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\v 5 बिनको हृदय को कठोरता में दु:खी हुईके क्रोधित भव और बा उनके सबके देखी और बहे आदमी से कहि, “तेरो हात बढा।” बा हात बढाई और बाको हात अच्छो हुइगओ। \v 6 तओ निकरके गए बाके कईसे नाश करएँ करके फरिसी तुरन्त हेरोदसँग बाके बिरोधमे सल्लाह करीं।