: '22' + version: '24' subject: 'Translation Academy' title: 'translationAcademy' type: 'man' - version: '22.5' + version: '24.1' checking: checking_entity: diff --git a/translate/figs-123person/01.md b/translate/figs-123person/01.md index 5071575..1ea527c 100644 --- a/translate/figs-123person/01.md +++ b/translate/figs-123person/01.md @@ -13,12 +13,12 @@ ### बाइबल से उदाहरण अक्सर लोग ‘‘मैं’’ या ‘‘मुझे’’ की अपेक्षा स्वयं के बारे में बताने के लिए तृतीय पुरुष का उपयोग करते हैं। -> परंतु दाऊद ने शाऊल से कहा, ‘‘***आपका सेवक*** ***अपने*** पिता की भेड़ों की रखवाली किया करता था’’ (1 शमुएल 17:34 ULT) +> परंतु दाऊद ने शाऊल से कहा, ‘‘***आपका सेवक** ***अपने** पिता की भेड़ों की रखवाली किया करता था’’ (1 शमुएल 17:34 ULT) दाऊद ने स्वयं को तृतीय पुरुष के रूप में ‘‘आपका सेवक’’ और ‘‘अपने’’ कहा। शाऊल के सामने अपनी नम्रता दर्शाने के लिए वह स्वयं को शाऊल का सेवक कह रहा था > तब यहोवा ने भयंकर तूफान में से अय्यूब को उत्तर देकर कहा, -> ‘‘…क्या तेरी भुजाएँ ***परमेश्वर के*** समान हैं? क्या तू ****उसकी*** आवाज की भांति गर्जन कर सकता है? (अय्यूब 40:6,9 ULT) +> ‘‘…क्या तेरी भुजाएँ ***परमेश्वर के*** समान हैं? क्या तू ***उसकी*** आवाज की भांति गर्जन कर सकता है? (अय्यूब 40:6,9 ULT) परमेश्वर ने ‘‘परमेश्वर के’’ और ‘‘उसके’’ जैसे शब्दों से स्वयं के लिए तृतीय पुरुष का संबोधन किया। क्योंकि वह बल देना चाहता था कि वह परमेश्वर है और सामर्थी है। @@ -43,16 +43,16 @@ 1. सर्वनाम ‘‘मैं’’ या ‘‘आप’’ के साथ तृतीय पुरुष वाक्यों का उपयोग करें। -> **परंतु दाऊद ने शाऊल से कहा, ‘‘***आपका सेवक*** ***अपने*** पिता की भेड़ों की रखवाली किया करता था’’ (1 शमुएल 17:34) +> **परंतु दाऊद ने शाऊल से कहा, ‘‘**आपका सेवक ***अपने*** पिता की भेड़ों की रखवाली किया करता था’’ (1 शमुएल 17:34) >> परंतु दाऊद ने शाऊल से कहा, ‘‘***मैं, आपका सेवक***, ***मेरे*** पिता की भेड़ों की रखवाली किया करता था।’’ 1. तृतीय पुरुष के स्थान पर केवल प्रथम (’’मैं’’) या द्वितीय पुरुष (’’आप’’) का उपयोग करें। -> **तब यहोवा ने भयंकर तूफान में से अय्यूब को उत्तर देकर कहा, ‘‘…क्या तेरी भुजाएँ***परमेश्वर के*** समान हैं? क्या तू***उसकी*** आवाज की भांति गर्जन कर सकता है?** (अय्यूब 40:6,9 ULT) +> **तब यहोवा ने भयंकर तूफान में से अय्यूब को उत्तर देकर कहा, ‘‘…क्या तेरी भुजाएँ***परमेश्वर के समान हैं? क्या तू***उसकी*** आवाज की भांति गर्जन कर सकता है? (अय्यूब 40:6,9 ULT) >> तब यहोवा ने भयंकर तूफान में से अय्यूब को उत्तर देकर कहा, ‘‘...क्या तेरी भुजाएँ ***मेरे*** समान हैं? क्या तू ***मेरी*** आवाज की भांति गर्जन कर सकता है?’’ -> **इसलिए मेरा स्वर्ग का पिता भी तुम्हारे साथ ऐसा ही करेगा, यदि***तुममें हर कोर्इ*** पूरे दिल***अपने*** भार्इ को क्षमा न करे।** (मती 18:35 ULT) +> **इसलिए मेरा स्वर्ग का पिता भी तुम्हारे साथ ऐसा ही करेगा, यदि***तुममें हर कोर्इ* पूरे दिल***अपने*** भार्इ को क्षमा न करे। (मती 18:35 ULT) >> इसलिए मेरा स्वर्ग का पिता भी तुम्हारे साथ ऐसा ही करेगा, यदि ***तुममें हर कोर्इ*** पूरे दिल से ***तुम्हारे*** भार्इ को क्षमा न करे। diff --git a/translate/figs-activepassive/01.md b/translate/figs-activepassive/01.md index 2c91ed4..ecade92 100644 --- a/translate/figs-activepassive/01.md +++ b/translate/figs-activepassive/01.md @@ -35,7 +35,7 @@ #### बाइबल से उदाहरण ->तब धनुर्धारियों ने शहरपनाह पर से तेरे जनों पर तीर छोड़े; और राजा के कितने जन *** मर गए , और तेरा दास ऊरिय्याह हित्ती भी *** मर गया ***(2 शमूएल 11:24 ULB) +>तब धनुर्धारियों ने शहरपनाह पर से तेरे जनों पर तीर छोड़े; और राजा के कितने जन *मर गए , और तेरा दास ऊरिय्याह हित्ती भी *** मर गया ***(2 शमूएल 11:24 ULB) इसका अर्थ है कि दुश्मनों के धनुर्धारियों ने तीर छोड़े; और ऊरिय्याह समेत, राजा के लोगों को मार डाल । यहाँ का विषय राजा के जनों और ऊरिय्याह हैं, मारने वाले लोग नही । यहाँ उपयुक्त कर्मवाच्य रूप का उद्देश्य राजा के जनों और ऊरिय्याह पर केंद्रित करना है। @@ -43,7 +43,7 @@ नगर के लोगों ने देखा कि बाल की वेदी के साथ क्या हुआ परंतु उन्हे यह नही पता था कि उसे किसने गिराया। यहाँ उपयुक्त कर्मवाच्य रूप का उद्देश्य नगर के लोगों के नजरिए से घटना का विवरण देना है। ->उसके लिये यह भला होता, कि चक्की का पाट उसके गले में ***लटकाया जाता, और वह समुद्र में ***डाल दिया जाता***(लूका 17:2 ULB) +>उसके लिये यह भला होता, कि चक्की का पाट उसके गले में ***लटकाया जाता***, और वह समुद्र में ***डाल दिया जाता***(लूका 17:2 ULB) यह एक ऐसी घटना बताता है जिसमें एक व्यक्ति अपने गले में चक्की के पाट के साथ समुद्र की गहरार्इ में डाला जाता है। यहाँ उपयुक्त कर्मवाच्य रूप का उद्देश्य उस व्यक्ति पर केंद्रित करना है जिसके साथ यह घटना घटी। यह महत्वपूर्ण नही है कि उस व्यक्ति के साथ ऐसा कौन करता है। @@ -64,9 +64,9 @@ (2) उसी क्रिया को कर्तृवाच्य रूप में उपयोग करें परंतु नही बताएँ कि किसने यह कार्य किया। इसकी बजाय, ‘‘वे’’ या ‘‘लोग’’ या ‘‘कोर्इ’’ जैसे प्रकटीकरणों के शब्दों का उपयोग करें। -> **उसके लिये यह भला होता, कि चक्की का पाट उसके गले में***लटकाया जाता***और वह समुद्र में***डाल दिया जाता***** (लूका 17:2 ULB) +> **उसके लिये यह भला होता, कि चक्की का पाट उसके गले में**लटकाया जाता और वह समुद्र में***डाल दिया जाता*** (लूका 17:2 ULB) >>यह भला होता, कि ***वे***उसके गले में चक्की का पाट लटकाकर, उसे समुद्र में ***डाल देते*** ->>यह भला होता, कि ***कोर्इ***उसके गले में चक्की का पाट लटकाकर, उसे समुद्र में ***डाल देता +>>यह भला होता, कि ***कोर्इ***उसके गले में चक्की का पाट लटकाकर, उसे समुद्र में ***डाल देता*** (3) सक्रिय वाक्य में अलग क्रिया का उपयोग करें diff --git a/translate/figs-declarative/01.md b/translate/figs-declarative/01.md index 8e525e4..33c1e36 100644 --- a/translate/figs-declarative/01.md +++ b/translate/figs-declarative/01.md @@ -42,7 +42,7 @@ (1) यदि आपकी भाषा में किसी कथन का सही उपयोग स्पष्ट नही हो रहा है, तो वाक्य के एक प्रकार का उपयोग करें जिस में उस कार्य को बताया जा सके। -> **वह एक पुत्र जनेगी, और ***तू उसका नाम यीशु रखना***; क्योंकि वह अपने लोगों का उन के पापों से उद्धार करेगा। (मत्ती 1:21 ULT) +> वह एक पुत्र जनेगी, और ***तू उसका नाम यीशु रखना***; क्योंकि वह अपने लोगों का उन के पापों से उद्धार करेगा। (मत्ती 1:21 ULT) ‘‘तू उसका नाम यीशु रखना’’ एक निर्देश है । सामान्य निर्देश के वाक्य के प्रकार का उपयोग कर इसका अनुवाद किया जा सकता है @@ -61,8 +61,8 @@ (3) यदि आपकी भाषा में किसी कथन का सही उपयोग स्पष्ट नही हो रहा है, तो क्रिया के एक प्रकार का उपयोग करें जिस में उस कार्य को बताया जा सके। > **वह पुत्र जनेगी, और***तू उसका नाम यीशु रखना***, क्योंकि वह अपने लोगों का उनके पापों से उद्वार करेगा।** (मत्ती 1:21 ULT) -वह पुत्र जनेगी, और ***तू उसका नाम यीशु रखना***, क्योंकि वह अपने लोगों का उनके पापों से उद्वार करेगा।** (मत्ती 1:21 ULT) -> **वह पुत्र जनेगी, और ***तुझे उसका नाम यीशु ही रखना चाहिए***, क्योंकि वह अपने लोगों का उनके पापों से उद्वार करेगा। +वह पुत्र जनेगी, और ***तू उसका नाम यीशु रखना***, क्योंकि वह अपने लोगों का उनके पापों से उद्वार करेगा। (मत्ती 1:21 ULT) +> वह पुत्र जनेगी, और ***तुझे उसका नाम यीशु ही रखना चाहिए***, क्योंकि वह अपने लोगों का उनके पापों से उद्वार करेगा। > **हे पुत्र, तेरे पाप क्षमा हुए।** (मरकुस 2:5 ULT) >> हे पुत्र, मैं तेरे पाप क्षमा करता हूँ। diff --git a/translate/figs-distinguish/01.md b/translate/figs-distinguish/01.md index 7c78874..7c12ee0 100644 --- a/translate/figs-distinguish/01.md +++ b/translate/figs-distinguish/01.md @@ -63,7 +63,7 @@ >**क्या सारा,***जो नब्बे वर्ष की है***, पुत्र जनेगी?