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@ -14,12 +14,12 @@ dublin_core:
description: 'A modular handbook that provides a condensed explanation of Bible translation and checking principles that the global Church has implicitly affirmed define trustworthy translations. It enables translators to learn how to create trustworthy translations of the Bible in their own language.' description: 'A modular handbook that provides a condensed explanation of Bible translation and checking principles that the global Church has implicitly affirmed define trustworthy translations. It enables translators to learn how to create trustworthy translations of the Bible in their own language.'
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@ -8,7 +8,10 @@
* **सपूंर्ण सामग्री** - सपूंर्ण सामग्री का अनुवाद होना और आवश्यक स्तरों पर जाँच का होना जरूरी है। ामग्रियों के अंश (उदा. ऑपन बाइबल कहानियों का आधा, बाइबल की पुस्तकों के कुछ अध्याय) प्रकाशित नही किये जा सकते हैं। * **सपूंर्ण सामग्री** - सपूंर्ण सामग्री का अनुवाद होना और आवश्यक स्तरों पर जाँच का होना जरूरी है। ामग्रियों के अंश (उदा. ऑपन बाइबल कहानियों का आधा, बाइबल की पुस्तकों के कुछ अध्याय) प्रकाशित नही किये जा सकते हैं।
* **जाँच** अनुवाद जाँच के सही स्तरों को पार कर चुका हो। बाइबल अनुवाद में, उसका अर्थ है, स्तर 3 की जाँच [Checking Level Three - Affirmation by Church Leadership](../../checking/level3/01.md) * **जाँच** अनुवाद जाँच के सही स्तरों को पार कर चुका हो। बाइबल अनुवाद में, उसका अर्थ है, स्तर 3 की जाँच [Checking Level Three - Affirmation by Church Leadership](../../checking/level3/01.md)
* **Door43 पर** Door43 का ऐसा वर्ज़न हो जिसे प्रकाशित किया जा सके। यदि कार्य को एक से ज्यादा यंत्रों पर किया गया है तो उन्हे आपस में मिलाना जरूरी है। आसानी से, आपस में मिलाने के लिए सामग्री के तकनीककार की मदद लें (आप <help@door43.org> पर र्इमेल कर सकते हैं या स्लैक पर #content-techs चैनल का उपयोग कर सकते हैं) * **Door43 पर** Door43 का ऐसा वर्ज़न हो जिसे प्रकाशित किया जा सके। यदि कार्य को एक से ज्यादा यंत्रों पर किया गया है तो उन्हे आपस में मिलाना जरूरी है। आसानी से, आपस में मिलाने के लिए सामग्री के तकनीककार की मदद लें (आप <help@door43.org> पर र्इमेल कर सकते हैं या स्लैक पर
* content-techs चैनल का उपयोग कर सकते हैं) *
* **सहमतियाँ** - अनुवाद और जाँच प्रक्रिया में शामिल हर व्यक्ति विश्वास कथन [Statement of Faith](../../intro/statement-of-faith/01.md), अनुवाद निर्देश [Translation Guidelines](../../intro/translation-guidelines/01.md) और ऑपन लाइसेंस [Open License](../../intro/open-license/01.md) की सहमति पर हस्ताक्षर करें। इसे Door43 का अकाऊँट बनाकर अथवा कागजातों पर हस्ताक्षर कर, उन्हे स्कैन कर या तश्वीर लेकर डिजिटल बना सकते हैं। सहमति प्रपत्रों के लिए http://ufw.io/forms देखें। * **सहमतियाँ** - अनुवाद और जाँच प्रक्रिया में शामिल हर व्यक्ति विश्वास कथन [Statement of Faith](../../intro/statement-of-faith/01.md), अनुवाद निर्देश [Translation Guidelines](../../intro/translation-guidelines/01.md) और ऑपन लाइसेंस [Open License](../../intro/open-license/01.md) की सहमति पर हस्ताक्षर करें। इसे Door43 का अकाऊँट बनाकर अथवा कागजातों पर हस्ताक्षर कर, उन्हे स्कैन कर या तश्वीर लेकर डिजिटल बना सकते हैं। सहमति प्रपत्रों के लिए http://ufw.io/forms देखें।
### स्रोत लेख आवेदन प्रपत्र ### स्रोत लेख आवेदन प्रपत्र

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आम तौर पर एक वक्ता स्वयं को ‘‘मैं’’ और उसे सुन रहे लोगों को ‘‘आप’’ संबोधित करता है। बाइबल में अक्सर, एक वक्ता स्वयं को एवं जिनसे बात कर रहा है, उनको ‘‘मैं’’ या ‘‘आप’’ के अलावा अन्य शब्दों से संबोधित करता है। सामान्य रूप से एक वक्ता स्वयं को ‘‘मैं’’ और उसे सुन रहे लोगों को ‘‘आप’’ कह कर संबोधित करता है। बाइबल में अक्सर, एक वक्ता स्वयं को एवं जिनसे बात कर रहा है, उनको ‘‘मैं’’ या ‘‘आप’’ के अतिरिक्त अन्य शब्दों से भी संबोधित करता है।
### वर्णन ### वर्णन
* **प्रथम पुरूष** - आम तौर पर वक्ता स्वयं के लिए यही शब्द उपयोग करता है। अंग्रेजी ‘‘मैं’’ और ‘‘हम’’ के सर्वनामों का उपयोग करता है (और: मुझे, मेरा, मेरा, हमें, हमारा) * **प्रथम पुरुष** - सामान्य रूप से वक्ता स्वयं के लिए इन्हीं शब्दों का उपयोग करता है। अंग्रेजी भाषा ‘‘मैं’’ और ‘‘हम’’ के सर्वनामों का उपयोग करती है। (साथ ही: मुझे, मेरा, मेरे, हम, हमें, हमारा)
* **द्वितीय पुरूष** - इस शब्द से वक्ता आम तौर पर उसको संबोधित करता है। जिससे वह बात कर रहा है। अंग्रेजी ‘‘आप’’ के सर्वनामों का उपयोग करता है (और: आपका, तुम्हारा) * **द्वितीय पुरुष** - इस शब्द से वक्ता सामान्य रूप से उन्हें संबोधित करता जिनसे वह बात कर रहा है। अंग्रेजी भाषा ‘‘आप’’ के सर्वनामों का उपयोग करती है (साथ ही: आपका, आपके)
* **तृतीय पुरूष** - इसके द्वारा, वक्ता और किसी को संबोधित करता है। अंग्रेजी ‘‘वह’’ और ‘‘वे’’ के सर्वनामों का उपयोग करता है (और: उसे, उसका, उनका) ‘‘पुरूष’’ या ‘‘स्त्री’’ भी तृतीय पुरूष हैं। * **तृतीय पुरुष** - इसके द्वारा वक्ता और किसी को संबोधित करता है। अंग्रेजी भाषा पुल्लिंग या स्त्रीलिंग ‘‘वह’’ और "यह" ‘‘वे’’ जैसे सर्वनामों का उपयोग करती है। (साथ ही: पुल्लिंग या स्त्रीलिंग उसे, उसका, उनका) संज्ञा वाक्यांश ‘‘पुरुष’’ या ‘‘स्त्री’’ भी तृतीय पुरुष हैं।
### कारण यह अनुवाद का विषय है ### कारण यह अनुवाद की समस्या है
बाइबल में कर्इ बार वक्ता स्वयं को या जिनसे बात कर रहा है, उनको संबोधित करने के लिए तृतीय पुरूष का उपयोग करता है। पाठक समझते हैं कि वक्ता किसी और की बात कर रहा है। उनको पता नही चल पाता कि उसका मतलब ‘‘मैं’’ या ‘‘आप’’ था। बाइबल में कर्इ बार वक्ता स्वयं या बात करने वालों को संबोधित करने के लिए तृतीय पुरुष का उपयोग करता है। पाठक सोच सकते हैं कि वक्ता किसी और की बात कर रहा है। उनको पता नही चल पाता कि उसका अर्थ ‘‘मैं’’ या ‘‘आप’’ से था।
### बाइबल से उदाहरण ### बाइबल से उदाहरण
अक्सर लोग ‘‘मैं’’ या ‘‘मुझे’’ की बजाय, स्वयं के बारे में बताने के लिए तृतीय पुरूष का इस्तेमाल करते हैं। अक्सर लोग ‘‘मैं’’ या ‘‘मुझे’’ की अपेक्षा स्वयं के बारे में बताने के लिए तृतीय पुरुष का उपयोग करते हैं।
> परंतु दाऊद ने शाऊल से कहा, ***आपका सेवक*** ***अपने*** पिता की भेड़ों की रखवाली किया करता था’’ (1 शमुएल 17:34 ULT)
>परंतु दाऊद ने शाऊल से कहा, <u>आपका सेवक</u> <u>अपने</u> पिता की भेड़ों की रखवाली किया करता था’’ (1 शमुएल 17:34 ULB) दाऊद ने स्वयं को तृतीय पुरुष के रूप में ‘‘आपका सेवक’’ और ‘‘अपने’’ कहा। शाऊल के सामने अपनी नम्रता दर्शाने के लिए वह स्वयं को शाऊल का सेवक कह रहा था
दाऊद ने स्वयं को तृतीय पुरूष के तौर पर कहा, ‘‘आपका सेवक’’ और ‘‘अपना’’। शाऊल के सामने अपनी नम्रता दर्शाने के लिए, वह स्वयं को शाऊल का सेवक कह रहा था > तब यहोवा ने भयंकर तूफान में से अय्यूब को उत्तर देकर कहा,
> ‘‘…क्या तेरी भुजाएँ ***परमेश्वर के*** समान हैं? क्या तू ****उसकी*** आवाज की भांति गर्जन कर सकता है? (अय्यूब 40:6,9 ULT)
>तब यहोवा ने भयंकर तूफान में से अय्यूब को उत्तर देकर कहा, परमेश्वर ने ‘‘परमेश्वर के’’ और ‘‘उसके’’ जैसे शब्दों से स्वयं के लिए तृतीय पुरुष का संबोधन किया। क्योंकि वह बल देना चाहता था कि वह परमेश्वर है और सामर्थी है।
>...क्या तेरी भुजाएँ <u>परमेश्वर के</u> समान हैं? क्या तुम <u>उसकी</u> आवाज की भांति गर्जन कर सकते हो? (अय्यूब 40:6,9 ULB)
परमेश्वर ने ‘‘परमेश्वर के’’ और ‘‘उसके’’ जैसे शब्दों से स्वयं के लिए तृतीय पुरूष का संबोधन किया। वजह, वह बल देना चाहता था कि वह परमेश्वर है और ताकतवर है। अक्सर लोग ‘‘आप’’ या ‘‘आपका’’ के बदले, तृतीय पुरूष का उपयोग उनके लिए करते हैं जिनसे वो बात कर रहे हैं अक्सर लोग ‘‘आप’’ या ‘‘आपका’’ के स्तान पर तृतीय पुरुष का उपयोग उनके लिए करते हैं जिनसे वो बात कर रहे हैं
>अब्रहाम ने उत्तर दिया और कहा, ‘‘देख मैंने क्या किया है, मैने <u>मेरे प्रभु यहोवा</u> से बात की है, यद्यपि मैं केवल धूल और राख हूँ! (उत्पति 18:27 ULB) > अब्रहाम ने उत्तर दिया और कहा, ‘‘देख मैंने क्या किया है, मैने ***मेरे प्रभु यहोवा*** से बात की है, यद्यपि मैं केवल धूल और राख हूँ! (उत्पति 18:27 ULT)
अब्रहाम परमेश्वर से बात कर रहा था और उसे ‘‘आप’’ की बजाय, ‘‘मेरे प्रभु के रूप में संबोधित किया । उसने ऐसा परमेश्वर के सामने अपनी नम्रता दिखाने के लिए किया। अब्रहाम परमेश्वर से बात कर रहा था और उसने उसे ‘‘आप’’ के स्थान पर ‘‘मेरे प्रभु यहोवा के रूप में संबोधित किया । उसने ऐसा परमेश्वर के सामने अपनी नम्रता दिखाने के लिए किया।
>इसलिए मेरा स्वर्ग का पिता भी तुम्हारे साथ ऐसा ही करेगा, यदि तुममें <u>हर कोर्इ</u> पूरे दिल से <u>अपने</u> भार्इ को क्षमा न करे (मती 18:35 ULB) > इसलिए मेरा स्वर्ग का पिता भी तुम्हारे साथ ऐसा ही करेगा, यदि ***तुममें हर कोर्इ*** पूरे दिल से ***अपने*** भार्इ को क्षमा न करे (मती 18:35 ULT)
‘‘हर कोर्इ’’ कहने के बाद, ‘‘उसका’’ या ‘‘तुम्हारा’’ कहने की बजाय, यीशु ने तृतीय पुरूष का उपयोग किया। तुममें हर कोर्इ’’ कहने के बाद, ‘‘उसका’’ या ‘‘तुम्हारा’’ कहने के स्थान पर यीशु ने तृतीय पुरुष का उपयोग किया।
### अनुवाद की रणनीति ### अनुवाद रणनीतियाँ
यदि ‘‘मैं’’ और तुम’’ के अर्थ को बताने के लिए तृतीय पुरूष का उपयोग सर्वसाधारण है और आपकी भाषा में सही अर्थ दिया जा सकता है तो उसका उपयोग करें। यदि नही, तो निम्नलिखित कुछ विकल्प हैं: यदि ‘‘मैं’’ और आप’’ के अर्थ को बताने के लिए तृतीय पुरुष का उपयोग स्वभाविक है और आपकी भाषा में इससे सही अर्थ दिया जा सकता है तो उसका उपयोग करें। यदि नही, तो निम्नलिखित कुछ विकल्प दिए गए हैं:
1. सर्वनाम ‘‘मैं’’ या ‘‘आप’’ के साथ तृतीय पुरष वाक्यों का उपयोग करें 1. सर्वनाम ‘‘मैं’’ या ‘‘आप’’ के साथ तृतीय पुरष वाक्यों का उपयोग करें
1. तृतीय पुरूष की बजाय, केवल प्रथम (’’मैं’’) या द्वितीय पुरूष (’’आप’’) का उपयोग करें 1. तृतीय पुरुष के स्थान पर केवल प्रथम (’’मैं’’) या द्वितीय पुरुष (’’आप’’) का उपयोग करें
### अनुवाद की रणनीति के प्रयोग के उदाहरण ### अनुवाद रणनीतियों के प्रयोग के उदाहरण
1. सर्वनाम ‘‘मैं’’ या ‘‘आप’’ के साथ तृतीय पुरष वाक्यों का उपयोग करें 1. सर्वनाम ‘‘मैं’’ या ‘‘आप’’ के साथ तृतीय पुरष वाक्यों का उपयोग करें
* **परंतु दाऊद ने शाऊल से कहा, <u>आपका सेवक</u> <u>अपने</u> पिता की भेड़ों की रखवाली किया करता था’’** (1 शमुएल 17:34) > **परंतु दाऊद ने शाऊल से कहा, ***आपका सेवक*** ***अपने*** पिता की भेड़ों की रखवाली किया करता था’’ (1 शमुएल 17:34)
* परंतु दाऊद ने शाऊल से कहा, <u>मैं, आपका सेवक</u> <u>मेरे</u> पिता की भेड़ों की रखवाली किया करता था’’
1. तृतीय पुरूष की बजाय, केवल प्रथम (’’मैं’’) या द्वितीय पुरूष (’’आप’’) का उपयोग करें >> परंतु दाऊद ने शाऊल से कहा, ***मैं, आपका सेवक***, ***मेरे*** पिता की भेड़ों की रखवाली किया करता था।’’
* **तब यहोवा ने भयंकर तूफान में से अय्यूब को उत्तर देकर कहा, ...क्या तेरी भुजाएँ <u>परमेश्वर के</u> समान हैं? क्या तुम <u>उसकी</u> आवाज की भांति गर्जन कर सकते हो?** (अय्यूब 40:6,9 ULB) 1. तृतीय पुरुष के स्थान पर केवल प्रथम (’’मैं’’) या द्वितीय पुरुष (’’आप’’) का उपयोग करें।
* तब यहोवा ने भयंकर तूफान में से अय्यूब को उत्तर देकर कहा, ...क्या तेरी भुजाएँ <u>मेरे</u> समान हैं? क्या तुम <u>मेरी</u> आवाज की भांति गर्जन कर सकते हो? > **तब यहोवा ने भयंकर तूफान में से अय्यूब को उत्तर देकर कहा, ‘‘…क्या तेरी भुजाएँ ***परमेश्वर के*** समान हैं? क्या तू ***उसकी*** आवाज की भांति गर्जन कर सकता है?** (अय्यूब 40:6,9 ULT)
* **इसलिए मेरा स्वर्ग का पिता भी तुम्हारे साथ ऐसा ही करेगा, यदि तुममें <u>हर कोर्इ</u> पूरे दिल <u>अपने</u> भार्इ को क्षमा न करे** (मती 18:35 ULB)
* इसलिए मेरा स्वर्ग का पिता भी तुम्हारे साथ ऐसा ही करेगा, यदि तुममें <u>हर कोर्इ</u> पूरे दिल से <u>तुम्हारे</u> भार्इ को क्षमा न करे >> तब यहोवा ने भयंकर तूफान में से अय्यूब को उत्तर देकर कहा, ...क्या तेरी भुजाएँ ***मेरे*** समान हैं? क्या तू ***मेरी*** आवाज की भांति गर्जन कर सकता है?
> **इसलिए मेरा स्वर्ग का पिता भी तुम्हारे साथ ऐसा ही करेगा, यदि ***तुममें हर कोर्इ*** पूरे दिल ***अपने*** भार्इ को क्षमा न करे।** (मती 18:35 ULT)
>> इसलिए मेरा स्वर्ग का पिता भी तुम्हारे साथ ऐसा ही करेगा, यदि ***तुममें हर कोर्इ*** पूरे दिल से ***तुम्हारे*** भार्इ को क्षमा न करे।

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@ -1,60 +1,70 @@
### वर्णन ### वर्णन
बाइबल में अक्सर कथनों का उपयोग सूचना देने के लिए किया जाता है। परंतु कभी कभार, बाइबल में उनका उपयोग दूसरे कार्यों के लिए भी होता है। बाइबल में अक्सर कथनों का उपयोग सूचना देने के लिए किया जाता है। परंतु कभी-कभी बाइबल में उनका उपयोग दूसरे कार्यों के लिए भी होता है।
### कारण यह अनुवाद की समस्या है ### कारण यह अनुवाद की समस्या है
कुछ भाषाओं में कथनों का उपयोग उसी मकसद के साथ होता है, जैसे बाइबल में हुआ है। बाइबल में दिए गए कुछ कार्यों के लिए कुछ भाषाओं में कथनों का उपयोग नहीं किया जाता है।
### बाइबल से उदाहरण ### बाइबल से उदाहरण
कथनों का उपयोग, बाइबल में अक्सर **सूचना** देने के लिए किया जाता है। निम्नलिखित यूहéा 1:6-8 के सारे वाक्य कथन हैं और उनका मकसद सूचना देना है। बाइबल में अक्सर कथनों का उपयोग **सूचना** देने के लिए किया जाता है। निम्नलिखित यूहन्ना 1:6-8 के सारे वाक्य कथन हैं और उनका उद्देश्य सूचना देना है।
>एक मनुष्य परमेश्वर की ओर से आ उपस्थित हुआ, जिसका नाम यूहन्ना था । यह गवाही देने आया, कि ज्योति की गवाही दे, ताकि सब उसके द्वारा विश्वास लाएँ। वह आप तो वह ज्योति न था, परन्तु उस ज्योति की गवाही देने के लिये आया था। (युहन्ना 1:6-8 ULB) > एक मनुष्य परमेश्वर की ओर से आ उपस्थित हुआ, जिसका नाम यूहन्ना था । यह गवाही देने आया कि ज्योति की गवाही दे, ताकि सब उसके द्वारा विश्वास लाएँ। वह आप तो वह ज्योति न था परन्तु उस ज्योति की गवाही देने के लिये आया था। (यूहन्ना 1:6-8 ULT)
कथनों का उपयोग, किसी को कुछ करने को कहने वाली **आज्ञा** के रूप में भी किया जा सकता है। नीचे के उदाहरण में, महायाजक ने ‘‘करने’’ की क्रिया के साथ कथन का उपयोग लोगों को करने के आज्ञा देकर किया । कथनों का उपयोग किसी को कुछ करने के लिए कही जाने वाली **आज्ञा** के रूप में भी किया जा सकता है। नीचे दिए गए उदाहरण में, महायाजक ने ‘‘करने’’ की क्रिया के साथ कथन का उपयोग लोगों को आज्ञा देकर किया कि उन्हें क्या करना चाहिए
> और उस ने उन्हें आज्ञा दी, कि एक काम **अवश्य** करो। तुममें से एक तिहार्इ लोग जो विश्रामदिन को आनेवाले _हो_, वह राजभवन के पहरे की चौकसी करें। और एक तिहार्इ लोग सूर नाम फाटक में ठहरे _रहें_, और एक तिहार्इ लोग पहरुओं के पीछे के फाटक में रहें। (2 राजा 11:5 ULB) > और उस ने उन्हें आज्ञा दी, "कि एक काम **अवश्य** करो। तुम में से एक तिहार्इ लोग जो विश्राम दिन को आनेवाले_हो_वह राजभवन के पहरे की चौकसी करें। और एक तिहार्इ लोग सूर नाम फाटक में ठहरे_रहें_, और एक तिहार्इ लोग पहरुओं के पीछे के फाटक में रहें।" (2 राजा 11:5 ULT)
एक कथन का उपयोग **निर्देश** के लिए भी किया जा सकता है । नीचे के कथन में वक्ता यूसुफ को भविष्य में की जाने वाली बात के बारे में ही नही बताता है, परंतु यह भी बताता है कि उसे क्या करना है। एक कथन का उपयोग **निर्देश** देने के लिए भी किया जा सकता है । नीचे के कथन में वक्ता यूसुफ को भविष्य में की जाने वाली बात के बारे में ही नही बताता है; अपितु यह भी बताता है कि उसे क्या करना है।
>वह पुत्र जनेगी और _तू उसका नाम यीशु रखना_; क्योंकि वह अपने लोगों का उन के पापों से उद्धार करेगा । (मत्ती 1:21 ULB) > वह पुत्र जनेगी और तू_उसका नाम यीशु रखना_, क्योंकि वह अपने लोगों का उन के पापों से उद्धार करेगा । (मत्ती 1:21 ULT)
एक कथन का उपयोग **विनती** के लिए भी किया जा सकता है । कोढ़ी केवल कह ही नही रहा था कि यीशु क्या कर सकता है। वह यीशु से, उसे चंगा करने को भी कह रहा था । एक कथन का उपयोग **विनती** के लिए भी किया जा सकता है । कोढ़ी केवल कह ही नही रहा था कि यीशु क्या कर सकता है। वह यीशु से उसे चंगा करने के लिए भी कह रहा था ।
>देखो, एक कोढ़ी ने पास आकर उसे प्रणाम किया और कहा; कि हे प्रभु यदि तू चाहे, तो _मुझे शुद्ध कर सकता है_ (मत्ती 8:2 ULB) > देखो, एक कोढ़ी ने पास आकर उसे प्रणाम किया और कहा; "कि हे प्रभु यदि तू चाहे,_तो मुझे शुद्ध कर सकता है_।" (मत्ती 8:2 ULT)
कथनों का उपयोग, बाइबल में अक्सर **सूचना** देने के लिए किया जाता है। आदम को यह कहने के द्वारा कि धरती भी उसके कारण शापित है, वास्तव में परमेश्वर ने उसे शापित किया था। एक कथन का उपयोग कुछ **करने** के लिए भी किया जा सकता है। आदम को यह कहने के द्वारा कि भूमि भी उसके कारण शापित है, वास्तव में परमेश्वर ने उसे शापित किया था।
>.... इसलिये भूमि तेरे कारण शापित है;(उत्पत्ति 3:17 ULB) > …. इसलिये भूमि तेरे कारण शापित है; (उत्पत्ति 3:17 ULT)
उस व्यक्ति को ‘‘तेरे पाप क्षमा हुए’’, यीशु उस मनुष्य के पाप को क्षमा कर रहे थे किसी व्यक्ति को यह बताने से कि उसके पाप क्षमा कर दिए गए हैं, यीशु ने उस व्यक्ति के पापों को क्षमा कर दिया।
>यीशु ने, उनका विश्वास देखकर, झोले के मारे हुए से कहा; हे पुत्र, तेरे पाप क्षमा हुए । (मरकुस 2:5 ULB) > यीशु ने उनका विश्वास देखकर, झोले के मारे हुए से कहा, "हे पुत्र,_तेरे पाप क्षमा हुए_।" (मरकुस 2:5 ULT)
