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\v 15 तव पृथ्‍वीके राजा और खाश आदमी और सर्व सधारन, धनी, शक्तिशाली, और दास और स्वतन्त्र हरेक आदमी पहाडके चट्टाननके बिचमे और गुफानमे लुके। \v 16 बे पहाड और चट्टानसे कहिँ, “हमर उपर गिर्, और सिंहासनमे विराजमान होनबारेके मुहुँसे, और थुमाको क्रोधसे हमके लुकाबओ। \v 17 काहेकी बाको क्रोधको महान दिन आएगव हए, और हुँवा कौन ठाड सकत हए ?”