** (उत्पत्ति 17:17-18 ULT) - वाक्याँश ‘‘जो नब्बे वर्ष की है’’ सारा की आयु का याद दिलाता है। यह बताता है कि अब्राहम क्यों प्रश्न को पूछ रहा था। उसने आशा ही नही की थी कि इस आयु में भी औरत बच्चा जन सकती है। >>क्या सारा बच्चा जन सकती है, ***यद्यपि*** वह नब्बे वर्ष की है? -> **मैं यहोवा को पुकारूँगा,***जो स्तुति के योग्य है***** (2 शमूएल 22:4 ULT) - केवल एक ही यहोवा है । वाक्याँश ‘‘स्तुति के योग्य’’ यहोवा को पुकारने का कारण बताता है। +> **मैं यहोवा को पुकारूँगा,**जो स्तुति के योग्य है (2 शमूएल 22:4 ULT) - केवल एक ही यहोवा है । वाक्याँश ‘‘स्तुति के योग्य’’ यहोवा को पुकारने का कारण बताता है। >>मैं यहोवा को पुकारूँगा ***क्योंकि***वह स्तुति के योग्य है। 2. अपनी भाषा में उसे बताने के सबसे अच्छे तरीके का उपयोग कर बताएँ कि ये केवल अतिरिक्त सूचना है। diff --git a/translate/figs-doublet/01.md b/translate/figs-doublet/01.md index f979e22..3c3368a 100644 --- a/translate/figs-doublet/01.md +++ b/translate/figs-doublet/01.md @@ -41,7 +41,7 @@ (2)यदि दोहरात्मक का उपयोग अर्थ पर बल देने के लिए किया गया है, तो दोनों में से एक का अनुवाद करें और उस शब्द के साथ ‘‘बहुत’’, -’’अधिक’’, ‘‘कर्इ’’ जैसे शब्दों को जोड़कर बल दें -> **दाऊद राजा***बूढ़ा*** और*** उसकी आयु बहुत बढ़ गई थी ***** (1 राजा 1:1 ULB) +> **दाऊद राजा**बूढ़ा*** और*** उसकी आयु बहुत बढ़ गई थी (1 राजा 1:1 ULB) >> ‘‘दाऊद राजा ***बहुत बूढ़ा*** हुआ’’ (3) यदि दोहरात्मक का उपयोग अर्थ पर बल देने के लिए किया गया है, तो अपनी भाषा में से किसी तरीके का उपयोग करें diff --git a/translate/figs-explicit/01.md b/translate/figs-explicit/01.md index d55ab1a..0eb54dd 100644 --- a/translate/figs-explicit/01.md +++ b/translate/figs-explicit/01.md @@ -1,5 +1,4 @@ * **अनुमानित ज्ञान** वो ज्ञान है जो एक वक्ता सोचता है कि उसके बोलने या किसी प्रकार की सूचना देने से पहले ही उसके श्रोता जानते हैं। वक्ता श्रोताओं को दो तरीके से सूचनाएँ देता है: - * **सुस्पष्ट** वक्ता अपनी बात सीधी बोलता है। * **अंतर्निहित** वक्ता अपनी बात सीधी नही बोलता है क्योंकि वह चाहता है कि उसकी बातों को सुनकर श्रोता स्वयं उसे जानें या सीखें। @@ -54,7 +53,7 @@ >> या: >> ... न्याय के दिन तुम्हारी दशा से ***दूष्ट शहर सोर और सीदोन*** की दशा अधिक सहने योग्य होगी -> **तेरे चेले पुरनियों की रीतों को क्यों टालते हैं? वे***बिना हाथ धोए रोटी खाते हैं***** (मत्ती 15:2 ULB) - अनुमानित ज्ञान यह था कि प्राचीनों की परंपराओं में से एक यह थी जिसमें लोग भोजन करने से पहले परंपरागत तरीके से अपने हाथ धोया करते थे कि वे धर्मी बन सकें। यह रोगों से बचने के लिए किटाणुओं को मारने का तरीका नही था जसा एक आधुनिक पाठक समझता होगा । +> **तेरे चेले पुरनियों की रीतों को क्यों टालते हैं? वे**बिना हाथ धोए रोटी खाते हैं (मत्ती 15:2 ULB) - अनुमानित ज्ञान यह था कि प्राचीनों की परंपराओं में से एक यह थी जिसमें लोग भोजन करने से पहले परंपरागत तरीके से अपने हाथ धोया करते थे कि वे धर्मी बन सकें। यह रोगों से बचने के लिए किटाणुओं को मारने का तरीका नही था जसा एक आधुनिक पाठक समझता होगा । >> तुम्हारे चेले प्राचीनों की प्रथा को क्यों तोड़ते हैं? क्योंकि ***वे धर्मी बनने के लिए, हाथ धाने की पवित्र प्रथा का पालन नही करते हैं*** जब वे रोटी खाते हैं diff --git a/translate/figs-genericnoun/01.md b/translate/figs-genericnoun/01.md index 5fe71c5..984f25e 100644 --- a/translate/figs-genericnoun/01.md +++ b/translate/figs-genericnoun/01.md @@ -55,7 +55,7 @@ >> **जो कोई** अपना अनाज रख छोड़ता है, उसको लोग शाप देते हैं। -(4) ‘‘लोग’’ के समान बहुवचन का उपयोग करें (जैसा इस कथन में है, ‘‘मनुष्य’’। +(4) ‘‘लोग’’ के समान बहुवचन का उपयोग करें (जैसा इस कथन में है, ‘‘मनुष्य’’)। > **जो** अपना अनाज रख छोड़ता है, उसको लोग शाप देते हैं (नीतिवचन 11:26 ULT) diff --git a/translate/figs-hendiadys/01.md b/translate/figs-hendiadys/01.md index d384f50..d277d31 100644 --- a/translate/figs-hendiadys/01.md +++ b/translate/figs-hendiadys/01.md @@ -55,7 +55,7 @@ >> क्योंकि मैं तुम्हें ऐसा ***बुद्धिमान शब्द*** दूंगा > **कि तुम्हारा चाल चलन परमेश्वर के योग्य हो, जो तुम्हें***अपने राज्य और महिमा*** में बुलाता है** (1 थिस्सलुनीकियों 2:12 ULB) ->>कि तुम्हारा चाल चलन परमेश्वर के योग्य हो, जो तुम्हें ***अपने राज्य और महिमा*** में बुलाता है** +>>कि तुम्हारा चाल चलन परमेश्वर के योग्य हो, जो तुम्हें ***अपने राज्य और महिमा*** में बुलाता है (3)वर्णन करने वाली विशेषण के बदले में एक क्रिया-विशेषण लगाएँ जिसका समान अर्थ हो @@ -65,7 +65,6 @@ (4) उसकी जगह पर अन्य शब्द भेद लगाएँ जिसका समान अर्थ हो और दिखाए कि एक शब्द दूसरे का वर्णन कर रहा है * **यदि तुम***चाहते और आज्ञा मानते*** हो...** (यशायाह 1:19 ULB) - - विशेषण ‘‘आज्ञा’’ की जगह पर ‘‘आज्ञा मानना’’ आ सकता है >> यदि तुम ***आज्ञा मानना चाहते*** @@ -76,4 +75,4 @@ संज्ञा "महिमा" को विशेषण "गौरवशाली" में बदला जा सकता है ताकि यह स्पष्ट हो सके कि यीशु का ऐसा दिखना वह है जिसकी हम आशा करते हैं। इसके अलावा, "यीशु मसीह" को वाक्यांश के सामने ले जाया जा सकता है और "महान परमेश्वर और उद्धारकर्ता" को एक सापेक्ष खंड में डाल दिया जाता है जो एक व्यक्ति, यीशु मसीह का वर्णन करता है। ->> जबकि हम प्राप्त करने के लिए तत्पर हैं *** हम किस चीज के लिए तरस रहे हैं, धन्य और शानदार दिखने वाला ***यीशु मसीह, जो हमारा महान परमेश्वर और उद्धारकर्ता*** है। +>> जबकि हम प्राप्त करने के लिए तत्पर हैं हम किस चीज के लिए तरस रहे हैं, धन्य और शानदार दिखने वाला ***यीशु मसीह, जो हमारा महान परमेश्वर और उद्धारकर्ता*** है। diff --git a/translate/figs-imperative/01.md b/translate/figs-imperative/01.md index b248d48..6ab0cd1 100644 --- a/translate/figs-imperative/01.md +++ b/translate/figs-imperative/01.md @@ -10,7 +10,7 @@ अक्सर वक्तागण श्रोताओं को कुछ करने के लिए कहने के लिए आदेशात्मक वाक्यों का उपयोग करते हैं। उत्पति 26 में, परमेश्वर इसहाक को मिस्र में नही परंतु जहाँ वह कहे वहाँ जाकर रहने के लिए कहता है। -> वहाँ यहोवा ने उसको दर्शन देकर कहा, मिस्र में "**मत जा; जो देश मैं तुझे बताऊँ, उसी में **रह** (उत्पति 26:2 ULT) +> वहाँ यहोवा ने उसको दर्शन देकर कहा, मिस्र में "**मत जा; जो देश मैं तुझे बताऊँ, उसी में रह** (उत्पति 26:2 ULT) कर्इ बार बाइबल में आदेशात्मक वाक्यों के अन्य उपयोग भी होते हैं। diff --git a/translate/figs-irony/01.md b/translate/figs-irony/01.md index 93137f9..a3ba458 100644 --- a/translate/figs-irony/01.md +++ b/translate/figs-irony/01.md @@ -22,7 +22,7 @@ > क्या तू रोशनी और अंधकार को उसके सिवाने तक हटा सकता है? > क्या तू उसके घर की डगर पहिचान सकता है? -> **निसन्देह तू यह सब कुछ जानता होगा, क्योंकि तू तो उस समय उत्पन्न हुआ था;** “**और तेरे दिनों की गिनती बहुत ज्यादा है!**” (अय्यूब 38:20-21 ULT)) +> **निसन्देह तू यह सब कुछ जानता होगा, क्योंकि तू तो उस समय उत्पन्न हुआ था;** “**और तेरे दिनों की गिनती बहुत ज्यादा है!**” (अय्यूब 38:20-21 ULT) अय्यूब ने सोचा कि वह बुद्धिमान था । यहोवा ने व्यंग्य का उपयोग कर अय्यूब को बताया कि वह बुद्धिमान नही था । उपरोक्त कथन में दो रेखांकित शब्द व्यंग्यात्मक हैं। वे कही गर्इ बात का विपरीत दिखाते हैं क्योंकि स्पष्ट दिखता है कि वे गलत हैं। वे बताते हैं कि अय्यूब शायद परमेश्वर के प्रश्न का उत्तर नही दे पाया था क्योंकि उसका जन्म बहुत, बहुत से सालों बाद हुआ था । diff --git a/translate/figs-nominaladj/01.md b/translate/figs-nominaladj/01.md index 87bb430..0c18fb9 100644 --- a/translate/figs-nominaladj/01.md +++ b/translate/figs-nominaladj/01.md @@ -12,7 +12,7 @@ निम्न वाक्य बताता है कि ‘‘धनी’’ शब्द संज्ञा का भी कार्य कर सकता है। -> तब न **तो**** धनी आधे शेकेल से अधिक दें, और न **कंगाल** उससे कम दें । (निर्गमन 30:15ब ULT) +> तब न **तो** धनी आधे शेकेल से अधिक दें, और न **कंगाल** उससे कम दें । (निर्गमन 30:15ब ULT) निर्गमन 30:15 में, ‘‘धनी’’ शब्द संज्ञा का कार्य करता है और धनी व्यक्तियों की बात करता है। ‘‘कंगाल’’ शब्द भी संज्ञा का कार्य करता है और कंगाल लोगों की बात करता है। diff --git a/translate/figs-possession/01.md b/translate/figs-possession/01.md index 6a8f4ca..d26d17a 100644 --- a/translate/figs-possession/01.md +++ b/translate/figs-possession/01.md @@ -109,8 +109,7 @@ 2. क्रिया का उपयोग कर बताएँ कि दोनो कैसे संबंधित हैं। ->जो कोई तुम्हे पीने के लिए **एक कटोरा पानी** दे... वह अपना प्रतिफल न खोएगा।’ (मरकुस 9:41 -ULT) +>जो कोई तुम्हे पीने के लिए **एक कटोरा पानी** दे... वह अपना प्रतिफल न खोएगा।’ (मरकुस 9:41 ULT) जो कोई तुम्हे पीने के लिए **पानी से भरा कटोरा** दे... अपना प्रतिफल नहीं खोएगा diff --git a/translate/figs-quotations/01.md b/translate/figs-quotations/01.md index af2846a..8547fbd 100644 --- a/translate/figs-quotations/01.md +++ b/translate/figs-quotations/01.md @@ -31,7 +31,7 @@ * अप्रत्यक्ष उद्धरण: जब फरीसियों के द्वारा पूछा गया, **कि परमेश्वर का राज्य कब आएगा,** * प्रत्यक्ष उद्धरण: यीशु ने उनको उत्तर दिया और कहा कि, "**पमेश्वर का राज्य प्रगट रूप में नहीं आता। और लोग यह न कहेंगे कि, 'देखो, यहाँ है!' या 'वहाँ है!' क्योंकि देखो, परमेश्वर का राज्य तुम्हारे बीच में है।**" -* प्रत्यक्ष उद्धरण: लोग यह न कहेंगे कि '**देखो, यहाँ है!' या,**वह**** वहाँ है!' +* प्रत्यक्ष उद्धरण: लोग यह न कहेंगे कि '**देखो, यहाँ है!' या,**वह वहाँ है!' ### अनुवाद की रणनीतियाँ diff --git a/translate/figs-sentencetypes/01.md b/translate/figs-sentencetypes/01.md index a3c4748..81caafb 100644 --- a/translate/figs-sentencetypes/01.md +++ b/translate/figs-sentencetypes/01.md @@ -50,7 +50,7 @@ वक्ता उस समूह का भाग बनने की मंशा रख सकते हैं, जो दी गए सुझाव का अनुपालन करता है| उत्पत्ति 11 में, लोग कह रहे थे कि उनके लिए एक साथ ईंटों को बनाना अच्छा होगा। -> तब वे आपस में कहने लगे, "आओ, **हम ईंटें बनाकर** भलीभांति आग में पकाएं|" (उत्पत्ति 11:3 ULT) ) +> तब वे आपस में कहने लगे, "आओ, **हम ईंटें बनाकर** भलीभांति आग में पकाएं|" (उत्पत्ति 11:3 ULT) **आमंत्रण** के साथ, वक्ता विनम्रता या मित्रता का उपयोग करता है ताकि यह सुझाव दिया जा सके और यदि श्रोता चाहे तो उसे करे| यह प्रायः ऎसी बात होती है जो वक्ता के विचार में श्रोता के लिए आनंददायक है| @@ -70,7 +70,7 @@ उत्पत्ति 9 में, नूह ने कनान के लिए कहा कि उसकी इच्छा है कि उसके साथ ऐसा हो| -> कनान **शापित हो** **हो सके तो वह** अपने भाइयों के दासों का भी दास हो जाए| (उत्पत्ति 9:25 ULB)) +> कनान **शापित हो** **हो सके तो वह** अपने भाइयों के दासों का भी दास हो जाए| (उत्पत्ति 9:25 ULB) उत्पत्ति 21 में, हाजिरा ने अपनी दृढ़ इच्छा व्यक्त की कि अपने पुते को मरते हुए न देखे, और फिर वह चली गई ताकि वह उसे मरते हुए न देख सके। diff --git a/translate/figs-yousingular/01.md b/translate/figs-yousingular/01.md index 8b37f92..70efe00 100644 --- a/translate/figs-yousingular/01.md +++ b/translate/figs-yousingular/01.md @@ -10,7 +10,7 @@ * कर्ता के एकवचन या बहुवचन रूप होते है या नहीं, इस पर निर्भर करते हुए कई भाषाओं में क्रिया के विभिन्न रूप भी होते हैं। इसलिए यदि "आप" का कोई सर्वनाम नहीं है, तो इन भाषाओं के अनुवादकों को यह जानने की आवश्यकता होगी कि क्या वक्ता एक व्यक्ति या एक से अधिक का वर्णन कर रहा था। अक्सर सन्दर्भ यह स्पष्ट कर देगा कि शब्द "आप" एक व्यक्ति या एक से अधिक को सन्दर्भित करता है या नहीं। यदि आप वाक्य में अन्य सर्वनामों को देखते हैं, तो वे आपको वक्ता से बात करने वाले लोगों की सँख्या जानने में सहायता करेंगे। -कभी-कभी यूनानी और इब्रानी वक्ताओं ने "आप" के एकवचनीय रूप का उपयोग किया होता है चाहे वे लोगों के समूह से ही बात क्यों न कर रहे थे। देखें ['आप' के रूप - एक भीड़ के लिए एकवचन](../figs-youcrowd/01.md).) +कभी-कभी यूनानी और इब्रानी वक्ताओं ने "आप" के एकवचनीय रूप का उपयोग किया होता है चाहे वे लोगों के समूह से ही बात क्यों न कर रहे थे। देखें ['आप' के रूप - एक भीड़ के लिए एकवचन](../figs-youcrowd/01.md). ### बाइबल से उदाहरण diff --git a/translate/grammar-connect-exceptions/01.md b/translate/grammar-connect-exceptions/01.md index 6121bc1..4478198 100644 --- a/translate/grammar-connect-exceptions/01.md +++ b/translate/grammar-connect-exceptions/01.md @@ -23,7 +23,6 @@ यदि स्रोत भाषा में अपवादात्मक खण्ड को जिस तरह से चिह्नित किया गया है, वह आपकी भाषा में भी स्पष्ट है, तो उसी तरह से अपवादात्मक खण्ड का अनुवाद करें। 1. बहुत बार, भाग 2 में अपवाद किसी बात का विरोधाभासी होता है जिसे भाग 1 में नकार दिया गया था। ऐसी घटना में, अनुवादक नकारात्मक विचार को हटाने और "**केवल**" जैसे शब्द का उपयोग करके विरोधाभास के बिना एक ही विचार को वाक्यांश का निर्माण कर सकता है। - 2. खण्डों के क्रम को उल्टा कर दें, ताकि अपवाद पहले कह दिया जाए, और फिर बड़े समूह को दूसरा नाम दिया गया है। ### अनुप्रयुक्‍त अनुवाद रणनीतियों के उदाहरण @@ -35,7 +34,7 @@ * भाग 1: (***नहीं*** एक भी मनुष्य न बचा) * भाग 2: (***छोड़*** कर चार सौ जवानों को) ->> दाऊद उन्हें रात के पहले पहर से लेकर दूसरे दिन की सांझ तक मारता रहा। *****केवल***** चार सौ जवानों को छोड़ कर उनमें से एक भी मनुष्य न बचा**, जो ऊँटों पर चढ़कर भाग गए। +>> दाऊद उन्हें रात के पहले पहर से लेकर दूसरे दिन की सांझ तक मारता रहा। ***केवल*** चार सौ जवानों को छोड़ कर उनमें से एक भी मनुष्य न बचा जो ऊँटों पर चढ़कर भाग गए। >परन्तु यदि तू छुड़ाना न चाहे, तो मुझे ऐसा ही बता दे, कि मैं समझ लूँ; क्योंकि तुझे ***छोड़*** उसके छुड़ाने का अधिकार और किसी को ***नहीं*** है, और तेरे बाद मैं हूँ।” (रूत 4:4 यूएलटी) >>परन्तु यदि तू छुड़ाना न चाहे, तो मुझे ऐसा ही बता दे, कि मैं समझ लूँ; क्योंकि ***तू छुड़ानेहारों की पक्ति में पहले स्थान पर है[केवल तू ही छुड़ा सकता है]***, और तेरे बाद मैं हूँ। diff --git a/translate/grammar-connect-logic-contrast/01.md b/translate/grammar-connect-logic-contrast/01.md index b392fec..b251428 100644 --- a/translate/grammar-connect-logic-contrast/01.md +++ b/translate/grammar-connect-logic-contrast/01.md @@ -53,4 +53,4 @@ 3.अगर आपकी भाषा एक भिन्न तरीके से एक तुलनात्मक संबंध दिखाती है, तो उस ही तरीके का उपयोग करें। > [दाऊद] पर परमेश्वर ने अनुग्रह किया; अतः उसने विनती की, कि मैं याकूब के परमेश्वर के लिये निवास स्थान बनाऊँ। ***तथापि***, सुलैमान ने उसके लिये घर बनाया। ***तथापि***, परमप्रधान हाथ के बनाए घरों में नहीं रहता, (प्रेरितों 7:46-48 यूएलटी) ->> [दाऊद] पर परमेश्वर ने अनुग्रह किया; अतः उसने विनती की, कि मैं याकूब के परमेश्वर के लिये निवास स्थान बनाऊँ। ***परन्तु***, यह सुलैमान था, ***न कि दाऊद***, जिसने उसके लिये घर बनाया***, परमप्रधान हाथ के बनाए घरों में नहीं रहता, +>> [दाऊद] पर परमेश्वर ने अनुग्रह किया; अतः उसने विनती की, कि मैं याकूब के परमेश्वर के लिये निवास स्थान बनाऊँ। ***परन्तु***, यह सुलैमान था, ***न कि दाऊद***, जिसने उसके लिये घर बनाया, परमप्रधान हाथ के बनाए घरों में नहीं रहता, diff --git a/translate/grammar-connect-time-background/01.md b/translate/grammar-connect-time-background/01.md index 7ae4eca..ae20271 100644 --- a/translate/grammar-connect-time-background/01.md +++ b/translate/grammar-connect-time-background/01.md @@ -18,7 +18,7 @@ सुलैमान ने विदेशी देवताओं की पूजा करना शुरू कर दिया था जब वह बूढ़ा हो गया था। बूढ़ा होना पृष्ठभूमि की घटना है। अन्य देवताओं की पूजा करना मुख्य घटना है। -> *** अब *** उसके माता-पिता प्रति वर्ष *** यरूशलेम के लिए फसह के त्योहार के लिए जाया करते थे। जब वह बारह वर्ष हुआ, वे फिर से पर्व की रीति पर प्रथा अनुसार निर्धारित समय गए। (ल्यूक 2: 41-42 यूएलटी) +> *** अब *** उसके माता-पिता प्रति वर्ष यरूशलेम के लिए फसह के त्योहार के लिए जाया करते थे। जब वह बारह वर्ष हुआ, वे फिर से पर्व की रीति पर प्रथा अनुसार निर्धारित समय गए। (ल्यूक 2: 41-42 यूएलटी) पहली घटना -- यरुशलेम को जाना - - चल रही है और बहुत पहले शुरू हुई थी। हम इसे "प्रति वर्ष" शब्दों के कारण जानते हैं। यरूशलेम जाना पृष्ठभूमि की घटना है। तब एक घटना शुरू होती है जो उस समय शुरू हुई जब "जब वह बारह वर्ष का था।" इस तरह मुख्य घटना यीशु और उसके परिवार के फसह पर्व मनाने के लिए यरुशलेम की यात्रा करने का विशिष्ट समय है *जब वह बारह वर्ष का था।