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\v 38 बा अपना नैयामें पिच्छुके भागमे एक सिरहींन लैके सोतरहए। बे बाके अइसे करके जगाईं, “गुरुज्यू हम डूबन लागे का तुमए चिन्ता न हय ?" \v 39 तव बा जगो, और आँधीके डाँटी, और समुन्द्रको लडुरासे कही, “शान्त हो और थमिजा।“ और आँधी थमीगै और शान्त हुईगओ।