### अनुवाद रणनीति ### अनुवाद रणनीति
1. यदि आपकी भाषा में किसी कथन का सही उपयोग स्पष्ट नही हो रहा है, तो _वाक्य के एक प्रकार_ का उपयोग करें जिसे उस कार्य को बताया जा सके 1. यदि आपकी भाषा में किसी कथन का सही उपयोग स्पष्ट नही हो रहा है, _तो वाक्य के एक प्रकार_ का उपयोग करें जिस उस कार्य को बताया जा सके
1. यदि आपकी भाषा में किसी कथन का सही उपयोग स्पष्ट नही हो रहा है, तो _वाक्य के एक प्रकार को जोड़कर_ उस कार्य को बताया जाए 1. यदि आपकी भाषा में किसी कथन का सही उपयोग स्पष्ट नही हो रहा है, _तो वाक्य के एक प्रकार_ को जोड़कर उस कार्य को बताया जाए
1. यदि आपकी भाषा में किसी कथन का सही उपयोग स्पष्ट नही हो रहा है, तो _क्रिया के एक प्रकार_ का उपयोग करें जिसे उस कार्य को बताया जा सके 1. यदि आपकी भाषा में किसी कथन का सही उपयोग स्पष्ट नही हो रहा है, _तो क्रिया के एक प्रकार_ का उपयोग करें जिस उस कार्य को बताया जा सके
### अनुवाद रणनीति प्रयोग के उदाहरण ### अनुवाद रणनीतियों के प्रयोग के उदाहरण
1. यदि आपकी भाषा में किसी कथन का सही उपयोग स्पष्ट नही हो रहा है, तो वाक्य के एक प्रकार का उपयोग करे जिसे उस कार्य को बताया जा सके (1) यदि आपकी भाषा में किसी कथन का सही उपयोग स्पष्ट नही हो रहा है, तो वाक्य के एक प्रकार का उपयोग करे जिस उस कार्य को बताया जा सके
* **वह एक पुत्र जनेगी और <u>तू उसका नाम यीशु रखना</u>; क्योंकि वह अपने लोगों का उन के पापों से उद्धार करेगा।** (मत्ती 1:21 ULB) ‘‘तू उसका नाम यीशु रखना’’ एक निर्देश है । सामान्य निर्देश के वाक्य के प्रकार का उपयोग कर इसका अनुवाद किया जा सकता है > **वह एक पुत्र जनेगी, और ***तू उसका नाम यीशु रखना***; क्योंकि वह अपने लोगों का उन के पापों से उद्धार करेगा। (मत्ती 1:21 ULT)
* वह एक पुत्र जनेगी और <u>उसका नाम यीशु रखना</u>; वह अपने लोगों का उनके पापों से उद्धार करेगा
1. यदि आपकी भाषा में किसी कथन का सही उपयोग स्पष्ट नही हो रहा है, तो वाक्य के एक प्रकार को जोड़कर, उस कार्य को बताया जाए ‘‘तू उसका नाम यीशु रखना’’ एक निर्देश है । सामान्य निर्देश के वाक्य के प्रकार का उपयोग कर इसका अनुवाद किया जा सकता है
* **हे प्रभु यदि तू चाहे, तो <u>मुझे शुद्ध कर सकता है</u>** (मत्ती 8:2 ULB) कथन के साथ साथ, विनती को भी जोड़ा जा सकता है >>वह एक पुत्र जनेगी। ***उसका नाम यीशु रखना***, क्योंकि वह अपने लोगों का उनके पापों से उद्धार करेगा।
* हे प्रभु यदि तू चाहे, तो <u>मुझे शुद्ध कर सकता है । कृपया कर दो</u>
* हे प्रभु यदि तू चाहे, तो <u> कृपया मुझे शुद्ध कर मैं जानता हूँ कि तु कर सकता है</u>
1. यदि आपकी भाषा में किसी कथन का सही उपयोग स्पष्ट नही हो रहा है, तो क्रिया के एक प्रकार का उपयोग करें जिसे उस कार्य को बताया जा सके (2) यदि आपकी भाषा में किसी कथन का सही उपयोग स्पष्ट नही हो रहा है, तो वाक्य के एक प्रकार को जोड़कर उस कार्य को बताया जाए।
* **वह पुत्र जनेगी और <u>तू उसका नाम यीशु रखना</u>; क्योंकि वह अपने लोगों का उनके पापों से उद्वार करेगा** (मत्ती 1:21 ULB) > **हे प्रभु यदि तू चाहे, ***तो मुझे शुद्ध कर सकता है***।*** (मत्ती 8:2 ULT)
* वह पुत्र जनेगी और <u>तू उसका नाम यीशु रखना</u>; क्योंकि वह अपने लोगों का उनके पापों से उद्वार करेगा
* **हे पुत्र, तेरे पाप क्षमा हुए** (मरकुस 2:5 ULB) "तू मुझे शुद्ध कर सकता है" का उद्देश्य एक विनती करना है। कथन के अतिरिक्त, एक विनती को जोड़ा जा सकता है।
* हे पुत्र, मैं तेरे पाप क्षमा करता हूँ
* हे पुत्र, परमेश्वर ने तेरे पाप क्षमा कर दिए हैं >> हे प्रभु यदि तू चाहे, ***तो मुझे शुद्ध कर सकता है।***
>> हे प्रभु यदि तू चाहे, ***तो कृपया मुझे शुद्ध कर। मैं जानता हूँ कि तू कर सकता है।***
(3) यदि आपकी भाषा में किसी कथन का सही उपयोग स्पष्ट नही हो रहा है, तो क्रिया के एक प्रकार का उपयोग करें जिस में उस कार्य को बताया जा सके।
> **वह पुत्र जनेगी, और ***तू उसका नाम यीशु रखना***, क्योंकि वह अपने लोगों का उनके पापों से उद्वार करेगा।** (मत्ती 1:21 ULT)
वह पुत्र जनेगी, और ***तू उसका नाम यीशु रखना***, क्योंकि वह अपने लोगों का उनके पापों से उद्वार करेगा।** (मत्ती 1:21 ULT)
> **वह पुत्र जनेगी, और ***तुझे उसका नाम यीशु ही रखना चाहिए***, क्योंकि वह अपने लोगों का उनके पापों से उद्वार करेगा।
> **हे पुत्र, तेरे पाप क्षमा हुए।** (मरकुस 2:5 ULT)
>> हे पुत्र, मैं तेरे पाप क्षमा करता हूँ।
>> हे पुत्र, परमेश्वर ने तेरे पाप क्षमा कर दिए हैं।

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@ -1,78 +1,73 @@
### वर्णन ### वर्णन
कुछ भाषाओं में, संज्ञा को परिवर्तित करने वाले कथन संज्ञा के साथ ही दो विभिé उद्देश्यों के लिए किया जा सकता है। वे या तो समान रूप से प्रयुक्त अन्य शब्दों से संज्ञा को अलग दिखा सकता है, या उस संज्ञा के बारे में जानकारी दे सकता है। वह जानकारी पाठकों के लिए नयी होगी या पहले से ज्ञात जानकारी को पुन: याद दिलाती होगी कुछ भाषाओं में, एक संज्ञा को परिवर्तित करने वाले वाक्यांशों का उपयोग संज्ञा के साथ दो भिन्न उद्देश्यों के लिए किया जा सकता है। वे या तो यह कर सकते हैं (1) संज्ञा को अन्य समान वस्तुओं से अलग करना, या (2) वे संज्ञा के बारे में अधिक जानकारी दे सकते हैं। यह जानकारी पाठक के लिए नई हो सकती है, या कुछ के बारे में एक अनुस्मारक जिसे पाठक पहले से ही जानता है। अन्य भाषाएँ संज्ञा के साथ परिवर्तनकारी वाक्यांशों का उपयोग केवल संज्ञा को अन्य समान वस्तुओं से अलग करने के लिए करती हैं। जब इन भाषाओं को बोलने वाले लोग एक संज्ञा के साथ एक परिवर्तनकारी वाक्यांश में सुनते हैं, तो वे अनुमान लगाते हैं कि इसका कार्य एक वस्तु को दूसरे समान वस्तु से अलग करना है
दूसरी भाषाएँ परिवर्तित करने वाले अन्य कथनों का उपयोग करती हैं जिससे समान रूप से प्रयुक्त अन्य शब्दों से संज्ञा को अलग दिखाया जा सके। इस भाषा को बोलने वाले, जब संज्ञा के साथ, परिवर्तित करने वाले अन्य कथनों को सुनते हैं तो वे अनुमान लगाते हैं कि इनका मकसद समान रूप ये प्रयुक्त अन्य शब्दों से अलग दिखाना है। कुछ भाषाएँ समान लगने वाले शब्दों में अंतर दिखाने एवं उनके बारे में अधिक जानकारी देने के लिए, अल्पविराम चिन्ह का उपयोग करती हैं। कुछ भाषाएँ (1) समान वस्तुओं के बीच अंतर दिखाने के लिए और (2) किसी वस्तु के बारे में अधिक जानकारी देने के बीच अंतर को चिह्नित करने के लिए अल्पविराम का उपयोग करती हैं। अल्पविराम के बिना, नीचे लिखा वाक्य बताता है कि यह एक अन्तर दिखा रहा है:
अल्पविराम के बगैर, नीचे लिख कथन बताता है कि यह एक परिवर्तन दिखा रहा है: * मरियम ने कुछ भोजन ***अपनी बहन को दिया जो अत्याधिक धन्यवादी थी***।
* यदि उसकी बहन सामान्य रूप से धन्यवादी होती तो वाक्यांश "जो अत्याधिक धन्यवादी थी" ***इस बहन को*** मरियम की उस बहन से भिन्न करता जो सामान्य रूप से धन्यवादी नहीं थी।
* मरियम ने अपनी बहन को भोजन दिया और <u>वह बहुत धन्यवादी थी</u> अल्पविराम के साथ, यह वाक्यांश अधिक जानकारी दे रहा है:
* यदि उसकी बहन आमतौर पर, धन्यवादी होती तो निम्न कथन ‘‘जो धन्यवादी स्त्री थी’’ मरियम की उस **बहन से स्वयं को अलग** दिखा सकती थी जो आमतौर पर, धन्यवादी नही होती है
अल्पविराम के साथ, यह कथन अधिक जानकारी दे रहा है: * मरियम ने कुछ भोजन ***अपनी बहन को दिया जो अत्याधिक धन्यवादी थी***।
* इसी वाक्यांश के उपयोग से मरियम की बहन के बारे में अधिक जानकारी दी जा सकती है। यह हमें बताता है कि **मरियम ने कैसे प्रतिक्रिया व्यक्त की** जब उसकी बहन ने उसे भोजन दिया। इस घटना में यह एक बहन को दूसरी से भिन्न नही दिखाता है।
* मरियम ने अपनी बहन को भोजन दिया और <u>वह बहुत धन्यवादी थी</u>
* इसी कथन के उपयोग से मरियम की बहन के बारे में अधिक जानकारी दी जा सकती है
यह हमें बताता है कि **मरियम ने कैसे प्रतिक्रिया की** जब उसकी बहन ने उसे भोजन दिया। इस मामले में एक बहन को दूसरी से अलग नही दिखाया गया है।
### कारण यह अनुवाद की समस्या है ### कारण यह अनुवाद की समस्या है
* बाइबल की कर्इ स्रोत भाषाएँ ऐसे कथनों का उपयोग करती हैं जो संज्ञा को **दोनों** मकसदों अर्थात समान लगने वाले कथन से अलग दिखाने **एवं** उसके बारे में अधिक जानकारी देने के लिए परिवर्तित करती हैं । अनुवादक को सावधानीपूर्वक पहचानना है कि लेखक किस मकसद का उपयोग कर रहा है। * बाइबल की कर्इ स्रोत भाषाएँ ऐसे वाक्यांशों का उपयोग करती हैं जो संज्ञा को **दोनों** अर्थात समान लगने वाली वस्तु से अलग दिखाने **और साथ ही** उसके बारे में अधिक जानकारी देने के लिए परिवर्तित करती हैं। आप (अनुवादक) को सावधानीपूर्वक पहचानना है कि लेखक प्रत्येक घटना में किस अर्थ का उपयोग कर रहा है।
* कुछ भाषाएँ ऐसे कथनों का उपयोग करती हैं जो संज्ञा को **केवल** समान लगने वाले कथन से अलग दिखाने के लिए परिवर्तित करती हैं। ऐसे कथन का अनुवाद करते समय जिन्हे अधिक जानकारी देने के लिए इस्तेमाल किया जाता है, उस भाषा का उपयोग करने वाले लोग उक्त कथन एवं संज्ञा में अंतर अवश्य करें। अन्यथा, इसे पढ़ने या सुनने वाले लोग समझेंगे कि इस संज्ञा का उपयोग समान लगने वाले पदों से संज्ञा को अलग दिखाने के लिए किया गया है * कुछ भाषाएँ ऐसे वाक्यांशों का उपयोग करती हैं जो संज्ञा को **केवल** समान जैसे लगने वाले कथन से अलग दिखाने के लिए परिवर्तित करती हैं। ऐसे वाक्यांशों का अनुवाद करते समय जिन्हे अधिक जानकारी देने के लिए उपयोग किया जाता है, उस भाषा का उपयोग करने वाले लोग उक्त कथन एवं संज्ञा में अंतर अवश्य करें। अन्यथा, इसे पढ़ने या सुनने वाले लोग समझेंगे कि इस संज्ञा का उपयोग समान लगनी वाली वस्तुओं से संज्ञा को अलग दिखाने के लिए किया गया है
### बाइबल से उदाहरण ### बाइबल से उदाहरण
** एक कथन दूसरे समान लगने वाले कथन से अलग दिखाने के शब्दों के उदाहरण**: **ऐसे शब्दों और वाक्यांशों के उदाहरण जिनका उपयोग एक वस्तु को अन्य संभावित वस्तुओं से भिन्न करने के लिए किया जाता है**: ये सामान्य रूप से अनुवाद में कोई समस्या उत्पन्न नहीं करते हैं।
ये आमतौर पर अनुवाद में समस्याएँ खड़ी नही करते हैं >… बीचवाला पर्दा ***पवित्र स्थान*** को ***अतिपवित्र स्थान*** से अलग किये रहे। (निर्गमन 26:33 ULT)
> ... बीचवाला पर्दा <u>पवित्र स्थान</u> को <u>अतिपवित्र स्थान</u> से अलग किये रहे (निर्गमन 26:33 ULB) शब्द ‘‘पवित्र‘‘ एवं ‘‘अतिपवित्र‘‘ दो स्थानों में अन्तर को दिखाते हैं जो एक दूसरे से अलग एवं किसी भी अन्य स्थान से भिन्न हैं।
‘‘पवित्र‘‘ एवं ‘‘अतिपवित्र‘‘ शब्द दो स्थान हैं जो एक दूसरे से अलग एवं हर कोर्इ जगह से अलग हैं >मूर्ख पुत्र से पिता उदास होता है, और ***जनने वाली माँ*** को शोक होता है (नीतिवचन 17:25 ULT)
> मूर्ख पुत्र से पिता उदास होता है, और <u>जनने वाली माँ</u> को शोक होता है (नीतिवचन 17:25 ULB) वाक्यांश "जनने वाली माँ’’ भिन्नता को बताता है कि किस औरत के लिए पुत्र एक शोक है। वह हर औरत के लिए शोक नही है, परंतु अपनी माँ के लिए है।
‘‘जनने’’ शब्द फर्क बताता है कि किस औरत के लिए पुत्र एक शोक है। वह हर औरत के लिए शोक नही है, परंतु अपनी माँ के लिए है **शब्दों और वाक्यांशों के उदाहरण जो कि किसी वस्तु के बारे में अतिरिक्त जानकारी या अनुस्मारक को देने के लिए उपयोग किए जाते हैं**: ये उन भाषाओं के लिए एक अनुवाद का विषय है जो इनका उपयोग नहीं करते हैं।
** किसी कथन के बारे में अतिरिक्त जानकारी देने या याद दिलाने वाले शब्दों के उदाहरण**: > … क्योंकि ***तेरे धर्ममय न्याय*** उत्तम हैं। (भजन संहिता 119:39 ULT)
ये उन भाषाओं के लिए अनुवाद के विषय हैं जो इनका उपयोग नही करते हैं शब्द ‘‘धर्ममय’’ हमें याद दिलाता है कि परमेश्वर के न्याय सही हैं। यह उसके धार्मिक न्याय या अधर्मी न्याय के बीच अंतर नही दिखा रहा है क्योंकि उसके सारे न्याय धर्ममय हैं।
> ... क्योंकि तेरे <u>धर्ममय न्याय </u> उत्तम हैं (भजन संहिता 119:39 ULB) > क्या सारा, ***जो नब्बे वर्ष की है***, पुत्र जनेगी? (उत्पत्ति 17:17-18 ULT)
‘‘धर्ममय’’ शब्द हमें याद दिलाता है कि परमेश्वर के न्याय सही हैं। यह उसके धार्मिक न्याय या अधर्मी न्याय के बीच अंतर नही दिखा रहा है क्योंकि उसके सारे न्याय धर्ममय हैं वाक्यांश ‘‘जो नब्बे वर्ष की है’’ एक कारण है जिससे अब्रहाम सोचता है कि सारा पुत्र नही जन सकती। यह किसी सारा नाम की एक औरत और उसी नाम की दूसरी औरत के बीच में अंतर नही दिखा रहा है जिसकी आयु भिन्न है और वह उसकी आयु के बारे में भी कुछ नया नही बता रहा है। वह तो केवल इतना ही सोचता है कि उस आयु की औरत को बच्चा नहीं हो सकता है
> क्या सारा <u>जो नब्बे वर्ष की है</u> पुत्र जनेगी? (उत्पत्ति 17:17-18 ULB) > मनुष्य को ***जिसकी मैने सृष्टि की है*** पृथ्वी के ऊपर से मिटा दूंगा। (उत्पत्ति 6:7 ULT)
‘‘जो नब्बे वर्ष की है’’ शब्द एक कारण है जिससे अब्रहाम सोचता है कि सारा पुत्र नही जन सकती। यह किसी सारा नाम की एक औरत और उसी नाम की दूसरी औरत के बीच में अंतर नही दिखा रहा है जिसकी उम्र अलग है और वह उसकी उम्र के बारे में भी कुछ नया नही बता रहा है। उसने बस नही सोचा कि उस उम्र की औरत को बच्चा हो सकता है। वाक्यांश ‘‘जिसकी मैने सृष्टि की है’’ परमेश्वर और मनुष्य के बीच के संबंध को बताता है। यही कारण था कि परमेश्वर के पास मनुष्य को पृथ्वी पर से मिटा डालने का अधिकार था। और दूसरा मनुष्य नही है जिसकी परमेश्वर ने सृष्टि की थी।
> मनुष्य को <u>जिसकी मैने सृष्टि की है</u> पृथ्वी के ऊपर से मिटा दूंगा (उत्पत्ति 6:7 ULB)
‘‘जिसकी मैने सृष्टि की है’’ शब्द परमेश्वर और मनुष्य के बीच के संबंध को बताता है। यही कारण था कि परमेश्वर के पास मनुष्य को पृथ्वी पर से मिटा डालने का अधिकार था। और दूसरा मनुष्य नही है जिसकी परमेश्वर ने सृष्टि की थी।
### अनुवाद रणनीति ### अनुवाद रणनीति
यदि लोग संज्ञा के साथ आए शब्द के मकसद को समझ सकते हैं, तो कथन और संज्ञा दोनों को एक साथ उपयोग करने की सोचें। उन भाषाओं में जहाँ संज्ञा का उपयोग एक शब्द का दूसरे से अंतर दिखाने के लिए किया जाता है, उनके लिए जानकारी या याद देने वाले शब्दों के अनुवाद की कुछ रणनीतियाँ निम्नलिखित हैं। यदि लोग संज्ञा के साथ आए वाक्याँश के उद्देश्य को समझ सकते हैं, तो वाक्याँश और संज्ञा दोनों को एक साथ उपयोग करने की सोचें। उन भाषाओं में जहाँ संज्ञा का उपयोग एक शब्द या वाक्याँश का दूसरे से अंतर दिखाने के लिए किया जाता है, उनके लिए जानकारी या याद देने वाले शब्दों के अनुवाद की कुछ रणनीतियाँ निम्नलिखित हैं।
1. वाक्य के एक भाग में जानकारी दें और उसके मकसद को बताने वाले शब्दों को जोड़ें 1. वाक्य के एक भाग में जानकारी दें और उसके उद्देश्य को बताने वाले शब्दों को जोड़ें
1. अपनी भाषा में उसे बताने के सबसे अच्छे तरीके का उपयोग कर बताएँ कि ये केवल अतिरिक्त सूचना है। शायद एक शब्द जोड़ा गया होगा, या इसकी ध्वनि के अनुसरार बदला गया होगा। अक्सर ध्वनि में बदलाव को विरामचिन्हों के प्रयोग से बताया जा सकता है, उदा0 अल्पविराम, कोष्ठक इत्यादि। 1. अपनी भाषा में उसे बताने के सबसे अच्छे तरीके का उपयोग कर बताएँ कि ये केवल अतिरिक्त सूचना है। शायद एक शब्द जोड़ा गया होगा, या इसकी आवाज की ध्वनि के अनुसरार बदला गया होगा। अक्सर ध्वनि में बदलाव को विरामचिन्हों के प्रयोग से बताया जा सकता है, जैसे कि अल्पविराम, कोष्ठक इत्यादि।
### अनुवाद रणनीति प्रयोग के उदाहरण ### अनुवाद रणनीतियों के प्रयोग के उदाहरण
1. वाक्य के एक भाग में जानकारी दें और उसके मकसद को बताने वाले शब्दों को जोड़ें 1. वाक्य के एक भाग में जानकारी दें और उसके उद्देश्य को बताने वाले शब्दों को जोड़ें
* **जो <u>व्यर्थ मूर्तियों </u> पर मन लगाते हैं, उनसे मैं घृणा करता हूँ** (भजन संहिता 31:6 ULB) - ‘‘व्यर्थ मूर्तियों’’ का उपयोग कर, दाऊद सारी मूर्तियों पर अपनी टिप्पणी दे रहा और उनसे घृणा करने का कारण बता रहा था। यहाँ व्यर्थ मूर्तियों या मूल्यवान मूर्तियों का अंतर नही बताया जा रहा है >**जो ***व्यर्थ*** मूर्तियों** पर मन लगाते हैं, उनसे मैं घृणा करता हूँ (भजन संहिता 31:6 ULT) - ‘‘व्यर्थ मूर्तियों’’ का उपयोग कर, दाऊद सारी मूर्तियों पर अपनी टिप्पणी दे रहा और उनसे घृणा करने का कारण बता रहा था। यहाँ व्यर्थ मूर्तियों या मूल्यवान मूर्तियों का अंतर नही बताया जा रहा है
* <u>चूँकि</u> मूर्तियाँ व्यर्थ हैं, मैं उनकी सेवा करने वालों से घृणा करता हूँ। >> ***चूँकि*** मूर्तियाँ व्यर्थ हैं, मैं उनकी सेवा करने वालों से घृणा करता हूँ।
* **क्योंकि तेरे न्याय धर्ममय हैं** (भजन संहिता 119:39 ULB)
* ... तेरे न्याय अच्छे हैं <u>क्योंकि</u> वे धर्ममय हैं
* **क्या सारा <u>जो नब्बे वर्ष की है</u> पुत्र जनेगी?** (उत्पत्ति 17:17-18 ULB) - ‘‘जो नब्बे वर्ष की है’’ कथन सारा के उम्र को याद दिलाती है।यह बताती है कि अब्रहाम प्रश्न क्यों पूछ रहा था। उसने प्रतीक्षा नही की थी कि इस उम्र में भी औरत बच्चा जन सकती है।
* क्या सारा बच्चा जन सकती है, <u>यद्यपि</u> वह नब्बे वर्ष की है?
* **मैं यहोवा को जो <u>स्तुति के योग्य</u> है पुकारूँगा** (2 शमूएल 22:4 ULB) - केवल एक ही यहोवा है । ‘‘स्तुति के योग्य’’ शब्द यहोवा को पुकारने का कारण बताता है।
* मैं यहोवा को पुकारूँगा <u>क्योंकि</u> वह स्तुति के योग्य है
1. अपनी भाषा में उसे बताने के सबसे अच्छे तरीके का उपयोग कर बताएँ कि ये केवल अतिरिक्त सूचना है >**...क्योंकि तेरे न्याय ***धर्ममय*** हैं।** (भजन संहिता 119:39 ULT)
>> ... तेरे न्याय अच्छे हैं ***क्योंकि*** वे धर्ममय हैं।
* **तू मेरा पुत्र है जिससे मैं <u>प्रेम करता हूँ</u> तुझसे मैं प्रसन्न हूँ** (लूका 3:22 ULB) >**क्या सारा, ***जो नब्बे वर्ष की है***, पुत्र जनेगी?** (उत्पत्ति 17:17-18 ULT) - वाक्याँश ‘‘जो नब्बे वर्ष की है’’ सारा की आयु का याद दिलाता है। यह बताता है कि अब्राहम क्यों प्रश्न को पूछ रहा था। उसने आशा ही नही की थी कि इस आयु में भी औरत बच्चा जन सकती है।
* तू मेरा पुत्र है <u>मैं तुझसे प्रेम करता हूँ</u> और तुझसे मैं प्रसन्न हूँ >>क्या सारा बच्चा जन सकती है, ***यद्यपि*** वह नब्बे वर्ष की है?
