diff --git a/checking/intro-checking/01.md b/checking/intro-checking/01.md index afd71e0..6632f51 100644 --- a/checking/intro-checking/01.md +++ b/checking/intro-checking/01.md @@ -26,4 +26,4 @@ कर्इ सारी जाँच प्रक्रियाओं में से होकर गुजारने का मकसद कलीसिया की पहुँच तक सामग्रियों को बनाना है जिससे लेख की खुली जाँच और पुष्टिकरण का भी अवसर मिलता है। हर समय, यह बात स्पष्ट रूप से दर्शायी जाएगी कि सटीकता के लिए किस सीमा तक लेख की जाँच हुर्इ है। हमारा विश्वास है कि इससे जाँच पक्रिया में गति आएगी, कलीसियार्इ बॉर्ड एवं अधिकार की भागिदारी होगी और बेहतर अनुवाद बाहर लाया जा सकेगा। -* आभार: अनुमति के साथ इस्तेमाल, © 2013, SIL International, Sharing Our Native Culture, p. 69.* +*आभार: अनुमति के साथ इस्तेमाल, © 2013, SIL International, Sharing Our Native Culture, p. 69.* diff --git a/checking/intro-levels/01.md b/checking/intro-levels/01.md index 409bd13..6920302 100644 --- a/checking/intro-levels/01.md +++ b/checking/intro-levels/01.md @@ -9,7 +9,7 @@ ### जाँच स्तर -* ऑपन बाइबल स्टोरीस* समेत अनफॉल्डिंग-वर्ड के लेखों की सटीकता की निश्चितता के बारे में यहाँ बताया गया है जो पर भी उपलब्घ है। +*ऑपन बाइबल स्टोरीस* समेत अनफॉल्डिंग-वर्ड के लेखों की सटीकता की निश्चितता के बारे में यहाँ बताया गया है जो पर भी उपलब्घ है। हमारे द्वारा उपयोग किया जाने वाला तीन स्तरीय जाँच का मापदण्ड अनफॉल्डिंग-वर्ड [अनुवाद के निर्देश](../../intro/translation-guidelines/01.md) पर आधारित है।अनुवाद किये गये भाग की तुलना विश्वास कथन के धर्मविज्ञान एवं अनुवाद के निर्देशों की प्रक्रियाओं एवं तरीकों के आधार पर की जाती है। इस प्रकार तैयार हो रहे इन दस्तावेजों की मदद से, अनफॉल्डिंग-वर्ड प्रोजेक्ट में जाँच के तीन स्तर लागु किए जाते हैं। diff --git a/checking/self-assessment/01.md b/checking/self-assessment/01.md index 4ff7c7a..6d83a25 100644 --- a/checking/self-assessment/01.md +++ b/checking/self-assessment/01.md @@ -6,11 +6,11 @@ मूल्यांकन का यह तरीका दो प्रकार के कथनों को बताता है। कुछ कथन हाँ/नही में हैं जहाँ नही में दिया गया उत्तर समस्या को बताता है जिसे सही करना जरूरी है। दूसरे भागों में एक समान-महत्व के तरीके का उपयोग हुआ है जो अनुवादकों और जाँचकर्ताओं को अनुवाद के कथन प्रस्तुत करता है। हर कथन को (अनुवादक दल से शुरू कर) जाँच करने वाले सदस्य के द्वारा 0-2 तक के मापदण्ड में अंक दिए जाएँ: -** 0** - असहमत +**0** - असहमत -** 1** - थोड़ा बहुत सहमत +**1** - थोड़ा बहुत सहमत -** 2** - एकदम सहमत +**2** - एकदम सहमत अवलोकन के बाद, एक भाग में मिले सभी उत्तरों के कुल अंकों को जोड़ा जाए, और यदि दिए गए उत्तर वास्तव में अनुवाद के सही स्तर को बताते हैं, तो अवलोकनकर्ताओं के अवलोकनों के आधार पर अधिकतम मान्य तरीके से कहा जा सकता है कि अनुवाद के अध्याय की गुणवत्त अच्छी है। निम्न निर्देश, अवलोकनकर्ताओं को एक आसान अवलोकन का तरीका देने के लिए तैयार किया गया है जिसकी मदद से कार्य को सही तरीके से विकसित किया जा सके। *उदाहरण के तौर पर, यदि एक अनुवाद को ‘‘सटीकता’’ में अच्छे अंक मिलते हैं, परंतु ‘‘स्वाभाविकता’’ और ‘‘स्पष्टता’’ में कम अंक मिलते हैं, तो अनुवादक दल को सामाजिक जाँच पर थोड़ा अधिक ध्यान देना पड़ेगा।* @@ -22,68 +22,68 @@ ##### 1. समीक्षा -* नीचे लिखे हर कथन के लिए ‘‘नही’’ या ‘‘हाँ’’ पर गोला बनाएँ* +*नीचे लिखे हर कथन के लिए ‘‘नही’’ या ‘‘हाँ’’ पर गोला बनाएँ* -** नही | हाँ ** यह अनुवाद अर्थ-आधारित अनुवाद है जो मूलभूत लेख के अर्थ को लक्षित भाषा के समान, स्वाभाविक, स्पष्ट और सटीक तरीके से पेश करने की कोशिश करता है। +**नही | हाँ ** यह अनुवाद अर्थ-आधारित अनुवाद है जो मूलभूत लेख के अर्थ को लक्षित भाषा के समान, स्वाभाविक, स्पष्ट और सटीक तरीके से पेश करने की कोशिश करता है। -** नही | हाँ ** अनुवाद की जाँच कर रहे लोग लक्षित भाषा को स्वयं बोलने वाले लोग हैं। +**नही | हाँ ** अनुवाद की जाँच कर रहे लोग लक्षित भाषा को स्वयं बोलने वाले लोग हैं। -** नही | हाँ ** इस अध्याय का अनुवाद विश्वास कथन के अनुसार है। +**नही | हाँ ** इस अध्याय का अनुवाद विश्वास कथन के अनुसार है। -** नही | हाँ ** इस अध्याय के अनुवाद को अनुवाद के निर्देशों के आधार पर किया गया है। +**नही | हाँ ** इस अध्याय के अनुवाद को अनुवाद के निर्देशों के आधार पर किया गया है। ##### 2. स्वाभाविकता: ‘‘यह *मेरी* भाषा है -* नीचे लिखे हर कथन के लिए "0" या "1" या "2" पर गोला बनाएँ* +*नीचे लिखे हर कथन के लिए "0" या "1" या "2" पर गोला बनाएँ* इस भाग को अधिक समुदाय जाँच के दौरान और भी लागु किया जा सकता है। (देखें [भाषा समुदाय की जाँच](../language-community-check/01.md)) -** 0 1 2** भाषा को बोलने एवं इस अध्याय को पढ़ने वाले सहमत है कि अनुवाद में भाषा का सही रूप इस्तेमाल किया गया है। +**0 1 2** भाषा को बोलने एवं इस अध्याय को पढ़ने वाले सहमत है कि अनुवाद में भाषा का सही रूप इस्तेमाल किया गया है। -** 0 1 2** भाषा बोलने वाले सहमत हैं कि इसके अध्यायों में प्रयुक्त प्रमुख शब्द इस संस्कृति में स्वीकार्य एवं सही है। +**0 1 2** भाषा बोलने वाले सहमत हैं कि इसके अध्यायों में प्रयुक्त प्रमुख शब्द इस संस्कृति में स्वीकार्य एवं सही है। -** 0 1 2** इस भाषा को बोलने वाले, अध्याय के प्रयुक्त उदाहरणों एवं कहानियों को समझ सकते हैं। +**0 1 2** इस भाषा को बोलने वाले, अध्याय के प्रयुक्त उदाहरणों एवं कहानियों को समझ सकते हैं। -** 0 1 2** इस भाषा को बोलने वाले सहमत हैं कि इसकी वाक्य रचना एवं लेखों का क्रम स्वाभाविक है और सही बहाव को प्रस्तुत करता है। +**0 1 2** इस भाषा को बोलने वाले सहमत हैं कि इसकी वाक्य रचना एवं लेखों का क्रम स्वाभाविक है और सही बहाव को प्रस्तुत करता है। -** 0 1 2** स्वाभाविकता के लिए इस अध्याय के अनुवाद की जाँच में समुदाय के वे लोग शामिल थे, जिन्होने इस अध्याय के अनुवाद की प्रक्रिया में भाग नही लिया। +**0 1 2** स्वाभाविकता के लिए इस अध्याय के अनुवाद की जाँच में समुदाय के वे लोग शामिल थे, जिन्होने इस अध्याय के अनुवाद की प्रक्रिया में भाग नही लिया। -** 0 1 2** स्वाभाविकता के लिए इस अध्याय के अनुवाद की जाँच में विश्वासी एवं गैर-विश्वासी दोनों शामिल थे जिन्हे बाइबल का इतना ज्ञान नही था जिससे कि लेख को सुनते ही उन्हे यह आभास न हो जाए कि लेख क्या कह रहा है। +**0 1 2** स्वाभाविकता के लिए इस अध्याय के अनुवाद की जाँच में विश्वासी एवं गैर-विश्वासी दोनों शामिल थे जिन्हे बाइबल का इतना ज्ञान नही था जिससे कि लेख को सुनते ही उन्हे यह आभास न हो जाए कि लेख क्या कह रहा है। -** 0 1 2** स्वाभाविकता के लिए इस अध्याय के अनुवाद की जाँच में विभिé उम्र के उक्त भाषा बोलने वाले शामिल थे। +**0 1 2** स्वाभाविकता के लिए इस अध्याय के अनुवाद की जाँच में विभिé उम्र के उक्त भाषा बोलने वाले शामिल थे। -** 0 1 2** स्वाभाविकता के लिए इस अध्याय के अनुवाद की जाँच में स्त्री एवं पुरूष दोनों शामिल थे। +**0 1 2** स्वाभाविकता के लिए इस अध्याय के अनुवाद की जाँच में स्त्री एवं पुरूष दोनों शामिल थे। ##### 3. स्पष्टता: ‘‘अर्थ स्पष्ट है’’ -* नीचे लिखे हर कथन के लिए "0" या "1" या "2" पर गोला बनाएँ* +*नीचे लिखे हर कथन के लिए "0" या "1" या "2" पर गोला बनाएँ* इस भाग को अधिक समुदाय जाँच के दौरान और भी लागु किया जा सकता है। (देखें [भाषा समुदाय की जाँच](../language-community-check/01.md)) -** 0 1 2** इस अध्याय का अनुवाद उस भाषा के उपयोग से किया गया है जिसे स्थानीय भाषा बोलने वाले आसानी से समझ सकते हैं। +**0 1 2** इस अध्याय का अनुवाद उस भाषा के उपयोग से किया गया है जिसे स्थानीय भाषा बोलने वाले आसानी से समझ सकते हैं। -** 0 1 2** भाषा बोलने वाले सहमत हैं कि इस अध्याय में नाम, स्थान और क्रिया के शब्दों का सही उपयोग किया गया है। +**0 1 2** भाषा बोलने वाले सहमत हैं कि इस अध्याय में नाम, स्थान और क्रिया के शब्दों का सही उपयोग किया गया है। -** 0 1 2** इस अध्याय में प्रयुक्त भाषा के अलंकार इस संस्कृति के लोगो को समझ आते हैं। +**0 1 2** इस अध्याय में प्रयुक्त भाषा के अलंकार इस संस्कृति के लोगो को समझ आते हैं। -** 0 1 2** भाषा बोलने वाले सहमत हैं कि अध्याय की संरचना इसके मूल अर्थ के विपरीत या उससे अलग नही है। +**0 1 2** भाषा बोलने वाले सहमत हैं कि अध्याय की संरचना इसके मूल अर्थ के विपरीत या उससे अलग नही है। -** 0 1 2** स्पष्टता के लिए इस अध्याय के अनुवाद की जाँच में समुदाय के वे लोग शामिल थे, जिन्होने इस अध्याय के अनुवाद की प्रक्रिया में भाग नही लिया। +**0 1 2** स्पष्टता के लिए इस अध्याय के अनुवाद की जाँच में समुदाय के वे लोग शामिल थे, जिन्होने इस अध्याय के अनुवाद की प्रक्रिया में भाग नही लिया। -** 0 1 2** स्पष्टता के लिए इस अध्याय के अनुवाद की जाँच में विश्वासी एवं गैर-विश्वासी दोनों शामिल थे जिन्हे बाइबल का इतना ज्ञान नही था जिससे कि लेख को सुनते ही उन्हे यह आभास न हो जाए कि लेख क्या कह रहा है। +**0 1 2** स्पष्टता के लिए इस अध्याय के अनुवाद की जाँच में विश्वासी एवं गैर-विश्वासी दोनों शामिल थे जिन्हे बाइबल का इतना ज्ञान नही था जिससे कि लेख को सुनते ही उन्हे यह आभास न हो जाए कि लेख क्या कह रहा है। -** 0 1 2** स्पष्टता के लिए इस अध्याय के अनुवाद की जाँच में विभिé उम्र के उक्त भाषा बोलने वाले शामिल थे। +**0 1 2** स्पष्टता के लिए इस अध्याय के अनुवाद की जाँच में विभिé उम्र के उक्त भाषा बोलने वाले शामिल थे। -** 0 1 2** स्पष्टता के लिए इस अध्याय के अनुवाद की जाँच में स्त्री एवं पुरूष दोनों शामिल थे। +**0 1 2** स्पष्टता के लिए इस अध्याय के अनुवाद की जाँच में स्त्री एवं पुरूष दोनों शामिल थे। ##### 4. सटीकता: अनुवाद मूलभूत स्रोत लेख के उसी अर्थ को बताता है -* नीचे लिखे हर कथन के लिए "0" या "1" या "2" पर गोला बनाएँ* +*नीचे लिखे हर कथन के लिए "0" या "1" या "2" पर गोला बनाएँ* इस भाग को अधिक सटीकता जाँच के दौरान और भी लागु किया जा सकता है। (देखें [सटीकता की जाँच](../accuracy-check/01.md)) -** 0 1 2** मूलभूत स्रोत लेख के इस अध्याय के सभी महत्वपूर्ण शब्दों की सूची की मदद से, इस अनुवाद में उनके उपयोग को निश्चित किया गया है। +**0 1 2** मूलभूत स्रोत लेख के इस अध्याय के सभी महत्वपूर्ण शब्दों की सूची की मदद से, इस अनुवाद में उनके उपयोग को निश्चित किया गया है। -** 0 1 2** इस अध्याय में सभी महत्वपूर्ण शब्दों का अनुवाद सही तरीके से किया गया है। +**0 1 2** इस अध्याय में सभी महत्वपूर्ण शब्दों का अनुवाद सही तरीके से किया गया है। -** 0 1 2** उन सभी महत्वपूर्ण शब्दों का अनुवाद, सतत् तौर पर, इस अध्याय में एवं जहाँ जहाँ भी उनकी जरूरत पड़ी है, किया गया है। +**0 1 2** उन सभी महत्वपूर्ण शब्दों का अनुवाद, सतत् तौर पर, इस अध्याय में एवं जहाँ जहाँ भी उनकी जरूरत पड़ी है, किया गया है। diff --git a/intro/open-license/01.md b/intro/open-license/01.md index a065f6c..cb6183f 100644 --- a/intro/open-license/01.md +++ b/intro/open-license/01.md @@ -2,7 +2,7 @@ श्र **हर भाषा में प्रतिबंधरहित सामग्री** पाने के लिए, एक लाइसेंस की जरूरत होती है जो वैश्विक कलीसिया को ‘‘प्रतिबंधरहित’’ पहुँच देती है. हम विश्वास करते हैं कि यह अभियान बेराक बन जाएगा जब कलीसिया की पहुँच प्रतिबंधरहित होगी. [Creative Commons Attribution-ShareAlike 4.0 International License](http://creativecommons.org/licenses/by-sa/4.0/) नामक लाइसेंस बाइबल के लेखों के अनुवाद एवं वितरण के लिए जरूरी हर अधिकार को प्रदान करता एवं निश्चित करता है कि सामग्री सबके उपयोग के लिए खुली हो. यदि कहीं पर इंगित नही है तो पूरी सामग्री CC BY-SA से लाइसेंस प्राप्त है. -* Door43 का आधिकारिक लाइसेंस https://door43.org/hi/legal/license पर उपलब्ध है* +*Door43 का आधिकारिक लाइसेंस https://door43.org/hi/legal/license पर उपलब्ध है* #### Creative Commons Attribution-ShareAlike 4.0 International (CC BY-SA 4.0) @@ -21,7 +21,7 @@ * **संबंध बताएँ (Attribution)** - उचित श्रेय दें, लाइसेंस का लिंक दिखाएँ, यदि बदलाव किया है तो इंगित करें. आप ऐसा किसी भी उचित तरीके से कर सकते हैं, परंतु ऐसे किसी भी तरीके से नही जो लाइसेंस धारक आपको सौंपता है. * **ऐसा ही बाँटे (ShareAlike)** - यदि आप पुन: तैयार करते हैं, बदलते हैं या पुन: विकसित करते हैं तो आपको इसी लाइसेंस के तहत ही ऐसा करना होगा. -** कोर्इ अतिरिक्त प्रतिबंध नही (No additional restrictions)** श्र +**कोर्इ अतिरिक्त प्रतिबंध नही (No additional restrictions)** श्र #### सूचनाएँ: