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\v 56 और गाउँमे, सहरमे और बस्तीमें जहाँ जहाँ बा घुसो, आदमी रोगिन के बजार बजार धरदैं, और बक कुरतक किनारे खाली छुन पामयँ करके बे बासे बिन्ती करीं, और जीत्तो छुईं बे सब अच्छे हुइगय ।