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\v 23 मोशा जन्मतय बाके अइया- दौवा बा सुन्दर होनके कारनसे विश्‍वाससे बाके तीन महिनातक लुकाएके धरीं, और बे राजाको हुकुमके डर न मानी । \v 24 जवान हुइके पिछु विश्‍वाससे मोशा फारोकी लौणियाको लौणा कहाबानके इन्कार करी । \v 25 बाको सट्टामे, पापको क्षणिक सुख भोगनेस त परमेश्‍वरके आदमीनके संगै दुःख भोगन रोजी । \v 26 मिश्रदेशको धन-सम्पतिसे फिर ख्रीष्टके पिछुआनके निन्दित होन बा मूल्यवान ठानी। काहेकी बा अपन आँखीके इनाम घेन लगाइ रहए।