thr_rev_text_reg/21/23.txt

1 line
657 B
Plaintext

\v 23 बा सहेरके उजियारो करन दिन और जोनीको जरुरत न रहय, काहेकी परमेश्‍वरको महिमा बाको उजियारो हए। बाको बत्ती थुमा अपनाए हए। \v 24 बाके उजियारोमे जाति-जाति नेगंगे। पृथ्बीके राजा अपन वैभव बामे लाएहयँ। \v 25 बाके फाटक दिनको समयमे बन्द न हुइहए, और हुवाँ रात न हुइहए।