thr_rev_text_reg/17/15.txt

1 line
314 B
Plaintext

\v 15 बे स्वर्गदुत मोसे कहिँ, “तुम देखे भय पानीके ऊपर, जहाँ बा वेश्या बैठी हए, बा पानी आदमीनके, भिणनके, जातिनके और भाषानके हए।