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2d2ded08c7
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@ -3,3 +3,4 @@
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* https://git.door43.org/unfoldingWord/SourceTextRequestForm/issues/234
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* https://git.door43.org/unfoldingWord/SourceTextRequestForm/issues/500
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* https://git.door43.org/unfoldingWord/SourceTextRequestForm/issues/512
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@ -14,12 +14,12 @@ dublin_core:
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description: 'A modular handbook that provides a condensed explanation of Bible translation and checking principles that the global Church has implicitly affirmed define trustworthy translations. It enables translators to learn how to create trustworthy translations of the Bible in their own language.'
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format: 'text/markdown'
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identifier: 'ta'
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issued: '2020-11-13'
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issued: '2020-11-18'
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language:
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identifier: hi
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title: 'हिन्दी, हिंदी (Hindi)'
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direction: ltr
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modified: '2020-11-13'
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modified: '2020-11-18'
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publisher: 'Door43'
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relation:
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- 'hi/ulb'
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@ -38,7 +38,7 @@ dublin_core:
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subject: 'Translation Academy'
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title: 'translationAcademy'
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type: 'man'
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version: '14.1'
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version: '14.2'
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checking:
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checking_entity:
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@ -1,134 +1,191 @@
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### वर्णन
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शरीर के अंगों और मानवीय गुणों से युक्त बाइबल के कुछ सामान्य [लक्षणालंकारों](../bita-part1/01.md) और [रूपकों](../bita-part1/01.md) को नीचे वर्णमाला क्रम में सूचीबद्ध किया गया है। सभी बड़े अक्षरों में लिखे शब्द एक छवि की पहचान करते हैं जो एक विचार का प्रतिनिधित्व करती है। छवि का विशिष्ट शब्द छवि का उपयोग करने वाले प्रत्येक वचन में प्रकट नहीं हो सकता है, परन्तु पाठ तौभी किसी तरह से छवि की अवधारणा को संचारित करेगा।
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बाइबल में वर्णित शरीर के अंगों और मनुष्यों के गुणों से संबंधित कुछ तश्वीरों को नीचे वर्णमाला के क्रम में दिया गया है। बड़े अक्षरों में अंकित शब्द एक विचार को दिखाते हैं। यह जरूरी नही है कि जहाँ जहाँ भी यह तश्वीर है, उस हर आयत में यह शब्द हो, परंतु उस शब्द का विचार अवश्य मौजूद है।
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#### देह लोगों के समूह का प्रतिनिधित्व करती हैl
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#### देह लोगों के समूह को दिखाती है
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> इसी प्रकार तुम सब मिलकर मसीह की **देह** हो और अलग अलग उसके अंग हो (1 कुरिन्थियों 12:27 ULT)
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> इसी प्रकार तुम सब मिलकर मसीह की देह हो और अलग अलग उसके अंग हो (1 कुरिन्थियों 12:27 ULB)
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> वरन् प्रेम में सच्चाई से चलते हुए, सब बातों में उस में जो सिर है अर्थात् मसीह में बढ़ते जाएँ मसीह से सारी **देह** हर एक जोड़ की सहायता से एक साथ मिलकर, और एक साथ गठकर, अपने आपको **देह** में बढ़ाती है, कि वह प्रेम में उन्नति करती जाए
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</blockquote> वरन् प्रेम में सच्चार्इ से चलते हुए, सब बातों में उस में जो सिर है अर्थात् मसीह में बढ़ते जाएं मसीह से सारी देह हर एक जोड़ की सहायता से एक साथ मिलकर, और एक साथ गठकर, अपने आपको बढ़ाती है, कि वह प्रेम में उन्नति करती जाए (इफिसियों 4:15-16 ULB) </blockquote>
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इन वचनों में, मसीह की देह मसीह के पीछे चलने वाले लोगों के समूह का प्रतिनिधित्व करती है।
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इन वचनों में मसीह की देह मसीह के पीछे चलने वाले लोगों के समूह को दिखाती है।
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#### एक भाई एक व्यक्ति के रिश्तेदारों, सहयोगियों या साथियों का प्रतिनिधित्व करता है
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#### चेहरा किसी की उपस्थिति को दिखाता है
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> यहूदी मोर्दकै, क्षयर्ष राजा ही के बाद था, और यहूदियों की दृष्टि में बड़ा था, और उसके सब **भाई** उससे प्रसन्न थे … (ऐस्तर 10:3अ ULT)
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> मेरा भय नहीं मानते-यहोवा की यही वाणी है- या <u>मेरे सम्मुख (चेहरे के सामने)<u> नहीं थरथराते? (यिर्मयाह 5:22 ULB)
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#### एक पुत्री एक कस्बे या नगर के पास स्थित गाँव का प्रतिनिधित्व करता है
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किसी के सामने होने का मतलब है किसी की उपस्थिति में, उसके साथ होना।
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#### एक माता एक कस्बे या शहर को चारों से गाँवों से घिरे हुए होने का प्रतिनिधित्व करती है
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#### चेहरा किसी के ध्यान को दिखाता है
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> बच गए गाँव और उनके खेत, सो कुछ यहूदी किर्यतअर्बा, और उनके गाँव में, कुछ दीबोन, और उसके गाँवों में, कुछ यकब्सेल और उसके गाँवों में रहते थे…(नहेम्याह 11∶25 ULT)
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||||
> इस्राएल के घराने में से जो कोर्इ अपनी मूरतें अपने मन में स्थापित करके, और अपने अधर्म की ठोकर <u>अपने (चेहरे के) सामने<u> रखकर भविष्यद्वक्ता के पास आए, उसको, मैं यहोवा, उसकी बहुत सी मूरतों के अनुसार ही उत्तर दूँगा (यहेजकेल 14:4 ULB)
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#### चेहरा किसी की उपस्थिति, दृष्टि, ज्ञान, धारणा, ध्यान या निर्णय का प्रतिनिधित्व करता है
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किसी के चेहरे को ताकने का मतलब है, उसकी ओर ध्यान से देखना या ध्यान देना
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> तब एस्तेर ने अपनी गतिविधि फिर से दोहराई, और उसने राजा के **चेहरे** के सामने बात की। (ऐस्तर 8:3अ ULT)
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> कर्इ लोग शासकों के </u>चेहरों को ताकते</u> हैं (नीतिवचन 29:26 ULB)
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> तू अपना **चेहरा** क्यों छिपाता हैं और हमारे दुःख और हमारे क्लेश को भूल जाता है? (ऐस्तर 44:24 ULT)
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यदि एक व्यक्ति दूसरे का चेहरा ताकता है तो वह आशा करता है कि यह व्यक्ति उस पर ध्यान देगा।
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किसी से अपना चेहरा छिपाने का अर्थ उसे अनेदखा करना है।
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> तू क्यों </u>अपना मूँह (चेहरा) छिपा लेता</u> है? और हमारा दु:ख और सताया जाना भूल जाता है? (भजन संहिता 44:24 ULB)
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बहुत से ऐसे हैं जो शासक का **चेहरा** देखना चाहते हैं। (नीतिवचन 29:26 ULT)
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किसी के चेहरे से छुपने का मतलब है, उसे नजरंदाज करना
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यदि कोई व्यक्ति किसी अन्य व्यक्ति का चेहरा देखना चाहता है, तो वह यह आशा करता है कि वह व्यक्ति उस पर ध्यान देगा।
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#### चेहरा सतह को दिखाता है
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> क्या तुम लोग मेरा भय नहीं मानते? - यहोवा की यह वाणी है – या क्या तुम मेरे ** चेहरे** के सामने नहीं थरथराते? (यिर्मयाह 5:22 ULT)
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> जब अकाल सारी पृथ्वी <u>(के चेहरे पर) पर<u> फैल गया, (उत्पत्ति 41:56 ULB)
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> इस्राएल के घराने में से जो कोई अपनी मूर्तियाँ अपने मन में स्थापित करके, और अपने अधर्म की ठोकर उसके **चेहरे** के सामने रखकर भविष्यद्वक्ता के पास आए, उसको, मैं यहोवा, उसकी बहुत सी मूरतों के अनुसार ही उत्तर दूँगा। (यहेजकेल 14:4 ULT)
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<blockquote> वह चंद्रमा के <u>मुख (चेहरे)</u> को ढ़ाँपता और बादल फैलाता है (अय्यूब 26:9 ULB) </blockquote>
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किसी के सामने कुछ रखने के लिए उसे ध्यान से देखना या उस पर ध्यान देना है।
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#### हाथ एक व्यक्ति का कार्य अथवा ताकत को दिखाता है
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#### चेहरा कुछ का प्रतिनिधित्व करता है
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> परमेश्वर मेरे <u>(हाथ के)</u> द्वारा मेरे शत्रुओं पर जल की धारा की नार्इ टूट पड़ा है। (1 इतिहास 14:11 ULB)
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> तब हताक नगर के उस चौक में, जो राजभवन के फाटक के सामने था, मोर्दकै के **चेहरे** के सामने से निकल गया। (एस्तेर 4:6 ULT)
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‘‘परमेश्वर मेरे (हाथ के) द्वारा मेरे शत्रुओं पर’’ का मतलब है ‘‘परमेश्वर ने शत्रुओं पर टूट पड़ने के लिए मेरा उपयोग किया
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> फिर एस्तेर उसके पाँव के **चेहरे** के सामने गिरकर, आँसू बहा बहाकर उससे गिड़गिड़ाकर विनती की, कि अगागी हामान की बुराई और यहूदियों की हानि की उसकी युक्ति निष्फल की जाए। (एस्तेर 8:3ब ULT)
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> <u>तेरा हाथ</u> तेरे सब शत्रुओं को ढूंढ़ निकालेगा, <u>तेरा दाहिना हाथ</u> सब बैरियों का पता लगा लेगा (भजन संहिता 21:8 ULB)
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#### चेहरा किसी चीज की सतह का प्रतिनिधित्व करता है
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‘‘तेरा हाथ तेरे सब शत्रुओं को ढ़ूँढ़ निकालेगा’’ का मतलब है ‘‘तुम अपनी ताकत से सारे बैरियों को ढ़ँूढ निकालोगे’’
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> अकाल सारी पृथ्वी के **चेहरे** पर फैल गया (उत्पत्ति 41:56अ ULT)
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> सुनो, <u>यहोवा का हाथ</u> ऐसा छोटा नहीं हो गया कि उद्धार न कर सके (यशायाह 59:1 ULB)
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> वह चाँद के **चेहरे** को ढक देता है और उसे बादलों पर फैलाता है (अय्यूब 26:9 ULT)
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‘‘हाथ छोटा नही हो गया’’ का मतलब है कि आप कमजोर नही हैं
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#### एक पिता किसी के पूर्वज का प्रतिनिधित्व करता है
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#### सिर शासक को दिखाता है, एक ऐसा व्यक्ति जिसका दूसरों पर अधिकार है
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#### एक बेटा किसी के वंशज(जों) का प्रतिनिधित्व करता है
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> और सब कुछ मसीह के पांवों तले कर दिया: और उसे सब वस्तुओं पर <u>शिरोमणि ठहराकर (सिर बनाकर)</u> कलीसिया को दे दिया। (इफिसियों 1:22 ULB)
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||||
> परन्तु उन्होंने और हमारे **पुरखाओं** ने अभिमान किया, और उन्होंने अपने गरदन को कठोर कर लिया और तेरी आज्ञाएँ न मानी
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(नहेमायाह 9:16 ULT)
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<blockquote> पत्नियाँ, अपने अपने पति के ऐसे आधीन रहो, जैसे प्रभु के क्योंकि पति पत्नी का <u>सिर</u> है जैसे कि मसीह कलीसिया का <u>सिर</u> है; और आप ही देह का उद्धारकर्ता है इफिसियों 5रू22-23 न् (इफिसियों 5:22-23 ULB) </blockquote>
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||||
> और तेरे जो दास नबी लोग, हमारे राजाओं, हाकिमों, **पूर्वजों** और सब साधारण लोगों से तेरे नाम से बातें करते थे, उनकी हमने नहीं सुनी। हे प्रभु, तू धर्मी है (दानिय्येल 9:6-7अ ULT)
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#### स्वामी हर उस चीज को दिखाता है जो दूसरों को हमेशा प्रोत्साहित करता रहता है
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#### हाथ एक व्यक्ति की शक्ति, नियंत्रण, मध्यस्थता या गतिविधि का प्रतिनिधित्व करता है
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> कोर्इ मनुष्य <u>दो स्वामियों</u> की सेवा नहीं कर सकता, क्योंकि वह एक से बैर ओर दूसरे से प्रेम रखेगा, वा एक से मिला रहेगा और दूसरे को तुच्छ जानेगा;
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> परमेश्वर मेरे **हाथ के द्वारा** मेरे शत्रुओं पर जल की धारा के समान टूट पड़ा है। (1 इतिहास 14:11 ULT)
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“तुम परमेश्वर और धन दोनो की सेवा नहीं कर सकते” (मत्ती 6रू24 ULB)
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" परमेश्वर मेरे **हाथ के द्वारा** मेरे शत्रुओं पर जल की धारा के समान टूट पड़ा है" का अर्थ है "याहवे ने मुझे मेरे शत्रुओं पर धारा के समान टूट पड़ने के लिए उपयोग किया है।"
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परमेश्वर की सेवा काने का प्रोत्हासन परमेश्वर से आता है पैसे की सेवा काने का प्रोत्हासन पैसे से आता है
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> तेरा **हाथ** तेरे सब शत्रुओं को ढूँढ़ निकालेगा, तेरा दाहिना **हाथ** तेरे सब बैरियों का पता लगा लेगा। (भजन संहिता 21:8 ULT)
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#### नाम उस व्यक्ति को दिखाता है जिसका वह नाम है
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"तेरा हाथ तेरे सब शत्रुओं को ढूँढ़ निकालेगा" का अर्थ है कि "तू अपनी शक्ति से अपने सभी शत्रुओं को अपने अधीन कर लेगा।"
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‘‘तेरा परमेश्वर, <u>सुलैमान का नाम</u>, तेरे नाम से भी महान करे, और उसका राज्य तेरे राज्य से भी अधिक बढ़ाए’’ न् (1 राजा 1:47 ULB)
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> सुनो, **यहोवा का हाथ** ऐसा छोटा नहीं हो गया कि उद्धार न कर सके। (यशायाह 59:1 ULT)
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<blockquote> मैंने <u>अपने बड़े</u> नाम की शपथ खार्इ है कि अब पूरे मिस्र देश में कोर्इ यहूदी मनुष्य <u>मेरा नाम</u> लेकर फिर कभी यह न कहने पाएगा... (यिर्मयाह 44:26) </blockquote>
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"उसका हाथ ऐसा छोटा नहीं है" का अर्थ यह है कि वह कमजोर नहीं है।
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यदि किसी का नाम महान है तो इसका मतलब वह महान है
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#### सिर नोक, शीर्ष, या किसी चीज़ के ऊपरी भाग का प्रतिनिधित्व करता है
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> तू अपने दास की प्रार्थना पर, और अपने उन दासों की प्रार्थना पर, जो <u>तेरे नाम का भय मानना</u> चाहते हैं (नहेम्याह 1:11 ULB)
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> तब राज ने उससे प्रसन्न होकर सोने का राजदण्ड जो उसके हाथ में था उसकी ओर बढ़ाया। तब एस्तेर ने निकट जाकर राजदण्ड की **नोक** छुई। (एस्तेर 5: 2 बी ULT)
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किसी के नाम का आदर करना उस व्यक्ति का आदर करना है
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#### मन सोचने या महसूस करने की क्रिया का प्रतिनिधित्व करता है
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#### नाम किसी की प्रसिद्धि को दिखाता है
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> जब बोअज खा पी चुका, और उसका **मन** आनन्दित हुआ, तब जाकर अनाज के ढेर के एक सिरे पर लेट गया। (रूत 3:7अ ULT)
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> परन्तु <u>मेरे पवित्र नाम</u> को अपनी भेंटों ओर मूरतों के द्वारा फिर अपवित्र न करना न् (यहेजकेल 20:39 ULB)
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> सातवें दिन, जब राजा का **मन** दाखमधु में मगन था... (एस्तेर 1:10अ ULT)
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परमेश्वर के नाम को अपवित्र करना उसकी कीर्ति को अपवित्र करना है अर्थात लोग उसके बारे में क्या सोचेंगे
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#### दिल एक व्यक्ति के रवैये का प्रतिनिधित्व करता है
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>मैं <u>अपने बड़े नाम</u> को पवित्र ठहराऊंगा, जो जातियों में अपवित्र ठहराया गया... (यहेजकेल 36:23 ULB)
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> तब राजा क्षयर्ष ने एस्तेर रानी से पूछा, “वह कौन है? और कहाँ है जिसने ऐसा करने की **मनसा** की है?” (एस्तेर 7:5 ULT)
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परमेश्वर का नाम पवित्र बनाना लोगों को यह दिखाना है कि परमेश्वर पवित्र है
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इस संदर्भ में, पूरे दिल से भरे हुए होने का अर्थ घमण्ड या अभिमानी होना है।
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>तेरे दास बहुत दूर के देश से तेरे परमेश्वर यहोवा का <u>नाम</u> सुनकर आए हैं
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#### आँखें दृष्टि, ज्ञान, धारणा, ध्यान या निर्णय का प्रतिनिधित्व करती है
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क्योंकि हमने यह सब सुना है, अर्थात् उसकी कीर्ति और जो कुछ उसने मिस्र में किया (यहोशू 9:9 ULB)
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> क्योंकि रानी के इस काम की चर्चा सब स्त्रियों में होगी और तब वे भी उनकी **आँखों** में उनके पति तुच्छ जान पड़ेंगे... (एस्तेर 1:17अ ULT)
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लोगों के द्वारा कही गर्इ ये बात कि उन्होने परमेश्वर की कीर्ति सुनी है तो इसका मतलब है, ‘‘यहोवा के नाम के कारण’’ अर्थात यहोवा की प्रसिद्धि के कारण ।
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#### आँखें एक व्यक्ति के रवैये का प्रतिनिधित्व करती हैं
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#### नाक गुस्से को दिखाता है
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> ... परन्तु तू **घमण्ड ऊँची आँखों को नीची करता है**! (भजन संहिता 18:27ब ULT)
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>तब... जगत की नेवें प्रगट हुर्इ, यह तो हे यहोवा तेरी डांट से, और तेरे <u>नथनों (नाक)</u> की सांस की झोंक से हुआ भजन संहिता 18रू15 (भजन संहिता 18:15 ULB)
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ऊँची आँखें दिखाती हैं कि एक व्यक्ति घमण्डी है।
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<blockguote>तेरे <u>नथनों (नाक)</u> की सांस से जल एकत्र हो गया (निर्गमन 15:8 ULB)</blockquote>
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> परमेश्वर एक घमण्डी व्यक्ति को नम्र करता है, और **नीची आँखों** वाले को बचाता है। (अय्यूब 22:29 ULT)
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>उसके <u>नथनों (नाक)</u> से धुंआ निकला, और उसके मुंह से आग निकलकर... (2 शमुएल 22:9 ULB)
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नीची आँखें दिखाती हैं कि एक व्यक्ति नम्र है।
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<blockquote> यह परमेश्वर की वाणी है ‘उसी दिन मेरी जलजलाहट <u>मेरे मुख (नाक)</u> से प्रगट होगी!’ (यहेजकेल 38:18 ULB) </blockquote>
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#### सिर एक शासक, एक अगुवे या दूसरों पर अधिकार रखने वाले व्यक्ति का प्रतिनिधित्व करता है
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किसी के नथनों से हवा या धुँआ का निकलना उस व्यक्ति के गुस्से को दिखाता है
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> तुम्हारे साथ प्रत्येक गोत्र का एक पुरुष भी हो जो अपने पितरों के घराने का **मुख्य पुरुष** हो। (गिनती 1:4 ULT)
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#### उठी हुर्इ बौहें घमंड को दिखाती हैं
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> और सब कुछ उसके पाँवों तले कर दिया और ** उसे सब वस्तुओं पर ** सिर के रूप में** ठहराकर कलीसिया को दे दिया, जो उसकी देह है, उसकी भरपूरी जो सब कुछ भर देती है (इफिसियों 1:22-23 ULT)
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>परन्तु <u>घमण्ड भरी (उठी हुर्इ) आंखों</u> को नीची करता है (भजन संहिता 18:27 ULB)
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#### एक स्वामी किसी भी ऐसी बात का प्रतिनिधित्व करता है जो एक व्यक्ति को कार्य करने के लिए प्रेरित करती है
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उठी हुर्इ आँखें व्यक्ति के घमण्ड को दिखाती हैं ।
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> कोई मनुष्य **दो स्वामियों** की सेवा नहीं कर सकता, क्योंकि वह एक से बैर और दूसरे से प्रेम रखेगा, या एक से निष्ठावान रहेगा और दूसरे का तिरस्कार करेगा। तुम परमेश्वर और धन दोनों की सेवा नहीं कर सकते। (मत्ती 6:24 ULT)
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>परमेश्वर घमण्डी को नीचा करता और <u>नम्र मनुष्य (नीची आँखों)</u> को बचाता है (अय्यूब 22:29 ULB)
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||||
परमेश्वर की सेवा के लिए परमेश्वर से प्रेरित होना होता है। धन की सेवा करने के लिए धन से प्रेरित होना होता है।
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नीची आँखें दिखाती हैं कि व्यक्ति नम्र है।
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#### मुँह का अर्थ बोलने या शब्दों से है
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#### किसी की संतान उसके गुण को दिखाती है
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> मूर्ख व्यक्ति का मुँह ** उसे उजाड़ देता है। (नीतिवचन 18:7 ULT)
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> न <u>कुटिल जन<u> उसको दु:ख देने पाएगा (भजन संहिता 89:22ब ULB)
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||||
> मैं अपने मुँह से तुझे दृढ़ करूँगा। (अय्यूब 16:5 ULT)
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कुटिल जन एक दुष्ट व्यक्ति को दिखाता है
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इन उदाहरणों में मुँह से तात्पर्य है कि कोई व्यक्ति क्या कहता है।
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> बन्धुओं का कराहना तेरे कान तक पहुंचे
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> <u>मृत्यू की संतानों<u> को अपने भुजबल के द्वारा बचा .न् (भजन संहिता 79:11 ULB)
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||||
#### एक नाम उस व्यक्ति का प्रतिनिधित्व करता है जिसके वह नाम होता है
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||||
मृत्यु की संतान वे लोग हैं जो दूसरों को मारने की योजना बनाते हैं
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> तेरा परमेश्वर **सुलैमान का नाम** तेरे नाम से भी उत्तम कर सकता है, और उसके सिंहासन को तेरे सिंहासन से बड़ा कर सकता है।" (1 राजा 1:47 ULT)
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||||
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||||
> न् इनमें हम भी सब के सब पहिले अपने शरीर की लालसाओं में दिन बिताते थे, और शरीर, और मन की मनसाएं पूरी करते थे, और और लोगों के समान स्वभाव ही से <u>क्रोध की सन्तान<u> थे (इफिसियों 2:3 ULB)
|
||||
> सुनो, मैंने **अपने बड़े नाम** की शपथ खाई है - कि अब पूरे मिस्र देश में कोई यहूदी मनुष्य **मेरा नाम** लेकर फिर कभी यह न कहने पाएगा, ‘प्रभु यहोवा के जीवन की सौगन्ध।’ (यिर्मयाह 44:26 ULT)
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||||
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||||
यहाँ क्रोध की सन्तान वे लोग हैं जिनसे परमेश्वर क्रोधित है
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||||
यदि किसी का नाम बजडा है, तो इसका अर्थ है कि वह महान है।
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||||
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||||
### अनुवाद रणनीति
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||||
> तू अपने दास की प्रार्थना पर, और अपने उन दासों की प्रार्थना पर, जो **तेरे नाम का भय** मानना चाहते हैं, कान लगा. (नहेमायाह 1:11 ULT)
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||||
([Biblical Imagery - Common Patterns](../bita-part1/01.md) पर अनुवाद की रणनीति देखें)
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||||
किसी के नाम से भयभीत होना उसे सम्मानित करना है।
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||||
#### एक नाम किसी की प्रसिद्धि या प्रतिष्ठा का प्रतिनिधित्व करता है
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||||
> तू **मेरे पवित्र नाम** को अपनी भेंटों और मूरतों के द्वारा फिर अपवित्र न करना। (यहेजकेल 20:39 ULT)
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||||
परमेश्वर के नाम को अपवित्र करना उसकी प्रतिष्ठा को अपवित्र करना है, अर्थात् ऐसी अपिवत्रता जिसमें लोग उसके बारे में सोचते हैं।
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||||
> क्योंकि मैं अपने **बड़े नाम** को पवित्र ठहराऊँगा, जिसे तुम ने जातियों के बीच अपवित्र किया है ... (यहेजकेल 36:23 ULT)
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||||
परमेश्वर के नाम को पवित्र मानना लोगों को प्रेरित करना है कि परमेश्वर पवित्र हैं।
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> तेरे दास बहुत दूर के देश से तेरे परमेश्वर यहोवा का **नाम** सुनकर आए हैं, क्योंकि हमने यह सब सुना है, अर्थात् उसकी कीर्ति और जो कुछ उसने मिस्र में किया, (यहोशू 9:9 ULT)
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||||
तथ्य यह है कि पुरुषों ने कहा कि उन्होंने परमेश्वर के बारे में एक रिपोर्ट सुनी है, जो यह दर्शाती है कि "परमेश्वर के नाम के कारण" का अर्थ परमेश्वर की प्रतिष्ठा का कारण है।
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#### एक नाम किसी की शक्ति, अधिकार, पदवी या प्रतिष्ठा का प्रतिनिधित्व करता है
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> राजा क्षयर्ष के नाम से लिखी गईं; और उनमें राजा की मुहर वाली अंगूठी की छाप लगाई गई। (एस्तेर 3:12ब ULT)
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#### नाक क्रोध का प्रतिनिधित्व करती है
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> तब … जल के नाले देख पड़े, और जगत की नींव प्रगट हुई, यह तो यहोवा तेरी डाँट से और **तेरे नथनों** की साँस की झोंक से हुआ। (भजन संहिता 18:15 ULT)
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> **तेरे नथनों** की साँस से जल एकत्र हो गया, धाराएँ ढेर के समान थम गईं। (निर्गमन 15:8अ ULT)
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> **उसके नथनों** से धुआँ निकला, और उसके मुँह से आग निकलकर भस्म करने लगी। (2 शमूएल 22:9अ ULT)
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> यहोवा, यहोवा, परमेश्वर दयालु और अनुग्रहकारी, **कोप करने में धीरजवन्त**… (निर्गमन 34:6अ ULT)
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इब्रानी में, एक लाल नाक क्रोध का प्रतिनिधित्व करती है, जिसमें ऐसी छवियाँ शामिल हैं जो एक व्यक्ति के नाक से आ रही हवा या धुएँ के विस्फोट के रूप में भरी हुई होती हैं। "लाल नाक" के विपरीत एक "लंबी नाक" है। इब्रानी में "क्रोध में धीरजवन्त" वाक्यांश का शाब्दिक अर्थ "नाक का लंबा होना।" एक लंबी नाक धैर्य का प्रतिनिधित्व करती है, जिसका अर्थ है कि उस व्यक्ति की नाक को लाला होने में अधिक समय लगता है।
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#### एक पुत्र एक जानवर(रों) की संतानों का प्रतिनिधित्व करता है
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> उसने चिट्ठियाँ लिखाकर (और उन पर राजा की मुहर वाली अंगूठी की छाप लगाकर, वेग चलनेवाले सरकारी घोड़ों, खच्चरों और साँड़नियों पर सवार हरकारों के हाथ भेज दीं) ... (एस्तेर 8:10अ ULT)
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#### कुछ का पुत्र किसी अन्य चीज के गुणों को दर्शाता है
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> कोई **दुष्टता का पुत्र** उस पर अत्याचार करेगा। (भजन संहिता 89:22ब ULT)
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दुष्टता का पुत्र दुष्ट व्यक्ति होता है।
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> बन्दियों का कराहना तेरे कान तक पहुँचे;
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> तू अपनी सामर्थ्य के महानता के कारण **मृत्यु की सन्तान** को जीवित रखेगा (भजन 79:11 ULT)
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यहाँ मृत्यु की सन्तान वे लोग हैं जिन्हें दूसरों ने मारने की योजना बनाई है।
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> इनमें हम भी सब के सब पहले अपने शरीर की लालसाओं में दिन बिताते थे, और शरीर, और मन की मनसाएँ पूरी करते थे, और अन्य लोगों के समान स्वभाव ही से **क्रोध की सन्तान** थे। (इफिसियों 2:3 ULT)
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यहाँ क्रोध की सन्तान वे लोग हैं जिनके ऊपर परमेश्वर बहुत अधिक क्रोधित है।
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#### बोली किसी व्यक्ति या लोगों के समूह द्वारा बोली जाने वाली भाषा का प्रतिनिधित्व करती है
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> प्रत्येक पुरुष अपने-अपने घर में अधिकार चलाएँ, और अपनी जाति की **भाषा** बोला करें।। (एस्तेर 1:22ब ULT)
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### अनुवाद रणनीतियाँ
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[बाइबल आधारित छवियाँ- सामान्य पद्धतियाँ](../bita-part1/01.md) पर अनुवाद रणनीतियाँ देखें।
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उन शरीर के अंगों और मानुषिक गुणों के उदाहरण बताएँ जिनका उपयोग बाइबल में अलंकार के रूप में किया गया है
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देह के अंगों और मानवीय गुणों के कुछ उदाहरण क्या हैं जो बाइबल में छवियों के रूप में उपयोग किए जाते हैं।
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बाइबल के रूप - शरीर के अंग एवं मानवीय गुण
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बाइबल आधारित छवियाँ - देह के अंग एवं मानवीय गुण
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#### बाइबल से उदाहरण
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>तब धनुर्धारियों ने शहरपनाह पर से तेरे जनों पर तीर छोड़े; और राजा के कितने जन *** मर गए ***, और तेरा दास ऊरिय्याह हित्ती भी *** मर गया ***(2 शमूएल 11:24 ULB)
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>तब धनुर्धारियों ने शहरपनाह पर से तेरे जनों पर तीर छोड़े; और राजा के कितने जन *** मर गए </u>, और तेरा दास ऊरिय्याह हित्ती भी *** मर गया ***(2 शमूएल 11:24 ULB)
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इसका अर्थ है कि दुश्मनों के धनुर्धारियों ने तीर छोड़े; और ऊरिय्याह समेत, राजा के लोगों को मार डाल । यहाँ का विषय राजा के जनों और ऊरिय्याह हैं, मारने वाले लोग नही । यहाँ उपयुक्त कर्मवाच्य रूप का उद्देश्य राजा के जनों और ऊरिय्याह पर केंद्रित करना है।
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नगर के लोगों ने देखा कि बाल की वेदी के साथ क्या हुआ परंतु उन्हे यह नही पता था कि उसे किसने गिराया। यहाँ उपयुक्त कर्मवाच्य रूप का उद्देश्य नगर के लोगों के नजरिए से घटना का विवरण देना है।
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>उसके लिये यह भला होता, कि चक्की का पाट उसके गले में ***लटकाया जाता***, और वह समुद्र में ***डाल दिया जाता***(लूका 17:2 ULB)
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>उसके लिये यह भला होता, कि चक्की का पाट उसके गले में ***लटकाया जाता</u>, और वह समुद्र में ***डाल दिया जाता***(लूका 17:2 ULB)
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यह एक ऐसी घटना बताता है जिसमें एक व्यक्ति अपने गले में चक्की के पाट के साथ समुद्र की गहरार्इ में डाला जाता है। यहाँ उपयुक्त कर्मवाच्य रूप का उद्देश्य उस व्यक्ति पर केंद्रित करना है जिसके साथ यह घटना घटी। यह महत्वपूर्ण नही है कि उस व्यक्ति के साथ ऐसा कौन करता है।
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> **उसके लिये यह भला होता, कि चक्की का पाट उसके गले में ***लटकाया जाता***और वह समुद्र में ***डाल दिया जाता***** (लूका 17:2 ULB)
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>>यह भला होता, कि ***वे***उसके गले में चक्की का पाट लटकाकर, उसे समुद्र में ***डाल देते***
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>>यह भला होता, कि ***कोर्इ***उसके गले में चक्की का पाट लटकाकर, उसे समुद्र में ***डाल देता ***
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>>यह भला होता, कि ***कोर्इ***उसके गले में चक्की का पाट लटकाकर, उसे समुद्र में ***डाल देता</u>
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(3) सक्रिय वाक्य में अलग क्रिया का उपयोग करें
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### परिभाषा
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### विवरण
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संबोधक चिन्ह विराम चिन्हों में से एक चिन्ह है जहाँ वक्ता अपने श्रोताओं का ध्यान आकर्षित करता और उससे बात करता है जिसके बारे में उसे पता है वह उसे सुन नही सकता।
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संबोधक चिन्ह विराम चिन्हों में से एक चिन्ह है जहाँ वक्ता अपने श्रोताओं का ध्यान आकर्षित करता और उससे या किसी चीज से बात करता है जिसके बारे में उसे पता है कि वह उसे सुन नही सकता। वह श्रोताओं को किसी व्यक्ति या वस्तु के बारे में अपना संदेश या भावनाओं को शक्तिशाली तरीके से बताने के लिए ऐसा करता है।
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### वर्णन
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#### कारण यह एक अनुवाद का विषय है
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वह श्रोताओं को किसी व्यक्ति या वस्तु के बारे में अपना संदेश या भावनाओं को शक्तिशाली तरीके से बताने के लिए ऐसा करता है।
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### कारण यह अनुवाद की समस्या है
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कर्इ भाषाएँ संबोधक चिन्ह का उपयोग नही करती हैं और पाठक इससे संदेह में पड़ सकते हैं। उनको पता नही चल पाएगा कि वक्ता किससे बात कर रहा है या सोचेंगे कि वक्ता ऐसे अपनी बातें उनको बताने की कोशिश कर रहा है जो उसे सुन नही पा रहे।
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कर्इ भाषाएँ संबोधक चिन्ह का उपयोग नही करती हैं और पाठक इससे संदेह में पड़ सकते हैं। वे आश्चर्य में पड़ जाते हैं कि वक्ता किससे बात कर रहा है या सोचते हैं कि वक्ता पागल हो गया है जो अपनी बातें किसी ऐसी वस्तु या लोगों से बताने की कोशिश कर रहा है जो उसे सुन नही सकते।
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### बाइबल से उदाहरण
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>हे गिलबो पहाड़ों, तुम पर न ओस पड़े, और न वर्षा हो (2 शमूएल 1:21 ULB)
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> हे गिलबो पहाड़ों, तुम पर न ओस पड़े। (2 शमूएल 1∶21अ ULT)
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राजा शाऊल गिलबो पहाड़ पर मारा गया और दाऊद ने उसके बारे में एक गीत गाया। इन पहाड़ों से बात करने के द्वारा, वह चाहता है कि उन पर ओस या वर्षा न पड़े, वह दिखा रहा है कि उसे कितना दुख है।
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राजा शाऊल को गिलबो पर्वत पर मार दिया गया था और दाऊद ने इसके बारे में एक दुखद गीत गाया। इन पर्वतों को वर्णन कर वह यह बताना चाहता था कि उनके पास न तो ओस हो और न ही वर्षा, उसने दिखाया कि वह कितना अधिक दुखी था।
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>हे यरूशलेम, हे यरूशलेम, तू जो भविष्यद्वक्ताओं को मार डालती है, और जो तेरे पास भेजे गए उन्हें पत्थरवाह करती है; (लूका 13:34 ULB)
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> हे यरूशलेम! हे यरूशलेम! तू जो भविष्यद्वक्ताओं को मार डालता है, और जो तेरे पास भेजे गए उन्हें पत्थराव करता है। (लूका 13:34अULT)
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यीशु मसीह अपने चेलों और फरीसियों के एक समूह के सामने यरूशलेम के प्रति अपनी भावनाओं को प्रकट कर रहे थे। यरूशलेम से इस प्रकार बात करने के द्वारा, जैसे कि वहाँ के लोग सुन रहे हों, यीशु उन्हे बता रहे थे कि वह उसकी कितनी चिंता करते हैं।
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यीशु अपने शिष्यों और फरीसियों के एक समूह के सामने यरूशलेम के लोगों के लिए अपनी भावनाओं को व्यक्त कर रहा था। यरूशलेम से सीधे बात करके जैसे कि उसके लोग उसे सुन सकते हो, यीशु ने यह दिखाया कि वह उनके बारे में कितनी गहराई से चिन्ता करता है।
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> उसने यहोवा से वचन पाकर वेदी के विरुद्ध यों पुकारा: कि हे <u>वेदी</u>, हे <u>वेदी</u> यहोवा यों कहता है, कि सुन.... तुझ पर मनुष्यों की हड्डियाँ जलार्इ जाएंगी (1 राजा 13:2 ULB)
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> उस जन ने यहोवा से वचन पाकर वेदी के विरुद्ध यह पुकारा, “**वेदी**, हे **वेदी**! यहोवा यह कहता है, ‘कि सुन … तुझ पर मनुष्यों की हड्डियाँ जलाई जाएँगी।’” (1 राजा 13:2 ULT)
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परमेश्वर का जन ऐसे बोल रहा था जैसे कि वेदी उसकी आवाज सुन रही हो, परंतु वास्तव में वह वहाँ खड़े राजा को यह सुना रहा था।
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परमेश्वर के जन ने ऐसे बोला कि जैसे वेदी उसे सुन सकती थी, परन्तु वह सचमुच राजा को, जो वहाँ खड़ा था, उसकी बात सुनना चाहता था।
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### अनुवाद रणनीति
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### अनुवाद रणनितियाँ
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यदि संबोधक चिन्ह आपकी भाषा में आम है और सही अर्थ दे रहा है, तो उसका उपयोग करें। यदि नही, तो निम्नलिखित कुछ विकल्प हैं:
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1. यदि इस प्रकार की भाषा आपके लोगों को संदेह से भरती है, तो वक्ता को उसकी सुन रहे लोगों से सीधा बात करे, जब वह <u>उन्हे</u> उनके बारे में अपना संदेश या भावनाएँ शक्तिशाली तरीके से बताता है जो उसे सुन नही रहे हैं
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यदि संबोधक चिन्ह स्वभाविक होगा और अपनी भाषा में सही अर्थ देगा, तो इसका उपयोग करने पर विचार करें। परन्तु यदि बोलने का यह तरीका आपके लोगों को भ्रमित करने वाला होगा, तो वक्ता को लोगों से बोलता रहे जो उसे सुन रहे हैं जब वह **उन्हें** अपना संदेश देता या लोगों के बारे में भावनाओं को बताता है या ऐसी बात जिन्हें वे नहीं सुन सकता है। नीचे दिए गए उदाहरण देखें।
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### अनुवाद रणनीति प्रयोग के उदाहरण
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1. यदि इस प्रकार की भाषा आपके लोगों को संदेह से भरती है, तो वक्ता को उसकी सुन रहे लोगों से सीधा बात करे, जब वह <u>उन्हे</u> उनके बारे में अपना संदेश या भावनाएँ शक्तिशाली तरीके से बताता है जो उसे सुन नही रहे हैं
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> उस जन ने यहोवा से वचन पाकर वेदी के विरुद्ध यह पुकारा, “**वेदी**, हे **वेदी**! यहोवा यह कहता है, ‘कि सुन … तुझ पर मनुष्यों की हड्डियाँ जलाई जाएँगी।’” (1 राजा 13:2 ULT)
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* **उसने यहोवा से वचन पाकर वेदी के विरुद्ध यों पुकारा: कि हे <u>वेदी</u>, हे <u>वेदी</u>! यहोवा यों कहता है, कि सुन.... तुझ पर मनुष्यों की हड्डियाँ जलार्इ जाएंगी** (1 राजा 13:2 ULB)
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>> उसने यह वेदी के बारे में कहा∶ “यहोवा यह कहता है **इस वेदी के बारे।** ‘सुन … तुझ **पर** मनुष्यों की हड्डियाँ जलाई जाएँगी।’”
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* उसने यह वेदी के बारे में कहा ‘‘यहोवा <u>वेदी के बारे</u> में यों कहता है, सुन, ... वे <u>इस पर</u> मनुष्यों की हड्डियाों को जलाएँगे’’
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* **हे <u>गिलबो पहाड़ों</u>, <u>तुम</u> पर न ओस पड़े, और न वर्षा हो,** (2 शमूएल 1:21 ULB)
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* **<u>गिलबो पहाड़ों की बात करें</u>, तो </u>उन पर न ओस पड़े, और न वर्षा हो**
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> हे गिलबो पहाड़ों, **तुम** पर न ओस पड़े। (2 शमूएल 1∶21अ ULT)
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>> **जहाँ तक गिलबो पहाड़ों की बात है**, **उन** पर कोई ओस न पड़े।
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संबोधक चिन्ह नामक विराम चिन्ह का थ्या अर्थ है?
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संबोधक चिन्ह नामक विराम चिन्ह का क्या अर्थ है?
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संबोधक चिन्ह
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दोहरा नकारात्मकताएँ तब उत्पन्न होती है जब किसी कथन में दो शब्द ‘‘नही’’ के अर्थ को प्रकट करते हैं। दोहरा नकारात्मकताओं का अर्थ विभिन्न भाषाओं में अलग अलग होता है। दो नकारात्मकता वाले कथनों का सही और स्पष्ट अनुवाद करने के लिए, आपको जानना जरूरी है कि बाइबल में नकारात्मकता का क्या अर्थ है और उसे अपनी भाषा में कैसे अनुवाद करें।
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### वर्णन
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### विवरण
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नकारात्मक शब्द वे शब्द होते हैं जिनमें ‘‘नही’’ का भाव मौजुद रहता है। उदाहरणत: ‘‘नही’’, ‘‘ना’’, ‘‘कोई नही’’, ‘‘कहीं नही’’, ‘‘कभी नही’’, ‘‘या नही’’ ‘‘बिना’’ इत्यादि। साथ ही साथ, कुछ शब्दों में ‘‘प्रत्यय’’ या ‘‘उपसर्ग’’ जुड़े होते हैं जिनका अर्थ ‘‘ना’’ होता है, जैसे **ना**खुश, **अ**संभव, **अन** कुछ अन्य प्रकार के शब्दों का नकारात्मक अर्थ भी होता है, जैसे "अभाव" या "अस्वीकार", या "लड़ाई" या "बुराई"।
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नकारात्मक शब्द वे शब्द होते हैं जिनमें ‘‘नही’’ का भाव मौजुद रहता है। उदाहरणत: ‘‘नही’’, ‘‘ना’’, ‘‘कोर्इ नही’’, ‘‘कहीं नही’’, ‘‘कभी नही’’, ‘‘या नही’’ ‘‘बिना’’ इत्यादि। साथ ही साथ, कुछ शब्दों में ‘‘प्रत्यय’’ या ‘‘उपसर्ग’’ जुड़े होते हैं जिनका अर्थ ‘‘ना’’ होता है, जैसे ***ना***खुश, ***अ***संभव, ***अन*** कुछ अन्य प्रकार के शब्दों का नकारात्मक अर्थ भी होता है, जैसे "अभाव" या "अस्वीकार", या "लड़ाई" या "बुराई"। ।
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दो नकारात्मकताएँ तब उत्पन्न होती है जब किसी कथन में दो शब्द ‘‘नही’’ के अर्थ को प्रकट करते हैं।
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> यह **नही** कि हमें अधिकार **नही** … (2 थिस्सलुनीकियों 3:9 यूएलबी)
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>नियुक्ति बिना शपथ नहीं हुई। (इब्रानियों 7:20 यूएलबी)
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>
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> निश्चय जानो, बुरा मनुष्य **नि**र्दोष **न** ठहरेगा (नीतिवचन 11:21 यूएलबी)
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> यह ***नही*** कि हमें अधिकार ***नही*** … (2 थिस्सलुनीकियों 3:9 ULB)
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#### कारण यह एक अनुवाद मुद्दा है
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<blockquote>और इसलिये कि मसीह की नियुक्ति ***बिना*** शपथ ***नहीं*** हुर्इ। (इब्रानियों 7:20 ULB)</blockquote>
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> निश्चय जानो, बुरा मनुष्य ***नि***र्दोष ***न*** ठहरेगा (नीतिवचन 11:21 ULB)
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### कारण यह अनुवाद की समस्या है
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दोहरा नकारात्मकताओं का अर्थ विभिन्न भाषाओं में अलग अलग होता है:
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### बाइबल से उदाहरण
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> .... ताकि **नि**ष्फल **न** रहें (तीतुस 3:14 यूएलबी)
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> .... ताकि ***नि***“ ष्फल ***न*** रहें (तीतुस 3:14 ULB)
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इसका अर्थ है ‘‘कि वे फलवंत बनें’’
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>सब कुछ उसी के द्वारा उत्पन्न हुआ और जो कुछ उत्पन्न हुआ है, उसमें से **कोई भी** वस्तु उसके **बिना** उत्पन्न न हुई (युहन्ना 1:3 यूएलबी)
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> सब कुछ उसी के द्वारा उत्पन्न हुआ और जो कुछ उत्पन्न हुआ है, उसमें से ***कोर्इ भी*** वस्तु उसके ***बिना*** उत्पन्न न हुर्इ (युहन्ना 1:3 ULB)
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दोहरे नकारात्मकताओं का उपयोग कर, यूहन्ना बता रहा है कि परमेश्वर के पुत्र ने ही सब कुछ बनाया है, दोहरे नकारात्मक सरल सकारात्मक की तुलना में अधिक मजबूत बयान देते है।
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### अनुवाद की रणनीतियाँ
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### अनुवाद रणनीति
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यदि दो नकारात्मकताएँ स्वाभाविक हैं और आपकी भाषा में यह सकारात्मकता को बताती है, तो उनका उपयोग करें। अन्यथा, निम्न रणनीतियों को अपना सकते हैं:
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(1) यदि बाइबल में उपयोग की गई दो नकारात्मकताओं का उद्देश्य केवल सकारात्मकता को प्रकट करना है और आपकी भाषा में ऐसा नही होता है, तो दोनो नकारात्मकताओं को हटा दें जिससे यह सकारात्मक बन जाएगा।
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(2) यदि बाइबल में उपयोग की गई दो नकारात्मकताओं का उद्देश्य एक शक्तिशाली सकारात्मक वाक्य बनाना है और आपकी भाषा में ऐसा नही होता है, तो दोनो नकारात्मकताओं को हटा दें और ‘‘बहुत’’ या ‘‘निश्चय तौर पर’’ जैसे शब्दों को जोड़ दें।
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1. यदि बाइबल में उपयोग की गर्इ दो नकारात्मकताओं का उद्देश्य केवल सकारात्मकता को प्रकट करना है और आपकी भाषा में ऐसा नही होता है, तो दोनो नकारात्मकताओं को हटा दें जिससे यह सकारात्मक बन जाएगा
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1. यदि बाइबल में उपयोग की गर्इ दो नकारात्मकताओं का उद्देश्य एक शक्तिशाली सकारात्मक वाक्य बनाना है और आपकी भाषा में ऐसा नही होता है, तो दोनो नकारात्मकताओं को हटा दें और ‘‘बहुत’’ या ‘‘निश्चय तौर पर’’ जैसे शब्दों को जोड़ दें
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### अनुवाद के लिए लागू की गई रणनीतियों के उदाहरण
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### अनुवाद रणनीति प्रयोग के उदाहरण
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(1) यदि बाइबल में उपयोग की गई दो नकारात्मकताओं का उद्देश्य केवल सकारात्मकता को प्रकट करना है और आपकी भाषा में ऐसा नही होता है, तो दोनो नकारात्मकताओं को हटा दें जिससे यह सकारात्मक बन जाएगा।
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1. यदि बाइबल में उपयोग की गर्इ दो नकारात्मकताओं का उद्देश्य केवल सकारात्मकता को प्रकट करना है और आपकी भाषा में ऐसा नही होता है, तो दोनो नकारात्मकताओं को हटा दें जिससे यह सकारात्मक बन जाएगा
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> क्योंकि हमारा ऐसा महायाजक **नहीं**, जो हमारी निर्बलताओं में हमारे साथ दुखी **न** हो सके (इब्रानियों 4:15 यूएलबी)
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> **क्योंकि हमारा ऐसा महायाजक ***नहीं***, जो हमारी निर्बलताओं में हमारे साथ दुखी ***न*** हो सके** (इब्रानियों 4:15 ULB)
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>> ’’क्योंकि हमारा ऐसा महायाजक है जो हमारी निर्बलताओं में हमारे साथ दुखी होता है’’
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>
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> .... ताकि वे **नि** ष्फल **न** रहें (तीतुस 3:14 यूएलबी)
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>> ‘‘.... ताकि वे फलदायक बनें’’
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>
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(2) यदि बाइबल में उपयोग की गई दो नकारात्मकताओं का उद्देश्य एक शक्तिशाली सकारात्मक वाक्य बनाना है और आपकी भाषा में ऐसा नही होता है, तो दोनो नकारात्मकताओं को हटा दें और ‘‘बहुत’’ या ‘‘निश्चय तौर पर’’ जैसे शब्दों को जोड़ दें।
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>** निश्चय जानो - बुरा मनुष्य **नि**र्दोष **न** ठहरेगा...** (नीतिवचन 11:21 यूएलबी)
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>>“मैं निश्चय तौर पर कहता हूँ - बुरा मनुष्य **अवश्य** दण्ड पाएगा
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>
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> ** सब कुछ उसी के द्वारा उत्पन्न हुआ और जो कुछ उत्पन्न हुआ है, उस में से **कोई** भी वस्तु उसके **बिना** उत्पन्न न हुई ** (युहन्ना 1:3 यूएलबी)
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> **.... ताकि वे ***नि*** ष्फल ***न*** रहें** (तीतुस 3:14 ULB)
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>> ‘‘.... ताकि वे फलदायक बनें’’
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(2) यदि बाइबल में उपयोग की गर्इ दो नकारात्मकताओं का उद्देश्य एक शक्तिशाली सकारात्मक वाक्य बनाना है और आपकी भाषा में ऐसा नही होता है, तो दोनो नकारात्मकताओं को हटा दें और ‘‘बहुत’’ या ‘‘निश्चय तौर पर’’ जैसे शब्दों को जोड़ दें।
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>** निश्चय जानो - बुरा मनुष्य ***नि***र्दोष ***न*** ठहरेगा...** (नीतिवचन 11:21 ULB)
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>>“मैं निश्चय तौर पर कहता हूँ - बुरा मनुष्य ***अवश्य*** दण्ड पाएगा
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> **सब कुछ उसी के द्वारा उत्पन्न हुआ और जो कुछ उत्पन्न हुआ है, उस में से ***कोर्इ*** भी वस्तु उसके ***बिना*** उत्पन्न न हुर्इ** (युहन्ना 1:3 ULB)
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>> ‘‘सब कुछ उसी के द्वारा उत्पन्न हुआ’’ जो कुछ बना है, वह सब उसके द्वारा बनाया गया है
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@ -1,53 +1,50 @@
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### वर्णन
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### विवरण
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हम दो शब्दों या वाक्यांशों को संदर्भित करने के लिए "दोहरात्मक" शब्द का उपयोग कर रहे हैं जो एक साथ उपयोग किए जाते हैं और जिनका अर्थ समान है, एकदम करीब होते हैं। ये शब्द अक्सर ‘‘और’’ से जुड़े होते हैं। इसके विपरीत,[हेन्डियडिस](../figs-hendiadys/01.md) जिसमें एक शब्द दूसरे को संशोधित करता है, दोहरात्मक में दो शब्द या वाक्यांश समान होते हैं और उनका उपयोग दो शब्दों या वाक्यांशों के द्वारा प्रकट अर्थों पर बल देने के लिए किया जाता है।
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हम ‘‘दोहरात्मक शब्द का उपयोग दो शब्दों या छोटे कथनों को करते हैं जिनका अर्थ समान है, एकदम करीब होते हैं और एक साथ उपयोग किए जाते हैं। ये शब्द अक्सर ‘‘और’’ से जुड़े होते हैं। अक्सर उनका उपयोग दो शब्दों के द्वारा प्रकट अर्थों पर बल देने के लिए किया जाता है।
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### कारण यह एक अनुवाद मुद्दा है
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### कारण यह अनुवाद की समस्या है
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कुछ भाषाओं में, लोग दोहरात्मक का उपयोग नही करते हैं। या वे दोहरात्मक का उपयोग तो करते हैं परंतु केवल कुछ परिस्थितियों में, अत: कुछ पदों के लिए, उनकी भाषा में दोहरात्मक का कोई अर्थ नही निकलता है। लोग सोच सकते हैं कि पदों में दो विचारों या कार्यों का वर्णन कर रही है, जब यह केवल एक का वर्णन कर रहा है। दोनों मामलों में, अनुवादकों को दोहरात्मक के द्वारा प्रकट अर्थ को किसी और तरीके से समझना जरूरी है।
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कुछ भाषाओं में, लोग दोहरात्मक का उपयोग नही करते हैं। या वे दोहरात्मक का उपयोग तो करते हैं परंतु केवल कुद परिस्थितियों में, अत: कुछ पदों के लिए, उनकी भाषा में दोहरात्मक का कोर्इ अर्थ नही निकलता है। दोनों मामलों में, अनुवादकों को दोहरात्मक के द्वारा प्रकट अर्थ को किसी और तरीके से समझना जरूरी है।
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### बाइबल से उदाहरण
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> “तेरे राज्य के सब प्रान्तों में रहनेवाले देश-देश के लोगों के मध्य में **तितर-बितर** और **छिटकी** हुई एक जाति है, (एस्तेर 3:8 यूएलबी)
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>दाऊद राजा ***बूढ़ा*** और *** उसकी आयु बहुत बढ़ गई थी *** (1 राजा 1:1 ULB)
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बोल्ड शब्दों का एक ही मतलब है। साथ में उनका मतलब है कि लोग बाहर फैले हुए थे।
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रेखांकित शब्दों का अर्थ समान है। दोनों शब्दों का अर्थ है ‘‘बहुत बूढ़ा’’
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>दाऊद के बिना जाने अपने से **अधिक धर्मी** और **भले** दो पुरुषों पर, ... टूटकर उनको तलवार से मार डाला था। (1 राजा 2:32 यूएलबी)
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>... उसने ... अपने से ***अधिक धर्मी*** और ***भले*** दो पुरुषों पर, ... पर टूटकर.... (1 राजा 2:32 ULB)
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इसका अर्थ है कि वे उससे ‘‘बहुत अधिक धर्मी’’ थे।
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>तुम ने गोष्ठी की होगी कि जब तक समय न बदले, तब तक हम राजा के सामने **झूठी** और **गपशप** की बातें कहा करेंगे।(दानिय्येल 2:9 यूएलबी)
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>तुमने... ***झूठी*** और ***गपशप*** की बातें ....गोष्ठी की है (दानिय्येल 2:9 ULB)
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इसका अर्थ है कि उन्होने ‘‘बहुत सारी झूठी बातें’’ कहने की तैयारी कर रखी थी।
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इसका अर्थ है कि उन्होंने झूठ बोलने का फैसला किया था, जो यह कहने का एक और तरीका है कि उनका इरादा लोगों को धोखा देने का था।
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>... पर **निर्दोष** और **निष्कलंक** मेम्ने (1 पतरस 1:19 यूएलबी)
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>....पर ***निर्दोष*** और ***निष्कलंक*** मेम्ने (1 पतरस 1:19 ULB)
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इसका अर्थ है कि वह एक ऐसा मेमना था जिसमें कोई दोष नही था - एक भी नही।
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इसका अर्थ है कि वह एक ऐसा मेमना था जिसमें कोर्इ दोष नही था - एक भी नही।
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### अनुवाद रणनीति
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यदि आपकी भाषा में दोहरात्मक का उपयोग सामान्य है और सही अर्थ बताता है, उसका उपयोग करें। अन्यथा, इन रणनीतियों पर विचार करें ।
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(1) केवल एक शब्द या वाक्यांश का अनुवाद करें
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(2) यदि दोहरात्मक का उपयोग अर्थ पर बल देने के लिए किया गया है, तो दोनों में से एक शब्द या वाक्यांश का अनुवाद करें और उस शब्द के साथ ‘‘बहुत’’, या ’’अधिक’’, ‘‘कई’’ जैसे शब्दों को जोड़कर बल दें।
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||||
(3) यदि दोहरात्मक का उपयोग अर्थ पर बल देने के लिए किया गया है, तो अपनी भाषा के तरीकों में से एक का उपयोग करें।
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||||
1. केवल एक शब्द का अनुवाद करें
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1. यदि दोहरात्मक का उपयोग अर्थ पर बल देने के लिए किया गया है, तो दोनों में से एक का अनुवाद करें और उस शब्द के साथ ‘‘बहुत’’, -’’अधिक’’, ‘‘कर्इ’’ जैसे शब्दों को जोड़कर बल दें।
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||||
1. यदि दोहरात्मक का उपयोग अर्थ पर बल देने के लिए किया गया है, तो अपनी भाषा में से किसी तरीके का उपयोग करें
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### अनुवाद के लिए लागू की गई रणनीतियाँ
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### अनुवाद रणनीति प्रयुक्त
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(1) केवल एक शब्द का अनुवाद करें
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1. दोनों में से एक शब्द का अनुवाद करें
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>तुम ने गोष्ठी की होगी कि जब तक समय न बदले, तब तक हम राजा के सामने **झूठी** और **गपशप** की बातें कहा करेंगे।(दानिय्येल 2:9 यूएलबी)
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||||
>> ‘‘तुमने **झूठी** बातें .... गोष्ठी की है’’
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||||
> **तुमने .... ***झूठी*** और ***गपशप*** की बातें .... गोष्ठी की है** (दानिय्येल 2:9 ULB)
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||||
>> ‘‘तुमने ***झूठी*** बातें .... गोष्ठी की है’’
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||||
(2) यदि दोहरात्मक का उपयोग अर्थ पर बल देने के लिए किया गया है, तो दोनों में से एक शब्द का अनुवाद करें और उस शब्द के साथ ‘‘बहुत’’, या ’’अधिक’’, ‘‘कई’’ जैसे शब्दों को जोड़कर बल दें।
|
||||
(2)यदि दोहरात्मक का उपयोग अर्थ पर बल देने के लिए किया गया है, तो दोनों में से एक का अनुवाद करें और उस शब्द के साथ ‘‘बहुत’’, -’’अधिक’’, ‘‘कर्इ’’ जैसे शब्दों को जोड़कर बल दें
|
||||
|
||||
>“तेरे राज्य के सब प्रान्तों में रहनेवाले देश-देश के लोगों के मध्य में **तितर-बितर** और **छिटकी हुई** एक जाति है, (एस्तेर 3:8 यूएलबी)
|
||||
>>"उनके पास एक व्यक्ति **बहुत फैला हुआ** है।"
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||||
> ** दाऊद राजा ***बूढ़ा*** और *** उसकी आयु बहुत बढ़ गई थी *** ** (1 राजा 1:1 ULB)
|
||||
>> ‘‘दाऊद राजा ***बहुत बूढ़ा*** हुआ’’
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(3) यदि दोहरात्मक का उपयोग अर्थ पर बल देने के लिए किया गया है, तो अपनी भाषा के तरीकों में से एक का उपयोग करें।
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(3) यदि दोहरात्मक का उपयोग अर्थ पर बल देने के लिए किया गया है, तो अपनी भाषा में से किसी तरीके का उपयोग करें
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>... पर **निर्दोष** और **निष्कलंक** मेम्ने (1 पतरस 1:19 यूएलबी)
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>
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>* अंग्रेजी "किसी भी" और "बिल्कुल" पर जोर दे सकती है।
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>
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||||
>>"... एक मेम्ने की तरह **बिना किसी दोष के**।
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> **....पर ***निर्दोष*** और ***निष्कलंक*** मेम्ने...** (1 पतरस 1:19 ULB) - अंग्रेजी में ‘‘any’’ एवं ‘‘at all’’ जैसे शब्दों से इस पर बल दिया जा सकता है
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||||
>> ‘‘...पर ***बिल्कुल निर्दोष*** मेम्ने...