* मेरा <u>प्रेम पाने वाले</u> तू मेरा पुत्र है। तुझसे मैं प्रसन्न हूँ
> **मैं यहोवा को पुकारूँगा, ***जो स्तुति के योग्य है***** (2 शमूएल 22:4 ULT) - केवल एक ही यहोवा है । वाक्याँश ‘‘स्तुति के योग्य’’ यहोवा को पुकारने का कारण बताता है।
>>मैं यहोवा को पुकारूँगा ***क्योंकि***वह स्तुति के योग्य है।
2. अपनी भाषा में उसे बताने के सबसे अच्छे तरीके का उपयोग कर बताएँ कि ये केवल अतिरिक्त सूचना है।
>**तू मेरा पुत्र है, ***जिससे मैं प्रेम करता हूँ***. तुझसे मैं प्रसन्न हूँ।** (लूका 3:22 ULT)
>>तू मेरा पुत्र है। ***मैं तुझसे प्रेम करता हूँ*** और तुझसे मैं प्रसन्न हूँ।
>>*** मेरा प्रेम पाने वाला***, तू मेरा पुत्र है। तुझसे मैं प्रसन्न हूँ।

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बाइबल के कुछ भागों में ‘‘पुरूष’’, ‘‘भार्इ’’ और ‘‘पुत्र‘‘ जैसे शब्द केवल पुरषों को दिखाते हैं। तो कुछ अन्य भागों में, ये शब्द स्त्री एवं पुरष दोनों को दिखाते हैं। जब लेखक स्त्री एवं पुरष दोनों को दिखाता है, तो अनुवादकों को भी ऐसे अनुवाद करना है जिससे यह केवल पुरूष को दिखाने वाला न हो। बाइबल में, कई बार ‘‘पुरुष’’, ‘‘भार्इ’’ और ‘‘पुत्रों जैसे शब्द केवल पुरषों को दिखाते हैं। तो कुछ अन्य भागों में, ये शब्द स्त्री एवं पुरष दोनों को दिखाते हैं। जब लेखक स्त्री एवं पुरष दोनों को दिखाता है, तो अनुवादकों को भी ऐसे ही अनुवाद करना है जिससे कि यह केवल पुरुष को ही दिखाने वाला न हो।
### वर्णन ### वर्णन
कुछ भाषाओं में,ं पुरूष को दिखाने वाला शब्द ही स्त्री एवं पुरष दोनों को दिखाने वाला सामान्य शब्द भी हो सकता है। उदाहरण के तौर पर, बाइबल कर्इ बार जब <u>भार्इयों</u> कहती है तो उसका अर्थ भार्इ और बहन दोनो होता है। और, कुछ भाषाओं में, पुरूषवाची उच्चारण ‘‘वह’’ और ‘‘उसका’’ को किसी भी व्यक्ति के लिए अधिक सामान्य तरीके से भी इस्तेमाल किया जाता है यदि उसे स्त्री या पुरूष दिखाना महत्वपूर्ण नही है। कुछ भाषाओं में, पुरुष को दिखाने वाला शब्द ही स्त्री एवं पुरष दोनों को दिखाने वाला सामान्य शब्द भी हो सकता है। उदाहरण के तौर पर, बाइबल कर्इ बार जब ***भार्इयों*** कहती है तो उसका अर्थ भार्इ और बहन दोनों से ही होता है।
नीचे के उदाहरण में, उपयुक्त सर्वनाम ‘‘उसका’’, पुरूष तक ही सीमित है: साथ ही कुछ भाषाओं में, पुरुषवाची उच्चारण ‘‘वह’’ और ‘‘उसका’’ को किसी भी व्यक्ति के लिए अधिक सामान्य तरीके से भी उपयोग किया जाता है यदि यह महत्वपूर्ण नहीं है कि वह व्यक्ति एक पुरुष है या एक स्त्री। नीचे दिए गए उदाहरण में, सर्वनाम "उसका" है, परन्तु यह पुरुषों तक ही सीमित नहीं है।
> बुद्धिमान पुत्र से ***उसका*** पिता आनन्दित होता है
>बुद्धिमान पुत्र से पिता आनन्दित होता है > परन्तु मूर्ख पुत्र के कारण ***उसकी*** माता उदास रहती है। (नीतिवचन 10:1 ULT)
>परन्तु मूर्ख पुत्र के कारण माता उदास रहती है (नीतिवचन 10:1 ULB)
### कारण यह अनुवाद की समस्या है ### कारण यह अनुवाद की समस्या है
* कुछ संस्कृतियों में, ‘‘पुरूष’’, ‘‘भार्इ’’ और ‘‘पुत्र‘‘ केवल पुरूषों के लिए इस्तेमाल होते हैं। यदि उन शब्दों को एक अनुवाद में अधिक सामान्य तौर पर उपयोग किया जाए तो लोग सोच सकते हैं कि ये बातें स्त्रियों पर लागु नही होती हैं * कुछ संस्कृतियों में, ‘‘पुरुष’’, ‘‘भार्इ’’ और ‘‘पुत्र‘‘ केवल पुरुषों के लिए इस्तेमाल होते हैं। यदि उन शब्दों को एक अनुवाद में अधिक सामान्य तौर पर उपयोग किया जाए, तो लोग सोच सकते हैं कि जो कुछ कहा गया है वह स्त्रियों पर लागू नही होता है
* कुछ संस्कृतियों में, पुरषवाची सर्वनाम ‘‘वह’’ और ‘‘उसका’’ केवल पुरूषों को दिखाता है। यदि पुरूषवाची सर्वनाम का उपयोग होता है तो लोग सोचेंगे कि ये बातें स्त्रियों पर लागु नही होती हैं * कुछ संस्कृतियों में, पुरषवाची सर्वनाम ‘‘वह’’ और ‘‘उसका’’ केवल पुरुषों को दिखाता है। यदि पुरुषवाची सर्वनाम का उपयोग होता है, तो लोग सोचेंगे कि जो कुछ कहा गया है वह स्त्रियों पर लागू नही होता है
### अनुवाद के सिद्धांत #### अनुवाद के सिद्धांत
यदि कोर्इ कथन स्त्री एवं पुरूष दोनों पर लागु होता है, तो उसका अनुवाद भी ऐसे ही हो जिससे लोग समझें कि यह दोनों के लिए है। यदि कोर्इ कथन स्त्री एवं पुरुष दोनों पर लागू होता है, तो उसका अनुवाद भी इसी तरीके से हो जिससे लोग समझें कि यह दोनों के लिए है।
### बाइबल से उदाहरण ### बाइबल से उदाहरण
> अब हे <u>भाइयों</u>, हम तुम्हें परमेश्वर के उस अनुग्रह का समाचार देते हैं, जो मकिदुनिया की कलीसियाओं पर हुआ है (2 कुरिन्थियों 8:1 ULB) > अब हे ***भाइयों***, हम तुम्हें परमेश्वर के उस अनुग्रह का समाचार देते हैं, जो मकिदुनिया की कलीसियाओं पर हुआ है। (2 कुरिन्थियों 8:1 ULT)
यह वचन कोरिन्थ के विश्वासियों के लिए है, केवल पुरूष नही, वरन् **पुरूष एवं स्त्री** दोनों यह वचन कुरिन्थियों के विश्वासियों के लिए है, न केवल पुरुष के लिए, वरन् **पुरुषों एवं स्त्रियों** दोनों को सम्बोधित करता है।
> तब यीशु ने अपने चेलों से कहा; यदि कोर्इ मेरे पीछे आना चाहे, तो <u>वह</u> <u>अपने आपका</u> इन्कार करे और <u>अपना</u> क्रूस उठाए, और मेरे पीछे हो ले’’ (मत्ती 16:24-26 ULB) > तब यीशु ने अपने चेलों से कहा, "यदि कोर्इ मेरे पीछे आना चाहे तो, ***वह*** ***अपने आपका***, इन्कार करे और ***अपना*** क्रूस उठाए, और मेरे पीछे हो ले।’’ (मत्ती 16:24-26 ULT)
हाँ यीशु केवल पुरूष की नही, वरन् **पुरूष एवं स्त्री** दोनों की बात कर रहे हैं ीशु यहाँ केवल पुरुष की ही नही, अपितु ***पुरुषों एवं स्त्रियों*** दोनों की बात कर रहा है।
** चेतावनी** : कर्इ बार केवल पुरूष को दिखाने वाले शब्दों का उपयोग होता है । तो ऐसे शब्दों का उपयोग न करें जिससे लोगों को लगे कि यह स्त्रियों के लिए भी है। नीचे लिखे रेखांकित शब्द केवल पुरूषां के लिए हैं। **चेतावनी** : कर्इ बार केवल पुरुष को दिखाने वाले पुरुषवाची शब्दों का उपयोग होता है । इसलिए ऐसे शब्दों का उपयोग न करें जिससे लोगों को लगे कि यह स्त्रियों को भी सम्मिलित करते हैं। नीचे लिखे रेखांकित शब्द केवल पुरुषों के लिए हैं।
मूसा ने कहा था, कि यदि <u>कोर्इ</u> बिना सन्तान मर जाए, तो <u>उसका</u> <u>भार्इ</u> <u>उसकी पत्नी</u> को ब्याह करके <u>अपने</u> भार्इ के लिये वंश उत्पé करे (मत्ती 22:24 ULB) > मूसा ने कहा था, 'कि यदि कोर्इ ***पुरुष*** बिना सन्तान मर जाए, तो ***उसका*** ***भार्इ*** ***उसकी*** पत्नी को ब्याह करके ***अपने*** ***भार्इ*** के लिये वंश उत्पन्न करे।' (मत्ती 22:24 ULT)
### अनुवाद रणनीतियाँ ### अनुवाद रणनीति
यदि लोग समण्ते हैं कि पुरूषवाची सर्वनाम ‘‘पुरूष’’, ‘‘भार्इ’’ और ‘‘वह’’ स्त्रियों के लिए भी इस्तेमाल हो सकता है, तो उनका प्रयोग करने की कोशिश करें। अन्यथा, यहाँ अनुवाद के कुछ तरीके दिए गए हैं जिनमें स्त्रियाँ भी शामिल हैं। यदि लोग समण्ते हैं कि पुरुषवाची सर्वनाम जैसे ‘‘पुरुष’’, ‘‘भार्इ’’ और ‘‘वह’’ स्त्रियों को भी सम्मिलित कर सकते हैं, तो उनका प्रयोग करने पर विचार करें। अन्यथा, यहाँ अनुवाद के कुछ तरीके उन शब्दों के लिए दिए गए हैं जो स्त्रियों को भी सम्मिलित करती हैं।
1. एक संज्ञा का उपयोग करें जिसका इस्तेमाल पुरूष एवं स्त्री दोनों के लिए हो सके 1. एक संज्ञा का उपयोग करें जिसका उपयोग पुरुषों एवं स्त्रियों दोनों के लिए हो सके
1. पुरूष के इस्तेमाल के लिए एक शब्द और स्त्री के इस्तेमाल के लिए एक शब्द का उपयोग करें 1. एक शब्द का उपयोग करें जो पुरुषों को संदर्भित करता है और एक शब्द जो स्त्रियों को संदर्भित करता है।
1. ऐसे सर्वनामों का उपयोग करें जिनका इस्तेमाल स्त्री एवं पुरूष दोनों के लिए हो सके 1. ऐसे सर्वनामों का उपयोग करें जिनका उपयोग स्त्रियों एवं पुरुषों दोनों के लिए हो सके
### अनुवाद रणनीतियों के प्रयोग के उदाहरण ### अनुवाद रणनीतियों के प्रयोग के उदाहरण
1. एक संज्ञा का उपयोग करें जिसका इस्तेमाल पुरूष एवं स्त्री दोनों के लिए हो सके 1. एक संज्ञा का उपयोग करें जिसका उपयोग पुरुषों एवं स्त्रियों दोनों के लिए हो सके
* **<u>बुद्धिमान</u> क्योंकर मूर्ख के समान मरता है** (सभोपदेशक 2:17 ULB) >**बुद्धिमान ***पुरुष*** क्योंकर मूर्ख के समान मरता है।** (सभोपदेशक 2:17 ULT)
* <u>बुद्धिमान</u> ऐसे मरता है जैसे एक मूर्ख’’ >>'"बुद्धिमान ***व्यक्ति*** ऐसे मरता है जैसे एक मूर्ख।"
* <u>बुद्धिमान</u> मूर्ख के समान मरता है >>"बुद्धिमान ***लोग*** मूर्ख के समान मरते हैं।
1. पुरूष के इस्तेमाल के लिए एक शब्द और स्त्री के इस्तेमाल के लिए एक शब्द का उपयोग करें 2. एक शब्द का उपयोग करें जो पुरुषों को संदर्भित करता है और एक शब्द जो स्त्रियों को संदर्भित करता है।
* **हे <u>भाइयों</u>, हम नहीं चाहते कि तुम हमारे उस क्लेश से अनजान रहो, जो आसिया में हम पर पड़ा** (2 कुरिन्थियों 1:8) - पौलुस अपना खत स्त्री और पुरूष दोनों को लिख रहा है >**हे ***भाइयों***, हम नहीं चाहते कि तुम हमारे उस क्लेश से अनजान रहो, जो आसिया में हम पर पड़ा** (2 कुरिन्थियों 1:8) - पौलुस अपना पत्र स्त्री और पुरुष दोनों को ही लिख रहा है।
* ‘‘हे <u>भाइयों और बहनों</u>, हम नहीं चाहते कि तुम हमारे उस क्लेश से अनजान रहो, जो आसिया में हम पर पड़ा’’ (2 कुरिन्थियों 1:8) >>"हे ***भाइयों और बहनों***, हम नहीं चाहते कि तुम हमारे उस क्लेश से अनजान रहो, जो आसिया में हम पर पड़ा (2 कुरिन्थियों 1:8)
1. ऐसे सर्वनामों का उपयोग करें जिनका इस्तेमाल स्त्री एवं पुरूष दोनों के लिए हो सके 3. ऐसे सर्वनामों का उपयोग करें जिनका उपयोग स्त्रियों एवं पुरुषों दोनों के लिए हो सके
* **यदि कोर्इ मेरे पीछे आना चाहे, तो अपने आप का इन्कार करे और अपना क्रूस उठाए, और मेरे पीछे हो ले** (मत्ती 16:24-26 ULB) - अंग्रेजी वक्ता ‘‘वह’’,’’उसका’’ और ‘‘वह स्वयं’’ जैसे एकवचन के सर्वनामों को बहुवचन ‘‘वे’’, ‘‘वे स्वयं’’ और ‘‘उनका’’ में बदल सकते हैं जिससे यह पता चले कि यह केवल पुरूष के लिए लागु नही हो रहा है >**यदि कोर्इ मेरे पीछे आना चाहे, तो अपने आप का इन्कार करे और अपना क्रूस उठाए, और मेरे पीछे हो ले।’’** (मत्ती 16:24-26 ULT) - अंग्रेजी वक्ता ‘‘वह’’,’’उसका’’ और ‘‘वह स्वयं’’ जैसे एकवचन के सर्वनामों को बहुवचन ‘‘वे’’, ‘‘वे स्वयं’’ और ‘‘उनका’’ में बदल सकते हैं जिससे यह पता चले कि यह सभी लोगों पर लागू हो रहा है, न कि केवल पुरुषों के ऊपर
* **यदि <u>लोग</u> मेरे पीछे आना चाहें, तो <u>वे</u> <u>स्वयं का</u> इन्कार करे और <u>अपना</u> क्रूस उठाए, और मेरे पीछे हो ले** >>"यदि ***लोग*** मेरे पीछे आना चाहें, तो ***वे*** ***स्वयं*** का इन्कार करे और ***अपना*** क्रूस उठाए, और मेरे पीछे हो ले।"

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### वर्णन ### वर्णन
कुछ भाषाएँ उद्धरण चिन्हों का उपयोग कर उद्धरणों को शेष वाक्य से अलग दिखते हैं। अंग्रेजी भाषा में उद्धरण चिन्ह का उपयोग उद्धरण के पहले और ठीक बाद में होता है। कुछ भाषाएँ उद्धरण चिन्हों का उपयोग कर उद्धरणों को शेष वाक्य से अलग दिखाती हैं। अंग्रेजी भाषा में उद्धरण चिन्ह " का उपयोग उद्धरण के पहले और ठीक बाद में होता है।
* यूहéा ने कहा, ‘‘मुझे नही पता कि मैं कब पहुँचुँगा’’ * यूहन्ना ने कहा, ‘‘मुझे नही पता कि मैं कब पहुँचुँगा
उद्धरण चिन्हों को अप्रत्यक्ष उद्धरणों में उपयोग नही किया जाता। उद्धरण चिन्हों को अप्रत्यक्ष उद्धरणों में उपयोग नही किया जाता है
* यूहéा ने कहा कि उसे नही पता कि वह कब पहुँचेगा। * यूहन्ना ने कहा कि उसे नही पता कि वह कब पहुँचेगा।
जब उद्धरणों के बीच में उद्धरणों की कर्इ परतें होती हैं, तो पाठकों को यह पता नही चल पाता है कि कौन क्या कह रहा है। दो प्रकार के उद्धरण चिन्हों का बदल बदल कर उपयोग करने से उन्हे समझा जा सकता है। अंग्रेजी में, सबसे बाहर के उद्धरण चिन्ह में दुगुने चिन्ह का उपयोग होता है और उसके अंदर का चिन्ह एकक होता है। और उसके अंदर का उद्धरण चिन्ह दुगुना होता है जब उद्धरणों के बीच में उद्धरणों की कर्इ परतें होती हैं, तो पाठकों को यह पता नही चल पाता है कि कौन क्या कह रहा है। दो प्रकार के उद्धरण चिन्हों का बदल बदल कर उपयोग करने से उन्हे समझा जा सकता है। अंग्रेजी भाषा में सबसे बाहरी उद्धरण में दोहरे उद्धरण चिह्न होते हैं, और अगले उद्धरण में एकल चिह्न होता हैं। उसके भीतर के अगले उद्धरण में दोहरे उद्धरण चिह्न होते हैं
* मरियम ने कहा, ‘‘यूहéा ने कहा, ‘मुझे नही पता कि मैं कब पहुँचुँगा * मरियम ने कहा, “यूहन्ना ने कहा, ‘मुझे नही पता कि मैं कब पहुँचुँगा।’ “
* बॉब ने कहा, ‘‘मरियम ने कहा, ‘यूहéा ने कहा, ‘‘मुझे नही पता कि मैं कब पहुँचुँगा’’ * बॉब ने कहा, ‘‘मरियम ने कहा, ‘यूहन्ना ने कहा, ‘‘मुझे नही पता कि मैं कब पहुँचुँगा’’
कुछ दूसरी भाषाओं में और भी प्रकार के उद्धरण चिन्ह का उपयोग होता है कुछ दूसरी भाषाओं में और भी प्रकार के उद्धरण चिन्ह का उपयोग होता है: इसके कुछ उदाहरण यहाँ पर हैं: ' „ " « » ⁊ — .
