diff --git a/README.md b/README.md index 2df2c91..3d830a5 100644 --- a/README.md +++ b/README.md @@ -1,3 +1,5 @@ # Hindi Translation Academy -STR https://git.door43.org/unfoldingWord/SourceTextRequestForm/issues/234 +STRs: +* https://git.door43.org/unfoldingWord/SourceTextRequestForm/issues/234 +* https://git.door43.org/unfoldingWord/SourceTextRequestForm/issues/500 diff --git a/checking/acceptable/01.md b/checking/acceptable/01.md index 60d54dc..e5f6957 100644 --- a/checking/acceptable/01.md +++ b/checking/acceptable/01.md @@ -1,4 +1,3 @@ - ### मान्य तरीके में अनुवाद नये अनुवाद को पढ़ते समय, स्वयं से ये प्रश्न पूछें। इन प्रश्नों से आपको पता चल पायेगा कि अनुवाद उक्त भाषा समाज के द्वारा मान्य तरीके में किया गया है या नही: diff --git a/checking/accuracy-check/01.md b/checking/accuracy-check/01.md index d6894c1..e86e3df 100644 --- a/checking/accuracy-check/01.md +++ b/checking/accuracy-check/01.md @@ -1,4 +1,3 @@ - ### भाषा के सटीकता की जाँच इस भाग का उद्देश्य नए अनुवाद की खरार्इ अथवा सटीकता को निश्चित करना है। दूसरे शब्दों में, स्रोत के अनुवाद के साथ तुलना करने पर, क्या नया अनुवाद उसी अर्थ को बताता है (जरूरी नही है कि समान शब्दों या क्रम का उपयोग हुआ हो) @@ -17,17 +16,18 @@ 1. हर जाँचकर्ता स्वयं अनुवाद को पढ़े (या रिकॉर्डिंग को सुने), अधिकाँश लोगों की भाषा में बाइबल के मूल भाग या कहानी के साथ तूलना करें। यह लाभदायक होगा यदि अनुवादक जाँचकर्ता को अनुवाद पढ़कर सुनाए जिसे वह मूल बाइबल भाग अथवा कहानी के स्रोत को पढ़ने के साथ साथ देख सकता है।जब जाँचकर्ता अनुवाद को पढ़कर (या सुनकर) स्रोत के साथ इसकीर तुलना करता है, तो वह इन प्रश्नों को मन में रखे: - * क्या अनुवाद में मूल अर्थ के साथ कुछ जुड़ा है? - * (मूल अर्थ भी सम्मिलित है [अंतर्निहित जानकारी](../../translate/figs-explicit/01.md)) - * क्या कोर्इ भाग अनुवाद में छुट गया है? - * क्या अनुवाद ने अर्थ को किसी भी तरीके से बदला है? + * क्या अनुवाद में मूल अर्थ के साथ कुछ जुड़ा है? + * (मूल अर्थ भी सम्मिलित है [अंतर्निहित जानकारी](../../translate/figs-explicit/01.md)) + * क्या कोर्इ भाग अनुवाद में छुट गया है? + * क्या अनुवाद ने अर्थ को किसी भी तरीके से बदला है? 1. जाँचकर्ता उन सब बातों को लिख ले जहाँ उसे लगता हो कि कुछ गलत है या कुछ सही किया जा सकता है। हर जाँचकर्ता उन बातों को अनुवाद के दल के साथ बाँटे 1. एक बाइबल कहानी या अध्याय को व्यक्तिगत तौर पर जाँचने के बाद, जाँचकर्ता अनुवादक अथवा अनुवादक दल से मिलकर, उस कहानी अथवा बाइबल के भाग पर पुनरावलोकन करें। जब वे उस जगह पर पहुँचते हैं जहाँ जाँचकर्ता ने समस्या या प्रश्न को इंगित कर रखा है, तो वे उसमें फेरबदल या विकास के लिए, आपस में प्रश्न पूछें या सुझाव दें। जब जाँचकर्ता और अनुवादक दल प्रश्नों और सुझावों पर विचार विमर्श कर लें, तो वे दूसरे प्रश्नों अथवा बातों को कहने के दूसरे तरीकों के बारे में विचार विमर्श कर सकते हैं। यह अच्छा है । + जब जाँचकर्ता और अनुवादक दल एक साथ काम करें, तो कहानी अथवा बाइबल के भाग के अर्थ को सही तरीके से बताने में परमेश्वर उनकी मदद करेगा। -1. जब जाँचकर्ता और अनुवादक दल बदलने वाली बातों को निर्धारित कर लें, तो अनुवादक दल अनुवाद को अवलोकन करें। अनुवादक दल के द्वारा अनुवाद के अवलोकन के बाद, वे इसे एक दूसरे के सामने या भाषा समुदाय के लोगों के साथ पढ़कर सुनाएँ जिससे कि वह भाषा सुनने में स्वाभाविक लगे। +1. जब जाँचकर्ता और अनुवादक दल बदलने वाली बातों को निर्धारित कर लें, तो अनुवादक दल अनुवाद को अवलोकन करें। अनुवादक दल के द्वारा अनुवाद के अवलोकन के बाद, वे इसे एक दूसरे के सामने या भाषा समुदाय के लोगों के साथ पढ़कर सुनाएँ जिससे कि वह भाषा सुनने में स्वाभाविक लगे। 1. अनुवादक (या दल) उस बाइबल के भाग को इंगित कर लें जो अभी भी कठिन लगते हों और जहाँ उन्हे बाइबल के जाँचकर्ताओं की अधिक जरूरत महसूस होती हो । कलीसिया के अगुवे और जाँचकर्ता इन लेखों का स्तर दो और तीन में इस्तेमाल करेंगे, जिससे अनुवादकों को उसका अर्थ पता चल सके और पूरी स्पष्टता के साथ उसे बताया जा सके। diff --git a/checking/accurate/01.md b/checking/accurate/01.md index 22136e2..c15bb91 100644 --- a/checking/accurate/01.md +++ b/checking/accurate/01.md @@ -1,7 +1,5 @@ - ### एक सटीक अनुवाद यह निश्चित करना जरूरी है कि नया अनुवाद एकदम सही अथवा सटीक हो। सटीकता की जाँच करने के लिए चुने गए लोगों की जिम्मेदारी है कि उन्हे वही अर्थ लोगों तक पहुँचाना है जो मूल लेखक बताना चाहता था या बताने की प्रतीक्षा में था। ऐसा करने के निर्देशों के लिए, [सटीकता की जाँच](../accuracy-check/01.md) में जाएँ और ‘‘सब स्तर’’ के तहत दिए गए कदमों का पालन करें। - diff --git a/checking/alphabet/01.md b/checking/alphabet/01.md index 5075abb..684d245 100644 --- a/checking/alphabet/01.md +++ b/checking/alphabet/01.md @@ -1,11 +1,9 @@ - ### अनुवाद के लिए शब्दमाला जब आप अनुवाद को पढ़ते हैं तो शब्दों के उच्चारण के लिए निम्न प्रश्नों को पूछें। इन प्रश्नों से आपको भाषा के उच्चारण के लिए एकदम सही शब्द को चुनने में मदद मिलेगी और क्या इन शब्दों को उनकी निरंतरता में लिखा गया है जिससे उन्हे पढ़ना आसान हो। 1. क्या वह शब्द उस भाषा के उच्चारण में इस्तेमाल करने योग्य है? (क्या कोर्इ और उच्चारण हैं जिनका अर्थ अलग लगता है परंतु उन्हे अलग आवाज के लिए उसी अक्षर के साथ इस्तेमाल करना है) क्या इससे शब्द को पढ़ना कठिन तो नही हो जाता? क्या इन शब्दों को कहीं पर लगाने के लिए कुछ अलग चिन्हों को लगाने की जरूरत है जिससे उनका अंतर पता चल सके -1. क्या पुस्तक में इस्तेमाल की गर्इ स्पेलिंग सही है? (क्या लेखक को बताने के लिए कोर्इ नियम हैं कि कैसे विभिé हालातों में शब्द कैसे बदलते हैं?) क्या उनका वर्णन किया जा सकता है जिससे दूसरे लोग भाषा को आसानी से पढ़ और लिख सकें? +1. क्या पुस्तक में इस्तेमाल की गर्इ स्पेलिंग सही है? (क्या लेखक को बताने के लिए कोर्इ नियम हैं कि कैसे विभिé हालातों में शब्द कैसे बदलते हैं?) क्या उनका वर्णन किया जा सकता है जिससे दूसरे लोग भाषा को आसानी से पढ़ और लिख सकें? 1. क्या अनुवाद ने उन भावों, कथनों, प्रत्ययों या स्पेलिंगों का उपयोग किया है जिन्हे उस भाषा समुदाय के अधिकाँश लोग जानते हैं? यदि अक्षर या स्पेलिंग के बारे में कुछ गलत है, उसको लिख लें जिससे अनुवादक दल के साथ विचार विमर्श किया जा सके - diff --git a/checking/authority-level1/01.md b/checking/authority-level1/01.md index b57eedd..670d0a9 100644 --- a/checking/authority-level1/01.md +++ b/checking/authority-level1/01.md @@ -1,4 +1,3 @@ - ### अधिकार स्तर 1: अनुवादक दल की पुष्टि इस स्तर का मकसद आदर्श मसीही सिद्धांतों के साथ एवं स्वयं अनुवाद की सटीकता को निश्चित करने के लिए दिए गए निर्देंशों के साथ अनुवादक दल की सहमति की पुष्टि करना है। @@ -6,4 +5,3 @@ इस स्तर में प्रकाशित लेख सक्रिय प्रोजेक्ट के तौर पर एक खुला आमंत्रण देता है जहाँ भाषा समुदाय से सीधे लोगों को फेरबदल अथवा विकास के सुझावों को बताने का अवसर दिया जाता है। इस स्तर को पूरा करने के लिए, अनुवादक दल सत्यापित करता है कि विश्वास कथन उनकी अपनी मान्य विचारधाराओं का सही प्रकटीकरण है और अनुवाद भी उसी के अनुसार किया गया है। - diff --git a/checking/authority-level2/01.md b/checking/authority-level2/01.md index c3df4cf..af61cb3 100644 --- a/checking/authority-level2/01.md +++ b/checking/authority-level2/01.md @@ -1,4 +1,3 @@ - ### अधिकार स्तर 2: समुदाय के द्वारा पुष्टि इस भाग के दो उद्देश्य हैं: diff --git a/checking/authority-level3/01.md b/checking/authority-level3/01.md index b2c5e87..ce7d92b 100644 --- a/checking/authority-level3/01.md +++ b/checking/authority-level3/01.md @@ -1,4 +1,3 @@ - ### अधिकार स्तर 3: कलीसिया के अगुवों की पुष्टि इस स्तर का उद्देश्य इस बात की पुष्टि करना है कि अनुवाद मूल लेख के उद्देश्य से तथा ऐतिहासिक एवं वैश्विक कलीसिया के सिद्धांतों से मेल खाता है। @@ -8,4 +7,3 @@ अत: उस क्षेत्र की विभिé कलीसियाओं के सहयोग एवं सहमति से ही स्तर 3 को पूरा किया जा सकता है। अनुवादक दल अनुवाद में संसोधन करेगा जिससे इन कलीसियाओं के अगुवे पुष्टि कर सकें कि अनुवाद सटीक है और उसे कलीसियाओं की संगति स्वीकार करती है। उस क्षेत्र की कम से कम दो कलीसियाओं के ऐसे अगुवे (या उनके सहयोगी) जो अनुवाद के सिद्धांतों को जानते और बाइबलीय भाषा तथा लेख से परिचित हैं, इस अनुवाद को संपूर्ण तौर पर जाँचकर पुष्टि कर दें तो स्तर 3 पूरा हो जाता है। - diff --git a/checking/authority-process/01.md b/checking/authority-process/01.md index cb66734..a02ddf8 100644 --- a/checking/authority-process/01.md +++ b/checking/authority-process/01.md @@ -1,4 +1,3 @@ - ### वर्णन हर जन जाति में मौजूद कलीसिया के पास यह निर्धारित करने का अधिकार है कि उनकी भाषा में किये गये बाइबल के अनुवाद की गुणवत्ता सही है या नही है। बाइबल अनुवाद को जाँचने एवं पुष्टि करने का अधिकार (जो निरंतर होता है), बाइबल के अनुवाद को जाँचने की प्रक्रिया को करने की योग्यता एवं क्षमता से अलग है (जिसे बढ़ाया जा सकता है) ।गुणवत्ता को निर्धारित करने का अधिकार कलीसिया पर है जो संसाधनों पर उनकी वर्तमान क्षमता, अनुभव और पहुँच से अलग है जिससे वे बाइबल अनुवाद की जाँच का कार्य करते हैं। अत: जबकि भाषा समूह की कलीसिया के पास अपने बाइबल अनुवाद को जाँचने और पुष्टि करने का अधिकार है, ट्राँसलेशन अकेडमी के मापदण्ड समेत, शब्दों की सामग्रियाँ इस बात को निश्चित करने के लिए तैयार की गर्इ हैं कि उत्तम प्रक्रियाओं के द्वारा, कलीसिया के पास भी अपने बाइबल अनुवाद को जाँचने का अधिकार है। @@ -10,4 +9,3 @@ * [अधिकार स्तर 3](../authority-level3/01.md): भाषा को बोलने वाले लोगों की कलीसियाओं की संगतियों के अगुवों के द्वारा निर्धारित अनुवाद को जाँचने की प्रक्रिया को ‘‘जाँच प्रक्रिया’’ शीर्षक के तहत मौजुद मापदण्ड के आधार पर किया जाएगा। - diff --git a/checking/church-leader-check/01.md b/checking/church-leader-check/01.md index 89c5535..059658d 100644 --- a/checking/church-leader-check/01.md +++ b/checking/church-leader-check/01.md @@ -1,4 +1,3 @@ - ### कलीसियार्इ अगुवे की जाँच कैसे करें समुदाय के सदस्यों के द्वारा स्पष्टता के लिए अनुवाद सटीकता के लिए इसे कलीसिया के अगुवे जाँच करेंगे। इस समूह में उक्त भाषा को बोलने वाली कम से कम तीन कलीसियाओं के अगुवे शामिल हों जो मूल स्रोत लेख की भाषा को अच्छी तरह से जानते हों। वे अनुवादक दल के किसी भी सदस्य के रिश्तेदार या किसी भी प्रकार से जानकार, न हों। आम तौर पर, अवलोकन करने वाले लोग पासवान होंगे। ये कलीसियार्इ अगुवे भाषा समूह में मौजूद विभिé कलीसियाओं के प्रतिनिधि हों। हम सुझाव देते हैं कि यदि समुदाय में कर्इ सारी कलीसियाएँ हैं तो कम से कम तीन कलीसियाओं की संगति से लोगों को समूह में शामिल करें। @@ -13,4 +12,3 @@ 1. कुछ अध्यायों या बाइबल के एक पुस्तक का अवलोकन कर लेने के पश्चात, अनुवादक दल से मिलें और हर समस्या के बारे में पूछें। अनुवादक दल के साथ विचार विमर्श करें कि उक्त समस्या को सुलझाने के लिए अनुवाद में क्या फेरबदल किए जा सकते हैं। अनुवाद में फेरबदल एवं समुदाय में इसकी जाँच के पश्चात, किसी भी समय पुन: अनुवादक दल से मिलने की योजना बनाएँ 1. अनुवादक दल से पुन: मिलें और देखें कि समस्या सही हो चुकी है या नही 1. पुष्टि करें कि अनुवाद अच्छा है। स्तर दो के पुष्टिकरण के पृष्ठ को पूरा करने के लिए [स्तर 2 पुष्टि](../good/01.md) देखें। - diff --git a/checking/clear/01.md b/checking/clear/01.md index 5f89430..e6cbd1e 100644 --- a/checking/clear/01.md +++ b/checking/clear/01.md @@ -1,4 +1,3 @@ - ### एक स्पष्ट अनुवाद अनुवाद को पढ़ते समय यह जानने के लिए अनुवाद का संदेश स्पष्ट है या नही, निम्न प्रकार के प्रश्न पूछें। जाँच के इस भाग के लिए, स्रोत भाषा के अनुवाद से नए अनुवाद की तुलना न करें। यदि कहीं कोर्इ समस्या है, तो इंगित करें या लिख लें जिससे कि आप बाद में अनुवादक दल के साथ उक्त समस्या पर विचार विमर्श कर सकें। @@ -11,4 +10,3 @@ * लेख की स्पष्टता को जानने का एक तरीका यह है कि कुछ पदों को ऊँची आवाज में पढ़ें और हर भाग को पढ़ने के बाद, किसी सुनने वाले को वह कहानी बताने को कहें। यदि वह सही तरीके से आपके संदेश को बता पा रहा है, तो लेख स्पष्ट है * यदि कहीं पर अनुवाद स्पष्ट नही है, तो उसे लिखें जिससे कि आप अनुवादक दल के साथ उसके बारे में विचार विमर्श कर सकें - diff --git a/checking/community-evaluation/01.md b/checking/community-evaluation/01.md index 83b6db5..f0980c5 100644 --- a/checking/community-evaluation/01.md +++ b/checking/community-evaluation/01.md @@ -1,4 +1,3 @@ - हम, अनुवादक दल के सदस्य, पुष्टि करते हैं कि हमने भाषा समुदाय के सदस्यों के साथ मिलकर अनुवाद को जाँचा है। * हमने बुजुर्गों और नौजवानों, स्त्री और पुरूषों के साथ अनुवाद को जाँचा है। diff --git a/checking/complete/01.md b/checking/complete/01.md index 66ea701..42284f5 100644 --- a/checking/complete/01.md +++ b/checking/complete/01.md @@ -1,4 +1,3 @@ - ### एक संपूर्ण अनुवाद इस भाग का उद्देश्य यह निश्चित करना है कि अनुवाद संपूर्ण है। इस भाग में, नये अनुवाद की तुलना स्रोत अनुवाद से करनी है। जब आप दोनों अनुवादों को पूरा कर लें तो निम्न प्रश्न पूछें: diff --git a/checking/formatting/01.md b/checking/formatting/01.md index ea071b4..031f4b6 100644 --- a/checking/formatting/01.md +++ b/checking/formatting/01.md @@ -1,4 +1,3 @@ - कुछ ऐसी भी जाँचें हैं जिन्हे आप बाइबल के एक पुस्तक के अनुवाद से पहले, उसके दौरान या बाद में कर सकते हैं जिससे अनुवाद को और आसान, दिखने में अच्छा और पढ़ने में अधिक से अधिक सरल बनाया जा सकता है। इस भाग के मापदण्ड निम्न विषयों पर अधिक जानकारी प्रदान करते हैं: ### अनुवाद से पहले @@ -19,4 +18,3 @@ 1. छंद रचना (देखें [उचित छंद रचना](../verses/01.md)) 1. भाग के शीर्षक (देखें [भाग के शीर्षक](../headings/01.md)) - diff --git a/checking/goal-checking/01.md b/checking/goal-checking/01.md index 1b69dd6..cf0330f 100644 --- a/checking/goal-checking/01.md +++ b/checking/goal-checking/01.md @@ -1,4 +1,3 @@ - ### क्यों जाँचें? जाँच का लक्ष्य एक ऐसा अनुवाद करने में अनुवादक दल की मदद करना है जो सही, स्वाभाविक, स्पष्ट और कलीसिया के द्वारा स्वीकार्य हो। अनुवादक दल भी इसी लक्ष्य को पाना चाहता है।यह आसान लग सकता है, परंतु ऐसा करना बहुत ही मुश्किल है और इसके लिए कर्इ सारे लोगों एवं कर्इ बार अवलोकन करने की जरूरत पड़ती है। इसीलिए, सही, स्वाभाविक, स्पष्ट और कलीसिया के द्वारा स्वीकार्य अनुवाद को पाने के लिए, जाँचकर्ता अनुवादक दल की सहायता करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। @@ -18,4 +17,3 @@ #### कलीसिया के द्वारा स्वीकार्य जाँचकर्ता जो भाषा समुदाय के सदस्य हैं, वे कलीसिया के द्वारा स्वीकार्य एवं पुष्टिकृत अनुवाद को करने में अनुवादक दल की मदद करेंगे। वे यह कार्य उस भाषा समुदाय में मौजूद कलीसियाओं के सदस्यों और अगुवों के साथ मिलकर करेंगे। जब भाषा समुदाय में मौजूद कलीसियाओं के अगुवे और सदस्य एक साथ मिलकर कार्य करते हैं और सहमत हों कि अनुवाद अच्छा है, तब इसे स्वीकार और उस समाज में इस्तेमाल किया जाएगा। (कलीसिया के द्वारा स्वीकार्य अनुवाद के बारे में अधिक जानकारी के लिए देखें [कलीसिया स्वीकार्य अनुवाद](../../translate/guidelines-church-approved/01.md)) - diff --git a/checking/good/01.md b/checking/good/01.md index 1d0a422..556c634 100644 --- a/checking/good/01.md +++ b/checking/good/01.md @@ -1,4 +1,3 @@ - ### स्तर दो की पुष्टिकरण के लिए उचित दस्तावेजों का सही रखरखाव क्लीसियार्इ अगुवे होने के नाते, हम निम्न बातों की पुष्टि करते हैं: @@ -15,14 +14,14 @@ स्तर 2 जाँचकर्ताओं के नाम एवं स्थान: * नाम - * स्थान + * स्थान * नाम - * स्थान + * स्थान * नाम - * स्थान + * स्थान * नाम - * स्थान + * स्थान * नाम - * स्थान + * स्थान * नाम - * स्थान + * स्थान diff --git a/checking/headings/01.md b/checking/headings/01.md index ab7b29e..b307eb2 100644 --- a/checking/headings/01.md +++ b/checking/headings/01.md @@ -1,11 +1,10 @@ - ### भागों के शीर्षकों का निर्णय अनुवादक दल को एक निर्णय यह लेना पड़ेगा कि भागों के शीर्षकों का उपयोग करे या नही । भागों के शीर्षक बाइबल के हर उस भाग को दिया गया शीर्षक या नाम है जो नए विषय को शुरू करता है। भागों के शीर्षक से लोगों को उस भाग की जानकारी मिलती है। कुछ अनुवाद उनका उपयोग करते हैं तो कुछ नही । आप अधिकतर लोगों के द्वारा उपयोग किए जाने वाले, राष्ट्रीय भाषा में बाइबल के नमूने का पालन कर सकते हैं। आप यह भी पता लगा सकते हैं कि भाषा समुदाय क्या पसंद करता है। भागों के शीर्षकों का उपयोग आपको अधिक काम देता है क्योंकि बाइबल के लेख के अलावा, आपको हर भाग के शीर्षक का भी अनुवाद करना पड़ेगा। यह आपके बाइबल के अनुवाद को भी लंबा बनाएगा। परंतु भागों के शीर्षक पाठकों के लिए लाभदायक होंगे। भागों के शीर्षक की वजह से ढ़ूँढ़ना आसान को जाता है कि बाइबल में कहाँ कौनसा विषय लिखा है। यदि कोर्इ व्यक्ति किसी विशेष चीज को खोज रहा है तो वह भागों के शीर्षक को देखकर उस विषय तक पहुँच सकता है जिसे वह पढ़ना चाहता है। तत्पश्चात वह उस भाग को पढ़ सकता है। -यदि आपने भागों के शीर्षक का उपयोग करने का निर्णय ले लिया है, तो आपको यह निर्णय लेना होगा कि किस प्रकार का उपयोग करना है। पुन:, आपको यह देखना होगा कि किस प्रकार के भागों के शीर्षकों को समुदाय पसंद करता है और आप शायद राष्ट्रीय भाषा के तरीके का ही उपयोग करना चाहें। ऐसे प्रकार को ही चुनें जिसे लोग यह समझ सकें कि यह लेख का हिस्सा नही है जिसका यह परिचय करवा रहा है। भागों के शीर्षक वचन के भाग नही हैं; वे केवल वचन के विभिé भागों के निर्देश हैं। आप इस चीज को भागों के शीर्षक से पहले और बाद में एक अतंर देकर, अलग फोंट (विभिé तरीके से अक्षर का) इस्तेमाल कर दिखा सकते हैं। देखें कि राष्ट्रीय भाषा की बाइबल में इसे कैसे दर्शाया गया है और भाषा समुदाय के विभिé तरीकों का उपयोग करें। +यदि आपने भागों के शीर्षक का उपयोग करने का निर्णय ले लिया है, तो आपको यह निर्णय लेना होगा कि किस प्रकार का उपयोग करना है। पुन:, आपको यह देखना होगा कि किस प्रकार के भागों के शीर्षकों को समुदाय पसंद करता है और आप शायद राष्ट्रीय भाषा के तरीके का ही उपयोग करना चाहें। ऐसे प्रकार को ही चुनें जिसे लोग यह समझ सकें कि यह लेख का हिस्सा नही है जिसका यह परिचय करवा रहा है। भागों के शीर्षक वचन के भाग नही हैं; वे केवल वचन के विभिé भागों के निर्देश हैं। आप इस चीज को भागों के शीर्षक से पहले और बाद में एक अतंर देकर, अलग फोंट (विभिé तरीके से अक्षर का) इस्तेमाल कर दिखा सकते हैं। देखें कि राष्ट्रीय भाषा की बाइबल में इसे कैसे दर्शाया गया है और भाषा समुदाय के विभिé तरीकों का उपयोग करें। ### भागों के शीर्षक के प्रकार @@ -18,4 +17,3 @@ * ‘‘बारे में’’ टिप्पणी: ‘‘यीशु के द्वारास लकवाग्रसित की चंगार्इ के बारे में’’ यह वर्णनात्मक तरीके से यह बताने की कोशिश में है कि भाग में क्या लिखा है। इस तरीके में यह बात स्पष्ट दिखती है कि यह भाग वचन का हिस्सा नही है। और जैसा आप देख सकते हैं, कर्इ प्रकार के भागों के शीर्षकों को बनाना संभव है परंतु सबका उद्देश्य समान है। सारे तरीके बाइबल के उस मुख्य भाग के मुख्य विषय की जानकारी देते हैं। कुछ छोटे हैं, तो लंबे हैं। कुछ थोड़ी जानकारी देते हैं, तो कुछ अधिक। आप किसी और प्रकार का भी उपयोग कर सकते हैं और लोगों से पूछें कि उनके लिए कौनसा तरीका लाभप्रद है। - diff --git a/checking/important-term-check/01.md b/checking/important-term-check/01.md index 5629536..00e0109 100644 --- a/checking/important-term-check/01.md +++ b/checking/important-term-check/01.md @@ -1,2 +1 @@ ### अनुवादशब्द जाँच कैसे करें - diff --git a/checking/intro-check/01.md b/checking/intro-check/01.md index 1b94c92..8c1b1f3 100644 --- a/checking/intro-check/01.md +++ b/checking/intro-check/01.md @@ -1,4 +1,3 @@ - ### अनुवाद जाँच निर्देशिका यह निर्देशिका बताती है कि अनुवाद किए गए बाइबल की सटीकता को कैसे जाँचे कि यह सही, स्पष्ट और स्वाभाविक है या नही। diff --git a/checking/intro-checking/01.md b/checking/intro-checking/01.md index 74f9e97..afd71e0 100644 --- a/checking/intro-checking/01.md +++ b/checking/intro-checking/01.md @@ -1,4 +1,3 @@ - ### अनुवाद जाँच #### परिचय @@ -13,7 +12,7 @@ यह जाँच प्रक्रिया की निर्देशिका है, जिसमें तीन स्तरों का एक मापदण्ड है। -जाँच का मापदण्ड इस सीमा को भी बताता है कि अनुवाद की कितनी सटीकता और स्पष्टता को नापा गया है। इन जाँच के मानदण्डों को अनफोल्ड नेटवर्क (देखें https://unfoldingword.bible) के द्वारा विकसित किया गया है, वही दल जो कर्इ वोलन्टियरों की मदद से Door43 का संचालन करता है और उन्होने Door43 में बाइबल के सभी भागों पर सभी जाँच स्तरों को लागु किया है। +जाँच का मापदण्ड इस सीमा को भी बताता है कि अनुवाद की कितनी सटीकता और स्पष्टता को नापा गया है। इन जाँच के मानदण्डों को अनफोल्ड नेटवर्क (देखें https://unfoldingword.org) के द्वारा विकसित किया गया है, वही दल जो कर्इ वोलन्टियरों की मदद से Door43 का संचालन करता है और उन्होने Door43 में बाइबल के सभी भागों पर सभी जाँच स्तरों को लागु किया है। #### जाँच स्तर @@ -23,9 +22,8 @@ * [जाँच स्तर दो - समुदाय की पुष्टि](../level2/01.md) * [जाँच स्तर तीन - कलीसियार्इ अगुवों की पुष्टि](../level3/01.md) -जिस अनुवाद की स्तर एक जाँच भी नही हुर्इ है, उसे जाँचरहित माना जाता और उस पर ‘‘जाँचरहित’’ की निशानी लगा दी जाती है। +जिस अनुवाद की स्तर एक जाँच भी नही हुर्इ है, उसे जाँचरहित माना जाता और उस पर ‘‘जाँचरहित’’ की निशानी लगा दी जाती है। कर्इ सारी जाँच प्रक्रियाओं में से होकर गुजारने का मकसद कलीसिया की पहुँच तक सामग्रियों को बनाना है जिससे लेख की खुली जाँच और पुष्टिकरण का भी अवसर मिलता है। हर समय, यह बात स्पष्ट रूप से दर्शायी जाएगी कि सटीकता के लिए किस सीमा तक लेख की जाँच हुर्इ है। हमारा विश्वास है कि इससे जाँच पक्रिया में गति आएगी, कलीसियार्इ बॉर्ड एवं अधिकार की भागिदारी होगी और बेहतर अनुवाद बाहर लाया जा सकेगा। -*आभार: अनुमति के साथ इस्तेमाल, © 2013, SIL International, Sharing Our Native Culture, p. 69.* - +* आभार: अनुमति के साथ इस्तेमाल, © 2013, SIL International, Sharing Our Native Culture, p. 69.* diff --git a/checking/intro-levels/01.md b/checking/intro-levels/01.md index a713b1b..409bd13 100644 --- a/checking/intro-levels/01.md +++ b/checking/intro-levels/01.md @@ -1,16 +1,15 @@ - ### जाँच स्तर कैसे कार्य करता है जाँच स्तर पर कार्य करते समय याद रखने हेतु कुछ महत्वपूर्ण सुझाव निम्न हैं: * जाँच स्तर एक अथवा उसके ऊपर के स्तर पहुँचा हुआ अनुवाद ही अनफॉल्डिंग-वर्ड की वेबसाइट और अनफॉल्डिंग-वर्ड के मोबाइल ऐप पर उपलब्ध करवाया जाएगा। (देखें http://ufw.io/content/) * जाँच स्तर तीन पार कर चुका अनुवाद ही दूसरे अनुवादों के लिए स्रोत लेख के रूप में प्रमाणित किया जाएगा -* जब एक जाँच स्तर पूरा होता एवं Door43 पर सारे संसोधनों को कर लिया जाता है, जाँचकर्ता अनफॉल्डिंग-वर्ड को जाँच के सारे विवरण बताएगा जिसमें जाँच करने वाले का नाम, जाँचकर्ता के रूप में उसकी योग्यता इत्यादि भी शामिल होगा। तब अनफॉल्डिंग-वर्ड Door43 की प्रति को निकालेगा और अनफॉल्डिंग-वर्ड की वेबसाइट (https://unfoldingword.bible) पर इसको कॉपी करेगा और अनफॉल्डिंग-वर्ड मोबाइल ऐप पर इसे उपलबध कराएगा ।प्रिंट के योग्य एक प्रति भी तैयार करें और वह डाऊनलोड के लिए उपलब्ध रहे। door43 पर जाँच किया गया संस्करण भी फेरबदल के लिए उपलब्ध रहेगा जिससे कि भविष्य में भी किसी प्रकार का बदलाव या संपादन किया जा सकता है। +* जब एक जाँच स्तर पूरा होता एवं Door43 पर सारे संसोधनों को कर लिया जाता है, जाँचकर्ता अनफॉल्डिंग-वर्ड को जाँच के सारे विवरण बताएगा जिसमें जाँच करने वाले का नाम, जाँचकर्ता के रूप में उसकी योग्यता इत्यादि भी शामिल होगा। तब अनफॉल्डिंग-वर्ड Door43 की प्रति को निकालेगा और अनफॉल्डिंग-वर्ड की वेबसाइट (https://unfoldingword.org) पर इसको कॉपी करेगा और अनफॉल्डिंग-वर्ड मोबाइल ऐप पर इसे उपलबध कराएगा ।प्रिंट के योग्य एक प्रति भी तैयार करें और वह डाऊनलोड के लिए उपलब्ध रहे। door43 पर जाँच किया गया संस्करण भी फेरबदल के लिए उपलब्ध रहेगा जिससे कि भविष्य में भी किसी प्रकार का बदलाव या संपादन किया जा सकता है। * *ऑपन बाइबल स्टोरीस* प्रोजेक्ट के लिए: केवल *ऑपन बाइबल स्टोरीस* अनुवाद में ही, जिन्हे अंग्रेजी के स्रोत लेख के 3.0 या उसके ऊँचे वजऱ्न से लिया गया है, जाँच स्तर एक (या उससे ऊपरी स्तर) के तहत फेरबदल के लिए मान्य होगा। 3ण्0 से नीचे के वजऱ्नों के द्वारा तैयार किये गये अनुवाद को जाँच प्रक्रिया के लिए भेजने से पहले अपडेट करना जरूरी है। (देखें [स्रोत लेख एवं वर्जन संख्या](../../translate/translate-source-version/01.md) ### जाँच स्तर -*ऑपन बाइबल स्टोरीस* समेत अनफॉल्डिंग-वर्ड के लेखों की सटीकता की निश्चितता के बारे में यहाँ बताया गया है जो पर भी उपलब्घ है। +* ऑपन बाइबल स्टोरीस* समेत अनफॉल्डिंग-वर्ड के लेखों की सटीकता की निश्चितता के बारे में यहाँ बताया गया है जो पर भी उपलब्घ है। हमारे द्वारा उपयोग किया जाने वाला तीन स्तरीय जाँच का मापदण्ड अनफॉल्डिंग-वर्ड [अनुवाद के निर्देश](../../intro/translation-guidelines/01.md) पर आधारित है।अनुवाद किये गये भाग की तुलना विश्वास कथन के धर्मविज्ञान एवं अनुवाद के निर्देशों की प्रक्रियाओं एवं तरीकों के आधार पर की जाती है। इस प्रकार तैयार हो रहे इन दस्तावेजों की मदद से, अनफॉल्डिंग-वर्ड प्रोजेक्ट में जाँच के तीन स्तर लागु किए जाते हैं। @@ -18,7 +17,6 @@ * [जाँच स्तर दो - समुदाय की पुष्टि](../level2/01.md) * [जाँच स्तर तीन - कलीसियार्इ अगुवों की पुष्टि](../level3/01.md) - ### जाँचकर्ताओं की जाँच इस दस्ताचेज में उपलब्ध जाँच प्रक्रिया एवं कार्यप्रणाली, लेखों की निरंतर जाँच एवं संसोधन का हिस्सा है जिसे कलीसिया ने निर्धारित किया है जिसका वह इस्तेमाल करती है। टिप्पणियों अथवा सुझावों का स्वागत है (जहाँ हो सके, अनुवाद में उदाहरण पेश किया गया है) जो लेख को इस्तेमाल करने वाले अनगिनत लोगों के सुझावों को प्राप्त करने के मकसद से रखा गया है। लेखों के अनुवाद को अनुवाद मंच (देखें ) पर उपलब्ध कराया गया है जिसे लोगों के इस्तेमाल के लिए बहुत ही आसान बनाया गया जिससे आसानी से लेख के गुण को लगातार बढ़ाया जा सके। diff --git a/checking/language-community-check/01.md b/checking/language-community-check/01.md index a4bc00f..9ba0bc4 100644 --- a/checking/language-community-check/01.md +++ b/checking/language-community-check/01.md @@ -1,4 +1,3 @@ - ### भाषा समुदाय जाँच अनुवादक दल के द्वारा, स्तर एक के तहत, जाँच कर लेने के बाद, अब यह समय है कि अनुवाद को समुदाय के पास ले जाया जाए जहाँ यह निश्चित किया जा सके कि लक्षित भाषा में यह संदेश को स्पष्ट और स्वाभाविक तरीके बता पा रहा है। @@ -11,7 +10,7 @@ 1. भाषा समुदाय के एक या अधिक लोगों के सामने अनुवाद के अनुच्छेद को पढ़ें जो इन प्रश्नों का उत्तर देंगे। भाषा समुदाय के ये लोग, कभी भी अनुवादक दल का हिस्सा नही रहे हों।दूसरे शब्दों में, प्रश्न पूछे जा रहे समुदाय के इन सदस्यों को इन प्रश्नों का उत्तर पता नही होना चाहिए जो उन्हे अनुवाद के दौरान या बाइबल के ज्ञान से मिला होगा। हम चाहते हैं कि वे कहानी या बाइबल के भाग के अनुवाद को केवल सुनकर या पढ़कर की उत्तर दें। इसी प्रकार हम पता लगा पाएँगे कि अनुवाद स्पष्ट है या नही। इसी वजह से, यह भी महत्वपूर्ण है कि समुदाय के सदस्य उत्तर देते वक्त बाइबल को नही देखें। -1. इस अनुच्छेद के लिए, समुदाय के सदस्य से प्रश्न पूछें, एक बार में एक प्रश्न। यह जरूरी नही है कि हर कहानी या अध्याय के लिए सभी प्रश्नों का उपयोग किया जाए यदि यह लगता है कि समुदाय के सदस्य अनुवाद को अच्छी तरह से समझ पा रहे हैं। +1. इस अनुच्छेद के लिए, समुदाय के सदस्य से प्रश्न पूछें, एक बार में एक प्रश्न। यह जरूरी नही है कि हर कहानी या अध्याय के लिए सभी प्रश्नों का उपयोग किया जाए यदि यह लगता है कि समुदाय के सदस्य अनुवाद को अच्छी तरह से समझ पा रहे हैं। 1. हर प्रश्न के पश्चात, भाषा समुदाय का एक सदस्य उस प्रश्न का उत्तर देगा। यदि व्यक्ति प्रश्न का उत्तर केवल ‘‘हाँ’’ या ‘‘नही’’ में दे रहा है तो प्रश्न पूछने वाला एक और प्रश्न पूछे जिससे वह निश्चित हो सके कि अनुवाद को अच्छी तरह से समझा जा रहा है। अगला प्रश्न कुछ इस तरह का हो सकता है, ‘‘आपको यह कैसे पता?’’ या ‘‘अनुवाद का कौनसा भाग यह बात कह रहा है?’’ @@ -24,4 +23,3 @@ 1. हर कहानी अथवा बाइबल के अध्याय के साथ यही प्रक्रिया तब तक दोहराएँ, जब तक कि समुदाय के सदस्य प्रश्नों का सही उत्तर दे सकें जिससे साबित होता है कि अनुवाद सही संदेश दे पा रहा है । जब समुदाय के ये लोग, जिन्होने पहले अनुवाद को नही सुना है, सभी प्रश्नों का सही उत्तर दे देते हैं तो अब अनुवाद कलीसियार्इ जाँच स्तर 2 के लिए तैयार हो जाता है। 1. समुदाय मुल्यांकन पृष्ठ में जाँ और प्रश्नों के उत्तर दें (देखें [भाषा समुदाय मूल्यांकन प्रश्न](../community-evaluation/01.md)) - diff --git a/checking/level1-affirm/01.md b/checking/level1-affirm/01.md index ba1a357..2ed99cc 100644 --- a/checking/level1-affirm/01.md +++ b/checking/level1-affirm/01.md @@ -1,10 +1,6 @@ - ### स्तर 1 पुष्टिकरण के लिए सही तरीके से कागजातों का रखरखाव हम, अनुवादक दल के सदस्य, पुष्टि करते हैं कि हमने स्तर 1 की जाँच प्रक्रिया के निम्न कदमों को पूरा कर लिया है: * लेख का प्रांरभिक अध्ययन - * अनुवाद-लेख - - - +* अनुवाद-लेख diff --git a/checking/level1/01.md b/checking/level1/01.md index f43103c..8cc3cbd 100644 --- a/checking/level1/01.md +++ b/checking/level1/01.md @@ -1,4 +1,3 @@ - ### जाँच स्तर एक - अनुवादक दल जाँच स्तर एक की जाँच को प्राथमिक तौर पर अनुवादक दल करता है जिसमें भाषा समुदाय के कुछ लोगों की मदद ली जाती है. अनुवादक अथवा अनुवादक दल बहुत सारी कहानियों या बाइबल के अध्यायों का अनुवाद करने से पहले अपने अनुवाद को देखें जिससे कि वे अनुवाद की प्रक्रिया के दौरान ही अपनी गलतियों को सही कर सकें. इस प्रक्रिया में कर्इ सारे कदमों को अनुवाद के पूरे होने से पहले कर्इ बार दोहराया जा सकता है. @@ -17,4 +16,3 @@ 1. **समकक्ष जाँच** अपने प्रालेख अनुवाद की समकक्ष जाँच करने के निर्देशों के लिए, [समकक्ष जाँच](../peer-check/01.md) 1. **अनुवाद-के-शब्द जाँच** अपने प्रालेख अनुवाद की अनुवाद-के-शब्द जाँच करने के निर्देशों के लिए [ अनुवाद-के-शब्द जाँच](../important-term-check/01.md) 1. **सटीकता की जाँच** देखें [सटीकता की जाँच](../accuracy-check/01.md) - diff --git a/checking/level2/01.md b/checking/level2/01.md index 515f616..36d2aed 100644 --- a/checking/level2/01.md +++ b/checking/level2/01.md @@ -1,4 +1,3 @@ - ### जाँच स्तर दो - बाहरी जाँच स्तर दो जाँच का उद्देश्य यह सत्यापित करना है कि स्थानीय भाषा समुदाय के प्रतिनिधि दल इस बात से सहमत हैं कि अनुवाद अच्छा है। स्तर दो जाँच दो चरणों में पूरा होता है: @@ -7,4 +6,3 @@ 1. **कलीसियार्इ अगुवों की जाँच** - अनुवाद को कलीसियार्इ अगुवों का एक दल यह सत्यापित करने के लिए जाँचेंगे कि अनुवाद सटीक है।कलीसियार्इ अगुवा जाँच के कदमों का पालन करने के लिए, देखें [कलीसियार्इ अगुवा जाँच](../church-leader-check/01.md) इसे पूरा करने के बाद, इस कार्य का पुष्टिकरण भी जरूरी है। (देखें [स्तर 2 पुष्टिकरण](../good/01.md)) - diff --git a/checking/level3-approval/01.md b/checking/level3-approval/01.md index 44f4b71..17b3c08 100644 --- a/checking/level3-approval/01.md +++ b/checking/level3-approval/01.md @@ -1,4 +1,3 @@ - ### स्तर तीन की जाँच के लिए कागजातों का उचित रखरखाव मैं, *भाषा समुदाय का नाम लिखें* भाषा समुदाय में सेवा कर रहे *कलीसियार्इ संगति या बाइबल अनुवाद संगठन का नाम भरें * , के प्रतिनिधि के रूप में अनुवाद की पुष्टि और निम्न को सत्यापित करता हूँ: @@ -14,4 +13,4 @@ पद: *यहाँ अपने पद का नाम लिखें* -प्रमुख भाषाओं के लिए, आपको [स्रोत लेख प्रक्रिया](../../process/source-text-process/01.md) का पालन करना होगा जिससे आपका अनुवाद एक स्रोत लेख बन सके। \ No newline at end of file +प्रमुख भाषाओं के लिए, आपको [स्रोत लेख प्रक्रिया](../../process/source-text-process/01.md) का पालन करना होगा जिससे आपका अनुवाद एक स्रोत लेख बन सके। diff --git a/checking/level3-questions/01.md b/checking/level3-questions/01.md index 2990c72..8076de6 100644 --- a/checking/level3-questions/01.md +++ b/checking/level3-questions/01.md @@ -1,7 +1,6 @@ - ### स्तर तीन के लिए प्रश्न -स्तर तीन की जाँच के लिए इन प्रश्नों को अपने मन में रखकर नया अनुवाद पढ़ना है। +स्तर तीन की जाँच के लिए इन प्रश्नों को अपने मन में रखकर नया अनुवाद पढ़ना है। अनुवाद के भाग को पढ़ने के बाद या लेख में समस्या का संदेह पैदा हो तो आप इन प्रश्नों को पढ़ें. यदि आप पहले समूह में इन प्रश्नों का उत्तर ‘‘नही’’ में देते हैं, तो कृपया इसका विस्तृत तौर पर विवरण दें, जहाँ आपको सही नही लगता है और सुझाव दें कि अनुवादक दल उसमें क्या फेरबदल लाए। @@ -13,10 +12,10 @@ 1. क्या अनुवाद से पता चलता है कि इसे स्रोत भाषा एवं लक्षित भाषा तथा उनकी संस्कृति का अच्छा ज्ञान है 1. क्या भाषा समुदाय पुष्टि करता है कि अनुवाद उनकी भाषा को स्पष्ट और स्वाभाविक तरीके से बोल पा रहा है? 1. निम्न में से अनुवाद के किस तरीके को अनुवादक ने इस्तेमाल किया है? - - 1. शब्द दर शब्द अनुवाद, स्रोत अनुवाद के बिल्कुल समान दिखने की कोशिश। - 1. वाक्य दर वाक्य अनुवाद, भाषा के स्वाभाविक वाक्यों का इस्तेमाल - 1. अर्थ केन्द्रित अनुवाद, स्थानीय भाषा के भावों का पूरी आजादी से इस्तेमाल + + 1. शब्द दर शब्द अनुवाद, स्रोत अनुवाद के बिल्कुल समान दिखने की कोशिश। + 1. वाक्य दर वाक्य अनुवाद, भाषा के स्वाभाविक वाक्यों का इस्तेमाल + 1. अर्थ केन्द्रित अनुवाद, स्थानीय भाषा के भावों का पूरी आजादी से इस्तेमाल 1. क्या समुदाय के अगुवों को लगता है कि अनुवाद के द्वारा इस्तेमाल किया गया तरीका (जैसा प्रश्न 4 में पहचाना गया) समुदाय के लिए उचित है? 1. क्या समुदाय के अगुवों को लगता है कि अनुवादक के द्वारा इस्तेमाल किए गए शब्द समुदाय के अधिकतर लोगों के द्वारा बोले जाने वाले हैं? उदाहरण के तौर पर, क्या अनुवादक ने ऐसे भाव, वाक्य या स्पेलिंग का उपयोग किया है जिसे भाषा समुदाय के अधिकाँश लोग मान्यता देते हैं? @@ -34,5 +33,3 @@ यदि अनुवाद में समस्याएँ थीं, तो अनुवादक दल से मुलाकात कर, उन समस्याओं को दूर करने की योजना बनाएँ। उनके मिलने के पश्चात, अनुवादक दल समुदाय के अगुवों के साथ मिलकर, उस संशोधित प्रति को पुन: देखेंगे जिससे यह निश्चित हो सके कि इसका संदेश सही है और फिर तुमसे मिले। जब आप अनुवाद की पुष्टि के लिए तैयार हैं, तो आप [स्तर तीन पुष्टिकरण](../level3-approval/01.md) पर जाएँ। - - diff --git a/checking/level3/01.md b/checking/level3/01.md index d3b9bcb..aab58ff 100644 --- a/checking/level3/01.md +++ b/checking/level3/01.md @@ -1,4 +1,3 @@ - ### जाँच स्तर तीन - प्रमाणित जाँ स्तर तीन की जाँच भाषा समुदाय की कलीसियाओं के द्वारा मान्य समूहों अथवा संगठनों के द्वारा की जाएगी। इन समूहों के अगुवे सत्यापित करेंगे कि वे उनके द्वारा मान्यता प्राप्त लोगों में अनुवाद के वितरण और उपयोग की अनुमति देते हैं। यह अनुमति अनुवाद के वितरण के लिए जरूरी नही है, परंतु इसको प्रमाणित करती है। diff --git a/checking/natural/01.md b/checking/natural/01.md index 13d88c1..b8d4c1c 100644 --- a/checking/natural/01.md +++ b/checking/natural/01.md @@ -1,4 +1,3 @@ - ### स्वाभाविक अनुवाद ऐसा अनुवाद कि बाइबल स्वाभाविक लगे, इसका अर्थ है: @@ -10,4 +9,3 @@ स्वाभाविकता की जाँच के लिए, आप या भाषा समुदाय का सदस्य इसे ऊँची आवाज में पढ़े। आप इसे लक्षित भाषा समुदाय के किसी एक व्यक्ति या बड़े समूह के सामने पढ़ सकते हैं। पढ़ना शुरू करने से पहले, सुनने वाले लोगों से कहें कि सुनते समय, यदि कहीं पर भी उन्हे ऐसा लगे कि स्वाभाविक नही या ऐसी आवाज में उसे नही कहा जाता है, तो वे आपको रोक दें। जब कोर्इ आपको रोकता है, तो आप किसी को वही बात अधिक स्वाभाविक तौर पर बोलने को कहें। ऐसा करना मददगार होगा कि आप अपने गाँव के माहौल में अनुवाद के उस भाग की कल्पना करके देखें जिसके बारे में अनुवाद बता रहा है कि वहाँ के लोग इसे कैसे कहेंगे। आप जिन लोगों को जानते हैं, कल्पना करें कि वे यह बात कह रहे हैं, और फिर उसे ऊँची आवाज में कहें। यदि दूसरे सहमत हैं कि यही कहने का अच्छा और स्वाभाविक तरीका है, तो उस अनुवाद को उसी तरीके से लिखें - diff --git a/checking/other-methods/01.md b/checking/other-methods/01.md index 72d9558..e1fabe9 100644 --- a/checking/other-methods/01.md +++ b/checking/other-methods/01.md @@ -1,15 +1,9 @@ - ### जाँच के अन्य तरीके प्रश्न पूछने के साथ साथ, जाँच के कुछ और भी तरीके हैं जिनसे आप निश्चित कर सकते हैं कि अनुवाद पढ़ने में आसान और श्रोताओंं को सुनने में स्वाभाविक लगता है या नही। निम्नलिखित कुछ तरीके हैं जिन्हे आप इस्तेमाल कर सकते हैं: * **पुन: बताएँ तरीका** आप, अनुवादक अथवा जाँचकर्ता, कुछ आयतों को पढ़ें और फिर किसी से उसी बात को दुबारा कहकर सुनाने को कहें। इससे अनुवाद की स्पष्टता एवं स्वाभाविकता को जाँचने एवं उसी बात को कहने के अन्य तरीके का उपयोग करने में मदद मिलती है - * **पढ़ने का तरीका** आपके अर्थात अनुवाद या जाँचकर्ता के अलावा कोर्इ और, अनुवाद के भाग को पढे़ और जब भी वे रूकते या गलती नजर आती है, वहाँ आप लेख लिख सकते हैं।इससे पता चलेगा कि अनुवाद पढ़ने या समझने में कितना आसान या कठिन था । अनुवाद की उन जगहों पर ध्यान दें जहाँ पढ़ने वाला रूका था या गलती की थी और सोचें कि अनुवाद का कौनसा भाग कठिन था । उन जगहों में अनुवाद को बदलने की जरूरत पड़ सकती है जिससे कि इसे पढ़ने और समझने में आसान बनाया जा सके। - * **अनुवाद का अन्य विकल्प पेश करना** यदि कहीं पर आपको लगता है कि वहाँ के लिए आपके पास सही शब्द या वाक्य नही है तो दूसरे लोगों से उसका विकल्प पूछ सकते हैं या दो अनुवादों में से एक विकल्प चुनकर, निश्चित कर सकते हैं कि कौनसा अनुवाद लोगों के लिए अधिक स्पष्ट है। - * **अवलोकनकर्ताओं के सुझाव** आप जिनका सम्मान करते हैं, उन्हे अनुवाद पढ़ने दें। उनसे टिप्पणियाँ ़करने और बताने को कहें कि कहाँ अनुवाद को बेहतर बनाया जा सकता है। अच्छे शब्दों के विकल्प, स्वाभाविक भाव, स्पेलिंग के बेहतर रूप इत्यादि को चुनें। - * **विचार विमर्श तरीका** लोगों से एक समुह के सामने अनुवाद को ऊँची आवाज में पढ़ने को कहें और उन्हे तथा दूसरों को ऐसे सवाल पूछने को कहें कि अनुवाद में स्पष्टता लार्इ जा सके। उनके द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले शब्दों पर ध्यान दें क्योंकि वैकल्पिक शब्दों और भावों के आ जाने से उन्हे दिक्कत सी महसूस हो सकती है परंतु शायद यही शब्द या भाव अनुवाद में इस्तेमाल किए गए शब्दों और भावों से सही हो। जहाँ लोगों को अनुवाद समझ न आएँ, उन पर ध्यान दें और उसे स्पष्ट करें। - diff --git a/checking/peer-check/01.md b/checking/peer-check/01.md index 525dced..b56672a 100644 --- a/checking/peer-check/01.md +++ b/checking/peer-check/01.md @@ -1,4 +1,3 @@ - ### समकक्ष जाँच कैसे करें * अपना अनुवाद अनुवादक दल के एक सदस्य को दें जिसने उस भाग पर कार्य नही किया हो। व्ह व्यक्ति भी स्वयं जाँच के सारे चरणों को पूरा करे और इस दौरान, यदि कहीं बदलाव आवश्यक है, उन्हे लिखता रहे diff --git a/checking/punctuation/01.md b/checking/punctuation/01.md index cf204b3..04c8377 100644 --- a/checking/punctuation/01.md +++ b/checking/punctuation/01.md @@ -1,4 +1,3 @@ - ‘‘विराम चिन्ह’’ उन चिन्हों को दिखाता है जो ये बताते हैं कि एक वाक्य को कैसे पढ़ना या समझना है। उदाहरणों में अल्पविराम या अंतराल या कोटेशन चिन्ह जैसे वाक्य के बीच में रूकने को इंगित किया गया है जिन्हे वक्ता के शब्दों के चारों ओर लगाया जाता है।अनुचाद को अच्छी तरह से पढ़ने यश समझने के लिए, जरूरी है कि उनमें सही प्रकार के चिन्हों का उपयोग किया जाए। अनुवाद करने से पहले, अनुवादक दल को निश्चित करना है कि किस प्रकार के चिन्हों का उपयोग अनुवाद में किया जाए। उन चिन्हों के तरीकों का इस्तेमाल करना बेहतर होगा जिन्हे राष्ट्रीय भाषा में उपयोग किया जाता है या राष्ट्रीय भाषा की बाइबल या उससे संबंधित बाइबल में किया जाता है। तरीके का निर्णय कर लेने के पश्चात, निश्चित करें कि हर कोर्इ उनका पालन करे। हर दल को एक मार्गनिर्देशिका देना लाभप्रद होगा जिनमें चिन्हों का इस्तेमाल करने के तरीके दिए गए हों। diff --git a/checking/self-assessment/01.md b/checking/self-assessment/01.md index da4cc9a..4ff7c7a 100644 --- a/checking/self-assessment/01.md +++ b/checking/self-assessment/01.md @@ -1,4 +1,3 @@ - ### अनुवाद के गुणवत्ता की स्व-मूल्यांकन इस भाग का मकसद एक ऐसी प्रक्रिया को वर्णन करना है जिसके द्वारा कलीसिया स्वयं एक अनुवाद की गुणवत्ता जाँच कर निर्धारित कर सकती है। निम्न मूल्यांकन का उद्देश्य हर की जा सकने वाली जाँच का पूरा ब्यौरा देना नही, वरन् एक अनुवाद को जाँचने की कुछ तकनीकों को प्रस्तुत करना है। अंतत:, किस जाँच का उपयोग करना है, कब करना है और कौन करेगा, इत्यादि का निर्णय कलीसिया ही को लेना है। @@ -7,11 +6,11 @@ मूल्यांकन का यह तरीका दो प्रकार के कथनों को बताता है। कुछ कथन हाँ/नही में हैं जहाँ नही में दिया गया उत्तर समस्या को बताता है जिसे सही करना जरूरी है। दूसरे भागों में एक समान-महत्व के तरीके का उपयोग हुआ है जो अनुवादकों और जाँचकर्ताओं को अनुवाद के कथन प्रस्तुत करता है। हर कथन को (अनुवादक दल से शुरू कर) जाँच करने वाले सदस्य के द्वारा 0-2 तक के मापदण्ड में अंक दिए जाएँ: -**0** - असहमत +** 0** - असहमत -**1** - थोड़ा बहुत सहमत +** 1** - थोड़ा बहुत सहमत -**2** - एकदम सहमत +** 2** - एकदम सहमत अवलोकन के बाद, एक भाग में मिले सभी उत्तरों के कुल अंकों को जोड़ा जाए, और यदि दिए गए उत्तर वास्तव में अनुवाद के सही स्तर को बताते हैं, तो अवलोकनकर्ताओं के अवलोकनों के आधार पर अधिकतम मान्य तरीके से कहा जा सकता है कि अनुवाद के अध्याय की गुणवत्त अच्छी है। निम्न निर्देश, अवलोकनकर्ताओं को एक आसान अवलोकन का तरीका देने के लिए तैयार किया गया है जिसकी मदद से कार्य को सही तरीके से विकसित किया जा सके। *उदाहरण के तौर पर, यदि एक अनुवाद को ‘‘सटीकता’’ में अच्छे अंक मिलते हैं, परंतु ‘‘स्वाभाविकता’’ और ‘‘स्पष्टता’’ में कम अंक मिलते हैं, तो अनुवादक दल को सामाजिक जाँच पर थोड़ा अधिक ध्यान देना पड़ेगा।* @@ -21,10 +20,9 @@ यह प्रक्रिया पाँच भागों में बाँटी गर्इ है: **समीक्षा** (अनुवाद के बारे में जानकारी), **स्वाभाविकता**, **स्पष्टता**, **सटीकता** एवं **कलीसिया का पुष्टिकरण** - ##### 1. समीक्षा -*नीचे लिखे हर कथन के लिए ‘‘नही’’ या ‘‘हाँ’’ पर गोला बनाएँ* +* नीचे लिखे हर कथन के लिए ‘‘नही’’ या ‘‘हाँ’’ पर गोला बनाएँ* ** नही | हाँ ** यह अनुवाद अर्थ-आधारित अनुवाद है जो मूलभूत लेख के अर्थ को लक्षित भाषा के समान, स्वाभाविक, स्पष्ट और सटीक तरीके से पेश करने की कोशिश करता है। @@ -36,57 +34,56 @@ ##### 2. स्वाभाविकता: ‘‘यह *मेरी* भाषा है -*नीचे लिखे हर कथन के लिए "0" या "1" या "2" पर गोला बनाएँ* +* नीचे लिखे हर कथन के लिए "0" या "1" या "2" पर गोला बनाएँ* इस भाग को अधिक समुदाय जाँच के दौरान और भी लागु किया जा सकता है। (देखें [भाषा समुदाय की जाँच](../language-community-check/01.md)) -**0 1 2** भाषा को बोलने एवं इस अध्याय को पढ़ने वाले सहमत है कि अनुवाद में भाषा का सही रूप इस्तेमाल किया गया है। +** 0 1 2** भाषा को बोलने एवं इस अध्याय को पढ़ने वाले सहमत है कि अनुवाद में भाषा का सही रूप इस्तेमाल किया गया है। -**0 1 2** भाषा बोलने वाले सहमत हैं कि इसके अध्यायों में प्रयुक्त प्रमुख शब्द इस संस्कृति में स्वीकार्य एवं सही है। +** 0 1 2** भाषा बोलने वाले सहमत हैं कि इसके अध्यायों में प्रयुक्त प्रमुख शब्द इस संस्कृति में स्वीकार्य एवं सही है। -**0 1 2** इस भाषा को बोलने वाले, अध्याय के प्रयुक्त उदाहरणों एवं कहानियों को समझ सकते हैं। +** 0 1 2** इस भाषा को बोलने वाले, अध्याय के प्रयुक्त उदाहरणों एवं कहानियों को समझ सकते हैं। -**0 1 2** इस भाषा को बोलने वाले सहमत हैं कि इसकी वाक्य रचना एवं लेखों का क्रम स्वाभाविक है और सही बहाव को प्रस्तुत करता है। +** 0 1 2** इस भाषा को बोलने वाले सहमत हैं कि इसकी वाक्य रचना एवं लेखों का क्रम स्वाभाविक है और सही बहाव को प्रस्तुत करता है। -**0 1 2** स्वाभाविकता के लिए इस अध्याय के अनुवाद की जाँच में समुदाय के वे लोग शामिल थे, जिन्होने इस अध्याय के अनुवाद की प्रक्रिया में भाग नही लिया। +** 0 1 2** स्वाभाविकता के लिए इस अध्याय के अनुवाद की जाँच में समुदाय के वे लोग शामिल थे, जिन्होने इस अध्याय के अनुवाद की प्रक्रिया में भाग नही लिया। -**0 1 2** स्वाभाविकता के लिए इस अध्याय के अनुवाद की जाँच में विश्वासी एवं गैर-विश्वासी दोनों शामिल थे जिन्हे बाइबल का इतना ज्ञान नही था जिससे कि लेख को सुनते ही उन्हे यह आभास न हो जाए कि लेख क्या कह रहा है। +** 0 1 2** स्वाभाविकता के लिए इस अध्याय के अनुवाद की जाँच में विश्वासी एवं गैर-विश्वासी दोनों शामिल थे जिन्हे बाइबल का इतना ज्ञान नही था जिससे कि लेख को सुनते ही उन्हे यह आभास न हो जाए कि लेख क्या कह रहा है। -**0 1 2** स्वाभाविकता के लिए इस अध्याय के अनुवाद की जाँच में विभिé उम्र के उक्त भाषा बोलने वाले शामिल थे। +** 0 1 2** स्वाभाविकता के लिए इस अध्याय के अनुवाद की जाँच में विभिé उम्र के उक्त भाषा बोलने वाले शामिल थे। -**0 1 2** स्वाभाविकता के लिए इस अध्याय के अनुवाद की जाँच में स्त्री एवं पुरूष दोनों शामिल थे। +** 0 1 2** स्वाभाविकता के लिए इस अध्याय के अनुवाद की जाँच में स्त्री एवं पुरूष दोनों शामिल थे। ##### 3. स्पष्टता: ‘‘अर्थ स्पष्ट है’’ -*नीचे लिखे हर कथन के लिए "0" या "1" या "2" पर गोला बनाएँ* +* नीचे लिखे हर कथन के लिए "0" या "1" या "2" पर गोला बनाएँ* इस भाग को अधिक समुदाय जाँच के दौरान और भी लागु किया जा सकता है। (देखें [भाषा समुदाय की जाँच](../language-community-check/01.md)) -**0 1 2** इस अध्याय का अनुवाद उस भाषा के उपयोग से किया गया है जिसे स्थानीय भाषा बोलने वाले आसानी से समझ सकते हैं। +** 0 1 2** इस अध्याय का अनुवाद उस भाषा के उपयोग से किया गया है जिसे स्थानीय भाषा बोलने वाले आसानी से समझ सकते हैं। -**0 1 2** भाषा बोलने वाले सहमत हैं कि इस अध्याय में नाम, स्थान और क्रिया के शब्दों का सही उपयोग किया गया है। +** 0 1 2** भाषा बोलने वाले सहमत हैं कि इस अध्याय में नाम, स्थान और क्रिया के शब्दों का सही उपयोग किया गया है। -**0 1 2** इस अध्याय में प्रयुक्त भाषा के अलंकार इस संस्कृति के लोगो को समझ आते हैं। +** 0 1 2** इस अध्याय में प्रयुक्त भाषा के अलंकार इस संस्कृति के लोगो को समझ आते हैं। -**0 1 2** भाषा बोलने वाले सहमत हैं कि अध्याय की संरचना इसके मूल अर्थ के विपरीत या उससे अलग नही है। +** 0 1 2** भाषा बोलने वाले सहमत हैं कि अध्याय की संरचना इसके मूल अर्थ के विपरीत या उससे अलग नही है। -**0 1 2** स्पष्टता के लिए इस अध्याय के अनुवाद की जाँच में समुदाय के वे लोग शामिल थे, जिन्होने इस अध्याय के अनुवाद की प्रक्रिया में भाग नही लिया। +** 0 1 2** स्पष्टता के लिए इस अध्याय के अनुवाद की जाँच में समुदाय के वे लोग शामिल थे, जिन्होने इस अध्याय के अनुवाद की प्रक्रिया में भाग नही लिया। -**0 1 2** स्पष्टता के लिए इस अध्याय के अनुवाद की जाँच में विश्वासी एवं गैर-विश्वासी दोनों शामिल थे जिन्हे बाइबल का इतना ज्ञान नही था जिससे कि लेख को सुनते ही उन्हे यह आभास न हो जाए कि लेख क्या कह रहा है। +** 0 1 2** स्पष्टता के लिए इस अध्याय के अनुवाद की जाँच में विश्वासी एवं गैर-विश्वासी दोनों शामिल थे जिन्हे बाइबल का इतना ज्ञान नही था जिससे कि लेख को सुनते ही उन्हे यह आभास न हो जाए कि लेख क्या कह रहा है। -**0 1 2** स्पष्टता के लिए इस अध्याय के अनुवाद की जाँच में विभिé उम्र के उक्त भाषा बोलने वाले शामिल थे। +** 0 1 2** स्पष्टता के लिए इस अध्याय के अनुवाद की जाँच में विभिé उम्र के उक्त भाषा बोलने वाले शामिल थे। -**0 1 2** स्पष्टता के लिए इस अध्याय के अनुवाद की जाँच में स्त्री एवं पुरूष दोनों शामिल थे। +** 0 1 2** स्पष्टता के लिए इस अध्याय के अनुवाद की जाँच में स्त्री एवं पुरूष दोनों शामिल थे। ##### 4. सटीकता: अनुवाद मूलभूत स्रोत लेख के उसी अर्थ को बताता है -*नीचे लिखे हर कथन के लिए "0" या "1" या "2" पर गोला बनाएँ* +* नीचे लिखे हर कथन के लिए "0" या "1" या "2" पर गोला बनाएँ* इस भाग को अधिक सटीकता जाँच के दौरान और भी लागु किया जा सकता है। (देखें [सटीकता की जाँच](../accuracy-check/01.md)) -**0 1 2** मूलभूत स्रोत लेख के इस अध्याय के सभी महत्वपूर्ण शब्दों की सूची की मदद से, इस अनुवाद में उनके उपयोग को निश्चित किया गया है। +** 0 1 2** मूलभूत स्रोत लेख के इस अध्याय के सभी महत्वपूर्ण शब्दों की सूची की मदद से, इस अनुवाद में उनके उपयोग को निश्चित किया गया है। -**0 1 2** इस अध्याय में सभी महत्वपूर्ण शब्दों का अनुवाद सही तरीके से किया गया है। - -**0 1 2** उन सभी महत्वपूर्ण शब्दों का अनुवाद, सतत् तौर पर, इस अध्याय में एवं जहाँ जहाँ भी उनकी जरूरत पड़ी है, किया गया है। +** 0 1 2** इस अध्याय में सभी महत्वपूर्ण शब्दों का अनुवाद सही तरीके से किया गया है। +** 0 1 2** उन सभी महत्वपूर्ण शब्दों का अनुवाद, सतत् तौर पर, इस अध्याय में एवं जहाँ जहाँ भी उनकी जरूरत पड़ी है, किया गया है। diff --git a/checking/self-check/01.md b/checking/self-check/01.md index 622a468..215443b 100644 --- a/checking/self-check/01.md +++ b/checking/self-check/01.md @@ -1,7 +1,5 @@ - ### स्व-जाँच कैसे करें * यदि आपने [प्रथम प्रालेख](../../translate/first-draft/01.md) अनुवाद के मार्गनिर्देशों का पालन किया है, तो आपने पहले स्रोत लेख का अध्ययन किया और फिर, स्रोत लेख को देखे बिना, उसे लिखा और अपना पहला अनुवाद तैयार किया । इस प्रकार एक भाग का अनुवाद कर लेने के पश्चात, एक स्व-जाँच करें, स्रोत लेख को पुन: देखें और अपने अनुवाद से उसकी तुलना करें। निश्चित करें कि स्रोत लेख के संपूर्ण भाग को अनुवाद हो चुका हो, कुछ भी छुटा न हो। यदि संदेश का कोर्इ भी भाग छुटा है, तो उसे अपने अनुवाद में उस जगह पर लिखें या डालें जहाँ यह सही लगता है। -* यदि आप बाइबल का अनुवाद कर रहे हैं, तो अपने अनुवाद की तुलना इसी बाइबल अंश के अन्य अनुवादों के साथ करके देखें। यदि आपको लगता है कि उसमें उपयुक्त तरीका अच्छा है, तो अपने अनुवाद में अनिवार्य परिवर्तन करें। यदि वो अनुवाद आपके अनुवाद से अच्छा समझा पा रहा है तो अपने अनुवाद को उसके अनुसार बदलें जिससे समुदाय इसे बेहतर तरीके से समझ सके। +* यदि आप बाइबल का अनुवाद कर रहे हैं, तो अपने अनुवाद की तुलना इसी बाइबल अंश के अन्य अनुवादों के साथ करके देखें। यदि आपको लगता है कि उसमें उपयुक्त तरीका अच्छा है, तो अपने अनुवाद में अनिवार्य परिवर्तन करें। यदि वो अनुवाद आपके अनुवाद से अच्छा समझा पा रहा है तो अपने अनुवाद को उसके अनुसार बदलें जिससे समुदाय इसे बेहतर तरीके से समझ सके। * इन चरणों के पश्चात, स्वयं अपने अनुवाद को ऊँची आवाज में पढ़ें। यदि आपको लगता है कि उसमें कोर्इ भी भाग ऐसा नही लग रहा जैसा आपके समुदाय में उसे बोला जाता है तो उसे सही करें। कुछ वाक्यों के अंशों को विभिé तरीके से लिखने की जरूरत पड़ सकती है। - diff --git a/checking/spelling/01.md b/checking/spelling/01.md index 44ccfde..9a40c3c 100644 --- a/checking/spelling/01.md +++ b/checking/spelling/01.md @@ -1,8 +1,7 @@ - अनुवाद को पाठक अच्छी तरह से समझ और पढ़ पाएँ, इसके लिए जरूरी है कि शब्दों के अक्षर सही हों। यदि कठिन हो सकता है यदि लक्षित भाषा में अक्षरों को लिखने या बोलने का रिवाज न हो। एक अनुवाद के कर्इ भागों पर कर्इ अनुवादकों के कार्य करने से भी कार्य कठिन हो सकता है। और इसीलिए, अनुवादक दल को अनुवाद शुरू करने से पहले, आपस में मिलना और शब्दों की सही वर्जनी को निर्धारित करना महत्वपूर्ण है। दल में उन शब्दों पर विचार विमर्श करें जिनही वर्जनी अर्थात बोलना कठिन है। यदि शब्दों के उच्चारण में कुछ भी कठिन लगता है तो आप अपने लिखने के तरीके में बदलाव ला सकते हैं। (देखें [Alphabet/Orthography](../../translate/translate-alphabet/01.md)) यदि एक शछ का कर्इ प्रकार से उच्चारण है तो दल एक साथ मिलकर, एक सही उच्चारण का निर्धारण करें। सहमत शब्दों की अक्षरानुक्रम में सूची बनाएँ। दल के हर सदस्य के पास इस सूची की प्रति रहे जिसकी अनुवाद के दौरान मदद ली जा सकती है। यदि और भी कठिन शब्द इस दौरान मिलते हैं तो उसको भी सूची में जोड़ें और निश्चित करें कि हर एक के पास ताजी सूची हो। स्प्रेडशीट को बनाना इस जाँच के लिए लाभदायक हो सकता है। -बाइबल के व्यक्तियों और स्थलों के नामों के उच्चारण कठिन हो सकते हैं क्योंकि उनमें से अधिकतर नाम लक्षित भाषा के लिए अपरिचित हैं। उन्हे भी अक्षरों की सूची में शामिल करें। +बाइबल के व्यक्तियों और स्थलों के नामों के उच्चारण कठिन हो सकते हैं क्योंकि उनमें से अधिकतर नाम लक्षित भाषा के लिए अपरिचित हैं। उन्हे भी अक्षरों की सूची में शामिल करें। उच्चारण जाँच में कम्प्यूटर अच्छे मददगार हो सकते हैं। यदि आप गेटवे भाषा पर कार्य कर रहे हैं, तो उसका शब्दकोष पहले से ही उपलब्ध होगा। यदि आप और किसी भाषा में अनुवाद कर रहे हैं तो आप खोजें और बदले के विकल्प का उपयोग कर गलत शब्दों को सही कर सकते हैं। ParaTExt में शब्द जाँच की सुविधा है जिससे शब्दों के उच्चारणों को जाना जा सकता है। यह आपको उच्चारण बताएगा और फिर आप निर्णय ले सकते हैं कि आपको उनमें से कौनसा चुनना है। diff --git a/checking/verses/01.md b/checking/verses/01.md index fb537c6..c3fd116 100644 --- a/checking/verses/01.md +++ b/checking/verses/01.md @@ -1,10 +1,9 @@ - यह महत्वपूर्ण है कि आपकी अनुवादित भाषा में वे सभी शब्द मौजूद हों जो स्रोत भाषा बाइबल में मौजूद हैं। हम नही चाहते कि गलती से भी कोर्इ शब्द छूटे। परंतु यह भी याद रखें कि कुछ बाइबलों में उन शब्दों को लिखने के अपने कारण हो सकते हैं जो दूसरी बाइबल में न हों। ### गायब पदों की वजह -1. **लेख संबंधी परिवर्तन** - कुछ आयत जिन पर कर्इ बाइबल ज्ञाता विश्वास नही करते, मूलभूत बाइबल का भाग थे, जिन्हे बाद में जोड़ा गया है। इसलिए कुछ बाइबलों के अनुवादकों ऐसे शब्दों का उपयोग करना नही चाहते हैं, या उन्हे केवल फुटनॉटस के रूप में लिख देते हैं। (इसके बारे में अधिक जानकारी के लिए, देखें ([Chapter and Verse Numbers](../../translate/translate-textvariants/01.md)) आपके अनुवादक दल को निर्धारित करना है कि उन आयतों का उपयोग करें या नही। -1. **विभिé संख्या** - कुछ बाइबलों में, अन्य बाइबलों से, आयतों की संख्या के अलग तरीकों का उपयोग किया है। (इसके बारे में अधिक जानकारी के लिए, देखें [Chapter and Verse Numbers](../../translate/translate-chapverse/01.md)) आपके अनुवादक दल को निर्धारित करना है कि कौनसे तरीकों का उपयोग करें। +1. **लेख संबंधी परिवर्तन** - कुछ आयत जिन पर कर्इ बाइबल ज्ञाता विश्वास नही करते, मूलभूत बाइबल का भाग थे, जिन्हे बाद में जोड़ा गया है। इसलिए कुछ बाइबलों के अनुवादकों ऐसे शब्दों का उपयोग करना नही चाहते हैं, या उन्हे केवल फुटनॉटस के रूप में लिख देते हैं। (इसके बारे में अधिक जानकारी के लिए, देखें ([Chapter and Verse Numbers](../../translate/translate-textvariants/01.md)) आपके अनुवादक दल को निर्धारित करना है कि उन आयतों का उपयोग करें या नही। +1. **विभिé संख्या** - कुछ बाइबलों में, अन्य बाइबलों से, आयतों की संख्या के अलग तरीकों का उपयोग किया है। (इसके बारे में अधिक जानकारी के लिए, देखें [Chapter and Verse Numbers](../../translate/translate-chapverse/01.md)) आपके अनुवादक दल को निर्धारित करना है कि कौनसे तरीकों का उपयोग करें। 1. **आयत पुल** - बाइबल के कुछ अनुवादों में, सूचना में बहाव लाने के लिए, दो या तीन आयतों के लेख को इधर उधर किया गया है जिससे वह सूचना सही और समझने योग्य बने। और जब ऐसा होता है, आयत की संख्याएँ एक हो जाती हैं, जैसे कि 4-5 या 4-6। UDB अक्सर ऐसा करता है, और कभी कभार ULB भी ऐसा करता है। चूँकि सारे आयत वहाँ नही है या कुछ भाग ही वहाँ है तो आपको लग सकता है कि वहाँ से कुछ गायब है। परंतु उन पदों के लेख वहाँ मौजूद हैं। (इसके बारे में अधिक जानकारी के लिए, देखें [Chapter and Verse Number](../../translate/translate-versebridge/01.md)) अनुवादक दल निर्धारित करेगा कि इन आयतों के पूलों का उपयोग करें या नही ### गायब पदों की जाँच diff --git a/checking/vol2-backtranslation-guidelines/01.md b/checking/vol2-backtranslation-guidelines/01.md index 105254d..0a4cdf0 100644 --- a/checking/vol2-backtranslation-guidelines/01.md +++ b/checking/vol2-backtranslation-guidelines/01.md @@ -1,4 +1,3 @@ - ### 1. लक्षित भाषा अनुवाद के शब्दों और वाक्यों को दिखाना #### a. शब्दों के अर्थ को उनकी पृष्ठभूमि में इस्तेमाल करना @@ -13,7 +12,7 @@ #### c. वाक्यों के प्रकार समान रखें -पिछला अनुवाद में, पिछला अनुवादक लक्षित अनुवाद में वाक्य खंडों के प्रकार को, बड़े समुदाय की भाषा के अनुवाद में भी समान रखे। उदाहरण के तौर पर, यदि लक्षित भाषा का वाक्य खंड एक आदेश है तो पिछला अनुवादक भी उसे आदेश के तौर पर ही लिखें, सुझाव या विनती के रूप में नही। अथवा यदि लक्षित भाषा एक अलंकारिक प्रश्न का इस्तेमाल कर रहा है तो पिछला अनुवाद भी कथन अथवा प्रकटीकरण की बजाय, एक प्रश्न ही होना चाहिए। +पिछला अनुवाद में, पिछला अनुवादक लक्षित अनुवाद में वाक्य खंडों के प्रकार को, बड़े समुदाय की भाषा के अनुवाद में भी समान रखे। उदाहरण के तौर पर, यदि लक्षित भाषा का वाक्य खंड एक आदेश है तो पिछला अनुवादक भी उसे आदेश के तौर पर ही लिखें, सुझाव या विनती के रूप में नही। अथवा यदि लक्षित भाषा एक अलंकारिक प्रश्न का इस्तेमाल कर रहा है तो पिछला अनुवाद भी कथन अथवा प्रकटीकरण की बजाय, एक प्रश्न ही होना चाहिए। #### d. विराम चिन्हों को समान रखें diff --git a/checking/vol2-backtranslation-kinds/01.md b/checking/vol2-backtranslation-kinds/01.md index ecf673f..3de642e 100644 --- a/checking/vol2-backtranslation-kinds/01.md +++ b/checking/vol2-backtranslation-kinds/01.md @@ -1,4 +1,3 @@ - ### पिछला अनुवाद के कितने प्रकार हैं? #### मौखिक @@ -13,7 +12,7 @@ दूसरा, जब पिछला अनुवाद लिखा होता है तो अनुवाद जाँचकर्ता अनुवादक दल से मिलने से पहले पिछला अनुवाद को पढ़ सकता और उस अनुवाद से उठने वाले सवालों पर विचार विमर्श कर सकता है। यद्यपि अनुवाद जाँचकर्ता को सवाल पर विचार विमर्श करने की जरूरत न भी हो, उसे अनुवाद के बारे में सोचने का काफी समय मिल जाता है। व्ह अनुवाद से संबंधित अधिक समसयाओं को पहचान सकता और हल निकालने की कोशिश कर सकता है क्योंकि उसके पास अनुवाद के बारे में सोचने का काफी समय मौजूद रहता है। -तीसरा, जब पिछला अनुवाद लिखा होता है, अनुवाद जाँचकर्ता अनुवादक दल से मुलाकात करने से पहले, अपने सवालों को भी तैयार कर सकता है। यदि मुलाकात से पहले उनके पास समय है या बातचीत का कोर्इ और तरीका मौजूद है तो जाँचकर्ता अपने लिखित सवालों को दल के पास भेज सकता है जिससे उनके पास उन्हे पढ़ने और अनुवाद के अंश को बदलने का समय रहता है यदि जाँचकर्ता को उसमें कोर्इ समस्या नजर आती है। इससे अनुवादक दल और अनुवाद जाँचकर्ता को मुलाकात के दौरान बाइबल के अधिकतम भागों का पुनरावलोकन करने का मौका मिलता है क्योंकि मुलाकता से पहले ही उन्होने कर्इ सारी समस्याओं का हल निकाल लिया होता है। मुलाकात के दौरान, शेष बची समस्याओं पर वे केंद्रित हो सकते हैं। ये अक्सर ऐसी जगह होती हैं, जहाँ अनुवादक दल को जाँचकर्ता का कोर्इ सवाल समझ में नही आया होगा या जाँचकर्ता लक्षित भाषा की किसी चीज को नही समझ पाया होगा और सोचता है कि वहाँ समस्या हो सकती है, परंतु वास्तव में समस्या न भी हो। ऐसे मामले में, मुलाकात के दौरान, अनुवादक दल जाँचकर्ता को उसके बारे में समझा सकता है जो उन्हे समझ नही आया । +तीसरा, जब पिछला अनुवाद लिखा होता है, अनुवाद जाँचकर्ता अनुवादक दल से मुलाकात करने से पहले, अपने सवालों को भी तैयार कर सकता है। यदि मुलाकात से पहले उनके पास समय है या बातचीत का कोर्इ और तरीका मौजूद है तो जाँचकर्ता अपने लिखित सवालों को दल के पास भेज सकता है जिससे उनके पास उन्हे पढ़ने और अनुवाद के अंश को बदलने का समय रहता है यदि जाँचकर्ता को उसमें कोर्इ समस्या नजर आती है। इससे अनुवादक दल और अनुवाद जाँचकर्ता को मुलाकात के दौरान बाइबल के अधिकतम भागों का पुनरावलोकन करने का मौका मिलता है क्योंकि मुलाकता से पहले ही उन्होने कर्इ सारी समस्याओं का हल निकाल लिया होता है। मुलाकात के दौरान, शेष बची समस्याओं पर वे केंद्रित हो सकते हैं। ये अक्सर ऐसी जगह होती हैं, जहाँ अनुवादक दल को जाँचकर्ता का कोर्इ सवाल समझ में नही आया होगा या जाँचकर्ता लक्षित भाषा की किसी चीज को नही समझ पाया होगा और सोचता है कि वहाँ समस्या हो सकती है, परंतु वास्तव में समस्या न भी हो। ऐसे मामले में, मुलाकात के दौरान, अनुवादक दल जाँचकर्ता को उसके बारे में समझा सकता है जो उन्हे समझ नही आया । यदि जाँचकर्ता के पास मुलाकात से पहले, अपने सवाल अनुवादक दल को भेजने का समय न हो, वे मुलाकात के दौरान भी वे भागों का अवलोकन कर सकते हैं क्योंकि जाँचकर्ता पिछले अनुवाद को पढ़कर अपने सवालों को तैयार कर चुका होता है। चूँकि उसे तैयारी का यह समय मिल गया था, वह और अनुवादक दल अपने मुलाकात के समय में, अनुवाद को धीरे धीरे पढ़कर पूरा करने की बजाय, जैसा कि मौखिक पिछला अनुवाद में किया जाता है, अनुवाद की समस्याओं पर विचार विमर्श करने में समय बिताए। diff --git a/checking/vol2-backtranslation-purpose/01.md b/checking/vol2-backtranslation-purpose/01.md index 68a7b76..1b498ca 100644 --- a/checking/vol2-backtranslation-purpose/01.md +++ b/checking/vol2-backtranslation-purpose/01.md @@ -1,4 +1,3 @@ - ### पिछला अनुवाद जरूरी क्यों है? पिछले अनुवाद का मकसद बाइबल के लेख की जाँच करने या जानकारी पाने वाले की लक्षित भाषा के अनुवाद को समझने में मदद करना है, यद्यपि उसे उस भाषा का ज्ञान न भी हो. अत: पिछले अनुवाद की भाषा ऐसी हो जिसे पिछला अनुवाद करने वाला और जाँचकर्ता दोनों अच्छी तरह से समझते हों. इसका अक्सर मतलब होता है कि पिछले अनुवादक को लेख का अनुवाद वृहद समुदाय में बोली जाने वाली उसी भाषा में करना है जिसका उपयोग स्रोत लेख में हुआ था. diff --git a/checking/vol2-backtranslation-who/01.md b/checking/vol2-backtranslation-who/01.md index f4a1e36..b19c3b5 100644 --- a/checking/vol2-backtranslation-who/01.md +++ b/checking/vol2-backtranslation-who/01.md @@ -1,4 +1,3 @@ - ### पिछला अनुवाद कौन कर सकता है? एक अच्छा पिछला अनुवाद करने के लिए, एक व्यक्ति में तीन योग्यताएँ होनी चाहिए. diff --git a/checking/vol2-backtranslation-written/01.md b/checking/vol2-backtranslation-written/01.md index 4d80b1c..676140b 100644 --- a/checking/vol2-backtranslation-written/01.md +++ b/checking/vol2-backtranslation-written/01.md @@ -1,4 +1,3 @@ - लिखित पिछला अनुवाद के दो प्रकार हैं: ### अंतर्निहित पिछला अनुवाद diff --git a/checking/vol2-backtranslation/01.md b/checking/vol2-backtranslation/01.md index 91322ba..0e918c8 100644 --- a/checking/vol2-backtranslation/01.md +++ b/checking/vol2-backtranslation/01.md @@ -1,6 +1,5 @@ - ### पिछला अनुवाद क्या है? -पिछला अनुवाद का अर्थ है, स्थानीय स्रोत भाषा के बाइबल के भाग को उससे बड़े समुदाय की भाषा में अनुवाद करना. इसे इसलिए ‘‘पिछला अनुवाद’’ कहा जाता है क्योंकि यह स्थानीय स्रोत भाषा के अनुवाद को बनाने की बजाय, उसकी विपरीत दिशा में किया जाने वाला अनुवाद है. +पिछला अनुवाद का अर्थ है, स्थानीय स्रोत भाषा के बाइबल के भाग को उससे बड़े समुदाय की भाषा में अनुवाद करना. इसे इसलिए ‘‘पिछला अनुवाद’’ कहा जाता है क्योंकि यह स्थानीय स्रोत भाषा के अनुवाद को बनाने की बजाय, उसकी विपरीत दिशा में किया जाने वाला अनुवाद है. पिछला अनुवाद एक सामान्य तरीके से नही किया जाता है क्योंकि इसमें स्वाभाविकता नही होती, जो किसी भी अनुवाद (इस मामले में, बड़े समूह की भाषा) का एक लक्ष्य होता है. इसकी बजाय, इसका लक्ष्य स्थानीय भाषा के अनुवाद के भाव को लिखित तरीके में ही पेश करना है जिसमें बड़े समुदाय में उपयुक्त व्याकरण एवं शब्दों के क्रम का उपयोग किया जा सकता है. इस प्रकार, अनुवाद जाँचकर्ता लक्षित भाषा के लेख में इसके अर्थ को और पिछले अनुवाद को अधिक स्पष्ट तरीके से समझ सकता है और आसानी से पढ़ भी सकता है. diff --git a/checking/vol2-intro/01.md b/checking/vol2-intro/01.md index ccce4d1..ddd2cc3 100644 --- a/checking/vol2-intro/01.md +++ b/checking/vol2-intro/01.md @@ -1,7 +1,5 @@ - हम देख चुके हैं कि कहाँ अनुवादक दल अपने खुद के अनुवाद की कर्इ सारी जाँच करेगा। वे जाँचें उनके कार्य को जाँच स्तर एक तक ले आते हैं। स्तर दो और स्तर तीन के लिए, अनुवादक दल अपने कार्य को भाषा समुदाय के सदस्यों और कलीसिया के अगुवों के पास लाए। यह जरूरी है क्योंकि अनुवादक दल अपने कार्य के काफी करीब और उसमें इतने संलग्न है कि कर्इ बार वे स्वयं कमियों को देख नही पाते हैं जो दूसरों की नजर में आसानी से आ जाती हैं। भाषा के अन्य वक्ता उन्हे बोलने के बेहतर तरीकों के बारे में सुझाव दे सकते हैं जिसके बारे में अनुवादक दल ने सोचा नही होगा। कर्इ बार अनुवादक दल अनुवाद को अपरिचित सा बना देता है क्योंकि वे स्रोत भाशा के शब्दों को नजदीकी के साथ इस्तेमाल करता है। भाषा को बोलने वाले दूसरे लोग ऐसी कमियों को दूर करने में कदद कर सकते हैं। इतना ही नही, अनुवादक दल के पास बाइबल ज्ञान या अन्य बातों की जानकारी की कमी होगी जो दूसरों में हो सकती है और इसीलिए उनकी कुछ कमियों को वे दूर कर सकते हैं।इसी कारण, जो लोग अनुवाद का भाग नही हैं, वे ही अनुवाद की जाँच करें। इस हस्तपुस्तिका का शेष भाग उन मार्गनिर्देशों को बताएगा जिन्हे कलीसिया के अगुवे स्तर दो और स्तर तीन के तहत अनुवाद को जाँचने में इस्तेमाल कर सकते हैं। - diff --git a/checking/vol2-steps/01.md b/checking/vol2-steps/01.md index b577866..035f59e 100644 --- a/checking/vol2-steps/01.md +++ b/checking/vol2-steps/01.md @@ -1,8 +1,6 @@ - ### एक अनुवाद को जाँचने के कदम #### जाँच से पहले 1. समय से पहले ही जान लें कि आप कौनसी कहानी अथवा बाइबल का भाग जाँचेंगे 1. समझ में आने वाले किसी भी भाषा में कर्इ सारे अनुवादों को पढ़ें, उपलब्ध हो तो मूल भाषा में भी पढ़ने की कोशिश करें - diff --git a/checking/vol2-things-to-check/01.md b/checking/vol2-things-to-check/01.md index 3592a43..81326b2 100644 --- a/checking/vol2-things-to-check/01.md +++ b/checking/vol2-things-to-check/01.md @@ -1,11 +1,10 @@ - ### कौन कौनसी चीजें जाँचें 1. आपको जो भी सही नही लगे, पूछें जिससे कि अनुवादक दल उसका वर्णन कर सके। यदि वह उन्हे भी सही नही लगे, तो वे अनुवाद को सही कर सकते हैं। सामान्य तौर पर: - 1. जाँचें कि कहीं कुछ जोड़ना तो नही है जो स्रोत लेख के अर्थ का भाग नही था । (याद रखें कि मूल अर्थ में [अंतर्निहित सूचना](../../translate/figs-explicit/01.md) भी शामिल है) - 1. जाँचें कि कहीं कुछ गायब तो नही है तो मूल स्रोत लेख का भाग था परंतु अनुवाद में शामिल नही हुआ है। - 1. जाँचें कि कहीं ऐसा अर्थ तो नही आ रहा जो स्रोत लेख के अर्थ से बिल्कुल अलग हो। + 1. जाँचें कि कहीं कुछ जोड़ना तो नही है जो स्रोत लेख के अर्थ का भाग नही था । (याद रखें कि मूल अर्थ में [अंतर्निहित सूचना](../../translate/figs-explicit/01.md) भी शामिल है) + 1. जाँचें कि कहीं कुछ गायब तो नही है तो मूल स्रोत लेख का भाग था परंतु अनुवाद में शामिल नही हुआ है। + 1. जाँचें कि कहीं ऐसा अर्थ तो नही आ रहा जो स्रोत लेख के अर्थ से बिल्कुल अलग हो। 1. यह निश्चित करने के लिए जाँचें कि हर भाग का मुख्य बिन्दु या मुख्य विषय स्पष्ट है। अनुवादक दल से एक भाग का सार कहने को कहें और देखें कि वह स्पष्ट है या नही। यदि आप किसी छोटे बिन्दु को मुख्य बिन्दु के रूप में लेते हैं तो उन्हे उस भाग के अनुवाद में आवश्यक बदलाव करना जरूरी है। 1. जाँचें कि पद्यांशों के विभिé भाग आपस में सही तरीके से जुडे़ हैं - अर्थात लक्षित भाषा में बाइबल पद्यांशों के बीच के जोड़ने वाले, कारण, जोड़, परिणाम, सारांश इत्यादि तथ्य सही तरीके से जुड़े हों। diff --git a/intro/finding-answers/01.md b/intro/finding-answers/01.md index a023a1b..74c376c 100644 --- a/intro/finding-answers/01.md +++ b/intro/finding-answers/01.md @@ -1,12 +1,11 @@ - ### उत्तर कैसे पाएँ प्रश्नों के उत्तरों को खोजने के कर्इ सारी सामग्रियाँ उपलब्ध हैं: * ** translationAcademy** - यह प्रशिक्षण हस्तपुस्तिका पर उपलब्ध है और इसमें निम्नलिखित बातों समेत कर्इ सारी जानकारियाँ मौजूद हैं: - * [Introduction](../ta-intro/01.md)) - यह unfoldingWord प्रोजेक्ट का परिचय करवाता है - * [Process Manual](../../process/process-manual/01.md)) - ‘‘आगे क्या’’ नामक प्रश्न का उत्तर देता है - * [Translation Manual](../../translate/translate-manual/01.md)) - अनुवाद के सिद्धांतों और प्रायोगिक अनुवाद की मदद की मूलभूत बातों का वर्णन करता है - * [Checking Manual](../../checking/intro-check/01.md)) - जाँचने के सिद्धांतों और बेहतर प्रयोगों का वर्णन करता है + * [Introduction](../ta-intro/01.md)) - यह unfoldingWord प्रोजेक्ट का परिचय करवाता है + * [Process Manual](../../process/process-manual/01.md)) - ‘‘आगे क्या’’ नामक प्रश्न का उत्तर देता है + * [Translation Manual](../../translate/translate-manual/01.md)) - अनुवाद के सिद्धांतों और प्रायोगिक अनुवाद की मदद की मूलभूत बातों का वर्णन करता है + * [Checking Manual](../../checking/intro-check/01.md)) - जाँचने के सिद्धांतों और बेहतर प्रयोगों का वर्णन करता है * **दल चैटरूम** - Team43 दल में शामिल हों, ‘‘हेल्पडेस्क’’ चैनल पर अपने प्रश्न डालें और अपने प्रश्नों का उसी समय जवाब प्राप्त करें (http://ufw.io/team43 पर साइन-अप करें:) * **हेल्पडेस्क** - अपना प्रश्न इस र्इमेल पर भेजें। diff --git a/intro/gl-strategy/01.md b/intro/gl-strategy/01.md index 5fc8a53..bd888db 100644 --- a/intro/gl-strategy/01.md +++ b/intro/gl-strategy/01.md @@ -1,5 +1,4 @@ - -*इस लेख का मूल वर्ज़न http://ufw.io/gl/ पर उपलब्ध है* +* इस लेख का मूल वर्ज़न http://ufw.io/gl/ पर उपलब्ध है* ### वर्णन diff --git a/intro/open-license/01.md b/intro/open-license/01.md index b30c032..a065f6c 100644 --- a/intro/open-license/01.md +++ b/intro/open-license/01.md @@ -1,20 +1,17 @@ - #### स्वतंत्रता के लिए लाइसेंस श्र **हर भाषा में प्रतिबंधरहित सामग्री** पाने के लिए, एक लाइसेंस की जरूरत होती है जो वैश्विक कलीसिया को ‘‘प्रतिबंधरहित’’ पहुँच देती है. हम विश्वास करते हैं कि यह अभियान बेराक बन जाएगा जब कलीसिया की पहुँच प्रतिबंधरहित होगी. [Creative Commons Attribution-ShareAlike 4.0 International License](http://creativecommons.org/licenses/by-sa/4.0/) नामक लाइसेंस बाइबल के लेखों के अनुवाद एवं वितरण के लिए जरूरी हर अधिकार को प्रदान करता एवं निश्चित करता है कि सामग्री सबके उपयोग के लिए खुली हो. यदि कहीं पर इंगित नही है तो पूरी सामग्री CC BY-SA से लाइसेंस प्राप्त है. -*Door43 का आधिकारिक लाइसेंस https://door43.org/hi/legal/license पर उपलब्ध है* - +* Door43 का आधिकारिक लाइसेंस https://door43.org/hi/legal/license पर उपलब्ध है* #### Creative Commons Attribution-ShareAlike 4.0 International (CC BY-SA 4.0) यह मनुष्य के द्वारा पढ़ा जा सकने वाला [license](http://creativecommons.org/licenses/by-sa/4.0/) का सार है. - #### आप ये कर सकते हैं: * **बाँट सकते हैं** - प्रतिलिपि बनाना, किसी भी रूप या मीडिया के द्वारा पुन: वितरण करना -* **अपना सकते हैं** - पुन: तैयार करना, बदलना, सामग्री को विकसित करना +* **अपना सकते हैं** - पुन: तैयार करना, बदलना, सामग्री को विकसित करना किसी भी मकसद के लिए, व्यवसायिक भी @@ -24,7 +21,7 @@ * **संबंध बताएँ (Attribution)** - उचित श्रेय दें, लाइसेंस का लिंक दिखाएँ, यदि बदलाव किया है तो इंगित करें. आप ऐसा किसी भी उचित तरीके से कर सकते हैं, परंतु ऐसे किसी भी तरीके से नही जो लाइसेंस धारक आपको सौंपता है. * **ऐसा ही बाँटे (ShareAlike)** - यदि आप पुन: तैयार करते हैं, बदलते हैं या पुन: विकसित करते हैं तो आपको इसी लाइसेंस के तहत ही ऐसा करना होगा. -**कोर्इ अतिरिक्त प्रतिबंध नही (No additional restrictions)** श्र +** कोर्इ अतिरिक्त प्रतिबंध नही (No additional restrictions)** श्र #### सूचनाएँ: @@ -38,7 +35,7 @@ Door43 में कोर्इ भी सामग्री इम्पोर्ट करने के लिए, खुले लाइसेंस के तहत, मूल कार्य के सही संबंध को बताया जाना चाहिए जिसके अंतर्गत यह उपलब्ध है. उदाहरण के तौर पर, ओपन बाइबल कहानियों में उपयोगी कलाकृतियों का स्पष्ट संबंध प्रोजेक्ट के [main page](http://openbiblestories.com) से बताया गया है. -Door43 के प्रोजेक्टों के सहयोगी सहमत हैं कि हर पृष्ठ के पुनरावलोकन इतिहास पर वर्णित संबंध जताता काफी है** अर्थात Door43 का हर सहयोगी ‘‘ Door43 विश्व मिशन समाज’’ अथवा उससे संबंधिक किसी में सूचीबद्ध हो. हर सहयोगी का योगदान उस कार्य के पुनरावलोकन इतिहास में प्रस्तुत किया जाएगा. +Door43 के प्रोजेक्टों के सहयोगी सहमत हैं कि हर पृष्ठ के पुनरावलोकन इतिहास पर वर्णित संबंध जताता काफी है अर्थात Door43 का हर सहयोगी ‘‘ Door43 विश्व मिशन समाज’’ अथवा उससे संबंधिक किसी में सूचीबद्ध हो. हर सहयोगी का योगदान उस कार्य के पुनरावलोकन इतिहास में प्रस्तुत किया जाएगा. ### स्रोत लेख @@ -50,4 +47,3 @@ Door43 के प्रोजेक्टों के सहयोगी सह * **[Free Translate License](http://ufw.io/freetranslate/)** अधिक जानकारी के लिए, देखें [Copyrights, Licensing, and Source Texts](../../translate/translate-source-licensing/01.md) - diff --git a/intro/statement-of-faith/01.md b/intro/statement-of-faith/01.md index 2bee067..8317fae 100644 --- a/intro/statement-of-faith/01.md +++ b/intro/statement-of-faith/01.md @@ -1,7 +1,6 @@ +* इस लेख का आधिकारिक वर्ज़न http://ufw.io/faith/ पर उपलब्ध है* -*इस लेख का आधिकारिक वर्ज़न http://ufw.io/faith/ पर उपलब्ध है* - -*निम्नलिखित विश्वास मत, अन्फोल्डिन्ग वर्ड [unfoldingWord](https://unfoldingword.bible/) सभी सदस्य संगठनों एवं सहयोगियों के द्वारा प्रमाणित है. यह निम्नलिखित ऐतिहासिक विश्वासा कथनों के साथ भी सहमति दिखाता है: अपोस्टल्स क्रीड [Apostles’ Creed](https://git.door43.org/Door43/en_creeds/src/master/content/apostles.md), नाइसियन क्रीड [Nicene Creed](https://git.door43.org/Door43/en_creeds/src/master/content/nicene.md), और अथेनेशियन क्रीड [Athanasian Creed](https://git.door43.org/Door43/en_creeds/src/master/content/athanasian.md); और लौसेने कवनेन्ट [Lausanne Covenant](http://www.lausanne.org/en/documents/lausanne-covenant.html) भी।* +* निम्नलिखित विश्वास मत, अन्फोल्डिन्ग वर्ड [unfoldingWord](https://unfoldingword.org/) सभी सदस्य संगठनों एवं सहयोगियों के द्वारा प्रमाणित है. यह निम्नलिखित ऐतिहासिक विश्वासा कथनों के साथ भी सहमति दिखाता है: अपोस्टल्स क्रीड [Apostles’ Creed](https://git.door43.org/Door43/en_creeds/src/master/content/apostles.md), नाइसियन क्रीड [Nicene Creed](https://git.door43.org/Door43/en_creeds/src/master/content/nicene.md), और अथेनेशियन क्रीड [Athanasian Creed](https://git.door43.org/Door43/en_creeds/src/master/content/athanasian.md); और लौसेने कवनेन्ट [Lausanne Covenant](http://www.lausanne.org/en/documents/lausanne-covenant.html) भी।* हम विश्वास करते हैं कि मसीही विश्वास दो भागों, **अत्यावश्यक विश्वास** **सतही विश्वास** में विभाजित हो सकता और होना चाहिए (रोमियों 14). @@ -10,25 +9,15 @@ अत्यावश्यक विश्वास ही यीशु मसीह के अनुयार्इयों को परिभाषित करता है जो किसी भी प्रकार का समझौता या नजरअंदाज करने को तैयार नही होता है * हम विश्वास करते हैं कि बाइबल प्रेरित, अचूक, पर्याप्त, आधिकारिक परमेश्वर का वचन है (1 थिस्सलूनिकियों 2:13; 2 तिमुथियुस 3:16-17) - * gम विश्वास करते हैं कि परमेश्वर एक और तीन व्यवक्तित्वों में विद्यमान है: पिता परमेश्वर, पुत्र यीशु मसीह और पवित्र आत्मा (मती 28:19; यूहéा 10:30) - * हम यीशु मसीह की र्इश्वरीयता पर विश्वास करते हैं (यूहéा 1:1-4; फिलिप्पियों 2:5-11; 2 पतरस 1:1) - * हम यीशु मसीह की मानवीयता, कुँवारी के द्वारा उनका जन्म, पापरहित जीवन, उसके चमत्कार, लहू बहाकर, प्रायश्चित के रूप में एवं हमारे बदले में ली गर्इ उसकी मौत, सशरीर पुनरूत्थान और पिता के दाहिने ओर उसके स्वर्गारोहण पर विश्वास करते हैं (मती 1:18,25; 1 कुरिन्थियों 15:1-8; इब्रानियों 4:15; प्रेरितों के काम 1:9-11; 2:22-24) - * हम विश्वास करते हैं कि हर व्यक्ति पैदायशी से पापी है और अनंत नरक के योग्य है। (रोमियों 3:23; यशायाह 64:6-7) - * हम विश्वास करते हैं कि पाप से उद्धार परमेश्वर का वरदान है जो यीशु मसीह की बलिदानी मृत्यु और पुनरूत्थान के द्वारा उपलब्ध करवाया गया और विश्वास से अनुग्रह ही के द्वारा प्राप्त किया जाता है, कमोर्ं से नही। (यूहéा 3:16; 14:6; इफिसियों 2:8-9; तीतुस 3:3-7) - * हम विश्वास करते हैं कि सच्चा विश्वास पश्चाताप और पवित्रात्मा के द्वारा नयेपन के साथ जुड़ा होता है (याकुब 2:14-26; यूहéा 16:5-17; रोमियों 8:9) - * हम पवित्रात्मा की वर्तमान सेवकार्इ में विश्वास करते हैं जो यीशु मसीह के अनुयार्इयों के अंदर बसता और उन्हे दैवीय जीवन जीने का बल देता है (यूहéा 14:15-26; इफिसियों 2:10; गलातियों 5:16-18) - * हम प्रभु यीशु मसीह में, सब राष्ट्रों, भाषाओं और जनसमूहों के सभी विश्वासियों की एकता पर विश्वास करते हैं (फिलिप्पियों 2:1-4; इफिसियों 1:22-23; 1 कुरिन्थियों 12:12,27) - * हम यीशु मसीह के व्यक्तिगत एवं सशरीर पुनरागमन पर विश्वास करते हैं (मती 24:30; प्रेरितों के काम 1:10-11) - * हम उद्धार पाए हुओं एवं खो हुओं, दोनों प्रकार के लोगों के पुनरूत्थान पर विश्वास करते हैं; उद्धार नही पाए हुए नरक में अनंत नाश के लिए एवं उद्धार पाए हुए परमेश्वर के साथ अनंत स्वर्ग की आशीषों को पाने के लिए पुनरूत्थान पाएँगे (इब्रानियों 9:27-28; मती 16:27; यूहéा 14:1-3; मती 25:31-46) #### सतही विश्वास diff --git a/intro/ta-intro/01.md b/intro/ta-intro/01.md index 04ef682..89159a0 100644 --- a/intro/ta-intro/01.md +++ b/intro/ta-intro/01.md @@ -1,4 +1,3 @@ - ### ट्रांसलेशन अकेडमी (translationAcademy) में आपका स्वागत है ‘‘ट्रांसलेशन अकेडमी’’ का लक्ष्य हर एक को, हर जगह पर स्वयं निपुण बनाना है कि वह बाइबल की सामग्रियों का अपनी भाषा में उच्चस्तरीय अनुवाद कर सके। ट्रांसलेशन अकेडमी अपने आप में बहुत ही लचीली है. इसका उपयोग एक क्रमबद्ध, समय-पूर्व पहल अथवा समय-के-अंतर्गत प्रशिक्षण, के लिए (अथवा दोनों के लिए) इस्तेमाल किया जा सकता है. इसकी संरचना प्रमापीय अथवा माप-दर-माप है. diff --git a/intro/translate-why/01.md b/intro/translate-why/01.md index b6ecde3..fa0ffa3 100644 --- a/intro/translate-why/01.md +++ b/intro/translate-why/01.md @@ -1,4 +1,3 @@ - ट्रांसलेशन अकेडमी का उद्देश्य आपको बाइबल अनुवादक बनने का प्रशिक्षण देना है. अपने लोगों को यीशु मसीह के चेले बनाने के लिए अपनी भाषा में परमेश्वर के वचन का अनुवाद करना एक महत्वपूर्ण कार्य है. आपको इस कार्य के लिए समर्पित होना है, अपनी जिम्मेदारियाँ गम्भीरता से लेनी हैं, और परमेश्वर से मदद के लिए प्रार्थना करनी है. परमेश्वर ने बाइबल में हमसे बात की है. उसने बाइबल के लेखकों को इब्री, अरामिक और यूनानी भाषा में परमेश्वर का वचन लिखने के लिए प्रेरित किया. 