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@ -1,69 +1,40 @@
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### वर्णन
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### विवरण
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पदन्यूनता तब होता है जब एक वक्ता या लेखक एक या अधिक शब्द छोड़ देता है जो सामान्य रूप से वाक्य में होना चाहिए। वक्ता या लेखक ऐसा इसलिए करता है क्योंकि उसे पता है कि श्रोता या पाठक वाक्य के पूरे अर्थ को समझ लेंगे और उसे सुनते या पढ़ते वक्त अपने मन में वह शब्द भर लेंगे। उदाहरण के लिए:
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पदन्यूनता उस समय होता है जब वक्ता या लेखक एक या अधिक शब्दों को लिखते वक्त छोड़ देता है क्योंकि उसे पता है कि श्रोता या पाठक वाक्य के पूरे अर्थ को समझ लेंगे और उसे सुनते या पढ़ते वक्त अपने मन में वह शब्द भर लेंगे। छोड़ी गर्इ सूचना को पहले वाक्य में कहा जा चुका होता है।
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> इस कारण दुष्ट लोग अदालत में स्थिर न रह सकेंगे, और **न पापी धर्मियों की मण्डली में ठहरेंगे**; (भजन संहिता 1:5)
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> इस कारण दुष्ट लोग अदालत में स्थिर न रह सकेंगे, ***न पापी धर्मियों की मण्डली में ठहरेंगे*** (भजन संहिता 1:5)
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यह पदन्यूनता है क्योंकि ‘‘न पापी धर्मियों की मण्डली में’’ संपूर्ण वाक्य नही है। वक्ता अनुमान लगाता है कि श्रोता पिछले वाक्य के आधार पर अपने आप अपने मन इस बात का अर्थ पता लगा लेंगे कि एक पापी धर्मियों की मण्डली में क्या नही कर पाएगा। भरी हुई कार्रवाई के साथ, पूरा वाक्य समाप्त हो जाएगा:
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यह पदन्यूनता है क्योंकि ‘‘न पापी धर्मियों की मण्डली में’’ संपूर्ण वाक्य नही है। वक्ता अनुमान लगाता है कि श्रोता पिछले वाक्य के आधार पर अपने आप अपने मन इस बात का अर्थ पता लगा लेंगे कि एक पापी धर्मियों की मण्डली में क्या नही कर पाएगा।
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>>न ही पापी धर्मियों की सभा में **खड़े** **होंगे**।
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अपूर्ण वाक्यों य कथनों को देखने वाले पाठक छुटी सूचना को नही जान पाएँगे, यदि वे अपनी भाषा में पदन्यूनता का उपयोग नही करते हैं।
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#### पदन्यूनता के दो प्रकार है
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### कारण यह अनुवाद की समस्या है
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1. एक सापेक्ष पदन्यूनता तब होता है जब पाठक को संदर्भ से छोड़े गए शब्द या शब्दों की आपूर्ति करनी होती है।आमतौर पर शब्द पिछले वाक्य में है, जैसा कि ऊपर दिए गए उदाहरण में है।
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2. एक निरपेक्ष पदन्यूनता तब होता है जब छोड़े गए शब्द या शब्द संदर्भ में नहीं होते हैं, लेकिन वाक्यांश सामान्य भाषा में पर्याप्त होते हैं कि पाठक से यह आपूर्ति करने की अपेक्षा की जाती है कि इस सामान्य उपयोग से या स्थिति की प्रकृति से क्या छुटी है।
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#### कारण यह एक अनुवाद मुद्दा है
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अपूर्ण वाक्यों य वाक्यांशों को देखने वाले पाठकों को यह पता नहीं चल सकता है कि छुटी जानकारी है जो लेखक को उनसे भरने की उम्मीद है। या पाठक समझ सकते हैं कि जानकारी गायब है, लेकिन वे नहीं जान सकते हैं कि कौन सी जानकारी छुटी है क्योंकि वे मूल बाइबल भाषा, संस्कृति या स्थिति को नहीं जानते हैं जैसा कि मूल पाठकों ने किया था। इस मामले में, वे गलत जानकारी भर सकते हैं। या पाठक पदन्यूनता को गलत समझ सकते हैं यदि वे अपनी भाषा में उसी तरह पदन्यूनता का उपयोग नहीं करते हैं।
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||||
मनुष्य ने अधूरा उत्तर दिया क्योंकि वह विनम्र रहना चाहता और प्रभु से सीधा चंगार्इ नही माँगना चाहता था। वह जानता था कि वह तभी देखने योग्य हो सकता था यदि यीशु उसे चंगा करते।
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### बाइबल से उदाहरण
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#### सापेक्ष पदन्यूनता
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लेखक अपने शब्दों को संक्षिप्त रखना और अच्छा काव्य रूप देना चाहता है। उसने यह नही कहा कि यहोवा शिर्योन को जंगली बछड़े के समान उछालता है, क्योंकि उसे पता है कि पाठक स्वयं इस जानकारी को समझ लेंगे।
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>वह लबानोन को बछड़े के समान और **सिर्योन को सांड के समान** उछालता है।(भजन संहिता 29:6 यूएलबी)
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>वह लबानोन को बछड़े की नार्इ उछालता है और <u>शिर्योन को जंगली बछड़े के समान</u> (भजन संहिता 29:6 ULB)
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लेखक अपने शब्दों को संक्षिप्त रखना और अच्छा काव्य रूप देना चाहता है। भरी गई जानकारी के साथ पूरा वाक्य होगा:
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यदि आपकी भाषा में पदन्यूनता का उपयोग सामान्य है और सही अर्थ देता है, तो इसका उपयोग करें। अन्यथा, अन्य विकल्प निम्न हैं:
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>>वह लबानोन को बछड़े के समान और सिर्योन को बछड़े के समान **उछालता है**
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>
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> इसलिए ध्यान से देखो, कि कैसी चाल चलते हो; **निर्बुद्धियों के समान नहीं पर बुद्धिमानों के समान चलो**। (इफिसियों 5:15)
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1. अपूर्ण वाक्यों या कथनों में गायब शब्दों को भरें
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पाठक को इन वाक्यों के दूसरे भागों में समझने वाली जानकारी को पहले भागों से भरा जा सकता है:
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* **.... जब वह निकट आया, तो यीशु ने उससे पूछा, ‘‘तू क्या चाहता है, कि मैं तेरे लिये करूं?’’ उसने कहा; हे प्रभु <u>यह कि मैं देखने लगूँ </u>** (लूका 18:40-41 ULB)
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ध्यान से देखें, अतः, आप कैसे चलते हैं - **चलना** निर्बुद्धि नहीं, बल्कि **चलना**, जैसा कि बुद्धिमान,
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### अनुवाद रणनीति
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#### निरपेक्ष पदन्यूनता
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### अनुवाद रणनीति प्रयोग के उदाहरण
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> जब वह निकट आया, तो उसने उससे यह पूछा, तू क्या चाहता है, “मैं तेरे लिये करूँ?” उसने कहा, “हे प्रभु, **यह कि मैं देखने लगूँ**।”(लूका 18:40-41 यूएलबी)
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1. अपूर्ण वाक्यों या कथनों में गायब शब्दों को भरें
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ऐसा लगता है कि आदमी ने अधूरा वाक्य में जवाब दिया क्योंकि वह विनम्र होना चाहता था और सीधे यीशु से चंगाई के लिए नहीं पूछता था।वह जानता था कि यीशु समझेंगे कि उनकी दृष्टि को प्राप्त करने का एकमात्र तरीका यीशु के लिए उन्हें ठीक करना होगा। पूरा वाक्य होगा:
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||||
> **इस कारण दुष्ट लोग अदालत में स्थिर न रह सकेंगे, न <u>पापी धर्मियों की मण्डली में</u>** (भजन संहिता 1:5)
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||||
>> .... दुष्ट लोग अदालत में स्थिर न रह सकेंगे, न <u>पापी धर्मियों की मण्डली में</u>** खड़े रह सकेंगे
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||||
|
||||
>> "प्रभु **मैं चाहता हूँ कि तू मुझे चंगा करे ताकि** मैं अपनी दृष्टि प्राप्त कर सकूं।”
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||||
>
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||||
> तीतुस के नाम ... **परमेश्वर पिता और हमारे उद्धारकर्ता मसीह यीशु की ओर से तुझे अनुग्रह और शान्ति होती रहे।** (तीतुस 1:4 यूएलबी)
|
||||
> ..... जब वह निकट आया, तो यीशु ने उससे पूछा, ‘‘तू क्या चाहता है, कि मैं तेरे लिये करूं?’’ उसने कहा; हे प्रभु <u>यह कि मैं देखने लगूँ </u> (लूका 18:40-41 ULB)
|
||||
>> ....जब अंधा निकट आया, तो यीशु ने उससे पूछा, ‘‘तू क्या चाहता है, कि मैं तेरे लिये करूं?’’ उसने कहा; हे प्रभु <u>मैं चाहता हूँ तू मुझे चंगा कर</u> कि मैं देखने लगूँ’’
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||||
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||||
लेखक मानता है कि पाठकआशीर्वाद या इच्छा के इस सामान्य रूप को पहचानेंगे, इसलिए उसे पूरा वाक्य शामिल करने की आवश्यकता नहीं है, जो होगा:
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||||
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||||
>> तीतुस को…आप परमेश्वर पिता और मसीह यीशु से हमारे उद्धारकर्ता की अनुग्रह और शान्ति **प्राप्त करें**।
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### अनुवाद की रणनीतियाँ
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यदि पदन्यूनता आपकी भाषा में स्वाभाविक है और सही अर्थ देगा, तो इसका उपयोग करने पर विचार करें। यदि नहीं, तो यहां एक और विकल्प है:
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(1)अधूरे वाक्यांश या वाक्य में छूटी शब्द जोड़ें।
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### अनुवाद के लिए लागू की गई रणनीतियों के उदाहरण
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(1)अधूरे वाक्यांश या वाक्य में छूटी शब्द जोड़ें।
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> इस कारण दुष्ट लोग अदालत में स्थिर न रह सकेंगे, और **न पापी धर्मियों की मण्डली में ठहरेंगे**; (भजन संहिता 1:5)
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>> इस कारण दुष्ट लोग अदालत में स्थिर न रह सकेंगे, और **पापी धर्मियों की सभा में नहीं खड़े होंगे**।
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>
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> जब वह निकट आया, तो उसने उससे यह पूछा, तू क्या चाहता है, “मैं तेरे लिये करूँ?” उसने कहा, “हे प्रभु, **यह कि मैं देखने लगूँ**।”(लूका 18:40-41)
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||||
>
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||||
>> जब वह निकट आया, तो उसने उससे यह पूछा, तू क्या चाहता है, “मैं तेरे लिये करूँ?” उसने कहा, "प्रभु **मैं चाहता हूँ कि तू मुझे चंगा करे** ताकि मैं अपनी दृष्टि प्राप्त कर सकूं।”
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>
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||||
>>वह लबानोन को बछड़े के समान और **सिर्योन को सांड के समान** उछालता है।(भजन संहिता 29:6)
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>
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>>वह लबानोन को बछड़े के समान और सिर्योन को बछड़े के समान **उछालता है**
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> **वह लबानोन को बछड़े की नार्इ उछालता है और <u>शिर्योन को जंगली बछड़े के समान</u>** (भजन संहिता 29:6)
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>> वह लबानोन को बछड़े की नार्इ उछालता है और <u>वह</u> शिर्योन को जंगली बछड़े के समान<u>उछालता</u> है
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@ -1 +1 @@
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पदन्यूनता क्या है?
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पदन्यूनता क्या है?
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@ -1,45 +1,48 @@
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### वर्णन
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शिष्टोक्ति किसी अप्रिय, दुखी करने वाली या सामाजिक तौर पर अमान्य बात को मृदुल अथवा विनम्र तरीके के कहने का तरीका है, जैसे कि मृत्यु या चुपके से की जाने वाली बातें।
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||||
शिष्टोक्ति किसी अप्रिय, दुखी करने वाली या सामाजिक तौर पर अमान्य बात को मृदु अथवा विनम्र तरीके के कहने का तरीका है, जैसे कि मृत्यु या चुपके से की जाने वाली बातें।
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### परिभाषा
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> … उनको शाऊल और उसके पुत्र गिलबो पहाड़ पर **पड़े** हुए मिले। (1 इतिहास 10:8ब ULT)
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>.... उनको शाऊल और उसके पुत्र गिलबो पहाड़ पर <u>पड़े हुए</u> मिले (1 इतिहास 10:8 ULB)
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इसका अर्थ है कि शाऊल और उसके पुत्र ‘‘मर चुके थे’’। यह शिष्टोक्ति है क्योंकि महत्वपूर्ण यह नही था कि शाऊल और उसके पुत्र पड़े हुए थे परंतु यह कि वे मर चुके थे। कभी कभार लोग ऐसी बातें सीधे बोलना पसंद नही करते हैं क्योंकि वे अप्रिय होती हैं।
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||||
इसका अर्थ है कि शाऊल और उसके पुत्र ‘‘मर चुके थे’’। यह शिष्टोक्ति है क्योंकि महत्वपूर्ण यह नही था कि शाऊल और उसके पुत्र पड़े हुए थे परंतु यह कि वे मर चुके थे। कभी कभार लोग ऐसी बातें सीधे बोलना पसंद नही करते हैं क्योंकि ऐसा बोलना अप्रिय होता है।
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### कारण यह अनुवाद की समस्या है
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||||
विभिé भाषाएँ विभिé शिष्टोक्तियों का उपयोग करती हैं। यदि लक्षित भाषा स्रोत भाषा की तरह समान शिष्टोक्तियों का उपयोग नही करती है, तो पाठकों को उनका अर्थ नही समझ आएगा और वे सोचेंगे कि लेखक लिखे हुए शब्द का शाब्दिक अर्थ ही बता रहा है।
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||||
विभिन्न भाषाएँ विभिन्न शिष्टोक्तियों का उपयोग करती हैं। यदि लक्षित भाषा स्रोत भाषा की तरह समान शिष्टोक्तियों का उपयोग नही करती है, तो पाठकों को उनका अर्थ नही समझ आएगा और वे सोचेंगे कि लेखक लिखे हुए शब्द का शाब्दिक अर्थ ही बता रहा है।
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### बाइबल से उदाहरण
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> .... जहाँ एक गुफा थी और शाऊल दिशा फिरने को उसके भीतर गया.... (1 शमूएल 24:3 ULB)
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> ... जहाँ एक गुफा थी और शाऊल दिशा फिरने को उसके भीतर गया। (1 शमूएल 24:3ब ULT)
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||||
मूल पाठकों को पता चल गया होगा कि शाऊल गुफा का शौचालय की तरह उपयोग कर रहा था परंतु लेखक ठेस पहुँचाने वाली भाषा का उपयोग नही करना चाहता था अत: उसने **विशेष तौर पर नही कहा** कि शाऊल ने गुफा में क्या किया या क्या छोड़कर आया ।
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||||
मूल पाठकों को पता चल गया होगा कि शाऊल गुफा का शौचालय की तरह उपयोग कर रहा था, परंतु लेखक ठेस पहुँचाने वाली भाषा का उपयोग नही करना चाहता था, अत: **उसने विशेष तौर पर नही कहा** कि शाऊल ने गुफा में क्या किया या वह वहाँ क्या छोड़कर आया ।
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||||
>मरियम ने स्वर्गदूत से कहा, यह क्योंकर होगा? मैं तो पुरूष को जानती ही नहीं (लूका 1:34 ULB)
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||||
> परन्तु मरियम ने स्वर्गदूत से कहा, “यह क्योंकर होगा? मैं तो पुरूष को जानती ही नहीं?” (लूका 1:34 ULT)
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||||
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||||
** विनम्रता दिखाने** के लिए, मरियम शिष्टोक्ति को उपयोग कर, कह रही है कि उसने कभी भी किसी पुरूष के साथ लैंगिक संबंध नही बना हैं।
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**विनम्रता** दिखाने के लिए, मरियम शिष्टोक्ति को उपयोग कर कह रही है कि उसने कभी भी किसी पुरूष के साथ लैंगिक संबंध नही बनाया है।
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||||
### अनुवाद रणनीति
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||||
यदि आपकी भाषा में शिष्टोक्ति का उपयोग सामान्य है और सही अर्थ देता है, तो इसका उपयोग करें। यदि नही, तो अन्य विकल्प निम्नलिखित हैं:
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||||
1. अपनी संस्कृति की शिष्टोक्ति के शब्द का उपयोग करें
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||||
1. यदि किसी को ठेस न पहुँचे तो शिष्टोक्ति का उपयोग किए बगैर, उसका सीधा अर्थ लिखें
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||||
(1) अपनी संस्कृति की शिष्टोक्ति के शब्द का उपयोग करें।
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### अनुवाद रणनीति प्रयोग के उदाहरण
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(2) यदि किसी को ठेस न पहुँचे तो शिष्टोक्ति का उपयोग किए बगैर, उसका सीधा अर्थ लिखें।
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1. अपनी संस्कृति की शिष्टोक्ति के शब्द का उपयोग करें
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### अनुवाद रणनीतियों के प्रयोग के उदाहरण
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* **... जहाँ एक गुफा थी तब शाऊल <u>दिशा फिरने</u> को उसके भीतर गया** (1 शमूएल 24:3 ULB) - कुछ भाषाएँ निम्न शिष्टोक्ति का उपयोग कर सकती हैं:
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* .... जहाँ गुफा थी तब शाऊल <u>बड़ा गड्ढ़ा खोदने</u> उसके भीतर गया
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* .... जहाँ गुफा थी तब शाऊल <u>थोड़ा समय अकेले में बिताने</u> उसके भीतर गया
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||||
* **मरियम ने स्वर्गदूत से कहा, यह क्योंकर होगा? मैं तो <u>पुरूष को जानती ही नहीं</u>** (लूका 1:34 ULB)/
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||||
* मरियम ने स्वर्गदूत से कहा, यह क्योंकर होगा, क्योंकि मैं <u>किसी पुरूष को नही जानती</u>
|
||||
(1) अपनी संस्कृति की शिष्टोक्ति के शब्द का उपयोग करें।
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||||
1. यदि किसी को ठेस न पहुँचे तो शिष्टोक्ति का उपयोग किए बगैर, उसका सीधा अर्थ लिखें
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> ... जहाँ एक गुफा थी और शाऊल **दिशा फिरने** को उसके भीतर गया। (1 शमूएल 24:3ब ULT) - कुछ भाषाएँ शिष्टोक्ति का उपयोग कर निम्न तरीके से कर सकती हैं:
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* **तब उनको शाऊल और उसके पुत्र गिलबो पहाड़ पर <u>पड़े हुए </u> मिले** (1 इतिहास 10:8 ULB)
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* तब उनको शाऊल और उसके पुत्र गिलबो पहाड़ पर <u>मरे हुए </u> मिले
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||||
> > “... जहाँ एक गुफा थी और शाऊल **एक गड़हा खोदने के लिए** उसके भीतर गया।
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> > “... जहाँ एक गुफा थी और शाऊल **कुछ समय के लिए एकान्त में रहने के लिए** उसके भीतर गया।
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||||
> परन्तु मरियम ने स्वर्गदूत से कहा, “यह क्योंकर होगा? मैं तो पुरूष को जानती ही नहीं?” (लूका 1:34 ULT)
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> > परन्तु मरियम ने स्वर्गदूत से कहा, “यह क्योंकर होगा? **मैं तो पुरूष को जानती ही नहीं**?” - (यह मूल यूनानी में प्रयुक्त शिष्टोक्ति है)
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(2) यदि किसी को ठेस न पहुँचे तो शिष्टोक्ति का उपयोग किए बगैर, उसका सीधा अर्थ लिखें।
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> … उनको शाऊल और उसके पुत्र गिलबो पहाड़ पर **पड़े** हुए मिले। (1 इतिहास 10:8ब ULT)
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> > “ उनको शाऊल और उसके पुत्र गिलबो पहाड़ पर **मरे** हुए मिले।
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शिष्टोक्ति क्या है?
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@ -1,2 +1 @@
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शिष्टोक्ति
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@ -1,52 +1,57 @@
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### वर्णन
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बाइबल में घटनाओं को उनके घटे हुए क्रम में लिखा गया है। कर्इ बार लेखक किसी एक घटना के बारे में बताना चाहता है जो बतार्इ जा रही घटना से बहुत समय पहले घटी थी। इससे पाठक असमंजस में पड़ सकते हैं।
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बाइबल में घटनाओं को सदैव उनके घटे हुए क्रम में नहीं लिखा गया है। कर्इ बार लेखक किसी एक घटना के बारे में बताना चाहता है जो बतार्इ जा रही घटना से बहुत समय पहले घटी चुकी थी। इससे पाठक असमंजस में पड़ सकते हैं।
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** कारण यह अनुवाद की समस्या है:** पाठक सोच सकते हैं कि घटनाएँ उसी क्रम में घटी हैं जैसे उन्हे बताया गया है। उन्हे घटना का सही क्रम जानना बहुत जरूरी है।
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#### कारण यह अनुवाद की समस्या है:
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पाठक सोच सकते हैं कि घटनाएँ उसी क्रम में घटी हैं जैसे उन्हे बताया गया है। घटनाओं के सही क्रम को समझने में उनकी मदद करना महत्वपूर्ण है।
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### बाइबल से उदाहरण
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> इसलिये हेरोदेस ने ....यूहन्ना को बन्दीगृह में डाल दिया जब सब लोगों ने बपतिस्मा लिया, और यीशु भी बपतिस्मा लेकर... (लूका 3:20-21 ULB)
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> इसलिए हेरोदेस ने उन सबसे बढ़कर यह कुकर्म भी किया, कि यूहन्ना को बन्दीगृह में डाल दिया। जब सब लोगों ने बपतिस्मा लिया, और यीशु भी बपतिस्मा लेकर प्रार्थना कर रहा था, तो आकाश खुल गया। (लूका 3:20-21 ULT)
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इसको पढ़कर लग सकता है कि यूहéा के कैद होने के बाद यीशु का बपतिस्मा हुआ परंतु वास्तव में कैद से पहले उसने यीशु को बपतिस्मा दिया था।
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इसको पढ़कर ऐसे लगे कि यूहन्ना के कैद होने के बाद यीशु का बपतिस्मा हुआ परंतु वास्तव में कैद से पहले ही उसने यीशु को बपतिस्मा दे दिया था।
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>जब यहोशू ये बातें लोगों से कह चुका, तो वे सात याजक जो यहोवा के साम्हने सात नरसिंगे लिये हुए थे नरसिंगे फूंकते हुए चले... और यहोशू ने लोगों को आज्ञा दी, तब तक जयजयकार न करो, कि जब तक मैं तुम्हें जयजयकार करने की आज्ञा न दूं, तुम्हारा कोर्इ शब्द सुनने में न आए आज्ञा पाते ही जयजयकार करना’’ (यहोशू 6:8-10 ULB)
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> और जब यहोशू ये बातें लोगों से कह चुका, तो वे सात याजक जो यहोवा के सामने सात नरसिंगे लिए हुए थे नरसिंगे फूँकते हुए चले, और यहोवा की वाचा का सन्दूक उनके पीछे-पीछे चला। और यहोशू ने लोगों को आज्ञा दी, “जब तक मैं तुम्हें जयजयकार करने की आज्ञा न दूँ, तब तक जयजयकार न करना, और न तुम्हारा कोई शब्द सुनने में आए, न कोई बात तुम्हारे मुँह से निकलने पाए; आज्ञा पाते ही जयजयकार करना।” (यहोशू 6:8-10 ULT)
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ऐसा लग सकता है कि सेना के प्रस्थान करने के बाद यहोशु उन्हे जयजयकार नही करने का आदेश दे रहा है, परंतु उसके आदेश को पाने के पश्चात सेना ने प्रस्थान किया था ।
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ऐसा लग सकता है कि सेना के प्रस्थान करने के बाद यहोशु उन्हें जयजयकार नही करने का आदेश दे रहा है, परंतु उसके आदेश को पाने के पश्चात सेना ने प्रस्थान किया था ।
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> पुस्तक को खोलने और उसकी मुहरें तोड़ने के योग्य कौन है? (प्रकाशितवाक्य 5:2 ULB)
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> पुस्तक को खोलने और उसकी मुहरें तोड़ने के योग्य कौन है? (प्रकाशितवाक्य 5:2ब ULT)
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ऐसा लगता है कि एक व्यक्ति पहले पुस्तक को खोले और फिर मुहर तोड़े, परंतु पुस्तक को बंद करने वाली मुहर को तोड़ने के बाद ही, पुस्तक खोली जाती है।
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ऐसा लगता है कि एक व्यक्ति पहले पुस्तक को खोले और फिर मुहर तोड़े, परंतु पुस्तक को बंद करने वाली मुहर को तोड़ने के बाद ही पुस्तक खोली जाती है।
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### अनुवाद रणनीति
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### अनुवाद रणनीतियाँ
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1. यदि आपकी भाषा में ऐसे कथनों या समय के शब्दों का उपयोग आमतौर पर किया जाता है जहाँ बतार्इ जा रही घटना के साथ पिछली घटनाओं को भी जोड़कर बताया जाता है, तो इस तरीके का उपयोग करें
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(1) यदि आपकी भाषा में ऐसे कथनों या समय के शब्दों का उपयोग आमतौर पर किया जाता है जहाँ बतार्इ जा रही घटना के साथ पिछली घटनाओं को भी जोड़कर बताया जाता है, तो इस तरीके का उपयोग करें।
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(2) यदि आपकी भाषा में क्रियाओं के काल या संबंधित शब्दों का उपयोग आमतौर पर किया जाता है जहाँ बतार्इ जा रही घटना के साथ पिछली घटनाओं को भी बताया जाता है, तो इस तरीके का उपयोग करें [क्रियाओं](../figs-verbs/01.md).) के पहलूओं के खण्ड को देखें।)
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(3) यदि आपकी भाषा घटनाओं को उनके समयानुक्रम में बताने को महत्व देती है तो घटनाओं को उसी क्रम में लिखें। इसमें दो या तीन पदों को एक साथ लिखने की जरूरत पड़ सकती है (जैसे 5-6) (देखें: [पद सम्पर्क](../translate-versebridge/01.md).)
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1. यदि आपकी भाषा में क्रियायों के काल या संबंधित शब्दों का उपयोग आमतौर पर किया जाता है जहाँ बतार्इ जा रही घटना के साथ पिछली घटनाओं को भी बताया जाता है, तो इस तरीके का उपयोग करें ([Verbs](../figs-verbs/01.md) के पहलूओं के सेक्शन को देखें)
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### अनुवाद रणनीतियों के प्रयोग के उदाहरण
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1. यदि आपकी भाषा घटनाओं को उनके समयानुक्रम में बताने को महत्व देती है तो घटनाओं को उसी क्रम में लिखें।
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(1) यदि आपकी भाषा में ऐसे कथनों या समय के शब्दों का उपयोग आमतौर पर किया जाता है जहाँ बतार्इ जा रही घटना के साथ पिछली घटनाओं को भी जोड़कर बताया जाता है, तो इस तरीके का उपयोग करें।
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इसमें दो या तीन पदों को एक साथ लिखने की जरूरत पड़ सकती है (जैसे 5-6) (देखें: [Verse Bridges](../translate-versebridge/01.md))
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> 20 इसलिए हेरोदेस ने उन सबसे बढ़कर यह कुकर्म भी किया, कि यूहन्ना को बन्दीगृह में डाल दिया। जब सब लोगों ने बपतिस्मा लिया, और यीशु भी बपतिस्मा लेकर प्रार्थना कर रहा था, तो आकाश खुल गया। (लूका 3:20-21 ULT)
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### अनुवाद रणनीति प्रयोग के उदाहरण
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> > 20 परन्तु तब हेरोदेस ... ने यूहन्ना को बन्दीगृह में डाल दिया। 21 **यूहन्ना के बन्दीगृह में डाले जाने से पहले** जब सब लोगों को यूहन्ना के द्वारा बपतिस्मा दिया जा रहा था, यीशु ने भी बपतिस्मा लिया।
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1. यदि आपकी भाषा में ऐसे कथनों या समय के शब्दों का उपयोग आमतौर पर किया जाता है जहाँ बतार्इ जा रही घटना के साथ पिछली घटनाओं को भी जोड़कर बताया जाता है, तो इस तरीके का उपयोग करें
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> पुस्तक को खोलने और उसकी मुहरें तोड़ने के योग्य कौन है? (प्रकाशितवाक्य 5:2ब ULT)
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* **<sup>20</sup>इसलिये हेरोदेस ने ....यूहन्ना को बन्दीगृह में डाल दिया। <sup>21</sup>जब सब लोगों ने बपतिस्मा लिया, और यीशु भी बपतिस्मा लेकर प्रार्थना कर रहा था, तो आकाश खुल गया** (लूका 3:20-21 ULB)
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* <sup>20</sup>इसलिये हेरोदेस ने ....यूहन्ना को बन्दीगृह में डाल दिया। <sup>21</sup><u>यूहéा के कैद में जाने से पहले</u>, जब सब लोगों ने बपतिस्मा लिया, और यीशु भी बपतिस्मा लेकर...।
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* **इस पुस्तक के खोलने और उस की मुहरें तोड़ने के योग्य कौन है** (प्रकाशितवाक्य 5:2 ULB)
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* इस पुस्तक की मुहरें तोड़ने <u>के बाद</u>, उसे खोलने के योग्य कौन है?
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> > इस पुस्तक की मुहरें तोड़ने **के बाद** उसे खोलने के योग्य कौन है?
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1. यदि आपकी भाषा में क्रियायों के काल या संबंधित शब्दों का उपयोग आमतौर पर किया जाता है जहाँ बतार्इ जा रही घटना के साथ पिछली घटनाओं को भी बताया जाता है, तो इस तरीके का उपयोग करें
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(2) यदि आपकी भाषा में क्रियाओं के काल या संबंधित शब्दों का उपयोग आमतौर पर किया जाता है जहाँ बतार्इ जा रही घटना के साथ पिछली घटनाओं को भी बताया जाता है, तो इस तरीके का उपयोग करें।
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* **<sup>8</sup>और जब यहोशू ये बातें लोगों से कह चुका, तो वे सात याजक जो यहोवा के साम्हने सात नरसिंगे लिये हुए थे नरसिंगे फूंकते हुए चले ... <sup>10</sup> और यहोशू ने लोगों को आज्ञा दी, तब तक जयजयकार न करो, कि जब तक मैं तुम्हें जयजयकार करने की आज्ञा न दूं, तुम्हारा कोर्इ शब्द सुनने में न आए आज्ञा पाते ही जयजयकार करना’’** (यहोशू 6:8-10 ULB)
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* <sup>8</sup>और जब यहोशू ये बातें लोगों से कह चुका, तो वे सात याजक जो यहोवा के साम्हने सात नरसिंगे लिये हुए थे नरसिंगे फूंकते हुए चले ... <sup>10</sup> और यहोशू ने <u>लोगों को आज्ञा दे रखी थी</u> कि तब तक जयजयकार न करें, कि जब तक मैं तुम्हें जयजयकार करने की आज्ञा न दूं, तुम्हारा कोर्इ शब्द सुनने में न आए आज्ञा पाते ही जयजयकार करना
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> और जब यहोशू ये बातें लोगों से कह चुका, तो वे सात याजक जो यहोवा के सामने सात नरसिंगे लिए हुए थे नरसिंगे फूँकते हुए चले, और यहोवा की वाचा का सन्दूक उनके पीछे-पीछे चला। और यहोशू ने लोगों को आज्ञा दी, “जब तक मैं तुम्हें जयजयकार करने की आज्ञा न दूँ, तब तक जयजयकार न करना, और न तुम्हारा कोई शब्द सुनने में आए, न कोई बात तुम्हारे मुँह से निकलने पाए; आज्ञा पाते ही जयजयकार करना।” (यहोशू 6:8-10 ULT)
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1. यदि आपकी भाषा घटनाओं को उनके समयानुक्रम में बताने को महत्व देती है तो घटनाओं को उसी क्रम में लिखें। इसमें दो या तीन पदों को एक साथ लिखने की जरूरत पड़ सकती है (जैसे 5-6)
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> > 8और जब यहोशू ये बातें लोगों से कह चुका, तो वे सात याजक जो यहोवा के साम्हने सात नरसिंगे लिये हुए थे नरसिंगे फूंकते हुए चले 10 और यहोशू ने लोगों को **आज्ञा दी** थी कि, “तब तक जयजयकार न करो कि जब तक मैं तुम्हें जयजयकार करने की आज्ञा न दूं, तुम्हारा कोर्इ शब्द सुनने में न आए आज्ञा पाते ही जयजयकार करना।
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* **<sup>8</sup>और जब यहोशू ये बातें लोगों से कह चुका, तो वे सात याजक जो यहोवा के साम्हने सात नरसिंगे लिये हुए थे नरसिंगे फूंकते हुए चले ... <sup>10</sup> और यहोशू ने लोगों को आज्ञा दी कि तब तक जयजयकार न करें, कि जब तक मैं तुम्हें जयजयकार करने की आज्ञा न दूं, तुम्हारा कोर्इ शब्द सुनने में न आए आज्ञा पाते ही जयजयकार करना’’** (यहोशू 6:8-10 ULB)
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* <sup>8-10</sup>यहोशु ने लोगों को आज्ञा दी, ‘‘जयजयकार न करो। कि जब तक मैं तुम्हें जयजयकार करने की आज्ञा न दूं, तुम्हारा कोर्इ शब्द सुनने में न आए आज्ञा पाते ही जयजयकार करना’’ तब, जैसे यहोशु ने लोगों को आज्ञा दी थी, वे सात याजक, जो यहोवा के साम्हने सात नरसिंगे लिये हुए थे, नरसिंगे फूंकते हुए चले....
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* **इस पुस्तक के खोलने और उस की मुहरें तोड़ने के योग्य कौन है** (प्रकाशितवाक्य 5:2 ULB)
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* इस पुस्तक की की मुहर तोड़ने और इसे खोलने के योग्य कौन है?
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(3) यदि आपकी भाषा घटनाओं को उनके समयानुक्रम में बताने को महत्व देती है तो घटनाओं को उसी क्रम में लिखें। इसमें दो या तीन पदों को एक साथ लिखने की जरूरत पड़ सकती है (जैसे 5-6)
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> और जब यहोशू ये बातें लोगों से कह चुका, तो वे सात याजक जो यहोवा के सामने सात नरसिंगे लिए हुए थे नरसिंगे फूँकते हुए चले, और यहोवा की वाचा का सन्दूक उनके पीछे-पीछे चला। और यहोशू ने लोगों को आज्ञा दी, “जब तक मैं तुम्हें जयजयकार करने की आज्ञा न दूँ, तब तक जयजयकार न करना, और न तुम्हारा कोई शब्द सुनने में आए, न कोई बात तुम्हारे मुँह से निकलने पाए; आज्ञा पाते ही जयजयकार करना।” (यहोशू 6:8-10 ULT)
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> > 8, 10 और जब यहोशू ने लोगों को यह कहते हुए आज्ञा दी कि, तब तक जयजयकार न करना, और न तुम्हारा कोई शब्द सुनने में आए, न कोई बात तुम्हारे मुँह से निकलने पाए; आज्ञा पाते ही जयजयकार करना।” तब जैसे यहोशू ने लोगों से कहा था ठीक वैसे ही सात याजक जो यहोवा के साम्हने सात नरसिंगे लिये हुए थे नरसिंगे फूंकते हुए चले...
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> पुस्तक को खोलने और उसकी मुहरें तोड़ने के योग्य कौन है? (प्रकाशितवाक्य 5:2ब ULT)
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> > इस पुस्तक की की मुहर तोड़ने और इसे खोलने के योग्य कौन है?
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आप http://ufw.io/figs_events पर वीडियो भी देख सकते हैं।
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घटनाओं को उनके घटे हुए क्रम में क्यों नही लिखा गया है और मैं उनका अनुवाद कैसे करूँ?
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घटनाओं का क्रम
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@ -1,73 +1,78 @@
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### वर्णन
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विष्मयाधिबोधक चिन्ह वे शब्द अथवा वाक्य हैं जो चकित होने, खुशी, डर या क्रोध जैसी सशक्त भावनाओं को प्रकट करते हैं। ULB और UDB में, वे आमतौर पर अंत में (!) का उपयोग करते हैं। चिन्ह दिखाता है कि उसमें विष्मय (स्तम्भित होना) है। लोग की बातों के हालात एवं अर्थ यह समझने में हमारी मदद करते हैं कि उनमें कौनसी भावनाएँ मौजूद हैं।
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विस्मयादिबोधक चिन्ह वे शब्द अथवा वाक्य हैं जो चकित होने, खुशी, डर या क्रोध जैसी सशक्त भावनाओं को प्रकट करते हैं। ULT और UST में, वे आमतौर पर अंत में विस्मय चिन्ह (!) का उपयोग करते हैं। यह चिन्ह दिखाता है कि यह एक विस्मय है। लोगों ने जो कहा, उसकी स्थिति और अर्थ हमें यह समझने में सहायता करता है कि वे किन भावनाओं को व्यक्त कर रहे थे। मत्ती 8 से नीचे दिए गए उदाहरण में, वक्ता बहुत अधिक डरे हुए थे। मत्ती 9 से लिए गए उदाहरण में, वक्ता आश्चर्यचकित थे, क्योंकि कुछ ऐसा हुआ था जो उन्होंने पहले कभी नहीं देखा था।
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निम्नलिखित मती 8 के उदाहरण में, वक्ता बहुत अधिक डरे हुए थे।
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> हे प्रभु; हमें बचा, हम नाश हुए जाते हैं! (मत्ती 8:25ब ULT)
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मती 9 के उदाहरण में, वक्ता बहुत अधिक चकित थे क्योंकि उन्होने जीवन में पहली बार ऐसा कुछ देखा था।
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>हे प्रभु; हमें बचा, हम नाश हुए जाते हैं! (मत्ती 8:25 ULB)
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>और जब दुष्टात्मा निकाल दी गर्इ, तो गूंगा बोलने लगा; भीड़ ने अचम्भा करके कहा, ‘‘इस्राएल में ऐसा कभी नहीं देखा गया!’’ (मत्ती 9:33 ULB)
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> और जब दुष्टात्मा निकाल दी गर्इ, तो गूंगा बोलने लगा। भीड़ ने अचम्भा करके कहा, ‘‘इस्राएल में ऐसा कभी नहीं देखा गया!’’ (मत्ती 9:33 ULT)
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### कारण यह अनुवाद की समस्या है
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भाषाओं में यह प्रकट करने के विभिé तरीके हैं कि एक वाक्य कितनी शक्तिशाली भावनाओं को प्रकट कर रहा है।
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भाषाओं में यह प्रकट करने के विभिन्न तरीके होते हैं कि एक वाक्य कितनी अधिक शक्तिशाली भावनाओं को प्रकट कर रहा है।
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### बाइबल से उदाहरण
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कुछ विष्मयाधिबोधक चिन्हों में शब्द होते हैं जो भावनाओं को प्रकट करते हैं।
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कुछ विस्मयादिबोधक चिन्हों में एक शब्द होता है जो भावनाओं को प्रकट करता है। नीचे लिखें वाक्यों में वे ‘‘आहा’’ और ‘‘हाय’’ हैं। ‘‘आहा’’ शब्द वक्ता के अचंभित होने को दिखाता है।
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नीचे लिखें वाक्यों में वे ‘‘आहा’’ और ‘‘हाय’’ हैं। ‘‘आहा’’ शब्द वक्ता के अचंभित होने को दिखाता है।
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> **आहा **, परमेश्वर का धन और बुद्धि और ज्ञान क्या ही गंभीर है! (रोमियों 11:33 ULT)
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><u>आहा!</u> परमेश्वर का धन और बुद्धि और ज्ञान क्या ही गंभीर है! (रोमियों 11:33 ULB)
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शब्द ‘‘हाय’’ बताता है कि गिदोन अत्याधिक भयभीत था।
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‘‘हाय’’ शब्द बताता है कि यहोशु भयभीत था
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>जब गिदोन ने जान लिया कि वह यहोवा का दूत था । गिदोन कहने लगा, “**हाय**, प्रभु यहोवा! मैंने तो यहोवा के दूत को साक्षात देखा है!’’ (न्यायियों 6:22 ULT)
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>जब गिदोन ने जान लिया कि वह यहोवा का दूत था । गिदोन कहने लगा, ‘‘<u>हाय</u>, प्रभु यहोवा! मैंने तो यहोवा के दूत को साक्षात देखा है!’’ (न्यायियों 6:22 ULB)
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> कुछ विस्मयादिबोधक चिन्ह ‘‘कैसे’’ या ‘‘क्यों’’ जैसे प्रश्नों से आरम्भ होते हैं, यद्यपि वे प्रश्न नही होते हैं। नीचे के कथन बताते हैं कि वक्ता इस बात से चकित है कि परमेश्वर के विचार कितने गहरे हैं।
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कुछ विष्मयाधिबोधक चिन्ह ‘‘कैसे’’ या ‘‘क्यों’’ जैसे प्रश्नों से शुरू होते हैं, यद्यपि वे प्रश्न नही हैं। नीचे के कथन बताते हैं कि वक्ता इस बात से चकित है कि परमेश्वर के विचार कितने गहरे हैं।
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> उसके विचार **कैसे** अथाह, और उसके मार्ग कैसे अगम हैं! (रोमियों 11:33 (रोमियों 11:33ब ULT)
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> उसके विचार <u>कैसे अथाह</u>, और उसके मार्ग कैसे अगम हैं! (रोमियों 11:33 ULB)
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बाइबल के कुछ विस्मयादिबोधक चिन्हों में मुख्य क्रिया नही होती है। नीचे लिखे विस्मयादिबोधक चिन्ह दिखाते हैं कि वक्ता उन लोगों से नाराज है जिनसे वह बात कर रहा है।
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बाइबल के कुछ विष्मयाधिबोधक चिन्हों में मुख्य क्रिया नही होती है। नीचे लिखे विष्मयाधिबोधक चिन्ह दिखाते हैं कि वक्ता उन लोगों से नाराज है जिनसे वह बात कर रहा है।
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> अरे मूर्ख! (मत्ती 5:22ब ULT)
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>अरे मूर्ख! (मत्ती 5:22 ULB)
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### अनुवाद रणनीतियाँ
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### अनुवाद रणनीति
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(1) आपकी भाषा में विस्मयादिबोधक चिन्ह को यदि क्रिया की जरूरत हैं तो जोड़ें । अक्सर एक अच्छी क्रिया ‘‘है’’ या ‘‘हैं’’ होती है।
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(2) अपनी भाषा के उन विस्मयादिबोधक चिन्हों उपयोग करें जो सशक्त भावनाओं को दिखाते हैं।
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(3) विस्मयादिबोधक चिन्हों का अनुवाद वाक्य के साथ करें जो भावनाओं को दिखाते हैं।
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(4) वाक्य के भाग पर बल देने वाले शब्द का उपयोग करें जो सशक्त भावनाओं को दिखाते हैं
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(5) यदि लक्षित भाषा में शक्तिशाली भावना स्पष्ट नही हैं, तो बताएँ कि व्यक्ति को कैसा लगा।
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1. आपकी भाषा में विष्मयाधिबोधक चिन्ह को यदि क्रिया की जरूरत हैं तो जोड़ें । अक्सर एक अच्छी क्रिया ‘‘है’’ सा ‘‘हैं’’ होती है।
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1. अपनी भाषा के उन विष्मयाधिबोधक चिन्हों उपयोग करें जो सशक्त भावनाओं को दिखाते हैं
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1. विष्मयाधिबोधक चिन्हों का अनुवाद वाक्य के साथ करें जो भावनाओं को दिखाते हैं
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1. वाक्य के भाग पर बल देने वाले शब्द का उपयोग करें जो सशक्त भावनाओं को दिखाते हैं
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1. यदि लक्षित भाषा में शक्तिशाली भावना स्पष्ट नही हैं, तो बताएँ कि व्यक्ति को कैसा लगा
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### अनुवाद रणनीतियों के प्रयोग के उदाहरण
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### अनुवाद रणनीति प्रयोग के उदाहरण
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(1) आपकी भाषा में विस्मयादिबोधक चिन्ह को यदि क्रिया की जरूरत हैं तो जोड़ें । अक्सर एक अच्छी क्रिया ‘‘है’’ या ‘‘हैं’’ होती है।
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1. आपकी भाषा में विष्मयाधिबोधक चिन्ह को यदि क्रिया की जरूरत हैं तो जोड़ें। अक्सर एक अच्छी क्रिया ‘‘है’’ सा ‘‘हैं’’ होती है।
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> अरे मूर्ख! (मत्ती 5:22ब ULT)
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* **अरे मूर्ख!** (मत्ती 5:22 ULB)
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* **आहा! परमेश्वर का धन और बुद्धि और ज्ञान की गंभीरता!** (रोमियों 11:33 ULB)
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* आहा! परमेश्वर का धन और बुद्धि और ज्ञान कितने गंभीर <u>हैं!</u>
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> > “तुम तो इतने अधिक मूर्ख व्यक्ति **हो**!"
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1. अपनी भाषा के उन विष्मयाधिबोधक चिन्हों उपयोग करें जो सशक्त भावनाओं को दिखाते हैं। नीचे लिखे ‘‘वाह!’’शब्द बताता है कि वे आश्चर्यचकित थे। ‘‘अरे नही’’ का भाव बताता है कि कुछ भयानक अथवा डरावना हुआ था
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> आहा, परमेश्वर का धन और बुद्धि और ज्ञान क्या ही गंभीर है! (रोमियों 11:33 ULT)
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* **और वे बहुत ही आश्चर्य में होकर कहने लगे, उस ने जो कुछ किया सब अच्छा किया है। वह बहिरों को सुनने, की, और गूंगों को बोलने की शक्ति देता है** (मरकुस 7:37 ULB)
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* वे बहुत ही आश्चर्य में होकर कहने लगे, <u>वाह! </u> उस ने जो कुछ किया सब अच्छा किया है वह बहिरों को सुनने, की, और गूंगों को बोलने की शक्ति देता है’’
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* **हाय, प्रभु यहोवा! मैं ने तो यहोवा के दूत को साक्षात देखा है** (न्यायियों 6:22 ULB)
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* ‘‘__अरे नही__, प्रभु यहोवा! मैं ने तो यहोवा के दूत को साक्षात देखा है!’’
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>> “आहा, परमेश्वर का धन और बुद्धि और ज्ञान क्या ही गंभीर **है**!”
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1. विष्मयाधिबोधक चिन्हों का अनुवाद वाक्य के साथ करें जो भावनाओं को दिखाते हैं
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(2) अपनी भाषा के उन विस्मयादिबोधक चिन्हों उपयोग करें जो सशक्त भावनाओं को दिखाते हैं। नीचे दिए गए पहले सुझाए गए अनुवाद में, "वाह" शब्द से पता चलता है कि वे चकित थे। दूसरे सुझाए गए अनुवाद में, अभिव्यक्ति "ओह नहीं" से पता चलता है कि कुछ भयानक या भयावह हुआ है।
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* **<u>हाय </u>, प्रभु यहोवा! मैं ने तो यहोवा के दूत को साक्षात देखा है!’’** (न्यायियों 6:22 ULB)
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* प्रभु यहोवा, <u>मेरे साथ क्या होगा</u>? क्योंकि मैंने यहोवा के दूत को साक्षात देखा है!
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* <u>मदद कर</u>, प्रभु यहोवा! मैंने यहोवा के दूत को साक्षात देखा है!
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> और वे बहुत ही आश्चर्य में होकर कहने लगे, "उस ने जो कुछ किया सब अच्छा किया है। वह बहिरों को सुनने, की, और गूंगों को बोलने की शक्ति देता है।" (मरकुस 7:37 ULT)
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1. वाक्य के भाग पर बल देने वाले शब्द का उपयोग करें जो सशक्त भावनाओं को दिखाते हैं
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> > और वे बहुत ही आश्चर्य में होकर कहने लगे, ‘**वाह** ! उस ने जो कुछ किया सब अच्छा किया है। वह बहिरों को सुनने, की, और गूंगों को बोलने की शक्ति देता है।'"
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* **उसके विचार कैसे अथाह, और उसके मार्ग कैसे अगम हैं** (रोमियों 11:33 ULB)
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* उसके विचार <u>बहुत</u> अथाह, और उसके मार्ग </u>बड़े</u> अगम हैं
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>हाय, प्रभु यहोवा! मैं ने तो यहोवा के दूत को साक्षात देखा है! (न्यायियों 6:22ब ULT)
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1. यदि लक्षित भाषा में शक्तिशाली भावना स्पष्ट नही हैं, तो बताएँ कि व्यक्ति को कैसा लगा
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>> ‘‘**अरे नही** , प्रभु यहोवा! मैं ने तो यहोवा के दूत को साक्षात देखा है!’’
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* **गिदोन ने जान लिया कि वह यहोवा का दूत था । तब गिदोन कहने लगा, <u>हाय</u>, प्रभु यहोवा! मैं ने तो यहोवा के दूत को साक्षात देखा है!** (न्यायियों 6:22 ULB)
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* गिदोन को पता चला कि वह यहोवा का दूत था। <u>वह भयभीत हो गया</u> और कहने लगा, <u>हाय!</u> प्रभु यहोवा! मैं ने तो यहोवा के दूत को साक्षात देखा है!’’ (न्यायियों 6:22 ULB)
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(3) विस्मयादिबोधक चिन्हों का अनुवाद वाक्य के साथ करें जो भावनाओं को दिखाते हैं।
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>**हाय**, हे मेरे प्रभु यहोवा, इस कारण से मैं ने यहोवा के दूत को साक्षात देखा है! ” (न्यायियों 6:22 ULT)
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> > प्रभु यहोवा, **मेरे साथ क्या होगा**? क्योंकि मैंने यहोवा के दूत को साक्षात देखा है!
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> > **मदद कर** प्रभु यहोवा! मैंने यहोवा के दूत को साक्षात देखा है!
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(4) वाक्य के भाग पर बल देने वाले शब्द का उपयोग करें जो सशक्त भावनाओं को दिखाते हैं
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> उसके विचार कैसे अथाह, और उसके मार्ग कैसे अगम हैं (रोमियों 11:33ब ULT)
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> > "उसके विचार **बहुत** अथाह, और उसके मार्ग **बड़े** अगम हैं!"
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(5) यदि लक्षित भाषा में शक्तिशाली भावना स्पष्ट नही हैं, तो बताएँ कि व्यक्ति को कैसा लगा।
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> गिदोन ने जान लिया कि वह यहोवा का दूत था । तब गिदोन कहने लगा, “**हाय,** प्रभु यहोवा! मैं ने तो यहोवा के दूत को साक्षात देखा है!" (न्यायियों 6:22 ULT)
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> > "गिदोन को पता चला कि वह यहोवा का दूत था। **वह भयभीत हो गया** और कहने लगा, **हाय! **, प्रभु यहोवा! मैं ने तो यहोवा के दूत को साक्षात देखा है!’’
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@ -1,2 +1 @@
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पौधों के कौनसे उदाहरणों का उपयोग बाइबल में अलंकार के रूप में किया गया है?
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विस्मयादिबोधक को अनुवाद करने के तरीके क्या हैं?
