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\v 35 जहेमारे तुम फिर जगे रहीओ, काहेकि घरको मालिक संझाके, कि आधी रातमे, कि मुर्गा बासन बेरा, कि सुबेरे, कब अयहए, सो तुम ना जानत हौ । \v 36 न त बा एकबरी अबैगो तव बा तुमके सोत पयहए । \v 37 जो मए तुमसे कहत हौं बा मए सबै से कहत हौं, 'जगे रहौ'।”