diff --git a/intro/translate-why/01.md b/intro/translate-why/01.md index fa0ffa3..2757310 100644 --- a/intro/translate-why/01.md +++ b/intro/translate-why/01.md @@ -8,4 +8,4 @@ हर भाषा बहुमूल्य एवं महत्वपूर्ण है. छोटी भाषाएँ भी आपके देश में बोली जाने वाली राष्ट्रीय भाषा के समान ही महत्वपूर्ण हैं और वे भी अच्छी तरह से अर्थ बता सकती हैं. कोर्इ भी अपनी भाषा बोलने में शर्म महसूस न करे. कर्इ बार, अल्पसंख्यक समूह के लोग अपनी भाषाओं के प्रति शर्म महसूस करते हैं और समूह के बहुसंख्यकों के सामने उस भाषा को बालते नही हैं. परंतु कुछ भी ऐसा नही है कि राष्ट्रीय भाषा में स्थानीय भाषा से अधिक महत्वपूर्ण, अधिक प्रसिद्ध या अधिक शिक्षित कुछ है. हर भाषा में अर्थ की सूक्ष्मताएँ एवं प्रकार हैं जो अपने आप में विशेष होते हैं. हम उस भाषा का उपयोग करें जिसमें हम सबसे ज्यादा आराम महसूस करते और दूसरों से उस भाषा में अच्छी तरह से बात कर सकते हैं. -* श्रेय: टोड प्राइस, Ph.D की ‘‘बाइबल ट्रांसलेशन थियोरी एण्ड प्रैक्टिस’’ से लिया गया। CC BY-SA 4.0* +*श्रेय: टोड प्राइस, Ph.D की ‘‘बाइबल ट्रांसलेशन थियोरी एण्ड प्रैक्टिस’’ से लिया गया। CC BY-SA 4.0* diff --git a/intro/uw-intro/01.md b/intro/uw-intro/01.md index c3dffe3..b590bb5 100644 --- a/intro/uw-intro/01.md +++ b/intro/uw-intro/01.md @@ -14,7 +14,7 @@ ### ये कैसे करें? -** हर भाषा में प्रतिबंधरहित बाइबल के अंश** नामक लक्ष्य को हम कैसे पूरा करें? +**हर भाषा में प्रतिबंधरहित बाइबल के अंश** नामक लक्ष्य को हम कैसे पूरा करें? * [unfoldingWord Network](https://unfoldingword.org/network/) अन्फॉल्डिन्ग वर्ड नेटवर्क - समान मन वाले दूसरे संगठनों के साथ भागिदारी के द्वारा * [Statement of Faith](../statement-of-faith/01.md) विश्वास कथन - समान विश्वास वाले लोगों के साथ कार्य करने के द्वारा diff --git a/manifest.yaml b/manifest.yaml index b56113f..25921a5 100644 --- a/manifest.yaml +++ b/manifest.yaml @@ -14,12 +14,12 @@ dublin_core: description: 'A modular handbook that provides a condensed explanation of Bible translation and checking principles that the global Church has implicitly affirmed define trustworthy translations. It enables translators to learn how to create trustworthy translations of the Bible in their own language.' format: 'text/markdown' identifier: 'ta' - issued: '2020-12-31' + issued: '2021-07-01' language: identifier: hi title: 'हिन्दी, हिंदी (Hindi)' direction: ltr - modified: '2020-12-31' + modified: '2021-07-01' publisher: 'Door43' relation: - 'hi/glt' @@ -42,7 +42,7 @@ dublin_core: subject: 'Translation Academy' title: 'translationAcademy' type: 'man' - version: '14.4' + version: '14.5' checking: checking_entity: diff --git a/process/source-text-process/01.md b/process/source-text-process/01.md index 5308f53..6cb69f5 100644 --- a/process/source-text-process/01.md +++ b/process/source-text-process/01.md @@ -10,7 +10,7 @@ * **जाँच** अनुवाद जाँच के सही स्तरों को पार कर चुका हो। बाइबल अनुवाद में, उसका अर्थ है, स्तर 3 की जाँच [Checking Level Three - Affirmation by Church Leadership](../../checking/level3/01.md) * **Door43 पर** Door43 का ऐसा वर्ज़न हो जिसे प्रकाशित किया जा सके। यदि कार्य को एक से ज्यादा यंत्रों पर किया गया है तो उन्हे आपस में मिलाना जरूरी है। आसानी से, आपस में मिलाने के लिए सामग्री के तकनीककार की मदद लें (आप पर र्इमेल कर सकते हैं या स्लैक पर -* content-techs चैनल का उपयोग कर सकते हैं) * +*content-techs चैनल का उपयोग कर सकते हैं) * * **सहमतियाँ** - अनुवाद और जाँच प्रक्रिया में शामिल हर व्यक्ति विश्वास कथन [Statement of Faith](../../intro/statement-of-faith/01.md), अनुवाद निर्देश [Translation Guidelines](../../intro/translation-guidelines/01.md) और ऑपन लाइसेंस [Open License](../../intro/open-license/01.md) की सहमति पर हस्ताक्षर करें। इसे Door43 का अकाऊँट बनाकर अथवा कागजातों पर हस्ताक्षर कर, उन्हे स्कैन कर या तश्वीर लेकर डिजिटल बना सकते हैं। सहमति प्रपत्रों के लिए http://ufw.io/forms देखें। diff --git a/translate/biblicalimageryta/01.md b/translate/biblicalimageryta/01.md index 0747606..dfde019 100644 --- a/translate/biblicalimageryta/01.md +++ b/translate/biblicalimageryta/01.md @@ -6,9 +6,9 @@ ### रूपालंकार और उपमा में समान तथ्य -** रूपालंकार** तब आता है जब कोर्इ एक वस्तु के बारे में इस प्रकार बात करता है और ऐसा लगता है कि वह किसी और की बात कर रहा है। वक्ता अपनी पहली बात को अच्छी तरह से समझाने के लिए एक रूप का उपयोग करता है। उदाहरण के तौर पर, ‘‘मेरी मोहब्बत एक लाल, लाल पुष्प है,’’ वक्ता उस स्त्री से बात कर रहा है जिससे वह प्रेम करता है और वो इतनी सुंदर और लचीली है जितना एक फूल। +**रूपालंकार** तब आता है जब कोर्इ एक वस्तु के बारे में इस प्रकार बात करता है और ऐसा लगता है कि वह किसी और की बात कर रहा है। वक्ता अपनी पहली बात को अच्छी तरह से समझाने के लिए एक रूप का उपयोग करता है। उदाहरण के तौर पर, ‘‘मेरी मोहब्बत एक लाल, लाल पुष्प है,’’ वक्ता उस स्त्री से बात कर रहा है जिससे वह प्रेम करता है और वो इतनी सुंदर और लचीली है जितना एक फूल। -** उपमा** एक रूपालंकार के समान है परंतु वह श्रोताओं को एक इशारा देने के लिए यह केवल एक भाषा का रूप है, इसमें ‘‘के समान’’ या ‘‘जैसा’’ का उपयोग करता है। उपरोक्त उदाहरण को कहने के लिए, उपमा रूप कहेगा ‘‘मेरा प्रेम फूल, लाल फूल जैसा है’’। +**उपमा** एक रूपालंकार के समान है परंतु वह श्रोताओं को एक इशारा देने के लिए यह केवल एक भाषा का रूप है, इसमें ‘‘के समान’’ या ‘‘जैसा’’ का उपयोग करता है। उपरोक्त उदाहरण को कहने के लिए, उपमा रूप कहेगा ‘‘मेरा प्रेम फूल, लाल फूल जैसा है’’। ‘‘रूपालंकार और उपमा को आपस में जोड़ने के कुछ आम तरीकों के लिंक को पाने के लिए, देखें [Biblical Imagery - Common Patterns](../bita-part1/01.md)’’ diff --git a/translate/bita-humanbehavior/01.md b/translate/bita-humanbehavior/01.md index f0339bb..974ea4b 100644 --- a/translate/bita-humanbehavior/01.md +++ b/translate/bita-humanbehavior/01.md @@ -152,7 +152,7 @@ लोग तब तक परमेश्वर के राज को स्थायी तौर पर नही पा सकते हैं, जब तक वे अपने मरणहार शरीर में हैं -** मीरास** का अर्थ है किसी वस्तु को स्थायी तौर पर अपना बनाना +**मीरास** का अर्थ है किसी वस्तु को स्थायी तौर पर अपना बनाना >तू उन्हें पंहुचाकर अपने निज भागवाले (निर्गमन 15:17 ULB) diff --git a/translate/figs-grammar/01.md b/translate/figs-grammar/01.md index fefb7aa..9edaa15 100644 --- a/translate/figs-grammar/01.md +++ b/translate/figs-grammar/01.md @@ -1,16 +1,16 @@ व्याकरण के दो भाग हैं: शब्द एवं संरचना। संरचना का अर्थ, किसी कथन, वाक्य अथवा कहावत को बनाने के लिए शब्दों को कैसे जोड़ा जाए। -** शब्द के भेद** - एक भाषा में सभी शब्द ‘‘शब्द के भेद’’ नामक श्रेणी में आते हैं (देखें [Parts of Speech](../figs-partsofspeech/01.md)) +**शब्द के भेद** - एक भाषा में सभी शब्द ‘‘शब्द के भेद’’ नामक श्रेणी में आते हैं (देखें [Parts of Speech](../figs-partsofspeech/01.md)) -** वाक्य** - जब हम बोलते हैं तो हम हमारे विचारों को वाक्यों में बदलते हैं। एक वाक्य अक्सर, किसी घटना या हालत या अवस्था के बारे में एक पूर्ण विचार होता है (देखें [Sentence Structure](../figs-sentences/01.md)) +**वाक्य** - जब हम बोलते हैं तो हम हमारे विचारों को वाक्यों में बदलते हैं। एक वाक्य अक्सर, किसी घटना या हालत या अवस्था के बारे में एक पूर्ण विचार होता है (देखें [Sentence Structure](../figs-sentences/01.md)) * वाक्य में कथन, प्रश्न, आज्ञा या विष्मय हो सकता है (देखें [Exclamations](../figs-sentencetypes/01.md)) * वाक्य में एक से अधिक कथन हो सकते हैं (देखें [Sentence Structure](../figs-sentences/01.md)) * कुछ भाषाओं में, प्रत्यक्ष एवं परोक्ष कथन दोनों होते हैं (देखें [Active or Passive](../figs-activepassive/01.md)) -** संपत्ति** - ये बताता है कि दो संज्ञाओं में मेल है। अंग्रेजी में यह ‘‘लव ऑफ गॉड’’ के ‘‘ऑफ’’ या ‘‘गॉड्स लव’’ के ‘‘एस’’के द्वारा अथवा ‘‘हिस लव’’ के समान स्थानात्मक सर्वनाम के द्वारा चिन्हित होता है (देखें [Possession](../figs-possession/01.md)) +**संपत्ति** - ये बताता है कि दो संज्ञाओं में मेल है। अंग्रेजी में यह ‘‘लव ऑफ गॉड’’ के ‘‘ऑफ’’ या ‘‘गॉड्स लव’’ के ‘‘एस’’के द्वारा अथवा ‘‘हिस लव’’ के समान स्थानात्मक सर्वनाम के द्वारा चिन्हित होता है (देखें [Possession](../figs-possession/01.md)) -** उद्धरण** - उद्धरण किसी व्यक्ति के द्वारा कही गर्इ बात को कहना है। +**उद्धरण** - उद्धरण किसी व्यक्ति के द्वारा कही गर्इ बात को कहना है। * अक्सर, उद्धरण के दो भाग होते हैं: यह सूचना के किसने कुछ कहा और क्या कहा (देखें [Quotations and Quote Margins](../writing-quotations/01.md)) * उद्धरण प्रत्यक्ष अथवा परोक्ष भी हो सकते हैं (देखें [Direct and Indirect Quotations](../figs-quotations/01.md)) diff --git a/translate/figs-hyperbole/01.md b/translate/figs-hyperbole/01.md index bab5fcd..347bac3 100644 --- a/translate/figs-hyperbole/01.md +++ b/translate/figs-hyperbole/01.md @@ -2,7 +2,7 @@ एक वक्ता या लेखक किसी बात को कहने के लिए समान शब्दों का उपयोग कर सकता है जिसका अर्थ,है कि पूरा सच, या आमतौर पर सही या अतिशयोक्ति भी कह सकता है। और इसीलिए एक कथन को समझने का निर्णय लेने में कठिनार्इ हो सकती है। उदाहरण के लिए निचे दिए गए वाक्य का तिन अलग-अलग अर्थ हो सकता है -* यहाँ हर रात बरसात होती है* +*यहाँ हर रात बरसात होती है* 1. वक्ता एकदम सही बोल रहा है जैसा लिखा है कि यहाँ हर रात बरसात होती है 1. वक्ता एक आत बात बोल रहा है जो वहाँ सामान्य तौर पर होता है कि वहाँ लगभग हर रात बरसात होती है @@ -12,11 +12,11 @@ >वे तुझमें पत्थर पर पत्थर भी न छोड़ेंगे (लूका 19:44 ULB) -* यह अत्युक्ति है* इसका अर्थ है है कि दुश्मन पूरे यरूशलेम का नाश कर डालेंगे +*यह अत्युक्ति है* इसका अर्थ है है कि दुश्मन पूरे यरूशलेम का नाश कर डालेंगे ### कारण यह अनुवाद की समस्या है >और मूसा को मिस्रियों की सारी विद्या पढ़ार्इ गर्इ (प्रेरितों के काम 7:22 ULB) -* ये सामान्यीकरण का अर्थ है कि उसने मिस्र की अधिकतर विद्याएँ सीख ली थीं।*और इस तरह किसी भी मिस्री के रूप में शिक्षित किया गया था। +*ये सामान्यीकरण का अर्थ है कि उसने मिस्र की अधिकतर विद्याएँ सीख ली थीं।*और इस तरह किसी भी मिस्री के रूप में शिक्षित किया गया था। **सामान्यीकरण:** एक कथन जो अक्सर सही होता है और जिसे हर परिस्थिति में लागु किया जा सकता है। @@ -27,7 +27,7 @@ >प्रार्थना करते समय अन्यजातियों की नार्इ बक बक न करो; क्योंकि वे समझते हैं कि उनके बहुत बोलने से उन की सुनी जाएगी (मत्ती 6:7) -* ये सामान्यीकरण बताता है कि अन्यजाति किस कार्य के लिए विख्यात थे* कई अन्यजातियों ने ऐसा किया। अगर कुछ नहीं किया तो कोई बात नहीं। मुद्दा यह था कि श्रोताओं को इस प्रसिद्ध अभ्यास में शामिल नहीं होना चाहिए। +*ये सामान्यीकरण बताता है कि अन्यजाति किस कार्य के लिए विख्यात थे* कई अन्यजातियों ने ऐसा किया। अगर कुछ नहीं किया तो कोई बात नहीं। मुद्दा यह था कि श्रोताओं को इस प्रसिद्ध अभ्यास में शामिल नहीं होना चाहिए। कर्इ अन्यजातियों ने ऐसा किया होगा। यद्यपि सामान्यीकरण में ‘‘सब’’, ‘‘हमेशा’’, ‘‘कोर्इ नही’’ या ‘‘कभी नही’’ जैसे शक्तिशाली लगने वाले शब्द हो सकते हैं, इसका मतलब यह नही है उनका अर्थ बिल्कुल वही होगा। इसका मतलब हो सकता है, ‘‘अक्सर’’, ‘‘अधिकतर’’ या ‘‘कभी कभार’’। diff --git a/translate/figs-idiom/01.md b/translate/figs-idiom/01.md index 954efb1..0b24dad 100644 --- a/translate/figs-idiom/01.md +++ b/translate/figs-idiom/01.md @@ -21,7 +21,7 @@ इस मुहावरे का अर्थ है ‘‘ध्यान से सुनें और मेरी बातों को याद रखें’’ -** उद्देश्य** एक संस्कृति में शायद एक मुहावरा तब बनता है जब कोई किसी कार्य को असामान्य तरीके से बताता है। परंतु, जब यह असामान्य तरीका संदेश को पूरे बल के साथ बताता है और लोगों को स्पष्ट समझ में आता है तो लोग इसका उपयोग शुरू कर देते हैं। कुछ समय के बाद, उस भाषा में बातचीत का यह तरीका सामान्य हो जाता है +**उद्देश्य** एक संस्कृति में शायद एक मुहावरा तब बनता है जब कोई किसी कार्य को असामान्य तरीके से बताता है। परंतु, जब यह असामान्य तरीका संदेश को पूरे बल के साथ बताता है और लोगों को स्पष्ट समझ में आता है तो लोग इसका उपयोग शुरू कर देते हैं। कुछ समय के बाद, उस भाषा में बातचीत का यह तरीका सामान्य हो जाता है ### कारण यह अनुवाद की समस्या है diff --git a/translate/figs-infostructure/01.md b/translate/figs-infostructure/01.md index 4ec3a2a..de8f7be 100644 --- a/translate/figs-infostructure/01.md +++ b/translate/figs-infostructure/01.md @@ -2,17 +2,17 @@ विभिé भाषाएँ वाक्यों के भागों को विभिé प्रकार से क्रमबद्ध करती हैं। अंग्रेजी में, आम तौर पर, पहले संज्ञा, फिर क्रिया, फिर कर्म, और विशेषण, इत्यादि होता है। -** पतरस ने कल अपने घर की रंगार्इ की** +**पतरस ने कल अपने घर की रंगार्इ की** कर्इ सारी भाषाएँ इस वाक्य को कर्इ तरीके से लिखती हैं, जैसे: -** रंगार्इ की, कल, पतरस ने अपने घर की** +**रंगार्इ की, कल, पतरस ने अपने घर की** यद्यपि सभी भाषाओं में वाक्यों के भागों के आम क्रम हैं, वक्ता के द्वारा दी जाने वाली सूचना के आधार पर यह क्रम बदल सकता है जिसे वक्ता अधिक जरूरी समझता है। मान लो कि कोर्इ ये प्रश्न पूछे? ‘‘पतरस ने कल क्या रंगार्इ की?’’ व्यक्ति उपर के कथन में लिखी हर सूचना को जानता है, एक को छोड़कर ‘‘अपना घर’’। अत: यह शब्द सूचना का महत्वपूर्ण भाग बन जाता है और अंग्रेजी में उत्तर देने वाला कह सकता है: -** अपने घर की पतरस ने रंगार्इ की (कल)** +**अपने घर की पतरस ने रंगार्इ की (कल)** इसमें महत्वपूर्ण सूचना पहले स्थान पर है जो अंग्रेजी में आम तरीका है। दूसरी कुछ भाषाओं में शायद महत्वपूर्ण सूचना को अंत में डाला जाए। एक लेख के बहाव में, सबसे महत्वपूर्ण सूचना को अक्सर लेखक पाठकों के लिए नर्इ सूचना के रूप में लेता है। कुछ भाषाओं में महत्वपूर्ण सूचना पहले आती है, तो कुछ में इन्हे अंत में डाला जाता है। diff --git a/translate/figs-metaphor/01.md b/translate/figs-metaphor/01.md index 9b2548c..218800c 100644 --- a/translate/figs-metaphor/01.md +++ b/translate/figs-metaphor/01.md @@ -1,6 +1,6 @@ ### विवरण -** रूपक** एक ऐसा अलंकार होता है, कोई व्यक्ति एक बात बोलता है, मानो कि यह एक भिन्न बात थी, क्योंकि वह चाहता है कि लोग इसके बारे में सोचें कि वे दो चीजें एक जैसे कैसे हैं। +**रूपक** एक ऐसा अलंकार होता है, कोई व्यक्ति एक बात बोलता है, मानो कि यह एक भिन्न बात थी, क्योंकि वह चाहता है कि लोग इसके बारे में सोचें कि वे दो चीजें एक जैसे कैसे हैं। उदाहरण के लिए, कोई कह सकता है, diff --git a/translate/figs-metonymy/01.md b/translate/figs-metonymy/01.md index a4da653..e23dea6 100644 --- a/translate/figs-metonymy/01.md +++ b/translate/figs-metonymy/01.md @@ -1,6 +1,6 @@ ### वर्णन -** लक्षणालंकार** एक अलंकार है जिसमें एक वस्तु अथवा विचार को उसके नाम से नही, परंतु उससे जुड़े किसी और नाम से पुकारा जाता है। **लक्षणालंकार** एक शब्द है जिसका उपयोग उससे जुड़ी किसी और वस्तु के बदले में होता है। +**लक्षणालंकार** एक अलंकार है जिसमें एक वस्तु अथवा विचार को उसके नाम से नही, परंतु उससे जुड़े किसी और नाम से पुकारा जाता है। **लक्षणालंकार** एक शब्द है जिसका उपयोग उससे जुड़ी किसी और वस्तु के बदले में होता है। > और उसके पुत्र यीशु मसीह का **लहू** हमें सब पापों से शुद्ध करता है। (1 यूहन्ना 1:7 यूएलबी) diff --git a/translate/figs-partsofspeech/01.md b/translate/figs-partsofspeech/01.md index 49008b8..ffddcd2 100644 --- a/translate/figs-partsofspeech/01.md +++ b/translate/figs-partsofspeech/01.md @@ -4,20 +4,20 @@ अधिकतर भाषाओं में ये मूलभूत अलंकार के शब्द, कुछ बदलावों के साथ, होते हैं और कुछ भाषाओं में अधिक श्रेणियाँ होती हैं। यह अलंकार के शब्दों की संपूर्ण सूची नही है, परंतु ये सिर्फ मूलभूत श्रेणियों को दिखा रही है। -** क्रियाएँ** किसी कार्य के करने (उदाहरण, आ, जा, खा) एवं होने (जैसे कि, है, था, थे इत्यादि) को दिखाती हैं। इसकी विस्तृत जानकारी [Verbs](../figs-verbs/01.md) में उपलब्ध है। +**क्रियाएँ** किसी कार्य के करने (उदाहरण, आ, जा, खा) एवं होने (जैसे कि, है, था, थे इत्यादि) को दिखाती हैं। इसकी विस्तृत जानकारी [Verbs](../figs-verbs/01.md) में उपलब्ध है। -** संज्ञाएँ** एक व्यक्ति, स्थान, वस्तु अथवा विचार को दिखाने वाले शब्द हैं। सामान्य संज्ञाएँ सर्वसामान्य हैं अर्थात वे किसी व्यक्ति विशेष (मनुष्य, शहर अथवा देश) को नही दिखाती हैं। नाम, अथवा व्यक्तिवाचक संज्ञाएँ व्यक्तिविशेष को दिखाती हैं अर्थात पतरस, यरूशेलम, मिस्र। अधिक जानकारी के लिए देखें: नामों का अनुवाद कैसे करें [How to Translate Names](../translate-names/01.md). +**संज्ञाएँ** एक व्यक्ति, स्थान, वस्तु अथवा विचार को दिखाने वाले शब्द हैं। सामान्य संज्ञाएँ सर्वसामान्य हैं अर्थात वे किसी व्यक्ति विशेष (मनुष्य, शहर अथवा देश) को नही दिखाती हैं। नाम, अथवा व्यक्तिवाचक संज्ञाएँ व्यक्तिविशेष को दिखाती हैं अर्थात पतरस, यरूशेलम, मिस्र। अधिक जानकारी के लिए देखें: नामों का अनुवाद कैसे करें [How to Translate Names](../translate-names/01.md). -** सर्वनाम** संज्ञा के स्थान पर काम आता है और वह, वे, हम जैसे शब्दों का इस्तेमाल होता है। सर्वनाम के बारे में अधिक जानकारी [Pronouns](../figs-pronouns/01.md) पृष्ठ पर पार्इ जा सकती है। +**सर्वनाम** संज्ञा के स्थान पर काम आता है और वह, वे, हम जैसे शब्दों का इस्तेमाल होता है। सर्वनाम के बारे में अधिक जानकारी [Pronouns](../figs-pronouns/01.md) पृष्ठ पर पार्इ जा सकती है। -** संयोजक** वे शब्द हैं जो कथनों अथवा वाक्यों को जोड़ते हैं। उदाहरण के तौर पर, और, या, के लिए, तौभी, ना तो इत्यादि। कुछ संयोजकों को युगलों में भी उपयोग किया जाता है: दोनों/और, या/तो, ना/तो इत्यादि। इनके बारे में अधिक जानकारी [Connecting Words](../writing-connectingwords/01.md) पर पा सकते हैं। +**संयोजक** वे शब्द हैं जो कथनों अथवा वाक्यों को जोड़ते हैं। उदाहरण के तौर पर, और, या, के लिए, तौभी, ना तो इत्यादि। कुछ संयोजकों को युगलों में भी उपयोग किया जाता है: दोनों/और, या/तो, ना/तो इत्यादि। इनके बारे में अधिक जानकारी [Connecting Words](../writing-connectingwords/01.md) पर पा सकते हैं। -** उपसर्ग** वे शब्द हैं जो किसी संज्ञा या क्रिया के साथ जुड़कर उनकी अधिक विशेषता बताते हैं। उदाहरण: लड़की अपने पिता की ओर दौड़ी। यहाँ उपसर्ग ‘‘की ओर’’ लड़की के अपने पिता के साथ रिश्ते के कारण उसकी ओर जाने की क्रिया को दिखाता है। दूसरा उदाहरण, ‘‘यीशु के चारों ओर भीड़ बढ़ने लगी । यहाँ उपसर्ग ‘‘चारों ओर’’ यीशु के संबंध में भीड़ की जगह को दिखाता है। उपसर्ग के कुछ और उदाहरण निम्न हैं: की ओर, से, बाहर, शुरू, साथ, बिना, ऊपर, नीचे, पीछे, आगे, बीच में, द्वारा, बाद में। +**उपसर्ग** वे शब्द हैं जो किसी संज्ञा या क्रिया के साथ जुड़कर उनकी अधिक विशेषता बताते हैं। उदाहरण: लड़की अपने पिता की ओर दौड़ी। यहाँ उपसर्ग ‘‘की ओर’’ लड़की के अपने पिता के साथ रिश्ते के कारण उसकी ओर जाने की क्रिया को दिखाता है। दूसरा उदाहरण, ‘‘यीशु के चारों ओर भीड़ बढ़ने लगी । यहाँ उपसर्ग ‘‘चारों ओर’’ यीशु के संबंध में भीड़ की जगह को दिखाता है। उपसर्ग के कुछ और उदाहरण निम्न हैं: की ओर, से, बाहर, शुरू, साथ, बिना, ऊपर, नीचे, पीछे, आगे, बीच में, द्वारा, बाद में। -** आर्टिकल्स** ये प्रदर्शित करने वाले शब्द हैं जिन्हे जब वक्ता बताता है तो सुनने वाले समझ सकें। अंग्रेजी में ये शब्द ए (a), एन (an) और दि (the) हैं। ए (a), एन (an) और दि (the) इन तीनों शब्दों के अर्थ समान हैं। +**आर्टिकल्स** ये प्रदर्शित करने वाले शब्द हैं जिन्हे जब वक्ता बताता है तो सुनने वाले समझ सकें। अंग्रेजी में ये शब्द ए (a), एन (an) और दि (the) हैं। ए (a), एन (an) और दि (the) इन तीनों शब्दों के अर्थ समान हैं। यदि एक वक्ता कहता है, ए डोग तो वह श्रोताओं को बताना चाहता है कि वह कुत्ते की बात बता रहा है, शायद वह पहली बार इस कुत्ते की बात कर रहा हो। यदि एक वक्ता कहता है, दि डोग तो वह एक विशेष कुत्ते की बात बता है और चाहता है कि श्रोता भी इस बात को पहचानें कि वह किस कुत्ते की बात बता रहा है। अंग्रेजी वक्ता दि का उपयोग यह बताने के लिए भी करते हैं वे किसी बात पर सामान्य राय दे रहे हैं। उदाहरण के तौतर पर, वे कहते हैं दि एलिफेंट इस ए लार्ज ऐनिमल (हाथी एक बड़ा जानवर होता है) तो वह हाथी के बारे में सामान्य जानकारी दे रहा है। इसके बारे में आप अधिक जानकारी [Generic Noun Phrases](../figs-genericnoun/01.md) पर पा सकते हैं। -** विशेषण** वे शब्द होते हैं जो संज्ञा की विशेषता बताते हैं और उनकी संख्या, आकार, रंग और उम्र इत्यादि की जानकारी देते हैं। कुछ उदाहरण: कर्इ, बड़ा, नीला, बूढ़ा, होशियार, थका। कर्इ बार लोग किसी चीज के बारे में कुछ जानकारियाँ देने के लिए विशेषण का उपयोग करते हैं और कर्इ बार लोग इनकी मदद से एक चीज का दूसरी से अंतर करते हैं। उदाहारण, मेरे बुजुर्ग पिता, बुजुर्ग विशेषण मेरे पिता के बारे में कुछ बातें बताता है। परंतु मेरी सबसे बड़ी बहन में सबसे बड़ी शब्द मेरी एक और बड़ी बहन से अलग दिखा रहा है। आप इसकी अधिक जानकारी [Distinguishing versus Informing or Reminding](../figs-distinguish/01.md) पर पा सकते हैं। +**विशेषण** वे शब्द होते हैं जो संज्ञा की विशेषता बताते हैं और उनकी संख्या, आकार, रंग और उम्र इत्यादि की जानकारी देते हैं। कुछ उदाहरण: कर्इ, बड़ा, नीला, बूढ़ा, होशियार, थका। कर्इ बार लोग किसी चीज के बारे में कुछ जानकारियाँ देने के लिए विशेषण का उपयोग करते हैं और कर्इ बार लोग इनकी मदद से एक चीज का दूसरी से अंतर करते हैं। उदाहारण, मेरे बुजुर्ग पिता, बुजुर्ग विशेषण मेरे पिता के बारे में कुछ बातें बताता है। परंतु मेरी सबसे बड़ी बहन में सबसे बड़ी शब्द मेरी एक और बड़ी बहन से अलग दिखा रहा है। आप इसकी अधिक जानकारी [Distinguishing versus Informing or Reminding](../figs-distinguish/01.md) पर पा सकते हैं। -** क्रिया विशेषण** वे शब्द हैं जो क्रिया या विशेषण की विशेषता बताते हैं और उनके बारे में ‘‘कैसे, कब, कहाँ, क्यों और कहाँ तक’’ जैसी जानकारियाँ देते हैं। कर्इ सारे अंग्रेजी क्रिया विशेषण के शब्दों के अंत में ly होता है। क्रिया विशेषण के कुछ उदाहरण हैं: स्लोली (धीरे धीरे), लेटर (बाद में), फार (दूर), इंटेंनशन्ली (जानबूझकर), वैरी (बहुत) । +**क्रिया विशेषण** वे शब्द हैं जो क्रिया या विशेषण की विशेषता बताते हैं और उनके बारे में ‘‘कैसे, कब, कहाँ, क्यों और कहाँ तक’’ जैसी जानकारियाँ देते हैं। कर्इ सारे अंग्रेजी क्रिया विशेषण के शब्दों के अंत में ly होता है। क्रिया विशेषण के कुछ उदाहरण हैं: स्लोली (धीरे धीरे), लेटर (बाद में), फार (दूर), इंटेंनशन्ली (जानबूझकर), वैरी (बहुत) । diff --git a/translate/figs-personification/01.md b/translate/figs-personification/01.md index e787a76..f2beb37 100644 --- a/translate/figs-personification/01.md +++ b/translate/figs-personification/01.md @@ -55,4 +55,4 @@ >...