thr_mrk_text_reg/06/04.txt

1 line
744 B
Plaintext

\v 4 तव येशु उनसे कहि, “अगमवक्तन के अपनो देश और अपने नातेदारनके बीचमे और अपने घरमे बाहेक अन्तै कहूँ अनादर न होत् हय। \v 5 और बा हुआँ कोई कोई रोगीन ऊपर अपने हात धरके उनके अच्छो करनके अलाबा और कोई शक्तिशाली काम न करन पाई। \v 6 उनको अबिश्‍वास देखके बा अचम्मो पडिगव। और बा गाउँ गाउँमे सिखातै चलो गव।