40 विभिé लेखकों ने 1400 र्इसापूर्व से लेकर र्इस्वी सन् 100 तक बाइबल के भागों को लिखा. इन लेखों को मध्यपूर्व, उत्तरी अफ्रीका और यूरोप महाद्वीपों में लिखा गया. उन भाषाओं में अपने वचन को लिखने के द्वारा, परमेश्वर ने निश्चित किया कि उस समय के लोग उन भाषाओं को समझ सकें. @@ -9,4 +8,4 @@ हर भाषा बहुमूल्य एवं महत्वपूर्ण है. छोटी भाषाएँ भी आपके देश में बोली जाने वाली राष्ट्रीय भाषा के समान ही महत्वपूर्ण हैं और वे भी अच्छी तरह से अर्थ बता सकती हैं. कोर्इ भी अपनी भाषा बोलने में शर्म महसूस न करे. कर्इ बार, अल्पसंख्यक समूह के लोग अपनी भाषाओं के प्रति शर्म महसूस करते हैं और समूह के बहुसंख्यकों के सामने उस भाषा को बालते नही हैं. परंतु कुछ भी ऐसा नही है कि राष्ट्रीय भाषा में स्थानीय भाषा से अधिक महत्वपूर्ण, अधिक प्रसिद्ध या अधिक शिक्षित कुछ है. हर भाषा में अर्थ की सूक्ष्मताएँ एवं प्रकार हैं जो अपने आप में विशेष होते हैं. हम उस भाषा का उपयोग करें जिसमें हम सबसे ज्यादा आराम महसूस करते और दूसरों से उस भाषा में अच्छी तरह से बात कर सकते हैं. -*श्रेय: टोड प्राइस, Ph.D की ‘‘बाइबल ट्रांसलेशन थियोरी एण्ड प्रैक्टिस’’ से लिया गया। CC BY-SA 4.0* +* श्रेय: टोड प्राइस, Ph.D की ‘‘बाइबल ट्रांसलेशन थियोरी एण्ड प्रैक्टिस’’ से लिया गया। CC BY-SA 4.0* diff --git a/intro/translation-guidelines/01.md b/intro/translation-guidelines/01.md index eb448a6..66fed06 100644 --- a/intro/translation-guidelines/01.md +++ b/intro/translation-guidelines/01.md @@ -1,7 +1,6 @@ +* इस सामग्री का आधिकारिक वर्ज़न http://ufw.io/guidelines/ पर उपलब्ध है* -*इस सामग्री का आधिकारिक वर्ज़न http://ufw.io/guidelines/ पर उपलब्ध है* - -*अनुवाद में इस्तेमाल किए जाने वाले निम्न सिद्धांतों और प्रक्रियाओं का अनुपालन unfoldingWord प्रोजेक्ट के सभी सदस्य संगठन एवं सहयोगी करते हैं (देखें https://unfoldingword.bible). अनुवाद की सभी गतिविधियाँ इन निर्देशों के आधार पर होती हैं* +* अनुवाद में इस्तेमाल किए जाने वाले निम्न सिद्धांतों और प्रक्रियाओं का अनुपालन unfoldingWord प्रोजेक्ट के सभी सदस्य संगठन एवं सहयोगी करते हैं (देखें https://unfoldingword.org). अनुवाद की सभी गतिविधियाँ इन निर्देशों के आधार पर होती हैं* 1. **सटीक** - सटीकता से अनुवाद करें, मूल अर्थ में किसी भी प्रकार का बदलाव, भटकाव या जोड़ न हो. अनुवाद की गर्इ सामग्री पुरी विश्वसनीयता के साथ मूल अर्थ को संपूर्ण तरीके से प्रदर्शित करे, ठीक उसी प्रकार जैसा इसके मूल श्रोताओं ने समझा था ([Create Accurate Translations](../../translate/guidelines-accurate/01.md) देखें) 1. **स्पष्ट** - भाषा की किसी भी संरचना का उपयोग कर, उच्चस्तरीय समझ को प्रदर्शित करें. इसमें एक लेख को पुन: व्यवस्थित करना, मूल अर्थ को स्पष्टता के साथ समझाने के लिए अधिक से अधिक शब्दों का उपयोग करना इत्यादि शामिल है (देखें [Create Clear Translations](../../translate/guidelines-clear/01.md)) @@ -18,7 +17,7 @@ ये कदम अनुवाद प्रोजेक्ट की भाषा और माहौल के आधार पर बदल भी सकते हैं. आम तौर पर, हम अनुवाद को अच्छा तब मानते हैं जब उसे भाषा समुदाय के लोगों और उस समुदाय में उपस्थित कलीसिया के अगुवों के द्वारा पुनरावलोकन कर लिया जाए. 1. **सटीक, स्पष्ट, स्वाभाविक एवं समान** -उक्त जनसमूह में उपस्थित कलीसिया के द्वारा निर्धारित मापदण्डों के आधार पर, अनुवाद उसकी मूलप्रति के वास्तविक अर्थ के प्रति पूरा विश्वसनीय एवं वैश्विक तथा ऐतिहासिक कलीसिया के अनुरूप हो -1. **कलीसिया के द्वारा पुष्टि** - कलीसिया के द्वारा मान्य एवं उपयोग की जा सकने वाला ([Create Church-Approved Translations](../../translate/guidelines-church-approved/01.md) देखें) +1. **कलीसिया के द्वारा पुष्टि** - कलीसिया के द्वारा मान्य एवं उपयोग की जा सकने वाला ([Create Church-Approved Translations](../../translate/guidelines-church-approved/01.md) देखें) हम सिफारिश करते हैं कि अनुवाद निम्न प्रकार का हो: diff --git a/intro/uw-intro/01.md b/intro/uw-intro/01.md index 034c3d9..c3dffe3 100644 --- a/intro/uw-intro/01.md +++ b/intro/uw-intro/01.md @@ -1,4 +1,3 @@ - अन्फॉल्डिन्ग वर्ड प्रोजेक्ट का अस्तित्व इसलिए है कि हम **हर भाषा में प्रतिबंधरहित बाइबल के अंश** देखना चाहते हैं. यीशु मसीह ने हर जनसमूह में से ‘चेलों’ को बनाने की आज्ञा दी @@ -15,20 +14,20 @@ ### ये कैसे करें? -**हर भाषा में प्रतिबंधरहित बाइबल के अंश** नामक लक्ष्य को हम कैसे पूरा करें? +** हर भाषा में प्रतिबंधरहित बाइबल के अंश** नामक लक्ष्य को हम कैसे पूरा करें? -* [unfoldingWord Network](https://unfoldingword.bible/) अन्फॉल्डिन्ग वर्ड नेटवर्क - समान मन वाले दूसरे संगठनों के साथ भागिदारी के द्वारा +* [unfoldingWord Network](https://unfoldingword.org/network/) अन्फॉल्डिन्ग वर्ड नेटवर्क - समान मन वाले दूसरे संगठनों के साथ भागिदारी के द्वारा * [Statement of Faith](../statement-of-faith/01.md) विश्वास कथन - समान विश्वास वाले लोगों के साथ कार्य करने के द्वारा * [Translation Guidelines](../translation-guidelines/01.md) अनुवाद मार्गनिर्देश - समान अनुवाद सिद्धांत का उपयोग करने के द्वारा * [Open License](../open-license/01.md) ऑपन लाइसेंस - हमारे द्वारा बनार्इ गर्इ हर चीज को ऑपन लाइसेंस के तहत सबके लिए उपयोगयोग्य बनाना * [Gateway Languages Strategy](../gl-strategy/01.md) गेटवे भाषा कार्यप्रणाली - बाइबल के लेखों को ज्ञात भाषा से अनुवाद करने के लिए उपलब्ध बराना - ### हम क्या करें? * **रूपरेखा** - हम मुफ्त और प्रतिबंधरहित बाइबल अंश तैयार करते और बनाते और अनुवाद के लिए उपलब्ध कराते हैं। सामग्रियों और अनुवाद की संपूर्ण सूची के लिए, देखें http://ufw.io/content/ । कुछ नमूने निम्न हैं: - * **ऑपन बाइबल कहानियाँ** - सुसमाचार प्रचार के लिए, सृष्टि से लेकर प्रकाशितवाक्य तक, समयानुक्रम में 50 मुख्य कहानियों का संग्रह प्रिंटिंग, ऑडियों और वीडियो रूप में उपलब्ध है (देखें ) - * **दी बाइबल** - परमेश्वर का प्रेरित, अचूक, पर्याप्त और आधिकारिक वचन ऑपन लाइसेंस के तहत प्रतिबंधरहित अनुवाद, इस्तेमाल एवं वितरण के लिए उपलब्ध कराना (देखें http://ufw.io/bible/) - * **अनुवाद लेख** - अनुवादकों के लिए भाषात्मक, सांस्कृतिक एवं पद-दर-पद मदद। वे ऑपन बाइबल कहानियों और बाइबल के लिए मौजूद हैं (देखें http://ufw.io/tn/) - * **अनुवाद प्रश्न** - हर लेख के लिए प्रश्नों को उपलब्ध करना जिसके इस्तेमाल से अनुवादक और जाँचकर्ता जान सकते हैं कि अनुवाद समझ के योग्य एवं सही है या नही + * **ऑपन बाइबल कहानियाँ** - सुसमाचार प्रचार के लिए, सृष्टि से लेकर प्रकाशितवाक्य तक, समयानुक्रम में 50 मुख्य कहानियों का संग्रह प्रिंटिंग, ऑडियों और वीडियो रूप में उपलब्ध है (देखें ) + * **दी बाइबल** - परमेश्वर का प्रेरित, अचूक, पर्याप्त और आधिकारिक वचन ऑपन लाइसेंस के तहत प्रतिबंधरहित अनुवाद, इस्तेमाल एवं वितरण के लिए उपलब्ध कराना (देखें http://ufw.io/bible/) + * **अनुवाद लेख** - अनुवादकों के लिए भाषात्मक, सांस्कृतिक एवं पद-दर-पद मदद। वे ऑपन बाइबल कहानियों और बाइबल के लिए मौजूद हैं (देखें http://ufw.io/tn/) + * **अनुवाद प्रश्न** - हर लेख के लिए प्रश्नों को उपलब्ध करना जिसके इस्तेमाल से अनुवादक और जाँचकर्ता जान सकते हैं कि अनुवाद समझ के योग्य एवं सही है या नही + वे ऑपन बाइबल कहानियों और बाइबल के लिए मौजूद हैं (देखें http://ufw.io/tq/) diff --git a/manifest.yaml b/manifest.yaml index 189ed6d..2d9abcb 100644 --- a/manifest.yaml +++ b/manifest.yaml @@ -14,12 +14,12 @@ dublin_core: description: 'A modular handbook that provides a condensed explanation of Bible translation and checking principles that the global Church has implicitly affirmed define trustworthy translations. It enables translators to learn how to create trustworthy translations of the Bible in their own language.' format: 'text/markdown' identifier: 'ta' - issued: '2020-09-26' + issued: '2020-11-13' language: identifier: hi - title: 'हिन्दी, हिंदी' + title: 'हिन्दी, हिंदी (Hindi)' direction: ltr - modified: '2020-09-26' + modified: '2020-11-13' publisher: 'Door43' relation: - 'hi/ulb' @@ -34,11 +34,11 @@ dublin_core: - identifier: 'ta' language: 'en' - version: '12' + version: '14' subject: 'Translation Academy' title: 'translationAcademy' type: 'man' - version: '12.1' + version: '14.1' checking: checking_entity: diff --git a/process/intro-publishing/01.md b/process/intro-publishing/01.md index c056641..dc7ff56 100644 --- a/process/intro-publishing/01.md +++ b/process/intro-publishing/01.md @@ -1,4 +1,3 @@ - ### प्रकाशन समीक्षा Door43 में कार्य के अपलोड हो जाने के तुरंत बाद, यह स्वत: ही आपके यूज़र अकाऊंट के तहत उपलब्ध हो जाता है। इसका उल्लेख स्व-प्रकाशन के तौर पर होता है। आप अपने प्रोजेक्ट के वेब वजऱ्न को http://door43.org/u/user_name/project_name पर पा सकते हैं (जहाँ user_name आपका यूज़र नेम और project_name आपके अनुवाद का प्रोजक्ट होगा)। अपलोड करते वक्त translationStudio ऐप आपको सही लिंक दे देगा। आप सभी कार्यों को http://door43.org पर भी देख सकते हैं। diff --git a/process/intro-share/01.md b/process/intro-share/01.md index 9664d48..9ad115a 100644 --- a/process/intro-share/01.md +++ b/process/intro-share/01.md @@ -1,4 +1,3 @@ - ### वितरण समीक्षा सामग्री बेअर्थ होगी यदि इसे वितरित या उपयोग नही किया जाए। Door43 अनुवाद एवं प्रकाशन मंच के उपयोग का एक लाभ यह है कि यह इसका वितरण करने के कर्इ परंतु आसान तरीके उपलब्ध कराता है। @@ -13,4 +12,3 @@ किसी भी मकसद के लिए, व्यवसायिक भी। लाइसेंस की शर्तों के अंतर्गत। - diff --git a/process/platforms/01.md b/process/platforms/01.md index 6743669..c84675d 100644 --- a/process/platforms/01.md +++ b/process/platforms/01.md @@ -1,8 +1,7 @@ - ### अनुशंसित मंच Door43 इको सिस्टम में अनुवाद करने का अंनुशंसित मंच अथवा स्थल ट्रासलेशन स्टूडियो (translationStudio) है। इसी जगह पर अनुवाद और जाँच दल दोनों अपना कार्य करेंगे। आप एंड्रोयड, विन्डोज़, मैक, या लाइनक्स यंत्रों पर इसे सेटअप कर सकते हैं (अधिक जानकारी के लिए, [Setting up translationStudio](http://ufw.io/ts/) देखें)। ### अन्य विकल्प -यदि आपका दल TranslationStudio का उपयोग नही करना चाहता है, तो आप ऑनलाइन या ऑफलाइन के औजारों का उपयोग कर सकते हैं। ध्यान दें कि USFM या मार्कडाऊन फॉर्मेट में सामग्र को परिवर्तित करने की जिम्मेदारी आपकी होगी यदि आप TranslationStudio का उपयोग नही करते हैं (अधिक जानकारी के लिए, [File Formats](../setup-ts/01.md) देखें)। +यदि आपका दल TranslationStudio का उपयोग नही करना चाहता है, तो आप ऑनलाइन या ऑफलाइन के औजारों का उपयोग कर सकते हैं। ध्यान दें कि USFM या मार्कडाऊन फॉर्मेट में सामग्र को परिवर्तित करने की जिम्मेदारी आपकी होगी यदि आप TranslationStudio का उपयोग नही करते हैं (अधिक जानकारी के लिए, [File Formats](../setup-ts/01.md) देखें)। diff --git a/process/prechecking-training/01.md b/process/prechecking-training/01.md index 4a74b0a..abfe298 100644 --- a/process/prechecking-training/01.md +++ b/process/prechecking-training/01.md @@ -1,4 +1,3 @@ - ### जाँच से पहले यह सुझाव दिया जाता है कि सामग्रियों की जाँच के दौरान निरंतर ([Checking Manual](../../checking/intro-check/01.md)) की मदद लेते रहें। जाँच शुरू करने से पहले, हमारा सुझाव है कि आप अपने तरीके से पुस्तिका की जाँच शुरू कर दें जब तक के आपको यह न पता चल जाए कि हर स्तर की जरूरतें क्या हैं। जाँच प्रक्रिया में कार्य करने के दौरान, आपको जाँच हस्तपुस्तिका की निरंतर मदद लेनी होगी। diff --git a/process/pretranslation-training/01.md b/process/pretranslation-training/01.md index b6c59f0..06536c7 100644 --- a/process/pretranslation-training/01.md +++ b/process/pretranslation-training/01.md @@ -1,4 +1,3 @@ - ### अनुवाद से पहले क्या जानें हम सुझाव देते हैं कि सामग्री के अनुवाद के दौरान आप लगातार [Translation Manual](../../translate/translate-manual/01.md) की मदद लें। अनुवाद शुरू करने से पहले, हमारा सुझाव है कि आप अपने तरीके से अनुवाद सहायक पुस्तिका का उपयोग करना शुरू कर दें जब तक कि आपको आक्षरिक अनुवाद एवं अर्थ-आधारित अनुवाद में अंतर समझ में न आ जाए।अनुवाद सहायक पुस्तिका का अधिकाँश भाग ‘‘उसी समय’’ के सीखने के स्रोत के रूप में उपयोग किया जा सकता ह। diff --git a/process/process-manual/01.md b/process/process-manual/01.md index 0da16b1..da3e3a4 100644 --- a/process/process-manual/01.md +++ b/process/process-manual/01.md @@ -1,4 +1,3 @@ - ### स्वागत प्रक्रिया सहायक पुस्तिका अनुवाद दल की कदम-दर-कदम यह मदद करना है कि प्रोजेक्ट की शुरूआत से लेकर अंत तक, उन्हे पता हो कि उन्हे क्या करना है। यह सहायक पुस्तिका अनुवाद की गर्इ एवं जाँची गर्इ सामग्री की शुरूआत से लेकर, इसके प्रकाशन तक मदद करेगी। diff --git a/process/required-checking/01.md b/process/required-checking/01.md index 9fdc6b3..318782c 100644 --- a/process/required-checking/01.md +++ b/process/required-checking/01.md @@ -1,7 +1,6 @@ - ### जाँच स्तरों का उद्देश्य -प्राथमिक तौर पर, जाँच स्तरों (देखें [Checking Manual](../../checking/intro-check/01.md)) का उद्देश्य यह निश्चित करना है कि अनुवाद विश्वास कथन ([Statement of Faith]) एवं अनुवाद के निर्देशों ([Translation Guidelines])के अनुसार हुआ है। +प्राथमिक तौर पर, जाँच स्तरों (देखें [Checking Manual](../../checking/intro-check/01.md)) का उद्देश्य यह निश्चित करना है कि अनुवाद विश्वास कथन ([Statement of Faith]) एवं अनुवाद के निर्देशों ([Translation Guidelines])के अनुसार हुआ है। दूसरा कारण यह है कि उसका उपयोग करने जा रहा समुदाय अधिक से अघिक टिप्पणियाँ और इस अनुवाद अपना समझे। #### जाँच स्तर 1 diff --git a/process/setup-team/01.md b/process/setup-team/01.md index 62b6a14..08d4bbc 100644 --- a/process/setup-team/01.md +++ b/process/setup-team/01.md @@ -1,4 +1,3 @@ - ### एक दल अथवा टीम को चुनना जब आप अनुवाद एवं जाँच के दल को चुनते हैं तो कर्इ प्रकार के लोगों और भूमिकाओं की जरूरत होती है। हर दल के लिए विशेष योग्यताओं का होना जरूरी है। @@ -6,9 +5,9 @@ * अनुवाद दल को चुनना [Choosing a Translation Team](../../translate/choose-team/01.md) - जरूरी भुमिकाओं का वर्णन करता है * अनुवादक की योग्यताएँ [Translator Qualifications](../../translate/qualifications/01.md) - अनुवादकों में जरूरी निपुणताओं के बारे में बताता है * याद रखें कि दल के प्रत्येक व्यक्ति को सहमति के कथन पर हस्ताक्षर करना जरूरी है (फॉर्म पर उपलब्ध हैं) - * [Statement of Faith](../../intro/statement-of-faith/01.md) - * [Translation Guidelines](../../intro/translation-guidelines/01.md) - * [Open License](../../intro/open-license/01.md) + * [Statement of Faith](../../intro/statement-of-faith/01.md) + * [Translation Guidelines](../../intro/translation-guidelines/01.md) + * [Open License](../../intro/open-license/01.md) * दल का प्रत्येक व्यक्ति अनुवादक की योग्यताओं से ज्ञात हो (देखें [The Qualities of a Good Translation](../../translate/guidelines-intro/01.md)) * दल को यह भी ज्ञात होना चाहिए कि उत्तर कहाँ मिल सकते हैं (देखें [Finding Answers](../../intro/finding-answers/01.md)) @@ -22,4 +21,3 @@ * स्रोत लेख एवं वर्ज़न संख्याएँ [Source Texts and Version Numbers](../../translate/translate-source-version/01.md) - स्रोत लेख के सबसे नए वर्जन से अनुवाद करना अच्छा होता है * अक्षरमाला/वर्तनी [Alphabet/Orthography](../../translate/translate-alphabet/01.md) - कर्इ भाषाओं में अक्षरमाला के विषय में भी निर्णय लेना पड़ता है * अपनी भाषा को लिखने के निर्णय [Decisions for Writing Your Language](../../translate/writing-decisions/01.md) - लिखने का तरीका, नामों के अनुवाद, सही शब्द और अन्य निर्णयों को लेना जरूरी है - diff --git a/process/setup-ts/01.md b/process/setup-ts/01.md index 7215086..8013ed9 100644 --- a/process/setup-ts/01.md +++ b/process/setup-ts/01.md @@ -1,4 +1,3 @@ - ### मोबाइल के लिए tS को इन्स्टॉल करना ट्रांसलेशन स्टूडियो का मोबाइल (एंड्रोयड) संस्करण पर [Google Play Store](https://play.google.com/store/apps/details?id=com.translationstudio.androidapp) उपलब्ध है: या आप इसे http://ufw.io/ts/ से सीधा डाऊनलोड कर सकते हैं। यदि आप प्लेस्टोर से इन्स्टॉल करते हैं तो जब भी इसका नया वर्जन उपलब्ध होगा, प्लेस्टोर आपको सूचित करेगा। ध्यान दें कि आप इन्स्टॉल किए जा चुके ऐप को साइडलॉड कर, दूसरे यंत्रों में शेयर कर सकते हैं। @@ -18,4 +17,3 @@ 1. यह बलपूर्वक सुझाव देते हैं कि अपने अनुवाद की जाँच होती रहे (देखें [Training Before Checking Begins](../prechecking-training/01.md)) 1. जाँच (किसी भी स्तर की) पूरी होते ही, आप ऐप से अपने कार्य को अपलोड कर सकते हैं (Menu → Upload) 1. अपलोड करने के बाद, आप Door43 पर अपना कार्य ऑनलाइन देख सकते हैं (देखें [Publishing](../intro-publishing/01.md)) - diff --git a/process/share-content/01.md b/process/share-content/01.md index 636df70..1b1865d 100644 --- a/process/share-content/01.md +++ b/process/share-content/01.md @@ -1,4 +1,3 @@ - ### tS से सामग्री को शेयर करना ट्रांसलेशन स्टुडियो की सामग्री को बाँटना आसान है। ऑफलाइन शेयर करने के लिए, tS मेन्यू से बैक-अप प्रणाली का उपयोग करें। ऑनलाइन शेयर करने के लिए, tS मेन्यू से अपलोड प्रणाली का उपयोग करें। diff --git a/process/source-text-process/01.md b/process/source-text-process/01.md index 6ab379f..a0ae5a1 100644 --- a/process/source-text-process/01.md +++ b/process/source-text-process/01.md @@ -1,4 +1,3 @@ - ### स्रोत लेख प्रक्रिया स्रोत लेख का प्रकाशन सारी गेटवे भाषाओं के लिए जरूरी है ताकि उन्हे दूसरी भाषाओं के लिए स्रोत लेख के तौर उपयोग किया जा सके। ध्यान दें कि यह प्रक्रिया गेटवे भाषाओं के लिए है। diff --git a/translate/biblicalimageryta/01.md b/translate/biblicalimageryta/01.md index f53841a..0747606 100644 --- a/translate/biblicalimageryta/01.md +++ b/translate/biblicalimageryta/01.md @@ -1,27 +1,23 @@ - ### वर्णन अलंकार एक भाषा है जिसमें एक चित्र को एक विचार से जोड़ा जाता है जिससे कि वह तश्वीर विचार को दिखा सके । इसमें रूपालंकार, उपमा, रूपक या सांस्कृतिक नमूना शामिल रहता है। एक भाषा में इनमें से अधिकतर रूपों में चित्र और विचार को बड़े तौर पर जोड़ा जाता है, परंतु कुछ रूपों में ऐसा नही होता। बाइबल के अंलकार के इन पन्नों में बाइबल में वर्णित अलंकार को दर्शाया गया है। बाइबल में वर्णित जोड़ने का तरीका, इब्री और यूनानी भाषाओं में विशिष्ट था। इन तरीकों को जानना लाभदायक है क्योंकि इससे अनुवादकों के सामने समान समस्याओं को बार बार लाया जाता है कि उनका अनुवाद कैसे हो। और एक बार अनुवाद सोचकर इन चुनौतियों का सामना करने का हल निकाल लेता है तो वे समस्या को कहीं और पर भी आ जाने पर इन्हे आसानी से निपट सकते हैं। - ### रूपालंकार और उपमा में समान तथ्य - ूपालंकार** तब आता है जब कोर्इ एक वस्तु के बारे में इस प्रकार बात करता है और ऐसा लगता है कि वह किसी और की बात कर रहा है। वक्ता अपनी पहली बात को अच्छी तरह से समझाने के लिए एक रूप का उपयोग करता है। उदाहरण के तौर पर, ‘‘मेरी मोहब्बत एक लाल, लाल पुष्प है,’’ वक्ता उस स्त्री से बात कर रहा है जिससे वह प्रेम करता है और वो इतनी सुंदर और लचीली है जितना एक फूल। +** रूपालंकार** तब आता है जब कोर्इ एक वस्तु के बारे में इस प्रकार बात करता है और ऐसा लगता है कि वह किसी और की बात कर रहा है। वक्ता अपनी पहली बात को अच्छी तरह से समझाने के लिए एक रूप का उपयोग करता है। उदाहरण के तौर पर, ‘‘मेरी मोहब्बत एक लाल, लाल पुष्प है,’’ वक्ता उस स्त्री से बात कर रहा है जिससे वह प्रेम करता है और वो इतनी सुंदर और लचीली है जितना एक फूल। - पमा** एक रूपालंकार के समान है परंतु वह श्रोताओं को एक इशारा देने के लिए यह केवल एक भाषा का रूप है, इसमें ‘‘के समान’’ या ‘‘जैसा’’ का उपयोग करता है। उपरोक्त उदाहरण को कहने के लिए, उपमा रूप कहेगा ‘‘मेरा प्रेम फूल, लाल फूल जैसा है’’। +** उपमा** एक रूपालंकार के समान है परंतु वह श्रोताओं को एक इशारा देने के लिए यह केवल एक भाषा का रूप है, इसमें ‘‘के समान’’ या ‘‘जैसा’’ का उपयोग करता है। उपरोक्त उदाहरण को कहने के लिए, उपमा रूप कहेगा ‘‘मेरा प्रेम फूल, लाल फूल जैसा है’’। ‘‘रूपालंकार और उपमा को आपस में जोड़ने के कुछ आम तरीकों के लिंक को पाने के लिए, देखें [Biblical Imagery - Common Patterns](../bita-part1/01.md)’’ - ### आम रूपक रूपकों में, एक वस्तु अथवा विचार को उसके नाम से नही, परंतु उससे नजदीकी से जुड़ी अन्य वस्तु के नाम से पुकारा जाता है। ‘‘बाइबल में वर्णित आम रूपकों के लिए [Biblical Imagery - Common Metonymies](../bita-part2/01.md) देखें’’ - ### सांस्कृतिक नमूने सांस्कृतिक नमूने जिंदगी अथवा व्यवहार के भागों की मानसिक तश्वीर होती है। ये तश्वीरें कल्पना करने एवं इन बातों के बारे में बात करने में हमारी मदद करती हैं। उदाहरण के लिए, अमरीकी व्यक्ति विवाह, मित्रता इत्यादि चीजों के बारे में इस प्रकार सोचते हैं कि वे एक मशीन हों। अमरीकी कहेगा, ‘‘उसकी शादी टूट रही है,’’ या ‘‘उनकी दोस्ती तीव्र गति से आगे दौड़ रही है’’ diff --git a/translate/bita-animals/01.md b/translate/bita-animals/01.md index 443d764..0e90e05 100644 --- a/translate/bita-animals/01.md +++ b/translate/bita-animals/01.md @@ -1,10 +1,9 @@ - -बाइबल में वर्णित शरीर के अंगों और मनुष्यों के गुणों से संबंधित कुछ तश्वीरों को नीचे वर्णमाला के क्रम में दिया गया है। बड़े अक्षरों में लिखे गए शब्द एक विचार को दिखाते हैं। यह जरूरी नही है कि जहाँ जहाँ भी यह तश्वीर है, उस हर आयत में यह शब्द हो, परंतु उस शब्द का विचार अवश्य मौजूद है। +बाइबल में वर्णित शरीर के अंगों और मनुष्यों के गुणों से संबंधित कुछ तश्वीरों को नीचे वर्णमाला के क्रम में दिया गया है। बड़े अक्षरों में लिखे गए शब्द एक विचार को दिखाते हैं। यह जरूरी नही है कि जहाँ जहाँ भी यह तश्वीर है, उस हर आयत में यह शब्द हो, परंतु उस शब्द का विचार अवश्य मौजूद है। #### जानवर का सींग ताकत को दिखाता है -> परमेश्वर मेरी चट्टान है। उसका मैं शरणागत हूँ। -> वह मेरी ढाल, मेरा बचानेवाला सींग, मेरा ऊंचा गढ़, और मेरा शरणस्थान है। +> परमेश्वर मेरी चट्टान है। उसका मैं शरणागत हूँ। +> वह मेरी ढाल, मेरा बचानेवाला सींग, मेरा ऊंचा गढ़, और मेरा शरणस्थान है। > वह मुझे उपद्रव से बचाता है (2 शमुएल 22:3 ULB) मेरे ‘‘उद्धार का सींग’’ मुझे बचाने में शक्तिशाली है @@ -13,7 +12,6 @@ ‘‘दाऊद का सींग’’ राजा दाऊद की सैनिक ताकत है - #### पक्षी उन लोगों को दिखाता है जो खतरे में है ओर कोर्इ बचाव नही है कारण यह है कि कुछ पक्षी आसानी से फंदे में पड़ जाते हैं @@ -30,7 +28,7 @@ #### माँसाहारी पक्षी चतुरार्इ से हमला करने वाले शत्रु को दिखाता है -हबक्कुक और होशै में, इस्राएल के सामने आकर हमला करने वाले दुश्मनों की तुलना एक उकाब से की गर्इ है। +हबक्कुक और होशै में, इस्राएल के सामने आकर हमला करने वाले दुश्मनों की तुलना एक उकाब से की गर्इ है।
और उनके घुड़सवार कोसों दूर से आए - वे अहेर पर झपटने वाले उकाब की नांर्इ उड़ते हैं। ( बक्कुक 1:8 ULB)
> एक उकाब यहोवा के घर पर आता है @@ -51,7 +49,6 @@ > क्योंकि मैं तेरा शरणागत हूं; और जब तक ये आपत्तियां निकल न जाएं > इस नाश के समापत होने तक मैं तेरे पंखों के तले शरण लिए रहूंगा ।(भजन संहिता 57:1 ULB) - #### खतरनाक जानवर खतरनाक लोगों को दिखाते हैं भजन संहिता में, दाऊद अपने दुश्मनों की तुलना शेर से करता है @@ -70,7 +67,6 @@ मती में, यूहéा बपतिस्मादाता ने धार्मिक अगुवों को जहरीले सर्प कहा क्योंकि उन्होने अपनी शिक्षाओं से लोगों को क्षति पहुँचार्इ थी > जब उसने बहुत से फरीसियों और सदूकियों को बपतिस्मा के लिये अपने पास आते देखा, तो उनसे कहा, कि हे विषैले सर्प के बच्चों, तुम्हें किसने जता दिया कि आनेवाले क्रोध से भागो? (मती 3:7 ULB) - #### उकाब ताकत को दिखाता है > वही तो तेरी लालसा को उत्तम पदार्थों से तृप्त करता है @@ -78,7 +74,6 @@
क्योंकि यहोवा यों कहता है, देखो, वह उकाब सा उड़ेगा और मोआब के ऊपर अपने पंख फैलाएगा (यिर्मयाह 48:40 ULB)
- #### भेड़ या झुण्ड ऐसे लोगों को दिखाता है जिन्हे अगुवार्इ की जरूरत है और जो खतरे में पड़े हैं > मेरी प्रजा खोर्इ हुर्इ भेडें हैं। उनके चरवाहों ने उनको पहाड़ों पर भटका दिया है; (यिर्मयाह 50:6 ULB) diff --git a/translate/bita-farming/01.md b/translate/bita-farming/01.md index 4114a35..f2f0b51 100644 --- a/translate/bita-farming/01.md +++ b/translate/bita-farming/01.md @@ -1,4 +1,3 @@ - बाइबल में वर्णित खेतीबाड़ी से संबंधित कुछ तश्वीरें निम्नलिखित हैं। बड़े अक्षरों में अंकित शब्द एक विचार को दिखाते हैं। यह जरूरी नही है कि जहाँ जहाँ भी यह तश्वीर है, उस हर आयत में यह शब्द हो, परंतु उस शब्द का विचार अवश्य मौजूद है। #### किसान परमेश्वर को दिखाता और दाख की बारी चुने हुए लोगों को दिखाती है @@ -24,7 +23,7 @@ #### बोना कार्य अथवा व्यवहार को तथा काटना न्याय एवं इनाम को दिखाता है -> मेरे देखने में तो जो पाप को जोतते +> मेरे देखने में तो जो पाप को जोतते > और दुख बोते हैं, वही उसको काटते हैं (अय्यूब 4:8 ULB) > धोखा न खाओ परमेश्वर ठट्ठों में नहीं उड़ाया जाता क्योंकि मनुष्य जो कुछ बोता है, वही काटेगा क्योंकि जो अपने शरीर के लिये बोता है, वह शरीर के द्वारा विनाश की कटनी काटेगा; और जो आत्मा के लिये बोता है, वह आत्मा के द्वारा अनन्त जीवन की कटनी काटेगा (गलातियों 6:7-8 ULB) diff --git a/translate/bita-hq/01.md b/translate/bita-hq/01.md index 45db933..f42efcc 100644 --- a/translate/bita-hq/01.md +++ b/translate/bita-hq/01.md @@ -1,7 +1,6 @@ - ### वर्णन -बाइबल में वर्णित शरीर के अंगों और मनुष्यों के गुणों से संबंधित कुछ तश्वीरों को नीचे वर्णमाला के क्रम में दिया गया है। बड़े अक्षरों में अंकित शब्द एक विचार को दिखाते हैं। यह जरूरी नही है कि जहाँ जहाँ भी यह तश्वीर है, उस हर आयत में यह शब्द हो, परंतु उस शब्द का विचार अवश्य मौजूद है। +बाइबल में वर्णित शरीर के अंगों और मनुष्यों के गुणों से संबंधित कुछ तश्वीरों को नीचे वर्णमाला के क्रम में दिया गया है। बड़े अक्षरों में अंकित शब्द एक विचार को दिखाते हैं। यह जरूरी नही है कि जहाँ जहाँ भी यह तश्वीर है, उस हर आयत में यह शब्द हो, परंतु उस शब्द का विचार अवश्य मौजूद है। #### देह लोगों के समूह को दिखाती है @@ -9,11 +8,11 @@ वरन् प्रेम में सच्चार्इ से चलते हुए, सब बातों में उस में जो सिर है अर्थात् मसीह में बढ़ते जाएं मसीह से सारी देह हर एक जोड़ की सहायता से एक साथ मिलकर, और एक साथ गठकर, अपने आपको बढ़ाती है, कि वह प्रेम में उन्नति करती जाए (इफिसियों 4:15-16 ULB) -इन वचनों में मसीह की देह मसीह के पीछे चलने वाले लोगों के समूह को दिखाती है। +इन वचनों में मसीह की देह मसीह के पीछे चलने वाले लोगों के समूह को दिखाती है। #### चेहरा किसी की उपस्थिति को दिखाता है -> मेरा भय नहीं मानते-यहोवा की यही वाणी है- या मेरे सम्मुख (चेहरे के सामने) नहीं थरथराते? (यिर्मयाह 5:22 ULB) +> मेरा भय नहीं मानते-यहोवा की यही वाणी है- या मेरे सम्मुख (चेहरे के सामने) नहीं थरथराते? (यिर्मयाह 5:22 ULB) किसी के सामने होने का मतलब है किसी की उपस्थिति में, उसके साथ होना। @@ -65,7 +64,6 @@ परमेश्वर की सेवा काने का प्रोत्हासन परमेश्वर से आता है पैसे की सेवा काने का प्रोत्हासन पैसे से आता है - #### नाम उस व्यक्ति को दिखाता है जिसका वह नाम है ‘‘तेरा परमेश्वर, सुलैमान का नाम, तेरे नाम से भी महान करे, और उसका राज्य तेरे राज्य से भी अधिक बढ़ाए’’ न् (1 राजा 1:47 ULB) @@ -100,7 +98,7 @@ तेरे नथनों (नाक) की सांस से जल एकत्र हो गया (निर्गमन 15:8 ULB) ->उसके नथनों (नाक) से धुंआ निकला, और उसके मुंह से आग निकलकर... (2 शमुएल 22:9 ULB) +>उसके नथनों (नाक) से धुंआ निकला, और उसके मुंह से आग निकलकर... (2 शमुएल 22:9 ULB)
यह परमेश्वर की वाणी है ‘उसी दिन मेरी जलजलाहट मेरे मुख (नाक) से प्रगट होगी!’ (यहेजकेल 38:18 ULB)
@@ -110,11 +108,11 @@ >परन्तु घमण्ड भरी (उठी हुर्इ) आंखों को नीची करता है (भजन संहिता 18:27 ULB) -उठी हुर्इ आँखें व्यक्ति के घमण्ड को दिखाती हैं । +उठी हुर्इ आँखें व्यक्ति के घमण्ड को दिखाती हैं । >परमेश्वर घमण्डी को नीचा करता और नम्र मनुष्य (नीची आँखों) को बचाता है (अय्यूब 22:29 ULB) -नीची आँखें दिखाती हैं कि व्यक्ति नम्र है। +नीची आँखें दिखाती हैं कि व्यक्ति नम्र है। #### किसी की संतान उसके गुण को दिखाती है diff --git a/translate/bita-humanbehavior/01.md b/translate/bita-humanbehavior/01.md index 20adb45..f0339bb 100644 --- a/translate/bita-humanbehavior/01.md +++ b/translate/bita-humanbehavior/01.md @@ -1,4 +1,3 @@ - बाइबल में वर्णित शरीर के अंगों और मनुष्यों के गुणों से संबंधित कुछ तश्वीरों को नीचे वर्णमाला के क्रम में दिया गया है. बड़े अक्षरों में अंकित शब्द एक विचार को दिखाते हैं. यह जरूरी नही है कि जहाँ जहाँ भी यह तश्वीर है, उस हर आयत में यह शब्द हो, परंतु उस शब्द का विचार अवश्य मौजूद है #### झुके हुए का मतलब है निराश @@ -80,7 +79,6 @@ >वाचा की विश्वासयोग्यता और सच्चार्इ को यहाँ व्यक्तिरूप दिया गया है (देखें [Personification](../figs-personification/01.md)) - #### शराबीपन कष्ट को एवं दाखमधु न्याय को दिखाता है अधिक मदिरा व्यक्ति को कमजोर बनाती एवं लड़खड़ाती है. इसी प्रकार, जब लोग न्याय करते हैं तो वे भी कमजोर होते और लड़खड़ाते हैं. अत: दाखमधु का विचार परमेश्वर के न्याय को दिखाने के लिए लाया गया है @@ -121,7 +119,6 @@ >वह लहू, मारे हुओं और बन्धुओं का >और वह मांस, शत्रुओं के प्रधानों के शीश का होगा (व्यवस्थाविवरण 32:42 ULB) - #### उतरना अथवा में डालना प्रभाव डालने को दिखाता है
तब यहोवा परमेश्वर ने आदम को भारी नींद में डाल दिया, और जब वह सो गया (उत्पत्ति 2:21 ULB)
@@ -155,7 +152,7 @@ लोग तब तक परमेश्वर के राज को स्थायी तौर पर नही पा सकते हैं, जब तक वे अपने मरणहार शरीर में हैं - ीरास** का अर्थ है किसी वस्तु को स्थायी तौर पर अपना बनाना +** मीरास** का अर्थ है किसी वस्तु को स्थायी तौर पर अपना बनाना >तू उन्हें पंहुचाकर अपने निज भागवाले (निर्गमन 15:17 ULB) @@ -167,7 +164,7 @@ >उसके लिए पवित्र किए गए लोगों में उसकी मीरास की महिमा का धन कैसा है (इफिसियों 1:18 ULB) -परमेश्वर के लिए पवित्र किए गए लोगों के लिए परमेश्वर जिन बातों को करता है, वे उनकी स्थिर निज भाग होती हैं +परमेश्वर के लिए पवित्र किए गए लोगों के लिए परमेश्वर जिन बातों को करता है, वे उनकी स्थिर निज भाग होती हैं ‘‘वारिस’’ एक ऐसा व्यक्ति होता है जो स्थायी तौर पर अपनी चीजों का अधिकारी होता है @@ -224,7 +221,6 @@ >तब दया के साथ एक सिंहासन स्थिर किया जाएगा और उस पर दाऊद के तम्बू में सच्चार्इ के साथ एक विराजमान होगा (यशायाह 16:5 ULB) - #### खड़े रहना सफलतापूर्वक सामना करने को दिखाता है >इस कारण दुष्ट लोग अदालत में खड़े न रह सकेंगे, और न पापी धर्मियों की मण्डली में ठहरेंगे; (भजन संहिता 1:5 ULB) diff --git a/translate/bita-manmade/01.md b/translate/bita-manmade/01.md index 11f7e7a..8ebb985 100644 --- a/translate/bita-manmade/01.md +++ b/translate/bita-manmade/01.md @@ -1,6 +1,5 @@ - -बाइबल में वर्णित मनुष्य निर्मित वस्तुओं से संबंधित कुछ तश्वीरों को नीचे वर्णमाला के क्रम में दिया गया है। -बड़े अक्षरों में अंकित शब्द एक विचार को दिखाते हैं। यह जरूरी नही है कि जहाँ जहाँ भी यह तश्वीर है, उस हर आयत में यह शब्द हो, परंतु उस शब्द का विचार अवश्य मौजूद है। +बाइबल में वर्णित मनुष्य निर्मित वस्तुओं से संबंधित कुछ तश्वीरों को नीचे वर्णमाला के क्रम में दिया गया है। +बड़े अक्षरों में अंकित शब्द एक विचार को दिखाते हैं। यह जरूरी नही है कि जहाँ जहाँ भी यह तश्वीर है, उस हर आयत में यह शब्द हो, परंतु उस शब्द का विचार अवश्य मौजूद है। #### पीतल ताकत को दिखाता है diff --git a/translate/bita-part1/01.md b/translate/bita-part1/01.md index 2d6dc68..22a508b 100644 --- a/translate/bita-part1/01.md +++ b/translate/bita-part1/01.md @@ -1,11 +1,10 @@ - यह पéा उन विचारों को बताता है जो सीमित तरीकों से एक साथ जुड़े हैं। (*अधिक जटिल युग्मों पर विचार विमश करने के लिए, देखें [Biblical Imagery - Cultural Models](../bita-part3/01.md).*) ### वर्णन -भी भाषाओं में, अधिकतर **रूपक** कर्इ विचारों को एक साथ जोड़ने के द्वारा बनते हैं जिसमें एक विचार दूसरे को दिखाता है। उदाहरण के तौर पर, कुछ भाषाओं में __ऊँचार्इ__ को ‘‘ज्यादा’’ एवं __नीचे__ को ‘‘ज्यादा नही’’ से जोड़ा जाता है जिससे __ऊँचार्इ__ ‘‘ज्यादा’’ को एवं __नीचा__ ‘‘ज्यादा नही’’ को दर्शाए। +भी भाषाओं में, अधिकतर **रूपक** कर्इ विचारों को एक साथ जोड़ने के द्वारा बनते हैं जिसमें एक विचार दूसरे को दिखाता है। उदाहरण के तौर पर, कुछ भाषाओं में __ऊँचार्इ__ को ‘‘ज्यादा’’ एवं __नीचे__ को ‘‘ज्यादा नही’’ से जोड़ा जाता है जिससे __ऊँचार्इ__ ‘‘ज्यादा’’ को एवं __नीचा__ ‘‘ज्यादा नही’’ को दर्शाए। -कारण, यदि ढ़ेर में बहुत सारी चीजें होती हैं तो ढ़ेर ऊँचा होता है। इसी प्रकार, किसी वस्तु के लिए ज्यादा पैसा लगता है तो लोग कहते हैं कि कीमत __ऊँची__ है या किसी शहर में पहले से ज्यादा लोग रहने लगे हैं, हम कह सकते हैं कि यहाँ के लोगों की संख्या __बढ़__ गर्इ है। +कारण, यदि ढ़ेर में बहुत सारी चीजें होती हैं तो ढ़ेर ऊँचा होता है। इसी प्रकार, किसी वस्तु के लिए ज्यादा पैसा लगता है तो लोग कहते हैं कि कीमत __ऊँची__ है या किसी शहर में पहले से ज्यादा लोग रहने लगे हैं, हम कह सकते हैं कि यहाँ के लोगों की संख्या __बढ़__ गर्इ है। इसी तरह, यदि किसी का वनज कम हो गया है या वह पतला हो गया है तो हम कहेंगे कि उसका वजन __घट__ गया है ।बाइबल में इस्तेमाल किए गए तरीके यूनानी एवं इब्री भाषा में विशेष हैं। इन तरीकों को पहचानना महत्वपूर्ण हैं क्योंकि अनुवादकों के सामने समान समस्याओं को लाते हैं कि उनका अनुवाद कैसे किया जाए। @@ -47,7 +46,6 @@ इस तरह वे मेरे अंगारे को जो बच गया है बुझाएंगे, और मेरे पति का नाम और सन्तान धरती पर से मिटा डालेंगे (2 शमूएल 14:7 ULB) - #### बाइबल के तश्वीरों के लिंक निम्न पéों में उन विचारों की सूचियाँ हैं जो बाइबल मं किसी दूसरे को प्रकट करते हैं। इन्हे तश्वीरों के प्रकार के आधार पर क्रमबद्ध किया गया है diff --git a/translate/bita-part2/01.md b/translate/bita-part2/01.md index 10160bc..e8563fb 100644 --- a/translate/bita-part2/01.md +++ b/translate/bita-part2/01.md @@ -1,5 +1,4 @@ - -बाइबल में से कुछ रूपकों को नीचे वर्णमाला के क्रम में दिया गया है। बड़े अक्षरों में अंकित शब्द एक विचार को दिखाते हैं। यह जरूरी नही है कि जहाँ जहाँ भी यह तश्वीर है, उस हर आयत में यह शब्द हो, परंतु उस शब्द का विचार अवश्य मौजूद है। +बाइबल में से कुछ रूपकों को नीचे वर्णमाला के क्रम में दिया गया है। बड़े अक्षरों में अंकित शब्द एक विचार को दिखाते हैं। यह जरूरी नही है कि जहाँ जहाँ भी यह तश्वीर है, उस हर आयत में यह शब्द हो, परंतु उस शब्द का विचार अवश्य मौजूद है। #### एक कटोरा अथवा बर्तन दिखाता है कि उसमें क्या है diff --git a/translate/bita-part3/01.md b/translate/bita-part3/01.md index f154f78..887ef52 100644 --- a/translate/bita-part3/01.md +++ b/translate/bita-part3/01.md @@ -1,7 +1,6 @@ - ### इ -सांस्कृतिक नमूने जीवन अथवा व्यवहार के अंगों की मानसिक तश्वीरें हैं। ये तश्वीरें इन विषयों के बारे में कल्पना एवं बातचीत करने में हमारी मदद करती हैं। +सांस्कृतिक नमूने जीवन अथवा व्यवहार के अंगों की मानसिक तश्वीरें हैं। ये तश्वीरें इन विषयों के बारे में कल्पना एवं बातचीत करने में हमारी मदद करती हैं। उदाहरण के तौर पर, अमरीकी लोग विवाह, मित्रता जैसी कर्इ चीजों के बारे में ऐसा सोचते हैं जैसे कि वो मशीनें हैं। अमरीकी शायद कहे, ‘‘उसका विवाह टूट रहा है’’ या ‘‘उनकी दोस्ती तेज गति में बढ़ रही है’’ @@ -93,7 +92,7 @@ >उसने कहा, ‘‘जो मनुष्य में से निकलता है, वही मनुष्य को अशुद्ध करता है क्योंकि भीतर से अर्थात् मनुष्य के मन से, बुरी बुरी चिन्ता.... कुदृष्टि, ... (मरकुस 7:20-22 ULB) -मती 20:15 की पृष्ठभूमि में घृणा की भावना सम्मिलित है ‘‘क्या .... बुरी दृष्टि से देखता है?’’ का अर्थ है ‘‘क्या तुममें घृणा है’’ +मती 20:15 की पृष्ठभूमि में घृणा की भावना सम्मिलित है ‘‘क्या .... बुरी दृष्टि से देखता है?’’ का अर्थ है ‘‘क्या तुममें घृणा है’’ >क्या उचित नहीं कि मैं अपने माल से जो चाहूँ सो करूं? @@ -145,7 +144,7 @@ #### तेजी से चलने वाली चीजों को पंख के रू में दिखाया गया है -ये बात हवा या आकाश में चलने वाली वस्तुओं के बारे में सही है। सूरज को पंख लगी तश्तरी की तरह दिखाया गया है जिससे यह हवा में से उड़ता और दिनभर में पूर्व से पश्चिम की ओर बढ़ता है। +ये बात हवा या आकाश में चलने वाली वस्तुओं के बारे में सही है। सूरज को पंख लगी तश्तरी की तरह दिखाया गया है जिससे यह हवा में से उड़ता और दिनभर में पूर्व से पश्चिम की ओर बढ़ता है। भजन संहिता 139 में, ‘‘भोर के पंख’’ का इशारा सूरज की ओर है। diff --git a/translate/bita-phenom/01.md b/translate/bita-phenom/01.md index 507c309..f1a7c61 100644 --- a/translate/bita-phenom/01.md +++ b/translate/bita-phenom/01.md @@ -1,4 +1,3 @@ - बाइबल में से कुछ प्राकृतिक नमूनों को नीचे वर्णमाला के क्रम में दिया गया है। बड़े अक्षरों में अंकित शब्द एक विचार को दिखाते हैं। यह जरूरी नही है कि जहाँ जहाँ भी यह तश्वीर है, उस हर आयत में यह शब्द हो, परंतु उस शब्द का विचार अवश्य मौजूद है। #### रोशनी किसी के चेहरे को दिखाती है (यह इस विचार से जुड़ा है कि चेहरा किसी की उपस्थिति को दिखाता है) @@ -14,7 +13,6 @@ >हे यहोवा, वे लोग तेरे मुख के प्रकाश में चलते हैं (भजन संहिता 89:15 ULB) - #### रोशनी भलार्इ को एवं अंधकार दुष्टता को दिखाता है >परन्तु यदि तेरी आंख बुरी हो, तो तेरा सारा शरीर भी अन्धियारा होगा इस कारण वह उजियाला जो तुझमें है, यदि अन्धकार हो तो वह अन्धकार कैसा बड़ा होगा! (मत्ती 6:23 ULB) diff --git a/translate/bita-plants/01.md b/translate/bita-plants/01.md index 1e59de5..69caafd 100644 --- a/translate/bita-plants/01.md +++ b/translate/bita-plants/01.md @@ -1,4 +1,3 @@ - बाइबल में वर्णित पेड़ पौधों से संबंधित तश्वीरों को को नीचे वर्णमाला के क्रम में दिया गया है। बड़े अक्षरों में अंकित शब्द एक विचार को दिखाते हैं। यह जरूरी नही है कि जहाँ जहाँ भी यह तश्वीर है, उस हर आयत में यह शब्द हो, परंतु उस शब्द का विचार अवश्य मौजूद है। #### शाखा अथवा डाली एक व्यक्ति के वंश को दिखाती है diff --git a/translate/choose-team/01.md b/translate/choose-team/01.md index 0db8ce8..d51fe37 100644 --- a/translate/choose-team/01.md +++ b/translate/choose-team/01.md @@ -1,7 +1,6 @@ - ### अनुवादक दल का महत्व -बाइबल का अनुवाद करना एक बड़ा एवं कठिन कार्य है जिसे पूरा करने के लिए कर्इ लोगों की जरूरत पड़ती है। यह भाग उन योग्यताओं और जिम्मेदारियों पर विचार विमर्श करेगा जो बाइबल अनुवाद दल के एक सदस्य में होनी चाहिए।कुछ लोगों में बहुत सारी योग्यताएँ एवं जिम्मेदारियाँ होती हैं, तो कुछ लोगों में ये कम होती हैं। परंतु यह महत्वपूर्ण है कि हर अनुवादक दल में इतने लोग तो जरूर हों कि इन सारी योग्यताओं को इस्तेमाल किया जा सके। +बाइबल का अनुवाद करना एक बड़ा एवं कठिन कार्य है जिसे पूरा करने के लिए कर्इ लोगों की जरूरत पड़ती है। यह भाग उन योग्यताओं और जिम्मेदारियों पर विचार विमर्श करेगा जो बाइबल अनुवाद दल के एक सदस्य में होनी चाहिए।कुछ लोगों में बहुत सारी योग्यताएँ एवं जिम्मेदारियाँ होती हैं, तो कुछ लोगों में ये कम होती हैं। परंतु यह महत्वपूर्ण है कि हर अनुवादक दल में इतने लोग तो जरूर हों कि इन सारी योग्यताओं को इस्तेमाल किया जा सके। ### कलीसियार्इ अगुवे @@ -9,7 +8,7 @@ ### अनुवाद समिति -यह अच्छा होगा यदि ये कलीसियार्इ समूह या उनके अगुवे एक समिति बनाएँ जिससे कार्य में, अनुवाद को चुनने में, आने वाली समस्याओं को सुलझाने में और कलीसियाओं को प्रार्थना एवं आर्थिक मदद करने के लिए उत्साहित करने में योगदान मिल सके। यह समिति उन लोगों को भी चुन सकती है जो अनुवाद को स्तर 2 एवं स्तर 3 की सटीकता जाँच में मदद कर सकते हैं। यदि जरूरत पड़े तो यह समिति अनुवाद के प्रारूप, इसके वितरण और अनुवाद किए गए सामग्रियों की कलीसियाओं के द्वारा उपयोग पर निर्णय ले सकती है। +यह अच्छा होगा यदि ये कलीसियार्इ समूह या उनके अगुवे एक समिति बनाएँ जिससे कार्य में, अनुवाद को चुनने में, आने वाली समस्याओं को सुलझाने में और कलीसियाओं को प्रार्थना एवं आर्थिक मदद करने के लिए उत्साहित करने में योगदान मिल सके। यह समिति उन लोगों को भी चुन सकती है जो अनुवाद को स्तर 2 एवं स्तर 3 की सटीकता जाँच में मदद कर सकते हैं। यदि जरूरत पड़े तो यह समिति अनुवाद के प्रारूप, इसके वितरण और अनुवाद किए गए सामग्रियों की कलीसियाओं के द्वारा उपयोग पर निर्णय ले सकती है। ### अनुवादक @@ -19,7 +18,7 @@ ### टंकणकर्ता (टार्इप करने वाले) -यदि अनुवादक अपने ड्राफ्ट को स्वयं कम्प्यूटर या लैपटॉप में नही डालते हैं तो किसी और को यह कार्य करना पड़ेगा। किसी ऐसे की जरूरत होगी जो अधिक गलतियाँ किए बिना, टंकण कार्य कर सके। उसे सही और सतत् तरीके से विराम चिन्हों का उपयोग आना चाहिए।उसे हर जाँच और अवलोकन के बाद आए सुधारों और अवलोकनों को भी टंकित करना पड़ेगा। +यदि अनुवादक अपने ड्राफ्ट को स्वयं कम्प्यूटर या लैपटॉप में नही डालते हैं तो किसी और को यह कार्य करना पड़ेगा। किसी ऐसे की जरूरत होगी जो अधिक गलतियाँ किए बिना, टंकण कार्य कर सके। उसे सही और सतत् तरीके से विराम चिन्हों का उपयोग आना चाहिए।उसे हर जाँच और अवलोकन के बाद आए सुधारों और अवलोकनों को भी टंकित करना पड़ेगा। ### अनुवाद जाँचकर्ता @@ -27,5 +26,5 @@ ### जाँचकर्ता -अनुवाद की सटीकता जाँचने वाले वे लोग हों जो स्रोत भाषा में बाइबल को अच्छी तरह से जानते हों। वे स्रोत भाषा को अच्छी तरह से पढ़ने वाले हों। वे स्रोत बाइबल के साथ अनुवाद की तुलना कर निश्चित करेंगे कि स्रोत बाइबल में लिखी हर बात का अनुवाद हुआ है। ये अनुवाद के कार्य को पसंद करने वाले लोग हों और इनके पास इस कार्य को अच्छी तरह से करने का समय हो। यह अच्छा होगा कि स्रोत भाषा को बोलने वाले एवं इस सामग्री का बाद में उपयोग करने जा रहे, विभिé कलीसियार्इ समूहों में से इन लोगों को चुना जाए। स्तर 2 जाँचकर्ता स्थानीय कलीसिया के अगुवे हों। स्तर 3 जाँचकर्ता कलीसियार्इ समूहों के अगुवे और उस भाषा क्षेत्र में सम्मानित व्यक्ति हों। +अनुवाद की सटीकता जाँचने वाले वे लोग हों जो स्रोत भाषा में बाइबल को अच्छी तरह से जानते हों। वे स्रोत भाषा को अच्छी तरह से पढ़ने वाले हों। वे स्रोत बाइबल के साथ अनुवाद की तुलना कर निश्चित करेंगे कि स्रोत बाइबल में लिखी हर बात का अनुवाद हुआ है। ये अनुवाद के कार्य को पसंद करने वाले लोग हों और इनके पास इस कार्य को अच्छी तरह से करने का समय हो। यह अच्छा होगा कि स्रोत भाषा को बोलने वाले एवं इस सामग्री का बाद में उपयोग करने जा रहे, विभिé कलीसियार्इ समूहों में से इन लोगों को चुना जाए। स्तर 2 जाँचकर्ता स्थानीय कलीसिया के अगुवे हों। स्तर 3 जाँचकर्ता कलीसियार्इ समूहों के अगुवे और उस भाषा क्षेत्र में सम्मानित व्यक्ति हों। चूँकि ये लोग बहुत व्यस्त रहते हैं, एक या कुछ व्यक्तियों पर अधिक भार डालने से बेहतर होगा कि अलग अलग पुस्तकों को अलग अलग व्यक्तियों के पास भेजा जाए। diff --git a/translate/figs-123person/01.md b/translate/figs-123person/01.md index 9e3dcd2..83aeeab 100644 --- a/translate/figs-123person/01.md +++ b/translate/figs-123person/01.md @@ -1,5 +1,4 @@ - -आम तौर पर एक वक्ता स्वयं को ‘‘मैं’’ और उसे सुन रहे लोगों को ‘‘आप’’ संबोधित करता है। बाइबल में अक्सर, एक वक्ता स्वयं को एवं जिनसे बात कर रहा है, उनको ‘‘मैं’’ या ‘‘आप’’ के अलावा अन्य शब्दों से संबोधित करता है। +आम तौर पर एक वक्ता स्वयं को ‘‘मैं’’ और उसे सुन रहे लोगों को ‘‘आप’’ संबोधित करता है। बाइबल में अक्सर, एक वक्ता स्वयं को एवं जिनसे बात कर रहा है, उनको ‘‘मैं’’ या ‘‘आप’’ के अलावा अन्य शब्दों से संबोधित करता है। ### वर्णन @@ -44,16 +43,12 @@ 1. सर्वनाम ‘‘मैं’’ या ‘‘आप’’ के साथ तृतीय पुरूष वाक्यों का उपयोग करें * **परंतु दाऊद ने शाऊल से कहा, ‘‘आपका सेवक अपने पिता की भेड़ों की रखवाली किया करता था’’** (1 शमुएल 17:34) - - * परंतु दाऊद ने शाऊल से कहा, ‘‘मैं, आपका सेवक मेरे पिता की भेड़ों की रखवाली किया करता था’’ + * परंतु दाऊद ने शाऊल से कहा, ‘‘मैं, आपका सेवक मेरे पिता की भेड़ों की रखवाली किया करता था’’ 1. तृतीय पुरूष की बजाय, केवल प्रथम (’’मैं’’) या द्वितीय पुरूष (’’आप’’) का उपयोग करें -* **तब यहोवा ने भयंकर तूफान में से अय्यूब को उत्तर देकर कहा, ‘‘...क्या तेरी भुजाएँ परमेश्वर के समान हैं? -क्या तुम उसकी आवाज की भांति गर्जन कर सकते हो?** (अय्यूब 40:6,9 ULB) - - * तब यहोवा ने भयंकर तूफान में से अय्यूब को उत्तर देकर कहा, ‘‘...क्या तेरी भुजाएँ मेरे समान हैं? क्या तुम मेरी आवाज की भांति गर्जन कर सकते हो?’’ +* **तब यहोवा ने भयंकर तूफान में से अय्यूब को उत्तर देकर कहा, ‘‘...क्या तेरी भुजाएँ परमेश्वर के समान हैं? क्या तुम उसकी आवाज की भांति गर्जन कर सकते हो?** (अय्यूब 40:6,9 ULB) +* तब यहोवा ने भयंकर तूफान में से अय्यूब को उत्तर देकर कहा, ‘‘...क्या तेरी भुजाएँ मेरे समान हैं? क्या तुम मेरी आवाज की भांति गर्जन कर सकते हो?’’ * **इसलिए मेरा स्वर्ग का पिता भी तुम्हारे साथ ऐसा ही करेगा, यदि तुममें हर कोर्इ पूरे दिल अपने भार्इ को क्षमा न करे** (मती 18:35 ULB) - - * इसलिए मेरा स्वर्ग का पिता भी तुम्हारे साथ ऐसा ही करेगा, यदि तुममें हर कोर्इ पूरे दिल से तुम्हारे भार्इ को क्षमा न करे +* इसलिए मेरा स्वर्ग का पिता भी तुम्हारे साथ ऐसा ही करेगा, यदि तुममें हर कोर्इ पूरे दिल से तुम्हारे भार्इ को क्षमा न करे diff --git a/translate/figs-abstractnouns/01.md b/translate/figs-abstractnouns/01.md index b56b9dd..4426d49 100644 --- a/translate/figs-abstractnouns/01.md +++ b/translate/figs-abstractnouns/01.md @@ -1,73 +1,67 @@ - -भाववाचक संज्ञाएँ व्यवहार, गुण, घटनाएँ, हालात या इन विचारों के तहत रिश्तों को दिखाते हैं। ये ऐसी चीजें हैं जिन्हे शारीरिक तौर पर देखा या छुआ नही जा सकता है, जैसे कि खुशी, वजन, चोट, एकता, मित्रता, सेहत और वजह। अनुवाद में यह एक समस्या है क्योंकि कुछ भाषाओं में कुछ विचारों को भावनात्मक संज्ञा के द्वारा, तो कुछ अन्य भाषाओं में किसी दूसरे तरीके के द्वारा प्रकट किया जाता है। उदाहरण के तौर पर, ‘‘इसका वजन क्या है?’’ को निम्न तरीके से भी कहा जा सकता है, इसका कितना वजन होगा या यह कितना वजनी होगा। +भाववाचक संज्ञाएँ वे संज्ञाएँ हैं जो व्यवहार, गुण, घटनाएँ या परिस्थितियाँ का उल्लेख करती हैं। ये ऐसी चीजें हैं जिसे शारीरिक तौर पर देखा या छुआ नही जा सकता है, जैसे कि खुशी, वजन, एकता, मित्रता, सेहत और वजह। यह एक अनुवाद की समस्या है क्योंकि कुछ भाषाओं में विचारों को भावनात्मक संज्ञा के द्वारा व्यक्त कर सकते है, जबकि अन्य भाषाओंमें इसे व्यक्त करने के लिए एक अलग तरीके की आवश्यकता होगी। ### वर्णन -याद रखें कि संज्ञाएँ वे शब्द हैं जो किसी व्यक्ति, वस्तु अथवा विचार को दिखाते हैं, तो ‘‘भाववाचक संज्ञाएँ’’ विचारों को दिखाती हैं। ये व्यवहार, गुण, घटनाएँ, हालात या इन विचारों के तहत रिश्ता हो सकती हैं। ये ऐसी चीजें हैं जिन्हे शारीरिक तौर पर देखा या छुआ नही जा सकता है, जैसे कि खुशी, शांति, सृष्टि, भलार्इ, संतुष्टि, न्याय, सच, आजादी, बदला, धीमापन, लंबार्इ या वजन। +याद रखें कि संज्ञाएँ वे शब्द हैं जो किसी व्यक्ति,स्थान, वस्तु अथवा विचार को संदर्भित करती हैं। **भाववाचक संज्ञाएँ** वे संज्ञाएँ हैं जो विचारों को संदर्भित करती हैं। ये व्यवहार, गुण, घटनाएँ, परिस्थितियाँ या  इन विचारों के बीच संबंध भी हो सकते हैं। ये ऐसी चीजें हैं जिन्हे शारीरिक तौर पर देखा या छुआ नही जा सकता है, जैसे कि खुशी, शांति, सृष्टि, भलाई, संतुष्टि, न्याय, सच, आजादी, बदला, धीमापन, लंबाई, वजन और कई, कई और अधिक। -भाववाचक संज्ञा की मदद से लोग अपने विचारों को कम शब्दों में प्रकट कर सकते हैं, अन्यथा उन्हे ज्यादा शब्दों का उपयोग करना पड़ सकता है। यह कार्य या गुण को नाम देना कहलाता है जिससे लोग उनके बारे में ऐसे बात करते हैं िकवे वास्तव में वस्तुएँ हैं। यह भाषा का एक छोटा रास्ता है। - -उदाहरण के तौर पर, भाववाचक संज्ञाओं का उपयोग करने वाली भाषाओं में, लोग कह सकते हैं, ‘‘मैं पापों की क्षमा में विश्वास करता हूँ’’। परंतु यदि उक्त भाषा में ‘‘क्षमा’’ एवं ‘‘पाप’’ नामक दो भाववाचक संज्ञाएँ नही हैं तो वे इसी अर्थ को बताने वाला कथन नही बता पाएँगे। उन्हे कहना पड़ेगा, उदाहरण के तौर पर, ‘‘मैं विश्वास करता हूँ कि पाप कर चुके मनुष्य को परमेश्वर क्षमा करना चाहता है’’ और उसमें विचार की संज्ञाओं का उपयोग करने की बजाय, क्रिया के शब्दों का उपयोग होता है। +कुछ भाषाएँ जैसे बाइबल यूनानी और अंग्रेजी जिसमे भाववाचक संज्ञा का बहुत अधिक उपयोग होता है। यह क्रियाओं या गुणों को नाम देने का एक तरीका है ताकि इन भाषाओं को बोलने वाले लोग उनके बारे में बात कर सकें जैसे कि वे चीजें थीं। उदाहरण के तौर पर, भाववाचक संज्ञाओं का उपयोग करने वाली भाषाओं में, लोग कह सकते हैं, ‘‘मैं पापों की क्षमा में विश्वास करता हूँ’’। परन्तु कुछ भाषाओं में भाववाचक संज्ञाओं का बहुत उपयोग नहीं होता हैं। उन भाषाओं में, उनके पास ‘‘क्षमा’’ एवं ‘‘पाप’’ नामक दो भाववाचक संज्ञाएँ नही हैं तो वे अन्य तरीकों से भी यही अर्थ व्यक्त करेंगे। वे कहेंगे, उदाहरण के लिए, ‘‘मैं विश्वास करता हूँ कि पाप कर चुके मनुष्य को परमेश्वर क्षमा करना चाहता है’’ और उसमें विचार की संज्ञाओं का उपयोग करने की बजाय, क्रिया के शब्दों का उपयोग होता है। #### वजह यह अनुवाद की समस्या है -अनुवाद की जाने वाली बाइबल में कुछ विचारों के लिए भाववाचक संज्ञाओं का उपयोग हो सकता है। शायद आपकी भाषा कुछ विचारों के लिए भाववाचक संज्ञा का उपयोग नही करती हो; इसकी बजाय, वे उन विचारों को प्रकट करने के लिए दूसरे कथनों का उपयोग करती होगी। वे कथन भाववाचक संज्ञाओं का उपयोग करने के लिए, अलग प्रकार के शब्दों का उपयोग करते होंगे, जैसे विशेषण, क्रियाएँ, क्रियाविशेषण इत्यादि। +अनुवाद की जाने वाली बाइबल में कुछ विचारों के लिए भाववाचक संज्ञाओं का उपयोग हो सकता है। शायद आपकी भाषा कुछ विचारों के लिए भाववाचक संज्ञा का उपयोग नही करती हो; इसकी बजाय, वे उन विचारों को प्रकट करने के लिए दूसरे कथनों का उपयोग करती होगी। वे कथन भाववाचक संज्ञाओं का उपयोग करने के लिए, अलग प्रकार के शब्दों का उपयोग करते होंगे, जैसे विशेषण, क्रियाएँ, क्रियाविशेषण इत्यादि।उदाहरण के लिए, "इसका **वजन** क्या है?" को "इसका **वजन** कितना है?" या "यह कितना **भारी** है?"के रूप में व्यक्त किया जा सकता है। ### बाइबल से उदाहरण ->...बालकपन से पवित्र शास्त्र तेरा जाना हुआ है... (2 तीमुथियुस 3:15 ULB) +> *…**बालकपन** से पवित्रशास्त्र तेरा जाना हुआ है…* (2 तीमुथियुस 3:15 ULB) भाववाचक संज्ञा ‘‘बालकपन’’ बताता है कि व्यक्ति बालक है ->पर सन्तोषसहित भक्ति बड़ी कमार्इ है। (1 तीमुथियुस 6:6 ULB) +> पर **सन्तोष सहित भक्ति** बड़ी **लाभ** है।  (1 तीमुथियुस 6:6 ULB) -भाववाचक संज्ञा ‘‘भक्ति’’ और ‘‘संतोष’’ बताता है कि व्यक्ति दैवीय और संतुष्ट है । भाववाचक संज्ञा ‘‘कमार्इ’’ लाभदायक अथवा मददगार वस्तु की बात करती है। +भाववाचक संज्ञा ‘‘भक्ति’’ और ‘‘संतोष’’ बताता है कि व्यक्ति दैवीय और संतुष्ट है । भाववाचक संज्ञा ‘‘लाभ ’’ लाभदायक अथवा मददगार वस्तु की बात करती है। ->आज इस घर में उद्धार आया है, इसलिये कि यह भी इब्राहीम का एक पुत्र है (लूका 19:9 ULB) +> आज इस घर में **उद्धार** आया है, इसलिए कि यह भी अब्राहम का एक पुत्र है (लूका 19:9 ULB) भाववाचक संज्ञा ‘‘उद्धार’’ मुक्ति पाने के बारे में बताता है ->प्रभु प्रतिज्ञा में देर नहीं करता, जैसी देर कुछ समझते हैं (2 पतरस 3:9 ULB) +> प्रभु अपनी प्रतिज्ञा के विषय में देर नहीं करता जैसी **देर** कितने लोग समझते हैं (2 पतरस 3:9 ULB) -भाववाचक संज्ञा ‘‘देर’’ बताता है कि कैसे कोर्इ कार्य धीमे होता है +भाववाचक संज्ञा ‘‘देर’’ बताता है कि कैसे कोई कार्य धीमे होता है ->वह अन्धकार की छिपी बातें ज्योति में दिखाएगा, और मनों की मतियों को प्रगट करेगा (1 कुरिन्थियों 4:5 ULB) +> वही तो अंधकार की छिपी बातें ज्योति में दिखाएगा, और मनों के **उद्देश्यों** को प्रगट करेगा (1 कुरिन्थियों 4:5 ULB) -भाववाचक संज्ञा ‘‘मतियों’’ बताता है कि लोग क्या करना चाहते हैं और उसे क्यों करना चाहते हैं +भाववाचक संज्ञा ‘‘उद्देश्यों’’ कोबताता है कि लोग क्या करना चाहते हैं और उसे क्यों करना चाहते हैं ### अनुवाद रणनीति -यदि भाववाचक संज्ञा आपकी भाषा में स्वाभाविक है और उसका अर्थ सही निकलता है तो उसका उपयोग करें। यदि नही, तो अगले विकल्प निम्नलिखित हैं: +यदि भाववाचक संज्ञा आपकी भाषा में स्वाभाविक है और उसका अर्थ सही निकलता है तो उसका उपयोग करें। यदि नही, यहाँ एक और विकल्प है: -1. वाक्य को ऐसे कथन में पुन: लिखें जो भाववाचक संज्ञा का अर्थ प्रकट करता हो - -संज्ञा की बजाय, नया कथन भाववाचक संज्ञा के अर्थ को बताने के लिए एक क्रिया, एक विशेषण या एक क्रियाविशेषण का उपयोग कर सकता है.... +1. वाक्य को ऐसे कथन में पुन: लिखें जो भाववाचक संज्ञा का अर्थ प्रकट करता हो। संज्ञा की बजाय, नया कथन भाववाचक संज्ञा के अर्थ को बताने के लिए एक क्रिया, एक विशेषण या एक क्रियाविशेषण का उपयोग कर सकता है। ### अनुवाद की रणनीति के प्रयोग के उदाहरण -1. वाक्य को ऐसे कथन में पुन: लिखें जो भाववाचक संज्ञा का अर्थ प्रकट करता हो +1. वाक्य को ऐसे कथन में पुन: लिखें जो भाववाचक संज्ञा का अर्थ प्रकट करता हो। संज्ञा की बजाय, नया कथन भाववाचक संज्ञा के अर्थ को बताने के लिए एक क्रिया, एक विशेषण या एक क्रियाविशेषण का उपयोग कर कर सकते है। -संज्ञा की बजाय, नया कथन भाववाचक संज्ञा के अर्थ को बताने के लिए एक क्रिया, एक विशेषण या एक क्रियाविशेषण का उपयोग कर सकता है - -* **....बालकपन से पवित्र शास्त्र तेरा जाना हुआ है**.... (2 तीमुथियुस 3:15 ULB) - - * जबसे तुम बालक थे तुमने पवित्र शास्त्र को जाना है - -* **पर सन्तोष सहित भक्ति बड़ी कमार्इ है।** (1 तीमुथियुस 6:6 ULB) - - * पर भक्ति और संतोष में रहना बड़ा लाभदायक है - * पर हमें बड़ा लाभ मिलता है जब हमारे अंदर भक्ति और संतोष होता है - * पर हमें बड़ा लाभ मिलता है जब हम परमेश्वर के प्रति सम्मान और आज्ञाकारिता दिखाते और हमारे पास जो है उससे खुश होते हैं - -* **आज इस घर में उद्धार आया है, इसलिये कि यह भी इब्राहीम का एक पुत्र है** (लूका 19:9 ULB) - - * आज इस घर के लोगों ने उद्धार पाया है - * आज इस घर के लोगों को परमेश्वर ने उद्धार दिया है - -* **प्रभु प्रतिज्ञा में देर नहीं करता, जैसी देर कुछ समझते हैं** (2 पतरस 3:9 ULB) - - * प्रभु अपनी प्रतिज्ञा के बारे में देरी से काम नही करता, जैसी देरी कुछ लोग समझते हैं - -* **वही तो अन्धकार की छिपी बातें ज्योति में दिखाएगा, और मनों की मतियों को प्रगट करेगा** (1 कुरिन्थियों 4:5 ULB) - - * वह अन्धकार की छिपी बातों को ज्योति में लाएगा, और उन बातों को प्रकट करेगा जो लोग करना चाहते और कारणों को कि वे क्यों करना चाहते हैं +> …**बालकपन** से पवित्रशास्त्र तेरा जाना हुआ है… (2 तीमुथियुस 3:15 ULB) +> +> > जबसे तुम **बालक थे** तुमने पवित्र शास्त को जाना है। +> +> पर **सन्तोष सहित भक्ति** बड़ी **लाभ** है।  (1 तीमुथियुस 6:6 ULB) +> +> > पर **भक्ति** और **संतोष** में रहना बड़ा **लाभदायक** है +> > +> > पर हमें बड़ा **लाभ** मिलता है जब हमारे अंदर **भक्ति** और **संतोष** होता है +> > +> > पर हमें बड़ा **लाभ** मिलता है जब हम **परमेश्वर के प्रति सम्मान और आज्ञाकारिता** दिखाते और **हमारे पास जो है उससे खुश** होते हैं +> +> आज इस घर में **उद्धार** आया है, इसलिए कि यह भी अब्राहम का एक पुत्र है (लूका 19:9 ULB) +> +> > आज इस घर के लोगों ने **उद्धार पाया है** आज इस घर के लोगों को परमेश्वर ने **उद्धार** दिया है +> +> प्रभु अपनी प्रतिज्ञा के विषय में देर नहीं करता जैसी **देर** कितने लोग समझते हैं (2 पतरस 3:9 ULB) +> +> > प्रभु अपनी प्रतिज्ञा के बारे में देरी से काम नहीं करता, जैसी **देरी** कुछ लोग समझते हैं +> +> वही तो अंधकार की छिपी बातें ज्योति में दिखाएगा, और मनों के **उद्देश्यों** को प्रगट करेगा (1 कुरिन्थियों 4:5 ULB) +> +> > वह अन्धकार कि छिपी बातों को ज्योति में लाएगा, और उन बातों को प्रकट करेगा **जो लोग करना चाहते और कारणों को कि वे क्यों करना चाहते हैं** diff --git a/translate/figs-abstractnouns/title.md b/translate/figs-abstractnouns/title.md index a1cc501..346a886 100644 --- a/translate/figs-abstractnouns/title.md +++ b/translate/figs-abstractnouns/title.md @@ -1,2 +1 @@ -भाववाचक संज्ञा - +भाववाचक संज्ञा \ No newline at end of file diff --git a/translate/figs-activepassive/01.md b/translate/figs-activepassive/01.md index 9fdb14f..df934fe 100644 --- a/translate/figs-activepassive/01.md +++ b/translate/figs-activepassive/01.md @@ -35,7 +35,7 @@ #### बाइबल से उदाहरण ->तब धनुर्धारियों ने शहरपनाह पर से तेरे जनों पर तीर छोड़े; और राजा के कितने जन *** मर गए , और तेरा दास ऊरिय्याह हित्ती भी *** मर गया ***(2 शमूएल 11:24 ULB) +>तब धनुर्धारियों ने शहरपनाह पर से तेरे जनों पर तीर छोड़े; और राजा के कितने जन *** मर गए ***, और तेरा दास ऊरिय्याह हित्ती भी *** मर गया ***(2 शमूएल 11:24 ULB) इसका अर्थ है कि दुश्मनों के धनुर्धारियों ने तीर छोड़े; और ऊरिय्याह समेत, राजा के लोगों को मार डाल । यहाँ का विषय राजा के जनों और ऊरिय्याह हैं, मारने वाले लोग नही । यहाँ उपयुक्त कर्मवाच्य रूप का उद्देश्य राजा के जनों और ऊरिय्याह पर केंद्रित करना है। @@ -43,7 +43,7 @@ नगर के लोगों ने देखा कि बाल की वेदी के साथ क्या हुआ परंतु उन्हे यह नही पता था कि उसे किसने गिराया। यहाँ उपयुक्त कर्मवाच्य रूप का उद्देश्य नगर के लोगों के नजरिए से घटना का विवरण देना है। ->उसके लिये यह भला होता, कि चक्की का पाट उसके गले में ***लटकाया जाता, और वह समुद्र में ***डाल दिया जाता***(लूका 17:2 ULB) +>उसके लिये यह भला होता, कि चक्की का पाट उसके गले में ***लटकाया जाता***, और वह समुद्र में ***डाल दिया जाता***(लूका 17:2 ULB) यह एक ऐसी घटना बताता है जिसमें एक व्यक्ति अपने गले में चक्की के पाट के साथ समुद्र की गहरार्इ में डाला जाता है। यहाँ उपयुक्त कर्मवाच्य रूप का उद्देश्य उस व्यक्ति पर केंद्रित करना है जिसके साथ यह घटना घटी। यह महत्वपूर्ण नही है कि उस व्यक्ति के साथ ऐसा कौन करता है। @@ -64,9 +64,9 @@ (2) उसी क्रिया को कर्तृवाच्य रूप में उपयोग करें परंतु नही बताएँ कि किसने यह कार्य किया। इसकी बजाय, ‘‘वे’’ या ‘‘लोग’’ या ‘‘कोर्इ’’ जैसे प्रकटीकरणों के शब्दों का उपयोग करें। -> **उसके लिये यह भला होता, कि चक्की का पाट उसके गले में ***लटकाया जाता***और वह समुद्र में ***डाल दिया जाता***** (लूका 17:2 ULB) +> **उसके लिये यह भला होता, कि चक्की का पाट उसके गले में ***लटकाया जाता***और वह समुद्र में ***डाल दिया जाता*** ** (लूका 17:2 ULB) >>यह भला होता, कि ***वे***उसके गले में चक्की का पाट लटकाकर, उसे समुद्र में ***डाल देते*** ->>यह भला होता, कि ***कोर्इ***उसके गले में चक्की का पाट लटकाकर, उसे समुद्र में ***डाल देता +>>यह भला होता, कि ***कोर्इ***उसके गले में चक्की का पाट लटकाकर, उसे समुद्र में ***डाल देता *** (3) सक्रिय वाक्य में अलग क्रिया का उपयोग करें diff --git a/translate/figs-apostrophe/01.md b/translate/figs-apostrophe/01.md index 9e554f5..3933b04 100644 --- a/translate/figs-apostrophe/01.md +++ b/translate/figs-apostrophe/01.md @@ -1,4 +1,3 @@ - ### परिभाषा संबोधक चिन्ह विराम चिन्हों में से एक चिन्ह है जहाँ वक्ता अपने श्रोताओं का ध्यान आकर्षित करता और उससे बात करता है जिसके बारे में उसे पता है वह उसे सुन नही सकता। @@ -19,7 +18,7 @@ >हे यरूशलेम, हे यरूशलेम, तू जो भविष्यद्वक्ताओं को मार डालती है, और जो तेरे पास भेजे गए उन्हें पत्थरवाह करती है; (लूका 13:34 ULB) -यीशु मसीह अपने चेलों और फरीसियों के एक समूह के सामने यरूशलेम के प्रति अपनी भावनाओं को प्रकट कर रहे थे। यरूशलेम से इस प्रकार बात करने के द्वारा, जैसे कि वहाँ के लोग सुन रहे हों, यीशु उन्हे बता रहे थे कि वह उसकी कितनी चिंता करते हैं। +यीशु मसीह अपने चेलों और फरीसियों के एक समूह के सामने यरूशलेम के प्रति अपनी भावनाओं को प्रकट कर रहे थे। यरूशलेम से इस प्रकार बात करने के द्वारा, जैसे कि वहाँ के लोग सुन रहे हों, यीशु उन्हे बता रहे थे कि वह उसकी कितनी चिंता करते हैं। > उसने यहोवा से वचन पाकर वेदी के विरुद्ध यों पुकारा: कि हे वेदी, हे वेदी यहोवा यों कहता है, कि सुन.... तुझ पर मनुष्यों की हड्डियाँ जलार्इ जाएंगी (1 राजा 13:2 ULB) @@ -35,10 +34,8 @@ 1. यदि इस प्रकार की भाषा आपके लोगों को संदेह से भरती है, तो वक्ता को उसकी सुन रहे लोगों से सीधा बात करे, जब वह उन्हे उनके बारे में अपना संदेश या भावनाएँ शक्तिशाली तरीके से बताता है जो उसे सुन नही रहे हैं -* **उसने यहोवा से वचन पाकर वेदी के विरुद्ध यों पुकारा: कि हे वेदी, हे वेदी! -यहोवा यों कहता है, कि सुन.... तुझ पर मनुष्यों की हड्डियाँ जलार्इ जाएंगी** (1 राजा 13:2 ULB) - - * उसने यह वेदी के बारे में कहा ‘‘यहोवा वेदी के बारे में यों कहता है, सुन, ... वे इस पर मनुष्यों की हड्डियाों को जलाएँगे’’ +* **उसने यहोवा से वचन पाकर वेदी के विरुद्ध यों पुकारा: कि हे वेदी, हे वेदी! यहोवा यों कहता है, कि सुन.... तुझ पर मनुष्यों की हड्डियाँ जलार्इ जाएंगी** (1 राजा 13:2 ULB) + * उसने यह वेदी के बारे में कहा ‘‘यहोवा वेदी के बारे में यों कहता है, सुन, ... वे इस पर मनुष्यों की हड्डियाों को जलाएँगे’’ * **हे गिलबो पहाड़ों, तुम पर न ओस पड़े, और न वर्षा हो,** (2 शमूएल 1:21 ULB) * **गिलबो पहाड़ों की बात करें, तो उन पर न ओस पड़े, और न वर्षा हो** diff --git a/translate/figs-declarative/01.md b/translate/figs-declarative/01.md index 085d66a..8a4397b 100644 --- a/translate/figs-declarative/01.md +++ b/translate/figs-declarative/01.md @@ -1,15 +1,14 @@ - ### वर्णन बाइबल में अक्सर कथनों का उपयोग सूचना देने के लिए किया जाता है। परंतु कभी कभार, बाइबल में उनका उपयोग दूसरे कार्यों के लिए भी होता है। ### कारण यह अनुवाद की समस्या है -कुछ भाषाओं में कथनों का उपयोग उसी मकसद के साथ होता है, जैसे बाइबल में हुआ है। +कुछ भाषाओं में कथनों का उपयोग उसी मकसद के साथ होता है, जैसे बाइबल में हुआ है। ### बाइबल से उदाहरण -कथनों का उपयोग, बाइबल में अक्सर **सूचना** देने के लिए किया जाता है। निम्नलिखित यूहéा 1:6-8 के सारे वाक्य कथन हैं और उनका मकसद सूचना देना है। +कथनों का उपयोग, बाइबल में अक्सर **सूचना** देने के लिए किया जाता है। निम्नलिखित यूहéा 1:6-8 के सारे वाक्य कथन हैं और उनका मकसद सूचना देना है। >एक मनुष्य परमेश्वर की ओर से आ उपस्थित हुआ, जिसका नाम यूहन्ना था । यह गवाही देने आया, कि ज्योति की गवाही दे, ताकि सब उसके द्वारा विश्वास लाएँ। वह आप तो वह ज्योति न था, परन्तु उस ज्योति की गवाही देने के लिये आया था। (युहन्ना 1:6-8 ULB) @@ -17,7 +16,7 @@ > और उस ने उन्हें आज्ञा दी, कि एक काम **अवश्य** करो। तुममें से एक तिहार्इ लोग जो विश्रामदिन को आनेवाले _हों_, वह राजभवन के पहरे की चौकसी करें। और एक तिहार्इ लोग सूर नाम फाटक में ठहरे _रहें_, और एक तिहार्इ लोग पहरुओं के पीछे के फाटक में रहें। (2 राजा 11:5 ULB) -एक कथन का उपयोग **निर्देश** के लिए भी किया जा सकता है । नीचे के कथन में वक्ता यूसुफ को भविष्य में की जाने वाली बात के बारे में ही नही बताता है, परंतु यह भी बताता है कि उसे क्या करना है। +एक कथन का उपयोग **निर्देश** के लिए भी किया जा सकता है । नीचे के कथन में वक्ता यूसुफ को भविष्य में की जाने वाली बात के बारे में ही नही बताता है, परंतु यह भी बताता है कि उसे क्या करना है। >वह पुत्र जनेगी और _तू उसका नाम यीशु रखना_; क्योंकि वह अपने लोगों का उन के पापों से उद्धार करेगा । (मत्ती 1:21 ULB) @@ -25,7 +24,7 @@ >देखो, एक कोढ़ी ने पास आकर उसे प्रणाम किया और कहा; कि हे प्रभु यदि तू चाहे, तो _मुझे शुद्ध कर सकता है_ (मत्ती 8:2 ULB) -कथनों का उपयोग, बाइबल में अक्सर **सूचना** देने के लिए किया जाता है। आदम को यह कहने के द्वारा कि धरती भी उसके कारण शापित है, वास्तव में परमेश्वर ने उसे शापित किया था। +कथनों का उपयोग, बाइबल में अक्सर **सूचना** देने के लिए किया जाता है। आदम को यह कहने के द्वारा कि धरती भी उसके कारण शापित है, वास्तव में परमेश्वर ने उसे शापित किया था। >.... इसलिये भूमि तेरे कारण शापित है;(उत्पत्ति 3:17 ULB) @@ -44,23 +43,18 @@ 1. यदि आपकी भाषा में किसी कथन का सही उपयोग स्पष्ट नही हो रहा है, तो वाक्य के एक प्रकार का उपयोग करे जिसे उस कार्य को बताया जा सके * **वह एक पुत्र जनेगी और तू उसका नाम यीशु रखना; क्योंकि वह अपने लोगों का उन के पापों से उद्धार करेगा।** (मत्ती 1:21 ULB) ‘‘तू उसका नाम यीशु रखना’’ एक निर्देश है । सामान्य निर्देश के वाक्य के प्रकार का उपयोग कर इसका अनुवाद किया जा सकता है - - * वह एक पुत्र जनेगी और उसका नाम यीशु रखना; वह अपने लोगों का उनके पापों से उद्धार करेगा + * वह एक पुत्र जनेगी और उसका नाम यीशु रखना; वह अपने लोगों का उनके पापों से उद्धार करेगा 1. यदि आपकी भाषा में किसी कथन का सही उपयोग स्पष्ट नही हो रहा है, तो वाक्य के एक प्रकार को जोड़कर, उस कार्य को बताया जाए * **हे प्रभु यदि तू चाहे, तो मुझे शुद्ध कर सकता है** (मत्ती 8:2 ULB) कथन के साथ साथ, विनती को भी जोड़ा जा सकता है + * हे प्रभु यदि तू चाहे, तो मुझे शुद्ध कर सकता है । कृपया कर दो + * हे प्रभु यदि तू चाहे, तो कृपया मुझे शुद्ध कर मैं जानता हूँ कि तु कर सकता है - * हे प्रभु यदि तू चाहे, तो मुझे शुद्ध कर सकता है । कृपया कर दो - * हे प्रभु यदि तू चाहे, तो कृपया मुझे शुद्ध कर मैं जानता हूँ कि तु कर सकता है - -1. यदि आपकी भाषा में किसी कथन का सही उपयोग स्पष्ट नही हो रहा है, तो क्रिया के एक प्रकार का उपयोग करें जिसे उस कार्य को बताया जा सके। +1. यदि आपकी भाषा में किसी कथन का सही उपयोग स्पष्ट नही हो रहा है, तो क्रिया के एक प्रकार का उपयोग करें जिसे उस कार्य को बताया जा सके। * **वह पुत्र जनेगी और तू उसका नाम यीशु रखना; क्योंकि वह अपने लोगों का उनके पापों से उद्वार करेगा** (मत्ती 1:21 ULB) - - * वह पुत्र जनेगी और तू उसका नाम यीशु रखना; क्योंकि वह अपने लोगों का उनके पापों से उद्वार करेगा - + * वह पुत्र जनेगी और तू उसका नाम यीशु रखना; क्योंकि वह अपने लोगों का उनके पापों से उद्वार करेगा * **हे पुत्र, तेरे पाप क्षमा हुए** (मरकुस 2:5 ULB) - - * हे पुत्र, मैं तेरे पाप क्षमा करता हूँ - * हे पुत्र, परमेश्वर ने तेरे पाप क्षमा कर दिए हैं + * हे पुत्र, मैं तेरे पाप क्षमा करता हूँ + * हे पुत्र, परमेश्वर ने तेरे पाप क्षमा कर दिए हैं diff --git a/translate/figs-distinguish/01.md b/translate/figs-distinguish/01.md index bdd160e..d71ccd7 100644 --- a/translate/figs-distinguish/01.md +++ b/translate/figs-distinguish/01.md @@ -1,4 +1,3 @@ - ### वर्णन कुछ भाषाओं में, संज्ञा को परिवर्तित करने वाले कथन संज्ञा के साथ ही दो विभिé उद्देश्यों के लिए किया जा सकता है। वे या तो समान रूप से प्रयुक्त अन्य शब्दों से संज्ञा को अलग दिखा सकता है, या उस संज्ञा के बारे में जानकारी दे सकता है। वह जानकारी पाठकों के लिए नयी होगी या पहले से ज्ञात जानकारी को पुन: याद दिलाती होगी। @@ -19,12 +18,12 @@ ### कारण यह अनुवाद की समस्या है -* बाइबल की कर्इ स्रोत भाषाएँ ऐसे कथनों का उपयोग करती हैं जो संज्ञा को **दोनों** मकसदों अर्थात समान लगने वाले कथन से अलग दिखाने **एवं** उसके बारे में अधिक जानकारी देने के लिए परिवर्तित करती हैं । अनुवादक को सावधानीपूर्वक पहचानना है कि लेखक किस मकसद का उपयोग कर रहा है। +* बाइबल की कर्इ स्रोत भाषाएँ ऐसे कथनों का उपयोग करती हैं जो संज्ञा को **दोनों** मकसदों अर्थात समान लगने वाले कथन से अलग दिखाने **एवं** उसके बारे में अधिक जानकारी देने के लिए परिवर्तित करती हैं । अनुवादक को सावधानीपूर्वक पहचानना है कि लेखक किस मकसद का उपयोग कर रहा है। * कुछ भाषाएँ ऐसे कथनों का उपयोग करती हैं जो संज्ञा को **केवल** समान लगने वाले कथन से अलग दिखाने के लिए परिवर्तित करती हैं। ऐसे कथन का अनुवाद करते समय जिन्हे अधिक जानकारी देने के लिए इस्तेमाल किया जाता है, उस भाषा का उपयोग करने वाले लोग उक्त कथन एवं संज्ञा में अंतर अवश्य करें। अन्यथा, इसे पढ़ने या सुनने वाले लोग समझेंगे कि इस संज्ञा का उपयोग समान लगने वाले पदों से संज्ञा को अलग दिखाने के लिए किया गया है ### बाइबल से उदाहरण - क कथन दूसरे समान लगने वाले कथन से अलग दिखाने के शब्दों के उदाहरण**: +** एक कथन दूसरे समान लगने वाले कथन से अलग दिखाने के शब्दों के उदाहरण**: ये आमतौर पर अनुवाद में समस्याएँ खड़ी नही करते हैं @@ -36,7 +35,7 @@ ‘‘जनने’’ शब्द फर्क बताता है कि किस औरत के लिए पुत्र एक शोक है। वह हर औरत के लिए शोक नही है, परंतु अपनी माँ के लिए है - िसी कथन के बारे में अतिरिक्त जानकारी देने या याद दिलाने वाले शब्दों के उदाहरण**: +** किसी कथन के बारे में अतिरिक्त जानकारी देने या याद दिलाने वाले शब्दों के उदाहरण**: ये उन भाषाओं के लिए अनुवाद के विषय हैं जो इनका उपयोग नही करते हैं @@ -54,7 +53,7 @@ ### अनुवाद रणनीति -यदि लोग संज्ञा के साथ आए शब्द के मकसद को समझ सकते हैं, तो कथन और संज्ञा दोनों को एक साथ उपयोग करने की सोचें। उन भाषाओं में जहाँ संज्ञा का उपयोग एक शब्द का दूसरे से अंतर दिखाने के लिए किया जाता है, उनके लिए जानकारी या याद देने वाले शब्दों के अनुवाद की कुछ रणनीतियाँ निम्नलिखित हैं। +यदि लोग संज्ञा के साथ आए शब्द के मकसद को समझ सकते हैं, तो कथन और संज्ञा दोनों को एक साथ उपयोग करने की सोचें। उन भाषाओं में जहाँ संज्ञा का उपयोग एक शब्द का दूसरे से अंतर दिखाने के लिए किया जाता है, उनके लिए जानकारी या याद देने वाले शब्दों के अनुवाद की कुछ रणनीतियाँ निम्नलिखित हैं। 1. वाक्य के एक भाग में जानकारी दें और उसके मकसद को बताने वाले शब्दों को जोड़ें 1. अपनी भाषा में उसे बताने के सबसे अच्छे तरीके का उपयोग कर बताएँ कि ये केवल अतिरिक्त सूचना है। शायद एक शब्द जोड़ा गया होगा, या इसकी ध्वनि के अनुसरार बदला गया होगा। अक्सर ध्वनि में बदलाव को विरामचिन्हों के प्रयोग से बताया जा सकता है, उदा0 अल्पविराम, कोष्ठक इत्यादि। @@ -64,24 +63,16 @@ 1. वाक्य के एक भाग में जानकारी दें और उसके मकसद को बताने वाले शब्दों को जोड़ें * **जो व्यर्थ मूर्तियों पर मन लगाते हैं, उनसे मैं घृणा करता हूँ** (भजन संहिता 31:6 ULB) - ‘‘व्यर्थ मूर्तियों’’ का उपयोग कर, दाऊद सारी मूर्तियों पर अपनी टिप्पणी दे रहा और उनसे घृणा करने का कारण बता रहा था। यहाँ व्यर्थ मूर्तियों या मूल्यवान मूर्तियों का अंतर नही बताया जा रहा है - - * चूँकि मूर्तियाँ व्यर्थ हैं, मैं उनकी सेवा करने वालों से घृणा करता हूँ। - + * चूँकि मूर्तियाँ व्यर्थ हैं, मैं उनकी सेवा करने वालों से घृणा करता हूँ। * **क्योंकि तेरे न्याय धर्ममय हैं** (भजन संहिता 119:39 ULB) - - * ... तेरे न्याय अच्छे हैं क्योंकि वे धर्ममय हैं - + * ... तेरे न्याय अच्छे हैं क्योंकि वे धर्ममय हैं * **क्या सारा जो नब्बे वर्ष की है पुत्र जनेगी?** (उत्पत्ति 17:17-18 ULB) - ‘‘जो नब्बे वर्ष की है’’ कथन सारा के उम्र को याद दिलाती है।यह बताती है कि अब्रहाम प्रश्न क्यों पूछ रहा था। उसने प्रतीक्षा नही की थी कि इस उम्र में भी औरत बच्चा जन सकती है। - - * क्या सारा बच्चा जन सकती है, यद्यपि वह नब्बे वर्ष की है? - + * क्या सारा बच्चा जन सकती है, यद्यपि वह नब्बे वर्ष की है? * **मैं यहोवा को जो स्तुति के योग्य है पुकारूँगा** (2 शमूएल 22:4 ULB) - केवल एक ही यहोवा है । ‘‘स्तुति के योग्य’’ शब्द यहोवा को पुकारने का कारण बताता है। - - * मैं यहोवा को पुकारूँगा क्योंकि वह स्तुति के योग्य है + * मैं यहोवा को पुकारूँगा क्योंकि वह स्तुति के योग्य है 1. अपनी भाषा में उसे बताने के सबसे अच्छे तरीके का उपयोग कर बताएँ कि ये केवल अतिरिक्त सूचना है * **तू मेरा पुत्र है जिससे मैं प्रेम करता हूँ तुझसे मैं प्रसन्न हूँ** (लूका 3:22 ULB) - - * तू मेरा पुत्र है मैं तुझसे प्रेम करता हूँ और तुझसे मैं प्रसन्न हूँ - * मेरा प्रेम पाने वाले तू मेरा पुत्र है। तुझसे मैं प्रसन्न हूँ + * तू मेरा पुत्र है मैं तुझसे प्रेम करता हूँ और तुझसे मैं प्रसन्न हूँ + * मेरा प्रेम पाने वाले तू मेरा पुत्र है। तुझसे मैं प्रसन्न हूँ diff --git a/translate/figs-doublenegatives/01.md b/translate/figs-doublenegatives/01.md index 93c975c..ac20e7f 100644 --- a/translate/figs-doublenegatives/01.md +++ b/translate/figs-doublenegatives/01.md @@ -1,18 +1,18 @@ दोहरा  नकारात्मकताएँ तब उत्पन्न होती है जब किसी कथन में दो शब्द ‘‘नही’’ के अर्थ को प्रकट करते हैं। दोहरा नकारात्मकताओं का अर्थ विभिन्न भाषाओं में अलग अलग होता है। दो नकारात्मकता वाले कथनों का सही और स्पष्ट अनुवाद करने के लिए, आपको जानना जरूरी है कि बाइबल में नकारात्मकता का क्या अर्थ है और उसे अपनी भाषा में कैसे अनुवाद करें। -### विवरण +### वर्णन -नकारात्मक शब्द वे शब्द होते हैं जिनमें ‘‘नही’’ का भाव मौजुद रहता है। उदाहरणत: ‘‘नही’’, ‘‘ना’’, ‘‘कोर्इ नही’’, ‘‘कहीं नही’’, ‘‘कभी नही’’, ‘‘या नही’’ ‘‘बिना’’ इत्यादि। साथ ही साथ, कुछ शब्दों में ‘‘प्रत्यय’’ या ‘‘उपसर्ग’’ जुड़े होते हैं जिनका अर्थ ‘‘ना’’ होता है, जैसे ***ना***खुश, ***अ***संभव, ***अन*** कुछ अन्य प्रकार के शब्दों का नकारात्मक अर्थ भी होता है, जैसे "अभाव" या "अस्वीकार", या "लड़ाई" या "बुराई"। । +नकारात्मक शब्द वे शब्द होते हैं जिनमें ‘‘नही’’ का भाव मौजुद रहता है। उदाहरणत: ‘‘नही’’, ‘‘ना’’, ‘‘कोई नही’’, ‘‘कहीं नही’’, ‘‘कभी नही’’, ‘‘या नही’’ ‘‘बिना’’ इत्यादि। साथ ही साथ, कुछ शब्दों में ‘‘प्रत्यय’’ या ‘‘उपसर्ग’’ जुड़े होते हैं जिनका अर्थ ‘‘ना’’ होता है, जैसे **ना**खुश, **अ**संभव, **अन** कुछ अन्य प्रकार के शब्दों का नकारात्मक अर्थ भी होता है, जैसे "अभाव" या "अस्वीकार", या "लड़ाई" या "बुराई"। दो नकारात्मकताएँ तब उत्पन्न होती है जब किसी कथन में दो शब्द ‘‘नही’’ के अर्थ को प्रकट करते हैं। -> यह ***नही*** कि हमें अधिकार ***नही*** … (2 थिस्सलुनीकियों 3:9 ULB) +> यह **नही** कि हमें अधिकार **नही** … (2 थिस्सलुनीकियों 3:9 यूएलबी) +> +>नियुक्ति बिना शपथ नहीं हुई। (इब्रानियों 7:20 यूएलबी) +> +> निश्‍चय जानो, बुरा मनुष्य **नि**र्दोष **न** ठहरेगा (नीतिवचन 11:21 यूएलबी) -
और इसलिये कि मसीह की नियुक्ति ***बिना*** शपथ ***नहीं*** हुर्इ। (इब्रानियों 7:20 ULB)
- -> निश्‍चय जानो, बुरा मनुष्य ***नि***र्दोष ***न*** ठहरेगा (नीतिवचन 11:21 ULB) - -### कारण यह अनुवाद की समस्या है +#### कारण यह एक अनुवाद मुद्दा है दोहरा नकारात्मकताओं का अर्थ विभिन्न भाषाओं में अलग अलग होता है: @@ -25,34 +25,34 @@ ### बाइबल से उदाहरण -> .... ताकि ***नि***“ ष्फल ***न*** रहें (तीतुस 3:14 ULB) +> .... ताकि **नि**ष्फल **न** रहें (तीतुस 3:14 यूएलबी) इसका अर्थ है ‘‘कि वे फलवंत बनें’’ -> सब कुछ उसी के द्वारा उत्पन्न हुआ और जो कुछ उत्पन्न हुआ है, उसमें से ***कोर्इ भी*** वस्तु उसके ***बिना*** उत्पन्न न हुर्इ (युहन्ना 1:3 ULB) +>सब कुछ उसी के द्वारा उत्पन्न हुआ और जो कुछ उत्पन्न हुआ है, उसमें से **कोई भी** वस्तु उसके **बिना** उत्पन्न न हुई (युहन्ना 1:3 यूएलबी) दोहरे नकारात्मकताओं का उपयोग कर, यूहन्ना बता रहा है कि परमेश्वर के पुत्र ने ही सब कुछ बनाया है, दोहरे नकारात्मक सरल सकारात्मक की तुलना में अधिक मजबूत बयान देते है। -### अनुवाद रणनीति +### अनुवाद की रणनीतियाँ यदि दो नकारात्मकताएँ स्वाभाविक हैं और आपकी भाषा में यह सकारात्मकता को बताती है, तो उनका उपयोग करें। अन्यथा, निम्न रणनीतियों को अपना सकते हैं: -1. यदि बाइबल में उपयोग की गर्इ दो नकारात्मकताओं का उद्देश्य केवल सकारात्मकता को प्रकट करना है और आपकी भाषा में ऐसा नही होता है, तो दोनो नकारात्मकताओं को हटा दें जिससे यह सकारात्मक बन जाएगा -1. यदि बाइबल में उपयोग की गर्इ दो नकारात्मकताओं का उद्देश्य एक शक्तिशाली सकारात्मक वाक्य बनाना है और आपकी भाषा में ऐसा नही होता है, तो दोनो नकारात्मकताओं को हटा दें और ‘‘बहुत’’ या ‘‘निश्चय तौर पर’’ जैसे शब्दों को जोड़ दें +(1) यदि बाइबल में उपयोग की गई दो नकारात्मकताओं का उद्देश्य केवल सकारात्मकता को प्रकट करना है और आपकी भाषा में ऐसा नही होता है, तो दोनो नकारात्मकताओं को हटा दें जिससे यह सकारात्मक बन जाएगा। +(2) यदि बाइबल में उपयोग की गई दो नकारात्मकताओं का उद्देश्य एक शक्तिशाली सकारात्मक वाक्य बनाना है और आपकी भाषा में ऐसा नही होता है, तो दोनो नकारात्मकताओं को हटा दें और ‘‘बहुत’’ या ‘‘निश्चय तौर पर’’ जैसे शब्दों को जोड़ दें। -### अनुवाद रणनीति प्रयोग के उदाहरण +### अनुवाद के लिए लागू की गई रणनीतियों के उदाहरण -1. यदि बाइबल में उपयोग की गर्इ दो नकारात्मकताओं का उद्देश्य केवल सकारात्मकता को प्रकट करना है और आपकी भाषा में ऐसा नही होता है, तो दोनो नकारात्मकताओं को हटा दें जिससे यह सकारात्मक बन जाएगा +(1) यदि बाइबल में उपयोग की गई दो नकारात्मकताओं का उद्देश्य केवल सकारात्मकता को प्रकट करना है और आपकी भाषा में ऐसा नही होता है, तो दोनो नकारात्मकताओं को हटा दें जिससे यह सकारात्मक बन जाएगा। -> **क्योंकि हमारा ऐसा महायाजक ***नहीं***, जो हमारी निर्बलताओं में हमारे साथ दुखी ***न*** हो सके** (इब्रानियों 4:15 ULB) +> क्योंकि हमारा ऐसा महायाजक **नहीं**, जो हमारी निर्बलताओं में हमारे साथ दुखी **न** हो सके (इब्रानियों 4:15 यूएलबी) >> ’’क्योंकि हमारा ऐसा महायाजक है जो हमारी निर्बलताओं में हमारे साथ दुखी होता है’’ - -> **.... ताकि वे ***नि*** ष्फल ***न*** रहें** (तीतुस 3:14 ULB) +> +> .... ताकि वे **नि** ष्फल **न** रहें (तीतुस 3:14 यूएलबी) >> ‘‘.... ताकि वे फलदायक बनें’’ +> +(2) यदि बाइबल में उपयोग की गई दो नकारात्मकताओं का उद्देश्य एक शक्तिशाली सकारात्मक वाक्य बनाना है और आपकी भाषा में ऐसा नही होता है, तो दोनो नकारात्मकताओं को हटा दें और ‘‘बहुत’’ या ‘‘निश्चय तौर पर’’ जैसे शब्दों को जोड़ दें। -(2) यदि बाइबल में उपयोग की गर्इ दो नकारात्मकताओं का उद्देश्य एक शक्तिशाली सकारात्मक वाक्य बनाना है और आपकी भाषा में ऐसा नही होता है, तो दोनो नकारात्मकताओं को हटा दें और ‘‘बहुत’’ या ‘‘निश्चय तौर पर’’ जैसे शब्दों को जोड़ दें। - ->** निश्‍चय जानो - बुरा मनुष्य ***नि***र्दोष ***न*** ठहरेगा...** (नीतिवचन 11:21 ULB) ->>“मैं निश्चय तौर पर कहता हूँ - बुरा मनुष्य ***अवश्य*** दण्ड पाएगा - -> **सब कुछ उसी के द्वारा उत्पन्न हुआ और जो कुछ उत्पन्न हुआ है, उस में से ***कोर्इ*** भी वस्तु उसके ***बिना*** उत्पन्न न हुर्इ** (युहन्ना 1:3 ULB) +>** निश्‍चय जानो - बुरा मनुष्य **नि**र्दोष **न** ठहरेगा...** (नीतिवचन 11:21 यूएलबी) +>>“मैं निश्चय तौर पर कहता हूँ - बुरा मनुष्य **अवश्य** दण्ड पाएगा +> +> ** सब कुछ उसी के द्वारा उत्पन्न हुआ और जो कुछ उत्पन्न हुआ है, उस में से **कोई** भी वस्तु उसके **बिना** उत्पन्न न हुई ** (युहन्ना 1:3 यूएलबी) >> ‘‘सब कुछ उसी के द्वारा उत्पन्न हुआ’’ जो कुछ बना है, वह सब उसके द्वारा बनाया गया है diff --git a/translate/figs-doublet/01.md b/translate/figs-doublet/01.md index d9119de..e5b5aea 100644 --- a/translate/figs-doublet/01.md +++ b/translate/figs-doublet/01.md @@ -1,50 +1,53 @@ -### विवरण +### वर्णन -हम ‘‘दोहरात्मक शब्द का उपयोग दो शब्दों या छोटे कथनों को करते हैं जिनका अर्थ समान है, एकदम करीब होते हैं और एक साथ उपयोग किए जाते हैं। ये शब्द अक्सर ‘‘और’’ से जुड़े होते हैं। अक्सर उनका उपयोग दो शब्दों के द्वारा प्रकट अर्थों पर बल देने के लिए किया जाता है। +हम दो शब्दों या वाक्यांशों को संदर्भित करने के लिए "दोहरात्मक" शब्द का उपयोग कर रहे हैं जो एक साथ उपयोग किए जाते हैं और जिनका अर्थ समान है, एकदम करीब होते हैं। ये शब्द अक्सर ‘‘और’’ से जुड़े होते हैं। इसके विपरीत,[हेन्डियडिस](../figs-hendiadys/01.md) जिसमें एक शब्द दूसरे को संशोधित करता है, दोहरात्मक में दो शब्द या वाक्यांश समान होते हैं और उनका उपयोग दो शब्दों या वाक्यांशों के द्वारा प्रकट अर्थों पर बल देने के लिए किया जाता है। -### कारण यह अनुवाद की समस्या है +### कारण यह एक अनुवाद मुद्दा है -कुछ भाषाओं में, लोग दोहरात्मक का उपयोग नही करते हैं। या वे दोहरात्मक का उपयोग तो करते हैं परंतु केवल कुद परिस्थितियों में, अत: कुछ पदों के लिए, उनकी भाषा में दोहरात्मक का कोर्इ अर्थ नही निकलता है। दोनों मामलों में, अनुवादकों को दोहरात्मक के द्वारा प्रकट अर्थ को किसी और तरीके से समझना जरूरी है। +कुछ भाषाओं में, लोग दोहरात्मक का उपयोग नही करते हैं। या वे दोहरात्मक का उपयोग तो करते हैं परंतु केवल कुछ परिस्थितियों में, अत: कुछ पदों के लिए, उनकी भाषा में दोहरात्मक का कोई अर्थ नही निकलता है। लोग सोच सकते हैं कि पदों में दो विचारों या कार्यों का वर्णन कर रही है, जब यह केवल एक का वर्णन कर रहा है। दोनों मामलों में, अनुवादकों को दोहरात्मक के द्वारा प्रकट अर्थ को किसी और तरीके से समझना जरूरी है। ### बाइबल से उदाहरण ->दाऊद राजा ***बूढ़ा*** और *** उसकी आयु बहुत बढ़ गई थी *** (1 राजा 1:1 ULB) +> “तेरे राज्य के सब प्रान्तों में रहनेवाले देश-देश के लोगों के मध्य में **तितर-बितर** और **छिटकी** हुई एक जाति है, (एस्तेर 3:8 यूएलबी) -रेखांकित शब्दों का अर्थ समान है। दोनों शब्दों का अर्थ है ‘‘बहुत बूढ़ा’’ +बोल्ड शब्दों का एक ही मतलब है। साथ में उनका मतलब है कि लोग बाहर फैले हुए थे। ->... उसने ... अपने से ***अधिक धर्मी*** और ***भले*** दो पुरुषों पर, ... पर टूटकर.... (1 राजा 2:32 ULB) +>दाऊद के बिना जाने अपने से **अधिक धर्मी** और **भले** दो पुरुषों पर, ... टूटकर उनको तलवार से मार डाला था। (1 राजा 2:32 यूएलबी) इसका अर्थ है कि वे उससे ‘‘बहुत अधिक धर्मी’’ थे। ->तुमने... ***झूठी*** और ***गपशप*** की बातें ....गोष्ठी की है (दानिय्येल 2:9 ULB) +>तुम ने गोष्ठी की होगी कि जब तक समय न बदले, तब तक हम राजा के सामने **झूठी** और **गपशप** की बातें कहा करेंगे।(दानिय्येल 2:9 यूएलबी) -इसका अर्थ है कि उन्होंने झूठ बोलने का फैसला किया था, जो यह कहने का एक और तरीका है कि उनका इरादा लोगों को धोखा देने का था। +इसका अर्थ है कि उन्होने ‘‘बहुत सारी झूठी बातें’’ कहने की तैयारी कर रखी थी। ->....पर ***निर्दोष*** और ***निष्कलंक*** मेम्ने (1 पतरस 1:19 ULB) +>... पर **निर्दोष** और **निष्कलंक** मेम्‍ने (1 पतरस 1:19 यूएलबी) -इसका अर्थ है कि वह एक ऐसा मेमना था जिसमें कोर्इ दोष नही था - एक भी नही। +इसका अर्थ है कि वह एक ऐसा मेमना था जिसमें कोई दोष नही था - एक भी नही। ### अनुवाद रणनीति -यदि आपकी भाषा में दोहरात्मक का उपयोग सामान्य है और सही अर्थ बताता है, उसका उपयोग करें। अन्यथा, इन रणनीतियों पर विचार करें । +यदि आपकी भाषा में दोहरात्मक का उपयोग सामान्य है और सही अर्थ बताता है, उसका उपयोग करें। अन्यथा, इन रणनीतियों पर विचार करें। -1. केवल एक शब्द का अनुवाद करें -1. यदि दोहरात्मक का उपयोग अर्थ पर बल देने के लिए किया गया है, तो दोनों में से एक का अनुवाद करें और उस शब्द के साथ ‘‘बहुत’’, -’’अधिक’’, ‘‘कर्इ’’ जैसे शब्दों को जोड़कर बल दें। -1. यदि दोहरात्मक का उपयोग अर्थ पर बल देने के लिए किया गया है, तो अपनी भाषा में से किसी तरीके का उपयोग करें +(1) केवल एक शब्द या वाक्यांश का अनुवाद करें +(2) यदि दोहरात्मक का उपयोग अर्थ पर बल देने के लिए किया गया है, तो दोनों में से एक शब्द या वाक्यांश का अनुवाद करें और उस शब्द के साथ ‘‘बहुत’’, या ’’अधिक’’, ‘‘कई’’ जैसे शब्दों को जोड़कर बल दें। +(3) यदि दोहरात्मक का उपयोग अर्थ पर बल देने के लिए किया गया है, तो अपनी भाषा के तरीकों में से एक का उपयोग करें। -### अनुवाद रणनीति प्रयुक्त +### अनुवाद के लिए लागू की गई रणनीतियाँ -1. दोनों में से एक शब्द का अनुवाद करें +(1) केवल एक शब्द का अनुवाद करें -> **तुमने .... ***झूठी*** और ***गपशप*** की बातें .... गोष्ठी की है** (दानिय्येल 2:9 ULB) ->> ‘‘तुमने ***झूठी*** बातें .... गोष्ठी की है’’ +>तुम ने गोष्ठी की होगी कि जब तक समय न बदले, तब तक हम राजा के सामने **झूठी** और **गपशप** की बातें कहा करेंगे।(दानिय्येल 2:9 यूएलबी) +>> ‘‘तुमने **झूठी** बातें .... गोष्ठी की है’’ -(2)यदि दोहरात्मक का उपयोग अर्थ पर बल देने के लिए किया गया है, तो दोनों में से एक का अनुवाद करें और उस शब्द के साथ ‘‘बहुत’’, -’’अधिक’’, ‘‘कर्इ’’ जैसे शब्दों को जोड़कर बल दें +(2) यदि दोहरात्मक का उपयोग अर्थ पर बल देने के लिए किया गया है, तो दोनों में से एक शब्द का अनुवाद करें और उस शब्द के साथ ‘‘बहुत’’, या ’’अधिक’’, ‘‘कई’’ जैसे शब्दों को जोड़कर बल दें। -> ** दाऊद राजा ***बूढ़ा*** और *** उसकी आयु बहुत बढ़ गई थी *** ** (1 राजा 1:1 ULB) ->> ‘‘दाऊद राजा ***बहुत बूढ़ा*** हुआ’’ +>“तेरे राज्य के सब प्रान्तों में रहनेवाले देश-देश के लोगों के मध्य में **तितर-बितर** और **छिटकी हुई** एक जाति है, (एस्तेर 3:8 यूएलबी) +>>"उनके पास एक व्यक्ति **बहुत फैला हुआ** है।" -(3) यदि दोहरात्मक का उपयोग अर्थ पर बल देने के लिए किया गया है, तो अपनी भाषा में से किसी तरीके का उपयोग करें +(3) यदि दोहरात्मक का उपयोग अर्थ पर बल देने के लिए किया गया है, तो अपनी भाषा के तरीकों में से एक का उपयोग करें। -> **....पर ***निर्दोष*** और ***निष्कलंक*** मेम्ने...** (1 पतरस 1:19 ULB) - अंग्रेजी में ‘‘any’’ एवं ‘‘at all’’ जैसे शब्दों से इस पर बल दिया जा सकता है ->> ‘‘...पर ***बिल्कुल निर्दोष*** मेम्ने... +>... पर **निर्दोष** और **निष्कलंक** मेम्‍ने (1 पतरस 1:19 यूएलबी) +> +>* अंग्रेजी "किसी भी" और "बिल्कुल" पर जोर दे सकती है। +> +>>"... एक मेम्‍ने की तरह **बिना किसी दोष के**। diff --git a/translate/figs-doublet/sub-title.md b/translate/figs-doublet/sub-title.md index 1c2a345..ca03bce 100644 --- a/translate/figs-doublet/sub-title.md +++ b/translate/figs-doublet/sub-title.md @@ -1 +1 @@ -दोहरात्मक क्या होते हैं और मैं उनका अनुवाद कैसे करूँ? +दोहरात्मक क्या होते हैं और मैं उनका अनुवाद कैसे करूँ? \ No newline at end of file diff --git a/translate/figs-doublet/title.md b/translate/figs-doublet/title.md index 783806c..127651b 100644 --- a/translate/figs-doublet/title.md +++ b/translate/figs-doublet/title.md @@ -1 +1 @@ -दोहरात्मक +दोहरात्मक \ No newline at end of file diff --git a/translate/figs-ellipsis/01.md b/translate/figs-ellipsis/01.md index 8c080cc..2bb1f17 100644 --- a/translate/figs-ellipsis/01.md +++ b/translate/figs-ellipsis/01.md @@ -1,40 +1,69 @@ -### विवरण +### वर्णन -पदन्यूनता उस समय होता है जब वक्ता या लेखक एक या अधिक शब्दों को लिखते वक्त छोड़ देता है क्योंकि उसे पता है कि श्रोता या पाठक वाक्य के पूरे अर्थ को समझ लेंगे और उसे सुनते या पढ़ते वक्त अपने मन में वह शब्द भर लेंगे। छोड़ी गर्इ सूचना को पहले वाक्य में कहा जा चुका होता है। +पदन्यूनता तब होता है जब एक वक्ता या लेखक एक या अधिक शब्द छोड़ देता है जो सामान्य रूप से वाक्य में होना चाहिए। वक्ता या लेखक ऐसा इसलिए करता है क्योंकि उसे पता है कि श्रोता या पाठक वाक्य के पूरे अर्थ को समझ लेंगे और उसे सुनते या पढ़ते वक्त अपने मन में वह शब्द भर लेंगे। उदाहरण के लिए: -> इस कारण दुष्ट लोग अदालत में स्थिर न रह सकेंगे, ***न पापी धर्मियों की मण्डली में ठहरेंगे*** (भजन संहिता 1:5) +>  इस कारण दुष्ट लोग अदालत में स्थिर न रह सकेंगे, और **न पापी धर्मियों की मण्डली में ठहरेंगे**; (भजन संहिता 1:5) -यह पदन्यूनता है क्योंकि ‘‘न पापी धर्मियों की मण्डली में’’ संपूर्ण वाक्य नही है। वक्ता अनुमान लगाता है कि श्रोता पिछले वाक्य के आधार पर अपने आप अपने मन इस बात का अर्थ पता लगा लेंगे कि एक पापी धर्मियों की मण्डली में क्या नही कर पाएगा। +यह पदन्यूनता है क्योंकि ‘‘न पापी धर्मियों की मण्डली में’’ संपूर्ण वाक्य नही है। वक्ता अनुमान लगाता है कि श्रोता पिछले वाक्य के आधार पर अपने आप अपने मन इस बात का अर्थ पता लगा लेंगे कि एक पापी धर्मियों की मण्डली में क्या नही कर पाएगा। भरी हुई कार्रवाई के साथ, पूरा वाक्य समाप्त हो जाएगा: -अपूर्ण वाक्यों य कथनों को देखने वाले पाठक छुटी सूचना को नही जान पाएँगे, यदि वे अपनी भाषा में पदन्यूनता का उपयोग नही करते हैं। +>>न ही पापी धर्मियों की सभा में **खड़े** **होंगे**। -### कारण यह अनुवाद की समस्या है +#### पदन्यूनता के दो प्रकार है -मनुष्य ने अधूरा उत्तर दिया क्योंकि वह विनम्र रहना चाहता और प्रभु से सीधा चंगार्इ नही माँगना चाहता था। वह जानता था कि वह तभी देखने योग्य हो सकता था यदि यीशु उसे चंगा करते। +1. एक सापेक्ष पदन्यूनता तब होता है जब पाठक को संदर्भ से छोड़े गए शब्द या शब्दों की आपूर्ति करनी होती है।