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\v 18 संसारके राष्ट्र क्रोधित भए रहयँ, पर तुमरो क्रोध प्रकट भओ हय। मरेनको इन्साफ करन समय आएगव हय, और तुमर दास अगमवक्ता, सन्तनके जो विश्‍वासी हयँ, और जो तुमर नाउँमे डरात हयँ, जरुरी न भएबारे और शक्तिशाली दोनोके इनाम देन समय और पृथ्‍वीके बिनास करन बारेनके नाश करन समय आएगव हय।”