* @@ -43,7 +43,7 @@ (1) यदि जोड़ने वाला शब्द यह स्पष्ट नहीं करता है कि जो आगे आ रहा है वह पृष्ठभूमि खण्ड है, तो जोड़ने वाले शब्द का उपयोग करें जो इसे और अधिक स्पष्ट रूप से संचारित करता है। ->… ***यह उस समय में हुआ था जब पुन्तियुस पिलातुस यहूदिया का राज्यपाल था, ***और उस समय में*** जब गलील में हेरोदेस इतूरैया, ***और उस समय में*** जब त्रखोनीतिस में, उसका भाई फिलिप्पुस, और अबिलेने में लिसानियास चौथाई के राजा थे, ***और साथ ही उस समय में*** जब हन्ना और कैफा महायाजक थे - तब परमेश्वर का वचन जंगल में जकर्याह के पुत्र यूहन्ना के पास पहुँचा। (लूका 3:1-2 यूएलटी) +>… यह उस समय में हुआ था जब पुन्तियुस पिलातुस यहूदिया का राज्यपाल था, ***और उस समय में*** जब गलील में हेरोदेस इतूरैया, ***और उस समय में*** जब त्रखोनीतिस में, उसका भाई फिलिप्पुस, और अबिलेने में लिसानियास चौथाई के राजा थे, ***और साथ ही उस समय में*** जब हन्ना और कैफा महायाजक थे - तब परमेश्वर का वचन जंगल में जकर्याह के पुत्र यूहन्ना के पास पहुँचा। (लूका 3:1-2 यूएलटी) (2) यदि आपकी भाषा जोड़ने वाले शब्दों का उपयोग करने की तुलना में एक अलग ही तरीके से पृष्ठभूमि खण्ड को चिह्नित करती है, जैसे कि विभिन्न क्रिया रूपों के साथ होता है, तो उसी तरीके का उपयोग करें। diff --git a/translate/grammar-connect-words-phrases/01.md b/translate/grammar-connect-words-phrases/01.md index 31bc957..863c942 100644 --- a/translate/grammar-connect-words-phrases/01.md +++ b/translate/grammar-connect-words-phrases/01.md @@ -49,7 +49,7 @@ > मैंने तुरंत मांस और लहू के साथ परामर्श नहीं किया, और न ही मैं उन लोगों के पास यरूशलेम गया, जो मुझसे पहले प्रेरित थे, *** परन्तु*** इसके स्थान पर मैं अरब गया और फिर दमिश्क लौट आया। *** फिर*** तीन साल बाद मैं कैफा से भेंट करने के लिए यरूशलेम को गया, और उसके साथ पंद्रह दिन रहा। (गलातियों 1: 16-18 यूएलटी) -शब्द "परन्तु" किसी बात का परिचय देता है कि ** पहले जो कहा गया था, उसके विपरीत ** तुलना ** है। **तुलना** यहाँ पौलुस ने क्या नहीं किया और क्या नहीं किया में है। शब्द "फिर" घटनाओं के एक ** अनुक्रम ** का परिचय देता है। यह कुछ ऐसा परिचय देता है जिसे पौलुस ने दमिश्क से लौटने के पश्चात् किया था। +शब्द "परन्तु" किसी बात का परिचय देता है कि पहले जो कहा गया था, उसके विपरीत **तुलना** है। **तुलना** यहाँ पौलुस ने क्या नहीं किया और क्या नहीं किया में है। शब्द "फिर" घटनाओं के एक **अनुक्रम** का परिचय देता है। यह कुछ ऐसा परिचय देता है जिसे पौलुस ने दमिश्क से लौटने के पश्चात् किया था। > *** इसलिए*** जो कोई भी इनमें से छोटी से छोटी में से किसी एक को तोड़े ***और*** वैसा ही दूसरों को सिखाए, वह स्वर्ग के राज्य में छोटा कहलाएगा । ***परन्तु*** जो कोई उनका पालन करता है और उन्हें सिखाता है उसे स्वर्ग के राज्य में महान कहा जाएगा। (मत्ती 5:19 यूएलटी) @@ -95,8 +95,8 @@ (3) एक अलग जोड़ने वाले शब्द का उपयोग करें। -> ***** इसलिए *** जो कोई भी इनमें से छोटी से छोटी में से किसी एक को तोड़े, वैसा ही दूसरों को सिखाए, वह स्वर्ग के राज्य में छोटा कहलाएगा। ***परन्तु*** जो कोई उनका पालन करता है और उन्हें सिखाता है उसे स्वर्ग के राज्य में महान कहा जाएगा। (मत्ती 5:19 यूएलटी) +> *** इसलिए *** जो कोई भी इनमें से छोटी से छोटी में से किसी एक को तोड़े, वैसा ही दूसरों को सिखाए, वह स्वर्ग के राज्य में छोटा कहलाएगा। ***परन्तु*** जो कोई उनका पालन करता है और उन्हें सिखाता है उसे स्वर्ग के राज्य में महान कहा जाएगा। (मत्ती 5:19 यूएलटी) "इसलिए" जैसे शब्द के स्थान पर, एक भाषा को यह इंगित करने के लिए एक वाक्यांश की आवश्यकता हो सकती है कि इससे पहले भी एक खण्ड था जो उस खण्ड का कारण प्रदान करता था जो इसके बाद में आता है। साथ ही, शब्द "परन्तु" का उपयोग यहां दो समूहों के लोगों के बीच विपरीतता को दिखाने के लए किया जाता है। परन्तु कुछ भाषाओं में, शब्द "परन्तु" यह दर्शाता है कि इसके बाद जो आता है वह आश्चर्यचकित करने वाला है इसका कारण इससे पहले जो कुछ आया है। इसलिए "और" उन भाषाओं के लिए स्पष्ट हो सकता है। वे इस तरह अनुवाद कर सकते हैं: -> ***** क्योंकि इस कारण ***, जो कोई भी इनमें से छोटी से छोटी में से किसी एक को तोड़े, वैसा ही दूसरों को सिखाए, वह स्वर्ग के राज्य में छोटा कहलाएगा। ***और*** जो कोई उनका पालन करता है और उन्हें सिखाता है उसे स्वर्ग के राज्य में महान कहा जाएगा। +> *** क्योंकि इस कारण ***, जो कोई भी इनमें से छोटी से छोटी में से किसी एक को तोड़े, वैसा ही दूसरों को सिखाए, वह स्वर्ग के राज्य में छोटा कहलाएगा। ***और*** जो कोई उनका पालन करता है और उन्हें सिखाता है उसे स्वर्ग के राज्य में महान कहा जाएगा। diff --git a/translate/resources-long/01.md b/translate/resources-long/01.md index 32a68aa..62c03bc 100644 --- a/translate/resources-long/01.md +++ b/translate/resources-long/01.md @@ -12,4 +12,4 @@ "ऐसा इसलिए है, क्योंकि तू सुनने और पश्चाताप करने से इन्कार करता है" (देखें: [रूपक](../figs-metaphor/01.md) और [उपलक्ष्य अलंकार]) -* **कठोरता और अपश्चातापी मन** - वाक्यांश "अपश्चातापी मन" शब्द "कठोरता" की व्याख्या करता है (देखें: [दोहराव](../figs-metonymy/01.md) इस उदाहरण में पहला नोट रूपक और उपलक्ष्य अलंकार की व्याख्या करता है, और दूसरा उसी सन्दर्भ में दोहराव को बताता है। +* **कठोरता और अपश्चातापी मन** - वाक्यांश "अपश्चातापी मन" शब्द "कठोरता" की व्याख्या करता है (देखें: [दोहराव](../figs-metonymy/01.md)) इस उदाहरण में पहला नोट रूपक और उपलक्ष्य अलंकार की व्याख्या करता है, और दूसरा उसी सन्दर्भ में दोहराव को बताता है। diff --git a/translate/resources-words/01.md b/translate/resources-words/01.md index 19b84fb..d6e5a3c 100644 --- a/translate/resources-words/01.md +++ b/translate/resources-words/01.md @@ -50,4 +50,4 @@ * दया (आवश्यकता में पड़े हुओं लोगों की सहायता करना) * अनुग्रह (सहायता या वह सम्बन्ध जो उस व्यक्ति को दिया जाता है, जिसने इसे अर्जित नहीं किया है) -(ध्यान दें कि ये सभी संज्ञाएँ हैं, परन्तु वे घटनाओं का प्रतिनिधित्व करती हैं, इसलिए उन्हें (क्रिया) वाक्यांश के द्वारा ही अनुवादित करने की आवश्यकता हो सकती है। आपको अनुवाद समूह के अन्य सदस्यों या अपनी कलीसिया या गाँव के लोगों के साथ शब्दों के अनुवाद संसाधन की इन परिभाषाओं की चर्चा करने की आवश्यकता हो सकती है, ताकि उन्हें अनुवाद करने का सबसे अच्छा तरीका पता चले। +ध्यान दें कि ये सभी संज्ञाएँ हैं, परन्तु वे घटनाओं का प्रतिनिधित्व करती हैं, इसलिए उन्हें (क्रिया) वाक्यांश के द्वारा ही अनुवादित करने की आवश्यकता हो सकती है। आपको अनुवाद समूह के अन्य सदस्यों या अपनी कलीसिया या गाँव के लोगों के साथ शब्दों के अनुवाद संसाधन की इन परिभाषाओं की चर्चा करने की आवश्यकता हो सकती है, ताकि उन्हें अनुवाद करने का सबसे अच्छा तरीका पता चले। diff --git a/translate/toc.yaml b/translate/toc.yaml index 23d64ba..96fcd89 100644 --- a/translate/toc.yaml +++ b/translate/toc.yaml @@ -1,6 +1,6 @@ -title: "Table of Contents" +title: "विषय-सूची" sections: - - title: "Introduction" + - title: "परिचय" sections: - title: "अनुवाद सहायक पुस्तिका का परिचय" link: translate-manual @@ -12,7 +12,7 @@ sections: link: translate-more - title: "अपने बाइबल अनुवाद का लक्ष्य कैसे बनाएँ?" link: translate-aim - - title: "Defining a Good Translation" + - title: "एक अच्छे अनुवाद को परिभाषित करना" sections: - title: "अच्छे अनुवादक के गुण" link: guidelines-intro @@ -42,7 +42,7 @@ sections: link: guidelines-collaborative - title: "निरंतरता के अनुवाद को तैयार करना" link: guidelines-ongoing - - title: "Meaning-Based Translation" + - title: "अर्थ आधारित अनुवाद" sections: - title: "अनुवाद प्रक्रिया" link: translate-process @@ -70,21 +70,19 @@ sections: sections: - title: "अर्थ के लिए अनुवाद" link: translate-tform - - title: "Before Translating" + - title: "अनुवाद करने से पहले" sections: - title: "अनुवाद दल को चुनना" link: choose-team sections: - title: "अनुवादक की योग्यताएँ" link: qualifications - - title: "Choosing a Translation Style" - link: choose-style - title: "चुनना कि क्या अनुवाद किया जाए" link: translation-difficulty - title: "स्रोत लेख को चुनना" link: translate-source-text sections: - - title: "कॉपीराइट, लार्इसेंस और स्रोत लेख" + - title: "कॉपीराइट, लाइसेंस और स्रोत लेख" link: translate-source-licensing - title: "स्रोत लेख एवं वर्जन संख्याएँ" link: translate-source-version @@ -97,13 +95,13 @@ sections: link: translate-alphabet2 - title: "फाइल प्रारूप" link: file-formats - - title: "How to Start Translating" + - title: "अनुवाद का आरम्भ कैसे करें" sections: - title: "प्रथम प्रालेख तैयार करना" link: first-draft - title: "अनुवाद में मदद" link: translate-help - - title: "The Bible Text" + - title: "अनलॉक बाइबल टेक्सट" sections: - title: "मूल एवं स्रोत भाषा" link: translate-original @@ -117,7 +115,7 @@ sections: link: translate-formatsignals - title: "बाइबल के अनुवाद में ULB एवं UDB का उपयोग कैसे करें" link: translate-useulbudb - - title: "Use the Translation Helps when Translating" + - title: "अनुवाद करते वक्त अनुवाद सहायक(ट्रांसलेशन हेल्प) का उपयोग करें" sections: - title: "लिंक्स के साथ नोट्स" link: resources-links @@ -146,19 +144,19 @@ sections: link: resources-iordquote - title: "ULB कथनों के साथ नोट्स" link: resources-long - - title: "शब्दों के अनुवाद संसाधन का उपयोग करना" + - title: "ट्रांसलेशन वर्ड का उपयोग करना" link: resources-words - title: "अनुवाद प्रश्नों का उपयोग" link: resources-questions - - title: "Just-in-Time Learning Modules" + - title: "सही समय पर सीखने का अनुखंड" sections: - - title: "Translation Issues" + - title: "भाषा के अलंकार" sections: - title: "लेखों के भेद" link: translate-textvariants - title: "पद सेतु" link: translate-versebridge - - title: "Writing Styles (Discourse)" + - title: "लेखन शैली (लेख)" sections: - title: "लेखन के प्रकार" link: writing-intro @@ -178,11 +176,11 @@ sections: link: writing-poetry - title: "नीतिवचन" link: writing-proverbs - - title: "प्रतीकात्मक भाषा" + - title: "प्रतीकों की भाषा" link: writing-symlanguage - title: "प्रतीकात्मक भविष्यद्वाणी" link: writing-apocalypticwriting - - title: "Sentences" + - title: "वाक्य" sections: - title: "वाक्य रचना" link: figs-sentences @@ -220,7 +218,7 @@ sections: link: grammar-connect-condition-hypothetical - title: "संयोजक - अपवाद खण्ड" link: grammar-connect-exceptions - - title: "Grammar" + - title: "व्याकरण" sections: - title: "व्याकरण के विषय" link: figs-grammar @@ -257,14 +255,9 @@ sections: - title: "जब पुल्लिंग शब्दों में स्त्रियाँ शामिल होती हैं" link: figs-gendernotations - title: "Word Order" - sections: - - title: "शब्द क्रम" - link: figs-order - - title: "Word Order – Hebrew" - link: figs-orderHeb - - title: "Word Order – Greek" - link: figs-orderGrk - - title: "Quotes" + - title: "शब्द क्रम" + link: figs-order + - title: "उद्धरण" sections: - title: "उद्धरण एवं उद्धरण हासिये" link: writing-quotations @@ -274,7 +267,7 @@ sections: link: figs-quotemarks - title: "उद्धरणों में उद्धरण" link: figs-quotesinquotes - - title: "Pronouns" + - title: "सर्वनाम" sections: - title: "सर्वनाम" link: figs-pronouns @@ -290,7 +283,7 @@ sections: link: figs-rpronouns - title: "सर्वनाम - उनका कब उपयोग करें" link: writing-pronouns - - title: "Unknowns" + - title: "अपरिचित" sections: - title: "अज्ञात का अनुवाद" link: translate-unknown @@ -322,7 +315,7 @@ sections: link: translate-fraction - title: "प्रतीकात्मक कार्य" link: translate-symaction - - title: "Figures of Speech" + - title: "भाषा के अलंकार" sections: - title: "भाषा के अलंकार" link: figs-intro @@ -366,7 +359,7 @@ sections: link: figs-simile - title: "उपलक्षण अलंकार" link: figs-synecdoche - - title: "Biblical Imagery" + - title: "भाषा के अलंकार" sections: - title: "बाइबल के रूप" link: biblicalimageryta @@ -374,12 +367,8 @@ sections: link: bita-part1 - title: "बाइबल के रूप - सामान्य मेटोनिमी" link: bita-part2 - - title: "Biblical Imagery – Simple Metaphors" - link: figs-simetaphor - title: "विस्तृत रूपक" link: figs-exmetaphor - - title: "Biblical Imagery – Complex Metaphors" - link: figs-cometaphor - title: "Biblical Imagery – Common Metaphors in the Bible" sections: - title: "बाइबल आधारित छवियाँ - देह के अंग एवं मानवीय गुण" diff --git a/translate/translate-bdistance/01.md b/translate/translate-bdistance/01.md index f100a96..955dce5 100644 --- a/translate/translate-bdistance/01.md +++ b/translate/translate-bdistance/01.md @@ -22,8 +22,7 @@ 1. बाइबल में पाए जाने वाले लोगों ने मीटर, लीटर और किलोग्राम जैसे आधुनिक मापों का उपयोग नहीं किया। मूल मापों का उपयोग करने से पाठकों को यह जानने में सहायता मिल सकती है कि बाइबल वास्तव में बहुत समय पहले लिखी गई थी जब लोग उन मापों का उपयोग करते थे। 1. आधुनिक मापों का उपयोग करने से पाठकों को मूलपाठ को आसानी से समझने में सहायता मिल सकती है। -2. आप जिस भी माप का उपयोग करते हैं, पाठ, या फुटनोट अर्थात् पाद टिप्पणी में अन्य प्रकार के मापों के बारे में बताना, यदि सम्भव हो तो ज्यादा अच्छा होगा। - +1. आप जिस भी माप का उपयोग करते हैं, पाठ, या फुटनोट अर्थात् पाद टिप्पणी में अन्य प्रकार के मापों के बारे में बताना, यदि सम्भव हो तो ज्यादा अच्छा होगा। 1. यदि आप बाइबल के मापों का उपयोग नहीं करते हैं, तो पाठकों को यह विचार न देने का प्रयास करें कि माप सटीक हैं। उदाहरण के लिए, यदि आप एक वर्ग को ".46 मीटर" या यहाँ तक कि "46 सेंटीमीटर" के रूप में भी अनुवाद करते हैं, तो पाठकों सोच सकते हैं कि माप सटीक है। "आधा मीटर," "45 सेंटीमीटर," या "50 सेंटीमीटर" इत्यादि कहना अधिक सर्वोत्तम होगा। 1. कभी-कभी यह दिखाने के लिए शब्द "माप" का उपयोग करने में सहायता मिल सकती है कि माप सटीक नहीं है। उदाहरण के लिए, लूका 24:13 कहता है कि इम्माऊस यरूशलेम से साठ स्टेडिया पर स्थित था। इसका अनुवाद यरूशलेम से "लगभग दस किलोमीटर" के रूप में किया जा सकता है। 