आमतौर पर शब्द पिछले वाक्य में है, जैसा कि ऊपर दिए गए उदाहरण में है। +2. एक निरपेक्ष पदन्यूनता तब होता है जब छोड़े गए शब्द या शब्द संदर्भ में नहीं होते हैं, लेकिन वाक्यांश सामान्य भाषा में पर्याप्त होते हैं कि पाठक से यह आपूर्ति करने की अपेक्षा की जाती है कि इस सामान्य उपयोग से या स्थिति की प्रकृति से क्या छुटी है। + +#### कारण यह एक अनुवाद मुद्दा है + +अपूर्ण वाक्यों य वाक्यांशों को देखने वाले पाठकों को यह पता नहीं चल सकता है कि छुटी जानकारी है जो लेखक को उनसे भरने की उम्मीद है। या पाठक समझ सकते हैं कि जानकारी गायब है, लेकिन वे नहीं जान सकते हैं कि कौन सी जानकारी छुटी है क्योंकि वे मूल बाइबल भाषा, संस्कृति या स्थिति को नहीं जानते हैं जैसा कि मूल पाठकों ने किया था। इस मामले में, वे गलत जानकारी भर सकते हैं। या पाठक पदन्यूनता को गलत समझ सकते हैं यदि वे अपनी भाषा में उसी तरह पदन्यूनता का उपयोग नहीं करते हैं। ### बाइबल से उदाहरण -लेखक अपने शब्दों को संक्षिप्त रखना और अच्छा काव्य रूप देना चाहता है। उसने यह नही कहा कि यहोवा शिर्योन को जंगली बछड़े के समान उछालता है, क्योंकि उसे पता है कि पाठक स्वयं इस जानकारी को समझ लेंगे। +#### सापेक्ष पदन्यूनता ->वह लबानोन को बछड़े की नार्इ उछालता है और शिर्योन को जंगली बछड़े के समान (भजन संहिता 29:6 ULB) +>वह लबानोन को बछड़े के समान और **सिर्योन को सांड के समान** उछालता है।(भजन संहिता 29:6 यूएलबी) -यदि आपकी भाषा में पदन्यूनता का उपयोग सामान्य है और सही अर्थ देता है, तो इसका उपयोग करें। अन्यथा, अन्य विकल्प निम्न हैं: +लेखक अपने शब्दों को संक्षिप्त रखना और अच्छा काव्य रूप देना चाहता है। भरी गई जानकारी के साथ पूरा वाक्य होगा: -1. अपूर्ण वाक्यों या कथनों में गायब शब्दों को भरें +>>वह लबानोन को बछड़े के समान और सिर्योन को बछड़े के समान **उछालता है** +> +> इसलिए ध्यान से देखो, कि कैसी चाल चलते हो; **निर्बुद्धियों के समान नहीं पर बुद्धिमानों के समान चलो**। (इफिसियों 5:15) -* **.... जब वह निकट आया, तो यीशु ने उससे पूछा, ‘‘तू क्या चाहता है, कि मैं तेरे लिये करूं?’’ उसने कहा; हे प्रभु यह कि मैं देखने लगूँ ** (लूका 18:40-41 ULB) +पाठक को इन वाक्यों के दूसरे भागों में समझने वाली जानकारी को पहले भागों से भरा जा सकता है: -### अनुवाद रणनीति +ध्यान से देखें, अतः, आप कैसे चलते हैं - **चलना** निर्बुद्धि नहीं, बल्कि **चलना**, जैसा कि बुद्धिमान, -### अनुवाद रणनीति प्रयोग के उदाहरण +#### निरपेक्ष पदन्यूनता -1. अपूर्ण वाक्यों या कथनों में गायब शब्दों को भरें +> जब वह निकट आया, तो उसने उससे यह पूछा, तू क्या चाहता है, “मैं तेरे लिये करूँ?” उसने कहा, “हे प्रभु, **यह कि मैं देखने लगूँ**।”(लूका 18:40-41 यूएलबी) -> **इस कारण दुष्ट लोग अदालत में स्थिर न रह सकेंगे, न पापी धर्मियों की मण्डली में** (भजन संहिता 1:5) ->> .... दुष्ट लोग अदालत में स्थिर न रह सकेंगे, न पापी धर्मियों की मण्डली में** खड़े रह सकेंगे +ऐसा लगता है कि आदमी ने अधूरा वाक्य में जवाब दिया क्योंकि वह विनम्र होना चाहता था और सीधे यीशु से चंगाई के लिए नहीं पूछता था।वह जानता था कि यीशु समझेंगे कि उनकी दृष्टि को प्राप्त करने का एकमात्र तरीका यीशु के लिए उन्हें ठीक करना होगा। पूरा वाक्य होगा: -> ..... जब वह निकट आया, तो यीशु ने उससे पूछा, ‘‘तू क्या चाहता है, कि मैं तेरे लिये करूं?’’ उसने कहा; हे प्रभु यह कि मैं देखने लगूँ (लूका 18:40-41 ULB) ->> ....जब अंधा निकट आया, तो यीशु ने उससे पूछा, ‘‘तू क्या चाहता है, कि मैं तेरे लिये करूं?’’ उसने कहा; हे प्रभु मैं चाहता हूँ तू मुझे चंगा कर कि मैं देखने लगूँ’’ +>> "प्रभु **मैं चाहता हूँ कि तू मुझे चंगा करे ताकि** मैं अपनी दृष्टि प्राप्त कर सकूं।” +> +> तीतुस के नाम ... **परमेश्‍वर पिता और हमारे उद्धारकर्ता मसीह यीशु की ओर से तुझे अनुग्रह और शान्ति होती रहे।** (तीतुस 1:4 यूएलबी) -> **वह लबानोन को बछड़े की नार्इ उछालता है और शिर्योन को जंगली बछड़े के समान** (भजन संहिता 29:6) ->> वह लबानोन को बछड़े की नार्इ उछालता है और वह शिर्योन को जंगली बछड़े के समानउछालता है +लेखक मानता है कि पाठकआशीर्वाद या इच्छा के इस सामान्य रूप को पहचानेंगे, इसलिए उसे पूरा वाक्य शामिल करने की आवश्यकता नहीं है, जो होगा: + +>> तीतुस को…आप परमेश्वर पिता और मसीह यीशु से हमारे उद्धारकर्ता की अनुग्रह और शान्ति **प्राप्त करें**। + +### अनुवाद की रणनीतियाँ + +यदि पदन्यूनता आपकी भाषा में स्वाभाविक है और सही अर्थ देगा, तो इसका उपयोग करने पर विचार करें। यदि नहीं, तो यहां एक और विकल्प है: + +(1)अधूरे वाक्यांश या वाक्य में छूटी शब्द जोड़ें। + +### अनुवाद के लिए लागू की गई रणनीतियों के उदाहरण + +(1)अधूरे वाक्यांश या वाक्य में छूटी शब्द जोड़ें। + +> इस कारण दुष्ट लोग अदालत में स्थिर न रह सकेंगे, और **न पापी धर्मियों की मण्डली में ठहरेंगे**; (भजन संहिता 1:5) +>> इस कारण दुष्ट लोग अदालत में स्थिर न रह सकेंगे, और **पापी धर्मियों की सभा में नहीं खड़े होंगे**। +> +> जब वह निकट आया, तो उसने उससे यह पूछा, तू क्या चाहता है, “मैं तेरे लिये करूँ?” उसने कहा, “हे प्रभु, **यह कि मैं देखने लगूँ**।”(लूका 18:40-41) +> +>> जब वह निकट आया, तो उसने उससे यह पूछा, तू क्या चाहता है, “मैं तेरे लिये करूँ?” उसने कहा, "प्रभु **मैं चाहता हूँ कि तू मुझे चंगा करे** ताकि मैं अपनी दृष्टि प्राप्त कर सकूं।” +> +>>वह लबानोन को बछड़े के समान और **सिर्योन को सांड के समान** उछालता है।(भजन संहिता 29:6) +> +>>वह लबानोन को बछड़े के समान और सिर्योन को बछड़े के समान **उछालता है** diff --git a/translate/figs-ellipsis/sub-title.md b/translate/figs-ellipsis/sub-title.md index 336649b..e3e4de0 100644 --- a/translate/figs-ellipsis/sub-title.md +++ b/translate/figs-ellipsis/sub-title.md @@ -1 +1 @@ -पदन्यूनता क्या है? +पदन्यूनता क्या है? diff --git a/translate/figs-euphemism/01.md b/translate/figs-euphemism/01.md index 87c6fb3..7b4ef69 100644 --- a/translate/figs-euphemism/01.md +++ b/translate/figs-euphemism/01.md @@ -1,4 +1,3 @@ - ### वर्णन शिष्टोक्ति किसी अप्रिय, दुखी करने वाली या सामाजिक तौर पर अमान्य बात को मृदुल अथवा विनम्र तरीके के कहने का तरीका है, जैसे कि मृत्यु या चुपके से की जाने वाली बातें। @@ -7,7 +6,7 @@ >.... उनको शाऊल और उसके पुत्र गिलबो पहाड़ पर पड़े हुए मिले (1 इतिहास 10:8 ULB) -इसका अर्थ है कि शाऊल और उसके पुत्र ‘‘मर चुके थे’’। यह शिष्टोक्ति है क्योंकि महत्वपूर्ण यह नही था कि शाऊल और उसके पुत्र पड़े हुए थे परंतु यह कि वे मर चुके थे। कभी कभार लोग ऐसी बातें सीधे बोलना पसंद नही करते हैं क्योंकि वे अप्रिय होती हैं। +इसका अर्थ है कि शाऊल और उसके पुत्र ‘‘मर चुके थे’’। यह शिष्टोक्ति है क्योंकि महत्वपूर्ण यह नही था कि शाऊल और उसके पुत्र पड़े हुए थे परंतु यह कि वे मर चुके थे। कभी कभार लोग ऐसी बातें सीधे बोलना पसंद नही करते हैं क्योंकि वे अप्रिय होती हैं। ### कारण यह अनुवाद की समस्या है @@ -21,7 +20,7 @@ >मरियम ने स्वर्गदूत से कहा, यह क्योंकर होगा? मैं तो पुरूष को जानती ही नहीं (लूका 1:34 ULB) - िनम्रता दिखाने** के लिए, मरियम शिष्टोक्ति को उपयोग कर, कह रही है कि उसने कभी भी किसी पुरूष के साथ लैंगिक संबंध नही बना हैं। +** विनम्रता दिखाने** के लिए, मरियम शिष्टोक्ति को उपयोग कर, कह रही है कि उसने कभी भी किसी पुरूष के साथ लैंगिक संबंध नही बना हैं। ### अनुवाद रणनीति @@ -35,16 +34,12 @@ 1. अपनी संस्कृति की शिष्टोक्ति के शब्द का उपयोग करें * **... जहाँ एक गुफा थी तब शाऊल दिशा फिरने को उसके भीतर गया** (1 शमूएल 24:3 ULB) - कुछ भाषाएँ निम्न शिष्टोक्ति का उपयोग कर सकती हैं: - - * .... जहाँ गुफा थी तब शाऊल बड़ा गड्ढ़ा खोदने उसके भीतर गया - * .... जहाँ गुफा थी तब शाऊल थोड़ा समय अकेले में बिताने उसके भीतर गया - + * .... जहाँ गुफा थी तब शाऊल बड़ा गड्ढ़ा खोदने उसके भीतर गया + * .... जहाँ गुफा थी तब शाऊल थोड़ा समय अकेले में बिताने उसके भीतर गया * **मरियम ने स्वर्गदूत से कहा, यह क्योंकर होगा? मैं तो पुरूष को जानती ही नहीं** (लूका 1:34 ULB)/ - - * मरियम ने स्वर्गदूत से कहा, यह क्योंकर होगा, क्योंकि मैं किसी पुरूष को नही जानती + * मरियम ने स्वर्गदूत से कहा, यह क्योंकर होगा, क्योंकि मैं किसी पुरूष को नही जानती 1. यदि किसी को ठेस न पहुँचे तो शिष्टोक्ति का उपयोग किए बगैर, उसका सीधा अर्थ लिखें * **तब उनको शाऊल और उसके पुत्र गिलबो पहाड़ पर पड़े हुए मिले** (1 इतिहास 10:8 ULB) - - * तब उनको शाऊल और उसके पुत्र गिलबो पहाड़ पर मरे हुए मिले + * तब उनको शाऊल और उसके पुत्र गिलबो पहाड़ पर मरे हुए मिले diff --git a/translate/figs-events/01.md b/translate/figs-events/01.md index 7d41d99..5307d0c 100644 --- a/translate/figs-events/01.md +++ b/translate/figs-events/01.md @@ -1,15 +1,14 @@ - ### वर्णन बाइबल में घटनाओं को उनके घटे हुए क्रम में लिखा गया है। कर्इ बार लेखक किसी एक घटना के बारे में बताना चाहता है जो बतार्इ जा रही घटना से बहुत समय पहले घटी थी। इससे पाठक असमंजस में पड़ सकते हैं। - ारण यह अनुवाद की समस्या है:** पाठक सोच सकते हैं कि घटनाएँ उसी क्रम में घटी हैं जैसे उन्हे बताया गया है। उन्हे घटना का सही क्रम जानना बहुत जरूरी है। +** कारण यह अनुवाद की समस्या है:** पाठक सोच सकते हैं कि घटनाएँ उसी क्रम में घटी हैं जैसे उन्हे बताया गया है। उन्हे घटना का सही क्रम जानना बहुत जरूरी है। ### बाइबल से उदाहरण > इसलिये हेरोदेस ने ....यूहन्ना को बन्दीगृह में डाल दिया जब सब लोगों ने बपतिस्मा लिया, और यीशु भी बपतिस्मा लेकर... (लूका 3:20-21 ULB) -इसको पढ़कर लग सकता है कि यूहéा के कैद होने के बाद यीशु का बपतिस्मा हुआ परंतु वास्तव में कैद से पहले उसने यीशु को बपतिस्मा दिया था। +इसको पढ़कर लग सकता है कि यूहéा के कैद होने के बाद यीशु का बपतिस्मा हुआ परंतु वास्तव में कैद से पहले उसने यीशु को बपतिस्मा दिया था। >जब यहोशू ये बातें लोगों से कह चुका, तो वे सात याजक जो यहोवा के साम्हने सात नरसिंगे लिये हुए थे नरसिंगे फूंकते हुए चले... और यहोशू ने लोगों को आज्ञा दी, तब तक जयजयकार न करो, कि जब तक मैं तुम्हें जयजयकार करने की आज्ञा न दूं, तुम्हारा कोर्इ शब्द सुनने में न आए आज्ञा पाते ही जयजयकार करना’’ (यहोशू 6:8-10 ULB) @@ -25,7 +24,8 @@ 1. यदि आपकी भाषा में क्रियायों के काल या संबंधित शब्दों का उपयोग आमतौर पर किया जाता है जहाँ बतार्इ जा रही घटना के साथ पिछली घटनाओं को भी बताया जाता है, तो इस तरीके का उपयोग करें ([Verbs](../figs-verbs/01.md) के पहलूओं के सेक्शन को देखें) -1. यदि आपकी भाषा घटनाओं को उनके समयानुक्रम में बताने को महत्व देती है तो घटनाओं को उसी क्रम में लिखें। +1. यदि आपकी भाषा घटनाओं को उनके समयानुक्रम में बताने को महत्व देती है तो घटनाओं को उसी क्रम में लिखें। + इसमें दो या तीन पदों को एक साथ लिखने की जरूरत पड़ सकती है (जैसे 5-6) (देखें: [Verse Bridges](../translate-versebridge/01.md)) ### अनुवाद रणनीति प्रयोग के उदाहरण @@ -33,27 +33,20 @@ 1. यदि आपकी भाषा में ऐसे कथनों या समय के शब्दों का उपयोग आमतौर पर किया जाता है जहाँ बतार्इ जा रही घटना के साथ पिछली घटनाओं को भी जोड़कर बताया जाता है, तो इस तरीके का उपयोग करें * **20इसलिये हेरोदेस ने ....यूहन्ना को बन्दीगृह में डाल दिया। 21जब सब लोगों ने बपतिस्मा लिया, और यीशु भी बपतिस्मा लेकर प्रार्थना कर रहा था, तो आकाश खुल गया** (लूका 3:20-21 ULB) - - * 20इसलिये हेरोदेस ने ....यूहन्ना को बन्दीगृह में डाल दिया। 21यूहéा के कैद में जाने से पहले, जब सब लोगों ने बपतिस्मा लिया, और यीशु भी बपतिस्मा लेकर...। - + * 20इसलिये हेरोदेस ने ....यूहन्ना को बन्दीगृह में डाल दिया। 21यूहéा के कैद में जाने से पहले, जब सब लोगों ने बपतिस्मा लिया, और यीशु भी बपतिस्मा लेकर...। * **इस पुस्तक के खोलने और उस की मुहरें तोड़ने के योग्य कौन है** (प्रकाशितवाक्य 5:2 ULB) - - * इस पुस्तक की मुहरें तोड़ने के बाद, उसे खोलने के योग्य कौन है? + * इस पुस्तक की मुहरें तोड़ने के बाद, उसे खोलने के योग्य कौन है? 1. यदि आपकी भाषा में क्रियायों के काल या संबंधित शब्दों का उपयोग आमतौर पर किया जाता है जहाँ बतार्इ जा रही घटना के साथ पिछली घटनाओं को भी बताया जाता है, तो इस तरीके का उपयोग करें * **8और जब यहोशू ये बातें लोगों से कह चुका, तो वे सात याजक जो यहोवा के साम्हने सात नरसिंगे लिये हुए थे नरसिंगे फूंकते हुए चले ... 10 और यहोशू ने लोगों को आज्ञा दी, तब तक जयजयकार न करो, कि जब तक मैं तुम्हें जयजयकार करने की आज्ञा न दूं, तुम्हारा कोर्इ शब्द सुनने में न आए आज्ञा पाते ही जयजयकार करना’’** (यहोशू 6:8-10 ULB) - - * 8और जब यहोशू ये बातें लोगों से कह चुका, तो वे सात याजक जो यहोवा के साम्हने सात नरसिंगे लिये हुए थे नरसिंगे फूंकते हुए चले ... 10 और यहोशू ने लोगों को आज्ञा दे रखी थी कि तब तक जयजयकार न करें, कि जब तक मैं तुम्हें जयजयकार करने की आज्ञा न दूं, तुम्हारा कोर्इ शब्द सुनने में न आए आज्ञा पाते ही जयजयकार करना + * 8और जब यहोशू ये बातें लोगों से कह चुका, तो वे सात याजक जो यहोवा के साम्हने सात नरसिंगे लिये हुए थे नरसिंगे फूंकते हुए चले ... 10 और यहोशू ने लोगों को आज्ञा दे रखी थी कि तब तक जयजयकार न करें, कि जब तक मैं तुम्हें जयजयकार करने की आज्ञा न दूं, तुम्हारा कोर्इ शब्द सुनने में न आए आज्ञा पाते ही जयजयकार करना 1. यदि आपकी भाषा घटनाओं को उनके समयानुक्रम में बताने को महत्व देती है तो घटनाओं को उसी क्रम में लिखें। इसमें दो या तीन पदों को एक साथ लिखने की जरूरत पड़ सकती है (जैसे 5-6) * **8और जब यहोशू ये बातें लोगों से कह चुका, तो वे सात याजक जो यहोवा के साम्हने सात नरसिंगे लिये हुए थे नरसिंगे फूंकते हुए चले ... 10 और यहोशू ने लोगों को आज्ञा दी कि तब तक जयजयकार न करें, कि जब तक मैं तुम्हें जयजयकार करने की आज्ञा न दूं, तुम्हारा कोर्इ शब्द सुनने में न आए आज्ञा पाते ही जयजयकार करना’’** (यहोशू 6:8-10 ULB) - - * 8-10यहोशु ने लोगों को आज्ञा दी, ‘‘जयजयकार न करो। कि जब तक मैं तुम्हें जयजयकार करने की आज्ञा न दूं, तुम्हारा कोर्इ शब्द सुनने में न आए आज्ञा पाते ही जयजयकार करना’’ तब, जैसे यहोशु ने लोगों को आज्ञा दी थी, वे सात याजक, जो यहोवा के साम्हने सात नरसिंगे लिये हुए थे, नरसिंगे फूंकते हुए चले.... - + * 8-10यहोशु ने लोगों को आज्ञा दी, ‘‘जयजयकार न करो। कि जब तक मैं तुम्हें जयजयकार करने की आज्ञा न दूं, तुम्हारा कोर्इ शब्द सुनने में न आए आज्ञा पाते ही जयजयकार करना’’ तब, जैसे यहोशु ने लोगों को आज्ञा दी थी, वे सात याजक, जो यहोवा के साम्हने सात नरसिंगे लिये हुए थे, नरसिंगे फूंकते हुए चले.... * **इस पुस्तक के खोलने और उस की मुहरें तोड़ने के योग्य कौन है** (प्रकाशितवाक्य 5:2 ULB) - - * इस पुस्तक की की मुहर तोड़ने और इसे खोलने के योग्य कौन है? + * इस पुस्तक की की मुहर तोड़ने और इसे खोलने के योग्य कौन है? आप http://ufw.io/figs_events पर वीडियो भी देख सकते हैं। diff --git a/translate/figs-exclamations/01.md b/translate/figs-exclamations/01.md index 91c8e58..00e21d7 100644 --- a/translate/figs-exclamations/01.md +++ b/translate/figs-exclamations/01.md @@ -1,4 +1,3 @@ - ### वर्णन विष्मयाधिबोधक चिन्ह वे शब्द अथवा वाक्य हैं जो चकित होने, खुशी, डर या क्रोध जैसी सशक्त भावनाओं को प्रकट करते हैं। ULB और UDB में, वे आमतौर पर अंत में (!) का उपयोग करते हैं। चिन्ह दिखाता है कि उसमें विष्मय (स्तम्भित होना) है। लोग की बातों के हालात एवं अर्थ यह समझने में हमारी मदद करते हैं कि उनमें कौनसी भावनाएँ मौजूद हैं। @@ -26,7 +25,7 @@ >जब गिदोन ने जान लिया कि वह यहोवा का दूत था । गिदोन कहने लगा, ‘‘हाय, प्रभु यहोवा! मैंने तो यहोवा के दूत को साक्षात देखा है!’’ (न्यायियों 6:22 ULB) -कुछ विष्मयाधिबोधक चिन्ह ‘‘कैसे’’ या ‘‘क्यों’’ जैसे प्रश्नों से शुरू होते हैं, यद्यपि वे प्रश्न नही हैं। नीचे के कथन बताते हैं कि वक्ता इस बात से चकित है कि परमेश्वर के विचार कितने गहरे हैं। +कुछ विष्मयाधिबोधक चिन्ह ‘‘कैसे’’ या ‘‘क्यों’’ जैसे प्रश्नों से शुरू होते हैं, यद्यपि वे प्रश्न नही हैं। नीचे के कथन बताते हैं कि वक्ता इस बात से चकित है कि परमेश्वर के विचार कितने गहरे हैं। > उसके विचार कैसे अथाह, और उसके मार्ग कैसे अगम हैं! (रोमियों 11:33 ULB) @@ -36,7 +35,7 @@ ### अनुवाद रणनीति -1. आपकी भाषा में विष्मयाधिबोधक चिन्ह को यदि क्रिया की जरूरत हैं तो जोड़ें । अक्सर एक अच्छी क्रिया ‘‘है’’ सा ‘‘हैं’’ होती है। +1. आपकी भाषा में विष्मयाधिबोधक चिन्ह को यदि क्रिया की जरूरत हैं तो जोड़ें । अक्सर एक अच्छी क्रिया ‘‘है’’ सा ‘‘हैं’’ होती है। 1. अपनी भाषा के उन विष्मयाधिबोधक चिन्हों उपयोग करें जो सशक्त भावनाओं को दिखाते हैं 1. विष्मयाधिबोधक चिन्हों का अनुवाद वाक्य के साथ करें जो भावनाओं को दिखाते हैं 1. वाक्य के भाग पर बल देने वाले शब्द का उपयोग करें जो सशक्त भावनाओं को दिखाते हैं @@ -48,34 +47,27 @@ * **अरे मूर्ख!** (मत्ती 5:22 ULB) * **आहा! परमेश्वर का धन और बुद्धि और ज्ञान की गंभीरता!** (रोमियों 11:33 ULB) - - * आहा! परमेश्वर का धन और बुद्धि और ज्ञान कितने गंभीर हैं! + * आहा! परमेश्वर का धन और बुद्धि और ज्ञान कितने गंभीर हैं! 1. अपनी भाषा के उन विष्मयाधिबोधक चिन्हों उपयोग करें जो सशक्त भावनाओं को दिखाते हैं। नीचे लिखे ‘‘वाह!’’शब्द बताता है कि वे आश्चर्यचकित थे। ‘‘अरे नही’’ का भाव बताता है कि कुछ भयानक अथवा डरावना हुआ था * **और वे बहुत ही आश्चर्य में होकर कहने लगे, उस ने जो कुछ किया सब अच्छा किया है। वह बहिरों को सुनने, की, और गूंगों को बोलने की शक्ति देता है** (मरकुस 7:37 ULB) - - * वे बहुत ही आश्चर्य में होकर कहने लगे, वाह! उस ने जो कुछ किया सब अच्छा किया है वह बहिरों को सुनने, की, और गूंगों को बोलने की शक्ति देता है’’ - + * वे बहुत ही आश्चर्य में होकर कहने लगे, वाह! उस ने जो कुछ किया सब अच्छा किया है वह बहिरों को सुनने, की, और गूंगों को बोलने की शक्ति देता है’’ * **हाय, प्रभु यहोवा! मैं ने तो यहोवा के दूत को साक्षात देखा है** (न्यायियों 6:22 ULB) - - * ‘‘__अरे नही__, प्रभु यहोवा! मैं ने तो यहोवा के दूत को साक्षात देखा है!’’ + * ‘‘__अरे नही__, प्रभु यहोवा! मैं ने तो यहोवा के दूत को साक्षात देखा है!’’ 1. विष्मयाधिबोधक चिन्हों का अनुवाद वाक्य के साथ करें जो भावनाओं को दिखाते हैं * **हाय , प्रभु यहोवा! मैं ने तो यहोवा के दूत को साक्षात देखा है!’’** (न्यायियों 6:22 ULB) - - * प्रभु यहोवा, मेरे साथ क्या होगा? क्योंकि मैंने यहोवा के दूत को साक्षात देखा है! - * मदद कर, प्रभु यहोवा! मैंने यहोवा के दूत को साक्षात देखा है! + * प्रभु यहोवा, मेरे साथ क्या होगा? क्योंकि मैंने यहोवा के दूत को साक्षात देखा है! + * मदद कर, प्रभु यहोवा! मैंने यहोवा के दूत को साक्षात देखा है! 1. वाक्य के भाग पर बल देने वाले शब्द का उपयोग करें जो सशक्त भावनाओं को दिखाते हैं * **उसके विचार कैसे अथाह, और उसके मार्ग कैसे अगम हैं** (रोमियों 11:33 ULB) - - * उसके विचार बहुत अथाह, और उसके मार्ग बड़े अगम हैं + * उसके विचार बहुत अथाह, और उसके मार्ग बड़े अगम हैं 1. यदि लक्षित भाषा में शक्तिशाली भावना स्पष्ट नही हैं, तो बताएँ कि व्यक्ति को कैसा लगा * **गिदोन ने जान लिया कि वह यहोवा का दूत था । तब गिदोन कहने लगा, हाय, प्रभु यहोवा! मैं ने तो यहोवा के दूत को साक्षात देखा है!** (न्यायियों 6:22 ULB) - - * गिदोन को पता चला कि वह यहोवा का दूत था। वह भयभीत हो गया और कहने लगा, हाय! प्रभु यहोवा! मैं ने तो यहोवा के दूत को साक्षात देखा है!’’ (न्यायियों 6:22 ULB) + * गिदोन को पता चला कि वह यहोवा का दूत था। वह भयभीत हो गया और कहने लगा, हाय! प्रभु यहोवा! मैं ने तो यहोवा के दूत को साक्षात देखा है!’’ (न्यायियों 6:22 ULB) diff --git a/translate/figs-exclusive/01.md b/translate/figs-exclusive/01.md index 6915322..fb60a54 100644 --- a/translate/figs-exclusive/01.md +++ b/translate/figs-exclusive/01.md @@ -1,11 +1,6 @@ - ### वर्णन -कुछ भाषाओं में ‘‘हम’’ के एक से अधिक रूप होते हैं: एक ‘‘संयुक्त’’ रूप जिसका अर्थ ‘‘मैं और तुम’’ एवं एक ‘‘विशिष्ट’’ रूप जिसका अर्थ है ‘‘मैं एवं कोर्इ और परंतु तुम नही‘‘ - -विशिष्ट रूप उस व्यक्ति को अलग रखता है जिससे बात हो रही होती है। संयुक्त रूप उस व्यक्ति को जिससे बात हो रही होती है और संभवत: दूसरों को भी शामिल करता है। ‘‘हम’’, ‘‘हमारा’’ एवं ‘‘हम स्वयं’’ के मामले में भी यही सच है। - -कुछ भाषाओं में इसमें से हर एक के लिए संयुक्त एवं विशिष्ट रूप दोनों होते हैं। उन भाषाओं के अनुवादक जिनमें इन शब्दों के लिए संयुक्त एवं विशिष्ट रूप दोनों होते हैं, उन्हे पता होना चाहिए कि वक्ता क्या कहना चाहता था जिससे वे सही रूप का उपयोग कर सकें। +कुछ भाषाओं में ‘‘हम’’ के एक से अधिक रूप होते हैं: एक ‘‘संयुक्त’’ रूप जिसका अर्थ ‘‘मैं और तुम’’ एवं एक ‘‘विशिष्ट’’ रूप जिसका अर्थ है ‘‘मैं एवं कोई और परंतु तुम नही‘‘। विशिष्ट रूप उस व्यक्ति को अलग रखता है जिससे बात हो रही होती है। संयुक्त रूप उस व्यक्ति को जिससे बात हो रही होती है और संभवत: दूसरों को भी शामिल करता है। ‘‘हम’’, ‘‘हमारा’’ एवं ‘‘हम स्वयं’’ के मामले में भी यही सच है। कुछ भाषाओं में इसमें से हर एक के लिए संयुक्त एवं विशिष्ट रूप दोनों होते हैं। उन भाषाओं के अनुवादक जिनमें इन शब्दों के लिए संयुक्त एवं विशिष्ट रूप दोनों होते हैं, उन्हे पता होना चाहिए कि वक्ता क्या कहना चाहता था जिससे वे सही रूप का उपयोग कर सकें। चित्र देखें: दाहिनी ओर खड़े लोगों से वक्ता बात कर रहा है। पीला रंग दिखाता है कि उनमें कौन संयुक्त ‘‘हम’’ हैं और कौन विशिष्ट ‘‘हम’’ हैं। @@ -13,25 +8,24 @@ ![](https://cdn.door43.org/ta/jpg/vocabulary/we_us_exclusive.jpg) - ### कारण यह अनुवाद की समस्या है -बाइबल को सर्वप्रथम इब्री, अरामी और यूनानी भाषा में लिखा गया था। अंग्रजी के समान, इन भाषाओं में ‘‘हम’’ के लिए अलग अलग रूप नही हैं। ‘‘हम’’ के लिए विभिé रूपों का उपयोग करने वाली भाषाओं के अनुवादकों को पता होना चाहिए कि वक्ता क्या कहना चाहता था जिससे वे ‘‘हम’’ के सही रूप का उपयोग कर सकें। +बाइबल को सर्वप्रथम इब्री, अरामी और यूनानी भाषा में लिखा गया था। अंग्रजी के समान, इन भाषाओं में ‘‘हम’’ के लिए अलग अलग रूप नही हैं। ‘‘हम’’ के लिए विभिé रूपों का उपयोग करने वाली भाषाओं के अनुवादकों को पता होना चाहिए कि वक्ता क्या कहना चाहता था जिससे वे ‘‘हम’’ के सही रूप का उपयोग कर सकें। ### बाइबल से उदाहरण ->उसने उनसे कहा, हमारे पास पांच रोटियां और दो मछली को छोड़ और कुछ नहीं: परन्तु हां, यदि हम जाकर इन सब लोगों के लिये भोजन मोल लें... (लूका 9:13 ULB) +>उसने उनसे कहा, हमारे पास पांच रोटियां और दो मछली को छोड़ और कुछ नहीं: परन्तु हां, यदि **हम** जाकर इन सब लोगों के लिये भोजन मोल लें... (लूका 9:13 ULB) -पहले कथन में, चेले यीशु को कह रहे हैं कि उनके पास कितनी रोटियाँ हैं, अत: यह ‘‘हम’’ संयुक्त या विशिष्ट भी हो सकता है। दूसरे कथन में, चेले कह रहे हैं कि उनमें से कुछ लोग भोजन मोल लेने जा सकते हैं, अत: यहा ‘‘हम’’ का रूप विशिष्ट है क्योंकि यीशु भोजन मोल लेने नही जा रहे थे। +पहले कथन में, चेले यीशु को कह रहे हैं कि उनके पास कितनी रोटियाँ हैं, अत: यह ‘‘हम’’ संयुक्त या विशिष्ट भी हो सकता है। दूसरे कथन में, चेले कह रहे हैं कि उनमें से कुछ लोग भोजन मोल लेने जा सकते हैं, अत: यहा ‘‘हम’’ का रूप विशिष्ट है क्योंकि यीशु भोजन मोल लेने नही जा रहे थे। ->हम ने उसे देखा, और उस की गवाही देते हैं, और तुम्हें उस अनन्त जीवन का समाचार देते हैं, जो पिता के साथ था, और हम पर प्रगट हुआ (1 यूहन्ना 1:2 ULB) +>**हम** ने उसे देखा, और उस की गवाही देते हैं, और तुम्हें उस अनन्त जीवन का समाचार देते हैं, जो पिता के साथ था, और **हम** पर प्रगट हुआ (1 यूहन्ना 1:2 ULB) -यूहéा उन लोगों को बता रहा है जिन्होने यीशु को नही देखा है कि उसने और प्रेरितों ने क्या देखा है। अत: ‘‘हम’’ के विभिé रूपों का उपयोग करने वाली भाषाएँ, यहाँ विशिष्ट रूप का उपयोग करेंगी। +यूहéा उन लोगों को बता रहा है जिन्होने यीशु को नही देखा है कि उसने और प्रेरितों ने क्या देखा है। अत: ‘‘हम’’ के विभिé रूपों का उपयोग करने वाली भाषाएँ, यहाँ विशिष्ट रूप का उपयोग करेंगी। ->.... गड़ेरियों ने आपस में कहा, आओ, हम बैतलहम जाकर यह बात जो हुर्इ है, और जिसे प्रभु ने हमें बताया है, देखें। (लूका 2:15 ULB) +>.... गड़ेरियों ने आपस में कहा, आओ, **हम** बैतलहम जाकर यह बात जो हुई है, और जिसे प्रभु ने **हमें** बताया है, देखें। (लूका 2:15 ULB) चरवाहे एक दूसरे से बात कर रहे हैं। उनके द्वारा प्रयुक्त ‘‘हम’’ में वे सब शामिल हैं जिनसे वे आपस में बात कर रहे हैं। ->फिर एक दिन, वह और उसके चेले नाव पर चढ़े, और उसने उनसे कहा; कि आओ, हम झील के पार चलें। सो उन्होंने नाव खोल दी। (लूका 8:22 ULB) +>फिर एक दिन, वह और उसके चेले नाव पर चढ़े, और उसने उनसे कहा; कि आओ, **हम** झील के पार चलें। सो उन्होंने नाव खोल दी। (लूका 8:22 ULB) यीशु के द्वारा प्रयुक्त ‘‘हम’’ में वे स्वयं एवं चेले शामिल थे जिनसे वे बात कर रहे थे अत: यह संयुक्त रूप है। diff --git a/translate/figs-exclusive/sub-title.md b/translate/figs-exclusive/sub-title.md index 4d9752b..719279d 100644 --- a/translate/figs-exclusive/sub-title.md +++ b/translate/figs-exclusive/sub-title.md @@ -1,2 +1 @@ -संयुक्त और ‘‘विशिष्ट ‘‘हम’’ क्या है? - +संयुक्त और विशिष्ट ‘‘हम’’ क्या है? \ No newline at end of file diff --git a/translate/figs-exclusive/title.md b/translate/figs-exclusive/title.md index 574f690..0d96a6f 100644 --- a/translate/figs-exclusive/title.md +++ b/translate/figs-exclusive/title.md @@ -1,2 +1 @@ -विशिष्ट एवं अंतर्निहित ‘‘हम’’ - +विशिष्ट एवं संयुक्त ‘‘हम’’ \ No newline at end of file diff --git a/translate/figs-exmetaphor/01.md b/translate/figs-exmetaphor/01.md index c1d12b5..7aab513 100644 --- a/translate/figs-exmetaphor/01.md +++ b/translate/figs-exmetaphor/01.md @@ -1,7 +1,6 @@ - ### वर्णन -विस्तृत अन्योक्ति तब उत्पé होती है जब कोर्इ एक परिस्थिति के बारे में इस प्रकार बात करता है जैसे कि कुछ और परिस्थिति हैं। वह इसलिए ऐसा करता है कि दूसरी परिस्थिति में भी समान तरीके से लागु हो सकने वाली वर्तमान परिस्थिति को प्रभावशाली तरीके से प्रस्तुत किया जा सके। दूसरी परिस्थिति में, उन लोगों, वस्तुओं और कार्यों की तश्वीरें मौजूद हैं जो पहली परिस्थिति का प्रतिनिधित्व करती हैं। +विस्तृत अन्योक्ति तब उत्पé होती है जब कोर्इ एक परिस्थिति के बारे में इस प्रकार बात करता है जैसे कि कुछ और परिस्थिति हैं। वह इसलिए ऐसा करता है कि दूसरी परिस्थिति में भी समान तरीके से लागु हो सकने वाली वर्तमान परिस्थिति को प्रभावशाली तरीके से प्रस्तुत किया जा सके। दूसरी परिस्थिति में, उन लोगों, वस्तुओं और कार्यों की तश्वीरें मौजूद हैं जो पहली परिस्थिति का प्रतिनिधित्व करती हैं। ### कारण यह अनुवाद की समस्या है @@ -27,7 +26,7 @@ [3]वह मेरे जी में जी ले आता है। धर्म के मार्गो में वह अपने नाम के निमित्त अगुवार्इ करता है। [4]चाहे मैं घोर अन्धकार से भरी हुर्इ तरार्इ में होकर चलूँ। >तौभी हानि से न डरूँगा, क्योंकि तू मेरे साथ रहता है; तेरे सोंटे और तेरी लाठी से मुझे शान्ति मिलती है (ULB) -यशायाह 5:1-7 में, परमेश्वर अपने लोगों से इस प्रकार निराश है जैसा एक किसान अपनी दाख की बारी से होता है जिसने निकम्मा फल दिया हो । किसान अपने खेतों की संभाल करते हैं; परंतु यदि उनमें अच्छा फल नही लगे, किसान उनकी देखभाल बंद कर देता है । +यशायाह 5:1-7 में, परमेश्वर अपने लोगों से इस प्रकार निराश है जैसा एक किसान अपनी दाख की बारी से होता है जिसने निकम्मा फल दिया हो । किसान अपने खेतों की संभाल करते हैं; परंतु यदि उनमें अच्छा फल नही लगे, किसान उनकी देखभाल बंद कर देता है । 1 से 6 तक के आयत एक किसान और उसकी बारी के बारे में हैं परंतु 7वाँ आयत स्पष्ट करता है कि यहाँ परमेश्वर और उसके लोगों की बात हो रही है। @@ -53,7 +52,7 @@ 1. यदि लक्षित श्रोता सोचता है कि तश्वीरों को सीधे (आक्षरिक) तौर पर समझा जाना चाहिए, तो एक उपमा की तरह ‘‘जैसे’’, ‘‘की तरह’’ जैसे शब्दों के उपयोग से इसका अनुवाद किया जाए। इसे केवल प्रथम एक या दो वाक्यों में कहना काफी होगा -1. यदि लक्षित भाषा इन तश्वीरों को नही जानती है तो उनके अनुवाद का एक तरीका खोजें जिससे वे तश्वीर को समझ सकें। +1. यदि लक्षित भाषा इन तश्वीरों को नही जानती है तो उनके अनुवाद का एक तरीका खोजें जिससे वे तश्वीर को समझ सकें। 1. यदि लक्षित श्रोता फिर भी नही समझ पा रहे तो उसे स्पष्ट तौर पर, वर्णन के साथ बताएँ। @@ -86,7 +85,7 @@ > उसके बीच में उसने एक गुम्मट बनाया, और दाखरस के लिये एक गड्ढ़ा खेदा जहाँ दाख को पीसा जाता है > तब उसने दाख की आशा की, परन्तु उसमें निकम्मी दाखें ही लगीं जो दाख बनाने के लिए उपयुक्त नही थीं -1. यदि लक्षित श्रोता समझ नही पा रहा है, तो इसे सीधे तरीके से बताएँ। यहोवा मेरा चरवाहा है; मुझे कुछ घटी न होगी** (भजन संहिता 23:1) +1. यदि लक्षित श्रोता समझ नही पा रहा है, तो इसे सीधे तरीके से बताएँ। यहोवा मेरा चरवाहा है; मुझे कुछ घटी न होगी (भजन संहिता 23:1) * ‘‘जैसे एक चरवाहा अपनी भेड़ों की संभाल करता है, यहोवा मेरी परवाह करता है, इसलिए मुझे घटी नही होगी’’ @@ -99,7 +98,7 @@ > सेनाओं के यहोवा की दाख की बारी इस्राएल के घराने को दिखाती है > और यहूदा के लोग उसके मनभाऊ पौधे के समान है > उसने उनमें न्याय की आशा की, परन्तु अन्याय देख पड़ा -> उसने धार्मिकता की आशा की, परन्तु उसे चिल्लाहट ही सुन पड़ी +> उसने धार्मिकता की आशा की, परन्तु उसे चिल्लाहट ही सुन पड़ी या diff --git a/translate/figs-explicit/01.md b/translate/figs-explicit/01.md index ccbbd51..7bd21b4 100644 --- a/translate/figs-explicit/01.md +++ b/translate/figs-explicit/01.md @@ -1,11 +1,12 @@ -* **अनुमानित ज्ञान** वो ज्ञान है जो एक वक्ता सोचता है कि उसके बोलने या किसी प्रकार की सूचना देने से पहले ही उसके श्रोता जानते हैं। वक्ता श्रोताओं को दो तरीके से सूचनाएँ देता है: +* **अनुमानित ज्ञान** वो ज्ञान है जो एक वक्ता सोचता है कि उसके बोलने या किसी प्रकार की सूचना देने से पहले ही **उसके श्रोता जानते हैं**। वक्ता श्रोताओं दर्शकों को यह जानकारी नहीं देता है क्योंकि उनका मानना है कि वे पहले से ही इसे जानते हैं। +* जब " वक्ता दर्शकों को जानकारी देता है , वह दो तरीकों से ऐसा कर सकता है: * **सुस्पष्ट** वक्ता अपनी बात सीधी बोलता है। * **अंतर्निहित** वक्ता अपनी बात सीधी नही बोलता है क्योंकि वह चाहता है कि उसकी बातों को सुनकर श्रोता स्वयं उसे जानें या सीखें। -### विवरण +### वर्णन -जब कोर्इ लिखता या बोलता है, वह लोगों को कुछ विशेष देना चाहता है कि वे जानें, करें या सोचें। अक्सर वह उस बात को सीधे कहता है। यह है **सूस्पष्ट जानकारी **। +जब कोई लिखता या बोलता है, वह लोगों को कुछ विशेष देना चाहता है कि वे जानें, करें या सोचें। अक्सर वह उस बात को सीधे कहता है। यह है **सूस्पष्ट जानकारी **। वक्ता अनुमान लगाता है कि श्रोताओं को पहले से ही कुछ पता है और अब इस सूचना को समझने के लिए उनके बारे में सोचना जरूरी है। अक्सर वह लोगों को ये बातें नही बताता है क्योंकि उन्हे पहले से ही पता होता है। यह है **अनुमानित ज्ञान**। @@ -19,7 +20,7 @@ ### बाइबल से उदाहरण -> तब एक शास्त्री ने पास आकर उससे कहा, “हे गुरु, जहाँ कहीं तू जाएगा, मैं तेरे पीछे-पीछे हो लूँगा।” यीशु ने उससे कहा,  “लोमड़ियों ***के भट*** और आकाश के पक्षियों ***के बसेरे*** होते हैं; परन्तु  मनुष्य के पुत्र के लिये सिर धरने की भी जगह नहीं है।” (मत्ती 8:20 ULB) +>और एक शास्त्री ने पास आकर उससे कहा, “हे गुरु, जहाँ कहीं तू जाएगा, मैं तेरे पीछे-पीछे हो लूँगा।” यीशु ने उससे कहा, “लोमड़ियों के **भट** और आकाश के पक्षियों के **बसेरे** होते हैं; परन्तु मनुष्य के पुत्र के लिये सिर धरने की भी जगह नहीं है।” (मत्ती 8:20 यूएलबी) यीशु ने यह नही कहा कि लोमड़ी या पक्षी भट और बसेरे किसके लिए इस्तेमाल करते हैं, क्योंकि उसका अनुमान था कि शास्त्री को यह पता होगा कि लोमड़ियाँ भट में और पक्षी बसेरों से रहते हैं। यह **अनुमानित ज्ञान** है @@ -31,7 +32,7 @@ यहाँ **अंतर्निहित सूचना** का एक महत्वपूर्ण कथन यह है कि **चूँकि** उन लोगों ने मन नही फिराया, जिनसे यीशु बात कर रहा था, उनका न्याय सोर और सीदोन के लोगों से भी अधिक कठिन होगा। -> तेरे चेले प्राचीनों की परम्पराओं\को क्यों टालते हैं, कि ***बिना हाथ धोए रोटी खाते हैं*** (मत्ती 15:2 ULB) +> तेरे चेले प्राचीनों की परम्पराओं\को क्यों टालते हैं, कि ***बिना हाथ धोए रोटी खाते हैं*** (मत्ती 15:2 यूएलबी) प्राचीनों की परंपराओं में से एक यह थी जिसमें लोग भोजन करने से पहले परंपरागत तरीके से अपने हाथों को धोया करते थे। लोगों का मानना था कि धर्मी बनने के लिए, प्राचीनों की परंपराओं का पालन करना जरूरी था । यह **अनुमानित ज्ञान** था कि फरीसी जिनसे यीशु बात कर रहे थे, वे ये बातें जानते थे। यह कहकर, वे चेलों पर परंपराओं का पालन नही करने एवं धर्मी नही होने का आरोप लगा रहे थे। **अंतर्निहित सूचना** थी कि वे चाहते थे कि वह उनकी बातों को समझें । @@ -46,26 +47,28 @@ 1. यदि पाठक अनुमानित ज्ञान नही होने के कारण संदेश को नही समझ पा रहे हैं, तो उस ज्ञान को सुस्पष्ट ज्ञान के रूप में लिखें ->**यीशु ने उससे कहा, ‘‘लोमड़ियों के ***भट*** और आकाश के पक्षियों के ***बसेरे*** होते हैं; परन्तु मनुष्य के पुत्र के लिये सिर धरने की भी जगह नहीं है।’’** (मत्ती 8:20 ULB) - अनुमानित ज्ञान यह था कि लोमड़ी भटों में और पक्षी बसेरों में सोते हैं ->> यीशु ने उससे कहा, ‘‘लोमड़ी ***भट में रहती*** और आकाश के पक्षी ***बसेरे में रहते*** हैं; परन्तु मनुष्य के पुत्र के लिये सिर धरने की भी जगह नहीं है।’’ - -> ** मैं तुम से कहता हूँ; कि ***न्याय के दिन*** तुम्हारी दशा से सोर और सीदोन की दशा अधिक सहने योग्य होगी। ** (मत्ती 11:21-22 ULB) - अनुमानित ज्ञान यह था कि सोर और सीदोन के लोग बहुत, बहुत दुष्ट थे। इसे सुस्पष्ट बताया जा सकता है +> यीशु ने उससे कहा, “लोमड़ियों के **भट** और आकाश के पक्षियों के **बसेरे** होते हैं; परन्तु मनुष्य के पुत्र के लिये सिर धरने की भी जगह नहीं है।” (मत्ती 8:20 यूएलबी) - अनुमानित ज्ञान यह था कि लोमड़ी भटों में और पक्षी बसेरों में सोते हैं +>> यीशु ने उससे कहा, ‘‘लोमड़ी **भट में रहती** और आकाश के पक्षी **बसेरे में रहते** हैं; परन्तु मनुष्य के पुत्र के लिये सिर धरने की भी जगह नहीं है।’’ +> +> न्याय के दिन तुम्हारी दशा से **सूर और सैदा** की दशा अधिक सहने योग्य होगी। (मत्ती 11:22 यूएलबी) - अनुमानित ज्ञान यह था कि सोर और सीदोन के लोग बहुत, बहुत दुष्ट थे। इसे सुस्पष्ट बताया जा सकता है >> .... न्याय के दिन तुम्हारी दशा से *** सोर और सीदोन जिसके लोग बहुत दुष्ट थे*** की दशा अधिक सहने योग्य होगी >> या: >> ... न्याय के दिन तुम्हारी दशा से ***दूष्ट शहर सोर और सीदोन *** की दशा अधिक सहने योग्य होगी - -> **तेरे चेले पुरनियों की रीतों को क्यों टालते हैं? वे ***बिना हाथ धोए रोटी खाते हैं***** (मत्ती 15:2 ULB) - अनुमानित ज्ञान यह था कि प्राचीनों की परंपराओं में से एक यह थी जिसमें लोग भोजन करने से पहले परंपरागत तरीके से अपने हाथ धोया करते थे कि वे धर्मी बन सकें। यह रोगों से बचने के लिए किटाणुओं को मारने का तरीका नही था जसा एक आधुनिक पाठक समझता होगा । - +>या: +>> ... न्याय के दिन तुम्हारी दशा से ***दूष्ट शहर सोर और सीदोन *** की दशा अधिक सहने योग्य होगी +> +> **तेरे चेले पुरनियों की रीतों को क्यों टालते हैं? वे ***बिना हाथ धोए*** रोटी खाते हैं** (मत्ती 15:2 यूएलबी) - अनुमानित ज्ञान यह था कि प्राचीनों की परंपराओं में से एक यह थी जिसमें लोग भोजन करने से पहले परंपरागत तरीके से अपने हाथ धोया करते थे कि वे धर्मी बन सकें। यह रोगों से बचने के लिए किटाणुओं को मारने का तरीका नही था जसा एक आधुनिक पाठक समझता होगा। +> >> तुम्हारे चेले प्राचीनों की प्रथा को क्यों तोड़ते हैं? क्योंकि ***वे धर्मी बनने के लिए, हाथ धाने की पवित्र प्रथा का पालन नही करते हैं*** जब वे रोटी खाते हैं -(2) यदि पाठक अंतर्निहित सूचना की जानकारी नही होने के कारण, संदेश को नही समझ पा रहे हैं, तो उस कथन को स्पष्ट तौर पर लिखें परंतु उसे इस प्रकार लिखें जिससे श्रोताओं को यह नही लगे कि यह सूचना नर्इ थी +(2) यदि पाठक अंतर्निहित सूचना की जानकारी नही होने के कारण, संदेश को नही समझ पा रहे हैं, तो उस कथन को स्पष्ट तौर पर लिखें परंतु उसे इस प्रकार लिखें जिससे श्रोताओं को यह नही लगे कि यह सूचना नई थी। -> **तब एक शास्त्री ने पास आकर उससे कहा, ‘‘हे गुरू, जहाँ कहीं तू जाएगा, मैं तेरे पीछे पीछे हो लूंगा।’’ यीशु ने उससे कहा, लोमड़ियों के भट और आकाश के पक्षियों के बसेरे होते हैं; परन्तु मनुष्य के पुत्र के लिये सिर धरने की भी जगह नहीं है।** (मत्ती 8:20 ULB) - अंतनिर्हित सूचना यह है कि यीशु स्वयं मनुष्य का पुत्र है । एक और अंतर्निहित सूचना यह है कि यदि शास्त्री यीशु के पीछे चलना चाहता है, तो उसे यीशु के समान बिना घर के जीना पड़ता। - ->> यीशु ने उससे कहा, लोमड़ियों के भट और आकाश के पक्षियों के बसेरे होते हैं; परन्तु ***मनुष्य के पुत्र*** के लिये ***सिर धरने की भी जगह नहीं है। यदि तुम मेरे पीछे चलोगे, तो तुम भी वहाँ जी पाओगे जहाँ मैं जीता हूँ *** - -> ** न्याय के दिन तुम्हारी दशा से सोर और सीदोन की दशा अधिक सहने योग्य होगी। ** इसे सुस्पष्ट बनाया जा सकता है. (मत्ती 11:22 ULT) - निहित जानकारी यह है कि परमेश्वर न केवल लोगों का न्याय करेगा; वह उन्हें सज़ा देगा। इसे स्पष्ट किया जा सकता है। ->...> न्याय के दिन परमेश्वर आपको मिलने वाले दण्ड से कम *** सोर और सीदोन को दण्ड*** देगा जहाँ के लोग दुष्ट हैं +> **तब एक शास्त्री ने पास आकर उससे कहा, ‘‘हे गुरू, जहाँ कहीं तू जाएगा, मैं तेरे पीछे पीछे हो लूंगा।’’ यीशु ने उससे कहा, लोमड़ियों के भट और आकाश के पक्षियों के बसेरे होते हैं; परन्तु मनुष्य के पुत्र के लिये सिर धरने की भी जगह नहीं है।** (मत्ती 8:20 यूएलबी) - अंतनिर्हित सूचना यह है कि यीशु स्वयं मनुष्य का पुत्र है । एक और अंतर्निहित सूचना यह है कि यदि शास्त्री यीशु के पीछे चलना चाहता है, तो उसे यीशु के समान बिना घर के जीना पड़ता। +> +>> यीशु ने उससे कहा, लोमड़ियों के भट और आकाश के पक्षियों के बसेरे होते हैं; परन्तु **मनुष्य के पुत्र** के लिये **सिर धरने की भी जगह नहीं है। यदि तुम मेरे पीछे चलोगे, तो तुम भी वहाँ जी पाओगे जहाँ मैं जीता हूँ** +> +> ** न्याय के दिन तुम्हारी दशा से सोर और सीदोन की दशा अधिक सहने योग्य होगी। ** इसे सुस्पष्ट बनाया जा सकता है. (मत्ती 11:22 यूएलबी) - निहित जानकारी यह है कि परमेश्वर न केवल लोगों का न्याय करेगा; वह उन्हें सज़ा देगा। इसे स्पष्ट किया जा सकता है। +>> न्याय के दिन परमेश्वर आपको मिलने वाले दण्ड से कम **सोर और सीदोन को दण्ड** देगा जहाँ के लोग दुष्ट हैं। >> या: >> न्याय के दिन परमेश्वर आपको *** सोर और सीदोन से अधिक दण्ड*** देगा जहाँ के लोग दुष्ट हैं। diff --git a/translate/figs-explicitinfo/01.md b/translate/figs-explicitinfo/01.md index 7676ac6..11292bd 100644 --- a/translate/figs-explicitinfo/01.md +++ b/translate/figs-explicitinfo/01.md @@ -1,7 +1,6 @@ - ### वर्णन -कुछ भाषाओं में कह जानी बातें उन्हे स्वाभाविक लगती हैं परंतु उनके अनुवाद के बाद वे अपरिचित सी लग सकती हैं। इसका एक कारण यह है कि कुछ भाषाओं में बातों को सुस्पष्ट तरीके से बताया जाता है जिन्हे दूसरी भाषाएँ अंतर्निहित तरीके से बताती हैं। +कुछ भाषाओं में कह जानी बातें उन्हे स्वाभाविक लगती हैं परंतु उनके अनुवाद के बाद वे अपरिचित सी लग सकती हैं। इसका एक कारण यह है कि कुछ भाषाओं में बातों को सुस्पष्ट तरीके से बताया जाता है जिन्हे दूसरी भाषाएँ अंतर्निहित तरीके से बताती हैं। ### कारण यह अनुवाद की समस्या है @@ -11,9 +10,9 @@ >औरअबीमेलेक गुम्मट के निकट जाकर उसके विरूद्ध लड़ने लगा, और गुम्मट के द्वार तक गया कि उसमें आग लगाए (न्यायियों 9:52 ESV) -बाइबलीय इब्री भाषा में, वाक्यों के आपसी संबंध को दिखाने के लिए, ‘‘और’’ जैसे संयोजकों के साथ वाक्यों को शुरू करना एक आम बात थी । अंग्रेजी में, ऐसा करना व्याकरणीय तौर पर गलत है, अंग्रेजी पाठकों के लिए यह उबाऊ होता है, और यह भाव उत्पé होता है कि लेखक पढ़ा लिखा नही है। अंग्रेजी में, अधिकतर मामालों में वाक्यों के बीच में संयोजक के उपयोग को अंतर्निहित रखना ही अच्छा है, उसे अलग से अनुवाद करने की आवश्यकता नही है। +बाइबलीय इब्री भाषा में, वाक्यों के आपसी संबंध को दिखाने के लिए, ‘‘और’’ जैसे संयोजकों के साथ वाक्यों को शुरू करना एक आम बात थी । अंग्रेजी में, ऐसा करना व्याकरणीय तौर पर गलत है, अंग्रेजी पाठकों के लिए यह उबाऊ होता है, और यह भाव उत्पé होता है कि लेखक पढ़ा लिखा नही है। अंग्रेजी में, अधिकतर मामालों में वाक्यों के बीच में संयोजक के उपयोग को अंतर्निहित रखना ही अच्छा है, उसे अलग से अनुवाद करने की आवश्यकता नही है। -बाइबलीय इब्री भाषा में, यह कहना आम है कि कुछ आग से जल रहा था । अंग्रेजी में, आग का विचार आग जलने से संबंधित होता है और उसे आक्षरिक तौर पर लिखना सही नही है । यह कहना काफी है कि कुछ जल रहा था और शेष अर्थ अंतनिर्र्हित रहने दें। +बाइबलीय इब्री भाषा में, यह कहना आम है कि कुछ आग से जल रहा था । अंग्रेजी में, आग का विचार आग जलने से संबंधित होता है और उसे आक्षरिक तौर पर लिखना सही नही है । यह कहना काफी है कि कुछ जल रहा था और शेष अर्थ अंतनिर्र्हित रहने दें। >सूबेदार ने उत्तर दिया और कहा ‘‘कि हे प्रभु मैं इस योग्य नहीं, कि तू मेरी छत के तले आए....’’ (मत्ती 8:8 ULB) @@ -33,8 +32,7 @@ 1. यदि स्रोत भाषा की स्पष्ट सूचना लक्षित भाषा में भी स्वाभाविक नही लगती है, जरूरी नही है, या संदेह पैदा कर रही है तो स्पष्ट सूचना को अंतर्निहित रहने दें। इसे तभी करें जब पाठक इसकी पृष्ठभूमि से इस सूचना को आसानी से समझ पा रहा हो। आप इस भाग के बारे में किसी पाठक से प्रश्न पूछकर इसे जाँच सकते हैं * **तब अबीमेलेक गुम्मट के निकट जाकर उसके विरूद्ध लड़ने लगा, और गुम्मट के द्वार तक गया कि उसमें आग लगाए** (न्यायियों 9:52 ESV) - - * तब अबीमेलेक गुम्मट के निकट जाकर उसके विरूद्ध लड़ने लगा, और गुम्मट के द्वार तक गया कि उसमें आग लगाए (न्यायियों 9:52 ESV) या उसे आग के हवाले करे + * तब अबीमेलेक गुम्मट के निकट जाकर उसके विरूद्ध लड़ने लगा, और गुम्मट के द्वार तक गया कि उसमें आग लगाए (न्यायियों 9:52 ESV) या उसे आग के हवाले करे अंगे्रजी में, यह स्पष्ट है कि किसी आयत का कार्य उसके पीछे के आयत में हुए कार्य की निरंतरता होती है जो बिना संयोजक ‘‘और’’ के बतार्इ जाती है, इसीलिए इसे लिखा नही गया है। इतना ही नही, ‘‘आग’’ नही लिखा गया, क्योंकि उस शब्द को ‘‘जलाया गया’’ के शब्द के साथ अंतर्निहित बताया गया है। ‘‘जलाया गया’’ का एक वैकल्पिक अनुवाद है ‘‘आग के हवाले किया’’। @@ -43,8 +41,7 @@ या, यदि आप दूसरा विकल्प चुनते हैं, तो आप पूछ सकते हैं, ‘‘यदि दरवाजे को आग के हवाले करते हैं तो क्या होता है?’’ यदि पाठक उत्तर देता है, ‘‘यह जलता है’’, तो वह अंतर्निहित सुचना को समझ चुका है * **सूबेदार ने उत्तर दिया और कहा, ‘‘हे प्रभु, मैं इस योग्य नहीं, कि तू मेरी छत के तले आए...’’** (मत्ती 8:8 ULB) - - * सूबेदार ने उत्तर दिया ‘‘हे प्रभु, मैं इस योग्य नहीं, कि तू मेरी छत के तले आए...’’ + * सूबेदार ने उत्तर दिया ‘‘हे प्रभु, मैं इस योग्य नहीं, कि तू मेरी छत के तले आए...’’ अंग्रेजी में, सुबेदार के द्वारा कहे गए ‘‘कहा’’ क्रिया शब्द में ‘उत्तर दिया’ भी शामिल होता है और इसलिए उस क्रिया को अंतर्निहित रखा जा सकता है। आप निम्न प्रश्न के द्वारा जान सकते हैं कि पाठक को अंतर्निहित सूचना का पता चला है या नही, ‘‘सुबेदार ने कैसे उत्तर दिया?’’ diff --git a/translate/figs-extrainfo/01.md b/translate/figs-extrainfo/01.md index 2ff8892..d90f11a 100644 --- a/translate/figs-extrainfo/01.md +++ b/translate/figs-extrainfo/01.md @@ -1,4 +1,3 @@ - कर्इ बार यह बेहतर रहता है कि हम अनुमानित ज्ञान या अंतनिर्हित सूचना को सुस्पष्ट न बताएँ। ### वर्णन @@ -22,7 +21,7 @@ >यीशु ने उनसे कहा, ‘‘फरीसियों और सदूकियों के खमीर से सावधान और चौकस रहना’’ चेले आपस में विचार करने लगे और कहा, ‘‘हम तो रोटी नहीं लाए।’’.... (मती 16:6,7 ULB) -यहाँ संभव अंतर्निहित सूचना यह है कि चेलों को फरीसियों और सदूकियों की झूठी शिक्षाओं से सावधान रहना था । परंतु यीशु के चेले यह नही समझे । उन्होने सोचा कि यीशु वास्तविक खमीर और रोटी की बात कर रहे थे। अत: इसे स्पष्ट तरीके से बताना सही नही होगा कि यहाँ प्रयुक्त शब्द ‘‘खमीर’’ झूठी शिक्षा’’ को दिखाता है। +यहाँ संभव अंतर्निहित सूचना यह है कि चेलों को फरीसियों और सदूकियों की झूठी शिक्षाओं से सावधान रहना था । परंतु यीशु के चेले यह नही समझे । उन्होने सोचा कि यीशु वास्तविक खमीर और रोटी की बात कर रहे थे। अत: इसे स्पष्ट तरीके से बताना सही नही होगा कि यहाँ प्रयुक्त शब्द ‘‘खमीर’’ झूठी शिक्षा’’ को दिखाता है। चेले तब तक समझ नही पाए, जब तक कि यीशु ने इसके बारे में मती 16:11 में नही कहा - diff --git a/translate/figs-gendernotations/01.md b/translate/figs-gendernotations/01.md index 787a116..7c1fa7f 100644 --- a/translate/figs-gendernotations/01.md +++ b/translate/figs-gendernotations/01.md @@ -1,5 +1,4 @@ - -बाइबल के कुछ भागों में ‘‘पुरूष’’, ‘‘भार्इ’’ और ‘‘पुत्र‘‘ जैसे शब्द केवल पुरूषों को दिखाते हैं। तो कुछ अन्य भागों में, ये शब्द स्त्री एवं पुरूष दोनों को दिखाते हैं। जब लेखक स्त्री एवं पुरूष दोनों को दिखाता है, तो अनुवादकों को भी ऐसे अनुवाद करना है जिससे यह केवल पुरूष को दिखाने वाला न हो। +बाइबल के कुछ भागों में ‘‘पुरूष’’, ‘‘भार्इ’’ और ‘‘पुत्र‘‘ जैसे शब्द केवल पुरूषों को दिखाते हैं। तो कुछ अन्य भागों में, ये शब्द स्त्री एवं पुरूष दोनों को दिखाते हैं। जब लेखक स्त्री एवं पुरूष दोनों को दिखाता है, तो अनुवादकों को भी ऐसे अनुवाद करना है जिससे यह केवल पुरूष को दिखाने वाला न हो। ### वर्णन @@ -29,14 +28,13 @@ यहाँ यीशु केवल पुरूष की नही, वरन् **पुरूष एवं स्त्री** दोनों की बात कर रहे हैं - ेतावनी** : कर्इ बार केवल पुरूष को दिखाने वाले शब्दों का उपयोग होता है । तो ऐसे शब्दों का उपयोग न करें जिससे लोगों को लगे कि यह स्त्रियों के लिए भी है। नीचे लिखे रेखांकित शब्द केवल पुरूषां के लिए हैं। +** चेतावनी** : कर्इ बार केवल पुरूष को दिखाने वाले शब्दों का उपयोग होता है । तो ऐसे शब्दों का उपयोग न करें जिससे लोगों को लगे कि यह स्त्रियों के लिए भी है। नीचे लिखे रेखांकित शब्द केवल पुरूषां के लिए हैं। मूसा ने कहा था, कि यदि कोर्इ बिना सन्तान मर जाए, तो उसका भार्इ उसकी पत्नी को ब्याह करके अपने भार्इ के लिये वंश उत्पé करे (मत्ती 22:24 ULB) - ### अनुवाद रणनीतियाँ -यदि लोग समण्ते हैं कि पुरूषवाची सर्वनाम ‘‘पुरूष’’, ‘‘भार्इ’’ और ‘‘वह’’ स्त्रियों के लिए भी इस्तेमाल हो सकता है, तो उनका प्रयोग करने की कोशिश करें। अन्यथा, यहाँ अनुवाद के कुछ तरीके दिए गए हैं जिनमें स्त्रियाँ भी शामिल हैं। +यदि लोग समण्ते हैं कि पुरूषवाची सर्वनाम ‘‘पुरूष’’, ‘‘भार्इ’’ और ‘‘वह’’ स्त्रियों के लिए भी इस्तेमाल हो सकता है, तो उनका प्रयोग करने की कोशिश करें। अन्यथा, यहाँ अनुवाद के कुछ तरीके दिए गए हैं जिनमें स्त्रियाँ भी शामिल हैं। 1. एक संज्ञा का उपयोग करें जिसका इस्तेमाल पुरूष एवं स्त्री दोनों के लिए हो सके 1. पुरूष के इस्तेमाल के लिए एक शब्द और स्त्री के इस्तेमाल के लिए एक शब्द का उपयोग करें @@ -47,15 +45,13 @@ 1. एक संज्ञा का उपयोग करें जिसका इस्तेमाल पुरूष एवं स्त्री दोनों के लिए हो सके * **बुद्धिमान क्योंकर मूर्ख के समान मरता है** (सभोपदेशक 2:17 ULB) - - * ‘‘बुद्धिमान ऐसे मरता है जैसे एक मूर्ख’’ - * ‘‘बुद्धिमान मूर्ख के समान मरता है’’ + * ‘‘बुद्धिमान ऐसे मरता है जैसे एक मूर्ख’’ + * ‘‘बुद्धिमान मूर्ख के समान मरता है’’ 1. पुरूष के इस्तेमाल के लिए एक शब्द और स्त्री के इस्तेमाल के लिए एक शब्द का उपयोग करें * **हे भाइयों, हम नहीं चाहते कि तुम हमारे उस क्लेश से अनजान रहो, जो आसिया में हम पर पड़ा** (2 कुरिन्थियों 1:8) - पौलुस अपना खत स्त्री और पुरूष दोनों को लिख रहा है - - * ‘‘हे भाइयों और बहनों, हम नहीं चाहते कि तुम हमारे उस क्लेश से अनजान रहो, जो आसिया में हम पर पड़ा’’ (2 कुरिन्थियों 1:8) + * ‘‘हे भाइयों और बहनों, हम नहीं चाहते कि तुम हमारे उस क्लेश से अनजान रहो, जो आसिया में हम पर पड़ा’’ (2 कुरिन्थियों 1:8) 1. ऐसे सर्वनामों का उपयोग करें जिनका इस्तेमाल स्त्री एवं पुरूष दोनों के लिए हो सके diff --git a/translate/figs-genericnoun/01.md b/translate/figs-genericnoun/01.md index f5b2a3c..683c712 100644 --- a/translate/figs-genericnoun/01.md +++ b/translate/figs-genericnoun/01.md @@ -1,4 +1,3 @@ - ### वर्णन सामान्य संज्ञा विशेष व्यक्तियों अथवा वस्तुओं को नही, वरन् सामान्य लोगों अथवा वस्तुओं को दिखाती है, इसे अक्सर नीतिवचन में देखा जा सकता है क्योंकि नीतिवचन उन चीजों के बारे में बताती है जो लोगों में सामान्य होती हैं। @@ -11,7 +10,7 @@ ### कारण यह अनुवाद की समस्या है -विभिé भाषाओं में यह दिखाने के विभिé तरीके होते हैं कि संज्ञाएँ किसी सामान्य बात को दिखाती हैं। अनुवादक सामान्य विचारों के उन तरीकों को पहचानें जो उनकी भाषा में आम हैं। +विभिé भाषाओं में यह दिखाने के विभिé तरीके होते हैं कि संज्ञाएँ किसी सामान्य बात को दिखाती हैं। अनुवादक सामान्य विचारों के उन तरीकों को पहचानें जो उनकी भाषा में आम हैं। ### बाइबल से उदाहरण @@ -42,29 +41,24 @@ 1. संज्ञा कथन में ‘‘the’’ शब्द का उपयोग करें। * **भले मनुष्य से तो यहोवा प्रसé होता है, परन्तु बुरी युक्ति करनेवाले को वह दोषी ठहराता है।’’** (नीतिवचन 12:2 ULB) - - * the भले मनुष्य से तो यहोवा प्रसé होता है, परन्तु the बुरी युक्ति करनेवाले को वह दोषी ठहराता है।’’ (नीतिवचन 12:2) + * the भले मनुष्य से तो यहोवा प्रसé होता है, परन्तु the बुरी युक्ति करनेवाले को वह दोषी ठहराता है।’’ (नीतिवचन 12:2) 1. संज्ञा कथन में ‘‘एक’’ शब्द का उपयोग करें। * **जो अपना अनाज रख छोड़ता है, उसको लोग शाप देते हैं** (नीतिवचन 11:26 ULB) - - * एक जो अपना अनाज रख छोड़ता है, उसको लोग शाप देते है। + * एक जो अपना अनाज रख छोड़ता है, उसको लोग शाप देते है। 1. ‘‘किसी व्यक्ति’’ या ‘‘कोर्इ भी’’ के समान ‘‘किसी या कोर्इ’’ शब्द का उपयोग करें। * **जो अपना अनाज रख छोड़ता है, उसको लोग शाप देते हैं** (नीतिवचन 11:26 ULB) - - * जो कोर्इ अपना अनाज रख छोड़ता है, उसको लोग शाप देते हैं। + * जो कोर्इ अपना अनाज रख छोड़ता है, उसको लोग शाप देते हैं। 1. ‘‘लोग’’ के समान बहुवचन का उपयोग करें (जैसा इस कथन में है, ‘‘मनुष्य’’। * **जो अपना अनाज रख छोड़ता है, उसको लोग शाप देते हैं** (नीतिवचन 11:26 ULB) - - * जो अपना अनाज रख छोड़ते हैं, उनको लोग शाप देते हैं। + * जो अपना अनाज रख छोड़ते हैं, उनको लोग शाप देते हैं। 1. अपनी भाषा में स्वाभाविक तौर पर इस्तेमाल होने वाले तरीकों का उपयोग करें। * **जो अपना अनाज रख छोड़ता है, उसको लोग शाप देते हैं** (नीतिवचन 11:26 ULB) - - * जो भी अपना अनाज रख छोड़ता है, उसको लोग शाप देते हैं। + * जो भी अपना अनाज रख छोड़ता है, उसको लोग शाप देते हैं। diff --git a/translate/figs-go/01.md b/translate/figs-go/01.md index 394c9e1..d52ab24 100644 --- a/translate/figs-go/01.md +++ b/translate/figs-go/01.md @@ -1,18 +1,16 @@ - ### वर्णन -विभिé भाषाएँ गति के बारे में बात करते वक्त इस बात को निर्धारित करने के विभिé तरीके अपनाती हैं कि ‘‘जा’’ या ‘‘आ’’ का उपयोग करें, अथवा ‘‘ले’’ या ‘‘दे’’ का। +विभिé भाषाएँ गति के बारे में बात करते वक्त इस बात को निर्धारित करने के विभिé तरीके अपनाती हैं कि ‘‘जा’’ या ‘‘आ’’ का उपयोग करें, अथवा ‘‘ले’’ या ‘‘दे’’ का। उदाहरण के तौर पर, यह कहने के लिए कि वे एक व्यक्ति के पास जा रहे हैं जिसने उन्हे बुलाया है, अंग्रेजी वक्ता कहेंगे, ‘‘मैं आ रहा हूँ’’ परंतु स्पैनिश वक्ता कहेंगे, ‘‘मैं जा रहा हूँ’’। आपको ‘‘जा’’ या ‘‘आ’’ (’’ले’’ या ‘‘दे’’) का अनुवाद इस प्रकार करना होगा जिससे पाठक समझ सकें कि वे किस दिशा में बढ़ रहे हैं। - ### कारण यह अनुवाद की समस्या है विभिé भाषाएँ गति के बारे में बताने के लिए विभिé तरीके अपनाती हैं। -बाइबलीय भाषाएँ अथवा आपकी स्रोत भाषा ‘‘जा’’ और ‘‘आ’’ अथवा ‘‘ले’’ या ‘‘दे’’ का उपयोग शायद आपकी अपनी भाषा के तरीके से अलग प्रकार से करती होगी। +बाइबलीय भाषाएँ अथवा आपकी स्रोत भाषा ‘‘जा’’ और ‘‘आ’’ अथवा ‘‘ले’’ या ‘‘दे’’ का उपयोग शायद आपकी अपनी भाषा के तरीके से अलग प्रकार से करती होगी। यदि इन शब्दों का अनुवाद आपकी भाषा में प्रचलित तरीके के अनुसार नही किया गया तो पाठक इस संदेह में पड़ सकते हैं कि लोग किस दिशा में बढ़ रहे हैं। @@ -34,7 +32,7 @@ कुछ भाषाओं में, ऐसा कहना सही होगा कि यूसुफ और मरियम यीशु को मंदिर में लाए या उठाकर लाए -> और देखो, यार्इर नाम एक मनुष्य जो आराधनालय का सरदार था, आया और यीशु के पांवों पर गिर के उससे विनती करने लगा, कि मेरे घर (लूका 8:41 ULB) +> और देखो, यार्इर नाम एक मनुष्य जो आराधनालय का सरदार था, आया और यीशु के पांवों पर गिर के उससे विनती करने लगा, कि मेरे घर (लूका 8:41 ULB) जब इस व्यक्ति ने यीशु से बात की तो वह घर पर नही था । वह चाहता था कि यीशु उसके साथ उसके घर जाए @@ -54,23 +52,15 @@ ULB में प्रयुक्त शब्द शायद आपकी 1. ‘‘जा’’, ‘‘आ’’, ‘‘ले’’ या ‘‘दे’’ में से उन शब्दों का उपयोग करें जो आपकी भाषा में स्वाभाविक हों * **तू तब ही मेरी इस शपथ से छूटेगा, जब तू मेरे कुल के लोगों के पास आएगा; और वे कोर्इ स्त्री न दें** (उत्पत्ति 24:41 ULB) - - * तू तब ही मेरी इस शपथ से छूटेगा, जब तू मेरे कुल के लोगों के पास जाएगा; और वे कोर्इ स्त्री न दें - + * तू तब ही मेरी इस शपथ से छूटेगा, जब तू मेरे कुल के लोगों के पास जाएगा; और वे कोर्इ स्त्री न दें * **इन दिनों के बाद उस की पत्नी इलीशिबा गर्भवती हुर्इ; और पांच महीने तक सबके सामने नही गर्इ** (लूका 1:24 ULB) - - * इन दिनों के बाद उस की पत्नी इलीशिबा गर्भवती हुर्इ; और पांच महीने तक सबके सामने नही आर्इ + * इन दिनों के बाद उस की पत्नी इलीशिबा गर्भवती हुर्इ; और पांच महीने तक सबके सामने नही आर्इ 1. सही अर्थ को दिखाने वाले किसी अन्य शब्द का उपयोग करें * **जब तू उस देश में आए जिसे तेरा परमेश्वर यहोवा तुझे देता है, और उसका अधिकारी हो, और उन में बसकर कहने लगे...** (व्यवस्थाविवरण 17:14 ULB) - - * ‘‘जब तू उस देश में पहुँचे जिसे तेरा परमेश्वर यहोवा तुझे देता है, और उसका अधिकारी हो, और उन में बसकर कहने लगे...’’ - + * ‘‘जब तू उस देश में पहुँचे जिसे तेरा परमेश्वर यहोवा तुझे देता है, और उसका अधिकारी हो, और उन में बसकर कहने लगे...’’ * **यहोवा ने नूह से कहा, तू अपने सारे घराने समेत जहाज में ;** (उत्पत्ति 7:1 ULB) - - * ‘‘यहोवा ने नूह से कहा, तू अपने सारे घराने समेत जहाज में प्रवेश कर‘‘ - + * ‘‘यहोवा ने नूह से कहा, तू अपने सारे घराने समेत जहाज में प्रवेश कर‘‘ * **इन दिनों के बाद उस की पत्नी इलीशिबा गर्भवती हुर्इ; और पांच महीने तक सबके सामने नही गर्इ** (लूका 1:24 ULB) - - * इन दिनों के बाद उस की पत्नी इलीशिबा गर्भवती हुर्इ; और पांच महीने तक सबके सामने आर्इ ही नही + * इन दिनों के बाद उस की पत्नी इलीशिबा गर्भवती हुर्इ; और पांच महीने तक सबके सामने आर्इ ही नही diff --git a/translate/figs-grammar/01.md b/translate/figs-grammar/01.md index 4b5316e..fefb7aa 100644 --- a/translate/figs-grammar/01.md +++ b/translate/figs-grammar/01.md @@ -1,19 +1,18 @@ - व्याकरण के दो भाग हैं: शब्द एवं संरचना। संरचना का अर्थ, किसी कथन, वाक्य अथवा कहावत को बनाने के लिए शब्दों को कैसे जोड़ा जाए। - ब्द के भेद** - एक भाषा में सभी शब्द ‘‘शब्द के भेद’’ नामक श्रेणी में आते हैं (देखें [Parts of Speech](../figs-partsofspeech/01.md)) +** शब्द के भेद** - एक भाषा में सभी शब्द ‘‘शब्द के भेद’’ नामक श्रेणी में आते हैं (देखें [Parts of Speech](../figs-partsofspeech/01.md)) - ाक्य** - जब हम बोलते हैं तो हम हमारे विचारों को वाक्यों में बदलते हैं। एक वाक्य अक्सर, किसी घटना या हालत या अवस्था के बारे में एक पूर्ण विचार होता है (देखें [Sentence Structure](../figs-sentences/01.md)) +** वाक्य** - जब हम बोलते हैं तो हम हमारे विचारों को वाक्यों में बदलते हैं। एक वाक्य अक्सर, किसी घटना या हालत या अवस्था के बारे में एक पूर्ण विचार होता है (देखें [Sentence Structure](../figs-sentences/01.md)) - * वाक्य में कथन, प्रश्न, आज्ञा या विष्मय हो सकता है (देखें [Exclamations](../figs-sentencetypes/01.md)) - * वाक्य में एक से अधिक कथन हो सकते हैं (देखें [Sentence Structure](../figs-sentences/01.md)) - * कुछ भाषाओं में, प्रत्यक्ष एवं परोक्ष कथन दोनों होते हैं (देखें [Active or Passive](../figs-activepassive/01.md)) + * वाक्य में कथन, प्रश्न, आज्ञा या विष्मय हो सकता है (देखें [Exclamations](../figs-sentencetypes/01.md)) + * वाक्य में एक से अधिक कथन हो सकते हैं (देखें [Sentence Structure](../figs-sentences/01.md)) + * कुछ भाषाओं में, प्रत्यक्ष एवं परोक्ष कथन दोनों होते हैं (देखें [Active or Passive](../figs-activepassive/01.md)) - ंपत्ति** - ये बताता है कि दो संज्ञाओं में मेल है। अंग्रेजी में यह ‘‘लव ऑफ गॉड’’ के ‘‘ऑफ’’ या ‘‘गॉड्स लव’’ के ‘‘एस’’के द्वारा अथवा ‘‘हिस लव’’ के समान स्थानात्मक सर्वनाम के द्वारा चिन्हित होता है (देखें [Possession](../figs-possession/01.md)) +** संपत्ति** - ये बताता है कि दो संज्ञाओं में मेल है। अंग्रेजी में यह ‘‘लव ऑफ गॉड’’ के ‘‘ऑफ’’ या ‘‘गॉड्स लव’’ के ‘‘एस’’के द्वारा अथवा ‘‘हिस लव’’ के समान स्थानात्मक सर्वनाम के द्वारा चिन्हित होता है (देखें [Possession](../figs-possession/01.md)) - द्धरण** - उद्धरण किसी व्यक्ति के द्वारा कही गर्इ बात को कहना है। +** उद्धरण** - उद्धरण किसी व्यक्ति के द्वारा कही गर्इ बात को कहना है। - * अक्सर, उद्धरण के दो भाग होते हैं: यह सूचना के किसने कुछ कहा और क्या कहा (देखें [Quotations and Quote Margins](../writing-quotations/01.md)) - * उद्धरण प्रत्यक्ष अथवा परोक्ष भी हो सकते हैं (देखें [Direct and Indirect Quotations](../figs-quotations/01.md)) - * उद्धरण के अंदर उद्धरण हो सकते हैं (देखें [Quotes within Quotes](../figs-quotesinquotes/01.md)) - * उद्धरण को चिन्हित कर, इन्हे पाठक के लिए आसान बनाया जा सकता है कि किसने क्या कहा (देखें [Quotes Makings](../figs-quotemarks/01.md)) + * अक्सर, उद्धरण के दो भाग होते हैं: यह सूचना के किसने कुछ कहा और क्या कहा (देखें [Quotations and Quote Margins](../writing-quotations/01.md)) + * उद्धरण प्रत्यक्ष अथवा परोक्ष भी हो सकते हैं (देखें [Direct and Indirect Quotations](../figs-quotations/01.md)) + * उद्धरण के अंदर उद्धरण हो सकते हैं (देखें [Quotes within Quotes](../figs-quotesinquotes/01.md)) + * उद्धरण को चिन्हित कर, इन्हे पाठक के लिए आसान बनाया जा सकता है कि किसने क्या कहा (देखें [Quotes Makings](../figs-quotemarks/01.md)) diff --git a/translate/figs-hendiadys/01.md b/translate/figs-hendiadys/01.md index e5002bb..d00629a 100644 --- a/translate/figs-hendiadys/01.md +++ b/translate/figs-hendiadys/01.md @@ -2,17 +2,17 @@ जब एक वक्ता दो शब्दों के उपयोग से एक विचार को बताता है तो ‘‘और’’ से जुड़े होते हैं, उसे ‘‘हेन्डियडिस’’ कहते हैं। हेन्डियडिस में दो शब्द एक साथ कार्य करते हैं। आमतौर पर, उनमें से एक शब्द प्राथमिक होता है एवं दूसरा शब्द पहले का वर्णन करता है। -> .... अपने ***राज्य और महिमा***में (1 थिस्सलुनीकियों 2:12 ULB) +> .... अपने **राज्य और महिमा** में (1 थिस्सलुनीकियों 2:12 यूएलबी) ‘‘राज्य’’ और ‘‘महिमा’’ दोनों संज्ञाएँ हैं, महिमा बताता है कि राज्य कैसा है: यह एक **महिमा का राज्य है** या **महान राज्य है।** "और" से जुड़े दो वाक्यांश भी किसी एक व्यक्ति, चीज या घटना को संदर्भित करते समय एक हेन्डियडिस हो सकते हैं। -> और उस ***धन्य आशा की*** अर्थात् ***अपने महान परमेश्वर और उद्धारकर्ता यीशु मसीह की महिमा के प्रगट होने*** की प्रतीक्षा करते रहें। (तीतुस 2:13 ULB) +> और उस **धन्य आशा की** अर्थात् **अपने महान परमेश्वर और उद्धारकर्ता यीशु मसीह की महिमा के प्रगट होने** की प्रतीक्षा करते रहें। (तीतुस 2:13 यूएलबी) तीतुस 2:13 में दो हेन्डियडिस शामिल हैं। "धन्य आशा" और "महिमा के प्रगट होने " एक ही बात को संदर्भित करते हैं और इस विचार को मजबूत करने के लिए सेवा करते हैं कि यीशु मसीह की वापसी बहुत प्रत्याशित और अद्भुत है। इसके अलावा, "हमारे महान परमेश्वर" और "उद्धारकर्ता यीशु मसीह" एक व्यक्ति को संदर्भित करते हैं, दो नहीं। -### कारण यह अनुवाद की समस्या है +### कारण यह एक अनुवाद मुद्दा है * अक्सर हेन्डियडिस में एक भाववाचक संज्ञा होती है। कुछ भाषाओं में शायद इसी अर्थ की संज्ञाएँ न हों। * कर्इ सारी भाषाएँ हेन्डियडिस का उपयोग नही करतीं, इसलिए लोगों को शायद पता न चले कि दो शब्द एक साथ कैसे कार्य करते हैं और एक दूसरे की व्याख्या कैसे करता है। @@ -20,11 +20,11 @@ ### बाइबल से उदाहरण ->  क्योंकि मैं तुम्हें ऐसा ***बोल और बुद्धि*** दूँगा (लूका 21:15 ULB) +>  क्योंकि मैं तुम्हें ऐसा **बोल और बुद्धि** दूँगा (लूका 21:15 यूएलबी) ‘‘बोल’’ और ‘‘बुद्धि’’ संज्ञाएँ हैं, परंतु अलंकार भाषा में ‘‘बुद्धि’’ ‘‘शब्दों’’ का वर्णन करती है। -> ... यदि तुम आज्ञाकारी होकर मेरी मानो... (यशायाह 1:19 ULB) +> ... यदि तुम आज्ञाकारी होकर मेरी मानो... (यशायाह 1:19 यूएलबी) ‘‘चाहना’’ और ‘‘आज्ञा मानना’’ विशेषण हैं परंतु ‘‘चाहना’’ ‘‘आज्ञा मानना’’ का वर्णन करता है। @@ -42,38 +42,37 @@ 1. वर्णन करने वाली संज्ञा के बदले में एक वाक्य लगाएँ जिसका समान अर्थ हो -* **मैं तुम्हें ऐसा ***शब्द और बुद्धि *** दूंगा** (लूका 21:15 ULB) - ->> मैं तुम्हें ***बुद्धिमान शब्द*** दूंगा - -> **कि तुम्हारा चाल चलन परमेश्वर के योग्य हो, जो तुम्हें ***अपने राज्य और महिमा*** में बुलाता है** (1 थिस्सलुनीकियों 2:12 ULB) ->> कि तुम्हारा चाल चलन परमेश्वर के योग्य हो, जो तुम्हें ***अपने महिमा के राज्य*** में बुलाता है +> मैं तुम्हें ऐसा **शब्द और बुद्धि** दूंगा (लूका 21:15 यूएलबी) +>> मैं तुम्हें **बुद्धिमान शब्द** दूंगा +> +> कि तुम्हारा चाल चलन परमेश्वर के योग्य हो, जो तुम्हें **अपने राज्य और महिमा** में बुलाता है (1 थिस्सलुनीकियों 2:12 यूएलबी) +>> कि तुम्हारा चाल चलन परमेश्वर के योग्य हो, जो तुम्हें **अपने महिमा के राज्य** में बुलाता है (2) वर्णन करने वाली संज्ञा को एक वाक्यांश के साथ प्रतिस्थापित करें जिसका अर्थ समान है। -> **क्योंकि मैं तुम्हें ऐसा ***शब्द और बुद्धि*** दूंगा** (लूका 21:15 ULB) ->> क्योंकि मैं तुम्हें ऐसा ***बुद्धिमान शब्द*** दूंगा +> क्योंकि मैं तुम्हें ऐसा **शब्द और बुद्धि** दूंगा (लूका 21:15 यूएलबी) +>> क्योंकि मैं तुम्हें ऐसा **बुद्धिमान शब्द** दूंगा -> **कि तुम्हारा चाल चलन परमेश्वर के योग्य हो, जो तुम्हें ***अपने राज्य और महिमा*** में बुलाता है** (1 थिस्सलुनीकियों 2:12 ULB) ->>कि तुम्हारा चाल चलन परमेश्वर के योग्य हो, जो तुम्हें ***अपने राज्य और महिमा*** में बुलाता है** +> कि तुम्हारा चाल चलन परमेश्वर के योग्य हो, जो तुम्हें **अपने राज्य और महिमा** में बुलाता है (1 थिस्सलुनीकियों 2:12 यूएलबी) +>>कि तुम्हारा चाल चलन परमेश्वर के योग्य हो, जो तुम्हें **अपने राज्य और महिमा** में बुलाता है (3)वर्णन करने वाली विशेषण के बदले में एक क्रिया-विशेषण लगाएँ जिसका समान अर्थ हो -> **... यदि तुम ***चाहते*** और ***आज्ञा*** मानते हो...** (यशायाह 1:19 ULB) ->> यदि तुम ***आज्ञा मानना चाहते*** हो... +> यदि तुम **चाहते** और **आज्ञा** मानते हो... (यशायाह 1:19 यूएलबी) +>> यदि तुम **आज्ञा मानना चाहते** हो... (4) उसकी जगह पर अन्य शब्द भेद लगाएँ जिसका समान अर्थ हो और दिखाए कि एक शब्द दूसरे का वर्णन कर रहा है -*** यदि तुम ***चाहते और आज्ञा मानते*** हो...** (यशायाह 1:19 ULB) +> यदि तुम **चाहते और आज्ञा मानते** हो... (यशायाह 1:19 यूएलबी) -- विशेषण ‘‘आज्ञा’’ की जगह पर ‘‘आज्ञा मानना’’ आ सकता है +विशेषण ‘‘आज्ञा’’ की जगह पर ‘‘आज्ञा मानना’’ आ सकता है ->> यदि तुम ***आज्ञा मानना चाहते*** +>> यदि तुम **आज्ञा मानना चाहते** (4) और (5) यदि यह स्पष्ट नहीं है कि केवल एक ही चीज़ है, तो वाक्यांश को बदल दें ताकि यह स्पष्ट हो। -> और उस ***धन्य आशा की*** अर्थात् ***अपने महान परमेश्वर और उद्धारकर्ता यीशु मसीह की महिमा के प्रगट होने*** की प्रतीक्षा करते रहें। (तीतुस 2:13 ULT) +> और उस **धन्य आशा की** अर्थात् **अपने महान परमेश्वर और उद्धारकर्ता यीशु मसीह की महिमा के प्रगट होने** की प्रतीक्षा करते रहें। (तीतुस 2:13 यूएलबी) संज्ञा "महिमा" को विशेषण "गौरवशाली" में बदला जा सकता है ताकि यह स्पष्ट हो सके कि यीशु का ऐसा दिखना वह है जिसकी हम आशा करते हैं। इसके अलावा, "यीशु मसीह" को वाक्यांश के सामने ले जाया जा सकता है और "महान परमेश्वर और उद्धारकर्ता" को एक सापेक्ष खंड में डाल दिया जाता है जो एक व्यक्ति, यीशु मसीह का वर्णन करता है। ->> जबकि हम प्राप्त करने के लिए तत्पर हैं *** हम किस चीज के लिए तरस रहे हैं, धन्य और शानदार दिखने वाला ***यीशु मसीह, जो हमारा महान परमेश्वर और उद्धारकर्ता*** है। +>> जबकि हम प्राप्त करने के लिए तत्पर हैं **हम किस चीज के लिए तरस रहे हैं, धन्य और शानदार दिखने वाला** **यीशु मसीह, जो हमारा महान परमेश्वर और उद्धारकर्ता** है। diff --git a/translate/figs-hyperbole/01.md b/translate/figs-hyperbole/01.md index 3c3b3b4..10da416 100644 --- a/translate/figs-hyperbole/01.md +++ b/translate/figs-hyperbole/01.md @@ -1,35 +1,35 @@ ### विवरण -एक वक्ता या लेखक किसी बात को कहने के लिए समान शब्दों का उपयोग कर सकता है जिसका अर्थ,है कि पूरा सच, या आमतौर पर सही या अतिशयोक्ति भी कह सकता है। और इसीलिए एक कथन को समझने का निर्णय लेने में कठिनार्इ हो सकती है। उदाहरण के लिए निचे दिए गए वाक्य का तिन अलग-अलग अर्थ हो सकता है +एक वक्ता या लेखक किसी बात को कहने के लिए समान शब्दों का उपयोग कर सकता है जिसका अर्थ,है कि पूरा सच, या आमतौर पर सही या अतिशयोक्ति भी कह सकता है। और इसीलिए एक कथन को समझने का निर्णय लेने में कठिनाई हो सकती है। उदाहरण के लिए निचे दिए गए वाक्य का तिन अलग-अलग अर्थ हो सकता है -* यहाँ हर रात बरसात होती है* +* यहाँ हर रात बरसात होती है 1. वक्ता एकदम सही बोल रहा है जैसा लिखा है कि यहाँ हर रात बरसात होती है -1. वक्ता एक आत बात बोल रहा है जो वहाँ सामान्य तौर पर होता है कि वहाँ लगभग हर रात बरसात होती है -1. वक्ता इसे अतिशयोक्ति के रूप में यह कहना चाहता है कि यहाँ सामान्य तरीके से अधिक बरसात होती है जिससे वह बरसात की तादाद को अधिक बल देकर, खुशी या नाराजगी जाहिर करते हुए कहना चाहता है। +1. वक्ता एक आत बात बोल रहा है जो वहाँ **सामान्य तौर पर** होता है कि वहाँ लगभग हर रात बरसात होती है +1. वक्ता इसे **अतिशयोक्ति** के रूप में यह कहना चाहता है कि यहाँ सामान्य तरीके से अधिक बरसात होती है जिससे वह बरसात की तादाद को अधिक बल देकर, खुशी या नाराजगी जाहिर करते हुए कहना चाहता है। ** अतिशयोक्ति** : यह एक अलंकार है जिसमें बढ़ा चढ़ाकर बताना अथवा **अत्युक्ति** वक्ता असामान्य या बड़े शब्दों में कुद कहना चाहता है, जिससे वह इसके बारे में, अपनी भावना या विचार को प्रकट कर सके। वह आशा करता है कि लोग उसकी अत्युक्ति को पहचान सकें। ->वे तुझमें पत्थर पर पत्थर भी न छोड़ेंगे (लूका 19:44 ULB) +>और तुझ में **पत्थर पर पत्थर** भी न छोड़ेंगे; (लूका 19:44 यूएलबी) -* यह अत्युक्ति है* इसका अर्थ है है कि दुश्मन पूरे यरूशलेम का नाश कर डालेंगे +* यह अतिशयोक्ति है इसका अर्थ है है कि दुश्मन पूरे यरूशलेम का नाश कर डालेंगे। -### कारण यह अनुवाद की समस्या है >और मूसा को मिस्रियों की सारी विद्या पढ़ार्इ गर्इ (प्रेरितों के काम 7:22 ULB) +>और मूसा को **मिस्रियों की सारी विद्या** पढ़ाई गई (प्रेरितों के काम 7:22 यूएलबी) -* ये सामान्यीकरण का अर्थ है कि उसने मिस्र की अधिकतर विद्याएँ सीख ली थीं।*और इस तरह किसी भी मिस्री के रूप में शिक्षित किया गया था। +* ये अतिशयोक्ति का अर्थ है कि उसने मिस्र की अधिकतर विद्याएँ सीख ली थीं। और इस तरह किसी भी मिस्री के रूप में शिक्षित किया गया था। ** सामान्यीकरण:** एक कथन जो अक्सर सही होता है और जिसे हर परिस्थिति में लागु किया जा सकता है। ->जो शिक्षा को सुनी-अनसुनी करता, वह निर्धन होता और अपमान पाता है, ->परन्तु जो डाँट को मानता, उसकी महिमा होती है (नीतिवचन 13:18) +>जो शिक्षा को अनसुनी करता वह **निर्धन हो जाता है और अपमान पाता है**, +>परन्तु जो डाँट को मानता, उसकी **महिमा होती** है। (नीतिवचन 13:18) * ये सामान्यीकरण उन लोगों के बारे में बताते हैं जो सामान्य रूप से उन लोगों के साथ होते हैं जो निर्देश की उपेक्षा करते हैं और सामान्य रूप से उन लोगों के साथ होते हैं जो सुधार से सीखते हैं। इन बयानों में कुछ अपवाद हो सकते हैं, लेकिन वे आम तौर पर सच हैं। ->प्रार्थना करते समय अन्यजातियों की नार्इ बक बक न करो; क्योंकि वे समझते हैं कि उनके बहुत बोलने से उन की सुनी जाएगी (मत्ती 6:7) +>प्रार्थना करते समय **अन्यजातियों के समान बक-बक न करो; क्योंकि वे समझते हैं कि उनके बार-बार बोलने से उनकी सुनी जाएगी।** (मत्ती 6:7) -* ये सामान्यीकरण बताता है कि अन्यजाति किस कार्य के लिए विख्यात थे* कई अन्यजातियों ने ऐसा किया। अगर कुछ नहीं किया तो कोई बात नहीं। मुद्दा यह था कि श्रोताओं को इस प्रसिद्ध अभ्यास में शामिल नहीं होना चाहिए। +* ये सामान्यीकरण बताता है कि अन्यजाति किस कार्य के लिए विख्यात थे। कई अन्यजातियों ने ऐसा किया। अगर कुछ नहीं किया तो कोई बात नहीं। मुद्दा यह था कि श्रोताओं को इस प्रसिद्ध अभ्यास में शामिल नहीं होना चाहिए। -कर्इ अन्यजातियों ने ऐसा किया होगा। यद्यपि सामान्यीकरण में ‘‘सब’’, ‘‘हमेशा’’, ‘‘कोर्इ नही’’ या ‘‘कभी नही’’ जैसे शक्तिशाली लगने वाले शब्द हो सकते हैं, इसका मतलब यह नही है उनका अर्थ बिल्कुल वही होगा। इसका मतलब हो सकता है, ‘‘अक्सर’’, ‘‘अधिकतर’’ या ‘‘कभी कभार’’। +यद्यपि अतिशयोक्ति या सामान्यीकरण में ‘‘सब’’, ‘‘हमेशा’’, ‘‘कोई नही’’ या ‘‘कभी नही’’ जैसे शक्तिशाली लगने वाले शब्द हो सकते हैं, इसका मतलब यह नही है उनका अर्थ **बिल्कुल वही** होगा। इसका मतलब हो सकता है, ‘‘अक्सर’’, ‘‘अधिकतर’’ या ‘‘कभी कभार’’। #### कारण यह एक अनुवाद मुद्दा है @@ -38,49 +38,51 @@ ### बाइबल से उदाहरण -### अत्युक्ति के उदाहरण +### अतिशयोक्ति के उदाहरण ->यदि तेरा हाथ तुझे ठोकर खिलाए तो उसे काट डाल टुंडा होकर जीवन में प्रवेश करना, तेरे लिये इससे भला है..... (मरकुस 9:43 ULB) +> यदि तेरा हाथ तुझे ठोकर खिलाएँ तो उसे **काट डाल** टुण्डा होकर जीवन में प्रवेश करना, तेरे लिये इससे भला है..... (मरकुस 9:43 यूएलबी) -जब यीशु ने हाथ काट डालने को कहा, तो उसका मतलब था कि हमें पाप को रोकने के लिए कुछ भी कठिन कार्य करना पड़े, तो करने को तैयार हों। वह इस अतिशयोक्ति का उपयोग कर पाप को रोकने की गंभीरता को दिखा रहे हैं। +जब यीशु ने हाथ काट डालने को कहा, तो उसका मतलब था कि हमें पाप को रोकने के लिए **कुछ भी कठिन कार्य** करना पड़े, तो करने को तैयार हों। वह इस अतिशयोक्ति का उपयोग कर पाप को रोकने की गंभीरता को दिखा रहे हैं। ->और पलिश्ती इस्राएल से युद्ध करने के लिये इकट्ठे हो गए: तीस हजार रथ, और छ: हजार सवार, और समुद्र के तीर की बालू के किनकों के समान बहुत से लोग इकट्ठे हुए (1 शमूएल 13:5 ULB) +> पलिश्ती इस्राएल से युद्ध करने के लिये इकट्ठे हो गए, अर्थात् तीस हजार रथ, और छः हजार सवार, और **समुद्र तट के रेतकणों के समान बहुत से** लोग इकट्ठे हुए; +(1 शमूएल 13:5 ULB) -उक्त रेखांकित शब्द सा वाक्य एक अत्युक्ति है। इसका अर्थ है कि पलिस्तीनों के साथ बहुत सारे सैनिक थे। इसका मतलब है कि फिलिस्तीन की सेना में *** कई, कई *** सैनिक थे। +उक्त रेखांकित शब्द सा वाक्य एक अत्युक्ति है। इसका अर्थ है कि पलिस्तीनों के साथ बहुत सारे सैनिक थे। इसका मतलब है कि फिलिस्तीन की सेना में *** कई, कई *** सैनिक थे। ->वरन जैसे वह अभिषेक... तुम्हें सब बातें सिखाता है, और यह सच्चा है, और झूठा नहीं: और जैसा उस ने तुम्हें सिखाया है वैसे ही तुम उसमें बने रहते हो। (1 यूहन्ना 2:27 ULB) +>वरन् जैसे वह अभिषेक जो उसकी ओर से किया गया तुम्हें **सब बातें** सिखाता है, और यह सच्चा है, और झूठा नहीं और जैसा उसने तुम्हें सिखाया है वैसे ही तुम उसमें बने रहते हो। (1 यूहन्ना 2:27 यूएलबी) -यह एक हाइपरबोले है। यह इस आश्वासन को व्यक्त करता है कि परमेश्वर की आत्मा हमें *** के बारे में सिखाती है जो हमें *** जानना आवश्यक है। परमेश्‍वर की आत्मा हमें हर उस चीज़ के बारे में नहीं सिखाती जिसे जानना संभव है। +यह एक अतिशयोक्ति है। यह इस आश्वासन को व्यक्त करता है कि परमेश्वर की आत्मा के बारे में सिखाती है **जो हमें जानना आवश्यक है**। परमेश्‍वर की आत्मा हमें हर उस चीज़ के बारे में नहीं सिखाती जिसे जानना संभव है। ->‘‘जब वह मिला, तो उससे कहा कि सब लोग तुझे ढूंढ रहे हैं’’ (मरकुस 1:37 ULB) +>जब वह मिला, तो उससे कहा; “**सब** लोग तुझे ढूँढ़ रहे हैं।” (मरकुस 1:37 यूएलबी) -चेलों ने यीशु से कहा कि सब लोग उसे खोज रहे थे। उनका मतलब यह नही था कि शहर के सब लोग उसे खोज रहे थे, परंतु कर्इ लोग अथवा घनिष्ठ मित्र उसे ढ़ूँढ़ रहे थे। यह भावना व्यक्त करने के उद्देश्य से एक अतिशयोक्ति है कि वे और कई अन्य लोग उसके बारे में चिंतित थे। +चेलों ने यीशु से कहा कि सब लोग उसे खोज रहे थे। उनका मतलब यह नही था कि शहर के सब लोग उसे खोज रहे थे, परंतु **कई लोग** अथवा घनिष्ठ मित्र उसे ढ़ूँढ़ रहे थे। यह भावना व्यक्त करने के उद्देश्य से एक अतिशयोक्ति है कि वे और कई अन्य लोग उसके बारे में चिंतित थे। ### सामान्यीकरण के उदाहरण -> *** क्या नाज़रथ से कुछ अच्छा निकल सकता है? *** (यूहन्ना 1:46 ULB) +>**क्या कोई अच्छी वस्तु भी नासरत से निकल सकती है?** (यूहन्ना 1:46 यूएलबी) यह अलंकारिक प्रश्न सामान्यीकरण को व्यक्त करने के लिए है कि नाज़रथ में कुछ भी अच्छा नहीं है। वहां के लोगों की प्रतिष्ठा अशिक्षित होने और कड़ाई से धार्मिक न होने के कारण थी। बेशक, अपवाद थे। -> उनमें से एक, अपने स्वयं के पैगंबरों में से एक ने कहा है, "*** क्रेते के लोग हमेशा झूठे, दुष्ट जानवर, आलसी घंटी हैं।" (तीतुस 1:12 ULB) +> उन्हीं में से एक जन ने जो उन्हीं का भविष्यद्वक्ता हैं, कहा है, “**क्रेती लोग सदा झूठे, दुष्ट पशु और आलसी पेटू होते हैं**।" (तीतुस 1:12 ULB) यह एक सामान्यीकरण है जिसका अर्थ है कि क्रेते के लोगों की प्रतिष्ठा इस तरह से थी क्योंकि सामान्य तौर पर, क्रेते के लोगों का व्यवहार कैसा होता है। यह संभव है कि यह अपवाद थे। -> *** एक आलसी हाथ गरीबी का कारण बनता है, लेकिन मेहनती का हाथ उसे अमीर बनाता है ***। (नीतिवचन 10: 4 ULB) +>**जो काम में ढिलाई करता है, वह निर्धन हो जाता है,परन्तु कामकाजी लोग अपने हाथों के द्वारा धनी होते हैं**। (नीतिवचन 10: 4 ULB) यह आम तौर पर सच है और अधिकांश लोगों के अनुभव को दर्शाता है। यह संभव है कि कुछ परिस्थितियों में अपवाद हो। ### चेतावनी यह मत समझो कि कुछ अतिशयोक्ति है क्योंकि यह असंभव प्रतीत होता है। परमेश्वर आश्चर्यकर्म करते हैं। ->उन्होंने यीशु को झील पर चलते, और नाव के निकट आते देखा (युहन्ना 6:19 ULB) +>उन्होंने यीशु को **झील पर चलते**, और नाव के निकट आते देखा,...।(युहन्ना 6:19 यूएलबी) यह अतिशयोक्ति नही है। यीशु वास्तव में जल पर चले थे। यह सच्चा कथन है । यह अनुमान न लगाएँ कि जहाँ भी ‘‘सब’’ आता है, उसका अर्थ हमेशा ‘‘अधिकतर’’ होता है। ->यहोवा अपनी सब गति में धर्मी ->और अपने सब कामों मे करूणामय है (भजन संहिता 145:17 ULB) +> यहोवा अपनी **सब** गति में धर्मी +> +> और अपने **सब** कामों मे करूणामय है (भजन संहिता 145:17 यूएलबी) यहोवा सदा धर्मी है। यह पूरा सच्चा कथन है। @@ -90,33 +92,36 @@ 1. अतिशयोक्ति के बिना अर्थ व्यक्त करें। 1. सामान्यीकरण के लिए, ‘‘सामान्य तौर पर’’ या ‘‘अक्सर’’ जैसे शब्दों का उपयोग कर बताएँ कि यह सामान्यीकरण है -1. सामान्यीकरण के लिए, ‘‘अधिकतर’’ या ‘‘लगभग’’ जैसे शब्द जोड़ें जिससे पता चले कि सामान्यीकरण एकदम सही नही है -1. ‘‘सब’’, ‘‘हमेशा’’, ‘‘कोर्इ नही’’ या ‘‘कभी नही’’ का उपयोग करने वाले सामान्यीकरण में उन शब्दों को हटाने की कोशिश करें +1. अतिशयोक्ति या सामान्यीकरण के लिए, ‘‘अधिकतर’’ या ‘‘लगभग’’ जैसे शब्द जोड़ें जिससे पता चले कि अतिशयोक्ति या सामान्यीकरण एकदम सही नही है +1. ‘‘सब’’, ‘‘हमेशा’’, ‘‘कोई नही’’ या ‘‘कभी नही’’ का उपयोग करने वाले अतिशयोक्ति या सामान्यीकरण में उन शब्दों को हटाने की कोशिश करें ### अनुवाद रणनीतियों के प्रयोग के उदाहरण 1. अतिशयोक्ति के बिना अर्थ व्यक्त करें। -* **पलिश्ती इस्राएल से युद्ध करने के लिये इकट्ठे हो गए: तीस हजार रथ, और छ: हजार सवार, और समुद्र के तीर की बालू के किनकों के समान बहुत से लोग इकट्ठे हुए** (1 शमूएल 13:5 ULB) -* पलिश्ती इस्राएल से युद्ध करने के लिये इकट्ठे हो गए: तीस हजार रथ, और छ: हजार सवार, और एक बड़ी संख्या में लोग इकट्ठे हुए +> पलिश्ती इस्राएल से युद्ध करने के लिये इकट्ठे हो गए, अर्थात् तीस हजार रथ, और छः हजार सवार, और **समुद्र तट के रेतकणों के समान बहुत से लोग इकट्ठे हुए**; (1 शमूएल 13:5 यूएलबी) +>>पलिश्ती इस्राएल से युद्ध करने के लिये इकट्ठे हो गए: तीस हजार रथ, और छ: हजार सवार, और **एक बड़ी संख्या में लोग इकट्ठे हुए**। (2) सामान्यीकरण के लिए, ‘‘सामान्य तौर पर’’ या ‘‘अक्सर’’ जैसे शब्दों का उपयोग कर बताएँ कि यह सामान्यीकरण है -* **जो शिक्षा को सुनी-अनसुनी करता वह निर्धन होता और अपमान पाता है...** (नीतिवचन 13:18 ULB) - * सामान्य तौर पर, जो शिक्षा को सुनी-अनसुनी करता वह निर्धन होता और अपमान पाता है... -* **प्रार्थना करते समय अन्यजातियों की नार्इ बक बक न करो; क्योंकि वे समझते हैं कि उनके बहुत बोलने से उनकी सुनी जाएगी** (मत्ती 6:7 ULB) -* प्रार्थना करते समय अन्यजातियों की नार्इ, जैसा वो अक्सर करते हैं बक बक न करो; क्योंकि वे समझते हैं कि उनके बहुत बोलने से उनकी सुनी जाएगी +> जो शिक्षा को अनसुनी करता वह **निर्धन हो जाता है और अपमान पाता है**,...(नीतिवचन 13:18 यूएलबी) +>>**सामान्य तौर पर**, जो शिक्षा को सुनी-अनसुनी करता वह निर्धन होता और अपमान पाता है +> +>प्रार्थना करते समय अन्यजातियों के समान बक-बक न करो; क्योंकि वे समझते हैं कि उनके बार-बार बोलने से उनकी सुनी जाएगी। (मत्ती 6:7) +> +>>प्रार्थना करते समय अन्यजातियों के समान, **जैसा वो अक्सर करते हैं** बक बक न करो; क्योंकि वे समझते हैं कि उनके बहुत बोलने से उनकी सुनी जाएगी -(3) सामान्यीकरण के लिए, ‘‘अधिकतर’’ या ‘‘लगभग’’ जैसे शब्द जोड़ें जिससे पता चले कि सामान्यीकरण एकदम सही नही है +(3) अतिशयोक्ति या सामान्यीकरण के लिए, ‘‘अधिकतर’’ या ‘‘लगभग’’ जैसे शब्द जोड़ें जिससे पता चले कि अतिशयोक्ति या सामान्यीकरण एकदम सही नही है - * और सारे यहूदिया देश के, और यरूशलेम के सब रहनेवाले निकलकर उसके पास गए (मरकुस 1:5 ULB) - * और करीब सारे के सारे यहूदिया देश के, और यरूशलेम के करीब सब के सब रहनेवाले निकलकर उसके पास गए +> **सारे** यहूदिया के, और यरूशलेम के **सब** रहनेवाले निकलकर उसके पास गए,(मरकुस 1:5 यूएलबी) +> +> > और **करीब सारे के सारे** यहूदिया देश के, और यरूशलेम के **करीब सब के सब रहनेवाले** निकलकर उसके पास गए +> +>>या: +> +>>और **लगभग सारे** यहूदिया देश के, और यरूशलेम के **लगभग सब रहनेवाले** निकलकर उसके पास गए ->> या: +(4) ‘‘सब’’, ‘‘हमेशा’’, ‘‘कोई नही’’ या ‘‘कभी नही’’ का उपयोग करने वाले अतिशयोक्ति या सामान्यीकरण में उन शब्दों को हटाने की कोशिश करें - * और लगभग सारे यहूदिया देश के, और यरूशलेम के लगभग सब रहनेवाले निकलकर उसके पास गए - -1. ‘‘सब’’, ‘‘हमेशा’’, ‘‘कोर्इ नही’’ या ‘‘कभी नही’’ का उपयोग करने वाले सामान्यीकरण में उन शब्दों को हटाने की कोशिश करें - -* **और सारे यहूदिया देश के, और यरूशलेम के सब रहनेवाले निकलकर उसके पास गए** (मरकुस 1:5 ULB) -* यहूदिया देश और यरूशलेम के लोग निकलकर उसके पास गए +>**सारे** यहूदिया के, और यरूशलेम के **सब** रहनेवाले निकलकर उसके पास गए,(मरकुस 1:5 यूएलबी) +>> यहूदिया देश और यरूशलेम के लोग निकलकर उसके पास गए diff --git a/translate/figs-hypo/01.md b/translate/figs-hypo/01.md index dcb4448..34bdd74 100644 --- a/translate/figs-hypo/01.md +++ b/translate/figs-hypo/01.md @@ -1,81 +1,82 @@ - -‘‘यदि सूरज चमकना बंद हो जाए’’, ‘‘यदि सूरज चमकना बन्द हो गया तो’’, ‘‘मान लो सूरज चमकना बंद हो गया’’ ‘‘यदि सूरज चमकना बंद नही होता तो’’। हम ऐसे कथनों का उपयोग कर, ऐसी सोचों के साथ, काल्पनिक माहौल खड़े करते हैं कि यदि ये हो गया तो क्या होगा, या ऐसे नही हुआ तो, या भविष्य में ऐसा नही हुआ तो इत्यादि। हम हमारे खेद या कामनाएँ प्रकट करते वक्त भी इनका उपयोग करते हैं। - -बाइबल में हम इसे अक्सर देख सकते हैं । हमें उनका अनुवाद इस प्रकार करना है जिससे लोगों को पता रहे कि वह घटना वास्तव में हुर्इ नही थी, परंतु मात्र एक कल्पना थी। +इन वाक्यांशों पर विचार करें: ‘‘यदि सूरज चमकना बंद हो जाए…’’, ‘‘क्या होगा अगर सूरज चमकना बंद कर दे …’’, ‘‘मान लो सूरज चमकना बंद हो गया…’’ ‘‘अगर केवल सूरज ने चमकना बंद नहीं किया होता ’’। हम ऐसे कथनों का उपयोग कर, ऐसी सोचों के साथ, काल्पनिक परिस्थितियाँ खड़े करते हैं कि यदि ये हो गया तो क्या होगा, या ऐसे नही हुआ तो, या भविष्य में ऐसा नही हुआ तो इत्यादि। हम हमारे खेद या कामनाएँ प्रकट करते वक्त भी इनका उपयोग करते हैं। बाइबल में हम इसे अक्सर देख सकते हैं । हमें(अनुवादक) उनका अनुवाद इस प्रकार करना है जिससे लोगों को पता रहे कि वह घटना वास्तव में हुई नही थी, और यह कि वे समझेंगे कि इस घटना की कल्पना क्यों की गई थी। ### वर्णन -काल्पनिक माहौल वास्तविक नही होते। वे भूत, वर्तमान और भविष्य में हो सकते हैं। भूत और वर्तमान के काल्पनिक माहौल कभी हुए नही हैं और भविष्य के कभी होंगे भी नही। कर्इ बार लोग शर्तों को बताते हैं और शर्तें पूरी न हों तो क्या हो सकता है, परंतु उन्हे पता है कि ये कभी नही हुर्इ हैं और कभी होंगी भी नही। (शर्तें ‘‘यदि’’ शब्द के साथ शुरू होने वाले कथन हैं) +काल्पनिक परिस्थितियाँ वास्तविक नही होते। वे भूत, वर्तमान और भविष्य में हो सकते हैं। भूत और वर्तमान के काल्पनिक परिस्थितियाँ कभी हुए नही हैं और भविष्य के कभी होंगे भी नही। -* यदि उसे पार्टी का पता होता, तो वह आ जाता (परंतु वह नही आया) -* यदि उसे पार्टी का पता होता, तो वह यहाँ होता (परंतु वह यहाँ नही है) -* यदि उसे पार्टी का पता होता, तो वह आ जाता (परंतु शायद वह नही आयेगा) +कई बार लोग शर्तों को बताते हैं और शर्तें पूरी न हों तो क्या हो सकता है, परंतु उन्हे पता है कि ये कभी नही हुई हैं और कभी होंगी भी नही। (शर्तें ‘‘यदि’’ शब्द के साथ शुरू होने वाले कथन हैं) -लोग अक्सर चीजों के बारे में अपनी कामनाएँ प्रकट करते हैं जो कभी पूरी नही हुर्इं या शायद कभी पूरी न भी हों +* यदि वह सौ वर्ष का होता, तो वह अपने पोते के पोते को देखता था। (लेकिन वह नहीं था) +* यदि वह एक सौ वर्ष का होता, तो वह आज भी जीवित होता। (परंतु वह यहाँ नही है) +* यदि वह एक सौ वर्ष का रहता है, तो वह अपने पोते के पोते को देखेगा।