आँधी और पानी भी उसकी आज्ञा मानते हैं।” (मत्ती 8:27 ULB) - मनुष्य ‘‘आँधी और पानी के बारे में ऐसे बोल रहे हैं जैसे कि वो सुन पा रहे हैं और लोगों के समान यीशु की बात मानते हैं। आज्ञा के विचार के बिना भी इसका अनुवाद किया जा सकता है, इस प्रकार कि यीशु ने उन्हें नियंत्रित किया। >> वह तो **आँधी और पानी पर भी नियंत्रण रखता है** -** ध्यान दें** : हमने मानवीकरण की परिभाषा को और बड़ा करके उसमें ‘‘जूफोर्मिस्म’’ (वस्तुओं को ऐसे पेश करना कि उनमें जानवरों का स्वभाव हो) और ‘‘आन्द्रोपोफोर्मिस्म’’ (निर्जीव वस्तुओं को मनुष्य समान दिखाना) को भी शामिल किया गया है, क्योंकि उनके लिए अनुवाद की रणनीतियाँ समान हैं।। +**ध्यान दें** : हमने मानवीकरण की परिभाषा को और बड़ा करके उसमें ‘‘जूफोर्मिस्म’’ (वस्तुओं को ऐसे पेश करना कि उनमें जानवरों का स्वभाव हो) और ‘‘आन्द्रोपोफोर्मिस्म’’ (निर्जीव वस्तुओं को मनुष्य समान दिखाना) को भी शामिल किया गया है, क्योंकि उनके लिए अनुवाद की रणनीतियाँ समान हैं।। diff --git a/translate/figs-possession/01.md b/translate/figs-possession/01.md index d7b4717..39ed98f 100644 --- a/translate/figs-possession/01.md +++ b/translate/figs-possession/01.md @@ -29,27 +29,27 @@ ### बाइबल में से उदाहरण -** स्वामित्व** - निम्नलिखित उदाहरण में, पुत्र के पास पैसा था +**स्वामित्व** - निम्नलिखित उदाहरण में, पुत्र के पास पैसा था > छुटका पुत्र ... वहाँ कुकर्म में अपनी संपत्ति उड़ा दी। (लूका 15:13 ULB) -** सामाजिक संबंध** - निम्नलिखित उदाहरण में, चेले वे लोग थे जिन्होने यूहéा तक सीखा +**सामाजिक संबंध** - निम्नलिखित उदाहरण में, चेले वे लोग थे जिन्होने यूहéा तक सीखा > तब यूहéा के चेले उसके पास आए (मत्ती 9:14 ULB) -** सामाजिक संबंध** - निम्नलिखित उदाहरण में, मुकुट बनाने की सामग्री सोना था +**सामाजिक संबंध** - निम्नलिखित उदाहरण में, मुकुट बनाने की सामग्री सोना था > और उन टिड्डियों के आकार लड़ार्इ के लिये तैयार किए हुए घोड़ों के से थे, और उन के सिरों पर मानों सोने के मुकुट थे; और उन के मुंह मनुष्यों के से थे। (प्रकाशितवाक्य 9:7 ULB) -** सामग्री** - निम्नलिखित उदाहरण में, कटोरे में जल है +**सामग्री** - निम्नलिखित उदाहरण में, कटोरे में जल है > जो कोर्इ एक कटोरा पानी तुम्हें इसलिये पिलाए कि तुम मसीह के हो तो मैं तुम से सच कहता हूं कि वह अपना प्रतिफल किसी रीति से न खोएगा। (मरकुस 9:41 ULB) -** संपूर्ण का भाग** - निम्नलिखित उदाहरण में, द्वार महल का भाग है +**संपूर्ण का भाग** - निम्नलिखित उदाहरण में, द्वार महल का भाग है > परन्तु ऊरिय्याह अपने स्वामी के सब सेवकों के संग राजभवन के द्वार में लेट गया, और अपने घर न गया। (2 शमूएल 11:9 ULB) -** समूह का भाग** - निम्नलिखित उदाहरण में, ‘‘हम’’ पूरे भाग को दिखाता है और ‘‘प्रत्येक’’ उसके एक एक सदस्य को दिखाता है +**समूह का भाग** - निम्नलिखित उदाहरण में, ‘‘हम’’ पूरे भाग को दिखाता है और ‘‘प्रत्येक’’ उसके एक एक सदस्य को दिखाता है > पर हम में से हर एक को मसीह के दान के परिमाण से अनुग्रह मिला है। (इफिसियों 4:7 ULB) @@ -57,7 +57,7 @@ कर्इ बार एक अथवा दोनो संज्ञाएँ भाववाचक संज्ञा है जो किसी घटना या कार्य को दिखाती है। निम्नलिखित उदाहरण में, भाववाचक संज्ञाएँ गाढ़े रंग में दी गर्इ हैं। ये कुछ संबंध हैं जो दो संज्ञाओं के बीच संभव हैं जब एक किसी घटना की ओर इशारा करती है। -** कर्ता** - अक्सर ‘का’ से जुड़ा शब्द बताता है कि प्रथम संज्ञा के नाम पर, कौन कार्य करेगा। निम्नलिखित उदाहरण में, यूहéा लोगों को बपतिस्मा देता है +**कर्ता** - अक्सर ‘का’ से जुड़ा शब्द बताता है कि प्रथम संज्ञा के नाम पर, कौन कार्य करेगा। निम्नलिखित उदाहरण में, यूहéा लोगों को बपतिस्मा देता है > यूहéा का **बपतिस्मा** क्या यह स्वर्ग की ओर से था वा मनुष्यों की ओर से? उत्तर दो।’’ (मरकुस 11:30 ULB) @@ -65,19 +65,19 @@ >कौन हमको मसीह के प्रेम से अलग करेगा? (रोमियों 8:35 ULB) -** कर्म** - कर्इ बार ‘का’ से जुड़ा शब्द बताता है कि किसके साथ क्या घटना होगी। +**कर्म** - कर्इ बार ‘का’ से जुड़ा शब्द बताता है कि किसके साथ क्या घटना होगी। निम्नलिखित उदाहरण में, लोग धन से प्रेम करते हैं >क्योंकि रूपये का लोभ सब प्रकार की बुराइयों की जड़ है (1 तिमुथियुस 6:10 ULB) -** उपकरण** - कर्इ बार ‘का’ से जुड़ा शब्द बताता है कि कैसे एक घटना घटेगी +**उपकरण** - कर्इ बार ‘का’ से जुड़ा शब्द बताता है कि कैसे एक घटना घटेगी निम्नलिखित उदाहरण में, परमेश्वर तलवार के द्वारा हमला करने के लिए दुश्मनों को भेजकर दण्ड देगा > तो तुम तलवार से डरो, क्योंकि जलजलाहट से तलवार का दंड मिलता है (अय्यूब 19:29 ULB) -** प्रतिनिधित्व** - कर्इ बार ‘का’ से जुड़ा शब्द बताता है कि किसके साथ क्या घटना होगी +**प्रतिनिधित्व** - कर्इ बार ‘का’ से जुड़ा शब्द बताता है कि किसके साथ क्या घटना होगी यह दिखाने के लिए वे मन फिरा रहे हैं, उन्होने बपतिस्मा लिया। उनका बपतिस्मा उनके मनफिराव का चिन्ह था diff --git a/translate/figs-sentencetypes/01.md b/translate/figs-sentencetypes/01.md index d868763..7b21244 100644 --- a/translate/figs-sentencetypes/01.md +++ b/translate/figs-sentencetypes/01.md @@ -37,15 +37,15 @@ अनिवार्य वाक्य विभिन्न प्रकार के होते हैं: आदेश, निर्देश, सुझाव, निमन्त्रण, अनुरोध, और इच्छाएँ। -** आदेश** के साथ, वक्ता अपने अधिकार का उपयोग करता है और किसी को कुछ करने के लिए कहता है। +**आदेश** के साथ, वक्ता अपने अधिकार का उपयोग करता है और किसी को कुछ करने के लिए कहता है। > उठ , बालाक, और सुन . सिप्पोर के पुत्र, मेरी सुन . (गिनती 23:18 यूएलबी) -** निर्देश** के साथ, वक्ता किसी को कुछ करने के लिए कहता है। +**निर्देश** के साथ, वक्ता किसी को कुछ करने के लिए कहता है। > ... परन्तु यदि तुम जीवन में प्रवेश करना चाहते हैं, तो आज्ञाओं को मानो . ... यदि तू सिद्ध होना चाहता है, तो जा , बेच जो कुछ तेरे पास है, और उसे गरीबों को बाँट दें, और तुझे स्वर्ग में धन प्राप्त होगा। (मत्ती 19:17, 21 यूएलबी) -** सुझाव** के साथ, वक्ता किसी को कुछ करने के लिए कहता है या ऐसा नहीं करता है क्योंकि वह सोचता है कि इस से उस व्यक्ति की सहायता हो सकती है। नीचे दिए गए उदाहरण में, यदि वे एक-दूसरे का मार्गदर्शन करने का प्रयास नहीं करते हैं तो यह दोनों अन्धे पुरुषों के लिए सबसे अच्छा है। +**सुझाव** के साथ, वक्ता किसी को कुछ करने के लिए कहता है या ऐसा नहीं करता है क्योंकि वह सोचता है कि इस से उस व्यक्ति की सहायता हो सकती है। नीचे दिए गए उदाहरण में, यदि वे एक-दूसरे का मार्गदर्शन करने का प्रयास नहीं करते हैं तो यह दोनों अन्धे पुरुषों के लिए सबसे अच्छा है। > एक अन्धे व्यक्ति को दूसरे अन्धे व्यक्ति का मार्गदर्शन करने का प्रयास नहीं करना चाहिए यदि उसने किया, तो वे दोनों एक गड़हे में गिर जाएंगे! (लूका 6:39 यूडीबी) @@ -53,11 +53,11 @@ > उन्होंने एक-दूसरे से कहा, "आओ, हम मिलकर ईंटें बनाएँ और उन्हें अच्छी तरह से सेंक लें।" (उत्पत्ति 11:3 यूएलबी) -** आमंत्रण** के साथ, वक्ता विनम्रता या मित्रता का उपयोग करता है ताकि यह सुझाव दिया जा सके कि यदि वह चाहे तो कोई कुछ कुछ करता है। इससे सामान्य रूप से ऐसा कुछ होता है जिससे वक्ता सोचता है कि श्रोता को आनन्द मिलेगा। +**आमंत्रण** के साथ, वक्ता विनम्रता या मित्रता का उपयोग करता है ताकि यह सुझाव दिया जा सके कि यदि वह चाहे तो कोई कुछ कुछ करता है। इससे सामान्य रूप से ऐसा कुछ होता है जिससे वक्ता सोचता है कि श्रोता को आनन्द मिलेगा। > आओ हमारे साथ और हम आपको साथ अच्छा करेंगे। (गिनती 10:29) -** अनुरोध** के साथ, वक्ता यह कहने के लिए विनम्रता का उपयोग करता है कि वह चाहता है कि कोई ऐसा कुछ करे। इसमें यह सुनिश्चित करने के लिए 'कृपया' शब्द सम्मिलित हो सकता है कि यह एक अनुरोध है, न कि आदेश। यह सामान्य रूप से कुछ ऐसा होता है जो वक्ता को लाभ पहुँचाएगा। +**अनुरोध** के साथ, वक्ता यह कहने के लिए विनम्रता का उपयोग करता है कि वह चाहता है कि कोई ऐसा कुछ करे। इसमें यह सुनिश्चित करने के लिए 'कृपया' शब्द सम्मिलित हो सकता है कि यह एक अनुरोध है, न कि आदेश। यह सामान्य रूप से कुछ ऐसा होता है जो वक्ता को लाभ पहुँचाएगा।
आज हमें प्रतिदिन की रोटी हमें दें . (मत्ती 6:11 यूएलबी)
diff --git a/translate/figs-synonparallelism/01.md b/translate/figs-synonparallelism/01.md index 4b0f9b5..3125968 100644 --- a/translate/figs-synonparallelism/01.md +++ b/translate/figs-synonparallelism/01.md @@ -1,6 +1,6 @@ ### विवरण -** समान अर्थ के साथ समान्तरतावाद** एक काव्य युक्ति है जिसमें एक जटिल विचार दो या दो से अधिक अलग तरीकों से व्यक्त किया जाता है। वक्ता दो विचारों में समान विचारों पर जोर देने के लिए ऐसा कर सकते हैं। इसे "समानार्थी समान्तरतावाद" भी कहा जाता है। +**समान अर्थ के साथ समान्तरतावाद** एक काव्य युक्ति है जिसमें एक जटिल विचार दो या दो से अधिक अलग तरीकों से व्यक्त किया जाता है। वक्ता दो विचारों में समान विचारों पर जोर देने के लिए ऐसा कर सकते हैं। इसे "समानार्थी समान्तरतावाद" भी कहा जाता है। ध्यान दें: हम लम्बे वाक्यांशों या खण्डों के लिए "समान अर्थ वाले समान्तरतावादी" शब्द का उपयोग करते हैं जिसका अर्थ समान है। हम शब्दों के लिए [युग्म](../figs-doublet/01.md) शब्दावली का उपयोग करते हैं या बहुत कम वाक्यांशों को जिनका अर्थ मूल रूप से एक ही वस्तु के अर्थ से और एक साथ उपयोग से होता है। diff --git a/translate/figs-verbs/01.md b/translate/figs-verbs/01.md index 810ef6e..4f9e372 100644 --- a/translate/figs-verbs/01.md +++ b/translate/figs-verbs/01.md @@ -2,7 +2,7 @@ क्रियाएँ वे शब्द होते हैं जो किसी क्रिया या घटना का सन्दर्भ देते हैं या जिसका उपयोग वस्तुओं का वर्णन करने या पहचानने में किया जाता है। -** उदाहरण** नीचे दिए गए उदाहरणों में क्रियाएँ रेखांकित की गई हैं। +**उदाहरण** नीचे दिए गए उदाहरणों में क्रियाएँ रेखांकित की गई हैं। * यूहन्ना दौड़ा . ("दौड़ना" एक गतिविधि है।) * यूहन्ना एक केला खाया। ("खाना" एक गतिविधि है।) diff --git a/translate/file-formats/01.md b/translate/file-formats/01.md index 3874f90..adefe3e 100644 --- a/translate/file-formats/01.md +++ b/translate/file-formats/01.md @@ -68,7 +68,7 @@ मानक प्रारूप या मार्कडाउन के साथ चिह्नित सामग्री प्राप्त करने का सबसे आसान तरीका एक संपादक का उपयोग करना है, जिसे विशेष रूप से ऐसा करने के लिए निर्मित किया गया है। यदि एक वर्ड प्रोसेसर अर्थात् शब्द संसोधक या मूलपाठ संपादक का उपयोग किया जाता है, तो इन संकेतों को हस्तलिखित रूप से वर्णित किया जाना चाहिए। -* ध्यान दें: वर्ड प्रोसेसर में मूलपाठ बड़े अझरों, तिरछे अक्षरों, या रेखांकित करना संकेतक भाषा में बड़े अझरों, तिरछे अक्षर या रेखांकित नहीं करता है। नामित प्रतीकों को लिखकर इस प्रकार का स्वरूपण किया जाना चाहिए।* +*ध्यान दें: वर्ड प्रोसेसर में मूलपाठ बड़े अझरों, तिरछे अक्षरों, या रेखांकित करना संकेतक भाषा में बड़े अझरों, तिरछे अक्षर या रेखांकित नहीं करता है। नामित प्रतीकों को लिखकर इस प्रकार का स्वरूपण किया जाना चाहिए।* जब सॉफ्टवेयर का उपयोग करने पर विचार करते हैं, तो कृपया ध्यान रखें कि अनुवाद केवल शब्दों के बारे में नहीं है; ऐसे कई तकनीकी पहलू हैं, जिन्हें ध्यान में रखा जाना चाहिए। diff --git a/translate/grammar-connect-logic-result/01.md b/translate/grammar-connect-logic-result/01.md index 78cce29..6b10361 100644 --- a/translate/grammar-connect-logic-result/01.md +++ b/translate/grammar-connect-logic-result/01.md @@ -22,19 +22,19 @@ > देखो, समुद्र में एक ऐसा बड़ा तूफान उठा, ***जिससे ***नाव लहरों से ढक गई। (मत्ती 8:24 यूएलटी) -** कारण** बड़ा तूफान है, और ** परिणाम ** नाव लहरों के साथ ढक गई थी। दो घटनाएं आपस में शब्द "जिससे" के द्वारा जुड़ी हुई हैं। ध्यान दें कि शब्द "जिससे" अक्सर एक लक्ष्य संबंध को इंगित करता है, परन्तु यहां संबंध कारण-और-परिणाम है। ऐसा इसलिए है क्योंकि समुद्र सोच नहीं सकता है और इसलिए उसके पास लक्ष्य नहीं है। +**कारण** बड़ा तूफान है, और ** परिणाम ** नाव लहरों के साथ ढक गई थी। दो घटनाएं आपस में शब्द "जिससे" के द्वारा जुड़ी हुई हैं। ध्यान दें कि शब्द "जिससे" अक्सर एक लक्ष्य संबंध को इंगित करता है, परन्तु यहां संबंध कारण-और-परिणाम है। ऐसा इसलिए है क्योंकि समुद्र सोच नहीं सकता है और इसलिए उसके पास लक्ष्य नहीं है। >परमेश्वर ने सातवें दिन को आशीष दी और पवित्र ठहराया; ***क्योंकि*** उसमें उसने सृष्टि की रचना के अपने सारे काम से विश्राम लिया। (उत्पत्ति 2:3 यूएलटी) -** परिणाम** यह है कि परमेश्वर ने आशीष दी और सातवें दिन को पवित्र किया। **कारण** यह कि क्योंकि उसने अपने सारे काम से विश्राम लिया। +**परिणाम** यह है कि परमेश्वर ने आशीष दी और सातवें दिन को पवित्र किया। **कारण** यह कि क्योंकि उसने अपने सारे काम से विश्राम लिया। > "धन्य हो तुम, जो दीन हो, ***क्योंकि*** परमेश्वर का राज्य तुम्हारा है। (लूका 6:20 यूएलटी) -** परिणाम** यह है कि दीन धन्य हैं। **कारण** यह है कि परमेश्वर का राज्य उनका है। +**परिणाम** यह है कि दीन धन्य हैं। **कारण** यह है कि परमेश्वर का राज्य उनका है। >उन लोगों के पुत्र जिनको यहोवा ने उनके स्थान पर उत्पन्न किया था, उनका खतना यहोशू से कराया, ***क्योंकि*** मार्ग में उनके खतना न होने के कारण वे खतनारहित थे (यहोशू 5:7 यूएलटी) -** परिणाम** यह है कि यहोशू ने उन लड़कों और पुरुषों का खतना किया जिनका जन्म जंगल में हुआ था। **कारण** यह था कि यात्रा में होने के कारण उनका खतना नहीं हुआ था। +**परिणाम** यह है कि यहोशू ने उन लड़कों और पुरुषों का खतना किया जिनका जन्म जंगल में हुआ था। **कारण** यह था कि यात्रा में होने के कारण उनका खतना नहीं हुआ था। #### अनुवाद रणनीतियाँ diff --git a/translate/guidelines-clear/01.md b/translate/guidelines-clear/01.md index 2cf3e1a..521a3ce 100644 --- a/translate/guidelines-clear/01.md +++ b/translate/guidelines-clear/01.md @@ -30,7 +30,7 @@ एक स्पष्ट अनुवाद** प्रतिभागियों ** की पहचान करेगा। -** प्रतिभागी** एक घटना में लोग या वस्तुएँ होती हैं, जो