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\v 1 पिच्छु फिर बा सभाघर में गव, हुवाँ सुखो हात भव एक आदमी रहय। \v 2 बा बाके शबाथ-दिनमें अच्छो करेहए करके बाके दोष लगान आदमी बाको चूहा लेतरहएँ।