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विस्मयादिबोधक
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* **अनुमानित ज्ञान** वो ज्ञान है जो एक वक्ता सोचता है कि उसके बोलने या किसी प्रकार की सूचना देने से पहले ही **उसके श्रोता जानते हैं**। वक्ता श्रोताओं दर्शकों को यह जानकारी नहीं देता है क्योंकि उनका मानना है कि वे पहले से ही इसे जानते हैं।
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* **अनुमानित ज्ञान** वो ज्ञान है जो एक वक्ता सोचता है कि उसके बोलने या किसी प्रकार की सूचना देने से पहले ही उसके श्रोता जानते हैं। वक्ता श्रोताओं को दो तरीके से सूचनाएँ देता है:
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* जब " वक्ता दर्शकों को जानकारी देता है , वह दो तरीकों से ऐसा कर सकता है:
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* **सुस्पष्ट** वक्ता अपनी बात सीधी बोलता है।
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* **अंतर्निहित** वक्ता अपनी बात सीधी नही बोलता है क्योंकि वह चाहता है कि उसकी बातों को सुनकर श्रोता स्वयं उसे जानें या सीखें।
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### वर्णन
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### विवरण
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जब कोई लिखता या बोलता है, वह लोगों को कुछ विशेष देना चाहता है कि वे जानें, करें या सोचें। अक्सर वह उस बात को सीधे कहता है। यह है **सूस्पष्ट जानकारी **।
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जब कोर्इ लिखता या बोलता है, वह लोगों को कुछ विशेष देना चाहता है कि वे जानें, करें या सोचें। अक्सर वह उस बात को सीधे कहता है। यह है **सूस्पष्ट जानकारी **।
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वक्ता अनुमान लगाता है कि श्रोताओं को पहले से ही कुछ पता है और अब इस सूचना को समझने के लिए उनके बारे में सोचना जरूरी है। अक्सर वह लोगों को ये बातें नही बताता है क्योंकि उन्हे पहले से ही पता होता है। यह है **अनुमानित ज्ञान**।
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@ -20,7 +19,7 @@
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### बाइबल से उदाहरण
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>और एक शास्त्री ने पास आकर उससे कहा, “हे गुरु, जहाँ कहीं तू जाएगा, मैं तेरे पीछे-पीछे हो लूँगा।” यीशु ने उससे कहा, “लोमड़ियों के **भट** और आकाश के पक्षियों के **बसेरे** होते हैं; परन्तु मनुष्य के पुत्र के लिये सिर धरने की भी जगह नहीं है।” (मत्ती 8:20 यूएलबी)
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||||
> तब एक शास्त्री ने पास आकर उससे कहा, “हे गुरु, जहाँ कहीं तू जाएगा, मैं तेरे पीछे-पीछे हो लूँगा।” यीशु ने उससे कहा, “लोमड़ियों ***के भट*** और आकाश के पक्षियों ***के बसेरे*** होते हैं; परन्तु मनुष्य के पुत्र के लिये सिर धरने की भी जगह नहीं है।” (मत्ती 8:20 ULB)
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यीशु ने यह नही कहा कि लोमड़ी या पक्षी भट और बसेरे किसके लिए इस्तेमाल करते हैं, क्योंकि उसका अनुमान था कि शास्त्री को यह पता होगा कि लोमड़ियाँ भट में और पक्षी बसेरों से रहते हैं। यह **अनुमानित ज्ञान** है
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@ -32,7 +31,7 @@
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यहाँ **अंतर्निहित सूचना** का एक महत्वपूर्ण कथन यह है कि **चूँकि** उन लोगों ने मन नही फिराया, जिनसे यीशु बात कर रहा था, उनका न्याय सोर और सीदोन के लोगों से भी अधिक कठिन होगा।
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> तेरे चेले प्राचीनों की परम्पराओं\को क्यों टालते हैं, कि ***बिना हाथ धोए रोटी खाते हैं*** (मत्ती 15:2 यूएलबी)
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||||
> तेरे चेले प्राचीनों की परम्पराओं\को क्यों टालते हैं, कि ***बिना हाथ धोए रोटी खाते हैं*** (मत्ती 15:2 ULB)
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प्राचीनों की परंपराओं में से एक यह थी जिसमें लोग भोजन करने से पहले परंपरागत तरीके से अपने हाथों को धोया करते थे। लोगों का मानना था कि धर्मी बनने के लिए, प्राचीनों की परंपराओं का पालन करना जरूरी था । यह **अनुमानित ज्ञान** था कि फरीसी जिनसे यीशु बात कर रहे थे, वे ये बातें जानते थे। यह कहकर, वे चेलों पर परंपराओं का पालन नही करने एवं धर्मी नही होने का आरोप लगा रहे थे। **अंतर्निहित सूचना** थी कि वे चाहते थे कि वह उनकी बातों को समझें ।
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@ -47,28 +46,26 @@
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1. यदि पाठक अनुमानित ज्ञान नही होने के कारण संदेश को नही समझ पा रहे हैं, तो उस ज्ञान को सुस्पष्ट ज्ञान के रूप में लिखें
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> यीशु ने उससे कहा, “लोमड़ियों के **भट** और आकाश के पक्षियों के **बसेरे** होते हैं; परन्तु मनुष्य के पुत्र के लिये सिर धरने की भी जगह नहीं है।” (मत्ती 8:20 यूएलबी) - अनुमानित ज्ञान यह था कि लोमड़ी भटों में और पक्षी बसेरों में सोते हैं
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||||
>> यीशु ने उससे कहा, ‘‘लोमड़ी **भट में रहती** और आकाश के पक्षी **बसेरे में रहते** हैं; परन्तु मनुष्य के पुत्र के लिये सिर धरने की भी जगह नहीं है।’’
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||||
>
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||||
> न्याय के दिन तुम्हारी दशा से **सूर और सैदा** की दशा अधिक सहने योग्य होगी। (मत्ती 11:22 यूएलबी) - अनुमानित ज्ञान यह था कि सोर और सीदोन के लोग बहुत, बहुत दुष्ट थे। इसे सुस्पष्ट बताया जा सकता है
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||||
>**यीशु ने उससे कहा, ‘‘लोमड़ियों के ***भट*** और आकाश के पक्षियों के ***बसेरे*** होते हैं; परन्तु मनुष्य के पुत्र के लिये सिर धरने की भी जगह नहीं है।’’** (मत्ती 8:20 ULB) - अनुमानित ज्ञान यह था कि लोमड़ी भटों में और पक्षी बसेरों में सोते हैं
|
||||
>> यीशु ने उससे कहा, ‘‘लोमड़ी ***भट में रहती*** और आकाश के पक्षी ***बसेरे में रहते*** हैं; परन्तु मनुष्य के पुत्र के लिये सिर धरने की भी जगह नहीं है।’’
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||||
> ** मैं तुम से कहता हूँ; कि ***न्याय के दिन*** तुम्हारी दशा से सोर और सीदोन की दशा अधिक सहने योग्य होगी। ** (मत्ती 11:21-22 ULB) - अनुमानित ज्ञान यह था कि सोर और सीदोन के लोग बहुत, बहुत दुष्ट थे। इसे सुस्पष्ट बताया जा सकता है
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>> .... न्याय के दिन तुम्हारी दशा से *** सोर और सीदोन जिसके लोग बहुत दुष्ट थे*** की दशा अधिक सहने योग्य होगी
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||||
>> या:
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||||
>> ... न्याय के दिन तुम्हारी दशा से ***दूष्ट शहर सोर और सीदोन *** की दशा अधिक सहने योग्य होगी
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>या:
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||||
>> ... न्याय के दिन तुम्हारी दशा से ***दूष्ट शहर सोर और सीदोन *** की दशा अधिक सहने योग्य होगी
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>
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> **तेरे चेले पुरनियों की रीतों को क्यों टालते हैं? वे ***बिना हाथ धोए*** रोटी खाते हैं** (मत्ती 15:2 यूएलबी) - अनुमानित ज्ञान यह था कि प्राचीनों की परंपराओं में से एक यह थी जिसमें लोग भोजन करने से पहले परंपरागत तरीके से अपने हाथ धोया करते थे कि वे धर्मी बन सकें। यह रोगों से बचने के लिए किटाणुओं को मारने का तरीका नही था जसा एक आधुनिक पाठक समझता होगा।
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>
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> **तेरे चेले पुरनियों की रीतों को क्यों टालते हैं? वे ***बिना हाथ धोए रोटी खाते हैं***** (मत्ती 15:2 ULB) - अनुमानित ज्ञान यह था कि प्राचीनों की परंपराओं में से एक यह थी जिसमें लोग भोजन करने से पहले परंपरागत तरीके से अपने हाथ धोया करते थे कि वे धर्मी बन सकें। यह रोगों से बचने के लिए किटाणुओं को मारने का तरीका नही था जसा एक आधुनिक पाठक समझता होगा ।
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>> तुम्हारे चेले प्राचीनों की प्रथा को क्यों तोड़ते हैं? क्योंकि ***वे धर्मी बनने के लिए, हाथ धाने की पवित्र प्रथा का पालन नही करते हैं*** जब वे रोटी खाते हैं
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(2) यदि पाठक अंतर्निहित सूचना की जानकारी नही होने के कारण, संदेश को नही समझ पा रहे हैं, तो उस कथन को स्पष्ट तौर पर लिखें परंतु उसे इस प्रकार लिखें जिससे श्रोताओं को यह नही लगे कि यह सूचना नई थी।
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||||
(2) यदि पाठक अंतर्निहित सूचना की जानकारी नही होने के कारण, संदेश को नही समझ पा रहे हैं, तो उस कथन को स्पष्ट तौर पर लिखें परंतु उसे इस प्रकार लिखें जिससे श्रोताओं को यह नही लगे कि यह सूचना नर्इ थी
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||||
> **तब एक शास्त्री ने पास आकर उससे कहा, ‘‘हे गुरू, जहाँ कहीं तू जाएगा, मैं तेरे पीछे पीछे हो लूंगा।’’ यीशु ने उससे कहा, लोमड़ियों के भट और आकाश के पक्षियों के बसेरे होते हैं; परन्तु मनुष्य के पुत्र के लिये सिर धरने की भी जगह नहीं है।** (मत्ती 8:20 यूएलबी) - अंतनिर्हित सूचना यह है कि यीशु स्वयं मनुष्य का पुत्र है । एक और अंतर्निहित सूचना यह है कि यदि शास्त्री यीशु के पीछे चलना चाहता है, तो उसे यीशु के समान बिना घर के जीना पड़ता।
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>
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>> यीशु ने उससे कहा, लोमड़ियों के भट और आकाश के पक्षियों के बसेरे होते हैं; परन्तु **मनुष्य के पुत्र** के लिये **सिर धरने की भी जगह नहीं है। यदि तुम मेरे पीछे चलोगे, तो तुम भी वहाँ जी पाओगे जहाँ मैं जीता हूँ**
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>
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||||
> ** न्याय के दिन तुम्हारी दशा से सोर और सीदोन की दशा अधिक सहने योग्य होगी। ** इसे सुस्पष्ट बनाया जा सकता है. (मत्ती 11:22 यूएलबी) - निहित जानकारी यह है कि परमेश्वर न केवल लोगों का न्याय करेगा; वह उन्हें सज़ा देगा। इसे स्पष्ट किया जा सकता है।
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||||
>> न्याय के दिन परमेश्वर आपको मिलने वाले दण्ड से कम **सोर और सीदोन को दण्ड** देगा जहाँ के लोग दुष्ट हैं।
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||||
> **तब एक शास्त्री ने पास आकर उससे कहा, ‘‘हे गुरू, जहाँ कहीं तू जाएगा, मैं तेरे पीछे पीछे हो लूंगा।’’ यीशु ने उससे कहा, लोमड़ियों के भट और आकाश के पक्षियों के बसेरे होते हैं; परन्तु मनुष्य के पुत्र के लिये सिर धरने की भी जगह नहीं है।** (मत्ती 8:20 ULB) - अंतनिर्हित सूचना यह है कि यीशु स्वयं मनुष्य का पुत्र है । एक और अंतर्निहित सूचना यह है कि यदि शास्त्री यीशु के पीछे चलना चाहता है, तो उसे यीशु के समान बिना घर के जीना पड़ता।
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>> यीशु ने उससे कहा, लोमड़ियों के भट और आकाश के पक्षियों के बसेरे होते हैं; परन्तु ***मनुष्य के पुत्र*** के लिये ***सिर धरने की भी जगह नहीं है। यदि तुम मेरे पीछे चलोगे, तो तुम भी वहाँ जी पाओगे जहाँ मैं जीता हूँ ***
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> ** न्याय के दिन तुम्हारी दशा से सोर और सीदोन की दशा अधिक सहने योग्य होगी। ** इसे सुस्पष्ट बनाया जा सकता है. (मत्ती 11:22 ULT) - निहित जानकारी यह है कि परमेश्वर न केवल लोगों का न्याय करेगा; वह उन्हें सज़ा देगा। इसे स्पष्ट किया जा सकता है।
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>...> न्याय के दिन परमेश्वर आपको मिलने वाले दण्ड से कम *** सोर और सीदोन को दण्ड*** देगा जहाँ के लोग दुष्ट हैं
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>> या:
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>> न्याय के दिन परमेश्वर आपको *** सोर और सीदोन से अधिक दण्ड*** देगा जहाँ के लोग दुष्ट हैं।
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@ -2,17 +2,17 @@
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जब एक वक्ता दो शब्दों के उपयोग से एक विचार को बताता है तो ‘‘और’’ से जुड़े होते हैं, उसे ‘‘हेन्डियडिस’’ कहते हैं। हेन्डियडिस में दो शब्द एक साथ कार्य करते हैं। आमतौर पर, उनमें से एक शब्द प्राथमिक होता है एवं दूसरा शब्द पहले का वर्णन करता है।
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> .... अपने **राज्य और महिमा** में (1 थिस्सलुनीकियों 2:12 यूएलबी)
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||||
> .... अपने ***राज्य और महिमा***में (1 थिस्सलुनीकियों 2:12 ULB)
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‘‘राज्य’’ और ‘‘महिमा’’ दोनों संज्ञाएँ हैं, महिमा बताता है कि राज्य कैसा है: यह एक **महिमा का राज्य है** या **महान राज्य है।**
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"और" से जुड़े दो वाक्यांश भी किसी एक व्यक्ति, चीज या घटना को संदर्भित करते समय एक हेन्डियडिस हो सकते हैं।
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> और उस **धन्य आशा की** अर्थात् **अपने महान परमेश्वर और उद्धारकर्ता यीशु मसीह की महिमा के प्रगट होने** की प्रतीक्षा करते रहें। (तीतुस 2:13 यूएलबी)
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||||
> और उस ***धन्य आशा की*** अर्थात् ***अपने महान परमेश्वर और उद्धारकर्ता यीशु मसीह की महिमा के प्रगट होने*** की प्रतीक्षा करते रहें। (तीतुस 2:13 ULB)
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तीतुस 2:13 में दो हेन्डियडिस शामिल हैं। "धन्य आशा" और "महिमा के प्रगट होने " एक ही बात को संदर्भित करते हैं और इस विचार को मजबूत करने के लिए सेवा करते हैं कि यीशु मसीह की वापसी बहुत प्रत्याशित और अद्भुत है। इसके अलावा, "हमारे महान परमेश्वर" और "उद्धारकर्ता यीशु मसीह" एक व्यक्ति को संदर्भित करते हैं, दो नहीं।
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### कारण यह एक अनुवाद मुद्दा है
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### कारण यह अनुवाद की समस्या है
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* अक्सर हेन्डियडिस में एक भाववाचक संज्ञा होती है। कुछ भाषाओं में शायद इसी अर्थ की संज्ञाएँ न हों।
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* कर्इ सारी भाषाएँ हेन्डियडिस का उपयोग नही करतीं, इसलिए लोगों को शायद पता न चले कि दो शब्द एक साथ कैसे कार्य करते हैं और एक दूसरे की व्याख्या कैसे करता है।
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@ -20,11 +20,11 @@
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### बाइबल से उदाहरण
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> क्योंकि मैं तुम्हें ऐसा **बोल और बुद्धि** दूँगा (लूका 21:15 यूएलबी)
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> क्योंकि मैं तुम्हें ऐसा ***बोल और बुद्धि*** दूँगा (लूका 21:15 ULB)
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‘‘बोल’’ और ‘‘बुद्धि’’ संज्ञाएँ हैं, परंतु अलंकार भाषा में ‘‘बुद्धि’’ ‘‘शब्दों’’ का वर्णन करती है।
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> ... यदि तुम आज्ञाकारी होकर मेरी मानो... (यशायाह 1:19 यूएलबी)
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||||
> ... यदि तुम आज्ञाकारी होकर मेरी मानो... (यशायाह 1:19 ULB)
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‘‘चाहना’’ और ‘‘आज्ञा मानना’’ विशेषण हैं परंतु ‘‘चाहना’’ ‘‘आज्ञा मानना’’ का वर्णन करता है।
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@ -42,37 +42,38 @@
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1. वर्णन करने वाली संज्ञा के बदले में एक वाक्य लगाएँ जिसका समान अर्थ हो
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> मैं तुम्हें ऐसा **शब्द और बुद्धि** दूंगा (लूका 21:15 यूएलबी)
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>> मैं तुम्हें **बुद्धिमान शब्द** दूंगा
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||||
>
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||||
> कि तुम्हारा चाल चलन परमेश्वर के योग्य हो, जो तुम्हें **अपने राज्य और महिमा** में बुलाता है (1 थिस्सलुनीकियों 2:12 यूएलबी)
|
||||
>> कि तुम्हारा चाल चलन परमेश्वर के योग्य हो, जो तुम्हें **अपने महिमा के राज्य** में बुलाता है
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||||
* **मैं तुम्हें ऐसा ***शब्द और बुद्धि *** दूंगा** (लूका 21:15 ULB)
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||||
>> मैं तुम्हें ***बुद्धिमान शब्द*** दूंगा
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||||
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||||
> **कि तुम्हारा चाल चलन परमेश्वर के योग्य हो, जो तुम्हें ***अपने राज्य और महिमा*** में बुलाता है** (1 थिस्सलुनीकियों 2:12 ULB)
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||||
>> कि तुम्हारा चाल चलन परमेश्वर के योग्य हो, जो तुम्हें ***अपने महिमा के राज्य*** में बुलाता है
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(2) वर्णन करने वाली संज्ञा को एक वाक्यांश के साथ प्रतिस्थापित करें जिसका अर्थ समान है।
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> क्योंकि मैं तुम्हें ऐसा **शब्द और बुद्धि** दूंगा (लूका 21:15 यूएलबी)
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>> क्योंकि मैं तुम्हें ऐसा **बुद्धिमान शब्द** दूंगा
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> **क्योंकि मैं तुम्हें ऐसा ***शब्द और बुद्धि*** दूंगा** (लूका 21:15 ULB)
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||||
>> क्योंकि मैं तुम्हें ऐसा ***बुद्धिमान शब्द*** दूंगा
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> कि तुम्हारा चाल चलन परमेश्वर के योग्य हो, जो तुम्हें **अपने राज्य और महिमा** में बुलाता है (1 थिस्सलुनीकियों 2:12 यूएलबी)
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||||
>>कि तुम्हारा चाल चलन परमेश्वर के योग्य हो, जो तुम्हें **अपने राज्य और महिमा** में बुलाता है
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||||
> **कि तुम्हारा चाल चलन परमेश्वर के योग्य हो, जो तुम्हें ***अपने राज्य और महिमा*** में बुलाता है** (1 थिस्सलुनीकियों 2:12 ULB)
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>>कि तुम्हारा चाल चलन परमेश्वर के योग्य हो, जो तुम्हें ***अपने राज्य और महिमा*** में बुलाता है**
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(3)वर्णन करने वाली विशेषण के बदले में एक क्रिया-विशेषण लगाएँ जिसका समान अर्थ हो
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> यदि तुम **चाहते** और **आज्ञा** मानते हो... (यशायाह 1:19 यूएलबी)
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>> यदि तुम **आज्ञा मानना चाहते** हो...
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> **... यदि तुम ***चाहते*** और ***आज्ञा*** मानते हो...** (यशायाह 1:19 ULB)
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>> यदि तुम ***आज्ञा मानना चाहते*** हो...
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(4) उसकी जगह पर अन्य शब्द भेद लगाएँ जिसका समान अर्थ हो और दिखाए कि एक शब्द दूसरे का वर्णन कर रहा है
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> यदि तुम **चाहते और आज्ञा मानते** हो... (यशायाह 1:19 यूएलबी)
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***यदि तुम ***चाहते और आज्ञा मानते*** हो...** (यशायाह 1:19 ULB)
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विशेषण ‘‘आज्ञा’’ की जगह पर ‘‘आज्ञा मानना’’ आ सकता है
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- विशेषण ‘‘आज्ञा’’ की जगह पर ‘‘आज्ञा मानना’’ आ सकता है
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>> यदि तुम **आज्ञा मानना चाहते**
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>> यदि तुम ***आज्ञा मानना चाहते***
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(4) और (5) यदि यह स्पष्ट नहीं है कि केवल एक ही चीज़ है, तो वाक्यांश को बदल दें ताकि यह स्पष्ट हो।
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> और उस **धन्य आशा की** अर्थात् **अपने महान परमेश्वर और उद्धारकर्ता यीशु मसीह की महिमा के प्रगट होने** की प्रतीक्षा करते रहें। (तीतुस 2:13 यूएलबी)
|
||||
> और उस ***धन्य आशा की*** अर्थात् ***अपने महान परमेश्वर और उद्धारकर्ता यीशु मसीह की महिमा के प्रगट होने*** की प्रतीक्षा करते रहें। (तीतुस 2:13 ULT)
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||||
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||||
संज्ञा "महिमा" को विशेषण "गौरवशाली" में बदला जा सकता है ताकि यह स्पष्ट हो सके कि यीशु का ऐसा दिखना वह है जिसकी हम आशा करते हैं। इसके अलावा, "यीशु मसीह" को वाक्यांश के सामने ले जाया जा सकता है और "महान परमेश्वर और उद्धारकर्ता" को एक सापेक्ष खंड में डाल दिया जाता है जो एक व्यक्ति, यीशु मसीह का वर्णन करता है।
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||||
>> जबकि हम प्राप्त करने के लिए तत्पर हैं **हम किस चीज के लिए तरस रहे हैं, धन्य और शानदार दिखने वाला** **यीशु मसीह, जो हमारा महान परमेश्वर और उद्धारकर्ता** है।
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||||
>> जबकि हम प्राप्त करने के लिए तत्पर हैं *** हम किस चीज के लिए तरस रहे हैं, धन्य और शानदार दिखने वाला ***यीशु मसीह, जो हमारा महान परमेश्वर और उद्धारकर्ता*** है।
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@ -1,35 +1,35 @@
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### विवरण
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एक वक्ता या लेखक किसी बात को कहने के लिए समान शब्दों का उपयोग कर सकता है जिसका अर्थ,है कि पूरा सच, या आमतौर पर सही या अतिशयोक्ति भी कह सकता है। और इसीलिए एक कथन को समझने का निर्णय लेने में कठिनाई हो सकती है। उदाहरण के लिए निचे दिए गए वाक्य का तिन अलग-अलग अर्थ हो सकता है
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||||
एक वक्ता या लेखक किसी बात को कहने के लिए समान शब्दों का उपयोग कर सकता है जिसका अर्थ,है कि पूरा सच, या आमतौर पर सही या अतिशयोक्ति भी कह सकता है। और इसीलिए एक कथन को समझने का निर्णय लेने में कठिनार्इ हो सकती है। उदाहरण के लिए निचे दिए गए वाक्य का तिन अलग-अलग अर्थ हो सकता है
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* यहाँ हर रात बरसात होती है
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* यहाँ हर रात बरसात होती है*
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1. वक्ता एकदम सही बोल रहा है जैसा लिखा है कि यहाँ हर रात बरसात होती है
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1. वक्ता एक आत बात बोल रहा है जो वहाँ **सामान्य तौर पर** होता है कि वहाँ लगभग हर रात बरसात होती है
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1. वक्ता इसे **अतिशयोक्ति** के रूप में यह कहना चाहता है कि यहाँ सामान्य तरीके से अधिक बरसात होती है जिससे वह बरसात की तादाद को अधिक बल देकर, खुशी या नाराजगी जाहिर करते हुए कहना चाहता है।
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1. वक्ता एक आत बात बोल रहा है जो वहाँ सामान्य तौर पर होता है कि वहाँ लगभग हर रात बरसात होती है
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1. वक्ता इसे अतिशयोक्ति के रूप में यह कहना चाहता है कि यहाँ सामान्य तरीके से अधिक बरसात होती है जिससे वह बरसात की तादाद को अधिक बल देकर, खुशी या नाराजगी जाहिर करते हुए कहना चाहता है।
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**अतिशयोक्ति** : यह एक अलंकार है जिसमें बढ़ा चढ़ाकर बताना अथवा **अत्युक्ति** वक्ता असामान्य या बड़े शब्दों में कुद कहना चाहता है, जिससे वह इसके बारे में, अपनी भावना या विचार को प्रकट कर सके। वह आशा करता है कि लोग उसकी अत्युक्ति को पहचान सकें।
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>और तुझ में **पत्थर पर पत्थर** भी न छोड़ेंगे; (लूका 19:44 यूएलबी)
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>वे तुझमें <u>पत्थर पर पत्थर भी</u> न छोड़ेंगे (लूका 19:44 ULB)
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* यह अतिशयोक्ति है इसका अर्थ है है कि दुश्मन पूरे यरूशलेम का नाश कर डालेंगे।
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* यह अत्युक्ति है* इसका अर्थ है है कि दुश्मन पूरे यरूशलेम का नाश कर डालेंगे
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>और मूसा को **मिस्रियों की सारी विद्या** पढ़ाई गई (प्रेरितों के काम 7:22 यूएलबी)
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### कारण यह अनुवाद की समस्या है >और मूसा को मिस्रियों की <u>सारी विद्या</u> पढ़ार्इ गर्इ (प्रेरितों के काम 7:22 ULB)
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* ये अतिशयोक्ति का अर्थ है कि उसने मिस्र की अधिकतर विद्याएँ सीख ली थीं। और इस तरह किसी भी मिस्री के रूप में शिक्षित किया गया था।
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* ये सामान्यीकरण का अर्थ है कि उसने मिस्र की अधिकतर विद्याएँ सीख ली थीं।*और इस तरह किसी भी मिस्री के रूप में शिक्षित किया गया था।
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**सामान्यीकरण:** एक कथन जो अक्सर सही होता है और जिसे हर परिस्थिति में लागु किया जा सकता है।
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>जो शिक्षा को अनसुनी करता वह **निर्धन हो जाता है और अपमान पाता है**,
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>परन्तु जो डाँट को मानता, उसकी **महिमा होती** है। (नीतिवचन 13:18)
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>जो शिक्षा को सुनी-अनसुनी करता, वह <u>निर्धन होता और अपमान पाता</u> है,
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>परन्तु जो डाँट को मानता, उसकी <u>महिमा होती</u> है (नीतिवचन 13:18)
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* ये सामान्यीकरण उन लोगों के बारे में बताते हैं जो सामान्य रूप से उन लोगों के साथ होते हैं जो निर्देश की उपेक्षा करते हैं और सामान्य रूप से उन लोगों के साथ होते हैं जो सुधार से सीखते हैं। इन बयानों में कुछ अपवाद हो सकते हैं, लेकिन वे आम तौर पर सच हैं।
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>प्रार्थना करते समय **अन्यजातियों के समान बक-बक न करो; क्योंकि वे समझते हैं कि उनके बार-बार बोलने से उनकी सुनी जाएगी।** (मत्ती 6:7)
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>प्रार्थना करते समय <u>अन्यजातियों की नार्इ बक बक न करो; क्योंकि वे समझते हैं कि उनके बहुत बोलने से उन की सुनी जाएगी</u> (मत्ती 6:7)
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* ये सामान्यीकरण बताता है कि अन्यजाति किस कार्य के लिए विख्यात थे। कई अन्यजातियों ने ऐसा किया। अगर कुछ नहीं किया तो कोई बात नहीं। मुद्दा यह था कि श्रोताओं को इस प्रसिद्ध अभ्यास में शामिल नहीं होना चाहिए।
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* ये सामान्यीकरण बताता है कि अन्यजाति किस कार्य के लिए विख्यात थे* कई अन्यजातियों ने ऐसा किया। अगर कुछ नहीं किया तो कोई बात नहीं। मुद्दा यह था कि श्रोताओं को इस प्रसिद्ध अभ्यास में शामिल नहीं होना चाहिए।
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यद्यपि अतिशयोक्ति या सामान्यीकरण में ‘‘सब’’, ‘‘हमेशा’’, ‘‘कोई नही’’ या ‘‘कभी नही’’ जैसे शक्तिशाली लगने वाले शब्द हो सकते हैं, इसका मतलब यह नही है उनका अर्थ **बिल्कुल वही** होगा। इसका मतलब हो सकता है, ‘‘अक्सर’’, ‘‘अधिकतर’’ या ‘‘कभी कभार’’।
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कर्इ अन्यजातियों ने ऐसा किया होगा। यद्यपि सामान्यीकरण में ‘‘सब’’, ‘‘हमेशा’’, ‘‘कोर्इ नही’’ या ‘‘कभी नही’’ जैसे शक्तिशाली लगने वाले शब्द हो सकते हैं, इसका मतलब यह नही है उनका अर्थ बिल्कुल वही होगा। इसका मतलब हो सकता है, ‘‘अक्सर’’, ‘‘अधिकतर’’ या ‘‘कभी कभार’’।
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#### कारण यह एक अनुवाद मुद्दा है
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### बाइबल से उदाहरण
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### अतिशयोक्ति के उदाहरण
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### अत्युक्ति के उदाहरण
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> यदि तेरा हाथ तुझे ठोकर खिलाएँ तो उसे **काट डाल** टुण्डा होकर जीवन में प्रवेश करना, तेरे लिये इससे भला है..... (मरकुस 9:43 यूएलबी)
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>यदि तेरा हाथ तुझे ठोकर खिलाए तो उसे <u>काट डाल</u> टुंडा होकर जीवन में प्रवेश करना, तेरे लिये इससे भला है..... (मरकुस 9:43 ULB)
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जब यीशु ने हाथ काट डालने को कहा, तो उसका मतलब था कि हमें पाप को रोकने के लिए **कुछ भी कठिन कार्य** करना पड़े, तो करने को तैयार हों। वह इस अतिशयोक्ति का उपयोग कर पाप को रोकने की गंभीरता को दिखा रहे हैं।
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||||
जब यीशु ने हाथ काट डालने को कहा, तो उसका मतलब था कि हमें पाप को रोकने के लिए <u>कुछ भी कठिन कार्य</u> करना पड़े, तो करने को तैयार हों। वह इस अतिशयोक्ति का उपयोग कर पाप को रोकने की गंभीरता को दिखा रहे हैं।
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||||
> पलिश्ती इस्राएल से युद्ध करने के लिये इकट्ठे हो गए, अर्थात् तीस हजार रथ, और छः हजार सवार, और **समुद्र तट के रेतकणों के समान बहुत से** लोग इकट्ठे हुए;
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(1 शमूएल 13:5 ULB)
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>और पलिश्ती इस्राएल से युद्ध करने के लिये इकट्ठे हो गए: तीस हजार रथ, और छ: हजार सवार, और <u>समुद्र के तीर की बालू के किनकों के समान</u> बहुत से लोग इकट्ठे हुए (1 शमूएल 13:5 ULB)
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उक्त रेखांकित शब्द सा वाक्य एक अत्युक्ति है। इसका अर्थ है कि पलिस्तीनों के साथ बहुत सारे सैनिक थे। इसका मतलब है कि फिलिस्तीन की सेना में *** कई, कई *** सैनिक थे।
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उक्त रेखांकित शब्द सा वाक्य एक अत्युक्ति है। इसका अर्थ है कि पलिस्तीनों के साथ <u>बहुत सारे सैनिक</u> थे। इसका मतलब है कि फिलिस्तीन की सेना में *** कई, कई *** सैनिक थे।
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>वरन् जैसे वह अभिषेक जो उसकी ओर से किया गया तुम्हें **सब बातें** सिखाता है, और यह सच्चा है, और झूठा नहीं और जैसा उसने तुम्हें सिखाया है वैसे ही तुम उसमें बने रहते हो। (1 यूहन्ना 2:27 यूएलबी)
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>वरन जैसे वह अभिषेक... तुम्हें <u>सब बातें</u> सिखाता है, और यह सच्चा है, और झूठा नहीं: और जैसा उस ने तुम्हें सिखाया है वैसे ही तुम उसमें बने रहते हो। (1 यूहन्ना 2:27 ULB)
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यह एक अतिशयोक्ति है। यह इस आश्वासन को व्यक्त करता है कि परमेश्वर की आत्मा के बारे में सिखाती है **जो हमें जानना आवश्यक है**। परमेश्वर की आत्मा हमें हर उस चीज़ के बारे में नहीं सिखाती जिसे जानना संभव है।
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यह एक हाइपरबोले है। यह इस आश्वासन को व्यक्त करता है कि परमेश्वर की आत्मा हमें *** के बारे में सिखाती है जो हमें *** जानना आवश्यक है। परमेश्वर की आत्मा हमें हर उस चीज़ के बारे में नहीं सिखाती जिसे जानना संभव है।
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>जब वह मिला, तो उससे कहा; “**सब** लोग तुझे ढूँढ़ रहे हैं।” (मरकुस 1:37 यूएलबी)
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>‘‘जब वह मिला, तो उससे कहा कि <u>सब लोग</u> तुझे ढूंढ रहे हैं’’ (मरकुस 1:37 ULB)
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चेलों ने यीशु से कहा कि सब लोग उसे खोज रहे थे। उनका मतलब यह नही था कि शहर के सब लोग उसे खोज रहे थे, परंतु **कई लोग** अथवा घनिष्ठ मित्र उसे ढ़ूँढ़ रहे थे। यह भावना व्यक्त करने के उद्देश्य से एक अतिशयोक्ति है कि वे और कई अन्य लोग उसके बारे में चिंतित थे।
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चेलों ने यीशु से कहा कि सब लोग उसे खोज रहे थे। उनका मतलब यह नही था कि शहर के सब लोग उसे खोज रहे थे, परंतु <u>कर्इ लोग</u> अथवा घनिष्ठ मित्र उसे ढ़ूँढ़ रहे थे। यह भावना व्यक्त करने के उद्देश्य से एक अतिशयोक्ति है कि वे और कई अन्य लोग उसके बारे में चिंतित थे।
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### सामान्यीकरण के उदाहरण
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>**क्या कोई अच्छी वस्तु भी नासरत से निकल सकती है?** (यूहन्ना 1:46 यूएलबी)
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> *** क्या नाज़रथ से कुछ अच्छा निकल सकता है? *** (यूहन्ना 1:46 ULB)
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यह अलंकारिक प्रश्न सामान्यीकरण को व्यक्त करने के लिए है कि नाज़रथ में कुछ भी अच्छा नहीं है। वहां के लोगों की प्रतिष्ठा अशिक्षित होने और कड़ाई से धार्मिक न होने के कारण थी। बेशक, अपवाद थे।
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> उन्हीं में से एक जन ने जो उन्हीं का भविष्यद्वक्ता हैं, कहा है, “**क्रेती लोग सदा झूठे, दुष्ट पशु और आलसी पेटू होते हैं**।" (तीतुस 1:12 ULB)
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> उनमें से एक, अपने स्वयं के पैगंबरों में से एक ने कहा है, "*** क्रेते के लोग हमेशा झूठे, दुष्ट जानवर, आलसी घंटी हैं।" (तीतुस 1:12 ULB)
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यह एक सामान्यीकरण है जिसका अर्थ है कि क्रेते के लोगों की प्रतिष्ठा इस तरह से थी क्योंकि सामान्य तौर पर, क्रेते के लोगों का व्यवहार कैसा होता है। यह संभव है कि यह अपवाद थे।
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>**जो काम में ढिलाई करता है, वह निर्धन हो जाता है,परन्तु कामकाजी लोग अपने हाथों के द्वारा धनी होते हैं**। (नीतिवचन 10: 4 ULB)
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> *** एक आलसी हाथ गरीबी का कारण बनता है, लेकिन मेहनती का हाथ उसे अमीर बनाता है ***। (नीतिवचन 10: 4 ULB)
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यह आम तौर पर सच है और अधिकांश लोगों के अनुभव को दर्शाता है। यह संभव है कि कुछ परिस्थितियों में अपवाद हो।
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### चेतावनी
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यह मत समझो कि कुछ अतिशयोक्ति है क्योंकि यह असंभव प्रतीत होता है। परमेश्वर आश्चर्यकर्म करते हैं।
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>उन्होंने यीशु को **झील पर चलते**, और नाव के निकट आते देखा,...।(युहन्ना 6:19 यूएलबी)
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>उन्होंने यीशु को <u>झील पर चलते</u>, और नाव के निकट आते देखा (युहन्ना 6:19 ULB)
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यह अतिशयोक्ति नही है। यीशु वास्तव में जल पर चले थे। यह सच्चा कथन है ।
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यह अनुमान न लगाएँ कि जहाँ भी ‘‘सब’’ आता है, उसका अर्थ हमेशा ‘‘अधिकतर’’ होता है।
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> यहोवा अपनी **सब** गति में धर्मी
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>
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> और अपने **सब** कामों मे करूणामय है (भजन संहिता 145:17 यूएलबी)
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>यहोवा अपनी सब गति में धर्मी
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>और अपने सब कामों मे करूणामय है (भजन संहिता 145:17 ULB)
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यहोवा सदा धर्मी है। यह पूरा सच्चा कथन है।
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1. अतिशयोक्ति के बिना अर्थ व्यक्त करें।
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1. सामान्यीकरण के लिए, ‘‘सामान्य तौर पर’’ या ‘‘अक्सर’’ जैसे शब्दों का उपयोग कर बताएँ कि यह सामान्यीकरण है
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||||
1. अतिशयोक्ति या सामान्यीकरण के लिए, ‘‘अधिकतर’’ या ‘‘लगभग’’ जैसे शब्द जोड़ें जिससे पता चले कि अतिशयोक्ति या सामान्यीकरण एकदम सही नही है
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||||
1. ‘‘सब’’, ‘‘हमेशा’’, ‘‘कोई नही’’ या ‘‘कभी नही’’ का उपयोग करने वाले अतिशयोक्ति या सामान्यीकरण में उन शब्दों को हटाने की कोशिश करें
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||||
1. सामान्यीकरण के लिए, ‘‘अधिकतर’’ या ‘‘लगभग’’ जैसे शब्द जोड़ें जिससे पता चले कि सामान्यीकरण एकदम सही नही है
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||||
1. ‘‘सब’’, ‘‘हमेशा’’, ‘‘कोर्इ नही’’ या ‘‘कभी नही’’ का उपयोग करने वाले सामान्यीकरण में उन शब्दों को हटाने की कोशिश करें
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### अनुवाद रणनीतियों के प्रयोग के उदाहरण
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1. अतिशयोक्ति के बिना अर्थ व्यक्त करें।
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> पलिश्ती इस्राएल से युद्ध करने के लिये इकट्ठे हो गए, अर्थात् तीस हजार रथ, और छः हजार सवार, और **समुद्र तट के रेतकणों के समान बहुत से लोग इकट्ठे हुए**; (1 शमूएल 13:5 यूएलबी)
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||||
>>पलिश्ती इस्राएल से युद्ध करने के लिये इकट्ठे हो गए: तीस हजार रथ, और छ: हजार सवार, और **एक बड़ी संख्या में लोग इकट्ठे हुए**।
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||||
* **पलिश्ती इस्राएल से युद्ध करने के लिये इकट्ठे हो गए: तीस हजार रथ, और छ: हजार सवार, और <u>समुद्र के तीर की बालू के किनकों के समान</u> बहुत से लोग इकट्ठे हुए** (1 शमूएल 13:5 ULB)
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||||
* पलिश्ती इस्राएल से युद्ध करने के लिये इकट्ठे हो गए: तीस हजार रथ, और छ: हजार सवार, और <u>एक बड़ी संख्या में</u> लोग इकट्ठे हुए
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(2) सामान्यीकरण के लिए, ‘‘सामान्य तौर पर’’ या ‘‘अक्सर’’ जैसे शब्दों का उपयोग कर बताएँ कि यह सामान्यीकरण है
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> जो शिक्षा को अनसुनी करता वह **निर्धन हो जाता है और अपमान पाता है**,...(नीतिवचन 13:18 यूएलबी)
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>>**सामान्य तौर पर**, जो शिक्षा को सुनी-अनसुनी करता वह निर्धन होता और अपमान पाता है
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>
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>प्रार्थना करते समय अन्यजातियों के समान बक-बक न करो; क्योंकि वे समझते हैं कि उनके बार-बार बोलने से उनकी सुनी जाएगी। (मत्ती 6:7)
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>
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>>प्रार्थना करते समय अन्यजातियों के समान, **जैसा वो अक्सर करते हैं** बक बक न करो; क्योंकि वे समझते हैं कि उनके बहुत बोलने से उनकी सुनी जाएगी
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* **जो शिक्षा को सुनी-अनसुनी करता वह निर्धन होता और अपमान पाता है...** (नीतिवचन 13:18 ULB)
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* <u>सामान्य तौर पर</u>, जो शिक्षा को सुनी-अनसुनी करता वह निर्धन होता और अपमान पाता है...
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(3) अतिशयोक्ति या सामान्यीकरण के लिए, ‘‘अधिकतर’’ या ‘‘लगभग’’ जैसे शब्द जोड़ें जिससे पता चले कि अतिशयोक्ति या सामान्यीकरण एकदम सही नही है
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* **प्रार्थना करते समय अन्यजातियों की नार्इ बक बक न करो; क्योंकि वे समझते हैं कि उनके बहुत बोलने से उनकी सुनी जाएगी** (मत्ती 6:7 ULB)
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* प्रार्थना करते समय अन्यजातियों की नार्इ, <u>जैसा वो अक्सर करते हैं</u> बक बक न करो; क्योंकि वे समझते हैं कि उनके बहुत बोलने से उनकी सुनी जाएगी
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(3) सामान्यीकरण के लिए, ‘‘अधिकतर’’ या ‘‘लगभग’’ जैसे शब्द जोड़ें जिससे पता चले कि सामान्यीकरण एकदम सही नही है
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* और <u>सारे</u> यहूदिया देश के, और यरूशलेम के <u>सब रहनेवाले</u> निकलकर उसके पास गए (मरकुस 1:5 ULB)
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* और <u>करीब सारे के सारे</u> यहूदिया देश के, और यरूशलेम के <u>करीब सब के सब रहनेवाले</u> निकलकर उसके पास गए
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> **सारे** यहूदिया के, और यरूशलेम के **सब** रहनेवाले निकलकर उसके पास गए,(मरकुस 1:5 यूएलबी)
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>
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> > और **करीब सारे के सारे** यहूदिया देश के, और यरूशलेम के **करीब सब के सब रहनेवाले** निकलकर उसके पास गए
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>
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>> या:
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>
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>>और **लगभग सारे** यहूदिया देश के, और यरूशलेम के **लगभग सब रहनेवाले** निकलकर उसके पास गए
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(4) ‘‘सब’’, ‘‘हमेशा’’, ‘‘कोई नही’’ या ‘‘कभी नही’’ का उपयोग करने वाले अतिशयोक्ति या सामान्यीकरण में उन शब्दों को हटाने की कोशिश करें
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* और <u>लगभग सारे</u> यहूदिया देश के, और यरूशलेम के <u>लगभग सब रहनेवाले</u> निकलकर उसके पास गए
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>**सारे** यहूदिया के, और यरूशलेम के **सब** रहनेवाले निकलकर उसके पास गए,(मरकुस 1:5 यूएलबी)
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>> यहूदिया देश और यरूशलेम के लोग निकलकर उसके पास गए
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1. ‘‘सब’’, ‘‘हमेशा’’, ‘‘कोर्इ नही’’ या ‘‘कभी नही’’ का उपयोग करने वाले सामान्यीकरण में उन शब्दों को हटाने की कोशिश करें
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* **और <u>सारे</u> यहूदिया देश के, और यरूशलेम के <u>सब रहनेवाले</u> निकलकर उसके पास गए** (मरकुस 1:5 ULB)
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* यहूदिया देश और यरूशलेम के लोग निकलकर उसके पास गए
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### बाइबल से उदाहरण
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अक्सर वक्तागण श्रोताओं को कुछ करने के लिए कहने को आदेशात्मक वाक्यों का उपयोग करे हैं। उत्पति 26 में, परमेश्वर इसहाक को मिस्र में नही, परंतु जहाँ वह कहे, वहाँ जाकर रहने को कहता है।
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अक्सर वक्तागण श्रोताओं को कुछ करने के लिए कहने के लिए आदेशात्मक वाक्यों का उपयोग करते हैं। उत्पति 26 में, परमेश्वर इसहाक को मिस्र में नही परंतु जहाँ वह कहे वहाँ जाकर रहने के लिए कहता है।
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> वहाँ यहोवा ने उसको दर्शन देकर कहा, <u>मिस्र में मत जा</u>; जो देश मैं तुझे बताऊँ, उसी में रह। (उत्पति 26:2 ULB)
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> वहाँ यहोवा ने उसको दर्शन देकर कहा, मिस्र में "**मत जा; जो देश मैं तुझे बताऊँ, उसी में **रह** (उत्पति 26:2 ULT)
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कर्इ बार, बाइबल में आदेशात्मक वाक्यों के अन्य उपयोग भी होते हैं।
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कर्इ बार बाइबल में आदेशात्मक वाक्यों के अन्य उपयोग भी होते हैं।
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### आदेश जो चीजों को पूरा करवाते हैं
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#### आदेश जो चीजों को पूरा करवाते हैं
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परमेश्वर आदेश के द्वारा चीजों को पूरी करवा सकता है और वे होती हैं। यीशु ने एक व्यक्ति को चंगा होने का आदेश देकर चंगा किया। वह व्यक्ति आदेश का पालन करने के लिए कुछ भी नही कर सकता था, परंतु यीशु ने आदेश देकर उस व्यक्ति की चंगार्इ को पूरा किया (’’शुद्ध हो’’ का अर्थ है ‘‘चंगा हो’’)
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||||
परमेश्वर आदेश के द्वारा चीजों को पूरी करवा सकता है और वे होती हैं। यीशु ने एक व्यक्ति को चँगा होने का आदेश देकर चँगा किया। वह व्यक्ति आदेश का पालन करने के लिए कुछ भी नही कर सकता था, परंतु यीशु ने आदेश देकर उस व्यक्ति की चंगार्इ को पूरा किया (इस संदर्भ में "शुद्ध हो" का अर्थ ‘‘चंगा हो’’ जाने से है ताकि आसपास के अन्य लोगों को पता चले कि उस व्यक्ति को फिर से स्पर्श करना सुरक्षित था।)
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> मैं चाहता हूँ, तू <u>शुद्ध</u> हो जा’’ और वह तुरन्त कोढ़ से शुद्ध हो गया (मत्ती 8:3 ULB)
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> "मैं चाहता हूँ, **तू शुद्ध हो जा**." और वह तुरन्त कोढ़ से शुद्ध हो गया (मत्ती 8:3ब ULT)
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उत्पति 1 में परमेश्वर ने आदेश दिया कि रोशनी हो, और आज्ञा देने की वजह से ऐसा हो गया। कुछ भाषाओं जैसे बाइबल की भाषा इब्री में, कुछ आदेशों को तृतीय पुरूष रूप में दिया जाता है। अंग्रेजी में ऐसा नही है, इसीलिए ULB के समान, तृतीय पुरूष रूप को द्वितीय पुरूष में बदलना जरूरी है।
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उत्पति 1 में, परमेश्वर ने आदेश दिया कि उजियाला हो, और आज्ञा देने के कारण से ऐसा हो गया। कुछ भाषाओं जैसे बाइबल की भाषा इब्रानी में, कुछ आदेशों को तृतीय पुरूष रूप में दिया जाता है। अंग्रेजी में ऐसा नही है, इसीलिए ULT के समान, तृतीय पुरूष रूप को द्वितीय पुरूष में बदलना जरूरी है:
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> परमेश्वर ने कहा, <u>उजियाला हो</u>: तो उजियाला हो गया (उत्पत्ति 1:3 ULB)
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> परमेश्वर ने कहा, उजियाला “**हो**, तो उजियाला हो गया। (उत्पत्ति 1:3 ULT)
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तृतीय पुरूष रूप का उपयोग करने वाली भाषाएँ मूलभूत इब्री भाषा की तरह कार्य कर सकती हैं जो निम्न प्रकार का अनुवाद करती हैं, ‘‘रोशनी को अवश्य उत्पé होना है’’
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तृतीय पुरूष रूप का उपयोग करने वाली भाषाएँ मूलभूत इब्रानी भाषा की तरह कार्य कर सकती हैं, जो निम्न प्रकार का अनुवाद करती हैं, "उजियाला को अवश्य ही उत्पन्न होना है।’’
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### आदेशात्मक वाक्य जो आशीषों के रूप में कार्य करते हैं
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#### आदेशात्मक वाक्य जो आशीषों के रूप में कार्य करते हैं
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बाइबल में, परमेश्वर लोगों को आदेशात्मक तरीके का उपयोग कर आशीष दे सकता है। इससे पता चलता है कि उनके लिए उसकी इच्छा क्या है।
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> परमेश्वर ने उनको आशीष दी और उनसे कहा, <u>फूलो-फलो</u>, और पृथ्वी में <u>भर जाओ</u>, और उसको अपने <u>वश में कर लो</u>; और समुद्र की मछलियों, तथा आकाश के पक्षियों, और पृथ्वी पर रेंगनेवाले सब जन्तुओ पर अधिकार रखो।’’
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> परमेश्वर ने उनको आशीष दी और उनसे कहा, “**फूलो** और **फलो**, और पृथ्वी में **भर** जाओ, और उसको अपने **वश** में कर लो; और समुद्र की मछलियों, तथा आकाश के पक्षियों, और पृथ्वी पर रेंगनेवाले सब जन्तुओ पर **अधिकार रखो**." (उत्पत्ति 1:28 ULT)
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### आदेशात्मक वाक्य जो शर्तों के रूप में कार्य करते हैं
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#### आदेशात्मक वाक्य जो शर्तों के रूप में कार्य करते हैं
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आदेशात्मक वाक्यों का उपयोग उन शर्तो को बताने के लिए भी किया जा सकता है जिसके तहत कोर्इ चीज पूरी होगी। यह कहावत जीवन और चीजों के बारे में वे बातें बताती है जो अक्सर हुआ करती हैं।
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आदेशात्मक वाक्य का उपयोग उस **शर्त** को बताने के लिए भी किया जा सकता है जिसके अधीन कोर्इ कार्य पूरा होगा। यह कहावत जीवन और चीजों के बारे में वे बातें बताती है जो अक्सर हुआ करती हैं। नीचे लिखे नीतिवचन 4:6 का उद्देश्य एक आदेश देना नही है, परंतु यह शिक्षा देना है कि **यदि** लोग बुद्धि से प्रेम से करें तो वे किस बात की प्रतीक्षा कर सकते हैं।
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नीचे लिखे नीतिवचन 4:6 का उद्देश्य एक आदेश देना नही है, परंतु सिखाना है कि ‘‘यदि’’ लोग बुद्धि से प्रेम से करें तो किस बात की प्रतीक्षा कर सकते हैं।
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>**बुद्धि** को न छोड़, वह तेरी रक्षा करेगी;
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> उस से **प्रीति** रख, वह तेरा पहरा देगी उस से प्रीति रख, वह तेरा पहरा देगी। (नीतिवचन 4:6 ULT)
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> बुद्धि को <u>न छोड़</u>, वह तेरी रक्षा करेगी; उस से प्रीति रख, वह तेरा पहरा देगी
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> उस से <u>प्रीति</u> रख, वह तेरा पहरा देगी (नीतिवचन 4:6 ULB)
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नीचे लिखे नीतिवचन 22:6 का उद्देश्य एक आदेश देना नही है, परंतु यह शिक्षा देना है कि यदि वे अपने बच्चों को उस मार्ग की शिक्षा देते जिस पर उन्हें चलना चाहिए तो वे किस बात की प्रतीक्षा कर सकते हैं।
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नीचे लिखे नीतिवचन 22:6 का उद्देश्य एक आदेश देना नही है, परंतु सिखाना है कि ‘‘यदि’’ लोग बुद्धि से प्रेम से करें तो किस बात की प्रतीक्षा कर सकते हैं:
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> लड़के को <u>शिक्षा</u> उसी मार्ग की दे जिस में उसको चलना चाहिये
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> और वह बुढ़ापे में भी उस से न हटेगा (नीतिवचन 22:6 ULB)
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> **लड़के** को शिक्षा उसी मार्ग की दे जिस में उसको चलना चाहिये,
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> और वह बुढ़ापे में भी उस से न हटेगा। (नीतिवचन 22:6 ULT)
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### अनुवाद रणनीतियाँ
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1. यदि लोग बाइबल के किसी एक कार्य के लिए आदेशात्मक वाक्यों का उपयोग नही करते हैं तो उसके बदले में एक कथन का उपयोग करें
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1. यदि लोगों को समझ नही आ रहा है कि कथन का उपयोग किसी चीज के होने को दर्शाने के लिए किया गया है, तो ‘‘ताकि’’ जैसे शब्द को जोड़ें जिससे हुर्इ घटना के परिणाम को पहचाना जा सके
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||||
1. यदि लोग आदेश को शर्त के रूप में नही समझ सकते हैं, तो उसे ‘‘यदि’’ और ‘‘तब’’ के साथ जोड़कर अनुवाद करें
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(1) यदि लोग बाइबल के किसी एक कार्य के लिए आदेशात्मक वाक्यों का उपयोग नही करते हैं, तो उसके बदले में एक कथन का उपयोग करें।
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||||
(2) यदि लोगों को समझ नही आ रहा है कि कथन का उपयोग किसी चीज के होने को दर्शाने के लिए किया गया है, तो ‘‘ताकि’’ जैसे शब्द को जोड़ें जिससे हुर्इ घटना के परिणाम को पहचाना जा सके जिसे कहा गया था।
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(3) यदि लोग आदेश को शर्त के रूप में नही समझ सकते हैं, तो उसे ‘‘यदि’’ और ‘‘तब’’ के साथ जोड़कर अनुवाद करें।
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### अनुवाद रणनीतियों के प्रयोग के उदाहरण
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अनुवाद रणनीतियों के प्रयोग के उदाहरण
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1. यदि लोग बाइबल के किसी एक कार्य के लिए आदेशात्मक वाक्यों का उपयोग नही करते हैं तो उसके बदले में एक कथन का उपयोग करें
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(1) यदि लोग बाइबल के किसी एक कार्य के लिए आदेशात्मक वाक्यों का उपयोग नही करते हैं, तो उसके बदले में एक कथन का उपयोग करें।
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* **शुद्ध हो** (मती 8:3 ULB)
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* ‘‘अब तुम शद्ध हो’’
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* मैं तुम्हे शुद्ध करता हूँ’’
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* **परमेश्वर ने कहा, <u>उजियाला हो</u> तो उजियाला हो गया** (उत्पत्ति 1:3 ULB)
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* परमेश्वर ने कहा, <u>अब उजियाला है</u> और वहाँ उजियाला था
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||||
* **परमेश्वर ने उनको आशीष दी और कहा, <u>फूलो</u> <u>फलो</u>, पृथ्वी में <u>भर जाओ</u>, उसको अपने <u>वश में कर लो</u>; और समुद्र की मछलियों, आकाश के पक्षियों, रेंगनेवाले सब जन्तुओ पर <u>अधिकार रखो</u>।** (उत्पत्ति 1:3 ULB)
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||||
> **शुद्ध हो **. (मती 8:3ब ULT)
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> > "अब तू शद्ध है।"
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> > "मैं तुझे शुद्ध करता हूँ।"
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> परमेश्वर ने कहा, उजियाला “**हो** तो उजियाला हो गया। (उत्पत्ति 1:3 ULT)
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> > परमेश्वर ने कहा, “**अब उजियाला है** और वहाँ उजियाला था।
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> परमेश्वर ने उनको आशीष दी और उनसे कहा, “**फूलो** और **फलो**, और पृथ्वी में **भर** जाओ, और उसको अपने **वश** में कर लो; और समुद्र की मछलियों, तथा आकाश के पक्षियों, और पृथ्वी पर रेंगनेवाले सब जन्तुओ पर **अधिकार रखो**." (उत्पत्ति 1:28 ULT)
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||||
> > परमेश्वर ने उनको आशीष दी और उनसे कहा, “**तुम्हारे लिए मेरी इच्छा यह है कि तुम फलदायी हों** और **फलो**, और पृथ्वी में **भर** जाओ, और उसको अपने **वश** में कर लो; और समुद्र की मछलियों, तथा आकाश के पक्षियों, और पृथ्वी पर रेंगनेवाले सब जन्तुओ पर **मैं चाहता हूँ कि तुम अधिकार रखो**."
|
||||
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||||
(2) यदि लोगों को समझ नही आ रहा है कि कथन का उपयोग किसी चीज के होने को दर्शाने के लिए किया गया है, तो ‘‘ताकि’’ जैसे शब्द को जोड़ें जिससे हुर्इ घटना के परिणाम को पहचाना जा सके जिसे कहा गया था।
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||||
> परमेश्वर ने कहा, उजियाला “**हो** तो उजियाला हो गया। (उत्पत्ति 1:3 ULT)
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> > परमेश्वर ने कहा, 'अब उजियाला है,' **और** वहाँ उजियाला था।
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> > परमेश्वर ने कहा, "उजियाला होना चाहिए;" **इसके परिणामस्वरूप**, वहाँ उजियाला था।
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(3) यदि लोग आदेश को शर्त के रूप में नही समझ सकते हैं, तो उसे ‘‘यदि’’ और ‘‘तब’’ के साथ जोड़कर अनुवाद करें।
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> लड़के को शिक्षा उसी मार्ग की दे जिस में उसको चलना चाहिये और वह बुढ़ापे में भी उस से न हटेगा। (नीतिवचन 22:6 ULT)
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इस रूप में अनुवादित:-*
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> “**यदि तू लड़के को शिक्षा उसी मार्ग की दे जिस में उसको चलना चाहिये
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> **तब**वह बुढ़ापे में भी उस से न हटेगा।"
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@ -1,2 +1 @@
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बाइबल के आदेशात्मक वाक्यों के अन्य उपयोग क्या हैं?
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@ -1,2 +1 @@
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आदेशात्मक - अन्य उपयोग
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@ -1,68 +1,81 @@
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कुछ भाषाएँ एक शब्द या कथन को संज्ञा के साथ इस्तेमाल कर, उस संज्ञा की सूचना दे सकती और लोगों को उसके बारे में कुछ याद दिला सकती है।
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||||
कुछ भाषाएँ एक शब्द या कथन को संज्ञा के साथ उपयोग कर, उस संज्ञा की सूचना दे सकती हैं और लोगों को उसके बारे में कुछ याद दिला सकती है।
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||||
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* मरियम ने अपनी बहन को थोड़ा भोजन दिया, जो <u>बहुत ही धन्यवादी थी</u>
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||||
* मरियम ने अपनी बहन को थोड़ा भोजन दिया, **जो बहुत ही धन्यवादी थी**.
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||||
‘‘बहुत ही धन्यवादी’’ कथन बहन के बाद में आता है जो हमें बताता है कि जब मरियम ने अपनी बहन को भोजन दिया तो उसकी प्रतिक्रिया कैसी रही। इस मामले में, यह इस बहन को मरियम की किसी और बहन से अलग नही करता है। यह सिर्फ उस बहन के बारे में अतिरिक्त जानकारी देता है।
|
||||
‘‘बहुत ही धन्यवादी’’ कथन "बहन" के बाद में आता है जो हमें बताता है कि जब मरियम ने अपनी बहन को भोजन दिया तो उसकी प्रतिक्रिया कैसी रही। इस विषय में यह इस बहन को मरियम की किसी और बहन से अलग नही करता है। यह केवल उस बहन के बारे में अतिरिक्त जानकारी देता है।
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### वर्णन
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कुछ भाषाएँ एक शब्द या कथन को संज्ञा के साथ इस्तेमाल कर, उस संज्ञा की सूचना दे सकती और लोगों को उसके बारे में कुछ याद दिला सकती है।
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||||
कुछ भाषाएँ एक शब्द या कथन को संज्ञा के साथ उपयोग कर उस संज्ञा की सूचना दे सकती है और लोगों को उसके बारे में कुछ याद दिला सकती है।
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||||
* मरियम ने अपनी बहन को थोड़ा भोजन दिया, जो <u>बहुत ही धन्यवादी थी</u>
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मरियम ने अपनी बहन को थोड़ा भोजन दिया, **जो बहुत ही धन्यवादी थी**.
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||||
‘‘बहुत ही धन्यवादी’’ कथन बहन के बाद में आता है जो हमें बताता है कि जब मरियम ने अपनी बहन को भोजन दिया तो उसकी प्रतिक्रिया कैसी रही। इस मामले में, यह इस बहन को मरियम की किसी और बहन से अलग नही करता है।
|
||||
‘‘बहुत ही धन्यवादी’’ कथन "बहन" के बाद में आता है जो हमें बताता है कि जब मरियम ने अपनी बहन को भोजन दिया तो उसकी प्रतिक्रिया कैसी रही। इस विषय में यह इस बहन को मरियम की किसी और बहन से अलग नही करता है। इस विषय में यह इस बहन को दूसरी बहन से अलग नहीं करता है जो मरियम के पास हो सकती है।
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** लोग इसे क्यों उपयोग करते हैं?** लोग इसका उपयोग अक्सर याद करवाने अथवा नर्इ जानकारी देने के हल्के तरीके के रूप में करते हैं। इसके द्वारा वे अपने श्रोताओं का ध्यान उनके द्वारा कही जाने वाली बातों से अलग, किसी और बात की ओर लगाने के लिए करते हैं। उपरोक्त उदाहरण में, वक्ता मरियम के कार्य पर ध्यान लगवाना चाहता है, उसकी बहन की प्रतिक्रिया पर नही
|
||||
**लोग इसे क्यों उपयोग करते हैं**: लोग इसका उपयोग अक्सर याद करवाने अथवा नर्इ जानकारी देने के लिए हल्के तरीके के रूप में करते हैं। इसके द्वारा वे अपने श्रोताओं का ध्यान उनके द्वारा कही जाने वाली बातों से अलग किसी और बात की ओर लगाने के लिए करते हैं। उपरोक्त उदाहरण में, वक्ता मरियम के कार्य पर ध्यान खींचना चाहता है, उसकी बहन की प्रतिक्रिया पर नही।
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* **कारण यह अनुवाद की समस्या है** भाषाएँ विभिé तरीकों से अपनी बात को लोगों की ओर पहुँचाती है कि श्रोताओं का ध्यान खींच सके
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#### कारण यह अनुवाद की समस्या है
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भाषाएँ विभिन्न तरीकों से अपनी बात को लोगों तक पहुँचाती है ताकि श्रोता अपने सर्वोत्म रूप में ध्यान दें सके।
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### अनुवाद के सिद्धांत
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* यदि आपकी भाषा संज्ञा के साथ किसी शब्द या कथन का इस्तेमाल नही करती है, तो आपको वह सूचना कथन के किसी और भाग में डालनी होगी
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* इसे हल्के से बताने का प्रयास करें
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* स्वयं से पूछें:
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हमारी भाषा में, मैं किसी सूचना सबसे अच्छे तरीके से कैसे बताऊँ, या हल्के से कैसे बताऊँ?