उस घटना में भाग लेते हैं। +**प्रतिभागी** एक घटना में लोग या वस्तुएँ होती हैं, जो उस घटना में भाग लेते हैं। वह कर्ता जो कार्यवाही कर रहा है और जिस वस्तु पर कार्यवाही की गई है, वह मुख्य **प्रतिभागी** है। @@ -56,9 +56,9 @@ एक स्पष्ट अनुवाद को **निष्क्रिय** क्रियाओं से **सक्रिय** क्रियाओं में परिवर्तित करने की आवश्यकता हो सकती है। देखें [सक्रिय या निष्क्रिय](../figs-activepassive/01.md) -** क्रिय** रूप में, वाक्य का कर्ता वह व्यक्ति होता है, जो कार्यवाही करता है। +**क्रिय** रूप में, वाक्य का कर्ता वह व्यक्ति होता है, जो कार्यवाही करता है। -** निष्क्रिय** रूप में, वाक्य का कर्ता वह व्यक्ति या वस्तु है, जिस पर कार्यवाही की जाती है। उदाहरण के लिए, "यूहन्ना ने बिल को मारा" एक सक्रिय वाक्य है। "बिल यूहन्ना के द्वारा मारा गया था" एक निष्क्रिय वाक्य है। +**निष्क्रिय** रूप में, वाक्य का कर्ता वह व्यक्ति या वस्तु है, जिस पर कार्यवाही की जाती है। उदाहरण के लिए, "यूहन्ना ने बिल को मारा" एक सक्रिय वाक्य है। "बिल यूहन्ना के द्वारा मारा गया था" एक निष्क्रिय वाक्य है। कई भाषाओं में**निष्क्रिय**रूप नहीं है, केवल**सक्रिय**रूप विद्यमान होता है। diff --git a/translate/guidelines-equal/01.md b/translate/guidelines-equal/01.md index b3a1792..b78c7b2 100644 --- a/translate/guidelines-equal/01.md +++ b/translate/guidelines-equal/01.md @@ -2,9 +2,9 @@ #### मुहावरे -** परिभाषा** - एक मुहावरा शब्दों का एक ऐसा समूह होता है, जिसका अर्थ उससे भिन्न होता है, जिसे एक व्यक्ति के द्वारा कहे हुए शब्दों के अर्थों से समझ गया होता है। मुहावरे, नीतिवचन, और शब्द प्रारूप या अंलकारों का अर्थ निर्धारित करें और उन्हें अपनी भाषा में अभिव्यक्तियों के साथ अनुवाद करें जिसका अर्थ एक जैसा है। +**परिभाषा** - एक मुहावरा शब्दों का एक ऐसा समूह होता है, जिसका अर्थ उससे भिन्न होता है, जिसे एक व्यक्ति के द्वारा कहे हुए शब्दों के अर्थों से समझ गया होता है। मुहावरे, नीतिवचन, और शब्द प्रारूप या अंलकारों का अर्थ निर्धारित करें और उन्हें अपनी भाषा में अभिव्यक्तियों के साथ अनुवाद करें जिसका अर्थ एक जैसा है। -** विवरण** - सामान्य रूप से मुहावरे का अनुवाद शाब्दिक रूप से किसी अन्य भाषा में नहीं किया जा सकता है। +**विवरण** - सामान्य रूप से मुहावरे का अनुवाद शाब्दिक रूप से किसी अन्य भाषा में नहीं किया जा सकता है। मुहावरे का अर्थ इस तरह से व्यक्त किया जाना चाहिए कि दूसरी भाषा में स्वभाविक हो। प्रेरितों 18:6 के एक जैसे अर्थों के साथ तीन अनुवाद यहाँ दिए गए हैं: @@ -16,9 +16,9 @@ #### अलंकार -** परिभाषा** - एक शब्द प्रारूप या अंलकार ध्यान देने या जो कहा जाता है, उसके बारे में भाव को व्यक्त करने के लिए कुछ कहने का एक विशेष तरीका होता है। +**परिभाषा** - एक शब्द प्रारूप या अंलकार ध्यान देने या जो कहा जाता है, उसके बारे में भाव को व्यक्त करने के लिए कुछ कहने का एक विशेष तरीका होता है। -** विवरण** - अपने पूर्ण रूप से अंलकार का अर्थ एक व्यक्ति के शब्दों के सामान्य अर्थ से भिन्न होता है। यहाँ कुछ उदाहरण दिए गए हैं: +**विवरण** - अपने पूर्ण रूप से अंलकार का अर्थ एक व्यक्ति के शब्दों के सामान्य अर्थ से भिन्न होता है। यहाँ कुछ उदाहरण दिए गए हैं: * मैं टूट गया था! वक्ता सचमुच में नहीं टूटा था, परन्तु उसने बहुत बुरा महसूस किया। * मैं जो कह रहा था उसके प्रति उसने अपना कान बन्द कर लिए थे। अर्थ, "मैं जो कह रहा था उसने सुनना नहीं चाहा।" @@ -35,9 +35,9 @@ #### भाषणगत प्रश्न -** परिभाषा** - भाषणगत या आलंकारिक प्रश्न एक और तरीका है, जिसमें वक्ता पाठक का ध्यान आकर्षित करता है। +**परिभाषा** - भाषणगत या आलंकारिक प्रश्न एक और तरीका है, जिसमें वक्ता पाठक का ध्यान आकर्षित करता है। -** विवरण** - भाषणगत प्रश्न एक प्रकार का प्रश्न है, जो किसी उत्तर की अपेक्षा नहीं करता है या जानकारी नहीं मांगता है। वे सामान्य रूप से किसी प्रकार की भावना व्यक्त करते हैं और उन्हें एक ताड़ना, चेतावनी, आश्चर्य व्यक्त करने, या कुछ और के रूप में लक्षित किया जा सकता है। +**विवरण** - भाषणगत प्रश्न एक प्रकार का प्रश्न है, जो किसी उत्तर की अपेक्षा नहीं करता है या जानकारी नहीं मांगता है। वे सामान्य रूप से किसी प्रकार की भावना व्यक्त करते हैं और उन्हें एक ताड़ना, चेतावनी, आश्चर्य व्यक्त करने, या कुछ और के रूप में लक्षित किया जा सकता है। उदाहरण के लिए, मत्ती 3:7 देखें @@ -49,15 +49,15 @@ #### विस्मयादिबोधक -** परिभाषा** - भाषाएँ भावनाओं को संचारित करने के लिए विस्मयादिबोधक का उपयोग करती हैं। कभी-कभी विस्मयादिबोधक शब्द या शब्दों में भावनाओं की अभिव्यक्ति के अतिरिक्त अन्य अर्थ नहीं होते हैं, जैसे अंग्रेजी में शब्द "आह" या "वाह" का होना। देखें, उदाहरण के लिए, 1 शमूएल 4:8: **हमारे ऊपर हाय**! इन सामर्थी देवताओं की सामर्थ्य से हमें कौन बचाएगा? (यूएलबी अनुवाद) +**परिभाषा** - भाषाएँ भावनाओं को संचारित करने के लिए विस्मयादिबोधक का उपयोग करती हैं। कभी-कभी विस्मयादिबोधक शब्द या शब्दों में भावनाओं की अभिव्यक्ति के अतिरिक्त अन्य अर्थ नहीं होते हैं, जैसे अंग्रेजी में शब्द "आह" या "वाह" का होना। देखें, उदाहरण के लिए, 1 शमूएल 4:8: **हमारे ऊपर हाय**! इन सामर्थी देवताओं की सामर्थ्य से हमें कौन बचाएगा? (यूएलबी अनुवाद) यहाँ "हाय" के रूप में अनुवादित इब्रानी शब्द कुछ बुरा होने के बारे में दृढ़ भाव को व्यक्त करता है। यदि सम्भव हो, तो अपनी भाषा में विस्मयादिबोधक की खोज करने का प्रयास करें जो इस जैसे ही भाव को संचारित करता है। #### काव्य -** परिभाषा** - काव्य के प्रयोजनों में से एक किसी वस्तु के बारे में भाव को व्यक्त करना होता है। +**परिभाषा** - काव्य के प्रयोजनों में से एक किसी वस्तु के बारे में भाव को व्यक्त करना होता है। -** विवरण** - काव्य इस कार्य को भिन्न तरीकों से करती है, जो कि भिन्न भाषाओं में भिन्न हो सकती हैं। +**विवरण** - काव्य इस कार्य को भिन्न तरीकों से करती है, जो कि भिन्न भाषाओं में भिन्न हो सकती हैं। इन तरीकों में अब तक चर्चा की गई सभी बातें सम्मिलित हो सकती हैं, जैसे अंलकार और विस्मयादिबोधक इत्यादि। काव्य साधारण कथन की तुलना में भिन्न तरह की व्याकरण का भी उपयोग कर सकती है, या भावनाओं को व्यक्त करने के लिए समान ध्वनियों या कुछ ताल के साथ शब्दों की भूमिकाओं या शब्दों का उपयोग कर सकती है। @@ -65,6 +65,6 @@ काव्य के यह वचन दो पंक्तियों में एक जैसे विचार को दोहराते हैं, जो अच्छी इब्रानी की काव्य शैली है। इसके अतिरिक्त, मूल इब्रानी में कोई क्रिया नहीं होती है, जिसमें साधारण कथन की तुलना में व्याकरण का एक अलग तरह से उपयोग होता है। आपकी भाषा में काव्य में भिन्न बातें हो सकती हैं, जो इसे काव्य के रूप में चिह्नित करती हैं। जब आप काव्य का अनुवाद कर रहे होते हैं, तो अपनी भाषा के रूपों का उपयोग करने का प्रयास करें जो पाठक को संचारित करती हैं कि यह काव्य साहित्य है, और यह उसी भावनाओं को संचारित करता है, जिसमें स्रोत काव्य संचारित करने की प्रयास कर रही है। -** स्मरण रखें:** मूल पाठ की भावनाओं और दृष्टिकोणों को संचारित करें। उन्हें उन रूपों में अनुवाद करें जो आपकी भाषा में उसी तरीके को संचारित करते हैं। +**स्मरण रखें:** मूल पाठ की भावनाओं और दृष्टिकोणों को संचारित करें। उन्हें उन रूपों में अनुवाद करें जो आपकी भाषा में उसी तरीके को संचारित करते हैं। इस बात पर विचार करें कि इसका अर्थ कैसे **सटीक**, **स्पष्ट**, **एक जैसा**, और लक्षित भाषा में**स्वाभाविक रूप से व्यक्त** हो सकता है। diff --git a/translate/resources-alter/01.md b/translate/resources-alter/01.md index 0be3e07..49ada98 100644 --- a/translate/resources-alter/01.md +++ b/translate/resources-alter/01.md @@ -6,7 +6,7 @@ "AT:" इंगित करता है कि यह एक वैकल्पिक अनुवाद है। कुछ उदाहरण निम्न दिए गए हैं: -** अस्पष्ट जानकारी को स्पष्ट करना** +**अस्पष्ट जानकारी को स्पष्ट करना** > यह मादियों और फारसियों का कानून है, कि ऐसा कोई राजाज्ञा या विधान नहीं है, जिस से राजा के राजपत्र को बदला जा सकता है . (दानिय्येल 6:15 यूएलबी) @@ -16,7 +16,7 @@ अतिरिक्त वाक्य दिखाता है कि वक्ता चाहता था कि राजा अपने स्मरणपत्र से समझ प्राप्त कर सके कि राजा की राजाज्ञा और विधानों को नहीं बदला जा सकता है। अनुवादकों को अनुवाद में स्पष्ट रूप से कुछ बातों को बताने की आवश्यकता हो सकती है, जिसे मूल वक्ता या लेखक बिना कहे हुए या अस्पष्ट छोड़ देता है। -** कर्म वाच्य से कर्ता वाच्य में परिवर्तन करना** +**कर्म वाच्य से कर्ता वाच्य में परिवर्तन करना** > जो पवित्र आत्मा की निन्दा करता है, उसे क्षमा नहीं किया जाएगा . (लूका 12:10 यूएलबी) @@ -32,7 +32,7 @@ यह नोट उदाहरण देता है कि अनुवादक कैसे इस कर्म वाची वाक्य का अनुवाद कर सकते हैं, यदि उनकी भाषा कर्म वाची वाक्य का उपयोग नहीं करती है। -** भाषणगत प्रश्न** +**भाषणगत प्रश्न** > हे शाऊल, हे शाऊल, तू मुझे क्यों सता रहा है? (प्रेरितों 9:4 यूएलबी) diff --git a/translate/resources-words/01.md b/translate/resources-words/01.md index b6798eb..19b84fb 100644 --- a/translate/resources-words/01.md +++ b/translate/resources-words/01.md @@ -27,13 +27,13 @@ कुछ सामान्य अज्ञात विचार निम्नलिखित हैं: -** स्थानों के नाम** जैसे: +**स्थानों के नाम** जैसे: * मन्दिर (एक भवन जहाँ इस्राएलियों ने परमेश्वर को बलिदान चढ़ाया) * आराधनालय (एक भवन जहाँ यहूदी लोग परमेश्वर की आराधना करने के लिए इकट्ठा होते हैं) * बलिदान की वेदी (एक उठा हुआ ढाँचा, जिसके ऊपर बलिदान को परमेश्वर के लिए उपहार, या भेंट के रूप में जलाया जाता था।) -** ऐसे लोगों की उपाधियाँ जो एक पद पर बैठे हुए हैं** जैसे: +**ऐसे लोगों की उपाधियाँ जो एक पद पर बैठे हुए हैं** जैसे: * याजक (कोई व्यक्ति जो अपने लोगों की ओर से परमेश्वर को बलिदान देने के लिए चुना जाता है) * फरीसी (यीशु के समय में इस्राएल के धार्मिक अगुवों का महत्वपूर्ण समूह) @@ -42,7 +42,7 @@ * परमेश्वर का पुत्र * राजा (एक आत्मनिर्भर शहर, राज्य या देश का शासक)। -** बाइबल की मुख्य अवधारणाएँ** जैसे: +**बाइबल की मुख्य अवधारणाएँ** जैसे: * क्षमा करना (उस व्यक्ति से ईर्ष्या न करना और उसे ठेस पहुँचाने के लिए उससे क्रोधित न होना, जिसने आपको ठेस पहुँचाई है) * मुक्ति (बचाया जाना या बुराई, शत्रुओं, या खतरे से से बचा लिया जाना) diff --git a/translate/translate-alphabet2/01.md b/translate/translate-alphabet2/01.md index b06d21a..b83344f 100644 --- a/translate/translate-alphabet2/01.md +++ b/translate/translate-alphabet2/01.md @@ -32,7 +32,7 @@ अंग्रेजी में केवल पाँच स्वर प्रतीक हैं, "ए, ई, आई, ओ, यू", परन्तु इसमें 11 स्वर ध्वनियाँ निलकती हैं, जो स्वर संयोजनों और कई अन्य तरीकों से लिखी गई हैं। अंग्रेजी के प्रत्येक स्वर की ध्वनियाँ "बीट, बिट, बाएट, बैट, बट, बॉडी, बऔट, बौट, बुक, बूट" जैसे शब्दों में मिल सकती हैं। [उच्चारण चित्र को जोड़ें] -** अंग्रेजी के स्वर** +**अंग्रेजी के स्वर** मुँह में स्थिति{MQ}फ्रंट{MQ}-{MQ}मिड{MQ} -{MQ} बैक गोलाई {MQ} (अनराऊन्डिड) {MQ} (अनराऊन्डिड) {MQ} (राऊन्डिड) @@ -44,12 +44,12 @@ (इन स्वरों में से प्रत्येक का वर्णमाला में अन्तर्राष्ट्रीय ध्वनि-सम्बन्धी अपना-अपना प्रतीक होता है।) स्वर की ध्वनि प्रत्येक अक्षर के बीच में से गठित होती है, और व्यंजन ध्वनि स्वरों के पहले और बाद में आते हैं। -** उच्चारण** यह वर्णन है कि मुँह या नाक के माध्यम से हवा कैसे ध्वनियों को पहचानने के लिए निकलती है, ताकि हम उसे भाषा के रूप में पहचान सकें। -** उच्चारण के मुख्य बिन्दु** उन स्थानों पर गले या मुँह से निकलती हैं, जहाँ हवा को बांध दिया जाता है या इसका प्रवाह बन्द हो जाता है। उच्चारण के सामान्य बिन्दुओं में होंठ, दांत, दांतों का (वायुकोशा) उभार, तालू (मुँह की कठोर छत), कोमल तालू (मुँह की मुलायम छत), अलिजिह्वा, और स्वर-रज्जु (या कण्ठद्वार) सम्मिलित हैं। -** उच्चारक** मुँह के हिलने वाले भाग होते हैं, विशेष रूप से जीभ के कुछ भागों जो हवा के प्रवाह को धीमा करते हैं। जीभ के कुछ भागों में जीभ का मूल, पीठ, धार और नोक सम्मिलित हो सकते हैं। होंठ जीभ के उपयोग के बिना मुँह के माध्यम से हवा प्रवाह को धीमा कर सकते हैं। होंठों से बनी ध्वनि में व्यंजन सम्मिलित हैं जैसे "बी," "वी," और "एम।" -** उच्चारण का तरीका** वर्णन करता है कि श्वास का प्रवाह कैसे धीमा हो जाता है। यह एक पूर्ण विराम के रूप में (जैसे "पी" या "बी" के साथ आ सकता है, जिन्हें विराम व्यंजन या रूकना कहा जाता है), भारी घर्षण के रूप में (जैसे "एफ" या "वी," संघर्ष अक्षर