thr_rev_text_reg/16/08.txt

1 line
605 B
Plaintext

\v 8 तव पिछु चौथो स्वर्गदुत अपन कटोरा दिनमे अखनाई, और आदमीनके आगीसे डुगन अनुमति दिनके दै। \v 9 आदमी प्रचण्ड तापसे डुँगे, और बे विपत्तिनके ऊपर शक्ति होनबारो परमेश्‍वतरको निन्दा करीं। पर बे पश्‍चाताप न करीं और बाके महिमा देन इन्कार करीं।