(लेकिन वह शायद नहीं होगा।) -* काश वह आ जाता -* काश वह यहाँ होता -* काश वह आ जाए +लोग अक्सर चीजों के बारे में अपनी कामनाएँ प्रकट करते हैं जो कभी पूरी नही हुई या शायद कभी पूरी न भी हों -लोग अक्सर चीजों के बारे में अपने खेद प्रकट करते हैं जो कभी पूरी नही हुर्इं या शायद कभी पूरी न भी हों +* काश वह आया होता। +* काश वह यहाँ होता। +* काश वह आ जाता। + +लोग अक्सर चीजों के बारे में अपने खेद प्रकट करते हैं जो कभी पूरी नही हुईं या शायद कभी पूरी न भी हों * यदि वह आ जाता तो * यदि वह यहाँ होता तो * यदि वह आ जाए -### कारण यह अनुवाद की समस्या है +### कारण यह एक अनुवाद मुद्दा है -* अनुवादकों को बाइबल में वर्णित विभिé प्रकार की अतिशयोक्तिपूर्ण परिस्थितियों की पहचान होनी चाहिए -* अनुवादकों को अपनी भाषा में विभिé प्रकार की अतिशयोक्तिपूर्ण परिस्थितियों को बताने के तरीकों की जानकारी होनी चाहिए +* अनुवादकों को बाइबल में वर्णित विभिन्न प्रकार की काल्पनिक परिस्थितियाँ की पहचान होनी चाहिए +* अनुवादकों को अपनी भाषा में विभिन्न प्रकार की काल्पनिक परिस्थितियाँ को बताने के तरीकों की जानकारी होनी चाहिए ### बाइबल से उदाहरण -1. भूतकाल की अतिशयोक्तिपूर्ण परिस्थितियाँ +#### भूतकाल की काल्पनिक परिस्थितियाँ ->‘‘हाय, खुराजीन! हाय, बैतसैदा! जो सामर्थ के काम तुम में किए गए, यदि वे सूर और सैदा में किए जाते, तो टाट ओढ़कर, और राख में बैठकर, वे कब से मन फिरा लेते’’ (मत्ती 11:21 ULB) +> “हाय, खुराजीन! हाय, बैतसैदा! **जो सामर्थ्य के काम तुम में किए गए**, यदि वे सूर और सैदा में किए जाते, तो टाट ओढ़कर, और राख में बैठकर, **वे कब के मन फिरा लेते**। (मत्ती 11:21 यूएलबी) -यहाँ मत्ती 11:21 में यीशु कह रहे हैं कि सूर और सैदा के प्राचीन नगरों में रहने वाले लोग यदि उसके द्वारा किए गए चमत्कारों को देख लेते तो कब से मन फिरा लेते। वास्तव में, सूर और सैदा के लोगों ने चमत्कारों को देखा ही नही था कि मन नही फिराते। उसने खूराजीन और बैतसैदा को डाँटते हुए यह कहा जिन्होने चमत्कारों को देखा था परंतु मन नही फिराया। +यहाँ मत्ती 11:21 में यीशु कह रहे हैं कि सूर और सैदा के प्राचीन नगरों में रहने वाले लोग **जो** उसके द्वारा किए गए चमत्कारों को देख लेते तो कब से मन फिरा लेते। वास्तव में, सूर और सैदा के लोगों ने चमत्कारों को देखा ही नही था और उन्होंने मन नहीं फिराया। उसने खूराजीन और बैतसैदा को डाँटते हुए यह कहा जिन्होने चमत्कारों को देखा था फिर भी मन नही फिराया। ->मार्था ने यीशु से कहा, ‘‘हे प्रभु, यदि तू यहां होता, तो मेरा भार्इ कदापि न मरता’’ (युहन्ना 11:21 ULB) +> मार्था ने यीशु से कहा, “हे प्रभु, **यदि तू यहाँ होता, तो मेरा भाई कदापि न मरता**। (युहन्ना 11:21 यूएलबी) -मार्था ने यीशु से अपनी कामना व्यक्त करने के लिए यह कहा कि काश वह पहले आ जाता। परंतु वह पहले नही आया, और उसका भार्इ मर गया। +मार्था ने यीशु से अपनी इच्छा व्यक्त करने के लिए यह कहा कि काश वह पहले आ जाते ताकि उसका भाई नहीं मरता। परंतु वह पहले नही आए, और उसका भाई मर गया। -1. वर्तमान की अतिशयोक्तिपूर्ण परिस्थितियाँ +#### वर्तमान की काल्पनिक परिस्थितियाँ ->कोर्इ भी नया दाखरस पुरानी मशकों में नही भरता यदि नहीं, तो नया दाखरस मशकों को फाड़कर बह जाएगा, और मशकें भी नाश हो जाएंगी (लूका 5:37 ULB) +> कोई नया दाखरस पुरानी मशकों में नहीं भरता, **नहीं तो नया दाखरस मशकों को फाड़कर बह जाएगा, और मशकें भी नाश हो जाएँगी**। (लूका 5:37 ULB) -यीशु कह रहे हैं कि यदि कोर्इ भी नया दाखरस पुरानी मशकों में भरता है तो क्या होता है। परंतु कोर्इ ऐसा करता नही है। वह यह साबित करने के लिए एक काल्पनिक तश्वीर का उपयोग कर रहे हैं कि कर्इ बार पुरानी के साथ नर्इ चीजों को मिलाना बुद्धिमता नही होती है। उसने लोगों को यह समझाने के लिए यह कहा कि चेले दूसरे धार्मिक लोगों की तरह उपवास क्यों नही करते हैं। +यीशु कह रहे हैं कि यदि कोई भी नया दाखरस पुरानी मशकों में भरता है तो क्या होता है। परंतु कोई ऐसा करता नही है। वह काल्पनिक परिस्थिति का उपयोग कर रहे हैं कि यह दिखाने के लिए कि कई बार पुरानी चीजों के साथ नई चीजों को मिलाना बुद्धिमता नही होती है। उसने लोगों को यह समझाने के लिए यह कहा कि चेले दूसरे धार्मिक लोगों की तरह उपवास क्यों नही करते हैं। ->उसने उनसे कहा, ‘‘तुममें ऐसा कौन है, यदि उसके पास एक भेड़ हो, और वह सब्त के दिन गड़हे में गिर जाए, तो वह उसे पकड़कर न निकाले? (मत्ती 12:11 ULB) +> उसने उनसे कहा, “तुम में ऐसा कौन है, **जिसकी एक भेड़ हो, और वह सब्त के दिन गड्ढे में गिर जाए, तो वह उसे पकड़कर न निकाले**? (मत्ती 12:11 ULB) -यीशु धार्मिक अगुवों से पूछ रहे थे कि यदि सब्त के दिन उनकी भेड़ गड़हे में गिर पड़े तो वो क्या करेंगे । वह यह नही कह रहे थे उनकी भेड़ गड़हे में गिर पड़ी थी। वह यह दिखाने के लिए एक काल्पनिक तश्वीर का उपयोग किया कि सब्त के दिन हुर्इ चंगार्इ पर प्रश्न उठाकर वे गलत कार्य कर रहे थे। +यीशु धार्मिक अगुवों से पूछ रहे थे कि यदि सब्त के दिन उनकी भेड़ गड़हे में गिर पड़े तो वो क्या करेंगे । वह यह नही कह रहे थे उनकी भेड़ गड़हे में गिर पड़ी थी। वह यह दिखाने के लिए एक काल्पनिक परिस्थिति का उपयोग किया कि सब्त के दिन हुई चंगाई पर प्रश्न उठाकर वे गलत कार्य कर रहे थे। -1. भविष्य की अतिशयोक्तिपूर्ण परिस्थितियाँ +#### भविष्य की काल्पनिक परिस्थितियाँ ->और यदि वे दिन घटाए न जाते, तो कोर्इ प्राणी न बचता; परन्तु चुने हुओं के कारण वे दिन घटाए जाएंगे (मत्ती 24:22 ULB) +> **और यदि वे दिन घटाए न जाते, तो कोई प्राणी न बचता**; परन्तु चुने हुओं के कारण वे दिन घटाए जाएँगे।(मत्ती 24:22 ULB) -यीशु मसीह भविष्य की बात रहे थे जब बुरी घटनाएँ होंगीं । उसने यह बताया कि यदि वे लंबे होते तो क्या हो सकता था। उसने यह दिखाने के लिए कहा कि वे बुरे दिन, इतने अधिक बुरे होंगे कि यदि घटाए नही जाते तो कोर्इ भी नही बचता । और फिर उसने स्पष्ट किया कि परमेश्वर उन कष्ट के दिनों को घटाएगा, जिससे कि चुने हुए बचाए जाएँ +यीशु मसीह भविष्य की बात कर रहे थे जब बुरी घटनाएँ होंगीं । उन्होंने बताया कि अगर उन दिनों की परेशानी लंबे समय तक बनी रहे तो क्या होगा। उसने यह दिखाने के लिए कहा कि वे बुरे दिन, इतने अधिक बुरे होंगे कि यदि घटाए नही जाते तो कोई भी नही बचता । और फिर उसने स्पष्ट किया कि परमेश्वर उन कष्ट के दिनों को घटाएगा, जिससे कि चुने हुए बचाए जाएँ -1. अतिशयोक्तिपूर्ण परिस्थितियों के बारे में भावनाओं को प्रकट करना। खेद एवं कामनाएँ समान लगती हैं +#### काल्पनिक परिस्थितियाँ के बारे में भावनाओं को प्रकट करना ->‘‘और इस्राएली उन से कहने लगे, कि जब हम मिस्र देश में मांस की हांडियों के पास बैठकर मनमाना भोजन खाते थे, तब यदि हम यहोवा के हाथ से मार डाले भी जाते तो उत्तम वही था; पर तुम हम को इस जंगल में इसलिये निकाल ले आए हो कि इस सारे समाज को भूखों मार डालो’’ (निर्गमन 16:3 ULB) +लोग कभी-कभी अफसोस और इच्छाओं को व्यक्त करने के लिए काल्पनिक परिस्थितियाँ के बारे में बात करते हैं। पछतावा अतीत के बारे में है और इच्छाएं वर्तमान और भविष्य के बारे में हैं। -यहाँ इस्राएली उरे हुए हैं कि उन्हे जंगल में कष्ट सहना और भूख से मरना पड़ेगा, इसलिए उनकी कामना थी कि यदि वे मिस्र में ही रह जाते और भरे पेट मर सकते थे। वे शिकायत कर रहे थे, खेद प्रकट कर रहे थे कि ऐसा नही हुआ +> और इस्राएली उनसे कहने लगे, “**जब हम मिस्र देश में माँस की हाँडियों के पास बैठकर मनमाना भोजन खाते थे, तब यदि हम यहोवा के हाथ से मार डाले भी जाते तो उत्तम वही था**; पर तुम हमको इस जंगल में इसलिए निकाल ले आए हो कि इस सारे समाज को भूखा मार डालो।” (निर्गमन 16:3 ULB) ->मैं तेरे कामों को जानता हूं कि तू न तो ठंडा है और न गर्म: भला होता कि तू ठंडा या गर्म होता! (प्रकाशितवाक्य 3:5 ULB) +यहाँ इस्राएली डरे हुए हैं कि उन्हे जंगल में कष्ट सहना और भूख से मरना पड़ेगा, इसलिए उनकी कामना थी कि यदि वे मिस्र में ही रह जाते और भरे पेट मर सकते थे। वे शिकायत कर रहे थे, खेद प्रकट कर रहे थे कि ऐसा नही हुआ। -यीशु ने कामना की कि यदि लोग ठंडे या गर्म होते, परंतु वे वैसे नही थे। वह उन्हे डाँट रहा था, क्रोध प्रकट कर रहा था। +> मैं तेरे कामों को जानता हूँ कि तू न तो ठण्डा है और न गर्म; **भला होता कि तू ठण्डा या गर्म होता**। (प्रकाशितवाक्य 3:5 ULB) -### अनुवाद रणनीतियाँ +यीशु ने कामना की कि यदि लोग ठंडे या गर्म होते, परंतु वे वैसे नही थे। वह उन्हे डाँट रहा था, क्रोध प्रकट कर रहा था। + +### अनुवाद की रणनीतियाँ जानें कि आपकी भाषा को बोलने वाले लोग किस प्रकार निम्न बातें प्रकट करते हैं: * कुछ होना था, परंतु नही हुआ * कुछ सच होता, परंतु अब नही है * भविष्य में कुछ होता, परंतु तब तक नही होगा, जब तक कि कुछ बदले नही -* उसने कुछ कामना ही, परंतु हुआ नही +* वे कुछ करने के लिए चाहते हैं, लेकिन यह नहीं होता है। * उन्हे खेद है कि कुछ हुआ नही इन चीजों को प्रकट करने के लिए अपनी भाषा के तरीकों का इस्तेमाल करें। -आप ये वीडियो भी देख सकते हैं: http://ufw.io/figs_hypo । +आप ये वीडियो भी देख सकते हैं: http://ufw.io/figs_hypo। diff --git a/translate/figs-hypo/sub-title.md b/translate/figs-hypo/sub-title.md index b1bf032..82a919b 100644 --- a/translate/figs-hypo/sub-title.md +++ b/translate/figs-hypo/sub-title.md @@ -1,2 +1 @@ -काल्पनिक हालात क्या हैं? - +काल्पनिक परिस्थितियाँ क्या हैं? \ No newline at end of file diff --git a/translate/figs-hypo/title.md b/translate/figs-hypo/title.md index c755d9b..930af9c 100644 --- a/translate/figs-hypo/title.md +++ b/translate/figs-hypo/title.md @@ -1,2 +1 @@ -अतिशयाक्ति हालात - +काल्पनिक परिस्थितियाँ \ No newline at end of file diff --git a/translate/figs-idiom/01.md b/translate/figs-idiom/01.md index 8e6b52d..954efb1 100644 --- a/translate/figs-idiom/01.md +++ b/translate/figs-idiom/01.md @@ -1,82 +1,73 @@ +मुहावरा शब्दों के समूह से बना अलंकार का एक तरीका है जिसका संपूर्ण अर्थ एक एक शब्द के अर्थ से बिल्कुल अलग होता है। एक संस्कृति के बाहर वाला व्यक्ति उन मुहावरों को तब तक नही समझा सकता, जब तक कि संस्कृति के अंदर वाला व्यक्ति उसे समझाए नही। हर भाषा मुहावरों का उपयोग करती है।कुछ अंग्रेजी के उदाहरण निम्न है: -मुहावरा शब्दों के समूह से बना अलंकार का एक तरीका है जिसका संपूर्ण अर्थ एक एक शब्द के अर्थ से बिल्कुल अलग होता है। एक संस्कृति के बाहर वाला व्यक्ति उन मुहावरों को तब तक नही समझा सकता, जब तक कि संस्कृति के अंदर वाला व्यक्ति उसे समझाए नही। हर भाषा मुहावरों का उपयोग करती है। - -कुछ अंग्रेजी के उदाहरण निम्न है: - -* यू आर पुलिंग मार्इ लेग (इसका अर्थ है, ‘‘तुम झूठ बोल रहे हो’’) -* डू नॉट पुश दि एनवेलप (इसका अर्थ है, ‘‘किसी बात को ऊपर त कमत लेकर जाओ’’) -* दिस वाटर इस अंडर वाटर (इसका अर्थ है, ‘‘इस घर पर लिया गया कर्जा इसकी कीमत से अधिक है’’) +* यू आर पुलिंग माय लेग (इसका अर्थ है, "तुम मुझे कुछ ऐसा बोलकर मुझे चिढ़ा रहे हैं जो सच नहीं है।") +* डू नॉट पुश दि एनवेलप (इसका अर्थ है, ‘‘किसी बात को ऊपर तक मत लेकर जाओ’’) +* दिस हाउस इस अंडर वाटर (इसका अर्थ है, ‘‘इस घर पर लिया गया कर्जा इसकी कीमत से अधिक है’’) * वी आर पैंटिंग दि टाऊन रेड (इसका अर्थ है, ‘‘तुम आज रात शहर में बहुत आनंद लेने जा रहे हो’’) ### वर्णन मुहावरा एक वाक्य है जिसका, उस भाषा या संस्कृति के लोगों में विशेष अर्थ होता है। उससका संपूर्ण अर्थ उसके एक एक शब्द के अर्थ से बिल्कुल अलग होता है जिनकी मदद से वह वाक्य बनता है। -> उसने यरूशलेम की ओर अपना मुख किया (लूका 9:51 ULB) +> उसने यरूशलेम की ओर **अपना मुख किया** (लूका 9:51 ULB) ‘‘अपना मुख किया’’ एक मुहावरा है जिसका अर्थ है ‘‘निर्णय लिया’’। कर्इ बार लोग दूसरी संस्कृति के मुहावरों को समझ सकते हैं परंतु उसका अर्थ बताना उनके लिए कठिन हो सकता है ->मैं इस योग्य नहीं, कि तू मेरी छत के तले आए (लूका 7:6 ULB) +> मैं इस योग्य नहीं, कि **तू मेरी छत के तले आए** (लूका 7:6 ULB) ‘‘तू मेरी छत तले आए’’ एक मुहावरा है जिसका अर्थ है ‘‘घर में आए’’ ->ये बातें तुम्हारे कानों में पड़ी रहें (लूका 9:44 ULB) +> ये बातें तुम्हारे **कानों में पड़ी रहें** (लूका 9:44 ULB) इस मुहावरे का अर्थ है ‘‘ध्यान से सुनें और मेरी बातों को याद रखें’’ - द्देश्य** - -एक संस्कृति में शायद एक मुहावरा तब बनता है जब कोर्इ किसी कार्य को असामान्य तरीके से बताता है। परंतु, जब यह असामान्य तरीका संदेश को पूरे बल के साथ बताता है और लोगों को स्पष्ट समझ में आता है तो लोग इसका उपयोग शुरू कर देते हैं। कुछ समय के बाद, उस भाषा में बातचीत का यह तरीका सामान्य हो जाता है +** उद्देश्य** एक संस्कृति में शायद एक मुहावरा तब बनता है जब कोई किसी कार्य को असामान्य तरीके से बताता है। परंतु, जब यह असामान्य तरीका संदेश को पूरे बल के साथ बताता है और लोगों को स्पष्ट समझ में आता है तो लोग इसका उपयोग शुरू कर देते हैं। कुछ समय के बाद, उस भाषा में बातचीत का यह तरीका सामान्य हो जाता है ### कारण यह अनुवाद की समस्या है -* लोग बाइबल की मूल भाषा के मुहावरों का गलत अर्थ निकाल सकते हैं यदि उस संस्कृति का ज्ञान नही है जिसमें बाइबल तैयार हुर्इ है +* लोग बाइबल की मूल भाषा के मुहावरों का गलत अर्थ निकाल सकते हैं यदि उस संस्कृति का ज्ञान नही है जिसमें बाइबल तैयार हुई है * लोग स्रोत बाइबल की भाषा के मुहावरों का गलत अर्थ निकाल सकते हैं यदि उस संस्कृति का ज्ञान नही है जिसमें वे अनुवाद तैयार हुए हैं * मुहावरों को आक्षरिक अनुवाद (एक एक शब्द का अर्थ बताना) व्यर्थ होगा यदि श्रोता को उसका अर्थ समझ नही आ रहा है ### बाइबल से उदाहरण -> तब सब इस्राएली दाऊद के पास हेब्रोन में इकट्ठे होकर कहने लगे, ‘‘सुन, हम लोग और तू एक ही हड्डी और मांस हैं’’ (1 इतिहास 11:1 ULB) +> तब सब इस्राएली दाऊद के पास हेब्रोन में इकट्ठे होकर कहने लगे, ‘‘सुन, हम लोग और तू एक ही **हड्डी और मांस** हैं’’ (1 इतिहास 11:1 ULB) इसका अर्थ है, ‘‘हम और तुम एक वंश, एक परिवार के हैं’’ ->परंतु इस्राएली तो बेखटके निकले चले जाते थे (निर्गमन 14:8 ULB) +> परंतु इस्राएली तो **बेखटके** निकले चले जाते थे (निर्गमन 14:8 ULB) इसका अर्थ है, ‘‘इस्राएली निडर होकर चले जाते थे’’ -> मेरे मस्तिष्क का ऊंचा करनेवाला है। (भजन संहिता 3:3 ULB) +> **मेरे मस्तिष्क का ऊंचा** करनेवाला है। (भजन संहिता 3:3 ULB) इसका अर्थ है, ‘‘मेरी मदद करने वाला’’ ### अनुवाद रणनीतियाँ -यदि आपकी भाषा में मुहावरों का उपयोग सामान्य है तो उनका उपयोग करें । अन्यथा, निम्नलिखित कुछ विकल्प हैं +यदि आपकी भाषा में मुहावरों का उपयोग सामान्य है तो उनका उपयोग करें। अन्यथा, निम्नलिखित कुछ विकल्प हैं -1. मुहावरे के उपयोग के बगैर ही साफ अर्थ लिखें -1. उसी अर्थ को बताने वाले, आपकी भाषा में उपयोग किये जाने वाले मुहावरों का इस्तेमाल करें +(1) मुहावरे के उपयोग के बगैर ही साफ अर्थ लिखें। +(2) उसी अर्थ को बताने वाले, आपकी भाषा में उपयोग किये जाने वाले मुहावरों का इस्तेमाल करें। ### अनुवाद रणनीतियों के प्रयोग के उदाहरण -1. मुहावरे के उपयोग के बगैर ही साफ अर्थ लिखें +(1) मुहावरे के उपयोग के बगैर ही साफ अर्थ लिखें -* **तब सब इस्राएली दाऊद के पास हेब्रोन में इकट्ठे होकर कहने लगे, ‘‘सुन, हम लोग और तू एक ही हड्डी और मांस हैं’’** (1 इतिहास 11:1 ULB) +> तब सब इस्राएली दाऊद के पास हेब्रोन में इकट्ठे होकर कहने लगे, ‘‘सुन, हम लोग और तू एक ही **हड्डी और मांस** हैं’’ (1 इतिहास 11:1 ULB) +>> देखो, हम सब **एक राष्ट्र के लोग हैं** +> +>उसने यरूशलेम की ओर **अपना मुख किया** (लूका 9:51 ULB) +>>उसने यरूशलेम पहुँचने के लिए **उसकी ओर यात्रा शुरू कर दी** +> +>मैं इस योग्य नहीं, कि **तू मेरी छत के तले आए** (लूका 7:6 ULB) +>>मैं इस योग्य नहीं, कि **तू मेरे घर में आए** - * ... देखो, हम सब एक राष्ट्र के लोग हैं +(2) उसी अर्थ को बताने वाले, आपकी भाषा में उपयोग किये जाने वाले मुहावरों का इस्तेमाल करें। -* **उसने यरूशलेम की ओर अपना मुख किया** (लूका 9:51 ULB) +>ये बातें तुम्हारे **कानों में पड़ी रहें** (लूका 9:44 ULB) - * उसने यरूशलेम पहुँचने के लिए उसकी ओर यात्रा शुरू कर दी - -* **मैं इस योग्य नहीं, कि तू मेरी छत के तले आए ** (लूका 7:6 ULB) - - * मैं इस योग्य नहीं, कि तू मेरे घर में आए - -1. उसी अर्थ को बताने वाले, आपकी भाषा में उपयोग किये जाने वाले मुहावरों का इस्तेमाल करें - -* **ये बातें तुम्हारे कानों में पड़ी रहें** (लूका 9:44 ULB) - - * ये सारी बातें सुनने के लिए सब कुछ सब कान बन जाएँ - -* **’’मेरी आंखें शोक से बैठी जाती हैं** (भजन संहिता 6:7 ULB) - - * रो रोकर मेरी आँखें निकल आर्इ हैं +>>ये सारी बातें सुनने के लिए **सब कुछ सब कान बन जाएँ** +> +>’’मेरी आंखें **शोक से बैठी जाती** हैं (भजन संहिता 6:7 ULB) +>>रो रोकर मेरी **आँखें निकल आई** हैं diff --git a/translate/figs-idiom/sub-title.md b/translate/figs-idiom/sub-title.md index 9acce6f..2c79dcd 100644 --- a/translate/figs-idiom/sub-title.md +++ b/translate/figs-idiom/sub-title.md @@ -1,2 +1 @@ -मुहावरे क्या हैं और मैं उनका अनुवाद कैसे करूँ? - +मुहावरे क्या है और मैं उनका अनुवाद कैसे कर सकता हूँ? \ No newline at end of file diff --git a/translate/figs-imperative/01.md b/translate/figs-imperative/01.md index 2d665e4..954cf1e 100644 --- a/translate/figs-imperative/01.md +++ b/translate/figs-imperative/01.md @@ -1,4 +1,3 @@ - ### वर्णन आदेशात्मक वाक्य अपनी एक इच्छा अथवा जरूरत को दिखाने के लिए किया जाता है कि कोर्इ कुछ करके दे। कर्इ बार, बाइबल में आदेशात्मक वाक्यों के अन्य उपयोग भी होते हैं। @@ -35,7 +34,7 @@ ### आदेशात्मक वाक्य जो शर्तों के रूप में कार्य करते हैं -आदेशात्मक वाक्यों का उपयोग उन शर्तो को बताने के लिए भी किया जा सकता है जिसके तहत कोर्इ चीज पूरी होगी। यह कहावत जीवन और चीजों के बारे में वे बातें बताती है जो अक्सर हुआ करती हैं। +आदेशात्मक वाक्यों का उपयोग उन शर्तो को बताने के लिए भी किया जा सकता है जिसके तहत कोर्इ चीज पूरी होगी। यह कहावत जीवन और चीजों के बारे में वे बातें बताती है जो अक्सर हुआ करती हैं। नीचे लिखे नीतिवचन 4:6 का उद्देश्य एक आदेश देना नही है, परंतु सिखाना है कि ‘‘यदि’’ लोग बुद्धि से प्रेम से करें तो किस बात की प्रतीक्षा कर सकते हैं। @@ -58,12 +57,8 @@ 1. यदि लोग बाइबल के किसी एक कार्य के लिए आदेशात्मक वाक्यों का उपयोग नही करते हैं तो उसके बदले में एक कथन का उपयोग करें * **शुद्ध हो** (मती 8:3 ULB) - - * ‘‘अब तुम शद्ध हो’’ - * मैं तुम्हे शुद्ध करता हूँ’’ - + * ‘‘अब तुम शद्ध हो’’ + * मैं तुम्हे शुद्ध करता हूँ’’ * **परमेश्वर ने कहा, उजियाला हो तो उजियाला हो गया** (उत्पत्ति 1:3 ULB) - - * परमेश्वर ने कहा, अब उजियाला है और वहाँ उजियाला था - + * परमेश्वर ने कहा, अब उजियाला है और वहाँ उजियाला था * **परमेश्वर ने उनको आशीष दी और कहा, फूलो फलो, पृथ्वी में भर जाओ, उसको अपने वश में कर लो; और समुद्र की मछलियों, आकाश के पक्षियों, रेंगनेवाले सब जन्तुओ पर अधिकार रखो।** (उत्पत्ति 1:3 ULB) diff --git a/translate/figs-inclusive/01.md b/translate/figs-inclusive/01.md index 54dfecb..163c618 100644 --- a/translate/figs-inclusive/01.md +++ b/translate/figs-inclusive/01.md @@ -1,24 +1,35 @@ - ### वर्णन -कुछ भाषाओं में ‘‘हम’’ के कर्इ रूप हैं: **सम्मिलित** रूप जिसका अर्थ है ‘‘मैं एवं तुम’’ एवं **विशिष्ट** रूप जिसका अर्थ है ‘‘मैं एवं कोर्इ और, तुम नही’’। यह सम्मिलित रूप उस व्यक्ति को जिससे बोला जा रहा है, एवं कुछ और को भी शामिल करता है। ‘‘हम’’ ‘‘हमें’’ और ‘‘हम स्वयं’’ में भी यही सच है। कुछ भाषाओं में इन सबके लिए सम्मिलित एवं विशिष्ट रूप होते हैं। +कुछ भाषाओं में ‘‘हम’’ के कई रूप हैं: **समावेशी** रूप जिसका अर्थ है ‘‘मैं एवं तुम’’ एवं **अनन्य** रूप जिसका अर्थ है ‘‘मैं एवं कोई और, तुम नही’’। यह समावेशी रूप उस व्यक्ति को जिससे बोला जा रहा है, एवं कुछ और को भी शामिल करता है। ‘‘हम’’ ‘‘हमें’’ और ‘‘हम स्वयं’’ में भी यही सच है। कुछ भाषाओं में इन सबके लिए समावेशी एवं अनन्य रूप होते हैं। -तश्वीर देखें: - -दाहिनी ओर खड़े लोग वे हैं जिनसे वक्ता बोल रहा है। पीला रंग दिखाता है कि कौनसा ‘‘हम’’ सम्मिलित है और कौनसा विशिष्ट। +तश्वीर देखें: दाहिनी ओर खड़े लोग वे हैं जिनसे वक्ता बोल रहा है। पीला रंग दिखाता है कि कौन सा ‘‘हम’’ समावेशी है और कौन सा अनन्य। ![](https://cdn.door43.org/ta/jpg/vocabulary/we_us_inclusive.jpg) ![](https://cdn.door43.org/ta/jpg/vocabulary/we_us_exclusive.jpg) - ारण यह अनुवाद की समस्या है** - बाइबल को सर्वप्रथम इब्री, अरामी और यूनानी भाषा मे लिखा गया था। अंग्रेजी की तरह, इन भाषाओं में ‘‘हम’’ के लिए अलग सम्मिलित अथवा विशिष्ट रूप नही हैं। जिन भाषाओं में ‘‘हम’’ के लिए अलग सम्मिलित अथवा विशिष्ट रूप हैं, उनके अनुवादकों को समझना है कि वक्ता क्या कहना चाहता है जिससे कि वे उसके अनुसार ‘‘हम’’ के रूप को लिख सकें। +### कारण यह एक अनुवाद मुद्दा है + +बाइबल को सर्वप्रथम इब्री, अरामी और यूनानी भाषा मे लिखा गया था। अंग्रेजी की तरह, इन भाषाओं में ‘‘हम’’ के लिए अलग समावेशी अथवा अनन्य रूप नही हैं। जिन भाषाओं में ‘‘हम’’ के लिए अलग समावेशी अथवा अनन्य रूप हैं, उनके अनुवादकों को समझना है कि वक्ता क्या कहना चाहता है जिससे कि वे उसके अनुसार ‘‘हम’’ के रूप को लिख सकें। ### बाइबल से उदाहरण ->... गड़ेरियों ने आपस में कहा, आओ, हम बैतलहम जाकर यह बात जो हुर्इ है, और जिसे प्रभु ने हमें बताया है, देखें (लूका 2:15 ULB) +#### समावेशी -चरवाहे एक दूसरे से बात कर रहे थे। जब उन्होने ‘‘हम’’ कहा तो उनमें वे सब शामिल थे जिनसे वे बात कर रहे थे। +>...तो गड़ेरियों ने आपस में कहा, “आओ, **हम** बैतलहम जाकर यह बात जो हुई है, और जिसे प्रभु ने **हमें** बताया है, देखें।”(लूका 2:15 यूएलबी) ->फिर एक दिन वह और उसके चेले नाव पर चढ़े, और उसने उनसे कहा; कि आओ हम, झील के पार चलें। सो उन्होंने नाव खोल दी। (लूका 8:22 ULB) +चरवाहे एक दूसरे से बात कर रहे हैं। उनके द्वारा प्रयुक्त ‘‘हम’’ में वे सब शामिल हैं जिनसे वे आपस में बात कर रहे हैं। -जब यीशु ने ‘‘हम’’ कहा तो वे अपनी ओर एवं चेलों की ओर इशारा कर रहे थे जिनसे वे बात कर रहे थे। +>फिर एक दिन वह और उसके चेले नाव पर चढ़े, और उसने उनसे कहा, “आओ, झील के पार चलें।” अतः उन्होंने नाव खोल दी। (लूका 8:22 यूएलबी) + +यीशु के द्वारा प्रयुक्त ‘‘हम’’ में वे स्वयं एवं चेले शामिल थे जिनसे वे बात कर रहे थे अत: यह समावेशी रूप है। + +#### अनन्य + +>**हमने** उसे देखा, और उसकी गवाही देते हैं, और तुम्हें उस अनन्त जीवन का समाचार देते हैं जो पिता के साथ था और **हम** पर प्रगट हुआ। (1 यूहन्ना 1:2 यूएलबी) + +यूहन्ना ऐसे लोगों को बता रहा है जिन्होंने यीशु को नहीं देखा है जो उसने और अन्य प्रेरितों ने देखा है। तो जिन भाषाओं में "हमने" और "हम" के अनन्य रूप हैं, वे इस आयत में विशेष रूपों का उपयोग करेंगे। + +>उन्होंने कहा, “**हमारे** पास पाँच रोटियाँ और दो मछली को छोड़ और कुछ नहीं; परन्तु हाँ, यदि **हम** जाकर इन सब लोगों के लिये भोजन मोल लें, तो हो सकता है।” (लूका 9:13 यूएलबी) + +पहले खंड में, शिष्य यीशु को बता रहे हैं कि उनके बीच कितना भोजन है, इसलिए यह "हम" समावेशी रूप या अनन्य रूप हो सकता है। दूसरे खंड में, शिष्य उनमें से कुछ के बारे में बात कर रहे हैं कि वे भोजन खरीदने जा रहे हैं, ताकि "हम" सबसे विशिष्ट रूप होगा, क्योंकि यीशु भोजन खरीदने के लिए नहीं जाएंगे। diff --git a/translate/figs-inclusive/sub-title.md b/translate/figs-inclusive/sub-title.md index a63d9e0..2c5ce5c 100644 --- a/translate/figs-inclusive/sub-title.md +++ b/translate/figs-inclusive/sub-title.md @@ -1,2 +1 @@ -संपूर्ण ‘‘हम’’ क्या है? - +"हम" के समावेशी और अनन्य रूप क्या हैं? \ No newline at end of file diff --git a/translate/figs-inclusive/title.md b/translate/figs-inclusive/title.md index 80d00d6..da09331 100644 --- a/translate/figs-inclusive/title.md +++ b/translate/figs-inclusive/title.md @@ -1,2 +1 @@ -अंतर्निहित ‘‘हम’’ - +समावेशी और अनन्य ‘‘हम’’ \ No newline at end of file diff --git a/translate/figs-informremind/01.md b/translate/figs-informremind/01.md index 731e938..d8c8f86 100644 --- a/translate/figs-informremind/01.md +++ b/translate/figs-informremind/01.md @@ -1,4 +1,3 @@ - कुछ भाषाएँ एक शब्द या कथन को संज्ञा के साथ इस्तेमाल कर, उस संज्ञा की सूचना दे सकती और लोगों को उसके बारे में कुछ याद दिला सकती है। * मरियम ने अपनी बहन को थोड़ा भोजन दिया, जो बहुत ही धन्यवादी थी @@ -13,7 +12,7 @@ ‘‘बहुत ही धन्यवादी’’ कथन बहन के बाद में आता है जो हमें बताता है कि जब मरियम ने अपनी बहन को भोजन दिया तो उसकी प्रतिक्रिया कैसी रही। इस मामले में, यह इस बहन को मरियम की किसी और बहन से अलग नही करता है। - ोग इसे क्यों उपयोग करते हैं?** लोग इसका उपयोग अक्सर याद करवाने अथवा नर्इ जानकारी देने के हल्के तरीके के रूप में करते हैं। इसके द्वारा वे अपने श्रोताओं का ध्यान उनके द्वारा कही जाने वाली बातों से अलग, किसी और बात की ओर लगाने के लिए करते हैं। उपरोक्त उदाहरण में, वक्ता मरियम के कार्य पर ध्यान लगवाना चाहता है, उसकी बहन की प्रतिक्रिया पर नही +** लोग इसे क्यों उपयोग करते हैं?** लोग इसका उपयोग अक्सर याद करवाने अथवा नर्इ जानकारी देने के हल्के तरीके के रूप में करते हैं। इसके द्वारा वे अपने श्रोताओं का ध्यान उनके द्वारा कही जाने वाली बातों से अलग, किसी और बात की ओर लगाने के लिए करते हैं। उपरोक्त उदाहरण में, वक्ता मरियम के कार्य पर ध्यान लगवाना चाहता है, उसकी बहन की प्रतिक्रिया पर नही * **कारण यह अनुवाद की समस्या है** भाषाएँ विभिé तरीकों से अपनी बात को लोगों की ओर पहुँचाती है कि श्रोताओं का ध्यान खींच सके @@ -55,23 +54,15 @@ 1. सूचना को वाक्य के किसी और भाग में डालें और उसके मकसद को प्रकट करने वाले शब्दों का उपयोग करें * **जो व्यर्थ मूरतों पर मन लगाते हैं, उनसे मैं घृणा करता हूँ।** (भजन संहिता 31:6 ULB) - व्यर्थ मूरतों के उल्लेख से, दाऊद सारी मूरतों के बारे में कह रहा है और उसकी सेवा करने वालों से अपनी घृणा का कारण बता रहा है। यह व्यर्थ मूरतों और मूल्यवान मूरतों का अंतर नही बता रहा है - - * चूँकि तुम्हारी मूरतें व्यर्थ हैं उनसे मैं घृणा करता हूँ जो उन पर मन लगाते हैं - + * चूँकि तुम्हारी मूरतें व्यर्थ हैं उनसे मैं घृणा करता हूँ जो उन पर मन लगाते हैं * **क्योंकि तेरे नियम उत्तम हैं** (भजन संहिता 119:39 ULB) - - * तेरे नियम उत्तम हैं क्योंकि वे धर्मी हैं - + * तेरे नियम उत्तम हैं क्योंकि वे धर्मी हैं * **क्या सारा जो नब्बे वर्ष की है पुत्र जनेगी?** (उत्पत्ति 17:17-18 ULB) - ‘‘जो नब्बे वर्ष की है’’ कथन सारा की उम्र को याद दिलाने के लिए है । यह बताता है कि अब्रहाम प्रश्न क्यों पूछ रहा था। वह सोच भी नही सकता था कि उस उम्र वाली स्त्री, बच्चे को जन्म दे सकती है। - - * क्या सारा अब भी पुत्र जनेगी, जब वह नब्बे वर्ष की है पुत्र जनेगी? - + * क्या सारा अब भी पुत्र जनेगी, जब वह नब्बे वर्ष की है पुत्र जनेगी? * **मैं यहोवा को जो स्तुति के योग्य है पुकारूंगा** (2 शमूएल 22:4 ULB) - यहोवा केवल एक है। ‘‘जो स्तुति के योग्य’’ कथन यहोवा को पुकारने की वजह बताता है - - * ‘‘मैं यहोवा को पुकारूँगा, क्योंकि वह स्तुति के योग्य है’’ + * ‘‘मैं यहोवा को पुकारूँगा, क्योंकि वह स्तुति के योग्य है’’ 1. अपनी भाषा में सूचना को बताने के किसी हल्के तरीके का उपयोग करें * **और तीसरी नदी का नाम हिद्देकेल् है, यह वही है जो अश्शूर् के पूर्व की ओर बहती है।** (उत्पत्ति 2:14 ULB) - - * तीसरी नदी का नाम हिद्देकेल् है। यह अश्शूर् के पूर्व की ओर बहती है। + * तीसरी नदी का नाम हिद्देकेल् है। यह अश्शूर् के पूर्व की ओर बहती है। diff --git a/translate/figs-infostructure/01.md b/translate/figs-infostructure/01.md index 9a023ec..4ec3a2a 100644 --- a/translate/figs-infostructure/01.md +++ b/translate/figs-infostructure/01.md @@ -1,19 +1,18 @@ - ### वर्णन विभिé भाषाएँ वाक्यों के भागों को विभिé प्रकार से क्रमबद्ध करती हैं। अंग्रेजी में, आम तौर पर, पहले संज्ञा, फिर क्रिया, फिर कर्म, और विशेषण, इत्यादि होता है। - तरस ने कल अपने घर की रंगार्इ की** +** पतरस ने कल अपने घर की रंगार्इ की** कर्इ सारी भाषाएँ इस वाक्य को कर्इ तरीके से लिखती हैं, जैसे: - ंगार्इ की, कल, पतरस ने अपने घर की** +** रंगार्इ की, कल, पतरस ने अपने घर की** यद्यपि सभी भाषाओं में वाक्यों के भागों के आम क्रम हैं, वक्ता के द्वारा दी जाने वाली सूचना के आधार पर यह क्रम बदल सकता है जिसे वक्ता अधिक जरूरी समझता है। मान लो कि कोर्इ ये प्रश्न पूछे? ‘‘पतरस ने कल क्या रंगार्इ की?’’ व्यक्ति उपर के कथन में लिखी हर सूचना को जानता है, एक को छोड़कर ‘‘अपना घर’’। अत: यह शब्द सूचना का महत्वपूर्ण भाग बन जाता है और अंग्रेजी में उत्तर देने वाला कह सकता है: - पने घर की पतरस ने रंगार्इ की (कल)** +** अपने घर की पतरस ने रंगार्इ की (कल)** इसमें महत्वपूर्ण सूचना पहले स्थान पर है जो अंग्रेजी में आम तरीका है। दूसरी कुछ भाषाओं में शायद महत्वपूर्ण सूचना को अंत में डाला जाए। एक लेख के बहाव में, सबसे महत्वपूर्ण सूचना को अक्सर लेखक पाठकों के लिए नर्इ सूचना के रूप में लेता है। कुछ भाषाओं में महत्वपूर्ण सूचना पहले आती है, तो कुछ में इन्हे अंत में डाला जाता है। diff --git a/translate/figs-intro/01.md b/translate/figs-intro/01.md index 9aa2da8..b76dae0 100644 --- a/translate/figs-intro/01.md +++ b/translate/figs-intro/01.md @@ -1,5 +1,4 @@ - -अलंकार के विशेष अर्थ होते हैं जो उसके एक एक शब्दों के अर्थ के समान नही होते हैं। अलंकार के कर्इ प्रकार होते हैं। यह पृष्ठ बाइबल में प्रयुक्त इस प्रकार के शब्दों की सूची की जानकारी देता है। +अलंकार के विशेष अर्थ होते हैं जो उसके एक एक शब्दों के अर्थ के समान नही होते हैं। अलंकार के कर्इ प्रकार होते हैं। यह पृष्ठ बाइबल में प्रयुक्त इस प्रकार के शब्दों की सूची की जानकारी देता है। ### वर्णन diff --git a/translate/figs-irony/01.md b/translate/figs-irony/01.md index e44039c..402a3a6 100644 --- a/translate/figs-irony/01.md +++ b/translate/figs-irony/01.md @@ -1,4 +1,3 @@ - ### वर्णन व्यंग्य एक अलंकार है जिसमें लेखक का विचार लिखे गए शब्द के सीधे अर्थ से विपरीत होता है। कर्इ बार एक व्यक्ति और किसी के शब्दों के उपयोग कर इसका इस्तेमाल करता है, परंतु एक ऐसे तरीके से बताता है जिससे वह स्वयं सहमत नही है। लोग यह दिखाने के लिए ऐसा करते हैं कि कोर्इ वस्तु जैसे उसको होना था, उससे अलग क्यों है या किसी के प्रति किसी का विश्वास गलत या मूर्खतापूर्ण क्यों है। यह अक्सर हास्यप्रद लगता है। @@ -9,7 +8,7 @@ ### कारण यह अनुवाद की समस्या है -* यदि किसी को पता न चले कि लेखक व्यंग्य का उपयोग कर रहा है, तो पाठक समझेगा कि लेखक लिखी हुर्इ बात पर वास्तव में विश्वास करता है। +* यदि किसी को पता न चले कि लेखक व्यंग्य का उपयोग कर रहा है, तो पाठक समझेगा कि लेखक लिखी हुर्इ बात पर वास्तव में विश्वास करता है। वह आयत के वास्तविक उद्देश्य के विपरीत उल्टा समझ बैठेगा @@ -46,29 +45,22 @@ 1. इस प्रकार अनुवाद करें जिससे यह पता चल सके कि वक्ता वो बात कह रहा है जो श्रोता मानते या विश्वास करते हैं * **तुम अपनी रीतियों को मानने के लिये परमेश्वर की आज्ञा कैसी अच्छी तरह टाल देते हो** (मरकुस 7:9 ULB) - - * आपका मानना है कि परमेश्वर की आज्ञा को तोड़ते वक्त आप अच्छा कर रहे हो जिससे कि आप अपनी रीतियों को मान सको! - * आप ऐसा बर्ताव करते हो कि परमेश्वर की आज्ञा तोड़ना अच्छा है, बस अपनी रीतियाँ पूरी होनी चाहिए - + * आपका मानना है कि परमेश्वर की आज्ञा को तोड़ते वक्त आप अच्छा कर रहे हो जिससे कि आप अपनी रीतियों को मान सको! + * आप ऐसा बर्ताव करते हो कि परमेश्वर की आज्ञा तोड़ना अच्छा है, बस अपनी रीतियाँ पूरी होनी चाहिए * **मैं धर्मियों को नहीं, परन्तु पापियों को मन फिराने के लिये बुलाने आया हूँ** (लूका 5:31-32 ULB) - - * मैं उन लोगो को पश्चाताप के लिए बुलाने नही आया जो खुद को धर्मी समझते हैं, परंतु पापियों को पश्चाताप के लिए बुलाने आया हूँ + * मैं उन लोगो को पश्चाताप के लिए बुलाने नही आया जो खुद को धर्मी समझते हैं, परंतु पापियों को पश्चाताप के लिए बुलाने आया हूँ 1. व्यंग्य के द्वारा बतार्इ गर्इ बात को अथवा उसके असली उद्देश्य को सीधा लिखें * **तुम अपनी रीतियों को मानने के लिये परमेश्वर की आज्ञा कैसी अच्छी तरह टाल देते हो** (मरकुस 7:9 ULB) - - * जब तुम परमेश्वर की आज्ञाओं को तोड़ते हो तो खतरनाक काम करते हो जिससे तुम अपनी रीतियों को पूरा कर सको! - + * जब तुम परमेश्वर की आज्ञाओं को तोड़ते हो तो खतरनाक काम करते हो जिससे तुम अपनी रीतियों को पूरा कर सको! * **’’यहोवा कहता है, अपना मुकद्दमा लड़ो; याकूब का राजा कहता है, अपने प्रमाण दो वे उन्हें देकर हमको बताएं कि भविष्य में क्या होगा? पूर्वकाल की घटनाएं बताओ कि आदि में क्या क्या हुआ, जिससे हम उन्हें सोचकर जान सकें कि भविष्य में उनका क्या फल होगा; वा होनेवाली घटनाएं हम को सुना दो’’** (यशायाह 41:21-22 ULB) - - * ‘यहोवा कहता है, अपना मुकद्दमा लड़ो; अपनी मुरतों के लिए अपने प्रमाण लाओ, याकुब का राजा कहता है । तुम्हारी मूरतें आगे आकर अपना मुकद्दमा नही लड़ सकतीं या नही बता सकतीं कि भविष्य में क्या होगा कि हमें पता चले कि क्या होने वाला है। हम उन्हे नही सुन सकते क्योंकि वे बोल नही सकतीं, हमें अपने पूर्वकाल की घटनाओं को बता नही सकती, इससे हम जान नही सकते कि उनका क्या फल होगा या वे कैसे पूरी होंगी - + * ‘यहोवा कहता है, अपना मुकद्दमा लड़ो; अपनी मुरतों के लिए अपने प्रमाण लाओ, याकुब का राजा कहता है । तुम्हारी मूरतें आगे आकर अपना मुकद्दमा नही लड़ सकतीं या नही बता सकतीं कि भविष्य में क्या होगा कि हमें पता चले कि क्या होने वाला है। हम उन्हे नही सुन सकते क्योंकि वे बोल नही सकतीं, हमें अपने पूर्वकाल की घटनाओं को बता नही सकती, इससे हम जान नही सकते कि उनका क्या फल होगा या वे कैसे पूरी होंगी * **क्या तू रोशनी और अंधकार को उसके सिवाने तक हटा सकता है?** - ्या तू उसके घर की डगर पहिचान सकता है?** +** क्या तू उसके घर की डगर पहिचान सकता है?** **निसन्देह तू यह सब कुछ जानता होगा! क्योंकि तू उस समय उत्पé हुआ था** **और तू बहुत आयु का है** (अय्यूब 38:20-21) - * क्या तू रोशनी और अंधकार को उसके सिवाने तक हटा सकता है? + * क्या तू रोशनी और अंधकार को उसके सिवाने तक हटा सकता है? क्या तू उसके घर की डगर पहिचान सकता है? तेरे बर्ताव से लगता है कि तुझे रोशनी और अंधेरे के सिवानों का पता है, कि तू वहाँ था, कि तेरी उम्र सृष्टि के समान है, परंतु तु उतनी उम्र का नही है! diff --git a/translate/figs-litotes/01.md b/translate/figs-litotes/01.md index 963434f..35e8843 100644 --- a/translate/figs-litotes/01.md +++ b/translate/figs-litotes/01.md @@ -1,4 +1,3 @@ - ### वर्णन विडंबना नकारात्मक अथवा विपरीत के विचारों के द्वारा किसी वस्तु के बारे में प्रकट किया गया कथन है। नकारात्मक शब्दों के कुछ उदाहरण ‘‘नही’’, ‘‘कोर्इ नही’’ एवं ‘‘कभी नही’’ इत्यादि हैं। ‘‘अच्छा’’ का विलोम ‘‘बुरा’’ है। यदि कोर्इ कहता है कि कुछ ‘‘बुरा नही’’ है तो उसका अर्थ है कि वह बहुत अच्छा है। @@ -35,10 +34,7 @@ 1. यदि नकारात्मक रूप से कही बात समझ के परे हैं, तो सीधे तौर पर सकारात्मक रूप से बात को कहें * **हे भाइयों, तुम आप ही जानते हो कि हमारा तुम्हारे पास आना व्यर्थ न हुआ** (1 थिस्सलुनीकियों 2:1 ULB) - - * ‘‘तुम स्वयं जानते हो, भार्इयों, हमारा आपके पास आना काफी लाभदायक था - + * ‘‘तुम स्वयं जानते हो, भार्इयों, हमारा आपके पास आना काफी लाभदायक था * **भोर को सिपाहियों में कम हलचल न थी, कि पतरस के साथ क्या हुआ** (प्रेरितों के काम 12:18 ULB) - - * और जब दिन हुआ, तो सिपाहियों के बीच में बड़ी हलचल होने लगी कि पतरस के साथ क्या हुआ’’ - * और जब दिन हुआ, तो सिपाही बहुत चिंतित थे कि पतरस के साथ क्या हुआ’’ + * और जब दिन हुआ, तो सिपाहियों के बीच में बड़ी हलचल होने लगी कि पतरस के साथ क्या हुआ’’ + * और जब दिन हुआ, तो सिपाही बहुत चिंतित थे कि पतरस के साथ क्या हुआ’’ diff --git a/translate/figs-merism/01.md b/translate/figs-merism/01.md index 1cc4290..b4df782 100644 --- a/translate/figs-merism/01.md +++ b/translate/figs-merism/01.md @@ -1,4 +1,3 @@ - ### वर्णन मेरिस्म एक अलंकार है जिसमें एक व्यक्ति उसके किसी एक भाग की ओर इशारा कर, उसकी दोनो पराकाष्ठा अथवा चरमसीमा को व्यक्त करता है। चरम सीमा की ओर इशारा कर, वक्ता उन दोनों चरमसीमाओं के बीच की हर बात को शामिल करना चाहता है। @@ -11,7 +10,7 @@ >हे पिता, स्वर्ग और पृथ्वी के प्रभु; मैं तेरा धन्यवाद करता हूँ (मत्ती 11:25 ULB) -स्वर्ग और पृथ्वी मेरिस्म है जो उस हर चीज को शामिल करता है जो अस्तित्व में है। +स्वर्ग और पृथ्वी मेरिस्म है जो उस हर चीज को शामिल करता है जो अस्तित्व में है। ### कारण यह अनुवाद की समस्या है @@ -25,33 +24,27 @@ >क्या छोटे क्या बड़े जितने यहोवा के डरवैये हैं, वह उन्हें आशीष देगा। (भजन संहिता 115:13 ULB) -रेखांकित कथन मेरिस्म है क्योंकि यह बड़े और छोटे लोगों एवं उनके बीच के सब लोगों की बात कर रहा है। इसका अर्थ है ‘‘प्रत्येक’’। +रेखांकित कथन मेरिस्म है क्योंकि यह बड़े और छोटे लोगों एवं उनके बीच के सब लोगों की बात कर रहा है। इसका अर्थ है ‘‘प्रत्येक’’। ### अनुवाद रणनीतियाँ यदि आपकी भाषा में मेरिस्म का उपयोग आम तौर पर होता है तो इसका उपयोग करें। अन्यथा, निम्न विकल्प मौजूद हैं: -1. दोनों भागों को बताए बिना, समझाएँ कि मेरिस्म किसको दिखाता है। +1. दोनों भागों को बताए बिना, समझाएँ कि मेरिस्म किसको दिखाता है। 1. दोनों भागों को शामिल करके, समझाएँ कि मेरिस्म किसको दिखाता है। ### अनुवाद रणनीतियों के प्रयोग के उदाहरण -1. दोनों भागों को बताए बिना, समझाएँ कि मेरिस्म किसको दिखाता है। +1. दोनों भागों को बताए बिना, समझाएँ कि मेरिस्म किसको दिखाता है। * **हे पिता, स्वर्ग और पृथ्वी के प्रभु; मैं तेरा धन्यवाद करता हूँ...** (मत्ती 11:25 ULB) - - * हे पिता, सबके प्रभु; मैं तेरा धन्यवाद करता हूँ... - + * हे पिता, सबके प्रभु; मैं तेरा धन्यवाद करता हूँ... * **उदयाचल से लेकर अस्ताचल तक, यहोवा का नाम स्तुति के योग्य है** (भजन संहिता 113:3 ULB) - - * सब जगह में, यहोवा का नाम स्तुति के योग्य है + * सब जगह में, यहोवा का नाम स्तुति के योग्य है 1. दोनों भागों को शामिल करके, समझाएँ कि मेरिस्म किसको दिखाता है * **हे पिता, स्वर्ग और पृथ्वी के प्रभु; मैं तेरा धन्यवाद करता हूँ...** (मत्ती 11:25 ULB) - - * हे पिता, स्वर्ग और पृथ्वी को मिलाकर, सबके प्रभु; मैं तेरा धन्यवाद करता हूँ - + * हे पिता, स्वर्ग और पृथ्वी को मिलाकर, सबके प्रभु; मैं तेरा धन्यवाद करता हूँ * **क्या छोटे क्या बड़े जितने यहोवा के डरवैये हैं, वह उन्हें आशीष देगा** (भजन संहिता 113:3 ULB) - - * सबको जितने यहोवा के डरवैये हैं, वह उन्हें आशीष देगा, चाहे वो छोटे हों, या बडे़ + * सबको जितने यहोवा के डरवैये हैं, वह उन्हें आशीष देगा, चाहे वो छोटे हों, या बडे़ diff --git a/translate/figs-metaphor/01.md b/translate/figs-metaphor/01.md index 6ca1e92..9b2548c 100644 --- a/translate/figs-metaphor/01.md +++ b/translate/figs-metaphor/01.md @@ -1,196 +1,170 @@ +### विवरण -### वर्णन +** रूपक** एक ऐसा अलंकार होता है, कोई व्यक्ति एक बात बोलता है, मानो कि यह एक भिन्न बात थी, क्योंकि वह चाहता है कि लोग इसके बारे में सोचें कि वे दो चीजें एक जैसे कैसे हैं। -रूपक एक अलंकार है जिसमें एक विचार के स्थान पर दूसरे विचार का इस्तेमाल होता है और दोनों विचार एक दूसरे से संबंधित नही होते हैं। अर्थात, विषय के बारे में ऐसे बताया जाता है कि मानो वहाँ कोर्इ तश्वीर है। +उदाहरण के लिए, कोई कह सकता है, -उदाहरण के तौर पर, यदि कोर्इ कहे, +* मैं जिस लड़की से प्यार करता हूँ, वह लाल गुलाब है। -* लड़की जिससे मैं प्रेम करता हँू, लाल गुलाब है। +एक लड़की और गुलाब बहुत अलग चीजें हैं, लेकिन वक्ता का मानना है कि वे किसी तरह से समान हैं। श्रोताओं का कार्य यह समझना है कि वे किस तरह से एक जैसे हैं। -यहाँ विषय है ‘‘ लड़की जिससे मैं प्रेम करता हँू’’ और तश्वीर है ‘‘लाल गुलाब’’। लड़की के बारे में ऐसे बोला गया है, मानो वह एक गुलाब है। एक भाषा में कुछ भी रूपक की तरह कार्य कर सकता है। +### रूपकों के प्रकार -उदाहरण के तौर पर, क्रियाओं को असामान्य तरीके से उपयोग किया जा सकता है, जैसे +ऊपर दिए गए उदाहरण से हमें पता चलता है कि एक रूपक के तीन भाग होते हैं। इस रूपक में, वक्ता "जिस लड़की से प्यार करता है", उसके बारे में बात कर रहा है। यह **विषय** है। वक्ता चाहता है कि सुनने वाला यह सोचे कि उसके और “लाल गुलाब” के बीच क्या समानता है।लाल गुलाब **छवि** है जिसमें वह लड़की की तुलना करता है। संभवत, वह चाहता है कि सुनने वाला यह विचार करे कि वे दोनों **सुंदर** हैं। यह **विचार** है जिसे लड़की और गुलाब दोनों साझा करते हैं, और इसलिए हम इसे **तुलना का बिंदु** भी कह सकते हैं। -* प्रेरित पौलुस हमें कहता है कि मसीही पुन: जीवित होंगे +प्रत्येक रूपक के तीन भाग होते हैं: -इस विषय में, अंग्रेजी का वर्तमान काल ‘‘कहता’’ भूतकाल के शब्द ‘‘कहा’’ का एक रूपक है क्योंकि पौलुस सालों पहले जीवित था। कर्इ बार, वक्ता ऐसे रूपकों का उपयोग करता है जो उस भाषा में आम होते हैं। परंतु, कभी कभार, वक ऐसे भी रूपक का उपयोग करता है जो आम नही होते हैं और कर्इ बार तो बहुत ही विशिष्ट होते हैं। वक्तागण अक्सर रूपकों का उपयोग अपने संदेश में बल देने, अपनी भावनाओं को प्रकट करने, और किसी तरीके से नही कही जा सकने वाली बातों को इस तरीके से कहने और उनके संदेशों को याद रखने लायक बनाने के लिए करते हैं। +* **विषय**, लेखक/वक्ता द्वारा तुरंत चर्चा की जाने वाली वस्तु। +* **छवि**, भौतिक वस्तु (वस्तु, घटना, कार्य, आदि) जो वक्ता विषय का वर्णन करने के लिए उपयोग करता है। +* **विचार**, अमूर्त अवधारणा या गुणवत्ता कि भौतिक ** छवि** सुनने वाले के मन में आती है जब वह सोचता है कि **छवि** और **विषय** समान कैसे हैं। प्रायः, एक रूपक का **विचार** स्पष्ट रूप से बाइबल में नहीं बताया गया है, लेकिन यह केवल संदर्भ से निहित है। सुनने वाले या पाठक को आमतौर पर **विचार** की आवश्यकता होती है। -### रूपक के प्रकार +इन शब्दों का उपयोग करते हुए, हम कह सकते हैं कि एक **रूपक** ऐसा अलंकार होता है जो एक भौतिक **छवि** का उपयोग करता है एक अमूर्त **विचार** वक्ता के **विषय** में लागू होता है। -रूपक कर्इ प्रकार के होते हैं: ‘‘जीवित रूपक’’, ‘‘मृत रूपक’’ एवं ‘‘नमूना रूपक’’। +आमतौर पर, एक लेखक या वक्ता **विषय** के बारे में कुछ व्यक्त करने के लिए रूपक का उपयोग करता है, कम से कम एक **विषय** और **छवि** के बीच **तुलना का बिंदु** (**विचार**) । अक्सर रूपकों में, **विषय** और **छवि** स्पष्ट रूप से कहा जाता है, लेकिन **विचार** केवल निहित है। लेखक/वक्ता अक्सर पाठकों/श्रोताओं को **विषय** और **छवि** के बीच समानता के बारे में सोचने के लिए और **विचार** को खुद से पता लगाने के लिए रूपक का उपयोग करते हैं। - ीवित रूपक** +वक्ता अक्सर अपने संदेश को मजबूत करने के लिए, अपनी भाषा को अधिक सुस्पष्ट बनाने के लिए, अपनी भावनाओं को बेहतर ढंग से व्यक्त करने के लिए, किसी ऐसी बात को कहने के लिए जो किसी अन्य तरीके से कहना कठिन है, या लोगों को उनके संदेश को याद रखने में मदद करने के लिए रूपकों का उपयोग करते हैं। -ये रूपक वो होते हैं जिन्हे लोग एक तथ्य के लिए उपयोगी दूसरे तथ्य के तौर पर लेते हैं। लोग आसानी से पहचान सकते हैं कि ये संदेश को बल और गुण देते हैं। इसी कारण, लोग इन रूपकों पर लोग ध्यान देते हैं। +कभी-कभी वक्ता रूपकों का उपयोग करते हैं जो उनकी भाषा में बहुत आम हैं। हालांकि, कभी-कभी वक्ता ऐसे रूपकों का उपयोग करते हैं जो असामान्य हैं, और यहां तक कि कुछ रूपक जो अद्वितीय हैं। जब किसी भाषा में एक रूपक बहुत आम हो जाता है, तो अक्सर यह असामान्य रूपकों के विपरीत एक "निष्क्रिय" रूपक बन जाता है, जिसे हम "सक्रिय" होने के रूप में वर्णित करते हैं। निष्क्रिय रूपक और सक्रिय रूपक प्रत्येक एक अलग तरह की अनुवाद समस्या पेश करते हैं, जिसके बारे में हम नीचे चर्चा करेंगे। -उदाहरण के तौर पर, +### निष्क्रिय रूपक ->परन्तु तुम्हारे लिये जो मेरे नाम का भय मानते हो, धर्म का सूर्य उदय होगा, जिसकी किरणों से तुम चंगे हो जाओगे; (मलाकी 4:2 ULB) +एक निष्क्रिय रूपक एक रूपक है जिसे भाषा में इतना अधिक उपयोग किया गया है कि इसके बोलने वाले अब इसे एक अवधारणा के रूप में नहीं मानते हैं। भाषाविद अक्सर इन्हें "मृत रूपक" कहते हैं। निष्क्रिय रूपक बेहद सामान्य हैं। अंग्रेजी के उदाहरणों में शब्द "टेबल **लेग**," "फैमिली **ट्री**," "बुक **लीफ**" (जिसका अर्थ एक किताब में एक पृष्ठ है) या "क्रेन" शब्द (जिसका अर्थ एक शब्द भारी भार उठाने के लिए बड़ी मशीन)शामिल है ।अंग्रेजी बोलने वाले बस इन शब्दों को एक से अधिक अर्थ वाले समझते हैं। बाइबल की इब्रानी भाषा में निष्क्रिय रूपकों के उदाहरण के तौर पर,"हाथ" शब्द का प्रयोग "शक्ति" का प्रतिनिधित्व करने के लिए, "चेहरा" शब्द का उपयोग करके "उपस्थिति", या भावनाओं या नैतिक गुणों का प्रतिनिधित्व करने के लिए करना जैसे कि वे "कपड़े" है। -यहाँ परमेश्वर अपने उद्धार के बारे में बताता है, मानो कि सूरज उन लोगों को पर उदय हो रहा है जिनसे वह प्रेम करता है। वह सुरज की किरणों को पंख के रूप में दिखा रहा है और, वह उन पंखों की बात कर रहा, जैसे कि वे लोगों को चंगा करने की दवा ला रहे हों । +#### रूपक के रूप में तथ्यों के नमूनेरत् युग्म -एक और उदाहरण: +रूपकों का उपयोग तथ्यों के युग्मों के आधार पर कई प्रकार से किया जाता है, जहाँ एक अंतर्निहित अवधारणा अक्सर एक अलग अंतर्निहित अवधारणा के लिए कार्य करता है। उदाहरण के तौर पर, अंग्रेजी में, अप (ऊपर) की दिशा अधिक या बेहतर (विचार) की अवधारणाओं का प्रतिनिधित्व करता है। इन महत्वपूर्ण तथ्यों के युग्मों के कारण, हम निम्न वाक्य बना सकते हैं, ‘‘गैस की कीमत *चढ* रही है’’, "एक *अत्यधिक* बुद्धिमान व्यक्ति," और विपरीत विचार भी: "तापमान *नीचे* जा रहा है" और “मैं बहुत *कम* महसूस कर रहा हूँ"। -यीशु ने कहा, ‘‘जाओ और उस लोमड़ी से कह दो...’’ वह राजा हेरोदेश को लोमड़ी कह रहा है। +दुनिया के भाषाओं में रूपांतरित उद्देश्यों के लिए प्रतिरूपित प्रतिमानों का निरंतर उपयोग किया जाता है, क्योंकि वे विचार को व्यवस्थित करने के लिए सुविधाजनक तरीके के रूप में कार्य करते हैं। सामान्य तौर पर, लोग अमूर्त गुणों (जैसे कि शक्ति, उपस्थिति, भावनाओं और नैतिक गुणों) की बात करना पसंद करते हैं जैसे कि वे शरीर के अंग थे, या जैसे कि वे ऐसी वस्तुएं थीं जिन्हें देखा या धारण किया जा सकता था, या जैसे कि वे घटनाएँ थीं जैसा हुआ वैसा देखा जा सकता था। -यीशु को सुनने वाले समझ चुके थे कि यीशु हेरोदेश को दुष्ट, चालाक व्यक्ति और केवल खुद को महान दिखाने की कोशिश करना वाला राजा बता रहा है। +जब इन रूपकों का सामान्य तौर पर उपयोग किया जाता है, तो बहुत कम बार होता है कि वक्ता और दर्शक उन्हें अलंकार के रूप में इस्तेमाल करते हैं। अंग्रेजी में उपयोगी रूपकों के उदाहरण जिन पर अक्सर ध्यान नही दिया जाता: - ृत रूपक** +* “गर्मी *बढ़ाओ*।अधिक को बढाओं के रूप में बात की जाती है। +* "हम अपनी वाद-विवाद को *आगे बढ़ाते* हैं।" योजना के अनुसार करने को चलना या पालन करने के रूप में कहा गया है। +* "आप अपने सिद्धांत का अच्छी त रह से *बचाव* करते हैं। " तर्क को युद्ध के रूप में बात की जाती है। +* "शब्दों का *प्रवाह*" शब्दों को तरल के रूप में बात की जाती है -मृत रूपक में लेखक एक तथ्य को दूसरे तथ्य के लिए उपयोग नही करता है। +अंग्रेजी बोलने वाले इसे रूपक या अलंकार के रूप में नहीं देखते हैं, इसलिए उन्हें अन्य भाषाओं में इस तरह से अनुवाद करना गलत होगा, जिससे लोग उनके लिए अलंकारिक भाषण के रूप में विशेष ध्यान दें। बाइबल की भाषाओं में इस तरह के रूपक के महत्वपूर्ण प्रतिमान के विवरण के लिए, कृपया देखें [बाइबल के चित्र – सामान्य पद्धतियाँ](../bita-part1/01.md) और वे पृष्ठ जो आपको निर्देशित करेंगे। -अंग्रेजी में उदाहरण हैं, ‘‘टेबल लेग’’ ‘‘फैमिली ट्री’’ ‘‘लीफ’’ का अर्थ एक पुस्तक का पृष्ठ होता है, तो ‘‘क्रेन’’ का अर्थ भारी बोझ उठाने वाली मशीन होती है। +किसी ऐसी चीज़ का अनुवाद करते समय जो किसी अन्य भाषा में एक निष्क्रिय रूपक है, इसे एक रूपक के रूप में न मानें। इसके बजाय, बस लक्ष्य भाषा में उस चीज़ या अवधारणा के लिए सबसे अच्छी अभिव्यक्ति का उपयोग करें। -अंग्रेजी वक्ता इन शब्दों को एक से अधिक अर्थ वालों के रूप में लेते हैं। बाइबल की इब्री भाषा के उदाहरण, ‘‘चंगार्इ’’ का अर्थ ‘‘मरम्मत’’ और ‘‘बिमार’’ का अर्थ ‘‘पाप के कारण आत्मिक तौर पर कमजोर’’। +### सक्रिय रूपक - ूपक के रूप में तथ्यों के नमूनेरत् युग्म** +ये ऐसे रूपक हैं जिन्हें लोग एक अवधारणा के रूप में किसी अन्य अवधारणा के लिए खड़े होते हैं, या किसी अन्य चीज़ के लिए एक चीज़ के रूप में पहचानते हैं। वे लोगों के बारे में सोचते हैं कि एक चीज दूसरी चीज की तरह कैसे है, क्योंकि ज्यादातर तरीकों से दोनों चीजें बहुत अलग हैं। लोग इन रूपकों को आसानी से ताकत देने और संदेश के लिए असामान्य गुण के रूप में भी पहचानते हैं। इस कारण से, लोग इन रूपकों पर ध्यान देते हैं। उदाहरण के लिए, -रूपकों का उपयोग तथ्यों के युग्मों के आधार पर कर्इ प्रकार से किया जाता है, जहाँ एक महत्वपूर्ण तथ्य सदैव दूसरे तथ्य के स्थान पर कार्य करता है। +> परन्तु तुम्हारे लिये जो मेरे नाम का भय मानते हो, धार्मिकता का सूर्य उदय होगा, और उसकी किरणों के द्वारा तुम चंगे हो जाओगे; (मलाकी 4:2 यूएलबी) -उदाहरण के तौर पर, अंग्रेजी में, अप (ऊपर) की दिशा अधिक को भी दिखाती है। इन महत्वपूर्ण तथ्यों के युग्मों के कारण, हम निम्न वाक्य बना सकते हैं, ‘‘गैस की कीमत *चढ*़ रही है’’, *उच्च* गुणों से भरा व्यक्ति और विचार का विलोम भी: +यहाँ परमेश्वर अपने उद्धार के बारे में बताता है, मानो कि सूरज की किरणें उन लोगों पर उदय हो रही हैं, जिनसे वह प्रेम करता है। वह ऐसे बात करता है कि सूर्य की किरणें मानों उसके पँख थे। इसके अतिरिक्त, वह उन पँखों की बात कर रहा, जैसे कि वे लोगों को चँगा करने की औषधि ला रही हों। यहाँ एक और उदाहरण दिया गया है: -‘‘गर्मी *उतर* रही है’’ और शेयर बाजार में *गिरावट* आर्इ’’ +>उसने उनसे कहा, “जाकर उस लोमड़ी से कह दो…,’'' (लूका 13:32 यूएलबी) -तथ्यों के नमूनारत् युग्मों का उपयोग आम तौर पर, विश्व की भाषाओं में होता है क्योंकि उनसे विचारों को आसानी से जोड़ा जा सकता है। +यहाँ, "उस लोमड़ी" राजा हेरोदेस को सन्दर्भित करता है। यीशु को सुनने वाले लोग निश्चित रूप से समझ गए थे कि यीशु चाहता था कि वे हेरोदेस के ऊपर एक लोमड़ी की कुछ विशेषताओं को लागू करें। वे कदाचित् समझ गए थे कि यीशु ने यह बताना चाहता था कि हेरोदेस दुष्ट था, या तो धूर्त तरीके से या किसी ऐसे व्यक्ति के रूप में जो नाश करने वाले, हत्यारा, या जो उसने बातों को अपने लिया जो उससे सम्बन्धित नहीं थीं या इनमें सभों को अपने लिए ले लिया था। -सामान्य तौर पर, लोग ताकत, उपस्थिति, भावना एवं अधिक गुण जैसे भावात्मक गुणों के बारे में ऐसे बोलना पसंद करते हैं, मानो वे कोर्इ देखी या छुर्इ जा सकने वाली वस्तुएँ हों, शरीर के अंग हों या कुछ ऐसा हो जिन्हे हम अपने सामने होता हुआ देख सकते हों। +सक्रिय रूपक ऐसे रूपक होते हैं, जिनका सही अनुवाद करने के लिए विशेष रीति से ध्यान दिए जाने की आवश्यकता होती है। ऐसा करने के लिए, हमें एक रूपक के भागों अर्थात् खण्डों को समझने और यह देखने की आवश्यकता होती है कि वे अर्थ का उत्पन्न करने के लिए कैसे एक साथ काम करते हैं। -जब इन रूपकों का सामान्य तौर पर उपयोग किया जाता है, तो बहुत कम बार, उन्हे अलंकार के रूप में इस्तेमाल करते हैं। अंग्रेजी में उपयोगी रूपकों के उदाहरण जिन पर अक्सर ध्यान नही दिया जाता: +>यीशु ने उनसे कहा, "जीवन की रोटी मैं हूँ" जो मेरे पास आएगा वह कभी भूखा न होगा और जो मुझ पर विश्वास करेगा, वह कभी प्यासा न होगा।(यूहन्ना 6:35 यूएलबी) -* ‘‘गर्मी *बढ़ा* दे’’ बढ़ा का अर्थ है ज्यादा। -* ‘‘आइए बहस में आगे *बढे़ं*’’ योजनाबद्ध काम को करने का अर्थ है चलना या आगे बढ़ना -* ‘‘तुम अपने सिद्धांत का अच्छा *बचाव* कर लेते हो’’ बहस का अर्थ है युद्ध -* ‘‘शब्दों का *बहाव*’’ शब्द को तरल पदार्थ बताया गया है +इस रूपक में, यीशु ने अपने आपको जीवन की रोटी कहा। "मैं" **विषय** है (जिसका अर्थ है स्वयं यीशु) और **छवि** "रोटी" है। उस जगह और समय पर लोगों की प्राथमिक भोजन रोटी थी। रोटी और यीशु के बीच समानता यह है कि लोगों को जीने के लिए दोनों की आवश्यकता थी। जिस तरह लोगों को भौतिक जीवन जीने के लिए भोजन करने की आवश्यकता होती है, उसी तरह अनन्त जीवन पाने के लिए लोगों को यीशु पर भरोसा करने की आवश्यकता है। रूपक का **विचार** "जीवन" है। इस मामले में, यीशु ने रूपक के केंद्रीय विचार को कहा, लेकिन अक्सर विचार केवल निहित है। -अंग्रेजी वक्ता उन्हे असामान्य तौर पर नही लेते हैं अत: दूसरी भाषाओं में उनका इस प्रकार अनुवाद करना गलत होगा कि व इसे अलंकार समझने लगें। +### रूपक के उद्देश्य -बाइबल की भाषा में इस प्रकार के रूपकों के महत्वपूर्ण नमूनों के बारे में अधिक जानकारी के लिए, कृपया [Biblical Imagery - Common Patterns](../bita-part1/01.md) देखें एवं उनके द्वारा डायरेक्ट किए जाने वाले अन्य पेजों को देखें। +* रूपक का एक उद्देश्य लोगों को किसी ऐसी वस्तु के बारे में सिखाना है, जिसे वे नहीं जानते (**विषय**) यह दिखाते हुए कि यह कुछ ऐसा है जिसे वे पहले से जानते हैं (**छवि**)। +* एक अन्य उद्देश्य यह बताना है कि उस वस्तु(**विषय**) में एक विशेष गुण(**विचार**) है अथवा यह दिखाना है कि इसमें वह गुण अपने चरम रूप में है। +* एक और उद्देश्य लोगों में एक **विषय** के बारे में इस प्रकार का भाव लाना है, जैसा कि वे किसी **छवि**के बारे में महसूस करते हैं। -### रूपक के भाग +### कारण यह एक अनुवाद मुद्दा है -रूपक के बात करते वक्त, उनके भागों की बात करना भी लाभदायक होगा। रूपक के तीन भाग होते हैं +* लोग कदाचित् समझ ही नहीं पाएँ कि रूपक का उपयोग हुआ है। दूसरे शब्दों में, वे रूपक को एक शाब्दिक कथन समझकर भम्र में पड़ जाएँ और इस तरह उसे गलत समझ लें। +* हो सकता है कि लोग उपयोग किए गए छवि से परिचित न हों और इसलिए रूपक को समझने में सक्षम नहीं हैं। +* यदि विषय को नहीं बताया गया होता है, तो लोग पहचान ही नहीं पाएंगे कि यह एक विषय है। +* लोग तुलना के बिन्दुओं को समझ न पाएँ जिसे लेखक सोच रहा है और वह चाहता है कि लोग इसे समझे। यदि वे तुलना के बिन्दुओं को नहीं समझ पाते हैं, तो वे रूपक को भी नहीं समझ पाएँगे। +* लोग सोच सकते हैं कि वे रूपक को समझते हैं, परन्तु वे इसे नहीं समझते हैं। ऐसा तब हो सकता है, जब वे बाइबल की संस्कृति की अपेक्षा अपनी संस्कृति में तुलना के बिन्दुओं को लागू करते हैं। -1. **विषय** - जिसके बारे में वक्ता बात कर रहा है, विषय कहलाता है -1. **तश्वीर** - उस वस्तु को वो जो कहता है, तश्वीर कहलाता है -1. **तुलना के बिन्दु** - जिस तरीके से वक्ता कहता है कि किस प्रकार विषय और तश्वीर समान हैं, वह तुलना का बिन्दु कहलाता है +#### अनुवाद की रणनीतियाँ -नीचे लिखे रूपक में, वक्ता उस लड़की को लाल गुलाब कहता है जिससे वह प्रेम करता है। - -लड़की (उसका ‘‘प्रेम’’) ‘‘विषय’’ है और ‘‘लाल गुलाब’’ ‘‘तश्वीर’’ है। सुंदरता और कोमलता तुलना के बिन्दु हैं, समानताएँ जो वक्ता विषय और तश्वीर में देखता है। ध्यान दें, तौभी, फूल की तुलना औरत की सुंदरता से नही की जा सकती है। न ही, दोनों की कोमलता एक समान है। - -अत: तुलना के ये बिन्दु एकदम सटीक स्वभाव या गुण के आधार पर नही बनाए जाते हैं, परंतु ये वक्ता के द्वारा देखे गए स्वभाव होते हैं। - -* मेरा प्रेम लाल, लाल गुलाब है। अक्सर, जैसा ऊपर के रूपक में देखा, वक्ता स्पष्ट तौर पर **विषय ** और **तश्वीर** के बारे में बता देता है, परंतु वह तुलना के बिन्दु नही बताता है। वक्ता उस बात को श्रोताओं पर डाल देता है कि वे तुलना के बिन्दु के बारे में सोचें। क्योंकि जब श्रोता ऐसा करेंगे, तो वक्ता का संदेश और भी बल पाएगा। - -बाइबल में भी, सामान्य तौर पर, **विषय ** और **तश्वीर** को स्पष्ट बताया जाता है परंतु तुलना के बिन्दु को नही बताया जाता। लेखक श्रोताओं से आशा करता है कि वे स्वत: ही उसमें निहित तुलना को समझ जाएँ - -> यीशु ने उन से कहा ‘‘जीवन की रोटी मैं हूं: जो मेरे पास आएगा वह कभी भूखा न होगा और जो मुझ पर विश्वास करेगा, वह कभी पियासा न होगा’’ (युहन्ना 6:35 ULB) - -इस रूपक में, यीशु स्वयं को जीवन की रोटी कहता है। ‘‘विषय’’ ‘‘मैं’’ और ‘‘तश्वीर’’ ‘‘रोटी’’ है। रोटी एक ऐसा भोजन है जिसे लोग हर समय में खाते आए हैं। रोटी और यीशु में तुलना का बिन्दु यह है कि लोगों को पोषण के लिए हर दिन रोटी की जरूरत होती है। इसी प्रकार, लोगों को आत्मिक तौर पर, हर दिन यीशु की जरूरत है। ध्यान दें कि यह रूपक वास्तव में कर्इ सारे रूपक हैं। पहला रूपक रोटी है जो यीशु को दिखाती है। दूसरा रूपक, पहले के अंदर है, अर्थात शारीरिक जीवन आत्मिक जीवन को दिखाता है जो परमेश्वर के साथ सदाकाल के जीवन को दिखाता है। तीसरा रूपक यह है कि यीशु से लाभ पाने को दिखाता है जो हमें परमेश्वर के साथ सदा जीवन जीने का बल देता है। - - ूपक के उद्देश्य** - -* पहला उद्देश्य लोगों को वे बातें जो उन्हे पता नही (**विषय**), उस माध्यम के द्वारा (**तश्वीर**) सिखाना जिनके बारे में वे पहले से ही जानते हैं। -* दूसरा उद्देश्य यह दिखाना है कि उस वस्तु में एक विशेष गुण है अथवा यह बताना है कि इसमें वह गुण बहुत अधिक है -* एक और उद्देश्य लोगों में एक वस्तु के बारे में इस प्रकार का भाव लाना है जैसा वो किसी ज्ञात वस्तु के बारे में सोचते हैं - -### कारण यह अनुवाद की समस्या है - -* लोग शायद समझ ही नही पाएँ कि रूपक का उपयोग हुआ है। दूसरे शब्दों में, वे रूपक को एक आम कथन समझकर, गलतफहमी में पड़ सकते हैं। -* लोग उपयोग की गर्इ तश्वीर से परिचित न हों और उपयुक्त रूपक को समझ नही न पाएँ। -* यदि विषय को नही बताया गया होता है, तो लोग पहचान ही नही पाएँ कि यह एक विषय है। -* लोग तुलना के बिन्दु को समझ नही पाएँ जो लेखक के मन में है और उन्हे बताना चाहता है - -यदि वे तुलना के बिन्दु को नही समझ पाते हैं तो रूपक को भी नही समझ पाएँगे। - -### अनुवाद के सिद्धांत - -* रूपक के अर्थ को लक्षित श्रोताओं के उतना ही स्पष्ट रखें जितना यह प्रथम श्रोताओं के लिए था -* रूपक के अर्थ को लक्षित श्रोताओं के उससे अधिक स्पष्ट न बनाएँ जितना यह प्रथम श्रोताओं के लिए था +* रूपक के अर्थ को लक्षित श्रोताओं के लिए उतना ही स्पष्ट रखें जितना यह प्रथम श्रोताओं के लिए था। +* रूपक के अर्थ को लक्षित श्रोताओं के लिए उससे अधिक स्पष्ट न बनाएँ जितना यह प्रथम श्रोताओं के लिए था। ### बाइबल से उदाहरण -> तुम बाशान की गायो, यह वचन सुनो (आमोस 4:1 ULB) +> “**हे बाशान की गायों**, यह वचन सुनो, (आमोस 4:1 यूएलबी) -इस रूपक में, आमोस सामरिया की उच्च वर्ग की महिलाओं से इस प्रकार बात करता है (विषय ‘‘तुम’’ है) जैसे कि वे गायें (तश्वीर) हों। आमोस इन महिलाओं और गायों के बीच के तुलना के बिन्दु को नही बताता है परंतु पृष्ठभूमि से उसका यह अर्थ स्पष्ट है कि महिलाएँ और गायें दोनों मोटी और केवल खाने में इच्छुक हैं। तौभी, ध्यान दें कि आमोस यह नही कह रहा है कि वे औरतें गायेंह ैं क्योंकि वह उन्हे मनुष्य ही बता रहा है। +इस रूपक में, आमोस सामरिया की उच्च-वर्ग की स्त्रियों से इस प्रकार बात करता है (विषय ‘‘तुम’’ है) जैसे कि वे गायें (छवि) हों। आमोस इन स्त्रियों और गायों के मध्य तुलना के बिन्दुओं को नहीं बताता है। वह चाहता है कि पाठक उनके बारे में सोचें, और पूरी तरह से अपेक्षा करता है कि अपनी संस्कृति से आने वाले पाठक आसानी से ऐसा करेंगे। परन्तु सन्दर्भ से, उसका यह अर्थ स्पष्ट हो जाता है कि स्त्रियाँ और गायें दोनों मोटी हैं और केवल स्वयं के लिए भोजन पाने में ही इच्छुक हैं। यदि हम एक भिन्न संस्कृति से तुलना के बिन्दुओं को लागू करते हैं, जैसे कि गायें पवित्र है और उनकी पूजा की जानी चाहिए, तो हमें इस सन्दर्भ से गलत अर्थ प्राप्त होगा। ->तौभी, हे यहोवा, तू हमारा पिता है; हम तो मिट्टी है। तू हमारा कुम्हार है; हम सबके सब तेरे हाथ के काम हैं। (यशायाह 64:8 ULB) +ध्यान दें: आमोस यह नहीं कह रहा है कि वे स्त्रियाँ गायें हैं। क्योंकि वह उन्हे मनुष्य ही बता रहा है। -उपरोक्त उदाहरण दो संबंधित रूपक हैं। विषय ‘‘हम’’ और ‘‘तुम’’ एवं तश्वीरें ‘‘मिट्टी’’ और ‘‘कुम्हार’’ हैं। कुम्हार और परमेश्वर के बीच में उद्देश्यरत् तुलना यह तथ्य है कि दोनो वही बनाते हैं जो उनकी मर्जी होती है: कुम्हार मिट्टी से और परमेश्वर अपने लोग, इस्राएलियों से अपनी मर्जी के अनुसार बनाता है। कुम्हार की मिट्टी और ‘‘हमारे’’ बीच की तुलना यह है कि मिट्टी और इस्राएलियों को उससे बिलकुल अलग बनाया गया जो वे पहले थे। +>तो भी, हे यहोवा, तू हमारा पिता है; देख, **हम तो मिट्टी** है, और **तू हमारा कुम्हार है**; हम सब के सब तेरे हाथ के काम हैं।(यशायाह 64: 8 यूएलबी) ->यीशु ने उनसे कहा, ‘‘देखो; फरीसियों और सदूकियों के खमीर से चौकस रहना। वे आपस में विचार करने लगे, कि हम तो रोटी नहीं लाए’’ (मत्ती 16:6-7 ULB) +उपरोक्त उदाहरण दो सम्बन्धित रूपक हैं। विषय ‘‘हम’’ और ‘‘तू’’ एवं छवि ‘‘मिट्टी’’ और ‘‘कुम्हार’’ हैं। एक कुम्हार और परमेश्वर के बीच तुलना का इच्छित बिन्दु यह तथ्य है कि दोनों वही बनाते हैं जो वे अपनी सामग्री से चाहते हैं: कुम्हार वह बनाता है, जो वह मिट्टी से चाहता है, और परमेश्वर वह बनाता है, जो वह अपने लोगों से चाहता है।कुम्हार की मिट्टी और "हमारे" मध्य की तुलना का बिन्दु नहीं है कि **न तो मिट्टी और न ही परमेश्वर के लोगों को यह शिकायत करने का अधिकार है कि वे क्या बन रहे हैं**। -यीशु यहाँ एक रूपक का इस्तेमाल करते हैं परंतु चेलों ने उसे नही पहचाना। जब उसने ‘‘खमीर’’ कहा, तो उन्होने सोचा कि वह रोटी की बात कर रहा है परंतु ‘‘खमीर’’ उसके रूपक की तश्वीर थी, और विषय था, फरीसियों और सदूकियों की शिक्षाएँ। चूँकि चेलों (प्रथम श्रोताओं) ने यीशु के अर्थ को नही पहचाना, तो यीशु के अर्थ को पहले से ही खुलकर अथवा स्पष्ट बताना सही नही होगा +> यीशु ने उनसे कहा, “देखो, **फरीसियों और सदूकियों के ख़मीर** से सावधान रहना।” वे आपस में विचार करने लगे, “हम तो रोटी नहीं लाए। इसलिए वह ऐसा कहता है।” (मत्ती 16: 6-7 यूएलबी) -### अनुवाद रणनीतियाँ +यीशु यहाँ एक रूपक का उपयोग करता है, परन्तु शिष्यों ने उसे नहीं पहचाना। जब उसने ‘‘खमीर’’ कहा, तो उन्होंने सोचा कि वह रोटी की बात कर रहा है, परन्तु ‘‘खमीर’’ उसके रूपक का छवि था, और विषय, फरीसियों और सदूकियों की शिक्षाएँ थीं। चूँकि शिष्यों (प्रथम श्रोतागण) ने यीशु के अर्थ को नहीं पहचाना, इसलिए यीशु के अर्थ को पहले से ही खुलकर अथवा स्पष्ट बताना सही नहीं होगा। -यदि आपकी भाषा में लोग रूपकों को ठीक उसी प्रकार समझ सकते हैं जैसे प्रथम श्रोता समण्ते थे, तो इसका उपयोग करें। अनुवाद को जाँचना न भूलें कि लोग इसे समझ पा रहे हैं या नही। +### अनुवाद की रणनीतियाँ -यदि लोग नही समझ पा रहे हैं, तो आप निम्न रणनीतियाँ अपना सकते हैं: +यदि आपकी भाषा में लोग रूपकों को ठीक उसी प्रकार समझ सकते हैं, जैसे कि प्रथम श्रोतागण समझते थे, तो इसका उपयोग करें। अनुवाद की जाँच इस बात को सुनिश्चित करने के लिए करें कि लोग इसे सही रीति से समझ रहे हैं या नहीं। -1. यदि बाइबल की भाषा में लिखा गया रूपक तथ्यों के नमूनेरूपी युग्म को सामान्य तौर पर प्रकट कर रहा है, तो अपनी भाषा में भी सबसे सरल शब्दों का उपयोग कर इस मुख्य विचार को प्रकट करें । (तथ्यों के नमूनेरूपी युग्मों [Biblical Imagery - Common Patterns](../bita-part1/01.md) की सूची के लिए देखें) -1. यदि रूपक ‘‘जीवित रूपक’’ है तो इसका सीधा अनुवाद कर सकते हैं यदि आपको लगता है कि लक्षित भाषा में भी इसका उपयोग होता है। यदि आप ऐसा करते हैं तो जाँचकर अवश्य देख लें कि भाषा समुदाय इसे समझ तो पा रहा है। -1. यदि लक्षित भाषा नही समझ पा रही है कि यह एक रूपक है, तो रूपक को उपमा मे बदल दें। कुछ भाषाएँ ‘‘जैसे’’ या ‘‘तरह’’ इत्यादि शब्दों का इसतेमाल कर इन्हे लिखती हैं। देखें [Simile](../figs-simile/01.md) -1. यदि लक्षित भाषा तश्वीर को नही समझ पा रही है तो तश्वीर को विचारों में बदलने में मदद के लिए [Translate Unknowns](../translate-unknown/01.md) देखें। -1. यदि लक्षित भाषा उस अर्थ के लिए उस तश्वीर का उपयोग नही करती है तो अपनी संस्कृति में से तश्वीर का उपयोग करें। यह निश्चित करें कि ये तश्वीर बाइबल के समय में संभवतया प्रचलित रही हो। -1. यदि लक्षित भाषा उसके विषय को नही समझ पाती है, तो विषय के बारे में स्पष्ट तौर पर लिखें। (लेकिन यदि मूल श्रोताओं को भी विषय का पता नही था तो ऐसा न करें) -1. यदि लक्षित भाषा विषय और तश्वीर के बीच के तुलना के बिन्दुओं को नही समझ पाती है, तो उनके बारे में स्पष्ट तौर पर लिखें। -1. यदि उपरोक्त वर्णित कोर्इ भी रणनीति काम नही आती है, तो कथन को बिना रूपक के स्पष्ट तौर पर लिखें। +यदि लोग नहीं समझ पा रहे हैं, तो आप निम्नलिखित रणनीतियाँ अपना सकते हैं: -### अनुवाद रणनीतियों के प्रयोग के उदाहरण +1. यदि रूपक स्रोत भाषा में एक सामान्य अभिव्यक्ति है या एक बाइबल की भाषा (निष्क्रिय रूपक) में तथ्यों के पद्धति आधारित जोड़े को व्यक्त करता है, तो अपनी भाषा में भी सबसे सरल शब्दों का उपयोग कर इस मुख्य **विचार** को प्रकट करें। +1. यदि ऐसा प्रतीत होता है कि रूपक ‘सक्रिय रूपक के रूप में है, तो आप इसका शाब्दिक अनुवाद कर सकते हैं **यदि आपको लगता है कि लक्षित भाषा भी इस रूपक का उपयोग उसी तरह से करती है, जैसे कि बाइबल में किया गया है**. यदि आप ऐसा करते हैं, तो इसे जाँच कर सुनिश्चित कर लें कि भाषाई समुदाय इसे सही तरीके से समझ पा रहा है। +1. यदि लक्षित श्रोतागण इसे नहीं समझ पा रही है कि यह एक रूपक है, तो रूपक को उपमा मे परिवर्तित कर दें। कुछ भाषाएँ ‘‘जैसे‘‘ या ‘‘तरह’’ इत्यादि शब्दों का उपयोग करके इन्हें लिखती हैं। देखें [उपमा](../figs-simile/01.md). +1. यदि लक्षित श्रोतागण **छवि** को नहीं जानते हैं, तो उस छवि की व्याख्या कैसे की जाए के लिए [अज्ञात का अनुवाद करें](../translate-unknown/01.md) में दिए हुए विचारों को देखें। +1. यदि लक्षित श्रोतागण उस अर्थ के लिए उस **छवि** का उपयोग नहीं करते हैं, तो इसके स्थान पर अपनी संस्कृति में से छवि का उपयोग करें। सुनिश्चित करें कि ये छवि बाइबल के समयों में संभवतया प्रचलित रहा हो। +1. यदि लक्षित श्रोतागण नहीं जानते हैं कि **विषय** क्या है, तो विषय को स्पष्ट तौर पर बताएँ। (तथापि, यदि मूल श्रोताओं को भी विषय का पता नहीं था, तो ऐसा न करें) +1. यदि लक्षित श्रोतागण विषय और छवि के बीच अपेक्षित समानता(**विचार**) को नहीं समझ पाते है, तो उन्हें स्पष्ट तौर पर लिखें। +8. यदि उपरोक्त वर्णित रणनीतियों में से कोई भी काम नहीं आती है, तो **विचार** को बिना रूपक के स्पष्ट तौर पर लिखें। -1. यदि बाइबल की भाषा में लिखा गया रूपक तथ्यों के नमूनेरूपी युग्म को सामान्य तौर पर प्रकट कर रहा है, तो अपनी भाषा में भी सबसे सरल शब्दों का उपयोग कर इस मुख्य विचार को प्रकट करें। +### अनुवाद के लिए लागू की गई रणनीतियों के उदाहरण -* **और यार्इर नाम आराधनालय के सरदारों में से एक आया, और उसे देखकर, उसके पांवों पर गिरा** (मरकुस 5:22 ULB) +(1) यदि बाइबल की भाषा (एक निष्क्रिय रूपक) में लिखा गया रूपक स्रोत भाषा में पाई जाने वाली एक सामान्य अभिव्यक्ति या तथ्यों के पद्धित आधारित जोड़ों को प्रकट कर रहा है, तो अपनी भाषा में भी सबसे सरल शब्दों का उपयोग कर इस मुख्य विचार को प्रकट करें। - * न् +>और याईर नामक आराधनालय के सरदारों* में से एक आया, और उसे देखकर, उसके पाँवों पर गिरा। (मरकुस 5:22 यूएलबी) +>>तब आराधनालय के अगुवों में से एक, जिसका नाम याईर था, आया और जब उसने उसे देखा, **तो तुरन्त उसके पैरों पर गिर गया**। -1. यदि रूपक ‘‘जीवित रूपक’’ है तो इसका सीधा अनुवाद कर सकते हैं यदि आपको लगता है कि लक्षित भाषा में भी इसका उपयोग होता है। यदि आप ऐसा करते हैं तो जाँचकर अवश्य देख लें कि भाषा समुदाय इसे समझ तो पा रहा है +(2) यदि रूपक सक्रिय रूपक प्रतीत होता है, तो आप इसका शाब्दिक अनुवाद कर सकते हैं **यदि आपको लगता है कि लक्षित भाषा भी इस रूपक का उपयोग उसी तरह से करती है जैसे कि बाइबल का अर्थ में दिया गया है**। यदि आप ऐसा करते हैं, तो यह सुनिश्चित करने के लिए जाँच करें कि भाषा समुदाय इसे सही तरीके से समझता है। -* **तुम्हारे कठोर मन के कारण उसने तुम्हारे लिये यह आज्ञा लिखी** (मरकुस 10:5 ULB) +>तुम्हारे **मन की कठोरता** के कारण उसने तुम्हारे लिये यह आज्ञा लिखी। (मरकुस 10:5 यूएलबी) +>> यह तुम्हारे **कठोर मनों** के कारण था कि उसने तुम्हारे लिए यह कानून लिखा, - * तुम्हारे कठोर मन के कारण उसने तुम्हारे लिये यह आज्ञा लिखी। इसमें कोर्इ बदलाव नही है - परंतु आपको यह जाँचना है कि भाषा समुदाय इस रूपक को समझ रहे हैं या नही। +इसमें कोई परिवर्तन नहीं हुआ है - परन्तु यह सुनिश्चित करने के लिए जाँच की जानी चाहिए कि लक्षित श्रोतागण इस रूपक को सही तरीके से समझते हैं। -1. यदि लक्षित भाषा नही समझ पा रही है कि यह एक रूपक है, तो रूपक को उपमा मे बदल दें। कुछ भाषाएँ ‘‘जैसे’’ या ‘‘तरह’’ इत्यादि शब्दों का इसतेमाल कर इन्हे लिखती हैं। +(3) यदि लक्षित श्रोता नहीं समझ पा रहा है कि यह एक रूपक है, तो रूपक को उपमा मे परिवर्तित कर दें। कुछ भाषाएँ ‘‘जैसे‘‘ या ‘‘तरह’’ इत्यादि शब्दों का उपयोग कर इन्हें लिखती हैं। -* **तौभी, हे यहोवा, तू हमारा पिता है; देख, हम तो मिट्टी है । तू हमारा कुम्हार है; हम सबके सब तेरे हाथ के काम हैं (यशायाह 64:8 ULB)** +>तो भी, हे यहोवा, तू हमारा पिता है; देख, हम तो **मिट्टी** है, और तू हमारा **कुम्हार** है; हम सब के सब तेरे हाथ के काम हैं।(यशायाह 64: 8 यूएलबी) +>>और तो भी, यहोवा, तू हमारा पिता है; हम तो मिट्टी के **जैसे** है। तू कुम्हार की **तरह** है; और हम सब तेरे हाथ के काम हैं। - * तौभी, हे यहोवा, तू हमारा पिता है; देख, हम मिट्टी की तरह हैं। तू कुम्हार की तरह है; हम सबके सब तेरे हाथ के काम हैं। +(4) यदि लक्षित श्रोता **छवि** को नहीं समझ पा रहा है, तो छवि को विचारों में परिवर्तित करने में सहायता के लिए [अज्ञात का अनुवाद करें](../translate-unknown/01.md) को देखें। -1. यदि लक्षित भाषा तश्वीर को नही समझ पा रही है तो तश्वीर को विचारों में बदलने में मदद के लिए [Translate Unknowns](../translate-unknown/01.md) देखें। +> ‘हे शाऊल, हे शाऊल, तू मुझे क्यों सताता है? **पैने पर लात मारना** तेरे लिये कठिन है।’ (प्रेरितों के काम 26:14 यूएलबी) +>>शाऊल, शाऊल, तू मुझे क्यों सताता है? तेरे लिए **एक नुकीली छड़ी के विरूद्ध लात कठिन है**. -* **शाऊल, हे शाऊल, तू मुझे क्यों सताता है? पैने पर लात मारना तेरे लिये कठिन है** (प्रेरितों के काम 26:14 ULB) +(5) यदि लक्षित भाषा उस अर्थ के लिए उस **छवि** का उपयोग नहीं करती है, तो अपनी संस्कृति में से छवि का उपयोग करें। यह निश्चित करें कि ये छवि बाइबल के समयों में संभवतया प्रचलित रहा हो। - * शाऊल, हे शाऊल, तू मुझे क्यों सताता है? नुकीली वस्तु पर लात मारना तेरे लिये कठिन है। +> तो भी, हे यहोवा, तू हमारा पिता है; देख, हम तो **मिट्टी** है, और तू हमारा **कुम्हार** है; हम सब के सब तेरे हाथ के काम हैं।(यशायाह 64: 8 यूएलबी) +> +> > और तो भी, यहोवा, तू हमारा पिता है, हम **लकड़ी** हैं। तू हमारा **कुम्हार** है; और हम सब तेरे हाथ के काम हैं।” +> > +> > और तौभी, यहोवा, तू हमारा पिता है, हम **तार** हैं। तू **बुननेवाला** हैं; और हम सब तेरे हाथ के काम हैं। ” -1. यदि लक्षित भाषा उस अर्थ के लिए उस तश्वीर का उपयोग नही करती है तो अपनी संस्कृति में से तश्वीर का उपयोग करें। यह निश्चित करें कि ये तश्वीर बाइबल के समय में संभवतया प्रचलित रही हो। +(6) यदि लक्षित श्रोता उसके **विषय** को नहीं समझ पाता है, तो विषय के बारे में स्पष्ट तौर पर लिखें। (तथापि, ऐसा तब न करें जब मूल श्रोता को भी यह नहीं पता है कि विषय क्या था) -* **तौभी, हे यहोवा, तू हमारा पिता है; देख, हम तो मिट्टी है । तू हमारा कुम्हार है; हम सबके सब तेरे हाथ के काम हैं (यशायाह 64:8 ULB)** +> यहोवा परमेश्‍वर जीवित है; **मेरी चट्टान** धन्य है; और मेरे मुक्तिदाता परमेश्‍वर की बड़ाई हो।(भजन संहिता 18:46 यूएलबी) +>> यहोवा जीवित है; **वह मेरी चट्टान है**. उसकी प्रशंसा की जाए। मेरे उद्धारकर्ता परमेश्वर की बड़ाई हो। - * तौभी, हे यहोवा, तू हमारा पिता है; देख, हम तो लकड़ी है। तू हमारा कारीगर है; हम सबके सब तेरे हाथ के काम हैं। - * तौभी, हे यहोवा, तू हमारा पिता है; देख, हम तो तार है। तू हमारा बुनने वाला है; हम सबके सब तेरे हाथ के काम हैं। +(7) यदि लक्षित श्रोतागण विषय और छवि के बीच अपेक्षित समानता को नहीं समझ पाते है, तो उन्हें स्पष्ट तौर पर लिखें। -1. यदि लक्षित भाषा उसके विषय को नही समझ पाती है, तो विषय के बारे में स्पष्ट तौर पर लिखें। (लेकिन यदि मूल श्रोताओं को भी विषय का पता नही था तो ऐसा न करें) +> यहोवा परमेश्‍वर जीवित है; **मेरी चट्टान** धन्य है; और मेरे मुक्तिदाता परमेश्‍वर की बड़ाई हो।(भजन संहिता 18:46 यूएलबी) +>> यहोवा जीवित है; उसकी प्रशंसा हो क्योंकि वह चट्टान है **जिसके नीचे मैं अपने शत्रुओं से छुपा सकता हूँ**. मेरे उद्धारकर्ता परमेश्वर की बड़ाई हो। +> +>>‘हे शाऊल, हे शाऊल, तू मुझे क्यों सताता है? **पैने पर लात मारना** तेरे लिये कठिन है।’(प्रेरितों के काम 26:14 यूएलबी) +>>>शाऊल, शाऊल, तू मुझे क्यों सताता है? तू **मुझसे लड़ता है और स्वयं को ही चोट पहुँचा रहा है जैसे एक बैल स्वामी के पैने पर लात मारकर स्वंय को ठेस पहुँचता है** -* **यहोवा परमेश्वर जीवित है;मेरी चट्टान धन्य है और मेरे मुक्तिदाता परमेश्वर की बड़ार्इ हो (भजन संहिता 18:46 ULB)** +(8) यदि उपरोक्त वर्णित कोई भी रणनीति काम नहीं आती है, तो कथन को बिना रूपक के स्पष्ट तौर पर लिखें। - * यहोवा परमेश्वर जीवित है;वह मेरी चट्टान है। उसकी स्तुति हो । और मेरे मुक्तिदाता परमेश्वर की बड़ार्इ हो। +> मैं तुम को मनुष्यों के पकड़नेवाले बनाऊँगा।”(मरकुस 1:17 यूएलबी) +>> मैं तुम्हें **लोगों को इकट्ठा करने वाला** बनाऊँगा। +> +>> अब तुम मछलियाँ इकट्ठा करते हो। मैं तुम्हें **लोगों को इक्ट्ठा** करने वाला बनाऊँगा। -1. यदि लक्षित भाषा विषय और तश्वीर के बीच के तुलना के बिन्दुओं को नही समझ पाती है, तो उनके बारे में स्पष्ट तौर पर लिखें। - -* **यहोवा परमेश्वर जीवित है;मेरी चट्टान धन्य है । और मेरे मुक्तिदाता परमेश्वर की बड़ार्इ हो** (भजन संहिता 18:46 ULB) - - * यहोवा परमेश्वर जीवित है; उसकी स्तुति हो क्योंकि वह मेरी चट्टान है जिसके नीचे वह मुझे अपने दुश्मनों से छुपाए रखता है और मेरे मुक्तिदाता परमेश्वर की बड़ार्इ हो - -* **हे शाऊल, हे शाऊल, तू मुझे क्यों सताता है? पैने पर लात मारना तेरे लिये कठिन है** (प्रेरितों के काम 26:14 ULB) - - * हे शाऊल, हे शाऊल, तू मुझे क्यों सताता है? तू मुझसे लड़कर खुद को ही चोट पहुँचा रहा है जैसे एक बैल स्वामी के पैने पर लात मारकर चोटिल होता है - -1. यदि उपरोक्त वर्णित कोर्इ भी रणनीति काम नही आती है, तो कथन को बिना रूपक के स्पष्ट तौर पर लिखें - -* **मैं तुमको मनुष्यों के मछुवे बनाऊंगा** (मरकुस 1:17 ULB) - - * मैं तुमको मनुष्यों को इकट्ठे करने वाले बनाऊँगा - * अब तुम मनुष्यों के मछलियाँ इकट्ठी करते हो । मैं तुमसे मनुष्य इकट्ठे करवाऊँगा - -रूपकों के बारे में अधिक जानने के लिए [Biblical Imagery - Common Patterns](../bita-part1/01.md) देखें। +विशिष्ट रूपकों के बारे में अधिक जानने के लिए, देखें [बाइबल के चित्र – सामान्य पद्धतियाँ](../bita-part1/01.md)। diff --git a/translate/figs-metaphor/sub-title.md b/translate/figs-metaphor/sub-title.md index c540212..136742a 100644 --- a/translate/figs-metaphor/sub-title.md +++ b/translate/figs-metaphor/sub-title.md @@ -1,2 +1 @@ -रूपक क्या है और मैं इसका उपयोग करने वाले कथनों का अनुवाद कैसे करूँ? - +रूपक क्या है और मैं उन बाइबल आयतों का अनुवाद कैसे करूं जिसमे इसका उपयोग हो? \ No newline at end of file diff --git a/translate/figs-metaphor/title.md b/translate/figs-metaphor/title.md index c5be746..cb8c048 100644 --- a/translate/figs-metaphor/title.md +++ b/translate/figs-metaphor/title.md @@ -1,2 +1 @@ -रूपक - +रूपक \ No newline at end of file diff --git a/translate/figs-metonymy/01.md b/translate/figs-metonymy/01.md index 53d480c..a4da653 100644 --- a/translate/figs-metonymy/01.md +++ b/translate/figs-metonymy/01.md @@ -1,65 +1,63 @@ - ### वर्णन - ेटोनिमी** एक अलंकार है जिसमें एक वस्तु अथवा विचार को उसके नाम से नही, परंतु उससे जुड़े किसी और नाम से पुकारा जाता है। +** लक्षणालंकार** एक अलंकार है जिसमें एक वस्तु अथवा विचार को उसके नाम से नही, परंतु उससे जुड़े किसी और नाम से पुकारा जाता है। **लक्षणालंकार** एक शब्द है जिसका उपयोग उससे जुड़ी किसी और वस्तु के बदले में होता है। - ेटोनिमी** एक शब्द है जिसका उपयोग उससे जुड़ी किसी और वस्तु के बदले में होता है। - -> और उसके पुत्र यीशु मसीह का लहू हमें सब पापों से शुद्ध करता है (1 यूहन्ना 1:7 ULB) +> और उसके पुत्र यीशु मसीह का **लहू** हमें सब पापों से शुद्ध करता है। (1 यूहन्ना 1:7 यूएलबी) लहू यीशु की मृत्यू को दिखाता है। ->इसी रीति से उसने बियारी के बाद कटोरा भी यह कहते हुआ दिया, कि यह कटोरा मेरे उस लहू में जो तुम्हारे लिये बहाया जाता है नर्इ वाचा है (लूका 22:20 ULB) +> इसी रीति से उसने भोजन के बाद **कटोरा** भी यह कहते हुए दिया, “यह **कटोरा** मेरे उस लहू में जो तुम्हारे लिये बहाया जाता है नई वाचा है। (लूका 22:20 यूएलबी) -कटोरा उसमें डाली गर्इ दाखरस को दिखाता है। +कटोरा उसमें डाली गई दाखरस को दिखाता है। -### मेटोनिमी का उपयोग किया जा सकता है +### लक्षणालंकार का उपयोग किया जा सकता है -* उस वस्तु के बारे में संक्षिप्त में बताने के लिए जिसे यह दिखाती है +* इसे किसी वस्तु के बारे में संक्षिप्त में बताने के लिए जिसे यह दिखाती है * इससे संबंधित किसी वस्तु का उपयोग कर उसके अर्थ को और अर्थपूर्ण बनाने के लिए -### कारण यह अनुवाद की समस्या है +### कारण यह एक अनुवाद मुद्दा है -बाइबल मेटानिमी का अक्सर उपयोग करती है। कुछ भाषावाले मेटोनिमी का उपयोग नही करते हैं और शायद इसी कारण, वे बाइबल को पढ़ते वक्त इन्हे समझ न पाएँ। यदि वे मेटोनिमी को नही पहचानते हैं तो संदेश को भी नही पहचानेंगे, और उससे भी बदत्तर, वे उसका गलत अर्थ समझ लेंगे। जब भी मेटोनिम का उपयोग होता है तो लोगों को पहचान होनी चाहिए कि यह किसको दिखाता है। +बाइबल लक्षणालंकार का अक्सर उपयोग करती है। कुछ भाषाओँ के वक्ताएं लक्षणालंकार का उपयोग नही करते हैं और शायद इसी कारण, वे बाइबल को पढ़ते वक्त इन्हे समझ न पाएँ। यदि वे लक्षणालंकार को नही पहचानते हैं तो संदेश को भी नही पहचानेंगे, और उससे भी बदत्तर, वे उसका गलत अर्थ समझ लेंगे। जब भी लक्षणालंकार का उपयोग होता है तो लोगों को पहचान होनी चाहिए कि यह किसको दिखाता है। ### बाइबल से उदाहरण ->प्रभु परमेश्वर उसके पिता दाऊद का सिंहासन उसको देगा (लूका 1:32 ULB) +> प्रभु परमेश्‍वर उसके पिता दाऊद का **सिंहासन** उसको देगा। (लूका 1:32 यूएलबी) -सिंहासन अधिकार को दिखाता है। ‘‘सिंहासन’’ ‘‘राजकीय अधिकार’’ ‘‘राजत्व’’ ‘‘राज’’ का मेटोनिम है। इसका अर्थ है कि परमेश्वर उसे राजा दाऊद के बाद का एक राजा बनाएगा। +सिंहासन राजा के अधिकार को दिखाता है। ‘‘सिंहासन’’ ‘‘राजकीय अधिकार’’ ‘‘राजत्व’’ ‘‘राज’’ का लक्षणालंकार है। इसका अर्थ है कि परमेश्वर उसे राजा दाऊद के बाद का एक राजा बनाएगा। ->तुरंत उसका मुंह और जीभ खुल गर्इ (लूका 1:64 ULB) +> तब उसका **मुँह** और जीभ तुरन्त खुल गई; (लूका 1:64 यूएलबी) -मूँह बोलने की सामर्थ को दिखाता है। इसका अर्थ है कि वह दुबारा बोलने के लायक हो गया। +मूँह बोलने की सामर्थ को दिखाता है। इसका अर्थ है कि वह दुबारा बोलने में सक्षम हो गया। -> .... तुम्हें किसने जता दिया, कि आनेवाले क्रोध से भागो। (लूका 3:7 ULB) +> …. तुम्हें किस ने चेतावनी दी, कि आनेवाले **क्रोध** से भागो।(लूका 3:7 यूएलबी) -‘‘क्रोध’’ या ‘‘गुस्सा’’ ‘दण्ड अथवा सजा’ का मेटोनिम है। परमेश्वर अपने लोगों से बहुत क्रोधित था और परिणामस्वरूप, वह उनको दण्ड देगा। +‘‘क्रोध’’ या ‘‘गुस्सा’’ ‘दण्ड अथवा सजा’ का लक्षणालंकार है। परमेश्वर अपने लोगों से बहुत क्रोधित था और परिणामस्वरूप, वह उनको दण्ड देगा। ### अनुवाद रणनीतियाँ -यदि लोग मेटोनिम को अच्छी तरह से समझ स्कते हैं तो उनका उपयोग करें।अन्यथा, निम्नलिखित विकल्पों को चुना जा सकता है। +यदि लोग लक्षणालंकार को अच्छी तरह से समझ सकते हैं तो उनका उपयोग करें।अन्यथा, निम्नलिखित विकल्पों को चुना जा सकता है। -1. मेटोनिम के साथ में ही उस वस्तु का नाम भी लिखें जिसे वह दिखाता है -1. केवल वस्तु का नाम लिखें जो जिसे मेटानिम दिखाता है। +1. लक्षणालंकार के साथ में ही उस वस्तु का नाम भी लिखें जिसे वह दिखाता है +2. केवल वस्तु का नाम लिखें जो जिसे लक्षणालंकार दिखाता है। -### अनुवाद रणनीतियों के प्रयोग के उदाहरण +### अनुवाद के लिए लागू की गई रणनीतियों के उदाहरण -1. मेटोनिम के साथ में ही उस वस्तु का नाम भी लिखें जिसे वह दिखाता है। +(1) लक्षणालंकार के साथ में ही उस वस्तु का नाम भी लिखें जिसे वह दिखाता है। -* **इसी प्रकार, उसने बियारी के बाद कटोरा यह कहते हुआ दिया, कि यह कटोरा मेरे उस लहू में जो तुम्हारे लिये बहाया जाता है नर्इ वाचा है** (लूका 22:20 ULB) +> इसी रीति से उसने भोजन के बाद कटोरा भी यह कहते हुए दिया, “यह **कटोरा** मेरे उस लहू में जो तुम्हारे लिये बहाया जाता है नई वाचा है। (लूका 22:20 यूएलबी) +> +> > इसी प्रकार, उसने भोजन के बाद कटोरा यह कहते हुआ दिया, कि **इस कटोरे का दाखरस** मेरे उस लहू में, जो तुम्हारे लिये बहाया जाता है नई वाचा है - * इसी प्रकार, उसने बियारी के बाद कटोरा यह कहते हुआ दिया, कि इस कटोरे का दाखरस मेरे उस लहू में, जो तुम्हारे लिये बहाया जाता है नर्इ वाचा है +(2) केवल वस्तु का नाम लिखें जो जिसे लक्षणालंकार दिखाता है। -1. केवल वस्तु का नाम लिखें जो जिसे मेटानिम दिखाता है। +> प्रभु परमेश्‍वर उसके पिता दाऊद का **सिंहासन** उसको देगा। (लूका 1:32 यूएलबी) +> +> > "प्रभु परमेश्वर उसके पिता दाऊद का **राजकीय अधिकार** उसको देगा" या: +> > +> >  "प्रभु परमेश्वर उसके पिता दाऊद के समान उसे **राजा बनाएगा**" +> +> तुम्हें किस ने चेतावनी दी, कि आनेवाले **क्रोध** से भागो।(लूका 3:7 यूएलबी) +> +> > "तुम्हें किसने जता दिया, कि आनेवाले **परमेश्वर के दण्ड** से भागो?" -* **प्रभु परमेश्वर उसके पिता दाऊद का सिंहासन उसको देगा** (लूका 1:32 ULB) - - * प्रभु परमेश्वर उसके पिता दाऊद का राजकीय अधिकार उसको देगा - * प्रभु परमेश्वर उसके पिता दाऊद के समान उसे राजा बनाएगा - -* **तुम्हें किसने जता दिया, कि आनेवाले क्रोध से भागो** (लूका 3:7 ULB) - - * तुम्हें किसने जता दिया, कि आनेवाले परमेश्वर के दण्ड से भागो? - -आम तौर पर उपयोग होने वाले मेटोनिम की जानकारी के लिए, [Biblical Imagery - Common Metonymies](../bita-part2/01.md) देखें। +आम तौर पर उपयोग होने वाले लक्षणालंकार की जानकारी के लिए, [Biblical Imagery - Common Metonymies](../bita-part2/01.md) देखें। diff --git a/translate/figs-metonymy/sub-title.md b/translate/figs-metonymy/sub-title.md index 1cf25aa..7a9aeff 100644 --- a/translate/figs-metonymy/sub-title.md +++ b/translate/figs-metonymy/sub-title.md @@ -1,2 +1 @@ -मेटोनिमी क्या है? - +लक्षणालंकार क्या है? \ No newline at end of file diff --git a/translate/figs-metonymy/title.md b/translate/figs-metonymy/title.md index 50833d1..0d74369 100644 --- a/translate/figs-metonymy/title.md +++ b/translate/figs-metonymy/title.md @@ -1,2 +1 @@ -मेटोनिमी - +लक्षणालंकार \ No newline at end of file diff --git a/translate/figs-nominaladj/01.md b/translate/figs-nominaladj/01.md index 1a468ed..7d5b15e 100644 --- a/translate/figs-nominaladj/01.md +++ b/translate/figs-nominaladj/01.md @@ -1,4 +1,3 @@ - ### वर्णन कुछ भाषाओं में एक विशेषण के उपयोग से उस विशेषण के द्वारा बतार्इ गर्इ चीजों के समूह को बताया जा सकता है। और जब ऐसा होता है, तो वह संज्ञा की तरह कार्य करता है। उदाहरण के तौर पर, ‘‘धनी’’ शब्द एक विशेषण है। नीचे दो वाक्य हैं जो दिखाते हैं कि ‘‘धनी’’ शब्द विशेषण है। @@ -42,9 +41,6 @@ 1. विशेषण जिस संज्ञा को दिखा रहा है उसका उपयोग बहुवचन में करें * **दुष्टों का राजदण्ड धर्मी के भाग पर बना न रहेगा** (भजन संहिता 125:3 ULB) - - * दुष्टों का राजदण्ड धर्मी लोगों के भाग पर बना न रहेगा - + * दुष्टों का राजदण्ड धर्मी लोगों के भाग पर बना न रहेगा * **धन्य हैं वे, जो नम्र हैं** (मत्ती 5:5 ULB) - - * धन्य हैं वे लोग जो म्र हैं + * धन्य हैं वे लोग जो म्र हैं diff --git a/translate/figs-order/01.md b/translate/figs-order/01.md index 26f129b..6e30c3b 100644 --- a/translate/figs-order/01.md +++ b/translate/figs-order/01.md @@ -1,7 +1,6 @@ - ### वर्णन -कर्इ भाषाओं में एक वाक्य के भागों को क्रमबद्ध करने के सामान्य तरीके होते हैं। सभी भाषाओं में ऐसा नही होता है। अनुवादकों को पता होना चाहिए कि उनकी भाषाओं में कौनसे सामान्य तरीके इस्तेमाल होते हैं। +कर्इ भाषाओं में एक वाक्य के भागों को क्रमबद्ध करने के सामान्य तरीके होते हैं। सभी भाषाओं में ऐसा नही होता है। अनुवादकों को पता होना चाहिए कि उनकी भाषाओं में कौनसे सामान्य तरीके इस्तेमाल होते हैं। ### वर्णन @@ -41,7 +40,7 @@ * पतरस मारता है गेंद को। कुछ भाषाओं में क्रम होता है: कर्ता, कर्म, क्रिया * पतरस गेंद को मारता है। कुछ भाषाओं में क्रम होता है: क्रिया, कर्ता, कर्म -* मारता है पतरस गेंद को। +* मारता है पतरस गेंद को। ### शब्दों के क्रम में परिवर्तन diff --git a/translate/figs-parables/01.md b/translate/figs-parables/01.md index 96f6a9e..b5a42e7 100644 --- a/translate/figs-parables/01.md +++ b/translate/figs-parables/01.md @@ -1,4 +1,3 @@ - दृष्टांत एक लघु कहानी है जो सच को समझने में आसान बनाती है और जिसे भूलना कठिन होता है। ### वर्णन @@ -28,7 +27,7 @@ 1. यदि दृष्टांत इस कारण समझने में कठिन है कि इसमें अन्जान चीजें लिखी हैं, तो आप उन अंजान चीजों के स्थान पर आपकी संस्कृति में परिचित बातों को लिख सकते हैं। तौभी, शिक्षा अथवा विषय को वही बनाए रखें। -* **यीशु ने उनसे कहा; क्या दिये को इसलिये लाते हैं कि पैमाने या खाट के नीचे रखा जाए? क्या इसलिये नहीं, कि दीवट पर रखा जाए?