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\v 3 मोके पता हय, कि तुममे धर्य सहनशिलता हय, और मिर नाउँके ताहीं तुम बहुत दुःख भोगे हौ तहुँ फिर तुम थके न हौ। \v 4 पर तुमरे बिरुद्धमे मिरसँग बास्तविक बात हएः तुम अपन पहिलो प्रेमके त्याग दए हौ। \v 5 जहेमारे, तुम कहाँसे गिरे हौ, सो सम्झओ। तुम पहिले करेभए काम करओ और पश्चाताप करओ। मय तुमरे ठिन आमङ्गो और तुम पश्चाताप न करेतक मय तुमरो समदानके बाको ठाउँसे हटाए देहौं। |