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* यदि आपकी भाषा नई जानकारी या अनुस्मारक के लिए संज्ञा के वाक्यांशों का उपयोग नहीं करती है, तो आपको उस जानकारी या अनुस्मारक को वाक्य के किसी दूसरे भाग में रखने की आवश्यकता हो सकती है।
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||||
* इसे हल्के से बताने का प्रयास करें।
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||||
* स्वयं से पूछें: हमारी भाषा में, मैं किसी सूचना सबसे अच्छे तरीके से कैसे बताऊँ, या हल्के से कैसे बताऊँ?
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### बाइबल से उदाहरण
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> और तीसरी नदी का नाम हिद्देकेल् है, यह वही है <u>जो अश्शूर् के पूर्व की ओर</u> बहती है (उत्पत्ति 2:14 ULB)
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> और तीसरी नदी का नाम हिद्देकेल है, यह वही है, **जो अश्शूर के पूर्व की ओर बहती है**. (उत्पत्ति 2:14अ ULT)
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हिद्देकेल नदी केवल एक है । ‘‘जो अश्शूर से बहती है’’ कथन इस बात को बताता है कि हिद्देकेल नदी कहाँ थी । यह बात मूल श्रोताओं के लिए लाभदायक थी क्योंकि उन्हे पता था कि अश्शुर कहाँ था ।
|
||||
हिद्देकेल नदी केवल एक है । ‘‘जो अश्शूर से बहती है’’ कथन इस बात को बताता है कि हिद्देकेल नदी कहाँ थी । यह बात मूल श्रोताओं के लिए लाभदायक थी क्योंकि उन्हे पता था कि अश्शूर कहाँ था ।
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||||
>मै मनुष्य को <u>जिसकी मैने सृष्टि की है</u> पृथ्वी के ऊपर से मिटा दूंगा (उत्पत्ति 6:7 ULB)
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||||
> इस कारण यहोवा ने कहा, "मै मनुष्य को **जिसकी मैने सृष्टि की है** पृथ्वी के ऊपर से मिटा दूंगा।" (उत्पत्ति 6:7अ ULT)
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||||
‘‘जिसकी मै ने सृष्टि की है’’ कथन परमेश्वर और मनुष्यस के बीच के रिश्ते को याद दिलाता है। और इसीलिए परमेश्वर के पास मनुष्य को मिटा डालने का भी अधिकार था ।
|
||||
‘‘जिसकी मै ने सृष्टि की है’’ कथन परमेश्वर और मनुष्य के बीच के संबंध को याद दिलाता है। और इसीलिए परमेश्वर के पास मनुष्य को मिटा डालने का भी अधिकार था ।
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||||
> मैं नोप में से <u>मूल्यहीन</u> मूरतों को नाश करूंगा । (यहेजकेल 30:13 ULB)
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> मैं नोप में से **मूल्यहीन** मूरतों को नाश करूंगा। (यहेजकेल 30:13ब ULT)
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सारी मूरतें मूल्यहीन हैं। और इसीलिए परमेश्वर उनका नाश करेगा
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||||
> क्योंकि तेरे <u>धर्मी</u> नियम उत्तम हैं (भजन संहिता 119:39 ULB)
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||||
> ...क्योंकि तेरे **धर्मी** नियम उत्तम हैं (भजन संहिता 119:39ब ULT)
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परमेश्वर के सभी नियम उत्तम हैं। और इसीलिए इसको लिखने वाला भजनकार कहता है कि ये उत्तम हैं।
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### अनुवाद रणनीतियाँ
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यदि लोग संज्ञा के साथ इस्तेमाल किए गए कथन का उद्देश्य समझ सकते हैं, तो उस संज्ञा एवं उस कथन का एक साथ उपयोग करें। यदि नही, तो यहाँ कुछ रणनीतियाँ लिखी हैं जो बताती हैं कि कथन का उपयोग सूचना या याद कराने के लिए किया गया है।
|
||||
यदि लोग संज्ञा के साथ उपयोग किए गए कथन का उद्देश्य समझ सकते हैं, तो उस संज्ञा एवं उस कथन का एक साथ उपयोग करें। यदि नही, तो यहाँ कुछ रणनीतियाँ लिखी हैं जो बताती हैं कि कथन का उपयोग सूचना या याद कराने के लिए किया गया है।
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1. सूचना को वाक्य के किसी और भाग में डालें और उसके मकसद को प्रकट करने वाले शब्दों का उपयोग करें
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1. अपनी भाषा में सूचना को बताने के किसी हल्के तरीके का उपयोग करें। शायद किसी छोटे शब्द को जोड़कर, या शब्द की आवाज को बदलकर। कर्इ बार, अल्पविराम या कोष्ठक जैसे शब्दों का उपयोग कर, आवाज में बदलाव को प्रकट किया जा सकता है।
|
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(1) सूचना को वाक्य के किसी और भाग में डालें और उसके मकसद को प्रकट करने वाले शब्दों का उपयोग करें (2) अपनी भाषा में सूचना को बताने के किसी हल्के तरीके का उपयोग करें। शायद किसी छोटे शब्द को जोड़कर, या शब्द की आवाज को बदलकर। कभी-कभी आवाज़ में बदलाव को विराम चिह्नों जैसे कोष्ठक या अल्पविराम से दिखाया जा सकता है।
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### अनुवाद रणनीतियों के प्रयोग के उदाहरण
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1. सूचना को वाक्य के किसी और भाग में डालें और उसके मकसद को प्रकट करने वाले शब्दों का उपयोग करें
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(1) सूचना को वाक्य के किसी और भाग में डालें और उसके मकसद को प्रकट करने वाले शब्दों का उपयोग करें।
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* **जो <u>व्यर्थ मूरतों</u> पर मन लगाते हैं, उनसे मैं घृणा करता हूँ।** (भजन संहिता 31:6 ULB) - व्यर्थ मूरतों के उल्लेख से, दाऊद सारी मूरतों के बारे में कह रहा है और उसकी सेवा करने वालों से अपनी घृणा का कारण बता रहा है। यह व्यर्थ मूरतों और मूल्यवान मूरतों का अंतर नही बता रहा है
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* चूँकि तुम्हारी <u>मूरतें व्यर्थ हैं</u> उनसे मैं घृणा करता हूँ जो उन पर मन लगाते हैं
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* **क्योंकि तेरे <u>नियम उत्तम हैं</u>** (भजन संहिता 119:39 ULB)
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* तेरे नियम उत्तम हैं क्योंकि वे <u>धर्मी</u> हैं
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* **क्या सारा <u>जो नब्बे वर्ष की है</u> पुत्र जनेगी?** (उत्पत्ति 17:17-18 ULB) - ‘‘जो नब्बे वर्ष की है’’ कथन सारा की उम्र को याद दिलाने के लिए है । यह बताता है कि अब्रहाम प्रश्न क्यों पूछ रहा था। वह सोच भी नही सकता था कि उस उम्र वाली स्त्री, बच्चे को जन्म दे सकती है।
|
||||
* क्या सारा अब भी पुत्र जनेगी, <u>जब वह नब्बे वर्ष की है</u> पुत्र जनेगी?
|
||||
* **मैं यहोवा को <u>जो स्तुति के योग्य </u> है पुकारूंगा** (2 शमूएल 22:4 ULB) - यहोवा केवल एक है। ‘‘जो स्तुति के योग्य’’ कथन यहोवा को पुकारने की वजह बताता है
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||||
* ‘‘मैं यहोवा को पुकारूँगा, <u>क्योंकि</u> वह स्तुति के योग्य है’’
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||||
> जो **व्यर्थ** मूरतों पर मन लगाते हैं, उनसे मैं घृणा करता हूँ। (भजन संहिता 31:6अ ULT)
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1. अपनी भाषा में सूचना को बताने के किसी हल्के तरीके का उपयोग करें
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||||
> "व्यर्थ मूरतों", के उल्लेख से, दाऊद सारी मूरतों के बारे में कह रहा है और उसकी सेवा करने वालों से अपनी घृणा का कारण बता रहा है। यह व्यर्थ मूरतों और मूल्यवान मूरतों का अंतर नही बता रहा है।"
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* **और तीसरी नदी का नाम हिद्देकेल् है, यह वही है जो <u>अश्शूर् के पूर्व की ओर बहती</u> है।** (उत्पत्ति 2:14 ULB)
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||||
* तीसरी नदी का नाम हिद्देकेल् है। यह <u>अश्शूर् के पूर्व की ओर बहती</u> है।
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> > **चूँकि** तुम्हारी मूरतें व्यर्थ हैं, उनसे मैं घृणा करता हूँ जो उन पर मन लगाते हैं।"
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> … क्योंकि तेरे **धर्मी** नियम उत्तम हैं। (भजन संहिता 119:39ब ULT)
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> > ... तेरे नियम उत्तम हैं **क्योंकि** वे धर्मी हैं।
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> क्या सारा जो **नब्बे**, वर्ष की है, पुत्र जनेगी? (उत्पत्ति 17:17-18ब ULT)
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> कथन ‘‘जो नब्बे वर्ष की है’’ सारा की आयु को याद दिलाने के लिए है। जो यह बताता है कि अब्रहाम प्रश्न क्यों पूछ रहा था। वह सोच भी नही सकता था कि उस आयु वाली स्त्री एक बच्चे को जन्म दे सकती है।"
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> > क्या सारा **अब भी** पुत्र जनेगी जब वह नब्बे वर्ष की है पुत्र जनेगी?"
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> मैं यहोवा को पुकारूंगा, **जो स्तुति के योग्य है।** (2 शमूएल 22:4अ ULT)
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यहोवा केवल एक है। कथन ‘‘जो स्तुति के योग्य’’ यहोवा को पुकारने का कारण बताता है।
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> > “मैं यहोवा को पुकारूँगा, **क्योंकि** वह स्तुति के योग्य है।"
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(2) अपनी भाषा में सूचना को बताने के किसी हल्के तरीके का उपयोग करें।
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> और तीसरी नदी का नाम हिद्देकेल है, **यह वही है जो अश्शूर के पूर्व की ओर बहती है**. (उत्पत्ति 2:14अ ULT)
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> > “तीसरी नदी का नाम हिद्देकेल है। **यह अश्शूर के पूर्व की ओर बहती है**.
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@ -1,2 +1 @@
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जब कथनों का उपयोग संज्ञा के साथ किया जाता है तो सूचना देने या याद दिलाने वाले कथन कौनसे होते हैं और मैं उनका अनुवाद कैसे करूँ?
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जब कथनों का उपयोग संज्ञाओं के साथ किया जाता है, तो सूचना देने या याद दिलाने वाले कथन कौन से होते हैं और मैं उनका अनुवाद कैसे करूँ?
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@ -1,2 +1 @@
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सूचना देने अथवा याद दिलाने वाले कथन
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@ -1,66 +1,68 @@
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### वर्णन
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### विवरण
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व्यंग्य एक अलंकार है जिसमें लेखक का विचार लिखे गए शब्द के सीधे अर्थ से विपरीत होता है। कर्इ बार एक व्यक्ति और किसी के शब्दों के उपयोग कर इसका इस्तेमाल करता है, परंतु एक ऐसे तरीके से बताता है जिससे वह स्वयं सहमत नही है। लोग यह दिखाने के लिए ऐसा करते हैं कि कोर्इ वस्तु जैसे उसको होना था, उससे अलग क्यों है या किसी के प्रति किसी का विश्वास गलत या मूर्खतापूर्ण क्यों है। यह अक्सर हास्यप्रद लगता है।
|
||||
व्यंग्य एक अलंकार है जिसमें लेखक का विचार लिखे गए शब्द के सीधे अर्थ से विपरीत होता है। कर्इ बार एक व्यक्ति और किसी के शब्दों के उपयोग कर इसका उपयोग करता है, परंतु एक ऐसे तरीके से बताता है जिससे वह स्वयं सहमत नही है। लोग यह दिखाने के लिए ऐसा करते हैं कि कोर्इ वस्तु जैसे उसको होना था, उससे अलग क्यों है या किसी के प्रति किसी का विश्वास गलत या मूर्खतापूर्ण क्यों है। यह अक्सर हास्यप्रद लगता है।
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||||
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||||
>यीशु ने उनको उत्तर दिया; ‘‘कि वैद्य भले चंगों के लिये नहीं, परन्तु बीमारों के लिये अवश्य है । मैं धर्मियों को नहीं, परन्तु पापियों को मन फिराने के लिये बुलाने आया हूँ’’ (लूका 5:31-32 ULB)
|
||||
>यीशु ने उनको उत्तर दिया; ‘‘कि वैद्य भले चंगों के लिये नहीं, परन्तु बीमारों के लिये अवश्य है । मैं धर्मियों को नहीं, परन्तु पापियों को मन फिराने के लिये बुलाने आया हूँ’’ (लूका 5:31-32 ULT)
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||||
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||||
जब यीशु धर्मी लोगों की बात की तो उनकी बात नही कर रहे थे जो वास्तव में धर्मी थे। परंतु उन्होने गलत तरीके से विश्वास कर रखा था कि वे धर्मी हैं। व्यंग्य के उपयोग से, यीशु ने बताया कि उनका यह विश्वास गलत था कि वे दूसरों से बेहतर थे और उन्हे मन फिराने की जरूरत नही थी।
|
||||
जब यीशु “धर्मी लोगों” की बात की तो वह उनकी बात नही कर रहा था जो वास्तव में धर्मी थे। परंतु उन लोगों की जो गलत तरीके से विश्वास करते थे कि वे धर्मी हैं। व्यंग्य का उपयोग करने के द्वारा, यीशु ने बताया कि उनका यह विश्वास गलत था कि वे दूसरों से उत्तम थे और उन्हे मन फिराने की जरूरत नही थी।
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### कारण यह अनुवाद की समस्या है
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#### कारण यह अनुवाद की समस्या है
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* यदि किसी को पता न चले कि लेखक व्यंग्य का उपयोग कर रहा है, तो पाठक समझेगा कि लेखक लिखी हुर्इ बात पर वास्तव में विश्वास करता है।
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वह आयत के वास्तविक उद्देश्य के विपरीत उल्टा समझ बैठेगा
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यदि किसी को यह पता नहीं चलता कि एक वक्ता व्यंग्य का उपयोग कर रहा है, तो वह यही सोचेगा कि वक्ता वास्तव में जो कुछ कह रहा है उसी के ऊपर विश्वास करता है। वह अनुच्छेद का वास्तविक अर्थ समझने के स्थान पर इसके अर्थ के विपरीत समझेगा।
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### बाइबल से उदाहरण
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> तुम अपनी रीतियों को मानने के लिये <u>परमेश्वर की आज्ञा कैसी अच्छी तरह टाल देते हो</u> (मरकुस 7:9 ULB)
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तुम अपनी रीतियों को मानने के लिये > **परमेश्वर की आज्ञा कैसी अच्छी तरह टाल देते हो!** (मरकुस 7:9ब ULT)
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यहाँ यीशु फरीसियों को सराह रहे हैं, उनके द्वारा किए गए गलत काम के लिए। व्यंग्य के द्वारा, वह सराहना के विपरीत का अर्थ बताते हैं। वे बताते हैं कि फरीसी जो आज्ञाओं को मानने में गर्व महसूस करते हैं, परमेश्वर के इतने दूर हैं कि उन्हे ज्ञात तक नही है कि उनका रिवाज परमेश्वर की आज्ञाएँ तोड़ रहा है। व्यंग्य का उपयोग फरीसियों के पाप को और दिखने वाला और गंभीर जताता है।
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||||
यहाँ यीशु फरीसियों के द्वारा किए गए गलत काम के लिए उन्हें सराह रहा है। व्यंग्य के द्वारा, वह सराहना के विपरीत का अर्थ बताता है। वह बताता है कि फरीसी जो आज्ञाओं को मानने में घमण्ड महसूस करते हैं, परमेश्वर के इतने अधिक दूर हैं कि उन्हे ज्ञात तक नही है कि उनके रीति रिवाज परमेश्वर की आज्ञाओं को तोड़ रहे हैं। व्यंग्य का उपयोग फरीसियों के पाप को और दिखने वाला और गंभीर जताता है।
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>यहोवा कहता है, ‘‘अपना मुकद्दमा लड़ो; याकूब का राजा कहता है, अपने प्रमाण दो वे उन्हें देकर हम को बताएं कि भविष्य में क्या होगा? <u>पूर्वकाल की घटनाएं बताओ कि आदि में क्या क्या हुआ, जिस से हम उन्हें सोचकर जान सकें कि भविष्य में उनका क्या फल होगा; वा होनेवाली घटनाएं हम को सुना दो’’</u> (यशायाह 41:21-22 ULB)
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> “‘अपना मुकद्दमा लड़ो,” यहोवा कहता है; “मूर्तियों के लिए अपने सबसे अच्छे तर्कों को लाओ,” याकूब का राजा कहता है। **“अपने प्रमाण दो वे उन्हें देकर हम को बताएं कि भविष्य में क्या होगा? पूर्वकाल की घटनाएँ बताओ कि आदि में क्या क्या हुआ, ताकि हम इन बातों को अच्छी तरह से जान सकें। वे हमें पूर्ववर्ती घोषणाओं के बारे में बताएँ, ताकि हम उन पर विचार कर सकें और जान सकें कि वे कैसे पूरी हुईं**।’’ (यशायाह 41:21-22 ULT)
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लोग मुरतों की ऐसे उपासना करते थे जैसे कि उनमें ज्ञान और ताकत थी, और यहोवा उनके काम की वजह से उनसे नाराज था। अत: वह व्यंग्य का उपयोग कर, मुरतों को वो बातें बताकर चुनौती देता है जो भविष्य में होने वाली हैं। वह जानता था कि मूरतें कुछ नही कर सकती हैं परंतु ऐसे बोलकर जैसे कि वे कर सकती हों, वह मूरतों का उपहास कर रहा था, जिससे उनकी अयोग्यता सबके सामने आर्इ और उनकी आराधना करने के लिए लोगों को भी डाँटा ।
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लोग मूरतों की ऐसे उपासना करते थे जैसे कि उनमें ज्ञान और ताकत थी, और यहोवा उनके काम के कारण से उनसे नाराज था। अत: वह व्यंग्य का उपयोग कर, मुरतों को वो बातें बताकर चुनौती देता है जो भविष्य में होने वाली हैं। वह जानता था कि मूरतें कुछ नही कर सकती हैं परंतु ऐसे बोलकर जैसे कि वे कर सकती हों, वह मूरतों का उपहास कर रहा था, जिससे उनकी अयोग्यता सबके सामने आर्इ और उनकी आराधना करने के लिए लोगों को भी डाँटा ।
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> क्या तू रोशनी और अंधकार को उसके सिवाने तक हटा सकता है?
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> क्या तू उसके घर की डगर पहिचान सकता है?
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> <u>निसन्देह तू यह सब कुछ जानता होगा ! क्योंकि तू तो उस समय उत्पé हुआ था</u>
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> <u>और तू बहुत आयु का है</u> (अय्यूब 38:20-21)
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> **निसन्देह तू यह सब कुछ जानता होगा, क्योंकि तू तो उस समय उत्पन्न हुआ था; ** “**और तेरे दिनों की गिनती बहुत ज्यादा है! **” (अय्यूब 38:20-21 ULT))
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अय्यूब ने सोचा कि वह बुद्धिमान था । यहोवा ने व्यंग्य का उपयोग कर अय्यूब को बताया कि वह बुद्धिमान नही था । उपरोक्त कथन में दो रेखांकित शब्द व्यंग्यात्मक हैं। वे कही गर्इ बात का विपरीत दिखाते हैं क्योंकि स्पष्ट दिखता है कि वे गलत हैं। वे बताते हैं कि अय्यूब शायद परमेश्वर के प्रश्न का उत्तर नही दे पाया था क्योंकि उसका जन्म कर्इ कर्इ सालों बाद हुआ था ।
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अय्यूब ने सोचा कि वह बुद्धिमान था । यहोवा ने व्यंग्य का उपयोग कर अय्यूब को बताया कि वह बुद्धिमान नही था । उपरोक्त कथन में दो रेखांकित शब्द व्यंग्यात्मक हैं। वे कही गर्इ बात का विपरीत दिखाते हैं क्योंकि स्पष्ट दिखता है कि वे गलत हैं। वे बताते हैं कि अय्यूब शायद परमेश्वर के प्रश्न का उत्तर नही दे पाया था क्योंकि उसका जन्म बहुत, बहुत से सालों बाद हुआ था ।
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>तुम तो तृप्त हो चुके हो! तुम धनी हो चुके हो! तुमने हमारे बिना राज्य किया! (1 कुरिन्थियों 4:8 ULB)
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>तुम तो तृप्त हो चुके हो! तुम धनी हो चुके हो! हमारे बिना **तुमने राज्य किया** और मेरी इच्छा है कि तुम वास्तव में शासन करो, ताकि हम भी तुम्हारे साथ शासन कर सकें। (1 कुरिन्थियों 4:8 ULB)
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कोरिन्थवासियों ने खुद को बहुत ही बुद्धिमान, स्व-आश्रित और ऐसा समझा कि उन्हे पौलुस के उपदेशों की जरूरत नही थी । पौलुस व्यंग्य का उपयोग करता है, लगता है कि वह उनसे सहमत है कि वे यह सब करते हुए गर्व महसूस कर रहे थे परंतु वास्तव में, वे कितनी दूर थे ।
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कुरिन्थियों ने स्वयं को बहुत ही बुद्धिमान, स्व-आश्रित और ऐसा समझा कि उन्हे पौलुस के उपदेशों की जरूरत नही थी । पौलुस व्यंग्य का उपयोग करता है, लगता है कि वह उनसे सहमत है कि वे यह सब करते हुए घमण्ड महसूस कर रहे थे परन्तु वास्तव में वे कितनी दूर थे ।
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### अनुवाद रणनीतियाँ
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यदि आपकी भाषा में व्यंग्य को अच्छी तरह से पहचाना जा सकता है, तो इसका अनुवाद ठीक इसी प्रकार करें। यदि नही, तो कुछ रणनीतियाँ निम्नलिखित हैं:
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यदि आपकी भाषा में व्यंग्य को अच्छी तरह से पहचाना जा सकता है, तो इसका अनुवाद ठीक इसी प्रकार करें। यदि नही, तो नीचे कुछ रणनीतियाँ दी गई हैं:
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1. इस प्रकार अनुवाद करें जिससे यह पता चल सके कि वक्ता वो बात कह रहा है जो श्रोता मानते या विश्वास करते हैं
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1. व्यंग्य के द्वारा बतार्इ गर्इ बात को अथवा उसके असली उद्देश्य को सीधा लिखें। व्यंग्य का सही अर्थ वक्ता के शब्दों में <u>नही</u> मिलेगा परंतु वक्ता के शब्दों का विपरीत अर्थ ही उसका सही अर्थ होगा।
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(1) इस प्रकार अनुवाद करें जिससे यह पता चल सके कि वक्ता वो बात कह रहा है जिसे श्रोता मानते या विश्वास करते हैं
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(2) व्यंग्य के द्वारा बतार्इ गर्इ बात को अथवा उसके असली उद्देश्य को सीधा लिखें। व्यंग्य का सही अर्थ वक्ता के शब्दों में नही मिलेगा परंतु वक्ता के शब्दों का विपरीत अर्थ ही उसका सही अर्थ होगा।
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### अनुवाद रणनीतियों के प्रयोग के उदाहरण
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1. इस प्रकार अनुवाद करें जिससे यह पता चल सके कि वक्ता वो बात कह रहा है जो श्रोता मानते या विश्वास करते हैं
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(1) इस प्रकार अनुवाद करें जिससे यह पता चल सके कि वक्ता वो बात कह रहा है जिसे श्रोता मानते या विश्वास करते हैं
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* **तुम अपनी रीतियों को मानने के लिये परमेश्वर की आज्ञा कैसी अच्छी तरह टाल देते हो** (मरकुस 7:9 ULB)
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* <u>आपका मानना है कि परमेश्वर की आज्ञा को तोड़ते वक्त आप अच्छा कर रहे हो</u> जिससे कि आप अपनी रीतियों को मान सको!
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* <u>आप ऐसा बर्ताव करते हो कि परमेश्वर की आज्ञा तोड़ना अच्छा है, </u> बस अपनी रीतियाँ पूरी होनी चाहिए
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* **मैं <u>धर्मियों</u> को नहीं, परन्तु पापियों को मन फिराने के लिये बुलाने आया हूँ** (लूका 5:31-32 ULB)
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* मैं उन लोगो को पश्चाताप के लिए बुलाने नही आया <u>जो खुद को धर्मी समझते</u> हैं, परंतु पापियों को पश्चाताप के लिए बुलाने आया हूँ
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तुम अपनी रीतियों को मानने के लिये > **परमेश्वर की आज्ञा कैसी अच्छी तरह टाल देते हो!** (मरकुस 7:9अ ULT)
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1. व्यंग्य के द्वारा बतार्इ गर्इ बात को अथवा उसके असली उद्देश्य को सीधा लिखें
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> > **तुम्हारा मानना है कि परमेश्वर की आज्ञा को तोड़ते वक्त तुम अच्छा कर रहे हो** जिससे कि तुम अपनी रीतियों को मान सको!
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> > **तुम ऐसा बर्ताव करते हो कि परमेश्वर की आज्ञा तोड़ना अच्छा है ** जिससे कि तुम्हारी रीतियाँ पूरी होनी चाहिए
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* **तुम अपनी रीतियों को मानने के लिये <u>परमेश्वर की आज्ञा कैसी अच्छी तरह टाल देते हो</u>** (मरकुस 7:9 ULB)
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* </u>जब तुम परमेश्वर की आज्ञाओं को तोड़ते हो तो खतरनाक काम करते हो</u> जिससे तुम अपनी रीतियों को पूरा कर सको!
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* **’’यहोवा कहता है, अपना मुकद्दमा लड़ो; याकूब का राजा कहता है, <u>अपने प्रमाण दो वे उन्हें देकर हमको बताएं कि भविष्य में क्या होगा?</u> पूर्वकाल की घटनाएं बताओ कि आदि में क्या क्या हुआ, <u>जिससे हम उन्हें सोचकर जान सकें कि भविष्य में उनका क्या फल होगा; वा होनेवाली घटनाएं हम को सुना दो’’</u>** (यशायाह 41:21-22 ULB)
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* ‘यहोवा कहता है, अपना मुकद्दमा लड़ो; अपनी मुरतों के लिए अपने प्रमाण लाओ, याकुब का राजा कहता है । तुम्हारी मूरतें <u>आगे आकर अपना मुकद्दमा नही लड़ सकतीं या नही बता सकतीं कि भविष्य में क्या होगा</u> कि हमें पता चले कि क्या होने वाला है। हम उन्हे नही सुन सकते क्योंकि <u>वे बोल नही सकतीं</u>, हमें अपने पूर्वकाल की घटनाओं को बता नही सकती, इससे हम जान नही सकते कि उनका क्या फल होगा या वे कैसे पूरी होंगी
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* **क्या तू रोशनी और अंधकार को उसके सिवाने तक हटा सकता है?**
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** क्या तू उसके घर की डगर पहिचान सकता है?**
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**<u>निसन्देह तू यह सब कुछ जानता होगा! क्योंकि तू उस समय उत्पé हुआ था</u>**
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**<u>और तू बहुत आयु का है</u>** (अय्यूब 38:20-21)
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> मैं **धर्मियों** को नहीं, परन्तु पापियों को मन फिराने के लिये बुलाने आया हूँ (लूका 5:31-32 ULT)
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* क्या तू रोशनी और अंधकार को उसके सिवाने तक हटा सकता है?
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>>मैं उन लोगो को पश्चाताप के लिए बुलाने नही आया **जो खुद को धर्मी समझते**हैं, परंतु पापियों को पश्चाताप के लिए बुलाने आया हूँ
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क्या तू उसके घर की डगर पहिचान सकता है? <u>तेरे बर्ताव से लगता है कि तुझे रोशनी और अंधेरे के सिवानों का पता है, कि तू वहाँ था, कि तेरी उम्र सृष्टि के समान है, परंतु तु उतनी उम्र का नही है</u>!
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(2) व्यंग्य के द्वारा बतार्इ गर्इ बात को अथवा उसके असली उद्देश्य को सीधा लिखें
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तुम अपनी रीतियों को मानने के लिये **परमेश्वर की आज्ञा कैसी अच्छी तरह टाल देते हो!** (मरकुस 7:9अ ULT)
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> > **जब तुम परमेश्वर की आज्ञाओं को तोड़ते हो तो खतरनाक काम करते हो**जिससे तुम अपनी रीतियों को पूरा कर सको!
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> “‘अपना मुकद्दमा लड़ो,” यहोवा कहता है; ”मूर्तियों के लिए अपने सबसे अच्छे तर्कों को लाओ,” याकूब का राजा कहता है। “**अपने प्रमाण दो वे उन्हें देकर हम को बताएं कि भविष्य में क्या होगा? पूर्वकाल की घटनाएँ बताओ कि आदि में क्या क्या हुआ**, ताकि हम इन चीजों को अच्छी तरह से जान सकें। **वे हमें पूर्ववर्ती घोषणाओं के बारे में बताएं, ताकि हम उन पर विचार कर सकें और जान सकें कि वे कैसे पूरी हुईं थीं**।’’ (यशायाह 41:21-22 ULT)
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> ‘अपना मुकद्दमा लड़ो,’ यहोवा कहता है; ‘मूर्तियों के लिए अपने सबसे अच्छे तर्कों को लाओ,’ याकूब का राजा कहता है। **अपने प्रमाण दो वे उन्हें देकर हम को बताएं कि भविष्य में क्या होगा? पूर्वकाल की घटनाएँ बताओ कि आदि में क्या क्या हुआ**, ताकि हम इन चीजों को अच्छी तरह से जान सकें। हम उन्हें नहीं सुन सकते क्योंकि हमें अपनी पूर्ववर्ती घोषणाओं को बताने के लिए **वे नहीं बोल सकते हैं**, इसलिए हम उन पर चिन्तन नहीं कर सकते हैं और यह जान सकते हैं कि वे कैसे पूरी हुईं।
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> क्या तू प्रकाश और अंधकार की अगुवाई उनके काम के स्थानों पर कर सकता है?
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> और तू उनके घर की डगर पहचान सकता है?
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> **निःसन्देह तू यह सब कुछ जानता होगा! क्योंकि तू तो उस समय उत्पन्न हुआ था; **
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> **और तेरी आयु के वर्ष बहुत हैं! > **” (अय्यूब 38:20-21 ULT)
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>> क्या तू प्रकाश और अंधकार की अगुवाई उनके काम के स्थानों पर कर सकता है? और तू उनके घर की डगर पहचान सकता है? **तू ऐसे व्यवहार करता है कि जैसे तू यह जानता है कि प्रकाश और अंधकार कैसे उत्पन्न हुआ, जैसे कि तू वहाँ पर था; जैसे कि तेरी आयु सृष्टि जितनी है, परन्तू तू नहीं हैं**!
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व्यंग्य क्या है और मैं इसका अनुवाद कैसे करूँ?
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व्यंग्यात्मक
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### वर्णन
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### विवरण
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विडंबना नकारात्मक अथवा विपरीत के विचारों के द्वारा किसी वस्तु के बारे में प्रकट किया गया कथन है। नकारात्मक शब्दों के कुछ उदाहरण ‘‘नही’’, ‘‘कोर्इ नही’’ एवं ‘‘कभी नही’’ इत्यादि हैं। ‘‘अच्छा’’ का विलोम ‘‘बुरा’’ है। यदि कोर्इ कहता है कि कुछ ‘‘बुरा नही’’ है तो उसका अर्थ है कि वह बहुत अच्छा है।
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विडंबना भाषा में एक ऐसा अलंकार होता है जिसमें वक्ता दो नकारात्मक शब्दों या एक शब्द के साथ एक नकारात्मक शब्द का उपयोग करके एक दृढ़ सकारात्मक अर्थ व्यक्त करता है इसका अर्थ शब्द द्वारा दी गई मंशा का विपरीत अर्थ होता है। नकारात्मक शब्दों के कुछ उदाहरण "न," "नहीं", "कोई नहीं," और "कभी नहीं" इत्यादि हैं। "अच्छे" का विपरीत "बुरा" है। कोई कह सकता है कि कुछ "बुरा नहीं है" इसका अर्थ है कि यह बहुत अच्छा है।
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### कारण यह अनुवाद की समस्या है
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#### कारण यह अनुवाद की समस्या है
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कुछ भाषाएँ विडंबनाओं का उपयोग नही करतीं। उन भाषाओं को बोलने वाले नही समझ सकते कि विडंबनाओं के उपयोग से कथन के सकारात्मक पहलू को अधिक बल मिलता है। परंतु, वे सोच सकते हैं कि इसका उपयोग सकारात्मक अर्थ को कमजोर या नगण्य कर देता है।
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कुछ भाषाएँ विडंबनाओं का उपयोग नही करतीं हैं। उन भाषाओं को बोलने वाले नही समझ सकते कि विडंबनाओं के उपयोग से एक कथन के सकारात्मक पहलू को अधिक बल मिलता है। परन्तु, वे सोच सकते हैं कि इसका उपयोग सकारात्मक अर्थ को कमजोर या यहाँ तकि नगण्य सा कर देता है।
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### बाइबल से उदाहरण
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> हे भाइयों, तुम आप ही जानते हो कि हमारा तुम्हारे पास आना <u>व्यर्थ न</u> हुआ (1 थिस्सलुनीकियों 2:1 ULB)
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> हे भाइयों, तुम आप ही जानते हो कि हमारा तुम्हारे पास आना **व्यर्थ न हुआ**, (1 थिस्सलुनीकियों 2:1 ULT)
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विडंबना के उपयोग से, पौलुस बल देता है कि उसका आना <u>बहुत ही</u> लाभदायक रहा
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विडंबना के उपयोग से, पौलुस बल देता है कि उसका आना **बहुत** ही लाभदायक रहा
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> भोर को सिपाहियों की हलचल <u>कम नही थी</u> कि पतरस क्या हुआ (प्रेरितों के काम 12:18 ULB)
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भोर को सिपाहियों की **हलचल कम नही** थी कि पतरस क्या हुआ (प्रेरितों के काम 12:18 ULT)
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विडंबना के उपयोग से, लूका बल देता है कि पतरस के साथ हुर्इ घटना के कारण सिपाहियों में बहुत ज्यादा हलचल थी। (पतरस कैदखाने में था और सिपाहियों की निगरानी के बावजूद, वह स्वर्गदूत की मदद से बाहर निकल आया । इसलिए वे गुस्साए हुए थे)
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विडंबना के उपयोग से, लूका जोर देता है कि पतरस के साथ हुर्इ घटना के कारण सिपाहियों में बहुत **ज्यादा** हलचल थी। (पतरस कैदखाने में था और सिपाहियों की निगरानी के बावजूद, वह स्वर्गदूत की मदद से बाहर निकल आया । इसलिए वे गुस्साए हुए थे)
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>हे बैतलहम, जो यहूदा के देश में है
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>तू किसी रीति से यहूदा के अधिकारियों में सबसे <u>छोटा नहीं</u>
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>तू किसी रीति से यहूदा के अधिकारियों में **सबसे छोटा नहीं**
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>क्योंकि तुझ में से एक अधिपति निकलेगा
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>जो मेरी प्रजा इस्राएल की रखवाली करेगा (मत्ती 2:6 ULB)
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>जो मेरी प्रजा इस्राएल की रखवाली करेगा (मत्ती 2:6 ULT)
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विडंबना के उपयोग से, भविष्यद्वक्ता बल देता है कि बेतलहेम <u>बहुत महत्वपूर्ण</u> शहर होगा
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विडंबना के उपयोग से, भविष्यद्वक्ता बल देता है कि बैतलहम **बहुत महत्वपूर्ण शहर** होगा
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### अनुवाद रणनीतियाँ
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यदि विडंबना को सही तरह से समझा जाता है, तो उसका उपयोग करें
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यदि विडंबना को सही तरह से समझा जाता है, तो उसका उपयोग करें।
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1. यदि नकारात्मक रूप से कही बात समझ के परे हैं, तो सीधे तौर पर <u>सकारात्मक रूप से</u> बात को कहें
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(1) यदि नकारात्मक रूप से कही बात समझ के परे हैं, तो सीधे तौर पर **सकारात्मक** रूप से बात को कहें
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### अनुवाद रणनीतियों के प्रयोग के उदाहरण
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1. यदि नकारात्मक रूप से कही बात समझ के परे हैं, तो सीधे तौर पर <u>सकारात्मक रूप से</u> बात को कहें
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(1) यदि नकारात्मक रूप से कही बात समझ के परे हैं, तो सीधे तौर पर **सकारात्मक** रूप से बात को कहें
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* **हे भाइयों, तुम आप ही जानते हो कि हमारा तुम्हारे पास आना <u>व्यर्थ न</u> हुआ** (1 थिस्सलुनीकियों 2:1 ULB)
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* ‘‘तुम स्वयं जानते हो, भार्इयों, हमारा आपके पास आना <u>काफी लाभदायक</u> था
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* **भोर को सिपाहियों में कम हलचल न थी, कि पतरस के साथ क्या हुआ** (प्रेरितों के काम 12:18 ULB)
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* और जब दिन हुआ, तो सिपाहियों के बीच में <u>बड़ी हलचल</u> होने लगी कि पतरस के साथ क्या हुआ’’
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* और जब दिन हुआ, तो सिपाही <u>बहुत चिंतित</u> थे कि पतरस के साथ क्या हुआ’’
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> हे भाइयों, तुम आप ही जानते हो कि हमारा तुम्हारे पास आना **व्यर्थ न हुआ**, (1 थिस्सलुनीकियों 2:1 ULT)
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>> ‘‘क्योंकि तुम स्वयं जानते हो, हो भार्इयों, हमारा तुम्हारे पास आना **अत्याधिक लाभदायक रहा**.”
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> भोर को सिपाहियों की **हलचल कम नही** थी कि पतरस क्या हुआ (प्रेरितों के काम 12:18 ULT)
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>> “और जब दिन हुआ, तो सिपाहियों के बीच में **बड़ी हलचल** होने लगी कि पतरस के साथ क्या हुआ।’’
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>> “और जब दिन हुआ, तो सिपाही **बहुत चिंतित** थे कि पतरस के साथ क्या हुआ।’’
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विडंबना क्या है?
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विडंबना
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### वर्णन
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### विवरण
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मेरिस्म एक अलंकार है जिसमें एक व्यक्ति उसके किसी एक भाग की ओर इशारा कर, उसकी दोनो पराकाष्ठा अथवा चरमसीमा को व्यक्त करता है। चरम सीमा की ओर इशारा कर, वक्ता उन दोनों चरमसीमाओं के बीच की हर बात को शामिल करना चाहता है।
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विभज्योतक भाषा का एक अलंकार है जिसमें एक व्यक्ति किसी चीज को उसके दो चरम हिस्सों की बात करके संदर्भित करता है। चरम भागों का संदर्भ देकर, वक्ता उन हिस्सों के बीच की हर बात को शामिल करने का मंशा रखता है।
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> ‘‘प्रभु परमेश्वर वह जो है, और जो था, और जो आनेवाला है; जो सर्वशक्तिमान है; यह कहता है, कि मैं ही अल्फा और ओमिगा हूँ (प्रकाशितवाक्य 1:8 ULB)
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||||
> ‘मैं ही **अल्फा और ओमेगा हूँ,** प्रभु परमेश्वर कहता है, “वह जो है, और जो था, और जो आनेवाला है, जो सर्वशक्तिमान है.” (प्रकाशितवाक्य 1:8 ULT)
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>‘‘मैं <u>अल्फा और ओमिगा</u>, <u>पहिला और पिछला</u>, <u>आदि और अंत</u> हूँ। (प्रकाशितवाक्य 22:13 ULB)
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>मैं **अल्फा और ओमेगा **, **पहिला और पिछला**, **आदि और अंत हूँ**. (प्रकाशितवाक्य 22:13, ULT)
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<u>अल्फा और ओमिगा</u> यूनानी भाषा के पहला और अंतिम शब्द है। यह मेरिस्म है जो शुरू से लेकर अंत के बीच की सभी बातों को शामिल करता है। इसका अर्थ है अनंत ।
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**अल्फा और ओमेगा** यूनानी भाषा के पहला और अंतिम शब्द हैं। यह विभज्योतक है जो आरम्भ से लेकर अंत के बीच की सभी बातों को शामिल करते हैं। इसका अर्थ अनंतकाल से है।
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>हे पिता, <u>स्वर्ग और पृथ्वी</u> के प्रभु; मैं तेरा धन्यवाद करता हूँ (मत्ती 11:25 ULB)
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> …हे पिता, **स्वर्ग और पृथ्वी** के प्रभु; मैं तेरा धन्यवाद करता हूँ (मत्ती 11:25ब ULT)
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<u>स्वर्ग और पृथ्वी</u> मेरिस्म है जो उस हर चीज को शामिल करता है जो अस्तित्व में है।
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**स्वर्ग और पृथ्वी** विभज्योतक है जो हर उस चीज को शामिल करते हैं जो अस्तित्व में है।
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### कारण यह अनुवाद की समस्या है
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#### कारण यह अनुवाद की समस्या है
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कुछ भाषाएँ मेरिस्म का उपयोग नही करती हैं। उन भाषाओं के पाठक समझेंगे कि ये कथन केवल लिखे गये तथ्य तक ही सीमित है। वे यह न समझ पाएँ कि उसके बीच की हर बात में उसमें शामिल किया गया है।
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कुछ भाषाएँ विभज्योतक का उपयोग नही करती हैं। उन भाषाओं के पाठक समझेंगे कि ये कथन केवल लिखे गये तथ्य तक ही सीमित है। वे यह न समझ पाएँगे कि उसके बीच की हर बात को उसमें शामिल किया गया है।
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### बाइबल से उदाहरण
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> <u>उदयाचल से लेकर अस्ताचल तक</u>, यहोवा का नाम स्तुति के योग्य है। (भजन संहिता 113:3 ULB)
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> **उदयाचल से लेकर अस्ताचल तक**, यहोवा का नाम स्तुति के योग्य है। (भजन संहिता 113:3 ULT)
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रेखांकित कथन मेरिस्म है क्योंकि यह पूर्व से पश्चिम के बीच की हर चीज को शामिल करता है। इसका अर्थ है ‘‘हर जगह’’
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मोटा वाक्यांश विभज्योतक है क्योंकि यह पूर्व से पश्चिम और इस के बीच की हर चीज को शामिल करता है। इसका अर्थ ‘‘हर जगह’’ से है।
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><u>क्या छोटे क्या बड़े</u> जितने यहोवा के डरवैये हैं, वह उन्हें आशीष देगा। (भजन संहिता 115:13 ULB)
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> क्या **छोटे क्या बड़े** जितने यहोवा के डरवैये हैं, वह उन्हें आशीष देगा। (भजन संहिता 115:13)
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रेखांकित कथन मेरिस्म है क्योंकि यह बड़े और छोटे लोगों एवं उनके बीच के सब लोगों की बात कर रहा है। इसका अर्थ है ‘‘प्रत्येक’’।
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मोटा वाक्यांश विभज्योतक है क्योंकि यह बड़े और छोटे लोगों और उनके बीच के सब लोगों की बात कर रहा है। इसका अर्थ ‘‘प्रत्येक’’ से है।
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### अनुवाद रणनीतियाँ
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यदि आपकी भाषा में मेरिस्म का उपयोग आम तौर पर होता है तो इसका उपयोग करें। अन्यथा, निम्न विकल्प मौजूद हैं:
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यदि आपकी भाषा में विभज्योतक का उपयोग स्वाभाविक होगा और अपनी भाषा में सही अर्थ देगा, तो इसका उपयोग करने पर विचार करें। यदि नहीं, तो यहाँ अन्य विकल्प दिए गए हैं:
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1. दोनों भागों को बताए बिना, समझाएँ कि मेरिस्म किसको दिखाता है।
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1. दोनों भागों को शामिल करके, समझाएँ कि मेरिस्म किसको दिखाता है।
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(1) दोनों भागों को बताए बिना पहचानें कि विभज्योतक किसको दिखाता है।
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(2) दोनों भागों को शामिल करते हुए पहचानें कि विभज्योतक किसको दिखाता है।
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### अनुवाद रणनीतियों के प्रयोग के उदाहरण
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1. दोनों भागों को बताए बिना, समझाएँ कि मेरिस्म किसको दिखाता है।
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(1) दोनों भागों को बताए बिना पहचानें कि विभज्योतक किसको दिखाता है।
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* **हे पिता, <u>स्वर्ग और पृथ्वी</u> के प्रभु; मैं तेरा धन्यवाद करता हूँ...** (मत्ती 11:25 ULB)
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* हे पिता, <u>सबके</u> प्रभु; मैं तेरा धन्यवाद करता हूँ...
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* **<u>उदयाचल से लेकर अस्ताचल तक</u>, यहोवा का नाम स्तुति के योग्य है** (भजन संहिता 113:3 ULB)
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* <u>सब जगह में</u>, यहोवा का नाम स्तुति के योग्य है
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>हे पिता, **स्वर्ग और पृथ्वी** के प्रभु; मैं तेरा धन्यवाद करता हूँ… (मत्ती 11:25ब ULT)
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हे पिता, **सबके**प्रभु; मैं तेरा धन्यवाद करता हूँ।
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1. दोनों भागों को शामिल करके, समझाएँ कि मेरिस्म किसको दिखाता है
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> **उदयाचल से लेकर अस्ताचल तक**, यहोवा का नाम स्तुति के योग्य है (भजन संहिता 113:3 ULT)
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* **हे पिता, <u>स्वर्ग और पृथ्वी</u> के प्रभु; मैं तेरा धन्यवाद करता हूँ...** (मत्ती 11:25 ULB)
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* हे पिता, <u>स्वर्ग और पृथ्वी को मिलाकर, सबके</u> प्रभु; मैं तेरा धन्यवाद करता हूँ
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* **<u>क्या छोटे क्या बड़े</u> जितने यहोवा के डरवैये हैं, वह उन्हें आशीष देगा** (भजन संहिता 113:3 ULB)
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* <u>सबको</u> जितने यहोवा के डरवैये हैं, वह उन्हें आशीष देगा, चाहे वो छोटे हों, या बडे़
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(2) दोनों भागों को शामिल करते हुए पहचानें कि विभज्योतक किसको दिखाता है।
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> हे पिता, **स्वर्ग और पृथ्वी** के प्रभु; मैं तेरा धन्यवाद करता हूँ (मत्ती 11:25ब ULT)
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>> हे पिता, **सब कुछ, स्वर्ग में जो कुछ है और पृथ्वी में जो कुछ है ** के प्रभु; मैं तेरा धन्यवाद करता हूँ।
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> क्या **छोटे क्या बड़े** जितने यहोवा के डरवैये हैं, वह उन्हें आशीष देगा। (भजन संहिता 115:13 ULT)
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>> वह **उन सभी** को आशीष देगा, जो उसे आदर देते हैं, भले ही वे **छोटे या बड़े** हों।
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मेरिस्म का अर्थ क्या है और इसका उपयोग करने वाले वाक्यो का मैं अनुवाद कैसे करूँ?
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विभज्योतक का अर्थ क्या है और इसका उपयोग करने वाले वाक्यो का मैं अनुवाद कैसे करूँ?
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मेरिस्म
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विभज्योतक
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### वर्णन
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कुछ भाषाओं में एक विशेषण के उपयोग से उस विशेषण के द्वारा बतार्इ गर्इ चीजों के समूह को बताया जा सकता है। और जब ऐसा होता है, तो वह संज्ञा की तरह कार्य करता है। उदाहरण के तौर पर, ‘‘धनी’’ शब्द एक विशेषण है। नीचे दो वाक्य हैं जो दिखाते हैं कि ‘‘धनी’’ शब्द विशेषण है।
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कुछ भाषाओं में एक विशेषण के उपयोग से उस विशेषण के द्वारा बतार्इ गर्इ चीजों के वर्ग को बताया जा सकता है। और जब ऐसा होता है, तो वह संज्ञा की तरह कार्य करता है। उदाहरण के तौर पर, ‘‘धनी’’ शब्द एक विशेषण है। नीचे दो वाक्य हैं जो दिखाते हैं कि ‘‘धनी’’ शब्द विशेषण है।
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> <u>धनी व्यक्ति</u> के पास तो बहुत सी भेड़-बकरियां और गाय बैल थे... (2 शमूएल 12:2 ULB)
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> **धनी व्यक्ति** के पास तो बहुत सी भेड़-बकरियां और गाय बैल थे। (2 शमूएल 12:2 ULT)
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‘‘धनी’’ नामक विशेषण ‘‘व्यक्ति’’ से पहले आता है और व्यक्ति का वर्णन करता है।
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> <u>वह धनी</u> न रहेगा, और न उसकी सम्पत्ति बनी रहेगी (अय्यूब 15:29 ULB)
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> **वह धनी न रहेगा**; और न उसकी सम्पत्ति बनी रहेगी। (अय्यूब 15:29अ ULT)
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‘‘धनी’’ नामक विशेषण ‘‘वह’’ के बाद आता है और ‘वह’ का वर्णन करता है। निम्न वाक्य बताता है कि ‘‘धनी’’ शब्द संज्ञा का भी कार्य कर सकता है।
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‘‘धनी’’ नामक विशेषण ‘‘वह’’ के बाद आता है और "वह" का वर्णन करता है।
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> तब न तो <u>धनी</u> आधे शेकेल से अधिक दें, और न <u>कंगाल</u> उससे कम दें । (निर्गमन 30:15 ULB)
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निम्न वाक्य बताता है कि ‘‘धनी’’ शब्द संज्ञा का भी कार्य कर सकता है।
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निर्गमन 30:15 ULB में, ‘‘धनी’’ शब्द संज्ञा का कार्य करता है और धनी व्यक्तियों की बात करता है। ‘‘कंगाल’’ शब्द भी संज्ञा का कार्य करता है और कंगाल लोगों की बात करता है।
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> तब न **तो**** धनी आधे शेकेल से अधिक दें, और न **कंगाल** उससे कम दें । (निर्गमन 30:15ब ULT)
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निर्गमन 30:15 में, ‘‘धनी’’ शब्द संज्ञा का कार्य करता है और धनी व्यक्तियों की बात करता है। ‘‘कंगाल’’ शब्द भी संज्ञा का कार्य करता है और कंगाल लोगों की बात करता है।
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### कारण यह अनुवाद की समस्या है
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* बाइबल में अक्सर विशेषण का उपयोग संज्ञा की तरह, लोगों के समूह को दिखाने के लिए हुआ है
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* कुछ भाषाएँ विशेषणों को ऐसे नही बताती हैं
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* इन भाषाओं के पाठक समझेंगे कि यह पद किसी व्यक्ति विशेष की बात कर रहा है, परंतु वह केवल उन लोगों के समूह की बात कर रहा होगा जिसे विशेषण दिखाता है
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* बाइबल में अक्सर विशेषण का उपयोग संज्ञा की तरह लोगों के समूह को दिखाने के लिए हुआ है।
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* कुछ भाषाएँ विशेषणों की उपयोग ऐसे नही करती हैं।
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* इन भाषाओं के पाठक समझेंगे कि यह पद किसी व्यक्ति विशेष की बात कर रहा है परंतु यह वास्तव में केवल उन लोगों के समूह की बात कर रहा होगा जिसे विशेषण दिखाता है।
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### बाइबल से उदाहरण
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> क्योंकि दुष्टों का राजदण्ड <u>धर्मी</u> के भाग पर बना न रहेगा (भजन संहिता 125:3 ULB)
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> क्योंकि दुष्टों का राजदण्ड **धर्मी** के भाग पर बना न रहेगा (भजन संहिता 125:3अ ULT)
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‘‘धर्मी’’ शब्द धर्मी लोगों को दिखा रहा है, किसी एक धर्मी को नही।
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शब्द ‘‘धर्मी’’ यहाँ पर धर्मी लोगों को दिखा रहा है, न कि किसी एक धर्मी को।
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>धन्य हैं वे, जो <u>नम्र</u> हैं, (मत्ती 5:5 ULB)
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> धन्य हैं वे, जो **नम्र** हैं, (मत्ती 5:5अ ULT)
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‘‘नम्र’’ वे लोग हैं जो नम्र हैं, कोर्इ एक नम्र व्यक्ति नही
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‘‘नम्र’’ वे लोग हैं जो नम्र हैं, कोर्इ एक नम्र व्यक्ति नही।
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### अनुवाद रणनीतियाँ
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यदि आपकी भाषा में विशेषणों का उपयोग संज्ञा के रूप में भी आमतौर पर होता है, तो उनका उपयोग करें। परंतु यदि यह अपरिचित सा लगता है या उसका अर्थ स्पष्ट नही है या गलत है, तो एक और विकल्प निम्नलिखित है:
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1. विशेषण जिस संज्ञा को दिखा रहा है उसका उपयोग बहुवचन में करें
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(1) संज्ञा के बहुवचन रूप के साथ विशेषण का प्रयोग करें जिसका वर्णन विशेषण करता है।
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### अनुवाद रणनीतियों के प्रयोग के उदाहरण
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1. विशेषण जिस संज्ञा को दिखा रहा है उसका उपयोग बहुवचन में करें
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(1) संज्ञा के बहुवचन रूप के साथ विशेषण का प्रयोग करें जिसका वर्णन विशेषण करता है।
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* **दुष्टों का राजदण्ड <u>धर्मी</u> के भाग पर बना न रहेगा** (भजन संहिता 125:3 ULB)
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* दुष्टों का राजदण्ड <u>धर्मी लोगों </u> के भाग पर बना न रहेगा
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* **धन्य हैं वे, जो <u>नम्र</u> हैं** (मत्ती 5:5 ULB)
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* धन्य हैं <u>वे लोग जो म्र</u> हैं
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> दुष्टों का राजदण्ड **धर्मी** के भाग पर बना न रहेगा (भजन संहिता 125:3अ ULT)
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>> दुष्टों का राजदण्ड **धर्मी लोगों** के भाग पर बना न रहेगा।
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> धन्य हैं वे जो **नम्र हैं** (मत्ती 5:5अ ULT)
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> धन्य हैं **वे लोग जो नम्र**हैं।
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संज्ञा के समान लगने वाले विशेषणों का मैं अनुवाद कैसे करूँ?
