\v 26 जाति-जातिके अपन वैभव और सम्मान बा भितर लाएहयँ। \v 27 पर थुमाको जीवनको पुस्तकमे नाउँ लिखे बाहेक कोइ अशुध्द चीज, घृणित काम करन बारे झुट बोलनबारे कोइ किसिमसे फिर बा भितर न घुस पैहएँ।