कहा जाता है), या थोड़े से प्रतिबन्धित रूप में (जैसे "डब्ल्यू" या "वाई," जिन्हें अर्द्ध-स्वर कहा जाता है, क्योंकि वे लगभग स्वरों के रूप में स्वतंत्र होते हैं।) आ सकते हैं। -** आवाज निर्धारण** दिखाता है कि जब हवा उन के माध्यम से गुजरती है, तो स्वर-रज्जु अर्थात् कण्ड-द्वार हिलते हैं या नहीं। अधिकांश स्वर, जैसे कि "ए, ई, आई, यू, ओ" आवाजें निकालती हुई ध्वनियाँ हैं। व्यंजनों को आवाजों के साथ (+ ​​वी), जैसे "बी, डी, जी, वी," या आवाज रहित (-वी) जैसे "पी, टी, के, एफ" कहा जा सकता है। ये उच्चारण के एक ही बिन्दु पर और उसी उच्चारकों के साथ बनते हैं, जैसा कि आवाज निकालने वाले व्यंजनों का उल्लेख पहले किया गया है। "बी, डी, जी, वी" और "पी, टी, के, एफ" के बीच एकमात्र अन्तर आवाज (+​​वी और -वी) का है। -** अंग्रेजी के व्यंजन** उच्चारण के बिन्दु {MQ}होंठ{MQ}दांत{MQ}छत{MQ}कोठर तालू{MQ}कोमल तालू{MQ}अलिजिह्वा{MQ}स्वर-रज्जु +**उच्चारण** यह वर्णन है कि मुँह या नाक के माध्यम से हवा कैसे ध्वनियों को पहचानने के लिए निकलती है, ताकि हम उसे भाषा के रूप में पहचान सकें। +**उच्चारण के मुख्य बिन्दु** उन स्थानों पर गले या मुँह से निकलती हैं, जहाँ हवा को बांध दिया जाता है या इसका प्रवाह बन्द हो जाता है। उच्चारण के सामान्य बिन्दुओं में होंठ, दांत, दांतों का (वायुकोशा) उभार, तालू (मुँह की कठोर छत), कोमल तालू (मुँह की मुलायम छत), अलिजिह्वा, और स्वर-रज्जु (या कण्ठद्वार) सम्मिलित हैं। +**उच्चारक** मुँह के हिलने वाले भाग होते हैं, विशेष रूप से जीभ के कुछ भागों जो हवा के प्रवाह को धीमा करते हैं। जीभ के कुछ भागों में जीभ का मूल, पीठ, धार और नोक सम्मिलित हो सकते हैं। होंठ जीभ के उपयोग के बिना मुँह के माध्यम से हवा प्रवाह को धीमा कर सकते हैं। होंठों से बनी ध्वनि में व्यंजन सम्मिलित हैं जैसे "बी," "वी," और "एम।" +**उच्चारण का तरीका** वर्णन करता है कि श्वास का प्रवाह कैसे धीमा हो जाता है। यह एक पूर्ण विराम के रूप में (जैसे "पी" या "बी" के साथ आ सकता है, जिन्हें विराम व्यंजन या रूकना कहा जाता है), भारी घर्षण के रूप में (जैसे "एफ" या "वी," संघर्ष अक्षर कहा जाता है), या थोड़े से प्रतिबन्धित रूप में (जैसे "डब्ल्यू" या "वाई," जिन्हें अर्द्ध-स्वर कहा जाता है, क्योंकि वे लगभग स्वरों के रूप में स्वतंत्र होते हैं।) आ सकते हैं। +**आवाज निर्धारण** दिखाता है कि जब हवा उन के माध्यम से गुजरती है, तो स्वर-रज्जु अर्थात् कण्ड-द्वार हिलते हैं या नहीं। अधिकांश स्वर, जैसे कि "ए, ई, आई, यू, ओ" आवाजें निकालती हुई ध्वनियाँ हैं। व्यंजनों को आवाजों के साथ (+ ​​वी), जैसे "बी, डी, जी, वी," या आवाज रहित (-वी) जैसे "पी, टी, के, एफ" कहा जा सकता है। ये उच्चारण के एक ही बिन्दु पर और उसी उच्चारकों के साथ बनते हैं, जैसा कि आवाज निकालने वाले व्यंजनों का उल्लेख पहले किया गया है। "बी, डी, जी, वी" और "पी, टी, के, एफ" के बीच एकमात्र अन्तर आवाज (+​​वी और -वी) का है। +**अंग्रेजी के व्यंजन** उच्चारण के बिन्दु {MQ}होंठ{MQ}दांत{MQ}छत{MQ}कोठर तालू{MQ}कोमल तालू{MQ}अलिजिह्वा{MQ}स्वर-रज्जु आवाज निर्धारण करना{MQ}-वी/+वी{MQ}-वी/+वी{MQ}-वी/+वी{MQ}-/+वी{MQ}-वी/+वी{MQ}-वी/+वी{MQ}-v/+v उच्चारक – पद्घति @@ -66,9 +66,9 @@ अर्ध-स्वर{MQ} /डब्ल्यू{MQ} / वाई{MQ} एच/ नाक - दीर्घोच्चारणीय{MQ} / एम{MQ}/ एन -** ध्वनियों का नामकरण** उनकी गुणों को पहचानने के द्वारा किया जा सकता है। "बी" की आवाज को ध्वनि का ओष्ठयीय (दो होंठ) रूकना कहा जाता है। "एफ" की आवाज़ को ध्वनि रहित लैबियो-दंत (होंठ-दांत के युग्म) के संघर्ष के रूप में जाना जाता है। "एन" की आवाज को ध्वनियुक्त वायुकोशा (छत) नासिका कहा जाता है। -** ध्वनियों को प्रतीक बनाना** दो तरीकों में किया जा सकता है। या तो हम अन्तर्राष्ट्रीय ध्वनि-सम्बन्धी वर्णमाला में पाए गए उस ध्वनि के प्रतीक का उपयोग कर सकते हैं, या हम पाठक द्वारा ज्ञात वर्णमाला से प्रसिद्ध प्रतीकों का उपयोग कर सकते हैं। -** व्यंजन तालिका** - उच्चारकों का उल्लेख किए बिना यहाँ एक व्यंजन प्रतीक तालिका को प्रस्तुत किया गया है। जब आप अपनी भाषा की ध्वनियों का पता लगाते हैं, ध्वनि सुनने के समय आवाज और अपनी जीभ और होंठ की स्थिति को महसूस करते हैं, तो आप इस लेख में तालिका को उन ध्वनियों का प्रतिनिधित्व करने के लिए प्रतीकों के साथ भर सकते हैं। उच्चारण के बिन्दु होंठ दांत छत कोठर तालू कोमल तालू अलिजिह्वा स्वर-रज्जु +**ध्वनियों का नामकरण** उनकी गुणों को पहचानने के द्वारा किया जा सकता है। "बी" की आवाज को ध्वनि का ओष्ठयीय (दो होंठ) रूकना कहा जाता है। "एफ" की आवाज़ को ध्वनि रहित लैबियो-दंत (होंठ-दांत के युग्म) के संघर्ष के रूप में जाना जाता है। "एन" की आवाज को ध्वनियुक्त वायुकोशा (छत) नासिका कहा जाता है। +**ध्वनियों को प्रतीक बनाना** दो तरीकों में किया जा सकता है। या तो हम अन्तर्राष्ट्रीय ध्वनि-सम्बन्धी वर्णमाला में पाए गए उस ध्वनि के प्रतीक का उपयोग कर सकते हैं, या हम पाठक द्वारा ज्ञात वर्णमाला से प्रसिद्ध प्रतीकों का उपयोग कर सकते हैं। +**व्यंजन तालिका** - उच्चारकों का उल्लेख किए बिना यहाँ एक व्यंजन प्रतीक तालिका को प्रस्तुत किया गया है। जब आप अपनी भाषा की ध्वनियों का पता लगाते हैं, ध्वनि सुनने के समय आवाज और अपनी जीभ और होंठ की स्थिति को महसूस करते हैं, तो आप इस लेख में तालिका को उन ध्वनियों का प्रतिनिधित्व करने के लिए प्रतीकों के साथ भर सकते हैं। उच्चारण के बिन्दु होंठ दांत छत कोठर तालू कोमल तालू अलिजिह्वा स्वर-रज्जु आवाज -वी/+वी -वी/+वी -वी/+वी -वी/+वी -वी/+वी -वी/+वी -वी/+वी पद्घति रोकें पी/बी टी/डी के/जी diff --git a/translate/translate-chapverse/01.md b/translate/translate-chapverse/01.md index 014684d..7e4d233 100644 --- a/translate/translate-chapverse/01.md +++ b/translate/translate-chapverse/01.md @@ -41,7 +41,7 @@ 1 **हे यहोवा, मेरे शत्रु कितने हैं!** -** कई लोग मुझ से दूर हो गए हैं और मुझ पर आक्रमण किया है।** +**कई लोग मुझ से दूर हो गए हैं और मुझ पर आक्रमण किया है।** 2 **कई मेरे बारे में कहते हैं,** diff --git a/translate/translate-dynamic/01.md b/translate/translate-dynamic/01.md index 8ff1922..3bc7dec 100644 --- a/translate/translate-dynamic/01.md +++ b/translate/translate-dynamic/01.md @@ -10,7 +10,7 @@ अर्थ-आधारित अनुवादों की मुख्य विशेषता यह है कि वे स्रोत मूलपाठ के रूप अर्थात् ढ़ांचे को पुन: उत्पन्न करने के लिए अर्थ को अनुवाद करने के लिए प्राथमिकता देते हैं। अर्थात्, वे स्पष्ट रूप से अर्थ स्पष्ट करने के लिए आवश्यक मूलपाठ के रूप अर्थात् ढ़ांचे को परिवर्तित करती हैं। -** अर्थ-आधारित अनुवादों के सबसे सामान्य प्रकार के परिवर्तन निम्न हैं**: +**अर्थ-आधारित अनुवादों के सबसे सामान्य प्रकार के परिवर्तन निम्न हैं**: * लक्षित भाषा की व्याकरण के अनुरूप शब्द व्यवस्था को परिवर्तित करें * स्वभाविक व्याकरण के साथ विदेशी व्याकरण संरचनाओं को प्रतिस्थापित करें diff --git a/translate/translate-formatsignals/01.md b/translate/translate-formatsignals/01.md index 1e9fa92..e9a991a 100644 --- a/translate/translate-formatsignals/01.md +++ b/translate/translate-formatsignals/01.md @@ -1,10 +1,10 @@ ### विवरण -* अनलॉक्ड शाब्दिक बाइबल* (यूएलबी) और *अनलॉक्ड डायनामिक बाइबल* (यूडीबी) पदलोप चिन्ह, लम्बे डैश अर्थात् शब्द विच्छेद रेखा चिन्ह, कोष्टक, और इंडेंटेशन अर्थात् अभिस्थापन का उपयोग यह दिखाने के लिए करते हैं कि मूलपाठ में जानकारी किस प्रकार से सम्बन्धित है। +*अनलॉक्ड शाब्दिक बाइबल* (यूएलबी) और *अनलॉक्ड डायनामिक बाइबल* (यूडीबी) पदलोप चिन्ह, लम्बे डैश अर्थात् शब्द विच्छेद रेखा चिन्ह, कोष्टक, और इंडेंटेशन अर्थात् अभिस्थापन का उपयोग यह दिखाने के लिए करते हैं कि मूलपाठ में जानकारी किस प्रकार से सम्बन्धित है। #### पदलोप चिन्ह -** परिभाषा** - पदलोप चिन्ह (...) का उपयोग यह दिखाने के लिए किया जाता है कि किसी ने एक वाक्य समाप्त नहीं किया है, या लेखक ने जो कुछ कहा है, उस पूरे को उद्धृत नहीं किया गया है। +**परिभाषा** - पदलोप चिन्ह (...) का उपयोग यह दिखाने के लिए किया जाता है कि किसी ने एक वाक्य समाप्त नहीं किया है, या लेखक ने जो कुछ कहा है, उस पूरे को उद्धृत नहीं किया गया है। मत्ती 9:4-6 में, पदलोप चिन्ह से पता चलता है कि यीशु ने अपने वाक्य को शास्त्रियों के साथ पूरा नहीं किया जब उसने लकवा ग्रसित व्यक्ति पर अपना ध्यान दिया और उससे बात की: @@ -20,7 +20,7 @@ #### लम्बे पदलोप चिन्ह अर्थात् शब्द विच्छेद रेखा चिन्ह -** परिभाषा** - लम्बी डैश अर्थात् शब्द विच्छेद रेखा चिन्ह (—) ऐसी जानकारी को प्रस्तुत करती है, जो उससे पहले जो कुछ हुआ है, उससे तुरन्त प्रासंगिक होती है। +**परिभाषा** - लम्बी डैश अर्थात् शब्द विच्छेद रेखा चिन्ह (—) ऐसी जानकारी को प्रस्तुत करती है, जो उससे पहले जो कुछ हुआ है, उससे तुरन्त प्रासंगिक होती है। उदाहरण के लिए: @@ -28,7 +28,7 @@ #### कोष्टक -** परिभाषा** - कोष्टक “( )" दिखाती हैं कि कुछ जानकारी एक स्पष्टीकरण या बाद का विचार है। यह पृष्ठभूमि की जानकारी होती है, जिसे पाठक उस स्थान पर रखता है, ताकि पाठक को इसके आस-पास की सामग्री को समझने में सहायता मिल सके। +**परिभाषा** - कोष्टक “( )" दिखाती हैं कि कुछ जानकारी एक स्पष्टीकरण या बाद का विचार है। यह पृष्ठभूमि की जानकारी होती है, जिसे पाठक उस स्थान पर रखता है, ताकि पाठक को इसके आस-पास की सामग्री को समझने में सहायता मिल सके। यूहन्ना 6:6 में, यूहन्ना ने उस कहानी को हस्तक्षेप कर दिया, जिसे वह लिख रहा था कि यीशु पहले से ही जानता था कि वह क्या करने जा रहा है। @@ -42,7 +42,7 @@ #### अभिस्थापन -** परिभाषा** - जब मूलपाठ अभिस्थापित किया जाता है, तो इसका अर्थ होता है कि मूलपाठ की रेखा ऊपर और नीचे के मूलपाठ की रेखाओं की तुलना में दाईं ओर से आरम्भ होती है, जो अभिस्थापित नहीं होते हैं। यह काव्य और कुछ सूचियों के लिए, यह दिखाने के लिए किया जाता है कि अभिस्थापित पँक्तियों उनके ऊपर दी गई गैर-अभिस्थापन पँक्तियों का भाग बनती हैं। +**परिभाषा** - जब मूलपाठ अभिस्थापित किया जाता है, तो इसका अर्थ होता है कि मूलपाठ की रेखा ऊपर और नीचे के मूलपाठ की रेखाओं की तुलना में दाईं ओर से आरम्भ होती है, जो अभिस्थापित नहीं होते हैं। यह काव्य और कुछ सूचियों के लिए, यह दिखाने के लिए किया जाता है कि अभिस्थापित पँक्तियों उनके ऊपर दी गई गैर-अभिस्थापन पँक्तियों का भाग बनती हैं। उदाहरण के लिए: diff --git a/translate/translate-fraction/01.md b/translate/translate-fraction/01.md index e248605..be9c322 100644 --- a/translate/translate-fraction/01.md +++ b/translate/translate-fraction/01.md @@ -25,7 +25,7 @@ | तीन | तीसरा | | पाँच | पाँचवाँ | -** इसका कारण यह अनुवाद का एक विषय है:** कुछ भाषाएँ अंशों का उपयोग नहीं करती हैं। वे मात्र भागों या समूहों के बारे में बात कर सकती हैं, परन्तु वे यह बताने के लिए अंशों का उपयोग नहीं करती हैं कि समूह में कितना बड़ा भाग है या कितने सम्मिलित हैं। +**इसका कारण यह अनुवाद का एक विषय है:** कुछ भाषाएँ अंशों का उपयोग नहीं करती हैं। वे मात्र भागों या समूहों के बारे में बात कर सकती हैं, परन्तु वे यह बताने के लिए अंशों का उपयोग नहीं करती हैं कि समूह में कितना बड़ा भाग है या कितने सम्मिलित हैं। ### बाइबल से उदाहरण diff --git a/translate/translate-numbers/01.md b/translate/translate-numbers/01.md index 85453a7..2272546 100644 --- a/translate/translate-numbers/01.md +++ b/translate/translate-numbers/01.md @@ -76,6 +76,6 @@ #### यूएलटी और यूएसटी अनुवादों में सुगंतता -* अनफोल्डिंग वर्ड® लिट्रल टेक्स्ट* (यूएलटी) और *अनफोल्डिंग वर्ड® सिम्प्लिफिएड टेक्स्ट* (यूएसटी) उन सँख्याओं के लिए शब्दों का उपयोग करती है, जिनमें केवल एक या दो शब्द (नौ, सोलह, तीन सौ) हैं। ये सँख्याओं के लिए अंकों का उपयोग करती हैं, जिनमें दो से अधिक शब्द होते हैं ("एक सौ तीस" की अपेक्षा अंक "130")। +*अनफोल्डिंग वर्ड® लिट्रल टेक्स्ट* (यूएलटी) और *अनफोल्डिंग वर्ड® सिम्प्लिफिएड टेक्स्ट* (यूएसटी) उन सँख्याओं के लिए शब्दों का उपयोग करती है, जिनमें केवल एक या दो शब्द (नौ, सोलह, तीन सौ) हैं। ये सँख्याओं के लिए अंकों का उपयोग करती हैं, जिनमें दो से अधिक शब्द होते हैं ("एक सौ तीस" की अपेक्षा अंक "130")। >जब आदम एक सौ तीस वर्ष का हुआ, तब उसके द्वारा उसकी समानता में उस ही के स्वरूप के अनुसार एक पुत्र उत्पन्न हुआ। उसने उसका नाम शेत रखा। और शेत के जन्म के पश्चात् आदम आठ सौ वर्ष जीवित रहा, और उसके और भी बेटे-बेटियाँ उत्पन्न हुईं। इस प्रकार आदम की कुल आयु **नौ सौ तीस** वर्ष की हुई, तत्पश्चात् वह मर गया। (उत्पत्ति 5:3-5 यूएलबी) diff --git a/translate/translate-original/01.md b/translate/translate-original/01.md index 7a3cf2f..233597b 100644 --- a/translate/translate-original/01.md +++ b/translate/translate-original/01.md @@ -1,8 +1,8 @@ ### मूल भाषा में मूलपाठ सबसे सटीक होता है -** परिभाषा** - मूल भाषा वह भाषा होती है, जिसमें एक बाइबल मूलपाठ आरम्भ में लिखा गया था। +**परिभाषा** - मूल भाषा वह भाषा होती है, जिसमें एक बाइबल मूलपाठ आरम्भ में लिखा गया था। -** विवरण** - नए नियम की मूल भाषा यूनानी है। +**विवरण** - नए नियम की मूल भाषा यूनानी है। पुराने नियम के अधिकांश मूल भाषा इब्रानी है। यद्यपि, दानिय्येल और एज्रा की पुस्तकों के कुछ भागों की मूल भाषा अरामी है। मूल भाषा सदैव एक सटीक भाषा होती है, जिसमें से एक सन्दर्भ का अनुवाद किया जाता है। स्रोत भाषा वह भाषा होती है, जहाँ से अनुवाद किया जा रहा है। diff --git a/translate/translate-retell/01.md b/translate/translate-retell/01.md index 9314e75..f970be1 100644 --- a/translate/translate-retell/01.md +++ b/translate/translate-retell/01.md @@ -12,4 +12,4 @@ 1. अब, आपने जो लिखा है, उसे पढ़ें। मूल्यांकन करें कि आप इसे समझते हैं या नहीं। उन भागों को ठीक करें, जिनमें सुधार चाहिए। 