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आम विशेषण
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### वर्णन
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** समरूपता** में संरचना या विचार में समान दिखने वाले दो कथनों या वाक्यांशों का एक साथ उपयोग होता है। समरूपता कर्इ प्रकार के होती है।
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समरूपता में, संरचना या विचार में समान दिखने वाले दो खंड या वाक्यांशों का एक साथ उपयोग होता है। नीचे दी गई समरूपताएँ कर्इ प्रकार की होती हैं।
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कुछ निम्नलिखित हैं:
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* दूसरे खंड या वाक्यांश का अर्थ पहले जैसा है। इसे पर्यायवाची समानता कहा जाता है।
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* दूसरा पहले के अर्थ को स्पष्ट करता या उसे बल देता है।
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* दूसरा पहले में कही गर्इ बात को पूरा करता है।
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* दूसरा पहले में लिखे विचार के विपरीत कहता है। परंतु उस विचार में कुछ जोड़ता भी है।
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1. दूसरे कथन या वाक्य का अर्थ पहले जैसा होता है। इसे प्रयायवाची समरूपता भी कहते हैं।
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1. दूसरा पहले के अर्थ को स्पष्ट करता या उसे बल देता है।
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1. दूसरा पहले में कही गर्इ बात को पुरा करता है।
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1. दूसरा पहले में लिखे विचार के विपरीत कहता है। परंतु उस विचार में कुछ जोड़ता भी है। समरूपता को हम अधिकतर भजन संहिता एवं नीतिवचन जैसी पुराने नियम की कविताओं में पा सकते हैं। यह नये नियम की युनानी भाषा में भी मिलती है, परंतु चार सुसमाचारों और प्रेरितों की पत्रियों में। मूल भाषाओं क कविताओं में प्रयुक्त प्रयायवाची समरूपता (एक रूप जिसमें दोनों वाक्य एक दूसरे जैसे लगते हैं) के कर्इ प्रभाव हो सकते हैं:
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समरूपता को हम अधिकतर भजन संहिता एवं नीतिवचन जैसी पुराने नियम की कविताओं में पा सकते हैं। यह नये नियम की यूनानी भाषा में भी मिलती है, दोनों चार सुसमाचारों और प्रेरितों की पत्रियों में।
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मूल भाषाओं की कविताओं में प्रयुक्त पर्यायवाची समरूपता (एक रूप जिसमें दोनों वाक्य एक दूसरे जैसे लगते हैं) के कर्इ प्रभाव हो सकते हैं:
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* एक बार से अधिक बार अथवा तरीकों में बताने से यह दिखाता है कि उक्त कथन बहुत महत्वपूर्ण है।
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* अलग तरीके से बताने के द्वारा इसे सुननेवाले उस विचार को अधिक गहरार्इ से समझते हैं।
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* इससे भाषा अधिक सुंदर एवं बोलने के आम तरीके से बेहतर हो जाती है।
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* इससे भाषा अधिक सुंदर एवं बोलने के आम तरीके से उत्तम हो जाती है।
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### यह अनुवाद का विषय क्यों है
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### कारण यह अनुवाद की समस्या है
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कुछ भाषाओं में समरूपता का उपयोग नही होता है। एक बात को दो बार कहने से उनको यह अजीब सा लगता है या वे सोचते हैं कि उन दोनों वाक्यों के विभिé अर्थ हैं। उनके लिए यह सुंदर होने की बजाय, संदेहपूर्ण हो जाता है।
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कुछ भाषाओं में समरूपता का उपयोग नही होता है। एक बात को दो बार कहने से उनको यह अजीब सा लगता है या वे सोचते हैं कि उन दोनों वाक्यों के विभिन्न अर्थ हैं। उनके लिए यह सुंदर होने के स्थान पर, संदेहपूर्ण हो जाता है।
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ध्यान दें: हम उन लंबे वाक्यों या कथनों के लिए ‘‘प्रयायवाची समरूपता’’ का उपयोग करते हैं जिनका अथ ्रसमान होता है। हम उन शब्दों या छोटे वाक्यों के लिए युग्मकों [Doublet](../figs-doublet/01.md) का उपयोग करते हैं जिनके मूल अर्थ समान होते और एक साथ उपयोग किया जाता है।
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||||
ध्यान दें: हम उन लंबे वाक्यों या कथनों के लिए ‘‘पर्यायवाची समरूपता’’ का उपयोग करते हैं जिनका अर्थ समान होता है। हम उन शब्दों या छोटे वाक्यों के लिए [युग्मकों](../figs-doublet/01.md) का उपयोग करते हैं जिनके मूल अर्थ समान होते और एक साथ उपयोग किया जाता है।
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### बाइबल में से उदाहरण
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** दूसरे कथन या वाक्य का अर्थ पहले जैसा होता है**
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**(1)दूसरे खंड या वाक्यांश का अर्थ पहले जैसा है। **
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>तेरा वचन मेरे पांव के लिये दीपक।
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>और मेरे मार्ग के लिये उजियाला है (भजन संहिता 119:105 ULB)
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> तेरा वचन मेरे पांव के लिये दीपक
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> और मेरे मार्ग के लिये उजियाला है। (भजन संहिता 119:105 ULT)
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वाक्य के दोनों भाग रूपक हैं जो यह कहते हैं कि परमेश्वर का वचन लोगों को जीना सिखाता है।
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>तूने उसे अपने हाथों के कार्यों पर प्रभुता दी है।
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>तूने उसके पांव तले सब कुछ कर दिया है। (भजन संहिता 8:6 ULB)
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> तूने उसे अपने हाथों के कार्यों पर प्रभुता दी है;
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> तूने उसके पांव तले सब कुछ कर दिया है। (भजन संहिता 8:6 ULT)
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दोनों वाक्य कहते हैं कि परमेश्वर ने मनुष्य को सबका शासक बनाया है।
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** दूसरा पहले के अर्थ को स्पष्ट करता या उसे बल देता है**
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**(2) दूसरा पहले के अर्थ को स्पष्ट करता या उसे बल देता है।**
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>यहोवा की आंखें सब स्थानों में लगी रहती हैं
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>वह बुरे भले दोनों को देखती रहती हैं (नीतिवचन 15:3 ULB)
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> यहोवा की आंखें सब स्थानों में लगी रहती हैं,
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> वह बुरे भले दोनों को देखती रहती हैं (नीतिवचन 15:3 ULT)
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दूसरा वाक्य विशेष रूप से बताता है कि यहोवा नजर रखता है।
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** दूसरा पहले में कही गर्इ बात को पुरा करता है**
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**(3)दूसरा पहले में कही गर्इ बात को पूरा करता है।**
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>मैं ऊंचे शब्द से यहोवा को पुकारता हूँ।
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>और वह अपने पवित्र पर्वत पर से मुझे उत्तर देता है (भजन संहिता 3:4 ULB)
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> मैं ऊँचे शब्द से यहोवा को पुकारता हूँ,
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> और वह अपने पवित्र पर्वत पर से मुझे उत्तर देता है (भजन संहिता 3:4 ULT)
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दूसरा वाक्य बताता है कि व्यक्ति पहले वाक्य में जो करता है, यहोवा उसके उत्तर में कुछ दूसरे वाक्य में करता है।
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दूसरा वाक्य बताता है कि व्यक्ति पहले वाक्य में जो करता है यहोवा उसके उत्तर में कुछ दूसरे वाक्य में करता है।
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** दूसरा पहले में लिखे विचार के विपरीत कहता है परंतु उस विचार में कुछ जोड़ता भी है**
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**(4) दूसरा पहले में लिखे विचार के विपरीत कहता है। परंतु उस विचार में कुछ जोड़ता भी है।**
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>क्योंकि यहोवा धर्मियों का मार्ग जानता है।
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>परन्तु दुष्टों का मार्ग नाश हो जाएगा (भजन संहिता 1:6 ULB)
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> क्योंकि यहोवा धर्मियों का मार्ग जानता है,
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> परन्तु दुष्टों का मार्ग नाश हो जाएगा। (भजन संहिता 1:6 ULT)
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यह अंतर है कि धर्मी लोगों के साथ होता है और दुष्टों के साथ क्या।
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यह धर्मी लोगों के साथ क्या होता की तुलना दुष्टों के साथ क्या होता है से करने के द्वारा अंतर करता है।
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>कोमल उत्तर सुनने से जलजलाहट ठंडी होती है।
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>परन्तु कटुवचन से क्रोध धधक उठता है (नीतिवचन 15:1 ULB)
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||||
> कोमल उत्तर सुनने से जलजलाहट ठंडी होती है,
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> परन्तु कटुवचन से क्रोध धधक उठता है। (नीतिवचन 15:1 ULT)
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यह अंतर बताता है कि जब कोर्इ कोमल उत्तर देता है तो क्या होता और कठोर उत्तर का क्या प्रभाव पड़ता है।
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### अनुवाद की रणनीतियाँ
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समरूपता के अधिकतर प्रकारों में, दोनों वाक्यों या कथनों का अनुवाद करना उचित होता है। प्रयायावाची समरूपता में, दोनों वाक्यों का अनुवाद करना उचित है यदि आपकी भाषावाले इस बात को जानते हैं कि किसी बात को दो बार कहने से, उस बात को बल मिलता है। परंतु यदि आपकी भाषा में समरूपता का उपयोग इस प्रकार नही होता है, तो अनुवाद के निम्न तरीकों में से एक का उपयोग करें।
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||||
समरूपता के अधिकतर प्रकारों में, दोनों वाक्यों या कथनों का अनुवाद करना उचित होता है। प्रयायावाची समरूपता में, दोनों वाक्यों का अनुवाद करना उचित है यदि आपकी भाषावाले इस बात को जानते हैं कि किसी बात को दो बार कहने से उस बात को बल मिलता है। परंतु यदि आपकी भाषा में समरूपता का उपयोग इस प्रकार नही होता है, तो अनुवाद के निम्न तरीकों में से एक का उपयोग करें।
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||||
1. दोनों वाक्यों के विचारों को एक कर लें।
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1. परंतु यदि आपको ये लगता है कि उनके द्वारा कर्इ गर्इ बातें वास्तव में सच हैं, तो आप ‘‘वास्तव’’ या ‘‘सच में’’ जैसे शब्दों का उपयोग कर सकते हैं।
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||||
1. यदि आपको लगता है कि वाक्यों का उपयोग उसके विचार को गहरा करने के लिए दिया गया है तो आप ‘‘बहुत’’, ‘‘पूर्णतया’’ या ‘‘सब’’ जैसे शब्दों का उपयोग कर सकते हैं।
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||||
(1) दोनों वाक्यों के विचारों को एक कर लें।
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||||
(2) यदि आपको यह लगता है कि उनके द्वारा कर्इ गर्इ बातें वास्तव में सच हैं, तो आप ‘‘वास्तव’’ या ‘‘सच में’’ जैसे शब्दों का उपयोग कर सकते हैं।
|
||||
(3) यदि आपको लगता है कि वाक्यों का उपयोग उसके विचार को गहरा करने के लिए दिया गया है तो आप ‘‘बहुत’’, ‘‘पूर्णतया’’ या ‘‘सब’’ जैसे शब्दों का उपयोग कर सकते हैं।
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||||
### अनुवाद की रणनीतियों को लागु करने के उदाहरण
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### अनुवाद रणनीतियों के प्रयोग के उदाहरण
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1. दोनों वाक्यों के विचारों को एक कर लें।
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(1) दोनों वाक्यों के विचारों को एक कर लें।
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||||
* **अब तक तू मुझ से छल करता, और झूठ बोलता आया है** (न्यायियों 16:13 ULB) - दलीला दो बार शब्दों का उपयोग कर बताती है कि वह कितनी नाराज है।
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||||
* अब तक तूने झूठ से मेरे साथ छल किया है
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||||
* **क्योंकि मनुष्य के मार्ग यहोवा की दृष्टि से छिपे नहीं हैं, और वह उसके सब मार्गों पर ध्यान करता है।** (नीतिवचन 5:21 ULB) - ‘‘उसके सब मार्ग’’ ‘‘मनुष्य के मार्ग’’ का रूपक है
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||||
* ‘‘यहोवा मनुष्य के किए गए हर कार्य पर ध्यान देता है’’
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||||
* **क्योंकि यहोवा का अपनी प्रजा के साथ मुकद्दमा है, और वह इस्राएल से वादविवाद करता है (मीका 6:2 ULB) - यह समरूपता यहोवा और एक समूह के लोगों के बीच की गंभीर मतभेद को दिखाता है** यदि यह स्पष्ट नही है, तो वाक्यों को एक किया जा सकता है:
|
||||
* ‘‘यहोवा के पास अपने लोगों के लिए मुकद्दमा है’’
|
||||
> अब तक तू मुझ से छल करता और झूठ बोलता आया है (न्यायियों 16:13, ULT) - दलीला दो बार शब्दों का उपयोग कर बताती है कि वह कितनी अधिक नाराज है।
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||||
> > "अब तक तूने झूठ से मेरे साथ छल किया है
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||||
|
||||
1. परंतु यदि आपको ये लगता है कि उनके द्वारा कर्इ गर्इ बातें वास्तव में सच हैं, तो आप ‘‘वास्तव’’ या ‘‘सच में’’ जैसे शब्दों का उपयोग कर सकते हैं
|
||||
> क्योंकि मनुष्य के मार्ग यहोवा की दृष्टि से छिपे नहीं हैं, और वह उसके सब मार्गों पर ध्यान करता है। (नीतिवचन 5:21 ULT) - ‘‘उसके सब मार्ग’’ ‘‘मनुष्य के मार्ग’’ का रूपक है
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||||
* **क्योंकि मनुष्य के मार्ग यहोवा की दृष्टि से छिपे नहीं हैं, और वह उसके सब मार्गों पर ध्यान करता है** (नीतिवचन 5:21 ULB)
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||||
* ‘‘यहोवा वास्तव में मनुष्य के हर कार्य को देखता है’’
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||||
> > ‘‘यहोवा मनुष्य के किए गए हर कार्य पर ध्यान देता है’’
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||||
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||||
1. यदि आपको लगता है कि वाक्यों का उपयोग उसके विचार को गहरा करने के लिए दिया गया है तो आप ‘‘बहुत’’, ‘‘पूर्णतया’’ या ‘‘सब’’ जैसे शब्दों का उपयोग कर सकते हैं।
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||||
> क्योंकि यहोवा का अपनी प्रजा के साथ मुकद्दमा है, और वह इस्राएल से वादविवाद करता है (मीका 6:2 ULT) - यह समरूपता यहोवा और एक समूह के लोगों के बीच की गंभीर मतभेद को दिखाती है यदि यह स्पष्ट नही है, तो वाक्यों को एक किया जा सकता है:
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||||
> > ‘‘क्योंकि यहोवा के पास अपने लोगों के लिए मुकद्दमा है।’’
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* **अब तक तू मुझ से छल करता, और झूठ बोलता आया है** (न्यायियों 16:13 ULB)
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* ‘‘तूने मेरे साथ सब कुछ झूठ बोला है’’
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* **क्योंकि मनुष्य के मार्ग यहोवा की दृष्टि से छिपे नहीं हैं, और वह उसके सब मार्गों पर ध्यान करता है** (नीतिवचन 5:21 ULB)
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* ‘‘यहोवा मनुष्य के किए गए सब कार्यों को अच्छी तरह से जानता है’’
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||||
(2) यदि आपको यह लगता है कि उनके द्वारा कर्इ गर्इ बातें वास्तव में सच हैं, तो आप ‘‘वास्तव’’ या ‘‘सच में’’ जैसे शब्दों का उपयोग कर सकते हैं।
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> क्योंकि मनुष्य के मार्ग यहोवा की दृष्टि से छिपे नहीं हैं, और वह उसके सब मार्गों पर ध्यान करता है। (नीतिवचन 5:21 ULT)
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> > ‘‘यहोवा वास्तव में मनुष्य के हर कार्य को देखता है।’’
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||||
(3) यदि आपको लगता है कि वाक्यों का उपयोग उसके विचार को गहरा करने के लिए दिया गया है तो आप ‘‘बहुत’’, ‘‘पूर्णतया’’ या ‘‘सब’’ जैसे शब्दों का उपयोग कर सकते हैं।
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> अब तक तू मुझ से छल करता, और झूठ बोलता आया है। (न्यायियों 16:13, ULT)
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> > ‘‘तूने मेरे साथ सब कुछ झूठ बोला है।’’
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> क्योंकि मनुष्य के मार्ग यहोवा की दृष्टि से छिपे नहीं हैं और वह उसके सब मार्गों पर ध्यान करता है (नीतिवचन 5:21 ULT)
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> > "यहोवा मनुष्य के किए गए सब कार्यों को अच्छी तरह से जानता है। "
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समरूपता क्या है?
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समरूपता
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### वर्णन
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‘भविष्यसूचक अतीत’ भाषा का वो अलंकार है जो भूतकाल का उपयोग कर, भविष्य की किसी घटना का उल्लेख करता है। ऐसा अक्सर भविष्यद्वाणियों में, ये दिखाने के लिए किया जाता है कि वह घटना जरूर घटेगी। इसे भविष्यद्वाणीय परफेक्ट भी कहते हैं।
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भविष्यसूचक अतीत भाषा का वो अलंकार है जो भूतकाल वाले वाक्य का उपयोग कर भविष्य की किसी घटना का उल्लेख करता है। ऐसा अक्सर भविष्यद्वाणियों में यह दिखाने के लिए किया जाता है कि वह घटना जरूर घटेगी। इसे भविष्यद्वाणीय पूर्ण भी कहते हैं।
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>इसलिये अज्ञानता के कारण मेरी प्रजा बंधुआर्इ में जाती है
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>उसके प्रतिष्ठित पुरूष भूखों मरते और साधारण लोग प्यास से ब्याकुल होते हैं (यशायाह 5:13 ULB)
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> इसलिये अज्ञानता के कारण मेरी प्रजा बंधुवार्इ में जाती है;
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> उसके प्रतिष्ठित पुरूष भूखों मरते और साधारण लोग प्यास से ब्याकुल होते हैं (यशायाह 5:13 ULT)
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उपरोक्त उदाहरण में, इस्राएली अभी बत बंधुवार्इ में गए नही थे परंतु परमेश्वर ने उनके बंधुवार्इ में जाने के बारे में इस प्रकार कहा कि वे बंधुवार्इ में हैं क्यों उसने उन्हे बंधुवार्इ में भेजने की ठान ली थी।
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उपरोक्त उदाहरण में, इस्राएली अभी बंधुवार्इ में गए नही थे परंतु परमेश्वर ने उनके बंधुवार्इ में जाने के बारे में इस प्रकार कहा कि वे बंधुवार्इ में हैं क्यों उसने उन्हे बंधुवार्इ में भेजने की ठान ली थी।
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### कारण यह अनुवाद का विषय है
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#### कारण यह अनुवाद का विषय है
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भूतकाल के बारे में अनभिज्ञ पाठक भविष्यद्वाणी में बतार्इ गर्इ भावी घटना के बारे में पढ़कर संदेह से भर सकते हैं।
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### बाइबल में से उदाहरण
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> और यरीहो के सब फाटक इस्राएलियों के डर के मारे लगातार बन्द रहे और कोर्इ बाहर भीतर आने जाने नहीं पाता था।फिर यहोवा ने यहोशू से कहा, सुन, मैं यरीहो को उसके राजा और शूरवीरों समेत तेरे वश में कर देता हूं। (यहोशू 6:1-2 ULB)
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> और यरीहो के सब फाटक इस्राएलियों के डर के मारे लगातार बन्द रहे और कोर्इ बाहर भीतर आने जाने नहीं पाता था। फिर यहोवा ने यहोशू से कहा, “सुन, मैं यरीहो को उसके राजा और शूरवीरों समेत तेरे वश में कर देता हूँ।” (यहोशू 6:1-2 ULT)
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>क्योंकि हमारे लिये एक बालक उत्पé हुआ, हमें एक पुत्र दिया गया है।
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>और प्रभुता उसके कांधे पर होगी (यशायाह 9:6 ULB)
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> क्योंकि हमारे लिये एक बालक उत्पन्न हुआ, हमें एक पुत्र दिया गया है;
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> और प्रभुता उसके कांधे पर होगी। (यशायाह 9:6अ ULT)
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उपरोक्त उदाहरण में, परमेश्वर ने भविष्य में होने वाली घटना के बारे में इस प्रकार कहा कि वह घट चुकी हो।
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उपरोक्त उदाहरण में, परमेश्वर ने भविष्य में होने वाली घटना के बारे में इस प्रकार कहा कि वह पहले से ही घट चुकी हो।
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>और हनोक ने भी जो आदम से सातवीं पीढ़ी में था, इन के विषय में यह भविष्यद्ववाणी की, कि देखो, प्रभु अपने लाखों पवित्रों के साथ आया (यहूदा 1:5 ULB)
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> और हनोक ने भी जो आदम से सातवीं पीढ़ी में था, इन के विषय में यह भविष्यद्ववाणी की कि “देखो! प्रभु अपने लाखों पवित्रों के साथ आया। (यहूदा 1:5 ULT)
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हनोक भविष्य में होने वाली घटना के बारे में बता रहा था परंतु उसने यह कहकर भूतकाल का उपयोग किया, ‘‘प्रभु... आया’’।
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हनोक भविष्य में होने वाली घटना के बारे में बता रहा था परंतु उसने यह कहकर भूतकाल का उपयोग किया जब उसने कहा, ‘‘प्रभु आया।’’
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### अनुवाद की रणनीतियाँ
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यदि आपकी भाषा में भूतकाल सही है और इसका अर्थ स्पष्ट है तो इसका ही उपयोग करें। अन्यथा, कुछ विकल्प निम्नलिखित हैं:
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यदि आपकी भाषा में भूतकाल स्वभाविक होगा और वह आपकी भाषा में सही अर्थ को दे रहा है, तो इसके उपयोग पर विचार करें। अन्यथा, यहाँ निम्नलिखित कुछ विकल्प दिए गए हैं:
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1. भविष्य की बातों को बताने के लिए भविष्यसूचक शब्दों का ही उपयोग करें
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1. यदि वहाँ भविष्य की एकदम से घटने वाली घटना के बारे में लिखा है, तो ऐसे रूप का उपयोग करें जिससे वह स्पष्ट हो
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1. कुछ भाषाएँ भविष्य में होने वाली घटना को दिखाने के लिए वर्तमान काल का भी उपयोग करती हैं
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(1) भविष्य की बातों को बताने के लिए भविष्यसूचक शब्दों का ही उपयोग करें
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(2) यदि वहाँ भविष्य की एकदम से घटने वाली घटना के बारे में लिखा है, तो ऐसे रूप का उपयोग करें जिससे वह स्पष्ट हो
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(3) कुछ भाषाएँ भविष्य में होने वाली घटना को दिखाने के लिए वर्तमान काल का भी उपयोग करती हैं
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### अनुवाद की रणनीतियों को लागु करने के उदाहरण
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### अनुवाद रणनीतियों के प्रयोग के उदाहरण
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1. भविष्य की बातों को बताने के लिए भविष्यसूचक शब्दों का ही उपयोग करें
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(1) भविष्य की बातों को बताने के लिए भविष्यसूचक शब्दों का ही उपयोग करें
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* **क्योंकि हमारे लिये एक बालक <u>उत्पé हुआ<u/>, हमें एक पुत्र <u>दिया गया<u/> है** (यशायाह 9:6क ULB)
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* ‘‘क्योंकि हमारे लिये एक बालक <u>उत्पé होगा<u/>, हमें एक पुत्र <u>दिया जाएगा<u/>
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> क्योंकि हमारे लिये एक बालक **उत्पन्न हुआ**, हमें एक पुत्र **दिया गया** है। (यशायाह 9:6अ ULT)
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>> क्योंकि हमारे लिये एक बालक **उत्पन्न होगा**, हमें एक पुत्र **दिया जाएगा** है।
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1. यदि वहाँ भविष्य की एकदम से घटने वाली घटना के बारे में लिखा है, तो ऐसे रूप का उपयोग करें जिससे वह स्पष्ट हो
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(2) यदि वहाँ भविष्य की एकदम से घटने वाली घटना के बारे में लिखा है, तो ऐसे रूप का उपयोग करें जिससे वह स्पष्ट हो
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* **फिर यहोवा ने यहोशू से कहा, सुन, मैं यरीहो को उसके राजा और शूरवीरों समेत <u>तेरे वश में कर देता हूँ </u>।** (यहोशू 6:2 ULB)
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* फिर यहोवा ने यहोशू से कहा, सुन, मैं यरीहो को उसके राजा और शूरवीरों समेत <u>तेरे वश में करूँगा</u>
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> फिर यहोवा ने यहोशू से कहा, “सुन, मैं यरीहो को उसके राजा और शूरवीरों समेत तेरे वश में कर देता हूँ। (यहोशू 6:2 ULT)
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1. कुछ भाषाएँ भविष्य में होने वाली घटना को दिखाने के लिए वर्तमान काल का भी उपयोग करती हैं
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>> फिर यहोवा ने यहोशू से कहा, “सुन, **मैं यरीहो को तेरे वश में करने पर हूँ** उसके राजा और शूरवीरों समेत।”
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* **फिर यहोवा ने यहोशू से कहा, सुन, मैं यरीहो को उसके राजा और शूरवीरों समेत <u>तेरे वश में कर देता हूँ </u>।** (यहोशू 6:2 ULB)
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* फिर यहोवा ने यहोशू से कहा, सुन, मैं यरीहो को उसके राजा और शूरवीरों समेत <u>तेरे वश में कर रहा हूँ </u>
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(3) कुछ भाषाएँ भविष्य में होने वाली घटना को दिखाने के लिए वर्तमान काल का भी उपयोग करती हैं
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> फिर यहोवा ने यहोशू से कहा, सुन, मैं यरीहो को उसके राजा और शूरवीरों समेत तेरे वश में कर देता हूँ।” (यहोशू 6:2 ULT)
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>> फिर यहोवा ने यहोशू से कहा, “सुन, मैं यरीहो को तेरे वश में **कर रहा हूँ** उसके राजा और शूरवीरों समेत।”
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भविष्यसूचक अतीत क्या है?
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भविष्यसूचक अतीत
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### वर्णन
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किसी व्यक्ति या वस्तु को दिखाने के लिए संज्ञा के स्थान पर काम में आने वाले शब्द सर्वनाम कहलाते हैं। कुछ उदाहरण हैं, मैं, तुम, यह, वह, स्वयं, कोर्इ। सर्वनाम का सर्वाधिक सामान्य प्रकार व्यक्तिवाचक है।
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किसी व्यक्ति या वस्तु को दिखाने के लिए संज्ञा के स्थान पर काम में आने वाले शब्द सर्वनाम कहलाते हैं। कुछ उदाहरण हैं, “मैं,” ”तुम, “यह,” “वह,” “स्वयं,” “कोर्इ,” और अन्य। सर्वनाम का सर्वाधिक सामान्य प्रकार व्यक्तिवाचक है।
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### व्यक्तिवाचक सर्वनाम
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व्यक्तिवाचक सर्वनाम लोगों या वस्तुओं को दिखाता है और बताता है कि वक्ता स्वयं की बात कर रहा है या जिससे बात कर रहा है या किसी व्यक्ति या किसी वस्तु को दिखा रहा है। व्यक्तिवाचक सर्वनाम के द्वारा दी जाने वाली सुचनाओं के प्रकार निम्न हैं। अन्य प्रकार के सर्वनाम भी इनमें से कुछ सूचनाएँ दे सकते हैं।
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### व्यक्ति
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#### व्यक्ति
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* प्रथम व्यक्ति - वक्ता एवं शायद कुछ और (मैं, हम)
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* द्वितीय व्यक्ति - वक्ता जिससे या जिनसे बात कर रहा एवं शायद कुछ और (तुम)
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* [Forms of You](../figs-exclusive/01.md)
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* तृतीय व्यक्ति - वक्ता अथवा जिनसे वह बात कर रहा है, उनके अलावा कोर्इ और व्यक्ति या वस्तु (वह, यह, वे)
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* [विशेष और समावेशी "हम"](../figs-exclusive/01.md)
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* द्वितीय व्यक्ति - वक्ता जिससे या जिनसे बात कर रहा एवं शायद अन्य लोग (तुम)
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* [तुम के रूप](../figs-you/01.md)
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* तृतीय व्यक्ति - वक्ता अथवा जिनसे वह बात कर रहा है उनके अतिरिक्त कोर्इ और व्यक्ति या वस्तु (वह, यह, वे)
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### संख्या
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सँख्या
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* एकवचन - एक (मैं, तू, वह, यह)
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* बहुवचन - एक से अधिक (हम, तूम वे)
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* [Singular Pronouns that Refer to Groups](../figs-you/01.md)
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* [एकवचन सर्वनाम जो समूहों में आते हैं](../figs-youcrowd/01.md)
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* युग्म - दो (कुछ भाषाओं में दो लोगों या वस्तुओं के लिए सर्वनाम होते हैं)
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### लिंग
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#### लिंग
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* पुल्लिंग - वह
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* स्त्रीलिंग - वह
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* स्त्रीलिंग – वह
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* नपुंसक लिंग - यह
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### वाक्य के अन्य शब्दों से संबंध
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#### वाक्य के अन्य शब्दों से संबंध
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* क्रिया का विषय: मैं, तु, वह, यह, ये
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* क्रिया या पूर्वसर्ग के कर्म: मुझे, तुझे, उसे, उन्हे
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* संज्ञा के साथ स्वामित्व: मेरा, तेरा, उसका, हमारा, उनका
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* पुल्लिंग - वह
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* क्रिया का विषय: मैं, तु, पुल्लिंग वह, स्त्रीलिंग वह, यह, ये
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* क्रिया या पूर्वसर्ग की उद्देश्य: मुझे, तुझे, पुल्लिंग उसे, स्त्रीलिंग उसे, यह, हम, उन्हें
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* संज्ञा के साथ स्वामित्व: मेरा, तेरा, पुल्लिंग उसका, स्त्रीलिंग उसका, यह, हमारा, उनका
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* संज्ञा के बिना स्वामित्व: मेरा, तुम्हारा, पुल्लिंग उसका, स्त्रीलिंग उसका, इसका, हमारे, उनके
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### सर्वनाम के अन्य प्रकार
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**[Reflexive Pronouns](../figs-youcrowd/01.md)** कर्मकर्ता सर्वनाम उसी वाक्य में मौजूद दूसरी संज्ञा या सर्वनाम को दिखाता है: मैं स्वयं, तुम स्वयं, हम स्वयं, वह स्वयं, वे स्वयं
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**[ कर्मकर्ता सर्वनाम](../figs-rpronouns/01.md)** उसी वाक्य में उपस्थित दूसरी संज्ञा या सर्वनाम को दिखाता है: मैं स्वयं, तुम स्वयं, वह स्वयं, यह स्वयं, हम स्वयं, तुम स्वयं, वे स्वयं
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* यूहéा ने <u>स्वयं को</u> दर्पण में देखा - ‘‘स्वयं’’ शब्द यूहéा को दिखाता है।
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* यूहन्ना ने **स्वयं** को दर्पण में देखा। - शब्द ‘‘स्वयं’’ यूहन्ना को दिखाता है।
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** प्रश्नवाचक सर्वनाम** ऐसे प्रश्न हैं जिनका उत्तर केवल हाँ या ना से अधिक होता है: कौन, किसका, किसको, क्या, कहाँ, कब, क्यों, कैसे
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**प्रश्नवाचक सर्वनामों** का उपयोग ऐसे प्रश्न के लिए होता है जिसका उत्तर केवल हाँ या ना से अधिक होता है: क्या, किसका, कौन, किसको, किसका।
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* <u>किसने</u> घर बनाया?
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* **किसने** घर बनाया?
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** संबंधवाचक** सर्वनाम एक संबंध के कथन को बताता है। वे वाक्य के मुख्य भाग में दी गर्इ संज्ञा के बारे में अधिक जानकारी देते हैं: जो, जिसने, जिसका, जहाँ, जब।
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**संबंधवाचक सर्वनाम** एक संबंधनात्मक वाक्यांश को चिन्हित है। संबंधवाचक सर्वनाम, कौन, किसे, किसका, कौन सा और वह वाक्य के मुख्य भाग में एक संज्ञा के बारे में अधिक जानकारी देते हैं। कभी-कभी, संबंधवाचक सर्वनाम कब और जिसे भी संबंधवाचक सर्वनाम के रूप में उपयोग किया जा सकता है।
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* **मैने वो घर देखा <u>जो</u> यूहéा ने बनाया है** ‘‘जो यूहéा ने बनाया’’ उक्त कथन बताता है कि मैने कौनसा घर देखा
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* **मैने उस व्यक्ति को देखा <u>जिसने</u> यूहéा ने बनाया है** ‘‘जो यूहéा ने बनाया’’ उक्त कथन बताता है कि मैने कौनसा घर देखा
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* मैने वो घर देखा **जिसे यूहन्ना ने बनाया है**. वाक्यांश “जिसे यूहन्ना ने बनाया’’ बताता है कि मैने कौन सा घर देखा।
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* मैने उस व्यक्ति को देखा **जिसने घर बनाया**. वाक्यांश ‘‘जिसने घर बनाया’’ बताता है कि मैने कौन सा घर देखा
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** संकेतवाचक** सर्वनाम किसी वस्तु या व्यक्ति की ओर ध्यान खींचता एवं उससे वक्ता की दूरी को दिखाता है, जैसे यह, ये, वह, वे।
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**संकेतवाचक सर्वनाम** किसी वस्तु या व्यक्ति की ओर ध्यान खींचते हैं एवं उससे वक्ता की दूरी को दिखाते हैं, जैसे यह, ये, वह, वे।
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**संकेतवाचक सर्वनाम** का उपयोग किसी व्यक्ति या किसी चीज़ पर ध्यान आकर्षित करने और वक्ता या किसी वस्तु से दूरी दिखाने के लिए किया जाता है। संकेतवाचक सर्वनाम हैं: यह, ये, वह, और वे।
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* **क्या तुमने <u>ये</u> यहाँ देखा है?**
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* **यहाँ <u>वह</u> कौन है?**
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* क्या तुमने **यह** यहाँ देखा है?
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* **वहाँ** पर कौन है?
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** अनिश्चयवाचक** सर्वनाम से किसी निश्चित वस्तु या व्यक्ति को बोध नही होता, जैसे कोर्इ, किसी, कुछ, कहीं। कर्इ बार ऐसा करने के लिए व्यक्तिवाचक सर्वनाम का भी उपयोग होता है: तुम, वे, वह या यह।
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**अनिश्चयवाचक सर्वनाम** का उपयोग तब किया जाता है जब किसी विशेष संज्ञा को संदर्भित नहीं किया जाता है। अनिश्चियवाचक सर्वनाम हैं: कोई, कोई भी, कोई व्यक्ति, कोई वस्तु, कुछ वस्तु और कुछ। कभी-कभी एक व्यक्तिगत सर्वनाम का उपयोग सामान्य तरीके से करने के लिए उपयोग किया जाता है: आप, वे, वह या वह।
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* **वह <u>किसी से</u> बात नही करना चाहता**
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* **<u>किसी ने</u> इसे सही कर दिया है, परंतु मुझे नही पता कि वह कौन है**
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* **<u>वे</u> कहते हैं कि <u>तुम्हे</u> सोए हुए कुत्ते को जगाना नही चाहिए**
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* वह **किसी** से बात नही करना चाहता है।
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* **किसी** ने इसे सही कर दिया है, परंतु मैं नहीं जानता किसने।
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* **वे** कहते हैं कि **तुम्हे** सोए हुए कुत्ते को जगाना नही चाहिए
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अंतिम उदाहरण में, ‘‘वे’’ एवं ‘‘तुम’’ सामान्य रूप में लोगों की ओर इशारा करते हैं।
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अंतिम उदाहरण में, ‘‘वे’’ एवं ‘‘तुम’’ सामान्य रूप में लोगों को संदर्भित करते हैं।
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सर्वनाम क्या हैं और कुछ भाषाओं में सर्वनाम के कौन कौनसे प्रकार होते हैं?
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सर्वनाम
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उद्धरण दो प्रकार के होते हैं: प्रत्यक्ष उद्धरण एवं अप्रत्यक्ष उद्धरण।
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** प्रत्यक्ष उद्धरण** तब होता है जब कोर्इ किसी के कहे कथन को मूलभूत श्रोताओं के नजरिए से पेश करता है। लोग अपेक्षा करते हैं कि इस प्रकार के उद्धरण वास्तविक लेखक के वास्तविक शब्दों को बताएँ। नीचे के उदाहरण में, यूहéा ने स्वयं का उल्लेख करते हुए ‘‘मैं’’ कहा होगा, अत: यूहéा के शब्दों की सूचना देने वाला वक्ता भी यूहéा की ओर इशारा करते हुए ‘‘मैं का उपयोग कर रहा है। यह दिखाने के लिए कि ये शब्द स्वयं यूहéा के हैं, कर्इ भाषाएँ उद्वरण चिन्ह ‘‘ ‘‘ के बीच में उसके शब्दों को लिखते हैं।
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प्रत्यक्ष उद्धरण तब प्रगट होता है जब कोर्इ किसी के कहे कथन को मूलभूत श्रोताओं के दृष्टिकोण से प्रस्तुत करता है। लोग अपेक्षा करते हैं कि इस प्रकार के उद्धरण वास्तविक लेखक के वास्तविक शब्दों को बताएँ। नीचे दिए गए उदाहरण में, यूहन्ना ने स्वयं का उल्लेख करते हुए ‘‘मैं’’ कहा होगा, अत: यूहन्ना के शब्दों की सूचना देने वाला वक्ता भी यूहन्ना की ओर इशारा करते हुए ‘‘मैं का उपयोग कर रहा है। यह दिखाने के लिए कि ये शब्द स्वयं यूहन्ना के हैं, कर्इ भाषाएँ उद्वरण चिन्ह ‘‘.‘‘ के बीच में उसके शब्दों को लिखते हैं।
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* यूहéा ने कहा, ‘‘<u>मैं</u> नही जानता कि आप कब पहुँचोगे?’’
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* यूहन्ना ने कहा, ‘‘**मैं** नही जानता कि **मैं** कब पहुँचूँगा?’’
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** अप्रत्यक्ष उद्धरण** तब होता है जब कोर्इ किसी के कहे कथन को बताता तो है, परंतु इस मामले में, वह उसकी बात को, वास्तविक लेखक की बजाए, स्वयं के नजरिए से पेश करता है। इस प्रकार का उद्धरण आम तौर पर, सर्वनाम में आए बदलाव को बताते हैं और अक्सर समय, शब्दों के चुनाव और लंबार्इ में परिवर्तन को दिखाता है। नीचे के उदाहरण में, वक्ता यूहéा का उल्लेख ‘‘वह’’ के रूप में उद्वरण के साथ करता है।
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अप्रत्यक्ष उद्धरण तब प्रगट होता है जब कोर्इ किसी के कहे कथन को बताता तो है, परंतु इस घटना में, वह उसकी बात को, वास्तविक लेखक के स्थान पर, स्वयं के दृष्टिकोण से प्रस्तुत करता है। इस प्रकार का उद्धरण आम तौर पर, सर्वनाम में आए बदलाव को बताते हैं और अक्सर समय, शब्दों के चुनाव और लंबार्इ में परिवर्तन को दिखाता है।
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नीचे दिए गए उदाहरण में, कथाकार यूहन्ना को उद्धरण में "वह" के रूप में संदर्भित करता है और शब्द निश्चित "होगा" द्वारा इंगित भविष्य काल को बदलने के लिए शब्द अनुमानित "होगा" का उपयोग करता है।
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* यूहéा ने कहा कि <u>वह</u> नही जानता था कि <u>वह</u> कब पहुचेगा?’’
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* यूहन्ना ने कहा कि **वह** नही जानता था कि **वह** कब पहुचेगा?’’
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### यह अनुवाद का विषय क्यों है
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### कारण यह अनुवाद की समस्या है
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कुछ भाषाओं में, सूचित वक्तव्य को प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष दोनों उद्धरणों के साथ बताता जा सकता है। परंतु कुछ भाषाओं में, एक का उपयोग दूसरे से अधिक सामान्य तरीके से होता है और एक प्रकार के तरीके से उपयोग से उसे निश्चित अर्थ मिलता है। हर उद्धरण के लिए, अनुवादक को निर्णय लेना है कि उनका उनका प्रत्यक्ष उद्धरण में करे या अप्रत्यक्ष में।
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||||
कुछ भाषाओं में, सूचित वक्तव्य को प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष दोनों उद्धरणों के साथ बताता जा सकता है। जबकि कुछ भाषाओं में, एक का उपयोग दूसरे से अधिक सामान्य तरीके से होता है। एक प्रकार के तरीके से उपयोग से उसे निश्चित अर्थ मिलता है। इसलिए हर उद्धरण के लिए, अनुवादक को निर्णय लेना है कि उनका उनका प्रत्यक्ष उद्धरण में करे या अप्रत्यक्ष में।
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### बाइबल में से उदाहरण
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निम्नलिखित उदाहरण में प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष, दोनो प्रकार के उद्धरण सम्मिलित हैं। नीचे लिखे वर्णनों में, उद्धरणों को रेखांकित किया गया है।
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निम्नलिखित उदाहरण में प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष दोनों प्रकार के उद्धरण सम्मिलित हैं। नीचे लिखे वर्णनों में, हमने उद्धरणों को मोटे अक्षरों में लिखा है।
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>तब उसने उसे चिताया, कि किसी से न कह, परन्तु जाकर, अपने आप को याजक को दिखा, और अपने शुद्ध होने के विषय में जो कुछ मूसा ने चढ़ावा ठहराया है, उसे चढ़ा; कि उन पर गवाही हो’’ (लूका 5:14 ULB)
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||||
> तब उसने उसे चिताया, कि किसी से न कह, "परन्तु जाकर, अपने आप को याजक को दिखा, और अपने शुद्ध होने के विषय में जो कुछ मूसा ने चढ़ावा ठहराया है, उसे चढ़ा; कि उन पर गवाही हो।’’ (लूका 5:14 ULT)
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||||
* अप्रत्यक्ष उद्धरण: तब उसने उसे चिताया, कि <u>किसी से न कह</u>
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||||
* प्रत्यक्ष उद्धरण: ‘‘<u>परन्तु जाकर, अपने आप को याजक को दिखा...’’</u>
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||||
* अप्रत्यक्ष उद्धरण: तब उसने उसे चिताया, **कि किसी से न कह**,
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||||
>जब फरीसियों के द्वारा पूछा गया, कि परमेश्वर का राज्य कब आएगा? तो उसने उनको उत्तर दिया, कि पमेश्वर का राज्य प्रगट रूप में नहीं आता। और लोग यह न कहेंगे, कि देखो, यहां है, या वहां है, क्योंकि देखो, परमेश्वर का राज्य तुम्हारे बीच में है।’’ (लूका 17:20-21 ULB)
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||||
प्रत्यक्ष उद्धरण: "**परन्तु जाकर, अपने आप को याजक को दिखा…**"
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* अप्रत्यक्ष उद्धरण: जब फरीसियों के द्वारा पूछा गया, कि <u>परमेश्वर का राज्य कब आएगा</u>
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||||
* प्रत्यक्ष उद्धरण: यीशु ने उनको उत्तर दिया और कहा, कि ‘‘<u>पमेश्वर का राज्य प्रगट रूप में नहीं आता। और लोग यह न कहेंगे, कि देखो, यहां है, या वहां है, क्योंकि देखो, परमेश्वर का राज्य तुम्हारे बीच में है।</u>‘‘
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||||
* प्रत्यक्ष उद्धरण: लोग यह न कहेंगे, कि देखो, <u>यहां है</u>, या <u>वहां है</u>
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||||
> जब फरीसियों के द्वारा पूछा गया, कि परमेश्वर का राज्य कब आएगा? तो उसने उनको उत्तर दिया कि, "पमेश्वर का राज्य प्रगट रूप में नहीं आता। **21** और लोग यह न कहेंगे कि, 'देखो, यहाँ है!', या 'वहाँ है!" क्योंकि देखो, परमेश्वर का राज्य तुम्हारे बीच में है।’’
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||||
> जब फरीसियों के द्वारा पूछा गया, कि परमेश्वर का राज्य कब आएगा? तो उसने उनको उत्तर दिया कि, "पमेश्वर का राज्य प्रगट रूप में नहीं आता। और लोग यह न कहेंगे कि, 'देखो, यहाँ है!' या 'वहाँ है!' क्योंकि देखो, परमेश्वर का राज्य तुम्हारे बीच में है।’’ (लूका 17:20-21 ULT)
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* अप्रत्यक्ष उद्धरण: जब फरीसियों के द्वारा पूछा गया, **कि परमेश्वर का राज्य कब आएगा,**
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* प्रत्यक्ष उद्धरण: यीशु ने उनको उत्तर दिया और कहा कि, "**पमेश्वर का राज्य प्रगट रूप में नहीं आता। और लोग यह न कहेंगे कि, 'देखो, यहाँ है!' या 'वहाँ है!' क्योंकि देखो, परमेश्वर का राज्य तुम्हारे बीच में है।**"
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* प्रत्यक्ष उद्धरण: लोग यह न कहेंगे कि '**देखो, यहाँ है!' या, **वह**** वहाँ है!'
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### अनुवाद की रणनीतियाँ
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निम्नलिखित उदाहरण में प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष, दोनो प्रकार के उद्धरण सम्मिलित हैं। नीचे लिखे वर्णनों में, उद्धरणों को रेखांकित किया गया है। स्रोत लेख में उपयोग किये गए उद्धरण यदि आपकी भाषा में सही बैठते हैं तो उनका इस्तेमाल करें। यदि उपयोग किए गए उद्धरण आपकी भाषा में स्वाभाविक नही लगते हैं, तो इन रणनीतियों का उपयोग करें
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स्रोत लेख में उपयोग किये गए उद्धरण यदि आपकी भाषा में सही बैठते हैं तो उनका उपयोग करें। यदि उपयोग किए गए उद्धरण आपकी भाषा में स्वाभाविक नही लगते हैं, तो इन रणनीतियों का उपयोग करें
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1. यदि आपकी भाषा में प्रत्यक्ष उद्धरण का उपयोग नही होता है तो उसे अप्रत्यक्ष उद्धरण में बदलें
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1. यदि आपकी भाषा में अप्रत्यक्ष उद्धरण का उपयोग नही होता है तो उसे प्रत्यक्ष उद्धरण में बदलें
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(1) यदि आपकी भाषा में प्रत्यक्ष उद्धरण का उपयोग नही होता है, तो उसे अप्रत्यक्ष उद्धरण में बदलें।
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(2) यदि आपकी भाषा में अप्रत्यक्ष उद्धरण का उपयोग नही होता है, तो उसे प्रत्यक्ष उद्धरण में बदलें।
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### अनुवाद की रणनीतियों को लागु करने के उदाहरण
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### अनुवाद रणनीतियों के प्रयोग के उदाहरण
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1. यदि आपकी भाषा में प्रत्यक्ष उद्धरण का उपयोग नही होता है तो उसे अप्रत्यक्ष उद्धरण में बदलें
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(1) यदि आपकी भाषा में प्रत्यक्ष उद्धरण का उपयोग नही होता है, तो उसे अप्रत्यक्ष उद्धरण में बदलें।
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* **तब उसने उसे चिताया, कि किसी से न कह, ‘‘<u>परन्तु जाकर अपने आप को याजक को दिखा, और अपने शुद्ध होने के विषय में जो कुछ मूसा ने चढ़ावा ठहराया है उसे चढ़ा; कि उन पर गवाही हो।</u>‘‘** (लूका 5:14 ULB)
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* तब उसने उसे चिताया, कि किसी से न कह, ‘‘<u>परन्तु जाकर स्वयं को याजक को दिखा, और अपने शुद्ध होने के विषय में जो कुछ मूसा ने चढ़ावा ठहराया है उसे चढ़ा; कि उन पर गवाही हो।</u>‘‘ (लूका 5:14 ULB)
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> तब उसने उसे चिताया कि किसी से न कह, “**परन्तु जाकर अपने आप को याजक को दिखा, और अपने शुद्ध होने के विषय में जो कुछ मूसा ने चढ़ावा ठहराया है उसे चढ़ा; कि उन पर गवाही हो।**" (लूका 5:14 ULT)
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1. यदि आपकी भाषा में अप्रत्यक्ष उद्धरण का उपयोग नही होता है तो उसे प्रत्यक्ष उद्धरण में बदलें
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> > तब उसने उसे चिताया, कि किसी से न कह, **परन्तु जाकर स्वयं को याजक को दिखा, और अपने शुद्ध होने के विषय में जो कुछ मूसा ने चढ़ावा ठहराया है उसे चढ़ा; कि उन पर गवाही हो।**."
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* **तब उसने उसे चिताया, कि किसी से न कह, ‘‘<u>परन्तु जाकर अपने आप को याजक को दिखा, और अपने शुद्ध होने के विषय में जो कुछ मूसा ने चढ़ावा ठहराया है उसे चढ़ा; कि उन पर गवाही हो।</u>‘‘** (लूका 5:14 ULB)
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* तब उसने उसे चिताया, कि <u>किसी से न कह, </u> परन्तु जाकर अपने आप को याजक को दिखा, और अपने शुद्ध होने के विषय में जो कुछ मूसा ने चढ़ावा ठहराया है उसे चढ़ा; कि उन पर गवाही हो।
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(2) यदि आपकी भाषा में अप्रत्यक्ष उद्धरण का उपयोग नही होता है, तो उसे प्रत्यक्ष उद्धरण में बदलें।
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आप http://ufw.io/figs_quotations पर भी वीडियो देख सकते हैं।
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> तब उसने उसे चिताया, **कि किसी से न कह, ** परन्तु, "जाकर अपने आप को याजक को दिखा, और अपने शुद्ध होने के विषय में जो कुछ मूसा ने चढ़ावा ठहराया है उसे चढ़ा; कि उन पर गवाही हो।" (लूका 5:14 ULT)
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> > तब उसने उसे चिताया कि, “**किसी से न कह**. बस जाकर अपने आप को याजक को दिखा और अपने शुद्ध होने के विषय में जो कुछ मूसा ने चढ़ावा ठहराया है उसे चढ़ा; कि उन पर गवाही हो।"
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आप http://ufw.io/figs_quotations पर वीडियो भी देख सकते हैं।
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प्रत्यक्ष उद्धरण एवं अप्रत्यक्ष उद्धरण क्या हैं?
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प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष उद्धरण क्या हैं?
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प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष उद्धरण
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एक भाषणगत प्रश्न यह है कि जिसे एक वक्ता तब पूछता है कि जब वह इसके बारे में जानकारी प्राप्त करने की अपेक्षा किसी वस्तु के बारे में अपना दृष्टिकोण व्यक्त करने में अधिक रुचि रखता है। वक्ता गहरी भावना व्यक्त करने के लिए भाषणगत प्रश्नों का उपयोग करते हैं या श्रोताओं को कुछ के बारे में गहराई से सोचने के लिए प्रोत्साहित करते हैं। बाइबल में कई भाषणगत प्रश्न पाए जाते हैं, अक्सर आश्चर्य व्यक्त करने के लिए, श्रोताओं को ताड़ना देने या डांटने या सिखाने के लिए। कुछ भाषाओं के वक्ता अन्य प्रयोजनों की प्राप्ति के लिए भी भाषणगत प्रश्नों का उपयोग करते हैं।
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एक भाषणगत प्रश्न वह होता है जिसे एक वक्ता तब पूछता है कि जब वह इसके बारे में जानकारी प्राप्त करने की अपेक्षा किसी वस्तु के बारे में अपना दृष्टिकोण व्यक्त करने में अधिक रुचि रखता है। वक्ता गहरी भावना व्यक्त करने के लिए भाषणगत प्रश्नों का उपयोग करते हैं या श्रोताओं को कुछ के बारे में गहराई से सोचने के लिए प्रोत्साहित करते हैं। बाइबल में कई भाषणगत प्रश्न पाए जाते हैं, अक्सर आश्चर्य व्यक्त करने के लिए, श्रोताओं को ताड़ना देने या डांटने या सिखाने के लिए। कुछ भाषाओं के वक्ता अन्य प्रयोजनों की प्राप्ति के लिए भी भाषणगत प्रश्नों का उपयोग करते हैं।
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### विवरण
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### वर्णन
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एक भाषणगत प्रश्न एक ऐसा प्रश्न होता है जो किसी बात के प्रति वक्ता के दृष्टिकोण को आज्ञावाचकता से व्यक्त करता है। अक्सर वक्ता जानकारी की खोज नहीं कर रहा होता है, परन्तु यदि वह जानकारी मांग रहा है, तो सामान्य रूप से वह जानकारी नहीं होती है जिसके लिए प्रश्न को पूछा गया प्रतीत होता है। वक्ता जानकारी प्राप्त करने की अपेक्षा अपने दृष्टिकोण को व्यक्त करने में अधिक रुचि रखता है।
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एक भाषणगत प्रश्न एक ऐसा प्रश्न होता है जो किसी चीज़ के प्रति वक्ता के रवैये को दृढ़ता से व्यक्त करता है। अक्सर वक्ता जानकारी की खोज नहीं कर रहा होता है, परन्तु यदि वह जानकारी माँग रहा है, तो सामान्य रूप से वह जानकारी नहीं होती है जिसके लिए प्रश्न को पूछा गया प्रतीत होता है। वक्ता जानकारी प्राप्त करने की अपेक्षा अपने दृष्टिकोण को व्यक्त करने में अधिक रुचि रखता है।
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> जो लोग पास खड़े थे, उन्होंने कहा, "<u> क्या तू परमेश्वर के महायाजक का अपमान करता है? </u>" (प्रेरितों 23:4 यूएलबी)
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> जो लोग पास खड़े थे, उन्होंने कहा, “**क्या तू परमेश्वर के महायाजक का अपमान करता है?**" (प्रेरितों 23:4 ULT)
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जिन लोगों ने पौलुस से यह प्रश्न पूछा वे परमेश्वर के महायाजक का अपमान करने के उसके तरीके के बारे में नहीं पूछ रहे थे। इसकी अपेक्षा उन्होंने महायाजक का अपमान करने के लिए पौलुस पर आरोप लगाने के लिए शोध-प्रबन्ध प्रश्न का उपयोग किया था। बाइबल में कई भाषणगत प्रश्न पाए जाते हैं। इन भाषणगत प्रश्नों के कुछ उद्देश्यों में लोगों को ताड़ना देने, लोगों को शिक्षा देने, कुछ लोगों को स्मरण दिलाने के लिए कुछ सीखने और उन्हें कुछ नया करने के लिए लागू करने, और कुछ ऐसा करने के लिए प्रोत्साहित करना है, जिसके बारे में वे बात करना चाहते हैं।
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जिन लोगों ने पौलुस से यह प्रश्न पूछा वे परमेश्वर के महायाजक का अपमान करने के उसके तरीके के बारे में नहीं पूछ रहे थे। इसकी अपेक्षा उन्होंने महायाजक का अपमान करने के लिए पौलुस पर आरोप लगाने के लिए इस प्रश्न का उपयोग किया था।
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#### इसका कारण यह अनुवाद का एक विषय है
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बाइबल में कई भाषणगत प्रश्न पाए जाते हैं। इन भाषणगत प्रश्नों के कुछ उद्देश्यों में लोगों को ताड़ना देने, लोगों को शिक्षा देने, कुछ लोगों को स्मरण दिलाने के लिए कुछ सीखने और उन्हें कुछ नया करने के लिए लागू करने, और कुछ ऐसा करने के लिए प्रोत्साहित करना है, जिसके बारे में वे बात करना चाहते हैं।
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* कुछ भाषाएँ भाषणगत प्रश्नों का उपयोग नहीं करती हैं; उनके लिए एक प्रश्न सदैव जानकारी के लिए एक अनुरोध है।
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* कुछ भाषाएँ भाषणगत प्रश्नों का उपयोग करती हैं, परन्तु उन उद्देश्यों के लिए जो बाइबल की तुलना में अधिक सीमित या भिन्न हैं।
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### कारण यह अनुवाद की समस्या है
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* कुछ भाषाएँ भाषणगत प्रश्नों का उपयोग नहीं करती हैं; उनके लिए एक प्रश्न सदैव जानकारी के लिए एक अनुरोध होता है।
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* कुछ भाषाएँ भाषणगत प्रश्नों का उपयोग करती हैं, परन्तु उन उद्देश्यों के लिए जो बाइबल की तुलना में अधिक सीमित या भिन्न होते हैं।
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* भाषाओं के बीच इन मतभेदों के कारण, कुछ पाठक बाइबल में एक भाषणगत प्रश्न के उद्देश्य को गलत समझ सकते हैं।
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### बाइबल से उदाहरण
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### बाइबल में से उदाहरण
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> क्या तू अभी भी इस्राएल के राज्य के ऊपर शासन नहीं करता है? (1 राजा 21:7 यूएलबी)
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> क्या तू अभी भी इस्राएल के राज्य के ऊपर शासन नहीं करता है? (1 राजा 21:7ब ULT)
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ईज़ेबेल ने उपरोक्त प्रश्न का उपयोग राजा अहाब को स्मरण दिलाने के लिए किया था जिसे वह पहले से जानता था: कि वह अभी भी इस्राएल के राज्य के ऊ पर शासन कर रहा था। भाषणगत प्रश्न ने उसकी बात को अधिक आज्ञावाचकता से बनाया, यदि उसने केवल यह कहा होता, क्योंकि उसने अहाब को स्वयं को इस विषय को स्वीकार करने के लिए मजबूर कर दिया था। उसने निर्धन व्यक्ति की सम्पत्ति लेने की इच्छा न रखने के लिए उसे ताड़ना देने के लिए ऐसा किया। वह यह कह रही थी कि क्योंकि वह इस्राएल का राजा था, इस लिए उसके पास उस व्यक्ति की सम्पत्ति लेने की सामर्थ्य थी।
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ईज़ेबेल ने उपरोक्त प्रश्न का उपयोग राजा अहाब को स्मरण दिलाने के लिए किया था जिसे वह पहले से जानता था: कि वह अभी भी इस्राएल के राज्य के ऊपर शासन कर रहा था। भाषणगत् प्रश्न ने उसकी बात को और अधिक मजबूती बना दिया यदि उसने केवल इसे कहा मात्र होता, क्योंकि इसने अहाब को इस बात को स्वीकार करने के लिए मजबूर कर दिया था। उसने निर्धन व्यक्ति की सम्पत्ति लेने की इच्छा न रखने के लिए उसे ताड़ना देने के लिए ऐसा किया। वह यह कह रही थी कि क्योंकि वह इस्राएल का राजा था, इस लिए उसके पास उस व्यक्ति की सम्पत्ति लेने की सामर्थ्य थी।
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> <u> क्या एक कुँवारी उसके गहने, दुल्हन उसके घूंघट भूल जाएगी? </u> तौभी मेरी प्रजा ने असँख्य दिनों से मुझे भुला दिया हैं! (यिर्मयाह 2:32 यूएलबी)
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> **क्या एक कुँवारी उसके गहने, दुल्हन उसके घूंघट भूल जाएगी? ** तौभी मेरी प्रजा ने असँख्य दिनों से मुझे भुला दिया हैं! (यिर्मयाह 2:32 ULT)
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परमेश्वर ने उपरोक्त प्रश्न का उपयोग अपने लोगों को स्मरण दिलाने के लिए किया था जिस बात को वे पहले से ही जानते थे: एक जवान स्त्री अपने गहने को कभी नहीं भूलती या दुल्हन अपने घूंघट को नहीं भूलती है। उसके बाद उसने अपने लोगों को भूलने के लिए ताड़ना दी, जो उन वस्तुओं से बहुत अधिक बढ़कर है।
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परमेश्वर ने उपरोक्त प्रश्न का उपयोग अपने लोगों को स्मरण दिलाने के लिए किया था जिस बात को वे पहले से ही जानते थे: एक जवान स्त्री अपने गहने को कभी नहीं भूलती या दुल्हन अपने घूंघट को नहीं भूलती है। उसके बाद उसने अपने लोगों को भूलने के लिए ताड़ना दी जो उन वस्तुओं से बहुत अधिक बढ़कर है।
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> जब मैं गर्भ से बाहर आया तो मैं मर ही नहीं नहीं गया? (अय्यूब 3:11 यूएलबी)
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> जब मैं गर्भ से बाहर आया तो मैं मर ही नहीं नहीं गया? (अय्यूब 3:11अ ULT)
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अय्यूब ने गहरे भाव को दिखाने के लिए ऊपर दिए गए प्रश्न का उपयोग किया है। यह भाषणगत प्रश्न व्यक्त करता है कि वह कितना दुखी था कि वह जन्म होने के तुरन्त बाद ही क्यीं नहीं मर गया। वह आशा करता था कि उसे जीवित नहीं रहना चाहिए था।
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अय्यूब ने गहरे भाव को दिखाने के लिए ऊपर दिए गए प्रश्न का उपयोग किया है। यह भाषणगत प्रश्न व्यक्त करता है कि वह कितना अधिक दुखी था कि वह जन्म होने के तुरन्त बाद ही क्यों नहीं मर गया। वह आशा करता था कि उसे जीवित नहीं रहना चाहिए था।
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> और मेरे साथ ऐसा क्यों घटित हुआ कि मेरे पास प्रभु की माता पास आई? (लूका 1:43 यूएलबी)
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> और मेरे साथ ऐसा क्यों घटित हुआ कि मेरे पास प्रभु की माता पास आई? (लूका 1:43 ULT)
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इलीशिबा ने उपरोक्त प्रश्न का उपयोग यह दिखाने के लिए किया है कि वह कितनी अधिक आश्चर्यचकित और आनन्दित थी कि वह अपने प्रभु की माता उसके पास आई थी।
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इलीशिबा ने उपरोक्त प्रश्न का उपयोग यह दिखाने के लिए किया है कि वह कितनी अधिक आश्चर्यचकित और आनन्दित थी कि उसके अपने प्रभु की माता उसके पास आई थी
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> या तुम में से ऐसा कौन सा व्यक्ति है, कि यदि उसका पुत्र उस से रोटी मांगता है, तो उसे पत्थर देगा? (मत्ती 7:9 यूएलबी)
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> या तुम में से ऐसा कौन सा व्यक्ति है, कि यदि उसका पुत्र उस से रोटी मांगता है, तो उसे पत्थर देगा? (मत्ती 7:9 ULT)
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यीशु ने ऊपर दिए गए प्रश्न का उपयोग उन वस्तुओं को लोगों को स्मरण दिलाने के लिए किया जिन्हें वे पहले से ही जानते थे: एक अच्छा पिता कभी अपने पुत्र को खाने के लिए कुछ बुरा नहीं देगा। इस बात को प्रस्तुत करके, यीशु उन्हें अपने अगले भाषणगत प्रश्न के साथ परमेश्वर के बारे में शिक्षा दे सकता था:
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यीशु ने ऊपर दिए गए प्रश्न का उपयोग उन वस्तुओं को लोगों को स्मरण दिलाने के लिए किया जिन्हें वे पहले से ही जानते थे: एक अच्छा पिता कभी अपने पुत्र को खाने के लिए कुछ बुरा नहीं देगा। इस बात को प्रस्तुत करते हुए, यीशु उन्हें अपने अगले भाषणगत प्रश्न के साथ परमेश्वर के बारे में शिक्षा दे सकता था:
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> इसलिए, यदि तुम बुरे होकर अपने बच्चों को अच्छे उपहार देना जानते हो, तो स्वर्ग से तुम्हारा पिता उनके लिए और अच्छी वस्तुओं को क्यों न देगा जो उससे मांगते हैं? (मत्ती 7:11 यूएलबी)
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> इसलिए, यदि तुम बुरे होकर अपने बच्चों को अच्छे उपहार देना जानते हो, तो स्वर्ग से तुम्हारा पिता उनके लिए और अच्छी वस्तुओं को क्यों न देगा जो उससे मांगते हैं? (मत्ती 7:11 ULT)
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यीशु ने इस प्रश्न का उपयोग लोगों को बलपूर्वक तरीके से सिखाने के लिए किया था कि परमेश्वर उन्हें अच्छी वस्तुएँ देते हैं, जो उससे मांगते हैं।
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यीशु ने इस प्रश्न का उपयोग लोगों को ओजस्वी तरीके से सिखाने के लिए किया था कि परमेश्वर उन्हें अच्छी वस्तुएँ देता है जो उससे मांगते हैं।
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> <u> परमेश्वर का राज्य कैसा है, और मैं इसकी तुलना किस से कर सकता हूँ? </u> यह सरसों के बीज की तरह है जिसे एक व्यक्ति ने अपने खेत में ले लिया और बिखरा कर चला गया... (लूका 13:18-19 यूएलबी)
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> **परमेश्वर का राज्य कैसा है, और मैं इसकी तुलना किस से कर सकता हूँ?** यह सरसों के बीज की तरह है जिसे एक व्यक्ति ने अपने खेत में ले लिया और बिखरा कर चला गया… (लूका 13:18ब-19अ ULT)
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यीशु ने ऊपर दिए गए प्रश्न का उपयोग करने के लिए कहा कि वह किस बारे में बात करने वाला था। वह परमेश्वर के राज्य की तुलना किसी वस्तु से करने वाला था।
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यीशु ने ऊपर दिए गए प्रश्न का उपयोग करने के लिए कहा कि वह किस बारे में बात करने वाला था। वह परमेश्वर के राज्य की तुलना किसी वस्तु से करने वाला था। इस घटना में, उसने परमेश्वर के राज्य की तुलना सरसों के बीज से की।
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### अनुवाद की रणनीतियाँ
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एक भाषणगत प्रश्न का सही अनुवाद करने के लिए, पहले सुनिश्चित करें कि जिस प्रश्न का आप अनुवाद कर रहे हैं वह वास्तव में एक भाषणगत प्रश्न है और यह एक जानकारी वाला प्रश्न नहीं है। स्वयं से पूछें, "क्या प्रश्न पूछने वाले व्यक्ति को पहले से ही प्रश्न का उत्तर पता है?" यदि हाँ, तो यह एक भाषणगत प्रश्न है।
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एक भाषणगत प्रश्न का सही अनुवाद करने के लिए पहले सुनिश्चित करें कि जिस प्रश्न का आप अनुवाद कर रहे हैं वह वास्तव में एक भाषणगत प्रश्न है और यह एक जानकारी वाला प्रश्न नहीं है। स्वयं से पूछें, "क्या प्रश्न पूछने वाले व्यक्ति को पहले से ही प्रश्न का उत्तर पता है?" यदि हाँ, तो यह एक भाषणगत प्रश्न है। या, यदि कोई इस प्रश्न का उत्तर नहीं में देता है, तो क्या जिसने पूछा है उसे उत्तर प्राप्त करने की आशा थी? यदि नहीं, तो यह एक भाषणगत प्रश्न है।
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या, यदि कोई भी प्रश्न का उत्तर नहीं देता है, तो जिसने इसे पूछा था क्या वह इस कारण चिन्तित है कि उसे इसका उत्तर नहीं मिला? यदि नहीं, तो यह एक भाषणगत प्रश्न है। जब आप सुनिश्चित हो जाते हैं कि प्रश्न भाषणगत है, तो सुनिश्चित करें कि आप जानते हैं कि भाषणगत प्रश्न का उद्देश्य क्या है। क्या यह श्रोताओं को प्रोत्साहित करने या ताड़ना देने या शर्मिंदा करने के लिए है?