** (मरकुस 4:21 ULB) +* **यीशु ने उनसे कहा; क्या दिये को इसलिये लाते हैं कि पैमाने या खाट के नीचे रखा जाए? क्या इसलिये नहीं, कि दीवट पर रखा जाए?** (मरकुस 4:21 ULB) (मरकुस 4:21 ULB) यदि लोगों को पता नही है कि दीवट क्या होता है तो आप उसकी जगह पर उस वस्तु का उपयोग कर सकते हैं जो आपके लोग दीये को रखने उपयोग करते हैं @@ -36,14 +35,11 @@ > उसने उन्हें एक और दृष्टान्त दिया । उसने कहा कि स्वर्ग का राज्य रार्इ के एक दाने के समान है, जिसे किसी मनुष्य ने लेकर अपने खेत में बोया । वह सब बीजों से छोटा तो है। पर जब बढ़ जाता है तब सब साग पात से बड़ा होता है; और ऐसा पेड़ हो जाता है, कि आकाश के पक्षी आकर उस की डालियों पर बसेरा करते हैं। (मत्ती 13:31-32 ULB) - बीज बोने का अर्थ उन्हे जमीन पर फेंकना है। यदि लोग बोने से परिचित नही तो आप उसके बदले में बागवानी को लेते हैं। - * उसने उन्हें एक और दृष्टान्त दिया. उसने कहा कि स्वर्ग का राज्य रार्इ के एक दाने के समान है, जिसे किसी मनुष्य ने लेकर अपने खेत में बोया वह सब बीजों से छोटा तो है. पर जब बढ़ जाता है तब सब साग पात से बड़ा होता है; और ऐसा पेड़ हो जाता है, कि आकाश के पक्षी आकर उस की डालियों पर बसेरा करते हैं। (मत्ती 13:31-32 ULB) - बीज बोने का अर्थ उन्हे जमीन पर फेंकना है। + * उसने उन्हें एक और दृष्टान्त दिया. उसने कहा कि स्वर्ग का राज्य रार्इ के एक दाने के समान है, जिसे किसी मनुष्य ने लेकर अपने खेत में बोया वह सब बीजों से छोटा तो है. पर जब बढ़ जाता है तब सब साग पात से बड़ा होता है; और ऐसा पेड़ हो जाता है, कि आकाश के पक्षी आकर उस की डालियों पर बसेरा करते हैं। (मत्ती 13:31-32 ULB) - बीज बोने का अर्थ उन्हे जमीन पर फेंकना है। 1. यदि दृष्टांत की बातें स्पष्ट नही हैं, तो यह बताने की कोशिश करें जो यह परिचय में बताता है, जैसे कि ‘‘यीशु ने यह कहानी उदारता के बारे में कही।’’ * **यीशु ने उनसे कहा, ‘‘क्या दिये को इसलिये लाते हैं कि पैमाने या खाट के नीचे रखा जाए? क्या इसलिये नहीं, कि दीवट पर रखा जाए?’’** (मरकुस 4:21 ULB) - - * यीशु उनसे खुले रूप में गवाही बताने की बात कह रहे थे, ‘‘क्या दिये को इसलिये लाते हैं कि पैमाने या खाट के नीचे रखा जाए? क्या इसलिये नहीं, कि दीवट पर रखा जाए?’’ (मरकुस 4:21 ULB) - + * यीशु उनसे खुले रूप में गवाही बताने की बात कह रहे थे, ‘‘क्या दिये को इसलिये लाते हैं कि पैमाने या खाट के नीचे रखा जाए? क्या इसलिये नहीं, कि दीवट पर रखा जाए?’’ (मरकुस 4:21 ULB) * **उसने उन्हें एक और दृष्टान्त दिया। उसने कहा कि स्वर्ग का राज्य रार्इ के एक दाने के समान है, जिसे किसी मनुष्य ने लेकर अपने खेत में बोया। वह सब बीजों से छोटा तो है. पर जब बढ़ जाता है तब सब साग पात से बड़ा होता है; और ऐसा पेड़ हो जाता है, कि आकाश के पक्षी आकर उस की डालियों पर बसेरा करते हैं।’’** (मत्ती 13:31-32 ULB) - - * तब यीशु ने उन्हें एक और दृष्टान्त दिया कि परमेश्वर का राज्य कैसे बढ़ता है उसने कहा कि स्वर्ग का राज्य रार्इ के एक दाने के समान है, जिसे किसी मनुष्य ने लेकर अपने खेत में बोया। वह सब बीजों से छोटा तो है. पर जब बढ़ जाता है तब सब साग पात से बड़ा होता है; और ऐसा पेड़ हो जाता है, कि आकाश के पक्षी आकर उस की डालियों पर बसेरा करते हैं।’’ + * तब यीशु ने उन्हें एक और दृष्टान्त दिया कि परमेश्वर का राज्य कैसे बढ़ता है उसने कहा कि स्वर्ग का राज्य रार्इ के एक दाने के समान है, जिसे किसी मनुष्य ने लेकर अपने खेत में बोया। वह सब बीजों से छोटा तो है. पर जब बढ़ जाता है तब सब साग पात से बड़ा होता है; और ऐसा पेड़ हो जाता है, कि आकाश के पक्षी आकर उस की डालियों पर बसेरा करते हैं।’’ diff --git a/translate/figs-parallelism/01.md b/translate/figs-parallelism/01.md index d06b7b4..028dc96 100644 --- a/translate/figs-parallelism/01.md +++ b/translate/figs-parallelism/01.md @@ -1,7 +1,6 @@ - ### वर्णन - मरूपता** में संरचना या विचार में समान दिखने वाले दो कथनों या वाक्यांशों का एक साथ उपयोग होता है। समरूपता कर्इ प्रकार के होती है। +** समरूपता** में संरचना या विचार में समान दिखने वाले दो कथनों या वाक्यांशों का एक साथ उपयोग होता है। समरूपता कर्इ प्रकार के होती है। कुछ निम्नलिखित हैं: @@ -22,7 +21,7 @@ ### बाइबल में से उदाहरण - ूसरे कथन या वाक्य का अर्थ पहले जैसा होता है** +** दूसरे कथन या वाक्य का अर्थ पहले जैसा होता है** >तेरा वचन मेरे पांव के लिये दीपक। >और मेरे मार्ग के लिये उजियाला है (भजन संहिता 119:105 ULB) @@ -34,21 +33,21 @@ दोनों वाक्य कहते हैं कि परमेश्वर ने मनुष्य को सबका शासक बनाया है। - ूसरा पहले के अर्थ को स्पष्ट करता या उसे बल देता है** +** दूसरा पहले के अर्थ को स्पष्ट करता या उसे बल देता है** >यहोवा की आंखें सब स्थानों में लगी रहती हैं >वह बुरे भले दोनों को देखती रहती हैं (नीतिवचन 15:3 ULB) दूसरा वाक्य विशेष रूप से बताता है कि यहोवा नजर रखता है। - ूसरा पहले में कही गर्इ बात को पुरा करता है** +** दूसरा पहले में कही गर्इ बात को पुरा करता है** >मैं ऊंचे शब्द से यहोवा को पुकारता हूँ। >और वह अपने पवित्र पर्वत पर से मुझे उत्तर देता है (भजन संहिता 3:4 ULB) दूसरा वाक्य बताता है कि व्यक्ति पहले वाक्य में जो करता है, यहोवा उसके उत्तर में कुछ दूसरे वाक्य में करता है। - ूसरा पहले में लिखे विचार के विपरीत कहता है परंतु उस विचार में कुछ जोड़ता भी है** +** दूसरा पहले में लिखे विचार के विपरीत कहता है परंतु उस विचार में कुछ जोड़ता भी है** >क्योंकि यहोवा धर्मियों का मार्ग जानता है। >परन्तु दुष्टों का मार्ग नाश हो जाएगा (भजन संहिता 1:6 ULB) @@ -73,29 +72,20 @@ 1. दोनों वाक्यों के विचारों को एक कर लें। * **अब तक तू मुझ से छल करता, और झूठ बोलता आया है** (न्यायियों 16:13 ULB) - दलीला दो बार शब्दों का उपयोग कर बताती है कि वह कितनी नाराज है। - - * अब तक तूने झूठ से मेरे साथ छल किया है - + * अब तक तूने झूठ से मेरे साथ छल किया है * **क्योंकि मनुष्य के मार्ग यहोवा की दृष्टि से छिपे नहीं हैं, और वह उसके सब मार्गों पर ध्यान करता है।** (नीतिवचन 5:21 ULB) - ‘‘उसके सब मार्ग’’ ‘‘मनुष्य के मार्ग’’ का रूपक है - - * ‘‘यहोवा मनुष्य के किए गए हर कार्य पर ध्यान देता है’’ - + * ‘‘यहोवा मनुष्य के किए गए हर कार्य पर ध्यान देता है’’ * **क्योंकि यहोवा का अपनी प्रजा के साथ मुकद्दमा है, और वह इस्राएल से वादविवाद करता है (मीका 6:2 ULB) - यह समरूपता यहोवा और एक समूह के लोगों के बीच की गंभीर मतभेद को दिखाता है** यदि यह स्पष्ट नही है, तो वाक्यों को एक किया जा सकता है: - - * ‘‘यहोवा के पास अपने लोगों के लिए मुकद्दमा है’’ + * ‘‘यहोवा के पास अपने लोगों के लिए मुकद्दमा है’’ 1. परंतु यदि आपको ये लगता है कि उनके द्वारा कर्इ गर्इ बातें वास्तव में सच हैं, तो आप ‘‘वास्तव’’ या ‘‘सच में’’ जैसे शब्दों का उपयोग कर सकते हैं * **क्योंकि मनुष्य के मार्ग यहोवा की दृष्टि से छिपे नहीं हैं, और वह उसके सब मार्गों पर ध्यान करता है** (नीतिवचन 5:21 ULB) - - * ‘‘यहोवा वास्तव में मनुष्य के हर कार्य को देखता है’’ + * ‘‘यहोवा वास्तव में मनुष्य के हर कार्य को देखता है’’ 1. यदि आपको लगता है कि वाक्यों का उपयोग उसके विचार को गहरा करने के लिए दिया गया है तो आप ‘‘बहुत’’, ‘‘पूर्णतया’’ या ‘‘सब’’ जैसे शब्दों का उपयोग कर सकते हैं। * **अब तक तू मुझ से छल करता, और झूठ बोलता आया है** (न्यायियों 16:13 ULB) - - * ‘‘तूने मेरे साथ सब कुछ झूठ बोला है’’ - + * ‘‘तूने मेरे साथ सब कुछ झूठ बोला है’’ * **क्योंकि मनुष्य के मार्ग यहोवा की दृष्टि से छिपे नहीं हैं, और वह उसके सब मार्गों पर ध्यान करता है** (नीतिवचन 5:21 ULB) - - * ‘‘यहोवा मनुष्य के किए गए सब कार्यों को अच्छी तरह से जानता है’’ + * ‘‘यहोवा मनुष्य के किए गए सब कार्यों को अच्छी तरह से जानता है’’ diff --git a/translate/figs-partsofspeech/01.md b/translate/figs-partsofspeech/01.md index 62132cc..49008b8 100644 --- a/translate/figs-partsofspeech/01.md +++ b/translate/figs-partsofspeech/01.md @@ -1,24 +1,23 @@ - ### वर्णन अलंकार के शब्द शब्दों की श्रेणियाँ हैं। शब्दों की श्रेणियाँ एक वाक्य में कर्इ प्रकार के कार्य करती हैं। सब भाषाओं में अलंकार के शब्द होते हैं और एक भाषा के सभी शब्द अलंकार के शब्दों का भाग होते हैं। -अधिकतर भाषाओं में ये मूलभूत अलंकार के शब्द, कुछ बदलावों के साथ, होते हैं और कुछ भाषाओं में अधिक श्रेणियाँ होती हैं। यह अलंकार के शब्दों की संपूर्ण सूची नही है, परंतु ये सिर्फ मूलभूत श्रेणियों को दिखा रही है। +अधिकतर भाषाओं में ये मूलभूत अलंकार के शब्द, कुछ बदलावों के साथ, होते हैं और कुछ भाषाओं में अधिक श्रेणियाँ होती हैं। यह अलंकार के शब्दों की संपूर्ण सूची नही है, परंतु ये सिर्फ मूलभूत श्रेणियों को दिखा रही है। - ्रियाएँ** किसी कार्य के करने (उदाहरण, आ, जा, खा) एवं होने (जैसे कि, है, था, थे इत्यादि) को दिखाती हैं। इसकी विस्तृत जानकारी [Verbs](../figs-verbs/01.md) में उपलब्ध है। +** क्रियाएँ** किसी कार्य के करने (उदाहरण, आ, जा, खा) एवं होने (जैसे कि, है, था, थे इत्यादि) को दिखाती हैं। इसकी विस्तृत जानकारी [Verbs](../figs-verbs/01.md) में उपलब्ध है। - ंज्ञाएँ** एक व्यक्ति, स्थान, वस्तु अथवा विचार को दिखाने वाले शब्द हैं। सामान्य संज्ञाएँ सर्वसामान्य हैं अर्थात वे किसी व्यक्ति विशेष (मनुष्य, शहर अथवा देश) को नही दिखाती हैं। नाम, अथवा व्यक्तिवाचक संज्ञाएँ व्यक्तिविशेष को दिखाती हैं अर्थात पतरस, यरूशेलम, मिस्र। अधिक जानकारी के लिए देखें: नामों का अनुवाद कैसे करें [How to Translate Names](../translate-names/01.md). +** संज्ञाएँ** एक व्यक्ति, स्थान, वस्तु अथवा विचार को दिखाने वाले शब्द हैं। सामान्य संज्ञाएँ सर्वसामान्य हैं अर्थात वे किसी व्यक्ति विशेष (मनुष्य, शहर अथवा देश) को नही दिखाती हैं। नाम, अथवा व्यक्तिवाचक संज्ञाएँ व्यक्तिविशेष को दिखाती हैं अर्थात पतरस, यरूशेलम, मिस्र। अधिक जानकारी के लिए देखें: नामों का अनुवाद कैसे करें [How to Translate Names](../translate-names/01.md). - र्वनाम** संज्ञा के स्थान पर काम आता है और वह, वे, हम जैसे शब्दों का इस्तेमाल होता है। सर्वनाम के बारे में अधिक जानकारी [Pronouns](../figs-pronouns/01.md) पृष्ठ पर पार्इ जा सकती है। +** सर्वनाम** संज्ञा के स्थान पर काम आता है और वह, वे, हम जैसे शब्दों का इस्तेमाल होता है। सर्वनाम के बारे में अधिक जानकारी [Pronouns](../figs-pronouns/01.md) पृष्ठ पर पार्इ जा सकती है। - ंयोजक** वे शब्द हैं जो कथनों अथवा वाक्यों को जोड़ते हैं। उदाहरण के तौर पर, और, या, के लिए, तौभी, ना तो इत्यादि। कुछ संयोजकों को युगलों में भी उपयोग किया जाता है: दोनों/और, या/तो, ना/तो इत्यादि। इनके बारे में अधिक जानकारी [Connecting Words](../writing-connectingwords/01.md) पर पा सकते हैं। +** संयोजक** वे शब्द हैं जो कथनों अथवा वाक्यों को जोड़ते हैं। उदाहरण के तौर पर, और, या, के लिए, तौभी, ना तो इत्यादि। कुछ संयोजकों को युगलों में भी उपयोग किया जाता है: दोनों/और, या/तो, ना/तो इत्यादि। इनके बारे में अधिक जानकारी [Connecting Words](../writing-connectingwords/01.md) पर पा सकते हैं। - पसर्ग** वे शब्द हैं जो किसी संज्ञा या क्रिया के साथ जुड़कर उनकी अधिक विशेषता बताते हैं। उदाहरण: लड़की अपने पिता की ओर दौड़ी। यहाँ उपसर्ग ‘‘की ओर’’ लड़की के अपने पिता के साथ रिश्ते के कारण उसकी ओर जाने की क्रिया को दिखाता है। दूसरा उदाहरण, ‘‘यीशु के चारों ओर भीड़ बढ़ने लगी । यहाँ उपसर्ग ‘‘चारों ओर’’ यीशु के संबंध में भीड़ की जगह को दिखाता है। उपसर्ग के कुछ और उदाहरण निम्न हैं: की ओर, से, बाहर, शुरू, साथ, बिना, ऊपर, नीचे, पीछे, आगे, बीच में, द्वारा, बाद में। +** उपसर्ग** वे शब्द हैं जो किसी संज्ञा या क्रिया के साथ जुड़कर उनकी अधिक विशेषता बताते हैं। उदाहरण: लड़की अपने पिता की ओर दौड़ी। यहाँ उपसर्ग ‘‘की ओर’’ लड़की के अपने पिता के साथ रिश्ते के कारण उसकी ओर जाने की क्रिया को दिखाता है। दूसरा उदाहरण, ‘‘यीशु के चारों ओर भीड़ बढ़ने लगी । यहाँ उपसर्ग ‘‘चारों ओर’’ यीशु के संबंध में भीड़ की जगह को दिखाता है। उपसर्ग के कुछ और उदाहरण निम्न हैं: की ओर, से, बाहर, शुरू, साथ, बिना, ऊपर, नीचे, पीछे, आगे, बीच में, द्वारा, बाद में। - र्टिकल्स** ये प्रदर्शित करने वाले शब्द हैं जिन्हे जब वक्ता बताता है तो सुनने वाले समझ सकें। अंग्रेजी में ये शब्द ए (a), एन (an) और दि (the) हैं। ए (a), एन (an) और दि (the) इन तीनों शब्दों के अर्थ समान हैं। +** आर्टिकल्स** ये प्रदर्शित करने वाले शब्द हैं जिन्हे जब वक्ता बताता है तो सुनने वाले समझ सकें। अंग्रेजी में ये शब्द ए (a), एन (an) और दि (the) हैं। ए (a), एन (an) और दि (the) इन तीनों शब्दों के अर्थ समान हैं। यदि एक वक्ता कहता है, ए डोग तो वह श्रोताओं को बताना चाहता है कि वह कुत्ते की बात बता रहा है, शायद वह पहली बार इस कुत्ते की बात कर रहा हो। यदि एक वक्ता कहता है, दि डोग तो वह एक विशेष कुत्ते की बात बता है और चाहता है कि श्रोता भी इस बात को पहचानें कि वह किस कुत्ते की बात बता रहा है। अंग्रेजी वक्ता दि का उपयोग यह बताने के लिए भी करते हैं वे किसी बात पर सामान्य राय दे रहे हैं। उदाहरण के तौतर पर, वे कहते हैं दि एलिफेंट इस ए लार्ज ऐनिमल (हाथी एक बड़ा जानवर होता है) तो वह हाथी के बारे में सामान्य जानकारी दे रहा है। इसके बारे में आप अधिक जानकारी [Generic Noun Phrases](../figs-genericnoun/01.md) पर पा सकते हैं। - िशेषण** वे शब्द होते हैं जो संज्ञा की विशेषता बताते हैं और उनकी संख्या, आकार, रंग और उम्र इत्यादि की जानकारी देते हैं। कुछ उदाहरण: कर्इ, बड़ा, नीला, बूढ़ा, होशियार, थका। कर्इ बार लोग किसी चीज के बारे में कुछ जानकारियाँ देने के लिए विशेषण का उपयोग करते हैं और कर्इ बार लोग इनकी मदद से एक चीज का दूसरी से अंतर करते हैं। उदाहारण, मेरे बुजुर्ग पिता, बुजुर्ग विशेषण मेरे पिता के बारे में कुछ बातें बताता है। परंतु मेरी सबसे बड़ी बहन में सबसे बड़ी शब्द मेरी एक और बड़ी बहन से अलग दिखा रहा है। आप इसकी अधिक जानकारी [Distinguishing versus Informing or Reminding](../figs-distinguish/01.md) पर पा सकते हैं। +** विशेषण** वे शब्द होते हैं जो संज्ञा की विशेषता बताते हैं और उनकी संख्या, आकार, रंग और उम्र इत्यादि की जानकारी देते हैं। कुछ उदाहरण: कर्इ, बड़ा, नीला, बूढ़ा, होशियार, थका। कर्इ बार लोग किसी चीज के बारे में कुछ जानकारियाँ देने के लिए विशेषण का उपयोग करते हैं और कर्इ बार लोग इनकी मदद से एक चीज का दूसरी से अंतर करते हैं। उदाहारण, मेरे बुजुर्ग पिता, बुजुर्ग विशेषण मेरे पिता के बारे में कुछ बातें बताता है। परंतु मेरी सबसे बड़ी बहन में सबसे बड़ी शब्द मेरी एक और बड़ी बहन से अलग दिखा रहा है। आप इसकी अधिक जानकारी [Distinguishing versus Informing or Reminding](../figs-distinguish/01.md) पर पा सकते हैं। - ्रिया विशेषण** वे शब्द हैं जो क्रिया या विशेषण की विशेषता बताते हैं और उनके बारे में ‘‘कैसे, कब, कहाँ, क्यों और कहाँ तक’’ जैसी जानकारियाँ देते हैं। कर्इ सारे अंग्रेजी क्रिया विशेषण के शब्दों के अंत में ly होता है। क्रिया विशेषण के कुछ उदाहरण हैं: स्लोली (धीरे धीरे), लेटर (बाद में), फार (दूर), इंटेंनशन्ली (जानबूझकर), वैरी (बहुत) । +** क्रिया विशेषण** वे शब्द हैं जो क्रिया या विशेषण की विशेषता बताते हैं और उनके बारे में ‘‘कैसे, कब, कहाँ, क्यों और कहाँ तक’’ जैसी जानकारियाँ देते हैं। कर्इ सारे अंग्रेजी क्रिया विशेषण के शब्दों के अंत में ly होता है। क्रिया विशेषण के कुछ उदाहरण हैं: स्लोली (धीरे धीरे), लेटर (बाद में), फार (दूर), इंटेंनशन्ली (जानबूझकर), वैरी (बहुत) । diff --git a/translate/figs-pastforfuture/01.md b/translate/figs-pastforfuture/01.md index 5bc2d3a..4710798 100644 --- a/translate/figs-pastforfuture/01.md +++ b/translate/figs-pastforfuture/01.md @@ -1,4 +1,3 @@ - ### वर्णन ‘भविष्यसूचक अतीत’ भाषा का वो अलंकार है जो भूतकाल का उपयोग कर, भविष्य की किसी घटना का उल्लेख करता है। ऐसा अक्सर भविष्यद्वाणियों में, ये दिखाने के लिए किया जाता है कि वह घटना जरूर घटेगी। इसे भविष्यद्वाणीय परफेक्ट भी कहते हैं। @@ -38,17 +37,14 @@ 1. भविष्य की बातों को बताने के लिए भविष्यसूचक शब्दों का ही उपयोग करें * **क्योंकि हमारे लिये एक बालक उत्पé हुआ, हमें एक पुत्र दिया गया है** (यशायाह 9:6क ULB) - - * ‘‘क्योंकि हमारे लिये एक बालक उत्पé होगा, हमें एक पुत्र दिया जाएगा + * ‘‘क्योंकि हमारे लिये एक बालक उत्पé होगा, हमें एक पुत्र दिया जाएगा 1. यदि वहाँ भविष्य की एकदम से घटने वाली घटना के बारे में लिखा है, तो ऐसे रूप का उपयोग करें जिससे वह स्पष्ट हो * **फिर यहोवा ने यहोशू से कहा, सुन, मैं यरीहो को उसके राजा और शूरवीरों समेत तेरे वश में कर देता हूँ ।** (यहोशू 6:2 ULB) - - * फिर यहोवा ने यहोशू से कहा, सुन, मैं यरीहो को उसके राजा और शूरवीरों समेत तेरे वश में करूँगा + * फिर यहोवा ने यहोशू से कहा, सुन, मैं यरीहो को उसके राजा और शूरवीरों समेत तेरे वश में करूँगा 1. कुछ भाषाएँ भविष्य में होने वाली घटना को दिखाने के लिए वर्तमान काल का भी उपयोग करती हैं * **फिर यहोवा ने यहोशू से कहा, सुन, मैं यरीहो को उसके राजा और शूरवीरों समेत तेरे वश में कर देता हूँ ।** (यहोशू 6:2 ULB) - - * फिर यहोवा ने यहोशू से कहा, सुन, मैं यरीहो को उसके राजा और शूरवीरों समेत तेरे वश में कर रहा हूँ + * फिर यहोवा ने यहोशू से कहा, सुन, मैं यरीहो को उसके राजा और शूरवीरों समेत तेरे वश में कर रहा हूँ diff --git a/translate/figs-personification/01.md b/translate/figs-personification/01.md index 37a261b..e787a76 100644 --- a/translate/figs-personification/01.md +++ b/translate/figs-personification/01.md @@ -1,61 +1,58 @@ - ### वर्णन -मानवीकरण भाषा का एक अलंकार है जिसमें एक वस्तु को एक व्यक्ति या जन्तु के समान दिखाया जाता है कि वह उनके समान कार्य सकती है। लोग इसका उपयोग इसलिए करते हैं जिससे वे नही दिखने वाली चीजों की जानकारी आसानी से दे सकें। +मानवीकरण भाषा का एक अलंकार है जिसमें एक वस्तु को एक व्यक्ति या जन्तु के समान दिखाया जाता है कि वह उनके समान कार्य कर सकती है। लोग इसका उपयोग इसलिए करते हैं जिससे वे नही दिखने वाली चीजों की जानकारी आसानी से दे सकें। -उदाहरण - बुद्धि: - ->क्या बुद्धि नहीं पुकारती है? (नीतिवचन 8:1 ULB) +जैसे कि बुद्धि: +>क्या बुद्धि नहीं पुकारती है? (नीतिवचन 8:1 यूएलबी) या पाप: ->पाप द्वार पर छिपा रहता है (उत्पत्ति 4:7 ULB) +>पाप द्वार पर छिपा रहता है (उत्पत्ति 4:7 यूएलबी) -लोग इसका उपयोग इसलिए भी करते हैं क्योंकि उन्हे संपत्ति जैसी निर्जीव वस्तुओं के साथ मनुष्य के रिश्ते के बारे में बताना आसान लगता है, जैसे कि वे जीवित हों। +लोग इसका उपयोग इसलिए भी करते हैं क्योंकि उन्हे निर्जीव वस्तुओं के साथ मनुष्य के रिश्ते के बारे में बताना आसान लगता है, जैसे कि धन, मानो यह लोगों के बीच के रिश्ते हो। ->तुम परमेश्वर और धन दोनो की सेवा नहीं कर सकते” (मत्ती 6:24 ULB) +>तुम परमेश्वर और धन दोनो की सेवा नहीं कर सकते” (मत्ती 6:24 यूएलबी) -### यह अनुवाद का विषय क्यों है +प्रत्येक मामले में, मानवीकरण का उद्देश्य निर्जीव वस्तुओं की एक निश्चित विशेषता को उजागर करना है। जैसा कि रूपक में है, पाठक को यह सोचने की ज़रूरत है कि वस्तुएँ एक विशेष प्रकार के व्यक्ति की तरह है। + +### कारण यह एक अनुवाद मुद्दा है * कुछ भाषाएँ मानवीकरण का उपयोग नही करती हैं -* कुछ भाषाएँ मानवीकरण का उपयोग कुछ परिस्थितियों में करती हैं +* कुछ भाषाएँ मानवीकरण का उपयोग कुछ परिस्थितियों में ही करती हैं ### बाइबल में से उदाहरण ->तुम परमेश्वर और धन दोनो की सेवा नहीं कर सकते” (मत्ती 6:24 ULB) +>तुम परमेश्वर और धन दोनो की सेवा नहीं कर सकते” (मत्ती 6:24 यूएलबी) यीशु धन को एक मालिक के समान बताते हैं जिनकी मनुष्य सेवा कर सकता है। धन से प्रेम करना या उसके आधार पर निर्णय लेना उस दास के समान है जो अपने मालिक की सेवा करता है। -> क्या बुद्धि नहीं पुकारती है? क्या समझ ऊंचे शब्द से नहीं बोलती है? (नीतिवचन 8:1 ULB) +> क्या बुद्धि नहीं पुकारती है? क्या समझ ऊंचे शब्द से नहीं बोलती है? (नीतिवचन 8:1 यूएलबी) -लेखक बुद्धि और समझ को स्त्रियों के समान बताता है जो लोगों को सिखाने के लिए पुकार रही हैं। इसका अर्थ है कि वे छुपी हुर्इ वस्तुएँ नहीं, वरन् देख सकने योग्य हैं जिन पर लोग ध्यान दे सकते हैं। +लेखक बुद्धि और समझ को स्त्रियों के समान बताता है जो लोगों को सिखाने के लिए पुकार रही हैं। इसका अर्थ है कि वे छुपी हुई वस्तुएँ नहीं, वरन् देख सकने योग्य हैं जिन पर लोग ध्यान दे सकते हैं। ### अनुवाद की रणनीतियाँ यदि आपकी भाषा में मानवीकरण को आसानी से समझा जा सकता है तो उसका उपयोग करें। यदि इसे समझा नही जाता है तो अनुवाद के कुछ अन्य तरीकों का उपयोग करें। -1. स्पष्ट करने वाले शब्दों और कथनों का उपयोग करें। -1. ‘‘जैसे’’ या ‘‘समान’’ जैसे शब्दों का उपयोग करें जिससे कथन का सीधा अर्थ न ले लिया जाए। +1. मनुष्य (या पशु) की विशेषता स्पष्ट करने के लिए शब्द या वाक्यांश जोड़े। +1. रणनीति (1) के अलावा,‘‘जैसे’’ या ‘‘समान’’ जैसे शब्दों का उपयोग करें जिससे कथन का सीधा अर्थ समझा नहीं जाए। 1. मानवीकरण के बिना, इसका अनुवाद करने की कोशिश करें। -### अनुवाद की रणनीतियों को लागु करने के उदाहरण +### अनुवाद के लिए लागू की गई रणनीतियों के उदाहरण -1. स्पष्ट करने वाले शब्दों और कथनों का उपयोग करें +(1) मनुष्य (या पशु) की विशेषता स्पष्ट करने के लिए शब्द या वाक्यांश जोड़े। -* **... द्वार पर पाप छिपा रहता है**, (उत्पत्ति 4:7 ULB) - परमेश्वर पाप को एक जंगली जानवर के रूप में दिखा रहा है जो हमला करने के मौके की तलाश में लगा है। यह दिखाता है कि पाप कितना खतरनाक है। इस खतरे को और दिखाने के लिए एक अतिरिक्त कथन जोड़ा जा सकता है। +>...**पाप द्वार पर छिपा रहता है** (उत्पत्ति 4:7 यूएलबी)- परमेश्वर पाप को एक जंगली जानवर के रूप में दिखा रहा है जो हमला करने के मौके की तलाश में लगा है। यह दिखाता है कि पाप कितना खतरनाक है। इस खतरे को और दिखाने के लिए एक अतिरिक्त कथन जोड़ा जा सकता है। - * ... पाप तुम्हारे द्वार पर है जो तुम पर हमला करने की इंतजार में है +>> ... **पाप** तुम्हारे द्वार पर है जो तुम पर **हमला करने की इंतजार** में है -1. ‘‘जैसे’’ या ‘‘समान’’ जैसे शब्दों का उपयोग करें जिससे कथन का सीधा अर्थ न ले लिया जाए +(2) रणनीति (1) के अलावा,‘‘जैसे’’ या ‘‘समान’’ जैसे शब्दों का उपयोग करें जिससे कथन का सीधा अर्थ समझा नहीं जाए। +>...पाप द्वार पर छिपा रहता है (उत्पत्ति 4:7 यूएलबी)- यह "जैसा है" शब्द के साथ अनुवाद किया जा सकता है। +>> ... पाप द्वार पर छिपा रहता है, - ** जैसे कोई जंगली जानवर किसी व्यक्ति पर हमला करने की प्रतीक्षा करता है ** -* **... द्वार पर पाप छिपा रहता है**, (उत्पत्ति 4:7 ULB) - परमेश्वर पाप को एक जंगली जानवर के रूप में दिखा रहा है जो हमला करने के मौके की तलाश में लगा है +(3) मानवीकरण के बिना, इसका अनुवाद करने की कोशिश करें - * ... द्वार पर पाप छिपा रहता है, (उत्पत्ति 4:7 ULB) - परमेश्वर पाप को एक जंगली जानवर के रूप में दिखा रहा है जो हमला करने के मौके की तलाश में लगा है +>...आँधी और पानी भी उसकी आज्ञा मानते हैं।” (मत्ती 8:27 ULB) - मनुष्य ‘‘आँधी और पानी के बारे में ऐसे बोल रहे हैं जैसे कि वो सुन पा रहे हैं और लोगों के समान यीशु की बात मानते हैं। आज्ञा के विचार के बिना भी इसका अनुवाद किया जा सकता है, इस प्रकार कि यीशु ने उन्हें नियंत्रित किया। +>> वह तो **आँधी और पानी पर भी नियंत्रण रखता है** -1. मानवीकरण के बिना, इसका अनुवाद करने की कोशिश करें - -* **... आँधी और पानी भी उसकी आज्ञा मानते हैं।** (मत्ती 8:27 ULB) - मनुष्य ‘‘आँधी और पानी के बारे में ऐसे बोल रहे हैं जैसे कि वो सुन पा रहे हैं’’ और लोगों के समान यीशु की बात मानते हैं। आज्ञा के विचार के बिना भी इसका अनुवाद किया जा सकता है, इस प्रकार कि यीशु का उन पर अधिकार हो। - - * वह तो आँधी और पानी पर भी नियंत्रण रखता है - -* **ध्यान दें** : हमने मानवीकरण की परिभाषा को और बड़ा करके उसमें ‘‘जूफोर्मिस्म’’ (वस्तुओं को ऐसे पेश करना कि उनमें जानवरों का स्वभाव हो) और ‘‘आन्द्रोपोफोर्मिस्म’’ (गैरमानवीय वस्तुओं को मनुष्य समान दिखाना) को भी शामिल किया गया है। +** ध्यान दें** : हमने मानवीकरण की परिभाषा को और बड़ा करके उसमें ‘‘जूफोर्मिस्म’’ (वस्तुओं को ऐसे पेश करना कि उनमें जानवरों का स्वभाव हो) और ‘‘आन्द्रोपोफोर्मिस्म’’ (निर्जीव वस्तुओं को मनुष्य समान दिखाना) को भी शामिल किया गया है, क्योंकि उनके लिए अनुवाद की रणनीतियाँ समान हैं।। diff --git a/translate/figs-possession/01.md b/translate/figs-possession/01.md index 789b958..d7b4717 100644 --- a/translate/figs-possession/01.md +++ b/translate/figs-possession/01.md @@ -1,4 +1,3 @@ - ### वर्णन सामान्य अंग्रेजी में, ‘‘संपत्ति’’ का अर्थ है कि कुछ होना अथवा मनुष्य के पास कुछ होना है। अंग्रेजी में उस व्याकरणीय संबंध को of या अपस्ट्रोफी s के द्वारा दिखाया गया है। @@ -30,27 +29,27 @@ ### बाइबल में से उदाहरण - ्वामित्व** - निम्नलिखित उदाहरण में, पुत्र के पास पैसा था +** स्वामित्व** - निम्नलिखित उदाहरण में, पुत्र के पास पैसा था > छुटका पुत्र ... वहाँ कुकर्म में अपनी संपत्ति उड़ा दी। (लूका 15:13 ULB) - ामाजिक संबंध** - निम्नलिखित उदाहरण में, चेले वे लोग थे जिन्होने यूहéा तक सीखा +** सामाजिक संबंध** - निम्नलिखित उदाहरण में, चेले वे लोग थे जिन्होने यूहéा तक सीखा > तब यूहéा के चेले उसके पास आए (मत्ती 9:14 ULB) - ामाजिक संबंध** - निम्नलिखित उदाहरण में, मुकुट बनाने की सामग्री सोना था +** सामाजिक संबंध** - निम्नलिखित उदाहरण में, मुकुट बनाने की सामग्री सोना था > और उन टिड्डियों के आकार लड़ार्इ के लिये तैयार किए हुए घोड़ों के से थे, और उन के सिरों पर मानों सोने के मुकुट थे; और उन के मुंह मनुष्यों के से थे। (प्रकाशितवाक्य 9:7 ULB) - ामग्री** - निम्नलिखित उदाहरण में, कटोरे में जल है +** सामग्री** - निम्नलिखित उदाहरण में, कटोरे में जल है > जो कोर्इ एक कटोरा पानी तुम्हें इसलिये पिलाए कि तुम मसीह के हो तो मैं तुम से सच कहता हूं कि वह अपना प्रतिफल किसी रीति से न खोएगा। (मरकुस 9:41 ULB) - ंपूर्ण का भाग** - निम्नलिखित उदाहरण में, द्वार महल का भाग है +** संपूर्ण का भाग** - निम्नलिखित उदाहरण में, द्वार महल का भाग है > परन्तु ऊरिय्याह अपने स्वामी के सब सेवकों के संग राजभवन के द्वार में लेट गया, और अपने घर न गया। (2 शमूएल 11:9 ULB) - मूह का भाग** - निम्नलिखित उदाहरण में, ‘‘हम’’ पूरे भाग को दिखाता है और ‘‘प्रत्येक’’ उसके एक एक सदस्य को दिखाता है +** समूह का भाग** - निम्नलिखित उदाहरण में, ‘‘हम’’ पूरे भाग को दिखाता है और ‘‘प्रत्येक’’ उसके एक एक सदस्य को दिखाता है > पर हम में से हर एक को मसीह के दान के परिमाण से अनुग्रह मिला है। (इफिसियों 4:7 ULB) @@ -58,7 +57,7 @@ कर्इ बार एक अथवा दोनो संज्ञाएँ भाववाचक संज्ञा है जो किसी घटना या कार्य को दिखाती है। निम्नलिखित उदाहरण में, भाववाचक संज्ञाएँ गाढ़े रंग में दी गर्इ हैं। ये कुछ संबंध हैं जो दो संज्ञाओं के बीच संभव हैं जब एक किसी घटना की ओर इशारा करती है। - र्ता** - अक्सर ‘का’ से जुड़ा शब्द बताता है कि प्रथम संज्ञा के नाम पर, कौन कार्य करेगा। निम्नलिखित उदाहरण में, यूहéा लोगों को बपतिस्मा देता है +** कर्ता** - अक्सर ‘का’ से जुड़ा शब्द बताता है कि प्रथम संज्ञा के नाम पर, कौन कार्य करेगा। निम्नलिखित उदाहरण में, यूहéा लोगों को बपतिस्मा देता है > यूहéा का **बपतिस्मा** क्या यह स्वर्ग की ओर से था वा मनुष्यों की ओर से? उत्तर दो।’’ (मरकुस 11:30 ULB) @@ -66,19 +65,19 @@ >कौन हमको मसीह के प्रेम से अलग करेगा? (रोमियों 8:35 ULB) - र्म** - कर्इ बार ‘का’ से जुड़ा शब्द बताता है कि किसके साथ क्या घटना होगी। +** कर्म** - कर्इ बार ‘का’ से जुड़ा शब्द बताता है कि किसके साथ क्या घटना होगी। निम्नलिखित उदाहरण में, लोग धन से प्रेम करते हैं >क्योंकि रूपये का लोभ सब प्रकार की बुराइयों की जड़ है (1 तिमुथियुस 6:10 ULB) - पकरण** - कर्इ बार ‘का’ से जुड़ा शब्द बताता है कि कैसे एक घटना घटेगी +** उपकरण** - कर्इ बार ‘का’ से जुड़ा शब्द बताता है कि कैसे एक घटना घटेगी निम्नलिखित उदाहरण में, परमेश्वर तलवार के द्वारा हमला करने के लिए दुश्मनों को भेजकर दण्ड देगा > तो तुम तलवार से डरो, क्योंकि जलजलाहट से तलवार का दंड मिलता है (अय्यूब 19:29 ULB) - ्रतिनिधित्व** - कर्इ बार ‘का’ से जुड़ा शब्द बताता है कि किसके साथ क्या घटना होगी +** प्रतिनिधित्व** - कर्इ बार ‘का’ से जुड़ा शब्द बताता है कि किसके साथ क्या घटना होगी यह दिखाने के लिए वे मन फिरा रहे हैं, उन्होने बपतिस्मा लिया। उनका बपतिस्मा उनके मनफिराव का चिन्ह था @@ -103,30 +102,21 @@ 1. ऐसे विशेषण का उपयोग करें जिससे एक वस्तु दूसरे को स्पष्ट कर सके। निम्नलिखित विशेषणों को गाढ़े रंग में दिखाया गया है। * **उनके सिरों पर मानों सोने के मुकुट थे** (प्रकाशितवाक्य 9:7 ULB) - - * उनके सिरों पर मानों **सोने** के मुकुट थे + * उनके सिरों पर मानों **सोने** के मुकुट थे 1. क्रिया का उपयोग कर बताएँ कि दोनो कैसे संबंधित हैं। निम्नलिखित उदाहरण में, जोड़ी गर्इ क्रिया को गाढ़े रंग में दिखाया गया है। * **...जो कोर्इ एक कटोरा पानी पिलाए ....... वह अपना प्रतिफल न खोएगा।**’ (मरकुस 9:41 ULB) - - * ...जो कोर्इ एक कटोरा पानी पिलाए ....... वह अपना प्रतिफल न खोएगा। - + * ...जो कोर्इ एक कटोरा पानी पिलाए ....... वह अपना प्रतिफल न खोएगा। * **कोप के दिन धन से तो कुछ लाभ नहीं होता** (नीतिवचन 11:4 ULB) - - * धन से तो कुछ लाभ नहीं होता, जब परमेश्वर अपना कोप **दिखाएगा** - * धन से तो कुछ लाभ नहीं होता जब परमेश्वर अपने कोप के कारण लोगों को **दण्ड** देगा + * धन से तो कुछ लाभ नहीं होता, जब परमेश्वर अपना कोप **दिखाएगा** + * धन से तो कुछ लाभ नहीं होता जब परमेश्वर अपने कोप के कारण लोगों को **दण्ड** देगा 1. यदि एक संज्ञा किसी घटना को बताती है तो इसका अनुवाद एक क्रिया के रूप में करें। निम्नलिखित उदाहरण में, क्रिया को गाढ़े रंग में दिखाया गया है। * **सोचो क्योंकि मैं तो तुम्हारे बाल-बच्चों से नहीं कहता,) जिन्होंने न तो देखा और न जाना है कि तुम्हारे परमेश्वर यहोवा ने क्या क्या ताड़ना की** (व्यवस्थाविवरण 11:2 ULB) - - * सोचो क्योंकि मैं तो तुम्हारे बाल-बच्चों से नहीं कहता,) जिन्होंने न तो देखा और न जाना है कि तुम्हारे परमेश्वर यहोवा ने मिस्रियों को कैसे **दण्ड दिया** - + * सोचो क्योंकि मैं तो तुम्हारे बाल-बच्चों से नहीं कहता,) जिन्होंने न तो देखा और न जाना है कि तुम्हारे परमेश्वर यहोवा ने मिस्रियों को कैसे **दण्ड दिया** * **तू अपनी आंखों से दृष्टि करेगा और दुष्टों के अंत को देखेगा** (भजन संहिता 91:8 ULB) - - * तू अपनी आंखों से दृष्टि करेगा और देखेगा कि यहोवा कैसे दुष्टों का अंत करता है - + * तू अपनी आंखों से दृष्टि करेगा और देखेगा कि यहोवा कैसे दुष्टों का अंत करता है * **... तुम पवित्र आत्मा का दान पाओगे** (प्रेरितों के काम 2:38 ULB) - - * ... तुम पवित्र आत्मा को पाओ जो परमेश्वर आपको **देगा** + * ... तुम पवित्र आत्मा को पाओ जो परमेश्वर आपको **देगा** diff --git a/translate/figs-pronouns/01.md b/translate/figs-pronouns/01.md index 4a28cd5..15ef439 100644 --- a/translate/figs-pronouns/01.md +++ b/translate/figs-pronouns/01.md @@ -1,7 +1,6 @@ - ### वर्णन -किसी व्यक्ति या वस्तु को दिखाने के लिए संज्ञा के स्थान पर काम में आने वाले शब्द सर्वनाम कहलाते हैं। कुछ उदाहरण हैं, मैं, तुम, यह, वह, स्वयं, कोर्इ। सर्वनाम का सर्वाधिक सामान्य प्रकार व्यक्तिवाचक है। +किसी व्यक्ति या वस्तु को दिखाने के लिए संज्ञा के स्थान पर काम में आने वाले शब्द सर्वनाम कहलाते हैं। कुछ उदाहरण हैं, मैं, तुम, यह, वह, स्वयं, कोर्इ। सर्वनाम का सर्वाधिक सामान्य प्रकार व्यक्तिवाचक है। ### व्यक्तिवाचक सर्वनाम @@ -38,23 +37,23 @@ **[Reflexive Pronouns](../figs-youcrowd/01.md)** कर्मकर्ता सर्वनाम उसी वाक्य में मौजूद दूसरी संज्ञा या सर्वनाम को दिखाता है: मैं स्वयं, तुम स्वयं, हम स्वयं, वह स्वयं, वे स्वयं -* यूहéा ने स्वयं को दर्पण में देखा** - ‘‘स्वयं’’ शब्द यूहéा को दिखाता है। +* यूहéा ने स्वयं को दर्पण में देखा - ‘‘स्वयं’’ शब्द यूहéा को दिखाता है। - ्रश्नवाचक सर्वनाम** ऐसे प्रश्न हैं जिनका उत्तर केवल हाँ या ना से अधिक होता है: कौन, किसका, किसको, क्या, कहाँ, कब, क्यों, कैसे +** प्रश्नवाचक सर्वनाम** ऐसे प्रश्न हैं जिनका उत्तर केवल हाँ या ना से अधिक होता है: कौन, किसका, किसको, क्या, कहाँ, कब, क्यों, कैसे * किसने घर बनाया? - ंबंधवाचक** सर्वनाम एक संबंध के कथन को बताता है। वे वाक्य के मुख्य भाग में दी गर्इ संज्ञा के बारे में अधिक जानकारी देते हैं: जो, जिसने, जिसका, जहाँ, जब। +** संबंधवाचक** सर्वनाम एक संबंध के कथन को बताता है। वे वाक्य के मुख्य भाग में दी गर्इ संज्ञा के बारे में अधिक जानकारी देते हैं: जो, जिसने, जिसका, जहाँ, जब। * **मैने वो घर देखा जो यूहéा ने बनाया है** ‘‘जो यूहéा ने बनाया’’ उक्त कथन बताता है कि मैने कौनसा घर देखा * **मैने उस व्यक्ति को देखा जिसने यूहéा ने बनाया है** ‘‘जो यूहéा ने बनाया’’ उक्त कथन बताता है कि मैने कौनसा घर देखा - ंकेतवाचक** सर्वनाम किसी वस्तु या व्यक्ति की ओर ध्यान खींचता एवं उससे वक्ता की दूरी को दिखाता है, जैसे यह, ये, वह, वे। +** संकेतवाचक** सर्वनाम किसी वस्तु या व्यक्ति की ओर ध्यान खींचता एवं उससे वक्ता की दूरी को दिखाता है, जैसे यह, ये, वह, वे। * **क्या तुमने ये यहाँ देखा है?** * **यहाँ वह कौन है?** - निश्चयवाचक** सर्वनाम से किसी निश्चित वस्तु या व्यक्ति को बोध नही होता, जैसे कोर्इ, किसी, कुछ, कहीं। कर्इ बार ऐसा करने के लिए व्यक्तिवाचक सर्वनाम का भी उपयोग होता है: तुम, वे, वह या यह। +** अनिश्चयवाचक** सर्वनाम से किसी निश्चित वस्तु या व्यक्ति को बोध नही होता, जैसे कोर्इ, किसी, कुछ, कहीं। कर्इ बार ऐसा करने के लिए व्यक्तिवाचक सर्वनाम का भी उपयोग होता है: तुम, वे, वह या यह। * **वह किसी से बात नही करना चाहता** * **किसी ने इसे सही कर दिया है, परंतु मुझे नही पता कि वह कौन है** diff --git a/translate/figs-quotations/01.md b/translate/figs-quotations/01.md index 3c688bc..4797c74 100644 --- a/translate/figs-quotations/01.md +++ b/translate/figs-quotations/01.md @@ -1,19 +1,18 @@ - ### वर्णन उद्धरण दो प्रकार के होते हैं: प्रत्यक्ष उद्धरण एवं अप्रत्यक्ष उद्धरण। - ्रत्यक्ष उद्धरण** तब होता है जब कोर्इ किसी के कहे कथन को मूलभूत श्रोताओं के नजरिए से पेश करता है। लोग अपेक्षा करते हैं कि इस प्रकार के उद्धरण वास्तविक लेखक के वास्तविक शब्दों को बताएँ। नीचे के उदाहरण में, यूहéा ने स्वयं का उल्लेख करते हुए ‘‘मैं’’ कहा होगा, अत: यूहéा के शब्दों की सूचना देने वाला वक्ता भी यूहéा की ओर इशारा करते हुए ‘‘मैं का उपयोग कर रहा है। यह दिखाने के लिए कि ये शब्द स्वयं यूहéा के हैं, कर्इ भाषाएँ उद्वरण चिन्ह ‘‘ ‘‘ के बीच में उसके शब्दों को लिखते हैं। +** प्रत्यक्ष उद्धरण** तब होता है जब कोर्इ किसी के कहे कथन को मूलभूत श्रोताओं के नजरिए से पेश करता है। लोग अपेक्षा करते हैं कि इस प्रकार के उद्धरण वास्तविक लेखक के वास्तविक शब्दों को बताएँ। नीचे के उदाहरण में, यूहéा ने स्वयं का उल्लेख करते हुए ‘‘मैं’’ कहा होगा, अत: यूहéा के शब्दों की सूचना देने वाला वक्ता भी यूहéा की ओर इशारा करते हुए ‘‘मैं का उपयोग कर रहा है। यह दिखाने के लिए कि ये शब्द स्वयं यूहéा के हैं, कर्इ भाषाएँ उद्वरण चिन्ह ‘‘ ‘‘ के बीच में उसके शब्दों को लिखते हैं। * यूहéा ने कहा, ‘‘मैं नही जानता कि आप कब पहुँचोगे?’’ - प्रत्यक्ष उद्धरण** तब होता है जब कोर्इ किसी के कहे कथन को बताता तो है, परंतु इस मामले में, वह उसकी बात को, वास्तविक लेखक की बजाए, स्वयं के नजरिए से पेश करता है। इस प्रकार का उद्धरण आम तौर पर, सर्वनाम में आए बदलाव को बताते हैं और अक्सर समय, शब्दों के चुनाव और लंबार्इ में परिवर्तन को दिखाता है। नीचे के उदाहरण में, वक्ता यूहéा का उल्लेख ‘‘वह’’ के रूप में उद्वरण के साथ करता है। +** अप्रत्यक्ष उद्धरण** तब होता है जब कोर्इ किसी के कहे कथन को बताता तो है, परंतु इस मामले में, वह उसकी बात को, वास्तविक लेखक की बजाए, स्वयं के नजरिए से पेश करता है। इस प्रकार का उद्धरण आम तौर पर, सर्वनाम में आए बदलाव को बताते हैं और अक्सर समय, शब्दों के चुनाव और लंबार्इ में परिवर्तन को दिखाता है। नीचे के उदाहरण में, वक्ता यूहéा का उल्लेख ‘‘वह’’ के रूप में उद्वरण के साथ करता है। * यूहéा ने कहा कि वह नही जानता था कि वह कब पहुचेगा?’’ ### यह अनुवाद का विषय क्यों है -कुछ भाषाओं में, सूचित वक्तव्य को प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष दोनों उद्धरणों के साथ बताता जा सकता है। परंतु कुछ भाषाओं में, एक का उपयोग दूसरे से अधिक सामान्य तरीके से होता है और एक प्रकार के तरीके से उपयोग से उसे निश्चित अर्थ मिलता है। हर उद्धरण के लिए, अनुवादक को निर्णय लेना है कि उनका उनका प्रत्यक्ष उद्धरण में करे या अप्रत्यक्ष में। +कुछ भाषाओं में, सूचित वक्तव्य को प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष दोनों उद्धरणों के साथ बताता जा सकता है। परंतु कुछ भाषाओं में, एक का उपयोग दूसरे से अधिक सामान्य तरीके से होता है और एक प्रकार के तरीके से उपयोग से उसे निश्चित अर्थ मिलता है। हर उद्धरण के लिए, अनुवादक को निर्णय लेना है कि उनका उनका प्रत्यक्ष उद्धरण में करे या अप्रत्यक्ष में। ### बाइबल में से उदाहरण @@ -42,13 +41,11 @@ 1. यदि आपकी भाषा में प्रत्यक्ष उद्धरण का उपयोग नही होता है तो उसे अप्रत्यक्ष उद्धरण में बदलें * **तब उसने उसे चिताया, कि किसी से न कह, ‘‘परन्तु जाकर अपने आप को याजक को दिखा, और अपने शुद्ध होने के विषय में जो कुछ मूसा ने चढ़ावा ठहराया है उसे चढ़ा; कि उन पर गवाही हो।‘‘** (लूका 5:14 ULB) - - * तब उसने उसे चिताया, कि किसी से न कह, ‘‘परन्तु जाकर स्वयं को याजक को दिखा, और अपने शुद्ध होने के विषय में जो कुछ मूसा ने चढ़ावा ठहराया है उसे चढ़ा; कि उन पर गवाही हो।‘‘** (लूका 5:14 ULB) + * तब उसने उसे चिताया, कि किसी से न कह, ‘‘परन्तु जाकर स्वयं को याजक को दिखा, और अपने शुद्ध होने के विषय में जो कुछ मूसा ने चढ़ावा ठहराया है उसे चढ़ा; कि उन पर गवाही हो।‘‘ (लूका 5:14 ULB) 1. यदि आपकी भाषा में अप्रत्यक्ष उद्धरण का उपयोग नही होता है तो उसे प्रत्यक्ष उद्धरण में बदलें * **तब उसने उसे चिताया, कि किसी से न कह, ‘‘परन्तु जाकर अपने आप को याजक को दिखा, और अपने शुद्ध होने के विषय में जो कुछ मूसा ने चढ़ावा ठहराया है उसे चढ़ा; कि उन पर गवाही हो।‘‘** (लूका 5:14 ULB) - - * तब उसने उसे चिताया, कि किसी से न कह, परन्तु जाकर अपने आप को याजक को दिखा, और अपने शुद्ध होने के विषय में जो कुछ मूसा ने चढ़ावा ठहराया है उसे चढ़ा; कि उन पर गवाही हो। + * तब उसने उसे चिताया, कि किसी से न कह, परन्तु जाकर अपने आप को याजक को दिखा, और अपने शुद्ध होने के विषय में जो कुछ मूसा ने चढ़ावा ठहराया है उसे चढ़ा; कि उन पर गवाही हो। आप http://ufw.io/figs_quotations पर भी वीडियो देख सकते हैं। diff --git a/translate/figs-quotemarks/01.md b/translate/figs-quotemarks/01.md index 6a8a46e..1158b50 100644 --- a/translate/figs-quotemarks/01.md +++ b/translate/figs-quotemarks/01.md @@ -1,4 +1,3 @@ - ### वर्णन कुछ भाषाएँ उद्धरण चिन्हों का उपयोग कर उद्धरणों को शेष वाक्य से अलग दिखते हैं। अंग्रेजी भाषा में उद्धरण चिन्ह का उपयोग उद्धरण के पहले और ठीक बाद में होता है। @@ -18,7 +17,6 @@ कुछ उदाहरण हैं: ‚ ' „ " ‹ › « » ⁊ — - ### बाइबल में से उदाहरण नीचे के उदाहरण में ULB में उपयोग किए गए उद्धरण चिन्हों के बारे में बताया गया है। diff --git a/translate/figs-quotesinquotes/01.md b/translate/figs-quotesinquotes/01.md index 05cc5e6..0f76bec 100644 --- a/translate/figs-quotesinquotes/01.md +++ b/translate/figs-quotesinquotes/01.md @@ -5,7 +5,7 @@ #### इसका कारण यह अनुवाद का एक विषय है 1. जब उद्धरण के भीतर एक उद्धरण होता है, तो श्रोता को यह जानने की आवश्यकता होती है कि सर्वनाम किसको सन्दर्भित करता है। उदाहरण के लिए यदि उद्धरण के भीतर एक उद्धरण में शब्द "मैं" है, तो श्रोता को यह जानने की आवश्यकता है कि "मैं" आन्तरिक उद्धरण या बाहरी उद्धरण के वक्ता को सन्दर्भित करता है या नहीं। -1. उद्धरण के भीतर उद्धरण होने पर कुछ भाषाएँ विभिन्न प्रकार के उद्धरणों का उपयोग करके इसे स्पष्ट करती हैं। वे दूसरों के लिए अप्रत्यक्ष उद्धरणों और कुछ के लिए प्रत्यक्ष उद्धरण का उपयोग कर सकती हैं। +1. उद्धरण के भीतर उद्धरण होने पर कुछ भाषाएँ विभिन्न प्रकार के उद्धरणों का उपयोग करके इसे स्पष्ट करती हैं। वे दूसरों के लिए अप्रत्यक्ष उद्धरणों और कुछ के लिए प्रत्यक्ष उद्धरण का उपयोग कर सकती हैं। 1. कुछ भाषाएँ अप्रत्यक्ष उद्धरणों का उपयोग नहीं करती हैं। ### बाइबल से उदाहरण @@ -54,9 +54,6 @@ 1. अप्रत्यक्ष उद्धरण के रूप में एक या कुछ उद्धरणों का अनुवाद करें। अंग्रेजी में शब्द "यह" अप्रत्यक्ष उद्धरण से पहले आ सकता है। यह नीचे दिए गए उदाहरणों में रेखांकित है। अप्रत्यक्ष उद्धरण के कारण परिवर्तित किए गए सर्वनाम भी रेखांकित किए गए हैं। * **तब यहोवा ने मूसा से कहा और कहा, "मैंने इस्राएलियों की बुड़बुड़ाहट को सुना है। उनसे कहो, 'सांझ में तो तुम मांस खाओगे, और सुबह में तु रोटी से भर दिए जाओगे। तब तुम जानोगे कि मैं तुम्हारा परमेश्वर यहोवा हूँ।”** (निर्गमन 16:11-12 यूएलबी) - - * तब यहोवा ने मूसा से कहा और कहा, "मैंने इस्राएलियों की बुड़बुड़ाहट को सुना है। उनसे कहो यह कि सांझ वे मांस खाएंगे, और सुबह वे रोटी से भरे जाएंगे। फिर वे जान जाएंगे कि मैं यहोवा उनका परमेश्वर हूँ।” - + * तब यहोवा ने मूसा से कहा और कहा, "मैंने इस्राएलियों की बुड़बुड़ाहट को सुना है। उनसे कहो यह कि सांझ वे मांस खाएंगे, और सुबह वे रोटी से भरे जाएंगे। फिर वे जान जाएंगे कि मैं यहोवा उनका परमेश्वर हूँ।” * **उन्होंने उससे कहा, "एक व्यक्ति हमसे मिलने आया जिसने हमसे कहा, 'उस राजा के पास वापस चले जाओ, जिसने तुम्हें भेजा है, और उससे कहो," यहोवा यह कहता है: 'क्या ऐसा इसलिए है कि क्या इस्राएल में कोई परमेश्वर नहीं है कि तूने एक्रोन के देवता बाल जबूब से परामर्श करने के लिए पुरुषों को भेजा था? इसलिए तू अपने बिस्तर से नीचे नहीं आएगा जिस पर तू पड़ा हैं; इसकी अपेक्षा, तू निश्चित मर जाएगा।' " ' "** (2 राजा 1:6 यूएलबी) - - * उन्होंने उससे कहा यह कि एक व्यक्ति उन से मिलने आया था, जिसने उन्हें कहा था, "'उस राजा के पास वापस चले जाओ, जिसने तुम्हें भेजा है, और उससे कहो यह कि यहोवा यह कहता है: 'क्या ऐसा इसलिए है कि क्या इस्राएल में कोई परमेश्वर नहीं है कि तूने एक्रोन के देवता बाल जबूब से परामर्श करने के लिए पुरुषों को भेजा था? इसलिए तू अपने बिस्तर से नीचे नहीं आएगा जिस पर तू पड़ा हैं; इसकी अपेक्षा, तू निश्चित मर जाएगा। ' " + * उन्होंने उससे कहा यह कि एक व्यक्ति उन से मिलने आया था, जिसने उन्हें कहा था, "'उस राजा के पास वापस चले जाओ, जिसने तुम्हें भेजा है, और उससे कहो यह कि यहोवा यह कहता है: 'क्या ऐसा इसलिए है कि क्या इस्राएल में कोई परमेश्वर नहीं है कि तूने एक्रोन के देवता बाल जबूब से परामर्श करने के लिए पुरुषों को भेजा था? इसलिए तू अपने बिस्तर से नीचे नहीं आएगा जिस पर तू पड़ा हैं; इसकी अपेक्षा, तू निश्चित मर जाएगा। ' " diff --git a/translate/figs-rpronouns/01.md b/translate/figs-rpronouns/01.md index 8b78532..095eca1 100644 --- a/translate/figs-rpronouns/01.md +++ b/translate/figs-rpronouns/01.md @@ -1,4 +1,3 @@ - ### विवरण सभी भाषाओं में यह दिखाने का तरीका होता है कि एक ही व्यक्ति एक वाक्य में दो भिन्न भूमिकाएँ को पूरा करता है। @@ -43,7 +42,7 @@ यदि एक कर्मकर्ता सर्वनाम आपकी भाषा में एक ही कार्य करेगा, तो इसका उपयोग करने पर विचार करें। यदि नहीं, तो यहाँ कुछ अन्य रणनीतियों को दिया गया है। -1. कुछ भाषाओं में लोग यह दिखाने के लिए क्रिया पर जोर डालते हैं कि क्रिया का कर्म वही जो कि कर्ता का है। +1. कुछ भाषाओं में लोग यह दिखाने के लिए क्रिया पर जोर डालते हैं कि क्रिया का कर्म वही जो कि कर्ता का है। 1. कुछ भाषाओं में लोग वाक्य में एक विशेष स्थान पर इसका वर्णन करते हुए एक निश्चित व्यक्ति या वस्तु पर जोर देते हैं। 1. कुछ भाषाओं में लोग उस शब्द को कुछ जोड़कर या उसके साथ एक और शब्द डालकर किसी निश्चित व्यक्ति या वस्तु पर जोर देते हैं। 1. कुछ भाषाओं में लोग दिखाते हैं कि किसी ने "अकेले" शब्द का उपयोग करके अकेले ही कुछ किया है। @@ -54,22 +53,16 @@ 1. कुछ भाषाओं में लोग यह दिखाने के लिए क्रिया पर जोर डालते हैं कि क्रिया का कर्म वही जो कि कर्ता का है। * **यदि मैं ही अपने बारे में गवाही दूँ, तो मेरी गवाही सच नहीं होगी।** (यूहन्ना 5:31) - - * " यदि मैं स्वयं-अपनीगवाही दूँ, तो मेरी गवाही सच नहीं होगी।" - + * " यदि मैं स्वयं-अपनीगवाही दूँ, तो मेरी गवाही सच नहीं होगी।" * **अब यहूदियों का फसह निकट था, और बहुत से लोग फसह के लिए यरूशलेम गए, ताकि स्वयं को शुद्ध कर सकें .** ( यूहन्ना 11:55) - - * "अब यहूदियों का फसह निकट था, और बहुत से लोग फसह के लिए यरूशलेम गए, ताकि अपने आप को-शुद्ध कर सकें ." + * "अब यहूदियों का फसह निकट था, और बहुत से लोग फसह के लिए यरूशलेम गए, ताकि अपने आप को-शुद्ध कर सकें ." 1. कुछ भाषाओं में लोग वाक्य में एक विशेष स्थान पर इसका वर्णन करते हुए एक निश्चित व्यक्ति या वस्तु पर जोर देते हैं। * ** उसने स्वयं के ऊपर हमारी बीमारियों को ले लिया और हमारी दुर्बलताओं को उठा लिया।** (मत्ती 8:17 यूएलबी) - - * " यह वही था जिसने स्वयं के ऊपर हमारी बीमारियों को ले लिया और हमारी दुर्बलताओं को उठा लिया।" - + * " यह वही था जिसने स्वयं के ऊपर हमारी बीमारियों को ले लिया और हमारी दुर्बलताओं को उठा लिया।" * ** यीशु स्वयं बपतिस्मा नहीं दे रहा था, परन्तु उसके शिष्य थे।** (यूहन्ना 4:2) - - * " यह यीशु नहीं था जो बपतिस्मा दे रहा था, परन्तु उसके शिष्य दे रहे थे।" + * " यह यीशु नहीं था जो बपतिस्मा दे रहा था, परन्तु उसके शिष्य दे रहे थे।" 1. कुछ भाषाओं में लोग उस शब्द को कुछ जोड़कर या उसके साथ एक और शब्द डालकर किसी निश्चित व्यक्ति या वस्तु पर जोर देते हैं। अंग्रेजी कर्मकर्ता सर्वनाम को जोड़ता है। @@ -78,11 +71,9 @@ 1. कुछ भाषाओं में लोग दिखाते हैं कि किसी ने "अकेले" शब्द का उपयोग करके अकेले ही कुछ किया है। * **जब यीशु को एहसास हुआ कि वे उसे राजा बनाने के लिए मजबूर करने के लिए आने और उसे पकड़ने वाले हैं, तो वह पहाड़ की ओर पुन: वापस स्वयं चला गया.** (यूहन्ना 6:15) - - * "जब यीशु को एहसास हुआ कि वे उसे राजा बनाने के लिए मजबूर करने के लिए आने और उसे पकड़ने वाले हैं, तो वह पहाड़ की ओर पुन: वापस अकेले ही चला गया।" + * "जब यीशु को एहसास हुआ कि वे उसे राजा बनाने के लिए मजबूर करने के लिए आने और उसे पकड़ने वाले हैं, तो वह पहाड़ की ओर पुन: वापस अकेले ही चला गया।" 1. कुछ भाषाओं में लोग यह दिखाने के लिए यह कहाँ था एक वाक्यांश का उपयोग यह दिखाने के लिए करते हैं कि कुछ अकेला था। * **उसने वहाँ सन के कपड़े और उस कपड़े को पड़ा देखा जिसे उसने सिर पर लगाया हुआ था। सन का कपड़ा उन कपड़ों को साथ नहीं पड़ा हुआ था, परन्तु अपने स्थान पर स्वयं से ही लपेटा पड़ा हुआ था.** (यूहन्ना 20:6-7 यूएलबी) - - * "उसने वहाँ सन के कपड़े और उस कपड़े को पड़ा देखा जिसे उसने सिर पर लगाया हुआ था। सन का कपड़ा उन कपड़ों को साथ नहीं पड़ा हुआ था, परन्तु अपने स्थान पर स्वयं से ही लपेटा पड़ा हुआ था।” + * "उसने वहाँ सन के कपड़े और उस कपड़े को पड़ा देखा जिसे उसने सिर पर लगाया हुआ था। सन का कपड़ा उन कपड़ों को साथ नहीं पड़ा हुआ था, परन्तु अपने स्थान पर स्वयं से ही लपेटा पड़ा हुआ था।” diff --git a/translate/figs-rquestion/01.md b/translate/figs-rquestion/01.md index dbd3ae6..d633ee9 100644 --- a/translate/figs-rquestion/01.md +++ b/translate/figs-rquestion/01.md @@ -1,11 +1,10 @@ - एक भाषणगत प्रश्न यह है कि जिसे एक वक्ता तब पूछता है कि जब वह इसके बारे में जानकारी प्राप्त करने की अपेक्षा किसी वस्तु के बारे में अपना दृष्टिकोण व्यक्त करने में अधिक रुचि रखता है। वक्ता गहरी भावना व्यक्त करने के लिए भाषणगत प्रश्नों का उपयोग करते हैं या श्रोताओं को कुछ के बारे में गहराई से सोचने के लिए प्रोत्साहित करते हैं। बाइबल में कई भाषणगत प्रश्न पाए जाते हैं, अक्सर आश्चर्य व्यक्त करने के लिए, श्रोताओं को ताड़ना देने या डांटने या सिखाने के लिए। कुछ भाषाओं के वक्ता अन्य प्रयोजनों की प्राप्ति के लिए भी भाषणगत प्रश्नों का उपयोग करते हैं। ### विवरण एक भाषणगत प्रश्न एक ऐसा प्रश्न होता है जो किसी बात के प्रति वक्ता के दृष्टिकोण को आज्ञावाचकता से व्यक्त करता है। अक्सर वक्ता जानकारी की खोज नहीं कर रहा होता है, परन्तु यदि वह जानकारी मांग रहा है, तो सामान्य रूप से वह जानकारी नहीं होती है जिसके लिए प्रश्न को पूछा गया प्रतीत होता है। वक्ता जानकारी प्राप्त करने की अपेक्षा अपने दृष्टिकोण को व्यक्त करने में अधिक रुचि रखता है। -> जो लोग पास खड़े थे, उन्होंने कहा, " क्या तू परमेश्वर के महायाजक का अपमान करता है? " (प्रेरितों 23:4 यूएलबी) +> जो लोग पास खड़े थे, उन्होंने कहा, " क्या तू परमेश्वर के महायाजक का अपमान करता है? " (प्रेरितों 23:4 यूएलबी) जिन लोगों ने पौलुस से यह प्रश्न पूछा वे परमेश्वर के महायाजक का अपमान करने के उसके तरीके के बारे में नहीं पूछ रहे थे। इसकी अपेक्षा उन्होंने महायाजक का अपमान करने के लिए पौलुस पर आरोप लगाने के लिए शोध-प्रबन्ध प्रश्न का उपयोग किया था। बाइबल में कई भाषणगत प्रश्न पाए जाते हैं। इन भाषणगत प्रश्नों के कुछ उद्देश्यों में लोगों को ताड़ना देने, लोगों को शिक्षा देने, कुछ लोगों को स्मरण दिलाने के लिए कुछ सीखने और उन्हें कुछ नया करने के लिए लागू करने, और कुछ ऐसा करने के लिए प्रोत्साहित करना है, जिसके बारे में वे बात करना चाहते हैं। @@ -65,43 +64,29 @@ 1. प्रश्न के बाद उत्तर जोड़ें। * ** क्या एक कुँवारी उसके गहने, दुल्हन को उसके घूंघट भूल जाएगी? तौभी मेरी प्रजा ने असँख्य दिनों से मुझे भुला दिया हैं!** (यिर्मयाह 2:32 यूएलबी) - - * क्या एक कुँवारी उसके गहने, दुल्हन को उसके घूंघट भूल जाएगी? बिलकुल भी नहीं! तौभी मेरी प्रजा ने असँख्य दिनों से मुझे भुला दिया हैं! - + * क्या एक कुँवारी उसके गहने, दुल्हन को उसके घूंघट भूल जाएगी? बिलकुल भी नहीं! तौभी मेरी प्रजा ने असँख्य दिनों से मुझे भुला दिया हैं! * **या आप में से कौन सा व्यक्ति ऐसा है, कि यदि उसका पुत्र उस से रोटी मांगे, तो वह उसे पत्थर देगा?** (मत्ती 7:9 यूएलबी) - - * या आप में से कौन सा व्यक्ति ऐसा है, कि यदि उसका पुत्र उस से रोटी मांगे, तो वह उसे पत्थर देगा? आप में से कोई भी ऐसा नहीं करेगा! + * या आप में से कौन सा व्यक्ति ऐसा है, कि यदि उसका पुत्र उस से रोटी मांगे, तो वह उसे पत्थर देगा? आप में से कोई भी ऐसा नहीं करेगा! 1. भाषणगत प्रश्न को एक कथन या विस्मयादिबोधक में परिवर्तित करें। * ** परमेश्वर का राज्य कैसा है, और मैं इसकी तुलना किस से कर सकता हूँ? यह सरसों के बीज की तरह है ...** (लूका 13:18-19 यूएलबी) - - * परमेश्वर का राज्य ऐसा ही है। यह सरसों के बीज की तरह है ... " - + * परमेश्वर का राज्य ऐसा ही है। यह सरसों के बीज की तरह है ... " * ** क्या तू इस तरह परमेश्वर के महायाजक का अपमान करता है? ** (प्रेरितों 23:4 यूएलबी) - - * तुझे परमेश्वर के महायाजक का अपमान नहीं करना चाहिए! - + * तुझे परमेश्वर के महायाजक का अपमान नहीं करना चाहिए! * **जब मैं गर्भ से बाहर आया तो मैं मर ही नहीं नहीं गया? ** (नौकरी 3:11 यूएलबी) - - * कितना अच्छा होता कि जब मैं गर्भ से बाहर आया तो मैं मर गया होता! - + * कितना अच्छा होता कि जब मैं गर्भ से बाहर आया तो मैं मर गया होता! * ** और मेरे साथ ऐसा क्यों हुआ कि मेरे प्रभु की माता मेरे पास आई? ** (लूका 1:43 यूएलबी) - - * यह कितना अद्भुत है कि मेरे प्रभु की माता मेरे पास आई है! + * यह कितना अद्भुत है कि मेरे प्रभु की माता मेरे पास आई है! 1. भाषणगत प्रश्न को एक कथन में परिवर्तित करें, और फिर इसे एक संक्षिप्त प्रश्न प्रश्न के साथ उपयोग करें। * ** क्या तू अभी भी इस्राएल के राज्य के ऊपर शासन नहीं करता है?** (1 राजा 21:7 यूएलबी) - - * तू अभी भी इस्राएल के राज्य पर शासन करता है, क्या तू नहीं करता है? + * तू अभी भी इस्राएल के राज्य पर शासन करता है, क्या तू नहीं करता है? 1. प्रश्न के रूप अर्थात् ढ़ाचें को परिवर्तित करें ताकि यह आपकी भाषा में संचार कर सके कि मूल वक्ता ने उसके बारे में क्या संचारित किया है। * **या तुम में से ऐसा कौन सा व्यक्ति है जो , यदि उसका पुत्र उस से रोटी की रोटी मांगे, तो वह उसे पत्थर देगा? ** (मत्ती 7:9 यूएलबी) - - * यदि तेरा पुत्र तुझसे रोटी का टुकड़ा मांगता है, क्या तू उसे एक पत्थर देगा ? - + * यदि तेरा पुत्र तुझसे रोटी का टुकड़ा मांगता है, क्या तू उसे एक पत्थर देगा ? * ** क्या एक कुँवारी उसके गहने, तौभी मेरी प्रजा ने असँख्य दिनों से मुझे भुला दिया हैं!? तौभी मेरी प्रजा ने असँख्य दिनों से मुझे भुला दिया हैं!** (यिर्मयाह 2:32 यूएलबी) - - * कौन सी कुँवारी उसके गहने को भूल जाएगी, और दुल्हन उसके घूंघट को भूल जाएगी? तौभी मेरी प्रजा ने असँख्य दिनों से मुझे भुला दिया हैं। + * कौन सी कुँवारी उसके गहने को भूल जाएगी, और दुल्हन उसके घूंघट को भूल जाएगी? तौभी मेरी प्रजा ने असँख्य दिनों से मुझे भुला दिया हैं। diff --git a/translate/figs-sentences/01.md b/translate/figs-sentences/01.md index 145daaf..6cb99f8 100644 --- a/translate/figs-sentences/01.md +++ b/translate/figs-sentences/01.md @@ -1,4 +1,3 @@ - ### विवरण अंग्रेजी में सबसे सरल वाक्य संरचना में**कर्ता ** और एक** क्रिया** शब्द सम्मिलित है: @@ -55,7 +54,7 @@ कुछ भाषाओं में, खण्डों का उपयोग संज्ञा के साथ किया जा सकता है, जो वाक्य का भाग होती है। इन्हें **सम्बन्धात्मक खण्डवाक्य** कहा जाता है। नीचे दिए गए वाक्य में, "मक्कई जो तैयार थी" पूरे वाक्य के पूर्वानुमान का भाग है। सम्बन्धात्मक खण्डवाक्य "जो तैयार थी" का प्रयोग "मक्कई" संज्ञा के साथ इसलिए किया जाता है, ताकि यह बताया जा सके कि उसने कौन सी मक्कई उठाई है। -* उसकी पत्नी ने ** मक्का तोड़ी जो तैयार थी . नीचे दिए गए वाक्य में "उसकी माता, जो बहुत अधिक नाराज थी" पूरे वाक्य की भविष्यद्वाणी का भाग है। सम्बन्धात्मक खण्डवाक्य "जो बहुत अधिक नाराज थी" का प्रयोग "माता" के साथ इसलिए किया गया है ताकि यह बताया जा सके कि उसकी माता ने कैसा महसूस किया जब उसे मक्कई नहीं मिली थी। +* उसकी पत्नी ने मक्का तोड़ी जो तैयार थी . नीचे दिए गए वाक्य में "उसकी माता, जो बहुत अधिक नाराज थी" पूरे वाक्य की भविष्यद्वाणी का भाग है। सम्बन्धात्मक खण्डवाक्य "जो बहुत अधिक नाराज थी" का प्रयोग "माता" के साथ इसलिए किया गया है ताकि यह बताया जा सके कि उसकी माता ने कैसा महसूस किया जब उसे मक्कई नहीं मिली थी। * उसने **अपनी माता** को कोई मक्का नहीं दी, जो बहुत अधिक नाराज थी . #### अनुवाद के विषय diff --git a/translate/figs-sentencetypes/01.md b/translate/figs-sentencetypes/01.md index cf4df5d..d868763 100644 --- a/translate/figs-sentencetypes/01.md +++ b/translate/figs-sentencetypes/01.md @@ -1,4 +1,3 @@ - ### विवरण एक **वाक्य** शब्दों का एक समूह होता है जो एक पूर्ण विचार को व्यक्त करता है। वाक्यों के मूल प्रकार उन कार्यों के साथ नीचे सूचीबद्ध हैं जिनका मुख्य रूप से उपयोग किया जाता है। @@ -20,7 +19,7 @@ #### वक्तव्य -> आरम्भ में परमेश्वर ने आकाश और पृथ्वी बनाई। (उत्पत्ति 1:1 यूएलबी) +> आरम्भ में परमेश्वर ने आकाश और पृथ्वी बनाई। (उत्पत्ति 1:1 यूएलबी) वक्तव्यों में अन्य कार्य भी हो सकते हैं। (देखें [वक्तव्य - अन्य उपयोग](../figs-declarative/01.md)) @@ -38,15 +37,15 @@ अनिवार्य वाक्य विभिन्न प्रकार के होते हैं: आदेश, निर्देश, सुझाव, निमन्त्रण, अनुरोध, और इच्छाएँ। - देश** के साथ, वक्ता अपने अधिकार का उपयोग करता है और किसी को कुछ करने के लिए कहता है। +** आदेश** के साथ, वक्ता अपने अधिकार का उपयोग करता है और किसी को कुछ करने के लिए कहता है। > उठ , बालाक, और सुन . सिप्पोर के पुत्र, मेरी सुन . (गिनती 23:18 यूएलबी) - िर्देश** के साथ, वक्ता किसी को कुछ करने के लिए कहता है। +** निर्देश** के साथ, वक्ता किसी को कुछ करने के लिए कहता है। > ... परन्तु यदि तुम जीवन में प्रवेश करना चाहते हैं, तो आज्ञाओं को मानो . ... यदि तू सिद्ध होना चाहता है, तो जा , बेच जो कुछ तेरे पास है, और उसे गरीबों को बाँट दें, और तुझे स्वर्ग में धन प्राप्त होगा। (मत्ती 19:17, 21 यूएलबी) - ुझाव** के साथ, वक्ता किसी को कुछ करने के लिए कहता है या ऐसा नहीं करता है क्योंकि वह सोचता है कि इस से उस व्यक्ति की सहायता हो सकती है। नीचे दिए गए उदाहरण में, यदि वे एक-दूसरे का मार्गदर्शन करने का प्रयास नहीं करते हैं तो यह दोनों अन्धे पुरुषों के लिए सबसे अच्छा है। +** सुझाव** के साथ, वक्ता किसी को कुछ करने के लिए कहता है या ऐसा नहीं करता है क्योंकि वह सोचता है कि इस से उस व्यक्ति की सहायता हो सकती है। नीचे दिए गए उदाहरण में, यदि वे एक-दूसरे का मार्गदर्शन करने का प्रयास नहीं करते हैं तो यह दोनों अन्धे पुरुषों के लिए सबसे अच्छा है। > एक अन्धे व्यक्ति को दूसरे अन्धे व्यक्ति का मार्गदर्शन करने का प्रयास नहीं करना चाहिए यदि उसने किया, तो वे दोनों एक गड़हे में गिर जाएंगे! (लूका 6:39 यूडीबी) @@ -54,11 +53,11 @@ > उन्होंने एक-दूसरे से कहा, "आओ, हम मिलकर ईंटें बनाएँ और उन्हें अच्छी तरह से सेंक लें।" (उत्पत्ति 11:3 यूएलबी) - मंत्रण** के साथ, वक्ता विनम्रता या मित्रता का उपयोग करता है ताकि यह सुझाव दिया जा सके कि यदि वह चाहे तो कोई कुछ कुछ करता है। इससे सामान्य रूप से ऐसा कुछ होता है जिससे वक्ता सोचता है कि श्रोता को आनन्द मिलेगा। +** आमंत्रण** के साथ, वक्ता विनम्रता या मित्रता का उपयोग करता है ताकि यह सुझाव दिया जा सके कि यदि वह चाहे तो कोई कुछ कुछ करता है। इससे सामान्य रूप से ऐसा कुछ होता है जिससे वक्ता सोचता है कि श्रोता को आनन्द मिलेगा। > आओ हमारे साथ और हम आपको साथ अच्छा करेंगे। (गिनती 10:29) - नुरोध** के साथ, वक्ता यह कहने के लिए विनम्रता का उपयोग करता है कि वह चाहता है कि कोई ऐसा कुछ करे। इसमें यह सुनिश्चित करने के लिए 'कृपया' शब्द सम्मिलित हो सकता है कि यह एक अनुरोध है, न कि आदेश। यह सामान्य रूप से कुछ ऐसा होता है जो वक्ता को लाभ पहुँचाएगा। +** अनुरोध** के साथ, वक्ता यह कहने के लिए विनम्रता का उपयोग करता है कि वह चाहता है कि कोई ऐसा कुछ करे। इसमें यह सुनिश्चित करने के लिए 'कृपया' शब्द सम्मिलित हो सकता है कि यह एक अनुरोध है, न कि आदेश। यह सामान्य रूप से कुछ ऐसा होता है जो वक्ता को लाभ पहुँचाएगा।
आज हमें प्रतिदिन की रोटी हमें दें . (मत्ती 6:11 यूएलबी)
@@ -68,7 +67,7 @@ > परमेश्वर सर्वसामर्थी तुझे आशीष दे तुझे, फलदायी बनाए और तुझे बढ़ाए। (उत्पत्ति 28:3 यूएलबी) -उत्पत्ति 9 में, नूह ने कहा कि वह क्या चाहता था कि कनान के साथ क्या घटित हो। +उत्पत्ति 9 में, नूह ने कहा कि वह क्या चाहता था कि कनान के साथ क्या घटित हो। > कनान शापित हो। ऐसा हो कि वह तेरा भाइयों के नौकरों के लिए एक नौकर हो जाए। (उत्पत्ति 9:25 यूएलबी) diff --git a/translate/figs-simile/01.md b/translate/figs-simile/01.md index ffedd7b..171659b 100644 --- a/translate/figs-simile/01.md +++ b/translate/figs-simile/01.md @@ -1,4 +1,3 @@ - एक उपमा दो वस्तुओं की तुलना होती है जो सामान्य रूप से एक जैसी नहीं मानी जाती है। एक को दूसरे के "जैसा" कहा जाता है। यह एक विशेष गुण पर केन्द्रित होता है जिसमें दो वस्तुएँ एक जैसी होती हैं, और इसमें "जैसे", "की तरह" या "तब" शब्द सम्मिलित होते हैं। ### विवरण @@ -51,33 +50,22 @@ 1. यदि लोग नहीं जानते कि दोनों वस्तुएँ एक जैसी कैसे हैं, तो बताएँ कि वे एक जैसी कैसे हैं। तथापि, ऐसा न करें यदि मूल दर्शकों के लिए अर्थ स्पष्ट न होता है। * **देखो, मैं तुम्हें भेड़िये के बीच में भेड़ के रूप में भेजता हूँ
** (मत्ती 10:16 यूएलबी) - यह खतरे की तुलना करता है कि यीशु के शिष्य भेड़ के रूप में खतरे से घिरे हुए होंगे जब वे भेड़िये के मध्य में होते हैं। - - * देखो, मैं तुम्हें दुष्ट लोगों के बीच भेजता हूँ और तुम उनकी ओर से खतरे में होंगे <जैसे भेड़ें तब खतरे में होती हैं जब वे भेड़िये से घिरे हुई होती हैं
. - + * देखो, मैं तुम्हें दुष्ट लोगों के बीच भेजता हूँ और तुम उनकी ओर से खतरे में होंगे <जैसे भेड़ें तब खतरे में होती हैं जब वे भेड़िये से घिरे हुई होती हैं
. * **परमेश्वर का वचन किसी भी दो धारी तलवार की तुलना में जीवित और सक्रिय और तेज है।** (इब्रानियों 4:12 यूएलबी) - - * परमेश्वर का वचन किसी भी दो धारी तलवार से अधिक सामर्थी जीवित और सक्रिय और तेज है + * परमेश्वर का वचन किसी भी दो धारी तलवार से अधिक सामर्थी जीवित और सक्रिय और तेज है 1. यदि लोग उस वस्तुएँ से परिचित नहीं हैं जिसकी तुलना किसी वस्तु से की जाती है, तो अपनी स्वयं की संस्कृति से ही किसी वस्तुएँ का उपयोग करें। सुनिश्चित करें कि यह वही है जो बाइबल की संस्कृतियों में उपयोग किया जा सकता था। * **देखो, मैं तुम्हें भेड़िये के बीच में भेड़ के रूप में भेजता हूँ
,** (मत्ती 10:16 यूएलबी) - यदि लोग नहीं जानते कि भेड़ और भेड़िये क्या हैं, या भेड़िये मारते हैं और भेड़ खाते हैं, तो आप किसी अन्य जानवर का उपयोग कर सकते हैं जो किसी और को मारता है। - - * देखो, मैं आपको जंगली कुत्तों के बीच में मुर्गियों के रूप में भेजता हूँ , - + * देखो, मैं आपको जंगली कुत्तों के बीच में मुर्गियों के रूप में भेजता हूँ , * **कितनी बार मैं अपने बच्चों को एक साथ इकट्ठा करना चाहता था, बस एक मुर्गी उसके बच्चों को उसके पंखों के नीचे इकट्ठा करती है , परन्तु तुम इस से सहमत नहीं थे!** (मत्ती 23:37 यूएलबी) - - * मैं कितनी बार तेरे बच्चों को एक साथ इकट्ठा करना चाहता था, ठीक वैसे ही जैसे माता अपने शिशुओं का ध्यान बहुत ही अच्छी तरह से करती है , परन्तु तुमने इन्कार कर दिया! - + * मैं कितनी बार तेरे बच्चों को एक साथ इकट्ठा करना चाहता था, ठीक वैसे ही जैसे माता अपने शिशुओं का ध्यान बहुत ही अच्छी तरह से करती है , परन्तु तुमने इन्कार कर दिया! * **यदि तुम्हारे पास सरसों के अनाज के जैसा,** छोटे विश्वास है तो (मत्ती 17:20) - - * यदि तुम्हारे पास छोटे से बीज जितना , विश्वास है + * यदि तुम्हारे पास छोटे से बीज जितना , विश्वास है 1. केवल इसे ही किसी अन्य वस्तु से तुलना किए बिना वर्णन करें। * **देखो, मैं तुम्हें भेड़ियों के बीच में भेड़ के रूप में भेजता हूँ ,** (मत्ती 10:16 यूएलबी) - - * देखो, मैं तुम्हे भेजता हूँ और लोग तुम्हें नुकसान पहुँचाना चाहेंगे . - + * देखो, मैं तुम्हे भेजता हूँ और लोग तुम्हें नुकसान पहुँचाना चाहेंगे . * **कितनी बार मैं तेरे बच्चों को एक साथ इकट्ठा करना चाहता था, ठीक वैसे ही जैसे एक मुर्गी उसके बच्चों को उसके पंखों के नीचे इकट्ठा करती है , परन्तु तुम सहमत नहीं थे!** (मत्ती 23:37 यूएलबी) - - * मैं कितनी बार तुम्हारी रक्षा करना चाहता था , परन्तु तुमने इन्कार कर दिया! + * मैं कितनी बार तुम्हारी रक्षा करना चाहता था , परन्तु तुमने इन्कार कर दिया! diff --git a/translate/figs-synecdoche/01.md b/translate/figs-synecdoche/01.md index 51c5518..6217ce8 100644 --- a/translate/figs-synecdoche/01.md +++ b/translate/figs-synecdoche/01.md @@ -1,46 +1,43 @@ - ### विवरण -उपलक्ष्य अलंकार का उपयोग तब होता है जब एक वक्ता पूरे सन्दर्भ में कुछ भाग का उपयोग करता है या किसी भाग को सन्दर्भित करने के लिए पूरे का उपयोग करता है। +उपलक्षण अलंकार का उपयोग तब होता है जब एक वक्ता पूरे सन्दर्भ में कुछ भाग का उपयोग करता है या किसी भाग को सन्दर्भित करने के लिए पूरे का उपयोग करता है। -> मेरी आत्मा परमेश्वर की बड़ाई करती है। (लूका 1:46 यूएलबी) +> **मेरा प्राण** प्रभु की बड़ाई करता है।(लूका 1:46 यूएलबी) -मरियम बहुत ही अधिक आनन्दित था कि प्रभु क्या कर रहा था, इसलिए उसने कहा, "मेरी आत्मा," जिसका अर्थ है कि वह अपने पूरे स्वयं को सन्दर्भित करने के लिए आन्तरिक, भावनात्मक भाग का उपयोग करती है। +मरियम बहुत ही अधिक आनन्दित था कि प्रभु क्या कर रहा था, इसलिए उसने कहा, "मेरा प्राण" जिसका अर्थ है कि वह अपने पूरे स्वयं को सन्दर्भित करने के लिए आन्तरिक, भावनात्मक भाग का उपयोग करती है। -> फरीसियों ने उससे कहा, "देखो, वे ऐसा क्यों कर रहे हैं जो वैध नहीं है ...?" (मरकुस 2:24 यूएलबी) +> तब **फरीसियों** ने उससे कहा, “देख, ये सब्त के दिन वह काम क्यों करते हैं जो उचित नहीं?”(मरकुस 2:24 यूएलबी) फरीसी जो वहाँ खड़े थे, वे सभी एक ही समय में एक ही शब्द नहीं कहते थे। इसकी अपेक्षा, यह संभावना अधिक है कि समूह का प्रतिनिधित्व करने वाले एक व्यक्ति ने उन शब्दों को कहा होगा। -#### इसका कारण यह अनुवाद का एक विषय है +#### कारण यह एक अनुवाद मुद्दा है -* कुछ पाठक शब्दों को शाब्दिक रूप से समझ सकते हैं। +* कुछ पाठक उपलक्षण अलंकार नहीं पहचान पाते हैं और शब्दों को शाब्दिक कथन के रूप में गलत समझ सकते हैं। * कुछ पाठकों को यह एहसास हो सकता है कि उन्हें शब्दों को शाब्दिक रूप से नहीं समझना है, परन्तु वे नहीं जानते कि इसका अर्थ क्या है। ### बाइबल से उदाहरण -> मैंने उन सभी कार्यों को देखा जो मेरे हाथ पूरा कर चुके थे (सभोपदेशक 2:11 यूएलबी) - -"मेरे हाथ" पूरे व्यक्ति के लिए एक उपलक्ष्य अलंकार है, क्योंकि स्पष्ट रूप से हाथों और शेष शरीर और मन सभी एक व्यक्ति की उपलब्धियों में सम्मिलित थे। +> मैंने फिर से **अपने हाथों** के सब कामों को, और अपने सब परिश्रम को देखा, (सभोपदेशक 2:11 यूएलबी) +"मेरे हाथ" पूरे व्यक्ति के लिए एक उपलक्षण अलंकार है, क्योंकि स्पष्ट रूप से हाथों और शेष शरीर और मन सभी एक व्यक्ति की उपलब्धियों में सम्मिलित थे। हाथों को व्यक्ति का प्रतिनिधित्व करने के लिए चुना जाता है क्योंकि वे शरीर के अंग हैं जो सीधे काम में शामिल होते हैं। ### अनुवाद की रणनीतियाँ -यदि उपलक्ष्य अलंकार स्वभाविक होगा और आपकी भाषा में सही अर्थ देगा, तो इसका उपयोग करने पर विचार करें। यदि नहीं, तो यहाँ एक और विकल्प है: +यदि उपलक्षण अलंकार स्वभाविक होगा और आपकी भाषा में सही अर्थ देगा, तो इसका उपयोग करने पर विचार करें। यदि नहीं, तो यहाँ एक और विकल्प है: -1. विशेष रूप से बताएँ कि उपलक्ष्य अलंकार क्या सन्दर्भित करता है। +1. विशेष रूप से बताएँ कि उपलक्षण अलंकार क्या सन्दर्भित करता है। ### अनुवाद के लिए लागू की गई रणनीतियों के उदाहरण -1. विशेष रूप से बताएँ कि उपलक्ष्य अलंकार क्या सन्दर्भित करता है। +(1) विशेष रूप से बताएँ कि उपलक्षण अलंकार क्या सन्दर्भित करता है। -* **" मेरी आत्मा प्रभु की बड़ाई करती है।"** (लूका 1:46 यूएलबी) - - * " मैं प्रभु की बड़ाई करती हूँ।" - -* **... फरीसियों ने उससे कहा** (मरकुस 2:24 यूएलबी) - - * ... फरीसियों के प्रतिनिधि ने उससे कहा ... - -* **...मैंने उन सभी कार्यों को देखा जो मेरे हाथ पूरा कर चुके थे ...** (सभोपदेशक 2:11 यूएलबी) - - * मैंने उन सभी कार्यों को देखा जो मेरे हाथ पूरा कर चुके थे +> “**मेरा प्राण** प्रभु की बड़ाई करता है। (लूका 1:46 यूएलबी) +> +> > **मैं** प्रभु की बड़ाई करती हूँ।" +> +> … **फरीसियों** ने उससे कहा(मरकुस 2:24 यूएलबी) +> +> > … **फरीसियों के प्रतिनिधि** ने उससे कहा … +> +> …मैंने फिर से **अपने हाथों** के सब कामों को, और अपने सब परिश्रम को देखा, (सभोपदेशक 2:11 यूएलबी) +>> मैंने उन सभी कार्यों को देखा जो **मेरे** हाथ पूरा कर चुके थे diff --git a/translate/figs-synecdoche/sub-title.md b/translate/figs-synecdoche/sub-title.md index 3eaad45..99a4b60 100644 --- a/translate/figs-synecdoche/sub-title.md +++ b/translate/figs-synecdoche/sub-title.md @@ -1,2 +1 @@ -उपलक्ष्य अलंकार का अर्थ क्या है? - +उपलक्षण अलंकार का अर्थ क्या है, और मैं अपनी भाषा में इस तरह का अनुवाद कैसे कर सकता हूं? \ No newline at end of file diff --git a/translate/figs-synecdoche/title.md b/translate/figs-synecdoche/title.md index 4d0feb0..a71700d 100644 --- a/translate/figs-synecdoche/title.md +++ b/translate/figs-synecdoche/title.md @@ -1,2 +1 @@ -उपलक्ष्य अलंकार - +उपलक्षण अलंकार \ No newline at end of file diff --git a/translate/figs-synonparallelism/01.md b/translate/figs-synonparallelism/01.md index 8a47742..4b0f9b5 100644 --- a/translate/figs-synonparallelism/01.md +++ b/translate/figs-synonparallelism/01.md @@ -1,7 +1,6 @@ - ### विवरण - मान अर्थ के साथ समान्तरतावाद** एक काव्य युक्ति है जिसमें एक जटिल विचार दो या दो से अधिक अलग तरीकों से व्यक्त किया जाता है। वक्ता दो विचारों में समान विचारों पर जोर देने के लिए ऐसा कर सकते हैं। इसे "समानार्थी समान्तरतावाद" भी कहा जाता है। +** समान अर्थ के साथ समान्तरतावाद** एक काव्य युक्ति है जिसमें एक जटिल विचार दो या दो से अधिक अलग तरीकों से व्यक्त किया जाता है। वक्ता दो विचारों में समान विचारों पर जोर देने के लिए ऐसा कर सकते हैं। इसे "समानार्थी समान्तरतावाद" भी कहा जाता है। ध्यान दें: हम लम्बे वाक्यांशों या खण्डों के लिए "समान अर्थ वाले समान्तरतावादी" शब्द का उपयोग करते हैं जिसका अर्थ समान है। हम शब्दों के लिए [युग्म](../figs-doublet/01.md) शब्दावली का उपयोग करते हैं या बहुत कम वाक्यांशों को जिनका अर्थ मूल रूप से एक ही वस्तु के अर्थ से और एक साथ उपयोग से होता है। @@ -46,29 +45,20 @@ 1. दोनों खण्डों के विचारों को एक में मिलाएँ। * **अब तक तूने मुझे धोखा दिया है और मुझसे झूठ कहा है .** (न्यायियों 16:13, यूएलबी) - दलीला ने इस विचार को दो बार व्यक्त किया कि वह बहुत अधिक परेशान थी। - - * अब तक तूने मुझे अपने झूठ से धोखा दिया है . - + * अब तक तूने मुझे अपने झूठ से धोखा दिया है . * **यहोवा सब कुछ देखता है जो एक व्यक्ति करता है और वह उन सब पथों पर ध्यान देता हैजिसे वह लेता है।** (नीतिवचन 5:21 यूएलबी) - वाक्यांश "वह उन सब पथों को लेता है" इस बात "वह जो कुछ करता है" के लिए रूपक है। - - * यहोवा सब कुछ पर ध्यान देता है जिसे एक व्यक्ति करता है। - + * यहोवा सब कुछ पर ध्यान देता है जिसे एक व्यक्ति करता है। * **क्योंकि यहोवा का उसके लोगों के साथ मुकदमा है , और वह इस्राएल के विरूद्ध अदालत में लड़ेग** (मीका 6:2 यूएलबी) - यह समान्तरतावाद एक गम्भीर असहमति का वर्णन करती है जो यहोवा की एक समूह था लोगों के साथ थी। यदि यह अस्पष्ट है, तो वाक्यांशों को जोड़ा जा सकता है: - - * क्योंकि यहोवा का तुम्हारे लोगों
, इस्राएल के साथ मुकदमा है । + * क्योंकि यहोवा का तुम्हारे लोगों
, इस्राएल के साथ मुकदमा है । 1. यदि ऐसा प्रतीत होता है कि खण्डों का उपयोग यह दिखाने के लिए किया जाता है कि वे जो कहते हैं वह वास्तव में सच है, तो आप उन शब्दों को सम्मिलित कर सकते हैं जो सत्य को "सच" या "निश्चित रूप से" पर जोर देते हैं। * **यहोवा सब कुछ देखता है कोई व्यक्ति करता है और वह जो भी पथ लेता है उस पर ध्यान देता है।** (नीतिवचन 5:21 यूएलबी) - - * यहोवा वास्तव में सब कुछ देखता है जिसे एक व्यक्ति करता है। + * यहोवा वास्तव में सब कुछ देखता है जिसे एक व्यक्ति करता है। 1. यदि ऐसा प्रतीत होता है कि खण्डों में एक विचार को तीव्रता देने के लिए एक साथ उपयोग किया जाता है, तो आप "बहुत," "पूरी तरह से" या "सब" जैसे शब्दों का उपयोग कर सकते हैं। * **... तूने मुझे धोखा दिया है और मुझ से झूठ कहा है।** (न्यायियों 16:13 यूएलबी) - - * सभी तूने जो किया वह झूठ है। - + * सभी तूने जो किया वह झूठ है। * **यहोवा सब कुछ देखता है जिसे एक व्यक्ति करता है और वह जो भी पथ लेता है उस पर ध्यान देता है।** (नीतिवचन 5:21 यूएलबी) - - * यहोवा पूर्ण रीति से सब कुछ देखता है जिसे एक व्यक्ति करता है। + * यहोवा पूर्ण रीति से सब कुछ देखता है जिसे एक व्यक्ति करता है। diff --git a/translate/figs-verbs/01.md b/translate/figs-verbs/01.md index 71b5fbe..810ef6e 100644 --- a/translate/figs-verbs/01.md +++ b/translate/figs-verbs/01.md @@ -1,9 +1,8 @@ - ### विवरण क्रियाएँ वे शब्द होते हैं जो किसी क्रिया या घटना का सन्दर्भ देते हैं या जिसका उपयोग वस्तुओं का वर्णन करने या पहचानने में किया जाता है। - दाहरण** नीचे दिए गए उदाहरणों में क्रियाएँ रेखांकित की गई हैं। +** उदाहरण** नीचे दिए गए उदाहरणों में क्रियाएँ रेखांकित की गई हैं। * यूहन्ना दौड़ा . ("दौड़ना" एक गतिविधि है।) * यूहन्ना एक केला खाया। ("खाना" एक गतिविधि है।) @@ -46,7 +45,7 @@ * वह कभी रात में **भोजन** नहीं खाता है। * वह हर समय **गाने** गाता है । * वह **शब्दों** को अच्छी तरह से पढ़ता है . -* वह** कुछ भी **नहीं देखें** है। +* वह कुछ भी **नहीं देखें** है। ### क्रियाओं के ऊपर कर्ता और कर्म को चिन्हित करना diff --git a/translate/figs-you/01.md b/translate/figs-you/01.md index 0d85d8b..adcd328 100644 --- a/translate/figs-you/01.md +++ b/translate/figs-you/01.md @@ -1,23 +1,19 @@ - ### एकवचन, द्विवचन, और बहुवचन -कुछ भाषाओं में "आप" शब्द के आधार पर "आप" शब्द के लिए एक से अधिक शब्द हैं। +कुछ भाषाओं में "तुम" शब्द के आधार पर "तुम" शब्द के लिए एक से अधिक शब्द हैं। **एकवचन** रूप एक व्यक्ति को सन्दर्भित करता है, और **बहुवचन** रूप एक से अधिक व्यक्ति को सन्दर्भित करता है। कुछ भाषाओं में एक **द्विवचन** रूप भी होता है, जो दो लोगों को सन्दर्भित करता है, और कुछ के अन्य रूप होते हैं जो तीन या चार लोगों को सन्दर्भित करते हैं। - कवचन** रूप एक व्यक्ति को सन्दर्भित करता है, और **बहुवचन** रूप एक से अधिक व्यक्ति को सन्दर्भित करता है। +तुम http://ufw.io/figs\_younum पर दिया गया वीडियो भी देखना चाहेंगे। -कुछ भाषाओं में एक **द्विवचन** रूप भी होता है, जो दो लोगों को सन्दर्भित करता है, और कुछ के अन्य रूप होते हैं जो तीन या चार लोगों को सन्दर्भित करते हैं। - -आप http://ufw.io/figs_younum पर दिया गया वीडियो भी देखना चाहेंगे। कभी-कभी बाइबल में एक वक्ता "आप" को एकवचन रूप का उपयोग करता है, चाहे वह भीड़ से ही बात क्यों न कर रहा हो। +कभी-कभी बाइबल में एक वक्ता "तुम" को एकवचन रूप का उपयोग करता है, चाहे वह भीड़ से ही बात क्यों न कर रहा हो। * [एकवचन वाले सर्वनाम जो समूह का सन्दर्भित करते हैं](../figs-youcrowd/01.md) - ### औपचारिक और अनौपचारिक -वक्ता और जिस व्यक्ति से बात की जा रही है, उसके बीच सम्बन्धों के आधार पर कुछ भाषाओं में "आप" के एक से अधिक रूप होते हैं। लोग अपने से बड़ों से या जो उच्च अधिकार रखते हैं, या कोई ऐसा व्यक्ति है, जिसे वे बहुत अच्छी तरह से नहीं जानते हैं, से बात करते समय "आप" के **औपचारिक** रूप का उपयोग करते हैं, । +वक्ता और जिस व्यक्ति से बात की जा रही है, उसके बीच सम्बन्धों के आधार पर कुछ भाषाओं में "तुम" के एक से अधिक रूप होते हैं। लोग अपने से बड़ों से या जो उच्च अधिकार रखते हैं, या कोई ऐसा व्यक्ति है, जिसे वे बहुत अच्छी तरह से नहीं जानते हैं, से बात करते समय "आप" के **औपचारिक** रूप का उपयोग करते हैं। लोग किसी ऐसे व्यक्ति से बात करते समय **अनौपचारिक** रूप का उपयोग करते हैं, बड़े नहीं है, या जिनके पास उच्च अधिकार नहीं है, या परिवार का सदस्य या घनिष्ठ मित्र हैं। -लोग किसी ऐसे व्यक्ति से बात करते समय**अनौपचारिक**रूप का उपयोग करते हैं, बड़े नहीं है, या जिनके पास उच्च अधिकार नहीं है, या परिवार का सदस्य या घनिष्ठ मित्र हैं। +तुम http://ufw.io/figs\_youform पर दिया गया वीडियो भी देखना चाहेंगे। -आप http://ufw.io/figs_youform पर दिया गया वीडियो भी देखना चाहेंगे। इनका अनुवाद करने में सहायता के लिए, हम आपको सुझाव देते हैं, जिन्हें पढ़ लें: +इनका अनुवाद करने में सहायता के लिए, हम आपको सुझाव देते हैं, जिन्हें पढ़ लें: -* ["आप" के रूप - औपचारिक या अनौपचारिक](../figs-youformal/01.md) +* ["तुम" के रूप - औपचारिक या अनौपचारिक](../figs-youformal/01.md) diff --git a/translate/figs-you/sub-title.md b/translate/figs-you/sub-title.md index 3ec27a9..7579f7a 100644 --- a/translate/figs-you/sub-title.md +++ b/translate/figs-you/sub-title.md @@ -1,2 +1 @@ -तुम के कौन कौनसे प्रारूप हैं? - +तुम के कौन कौन से प्रारूप हैं? \ No newline at end of file diff --git a/translate/figs-you/title.md b/translate/figs-you/title.md index 2bea280..841689c 100644 --- a/translate/figs-you/title.md +++ b/translate/figs-you/title.md @@ -1,2 +1 @@ -‘तुम’ के प्रारूप - +तुम के प्रारूप \ No newline at end of file diff --git a/translate/figs-youcrowd/01.md b/translate/figs-youcrowd/01.md index c14184c..503b312 100644 --- a/translate/figs-youcrowd/01.md +++ b/translate/figs-youcrowd/01.md @@ -1,4 +1,3 @@ - ### विवरण बाइबल इब्रानी, अरामी और यूनानी में लिखी गई थी। @@ -13,13 +12,11 @@ इसके अतिरिक्त, पुराने नियम के वक्ताओं और लेखकों ने अक्सर बहुवचन सर्वनाम "वे" की अपेक्षा एकवचन सर्वनाम "वह" को लोगों के समूहों के लिए सन्दर्भित किया। - ### इसका कारण यह अनुवाद का एक विषय है * क्योंकि कई भाषाओं में, एक अनुवादक जो "आप" के सामान्य रूप से बाइबल पढ़ता है उसे यह जानने की आवश्यकता होगी कि वक्ता एक व्यक्ति से या एक से अधिक से बात कर रहा था या नहीं। * कुछ भाषाओं में यह एक भ्रम उत्पन्न करने वाला हो सकता है, यदि एक वक्ता एक से अधिक व्यक्ति से बात करते समय एकवचन सर्वनाम का उपयोग करता है। - ### बाइबल से उदाहरण > 1 सावधान रहो कि कहीं तुम लोगों के सामने दिखाने के लिए अपने धर्म वाले कामों को तो नहीं करते हैं, अन्यथा तुम्हें पिता से जो स्वर्ग में हैं, कोई प्रतिफल नहीं मिलेगा। 2 तो जब तुम दान देते हैं, तो स्वयं के लिए तुरही न बजवाएँ, क्योंकि पापी लोग सभाओं और सड़कों पर ऐसा करते हैं, ताकि वे लोगों की प्रशंसा को प्राप्त कर सकें। @@ -28,7 +25,7 @@ यीशु ने भीड़ को यह कहा। उसने वचन 1 में पहली बार "तुम" बहुवचन और वचन 2 के पहले वाक्य में "तुम" एकवचन का उपयोग किया। फिर अन्तिम वाक्य में उसने बहुवचन का पुन: उपयोग किया। -> परमेश्वर ने इन सभी शब्दों को बोला: "मैं यहोवा, तेरा परमेश्वर हूँ, जो दासता के घर मिस्र देश से तुझे लाया था। तेरे पास मेरे सामने अन्य ईश्वर नहीं नहीं होने चाहिए।” (निर्गमन 20:1-3 यूएलबी) +> परमेश्वर ने इन सभी शब्दों को बोला: "मैं यहोवा, तेरा परमेश्वर हूँ, जो दासता के घर मिस्र देश से तुझे लाया था। तेरे पास मेरे सामने अन्य ईश्वर नहीं नहीं होने चाहिए।” (निर्गमन 20:1-3 यूएलबी) परमेश्वर ने इस्राएल के सभी लोगों से यह कहा। वह उन्हें मिस्र से बाहर ले लिया था और वह चाहता था कि वे सभी उसकी आज्ञा का पालन करें, परन्तु उसने उनसे बात करते समय यहाँ शब्द तूझे का एकवचनीय रूप का उपयोग किया है। diff --git a/translate/figs-youdual/01.md b/translate/figs-youdual/01.md index 22fb5b2..0390e6d 100644 --- a/translate/figs-youdual/01.md +++ b/translate/figs-youdual/01.md @@ -1,4 +1,3 @@ - ### विवरण कुछ भाषाओं में "आप" का **एकवचनीय**रूप होता है जब शब्द "आप" केवल एक व्यक्ति को सन्दर्भित करता है, और एक**बहुवचन**रूप जब शब्द "आप" एक से अधिक व्यक्ति को सन्दर्भित करता है। @@ -14,7 +13,7 @@ #### इसका कारण यह अनुवाद का एक विषय है * अनुवादक जो एक ऐसी भाषा बोलते हैं, जिसमें "आप" के भिन्न एकवचनी, द्विवचनीय और बहुवचनीय रूप होते हैं, उन्हें सदैव यह जानने की आवश्यकता होगी कि वक्ता का अर्थ क्या है, ताकि वे अपनी भाषा में "आप" के लिए सही शब्द चुन सकें। -* कर्ता के एकवचन या बहुवचन रूप होते है या नहीं, इस पर निर्भर करते हुए कई भाषाओं में क्रिया के विभिन्न रूप भी होते हैं। इसलिए यदि किसी भाषा में सर्वनाम अर्थ को देने वाला "आप" है, तो इन भाषाओं के अनुवादकों को यह जानने की आवश्यकता होगी कि क्या वक्ता एक व्यक्ति या एक से अधिक का वर्णन कर रहा था। +* कर्ता के एकवचन या बहुवचन रूप होते है या नहीं, इस पर निर्भर करते हुए कई भाषाओं में क्रिया के विभिन्न रूप भी होते हैं। इसलिए यदि किसी भाषा में सर्वनाम अर्थ को देने वाला "आप" है, तो इन भाषाओं के अनुवादकों को यह जानने की आवश्यकता होगी कि क्या वक्ता एक व्यक्ति या एक से अधिक का वर्णन कर रहा था। अक्सर सन्दर्भ यह स्पष्ट कर देगा कि "आप" शब्द एक व्यक्ति या एक से अधिक सन्दर्भित करता है या नहीं। यदि आप वाक्य में अन्य सर्वनामों को देखते हैं, तो वे आपको यह जानने में सहायता करेंगे कि वक्ता कितने लोग सम्बोधित कर रहे थे। @@ -22,7 +21,7 @@ > जब्दी के पुत्र याकूब और यूहन्ना उसके पास आए और कहा, "गुरुजी, हम चाहते हैं कि आप हमारे लिए वह करें, जो हम आपसे मांगते हैं।" उसने [यीशु] उनसे कहा, "तुम मुझ से क्या चाहते हो कि मैं तुम्हारे लिए करूँ?" (मरकुस 10:35-36 यूएलबी) -यीशु **दोनों** याकूब और यूहन्ना से पूछ रहा है, कि वे क्या चाहते हैं कि वह उनके लिए करे। +यीशु **दोनों** याकूब और यूहन्ना से पूछ रहा है, कि वे क्या चाहते हैं कि वह उनके लिए करे। यदि लक्षित भाषा में "आप" का **द्विवचनीय**रूप है, तो इसका उपयोग करें। यदि लक्षित भाषा में द्विवचनीय रूप नहीं है, तो बहुवचनीय रूप ही उपयुक्त होगा। diff --git a/translate/figs-youformal/01.md b/translate/figs-youformal/01.md index 4d4e04e..17d2de2 100644 --- a/translate/figs-youformal/01.md +++ b/translate/figs-youformal/01.md @@ -1,4 +1,3 @@ - (आप http://ufw.io/figs_youform पर दिया गया वीडियो भी देखना चाहेंगे।) ### विवरण @@ -36,7 +35,7 @@ ### अनुवाद की रणनीतियाँ -अनुवादक जिनकी भाषा में "आप" के औपचारिक और अनौपचारिक रूप पाए जाते हैं, उन्हें अपनी भाषा में "आप" के उचित रूप का चयन करने के लिए दो वक्ताओं के बीच सम्बन्धों को समझने की आवश्यकता होगी। +अनुवादक जिनकी भाषा में "आप" के औपचारिक और अनौपचारिक रूप पाए जाते हैं, उन्हें अपनी भाषा में "आप" के उचित रूप का चयन करने के लिए दो वक्ताओं के बीच सम्बन्धों को समझने की आवश्यकता होगी। #### औपचारिक या अनौपचारिक "आप" का उपयोग करना है या नहीं diff --git a/translate/figs-yousingular/01.md b/translate/figs-yousingular/01.md index d619020..ea49a60 100644 --- a/translate/figs-yousingular/01.md +++ b/translate/figs-yousingular/01.md @@ -1,4 +1,3 @@ - ### विवरण इन भाषाओं में**एकवचन** “आप” शब्द “तुम” के रूप में है जब केवल एक व्यक्ति को सन्दर्भित किया जाता है, और**बहुवचन** शब्द शब्द “तुम्हारे” के रूप में है जब एक से अधिक व्यक्ति को सन्दर्भित किया जाता है। @@ -15,7 +14,6 @@ जब हम ऐसी भाषा में बाइबल पढ़ते हैं जिसमें आप के भिन्न रूप नहीं होते हैं, तो हमें यह देखने के लिए सन्दर्भ की आवश्यकता है कि वक्ता कितने लोग बात कर रहे थे। - #### इसका कारण यह अनुवाद का एक विषय है * अनुवादक जो ऐसी भाषा बोलते हैं, जिसमें "आप" के भिन्न एकवचनीय और बहुवचनीय रूप होते हैं, उन्हें सदैव यह जानने की आवश्यकता होगी कि वक्ता का अर्थ क्या है, ताकि वे अपनी भाषा में "आप" के लिए सही शब्द चुन सकें। diff --git a/translate/file-formats/01.md b/translate/file-formats/01.md index aa74a64..3874f90 100644 --- a/translate/file-formats/01.md +++ b/translate/file-formats/01.md @@ -1,4 +1,3 @@ - ### अनुवाद का तकनीकी स्वभाव जबकि अनुवाद के एक बड़े भाग का सरोकार भाषा, शब्दों और वाक्यों के साथ है, यह भी सच है कि अनुवाद का एक प्रमुख पहलू तकनीकी स्वभाव है। अक्षरों, अंकण, अक्षर-रचना, स्वरूपण, प्रकाशन और वितरण करने से लेकर अनुवाद तक कई तकनीकी पहलू पाए जाते हैं। यह सब सम्भव बनाने के लिए, कुछ मानक हैं जिन्हें अपनाया गया है। @@ -59,9 +58,9 @@ मार्कडाउन लिंक अर्थात् सम्पर्कों का भी समर्थन करता है। -सम्पर्क इस तरह https://unfoldingword.bible की सूचना को प्रदर्शित करते हैं और इस तरह लिखे जाते हैं: https://unfoldingword.bible +सम्पर्क इस तरह https://unfoldingword.org की सूचना को प्रदर्शित करते हैं और इस तरह लिखे जाते हैं: https://unfoldingword.org -सम्पर्क के लिए विशेष रूप से लिखे शब्द भी समर्थित होते हैं, इस तरह: [uW Website](http://ufw.io/ts/)(https://unfoldingword.bible) +सम्पर्क के लिए विशेष रूप से लिखे शब्द भी समर्थित होते हैं, इस तरह: [uW Website](http://ufw.io/ts/)(https://unfoldingword.org) ध्यान दें कि एचटीएमएल भी वैध मार्कडाउन है। मार्कडाउन वाक्य-रचना की पूरी सूची के लिए कृपया http://ufw.io/md पर जाएँ। @@ -69,7 +68,7 @@ मानक प्रारूप या मार्कडाउन के साथ चिह्नित सामग्री प्राप्त करने का सबसे आसान तरीका एक संपादक का उपयोग करना है, जिसे विशेष रूप से ऐसा करने के लिए निर्मित किया गया है। यदि एक वर्ड प्रोसेसर अर्थात् शब्द संसोधक या मूलपाठ संपादक का उपयोग किया जाता है, तो इन संकेतों को हस्तलिखित रूप से वर्णित किया जाना चाहिए। - ्यान दें: वर्ड प्रोसेसर में मूलपाठ बड़े अझरों, तिरछे अक्षरों, या रेखांकित करना संकेतक भाषा में बड़े अझरों, तिरछे अक्षर या रेखांकित नहीं करता है। नामित प्रतीकों को लिखकर इस प्रकार का स्वरूपण किया जाना चाहिए।