कुछ उदाहरण हैं: ' „ " « » ⁊ — ### बाइबल से उदाहरण
### बाइबल में से उदाहरण नीचे के उदाहरण में ULT में उपयोग किए गए उद्धरण चिन्हों के बारे में बताया गया है।
नीचे के उदाहरण में ULB में उपयोग किए गए उद्धरण चिन्हों के बारे में बताया गया है। #### एक परत के साथ उद्धरण चिन्ह
### एक परत के साथ उद्धरण चिन्ह प्रथम प्रत्यक्ष उद्धरण के बाहर दोहरे उद्धरण चिह्न होते हैं।
श्र राजा ने उत्तर दिया, ‘‘वह तिशबी एलिय्याह होगा।’’ (2 राजा 1:8 ULT)
प्रथम प्रत्यक्ष उद्धरण के बाहर दूगुना उद्धरण चिन्ह होता है। #### दो परतों के साथ उद्धरण चिन्ह
> राजा ने उत्तर दिया, ‘‘वह तिशबी एलिय्याह होगा।’’ (2 राजा 1:8 ULB) दूसरे प्रत्यक्ष उद्धरण के बाहर एकल उद्धरण चिन्ह होता है। हमने उसे और वाक्याँश को रेखांकित किया है ताकि आप उसे स्पष्टता से पहचान सकें।
> उन्होंने उससे पूछा, ‘‘वह कौन मनुष्य है जिसने तुझसे कहा, ***‘खाट उठाकर चल फिर?***? (यूहन्ना 5:12 ULT)
### दो परतों के साथ उद्धरण चिन्ह > …उसने अपने चेलों में से दो को यह कहकर भेजा, ‘‘साम्हने के गांव में जाओ, और उसमें पहुंचते ही एक गदही का बच्चा जिस पर कभी कोर्इ सवार नहीं हुआ, बन्धा हुआ तुम्हें मिलेगा, उसे खोलकर लाओ। और यदि कोर्इ तुमसे पूछे, ***‘उसे क्यों खोलते हो?***' तो यह कह देना कि, ***‘प्रभु को इस का प्रयोजन है।’*** (लूका 19:29-31 ULT)
दूसरे प्रत्यक्ष उद्धरण के बाहर एकल उद्धरण चिन्ह होता है। हमने उसे और कथन को रेखांकित किया है जिससे आप उसे पहचान सकें। #### तीन परतों के साथ उद्धरण चिन्ह
>उन्होंने उससे पूछा, ‘‘वह कौन मनुष्य है जिसने तुझसे कहा, <u>खाट उठाकर चल फिर</u>? (यूहन्ना 5:12 ULB) तीसरे प्रत्यक्ष उद्धरण के बाहर दोहरा उद्धरण चिन्ह होता है। हमने उसे रेखांकित किया है ताकि आप उसे स्पष्टता से पहचान सकें।
> .... उसने अपने चेलों में से दो को यह कहकर भेजा, ‘‘साम्हने के गांव में जाओ, और उसमें पहुंचते ही एक गदही का बच्चा जिस पर कभी कोर्इ सवार नहीं हुआ, बन्धा हुआ तुम्हें मिलेगा, उसे खोलकर लाओ। और यदि कोर्इ तुमसे पूछे, <u>उसे क्यों खोलते हो</u>? तो यह कह देना, कि <u>‘प्रभु को इस का प्रयोजन है।’</u> (लूका 19:29-31 ULB) > अब्राहम ने कहा, ‘‘मैंने यह सोचा था, 'कि इस स्थान में परमेश्वर का कुछ भी भय न होगा; सो ये लोग मेरी पत्नी के कारण मेरा घात करेंगे।’ और फिर भी सचमुच वह मेरी बहिन है, वह मेरे पिता की बेटी तो है पर मेरी माता की बेटी नहीं; फिर वह मेरी पत्नी हो गर्इ। और ऐसा हुआ कि जब परमेश्वर ने मुझे अपने पिता का घर छोड़कर निकलने की आज्ञा दी, तब मैंने उससे कहा, ‘इतनी कृपा तुझे मुझ पर करनी होगी: कि हम दोनों जहां जहां जाएं वहां वहां तू मेरे विषय में कहना, ***‘‘यह मेरा भार्इ है।’’*** (उत्पत्ति 20:10-13 ULT)
### तीन परतों के साथ उद्धरण चिन्ह #### चार परतों के साथ उद्धरण चिन्ह
तीसरे प्रत्यक्ष उद्धरण के बाहर दुगुना उद्धरण चिन्ह होता है। हमने उसे रेखांकित किया है जिससे आप उसे पहचान सकें। चौथी परत वाले प्रत्यक्ष उद्धरण के बाहर एकल उद्धरण चिन्ह होता है। हमने उसे रेखांकित किया है ताकि आप उसे स्पष्टता से पहचान सकें।
> उन्होंने उससे कहा, ‘‘एक मनुष्य हम से मिलने को आया, और कहा, ‘जिस राजा ने तुम को भेजा उसके पास लौटकर कहो, ‘‘यहोवा यों कहता है: ***‘क्या इस्राएल में कोर्इ परमेश्वर नहीं जो तू एक्रोन के बालजबूब देवता से पूछने को भेजता है? इस कारण जिस पलंग पर तू पड़ा है, उस पर से कभी न उठेगा; परन्तु मर ही जाएगा।’*** (2 राजा 1:5-6 ULT)
>इब्राहीम ने कहा, ‘‘मैंने यह सोचा था, कि इस स्थान में परमेश्वर का कुछ भी भय न होगा; सो ये लोग मेरी पत्नी के कारण मेरा घात करेंगे।’ और फिर भी सचमुच वह मेरी बहिन है, वह मेरे पिता की बेटी तो है पर मेरी माता की बेटी नहीं; फिर वह मेरी पत्नी हो गर्इ। और ऐसा हुआ कि जब परमेश्वर ने मुझे अपने पिता का घर छोड़कर निकलने की आज्ञा दी, तब मैंने उससे कहा, ‘इतनी कृपा तुझे मुझ पर करनी होगी: कि हम दोनों जहां जहां जाएं वहां वहां तू मेरे विषय में कहना, <u>‘‘यह मेरा भार्इ है।’’</u> (उत्पत्ति 20:10-13 ULB)
### चार परतों के साथ उद्धरण चिन्ह
चौथे प्रत्यक्ष उद्धरण के बाहर एकल उद्धरण चिन्ह होता है। हमने उसे रेखांकित किया है जिससे आप उसे पहचान सकें।
>उन्होंने उससे कहा, ‘‘एक मनुष्य हम से मिलने को आया, और कहा, ‘जिस राजा ने तुम को भेजा उसके पास लौटकर कहो, ‘‘यहोवा यों कहता है: <u>‘क्या इस्राएल में कोर्इ परमेश्वर नहीं जो तू एक्रोन के बालजबूब देवता से पूछने को भेजता है? इस कारण जिस पलंग पर तू पड़ा है, उस पर से कभी न उठेगा, परन्तु मर ही जाएगा।’</u> (2 राजा 1:5-6 ULB)
### उद्धरण उपयोग की रणनीतियाँ ### उद्धरण उपयोग की रणनीतियाँ
निम्नलिखित कुछ तरीके हैं जिनके द्वारा आप पाठकों को दिखा सकते हैं कि उद्धरण कहाँ शुरू हुआ है और कहाँ समाप्त जिससे वो जान सकें कि कौन क्या कह रहा है। यहाँ नीचे कुछ तरीके दिए गए हैं जिनके द्वारा आप पाठकों को दिखा सकते हैं कि उद्धरण कहाँ शुरू हुआ है और कहाँ समाप्त होता है जिससे वो जान सकें कि कौन क्या कह रहा है।
1. दोनों प्रकार के उद्धरण चिन्हों का बदल बदल उपयोग कर प्रत्यक्ष उद्धरण की परतों को दिखाएँ। अंग्रेजी में दूगुने उद्धरण चिन्ह और एकल उद्धरण चिन्ह का उपयोग होता है। 1. दोनों प्रकार के उद्धरण चिन्हों का बदल बदल उपयोग कर प्रत्यक्ष उद्धरण की परतों को दिखाएँ। अंग्रेजी में दोहरे उद्धरण चिन्ह और एकल उद्धरण चिन्ह का उपयोग होता है।
1. एक या कुछ उद्धरण चिन्हों का अनुवाद अप्रत्यक्ष उद्धरणों में करे जिससे कम से कम चिन्हों का उपयोग हो क्योंकि अप्रत्यक्ष कथनों में चिन्हों की जरूरत नही होती है। 1. एक या कुछ उद्धरण चिन्हों का अनुवाद अप्रत्यक्ष उद्धरणों में करे जिससे कम से कम चिन्हों का उपयोग हो, क्योंकि अप्रत्यक्ष उद्धरणों में चिन्हों की जरूरत नही होती है। (देखें [प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष उद्धरण](../figs-quotations/01.md)।)
1. यदि कोर्इ उद्धरण बहुत लंबा है और उसमें चिन्हों की कर्इ परते हैं, तो एकदम नए उद्धरण चिन्ह का उपयोग करें और केवल प्रत्यक्ष उद्धरणों में ही उद्धरण चिन्हों का उपयोग करें। 1. यदि कोर्इ उद्धरण बहुत अधिक लंबा है और उसमें चिन्हों की कर्इ परते हैं, तो पूरी तरह से नए उद्धरण चिन्ह का उपयोग करें और इसके भीतर ही प्रत्यक्ष उद्धरण के लिए उद्धरण चिह्नों का उपयोग करें।
### उद्धरण उपयोग की रणनीतियों के उदाहरण ### उद्धरण उपयोग की रणनीतियों के उदाहरण
1. दोनों प्रकार के उद्धरण चिन्हों का बदल बदल उपयोग कर प्रत्यक्ष उद्धरण की परतों को दिखाएँ। (1) दोनों प्रकार के उद्धरण चिन्हों का बदल बदल उपयोग कर प्रत्यक्ष उद्धरण की परतों को दिखाएँ जैसा नीचे ULT के मूलपाठ में दिखाया गया है
>उन्होंने उससे कहा, ‘‘एक मनुष्य हमसे मिलने को आया, और कहा, ‘जिस राजा ने तुमको भेजा उसके पास लौटकर कहो, ‘‘यहोवा यों कहता है: ‘क्या इस्राएल में कोर्इ परमेश्वर नहीं जो तू एक्रोन के बालजबूब देवता से पूछने को भेजता है? इस कारण जिस पलंग पर तू पड़ा है, उस पर से कभी न उठेगा, परन्तु मर ही जाएगा।’ (2 राजा 1:5-6 ULB) > उन्होंने उससे कहा, ‘‘एक मनुष्य हमसे मिलने को आया, और कहा, ‘जिस राजा ने तुमको भेजा उसके पास लौटकर कहो, ‘‘यहोवा यों कहता है: ‘क्या इस्राएल में कोर्इ परमेश्वर नहीं जो तू एक्रोन के बालजबूब देवता से पूछने को भेजता है? इस कारण जिस पलंग पर तू पड़ा है, उस पर से कभी न उठेगा, परन्तु मर ही जाएगा।’ (2 राजा 1:5-6 ULT)
1. एक या कुछ उद्धरण चिन्हों का अनुवाद अप्रत्यक्ष उद्धरणों में करे जिससे कम से कम चिन्हों का उपयोग हो क्योंकि अप्रत्यक्ष कथनों में चिन्हों की जरूरत नही होती है। अंग्रेजी में, ‘‘जो अथवा कि’’ शब्द अप्रत्यक्ष उद्धरण को दिखा सकता है (2) एक या कुछ उद्धरण चिन्हों का अनुवाद अप्रत्यक्ष उद्धरणों में करे जिससे कम से कम चिन्हों का उपयोग हो, क्योंकि अप्रत्यक्ष उद्धरणों में चिन्हों की जरूरत नही होती है। अंग्रेजी में, शब्द ‘‘कि’’ एक अप्रत्यक्ष उद्धरण को दिखा सकता है। निम्नलिखित उदाहरण में, ‘‘कि’’ के बाद के सभी शब्द अप्रत्यक्ष उद्धरण हैं जिसे संदेशवाहक ने राजा से कहे। उस अप्रत्यक्ष उद्धरण के अंदर, शब्द ‘‘और के साथ कुछ और भी प्रत्यक्ष उद्धरण भी दिए गए हैं
निम्नलिखित उदाहरण में, ‘‘कि’’ के बाद के वे सभी कथन अप्रत्यक्ष हैं जो संदेशवाहक ने राजा से कहे। उस अप्रत्यक्ष उद्धरण के अंदर, ‘‘और’’ शब्द के साथ कुद प्रत्यक्ष उद्धरण भी होते हैं। > उन्होंने उससे कहा कि, "एक मनुष्य उनसे मिलने आया, और कहा, ‘जिस राजा ने तुमको भेजा उसके पास लौटकर कहो, "यहोवा यों कहता है: 'क्या इस्राएल में कोर्इ परमेश्वर नहीं जो तू एक्रोन के बालजबूब देवता से पूछने को भेजता है? इस कारण जिस पलंग पर तू पड़ा है, उस पर से कभी न उठेगा, परन्तु मर ही जाएगा।’“ ‘“ (2 राजा 1:6 ULT)
> उन्होंने उससे कहा, ‘‘एक मनुष्य हमसे मिलने को आया, और कहा, जिस राजा ने तुमको भेजा उसके पास लौटकर कहो, ‘‘यहोवा यों कहता है: क्या इस्राएल में कोर्इ परमेश्वर नहीं जो तू एक्रोन के बालजबूब देवता से पूछने को भेजता है? इस कारण जिस पलंग पर तू पड़ा है, उस पर से कभी न उठेगा, परन्तु मर ही जाएगा। (2 राजा 1:5-6 ULB) > उन्होंने उसे बताया ***कि*** एक मनुष्य उनसे मिलने आया, और कहा, "जिस राजा ने तुमको भेजा उसके पास लौटकर कहो, 'यहोवा यों कहता है: "क्या इस्राएल में कोर्इ परमेश्वर नहीं जो तू एक्रोन के बालजबूब देवता से पूछने को भेजता है? इस कारण जिस पलंग पर तू पड़ा है, उस पर से कभी न उठेगा, परन्तु मर ही जाएगा।”‘“
* उन्होंने उससे कहा <u>कि</u> एक मनुष्य उनसे मिलने आया, और कहा, ‘जिस राजा ने तुमको भेजा उसके पास लौटकर कहो, ‘यहोवा यों कहता है: ‘‘क्या इस्राएल में कोर्इ परमेश्वर नहीं जो तू एक्रोन के बालजबूब देवता से पूछने को भेजता है? इस कारण जिस पलंग पर तू पड़ा है, उस पर से कभी न उठेगा, परन्तु मर ही जाएगा।’’ (3) यदि कोर्इ उद्धरण बहुत अधिक लंबा है और उसमें चिन्हों की कर्इ परते हैं, तो पूरी तरह से नए उद्धरण चिन्ह का उपयोग करें और इसके भीतर ही प्रत्यक्ष उद्धरण के लिए उद्धरण चिह्नों का उपयोग करें।
1. यदि कोर्इ उद्धरण बहुत लंबा है और उसमें चिन्हों की कर्इ परते हैं, तो एकदम नए उद्धरण चिन्ह का उपयोग करें और केवल प्रत्यक्ष उद्धरणों में ही उद्धरण चिन्हों का उपयोग करें > उन्होंने उससे कहा, ‘‘एक मनुष्य हमसे मिलने को आया, और कहा, ‘जिस राजा ने तुमको भेजा उसके पास लौटकर कहो, ‘‘यहोवा यों कहता है: ‘क्या इस्राएल में कोर्इ परमेश्वर नहीं जो तू एक्रोन के बालजबूब देवता से पूछने को भेजता है? इस कारण जिस पलंग पर तू पड़ा है, उस पर से कभी न उठेगा, परन्तु मर ही जाएगा।’‘‘‘‘‘ (2 राजा 1:5-6 ULT)
> उन्होंने उससे कहा, ‘‘एक मनुष्य हमसे मिलने को आया, और कहा, ‘जिस राजा ने तुमको भेजा उसके पास लौटकर कहो, ‘‘यहोवा यों कहता है: ‘क्या इस्राएल में कोर्इ परमेश्वर नहीं जो तू एक्रोन के बालजबूब देवता से पूछने को भेजता है? इस कारण जिस पलंग पर तू पड़ा है, उस पर से कभी न उठेगा, परन्तु मर ही जाएगा।’ (2 राजा 1:5-6 ULB) >> उन्होंने उससे कहा,
>>> एक मनुष्य उनसे मिलने आया, और कहा, "जिस राजा ने तुमको भेजा उसके पास लौटकर कहो, ‘यहोवा यों कहता है: ‘‘क्या इस्राएल में कोर्इ परमेश्वर नहीं जो तू एक्रोन के बालजबूब देवता से पूछने को भेजता है? इस कारण जिस पलंग पर तू पड़ा है, उस पर से कभी न उठेगा, परन्तु मर ही जाएगा। ”‘“
* उन्होंने उससे कहा,
* एक मनुष्य उनसे मिलने आया, और कहा, ‘जिस राजा ने तुमको भेजा उसके पास लौटकर कहो, ‘यहोवा यों कहता है: ‘‘क्या इस्राएल में कोर्इ परमेश्वर नहीं जो तू एक्रोन के बालजबूब देवता से पूछने को भेजता है?
इस कारण जिस पलंग पर तू पड़ा है, उस पर से कभी न उठेगा, परन्तु मर ही जाएगा।’’

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### विवरण ### वर
कुछ भाषाओं में "आप" का **एकवचनीय**रूप होता है जब शब्द "आप" केवल एक व्यक्ति को सन्दर्भित करता है, और एक**बहुवचन**रूप जब शब्द "आप" एक से अधिक व्यक्ति को सन्दर्भित करता है। कुछ भाषाओं में "आप" का **एकवचनीय** रूप होता है जब शब्द "आप" केवल एक व्यक्ति को सन्दर्भित करता है, और एक ** बहुवचन** रूप जब शब्द "आप" एक से अधिक व्यक्ति को सन्दर्भित करता है। कुछ भाषाओं में "आप" का एक **द्विवचनीय** रूप भी होता है जब शब्द "आप" केवल दो लोगों को सन्दर्भित करता है। जो अनुवादक इन भाषाओं में से किसी एक को बोलते हैं, उन्हें सदैव यह जानने की आवश्यकता होगी कि वक्ता का अर्थ क्या है ताकि वे अपनी भाषा में शब्द "आप" के लिए सही शब्द को चुन सकें। अंग्रेजी जैसी अन्य भाषाओं में केवल एक ही रूप होता है, जिसे लोग इस बात पर ध्यान दिए बिना कि कितने लोगों को यह सन्दर्भित करता है, उपयोग करते हैं।
कुछ भाषाओं में "आप" का एक**द्विवचनीय**रूप भी होता है जब शब्द "आप" केवल दो लोगों को सन्दर्भित करता है। बाइबल सबसे पहले इब्रानी, अरामी और यूनानी भाषाओं में लिखी गई थी। इन भाषाओं में शब्द "आप" के एकवचन और "आप" के बहुवचन रूप भी पाए जाते हैं। जब हम उन भाषाओं में बाइबल पढ़ते हैं, तो सर्वनाम और क्रिया के रूप हमें दिखाते हैं कि शब्द "आप" एक व्यक्ति या एक से अधिक व्यक्ति को सन्दर्भित करता है। यद्यपि, वे हमें नहीं दिखाते हैं कि क्या यह केवल दो लोगों या दो से अधिक लोगों को सन्दर्भित करता है। जब सर्वनाम हमें यह नहीं दिखाते हैं कि शब्द "आप" कितने लोगों को सन्दर्भित करता है, तो हमें यह देखने के लिए सन्दर्भ देखने की आवश्यकता पड़ती है कि वक्ता कितने लोग बात कर रहे थे
अनुवादक जो इन भाषाओं में से किसी एक को बोलते हैं, उन्हें सदैव यह जानने की आवश्यकता होगी कि वक्ता का अर्थ क्या है, ताकि वे अपनी भाषा में शब्द "आप" के लिए सही शब्द को चुन सकें। ### कारण यह अनुवाद की समस्या है
अंग्रेजी जैसी अन्य भाषाओं में केवल एक ही रूप होता है, जिसे लोग इस बात पर ध्यान दिए बिना कि कितने लोगों को यह सन्दर्भित करता है, उपयोग करते हैं। बाइबल सबसे पहले इब्रानी, अरामी और यूनानी भाषाओं में लिखी गई थी। इन भाषाओं में शब्द "आप" के एकवचन रूप है और "आप" के बहुवचन रूप भी हैं। जब हम उन भाषाओं में बाइबल पढ़ते हैं, तो सर्वनाम और क्रिया के रूप हमें दिखाते हैं कि "आप" शब्द एक व्यक्ति या एक से अधिक व्यक्ति को सन्दर्भित करता है। * अनुवादक जो एक ऐसी भाषा बोलते हैं जिसमें "आप" के भिन्न एकवचनी, द्विवचनीय और बहुवचनीय रूप होते हैं, उन्हें सदैव यह जानने की आवश्यकता होगी कि वक्ता का अर्थ क्या है, ताकि वे अपनी भाषा में "आप" के लिए सही शब्द का चुनाव कर सकें।
* कर्ता के एकवचन या बहुवचन रूप होते है या नहीं, इस पर निर्भर करते हुए कई भाषाओं में क्रिया के विभिन्न रूप भी होते हैं। इसलिए यदि किसी भाषा में सर्वनाम का अर्थ "आप" है, तो इन भाषाओं के अनुवादकों को यह जानने की आवश्यकता होगी कि क्या वक्ता एक व्यक्ति या एक से अधिक का वर्णन कर रहा था।
यद्यपि, वे हमें नहीं दिखाते हैं कि क्या यह केवल दो लोगों या दो से अधिक लोगों को सन्दर्भित करता है। जब सर्वनाम हमें नहीं दिखाते हैं कि "आप" शब्द कितने लोगों को सन्दर्भित करता है, तो हमें यह देखने के लिए सन्दर्भ देखने की आवश्यकता है कि वक्ता कितने लोग बात कर रहे थे। अक्सर सन्दर्भ यह स्पष्ट कर देगा कि शब्द "आप" एक व्यक्ति या एक से अधिक सन्दर्भित करता है या नहीं। यदि आप वाक्य में अन्य सर्वनामों को देखते हैं, तो वे आपको यह जानने में सहायता करेंगे कि वक्ता कितने लोग सम्बोधित कर रहे थे।
#### इसका कारण यह अनुवाद का एक विषय है
* अनुवादक जो एक ऐसी भाषा बोलते हैं, जिसमें "आप" के भिन्न एकवचनी, द्विवचनीय और बहुवचनीय रूप होते हैं, उन्हें सदैव यह जानने की आवश्यकता होगी कि वक्ता का अर्थ क्या है, ताकि वे अपनी भाषा में "आप" के लिए सही शब्द चुन सकें।
* कर्ता के एकवचन या बहुवचन रूप होते है या नहीं, इस पर निर्भर करते हुए कई भाषाओं में क्रिया के विभिन्न रूप भी होते हैं। इसलिए यदि किसी भाषा में सर्वनाम अर्थ को देने वाला "आप" है, तो इन भाषाओं के अनुवादकों को यह जानने की आवश्यकता होगी कि क्या वक्ता एक व्यक्ति या एक से अधिक का वर्णन कर रहा था।
अक्सर सन्दर्भ यह स्पष्ट कर देगा कि "आप" शब्द एक व्यक्ति या एक से अधिक सन्दर्भित करता है या नहीं। यदि आप वाक्य में अन्य सर्वनामों को देखते हैं, तो वे आपको यह जानने में सहायता करेंगे कि वक्ता कितने लोग सम्बोधित कर रहे थे।
### बाइबल से उदाहरण ### बाइबल से उदाहरण
> <u> जब्दी के पुत्र याकूब और यूहन्ना </u> उसके पास आए और कहा, "गुरुजी, हम चाहते हैं कि आप हमारे लिए वह करें, जो हम आपसे मांगते हैं।" उसने [यीशु] उनसे कहा, "तुम <u> मुझ से </u> क्या चाहते हो कि मैं <u> तुम्हारे </u> लिए करूँ?" (मरकुस 10:35-36 यूएलबी) > जब्दी के पुत्र ***याकूब और यूहन्ना*** उसके पास आए और कहा, "गुरुजी, हम चाहते हैं कि आप हमारे लिए वह करें, जो हम आपसे मांगते हैं।" उसने [यीशु] उनसे कहा, "***तुम*** मुझ से क्या चाहते हो कि मैं ***तुम्हारे*** लिए करूँ?" (मरकुस 10:35-36 ULT)
यीशु **दोनों** याकूब और यूहन्ना से पूछ रहा है, कि वे क्या चाहते हैं कि वह उनके लिए करे। यीशु **दोनों**, याकूब और यूहन्ना से पूछ रहा है, कि वे क्या चाहते हैं कि वह उनके लिए करे। यदि लक्षित भाषा में "आप" का **द्विवचनीय** रूप है, तो इसका उपयोग करें। यदि लक्षित भाषा में द्विवचनीय रूप नहीं है, तो बहुवचनीय रूप ही उपयुक्त होगा।
यदि लक्षित भाषा में "आप" का **द्विवचनीय**रूप है, तो इसका उपयोग करें। यदि लक्षित भाषा में द्विवचनीय रूप नहीं है, तो बहुवचनीय रूप ही उपयुक्त होगा। >… और यीशु ने अपने दो शिष्यों को भेजा और उनसे कहा, "हमारे सामने वाले गाँव में जाओ। जैसे ही ***तुम*** इसमें प्रवेश करो, ***तुम्हें*** एक गदही का बच्चा मिलेगा जिस पर कोई कभी भी सवार नहीं हुआ है। उसे खोलो और उसे मेरे पास लाओ। (मरकुस 11:1-2 ULT)
> ... और यीशु ने अपने दो शिष्यों को भेजा और उनसे कहा, "हमारे सामने वाले गाँव में जाओ। जैसे ही <u> तुम </u> इसमें प्रवेश करो, <u> तुम्हें </u> को एक गदही का बच्चा मिलेगा जिस पर कोई कभी भी सवार नहीं हुआ है। उसे खोलो और उसे मेरे पास लाओ। (मरकुस 11:1-2 यूएलबी) सन्दर्भ यह स्पष्ट करता है कि यीशु **दोनों** को सम्बोधित कर रहा है। यदि लक्षित भाषा में "आप" का **द्विवचनीय** रूप है, तो उसका उपयोग करें। यदि लक्षित भाषा में द्विवचनीय रूप नहीं है, तो बहुवचनीय रूप ही उपयुक्त होगा।
सन्दर्भ यह स्पष्ट करता है कि यीशु **दोनों** को सम्बोधित कर रहा है। > याकूब, परमेश्वर और प्रभु यीशु मसीह का एक सेवक, बिखरे हुए बारह गोत्रों को, नमम्कार। हे मेरे भाइयों, इसे आनन्द की बात समझो कि, जब ***तुम*** विभिन्न प्रकार की परेशानियों का अनुभव, यह जानते हुए करते हो कि ***तुम्हारे*** विश्वास की परीक्षा धीरज को उत्पन्न करता है। (याकूब 1:1-3 ULT)
यदि लक्षित भाषा में "आप" का **द्विवचनीय**रूप है, तो उसका उपयोग करें। यदि लक्षित भाषा में द्विवचनीय रूप नहीं है, तो बहुवचनीय रूप ही उपयुक्त होगा। याकूब ने इस पत्र को कई लोगों को लिखा है, इसलिए शब्द "तुम" कई लोगों को सन्दर्भित करता है। यदि लक्षित भाषा में "तुम" का **बहुवचनीय** रूप है, तो इसका उपयोग करना ही ज्यादा अच्छा होगा।
> याकूब, परमेश्वर और प्रभु यीशु मसीह का एक सेवक, बिखरे हुए बारह गोत्रों को, नमम्कार। हे मेरे भाइयों, इसे आनन्द की बात समझो कि, जब <u> तुम </u> विभिन्न प्रकार की परेशानियों का अनुभव, यह जानते हुए करते हो कि <u> तुम्हारे </u> विश्वास की परीक्षा धीरज को उत्पन्न करता है। (याकूब 1:1-3 यूएलबी)
याकूब ने इस पत्र को कई लोगों को लिखा है, इसलिए शब्द "तुम" कई लोगों को सन्दर्भित करता है। यदि लक्षित भाषा में "तुम" का **बहुवचनीय**रूप है, तो इसका उपयोग करना ही सबसे अच्छा होगा।
### यह जानने के लिए रणनीतियाँ कि "आप" कितने लोगों के लिए सन्दर्भित है ### यह जानने के लिए रणनीतियाँ कि "आप" कितने लोगों के लिए सन्दर्भित है
1. यह देखने के लिए नोट्स देखें कि क्या वे बताते हैं कि “आप” एक व्यक्ति या एक से अधिक व्यक्ति को सन्दर्भित करता है या नहीं। 1. यह देखने के लिए नोट्स देखें कि क्या वे बताते हैं कि “आप” एक व्यक्ति या एक से अधिक व्यक्ति को सन्दर्भित करता है या नहीं।
1. इसे देखने के लिए यूडीबी अनुवाद देखें कि क्या यह ऐसा कुछ कहता है, जो आपको दिखाए कि शब्द "आप" एक व्यक्ति या एक से अधिक व्यक्ति को सन्दर्भित करता है या नहीं। 1. इसे देखने के लिए यूएसटी अनुवाद देखें कि क्या यह ऐसा कुछ कहता है, जो आपको दिखाए कि शब्द "आप" एक व्यक्ति या एक से अधिक व्यक्ति को सन्दर्भित करता है या नहीं।
1. यह देखने के लिए सन्दर्भ देखें कि वक्ता कितने लोग बात कर रहे थे और किसने उत्तर दिया था 1. यदि आपके पास बाइबल है जो उस भाषा में लिखी गई है जो एक वचनीय "आप" को बहुवचनीय से "आप" अलग करती है, तो देखें कि "आप" का कौन-सा रूप बाइबल के वाक्य में है
1. इसे देखने के लिए सन्दर्भ देखें कि वक्ता किससे बात कर रहा था और किसने उत्तर दिया था। 1. इसे देखने के लिए सन्दर्भ देखें कि वक्ता किससे बात कर रहा था और किसने उत्तर दिया था।
आप http://ufw.io/figs_youdual पर दिया गया वीडियो भी देखना चाहेंगे। आप http://ufw.io/figs_youdual पर दिया गया वीडियो भी देखना चाहेंगे।

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### विवरण ### वर
इन भाषाओं में**एकवचन** “आप” शब्द “तुम” के रूप में है जब केवल एक व्यक्ति को सन्दर्भित किया जाता है, और**बहुवचन** शब्द शब्द “तुम्हारे” के रूप में है जब एक से अधिक व्यक्ति को सन्दर्भित किया जाता है। कुछ भाषाओं में शब्द आप **एकवचन** “तुम” के रूप में पाए जाता है जब केवल एक व्यक्ति को सन्दर्भित किया जाता है, और शब्द आप **बहुवचन**  “तुम्हारे” या आपके के रूप में पाया जाता है जब एक से अधिक व्यक्ति को सन्दर्भित किया जाता है। जो अनुवादक इन भाषाओं में से किसी एक को बोलते हैं, उन्हें सदैव यह जानने की आवश्यकता होगी कि वक्ता का अर्थ क्या है, ताकि वे अपनी भाषा में शब्द "आप" के लिए सही शब्द का चुनाव कर सकें। अंग्रेजी जैसी अन्य भाषाओं में इसका केवल एक ही रूप होता है, जिसे लोग इस बात पर ध्यान दिए बिना कि कितने लोगों को यह सन्दर्भित करता है, उपयोग करते हैं।
अनुवादक जो इन भाषाओं में से किसी एक को बोलते हैं, उन्हें सदैव यह जानने की आवश्यकता होगी कि वक्ता का अर्थ क्या है, ताकि वे अपनी भाषा में शब्द "आप" के लिए सही शब्द को चुन सकें बाइबल सबसे पहले इब्रानी, अरामी और यूनानी भाषाओं में लिखी गई थी। इन भाषाओं में शब्द "आप" के एकवचनी रूप मिलते है और "आप" के बहुवचन रूप भी मिलते हैं। जब हम उन भाषाओं में बाइबल पढ़ते हैं, तो सर्वनाम और क्रिया के रूप हमें दिखाते हैं कि शब्द "आप" एक व्यक्ति या एक से अधिक व्यक्ति को सन्दर्भित करता है। जब हम ऐसी भाषा में बाइबल पढ़ते हैं जिसमें आप के भिन्न रूप नहीं होते हैं, तो हमें यह देखने के लिए सन्दर्भ की आवश्यकता पड़ती है कि वक्ता कितने लोग बात कर रहे थे
अंग्रेजी जैसी अन्य भाषाओं में केवल एक ही रूप होता है, जिसे लोग इस बात पर ध्यान दिए बिना कि कितने लोगों को यह सन्दर्भित करता है, उपयोग करते हैं। ### कारण यह अनुवाद की समस्या है
बाइबल सबसे पहले इब्रानी, अरामी और यूनानी भाषाओं में लिखी गई थी।
इन भाषाओं में शब्द "आप" के एकवचन रूप है और "आप" के बहुवचन रूप भी हैं।
जब हम उन भाषाओं में बाइबल पढ़ते हैं, तो सर्वनाम और क्रिया के रूप हमें दिखाते हैं कि "आप" शब्द एक व्यक्ति या एक से अधिक व्यक्ति को सन्दर्भित करता है।
जब हम ऐसी भाषा में बाइबल पढ़ते हैं जिसमें आप के भिन्न रूप नहीं होते हैं, तो हमें यह देखने के लिए सन्दर्भ की आवश्यकता है कि वक्ता कितने लोग बात कर रहे थे।
#### इसका कारण यह अनुवाद का एक विषय है
* अनुवादक जो ऐसी भाषा बोलते हैं, जिसमें "आप" के भिन्न एकवचनीय और बहुवचनीय रूप होते हैं, उन्हें सदैव यह जानने की आवश्यकता होगी कि वक्ता का अर्थ क्या है, ताकि वे अपनी भाषा में "आप" के लिए सही शब्द चुन सकें। * अनुवादक जो ऐसी भाषा बोलते हैं, जिसमें "आप" के भिन्न एकवचनीय और बहुवचनीय रूप होते हैं, उन्हें सदैव यह जानने की आवश्यकता होगी कि वक्ता का अर्थ क्या है, ताकि वे अपनी भाषा में "आप" के लिए सही शब्द चुन सकें।
* कर्ता के एकवचन या बहुवचन रूप होते है या नहीं, इस पर निर्भर करते हुए कई भाषाओं में क्रिया के विभिन्न रूप भी होते हैं। * कर्ता के एकवचन या बहुवचन रूप होते है या नहीं, इस पर निर्भर करते हुए कई भाषाओं में क्रिया के विभिन्न रूप भी होते हैं। इसलिए यदि "आप" का कोई सर्वनाम नहीं है, तो इन भाषाओं के अनुवादकों को यह जानने की आवश्यकता होगी कि क्या वक्ता एक व्यक्ति या एक से अधिक का वर्णन कर रहा था।
इसलिए यदि "आप" का कोई सर्वनाम नहीं है, तो इन भाषाओं के अनुवादकों को यह जानने की आवश्यकता होगी कि क्या वक्ता एक व्यक्ति या एक से अधिक का वर्णन कर रहा था। अक्सर सन्दर्भ यह स्पष्ट कर देगा कि "आप" शब्द एक व्यक्ति या एक से अधिक सन्दर्भित करता है या नहीं। यदि आप वाक्य में अन्य सर्वनामों को देखते हैं, तो वे आपको वक्ता से बात करने वाले लोगों की सँख्या जानने में सहायता करेंगे। कभी-कभी यूनानी और इब्रानी वक्ताओं ने "आप" एकवचन का उपयोग किया, चाहे वे लोगों के समूह से ही बात क्यों न कर रहे थे। अक्सर सन्दर्भ यह स्पष्ट कर देगा कि शब्द "आप" एक व्यक्ति या एक से अधिक को सन्दर्भित करता है या नहीं। यदि आप वाक्य में अन्य सर्वनामों को देखते हैं, तो वे आपको वक्ता से बात करने वाले लोगों की सँख्या जानने में सहायता करेंगे।
कभी-कभी यूनानी और इब्रानी वक्ताओं ने "आप" के एकवचनीय रूप का उपयोग किया होता है चाहे वे लोगों के समूह से ही बात क्यों न कर रहे थे। देखें ['आप' के रूप - एक भीड़ के लिए एकवचन](../figs-youcrowd/01.md).)
