BCS_India_hi_iev_lev_book/lev/5.json

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JSON

{
"1": "यदि न्यायी किसी से पूछे कि उसने क्या देखा या क्या सुना और वह सच का वर्णन न करे तो उसे सच का इन्कार करने के लिए दण्ड भोगना होगा। ",
"2": "यदि कोई अनजाने में यहोवा द्वारा अशुद्ध ठहराई हुई वस्तु का स्पर्श करे जैसे मरा हुआ वन पशु या अपने ही पालतू पशु की मृतक देह या रेंगने वाले जन्तु की मृतक देह, तो उसे उसका दण्ड भोगना होगा। ",
"3": "यदि कोई मनुष्य को अशुद्ध करने वाली किसी भी वस्तु को अनजाने में स्पर्श कर ले और उसे उसका बोध हो जाए तो वह उसका दण्ड भोगे। ",
"4": "यदि कोई भली या बुरी बात की शपथ खाए और उसे पूरा न कर पाए तो उसे उसका दण्ड भोगना होगा। ",
"5": "यदि तुम में से कोई ऐसे किसी भी पाप का दोषी हो तो वह अपने पाप को स्वीकार करे। ",
"6": "और उसका दण्ड होगा कि वह अपने पाप के लिए यहोवा के सामने एक भेड़ या बकरी लाए। याजक उसे बलि चढ़ाएगा तब वह दोषमुक्त हो जाएगा। ",
"7": "यदि कोई गरीब हो कि भेड़ न ला पाए तो वह यहोवा के सामने दो पिण्डुक या कबूतर लाए। उनमें से एक पाप-बलि और एक होम-बलि हो कि वेदी पर पूर्ण रूप से जलाई जाए। ",
"8": "वह उनको याजक के पास ले आए। याजक पहले एक पाप-बलि करे। वह उसका गला दबा कर उसे मारे परन्तु उसका सिर धड़ से अलग न करे। ",
"9": "उसका कुछ लहू याजक वेदी पर चारों ओर छिड़के और शेष लहू याजक वेदी के आधार पर डाल दे। यह उसकी पाप-बलि होगी। ",
"10": "तब याजक मेरी आज्ञा के अनुसार करे और दूसरे पक्षी को पूर्ण रूप से वेदी पर जलाए। तब वह अपने पाप का दोषी नहीं होगा। यहोवा उसे क्षमा कर देगा। ",
"11": "तथापि, यदि कोई इतना गरीब हो कि पिण्डुक और कबूतर भी न ला पाए तो वह दो किलोग्राम मैदा ले आए परन्तु उस पर न तो जैतून का तेल डाले, न ही धूप रखे क्योंकि वह पाप-बलि है। ",
"12": "उसे वह याजक को दे। याजक उसमें से मुट्ठी भर ले कर जो सम्पूर्ण का प्रतीक है, अन्य सब भेंटों के साथ वेदी पर जलाए। ",
"13": "ऐसा करके याजक उसे अपने पापों के दोष से मुक्ति दिलाएगा और परमेश्वर उसे क्षमा करेगा। उस भेंट का शेष भाग जो जलाया नहीं गया, वह याजक का होगा जैसे अन्न-बलि का शेष भाग उसका हुआ था। ",
"14": "यहोवा ने मूसा से यह भी कहा कि इस्राएलियों से कह, ",
"15": "“यदि कोई अनजाने में ऐसा पाप करे कि यहोवा की ओर से अनिवार्य वस्तु चढ़ाने में चूक जाए तो एक निर्दोष मेढ़ा ला कर पवित्र-तम्बू के स्वीकृत नाप के अनुसार उसका मूल्य चाँदी में ज्ञात करे। यह उसे दोषमुक्त करने की भेंट होगी। ",
"16": "इसके साथ यहोवा के लिए अलग की गई वस्तु की क्षतिपूर्ति का भुगतान किया जाए और उसके अतिरिक्त उसके मूल्य का पाँचवाँ भाग भी दिया जाए। यह याजक को दिया जाए। वह मेढ़े को पाप-बलि करेगा और उसे दोषमुक्त करेगा और मैं उसे क्षमा करूँगा। ",
"17": "यदि कोई आज्ञाओं में वर्जित कार्य करके पाप करे चाहे वह अनजाने में हुआ हो फिर भी वह दोषी है। इसका दण्ड उसे भरना होगा। ",
"18": "जब उसे अपने अनाचार का बोध हो तब वह निर्दोष होने के लिए याजक के पास एक मेढ़ा लाए। वह मेढ़ा निर्दोष हो। याजक मुझे वह मेढ़ा बलि चढ़ाएगा। इस प्रकार वह दोषमुक्त होगा और मैं उसे क्षमा करूँगा। ",
"19": "यह मेरे विरुद्ध पाप के दोष से मुक्त होने की बलि है।",
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