1. जब परमेश्वर लोगों को बताता हैं कि कितना समय होना चाहिए, और जब लोग उस लम्बाई के अनुसार कामों को करते हैं, तो अनुवाद में इसके "बारे" में उपयोग न करें। अन्यथा यह इस तरह का प्रभाव देगा कि परमेश्वर को सटीकता के साथ सरोकार नहीं है कि वास्तव में कोई समय कितना लम्बा होना चाहिए था। diff --git a/translate/translate-fraction/01.md b/translate/translate-fraction/01.md index 4097674..e38db84 100644 --- a/translate/translate-fraction/01.md +++ b/translate/translate-fraction/01.md @@ -64,12 +64,12 @@ > > …चाँदी के **आठ ग्राम**…(1 शमूएल 13:21 UST) > -> …**आधा हीन** तेल में सना हुआ **एपा का तीन दसवां** अंश मैदा (गिनती 15:9 ULT)यूएलबी) +> …**आधा हीन** तेल में सना हुआ **एपा का तीन दसवां** अंश मैदा (गिनती 15:9 ULT) यूएलबी > > > …**साढ़े छह लीटर** मैदे **दो लीटर** जैतून के तेल में मिलाया जाए। (गिनती 15:9 ULT) (3) माप के लिए, अपनी भाषा में उपयोग किए जाने वाले मापों का ही उपयोग करें। ऐसा करने के लिए आपको यह जानना होगा कि आपका माप मीट्रिक पद्धति से कैसे सम्बन्धित है और आपको प्रत्येक माप को समझना होगा। -> …**आधा हीन** तेल में सना हुआ **एपा का तीन दसवां** अंश मैदा (गिनती 15:9 ULT)) +> …**आधा हीन** तेल में सना हुआ **एपा का तीन दसवां** अंश मैदा (गिनती 15:9 ULT) > > > **छः क्वार्ट** मैदा **दो क्वार्ट** तेल के साथ मिला हुआ। diff --git a/translate/translate-ordinal/01.md b/translate/translate-ordinal/01.md index 7ffb764..004cf84 100644 --- a/translate/translate-ordinal/01.md +++ b/translate/translate-ordinal/01.md @@ -56,7 +56,7 @@ >> ***चौबीस*** चिट्ठीयाँ थी। ***एक चिट्ठी*** यहोयारीब के नाम पर, ***अन्य*** यदायाह, ***अन्य*** हारिम पर,... ***अन्य*** दलायाह के पर, ***और अन्तिम*** माज्याह के नाम पर निकली। >> *** चौबीस*** चिट्ठीयाँ थी। ***एक चिट्टी*** यहोयारीब के पास गई, ***अगली*** यदायाह, ***उससे अगली*** हारीम के पास,... ***उससे अगली*** दलायाह के पास, ***और अन्तिम*** माज्याह के पाई गई। -> **वाटिका को पानी देने के लिए अदन से एक नदी निकाली गई। वहाँ से यह विभाजित हो गई और ***चार*** नदियाँ बन गईं। ***पहली*** का नाम पिशोन है। यह वह है, जो हवीला की सारी भूमि में बहती है, जहाँ सोना है। उस भूमि का सोना अच्छा है। वहाँ मोती और सुलैमानी पत्थर भी है। ***दूसरी*** नदी का नाम गीहोन है। यह कूश की पूरी भूमि में बहती है। ***तीसरी*** नदी का नाम हिद्देकेल है, जो अश्शूर के पूर्व में बहता है। ***चौथी*** नदी फरात है। (उत्पत्ति 2:10-14 ULT) +> वाटिका को पानी देने के लिए अदन से एक नदी निकाली गई। वहाँ से यह विभाजित हो गई और ***चार*** नदियाँ बन गईं। ***पहली*** का नाम पिशोन है। यह वह है, जो हवीला की सारी भूमि में बहती है, जहाँ सोना है। उस भूमि का सोना अच्छा है। वहाँ मोती और सुलैमानी पत्थर भी है। ***दूसरी*** नदी का नाम गीहोन है। यह कूश की पूरी भूमि में बहती है। ***तीसरी*** नदी का नाम हिद्देकेल है, जो अश्शूर के पूर्व में बहता है। ***चौथी*** नदी फरात है। (उत्पत्ति 2:10-14 ULT) >> वाटिका को पानी देने के लिए अदन से एक नदी निकाली गई। वहाँ से यह विभाजित हो गई और ***चार*** नदियाँ बन गईं। ***एक*** का नाम पिशोन है। यह वह है, जो हवीला की सारी भूमि में बहती है, जहाँ सोना है। उस भूमि का सोना अच्छा है। वहाँ मोती और सुलैमानी पत्थर भी है। ***अगली*** नदी का नाम गीहोन है। यह कूश की पूरी भूमि में बहती है। ***अगली*** नदी का नाम हिद्देकेल है, जो अश्शूर के पूर्व में बहता है। ***अन्तिम*** नदी फरात है। (2) वस्तुओं की कुल सँख्या बताएँ और फिर उन्हें सूचीबद्ध करें या उनके साथ जुड़ी बातों को सूचीबद्ध करें। diff --git a/translate/translate-unknown/01.md b/translate/translate-unknown/01.md index 4375d1a..fd6d44e 100644 --- a/translate/translate-unknown/01.md +++ b/translate/translate-unknown/01.md @@ -54,17 +54,17 @@ 1. एक वाक्यांश का उपयोग करें जो यह बताता है कि अज्ञात वस्तु क्या है, या वचन में उपयोग की गई अज्ञात वस्तु के बारे में क्या महत्वपूर्ण है। -> **झूठे भविष्यद्वक्ताओं से सावधान रहो, जो भेड़ों के भेष में तुम्हारे पास आते हैं, परन्तु अन्तर में ***फाड़नेवाले भेड़िए*** हैं। (मत्ती 7:15 ULT) +> झूठे भविष्यद्वक्ताओं से सावधान रहो, जो भेड़ों के भेष में तुम्हारे पास आते हैं, परन्तु अन्तर में ***फाड़नेवाले भेड़िए*** हैं। (मत्ती 7:15 ULT) >> झूठे भविष्यद्वक्ताओं से सावधान रहो, जो भेड़ों के भेष में तुम्हारे पास आते हैं, परन्तु ***वास्तव में भूखे और खतरनाक जानवर हैं***। -यहाँ "फाड़नेवाले भेड़िए" एक रूपक का हिस्सा है, इसलिए पाठक को यह जानकारी समझने के लिए आवश्यक है कि वे इस रूपक में भेड़ों के लिए अत्याधिक खतरनाक हैं। (यदि भेड़ें भी अज्ञात हैं, तो आपको अनुवाद करने के लिए अनुवाद रणनीतियों में से किसी एक का उपयोग करने की आवश्यकता होगी, या रूपकों के लिए अनुवाद की रणनीति का उपयोग करके रूपक को किसी अन्य चीज़ में बदलना होगा। देखें [रूपकों का अनुवाद करना](../figs-metaphor/01.md)। +यहाँ "फाड़नेवाले भेड़िए" एक रूपक का हिस्सा है, इसलिए पाठक को यह जानकारी समझने के लिए आवश्यक है कि वे इस रूपक में भेड़ों के लिए अत्याधिक खतरनाक हैं। (यदि भेड़ें भी अज्ञात हैं, तो आपको अनुवाद करने के लिए अनुवाद रणनीतियों में से किसी एक का उपयोग करने की आवश्यकता होगी, या रूपकों के लिए अनुवाद की रणनीति का उपयोग करके रूपक को किसी अन्य चीज़ में बदलना होगा। देखें [रूपकों का अनुवाद करना](../figs-metaphor/01.md))। > **यहाँ हमारे पास केवल पाँच***रोटियाँ*** और दो मछलियाँ हैं** (मत्ती 14:17 ULT) ->> यहाँ हमारे पास केवल पाँच ***पके हुए अनाज के बीज की रोटियाँ*** और दो मछलियाँ हैं** +>> यहाँ हमारे पास केवल पाँच ***पके हुए अनाज के बीज की रोटियाँ*** और दो मछलियाँ हैं 1. आपकी भाषा से मिलता-जुलता कुछ करें यदि ऐसा करना किसी ऐतिहासिक तथ्य को गलत तरीके से प्रस्तुत नहीं करता है। ->**तुम्हारे पाप... ***हिम*** के समान उजले हो जाएँगे (यशायाह 1:18 ULT) यह वचव बर्फ के बारे में नहीं है। यह लोगों को बोलने के तरीके को समझने में सहायता देने के लिए उपयोग किया गया है कि लोग समझे कि सफेद का अर्थ कैसा होगा। +>तुम्हारे पाप... ***हिम*** के समान उजले हो जाएँगे (यशायाह 1:18 ULT) यह वचव बर्फ के बारे में नहीं है। यह लोगों को बोलने के तरीके को समझने में सहायता देने के लिए उपयोग किया गया है कि लोग समझे कि सफेद का अर्थ कैसा होगा। >> तुम्हारे पाप…***दूध*** के जैसे सफेद हो जाएंगे >> तुम्हारे पाप…***चन्द्रमा*** के जैसे सफेद होंगे @@ -74,11 +74,11 @@ >> और उसे ***गन्धरस नामक एक दवा*** मिला हुआ दाखरस देने लगे, परन्तु उसने नहीं लिया। > **यहाँ हमारे पास केवल पाँच***रोटियाँ*** और दो मछलियाँ हैं** (मत्ती 14:17 ULT) - हो सकता है कि लोग सर्वोत्तम रीति से समझें कि ब्रेड क्या होती है यदि इसका उपयोग एक वाक्यांश के साथ किया जाता है जो यह बताता हो कि यह किस से (बीज) बना है और इसे कैसे (पीस कर और पका कर) तैयार किया जाता है । -> यहाँ हमारे पास केवल पाँच ***रोटियाँ पीसे हुए बीज की पकी हुई हैं*** और दो मछलियाँ हैं** +> यहाँ हमारे पास केवल पाँच ***रोटियाँ पीसे हुए बीज की पकी हुई हैं*** और दो मछलियाँ हैं 1. एक शब्द का प्रयोग करें जो अपने अर्थ में अधिक सामान्य है। -> **मैं यरूशलेम को खण्डहर बनाकर ***गीदड़ों*** का स्थान बनाऊँगा***** (यिर्मयाह 9:11 ULT) +> मैं यरूशलेम को खण्डहर बनाकर ***गीदड़ों*** का स्थान बनाऊँगा (यिर्मयाह 9:11 ULT) >> मैं यरूशलेम को खण्डहर बनाकर ***जंगली कुत्तों*** का स्थान बनाऊँगा > **यहाँ हमारे पास केवल पाँच***रोटियाँ*** और दो मछलियाँ हैं** (मत्ती 14:17 ULT) @@ -86,5 +86,5 @@ 1. एक शब्द या वाक्यांश का उपयोग करें जो अपने अर्थ में अधिक विशेष है। -> **उसने***बड़ी-बड़ी ज्योतियाँ***** बनाईं (भजन संहिता 136:7 ULT) ->> **उसने ***सूर्य और चन्द्रमा*** को बनाया +> **उसने***बड़ी-बड़ी ज्योतियाँ बनाईं (भजन संहिता 136:7 ULT) +>> **उसने** ***सूर्य और चन्द्रमा*** को बनाया diff --git a/translate/writing-apocalypticwriting/01.md b/translate/writing-apocalypticwriting/01.md index 7ebd99c..e2c3075 100644 --- a/translate/writing-apocalypticwriting/01.md +++ b/translate/writing-apocalypticwriting/01.md @@ -2,7 +2,7 @@ प्रतीकात्मक भविष्यद्वाणी एक प्रकार का सन्देश है, जिसे परमेश्वर ने एक भविष्यवक्ता को दिया ताकि भविष्यवक्ता दूसरों को बताए। ये सन्देश भविष्य में परमेश्वर क्या करेगा, को दिखाने के लिए चित्रों और प्रतीकों का उपयोग करता है। मुख्य पुस्तकें जिनमें भविष्यद्वाणियाँ हैं, यशायाह, यहेजकेल, दानिय्येल, जकर्याह और प्रकाशितवाक्य हैं। प्रतीकात्मक भविष्यद्वाणी के छोटे उदाहरण अन्य पुस्तकों में भी पाए जाते हैं, जैसे कि मत्ती 24, मरकुस 13, और लूका 21 में। बाइबल बताती है कि परमेश्वर ने प्रत्येक सन्देश को कैसे दिया और सन्देश क्या था। -जब परमेश्वर ने सन्देश दिया, तो उसने अक्सर स्वप्न और दृष्टान्तों जैसे आश्चर्यजनक तरीकों के द्वारा ऐसा किया। ("स्वप्न" और "दर्शन" का अनुवाद करने में सहायता पाने के लिए: [स्वप्न](rc://*/tw/dict/bible/other/dream) और [दर्शन](rc://*/tw/dict/bible/other/vision) जब भविष्यद्वक्ताओं ने इन स्वप्नों और दृष्टान्तों को देखा, तो उन्होंने अक्सर परमेश्वर और