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जब आप सुनिश्चित हो जाते हैं कि प्रश्न भाषणगत है, तो सुनिश्चित करें कि आप जानते हैं कि भाषणगत प्रश्न का उद्देश्य क्या है। क्या यह श्रोताओं को प्रोत्साहित करने या ताड़ना देने या शर्मिंदा करने के लिए है? क्या यह एक नया विषय लाने के लिए है? क्या यह किसी और कार्य को करने के लिए है?
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क्या यह एक नया विषय लाने के लिए है? क्या यह किसी और कार्य को करने के लिए है? जब आप भाषणगत प्रश्न के उद्देश्य को जानते हैं, तो लक्षित भाषा में उस उद्देश्य को व्यक्त करने के सबसे स्वभाविक तरीके के बारे में सोचें। यह एक प्रश्न, या एक कथन, या विस्मयादिबोधक के रूप में हो सकता है।
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जब आप भाषणगत प्रश्न के उद्देश्य को जानते हैं, तो लक्षित भाषा में उस उद्देश्य को व्यक्त करने के सबसे स्वभाविक तरीके के बारे में सोचें। यह एक प्रश्न, या एक कथन, या विस्मयादिबोधक के रूप में हो सकता है।
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यदि भाषणगत प्रश्न का प्रयोग करना स्वाभाविक हो और आपकी भाषा में सही अर्थ दे, तो ऐसा करने पर विचार करें। यदि नहीं, तो यहाँ अन्य विकल्प दिए गए हैं:
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1. प्रश्न के बाद उत्तर जोड़ें।
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1. भाषणगत प्रश्न को एक कथन या विस्मयादिबोधक में परिवर्तित करें।
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1. भाषणगत प्रश्न को एक कथन में परिवर्तित करें, और फिर इसे एक संक्षिप्त प्रश्न के साथ उपयोग करें।
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1. प्रश्न के रूप अर्थात् ढ़ांचे को परिवर्तित करें ताकि यह आपके भाषा में संचारित कर सके कि मूल वक्ता ने उसके बारे में क्या बताया।
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(1) प्रश्न के बाद उत्तर जोड़ें।
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(2) भाषणगत प्रश्न को एक कथन या विस्मयादिबोधक में परिवर्तित करें।
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(3) भाषणगत प्रश्न को एक कथन में परिवर्तित करें, और फिर इसे एक संक्षिप्त प्रश्न के साथ उपयोग करें।
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(4) प्रश्न के रूप अर्थात् ढ़ांचे को परिवर्तित करें ताकि यह आपकी भाषा में संचारित कर सके कि मूल वक्ता ने उसके बारे में क्या बताया।
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### अनुवाद के लिए लागू की गई रणनीतियों के उदाहरण
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### अनुवाद रणनीतियों के प्रयोग के उदाहरण
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1. प्रश्न के बाद उत्तर जोड़ें।
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(1) प्रश्न के बाद उत्तर जोड़ें।
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* **<u> क्या एक कुँवारी उसके गहने, दुल्हन को उसके घूंघट भूल जाएगी? </u> तौभी मेरी प्रजा ने असँख्य दिनों से मुझे भुला दिया हैं!** (यिर्मयाह 2:32 यूएलबी)
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* क्या एक कुँवारी उसके गहने, दुल्हन को उसके घूंघट भूल जाएगी? <u> बिलकुल भी नहीं! </u> तौभी मेरी प्रजा ने असँख्य दिनों से मुझे भुला दिया हैं!
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* **या आप में से कौन सा व्यक्ति ऐसा है, कि यदि उसका पुत्र उस से रोटी मांगे, तो वह उसे पत्थर देगा?** (मत्ती 7:9 यूएलबी)
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* या आप में से कौन सा व्यक्ति ऐसा है, कि यदि उसका पुत्र उस से रोटी मांगे, तो वह उसे पत्थर देगा? <u> आप में से कोई भी ऐसा नहीं करेगा! </u>
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> **क्या एक कुँवारी उसके गहने, दुल्हन को उसके घूंघट भूल जाएगी?** तौभी मेरी प्रजा ने असँख्य दिनों से मुझे भुला दिया हैं! (यिर्मयाह 2:32 ULT)
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> > क्या एक कुँवारी उसके गहने, दुल्हन को उसके घूंघट भूल जाएगी? **बिलकुल भी नहीं! ** तौभी मेरी प्रजा ने असँख्य दिनों से मुझे भुला दिया हैं!
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1. भाषणगत प्रश्न को एक कथन या विस्मयादिबोधक में परिवर्तित करें।
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> या आप में से कौन सा व्यक्ति ऐसा है, कि यदि उसका पुत्र उस से रोटी मांगे, तो वह उसे पत्थर देगा? (मत्ती 7:9 ULT)
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>> या आप में से कौन सा व्यक्ति ऐसा है, कि यदि उसका पुत्र उस से रोटी मांगे, तो वह उसे पत्थर देगा? **तुम में से कोई भी ऐसा नहीं करेगा!**
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* **<u> परमेश्वर का राज्य कैसा है, और मैं इसकी तुलना किस से कर सकता हूँ? </u> यह सरसों के बीज की तरह है ...** (लूका 13:18-19 यूएलबी)
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* <u> परमेश्वर का राज्य ऐसा ही है। </u> यह सरसों के बीज की तरह है ... "
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* **<u> क्या तू इस तरह परमेश्वर के महायाजक का अपमान करता है? </u>** (प्रेरितों 23:4 यूएलबी)
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* <u> तुझे परमेश्वर के महायाजक का अपमान नहीं करना चाहिए! </u>
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* **<u>जब मैं गर्भ से बाहर आया तो मैं मर ही नहीं नहीं गया? </u>** (नौकरी 3:11 यूएलबी)
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* <u> कितना अच्छा होता कि जब मैं गर्भ से बाहर आया तो मैं मर गया होता! </u>
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* **<u> और मेरे साथ ऐसा क्यों हुआ कि मेरे प्रभु की माता मेरे पास आई? </u>** (लूका 1:43 यूएलबी)
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* <u> यह कितना अद्भुत है कि मेरे प्रभु की माता मेरे पास आई है! </u>
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(2) भाषणगत प्रश्न को एक कथन या विस्मयादिबोधक में परिवर्तित करें।
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1. भाषणगत प्रश्न को एक कथन में परिवर्तित करें, और फिर इसे एक संक्षिप्त प्रश्न प्रश्न के साथ उपयोग करें।
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> **परमेश्वर का राज्य कैसा है, और मैं इसकी तुलना किस से कर सकता हूँ?** यह सरसों के बीज की तरह है। (लूका 13:18-19अ ULT)
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>> ** परमेश्वर का राज्य ऐसा ही है।** यह सरसों के बीज की तरह है..."
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* **<u> क्या तू अभी भी इस्राएल के राज्य के ऊपर शासन नहीं करता है?** (1 राजा 21:7 यूएलबी)
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* तू अभी भी इस्राएल के राज्य पर शासन करता है, <u> क्या तू नहीं करता है? </u>
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> **क्या तू इस तरह परमेश्वर के महायाजक का अपमान करता है?** (प्रेरितों 23:4ब ULT) (प्रेरितों 23:4 ULT)
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||||
>> **तुझे परमेश्वर के महायाजक का अपमान नहीं करना चाहिए!**
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1. प्रश्न के रूप अर्थात् ढ़ाचें को परिवर्तित करें ताकि यह आपकी भाषा में संचार कर सके कि मूल वक्ता ने उसके बारे में क्या संचारित किया है।
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> **जब मैं गर्भ से बाहर आया तो मैं मर ही नहीं नहीं गया? ** (अय्यूब 3:11अ ULT)
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>> **कितना अच्छा होता कि जब मैं गर्भ से बाहर आया तो मैं मर गया होता!**
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* **या <u> तुम में से ऐसा कौन सा व्यक्ति है जो </u>, यदि उसका पुत्र उस से रोटी की रोटी मांगे, तो वह उसे पत्थर देगा? </u>** (मत्ती 7:9 यूएलबी)
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||||
* यदि तेरा पुत्र तुझसे रोटी का टुकड़ा मांगता है, <u> क्या तू उसे एक पत्थर देगा </u>?
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* **<u> क्या एक कुँवारी उसके गहने, तौभी मेरी प्रजा ने असँख्य दिनों से मुझे भुला दिया हैं!</u>? तौभी मेरी प्रजा ने असँख्य दिनों से मुझे भुला दिया हैं!** (यिर्मयाह 2:32 यूएलबी)
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* <u> कौन सी कुँवारी उसके गहने को भूल जाएगी, और दुल्हन उसके घूंघट को भूल जाएगी</u>? तौभी मेरी प्रजा ने असँख्य दिनों से मुझे भुला दिया हैं।
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> **और मेरे साथ ऐसा क्यों हुआ कि मेरे प्रभु की माता मेरे पास आई?** (लूका 1:43 ULT)
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>> **यह कितना अद्भुत है कि मेरे प्रभु की माता मेरे पास आई है!**
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(3) भाषणगत प्रश्न को एक कथन में परिवर्तित करें, और फिर इसे एक संक्षिप्त प्रश्न के साथ उपयोग करें।
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> इस्राएल के राज्य के ऊपर **क्या तू अभी भी शासन नहीं करता है? ** (1 राजा 21:7ब ULT)
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>> तू अभी भी इस्राएल के राज्य पर शासन करता है, **क्या तू नहीं करता है?**
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(4) प्रश्न के रूप अर्थात् ढ़ांचे को परिवर्तित करें ताकि यह आपकी भाषा में संचारित कर सके कि मूल वक्ता ने उसके बारे में क्या बताया।
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> या तुम में से ऐसा कौन सा व्यक्ति है जो , यदि उसका पुत्र उस से रोटी की रोटी मांगे, तो वह उसे पत्थर देगा? (मत्ती 7:9 ULT)
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>> या तुम में से ऐसा कौन सा व्यक्ति है, जो यदि उसका पुत्र उस से रोटी की रोटी मांगे, **तो वह उसे पत्थर देगा**?
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> **क्या एक कुँवारी उसके गहने, तौभी मेरी प्रजा ने असँख्य दिनों से मुझे भुला दिया हैं**? तौभी मेरी प्रजा ने असँख्य दिनों से मुझे भुला दिया हैं! (यिर्मयाह 2:32 ULT)
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>> **कौन सी कुँवारी उसके गहने को भूल जाएगी, और दुल्हन उसके घूंघट को भूल जाएगी**? तौभी मेरी प्रजा ने असँख्य दिनों से मुझे भुला दिया हैं।
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भाषणगत प्रश्न क्या हैं और मैं कैसे उनका अनुवाद कर सकता हूँ?
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आलंकारिक प्रश्न
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भाषणगत प्रश्न
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एक उपमा दो वस्तुओं की तुलना होती है जो सामान्य रूप से एक जैसी नहीं मानी जाती है। एक को दूसरे के "जैसा" कहा जाता है। यह एक विशेष गुण पर केन्द्रित होता है जिसमें दो वस्तुएँ एक जैसी होती हैं, और इसमें "जैसे", "की तरह" या "तब" शब्द सम्मिलित होते हैं।
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### विवरण
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### वर्णन
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एक उपमा दो वस्तुओं की तुलना होती है जो सामान्य रूप से एक जैसी नहीं मानी जाती है। यह एक विशेष गुण पर केन्द्रित होता है जिसमें दो वस्तुएँ एक जैसी होती हैं, और इसमें "जैसे", "की तरह" या "तब" शब्द सम्मिलित होते हैं।
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> जब उसने भीड़ को देखा, तो उसे उनके ऊपर दया आई, क्योंकि वे चिन्तित और उलझन में थे, क्योंकि वे </u> बिन चरवाहे की भेड़ों की तरह थे</u>. (मत्ती 9:36)
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> जब उसने भीड़ को देखा तो उसको लोगों पर तरस आया, क्योंकि वे **उन भेड़ों के समान जिनका कोई चरवाहा न हो**, व्याकुल और भटके हुए से थे। (मत्ती 9∶36)
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यीशु ने लोगों की भीड़ की तूलना बिन चरवाहे की भेड़ के साथ की। भेड़ भयभीत हो जाती है जब उनके पास सुरक्षित स्थानों में उनका अगुवाई करने के लिए एक अच्छा चरवाहा नहीं होता है। भीड़ उनके जैसे थे क्योंकि उनके पास अच्छे धार्मिक अगुवे नहीं थे।
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यीशु ने लोगों की भीड़ की तुलना चरवाहे के बिना भेड़ों से की। भेड़ें तब भयभीत हो जाती हैं, जब उनके पास सुरक्षित स्थानों पर ले जाने के लिए एक अच्छा चरवाहा नहीं होता है। भीड़ इसी के समान थी क्योंकि उनके पास अच्छे धार्मिक अगुवे नहीं थे।
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> देखें, मैं तुम्हें भेड़िये के बीच भेड़ के रूप में <u> भेजता हूँ </u>, तो बुद्धिमान <u> सांपों के रूप में </u> और हानिरहित <u> कबूतर के रूप में </u> हो। (मत्ती 10:16 यूएलबी)
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>देखो, मैं तुम्हें **भेड़ों की तरह भेड़ियों के बीच में** भेजता हूँ इसलिए **साँपों की तरह** बुद्धिमान और **कबूतरों की तरह** भोले बनो। (मत्ती 10:16 ULT)
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यीशु ने अपने शिष्यों की तुलना भेड़ों और उनके शत्रुओं की तुलना भेड़ियों के साथ की। भेड़िये भेड़ पर आक्रमण करते हैं। यीशु के शत्रु उसके शिष्यों पर आक्रमण करेंगे।
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यीशु ने अपने शिष्यों की तुलना भेड़ और उनके शत्रुओं के भेड़ियों से की। भेड़िए भेड़ पर आक्रमण करते हैं; यीशु के शत्रुओं उसके चेलों पर आक्रमण करेंगे।
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> परमेश्वर का वचन <u> किसी भी दो धारी तलवार की तुलना में </u> जीवित और सक्रिय और तेज है। (इब्रानियों 4:12 यूएलबी)
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>क्योंकि \it परमेश्वर का वचन जीवित, प्रबल, और **हर एक दोधारी तलवार से भी बहुत तेज है**. (इब्रानियों 4:12अ ULT)
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परमेश्वर के वचन की तुलना दो धारी वाली तलवार से की जाती है। एक दो धार वाली तलवार एक ऐसा हथियार है, जो आसानी से किसी व्यक्ति के मांस को काट सकता है। परमेश्वर का वचन यह दिखाने में बहुत ही अधिक प्रभावी है कि किसी व्यक्ति के मन और विचारों में क्या कुछ होता है।
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परमेश्वर के वचन की तुलना दोधारी तलवार से की जाती है। एक दोधारी तलवार एक ऐसा हथियार है जो किसी भी व्यक्ति के शरीर को आसानी से काट सकता है। किसी व्यक्ति के मन और विचारों में क्या है यह दिखाने के लिए परमेश्वर का वचन बहुत अधिक प्रभावी है।
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#### उपमा के उद्देश्य
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* एक उपमा कुछ ऐसी वस्तु के बारे में शिक्षा दे सकता है, कि यह कैसे किसी दूसरी वस्तु के जैसा है जो कि ज्ञात है।
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* एक उपमा एक विशेष गुण पर जोर दे सकता है, कभी-कभी इस तरह से लोगों का ध्यान आकर्षित करता है।
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* उपमाएँ मन में एक चित्र बनाने में सहायता करते हैं या पाठक को जो कुछ वह पढ़ रहा होता है उसे पूरी तरह से समझने के अनुभव को पाने में सहायता करते हैं ।
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* एक उपमा कुछ ऐसी चीज़ों के बारे में शिक्षा दे सकती है जो अज्ञात है कि यह उस चीज़ के समान कैसे है जो ज्ञात है।
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* एक उपमा एक विशेष गुण पर जोर दे सकती है, कभी-कभी इस तरह से करती है कि यह लोगों का ध्यान आकर्षित करता है।
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* उपमाएँ मन में एक चित्र बनाने में सहायता करती हैं या पाठक को जो कुछ वह पढ़ रहा होता है उसे पूरी तरह से समझने के अनुभव को पाने में सहायता करती हैं ।
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#### इसका कारण यह अनुवाद का एक विषय है
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### बाइबल से उदाहरण
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<u> मसीह यीशु के एक अच्छे सैनिक के रूप में, </u>> मेरे साथ कठिनाई का सामना कर</u>। (2 तीमुथियुस 2:3 यूएलबी)
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> मसीह यीशु के **एक अच्छे सैनिक के रूप में** मेरे साथ कठिनाई का सामना कर। (2 तीमुथियुस 2:3 ULT)
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इस उपमा में, पौलुस जो सैनिकों की तरह कठिनाई का सामना करने की तुलना की जिस से वे दुख उठाते है, और वह तीमुथियुस को उनके उदाहरण का पालन करने के लिए प्रोत्साहित करता है।
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इस उपमा में, पौलुस सैनिकों की तरह कठिनाई का सामना करने की तुलना उस दुख से करता है जिसे वह उठाता है, और वह तीमुथियुस को उनके उदाहरण का पालन करने के लिए प्रोत्साहित करता है।
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> क्योंकि <u> जैसे बिजली प्रकट होती है जब यह आकाश के एक भाग से आकाश के दूसरे भाग में चमकती है </u>, वैसे ही मनुष्य का पुत्र उसके दिन में होगा। (लूका 17:24 यूएलबी)
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> क्योंकि जैसे बिजली प्रकट होती है जब यह आकाश के एक भाग से आकाश के दूसरे भाग में चमकती है, वैसे ही मनुष्य का पुत्र उसके दिन में होगा। (लूका 17:24ब ULT)
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यह वचन यह नहीं बताता है कि मनुष्य का पुत्र बिजली की चमक की तरह कैसे होगा। परन्तु सन्दर्भ से हम पहले के वचनों से पहले समझ सकते हैं कि जैसे प्रकाश अचानक चमकता है और हर कोई उसे देख सकता है, मनुष्य का पुत्र अचानक आ जाएगा और हर कोई उसे देख पाएगा। इसके बारे में किसी को भी नहीं बताया जाना चाहिए।
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यह वचन यह नहीं बताता है कि मनुष्य का पुत्र बिजली की चमक की तरह कैसे होगा। परन्तु सन्दर्भ से हम पहले के वचनों से समझ सकते हैं कि जैसे प्रकाश अचानक चमकता है और हर कोई उसे देख सकता है, मनुष्य का पुत्र अचानक आ जाएगा और हर कोई उसे देख पाएगा। इसके बारे में किसी को भी नहीं बताया जाना चाहिए।
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### अनुवाद की रणनीतियाँ
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यदि लोग एक उपमा के सही अर्थ में समझेंगे, तो इसका उपयोग करने पर विचार करें। यदि वे ऐसा नहीं करेंगे, तो यहाँ पर उपयोग करने के लिए कुछ रणनीतियाँ दी गई है:
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यदि लोग एक उपमा के सही अर्थ में समझते हैं तो इसका उपयोग करने पर विचार करें। यदि वे ऐसा नहीं करेंगे, तो यहाँ पर उपयोग करने के लिए कुछ रणनीतियाँ दी गई है:
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||||
1. यदि लोग नहीं जानते कि दोनों वस्तुएँ एक जैसी कैसे हैं, तो बताएँ कि वे एक जैसी कैसे हैं। तथापि, ऐसा न करें यदि मूल दर्शकों के लिए अर्थ स्पष्ट न होता है।
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1. यदि लोग उस वस्तुएँ से परिचित नहीं हैं जिसकी तुलना किसी वस्तु से की जाती है, तो अपनी स्वयं की संस्कृति से किसी दूसरी वस्तुएँ का उपयोग करें। सुनिश्चित करें कि यह वही हैं जिसे बाइबल की संस्कृतियों में उपयोग किया जा सकता था।
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||||
1. केवल इसे ही किसी अन्य वस्तु से तुलना किए बिना वर्णन करें।
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(1) यदि लोग नहीं जानते कि दोनों वस्तुएँ एक जैसी कैसे हैं, तो बताएँ कि वे एक जैसी कैसे हैं। तथापि, तब ऐसा न करें यदि मूल दर्शकों के लिए अर्थ स्पष्ट न होता है।
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### अनुवाद के लिए लागू की गई रणनीतियों के उदाहरण
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(2) यदि लोग उन वस्तुएँ से परिचित नहीं हैं जिसकी तुलना किसी वस्तु से की जाती है, तो अपनी स्वयं की संस्कृति से किसी दूसरी वस्तुएँ का उपयोग करें। सुनिश्चित करें कि यह वही हैं जिसे बाइबल की संस्कृतियों में उपयोग किया जा सकता था। यदि आप इस रणनीति का उपयोग करते हैं, तो आप मूल वस्तु को फ़ुटनोट में रख सकते हैं।
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1. यदि लोग नहीं जानते कि दोनों वस्तुएँ एक जैसी कैसे हैं, तो बताएँ कि वे एक जैसी कैसे हैं। तथापि, ऐसा न करें यदि मूल दर्शकों के लिए अर्थ स्पष्ट न होता है।
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(3) केवल इसे ही किसी अन्य वस्तु से तुलना किए बिना वर्णन करें।
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* **देखो, मैं तुम्हें भेड़िये के बीच में भेड़ के रूप में भेजता हूँ </u>** (मत्ती 10:16 यूएलबी) - यह खतरे की तुलना करता है कि यीशु के शिष्य भेड़ के रूप में खतरे से घिरे हुए होंगे जब वे भेड़िये के मध्य में होते हैं।
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||||
* देखो, मैं तुम्हें दुष्ट लोगों के बीच <u> भेजता हूँ </u> और तुम उनकी ओर से खतरे में होंगे <जैसे भेड़ें तब खतरे में होती हैं जब वे भेड़िये से घिरे हुई होती हैं </u>.
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||||
* **परमेश्वर का वचन <u> किसी भी दो धारी तलवार की तुलना में </u> जीवित और सक्रिय और तेज है।** (इब्रानियों 4:12 यूएलबी)
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* परमेश्वर का वचन <u> किसी भी दो धारी तलवार से अधिक सामर्थी </u> जीवित और सक्रिय और तेज है
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अनुवाद रणनीतियों के प्रयोग के उदाहरण
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1. यदि लोग उस वस्तुएँ से परिचित नहीं हैं जिसकी तुलना किसी वस्तु से की जाती है, तो अपनी स्वयं की संस्कृति से ही किसी वस्तुएँ का उपयोग करें। सुनिश्चित करें कि यह वही है जो बाइबल की संस्कृतियों में उपयोग किया जा सकता था।
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(1) यदि लोग नहीं जानते कि दोनों वस्तुएँ एक जैसी कैसे हैं, तो बताएँ कि वे एक जैसी कैसे हैं। तथापि, तब ऐसा न करें यदि मूल दर्शकों के लिए अर्थ स्पष्ट न होता है।
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* **देखो, मैं तुम्हें भेड़िये के बीच में भेड़ के रूप में भेजता हूँ </u>,** (मत्ती 10:16 यूएलबी) - यदि लोग नहीं जानते कि भेड़ और भेड़िये क्या हैं, या भेड़िये मारते हैं और भेड़ खाते हैं, तो आप किसी अन्य जानवर का उपयोग कर सकते हैं जो किसी और को मारता है।
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* देखो, मैं आपको जंगली कुत्तों के बीच में मुर्गियों के रूप में <u> भेजता हूँ </u>,
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* **कितनी बार मैं अपने बच्चों को एक साथ इकट्ठा करना चाहता था, बस <u> एक मुर्गी उसके बच्चों को उसके पंखों के नीचे इकट्ठा करती है </u>, परन्तु तुम इस से सहमत नहीं थे!** (मत्ती 23:37 यूएलबी)
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||||
* मैं कितनी बार तेरे बच्चों को एक साथ इकट्ठा करना चाहता था, ठीक वैसे ही <u> जैसे माता अपने शिशुओं का ध्यान बहुत ही अच्छी तरह से करती है </u>, परन्तु तुमने इन्कार कर दिया!
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* **यदि तुम्हारे पास <u> सरसों के अनाज के जैसा<u>,** छोटे विश्वास है तो (मत्ती 17:20)
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* यदि तुम्हारे पास <u> छोटे से बीज जितना </u>, विश्वास है
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देखो, मैं तुम्हें **भेड़िये के बीच में भेड़ के रूप में** भेजता हूँ (मत्ती 10:16अ ULT) - यह खतरे की तुलना करता है कि यीशु के शिष्य भेड़ के रूप में खतरे से घिरे हुए होते हैं जब वे भेड़िये के मध्य में होते हैं।
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1. केवल इसे ही किसी अन्य वस्तु से तुलना किए बिना वर्णन करें।
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> >देखो, मैं **तुम्हें दुष्ट लोगों के बीच** भेजता हूँ और तुम उनकी ओर से खतरे में होंगे **जैसे भेड़ें तब खतरे में होती हैं जब वे भेड़िये से घिरे हुई होती हैं**.
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* **देखो, मैं तुम्हें भेड़ियों के बीच में भेड़ के रूप में भेजता हूँ </u>,** (मत्ती 10:16 यूएलबी)
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* देखो, मैं तुम्हे भेजता हूँ और <u> लोग तुम्हें नुकसान पहुँचाना चाहेंगे </u>.
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* **कितनी बार मैं तेरे बच्चों को एक साथ इकट्ठा करना चाहता था, ठीक वैसे ही <u> जैसे एक मुर्गी उसके बच्चों को उसके पंखों के नीचे इकट्ठा करती है </u>, परन्तु तुम सहमत नहीं थे!** (मत्ती 23:37 यूएलबी)
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* मैं कितनी बार <u> तुम्हारी रक्षा करना चाहता था </u>, परन्तु तुमने इन्कार कर दिया!
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> परमेश्वर का वचन किसी भी **दोधारी तलवार की तुलना में** जीवित और सक्रिय और तेज है। (इब्रानियों 4:12अ ULT)
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> > परमेश्वर का वचन **किसी भी दो धारी तलवार से अधिक सामर्थी** जीवित और सक्रिय और तेज है।
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(2) यदि लोग उन वस्तुएँ से परिचित नहीं हैं जिसकी तुलना किसी वस्तु से की जाती है, तो अपनी स्वयं की संस्कृति से किसी दूसरी वस्तुएँ का उपयोग करें। सुनिश्चित करें कि यह वही हैं जिसे बाइबल की संस्कृतियों में उपयोग किया जा सकता था। यदि आप इस रणनीति का उपयोग करते हैं, तो आप मूल वस्तु को फ़ुटनोट में रख सकते हैं।
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>देखो, मैं तुम्हें **भेड़िये के बीच में भेड़ के रूप में भेजता हूँ**, (मत्ती 10:16अ ULT) - यदि लोग नहीं जानते कि भेड़ और भेड़िये क्या हैं, या भेड़िये मारते हैं और भेड़ खाते हैं, तो आप किसी अन्य जानवर का उपयोग कर सकते हैं जो किसी और को मारता है।
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> > देखो, मैं तुम्हें **जंगली कुत्तों के बीच में मुर्गियों के रूप में** भेजता हूँ।
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>कितनी बार मैं अपने बच्चों को एक साथ इकट्ठा करना चाहता था, **बस एक मुर्गी उसके बच्चों को उसके पंखों के नीचे इकट्ठा करती है**, परन्तु तुम इस से सहमत नहीं थे! (मत्ती 23:37ब ULT)
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> > मैं कितनी बार तेरे बच्चों को एक साथ इकट्ठा करना चाहता था, **जैसे माता अपने शिशुओं का ध्यान बहुत ही अच्छी तरह से करती है **, परन्तु तुमने इन्कार कर दिया!
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> यदि तुम्हारे पास **सरसों के अनाज के जैसा** ... छोटे विश्वास है तो (मत्ती 17:20)
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> > यदि तुम्हारे पास **छोटे से बीज जितना**, विश्वास है
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(3) केवल इसे ही किसी अन्य वस्तु से तुलना किए बिना वर्णन करें।
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> देखो, मैं तुम्हें **भेड़ियों के बीच में भेड़ के रूप में** भेजता हूँ, (मत्ती 10:16अ ULT)
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> > देखो, मैं तुम्हे भेजता हूँ और **लोग तुम्हें नुकसान पहुँचाना चाहेंगे**.
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> कितनी बार मैं तेरे बच्चों को एक साथ इकट्ठा करना चाहता था, **जैसे एक मुर्गी उसके बच्चों को उसके पंखों के नीचे इकट्ठा करती है**, परन्तु तुम सहमत नहीं थे! (मत्ती 23:37ब ULT)
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> > कितनी बार **तुम्हारी रक्षा** करना चाहता था, परन्तु तुमने इन्कार कर दिया!
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उपमा क्या है?
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उपमा
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* भाग 1: (***नहीं*** एक भी मनुष्य न बचा)
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* भाग 2: (***छोड़*** कर चार सौ जवानों को)
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>> दाऊद उन्हें रात के पहले पहर से लेकर दूसरे दिन की सांझ तक मारता रहा। ** ***केवल*** चार सौ जवानों को छोड़ कर उनमें से एक भी मनुष्य न बचा**, जो ऊँटों पर चढ़कर भाग गए।
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||||
>> दाऊद उन्हें रात के पहले पहर से लेकर दूसरे दिन की सांझ तक मारता रहा। *****केवल***** चार सौ जवानों को छोड़ कर उनमें से एक भी मनुष्य न बचा**, जो ऊँटों पर चढ़कर भाग गए।
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>परन्तु यदि तू छुड़ाना न चाहे, तो मुझे ऐसा ही बता दे, कि मैं समझ लूँ; क्योंकि तुझे ***छोड़*** उसके छुड़ाने का अधिकार और किसी को ***नहीं*** है, और तेरे बाद मैं हूँ।” (रूत 4:4 यूएलटी)
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||||
>>परन्तु यदि तू छुड़ाना न चाहे, तो मुझे ऐसा ही बता दे, कि मैं समझ लूँ; क्योंकि ***तू छुड़ानेहारों की पक्ति में पहले स्थान पर है[केवल तू ही छुड़ा सकता है]***, और तेरे बाद मैं हूँ।
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आज्ञाओं को पालन करने का लक्ष्य जीवन में प्रवेश करने के लिए है।
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> इस से दाईं ओर या बाईं ओर न मुड़ना ताकि जहाँ कहीं तू जाएगा वहां सफल होगा। (यहोशू 1:7 यूएलटी)
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> इस से दाईं ओर या बाईं ओर न मुड़ना *** ताकि जहाँ कहीं तू जाएगा वहां सफल होगा। (यहोशू 1:7 यूएलटी)
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मूसा ने इस्राएलियों को जो निर्देश दिए थे, उनसे मुँह न मोड़ने का उद्देश्य यही था कि वे सफल हों।
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> "धन्य हो तुम, जो दीन हो, ***क्योंकि*** परमेश्वर का राज्य तुम्हारा है। (लूका 6:20 यूएलटी)
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(1) परमेश्वर का राज्य तुम्हारा है जो दीन हैं। **इसलिए**, दीन धन्य हैं।
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(1) परमेश्वर का राज्य तुम्हारा है जो दीन हैं। ***इसलिए*, दीन धन्य हैं।
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(२) धन्य हैं दीन, *** क्योंकि***परमेश्वर का राज्य तुम्हारा है।
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#### ओबीएस और बाइबल से उदाहरण
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> *** जब सुलैमान बूढ़ा हुआ, तो उसने उनके देवताओं की भी पूजा की। *** (ओबीएस कहानी 18 खांचा 3)
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> *** जब सुलैमान बूढ़ा हुआ, तो उसने उनके देवताओं की भी पूजा की। (ओबीएस कहानी 18 खांचा 3)
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सुलैमान ने विदेशी देवताओं की पूजा करना शुरू कर दिया था जब वह बूढ़ा हो गया था। बूढ़ा होना पृष्ठभूमि की घटना है। अन्य देवताओं की पूजा करना मुख्य घटना है।
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> *** अब *** उसके माता-पिता प्रति वर्ष यरूशलेम के लिए फसह के त्योहार के लिए जाया करते थे। जब वह बारह वर्ष हुआ, वे फिर से पर्व की रीति पर प्रथा अनुसार निर्धारित समय गए। (ल्यूक 2: 41-42 यूएलटी)
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> *** अब *** उसके माता-पिता प्रति वर्ष *** यरूशलेम के लिए फसह के त्योहार के लिए जाया करते थे। जब वह बारह वर्ष हुआ, वे फिर से पर्व की रीति पर प्रथा अनुसार निर्धारित समय गए। (ल्यूक 2: 41-42 यूएलटी)
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पहली घटना -- यरुशलेम को जाना - - चल रही है और बहुत पहले शुरू हुई थी। हम इसे "प्रति वर्ष" शब्दों के कारण जानते हैं। यरूशलेम जाना पृष्ठभूमि की घटना है। तब एक घटना शुरू होती है जो उस समय शुरू हुई जब "जब वह बारह वर्ष का था।" इस तरह मुख्य घटना यीशु और उसके परिवार के फसह पर्व मनाने के लिए यरुशलेम की यात्रा करने का विशिष्ट समय है *जब वह बारह वर्ष का था।*
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@ -43,7 +43,7 @@
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(1) यदि जोड़ने वाला शब्द यह स्पष्ट नहीं करता है कि जो आगे आ रहा है वह पृष्ठभूमि खण्ड है, तो जोड़ने वाले शब्द का उपयोग करें जो इसे और अधिक स्पष्ट रूप से संचारित करता है।
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>… यह उस समय में हुआ था जब पुन्तियुस पिलातुस यहूदिया का राज्यपाल था, ***और उस समय में*** जब गलील में हेरोदेस इतूरैया, ***और उस समय में*** जब त्रखोनीतिस में, उसका भाई फिलिप्पुस, और अबिलेने में लिसानियास चौथाई के राजा थे, ***और साथ ही उस समय में*** जब हन्ना और कैफा महायाजक थे - तब परमेश्वर का वचन जंगल में जकर्याह के पुत्र यूहन्ना के पास पहुँचा। (लूका 3:1-2 यूएलटी)
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>… ***यह उस समय में हुआ था जब पुन्तियुस पिलातुस यहूदिया का राज्यपाल था, ***और उस समय में*** जब गलील में हेरोदेस इतूरैया, ***और उस समय में*** जब त्रखोनीतिस में, उसका भाई फिलिप्पुस, और अबिलेने में लिसानियास चौथाई के राजा थे, ***और साथ ही उस समय में*** जब हन्ना और कैफा महायाजक थे - तब परमेश्वर का वचन जंगल में जकर्याह के पुत्र यूहन्ना के पास पहुँचा। (लूका 3:1-2 यूएलटी)
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(2) यदि आपकी भाषा जोड़ने वाले शब्दों का उपयोग करने की तुलना में एक अलग ही तरीके से पृष्ठभूमि खण्ड को चिह्नित करती है, जैसे कि विभिन्न क्रिया रूपों के साथ होता है, तो उसी तरीके का उपयोग करें।
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@ -49,7 +49,7 @@
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> मैंने तुरंत मांस और लहू के साथ परामर्श नहीं किया, और न ही मैं उन लोगों के पास यरूशलेम गया, जो मुझसे पहले प्रेरित थे, *** परन्तु *** इसके स्थान पर मैं अरब गया और फिर दमिश्क लौट आया। *** फिर *** तीन साल बाद मैं कैफा से भेंट करने के लिए यरूशलेम को गया, और उसके साथ पंद्रह दिन रहा। (गलातियों 1: 16-18 यूएलटी)
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शब्द "परन्तु" किसी बात का परिचय देता है कि पहले जो कहा गया था, उसके विपरीत ** तुलना ** है। **तुलना** यहाँ पौलुस ने क्या नहीं किया और क्या नहीं किया में है। शब्द "फिर" घटनाओं के एक ** अनुक्रम ** का परिचय देता है। यह कुछ ऐसा परिचय देता है जिसे पौलुस ने दमिश्क से लौटने के पश्चात् किया था।
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शब्द "परन्तु" किसी बात का परिचय देता है कि ** पहले जो कहा गया था, उसके विपरीत ** तुलना ** है। **तुलना** यहाँ पौलुस ने क्या नहीं किया और क्या नहीं किया में है। शब्द "फिर" घटनाओं के एक ** अनुक्रम ** का परिचय देता है। यह कुछ ऐसा परिचय देता है जिसे पौलुस ने दमिश्क से लौटने के पश्चात् किया था।
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> *** इसलिए *** जो कोई भी इनमें से छोटी से छोटी में से किसी एक को तोड़े ***और*** वैसा ही दूसरों को सिखाए, वह स्वर्ग के राज्य में छोटा कहलाएगा । ***परन्तु*** जो कोई उनका पालन करता है और उन्हें सिखाता है उसे स्वर्ग के राज्य में महान कहा जाएगा। (मत्ती 5:19 यूएलटी)
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उन्होंने यीशु का अनुसरण किया ***क्योंकि*** उसने उनसे ऐसा करने के लिए कहा। कुछ अनुवादक इस खण्ड को जोड़ने वाले शब्द "ऐसा" के साथ चिह्नित करना चाहेंगे।
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>> यीशु ने उनसे कहा, "मेरे पीछे आओ, और मैं तुम्हें पुरुषों का मछुआरा बनाउंगा।" इसलिए ~ तुरंत उन्होंने अपने जालों को छोड़ दिया और उसके पीछे हो लिए।
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>> यीशु ने उनसे कहा, "मेरे पीछे आओ, और मैं तुम्हें पुरुषों का मछुआरा बनाउंगा।" *** इसलिए ~ तुरंत उन्होंने अपने जालों को छोड़ दिया और उसके पीछे हो लिए।
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(2) जोड़ने वाले एक शब्द का उपयोग तब तक न करें यदि उसका उपयोग करना विषय प्रतीत हो और लोग इसके बिना ही विचारों के बीच सही संबंध को समझेंगे।।
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(3) एक अलग जोड़ने वाले शब्द का उपयोग करें।
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> *** इसलिए *** जो कोई भी इनमें से छोटी से छोटी में से किसी एक को तोड़े, वैसा ही दूसरों को सिखाए, वह स्वर्ग के राज्य में छोटा कहलाएगा। ***परन्तु*** जो कोई उनका पालन करता है और उन्हें सिखाता है उसे स्वर्ग के राज्य में महान कहा जाएगा। (मत्ती 5:19 यूएलटी)
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> ***** इसलिए *** जो कोई भी इनमें से छोटी से छोटी में से किसी एक को तोड़े, वैसा ही दूसरों को सिखाए, वह स्वर्ग के राज्य में छोटा कहलाएगा। ***परन्तु*** जो कोई उनका पालन करता है और उन्हें सिखाता है उसे स्वर्ग के राज्य में महान कहा जाएगा। (मत्ती 5:19 यूएलटी)
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"इसलिए" जैसे शब्द के स्थान पर, एक भाषा को यह इंगित करने के लिए एक वाक्यांश की आवश्यकता हो सकती है कि इससे पहले भी एक खण्ड था जो उस खण्ड का कारण प्रदान करता था जो इसके बाद में आता है। साथ ही, शब्द "परन्तु" का उपयोग यहां दो समूहों के लोगों के बीच विपरीतता को दिखाने के लए किया जाता है। परन्तु कुछ भाषाओं में, शब्द "परन्तु" यह दर्शाता है कि इसके बाद जो आता है वह आश्चर्यचकित करने वाला है इसका कारण इससे पहले जो कुछ आया है। इसलिए "और" उन भाषाओं के लिए स्पष्ट हो सकता है। वे इस तरह अनुवाद कर सकते हैं:
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> *** क्योंकि इस कारण ***, जो कोई भी इनमें से छोटी से छोटी में से किसी एक को तोड़े, वैसा ही दूसरों को सिखाए, वह स्वर्ग के राज्य में छोटा कहलाएगा। ***और*** जो कोई उनका पालन करता है और उन्हें सिखाता है उसे स्वर्ग के राज्य में महान कहा जाएगा।
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> ***** क्योंकि इस कारण ***, जो कोई भी इनमें से छोटी से छोटी में से किसी एक को तोड़े, वैसा ही दूसरों को सिखाए, वह स्वर्ग के राज्य में छोटा कहलाएगा। ***और*** जो कोई उनका पालन करता है और उन्हें सिखाता है उसे स्वर्ग के राज्य में महान कहा जाएगा।
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@ -2,48 +2,48 @@ Door43 उन बाइबल अनुवादों का समर्थन
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### बाइबल की गवाही
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**"पिता" और "पुत्र" वे नाम हैं, जिस से परमेश्वर स्वयं को बाइबल में पुकारता है।**
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**"पिता" और "पुत्र" वे नाम हैं जिनका उपयोग परमेश्वर स्वयं के लिए बाइबल में करता है।**
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बाइबल बताती है कि परमेश्वर ने यीशु को अपना पुत्र कहा:
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> बपतिस्मा लेने के बाद, यीशु तुरन्त पानी से आया, और ... स्वर्ग से एक आवाज आई, "<u> यह मेरा प्रिय पुत्र है </u>. मैं उस से बहुत अधिक आनन्दित हूँ।” (मत्ती 3:16-17 यूएलबी)
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> बपतिस्मा लेने के बाद, यीशु तुरन्त पानी से आया, और … स्वर्ग से एक आवाज आई, "**यह मेरा प्रिय पुत्र है**. मैं उस से बहुत अधिक आनन्दित हूँ।” (मत्ती 3:16-17 ULT)
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बाइबल बताती है कि यीशु ने परमेश्वर को अपने पिता कह कर पुकारा था:
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> यीशु ने कहा, "मैं तेरी प्रशंसा करता हूँ <u> पिता </u>, स्वर्ग और पृथ्वी के परमेश्वर, ... कोई भी <u> पुत्र </u> को को छोड़कर <u> पिता </u> को नहीं जानता है, और कोई भी <u> पिता </u> “ को छोड़कर <u> पुत्र </u> नहीं जानता है" (मत्ती 11:25-27 यूएलबी) (इसे भी देखें: यूहन्ना 6:26-57)
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> यीशु ने कहा, "मैं तेरी प्रशंसा करता हूँ **पिता**, स्वर्ग और पृथ्वी के परमेश्वर, … कोई भी **पुत्र** को छोड़कर **पिता** को नहीं जानता है, और कोई भी **पिता**, को छोड़कर **पुत्र** नहीं जानता है" (मत्ती 11:25-27 यूएलबी) (इसे भी देखें: यूहन्ना 6:26-57)
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मसीहियों ने पाया है कि "पिता" और "पुत्र" ऐसे विचार हैं, जो अनिवार्य रूप से एक दूसरे के लिए त्रिएकत्व अर्थात् त्रित्व के पहले और दूसरे व्यक्तियों के शाश्वत सम्बन्धों का वर्णन करते हैं। बाइबल वास्तव में उन्हें विभिन्न तरीकों से सन्दर्भित करती है, परन्तु कोई अन्य शब्दावली इन व्यक्तियों के बीच अनन्त प्रेम और घनिष्ठता, न ही उनके बीच परस्पर निर्भरता के शाश्वत सम्बन्ध को प्रदर्शित करता है।
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मसीहियों ने पाया है कि "पिता" और "पुत्र" ऐसे विचार हैं, जो अनिवार्य रूप से एक दूसरे के लिए त्रिएकत्व के पहले और दूसरे व्यक्तियों के शाश्वत सम्बन्धों का वर्णन करते हैं। बाइबल वास्तव में उन्हें विभिन्न तरीकों से सन्दर्भित करती है, परन्तु कोई अन्य शब्दावली इन व्यक्तियों के बीच अनन्त प्रेम और घनिष्ठता, न ही उनके बीच परस्पर निर्भरता के शाश्वत सम्बन्ध को प्रदर्शित करता है।
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यीशु ने निम्नलिखित शब्दावली में परमेश्वर को सन्दर्भित किया:
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यीशु ने निम्नलिखित शब्दों में परमेश्वर को सन्दर्भित किया:
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> उन्हें <u> पिता, पुत्र और पवित्र आत्मा के नाम से बपतिस्मा दो </u>. (मत्ती 28:19 यूएलबी)
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> उन्हें **पिता, पुत्र और पवित्र आत्मा के नाम** से बपतिस्मा दो। (मत्ती 28:19 ULT)
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पिता और पुत्र के बीच घनिष्ठ, प्रेमपूर्ण सम्बन्ध शाश्वत है, जैसा कि वे शाश्वत हैं।
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पिता और पुत्र के बीच घनिष्ठ, प्रेमपूर्ण सम्बन्ध शाश्वत ठीक वैसा है जैसा कि वे शाश्वत हैं।
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> पिता <u> पुत्र </u> को प्रेम करता है। (यूहन्ना 3:35-36; 5:19-20 यूएलबी)
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> पिता पुत्र को **प्रेम** करता है। (यूहन्ना 3:35-36; 5:19-20 ULT)
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<blockquote> मैं <u> पिता </u> से प्रेम करता हूँ, मैं वही करता हूँ जिसे पिता आज्ञा देता है, जैसे उसने मुझे आज्ञा दी थी। (यूहन्ना 14:31 यूएलबी) </blockquote>
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> मैं पिता से **प्रेम** करता हूँ, मैं वही करता हूँ जिसे पिता आज्ञा देता है, जैसे उसने मुझे आज्ञा दी थी। (यूहन्ना 14:31 ULT)
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<blockquote> <u> ... कोई भी पिता को छोड़कर नहीं जानता कि पुत्र कौन है, और कोई भी पुत्र को छोड़कर नहीं जानता कि पिता कौन है </u>. (लूका 10:22 यूएलबी) </blockquote>
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> **...कोई भी पिता को छोड़कर नहीं जानता कि पुत्र कौन है, और कोई भी पुत्र को छोड़कर नहीं जानता कि पिता कौन है**. (लूका 10:22 ULT)
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"पिता" और "पुत्र" शब्द भी संचारित करते हैं कि पिता और पुत्र का सार एक ही हैं; वे दोनों शाश्वत परमेश्वर हैं।
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> यीशु ने कहा, "हे पिता, अपने पुत्र की महिमा कर ताकि पुत्र तुझे महिमा दे सके ...मैंने पृथ्वी पर तेरी महिमा की है, ...अब हे पिता, मेरी महिमा ... उस महिमा के साथ कर जो <u> संसार के निर्माण से पहले तेरे साथ थी </u>.” (यूहन्ना 17:1-5 यूएलबी)
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> यीशु ने कहा, "हे पिता, अपने पुत्र की महिमा कर ताकि पुत्र तुझे महिमा दे सके …मैंने पृथ्वी पर तेरी महिमा की है, …अब हे पिता, मेरी महिमा… उस महिमा के साथ कर **जो संसार के निर्माण से पहले तेरे साथ थी**.” (यूहन्ना 17:1-5 ULT)
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<blockquote> परन्तु इन अन्तिम दिनों में, उसने [परमेश्वर पिता] पुत्र के माध्यम से हमसे बात की है, जिसे उसने सभी वस्तुओं का उत्तराधिकारी नियुक्त किया है। यह उसके माध्यम से है कि परमेश्वर ने ब्रह्माण्ड भी बनाया है। वह परमेश्वर की महिमा का प्रकाश, <u> उसके चरित्र का सार</u> है। वह अपनी सामर्थ्य के वचन के द्वारा सब कुछ एक साथ थामे रहता है। (इब्रानियों 1:2-3 यूएलबी) </blockquote>
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>परन्तु इन अन्तिम दिनों में, उसने [परमेश्वर पिता] पुत्र के माध्यम से हमसे बात की है, जिसे उसने सभी वस्तुओं का उत्तराधिकारी नियुक्त किया है। यह उसके माध्यम से है कि परमेश्वर ने ब्रह्माण्ड भी बनाया है। वह परमेश्वर की महिमा का प्रकाश, **उसके चरित्र का सार है**. वह अपनी सामर्थ्य के वचन के द्वारा सब कुछ एक साथ थामे रहता है। (इब्रानियों 1:2-3 ULT)
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> यीशु ने उससे कहा, "मैं तुम्हारे साथ इतने लम्बे समय से रहा हूँ और हे फिलिप्पुस, तू अभी भी मुझे नहीं जानता है? <U> जो मुझे देखता है, वह पिता को देखता है </u>. तुम कैसे कह सकते हो कि, 'हमें पिता को दिखा'? (यूहन्ना 14:9 यूएलबी)
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> यीशु ने उससे कहा, "मैं तुम्हारे साथ इतने लम्बे समय से रहा हूँ और हे फिलिप्पुस, तू अभी भी मुझे नहीं जानता है? **जो मुझे देखता है, वह पिता को देखता है**. तुम कैसे कह सकते हो कि, 'हमें पिता को दिखा'? (यूहन्ना 14:9 ULT)
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### मानवीय सम्बन्ध
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मानवीय सम्बन्ध
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** मानवीय पिता और पुत्र सिद्ध नहीं हैं, परन्तु बाइबल तौभी उन शब्दों का उपयोग करती है, जिसे <u> पिता </u> और <u> पुत्र </u> के लिए किया जाता हैं, जो सिद्ध हैं।**
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**मानवीय पिता और पुत्र सिद्ध नहीं हैं, परन्तु बाइबल तौभी उन शब्दों का उपयोग करती है, जिसे *पिता* और *पुत्र* के लिए किया जाता हैं, जो सिद्ध हैं।**
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आज की तरह ही, बाइबल के समयों में भी मानवीय पिता-पुत्र सम्बन्ध उतने अधिक प्रेममयी और सिद्ध नहीं जैसे कि यीशु और उसके पिता के बीच में थे। परन्तु इसका अर्थ यह नहीं है कि अनुवादक को पिता और पुत्र की अवधारणाओं से बचना चाहिए। पवित्रशास्त्र इन शब्दों का उपयोग परमेश्वर, सिद्ध पिता और पुत्र के साथ-साथ पाप से भरे हुए मानवीय पिता और पुत्रों के सन्दर्भ में करता है। पिता और पुत्र के रूप में परमेश्वर का वर्णन करते हुए, अपनी भाषा में शब्दों का चयन करें जिनका व्यापक रूप से मानवीय "पिता" और "पुत्र" के सन्दर्भ में उपयोग किया जाता है।
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इस तरह आप संचारित करेंगे कि परमेश्वर पिता और परमेश्वर पुत्र अनिवार्य रूप से एक ही हैं (वे दोनों परमेश्वर हैं), जैसे मानवीय पिता और पुत्र अनिवार्य रूप से एक ही हैं, दोनों मनुष्य हैं और समान विशेषताओं को साझा करते हैं।
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आज की तरह ही, बाइबल के समयों में भी मानवीय पिता-पुत्र सम्बन्ध उतने अधिक प्रेममयी और सिद्ध नहीं जैसे कि यीशु और उसके पिता के बीच में थे। परन्तु इसका अर्थ यह नहीं है कि अनुवादक को पिता और पुत्र की अवधारणाओं से बचना चाहिए। पवित्रशास्त्र इन शब्दों का उपयोग परमेश्वर, सिद्ध पिता और पुत्र के साथ-साथ पाप से भरे हुए मानवीय पिता और पुत्रों के सन्दर्भ में करता है। पिता और पुत्र के रूप में परमेश्वर का वर्णन करते हुए, अपनी भाषा में शब्दों का चयन करें जिनका व्यापक रूप से मानवीय "पिता" और "पुत्र" के सन्दर्भ में उपयोग किया जाता है। इस तरह आप संचारित करेंगे कि परमेश्वर पिता और परमेश्वर पुत्र अनिवार्य रूप से एक ही हैं (वे दोनों परमेश्वर हैं), जैसे मानवीय पिता और पुत्र अनिवार्य रूप से एक ही हैं, दोनों मनुष्य हैं और समान विशेषताओं को साझा करते हैं।
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### अनुवाद की रणनीतियाँ
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1. सभी संभावनाओं के बारे में सोचें जिस में आपकी भाषा को "पुत्र" और "पिता" शब्द का अनुवाद करना है। निर्धारित करें कि आपकी भाषा में कौन से शब्द ईश्वरीय "पुत्र" और "पिता" का सबसे अच्छा प्रतिनिधित्व करते हैं।
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1. यदि आपकी भाषा में "पुत्र" के लिए एक से अधिक शब्द हैं, तो उस शब्द का उपयोग करें जिसका निकटत्तम अर्थ "एकलौते पुत्र" से है (या यदि आवश्यक हो तो "प्रथम पुत्र")।
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1. यदि आपकी भाषा में "पिता" के लिए एक से अधिक शब्द हैं, तो "गोद लेने वाले पिता" की अपेक्षा "जन्म देने वाले पिता" के निकटतम शब्द का उपयोग करें।
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2. यदि आपकी भाषा में "पुत्र" के लिए एक से अधिक शब्द हैं, तो उस शब्द का उपयोग करें जिसका निकटत्तम अर्थ "एकलौते पुत्र" से है (या यदि आवश्यक हो तो "प्रथम पुत्र")।
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3. यदि आपकी भाषा में "पिता" के लिए एक से अधिक शब्द हैं, तो "गोद लेने वाले पिता" की अपेक्षा "जन्म देने वाले पिता" के निकटतम शब्द का उपयोग करें।
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(देखें *परमेश्वर पिता* और *परमेश्वर पुत्र* पृष्ठों में [unfoldingWord® शब्दों का अनुवाद](http://ufw.io/tw/) य "पिता" और "पुत्र" का अनुवाद करने में सहायता के लिए।)
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@ -1,2 +1 @@
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ये सारे तथ्य परमेश्वर का उल्लेख करने में महत्वपूर्ण क्यों हैं?
