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\v 20 बाँकी रहे मानव-जाती जो जा विपत्तिनसे न मरे रहयँ, बे अपन करे कामसे पश्‍चाताप न करीं। बिनके सोनो, चाँदी, काँसो, पत्थरा और कठ्ठा और देखन, सुनन औ नेगन न सिकनबारे चीजनके मुर्तिनके और भूतनके पुजन न छोडीं । \v 21 न त बे अपन करेभए हत्या, जादुगरी, व्यभिचार और चोरी जैसे कामसे पश्‍चाताप करीं।