BCS_India_hi_iev_mic_book/mic/1.json

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JSON

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"1": "यहोवा ने मीका को जो यहूदा के मोरेशेत नगर का निवासी था, सामरिया और यरूशलेम के विषय में दर्शन के द्वारा जब यह सन्देश दिया तब वहाँ योताम, फिर आहाज और फिर हिजकिय्याह यहूदा के राजा था।\n\\q1 ",
"2": "पृथ्‍वी पर रहने वाले हर स्थान के लोगों, इस पर ध्यान दो।\n\\q2 यहोवा हमारे परमेश्वर स्वर्ग में अपने पवित्र भवन में से तुम पर आरोप लगा रहे है।\n\\q1 ",
"3": "वह स्वर्ग से नीचे आ जाएँगे\n\\q2 और उन ऊँचे स्थानों पर चलेंगे जहाँ तुम मूर्तियों की पूजा करते हो।\n\\q1 ",
"4": "तब ऐसा होगा कि पर्वत उनके चरणों के नीचे पिघल जाएँगे\n\\q2 जैसे मोम आग के सामने पिघल जाता है,\n\\q1 और जैसे पानी घाटी में उतरता है\n\\q2 और गायब हो जाता है।\n\\q1 ",
"5": "इस्राएल के लोग, याकूब के वंशजों ने जो भयानक पाप किए हैं उनके कारण से यह सब होगा।\n\\q2 परन्तु यह सामरिया शहर के लोग ही थे जिन्होंने इस्राएल के सभी लोगों को पाप करने के लिए सहमत किया था।\n\\q1 और ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि यरूशलेम के लोगों ने अपने देवताओं की पूजा करने के लिए वेदियों की स्थापना की थी\n\\q2 यही कारण था कि यहूदा के अन्य लोगों ने सोचा कि उन्हें भी पहाड़ियों पर मूर्तियों की पूजा करनी चाहिए।\n\\q1 ",
"6": "यहोवा यह कहते है: “मैं सामरिया को मलबे का ढेर बना दूँगा;\n\\q2 यह केवल अँगूर उगाने के लिए एक बाग बन जाएगा।\n\\q1 मैं उसकी इमारतों के पत्थरों को घाटी में लुढ़का दूँगा।\n\\q2 मैं इमारतों को उनकी नींव से नष्ट कर दूँगा।\n\\q1 ",
"7": "मैं दूसरों से सामरिया में मूर्तियों को टुकड़े-टुकड़े करवा दूँगा।\n\\q2 उनकी मूर्तियों के मन्दिरों में वेश्याओं को दिए गए उपहार आग में जला दिए जाएँगे।\n\\q1 क्योंकि वहाँ लोगों ने वेश्याओं के साथ लेन-देन किया,\n\\q2 उनके शत्रु उन मूर्तियों को लूट ले जाएँगे और उन्हें अन्य देशों में वेश्याओं का लेन-देन करने के लिए बेच देंगे।\n\\q1 ",
"8": "क्योंकि सामरिया नष्ट हो जाएगा, मैं रोऊँगा और विलाप करूँगा।\n\\q2 मैं नंगे पैर और नग्न शरीर चारों ओर चलूँगा।\n\\q1 मैं एक गीदड़ के समान चिल्लाऊँगा\n\\q2 और एक उल्लू के समान रोऊँगा।\n\\q1 ",
"9": "मैं विलाप करूँगा क्योंकि सामरिया पूरी तरह नष्ट हो जाएगा;\n\\q2 कोई भी उस शहर को नहीं बचा सकता है।\n\\q1 यहूदा के साथ भी यही होगा।\n\\q2 ऐसा लगता है जैसे शत्रु की सेना पहले से ही यरूशलेम के द्वार तक पहुँच चुकी है,\n\\q2 वह मुख्य-शहर जहाँ मेरे लोग रहते हैं।\n\\q1 ",
"10": "पलिश्त के गत शहर में हमारे शत्रुओं को यह मत कहो!\n\\q2 रोओ मत, अन्यथा वहाँ लोगों को पता चल जाएगा कि क्या हो रहा है।\n\\q1 इसकी अपेक्षा, बेतआप्रा में भूमि पर बस लोटपोट करो।\n\\q1 ",
"11": "तुम लोग जो शापीर में रहते हो,\n\\q2 नग्न और लज्जित करके, तुमको दूसरे देश में ले जाया जाएगा।\n\\q1 बेतसेल में रहने वाले तुम लोगों को शोक करना चाहिए,\n\\q2 क्योंकि सानान से कोई भी तुम्हारी सहायता करने के लिए बाहर नहीं आएगा।\n\\q1 ",
"12": "मारोत के लोग\n\\q2 उत्सुकता से उनके साथ होने वाली भलाई की प्रतीक्षा कर रहे हैं।\n\\q1 परन्तु मैं उनके साथ भयानक घटनाएँ होने दूँगा,\n\\q2 और वे शीघ्र ही यरूशलेम के फाटकों पर होंगी।”\n\\q1 ",
"13": "तुम लाकीश शहर में रहने वाले लोगों,\n\\q2 अपने रथों को खींचने के लिए उनमें घोड़ों को जोत लो जिसमें तुम अपने शत्रुओं से बच कर भागने के लिए सवारी कर सकते हो।\n\\q1 इस्राएली लोगों ने यहोवा के विरुद्ध विद्रोह किया,\n\\q2 और तुमने इस्राएली लोगों का अनुकरण किया,\n\\q1 और इससे यरूशलेम के लोगों ने भी पाप करना आरम्भ कर दिया।\n\\q1 ",
"14": "तुम यहूदा के लोगों, मोरेशेत के लोगों को विदाई का उपहार भेजो,\n\\q2 क्योंकि उनके शत्रु शीघ्र ही इसे नष्ट कर देंगे।\n\\q1 इस्राएल के राजाओं को शीघ्र ही पता चल जाएगा कि अकजीब शहर के लोग उन्हें निराश करेंगे।\n\\q1 ",
"15": "तुम मारेशा के लोग,\n\\q2 यहोवा शीघ्र ही किसी को तुम्हारे शहर को जीतने के लिए भेजेंगे।\n\\q1 इस्राएल के महान अगुओं के लिए अदुल्लाम के पास की गुफा में जाना और छिपना आवश्यक होगा।\n\\q1 ",
"16": "तुम यहूदा के लोगों, अपने सिर गन्जे करो और शोक करो,\n\\q2 क्योंकि जिन बच्चों को तुम प्रेम करते हो वे शीघ्र ही दासत्व में चले जाएँगे।",
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