देखें ['आप' के रूप - एक भीड़ के लिए एकवचन](../figs-youcrowd/01.md)
### बाइबल से उदाहरण ### बाइबल से उदाहरण
> शासक ने कहा, "मैं अपने युवकपन से ही, इन सभी बातों का पालन करता आया हूँ।" जब यीशु ने यह सुना, तो उसने उससे कहा, "<u> तुझ </u> में एक बात की अभी भी कमी है। <U> तूझे </u> अपना सब कुछ बेच देना चाहिए और उसे गरीबों को वितरित कर देना चाहिए, और तब <u> तुझे </u> स्वर्ग में खजाना प्राप्त होगा-और आ, मेरे पीछे चलने लग जा।” (लूका 18:21, 22 यूएलबी) > शासक ने कहा, "मैं अपने युवकपन से ही, इन सभी बातों का पालन करता आया हूँ।" जब यीशु ने यह सुना, तो उसने उससे कहा, "***तुझ*** में एक बात की अभी भी कमी है। ***तूझे*** अपना सब कुछ बेच देना चाहिए और उसे गरीबों को वितरित कर देना चाहिए, और तब ***तुझे*** स्वर्ग में खजाना प्राप्त होगा-और आ, मेरे पीछे चलने लग जा।” (लूका 18:21, 22 ULT)
जब शासक ने "मैं" कहा तो वह स्वयं के बारे में बात कर रहा था यह हमें दिखाता है कि जब यीशु ने "तुझे" कहा तो वह केवल शासक का वर्णन कर रहा था। इसलिए जिन भाषाओं में "तुझ" के एकवचन और बहुवचन रूप हैं, उनका यहाँ एकवचन रूप होगा। जब शासक ने "मैं" कहा तो वह स्वयं के बारे में बात कर रहा था यह हमें दिखाता है कि जब यीशु ने "तुझे" कहा तो वह केवल शासक का वर्णन कर रहा था। इसलिए जिन भाषाओं में "तुझ" के एकवचनीय और बहुवचनीय रूप होते हैं, उनका यहाँ एकवचनीय रूप होगा।
> स्वर्गदूत ने उससे कहा, "***अपने*** कपड़े पहिन और ***अपनी*** जुत्ते पहिन ले।" पतरस ने ऐसा ही किया। स्वर्गदूत ने उससे कहा, "***अपने*** बाहरी वस्त्र पहिन और मेरे पीछे आ।" तब पतरस स्वर्गदूत के पीछे हो लिया और बाहर चला गया। (प्रेरितों 12:8, ULT)
> स्वर्गदूत ने उससे कहा, "<u> अपने </u> कपड़े पहिन और <u> अपनी </u> जुत्ते पहिन ले।" पतरस ने ऐसा ही किया। स्वर्गदूत ने उससे कहा, "<u>अपने</u> बाहरी वस्त्र पहिन और मेरे पीछे आ।" तब पतरस स्वर्गदूत के पीछे हो लिया और बाहर चला गया। (प्रेरितों 12:8, यूएलबी) सन्दर्भ यह स्पष्ट करता है कि स्वर्गदूत एक व्यक्ति से बात कर रहा था और केवल एक व्यक्ति ने ही कार्य किया जिसे स्वर्गदूत ने आदेश दिया था। इसलिए जिन भाषाओं में "आप" के एकवचनीय और बहुवचनीय रूप मिलते हैं, उनके पास "आप" और "आपके" के लिए एकवचनीय रूप भी होगा। इसके अतिरिक्त, यदि क्रियाओं में एकवचन और बहुवचन कर्ताओं के लिए भिन्न रूप हैं, तब क्रियाओं "कपड़े" और "पहिन" के लिए उस रूप की आवश्यकता होती है जो एकवचनीय विषय को इंगित करती हैं।
सन्दर्भ यह स्पष्ट करता है कि स्वर्गदूत एक व्यक्ति से बात कर रहा था और केवल एक व्यक्ति ने ही कार्य किया जिसे स्वर्गदूत ने आदेश दिया था। > तीतुस को, जो हमारे सामान्य विश्वास में एक सच्चा पुत्र है… इस उद्देश्य के लिए मैंने क्रेते में ***तुझे*** छोड़ा, कि ***तू*** उन बातों को सही कर सके, जो अभी तक पूर्ण नहीं हुई हैं, और हर शहर में बुजुर्गों को निर्देशित करे, जैसा मैंने ***तुझे*** निर्देश दिया है।… परन्तु ***तू***, वही कह जो शुद्ध शिक्षा से सहमत हो। (तीतुस 1:4,5; 2:1 ULT)
इसलिए जिन भाषाओं में "आप" के एकवचन और बहुवचन रूप हैं, उनके पास "आप" और "आपके" के लिए एकवचन रूप होगा।
इसके अतिरिक्त, यदि क्रियाओं में एकवचन और बहुवचन कर्ताओं के लिए भिन्न रूप हैं, तो क्रियाएँ "कपड़े" और "पहिन" क्रियाओं को "आप" एकवचन के रूप की आवश्यकता होगी।
> तीतुस को, जो हमारे सामान्य विश्वास में एक सच्चा पुत्र है... इस उद्देश्य के लिए मैंने क्रेते में <u> तुझे </u> छोड़ा, कि <u> तू </u> उन बातों को सही कर सके, जो अभी तक पूर्ण नहीं हुई हैं, और हर शहर में बुजुर्गों को निर्देशित करे, जैसा मैंने <u> तूझे </u > निर्देश दिया है।... परन्तु <u> तू </u>, वही कह जो शुद्ध धर्मसिद्धान्त से सहमत हो। (तीतुस 1:4,5; 2:1 यूएलबी)
पौलुस ने यह पत्र एक व्यक्ति, तीतुस को लिखा था। अधिकांश समय इस पत्र में शब्द "तू" केवल तीतुस को सन्दर्भित करता है। पौलुस ने यह पत्र एक व्यक्ति, तीतुस को लिखा था। अधिकांश समय इस पत्र में शब्द "तू" केवल तीतुस को सन्दर्भित करता है।
### यह जानने के लिए रणनीतियाँ कि “आप” कितने लोगों के लिए सन्दर्भित है #### यह जानने के लिए रणनीतियाँ कि “आप” कितने लोगों के लिए सन्दर्भित है
1. यह देखने के लिए नोट्स देखें कि क्या वे बताते हैं कि "आप" एक व्यक्ति या एक से अधिक व्यक्ति को सन्दर्भित करता है या नहीं। 1. यह देखने के लिए नोट्स देखें कि क्या वे बताते हैं कि "आप" एक व्यक्ति या एक से अधिक व्यक्ति को सन्दर्भित करता है या नहीं।
1. इसे देखने के लिए यूडीबी अनुवाद देखें कि क्या यह ऐसा कुछ कहता है, जो आपको दिखाए कि शब्द “आप” एक व्यक्ति या एक से अधिक व्यक्ति को सन्दर्भित करता है या नहीं। 1. इसे देखने के लिए यूएसटी अनुवाद देखें कि क्या यह ऐसा कुछ कहता है, जो आपको दिखाए कि शब्द “आप” एक व्यक्ति या एक से अधिक व्यक्ति को सन्दर्भित करता है या नहीं।
1. यह देखने के लिए सन्दर्भ देखें कि वक्ता कितने लोग बात कर रहे थे और किसने उत्तर दिया था 1. यदि आपके पास बाइबल है, जोकि ऐसी भाषा में लिखी गई है जो एकवचनीय "आप" को बहुवचनीय "आप" से अलग करती है, तो देखें कि "आप" का कौन सा रूप है जिसमें इसका उपयोग बाइबल के उस वाक्य में किया गया है
1. यह देखने के लिए सन्दर्भ देखें कि वक्ता कितने लोग बात कर रहे थे और किसने उत्तर दिया था। 1. यह देखने के लिए सन्दर्भ देखें कि वक्ता कितने लोग बात कर रहा था और किसने उत्तर दिया था।
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## समय-के-संबंध
कुछ संयोजक मूलपाठ की सामग्री में दो वाक्यांशों, खण्डवाक्यों, वाक्यों के बीच समय संबंध स्थापित करते हैं।
### अनुक्रमिक खण्डवाक्य
### परिभाषा
एक अनुक्रमिक खण्डवाक्य एक ऐसा समय संबंध है जो दो घटनाओं को आपस में जोड़ता है जिसमें पहले एक घटित होती है और तत्पश्चात् दूसरी।
### कारण यह अनुवाद की समस्या है
भाषाएँ विभिन्न तरीकों से घटनाओं के घटित होने के अनुक्रम को दर्शाती हैं; कुछ एक के बाद दूसरी घटना के घटने की व्यवस्था को, कुछ शब्दों को जोड़ने का उपयोग करती हैं, तो कुछ भी संबंधात्मक काल का उपयोग करती हैं। अनुक्रम को इंगित करने वाले शब्द "तब", "पश्चात्", "इसके बाद", "तत्पश्चात्", "इससे पहले", "पहले", और "जब" जैसे शब्द हैं। अनुवादकों को निश्चित होना चाहिए कि वे घटनाओं के क्रम को इस तरह से व्यवस्थित करें जो कि उनकी भाषा में स्वाभाविक हो। इसके लिए मूल भाषाओं की तुलना में भिन्न खण्डवाक्यों की व्यवस्था को देने की आवश्यकता हो सकती है।
#### ओबीएस और बाइबल से उदाहरण
> ***जब*** यूसुफ अपने भाइयों के पास आया, तो उन्होंने उसका अपहरण कर लिया और उसे दास व्यापार करने वाले कुछ व्यापारियों को बेच दिया। (ओबीएस कहानी 8 खण्ड 2)
पहले यूसुफ अपने भाइयों के पास आया और फिर उन्होंने उसका अपहरण कर उसे बेच दिया। हम इसे संयोजक शब्द ***जब*** के कारण जानते हैं। अनुवादक को इस अनुक्रम को स्पष्ट और सही ढंग से संप्रेषित करने का सबसे अच्छा तरीका निर्धारित करना होगा।
> अतः मैं वह छोटी पुस्तक उस स्वर्गदूत के हाथ से लेकर खा गया। वह मेरे मुँह में मधु जैसी मीठी तो लगी, पर जब मैं उसे खा गया, ***तो*** मेरा पेट कड़वा हो गया। (प्रकाशितवाक्य 10:10 ULT)
पहले खण्डवाक्य की घटना पहले घटित हो जाती है, और अंतिम खण्डवाक्य की घटना इसके बाद में घटित होती है। इसे हम संयोजक शब्द, ***तो*** के कारण जानते हैं। अनुवादक को इस अनुक्रम को स्पष्ट और सही ढंग से संप्रेषित करने का सबसे अच्छा तरीका निर्धारित करना होगा।
> क्योंकि ***उससे पहले*** कि वह लड़का बुरे को त्यागना और भले को ग्रहण करना जाने, वह देश जिसके दोनों राजाओं से तू घबरा रहा है निर्जन हो जाएगा। (यशायाह 7:16 ULT)
पहले खण्डवाक्य की घटना दूसरे खण्डवाक्य की घटना के बाद घटित होती है। पहले वे जिस भूमि से डरते हैं वह उजाड़ हो जाएगी और फिर लड़के को बुराई को त्यागना और भले को चुनने का पता चलेगा। हम इसे संयोजक शब्द *** उससे पहले*** के कारण जानते हैं। यद्यपि, इस अनुक्रम में खण्डवाक्य को आरम्भ करना आपकी भाषा में घटनाओं के गलत अनुक्रम की व्यवस्था को दे सकता है। अनुवादक को व्यवस्था को बदलना पड़ सकता है ताकि खंडवाक्य अपनी व्यवस्था में आए जिसे तरह से उन्हें आना चाहिए। या मूल भाषा पाठ के अनुक्रम को बनाए रखना और अनुक्रम के क्रम को चिह्नित करना संभव हो सकता है ताकि यह पाठकों के लिए स्पष्ट हो। आपको (अनुवादक को) इस अनुक्रम को स्पष्ट और सही ढंग से संप्रेषित करने का सबसे अच्छा तरीका निर्धारित करना होगा।
> उन दिनों में मरियम उठी ***और*** शीघ्र ही पहाड़ी देश में यहूदा के एक नगर को गई, ***और*** जकर्याह के घर में पहुँची ***और*** एलीशिबा को नमस्कार किया। (लूका 1:39-40 ULT)
यहाँ पर सामान्य संयोजक "***और***" चार घटनाओं को एक साथ जोड़ता है। ये अनुक्रमिक घटनाएँ हैं - प्रत्येक के बाद दूसरी घटित होती है। हम यह जानते हैं क्योंकि यही एकमात्र तरीका है जिससे ये घटनाएँ घटित हुई होंगी। इसलिए अंग्रेजी में, सामान्य संयोजक, "और", इन जैसी घटनाओं के अनुक्रम को स्पष्ट करने के लिए पर्याप्त है। आपको यह निर्धारित करने की आवश्यकता पड़ेगी कि क्या यह आपकी भाषा में भी इस अनुक्रम को स्पष्ट और सही ढंग से संप्रेषित करता है।
### अनुवाद रणनीतियाँ
यदि आपकी भाषा में घटनाओं का अनुक्रम स्पष्ट है, तो अनुक्रम को उसी रूप में अनुवादित करें।
1. यदि संयोजक शब्द स्पष्ट नहीं है, तो ऐसे संयोजक शब्द का उपयोग करें जो अनुक्रम को अधिक स्पष्ट रूप से संचार करता है।
1. यदि खण्डवाक्य एक अनुक्रम में हैं जो अनुक्रम को अस्पष्ट बनाता है, तो खण्डवाक्य को ऐसे अनुक्रम में रखें जो अधिक स्पष्ट हो।
### अनुवाद रणनीतियों के प्रयोग के उदाहरण
(1) यदि संयोजक शब्द स्पष्ट नहीं है, तो ऐसे संयोजक शब्द का उपयोग करें जो अनुक्रम को अधिक स्पष्ट रूप से संचार करता है।
> उन दिनों में मरियम उठी ***और*** शीघ्र ही पहाड़ी देश में यहूदा के एक नगर को गई, ***और*** जकर्याह के घर में पहुँची ***और*** एलीशिबा को नमस्कार किया। (लूका 1:39-40 ULT)
>> उन दिनों में मरियम उठी। ***तब*** शीघ्र ही पहाड़ी देश में यहूदा के एक नगर को गई। ***तब*** जकर्याह के घर में पहुँची ***और तब*** एलीशिबा को नमस्कार किया।
> क्योंकि ***उससे पहले*** कि वह लड़का बुरे को त्यागना और भले को ग्रहण करना जाने, वह देश जिसके दोनों राजाओं से तू घबरा रहा है निर्जन हो जाएगा। (यशायाह 7:16 ULT)
>> क्योंकि उससे पहले कि वह लड़का बुरे को त्यागना और भले को ग्रहण करना जाने, ***परन्तु उस समय से भी पहले***, वह देश जिसके दोनों राजाओं से तू घबरा रहा है निर्जन हो जाएगा।
(2) यदि खण्डवाक्य एक अनुक्रम में हैं जो अनुक्रम को अस्पष्ट बनाता है, तो खण्डवाक्य को ऐसे अनुक्रम में रखें जो अधिक स्पष्ट हो।
> वह देश जिसके दोनों राजाओं से तू घबरा रहा है निर्जन हो जाएगा ***पहले*** कि वह लड़का बुरे को त्यागना और भले को ग्रहण करना जाने।
घटनाओं के अनुक्रमों के बारे में अधिक जानने के लिए, देखें [घटनाओं का अनुक्रम](../figs-events/01.md).