* +* ध्यान दें: वर्ड प्रोसेसर में मूलपाठ बड़े अझरों, तिरछे अक्षरों, या रेखांकित करना संकेतक भाषा में बड़े अझरों, तिरछे अक्षर या रेखांकित नहीं करता है। नामित प्रतीकों को लिखकर इस प्रकार का स्वरूपण किया जाना चाहिए।* जब सॉफ्टवेयर का उपयोग करने पर विचार करते हैं, तो कृपया ध्यान रखें कि अनुवाद केवल शब्दों के बारे में नहीं है; ऐसे कई तकनीकी पहलू हैं, जिन्हें ध्यान में रखा जाना चाहिए। diff --git a/translate/first-draft/01.md b/translate/first-draft/01.md index 6d6c6b6..771af68 100644 --- a/translate/first-draft/01.md +++ b/translate/first-draft/01.md @@ -1,4 +1,3 @@ - ### मैं कैसे आरम्भ करूँ? * प्रार्थना करें कि परमेश्वर आपको उस सन्दर्भ को समझने में सहायता करे जिसे आप अनुवाद कर रहे हैं और वह आपकी भाषा में उस सन्दर्भ को संचारित करने का सबसे अच्छा तरीका खोजने में आपकी सहायता करेगा। diff --git a/translate/grammar-connect-exceptions/01.md b/translate/grammar-connect-exceptions/01.md index 6121bc1..c510258 100644 --- a/translate/grammar-connect-exceptions/01.md +++ b/translate/grammar-connect-exceptions/01.md @@ -35,7 +35,7 @@ * भाग 1: (***नहीं*** एक भी मनुष्य न बचा) * भाग 2: (***छोड़*** कर चार सौ जवानों को) ->> दाऊद उन्हें रात के पहले पहर से लेकर दूसरे दिन की सांझ तक मारता रहा। *****केवल***** चार सौ जवानों को छोड़ कर उनमें से एक भी मनुष्य न बचा**, जो ऊँटों पर चढ़कर भाग गए। +>> दाऊद उन्हें रात के पहले पहर से लेकर दूसरे दिन की सांझ तक मारता रहा। ** ***केवल*** चार सौ जवानों को छोड़ कर उनमें से एक भी मनुष्य न बचा**, जो ऊँटों पर चढ़कर भाग गए। >परन्तु यदि तू छुड़ाना न चाहे, तो मुझे ऐसा ही बता दे, कि मैं समझ लूँ; क्योंकि तुझे ***छोड़*** उसके छुड़ाने का अधिकार और किसी को ***नहीं*** है, और तेरे बाद मैं हूँ।” (रूत 4:4 यूएलटी) >>परन्तु यदि तू छुड़ाना न चाहे, तो मुझे ऐसा ही बता दे, कि मैं समझ लूँ; क्योंकि ***तू छुड़ानेहारों की पक्ति में पहले स्थान पर है[केवल तू ही छुड़ा सकता है]***, और तेरे बाद मैं हूँ। diff --git a/translate/grammar-connect-logic-goal/01.md b/translate/grammar-connect-logic-goal/01.md index edf7045..38456a4 100644 --- a/translate/grammar-connect-logic-goal/01.md +++ b/translate/grammar-connect-logic-goal/01.md @@ -38,7 +38,7 @@ आज्ञाओं को पालन करने का लक्ष्य जीवन में प्रवेश करने के लिए है। -> इस से दाईं ओर या बाईं ओर न मुड़ना *** ताकि जहाँ कहीं तू जाएगा वहां सफल होगा। (यहोशू 1:7 यूएलटी) +> इस से दाईं ओर या बाईं ओर न मुड़ना ताकि जहाँ कहीं तू जाएगा वहां सफल होगा। (यहोशू 1:7 यूएलटी) मूसा ने इस्राएलियों को जो निर्देश दिए थे, उनसे मुँह न मोड़ने का उद्देश्य यही था कि वे सफल हों। diff --git a/translate/grammar-connect-logic-result/01.md b/translate/grammar-connect-logic-result/01.md index e5b2767..5455b27 100644 --- a/translate/grammar-connect-logic-result/01.md +++ b/translate/grammar-connect-logic-result/01.md @@ -52,7 +52,7 @@ > "धन्य हो तुम, जो दीन हो, ***क्योंकि*** परमेश्वर का राज्य तुम्हारा है। (लूका 6:20 यूएलटी) -(1) परमेश्वर का राज्य तुम्हारा है जो दीन हैं। ***इसलिए*, दीन धन्य हैं। +(1) परमेश्वर का राज्य तुम्हारा है जो दीन हैं। **इसलिए**, दीन धन्य हैं। (२) धन्य हैं दीन, *** क्योंकि***परमेश्वर का राज्य तुम्हारा है। diff --git a/translate/grammar-connect-time-background/01.md b/translate/grammar-connect-time-background/01.md index 43f884c..05d10ee 100644 --- a/translate/grammar-connect-time-background/01.md +++ b/translate/grammar-connect-time-background/01.md @@ -14,11 +14,11 @@ #### ओबीएस और बाइबल से उदाहरण -> *** जब सुलैमान बूढ़ा हुआ, तो उसने उनके देवताओं की भी पूजा की। (ओबीएस कहानी 18 खांचा 3) +> *** जब सुलैमान बूढ़ा हुआ, तो उसने उनके देवताओं की भी पूजा की। *** (ओबीएस कहानी 18 खांचा 3) सुलैमान ने विदेशी देवताओं की पूजा करना शुरू कर दिया था जब वह बूढ़ा हो गया था। बूढ़ा होना पृष्ठभूमि की घटना है। अन्य देवताओं की पूजा करना मुख्य घटना है। -> *** अब *** उसके माता-पिता प्रति वर्ष *** यरूशलेम के लिए फसह के त्योहार के लिए जाया करते थे। जब वह बारह वर्ष हुआ, वे फिर से पर्व की रीति पर प्रथा अनुसार निर्धारित समय गए। (ल्यूक 2: 41-42 यूएलटी) +> *** अब *** उसके माता-पिता प्रति वर्ष यरूशलेम के लिए फसह के त्योहार के लिए जाया करते थे। जब वह बारह वर्ष हुआ, वे फिर से पर्व की रीति पर प्रथा अनुसार निर्धारित समय गए। (ल्यूक 2: 41-42 यूएलटी) पहली घटना -- यरुशलेम को जाना - - चल रही है और बहुत पहले शुरू हुई थी। हम इसे "प्रति वर्ष" शब्दों के कारण जानते हैं। यरूशलेम जाना पृष्ठभूमि की घटना है। तब एक घटना शुरू होती है जो उस समय शुरू हुई जब "जब वह बारह वर्ष का था।" इस तरह मुख्य घटना यीशु और उसके परिवार के फसह पर्व मनाने के लिए यरुशलेम की यात्रा करने का विशिष्ट समय है *जब वह बारह वर्ष का था।* @@ -43,7 +43,7 @@ (1) यदि जोड़ने वाला शब्द यह स्पष्ट नहीं करता है कि जो आगे आ रहा है वह पृष्ठभूमि खण्ड है, तो जोड़ने वाले शब्द का उपयोग करें जो इसे और अधिक स्पष्ट रूप से संचारित करता है। ->… ***यह उस समय में हुआ था जब पुन्तियुस पिलातुस यहूदिया का राज्यपाल था, ***और उस समय में*** जब गलील में हेरोदेस इतूरैया, ***और उस समय में*** जब त्रखोनीतिस में, उसका भाई फिलिप्पुस, और अबिलेने में लिसानियास चौथाई के राजा थे, ***और साथ ही उस समय में*** जब हन्ना और कैफा महायाजक थे - तब परमेश्वर का वचन जंगल में जकर्याह के पुत्र यूहन्ना के पास पहुँचा। (लूका 3:1-2 यूएलटी) +>… यह उस समय में हुआ था जब पुन्तियुस पिलातुस यहूदिया का राज्यपाल था, ***और उस समय में*** जब गलील में हेरोदेस इतूरैया, ***और उस समय में*** जब त्रखोनीतिस में, उसका भाई फिलिप्पुस, और अबिलेने में लिसानियास चौथाई के राजा थे, ***और साथ ही उस समय में*** जब हन्ना और कैफा महायाजक थे - तब परमेश्वर का वचन जंगल में जकर्याह के पुत्र यूहन्ना के पास पहुँचा। (लूका 3:1-2 यूएलटी) (2) यदि आपकी भाषा जोड़ने वाले शब्दों का उपयोग करने की तुलना में एक अलग ही तरीके से पृष्ठभूमि खण्ड को चिह्नित करती है, जैसे कि विभिन्न क्रिया रूपों के साथ होता है, तो उसी तरीके का उपयोग करें। diff --git a/translate/grammar-connect-words-phrases/01.md b/translate/grammar-connect-words-phrases/01.md index 82e4957..da505f7 100644 --- a/translate/grammar-connect-words-phrases/01.md +++ b/translate/grammar-connect-words-phrases/01.md @@ -49,7 +49,7 @@ > मैंने तुरंत मांस और लहू के साथ परामर्श नहीं किया, और न ही मैं उन लोगों के पास यरूशलेम गया, जो मुझसे पहले प्रेरित थे, *** परन्तु *** इसके स्थान पर मैं अरब गया और फिर दमिश्क लौट आया। *** फिर *** तीन साल बाद मैं कैफा से भेंट करने के लिए यरूशलेम को गया, और उसके साथ पंद्रह दिन रहा। (गलातियों 1: 16-18 यूएलटी) -शब्द "परन्तु" किसी बात का परिचय देता है कि ** पहले जो कहा गया था, उसके विपरीत ** तुलना ** है। **तुलना** यहाँ पौलुस ने क्या नहीं किया और क्या नहीं किया में है। शब्द "फिर" घटनाओं के एक ** अनुक्रम ** का परिचय देता है। यह कुछ ऐसा परिचय देता है जिसे पौलुस ने दमिश्क से लौटने के पश्चात् किया था। +शब्द "परन्तु" किसी बात का परिचय देता है कि पहले जो कहा गया था, उसके विपरीत ** तुलना ** है। **तुलना** यहाँ पौलुस ने क्या नहीं किया और क्या नहीं किया में है। शब्द "फिर" घटनाओं के एक ** अनुक्रम ** का परिचय देता है। यह कुछ ऐसा परिचय देता है जिसे पौलुस ने दमिश्क से लौटने के पश्चात् किया था। > *** इसलिए *** जो कोई भी इनमें से छोटी से छोटी में से किसी एक को तोड़े ***और*** वैसा ही दूसरों को सिखाए, वह स्वर्ग के राज्य में छोटा कहलाएगा । ***परन्तु*** जो कोई उनका पालन करता है और उन्हें सिखाता है उसे स्वर्ग के राज्य में महान कहा जाएगा। (मत्ती 5:19 यूएलटी) @@ -77,7 +77,7 @@ उन्होंने यीशु का अनुसरण किया ***क्योंकि*** उसने उनसे ऐसा करने के लिए कहा। कुछ अनुवादक इस खण्ड को जोड़ने वाले शब्द "ऐसा" के साथ चिह्नित करना चाहेंगे। ->> यीशु ने उनसे कहा, "मेरे पीछे आओ, और मैं तुम्हें पुरुषों का मछुआरा बनाउंगा।" *** इसलिए ~ तुरंत उन्होंने अपने जालों को छोड़ दिया और उसके पीछे हो लिए। +>> यीशु ने उनसे कहा, "मेरे पीछे आओ, और मैं तुम्हें पुरुषों का मछुआरा बनाउंगा।" इसलिए ~ तुरंत उन्होंने अपने जालों को छोड़ दिया और उसके पीछे हो लिए। (2) जोड़ने वाले एक शब्द का उपयोग तब तक न करें यदि उसका उपयोग करना विषय प्रतीत हो और लोग इसके बिना ही विचारों के बीच सही संबंध को समझेंगे।। @@ -95,8 +95,8 @@ (3) एक अलग जोड़ने वाले शब्द का उपयोग करें। -> ***** इसलिए *** जो कोई भी इनमें से छोटी से छोटी में से किसी एक को तोड़े, वैसा ही दूसरों को सिखाए, वह स्वर्ग के राज्य में छोटा कहलाएगा। ***परन्तु*** जो कोई उनका पालन करता है और उन्हें सिखाता है उसे स्वर्ग के राज्य में महान कहा जाएगा। (मत्ती 5:19 यूएलटी) +> *** इसलिए *** जो कोई भी इनमें से छोटी से छोटी में से किसी एक को तोड़े, वैसा ही दूसरों को सिखाए, वह स्वर्ग के राज्य में छोटा कहलाएगा। ***परन्तु*** जो कोई उनका पालन करता है और उन्हें सिखाता है उसे स्वर्ग के राज्य में महान कहा जाएगा। (मत्ती 5:19 यूएलटी) "इसलिए" जैसे शब्द के स्थान पर, एक भाषा को यह इंगित करने के लिए एक वाक्यांश की आवश्यकता हो सकती है कि इससे पहले भी एक खण्ड था जो उस खण्ड का कारण प्रदान करता था जो इसके बाद में आता है। साथ ही, शब्द "परन्तु" का उपयोग यहां दो समूहों के लोगों के बीच विपरीतता को दिखाने के लए किया जाता है। परन्तु कुछ भाषाओं में, शब्द "परन्तु" यह दर्शाता है कि इसके बाद जो आता है वह आश्चर्यचकित करने वाला है इसका कारण इससे पहले जो कुछ आया है। इसलिए "और" उन भाषाओं के लिए स्पष्ट हो सकता है। वे इस तरह अनुवाद कर सकते हैं: -> ***** क्योंकि इस कारण ***, जो कोई भी इनमें से छोटी से छोटी में से किसी एक को तोड़े, वैसा ही दूसरों को सिखाए, वह स्वर्ग के राज्य में छोटा कहलाएगा। ***और*** जो कोई उनका पालन करता है और उन्हें सिखाता है उसे स्वर्ग के राज्य में महान कहा जाएगा। +> *** क्योंकि इस कारण ***, जो कोई भी इनमें से छोटी से छोटी में से किसी एक को तोड़े, वैसा ही दूसरों को सिखाए, वह स्वर्ग के राज्य में छोटा कहलाएगा। ***और*** जो कोई उनका पालन करता है और उन्हें सिखाता है उसे स्वर्ग के राज्य में महान कहा जाएगा। diff --git a/translate/guidelines-accurate/01.md b/translate/guidelines-accurate/01.md index 1c197b7..9c1cfec 100644 --- a/translate/guidelines-accurate/01.md +++ b/translate/guidelines-accurate/01.md @@ -1,4 +1,3 @@ - ### सटीक अनुवाद बाइबल का **सटीक**अनुवाद बनाने का अर्थ है कि अनुवाद स्रोत के जैसे ही सन्देश को संचारित करता है। अनुसरण करने के लिए यहाँ कुछ चरण दिए गए हैं: diff --git a/translate/guidelines-authoritative/01.md b/translate/guidelines-authoritative/01.md index 150d4da..9740eee 100644 --- a/translate/guidelines-authoritative/01.md +++ b/translate/guidelines-authoritative/01.md @@ -1,4 +1,3 @@ - एक **आधिकारिक** बाइबल अनुवाद वह है, जो कि बाइबल की सामग्री के अर्थ के प्रति सर्वोच्च अधिकारी के रूप में मूल भाषाओं में बाइबल आधारित मूलपाठों पर आधारित है। जब भी बाइबल के दो या दो से अधिक अनुवाद बाइबल सन्दर्भ के अर्थ से असहमत होते हैं, तो यह मूल भाषा है जिसके पास अर्थ को निर्धारित करने का अन्तिम अधिकार होता है। कभी-कभी लोग कुछ लोग कुछ निश्चित बाइबल अनुवादों के प्रति बहुत अधिक विश्वासयोग्य होते हैं, जिनके वे पढ़ने में अभ्यस्त होते हैं, और दूसरे लोगों के साथ तर्क वितर्क कर सकते हैं, जो एक अलग बाइबल अनुवाद के प्रति विश्वासयोग्य हैं। diff --git a/translate/guidelines-church-approved/01.md b/translate/guidelines-church-approved/01.md index b685659..be00cd3 100644 --- a/translate/guidelines-church-approved/01.md +++ b/translate/guidelines-church-approved/01.md @@ -1,4 +1,3 @@ - ### चर्च-स्वीकृत अनुवाद एक अच्छे अनुवाद के पहले तीन गुण **स्पष्ट** हैं (देखें [स्पष्ट अनुवाद बनाएँ](../guidelines-clear/01.md)), **स्वभाविक** (देखें [स्वभाविक अनुवाद बनाएँ]), और**सटीक** (देखें [सटीक अनुवाद बनाएँ])। diff --git a/translate/guidelines-clear/01.md b/translate/guidelines-clear/01.md index 3e8522e..2cf3e1a 100644 --- a/translate/guidelines-clear/01.md +++ b/translate/guidelines-clear/01.md @@ -1,4 +1,3 @@ - ### स्पष्ट अनुवाद पाठकों को आसानी से पढ़ने और समझने में सहायता के लिए एक स्पष्ट अनुवाद जो भी भाषाई संरचना की आवश्यकता होती है, उसका उपयोग करेगा। @@ -13,7 +12,6 @@ स्रोत मूलपाठ से स्पष्ट अनुवाद बनाने के लिए यहाँ कुछ विचार दिए गए हैं: - #### सर्वनामों की जाँच करें आपको स्रोत मूलपाठ में सर्वनामों की जाँच करनी होगी और यह स्पष्ट करना होगा कि प्रत्येक सर्वनाम किसके सन्दर्भ में है या क्या है। @@ -26,14 +24,13 @@ यदि यह स्पष्ट नहीं है, तो एक सर्वनाम की अपेक्षा किसी व्यक्ति या वस्तु का नाम रखना आवश्यक हो सकता है। - #### प्रतिभागियों की पहचान करें इसके बाद आपको यह समझने की आवश्यकता है कि कौन कार्यवाही कर रहा है। एक स्पष्ट अनुवाद** प्रतिभागियों ** की पहचान करेगा। - ्रतिभागी** एक घटना में लोग या वस्तुएँ होती हैं, जो उस घटना में भाग लेते हैं। +** प्रतिभागी** एक घटना में लोग या वस्तुएँ होती हैं, जो उस घटना में भाग लेते हैं। वह कर्ता जो कार्यवाही कर रहा है और जिस वस्तु पर कार्यवाही की गई है, वह मुख्य **प्रतिभागी** है। @@ -41,7 +38,6 @@ सामान्य रूप से यह सन्दर्भ से स्पष्ट होगा। - #### स्पष्ट रूप से घटना के विचार को व्यक्त करें कई **घटना**विचार गेटवे अर्थात् प्रवेशिका भाषा में संज्ञा के रूप में हो सकती हैं। @@ -56,14 +52,13 @@ आपको इसे सुनिश्चित करने के लिए प्रत्येक**घटना** वाले विचार को एक सक्रिय खण्ड में परिवर्तित करने की आवश्यकता हो सकती है। - #### निष्क्रिय क्रियाएँ एक स्पष्ट अनुवाद को **निष्क्रिय** क्रियाओं से **सक्रिय** क्रियाओं में परिवर्तित करने की आवश्यकता हो सकती है। देखें [सक्रिय या निष्क्रिय](../figs-activepassive/01.md) - ्रिय** रूप में, वाक्य का कर्ता वह व्यक्ति होता है, जो कार्यवाही करता है। +** क्रिय** रूप में, वाक्य का कर्ता वह व्यक्ति होता है, जो कार्यवाही करता है। - िष्क्रिय** रूप में, वाक्य का कर्ता वह व्यक्ति या वस्तु है, जिस पर कार्यवाही की जाती है। उदाहरण के लिए, "यूहन्ना ने बिल को मारा" एक सक्रिय वाक्य है। "बिल यूहन्ना के द्वारा मारा गया था" एक निष्क्रिय वाक्य है। +** निष्क्रिय** रूप में, वाक्य का कर्ता वह व्यक्ति या वस्तु है, जिस पर कार्यवाही की जाती है। उदाहरण के लिए, "यूहन्ना ने बिल को मारा" एक सक्रिय वाक्य है। "बिल यूहन्ना के द्वारा मारा गया था" एक निष्क्रिय वाक्य है। कई भाषाओं में**निष्क्रिय**रूप नहीं है, केवल**सक्रिय**रूप विद्यमान होता है। @@ -71,7 +66,6 @@ यद्यपि, कुछ भाषाएँ **निष्क्रिय**रूपों का उपयोग करना पसन्द करती हैं। अनुवादकों को उन रूपों का उपयोग करना चाहिए, जो लक्षित भाषा में सबसे अधिक स्वभाविक हैं। - #### प्रत्येक वाक्यांश के 'का' को देखें एक स्पष्ट अनुवाद करने के लिए, आपको "का" से जुड़ी संज्ञाओं के बीच सम्बन्धों के अर्थ की पहचान करने के लिए प्रत्येक वाक्यांश के "का" को भी देखना होगा। कई भाषाओं में, "का" के निर्माण निरन्तर नहीं पाया जाता है, जितना कि बाइबल की मूल भाषाओं में पाया जाता है। प्रत्येक के अर्थ का अध्ययन करें और का "वाक्यांश" को पुन: व्यक्त करें जिससे भागों के बीच सम्बन्ध स्पष्ट हो जाए। @@ -82,7 +76,6 @@ स्मरण रखें: अनुवाद जितना सम्भव हो उतना सटीकता के साथ, मूल सन्देश के अर्थ को लक्षित भाषा में स्पष्ट और स्वभाविक रूप से पुन: कहना होता है। - #### स्पष्ट रूप से लिखना स्वयं से इन प्रश्नों से पूछने से आप एक अनुवाद बनाने में भी सहायता कर सकते हैं जो स्पष्ट रूप से निम्न बातों को संचारित करता है: diff --git a/translate/guidelines-collaborative/01.md b/translate/guidelines-collaborative/01.md index 5bf9abd..9049c26 100644 --- a/translate/guidelines-collaborative/01.md +++ b/translate/guidelines-collaborative/01.md @@ -1,4 +1,3 @@ - बाइबल अनुवाद जो **सहयोगी** होते हैं, वे होते हैं, जिनका अनुवाद उसी भाषा के वक्ताओं के समूह द्वारा किया गया है। यह सुनिश्चित करने के लिए कि आपका अनुवाद उच्च गुणवत्ता का है, अन्य विश्वासियों के साथ मिलकर काम करें, जो अनुवादित सामग्री का अनुवाद, जाँच और वितरण करने के लिए आपकी भाषा बोलते हैं। दूसरों के लिए अनुवाद की गुणवत्ता में सुधार करने में सहायता करने के कुछ तरीके यहाँ दिए गए हैं। * किसी के सामने जोर से अनुवाद को पढ़ें। यदि वाक्यों को अच्छी तरह से जोड़ता है, तो उसे उस पर ध्यान देने के लिए कहें। उस व्यक्ति से उन शब्दों या वाक्यांशों को इंगित करने के लिए कहें जो सही नहीं हैं या अस्पष्ट हैं। परिवर्तन करें ताकि ऐसा लगे कि जैसे आपके समुदाय का कोई व्यक्ति बोल रहा है। diff --git a/translate/guidelines-equal/01.md b/translate/guidelines-equal/01.md index e0dab2c..b3a1792 100644 --- a/translate/guidelines-equal/01.md +++ b/translate/guidelines-equal/01.md @@ -1,11 +1,11 @@ - एक**समतुल्य**अनुवाद लक्षित भाषा में समान तरीके से लेकर स्रोत भाषा से किसी भी अभिव्यक्तिपूर्ण अर्थ को संचारित करता है। विशेष रूप से स्रोत मूलपाठ में रूपों अर्थात् ढ़ाचें पर ध्यान दें, जो निश्चित प्रकार की भावनाओं को संचारित करते हैं और लक्षित भावनाओं में रूपों का चयन करते हैं, जो एक जैसी भावनाओं को संचारित करते हैं। इनमें से कुछ रूपों या ढ़ाचों के उदाहरणों यहाँ दिए गए हैं। #### मुहावरे - रिभाषा** - एक मुहावरा शब्दों का एक ऐसा समूह होता है, जिसका अर्थ उससे भिन्न होता है, जिसे एक व्यक्ति के द्वारा कहे हुए शब्दों के अर्थों से समझ गया होता है। मुहावरे, नीतिवचन, और शब्द प्रारूप या अंलकारों का अर्थ निर्धारित करें और उन्हें अपनी भाषा में अभिव्यक्तियों के साथ अनुवाद करें जिसका अर्थ एक जैसा है। +** परिभाषा** - एक मुहावरा शब्दों का एक ऐसा समूह होता है, जिसका अर्थ उससे भिन्न होता है, जिसे एक व्यक्ति के द्वारा कहे हुए शब्दों के अर्थों से समझ गया होता है। मुहावरे, नीतिवचन, और शब्द प्रारूप या अंलकारों का अर्थ निर्धारित करें और उन्हें अपनी भाषा में अभिव्यक्तियों के साथ अनुवाद करें जिसका अर्थ एक जैसा है। + +** विवरण** - सामान्य रूप से मुहावरे का अनुवाद शाब्दिक रूप से किसी अन्य भाषा में नहीं किया जा सकता है। - िवरण** - सामान्य रूप से मुहावरे का अनुवाद शाब्दिक रूप से किसी अन्य भाषा में नहीं किया जा सकता है। मुहावरे का अर्थ इस तरह से व्यक्त किया जाना चाहिए कि दूसरी भाषा में स्वभाविक हो। प्रेरितों 18:6 के एक जैसे अर्थों के साथ तीन अनुवाद यहाँ दिए गए हैं: * "आपका खून आपके सिर पर हो! मैं निर्दोष हूँ।” (आरएसवी अनुवाद) @@ -16,14 +16,14 @@ #### अलंकार - रिभाषा** - एक शब्द प्रारूप या अंलकार ध्यान देने या जो कहा जाता है, उसके बारे में भाव को व्यक्त करने के लिए कुछ कहने का एक विशेष तरीका होता है। +** परिभाषा** - एक शब्द प्रारूप या अंलकार ध्यान देने या जो कहा जाता है, उसके बारे में भाव को व्यक्त करने के लिए कुछ कहने का एक विशेष तरीका होता है। - िवरण** - अपने पूर्ण रूप से अंलकार का अर्थ एक व्यक्ति के शब्दों के सामान्य अर्थ से भिन्न होता है। यहाँ कुछ उदाहरण दिए गए हैं: +** विवरण** - अपने पूर्ण रूप से अंलकार का अर्थ एक व्यक्ति के शब्दों के सामान्य अर्थ से भिन्न होता है। यहाँ कुछ उदाहरण दिए गए हैं: * मैं टूट गया था! वक्ता सचमुच में नहीं टूटा था, परन्तु उसने बहुत बुरा महसूस किया। * मैं जो कह रहा था उसके प्रति उसने अपना कान बन्द कर लिए थे। अर्थ, "मैं जो कह रहा था उसने सुनना नहीं चाहा।" * हवा पेड़ों को रूला रही थी . इसका अर्थ है कि पेड़ होती हुई जाने वाली हवा एक व्यक्ति की तरह रोती हुई प्रतीत हो रही थी। -* पूरी संसार सभा में आया था . संसार में से हर कोई सभा में सम्मिलित नहीं हुआ था। +* पूरी संसार सभा में आया था . संसार में से हर कोई सभा में सम्मिलित नहीं हुआ था। सभा में कई लोग थे। प्रत्येक भाषा विभिन्न अंलकारों का उपयोग करती है। सुनिश्चित करें कि आप इसे कर सकते हैं: @@ -35,13 +35,13 @@ #### भाषणगत प्रश्न - रिभाषा** - भाषणगत या आलंकारिक प्रश्न एक और तरीका है, जिसमें वक्ता पाठक का ध्यान आकर्षित करता है। +** परिभाषा** - भाषणगत या आलंकारिक प्रश्न एक और तरीका है, जिसमें वक्ता पाठक का ध्यान आकर्षित करता है। - िवरण** - भाषणगत प्रश्न एक प्रकार का प्रश्न है, जो किसी उत्तर की अपेक्षा नहीं करता है या जानकारी नहीं मांगता है। वे सामान्य रूप से किसी प्रकार की भावना व्यक्त करते हैं और उन्हें एक ताड़ना, चेतावनी, आश्चर्य व्यक्त करने, या कुछ और के रूप में लक्षित किया जा सकता है। +** विवरण** - भाषणगत प्रश्न एक प्रकार का प्रश्न है, जो किसी उत्तर की अपेक्षा नहीं करता है या जानकारी नहीं मांगता है। वे सामान्य रूप से किसी प्रकार की भावना व्यक्त करते हैं और उन्हें एक ताड़ना, चेतावनी, आश्चर्य व्यक्त करने, या कुछ और के रूप में लक्षित किया जा सकता है। उदाहरण के लिए, मत्ती 3:7 देखें -"तुम जहरीले सांपों की सन्तान हो, जिन्होंने स्वयं को आने वाले क्रोध से भागने की चेतावनी दी है?" +"तुम जहरीले सांपों की सन्तान हो, जिन्होंने स्वयं को आने वाले क्रोध से भागने की चेतावनी दी है?" यहाँ कोई उत्तर अपेक्षित नहीं है। वक्ता जानकारी नहीं मांग रहा है; वह अपने सुनने वालों को ताड़ना दे रहा है। परमेश्वर के क्रोध के लिए इन लोगों को चेतावनी देना अच्छा नहीं है, क्योंकि वे इससे बचने का एकमात्र तरीका: अपने पापों से पश्चाताप करने के लिए मना करते हैं। यदि आपकी भाषा इस तरह से भाषणगत प्रश्नों का उपयोग नहीं करती है, तो जब आप अनुवाद करते हैं, तो आपको इस भाषणगत प्रश्न को एक कथन के रूप में पुन: स्थापित करने की आवश्यकता हो सकती है। परन्तु स्मरण रखें, एक ही उद्देश्य और अर्थ को रखना सुनिश्चित करें, और मूल भाषणगत प्रश्नों की जैसी भावनाओं को संचारित करें। @@ -49,15 +49,15 @@ #### विस्मयादिबोधक - रिभाषा** - भाषाएँ भावनाओं को संचारित करने के लिए विस्मयादिबोधक का उपयोग करती हैं। कभी-कभी विस्मयादिबोधक शब्द या शब्दों में भावनाओं की अभिव्यक्ति के अतिरिक्त अन्य अर्थ नहीं होते हैं, जैसे अंग्रेजी में शब्द "आह" या "वाह" का होना। देखें, उदाहरण के लिए, 1 शमूएल 4:8: **हमारे ऊपर हाय**! इन सामर्थी देवताओं की सामर्थ्य से हमें कौन बचाएगा? (यूएलबी अनुवाद) +** परिभाषा** - भाषाएँ भावनाओं को संचारित करने के लिए विस्मयादिबोधक का उपयोग करती हैं। कभी-कभी विस्मयादिबोधक शब्द या शब्दों में भावनाओं की अभिव्यक्ति के अतिरिक्त अन्य अर्थ नहीं होते हैं, जैसे अंग्रेजी में शब्द "आह" या "वाह" का होना। देखें, उदाहरण के लिए, 1 शमूएल 4:8: **हमारे ऊपर हाय**! इन सामर्थी देवताओं की सामर्थ्य से हमें कौन बचाएगा? (यूएलबी अनुवाद) -यहाँ "हाय" के रूप में अनुवादित इब्रानी शब्द कुछ बुरा होने के बारे में दृढ़ भाव को व्यक्त करता है। यदि सम्भव हो, तो अपनी भाषा में विस्मयादिबोधक की खोज करने का प्रयास करें जो इस जैसे ही भाव को संचारित करता है। +यहाँ "हाय" के रूप में अनुवादित इब्रानी शब्द कुछ बुरा होने के बारे में दृढ़ भाव को व्यक्त करता है। यदि सम्भव हो, तो अपनी भाषा में विस्मयादिबोधक की खोज करने का प्रयास करें जो इस जैसे ही भाव को संचारित करता है। #### काव्य - रिभाषा** - काव्य के प्रयोजनों में से एक किसी वस्तु के बारे में भाव को व्यक्त करना होता है। +** परिभाषा** - काव्य के प्रयोजनों में से एक किसी वस्तु के बारे में भाव को व्यक्त करना होता है। - िवरण** - काव्य इस कार्य को भिन्न तरीकों से करती है, जो कि भिन्न भाषाओं में भिन्न हो सकती हैं। +** विवरण** - काव्य इस कार्य को भिन्न तरीकों से करती है, जो कि भिन्न भाषाओं में भिन्न हो सकती हैं। इन तरीकों में अब तक चर्चा की गई सभी बातें सम्मिलित हो सकती हैं, जैसे अंलकार और विस्मयादिबोधक इत्यादि। काव्य साधारण कथन की तुलना में भिन्न तरह की व्याकरण का भी उपयोग कर सकती है, या भावनाओं को व्यक्त करने के लिए समान ध्वनियों या कुछ ताल के साथ शब्दों की भूमिकाओं या शब्दों का उपयोग कर सकती है। @@ -65,6 +65,6 @@ काव्य के यह वचन दो पंक्तियों में एक जैसे विचार को दोहराते हैं, जो अच्छी इब्रानी की काव्य शैली है। इसके अतिरिक्त, मूल इब्रानी में कोई क्रिया नहीं होती है, जिसमें साधारण कथन की तुलना में व्याकरण का एक अलग तरह से उपयोग होता है। आपकी भाषा में काव्य में भिन्न बातें हो सकती हैं, जो इसे काव्य के रूप में चिह्नित करती हैं। जब आप काव्य का अनुवाद कर रहे होते हैं, तो अपनी भाषा के रूपों का उपयोग करने का प्रयास करें जो पाठक को संचारित करती हैं कि यह काव्य साहित्य है, और यह उसी भावनाओं को संचारित करता है, जिसमें स्रोत काव्य संचारित करने की प्रयास कर रही है। - ्मरण रखें:** मूल पाठ की भावनाओं और दृष्टिकोणों को संचारित करें। उन्हें उन रूपों में अनुवाद करें जो आपकी भाषा में उसी तरीके को संचारित करते हैं। +** स्मरण रखें:** मूल पाठ की भावनाओं और दृष्टिकोणों को संचारित करें। उन्हें उन रूपों में अनुवाद करें जो आपकी भाषा में उसी तरीके को संचारित करते हैं। इस बात पर विचार करें कि इसका अर्थ कैसे **सटीक**, **स्पष्ट**, **एक जैसा**, और लक्षित भाषा में**स्वाभाविक रूप से व्यक्त** हो सकता है। diff --git a/translate/guidelines-faithful/01.md b/translate/guidelines-faithful/01.md index 8b4d6fb..7c06763 100644 --- a/translate/guidelines-faithful/01.md +++ b/translate/guidelines-faithful/01.md @@ -1,4 +1,3 @@ - ### विश्वासयोग्य अनुवाद बाइबल के लिए **विश्वासयोग्य** अनुवाद करने के लिए, आपको अपने अनुवाद में किसी राजनीतिक, साम्प्रदायिक, वैचारिक, सामाजिक, सांस्कृतिक, या धार्मिक पूर्वाग्रह से बचना चाहिए। diff --git a/translate/guidelines-historical/01.md b/translate/guidelines-historical/01.md index f81cd87..df6843c 100644 --- a/translate/guidelines-historical/01.md +++ b/translate/guidelines-historical/01.md @@ -1,4 +1,3 @@ - (http://ufw.io/trans_culture पर दिए गए वीडियो "पवित्रशास्त्र की – संस्कृति का अनुवाद करना" देखें।) एक**ऐतिहासिक परिभाषा**अनुवाद ऐतिहासिक घटनाओं और तथ्यों को सटीकता के साथ संचारित करती है। मूल सामग्री के मूल प्राप्तकर्ताओं के समतुल्य सन्दर्भ और संस्कृति को साझा नहीं करने वाले लोगों को इच्छित सन्देश को सटीक रूप से संचारित करने के लिए आवश्यकतानुसार अतिरिक्त जानकारी प्रदान करना। ऐतिहासिक सटीकता के साथ अच्छी तरह से संचारित करने के लिए, आपको दो बातों को स्मरण रखने की आवश्यकता है: diff --git a/translate/guidelines-intro/01.md b/translate/guidelines-intro/01.md index 4ca1dc2..5d95e6d 100644 --- a/translate/guidelines-intro/01.md +++ b/translate/guidelines-intro/01.md @@ -1,4 +1,3 @@ - ### चार मुख्य गुण एक अच्छे अनुवाद के चार मुख्य गुण हैं। यह होना चाहिए: diff --git a/translate/guidelines-natural/01.md b/translate/guidelines-natural/01.md index be7c241..112e6f4 100644 --- a/translate/guidelines-natural/01.md +++ b/translate/guidelines-natural/01.md @@ -1,4 +1,3 @@ - ### स्वभाविक अनुवाद बाइबल का अनुवाद करने का **स्वभाविक**अर्थ यह है कि: अनुवाद ऐसा प्रतीत हो कि जैसे यह लक्षित समूह के एक सदस्य द्वारा लिखा गया था-एक परदेशी के द्वारा नहीं। स्वभाविक अनुवाद करने के लिए यहाँ कुछ विचार दिए गए हैं: @@ -15,7 +14,6 @@ शब्दों के उन समूहों में से प्रत्येक को एक साथ रखें और इस तरह वाक्य को अपने अलग विचारों या भागों में विभाजित करें। यह सुनिश्चित करने के लिए कि वे अभी भी भाव को दे रहे हैं, नए वाक्यों को पढ़ें। यदि कोई समस्या है, तो आपको लम्बे वाक्य को अलग तरीके से विभाजित करने की आवश्यकता हो सकती है। जब आप नए वाक्यों के सन्देश को समझते हैं, तो उन्हें लक्षित भाषा में अनुवाद करें, वाक्यों को स्वभाविक लम्बाई दें और उन्हें स्वभाविक तरीके से आपस में जोड़ें। तत्पश्चात् भाषा समुदाय के एक सदस्य को इसे दिखा कर अपने अनुवाद का परीक्षा करें कि यह स्वभाविक लगता है या नहीं। - #### अपना लोग जिस तरह से बात करते हैं उसे लिखें बाइबल के सन्दर्भ या अध्याय को पढ़ें और स्वयं से पूछें, "यह किस प्रकार का सन्देश है?" फिर उस सन्दर्भ या अध्याय का अनुवाद इस तरीके से करें कि आपकी भाषा उस तरह के सन्देश को संचारित करे। उदाहरण के लिए, यदि सन्दर्भ एक वचन है, जैसे कि भजन संहिता में, तो इसे इस रूप अर्थात् ढ़ाचें में अनुवाद करें कि आपके लोग इसे वचन के ही रूप में पहचान जाएँ। या यदि सन्दर्भ जीवन व्यतीत करने के सही तरीके के बारे में एक उपदेश है, जैसे नए नियम के पत्रों में पाया जाता है, तो इसे इस रूप में अनुवाद करें कि आपकी भाषा में लोग एक-दूसरे को प्रोत्साहित कर सकें। diff --git a/translate/guidelines-ongoing/01.md b/translate/guidelines-ongoing/01.md index 944d7f6..6648ef0 100644 --- a/translate/guidelines-ongoing/01.md +++ b/translate/guidelines-ongoing/01.md @@ -1,4 +1,3 @@ - बाइबल अनुवाद **चलता हुआ** होना चाहिए. यह देखने के लिए कि क्या वे सन्देश के अर्थ को समझते हैं, दूसरों के साथ अनुवाद को साझा करें। उनके सहयोग के द्वारा अपने अनुवाद में सुधार करें। समझ और सटीकता बढ़ाने के लिए अनुवाद को संशोधित करना सदैव एक अच्छा विचार है। जब भी किसी के पास अनुवाद को सर्वोत्तम रीति से बनाने के लिए कोई अच्छा विचार हो, तो आपको उस परिवर्तन को सम्मिलित करने के लिए अनुवाद को संपादित करना चाहिए। जब आप अनुवाद स्टूडियो या अन्य इलेक्ट्रॉनिक मूलपाठ संपादकों का उपयोग करते हैं, तो आप संशोधन और सुधार को करते रहने की प्रक्रिया को बनाए रख सकते हैं। * समीक्षाकर्ताओं की आवश्यकता होती है, जो अनुवाद पढ़ सकते हैं और मूलपाठ को इंगित कर सकते हैं, जिस में संशोधन की आवश्यकता होती है। diff --git a/translate/guidelines-sonofgod/01.md b/translate/guidelines-sonofgod/01.md index 93d9c68..d6a58ee 100644 --- a/translate/guidelines-sonofgod/01.md +++ b/translate/guidelines-sonofgod/01.md @@ -1,4 +1,3 @@ - ### परमेश्वर एक है, और वह पवित्र त्रिएकत्व या त्रित्व अर्थात पिता, पुत्र और पवित्र आत्मा के रूप में विद्यमान है #### बाइबल शिक्षा देती है कि केवल एक ही परमेश्वर है। diff --git a/translate/guidelines-sonofgodprinciples/01.md b/translate/guidelines-sonofgodprinciples/01.md index 2eb9ad3..dde6fc8 100644 --- a/translate/guidelines-sonofgodprinciples/01.md +++ b/translate/guidelines-sonofgodprinciples/01.md @@ -1,4 +1,3 @@ - Door43 उन बाइबल अनुवादों का समर्थन करता है, जो इन अवधारणाओं का प्रतिनिधित्व करती हैं, जब वे परमेश्वर का उल्लेख करती हैं। ### बाइबल की गवाही @@ -37,7 +36,7 @@ Door43 उन बाइबल अनुवादों का समर्थन ### मानवीय सम्बन्ध - ानवीय पिता और पुत्र सिद्ध नहीं हैं, परन्तु बाइबल तौभी उन शब्दों का उपयोग करती है, जिसे पिता और पुत्र के लिए किया जाता हैं, जो सिद्ध हैं।** +** मानवीय पिता और पुत्र सिद्ध नहीं हैं, परन्तु बाइबल तौभी उन शब्दों का उपयोग करती है, जिसे पिता और पुत्र के लिए किया जाता हैं, जो सिद्ध हैं।** आज की तरह ही, बाइबल के समयों में भी मानवीय पिता-पुत्र सम्बन्ध उतने अधिक प्रेममयी और सिद्ध नहीं जैसे कि यीशु और उसके पिता के बीच में थे। परन्तु इसका अर्थ यह नहीं है कि अनुवादक को पिता और पुत्र की अवधारणाओं से बचना चाहिए। पवित्रशास्त्र इन शब्दों का उपयोग परमेश्वर, सिद्ध पिता और पुत्र के साथ-साथ पाप से भरे हुए मानवीय पिता और पुत्रों के सन्दर्भ में करता है। पिता और पुत्र के रूप में परमेश्वर का वर्णन करते हुए, अपनी भाषा में शब्दों का चयन करें जिनका व्यापक रूप से मानवीय "पिता" और "पुत्र" के सन्दर्भ में उपयोग किया जाता है। diff --git a/translate/qualifications/01.md b/translate/qualifications/01.md index 6536be3..9fd1f94 100644 --- a/translate/qualifications/01.md +++ b/translate/qualifications/01.md @@ -1,4 +1,3 @@ - ### अनुवादक या अनुवाद समूह की योग्यताएँ अनुवाद संजाल अर्थात् नेटवर्क में सम्मिलित होने वाले चर्च नेटवर्क के अगुओं को उन लोगों को चुनते समय निम्नलिखित प्रश्नों पर विचार करना चाहिए जो अनुवाद समूह के सदस्य होंगे। ये प्रश्न चर्च और समुदाय के अगुओं को यह जानने में सहायता करेंगे कि वे जिन लोगों को चुनते हैं, वे सफलतापूर्वक बाइबल या ओपन बाइबल की कहानियों का अनुवाद करने में सक्षम होंगे। diff --git a/translate/resources-alter/01.md b/translate/resources-alter/01.md index 002307d..0be3e07 100644 --- a/translate/resources-alter/01.md +++ b/translate/resources-alter/01.md @@ -1,4 +1,3 @@ - ### विवरण यदि लक्षित भाषा प्राथमिकता देती है या इसे किसी भिन्न रूप अर्थात् ढ़ाचें की आवश्यकता होती है तो यूएलबी अनुवाद के रूप को परिवर्तित करने का एक वैकल्पिक तरीका है। वैकल्पिक अनुवाद का उपयोग केवल तभी किया जाना चाहिए जब यूएलबी अनुवाद का रूप अर्थात् ढ़ांचा या सामग्री गलत अर्थ दे, या अस्पष्ट या अस्वभाविक हो। उदाहरण के लिए, वैकल्पिक अनुवाद के सुझाव में अन्तर्निहित जानकारी स्पष्ट रूप से, कर्म वाच्य से कर्ता वाच्य में परिवर्तित करते हुए बताई जा सकती है, या कथन के रूप में भाषणगत प्रश्नों को पुन: प्रस्तुत करना सम्मिलित होता है। नोट्स अक्सर समझाते हैं कि वैकल्पिक अनुवाद क्यों होता है और उसका पृष्ठ के साथ सम्पर्क होता है, जो विषय की व्याख्या करता है। @@ -7,17 +6,17 @@ "AT:" इंगित करता है कि यह एक वैकल्पिक अनुवाद है। कुछ उदाहरण निम्न दिए गए हैं: - स्पष्ट जानकारी को स्पष्ट करना** +** अस्पष्ट जानकारी को स्पष्ट करना** > यह मादियों और फारसियों का कानून है, कि ऐसा कोई राजाज्ञा या विधान नहीं है, जिस से राजा के राजपत्र को बदला जा सकता है . (दानिय्येल 6:15 यूएलबी) -* **कोई राजाज्ञा...नहीं बदली जा सकता है** - समझ पाने में सहायता के लिए यहाँ एक अतिरिक्त वाक्य जोड़ा जा सकता है। +* **कोई राजाज्ञा...नहीं बदली जा सकता है** - समझ पाने में सहायता के लिए यहाँ एक अतिरिक्त वाक्य जोड़ा जा सकता है। वैकल्पिक अनुवाद "कोई राजाज्ञा नहीं बदली जा सकती है। इसलिए उन्हें दानिय्येल को सिंहों के गड्ढे में फेंक देना चाहिए।” (देखें: *स्पष्ट*) अतिरिक्त वाक्य दिखाता है कि वक्ता चाहता था कि राजा अपने स्मरणपत्र से समझ प्राप्त कर सके कि राजा की राजाज्ञा और विधानों को नहीं बदला जा सकता है। अनुवादकों को अनुवाद में स्पष्ट रूप से कुछ बातों को बताने की आवश्यकता हो सकती है, जिसे मूल वक्ता या लेखक बिना कहे हुए या अस्पष्ट छोड़ देता है। - र्म वाच्य से कर्ता वाच्य में परिवर्तन करना** +** कर्म वाच्य से कर्ता वाच्य में परिवर्तन करना** > जो पवित्र आत्मा की निन्दा करता है, उसे क्षमा नहीं किया जाएगा . (लूका 12:10 यूएलबी) @@ -25,7 +24,7 @@ वैकल्पिक अनुवाद: परमेश्वर उसे क्षमा नहीं करेगा। -इसे एक क्रिया का उपयोग करके सकारात्मक तरीके से भी व्यक्त किया जा सकता है अर्थात् "क्षमा करना" के विपरीत को व्यक्त करना। +इसे एक क्रिया का उपयोग करके सकारात्मक तरीके से भी व्यक्त किया जा सकता है अर्थात् "क्षमा करना" के विपरीत को व्यक्त करना। वैकल्पिक अनुवाद @@ -33,7 +32,7 @@ यह नोट उदाहरण देता है कि अनुवादक कैसे इस कर्म वाची वाक्य का अनुवाद कर सकते हैं, यदि उनकी भाषा कर्म वाची वाक्य का उपयोग नहीं करती है। - ाषणगत प्रश्न** +** भाषणगत प्रश्न** > हे शाऊल, हे शाऊल, तू मुझे क्यों सता रहा है? (प्रेरितों 9:4 यूएलबी) diff --git a/translate/resources-alterm/01.md b/translate/resources-alterm/01.md index 14ab9b9..adc4d83 100644 --- a/translate/resources-alterm/01.md +++ b/translate/resources-alterm/01.md @@ -1,4 +1,3 @@ - #### विवरण वैकल्पिक अर्थ यह है कि जब बाइबल के विद्वानों के पास कोई शब्द या वाक्यांश का अर्थ होता है, तो समझ भिन्न होती है। नोट में यूएलबी अनुवाद का मूलपाठ होगा जो "दिए गए संभावित अर्थ" शब्दों के साथ आरम्भ होना वाला एक स्पष्टीकरण के साथ होगा। अर्थों को गिना जाता है, और पहला वही होता है, जिसे बाइबल के अधिकांश विद्वान सही मानते हैं। diff --git a/translate/resources-clarify/01.md b/translate/resources-clarify/01.md index 95dd9ff..aa21516 100644 --- a/translate/resources-clarify/01.md +++ b/translate/resources-clarify/01.md @@ -1,4 +1,3 @@ - ### विवरण कभी-कभी एक नोट यूडीबी अनुवाद से अनुवाद का सुझाव देता है। उस घटना में यूडीबी के मूलपाठ का पालन दी गई बातों से किया जाएगा “(यूडीबी)।" diff --git a/translate/resources-connect/01.md b/translate/resources-connect/01.md index 70a58a0..d515789 100644 --- a/translate/resources-connect/01.md +++ b/translate/resources-connect/01.md @@ -1,4 +1,3 @@ - ### विवरण कभी-कभी, नोट्स की सूची के शीर्ष पर, ऐसे नोट्स होते हैं जो **सम्पर्क स्थापित करता हुआ कथन** या **सामान्य जानकारी** से आरम्भ होते हैं। diff --git a/translate/resources-def/01.md b/translate/resources-def/01.md index 1c9adf4..5a509b7 100644 --- a/translate/resources-def/01.md +++ b/translate/resources-def/01.md @@ -1,4 +1,3 @@ - ### विवरण कभी-कभी आप नहीं जानते कि यूएलबी अनुवाद में क्या शब्द हैं। नोट्स में शब्द या वाक्यांश की एक परिभाषा या वर्णन हो सकता है, ताकि आपको यह समझने में सहायता मिल सके कि इसका क्या अर्थ है। diff --git a/translate/resources-eplain/01.md b/translate/resources-eplain/01.md index e7a42b4..dc0e624 100644 --- a/translate/resources-eplain/01.md +++ b/translate/resources-eplain/01.md @@ -1,4 +1,3 @@ - #### विवरण कभी-कभी आप नहीं जानते कि यूएलबी अनुवाद में किसी शब्द या वाक्यांश का क्या अर्थ है, और इसका उपयोग यूडीबी अनुवाद में भी किया जा सकता है। इस घटना में, यह नोट्स में समझाया जाएगा। ये स्पष्टीकरण शब्द या वाक्यांश को समझने में आपकी सहायता के लिए हैं। अपनी बाइबल में स्पष्टीकरणों का अनुवाद न करें। अर्थ को समझने में आपकी सहायता के लिए उनका उपयोग करें ताकि आप बाइबल के मूलपाठ का सही अनुवाद कर सकें। @@ -13,7 +12,7 @@ > उन्होंने अन्य नावों में सवार अपने साथियों को संकेतदिया (लूका 5:7 यूएलबी) -* **गति** - वे तट से पुकारने के लिए बहुत दूर थे, इसलिए उन्होंने संकेत दिया, कदाचित् अपनी बाहों को लहराते हुए ऐसा किया। यह नोट आपको यह समझने में सहायता कर सकता है कि लोग किस प्रकार की संकेत बनाते हैं। यह एक संकेत था जिसे लोग दूरी से देखने में सक्षम रहे होंगे। यह आपको "संकेत" के लिए एक अच्छा शब्द या वाक्यांश चुनने में सहायता करेगा। +* **गति** - वे तट से पुकारने के लिए बहुत दूर थे, इसलिए उन्होंने संकेत दिया, कदाचित् अपनी बाहों को लहराते हुए ऐसा किया। यह नोट आपको यह समझने में सहायता कर सकता है कि लोग किस प्रकार की संकेत बनाते हैं। यह एक संकेत था जिसे लोग दूरी से देखने में सक्षम रहे होंगे। यह आपको "संकेत" के लिए एक अच्छा शब्द या वाक्यांश चुनने में सहायता करेगा। > वह पवित्र आत्मा से भरा होगा, यहाँ तक कि जब वह अभी अपनी माता के गर्भ में ही होगा. (लूका 1:14 यूएलबी) diff --git a/translate/resources-fofs/01.md b/translate/resources-fofs/01.md index 6b9586d..6198030 100644 --- a/translate/resources-fofs/01.md +++ b/translate/resources-fofs/01.md @@ -1,7 +1,6 @@ - ### विवरण -अंलकार उन बातों को कहने के तरीके होते हैं, जो गैर-शाब्दिक तरीकों से शब्दों का उपयोग करते हैं। अर्थात्, अंलकार का अर्थ अपने शब्दों के अधिक प्रत्यक्ष अर्थ के समतुल्य नहीं होता है। अंलकार भिन्न प्रकारों के होते हैं। अनुवाद नोट्स में विद्यमान अंलकार के अर्थ के बारे में एक स्पष्टीकरण होगा, जो कि सन्दर्भ में है। कभी-कभी वैकल्पिक अनुवाद प्रदान किया जाता है। +अंलकार उन बातों को कहने के तरीके होते हैं, जो गैर-शाब्दिक तरीकों से शब्दों का उपयोग करते हैं। अर्थात्, अंलकार का अर्थ अपने शब्दों के अधिक प्रत्यक्ष अर्थ के समतुल्य नहीं होता है। अंलकार भिन्न प्रकारों के होते हैं। अनुवाद नोट्स में विद्यमान अंलकार के अर्थ के बारे में एक स्पष्टीकरण होगा, जो कि सन्दर्भ में है। कभी-कभी वैकल्पिक अनुवाद प्रदान किया जाता है। इसे "एटी" के रूप में चिह्नित किया गया है, जो "वैकल्पिक अनुवाद" शब्दों के आरम्भिक अक्षर हैं। ट्रैन्स्लेशनअकैडमी (टीए) के एक पृष्ठ का एक सम्पर्क भी होगा, जो उस तरह के अंलकार के लिए अतिरिक्त जानकारी और अनुवाद रणनीतियों को प्रदान करता है। अर्थ का अनुवाद करने के लिए, आपको अंलकार को पहचानने और स्रोत भाषा में इसका अर्थ क्या है, का पता लगाने में सक्षम होना चाहिए। तत्पश्चात् आप लक्षित भाषा में वही अर्थ संचारित करने के लिए या तो अंलकार को या प्रत्यक्ष तरीके को चुन सकते हैं। diff --git a/translate/resources-iordquote/01.md b/translate/resources-iordquote/01.md index 8351ac0..fb57432 100644 --- a/translate/resources-iordquote/01.md +++ b/translate/resources-iordquote/01.md @@ -1,4 +1,3 @@ - ### विवरण दो प्रकार के उद्धरण: प्रत्यक्ष उद्धरण और अप्रत्यक्ष उद्धरण होते हैं। उद्धरण का अनुवाद करते समय, अनुवादकों को यह निर्धारित करने की आवश्यकता होती है कि इसे प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष उद्धरण के रूप में अनुवाद करना है या नहीं। (देखें: [प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष उद्धरण](../figs-quotations/01.md)) diff --git a/translate/resources-links/01.md b/translate/resources-links/01.md index f987005..e7d98b9 100644 --- a/translate/resources-links/01.md +++ b/translate/resources-links/01.md @@ -1,4 +1,3 @@ - अनुवाद नोट्स में दो प्रकार के लिंक अर्थात् सम्पर्क होते हैं: एक सम्पर्क ट्रैन्स्लेशनअकैडमी विषय पृष्ठ के लिए और दूसरा उसी पुस्तक के भीतर दोहराए गए शब्दों या वाक्यांशों से सम्पर्क स्थापित करने के लिए। ### ट्रैन्स्लेशनअकैडमी के विषय diff --git a/translate/resources-long/01.md b/translate/resources-long/01.md index 5ce5aae..32a68aa 100644 --- a/translate/resources-long/01.md +++ b/translate/resources-long/01.md @@ -1,4 +1,3 @@ - ### विवरण कभी-कभी एक वाक्यांश के लिए नोट्स होते हं और उस वाक्यांश के अंशों के लिए भिन्न नोट्स होते हैं। इस स्थिति में, बड़े वाक्यांश की पहले, और तत्पश्चात् अंश की व्याख्या की जाती है। @@ -7,10 +6,10 @@ > परन्तु यह तेरी कठोरता और अपश्चातापी मन की सीमा तक है कि तू अपने लिए क्रोध के दिन के लिए क्रोध को इक्ट्ठा कर रहा है (रोमियों 2:5 यूएलबी) -* **परन्तु यह तेरी कठोरता और अपश्चातापी मन की सीमा तक है** - पौलुस एक ऐसे व्यक्ति की तुलना करने के लिए एक रूपक का उपयोग करता है जो परमेश्वर की आज्ञा को पत्थर के जैसे कठोर मानते हुए पालन करने से इन्कार कर देता है। वह पूरे व्यक्ति का प्रतिनिधित्व करने के लिए "मन" के लिए उपलक्ष्य अंलकार का भी उपयोग करता है। +* **परन्तु यह तेरी कठोरता और अपश्चातापी मन की सीमा तक है** - पौलुस एक ऐसे व्यक्ति की तुलना करने के लिए एक रूपक का उपयोग करता है जो परमेश्वर की आज्ञा को पत्थर के जैसे कठोर मानते हुए पालन करने से इन्कार कर देता है। वह पूरे व्यक्ति का प्रतिनिधित्व करने के लिए "मन" के लिए उपलक्ष्य अंलकार का भी उपयोग करता है। वैकल्पिक अनुवाद -"ऐसा इसलिए है, क्योंकि तू सुनने और पश्चाताप करने से इन्कार करता है" (देखें: [रूपक](../figs-metaphor/01.md) और [उपलक्ष्य अलंकार) +"ऐसा इसलिए है, क्योंकि तू सुनने और पश्चाताप करने से इन्कार करता है" (देखें: [रूपक](../figs-metaphor/01.md) और [उपलक्ष्य अलंकार]) -* **कठोरता और अपश्चातापी मन** - वाक्यांश "अपश्चातापी मन" शब्द "कठोरता" की व्याख्या करता है (देखें: [दोहराव](../figs-metonymy/01.md)] इस उदाहरण में पहला नोट रूपक और उपलक्ष्य अलंकार की व्याख्या करता है, और दूसरा उसी सन्दर्भ में दोहराव को बताता है। +* **कठोरता और अपश्चातापी मन** - वाक्यांश "अपश्चातापी मन" शब्द "कठोरता" की व्याख्या करता है (देखें: [दोहराव](../figs-metonymy/01.md) इस उदाहरण में पहला नोट रूपक और उपलक्ष्य अलंकार की व्याख्या करता है, और दूसरा उसी सन्दर्भ में दोहराव को बताता है। diff --git a/translate/resources-porp/01.md b/translate/resources-porp/01.md index de45013..f09d187 100644 --- a/translate/resources-porp/01.md +++ b/translate/resources-porp/01.md @@ -1,4 +1,3 @@ - ### विवरण कभी-कभी बाइबल के विद्वान निश्चित रूप से नहीं जानते हैं, या इस बात पर सहमत नहीं होते हैं, बाइबल में एक विशेष वाक्यांश या वाक्य का क्या अर्थ है। diff --git a/translate/resources-questions/01.md b/translate/resources-questions/01.md index 3bd7455..70c46b5 100644 --- a/translate/resources-questions/01.md +++ b/translate/resources-questions/01.md @@ -1,4 +1,3 @@ - यह अनुवादक का कर्तव्य है, कि अपनी सर्वोत्तम योग्यता के अनुसार, यह सुनिश्चित करे कि प्रत्येक बाइबल सन्दर्भ जिस का वह अनुवाद करता है, उसका अर्थ वही है, जैसा उस सन्दर्भ के लेखक ने उसे संचारित करने का मंशा से लिखा था। ऐसा करने के लिए, अनुवाद के सहायता की आवश्यकता होगी, जिसे अनुवाद प्रश्नों सहित बाइबल के विद्वानों के द्वारा तैयार किया गया है। diff --git a/translate/resources-synequi/01.md b/translate/resources-synequi/01.md index 1653e06..62283cb 100644 --- a/translate/resources-synequi/01.md +++ b/translate/resources-synequi/01.md @@ -1,4 +1,3 @@ - ### विवरण कुछ नोट्स एक अनुवाद सुझाव को प्रदान करते हैं, जो यूएलबी अनुवाद में उद्धृत शब्द या वाक्यांश को प्रतिस्थापित कर सकता है। ये प्रतिस्थापन वाक्य के अर्थ को परिवर्तित किए बिना वाक्य में उपयुक्त हो सकते हैं। ये समानार्थी और समकक्ष वाक्यांश हैं और दोहरे-उद्धरणों में लिखे गए हैं। ये यूएलबी अनुवाद में दिए गए मूलपाठ के जैसे ही हैं। इस तरह का नोट आपको एक ही बात कहने के अन्य तरीकों के बारे में सोचने में सहायता कर सकता है, यदि यूएलबी अनुवाद में शब्द या वाक्यांश आपकी भाषा में स्वभाविक समतुल्यता को देता हुआ प्रतीत नहीं होता है। @@ -13,6 +12,6 @@ > डीकन, वैसे ही , दो-मुँहे नहीं, अपितु सम्मानित होने चाहिए। (1 तीमुथियुस 3:8 यूएलबी) -* **डीकन, वैसे ही** - "उसी तरह, डीकन" या "डीकन, पर्यवेक्षकों की तरह" +* **डीकन, वैसे ही** - "उसी तरह, डीकन" या "डीकन, पर्यवेक्षकों की तरह" इस उदाहरण में, "उसी तरह, डीकन" या "डीकन, पर्यवेक्षकों की तरह" शब्द यूएलबी में "डीकन, वैसे ही" शब्दों को प्रतिस्थापित कर सकते हैं। आप, अनुवादक के रूप में, यह निर्धारित कर सकते हैं कि आपकी भाषा के लिए स्वभाविक क्या है। diff --git a/translate/resources-types/01.md b/translate/resources-types/01.md index ffdfd8b..d5cc562 100644 --- a/translate/resources-types/01.md +++ b/translate/resources-types/01.md @@ -1,4 +1,3 @@ - #### यूएलबी अनुवाद से अनुवाद करने के लिए * यूएलबी अनुवाद को पढ़ें। क्या आप मूलपाठ के अर्थ को समझते हैं, ताकि आप सटीक, स्पष्ट और स्वाभाविक रूप से अपनी भाषा में अर्थ का अनुवाद कर सकें? @@ -13,7 +12,6 @@ * **यूएलबी अनुवाद मूलपाठ की प्रतिलिपि** - अनुवादक के लिए अनुवाद सुझाव या जानकारी। - ### नोट्स के प्रकार अनुवाद नोट्स में कई भिन्न प्रकार के नोट्स दिए गए हैं। प्रत्येक नोट स्पष्टीकरण को एक भिन्न तरीके से देता है। नोट के प्रकार को जानना अनुवादक को बाइबल के मूलपाठ को अपनी भाषा में अनुवाद करने के सर्वोत्तम तरीके में निर्णय लेने में सहायता करेगा। @@ -30,7 +28,7 @@ * **[वैकल्पिक अनुवादों के साथ नोट्स](../resources-alter/01.md)** - एक वैकल्पिक अनुवाद यूएलबी अनुवाद के रूप या विषय वस्तु में एक सुझाया गया परिवर्तन है, क्योंकि लक्षित भाषा एक अलग रूप को पसन्द कर सकती है। वैकल्पिक अनुवाद का उपयोग तब किया जाना चाहिए जब यूएलबी रूप या विषय वस्तु आपकी भाषा में सटीक या स्वभाविक न हो। * **[नोट्स जो यूडीबी अनुवाद को स्पष्ट करते हैं](../resources-clarify/01.md)** - जब यूडीबी अनुवाद यूएलबी अनुवाद के लिए एक अच्छा वैकल्पिक अनुवाद प्रदान करता है, तो वैकल्पिक अनुवाद प्रदान करने में कोई नोट नहीं हो सकता है। यद्यपि, किसी एक अवसर पर एक नोट यूडीबी अनुवाद के मूलपाठ के अतिरिक्त वैकल्पिक अनुवाद प्रदान करेगा, और कभी-कभी यह यूडीबी अनुवाद से मूलपाठ को वैकल्पिक अनुवाद के रूप में उद्धृत करेगा। इस स्थिति में, नोट यूडीबी अनुवाद के मूलपाठ के बाद “(यूडीबी अनुवाद)" कहेंगे। * **[नोट्स जिनमें वैकल्पिक अर्थ दिए गए हैं](../resources-alterm/01.md)** - कुछ नोट्स वैकल्पिक अर्थ प्रदान करते हैं, जब एक शब्द या वाक्यांश को एक से अधिक तरीकों से समझा जा सकता है। जब ऐसा होता है, तो नोट सबसे संभावित अर्थ पहले प्रदान करेंगे। -* **[संभाव्य या संभावित अर्थों के साथ नोट्स](../resources-porp/01.md)** - कभी-कभी बाइबल के विद्वान निश्चित रूप से नहीं जानते हैं, या इस बात पर सहमत नहीं होते हैं कि बाइबल में कोई विशेष वाक्यांश या वाक्य क्या अर्थ रखता है। इसके कुछ कारणों में ये बातें सम्मिलित हैं: प्राचीन बाइबल के मूलपाठों में, या एक शब्द में एक से अधिक अर्थ या उपयोग हो सकते हैं, या यह स्पष्ट नहीं हो सकता है कि एक शब्द (जैसे सर्वनाम) किसी विशेष वाक्यांश में सन्दर्भित होता है, में थोड़ी सी भिन्नताएँ पाई जाती हैं। इस घटना में, नोट सबसे संभावित अर्थ देगा, या सबसे संभावित अर्थों के साथ कई संभावित अर्थों को सूचीबद्ध करेगा। +* **[संभाव्य या संभावित अर्थों के साथ नोट्स](../resources-porp/01.md)** - कभी-कभी बाइबल के विद्वान निश्चित रूप से नहीं जानते हैं, या इस बात पर सहमत नहीं होते हैं कि बाइबल में कोई विशेष वाक्यांश या वाक्य क्या अर्थ रखता है। इसके कुछ कारणों में ये बातें सम्मिलित हैं: प्राचीन बाइबल के मूलपाठों में, या एक शब्द में एक से अधिक अर्थ या उपयोग हो सकते हैं, या यह स्पष्ट नहीं हो सकता है कि एक शब्द (जैसे सर्वनाम) किसी विशेष वाक्यांश में सन्दर्भित होता है, में थोड़ी सी भिन्नताएँ पाई जाती हैं। इस घटना में, नोट सबसे संभावित अर्थ देगा, या सबसे संभावित अर्थों के साथ कई संभावित अर्थों को सूचीबद्ध करेगा। * **[नोट्स जो अंलकारों की पहचान करते हैं](../resources-fofs/01.md)** - जब यूएलबी अनुवाद के मूलपाठ में एक अंलकार होता है, तो नोट्स उस अंलकार के स्पष्टीकरण का विवरण प्रदान करेंगे कि इसे कैसे अनुवाद किया जाए। कभी-कभी एक वैकल्पिक अनुवाद (एटी :) प्रदान किया जाता है। अनुवादक की सहायता करने के लिए अतिरिक्त जानकारी और अनुवाद रणनीतियों के लिए ट्रैन्स्लेशनअकैडमी पृष्ठ में, अनुवादक को उस प्रकार के अंलकार के प्रकार का सटीक रूप से अनुवाद करने में सहायता देने के लिए एक सम्पर्क अर्थात् लिंक भी होगा। * **[नोट्स जो अप्रत्यक्ष और प्रत्यक्ष उद्धरणों की पहचान करते हैं](../resources-iordquote/01.md)** - दो प्रकार के उद्धरण: प्रत्यक्ष उद्धरण और अप्रत्यक्ष उद्धरण होते हैं। उद्धरण का अनुवाद करते समय, अनुवादकों को यह निर्धारित करने की आवश्यकता होती है कि इसे प्रत्यक्ष उद्धरण या अप्रत्यक्ष उद्धरण के रूप में अनुवाद करना है या नहीं। ये नोट्स अनुवादक को उस विकल्प के बारे में सूचित करेंगे जिसे करने की आवश्यकता है। * **[यूएलबी अनुवाद के लम्बे वाक्यांशों के लिए नोट्स](../resources-long/01.md)** - कभी-कभी ऐसे नोट्स होते हैं, जो एक वाक्यांश का सन्दर्भ देते हैं और तब ऐसे पृथक नोट्स होते हैं, जो उस वाक्यांश के अंशों को सन्दर्भित करते हैं। इस स्थिति में, बड़े वाक्यांश के लिए नोट पहले आते है, और उसके छोटे अंशों के लिए नोट्स बाद में आते हैं। इस तरह, नोट्स सम्पूर्ण के साथ-साथ प्रत्येक अंश के लिए अनुवाद सुझाव या स्पष्टीकरण दे सकते हैं। diff --git a/translate/resources-words/01.md b/translate/resources-words/01.md index be23190..b6798eb 100644 --- a/translate/resources-words/01.md +++ b/translate/resources-words/01.md @@ -1,52 +1,53 @@ +### शब्दों का अनुवाद -### unfoldingWord® Translation Words +अनुवादक का यह कर्तव्य है कि वह अपनी योग्यता के अनुसार, यह सुनिश्चित करे कि बाइबल का प्रत्येक सन्दर्भ जिसका वह अनुवाद करता है, का वही अर्थ हो जिसे उस सन्दर्भ का लेखक सम्प्रेषित करने की मंशा रखता है। -As a translator, it is your duty to do your best to make sure that each Bible passage you translate has the meaning that the writer of that Bible passage intended it to communicate. In order to do this, you will need to study translation helps prepared by Bible scholars, including the unfoldingWord® Translation Words resource. +ऐसा करने के लिए, उसे बाइबल के विद्वानों के द्वारा अनुवाद की सहायता के लिए तैयार की सहायता का अध्ययन करने की आवश्यकता होगी, जिसमें शब्दों का अनुवाद संसाधन भी सम्मिलित हैं। -In order to use unfoldingWord® Translation Words, follow these steps: +शब्दों का अनुवाद संसाधन का उपयोग करने के लिए, इन चरणों का पालन करें: -1. Identify the important words and any words in the source text that are difficult to understand or have an uncertain meaning. -1. Look at the section called “unfoldingWord® Translation Words.” -1. Find the words that you identified as important or difficult, and click on the first one. -1. Read the unfoldingWord® Translation Words entry for that word. -1. After reading the definition, read the Bible passage again, thinking about the definition that you read in unfoldingWord® Translation Words. -1. Think of possible ways to translate the word in your language that fit the Bible context and the definition. It can be helpful to compare words and phrases in your language that have similar meaning and try each one. -1. Choose the one that you think is best and write it down. -1. Repeat the above steps for other unfoldingWord® Translation Words that you identified. -1. When you have thought of a good translation for each of the unfoldingWord® Translation Words, then translate the whole passage. -1. Test your translated passage by reading it to others. Change to a different word or phrase in places where others do not understand the meaning. +1. स्रोत पाठ में महत्वपूर्ण शब्दों और किसी भी शब्द को पहचानें जो अस्पष्ट या समझने में कठिन हैं। +1. "शब्दों का अनुवाद" नामक खण्ड को देखें। +1. उन शब्दों को ढूंढें जिन्हें आपने महत्वपूर्ण या कठिन के रूप में पहचाना है, और सबसे पहले के ऊपर क्लिक करें। +1. उस शब्द के लिए शब्दों के अनुवाद संसाधन प्रविष्ट को पढ़ें। +1. परिभाषा पढ़ने के बाद, शब्दों के अनुवाद संसाधन में पढ़ी गई परिभाषा के बारे में सोचते हुए, उस बाइबल सन्दर्भ को एक बार फिर से पढ़ें। +1. अपनी भाषा में उस शब्द का अनुवाद करने के संभावित तरीकों के बारे में सोचें, जो बाइबल के सन्दर्भ और परिभाषा के अनुरूप हों। यह आपकी भाषा में उन शब्दों और वाक्यांशों की तुलना करने में सहायक हो सकता है, जिनके समान अर्थ हैं, और प्रत्येक को जाँच करें। +1. आपको जो सबसे अच्छा लगता है, उसे चुनें और उसे लिख लें। +1. आपके द्वारा पहचाने गए अन्य शब्दों का अनुवाद के लिए उपरोक्त चरणों को दोहराएँ। +1. जब आपने एक अच्छे अनुवाद के लिए शब्दों के अनुवाद संसाधन में से प्रत्येक के बारे में सोच लिया है, तो पूरे सन्दर्भ का अनुवाद करें। +1. दूसरों के सामने इसे पढ़कर आपके द्वारा अनुवादित सन्दर्भ की जाँच करें। उन स्थानों को एक भिन्न शब्द या वाक्यांश में परिवर्तन करें जहाँ दूसरे लोगों को अर्थ समझ में नहीं आता है। -Once you have found a good translation for a term, you should use it consistently throughout the translation. If you find a place where that translation does not fit, then think through the process again. It could be that a word with similar meaning will fit better in the new context. Keep track of which word or words you are using to translate each term and make this information available to everyone on the translation team. This will help everyone on the translation team to know which words they should be using. +एक बार जब आपको शब्दों के अनुवाद संसाधन के लिए एक अच्छा अनुवाद मिल जाता है, तो आपको इसका उपयोग पूरे अनुवाद में निरन्तर करना चाहिए। यदि आपको कोई ऐसी स्थान मिलता है, जहाँ वह अनुवाद अपने सही रूप में नहीं होता है, तो इसी प्रक्रिया के माध्यम से फिर से सोचें। यह हो सकता है कि समान अर्थ वाला एक शब्द नए सन्दर्भ में सर्वोत्तम रूप से सही रूप में आ जाए। शब्दों के अनुवाद संसाधन में से अनुवाद करने के लिए आप जिस प्रत्येक शब्द या शब्दों का उपयोग कर रहे हैं, उस पर दृष्टि बनाए रखें और यह जानकारी सभी अनुवाद समूह को उपलब्ध कराएँ। इससे प्रत्येक अनुवाद समूह को सभी लोगों को यह जानने में सहायता मिलेगी कि उन्हें किन शब्दों का उपयोग करना चाहिए। -#### Unknown Ideas +#### अज्ञात विचार -Sometimes a word refers to a thing or custom that is unknown in the target language. Possible solutions are to use a descriptive phrase, substitute something similar, use a foreign word from another language, use a more general word, or use more specific words. See the lesson on [Translate Unknowns](../translate-unknown/01.md) for more information. +कभी-कभी शब्दों का अनुवाद संसाधन किसी ऐसी वस्तु या परम्परा को सन्दर्भित करता है, जो लक्ष्य भाषा में अज्ञात होती है। इसका संभावित समाधान एक वर्णनात्मक वाक्यांश का उपयोग करना, कुछ इसी तरह का विकल्प देना, किसी अन्य भाषा से विदेशी शब्द का उपयोग करना, अधिक सामान्य शब्द का उपयोग करना या अधिक विशिष्ट शब्दों का उपयोग करना है। -One kind of ‘unknown idea’ are words that refer to Jewish and Christian religious customs and beliefs. Some common unknown ideas are: +अधिक जानकारी के लिए [अनुवाद अज्ञात](../translate-unknown/01.md) पर दिए हुए अध्याय को देखें। एक प्रकार का 'अज्ञात विचार' वे शब्द होते हैं, जो यहूदी और मसीही धार्मिक रीति-रिवाजों और मान्यताओं का उल्लेख करते हैं। - ames of places** such as: +कुछ सामान्य अज्ञात विचार निम्नलिखित हैं: -* Temple (a building where the Israelites offered sacrifices to God) -* Synagogue (a building where Jewish people assemble to worship God) -* Sacrificial altar (a raised structure on which sacrifices were burned as gifts, or offerings, to God.) +** स्थानों के नाम** जैसे: - itles of people who hold an office** such as: +* मन्दिर (एक भवन जहाँ इस्राएलियों ने परमेश्वर को बलिदान चढ़ाया) +* आराधनालय (एक भवन जहाँ यहूदी लोग परमेश्वर की आराधना करने के लिए इकट्ठा होते हैं) +* बलिदान की वेदी (एक उठा हुआ ढाँचा, जिसके ऊपर बलिदान को परमेश्वर के लिए उपहार, या भेंट के रूप में जलाया जाता था।) -* Priest (someone who is chosen to offer sacrifices to God on behalf of his people) -* Pharisee (important group of Israel’s religious leaders in Jesus’ time) -* Prophet (person who delivers messages that come directly from God) -* Son of Man -* Son of God -* King (ruler of an independent city, state or country). +** ऐसे लोगों की उपाधियाँ जो एक पद पर बैठे हुए हैं** जैसे: - ey Biblical Concepts** such as: +* याजक (कोई व्यक्ति जो अपने लोगों की ओर से परमेश्वर को बलिदान देने के लिए चुना जाता है) +* फरीसी (यीशु के समय में इस्राएल के धार्मिक अगुवों का महत्वपूर्ण समूह) +* भविष्यद्वक्ता (वह व्यक्ति जो उन सन्देशों को देता है, जो सीधे परमेश्वर की ओर से आते हैं) +* मनुष्य का पुत्र +* परमेश्वर का पुत्र +* राजा (एक आत्मनिर्भर शहर, राज्य या देश का शासक)। -* Forgiveness (to not resent that person and not be angry at him for doing something hurtful) -* Salvation (being saved or rescued from evil, enemies, or from danger) -* Redemption (the act of buying back something that was previously owned or that was held captive) -* Mercy (helping people who are in need) -* Grace (help or regard that is given to someone who has not earned it) +** बाइबल की मुख्य अवधारणाएँ** जैसे: -Notice that all of these are nouns, but they represent events, so they may need to be translated by verb (action) clauses. +* क्षमा करना (उस व्यक्ति से ईर्ष्या न करना और उसे ठेस पहुँचाने के लिए उससे क्रोधित न होना, जिसने आपको ठेस पहुँचाई है) +* मुक्ति (बचाया जाना या बुराई, शत्रुओं, या खतरे से से बचा लिया जाना) +* छुटकारा (पहले से स्वामित्व वाली कोई वस्तु को खरीदना या उसे जो किसी की कैद में है, की एक गतिविधि) +* दया (आवश्यकता में पड़े हुओं लोगों की सहायता करना) +* अनुग्रह (सहायता या वह सम्बन्ध जो उस व्यक्ति को दिया जाता है, जिसने इसे अर्जित नहीं किया है) -You may need to discuss the definitions of these unfoldingWord® Translation Words with other members of the translation team or people from your church or village in order to discover the best way to translate them. +(ध्यान दें कि ये सभी संज्ञाएँ हैं, परन्तु वे घटनाओं का प्रतिनिधित्व करती हैं, इसलिए उन्हें (क्रिया) वाक्यांश के द्वारा ही अनुवादित करने की आवश्यकता हो सकती है। आपको अनुवाद समूह के अन्य सदस्यों या अपनी कलीसिया या गाँव के लोगों के साथ शब्दों के अनुवाद संसाधन की इन परिभाषाओं की चर्चा करने की आवश्यकता हो सकती है, ताकि उन्हें अनुवाद करने का सबसे अच्छा तरीका पता चले। diff --git a/translate/resources-words/sub-title.md b/translate/resources-words/sub-title.md index c587511..8f34e05 100644 --- a/translate/resources-words/sub-title.md +++ b/translate/resources-words/sub-title.md @@ -1 +1 @@ -How can unfoldingWord® Translation Words help me make a better translation? \ No newline at end of file +शब्दों का अनुवाद संसाधन मुझे सर्वोत्तम अनुवाद बनाने में कैसे सहायता कर सकता है? diff --git a/translate/resources-words/title.md b/translate/resources-words/title.md index 4309bfa..de7af45 100644 --- a/translate/resources-words/title.md +++ b/translate/resources-words/title.md @@ -1 +1 @@ -Using unfoldingWord® Translation Words \ No newline at end of file +शब्दों के अनुवाद संसाधन का उपयोग करना diff --git a/translate/translate-aim/01.md b/translate/translate-aim/01.md index 5b97a58..52c0efa 100644 --- a/translate/translate-aim/01.md +++ b/translate/translate-aim/01.md @@ -1,9 +1,8 @@ - ### एक अनुवादक एक शिकारी की तरह होता है एक अनुवादक एक शिकारी की तरह होता है, जो अपनी बन्दूक के निशाने को शिकार के ऊपर लगाता यदि वह उसे मारना चाहता है। उसे पता होना चाहिए कि वह किस तरह के पशु का शिकार कर रहा है, क्योंकि उदाहरण के लिए, एक शिकारी पक्षियों को उसी तरह की गोलियों से नहीं मारता है, जिसे वह हिरन को मारने के लिए उपयोग करता है। -ठीक ऐसा ही तब होता है जब हम अन्य लोगों से बात करते हैं। हम छोटे बच्चों से वैसे ही शब्दों में बात नहीं करते जिन्हें हम एक वयस्क के लिए उपयोग करते हैं। न ही हम अपने मित्रों से उसी तरह बात करते हैं जैसे हम अपने देश के राष्ट्रपति या शासक से बात करते हैं। इन सभी घटनाओं में, हम भिन्न शब्दों और अभिव्यक्तियों का उपयोग करने का निर्णय लेते हैं। +ठीक ऐसा ही तब होता है जब हम अन्य लोगों से बात करते हैं। हम छोटे बच्चों से वैसे ही शब्दों में बात नहीं करते जिन्हें हम एक वयस्क के लिए उपयोग करते हैं। न ही हम अपने मित्रों से उसी तरह बात करते हैं जैसे हम अपने देश के राष्ट्रपति या शासक से बात करते हैं। इन सभी घटनाओं में, हम भिन्न शब्दों और अभिव्यक्तियों का उपयोग करने का निर्णय लेते हैं। उदाहरण के लिए, यदि मैं एक छोटे बच्चे के साथ सुसमाचार साझा कर रहा हूँ, तो मुझे उससे नहीं कहना चाहिए, "पश्चाताप करो, और प्रभु तुम्हें अपना अनुग्रह देगा।" इसकी अपेक्षा, मुझे कुछ कहना चाहिए, "गलत कामों के लिए खेदित होना है, जिसे तुमने किए हैं और यीशु को बताओ कि तुम क्षमा को चाहते हो। @@ -22,7 +21,7 @@ 1. वे अन्य भाषाओं से लक्षित भाषा में बाइबल के सामान्य शब्दों को लिप्यंतरित करने का प्रयास नहीं करते हैं। उदाहरण के लिए, इसका अर्थ है कि वे बाइबल के शब्द "यहूदी आराधनालय" को " यहूदी सभास्थल" जैसे शब्दों में परिवर्तित करने की प्रयास नहीं करेंगे और तत्पश्चात् लोगों को इसका अर्थ सिखाने की प्रयास करें। वे "स्वर्गदूत" जैसे बाइबल के शब्द को "देवदूत" में परिवर्तित करने की प्रयास नहीं करेंगे और तत्पश्चात् लक्षित भाषा पाठकों को अपना अर्थ सिखाने की प्रयास करें। 1. वे नए शब्दों से विचारों को आरम्भ करने के आविष्कार का प्रयास नहीं करेंगे जिन्हें वे बाइबल से पाते हैं। उदाहरण के लिए, यदि लक्षित भाषा में कोई शब्द नहीं है, जो "अनुग्रह" या "पवित्रता" में सम्मिलित सभी पहलुओं को इंगित करता है, तो अनुवादक उनके लिए नए शब्द निर्मित नहीं करते हैं। इसकी अपेक्षा, वे उन बाइबल सन्दर्भों में शब्द के अर्थ के मुख्य भाग को व्यक्त करने के लिए उपयुक्त वाक्यांश पाएंगे जिन पर वे काम कर रहे हैं। 1. उन्हें स्मरण है कि लक्षित भाषा से ज्ञात शब्द नहीं लेना और उनमें नए अर्थ को नहीं भरना है। वे जानते हैं कि यदि वे ऐसा करने का प्रयास करते हैं, तो लोग नए अर्थ को ऐसे ही अनदेखा करे देंगे। परिणामस्वरूप, लोग उस अर्थ को गलत समझेंगे जिसे आप मूलपाठ से संचारित करना चाहते हैं। -1. वे बाइबल के विचारों को स्पष्ट और स्वभाविक तरीके से व्यक्त करना स्मरण रखते हैं। (देखें: [स्पष्ट अनुवाद बनाएँ](../guidelines-clear/01.md), [स्वभाविक अनुवाद बनाएँ](../guidelines-natural/01.md)) +1. वे बाइबल के विचारों को स्पष्ट और स्वभाविक तरीके से व्यक्त करना स्मरण रखते हैं। (देखें: [स्पष्ट अनुवाद बनाएँ](../guidelines-clear/01.md), [स्वभाविक अनुवाद बनाएँ](../guidelines-natural/01.md)) जब अनुवादक इन नियमों का पालन करते हैं, तो हम परिणाम को एक सामान्य भाषाई संस्करण कहते हैं। यदि आप अपनी पहली बाइबल के साथ भाषा प्रदान करने के लिए काम कर रहे हैं, तो हम अनुशंसा करते हैं कि आप इन दिशानिर्देशों का पालन करें। अंग्रेजी में सामान्य भाषा संस्करणों में अंग्रेजी का टुडे संस्करण और कॉमन अंग्रेजी बाइबल अनुवाद सम्मिलित है। परन्तु स्मरण रखें कि आपकी लक्षित भाषा कदाचित् उन तरीकों से कई विचारों को व्यक्त करना चाहती है, जो इन अंग्रेजी संस्करणों के रूप में आपके पास उपलब्ध हैं, बहुत अधिक भिन्न हैं। @@ -32,6 +31,6 @@ 1. बाइबल की भाषाओं में पाए जानी वाली व्याकरणिक संरचनाओं की नकल करने का प्रयास करें। उदाहरण के लिए, जब बाइबल कहती है, "परमेश्वर का प्रेम," अनुवादक अभिव्यक्ति को अस्पष्ट छोड़ने का निर्णय कर सकते हैं। यदि वे ऐसा करते हैं, तो वे यह निर्धारित नहीं करेंगे कि इसका अर्थ "उस प्रेम से है जो लोगों में परमेश्वर के लिए है" या "परमेश्वर के लिए प्रेम होने से है।" जब बाइबल कहती है, "हमारे पास मसीह यीशु में जो प्रेम है," अनुवादक यह निर्णय ले सकता है कि इसका अर्थ "मसीह यीशु के कारण" या "मसीह यीशु के साथ एक" होने से है। 1. वही कहने का प्रयास करें, जो शब्द यूनानी या इब्रानी अनुवाद में विभिन्न अभिव्यक्तियों की "पृष्ठभूमि में पाया जाता" हैं। उदाहरण के लिए, वे इसे फुटनोट्स में लिख सकते हैं। -1. लक्षित भाषा में नई अभिव्यक्तियों का आविष्कार करने का प्रयास करें जो बाइबल के शब्दों के द्वारा दिए गए अर्थों का अधिक संकेत देते हैं। यदि अनुवादक ऐसा करते हैं, तो उन्हें लक्षित भाषा के साथ रचनात्मक बनना चाहिए। +1. लक्षित भाषा में नई अभिव्यक्तियों का आविष्कार करने का प्रयास करें जो बाइबल के शब्दों के द्वारा दिए गए अर्थों का अधिक संकेत देते हैं। यदि अनुवादक ऐसा करते हैं, तो उन्हें लक्षित भाषा के साथ रचनात्मक बनना चाहिए। हम अनुशंसा नहीं करते हैं कि आप इस दूसरे पथ का पालन करेंगे जब तक कि लक्षित भाषा में पहले से ही बाइबल का एक अनुवाद उपलब्ध न हो जो स्पष्ट और स्वभाविक तरीके से संचार करता हो। diff --git a/translate/translate-alphabet/01.md b/translate/translate-alphabet/01.md index 250faff..c09eeee 100644 --- a/translate/translate-alphabet/01.md +++ b/translate/translate-alphabet/01.md @@ -1,4 +1,3 @@ - ### एक वर्णमाला बनाना यदि आपकी भाषा पहले लिखी नहीं गई है, तो आपको एक वर्णमाला बनाना होगा ताकि आप इसे लिख सकें। वर्णमाला बनाने के समय सोचने के लिए कई बातें हैं, और एक अच्छी वर्णमाला बनाना बहुत ही अधिक कठिन हो सकता है। यदि यह बहुत कठिन प्रतीत होता है, तो आप लिखित की अपेक्षा ऑडियो अनुवाद कर सकते हैं। diff --git a/translate/translate-alphabet2/01.md b/translate/translate-alphabet2/01.md index 9b8f8fd..b06d21a 100644 --- a/translate/translate-alphabet2/01.md +++ b/translate/translate-alphabet2/01.md @@ -1,4 +1,3 @@ - ### परिभाषाएँ ये उन शब्दों की परिभाषाएँ हैं, जिनका उपयोग हम इस बात के लिए करते हैं कि लोग कैसी ध्वनियाँ को निकालते हैं, जो शब्दों को बनाती हैं, और साथ ही शब्दों के परिभाषाओं को जो शब्दों के अंशों को सन्दर्भित करते हैं। @@ -21,7 +20,7 @@ #### मूल शब्द -एक शब्द का सबसे मूलभूत भाग; जब सभी प्रत्यय हटा दिए जाते हैं, तो जो बचता है। +एक शब्द का सबसे मूलभूत भाग; जब सभी प्रत्यय हटा दिए जाते हैं, तो जो बचता है। #### शब्द का भाग @@ -33,7 +32,7 @@ अंग्रेजी में केवल पाँच स्वर प्रतीक हैं, "ए, ई, आई, ओ, यू", परन्तु इसमें 11 स्वर ध्वनियाँ निलकती हैं, जो स्वर संयोजनों और कई अन्य तरीकों से लिखी गई हैं। अंग्रेजी के प्रत्येक स्वर की ध्वनियाँ "बीट, बिट, बाएट, बैट, बट, बॉडी, बऔट, बौट, बुक, बूट" जैसे शब्दों में मिल सकती हैं। [उच्चारण चित्र को जोड़ें] - ंग्रेजी के स्वर** +** अंग्रेजी के स्वर** मुँह में स्थिति{MQ}फ्रंट{MQ}-{MQ}मिड{MQ} -{MQ} बैक गोलाई {MQ} (अनराऊन्डिड) {MQ} (अनराऊन्डिड) {MQ} (राऊन्डिड) @@ -43,14 +42,15 @@ नीचे- पर बीच में{MQ}ई "बट्ट"{MQ} ओ "बऔट" नीचे{MQ}ए "बैट"{MQ} ए "बॉडी" -(इन स्वरों में से प्रत्येक का वर्णमाला में अन्तर्राष्ट्रीय ध्वनि-सम्बन्धी अपना-अपना प्रतीक होता है।) स्वर की ध्वनि प्रत्येक अक्षर के बीच में से गठित होती है, और व्यंजन ध्वनि स्वरों के पहले और बाद में आते हैं। +(इन स्वरों में से प्रत्येक का वर्णमाला में अन्तर्राष्ट्रीय ध्वनि-सम्बन्धी अपना-अपना प्रतीक होता है।) स्वर की ध्वनि प्रत्येक अक्षर के बीच में से गठित होती है, और व्यंजन ध्वनि स्वरों के पहले और बाद में आते हैं। + +** उच्चारण** यह वर्णन है कि मुँह या नाक के माध्यम से हवा कैसे ध्वनियों को पहचानने के लिए निकलती है, ताकि हम उसे भाषा के रूप में पहचान सकें। +** उच्चारण के मुख्य बिन्दु** उन स्थानों पर गले या मुँह से निकलती हैं, जहाँ हवा को बांध दिया जाता है या इसका प्रवाह बन्द हो जाता है। उच्चारण के सामान्य बिन्दुओं में होंठ, दांत, दांतों का (वायुकोशा) उभार, तालू (मुँह की कठोर छत), कोमल तालू (मुँह की मुलायम छत), अलिजिह्वा, और स्वर-रज्जु (या कण्ठद्वार) सम्मिलित हैं। +** उच्चारक** मुँह के हिलने वाले भाग होते हैं, विशेष रूप से जीभ के कुछ भागों जो हवा के प्रवाह को धीमा करते हैं। जीभ के कुछ भागों में जीभ का मूल, पीठ, धार और नोक सम्मिलित हो सकते हैं। होंठ जीभ के उपयोग के बिना मुँह के माध्यम से हवा प्रवाह को धीमा कर सकते हैं। होंठों से बनी ध्वनि में व्यंजन सम्मिलित हैं जैसे "बी," "वी," और "एम।" +** उच्चारण का तरीका** वर्णन करता है कि श्वास का प्रवाह कैसे धीमा हो जाता है। यह एक पूर्ण विराम के रूप में (जैसे "पी" या "बी" के साथ आ सकता है, जिन्हें विराम व्यंजन या रूकना कहा जाता है), भारी घर्षण के रूप में (जैसे "एफ" या "वी," संघर्ष अक्षर कहा जाता है), या थोड़े से प्रतिबन्धित रूप में (जैसे "डब्ल्यू" या "वाई," जिन्हें अर्द्ध-स्वर कहा जाता है, क्योंकि वे लगभग स्वरों के रूप में स्वतंत्र होते हैं।) आ सकते हैं। +** आवाज निर्धारण** दिखाता है कि जब हवा उन के माध्यम से गुजरती है, तो स्वर-रज्जु अर्थात् कण्ड-द्वार हिलते हैं या नहीं। अधिकांश स्वर, जैसे कि "ए, ई, आई, यू, ओ" आवाजें निकालती हुई ध्वनियाँ हैं। व्यंजनों को आवाजों के साथ (+ ​​वी), जैसे "बी, डी, जी, वी," या आवाज रहित (-वी) जैसे "पी, टी, के, एफ" कहा जा सकता है। ये उच्चारण के एक ही बिन्दु पर और उसी उच्चारकों के साथ बनते हैं, जैसा कि आवाज निकालने वाले व्यंजनों का उल्लेख पहले किया गया है। "बी, डी, जी, वी" और "पी, टी, के, एफ" के बीच एकमात्र अन्तर आवाज (+​​वी और -वी) का है। +** अंग्रेजी के व्यंजन** उच्चारण के बिन्दु {MQ}होंठ{MQ}दांत{MQ}छत{MQ}कोठर तालू{MQ}कोमल तालू{MQ}अलिजिह्वा{MQ}स्वर-रज्जु - च्चारण** यह वर्णन है कि मुँह या नाक के माध्यम से हवा कैसे ध्वनियों को पहचानने के लिए निकलती है, ताकि हम उसे भाषा के रूप में पहचान सकें। - च्चारण के मुख्य बिन्दु** उन स्थानों पर गले या मुँह से निकलती हैं, जहाँ हवा को बांध दिया जाता है या इसका प्रवाह बन्द हो जाता है। उच्चारण के सामान्य बिन्दुओं में होंठ, दांत, दांतों का (वायुकोशा) उभार, तालू (मुँह की कठोर छत), कोमल तालू (मुँह की मुलायम छत), अलिजिह्वा, और स्वर-रज्जु (या कण्ठद्वार) सम्मिलित हैं। - च्चारक** मुँह के हिलने वाले भाग होते हैं, विशेष रूप से जीभ के कुछ भागों जो हवा के प्रवाह को धीमा करते हैं। जीभ के कुछ भागों में जीभ का मूल, पीठ, धार और नोक सम्मिलित हो सकते हैं। होंठ जीभ के उपयोग के बिना मुँह के माध्यम से हवा प्रवाह को धीमा कर सकते हैं। होंठों से बनी ध्वनि में व्यंजन सम्मिलित हैं जैसे "बी," "वी," और "एम।" - च्चारण का तरीका** वर्णन करता है कि श्वास का प्रवाह कैसे धीमा हो जाता है। यह एक पूर्ण विराम के रूप में (जैसे "पी" या "बी" के साथ आ सकता है, जिन्हें विराम व्यंजन या रूकना कहा जाता है), भारी घर्षण के रूप में (जैसे "एफ" या "वी," संघर्ष अक्षर कहा जाता है), या थोड़े से प्रतिबन्धित रूप में (जैसे "डब्ल्यू" या "वाई," जिन्हें अर्द्ध-स्वर कहा जाता है, क्योंकि वे लगभग स्वरों के रूप में स्वतंत्र होते हैं।) आ सकते हैं। - वाज निर्धारण** दिखाता है कि जब हवा उन के माध्यम से गुजरती है, तो स्वर-रज्जु अर्थात् कण्ड-द्वार हिलते हैं या नहीं। अधिकांश स्वर, जैसे कि "ए, ई, आई, यू, ओ" आवाजें निकालती हुई ध्वनियाँ हैं। व्यंजनों को आवाजों के साथ (+ ​​वी), जैसे "बी, डी, जी, वी," या आवाज रहित (-वी) जैसे "पी, टी, के, एफ" कहा जा सकता है। ये उच्चारण के एक ही बिन्दु पर और उसी उच्चारकों के साथ बनते हैं, जैसा कि आवाज निकालने वाले व्यंजनों का उल्लेख पहले किया गया है। "बी, डी, जी, वी" और "पी, टी, के, एफ" के बीच एकमात्र अन्तर आवाज (+​​वी और -वी) का है। - ंग्रेजी के व्यंजन** उच्चारण के बिन्दु {MQ}होंठ{MQ}दांत{MQ}छत{MQ}कोठर तालू{MQ}कोमल तालू{MQ}अलिजिह्वा{MQ}स्वर-रज्जु आवाज निर्धारण करना{MQ}-वी/+वी{MQ}-वी/+वी{MQ}-वी/+वी{MQ}-/+वी{MQ}-वी/+वी{MQ}-वी/+वी{MQ}-v/+v उच्चारक – पद्घति होंठ - रोकें{MQ}पी/बी @@ -65,9 +65,11 @@ जीभ का मूल - अर्ध-स्वर{MQ} /डब्ल्यू{MQ} / वाई{MQ} एच/ नाक - दीर्घोच्चारणीय{MQ} / एम{MQ}/ एन - ्वनियों का नामकरण** उनकी गुणों को पहचानने के द्वारा किया जा सकता है। "बी" की आवाज को ध्वनि का ओष्ठयीय (दो होंठ) रूकना कहा जाता है। "एफ" की आवाज़ को ध्वनि रहित लैबियो-दंत (होंठ-दांत के युग्म) के संघर्ष के रूप में जाना जाता है। "एन" की आवाज को ध्वनियुक्त वायुकोशा (छत) नासिका कहा जाता है। - ्वनियों को प्रतीक बनाना** दो तरीकों में किया जा सकता है। या तो हम अन्तर्राष्ट्रीय ध्वनि-सम्बन्धी वर्णमाला में पाए गए उस ध्वनि के प्रतीक का उपयोग कर सकते हैं, या हम पाठक द्वारा ज्ञात वर्णमाला से प्रसिद्ध प्रतीकों का उपयोग कर सकते हैं। - ्यंजन तालिका** - उच्चारकों का उल्लेख किए बिना यहाँ एक व्यंजन प्रतीक तालिका को प्रस्तुत किया गया है। जब आप अपनी भाषा की ध्वनियों का पता लगाते हैं, ध्वनि सुनने के समय आवाज और अपनी जीभ और होंठ की स्थिति को महसूस करते हैं, तो आप इस लेख में तालिका को उन ध्वनियों का प्रतिनिधित्व करने के लिए प्रतीकों के साथ भर सकते हैं। उच्चारण के बिन्दु होंठ दांत छत कोठर तालू कोमल तालू अलिजिह्वा स्वर-रज्जु + +** ध्वनियों का नामकरण** उनकी गुणों को पहचानने के द्वारा किया जा सकता है। "बी" की आवाज को ध्वनि का ओष्ठयीय (दो होंठ) रूकना कहा जाता है। "एफ" की आवाज़ को ध्वनि रहित लैबियो-दंत (होंठ-दांत के युग्म) के संघर्ष के रूप में जाना जाता है। "एन" की आवाज को ध्वनियुक्त वायुकोशा (छत) नासिका कहा जाता है। +** ध्वनियों को प्रतीक बनाना** दो तरीकों में किया जा सकता है। या तो हम अन्तर्राष्ट्रीय ध्वनि-सम्बन्धी वर्णमाला में पाए गए उस ध्वनि के प्रतीक का उपयोग कर सकते हैं, या हम पाठक द्वारा ज्ञात वर्णमाला से प्रसिद्ध प्रतीकों का उपयोग कर सकते हैं। +** व्यंजन तालिका** - उच्चारकों का उल्लेख किए बिना यहाँ एक व्यंजन प्रतीक तालिका को प्रस्तुत किया गया है। जब आप अपनी भाषा की ध्वनियों का पता लगाते हैं, ध्वनि सुनने के समय आवाज और अपनी जीभ और होंठ की स्थिति को महसूस करते हैं, तो आप इस लेख में तालिका को उन ध्वनियों का प्रतिनिधित्व करने के लिए प्रतीकों के साथ भर सकते हैं। उच्चारण के बिन्दु होंठ दांत छत कोठर तालू कोमल तालू अलिजिह्वा स्वर-रज्जु + आवाज -वी/+वी -वी/+वी -वी/+वी -वी/+वी -वी/+वी -वी/+वी -वी/+वी पद्घति रोकें पी/बी टी/डी के/जी संघर्ष एफ/वी च/डीजी diff --git a/translate/translate-bdistance/01.md b/translate/translate-bdistance/01.md index e302a9b..2c7dc30 100644 --- a/translate/translate-bdistance/01.md +++ b/translate/translate-bdistance/01.md @@ -1,4 +1,3 @@ - ### विवरण निम्नलिखित शब्द बाइबल में मूल रूप से उपयोग की जाने वाली दूरी या लम्बाई के लिए सबसे सामान्य समाधान हैं। इनमें से अधिकांश हाथ और बाँह की हथेली के आकार पर आधारित हैं। @@ -28,7 +27,6 @@ | "लम्बी" हाथ | 54 सेंटीमीटर | | स्टेडिया | 185 मीटर | - #### अनुवाद के सिद्धान्त 1. बाइबल के लोगों ने मीटर, लीटर और किलोग्राम जैसे आधुनिक मापों का उपयोग नहीं किया। मूल मापों का उपयोग करने से पाठकों को यह जानने में सहायता मिल सकती है कि बाइबल वास्तव में बहुत समय पहले लिखा गई थी जब लोग उन मापों का उपयोग करते थे। @@ -63,23 +61,23 @@ 1. यूएलबी में दिए गए माप का प्रयोग करें। ये वही माप हैं, जो मूल लेखक उपयोग करते थे। उन्हें ऐसे तरीके से वर्तनी करें जो यूएलबी अनुवाद में ध्वनि देते या वर्तनी के तरीके के समतुल्य हो। (देखें [प्रतिलिपी या उधार शब्दों को लें](../translate-transliterate/01.md)) - * "उन्हें बबूल की लकड़ी का एक सन्दूक बनाना है। इसकी लम्बाई ढाई हाथ होनी चाहिए; इसकी चौड़ाई डेढ़ हाथ होगी; और इसकी ऊँचाई डेढ़ हाथ होगी।” + * "उन्हें बबूल की लकड़ी का एक सन्दूक बनाना है। इसकी लम्बाई ढाई हाथ होनी चाहिए; इसकी चौड़ाई डेढ़ हाथ होगी; और इसकी ऊँचाई डेढ़ हाथ होगी।” 1. यूडीबी अनुवाद में दिए गए मीट्रिक माप का प्रयोग करें। यूडीबी अनुवाद के अनुवादकों ने पहले से ही मीट्रिक पद्धति में मूल्यों को प्रतिनिधित्व करने के बारे में सोचा है। - * "उन्हें बबूल की लकड़ी का एक सन्दूक बनाना है। इसकी लम्बाई एक मीटर होनी चाहिए; इसकी चौड़ाई मीटर का दो तिहाई होगी; और इसकी ऊँचाई मीटर का दो तिहाई होगी।” + * "उन्हें बबूल की लकड़ी का एक सन्दूक बनाना है। इसकी लम्बाई एक मीटर होनी चाहिए; इसकी चौड़ाई मीटर का दो तिहाई होगी; और इसकी ऊँचाई मीटर का दो तिहाई होगी।” 1. उस उन मापों का प्रयोग करें जिन्हें पहले से ही आपकी भाषा में उपयोग किया जा रहा है। ऐसा करने के लिए आपको यह जानना होगा कि आपके माप मीट्रिक पद्धति से कैसे सम्बन्धित हैं और आप प्रत्येक माप को समझते हैं। उदाहरण के लिए, यदि आप मानक फुट की लम्बाई का उपयोग करके वस्तुओं को मापते हैं, तो आप इसे नीचे दिए अनुसार अनुवाद कर सकते हैं। - * "उन्हें बबूल की लकड़ी का एक सन्दूक बनाना है। इसकी लम्बाई 3 3/4 फीट होनी चाहिए; इसकी चौड़ाई 2 1/4 फीट होगी; और इसकी ऊँचाई 2 1/4 फीट होगी।” + * "उन्हें बबूल की लकड़ी का एक सन्दूक बनाना है। इसकी लम्बाई 3 3/4 फीट होनी चाहिए; इसकी चौड़ाई 2 1/4 फीट होगी; और इसकी ऊँचाई 2 1/4 फीट होगी।” 1. यूएलबी अनुवाद से माप का उपयोग करें और उन मापों को सम्मिलित करें जिन्हें आपके लोग मूलपाठ या नोट में जानते हैं। निम्नलिखित मूलपाठ में दोनों माप दिखाए गए हैं। - * "उन्हें बबूल की लकड़ी का एक सन्दूक बनाना है। इसकी लम्बाई ढाई हाथ (एक मीटर) होनी चाहिए; इसकी चौड़ाई डेढ़ हाथ होगी (एक मीटर का दो तिहाई) ; और इसकी ऊँचाई डेढ़ हाथ (मीटर का दो तिहाई) होगी।” + * "उन्हें बबूल की लकड़ी का एक सन्दूक बनाना है। इसकी लम्बाई ढाई हाथ (एक मीटर) होनी चाहिए; इसकी चौड़ाई डेढ़ हाथ होगी (एक मीटर का दो तिहाई) ; और इसकी ऊँचाई डेढ़ हाथ (मीटर का दो तिहाई) होगी।” 1. आपके लोगों के द्वारा मापने वाले मापों का उपयोग करें, और मूलपाठ में या नोट में यूएलबी अनुवाद से मापों को सम्मिलित करें। निम्नलिखित नोट्स में यूएलबी अनुवाद माप को दिखाता है। - * "उन्हें बबूल की लकड़ी का एक सन्दूक बनाना है। इसकी लम्बाई एक मीटर 1 होना चाहिए; इसकी चौड़ाई मीटर का दो तिहाई 2 होगी; और इसकी ऊँचाई मीटर का दो तिहाई होगी।” + * "उन्हें बबूल की लकड़ी का एक सन्दूक बनाना है। इसकी लम्बाई एक मीटर 1 होना चाहिए; इसकी चौड़ाई मीटर का दो तिहाई 2 होगी; और इसकी ऊँचाई मीटर का दो तिहाई होगी।” फुटनोट इस तरह दिखेगा: diff --git a/translate/translate-bibleorg/01.md b/translate/translate-bibleorg/01.md index a4b8fab..dea0267 100644 --- a/translate/translate-bibleorg/01.md +++ b/translate/translate-bibleorg/01.md @@ -1,4 +1,3 @@ - बाइबल 66 "पुस्तकों" से मिलकर बनी है। यद्यपि उन्हें "पुस्तकें" कहा जाता है, परन्तु वे लम्बाई में बहुत अधिक भिन्न हैं और सबसे छोटी तो केवल एक पृष्ठ या दो पृष्ठों जितनी हैं। बाइबल में दो मुख्य भाग हैं। पहला भाग पहले लिखा गया था और इसे पुराने नियम कहा जाता है। दूसरा भाग बाद में लिखा गया था और इसे नया नियम कहा जाता है। पुराने नियम में 39 पुस्तकें हैं और नए नियम में 27 पुस्तकें हैं। (नए नियम में कुछ पुस्तकें लोगों को लिख गए पत्र हैं।) diff --git a/translate/translate-bmoney/01.md b/translate/translate-bmoney/01.md index 47cba5c..0c4f0c9 100644 --- a/translate/translate-bmoney/01.md +++ b/translate/translate-bmoney/01.md @@ -1,4 +1,3 @@ - ### विवरण: पुराने नियम के आरम्भिक दिनों में, लोग चाँदी और सोने जैसे धातुओं का वजन करते थे और इन वस्तुओं को खरीदने के लिए उस धातु को एक निश्चित वजन देते थे। बाद में लोगों ने सिक्कों को बनाना आरम्भ कर दिया कि प्रत्येक में एक निश्चित धातु की मानक मात्रा होती है। @@ -43,24 +42,23 @@ 1. बाइबल के शब्दों का प्रयोग करें और इसे इस उसे तरह से लिखे कि यह उनके समतुल्य अर्थ को संचारित करें। (देखें [प्रतिलिपी या उधार शब्दों को लें](../translate-transliterate/01.md)) - * "एक पर पाँच सौ दिनार , और दूसरा पर पचास दिनार की देन थी।" (लूका 7:41 यूएलबी) + * "एक पर पाँच सौ दिनार , और दूसरा पर पचास दिनार की देन थी।" (लूका 7:41 यूएलबी) 1. पैसे के मूल्य का वर्णन किस प्रकार के धातु से किया गया था और कितने टुकड़े या सिक्के का उपयोग किया गया था। - * "एक पर पाँच सौ चाँदी के सिक्के , और दूसरा पर पचास चाँदी के सिक्कों की देन थी।" (लूका 7:41 यूएलबी) + * "एक पर पाँच सौ चाँदी के सिक्के , और दूसरा पर पचास चाँदी के सिक्कों की देन थी।" (लूका 7:41 यूएलबी) 1. एक दिन के वेतन में बाइबल के समय में लोग क्या कमा सकते हैं, इस विषय में पैसे के मूल्य का वर्णन करें। - * "एक पर पाँच सौ दिन की मजदूरी , और अन्य पर पचास दिन की मजदूरी का देन था।" + * "एक पर पाँच सौ दिन की मजदूरी , और अन्य पर पचास दिन की मजदूरी का देन था।" 1. बाइबल के शब्द का प्रयोग करें और मूलपाठ या फुटनोट में समतुल्य मूल्य को लिखें। - * "एक पर पाँच सौ दिनार की 1 , और दूसरे पर पचास दिनार की देन थी . 