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\v 35 "बा दिन सन्झाके बा चेलान से कहि, ""आबौ, हम बोपार जामएँ।” \v 36 तव भीड़से बिदा लैके पीच्छू, बा जौन नैयाँमे बैठो रहए बहेमें चेला बाके अपने सँग लैगय। और फिर नैयाँ बाकेसँग रहयँ। \v 37 और बहुत भारी आँधी चली, और लडुरा नैयाँमें लणन लगे, हियाँ तक कि नैयाँमें पानी भरन लागो।