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### विवरण ### वर
निम्नलिखित शब्द बाइबल में मूल रूप से उपयोग की जाने वाली दूरी या लम्बाई के लिए सबसे सामान्य समाधान हैं। इनमें से अधिकांश हाथ और बाँह की हथेली के आकार पर आधारित हैं। निम्नलिखित शब्द बाइबल में मूल रूप से उपयोग की जाने वाली दूरी या लम्बाई के लिए सबसे सामान्य समाधान हैं। इनमें से अधिकांश हाथ और बाँह की हथेली के आकार पर आधारित हैं।
* **हाथ की दूरी** एक व्यक्ति के हाथ की हथेली की चौड़ाई थी। * **हाथ की दूरी** एक व्यक्ति के हाथ की हथेली की चौड़ाई थी।
* **लम्बाई** या हाथ की लम्बाई उँगलियों को फैलाने के साथ एक व्यक्ति के हाथ की चौड़ाई थी। * **लम्बाई** या हाथ की लम्बाई उँगलियों को फैलाने के साथ एक व्यक्ति के हाथ की चौड़ाई थी।
* **एक हाथ** कोहनी से लेकर सबसे लम्बी उंगली की नोक तक, एक व्यक्ति के बाँहों की हथेली की लम्बाई थी। * **एक हाथ** कोहनी से लेकर सबसे लम्बी उंगली की नोक तक, एक व्यक्ति के बाँहों की हथेली की लम्बाई थी।
* **"लम्बा" हाथ** केवल यहेजकेल 40-48 में उपयोग किया जाता है। * **"लम्बा" हाथ** केवल यहेजकेल 40-48 में उपयोग किया जाता है। यह एक सामान्य हाथ और एक हाथ की दूरी की लम्बाई है।
* **स्टेडीयम** (बहुवचन, **स्टेडिया**) एक निश्चित पैदल दौड़ प्रतिस्पर्धा को सन्दर्भित करता है जो लगभग 185 मीटर लम्बी थी। अंग्रेजी के कुछ पुराने संस्करणों ने इस शब्द को "फर्लोंग" के रूप में अनुवादित किया, जो एक खेती वाले क्षेत्र की औसत लम्बाई को सन्दर्भित करता है।
यह एक सामान्य हाथ और एक हाथ की दूरी की लम्बाई है। नीचे दी गई तालिका में दशमलव मापन विधि के अनुसार माप दिए गए हैं, परन्तु ये बाइबल के समय में उपयोग होते मापों के तुल्य नहीं हैं। बाइबल के समय के माप समय और स्थान के अनुसार सटीक लम्बाई में एक दूसरे भिन्न थे। नीचे समकक्ष औसत माप देने का प्रयास किया गया है।
* **स्टेडीयम** (बहुवचन, **स्टेडिया**) एक निश्चित दौड़ प्रतिस्पर्धा को सन्दर्भित करता है जो लगभग 185 मीटर लम्बी थी।
अंग्रेजी के कुछ पुराने संस्करणों ने इस शब्द को "फर्लोंग" के रूप में अनुवादित किया, जो एक खेती वाले क्षेत्र की औसत लम्बाई को सन्दर्भित करता है।
नीचे दी गई तालिका में दशमलव मापन विधि के अनुसार माप दिए गए हैं, परन्तु ये बाइबल के समय में उपयोग होते मापों के तुल्य नहीं हैं।
बाइबल के समय के माप समय और स्थान के अनुसार सटीक लम्बाई में एक दूसरे भिन्न थे।
नीचे समकक्ष औसत माप देने का प्रयास किया गया है।
| मूल माप | दशमलव आधारित माप | | मूल माप | दशमलव आधारित माप |
| -------- | -------- | | -------- | -------- |
| हाथ की दूरी | 8 सेंटीमीटर | | हाथ की दूरी | 8 सेंटीमीटर |
| लम्बाई | 23 सेंटीमीटर | | लम्बाई | 23 सेंटीमीटर |
| हाथ | 46 सेंटीमीटर | | हाथ | 46 सेंटीमीटर |
| "लम्बी" हाथ | 54 सेंटीमीटर | | "लम्बी" हाथ | 54 सेंटीमीटर |
| स्टेडिया | 185 मीटर | | स्टेडिया | 185 मीटर |
#### अनुवाद के सिद्धान्त ### अनुवाद के सिद्धान्त
1. बाइबल के लोगों ने मीटर, लीटर और किलोग्राम जैसे आधुनिक मापों का उपयोग नहीं किया। मूल मापों का उपयोग करने से पाठकों को यह जानने में सहायता मिल सकती है कि बाइबल वास्तव में बहुत समय पहले लिखा गई थी जब लोग उन मापों का उपयोग करते थे।
1. बाइबल में पाए जाने वाले लोगों ने मीटर, लीटर और किलोग्राम जैसे आधुनिक मापों का उपयोग नहीं किया। मूल मापों का उपयोग करने से पाठकों को यह जानने में सहायता मिल सकती है कि बाइबल वास्तव में बहुत समय पहले लिखी गई थी जब लोग उन मापों का उपयोग करते थे।
1. आधुनिक मापों का उपयोग करने से पाठकों को मूलपाठ को आसानी से समझने में सहायता मिल सकती है। 1. आधुनिक मापों का उपयोग करने से पाठकों को मूलपाठ को आसानी से समझने में सहायता मिल सकती है।
2. आप जिस भी माप का उपयोग करते हैं, पाठ, या फुटनोट अर्थात् पाद टिप्पणी में अन्य प्रकार के मापों के बारे में बताना, यदि सम्भव हो तो ज्यादा अच्छा होगा।
1. जो भी माप आप उपयोग करते हैं, पाठ, या फुटनोट अर्थात् पाद टिप्पणी में अन्य प्रकार के मापों के बारे में बताना, यदि सम्भव हो तो यह अच्छा होगा। 1. यदि आप बाइबल के मापों का उपयोग नहीं करते हैं, तो पाठकों को यह विचार न देने का प्रयास करें कि माप सटीक हैं। उदाहरण के लिए, यदि आप एक वर्ग को ".46 मीटर" या यहाँ तक कि "46 सेंटीमीटर" के रूप में भी अनुवाद करते हैं, तो पाठकों सोच सकते हैं कि माप सटीक है। "आधा मीटर," "45 सेंटीमीटर," या "50 सेंटीमीटर" इत्यादि कहना अधिक सर्वोत्तम होगा।
1. यदि आप बाइबल के मापों का उपयोग नहीं करते हैं, तो पाठकों को यह विचार न देने का प्रयास करें कि माप सटीक हैं। उदाहरण के लिए, यदि आप एक वर्ग को ".46 मीटर" या "46 सेंटीमीटर" के रूप में भी अनुवाद करते हैं, तो पाठकों को लगता है कि माप सटीक है। "आधा मीटर," "45 सेंटीमीटर," या "50 सेंटीमीटर" इत्यादि कहना सर्वोत्तम होगा।
1. कभी-कभी यह दिखाने के लिए शब्द "माप" का उपयोग करने में सहायता मिल सकती है कि माप सटीक नहीं है। उदाहरण के लिए, लूका 24:13 कहता है कि इम्माऊस यरूशलेम से साठ स्टेडिया पर स्थित था। इसका अनुवाद यरूशलेम से "लगभग दस किलोमीटर" के रूप में किया जा सकता है। 1. कभी-कभी यह दिखाने के लिए शब्द "माप" का उपयोग करने में सहायता मिल सकती है कि माप सटीक नहीं है। उदाहरण के लिए, लूका 24:13 कहता है कि इम्माऊस यरूशलेम से साठ स्टेडिया पर स्थित था। इसका अनुवाद यरूशलेम से "लगभग दस किलोमीटर" के रूप में किया जा सकता है।
1. जब परमेश्वर लोगों को बताता हैं कि कितना समय होना चाहिए, और जब लोग उस लम्बाई के अनुसार कामों को करते हैं, तो अनुवाद में इसके "बारे" में उपयोग न करें। अन्यथा यह इस तरह का प्रभाव देगा कि परमेश्वर को सटीकता के साथ सरोकार नहीं है कि वास्तव में कोई समय कितना लम्बा होना चाहिए था। 1. जब परमेश्वर लोगों को बताता हैं कि कितना समय होना चाहिए, और जब लोग उस लम्बाई के अनुसार कामों को करते हैं, तो अनुवाद में इसके "बारे" में उपयोग न करें। अन्यथा यह इस तरह का प्रभाव देगा कि परमेश्वर को सटीकता के साथ सरोकार नहीं है कि वास्तव में कोई समय कितना लम्बा होना चाहिए था।
### अनुवाद की रणनीतियाँ ### अनुवाद रणनीतियाँ
1. यूएलबी अनुवाद से माप का प्रयोग करें। ये वही माप हैं, जिन्हें मूल लेखकों उपयोग किया करते थे। उन्हें ऐसे तरीके से वर्तनी करें जो यूएलबी अनुवाद में ध्वनि देते या वर्तनी के तरीके के समतुल्य हो। (देखें [प्रतिलिपी या उधार शब्दों को लें](../translate-transliterate/01.md)) 1. यूएलटी अनुवाद से माप का प्रयोग करें। ये वही माप हैं, जिन्हें मूल लेखकों उपयोग किया करते थे। उन्हें ऐसे तरीके से वर्तनी में लिखें जो यूएलटी अनुवाद में ध्वनि देते या वर्तनी के तरीके के समतुल्य हो। (देखें [प्रतिलिपी या शब्दों को उधार लें](../translate-transliterate/01.md).)
1. यूएसटी अनुवाद में दिए गए मीट्रिक अर्थात् दशलमव माप का प्रयोग करें। यूएसटी अनुवाद के अनुवादकों ने पहले से ही मीट्रिक पद्धति में मूल्यों को प्रतिनिधित्व करने के बारे में सोचा है।
1. उन मापों का प्रयोग करें जो पहले से ही आपकी भाषा में उपयोग किया जा रहे हैं। ऐसा करने के लिए आपको यह जानना होगा कि आपके माप मीट्रिक पद्धति से कैसे सम्बन्धित हैं और आप प्रत्येक माप को समझते हैं।
1. यूएलटी अनुवाद से माप का उपयोग करें और उन मापों को सम्मिलित करें जिन्हें आपके लोग मूलपाठ या नोट में जानते हैं।
1. आपके लोगों के द्वारा मापने वाले मापों का उपयोग करें, और मूलपाठ में या नोट में यूएलटी अनुवाद से मापों को सम्मिलित करें।
1. यूडीबी अनुवाद में दिए गए मीट्रिक अर्थात् दशलमव माप का प्रयोग करें। यूडीबी अनुवाद के अनुवादकों ने पहले से ही मीट्रिक पद्धति में मूल्यों को प्रतिनिधित्व करने के बारे में सोचा है। ### अनुवाद रणनीतियों के प्रयोग के उदाहरण
1. उन मापों का प्रयोग करें जो पहले से ही आपकी भाषा में उपयोग किया जा रहा है। ऐसा करने के लिए आपको यह जानना होगा कि आपके माप मीट्रिक पद्धति से कैसे सम्बन्धित हैं और आप प्रत्येक माप को समझते हैं। सारी रणनीतियों को नीचे निर्गमन 25:10 पर लागू किया गया है
1. यूएलबी अनुवाद से माप का उपयोग करें और उन मापों को सम्मिलित करें जिन्हें आपके लोग मूलपाठ या नोट में जानते हैं। > **उन्हें बबूल की लकड़ी का एक सन्दूक बनाना है। इसकी लम्बाई ढाई हाथ होनी चाहिए; इसकी चौड़ाई डेढ़ हाथ होगी; और इसकी ऊँचाई डेढ़ हाथ होगी।** (निर्गमन 25:10 ULT)
1. आपके लोगों के द्वारा मापने वाले मापों का उपयोग करें, और मूलपाठ में या नोट में यूएलबी अनुवाद से मापों को सम्मिलित करें। (1) यूएलटी अनुवाद से माप का प्रयोग करें। ये वही माप हैं, जिन्हें मूल लेखकों उपयोग किया करते थे। उन्हें ऐसे तरीके से वर्तनी में लिखें जो यूएलटी अनुवाद में ध्वनि देते या वर्तनी के तरीके के समतुल्य हो। (देखें [प्रतिलिपी या शब्दों को उधार लें](../translate-transliterate/01.md).)
### अनुवाद की लागू की गईं रणनीतियाँ >> "उन्हें बबूल की लकड़ी का एक सन्दूक बनाना है। इसकी लम्बाई ***ढाई हाथ*** होनी चाहिए; इसकी चौड़ाई ***डेढ़ हाथ*** होगी; और इसकी ऊँचाई ***डेढ़ हाथ*** होगी।”
सारी रणनीतियों को नीचे निर्गमन 25:10 पर लागू किया गया हैं (2) यूएसटी अनुवाद में दिए गए मीट्रिक अर्थात् दशलमव माप का प्रयोग करें। यूएसटी अनुवाद के अनुवादकों ने पहले से ही मीट्रिक पद्धति में मूल्यों को प्रतिनिधित्व करने के बारे में सोचा है
* **उन्हें बबूल की लकड़ी का एक सन्दूक बनाना है। इसकी लम्बाई ढाई हाथ होनी चाहिए; इसकी चौड़ाई डेढ़ हाथ होगी; और इसकी ऊँचाई डेढ़ हाथ होगी।** (निर्गमन 25:10 यूएलबी) >> "उन्हें बबूल की लकड़ी का एक सन्दूक बनाना है। इसकी लम्बाई ***एक मीटर*** होनी चाहिए; इसकी चौड़ाई ***मीटर की दो तिहाई*** होगी; और इसकी ऊँचाई ***मीटर की दो तिहाई*** होगी।”
1. यूएलबी में दिए गए माप का प्रयोग करें। ये वही माप हैं, जो मूल लेखक उपयोग करते थे। उन्हें ऐसे तरीके से वर्तनी करें जो यूएलबी अनुवाद में ध्वनि देते या वर्तनी के तरीके के समतुल्य हो। (देखें [प्रतिलिपी या उधार शब्दों को लें](../translate-transliterate/01.md)) (3) उन मापों का प्रयोग करें जो पहले से ही आपकी भाषा में उपयोग किया जा रहे हैं। ऐसा करने के लिए आपको यह जानना होगा कि आपके माप मीट्रिक पद्धति से कैसे सम्बन्धित हैं और आप प्रत्येक माप को समझते हैं। उदाहरण के लिए, यदि आप मानक मीटर लंबाई का उपयोग करके चीजों को मापते हैं, तो आप इसे नीचे दिए गए अनुसार अनुवाद कर सकते हैं।
* "उन्हें बबूल की लकड़ी का एक सन्दूक बनाना है। इसकी लम्बाई <u> ढाई हाथ </u> होनी चाहिए; इसकी चौड़ाई <u> डेढ़ हाथ </u> होगी; और इसकी ऊँचाई <u> डेढ़ हाथ </u> होगी।” >> "उन्हें बबूल की लकड़ी का एक सन्दूक बनाना है। इसकी लम्बाई ***एक मीटर*** होनी चाहिए; इसकी चौड़ाई ***मीटर की दो तिहाई*** होगी; और इसकी ऊँचाई ***मीटर की दो तिहाई*** होगी।”
1. यूडीबी अनुवाद में दिए गए मीट्रिक माप का प्रयोग करें। यूडीबी अनुवाद के अनुवादकों ने पहले से ही मीट्रिक पद्धति में मूल्यों को प्रतिनिधित्व करने के बारे में सोचा है (4) यूएलटी अनुवाद से माप का उपयोग करें और उन मापों को सम्मिलित करें जिन्हें आपके लोग मूलपाठ या नोट में जानते हैं। निम्नलिखित मूलपाठ में दोनों माप दिखाए गए हैं
* "उन्हें बबूल की लकड़ी का एक सन्दूक बनाना है। इसकी लम्बाई <u> एक मीटर </u> होनी चाहिए; इसकी चौड़ाई <u> मीटर का दो तिहाई </u> होगी; और इसकी ऊँचाई <u> मीटर का दो तिहाई </u> होगी।” >> "उन्हें बबूल की लकड़ी का एक सन्दूक बनाना है। इसकी लम्बाई ***ढाई हाथ (एक मीटर)*** होनी चाहिए; इसकी चौड़ाई ***डेढ़ हाथ होगी (एक मीटर का दो तिहाई)***; और इसकी ऊँचाई ***डेढ़ हाथ (मीटर का दो तिहाई)***होगी।
1. उस उन मापों का प्रयोग करें जिन्हें पहले से ही आपकी भाषा में उपयोग किया जा रहा है। ऐसा करने के लिए आपको यह जानना होगा कि आपके माप मीट्रिक पद्धति से कैसे सम्बन्धित हैं और आप प्रत्येक माप को समझते हैं। उदाहरण के लिए, यदि आप मानक फुट की लम्बाई का उपयोग करके वस्तुओं को मापते हैं, तो आप इसे नीचे दिए अनुसार अनुवाद कर सकते हैं (5) आपके लोगों के द्वारा मापने वाले मापों का उपयोग करें, और मूलपाठ में या नोट में यूएलटी अनुवाद से मापों को सम्मिलित करें। निम्नलिखित नोट्स में यूएलटी अनुवाद माप को दिखाता है
* "उन्हें बबूल की लकड़ी का एक सन्दूक बनाना है। इसकी लम्बाई <u> 3 3/4 फीट </u> होनी चाहिए; इसकी चौड़ाई <u> 2 1/4 फीट </u> होगी; और इसकी ऊँचाई <u> 2 1/4 फीट </u> होगी।” >> "उन्हें बबूल की लकड़ी का एक सन्दूक बनाना है। इसकी लम्बाई ***एक मीटर*** <sup> 1 </ sup> होनी चाहिए; इसकी चौड़ाई ***मीटर का दो तिहाई*** <sup> 2 </ sup> होगी; और इसकी ऊँचाई ***मीटर का दो तिहाई*** होगी।”
1. यूएलबी अनुवाद से माप का उपयोग करें और उन मापों को सम्मिलित करें जिन्हें आपके लोग मूलपाठ या नोट में जानते हैं। निम्नलिखित मूलपाठ में दोनों माप दिखाए गए हैं। फुटनोट्स कुछ इस तरह से दिखाई देगा:
* "उन्हें बबूल की लकड़ी का एक सन्दूक बनाना है। इसकी लम्बाई <u> ढाई हाथ (एक मीटर) </u> होनी चाहिए; इसकी चौड़ाई <u> डेढ़ हाथ होगी (एक मीटर का दो तिहाई) </u>; और इसकी ऊँचाई <u> डेढ़ हाथ (मीटर का दो तिहाई) </u> होगी।” >> "उन्हें बबूल की लकड़ी का एक सन्दूक बनाना है। इसकी लम्बाई ***एक मीटर*** <sup> 1 </ sup> होनी चाहिए; इसकी चौड़ाई ***मीटर का दो तिहाई*** <sup> 2 </ sup> होगी; और इसकी ऊँचाई ***मीटर का दो तिहाई*** होगी।”
1. आपके लोगों के द्वारा मापने वाले मापों का उपयोग करें, और मूलपाठ में या नोट में यूएलबी अनुवाद से मापों को सम्मिलित करें। निम्नलिखित नोट्स में यूएलबी अनुवाद माप को दिखाता है। फुटनोट्स कुछ इस तरह से दिखाई देगा:
* "उन्हें बबूल की लकड़ी का एक सन्दूक बनाना है। इसकी लम्बाई <u> एक मीटर </u> <sup> 1 </ sup> होना चाहिए; इसकी चौड़ाई <u> मीटर का दो तिहाई </u> <sup> 2 </ sup> होगी; और इसकी ऊँचाई <u> मीटर का दो तिहाई </u> होगी।” >> <sup> [1]</sup> ढाई हाथ
>> <sup> [2]</sup> डेढ़ हाथ
फुटनोट इस तरह दिखेगा:
* <sup> [1] </ sup> ढाई हाथ
* <sup> [2] </ sup> डेढ़ हाथ

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@ -1,64 +1,67 @@
### विवरण: ### वर्णन
पुराने नियम के आरम्भिक दिनों में, लोग चाँदी और सोने जैसे धातुओं का वजन करते थे और इन वस्तुओं को खरीदने के लिए उस धातु को एक निश्चित वजन देते थे। बाद में लोगों ने सिक्कों को बनाना आरम्भ कर दिया कि प्रत्येक में एक निश्चित धातु की मानक मात्रा होती है। पुराने नियम के आरम्भिक दिनों में, लोग चाँदी और सोने जैसे धातुओं का वजन किया करते थे और इन वस्तुओं को खरीदने के लिए उस धातु को एक निश्चित वजन में देते थे। बाद में लोगों ने सिक्कों को बनाना आरम्भ कर दिया क्योंकि प्रत्येक में एक निश्चित धातु की मानक मात्रा होती है। डेरिक एक ऐसा ही सिक्का है। नए नियम के समय में, लोग चाँदी और तांबे के सिक्कों का उपयोग किया करते थे।
डेरिक एक ऐसा सिक्का है। नए नियम के समय में, लोग चाँदी और तांबे के सिक्कों का उपयोग किया करते थे। नीचे दी गई दो सारणी पुराने नियम (पुनि) और नए नियम (ननि) में पाए गए पैसे की कुछ सबसे प्रसिद्ध इकाइयों को दिखाती हैं नीचे दी गई दो सारणी पुराने नियम (पु. नि.) और नए नियम (न. नि.) में पाए जाने वाले धन की कुछ सबसे प्रसिद्ध इकाइयों को दिखाती हैं। पुराने नियम की इकाइयों की तालिका से पता चलता है कि किस प्रकार की धातु का उपयोग किया गया था और इसका वजन कितना था। नए नियम की इकाइयों की तालिका दिखाती है कि किस प्रकार की धातु का उपयोग किया गया था और दिन के वेतन के सन्दर्भ में यह कितना मूल्य रखता था
पुराने नियम की इकाइयों की तालिका से पता चलता है कि किस प्रकार की धातु का उपयोग किया गया था और इसका वजन कितना था। नए नियम की इकाइयों की तालिका दिखाती है कि किस प्रकार की धातु का उपयोग किया गया था और दिन के वेतन के सन्दर्भ में यह कितना मूल्य रखता था। | पु. नि. में यूनिट | धातु | वजन |
| पुनि में यूनिट | धातु | वजन |
| -------- | -------- | -------- | | -------- | -------- | -------- |
| डेरिक | सोने का सिक्का | 8.4 ग्राम | | डेरिक | सोने का सिक्का | 8.4 ग्राम |
| शेकेल | विभिन्न धातु | 11 ग्राम | | शेकेल | विभिन्न धातु | 11 ग्राम |
| तोडा | विभिन्न धातु | 33 किलोग्राम | | तोडा | विभिन्न धातु | 33 किलोग्राम |
| ननि में यूनिट | धातु | एक दिवस का वेतन |
| न. नि. में यूनिट | धातु | एक दिवस का वेतन |
| -------- | -------- | -------- | | -------- | -------- | -------- |
| दिनारें/दिनार | चाँदी का सिक्का | 1 दिन | | दिनारें/दिनार | चाँदी का सिक्का | 1 दिन |
| दिरहम | चाँदी का सिक्का | 1 दिन | | दिरहम | चाँदी का सिक्का | 1 दिन |
| पाई | तांबे का सिक्का | 1/64 दिन | | पाई | तांबे का सिक्का | 1/64 दिन |
| शेकेल | चाँदी का सिक्का | 4 दिन | | शेकेल | चाँदी का सिक्का | 4 दिन |
| तोड़ा | चाँदी | 6,000 दिन | | तोड़ा | चाँदी | 6,000 दिन |
#### अनुवाद के सिद्धान्त ### अनुवाद के सिद्धान्त
प्रतिवर्ष आधुनिक धन के मूल्य में परिवर्तन आने के कारण इनका उपयोग न करें। उनका उपयोग करने से बाइबल अनुवाद पुराने और गलत हो जाएगा। प्रतिवर्ष आधुनिक धन के मूल्य में परिवर्तन आने के कारण इनका उपयोग न करें। उनका उपयोग करने से बाइबल अनुवाद पुराने और गलत हो जाएगा।
### अनुवाद की रणनीतियाँ ### अनुवाद रणनीतियाँ
पुराने नियम में अधिकांश समय पैसे का मूल्य उसके वजन पर आधारित था। इस कारण जब पुराने नियम में इन वजनों का अनुवाद करते हैं, तो [बाइबल के वजन](../translate-bweight/01.md) को देखें। नीचे दी गई रणनीतियाँ नए नियम में पैसे के मूल्य का अनुवाद करने के लिए हैं पुराने नियम में अधिकांश समय धन का मूल्य उसके वजन पर आधारित था। इस कारण जब पुराने नियम में इन वजनों का अनुवाद करते हैं, तो देखें [बाइबल के वजन](../translate-bweight/01.md).
नीचे दी गई रणनीतियाँ नए नियम में धन के मूल्य का अनुवाद करने के लिए हैं
1. बाइबल के शब्दों का प्रयोग करें और इसे इस उसे तरह से लिखे कि यह उनके समतुल्य अर्थ को संचारित करें। (देखें [प्रतिलिपी या उधार शब्दों को लें](../translate-transliterate/01.md)) 1. बाइबल के शब्दों का प्रयोग करें और इसे उसी तरह से लिखे कि यह उनके समतुल्य अर्थ को संचारित करें। (देखें [प्रतिलिपी या शब्दों को उधार लें](../translate-transliterate/01.md).)
1. वर्णन करें कि पैसे के मूल्य को किस प्रकार के धातु से किया गया था और कितने सिक्के उपयोग किए गए थे। 1. वर्णन करें कि पैसे के मूल्य को किस प्रकार के धातु से किया गया था और कितने सिक्के उपयोग किए गए थे।
1. एक दिन के वेतन में बाइबल के समय में लोग क्या कमा सकते हैं, इस विषय में पैसे के मूल्य का वर्णन करें। 1. एक दिन के वेतन में बाइबल के समय में लोग क्या कमा सकते हैं, इस विषय में धन के मूल्य का वर्णन करें।
1. बाइबल के शब्द का प्रयोग करें और मूलपाठ या नोट में समतुल्य मूल्य को लिखें। 1. बाइबल के शब्द का प्रयोग करें और मूलपाठ या नोट में समतुल्य मूल्य को लिखें।
1. बाइबल के शब्द का प्रयोग करें और इसे एक नोट में समझाएँ। 1. बाइबल के शब्द का प्रयोग करें और इसे एक नोट में समझाएँ।
### अनुवाद की रणनीतियाँ ### अनुवाद रणनीतियों के प्रयोग के उदाहरण
अनुवाद रणनीतियाँ नीचे दिए गए लूका 7:41 पर लागू होती हैं। अनुवाद रणनीतियाँ नीचे दिए गए लूका 7:41 पर लागू होती हैं।
* **एक पर पाँच सौ दिनार, और अन्य पर पचास दिनार की देन थी।** (लूका 7:41 यूएलबी) > **एक पर पाँच सौ दिनार, और दूसरे पर पचास दिनार की देन थी।** (लूका 7:41 ULT)
1. बाइबल के शब्दों का प्रयोग करें और इसे इस उसे तरह से लिखे कि यह उनके समतुल्य अर्थ को संचारित करें। (देखें [प्रतिलिपी या उधार शब्दों को लें](../translate-transliterate/01.md)) (1) बाइबल के शब्दों का प्रयोग करें और इसे उसी तरह से लिखे कि यह उनके समतुल्य अर्थ को संचारित करें। (देखें [प्रतिलिपी या शब्दों को उधार लें](../translate-transliterate/01.md).)