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पुत्र और पिता का अनुवाद करना
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@ -1,4 +1,4 @@
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### विवरण
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### वर्णन
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बाइबल में उपयोग की जाने वाली मात्रा की निम्न सामान्य इकाइयाँ यह बताती हैं कि एक निश्चित पात्र में कितना तरल आ सकता है। पात्र और माप दोनों तरल पदार्थ (जैसे दाखरस) और शुष्क ठोस (जैसे अनाज) के लिए उपयोग किए जाते हैं। मीट्रिक अर्थात् दशमलव मूल्य सटीकता के साथ बाइबल के मापों के तुल्य नहीं हैं। बाइबल के माप कदाचित् विभिन्न समयों और स्थानों में सटीक मूल्य में भिन्न थे। नीचे समकक्ष औसत माप देने का प्रयास किए गए हैं।
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@ -28,50 +28,51 @@
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#### अनुवाद की रणनीतियाँ
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1. यूएलबी अनुवाद से मापों का प्रयोग करें। ये वही माप हैं, जिन्हें मूल लेखक उपयोग करते थे। उन्हें ऐसे तरीके से वर्तनी करें जो यूएलबी अनुवाद में ध्वनि देते या वर्तनी के तरीके के समतुल्य हैं। (देखें [प्रतिलिपी या उधार शब्दों को लें](../translate-transliterate/01.md))
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1. यूडीबी अनुवाद में दिए गए मीट्रिक मापों का प्रयोग करें। यूडीबी अनुवाद के अनुवादकों ने पहले से ही मीट्रिक अर्थात् दशमलव पद्धति में मूल्यों का प्रतिनिधित्व करने के बारे में सोचा है।
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1. यूएलटी अनुवाद से मापों का प्रयोग करें। ये वही माप हैं, जिन्हें मूल लेखक उपयोग करते थे। उन्हें ऐसे तरीके से वर्तनी करें जो यूएलटी अनुवाद में ध्वनि देते या वर्तनी के तरीके के समतुल्य हैं। (देखें [प्रतिलिपी या उधार शब्दों को लें](../translate-transliterate/01.md).)
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1. यूएसटी अनुवाद में दिए गए मीट्रिक मापों का प्रयोग करें। यूएसटी अनुवाद के अनुवादकों ने पहले से ही मीट्रिक अर्थात् दशमलव पद्धति में मूल्यों का प्रतिनिधित्व करने के बारे में सोचा है।
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1. उन मापों का प्रयोग करें जो पहले से ही आपकी भाषा में उपयोग की जा रही हैं। ऐसा करने के लिए आपको यह जानना होगा कि आपके माप मीट्रिक पद्धति से कैसे सम्बन्धित हैं और प्रत्येक मापों को समझते हैं
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1. यूएलबी अनुवाद से मापों का उपयोग करें और उन मापों को सम्मिलित करें जिन्हें आपके लोग मूलपाठ या नोट में जानते हैं।
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1. अपने लोगों के द्वारा जानने वाले मापों का उपयोग करें, और मूलपाठ में या नोट में यूएलबी अनुवाद से मापों को सम्मिलित करें।
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1. यूएलटी अनुवाद से मापों का उपयोग करें और उन मापों को सम्मिलित करें जिन्हें आपके लोग मूलपाठ या नोट में जानते हैं।
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1. अपने लोगों के द्वारा जानने वाले मापों का उपयोग करें, और मूलपाठ में या नोट में यूएलटी अनुवाद से मापों को सम्मिलित करें।
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#### अनुवाद की लागू की गईं रणनीतियाँ
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### अनुवाद रणनीतियों के प्रयोग
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लागू की गई रणनीतियाँ यशायाह 5:10 पर लागू होती हैं।
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प्रयोग की गई रणनीतियाँ नीचे यशायाह 5:10 पर लागू होती हैं।
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* **चार हेक्टेयर दाख की बारी के लिए केवल एक बत मिलेगा, और बीज का एक होमेर केवल एक एपा को उत्पन्न करेगा।** (यशायाह 5:10 यूएलबी)
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> चार हेक्टेयर दाख की बारी के लिए केवल एक बत मिलेगा, और बीज का एक होमेर केवल एक एपा को उत्पन्न करेगा। (यशायाह 5:10 ULT)
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1. यूएलबी अनुवाद से मापोंम का प्रयोग करें। ये वही माप हैं, जिन्हें मूल लेखक उपयोग करते थे। उन्हें ऐसे तरीके से वर्तनी करें जो यूएलबी अनुवाद में ध्वनि देते या वर्तनी के तरीके के समतुल्य हैं। (देखें [प्रतिलिपी या उधार शब्दों को लें](../translate-transliterate/01.md))
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(1) यूएलटी अनुवाद से मापों का प्रयोग करें। ये वही माप हैं, जिन्हें मूल लेखक उपयोग करते थे। उन्हें ऐसे तरीके से वर्तनी करें जो यूएलबी अनुवाद में ध्वनि देते या वर्तनी के तरीके के समतुल्य हैं। (देखें [प्रतिलिपी या उधार शब्दों को लें](../translate-transliterate/01.md).)
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* "अंगूर के चार हेक्टेयर खेत के लिए केवल एक <u> बत </u> मिलेगा, और बीज के एक <u> होमेर </u> से केवल एक <u> एपा </u> उत्पन्न होगा।"
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>> "अंगूर के चार हेक्टेयर खेत के लिए केवल एक **बत** मिलेगा, और बीज के एक **होमेर** से केवल एक **एपा** उत्पन्न होगा।"
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1. यूडीबी अनुवाद में दिए गए मापों का प्रयोग करें। सामान्य रूप से वे मीट्रिक माप हैं। यूडीबी अनुवाद के अनुवादकों ने पहले से ही मीट्रिक पद्धति में मूल्यों का प्रतिनिधित्व करने के बारे में सोचा है।
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(2) यूएसटी अनुवाद में दिए गए मापों का प्रयोग करें। सामान्य रूप से वे मीट्रिक माप हैं। यूडीबी अनुवाद के अनुवादकों ने पहले से ही मीट्रिक पद्धति में मूल्यों का प्रतिनिधित्व करने के बारे में सोचा है।
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* "चार हेक्टेयर अंगूर के खेत लिए केवल <u> बीस लीटर </u> मिलेगा, और बीज की <u> दस टोकरी </u> केवल <u> एक टोकरी </u> को उत्पन्न करेगी।"
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* "चार हेक्टेयर अंगूर के लिए केवल <u> बीस लीटर </u> और <u> 220 लीटर </u> बीज से केवल <u> बाईस लीटर </u> मिलेगा।"
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>> "चार हेक्टेयर अंगूर के खेत लिए केवल **बीस लीटर** मिलेगा, और बीज की **दस टोकरी** केवल **एक टोकरी** को उत्पन्न करेगी।"
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1. उन मापों का प्रयोग करें जो पहले से ही आपकी भाषा में उपयोग किए जा रहे हैं। ऐसा करने के लिए आपको यह जानना होगा कि आपके माप मीट्रिक पद्धति से कैसे सम्बन्धित हैं और आप प्रत्येक माप को समझते हैं।
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>> "चार हेक्टेयर अंगूर के लिए केवल **बीस लीटर** और **220 लीटर** बीज से केवल **बाईस लीटर** मिलेगा।"
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* "चार हेक्टेयर अंगूर के खेत लिए केवल छह गैलन मिलेगा, और बीज के ढाई बुशेल </u> केवल बीस क्वार्ट को उत्पन्न करेंगे।"
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(3) उन मापों का प्रयोग करें जो पहले से ही आपकी भाषा में उपयोग किए जा रहे हैं। ऐसा करने के लिए आपको यह जानना होगा कि आपके माप मीट्रिक पद्धति से कैसे सम्बन्धित हैं और आप प्रत्येक माप को समझते हैं।
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1. यूएलबी अनुवाद से मापों का उपयोग करें और उन मापों को सम्मिलित करें जिन्हें आपके लोग मूलपाठ या नोट में जानते हैं। निम्नलिखित मूलपाठ में दोनों माप दिखाए गए हैं।
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>> "चार हेक्टेयर अंगूर के खेत लिए केवल छह गैलन मिलेगा, और बीज के **ढाई बुशेल** केवल बीस क्वार्ट को उत्पन्न करेंगे।"
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* "चार हेक्टेयर अंगूर के खेत लिए केवल <u> एक बत (छः गैलन) </u> मिलेगा, और <u> बीज के एक होमेर (ढाई बुशेल) से </u> केवल <u> एक एपा (बीस क्वार्ट्स) </u> मिलेगा।”
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(4) यूएलटी अनुवाद से मापों का उपयोग करें और उन मापों को सम्मिलित करें जिन्हें आपके लोग मूलपाठ या नोट में जानते हैं। निम्नलिखित मूलपाठ में दोनों माप दिखाए गए हैं।
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1. आपके लोगों के द्वारा जानने वाले मापों का उपयोग करें, और मूलपाठ में या नोट में यूएलबी अनुवाद से माप सम्मिलित करें। निम्नलिखित फुटनोट्स में यूएलबी अनुवाद माप दिखाए गए हैं।
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>> "चार हेक्टेयर अंगूर के खेत लिए केवल **एक बत (छः गैलन)** मिलेगा, और बीज के **एक होमेर (ढाई बुशेल) ** से केवल **एक एपा (बीस क्वार्ट्स) ** मिलेगा।”
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* "चार हेक्टेयर अंगूर के खेत लिए केवल बीस लीटर <sup> 1 </sup> मिलेगा, और बीज के 220 लीटर <sup> 2 </sup> केवल बाइस लीटर <sup> 3 </sup > के देंगे।”
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(5)आपके लोगों के द्वारा जानने वाले मापों का उपयोग करें, और मूलपाठ में या नोट में यूएलटी अनुवाद से माप सम्मिलित करें। निम्नलिखित फुटनोट्स में यूएलटी अनुवाद माप दिखाए गए हैं।
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>> "चार हेक्टेयर अंगूर के खेत लिए केवल बीस लीटर <sup> 1 </sup> मिलेगा, और बीज के 220 लीटर <sup> 2</sup> केवल बाइस लीटर <sup> 3</sup > के देंगे।”
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फुटनोट इस तरह दिखेगा:
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* <sup> [1] </sup> एक बत
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* <sup> [2] </sup> एक होमेर
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* <sup> [3] </sup> एक एपा
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>> <sup> [1]</sup> एक बत
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>> <sup> [2]</sup> एक होमेर
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>> <sup> [3]</sup> एक एपा
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### जब माप की इकाई को निहित किया जाता है
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कभी-कभी इब्रानी मात्रा की एक विशेष इकाई को निर्दिष्ट नहीं करती है, परन्तु केवल एक सँख्या का उपयोग करती है। ऐसी घटनाओं में, यूएलबी अनुवाद और यूडीबी अनुवाद समेत अंग्रेजी के कई अन्य संस्करण, शब्द "माप" को जोड़ते हैं।
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कभी-कभी इब्रानी मात्रा की एक विशेष इकाई को निर्दिष्ट नहीं करती है, परन्तु केवल एक सँख्या का उपयोग करती है। ऐसी घटनाओं में, यूएलटू अनुवाद और यूएसटी अनुवाद समेत अंग्रेजी के कई अन्य संस्करण, शब्द "माप" को जोड़ते हैं।
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* **जब भी कोई अनाज के <u> बीस मापों </u> के लिए आया, तो उसने केवल <u> दस </u> को ही पाया था, और जब भी कोई व्यक्ति दाखरस की भट्टी के पास <u> पचास माप </u> की दाख को पाने के लिए आया तो उसने वहाँ से केवल <u> बीस </u> को ही पाया था।** (हाग्गै 2:16 यूएलबी)
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> जब भी कोई अनाज के **बीस** मापों के लिए आया, तो उसने केवल **दस** को ही पाया था, और जब भी कोई व्यक्ति दाखरस की भट्टी के पास **पचास माप** की दाख को पाने के लिए आया तो उसने वहाँ से केवल **बीस** को ही पाया था। (हाग्गै 2:16 ULT)
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#### अनुवाद की रणनीतियाँ
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@ -80,24 +81,24 @@
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1. उचित पात्र के नाम का प्रयोग करें, जैसे अनाज के लिए "टोकरी" या दाखरस के लिए "बर्तन"।
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1. माप के एक इकाई का उपयोग करें जिसे आप पहले से ही अपने अनुवाद में उपयोग कर रहे हैं।
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#### अनुवाद की लागू की गईं रणनीतियाँ
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### अनुवाद रणनीतियों के प्रयोग
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लागू की गई सभी रणनीतियाँ नीचे हाग्गै 2:16 पर लागू होती हैं।
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प्रयोग की गई सभी रणनीतियाँ नीचे हाग्गै 2:16 पर लागू होती हैं।
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* **जब भी कोई अनाज के <u> बीस मापों </u> के लिए आया, तो उसने केवल <u> दस </u> को ही पाया था, और जब भी कोई व्यक्ति दाखरस की भट्टी के पास <u> पचास माप </u> की दाख को पाने के लिए आया तो उसने वहाँ से केवल <u> बीस </u> को ही पाया था।** (हाग्गै 2:16 यूएलबी)
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> जब भी कोई अनाज के **बीस मापों** के लिए आया, तो उसने केवल **दस** को ही पाया था, और जब भी कोई व्यक्ति दाखरस की भट्टी के पास **पचास माप** की दाख को पाने के लिए आया तो उसने वहाँ से केवल **बीस** को ही पाया था। (हाग्गै 2:16 ULT)
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1. एक इकाई के बिना सँख्या का उपयोग करके शाब्दिक रूप से अनुवाद करें।
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(1) एक इकाई के बिना सँख्या का उपयोग करके शाब्दिक रूप से अनुवाद करें।
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* जब भी कोई अनाज के <u> बीस </u> के लिए आया, तो उसने केवल <u> दस </u> को ही पाया था, और जब भी कोई व्यक्ति दाखरस की भट्टी के पास <u> पचास </u> की दाख को पाने के लिए आया तो उसने वहाँ केवल <u> बीस </u> को ही पाया था।
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> जब भी कोई अनाज के **बीस** के लिए आया, तो उसने केवल **दस** को ही पाया था, और जब भी कोई व्यक्ति दाखरस की भट्टी के पास **पचास** की दाख को पाने के लिए आया तो उसने वहाँ केवल **बीस** को ही पाया था।
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1. "माप" या "मात्रा" या "मूल्य" जैसे सामान्य शब्द का प्रयोग करें।
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(2) "माप" या "मात्रा" या "मूल्य" जैसे सामान्य शब्द का प्रयोग करें।
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* जब भी कोई अनाज के <u> बीस मूल्यों </u> के लिए आया, तो उसने केवल <u> दस </u> को ही पाया था, और जब भी कोई व्यक्ति दाखरस की भट्टी के पास <u> पचास मूल्यों </ की दाख को पाने के लिए आया तो उसने वहाँ केवल <u> बीस </u> को ही पाया था।
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>> जब भी कोई अनाज के **बीस मूल्यों** के लिए आया, तो उसने केवल **दस** को ही पाया था, और जब भी कोई व्यक्ति दाखरस की भट्टी के पास **पचास मूल्यों** की दाख को पाने के लिए आया तो उसने वहाँ केवल **बीस** को ही पाया था।
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1. उचित पात्र के नाम का प्रयोग करें, जैसे अनाज के लिए "टोकरी" या दाखरस के लिए "बर्तन"।
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(3) उचित पात्र के नाम का प्रयोग करें, जैसे अनाज के लिए "टोकरी" या दाखरस के लिए "बर्तन"।
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* जब भी कोई अनाज की <u> बीस टोकरी </u> के लिए आया, तो उसने केवल <u> दस </u> को ही पाया था, और जब भी कोई व्यक्ति दाखरस की भट्टी के पास <u> पचास बर्तन </ की दाख को पाने के लिए आया तो उसने वहाँ केवल <u> बीस </u> को ही पाया था।
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>> जब भी कोई अनाज की **बीस टोकरी** के लिए आया, तो उसने केवल **दस** को ही पाया था, और जब भी कोई व्यक्ति दाखरस की भट्टी के पास **पचास बर्तन** की दाख को पाने के लिए आया तो उसने वहाँ केवल **बीस** को ही पाया था।
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1. उस माप के एक इकाई का उपयोग करें जिसे आप पहले से ही अपने अनुवाद में उपयोग कर रहे हैं।
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(4) उस माप के एक इकाई का उपयोग करें जिसे आप पहले से ही अपने अनुवाद में उपयोग कर रहे हैं।
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* जब भी कोई अनाज के <u> बीस लीटर </u> के लिए आया, तो उसने केवल <u> दस </u> को ही पाया था, और जब भी कोई व्यक्ति दाखरस की भट्टी के पास <u> पचास लीटर </ की दाख को पाने के लिए आया तो उसने वहाँ केवल <u> बीस </u> को ही पाया था।
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>> जब भी कोई अनाज के **बीस लीटर** के लिए आया, तो उसने केवल **दस** को ही पाया था, और जब भी कोई व्यक्ति दाखरस की भट्टी के पास **पचास लीटर** की दाख को पाने के लिए आया तो उसने वहाँ केवल **बीस** को ही पाया था।
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बाइबल में दिए गए मात्रा के माप का अनुवाद कैसे करूँ?
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मैं बाइबल में दिए गए मात्रा के माप का अनुवाद कैसे करूँ?
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बाइबलीय मात्रा
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### विवरण
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### वर्णन
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एक प्रतीकात्मक कार्यवाही कुछ ऐसी बात होती है, जिसे एक निश्चित विचार को व्यक्त करने के लिए कोई करता है। उदाहरण के लिए, कुछ संस्कृतियों में लोगों ने अपने सिर को ऊपर और नीचे हिलाते हुए "हाँ" का या अपने सिर को इधर से उधर हिलाते हुए "ना" का अर्थ दिया है।
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प्रतीकात्मक कार्यों का अर्थ सभी संस्कृतियों में एक ही बात से नहीं होता है। बाइबल में, कभी-कभी लोग प्रतीकात्मक कार्य करते हैं और कभी-कभी वे केवल प्रतीकात्मक कार्यवाही का सन्दर्भित करते हैं।
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एक प्रतीकात्मक गतिविधि कुछ ऐसी बात होती है, जिसे एक निश्चित विचार को व्यक्त करने के लिए कोई करता है। उदाहरण के लिए, कुछ संस्कृतियों में लोगों ने अपने सिर को ऊपर और नीचे हिलाते हुए "हाँ" का या अपने सिर को इधर से उधर हिलाते हुए "ना" का अर्थ दिया है। प्रतीकात्मक कार्यों का अर्थ सभी संस्कृतियों में एक ही बात से नहीं होता है। बाइबल में, कभी-कभी लोग प्रतीकात्मक कार्य करते हैं और कभी-कभी वे केवल प्रतीकात्मक गतिविधि को सन्दर्भित करते हैं।
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#### प्रतीकात्मक कार्यों के उदाहरण
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* कुछ संस्कृतियों में लोग यह दिखाने के लिए हाथ मिलाते हैं कि वे मित्रतापूर्ण बनने के लिए इच्छुक हैं।
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* कुछ संस्कृतियों में लोग आगे की ओर झुकते हैं, जब वे एक-दूसरे का सम्मान करने के लिए मिलते हैं।
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#### इसका कारण यह अनुवाद का एक विषय है
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### कारण यह अनुवाद की समस्या है
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एक गतिविधि का एक संस्कृति में अपना अर्थ हो सकता है, और किसी अन्य संस्कृति में एक अलग अर्थ या कोई अर्थ नहीं हो सकता है। उदाहरण के लिए, कुछ संस्कृतियों में भौहें उठाने का अर्थ "मैं आश्चर्यचकित हूँ" या "आपने क्या कहा है?" होता है।
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एक गतिविधि का एक संस्कृति में अपना अर्थ हो सकता है, और किसी अन्य संस्कृति में एक अलग अर्थ या कोई अर्थ नहीं हो सकता है। उदाहरण के लिए, कुछ संस्कृतियों में भौहें उठाने का अर्थ "मैं आश्चर्यचकित हूँ" या "आपने क्या कहा है?" होता है। अन्य संस्कृतियों में इसका अर्थ "हाँ" होता है।
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दूसरों की संस्कृतियों में इसका अर्थ "हाँ" होता है। बाइबल में लोगों ने ऐसी बातें की जिनका उनकी संस्कृति में कुछ अर्थ थे। जब हम बाइबल पढ़ते हैं, तो हम समझ नहीं पाएँ कि किसी बात का क्या अर्थ है, यदि हम अपनी संस्कृति में इसका अर्थ यह है, पर आधारित होकर कार्यवाही की व्याख्या करते हैं।
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बाइबल में लोगों ने ऐसी बातें की जिनका उनकी संस्कृति में कुछ अर्थ थे। जब हम बाइबल पढ़ते हैं, तो हम समझ नहीं पाएँ कि किसी बात का क्या अर्थ है, यदि हम अपनी संस्कृति में इसका अर्थ यह है, पर आधारित होकर गतिविधि की व्याख्या करते हैं।
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अनुवादकों को यह समझने की आवश्यकता होती है कि बाइबल में लोगों का क्या अर्थ था, जब उन्होंने प्रतीकात्मक गतिविधियों का उपयोग किया। यदि किसी गतिविधि का अर्थ उनकी संस्कृति में वही बात नहीं है, तो उन्हें यह समझने की आवश्यकता है कि उस कार्यवाही का क्या अर्थ है, जिसका अनुवाद करना है।
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आपको (अनुवादकों को) यह समझने की आवश्यकता होती है कि बाइबल में लोगों का क्या अर्थ था, जब उन्होंने प्रतीकात्मक गतिविधियों का उपयोग किया। यदि किसी गतिविधि का अर्थ उनकी संस्कृति में वही बात नहीं है, तो उन्हें यह समझने की आवश्यकता है कि उस गतिविधि का क्या अर्थ है, जिसका अनुवाद करना है।
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### बाइबल से उदाहरण
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> याईर यीशु के पैरों पर गिर गया। (लूका 8:41 यूएलबी)
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> याईर यीशु के पैरों पर गिर गया। (लूका 8:41 ULT)
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प्रतीकात्मक कार्यवाही का अर्थ: उसने यीशु के प्रति बहुत अधिक सम्मान दिखाने के लिए ऐसा किया।
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प्रतीकात्मक गतिविधि का अर्थ: उसने यीशु के प्रति बहुत अधिक सम्मान दिखाने के लिए ऐसा किया।
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> देख, मैं दरवाजे पर खड़ा हूँ और <u> खटखटाता </u> हूँ। यदि कोई मेरी आवाज सुनता है, और दरवाजे को खोलता है, तो मैं उसके घर के भीतर आऊँगा, और उसके साथ भोजन करूँगा, और वह मेरे साथ। (प्रकाशितवाक्य 3:20 यूएलबी)
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> देख, मैं दरवाजे पर खड़ा हूँ और **खटखटाता** हूँ। यदि कोई मेरी आवाज सुनता है, और दरवाजे को खोलता है, तो मैं उसके घर के भीतर आऊँगा, और उसके साथ भोजन करूँगा, और वह मेरे साथ। (प्रकाशितवाक्य 3:20 ULT)
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प्रतीकात्मक कार्यवाही का अर्थ: जब लोग चाहते थे कि कोई उन्हें अपने घर में स्वागत करे, तो वे दरवाजे पर खड़े होकर उस पर खटखटाए थे।
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प्रतीकात्मक गतिविधि का अर्थ: जब लोग चाहते थे कि कोई उन्हें अपने घर में स्वागत करे, तो वे दरवाजे पर खड़े होकर उस पर खटखटाए थे।
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### अनुवाद की रणनीतियाँ
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1. बताएँ कि व्यक्ति ने क्या किया और उसने ऐसा क्यों किया।
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1. यह मत बताएँ कि व्यक्ति ने क्या किया, परन्तु बताएँ कि उसका क्या अर्थ है।
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1. अपनी संस्कृति से एक गतिविधि का प्रयोग करें जिसका अर्थ वैसा ही है।
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1. अपनी संस्कृति से एक गतिविधि का प्रयोग करें जिसका अर्थ वैसा ही है। इसे केवल काव्य, दृष्टान्त, और उपदेशों में ही करें। तब ऐसा न करें जब वास्तव में एक व्यक्ति था जिसने एक विशेष गतिविधि की था।
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इसे केवल काव्य, दृष्टान्त, और उपदेशों में ही करें। तब ऐसा न करें जब वास्तव में एक व्यक्ति था जिसने एक विशेष कार्यवाही की था।
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### अनुवाद के लिए लागू की गई रणनीतियों के उदाहरण
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### अनुवाद रणनीतियों के प्रयोग के उदाहरण
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1. बताएँ कि व्यक्ति ने क्या किया और उसने ऐसा क्यों किया।
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* **याईर यीशु के पैरों पर गिर गया।** (लूका 8:41 यूएलबी)
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* यीशु के पैरों पर याईर यह दिखाने के लिए गिर गया कि वह उसका बहुत अधिक सम्मान करता था।
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* **देखो, मैं दरवाजे पर खड़ा हूँ और खटखटाता हूँ।** (प्रकाशितवाक्य 3:20 यूएलबी)
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* देखो, मैं दरवाजे पर खड़ा हूँ और उस को खटखटा रहूँ हूँ, जिससे तुम मुझे भीतर आने के लिए कहो।
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> याईर यीशु के पैरों पर गिर गया। (लूका 8:41 ULT)
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>> यीशु के पैरों पर याईर यह दिखाने के लिए गिर गया कि वह उसका बहुत अधिक सम्मान करता था।
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1. यह मत बताएँ कि व्यक्ति ने क्या किया, परन्तु बताएँ कि उसका क्या अर्थ है।
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> देखो, मैं दरवाजे पर खड़ा हूँ और खटखटाता हूँ। (प्रकाशितवाक्य 3:20 ULT)
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>> देखो, मैं दरवाजे पर खड़ा हूँ और उस को खटखटा रहूँ हूँ, जिससे कि तुम मुझे भीतर आने के लिए कहो।
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* **याईर यीशु के पैरों पर गिर गया।** (लूका 8:41)
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* याईर ने यीशु को बहुत अधिक सम्मान दिखाया।
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* **देखो, मैं दरवाजे पर खड़ा हूँ और खटखटाता हूँ।** (प्रकाशितवाक्य 3:20)
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* देखो, मैं दरवाजे पर खड़ा हूँ और तुम से भीतर आने के लिए कहता हूँ।
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2. यह मत बताएँ कि व्यक्ति ने क्या किया, परन्तु बताएँ कि उसका क्या अर्थ है।
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1. अपनी संस्कृति से एक गतिविधि का प्रयोग करें जिसका अर्थ वैसा ही है।
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> याईर यीशु के पैरों पर गिर गया। (लूका 8:41)
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>> याईर ने यीशु को बहुत अधिक सम्मान दिखाया।
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* **याईर यीशु के चरणों में गिर गया।** (लूका 8:41 यूएलबी) - क्योंकि याईर ने वास्तव में ऐसा किया था, इसलिए हम अपनी संस्कृति से इसके लिए कोई विकल्प नहीं देंगे।
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* **देखो, मैं दरवाजे पर खड़ा हूँ और खटखटाता हूँ।** (प्रकाशितवाक्य 3:20 यूएलबी) - यीशु एक वास्तविक दरवाजे पर नहीं खड़ा था। अपितु वह लोगों के साथ सम्बन्ध बनाने के बारे में बात कर रहा था। इस कारण ऐसी संस्कृतियाँ जहाँ एक घर में भीतर जाने की इच्छा रखते समय किसी के द्वारा गले से हुंकार भरना विनम्र तरीका है, तो आप उसका उपयोग कर सकते हैं।
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* देखो, मैं दरवाजे पर खड़ा हूँ और अपने गले से हुंकार भर रहा हूँ।
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> देखो, मैं दरवाजे पर खड़ा हूँ और खटखटाता हूँ। (प्रकाशितवाक्य 3:20)
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>> देखो, मैं दरवाजे पर खड़ा हूँ और तुम से भीतर आने के लिए कहता हूँ।
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3. अपनी संस्कृति से एक गतिविधि का प्रयोग करें जिसका अर्थ वैसा ही है।
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> याईर यीशु के चरणों में गिर गया। (लूका 8:41 यूएलटी) - क्योंकि याईर ने वास्तव में ऐसा किया था, इसलिए हम अपनी संस्कृति से इसके लिए कोई विकल्प नहीं देंगे।
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> देखो, मैं दरवाजे पर खड़ा हूँ और खटखटाता हूँ। (प्रकाशितवाक्य 3:20 यूएलबी) - यीशु एक वास्तविक दरवाजे पर नहीं खड़ा था। अपितु वह लोगों के साथ सम्बन्ध बनाने के बारे में बात कर रहा था। इस कारण ऐसी संस्कृतियाँ जहाँ एक घर में भीतर जाने की इच्छा रखते समय किसी के द्वारा गले से हुंकार भरना विनम्र तरीका है, तो आप उसका उपयोग कर सकते हैं
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>> देखो, मैं दरवाजे पर खड़ा हूँ और अपने गले से हुंकार भर रहा हूँ।
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प्रतीकात्मक कार्य क्या है और उनका अनुवाद कैसे करूँ?
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प्रतीकात्मक कार्य
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### विवरण
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### वर्णन
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जब लोग एक कहानी को बताते हैं, तो वे सामान्य रूप से घटनाओं को बताते हैं, उनमें क्या घटित हुआ था। घटनाओं का यह अनुक्रम कहानी की कथा को निर्मित करता है। कहानी की कथा सक्रिय क्रियाओं से भरी होती है, जो समय के साथ कहानी को आगे बढ़ाती हैं। परन्तु कभी-कभी एक लेखक कहानी से विराम लगा सकता है और कुछ श्रोताओं को कहानी सुनने में सहायता करने के लिए कुछ जानकारी दे सकता है।
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||||
जब लोग एक कहानी को बताते हैं, तो वे सामान्य रूप से घटनाओं को बताते हैं, उनमें क्या घटित हुआ था। घटनाओं का यह अनुक्रम कहानी की कथा को निर्मित करता है। कहानी की कथा सक्रिय क्रियाओं से भरी होती है, जो समय के साथ कहानी को आगे बढ़ाती हैं। परन्तु कभी-कभी एक लेखक कहानी से विराम लगा सकता है और कुछ श्रोताओं को कहानी सुनने में सहायता करने के लिए कुछ जानकारी दे सकता है। इस प्रकार की सूचनाओं को **पृष्ठभूमि की जानकारी** कहा जाता है। पृष्ठभूमि की जानकारी उन बातों के बारे में हो सकती है, जो घटनाओं से पहले हुईं थीं, या यह कहानी में किसी बात को समझा सकती हैं, या यह कुछ ऐसी होंगी जो बहुत बाद में कहानी में घटित होंगी।
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इस प्रकार की जानकारी को **पृष्ठभूमि की जानकारी कहा जाता है।** पृष्ठभूमि की जानकारी उन बातों के बारे में हो सकती है, जो घटनाओं से पहले हुईं थीं, या यह कहानी में किसी बात को समझा सकती हैं, या यह कुछ ऐसी होंगी जो बहुत बाद में कहानी में घटित होंगी।
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**उदाहरण** - नीचे दी गई कहानी में रेखांकित वाक्य पृष्ठभूमि की पूरी जानकारी हैं।
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** उदाहरण** - नीचे दी गई कहानी में रेखांकित वाक्य पृष्ठभूमि की पूरी जानकारी हैं। पतरस और यूहन्ना एक शिकार यात्रा पर गए क्योंकि <u> उनके गाँव में अगले दिन एक त्यौहार होने वाला था </u>. <u> पतरस गाँव का सबसे अच्छा शिकारी था। </u> <u> उसने एक बार तीन जंगली सूअरों को मार डाला था! </u> वे जंगली सुअर की आवाज पाने के लिए कम झाड़ियों के मध्य में से घंटों तक चलते रहे। सुअर भाग गया, परन्तु वे सुअर को गोली दागने और उसे मारने में सफल रहे। फिर उन्होंने उसके पैरों को थोड़ी सी रस्सी के साथ बांध लिया <u> जिसे वे अपने साथ लाए थे </u>, और उसे एक लकड़ी पर लटका कर घर ले गए।
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पतरस और यूहन्ना एक शिकार यात्रा पर गए क्योंकि **उनके गाँव में अगले दिन एक त्यौहार होने वाला था**. **पतरस गाँव का सबसे अच्छा शिकारी था**. **उसने एक बार तीन जंगली सूअरों को मार डाला था! ** वे जंगली सुअर की आवाज पाने के लिए कम झाड़ियों के मध्य में से घंटों तक चलते रहे। सुअर भाग गया, परन्तु वे सुअर को गोली दागने और उसे मारने में सफल रहे। फिर उन्होंने उसके पैरों को थोड़ी सी रस्सी के साथ बांध लिया **जिसे वे अपने साथ लाए थे**, और उसे एक लकड़ी पर लटका कर घर ले गए।जब वे उसे गाँव में लाए, तो पतरस के चचेरे भाई ने सुअर को देखा और महसूस किया कि **यह उसका स्वयं का सुअर था**. पतरस ने गलती से उसके अपने चचेरे भाई के सुअर को मार डाला था .
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जब वे उसे गाँव में लाए, तो पतरस के चचेरे भाई ने सुअर को देखा और महसूस किया कि <u> यह उसका स्वयं का सुअर था </u>. <u> पतरस ने गलती से उसके अपने चचेरे भाई के सुअर को मार डाला था </u>. पृष्ठभूमि की जानकारी अक्सर ऐसी बात के बारे में बताती है, जो पहले घटित हुई थी या ऐसा ही कुछ बाद में घटित होगा। इनके कुछ उदाहरण ये हैं "उनके गाँव में अगले दिन एक त्योहार होगा" और "उसने एक बार तीन जंगली सूअरों को मार डाला था," "जिसे वे अपने साथ लाए थे," और पतरस ने गलती से अपने स्वयं के चचेरे भाई के सुअर को मार डाला था।
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पृष्ठभूमि की जानकारी अक्सर ऐसी बात के बारे में बताती है, जो पहले घटित हुई थी या ऐसा ही कुछ बाद में घटित होगा। इनके कुछ उदाहरण ये हैं "उनके गाँव में अगले दिन एक त्योहार होगा" और "उसने एक बार तीन जंगली सूअरों को मार डाला था," "जिसे वे अपने साथ लाए थे," और "पतरस ने गलती से अपने स्वयं के चचेरे भाई के सुअर को मार डाला था।"
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अक्सर पृष्ठभूमि की जानकारी देने वाली सक्रिय क्रियाएँ "होगा" की अपेक्षा क्रियाओं जैसे "थी" और "थे" का उपयोग करती है। इनके कुछ उदाहरण ये हैं "पतरस <u> गाँव में सबसे अच्छा शिकारी </u> था " और "यह </u> उसका स्वयं का सुअर<u> था।" पृष्ठभूमि की जानकारी को उन शब्दों के साथ भी चिह्नित किया जा सकता है, जो पाठक को बताते हैं कि यह जानकारी कहानी की घटना का भाग नहीं है। इस कहानी में, इनमें से कुछ शब्द "क्योंकि," "एक बार," और "था" इत्यादि है।
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अक्सर पृष्ठभूमि की जानकारी देने वाली सक्रिय क्रियाएँ "होगा" की अपेक्षा क्रियाओं जैसे "थी" और "थे" का उपयोग करती है। इनके कुछ उदाहरण ये हैं "पतरस गाँव में सबसे अच्छा शिकारी **था**" और "यह उसका स्वयं का सुअर **था**."
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पृष्ठभूमि की जानकारी को उन शब्दों के साथ भी चिह्नित किया जा सकता है, जो पाठक को बताते हैं कि यह जानकारी कहानी की घटना का भाग नहीं है। इस कहानी में, इनमें से कुछ शब्द "क्योंकि," "एक बार," और "था" इत्यादि है।
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#### एक लेखक पृष्ठभूमि की जानकारी का उपयोग कर सकता है
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@ -22,45 +24,52 @@
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* उस समय कौन उपस्थित है जब कहानी आरम्भ होती है
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* कहानी आरम्भ होने पर क्या हो रहा है
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#### इसका कारण यह अनुवाद का एक विषय है
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### कारण यह अनुवाद की समस्या है
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* भाषाओं की पृष्ठभूमि की जानकारी और कहानी की जानकारी को चिह्नित करने के विभिन्न तरीके होते हैं।
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* अनुवादकों को बाइबल में घटनाओं के क्रम को जानने की आवश्यकता होती है, यह जानकारी पृष्ठभूमि की जानकारी, और कहानी की जानकारी होती है।
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* आपको (अनुवादकों को) बाइबल में घटनाओं के क्रम को जानने की आवश्यकता होती है, यह जानकारी पृष्ठभूमि की जानकारी, और कहानी की जानकारी होती है।
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* अनुवादकों को कहानी को इस तरह से अनुवाद करने की आवश्यकता होती है, जो पृष्ठभूमि की जानकारी को इस तरह से चिह्नित करे कि उसके पाठक घटनाओं के क्रम को समझें, जो जानकारी पृष्ठभूमि की जानकारी, और कहानी की जानकारी होती है।
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### बाइबल से उदाहरण
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> हाजिरा ने अब्राम के पुत्र को जन्म दिया, और अब्राम ने अपने पुत्र का नाम इश्माएल रखा, जिसे हाजिरा ने जन्म दिया था। अब्राम <u> छियासी वर्ष का था </u> जब हाजिरा ने इश्माएल को अब्राम के द्वार जन्म दिया। (उत्पत्ति 16:16 यूएलबी)
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> हाजिरा ने अब्राम के पुत्र को जन्म दिया, और अब्राम ने अपने पुत्र का नाम इश्माएल रखा, जिसे हाजिरा ने जन्म दिया था। अब्राम **छियासी वर्ष का था** जब हाजिरा ने इश्माएल को अब्राम के द्वारा जन्म दिया। (उत्पत्ति 16:16 ULT)
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पहला वाक्य दो घटनाओं के बारे में बताता है। हाजिरा ने जन्म दिया और अब्राहम ने अपने पुत्र को नाम दिया। दूसरी वाक्य पृष्ठभूमि की जानकारी देता है, कि जब ये बातें हुईं तब अब्राम कितना बुजुर्ग था।
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> अब स्वयं यीशु, जब उसने सिखाना आरम्भ कर दिया, <u> तो लगभग तीस वर्ष की आयु का </u> था। वह </u>हेली के पुत्र यूसुफ का पुत्र था (जैसा कि माना जाता था)। (लूका 3:23 यूएलबी)
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> अब स्वयं यीशु, जब उसने सिखाना आरम्भ कर दिया, तो लगभग **तीस वर्ष की आयु का था**. वह हेली के पुत्र यूसुफ **का पुत्र था** (जैसा कि माना जाता था)। (लूका 3:23 ULT)
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यह वचन यीशु के बपतिस्मा लेने के बारे में बताए जाने से पहले का है। यह वाक्य यीशु की आयु और पूर्वजों के बारे में पृष्ठभूमि की जानकारी प्रस्तुत करता है। कहानी अध्याय 4 में पुन: आरम्भ होती है, जहाँ यह यीशु के जंगल में जाने के बारे में बताती है।
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> अब <u> यह एक सब्त के दिन हुआ था </u> कि यीशु <गेहूँ के खेतों> में से जा रहा था </u> और उसके शिष्य <u> गेहूँ की बालियाँ तोड़ते हुए </u>, उसे अपने हाथों में रगड़ रहे थे, और गेहूँ को खा रहे थे। परन्तु कुछ फरीसियों ने कहा ... (लूका 6:1-2 ए यूएलबी)
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> अब यह **एक सब्त के दिन हुआ था** कि यीशु **गेहूँ के खेतों में से जा रहा था** और उसके शिष्य **गेहूँ की बालियाँ तोड़ते हुए**, उसे अपने हाथों में रगड़ रहे थे, और गेहूँ को खा रहे थे। परन्तु कुछ फरीसियों ने कहा… (लूका 6:1-2अ ULT)
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ये वचन कहानी की पूर्वस्थिति को देते हैं। घटनाएँ सब्त के दिन गेहूँ के खेत में हुईं। यीशु, उसके शिष्य और कुछ फरीसी वहाँ थे, और यीशु के शिष्य गेहूँ की बालियाँ तोड़ रहे थे और उसे खा रहे थे। कहानी में मुख्य कार्यवाही वाक्य के साथ आरम्भ होती है, "परन्तु कुछ फरीसियों ने कहा।"
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### अनुवाद की रणनीतियाँ
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अनुवादों को स्पष्ट और स्वभाविक रखने के लिए आपको अध्ययन करना होगा कि लोग आपकी भाषा में कहानियाँ कैसे बताते हैं। देखें कि आपकी भाषा पृष्ठभूमि की जानकारी कैसे चिह्नित करती है। इसका अध्ययन करने के लिए आपको कुछ कहानियाँ लिखने की आवश्यकता हो सकती है। पृष्ठभूमि की जानकारी के लिए आपकी भाषा किस प्रकार की क्रियाओं का उपयोग करती है और किस प्रकार के शब्द या अन्य चिन्ह्ति संकेत देती हैं कि कोई बात पृष्ठभूमि की जानकारी है।
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जब आप अनुवाद करते हैं, तो इन बातों को उपयोग करें, ताकि आपका अनुवाद स्पष्ट और स्वभाविक हो और लोग इसे आसानी से समझ सकें।
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अनुवादों को स्पष्ट और स्वभाविक रखने के लिए आपको अध्ययन करना होगा कि लोग आपकी भाषा में कहानियाँ कैसे बताते हैं। देखें कि आपकी भाषा पृष्ठभूमि की जानकारी को कैसे चिह्नित करती है। इसका अध्ययन करने के लिए आपको कुछ कहानियाँ लिखने की आवश्यकता हो सकती है। पृष्ठभूमि की जानकारी के लिए आपकी भाषा किस प्रकार की क्रियाओं का उपयोग करती है और किस प्रकार के शब्द या अन्य चिन्ह्ति संकेत देती हैं कि कोई बात पृष्ठभूमि की जानकारी है। जब आप अनुवाद करते हैं, तो इन बातों को उपयोग करें, ताकि आपका अनुवाद स्पष्ट और स्वभाविक हो और लोग इसे आसानी से समझ सकें।
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1. अपनी भाषा में इसे दिखाने के तरीके का उपयोग करें कि कोई जानकारी पृष्ठभूमि की जानकारी है।
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1. जानकारी को पुन: व्यवस्थित करें ताकि पहले की घटनाओं का उल्लेख पहले किया जा सके। (पृष्ठभूमि की जानकारी बहुत लम्बी होने पर यह सदैव सम्भव नहीं होता है।)
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### अनुवाद के लिए लागू की गई रणनीतियों के उदाहरण
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### अनुवाद रणनीतियों के प्रयोग के उदाहरण
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1. अपनी भाषा में इसे दिखाने के तरीके का उपयोग करें कि कोई जानकारी पृष्ठभूमि की जानकारी है। नीचे दिए गए उदाहरण बताते हैं कि यह यूएलबी अंग्रेजी अनुवादों में इसे कैसे किया गया था।
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1. अपनी भाषा में इसे दिखाने के तरीके का उपयोग करें कि कोई जानकारी पृष्ठभूमि की जानकारी है। नीचे दिए गए उदाहरण बताते हैं कि यह यूएलटी अंग्रेजी अनुवादों में इसे कैसे किया गया था।
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* **</u>अब </u>स्वयं यीशु, जब उसने सिखाना आरम्भ कर दिया, तो लगभग तीस वर्ष की आयु का </u> था</u>। वह हेली के पुत्र यूसुफ के पुत्र <u> था </u> (जैसा माना जाता था)।** (लूका 3:23 यूएलबी) अंग्रेजी "अब" शब्द का उपयोग यह दिखाने के लिए करता है कि कहानी में किसी प्रकार का परिवर्तन है। क्रिया "था" दिखाती है कि यह पृष्ठभूमि की जानकारी है।
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* **कई अन्य उपदेशों के साथ, उसने लोगों को शुभ समाचार का प्रचार किया। यूहन्ना ने चौथाई के राजा हेरोदेस को भी </u>उसके अपने भाई की पत्नी हेरोदियास के साथ विवाह करने और <u> हेरोदेस की अन्य सभी बुरी बातों के लिए <u> भी ताडना दी </u>. परन्तु फिर हेरोदेस ने एक और बहुत बुरा काम किया। उसने यूहन्ना को जेल में डाल दिया।** (लूका 3:18-20 यूएलबी) यूहन्ना के द्वारा हेरोदेस को ताड़ना देने से पहले रेखांकित वाक्यांश घटित हुए हैं। अंग्रेजी में, सहायता करने वाले क्रिया शब्द "किए थे" में "करना" से पता चलता है कि हेरोदेस ने उन बातों को यूहन्ना के द्वारा ताड़ना देने से पहले किया था।
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> **अब** स्वयं यीशु, जब उसने सिखाना आरम्भ कर दिया, तो लगभग तीस वर्ष की आयु का **था**. वह हेली के पुत्र यूसुफ के पुत्र **था** (जैसा माना जाता था)। (लूका 3:23 ULT)
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अंग्रेजी "अब" शब्द का उपयोग यह दिखाने के लिए करता है कि कहानी में किसी प्रकार का परिवर्तन है। क्रिया "था" दिखाती है कि यह पृष्ठभूमि की जानकारी है।
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> कई अन्य उपदेशों के साथ, उसने लोगों को शुभ समाचार का प्रचार किया। यूहन्ना ने चौथाई के राजा हेरोदेस को भी **उसके अपने भाई की पत्नी हेरोदियास के साथ विवाह करने** और **हेरोदेस की अन्य सभी बुरी बातों के लिए भी ताडना दी**. परन्तु फिर हेरोदेस ने एक और बहुत बुरा काम किया। उसने यूहन्ना को जेल में डाल दिया। (लूका 3:18-20 ULT)
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यूहन्ना के द्वारा हेरोदेस को ताड़ना देने से पहले रेखांकित वाक्यांश घटित हुए हैं। अंग्रेजी में, सहायता करने वाले क्रिया शब्द "किए थे" में "करना" से पता चलता है कि हेरोदेस ने उन बातों को यूहन्ना के द्वारा ताड़ना देने से पहले किया था।
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1. जानकारी को पुन: व्यवस्थित करें ताकि पहले की घटनाओं का उल्लेख पहले किया जा सके।
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* **हाजिरा ने अब्राम के पुत्र को जन्म दिया, और अब्राम ने अपने पुत्र का नाम इश्माएल रखा, जिसे हाजिरा ने जन्म दिया था। <u>अब्राम छियासी वर्ष का था जब हाजिरा ने इश्माएल को अब्राम के द्वार जन्म दिया था<u>।** (उत्पत्ति 16:16 यूएलबी)
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* "<u> जब अब्राम छियासी वर्ष का था </u>, हाजिरा ने अपने पुत्र को जन्म दिया, और अब्राम ने अपने पुत्र को इश्माएल नाम दिया।"
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* **यूहन्ना ने चौथाई के राजा हेरोदेस को भी </u>उसके अपने भाई की पत्नी हेरोदियास के साथ विवाह करने और <u> हेरोदेस की अन्य सभी बुरी बातों के लिए <u> भी ताडना दी </u>. परन्तु फिर हेरोदेस ने एक और बहुत बुरा काम किया। उसने यूहन्ना को जेल में डाल दिया।** (लूका 3:18-20) - नीचे दिया गया अनुवाद यूहन्ना के विद्रोह और हेरोदेस के कार्यों को दर्शाता है।
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* "अब चौथाई के राजा हेरोदेस ने अपने भाई की पत्नी हेरोदियास से शादी की, और उसने कई अन्य बुरे काम किए, इसलिए यूहन्ना ने उसकी ताड़ना की। परन्तु फिर हेरोदेस ने एक और बहुत बुरा काम किया। उसने यूहन्ना को जेल में डाल दिया।”
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> हाजिरा ने अब्राम के पुत्र को जन्म दिया, और अब्राम ने अपने पुत्र का नाम इश्माएल रखा, जिसे हाजिरा ने जन्म दिया था। **अब्राम छियासी वर्ष का था जब हाजिरा ने इश्माएल को अब्राम के द्वारा जन्म दिया था**. (उत्पत्ति 16:16 ULT)
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>> "**जब अब्राम छियासी वर्ष का था**, हाजिरा ने अपने पुत्र को जन्म दिया, और अब्राम ने अपने पुत्र को इश्माएल नाम दिया।"
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> यूहन्ना ने चौथाई के राजा हेरोदेस को भी **उसके अपने भाई की पत्नी हेरोदियास के साथ विवाह करने** और **हेरोदेस की अन्य सभी बुरी बातों के लिए भी ताडना दी**. परन्तु फिर हेरोदेस ने एक और बहुत बुरा काम किया। उसने यूहन्ना को जेल में डाल दिया। (लूका 3:18-20)
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नीचे दिया गया अनुवाद यूहन्ना के विद्रोह और हेरोदेस के कार्यों को दर्शाता है।
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>> “अब चौथाई के राजा हेरोदेस ने अपने भाई की पत्नी हेरोदियास से शादी की, और उसने कई अन्य बुरे काम किए, इसलिए यूहन्ना ने उसकी ताड़ना की। परन्तु फिर हेरोदेस ने एक और बहुत बुरा काम किया। उसने यूहन्ना को जेल में डाल दिया।”
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पृष्ठभूमि सूचना क्या है और मैं कैसे बताऊँ कि कौनसी सूचनाएँ पृष्ठभूमि सूचनाएँ होती हैं?
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पृष्ठभूमि की जानकारी क्या है और मैं कैसे बताऊँ कि कौन सी सूचनाएँ पृष्ठभूमि की जानकारी होती हैं?
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पृष्ठभूमि का परिचय
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पृष्ठभूमि की जानकारी
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### विवरण
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### वर्णन
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कहानी के अन्त में विभिन्न प्रकार की जानकारी दी जा सकती है। अक्सर यह पृष्ठभूमि की जानकारी होती है। पृष्ठभूमि की जानकारी यह उन गतिविधियों से अलग होती है जो कहानी के मुख्य भाग को बनाती हैं। बाइबल की एक पुस्तक अक्सर कई छोटी कहानियों से मिलकर बनी होती है, जो एक पुस्तक की बड़ी कहानी का भाग होती हैं। उदाहरण के लिए, लूका की पुस्तक की बड़ी कहानी में यीशु के जन्म की कहानी एक छोटी सी कहानी है। इनमें से प्रत्येक कहानियाँ, चाहे बड़े या छोटे हों, इसके अन्त में पृष्ठभूमि की जानकारी हो सकती है।
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* एक छोटी सी कहानी को बड़ी कहानी से जोड़ने के लिए यह एक भाग है
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* पाठक को यह बताने के लिए कहानी के मुख्य भाग के बाद एक विशेष पात्र के साथ क्या घटित होता है
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* कहानी के मुख्य भाग के बाद निरन्तर चलने वाली कार्यवाही को बताने के लिए
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* कहानी में होने वाली घटनाओं के परिणामस्वरूप कहानी के बाद क्या होता है, यह बताने के लिए
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* यह बताने के लिए कहानी में होने वाली घटनाओं के परिणामस्वरूप कहानी के बाद क्या होता है
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#### इसका कारण यह अनुवाद का एक विषय है
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### कारण यह अनुवाद की समस्या है
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विभिन्न भाषाओं में इस प्रकार की जानकारी प्रस्तुत करने के विभिन्न तरीके होते हैं। यदि अनुवादक अपनी भाषा के तरीकों का उपयोग नहीं करते हैं, तो पाठकों को ये बातें पता नहीं हो सकती हैं:
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विभिन्न भाषाओं में इस प्रकार की जानकारी प्रस्तुत करने के विभिन्न तरीके होते हैं। यदि आप (अनुवादक) अपनी भाषा के तरीकों का उपयोग नहीं करते हैं, तो पाठकों को ये बातें पता नहीं हो सकती हैं:
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* यह जानकारी कहानी समाप्त कर रही है
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* जानकारी का उद्देश्य क्या है
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1. कहानी सारांशित करने के लिए
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> तब शेष पुरुषों का जाना चाहिए, कुछ को तख्तों पर, और कुछ को जहाज की अन्य वस्तुओं के ऊपर। <u> इस तरह से ऐसा हुआ कि हम सभी सुरक्षित रूप से भूमि पर आ गए। </u> (प्रेरितों 27:44 यूएलबी)
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> तब शेष पुरुषों का जाना चाहिए, कुछ को तख्तों पर, और कुछ को जहाज की अन्य वस्तुओं के ऊपर। **इस तरह से ऐसा हुआ कि हम सभी सुरक्षित रूप से भूमि पर आ गए।** (प्रेरितों 27:44 ULT)
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1. कहानी में क्या हुआ उसके बारे में एक टिप्पणी देने के लिए
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> जाद की कलाओं का अभ्यास करने वाले बहुत से लोग अपनी पुस्तकें एक साथ लाए और उन्हें सभी के सामने जला दिया। जब उन्होंने उनके मूल्य की गिनती की, तो यह चाँदी के पचास हजार टुकड़े थे। <u> इस तरह परमेश्वर का वचन सामर्थी तरीकों में व्यापक रूप से फैलता चला गया। </u> (प्रेरितों 19:19-20 यूएलबी)
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> जादू की कलाओं का अभ्यास करने वाले बहुत से लोग अपनी पुस्तकें एक साथ लाए और उन्हें सभी के सामने जला दिया। जब उन्होंने उनके मूल्य की गिनती की, तो यह चाँदी के पचास हजार टुकड़े थे। **इस तरह परमेश्वर का वचन सामर्थी तरीकों में व्यापक रूप से फैलता चला गया।** (प्रेरितों 19:19-20 ULT)
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1. पाठक को यह बताने के लिए कहानी के मुख्य भाग के बाद एक विशेष पात्र के साथ क्या घटित होता है
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> मरियम ने कहा, "मेरी आत्मा प्रभु की स्तुति करती है, और मेरी आत्मा परमेश्वर मेरे उद्धारकर्ता में प्रसन्न होती है ..." <u> मरियम इलीशिबा के साथ तीन महीने तक रुकी और फिर अपने घर लौट आई। </u> (लूका 1:46 -47, 56 यूएलबी)
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> मरियम ने कहा, "मेरी आत्मा प्रभु की स्तुति करती है, और मेरी आत्मा परमेश्वर मेरे उद्धारकर्ता में प्रसन्न होती है …" **मरियम इलीशिबा के साथ तीन महीने तक रुकी और फिर अपने घर लौट आई।** (लूका 1:46 -47, 56 ULT)
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1. कहानी के मुख्य भाग के बाद निरन्तर चलने वाली कार्यवाही को बताने के लिए
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कहानी के मुख्य भाग के बाद निरन्तर चलने वाली गतिविधि को बताने के लिए
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> जो लोग यह सुनते थे, कि चरवाहों के द्वारा उनसे जो बात की गई थी, उससे वे आश्चर्यचकित थे। <u> परन्तु मरियम उन सभी बातों के बारे में निरन्तर सोचती रही, जिसे उसने सुना था, उन्हें अपने मन में ही रखा। </u> (लूका 2:18-19 यूएलबी)
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> जो लोग यह सुनते थे, कि चरवाहों के द्वारा उनसे जो बात की गई थी, उससे वे आश्चर्यचकित थे। **परन्तु मरियम उन सभी बातों के बारे में निरन्तर सोचती रही, जिसे उसने सुना था, उन्हें अपने मन में ही रखा।** (लूका 2:18-19 ULT)
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1. कहानी में होने वाली घटनाओं के परिणामस्वरूप कहानी के बाद क्या होता है, यह बताने के लिए
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1. यह बताने के लिए कहानी में होने वाली घटनाओं के परिणामस्वरूप कहानी के बाद क्या होता है
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> "यहूदी कानूनों के शिक्षकों के ऊपर हाय, क्योंकि उन्होंने ज्ञान की कुँजी तो ले ली है, परन्तु वे आप स्वयं प्रवेश नहीं करते हैं, और प्रवेश करने वालों के मार्ग में बाधा डालते हैं।" <u> यीशु के वहाँ जाने के बाद, शास्त्री और फरीसियों ने उसका विरोध किया और कई शब्दों को लेकर उसके साथ तर्क दिया, उसे अपने शब्दों में फंसाने की प्रयास की। </u> (लूका 11:52-54 यूएलबी)
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> "यहूदी कानूनों के शिक्षकों के ऊपर हाय, क्योंकि उन्होंने ज्ञान की कुँजी तो ले ली है, परन्तु वे आप स्वयं प्रवेश नहीं करते हैं, और प्रवेश करने वालों के मार्ग में बाधा डालते हैं।" **यीशु के वहाँ जाने के बाद, शास्त्री और फरीसियों ने उसका विरोध किया और कई शब्दों को लेकर उसके साथ तर्क दिया, उसे अपने शब्दों में फंसाने की प्रयास की।** (लूका 11:52-54 ULT)
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एक कहानी के अंत में किस प्रकार की सूचनाएँ दी गर्इ होती हैं?
