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\v 8 तुम परमेश्‍वरको आज्ञाके छोडके आदमीनको परम्परा मानत् हौ।" \v 9 बा उनसे कहि, “तुम अपन परम्परा मानन् ताहिं कित्तो अच्छेसे परमेश्‍वरको आज्ञाके टारदेत हौ।" \v 10 काहेकि मोसा कहि हए, “अपन आईया-दौवाके आदर करओ, और जो अईया-दौवाके बिरुध्दमे खराब बोलैगो बा मरनए पडैगो।”