* "एक पर <u> पाँच सौ दिनार </u>, और दूसरा पर <u> पचास दिनार </u> की देन थी।" (लूका 7:41 यूएलबी) >> "एक पर ***पाँच सौ दिनार***, और दूसरे पर ***पचास दिनार*** की देन थी।"
1. पैसे के मूल्य का वर्णन किस प्रकार के धातु से किया गया था और कितने टुकड़े या सिक्के का उपयोग किया गया था (1) वर्णन करें कि पैसे के मूल्य को किस प्रकार के धातु से किया गया था और कितने सिक्के उपयोग किए गए थे
* "एक पर <u> पाँच सौ चाँदी के सिक्के </u>, और दूसरा पर <u> पचास चाँदी के सिक्कों </u> की देन थी।" (लूका 7:41 यूएलबी) >> "एक पर ***पाँच सौ चाँदी के सिक्के***, और दूसरे पर ***पचास चाँदी के सिक्कों*** की देन थी।"
1. एक दिन के वेतन में बाइबल के समय में लोग क्या कमा सकते हैं, इस विषय में पैसे के मूल्य का वर्णन करें। (3) एक दिन के वेतन में बाइबल के समय में लोग क्या कमा सकते हैं, इस विषय में धन के मूल्य का वर्णन करें।
* "एक पर <u> पाँच सौ दिन की मजदूरी </u>, और अन्य पर <u> पचास दिन की मजदूरी </u> का देन था।" >> "एक पर ***पाँच सौ दिन की मजदूरी***, और दूसरे पर ***पचास दिन की मजदूरी*** की देन था।"
1. बाइबल के शब्द का प्रयोग करें और मूलपाठ या फुटनोट में समतुल्य मूल्य को लिखें। (4) बाइबल के शब्द का प्रयोग करें और मूलपाठ या नोट में समतुल्य मूल्य को लिखें।
* "एक पर <u> पाँच सौ दिनार की </u> <sup> 1 </ sup>, और दूसरे पर <u> पचास दिनार की देन थी </u>. <Sup> 2 </ sup>" (लूका 7:41 यूएलबी) फुटनोट इस तरह दिखेगा: >> "एक पर ***पाँच सौ दिनार की*** <sup> 1 </ sup>, और दूसरे पर ***पचास दिनार की देन थी***. <Sup> 2 </ sup>"
* <sup> [1] </ sup> पाँच सौ दिन की मजदूरी
* <sup> [2] </ sup> पचास दिन की मजदूरी
1. बाइबल के शब्द का प्रयोग करें और इसकी व्याक्या एक फुटनोट में करें। फुटनोट्स कुछ इस तरह दिखेगा:
* "एक पर <u> पाँच सौ दिनार की </u> <sup> 1 </ sup>, और दूसरे पर <u> पचास दिनार की </u> देन थी।" (लूका 7:41 यूएलबी) >> <sup> [1] </ sup> पाँच सौ दिन की मजदूरी
* <sup> [1] </ sup> एक दिनार की मूल्य चाँदी की उतनी मात्रा थी, जिसे लोग एक दिन के काम को करके कमा सकते थे। >> <sup> [2] </ sup> पचास दिन की मजदूरी
(5) बाइबल के शब्द का प्रयोग करें और इसे एक नोट में समझाएँ।
>> "एक पर ***पाँच सौ दिनार की*** <sup> 1 </ sup>, और दूसरे पर ***पचास दिनार की*** देन थी।" (लूका 7:41 ULT)
>> <sup> [1] </ sup> एक दिनार की मूल्य चाँदी की उतनी मात्रा थी, जिसे लोग एक दिन के काम को करके कमा सकते थे।

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@ -1,70 +1,83 @@
### विवरण ### वर
बाइबल में उपयोग किए गए इब्रानी कैलेन्डर या पंचाग में बारह महीने हैं। पश्चिमी कैलेन्डर के विपरीत, इसका पहला महीना उत्तरी गोलार्ध के वसन्त में आरम्भ होता है। कभी-कभी एक महीने को उसके नाम (अबीब, जीव, सीवान) के द्वारा बुलाया जाता है, और कभी-कभी इसे इब्रानी कैलेन्डर वर्ष (पहले महीने, दूसरे महीने, तीसरे महीने) की अपनी व्यवस्था से बुलाया जाता है। बाइबल में उपयोग किए गए इब्रानी कैलेन्डर या पंचाग में बारह महीने हैं। पश्चिमी कैलेन्डर के विपरीत, इसका पहला महीना उत्तरी गोलार्ध के वसन्त में आरम्भ होता है। कभी-कभी एक महीने को उसके नाम (अबीब, जीव, सीवान) के द्वारा बुलाया जाता है, और कभी-कभी इसे इब्रानी कैलेन्डर वर्ष (पहले महीने, दूसरे महीने, तीसरे महीने) की अपनी व्यवस्था से बुलाया जाता है।
#### इसका कारण यह अनुवाद का एक विषय है ### कारण यह अनुवाद की समस्या है
* पाठकों को उन महीनों को पढ़ने में आश्चर्यचकित हो सकता है, जिनके बारे में उन्होंने कभी नहीं सुना है, और वे आश्चर्यचकित हो सकते हैं कि ये महीनों उन महीनों के अनुरूप कैसे हैं, जिन्हें वे उपयोग करते हैं। * पाठकों को उन महीनों को पढ़ने में आश्चर्य हो सकता है, जिनके बारे में उन्होंने कभी नहीं सुना है, और वे आश्चर्यचकित हो सकते हैं कि ये महीनों उन महीनों के अनुरूप कैसे हैं, जिन्हें वे उपयोग करते हैं।
* पाठकों को यह एहसास नहीं हो सकता है कि "पहला महीना" या "दूसरा महीना" जैसे वाक्यांश इब्रानी कैलेन्डर के पहले या दूसरे महीने को सन्दर्भित करते हैं, कुछ अन्य कैलेन्डर नहीं। * पाठकों को यह एहसास नहीं हो सकता है कि "पहला महीना" या "दूसरा महीना" जैसे वाक्यांश इब्रानी कैलेन्डर के पहले या दूसरे महीने को सन्दर्भित करते हैं, किसी अन्य कैलेन्डर को नहीं।
* पाठकों को पता नहीं हो सकता है कि इब्रानी कैलेन्डर का पहला महीना कब आरम्भ होता है। * पाठकों को पता नहीं हो सकता है कि इब्रानी कैलेन्डर का पहला महीना कब आरम्भ होता है।
* पवित्रशास्त्र किसी निश्चित महीने में कुछ होने के बारे में बता सकता है, परन्तु पाठक यह समझने में सक्षम नहीं होगा कि इसके बारे में क्या कहा जाता है, यदि वे नहीं जानते कि वर्ष की कौन सी ऋतु थी। * पवित्रशास्त्र किसी निश्चित महीने में कुछ होने के बारे में बता सकता है, परन्तु पाठक यह समझने में सक्षम नहीं होंगे कि इसके बारे में क्या कहा जाता है, यदि वे नहीं जानते कि वर्ष की कौन सी ऋतु थी।
#### इब्रानी महीनों की सूची #### इब्रानी महीनों की सूची
यहाँ इब्रानी महीनों की एक सूची है, जो उनके बारे में जानकारी देती है, जो अनुवाद में सहायक हो सकती है यहाँ इब्रानी महीनों की एक सूची है, जो उनके बारे में जानकारी देती है, जो अनुवाद में सहायक हो सकते हैं
** अबीब** - (इस महीने को बेबीलोन में निर्वासन के बाद **नीसान** कहा जाता है।) यह इब्रानी कैलेन्डर का पहला महीना है। यह तब चिन्हित करता है, जब परमेश्वर इस्राएल के लोगों को मिस्र से बाहर लाया था। यह वसन्त ऋतु का आरम्भ है, जब पिछली वर्षा होती है और लोग अपनी फसलों की कटनी आरम्भ करते हैं। यह मार्च के अन्तिम भाग और पश्चिमी कैलेन्डर में अप्रैल के पहले भाग का समय है। फसह का त्यौहार अबीब 10 से आरम्भ हुआ, अखमीरी रोटी का त्योहार उसके ठीक बाद में आता था, और कटनी का त्यौहार उसके कुछ हफ्ते बाद था। **अबीब** - (इस महीने को बेबीलोन में निर्वासन के बाद **नीसान** कहा जाता है।) यह इब्रानी कैलेन्डर का पहला महीना है। यह चिन्हित करता है, कि परमेश्वर कब इस्राएल के लोगों को मिस्र से बाहर लाया था। यह वसन्त ऋतु का आरम्भ है, जब पिछली वर्षा होती है और लोग अपनी फसलों की कटनी आरम्भ करते हैं। यह मार्च के अन्तिम भाग और पश्चिमी कैलेन्डर में अप्रैल के पहले भाग का समय है। फसह का त्यौहार अबीब 10 से आरम्भ होता है, अखमीरी रोटी का त्योहार इसके ठीक बाद में आता था, और कटनी का त्यौहार उसके कुछ हफ्ते बाद आता था।
** जीव** - यह इब्रानी कैलेन्डर का दूसरा महीना है। यह कटनी के ऋतु के समय आता है। यह अप्रैल के अन्तिम भाग और पश्चिमी कैलेन्डर मे मई के पहले भाग का समय है।
** शीवान** - यह इब्रानी कैलेन्डर का तीसरा महीना है। यह कटनी की ऋतु के अन्त में और शुष्क ऋतु के आरम्भ में आता है। यह मई के अन्तिम भाग और पश्चिमी कैलेन्डर मे जून के पहले भाग का समय है। शीवान 6 से सप्ताहों का त्यौहार मनाया जाता है।
** तम्मूज** - यह इब्रानी कैलेन्डर का चौथा महीना है। यह शुष्क ऋतु के समय आता है। यह जून के अन्तिम भाग और पश्चिमी कैलेन्डर मे जुलाई के पहले भाग का समय है।
** अब** - यह इब्रानी कैलेन्डर का पाँचवाँ महीना है। यह शुष्क ऋतु के समय आता है। यह जुलाई के अन्तिम भाग और पश्चिमी कैलेन्डर मे अगस्त के पहले भाग का समय है।
** एलुल** - यह इब्रानी कैलेन्डर का छठा महीना है। यह शुष्क ऋतु के अन्त में और वर्षा के ऋतु की आरम्भ में है। यह अगस्त के अन्तिम भाग और पश्चिमी कैलेन्डर मे सितम्बर के पहले भाग का समय है।
** इथानीम** - यह इब्रानी कैलेन्डर का सातवाँ महीना है। यह आरम्भिक वर्षा की ऋतु के समय आता है, जो बुवाई के लिए भूमि को नरम कर देती है। यह सितम्बर के अन्तिम भाग और पश्चिमी कैलेन्डर मे अक्टूबर के पहले भाग का समय है। इस महीने में झोपड़ियों का त्यौहार और प्रायश्चित के दिन को मनाया जाता है।
** बुल** - यह इब्रानी कैलेन्डर का आठवाँ महीना है। यह वर्षा की ऋतु के समय आता है जब लोग अपने खेतों को जोतते और बीज बोते हैं। यह अक्टूबर के अन्तिम भाग और पश्चिमी कैलेन्डर मे नवम्बर के पहले भाग का समय है।
** कीस्लेव** - यह इब्रानी कैलेन्डर का नौवाँ महीना है। यह बुवाई की ऋतु के अन्त में और ठण्ड की ऋतु की आरम्भ में आता है। यह नवम्बर के अन्तिम भाग और पश्चिमी कैलेन्डर मे दिसम्बर के पहले भाग में है।
** टीबेथ** - यह इब्रानी कैलेन्डर का दसवाँ महीना है। यह ठण्ड के ऋतु के समय आता है जब वर्षा और बर्फ हो सकती है। यह दिसम्बर के अन्तिम भाग और पश्चिमी कैलेन्डर मे जनवरी के पहले भाग का समय है।
** शेबत** - यह इब्रानी कैलेन्डर का ग्यारहवाँ महीना है। यह वर्ष का सबसे ठण्डा महीना है, और इसमें भारी वर्षा होती है। यह जनवरी के अन्तिम भाग और पश्चिमी कैलेन्डर मे फरवरी के पहले भाग का समय है।
** अदार** - यह इब्रानी कैलेन्डर का बारहवाँ और अन्तिम महीना है। यह ठण्ड की ऋतु का समय है।। यह फरवरी के अन्तिम भाग और पश्चिमी कैलेन्डर मे मार्च के पहले भाग का समय है। पुरीम नामक त्योहार अदार महीने में मनाया जाता है।
#### बाइबल से उदाहरण **जीव** - यह इब्रानी कैलेन्डर का दूसरा महीना है। यह कटनी के ऋतु के समय आता है। यह अप्रैल के अन्तिम भाग और पश्चिमी कैलेन्डर मे मई के पहले भाग का समय है।
<blockquote> तुम इस दिन मिस्र से बाहर जा रहे हैं, <u> अबीब के महीने </u> में। (निर्गमन 13:4 यूएलबी) </blockquote> **शीवान** - यह इब्रानी कैलेन्डर का तीसरा महीना है। यह कटनी की ऋतु के अन्त में और शुष्क ऋतु के आरम्भ में आता है। यह मई के अन्तिम भाग और पश्चिमी कैलेन्डर मे जून के पहले भाग का समय है। शीवान 6 से सप्ताहों का त्यौहार मनाया जाता है।
> तुम चौदहवें दिन के सूर्यास्त के समय से <u> वर्ष के पहले महीने से लेकर </u>, महीने के बीसवें दिन के सूर्यास्त तक अखमीरी रोटी खाना। (निर्गमन 12:18 यूएलबी) **तम्मूज** - यह इब्रानी कैलेन्डर का चौथा महीना है। यह शुष्क ऋतु के समय आता है। यह जून के अन्तिम भाग और पश्चिमी कैलेन्डर मे जुलाई के पहले भाग का समय है।
### अनुवाद की रणनीतियाँ **अब** - यह इब्रानी कैलेन्डर का पाँचवाँ महीना है। यह शुष्क ऋतु के समय आता है। यह जुलाई के अन्तिम भाग और पश्चिमी कैलेन्डर मे अगस्त के पहले भाग का समय है।
आपको महीनों के बारे में कुछ जानकारी स्पष्ट करने की आवश्यकता हो सकती है। (देखें [कल्पित ज्ञान और अस्पष्ट जानकारी](../figs-explicit/01.md)) **एलुल** - यह इब्रानी कैलेन्डर का छठा महीना है। यह शुष्क ऋतु के अन्त में और वर्षा के ऋतु की आरम्भ में है। यह अगस्त के अन्तिम भाग और पश्चिमी कैलेन्डर मे सितम्बर के पहले भाग का समय है।
1. इब्रानी महीने की सँख्या बताओ। **इथानीम** - यह इब्रानी कैलेन्डर का सातवाँ महीना है। यह आरम्भिक वर्षा की ऋतु के समय में आता है, जो बुवाई के लिए भूमि को नरम कर देती है। यह सितम्बर के अन्तिम भाग और पश्चिमी कैलेन्डर मे अक्टूबर के पहले भाग का समय है। इस महीने में झोपड़ियों का त्यौहार और प्रायश्चित के दिन को मनाया जाता है।
**बुल** - यह इब्रानी कैलेन्डर का आठवाँ महीना है। यह वर्षा की ऋतु के समय में आता है जब लोग अपने खेतों को जोतते और बीज बोते हैं। यह अक्टूबर के अन्तिम भाग और पश्चिमी कैलेन्डर मे नवम्बर के पहले भाग का समय है।
**कीस्लेव** - यह इब्रानी कैलेन्डर का नौवाँ महीना है। यह बुवाई की ऋतु के अन्त में और ठण्ड की ऋतु की आरम्भ में आता है। यह नवम्बर के अन्तिम भाग और पश्चिमी कैलेन्डर मे दिसम्बर के पहले भाग में है।
**टीबेथ** - यह इब्रानी कैलेन्डर का दसवाँ महीना है। यह ठण्ड के ऋतु के समय में आता है जब वर्षा और बर्फ हो सकती है। यह दिसम्बर के अन्तिम भाग और पश्चिमी कैलेन्डर मे जनवरी के पहले भाग का समय है।
**शेबत** - यह इब्रानी कैलेन्डर का ग्यारहवाँ महीना है। यह वर्ष का सबसे ठण्डा महीना है, और इसमें भारी वर्षा होती है। यह जनवरी के अन्तिम भाग और पश्चिमी कैलेन्डर मे फरवरी के पहले भाग का समय है।
**अदार** - यह इब्रानी कैलेन्डर का बारहवाँ और अन्तिम महीना है। यह ठण्ड की ऋतु का समय है।। यह फरवरी के अन्तिम भाग और पश्चिमी कैलेन्डर मे मार्च के पहले भाग का समय है। पुरीम नामक त्योहार अदार महीने में मनाया जाता है।
### बाइबल से उदाहरण
> तुम इस दिन मिस्र से बाहर जा रहे हैं, ***अबीब के महीने में***। (निर्गमन 13:4 ULT)
> तुम चौदहवें दिन के सूर्यास्त के समय से ***वर्ष के पहले महीने से लेकर***, महीने के बीसवें दिन के सूर्यास्त तक अखमीरी रोटी खाना। (निर्गमन 12:18 ULT)
### अनुवाद रणनीतियाँ
आपको महीनों के बारे में कुछ जानकारी स्पष्ट करने की आवश्यकता हो सकती है। (देखें [कल्पित ज्ञान और अस्पष्ट जानकारी](../figs-explicit/01.md).)
1. इब्रानी महीने की सँख्या बताएँ।
1. उन महीनों का उपयोग करें जिन्हें लोग जानते हैं। 1. उन महीनों का उपयोग करें जिन्हें लोग जानते हैं।
1. स्पष्ट रूप से बताएँ कि महीना किस ऋतु में आया था। 1. स्पष्ट रूप से बताएँ कि महीना किस ऋतु में आया था।
1. समय को महीने के सन्दर्भों में लेने की अपेक्षा ऋतु के सन्दर्भ में उद्धृत करें। 1. समय को महीने के सन्दर्भों में लेने की अपेक्षा ऋतु के सन्दर्भ में उद्धृत करें। (यदि सम्भव हो, तो इब्रानी महीने और दिन को दिखाने के लिए एक फुटनोट्स का उपयोग करें।)
(यदि सम्भव हो, तो इब्रानी महीने और दिन दिखाने के लिए एक फुटनोट का उपयोग करें।) ### अनुवाद रणनीतियों के प्रयोग के उदाहरण
### अनुवाद के लिए लागू की गई रणनीतियों के उदाहरण
नीचे दिए गए उदाहरण इन दो वचनों का उपयोग करते हैं। नीचे दिए गए उदाहरण इन दो वचनों का उपयोग करते हैं।
* **उस समय, तुम मेरे सामने <u> अबीब के महीने </u> में आना, जो इस उद्देश्य के लिए निर्धारित है। यह इस महीने में ही हुआ था कि तुम मिस्र से बाहर आए थे।** (निर्गमन 23:15 यूएलबी) > **उस समय, तुम मेरे सामने ***अबीब के महीने*** में आना, जो इस उद्देश्य के लिए निर्धारित है। यह इस महीने में ही हुआ था कि तुम मिस्र से बाहर आए थे।** (निर्गमन 23:15 ULT)
* **यह सदैव तुम्हारे लिए एक कानून होगा कि <u> सातवें महीने में, महीने के दसवें दिन में, </u> तुम्हें स्वयं को नम्र करना चाहिए और कोई काम नहीं करना चाहिए।** (लैव्यव्यवस्था 16:29 यूएलबी)
1. इब्रानी महीने की सँख्या बताओ। > **यह सदैव तुम्हारे लिए एक कानून होगा कि ***सातवें महीने में, महीने के दसवें दिन में***, तुम्हें स्वयं को नम्र करना चाहिए और कोई काम नहीं करना चाहिए।** (लैव्यव्यवस्था 16:29 ULT)
* उस समय, तुम मेरे सामने <u> वर्ष के पहले महीने </u> में आना, जो इस उद्देश्य के लिए निर्धारित है। यह इस महीने में हुआ था कि तुम मिस्र से बाहर आए थे। 1. इब्रानी महीने की सँख्या बताएँ
1. उन महीनों का उपयोग करें जिन्हें लोग जानते हैं। >> उस समय, तुम मेरे सामने ***वर्ष के पहले महीने*** में आना, जो इस उद्देश्य के लिए निर्धारित है। यह इस महीने में हुआ था कि तुम मिस्र से बाहर आए थे
* उस समय, तुम मेरे सामने <u> मार्च महीने </u> में आना, जो इस उद्देश्य के लिए निर्धारित है। यह इस महीने में हुआ था कि तुम मिस्र से बाहर आए थे। 2. उन महीनों का उपयोग करें जिन्हें लोग जानते हैं।
* यह सदैव तुम्हारे लिए एक कानून होगा कि <u> जिस दिन को मैं उत्तरोत्तर सितम्बर में चुनता हूँ </u> तुम्हें स्वयं को नम्र करना चाहिए और कोई काम नहीं करना चाहिए।
1. स्पष्ट रूप से बताएँ कि महीना किस ऋतु में आया था >> उस समय, तुम मेरे सामने ***मार्च महीने*** में आना, जो इस उद्देश्य के लिए निर्धारित है। यह इस महीने में हुआ था कि तुम मिस्र से बाहर आए थे
* यह सदैव तुम्हारे लिए एक कानून होगा कि <u> शरद ऋतु में, सातवें महीने के दसवें दिन, </u> तुम्हें स्वयं को नम्र करना चाहिए और कोई काम नहीं करना चाहिए। >> यह सदैव तुम्हारे लिए एक कानून होगा कि ***जिस दिन को मैं उत्तरोत्तर सितम्बर में चुनता हूँ*** तुम्हें स्वयं को नम्र करना चाहिए और कोई काम नहीं करना चाहिए।"
1. समय को महीने के सन्दर्भों में लेने की अपेक्षा ऋतु के सन्दर्भ में उद्धृत करें (3) स्पष्ट रूप से बताएँ कि महीना किस ऋतु में आया था
* यह सदैव तुम्हारे लिए एक कानून होगा कि <u> जिस दिन को मैं आरम्भिक शरद ऋतु में चुनता हूँ </u> <sup> 1 </ sup> तुम्हें स्वयं को नम्र करना चाहिए और कोई काम नहीं करना चाहिए। >> यह सदैव तुम्हारे लिए एक कानून होगा कि ***पतझड़ ऋतु में, सातवें महीने के दसवें दिन*** तुम्हें स्वयं को नम्र करना चाहिए और कोई काम नहीं करना चाहिए।
* फुटनोट इस तरह दिखेगा:
* <sup> [1] </ sup> इब्रानी कहता है, "सातवें महीना, महीने के दसवें दिन।" (4) समय को महीने के सन्दर्भों में लेने की अपेक्षा ऋतु के सन्दर्भ में उद्धृत करें।
>> यह सदैव तुम्हारे लिए एक कानून होगा कि ***जिस दिन को मैं आरम्भिक पतझड़ ऋतु में चुनता हूँ*** <sup> 1 </ sup> तुम्हें स्वयं को नम्र करना चाहिए और कोई काम नहीं करना चाहिए।
* फुटनोट्स कुछ इस तरह दिखेगा:
>> <sup> [1] </ sup> इब्रानी कहता है, "सातवें महीना, महीने के दसवें दिन।"

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### विवरण ### वर
मूल रूप से किसी सूची में किसी बात की स्थिति बताने के लिए बाइबल में सामान्य सँख्याओं का उपयोग किया जाता है। मूल रूप से किसी सूची में किसी बात की स्थिति बताने के लिए बाइबल में सामान्य सँख्याओं का उपयोग किया जाता है।
> उसने कलीसिया को <u> पहले </u> प्रेरितों, <u> दूसरे </u> भविष्यद्वक्ताओं, <u> तीसरा </u> शिक्षकों को दिया, तब वे जो सामर्थ्य के काम करते हैं (1 कुरिन्थियों 12:28 यूएलबी) उसने कलीसिया को ***पहले*** प्रेरितों, ***दूसरा*** भविष्यद्वक्ताओं, ***तीसरा*** शिक्षकों को दिया, तब उनको जो सामर्थ्य के काम करते हैं (1 कुरिन्थियों 12:28 ULT)
यह सेवकों की एक सूची है, जिसे परमेश्वर ने अपने क्रम में कलीसिया को दिया था यह सेवकों की एक सूची है, जिसे परमेश्वर ने अपने क्रम में कलीसिया को दिया है
#### अंग्रेजी में क्रमसूचक सँख्याएँ #### अंग्रेजी में क्रमसूचक सँख्याएँ
अंग्रेजी में अधिकांश क्रमसूचक सँख्याओं में केवल "-th" अन्त में जोड़ा जाता है। अंग्रेजी में अधिकांश क्रमसूचक सँख्याओं में केवल "-th" को अन्त में जोड़ा दिया जाता है।
| अंक | सँख्या | क्रमसूचक सँख्या | | अंक | सँख्या | क्रमसूचक सँख्या |
| -------- | -------- | -------- | | -------- | -------- | -------- |
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| 100 | एक सौ | एक सौवाँ | | 100 | एक सौ | एक सौवाँ |
| 1000 | एक हजार | एक हज़ारवाँ | | 1000 | एक हजार | एक हज़ारवाँ |
अंग्रेजी में कुछ क्रमसूचक सँख्या इस पद्धित का पालन नहीं करती हैं। अंग्रेजी में कुछ क्रमसूचक सँख्याएँ इस पद्धित का पालन नहीं करती हैं।
| अंक | सँख्या | क्रमसूचक सँख्या | | अंक | सँख्या | क्रमसूचक सँख्या |
| -------- | -------- | -------- | | -------- | -------- | -------- |
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| 5 | पाँच | पाँचवाँ | | 5 | पाँच | पाँचवाँ |
| 12 | बारह | बारहवाँ | | 12 | बारह | बारहवाँ |
#### इसका कारण यह अनुवाद का एक विषय है: ### कारण यह अनुवाद की समस्या है
कुछ भाषाओं की सूची में वस्तुओं का क्रम दिखाने के लिए विशेष सँख्या नहीं होती है। इससे निपटने के विभिन्न तरीके पाए जाते हैं। कुछ भाषाओं की सूची में वस्तुओं का क्रम दिखाने के लिए विशेष सँख्या नहीं होती है। इससे निपटने के विभिन्न तरीके पाए जाते हैं।
