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\v 9 जब बे जिन्दा प्राणी सिंहासनमे विराजमान होनबारो, और सदामान जिन्दा रहनबारोके महिमा, आदर और धन्यवाद दईं, \v 10 चौबीस जनी एल्डर झुक्के सिंहासनमे बिराजमान होनबारेके अग्गु दण्डवत् करीं। बे सदामान जिन्दा होनबारेके दण्डवत करीं और सिंहासनके अग्गु अपन-अपन मुकुट धरके अइसे कहीं, \v 11 "हमर परमप्रभु और परमेश्‍वर, तुम महिमा, आदर, और शक्ति ग्रहण करन्के योग्य हौ। काहेकी तुम सबय चीज सृष्टि करेहौ, और तुमर इच्छाद्वारा बे अस्तित्वमे आए, और सृष्टि भए।”