thr_rev_text_reg/02/24.txt

1 line
559 B
Plaintext

\v 24 पर तुम थिआटीरामे बाँकी रहेभए हरेक जौन जा शिक्षा न मानत् हयँ, और कित्तो ता शैतानके गहिरी बात न जान्त हयँ, मय तुमसे कहत हौं, कि मए तुमर उपर और कोइ बोझ न बुकय हऔं। \v 25 जैसो समयमे फिर मय न आनतक तुम पक्के से जाके थामे रहीओ ।