2 " (लूका 7:41 यूएलबी) फुटनोट इस तरह दिखेगा: - - * [1] पाँच सौ दिन की मजदूरी - * [2] पचास दिन की मजदूरी + * "एक पर पाँच सौ दिनार की 1 , और दूसरे पर पचास दिनार की देन थी . 2 " (लूका 7:41 यूएलबी) फुटनोट इस तरह दिखेगा: + * [1] पाँच सौ दिन की मजदूरी + * [2] पचास दिन की मजदूरी 1. बाइबल के शब्द का प्रयोग करें और इसकी व्याक्या एक फुटनोट में करें। - * "एक पर पाँच सौ दिनार की 1 , और दूसरे पर पचास दिनार की देन थी।" (लूका 7:41 यूएलबी) - * [1] एक दिनार की मूल्य चाँदी की उतनी मात्रा थी, जिसे लोग एक दिन के काम को करके कमा सकते थे। + * "एक पर पाँच सौ दिनार की 1 , और दूसरे पर पचास दिनार की देन थी।" (लूका 7:41 यूएलबी) + * [1] एक दिनार की मूल्य चाँदी की उतनी मात्रा थी, जिसे लोग एक दिन के काम को करके कमा सकते थे। diff --git a/translate/translate-bvolume/01.md b/translate/translate-bvolume/01.md index 5da8f05..250cf5c 100644 --- a/translate/translate-bvolume/01.md +++ b/translate/translate-bvolume/01.md @@ -1,4 +1,3 @@ - ### विवरण बाइबल में उपयोग की जाने वाली मात्रा की निम्न सामान्य इकाइयाँ यह बताती हैं कि एक निश्चित पात्र में कितना तरल आ सकता है। पात्र और माप दोनों तरल पदार्थ (जैसे दाखरस) और शुष्क ठोस (जैसे अनाज) के लिए उपयोग किए जाते हैं। मीट्रिक अर्थात् दशमलव मूल्य सटीकता के साथ बाइबल के मापों के तुल्य नहीं हैं। बाइबल के माप कदाचित् विभिन्न समयों और स्थानों में सटीक मूल्य में भिन्न थे। नीचे समकक्ष औसत माप देने का प्रयास किए गए हैं। @@ -43,24 +42,24 @@ 1. यूएलबी अनुवाद से मापोंम का प्रयोग करें। ये वही माप हैं, जिन्हें मूल लेखक उपयोग करते थे। उन्हें ऐसे तरीके से वर्तनी करें जो यूएलबी अनुवाद में ध्वनि देते या वर्तनी के तरीके के समतुल्य हैं। (देखें [प्रतिलिपी या उधार शब्दों को लें](../translate-transliterate/01.md)) - * "अंगूर के चार हेक्टेयर खेत के लिए केवल एक बत मिलेगा, और बीज के एक होमेर से केवल एक एपा उत्पन्न होगा।" + * "अंगूर के चार हेक्टेयर खेत के लिए केवल एक बत मिलेगा, और बीज के एक होमेर से केवल एक एपा उत्पन्न होगा।" 1. यूडीबी अनुवाद में दिए गए मापों का प्रयोग करें। सामान्य रूप से वे मीट्रिक माप हैं। यूडीबी अनुवाद के अनुवादकों ने पहले से ही मीट्रिक पद्धति में मूल्यों का प्रतिनिधित्व करने के बारे में सोचा है। - * "चार हेक्टेयर अंगूर के खेत लिए केवल बीस लीटर मिलेगा, और बीज की दस टोकरी केवल एक टोकरी को उत्पन्न करेगी।" - * "चार हेक्टेयर अंगूर के लिए केवल बीस लीटर और 220 लीटर बीज से केवल बाईस लीटर मिलेगा।" + * "चार हेक्टेयर अंगूर के खेत लिए केवल बीस लीटर मिलेगा, और बीज की दस टोकरी केवल एक टोकरी को उत्पन्न करेगी।" + * "चार हेक्टेयर अंगूर के लिए केवल बीस लीटर और 220 लीटर बीज से केवल बाईस लीटर मिलेगा।" 1. उन मापों का प्रयोग करें जो पहले से ही आपकी भाषा में उपयोग किए जा रहे हैं। ऐसा करने के लिए आपको यह जानना होगा कि आपके माप मीट्रिक पद्धति से कैसे सम्बन्धित हैं और आप प्रत्येक माप को समझते हैं। - * "चार हेक्टेयर अंगूर के खेत लिए केवल छह गैलन मिलेगा, और बीज के ढाई बुशेल केवल बीस क्वार्ट को उत्पन्न करेंगे।" + * "चार हेक्टेयर अंगूर के खेत लिए केवल छह गैलन मिलेगा, और बीज के ढाई बुशेल केवल बीस क्वार्ट को उत्पन्न करेंगे।" 1. यूएलबी अनुवाद से मापों का उपयोग करें और उन मापों को सम्मिलित करें जिन्हें आपके लोग मूलपाठ या नोट में जानते हैं। निम्नलिखित मूलपाठ में दोनों माप दिखाए गए हैं। - * "चार हेक्टेयर अंगूर के खेत लिए केवल एक बत (छः गैलन) मिलेगा, और बीज के एक होमेर (ढाई बुशेल) से केवल एक एपा (बीस क्वार्ट्स) मिलेगा।” + * "चार हेक्टेयर अंगूर के खेत लिए केवल एक बत (छः गैलन) मिलेगा, और बीज के एक होमेर (ढाई बुशेल) से केवल एक एपा (बीस क्वार्ट्स) मिलेगा।” 1. आपके लोगों के द्वारा जानने वाले मापों का उपयोग करें, और मूलपाठ में या नोट में यूएलबी अनुवाद से माप सम्मिलित करें। निम्नलिखित फुटनोट्स में यूएलबी अनुवाद माप दिखाए गए हैं। - * "चार हेक्टेयर अंगूर के खेत लिए केवल बीस लीटर 1 मिलेगा, और बीज के 220 लीटर 2 केवल बाइस लीटर 3 के देंगे।” + * "चार हेक्टेयर अंगूर के खेत लिए केवल बीस लीटर 1 मिलेगा, और बीज के 220 लीटर 2 केवल बाइस लीटर 3 के देंगे।” फुटनोट इस तरह दिखेगा: @@ -68,14 +67,12 @@ * [2] एक होमेर * [3] एक एपा - ### जब माप की इकाई को निहित किया जाता है कभी-कभी इब्रानी मात्रा की एक विशेष इकाई को निर्दिष्ट नहीं करती है, परन्तु केवल एक सँख्या का उपयोग करती है। ऐसी घटनाओं में, यूएलबी अनुवाद और यूडीबी अनुवाद समेत अंग्रेजी के कई अन्य संस्करण, शब्द "माप" को जोड़ते हैं। * **जब भी कोई अनाज के बीस मापों के लिए आया, तो उसने केवल दस को ही पाया था, और जब भी कोई व्यक्ति दाखरस की भट्टी के पास पचास माप की दाख को पाने के लिए आया तो उसने वहाँ से केवल बीस को ही पाया था।** (हाग्गै 2:16 यूएलबी) - #### अनुवाद की रणनीतियाँ 1. एक इकाई के बिना सँख्या का उपयोग करके शाब्दिक रूप से अनुवाद करें। @@ -91,16 +88,16 @@ 1. एक इकाई के बिना सँख्या का उपयोग करके शाब्दिक रूप से अनुवाद करें। - * जब भी कोई अनाज के बीस के लिए आया, तो उसने केवल दस को ही पाया था, और जब भी कोई व्यक्ति दाखरस की भट्टी के पास पचास की दाख को पाने के लिए आया तो उसने वहाँ केवल बीस को ही पाया था। + * जब भी कोई अनाज के बीस के लिए आया, तो उसने केवल दस को ही पाया था, और जब भी कोई व्यक्ति दाखरस की भट्टी के पास पचास की दाख को पाने के लिए आया तो उसने वहाँ केवल बीस को ही पाया था। 1. "माप" या "मात्रा" या "मूल्य" जैसे सामान्य शब्द का प्रयोग करें। - * जब भी कोई अनाज के बीस मूल्यों के लिए आया, तो उसने केवल दस को ही पाया था, और जब भी कोई व्यक्ति दाखरस की भट्टी के पास पचास मूल्यों बीस को ही पाया था। + * जब भी कोई अनाज के बीस मूल्यों के लिए आया, तो उसने केवल दस को ही पाया था, और जब भी कोई व्यक्ति दाखरस की भट्टी के पास पचास मूल्यों बीस को ही पाया था। 1. उचित पात्र के नाम का प्रयोग करें, जैसे अनाज के लिए "टोकरी" या दाखरस के लिए "बर्तन"। - * जब भी कोई अनाज की बीस टोकरी के लिए आया, तो उसने केवल दस को ही पाया था, और जब भी कोई व्यक्ति दाखरस की भट्टी के पास पचास बर्तन बीस को ही पाया था। + * जब भी कोई अनाज की बीस टोकरी के लिए आया, तो उसने केवल दस को ही पाया था, और जब भी कोई व्यक्ति दाखरस की भट्टी के पास पचास बर्तन बीस को ही पाया था। -1. उस माप के एक इकाई का उपयोग करें जिसे आप पहले से ही अपने अनुवाद में उपयोग कर रहे हैं। +1. उस माप के एक इकाई का उपयोग करें जिसे आप पहले से ही अपने अनुवाद में उपयोग कर रहे हैं। - * जब भी कोई अनाज के बीस लीटर के लिए आया, तो उसने केवल दस को ही पाया था, और जब भी कोई व्यक्ति दाखरस की भट्टी के पास पचास लीटर बीस को ही पाया था। + * जब भी कोई अनाज के बीस लीटर के लिए आया, तो उसने केवल दस को ही पाया था, और जब भी कोई व्यक्ति दाखरस की भट्टी के पास पचास लीटर बीस को ही पाया था। diff --git a/translate/translate-bweight/01.md b/translate/translate-bweight/01.md index 56a7715..ad8c7e3 100644 --- a/translate/translate-bweight/01.md +++ b/translate/translate-bweight/01.md @@ -1,4 +1,3 @@ - ### विवरण निम्नलिखित शब्द बाइबल में वजन की सबसे सामान्य इकाइयाँ हैं। शब्द शेकेल का अर्थ अर्थ "वजन" और कई अन्य वजनों से हैं जो शेकेल के शब्द में वर्णित किए गए हैं। इनमें से कुछ वजनों को पैसे के लिए उपयोग किया गया था। नीचे दी गई तालिका में मीट्रिक अर्थात् दशमलव मान बाइबल के मापों के समतुल्य नहीं हैं। बाइबल के माप विभिन्न समयों और स्थानों में सटीक मूल्य में भिन्न थे। नीचे दिए गए समकक्ष माप औसत माप को देने एक प्रयास मात्र है। @@ -15,16 +14,16 @@ #### अनुवाद के सिद्धान्त 1. बाइबल के लोगों ने मीटर, लीटर और किलोग्राम जैसे आधुनिक मापों का उपयोग नहीं किया। मूल मापों का उपयोग करने से पाठकों को यह जानने में सहायता मिल सकती है कि बाइबल वास्तव में बहुत समय पहले लिखी गई थी जब लोग उन मापों का उपयोग करते थे। -1. आधुनिक मापों का उपयोग करने से पाठकों को मूलपाठ को आसानी से समझने में सहायता मिल सकती है। -1. जो भी माप आप उपयोग करते हैं, पाठ, या फुटनोट में अन्य प्रकार के माप के बारे में बताना, यदि सम्भव हो तो यह अच्छा रहेगा। +1. आधुनिक मापों का उपयोग करने से पाठकों को मूलपाठ को आसानी से समझने में सहायता मिल सकती है। +1. जो भी माप आप उपयोग करते हैं, पाठ, या फुटनोट में अन्य प्रकार के माप के बारे में बताना, यदि सम्भव हो तो यह अच्छा रहेगा। 1. यदि आप बाइबल के मापों का उपयोग नहीं करते हैं, तो पाठकों को यह विचार न देने का प्रयास करें कि माप सटीक हैं। उदाहरण के लिए, यदि आप एक गेरा को ".57 ग्राम" के रूप में अनुवाद करते हैं, तो पाठकों को लगता है कि माप सटीक है। "आधा ग्राम" कहना सर्वोत्तम रीति से अच्छा होगा। -1. कभी-कभी यह दिखाने के लिए शब्द "लगभग" का उपयोग करने में सहायता मिल सकती है कि माप सटीक नहीं है। उदाहरण के लिए, 2 शमूएल 21:16 कहता है कि गोलीयत का भाला 300 शेकेल वजन जितना था। इसे "3300 ग्राम" या "3.3 किलोग्राम" के रूप में अनुवाद करने की अपेक्षा, इसका अनुवाद "लगभग साडे तीन किलोग्राम" के रूप में किया जा सकता है। +1. कभी-कभी यह दिखाने के लिए शब्द "लगभग" का उपयोग करने में सहायता मिल सकती है कि माप सटीक नहीं है। उदाहरण के लिए, 2 शमूएल 21:16 कहता है कि गोलीयत का भाला 300 शेकेल वजन जितना था। इसे "3300 ग्राम" या "3.3 किलोग्राम" के रूप में अनुवाद करने की अपेक्षा, इसका अनुवाद "लगभग साडे तीन किलोग्राम" के रूप में किया जा सकता है। 1. जब परमेश्वर लोगों को बताता है कि कोई वजन कितना वजन होना चाहिए, और जब लोग उन वजनों का उपयोग करते हैं, तो अनुवाद में "लगभग" न कहें। अन्यथा यह प्रभाव देगा कि परमेश्वर का सटीकता से इस बात से कोई सरोकार नहीं है कि वस्तु को कितना वजन होना चाहिए। ### अनुवाद की रणनीतियाँ 1. यूएलबी अनुवाद से मापों का प्रयोग करें। ये वही माप हैं, जिन्हें मूल लेखक उपयोग करते थे। उन्हें ऐसे तरीके से वर्तनी करें जो यूएलबी अनुवाद में ध्वनि देते या वर्तनी के तरीके के समतुल्य है। (देखें [प्रतिलिपी या उधार शब्दों को लें](../translate-transliterate/01.md)) -1. यूडीबी अनुवाद में दिए गए मीट्रिक अर्थात् दशमलव माप का प्रयोग करें। यूडीबी अनुवाद के अनुवादकों ने पहले से ही मीट्रिक पद्धति में मूल्य का प्रतिनिधित्व करने के बारे में सोचा है। +1. यूडीबी अनुवाद में दिए गए मीट्रिक अर्थात् दशमलव माप का प्रयोग करें। यूडीबी अनुवाद के अनुवादकों ने पहले से ही मीट्रिक पद्धति में मूल्य का प्रतिनिधित्व करने के बारे में सोचा है। 1. उन मापों का प्रयोग करें जिन्हें पहले से ही आपकी भाषा में उपयोग किया जा रहा है। ऐसा करने के लिए आपको यह जानना होगा कि आपके माप मीट्रिक पद्धति से कैसे सम्बन्धित हैं और आप प्रत्येक माप को समझते हैं। 1. यूएलबी से माप का उपयोग करें और उन मापों को सम्मिलित करें जिन्हें आपके लोग मूलपाठ या नोट में जानते हैं। 1. आपके लोगों के द्वारा जानने वाले मापों का उपयोग करें, और मूलपाठ में या नोट में यूएलबी अनुवाद से माप सम्मिलित करें। @@ -37,23 +36,23 @@ 1. यूएलबी अनुवाद से मापों का प्रयोग करें। ये वही माप हैं, जिन्हें मूल लेखक उपयोग करते थे। उन्हें ऐसे तरीके से वर्तनी करें जो यूएलबी अनुवाद में ध्वनि देते या वर्तनी के तरीके के समतुल्य है। (देखें [प्रतिलिपी या उधार शब्दों को लें](../translate-transliterate/01.md)) - * "भेंट का कांस्य सत्तर किक्कार और 2,400 शेकेल वजनी था।" + * "भेंट का कांस्य सत्तर किक्कार और 2,400 शेकेल वजनी था।" 1. यूडीबी अनुवाद में दिए गए मीट्रिक अर्थात् दशमलव मापों का प्रयोग करें। यूडीबी अनुवाद के अनुवादकों ने पहले से ही मीट्रिक पद्धति में मूल्य का प्रतिनिधित्व करने के बारे में सोचा है। - * "भेंट का कांस्य 2,400 किलोग्राम वजनी था।" + * "भेंट का कांस्य 2,400 किलोग्राम वजनी था।" 1. उन मापों का प्रयोग करें जिन्हें पहले से ही आपकी भाषा में उपयोग किया जा रहा है। ऐसा करने के लिए आपको यह जानना होगा कि आपके माप मीट्रिक पद्धति से कैसे सम्बन्धित हैं और आप प्रत्येक माप को समझते हैं। - * "भेंट का कांस्य 5,300 पाउंड वजनी था।" + * "भेंट का कांस्य 5,300 पाउंड वजनी था।" 1. यूएलबी से मापों का उपयोग करें और उन मापों को सम्मिलित करें जो आपके लोगों को मूलपपाठ या फुटनोट में पता है। निम्नलिखित मूलपाठ में दोनों माप दिखाए गए हैं। - * "भेंट का कांस्य सत्तर किक्कार (2,380 किलोग्राम) और 2,400 शेकेल (26.4 किलोग्राम) वजनी था. + * "भेंट का कांस्य सत्तर किक्कार (2,380 किलोग्राम) और 2,400 शेकेल (26.4 किलोग्राम) वजनी था. 1. उन मापों का प्रयोग करें जिन्हें आपके लोग पहले से जानते हैं, और मूलपाठ में या फुटनोट में यूएलबी अनुवाद से मापों को सम्मिलित करें। निम्नलिखित नोट्स में यूएलबी माप दिखाए गए हैं। - * "भेंट से कांस्य सत्तर किक्कार और 2,400 शेकेल . 1 वजनी था" - * फुटनोट इस तरह दिखेगा: + * "भेंट से कांस्य सत्तर किक्कार और 2,400 शेकेल . 1 वजनी था" + * फुटनोट इस तरह दिखेगा: [1] यह लगभग 2,400 किलोग्राम का था। diff --git a/translate/translate-chapverse/01.md b/translate/translate-chapverse/01.md index a9af89c..014684d 100644 --- a/translate/translate-chapverse/01.md +++ b/translate/translate-chapverse/01.md @@ -1,4 +1,3 @@ - ### विवरण जब बाइबल की पुस्तकें पहली बार लिखी गईं, तो अध्यायों और वचनों के लिए कोई विराम नहीं था। लोगों ने बाद में इसे जोड़ा, और फिर दूसरों ने बाइबल के विशेष भागों को ढूँढना आसान बनाने के लिए अध्यायों और वचनों में सँख्या को जोड़ दिया। क्योंकि एक से अधिक व्यक्ति ने ऐसा किया है, इसलिए भिन्न अनुवादों में विभिन्न सँख्याओं का उपयोग किया जाता है। यदि यूएलबी अनुवाद में सँख्या पद्धति आपके द्वारा उपयोग की जाने वाली किसी अन्य बाइबल में दी हुई सँख्या पद्धति से अलग है, तो आप कदाचित् उस बाइबल से पद्धति का उपयोग करना चाहेंगे। @@ -30,9 +29,9 @@ यदि आपकी भाषा बोलने वाले लोग एक और बाइबल का उपयोग करते हैं, तो अध्यायों और वचनों को जिस तरह से लिखा है, उनकी सँख्या बनाएँ। नीचे दिया गया उदाहरण 3 यूहन्ना 1 से है। कुछ बाइबल इस पाठ को वचन 14 और 15 के रूप में चिह्नित करते हैं, और कुछ इसे 14 पद के रूप में चिह्नित करते हैं। आप वचन सँख्या को वैसे चिह्नित कर सकते हैं, जैसे आपकी दूसरी बाइबल करती है। -** 14 परन्तु मैं शीघ्रता से तुझे देखने की अपेक्षा करता हूँ, और हम आमने-सामने बातचीत करेंगे।** 15 ** शान्ति तेरे लिए हो। +** 14 परन्तु मैं शीघ्रता से तुझे देखने की अपेक्षा करता हूँ, और हम आमने-सामने बातचीत करेंगे।** 15 शान्ति तेरे लिए हो। -मित्र तुझे नमस्कार करते हैं। मित्रों का नाम लेकर नमस्कार कर।** (3 यूहन्ना 1:14-15 यूएलबी) +मित्र तुझे नमस्कार करते हैं। मित्रों का नाम लेकर नमस्कार कर। (3 यूहन्ना 1:14-15 यूएलबी) 14 परन्तु मैं शीघ्रता से तुझे देखने की अपेक्षा करता हूँ, और हम आमने-सामने बातचीत करेंगे। शान्ति तेरे लिए हो। मित्र तुझे नमस्कार करते हैं। मित्रों का नाम लेकर नमस्कार कर। (3 यूहन्ना 14) @@ -42,7 +41,7 @@ 1 **हे यहोवा, मेरे शत्रु कितने हैं!** - ई लोग मुझ से दूर हो गए हैं और मुझ पर आक्रमण किया है।** +** कई लोग मुझ से दूर हो गए हैं और मुझ पर आक्रमण किया है।** 2 **कई मेरे बारे में कहते हैं,** diff --git a/translate/translate-decimal/01.md b/translate/translate-decimal/01.md index d99af0d..a9c49b7 100644 --- a/translate/translate-decimal/01.md +++ b/translate/translate-decimal/01.md @@ -1,4 +1,3 @@ - ### विवरण दशमलव बिन्दु, या दशमलव अल्पविराम, यह दिखाने के लिए सँख्या के बाईं ओर स्थित एक चिह्न होता है कि सँख्या पूरी सँख्या के भाग को सन्दर्भित करती है। उदाहरण के लिए .1 मीटर एक पूरा मीटर नहीं है, परन्तु मीटर का केवल दसवाँ भाग है और .5 मीटर पाँच मीटर नहीं है, परन्तु मीटर का केवल पाँचवाँ भाग है। 3.7 मीटर एक मीटर का तीन और दसवें का सातवाँ भाग है। @@ -47,7 +46,7 @@ * यदि आप यूएलबी अनुवाद में दिए गए अंशों और मापों का उपयोग करने का निर्णय लेते हैं, तो केवल यूएलबी अनुवाद की ही सँख्याओं और मापों का अनुवाद करें। * यदि आप यूडीबी में दिए गए दशमलवों और मापों का उपयोग करने का निर्णय लेते हैं, तो बस यूडीबी की ही सँख्याओं और मापों का अनुवाद करें। -1. यदि आप यूएलबी में दिए हए दशमलवों और मापों का उपयोग करने का निर्णय लेते हैं, तो आपको यूएलबी में अंशों को दशमलवों में परिवर्तित करने की आवश्यकता होगी। +1. यदि आप यूएलबी में दिए हए दशमलवों और मापों का उपयोग करने का निर्णय लेते हैं, तो आपको यूएलबी में अंशों को दशमलवों में परिवर्तित करने की आवश्यकता होगी। 1. यदि आप यूडीबी अनुवाद में दशमलव और मापों का उपयोग करने का निर्णय लेते हैं, तो आपको यूडीबी अनुवाद में दशमलवों को अंशों में परिवर्तितना होगा। ### अनुवाद के लिए लागू की गई रणनीतियों के उदाहरण @@ -55,11 +54,9 @@ 1. यदि आप यूएलबी अनुवाद में दिए गए दशमलवों और मापों का उपयोग करने का निर्णय लेते हैं, तो आपको यूएलबी अनुवाद में अंशों को दशमलव में परिवर्तित करने की आवश्यकता होगी। * **अनाज के तीन दसवें का एक एपा तेल के साथ अनाज की भेंट बलि के रूप में मिलाया हुआ मैदा, और तेल का एक लोज .** (लैव्यव्यवस्था 14:10 यूएलबी) - - * " 0.3 एपा तेल के साथ अनाज की भेंट बलि के रूप में मिलाया हुआ मैदा, और तेल का एक लोज ." + * " 0.3 एपा तेल के साथ अनाज की भेंट बलि के रूप में मिलाया हुआ मैदा, और तेल का एक लोज ." 1. यदि आप यूडीबी अनुवाद में भिन्नताओं और मापों का उपयोग करने का निर्णय लेते हैं, तो आपको यूडीबी में दशमलवों को अंशों में परिवर्तितना होगा। * ** लगभग 6.5 लीटर > जैतून के तेल के साथ अनाज की भेंट बलि के रूप में मिलाया हुआ मैदा, और तेल का एक तिहाई लीटर.** (लैव्यव्यवस्था 14 :10 यूडीबी) - - * "लगभग साढ़े छह लीटर जैतून के तेल के साथ अनाज की भेंट बलि के रूप में मिलाया हुआ मैदा, और तेल का लगभग एक तिहाई लीटर.** + * "लगभग साढ़े छह लीटर जैतून के तेल के साथ अनाज की भेंट बलि के रूप में मिलाया हुआ मैदा, और तेल का लगभग एक तिहाई लीटर. diff --git a/translate/translate-discover/01.md b/translate/translate-discover/01.md index d179412..b7a959d 100644 --- a/translate/translate-discover/01.md +++ b/translate/translate-discover/01.md @@ -1,4 +1,3 @@ - ### अर्थ का पता कैसे लगाएँ मूलपाठ के अर्थ को खोजने में हमारी सहायता करने के लिए हम कई भिन्न बातें कर सकते हैं, अर्थात यह सुनिश्चित करने के लिए कि हम समझ सकते हैं कि मूलपाठ क्या कहने का प्रयास कर रहा है। diff --git a/translate/translate-dynamic/01.md b/translate/translate-dynamic/01.md index e878bd2..8ff1922 100644 --- a/translate/translate-dynamic/01.md +++ b/translate/translate-dynamic/01.md @@ -1,4 +1,3 @@ - ### परिचय हमने शाब्दिक अनुवादों को निकटता से देखा है। अब, हम अर्थ-आधारित अनुवादों को देखेंगे। इन अनुवादों को भी यह भी कहा जाता है: @@ -9,9 +8,9 @@ ### मुख्य विशेषताएँ -अर्थ-आधारित अनुवादों की मुख्य विशेषता यह है कि वे स्रोत मूलपाठ के रूप अर्थात् ढ़ांचे को पुन: उत्पन्न करने के लिए अर्थ को अनुवाद करने के लिए प्राथमिकता देते हैं। अर्थात्, वे स्पष्ट रूप से अर्थ स्पष्ट करने के लिए आवश्यक मूलपाठ के रूप अर्थात् ढ़ांचे को परिवर्तित करती हैं। +अर्थ-आधारित अनुवादों की मुख्य विशेषता यह है कि वे स्रोत मूलपाठ के रूप अर्थात् ढ़ांचे को पुन: उत्पन्न करने के लिए अर्थ को अनुवाद करने के लिए प्राथमिकता देते हैं। अर्थात्, वे स्पष्ट रूप से अर्थ स्पष्ट करने के लिए आवश्यक मूलपाठ के रूप अर्थात् ढ़ांचे को परिवर्तित करती हैं। - र्थ-आधारित अनुवादों के सबसे सामान्य प्रकार के परिवर्तन निम्न हैं**: +** अर्थ-आधारित अनुवादों के सबसे सामान्य प्रकार के परिवर्तन निम्न हैं**: * लक्षित भाषा की व्याकरण के अनुरूप शब्द व्यवस्था को परिवर्तित करें * स्वभाविक व्याकरण के साथ विदेशी व्याकरण संरचनाओं को प्रतिस्थापित करें @@ -51,9 +50,9 @@ अंग्रेजी की लिविंग बाइबल से: -> ... प्रमाणित करें कि तुम योग्य कामों को करके पाप की ओर से मुड़ गए हो। +> ... प्रमाणित करें कि तुम योग्य कामों को करके पाप की ओर से मुड़ गए हो। -अंग्रेजी के न्यू लिविंग अनुवाद से: +अंग्रेजी के न्यू लिविंग अनुवाद से: > जिस तरह से तुम जीवन व्यतीत करते हो, उससे प्रमाणित करो कि तुमने अपने पापों से पश्चाताप किया है और परमेश्वर की ओर मुड़ गए हो। diff --git a/translate/translate-fandm/01.md b/translate/translate-fandm/01.md index dd735ec..9e34728 100644 --- a/translate/translate-fandm/01.md +++ b/translate/translate-fandm/01.md @@ -1,4 +1,3 @@ - ### रूप अर्थात् ढ़ांचे और अर्थ परिभाषित करना मूलपाठ का अनुवाद करने में उपयोग किए जाने वाले दो प्रमुख शब्द "रूप" और "अर्थ" हैं। इन शब्दों का प्रयोग बाइबल अनुवाद में विशेष तरीकों से किया जाता है। उनकी निम्नलिखित परिभाषाएँ हैं: @@ -20,7 +19,6 @@ उसने एक सांस्कृतिक रूप से स्वीकार्य तरीके से लिखा जिसमें उसने पैसे की अपनी आवश्यकता को प्रस्तुत किया है, परन्तु आपको उत्तर देने के लिए बाध्य नहीं किया। उसने वर्णन किया है कि उनके पास पैसा क्यों नहीं था (उसकी बीमार माँ), कि उसकी आवश्यकता केवल अस्थायी थी (जब तक उसे भुगतान नहीं किया जाता), और उसकी स्थिति हताशापूर्ण थी (भोजन नहीं था)। अन्य संस्कृतियों में, अनुरोध का एक और प्रत्यक्ष रूप इस अर्थ को संचारित करने के लिए अधिक उपयुक्त हो सकता है। - #### रूप इस उदाहरण में, **रूप** नोट का पूरा मूलपाठ है। **अर्थ** यह है कि "मैं चाहता हूँ कि आप मुझे पैसे दें!" diff --git a/translate/translate-form/01.md b/translate/translate-form/01.md index 9e363d2..9dc0c69 100644 --- a/translate/translate-form/01.md +++ b/translate/translate-form/01.md @@ -1,7 +1,6 @@ - ### रूप क्यों महत्वपूर्ण है -एक मूलपाठ का अर्थ सबसे महत्वपूर्ण तत्व है। यद्यपि, मूलपाठ का रूप भी बहुत अधिक महत्वपूर्ण है। यह अर्थ के लिए मात्र एक "पात्र" से अधिक है। यह अर्थ समझने और प्राप्त किए जाने के तरीके को प्रभावित करता है। इस तरह से स्वयं रूप में अपना एक अर्थ होता है। उदाहरण के लिए, भजन 9:1-2 के दो अनुवादों के बीच रूप में मतभेदों को देखें: +एक मूलपाठ का अर्थ सबसे महत्वपूर्ण तत्व है। यद्यपि, मूलपाठ का रूप भी बहुत अधिक महत्वपूर्ण है। यह अर्थ के लिए मात्र एक "पात्र" से अधिक है। यह अर्थ समझने और प्राप्त किए जाने के तरीके को प्रभावित करता है। इस तरह से स्वयं रूप में अपना एक अर्थ होता है। उदाहरण के लिए, भजन 9:1-2 के दो अनुवादों के बीच रूप में मतभेदों को देखें: अंग्रेजी के न्यू लाईफ संस्करण से: @@ -14,7 +13,7 @@ पहला संस्करण मूलपाठ को ऐसे रूप में रखता है, जो कहानियों को कहने के लिए उपयोग किए जाने वाले रूप से अलग नहीं है। भजन की प्रत्येक पंक्ति को एक अलग वाक्य के रूप में वर्णित किया गया है। दूसरे संस्करण में, काव्य की व्यवस्था पृष्ठ की एक अलग पंक्ति के साथ वचन की प्रत्येक पंक्ति को लेते हुए लक्षित संस्कृति में काव्य की व्यवस्था की जाती है। इसके अतिरिक्त, दूसरी पंक्ति से हटाकर नया परिच्छेद आरम्भ करने के साथ, पहली दो पंक्तियाँ अर्ध-विराम से जुड़ती हैं। -ये बातें इंगित करती हैं कि दो पंक्तियाँ सम्बन्धित हैं-वे बहुत समान बातें कहते हैं। तीसरी और चौथी पंक्तियाँ में भी वही व्यवस्था पाई जाती है। दूसरे संस्करण के एक पाठक को पता चलेगा कि यह भजन एक काव्य या गीत है, जो उसके स्वरूप के कारण है, जबकि पहले संस्करण के पाठक को यह समझ नहीं मिल सकती है, क्योंकि इसे मूलपाठ के रूप में संचारित नहीं किया गया था। पहले संस्करण के पाठक भ्रमित हो सकते हैं, क्योंकि भजन एक गीत प्रतीत होता है, परन्तु इसे एक गीत के रूप में प्रस्तुत नहीं किया गया है। शब्द एक आनन्द से भरी हुई भावना को व्यक्त कर रहे हैं। एक अनुवादक के रूप में, आपको अपनी भाषा में एक आनन्द से भरे हुए गीत को व्यक्त करने के लिए रूप का उपयोग करना चाहिए। +ये बातें इंगित करती हैं कि दो पंक्तियाँ सम्बन्धित हैं-वे बहुत समान बातें कहते हैं। तीसरी और चौथी पंक्तियाँ में भी वही व्यवस्था पाई जाती है। दूसरे संस्करण के एक पाठक को पता चलेगा कि यह भजन एक काव्य या गीत है, जो उसके स्वरूप के कारण है, जबकि पहले संस्करण के पाठक को यह समझ नहीं मिल सकती है, क्योंकि इसे मूलपाठ के रूप में संचारित नहीं किया गया था। पहले संस्करण के पाठक भ्रमित हो सकते हैं, क्योंकि भजन एक गीत प्रतीत होता है, परन्तु इसे एक गीत के रूप में प्रस्तुत नहीं किया गया है। शब्द एक आनन्द से भरी हुई भावना को व्यक्त कर रहे हैं। एक अनुवादक के रूप में, आपको अपनी भाषा में एक आनन्द से भरे हुए गीत को व्यक्त करने के लिए रूप का उपयोग करना चाहिए। अंग्रेजी के न्यू इन्टरनेशनल संस्करण में 2 शमूएल 18:33ब के रूप को भी देखें: diff --git a/translate/translate-formatsignals/01.md b/translate/translate-formatsignals/01.md index 2b23d40..1e9fa92 100644 --- a/translate/translate-formatsignals/01.md +++ b/translate/translate-formatsignals/01.md @@ -1,12 +1,10 @@ - ### विवरण - नलॉक्ड शाब्दिक बाइबल* (यूएलबी) और *अनलॉक्ड डायनामिक बाइबल* (यूडीबी) पदलोप चिन्ह, लम्बे डैश अर्थात् शब्द विच्छेद रेखा चिन्ह, कोष्टक, और इंडेंटेशन अर्थात् अभिस्थापन का उपयोग यह दिखाने के लिए करते हैं कि मूलपाठ में जानकारी किस प्रकार से सम्बन्धित है। - +* अनलॉक्ड शाब्दिक बाइबल* (यूएलबी) और *अनलॉक्ड डायनामिक बाइबल* (यूडीबी) पदलोप चिन्ह, लम्बे डैश अर्थात् शब्द विच्छेद रेखा चिन्ह, कोष्टक, और इंडेंटेशन अर्थात् अभिस्थापन का उपयोग यह दिखाने के लिए करते हैं कि मूलपाठ में जानकारी किस प्रकार से सम्बन्धित है। #### पदलोप चिन्ह - रिभाषा** - पदलोप चिन्ह (...) का उपयोग यह दिखाने के लिए किया जाता है कि किसी ने एक वाक्य समाप्त नहीं किया है, या लेखक ने जो कुछ कहा है, उस पूरे को उद्धृत नहीं किया गया है। +** परिभाषा** - पदलोप चिन्ह (...) का उपयोग यह दिखाने के लिए किया जाता है कि किसी ने एक वाक्य समाप्त नहीं किया है, या लेखक ने जो कुछ कहा है, उस पूरे को उद्धृत नहीं किया गया है। मत्ती 9:4-6 में, पदलोप चिन्ह से पता चलता है कि यीशु ने अपने वाक्य को शास्त्रियों के साथ पूरा नहीं किया जब उसने लकवा ग्रसित व्यक्ति पर अपना ध्यान दिया और उससे बात की: @@ -14,16 +12,15 @@ क्या कहना आसान है, 'तेरे पाप क्षमा हुए हैं,' या यह कहना, 'उठ और चल'? -परन्तु तुम जानते हो कि मनुष्य के पुत्र के पास पृथ्वी पर पापों को क्षमा करने का अधिकार है, **....** "उसने लकवा ग्रसित से कहा," उठ, अपनी खाट उठा, और अपने घर चला जा।” (यूएलबी) +परन्तु तुम जानते हो कि मनुष्य के पुत्र के पास पृथ्वी पर पापों को क्षमा करने का अधिकार है, **....** "उसने लकवा ग्रसित से कहा," उठ, अपनी खाट उठा, और अपने घर चला जा।” (यूएलबी) मरकुस 11:31-33 में, पदलोप चिन्ह से पता चलता है कि या तो धार्मिक अगुओं ने अपने वाक्य को पूरा नहीं किया, या मरकुस ने जो कुछ कहा वह समाप्त नहीं हुआ है। > उन्होंने आपस में चर्चा की और तर्क दिया और कहा, "यदि हम कहते हैं, 'स्वर्ग से,' तो वह कहेगा, 'फिर तुमने उस पर विश्वास क्यों नहीं किया?' परन्तु यदि हम कहते हैं, 'लोगों की ओर से,' **...**" वे लोगों से डरते थे, क्योंकि वे सभी ने माना था कि यूहन्ना एक भविष्यद्वक्ता था। तब उन्होंने यीशु को उत्तर दिया और कहा, "हम नहीं जानते।" तब यीशु ने उनसे कहा, "न ही मैं तुम्हें बताऊँगा कि मैं किस अधिकार से इन कामों को करता हूँ।" (यूएलबी) - #### लम्बे पदलोप चिन्ह अर्थात् शब्द विच्छेद रेखा चिन्ह - रिभाषा** - लम्बी डैश अर्थात् शब्द विच्छेद रेखा चिन्ह (—) ऐसी जानकारी को प्रस्तुत करती है, जो उससे पहले जो कुछ हुआ है, उससे तुरन्त प्रासंगिक होती है। +** परिभाषा** - लम्बी डैश अर्थात् शब्द विच्छेद रेखा चिन्ह (—) ऐसी जानकारी को प्रस्तुत करती है, जो उससे पहले जो कुछ हुआ है, उससे तुरन्त प्रासंगिक होती है। उदाहरण के लिए: @@ -31,7 +28,7 @@ #### कोष्टक - रिभाषा** - कोष्टक “( )" दिखाती हैं कि कुछ जानकारी एक स्पष्टीकरण या बाद का विचार है। यह पृष्ठभूमि की जानकारी होती है, जिसे पाठक उस स्थान पर रखता है, ताकि पाठक को इसके आस-पास की सामग्री को समझने में सहायता मिल सके। +** परिभाषा** - कोष्टक “( )" दिखाती हैं कि कुछ जानकारी एक स्पष्टीकरण या बाद का विचार है। यह पृष्ठभूमि की जानकारी होती है, जिसे पाठक उस स्थान पर रखता है, ताकि पाठक को इसके आस-पास की सामग्री को समझने में सहायता मिल सके। यूहन्ना 6:6 में, यूहन्ना ने उस कहानी को हस्तक्षेप कर दिया, जिसे वह लिख रहा था कि यीशु पहले से ही जानता था कि वह क्या करने जा रहा है। @@ -45,7 +42,7 @@ #### अभिस्थापन - रिभाषा** - जब मूलपाठ अभिस्थापित किया जाता है, तो इसका अर्थ होता है कि मूलपाठ की रेखा ऊपर और नीचे के मूलपाठ की रेखाओं की तुलना में दाईं ओर से आरम्भ होती है, जो अभिस्थापित नहीं होते हैं। यह काव्य और कुछ सूचियों के लिए, यह दिखाने के लिए किया जाता है कि अभिस्थापित पँक्तियों उनके ऊपर दी गई गैर-अभिस्थापन पँक्तियों का भाग बनती हैं। +** परिभाषा** - जब मूलपाठ अभिस्थापित किया जाता है, तो इसका अर्थ होता है कि मूलपाठ की रेखा ऊपर और नीचे के मूलपाठ की रेखाओं की तुलना में दाईं ओर से आरम्भ होती है, जो अभिस्थापित नहीं होते हैं। यह काव्य और कुछ सूचियों के लिए, यह दिखाने के लिए किया जाता है कि अभिस्थापित पँक्तियों उनके ऊपर दी गई गैर-अभिस्थापन पँक्तियों का भाग बनती हैं। उदाहरण के लिए: diff --git a/translate/translate-fraction/01.md b/translate/translate-fraction/01.md index e3a9384..e248605 100644 --- a/translate/translate-fraction/01.md +++ b/translate/translate-fraction/01.md @@ -1,4 +1,3 @@ - ### विवरण अंश एक प्रकार की सँख्या होती है, जो किसी वस्तु के बराबर भागों या लोगों या वस्तुओं के बड़े समूह के बराबर समूहों को सन्दर्भित करती है। एक वस्तु या वस्तुओं का ए समूह दो या दो से अधिक भागों या समूहों में बांटा गया है, और एक अंश उन भागों या समूहों में से एक या अधिक को सन्दर्भित करता है। @@ -26,7 +25,7 @@ | तीन | तीसरा | | पाँच | पाँचवाँ | - सका कारण यह अनुवाद का एक विषय है:** कुछ भाषाएँ अंशों का उपयोग नहीं करती हैं। वे मात्र भागों या समूहों के बारे में बात कर सकती हैं, परन्तु वे यह बताने के लिए अंशों का उपयोग नहीं करती हैं कि समूह में कितना बड़ा भाग है या कितने सम्मिलित हैं। +** इसका कारण यह अनुवाद का एक विषय है:** कुछ भाषाएँ अंशों का उपयोग नहीं करती हैं। वे मात्र भागों या समूहों के बारे में बात कर सकती हैं, परन्तु वे यह बताने के लिए अंशों का उपयोग नहीं करती हैं कि समूह में कितना बड़ा भाग है या कितने सम्मिलित हैं। ### बाइबल से उदाहरण @@ -40,7 +39,7 @@ > अर्घ के बलिदान के लिए, तू दाखरस को एक हीन की चौथाई को भेंट में प्रस्तुत करने के लिए तैयार करना। (गिनती 15:5 यूएलबी) -वे चार बराबर भागों में दाखरस को एक हीन में विभाजित करने और उनमें से एक को समतुल्य मूल्य में तैयार करने की कल्पना कर रहे थे। +वे चार बराबर भागों में दाखरस को एक हीन में विभाजित करने और उनमें से एक को समतुल्य मूल्य में तैयार करने की कल्पना कर रहे थे। ### अनुवाद की रणनीतियाँ @@ -57,25 +56,18 @@ 1. उन भागों या समूहों की सँख्या बताएँ जिसमें वस्तु को विभाजित किया जाएगा, और फिर उन भागों या समूहों की सँख्या बताएँ जिन्हें सन्दर्भित किया जा रहा है। * **महासागर की एक तिहाई रक्त की तरह लाल हो गया** (प्रकाशितवाक्य 8:8 यूएलबी) - - * यह ऐसे था कि मानो उन्होंने महासागर को तीन भागों में विभाजित कर दिया , और समुद्र का एक भाग रक्त बन गया। - + * यह ऐसे था कि मानो उन्होंने महासागर को तीन भागों में विभाजित कर दिया , और समुद्र का एक भाग रक्त बन गया। * **तब तू बैल के साथ तेल के आधे हीन के साथ अच्छे मैदे के एक एपा के तीन दसवाँ अंश भाग को अनाज की भेंट के रूप में प्रस्तुत करना।** (गिनती 15:9 यूएलबी) - - * ... तब तू मैदे का एक एपा दस भागों में > विभाजित करना और तेल के एक हीन को दो भागों में विभाजित करना होगा . तब उन तीन भागों को को मैदे के उन तीन भागों में से एक में मिलाना। तब तू बैल के साथ उस अनाज की भेंट को प्रस्तुत करना। + * ... तब तू मैदे का एक एपा दस भागों में > विभाजित करना और तेल के एक हीन को दो भागों में विभाजित करना होगा . तब उन तीन भागों को को मैदे के उन तीन भागों में से एक में मिलाना। तब तू बैल के साथ उस अनाज की भेंट को प्रस्तुत करना। 1. माप के लिए, यूडीबी अनुवाद में दिए गए माप का उपयोग करें। यूडीबी अनुवाद के अनुवादकों ने पहले से ही मीट्रिक पद्धति में मूल्य का प्रतिनिधित्व करने के बारे में सोचा है। * ** शेकेल का दो तिहाई ** (1 शमूएल 13:21 यूएलबी) - - * चाँदी के आठ ग्राम (1 शमूएल 13:21 यूडीबी) - + * चाँदी के आठ ग्राम (1 शमूएल 13:21 यूडीबी) * ** तेल के आधे हीन के साथ मैदे के एपा के तीन दसवें मिलाना।** (गिनती 15:9 यूएलबी) - - * साढ़े छह लीटर बारीक पिसे हुए आटे को दो लीटर जैतून के तेल में मिलाए जाए। (गिनती 15:9 यूडीबी) + * साढ़े छह लीटर बारीक पिसे हुए आटे को दो लीटर जैतून के तेल में मिलाए जाए। (गिनती 15:9 यूडीबी) 1. माप के लिए, अपनी भाषा में उपयोग किए जाने वाले मापों का ही उपयोग करें। ऐसा करने के लिए आपको यह जानना होगा कि आपका माप मीट्रिक पद्धति से कैसे सम्बन्धित है और आप प्रत्येक माप को समझता है। * ** तेल के आधे हीन के साथ मिश्रित बारीक आटे के एपा के तीन दसवें ** (गिनती 15:9, यूएलबी) - - * छः क्वार्ट मैदा दो क्वार्ट तेल के साथ मिला हुआ। + * छः क्वार्ट मैदा दो क्वार्ट तेल के साथ मिला हुआ। diff --git a/translate/translate-hebrewmonths/01.md b/translate/translate-hebrewmonths/01.md index 85df651..0ed3156 100644 --- a/translate/translate-hebrewmonths/01.md +++ b/translate/translate-hebrewmonths/01.md @@ -1,4 +1,3 @@ - ### विवरण बाइबल में उपयोग किए गए इब्रानी कैलेन्डर या पंचाग में बारह महीने हैं। पश्चिमी कैलेन्डर के विपरीत, इसका पहला महीना उत्तरी गोलार्ध के वसन्त में आरम्भ होता है। कभी-कभी एक महीने को उसके नाम (अबीब, जीव, सीवान) के द्वारा बुलाया जाता है, और कभी-कभी इसे इब्रानी कैलेन्डर वर्ष (पहले महीने, दूसरे महीने, तीसरे महीने) की अपनी व्यवस्था से बुलाया जाता है। @@ -14,18 +13,18 @@ यहाँ इब्रानी महीनों की एक सूची है, जो उनके बारे में जानकारी देती है, जो अनुवाद में सहायक हो सकती है। - बीब** - (इस महीने को बेबीलोन में निर्वासन के बाद **नीसान** कहा जाता है।) यह इब्रानी कैलेन्डर का पहला महीना है। यह तब चिन्हित करता है, जब परमेश्वर इस्राएल के लोगों को मिस्र से बाहर लाया था। यह वसन्त ऋतु का आरम्भ है, जब पिछली वर्षा होती है और लोग अपनी फसलों की कटनी आरम्भ करते हैं। यह मार्च के अन्तिम भाग और पश्चिमी कैलेन्डर में अप्रैल के पहले भाग का समय है। फसह का त्यौहार अबीब 10 से आरम्भ हुआ, अखमीरी रोटी का त्योहार उसके ठीक बाद में आता था, और कटनी का त्यौहार उसके कुछ हफ्ते बाद था। - ीव** - यह इब्रानी कैलेन्डर का दूसरा महीना है। यह कटनी के ऋतु के समय आता है। यह अप्रैल के अन्तिम भाग और पश्चिमी कैलेन्डर मे मई के पहले भाग का समय है। - ीवान** - यह इब्रानी कैलेन्डर का तीसरा महीना है। यह कटनी की ऋतु के अन्त में और शुष्क ऋतु के आरम्भ में आता है। यह मई के अन्तिम भाग और पश्चिमी कैलेन्डर मे जून के पहले भाग का समय है। शीवान 6 से सप्ताहों का त्यौहार मनाया जाता है। - म्मूज** - यह इब्रानी कैलेन्डर का चौथा महीना है। यह शुष्क ऋतु के समय आता है। यह जून के अन्तिम भाग और पश्चिमी कैलेन्डर मे जुलाई के पहले भाग का समय है। - ब** - यह इब्रानी कैलेन्डर का पाँचवाँ महीना है। यह शुष्क ऋतु के समय आता है। यह जुलाई के अन्तिम भाग और पश्चिमी कैलेन्डर मे अगस्त के पहले भाग का समय है। - लुल** - यह इब्रानी कैलेन्डर का छठा महीना है। यह शुष्क ऋतु के अन्त में और वर्षा के ऋतु की आरम्भ में है। यह अगस्त के अन्तिम भाग और पश्चिमी कैलेन्डर मे सितम्बर के पहले भाग का समय है। - थानीम** - यह इब्रानी कैलेन्डर का सातवाँ महीना है। यह आरम्भिक वर्षा की ऋतु के समय आता है, जो बुवाई के लिए भूमि को नरम कर देती है। यह सितम्बर के अन्तिम भाग और पश्चिमी कैलेन्डर मे अक्टूबर के पहले भाग का समय है। इस महीने में झोपड़ियों का त्यौहार और प्रायश्चित के दिन को मनाया जाता है। - ुल** - यह इब्रानी कैलेन्डर का आठवाँ महीना है। यह वर्षा की ऋतु के समय आता है जब लोग अपने खेतों को जोतते और बीज बोते हैं। यह अक्टूबर के अन्तिम भाग और पश्चिमी कैलेन्डर मे नवम्बर के पहले भाग का समय है। - ीस्लेव** - यह इब्रानी कैलेन्डर का नौवाँ महीना है। यह बुवाई की ऋतु के अन्त में और ठण्ड की ऋतु की आरम्भ में आता है। यह नवम्बर के अन्तिम भाग और पश्चिमी कैलेन्डर मे दिसम्बर के पहले भाग में है। - ीबेथ** - यह इब्रानी कैलेन्डर का दसवाँ महीना है। यह ठण्ड के ऋतु के समय आता है जब वर्षा और बर्फ हो सकती है। यह दिसम्बर के अन्तिम भाग और पश्चिमी कैलेन्डर मे जनवरी के पहले भाग का समय है। - ेबत** - यह इब्रानी कैलेन्डर का ग्यारहवाँ महीना है। यह वर्ष का सबसे ठण्डा महीना है, और इसमें भारी वर्षा होती है। यह जनवरी के अन्तिम भाग और पश्चिमी कैलेन्डर मे फरवरी के पहले भाग का समय है। - दार** - यह इब्रानी कैलेन्डर का बारहवाँ और अन्तिम महीना है। यह ठण्ड की ऋतु का समय है।। यह फरवरी के अन्तिम भाग और पश्चिमी कैलेन्डर मे मार्च के पहले भाग का समय है। पुरीम नामक त्योहार अदार महीने में मनाया जाता है। +** अबीब** - (इस महीने को बेबीलोन में निर्वासन के बाद **नीसान** कहा जाता है।) यह इब्रानी कैलेन्डर का पहला महीना है। यह तब चिन्हित करता है, जब परमेश्वर इस्राएल के लोगों को मिस्र से बाहर लाया था। यह वसन्त ऋतु का आरम्भ है, जब पिछली वर्षा होती है और लोग अपनी फसलों की कटनी आरम्भ करते हैं। यह मार्च के अन्तिम भाग और पश्चिमी कैलेन्डर में अप्रैल के पहले भाग का समय है। फसह का त्यौहार अबीब 10 से आरम्भ हुआ, अखमीरी रोटी का त्योहार उसके ठीक बाद में आता था, और कटनी का त्यौहार उसके कुछ हफ्ते बाद था। +** जीव** - यह इब्रानी कैलेन्डर का दूसरा महीना है। यह कटनी के ऋतु के समय आता है। यह अप्रैल के अन्तिम भाग और पश्चिमी कैलेन्डर मे मई के पहले भाग का समय है। +** शीवान** - यह इब्रानी कैलेन्डर का तीसरा महीना है। यह कटनी की ऋतु के अन्त में और शुष्क ऋतु के आरम्भ में आता है। यह मई के अन्तिम भाग और पश्चिमी कैलेन्डर मे जून के पहले भाग का समय है। शीवान 6 से सप्ताहों का त्यौहार मनाया जाता है। +** तम्मूज** - यह इब्रानी कैलेन्डर का चौथा महीना है। यह शुष्क ऋतु के समय आता है। यह जून के अन्तिम भाग और पश्चिमी कैलेन्डर मे जुलाई के पहले भाग का समय है। +** अब** - यह इब्रानी कैलेन्डर का पाँचवाँ महीना है। यह शुष्क ऋतु के समय आता है। यह जुलाई के अन्तिम भाग और पश्चिमी कैलेन्डर मे अगस्त के पहले भाग का समय है। +** एलुल** - यह इब्रानी कैलेन्डर का छठा महीना है। यह शुष्क ऋतु के अन्त में और वर्षा के ऋतु की आरम्भ में है। यह अगस्त के अन्तिम भाग और पश्चिमी कैलेन्डर मे सितम्बर के पहले भाग का समय है। +** इथानीम** - यह इब्रानी कैलेन्डर का सातवाँ महीना है। यह आरम्भिक वर्षा की ऋतु के समय आता है, जो बुवाई के लिए भूमि को नरम कर देती है। यह सितम्बर के अन्तिम भाग और पश्चिमी कैलेन्डर मे अक्टूबर के पहले भाग का समय है। इस महीने में झोपड़ियों का त्यौहार और प्रायश्चित के दिन को मनाया जाता है। +** बुल** - यह इब्रानी कैलेन्डर का आठवाँ महीना है। यह वर्षा की ऋतु के समय आता है जब लोग अपने खेतों को जोतते और बीज बोते हैं। यह अक्टूबर के अन्तिम भाग और पश्चिमी कैलेन्डर मे नवम्बर के पहले भाग का समय है। +** कीस्लेव** - यह इब्रानी कैलेन्डर का नौवाँ महीना है। यह बुवाई की ऋतु के अन्त में और ठण्ड की ऋतु की आरम्भ में आता है। यह नवम्बर के अन्तिम भाग और पश्चिमी कैलेन्डर मे दिसम्बर के पहले भाग में है। +** टीबेथ** - यह इब्रानी कैलेन्डर का दसवाँ महीना है। यह ठण्ड के ऋतु के समय आता है जब वर्षा और बर्फ हो सकती है। यह दिसम्बर के अन्तिम भाग और पश्चिमी कैलेन्डर मे जनवरी के पहले भाग का समय है। +** शेबत** - यह इब्रानी कैलेन्डर का ग्यारहवाँ महीना है। यह वर्ष का सबसे ठण्डा महीना है, और इसमें भारी वर्षा होती है। यह जनवरी के अन्तिम भाग और पश्चिमी कैलेन्डर मे फरवरी के पहले भाग का समय है। +** अदार** - यह इब्रानी कैलेन्डर का बारहवाँ और अन्तिम महीना है। यह ठण्ड की ऋतु का समय है।। यह फरवरी के अन्तिम भाग और पश्चिमी कैलेन्डर मे मार्च के पहले भाग का समय है। पुरीम नामक त्योहार अदार महीने में मनाया जाता है। #### बाइबल से उदाहरण @@ -53,20 +52,19 @@ 1. इब्रानी महीने की सँख्या बताओ। - * उस समय, तुम मेरे सामने वर्ष के पहले महीने में आना, जो इस उद्देश्य के लिए निर्धारित है। यह इस महीने में हुआ था कि तुम मिस्र से बाहर आए थे। + * उस समय, तुम मेरे सामने वर्ष के पहले महीने में आना, जो इस उद्देश्य के लिए निर्धारित है। यह इस महीने में हुआ था कि तुम मिस्र से बाहर आए थे। 1. उन महीनों का उपयोग करें जिन्हें लोग जानते हैं। - * उस समय, तुम मेरे सामने मार्च महीने में आना, जो इस उद्देश्य के लिए निर्धारित है। यह इस महीने में हुआ था कि तुम मिस्र से बाहर आए थे। - * यह सदैव तुम्हारे लिए एक कानून होगा कि जिस दिन को मैं उत्तरोत्तर सितम्बर में चुनता हूँ तुम्हें स्वयं को नम्र करना चाहिए और कोई काम नहीं करना चाहिए। + * उस समय, तुम मेरे सामने मार्च महीने में आना, जो इस उद्देश्य के लिए निर्धारित है। यह इस महीने में हुआ था कि तुम मिस्र से बाहर आए थे। + * यह सदैव तुम्हारे लिए एक कानून होगा कि जिस दिन को मैं उत्तरोत्तर सितम्बर में चुनता हूँ तुम्हें स्वयं को नम्र करना चाहिए और कोई काम नहीं करना चाहिए। 1. स्पष्ट रूप से बताएँ कि महीना किस ऋतु में आया था। - * यह सदैव तुम्हारे लिए एक कानून होगा कि शरद ऋतु में, सातवें महीने के दसवें दिन, तुम्हें स्वयं को नम्र करना चाहिए और कोई काम नहीं करना चाहिए। + * यह सदैव तुम्हारे लिए एक कानून होगा कि शरद ऋतु में, सातवें महीने के दसवें दिन, तुम्हें स्वयं को नम्र करना चाहिए और कोई काम नहीं करना चाहिए। 1. समय को महीने के सन्दर्भों में लेने की अपेक्षा ऋतु के सन्दर्भ में उद्धृत करें। - * यह सदैव तुम्हारे लिए एक कानून होगा कि जिस दिन को मैं आरम्भिक शरद ऋतु में चुनता हूँ 1 तुम्हें स्वयं को नम्र करना चाहिए और कोई काम नहीं करना चाहिए। - * फुटनोट इस तरह दिखेगा: - - * [1] इब्रानी कहता है, "सातवें महीना, महीने के दसवें दिन।" + * यह सदैव तुम्हारे लिए एक कानून होगा कि जिस दिन को मैं आरम्भिक शरद ऋतु में चुनता हूँ 1 तुम्हें स्वयं को नम्र करना चाहिए और कोई काम नहीं करना चाहिए। + * फुटनोट इस तरह दिखेगा: + * [1] इब्रानी कहता है, "सातवें महीना, महीने के दसवें दिन।" diff --git a/translate/translate-help/01.md b/translate/translate-help/01.md index 478532c..d092242 100644 --- a/translate/translate-help/01.md +++ b/translate/translate-help/01.md @@ -1,2 +1 @@ - ### अनुवाद-सहायता का उपयोग करना diff --git a/translate/translate-levels/01.md b/translate/translate-levels/01.md index a75616c..c344723 100644 --- a/translate/translate-levels/01.md +++ b/translate/translate-levels/01.md @@ -1,4 +1,3 @@ - ### अर्थ के स्तर एक अच्छा अनुवाद मांग करता है कि स्रोत भाषा के अर्थ लक्षित भाषा में एक जैसे ही हो। बाइबल समेत किसी भी मूलपाठ में अर्थ के कई भिन्न स्तर हैं। इन स्तरों में सम्मिलित हैं: diff --git a/translate/translate-literal/01.md b/translate/translate-literal/01.md index b18a272..327e1e6 100644 --- a/translate/translate-literal/01.md +++ b/translate/translate-literal/01.md @@ -1,4 +1,3 @@ - ### परिभाषा शाब्दिक अनुवाद स्रोत मूलपाठ के रूप में, यथासम्भव, पुन: प्रस्तुत करने का प्रयास करते हैं। @@ -32,6 +31,6 @@ #### शब्दिक अनुवाद कब करें -शब्दिक अनुवाद करने का एकमात्र समय तब है जब गेटवे भाषा अर्थात् प्रवेशिका भाषा सामग्री, जैसे यूएलबी का अनुवाद करना, जिसका प्रयोग अन्य भाषा अनुवादकों के द्वारा किया जाएगा। यूएलबी अनुवाद का उद्देश्य अनुवादक को यह दिखाना है कि मूल में क्या है। तौभी, यूएलबी अनुवाद कठरोता के साथ शाब्दिक नहीं है। यह एक संशोधित शाब्दिक अनुवाद है, जो लक्षित भाषा की व्याकरण का उपयोग करता है, ताकि पाठक इसे समझ सकें (पाठ [संशोधित शाब्दिक अनुवाद](../translate-literal/01.md) को देखें)। +शब्दिक अनुवाद करने का एकमात्र समय तब है जब गेटवे भाषा अर्थात् प्रवेशिका भाषा सामग्री, जैसे यूएलबी का अनुवाद करना, जिसका प्रयोग अन्य भाषा अनुवादकों के द्वारा किया जाएगा। यूएलबी अनुवाद का उद्देश्य अनुवादक को यह दिखाना है कि मूल में क्या है। तौभी, यूएलबी अनुवाद कठरोता के साथ शाब्दिक नहीं है। यह एक संशोधित शाब्दिक अनुवाद है, जो लक्षित भाषा की व्याकरण का उपयोग करता है, ताकि पाठक इसे समझ सकें (पाठ [संशोधित शाब्दिक अनुवाद](../translate-modifyliteral/01.md) को देखें)। उन स्थानों पर, जहाँ यूएलबी अनुवाद बाइबल की मूल अभिव्यक्तियों का उपयोग करता है, जिन्हें समझना कठिन हो सकता है, हमने इन्हें समझाने के लिए अनुवादों को अनुवादनोट्स प्रदान किए हैं। diff --git a/translate/translate-manual/01.md b/translate/translate-manual/01.md index a33fee6..b789296 100644 --- a/translate/translate-manual/01.md +++ b/translate/translate-manual/01.md @@ -1,4 +1,3 @@ - ### अनुवाद निर्देश पुस्तिका क्या सिखाती है? यह निर्देश पुस्तिका अनुवाद सिद्धान्त और अन्य भाषाओं (ओएलएस) में एक अच्छा अनुवाद कैसे करना है, को सिखाती है। इस निर्देश पुस्तिका में अनुवाद के कुछ सिद्धान्त गेटवे भाषा अर्थात् प्रवेशिका भाषा के अनुवाद पर भी लागू होते हैं। गेटवे भाषाओं के लिए अनुवाद संसाधनों की सूची को कैसे अनुवाद करना है, के तरीके के बारे में विशेष निर्देश के लिए, कृपया गेटवे भाषा निर्देश पुस्तिका को देखें। किसी भी प्रकार की अनुवाद परियोजना आरम्भ करने से पहले इन मॉड्यूलों अर्थात् खण्डों में से कईयों का अध्ययन करना बहुत उपयोगी होगा। अन्य मॉड्यूल, जैसे कि व्याकरण के बारे में, केवल अनुवाद के "समय-में-ही" सीखना आवश्यक हैं। diff --git a/translate/translate-manuscripts/01.md b/translate/translate-manuscripts/01.md index 58bc9c9..e9241be 100644 --- a/translate/translate-manuscripts/01.md +++ b/translate/translate-manuscripts/01.md @@ -1,9 +1,8 @@ - ### मूल पांडुलिपियों की लेख बाइबल को कई सैकड़ों वर्षों पहले परमेश्वर के भविष्यद्वक्ताओं और प्रेरितों ने लिखा था, क्योंकि परमेश्वर ने उन्हें लिखने के लिए निर्देश दिए थे। इस्राएल के लोग इब्रानी बोलते थे, इसलिए पुराना नियम की अधिकांश पुस्तकें इब्रानी में लिखी गई थीं। जब वे अश्शूर और बाबुल में परदेशियों के रूप में रहते थे, तो उन्होंने अरामी में बात करना सीखा, इसलिए पुराना नियम के बाद के कुछ भागों में अरामी में लिखे गए थे। -मसीह के आने से लगभग तीन सौ वर्ष पहले, यूनानी व्यापक रूप से संचार की भाषा बन गई थी। यूरोप और मध्य पूर्व के कई लोग यूनानी को दूसरी भाषा के रूप में बोलते थे। इस कारण पुराना नियम का यूनानी में अनुवाद किया गया था। जब मसीह आया, तो संसार के उन क्षेत्रों में बहुत से लोग यूनानी भाषा को दूसरी भाषा के रूप में बात करते थे, और नए नियम सभी पुस्तकें यूनानी में लिखी गई थीं। +मसीह के आने से लगभग तीन सौ वर्ष पहले, यूनानी व्यापक रूप से संचार की भाषा बन गई थी। यूरोप और मध्य पूर्व के कई लोग यूनानी को दूसरी भाषा के रूप में बोलते थे। इस कारण पुराना नियम का यूनानी में अनुवाद किया गया था। जब मसीह आया, तो संसार के उन क्षेत्रों में बहुत से लोग यूनानी भाषा को दूसरी भाषा के रूप में बात करते थे, और नए नियम सभी पुस्तकें यूनानी में लिखी गई थीं। -परन्तु तब वहाँ कोई छापाखाना नहीं थे, इसलिए लेखकों ने इन पुस्तकों को हाथ से लिखा था। ये मूल पांडुलिपियाँ थीं। जिन लोगों ने इन पांडुलिपियों की प्रतिलिपियाँ बनाई, उन्होंने भी हाथ से काम किया। +परन्तु तब वहाँ कोई छापाखाना नहीं थे, इसलिए लेखकों ने इन पुस्तकों को हाथ से लिखा था। ये मूल पांडुलिपियाँ थीं। जिन लोगों ने इन पांडुलिपियों की प्रतिलिपियाँ बनाई, उन्होंने भी हाथ से काम किया। ये भी पांडुलिपियाँ ही थीं। ये पुस्तकें अति महत्वपूर्ण हैं, इसलिए प्रतिलिपकों को विशेष प्रशिक्षण मिला और वे सटीक रूप से नकल करने की प्रयास के प्रति बहुत अधिक सावधान थे। सैकड़ों वर्षों से, लोगों ने बाइबल की पुस्तकों की हजारों प्रतियाँ बनाईं हैं। लेखकों के द्वारा मूल रूप से लिखी गई सभी लिखितें या तो खो गई हैं या नष्ट हो चुकी हैं, इसलिए हमारे पास नहीं है। परन्तु हमारे पास जो प्रतियाँ हैं, उन्हें बहुत पहले हाथ से लिखा गया था। इनमें से कुछ प्रतियाँ कई सैकड़ों और यहाँ तक ​​कि हजारों वर्षों से बची हुईं हैं। diff --git a/translate/translate-more/01.md b/translate/translate-more/01.md index 48f6882..cc637bb 100644 --- a/translate/translate-more/01.md +++ b/translate/translate-more/01.md @@ -1,4 +1,3 @@ - अनुवाद एक ऐसी प्रक्रिया है, जो भिन्न भाषाओं के बीच में की जाती है, जिसके लिए एक व्यक्ति (अनुवादक) को उस अर्थ को समझने की आवश्यकता होती है, जिसे स्रोत भाषा में एक लेखक या वक्ता मूल श्रोताओं के साथ, और तब उसी अर्थ को एक भिन्न श्रोताओं को लक्षित भाषा में व्यक्त करने के लिए संचारित करने का मंशा रखता है। #### लोग मूलपाठों का अनुवाद क्यों करते हैं? @@ -7,12 +6,11 @@ क्योंकि बाइबल में परमेश्वर के विचार हमें यीशु मसीह के माध्यम से उसके साथ अनन्त जीवन को प्राप्त करने की अगुवाई करते हैं, अनुवादक भी चाहते हैं कि लक्षित भाषा के पाठक उसके विचारों को जानें। - #### बाइबल अनुवादकों के रूप में हम बाइबल के विचारों को प्रस्तुत प्रतिनिधित्व करने की अपेक्षा करते हैं? ऐसे कई तरीके हैं, जिनमें हम स्रोत मूलपाठ में विचारों का प्रतिनिधित्व कर सकते हैं: हम उन्हें एक सूची में डाल सकते हैं, हम लिखित पृष्ठ पर बहुत कम स्थान का उपयोग करके उन्हें सारांशित कर सकते हैं, हम उन्हें सरल बना सकते हैं (जैसा कि हम अक्सर बच्चों के लिए बाइबल की कहानी की पुस्तकों और अन्य प्रकार की बाइबल सहायता साम्रगी में करते हैं), या हम उन्हें आरेख या तालिका में भी डाल सकते हैं। -तथापि, बाइबल अनुवादक सामान्य रूप से बाइबल के विचारों को यथासम्भव पूर्ण रूप से प्रस्तुत करने का प्रयास करते हैं। +तथापि, बाइबल अनुवादक सामान्य रूप से बाइबल के विचारों को यथासम्भव पूर्ण रूप से प्रस्तुत करने का प्रयास करते हैं। इसका यह भी अर्थ है कि वे मूल दस्तावेजों (भविष्यद्वाणी के लिए एक भविष्यद्वाणी, एक पत्र के लिए एक पत्र, इतिहास की पुस्तक के लिए इतिहास की एक पुस्तक, आदि) को उसी प्रकार के दस्तावेजों में अनुवाद करके उत्पादन करने का प्रयास करते हैं। diff --git a/translate/translate-names/01.md b/translate/translate-names/01.md index f922ac7..6ea2897 100644 --- a/translate/translate-names/01.md +++ b/translate/translate-names/01.md @@ -1,4 +1,3 @@ - ### विवरण बाइबल में कई लोगों, लोगों के समूह और स्थानों के नाम हैं। इनमें से कुछ नाम असामान्य लग सकते हैं और कहने में कठोर हो सकते हैं। कभी-कभी पाठकों को यह नहीं पता होता कि नाम क्या सन्दर्भित करता है, और कभी-कभी उन्हें यह समझने की आवश्यकता हो सकती है कि नाम का क्या अर्थ है। यह पृष्ठ आपको यह दिखाने में सहायता करेगा कि आप इन नामों का अनुवाद कैसे कर सकते हैं और आप लोगों को यह समझने में कैसे सहायता कर सकते हैं कि उन्हें उनके बारे में क्या जानने की आवश्यकता है। @@ -7,7 +6,7 @@ बाइबल में अधिकांश नामों के अर्थ हैं। अधिकांश समय, बाइबल में नामों का उपयोग उन लोगों और स्थानों की पहचान करने के लिए किया जाता है, जिन्हें वे सन्दर्भित करते हैं। परन्तु कभी-कभी किसी नाम का अर्थ विशेष रूप से महत्वपूर्ण होता है। -> यह मलिकिसिदक शालेम का राजा, परमप्रधान परमेश्वर का याजक था, ने अब्राहम के साथ मुलाकात की जो राजाओं की मारकर से लौट आता था और उसे आशीष दी। (इब्रानियों 7:1 यूएलबी) +> यह **मलिकिसिदक **शालेम का राजा, और परमप्रधान परमेश्वर का याजक, जब अब्राहम राजाओं को मारकर लौटा जाता था, तो इसी ने उससे भेंट करके उसे आशीष दी। (इब्रानियों 7:1 यूएलबी) यहाँ लेखक मुख्य रूप से "मलिकिसिदक" नाम का उपयोग करते हैं, जो उस व्यक्ति को उद्धृत करता है, जिसका यह नाम था, और "शालेम के राजा" शीर्षक हमें बताता है कि वह एक निश्चित शहर के ऊपर शासन करता था। @@ -15,100 +14,103 @@ यहाँ लेखक मलिकिसिदक के नाम और शीर्षक के अर्थ को बताता है, क्योंकि ये बातें हमें व्यक्ति के बारे में और अधिक जानकारी देती हैं। अन्य समयों में, लेखक किसी नाम के अर्थ की व्याख्या नहीं करता है, क्योंकि वह अपेक्षा करता है कि पाठक पहले ही उनके अर्थ को जानते हैं। यदि सन्दर्भ को समझने के लिए नाम का अर्थ महत्वपूर्ण है, तो आप मूलपाठ में या फुटनोट में अर्थ को सम्मिलित कर सकते हैं। -### इसका कारण यह अनुवाद का एक विषय है +### कारण यह एक अनुवाद मुद्दा है -* पाठकों को बाइबल में कुछ नामों का पता नहीं हो सकता है। वे नहीं जानते कि कोई नाम किसी व्यक्ति या स्थान या कुछ और को सन्दर्भित करता है या नहीं। +* बाइबल के कुछ नामों को पाठक नहीं जानते होंगे। वे नहीं जानते कि कोई नाम किसी व्यक्ति या स्थान या कुछ और को सन्दर्भित करता है या नहीं। * सन्दर्भ को समझने के लिए पाठकों को नाम के अर्थ को समझने की आवश्यकता हो सकती है। * कुछ नामों में विभिन्न ध्वनियाँ या ध्वनियों के संयोजन हो सकते हैं, जिनका उपयोग आपकी भाषा में नहीं किया जाता है या आपकी भाषा में कहने के लिए अप्रिय हैं। इस समस्या को सम्बोधित करने के लिए रणनीतियों के लिए, [शब्दों को उधार लेना](../translate-transliterate/01.md) को देखें। * बाइबल में कुछ लोगों और स्थानों के दो नाम हैं। पाठकों को यह एहसास नहीं हो सकता कि दो नाम एक ही व्यक्ति या स्थान को सन्दर्भित करते हैं। ### बाइबल से उदाहरण -> तुम यरदन पार हुए और यरीहो पर पहुँचे। यरीहो के अगुओं ने तुम्हारे विरुद्ध, अमोरियों के साथ मिलकर लड़ाई की (यहोशू 24:11 यूएलबी) +> तब तुम **यरदन** पार होकर **यरीहो** के पास आए, और जब यरीहो के लोग, और **एमोरी**, परिज्जी, कनानी, हित्ती, गिर्गाशी, हिब्बी, और यबूसी तुम से लड़े (यहोशू 24:11 यूएलबी) -पाठकों को पता नहीं हो सकता कि "यरदन" नदी का नाम है, "यरीहो" एक शहर का नाम है, और "अमोरी" लोगों के समूह का नाम है। +पाठकों को पता नहीं हो सकता कि "यरदन" नदी का नाम है, "यरीहो" एक शहर का नाम है, और "एमोरी" लोगों के समूह का नाम है। -> उसने कहा, "क्या मैं वास्तव में निरन्तर देखती रहूँ, जबकि उसने मुझे देख लिया है?" इसलिए कुएँ को लहौरोई कहा जाता था; (उत्पत्ति 16:13-14 यूएलबी) +> कहा, “क्या मैं यहाँ भी उसको जाते हुए देखने पाई और देखने के बाद भी जीवित रही?” इस कारण उस कुएँ का नाम **बएर-लहई-रोई** कुआँ पड़ा(उत्पत्ति 16:13-14 यूएलबी) -पाठकों को दूसरा वाक्य समझ में नहीं आ सकता है, यदि उन्हें नहीं पता कि "लहौरोई" का अर्थ "जीवित रहने वाले का कुँआ जो मुझे देखता है।" +पाठकों को दूसरा वाक्य समझ में नहीं आ सकता है, यदि उन्हें नहीं पता कि "बएर-लहई-रोई" का अर्थ "जीवित रहने वाले का कुँआ जो मुझे देखता है।" -> उसने उसके मूसा नाम दिया और कहा, "क्योंकि मैंने उसे पानी से खींचा था।" (निर्गमन 2:11 यूएलबी) +> उसने यह कहकर उसका नाम **मूसा** रखा, “मैंने इसको जल से निकाला था।” (निर्गमन 2:10 यूएलबी) पाठकों को यह समझ में नहीं आ सकता है कि उसने यह क्यों कहा यदि उन्हें नहीं पता कि मूसा का नाम इब्रानी शब्दों "खींच कर बाहर निकालने" की तरह प्रतीत होता है। -> शाऊल उसकी मृत्यु के लिए समझौता था (प्रेरितों 8:1 यूएलबी)
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ऐसा इकुनियुम में हुआ कि पौलुस और बरनबास ने यहूदी आराधनालय में एक साथ प्रवेश किया (प्रेरितों 14:1 यूएलबी)
+> **शाऊल** उसकी मृत्यु के साथ सहमत था। (प्रेरि. 8:1 यूएलबी) +> +> इकुनियुम में ऐसा हुआ कि **पौलुस** और बरनबास यहूदियों की आराधनालय में साथ-साथ गए, (प्रेरि. 14:1 यूएलबी) पाठकों को यह नहीं पता हो सकता है कि शाऊल और पौलुस नाम एक ही व्यक्ति को सन्दर्भित करते हैं। ### अनुवाद की रणनीतियाँ -1. यदि पाठक सन्दर्भ से आसानी से समझ नहीं सकते हैं कि नाम किस प्रकार की बात को सन्दर्भित करता है, तो आप इसे स्पष्ट करने के लिए एक शब्द जोड़ सकते हैं। - -1. यदि पाठकों को, जो कहा गया है, उसके बारे में समझने के लिए किसी नाम के अर्थ को समझने की आवश्यकता है, तो नाम की नकल करें और मूलपाठ में या फुटनोट में इसके अर्थ के बारे में बताएँ। - -1. या यदि पाठकों को, जो कहा गया है, उसके बारे में समझने के लिए किसी नाम के अर्थ को समझने की आवश्यकता है, और वह नाम केवल एक ही बार उपयोग किया गया है, तो नाम की प्रतिलिपि बनाने की अपेक्षा नाम के अर्थ का अनुवाद करें। - -1. यदि किसी व्यक्ति या स्थान के दो भिन्न नाम होते हैं, तो अधिकांश समय एक नाम का और दूसरा नाम केवल तभी उपयोग करें, जब मूलपाठ व्यक्ति या स्थान के बारे में बताता है, जिसमें एक से अधिक नाम होते हैं या जब यह कहता है कि व्यक्ति या स्थान को वह नाम क्यों दिया गया था। जब स्रोत मूलपाठ उस नाम का उपयोग करता है, जिसका उपयोग निरन्तर कम किया जाता है, तो एक फुटनोट लिखें। - -1. या यदि किसी व्यक्ति या स्थान के दो भिन्न नाम हैं, तो स्रोत मूलपाठ में जो भी नाम दिया गया है, उसका उपयोग करें, और एक फुटनोट जोड़ें, जो दूसरा नाम प्रदान करता है। +1. यदि पाठक सन्दर्भ से आसानी से समझ नहीं सकते हैं कि नाम किस प्रकार की बात को सन्दर्भित करता है, तो आप इसे स्पष्ट करने के लिए एक शब्द जोड़ सकते हैं। +2. यदि पाठकों को, जो कहा गया है, उसके बारे में समझने के लिए किसी नाम के अर्थ को समझने की आवश्यकता है, तो नाम की प्रतिलिपि करें और मूलपाठ में या फुटनोट में इसके अर्थ के बारे में बताएँ। +3. या यदि पाठकों को, जो कहा गया है, उसके बारे में समझने के लिए किसी नाम के अर्थ को समझने की आवश्यकता है, और वह नाम केवल एक ही बार उपयोग किया गया है, तो नाम की प्रतिलिपि बनाने की अपेक्षा नाम के अर्थ का अनुवाद करें। +4. यदि किसी व्यक्ति या स्थान के दो भिन्न नाम होते हैं, तो अधिकांश समय एक नाम का और दूसरा नाम केवल तभी उपयोग करें, जब मूलपाठ व्यक्ति या स्थान के बारे में बताता है, जिसमें एक से अधिक नाम होते हैं या जब यह कहता है कि व्यक्ति या स्थान को वह नाम क्यों दिया गया था। जब स्रोत मूलपाठ उस नाम का उपयोग करता है, जिसका उपयोग निरन्तर कम किया जाता है, तो एक फुटनोट लिखें। +5. या यदि किसी व्यक्ति या स्थान के दो भिन्न नाम हैं, तो स्रोत मूलपाठ में जो भी नाम दिया गया है, उसका उपयोग करें, और एक फुटनोट जोड़ें, जो दूसरा नाम प्रदान करता है। ### अनुवाद के लिए लागू की गई रणनीतियों के उदाहरण -1. यदि पाठक सन्दर्भ को आसानी से नहीं समझ सकते हैं कि नाम किस प्रकार की बात को सन्दर्भित करता है, तो आप इसे स्पष्ट करने के लिए एक शब्द जोड़ सकते हैं। +(1) यदि पाठक सन्दर्भ को आसानी से नहीं समझ सकते हैं कि नाम किस प्रकार की बात को सन्दर्भित करता है, तो आप इसे स्पष्ट करने के लिए एक शब्द जोड़ सकते हैं। -* **आप यरदन पर गए और यरीहो पर आए। यरीहो के अगुओं ने आप के विरूद्ध लड़ाई की, अमोरियों ** (यहोशू 24:11 यूएलबी) के साथ +> तब तुम **यरदन** पार होकर **यरीहो** के पास आए, और जब यरीहो के लोग, और एमोरी, परिज्जी, कनानी, हित्ती, गिर्गाशी, हिव्वी, और यबूसी तुम से लड़े, (यहोशू 24:11 यूएलबी) +> +> > तुम **यरदन नदी** पार हुए और **यरीहो के नगर** पहुँचे। यरीहो के अगुओं ने तुम्हारे विरुद्ध, **अमोरियों के गोत्र** के साथ मिलकर लड़ाई की +> +> कुछ समय बाद, कुछ फरीसी आए और उससे कहा, "जा और यहाँ से चले जा क्योंकि **हेरोदेस **तुझे मारना चाहता है।" (लूका 13:31 यूएलबी) +> +> > कुछ समय बाद, कुछ फरीसी आए और उससे कहा, "जा और यहाँ से चले जा क्योंकि **राजा हेरोदेस** तुझे मारना चाहता है। - * तुम यरदन नदी पार हुए और यरीहो के नगर पहुँचे। यरीहो के अगुओं ने तुम्हारे विरुद्ध, अमोरियों के गोत्र के साथ मिलकर लड़ाई की
+(2) यदि पाठकों को, जो कहा गया है, उसके बारे में समझने के लिए किसी नाम के अर्थ को समझने की आवश्यकता है, तो नाम नकल करें और मूलपाठ में या फुटनोट में इसके अर्थ के बारे में बताएँ। -* **कुछ समय बाद, कुछ फरीसी आए और उससे कहा, "जा और यहाँ से चले जा क्योंकि
हेरोदेस तुझे मारना चाहता है।"** (लूका 13:31 यूएलबी) +> उसने यह कहकर उसका नाम **मूसा** रखा, “मैंने इसको जल से निकाला था।”(निर्गमन 2:11 यूएलबी) +> +> > उसने उसे नाम दिया **मूसा (जो 'खींचा गया' जैसा प्रतीत होता है),** और कहा, "क्योंकि मैंने उसे पानी से बाहर निकाला था।" - * कुछ समय बाद, कुछ फरीसी आए और उससे कहा, "जा और यहाँ से चले जा क्योंकि राजा हेरोदेस तुझे मारना चाहता है। +(3) या यदि पाठकों को, जो कहा गया है, उसके बारे में समझने के लिए किसी नाम के अर्थ को समझने की आवश्यकता है, और वह नाम केवल एक ही बार उपयोग किया जाता है, तो नाम की प्रतिलिपि बनाने की अपेक्षा नाम के अर्थ का अनुवाद करें। -1. यदि पाठकों को, जो कहा गया है, उसके बारे में समझने के लिए किसी नाम के अर्थ को समझने की आवश्यकता है, तो नाम नकल करें और मूलपाठ में या फुटनोट में इसके अर्थ के बारे में बताएँ। +> … कहा, “क्या मैं यहाँ भी उसको जाते हुए देखने पाई और देखने के बाद भी जीवित रही?” इस कारण उस कुएँ का नाम **बएर-लहई-रोई** कुआँ पड़ा (उत्पत्ति 16:13-14 यूएलबी) +> +> > … उसने कहा, "क्या मैं वास्तव में निरन्तर देखती रहूँ, जबकि उसने मुझे देख लिया है?" इसलिए **कुएँ को जीवित रहने वाले का कुँआ जो मुझे देखता है** कह गया; -* **उसने उसे मूसा नाम दिया और कहा, "क्योंकि मैंने उसे पानी से खींचा था।"** (निर्गमन 2:11 यूएलबी) +(3) यदि किसी व्यक्ति या स्थान के दो भिन्न नाम होते हैं, तो अधिकांश समय एक नाम का और दूसरा नाम केवल तभी उपयोग करें, जब मूलपाठ व्यक्ति या स्थान के बारे में बताता है, जिसमें एक से अधिक नाम होते हैं या जब यह कहता है कि व्यक्ति या स्थान को वह नाम क्यों दिया गया था जब स्रोत मूलपाठ उस नाम का उपयोग करता है, जिसका उपयोग निरन्तर कम किया जाता है, तो एक फुटनोट लिखें। उदाहरण के लिए, प्रेरितों 13 के पहले पौलुस को "शाऊल" और प्रेरितों 13 के बाद "पौलुस" कहा जाता है। प्रेरितों 13:9 को छोड़कर आप हर समय "पौलुस" के रूप में उसका नाम अनुवाद कर सकते हैं, जहाँ यह उसके दो नाम होने के बारे में बात करता है। - * उसने उसे नाम दिया मूसा, जो 'खींचा गया' जैसा प्रतीत होता है, और कहा, "क्योंकि मैंने उसे पानी से बाहर निकाला था।" +> … शाऊल नामक एक जवान (प्रेरि. 7:58 यूएलबी) +> +> > … एक युवा व्यक्ति जिसे **पौलुस** नाम दिया गया है1 -1. या यदि पाठकों को, जो कहा गया है, उसके बारे में समझने के लिए किसी नाम के अर्थ को समझने की आवश्यकता है, और वह नाम केवल एक ही बार उपयोग किया जाता है, तो नाम की प्रतिलिपि बनाने की अपेक्षा नाम के अर्थ का अनुवाद करें। +फुटनोट इस तरह दिखेगा: -* **... उसने कहा, "क्या मैं वास्तव में निरन्तर देखती रहूँ, जबकि उसने मुझे देख लिया है?" इसलिए कुएँ को लहौरोई कहा जाता था;** (उत्पत्ति 16:13-14 यूएलबी) +> > [1]अधिकांश संस्करण यहाँ शाऊल कहते हैं, परन्तु बाइबल में अधिकांश समय उसे पौलुस कहा जाता है। - * ... उसने कहा, "क्या मैं वास्तव में निरन्तर देखती रहूँ, जबकि उसने मुझे देख लिया है?" इसलिए कुएँ को जीवित रहने वाले का कुँआ जो मुझे देखता है कह गया; +फिर बाद में कहानी में, आप इस तरह से अनुवाद कर सकते हैं: -1. यदि किसी व्यक्ति या स्थान के दो भिन्न नाम होते हैं, तो अधिकांश समय एक नाम का और दूसरा नाम केवल तभी उपयोग करें, जब मूलपाठ व्यक्ति या स्थान के बारे में बताता है, जिसमें एक से अधिक नाम होते हैं या जब यह कहता है कि व्यक्ति या स्थान को वह नाम क्यों दिया गया था जब स्रोत मूलपाठ उस नाम का उपयोग करता है, जिसका उपयोग निरन्तर कम किया जाता है, तो एक फुटनोट लिखें। +> तब **शाऊल** ने जिसका नाम **पौलुस** भी है, पवित्र आत्मा से परिपूर्ण होकर (प्रेरि. 13:9) +> +> > परन्तु **शाऊल**, जिसे **पौलुस** भी कहा जाता है, पवित्र आत्मा से भरा हुआ था; -उदाहरण के लिए, प्रेरितों 13 के पहले पौलुस को "शाऊल" और प्रेरितों 13 के बाद "पौलुस" कहा जाता है। प्रेरितों 13:9 को छोड़कर आप हर समय "पौलुस" के रूप में उसका नाम अनुवाद कर सकते हैं, जहाँ यह उसके दो नाम होने के बारे में बात करता है। +(5) या यदि किसी व्यक्ति या स्थान के दो नाम हैं, तो स्रोत मूलपाठ में जो भी नाम दिया गया है, उसका उपयोग करें, और एक फुटनोट जोड़ें, जो दूसरा नाम प्रदान करता है। उदाहरण के लिए, आप "शाऊल", जहाँ स्रोत मूलपाठ में "शाऊल" और "पौलुस" जहाँ स्रोत मूलपाठ में "पौलुस" है, लिख सकते हैं। -* **... एक जवान व्यक्ति जिसका नाम शाऊल ** (प्रेरितों 7:58 यूएलबी) +> एक युवा व्यक्ति जिसका नाम **शाऊल** था (प्रेरि. 7:58 यूएलबी) +> +> > **शाऊल** नाम का एक जवान व्यक्ति - * ... एक युवा व्यक्ति जिसे पौलुस 1 नाम दिया गया है - * फुटनोट इस तरह दिखेगा: +फुटनोट इस तरह दिखेगा: - * [1] अधिकांश संस्करण यहाँ शाऊल कहते हैं, परन्तु बाइबल में अधिकांश समय उसे पौलुस कहा जाता है। +> > [1]यह वही व्यक्ति है, जिसे प्रेरितों 13 के आरम्भ में पौलुस को कहा जाता है। -* **परन्तु शाऊल , जिसे पौलुस भी कहा जाता है, पवित्र आत्मा से भरा हुआ था;** (प्रेरितों 13:9) +फिर बाद में कहानी में, आप इस तरह से अनुवाद कर सकते हैं: - * परन्तु शाऊल , जिसे पौलुस भी कहा जाता है, पवित्र आत्मा से भरा हुआ था; +> तब **शाऊल** ने जिसका नाम **पौलुस** भी है, पवित्र आत्मा से परिपूर्ण होकर (प्रेरि. 13:9) +> +> > परन्तु **शाऊल**, जिसे **पौलुस** भी कहा जाता है, पवित्र आत्मा से भरा हुआ था; -1. या यदि किसी व्यक्ति या स्थान के दो नाम हैं, तो स्रोत मूलपाठ में जो भी नाम दिया गया है, उसका उपयोग करें, और एक फुटनोट जोड़ें, जो दूसरा नाम प्रदान करता है। उदाहरण के लिए, आप "शाऊल", जहाँ स्रोत मूलपाठ में "शाऊल" और "पौलुस" जहाँ स्रोत मूलपाठ में "पौलुस" है, लिख सकते हैं। +फिर कहानी ने नाम बदलने की व्याख्या की, आप इस तरह से अनुवाद कर सकते हैं। -* **एक युवा व्यक्ति जिसका नाम शाऊल था** (प्रेरितों 7:58 यूएलबी) +> इकुनियुम में ऐसा हुआ कि पौलुस और बरनबास यहूदियों की आराधनालय में साथ-साथ गए, (प्रेरि. 14:1 यूएलबी) +> +> > ऐसा इकुनियुम में हुआ कि **पौलुस** 1 और बरनबास ने यहूदी आराधनालय में एक साथ प्रवेश किया। - * शाऊल नाम का एक जवान व्यक्ति - * फुटनोट इस तरह दिखेगा: - - * [1] यह वही व्यक्ति है, जिसे प्रेरितों 13 के आरम्भ में पौलुस को कहा जाता है। +फुटनोट इस तरह दिखेगा: -* **परन्तु शाऊल , जिसे पौलुस भी कहा जाता है, पवित्र आत्मा से भरा हुआ था;** (प्रेरितों 13:9) - - * परन्तु शाऊल , जिसे पौलुस भी कहा जाता है, पवित्र आत्मा से भरा हुआ था; - -* **ऐसा इकुनियुम में हुआ कि पौलुस और बरनबास ने यहूदी आराधनालय में एक साथ प्रवेश किया** (प्रेरितों 14:1 यूएलबी) - - * ऐसा इकुनियुम में हुआ कि पौलुस 1 और बरनबास ने यहूदी आराधनालय में एक साथ प्रवेश किया। - * फुटनोट इस तरह दिखेगा: - - * [1] यह वही मनुष्य है, जिसे प्रेरितों 13 से पहले शाऊल कहा जाता था। +> >[1]  यह वही मनुष्य है, जिसे प्रेरितों 13 से पहले शाऊल कहा जाता था। diff --git a/translate/translate-numbers/01.md b/translate/translate-numbers/01.md index 8e6a6e2..7ffab11 100644 --- a/translate/translate-numbers/01.md +++ b/translate/translate-numbers/01.md @@ -1,4 +1,3 @@ - ### विवरण बाइबल में कई सँख्याएँ हैं। उन्हें शब्दों, जैसे "पाँच" या अंकों के रूप में, जैसे "5" के रूप में लिखा जा सकता है। कुछ सँख्याएँ बहुत बड़ी हैं, जैसे कि "दो सौ" (200), "बीस हजार" (22,000), या "दस करोड़" (100,000,000) कुछ भाषाओं में इन सभी सँख्याओं के लिए शब्द नहीं हैं। @@ -13,7 +12,7 @@ यहाँ सँख्या तीन हजार एक पूर्णांक सँख्या है। यह उससे थोड़ा अधिक या उससे थोड़ा कम हो सकती है। शब्द "लगभग" दिखाता है कि यह एक सटीक सँख्या नहीं है। - सका कारण यह अनुवाद का एक विषय है**: कुछ भाषाओं में इनमें से कुछ सँख्याओं के लिए शब्द नहीं हैं। +** इसका कारण यह अनुवाद का एक विषय है**: कुछ भाषाओं में इनमें से कुछ सँख्याओं के लिए शब्द नहीं हैं। #### अनुवाद के सिद्धान्त @@ -46,24 +45,23 @@ 1. अंक का उपयोग कर सँख्या लिखें। - * मैंने यहोवा के घर के लिए तैयार किया है 100,000 सोने के किक्कार, 1,000,000 चाँदी, और कांस्य और लौहे के बड़ी मात्रा में किक्कार। + * मैंने यहोवा के घर के लिए तैयार किया है 100,000 सोने के किक्कार, 1,000,000 चाँदी, और कांस्य और लौहे के बड़ी मात्रा में किक्कार। 1. उन सँख्याओं के लिए अपनी भाषा के शब्दों या गेटवे भाषा शब्दों का उपयोग करके सँख्याएँ लिखें। - * मैंने यहोवा के घर के लिए तैयार किया है एक लाख सोने के किक्कार, दस लाख चाँदी, और कांस्य और लोहे के बड़ी मात्रा में किक्कार। + * मैंने यहोवा के घर के लिए तैयार किया है एक लाख सोने के किक्कार, दस लाख चाँदी, और कांस्य और लोहे के बड़ी मात्रा में किक्कार। 1. शब्दों का उपयोग करके सँख्याएँ लिखें, और अंक उनके बाद कोष्टक में रखें। - * मैंने यहोवा के घर के लिए एक सौ हजार (100,000) सोने के किक्कार, एक सौ लाख (1,000,000) चाँदी, और कांस्य और लौहे के बड़ी मात्रा में किक्कार तैयार किए हैं। + * मैंने यहोवा के घर के लिए एक सौ हजार (100,000) सोने के किक्कार, एक सौ लाख (1,000,000) चाँदी, और कांस्य और लौहे के बड़ी मात्रा में किक्कार तैयार किए हैं। 1. बड़ी सँख्याओं के लिए शब्दों को आपस में जोड़ दें। - * मैंने यहोवा के घर के लिए तैयार किया है एक सौ हजार सोने के किक्कार, दस लाख चाँदी, और कांस्य और लौह के बड़ी मात्रा में किक्कार तैयार किए हैं। + * मैंने यहोवा के घर के लिए तैयार किया है एक सौ हजार सोने के किक्कार, दस लाख चाँदी, और कांस्य और लौह के बड़ी मात्रा में किक्कार तैयार किए हैं। 1. बहुत बड़ी पूर्णांक सँख्याओं के लिए एक बहुत ही सामान्य अभिव्यक्ति का उपयोग करें और बाद में कोष्टक में अंक लिखें। - * मैंने यहोवा के घर के लिए तैयार किया है सोने की एक बड़ी मात्रा (100,000 किक्कार) , चाँदी का दस गुणा अधिक (1,000,000 किक्कार) , और बड़ी मात्रा में कांस्य और लौह। - + * मैंने यहोवा के घर के लिए तैयार किया है सोने की एक बड़ी मात्रा (100,000 किक्कार) , चाँदी का दस गुणा अधिक (1,000,000 किक्कार) , और बड़ी मात्रा में कांस्य और लौह। #### सुसंगता @@ -78,7 +76,7 @@ #### यूएलबी और यूडीबी अनुवादों में सुगंतता - नलॉक्ड शाब्दिक बाइबल* (यूएलबी) और *अनलॉक्ड डायनामिक बाइबल* (यूडीबी) उन सँख्याओं के लिए शब्दों का उपयोग करती है, जिनमें केवल एक या दो शब्द (नौ, सोलह, तीन सौ) हैं। +* अनलॉक्ड शाब्दिक बाइबल* (यूएलबी) और *अनलॉक्ड डायनामिक बाइबल* (यूडीबी) उन सँख्याओं के लिए शब्दों का उपयोग करती है, जिनमें केवल एक या दो शब्द (नौ, सोलह, तीन सौ) हैं। ये सँख्याओं के लिए अंकों का उपयोग करती हैं, जिनमें दो से अधिक शब्द होते हैं ("एक सौ तीस" की अपेक्षा अंक "130")। diff --git a/translate/translate-ordinal/01.md b/translate/translate-ordinal/01.md index 8d43e1a..7c004b1 100644 --- a/translate/translate-ordinal/01.md +++ b/translate/translate-ordinal/01.md @@ -1,4 +1,3 @@ - ### विवरण मूल रूप से किसी सूची में किसी बात की स्थिति बताने के लिए बाइबल में सामान्य सँख्याओं का उपयोग किया जाता है। @@ -28,7 +27,6 @@ | 5 | पाँच | पाँचवाँ | | 12 | बारह | बारहवाँ | - #### इसका कारण यह अनुवाद का एक विषय है: कुछ भाषाओं की सूची में वस्तुओं का क्रम दिखाने के लिए विशेष सँख्या नहीं होती है। इससे निपटने के विभिन्न तरीके पाए जाते हैं। @@ -57,16 +55,12 @@ 1. वस्तुओं की कुल सँख्या बताएँ, और पहली वस्तु के साथ "एक" और शेष के साथ "दूसरा" या "अगला" का उपयोग करें। * **पहली यहोयारीब के नाम पर, यदायाह को दूसरी, हारीम को तीसरी, सोरीम को चौथी, ... तेईसवीं दलायाह और चौबीसवीं माज्याह पर निकली।** (1 इतिहास 24:7- 18 यूएलबी) - - * चौबीस चिट्ठीयाँ थी। एक चिट्ठी यहोयारीब के नाम पर, दूसरी यदायाह, तीसरी हारिम पर, ... तेईसवीं दलायाह के पर, और अन्तिम माज्याह के नाम पर निकली। - * चौबीस चिट्ठीयाँ थी। एक चिट्टी यहोयारीब के पास गई, अगली यदायाह, उससे अगली हारीम के पास, ... उससे अगली दलायाह के पास, और अन्तिम माज्याह के पाई गई। - + * चौबीस चिट्ठीयाँ थी। एक चिट्ठी यहोयारीब के नाम पर, दूसरी यदायाह, तीसरी हारिम पर, ... तेईसवीं दलायाह के पर, और अन्तिम माज्याह के नाम पर निकली। + * चौबीस चिट्ठीयाँ थी। एक चिट्टी यहोयारीब के पास गई, अगली यदायाह, उससे अगली हारीम के पास, ... उससे अगली दलायाह के पास, और अन्तिम माज्याह के पाई गई। * **वाटिका को पानी देने के लिए अदन से एक नदी निकाली गई। वहाँ से यह विभाजित हो गई और चार नदियाँ बन गईं। पहली का नाम पिशोन है। यह वह है, जो हवीला की सारी भूमि में बहती है, जहाँ सोना है। उस भूमि का सोना अच्छा है। वहाँ मोती और सुलैमानी पत्थर भी है। दूसरी नदी का नाम गीहोन है। यह कूश की पूरी भूमि में बहती है। तीसरा नदी का नाम हिद्देकेल है, जो अश्शूर के पूर्व में बहता है। चौथा नदी फरात है।** (उत्पत्ति 2:10-14 यूएलबी) - - * वाटिका को पानी देने के लिए अदन से एक नदी निकाली गई। वहाँ से यह विभाजित हो गई और चार नदियाँ बन गईं। एक का नाम पिशोन है। यह वह है, जो हवीला की सारी भूमि में बहती है, जहाँ सोना है। उस भूमि का सोना अच्छा है। वहाँ मोती और सुलैमानी पत्थर भी है। अगली नदी का नाम गीहोन है। यह कूश की पूरी भूमि में बहती है। अगली नदी का नाम हिद्देकेल है, जो अश्शूर के पूर्व में बहता है। अन्तिम नदी फरात है। + * वाटिका को पानी देने के लिए अदन से एक नदी निकाली गई। वहाँ से यह विभाजित हो गई और चार नदियाँ बन गईं। एक का नाम पिशोन है। यह वह है, जो हवीला की सारी भूमि में बहती है, जहाँ सोना है। उस भूमि का सोना अच्छा है। वहाँ मोती और सुलैमानी पत्थर भी है। अगली नदी का नाम गीहोन है। यह कूश की पूरी भूमि में बहती है। अगली नदी का नाम हिद्देकेल है, जो अश्शूर के पूर्व में बहता है। अन्तिम नदी फरात है। 1. वस्तुओं की कुल सँख्या बताएँ और फिर उन्हें सूचीबद्ध करें या उनके साथ जुड़े बातें सूचीबद्ध करें। * **पहली यहोयारीब के नाम पर, यदायाह को दूसरी, हारीम को तीसरी, सोरीम को चौथी, ... तेईसवीं दलायाह और चौबीसवीं माज्याह पर निकली।** (1 इतिहास 24:7- 18 यूएलबी) - - * उन्होंने चौबीस चिट्ठीयों को डाला था। चिट्ठीयाँ यरोयारीब, यदायाह, हारीम, सोरीम, ... दलायाह और माज्याह के नाम पर निकली। + * उन्होंने चौबीस चिट्ठीयों को डाला था। चिट्ठीयाँ यरोयारीब, यदायाह, हारीम, सोरीम, ... दलायाह और माज्याह के नाम पर निकली। diff --git a/translate/translate-original/01.md b/translate/translate-original/01.md index 333e30f..7a3cf2f 100644 --- a/translate/translate-original/01.md +++ b/translate/translate-original/01.md @@ -1,9 +1,8 @@ - ### मूल भाषा में मूलपाठ सबसे सटीक होता है - रिभाषा** - मूल भाषा वह भाषा होती है, जिसमें एक बाइबल मूलपाठ आरम्भ में लिखा गया था। +** परिभाषा** - मूल भाषा वह भाषा होती है, जिसमें एक बाइबल मूलपाठ आरम्भ में लिखा गया था। - िवरण** - नए नियम की मूल भाषा यूनानी है। +** विवरण** - नए नियम की मूल भाषा यूनानी है। पुराने नियम के अधिकांश मूल भाषा इब्रानी है। यद्यपि, दानिय्येल और एज्रा की पुस्तकों के कुछ भागों की मूल भाषा अरामी है। मूल भाषा सदैव एक सटीक भाषा होती है, जिसमें से एक सन्दर्भ का अनुवाद किया जाता है। स्रोत भाषा वह भाषा होती है, जहाँ से अनुवाद किया जा रहा है। diff --git a/translate/translate-problem/01.md b/translate/translate-problem/01.md index f9b9681..a2e92a9 100644 --- a/translate/translate-problem/01.md +++ b/translate/translate-problem/01.md @@ -1,4 +1,3 @@ - ### रूपों के परिवर्तन का अर्थ शाब्दिक अनुवाद लक्षित मूलपाठ में स्रोत मूलपाठ का रूप रखते हैं। कुछ अनुवादक ऐसा करना चाहते हैं, क्योंकि, जैसा कि हमने शिक्षा के मॉड्यूल या खण्ड में "रूप का महत्व" देखा है, मूलपाठ का रूप मूलपाठ के अर्थ को प्रभावित करता है। @@ -19,6 +18,6 @@ ### बाइबल को समझने का मंशा से लिखा गया था -पवित्रशास्त्र की गवाही स्वयं दिखाती है कि वे समझे जाने के लिए थे। बाइबल तीन भाषाओं में लिखी गई है, क्योंकि भाषा का उपयोग परमेश्वर के लोगों ने भिन्न समयों में भिन्नता के साथ किया था। जब यहूदी निर्वासन से लौटे और अब उन्हें इब्रानी स्मरण नहीं रही, तो याजकों ने अरामी में पुराने नियम के पठ्न का अनुवाद किया ताकि वे समझ सकें (नहे 8:8)। +पवित्रशास्त्र की गवाही स्वयं दिखाती है कि वे समझे जाने के लिए थे। बाइबल तीन भाषाओं में लिखी गई है, क्योंकि भाषा का उपयोग परमेश्वर के लोगों ने भिन्न समयों में भिन्नता के साथ किया था। जब यहूदी निर्वासन से लौटे और अब उन्हें इब्रानी स्मरण नहीं रही, तो याजकों ने अरामी में पुराने नियम के पठ्न का अनुवाद किया ताकि वे समझ सकें (नहे 8:8)। बाद में, जब नया नियम लिखा गया, तब यह सामान्य बोलचाल वाली यूनानी में लिखा गया था, जो कि उस समय की भाषा थी, जो कि इब्रानी या अरामी या यहाँ तक कि शास्त्रीय यूनानी की अपेक्षा जिसे सामान्य लोगों को समझने के लिए कठिन होता, अधिकांश लोगों के द्वारा बोले जाने वाली भाषा थी। ये और अन्य कारण बताते हैं कि परमेश्वर चाहता है कि लोग उसका वचन समझें। इसलिए हम जानते हैं कि वह चाहता है कि हम बाइबल के अर्थ का अनुवाद करें, उसके स्वरूप को पुन: उत्पन्न न करें। पवित्रशास्त्र का अर्थ रूप से अधिक महत्वपूर्ण है। diff --git a/translate/translate-process/01.md b/translate/translate-process/01.md index 444b1bb..5f2faae 100644 --- a/translate/translate-process/01.md +++ b/translate/translate-process/01.md @@ -1,10 +1,9 @@ - ### अनुवाद कैसे करें अनुवाद में दो बातें करनी होती हैं: 1. स्रोत भाषा के मूलपाठ में अर्थ खोजें (देखें: [मूलपाठ का अर्थ खोजें](../translate-discover/01.md)) -1. लक्षित भाषा के अनुवाद में अर्थ पुन: बताएँ (देखें: [अर्थ को पुन: बताएँ](../translate-retell/01.md)) +1. लक्षित भाषा के अनुवाद में अर्थ पुन: बताएँ (देखें: [अर्थ को पुन: बताएँ](../translate-retell/01.md)) -अनुवाद के लिए निर्देश कभी-कभी इन दोनों बातों को छोटे चरणों में विभाजित करती हैं। नीचे चित्र दिखाते हैं कि ये दोनों अनुवाद प्रक्रिया में कैसे उपयुक्त रूप से आते हैं। -! [](https://cdn.door43.org/ta/jpg/translation_process.png) +अनुवाद के लिए निर्देश कभी-कभी इन दोनों बातों को छोटे चरणों में विभाजित करती हैं। नीचे चित्र दिखाते हैं कि ये दोनों अनुवाद प्रक्रिया में कैसे उपयुक्त रूप से आते हैं। +! [](Https://cdn.door43.org/ta/jpg/translation_process.png) diff --git a/translate/translate-retell/01.md b/translate/translate-retell/01.md index b317d42..9314e75 100644 --- a/translate/translate-retell/01.md +++ b/translate/translate-retell/01.md @@ -1,16 +1,15 @@ - ### अर्थ को पुन: कैसे बताएँ व्यस्थित चरणों की एक सूची निम्नलिखित दी गई है। इन चरणों का उद्देश्य अनुवादक को स्वभाविक, समझने योग्य और सटीक अनुवाद का उत्पादन करने में सहायता करना है। अनुवादक की सबसे सामान्य गलातियों में से एक एक सुसंगत मूलपाठ विकसित करने के लिए लक्षित भाषा में स्वभाविक रूपों का उपयोग करने में विफल रहना है। इन चरणों का पालन करके, अनुवादक एक अधिक स्वभाविक और अधिक समझने योग्य अनुवाद का उत्पादन करेगा। 1. स्रोत भाषा में चुने हुए पूरे सन्दर्भ को पढ़ें। सन्दर्भ एक अनुच्छेद या एक बात हो सकती है, जो एक कहानी में घटित हुई हो, या यहाँ तक कि एक पूरा खण्ड (कुछ बाइबल में, एक शीर्षक से अगली शीर्षक तक सब कुछ को)। एक कठिन मूलपाठ में, एक सन्दर्भ केवल एक या दो वचन हो सकता है। 1. स्रोत भाषा में मूलपाठ को देखे बिना, इसे लक्षित भाषा में मौखिक रूप से बताएँ। यद्यपि आप कुछ भागों को भूल सकते हैं, फिर भी बताएँ कि आपको अन्त में क्या स्मरण है। -1. फिर से, स्रोत भाषा के मूलपाठ को देखें। अब लक्षित भाषा में सब कुछ बताएँ। -1. स्रोत भाषा के मूलपाठ को पुन: देखिए, केवल उन भागों पर ध्यान केन्द्रित करें जिन्हें आप भूल गए हैं, और फिर इसे अपनी स्मृति से लक्षित भाषा में सभी को पुन: बताएँ। -1. पूरे सन्दर्भ को स्मरण करने के बाद, इसे ठीक उसी तरह लिखें जैसा आपने इसे स्मृति से पुन: बताया था। -1. एक बार लिखे जाने के पश्चात्, यह देखने के लिए स्रोत भाषा देखें कि आपने किसी विवरण को अनदेखा तो नहीं किया है। सबसे अधिक स्वभाविक स्थान में ऐसी कोई जानकारी डालें। -1. यदि आप स्रोत मूलपाठ की किसी बात को नहीं समझते हैं, तो अनुवाद '[समझा नहीं आया]' में लिखें और शेष सन्दर्भ को लिखते रहें। -1. अब, आपने जो लिखा है, उसे पढ़ें। मूल्यांकन करें कि आप इसे समझते हैं या नहीं। उन भागों को ठीक करें, जिनमें सुधार चाहिए। +1. फिर से, स्रोत भाषा के मूलपाठ को देखें। अब लक्षित भाषा में सब कुछ बताएँ। +1. स्रोत भाषा के मूलपाठ को पुन: देखिए, केवल उन भागों पर ध्यान केन्द्रित करें जिन्हें आप भूल गए हैं, और फिर इसे अपनी स्मृति से लक्षित भाषा में सभी को पुन: बताएँ। +1. पूरे सन्दर्भ को स्मरण करने के बाद, इसे ठीक उसी तरह लिखें जैसा आपने इसे स्मृति से पुन: बताया था। +1. एक बार लिखे जाने के पश्चात्, यह देखने के लिए स्रोत भाषा देखें कि आपने किसी विवरण को अनदेखा तो नहीं किया है। सबसे अधिक स्वभाविक स्थान में ऐसी कोई जानकारी डालें। +1. यदि आप स्रोत मूलपाठ की किसी बात को नहीं समझते हैं, तो अनुवाद '[समझा नहीं आया]' में लिखें और शेष सन्दर्भ को लिखते रहें। +1. अब, आपने जो लिखा है, उसे पढ़ें। मूल्यांकन करें कि आप इसे समझते हैं या नहीं। उन भागों को ठीक करें, जिनमें सुधार चाहिए। 1. अगले खण्ड पर जाएँ। इसे स्रोत भाषा में पढ़ें। कठोरता से चरण 2 से 8 का पालन करें। - भार: अनुमति के द्वारा उपयोग किया गया है, © 2013, एसआईएल इंटरनेशनल, हमारी मूल संस्कृति को साझा करना, पृष्ठ 59.* +* आभार: अनुमति के द्वारा उपयोग किया गया है, © 2013, एसआईएल इंटरनेशनल, हमारी मूल संस्कृति को साझा करना, पृष्ठ 59.* diff --git a/translate/translate-source-licensing/01.md b/translate/translate-source-licensing/01.md index 81a612b..0e68d73 100644 --- a/translate/translate-source-licensing/01.md +++ b/translate/translate-source-licensing/01.md @@ -1,4 +1,3 @@ - ### यह महत्वपूर्ण क्यों है? जब कोई स्रोत मूलपाठ चुनना होता है, जिस में से अनुवाद करना होता है, तो मुद्राधिकार/लाइसेंसिंग समस्या पर विचार करना दो कारणों से महत्वपूर्ण है। सबसे पहले, यदि आप बिना किसी पूर्व अनुमति के मुद्राधिकृत किए गए काम से अनुवाद करते हैं, तो आप कानून तोड़ रहे हैं, क्योंकि सामग्री का अनुवाद केवल इसकी विषय वस्तु के स्वामी के पास ही सुरक्षित है। @@ -7,14 +6,12 @@ वे अनुवाद के सभी अधिकारों को सुरक्षित रखते हैं, ठीक वैसे ही जैसे वे स्रोत मूलपाठ के साथ करते हैं। इन और अन्य कारणों से, अन्फोल्डिंगवर्ड केवल उन अनुवादों को ही वितरित करेगा जो मुद्राधिकार कानून का उल्लंघन नहीं करते हैं। - ### हम किस लाइसेंस अर्थात् अनुज्ञा पत्र का उपयोग करते हैं? अन्फोल्डिंगवर्ड के द्वारा प्रकाशित सभी सामग्री को **क्रिएटिव कॉमन्स एट्रिब्यूशन-शेयरएक्लिक 4.0 लाइसेंस (CC BY-SA)** के अधीन प्रकाशित किया गया है (देखें http://creativecommons.org/licenses/by-sa/4.0/)। हमारा विश्वास ​​है कि यह लाइसेंस चर्च के लिए सबसे बड़ी सहायता है, क्योंकि यह अनुवादों और अन्य अमौलिक सामग्रियों को इस से निर्मित करने के लिए पर्याप्त रूप से अनुमति देता है, परन्तु यह इतनी अधिक अनुमति नहीं देता है कि उन अमौलिक सामग्रियों को प्रतिबन्धित लाइसेंस के अधीन सुरक्षित किया जा सके। इस विषय पर पूरी चर्चा के लिए, मसीही शिष्टाचारों को पढ़ें (http://thechristiancommons.com/ देखें)। - ### किस स्रोत मूलपाठ का उपयोग किया जा सकता है? स्रोत मूलपाठों का उपयोग तब किया जा सकता है, जब वे सार्वजनिक ज्ञानक्षेत्र में आते हों या निम्न लाइसेंसों में से किसी एक के अधीन उपलब्ध होते हों, जो क्रिएटिव कॉमन्स एट्रिब्यूशन-शेयरएक्लिक लाइसेंस के अधीन अनुवाद किए हुए कार्य को प्रकाशित करने अनुमति देते हों: @@ -26,9 +23,9 @@ अनुवाद कार्य में उठने वाले अन्य सभी प्रश्नों के लिए, कृपया से सम्पर्क करें। - ्यान दें:** +** ध्यान दें:** * ट्रैन्स्लेशनस्टूडियो में स्रोत मूलपाठों के रूप में दिखाई देने वाले सभी स्रोत मूलपाठों की समीक्षा की गई है और किसी भी स्रोत किसी के द्वारा उपयोग के लिए वैद्यता प्राप्त हैं। -* अन्फोल्डिंगवर्ड के द्वारा प्रकाशित की गई सारी साम्रगी से पहले, स्रोत मूलपाठ की समीक्षा की जानी चाहिए और वे ऊपर सूचीबद्ध लाइसेंसों में से एक के अधीन उपलब्ध हैं। +* अन्फोल्डिंगवर्ड के द्वारा प्रकाशित की गई सारी साम्रगी से पहले, स्रोत मूलपाठ की समीक्षा की जानी चाहिए और वे ऊपर सूचीबद्ध लाइसेंसों में से एक के अधीन उपलब्ध हैं। अपना अनुवाद प्रकाशित करने में असमर्थ होने से बचने के लिए अनुवाद आरम्भ करने से पहले कृपया अपने स्रोत मूलपाठ को देखें। diff --git a/translate/translate-source-text/01.md b/translate/translate-source-text/01.md index 0929b5b..e791ce9 100644 --- a/translate/translate-source-text/01.md +++ b/translate/translate-source-text/01.md @@ -1,4 +1,3 @@ - ### एक स्रोत मूलपाठ के लिए विचार करने के लिए कारक स्रोत मूलपाठ चुनते समय, ऐसे कई कारक होते हैं, जिन पर विचार किया जाना चाहिए: diff --git a/translate/translate-source-version/01.md b/translate/translate-source-version/01.md index c07fb92..734d9f9 100644 --- a/translate/translate-source-version/01.md +++ b/translate/translate-source-version/01.md @@ -1,17 +1,16 @@ - ### संस्करण सँख्या का महत्व विशेष रूप से एक सावर्जनिक परियोजना जैसे अन्फोल्डिंगवर्ड में, प्रकाशित संस्करणों पर ध्यान देते रहना महत्वपूर्ण है। यह महत्वपूर्ण है, क्योंकि अनुवाद (और स्रोत मूलपाठ) प्राय: परिवर्तित हो सकते हैं। प्रत्येक संस्करण की पहचान करने में सक्षम होना स्पष्टता लाने में सहायता करता है, जिसकी पुनरावृत्ति के बारे में बात की गई है। संस्करण सँख्या भी महत्वपूर्ण हैं, क्योंकि सभी अनुवाद नवीनतम स्रोत मूलपाठ के आधार पर होने चाहिए। यदि स्रोत मूलपाठ परिवर्तित हो जाता है, तो अनुवाद को नवीनतम संस्करण के अनुरूप होने लिए अन्ततः अधतित किया जाना चाहिए। -एक अनुवाद परियोजना आरम्भ करने से पहले, कृपया सुनिश्चित करें कि आपके पास स्रोत मूलपाठ का नवीनतम संस्करण उपलब्ध है। +एक अनुवाद परियोजना आरम्भ करने से पहले, कृपया सुनिश्चित करें कि आपके पास स्रोत मूलपाठ का नवीनतम संस्करण उपलब्ध है। ### संस्करण परिवर्तन कैसे काम करता है संस्करण सँख्या केवल तभी दी जाती है, जब किसी लेखन कार्य को प्रकाशित किया जाता है, न कि जब उन्हें संपादित किया जाता है। संशोधन इतिहास Door43 में डाला गया है, परन्तु यह उस लेखन कार्य से भिन्न है, जिसकी सँख्या दी गई है। -![](https://cdn.door43.org/ta/jpg/versioning.jpg) +![](Https://cdn.door43.org/ta/jpg/versioning.jpg) प्रत्येक स्रोत के मूलपाठ को प्रत्येक प्रकाशन (संस्करण 1, 2, 3, आदि) के लिए एक पूर्ण सँख्या दी जाती है। उस स्रोत मूलपाठ पर आधारित कोई भी अनुवाद स्रोत मूलपाठ की संस्करण सँख्या को लेगा और .1 को जोड़ देगा (अंग्रेजी ओबीएस संस्करण 4 का अनुवाद संस्करण 4.1 बन जाएगा)। @@ -19,6 +18,6 @@ ### नवीनतम संस्करण कहाँ खोजें -https://unfoldingword.bible में सदैव प्रत्येक संसाधन का नवीनतम प्रकाशित संस्करण उपलब्ध होता रहता है। प्रत्येक संसाधन के संस्करण इतिहास पृष्ठ को http://ufw.io/dashboard पर दिए डैशबोर्ड अर्थात् नियंत्रण-पट्ट पृष्ठ को देखें। +https://unfoldingword.org में सदैव प्रत्येक संसाधन का नवीनतम प्रकाशित संस्करण उपलब्ध होता रहता है। प्रत्येक संसाधन के संस्करण इतिहास पृष्ठ को http://ufw.io/dashboard पर दिए डैशबोर्ड अर्थात् नियंत्रण-पट्ट पृष्ठ को देखें। - ोट: ट्रैन्स्लेशनस्टूडियो और अन्फोल्डिंगवर्ड ऐप में सदैव नवीनतम संस्करण नहीं होते हैं, क्योंकि सामग्री स्वचालित रूप से अधतित नहीं होती है।