\v 27 बे फिर यरूशलेममें आए। और येशू मन्दिरमे इतए उतए नेगत समयमे मुखीया पुजारी, शास्त्री, धर्म-गुरु बाके ठिन आय। \v 28 बे बासे प्रशन करीं, “कौन अधिकारसे तुम जा काम करत् हौ? जा काम करन के अधिकार तुमए कौन दव ?”