thr_rev_text_reg/06/03.txt

1 line
682 B
Plaintext

\v 3 "जब थुमा दुसरो मोहर खोली, तव बा दुसरो जिन्दा प्राणीके "आओ, काहत मय सुनो। " \v 4 और दुसरो अग्‍निमय लाल घोडा बाहिर निकरके आओ। बामे सवार करनबारेके पृथ्बीसे शान्ति लैके जान अनुमति दव गव रहय। बहेमारे, बे आदमी एक-दुसरेके मारङ्‍गे। जे घोडसवारके एक बणो तरवार फिर दव गव रहय।