* +* नोट: ट्रैन्स्लेशनस्टूडियो और अन्फोल्डिंगवर्ड ऐप में सदैव नवीनतम संस्करण नहीं होते हैं, क्योंकि सामग्री स्वचालित रूप से अधतित नहीं होती है।* diff --git a/translate/translate-symaction/01.md b/translate/translate-symaction/01.md index 95ccb2d..31db3b2 100644 --- a/translate/translate-symaction/01.md +++ b/translate/translate-symaction/01.md @@ -1,4 +1,3 @@ - ### विवरण एक प्रतीकात्मक कार्यवाही कुछ ऐसी बात होती है, जिसे एक निश्चित विचार को व्यक्त करने के लिए कोई करता है। उदाहरण के लिए, कुछ संस्कृतियों में लोगों ने अपने सिर को ऊपर और नीचे हिलाते हुए "हाँ" का या अपने सिर को इधर से उधर हिलाते हुए "ना" का अर्थ दिया है। @@ -18,7 +17,6 @@ अनुवादकों को यह समझने की आवश्यकता होती है कि बाइबल में लोगों का क्या अर्थ था, जब उन्होंने प्रतीकात्मक गतिविधियों का उपयोग किया। यदि किसी गतिविधि का अर्थ उनकी संस्कृति में वही बात नहीं है, तो उन्हें यह समझने की आवश्यकता है कि उस कार्यवाही का क्या अर्थ है, जिसका अनुवाद करना है। - ### बाइबल से उदाहरण > याईर यीशु के पैरों पर गिर गया। (लूका 8:41 यूएलबी) @@ -44,26 +42,19 @@ 1. बताएँ कि व्यक्ति ने क्या किया और उसने ऐसा क्यों किया। * **याईर यीशु के पैरों पर गिर गया।** (लूका 8:41 यूएलबी) - - * यीशु के पैरों पर याईर यह दिखाने के लिए गिर गया कि वह उसका बहुत अधिक सम्मान करता था। - + * यीशु के पैरों पर याईर यह दिखाने के लिए गिर गया कि वह उसका बहुत अधिक सम्मान करता था। * **देखो, मैं दरवाजे पर खड़ा हूँ और खटखटाता हूँ।** (प्रकाशितवाक्य 3:20 यूएलबी) - - * देखो, मैं दरवाजे पर खड़ा हूँ और उस को खटखटा रहूँ हूँ, जिससे तुम मुझे भीतर आने के लिए कहो। + * देखो, मैं दरवाजे पर खड़ा हूँ और उस को खटखटा रहूँ हूँ, जिससे तुम मुझे भीतर आने के लिए कहो। 1. यह मत बताएँ कि व्यक्ति ने क्या किया, परन्तु बताएँ कि उसका क्या अर्थ है। * **याईर यीशु के पैरों पर गिर गया।** (लूका 8:41) - - * याईर ने यीशु को बहुत अधिक सम्मान दिखाया। - + * याईर ने यीशु को बहुत अधिक सम्मान दिखाया। * **देखो, मैं दरवाजे पर खड़ा हूँ और खटखटाता हूँ।** (प्रकाशितवाक्य 3:20) - - * देखो, मैं दरवाजे पर खड़ा हूँ और तुम से भीतर आने के लिए कहता हूँ। + * देखो, मैं दरवाजे पर खड़ा हूँ और तुम से भीतर आने के लिए कहता हूँ। 1. अपनी संस्कृति से एक गतिविधि का प्रयोग करें जिसका अर्थ वैसा ही है। * **याईर यीशु के चरणों में गिर गया।** (लूका 8:41 यूएलबी) - क्योंकि याईर ने वास्तव में ऐसा किया था, इसलिए हम अपनी संस्कृति से इसके लिए कोई विकल्प नहीं देंगे। * **देखो, मैं दरवाजे पर खड़ा हूँ और खटखटाता हूँ।** (प्रकाशितवाक्य 3:20 यूएलबी) - यीशु एक वास्तविक दरवाजे पर नहीं खड़ा था। अपितु वह लोगों के साथ सम्बन्ध बनाने के बारे में बात कर रहा था। इस कारण ऐसी संस्कृतियाँ जहाँ एक घर में भीतर जाने की इच्छा रखते समय किसी के द्वारा गले से हुंकार भरना विनम्र तरीका है, तो आप उसका उपयोग कर सकते हैं। - - * देखो, मैं दरवाजे पर खड़ा हूँ और अपने गले से हुंकार भर रहा हूँ। + * देखो, मैं दरवाजे पर खड़ा हूँ और अपने गले से हुंकार भर रहा हूँ। diff --git a/translate/translate-terms/01.md b/translate/translate-terms/01.md index 31d27c8..5ad02b0 100644 --- a/translate/translate-terms/01.md +++ b/translate/translate-terms/01.md @@ -1,56 +1,55 @@ - ### महत्वपूर्ण शब्दों को जानना - ्यान दें: इस निर्देश पुस्तिका में इन शब्दों का उपयोग किया गया है। अनुवाद निर्देश पुस्तिका का उपयोग करने के लिए अनुवादक को इन शब्दों को समझने की आवश्यकता होगी।* +* ध्यान दें: इस निर्देश पुस्तिका में इन शब्दों का उपयोग किया गया है। अनुवाद निर्देश पुस्तिका का उपयोग करने के लिए अनुवादक को इन शब्दों को समझने की आवश्यकता होगी।* - ब्दावली** - एक शब्द या वाक्यांश जो एक वस्तु, विचार या गतिविधि को सन्दर्भित करता है। उदाहरण के लिए, एक व्यक्ति के द्वारा मुँह में तरल उण्डलने के लिए अंग्रेजी में शब्द "पीना" होता है। एक समारोह के लिए शब्द जो किसी के जीवन में एक महत्वपूर्ण परिवर्तन को चिह्नित करता है, वह "यादगार उत्सव" वाक्यांश होता है। एक शब्दावली और एक शब्द के बीच का अन्तर यह है कि एक शब्दावली में कई शब्द हो सकते हैं। +** शब्दावली** - एक शब्द या वाक्यांश जो एक वस्तु, विचार या गतिविधि को सन्दर्भित करता है। उदाहरण के लिए, एक व्यक्ति के द्वारा मुँह में तरल उण्डलने के लिए अंग्रेजी में शब्द "पीना" होता है। एक समारोह के लिए शब्द जो किसी के जीवन में एक महत्वपूर्ण परिवर्तन को चिह्नित करता है, वह "यादगार उत्सव" वाक्यांश होता है। एक शब्दावली और एक शब्द के बीच का अन्तर यह है कि एक शब्दावली में कई शब्द हो सकते हैं। - ूलपाठ** - एक मूलपाठ ऐसा कुछ लेख है, जिसे एक वक्ता या लेखक भाषा के माध्यम से श्रोता या पाठक को संचारित कर रहा है। वक्ता या लेखक के मन में एक निश्चित अर्थ होता है, और इसलिए वह उस अर्थ को व्यक्त करने के लिए भाषा का एक रूप चुनता है। +** मूलपाठ** - एक मूलपाठ ऐसा कुछ लेख है, जिसे एक वक्ता या लेखक भाषा के माध्यम से श्रोता या पाठक को संचारित कर रहा है। वक्ता या लेखक के मन में एक निश्चित अर्थ होता है, और इसलिए वह उस अर्थ को व्यक्त करने के लिए भाषा का एक रूप चुनता है। - न्दर्भ** - शब्द, वाक्यांश, या वाक्य और अनुच्छेद के चारों ओर शब्द, वाक्यांश, वाक्य, या अनुच्छेद का होना। सन्दर्भ वह मूलपाठ होता है, जो मूलपाठ के उस भाग से घिरा हुआ होता है, जिसे आप जाँच रहे होते हैं। व्यक्तिगत शब्दों और वाक्यांशों का अर्थ परिवर्तित हो सकता है, जब वे भिन्न सन्दर्भों में होते हैं। +** सन्दर्भ** - शब्द, वाक्यांश, या वाक्य और अनुच्छेद के चारों ओर शब्द, वाक्यांश, वाक्य, या अनुच्छेद का होना। सन्दर्भ वह मूलपाठ होता है, जो मूलपाठ के उस भाग से घिरा हुआ होता है, जिसे आप जाँच रहे होते हैं। व्यक्तिगत शब्दों और वाक्यांशों का अर्थ परिवर्तित हो सकता है, जब वे भिन्न सन्दर्भों में होते हैं। - ूप** - अर्थात् ढ़ांचा भाषा की संरचना होता है, जैसा कि यह पृष्ठ पर दिखाई देती है या जैसी यह बोली जाती है। "रूप" उस तरीके को सन्दर्भित करता है, जिसमें भाषा की व्यवस्था की गई है- इसमें शब्द, शब्द व्यवस्था, व्याकरण, मुहावरे, और मूलपाठ की संरचना की कई अन्य विशेषताएँ सम्मिलित होती हैं। +** रूप** - अर्थात् ढ़ांचा भाषा की संरचना होता है, जैसा कि यह पृष्ठ पर दिखाई देती है या जैसी यह बोली जाती है। "रूप" उस तरीके को सन्दर्भित करता है, जिसमें भाषा की व्यवस्था की गई है- इसमें शब्द, शब्द व्यवस्था, व्याकरण, मुहावरे, और मूलपाठ की संरचना की कई अन्य विशेषताएँ सम्मिलित होती हैं। - ्याकरण** - जिस तरह से वाक्य एक भाषा में एक साथ रखी जाती है। इसका सरोकार इसके विभिन्न भागों की व्यवस्था से होता है, जैसे कि क्रिया शब्द पहले या अन्तिम या बीच में आता है। +** व्याकरण** - जिस तरह से वाक्य एक भाषा में एक साथ रखी जाती है। इसका सरोकार इसके विभिन्न भागों की व्यवस्था से होता है, जैसे कि क्रिया शब्द पहले या अन्तिम या बीच में आता है। - ंज्ञा** - एक प्रकार का शब्द जो किसी व्यक्ति, स्थान या वस्तु को सन्दर्भित करता है। एक उचित संज्ञा किसी व्यक्ति या स्थान का नाम होता है। एक अमूर्त संज्ञा एक ऐसी वस्तु होती है, जैसे कि हम "शान्ति" या "एकता" जैसी बातों को न देख सकते या न ही स्पर्श कर सकते हैं। यह किसी विचार या राज्य की स्थिति को सन्दर्भित करती है। कुछ भाषाएँ अमूर्त संज्ञाओं का उपयोग नहीं करती हैं। +** संज्ञा** - एक प्रकार का शब्द जो किसी व्यक्ति, स्थान या वस्तु को सन्दर्भित करता है। एक उचित संज्ञा किसी व्यक्ति या स्थान का नाम होता है। एक अमूर्त संज्ञा एक ऐसी वस्तु होती है, जैसे कि हम "शान्ति" या "एकता" जैसी बातों को न देख सकते या न ही स्पर्श कर सकते हैं। यह किसी विचार या राज्य की स्थिति को सन्दर्भित करती है। कुछ भाषाएँ अमूर्त संज्ञाओं का उपयोग नहीं करती हैं। - ्रिया** - एक प्रकार का शब्द जो किसी गतिविधि को सन्दर्भित करता है, जैसे "चलना" या "आगमन"। +** क्रिया** - एक प्रकार का शब्द जो किसी गतिविधि को सन्दर्भित करता है, जैसे "चलना" या "आगमन"। - ंशोधक** - एक प्रकार का शब्द जो किसी अन्य शब्द के बारे में कुछ कहता है। दोनों विशेषण और क्रियाएँ संशोधक होती हैं। +** संशोधक** - एक प्रकार का शब्द जो किसी अन्य शब्द के बारे में कुछ कहता है। दोनों विशेषण और क्रियाएँ संशोधक होती हैं। - िशेषण** - एक प्रकार का शब्द जो संज्ञा के बारे में कुछ कहता है। उदाहरण के लिए, शब्द "लम्बा" निम्नलिखित वाक्य में "व्यक्ति" संज्ञा के बारे में कुछ कहता है। *मैं एक लम्बा व्यक्ति देखता हूँ*। +** विशेषण** - एक प्रकार का शब्द जो संज्ञा के बारे में कुछ कहता है। उदाहरण के लिए, शब्द "लम्बा" निम्नलिखित वाक्य में "व्यक्ति" संज्ञा के बारे में कुछ कहता है। *मैं एक लम्बा व्यक्ति देखता हूँ*। - ्रियाविशेषण** - एक प्रकार का शब्द जो एक क्रिया के बारे में कुछ कहता है। उदाहरण के लिए, शब्द "जोर से" निम्नलिखित वाक्य में क्रिया "बोलने" वाले के बारे में कुछ कहता है। *उस व्यक्ति ने लोगों की भीड़ से जोर से बात की*। +** क्रियाविशेषण** - एक प्रकार का शब्द जो एक क्रिया के बारे में कुछ कहता है। उदाहरण के लिए, शब्द "जोर से" निम्नलिखित वाक्य में क्रिया "बोलने" वाले के बारे में कुछ कहता है। *उस व्यक्ति ने लोगों की भीड़ से जोर से बात की*। - ुहावरा** - एक अभिव्यक्ति जो कई शब्दों का उपयोग करती है और इसका अर्थ अपने पूरे वाक्य में भिन्न होता है कि मानो कि उसके शब्दों को उनके अर्थों के द्वारा समझा जा चुका होता है इसकी अपेक्षा कि जब उन शब्दों को शाब्दिक रूप में देखा जाए। मुहावरे का अनुवाद शाब्दिक रूप से नहीं किया जा सकता है, अर्थात, भिन्न शब्दों के अर्थों के साथ। उदाहरण के लिए, "उसने बाल्टी को लात मार दी" अंग्रेजी में एक मुहावरे है, जिसका अर्थ "अल्लाह को प्यारा हो जाने" से या मर जाने से है। +** मुहावरा** - एक अभिव्यक्ति जो कई शब्दों का उपयोग करती है और इसका अर्थ अपने पूरे वाक्य में भिन्न होता है कि मानो कि उसके शब्दों को उनके अर्थों के द्वारा समझा जा चुका होता है इसकी अपेक्षा कि जब उन शब्दों को शाब्दिक रूप में देखा जाए। मुहावरे का अनुवाद शाब्दिक रूप से नहीं किया जा सकता है, अर्थात, भिन्न शब्दों के अर्थों के साथ। उदाहरण के लिए, "उसने बाल्टी को लात मार दी" अंग्रेजी में एक मुहावरे है, जिसका अर्थ "अल्लाह को प्यारा हो जाने" से या मर जाने से है। - र्थ** - अन्तर्निहित विचार या अवधारणा जिसे मूलपाठ पाठक या श्रोता के लिए संचारित करने का प्रयास कर रहा है। एक वक्ता या लेखक भाषा के विभिन्न रूपों या ढ़ांचों का उपयोग करके एक ही अर्थ को संचारित कर सकता है, और भिन्न लोग एक ही भाषा के रूप को सुनने या पढ़ने से भिन्न अर्थों को समझ सकते हैं। इस तरह आप देख सकते हैं कि रूप अर्थात् ढ़ांचा और अर्थ एक ही बात नहीं होते है। +** अर्थ** - अन्तर्निहित विचार या अवधारणा जिसे मूलपाठ पाठक या श्रोता के लिए संचारित करने का प्रयास कर रहा है। एक वक्ता या लेखक भाषा के विभिन्न रूपों या ढ़ांचों का उपयोग करके एक ही अर्थ को संचारित कर सकता है, और भिन्न लोग एक ही भाषा के रूप को सुनने या पढ़ने से भिन्न अर्थों को समझ सकते हैं। इस तरह आप देख सकते हैं कि रूप अर्थात् ढ़ांचा और अर्थ एक ही बात नहीं होते है। - नुवाद** - लक्षित भाषा के रूप में व्यक्त करने की प्रक्रिया जिस का अर्थ वही हो जिसे एक लेखक या वक्ता के द्वारा स्रोत भाषा के रूप में व्यक्त किया गया है। +** अनुवाद** - लक्षित भाषा के रूप में व्यक्त करने की प्रक्रिया जिस का अर्थ वही हो जिसे एक लेखक या वक्ता के द्वारा स्रोत भाषा के रूप में व्यक्त किया गया है। - ्रोत भाषा** - भाषा जहाँ *से* अनुवाद को किया जा रहा है। +** स्रोत भाषा** - भाषा जहाँ *से* अनुवाद को किया जा रहा है। - ्रोत मूलपाठ** - मूलपाठ जहाँ *से* अनुवाद को किया जा रहा है। +** स्रोत मूलपाठ** - मूलपाठ जहाँ *से* अनुवाद को किया जा रहा है। - क्षित भाषा** - भाषा * जिस में* एक अनुवाद किया जा रहा है। +** लक्षित भाषा** - भाषा * जिस में* एक अनुवाद किया जा रहा है। - क्षित मूलपाठ** - अनुवादक के द्वारा द्वारा निर्मित किया जा रहा मूलपाठ जिसे वह स्रोत मूलपाठ के अर्थ से अनुवाद करता या करती है। +** लक्षित मूलपाठ** - अनुवादक के द्वारा द्वारा निर्मित किया जा रहा मूलपाठ जिसे वह स्रोत मूलपाठ के अर्थ से अनुवाद करता या करती है। - ूल भाषा** - वह भाषा जिस में बाइबल मूलपाठ आरम्भ में लिखी गई थी। नए नियम की मूल भाषा यूनानी है। पुराने नियम की अधिकांश मूल भाषा इब्रानी है। यद्यपि, दानिय्येल और एज्रा के कुछ भागों की मूल भाषा अरामी है। मूल भाषा सदैव एक सटीक भाषा होती है, जिसमें से एक सन्दर्भ का अनुवाद करना होता है। +** मूल भाषा** - वह भाषा जिस में बाइबल मूलपाठ आरम्भ में लिखी गई थी। नए नियम की मूल भाषा यूनानी है। पुराने नियम की अधिकांश मूल भाषा इब्रानी है। यद्यपि, दानिय्येल और एज्रा के कुछ भागों की मूल भाषा अरामी है। मूल भाषा सदैव एक सटीक भाषा होती है, जिसमें से एक सन्दर्भ का अनुवाद करना होता है। - ंचार की व्यापक भाषा** - एक भाषा जो एक व्यापक क्षेत्र और कई लोगों के द्वारा बोली जाती है। अधिकांश लोगों के लिए, यह उनकी पहली भाषा नहीं होती है, परन्तु वह वह भाषा होती है, जिसका उपयोग वे अपनी भाषा के समुदाय के बाहर लोगों से बात करने के लिए करते हैं। कुछ लोग इसे एक व्यापार की भाषा कहते हैं। अधिकांश बाइबलों का अनुवाद स्रोत भाषा के रूप में व्यापक संचार की भाषा का उपयोग करके किया जाएगा। +** संचार की व्यापक भाषा** - एक भाषा जो एक व्यापक क्षेत्र और कई लोगों के द्वारा बोली जाती है। अधिकांश लोगों के लिए, यह उनकी पहली भाषा नहीं होती है, परन्तु वह वह भाषा होती है, जिसका उपयोग वे अपनी भाषा के समुदाय के बाहर लोगों से बात करने के लिए करते हैं। कुछ लोग इसे एक व्यापार की भाषा कहते हैं। अधिकांश बाइबलों का अनुवाद स्रोत भाषा के रूप में व्यापक संचार की भाषा का उपयोग करके किया जाएगा। - ाब्दिक अनुवाद** - एक अनुवाद जो लक्षित मूलपाठ में स्रोत मूलपाठ के ही रूप को पुन: उत्पन्न करने पर केन्द्रित होता है, चाहे इसके परिणामस्वरूप अर्थ ही क्यों न परिवर्तित हो जाए। +** शाब्दिक अनुवाद** - एक अनुवाद जो लक्षित मूलपाठ में स्रोत मूलपाठ के ही रूप को पुन: उत्पन्न करने पर केन्द्रित होता है, चाहे इसके परिणामस्वरूप अर्थ ही क्यों न परिवर्तित हो जाए। - र्थ-आधारित अनुवाद (या गतिशील अनुवाद)** - एक अनुवाद जो लक्षित मूलपाठ में स्रोत मूलपाठ के अर्थ को पुन: उत्पन्न करने पर केन्द्रित है, चाहे इसके परिणामस्वरूप रूप अर्थात् ढ़ांचा ही क्यों न परिवर्तित हो जाए। +** अर्थ-आधारित अनुवाद (या गतिशील अनुवाद)** - एक अनुवाद जो लक्षित मूलपाठ में स्रोत मूलपाठ के अर्थ को पुन: उत्पन्न करने पर केन्द्रित है, चाहे इसके परिणामस्वरूप रूप अर्थात् ढ़ांचा ही क्यों न परिवर्तित हो जाए। - नुच्छेद** - बाइबल मूलपाठ का एक खण्ड जिसके बारे में बात की जा रही है। यह एक वचन के रूप में छोटा हो सकता है, परन्तु सामान्य रूप से यह कई वचन को मिलकर बना होता है, जिसमें एक विषय होता है या जो एक कहानी को बताता है। +** अनुच्छेद** - बाइबल मूलपाठ का एक खण्ड जिसके बारे में बात की जा रही है। यह एक वचन के रूप में छोटा हो सकता है, परन्तु सामान्य रूप से यह कई वचन को मिलकर बना होता है, जिसमें एक विषय होता है या जो एक कहानी को बताता है। - ेटवे भाषा** - एक गेटवे भाषा (जीएल) अर्थात् प्रवेशिका भाषा व्यापक संचार की एक ऐसी भाषा होती है, जिसे हमने उन भाषाओं में से एक माना है, जिनमें हम अपने सभी अनुवाद संसाधनों का अनुवाद करेंगे। गेटवे भाषा की सूची भाषा की सबसे छोटी सँख्या है, जिसके माध्यम से द्विभाषी वक्ताओं के द्वारा अनुवाद के माध्यम से संसार की हर दूसरी भाषा में विषय वस्तु को वितरित किया जा सकता है। +** गेटवे भाषा** - एक गेटवे भाषा (जीएल) अर्थात् प्रवेशिका भाषा व्यापक संचार की एक ऐसी भाषा होती है, जिसे हमने उन भाषाओं में से एक माना है, जिनमें हम अपने सभी अनुवाद संसाधनों का अनुवाद करेंगे। गेटवे भाषा की सूची भाषा की सबसे छोटी सँख्या है, जिसके माध्यम से द्विभाषी वक्ताओं के द्वारा अनुवाद के माध्यम से संसार की हर दूसरी भाषा में विषय वस्तु को वितरित किया जा सकता है। - ूसरी भाषा** - दूसरी भाषाएँ (ओएलएस) संसार की सभी वे भाषाएँ हैं, जो गेटवे भाषा अर्थात् प्रवेशिका भाषा नहीं हैं। हम अपने बाइबल अनुवाद संसाधनों का गेटवे भाषा में अनुवाद करते हैं, ताकि लोग बाइबल को अन्य भाषाओं में अनुवाद करने के लिए उन संसाधनों का उपयोग कर सकें। +** दूसरी भाषा** - दूसरी भाषाएँ (ओएलएस) संसार की सभी वे भाषाएँ हैं, जो गेटवे भाषा अर्थात् प्रवेशिका भाषा नहीं हैं। हम अपने बाइबल अनुवाद संसाधनों का गेटवे भाषा में अनुवाद करते हैं, ताकि लोग बाइबल को अन्य भाषाओं में अनुवाद करने के लिए उन संसाधनों का उपयोग कर सकें। - ण्ड-यूजर बाइबल** - अन्तिम उपयोगकर्ता बाइबल एक ऐसी बाइबल है, जिसे लोगों ने अनुवादित किया है, ताकि यह लक्षित भाषा में स्वभाविक तरीके से बातचीत कर सके। इसका उपयोग कलीसियाओं और घरों में किए जाने के लिए है। इसके विपरीत, यूएलबी और यूडीबी बाइबल हैं, जो अनुवाद ससांधन हैं। वे किसी भी भाषा में स्वाभाविक रूप से बात नहीं करती हैं, क्योंकि यूएलबी एक शाब्दिक अनुवाद है और यूडीबी मुहावरे और अंलकारों का उपयोग करने से बचाती है, जिसे एक स्वभाविक अनुवाद उपयोग करेगा। इन अनुवाद संसाधनों का उपयोग करके, एक अनुवादक एण्ड-यूजर अर्थात् अन्तिम उपयोगकर्ता बाइबल का उत्पादन कर सकता है। +** एण्ड-यूजर बाइबल** - अन्तिम उपयोगकर्ता बाइबल एक ऐसी बाइबल है, जिसे लोगों ने अनुवादित किया है, ताकि यह लक्षित भाषा में स्वभाविक तरीके से बातचीत कर सके। इसका उपयोग कलीसियाओं और घरों में किए जाने के लिए है। इसके विपरीत, यूएलबी और यूडीबी बाइबल हैं, जो अनुवाद ससांधन हैं। वे किसी भी भाषा में स्वाभाविक रूप से बात नहीं करती हैं, क्योंकि यूएलबी एक शाब्दिक अनुवाद है और यूडीबी मुहावरे और अंलकारों का उपयोग करने से बचाती है, जिसे एक स्वभाविक अनुवाद उपयोग करेगा। इन अनुवाद संसाधनों का उपयोग करके, एक अनुवादक एण्ड-यूजर अर्थात् अन्तिम उपयोगकर्ता बाइबल का उत्पादन कर सकता है। - ्रतिभागी** - एक प्रतिभागी एक वाक्य में नायकों में से एक होता है। यह वह व्यक्ति हो सकता है, जो कार्यवाही कर रहा है, या वह व्यक्ति जो कार्यवाही प्राप्त कर रहा है, या किसी तरह से भाग लेने के रूप में उल्लिखित है। एक प्रतिभागी एक वस्तु भी हो सकती है, जिसे वाक्य की कार्यवाही में भाग लेने के रूप में बताया जाता है। उदाहरण के लिए, निम्नलिखित वाक्य में, प्रतिभागियों को रेखांकित किया गया है: यूहन्ना और मरियम एक पत्र को अन्द्रियास को भेजते हैं। कभी-कभी प्रतिभागियों को बिना कहे ही छोड़ दिया जाता है, परन्तु वे अभी भी कार्यवाही का भाग होते हैं। इस घटना में, प्रतिभागी *निहित* है। उदाहरण के लिए, निम्नलिखित वाक्य में, केवल दो प्रतिभागियों ही कहे गए है: अन्द्रियास को एक पत्र प्राप्त हुआ . प्रेषक, यूहन्ना और मरियम, निहित हैं। कुछ भाषाओं में, निहित प्रतिभागियों को अवश्य बताया जाना चाहिए। +** प्रतिभागी** - एक प्रतिभागी एक वाक्य में नायकों में से एक होता है। यह वह व्यक्ति हो सकता है, जो कार्यवाही कर रहा है, या वह व्यक्ति जो कार्यवाही प्राप्त कर रहा है, या किसी तरह से भाग लेने के रूप में उल्लिखित है। एक प्रतिभागी एक वस्तु भी हो सकती है, जिसे वाक्य की कार्यवाही में भाग लेने के रूप में बताया जाता है। उदाहरण के लिए, निम्नलिखित वाक्य में, प्रतिभागियों को रेखांकित किया गया है: यूहन्ना और मरियम एक पत्र को अन्द्रियास को भेजते हैं। कभी-कभी प्रतिभागियों को बिना कहे ही छोड़ दिया जाता है, परन्तु वे अभी भी कार्यवाही का भाग होते हैं। इस घटना में, प्रतिभागी *निहित* है। उदाहरण के लिए, निम्नलिखित वाक्य में, केवल दो प्रतिभागियों ही कहे गए है: अन्द्रियास को एक पत्र प्राप्त हुआ . प्रेषक, यूहन्ना और मरियम, निहित हैं। कुछ भाषाओं में, निहित प्रतिभागियों को अवश्य बताया जाना चाहिए। diff --git a/translate/translate-textvariants/01.md b/translate/translate-textvariants/01.md index e7aff7c..eed74e0 100644 --- a/translate/translate-textvariants/01.md +++ b/translate/translate-textvariants/01.md @@ -1,4 +1,3 @@ - ### विवरण हजारों वर्षों पहले, लोगों ने बाइबल की पुस्तकें को लिखा था। तब अन्य लोगों ने उनकी हाथ से नकल बनाईं और उनका अनुवाद किया। उन्होंने यह काम बहुत ही अधिक सावधानी से किया, और कई वर्षों तक कई लोगों ने हजारों प्रतियाँ बनाईं। यद्यपि, जिन्होंने बाद में उन लोगों को देखा, उन्होंने देखा कि उनके बीच कुछ छोटी भिन्नाताएँ थीं। कुछ नकलकर्ताओं ने गलती से कुछ शब्दों को छोड़ दिया, और कुछ ने किसी दूसरे के शब्द को गलत समझा, जो उसे गलत आभासित हुआ। कभी-कभी उन्होंने दुर्घटनावश शब्दों या यहाँ तक ​​कि पूरे वाक्यों को जोड़ा, या इसलिए क्योंकि वे कुछ समझाना चाहते थे। @@ -29,7 +28,6 @@ 1. वचनों का अनुवाद एक और संस्करण के रूप में करें, और फुटनोट को परिवर्तित करें ताकि यह उस स्थिति के अनुसार उपयुक्त हो सके। - ### अनुवाद के लिए लागू की गई रणनीतियों के उदाहरण अनुवाद रणनीतियों को मरकुस 7:14-16 यूएलबी पर लागू किया गया है, जिसमें वचन 16 के बारे में एक फुटनोट है। diff --git a/translate/translate-tform/01.md b/translate/translate-tform/01.md index 2ddb11c..ad0ff88 100644 --- a/translate/translate-tform/01.md +++ b/translate/translate-tform/01.md @@ -1,4 +1,3 @@ - ### अर्थ का महत्व जिन लोगों ने बाइबल लिखी थी, उनके पास परमेश्वर की ओर से सन्देश थे, जिसे परमेश्वर चाहता था कि लोग समझें। इन मूल लेखकों ने उस भाषा का उपयोग किया, जिसे उनके लोगों बोलते थे ताकि वे और उनके लोग परमेश्वर के सन्देशों को समझ सकें। परमेश्वर आज लोगों को उन्हीं सन्देशों को समझना चाहता है। परन्तु लोग आज उन भाषाओं को नहीं बोलते हैं, जिनमें बाइबल को बहुत पहले लिखा गया था। इसलिए परमेश्वर ने हमें बाइबल को उन भाषाओं में अनुवाद करने का कार्य दिया है, जिसे लोग आज बोलते हैं। @@ -12,4 +11,4 @@ आप देख सकते हैं कि वाक्यों की प्रत्येक जोड़ी का अर्थ समान है, चाहे वे भिन्न शब्दों का उपयोग कर रहे हैं। ऐसा ही एक अच्छे अनुवाद में होता है। हम स्रोत मूलपाठ की तुलना में भिन्न शब्दों का उपयोग करेंगे, परन्तु हम इसका अर्थ भी बनाए रखेंगे। हम उन शब्दों का उपयोग करेंगे, जो हमारे लोग समझते हैं और उन्हें अपनी भाषा के लिए स्वभाविक तरीके से उपयोग करते हैं। एक स्पष्ट और स्वभाविक तरीके से स्रोत मूलपाठ के जैसे ही अर्थ को संचार करना अनुवाद का लक्ष्य होता है। - भार: बर्नवेल की अनुसार उदाहरण वाक्य, पृष्ठ 19-20, (c) एसआईएल इंटरनेशनल 1986, अनुमति के द्वारा उपयोग किया गया है।* +* आभार: बर्नवेल की अनुसार उदाहरण वाक्य, पृष्ठ 19-20, (c) एसआईएल इंटरनेशनल 1986, अनुमति के द्वारा उपयोग किया गया है।* diff --git a/translate/translate-transliterate/01.md b/translate/translate-transliterate/01.md index 4bec831..c9a5013 100644 --- a/translate/translate-transliterate/01.md +++ b/translate/translate-transliterate/01.md @@ -1,4 +1,3 @@ - ### विवरण कभी-कभी बाइबल में ऐसी बातें सम्मिलित होती हैं. जो आपकी संस्कृति का भाग नहीं होती हैं और आपकी भाषा में इनके लिए कोई शब्द नहीं होता है। इसमें ऐसे लोगों और स्थानों को भी सम्मिलित किया गया है, जिनके लिए आपके पास नाम नहीं हो सकते हैं। जब ऐसा होता है तो आप बाइबल से शब्द को अपनी भाषा में "उधार" ले सकते हैं। इसका अर्थ है कि आप मूल रूप से इसे दूसरी भाषा से नकल करते हैं। यह पृष्ठ बताता है कि शब्दों को "उधार" कैसे लें। @@ -40,19 +39,16 @@ 1. यदि आपकी भाषा उस भाषा से एक अलग लिपि का उपयोग करती है, जिसका आप अनुवाद कर रहे हैं, तो आप अपनी भाषा की लिपि के सम्बन्धित अक्षर के आकार के साथ प्रत्येक अक्षर के आकार को आसानी से प्रतिस्थापित कर सकते हैं। * **צְפַנְיָ֤ה** - इब्रानी अक्षरों में एक व्यक्ति का नाम। - - * "सपन्याह" - अंग्रेजी अक्षरों में यही नाम + * "सपन्याह" - अंग्रेजी अक्षरों में यही नाम 1. आप इस शब्द को लिख सकते हैं, जैसा दूसरी भाषा में लिखा जाता है, और उसका उच्चारण इस तरह से करें कि जैसा आपकी भाषा में सामान्य रूप से उन अक्षरों के लिए उच्चारण किया जाता है। * **सपन्याह** - यह एक व्यक्ति का नाम है। - - * "सपन्याह" - जैसा कि अंग्रेजी में लिखा गया है, परन्तु आप इसे अपनी भाषा के नियमों के अनुसार उच्चारण कर सकते हैं। + * "सपन्याह" - जैसा कि अंग्रेजी में लिखा गया है, परन्तु आप इसे अपनी भाषा के नियमों के अनुसार उच्चारण कर सकते हैं। 1. आप इस शब्द को दूसरी भाषा के तरीके से उच्चारण कर सकते हैं, और अपनी भाषा के नियमों में उपयुक्त बनाने के लिए वर्तनी को समायोजित कर सकते हैं। * **सपन्याह** - यदि आपकी भाषा में "स" नहीं है, तो आप "ज" का उपयोग कर सकते हैं। यदि आपकी लेखन प्रणाली "प" का उपयोग नहीं करती है तो आप "फ" का उपयोग कर सकते हैं। यह इस बात पर निर्भर करता है कि आप "न्" का उच्चारण कैसे करते हैं, आप इसे "न्" या "ना" या "नि" के साथ लिख सकते हैं। - - * "सेफानिया" - * "सेफानीया" - * "सेफानाया" + * "सेफानिया" + * "सेफानीया" + * "सेफानाया" diff --git a/translate/translate-unknown/01.md b/translate/translate-unknown/01.md index fd8915b..b528006 100644 --- a/translate/translate-unknown/01.md +++ b/translate/translate-unknown/01.md @@ -1,4 +1,3 @@ - मैं सिंह, अंजीर के पेड़, पर्वत, याजक या मन्दिर जैसे शब्दों का अनुवाद कैसे करूँ क्योंकि मेरी संस्कृति में लोगों ने इन चीजों को कभी नहीं देखा है और हमारे पास उनके लिए कोई शब्द नहीं है? ### विवरण diff --git a/translate/translate-useulbudb/01.md b/translate/translate-useulbudb/01.md index bc7d271..b54486e 100644 --- a/translate/translate-useulbudb/01.md +++ b/translate/translate-useulbudb/01.md @@ -1,4 +1,3 @@ - अनुवादकों के रूप में, आप यूएलबी और यूडीबी अनुवादों को उपयोग कर सकते हैं, यदि आप दोनों के बीच में निम्नलिखित भिन्नताओं को स्मरण रखते हैं, और यदि आप जानते हैं कि लक्षित भाषा उन विषयों के साथ सबसे अच्छी तरह से कैसे निपटारा कर सकती है, जो इन मतभेदों का प्रतिनिधित्व करते हैं। ### विचारों की व्यवस्था @@ -11,13 +10,11 @@
1 पौलुस, यीशु मसीह का एक सेवक, जिसे प्रेरित कहा जाता है, और परमेश्वर के सुसमाचार के लिए अलग हो गया ... 7 यह पत्र उन सभी के लिए है, जो रोम में हैं, जो परमेश्वर के प्रिय हैं। (रोमियों 1:1,7 यूएलबी)
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1 मैं, पौलुस, जो मसीह यीशु की सेवा करता है, रोम के शहर में तुम सभी विश्वासियों को यह पत्र लिख रहा हूँ। (रोमियों 1:1 यूडीबी)
यूएलबी अनुवाद पौलुस की शैली को उसका पत्र आरम्भ करने की शैली दिखाती है। वह वचन 7 तक नहीं बताता है कि उसके दर्शक कौन हैं। यद्यपि, यूडीबी अनुवाद एक ऐसी शैली का पालन करती है, जो आज अंग्रेजी और कई अन्य भाषाओं में अधिक स्वभाविक है। -### निहितार्थ जानकारी +### निहितार्थ जानकारी यूएलबी अनुवाद अक्सर विचार प्रस्तुत करता है, जो अन्य विचारों को **निहित** **कल्पित** करते हैं, जो पाठक को समझने के लिए महत्वपूर्ण हैं। @@ -41,7 +38,7 @@ ### प्रतीकात्मक क्रियाएँ - रिभाषा** - एक प्रतीकात्मक कार्यवाही कुछ ऐसा होती है, जिसे किसी एक निश्चित विचार को व्यक्त करने के लिए किया जाता है। +** परिभाषा** - एक प्रतीकात्मक कार्यवाही कुछ ऐसा होती है, जिसे किसी एक निश्चित विचार को व्यक्त करने के लिए किया जाता है। यूएलबी अक्सर प्रतीकात्मक कार्यवाही को बिना किसी व्याख्या के प्रस्तुत करता है, कि इसका क्या अर्थ है। यूडीबी अनुवाद अक्सर प्रतीकात्मक कार्यवाही के द्वारा व्यक्त अर्थ को प्रस्तुत करता है। @@ -66,7 +63,6 @@ जब आप अनुवाद करते हैं, तो आपको यह निर्धारित करना होगा कि लक्षित भाषा निम्नलिखित उदाहरणों में निष्क्रिय रूपों की अभिव्यक्ति का उपयोग करके घटनाओं या कथनों को प्रस्तुत कर सकती है या नहीं।यदि आप किसी विशेष सन्दर्भ में क्रिया के निष्क्रिय रूप का उपयोग नहीं कर सकते हैं, तो आप वाक्यांश को पुन: स्थापित करने के लिए यूडीबी अनुवाद में एक संभावित तरीका पा सकते हैं। (देखें [सक्रिय या निष्क्रिय](../figs-activepassive/01.md)) - ### बाइबल से उदाहरण > वह आश्चर्यचकित था, और जो उसके साथ थे, उस मछली के एक बड़े ढेर के ऊपर, जिसे उन्होंने पकड़ा था।(लूका 5:9 यूएलबी) @@ -83,7 +79,7 @@ ### रूपक और अंलकार - रिभाषा** - यूएलबी अनुवाद बाइबल के मूलपाठों में जितनी अधिक हो सके अंलकार का प्रतिनिधित्व करने की प्रयास करता है। +** परिभाषा** - यूएलबी अनुवाद बाइबल के मूलपाठों में जितनी अधिक हो सके अंलकार का प्रतिनिधित्व करने की प्रयास करता है। यूडीबी अनुवाद अक्सर इन विचारों का अर्थ अन्य तरीकों से प्रस्तुत करता है। diff --git a/translate/translate-versebridge/01.md b/translate/translate-versebridge/01.md index 4bc04a1..9559779 100644 --- a/translate/translate-versebridge/01.md +++ b/translate/translate-versebridge/01.md @@ -1,4 +1,3 @@ - ### विवरण दुर्लभ विषयों में, आप अनलॉक्ड शाब्दिक बाइबल (यूएलबी) या अनलॉक्ड डायनामिक बाइबल (यूडीबी) में देखेंगे कि दो या दो से अधिक वचन सँख्याएँ संयुक्त हैं, जैसे कि 17-18। @@ -40,7 +39,6 @@ 1. यदि आप पहले वचन की जानकारी को उससे पहले के वचन की जानकारी के आगे डालते हैं, तो दो वचन सँख्याओं के बीच एक हाइफ़न अर्थात् समास चिह्न डालें। * ** 2 तुम्हें अपने देश के मध्य में अपने लिए तीन शहरों का चयन करना होगा, जिसे यहोवा तुम्हारा परमेश्वर तुम्हें देने पर है। 3 तुम्हें एक सड़क को बनाना होगा और अपनी भूमि की सीमाओं को तीन भागों में विभाजित करना होगा, उस देश में जिसे तुम्हारा परमेश्वर यहोवा तुम्हें विरासत में दे रहा है, ताकि कोई भी जो किसी दूसरे व्यक्ति को मार डाले, वहाँ भाग जाए।** ( व्यवस्थाविवरण 19:2-3) - - * 2-3 अपनी भूमि की सीमाओं को तीन भागों में विभाजित करना होगा, जिसे वह तुम्हें विरासत में दे रहा है। फिर प्रत्येक भाग में एक शहर का चयन करना। तुम्हें अच्छी सड़कों को बनाना होगा ताकि लोग आसानी से उन शहरों में जा सकें। कोई भी जो किसी दूसरे व्यक्ति को मारता है, वह अपनी सुरक्षा के लिए उन शहरों में से एक में जाकर बच सकता है। (व्यवस्थाविवरण 19:2-3 यूडीबी) + * 2-3 अपनी भूमि की सीमाओं को तीन भागों में विभाजित करना होगा, जिसे वह तुम्हें विरासत में दे रहा है। फिर प्रत्येक भाग में एक शहर का चयन करना। तुम्हें अच्छी सड़कों को बनाना होगा ताकि लोग आसानी से उन शहरों में जा सकें। कोई भी जो किसी दूसरे व्यक्ति को मारता है, वह अपनी सुरक्षा के लिए उन शहरों में से एक में जाकर बच सकता है। (व्यवस्थाविवरण 19:2-3 यूडीबी) 1. यदि यूएलबी अनुवाद में एक वचन सम्पर्क पाया जाता है, परन्तु आपके द्वारा सन्दर्भित एक और बाइबल में ऐसा कुछ भी नहीं है, तो आप उस क्रम का चयन कर सकते हैं, जो आपकी भाषा में सबसे अच्छी तरह से काम करती है। diff --git a/translate/translate-wforw/01.md b/translate/translate-wforw/01.md index 12a73b0..b3f1eee 100644 --- a/translate/translate-wforw/01.md +++ b/translate/translate-wforw/01.md @@ -1,4 +1,3 @@ - ### परिभाषा शब्द-प्रति-शब्द वैकल्पिक अनुवाद अपने सबसे अधिक रूप में शाब्दिक होता है। अच्छा अनुवाद करने के लिए यह सबसे अच्छा विकल्प नहीं है। शब्द-प्रति-शब्द अनुवाद केवल स्रोत भाषा के प्रत्येक शब्द को लक्षित भाषा के समकक्ष शब्द के विकल्प के रूप में प्रस्तुत करता है। diff --git a/translate/translate-whatis/01.md b/translate/translate-whatis/01.md index a18d872..48596bd 100644 --- a/translate/translate-whatis/01.md +++ b/translate/translate-whatis/01.md @@ -1,7 +1,6 @@ - ### विवरण अनुवाद एक ऐसी प्रक्रिया है, जो भिन्न भाषाओं के बीच में की जाती है, जिसके लिए एक व्यक्ति (अनुवादक) को उस अर्थ को समझने की आवश्यकता होती है, जो एक लेखक या वक्ता स्रोत भाषा में मूल श्रोताओं के साथ व्यक्त करने, और फिर उसी अर्थ को एक अलग श्रोताओं को लक्षित भाषा में संचारित करने की मंशा रखता है । अनुवाद को इसी तरह अधिकांश समय कार्य करना चाहिए, परन्तु कभी-कभी कुछ अनुवादों में अन्य लक्ष्य होते हैं, जैसे स्रोत भाषा के रूप को पुन: प्रस्तुत करना, जैसा कि हम नीचे देखेंगे। मूल रूप से दो प्रकार के अनुवाद होते हैं: शाब्दिक और गतिशील (या अर्थ-आधारित)। -* शाब्दिक अनुवाद स्रोत भाषा में शब्दों का प्रतिनिधित्व करने पर केन्द्रित होते हैं जिसमें लक्षित भाषा में शब्दों के समान अर्थ होते हैं। वे उन वाक्यांशों का भी उपयोग करते हैं, जिनकी स्रोत भाषा के वाक्यांशों में समान संरचनाएं होती हैं। इस प्रकार का अनुवाद पाठक को स्रोत मूलपाठ की संरचना को देखने की अनुमति देता है, परन्तु यह स्रोत मूलपाठ के अर्थ को समझने में पाठक के लिए कठिन या असम्भव हो सकता है। +* शाब्दिक अनुवाद स्रोत भाषा में शब्दों का प्रतिनिधित्व करने पर केन्द्रित होते हैं जिसमें लक्षित भाषा में शब्दों के समान अर्थ होते हैं। वे उन वाक्यांशों का भी उपयोग करते हैं, जिनकी स्रोत भाषा के वाक्यांशों में समान संरचनाएं होती हैं। इस प्रकार का अनुवाद पाठक को स्रोत मूलपाठ की संरचना को देखने की अनुमति देता है, परन्तु यह स्रोत मूलपाठ के अर्थ को समझने में पाठक के लिए कठिन या असम्भव हो सकता है। * गतिशील, अर्थ-आधारित अनुवाद इसके सन्दर्भ में स्रोत भाषा वाक्य के अर्थ का प्रतिनिधित्व करने के ऊपर केन्द्रित होता है, और लक्षित भाषा में इसका अर्थ व्यक्त करने के लिए जो भी शब्द और वाक्यांश संरचनाएं सबसे उपयुक्त हैं, उनका उपयोग करते हैं। इस प्रकार के अनुवाद का लक्ष्य पाठक को स्रोत मूलपाठ के अर्थ को समझने के लिए आसान बनाना है। यह एक तरह का अनुवाद है, जिसे अन्य अनुवादों (ओएल) के लिए इस अनुवाद निर्देश पुस्तिका में अनुशंसित अनुवाद के रूप में दिया गया है। यूएलबी अनुवाद को एक शाब्दिक अनुवाद के लिए रूपरेखित किया गया है, ताकि ओएल अनुवादक मूल बाइबल भाषाओं के रूपों को देख सके। यूडीबी अनुवाद को गतिशील अनुवाद के लिए रूपरेखित किया गया है, ताकि ओएल अनुवादक बाइबल में इन रूपों के अर्थ को समझ सके। इन संसाधनों का अनुवाद करते समय, कृपया यूएलबी अनुवाद को शाब्दिक तरीके से अनुवाद करें और यूडीबी अनुवाद को गतिशील तरीके से अनुवाद करें। इन संसाधनों के बारे में अधिक जानकारी के लिए, गेटवे निर्देश पुस्तिका को देखें। diff --git a/translate/translation-difficulty/01.md b/translate/translation-difficulty/01.md index c2c7b42..88d10f9 100644 --- a/translate/translation-difficulty/01.md +++ b/translate/translation-difficulty/01.md @@ -1,4 +1,3 @@ - ### मुझे पहले क्या अनुवाद करना चाहिए? किसी स्थान पर, अनुवाद समूह को यह पता लगाना होगा कि उन्हें सबसे पहले क्या अनुवाद करना चाहिए, या, यदि उन्होंने पहले से ही कुछ अनुवाद किया है, तो उन्हें आगे क्या अनुवाद करना चाहिए। ऐसे कई कारक हैं, जिन पर विचार करने की आवश्यकता होती है: @@ -9,7 +8,7 @@ इन सभी प्रश्नों के उत्तर महत्वपूर्ण हैं। परन्तु इसे स्मरण रखें: - नुवाद एक कौशल है, जो अनुभव के साथ बढ़ता है।** +** अनुवाद एक कौशल है, जो अनुभव के साथ बढ़ता है।** क्योंकि अनुवाद एक कौशल है, जो बढ़ता है, ऐसी सामग्री को अनुवाद करना प्रारम्भ करना बुद्धिमान है, जो कम जटिल होती है, ताकि कुछ सरल अनुवाद करते समय अनुवादक कौशल सीख सकें। diff --git a/translate/writing-apocalypticwriting/01.md b/translate/writing-apocalypticwriting/01.md index 62c517c..e8417ae 100644 --- a/translate/writing-apocalypticwriting/01.md +++ b/translate/writing-apocalypticwriting/01.md @@ -1,9 +1,8 @@ - ### विवरण प्रतीकात्मक भविष्यद्वाणी एक प्रकार का सन्देश है, जिसे परमेश्वर ने एक भविष्यवक्ता को दिया ताकि भविष्यवक्ता दूसरों को बताए। ये सन्देश भविष्य में परमेश्वर क्या करेगा, को दिखाने के लिए चित्रों और प्रतीकों का उपयोग करता है। मुख्य पुस्तकें जिनमें भविष्यद्वाणियाँ हैं, यशायाह, यहेजकेल, दानिय्येल, जकर्याह और प्रकाशितवाक्य हैं। प्रतीकात्मक भविष्यद्वाणी के छोटे उदाहरण अन्य पुस्तकों में भी पाए जाते हैं, जैसे कि मत्ती 24, मरकुस 13, और लूका 21 में। बाइबल बताती है कि परमेश्वर ने प्रत्येक सन्देश को कैसे दिया और सन्देश क्या था। -जब परमेश्वर ने सन्देश दिया, तो उसने अक्सर स्वप्न और दृष्टान्तों जैसे आश्चर्यजनक तरीकों के द्वारा ऐसा किया। ("स्वप्न" और "दर्शन" का अनुवाद करने में सहायता पाने के लिए: [स्वप्न](rc://hi/tw/dict/bible/other/dream) और [दर्शन](rc://hi/tw/dict/bible/other/vision) जब भविष्यद्वक्ताओं ने इन स्वप्नों और दृष्टान्तों को देखा, तो उन्होंने अक्सर परमेश्वर और स्वर्ग के बारे में चित्रों और प्रतीकों को देखा। +जब परमेश्वर ने सन्देश दिया, तो उसने अक्सर स्वप्न और दृष्टान्तों जैसे आश्चर्यजनक तरीकों के द्वारा ऐसा किया। ("स्वप्न" और "दर्शन" का अनुवाद करने में सहायता पाने के लिए: [स्वप्न](rc://*/tw/dict/bible/other/dream) और [दर्शन](rc://*/tw/dict/bible/other/vision) जब भविष्यद्वक्ताओं ने इन स्वप्नों और दृष्टान्तों को देखा, तो उन्होंने अक्सर परमेश्वर और स्वर्ग के बारे में चित्रों और प्रतीकों को देखा। इनमें से कुछ चित्र सिंहासन, सुनहरे दीपदान, श्वेत बाल और श्वेत कपड़े वाले सामर्थी, और आग की तरह आँखें और लोहे की तरह पैर वाले व्यक्ति की हैं। इनमें से कुछ चित्रों को एक से अधिक भविष्यद्वक्ता के द्वारा देखा गया था। संसार के बारे में भविष्यद्वाणियों में चित्रों और प्रतीकों भी सम्मिलित हैं। @@ -11,11 +10,10 @@ भविष्यद्वाणियाँ इस संसार में बुराई के बारे में बताती हैं, कैसे परमेश्वर संसार का न्याय करेगा और पाप को दण्डित करेगा, और परमेश्वर कैसे नए संसार में अपने धार्मिकता से भरे हुए राज्य को स्थापित करेगा। वे उन बातों के बारे में भी बताती हैं, जो स्वर्ग और नरक से सम्बन्धित होंगी। बाइबल में अधिकांश भविष्यद्वाणी को काव्य के रूप में प्रस्तुत किया गया है। कुछ संस्कृतियों में लोग मानते हैं कि यदि काव्य में कुछ कहा जाता है, तो यह सच या अधिक महत्वपूर्ण नहीं हो सकता है। यद्यपि, बाइबल में भविष्यद्वाणियाँ सत्य और बहुत ही अधिक महत्वपूर्ण हैं, भले ही वे काव्य के रूपों या गैर-काव्य रूपों में क्यों न प्रस्तुत हों। कभी-कभी अतीत में घटित हुई घटनाओं के लिए इन पुस्तकों में भूतकाल का उपयोग किया जाता है। यद्यपि, कभी-कभी भूतकाल का उपयोग भविष्य में होने वाली घटनाओं के लिए किया जाता है। -इसके लिए हमारे लिए दो कारण हैं। जब भविष्यद्वक्ताओं ने उन बातों के बारे में बताया जो उन्होंने एक स्वप्न या दर्शम में देखी थीं, तो वे अक्सर भूतकाल का उपयोग किया गया था क्योंकि उनका स्वप्न अतीत का था। भविष्य की घटनाओं के सन्दर्भ में भूतकाल का उपयोग करने का दूसरा कारण यह था कि उन घटनाओं में निश्चित रूप से ऐसा ही घटित होगा। घटनाएँ इतनी निश्चित थीं, कि मानो ऐसा लगता था कि वे पहले से घटित हो चुकी थीं। हम अतीत काल के इस दूसरे उपयोग को "पूर्वानुमानित अतीत" कहते हैं। [पूर्वानुमानित अतीत](rc://hi/tw/dict/bible/other/vision) देखें। +इसके लिए हमारे लिए दो कारण हैं। जब भविष्यद्वक्ताओं ने उन बातों के बारे में बताया जो उन्होंने एक स्वप्न या दर्शम में देखी थीं, तो वे अक्सर भूतकाल का उपयोग किया गया था क्योंकि उनका स्वप्न अतीत का था। भविष्य की घटनाओं के सन्दर्भ में भूतकाल का उपयोग करने का दूसरा कारण यह था कि उन घटनाओं में निश्चित रूप से ऐसा ही घटित होगा। घटनाएँ इतनी निश्चित थीं, कि मानो ऐसा लगता था कि वे पहले से घटित हो चुकी थीं। हम अतीत काल के इस दूसरे उपयोग को "पूर्वानुमानित अतीत" कहते हैं। [पूर्वानुमानित अतीत](rc://*/tw/dict/bible/other/vision) देखें। इन बातों में से कुछ भविष्यद्वक्ताओं के द्वारा बताए जाने के पश्चात् घटित हुई थीं, और उनमें से कुछ इस संसार के अन्त में घटित होंगी। - #### इसका कारण यह अनुवाद का एक विषय है * कुछ चित्रों को समझना कठिन होता है, क्योंकि हमने पहले कभी उनके जैसी बातों को घटित होते नहीं देखा है। diff --git a/translate/writing-background/01.md b/translate/writing-background/01.md index 8d19e83..3e150c2 100644 --- a/translate/writing-background/01.md +++ b/translate/writing-background/01.md @@ -1,11 +1,10 @@ - ### विवरण जब लोग एक कहानी को बताते हैं, तो वे सामान्य रूप से घटनाओं को बताते हैं, उनमें क्या घटित हुआ था। घटनाओं का यह अनुक्रम कहानी की कथा को निर्मित करता है। कहानी की कथा सक्रिय क्रियाओं से भरी होती है, जो समय के साथ कहानी को आगे बढ़ाती हैं। परन्तु कभी-कभी एक लेखक कहानी से विराम लगा सकता है और कुछ श्रोताओं को कहानी सुनने में सहायता करने के लिए कुछ जानकारी दे सकता है। इस प्रकार की जानकारी को **पृष्ठभूमि की जानकारी कहा जाता है।** पृष्ठभूमि की जानकारी उन बातों के बारे में हो सकती है, जो घटनाओं से पहले हुईं थीं, या यह कहानी में किसी बात को समझा सकती हैं, या यह कुछ ऐसी होंगी जो बहुत बाद में कहानी में घटित होंगी। - दाहरण** - नीचे दी गई कहानी में रेखांकित वाक्य पृष्ठभूमि की पूरी जानकारी हैं। पतरस और यूहन्ना एक शिकार यात्रा पर गए क्योंकि उनके गाँव में अगले दिन एक त्यौहार होने वाला था . पतरस गाँव का सबसे अच्छा शिकारी था। उसने एक बार तीन जंगली सूअरों को मार डाला था! वे जंगली सुअर की आवाज पाने के लिए कम झाड़ियों के मध्य में से घंटों तक चलते रहे। सुअर भाग गया, परन्तु वे सुअर को गोली दागने और उसे मारने में सफल रहे। फिर उन्होंने उसके पैरों को थोड़ी सी रस्सी के साथ बांध लिया जिसे वे अपने साथ लाए थे , और उसे एक लकड़ी पर लटका कर घर ले गए। +** उदाहरण** - नीचे दी गई कहानी में रेखांकित वाक्य पृष्ठभूमि की पूरी जानकारी हैं। पतरस और यूहन्ना एक शिकार यात्रा पर गए क्योंकि उनके गाँव में अगले दिन एक त्यौहार होने वाला था . पतरस गाँव का सबसे अच्छा शिकारी था। उसने एक बार तीन जंगली सूअरों को मार डाला था! वे जंगली सुअर की आवाज पाने के लिए कम झाड़ियों के मध्य में से घंटों तक चलते रहे। सुअर भाग गया, परन्तु वे सुअर को गोली दागने और उसे मारने में सफल रहे। फिर उन्होंने उसके पैरों को थोड़ी सी रस्सी के साथ बांध लिया जिसे वे अपने साथ लाए थे , और उसे एक लकड़ी पर लटका कर घर ले गए। जब वे उसे गाँव में लाए, तो पतरस के चचेरे भाई ने सुअर को देखा और महसूस किया कि यह उसका स्वयं का सुअर था . पतरस ने गलती से उसके अपने चचेरे भाई के सुअर को मार डाला था . पृष्ठभूमि की जानकारी अक्सर ऐसी बात के बारे में बताती है, जो पहले घटित हुई थी या ऐसा ही कुछ बाद में घटित होगा। इनके कुछ उदाहरण ये हैं "उनके गाँव में अगले दिन एक त्योहार होगा" और "उसने एक बार तीन जंगली सूअरों को मार डाला था," "जिसे वे अपने साथ लाए थे," और पतरस ने गलती से अपने स्वयं के चचेरे भाई के सुअर को मार डाला था। @@ -62,9 +61,6 @@ 1. जानकारी को पुन: व्यवस्थित करें ताकि पहले की घटनाओं का उल्लेख पहले किया जा सके। * **हाजिरा ने अब्राम के पुत्र को जन्म दिया, और अब्राम ने अपने पुत्र का नाम इश्माएल रखा, जिसे हाजिरा ने जन्म दिया था। अब्राम छियासी वर्ष का था जब हाजिरा ने इश्माएल को अब्राम के द्वार जन्म दिया था।** (उत्पत्ति 16:16 यूएलबी) - - * " जब अब्राम छियासी वर्ष का था , हाजिरा ने अपने पुत्र को जन्म दिया, और अब्राम ने अपने पुत्र को इश्माएल नाम दिया।" - + * " जब अब्राम छियासी वर्ष का था , हाजिरा ने अपने पुत्र को जन्म दिया, और अब्राम ने अपने पुत्र को इश्माएल नाम दिया।" * **यूहन्ना ने चौथाई के राजा हेरोदेस को भी उसके अपने भाई की पत्नी हेरोदियास के साथ विवाह करने और हेरोदेस की अन्य सभी बुरी बातों के लिए भी ताडना दी . परन्तु फिर हेरोदेस ने एक और बहुत बुरा काम किया। उसने यूहन्ना को जेल में डाल दिया।** (लूका 3:18-20) - नीचे दिया गया अनुवाद यूहन्ना के विद्रोह और हेरोदेस के कार्यों को दर्शाता है। - - * "अब चौथाई के राजा हेरोदेस ने अपने भाई की पत्नी हेरोदियास से शादी की, और उसने कई अन्य बुरे काम किए, इसलिए यूहन्ना ने उसकी ताड़ना की। परन्तु फिर हेरोदेस ने एक और बहुत बुरा काम किया। उसने यूहन्ना को जेल में डाल दिया।” + * "अब चौथाई के राजा हेरोदेस ने अपने भाई की पत्नी हेरोदियास से शादी की, और उसने कई अन्य बुरे काम किए, इसलिए यूहन्ना ने उसकी ताड़ना की। परन्तु फिर हेरोदेस ने एक और बहुत बुरा काम किया। उसने यूहन्ना को जेल में डाल दिया।” diff --git a/translate/writing-connectingwords/01.md b/translate/writing-connectingwords/01.md index f303b9b..6768347 100644 --- a/translate/writing-connectingwords/01.md +++ b/translate/writing-connectingwords/01.md @@ -1,7 +1,6 @@ - ### विवरण - म्पर्क स्थापित करने वाले शब्द** दिखाते हैं कि विचार अन्य विचारों से कैसे सम्बन्धित हैं। +** सम्पर्क स्थापित करने वाले शब्द** दिखाते हैं कि विचार अन्य विचारों से कैसे सम्बन्धित हैं। उन्हें **समुच्चय बोधक** भी कहा जाता है। @@ -45,7 +44,7 @@ यदि यूएलबी में विचारों के बीच सम्बन्ध दिखाया गया है, तो स्वभाविक होगा और आपकी भाषा में सही अर्थ देगा, तब तो इसका उपयोग करने पर विचार करें। यदि नहीं, तो यहाँ कुछ अन्य विकल्प दिए गए हैं। 1. एक सम्पर्क स्थापित करने वाले शब्द का प्रयोग करें (चाहे यूएलबी किसी एक का उपयोग न करे)। -1. एक सम्पर्क स्थापित करने वाले शब्द का उपयोग न करें यदि यह उपयोग करने में असामान्य हो और लोग इसके बिना विचारों के बीच सही सम्बन्धों को समझें। +1. एक सम्पर्क स्थापित करने वाले शब्द का उपयोग न करें यदि यह उपयोग करने में असामान्य हो और लोग इसके बिना विचारों के बीच सही सम्बन्धों को समझें। 1. एक भिन्न सम्पर्क स्थापित करने वाले शब्द का प्रयोग करें। ### अनुवाद के लिए लागू की गई रणनीतियों के उदाहरण @@ -53,25 +52,18 @@ 1. एक सम्पर्क स्थापित करने वाले शब्द का प्रयोग करें (चाहे यूएलबी किसी एक का उपयोग न करे)। * **यीशु ने उनसे कहा, "मेरे पीछे आओ, और मैं तुम्हें मनुष्यों के मछुआरे बनाऊँगा।" तुरन्त उन्होंने जाल छोड़े और उसके पीछे चले गए।** (मरकुस 1:17-18 यूएलबी) - वे यीशु का अनुसरण करते हैं क्योंकि उसने उन्हें बताया कि। कुछ अनुवादक इसे "इसलिए" के साथ चिह्नित करना चाहते हैं। - - * यीशु ने उनसे कहा, "मेरे पीछे आओ, और मैं तुम्हें मनुष्यों के मछुआरे बनाऊँगा।" इसलिए तुरन्त उन्होंने जाल छोड़े और उसके पीछे चले गए। + * यीशु ने उनसे कहा, "मेरे पीछे आओ, और मैं तुम्हें मनुष्यों के मछुआरे बनाऊँगा।" इसलिए तुरन्त उन्होंने जाल छोड़े और उसके पीछे चले गए। 1. एक सम्पर्क स्थापित करने वाले शब्द का उपयोग न करें यदि इसका उपयोग करना असामान्य होगा और लोग इसके बिना विचारों के बीच सही सम्बन्ध को समझते हैं। * **इसलिए जो कोई भी इन आदेशों में से कम से कम एक को तोड़ता है और दूसरों को ऐसा करने की शिक्षा देता है, उसे स्वर्ग के राज्य में सबसे छोटा बुलाया जाएगा। परन्तु जो कोई इनका पालन करता है और इनकी शिक्षा देता है, उसे स्वर्ग के राज्य में सबसे बड़ा कहा जाएगा।** (मत्ती 5:19 यूएलबी) - कुछ भाषाएँ यहाँ सम्पर्क स्थापित करने वाले शब्दों का उपयोग नहीं करना चाहती हैं, क्योंकि उनके बिना अर्थ स्पष्ट है और उनका उपयोग करना अस्वभाविक होगा। वे इस तरह अनुवाद कर सकते हैं: - - * इसलिए जो कोई भी इन आज्ञाओं में से कम से कम एक को तोड़ते हुए, दूसरों को भी ऐसा करने की शिक्षा देता है, उसे स्वर्ग के राज्य में सबसे छोटा बुलाया जाएगा। जो कोई भी उनका पालन करता है और उनकी शिक्षा देता है कि उसे स्वर्ग के राज्य में सबसे बड़ा कहा जाएगा। - + * इसलिए जो कोई भी इन आज्ञाओं में से कम से कम एक को तोड़ते हुए, दूसरों को भी ऐसा करने की शिक्षा देता है, उसे स्वर्ग के राज्य में सबसे छोटा बुलाया जाएगा। जो कोई भी उनका पालन करता है और उनकी शिक्षा देता है कि उसे स्वर्ग के राज्य में सबसे बड़ा कहा जाएगा। * **मैंने तुरन्त शरीर और लहू से परामर्श नहीं किया, और न ही मैं उन लोगों के पास यरूशलेम गया जो मेरे सामने प्रेरित हुए थे, परन्तु इसकी अपेक्षा मैं अरब गया और फिर दमिश्क लौट आया। फिर तीन वर्षों के बाद मैं कैफा से मुलाकात करने के लिए यरूशलेम गया, और मैं उसके साथ पन्द्रह दिन तक रहा।** (गलातियों 1:16-18 यूएलबी) - कुछ भाषाओं को "परन्तु" या "फिर" शब्दों की आवश्यकता नहीं हो सकती है। - - * मैंने तुरन्त शरीर और लहू से परामर्श नहीं किया, और न ही मैं उन लोगों के पास यरूशलेम गया जो मेरे सामने प्रेरित हुए थे. इसकी अपेक्षा मैं अरब गया और फिर दमिश्क लौट आया। तीन वर्षों के बाद मैं कैफा से मुलाकात करने के लिए यरूशलेम गया, और मैं उसके साथ पन्द्रह दिन तक रहा + * मैंने तुरन्त शरीर और लहू से परामर्श नहीं किया, और न ही मैं उन लोगों के पास यरूशलेम गया जो मेरे सामने प्रेरित हुए थे. इसकी अपेक्षा मैं अरब गया और फिर दमिश्क लौट आया। तीन वर्षों के बाद मैं कैफा से मुलाकात करने के लिए यरूशलेम गया, और मैं उसके साथ पन्द्रह दिन तक रहा 1. एक अलग सम्पर्क स्थापित करने वाले शब्द का प्रयोग करें। * ** इसलिएजो कोई भी इन आज्ञाओं में से कम से कम एक को तोड़ते हुए, दूसरों को भी ऐसा करने की शिक्षा देता है, उसे स्वर्ग के राज्य में सबसे छोटा बुलाया जाएगा। < परन्तुजो कोई भी उनका पालन करता है और उनकी शिक्षा देता है कि उसे स्वर्ग के राज्य में सबसे बड़ा कहा जाएगा।** (मत्ती 5:19 यूएलबी) "इसलिए," जैसे किसी शब्द की अपेक्षा किसी एक भाषा में संकेत देने के लिए एक वाक्यांश की आवश्यकता हो सकती है कि इससे पहले एक खण्ड था, जिसने निम्नलिखित खण्ड का कारण दिया। साथ ही, लोगों के दो समूहों के बीच के विपरीत के कारण शब्द "परन्तु" का उपयोग यहाँ किया जाता है। परन्तु कुछ भाषाओं में, शब्द "परन्तु" दिखाएगा कि उसके बाद जो हुआ, वह इसके कारण आश्चर्य की बात है, जो उससे पहले आता है। इसलिए "और" उन भाषाओं के लिए स्पष्ट हो सकता है। - - * इस कारण , जो कोई भी इन आज्ञाओं में से कम से कम एक को तोड़ते हुए, दूसरों को भी ऐसा करने की शिक्षा देता है, उसे स्वर्ग के राज्य में सबसे छोटा बुलाया जाएगा। < औरजो कोई भी उनका पालन करता है और उनकी शिक्षा देता है कि उसे स्वर्ग के राज्य में सबसे बड़ा कहा जाएगा। - + * इस कारण , जो कोई भी इन आज्ञाओं में से कम से कम एक को तोड़ते हुए, दूसरों को भी ऐसा करने की शिक्षा देता है, उसे स्वर्ग के राज्य में सबसे छोटा बुलाया जाएगा। < औरजो कोई भी उनका पालन करता है और उनकी शिक्षा देता है कि उसे स्वर्ग के राज्य में सबसे बड़ा कहा जाएगा। * ** क्योंकि सूबेदार बहुत अधिक शोर के कारण कुछ भी नहीं बता सका, उसने आदेश दिया कि पौलुस को किले में लाया जाए।** (प्रेरितों 21:34 यूएलबी) - वाक्य के पहले भाग को "क्योंकि" आरम्भ करने की अपेक्षा, कुछ अनुवादक वाक्य के दूसरे भाग को "इसलिए" के साथ उसी जैसा सम्बन्ध दिखाने के लिए आरम्भ कर सकते हैं। - - * "सूबेदार बहुत अधिक शोर के कारण कुछ भी नहीं बता सका, इसलिए उसने आदेश दिया कि पौलुस को किले में लाया जाए।" + * "सूबेदार बहुत अधिक शोर के कारण कुछ भी नहीं बता सका, इसलिए उसने आदेश दिया कि पौलुस को किले में लाया जाए।" diff --git a/translate/writing-decisions/01.md b/translate/writing-decisions/01.md index eddbca8..e5336d4 100644 --- a/translate/writing-decisions/01.md +++ b/translate/writing-decisions/01.md @@ -1,4 +1,3 @@ - ### लेखन के बारे में उत्तर देने के लिए महत्वपूर्ण प्रश्न जब कोई भाषा पहली बार लिखी जाती है, तो अनुवादक को यह निर्धारित करना होगा कि सभी लिखित भाषाओं की कुछ विशेषताओं को कैसे इंगित किया जाए। ये प्रश्न व्यापक समुदाय को विराम चिह्न, वर्तनी और बाइबल में नामों को लेखन के क्षेत्र में स्थानीय भाषा में लिखने के लिए अनुवादक के द्वारा किए गए कुछ आरम्भिक निर्णयों की समझ प्रदान करेंगे। diff --git a/translate/writing-endofstory/01.md b/translate/writing-endofstory/01.md index 07f2c89..631d6f6 100644 --- a/translate/writing-endofstory/01.md +++ b/translate/writing-endofstory/01.md @@ -1,4 +1,3 @@ - ### विवरण कहानी के अन्त में विभिन्न प्रकार की जानकारी दी जा सकती है। अक्सर यह पृष्ठभूमि की जानकारी होती है। पृष्ठभूमि की जानकारी यह उन गतिविधियों से अलग होती है जो कहानी के मुख्य भाग को बनाती हैं। बाइबल की एक पुस्तक अक्सर कई छोटी कहानियों से मिलकर बनी होती है, जो एक पुस्तक की बड़ी कहानी का भाग होती हैं। उदाहरण के लिए, लूका की पुस्तक की बड़ी कहानी में यीशु के जन्म की कहानी एक छोटी सी कहानी है। इनमें से प्रत्येक कहानियाँ, चाहे बड़े या छोटे हों, इसके अन्त में पृष्ठभूमि की जानकारी हो सकती है। @@ -20,7 +19,6 @@ * जानकारी का उद्देश्य क्या है * जानकारी कहानी से कैसे सम्बन्धित है - #### अनुवाद के सिद्धान्त * एक कहानी के अन्त में विशेष प्रकार की जानकारी का अनुवाद उस तरह से करें जैसे आपकी भाषा उस जानकारी को व्यक्त करती है। diff --git a/translate/writing-intro/01.md b/translate/writing-intro/01.md index 1e54221..b5c911a 100644 --- a/translate/writing-intro/01.md +++ b/translate/writing-intro/01.md @@ -1,4 +1,3 @@ - ### विवरण लेखन कार्य के विभिन्न प्रकार या किस्में होती हैं, और प्रत्येक प्रकार के लेखन का अपना उद्देश्य होता है। क्योंकि ये उद्देश्य भिन्न होते हैं, विभिन्न प्रकार के लेखन कार्य विभिन्न तरीकों से संगठति होते हैं। वे भिन्न क्रियाओं, विभिन्न प्रकार के वाक्यों का उपयोग करते हैं, और उन लोगों और बातों का उल्लेख करते हैं, जिन्हें वे विभिन्न तरीकों से लिखते हैं। ये भिन्नताएँ पाठक को लेखन के उद्देश्य को तुरन्त जानने में सहायता करती हैं, और वे लेखक के अर्थ को सर्वोत्तम तरीके से संचारित करने के लिए काम करते हैं। diff --git a/translate/writing-newevent/01.md b/translate/writing-newevent/01.md index e4ab43a..a4c9771 100644 --- a/translate/writing-newevent/01.md +++ b/translate/writing-newevent/01.md @@ -1,9 +1,8 @@ - ### विवरण जब लोग एक कहानी को बताते हैं, तो वे एक घटना या घटनाओं की एक श्रृंखला के बारे में बताते हैं। अक्सर वे कहानी के आरम्भ में कुछ जानकारी को देते हैं, जैसे कि कहानी किसके बारे में है, कब क्या घटित हुआ, और यह कहाँ घटित हुआ था। कहानी का आरम्भ होने से पहले जिन घटनाओं की जानकारी लेखक देता है उसे कहानी की पूर्वस्थिति कहा जाता है। -एक कहानी में कुछ नई घटनाओं में भी एक पूर्वस्थिति होती है क्योंकि उसमें नए लोग, नए समय और नए स्थान सम्मिलित हो सकते हैं। कुछ भाषाओं में लोग यह भी बताते हैं कि उन्होंने घटना को देखा है या किसी और से इसके बारे में सुना है। जब आपके लोग घटनाओं के बारे में बताते हैं, तो आरम्भ में वे कौन सी जानकारी देते हैं? +एक कहानी में कुछ नई घटनाओं में भी एक पूर्वस्थिति होती है क्योंकि उसमें नए लोग, नए समय और नए स्थान सम्मिलित हो सकते हैं। कुछ भाषाओं में लोग यह भी बताते हैं कि उन्होंने घटना को देखा है या किसी और से इसके बारे में सुना है। जब आपके लोग घटनाओं के बारे में बताते हैं, तो आरम्भ में वे कौन सी जानकारी देते हैं? क्या कोई निश्चित क्रम है जिसमें उन्होंने इसे रखा है? आपके अनुवाद में, आपको अपनी भाषा में एक नई कहानी या स्रोत भाषा के तरीके की अपेक्षा एक नई घटना के परिचय को प्रस्तुत करने के लिए दिए गए आरम्भ को उपयोग करने की आवश्यकता होगी। इस तरह आपका अनुवाद स्वभाविक रूप से शुद्ध होगा और आपकी भाषा में स्पष्ट रूप से संचारित करेगा। @@ -59,31 +58,25 @@ * एक व्यक्ति जिसका नाम निकुदेमुस था। वह एक फरीसी और यहूदी महसभा का सदस्य था . एक रात वह यीशु के पास आया और उससे कहा ... * एक रात निकुदेमुस नाम का एक व्यक्ति, जो एक फरीसी था और यहूदी महासभा का सदस्य , यीशु के पास आया और कहा ... * **जैसे ही वह वहाँ से पार हुआ, उसने कर संग्रह करने वाले स्थान पर हलफई के पुत्र लेवी को देखा, और उसने उससे कहा ...** (मरकुस 2:14 यूएलबी) - - * जैसे ही वह वहाँ से पार हुआ, उसने कर संग्रह करने वाले स्थान पर हलफई के पुत्र लेवी को देखा। यीशु ने उसे देखा और उससे कहा ... - * जैसे ही वह से होकर निकला, वहाँ एक व्यक्ति कर संग्रह करने वाले स्थान पर बैठा था उसका नाम लेवी था, और वह हलफई का पुत्र था यीशु ने उसे देखा और उससे कहा ... - * जैसे ही से होकर निकलका, उसने वहाँ एक चुँगी लेने वाले को चुँगी इक्ट्टा करने वाले स्थान पर बैठे देखे। उसका नाम लेवी था, और वह हलफई का पुत्र था। यीशु ने उसे देखा और उससे कहा ... + * जैसे ही वह वहाँ से पार हुआ, उसने कर संग्रह करने वाले स्थान पर हलफई के पुत्र लेवी को देखा। यीशु ने उसे देखा और उससे कहा ... + * जैसे ही वह से होकर निकला, वहाँ एक व्यक्ति कर संग्रह करने वाले स्थान पर बैठा था उसका नाम लेवी था, और वह हलफई का पुत्र था यीशु ने उसे देखा और उससे कहा ... + * जैसे ही से होकर निकलका, उसने वहाँ एक चुँगी लेने वाले को चुँगी इक्ट्टा करने वाले स्थान पर बैठे देखे। उसका नाम लेवी था, और वह हलफई का पुत्र था। यीशु ने उसे देखा और उससे कहा ... 1. यदि पाठक कुछ निश्चित जानकारी की अपेक्षा करते हैं, परन्तु यह बाइबल में नहीं है, तो उस जानकारी को देने के लिए अनिश्चित शब्द या वाक्यांश का उपयोग करने पर विचार करें, जैसे: "किसी अन्य समय" या "कोई।" * ** पृथ्वी पर बाढ़ के आने के समय नूह छः सौ वर्ष का था।** (उत्पत्ति 7:6 यूएलबी) - यदि लोगों नई घटना के बारे में कुछ बताया जाने की अपेक्षा करते है, तो वाक्यांश "उसके बाद" उनकी सहायता कर सकता है, देखें कि यह घटनाओं के पहले ही उल्लेख किया गया है। - - * उसके बाद , जब नूह छह सौ वर्ष का था, तो बाढ़ पृथ्वी पर आई। - + * उसके बाद , जब नूह छह सौ वर्ष का था, तो बाढ़ पृथ्वी पर आई। * ** फिर उसने झील के किनारे में सिखाना आरम्भ किया।** (मरकुस 4:1 यूएलबी) - अध्याय 3 में यीशु किसी के घर पर शिक्षा दे रहा था। पाठकों को यह बताने की आवश्यकता हो सकती है कि यह नई घटना किसी अन्य समय पर घटित हुई थी, या यीशु वास्तव में झील में गया था। - - * किसी अन्य समय यीशु ने झील के किनारे में लोगों को पुन: शिक्षा देनी आरम्भ की। - * यीशु झील में गया और लोगों को पुन: वहाँ सिखाना आरम्भ किया। + * किसी अन्य समय यीशु ने झील के किनारे में लोगों को पुन: शिक्षा देनी आरम्भ की। + * यीशु झील में गया और लोगों को पुन: वहाँ सिखाना आरम्भ किया। 1. यदि परिचय पूरी घटना का सारांश है, तो अपनी भाषा में इसे इस तरह से दिखाने के तरीके का उपयोग करें कि यह सारांश है। * **पृथ्वी पर बाढ़ आने पर नूह छह सौ वर्ष का था।** (उत्पत्ति 7:6 यूएलबी) - - * अब यह घटित हुआ कि जब नूह छह सौ वर्ष का था और बाढ़ पृथ्वी पर आई थी। - * यह भाग बताता है कि क्या हुआ जब बाढ़ पृथ्वी पर आई थी। ऐसा हुआ जब नूह छह सौ वर्ष का था। + * अब यह घटित हुआ कि जब नूह छह सौ वर्ष का था और बाढ़ पृथ्वी पर आई थी। + * यह भाग बताता है कि क्या हुआ जब बाढ़ पृथ्वी पर आई थी। ऐसा हुआ जब नूह छह सौ वर्ष का था। 1. यदि आरम्भ में ही घटना का सारांश देना लक्षित भाषा में असामान्य है, तो दिखाएँ कि घटना वास्तव में कहानी में बाद की होगी। * **पृथ्वी पर बाढ़ आने के समय नूह छह सौ वर्ष का था। नूह, उसके पुत्र, उसकी पत्नी और उनके पुत्र की पत्नियाँ बाढ़ के पानी की कारण जहाज में एक साथ गए।** (उत्पत्ति 7:6-7 यूएलबी) - - * अब यह घटित हुआ कि जब नूह छह सौ वर्ष का था। नूह, उसके पुत्र, उनकी पत्नी और उनके पुत्रों की पत्नियाँ एक साथ जहाज में गएक्योंकि परमेश्वर ने कहा था कि बाढ़ का पानी आ जाएगा. + * अब यह घटित हुआ कि जब नूह छह सौ वर्ष का था। नूह, उसके पुत्र, उनकी पत्नी और उनके पुत्रों की पत्नियाँ एक साथ जहाज में गएक्योंकि परमेश्वर ने कहा था कि बाढ़ का पानी आ जाएगा. diff --git a/translate/writing-participants/01.md b/translate/writing-participants/01.md index 32658e8..55972f2 100644 --- a/translate/writing-participants/01.md +++ b/translate/writing-participants/01.md @@ -1,4 +1,3 @@ - ### विवरण पहली बार जब किसी कहानी में लोगों या वस्तुओं का उल्लेख किया जाता है, तो वे नए प्रतिभागी होते हैं। उसके बाद, जब भी उनका उल्लेख किया जाता है, वे पुराने प्रतिभागियों होते हैं। @@ -37,7 +36,7 @@ कहानी में क्या हो रहा है, इस पर निर्भर करते हुए पुराने प्रतिभागियों को अन्य तरीकों से भी सन्दर्भित किया जा सकता है। नीचे दिए गए उदाहरण में, कहानी एक पुत्र को जन्म देने के बारे में है, और मानोह की पत्नी को "स्त्री" संज्ञा वाक्यांश के साथ सन्दर्भित किया जाता है। -> यहोवा का दूत स्त्री को दिखाई दिया और उससे कहा, (न्यायियों 13:3 यूएलबी) +> यहोवा का दूत स्त्री को दिखाई दिया और उससे कहा, (न्यायियों 13:3 यूएलबी) यदि पुराने प्रतिभागी का कुछ समय के लिए उल्लेख नहीं किया गया है, या यदि प्रतिभागियों के बीच भ्रम हो सकता है, तो लेखक प्रतिभागी के नाम का पुन: उपयोग कर सकता है। नीचे दिए गए उदाहरण में, मानोह को उसके नाम से सन्दर्भित किया गया है, जिसे लेखक ने वचन 2 के बाद उपयोग नहीं किया है। @@ -56,18 +55,15 @@ 1. यदि प्रतिभागी नया है, तो नए प्रतिभागियों को प्रस्तुत करने के लिए अपनी भाषा के तरीकों में से एक का उपयोग करें। * **यूसुफ, एक लेवी साइप्रस से था, जिसे प्रेरितों के द्वारा बरनबास नाम दिया गया था (अर्थात्, इसकी व्याख्या, प्रोत्साहन का पुत्र है)।** (प्रेरितों 4:36-37 यूएलबी) - यूसुफ के नाम के साथ वाक्य आरम्भ करना जब उसे परिचित नहीं किया गया है तब कुछ भाषाओं में भ्रम को उत्पन्न कर सकता है। - - * साइप्रस का एक व्यक्ति था, जो लेवी था। उसका नाम यूसुफ था, और उसे प्रेरितों के द्वारा बरनबास नाम दिया गया था (अर्थात्, इसकी व्याख्या, प्रोत्साहन का पुत्र है)। - * साइप्रस से एक लेवी थी, जिसका नाम यूसुफ था। प्रेरितों ने उसे बरनबास नाम दिया, जिसका अर्थ प्रोत्साहन का पुत्र है। + * साइप्रस का एक व्यक्ति था, जो लेवी था। उसका नाम यूसुफ था, और उसे प्रेरितों के द्वारा बरनबास नाम दिया गया था (अर्थात्, इसकी व्याख्या, प्रोत्साहन का पुत्र है)। + * साइप्रस से एक लेवी थी, जिसका नाम यूसुफ था। प्रेरितों ने उसे बरनबास नाम दिया, जिसका अर्थ प्रोत्साहन का पुत्र है। 1. यदि यह स्पष्ट नहीं है कि सर्वनाम को कौन सन्दर्भित कर रह है, तो संज्ञा वाक्यांश या नाम का उपयोग करें। * **ऐसा तब हुआ जब उस ने एक निश्चित स्थान पर प्रार्थना करना समाप्त कर दिया, उसके एक शिष्य ने कहा, "हे प्रभु, हमें प्रार्थना करना सिखाएँ जैसे यूहन्ना ने अपने शिष्यों को सिखाई थी।"** (लूका 11:1 यूएलबी) - क्योंकि यह एक अध्याय में पहला वचन है, पाठकों को आश्चर्य हो सकता है कि "उस" किसके सन्दर्भ में है। - - * ऐसा हुआ जब यीशु ने एक निश्चित स्थान पर प्रार्थना करना समाप्त कर दिया, उसके एक शिष्य ने कहा, "हे प्रभु, हमें प्रार्थना करना सिखाएँ जैसे यूहन्ना ने अपने शिष्यों को सिखाई थी। + * ऐसा हुआ जब यीशु ने एक निश्चित स्थान पर प्रार्थना करना समाप्त कर दिया, उसके एक शिष्य ने कहा, "हे प्रभु, हमें प्रार्थना करना सिखाएँ जैसे यूहन्ना ने अपने शिष्यों को सिखाई थी। 1. यदि किसी पुराने प्रतिभागी को नाम या संज्ञा वाक्यांश के द्वारा सन्दर्भित किया जाता है, और लोग सोचते हैं कि यह एक और नया प्रतिभागी है, तो उसकी अपेक्षा सर्वनाम का उपयोग करने का प्रयास करें। यदि सर्वनाम की आवश्यकता नहीं है, क्योंकि लोग इसे सन्दर्भ से स्पष्ट रूप में समझेंगे, तो सर्वनाम के उपयोग को छोड़ दें। * ** यूसुफ के स्वामी ने यूसुफ को लिया और उसे जेल में रखा, उस स्थान पर जहाँ राजा के सभी कैदियों को रखा गया था, और यूसुफ वहाँ रहा।** (उत्पत्ति 3 9:20 यूएलबी) - क्योंकि यूसुफ कहानी में मुख्य व्यक्ति है, इसलिए कुछ भाषाओं को इसका अत्याधिक उपयोग अस्वभाविक या भ्रमित करने वाला हो सकता है। वे एक सर्वनाम प्राथमिकता दे सकते हैं। - - * यूसुफ के स्वामी ने उसे लिया और उसे जेल में रखा, उस स्थान पर जहाँ राजा के सभी कैदियों को रखा गया था, और वह वहाँ जेल में रहा। + * यूसुफ के स्वामी ने उसे लिया और उसे जेल में रखा, उस स्थान पर जहाँ राजा के सभी कैदियों को रखा गया था, और वह वहाँ जेल में रहा। diff --git a/translate/writing-poetry/01.md b/translate/writing-poetry/01.md index ec86126..9a09441 100644 --- a/translate/writing-poetry/01.md +++ b/translate/writing-poetry/01.md @@ -1,4 +1,3 @@ - ### विवरण काव्य उन तरीकों में से एक है, जिसे लोग अपनी बात को निर्मित करने और अधिक सुन्दर तरह से लिखने और दृढ़ भावना को व्यक्त करने के लिए अपनी भाषा के शब्दों और ध्वनियों के लिए उपयोग करते हैं। काव्य के माध्यम से, लोग साधारण गैर-काव्य रूपों के माध्यम से गहरी भावनाओं को संचारित कर सकते हैं। काव्य सत्य के कथनों के लिए अधिक महत्व और औचित्य देता है, जैसे कि कहानियाँ, और इसे सामान्य बात की तुलना में स्मरण रखना भी आसान होता है। @@ -6,7 +5,7 @@ #### काव्य में कुछ बातें सामान्य रूप से पाई जाती हैं * कई अंलकार जैसे [सम्बोधन](../figs-apostrophe/01.md)। -* समान्तर रेखाएँ (देखें [समान्तरतावाद](../figs-parallelism/01.md) और एक ही अर्थ के साथ समान्तरतावाद]) +* समान्तर रेखाएँ (देखें [समान्तरतावाद](../figs-parallelism/01.md) और [एक ही अर्थ के साथ समान्तरतावाद]) * कुछ या सभी पंक्तियों की पुनरावृत्ति * **उसके सभी स्वर्गदूतों उसकी स्तुति करें; उसके सारे स्वर्गदूतों की सेनाएँ उसकी स्तुति करें। उसकी स्तुति करो, सूर्य और चंद्रमा; सारे चमकते हुए सितारें, उसकी स्तुति करें।** (भजन 148:2-3 यूएलबी) * एक जैसी लम्बाई वाली पंक्तियाँ। @@ -34,7 +33,6 @@ भाषा में प्रसिद्ध वक्तागण अक्सर सुरुचिपूर्ण भाषा का उपयोग करते हैं, और सम्भवतः यह इस बात की खोज में मूलपाठ का सबसे आसान स्रोत है कि क्या आपकी भाषा को सुरुचिपूर्ण बनाता है। - #### इसका कारण यह अनुवाद का एक विषय है: * भिन्न भाषाएँ विभिन्न बातों के लिए काव्य का उपयोग करती हैं। @@ -43,7 +41,6 @@ * कुछ भाषाओं में, बाइबल के किसी विशेष भाग के लिए काव्य का उपयोग करना इसे और अधिक सामर्थी बना देगा। - ### बाइबल से उदाहरण बाइबल गाने, शिक्षा और भविष्यद्वाणी के लिए काव्य का उपयोग करती है। पुराना नियम की लगभग सभी पुस्तकों में काव्य पाए जाते हैं और कई पुस्तकें पूरी तरह से काव्यात्मक हैं। @@ -61,7 +58,7 @@ > अपने दास को भी घमण्ड के पापों से बचा; > उन्हें मुझ पर शासन न करने दें। (भजन 19:13 यूएलबी) -व्यक्तित्ववाद का यह उदाहरण पापों की बात करता है, मानो कि वे किसी व्यक्ति के ऊपर शासन कर सकते हैं। (देखें [[व्यक्तित्व](../figs-parallelism/01.md)) +व्यक्तित्ववाद का यह उदाहरण पापों की बात करता है, मानो कि वे किसी व्यक्ति के ऊपर शासन कर सकते हैं। (देखें [व्यक्तित्व](../figs-parallelism/01.md)) > ओह, यहोवा का धन्यवाद करो; क्योंकि वह अच्छा है, क्योंकि उसकी वाचा की विश्वासयोग्यता सदैव के लिए बनी रहती है। > ओह, ईश्वरों के परमेश्वर का धन्यवाद करो, क्योंकि उसकी वाचा की विश्वासयोग्यता सदैव बनी रहती है। @@ -87,7 +84,7 @@ निम्नलिखित उदाहरण हैं कि लोग कैसे भजन 1:1,2 का अनुवाद कर सकते हैं। -1. काव्य की अपनी शैलियों का उपयोग करके काव्य का अनुवाद करें। (इस उदाहरण में शैली में ऐसे शब्द होते हैं, जो प्रत्येक पंक्ति के अन्त में एक जैसे ही होते हैं।) +1) काव्य की अपनी शैलियों का उपयोग करके काव्य का अनुवाद करें। (इस उदाहरण में शैली में ऐसे शब्द होते हैं, जो प्रत्येक पंक्ति के अन्त में एक जैसे ही होते हैं।) > "धन्य है वह व्यक्ति जो पाप करने के लिए प्रोत्साहित नहीं किया जाता है > परमेश्वर के लिए अपमान क कार्य वह आरम्भ नहीं करेगा @@ -96,13 +93,13 @@ > वह वही करता है, जिसे परमेश्वर कहता है कि सही है > वह इसके विषय में पूरे दिन और रात सोचता है -1. सुरुचिपूर्ण भाषा की अपनी शैली का उपयोग कर काव्य का अनुवाद करें। +1) सुरुचिपूर्ण भाषा की अपनी शैली का उपयोग कर काव्य का अनुवाद करें। * यह वही व्यक्ति है, जो वास्तव में धन्य है: वह जो दुष्ट लोगों के परामर्श का पालन नहीं करता है, या पापियों से बात करने के लिए सड़क के किनारे नहीं रुकता है, या उन लोगों की सभा में सम्मिलित नहीं होता है, जो परमेश्वर का ठट्ठा करते हैं। इसकी अपेक्षा वह यहोवा के नियम में बहुत अधिक आनन्द लेता है, और वह दिन-रात उस ही पर ध्यान करता रहता है। -1. सामान्य भाषा की अपनी शैली का उपयोग करके काव्य का अनुवाद करें। +1) सामान्य भाषा की अपनी शैली का उपयोग करके काव्य का अनुवाद करें। * जो लोग बुरे लोगों का परामर्श नहीं सुनते वे वास्तव में आनन्दित होते हैं। diff --git a/translate/writing-pronouns/01.md b/translate/writing-pronouns/01.md index dd2ffd5..a28d0fb 100644 --- a/translate/writing-pronouns/01.md +++ b/translate/writing-pronouns/01.md @@ -1,4 +1,3 @@ - ### विवरण जब हम बात करते हैं या लिखते हैं, तो हम संज्ञा या नाम को दोहराए बिना लोगों या वस्तुओं को सन्दर्भित करने के लिए सर्वनाम का उपयोग करते हैं। सामान्य रूप से पहली बार जब हम किसी कहानी में किसी को सन्दर्भित करते हैं, तो हम एक वर्णनात्मक वाक्यांश या नाम का उपयोग करते हैं। अगली बार हम उस व्यक्ति को साधारण संज्ञा या नाम से सन्दर्भित कर सकते हैं। उसके बाद हम उसे केवल सर्वनाम के साथ सन्दर्भित कर सकते हैं, जब हम सोचते हैं कि हमारे श्रोतागण उसे आसानी से समझने में सक्षम हो जाएगा जिसके लिए सर्वनाम सन्दर्भित किया गया है। @@ -7,7 +6,7 @@ यूहन्ना 3 में, नीकुदेमुस को सबसे पहले संज्ञा वाक्यांशों और उसके नाम से सन्दर्भित किया जाता है। फिर उसे संज्ञा वाक्यांश "यह व्यक्ति" के साथ सन्दर्भित किया जाता है। फिर उसे सर्वनाम "उसे" के साथ सन्दर्भित किया जाता है। प्रत्येक भाषा में लोगों और वस्तुओं का वर्णन करने के इस सामान्य तरीके में इसके लिए नियम और अपवाद होते हैं। -* कुछ भाषाओं में पहली बार किसी अनुच्छेद या अध्याय में कुछ सन्दर्भित किया जाता है, तो इसे सर्वनाम की अपेक्षा संज्ञा के साथ सन्दर्भित किया जाता है। +* कुछ भाषाओं में पहली बार किसी अनुच्छेद या अध्याय में कुछ सन्दर्भित किया जाता है, तो इसे सर्वनाम की अपेक्षा संज्ञा के साथ सन्दर्भित किया जाता है। * **मुख्य पात्र** वह व्यक्ति होता है, जिसके बारे में एक कहानी होती है। कुछ भाषाओं में, एक कहानी में एक मुख्य चरित्र को प्रस्तुत किए जाने के बाद, उसे सामान्य रूप से सर्वनाम के साथ सन्दर्भित किया जाता है। कुछ भाषाओं में विशेष सर्वनाम होते हैं, जो केवल मुख्य चरित्र को सन्दर्भित करते हैं। * कुछ भाषाओं में, क्रिया को चिन्ह्ति करने से लोगों को पता चलता है कि कर्ता कौन है। (देखें [क्रियाएँ](../figs-verbs/01.md)) इनमें से कुछ भाषाओं में, श्रोतागण इस चिन्ह के ऊपर भरोसा करते हैं कि उन्हें यह समझने में सहायता मिलती है कि कर्ता कौन है, और वक्तागण केवल सर्वनाम, संज्ञा वाक्यांश या नाम का उपयोग करते हैं, जब वे जोर देना चाहते हैं या स्पष्ट करना चाहते हैं कि कर्ता कौन है। @@ -43,14 +42,13 @@ 1. यदि यह आपके पाठकों को स्पष्ट नहीं है कि सर्वनाम कौन या किस को सन्दर्भित करता है, तो संज्ञा या नाम का उपयोग करें। * **फिर यीशु यहूदी आराधनालय में चला गया, और सूखे हाथ वाला एक व्यक्ति वहाँ था। उन्होंने उसे देखा कि कहीं वह सब्त के दिन तो उसे चंगा तो नहीं करता है।** (मरकुस 3:1- 2 यूएलबी) - - * एक बार फिर से यीशु यहूदी आराधनालय में चला गया, और सूखे हाथ वाला एक व्यक्ति वहाँ था। कुछ फरीसियों ने यीशु को देखा कि कहीं वह सब्त के दिन उसे चंगा तो नहीं करता है। (मरकुस 3:1-2 यूडीबी) + * एक बार फिर से यीशु यहूदी आराधनालय में चला गया, और सूखे हाथ वाला एक व्यक्ति वहाँ था। कुछ फरीसियों ने यीशु को देखा कि कहीं वह सब्त के दिन उसे चंगा तो नहीं करता है। (मरकुस 3:1-2 यूडीबी) 1. यदि संज्ञा या नाम दोहराना लोगों को यह सोचने के लिए प्रेरित करता है कि मुख्य पात्र मुख्य पात्र नहीं है, या लेखक उस नाम के साथ एक से अधिक व्यक्तियों के बारे में बात कर रहा है, या कोई और है, या यह कि किसी पर कोई दबाब है, जबकि वहाँ पर किसी के ऊपर कोई दबाब नहीं है, तो इसकी अपेक्षा एक सर्वनाम का उपयोग करें। * **उस समय यीशु सब्त के दिन गेहूँ के खेतों में से होकर जा रहा था।उसके शिष्य भूखे थे और उन्होंने गेहूँ की बालियाँ तोड़नी आरम्भ की और उन्हें खा लिया। परन्तु जब फरीसियों ने यह देखा, तो उन्होंने कहा, "यीशु> ," देख, तेरे शिष्य उस कार्य को करते हैं, जो सब्त के दिन करना गैरकानूनी है।”** * **परन्तु यीशु ने उनसे कहा, "क्या तुमने कभी नहीं पढ़ा कि दाऊद, और उसके साथ रहने वाले पुरुष ने क्या किया था, जब वे भूखे थे?...** -* **फिर यीशु वहाँ से चला गया और उनके यहूदी आराधनालय में गया।** +* **फिर यीशु वहाँ से चला गया और उनके यहूदी आराधनालय में गया।** इस प्रकार अनुवाद किया जा सकता है: diff --git a/translate/writing-proverbs/01.md b/translate/writing-proverbs/01.md index 2e7be1a..b6c942a 100644 --- a/translate/writing-proverbs/01.md +++ b/translate/writing-proverbs/01.md @@ -1,4 +1,3 @@ - ### विवरण नीतिवचन छोटी कहावतें होती हैं, जो ज्ञान देती या सत्य को सिखाती हैं। लोग नीतिवचनों का आनन्द लेते हैं, क्योंकि वे कुछ शब्दों में बहुत अधिक ज्ञान देते हैं। बाइबल में नीतिवचन अक्सर रूपक और समान्तरतावाद का उपयोग करते हैं। @@ -49,7 +48,7 @@ * **बड़े धन की तुलना में अच्छे नाम का चुनाव करना भला है,,** - र चाँदी और सोने की तुलना में कृपा सर्वोत्तम है।** (नीतिवचन 22:1 यूएलबी) +** और चाँदी और सोने की तुलना में कृपा सर्वोत्तम है।** (नीतिवचन 22:1 यूएलबी) यहाँ पर कुछ विचार दिए गए हैं, जिनके उपयोग से लोग अपनी भाषा में एक नीतिवचन कह सकते हैं। @@ -64,22 +63,21 @@ * **जैसे गर्मियों में बर्फ या फसल में वर्षा,** - ैसे ही मूर्ख सम्मान के योग्य नहीं है।** (नीतिवचन 26:1 यूएलबी) +** वैसे ही मूर्ख सम्मान के योग्य नहीं है।** (नीतिवचन 26:1 यूएलबी) * ठण्डी हवा के लिए गर्मी की ऋतु में बहना स्वभाविक नहीं है या फसल की ऋतु में वर्षा का होना स्वभाविक नहीं है; और वैसे ही मूर्ख व्यक्ति का सम्मान करना स्वाभाविक नहीं होता है। 1. अपनी भाषा से एक नीतिवचन को चुनें जिसमें बाइबल में दिए हुए नीतिवचन के जैसे शिक्षा पाई जाती। * **कल के बारे में घमण्ड न करो** (नीतिवचन 27:1 यूएलबी) - - * अनिश्चित वस्तुओं के आधार पर कोई योजना न बनाएँ। + * अनिश्चित वस्तुओं के आधार पर कोई योजना न बनाएँ। 1. उसी शिक्षा को दें परन्तु एक नीतिवचन के रूप में नहीं। * **एक पीढ़ी जो अपने पिता को श्राप देती है और अपनी माता को आशीष नहीं देती है,** - ह एक ऐसी पीढ़ी है जो अपनी आंखों में शुद्ध है,** +** यह एक ऐसी पीढ़ी है जो अपनी आंखों में शुद्ध है,** - रन्तु वे अपनी गन्दगी से नहीं धोए गई है।** (नीतिवचन 30:11-12 यूएलबी) +** परन्तु वे अपनी गन्दगी से नहीं धोए गई है।** (नीतिवचन 30:11-12 यूएलबी) * जो लोग अपने माता-पिता का सम्मान नहीं करते वे सोचते हैं कि वे धर्मी हैं, और वे अपने पाप से मुड़ने नहीं हैं। diff --git a/translate/writing-quotations/01.md b/translate/writing-quotations/01.md index b644dcc..aa1e8e2 100644 --- a/translate/writing-quotations/01.md +++ b/translate/writing-quotations/01.md @@ -1,9 +1,8 @@ - ### विवरण जब यह कहना कि किसी ने कुछ कहा है, तो हम अक्सर यह बताते हैं कि किन्होंने बात की, किसके साथ उन्होंने बात की, और उन्होंने क्या कहा। किसने बात की और किसके साथ बात की, इस बारे में जानकारी को **उद्धरण हाशिया** कहा जाता है। व्यक्ति ने क्या कहा **उद्धरण** है। (इसे हवाला भी कहा जाता है।) -कुछ भाषाओं में उद्धरण हाशिया उद्धरण के दो भागों के बीच पहले, अन्तिम या यहाँ तक ​​कि बीच में आ सकता है। उद्धरण हाशिया नीचे रेखांकित हैं। +कुछ भाषाओं में उद्धरण हाशिया उद्धरण के दो भागों के बीच पहले, अन्तिम या यहाँ तक ​​कि बीच में आ सकता है। उद्धरण हाशिया नीचे रेखांकित हैं। * उसने कहा , "भोजन तैयार है। आ जाओ और खाओ।" * "भोजन तैयार है। आ जाओ और खाओ, " उसने कहा . @@ -13,7 +12,6 @@ जब यह लिखना होता है कि किसी ने किसी ने कुछ कहा है, तो कुछ भाषाओं में उल्टे कौमा ("") नामक उद्धरण चिह्नों में उद्धरण (क्या कहा गया) को लिखा जाता है। कुछ भाषा उद्धरण के चारों ओर अन्य तरह के प्रतीकों का उपयोग करती हैं, जैसे कि इन कोण उद्धरण चिह्न («»), या कुछ और। - #### इसका कारण यह अनुवाद का एक विषय है * अनुवादकों को उद्धरण हाशिया डालना की आवश्यकता होगी जहाँ यह उनकी भाषा में सबसे अधिक स्पष्ट और स्वभाविक है। @@ -52,15 +50,13 @@ 1. निर्धारित करें कि उद्धरण हाशिया कहाँ रखा जाए। * **"इसलिए, जो लोग कर सकते हैं," उसने कहा, "उन्हें हमारे साथ वहाँ जाना चाहिए। यदि उस व्यक्ति के साथ कुछ गड़बड़ है, तो तुम्हें उस पर आरोप लगाना चाहिए।”** (प्रेरितों 25:5 यूएलबी) - - * उसने कहा, "इसलिए, जो लोग जा सकते हैं, उन्हें हमारे साथ वहाँ जाना चाहिए। यदि उस व्यक्ति के साथ कुछ गड़बड़ है, तो तुम्हें उस पर आरोप लगाना चाहिए।” - * "इसलिए, जो लोग जा सकते हैं, उन्हें हमारे साथ वहाँ जाना चाहिए। यदि उस व्यक्ति के साथ कुछ गड़बड़ है, तो तुम्हें उस पर आरोप लगाना चाहिए, " उसने कहा . - * "इसलिए, जो लोग जा सकते हैं, उन्हें हमारे साथ वहाँ जा सकते हैं," उसने कहा। "यदि व्यक्ति के साथ कुछ गड़बड़ है, तो तुम्हें उस पर आरोप लगाना चाहिए।" + * उसने कहा, "इसलिए, जो लोग जा सकते हैं, उन्हें हमारे साथ वहाँ जाना चाहिए। यदि उस व्यक्ति के साथ कुछ गड़बड़ है, तो तुम्हें उस पर आरोप लगाना चाहिए।” + * "इसलिए, जो लोग जा सकते हैं, उन्हें हमारे साथ वहाँ जाना चाहिए। यदि उस व्यक्ति के साथ कुछ गड़बड़ है, तो तुम्हें उस पर आरोप लगाना चाहिए, " उसने कहा . + * "इसलिए, जो लोग जा सकते हैं, उन्हें हमारे साथ वहाँ जा सकते हैं," उसने कहा। "यदि व्यक्ति के साथ कुछ गड़बड़ है, तो तुम्हें उस पर आरोप लगाना चाहिए।" 1. निर्धारित करें कि एक या दो शब्दों वाले "कहा" अर्थ को चुनना है या नहीं। * **परन्तु उसकी माता ने उत्तर दिया और कहा , "नहीं, इसकी अपेक्षा उसे यूहन्ना कहा जाएगा।"** (लूका 1:60 यूएलबी) - - * परन्तु उसकी माता ने उत्तर दिया , "नहीं, इसकी अपेक्षा उसे यूहन्ना कहा जाएगा।" - * परन्तु उसकी माता ने कहा , "नहीं, इसकी अपेक्षा उसे यूहन्ना कहा जाएगा।" - * परन्तु उसकी माता ने इस तरह से उत्तर दिया, "नहीं, इसकी अपेक्षा उसे यूहन्ना कहा जाएगा," उसने कहा . + * परन्तु उसकी माता ने उत्तर दिया , "नहीं, इसकी अपेक्षा उसे यूहन्ना कहा जाएगा।" + * परन्तु उसकी माता ने कहा , "नहीं, इसकी अपेक्षा उसे यूहन्ना कहा जाएगा।" + * परन्तु उसकी माता ने इस तरह से उत्तर दिया, "नहीं, इसकी अपेक्षा उसे यूहन्ना कहा जाएगा," उसने कहा . diff --git a/translate/writing-symlanguage/01.md b/translate/writing-symlanguage/01.md index 36e01cf..75e121e 100644 --- a/translate/writing-symlanguage/01.md +++ b/translate/writing-symlanguage/01.md @@ -1,4 +1,3 @@ - ### विवरण बोलने और लेखन में प्रतीकात्मक भाषा अन्य बातों और घटनाओं का प्रतिनिधित्व करने के लिए प्रतीकों का उपयोग करती है। बाइबल में यह भविष्यद्वाणी और काव्य में सबसे अधिक होता है, विशेषकर भविष्य में होने वाली धटनाओं के बारे में दर्शनों और सपनों में। यद्यपि लोग तुरन्त प्रतीक के अर्थ को नहीं जानते हैं, परन्तु प्रतीक को अनुवाद में रखना महत्वपूर्ण है। @@ -29,7 +28,7 @@
मैं यह देखने के लिए पीछे की ओर मुड़ गया कि किसकी आवाज़ मुझसे बात कर रही थी, और जैसे ही मैं मुड़ा, मैंने सात सुनहरे दीपदानों को देखा। दीपदानों के बीच में मनुष्य के पुत्र की तरह एक था ... ... उसके दाहिने हाथ में सात सितारे थे, और उसके मुँह से एक तेज दो धारी वाली तलवार बाहर निकल रही थी ...। जहाँ तक आपने दाहिने हाथ में सात तारों के बारे में छुपे हुए अर्थ, और सात सुनहरे दीपदानों के बारे में छिपे अर्थ की बात है: सात तारे सात कलीसियाओं के दूत हैं , और सात दीपदान सात कलीसियाएँ हैं. (प्रकाशितवाक्य 1:12, 16, 20 यूएलबी)
-यह सन्दर्भ सात दीपदानों और सात तारों के अर्थ को समझाता है। दो धार वाली तलवार परमेश्वर के वचन और न्याय का प्रतिनिधित्व करती है। +यह सन्दर्भ सात दीपदानों और सात तारों के अर्थ को समझाता है। दो धार वाली तलवार परमेश्वर के वचन और न्याय का प्रतिनिधित्व करती है। ### अनुवाद की रणनीतियाँ @@ -40,16 +39,13 @@ 1. प्रतीकों के साथ मूलपाठ का अनुवाद करें। अक्सर वक्ता या लेखक सन्दर्भ में बाद में अर्थ बताते हैं। -* **इसके बाद मैंने रात में अपने स्वप्नों में चौथा जानवर देखा जो
, भययोग्य, डरावना, और बहुत अधिक दृढ़ था। -उसके लौहे के बड़े दांत थे; यह नष्ट हो गया, टुकड़ों में तोड़ दिया गया, और जो कोई भी बचा था, उसके नीचे कुचला गया। यह अन्य जानवरों से अलग था, और इसमें दस सींग थे।** (दानिय्येल 7:7 यूएलबी) - लोग समझने में सक्षम होंगे कि प्रतीकों का अर्थ क्या है, जब वे दानिय्येल 7 में स्पष्टीकरण पढ़ते हैं:23-24। +* **इसके बाद मैंने रात में अपने स्वप्नों में चौथा जानवर देखा जो, भययोग्य, डरावना, और बहुत अधिक दृढ़ था। उसके लौहे के बड़े दांत थे; यह नष्ट हो गया, टुकड़ों में तोड़ दिया गया, और जो कोई भी बचा था, उसके नीचे कुचला गया। यह अन्य जानवरों से अलग था, और इसमें दस सींग थे।** (दानिय्येल 7:7 यूएलबी) - लोग समझने में सक्षम होंगे कि प्रतीकों का अर्थ क्या है, जब वे दानिय्येल 7 में स्पष्टीकरण पढ़ते हैं:23-24। 1. प्रतीकों के साथ मूलपाठ का अनुवाद करें। फिर फुटनोट्स में प्रतीकों की व्याख्या करें। * **इसके बाद मैंने रात में अपने स्वप्नों में चौथा जानवर देखा जो , भययोग्य, डरावना, और बहुत दृढ़ था। उसके लौहे के बड़े दांत थे; यह नष्ट हो गया, टुकड़ों में तोड़ दिया गया, और जो कोई भी बचा था, उसके नीचे कुचला गया। यह अन्य जानवरों से अलग था, और इसके दस सींग थे।** (दानिय्येल 7:7 यूएलबी) - - * इसके बाद मैंने रात में अपने स्वप्न में एक चौथा जानवर देखा, 1 जो भययोग्य, डरावना, और बहुत अधिक दृढ़ था। उसके लौहे के बड़े दांत थे 2 यह नष्ट हो गया, टुकड़ों में तोड़ दिया गया, और जो कोई भी बचा था, उसके नीचे कुचला गया। यह अन्य जानवरों से अलग था, और इसके दस सींग थे। 3 - * फुटनोट इस तरह दिखेगा: - - * [1] जानवर एक साम्राज्य का प्रतीक है। - * [2] लौह के दांत वाला साम्राज्य की सामर्थी सेना का प्रतीक है। - * [3] सींग सामर्थी राजाओं के प्रतीक हैं। + * इसके बाद मैंने रात में अपने स्वप्न में एक चौथा जानवर देखा, 1 जो भययोग्य, डरावना, और बहुत अधिक दृढ़ था। उसके लौहे के बड़े दांत थे 2 यह नष्ट हो गया, टुकड़ों में तोड़ दिया गया, और जो कोई भी बचा था, उसके नीचे कुचला गया। यह अन्य जानवरों से अलग था, और इसके दस सींग थे। 3 + * फुटनोट इस तरह दिखेगा: + * [1] जानवर एक साम्राज्य का प्रतीक है। + * [2] लौह के दांत वाला साम्राज्य की सामर्थी सेना का प्रतीक है। + * [3] सींग सामर्थी राजाओं के प्रतीक हैं।