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कहानी का अंत
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### विवरण
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### वर्णन
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जब लोग एक कहानी को बताते हैं, तो वे एक घटना या घटनाओं की एक श्रृंखला के बारे में बताते हैं। अक्सर वे कहानी के आरम्भ में कुछ जानकारी को देते हैं, जैसे कि कहानी किसके बारे में है, कब क्या घटित हुआ, और यह कहाँ घटित हुआ था। कहानी का आरम्भ होने से पहले जिन घटनाओं की जानकारी लेखक देता है उसे कहानी की पूर्वस्थिति कहा जाता है।
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जब लोग एक कहानी को बताते हैं, तो वे एक घटना या घटनाओं की एक श्रृंखला के बारे में बताते हैं। अक्सर वे कहानी के आरम्भ में कुछ जानकारी को देते हैं, जैसे कि कहानी किसके बारे में है, कब क्या घटित हुआ, और यह कहाँ घटित हुआ था। कहानी का आरम्भ होने से पहले जिन घटनाओं की जानकारी लेखक देता है उसे कहानी की पूर्वस्थिति कहा जाता है। एक कहानी में कुछ नई घटनाओं में भी एक पूर्वस्थिति होती है क्योंकि उसमें नए लोग, नए समय और नए स्थान सम्मिलित हो सकते हैं। कुछ भाषाओं में लोग यह भी बताते हैं कि उन्होंने घटना को देखा है या किसी और से इसके बारे में सुना है।
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एक कहानी में कुछ नई घटनाओं में भी एक पूर्वस्थिति होती है क्योंकि उसमें नए लोग, नए समय और नए स्थान सम्मिलित हो सकते हैं। कुछ भाषाओं में लोग यह भी बताते हैं कि उन्होंने घटना को देखा है या किसी और से इसके बारे में सुना है। जब आपके लोग घटनाओं के बारे में बताते हैं, तो आरम्भ में वे कौन सी जानकारी देते हैं?
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क्या कोई निश्चित क्रम है जिसमें उन्होंने इसे रखा है? आपके अनुवाद में, आपको अपनी भाषा में एक नई कहानी या स्रोत भाषा के तरीके की अपेक्षा एक नई घटना के परिचय को प्रस्तुत करने के लिए दिए गए आरम्भ को उपयोग करने की आवश्यकता होगी। इस तरह आपका अनुवाद स्वभाविक रूप से शुद्ध होगा और आपकी भाषा में स्पष्ट रूप से संचारित करेगा।
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जब आपके लोग घटनाओं के बारे में बताते हैं, तो आरम्भ में वे कौन सी जानकारी देते हैं? क्या कोई निश्चित क्रम है जिसमें उन्होंने इसे रखा है? आपके अनुवाद में, आपको अपनी भाषा में एक नई कहानी या स्रोत भाषा के तरीके की अपेक्षा एक नई घटना के परिचय को प्रस्तुत करने के लिए दिए गए आरम्भ को उपयोग करने की आवश्यकता होगी। इस तरह आपका अनुवाद स्वभाविक रूप से शुद्ध होगा और आपकी भाषा में स्पष्ट रूप से संचारित करेगा।
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### बाइबल से उदाहरण
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> </u>यहूदिया के राजा</u>, हेरोदेस के दिनों में<u>, जकर्याह नाम का एक विशेष याजक </u>. अबिय्याह के दल से था।<u> उसकी पत्नी </u> हारून की पुत्रियों में से थी, और उसका नाम इलीशिबा था। (लूका 1:5 यूएलबी)
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> यहूदिया के राजा, **हेरोदेस के दिनों में**, **जकर्याह नाम का एक विशेष याजक**, अबिय्याह के दल से था। **उसकी पत्नी** हारून की पुत्रियों में से थी, और उसका नाम इलीशिबा था। (लूका 1:5 ULT)
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उपरोक्त वचन जकर्याह के बारे में एक कहानी प्रस्तुत करते हैं। पहला रेखांकित वाक्यांश बताता है कि यह कब घटित हई, और अगले दो रेखांकित वाक्यांश मुख्य लोगों को प्रस्तुत करते हैं। अगले दो वचन बताते हैं कि जकर्याह और इलीशिबा बूढ़े थे और उनके पास कोई बच्चा नहीं था। यह सब पूर्वस्थिति है।
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उपरोक्त वचन जकर्याह के बारे में एक कहानी प्रस्तुत करते हैं। पहला रेखांकित वाक्यांश बताता है कि यह कब घटित हई, और अगले दो रेखांकित वाक्यांश मुख्य लोगों को प्रस्तुत करते हैं। अगले दो वचन बताते हैं कि जकर्याह और इलीशिबा बूढ़े थे और उनके पास कोई बच्चा नहीं था। यह सब पूर्वस्थिति है। फिर लूका 1:8 में "एक दिन" वाक्यांश इस कहानी में पहली घटना को प्रस्तुत करने में सहायता करता है:
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फिर लूका 1:8 में "एक दिन" वाक्यांश इस कहानी में पहली घटना को प्रस्तुत करने में सहायता करता है:
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>> **एक दिन** जबकि जकर्याह अपने दल की व्यवस्था के अनुसार परमेश्वर के सामने एक याजक के रूप में अपने कर्तव्यों का पालन कर रहा था, याजकों ने अपनी परम्परा का पालन किया और उसे परमेश्वर के मन्दिर में प्रवेश करने और धूप जलाने के लिए चुना। (लूका 1:8-9 ULT)
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> <u> एक दिन </u> जबकि जकर्याह अपने दल की व्यवस्था के अनुसार परमेश्वर के सामने एक याजक के रूप में अपने कर्तव्यों का पालन कर रहा था, याजकों ने अपनी परम्परा का पालन किया और उसे परमेश्वर के मन्दिर में प्रवेश करने और धूप जलाने के लिए चुना। (लूका 1:8-9 यूएलबी)
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> <u> यीशु मसीह का जन्म निम्न तरीके से हुआ। </u> उसकी माता मरियम की यूसुफ के साथ मंगनी हुई थी, परन्तु इससे पहले कि वे एक साथ आते, वह पवित्र आत्मा की ओर से गर्भवती पाई गई। (मत्ती 1:18 यूएलबी)
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> **यीशु मसीह का जन्म निम्न तरीके से हुआ।** उसकी माता मरियम की यूसुफ के साथ मंगनी हुई थी, परन्तु इससे पहले कि वे एक साथ आते, वह पवित्र आत्मा की ओर से गर्भवती पाई गई। (मत्ती 1:18 ULT)
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ऊपर दिया गया रेखांकित वाक्य यह स्पष्ट करता है कि यीशु के बारे में एक कहानी प्रस्तुत की जा रही है। कहानी बताएगी कि यीशु का जन्म कैसे हुआ।
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> <u> हेरोदेस राजा के दिनों में यहूदिया के बेतलेहेम में यीशु के जन्म के होने के बाद राजा </u>, ने यह जाना कि पूर्व से विद्वान लोग यरूशलेम में पहुंचे हैं, ... (मत्ती 2:1 यूएलबी)
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> **हेरोदेस राजा के दिनों में यहूदिया के बेतलेहेम में यीशु के जन्म के होने के बाद राजा**, ने यह जाना कि पूर्व से विद्वान लोग यरूशलेम में पहुँचे हैं… (मत्ती 2:1 ULT)
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ऊपर दिए गए रेखांकित वाक्यांश से पता चलता है कि विद्वान पुरुषों से सम्बन्धित घटनाएँ </u> यीशु के जन्म <u> के बाद घटित हुई थीं।
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ऊपर दिए गए रेखांकित वाक्यांश से पता चलता है कि विद्वान पुरुषों से सम्बन्धित घटनाएँ यीशु के जन्म के **बाद** घटित हुई थीं।
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> <u> उन दिनों में </u> यूहन्ना बपतिस्मा देने वाले यहूदिया के जंगल में प्रचार कर रहा था, ... (मत्ती 3:1-22 यूएलबी)
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> **उन दिनों में** यूहन्ना बपतिस्मा देने वाले यहूदिया के जंगल में प्रचार कर रहा था, … (मत्ती 3:1-22 ULT)
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ऊपर दिए गए रेखांकित वाक्यांश से पता चलता है कि यूहन्ना बपतिस्मा देने वाले पिछली घटनाओं के समय प्रचार कर रहा था। यह कदाचित् बहुत ही अधिक सामान्य है और यह दर्शाता है कि यीशु नासरत में कब रहता था।
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> <u> तब </u> यीशु गलील से यरदन नदी तक यूहन्ना से बपतिस्मा लेने के लिए आया था। (मत्ती 3:13 यूएलबी)
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> **तब** यीशु गलील से यरदन नदी तक यूहन्ना से बपतिस्मा लेने के लिए आया था। (मत्ती 3:13 ULT)
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"तब" शब्द से पता चलता है कि यीशु पिछले वचनों की घटनाओं के कुछ समय बाद यरदन नदी में आया था।
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शब्द "तब" से पता चलता है कि यीशु पिछले वचनों की घटनाओं के कुछ समय बाद यरदन नदी में आया था।
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> अब वहाँ पर एक <u> फरीसी था जिसका नाम नीकुदेमुस था, जो यहूदी महासभा का सदस्य था </u>. यह व्यक्ति रात के समय यीशु के पास आया (यूहन्ना 3:1-2 यूएलबी)
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> अब वहाँ पर एक **फरीसी था जिसका नाम नीकुदेमुस था, जो यहूदी महासभा का सदस्य था**. यह व्यक्ति रात के समय यीशु के पास आया (यूहन्ना 3:1-2 ULT)
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लेखक ने पहले नए व्यक्ति को प्रस्तुत किया और फिर बताया कि उसने क्या किया और जब उसने ऐसा कब किया। कुछ भाषाओं में समय को पहला बताना और अधिक स्वभाविक हो सकता है।
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> <sup> 6 </ sup> पृथ्वी पर बाढ़ आने के समय नूह छह सौ वर्ष का था। <sup> 7 </ sup> नूह, उसके पुत्र, उसकी पत्नी और उसके पुत्रों की पत्नियाँ बाढ़ के पानी की कारण एक साथ जहाज में गए। (उत्पत्ति 7:6-7 यूएलबी)
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> <sup> 6</sup> पृथ्वी पर बाढ़ आने के समय नूह छह सौ वर्ष का था। > <sup> 7</sup> नूह, उसके पुत्र, उसकी पत्नी और उसके पुत्रों की पत्नियाँ बाढ़ के पानी की कारण एक साथ जहाज में गए। (उत्पत्ति 7:6-7 ULT)
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वचन 6 उन अध्यायों का सारांश है, जो अध्याय 7 के शेष में घटित होती हैं। अध्याय 6 ने पहले ही बता दिया है कि परमेश्वर ने नूह को बताया कि बाढ़ आएगी, और नूह कैसे इसके लिए तैयार हुआ। अध्याय 7 वचन 6 कहानी के उस भाग को प्रस्तुत करता है, जो नूह और उसके परिवार और जहाज में जाने वाले जानवरों, वर्षा आरम्भ होने और वर्षा के पृथ्वी पर बाढ़ के रूप में आने के बारे में बताता है। कुछ भाषाओं को यह स्पष्ट करने की आवश्यकता हो सकती है कि यह वचन घटना मात्र का परिचय देता है, या इस वचन को वचन 7 के बाद ले जाए जाए। वचन 6 कहानी की घटनाओं में से एक नहीं है। बाढ़ आने से पहले लोग जहाज में चले गए थे।
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### अनुवाद की रणनीतियाँ
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यदि किसी नई घटना के आरम्भ में दी गई जानकारी आपके पाठकों के लिए स्पष्ट और स्वाभाविक है, तो उसे अनुवाद करने के लिए विचार करें जैसी यह यूएलबी या यूडीबी में पाई जाती है। यदि नहीं, तो इन रणनीतियों में से एक के ऊपर विचार करें।
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यदि किसी नई घटना के आरम्भ में दी गई जानकारी आपके पाठकों के लिए स्पष्ट और स्वाभाविक है, तो उसे अनुवाद करने के लिए विचार करें जैसी यह यूएलटी या यूएसटी में पाई जाती है। यदि नहीं, तो इन रणनीतियों में से एक के ऊपर विचार करें।
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1. उस जानकारी को प्रस्तुत करें जो घटना को उस क्रम में प्रस्तुत करती है, जिसमें आपके लोग इसे रखते हैं।
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1. यदि पाठक कुछ निश्चित जानकारी की अपेक्षा करते हैं, परन्तु यह बाइबल में नहीं है, तो उस जानकारी को देने के लिए अनिश्चित शब्द या वाक्यांश का उपयोग करने पर विचार करें, जैसे: "किसी अन्य समय" या "कोई।"
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1. यदि परिचय पूरी घटना का सारांश है, तो अपनी भाषा में इसे इस तरह से दिखाने के तरीके का उपयोग करें कि यह सारांश है।
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1. यदि आरम्भ में ही घटना का सारांश देना लक्षित भाषा में असामान्य है, तो दिखाएँ कि घटना वास्तव में कहानी में बाद की होगी।
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### अनुवाद के लिए लागू की गई रणनीतियों के उदाहरण
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### अनुवाद रणनीतियों के प्रयोग के उदाहरण
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1. उस जानकारी को प्रस्तुत करें जो घटना को उस क्रम में प्रस्तुत करती है, जिसमें आपके लोग इसे रखते हैं।
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> अब वहाँ पर एक <u> फरीसी था जिसका नाम नीकुदेमुस था, जो यहूदी महासभा का सदस्य था </u>. यह व्यक्ति रात के समय यीशु के पास आया और उससे कहा... (यूहन्ना 3:1,2)
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> अब वहाँ पर एक **फरीसी था जिसका नाम नीकुदेमुस था, जो यहूदी महासभा का सदस्य था**. यह व्यक्ति रात के समय यीशु के पास आया और उससे कहा… (यूहन्ना 3:1,2)
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> एक **व्यक्ति जिसका नाम निकुदेमुस था। वह एक फरीसी और यहूदी महसभा का सदस्य था**. एक रात वह यीशु के पास आया और उससे कहा…
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* एक <u> व्यक्ति जिसका नाम निकुदेमुस था। वह एक फरीसी और यहूदी महसभा का सदस्य था </u>. एक रात वह यीशु के पास आया और उससे कहा ...
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* एक रात <u> निकुदेमुस नाम का एक व्यक्ति, जो एक फरीसी था और यहूदी महासभा का सदस्य </u>, यीशु के पास आया और कहा ...
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* **जैसे ही वह वहाँ से पार हुआ, <u> उसने कर संग्रह करने वाले स्थान पर </u> हलफई के पुत्र लेवी को देखा, और उसने उससे कहा ...** (मरकुस 2:14 यूएलबी)
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* जैसे ही वह वहाँ से पार हुआ, <u> उसने कर संग्रह करने वाले स्थान पर </u> हलफई के पुत्र लेवी को देखा। यीशु ने उसे देखा और उससे कहा ...
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* जैसे ही वह से होकर निकला, <u> वहाँ एक व्यक्ति <u> कर संग्रह करने वाले स्थान पर बैठा था </u> उसका नाम लेवी था, और वह हलफई का पुत्र था यीशु ने उसे देखा और उससे कहा ...
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* जैसे ही से होकर निकलका, <u> उसने वहाँ एक चुँगी लेने वाले को </u>चुँगी इक्ट्टा करने वाले स्थान पर बैठे देखे। उसका नाम लेवी था, और वह हलफई का पुत्र था। यीशु ने उसे देखा और उससे कहा ...
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>> एक रात **निकुदेमुस नाम का एक व्यक्ति, जो एक फरीसी था और यहूदी महासभा का सदस्य**, यीशु के पास आया और कहा…
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1. यदि पाठक कुछ निश्चित जानकारी की अपेक्षा करते हैं, परन्तु यह बाइबल में नहीं है, तो उस जानकारी को देने के लिए अनिश्चित शब्द या वाक्यांश का उपयोग करने पर विचार करें, जैसे: "किसी अन्य समय" या "कोई।"
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**जैसे ही वह वहाँ से पार हुआ, **उसने कर संग्रह करने वाले स्थान पर** हलफई के पुत्र लेवी को देखा, और उसने उससे कहा … (मरकुस 2:14 ULT)
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* ** पृथ्वी पर बाढ़ के आने के समय नूह छः सौ वर्ष का था।** (उत्पत्ति 7:6 यूएलबी) - यदि लोगों नई घटना के बारे में कुछ बताया जाने की अपेक्षा करते है, तो वाक्यांश "उसके बाद" उनकी सहायता कर सकता है, देखें कि यह घटनाओं के पहले ही उल्लेख किया गया है।
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* <u> उसके बाद </u>, जब नूह छह सौ वर्ष का था, तो बाढ़ पृथ्वी पर आई।
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* **<u> फिर उसने झील के किनारे में सिखाना </u> आरम्भ किया।** (मरकुस 4:1 यूएलबी) - अध्याय 3 में यीशु किसी के घर पर शिक्षा दे रहा था। पाठकों को यह बताने की आवश्यकता हो सकती है कि यह नई घटना किसी अन्य समय पर घटित हुई थी, या यीशु वास्तव में झील में गया था।
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* <u> किसी अन्य समय </u> यीशु ने झील के किनारे में लोगों को पुन: शिक्षा देनी आरम्भ की।
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* यीशु झील में गया और <u> लोगों को पुन: </u> वहाँ सिखाना आरम्भ किया।
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>> जैसे ही वह वहाँ से पार हुआ, **उसने कर संग्रह करने वाले स्थान पर** हलफई के पुत्र लेवी को देखा। यीशु ने उसे देखा और उससे कहा ...
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1. यदि परिचय पूरी घटना का सारांश है, तो अपनी भाषा में इसे इस तरह से दिखाने के तरीके का उपयोग करें कि यह सारांश है।
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>> जैसे ही वह से होकर निकला, **वहाँ एक व्यक्ति** कर संग्रह करने वाले स्थान पर बैठा था। उसका नाम लेवी था, और वह हलफई का पुत्र था। यीशु ने उसे देखा और उससे कहा...
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* **पृथ्वी पर बाढ़ आने पर नूह छह सौ वर्ष का था।** (उत्पत्ति 7:6 यूएलबी)
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* <u> अब यह घटित हुआ कि जब </u> नूह छह सौ वर्ष का था और बाढ़ पृथ्वी पर आई थी।
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* <u> यह भाग बताता है कि क्या हुआ जब </u> बाढ़ पृथ्वी पर आई थी। ऐसा हुआ जब नूह छह सौ वर्ष का था।
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>> जैसे ही से होकर निकलका, **उसने वहाँ एक चुँगी लेने वाले को** चुँगी इक्ट्टा करने वाले स्थान पर बैठे देखे। उसका नाम लेवी था, और वह हलफई का पुत्र था। यीशु ने उसे देखा और उससे कहा...
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1. यदि आरम्भ में ही घटना का सारांश देना लक्षित भाषा में असामान्य है, तो दिखाएँ कि घटना वास्तव में कहानी में बाद की होगी।
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2. यदि पाठक कुछ निश्चित जानकारी की अपेक्षा करते हैं, परन्तु यह बाइबल में नहीं है, तो उस जानकारी को देने के लिए अनिश्चित शब्द या वाक्यांश का उपयोग करने पर विचार करें, जैसे: "किसी अन्य समय" या "कोई।"
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* **पृथ्वी पर बाढ़ आने के समय नूह छह सौ वर्ष का था। नूह, उसके पुत्र, उसकी पत्नी और उनके पुत्र की पत्नियाँ बाढ़ के पानी की कारण जहाज में एक साथ गए।** (उत्पत्ति 7:6-7 यूएलबी)
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* <u> अब यह घटित हुआ कि जब </u> नूह छह सौ वर्ष का था। नूह, उसके पुत्र, उनकी पत्नी और उनके पुत्रों की पत्नियाँ एक साथ जहाज में गए<u>क्योंकि परमेश्वर ने कहा था कि बाढ़ का पानी आ जाएगा</u>.
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> पृथ्वी पर बाढ़ के आने के समय नूह छः सौ वर्ष का था।** (उत्पत्ति 7:6 यूएलटी) - यदि लोगों नई घटना के बारे में कुछ बताया जाने की अपेक्षा करते है, तो वाक्यांश "उसके बाद" उनकी सहायता कर सकता है, देखें कि यह घटनाओं के पहले ही उल्लेख किया गया है।
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>> **उसके बाद**, जब नूह छह सौ वर्ष का था, तो बाढ़ पृथ्वी पर आई।
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> **फिर उसने झील के किनारे में सिखाना** आरम्भ किया। (मरकुस 4:1 यूएलटी) - अध्याय 3 में यीशु किसी के घर पर शिक्षा दे रहा था। पाठकों को यह बताने की आवश्यकता हो सकती है कि यह नई घटना किसी अन्य समय पर घटित हुई थी, या यीशु वास्तव में झील में गया था।
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>> **किसी अन्य समय** यीशु ने झील के किनारे में लोगों को पुन: शिक्षा देनी आरम्भ की।
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>> यीशु झील में गया और **लोगों को पुन:** वहाँ सिखाना आरम्भ किया।
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3. यदि परिचय पूरी घटना का सारांश है, तो अपनी भाषा में इसे इस तरह से दिखाने के तरीके का उपयोग करें कि यह सारांश है।
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> पृथ्वी पर बाढ़ आने पर नूह छह सौ वर्ष का था। (उत्पत्ति 7:6 ULT)
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>> **अब यह घटित हुआ कि जब** नूह छह सौ वर्ष का था और बाढ़ पृथ्वी पर आई थी।
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>> **यह भाग बताता है कि क्या हुआ जब** बाढ़ पृथ्वी पर आई थी। ऐसा हुआ जब नूह छह सौ वर्ष का था।
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4. यदि आरम्भ में ही घटना का सारांश देना लक्षित भाषा में असामान्य है, तो दिखाएँ कि घटना वास्तव में कहानी में बाद की होगी।
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> पृथ्वी पर बाढ़ आने के समय नूह छह सौ वर्ष का था। नूह, उसके पुत्र, उसकी पत्नी और उनके पुत्र की पत्नियाँ बाढ़ के पानी की कारण जहाज में एक साथ गए। (उत्पत्ति 7:6-7 ULT)
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>> **अब यह घटित हुआ कि जब** नूह छह सौ वर्ष का था। नूह, उसके पुत्र, उनकी पत्नी और उनके पुत्रों की पत्नियाँ एक साथ जहाज में गए क्योंकि **परमेश्वर ने कहा था कि बाढ़ का पानी आ जाएगा**.
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एक कहानी में हम एक नर्इ घटना का परिचय कैसे करवाएँ?
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नर्इ घटनाओं का परिचय
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### विवरण
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### वर्णन
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पहली बार जब किसी कहानी में लोगों या वस्तुओं का उल्लेख किया जाता है, तो वे <u> नए प्रतिभागी </u> होते हैं। उसके बाद, जब भी उनका उल्लेख किया जाता है, वे <u> पुराने प्रतिभागियों </u>होते हैं।
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> अब <u> एक फरीसी था जिसका नाम निकुदेमुस था </u> ... <u> यह व्यक्ति </u> रात के समय यीशु के पास आया ... यीशु ने <u> उसे </u> उत्तर दिया (यूहन्ना 3:1)
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पहली बार जब किसी कहानी में लोगों या वस्तुओं का उल्लेख किया जाता है, तो वे **नए प्रतिभागी** होते हैं। उसके बाद, जब भी उनका उल्लेख किया जाता है, वे **पुराने प्रतिभागी** होते हैं।
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>अब **एक फरीसी था जिसका नाम निकुदेमुस था** …**यह व्यक्ति** रात के समय यीशु के पास आया … यीशु ने **उसे** उत्तर दिया (यूहन्ना 3:1)
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पहला रेखांकित वाक्यांश नीकुदेमुस को एक नए प्रतिभागी के रूप में प्रस्तुत करता है। उसके बाद उसे "यह व्यक्ति" और "उसे" कहा जाता है, तब वह एक पुराना प्रतिभागी होता है।
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#### इसका कारण यह अनुवाद का एक विषय है
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### कारण यह अनुवाद की समस्या है
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अपने अनुवाद को स्पष्ट और स्वभाविक बनाने के लिए, प्रतिभागियों को इस तरह से सन्दर्भित करना आवश्यक है कि लोगों को पता चले कि वे नए प्रतिभागियों या उन प्रतिभागियों के बारे में जानते हैं, जिन्हें वे पहले से ही पढ़ चुके हैं। विभिन्न भाषाओं में ऐसा करने के विभिन्न तरीके होते हैं। आपको अपनी भाषा उस तरीके का पालन करना चाहिए, न कि जिस तरह से स्रोत भाषा करती है।
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### बाइबल से उदाहरण
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### बाइबल में से उदाहरण
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#### नए प्रतिभागी
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अक्सर सबसे महत्वपूर्ण नए प्रतिभागी को एक वाक्यांश के साथ प्रस्तुत किया जाता है, जो कहता है कि वह अस्तित्व में है, जैसे कि "वहाँ एक व्यक्ति था" नीचे दिए गए उदाहरण में। "वहाँ था" वाक्यांश हमें बताता है कि यह व्यक्ति पहले से ही अस्तित्व में था।
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"एक व्यक्ति" शब्द "एक" हमें बताता है कि लेखक पहली बार उसके बारे में बात कर रहा है। शेष वाक्य बताता है कि यह व्यक्ति कहाँ से आया था, उसका परिवार कौन सा था, और उसका नाम क्या था।
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> <u> वहाँ एक व्यक्ति </u> दानियों के परिवार से था, जिसका नाम मानोह था। (न्यायियों 13:2 यूएलबी)
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अक्सर सबसे महत्वपूर्ण नए प्रतिभागी को एक वाक्यांश के साथ प्रस्तुत किया जाता है, जो कहता है कि वह अस्तित्व में है, जैसे कि "वहाँ एक व्यक्ति था" नीचे दिए गए उदाहरण में। "वहाँ था" वाक्यांश हमें बताता है कि यह व्यक्ति पहले से ही अस्तित्व में था। "एक व्यक्ति" शब्द "एक" हमें बताता है कि लेखक पहली बार उसके बारे में बात कर रहा है। शेष वाक्य बताता है कि यह व्यक्ति कहाँ से आया था, उसका परिवार कौन सा था, और उसका नाम क्या था।
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> **वहाँ एक व्यक्ति** दानियों के परिवार से था, जिसका नाम मानोह था। (न्यायियों 13:2 ULT)
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एक नया प्रतिभागी जो सबसे अधिक महत्वपूर्ण नहीं है, अक्सर उसे पहले से प्रस्तुत किए जाने वाले अधिक महत्वपूर्ण व्यक्ति के सम्बन्ध में प्रस्तुत किया जाता है। नीचे दिए गए उदाहरण में, मानोह की पत्नी को मात्र "उसकी पत्नी" कहा जाता है। यह वाक्यांश उसके साथ उसका सम्बन्ध दिखाता है।
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> वहाँ एक व्यक्ति दानियों के परिवार से था, जिसका नाम मानोह था। <u> उसकी पत्नी </u> गर्भवती होने में सक्षम नहीं थी और इसलिए वह किसी को जन्म नहीं देती। (न्यायियों 13:2 यूएलबी)
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> वहाँ एक व्यक्ति दानियों के परिवार से था, जिसका नाम मानोह था। **उसकी पत्नी** गर्भवती होने में सक्षम नहीं थी और इसलिए वह किसी को जन्म नहीं देती। (न्यायियों 13:2 ULT)
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कभी-कभी एक नया प्रतिभागी के नाम से प्रस्तुत किया जाता है, क्योंकि लेखक यह कल्पना करता है कि पाठकों को पता है कि व्यक्ति कौन है। 1 राजा की पहला वचन में, लेखक कल्पना करता है कि उसके पाठकों को पता है कि राजा दाऊद कौन है, इसलिए यह समझाने की कोई आवश्यकता नहीं है कि वह कौन है।
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> जब राजा दाऊद बहुत बूढ़ा हो गया, तो उन्होंने उसे कम्बल से ढका दिया, परन्तु वह गर्म नहीं रह सका। (1 राजा 1:1 यूएलबी)
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> जब राजा दाऊद बहुत बूढ़ा हो गया, तो उन्होंने उसे कम्बल से ढका दिया, परन्तु वह गर्म नहीं रह सका। (1 राजा 1:1 ULT)
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#### पुराने प्रतिभागी
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एक व्यक्ति जिसे पहले से ही कहानी में लाया गया था, उसे उसके बाद सर्वनाम के साथ सन्दर्भित किया जा सकता है। नीचे दिए गए उदाहरण में, मानोह को "उसकी" सर्वनाम के साथ सन्दर्भित किया जाता है और उसकी पत्नी को "वह" सर्वनाम के साथ सन्दर्भित किया जाता है।
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> <u> उसकी </u> पत्नी गर्भवती होने में सक्षम नहीं थी और इसलिए <u>वह</u> किसी को जन्म नहीं देती। (न्यायियों 13:2 यूएलबी)
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> **उसकी** पत्नी गर्भवती होने में सक्षम नहीं थी और इसलिए **वह** किसी को जन्म नहीं देती। (न्यायियों 13:2 ULT)
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कहानी में क्या हो रहा है, इस पर निर्भर करते हुए पुराने प्रतिभागियों को अन्य तरीकों से भी सन्दर्भित किया जा सकता है। नीचे दिए गए उदाहरण में, कहानी एक पुत्र को जन्म देने के बारे में है, और मानोह की पत्नी को "स्त्री" संज्ञा वाक्यांश के साथ सन्दर्भित किया जाता है।
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> यहोवा का दूत <u> स्त्री </u> को दिखाई दिया और उससे कहा, (न्यायियों 13:3 यूएलबी)
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> यहोवा का दूत **स्त्री** को दिखाई दिया और उससे कहा, (न्यायियों 13:3 ULT)
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यदि पुराने प्रतिभागी का कुछ समय के लिए उल्लेख नहीं किया गया है, या यदि प्रतिभागियों के बीच भ्रम हो सकता है, तो लेखक प्रतिभागी के नाम का पुन: उपयोग कर सकता है। नीचे दिए गए उदाहरण में, मानोह को उसके नाम से सन्दर्भित किया गया है, जिसे लेखक ने वचन 2 के बाद उपयोग नहीं किया है।
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> फिर **मानोह** ने परमेश्वर से प्रार्थना की … (न्यायियों 13:8 ULT)
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> फिर <u> मानोह </u> ने परमेश्वर से प्रार्थना की ... (न्यायियों 13:8 यूएलबी)
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कुछ भाषाओं में क्रिया के बारे में कुछ ऐसी बात है, जो कर्ता के बारे में कुछ और बताती है। उन भाषाओं में से कुछ लोग सदैव पुराने वाक्यांशों के लिए संज्ञा वाक्यांशों या सर्वनामों का उपयोग नहीं करते हैं, जब वे वाक्य में कर्ता होते हैं। क्रिया पर चिन्ह्ति करना श्रोता के लिए पर्याप्त जानकारी यह समझने के लिए देता है कि कर्ता कौन है। (देखें [Verbs](../figs-verbs/01.md))
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कुछ भाषाओं में क्रिया के बारे में कुछ ऐसी बात है, जो कर्ता के बारे में कुछ और बताती है। उन भाषाओं में से कुछ लोग सदैव पुराने वाक्यांशों के लिए संज्ञा वाक्यांशों या सर्वनामों का उपयोग नहीं करते हैं, जब वे वाक्य में कर्ता होते हैं। क्रिया पर चिन्ह्ति करना श्रोता के लिए पर्याप्त जानकारी यह समझने के लिए देता है कि कर्ता कौन है। [देखें क्रियाएँ ](../figs-verbs/01.md).)
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### अनुवाद की रणनीतियाँ
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1. यदि यह स्पष्ट नहीं है कि यह सर्वनाम को सन्दर्भित करता है, तो संज्ञा वाक्यांश या नाम का उपयोग करें।
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1. यदि किसी पुराने प्रतिभागी को नाम या संज्ञा वाक्यांश के द्वारा सन्दर्भित किया जाता है, और लोग सोचते हैं कि यह एक और नया प्रतिभागी है, तो उसकी अपेक्षा सर्वनाम का उपयोग करने का प्रयास करें। यदि सर्वनाम की आवश्यकता नहीं है, क्योंकि लोग इसे सन्दर्भ से स्पष्ट रूप में समझेंगे, तो सर्वनाम के उपयोग को छोड़ दें।
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### अनुवाद के लिए लागू की गई रणनीतियों के उदाहरण
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### अनुवाद रणनीतियों के प्रयोग के उदाहरण
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1. यदि प्रतिभागी नया है, तो नए प्रतिभागियों को प्रस्तुत करने के लिए अपनी भाषा के तरीकों में से एक का उपयोग करें।
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(1) यदि प्रतिभागी नया है, तो नए प्रतिभागियों को प्रस्तुत करने के लिए अपनी भाषा के तरीकों में से एक का उपयोग करें।
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* **यूसुफ, एक लेवी साइप्रस से था, जिसे प्रेरितों के द्वारा बरनबास नाम दिया गया था (अर्थात्, इसकी व्याख्या, प्रोत्साहन का पुत्र है)।** (प्रेरितों 4:36-37 यूएलबी) - यूसुफ के नाम के साथ वाक्य आरम्भ करना जब उसे परिचित नहीं किया गया है तब कुछ भाषाओं में भ्रम को उत्पन्न कर सकता है।
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* साइप्रस का एक व्यक्ति था, जो लेवी था। उसका नाम यूसुफ था, और उसे प्रेरितों के द्वारा बरनबास नाम दिया गया था (अर्थात्, इसकी व्याख्या, प्रोत्साहन का पुत्र है)।
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* साइप्रस से एक लेवी थी, जिसका नाम यूसुफ था। प्रेरितों ने उसे बरनबास नाम दिया, जिसका अर्थ प्रोत्साहन का पुत्र है।
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> यूसुफ, एक लेवी साइप्रस से था, जिसे प्रेरितों के द्वारा बरनबास नाम दिया गया था (अर्थात्, इसकी व्याख्या, प्रोत्साहन का पुत्र है)। (प्रेरितों 4:36-37 यूएलटी) - यूसुफ के नाम के साथ वाक्य आरम्भ करना जब उसे परिचित नहीं किया गया है तब कुछ भाषाओं में भ्रम को उत्पन्न कर सकता है।
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>> साइप्रस का एक व्यक्ति था, जो लेवी था। उसका नाम यूसुफ था, और उसे प्रेरितों के द्वारा बरनबास नाम दिया गया था (अर्थात्, इसकी व्याख्या, प्रोत्साहन का पुत्र है)।
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>> साइप्रस से एक लेवी थी, जिसका नाम यूसुफ था। प्रेरितों ने उसे बरनबास नाम दिया, जिसका अर्थ प्रोत्साहन का पुत्र है।
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1. यदि यह स्पष्ट नहीं है कि सर्वनाम को कौन सन्दर्भित कर रह है, तो संज्ञा वाक्यांश या नाम का उपयोग करें।
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(2) यदि यह स्पष्ट नहीं है कि यह सर्वनाम को सन्दर्भित करता है, तो संज्ञा वाक्यांश या नाम का उपयोग करें।
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* **ऐसा तब हुआ जब <u> उस </u> ने एक निश्चित स्थान पर प्रार्थना करना समाप्त कर दिया, उसके एक शिष्य ने कहा, "हे प्रभु, हमें प्रार्थना करना सिखाएँ जैसे यूहन्ना ने अपने शिष्यों को सिखाई थी।"** (लूका 11:1 यूएलबी) - क्योंकि यह एक अध्याय में पहला वचन है, पाठकों को आश्चर्य हो सकता है कि "उस" किसके सन्दर्भ में है।
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* ऐसा हुआ जब <u> यीशु </u> ने एक निश्चित स्थान पर प्रार्थना करना समाप्त कर दिया, उसके एक शिष्य ने कहा, "हे प्रभु, हमें प्रार्थना करना सिखाएँ जैसे यूहन्ना ने अपने शिष्यों को सिखाई थी।
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> ऐसा तब हुआ जब **उसने** एक निश्चित स्थान पर प्रार्थना करना समाप्त कर दिया, उसके एक शिष्य ने कहा, "हे प्रभु, हमें प्रार्थना करना सिखाएँ जैसे यूहन्ना ने अपने शिष्यों को सिखाई थी।" (लूका 11:1 यूएलटी) - क्योंकि यह एक अध्याय में पहला वचन है, पाठकों को आश्चर्य हो सकता है कि "उस" किसके सन्दर्भ में है।
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>> ऐसा हुआ जब **यीशु** ने एक निश्चित स्थान पर प्रार्थना करना समाप्त कर दिया, उसके एक शिष्य ने कहा, "हे प्रभु, हमें प्रार्थना करना सिखाएँ जैसे यूहन्ना ने अपने शिष्यों को सिखाई थी।
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1. यदि किसी पुराने प्रतिभागी को नाम या संज्ञा वाक्यांश के द्वारा सन्दर्भित किया जाता है, और लोग सोचते हैं कि यह एक और नया प्रतिभागी है, तो उसकी अपेक्षा सर्वनाम का उपयोग करने का प्रयास करें। यदि सर्वनाम की आवश्यकता नहीं है, क्योंकि लोग इसे सन्दर्भ से स्पष्ट रूप में समझेंगे, तो सर्वनाम के उपयोग को छोड़ दें।
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(3) यदि किसी पुराने प्रतिभागी को नाम या संज्ञा वाक्यांश के द्वारा सन्दर्भित किया जाता है, और लोग सोचते हैं कि यह एक और नया प्रतिभागी है, तो उसकी अपेक्षा सर्वनाम का उपयोग करने का प्रयास करें। यदि सर्वनाम की आवश्यकता नहीं है, क्योंकि लोग इसे सन्दर्भ से स्पष्ट रूप में समझेंगे, तो सर्वनाम के उपयोग को छोड़ दें।
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* **<u> यूसुफ के </u> स्वामी ने <u> यूसुफ </u> को लिया और <u> उसे </u>जेल में रखा, उस स्थान पर जहाँ राजा के सभी कैदियों को रखा गया था, और <u> यूसुफ </u> वहाँ रहा।** (उत्पत्ति 3 9:20 यूएलबी) - क्योंकि यूसुफ कहानी में मुख्य व्यक्ति है, इसलिए कुछ भाषाओं को इसका अत्याधिक उपयोग अस्वभाविक या भ्रमित करने वाला हो सकता है। वे एक सर्वनाम प्राथमिकता दे सकते हैं।
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* यूसुफ के स्वामी ने <u> उसे </u> लिया और <u> उसे </u>जेल में रखा, उस स्थान पर जहाँ राजा के सभी कैदियों को रखा गया था, और <u> वह </u> वहाँ जेल में रहा।
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> **यूसुफ** के स्वामी ने **यूसुफ** को लिया और **उसे** जेल में रखा, उस स्थान पर जहाँ राजा के सभी कैदियों को रखा गया था, और **यूसुफ** वहाँ रहा। (उत्पत्ति 3 9:20 यूएलटी) - क्योंकि यूसुफ कहानी में मुख्य व्यक्ति है, इसलिए कुछ भाषाओं को इसका अत्याधिक उपयोग अस्वभाविक या भ्रमित करने वाला हो सकता है। वे एक सर्वनाम प्राथमिकता दे सकते हैं।
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>> यूसुफ के स्वामी ने **उसे** लिया और **उसे** जेल में रखा, उस स्थान पर जहाँ राजा के सभी कैदियों को रखा गया था, और **वह** वहाँ जेल में रहा।
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मेरे अनुवाद के पाठक क्यों नही समझ सकते कि लेखक किसके बारे में लिख रहा था?
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मेरे अनुवाद को पाठक क्यों नही समझ सकते कि लेखक किसके बारे में लिख रहा था?
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नए एवं पुराने सहभागियों का परिचय
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### विवरण
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विवरण
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जब हम बात करते हैं या लिखते हैं, तो हम संज्ञा या नाम को दोहराए बिना लोगों या वस्तुओं को सन्दर्भित करने के लिए सर्वनाम का उपयोग करते हैं। सामान्य रूप से पहली बार जब हम किसी कहानी में किसी को सन्दर्भित करते हैं, तो हम एक वर्णनात्मक वाक्यांश या नाम का उपयोग करते हैं। अगली बार हम उस व्यक्ति को साधारण संज्ञा या नाम से सन्दर्भित कर सकते हैं। उसके बाद हम उसे केवल सर्वनाम के साथ सन्दर्भित कर सकते हैं, जब हम सोचते हैं कि हमारे श्रोतागण उसे आसानी से समझने में सक्षम हो जाएगा जिसके लिए सर्वनाम सन्दर्भित किया गया है।
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जब हम बात करते हैं या लिखते हैं, तो हम संज्ञा या नाम को दोहराए बिना लोगों या वस्तुओं को सन्दर्भित करने के लिए सर्वनाम का उपयोग करते हैं। सामान्य रूप से पहली बार जब हम किसी कहानी में किसी को सन्दर्भित करते हैं, तो हम एक वर्णनात्मक वाक्यांश या नाम का उपयोग करते हैं। अगली बार हम उस व्यक्ति को साधारण संज्ञा या नाम से सन्दर्भित कर सकते हैं। उसके बाद हम उसे केवल सर्वनाम के साथ सन्दर्भित कर सकते हैं, जब तक कि हम सोचते हैं कि हमारे श्रोतागण उसे आसानी से समझने में सक्षम हो जाएगा जिसके लिए सर्वनाम सन्दर्भित किया गया है।
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> अब वहाँ पर <u> एक फरीसी था जिसका नाम नीकुदेमुस था, जो यहूदी महसभा का सदस्य था </u>. <u> यह व्यक्ति </u> यीशु के पास आया ... यीशु ने <u> उसे </u> उत्तर दिया (यूहन्ना 3:1-3 यूएलबी)
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>अब वहाँ पर **एक फरीसी था जिसका नाम नीकुदेमुस था, जो यहूदी महसभा का सदस्य था**. **यह व्यक्ति** यीशु के पास आया… यीशु ने **उसे** उत्तर दिया (यूहन्ना 3:1-3 ULT)
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यूहन्ना 3 में, नीकुदेमुस को सबसे पहले संज्ञा वाक्यांशों और उसके नाम से सन्दर्भित किया जाता है। फिर उसे संज्ञा वाक्यांश "यह व्यक्ति" के साथ सन्दर्भित किया जाता है। फिर उसे सर्वनाम "उसे" के साथ सन्दर्भित किया जाता है। प्रत्येक भाषा में लोगों और वस्तुओं का वर्णन करने के इस सामान्य तरीके में इसके लिए नियम और अपवाद होते हैं।
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यूहन्ना 3 में, नीकुदेमुस को सबसे पहले संज्ञा वाक्यांशों और उसके नाम से सन्दर्भित किया जाता है। फिर उसे संज्ञा वाक्यांश "यह व्यक्ति" के साथ सन्दर्भित किया जाता है। फिर उसे सर्वनाम "उसे" के साथ सन्दर्भित किया जाता है।
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प्रत्येक भाषा में लोगों और वस्तुओं का वर्णन करने के इस सामान्य तरीके में इसके लिए नियम और अपवाद होते हैं।
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* कुछ भाषाओं में पहली बार किसी अनुच्छेद या अध्याय में कुछ सन्दर्भित किया जाता है, तो इसे सर्वनाम की अपेक्षा संज्ञा के साथ सन्दर्भित किया जाता है।
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* **मुख्य पात्र** वह व्यक्ति होता है, जिसके बारे में एक कहानी होती है। कुछ भाषाओं में, एक कहानी में एक मुख्य चरित्र को प्रस्तुत किए जाने के बाद, उसे सामान्य रूप से सर्वनाम के साथ सन्दर्भित किया जाता है। कुछ भाषाओं में विशेष सर्वनाम होते हैं, जो केवल मुख्य चरित्र को सन्दर्भित करते हैं।
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* कुछ भाषाओं में, क्रिया को चिन्ह्ति करने से लोगों को पता चलता है कि कर्ता कौन है। (देखें [क्रियाएँ](../figs-verbs/01.md)) इनमें से कुछ भाषाओं में, श्रोतागण इस चिन्ह के ऊपर भरोसा करते हैं कि उन्हें यह समझने में सहायता मिलती है कि कर्ता कौन है, और वक्तागण केवल सर्वनाम, संज्ञा वाक्यांश या नाम का उपयोग करते हैं, जब वे जोर देना चाहते हैं या स्पष्ट करना चाहते हैं कि कर्ता कौन है।
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* कुछ भाषाओं में, क्रिया को चिन्ह्ति करने से लोगों को पता चलता है कि कर्ता कौन है। (देखें [क्रियाएँ](../figs-verbs/01.md).) इनमें से कुछ भाषाओं में, श्रोतागण इस चिन्ह के ऊपर भरोसा करते हैं कि उन्हें यह समझने में सहायता मिले कि कर्ता कौन है, और वक्तागण केवल सर्वनाम, संज्ञा वाक्यांश या नाम का उपयोग करते हैं, जब वे जोर देना चाहते हैं या स्पष्ट करना चाहते हैं कि कर्ता कौन है।
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#### इसका कारण यह अनुवाद का एक विषय है
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#### कारण यह अनुवाद की समस्या है
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* यदि अनुवादक अपनी भाषा के लिए गलत समय पर सर्वनाम का उपयोग करते हैं, तो पाठकों को पता नहीं लग सकता कि लेखक किसके बारे में बात कर रहा है।
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* यदि अनुवादक निरन्तर नाम से मुख्य चरित्र का सन्दर्भ लेते हैं, तो कुछ भाषाओं के श्रोताओं को यह नहीं पता चल सकता है कि व्यक्ति एक मुख्य चरित्र है, या वे सोच सकते हैं कि एक ही नाम के साथ एक नया चरित्र दिया गया है।
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नीचे दिया गया उदाहरण एक अध्याय के आरम्भ में आता है। कुछ भाषाओं में यह स्पष्ट नहीं हो सकता है कि सर्वनाम किसके सन्दर्भ में हैं।
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> फिर यीशु यहूदी आराधनालय में चला गया, और सूखे हाथ वाला एक व्यक्ति वहाँ था। <u> उन्होंने </u> उसे <u> देखा </u> कि कहीं <u> वह </u> सब्त के दिन <u> तो उसे </u> चंगा नहीं करता है। (मरकुस 3:1-2 यूएलबी)
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> फिर यीशु यहूदी आराधनालय में चला गया, और सूखे हाथ वाला एक व्यक्ति वहाँ था। **उन्होंने** **उसे** देखा कि कहीं **वह** सब्त के दिन तो **उसे** चंगा नहीं करता है। (मरकुस 3:1-2 ULT)
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नीचे दिए गए उदाहरण में, दो पुरुषों को पहले वाक्य में ही बताया गया है। यह स्पष्ट नहीं हो सकता है कि दूसरे वाक्य में "वह" किसको सन्दर्भित करता है।
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> अब कुछ दिनों के बाद, <u> राजा अग्रिप्पा </u> और बिरनीके <u> फेस्तुस </u> से आधिकारिक मुलाकात करने के लिए कैसरिया पहुंचे। इसके बाद<U> वह </u> कई दिनों तक वहाँ रहा था, फेस्तुस ने पौलुस के मुकद्दमे को राजा के सामने प्रस्तुत किया ... (प्रेरितों 25:13-14 यूएलबी)
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> अब कुछ दिनों के बाद, **राजा अग्रिप्पा** और बिरनीके **फेस्तुस** से आधिकारिक मुलाकात करने के लिए कैसरिया पहुंचे। इसके बाद **वह** कई दिनों तक वहाँ रहा था, फेस्तुस ने पौलुस के मुकद्दमे को राजा के सामने प्रस्तुत किया … (प्रेरितों 25:13-14 ULT)
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यीशु मत्ती की पुस्तक का मुख्य पात्र है, परन्तु नीचे वचनों में उस नाम के साथ चार बार सन्दर्भित किया जाता है। यह कुछ भाषाओं के वक्ताओं को यह सोचने के लिए प्रेरित कर सकता है कि यीशु मुख्य पात्र नहीं है। या यह उन्हें यह सोचने के लिए प्रेरित कर सकता है कि इस कहानी में यीशु के नाम के एक से अधिक व्यक्ति हैं। या यह उन्हें यह सोचने के लिए प्रेरित कर सकता है कि उस पर किसी प्रकार का दबाव है, चाहे वहाँ पर कोई दबाव नहीं हो।
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> उस समय <u> यीशु </u> सब्त के दिन गेहूँ के खेतों में से होकर जा रहा था।<u>उसके </u> शिष्य भूखे थे और उन्होंने गेहूँ की बालियाँ तोड़नी आरम्भ की और उन्हें खा लिया। परन्तु जब फरीसियों ने यह देखा, तो उन्होंने कहा, "यीशु> </u>," देख, तेरे शिष्य उस कार्य को करते हैं, जो सब्त के दिन करना गैरकानूनी है।”
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> परन्तु <u> यीशु </u> ने उनसे कहा, "क्या तुमने कभी नहीं पढ़ा कि दाऊद, और उसके साथ रहने वाले पुरुष ने क्या किया था, जब वे भूखे थे?..."
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> फिर <u> यीशु </u> वहाँ से चला गया और उनके यहूदी आराधनालय में गया। (मत्ती 12:1-9 यूएलबी)
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> उस समय **यीशु** सब्त के दिन गेहूँ के खेतों में से होकर जा रहा था। **उसके** शिष्य भूखे थे और उन्होंने गेहूँ की बालियाँ तोड़नी आरम्भ की और उन्हें खा लिया। परन्तु जब फरीसियों ने यह देखा, तो उन्होंने कहा, **यीशु**, "देख, तेरे शिष्य उस कार्य को करते हैं, जो सब्त के दिन करना गैरकानूनी है।”
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> परन्तु **यीशु** ने उनसे कहा, "क्या तुमने कभी नहीं पढ़ा कि दाऊद, और उसके साथ रहने वाले पुरुष ने क्या किया था, जब वे भूखे थे?…"
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> फिर **यीशु** वहाँ से चला गया और उनके यहूदी आराधनालय में गया। (मत्ती 12:1-9 ULT)
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### अनुवाद की रणनीतियाँ
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1. यदि यह आपके पाठकों को स्पष्ट नहीं है कि सर्वनाम कौन या किस को सन्दर्भित करता है, तो संज्ञा या नाम का उपयोग करें।
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1. यदि संज्ञा या नाम दोहराना लोगों को यह सोचने के लिए प्रेरित करता है कि मुख्य पात्र मुख्य पात्र नहीं है, या लेखक उस नाम के साथ एक से अधिक व्यक्तियों के बारे में बात कर रहा है, या कोई और है, या यह कि किसी पर कोई दबाब है, जबकि वहाँ पर किसी के ऊपर कोई दबाब नहीं है, तो इसकी अपेक्षा एक सर्वनाम का उपयोग करें।
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### अनुवाद के लिए लागू की गई रणनीतियों के उदाहरण
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### अनुवाद रणनीतियों के प्रयोग के उदाहरण
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1. यदि यह आपके पाठकों को स्पष्ट नहीं है कि सर्वनाम कौन या किस को सन्दर्भित करता है, तो संज्ञा या नाम का उपयोग करें।
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(1) यदि यह आपके पाठकों को स्पष्ट नहीं है कि सर्वनाम कौन या किस को सन्दर्भित करता है, तो संज्ञा या नाम का उपयोग करें।
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* **फिर यीशु यहूदी आराधनालय में चला गया, और सूखे हाथ वाला एक व्यक्ति वहाँ था। <u> उन्होंने </u> उसे <u> देखा </u> कि कहीं <u> वह </u> सब्त के दिन <u> तो उसे </u> चंगा तो नहीं करता है।** (मरकुस 3:1- 2 यूएलबी)
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* एक बार फिर से यीशु यहूदी आराधनालय में चला गया, और सूखे हाथ वाला एक व्यक्ति वहाँ था। <u> कुछ फरीसियों </u> ने यीशु <u> को देखा </u> कि कहीं <u> वह </u> सब्त के दिन <u> उसे </u> चंगा तो नहीं करता है। (मरकुस 3:1-2 यूडीबी)
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> फिर यीशु यहूदी आराधनालय में चला गया, और सूखे हाथ वाला एक व्यक्ति वहाँ था। **उन्होंने** **उसे** देखा कि कहीं **वह** सब्त के दिन तो **उसे** चंगा तो नहीं करता है। (मरकुस 3:1- 2
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> एक बार फिर से यीशु यहूदी आराधनालय में चला गया, और सूखे हाथ वाला एक व्यक्ति वहाँ था। **कुछ फरीसियों** ने **यीशु** को देखा कि **कहीं** वह सब्त के दिन **उसे** चंगा तो नहीं करता है। (मरकुस 3:1-2 UST)
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1. यदि संज्ञा या नाम दोहराना लोगों को यह सोचने के लिए प्रेरित करता है कि मुख्य पात्र मुख्य पात्र नहीं है, या लेखक उस नाम के साथ एक से अधिक व्यक्तियों के बारे में बात कर रहा है, या कोई और है, या यह कि किसी पर कोई दबाब है, जबकि वहाँ पर किसी के ऊपर कोई दबाब नहीं है, तो इसकी अपेक्षा एक सर्वनाम का उपयोग करें।
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* **उस समय <u> यीशु </u> सब्त के दिन गेहूँ के खेतों में से होकर जा रहा था।<u>उसके </u> शिष्य भूखे थे और उन्होंने गेहूँ की बालियाँ तोड़नी आरम्भ की और उन्हें खा लिया। परन्तु जब फरीसियों ने यह देखा, तो उन्होंने कहा, "यीशु> </u>," देख, तेरे शिष्य उस कार्य को करते हैं, जो सब्त के दिन करना गैरकानूनी है।”**
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* **परन्तु <u> यीशु </u> ने उनसे कहा, "क्या तुमने कभी नहीं पढ़ा कि दाऊद, और उसके साथ रहने वाले पुरुष ने क्या किया था, जब वे भूखे थे?...**
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* **फिर <u> यीशु </u> वहाँ से चला गया और उनके यहूदी आराधनालय में गया।**
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> उस समय **यीशु** सब्त के दिन गेहूँ के खेतों में से होकर जा रहा था। **उसके** शिष्य भूखे थे और उन्होंने गेहूँ की बालियाँ तोड़नी आरम्भ की और उन्हें खा लिया। परन्तु जब फरीसियों ने यह देखा, तो उन्होंने कहा, **यीशु**, "देख, तेरे शिष्य उस कार्य को करते हैं, जो सब्त के दिन करना गैरकानूनी है।”
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> परन्तु **यीशु** ने उनसे कहा, "क्या तुमने कभी नहीं पढ़ा कि दाऊद, और उसके साथ रहने वाले पुरुष ने क्या किया था, जब वे भूखे थे?…
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> फिर **यीशु** वहाँ से चला गया और उनके यहूदी आराधनालय में गया। (मत्ती 12:1-9 ULT)
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इस प्रकार अनुवाद किया जा सकता है:
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> उस समय <u> यीशु </u>सब्त के दिन गेहूँ के खेतों में से होकर जा रहा था।<u> उसके </u> शिष्य भूखे थे और गेहूँ की बालियाँ तोड़नी आरम्भ की और उन्हें खा लिया। परन्तु जब फरीसियों ने यह देखा, तो उन्होंने, "उस</u>," से कहा, देखे, तेरे शिष्य उस कार्य को करते हैं, जो सब्त के दिन करना गैरकानूनी है।
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> परन्तु <u> उसने </u> उनसे कहा, "क्या आपने कभी नहीं पढ़ा कि दाऊद, और उसके साथ रहने वाले पुरुष ने क्या किया था, जब वह भूखा था? ...
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> फिर <u> वह </u> वहाँ से चला गया और उनके यहूदी आराधनालय में गए।
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>> उस समय **यीशु** सब्त के दिन गेहूँ के खेतों में से होकर जा रहा था। **उसके** शिष्य भूखे थे और गेहूँ की बालियाँ तोड़नी आरम्भ की और उन्हें खा लिया। परन्तु जब फरीसियों ने यह देखा, तो उन्होंने, **उस**, से कहा, देखे, तेरे शिष्य उस कार्य को करते हैं, जो सब्त के दिन करना गैरकानूनी है।
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>> परन्तु **उसने** उनसे कहा, "क्या आपने कभी नहीं पढ़ा कि दाऊद, और उसके साथ रहने वाले पुरुष ने क्या किया था, जब वह भूखा था?…
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>> फिर **वह** वहाँ से चला गया और उनके यहूदी आराधनालय में गए।
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मैं कैसे निर्णय लूँ कि सर्वनाम का उपयोग करूँ या नही?
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सर्वनाम - उनका कब उपयोग करें
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