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\v 15 जा सामनक व्यापारी जौन बा नगरीमे व्यापार करके धन कमाई रहएँ, तव पिछु पणन बारो यातनाके डरसे दुरए ठाणे अइसे कहत बे बणो सोरसे रोइ हँए, और बिलाप करेहँए, \v 16 "हाय महान शहर, तोके धिक्कार, बा जो मलमल बैजनी और चम्किलो लाल कुर्ता लगाएके सोनो,मोती और कीमती गहेनासे सिंगारी रहय। \v 17 एकय घणीमे सबय सम्पत्ति नष्ट भव हए।” हरेक जहाजको कप्तान, हरेक यात्रा करनबारे आदमी, नौवा और समुदरमे व्यापार करनबारे दुरय ठाणे।