### बाइबल से उदाहरण ### बाइबल से उदाहरण
> <u> पहली </u> चिट्ठी यहोयारीब, <u> दूसरी </u> यदायाह, <u> तीसरी </u> हारीम, <u> चौथी </u> सोरीम के ऊपर निकली, ... <u> तेईसवाँ</u> दलायाह की, और <u> चौबीसवीं </u> माज्याह के नाम पर निकली। (1 इतिहास 24:7-18 यूएलबी) > ***पहली*** चिट्ठी यहोयारीब, ***दूसरी*** यदायाह, ***तीसरी*** हारीम, ***चौथी*** सोरीम के ऊपर निकली, … ***तेईसवाँ*** दलायाह की, और ***चौबीसवीं*** माज्याह के नाम पर निकली। (1 इतिहास 24:7-18 यूएलबी)
लोगों ने बहुत सारी चिट्ठीयाँ डाली और की गई व्यवस्था के अनुसार चिट्ठीयाँ इन लोगों में से प्रत्येक के नाम पर निकली। लोगों ने बहुत सारी चिट्ठीयाँ डाली और की गई व्यवस्था के अनुसार चिट्ठीयाँ इन लोगों में से प्रत्येक के नाम पर निकली।
> तूझे उसमें बहुमूल्य पत्थरों की चार पंक्तियाँ रखनी होंगी। <u> पहली </u> पंक्ति में एक माणिक्य, एक पद्मराग और एक लालड़ी होनी चाहिए। <u> दूसरी </u> पंक्ति में एक मरकत, एक नीलमणि, और एक हीरा होना चाहिए। <u> तीसरी </u> पंक्ति में एक लशम jacinth, एक सूर्यकांत agate, और एक नीलम amethyst होना चाहिए। <u> चौथा </u> पंक्ति में एक फोरीजा, और एक सुलैमानी मणि, और एक यशब होना चाहिए। > तूझे उसमें बहुमूल्य पत्थरों की चार पंक्तियाँ रखनी होंगी। ***पहली*** पंक्ति में एक माणिक्य, एक पद्मराग और एक लालड़ी होनी चाहिए। ***दूसरी*** पंक्ति में एक मरकत, एक नीलमणि, और एक हीरा होना चाहिए। ***तीसरी*** पंक्ति में एक लशम, एक सूर्यकांत, और एक नीलम होना चाहिए। ***चौथा*** पंक्ति में एक फोरीजा, और एक सुलैमानी मणि, और एक यशब होना चाहिए। उन्हें सोने की खानों में जड़ा जाना चाहिए। (निर्गमन 28:17-20 ULT)
उन्हें सोने की खानों में जड़ा जाना चाहिए। (निर्गमन 28:17-20 यूएलबी) यह पत्थरों की चार पंक्तियों का वर्णन करता है। पहली पंक्ति कदाचित् शीर्ष पंक्ति है, और चौथी पंक्ति कदाचित् नीचे वाली पंक्ति है।
यह पत्थरों की चार पंक्तियों का वर्णन करता है।पहली पंक्ति कदाचित् शीर्ष पंक्ति है, और चौथी पंक्ति कदाचित् नीचे वाली पंक्ति है। ### अनुवाद रणनीतियाँ
### अनुवाद की रणनीतियाँ यदि आपकी भाषा में क्रमसूचक सँख्याएँ हैं और उनका उपयोग करने से सही अर्थ प्राप्त होगा, तो उनका उपयोग करने पर विचार करें। यदि नहीं, तो यहाँ दी गई कुछ रणनीतियों पर विचार करना चाहिए:
यदि आपकी भाषा में क्रमसूचक सँख्याएँ हैं और उनका उपयोग करने से सही अर्थ प्राप्त होगा, तो उनका उपयोग करने पर विचार करें। यदि नहीं, तो यहाँ कुछ रणनीतियों पर विचार करना चाहिए:
1. पहले वस्तु के साथ "एक" और शेष के साथ "दूसरा" या "अगला" का प्रयोग करें। 1. पहले वस्तु के साथ "एक" और शेष के साथ "दूसरा" या "अगला" का प्रयोग करें।
1. वस्तुओं की कुल सँख्या बताएँ और फिर उन्हें सूचीबद्ध करें या उनके साथ जुड़ी बातों को सूचीबद्ध करें। 1. वस्तुओं की कुल सँख्या बताएँ और फिर उन्हें सूचीबद्ध करें या उनके साथ जुड़ी बातों को सूचीबद्ध करें।
### अनुवाद के लिए लागू की गई रणनीतियों के उदाहरण ### अनुवाद रणनीतियों के प्रयोग के उदाहरण
1. वस्तुओं की कुल सँख्या बताएँ, और पहली वस्तु के साथ "एक" और शेष के साथ "दूसरा" या "अगला" का पयोग करें। 1. पहले वस्तु के साथ "एक" और शेष के साथ "दूसरा" या "अगला" का प्रयोग करें।
* **पहली यहोयारीब के नाम पर, यदायाह को दूसरी, हारीम को तीसरी, सोरीम को चौथी, ... तेईसवीं दलायाह और चौबीसवीं माज्याह पर निकली।** (1 इतिहास 24:7- 18 यूएलबी) > **पहली यहोयारीब के नाम पर, यदायाह को दूसरी, हारीम को तीसरी, सोरीम को चौथी,… तेईसवीं दलायाह और चौबीसवीं माज्याह पर निकली।** (1 इतिहास 24:7- 18 ULT)
* <u> चौबीस </u> चिट्ठीयाँ थी। <u> एक चिट्ठी </u> यहोयारीब के नाम पर, <u> दूसरी </u> यदायाह, <u> तीसरी </u> हारिम पर, ... <u> तेईसवीं </u>दलायाह के पर, <u> और अन्तिम </u> माज्याह के नाम पर निकली। >> ***चौबीस*** चिट्ठीयाँ थी। ***एक चिट्ठी*** यहोयारीब के नाम पर, ***अन्य*** यदायाह, ***अन्य*** हारिम पर,... ***अन्य*** दलायाह के पर, ***और अन्तिम*** माज्याह के नाम पर निकली।
* <u> चौबीस </u> चिट्ठीयाँ थी। <u> एक चिट्टी</u> यहोयारीब के पास गई, <u> अगली </u> यदायाह, <u> उससे अगली </u> हारीम के पास, ... <u> उससे अगली </u>दलायाह के पास, <u> और अन्तिम </u> माज्याह के पाई गई। >> *** चौबीस*** चिट्ठीयाँ थी। ***एक चिट्टी*** यहोयारीब के पास गई, ***अगली*** यदायाह, ***उससे अगली*** हारीम के पास,... ***उससे अगली*** दलायाह के पास, ***और अन्तिम*** माज्याह के पाई गई।
* **वाटिका को पानी देने के लिए अदन से एक नदी निकाली गई। वहाँ से यह विभाजित हो गई और <u> चार </u> नदियाँ बन गईं।<u> पहली </u> का नाम पिशोन है। यह वह है, जो हवीला की सारी भूमि में बहती है, जहाँ सोना है। उस भूमि का सोना अच्छा है। वहाँ मोती और सुलैमानी पत्थर भी है। <u> दूसरी </u> नदी का नाम गीहोन है। यह कूश की पूरी भूमि में बहती है। <u> तीसरा </u> नदी का नाम हिद्देकेल है, जो अश्शूर के पूर्व में बहता है। <u> चौथा </u> नदी फरात है।** (उत्पत्ति 2:10-14 यूएलबी)
* वाटिका को पानी देने के लिए अदन से एक नदी निकाली गई। वहाँ से यह विभाजित हो गई और <u> चार </u> नदियाँ बन गईं। <u> एक </u> का नाम पिशोन है। यह वह है, जो हवीला की सारी भूमि में बहती है, जहाँ सोना है। उस भूमि का सोना अच्छा है। वहाँ मोती और सुलैमानी पत्थर भी है। <u> अगली </u> नदी का नाम गीहोन है। यह कूश की पूरी भूमि में बहती है। <u> अगली </u> नदी का नाम हिद्देकेल है, जो अश्शूर के पूर्व में बहता है। <u> अन्तिम </u> नदी फरात है।
1. वस्तुओं की कुल सँख्या बताएँ और फिर उन्हें सूचीबद्ध करें या उनके साथ जुड़े बातें सूचीबद्ध करें। > **वाटिका को पानी देने के लिए अदन से एक नदी निकाली गई। वहाँ से यह विभाजित हो गई और ***चार*** नदियाँ बन गईं। ***पहली*** का नाम पिशोन है। यह वह है, जो हवीला की सारी भूमि में बहती है, जहाँ सोना है। उस भूमि का सोना अच्छा है। वहाँ मोती और सुलैमानी पत्थर भी है। ***दूसरी*** नदी का नाम गीहोन है। यह कूश की पूरी भूमि में बहती है। ***तीसरी*** नदी का नाम हिद्देकेल है, जो अश्शूर के पूर्व में बहता है। ***चौथी*** नदी फरात है। (उत्पत्ति 2:10-14 ULT)
>> वाटिका को पानी देने के लिए अदन से एक नदी निकाली गई। वहाँ से यह विभाजित हो गई और ***चार*** नदियाँ बन गईं। ***एक*** का नाम पिशोन है। यह वह है, जो हवीला की सारी भूमि में बहती है, जहाँ सोना है। उस भूमि का सोना अच्छा है। वहाँ मोती और सुलैमानी पत्थर भी है। ***अगली*** नदी का नाम गीहोन है। यह कूश की पूरी भूमि में बहती है। ***अगली*** नदी का नाम हिद्देकेल है, जो अश्शूर के पूर्व में बहता है। ***अन्तिम*** नदी फरात है।
* **पहली यहोयारीब के नाम पर, यदायाह को दूसरी, हारीम को तीसरी, सोरीम को चौथी, ... तेईसवीं दलायाह और चौबीसवीं माज्याह पर निकली।** (1 इतिहास 24:7- 18 यूएलबी) (2) वस्तुओं की कुल सँख्या बताएँ और फिर उन्हें सूचीबद्ध करें या उनके साथ जुड़ी बातों को सूचीबद्ध करें।
* उन्होंने <u> चौबीस </u> चिट्ठीयों को डाला था। चिट्ठीयाँ यरोयारीब, यदायाह, हारीम, सोरीम, ... दलायाह और माज्याह के नाम पर निकली।
> **पहली यहोयारीब के नाम पर, यदायाह को दूसरी, हारीम को तीसरी, सोरीम को चौथी,… तेईसवीं दलायाह और चौबीसवीं माज्याह पर निकली।** (1 इतिहास 24:7- 18 ULT)
>> उन्होंने ***चौबीस*** चिट्ठीयों को डाला था। चिट्ठीयाँ यरोयारीब, यदायाह, हारीम, सोरीम,... दलायाह और माज्याह के नाम पर निकली।

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मैं सिंह, अंजीर के पेड़, पर्वत, याजक या मन्दिर जैसे शब्दों का अनुवाद कैसे करूँ क्योंकि मेरी संस्कृति में लोगों ने इन चीजों को कभी नहीं देखा है और हमारे पास उनके लिए कोई शब्द नहीं है? बाइबल का अनुवाद करने के लिए, आप (अनुवादक) अपने आप से कह रहे होंगे कि: "मैं सिंह, अंजीर के पेड़, पर्वत, याजक या मन्दिर जैसे शब्दों का अनुवाद कैसे करूँ क्योंकि मेरी संस्कृति में लोगों ने इन चीजों को कभी नहीं देखा है और हमारे पास उनके लिए कोई शब्द नहीं है?"
### विवरण ### वर्णन
अज्ञात चीजें वे होती हैं जो स्रोत मूलपाठ में होती हैं जो आपकी संस्कृति के लोगों को ज्ञात नहीं हैं। अनफोल्डिंग वर्ड® ट्रांसलेशन वर्ड्स पेज और अनफोल्डिंग वर्ड® ट्रांसलेशन नोट्स आपको समझने में मदद करेंगे कि वे क्या हैं। उन्हें समझने के बाद, आपको उन चीज़ों को संदर्भित करने के लिए तरीके खोजने होंगे ताकि आपके अनुवाद को पढ़ने वाले लोग समझ सकें कि वे क्या हैं।
> यहाँ हमारे पास पाँच ***रोटी*** और दो मछलियों को छोड़ और कुछ नहीं है (मत्ती 14:17 ULT)
एक विशेष प्रकार का भोज्य पदार्थ ब्रैड के आटे को पीसे हुए अनाज को तेल के साथ मिलाकर गूंदा जाता है, और फिर इस मिश्रण को पकाया जाता है ताकि यह सूख जाए। (अनाज एक प्रकार के पौधे के बीज होते हैं।) कुछ संस्कृतियों में लोगों के पास रोटी नहीं है और यह नहीं जानते कि यह क्या है।
**कारण यह अनुवाद की समस्या है**
* हो सकता है कि पाठकों को कुछ बातें पता न हों जो बाइबल में पाई जाती हैं क्योंकि वे चीजें उनकी अपनी संस्कृति का हिस्सा नहीं हैं।
* पाठकों को एक मूलपाठ को समझने में कठिनाई हो सकती है यदि वे कुछ ऐसी चीजों को नहीं जानते हैं जो इसमें उल्लिखित हैं।
#### अनुवाद के सिद्धान्त
* यदि संभव हो तो उन शब्दों का उपयोग करें जो पहले से ही आपकी भाषा का हिस्सा हैं।
* यदि संभव हो तो अभिव्यक्त को छोटा रखें।
* परमेश्वर की आज्ञाओं और ऐतिहासिक तथ्यों का सटीकता से प्रस्तुतिकरण करें।
### बाइबल से उदाहरण
> मैं यरूशलेम को खण्डहर बनाकर ***गीदड़ों*** का स्थान बनाऊँगा (यिर्मयाह 9:11 ULT)
गीदड़ जंगली जानवर जैसे कुत्ते हैं जो संसार के कुछ ही हिस्सों में रहते हैं। इसलिए उन्हें कई स्थानों पर नहीं जाना जाता है।
> झूठे भविष्यद्वक्ताओं से सावधान रहो, जो भेड़ों के भेष में तुम्हारे पास आते हैं, परन्तु अन्तर में फाड़नेवाले ***भेड़िए*** हैं। (मत्ती 7:15 ULT)
यदि भेड़ियों वहाँ नहीं रहते है, जहाँ अनुवाद पढ़ा जाएगा, तो पाठकों को समझ में नहीं आ सकता है कि ये जंगली जानवर जैसे फाड़नेवाले कुत्ते जो भेड़ पर आक्रमण करते हैं और खा जाते हैं।
> और उसे ***गन्धरस*** मिला हुआ दाखरस देने लगे, परन्तु उसने नहीं लिया। (मरकुस 15:23 ULT)
हो सकता है कि लोगों को यह पता न हो कि गन्धरस क्या होता है और इसका उपयोग दवा के रूप में किया जाता था।
> उसने ***बड़ी-बड़ी ज्योतियाँ*** बनाईं (भजन संहिता 136:7 ULT)
कुछ भाषाओं में उन चीजों के लिए शब्द पाए जाते हैं जो प्रकाश देती हैं, जैसे सूरज और आग, परन्तु उनके पास ज्योति के लिए कोई सामान्य शब्द नहीं है।
तुम्हारे पाप चाहे लाल रंग के हों, तो भी वे हिम के समान उजले हो जाएँगे (यशायाह 1:18 ULT)
संसार के कई भागों में लोगों ने बर्फ नहीं देखी है, परन्तु उन्होंने इसे चित्रों में इसे देखा होगा।
### अनुवाद रणनीति
यहाँ ऐसे तरीके दिए गए हैं जिनके द्वारा आप किसी ऐसे शब्द का अनुवाद कर सकते हैं जो आपकी भाषा में ज्ञात नहीं है:
1. एक वाक्यांश का उपयोग करें जो यह बताता है कि अज्ञात वस्तु क्या है, या वचन में उपयोग की गई अज्ञात वस्तु के बारे में क्या महत्वपूर्ण है।
1. आपकी भाषा से मिलता-जुलता कुछ करें यदि ऐसा करना किसी ऐतिहासिक तथ्य को गलत तरीके से प्रस्तुत नहीं करता है।
1. शब्द को किसी अन्य भाषा से नकल करें, और लोगों को इसे समझने में सहायता देने के लिए एक सामान्य शब्द या वर्णनात्मक वाक्यांश जोड़ें।
1. एक शब्द का प्रयोग करें जो अपने अर्थ में अधिक सामान्य है।
1. एक शब्द या वाक्यांश का उपयोग करें जो अपने अर्थ में अधिक विशेष है।
### अनुवाद रणनीतियों के प्रयोग के उदाहरण
1. एक वाक्यांश का उपयोग करें जो यह बताता है कि अज्ञात वस्तु क्या है, या वचन में उपयोग की गई अज्ञात वस्तु के बारे में क्या महत्वपूर्ण है।
> **झूठे भविष्यद्वक्ताओं से सावधान रहो, जो भेड़ों के भेष में तुम्हारे पास आते हैं, परन्तु अन्तर में ***फाड़नेवाले भेड़िए*** हैं। (मत्ती 7:15 ULT)
>> झूठे भविष्यद्वक्ताओं से सावधान रहो, जो भेड़ों के भेष में तुम्हारे पास आते हैं, परन्तु ***वास्तव में भूखे और खतरनाक जानवर हैं***।
यहाँ "फाड़नेवाले भेड़िए" एक रूपक का हिस्सा है, इसलिए पाठक को यह जानकारी समझने के लिए आवश्यक है कि वे इस रूपक में भेड़ों के लिए अत्याधिक खतरनाक हैं। (यदि भेड़ें भी अज्ञात हैं, तो आपको अनुवाद करने के लिए अनुवाद रणनीतियों में से किसी एक का उपयोग करने की आवश्यकता होगी, या रूपकों के लिए अनुवाद की रणनीति का उपयोग करके रूपक को किसी अन्य चीज़ में बदलना होगा। देखें [रूपकों का अनुवाद करना](../figs-metaphor/01.md)।
> **यहाँ हमारे पास केवल पाँच ***रोटियाँ*** और दो मछलियाँ हैं** (मत्ती 14:17 ULT)
>> यहाँ हमारे पास केवल पाँच ***पके हुए अनाज के बीज की रोटियाँ*** और दो मछलियाँ हैं**
1. आपकी भाषा से मिलता-जुलता कुछ करें यदि ऐसा करना किसी ऐतिहासिक तथ्य को गलत तरीके से प्रस्तुत नहीं करता है।
>**तुम्हारे पाप... ***हिम*** के समान उजले हो जाएँगे (यशायाह 1:18 ULT) यह वचव बर्फ के बारे में नहीं है। यह लोगों को बोलने के तरीके को समझने में सहायता देने के लिए उपयोग किया गया है कि लोग समझे कि सफेद का अर्थ कैसा होगा।
>> तुम्हारे पाप…***दूध*** के जैसे सफेद हो जाएंगे
>> तुम्हारे पाप…***चन्द्रमा*** के जैसे सफेद होंगे
1. शब्द को किसी अन्य भाषा से नकल करें, और लोगों को इसे समझने में सहायता देने के लिए एक सामान्य शब्द या वर्णनात्मक वाक्यांश जोड़ें।
> **और उसे ***गन्धरस*** मिला हुआ दाखरस देने लगे, परन्तु उसने नहीं लिया।** (मरकुस 15:23 ULT) हो सकता है कि लोग सर्वोत्तम रीति से समझें कि गन्धरस क्या है यदि इसे सामान्य शब्द "दवा" के साथ प्रयोग किया जाए।
>> और उसे ***गन्धरस नामक एक दवा*** मिला हुआ दाखरस देने लगे, परन्तु उसने नहीं लिया।
> **यहाँ हमारे पास केवल पाँच ***रोटियाँ*** और दो मछलियाँ हैं** (मत्ती 14:17 ULT) - हो सकता है कि लोग सर्वोत्तम रीति से समझें कि ब्रेड क्या होती है यदि इसका उपयोग एक वाक्यांश के साथ किया जाता है जो यह बताता हो कि यह किस से (बीज) बना है और इसे कैसे (पीस कर और पका कर) तैयार किया जाता है ।
> यहाँ हमारे पास केवल पाँच ***रोटियाँ पीसे हुए बीज की पकी हुई हैं*** और दो मछलियाँ हैं**
1. एक शब्द का प्रयोग करें जो अपने अर्थ में अधिक सामान्य है।
> **मैं यरूशलेम को खण्डहर बनाकर ***गीदड़ों*** का स्थान बनाऊँगा***** (यिर्मयाह 9:11 ULT)
>> मैं यरूशलेम को खण्डहर बनाकर ***जंगली कुत्तों*** का स्थान बनाऊँगा
> **यहाँ हमारे पास केवल पाँच ***रोटियाँ*** और दो मछलियाँ हैं** (मत्ती 14:17 ULT)
>> यहाँ हमारे पास केवल पाँच ***पकी हुई रोटियाँ*** और दो मछलियाँ हैं
1. एक शब्द या वाक्यांश का उपयोग करें जो अपने अर्थ में अधिक विशेष है।
> **उसने ***बड़ी-बड़ी ज्योतियाँ***** बनाईं (भजन संहिता 136:7 ULT)
>> **उसने ***सूर्य और चन्द्रमा*** को बनाया

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* सामग्री को प्रकाशित और वितरित करने का अनुभव * सामग्री को प्रकाशित और वितरित करने का अनुभव
* बाइबल की साधारण कहानियाँ चर्च को शिक्षा देने, खोए हुओं को प्रचार करने और अनुवादकों को प्रशिक्षित करने के लिए एक बहुत बड़ा संसाधन है, जो कि बाइबल के बारे में है। * बाइबल की साधारण कहानियाँ चर्च को शिक्षा देने, खोए हुओं को प्रचार करने और अनुवादकों को प्रशिक्षित करने के लिए एक बहुत बड़ा संसाधन है, जो कि बाइबल के बारे में है।
आप जो भी क्रम चाहते हैं, उसमें कहानियों के माध्यम से अपना कार्य में उपयोग कर सकते हैं, परन्तु हमने पाया है कि कहानी # 31 (http://ufw.io/en-obs-31 को देखें) अनुवाद करने के लिए एक सबसे अच्छी कहानी है, क्योंकि यह छोटी है और समझने में आसान है। आप जो भी क्रम चाहते हैं, उसमें कहानियों के माध्यम से अपना कार्य में उपयोग कर सकते हैं, परन्तु हमने पाया है कि कहानी
31 (http://ufw.io/en-obs-31 को देखें) अनुवाद करने के लिए एक सबसे अच्छी कहानी है, क्योंकि यह छोटी है और समझने में आसान है।
### निष्कर्ष ### निष्कर्ष

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1. **[एक नई घटना का परिचय](../writing-newevent/01.md)** - वाक्यांश "एक दिन" या "यह उसके बारे में था" या "इस तरह से हुआ" या "उसके बाद कुछ समय" पाठक को संकेत देता है कि एक नई घटना बताई जा रहा है। 1. **[एक नई घटना का परिचय](../writing-newevent/01.md)** - वाक्यांश "एक दिन" या "यह उसके बारे में था" या "इस तरह से हुआ" या "उसके बाद कुछ समय" पाठक को संकेत देता है कि एक नई घटना बताई जा रहा है।
1. **[नए और पुराने प्रतिभागियों का परिचय](../writing-participants/01.md)** - भाषाओं में नए लोगों को प्रस्तुत करने और उन लोगों का वर्णन करने के तरीके होते हैं। 1. **[नए और पुराने प्रतिभागियों का परिचय](../writing-participants/01.md)** - भाषाओं में नए लोगों को प्रस्तुत करने और उन लोगों का वर्णन करने के तरीके होते हैं।
1. **[पृष्ठभूमि की सूचना](../writing-background/01.md)** - एक लेखक पृष्ठभूमि की जानकारी को कई कारणों से उपयोग कर सकता है: 1. **[पृष्ठभूमि की सूचना](../writing-background/01.md)** - एक लेखक पृष्ठभूमि की जानकारी को कई कारणों से उपयोग कर सकता है: 1) कहानी में रुचि को जोड़ने के लिए, 2) कहानी को समझने के लिए महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान करने के लिए या 3) यह बताने के लिए कि कहानी में कोई बात महत्वपूर्ण क्यों है।
1) कहानी में रुचि को जोड़ने के लिए, 2) कहानी को समझने के लिए महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान करने के लिए या 3) यह बताने के लिए कि कहानी में कोई बात महत्वपूर्ण क्यों है।
1. **[सर्वनाम - इन्हें कब उपयोग करें](../writing-pronouns/01.md)** - भाषाओं में पद्धतियाँ होती हैं कि कितनी बार सर्वनाम का उपयोग करना है। यदि उस पद्धतिय का पालन नहीं किया जाता है, तो परिणाम गलत अर्थ हो सकता है। 1. **[सर्वनाम - इन्हें कब उपयोग करें](../writing-pronouns/01.md)** - भाषाओं में पद्धतियाँ होती हैं कि कितनी बार सर्वनाम का उपयोग करना है। यदि उस पद्धतिय का पालन नहीं किया जाता है, तो परिणाम गलत अर्थ हो सकता है।
1. **[कहानी का अन्त](../writing-endofstory/01.md)** - कहानियाँ विभिन्न प्रकार की जानकारी के साथ समाप्त हो सकती हैं। भाषाएँ में इस बात को दिखाने के लिए विभिन्न तरीके हैं कि यह जानकारी कहानी से कैसे सम्बन्धित है। 1. **[कहानी का अन्त](../writing-endofstory/01.md)** - कहानियाँ विभिन्न प्रकार की जानकारी के साथ समाप्त हो सकती हैं। भाषाएँ में इस बात को दिखाने के लिए विभिन्न तरीके हैं कि यह जानकारी कहानी से कैसे सम्बन्धित है।
1. **[उद्धरण और उद्धरण हाशिया](../writing-quotations/01.md)** - भाषाओं में रिपोर्ट करने के विभिन्न तरीके होते हैं, कि किसी ने क्या कहा था। 1. **[उद्धरण और उद्धरण हाशिया](../writing-quotations/01.md)** - भाषाओं में रिपोर्ट करने के विभिन्न तरीके होते हैं, कि किसी ने क्या कहा था।