thr_rev_text_reg/10/05.txt

1 line
1.0 KiB
Plaintext

\v 5 तव मय स्वर्गघेन अपन दहिना हात उठाए समुन्द्र और पृथ्वीमे ठाणो भव स्वर्गदुतके देखो। \v 6 बक पिच्छु सदामान जिन्दा रहनबारो, जौन स्वर्ग और बामे भए सबय चीज, पृथ्वी और बामे भए सबय चीज, समुन्द्र और बामे भए सबय चीज सृष्टि करनबारेके नाउँमे कसम खाएके स्वर्गदूत कही, "अब हुवाँ देर न हुइहए। \v 7 पर बा दिन सातौं स्वर्गदुत अपन तुरही फुकन लागतय बा दिनमे बाके सेवक अगमवक्तानके घोषणा करो जैसो बा रहस्य परमेश्‍वर पुरा करैगो।"