BCS_India_hi_iev_lev_book/lev/21.json

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8.4 KiB
JSON

{
"1": "यहोवा ने मूसा से यह भी कहा, “हारून के पुत्रों से, जो याजक हैं, यह कह, ",
"2": "तुम याजकों को शव का स्पर्श करके मेरी सेवा में अयोग्य नहीं होना है। तुम केवल अपने निकट सम्बन्धियों के शवों का स्पर्श कर सकते हो जैसे माता-पिता, भाई, पुत्र-पुत्री। ",
"3": "यदि तुम्हारी बहन अविवाहित है तो उसके शव का तुम स्पर्श कर सकते हो क्योंकि वह तुम्हारे घर में रहती है। और उसके लिए उसका पति नहीं है। ",
"4": "परन्तु अन्य किसी भी परिजन के शव का स्पर्श करके मेरी सेवा में अयोग्य होना तुम्हारे लिए वर्जित है। ",
"5": "तुम याजकों को सिर नहीं मुँड़ाना है और न ही दाढ़ी के बालों को कतरें, न ही किसी सम्बन्धी की मृत्यु पर शरीर को काट कर विलाप करें। ",
"6": "तुम्हारा आचरण ठीक वैसा ही हो जैसा मैं तुम्हारा परमेश्वर अपने याजकों के लिए उचित समझता हूँ। तुम्हें मेरा अपमान नहीं होने देना है। तुम ही तो हो जो मेरे लिए होम-बलि चढ़ाओगे। यह बलि तुम्हारे खाने की वस्तुओं की होगी। इसलिए तुम्हें मेरे नाम के योग्य आचरण रखना है। ",
"7": "याजक होने के कारण तुम न तो वेश्याओं से और न ही विधवाओं से विवाह करोगे क्योंकि याजक मेरे लिए अलग किए जा चुके हैं। ",
"8": "तुम्हें स्मरण रखना है कि मैंने तुम्हें अपनी उपासना के निमित्त अलग कर लिया है। यह ऐसा है जैसे कि तुम अपने परमेश्वर अर्थात् मेरे लिए भोजन परोस रहे हो। अपने को मेरी सम्पदा समझो क्योंकि मुझ यहोवा ने तुम्हें याजक नियुक्त किया है। और मेरा पाप से कोई सम्बन्ध नहीं—मैं पवित्र हूँ। ",
"9": "यदि किसी याजक की पुत्री वेश्या हो तो उसे जला कर मार दिया जाए क्योंकि वह अपने पिता का अपमान करवाती है। ",
"10": "प्रधान याजक अपने सम्बन्धियों में से चुनकर सेवा में नियुक्त किया गया है और उसके सिर पर जैतून के तेल से अभिषेक किया गया है। वह उन वस्त्रों को धारण करता है जो यहोवा के सम्मान में तैयार करके अलग किए गए हैं। उनके सिर के बाल सदैव कंघी किए हुए हों। वह किसी के लिए विलाप करते समय अपने वस्त्र न फाड़ें। ",
"11": "जिस स्थान में शव रखा हो उस स्थान में वह प्रवेश न करे। ऐसा करके वह सेवा के अयोग्य न हो। चाहे शव उसकी माता का हो या उसके पिता का। ",
"12": "वह पवित्र-तम्बू से निकल कर विलाप करने वालों के साथ न हो क्योंकि ऐसा करके वह सेवा में अयोग्य हो जाएगा और पवित्र-तम्बू को भी अशुद्ध कर देगा। वह पवित्र-तम्बू से कभी भी बाहर न निकले क्योंकि जैतून के तेल के अभिषेक के द्वारा वह अपने परमेश्वर की सेवा के लिए पवित्र-तम्बू में रखा गया है। मैं यहोवा ही हूँ जो तुम्हें यह आज्ञा देता हूँ। ",
"13": "याजक जिस स्त्री से विवाह करें उसका कुँवारी होना आवश्यक है। ",
"14": "",
"15": "",
"16": "यहोवा ने मूसा से यह भी कहा, ",
"17": "हारून से कह, ‘तेरे वंशजों में से जिसके भी शरीर में किसी प्रकार की विकलांगता हो वह बलि चढ़ाने के लिए वेदी के निकट न आए क्योंकि बलि मेरे भोजन के समान है। ",
"18": "अंधा, लंगड़ा, कुरूप या विकृत चेहरे वाला कोई भी ",
"19": "टुण्डा, लंगड़ा ",
"20": "कुबड़ा, बौना, खराब आँखों वाला, चर्मरोगी, क्षतिग्रस्त गुप्तांग वाला आदि कोई भी मेरे निकट सेवा के योग्य न रहे। ",
"21": "प्रथम प्रधान याजक, हारून का कोई भी वंशज, जिसमें शारीरिक दोष हो, अपने परमेश्वर यहोवा अर्थात् मेरे लिए होम-बलि चढ़ाने न आए। ",
"22": "परन्तु याजक मुझे चढ़ाए गए भोजन खा सकते हैं। ",
"23": "पवित्र-तम्बू के पर्दे के निकट या वेदी के निकट आना उनके लिए मना है क्योंकि उनके ऐसा करने से मेरा पवित्र-तम्बू अशुद्ध हो जाएगा। मैं यहोवा हूँ जिसने इन स्थानों को अपने सम्मान के लिए अलग कर लिया है।’” ",
"24": "इसलिए मूसा ने हारून और उसके पुत्रों वरन् सब इस्राएलियों को यहोवा की यह आज्ञा सुना दी।",
"front": "\\p ",
"14-15": "याजक विधवाओं, वेश्याओं या तलाक दी हुई स्त्रियों से विवाह न करें क्योंकि ऐसी स्त्रियों से उत्पन्न तुम्हारे पुत्र तुम्हारी प्रजा के याजक नहीं हो सकते। इसलिए अपने समुदाय की कुँवारियों से ही विवाह करना। मुझ यहोवा ने मेरे सम्मान और मेरे उपासकों के लिए याजकों को अलग किया है।’” "
}