स्वर्ग के बारे में चित्रों और प्रतीकों को देखा। +जब परमेश्वर ने सन्देश दिया, तो उसने अक्सर स्वप्न और दृष्टान्तों जैसे आश्चर्यजनक तरीकों के द्वारा ऐसा किया। "स्वप्न" और "दर्शन" का अनुवाद करने में सहायता पाने के लिए: [स्वप्न](rc://*/tw/dict/bible/other/dream) और [दर्शन](rc://*/tw/dict/bible/other/vision) जब भविष्यद्वक्ताओं ने इन स्वप्नों और दृष्टान्तों को देखा, तो उन्होंने अक्सर परमेश्वर और स्वर्ग के बारे में चित्रों और प्रतीकों को देखा। इनमें से कुछ चित्र सिंहासन, सुनहरे दीपदान, श्वेत बाल और श्वेत कपड़े वाले सामर्थी, और आग की तरह आँखें और लोहे की तरह पैर वाले व्यक्ति की हैं। इनमें से कुछ चित्रों को एक से अधिक भविष्यद्वक्ता के द्वारा देखा गया था। संसार के बारे में भविष्यद्वाणियों में चित्रों और प्रतीकों भी सम्मिलित हैं। diff --git a/translate/writing-newevent/01.md b/translate/writing-newevent/01.md index 53e96c0..db2a117 100644 --- a/translate/writing-newevent/01.md +++ b/translate/writing-newevent/01.md @@ -54,7 +54,7 @@ >> एक रात **निकुदेमुस नाम का एक व्यक्ति, जो एक फरीसी था और यहूदी महासभा का सदस्य**, यीशु के पास आया और कहा… -**जैसे ही वह वहाँ से पार हुआ, **उसने कर संग्रह करने वाले स्थान पर** हलफई के पुत्र लेवी को देखा, और उसने उससे कहा … (मरकुस 2:14 ULT) +जैसे ही वह वहाँ से पार हुआ, **उसने कर संग्रह करने वाले स्थान पर** हलफई के पुत्र लेवी को देखा, और उसने उससे कहा … (मरकुस 2:14 ULT) >> जैसे ही वह वहाँ से पार हुआ, **उसने कर संग्रह करने वाले स्थान पर** हलफई के पुत्र लेवी को देखा। यीशु ने उसे देखा और उससे कहा ... diff --git a/translate/writing-participants/01.md b/translate/writing-participants/01.md index 76f7017..f06dcb7 100644 --- a/translate/writing-participants/01.md +++ b/translate/writing-participants/01.md @@ -34,7 +34,7 @@ यदि पुराने प्रतिभागी का कुछ समय के लिए उल्लेख नहीं किया गया है, या यदि प्रतिभागियों के बीच भ्रम हो सकता है, तो लेखक प्रतिभागी के नाम का पुन: उपयोग कर सकता है। नीचे दिए गए उदाहरण में, मानोह को उसके नाम से सन्दर्भित किया गया है, जिसे लेखक ने वचन 2 के बाद उपयोग नहीं किया है। > फिर **मानोह** ने परमेश्वर से प्रार्थना की … (न्यायियों 13:8 ULT) -कुछ भाषाओं में क्रिया के बारे में कुछ ऐसी बात है, जो कर्ता के बारे में कुछ और बताती है। उन भाषाओं में से कुछ लोग सदैव पुराने वाक्यांशों के लिए संज्ञा वाक्यांशों या सर्वनामों का उपयोग नहीं करते हैं, जब वे वाक्य में कर्ता होते हैं। क्रिया पर चिन्ह्ति करना श्रोता के लिए पर्याप्त जानकारी यह समझने के लिए देता है कि कर्ता कौन है। [देखें क्रियाएँ](../figs-verbs/01.md).) +कुछ भाषाओं में क्रिया के बारे में कुछ ऐसी बात है, जो कर्ता के बारे में कुछ और बताती है। उन भाषाओं में से कुछ लोग सदैव पुराने वाक्यांशों के लिए संज्ञा वाक्यांशों या सर्वनामों का उपयोग नहीं करते हैं, जब वे वाक्य में कर्ता होते हैं। क्रिया पर चिन्ह्ति करना श्रोता के लिए पर्याप्त जानकारी यह समझने के लिए देता है कि कर्ता कौन है। [देखें क्रियाएँ](../figs-verbs/01.md). ### अनुवाद की रणनीतियाँ diff --git a/translate/writing-pronouns/01.md b/translate/writing-pronouns/01.md index 0d743d4..adcc3e7 100644 --- a/translate/writing-pronouns/01.md +++ b/translate/writing-pronouns/01.md @@ -43,7 +43,7 @@ (1) यदि यह आपके पाठकों को स्पष्ट नहीं है कि सर्वनाम कौन या किस को सन्दर्भित करता है, तो संज्ञा या नाम का उपयोग करें। -> फिर यीशु यहूदी आराधनालय में चला गया, और सूखे हाथ वाला एक व्यक्ति वहाँ था। **उन्होंने** **उसे** देखा कि कहीं **वह** सब्त के दिन तो **उसे** चंगा तो नहीं करता है। (मरकुस 3:1- 2 +> फिर यीशु यहूदी आराधनालय में चला गया, और सूखे हाथ वाला एक व्यक्ति वहाँ था। **उन्होंने** **उसे** देखा कि कहीं **वह** सब्त के दिन तो **उसे** चंगा तो नहीं करता है। (मरकुस 3:1-2) > एक बार फिर से यीशु यहूदी आराधनालय में चला गया, और सूखे हाथ वाला एक व्यक्ति वहाँ था। **कुछ फरीसियों** ने **यीशु** को देखा कि **कहीं** वह सब्त के दिन **उसे** चंगा तो नहीं करता है। (मरकुस 3:1-2 UST) 1. यदि संज्ञा या नाम दोहराना लोगों को यह सोचने के लिए प्रेरित करता है कि मुख्य पात्र मुख्य पात्र नहीं है, या लेखक उस नाम के साथ एक से अधिक व्यक्तियों के बारे में बात कर रहा है, या कोई और है, या यह कि किसी पर कोई दबाब है, जबकि वहाँ पर किसी के ऊपर कोई दबाब नहीं है, तो इसकी अपेक्षा एक सर्वनाम का उपयोग करें। diff --git a/translate/writing-symlanguage/01.md b/translate/writing-symlanguage/01.md index 070092b..32ef477 100644 --- a/translate/writing-symlanguage/01.md +++ b/translate/writing-symlanguage/01.md @@ -1,51 +1,58 @@ ### विवरण -बोलने और लेखन में प्रतीकात्मक भाषा अन्य बातों और घटनाओं का प्रतिनिधित्व करने के लिए प्रतीकों का उपयोग करती है। बाइबल में यह भविष्यद्वाणी और काव्य में सबसे अधिक होता है, विशेषकर भविष्य में होने वाली धटनाओं के बारे में दर्शनों और सपनों में। यद्यपि लोग तुरन्त प्रतीक के अर्थ को नहीं जानते हैं, परन्तु प्रतीक को अनुवाद में रखना महत्वपूर्ण है। +बोलने में और लिखने में जब प्रतीकों की भाषा का उपयोग किया जाता है तो वस्तुओं, घटनाओं आदि के लिए प्रतीकों का प्रयोग किया जाता है| बाईबल में यह भविष्यद्वाणी और भजनों में में सबसे अधिक प्रयोग की जाती है, विशेष करके भविष्य में होने वाली धटनाओं के बारे में दर्शनों और सपनों में। यद्यपि लोग प्रतीक के अर्थ को तत्काल ही समझ नहीं पाते हैं, परन्तु प्रतीक को अनुवाद में रखना महत्वपूर्ण है। -> इस कुण्डल पत्र को खा, फिर इस्राएल के घराने से बात कर।” (यहेजकेल 3:1 यूएलबी) यह एक स्वप्न में था। कुण्डल पत्र खाने का अर्थ कुण्डल पत्र पर जो लिखा गया था उसे पढ़ने और समझने का प्रतीक है, और इन शब्दों को परमेश्वर से स्वयं स्वीकार करना है। +> इस पुस्तक को खा, तब जाकर इस्राएल के घराने से बातें कर।” (यहेजकेल 3:1 ULT) -#### प्रतीकात्मवाद के उद्देश्य +यह एक स्वप्न में था। पुस्तक को खाना, उस पुस्तक में जो लिखा था उसे यहेजकेल द्वारा पढ़ कर भली-भाँति समझ लेने के लिए तथा परमेश्वर के इन वचनों को स्वयं में अंतर्ग्रहण करने के लिए एक प्रतीक है। -- प्रतीकात्मकवाद का एक उद्देश्य अन्य घटनाओं में बहुत ही अधिक नाटकीय शब्दों को डालकर लोगों को किसी घटना की महत्व या गम्भीरता को समझने में सहायता करना है। -- प्रतीकात्मकवाद का एक और उद्देश्य कुछ लोगों को कुछ दूसरे लोगों के बारे में बताने के लिए है, जो वास्तविकता को छिपाते हैं, जो प्रतीकवाद को नहीं समझते हैं। +#### प्रतीक प्रयोग के उद्देश्य -#### इसका कारण यह अनुवाद का एक विषय है +- प्रतीक प्रयोग का एक उद्देश्य है, किसी घटना के महत्त्व या उग्रता को अन्य अत्यधिक नाटकीय शब्दों में व्यक्त करके मनुष्यों को समझने में सहायता करना। +- प्रतीक प्रयोग का एक और उद्देश्य है, कुछ मनुष्यों पर किसी बात को प्रकट करना जबकि उन अन्य मनुष्यों से उसके वास्तविक अर्थ का छिपा कर रखना जो प्रतीकों को नहीं समझते हैं। -जो लोग आज बाइबल पढ़ते हैं, उन्हें यह समझना कठिन हो सकता है कि भाषा प्रतीकात्मक है, और वे नहीं जानते कि प्रतीक क्या है। +#### इसके अनुवाद की समस्या का कारण + +जो लोग आज बाइबल पढ़ते हैं, उन्हें यह समझना कठिन होता है कि भाषा प्रतीकात्मक है, और वे नहीं जानते कि प्रतीक किसका द्योतक है। #### अनुवाद के सिद्धान्त -- जब प्रतीकात्मक भाषा का उपयोग किया जाता है, तो प्रतीक को अनुवाद में रखना महत्वपूर्ण है। -- यह भी महत्वपूर्ण है कि मूल वक्ता या लेखक की तुलना में प्रतीक को समझाया न जाए, क्योंकि वह कदाचित् हर किसी को जीवित नहीं चाहता था, ताकि वह इसे आसानी से समझ सके। +- जब भाषा में प्रतीकों का प्रयोग किया जाता है तो अनुवाद में उन प्रतीकों को रखना महत्पूर्ण होता है। +- यह भी महत्वपूर्ण है कि मूल वक्ता या लेखक जो समझाने का प्रयास कर रहा है उससे अधिक उसकी व्याख्या न की जाए क्योंकि संभव है कि वह नहीं चाहता था कि उस समय का हर एक मनुष्य उसे आसानी से समझ ले। ### बाइबल से उदाहरण -> इसके बाद मैंने रात