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\v 3 बक पिच्छु बा बघटा गर्जो हानी जोणसे चिल्लाइ। जब बा चिल्लाई, तव सात गर्जनसे अपन आवाज निकारी। \v 4 जब बा सात गर्जनसे आवाज निकारी, तब मए लिखन लागो रहौं, पर मय स्वर्गसे अइसो कहो भव आवाज सुनो, बे सात मेघ गर्जनको निकरे बात के गुप्त मे धर, जाके मत लिखय।