1. अगले खण्ड पर जाएँ। इसे स्रोत भाषा में पढ़ें। कठोरता से चरण 2 से 8 का पालन करें। -* आभार: अनुमति के द्वारा उपयोग किया गया है, © 2013, एसआईएल इंटरनेशनल, हमारी मूल संस्कृति को साझा करना, पृष्ठ 59.* +*आभार: अनुमति के द्वारा उपयोग किया गया है, © 2013, एसआईएल इंटरनेशनल, हमारी मूल संस्कृति को साझा करना, पृष्ठ 59.* diff --git a/translate/translate-source-licensing/01.md b/translate/translate-source-licensing/01.md index 0e68d73..6942879 100644 --- a/translate/translate-source-licensing/01.md +++ b/translate/translate-source-licensing/01.md @@ -23,7 +23,7 @@ अनुवाद कार्य में उठने वाले अन्य सभी प्रश्नों के लिए, कृपया से सम्पर्क करें। -** ध्यान दें:** +**ध्यान दें:** * ट्रैन्स्लेशनस्टूडियो में स्रोत मूलपाठों के रूप में दिखाई देने वाले सभी स्रोत मूलपाठों की समीक्षा की गई है और किसी भी स्रोत किसी के द्वारा उपयोग के लिए वैद्यता प्राप्त हैं। * अन्फोल्डिंगवर्ड के द्वारा प्रकाशित की गई सारी साम्रगी से पहले, स्रोत मूलपाठ की समीक्षा की जानी चाहिए और वे ऊपर सूचीबद्ध लाइसेंसों में से एक के अधीन उपलब्ध हैं। diff --git a/translate/translate-source-version/01.md b/translate/translate-source-version/01.md index 9da6ef9..ebedcbc 100644 --- a/translate/translate-source-version/01.md +++ b/translate/translate-source-version/01.md @@ -20,4 +20,4 @@ https://unfoldingword.org में सदैव प्रत्येक संसाधन का नवीनतम प्रकाशित संस्करण उपलब्ध होता रहता है। प्रत्येक संसाधन के संस्करण इतिहास पृष्ठ को http://ufw.io/dashboard पर दिए डैशबोर्ड अर्थात् नियंत्रण-पट्ट पृष्ठ को देखें। -* नोट: ट्रैन्स्लेशनस्टूडियो और अन्फोल्डिंगवर्ड ऐप में सदैव नवीनतम संस्करण नहीं होते हैं, क्योंकि सामग्री स्वचालित रूप से अधतित नहीं होती है।* +*नोट: ट्रैन्स्लेशनस्टूडियो और अन्फोल्डिंगवर्ड ऐप में सदैव नवीनतम संस्करण नहीं होते हैं, क्योंकि सामग्री स्वचालित रूप से अधतित नहीं होती है।* diff --git a/translate/translate-terms/01.md b/translate/translate-terms/01.md index 5ad02b0..febb699 100644 --- a/translate/translate-terms/01.md +++ b/translate/translate-terms/01.md @@ -1,55 +1,55 @@ ### महत्वपूर्ण शब्दों को जानना -* ध्यान दें: इस निर्देश पुस्तिका में इन शब्दों का उपयोग किया गया है। अनुवाद निर्देश पुस्तिका का उपयोग करने के लिए अनुवादक को इन शब्दों को समझने की आवश्यकता होगी।* +*ध्यान दें: इस निर्देश पुस्तिका में इन शब्दों का उपयोग किया गया है। अनुवाद निर्देश पुस्तिका का उपयोग करने के लिए अनुवादक को इन शब्दों को समझने की आवश्यकता होगी।* -** शब्दावली** - एक शब्द या वाक्यांश जो एक वस्तु, विचार या गतिविधि को सन्दर्भित करता है। उदाहरण के लिए, एक व्यक्ति के द्वारा मुँह में तरल उण्डलने के लिए अंग्रेजी में शब्द "पीना" होता है। एक समारोह के लिए शब्द जो किसी के जीवन में एक महत्वपूर्ण परिवर्तन को चिह्नित करता है, वह "यादगार उत्सव" वाक्यांश होता है। एक शब्दावली और एक शब्द के बीच का अन्तर यह है कि एक शब्दावली में कई शब्द हो सकते हैं। +**शब्दावली** - एक शब्द या वाक्यांश जो एक वस्तु, विचार या गतिविधि को सन्दर्भित करता है। उदाहरण के लिए, एक व्यक्ति के द्वारा मुँह में तरल उण्डलने के लिए अंग्रेजी में शब्द "पीना" होता है। एक समारोह के लिए शब्द जो किसी के जीवन में एक महत्वपूर्ण परिवर्तन को चिह्नित करता है, वह "यादगार उत्सव" वाक्यांश होता है। एक शब्दावली और एक शब्द के बीच का अन्तर यह है कि एक शब्दावली में कई शब्द हो सकते हैं। -** मूलपाठ** - एक मूलपाठ ऐसा कुछ लेख है, जिसे एक वक्ता या लेखक भाषा के माध्यम से श्रोता या पाठक को संचारित कर रहा है। वक्ता या लेखक के मन में एक निश्चित अर्थ होता है, और इसलिए वह उस अर्थ को व्यक्त करने के लिए भाषा का एक रूप चुनता है। +**मूलपाठ** - एक मूलपाठ ऐसा कुछ लेख है, जिसे एक वक्ता या लेखक भाषा के माध्यम से श्रोता या पाठक को संचारित कर रहा है। वक्ता या लेखक के मन में एक निश्चित अर्थ होता है, और इसलिए वह उस अर्थ को व्यक्त करने के लिए भाषा का एक रूप चुनता है। -** सन्दर्भ** - शब्द, वाक्यांश, या वाक्य और अनुच्छेद के चारों ओर शब्द, वाक्यांश, वाक्य, या अनुच्छेद का होना। सन्दर्भ वह मूलपाठ होता है, जो मूलपाठ के उस भाग से घिरा हुआ होता है, जिसे आप जाँच रहे होते हैं। व्यक्तिगत शब्दों और वाक्यांशों का अर्थ परिवर्तित हो सकता है, जब वे भिन्न सन्दर्भों में होते हैं। +**सन्दर्भ** - शब्द, वाक्यांश, या वाक्य और अनुच्छेद के चारों ओर शब्द, वाक्यांश, वाक्य, या अनुच्छेद का होना। सन्दर्भ वह मूलपाठ होता है, जो मूलपाठ के उस भाग से घिरा हुआ होता है, जिसे आप जाँच रहे होते हैं। व्यक्तिगत शब्दों और वाक्यांशों का अर्थ परिवर्तित हो सकता है, जब वे भिन्न सन्दर्भों में होते हैं। -** रूप** - अर्थात् ढ़ांचा भाषा की संरचना होता है, जैसा कि यह पृष्ठ पर दिखाई देती है या जैसी यह बोली जाती है। "रूप" उस तरीके को सन्दर्भित करता है, जिसमें भाषा की व्यवस्था की गई है- इसमें शब्द, शब्द व्यवस्था, व्याकरण, मुहावरे, और मूलपाठ की संरचना की कई अन्य विशेषताएँ सम्मिलित होती हैं। +**रूप** - अर्थात् ढ़ांचा भाषा की संरचना होता है, जैसा कि यह पृष्ठ पर दिखाई देती है या जैसी यह बोली जाती है। "रूप" उस तरीके को सन्दर्भित करता है, जिसमें भाषा की व्यवस्था की गई है- इसमें शब्द, शब्द व्यवस्था, व्याकरण, मुहावरे, और मूलपाठ की संरचना की कई अन्य विशेषताएँ सम्मिलित होती हैं। -** व्याकरण** - जिस तरह से वाक्य एक भाषा में एक साथ रखी जाती है। इसका सरोकार इसके विभिन्न भागों की व्यवस्था से होता है, जैसे कि क्रिया शब्द पहले या अन्तिम या बीच में आता है। +**व्याकरण** - जिस तरह से वाक्य एक भाषा में एक साथ रखी जाती है। इसका सरोकार इसके विभिन्न भागों की व्यवस्था से होता है, जैसे कि क्रिया शब्द पहले या अन्तिम या बीच में आता है। -** संज्ञा** - एक प्रकार का शब्द जो किसी व्यक्ति, स्थान या वस्तु को सन्दर्भित करता है। एक उचित संज्ञा किसी व्यक्ति या स्थान का नाम होता है। एक अमूर्त संज्ञा एक ऐसी वस्तु होती है, जैसे कि हम "शान्ति" या "एकता" जैसी बातों को न देख सकते या न ही स्पर्श कर सकते हैं। यह किसी विचार या राज्य की स्थिति को सन्दर्भित करती है। कुछ भाषाएँ अमूर्त संज्ञाओं का उपयोग नहीं करती हैं। +**संज्ञा** - एक प्रकार का शब्द जो किसी व्यक्ति, स्थान या वस्तु को सन्दर्भित करता है। एक उचित संज्ञा किसी व्यक्ति या स्थान का नाम होता है। एक अमूर्त संज्ञा एक ऐसी वस्तु होती है, जैसे कि हम "शान्ति" या "एकता" जैसी बातों को न देख सकते या न ही स्पर्श कर सकते हैं। यह किसी विचार या राज्य की स्थिति को सन्दर्भित करती है। कुछ भाषाएँ अमूर्त संज्ञाओं का उपयोग नहीं करती हैं। -** क्रिया** - एक प्रकार का शब्द जो किसी गतिविधि को सन्दर्भित करता है, जैसे "चलना" या "आगमन"। +**क्रिया** - एक प्रकार का शब्द जो किसी गतिविधि को सन्दर्भित करता है, जैसे "चलना" या "आगमन"। -** संशोधक** - एक प्रकार का शब्द जो किसी अन्य शब्द के बारे में कुछ कहता है। दोनों विशेषण और क्रियाएँ संशोधक होती हैं। +**संशोधक** - एक प्रकार का शब्द जो किसी अन्य शब्द के बारे में कुछ कहता है। दोनों विशेषण और क्रियाएँ संशोधक होती हैं। -** विशेषण** - एक प्रकार का शब्द जो संज्ञा के बारे में कुछ कहता है। उदाहरण के लिए, शब्द "लम्बा" निम्नलिखित वाक्य में "व्यक्ति" संज्ञा के बारे में कुछ कहता है। *मैं एक लम्बा व्यक्ति देखता हूँ*। +**विशेषण** - एक प्रकार का शब्द जो संज्ञा के बारे में कुछ कहता है। उदाहरण के लिए, शब्द "लम्बा" निम्नलिखित वाक्य में "व्यक्ति" संज्ञा के बारे में कुछ कहता है। *मैं एक लम्बा व्यक्ति देखता हूँ*। -** क्रियाविशेषण** - एक प्रकार का शब्द जो एक क्रिया के बारे में कुछ कहता है। उदाहरण के लिए, शब्द "जोर से" निम्नलिखित वाक्य में क्रिया "बोलने" वाले के बारे में कुछ कहता है। *उस व्यक्ति ने लोगों की भीड़ से जोर से बात की*। +**क्रियाविशेषण** - एक प्रकार का शब्द जो एक क्रिया के बारे में कुछ कहता है। उदाहरण के लिए, शब्द "जोर से" निम्नलिखित वाक्य में क्रिया "बोलने" वाले के बारे में कुछ कहता है। *उस व्यक्ति ने लोगों की भीड़ से जोर से बात की*। -** मुहावरा** - एक अभिव्यक्ति जो कई शब्दों का उपयोग करती है और इसका अर्थ अपने पूरे वाक्य में भिन्न होता है कि मानो कि उसके शब्दों को उनके अर्थों के द्वारा समझा जा चुका होता है इसकी अपेक्षा कि जब उन शब्दों को शाब्दिक रूप में देखा जाए। मुहावरे का अनुवाद शाब्दिक रूप से नहीं किया जा सकता है, अर्थात, भिन्न शब्दों के अर्थों के साथ। उदाहरण के लिए, "उसने बाल्टी को लात मार दी" अंग्रेजी में एक मुहावरे है, जिसका अर्थ "अल्लाह को प्यारा हो जाने" से या मर जाने से है। +**मुहावरा** - एक अभिव्यक्ति जो कई शब्दों का उपयोग करती है और इसका अर्थ अपने पूरे वाक्य में भिन्न होता है कि मानो कि उसके शब्दों को उनके अर्थों के द्वारा समझा जा चुका होता है इसकी अपेक्षा कि जब उन शब्दों को शाब्दिक रूप में देखा जाए। मुहावरे का अनुवाद शाब्दिक रूप से नहीं किया जा सकता है, अर्थात, भिन्न शब्दों के अर्थों के साथ। उदाहरण के लिए, "उसने बाल्टी को लात मार दी" अंग्रेजी में एक मुहावरे है, जिसका अर्थ "अल्लाह को प्यारा हो जाने" से या मर जाने से है। -** अर्थ** - अन्तर्निहित विचार या अवधारणा जिसे मूलपाठ पाठक या श्रोता के लिए संचारित करने का प्रयास कर रहा है। एक वक्ता या लेखक भाषा के विभिन्न रूपों या ढ़ांचों का उपयोग करके एक ही अर्थ को संचारित कर सकता है, और भिन्न लोग एक ही भाषा के रूप को सुनने या पढ़ने से भिन्न अर्थों को समझ सकते हैं। इस तरह आप देख सकते हैं कि रूप अर्थात् ढ़ांचा और अर्थ एक ही बात नहीं होते है। +**अर्थ** - अन्तर्निहित विचार या अवधारणा जिसे मूलपाठ पाठक या श्रोता के लिए संचारित करने का प्रयास कर रहा है। एक वक्ता या लेखक भाषा के विभिन्न रूपों या ढ़ांचों का उपयोग करके एक ही अर्थ को संचारित कर सकता है, और भिन्न लोग एक ही भाषा के रूप को सुनने या पढ़ने से भिन्न अर्थों को समझ सकते हैं। इस तरह आप देख सकते हैं कि रूप अर्थात् ढ़ांचा और अर्थ एक ही बात नहीं होते है। -** अनुवाद** - लक्षित भाषा के रूप में व्यक्त करने की प्रक्रिया जिस का अर्थ वही हो जिसे एक लेखक या वक्ता के द्वारा स्रोत भाषा के रूप में व्यक्त किया गया है। +**अनुवाद** - लक्षित भाषा के रूप में व्यक्त करने की प्रक्रिया जिस का अर्थ वही हो जिसे एक लेखक या वक्ता के द्वारा स्रोत भाषा के रूप में व्यक्त किया गया है। -** स्रोत भाषा** - भाषा जहाँ *से* अनुवाद को किया जा रहा है। +**स्रोत भाषा** - भाषा जहाँ *से* अनुवाद को किया जा रहा है। -** स्रोत मूलपाठ** - मूलपाठ जहाँ *से* अनुवाद को किया जा रहा है। +**स्रोत मूलपाठ** - मूलपाठ जहाँ *से* अनुवाद को किया जा रहा है। -** लक्षित भाषा** - भाषा * जिस में* एक अनुवाद किया जा रहा है। +**लक्षित भाषा** - भाषा * जिस में* एक अनुवाद किया जा रहा है। -** लक्षित मूलपाठ** - अनुवादक के द्वारा द्वारा निर्मित किया जा रहा मूलपाठ जिसे वह स्रोत मूलपाठ के अर्थ से अनुवाद करता या करती है। +**लक्षित मूलपाठ** - अनुवादक के द्वारा द्वारा निर्मित किया जा रहा मूलपाठ जिसे वह स्रोत मूलपाठ के अर्थ से अनुवाद करता या करती है। -** मूल भाषा** - वह भाषा जिस में बाइबल मूलपाठ आरम्भ में लिखी गई थी। नए नियम की मूल भाषा यूनानी है। पुराने नियम की अधिकांश मूल भाषा इब्रानी है। यद्यपि, दानिय्येल और एज्रा के कुछ भागों की मूल भाषा अरामी है। मूल भाषा सदैव एक सटीक भाषा होती है, जिसमें से एक सन्दर्भ का अनुवाद करना होता है। +**मूल भाषा** - वह भाषा जिस में बाइबल मूलपाठ आरम्भ में लिखी गई थी। नए नियम की मूल भाषा यूनानी है। पुराने नियम की अधिकांश मूल भाषा इब्रानी है। यद्यपि, दानिय्येल और एज्रा के कुछ भागों की मूल भाषा अरामी है। मूल भाषा सदैव एक सटीक भाषा होती है, जिसमें से एक सन्दर्भ का अनुवाद करना होता है। -** संचार की व्यापक भाषा** - एक भाषा जो एक व्यापक क्षेत्र और कई लोगों के द्वारा बोली जाती है। अधिकांश लोगों के लिए, यह उनकी पहली भाषा नहीं होती है, परन्तु वह वह भाषा होती है, जिसका उपयोग वे अपनी भाषा के समुदाय के बाहर लोगों से बात करने के लिए करते हैं। कुछ लोग इसे एक व्यापार की भाषा कहते हैं। अधिकांश बाइबलों का अनुवाद स्रोत भाषा के रूप में व्यापक संचार की भाषा का उपयोग करके किया जाएगा। +**संचार की व्यापक भाषा** - एक भाषा जो एक व्यापक क्षेत्र और कई लोगों के द्वारा बोली जाती है। अधिकांश लोगों के लिए, यह उनकी पहली भाषा नहीं होती है, परन्तु वह वह भाषा होती है, जिसका उपयोग वे अपनी भाषा के समुदाय के बाहर लोगों से बात करने के लिए करते हैं। कुछ लोग इसे एक व्यापार की भाषा कहते हैं। अधिकांश बाइबलों का अनुवाद स्रोत भाषा के रूप में व्यापक संचार की भाषा का उपयोग करके किया जाएगा। -** शाब्दिक अनुवाद** - एक अनुवाद जो लक्षित मूलपाठ में स्रोत मूलपाठ के ही रूप को पुन: उत्पन्न करने पर केन्द्रित होता है, चाहे इसके परिणामस्वरूप अर्थ ही क्यों न परिवर्तित हो जाए। +**शाब्दिक अनुवाद** - एक अनुवाद जो लक्षित मूलपाठ में स्रोत मूलपाठ के ही रूप को पुन: उत्पन्न करने पर केन्द्रित होता है, चाहे इसके परिणामस्वरूप अर्थ ही क्यों न परिवर्तित हो जाए। -** अर्थ-आधारित अनुवाद (या गतिशील अनुवाद)** - एक अनुवाद जो लक्षित मूलपाठ में स्रोत मूलपाठ के अर्थ को पुन: उत्पन्न करने पर केन्द्रित है, चाहे इसके परिणामस्वरूप रूप अर्थात् ढ़ांचा ही क्यों न परिवर्तित हो जाए। +**अर्थ-आधारित अनुवाद (या गतिशील अनुवाद)** - एक अनुवाद जो लक्षित मूलपाठ में स्रोत मूलपाठ के अर्थ को पुन: उत्पन्न करने पर केन्द्रित है, चाहे इसके परिणामस्वरूप रूप अर्थात् ढ़ांचा ही क्यों न परिवर्तित हो जाए। -** अनुच्छेद** - बाइबल मूलपाठ का एक खण्ड जिसके बारे में बात की जा रही है। यह एक वचन के रूप में छोटा हो सकता है, परन्तु सामान्य रूप से यह कई वचन को मिलकर बना होता है, जिसमें एक विषय होता है या जो एक कहानी को बताता है। +**अनुच्छेद** - बाइबल मूलपाठ का एक खण्ड जिसके बारे में बात की जा रही है। यह एक वचन के रूप में छोटा हो सकता है, परन्तु सामान्य रूप से यह कई वचन को मिलकर बना होता है, जिसमें एक विषय होता है या जो एक कहानी को बताता है। -** गेटवे भाषा** - एक गेटवे भाषा (जीएल) अर्थात् प्रवेशिका भाषा व्यापक संचार की एक ऐसी भाषा होती है, जिसे हमने उन भाषाओं में से एक माना है, जिनमें हम अपने सभी अनुवाद संसाधनों का अनुवाद करेंगे। गेटवे भाषा की सूची भाषा की सबसे छोटी सँख्या है, जिसके माध्यम से द्विभाषी वक्ताओं के द्वारा अनुवाद के माध्यम से संसार की हर दूसरी भाषा में विषय वस्तु को वितरित किया जा सकता है। +**गेटवे भाषा** - एक गेटवे भाषा (जीएल) अर्थात् प्रवेशिका भाषा व्यापक संचार की एक ऐसी भाषा होती है, जिसे हमने उन भाषाओं में से एक माना है, जिनमें हम अपने सभी अनुवाद संसाधनों का अनुवाद करेंगे। गेटवे भाषा की सूची भाषा की सबसे छोटी सँख्या है, जिसके माध्यम से द्विभाषी वक्ताओं के द्वारा अनुवाद के माध्यम से संसार की हर दूसरी भाषा में विषय वस्तु को वितरित किया जा सकता है। -** दूसरी भाषा** - दूसरी भाषाएँ (ओएलएस) संसार की सभी वे भाषाएँ हैं, जो गेटवे भाषा अर्थात् प्रवेशिका भाषा नहीं हैं। हम अपने बाइबल अनुवाद संसाधनों का गेटवे भाषा में अनुवाद करते हैं, ताकि लोग बाइबल को अन्य भाषाओं में अनुवाद करने के लिए उन संसाधनों का उपयोग कर सकें। +**दूसरी भाषा** - दूसरी भाषाएँ (ओएलएस) संसार की सभी वे भाषाएँ हैं, जो गेटवे भाषा अर्थात् प्रवेशिका भाषा नहीं हैं। हम अपने बाइबल अनुवाद संसाधनों का गेटवे भाषा में अनुवाद करते हैं, ताकि लोग बाइबल को अन्य भाषाओं में अनुवाद करने के लिए उन संसाधनों का उपयोग कर सकें। -** एण्ड-यूजर बाइबल** - अन्तिम उपयोगकर्ता बाइबल एक ऐसी बाइबल है, जिसे लोगों ने अनुवादित किया है, ताकि यह लक्षित भाषा में स्वभाविक तरीके से बातचीत कर सके। इसका उपयोग कलीसियाओं और घरों में किए जाने के लिए है। इसके विपरीत, यूएलबी और यूडीबी बाइबल हैं, जो अनुवाद ससांधन हैं। वे किसी भी भाषा में स्वाभाविक रूप से बात नहीं करती हैं, क्योंकि यूएलबी एक शाब्दिक अनुवाद है और यूडीबी मुहावरे और अंलकारों का उपयोग करने से बचाती है, जिसे एक स्वभाविक अनुवाद उपयोग करेगा। इन अनुवाद संसाधनों का उपयोग करके, एक अनुवादक एण्ड-यूजर अर्थात् अन्तिम उपयोगकर्ता बाइबल का उत्पादन कर सकता है। +**एण्ड-यूजर बाइबल** - अन्तिम उपयोगकर्ता बाइबल एक ऐसी बाइबल है, जिसे लोगों ने अनुवादित किया है, ताकि यह लक्षित भाषा में स्वभाविक तरीके से बातचीत कर सके। इसका उपयोग कलीसियाओं और घरों में किए जाने के लिए है। इसके विपरीत, यूएलबी और यूडीबी बाइबल हैं, जो अनुवाद ससांधन हैं। वे किसी भी भाषा में स्वाभाविक रूप से बात नहीं करती हैं, क्योंकि यूएलबी एक शाब्दिक अनुवाद है और यूडीबी मुहावरे और अंलकारों का उपयोग करने से बचाती है, जिसे एक स्वभाविक अनुवाद उपयोग करेगा। इन अनुवाद संसाधनों का उपयोग करके, एक अनुवादक एण्ड-यूजर अर्थात् अन्तिम उपयोगकर्ता बाइबल का उत्पादन कर सकता है। -** प्रतिभागी** - एक प्रतिभागी एक वाक्य में नायकों में से एक होता है। यह वह व्यक्ति हो सकता है, जो कार्यवाही कर रहा है, या वह व्यक्ति जो कार्यवाही प्राप्त कर रहा है, या किसी तरह से भाग लेने के रूप में उल्लिखित है। एक प्रतिभागी एक वस्तु भी हो सकती है, जिसे वाक्य की कार्यवाही में भाग लेने के रूप में बताया जाता है। उदाहरण के लिए, निम्नलिखित वाक्य में, प्रतिभागियों को रेखांकित किया गया है: यूहन्ना और मरियम एक पत्र को अन्द्रियास को भेजते हैं। कभी-कभी प्रतिभागियों को बिना कहे ही छोड़ दिया जाता है, परन्तु वे अभी भी कार्यवाही का भाग होते हैं। इस घटना में, प्रतिभागी *निहित* है। उदाहरण के लिए, निम्नलिखित वाक्य में, केवल दो प्रतिभागियों ही कहे गए है: अन्द्रियास को एक पत्र प्राप्त हुआ . प्रेषक, यूहन्ना और मरियम, निहित हैं। कुछ भाषाओं में, निहित प्रतिभागियों को अवश्य बताया जाना चाहिए। +**प्रतिभागी** - एक प्रतिभागी एक वाक्य में नायकों में से एक होता है। यह वह व्यक्ति हो सकता है, जो कार्यवाही कर रहा है, या वह व्यक्ति जो कार्यवाही प्राप्त कर रहा है, या किसी तरह से भाग लेने के रूप में उल्लिखित है। एक प्रतिभागी एक वस्तु भी हो सकती है, जिसे वाक्य की कार्यवाही में भाग लेने के रूप में बताया जाता है। उदाहरण के लिए, निम्नलिखित वाक्य में, प्रतिभागियों को रेखांकित किया गया है: यूहन्ना और मरियम एक पत्र को अन्द्रियास को भेजते हैं। कभी-कभी प्रतिभागियों को बिना कहे ही छोड़ दिया जाता है, परन्तु वे अभी भी कार्यवाही का भाग होते हैं। इस घटना में, प्रतिभागी *निहित* है। उदाहरण के लिए, निम्नलिखित वाक्य में, केवल दो प्रतिभागियों ही कहे गए है: अन्द्रियास को एक पत्र प्राप्त हुआ . प्रेषक, यूहन्ना और मरियम, निहित हैं। कुछ भाषाओं में, निहित प्रतिभागियों को अवश्य बताया जाना चाहिए। diff --git a/translate/translate-tform/01.md b/translate/translate-tform/01.md index ad0ff88..6551041 100644 --- a/translate/translate-tform/01.md +++ b/translate/translate-tform/01.md @@ -11,4 +11,4 @@ आप देख सकते हैं कि वाक्यों की प्रत्येक जोड़ी का अर्थ समान है, चाहे वे भिन्न शब्दों का उपयोग कर रहे हैं। ऐसा ही एक अच्छे अनुवाद में होता है। हम स्रोत मूलपाठ की तुलना में भिन्न शब्दों का उपयोग करेंगे, परन्तु हम इसका अर्थ भी बनाए रखेंगे। हम उन शब्दों का उपयोग करेंगे, जो हमारे लोग समझते हैं और उन्हें अपनी भाषा के लिए स्वभाविक तरीके से उपयोग करते हैं। एक स्पष्ट और स्वभाविक तरीके से स्रोत मूलपाठ के जैसे ही अर्थ को संचार करना अनुवाद का लक्ष्य होता है। -* आभार: बर्नवेल की अनुसार उदाहरण वाक्य, पृष्ठ 19-20, (c) एसआईएल इंटरनेशनल 1986, अनुमति के द्वारा उपयोग किया गया है।* +*आभार: बर्नवेल की अनुसार उदाहरण वाक्य, पृष्ठ 19-20, (c) एसआईएल इंटरनेशनल 1986, अनुमति के द्वारा उपयोग किया गया है।* diff --git a/translate/translate-useulbudb/01.md b/translate/translate-useulbudb/01.md index b54486e..e19860e 100644 --- a/translate/translate-useulbudb/01.md +++ b/translate/translate-useulbudb/01.md @@ -38,7 +38,7 @@ ### प्रतीकात्मक क्रियाएँ -** परिभाषा** - एक प्रतीकात्मक कार्यवाही कुछ ऐसा होती है, जिसे किसी एक निश्चित विचार को व्यक्त करने के लिए किया जाता है। +**परिभाषा** - एक प्रतीकात्मक कार्यवाही कुछ ऐसा होती है, जिसे किसी एक निश्चित विचार को व्यक्त करने के लिए किया जाता है। यूएलबी अक्सर प्रतीकात्मक कार्यवाही को बिना किसी व्याख्या के प्रस्तुत करता है, कि इसका क्या अर्थ है। यूडीबी अनुवाद अक्सर प्रतीकात्मक कार्यवाही के द्वारा व्यक्त अर्थ को प्रस्तुत करता है। @@ -79,7 +79,7 @@ ### रूपक और अंलकार -** परिभाषा** - यूएलबी अनुवाद बाइबल के मूलपाठों में जितनी अधिक हो सके अंलकार का प्रतिनिधित्व करने की प्रयास करता है। +**परिभाषा** - यूएलबी अनुवाद बाइबल के मूलपाठों में जितनी अधिक हो सके अंलकार का प्रतिनिधित्व करने की प्रयास करता है। यूडीबी अनुवाद अक्सर इन विचारों का अर्थ अन्य तरीकों से प्रस्तुत करता है। diff --git a/translate/translation-difficulty/01.md b/translate/translation-difficulty/01.md index 42afcd5..1d89599 100644 --- a/translate/translation-difficulty/01.md +++ b/translate/translation-difficulty/01.md @@ -8,7 +8,7 @@ इन सभी प्रश्नों के उत्तर महत्वपूर्ण हैं। परन्तु इसे स्मरण रखें: -** अनुवाद एक कौशल है, जो अनुभव के साथ बढ़ता है।** +**अनुवाद एक कौशल है, जो अनुभव के साथ बढ़ता है।** क्योंकि अनुवाद एक कौशल है, जो बढ़ता है, ऐसी सामग्री को अनुवाद करना प्रारम्भ करना बुद्धिमान है, जो कम जटिल होती है, ताकि कुछ सरल अनुवाद करते समय अनुवादक कौशल सीख सकें। diff --git a/translate/writing-connectingwords/01.md b/translate/writing-connectingwords/01.md index 6768347..3e395a0 100644 --- a/translate/writing-connectingwords/01.md +++ b/translate/writing-connectingwords/01.md @@ -1,6 +1,6 @@ ### विवरण -** सम्पर्क स्थापित करने वाले शब्द** दिखाते हैं कि विचार अन्य विचारों से कैसे सम्बन्धित हैं। +**सम्पर्क स्थापित करने वाले शब्द** दिखाते हैं कि विचार अन्य विचारों से कैसे सम्बन्धित हैं। उन्हें **समुच्चय बोधक** भी कहा जाता है। diff --git a/translate/writing-proverbs/01.md b/translate/writing-proverbs/01.md index b6c942a..290ae60 100644 --- a/translate/writing-proverbs/01.md +++ b/translate/writing-proverbs/01.md @@ -48,7 +48,7 @@ * **बड़े धन की तुलना में अच्छे नाम का चुनाव करना भला है,,** -** और चाँदी और सोने की तुलना में कृपा सर्वोत्तम है।** (नीतिवचन 22:1 यूएलबी) +**और चाँदी और सोने की तुलना में कृपा सर्वोत्तम है।** (नीतिवचन 22:1 यूएलबी) यहाँ पर कुछ विचार दिए गए हैं, जिनके उपयोग से लोग अपनी भाषा में एक नीतिवचन कह सकते हैं। @@ -63,7 +63,7 @@ * **जैसे गर्मियों में बर्फ या फसल में वर्षा,** -** वैसे ही मूर्ख सम्मान के योग्य नहीं है।** (नीतिवचन 26:1 यूएलबी) +**वैसे ही मूर्ख सम्मान के योग्य नहीं है।** (नीतिवचन 26:1 यूएलबी) * ठण्डी हवा के लिए गर्मी की ऋतु में बहना स्वभाविक नहीं है या फसल की ऋतु में वर्षा का होना स्वभाविक नहीं है; और वैसे ही मूर्ख व्यक्ति का सम्मान करना स्वाभाविक नहीं होता है। @@ -76,8 +76,8 @@ * **एक पीढ़ी जो अपने पिता को श्राप देती है और अपनी माता को आशीष नहीं देती है,** -** यह एक ऐसी पीढ़ी है जो अपनी आंखों में शुद्ध है,** +**यह एक ऐसी पीढ़ी है जो अपनी आंखों में शुद्ध है,** -** परन्तु वे अपनी गन्दगी से नहीं धोए गई है।** (नीतिवचन 30:11-12 यूएलबी) +**परन्तु वे अपनी गन्दगी से नहीं धोए गई है।** (नीतिवचन 30:11-12 यूएलबी) * जो लोग अपने माता-पिता का सम्मान नहीं करते वे सोचते हैं कि वे धर्मी हैं, और वे अपने पाप से मुड़ने नहीं हैं।