में अपने स्वप्नों में चौथा जानवर देखा जो, भययोग्य, डरावना, और बहुत अधिक दृढ़ थआ। उसके लौहे के बड़े दांत थे; यह नष्ट हो गया, टुकड़ों में तोड़ दिया गया, और जो कोई भी बचा था, उसके नीचे कुचला गया। यह अन्य जानवरों से अलग था, और इसके दस सींग थे। (दानिय्येल 7:7 यूएलबी) +> फिर इसके बाद मैं ने स्वप्न में दृष्टि की और देखा, कि एक **चौथा जंतु है** जो भयंकर और डरावना और बहुत सामर्थी है, और उसके **बड़े बड़े लोहे के दांत** हैं; वह सब कुछ खा डालता है और चूर चूर करता है, और जो बच जाता है, उसे पैरों से रौंदता है| वह सब पहले जंतुओं से भिन्न है; और उसके **दस सींग** हैं। (दानिय्येल 7:7 ULT) -नीचे दिखाए गए अनुसार रेखांकित प्रतीकों का अर्थ दानिय्येल 7:23-24 में बताया गया है। जानवर साम्राज्यों का प्रतिनिधित्व करते हैं, लौह के दांत वाला एक सामर्थी सेना का प्रतिनिधित्व करता है, और सींग सामर्थी अगुओं का प्रतिनिधित्व करते हैं। +इन मोटी छपाई के प्रतीकों के अर्थ की व्याख्या दानिय्येल 7:23-24 में की गई है, जैसा नीचे दिखाया गया है। जानवर साम्राज्यों का प्रतिनिधित्व करते हैं, लौह के दांत एक सामर्थी सेना का प्रतिनिधित्व करते हैं, और सींग सामर्थी अगुओं का प्रतिनिधित्व करते हैं। -> तब यह उस व्यक्ति ने, 'चौथे जानवर के लिए कहा, कि यह पृथ्वी पर एक चौथा साम्राज्य होगा जो अन्य सभी साम्राज्यों से अलग होगा। यह सारी पृथ्वी को भस्म कर देगा, और यह इसे कुचल र देगा और उसे टुकड़ों में बाँट देगा। जहाँ तक दस सिंगों की बात है, इस साम्राज्य में से दस राजा उठेंगे, और दूसरा उनके बाद उठेगा। वह पिछले लोगों से अलग होगा, और वह तीन राजाओं पर जय पाएगा। (दानिय्येल 7:23-24 यूएलबी) +> उसने कहा, 'उस चौथे जंतु का अर्थ एक **चौथा राज्य** है, जो पृथ्वी पर होकर और सब राज्यों से भिन्न होगा, और सारी पृथ्वी का नाश करेगा, और दांव कर चूर चूर करेगा। उन दस सींगों का अर्थ यह है, कि उस राज्य में से **दस राजा** उठेंगे, और उसके बाद पहलों से भिन्न एक और राजा उठेगा जो तीन राजाओं को गिरा देगा, (दानिय्येल 7:23-24 ULT) -
मैं यह देखने के लिए पीछे की ओर मुड़ गया कि किसकी आवाज़ मुझसे बात कर रही थी, और जैसे ही मैं मुड़ा, मैंने सात सुनहरे दीपदानों को देखा। दीपदानों के बीच में मनुष्य के पुत्र की तरह एक था ... ... उसके दाहिने हाथ में सात सितारे थे, और उसके मुँह से एक तेज दो धारी वाली तलवार बाहर निकल रही थी ...। जहाँ तक आपने दाहिने हाथ में सात तारों के बारे में छुपे हुए अर्थ, और सात सुनहरे दीपदानों के बारे में छिपे अर्थ की बात है: सात तारे सात कलीसियाओं के दूत हैं , और सात दीपदान सात कलीसियाएँ हैं. (प्रकाशितवाक्य 1:12, 16, 20 यूएलबी)
+< तब मैं ने उसे, जो मुझ से बोल रहा था, देखेने के लिए अपना मुंह फेरा; और पीछे घूमकर मैं ने **सोने की सात दीवटें** देखीं, और उन दीवटों के बीच में मनुष्य के पुत्र सदृश्य एक पुरुष को देखा... वह अपने हाथ में **सात तारे** लिए हुए था, और उसके मुख से **तेज दोधारी तलवार** निकलती थी| उन सात तारों का भेद जिन्हें तू ने मेरे दाहिने हाथ में देखा था, और उन सात सोने की दीवटों का भेद: वे **सात तारे सातों कलीसियाओं के दूत है,** और वे **सात दीवटें सात कलीसियाएं हैं|** (प्रकाशितवाक्य 1:12-13, 16, 20 ULT) +> +> -यह सन्दर्भ सात दीपदानों और सात तारों के अर्थ को समझाता है। दो धार वाली तलवार परमेश्वर के वचन और न्याय का प्रतिनिधित्व करती है। +यह गद्ध्यांश सात दीपदानों और सात तारों के अर्थ को समझाता है। दोधारी तलवार परमेश्वर के वचन और न्याय का प्रतीक हैं। -### अनुवाद की रणनीतियाँ +### अनुवाद की युक्तियाँ -1. प्रतीकों के साथ मूलपाठ का अनुवाद करें। अक्सर वक्ता या लेखक सन्दर्भ में बाद में अर्थ बताते हैं। -1. प्रतीकों के साथ मूलपाठ का अनुवाद करें। फिर फुटनोट्स अर्थात् पाद टिप्पणियों में प्रतीकों की व्याख्या करें। +(1) मूलपाठ का अनुवाद करते समय प्रतीकों को ज्यों का त्यों रखें । वक्ता या लेखक अधिकतर आगे चलकर गद्ध्यांश में अर्थ समझाता है। +(2) मूलपाठ का अनुवाद करते समय प्रतीकों को ज्यों का त्यों रखें। फिर पाद टिप्पणियों में प्रतीकों की व्याख्या करें। -### अनुवाद के लिए लागू की गई रणनीतियों के उदाहरण +### अनुवाद की युक्तियों के प्रायोगिक उदाहरण -1. प्रतीकों के साथ मूलपाठ का अनुवाद करें। अक्सर वक्ता या लेखक सन्दर्भ में बाद में अर्थ बताते हैं। +(1) मूलपाठ का अनुवाद करते समय प्रतीकों को ज्यों का त्यों रखें । वक्ता या लेखक अधिकतर आगे चलकर गद्ध्यांश में अर्थ समझाता है। -* **इसके बाद मैंने रात में अपने स्वप्नों में चौथा जानवर देखा जो, भययोग्य, डरावना, और बहुत अधिक दृढ़ था। उसके लौहे के बड़े दांत थे; यह नष्ट हो गया, टुकड़ों में तोड़ दिया गया, और जो कोई भी बचा था, उसके नीचे कुचला गया। यह अन्य जानवरों से अलग था, और इसमें दस सींग थे।** (दानिय्येल 7:7 यूएलबी) - लोग समझने में सक्षम होंगे कि प्रतीकों का अर्थ क्या है, जब वे दानिय्येल 7 में स्पष्टीकरण पढ़ते हैं:23-24। +> उसने कहा, 'उस चौथे जंतु का अर्थ एक **चौथा राज्य है** जो पृथ्वी पर होकर और सब राज्यों से भिन्न होगा, और सारी पृथ्वी को नाश करेगा, और दांव कर चूर चूर करेगा। उन दस सींगों का अर्थ यह है, कि उस राज्य में से **दस राजा** उठेंगे, और उनके बाद पहिलों से भिन्न एक और राजा उठेगा जो तीन राजाओं को गिरा देगा|' (दानि. 7:23-24 ULT) -1. प्रतीकों के साथ मूलपाठ का अनुवाद करें। फिर फुटनोट्स में प्रतीकों की व्याख्या करें। +(2) प्रतीकों के साथ मूलपाठ के अनुवाद में प्रतीकों को ज्यों का त्यों रखें। प्ररतीकों की व्याख्या पाद टिप्पणी में करें। -* **इसके बाद मैंने रात में अपने स्वप्नों में चौथा जानवर देखा जो , भययोग्य, डरावना, और बहुत दृढ़ था। उसके लौहे के बड़े दांत थे; यह नष्ट हो गया, टुकड़ों में तोड़ दिया गया, और जो कोई भी बचा था, उसके नीचे कुचला गया। यह अन्य जानवरों से अलग था, और इसके दस सींग थे।** (दानिय्येल 7:7 यूएलबी) - * इसके बाद मैंने रात में अपने स्वप्न में एक चौथा जानवर देखा, 1 जो भययोग्य, डरावना, और बहुत अधिक दृढ़ था। उसके लौहे के बड़े दांत थे 2 यह नष्ट हो गया, टुकड़ों में तोड़ दिया गया, और जो कोई भी बचा था, उसके नीचे कुचला गया। यह अन्य जानवरों से अलग था, और इसके दस सींग थे। 3 - * फुटनोट इस तरह दिखेगा: - * [1] जानवर एक साम्राज्य का प्रतीक है। - * [2] लौह के दांत वाला साम्राज्य की सामर्थी सेना का प्रतीक है। - * [3] सींग सामर्थी राजाओं के प्रतीक हैं। +> फिर इसके बाद मैं ने स्वप्न में दृष्टि की और देखा, कि एक **चौथा जंतु** है जो भयंकर और डरावना और बहुत सामर्थी है ; उसके **बड़े बड़े लोहे के दांत** हैं; वह सब कुछ खा डालता है और चूर चूर करता है, और जो बाख जाता है, उसको पैरों से रौंदता है। वह सब पहले जंतुओं से भिन्न है; और उसके **दस सींग** हैं। (दानिय्येल 7:7 ULT) + +> >इसके बाद मैं ने स्वप्न में दृष्टि की और देखा देखा की एक चौथा जंतु है, 1 जो भयंकर और डरावना, और बहुत सामर्थी है। उसके लौहे के बड़े बड़े दांत हैं; 2 वह सब कुछ खा डालता है और चूर चूर करता है, और जो बच जाता है, उसको पैरों से रौंदता है| वह पहले जंतुओं से भिन्न है, और उसके दस सींग हैं। 3 + +> पाद टिप्पणी ऎसी होगी : + +> > [1] वह जंतु एक साम्राज्य का प्रतीक है। +> > [2] लौह के दांत उस साम्राज्य की सामर्थी सेना का प्रतीक हैं। +> > [3] सींग सामर्थी राजाओं के प्रतीक हैं। diff --git a/translate/writing-symlanguage/sub-title.md b/translate/writing-symlanguage/sub-title.md index b2f39a6..3c35413 100644 --- a/translate/writing-symlanguage/sub-title.md +++ b/translate/writing-symlanguage/sub-title.md @@ -1 +1 @@ -प्रतीकात्मक भाषा क्या है और मैं इसका अनुवाद कैसे करूँ? \ No newline at end of file +प्रतीकों की भाषा क्या होती है? मैं इसका अनुवाद कैसे कर सकता/सकती हूँ? \ No newline at end of file diff --git a/translate/writing-symlanguage/title.md b/translate/writing-symlanguage/title.md index e65739d..76020ba 100644 --- a/translate/writing-symlanguage/title.md +++ b/translate/writing-symlanguage/title.md @@ -1 +1 @@ -प्रतीकात्मक भाषा \ No newline at end of file +प्रतीकों की भाषा \ No newline at end of file