thr_rev_text_reg/20/09.txt

1 line
650 B
Plaintext

\v 9 बे सबय पृथ्बीके चारौघेन जाएके सन्तनके मणैयाके आसपास और प्यारो सहेरके घेरीँ, और स्वर्गसे आगी बर्सके बिनके भस्म करी। \v 10 बिनके बहाकन बारे दियाबलस आगी और गन्धकको कुण्डमे फिको, जहाँ पशु और झुटे अगमवक्ता फिर रहँए। हुवाँ बे दिनरात सदामान यातना भोगंगे।